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शैली चोपड़ा, एक भारतीय व्यापारिक पत्रकार, लेखिका और उद्यमी हैं। वह "शी द पीपल" की संस्थापक हैं। टीवी ने महिलाओं को रोल मॉडल की कहानियों के साथ सशक्त बनाने के लिए एक मंच दिया और उन्हें महिलाओं पर बदलती बातचीत और उनके लिए क्या मायने रखता है इसके लिए प्रेरित किया। एक व्यवसायिक पत्रकार के रूप में, वेएनडीवी- प्रोफिट और ईटीनाउ में काम करने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने २०१२ में बिजनेस जर्नलिज्म में उत्कृष्टता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार, २००७ में सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी भाषा की रिपोर्टर और कई अन्य पुरस्कार जीते हैं। फिर उन्होंने एक उद्यमी बनने का निश्चय किया और चार किताबें लिखीं। उनके उद्यम भारत के महिला चैनल "शी द पीपल" टीवी और गोल्फिंगइंडियन.कॉम हैं।। उनकी पुस्तकों में पेंग्विन द्वारा प्रकाशित "फेमिनिस्ट रानी", रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित "व्हेन आई वाज़ २५ बाय", और "बिग कनेक्ट- सोशल मीडिया और इंडियन पॉलिटिक्स" और टाइम्स बुक्स द्वारा प्रकाशित "बर्डीज इन बिजनेस" शामिल हैं। शैली चोपड़ा का जन्म पंजाब के जालंधर में २१ जुलाई १९८१ को अनिल और सुमन के घर हुआ था। अनिल चोपड़ा भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त लड़ाकू विमान के पायलट थे। शैली ने १९९८ में वायु सेना स्वर्ण जयंती संस्थान, नई दिल्ली से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने, द एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म, चेन्नई से २००२ बैच में ब्रॉडकास्ट और टेलीविज़न में मास्टर डिग्री पूरी की। उन्होंने बीबीसी के साथ पत्रकारिता स्कूल में प्रसारण का प्रशिक्षण लिया। उन्होंने सीएनबीसी, एनडीटीवी और ईटीनाउ के साथ काम किया है। उसने एनडीटीवी २४ क्स ७ के साथ मार्केट्स एंड कॉरपोरेट अफेयर्स एडिटर और एनडीटीवी प्रोफिट में सीनियर न्यूज एडिटर-कॉर्पोरेट के रूप में पांच साल और फिर ईटी नाउ के साथ तीन साल तक काम किया। उन्होंने जी-२० , डब्ल्यूईएफ @ दावोस, द ब्रेटन वुड्स कॉन्फ्रेंस २०11, इंडिया इकोनॉमिक समिट और वर्ल्ड रिटेल कांग्रेस जैसे अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों को भी कवर किया है। उन्हें प्रभाव पत्रिका द्वारा मीडिया, विपणन और विज्ञापन में भारत की ५० सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक नामित किया गया था। २००७ में उन्होंने पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी रिपोर्टर के लिए न्यूज़ टेलीविज़न अवार्ड जीता और बाद में २००८ में, बिजनेस-गोल्फ शो बिजनेस ऑन कोर्स, ने बेस्ट शो अवार्ड जीता। मार्च २०१० में, चोपड़ा ने सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक एंकर का पुरस्कार जीता और उन्हें फिक्की के वुमन अचीवर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। चोपड़ा को इंडियन एक्सप्रेस आरएनजी अवार्ड्स २०१२ में बिजनेस जर्नलिज्म में उत्कृष्टता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शैली और उनके पति शिवनाथ ठुकराल ने भी मुंबई के ताजमहल होटल के बाहर से २६/११ के आतंकी हमले के दौरान लाइव रिपोर्टिंग की थी। उद्यमी बनने से पहले वे ईटीनाउ की प्रमुख एंकर थीं। उन्होंने गोल्फ पर "टी टाइम विद शैली" नामक एक धारावाहिक भी किया था। उन्होंने २०१५ में 'शीदपीपल' नामक एक डिजिटल वेबसाइट शुरू की, जो महिला पत्रकारिता पर केंद्रित है। १९८१ में जन्मे लोग भारतीय महिला पत्रकार जालंधर के लोग
साधोपुर उर्फ सुलेमानपुर फूलपुर, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है। इलाहाबाद जिला के गाँव
स्नेह सिद्धान्त में जॉन बाल्बी ने मनुष्य की विशेष अन्यों से मज़बूत स्नेह बंधन बनाने की प्रवृत्ति को वैचारिक रूप दिया, तथा विरह से उत्पन्न व्यक्तित्व की समस्याओं व संवेगात्मक पीड़ा के साथ-साथ चिंता, गुस्से, उदासी तथा अलगाव की व्याख्या की। बच्चे के जन्म के समय उसके चारों ओर के वातावरण में माँ की अहम् भूमिका है। बच्चे का पहला सम्बन्ध माँ से आरम्भ होता है। स्मिथ कहते हैं कि कुदरत ने इस रिश्ते को मज़बूत बनाया है, तो समाज, धर्म और साहित्य ने माँ और बच्चे के स्नेह को पवित्रता प्रदान की। इस लेख में, समाजशास्त्रियों की मानव समाज में प्रेममूलक सम्बन्धों की दो अवधारणाओं की चर्चा के बाद, स्नेह की वैकल्पिक सोच के संदभ में, लारेन्ज़ के हंस, बतख आदि पक्षियों के चूज़ों, तथा हार्लो के बंदर के बच्चों, पर अध्ययनों का संक्षिप्त वर्णन देकर, बाल्बी के स्नेह सिद्धान्त को रखा गया है। और अंत में स्नेह सिद्धान्त के अन्य क्षेत्रों में बढ़ते दायरे पर नज़र डाली गयी है। स्नेह की दो प्रचलित अवधारणायें बच्चे और माँ का रिश्ता समाज की नीव है, यह विचार अमेरिका के हैरी हार्लो तथा इंग्लैंड के जॉन बाल्बी ने १९५८ में, अलग-अलग शोध पत्रों में प्रस्तुत किया। इससे पहले समाजशास्त्रियों में समूह के आधार के बारे में दो अवधारणायें प्रचलित थीं। पहली सीखने के सिद्धान्त से जुड़ी है, और इसका सम्बन्ध व्यवहारवादियों की मान्यता से है कि नवजात बच्चे को दूध चाहिए, जो माँ देती है, इसलिए बच्चा माँ के निकट रहता है। मनोविश्लेषणवादियों ने इसमें काम या सेक्स की प्रवृत्ति को जोड़ा, जिसके कई आयाम हैं, जॉन बाल्बी ने इनका उल्लेख अपने शोध पत्र में विस्तार से किया है। इन दोनों अवधारणाओं के बारे में कोई ठोस सबूत न होने के कारण हार्लो और बाल्बी ने इन्हें नकार दिया, और इसका विकल्प ढूँढने लगे। और दोनों का ध्यान जंतुओं के व्यवहार पर प्राकृतिक वातावरण में हो रहे अध्ययनों पर गया, जिसे इथोलाजी कहते हैं। इम्प्रिन्टिंग या अध्यंकन एक इथोलाजिस्ट लारेंज़ ने कुछ पक्षियों हंस, बतख आदि पर अध्ययनों में देखा था कि चूज़ा अपनी माँ के पीछे साथ-साथ चले इसी में उसकी सुरक्षा है, तथा उसे खाना ढूंडने और तैरने का अनुभव भी होगा। हंस या बतख के चूजों में, लारेंज़ के अनुसार, इस तरह से जल्दी सीखने, अध्यंकन के लिए वातावरण से तीन तरह के उत्तेजक ज़रूरी हैं, (१) चूज़े की आवाज़ के उत्तर में एक किसम की आवाज़; (२) कोई वस्तु चूज़े से दूर जा रही हो; (३) वह वस्तु समय-समय पर आवाज़ निकाले। अक्सर यह वस्तु चूज़े की माँ होगी, क्योंकि चूज़े के अंडे से बाहर निकलते समय वही पास में होती है। माँ की जगह, यदि कोई आदमी हो तो चूज़ा उसी के पीछे चलेगा, पर यह तीनो गुण उसमें होने चाहिए। अध्यंकन का मतलब नवजात शिशु के मन पर माँ या देख-भाल करने वाले की आकृति की छाप पड़ने से है। लारेंज़ ने यह खोज १९३५ में की थी। जब एक बार चूज़े में यह ठप्पा या इम्प्रिंट पड़ जाता है, इसमें परिवर्तन आसानी से नहीं होता। अर्थात हंस के चूज़े में यदि अंडे से बाहर निकलने के एकदम बाद यदि हंस का ठप्पा लग जाये तो वह जीवन भर हंस के पीछे चलेगा। यदि चूज़े में पहली छवि आदमी की बनी तो वह आदमी के पीछे चलेगा, हंस के पीछे नहीं। वह आदमी पतली लड़की हो या बूढा मर्द, कोई फरक नहीं पड़ेगा। सबसे चौंकाने वाली बात, लारेंज़ के लिए थी, हंस के चूज़े को पालने वाली माँ यदि दूसरी प्रजाति की थी, कुछ सालों बाद जब यह चूज़ा व्यस्क हुआ, तो प्रजनन के लिए उसी प्रजाति के पक्षी को चुना जो पालने वाली माँ की प्रजाति का था, हंस नहीं। यही परिणाम बाद में भेड़ में भी देखे गए, जिनका वर्णन नीचे किया गया है। लारेंज़ ने लिखा है कि, यद्यपि अध्यंकन सीखने के अंतर्गत आता है, किन्तु इसमें अधिगम या सीखने की तरह प्रलोभन की ज़रुरत नहीं है। यह जंतुओं में एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्राकृतिक अवस्था में बच्चे का माँ से प्रगाढ़ सम्बन्ध बनाने में सहायक है और इसका दूरगामी असर होता है। लारेंज़ की अध्यंकन की खोज तथा इथोलाजी का असर जॉन बाल्बी की सोच पर भी पड़ा। इसके साथ एक महत्पूर्ण बात जो स्नेह सिद्धान्त की आधारशिला मज़बूत करने में सहायक हुई, वह थी हार्लो और बाल्बी के बीच विचारों का आदान-प्रदान। इसमें माध्यम थे इथोलाजिस्ट राबर्ट हाइंड, जो उस समय इंग्लैंड में बंदरों में माँ और बच्चे के व्यवहार का अध्ययन कर रहे थे। हार्लो और बाल्बी इस बात से प्रभावित थे कि नवजात शिशु के सहज व्यवहार उसे माँ से जोड़ते हैं। हार्लो ने इसे बंदर के बच्चे पर प्रयोंगो से सिद्ध किया तथा बाल्बी ने मनुष्य के बच्चों पर जानकारी इकट्ठी की और इसे वैचारिक रूप दिया। बंदरों में बच्चे और माँ का सम्बन्ध हार्लो ने व्यवहारवादियों और मनोविश्लेषकों पर प्रहार करते हुए कहा, हालाँकि यह सही है कि माँ बच्चे की दूध की ज़रुरत पूरी करती है इसलिए उससे सम्बन्ध बन सकता है, परन्तु ऐसे सम्बन्ध किसी भी वस्तु से बन सकते हैं और वह जल्दी टूट भी जाते हैं। इसलिए उन सहज व्यवहारों का अध्ययन होना चाहिए जो माँ को स्नेह के रिश्तों में बांधते हैं। उन्होंने आगे लिखा, क्योंकि मानव के नवजात शिशु पर इस तरह के प्रयोग नहीं हो सकते, इसलिए बंदर के बच्चों को चुना। तब तक हार्लो प्रयोगशाला में बंदर के बच्चों को ६ से १२ घंटे के भीतर माँ से अलग कर, उनको पालने में सफल हो चुके थे। नए प्रयोगों में हार्लो को, बाल्बी द्वारा मनुष्य के बच्चों में देखे गए दो सहज व्यवहार के बारे में, बंदर के बच्चों में पर्याप्त समानता मिली, जैसे, नवजात शिशु का नरम वस्तु से चिपकना तथा उसके साथ ज्यादा समय बिताना। इतना ही नहीं, हार्लो ने पाया कि लगभग ३०० दिन की उम्र के बंदर के बच्चे नरम कपड़े से लिपटी माँ का पर्याय या क्लाथ मोथर सुरोगट को निहारने में भी ज्यादा समय देने लगे। अगले कई सालों में जो प्रयोग हुए उनका सारांश मार्ग्रेट हार्लो और हैरी हार्लो ने १९६६ में एक शोध पत्र में दिया है। इस शोध पत्र में उन्होंने लिखा कि काम या सेक्स की सहज प्रवृत्ति मानव और बंदर में समूह को बांधने का आधार खो चुकी है। वह आगे लिखते हैं कि बंदर के बच्चे के सामाजिक विकास पर विस्कान्सिन विश्वविद्यालय में जो खोज हुई है उससे पांच प्रेममूलक तंत्रों या आफेक्शनल सिस्टम्स का पता लगा, जो इन बंदरों में सामाजिक सम्बन्धों का आधार है। यह पांच प्रेममूलक तंत्र हैंबच्चा-माँ स्नेह तंत्र; बच्चा-बच्चा स्नेह तंत्र; विषम लिंगी स्नेह तंत्र; मातृत्व स्नेह तंत्र; तथा पितृत्व स्नेह तंत्र। अंत में उन्होंने लिखा है कि यह पांच स्नेह तंत्र नर-वानर समूह या प्रिमत्स के विकास में महत्वपूर्ण रहे होंगे। इनसे समूह के सदस्यों में मेल-जोल बनाए रखने में मदद मिली होगी, जिससे समूह में सहयोग पनपा, बाहरी ताकतों से जूझने की क्षमता बढ़ी, और बच्चे को सीखने का वातावरण मिला। स्नेह के दूरगामी परिणामों के बारे में इससे भी और अधिक जानकारी बंदरों पर हुए उन प्रयोगों से मिली जो हैरी हार्लो और उनके साथियों ने बंदर के बच्चों को उनकी माँ से अलग कर, विस्तार में कई सालों तक देखे, जिनका वर्णन हार्लो और मीअर्स ने एक किताब में किया है, तथा मनुष्य में बाल्बी ने माँ से अलगाव और माँ के विलोप का बच्चे पर असर स्नेह सिद्धांत के खण्ड-२ और खण्ड-३ में किया जिसका परिचय अगले भाग में दिया गया है। बाल्बी का स्नेह सिद्धान्त बाल्बी ने लिखा है कि स्नेह सिद्धान्त पर कार्य १९५६ में शुरू हुआ और अनेक शोधपत्रों में इससे जुडी वैज्ञानिक समस्याओं पर १९५३ से १९६३ तक विवेचना की गयी, लेकिन स्नेह सिद्धान्त का मुख्य प्रारूप स्नेह और विलोप या अट्टाच्मेंट एंड लॉस तीन खण्डों में१९६९(१९९७) में खण्ड-१; १९७३ में खण्ड-२; तथा, १९७८ में खण्ड-३, छपा। बाल्बी और उनकी सहयोगी एन्स्वर्थ ने इन तीन खण्डों में छपे मुख्य विचारों तथा इससे जुड़ी खोजों के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए