folksong
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पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे मैं बी सूत बनाऊंगी , हो मेरे राम । चालीस गज का झालर आला दाम्मण एक सिमाऊंगी , हो मेरे राम । सीसां आली चमक चून्दड़ी खादी की मंगवाऊंगी , हो मेरे राम । हाथ में पाणे झंडा तिरंगा खादी आला ठाऊंगी , हो मेरे राम । पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे मैं बी सूत बनाऊंगी , हो मेरे राम ।
haryanvi-bgc
अंगिका फेकड़ा दहू भगवान गरदौआ झोॅर बकरी भागतै जैबोॅ घोॅर । हम्में बाबू मचोल पर लेद्धोॅ छौड़ा हेठ में । चान मामू चान मामू खुरपा देॅ । सेहो खुरपा कथी लेॅ ? घसवा गढ़ावै लेॅ । सेहो घसवा कथी लेॅ ? गइया खिलावै लेॅ । सेहो गइया कथी लेॅ ? दहिया जमावै लेॅ । औंटल गेल , पौटल गेल कोठी तर जनमायल गेल जोरन आनै गेलाँ छी गोबर माखी ऐलाँ छी नया पोखर गोड़ धोलाँ , पोठिया मछली पैलाँ । चूल्हा लगाँ गेलाँ , पाकै वास्तें देलाँ चूल्हा में छेलै बुबुआ सेहो काटलकै बुबुआ । चाँन मामू , चाँन मामू चाभी देॅ । सेहो चाभी कथी लेॅ ? घरवा खोलबावै लेॅ । सेहो घरवा कथी लेॅ ? गेहुँमा निकालै लेॅ । सेहो गहुँमा कथी लेॅ ? अटवा पिसवावै लेॅ । से हो अटवा कथी लेॅ ? पुड़िया पकावै लेॅ । सेहो पुड़िया कथी लेॅ ? भौजो के पटवौ लेॅ । सेहो भौजो कथी लेॅ ? नूनू के जन्मौ लेॅ । सेहो नूनू कथी लेॅ ? गुल्लीडंटा खेलै लेॅ । गुल्लीडंटा टूटी गेल नूनू बाबू रूसी गेल । नानी गेलौ पानी भरेॅ भात भेलौ गील भात नै खैबोॅ भुजा भुजी दे भुज्जा भेलौ कुटुरमुटुर बहू करी दे बहू भेलौ धुमधाम टका फेरी दे टका भेलौ गड़बड़ आबेॅ बेलें पापड़ ।
angika-anp
मेरा सुसरा बरजै हे बहू! मेरा सुसरा बरजै हे बहू मत नौतो अपणा भैया , मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया । मेरा जेठा बरजै हे बहू मत नौतो अपणा भैया , मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया देवर बरजै हे भाभी मत नौतो अपणा भैया , मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया मेरा राजा बरजै हे गोरी मत नौतो अपणा भैया , मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया
haryanvi-bgc
ब्रह्मकौंल तब भाभी मोतीमाला खोसी1 गए मोसी , गात की घाघुरी छोड़े लाज का मारा । तब सजाये वन रघुकण्ठी घोड़ी , चल भाभी मोतीमाला श्रवण2 द्वारिका मेरो भैजी कृष्ण त्वै जागणू होलो । बाँठी छई वा भाभी मोतीमाला हे लाडला बरमकौंल , मैं वचन बोलदू , विमला रौतेलो होलो , जादव जायो जब तू चन्द्रागिरि जालो । मेरी भुली पत्थरमाला ब्याईक3 लालो । तब जैक4 मैं द्वारिका जौलू , नितर5 तू मेरी सात दाँ 6 टाड7 छोरी । बरमकौंल न सूणे त्रिया को आणों8 त्रिया को आणो ह्वैगे कपाल का मुँडारो9 । माता आणो देन्दी10 मैं खाणो नी खाँदो , बाबा आणो देन्दो , मैं काम नी जाँदो । भाई आणो देन्दो मैं बाँट नी लेन्दो । त्रिया को आणो ह्वैगे जिकुड़ी11 को बाण । तब गैगे बरमी चन्द्रगिरि बीच , तख रंद छयो गैरी नाग एक । नागों मां कोण नाग भूपू नाग छायो । रिंगदी12 अटाली13 छई वेकी , उड़दी14 डंडयाली15 , त्रिकूट का घाँड16 छया लग्याँ काँसी का घूँघर । भौन17 की चारी तरफ सात छई बाड़ी18 , कनों भीतर जौलू सोचदू लाडलो बरमी । ज जैकार करदो , सत करदू याद विमला को , सती होली मेरी माता , साती19 बाड़ी टपी जौलू । तब मारे बरमीन रघुकुंठी घोड़ी थाप , घोड़ी गगन मा चढ़ीगे , साती बाड़ी टपीगे । पौंछी गए तब बरमी पत्थरमाला का भौन , देखी तब वींन मोहनी मूरत साँवल सूरत कंकरियालो माथो देखी वींन ढबरियाली पीठ । मायादार20 आंखी देखीन , बुराँस21 को सी फूल । नारी पत्थर माला तब मोहित ह्वै गए । आँसुडी22 गेरदे वा , साँसुड़ी23 भरदे कै24 राज25 कू26 होली , कै दसावर27 जालू ? यख केक28 आयो वैरी का बदाण ? केक पंथ ग भूली , बाटो गै डूली , कै बैरीन भरमायो , साधून सन्तायो ? तू अभी देख तेरी सौंली सूरत , मेरो नाग डसी जालो । लाडलो बरमी तब मुलकुल हैंसदो सूण29 सूण पत्थरमाला , मैं पंथ नी भूल्यों30 , वैरीन नी भरमायो , साधून नी सन्तायो । आणा31 का ऊपर मेरी ज्वानी को विणास32 । ब्याईक ली जाणी मैन तू पत्थरमाला । जबरेक33 तेरु नाग नागलोक मां छ जायूं , तबरेक34 द्वारिका चली जौला । मुलकुल हैंसदी रानी पत्थरमाला यू ही बल लीक यख आयी ? कायरो नी होणू बरमी , सूण सूण नारी चोरीक नी लि जाणी । ठीक बोले त्वेन , अच्छा , हारी जीतीक जौलू । लाडलो बरमी वींन पलंग बैठाये , बजी गैन तबारे पलंग का घुंघर घांडू का स्वर पौंछीन नागलोक भिभड़ैक35 उठे भूपू नाग सूणा सूणा र नागों , मैं घर जांदो , मेरा गढ़ मा रिपु पैदा ह्वैग । लौट आये तब नाग चन्द्रागिरि गढ़ मा । वेका36 नाक को फुँकार चढ़न लैगे , भादों को सी रवाड़ो37 उस्कारा38 भरण लैगे थरथर कंपीगे बरमी , कबूतरसी बच्चा , छिपी गैगे वो टुप39 पलंग मा । हे रानी पत्थरमाला कु छ तेरो छिपायूँ ? बतौ झट कैको आयो स्यो काल ? हे मेा नाग कैन40 औणा41 साती42 बाड़ी43 टपीक44 , तेरी मति कैन हरे ? भौं कुछ45 बोल तू रानी पत्थरमाला , यख मनखी की बास छ औणी । तब नाग आणा देण लैगे जु मेरी चन्द्रगिरी मा छिफ्यूं रलू , वैसणी46 मां का सुगन्ध छन अइऐ बरमी छेतरी47 को रोष , छेतरी को रोष दूधसी उमाल । नी रै सके छिप्यूँ बरमी , ऐगे भैर48 , देखीक नाग मुलकुल हैंसदो हाथी सामणे फ्यूँली को फूल , बोल बोल छोरा , किलै49 तू आई , के रांडो को होये यो कुल को विणास सूण सूण नाग , मैन तू साधण50 , साधीक त्वै पत्थरमाला ब्यैक ली जाण । सुणीक बुरा वचन , नाग गुस्सा ऐगे , कनो51 पकड़ीले52 नागन लाडलो स्यो बरमी । बोल बोल छोरा तेरो कु छ बचौण वालो ? सूणसूण नाग , मरी जौलू बीती , पर वैरीक मैं बाबू53 नी बोलूँ । दोसरो लपेटो मारी नागन बोल बोल कू त्वै बचौण वालो ? सूण सूण नाग , मैं बचौण वालो , द्वारिका नारैण छ , कृष्ण भगवान । गाडयाले नागन नागपाँस54 , पड़ीगे भ्वां बरमी गेंडगू55 सी । आंख्यों सेंवल56 सरीगे57 , दांतु मा कौड़ी58 । सुपिनो ह्वैगे कृष्ण द्वारिका नारैण । कमरी कुसाण59 लैगे , दूदो चचड़ाण60 ओखी फफड़ाण61 लैगीन माता विमला की । आदेशू लगौंदू मैं गुरु गोरख , बचैक लावा मेरा बरमी । तब कृष्णन भौंर भेज्यों वीं रमोली , तख62 रंदू छयो सिदुवा रमोलो । पौछीगे सिदुवा चन्द्रागिरी गढ़ मा , छिपीगे नाग तिमंजल्या कोणी । आदेशू लगौन्दू मैं गुरु सतनाथ , भैर औ नाग आयो तेरो काल । मात की दुहाई त्वै हे नाग , गुरु से निगुरु ना होई । सिदुवा छयो बांको भड़63 , एक ही चोट मा तैन नाग , जती लम्बो तती चौड़ो कर्याले । तब आयो वो बरमी का पास , मारे वैन निल्लाट64 को ताड़ो65 , कांउर की जड़ी लिल्लाट66 थापे । खड़ो उठीगे तब लाडलो बरमी , यनी जीता रया सजन पुरुष , पिरेमी67 भगत । रानी पत्थरमाला तब स्यूंदोला68 गाडदी69 , धौली70 जसो71 फाट72 । वेन्दुली73 रखदी कुमौं74 जसो घट75 । लाडला बरमी की सजीगे रघुकुंठी घोड़ी , बजीन ढोल76 दमों ब्यौ का । चलीगे पत्थरमाला को डोला , बुरांस जनो फूल , मोतीमाला न भी पूरा कन्या बचन । मोतीमाला पत्थरमाला द्वी बेणी , चली ऐन दखिण द्वारिका । मोतीमाला ब्याहेण कृष्णक तैं , बरमीन ब्याहे पत्थरमाला । इना रैन भगवान कला का पूरा , द्वारिका बीच लोग मंगल गांदा ।
garhwali-gbm
पांच बधावा म्हारे आविया मारूजी पांच बधावा म्हारे आविया मारूजी पांचां री नवीनवी भांत लसकरिया दक्खन मत जावेजी , दक्खन की चाकरी या आकरी निपट नरबदा रो घाट लसकरिया थाने तो बाला लागे रोकड़ा मारूजी म्हाने तो वाला लागो आप पेलो बधावो म्हारे यां आवियो भेजो ससराजी री पोल
malvi-mup
विवाह गीत वाण्या मा गुई ने घाघरों ते लाई । चुलि झुणि पेहरे वो नानी वो बेनी । पटवा मा गुई ने रिबिन लाई । तू झुणि गूथे वो नानी वो बेनी । पटवा मा गूई ने कांगसो ते लाई । तू झुणि चिचरे वो नानी वो बेनी । पटवा मा गूई ने चून्या ते लाई । तू झुणि बांथे वो नानी वो बेनी । सखी सासरे चली जायेगी , इस गुस्से में गीत गाया गया है । बनिये के यहाँ गई थी और घाघरा लाये । तू चोली मत पहनना अर्थात् फेरे के लिए तैयार मत होना । पटवा के यहाँ से रिबिन लायी , तू मत गूँथना । पटवा के यहाँ से कंघी लायी , तू बालों में कंघी मत करना । मोती लाये हैं , तू मत बाँधना ।
bhili-bhb
मँड़वा बइठल बाबा, दुलरइता बाबा मँड़वा बइठल बाबा , दुलरइता बाबा , चकमक मानिकदीप1 हे । कनेयादान के अवसर आवल , बराम्हन कयल हँकार2 हे ॥ 1 ॥ झाँपि झँूपि लवलन3 मइया दुलरइतिन मइया , रखल बाबा केर जाँघ हे । जब रे दुलरइता बाबा मुँहमा उघारल , साजन रहल निरेखि हे ॥ 2 ॥ का हथी4 सीता हे सुरुज के जोतिया , का हथी चान के जोत हे । अइसन5 सुनर कनेया कइसे मोरा भेंटल , धन धन हको6 मोरा भाग हे ॥ 3 ॥ कुसबा ले काँपथि बेटी के बाबू , कइसे करब कनेया दान हे । तोड़ी देहु तोड़ी देहु करहु बियहवा , तोड़ी देहु जिया जंजाल हे । कुइयाँ7 खनउली आउ बेटी बियाहली , तनिको न करहु बिचार हे ॥ 4 ॥ बेद भनइते8 बराम्हन काँपल , काँपी गेल कुल परिवार हे । हमर धियवा पराय घर जयतन , अब भेल9 पर केर आस हे ॥ 5 ॥
magahi-mag
लोक गीत नीलो सो नीलो काइ धुंधे राणी । हुर्या नी नीलो पांख धुंधे राणी । कालो चो कालो काइ धुंधे राणी । कागला नी पांखे वो धंुधे राणी । धवलो चो धवलो काइ धुंधे राणी । बगल्या नी धवलो पांख धंुधे राणी । धंुधा रानी को सम्बोधित कर गीत है । प्रश्नोत्तर के रूप में इस गीत में कहा गया है कि नीलानीला क्या है ? उत्तर है तोते के पंख । कालाकाला क्या है ? कौवे के पंख । सफेदसफेद क्या है ? बगुला के पंख ।
bhili-bhb
सामन आयौ बहना मेरी रँगीला सामन आयौ बहना मेरी रंगीला जी , एजी कोई आई हरियाली तीज ॥ 1 ॥ कारे पीरे बदरा लगत सुहावने जी , ऐजी कोई घटा उठी हैं घनघोर ॥ 2 ॥ बादल गरजे चमके बीजुरी जी , ऐजी कोई मोर करें बन शोर ॥ 3 ॥ नहनी 2 बुँदियाँ मेहा बरसते जी , ऐजी कोई पवन चलै झकझोर ॥ 4 ॥ कोयल कूके हरियल डार पैजी , ऐजी कोई दादुर कर रहे शोर ॥ 5 ॥ पापी पपिया पिया 2 मति करे जी , ऐजी तेरी डारूँगी पंख मरोर ॥ 6 ॥ मेरे पिया तो छाये परदेश में जी , एजी मेरौ जोबन लेत हिलोर ।
braj-bra
416 जे तूं पोल कढावना नहीं आह ठूठा फकर दा चा भनाईए कयों जे तैं कुआरियां यार हंढावना सी तां फिर मापयां कोलों छिपाईए कयों खैर मंगीए ते भन्न देन कासा1 असीं आखदे मुंहों शरमाईए कयों भरजाइयां नूं मेहना चाक दा सी यारी नाल बलोचदे लाईए कयों बोती हो बलोचां दे हथ आईए जढ़ कुआर दी चा भनाईए कयों वारस शाह जां आकबत2 खाक होना एथे अपनी शान वधाईए कयों
panjabi-pan
कहा तक तोहे समझाऊ कहा तक तोहे समझाऊ , रे मन म्हारा १ हाथी होय तो शाकल मंगाऊ , पाव म जंजीर डलाऊ लई हो मऊत थारा सिर पर डालू दई . दई अकुंश चलाऊ . . . . . . रे मन म्हारा . . . २ लोहा होय तो ऐरण मंगाऊ , उपर धमण धमाऊ लई रे हथौड़ी जाको पत्र मिलाऊ जंतर तार चलाऊ . . . रे मन म्हारा . . . ३ सोना होय तो सुहागी मंगाऊ , कयड़ा ताव तपाऊ बंक नाल से फुक दई मारु पाणी कर पिघळाऊ . . . रे मन म्हारा . . . ४ घोड़ा होय तो लगाम मंगाऊ , उपर झीण कसाऊ चड़ पैगड़ा ऊपर बैठू आन चाबुक दई न चलाऊ . . . रे मन म्हारा . . . ५ ग्यानी होय तो ज्ञान बताऊ , ज्ञान की बात सुणाऊ कहत कबीरा सुणो भाई साधु आड़ ज्ञानी से आङू . . . रे मन म्हारा . . .
