folksong
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मेरी भूरी भूरी पींडी री सासड़ काली जराब मेरी भूरी भूरी पींडी री सासड़ काली जराब मन्नै सोला सिंगार करे री सासड़ बलमा नदान बाहर सै बालम आया री माता कहां गई साजन जाई टगटग महलों चढ़गी रे बेटा कर के सिंगार तैं सोच समझ के जइयो रे बेटा बहू सै जुआन तन्नै खाटी ल्हासी प्याई री सासड़ रह गया नदान मन्नै हंस के दूध पीए री सासड़ हो गी जुआन दिन दस पीहर चली जा री बहुअड़ कर ल्यूं जुआन ऊपर तै नीचे पटक री माता हो ज्या नुकसान तै ओड ओड बोल ना बोलै रे बेटा बहू सै जुआन
haryanvi-bgc
मिट्टी दा बावा (1) मिटटी दा मैं बावा बनाणीआं उत्ते चा दिन्नी आं खेसी वतनां वाले माण करन की मैं माण करां परदेसी मेरा सोहणा माही , आजा वे बूहे अग्गे लावां बेरीआं गल्लां घरघर होंण तेरीआं ते मेरीआं वे तू शकल दिखा जा वे मेरा सोहणा माही , आजा वे बूहे अग्गे पाणी वगदा साडा कल्लआं दा जी नईओं लगदा सानूं गल नाल लाजा वे मेरा सोहणा माही , आजा वे
panjabi-pan
मोये बल रात राधका जी कौ मोये बल रात राधका जी कौ , करैं आसरौ की को । दीन दयाल दूर दुख मेलत , जिनको मुख है नीको । पैले पार पातकी कर दए , मोहन सौ पति जी को । काँलों लगत खात सब कोऊ , स्वाद कात ना थी को ईसुर कछू काम की जानै , कदमन के ढिंग झीकौं ।
bundeli-bns
कौण आया पैहन लिबास कुड़े कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? तुसीं पुच्छो नाल इखलास1 कुड़े । हत्थ खुंडी मोडे कम्बल काला , अक्खिआँ दे विच्च वसे उजाला , चाक नहीं कोई है मतवाला , पुच्छो बिठा के पास कुड़े । कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? चाकर चाक ना इस नूँ आखो , एह ना खाली गुज्झड़ी2 घातों , विछड़िआ होया पैहली रातों , आया करन तलाश कुड़े । कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? ना एह चाकर चाक कहींदा , ना इस ज़र्रा शौक महीं दा , ना मुश्ताक है दुध दहीं दा , ना उस भुक्ख प्यास कुड़े । कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? बुल्ला सहु लुक बैठा ओहले , दस्से भेद ना मुख से बोले , बाबल वर खेड़ेआँ तो टोले , वर माँहढा3 माँहढे पास कुड़े । कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? तुसीं पुच्छो बिठा के पास कुड़े ।
panjabi-pan
ऐ बैना डो ऐ बैना चोज सांटी ऐ बैना डो ऐ बैना चोज सांटी उनिड़ी उसरी डो आम सुबाये ऐ डाई जा ऐ डाई इयां ऊनी केने केरसा जा डोडो मारे ऐ बैना डो ऐ बैना टाला चिछरी डो आम सुबाये इंज बागोन बागोन जा डाई इयां ऊनी ऊँऐन्टेन हाकोज अगरा गोमढून मारे बाकीमा हिगरा इयां डो बैना इंज बीसे बा रोगों जा डाई टेंगन स्रोत व्यक्ति कड़मी बाई , ग्राम रोशनी
korku-kfq
हिंगलू भरी बादल लाव हिंगलू भरी बादल लाव म्हारा मानगुमानि ढोला वा तो फलाणा राम आंगण ढोलो रे म्हारा मालगुमानी ढोला वे तो फलाणा राम हैं पोंच वाला रे वी तो आवता सा जानीड़ा जिमाड़े रे
malvi-mup
211 काज़ी पड़ह निकाह ते घत डोली नाल खेड़या दे दिती टोर मियां तेवरां बेवरां1 नाल जड़ाउ गहिने दम दौलतां नअमतां होर मियां टमक2 महीं अते नाल ऊंठ घोड़े गहिणा पतरां3 ढगड़ा ढोर4 मियां हीर खेड़या नाल न टुरे मूले पया पिंड दे विच एह शोर मियां वारस हीर नूं घिंन के रवां होए5 जिवें माल नूं लै के चोर मियां
panjabi-pan
हरे नोटिस आयारे राजा राम का हरे नोटिस आयारे राजा राम का , आरे तामील कर लेना १ जमपती राजा आई बैठीयाँ , अरे बैठीया पंख पसार हंसराज को हो लई गया लईगया स्वर्ग द्वार . . . . नोटिस आयारे . . . . २ काया सिंगारी राई आगणा , झुरी रया सब लोग साज बाज घर बाजी रयाँ उड़े रंग गुलाला . . . . नोटिस आयारे . . . . . . . ३ माता रोवे रे थारी जलमी , बईण वार त्योहार तीरया रोयवे थारी तीन घड़ी दुसरो घर बार . . . . नोटिस आयारे . . . . . . . ४ कहत कबिर धर्मराज से , साहेब सुण लेणा अन्त का परदा हो खोल के जीनको अन नी पाणी . . . . नोटिस आयारे . . . .