लिखा कि वह दोनों शैक्षिक व्यवसाय में आने से पहले ही बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में माता-पिता के योगदान पर काम कर रहे थे, विशेषकर वह बच्चे जो अकेले रह जाते हैं, जिन्हें माँ का प्रेम नहीं मिलता। वह आगे लिखते हैं, कि बाल्बी का पहला अध्ययन जो ४४ यूवा चोरों पर था, पता चला कि इन बच्चों में अधिकतर ऐसे थे जिन्हें स्नेह नहीं मिला। इसके बाद विश्व स्वस्थ्य संगठन के लिए बाल्बी ने एक रिपोर्ट तैयार की, जो मातृत्व का बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य में योगदान से जुड़ी थी, और इसका मुख्य उद्देश्य बच्चे की परवरिश से स्नेह का विकास करना था। बाल्बी के तीन खंडों में स्नेह सिद्धान्त की जो मुख्य बातें हैं, वह एन्स्वर्थ और बाल्बी के अनुसार यह हैं। खण्ड-१ के पहले और दूसरे भाग में स्नेह सिद्धान्त से जुड़े उद्विकास के विचारों तथा सहज व्यवहारों के अध्ययन का विस्तार में वर्णन है। इसके अतिरिक्त स्नेह की शारीरिक आवश्यकताओं से जुड़े सिद्धान्त (भूख, प्यास, काम आदि की पूर्ती) को नकार कर, उसकी जगह ऐसे व्यवहार तंत्र तथा संचालन तंत्र जिनका कोई विशेष उद्देश्य हो, जैसे लारेंज़ का अध्यंकन और हार्लो के प्रेममूलक तंत्र। इनके अतिरिक्त, बाल्बी ने लिखा है कि मनुष्यों में, बच्चे के विकास के साथ-साथ स्नेह से जुड़े माँ एवं अन्य व्यक्तियों की छवि तथा उसका सहज व्यवहारों से सम्बन्ध आन्तरिक कार्यकारी प्रारूपों को जन्म देते हैं, जिनका स्नेह सिद्धांत में विशेष स्थान है। खंड-१ के पांचवे भाग के आरंभ में स्नेह के विकास की चार अवस्थाएं बताई गई हैं। अवस्था-१, आरंभ की इस अवस्था में नवजात बच्चा एक विशेष प्रकार से लोगों से व्यवहार करता है (पहचानता नहीं): व्यक्ति की ओर मुड़ना, आँखों से पीछा करना, पकड़ना, पहुंचना, हंसना, आदि। अवस्था-२, उपरोक्त व्यवहारों का और ज्यादा प्रयोग, परन्तु माँ की तरफ विशेष ध्यान देना। अवस्था-३, बच्चा लोगों को पहचानने लगता है, माँ को विशेष रूप से देखता है, और नए लोगों से व्यवहार अलग हो जाता है। अवस्था-४, स्नेह की वस्तु या माँ से नजदीकी सम्बन्ध, और उससे जुड़े व्यवहारों में सुधार करना। बाल्बी के खण्ड-२ में बच्चे के उन सहज व्यवहारों पर विशेष ध्यान दिया गया है जो स्नेह की वस्तुओं से अलगाव के कारण पैदा होते हैं, और साथ में ऐसी स्थितियां जिन में स्नेह तंत्र कार्यान्वित होते हैं। बाल्बी के अनुसार यह बच्चों के अलग-अलग व्यक्तित्व के विकास का आधार है, जैसे कुछ बच्चे डरपोक होगे, या कुछ में स्नेह से जुड़ी चिंता ज़्यादा होगी। इसके अतिरिक्त बच्चे के सामान्य विकास में स्नेह के मज़बूत आधार पर भी बल दिया गया है। बाल्बी के खण्ड-३ के शुरू में संज्ञान की उन प्रक्रियाओं का वर्णन है जो सूचनाओं के अचेतन रूप से संयोजन में सहायक हैं। इनका आन्तरिक कार्यकारी प्रारूपों के विकास में विशेष महत्त्व बताया गया है। इस खण्ड में मुख्य ध्यान व्यस्क व्यक्ति में शोक पर है। स्नेह की वस्तु के विलोप या चले जाने से व्यक्ति चार अवस्थाओं से गुजरेगासुन्नता; स्नेह की वस्तु की तरस और गुस्सा; अव्यवस्था और निराशा; तथा, पुनःसंयोजन का प्रयास और उदासी। स्नेह सिद्धान्त का प्रसार स्नेह सिद्धान्त के जंतुओं में बढ़ते आधार को देखकर, एलिसन जौली लिखती है, उद्विकास की प्रक्रिया में बच्चे और माँ के बीच एक सशक्त, प्रचुर और व्यक्तिगत सम्बन्ध का चयन होता है, जिसका नाम शायद प्यार है। यद्यपि हार्लो ने इन प्रेममूलक सम्बंधों को बंदर में बच्चे और माँ, तथा बाल्बी ने मनुष्य में बच्चे और उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति, तक सीमित रखा, पर उन्होंने, जौली कहती है, स्नेह को सामाजिक जीवन का आधार बताया। लेख के इस भाग में, हार्लो और बाल्बी के विचारों के बढ़ते आधार का अंदाज़ा, स्तनधारियों में चूहे से लेकर बंदर, और मनुष्यों में भक्त और उसके अराध्य देव के रिश्ते, पर होने वाले अध्ययनों से लग जायेगा। स्तनधारियों में आपसी मेल-जोल केंडल के अनुसार मनुष्यों, और वास्तव में सभी स्तनधारियों में बच्चे के आरंभ के वातावरण का सबसे मुख्य अंग माँ है। वह आगे लिखते हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय परिवार के टूटने से बच्चों का माँ-बाप से रिश्तों का अभाव, उनके विकास के लिए दुर्भाग्यपूर्ण था। केंडल लिखते हैं, हार्लो द्वारा बंदर के बच्चों पर किये गए प्रयोंगों से इस विचार को वैज्ञानिक आधार मिला, परन्तु इसमें मुख्य योगदान बाल्बी का रहा। चूहों पर हुए प्रयोग दो महत्वपूर्ण बातें जिनकी ओर केंडल ने ध्यान दिलाया है। एक, माँ-बाप अपने बच्चे के व्यवहार से संवेगात्मक रूप से जुड़े होते हैं, जिसमें मुख्य बात है बच्चे को ख़ुशी और दुःख देने वाली घटनाओं का निवारण। दो, मनुष्य और जंतुओं में पहले २-३ साल तक बच्चा नीहित स्मृति तंत्र पर निर्भर रहता है जो अचेतन होता है, उम्र बढ़ने के साथ उसमें जो परिवर्तन होते हैं वह चेतन या स्पष्ट स्मृति तंत्र बनाते हैं। यह दोनों बातें, केंडल के अनुसार, मनुष्यों और जंतुओं में स्नेह के तंत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। केंडल ने बताया कि चूहे (रत्स एंड मिस) में जब बच्चे को माँ से अलग किया जाता है, तो उनमें ऐसे व्यवहार देखे गए जैसे आदमी के बच्चे में माँ से अलग करने पर देखे गए, मुख्यतः पहले विरोध, और फिर उदासी की अवस्था। इसका असर हाईपोथेलेमिक-पिटयुईटेरी-एड्रिनल तंत्र में देखा गया। यह परिवर्तन ऐसी रासायनिक प्रक्रियाओं को जन्म देते हैं जो बच्चे के चेतन या स्पष्ट स्मृति तंत्र में बाधा डालती है। अर्थात यह स्मृति तंत्र या तो विकसित नहीं हो पाता, या ठीक से नियंत्रण नहीं कर पता जब भी तनाव की परिस्थिति हो। भेड़-बकरियों के रेवड़ भेड़ और बकरियां, प्राकृतिक और पालतू दोनों अवस्थाओं, में समूह या रेवड़ में रहती हैं। मेमने का समूह के साथ लगाव हो यह मेमने और समूह दोनों के लिए ज़रूरी समझा गया है। स्मिथ ने इस लगाव या सम्बन्ध के विकास का भेड़ में अध्ययन के दौरान देखा कि मेमना जन्म के थोड़े समय बाद खड़ा होकर अपने सिर को ऐसी वस्तु के नीचे डालता है जो उसके कन्धों के बराबर है। आम तौर से यह भेड़ की अगली या पिछली टांगों के बीच की जगह होती है, इसके साथ-साथ भेड़ भी मेमने का चाटती ओर सूंघती है, तथा सिर और मूंह से सहलाती है। स्मिथ ने इन व्यवहारों का वर्णन करते हुए लिखा है कि इस सम्पर्क से एक ओर माँ अपने बच्चे की छवि अपने मस्तिष्क में बनती है, दूसरी ओर मेमना का माँ से सम्बन्ध बनता है। यदि मेमने और भेड़ या बकरी के बीच यह सम्बन्ध आरम्भ में नहीं बन पाता तो भेड़ या बकरी मेमने को नकार देगी और मेमना समूह के साथ नहीं चलता। इस सम्बन्ध का दूरगामी असर भी देखा गया। आम तौर से भेड़ और बकरियां एक रेवड़ में रहती है, व्यस्क होने पर भेड़ प्रजनन के लिए भेड़ को ही चुनेगी और बकरी अपनी प्रजाति का साथी। केंड्रिक और उनके साथियों ने देखा कि, यदि पैदा होने के बाद से भेड़ के बच्चे को बकरी पाले, तथा बकरी के बच्चे को भेड़ पाले, तो व्यस्क होने पर, भेड़ जो बकरी के साथ पली है प्रजनन के लिए बकरी चुनेगी, तथा बकरी जिसे भेड़ ने पाला है प्रजनन के लिए भेड़ चुनेगी। इसके अतिरिक्त केंड्रिक ने यह भी देखा कि भेड़ें अन्य भेड़ों के चेहरे, लगभग ५० तक, काफी देर तक याद रख सकती है। एलिसन जौली के अनुसार नर-वानर समूह में स्नेह सम्बन्धों की निम्न मुख्य विशेषताएं हैं। नर-वानर समूह की पहली विशेषता है कि बच्चा शारीरिक और संवेगात्मक रूप से माँ से जुड़ा है, और यह सम्बन्ध लेमर से लेकर मनुष्य तक और अधिक जटिल होता जाता है। माँ से बच्चे के इस सम्बन्ध का जीवन के आरंभिक काल में सामाजिक व्यवहार के प्रशिक्षण में विशेष महत्त्व है। दूसरे, जौली के अनुसार, माँ जब तक बच्चे को विशेष रूप में नहीं देखे वह ठीक से जी नहीं पायेगा, या उसके सामाजिक व्यवहार में कमी रह जाएगी। जैसे, यह ज़रूरी है कि, माँ अपने बच्चे को अपनी गोदी में बिठाए, उसे स्तनपान करने दे, उसकी सफाई करे, और उसे सहलाए और उसकी मदद करे। बच्चे के सहज व्यवहार, जैसे, चिपकना, रेंगना, जड़ता, तथा चूसना इस सम्बन्ध को मज़बूत बनाते हैं। इनके साथ-साथ कई किसम की आवाजें माँ और बच्चे को एक दूसरे की तरफ आकर्षित करती हैं। तीसरे, जौली का कहना है कि जॉन बाल्बी ने सशक्त रूप से लारेंज़ के अध्यंकन के सिद्धान्त को मानव के विकास के सन्दर्भ में रखा। यही नहीं, बाल्बी ने बच्चे को असहाय अवस्था से बाहर निकलकर उद्विकास के सन्दर्भ में देखने की पहल की। अर्थात बच्चे में ऐसे व्यवहारों का चयन हुआ जिससे वह माँ के सम्पर्क में रहे, उसे पहचाने, अजनवी से डरे, और खतरा होते ही माँ के पास जाये। चौथे, जौली का मानना है कि यह ज़रूरी नहीं कि नर-वानर समूह में बच्चा माँ के अभाव में मर जाए, बच्चे का व्यवहार समूह के अन्य सदस्यों में मातृत्व की भावना जगाने में सक्षम है। जौली का कहना है कि सामाजिक व्यवहार में एक स्तर पर यदि चूक हो जाए, उसकी भरपाई की कई संभावनाएं हैं। बच्चे के संगी-साथी और अन्य व्यस्क नर व मादा इसमें सहायता करते हैं। अंत में, जौली का मानना है कि प्राकृतिक अवस्था में ऐसी असंख्य घटनाएं घटती हैं जिनका प्रयोगशाला में अंदाजा लगाना कठिन है। यह घटनाएं बच्चे को सशक्त करती हैं, जैसे, बच्चे के बड़े होने पर, स्तनपान छुड़ाना, गोद से दूर रखना, पेड़ से कूदने में मदद, खतरे का अहसास, आदि। व्यक्तित्व का विकास बाल्बी ने खण्ड-१ के अंत में कुछ बातों को रेखांकित किया है। सबसे पहले, स्नेह की प्रवृत्ती और स्नेह व्यवहारों में अन्तर स्पष्ट किया। दूसरे, उन्होंने कहा बच्चे का स्नेह वस्तु के साथ व्यवहार स्नेह बन्धन का आधा भाग है। माँ का बच्चे से व्यवहार, और फिर पिता व अन्य सदस्यों का इसमें योगदान, इसे पूर्ण करता है। तीसरे, बच्चों के व्यक्तित्व में स्नेह के अनेक नमूने या प्रारूप मिलते हैं, मानसिक स्वास्थ्य में योगदान के लिए इन्हें समझना अत्यधिक ज़रूरी होगा। बाल्बी के अनुसार स्नेह सिद्धान्त के तीनों खण्ड, वस्तु से स्नेह सम्बन्ध बनाना, स्नेह वस्तु से अलगाव, तथा स्नेह वस्तु का विलोप, संयुक्त रूप से स्नेह को समझने के लिए ज़रूरी हैं। स्नेह सिद्धान्त के ऊपर जो अध्ययन हुए हैं, तेंक्रेडे और फ्रेले के अनुसार, उन में स्नेह को समग्र रूप से देखा गया है, चाहे वह बच्चे और माँ के बीच हो, व्यस्क नर और नारी में प्रेम, या भक्त और उसका अराध्य देव। तेंक्रेडे और फ्रेले ने स्नेह सिद्धान्त की चार मुख्य विशेषतायें या कसौटियां बतायी, स्नेह की वस्तु से नजदीकी या प्रोक्सीमिटी मेंटनेंस, स्नेह की वस्तु से अलगाव का विरोध और विरह वेदना या सेपरेशन डिस्ट्रेस, स्नेह की वस्तु एक सुरक्षित आधार या सेक्यूरे बसे, तथा स्नेह की वस्तु एक सुरक्षित स्वर्ग या सफ़े हॉवेन। परन्तु खोज के लिए इनसे जुड़े किसी एक पहलू पर ध्यान देना स्वाभाविक है, जैसे आन्तरिक कार्यकारी प्रारूप। स्नेह सिद्धान्त के बारे में कुछ लोगों का विचार है कि जहाँ जॉन बाल्बी ने स्नेह को नयी सोच देकर वैज्ञानिक स्तर पर ला खड़ा किया, वहीँ एन्स्वर्थ ने इसके विचारों की पुष्टि के लिए प्रमाण एकत्र किये। एन्स्वर्थ और उनके साथियों ने माँ और बच्चे के बारे में दो विधियोंगृह निरिक्षण तथा अनोखी परिस्थितिसे आंकड़े इकट्ठे किये। पहली विधि में घर जाकर माँ और बच्चे के व्यवहार का अध्ययन, तथा दूसरी विधि में बच्चे को माँ से अलग कर एक कमरे में रखना और एक अजनवी महिला से मुलाकात, और फिर बच्चे का माँ से पुनर्मिलन के समय व्यवहार देखना। इस परिक्षण से बच्चों की तीन श्रेणियाँ सामने आई। सुरक्षित या सेक्यूरे बच्चे माँ से पुनर्मिलन के समय खुश रहते, शांत हो जाते और खेलने लगते। अन्य