nimadi-noe
रंग डारो ना लला को अलकन में रंग डारो ना लला को अलकन में । पर जैं है मुकुट की झलकन में । उड़त गुलाल लाल भये बादर , परत आँख की पलकन में । पकर पकर राधे मोहन खाँ , मलत अबीर कपोलन में । खेलत फाग परस पर ईसुर , राधे मोहन ललकन में ।
bundeli-bns
कहाँ के चँदवा कहाँ चलल जाय, मोरे परान हरी कहाँ के चँदवा कहाँ चलल जाय , मोरे परान हरी । कहाँ के दुलहा गवन1 कयले जाय , मोरे परान हरी ॥ 1 ॥ पुरुब के चँदवा पछिम चलल जाय , मोर परान हरी । कवन पुर के दुलहा गवना कयले जाय , मोर परान हरी ॥ 2 ॥ सभवा बइठल बाबा मिनती2 करे , मोर परान हरी । दिन दस रहे देहु3 धियवा हमार , मोर परान हरी ॥ 3 ॥ जब तोरा अहो ससुर धियवा पियार , मोर परान हरी । काहे लागि तिलक चढ़वलऽ हमार , मोर परान हरी ॥ 4 ॥
magahi-mag
नदिया किनारे जिरवा जलमि गेलइ नदिया किनारे जिरवा जलमि1 गेलइ । फरे2 फूले लबधि3 गेलइ हे ॥ 1 ॥ घोड़वा चढ़ल आथिन4 दुलरइता दुलहा हे । उनकर पगड़ी अमोद5 बसे हे ॥ 2 ॥ ओतें6 सूतूँ , दुलरइता दुलहा हे । होइ जयतइ चुनरिया मइला हे ॥ 3 ॥ धोबिया जे धोबले7 जमुन दइ हे । सूखे8 देलकइ चनन गछिया हे ॥ 4 ॥ बाट जे पूछले बटोहिया भइया हे । केकर9 सिर के पगड़िया सूखइ हे । केकर तन के चुनरिया सुखइ हे । जेकर गंधे आमोद बसे हे ॥ 5 ॥
magahi-mag
278 जदों रंग पुर दी जूह जा वड़या भेडां चारे अयाल1 विच बार दे जी नेड़े आनके जोगी नूं वेखदा ए जिवें नैन वेखन नैन यार दे जी झस2 चोर ते चुगल दी जीभ वांगूं गुझे रहन ना दीदड़े यार दे जी चोर यार ते ठगना रहन गुझे किथों छुपन एह आदमी कार दे जी तुसीं केहड़े देस तों आए रमते सुखन दस खं खोल नरवार दे जी हमीं लंकबासी चेले अगस्त मुनि दे हमीं पंछी समुंदरों पार दे जी वारस शाह मियां चारे चक भौंदे हमीं कुदरतां नूं दीद3 मारदे जी
panjabi-pan
518 हुकम हीर दा माउं तों लया सहती गल गिनी सू नाल सहेलियां दे होइयां तयार दोवें ननान भाबी नाल चढ़े नी कटक अखेलियां दे छडपासना तुरक बाजार चलो राह मार दे ने अठखेलियां दे वारस शाह कसतूरी दे मिरग छुटे थइ पइआं शरीर मथेलिआं दे
panjabi-pan
भैंसा सनक मनुसवा गे बहिनो भैंसा सनक मनुसवा गे बहिनो बजर सन गात हे । मोंछ रानू बँहिगा , सनसन आवे हे । जब तूँ आहे कोसिका हमो डुबइबे आनब हम अस्सी मन कोदारि । अस्सी मन कोदरिया रे रानो , बेरासी मन बेंट आगूआगू धसना धाय । ।
angika-anp
मैना वंती हो माता मैना वंती हो माता , नीर भरयो वो थारा नैन म १ क्यो बठ्यो रे बेटा अनमनो , आरे क्यो बठ्यो उदास दल बादल सब चड़ी रया बरसः आखण्ड धार . . . नीर भरो थारा . . . २ नही वो माता हाऊ अनमनो , आरे नही बठ्यो उदास कोई कहे रे जब हाऊ कहूँ करु सत्या हो नास . . . नीर भरो थारा . . . ३ नही रे बादल नही बीजळई , आरे नही चलती रे वाहळ जहाज खड़ी रे दरियाव में झटका चल तलवार . . . नीर भरो थारा . . . ४ मार मीठा ईना सबक , आरे करु पैली रे पार दास दल्लुजा की बिनती राखो चरण अधार . . . नीर भरो थारा . . .
nimadi-noe
गढ़ू सुम्याल (सुमरियाल) ले मेरी जिया1 , मैं राणी आज लायूँ , आरुणी जंगल , जड़ी खाली बूटी , घास काटीक लाली , भैंसी मेरी चराली , तेरी सेवा करली माता , ब्वारी2 तेरी सुरमा तबरी3 बिटैने4 तौंकी , होणीखाणी ह्वैगे गढ़ू सुमन्याल , चैन की मुरली बजौन्द अन्न का भण्डार ह्वैन , ऊँका धन का कोठारा , तौंक तई तै , आरुणी जंगल मा ही , सोनों बरखे तब सूणीयाले दीपू बडान5 , तौंकी होणी खाणी , ऐ दिन वैन , हात धरे लाठी , रोन्दोबरांदो तब , आइ गए आरुणी जंगल । जदेऊ6 पाँछो मेरा , बड़ा जी जेटा पाठा । आशीष मेरा बेटा , गढू माल नी रये क्वीकत , बेटा हमारा वंश मा । बार बरस को मामलो7 , ऐला तैला सलाण रैगे । तेरा बाबून तरवार मारे , तू तरवार मारलो , तू होलू बेटा छेतरी बंगल , हमारू अंगस8 तिन जाणा बेटा , तैला9 मैला सलाण , मामलो उगै10 लौण । तब जिया लीलादेई , इना बैन बोदी : जि जााू बेटा , तै सलाण बैरियों का , नि जाण गढू , काल का डिस्याण11 । तौं सलाण्योंन12 , तेरो बाबू मारे , तू होलू गढ़ मेरो , एकलो एकून्त हे जिया , सचू होलू मैं , ई बाबू को बेटा , सलाण साथीक लौलू , बैरी बाँधीक पैरीने13 वैन14 अपणी , ऐड़ी हत्यारी15 सुरमा रौतेली , पथेणा16 नेतर छोड़ दे : कना जाला स्वामी , विराणा विदेश , आरुणी वण मा हम , आनन्द रौला । आज जाणू छौं सुरमा , भोल औलू बौड़ी17 , कायरो18 नी करणो , तिन ज्यू अपणो जाणक जावा स्वामी , एक बात मेरी ली जावा , एकुला न चल्या बाट , विराणी19 न बैठ्याँ खाट । प्रफूल ह्वैक दीपू , गैगे अपणा दीपू कोट । गढू बैठे अपणी , भँवरपंख घोड़ी , सलाण मा तब , खबर या पौंछीगे जेको बाबू हम लोग न मारे , वैको बेटा यख पौंछीगे तब खोदीयाले तौन , सौ जरीब खाड20 बख मा पलंग बिछैगे , पलंग मा चदर । सलाण का लोक तब , कठा21 होई गैन , औ ज्वान ज्वान छोरी , स्यूँद22 गाडदी23 अब आयो हमारो पदान24 तौं लोगून बड़ो , सतभौ दिखाए , लाई ऐन तब बै , पलंग मा बैठौणा । याद आये तब गढू , सुरमा की बोलीं पलंग मारी वेन , बेत की चोट , चदर उन्दू लैगे , खाड देखेण गैरी । भली मैमानी25 करी , तुमन मेरी भायों , तुमारो ऐसा न , कबी न भूलूँ । कनो होये माल26 , घोड़ी असवार छौलोबुक27 छौलो , ह्वैगे घोड़ी कलासी कच्यैन28 वैन , गाबा29 सी काटीन साधीयाले तैन , स्यो सलाण , मामलो उगाई याले गज करो30 , मुण्ड करो , स्यूँदी सुप्पो लगैले । खिमासारी तब , पैटीगे31 माल , घर मू दीप न मदों , मन्सूबा ठाण्याल्या , गढू़ न मरी जाण , सुरमा मैन अपणा नौनाक32 ल्यौण । तब वो सुरमा का मामों , एक खाल रुप्या देन्द , सुरमा रौतेली , बुलैले मामाकोट । दीपीकोट बिटी33 ह्वैन बरात की त्यारी सुरमा की माम्योंन , देखे सुरमा रूपवन्ती , तीन जाणी नी , ना पछाणी , सोचे या हैकी सौत आई , कखन काल हमारी । अनजाणा मा तौन , बीं विष खेलैले , सुरमा अंगुडी34 छई , पघुण्डी ढलीगे । दीपून धरयाले तब , वा डोला पर , पर विधाता की लेख , इनी होंदी रस्ता मा गढू़ माल , खाणा छौ पकौणू । सुरमा रौतेली की , तब आँखी खुलीन , रोन्दी छ तुड़ादी तब , वा चाखुड़ी35 सी बराँदी । मैं छऊँ सुरमा राणी , गढ़ू माल की , कु छ मैं सणी , डोला पर लिआणू । डोला से नजर लगे , माल का रस्वाड़ा36 , भादों जसो बेला37 छयो , मगन पड्यूँ , डेड हात पीठ छई , डेड हात छाती । होलू त सी होलू मेरो , स्वामी प्यारो । फेंकदी तब गारा , सुरमा रस्वाड़ा मा , टपराँदो38 तब गढ़ू सुमन्याल अला39 कैको आये यो काल , कैन मेरा रस्वाड़ो पथराये । डोला से देखे वैन , हात अगाड़ी बढ़द , उंडो देखे वैन फुंडो , रौड़दो छ दौड़दो । गढू़ माल , डोला मु जाँदो , सुरमा रौतेली माथो नवौंदी मैं छऊँ स्वामी , विपता की मारी , किस्मत की हारी , छऊँ तुमारी नारी । दुश्मनुन जैर खलै , मैं बेहोश होयूँ , तुमारा बड़ा40 जीने41 , या कुदरत कराये । गढ़ू माल चढ़े , छेतरी को रोष , तैकी छाती का , बाल बवरैन ओंठ बबलैन वैका , भुजा फफड़ैन आँख्यों मा वैका लोइ सरे , दीपू बडान , यो क्या त करे ? मारीन तब बैन , दीपू का साती लड़ीक , दी बड़ा भी दगड़े , स्वर्ग पौंछाए तब दीपीकोट मा वैन कोटू बोणो कर याले बैरी को एक नी रखे , रीझाना कोसी शेष । तब सुरमा लोक , गूढ़ू सुन्याल , खिमासारी ऐगे , माता न बोलो भेंटें , ब्वारीन सासू का पैर छुयाँ , खिमासारी कोट मा , बजे आनन्द बढ़ मर्द मरी गैन , बोल रई गैन , मर्दू का पँवाढ़ा , गाया गैन
garhwali-gbm
हिंडोला कुँज वन डालो झूलन आईं राधिका प्यारी हिंडोला कुँज वन डालो झूलन आईं राधिका प्यारी कहे के खंभ लगवाए कहे की लगी डोरियाँ प्यारी सोने के खंभ लगवाए रेशम लगी डोरियाँ प्यार हिंडोला . . . कहाँ से आये शयाम बनवारी कहाँ से आई राधिका प्यारी गोकुल से आये बनवारी मथुरा आइ राधिका प्यारी हिंडोला . . . कि झोंका धीरे से दे ओ हमें दर लगता भारी दरो मत राधिका प्यारी हमें तो तुम जान से प्यारी हिंडोला . . .