nimadi-noe
सूरज ऊगो हो केवड़ा के री परत सूरज ऊगो हो केवड़ा के री परत म्यानो रजाम सुहावनो तम जागो हो सूरज जी हो राम तम जागो ही गणपत जी हो राम तम घर हो परजा केरो राज तम जागो हो फलाणा जी हो राज तम बैठो हो अक्खी बड़ की छाँह तम लीजो हो श्रीकृष्ण को नाम दीजो हो सूर्या गाय को दान सूरज ऊग्यो के वड़ा के री परत म्यानो श्याम सुहावणो तम जागो हो फलाणा राम भांड तम बैठो हो धतूरा अरंडिया छाँव तम लई करवो मुख धोवी तम लीजो अल्लाखुदा को नाम तम दीजो हो तमारी माता को दान
malvi-mup
नक्बेसर कागा ले भागा नक्बेसर कागा ले भागा अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , उड उड कागा मोरी बिंदिया पे बैठा . . . बिंदिया पे बैठा . अरे मोरे माथे का सब रस ले भागा , नक्बेसर कागा ले भागा अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , उड उड कागा मोरे नथुनी पे बैठा अरे नथुनी पे बैठा . मोरे होंठ्वा का सब रस ले भागा , नक्बेसर कागा ले भागा अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , नक्बेसर कागा ले भागा अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , उड उड कागा मोरे चोलिया पे बैठ , अरे चोलिया पे बैठा . . . . अरे जुबना का सब रस ले भागा , अरे जोबना का सब रस ले भागा नक्बेसर कागा ले भागा अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , उड उड कागा मोरे करधन पे बैठा अरे साये पे बैठा , अरे मेरी बुरीयो का सब रस ले भागा मोरा अरे नक्बेसर कागा ले भागा अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा ,
bhojpuri-bho
तावी तावी डो तावी किनारे तावी तावी डो तावी किनारे तावी तावी डो तावी किनारे तावी तावी डो तावी किनारे राजा रावटी डो टाजा टिये राजा रावटी डो टाजा टिये आपियां जूमू डो चोज मारे आपियां जूमू डो चोज मारे आलिया जूमू नी राजा आलिया जूमू नी राजा सारेली डो बो रेली रे सारेली डो बो रेली रे स्रोत व्यक्ति अनिता , ग्राम लखनपुर
korku-kfq
बीच जमुनमा हे कोसी माय बीच जमुनमा हे कोसी माय कदम के गाछ हे ओहि चाढ़ि कोसी पारे हाक हे कहाँ गेलै किए भेलो झिमला मल्लाह रे जल्दी से उतारें पार रे टूटलियो नइया हे कोसी माय टूटल करूवारि हे कौन विधि उतारब पार हे जोड़ि लेबेइ नइया रे झिमला जोड़ब करूवारि रे , हिंगुर ढोरब दुनू मांगि रे खनेखने खेबै रे मलहा , खने भसियाबे रे खने मांगे घटवारि रे एहि पार देबौ रे झिमला पाकल बीड़ा पान रे ओहि पार गला गिरमल हार रे ।
angika-anp