बच्चे दो श्रेणियों में बंट गए, एक असुरक्षित परिहारी या इन्सिक्यूरे-एवोयदांट, जो पुनर्मिलन के समय माँ से दूसरी ओर मूंह मोड़ लेते, न कोई ख़ुशी, तथा खेल में कोई रुचि नहीं, तथा दूसरे असुरक्षित विरोधी/उभयभावी या इन्सिक्यूरे रेसिसतेंट/अम्बिवालेट, जो पुनर्मिलन के समय माँ से गुस्से में रहते पर संपर्क भी करते, न कोई ख़ुशी, तथा खेल में कोई रुचि नहीं। स्टील के अनुसार पिछले ५० सालों में एन्स्वर्थ के यह तीन नमूने या श्रेणियाँ बच्चों के नैदानिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। उसने एक चौथे नमूने का भी उल्लेख किया, जिसमें बच्चा अपने माता-पिता के सामने सदैव असामान्य रूप से भयभीत रहता है। बारथोलोमेव ने बाल्बी के स्नेह सिद्धान्त का वयस्कों में अध्ययन किया और व्यक्तित्व में स्नेह के चार प्रारूप खोजेसुरक्षित या सेक्यूरे, चिंतित या प्रिओकऊपीड, खारिजी या डिस्मिसिंग, और डरपोक या फ्रफूल। हालाँकि व्यक्तित्वों के इन चार प्रारूपों को लेकर कई दिशाओं में अध्ययन किये गए हैं, स्टील का कहना है कि एक नयी दिशा है पिता का बच्चे के विकास में योगदान। भक्त और उसका अराध्य देव खोज कर्ताओं ने स्नेह बन्धन की उपरोक्त चार मुख्य कसौटियों, नजदीकी रखना, विरह वेदना, सुरक्षित आधार, तथा सुरक्षित स्वर्ग, को भक्त का उसके अराध्य देव से सम्बन्ध समझने के लिए रूपांतरण किया। उनकी अवधारणा है, जिसे सबसे पहले किर्कपेट्रिक ने विस्तार में रखा, कि भगवान से सम्बन्ध को स्नेह बन्धन मान सकते हैं। भक्त का भगवान से सम्बन्ध अनेक रूपों में मिलेगा, बालक, प्रेमी, सखा, आश्रय देने वाला, आदि। सिसिरेली ने इन चार कसौटियों को इस प्रकार रखा, भगवान से नजदीकी सम्बन्ध बनाना, भगवान से अलगाव का दुःख, भगवान एक सुरक्षित आधार, तथा भगवान एक सुरक्षित स्वर्ग। सिसिरेली आगे लिखते हैं कि किर्कपेट्रिक का मानना है कि भगवान से सम्बन्ध दो तरह से बन सकता है, एक तो वह लोग जिनका माँ से विश्वसनीय सम्बन्ध है, इसको सीधे भगवान पर स्थानांतरित कर सकते हैं, दूसरे वह लोग जिनका माँ से विश्वसनीय सम्बन्ध नहीं है, इसकी पूर्ती के लिए भगवान से नाता जोड़ेंगे। ग्रेंक्विस्ट और उनके साथियों का विचार है कि जब स्नेह तंत्र बाहरी या आतंरिक वातावरण की घटनाओं से उत्तेजित होता है तो व्यक्ति भगवान से नजदीकी ढूँढेगा या महसूस करेगा। इन्हें भी देखें जॉन बाल्बी (अंग्रेज़ी में) हैरी हार्लो (अंग्रेज़ी में) लारेंज़ (अंग्रेज़ी में) इथोलाजी (अंग्रेज़ी में) अध्यंकन (अंग्रेज़ी में) नर-वानर समूह (अंग्रेज़ी में)
यह लेख १९६१ में बुरुंडी के प्रधान मंत्री के पद के गठन के बाद से १९९८ में इसके उन्मूलन के बाद से बुरुंडी के प्रधानमंत्रियों को सूचीबद्ध करता है । कुल चौदह लोगों ने बुरुंडी के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया है (एक कार्यवाहक प्रधान मंत्री की गिनती नहीं)। इसके अतिरिक्त, दो व्यक्ति, पियरे नगेंन्दुम्वे और अलबिन नयमोया , दो गैर-लगातार अवसरों पर सेवा कर चुके हैं। कार्यालयधारकों की सूची यह भी देखें बुरुंडी की राजनीति बुरुंडी के राजाओं की सूची बुरुंडी के राष्ट्रपति बुरुंडी के उपाराष्ट्रपति बुरुंडी के प्रधान मंत्री रूआंडा-उरूंडी के औपनिवेशिक राज्यपालों की सूची बुरुंडी के औपनिवेशिक निवासियों की सूची इनकंबेंट्स की सूची
पकीरुपेट (कडप) में भारत के आन्ध्रप्रदेश राज्य के अन्तर्गत के कडप जिले का एक गाँव है। आंध्र प्रदेश सरकार का आधिकारिक वेबसाइट आंध्र प्रदेश सरकार का पर्यटन विभाग निक की वेबसाइट पर आंध्र प्रदेश पोर्टल आंध्र प्रदेश राज्य पुलिस की सरकारी वेबसाइट
भारत की जनगणना अनुसार यह गाँव, तहसील संभल, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में स्थित है। सम्बंधित जनगणना कोड: राज्य कोड :०९ जिला कोड :१३५ तहसील कोड : ००७२१ उत्तर प्रदेश के जिले (नक्शा) संभल तहसील के गाँव
मुसर्रत अली बिट्टन,भारत के उत्तर प्रदेश की सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक रहे। २०१२ उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की बिल्सी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन संख्या-११४)से चुनाव जीता। उत्तर प्रदेश १६वीं विधान सभा के सदस्य बिल्सी के विधायक
मेजर जनरल शाह नवाज खान (२४ जनवरी १९१४ ९ दिसम्बर 1९83) आजाद हिन्द फौज के प्रसिद्ध अधिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर जनरल शाहनवाज खान, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों तथा कर्नल प्रेम सहगल के ऊपर अंग्रेज सरकार ने मुकद्दमा चलाया। बॉलीवुड फिल्म अभिनेता शाहरुख खान की मॉं को उन्होंने मुंहबोली बेटी माना था । खान एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय राष्ट्रीय सेना में एक अधिकारी के रूप में कार्य किया था। युद्ध के बाद, उसे देशद्रोह के लिए दोषी ठहराया गया, और ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा किए गए एक सार्वजनिक न्यायालय-मार्शल में मौत की सजा सुनाई गई। भारत में अशांति और विरोध के बाद भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ ने सजा को कम कर दिया था। द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त होने पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक नाटकीय बदलाव आया। १५ अगस्त १९४७ भारत को आजादी मिलने तक, भारतीय राजनैतिक मंच विविध जनान्दोलनों का गवाह रहा। इनमें से सबसे अहम् आन्दोलन, आजाद हिन्द फौज के १७ हजार जवानों के खिलाफ चलने वाले मुकदमे के विरोध में जनाक्रोश के सामूहिक प्रदर्शन थे। मेजर जनरल शहनवाज को मुस्लिम लीग और ले. कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लन को अकाली दल ने अपनी ओर से मुकदमा लड़ने की पेशकश की, लेकिन इन देशभक्त सिपाहियों ने कांग्रेस द्वारा जो डिफेंस टीम बनाई गई थी, उसी टीम को ही अपना मुकदमा पैरवी करने की मंजूरी दी। मजहबी भावनाओं से ऊपर उठकर सहगल, ढिल्लन, शहनवाज का यह फैसला सचमुच प्रशंसा के योग्य था। हिन्दुस्तानी तारीख में 'लाल किला ट्रायल' का अहम् स्थान है। लाल किला ट्रायल के नाम से प्रसिध्द आजाद हिन्द फौज के ऐतिहासिक मुकदमे के दौरान उठे इस नारे 'लाल किले से आई आवाज-सहगल, ढिल्लन, शाहनवाज़' ने उस समय हिन्दुस्तान की आजादी के हक के लिए लड रहे लाखों नौजवानों को एक सूत्र में बांध दिया था। वकील भूलाभाई देसाई इस मुकदमे के दौरान जब लाल किले में बहस करते, तो सड़कों पर हजारों नौजवान नारे लगा रहे होते। पूरे देश में देशभक्ति का एक वार सा उठता। १५ नवम्बर १९४५ से ३१ दिसम्बर १९४५ यानी, ५७ हिन्दुस्तान की आजादी के संघर्ष में टर्निंग पॉइंट था। यह मुकदमा कई मोर्चों पर हिन्दुस्तानी एकता को मजबूत करने वाला साबित हुआ। इस ट्रायल ने पूरी दुनिया में अपनी आजादी के लिए लड़ रहे लाखों लोगों के अधिकारों को जागृत किया। सहगल, ढिल्लन और शाहनवाज के अलावा आजाद हिन्द फौज के अनेक सैनिक जो जगह-जगह गिरफ्तार हुए थे और जिन पर सैकड़ों मुकदमे चल रहे थे, वे सभी रिहा हो गए। ३ जनवरी १९४६ को आजाद हिन्द फौज के जांबाज सिपाहियों की रिहाई पर 'राईटर एसोसिएशन ऑफ अमेरिका' तथा ब्रिटेन के अनेक पत्रकारों ने अपने अखबारों में मुकदमे के विषय में जमकर लिखा। इस तरह यह मुकदमा अंतर्राष्ट्रीय रूप से चर्चित हो गया। अंग्रेजी सरकार के कमाण्डर-इन-चीफ सर क्लॉड अक्लनिक ने इन जवानों की उम्र कैद सजा माफ कर दी। हवा का रुख भांपकर वे समझ गए, कि अगर इनको सजा दी गई तो हिन्दुस्तानी फौज में बगावत हो जाएगी। विचारणा के दौरान ही भारतीय जलसेना में विद्रोह शुरू हो गया। मुम्बई, कराची, कोलकाता, विशाखापत्तनम आदि सब जगह विद्रोह की ज्वाला फैलते देर न लगी। इस विद्रोह को जनता का भी भरपूर समर्थन मिला। इन्हें भी देखें आजाद हिन्द फौज आजाद हिन्द फौज पर अभियोग भारतीय स्वतंत्रता सेनानी आज़ाद हिन्द फ़ौज १९१४ में जन्मे लोग १९८३ में निधन प्रथम लोक सभा सदस्य द्वितीय लोक सभा के सदस्य ५वीं लोक सभा के सदस्य
१०६९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। अज्ञात तारीख़ की घटनाएँ
नृसिंह तृतीय (१२६३~१२९२) होयसल राजवंश के राजा थे। उनके कार्यकाल में उनके भाई और कन्ननुर के राजा रामनाथ से लड़ाई रही। होयसला के राजा
याह्या बौशकी से मार्ग काइली अल्जीरियाई शहर बोउमेड्स के वेल्लाया शहर में एक सड़क है। यह सड़क एक शहीद याह्या बौशकी नाम के नाम से जानी जाती है, जो १९३५ में टक में पैदा हुई थी और २८ दिसंबर, १९६० को कुंजी में सम्मान के क्षेत्र में गिर गई। वह खेचन के पहाड़ों में औथ के ज़ौउ ऑर्क में थला ओफ़ेला गाँव का मूल निवासी है। याहिया बौशकी स्वतंत्रता के अल्जीरियाई युद्ध के दौरान ऐतिहासिक इव क्षेत्र में नेशनल लिबरेशन फ्रंट (फन) और नेशनल लिबरेशन आर्मी (नला) के राजनीतिक आयुक्त थे। उन्होंने लबेड़िया से लबडेरिया के पास कबिदे के पास को लारबा के पास से पार किया। टक के शहर में जीन कॉलोना डी'ऑर्नानो की सड़क का नाम अल्जीरिया की स्वतंत्रता के बाद याहिया बुस्चकी की सड़क के रूप में बदल दिया गया था। यह सड़क उत्तर में लुई पाश्चर एवेन्यू में शुरू हुई जो थेनिया के अस्पताल के पास चलती थी। रूए चार्ल्स लावेर्गी ने इस सड़क को थोनिया के दरबार के पास बीच में काट दिया। यह दक्षिण की ओर समाप्त हो गया और एक सीढ़ी से थायोनिया स्टेशन की ओर बढ़ रहा था। इस गली के आसपास कई सार्वजनिक इमारतें मौजूद हैं: कॉलेज ऑफ थेनिया। अब्देलहामिद बेन बदी स्कूल। स्कूल मोहम्मद बौशकी। तेणिया का स्टेडियम। तेनिया ४ की नागरिक सुरक्षा। आधिकारिक बौमेर्देस प्रांत की वेबसाइट आधिकारिक बौमेर्देस प्रांत की वेबसाइट
सरस्वतीचन्द्र का उल्लेख इनसे हो सकता है: सरस्वतीचन्द्र (उपन्यास), गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी का एक गुजराती उपन्यास सरस्वतीचन्द्र (फिल्म), उपन्यास पर आधारित हिन्दी फिल्म सरस्वतीचन्द्र (धारावाहिक), उपन्यास पर आधारित २०१३ का हिन्दी धारावाहिक
गंगापुर विधानसभा क्षेत्र राजस्थान का एक विधानसभा क्षेत्र है।