awadhi-awa
रसना राम राम कह जारी रसना राम राम कह जारी , कौन जात है हारी । जौ हरनाम सजीवन बूटी , खात बनै तो खारी । काँलों दिन उर रात सिखइये , बऔ जात बिरथाँरी । ईसुर हमना कोउ तुमाये तैनाँ कोउ हमारी ।
bundeli-bns
सोन सन केश गे बुढ़िया कन सन दाँत हे सोन सन केश गे बुढ़िया कन सन दाँत हे ठेंगनि लागल बूढ़ी माय हे । खाय लेहु आरे शनू दही चूड़ा भोजन हे पीवि लेहु गंगा जल नीर हे चाढ़ि लेहू आरे रानू पाट केेर डोलिया हो । तब करू कोसी असनान हे । ककरा पर छोड़वै गे बुढ़िया बालक तिरिया हे कैसे करबै कोसी असनान हे । भाई पर छोड़िह हे रानू अन्न धन सम्पत्ति हे बहिन पर छोड़िह बूढ़ी माय हे । बूढ़ि माय पर चोड़िह रानू बालक तिरिया हे तब करू कोसी असनान हे गौनमा के धोतिया गे बुढ़िया मलिनो ने भेलै , कैसे करबै कोसी असनान हे जाति के बरनमा से बुढ़िया कहि के सुनाब हे तब करबै कोसी असनान हे हमहु जे छियै रे रानू बाभन कुल बेटिया हे नाम थिकै कोसिका कुमारि हे । कौनरे कुलके तू थिकही रे रानू किअ थिकौं तोहरो नाम रे । जाति के जे थिकियै हे बुढ़िया कानू ते कन्हैया हे नाम थिफै रानू सरदार हे । कान्ह कोदरिया हे रानू हाथ वसूलिया हे झट करू कोसी असनान हे ।
angika-anp
सामण आया हे सखी सामण के दिन चार सामण आया हे सखी सामण के दिन चार उन के ते सामण के करै जिनके बुलद न बीज तड़के ते जाँगी लक्खी बाप कै ल्याउंगी बुलद अर बीज बुड्ढा ते दीन्हा ढांढिया बोदी तो दे दी जवार हांक्या ना चाल्या बाबुल ढांढिया बोई ना जामी जवार खूंटी ते बांधो बेटी ढांढिया कोठी ते घालो हे जवार टग टग तै चाल्या बेटी ढांढिया सण जू जामी जवार
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75 लायक होय के मामले दस देंदा मुनसिफ1 होए वढे फाहे फेड़यां दे बाही घत के कहीं दी पार लावे हथों कढ देंदा खोज झेड़यां दे धाड़ा धाड़ दी मोहर दवांवदा ए हुंद पांवदा विच बखेड़यां दे सभा रही रहुंनी नूं सांभ लयावे अखीं विच रखे वांग हेड़यां2 दे वारस शाह है शेर जवान रांझा पिछे पौंदा ए हाड़यां पेड़यां दे
panjabi-pan
196 मेल मेल सयालां ने जंज आंदी लगीयां सौण1 शगन करावने नूं घत सुरम सलाइयां देण गाल्हां अते खडुकने2 नाल खडावने नूं भरी घढ़ी घड़ोली ते कुड़ी नहाती आइयां फेर नकाह पढ़ावने नूं मौली नाल चा खिचया गभरू नूं रोढियां लगियां आन खुवावणे नूं
panjabi-pan
ओहो चणे वाले रे गलियों में आ के सोर किआ ओहो चणे वाले रे गलियों में आ के सोर किआ बाबा बन्ने का बड़ा कमाऊ , भर भर थैली लाता है दादी बन्ने की बड़ी चटोरी , भर भर डोने खाती है चाटा पत्ता फेंक दिया रे , गलियों में आ के सोर किआ आहो चणे वाले रे . . . बापू बन्ने का बड़ा कमाऊ , भर भर थैली लाता है अम्मा बन्ने की बड़ी चटोरी , भर भर डोने खाती है चाटा पत्ता फेंक दिया रे , गलियों में आ के सोर किआ आहो चणे वाले रे . . . ताऊ बन्ने का बड़ा कमाऊ , भर भर थैली लाता है ताई बन्ने की बड़ी चटोरी , भर भर डोने खाती है चाटा पत्ता फेंक दिया रे , गलियों में आ के सोर किआ आहो चणे वाले रे . . .
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माना की माता बोलती मेरा माना आइये तन्ने मारे बिराणे लाल जहाज भर भर के मैं किस पै करूं सिंगार कालजा धड़के
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330 कोई असां जेहा वली सिध नाहीं नजर आंवदा जुग जहूर जिहा दसतार रजवाड़यों1 खूब आवे अते बाफता2 नहीं कसूर जिहा कशमीर जिहा कोई मुलक नाहीं नहीं चानना चंद दे नूर जिहा अगे नजर दे मजा माशूक दा ए अते ढोल सुहांवदा दूर जिहा नहीं रंन कुलकड़े दुध जेही नाही जलजला3 हशेर दे तूर जिहा सहती जेडना होर झगड़ेल कोई अते सोहना होर ना हर जिहा खेड़यां जेड ना नेक नसीब कोई कोई थाऊं ना बैतुल4 मामूर जिहा सहिती जेड ना भला कोई बुरा नाहीं जो कम फतूर जिहा हिंग जेड ना होर बदबू कोई बासदार ना होर कचूर जिहा वारस शाह जिहा गुनाहगार नाहीं कोई ताउ ना गरम तंनूर5 जिहा
panjabi-pan
दूर-दूर की म्हारी मोठी बईण तुखऽ लेणऽ कुण जासे दूरदूर की म्हारी मोठी बईण तुखऽ लेणऽ कुण जासे , जासे हो म्हारो नानो भाई , घोड़ी कुदावतो लावसे । घोड़ा का टापुर वाज्या , बइण कहे कि म्हारो भाई आयो , पांयण पींजण को ठुमको वाज्यो , भाई कहे कि म्हारी बइण आई ।
nimadi-noe
308 इस पद्य में अलगअलग जातियों की औरतों के बारे में वारिस शाह बताता है । जिथे त्रिंजणां दे घुमकार पैंदे कतन बैठ के लख महरेटियां ने खतरेटियां अते बमनेटियां ने तरसेटियां अते जटेटियां ने लोहारियां लौंग सुपारियां ने सुंदर खेजना ते रंग रेटियां ने अरोड़ियां मुशक विच बोड़ियां ने फुलयरियां छेल सुखरेटियां ने मुनयारियां ते पखीवारियां ने सुंदर तेलनां नाल मछेटियां ने पठानियां चादरां तानियां ने पशतो मारदियां नाल मुगलेटियां ने बंजारियां सुघड़ सयानियां ने बरवालियां नाल मचेटियां ने रावलानियां बेटियां बानियां दियां जटां वालियां नाल ढटेटियां ने चगड़ानियां नायनां मीरजादां नाल सोंहदियां होर डुमेटियां ने गडीलना छैल छबीलना ने ते कलालनां भाबड़े बेटियां ने बाजीगरनियां नटनियां कगराना वोरा राधना राम जटेटियां ने नेचे बन्नणा डूमना धाईं कुटी आतशबाजनां नाल भलवाणेदिआं ने खटाकनां ते नेचे बंदना ने चूड़ेगरनियां ते कमगरेटियां ने बहुरूपना राजना जिलदामां बरवालियां नाल नमेटियां ने पूरबानियां हबशनां रंगरेजां ते बैरागना नाल ठठरेटियां ने लबानियां मोचना कंगहाना राज बेटियां अते वटेटियां ने कागज कुट दबगरनियां वरद बैगन हाथीवाननां नाल वलोचेटियां ने बांकियां गुजरियां डोगरना छैल बनियां राजपूतना राजे दियां बेटियां ने पकड़ अचला जोगी नूं ला गली वेहड़े वाड़ के घर लै बैठियां ने वारस शाह जीजा विच हो बैठा दवाले बैठियां सालियां जेठियां ने
panjabi-pan
418 शाला कहर खुदाई दा पेश आवे ठूठा भन के लाड शंगारनी ए लंक सुकीए रन्ने कलकड़े नी माड़ा वेख फकीर नूं मारनी ए नाले मारनी ए नक चाढ़नी एं नाले हाल ही हाल पुकारनी ए मरे हुकम देनाल तां सब कोई बिना हुकम दे खून गुजारनी ए बुरा नाल जे बोल के बुरे होईए असीं बोलने हां तां तूं मारनी ए ठूठा फेर दरुसत कर दे मेरा होर आख की सच नतारनी ए लोक आखदे हन एह कुड़ी कुवारी साडे बाब दी धाड़वी मारनी ए एडे फंद फरेब हन याद तैनूं मुरदारां दे सिर मुरदारनी ए घर वालीए वौहटिए बोल तूं भी केही सोच विचार विचारनी ए सवा मनों मुतहिर1 पई फुरकदी ए किसे यारनी दे सिर मारनी ए इक चोर ते दूसरी चतर बनियों वारस शाह तों पुछ के हारनी ए
panjabi-pan
आज होरिलवा के देखन चलूं न्योछन आज होरिलवा के देखन चलूं । आज होरिलवा के चूमन चलूँ ॥ 1 ॥ मोर होरिलवा हइ1 पुनियाँ2 के चनवा3 । अपन होरिलवा के खेलावँन4 चलूँ ॥ 2 ॥ राइ5 नोन6 लेके निहुँछन7 चलूँ । अपनअपन नजरी8
magahi-mag
अहिंसा परम धरम कहलाया अहिंसा परम धरम कहलाया । तय तियाग का मारग दिखलाया । । सादा जीवन उच्च विचार । बेड़ा इस तै होवै पार । । गांधी बाब्बू का योह् नारा । देस नै लाग्या था अति पियारा । ।
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265 कहे नाथ रंझेटया समझ भाई सिर चाहिए जोग भरेटड़ी1 नूं अलख नाद वजाए के करे निहचा मेल आवना टुकड़ रोटड़ी नूं असीं मुख अलूद ना झूठ होलां चार लयावना अपनी खोतड़ी नूं वडी मां बराबरां जाणीए जी अते भैण बराबरां छोटड़ी नूं जती सती नमाणया हो रहिये साबत रखना इस लंगोटड़ी नूं वारस शाह मियां लै के छुरी कोई वढ दूर करीं इस बोटड़ी2 नूं
panjabi-pan
गोचर हे नगर के बराम्हन, पोथिया बिचारहु हे गोचर1 हे नगर के बराम्हन , पोथिया बिचारहु हे । आजु कन्हइया जी के मूँडन2 नेओता3 पेठाएब4 हे ॥ अरिजनि5 नेओतब , बरिजनि6 अउरो7 देआदिन8 लोग हे । नेओतब कुल परिवार , कन्हइयाजी के मूंड़न हे ॥ 2 ॥ काहे लागि रूसल9 गोतिया10 लोग , अउरो गोतिनी11 लोग हे । काहे लागि रूसले ननदिया , मँड़उआ12 नहीं सोभले हे ॥ 3 ॥ का13 ले14 मनएबो15 गोतिया , का ले गोतिनी लोग हे । अहे , का ले मनएबो ननदिया , मँड़उआ मोर सोभत हे ॥ 4 ॥ बीरा16 मनएबो गोतिया , सेनुर17 ले गोतिनी लोग हे । अहे , बेसरि ले मनएबो ननदिया , मँड़उआ मोर सोभत हे ॥ 5 ॥
magahi-mag