भड़ौनी व गारी गीत 1 समधी के लिए गीत बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे झालापाला लुगरा लाने , जरय तुंहर नाक रे दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डराये रे मेंछा हावय लाम लाम , मुंहू हावय करिया रे समधी बिचारा का करय , पहिरे हावय फरिया रे मेंछा हावय कररा कररा , गाल हे तुंहर खोधरा रे जादा झन अतियाहव समधी , होगे हावव डोकरा रे 2 समधिन के लिए गीत बरा खाहूं कहिथव समधिन , कहां के बरा पाबे रे हात गोड़ के बरा बना ले , टोर टोर के खाबे रे खाये बर मखना पिराये बर पेट रे का लइका बिआए समधिन हंसिया के बेंट रे पातर पातर मुनगा फरय , पातर लुरय डार रे पातर हवय समधीन छिनारी , ओकर नइये जात रे खीरा फरिच जोंधरी फरिच , फरिच हावय कुंदरू रे समधिन दारील हम नचाबोन , गोड़ में बांधही घुंघरू रे डमरू हावय दफड़ा हावय , ओला हम बजवाबो रे हमर समधिन दारी ला , बजनिया संग नचवाबो रे कोदो के हवै दुई दुई झंसा , रैला चना के दुई दार समधिन के हवय तीनि बहिनिया , कोन त अकल छिनरिया बड़की ऐ लबरी छुटकी हे बपुरी , मंझली हे छिनरिया छुटकी रे बपुरी कुछु नई जानय , खोजि खोजि करे लगवारा 3 दुल्हा राजा के लिए गीत आमा पान के बिजना , हालत झूलत आथे रे किसबिन के बेटा हर , बरात लेके आथे रे करिया करिया दिखथव दुलरू , काजर कस नई आंजेव रे तोर दाई गेहे पठान घर , घर घर बासी मांगेच रे सुंदर हवस कहिके दुलरवा , हमला दियेव दगा रे बिलवा हावय मुंहू तुंहर , नोंहव हमर सगा रे आमा पान के पुतरी , लिमउआ छू छू जाय रे दुल्हा डउका दुबर होगे , सीथा बिन बिन खाये रे 4 बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे जालापाला लुगरा लानेंव , जरगे तोरे नाक रे जालापाला लुगरा लानेंव , जरगे तोरे नाक रे दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डर्राये रे बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डर्राये रे मेंछा हावे कररा कररा , गाल तुंहर खोधरा रे मेंछा हावे कररा कररा , गाल तुंहर खोधरा रे जादा झन अटियाव समधी , होगे हावव डोकरा रे जादा झन अटियाव समधी , होगे हावव डोकरा रे नदिया तीर के बांमी मछरी , सलमल सलमल करथे रे नदिया तीर के बांमी मछरी , सलमल सलमल करथे रे आये हे बरतिया मन हा , तलमल तलमल करथे रे आये हे बरतिया मन हा , तलमल तलमल करथे रे नदिया तीर मा आये बरतिया , चिंगरी भूंज भूंज खाये रे नदिया तीर मा आये बरतिया , चिंगरी भूंज भूंज खाये रे मेछा जरगे फोरा परगे , रायपुर काबर आये रे मेछा जरगे फोरा परगे , रायपुर काबर आये रे 5 हमका जानी हमका जानी , दुरूग भिलई के पानी रे हमका जानी हमका जानी , दुरूग भिलई के पानी रे आये हे बरतिया मन हा , मारत हे उदानी रे आये हे बरतिया मन हा , मारत हे उदानी रे बड़े बड़े रमकलिया चानी , भीतरी में गुदा भराये वो बड़े बड़े रमकलिया चानी , भीतरी में गुदा भराये वो हमर समधिन चटक चंदैनी , कनिहा ल मटकाय वो हमर समधिन चटक चंदैनी , कनिहा ल मटकाय वो नदिया तीर के पटवा भाजी , पटपट पटपट करथे रे नदिया तीर के पटवा भाजी , पटपट पटपट करथे रे आये हे बरतिया मन हा , मटमट