विकिपीडिया पर एचटीएमएल के उपयोग के लिए, विकिपाठ में सहायता:एचटीएमएल देखें। हाइपरटेक्स्ट मार्कअप भाषा या हत्मल वेब ब्राउज़र में प्रदर्शित होने के लिए डिज़ाइन किए गए दस्तावेज़ों के लिए मानक मार्कअप भाषा है। इसे कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स (सीएसएस) और जावास्क्रिप्ट जैसी स्क्रिप्टिंग भाषाओं जैसी प्रौद्योगिकियों द्वारा सहायता प्रदान की जा सकती है। वेब ब्राउज़र एक वेब सर्वर या स्थानीय भंडारण से एचटीएमएल दस्तावेज़ प्राप्त करते हैं और दस्तावेज़ों को मल्टीमीडिया वेब पृष्ठों में प्रस्तुत करते हैं। एचटीएमएल एक वेब पेज की संरचना का वर्णन करता है और मूल रूप से दस्तावेज़ की उपस्थिति के लिए शामिल संकेत। एचटीएमएल तत्व एचटीएमएल पृष्ठों के बिल्डिंग ब्लॉक हैं। एचटीएमएल निर्माणों के साथ, छवियों और अन्य ऑब्जेक्ट्स जैसे इंटरैक्टिव फॉर्म को रेंडर किए गए पृष्ठ में एम्बेड किया जा सकता है। एचटीएमएल पाठ जैसे शीर्षकों, अनुच्छेदों, सूचियों, लिंक, उद्धरण और अन्य आइटमों के लिए संरचनात्मक शब्दार्थ को दर्शाकर संरचित दस्तावेज़ बनाने का एक साधन प्रदान करता है। एचटीएमएल तत्वों को टैग द्वारा चित्रित किया जाता है, जो कोण कोष्ठक का उपयोग करके लिखा जाता है। टैग जैसे और सीधे पृष्ठ में सामग्री का परिचय देते हैं। अन्य टैग जैसे कि दस्तावेज़ पाठ के बारे में जानकारी घेरना और प्रदान करना और उप-तत्वों के रूप में अन्य टैग शामिल हो सकते हैं। ब्राउज़र एचटीएमएल टैग प्रदर्शित नहीं करते हैं, लेकिन पृष्ठ की सामग्री की व्याख्या करने के लिए उनका उपयोग करते हैं। <इंग /> <इनपुट /> <प> एचटीएमएल जावास्क्रिप्ट जैसी स्क्रिप्टिंग भाषा में लिखे गए कार्यक्रमों को एम्बेड कर सकता है, जो वेब पृष्ठों के व्यवहार और सामग्री को प्रभावित करता है। सीएसएस का समावेश सामग्री के रूप और लेआउट को परिभाषित करता है। वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (डब्ल्यू ३ सी), एचटीएमएल के पूर्व रखरखाव और सीएसएस मानकों के वर्तमान रखरखावकर्ता ने १९९७ से स्पष्ट प्रस्तुति एचटीएमएल पर सीएसएस के उपयोग को प्रोत्साहित किया है। एचटीएमएल का एक रूप, जिसे एचटीएमएल ५ के रूप में जाना जाता है, का उपयोग वीडियो और ऑडियो प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है, मुख्य रूप से तत्व का उपयोग करके, जावास्क्रिप्ट के सहयोग से। <कैनवस> अप्रैल २००९ में टिम बर्नर्स-ली १९८० में, भौतिक विज्ञानी टिम बर्नर्स-ली, सर्न के एक ठेकेदार ने दस्तावेजों का उपयोग करने और साझा करने के लिए सर्न शोधकर्ताओं के लिए एक प्रणाली इन्क्वायर का प्रस्ताव और प्रोटोटाइप किया। १९८९ में, बर्नर्स-ली ने इंटरनेट-आधारित हाइपरटेक्स्ट सिस्टम का प्रस्ताव करते हुए एक ज्ञापन लिखा। बर्नर्स-ली ने एचटीएमएल को निर्दिष्ट किया और १९९० के अंत में ब्राउज़र और सर्वर सॉफ्टवेयर लिखा। उस वर्ष, बर्नर्स-ली और सर्न डेटा सिस्टम इंजीनियर रॉबर्ट कैलियू ने वित्त पोषण के लिए एक संयुक्त अनुरोध पर सहयोग किया, लेकिन परियोजना को औपचारिक रूप से सर्न द्वारा अपनाया नहीं गया था। अपने व्यक्तिगत नोट्स में १९९० से उन्होंने सूचीबद्ध किया "कई क्षेत्रों में से कुछ जिनमें हाइपरटेक्स्ट का उपयोग किया जाता है" और पहले एक विश्वकोश रखा। एचटीएमएल का पहला सार्वजनिक रूप से उपलब्ध विवरण "एचटीएमएल टैग" नामक एक दस्तावेज था, जिसका उल्लेख पहली बार १९९१ के अंत में टिम बर्नर्स-ली द्वारा इंटरनेट पर किया गया था। यह एचटीएमएल के प्रारंभिक, अपेक्षाकृत सरल डिजाइन वाले १८ तत्वों का वर्णन करता है। हाइपरलिंक टैग को छोड़कर, ये सर्न में एक इन-हाउस स्टैंडर्ड जनरलाइज्ड मार्कअप लैंग्वेज (एसजीएमएल) आधारित प्रलेखन प्रारूप एसजीएमएलगुइड से दृढ़ता से प्रभावित थे। इनमें से ग्यारह तत्व अभी भी एचटीएमएल ४ में मौजूद हैं। एचटीएमएल एक मार्कअप भाषा है जिसका उपयोग वेब ब्राउज़र पाठ, छवियों और अन्य सामग्री को दृश्य या श्रव्य वेब पृष्ठों में व्याख्या और रचना करने के लिए करते हैं। एचटीएमएल मार्कअप के प्रत्येक आइटम के लिए डिफ़ॉल्ट विशेषताओं को ब्राउज़र में परिभाषित किया गया है, और इन विशेषताओं को वेब पेज डिज़ाइनर के सीएसएस के अतिरिक्त उपयोग द्वारा बदला या बढ़ाया जा सकता है। कई टेक्स्ट तत्व एसजीएमएल का उपयोग करने के लिए १९८८ आईएसओ तकनीकी रिपोर्ट टीआर ९५३७ तकनीकों में पाए जाते हैं, जो बदले में प्रारंभिक टेक्स्ट फॉर्मेटिंग भाषाओं की विशेषताओं को कवर करता है जैसे कि सीटीएसएस (संगत समय-साझाकरण प्रणाली) ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए १९६० के दशक की शुरुआत में विकसित अपवाह कमांड द्वारा उपयोग किया जाता है: ये स्वरूपण कमांड टाइपसेटर द्वारा मैन्युअल रूप से दस्तावेजों को प्रारूपित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कमांड से प्राप्त किए गए थे। हालांकि, सामान्यीकृत मार्कअप की एसजीएमएल अवधारणा केवल प्रिंट प्रभावों के बजाय तत्वों (विशेषताओं के साथ नेस्टेड एनोटेट पर्वतमाला) पर आधारित है, संरचना और मार्कअप के पृथक्करण के साथ; एचटीएमएल को सीएसएस के साथ इस दिशा में उत्तरोत्तर स्थानांतरित किया गया है। बर्नर्स-ली ने एचटीएमएल को एसजीएमएल का एक अनुप्रयोग माना। इसे औपचारिक रूप से इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (आईईटीएफ) द्वारा एचटीएमएल विनिर्देश के लिए पहले प्रस्ताव के १९९३ के मध्य के प्रकाशन के साथ परिभाषित किया गया था, बर्नर्स-ली और डैन कोनोली द्वारा "हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (एचटीएमएल)" इंटरनेट ड्राफ्ट, जिसमें व्याकरण को परिभाषित करने के लिए एसजीएमएल दस्तावेज़ प्रकार की परिभाषा शामिल थी। मसौदा छह महीने के बाद समाप्त हो गया, लेकिन इन-लाइन छवियों को एम्बेड करने के लिए एनसीएसए मोज़ेक ब्राउज़र के कस्टम टैग की स्वीकृति के लिए उल्लेखनीय था, जो सफल प्रोटोटाइप पर मानकों को आधार बनाने के आईईटीएफ के दर्शन को दर्शाता है। इसी तरह, डेव रैगेट के प्रतिस्पर्धी इंटरनेट-ड्राफ्ट, "एचटीएमएल + (हाइपरटेक्स्ट मार्कअप प्रारूप)", १९९३ के अंत से, तालिकाओं और भरने वाले फॉर्म जैसी पहले से लागू सुविधाओं को मानकीकृत करने का सुझाव दिया। १९९४ की शुरुआत में एचटीएमएल और एचटीएमएल + ड्राफ्ट समाप्त होने के बाद, आईईटीएफ ने एक एचटीएमएल वर्किंग ग्रुप बनाया, जिसने १९९५ में "एचटीएमएल २.०" पूरा किया, पहला एचटीएमएल विनिर्देश जिसे एक मानक के रूप में माना जाना चाहिए जिसके खिलाफ भविष्य के कार्यान्वयन आधारित होने चाहिए। आईईटीएफ के तत्वावधान में आगे के विकास को प्रतिस्पर्धी हितों द्वारा रोक दिया गया था। १९९६ के बाद से, एचटीएमएल विनिर्देशों को वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (डब्ल्यू ३ सी) द्वारा वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर विक्रेताओं से इनपुट के साथ बनाए रखा गया है। हालांकि, २००० में, एचटीएमएल भी एक अंतरराष्ट्रीय मानक बन गया (आईएसओ / आईईसी १५४४५: २०००)। एचटीएमएल ४.०१ १९९९ के अंत में प्रकाशित किया गया था, जिसमें 20०१ के माध्यम से आगे इरेटा प्रकाशित हुआ था। 200४ में, वेब हाइपरटेक्स्ट एप्लिकेशन टेक्नोलॉजी वर्किंग ग्रुप (डब्ल्यूएचवाईडब्ल्यूजी) में एचटीएमएल ५ पर विकास शुरू हुआ, जो २००८ में डब्ल्यू ३ सी के साथ एक संयुक्त वितरण योग्य बन गया, और २८ अक्टूबर 2०१४ को पूरा और मानकीकृत किया गया। एचटीएमएल संस्करण समयरेखा २४ नवंबर, १९९५ एचटीएमएल २.० को आरएफसी १८६६ के रूप में प्रकाशित किया गया था। पूरक आरएफसी ने क्षमताओं को जोड़ा: २५ नवंबर, १९९५: आरएफसी १८६७ (फॉर्म-आधारित फ़ाइल अपलोड) मई १९९६: आरएफसी १९४२ (तालिकाएँ) अगस्त १९९६: आरएफसी १९८० (क्लाइंट-साइड छवि मानचित्र) जनवरी १९९७: आरएफसी २०७० (अंतर्राष्ट्रीयकरण)) १४ जनवरी, १९९७ एचटीएमएल ३.२ के रूप में प्रकाशित किया गया था डब्ल्यू ३ सी सिफारिश। यह डब्ल्यू ३ सी द्वारा विशेष रूप से विकसित और मानकीकृत पहला संस्करण था, क्योंकि आईईटीएफ ने 1२ सितंबर, १९९६ को अपने एचटीएमएल वर्किंग ग्रुप को बंद कर दिया था। प्रारंभ में कोड-नाम "विल्बर", एचटीएमएल ३.२ ने गणित के सूत्रों को पूरी तरह से गिरा दिया, विभिन्न मालिकाना एक्सटेंशन के बीच ओवरलैप को सुलझाया और नेटस्केप के अधिकांश दृश्य मार्कअप टैग को अपनाया। दोनों कंपनियों के बीच आपसी समझौते के कारण नेटस्केप के ब्लिंक एलिमेंट और माइक्रोसॉफ्ट के मार्की एलिमेंट को छोड़ दिया गया था। एचटीएमएल के समान गणितीय सूत्रों के लिए एक मार्कअप को मैथएमएल में १४ महीने बाद तक मानकीकृत नहीं किया गया था। १८ दिसम्बर १९९७ एचटीएमएल ४.० के रूप में प्रकाशित किया गया था डब्ल्यू ३ सी सिफारिश। यह तीन विविधताएं प्रदान करता है: सख्त, जिसमें बहिष्कृत तत्वों को मना किया जाता है संक्रमणकालीन, जिसमें बहिष्कृत तत्वों की अनुमति है फ्रेमसेट, जिसमें ज्यादातर केवल फ्रेम से संबंधित तत्वों की अनुमति है। प्रारंभ में कोड-नाम "कौगर", एचटीएमएल ४.० ने कई ब्राउज़र-विशिष्ट तत्व प्रकारों और विशेषताओं को अपनाया, लेकिन साथ ही नेटस्केप की दृश्य मार्कअप सुविधाओं को स्टाइल शीट के पक्ष में बहिष्कृत के रूप में चिह्नित करके चरणबद्ध करने की मांग की। एचटीएमएल ४ आईएसओ ८८७९ - एसजीएमएल के अनुरूप एक एसजीएमएल एप्लिकेशन है। २४ अप्रैल, १९९८ एचटीएमएल ४.० संस्करण संख्या में वृद्धि के बिना मामूली संपादन के साथ फिर से जारी किया गया था। २४ दिसम्बर १९९९ एचटीएमएल ४.०१ के रूप में प्रकाशित किया गया था डब्ल्यू ३ सी सिफारिश। यह एचटीएमएल ४.० के समान तीन विविधताएं प्रदान करता है और इसका अंतिम इरेटा १२ मई, 2००१ को प्रकाशित हुआ था। आईईसी १५४४५:२००० ("आईएसओ एचटीएमएल", एचटीएमएल ४.०१ स्ट्रिक्ट पर आधारित) को आईएसओ / आईईसी अंतर्राष्ट्रीय मानक के रूप में प्रकाशित किया गया था। आईएसओ में यह मानक आईएसओ / आईईसी जेटीसी १ /एससी 3४ (आईएसओ / आईईसी संयुक्त तकनीकी समिति १, उपसमिति 3४ - दस्तावेज़ विवरण और प्रसंस्करण भाषाओं) के डोमेन में आता है। एचटीएमएल ४.०१ के बाद, कई वर्षों तक एचटीएमएल का कोई नया संस्करण नहीं था क्योंकि समानांतर, एक्सएमएल-आधारित भाषा एक्सएचटीएमएल के विकास ने २००० के दशक की शुरुआत और मध्य के माध्यम से डब्ल्यू ३ सी के एचटीएमएल वर्किंग ग्रुप पर कब्जा कर लिया था। मुख्य लेख: एचटीएमएल ५ २८ अक्टूबर २०१४ एचटीएमएल ५ के रूप में प्रकाशित किया गया था डब्ल्यू ३ सी सिफारिश। १ नवंबर, 20१6 एचटीएमएल ५.१ के रूप में प्रकाशित किया गया था डब्ल्यू ३ सी सिफारिश। १४ दिसम्बर २०१७ एचटीएमएल ५.२ के रूप में प्रकाशित किया गया था डब्ल्यू ३ सी सिफारिश। एचटीएमएल ड्राफ्ट संस्करण समयरेखा एचटीएमएल टैग, १८ एचटीएमएल टैग सूचीबद्ध करने वाला एक अनौपचारिक सर्न दस्तावेज़, पहली बार सार्वजनिक रूप से उल्लेख किया गया था। एचटीएमएल डीटीडी का पहला अनौपचारिक मसौदा, सात के साथ बाद के संशोधन (१५ जुलाई, ६ अगस्त, १८ अगस्त, १७ नवंबर, १९ नवंबर, २० नवंबर, २२ नवंबर) - एचटीएमएल डीटीडी १.१ (आरसीएस संशोधनों के आधार पर एक संस्करण संख्या के साथ पहला, जो १.० के बजाय १.१ से शुरू होता है), एक अनौपचारिक मसौदा हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज द्वारा प्रकाशित किया गया था आईईटीएफ आईआईआईआर वर्किंग ग्रुप एक इंटरनेट ड्राफ्ट (एक मानक के लिए एक मोटा प्रस्ताव) के रूप में। इसे दूसरे संस्करण द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था एक महीने बाद। एचटीएमएल + आईईटीएफ द्वारा इंटरनेट ड्राफ्ट के रूप में प्रकाशित किया गया था और हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज ड्राफ्ट के लिए एक प्रतिस्पर्धी प्रस्ताव था। जुलाई १९९४ में इसकी अवधि समाप्त हो गई। आईईटीएफ द्वारा प्रकाशित एचटीएमएल २.० का पहला मसौदा (संशोधन ००) (संशोधन ०२ से "एचटीएमएल २.०" कहा जाता है), जिसने अंततः नवंबर १९९५ में आरएफसी १८६६ का प्रकाशन किया। अप्रैल १९९५ (मार्च १९९५ को लिखा गया) एचटीएमएल ३.० को एक मानक के रूप में प्रस्तावित किया गया था आईईटीएफ, लेकिन प्रस्ताव पांच महीने बाद (२८ सितंबर १९९५) समाप्त हो गया आगे की कार्रवाई के बिना। इसमें कई क्षमताएं शामिल थीं जो रैगेट के एचटीएमएल + प्रस्ताव में थीं, जैसे कि तालिकाओं के लिए समर्थन, आंकड़ों के चारों ओर पाठ प्रवाह और जटिल गणितीय सूत्रों का प्रदर्शन। डब्ल्यू ३ सी ने एचटीएमएल ३ और कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स के लिए एक परीक्षण बिस्तर के रूप में अपने स्वयं के एरिना ब्राउज़र का विकास शुरू किया, लेकिन एचटीएमएल ३.