विवाह -गीत - सोवत रहीं अटरिया झझक सोवत रहीं अटरिया झझक उठ बैठीं मईया केकरे दुआरे बाजन बाजे केकर होत है बियाह मईया जे बेटी बुलावैं गोद बैईठावें हसि कै बोलैं बेटी तोहरे दुआरियां बाजन बाजे तुहरहि होत है बियाह नाही सीख्यौ मोरी मईया गुन ग्रस्थापन नाही सीख्यौ राम रसोय सास ननद मोरा भैया गरियैहैं मोरे बूते सहयू न जाय सिख लेहू मोरी बेटी गुन ग्रस्थापन सिख लेहू राम रसोय सास ननद तोहरी भैया गरियहियें ले लिहो अचरा पसार
awadhi-awa
237 साडी खैर है चाहुंदे खैर तेरी फेर लिखो हकीकतां सारियां जी पाक रब्ब ते पीर दी मेहर बाझों कौन कटे मुसीबतां भारियां जी मौजू चैधरी दा पुत चाक होके चूचक सयाल दीयां खोलयां1 चारियां जी दगा देके आप चढ़ जान डोली चंचल हारियां एह कुआरियां जी सप रसियां दे करन मार मंतर तारे देंदियां जे हेठ खारियां जी , पेके जटां नूं मार फकीर करके लैण सौहरे जा घुमकारियां जी आप नाल सुहाग दे जो रहन पिछे ला जावन पिचकारियां जी सरदारां दयां पुतरां चाक करके आप मलदियां जा सरदारियां जी वारस शाह ना हारदियां असां कोलौं राजे भोज थीं एहना हारियां जी
panjabi-pan
कोन मा कोन डो पुग्या जा कोन पुग्या जा कोन मा कोन डो पुग्या जा कोन पुग्या जा कोन मा कोन डो पुग्या जा कोन पुग्या जा कोन जा सोना जा कोन कोन जा सोना जा कोन सोना जा कोन के रेशमों झूडा डो बागे सोना जा कोन के रेशमों झूडा डो बागे रेशमा डोरा डो सालोनी नी अचारेन परदा आऊगे रेशमा डोरा डो सालोनी नी अचारेन परदा आऊगे स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी
korku-kfq
सावां गीत तारो माटी रामस्यो धवल्याधुरी मंगाया । खांड्यामेंड्या क्यांे लाया रे । बइल्या छोड़बइल्या छोड़ ढेड्या । तारो माटी रामस्यो चाउलचोखा मंगाया । टेमरा क्यों लायो रे ढेड्या । तारो माटी रामस्यो सकर मंगाड़ी , गूले क्यों लायो रे ढेड्या । तारो माटी रामस्यो घींवे मंगाइयो । तेले क्यों लायो रे ढेड्या । सावां लाने वाले से स्त्रियाँ कहती हैं रामसिंह ने अच्छे सफेद और सुन्दर बैल जोतकर लाने को कहा था । तुम सींग टूटे , सींग मुड़े बैल क्यों लाये हो ? इन बैलों को छोड़ दो । रामसिंह ने चावल बुलाये थे , तुम टेमरू ले आये । शक्कर बुलाई थी , तुम गुड़ ले आये । घी मँगवाया था , तुम तेल क्यों ले आये ? इस तरह विभिन्न भोज्य सामग्रियों के लिए कहा जाता है ।
bhili-bhb
कहमां बहै मैया कमलेश्वरी कहमां बहै मैया कमलेश्वरी , कहमां बहै माता कोसिका । अलापूर बहै माता कमलेश्वरी , तिरहुत बहै माता कोसिका । दया करू माया करू कोसिका माय , चंडालिनी नगरक लोग करै छै किलोल । ।
angika-anp
गँगा रे अरार कवन बरूआ करे असनान गँगा रे अरार1 कवन बरूआ2 करे असनान । करे असननियाँ रे बरूआ , निरखे3 आठो अँग4 ॥ 1 ॥ बिनु हो जनेउआ हो बाबा , ना सोभे कान । अप्पन जनेउआ हो बाबा हमरा के दऽ ॥ 2 ॥ हमरो जनेउआ हो बरूआ , भे गेल5 पुरान । तोहरो जनेउआ हो बरूआ , देबो बजना6 बजाए ॥ 3 ॥ गँगा के अरार कवन बरूआ करे असनान । करे असननियाँ रे बरूआ , निरखे आठो अँग ॥ 4 ॥ बिनु हो जनेउआ हो चाचा , ना सोभे कान । अप्पन जनेउआ हो चाचा , हमरा के दऽ ॥ 5 ॥ हमरो जनेउआ हो बरूआ , भे गेल पुरान । तोहरो जनेउआ हो बरूआ , देबो बजना बजाए ॥ 6 ॥
magahi-mag
आरे मिगना सियेन डो मिगना सियेन मिगना सियेन डो आरे मिगना सियेन डो मिगना सियेन मिगना सियेन डो कोयल बोले नदी किनारे मिगना मिगना डो कोयल वाले मारे कोयल चिड़िया बोले वा डो आयोम इयां मेड्डा नी डो जोरो माटे कोयला को डो चिड़िया बोले वा डो आयोम कोयला चिड़िया बोले वा डो मारे नदी किनारे मिगना सियेन डो मिगना सियेन डो कोयेला बोले मारे कोयेला चिड़िया बोले वा डो आयोम इयां मे डाडा बोचोवा डो मारे स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल
korku-kfq
ना छेड़री कामनी, कड़ जान दै विचारे खों ना छेड़री कामनी , कड़ जान दै विचारे खों , गैल के चलइया खों बीच ना उतार लैं । जा बारी सी उमर में लंक में कलंक लगौं , थौरे से जीवन में पूरब तौ सुधार लै । जीवन दे जुआतन खों जोवन ना दिखारी , नैकें चल बेला , तन कंदेला सभारलै । कात व्दिज ‘ईसुर’ सुख सासरे खों राखिये , सबरौ मजा मान मायके मैं न मारलै ।
bundeli-bns
सूरज कौंल (सूरज कुँवर) एक दिन कुंवर त्वैक1 , राति का बीखैमा2 , नागू का सूरजू बाला , सुपीनो ह्वै गये । राति हैवै थोड़ा त्वीन , स्वोंणो जम्पे भौत , पौछिगे सूरजू , जैकी ताता लूहागढ़ । सुपीना मा देखे तिन राणी जोत माला , देख्याले सूरजू तिन , राणी को बंगला । जै राणी को होलो आज ठैठाई को रंग , सुतरी3 पलंग जैं को नेलू झमकार । कवासुली4 सेज जैंको धावणिया घांड , हिया च सुरीज5 जैंको पीठी चंदरमा । कमरी दिखेंद जैंकी कुमाली सी ठांणा , बिणोटी दिखेंद जैंकी डांडा सी चुडीणा । सिंदोली6 दिखेंद जैकि धौली7 जैसो फाट8 , फिलीरी दिखेद जैकि धोबी सी मुंदरी , नाकुणी दिखेंद जैंकि खडक सी धार , ओठणी दिखेंद जैकि दालिमा सी फूल , दांतुणी दिखेंदी जैकि जाई जैसी कली । बैठायो को रंग तै को कोठायँ टूटद , सोवन9 सिन्वाणी10 जैकी रूपा11 की पैद्धाणी12 । रांड की जोतरा देंदा जलमू की बोली , तु हवेलू कुंवर सांचू सिंहणी सपूत , तू ऐल्यो कंवर मेरा ताता लूहा गढ़ । सिंहणी को ह्वैलो ऐलो ये बांका भोटंत , स्यालणी13 को ह्वेलो रैल्यो भीमली बजार । नौ दिन नौ राति बाला गिजनारै गये , नौ लाख कैतुरी कौल धाम झअल एगे । धाम झअल येगे बेटा सभा सुन्न रैगे , चचड़ैकी14 उठीकौल बवरैकी15 बीज । जाग दो ह्वे जांदी हे नाग सुरीज । जागदो ह्वे गये बाला कांटो को सुरीज । तेरि जिया16 नागीण बाला धावड़ी17 लगौंदा । किलैकी सुरजू बेटा कछड़ी नी औन्दो , किलैकी सूरजू आज ठउ नी जिमदो । नौ दिन ह्वेगैना मैंन सूरजू नि देख्यो , कागई सूरजू मेरा यकुला येकन्तू । त्वी बिना कुंवर तेरी भीमली सुन्न ह्वेगी । तेरी भुली सूरजी त्वे धावड़ी लगौंदा , त्वीकुणी सूरज कनी उनिन्दा पड़ी च । घाम झअल यैगे बेटा , सभा सुन्न ह्वेगे । चचडैकि उठी कौल बवरैकि बीजे । ऐगये सूरजू कौल नौरंगी तिवारी । मैं सणी जिया ब्वै आज सुपीनो ह्वेगे , सुपीन मा देखे मैंन राणी जोतमाला मैंन जाणा इजा वे ताता लूहागढ़ । रांड की जोतरा देंदा , जलमू की बोली , सिहणीं को ह्वेली ऐली ताता लूहागढ़ । स्यालणी को ह्वैलो रैलो भिमली बाजार । क्वी सोरो18 जांचदो वैकू बांटबांटी देन्दो । क्वी बैरी जांचदो मीकू हत्यारा भीड़ देन्दू । तिरया को जांचणो मीकू मारणो ह्वे गयी । मोरणो ह्वे जाना जिया जोतरा का बाना । भौंकुछ ह्वे जाना मैंन जाणा लूहागढ़ कित19 लेलो जोतरा इजा किन रौलो नाटो20 , ह्वेगैना जिया ब्वे मेरा बांही का बचन । त्वेतई जिया ब्वै बाला , बुझौणी बुझौंद , नि जाणों कुंवर मेरा बैरा का भकौंणा , निल्हौणो सूरजू तिन जोतरा को भामों । नि जाणो सूरजू बाला ताता लूहागढ़ । तू छई कुंवर मेरो इकलो यकन्तो तु छई कुंवर मेरो कांठा सि सूरज । तू छई कुंवर मेरो चन्दन सि गेंद , तू छई कुंवर बाला पालिंगा सि गेंद । तू ह्वेलू सूरजू मेरा धार्णिया सि ठुंसू । तेरो बाबू गैछो21 बेटा घर बौड़ी22 नि होये , तेरो दादो गैछो बेटा बौड़ी कि निआयो , जो गैना भोटन्त बेटा बौड़ी23 की नि आयो , तेरो दिदा24 बरमी रैगे बरमी डुग्यूँ पर । तेरी तिल्लू25 बाखारि26 बेटा छटपट छ्यूंदा27 , मान्याल कुंवर त्वेकु असगुन ह्वेगे । हून्दी मऊ कु बेटा कांदली नि हून्दी ,
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ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे थारे पीहर में गोरी धन कौन पियारा नींबू पाकन लागे । एक पियारा अपना बाबुल भी कहिये दूजी तो पियारी मेरी लाड लडन्ती माय एक पियारा मुझे अपना बीरन लागे दूजी दुलारी हमें लाल भवजिया नींबू पाकन लागे । इन रे बातों गोरी धन खारी भी लागी देंगे तुम्हें मन से बिसार फूल फूलन लागे । ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे ससुराल में गोरी धन कौन पियारा नींबू पाकन लागे । एक पियारा हमें सौहरा जी कहिये दूजी पियारी हमें सास सपूती जी फूल फूलन लागे । एक पियारी हमें अपनी नन्दल लागे दूजा प्यारा हमें नन्दी का बीर फूल फूलन लागे । इन बातों में गोरी हमें प्यारी भी लागे देंगे तुम्हें अगड़ घड़ाय फूल फूलन लागे ।