० कई कारणों से सफल नहीं हुआ। मसौदे को 1५० पृष्ठों पर बहुत बड़ा माना जाता था और ब्राउज़र विकास की गति, साथ ही इच्छुक पार्टियों की संख्या, आईईटीएफ के संसाधनों से आगे निकल गई थी। उस समय माइक्रोसॉफ्ट और नेटस्केप सहित ब्राउज़र विक्रेताओं ने एचटीएमएल ३ की ड्राफ्ट सुविधाओं के विभिन्न सबसेट को लागू करने के साथ-साथ इसमें अपने स्वयं के एक्सटेंशन पेश करने का विकल्प चुना। (ले देख ब्राउज़र युद्ध). इनमें दस्तावेजों के शैलीगत पहलुओं को नियंत्रित करने के लिए एक्सटेंशन शामिल थे, "विश्वास [अकादमिक इंजीनियरिंग समुदाय के] के विपरीत कि पाठ रंग, पृष्ठभूमि बनावट, फ़ॉन्ट आकार और फ़ॉन्ट चेहरे जैसी चीजें निश्चित रूप से एक भाषा के दायरे से बाहर थीं जब उनका एकमात्र इरादा यह निर्दिष्ट करना था कि दस्तावेज़ कैसे व्यवस्थित किया जाएगा। डेव रैगेट, जो कई वर्षों से डब्ल्यू ३ सी फेलो रहे हैं, ने उदाहरण के लिए टिप्पणी की है: "कुछ हद तक, माइक्रोसॉफ्ट ने एचटीएमएल सुविधाओं का विस्तार करके वेब पर अपना व्यवसाय बनाया। एचटीएमएल ५ का लोगो एचटीएमएल ५ को डब्ल्यू ३ सी द्वारा वर्किंग ड्राफ्ट के रूप में प्रकाशित किया गया था। यद्यपि इसका वाक्यविन्यास एसजीएमएल से मिलता-जुलता है, एचटीएमएल ५ ने एसजीएमएल एप्लिकेशन होने के किसी भी प्रयास को छोड़ दिया है और वैकल्पिक एक्सएमएल-आधारित एक्सएचटीएमएल ५ सीरियलाइजेशन के अलावा स्पष्ट रूप से अपने स्वयं के "एचटीएमएल" सीरियलाइजेशन को परिभाषित किया है। २०११ एचटीएमएल ५ - अंतिम कॉल १४ फरवरी २०११ को, डब्ल्यू ३ सी ने एचटीएमएल ५ के लिए स्पष्ट मील के पत्थर के साथ अपने एचटीएमएल वर्किंग ग्रुप के चार्टर का विस्तार किया। मई २०११ में, कार्य समूह ने एचटीएमएल ५ को "लास्ट कॉल" में उन्नत किया, विनिर्देश की तकनीकी सुदृढ़ता की पुष्टि करने के लिए डब्ल्यू ३ सी के अंदर और बाहर समुदायों के लिए एक निमंत्रण। डब्ल्यू ३ सी ने 20१४ तक पूर्ण विनिर्देश के लिए व्यापक इंटरऑपरेबिलिटी प्राप्त करने के लिए एक व्यापक परीक्षण सूट विकसित किया, जो सिफारिश के लिए लक्ष्य तिथि थी। जनवरी २०११ में, व्हाट्सएप ने अपने "एचटीएमएल ५" जीवन स्तर का नाम बदलकर "एचटीएमएल" कर दिया। डब्ल्यू ३ सी फिर भी एचटीएमएल ५ जारी करने के लिए अपनी परियोजना जारी रखता है। २०१२ एचटीएमएल ५ उम्मीदवार की सिफारिश जुलाई २०१२ में, डब्ल्यूएचओजी और डब्ल्यू ३ सी ने अलगाव की डिग्री पर फैसला किया। डब्ल्यू ३ सी एचटीएमएल ५ विनिर्देश कार्य जारी रखेगा, एक एकल निश्चित मानक पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसे डब्ल्यूएचडब्ल्यूजी द्वारा "स्नैपशॉट" माना जाता है। डब्ल्यूएचडब्ल्यूजी संगठन एचटीएमएल ५ के साथ "लिविंग स्टैंडर्ड" के रूप में अपना काम जारी रखेगा। एक जीवन स्तर की अवधारणा यह है कि यह कभी पूरा नहीं होता है और हमेशा अद्यतन और सुधार किया जा रहा है। नई सुविधाएँ जोड़ी जा सकती हैं लेकिन कार्यक्षमता नहीं हटाई जाएगी। दिसंबर २०१२ में, डब्ल्यू ३ सी ने एचटीएमएल ५ को उम्मीदवार सिफारिश के रूप में नामित किया। डब्ल्यू ३ सी सिफारिश में उन्नति के लिए मानदंड "दो १००% पूर्ण और पूरी तरह से इंटरऑपरेबल कार्यान्वयन" है। २०१४ एचटीएमएल ५ - प्रस्तावित सिफारिश और सिफारिश सितंबर २०१४ में, डब्ल्यू ३ सी ने एचटीएमएल ५ को प्रस्तावित सिफारिश में स्थानांतरित कर दिया। २८ अक्टूबर २०१४ को, एचटीएमएल ५ को एक स्थिर डब्ल्यू ३ सी सिफारिश के रूप में जारी किया गया था, जिसका अर्थ है कि विनिर्देश प्रक्रिया पूरी हो गई है। मुख्य लेख: एक्सएचटीएमएल एक्सएचटीएमएल एक अलग भाषा है जो एक्सएमएल १.० का उपयोग करके एचटीएमएल ४.०१ के पुनर्निर्माण के रूप में शुरू हुई। इसे अब एक अलग मानक के रूप में विकसित नहीं किया जा रहा है। एक्सएचटीएमएल १.० को २६ जनवरी, 2००० को डब्ल्यू ३ सी सिफारिश के रूप में प्रकाशित किया गया था, और बाद में १ अगस्त, 2००2 को संशोधित और पुनर्प्रकाशित किया गया था। यह एचटीएमएल ४.० और ४.०१ के समान तीन विविधताएं प्रदान करता है, जो एक्सएमएल में मामूली प्रतिबंधों के साथ सुधारित किया गया है। एक्सएचटीएमएल १.१ रूप में प्रकाशित किया गया था डब्ल्यू ३ सी सिफारिश ३१ मई, 2००१ को। यह एक्सएचटीएमएल १.० सख्त पर आधारित है, लेकिन इसमें मामूली परिवर्तन शामिल हैं, अनुकूलित किया जा सकता है, और डब्ल्यू ३ सी सिफारिश "एक्सएचटीएमएल का मॉड्यूलराइजेशन" में मॉड्यूल का उपयोग करके फिर से तैयार किया गया है, जिसे १० अप्रैल, 2००१ को प्रकाशित किया गया था। एक्सएचटीएमएल २.० एक कामकाजी मसौदा था, इस पर काम २००9 में एचटीएमएल ५ और एक्सएचटीएमएल ५ पर काम के पक्ष में छोड़ दिया गया था। एक्सएचटीएमएल २.० एक्सएचटीएमएल १.एक्स के साथ असंगत था और इसलिए, एक्सएचटीएमएल १.एक्स के अपडेट की तुलना में एक्सएचटीएमएल-प्रेरित नई भाषा के रूप में अधिक सटीक रूप से विशेषता होगी। एक एक्सएचटीएमएल सिंटैक्स, जिसे "एक्सएचटीएमएल ५.१" के रूप में जाना जाता है, को एचटीएमएल ५ ड्राफ्ट में एचटीएमएल ५ के साथ परिभाषित किया जा रहा है। एचटीएमएल प्रकाशन का डब्ल्यूएचएटीडब्ल्यूजी में संक्रमण यह भी देखें: एचटीएमएल ५ डब्ल्यू ३ सी और व्हाट्सएप संघर्ष २८ मई २०१९ को, डब्ल्यू ३ सी ने घोषणा की कि व्हाट्सएप एचटीएमएल और डोम मानकों का एकमात्र प्रकाशक होगा। डब्ल्यू ३ सी और डब्ल्यूएचडब्ल्यूडब्ल्यूजी २०१२ से प्रतिस्पर्धी मानकों को प्रकाशित कर रहे थे। जबकि डब्ल्यू ३ सी मानक २००७ में डब्ल्यूएचओडब्ल्यूजी के समान था, मानकों को विभिन्न डिजाइन निर्णयों के कारण उत्तरोत्तर अलग किया गया है। डब्ल्यूएचडब्ल्यूजी "लिविंग स्टैंडर्ड" कुछ समय के लिए वास्तविक वेब मानक था। एचटीएमएल मार्कअप में कई प्रमुख घटक होते हैं, जिनमें टैग (और उनकी विशेषताएं), चरित्र-आधारित डेटा प्रकार, वर्ण संदर्भ और इकाई संदर्भ शामिल हैं। एचटीएमएल टैग आमतौर पर जोड़े में आते हैं जैसे और, हालांकि कुछ खाली तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए अप्रकाशित होते हैं, उदाहरण के लिए। ऐसी जोड़ी में पहला टैग स्टार्ट टैग है, और दूसरा एंड टैग है (उन्हें ओपनिंग टैग और क्लोजिंग टैग भी कहा जाता है)। <ह१></ह१><इंग> एक अन्य महत्वपूर्ण घटक एचटीएमएल दस्तावेज़ प्रकार घोषणा है, जो मानक मोड रेंडरिंग को ट्रिगर करता है। निम्नलिखित क्लासिक "हैलो, वर्ल्ड!" कार्यक्रम का एक उदाहरण है: के बीच का पाठ और वेब पेज का वर्णन करता है, और बीच का पाठ और दृश्यमान पृष्ठ सामग्री है। मार्कअप टेक्स्ट ब्राउज़र टैब और विंडो शीर्षक पर दिखाए गए ब्राउज़र पेज शीर्षक को परिभाषित करता है, और टैग आसान स्टाइल के लिए उपयोग किए जाने वाले पृष्ठ के विभाजन को परिभाषित करता है। के बीच और, वेबपेज मेटाडेटा को परिभाषित करने के लिए एक तत्व का उपयोग किया जा सकता है। <हत्मल></हत्मल><बॉडी></बॉडी><तितले>तीस इस आ तितले</तितले><दीव><हेड></हेड><मेटा> दस्तावेज़ प्रकार घोषणा एचटीएमएल ५ के लिए है। यदि कोई घोषणा शामिल नहीं है, तो विभिन्न ब्राउज़र प्रतिपादन के लिए "क्विर्क मोड" पर वापस आ जाएंगे। <!दोक्रायप हत्मल> मुख्य लेख: एचटीएमएल तत्व एचटीएमएल तत्व सामग्री श्रेणियाँ एचटीएमएल दस्तावेज़ नेस्टेड एचटीएमएल तत्वों की एक संरचना को दर्शाते हैं। इन्हें एचटीएमएल टैग द्वारा दस्तावेज़ में इंगित किया गया है, कोण कोष्ठक में संलग्न है: । [बेहतर स्रोत की जरूरत है]<प> सरल, सामान्य मामले में, एक तत्व की सीमा टैग की एक जोड़ी द्वारा इंगित की जाती है: एक "प्रारंभ टैग" और "अंत टैग"। तत्व की पाठ सामग्री, यदि कोई हो, तो इन टैग के बीच रखी जाती है। <प></प> टैग प्रारंभ और अंत के बीच आगे टैग मार्कअप भी संलग्न कर सकते हैं, जिसमें टैग और पाठ का मिश्रण शामिल है। यह मूल तत्व के बच्चों के रूप में आगे (नेस्टेड) तत्वों को इंगित करता है। प्रारंभ टैग में टैग के भीतर तत्व की विशेषताएं भी शामिल हो सकती हैं। ये अन्य जानकारी को इंगित करते हैं, जैसे दस्तावेज़ के भीतर अनुभागों के लिए पहचानकर्ता, शैली की जानकारी को दस्तावेज़ की प्रस्तुति से बाइंड करने के लिए उपयोग किए जाने वाले पहचानकर्ता, और कुछ टैग जैसे छवियों को एम्बेड करने के लिए उपयोग किए जाने वाले, प्रारूप में छवि संसाधन का संदर्भ इस तरह: कुछ तत्व, जैसे कि लाइन ब्रेक, या किसी भी एम्बेडेड सामग्री, या तो पाठ या आगे के टैग की अनुमति नहीं देते हैं। इन्हें केवल एक खाली टैग (स्टार्ट टैग के समान) की आवश्यकता होती है और अंत टैग का उपयोग नहीं करते हैं। <ब्र /><ब्र /> कई टैग, विशेष रूप से बहुत आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले पैराग्राफ तत्व के लिए समापन अंत टैग, वैकल्पिक हैं। एक एचटीएमएल ब्राउज़र या अन्य एजेंट संदर्भ और एचटीएमएल मानक द्वारा परिभाषित संरचनात्मक नियमों से किसी तत्व के अंत के लिए बंद होने का अनुमान लगा सकता है। ये नियम जटिल हैं और अधिकांश एचटीएमएल कोडर द्वारा व्यापक रूप से समझ में नहीं आते हैं। <प> एचटीएमएल तत्व का सामान्य रूप इसलिए है: । कुछ एचटीएमएल तत्वों को खाली तत्वों के रूप में परिभाषित किया जाता है और वे रूप लेते हैं। खाली तत्व कोई सामग्री संलग्न नहीं कर सकते हैं, उदाहरण के लिए, टैग या इनलाइन टैग। एचटीएमएल तत्व का नाम टैग में उपयोग किया जाने वाला नाम है। ध्यान दें कि अंत टैग का नाम एक स्लैश वर्ण से पहले है, और खाली तत्वों में अंत टैग न तो आवश्यक है और न ही अनुमति है। यदि विशेषताओं का उल्लेख नहीं किया गया है, तो प्रत्येक मामले में डिफ़ॉल्ट मानों का उपयोग किया जाता है। ''कॉन्टेंट''<तग अटट्रिब्यूट१="वेल्यू१" अटट्रिब्यूट२="वेल्यू२"><ब्र /><इंग>/ तत्व के उदाहरण यह भी देखें: एचटीएमएल तत्व एचटीएमएल दस्तावेज़ का शीर्ष लेख: | शीर्षक सिर में शामिल है, उदाहरण के लिए: ... एच. टी. एम. एल शीर्षकों को एच १ के साथ टैग के साथ परिभाषित किया गया है जो उच्चतम (या सबसे महत्वपूर्ण) स्तर है और एच ६ कम से कम है: <ह१><ह६> प्रभाव इस प्रकार हैं: स्तर १ शीर्षक शीर्ष स्तर २ स्तर ३ शीर्षक स्तर ४ शीर्षक स्तर ५ शीर्षक स्तर ६ शीर्षकध्यान दें कि सीएसएस प्रतिपादन को काफी बदल सकता है। <ब्र />. और के बीच का अंतर यह है कि पृष्ठ की शब्दार्थ संरचना को बदले बिना एक पंक्ति को तोड़ता है, जबकि पृष्ठ को पैराग्राफ में विभाजित करता है। तत्व उसमें एक खाली तत्व है, हालांकि इसमें विशेषताएं हो सकती हैं, यह कोई सामग्री नहीं ले सकता है और इसमें अंत टैग नहीं हो सकता है। <ब्र /><प><ब्र /><प><ब्र /> यह एचटीएमएल में एक लिंक है। लिंक बनाने के लिए टैग का उपयोग किया जाता है। विशेषता लिंक का यूआरएल पता रखती है। <आ>ह्रेफ ऐसे कई संभावित तरीके हैं जिनसे उपयोगकर्ता इनपुट /एस दे सकता है जैसे: टिप्पणियाँ मार्कअप की समझ में मदद कर सकती हैं और वेबपृष्ठ में प्रदर्शित नहीं होती हैं। एचटीएमएल में उपयोग किए जाने वाले कई प्रकार के मार्कअप तत्व हैं: संरचनात्मक मार्कअप पाठ के उद्देश्य को इंगित करता है उदाहरण के लिए, "गोल्फ" को दूसरे स्तर के शीर्षक के रूप में स्थापित करता है। संरचनात्मक मार्कअप किसी भी विशिष्ट रेंडरिंग को निरूपित नहीं करता है, लेकिन अधिकांश वेब ब्राउज़रों में तत्व स्वरूपण के लिए डिफ़ॉल्ट शैलियाँ होती हैं। कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स (सीएसएस) का उपयोग करके सामग्री को आगे स्टाइल किया जा सकता है। <ह२>गोल्फ</ह२> प्रस्तुति मार्कअप पाठ के प्रकटन को इंगित करता है, भले ही इसका उद्देश्य कुछ भी हो उदाहरण के लिए, इंगित करता है कि दृश्य आउटपुट उपकरणों को बोल्ड टेक्स्ट में "बोल्डफेस" प्रस्तुत करना चाहिए, लेकिन बहुत कम संकेत देता है कि ऐसा करने में असमर्थ डिवाइस (जैसे कि कर्ण डिवाइस जो पाठ को जोर से पढ़ते हैं) को क्या करना चाहिए। दोनों के मामले में और, ऐसे अन्य तत्व हैं जिनमें समतुल्य दृश्य प्रतिपादन हो सकते हैं लेकिन जो प्रकृति में अधिक शब्दार्थ हैं, जैसे कि और क्रमशः। यह देखना आसान है कि एक कर्ण उपयोगकर्ता एजेंट को बाद के दो तत्वों की व्याख्या कैसे करनी चाहिए। हालांकि, वे अपने प्रस्तुति समकक्षों के बराबर नहीं हैं: उदाहरण के लिए, स्क्रीन-रीडर के लिए किसी पुस्तक के नाम पर जोर देना अवांछनीय होगा, लेकिन स्क्रीन पर इस तरह के नाम को इटैलिक किया जाएगा। स्टाइल के लिए सीएसएस का उपयोग करने के पक्ष में एचटीएमएल ४.० विनिर्देश के तहत अधिकांश प्रस्तुति मार्कअप तत्वों को बहिष्कृत कर दिया गया है।<ब>बोल्ड टेक्स्ट</ब><ब>बोल्ड टेक्स्ट</ब><ई>इटालिक टेक्स्ट</ई><स्ट्रोंग>स्ट्रोंग टेक्स्ट</स्ट्रोंग><एम>एम्फासाइज़्ड टेक्स्ट</एम> हाइपरटेक्स्ट मार्कअप किसी दस्तावेज़ के भागों को अन्य दस्तावेज़ों की लिंक्स में बनाता है एक एंकर तत्व दस्तावेज़ में एक हाइपरलिंक बनाता है और इसकी विशेषता लिंक के लक्ष्य यूआरएल को सेट करती है। उदाहरण के लिए, एचटीएमएल मार्कअप, "विकिपीडिया" शब्द को हाइपरलिंक के रूप में प्रस्तुत करेगा। किसी छवि को हाइपरलिंक के रूप में प्रस्तुत करने के लिए, तत्व में सामग्री के रूप में एक तत्व डाला जाता है। जैसे, विशेषताओं के साथ एक खाली तत्व है लेकिन कोई सामग्री या समापन टैग नहीं है। .हरेफ्विकीपेडैमगाब्रिमग मुख्य लेख: एचटीएमएल विशेषता किसी तत्व की अधिकांश विशेषताएं नाम-मूल्य जोड़े हैं, जिन्हें तत्व के नाम के बाद किसी तत्व के प्रारंभ टैग के भीतर अलग और लिखा जाता है। मान को एकल या दोहरे उद्धरणों में संलग्न किया जा सकता है, हालांकि कुछ वर्णों से युक्त मानों को एचटीएमएल में अनकोटेड छोड़ा जा सकता है (लेकिन एक्सएचटीएमएल नहीं)। विशेषता मूल्यों को बिना उद्धृत छोड़ने को असुरक्षित माना जाता है। नाम-मूल्य जोड़ी विशेषताओं के विपरीत, कुछ विशेषताएं हैं जो तत्व के प्रारंभ टैग में उनकी उपस्थिति से तत्व को प्रभावित करती हैं, तत्व के लिए विशेषता की तरह। =इसमापिंग कई सामान्य विशेषताएं हैं जो कई तत्वों में दिखाई दे सकती हैं: विशेषता किसी तत्व के लिए दस्तावेज़-व्यापी अनन्य पहचानकर्ता प्रदान करती है. इसका उपयोग तत्व की पहचान करने के लिए किया जाता है ताकि स्टाइलशीट अपने प्रस्तुति गुणों को बदल सकें, और स्क्रिप्ट इसकी सामग्री या प्रस्तुति को बदल, एनिमेट या हटा सकें। पृष्ठ के यूआरएल में संलग्न, यह तत्व के लिए विश्व स्तर पर अद्वितीय पहचानकर्ता प्रदान करता है, आमतौर पर पृष्ठ का एक उप-अनुभाग। उदाहरण के लिए, ईद "विशेषताएँ" में.इधप्स://एन.विकिपीड़िया.ऑर्ग/विकी/हत्मल#अटट्रिब्यूट् विशेषता समान तत्वों को वर्गीकृत करने का एक तरीका प्रदान करती है। इसका उपयोग शब्दार्थ या प्रस्तुति उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, एक हत्मल दस्तावेज़ यह इंगित करने के लिए पदनाम का उपयोग कर सकता है कि इस वर्ग मान वाले सभी तत्व दस्तावेज़ के मुख्य पाठ के अधीनस्थ हैं। प्रस्तुति में, ऐसे तत्वों को एक साथ इकट्ठा किया जा सकता है और एचटीएमएल स्रोत में होने वाले स्थान पर दिखाई देने के बजाय पृष्ठ पर फुटनोट के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। वर्ग विशेषताओं का उपयोग माइक्रोफॉर्मेट में शब्दार्थ रूप से किया जाता है। एकाधिक वर्ग मान निर्दिष्ट किए जा सकते हैं; उदाहरण के लिए तत्व को दोनों और कक्षाओं में रखता है।क्लास<क्लास="नोटशन"><क्लास="नोटशन इम्पोर्तंट">नोटशनिम्पोर्तंट एक लेखक किसी विशेष तत्व को प्रस्तुतिकरण गुण असाइन करने के लिए विशेषता का उपयोग कर सकता है। स्टाइलशीट के भीतर से तत्व का चयन करने के लिए किसी तत्व या विशेषताओं का उपयोग करना बेहतर अभ्यास माना जाता है, हालांकि कभी-कभी यह एक सरल, विशिष्ट या तदर्थ स्टाइल के लिए बहुत बोझिल हो सकता है।शैलाइडक्लास विशेषता का उपयोग किसी तत्व को सबटेक्स्टुअल स्पष्टीकरण संलग्न करने के लिए किया जाता है। अधिकांश ब्राउज़रों में यह विशेषता टूलटिप के रूप में प्रदर्शित होती है।तितले विशेषता तत्व की सामग्री की प्राकृतिक भाषा की पहचान करती है, जो बाकी दस्तावेज़ से अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए, किसी अंग्रेज़ी भाषा के दस्तावेज़ में: लांग संक्षिप्त नाम तत्व, , का उपयोग इनमें से कुछ विशेषताओं को प्रदर्शित करने के लिए किया जा सकता है: अब्ब्र यह उदाहरण एचटीएमएल के रूप में प्रदर्शित होता है; अधिकांश ब्राउज़रों में, संक्षिप्त नाम पर कर्सर को इंगित करने से शीर्षक पाठ "हाइपरटेक्स्ट मार्कअप भाषा" प्रदर्शित होना चाहिए। अधिकांश तत्व पाठ दिशा निर्दिष्ट करने के लिए भाषा से संबंधित विशेषता लेते हैं, जैसे कि दाएं-से-बाएं पाठ के लिए "आरटीएल" के साथ, उदाहरण के लिए, अरबी, फारसी या हिब्रू। दीर वर्ण और एंटिटी संदर्भ यह भी देखें: एक्सएमएल और एचटीएमएल वर्ण इकाई संदर्भों और यूनिकोड और एचटीएमएल की सूची संस्करण ४.० के रूप में, एचटीएमएल २५२ वर्ण इकाई संदर्भों का एक सेट और १,११४,०5० संख्यात्मक चरित्र संदर्भों का एक सेट परिभाषित करता है, जो दोनों व्यक्तिगत वर्णों को शाब्दिक रूप से लिखने के बजाय सरल मार्कअप के माध्यम से लिखने की अनुमति देते हैं। एक शाब्दिक चरित्र और इसके मार्कअप समकक्ष को समकक्ष माना जाता है और समान रूप से प्रस्तुत किया जाता है। इस तरह से वर्णों को "भागने" की क्षमता वर्णों के लिए अनुमति देती है और (जब क्रमशः और , के रूप में लिखा जाता है) मार्कअप के बजाय चरित्र डेटा के रूप में व्याख्या की जाती है। उदाहरण के लिए, एक शाब्दिक सामान्य रूप से एक टैग की शुरुआत को इंगित करता है, और आमतौर पर एक चरित्र इकाई संदर्भ या संख्यात्मक वर्ण संदर्भ की शुरुआत को इंगित करता है; इसे किसी तत्व की सामग्री में या किसी विशेषता के मूल्य में शामिल करने की अनुमति देता है या लिखता है। डबल-कोट वर्ण (), जब किसी विशेषता मान को उद्धृत करने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, तो विशेषता मान के भीतर ही प्रकट होने पर या उससे भी बचना चाहिए। समतुल्य रूप से, एकल-उद्धरण वर्ण (), जब विशेषता मान को उद्धृत करने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, तो विशेषता मान के भीतर प्रकट होने पर या (या एचटीएमएल ५ या एक्सएचटीएमएल दस्तावेज़ों के रूप में) से भी बचना चाहिए। यदि दस्तावेज़ लेखक ऐसे पात्रों से बचने की आवश्यकता को अनदेखा करते हैं, तो कुछ ब्राउज़र बहुत क्षमाशील हो सकते हैं और उनके इरादे का अनुमान लगाने के लिए संदर्भ का उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं। परिणाम अभी भी अमान्य मार्कअप है, जो दस्तावेज़ को अन्य ब्राउज़रों और अन्य उपयोगकर्ता एजेंटों के लिए कम पहुँच योग्य बनाता है जो उदाहरण के लिए खोज और अनुक्रमण उद्देश्यों के लिए दस्तावेज़ को पार्स करने का प्रयास कर सकते हैं। <&&ल्ट;&एम्प;<&&एम्प;&#क्स२६;&#३८;&"&कोट;&#क्स२२;&#३४;'&#क्स२७;&#३९;&एपोस; पलायन उन वर्णों के लिए भी अनुमति देता है जो आसानी से टाइप नहीं किए जाते हैं, या जो दस्तावेज़ के वर्ण एन्कोडिंग में उपलब्ध नहीं हैं, तत्व और विशेषता सामग्री के भीतर प्रतिनिधित्व करने के लिए। उदाहरण के लिए, तीव्र उच्चारण (), एक वर्ण जो आमतौर पर केवल पश्चिमी यूरोपीय और दक्षिण अमेरिकी कीबोर्ड पर पाया जाता है, किसी भी एचटीएमएल दस्तावेज़ में इकाई संदर्भ के रूप में या संख्यात्मक संदर्भ के रूप में या, उन वर्णों का उपयोग करके लिखा जा सकता है जो सभी कीबोर्ड पर उपलब्ध हैं और सभी वर्ण एन्कोडिंग में समर्थित हैं। यूटीएफ -८ जैसे यूनिकोड कैरेक्टर एन्कोडिंग सभी आधुनिक ब्राउज़रों के साथ संगत हैं और दुनिया के लेखन प्रणालियों के लगभग सभी पात्रों तक सीधी पहुंच की अनुमति देते हैं। ए&ईक्यूट;&#ज़े९;&#२३३; एचटीएमएल तत्व सामग्री के लिए कई डेटा प्रकारों को परिभाषित करता है, जैसे स्क्रिप्ट डेटा और स्टाइलशीट डेटा, और विशेषता मानों के लिए ढेर सारे प्रकार, जिनमें आईडी, नाम, यूआरआई, संख्याएं, लंबाई की इकाइयां, भाषाएं, मीडिया डिस्क्रिप्टर, रंग, वर्ण एन्कोडिंग, दिनांक और समय आदि शामिल हैं। ये सभी डेटा प्रकार वर्ण डेटा की विशेषज्ञता हैं। दस्तावेज़ प्रकार घोषणा एचटीएमएल दस्तावेज़ों को दस्तावेज़ प्रकार घोषणा (अनौपचारिक रूप से, एक "डॉकटाइप") के साथ शुरू करने की आवश्यकता होती है। ब्राउज़रों में, डॉकटाइप रेंडरिंग मोड को परिभाषित करने में मदद करता है-विशेष रूप से क्विर्क मोड का उपयोग करना है या नहीं। डॉकटाइप का मूल उद्देश्य दस्तावेज़ प्रकार परिभाषा (डीटीडी) के आधार पर एसजीएमएल टूल द्वारा एचटीएमएल दस्तावेजों के पार्सिंग और सत्यापन को सक्षम करना था। डीटीडी जिसे डीओसीटाइप संदर्भित करता है, उसमें एक मशीन-पठनीय व्याकरण होता है जो इस तरह के डीटीडी के अनुरूप दस्तावेज़ के लिए अनुमत और निषिद्ध सामग्री निर्दिष्ट करता है। दूसरी ओर, ब्राउज़र एचटीएमएल को एसजीएमएल के अनुप्रयोग के रूप में लागू नहीं करते हैं और परिणामस्वरूप डीटीडी को नहीं पढ़ते हैं। एचटीएमएल ५ डीटीडी को परिभाषित नहीं करता है; इसलिए, एचटीएमएल ५ में डॉकटाइप घोषणा सरल और छोटी है: एचटीएमएल ४ डॉकटाइप का एक उदाहरण यह घोषणा एचटीएमएल ४.०१ के "सख्त" संस्करण के लिए डीटीडी का संदर्भ देती है। एसजीएमएल-आधारित सत्यापनकर्ता दस्तावेज़ को ठीक से पार्स करने और सत्यापन करने के लिए डीटीडी पढ़ते हैं। आधुनिक ब्राउज़रों में, एक वैध डॉकटाइप क्विर्क मोड के विपरीत मानक मोड को सक्रिय करता है। इसके अलावा, एचटीएमएल ४.०१ संक्रमणकालीन और फ्रेमसेट डीटीडी प्रदान करता है, जैसा कि नीचे बताया गया है। संक्रमणकालीन प्रकार सबसे समावेशी है, जिसमें वर्तमान टैग के साथ-साथ पुराने या "बहिष्कृत" टैग शामिल हैं, जिसमें बहिष्कृत टैग को छोड़कर सख्त डीटीडी है। फ्रेमसेट में संक्रमणकालीन प्रकार में शामिल टैग के साथ एक पृष्ठ पर फ्रेम बनाने के लिए आवश्यक सभी टैग हैं। मुख्य लेख: शब्दार्थ एचटीएमएल सिमेंटिक एचटीएमएल एचटीएमएल लिखने का एक तरीका है जो अपनी प्रस्तुति (लुक) पर एन्कोडेड जानकारी के अर्थ पर जोर देता है। एचटीएमएल ने अपनी स्थापना से सिमेंटिक मार्कअप को शामिल किया है, लेकिन इसमें प्रेजेंटेशनल मार्कअप, जैसे, और टैग भी शामिल हैं। शब्दार्थ तटस्थ अवधि और डिव टैग भी हैं। १९९० के दशक के उत्तरार्ध से, जब कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स अधिकांश ब्राउज़रों में काम करना शुरू कर रहे थे, वेब लेखकों को प्रस्तुति और सामग्री के पृथक्करण की दृष्टि से प्रस्तुति एचटीएमएल मार्कअप के उपयोग से बचने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। <फॉण्ट><ई><सेंटर> सिमेंटिक वेब की २००१ की चर्चा में, टिम बर्नर्स-ली और अन्य लोगों ने उन तरीकों के उदाहरण दिए जिनमें बुद्धिमान सॉफ़्टवेयर "एजेंट" एक दिन स्वचालित रूप से वेब क्रॉल कर सकते हैं और मानव उपयोगकर्ताओं के लाभ के लिए पहले असंबंधित, प्रकाशित तथ्यों को ढूंढ सकते हैं, फ़िल्टर कर सकते हैं और सहसंबंधित कर सकते हैं। ऐसे एजेंट अब भी आम नहीं हैं, लेकिन वेब २.