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कोरो घड़ियों बीरा पीली हल्दी कोरो घड़ियों बीरा पीली हल्दी नौतण आई भातई मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइये क्योंकर आऊं मेरी मां की जाई ढैर खड़ी मेरी लावणी ढैर जै बीरा मजूर खंदादे गाड़ी लगा दे ढोवणी मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए क्यूंकर आऊं मेरी जामण जाई मेरे घर बालक रोवणा बालक रै बीरा धाय लगा दूं पलणा घालू बीरा झूलणा आती जाती बीरा झोटा लगा दूं मेरे घर बिरद उपाइये मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए क्यूंकर आऊं मेरी मां की जाई मेरे घर नार सुलाखनी अपणा बीरा नै चारए विहावाद्यूं दो गोरी दो सांवली सांवली तो बीरा तपै रसोई गोरी ढोलै बीजणा , मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए
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निहाली गीत गड़ोगड़ो आइग्या , भाया ना साला हिजड़ा ने गधड़ा ॥ लदोलदो बस्या , भाया ना साला हिजड़ा ने गधड़ा ॥ टेघड़ा ने टेघड़ा भाले , भाया ना साला हिजड़ा ने गधड़ा ॥ माकड्या ने माकड्या भाले , भाया ना साला हिजड़ा ने गधड़ा ॥ वधू के घर महिलाएँ यह हास्य गीत गाती हैं एकदम आ गये भाई के साले हिजड़े और गधे । आकर खटिया पर लद गये भाई के साले हिजड़े और गधे । कुत्तों के समान देख रहे हैं , बन्दर के समान देख रहे हैं ।
bhili-bhb
164 जे तूं सोहणी होयके बणें सौकन असीं इक थीं इक चढ़ंदियां हां रब्ब जाणदा ए सभा उमर सारी असीं एस महबूब दियां बंदियां हां असी एस के मगर दीवानियां हां भावें चंगियां ते भावें संदियां हां उह असां दे नाल है चंद हुनदा असी खितीआं1 नाल सुहंदियां हां उह मारदा गालियां दे सानूं असीं फेर मुड़ चौखने2 हुंदियां हां जिस वेलड़े दा साथों रूस आया असी हंझू रत दे रूंदियां हां एह दे थां गुलाम लौ होर साथों ममनून3 अहसान दीयां हुंनियां हां रांझे लाल बाझों असीं सवार होइयां कूंजां डार थीं असीं विछुंनियां हां जोगी लोकां नूं मुनके करन चेले असीं एसदे इशक ने मुनियां हां वारस शाह रांझे अगे हथ जोड़ां तेरे प्रेम दी अग्ग ने भुनियां हां
panjabi-pan
अन्त नी होय कोई आपणा अन्त नी होय कोई आपणा , समझी लेवो रे मना भाई १ आप निरंजन निरगुणा , आरे सिरगुणी तट ठाढा यही रे माया के फंद में नर आण लुभाणा . . . अन्त नी . . . २ कोट कठिन गड़ चैड़ना , आरे दुर है रे पयाला घड़ियाल बाजत दो पहेर का दुर देश को जाणा . . . अन्त नी . . . ३ इस कल युग का हो रयणाँ , आरे कोई से भेद नी कहेणा झिलमीलझिलमील देखणा मुख में शब्द को जपणा . . . अन्त नी . . . ४ भवसागर का हो तैरणा , आरे कैसे पार उतरणा नाव खड़ी रे केवट नही अटकी रहयो रे निदाना . . . अन्त नी . . . ५ माया का भ्रम नही भुलणा , आरे ठगी जायगा दिवाना कहेत कबीर धर्मराज से पहिचाणो ठिकाणाँ . . . अन्त नी . . .
nimadi-noe
तुम भजन संभरि के गाना गाना हो तुम भजन संभरि के गाना २ बावन अक्षर हैं ओलम के इनके पास मतीं जाना तीन लोक औ चौदह भुवन हैं तिनके पार चले जाना इनके भीतर जो तुम आये पकरें दोऊ काना हो तुम भजन संभरि के गाना . . .
braj-bra
67 मैंनूं बाबले दी कसम रांझिया वे मरे मां जे तुध थीं मुख मोड़ां तेरे बाझ तुआम1 हराम मैंनूं तुध बाझ ना नेण नाल नैण जोड़ां खुआजा खिजर2 ते बैठके कसम खाधी थीवां सूर जे प्रीत दी रीत तोड़ां कोहढ़ी होइके नैण प्राण जावन तेरे बाझ जे कौंत मैं होर लोड़ां
panjabi-pan
भीम हरकतो आयो रे राजा भीम हरकतो आयो रे राजा गोकुल से लायो रे राजा . . . . भीम हरकतो आयो रे राजा १ पाँचई पांडव बैठीयाँ महेल म , बीच म कोतमा माय पहला सगून तो हुआ रे मुझको यदुपति दर्शन पायो रे राजा . . . भीम . . . २ बहुत प्रेम से पुछण लाग्यो , कैसे हो भीम भाई जात सी तो भोजन पाया मोये दियो विश्वास रे राजा . . . भीम . . . ३ रल्ली मुझसे पुछण लाग्यो , अली की रे विपता बताई एक वचन मुझसे ऐसो सुणायो बारह बरस वन जाओ रे राजा . . . भीम . . . ४ हतनापुर से मालुम हुई , भीम नायळ दई आया दास धनजी को स्वामी सावळीयो राखो लाज रघुराई रे राजा . . . भीम . . .
nimadi-noe
गौरीबाई मिठउवा है ई कुआ कौ नीर , छाँयरी पीपर कौ गंभीर , मिटा ले तनिक घाम की पीर , ओ पानी पीले गैलारे , तनिक बैठ के तुम सुस्ता लेव , जानै फिर जा रे । क्वाँर कौ घामौ हे , औ सूरज सामौ है । । को ठाकुर तुम आए कितै सें , और तुम्हें काँ जानें , मोखाँ ऐसौ लगत , होव तुम जैसें जानैंमानैं , पसीना बैठौ बिलमा लेव , और दोदो बातें कर लेव , न आँगें पानी मिलै पसेव , हौ प्यासे मजलन के मारे । और हम का करिए सत्कार , गाँव के मूरख अपढ़ गँवार , गड़ई भर जल हाजिर , करै तुम खाँ सादर । । हम तौ हैं ग्वालन की बेटी , हारपहारन रइए गइयनबछलन सें बाबू जी , मन की बातें कर लइए , हमारे गुइयाँ छ्योलसगौन करै बातैं हम बे रएँ मौन , दुक्ख मन कौ जानत है कौन , रहैं मन ऐसइँ समझा रे । आज जानें का मन में आई , और तुमसें इतनी बतयाई । । लाज सब टोरी है , करी मुँहजोरी है । । माँजी गड़ई निकारो गगरा जब बा पानी ल्याई , मैंने पूछौ ‘नाव तुम्हारौ’ , बोली ‘गौरीबाई’ , न देखे ऐसे निछल सनेह जा मैंने जब सें धरी है देह , उमड़ आए आँखन मैं मेह , तौ टेढ़ौ मुँह करकै टारे । बोली ‘तुमसौ लम्बौ ज्वान , हतो भइया मोरौ मलखान । पुलिस नें माड़ारो ; दुखी घर कर डारो । । ’ फिर मैं बोलो , ‘बिन्ना तौरौ ब्याव भओ कै नइयाँ ? ’ झुक गए नैन , तनिक मुसक्यानी , फिर भर दई तरइयाँ , तुरत मैं बोलो‘गौरीबाई , आज सें मैं हौं तोरौ भाई’ नेह की नदियासी भर आई , खुसी सैं नैना कजरारे । चूम लए मैंने ऊकैं पाँव , बताओ अपनौ नाँव औ गाँव , और बा लिपट्याई , फिर बोली हरखाई । । ‘मोरी उमर तुमैं लग जाबै , भाभी रहै सुहागन , दूधनपूतन फलौ , खेलबैं चन्दासूरज आँगन , लौट आई मोरे घर दोज मनाहौं मैं अब सावन रोज , मोरी जनमजनम की खोज , करो तुम पूरी भइया रे । रहत तो औरन के मन भार , बिना सारे की है ससुरार । । दुक्ख सब मिट गए हैं , कैं भइया मिल गए हैं । । ’
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मैया राणी! मसाणी सेढ मनाहीं सां मैया राणी मसाणी सेढ मनाहीं सां मैया जै मेरी परोब सीख तो मर कंडबारो धोकसां मैया दरिया बहवै तेरे बार मलमल न्हाय सां मैया किक्करियंा को बाग तेरे बार छांय बलाई सां मैया काली सी कुत्ती तेरे बार टळूक गिराई सां मैया काला सो गधो तेरे बार दाल चराई सां
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438 रांझा वांग ईमान शराबियां दे जुदा होयके पिंड थी बाहर रहया नैनां तेरयां जट नूं कतल कीता चाक होय के खोलया चार रहया अंत कन्न पड़वा फकीर होया घत मुंदरां विच उजाड़ रहया ओहनूं वतन ना मिले तूं सतर खाने थक टुटके अंत नूं हार रहया तैनूं चाक दी आखदा मुलक सारा एवें उसनूं मेहना मार रहया शकरगंज मसऊद मैंदूद वांगूं ऊहना नफस1 दी हिरस नूं मार रहया सिधा नाल तवकली2 ठल बेड़ा इके विच डुबा इके पार रहया
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नवमी गीत १ . हमरा शीतलऽ मइया बड़ दुलरी , मइया बड़ दुलरी मइया डोला चढ़ि आवेली हमार नगरी । जाउ हम जनतीं अइहें हमार नगरी जाउयदि मइया डगर बहरतीं दहिनवें अंचरी । २ . नीमिया के डाढ़ मइया गावेली हिंडोलवा कि झूलिझूलि ना । झूलतऽ झूलतऽ मइया के लगली पिअसिया कि चलि भइली ना मलहोरिया दुआर , मइया चलि भइली ना सुतल बाड़े कि जागल रे मलिया बूँद एक आहि के पनिया पिआव कि बूँद एक कइसे में पनिया पिआईं मैया कि बालका तोहार मोरे गोद लेहु नाहि मालिनी बालका , सुताव सोने के खटोलवा कि बूँद एक मोहिके पनिआ पिआव । एक हाथ लेहली मालिन झँझरे गड़ुअवा दोसरे हाथ सिंहासन जइसन मालिन हमरे जुड़वलू ओहिसन पतोहिया जुड़ास , धिअवा जुड़ास धीया बाढ़ो ससुरे , पतोह बाढ़ो नइहर मइया केकरा के दीले असीस । धीया बाढ़ो ससुरा , पतोह बाढ़े नइहर ३ . मइया के दुआरे हरियर पीपर लाल धजा फहराई ए माया मोहिनी भवानी जगतारन माया अंचरा पसार भीख मांगेली बहुआरो देई हमके सेनुरा भीख देई ए माया , मोहिनी भवानी पटुका पसार भीख मांगेले कवन राम हमके पुतवा भीख देई ए माया , मोहिनी भवानी . . . ४ . कहाँ रहनी ए मइया कहाँ रहनी मइया पकवल रोटिया सेराई गइले , रउरा चरन में , उहें रहनी उहें असी कोस के पयेंतवा चलतऽ बटिया बिलम लगले कहाँ रहनी ए मइया . . .