०, मैशप और मूल्य तुलना वेबसाइटों के कुछ विचार करीब आ सकते हैं। इन वेब एप्लिकेशन हाइब्रिड और बर्नर्स-ली के शब्दार्थ एजेंटों के बीच मुख्य अंतर इस तथ्य में निहित है कि जानकारी का वर्तमान एकत्रीकरण और संकरण आमतौर पर वेब डेवलपर्स द्वारा डिज़ाइन किया जाता है, जो पहले से ही वेब स्थानों और विशिष्ट डेटा के एपीआई शब्दार्थ को जानते हैं जो वे मैश, तुलना और गठबंधन करना चाहते हैं। एक महत्वपूर्ण प्रकार का वेब एजेंट जो वेब पृष्ठों को स्वचालित रूप से क्रॉल और पढ़ता है, बिना किसी पूर्व ज्ञान के कि यह क्या मिल सकता है, वेब क्रॉलर या खोज-इंजन मकड़ी है। ये सॉफ़्टवेयर एजेंट वेब पृष्ठों की शब्दार्थ स्पष्टता पर निर्भर हैं क्योंकि वे एक दिन में लाखों वेब पृष्ठों को पढ़ने और इंडेक्स करने के लिए विभिन्न तकनीकों और एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं और वेब उपयोगकर्ताओं को खोज सुविधाएं प्रदान करते हैं जिसके बिना वर्ल्ड वाइड वेब की उपयोगिता बहुत कम हो जाएगी। खोज-इंजन मकड़ियों के लिए एचटीएमएल दस्तावेजों में पाए जाने वाले पाठ के टुकड़ों के महत्व को रेट करने में सक्षम होने के लिए, और मैशप और अन्य संकर बनाने वालों के साथ-साथ अधिक स्वचालित एजेंटों के लिए भी, एचटीएमएल में मौजूद शब्दार्थ संरचनाओं को प्रकाशित पाठ के अर्थ को बाहर लाने के लिए व्यापक रूप से और समान रूप से लागू करने की आवश्यकता है। प्रेजेंटेशनल मार्कअप टैग वर्तमान एचटीएमएल और एक्सएचटीएमएल सिफारिशों में बहिष्कृत हैं। एचटीएमएल के पिछले संस्करणों से अधिकांश प्रस्तुतिकरण सुविधाओं की अनुमति नहीं है क्योंकि वे खराब पहुंच, साइट रखरखाव की उच्च लागत और बड़े दस्तावेज़ आकार ों की ओर ले जाते हैं। अच्छा शब्दार्थ एचटीएमएल वेब दस्तावेज़ों की पहुंच में भी सुधार करता है (वेब सामग्री एक्सेसिबिलिटी दिशानिर्देश भी देखें)। उदाहरण के लिए, जब कोई स्क्रीन रीडर या ऑडियो ब्राउज़र किसी दस्तावेज़ की संरचना का सही ढंग से पता लगा सकता है, तो यह सही ढंग से चिह्नित होने पर बार-बार या अप्रासंगिक जानकारी पढ़कर दृष्टिबाधित उपयोगकर्ता का समय बर्बाद नहीं करेगा। एचटीएमएल दस्तावेज़ों को किसी भी अन्य कंप्यूटर फ़ाइल के समान साधनों द्वारा वितरित किया जा सकता है। हालाँकि, वे अक्सर वेब सर्वर से या ईमेल द्वारा हप द्वारा वितरित किए जाते हैं। मुख्य लेख: हाइपरटेक्स्ट स्थानांतरण प्रोटोकॉल वर्ल्ड वाइड वेब मुख्य रूप से हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एचटीटीपी) का उपयोग करके वेब सर्वर से वेब ब्राउज़र में प्रेषित एचटीएमएल दस्तावेजों से बना है। हालांकि, एचटीटीपी का उपयोग एचटीएमएल के अलावा छवियों, ध्वनि और अन्य सामग्री की सेवा के लिए किया जाता है। वेब ब्राउज़र को यह जानने की अनुमति देने के लिए कि उसे प्राप्त होने वाले प्रत्येक दस्तावेज़ को कैसे संभालना है, दस्तावेज़ के साथ अन्य जानकारी प्रेषित की जाती है। इस मेटा डेटा में आमतौर पर माइम प्रकार (जैसे, या) और वर्ण एन्कोडिंग (एचटीएमएल में वर्ण एन्कोडिंग देखें) शामिल हैं। टेक्स्ट/हत्मलाप्प्लिकेशन/खत्मल+क्स्म्ल आधुनिक ब्राउज़रों में, हत्मल दस्तावेज़ के साथ भेजा गया मिमे प्रकार प्रभावित कर सकता है कि दस्तावेज़ प्रारंभ में कैसे व्याख्या की जाती है। एक्सएचटीएमएल माइम प्रकार के साथ भेजा गया एक दस्तावेज़ अच्छी तरह से गठित एक्सएमएल होने की उम्मीद है; सिंटैक्स त्रुटियों के कारण ब्राउज़र इसे रेंडर करने में विफल हो सकता है। एचटीएमएल माइम प्रकार के साथ भेजा गया एक ही दस्तावेज़ सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया जा सकता है, क्योंकि कुछ ब्राउज़र एचटीएमएल के साथ अधिक उदार हैं। व३च अनुशंसाएँ बताती हैं कि अनुशंसा के परिशिष्ट च में निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने वाले खत्मल १.० दस्तावेज़ों को मिमे प्रकार के साथ लेबल किया जा सकता है। एक्सएचटीएमएल १.१ यह भी बताता है कि एक्सएचटीएमएल १.१ दस्तावेजों तो माइम प्रकार के साथ लेबल किया जाना चाहिए। मुख्य लेख: एचटीएमएल ईमेल अधिकांश ग्राफिकल ईमेल क्लाइंट एचटीएमएल (अक्सर बीमार परिभाषित) के सबसेट के उपयोग की अनुमति देते हैं ताकि स्वरूपण और सिमेंटिक मार्कअप प्रदान किया जा सके जो सादे पाठ के साथ उपलब्ध नहीं है। इसमें रंगीन शीर्षकों, जोर देने और उद्धृत पाठ, इनलाइन छवियों और आरेखों जैसी टाइपोग्राफिक जानकारी शामिल हो सकती है। ऐसे कई क्लाइंट में एचटीएमएल ई-मेल संदेशों की रचना के लिए एक जीयूआई संपादक और उन्हें प्रदर्शित करने के लिए एक रेंडरिंग इंजन दोनों शामिल हैं। ई-मेल में हत्मल के उपयोग की कुछ लोगों द्वारा संगतता मुद्दों के कारण आलोचना की जाती है, क्योंकि यह फ़िशिंग हमलों को छिपाने में मदद कर सकता है, क्योंकि अंधे या दृष्टिबाधित लोगों के लिए पहुँच समस्याओं के कारण, क्योंकि यह स्पैम फ़िल्टर को भ्रमित कर सकता है और क्योंकि संदेश का आकार सादे पाठ से बड़ा है। एचटीएमएल वाली फ़ाइलों के लिए सबसे आम फ़ाइल नाम एक्सटेंशन है। इसका एक सामान्य संक्षिप्त नाम है, जिसकी उत्पत्ति कुछ शुरुआती ऑपरेटिंग सिस्टम और फ़ाइल सिस्टम, जैसे कि डॉस और एफएटी डेटा संरचना द्वारा लगाई गई सीमाएं, फ़ाइल एक्सटेंशन को तीन अक्षरों तक सीमित करती हैं। .हत्मल.हत्म मुख्य लेख: एचटीएमएल अनुप्रयोग एक एचटीएमएल एप्लिकेशन (एचटीए; फ़ाइल एक्सटेंशन) एक माइक्रोसॉफ्ट विंडोज एप्लिकेशन है जो एप्लिकेशन के ग्राफिकल इंटरफ़ेस प्रदान करने के लिए ब्राउज़र में एचटीएमएल और डायनामिक एचटीएमएल का उपयोग करता है। एक नियमित एचटीएमएल फ़ाइल वेब ब्राउज़र की सुरक्षा के सुरक्षा मॉडल तक ही सीमित है, केवल वेब सर्वर से संवाद करती है और केवल वेब पेज ऑब्जेक्ट्स और साइट कुकीज़ में हेरफेर करती है। एक एचटीए पूरी तरह से विश्वसनीय एप्लिकेशन के रूप में चलता है और इसलिए इसमें अधिक विशेषाधिकार हैं, जैसे फ़ाइलों और विंडोज रजिस्ट्री प्रविष्टियों का निर्माण / क्योंकि वे ब्राउज़र के सुरक्षा मॉडल के बाहर काम करते हैं, एचटीए को एचटीटीपी के माध्यम से निष्पादित नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे डाउनलोड किया जाना चाहिए (ईएक्सई फ़ाइल की तरह) और स्थानीय फ़ाइल सिस्टम से निष्पादित किया जाना चाहिए। .हता एचटीएमएल ४ विविधताएं इसकी स्थापना के बाद से, एचटीएमएल और इसके संबंधित प्रोटोकॉल ने अपेक्षाकृत जल्दी स्वीकृति प्राप्त की। [किसके द्वारा?] हालाँकि, भाषा के शुरुआती वर्षों में कोई स्पष्ट मानक मौजूद नहीं थे। यद्यपि इसके रचनाकारों ने मूल रूप से एचटीएमएल की कल्पना प्रस्तुति विवरण से रहित एक शब्दार्थ भाषा के रूप में की थी, ने कई प्रस्तुतिकरण तत्वों और विशेषताओं को भाषा में धकेल दिया, जो बड़े पैमाने पर विभिन्न ब्राउज़र विक्रेताओं द्वारा संचालित थे। एचटीएमएल के आसपास के नवीनतम मानक भाषा के कभी-कभी अराजक विकास को दूर करने के प्रयासों को और सार्थक और अच्छी तरह से प्रस्तुत दस्तावेजों दोनों के निर्माण के लिए एक तर्कसंगत नींव बनाने के लिए। एचटीएमएल को एक शब्दार्थ भाषा के रूप में अपनी भूमिका में वापस करने के लिए, डब्ल्यू ३ सी ने प्रस्तुति के बोझ को कंधे पर रखने के लिए सीएसएस और एक्सएसएल जैसी शैली भाषाएं विकसित की हैं। संयोजन के रूप में, एचटीएमएल विनिर्देश ने धीरे-धीरे प्रस्तुति तत्वों पर लगाम लगा दी है। वर्तमान में निर्दिष्ट एचटीएमएल के विभिन्न रूपों को अलग करने वाले दो अक्ष हैं: एसजीएमएल-आधारित एचटीएमएल बनाम एक्सएमएल-आधारित एचटीएमएल (एक्सएचटीएमएल के रूप में संदर्भित) एक अक्ष पर, और दूसरे अक्ष पर सख्त बनाम संक्रमणकालीन (ढीला) बनाम फ्रेमसेट। एसजीएमएल-आधारित बनाम एक्सएमएल-आधारित एचटीएमएल नवीनतम में एक अंतर[कब अ?] एचटीएमएल विनिर्देश एसजीएमएल-आधारित विनिर्देश और एक्सएमएल-आधारित विनिर्देश के बीच अंतर में निहित हैं। एक्सएमएल-आधारित विनिर्देश को आमतौर पर अधिक पारंपरिक परिभाषा से स्पष्ट रूप से अलग करने के लिए एक्सएचटीएमएल कहा जाता है। हालाँकि, रूट तत्व नाम एक्सएचटीएमएल-निर्दिष्ट एचटीएमएल में भी "एचटीएमएल" बना हुआ है। डब्ल्यू ३ सी का इरादा एक्सएचटीएमएल १.० एचटीएमएल ४.०१ के समान होना था, सिवाय इसके कि जहां अधिक जटिल एसजीएमएल पर एक्सएमएल की सीमाओं को वर्कअराउंड की आवश्यकता होती है। क्योंकि एक्सएचटीएमएल और एचटीएमएल निकटता से संबंधित हैं, उन्हें कभी-कभी समानांतर में प्रलेखित किया जाता है। ऐसी परिस्थितियों में, कुछ लेखक दो नामों को (एक्स) एचटीएमएल या एक्स (एचटीएमएल) के रूप में जोड़ते हैं। एचटीएमएल ४.०१ की तरह, एक्सएचटीएमएल १.० में तीन उप-विनिर्देश हैं: सख्त, संक्रमणकालीन और फ्रेमसेट। किसी दस्तावेज़ के लिए विभिन्न उद्घाटन घोषणाओं के अलावा, एचटीएमएल ४.०१ और एक्सएचटीएमएल १.० दस्तावेज़ के बीच अंतर- प्रत्येक संबंधित डीटीडी में- काफी हद तक वाक्यात्मक हैं। एचटीएमएल का अंतर्निहित वाक्यविन्यास कई शॉर्टकट की अनुमति देता है जो एक्सएचटीएमएल नहीं करता है, जैसे कि वैकल्पिक उद्घाटन या समापन टैग वाले तत्व, और यहां तक कि खाली तत्व जिनके पास अंत टैग नहीं होना चाहिए। इसके विपरीत, एक्सएचटीएमएल को सभी तत्वों को एक उद्घाटन टैग और एक समापन टैग की आवश्यकता होती है। हालाँकि, एक्सएचटीएमएल एक नया शॉर्टकट भी पेश करता है: टैग के अंत से पहले एक स्लैश को शामिल करके एक एक्सएचटीएमएल टैग को एक ही टैग के भीतर खोला और बंद किया जा सकता है: । इस आशुलिपि की शुरूआत, जिसका उपयोग एचटीएमएल ४.०१ के लिए एसजीएमएल घोषणा में नहीं किया जाता है, इस नए सम्मेलन से अपरिचित पहले के सॉफ़्टवेयर को भ्रमित कर सकता है। इसके लिए एक फिक्स टैग को बंद करने से पहले एक स्थान शामिल करना है, जैसे: । <ब्र/><ब्र /> एचटीएमएल और एक्सएचटीएमएल के बीच सूक्ष्म अंतर को समझने के लिए, एक वैध और अच्छी तरह से गठित एक्सएचटीएमएल १.० दस्तावेज़ के परिवर्तन पर विचार करें जो एक वैध एचटीएमएल ४.०१ दस्तावेज़ में परिशिष्ट सी (नीचे देखें) का पालन करता है। यह अनुवाद करने के लिए निम्न चरणों की आवश्यकता होती है: एक तत्व के लिए भाषा एक्सएचटीएमएल एक्सएमएल: लैंग विशेषता के बजाय लैंग विशेषता के साथ निर्दिष्ट की जानी चाहिए। एक्सएचटीएमएल एक्सएमएल की अंतर्निहित भाषा-परिभाषित कार्यक्षमता विशेषता का उपयोग करता है। एक्सएमएल नामस्थान (एक्सएमएलएनएस = यूआरआई) निकालें। एचटीएमएल में नेमस्पेस के लिए कोई सुविधा नहीं है। दस्तावेज़ प्रकार घोषणा खत्मल १.० से हत्मल ४.०१ में परिवर्तित करें। (आगे स्पष्टीकरण के लिए डीटीडी अनुभाग देखें)। सुनिश्चित करें कि दस्तावेज़ का माइम प्रकार पाठ/एचटीएमएल पर सेट है। एचटीएमएल और एक्सएचटीएमएल दोनों के लिए, यह सर्वर द्वारा भेजे गए एचटीटीपी हेडर से आता है।कॉन्टेंट-लिपी क्स्म्ल रिक्त-तत्व सिंटैक्स को हत्मल शैली रिक्त तत्व (करने के लिए) में परिवर्तित करें.<ब्र /><ब्र /> वे एक्सएचटीएमएल १.० से एचटीएमएल ४.०१ तक दस्तावेज़ का अनुवाद करने के लिए आवश्यक मुख्य परिवर्तन हैं। एचटीएमएल से एक्सएचटीएमएल में अनुवाद करने के लिए किसी भी छोड़े गए उद्घाटन या समापन टैग को जोड़ने की भी आवश्यकता होगी। चाहे एचटीएमएल या एक्सएचटीएमएल में कोडिंग यह याद रखने के बजाय एचटीएमएल दस्तावेज़ के भीतर हमेशा वैकल्पिक टैग शामिल करना सबसे अच्छा हो सकता है कि कौन से टैग छोड़े जा सकते हैं। एक अच्छी तरह से गठित एक्सएचटीएमएल दस्तावेज़ एक्सएमएल की सभी वाक्यविन्यास आवश्यकताओं का पालन करता है। एक मान्य दस्तावेज़ खत्मल के लिए सामग्री विनिर्देश का पालन करता है, जो दस्तावेज़ संरचना का वर्णन करता है। डब्ल्यू ३ सी एचटीएमएल और एक्सएचटीएमएल के बीच एक आसान माइग्रेशन सुनिश्चित करने के लिए कई सम्मेलनों की सिफारिश करता है (एचटीएमएल संगतता दिशानिर्देश देखें)। निम्न चरणों को केवल खत्मल १.० दस्तावेज़ों पर लागू किया जा सकता है: भाषा निर्दिष्ट करने वाले किसी भी तत्व पर दोनों और विशेषताओं को शामिल करें।क्स्म्ल:लांगलांग केवल हत्मल में रिक्त के रूप में निर्दिष्ट तत्वों के लिए रिक्त-तत्व सिंटैक्स का उपयोग करें। खाली-तत्व टैग में एक अतिरिक्त स्थान शामिल करें: उदाहरण के लिए इसके बजाय।<ब्र /><ब्र /> उन तत्वों के लिए स्पष्ट बंद टैग शामिल करें जो सामग्री की अनुमति देते हैं लेकिन खाली छोड़ दिए जाते हैं (उदाहरण के लिए, , नहीं)।<दीव></दीव><दीव /> एक्सएमएल घोषणा को छोड़ दें। डब्ल्यू ३ सी के संगतता दिशानिर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करके, एक उपयोगकर्ता एजेंट को दस्तावेज़ को एचटीएमएल या एक्सएचटीएमएल के रूप में समान रूप से व्याख्या करने में सक्षम होना चाहिए। उन दस्तावेज़ों के लिए जो एक्सएचटीएमएल १.० हैं और इस तरह से संगत बनाए गए हैं, डब्ल्यू ३ सी उन्हें एचटीएमएल (माइम प्रकार के साथ), या एक्सएचटीएमएल (एक या माइम प्रकार के साथ) के रूप में सेवा करने की अनुमति देता है। जब एक्सएचटीएमएल के रूप में वितरित किया जाता है, तो ब्राउज़रों को एक्सएमएल पार्सर का उपयोग करना चाहिए, जो दस्तावेज़ की सामग्री को पार्स करने के लिए एक्सएमएल विनिर्देशों का कड़ाई से पालन करता है। टेक्स्ट/हत्मलाप्प्लिकेशन/खत्मल+ज़्म्लाप्प्लिकेशन/क्स्म्ल संक्रमणकालीन बनाम सख्त एचटीएमएल ४ ने भाषा के तीन अलग-अलग संस्करणों को परिभाषित किया: सख्त, संक्रमणकालीन (एक बार ढीला कहा जाता है) और फ्रेमसेट। सख्त संस्करण नए दस्तावेजों के लिए अभिप्रेत है और इसे सर्वोत्तम अभ्यास माना जाता है, जबकि संक्रमणकालीन और फ्रेमसेट संस्करणों को उन दस्तावेजों को संक्रमण करना आसान बनाने के लिए विकसित किया गया था जो पुराने एचटीएमएल विनिर्देश के अनुरूप थे या एचटीएमएल ४ के संस्करण के लिए किसी भी विनिर्देश के अनुरूप नहीं थे। संक्रमणकालीन और फ्रेमसेट संस्करण प्रस्तुति मार्कअप के लिए अनुमति देते हैं, जिसे सख्त संस्करण में छोड़ा जाता है। इसके बजाय, कैस्केडिंग स्टाइल शीट को एचटीएमएल दस्तावेजों की प्रस्तुति में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। क्योंकि एक्सएचटीएमएल १ केवल एचटीएमएल ४ द्वारा परिभाषित भाषा के लिए एक्सएमएल सिंटैक्स को परिभाषित करता है, वही अंतर एक्सएचटीएमएल १ पर भी लागू होता है। संक्रमणकालीन संस्करण शब्दावली के निम्नलिखित भागों की अनुमति देता है, जो सख्त संस्करण में शामिल नहीं हैं: एक शिथिल सामग्री मॉडल प्रस्तुति से संबंधित तत्व रेखांकित करें () (बहिष्कृत एक हाइपरलिंक के साथ एक आगंतुक को भ्रमित कर सकता है।उ सेंटर (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। फॉण्ट (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। बसेफोंट (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। प्रस्तुति से संबंधित विशेषताएँ बऐकग्राउंड (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। और (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें) विशेषताओं के लिए (डब्ल्यू ३ सी के अनुसार आवश्यक तत्व।बग्कलर्बॉडी अलीन (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। पर विशेषता, , अनुच्छेद () और शीर्ष (...) तत्वदीव्फोर्म्फ१ह६ अलीन ), (बहिष्कृत. इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें.), (बहिष्कृत. इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें।) और (बहिष्कृत. इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें।) तत्व पर विशेषताओंनोशादेसिज़विडहर अलीन (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। पर विशेषता और तत्वोंलीजेंडकैप्शन अलीन (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। और (बहिष्कृत. इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें।बग्कलोर्टेबल बग्कलर (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। तत्व पर विशेषतात्र क्लियर (अप्रचलित) तत्व पर विशेषताब्र लिपी ), (बहिष्कृत. इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। ) और (बहिष्कृत. इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें।कम्पक्टस्टारतोलुल संक्रमणकालीन विनिर्देश में अतिरिक्त तत्व मेनू (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। सूची (कोई विकल्प नहीं, हालांकि अव्यवस्थित सूची की सिफारिश की जाती है) दीर (इसके बजाय सीएसएस का उपयोग करें। सूची (कोई विकल्प नहीं, हालांकि अव्यवस्थित सूची की सिफारिश की जाती है) इसींडेक्स (बहिष्कृत। (तत्व को सर्वर-साइड समर्थन की आवश्यकता होती है और आमतौर पर दस्तावेज़ सर्वर-साइड में जोड़ा जाता है, और तत्वों को विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है)फोर्मिनपुट आप्लेट (इसके बजाय तत्व का उपयोग करें।ऑब्जेक्ट स्क्रिप्ट तत्व पर भाषा (अप्रचलित) विशेषता (विशेषता के साथ अनावश्यक)।लिपी संबंधित एंटिटी फ़्रेम करें फ्रेमसेट संस्करण में संक्रमणकालीन संस्करण में सब कुछ शामिल है, साथ ही तत्व (इसके बजाय उपयोग किया जाता है) और तत्व। फ्रेमसेटबॉडीफ्रामें फ्रेमसेट बनाम संक्रमणकालीन उपरोक्त संक्रमणकालीन मतभेदों के अलावा, फ्रेमसेट विनिर्देश (चाहे एक्सएचटीएमएल १.० या एचटीएमएल ४.०१) एक अलग सामग्री मॉडल निर्दिष्ट करते हैं, जिसमें प्रतिस्थापन के साथ, जिसमें या तो तत्व होते हैं, या वैकल्पिक रूप से ए के साथ। फ्रेमसेटबॉडीफ्रमेनोफ्रेमश्बॉडी विनिर्देश संस्करणों का सारांश जैसा कि यह सूची दर्शाती है, विरासत समर्थन के लिए विनिर्देश के ढीले संस्करणों को बनाए रखा जाता है। हालांकि, लोकप्रिय गलत धारणाओं के विपरीत, एक्सएचटीएमएल के कदम का मतलब इस विरासत समर्थन को हटाना नहीं है। बल्कि एक्सएमएल में एक्स एक्सटेंसिबल के लिए खड़ा है और डब्ल्यू ३ सी पूरे विनिर्देश को मॉड्यूलर कर रहा है और इसे स्वतंत्र एक्सटेंशन तक खोल रहा है। एक्सएचटीएमएल १.० से एक्सएचटीएमएल १.१ तक की चाल में प्राथमिक उपलब्धि पूरे विनिर्देश का मॉड्यूलराइजेशन है। एचटीएमएल का सख्त संस्करण एक्सएचटीएमएल १.१ विनिर्देश के लिए मॉड्यूलर एक्सटेंशन के एक सेट के माध्यम से एक्सएचटीएमएल १.१ में तैनात किया गया है। इसी तरह, ढीले (संक्रमणकालीन) या फ्रेमसेट विनिर्देशों की तलाश करने वाले किसी व्यक्ति को समान विस्तारित एक्सएचटीएमएल १.१ समर्थन मिलेगा (इसमें से अधिकांश विरासत या फ्रेम मॉड्यूल में निहित है)। मॉड्यूलराइजेशन भी अपनी समय सारिणी पर विकसित करने के लिए अलग-अलग सुविधाओं की अनुमति देता है। इसलिए उदाहरण के लिए, एक्सएचटीएमएल १.१ उभरते एक्सएमएल मानकों जैसे कि मैथएमएल (एक्सएमएल पर आधारित एक प्रस्तुति और शब्दार्थ गणित भाषा) और एक्सफॉर्म-मौजूदा एचटीएमएल रूपों को बदलने के लिए एक नई अत्यधिक उन्नत वेब-फॉर्म तकनीक के लिए तेजी से माइग्रेशन की अनुमति देगा। संक्षेप में, एचटीएमएल ४ विनिर्देश ने मुख्य रूप से एसजीएमएल के आधार पर एक एकल स्पष्ट रूप से लिखित विनिर्देश में सभी विभिन्न एचटीएमएल कार्यान्वयन पर लगाम लगाई। एक्सएचटीएमएल १.०, इस विनिर्देश को पोर्ट किया गया है, जैसा कि है, नए एक्सएमएल परिभाषित विनिर्देश के लिए। अगला, एक्सएचटीएमएल १.१ एक्सएमएल की एक्स्टेंसिबल प्रकृति का लाभ उठाता है और पूरे विनिर्देश को मॉड्यूलर करता है। एक्सएचटीएमएल २.० का उद्देश्य मानक-शरीर-आधारित दृष्टिकोण में विनिर्देश में नई सुविधाओं को जोड़ने में पहला कदम था। व्हाट्सएप एचटीएमएल बनाम एचटीएमएल ५ मुख्य लेख: एचटीएमएल प्रकाशन का व्हाट्सएप में संक्रमण एचटीएमएल लिविंग स्टैंडर्ड, जिसे डब्ल्यूएचवाईडब्ल्यूजी द्वारा विकसित किया गया है, आधिकारिक संस्करण है, जबकि डब्ल्यू ३ सी एचटीएमएल ५ अब डब्ल्यूएचवाईडब्ल्यूजी से अलग नहीं है। डब्ल्यूवाईएसआईडब्ल्यूवाईजी के संपादक कुछ डब्ल्यूवाईएसआईडब्ल्यूवाईजी संपादक हैं (जो आप देखते हैं वह आपको क्या मिलता है), जिसमें उपयोगकर्ता सब कुछ बताता है क्योंकि यह ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई) का उपयोग करके एचटीएमएल दस्तावेज़ में दिखाई देता है, जो अक्सर वर्ड प्रोसेसर के समान होता है। संपादक कोड दिखाने के बजाय दस्तावेज़ प्रस्तुत करता है, इसलिए लेखकों को एचटीएमएल के व्यापक ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है। डब्ल्यूवाईएसआईडब्ल्यूवाईजी संपादन मॉडल की आलोचना की गई है, मुख्य रूप से उत्पन्न कोड की कम गुणवत्ता के कारण; आवाज़ें हैं[कौन?] विसिवम मॉडल में बदलाव की वकालत कर रहा है (आप क्या देखते हैं आपका क्या मतलब है)। डब्ल्यूवाईएसआईडब्ल्यूवाईजी संपादक अपनी कथित खामियों के कारण एक विवादास्पद विषय बने हुए हैं जैसे: अर्थ के विपरीत मुख्य रूप से लेआउट पर भरोसा करते हुए, अक्सर मार्कअप का उपयोग करना जो इच्छित अर्थ को व्यक्त नहीं करता है लेकिन बस लेआउट की प्रतिलिपि बनाता है। अक्सर बेहद वर्बोज़ और अनावश्यक कोड का उत्पादन होता है जो एचटीएमएल और सीएसएस की कैस्केडिंग प्रकृति का उपयोग करने में विफल रहता है। अक्सर अव्याकरणिक मार्कअप का उत्पादन करना, जिसे टैग सूप या शब्दार्थ रूप से गलत मार्कअप (जैसे इटैलिक के लिए) कहा जाता है।<एम> चूंकि एचटीएमएल दस्तावेजों में जानकारी का एक बड़ा सौदा लेआउट में नहीं है, इसलिए मॉडल की आलोचना की गई है कि "आप जो देखते हैं वह आपको मिलता है" -प्रकृति। सिर्फ २० मिनट में सीखें एच॰टी॰एम॰एल॰ (आपकी अपनी भाषा हिंदी में)
२००९ आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन तीन २४ से ३१ जनवरी २००९ करने के लिए एक क्रिकेट टूर्नामेंट कि ब्यूनस आयर्स में जगह ले ली, अर्जेंटीना था। यह २०११ क्रिकेट विश्व कप के लिए आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग का हिस्सा है और योग्यता का गठन किया। टूर्नामेंट युगांडा दूसरे में आने के साथ, अफगानिस्तान से जीता था। उन टीमों २०११ विश्व कप योग्यता टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया। दोनों ४ मैच जीते और, एक खो दिया है के रूप में पापुआ न्यू गिनी किया था; रैंकिंग टाई नेट रन रेट से टूट गया था। पापुआ न्यू गिनी, पहले चार जीत तक पहुंचने के लिए कर रहे थे के रूप में अफगानिस्तान और युगांडा दोनों बारिश के कारण रद्द अपने पांचवें मैच था और उन्हें अगले दिन फिर से खेलना पड़ा। बारिश भी फाइनल दौर रैंकिंग मैचों (जो किसी भी मामले में पदोन्नति और निर्वासन को प्रभावित नहीं होगा) को रद्द करने के परिणामस्वरूप, और समूह दौर परिणाम तालिका अंतिम स्टैंडिंग था। इस प्रकार के रूप में टूर्नामेंट के लिए टीमों को २००८ में डिवीजन दो और २००७ में डिवीजन तीन, और डिवीजन चार के परिणामों के अनुसार निर्णय लिया गया है, और इस प्रकार हैं: (५वा २००७ डिवीजन दो) (६वा २००७ डिवीजन दो) (३रा २००७ डिवीजन तीन) (४था २००७ डिवीजन तीन) (१ला २००८ डिवीजन चार) (२रा २008 डिवीजन चार) इस टूर्नामेंट से शीर्ष दो टीमें दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर २००९ में खेलने के लिए अर्हता प्राप्त की। फाइनल और प्लेऑफ़ बाद पांचवें दौर समूह का परित्याग दिन प्लेऑफ मैचों अनुसूचित थे पर रिप्ले के लिए नेतृत्व मैचों प्लेऑफ मैच रद्द कर दिया गया।
करोल बाग (कभी-कभी क़रोल बाग़) पश्चिम दिल्ली का एक बड़ा बाजार एवं आवासीय क्षेत्र है। प्रशासनिक रूप से यह मध्य दिल्ली ज़िले का भाग है। इसके निकट प्राचीन सांस्कृतिक स्थल आनंद पर्बत स्थित है। आनंद पर्वत दिल्ली का एक प्राचीन संस्कृति का क्षेत्र है, पहले जिसका नाम काला पहाड़ था। यहां की ज़मीन में अभ्रक की मात्रा बहुत अधिक है। किसी ज़माने में यह दिल्ली का बहुश्रुत स्थल था। यह इण्डिया गेट के भूमि तल से १६५ फुट ऊँचा पहाड़ है जहाँ ऊपर बनें घरों की छतों से आज भी पूरी दिल्ली का ३६० डिग्री का विहंगम दिग्भ्रमणात्मक दृश्य रमणीय है।यह सर्वत्र कीकर और जांड नामक झाड़ीनुमा कटीले पेड़ों से अटा पड़ा है। यहाँ पुरानी अकादमिक संस्कृति रही है। ऊपर पुराने विद्यालय स्वातन्त्रय पूर्व अंग्रेजी राज से आज भी ज्यों के त्यों हैं। अब भी वहां अनेक स्वतंत्र भारत से पूर्व के परिवार के लोग रहते हैं जो अधिकांश अध्यापकों के वंशज हैं। यहाँ दशकों से सैन्य छावनी स्थित है जो ६०० एकड़ से अधिक पर्वतीय हरित क्षेत्र का संरक्षण करती आई है। यहां के पुराने हरित भागों में बीसवीं शती के ९० के दशक तक भी जंगली नील गाय, चितरीदार हिरन, जंगली सूअर, लौमड़ियां, जंगली कुत्ते, मोर, तोते,बत्तख,जलेबिया साँप, नेवले, भूमिगत दीमक की बांबियां, सफेद उल्लू, बड़ी नस्ल के चमगादड़, गिद्ध, की भरमार रही है। कुल मिलाकर आनंदकर जलवायु का निकर होने से सरकार ने इसका नामकरण आनंद पर्बत ही कर दिया। इन्हें भी देखें दिल्ली के आवासीय क्षेत्र दिल्ली में सड़कें दिल्ली के उपमंडल मध्य दिल्ली ज़िला
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