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439 आकी हो बैठे असीं जोगीअड़े जाह ला लै जोर हो लावना ई असी हुसन ते हो मगरूर बैठे चार चशम दा कटक लड़ावना ई लख जोर तूं ला जे लावना ए असां बदीयों बाझ ना आवना ई सुरमा अखियां दे विच पा के ते असां वडा घमंड दखावना ई रुख देके यार पयारड़े नूं सैदा रांझे दे नाल लड़ावना ई ठंडा होए बैठा सैदा वांग दहसर1 सोएन लंक नूं उस लुटावना ई रांझे कन्न पड़ायके जोग लया असां जजीया जोग ते लावना ई वारस शाह बाग विच जा बैठा असां हासला बाग दा पावना ई
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फाग गीत मोगरियां री टोपली बजारां माही चाली रे ॥ वाला थारी आंगली झन्नाटे चढ़गी रे , ढुलगी मोगरियां । हारे ढुलगी मोगरियां , वालाजी थोड़ी भेजी करजो रे , ढुलगी मोगरियां । प्रेयसी संगरी की टोकरी लेकर बाजार में बेचने के लिए निकली । रास्ते में प्रेमी ने टोकरी को पकड़ा तो टोकरी सिर से गिर गई और संेगरियाँ बिखर गईं । प्रेयसी प्रेमी से कहती है कि संेगरियाँ एकत्रित करने में मेरा सहयोग करो । एक तो कागदियो लिखने कदली वन में मेलो रे ॥ कदली वन रा हातीड़ा विलाड़े लइजो रे , कँवर परणीजे ॥ हाँ रे कँवर परणीजे , हाती रा होदे तोरण वांदें रे , कँवर परणीजे ॥ एक पत्र लिखकर कजली वन में भेजो और कजली वन के हाथी बिलाड़ा राजस्थान बुलाओ । उस हाथी पर दीवान साहब बिलाड़ा के कुँवर अपने ब्याह में बैठकर तोरण का स्पर्श करेंगे ।
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रामलला नहछू आदि सारदा गनपति गौरि मनाइय हो । रामलला कर नहछू गाइ सुनाइय हो । । जेहि गाये सिधि होय परम निधि पाइय हो । कोटि जनम कर पातक दूरि सो जाइय हो । । १ । । कोटिन्ह बाजन बाजहिं दसरथ के गृह हो । देवलोक सब देखहिं आनँद अति हिय हो । । नगर सोहावन लागत बरनि न जातै हो । कौसल्या के हर्ष न हृदय समातै हो । । २ । । आले हि बाँस के माँड़व मनिगन पूरन हो । मोतिन्ह झालरि लागि चहूँ दिसि झूलन हो । । गंगाजल कर कलस तौ तुरित मँगाइय हो । जुवतिन्ह मंगल गाइ राम अन्हवाइय हो । । ३ । । गजमुकुता हीरामनि चौक पुराइय हो । देइ सुअरघ राम कहँ लेइ बैठाइय हो । । कनकखंभ चहुँ ओर मध्य सिंहासन हो । मानिकदीप बराय बैठि तेहि आसन हो । । ४ । । बनि बनि आवति नारि जानि गृह मायन हो । बिहँसत आउ लोहारिनि हाथ बरायन हो । । अहिरिनि हाथ दहेड़ि सगुन लेइ आवइ हो । उनरत जोबनु देखि नृपति मन भावइ हो । । ५ । । रूपसलोनि तँबोलिनि बीरा हाथहि हो । जाकी ओर बिलोकहि मन तेहि साथहि हो । । दरजिनि गोरे गात लिहे कर जोरा हो । केसरि परम लगाइ सुगंधन बोरा हो । । ६ । । मोचिनि बदनसकोचिनि हीरा माँगन हो । पनहि लिहे कर सोभित सुंदर आँगन हो । । बतिया कै सुधरि मलिनिया सुंदर गातहि हो । कनक रतनमनि मौरा लिहे मुसुकातहि हो । । ७ । । कटि कै छीन बरिनिआँ छाता पानिहि हो । चंद्रबदनि मृगलोचनि सब रसखानिहि हो । । नैन विसाल नउनियाँ भौं चमकावइ हो । देइ गारी रनिवासहि प्रमुदित गावइ हो । । ८ । । कौसल्या की जेठि दीन्ह अनुसासन हो । नहछू जाइ करावहु बैठि सिंहासन हो । । गोद लिहे कौसल्या बैठी रामहि बर हो । सोभित दूलह राम सीस पर आँचर हो । । ९ । । नाउनि अति गुनखानि तौ बेगि बोलाई हो । करि सिँगार अति लोन तो बिहसति आई हो । । कनकचुनिन सों लसित नहरनी लिये कर हो । आनँद हिय न समाइ देखि रामहि बर हो । । १० । । काने कनक तरीवन , बेसरि सोहइ हो । गजमुकुता कर हार कंठमनि मोहइ हो । । कर कंचन , कटि किंकिन , नूपुर बाजइ हो । रानी कै दीन्हीं सारी तौ अधिक बिराजइ हो । । ११ । । काहे रामजिउ साँवर , लछिमन गोर हो । कीदहुँ रानि कौसलहि परिगा भोर हो । । राम अहहिं दसरथ कै लछिमन आन क हो । भरत सत्रुहन भाइ तौ श्रीरघुनाथ क हो । । १२ । । आजु अवधपुर आनँद नहछू राम क हो । चलहू नयन भरि देखिय सोभा धाम क हो । । अति बड़भाग नउनियाँ छुऐ नख हाथ सों हों नैनन्ह करति गुमान तौ श्रीरघुनाथ सों हो । । १३ । । जो पगु नाउनि धोवइ राम धोवावइँ हो । सो पगधूरि सिद्ध मुनि दरसन पावइ हो । । अतिसय पुहुप क माल रामउर सोहइ हो । । तिरछी चितिवनि आनँद मुनिमुख जोहइ हो । । १४ । । नख काटत मुसुकाहिं बरनि नहिं जातहि हो । पदुमपरागमनिमानहुँ कोमल गातहि हो । । जावक रचि क अँगुरियन्ह मृदुल सुठारी हो । प्रभू कर चरन पछालि तौ अनि सुकुमारी हो । । १५ । । भइ निवछावरि बहु बिधि जो जस लायक हो । तुलसिदास बलि जाउँ देखि रघुनायक हो । । राजन दीन्हे हाथी , रानिन्ह हार हो । भरि गे रतनपदारथ सूप हजार हो । । १६ । । भरि गाड़ी निवछावरि नाऊ लेइ आवइ हो । परिजन करहिं निहाल असीसत आवइ हो । । तापर करहिं सुमौज बहुत दुख खोवहिँ हो । होइ सुखी सब लोग अधिक सुख सोवहिं हो । । १७ । । गावहिं सब रनिवास देहिं प्रभु गारी हो । रामलला सकुचाहिं देखि महतारी हो । । हिलिमिलि करत सवाँग सभा रसकेलि हो । नाउनि मन हरषाइ सुगंधन मेलि हो । । १८ । । दूलह कै महतारि देखि मन हरषइ हो । कोटिन्ह दीन्हेउ दान मेघ जनु बरखइ हो । । रामलला कर नहछू अति सुख गाइय हो । जेहि गाये सिधि होइ परम निधि पाइय हो । । १९ । । दसरथ राउ सिंहसान बैठि बिराजहिं हो । तुलसिदास बलि जाहि देखि रघुराजहि हो । । जे यह नहछू गावैं गाइ सुनावइँ हो । ऋद्धि सिद्धि कल्यान मुक्ति नर पावइँ हो । । २० । ।
awadhi-awa
दुराणी जिठानी बाबुल बोली हो मारैं दुराणी जिठानी बाबुल बोली हो मारैं के नरसी पत्थर ल्यावै हो राम सास नणदी बोली हो मारैं के नरसी तील पहरावै हो राम देवर जेठ बोली हो मारैं के नरसी मोहर ल्यावै हो राम तेरा जमाई बोली हो मारै के नरसी अरथां में आवै हो राम काणी सी धोबण बोली हो मारै के नरसी सुरमा ल्यावै हो राम भेली कसार लेकर हरनन्दी चाली हो ली सिरसागढ़ की राही हो राम बूझे सैं उसनै हाली पाली नरसी भगत कित पावै हो राम काका ताऊ कै चाली हे जा नरसी भगत अस्तल में पावै हो राम कूण किसै के काका ताऊ नरसी के मैं जांगी हो राम बूझी सैं उस नै कुएं की पणिहार नरसी कै मैं जांगी हो राम दूरे तैं हरनन्दी देखी आंवती नरसी भगत खड़े होगे हो राम दोनां हाथां सिर पुचकारा हे ईसर तेरी माया हो राम बेटी तैं दई राम जी बेटा बी दिए आज मनै बहुत रंज आया हो राम बेबे भी दई भाई बी दिए आज मन्ने भाती भी चाहिए हो राम टुट्टी सी गाड्डी बुड्डे से नारे आप नरसी गड़वाला हो राम टूटगी गाड्डी बैठगे नारे खड़े लखावै नरसी भगत हो राम धौल धौले नारे बाजणां सा रथ आप किरसन गडवाले हो राम आ पोंह्चा बाजणां सा रथ आप किरसन जी भाती हो राम चार घड़ी लग तील बरसी पहरो मेरी नणदी हो राम चार घड़ी लग मोहर बरसी बरतो मेरे देवर जेठ हो राम चार घड़ी लग पत्थर बरसे महल बणाओ सारी दुनिया हो राम चार घड़ी लग सुरमा बरसा सारो काणी धोबिन हो राम द्योराणी जिठाणी बूझण लागी कुणसा हे हरनन्दी तेरा भाई हो राम ओरां के आवैं भाई भतीजे मेरे किरसन जी आए हो राम
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बनड़े की घोड़ी बिदकै मेरा कलेजा धड़कै बनड़े की घोड़ी बिदकै मेरा कलेजा धड़कै सीस बने के सेहरा , लड़ियां से लाल लटकै गले बने के तोड़ा , घूण्डी से लाल लटकै हाथ बने के घड़ियां , कांगणे सै लाल लटकै पैर बने के जूता , चलगत से लाल लटकै हेठ बने के लीला , चाबुक से लाल लटकै गैल बने के बनड़ी , जोड़ी से लाल लटकै
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133 किस्सा हीर नूं तुरत सहेलियां ने जा कन्न दे विच सुनाया ई तैनूं मेहना चाक दा दे कैदो उस परहे विच शोर मचाया ई बाग ढोल हराम शैतान देजी डंका विच बजार दे लाया ई एह गल जे जाऊसी अज खाली तूं हीर क्यों नाम धराया ई कर छडनी इसदे नाल ऐसी सुने देस जे कीतड़ा पाया ई वारस शाह अपराधीयां रैहम नाहीं लंडे रिछ ने मामला चाया ई
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221 जदों गानड़े दे दिन पुज गये लसी मुंदरी खेडने आइयां ने सैदा लाल पीड़े उते आन बैठा कुड़ियां वहुटड़ी पास बहाइयां ने पकड़ हीर दे हथ परात पाए बाहां मुरदयां वांग पलमाइयां ने वारस शाह मियां नैणां हीर दयां ने वांग बदला छैहबरां लाइयां ने
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मेरे नौं सहु दा कित मोल मेरे नौं सहु दा कित मोल । मेरे नौं सहु दा कित मोल । अगले वल्ल दी खबर ना कोई , रह किताबाँ फोल । सच्चिआँ नूँ पै वज्जण पौले , झूठिआँ करन कलोल । चंग चँगेरे पर परेरे , असीं आइआँ सी अनमोल । बुल्ला शाह जे बोलांगा , हुण कौण सुणे मेरे बोल ? मेरे नौं सहु दा कित मोल । मेरे नौं सहु दा कित मोल ।
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कोसिका-कोसिका पुकारै कोसिकाकोसिका पुकारै कोसिका मैया लोभीत हे अबरो के लहरा समेटोॅ कोसिका मैया लोभीत हे हम्में कैसे लहर समेटवै , ऐलै मुख्य भादो हे सातो बहिन झूमर खेलबै , आँठमें बरेला भैया हे गंगागंगा पुकरौं , गंगा मैया लोभीत हे अबरो के लहरा समेटोॅ , गंगा मैया लोभीत हे हम्में कैसे लहरा समेटवै , ऐलै मुख्य भादो हे सातो बहिन झूमर खेलबै आँठवे बरेला मैया हे ।
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ऊपरां बादलिड़ा ऊपरां क्यूं जा ऊपरां बादलिड़ा ऊपरां क्यूं जा बरसै तै क्यूं ना हे म्हारे देस छन में पालिड़ा धूलम धूल छन में तो भर दे जोहड़ डाबड़ा सूता रे पालिड़ा रूखा की छां खेत उजाड़ा मेरे बाप का ह्यो रे पालिड़ा तेरेड़ी रांड खेत उजाड़ा मेरे बाप का मत दे हे सुन्दर मन्नै तैं गाल तेरे सरीकी म्हारै बी गोरड़ी आइये हे सुन्दर म्हारेड़े देस लहए रंगा हे ऊपर चुन्दड़ी
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तोरो जरा हुक्म मिल जाये सास तोरो जरा हुक्म मिल जाये सास जै भात न्यूतने जाऊंगी जूनागढ़ के बीच में मेरे बाबल सेठ कहावें देवर जेठानी सब न्यूं कहे बिन भात ना ब्याह सुहावे अरी क्यों भारत न्योतणे जावे बहुवल तेरो बाप भिखारी घर घर का भिखमंगा क्या भात भरेगा नंगा तेरी संग भिखारिण मां है और भीख मांग कर खा है अरी ओ टोटे में लाचार बहुवल तेरा बाप भिखारी तूं घर नरसी के जावै नहीं भोजन तुझे खिलावै भूखण मरे फेर पछतावै बहुवल तेरो बाप भिखारी
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इनी सिन्दोरी जाटी माडो हीरा मोगरा रानी मारे इनी सिन्दोरी जाटी माडो हीरा मोगरा रानी मारे इनी सिन्दोरी जाटी माडो हीरा मोगरा रानी मारे चौकी न सिन्दोरी जाटी मा डो हीरा मोगेरा रानी मारे चौकी न सिन्दोरी जाटी मा डो हीरा मोगेरा रानी मारे आन टुगान आवेसे सेनेवा जा हीरा मोगेरा राजा मारे आन टुगान आवेसे सेनेवा जा हीरा मोगेरा राजा मारे आन टुगान आवेसे सेनेवाजे मारे आन टुगान आवेसे सेनेवाजे मारे इयेकेनी जेमा सिरे वाइनवे जा हीरा मोगेरा हीरा राजा मारे इयेकेनी जेमा सिरे वाइनवे जा हीरा मोगेरा हीरा राजा मारे इयेकेनी जेया सिरे वाइन मारे इयेकेनी जेया सिरे वाइन मारे आमा गोदीन कन्हैया कुअवर खाडू वाडो हीरा मोगेरा रानी मारे आमा गोदीन कन्हैया कुअवर खाडू वाडो हीरा मोगेरा रानी मारे इयेकेनी सिरे वाइन मारे इयेकेनी सिरे वाइन मारे स्रोत व्यक्ति मिरकाय बाई , ग्राम भोजूढाना
korku-kfq
रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम कोन डोके कौन कौन विजा रेंगोली कोन डोके कौन कौन विजा रेंगोली रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम चोबो चुरगी मटठी का लिजा सावींजा रेंगोली चोबो चुरगी मटठी का लिजा सावींजा रेंगोली स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी
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आयो मैंना चैत को, हे दीखो हे राम आयो मैंना चैत को , हे दीखो1 हे राम । उठिक फुलारी झुसमुस2 , लगी गैना निज काम ॥ मास आय वैशाख को , सुणली पतिव्रता खास । ग्यूँ जौ का पूलों मुड़े , कमर पड़ी गये झास ॥ आयो मैना जेठ को , भक्का3 हैगे मौत । स्वामिका नी होणते , समझि रयूं मैं मौत ॥ मास पैलो बसगाल को , आयो अब आषाढ़ । मैं पापिणि झुरिझुरि , मरो मास रयो न हाड़ ॥ मास दूसरो गसग्याल को , आयो अब घनघोर । बादल कुयेड़ि झूकिगे , वर्षा लगि झकझौर ॥ भादों मैना आइक , मन समझा यो भौत । या स्वामी घर आवन , या प्रभु ह्वै जो मौत ॥ आयो मास असूज को , बादल गैंन दूर । साटी झंगोरे सब पक्यो , निम्बू पाक्याचूर ॥ आई देवाली कातिकी , चढ़िगे घर घर तैक । यूंदींनू बिन स्वामि को ज्यू क्या लगलो कैक ॥ आय मास मंगसीर को , हे बहिनो हे राम । पतिदेव की फिक्र मां रयो हाड़ ना चाम ॥ पूष मास को ठण्ड बड़ी , धर धर काँपद गात । कनि होली भग्यांनसीं , छनपति जौं का साथ ॥ लाग्यो मैना मांघ को , ठण्ड आबिगे दूर । पति का घर निहोणसे , ज्यू यो ह्वैगे चूर ॥ फागुन मैना आइगे , हरि भरि गैन सार । सैं पापिण तनि हीरयो यकुला4 बांदर कि चार ॥
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111 सिर बेटियां दे चा जुदा करदे जदों गुस्सयां ते बाप आंवदे नी सिर वढके नदी विच रोहड़ दें दे मास कां कुते बिले खांवदे नी समी जान जलाली ने रोहड़ दिती कई डूम1 ढाडी पए गांवदे नी औलाद जेहड़ी आखे ना लगे मापे उसनूं मार मुकांवदे नी जदों कहर ते आंवदे बाप जालम बन्ह बेटियां भोरे पांवदे नी वारस शाह जे मारिये बदां तांई देवे खून ना तिन्हां दे आवंदे नी
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65 हथ बधड़ी रहां गुलाम तेरी सने त्रिंजणी नाल सहेलियां दे होसन नित बहार दे रंग गूहड़े विच बेलयां देनाल बेलियां दे सानूं रब्ब ने यार मिला दिता भुल गये पयार अलबेलियां दे दिहें बेलियां दे विच करीं मौजां राती खेडसां विच हवेलियां दे
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घर घर लन्दन मेमां रोवैं घर घर लन्दन मेमां रोवैं । गांधी बन गिया गले का हार । सरकार खड़ी सै घुटने टेके । थोथे उस के बाजैं हथियार । हाहाकार मचे लन्दन में । भैणा अब रूठ गये करतार । ।
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मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर , मेरा री मन बेरां नै । मन्नै सुसरा घाल्या री लेण ने , वोह तो चौधर आया जितवाए , कराले के बाग में । मन्नै जेठा घाल्या री लेण ने , वोह् तो घोड़ी आया जितवाए , कराले के बाग में । मन्नै देवर घाल्या री लेण ने , वोह तो खुलिया आया जितवाए , कराले के बाग में । मन्नै कन्ता घाल्या री लेण ने , वोह् तो गोरी आय जितवाए , कराले के बाग में । मन्नै भावें कराले के बेर रुपये के सेर , मेरा री मन बरां नै ।
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चंदा थारी चांदणी सी रात चंदा थारी चांदणी सी रात झालीजी रमवा नीकल्याजी म्हारा राज रम्याखेल्या घड़ी दोयचार ससराजी आणे आवियाजी म्हारा राज चालो बऊ बड़ , चालो मोटा घर की नार छोटा घर की धीमड़ी जी म्हारा राज जेठजी आणे आवियाजी म्हारा राज चालो बऊ बड़ , चालो मोटा घर की नार मारूजी आणे आविया जी म्हारा राज मा चालो भाभीसा , चालो मोटा घर की नार मारूजी आणे आविया जी म्हारा राज चालो मारूणी , चालो मोटा घर की नार म्हें छोटा घर की धीवड़ी जी म्हारा राज
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महलां तै बैठी तेरी माता झरुवै महलां तै बैठी तेरी माता झरुवै , देख जेठानी का पूत जाहर एक घरूं घर आ सासरै तेरी बेबे रे झरुवे देख जेठानी का बीर जाहर एक घरूं घर आ पीहर में तेरी गोरी झरुवै देख भाणका नाथ जाहर एक घरूं घर आ सातैं ने आऊं ना मैं आठैं ने आऊं आऊं नवमी की रात जाहर एक घरूं घर आ धड़ धड़ धरती पाट के सुध लीलै गया समाय जाहर एक घरूं घर आ
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आयो-आयो चैतडल्या रो मास जी आयोआयो चैतडल्या रो मास जी , जँवारा जतन कर राखज्यो जी । ईसरदासजी पेचडल्या मेँ टाँक सी जी , जँवारा जतन कर राखज्यो जी । बहू ओ गोराँदे रे चुडले रे माँय जी , जँवारा जतन कर राखज्यो जी बेटा जी पेचडल्या मेँ टाँक सी जी , जँवारा जतन कर राखज्यो जी । बहू रे चुडले रे माँय जी , जँवारा जतन कर राखज्यो जी ।
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पहले पहर को सपनो सुनो मोरी सासो जी महाराज पहले पहर को सपनो , सुनो मोरी सासो जी महाराज । राम लखन दोऊ भइया , अंगन बिच तप करें महाराज । ननदी लयें बेला भर तेल , सांतिया लिख रही महाराज । भौजी बैठी मांझ मंझौटे , हार नौने गुह रही महाराज । इतने में आ गई बारी ननदी , विहंस के बोलिये महाराज । भौजी हुए लालन तुम्हारे , हार हम लै लैहें महाराज । चूमो बैयां तुम्हरी हथुरिया , घिया गुड़ मुँह भरो महाराज । सुनो बारी ननदी हमारी , हार तुम लै लियो महाराज ।
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399 सहती आखया उठ खेल बांदी खैर पा फकीर नूं कडीए नी आटा घतके ते देईए बुक चीनी विचों अलख फसाद दी वढीए नी देह भिछया वेहड़यों कढ आईए होड़ा विच बरूहां दे गडीए नी अमां आवे ते भाबी तों वख होईए साथ ऊठ बलद दा छडीए नी जेहड़ा आकड़ां पया वखांवदा ए जरा वेहड़यों एसनूं कढीए नी वारस शाह देनाल दो हथ करीए अनी उठ तंू सार दीए हडीए नी
panjabi-pan
काटा बान डो खोबा बान जा भगवान काटा बान डो खोबा बान जा भगवान काटा बान डो खोबा बान जा भगवान इयां माई डो इयां बा नी चोजा ये ऐन डो इयां माई डो इयां बा नी चोजा ये ऐन डो झाडी जा बान राडी बान डो झाडी बान झाडी जा बान राडी बान डो झाडी बान इयां माई इयां बा नी चोजा ये ऐन डो इयां माई इयां बा नी चोजा ये ऐन डो ऐ भगवान जा ये भगवान ईनी जा कोरा डो डो मारे ऐ भगवान जा ये भगवान ईनी जा कोरा डो डो मारे स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल
korku-kfq
14 रांझा जौतरा वाह के थक रिहा लाह अरलियां छाउं नूं आंवदा ए भता आन के भाबी ने कोल धरया हाल आपना रो विखांवदा ए छाले पये ते हथ ते पैर फुटे सानूं वाही दा कम ना आंवदा ए भाबी आखया लाडला बाप दा सैं अते खरा प्यारड़ा माउंदा ए
panjabi-pan
575 रब्ब फज़ल1 कीता राजे अदल2 कीता दिता यार नूं यार मिलाय मियां उहना मुढ कदीम दी दोसती सी जाो रब्ब रसूल खुदाय मियां हीर खोहके रांझे दे हथ दिती कीती जोगी ने खैर दुआय मियां रांझे हथ उठा दुआ कीती अला पाक दी सिफत3 सुनाय मियां तेरे हुकम ते मुलक विच खैर होवे तेरी दूर होवे कुल बलाय मियां अन्न धन्न ते लछमी मलक दौलत नित होवसी दून सवाय मियां घोड़े ऊंठ हाथी दम तोपखान हिंद सिंध ते हुकम चलाय मियां वारस शाह रब्ब आवरो नाल रखे मिटी मुठ ही दये लंघाय मियां
panjabi-pan
400 बांदी हो गुसे चुप हो रही बुक चीने दा चा उलेरया सू धरोही रब्ब दी खैर लै जा चाका हाल हाल कर पलुड़ा1 फेरया सू बांदी लाड दे नाल चवा2 करके धका दे के नाथ नूं रढ़या सू लैके खपरा3 चोबरा जाह विचों उस सुतड़े नाग नूं छेड़या सू दे के छिबी4 गल विच पशम पटी हथ जोगी दे मुंह ते फेरया सू वारस शाह फरंग5 दे बाग बड़के उस कला दे खूह नूं गेड़या सू
panjabi-pan
खेतन की बहा का कहिए खेतन की बहार , मन होत मगन सोभा निहार , बलिहारी पिरथीपुत्रन की जुन रकतपसीना रहे गार । नाठरकुनकुट गुलजार करत ऊ पुरसारथ की बलिहारी , कंचन के झुमका उठाउठा जै बोल रही क्यारीक्यारी , ककरीले काबर की काया बन जात मार , बिलसत कछार । मिहनत की महिमा है अपार , छुनछुना उठत सन कौ गहनां टिलवा के ऊँचे मूँड़ा पै , मुतियन की लरें लिपट जातीं जुंडी रानी के जूड़ा पै ; भर माँग सुहागिनसी धानें दै जातीं मंगल समाचार । आ जात चना पगिया सम्हार । चमचमा उठत नीलीनीली अरसी को सारी चटकीली , कुछ बोल चलत रस घोर चलत , बटरा की अँखियाँ सरमीली , राईसरसों , गौहूँपिसिया , झूमत गलबहियाँ डारडार । बारी खेती के सै सिँगार । केकी बाँहन कौ बल पाकै गचगचा उठत इसकरी अर्हर , रसभरी बर्हाई के पोरा बन जात चीकने सुधरसुघर ; नित नई नुनाई कूँड़न सें , कढ़ परत किबरियाँ टारटार । धूरा में हीरन कौ सिहार । केकी गुनभरी तपस्या सें कुदवन की कँदिया किलक उठी , को सकुन्तलासी बछवन खें दै चली समा फिर मुठीमुठी अनुराग बसो बैरागिउ में , सग चलो कि है संसार सार । साजौ घर सें सौ गुनों हार ।
bundeli-bns
बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा जा सिलसिल पाटा नाइयो जा बालमा रे बालेमा जा सिलसिल पाटा नाइयो जा बालमा रे बालेमा सिर जगह सिर सोटकेन जा बालमा रे बालेमा सिर जगह सिर सोटकेन जा बालमा रे बालेमा जा सिलसिल पाटा नाइयो जा बालमा रे बालेमा जा सिलसिल पाटा नाइयो जा बालमा रे स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल
korku-kfq
282 सत जनम दे हमी फकीर जोगी नहीं नाल जहान दे सीर मियां असां खेलियां खपरां नाल वरतन भीख पाय के पाईए वहीर मियां भला चाहें ना चाक बना सानूं असीं फकर हां जाहरा पीर मियां नाम मेहरियां दे सानूं डरन आवे रांझा कौन ते केहड़ा हीर मियां जटा चाक बनाए तूं जोगियां नूं एहो जा आवे सिटूं चीर मियां जती सती हां हथ दे जोग पूरे सत पीड़ीए जनम फकीर मियां थर थर कम्बे गुस्से नाल जोगी अखीं रोह पलटया नीर मियां तुसीं पार समुंदरों रहन वाले भुल गया चेला बखश पीर मियां वारस शाह दी अरज जनाब अंदर हुण हो नाहीं दिलगीर मियां
panjabi-pan
मैं ना जीओं बिनु राम मैं ना जीओं बिनु राम हो जननी , मैं ना जिओं बिनु राम । राम जइहें संग हमहु जाएब , अवध अइहें कवन काम जननी हो , मैं ना जीओं बिनु राम । राम लखन दुनो वन के गवनकिन , नृपति गयो सुरधाम , मैं न जीओं बिनु राम । भूख लगी तहाँ भोजन बनैहों , प्यास लगी तहँ पानी नींद लगी तहँ सेज लगैहों , चरण दबैहों सुबहसाम , मैं न जीओ बिनु राम ।
bhojpuri-bho
डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई आदि रात कोयल बोले डोबाई आदि रात कोयल बोले डोबाई आदि रात कोयल बोले डोबाई पछी रात मुरगा ना बोले पछी रात मुरगा ना बोले स्रोत व्यक्ति शांति , ग्राम मुरलीखेड़ा
korku-kfq
तरइयाँ भींज चलीं नइँ आए , सजनि भरतार , तरइयाँ भींज चलीं । गए सजबन के जुद्ध लरन खों , अभय अजयगढ़ बिजय करन खों , अभिमानिन के मान दरन खों , बाँद कमर तरवार ; तरइयाँ भींज चलीं । सजन हमाए समर जुझारू , धरत कभउँ नइँ पावँ निछारू , अरिअन पै जब होत उतारू , करत बार पै बार ; तरइयाँ भींज चलीं । बदरा उठतइ लखे धुँआँ के , सुँनत रई घनघोर धमाके , तरवारन के खनक खनाके , वीरन की ललकार ; तरइयाँ भींज चलीं । काऊ कौ नइँ गउत गहेसौ , जइसों लगतइ अधिक अँदेसौ , अबै तलक नइँ मिलो सँदेसौ , जीत भई कै हार ; तरइयाँ भींज चलीं । हेरतहेरत बाट पिया की , मलिन भई जर जोत दिया की , बढ़न लगी है जरन जिया की , भए फीके सिंगार , तरइयाँ भींज चलीं । तबइँ सुनाने विजय नगारे , हुँदकत घुड़ला आए दुआरे , ‘मित्र’ धना दए खोल किबारे , सजा सुकंचन थार ; तरइयाँ भींज चलीं । तुरतइँ राई नोंन उतारो , हरख हरद कौ तिलक समारो , गरें हार कमलन कौ डारो , परछन लओ उतार , तरइयाँ भींज चलीं ।
bundeli-bns
कहमाँ से बेटा आएल रे टोनमा कहमाँ से बेटा आएल रे टोनमा । केकर1 गली आइ भरमल2 रे टोनमा ॥ 1 ॥ पटना सहरवा से अयलूँ रे टोनमा । ससुरा गलियवा3 में भरमलूँ रे टोनमा । बाबा , हम ही एकलउता4 बेटा रे टोनमा ॥ 3 ॥
magahi-mag
दुखः सुखः मन म नी लावणा दुखः सुखः मन म नी लावणा , आरे रघुनाथ नी घड़ीया १ हरिशचँद्र सरीका हो राजवई , जीन घर तारावंती राणी अपणा सत् का हो कारणा भर नीच घर पाणी . . . दुखः सुखः मन . . . २ नल भऊ सरीका हो राजवई , जीन घर दमवंती राणी अपणा सत् का हो कारणा मील अन्न नही पाणी . . . दुखः सुखः मन . . . ३ द्रोपती सरीकी हो महासती , जीनका पांडव स्वामी चिर दुःशासन खईचीयाँ चीर पुरावे मुरारी . . . दुखः सुखः मन . . . ४ सीता सरीकी हो महा सती , जिनका रामचंद्र स्वामी रावण कपटी लई हो गया सुंदर बिलखानी . . . दुखः सुखः मन . . . ५ हनुमान सरीका हो महायोद्धा , आरे बल मे बल वंता सीता की सुद हो लावीयाँ चड़े तेल लंगोटा . . . दुखः सुखः मन . . .
nimadi-noe
हाय हाय हे बागां की कोकिल हाय हाय हे बागां की कोकिल आंख नींबू की फांक बच्ची सोने की चिड़िया हाय हाय बच्ची सोने की चिड़िया मूंगफली सी आंगूली नाक सुए की चोंच होठ पीपल के पात से किन तेरी बांधी अर्थी बच्ची सोने की चिड़िया हाय हाय बच्ची सोने की चिड़िया किन तेरी चिंता चिनाई कन्तै चिता चिनाई घर तें क्यों कर निकली फिर कब आवेंगी बच्ची बायें बोली कोतरी सिर पर बोला काग क्या मांगे है कोतरी जी क्या मांगे है काग सिर मांगे है कोतरी जी धड़ मांगे है काग ओढ पहर के नीकली . . . शहर का नाम के तख्त बाजार लोग महाजन न्यूं कहैं किस की बन्नी जाय बन्नी बन्नी मत करे . . . पति का नाम की रानी जाय अरी तेरा बाबल फिरै उदास तेरी अम्मा जोहै बाट अम्मां कौन पुकारै भैया तेरा लेने आया एक बार नैहर जाय चाची ताई तेरी रोवै उन को रोकन आय गहनां का डिब्बा भरा धरा है एक बार पहर दिखाय
haryanvi-bgc
केही केरे सिर सोहे सोने क छतुरिया केही केरे सिर सोहे सोने क छतुरिया , केहिया सिर ना रामा ढुरेला पसीनवा केहिया सिर ना राम जी के सिर सोहै सोने क छतुरिया , लखन सिर ना रामा ढुरेला पसीनवा लखन सिर ना सीता आवो मोरे देवरा अंगन मोरे बैठो , के मैं पोंछी देउ ना तोहरे सिर का पसीनवा मै पोंछि देउ ना लक्ष्मण सिर का पसीनवा तु जनि पोंछौ भौजी , के धूमिल होइहैं ना तोहरी चटकी चुनरिया धूमिल होइहैं ना सीता चुनरी त हमरी धोबीया घरे जैहैं , के लखन ऐस ना कहाँ देवरा मैं पैहों के लखन ऐस ना
awadhi-awa
अरी ए लाड़ो अब ना जइहों अरी ए लाड़ो1 अब ना जइहों , तेरा टीका2 अजब अनमोल । माँगे लाड़ो के टीका सोभे , मोतिया लागे हीरे लाल । ए गोरी अब ना जइहों , तेरा टीका अजब अनमोल ॥ 1 ॥ नाके लाड़ो के बेसर3 सोभे , चुनिया4 लागे हीरे लाल , चुनिया अजब बहार । ए लाड़ो अब ना जइहों , तेरा टीका बड़ा अनमोल ॥ 2 ॥ काने5 लाड़ो के बाली6 सोभे , झुमका लागे हीरे लाल । झुमका अजब बहार । ए लाड़ो अब ना जइहों , तेरा टीका गजब अनमोल ॥ 3 ॥ गले लाड़ो के माला सोभे , सिकड़ी लागे हीरे लाल । सिकड़ी अजब बहार । एक लाड़ो अब ना जइहों , तेरा टीका अजब अनमोल ॥ 4 ॥ जाने लाड़ो के सूहा7 सोभे , छापा8 अजब बहार । घूँघट लगे हीरे लाल , घूँघट अजब बहार ॥ 5 ॥ ए लाड़ो अब ना जइहों , तेरी सूरत अजब अनमोल । एक लाड़ो अब ना जइहों , तेरी अँखिया बड़ी अनमोल ॥ 6 ॥
magahi-mag
भाई ऊँचो माळो रे कमल भाई रे , टोंगल्यो बूडन्ती ज्वार । । काचा रे सूत की कमल भाई की गोफण , सुशीला होर्या टोवण जाई । । हरमीधरमी का होर्या उड़ी जाजो , न पापी को खाजो सगळो खेत । । गीत गाने वाली ने स्वयं के भाई के नाम से गाया है कि भाई का महल ऊँचा है , ज्वार घुटने के ऊपर है । कच्चे सूत की भाई की गोफन बनाई हुई है । सुशीला भाभी तोते उड़ाने जाती है । धरमी का खेत छोड़कर पापी का सारा खेत चुग लेना ।
bhili-bhb
तू कति चूमण छै! तू कति चूमण छै सर बियाँरा1 क्या धरे बौ2 हे । त्यरा दादू3 क रोटी धरे । खंडकि4 तोड़िक मैं दियाल वौ हे छीः तू कति मंगणया छै । छीः तु कति चूमण5 छै । सर बियांरा क्या धरे बौ हे तेरा दादूक बुखणा , धरेन एक खौंकाल6 मैं दियाल बौ हे छीः तू कति मंगण्या छै छीः तू कति निदऊ7 छै सर जटोली8 क्या करे बौ हे तेरा दादून नर्यूल दे तो टुकड़ा तोड़िइ में दियाल बौ हें ।
garhwali-gbm
बिन मिलती जोट मिलाई बिन मिलती जोट मिलाई मरियो मात पिता अन्यायी बिन मिलती जोट मिलाई देस बिराणा बालम याणा जानें ना सार हमारी ऊंट के गल में बूट बांध दिया खारी खारी खारी मरियेा मात पिता अन्यायी बिन मिलती जोट मिलाई
haryanvi-bgc
सासू म्हारी आवै सासू म्हारी आवै दिवला जगाई मांगे दे द्यो नै उनका बी नेग जी म्हारे भोले राजा कान्यां तै पतले राजा फूलयां तै हलके राजा मोती तै उजले राजा । जिठाणी म्हारी आवै पिलंग बिछाई मांगे दे द्यो नै उनका बी नेग जी म्हारे भोले राजा कान्यां तै . . . नणदल म्हारी आवै चूची धुआई मांगे दे द्यो नै उनका बी नेग जी म्हारे भोले राजा कान्यां तै . . . फूफस म्हारी आवै सथिए धराई मांगे दे द्यो नै उनका बी नेग जी म्हारे भोले राजा कान्यां तै . . . दुराणी म्हारी आवै पंखा ढुलाई मांगै दे द्यो नै उनका बी नेग जी म्हारै भोले राजा कान्यां तै . . .
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85 मिली राह विच दौड़के जा नढी पहले नाल फरेब दे चटया सू नेड़े आणके शीहनी दे वांग गज्जी अखीं रोह दा नीर पलटया सू सिरों लाह टोपी गलों तोड़ सेहला लकों चाइके जिमीं ते सटया सू पकड़ जिमीं ते मारिया नाल गुसे धोबी पटड़े ते खेस छटया सू वारस शाह फरिशतियां अरश1 उतों शैतान नूं जिमीं ते सटया सू
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213 मही टुरन ना बाझ रंझेटड़े दे भूहे होइके पिंड भजायो ने धौन चाइके बूथियां उतांह करके शोर घाट ते धुम्मला लायो ने मार चुंगियां लोकां नूं ढुंढ़ मारनभांडे भन्न के शोर घतायो ने लोकां आखया रांझे दी करो मिंनत पैर चुमके आन जगायो ने चशमां पैर दी खाक दा ला मथे वांग सेवकां सखी मनायो ने भड़थू मारयो ने दवाले रांझने दे लाल वेग दा थड़ा पूजायो ने पकवान ते पिंनियां रख अगे भोलू राम नूं खुशी करायो ने मगर मही दे छेड़के नाल शफकत1 सिर टुमक चा चवायो ने वाहो दाही चले रातो रात खेड़े दाइरे जा के देहुं चढ़ायो ने
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