मटमट करथे रे आये हे बरतिया मन हा , मटमट मटमट करथे रे चटकत मटकत रेंगे समधिन , घेरीबेरी बिजरावय वो चटकत मटकत रेंगे समधिन , घेरीबेरी बिजरावे वो पाटी पारे मांग संवारे , कोई नई सहरावय वो पाटी पारे मांग संवारे , कोई नई सहुंरावे वो नदिया तीर के खोटनी भाजी , उलवा उलवा दिखथे रे नदिया तीर के खोटनी भाजी , उलवा उलवा दिखथे रे आये हे बरतिया मन हा , मुड़वा मुड़वा दिखथे रे आये हे बरतिया मन हा , मुड़वा मुड़वा दिखथे रे आंखी करे लिबिर लाबर , मुंहू हाबे करिया वो आंखी करे लिबिर लाबर , मुंहू हाबे करिया वो हमर समधिन मन हा , पहिरे हाबे फरिया वो हमर समधिन मन हा , पहिरे हाबे फरिया वो नदिया तीर के खोटनी भाजी , उलवा उलवा दिखथे रे नदिया तीर के खोटनी भाजी , उलवा उलवा दिखथे रे आये हे बरतिया मन हा , मुड़वा मुड़वा दिखथे रे आये हे बरतिया मन हा , मुड़वा मुड़वा दिखथे रे नदिया तीर के लुदवा मछरी , लूदलूद लूदलूद करथे वो नदिया तीर के लुदवा मछरी , लूदलूद लूदलूद करथे वो दुलहि नोनी के बहिनी मन हा , मुचमुच मुचमुच करथे वो दुलहि नोनी के बहिनी मन हा , मुचमुच मुचमुच करथे वो नदिया तीर के बांमी मछरी , सलमल सलमल करथे रे नदिया तीर के बांमी मछरी , सलमल सलमल करथे रे आये हे बरतिया मन हा , तलमल तलमल करथे रे आये हे बरतिया मन हा , तलमल तलमल करथे रे सुंदर हावन कहिके समधिन , हमला दियेव दगा वो सुंदर हावन कहिके समधिन , हमला दियेव दगा वो जालापाला मुंहू हावय , नोंहो हमर सगा वो जालापाला मुंहू हावय , नोंहो हमर सगा वो नदिया तीर में आये बरतिया , चिंगरी भूंज भूंज खाये रे नदिया तीर में आये बरतिया , चिंगरी भूंज भूंज खाये रे मेछा जरगे फोरा परगे , रायपुर काबर आये रे मेछा जरगे फोरा परगे , रायपुर काबर आये रे खीरा फरिस जोंधरा फरिस , फरिस हावे कुंदरू वो खीरा फरिस जोंधरा फरिस , फरिस हावे कुंदरू वो समधिन दारील हमुं नचाबो , गोड़ म बंधा के घुंघरू वो समधिन दारील हमुं नचाबो , गोड़ म बंधा के घुंघरू वो खोकसी धरि मोंगरी धरि , अउ धरि केंवई रे खोकसी धरि मोंगरी धरि , अउ धरि केंवई रे हमर समधिन मन हा , डरे हे लेवई रे हमर समधिन मन हा , डरे हे लेवई रे आमा आमा ल खाये समधिन , गोंही ल बचाये वो आमा आमा ल खाये समधिन , गोंही ल बचाये वो हमर मन बर खोर मा , सजरी बिछाये वो हमर मन बर खोर मा , सजरी बिछाये वो आमा जानी आमा जानी , डोंगरगढ़ के पानी रे आमा जानी आमा जानी , डोंगरगढ़ के पानी रे आये हे बरतिया मन हा , मारत हे फुटानी रे आये हे बरतिया मन हा , मारत हे फुटानी रे हउंला हउंला पानी लाने , कौवा ह जुठारे वो हउंला हउंला पानी लाने , कौवा ह जुठारे वो ठउका के बेरा में समधिन हा , बात ल बिगड़े वो ठउका के बेरा में समधिन हा , बात ल बिगड़े वो कांवर कांवर पानी लाने , कौवा ह जुठारे रे कांवर कांवर पानी लाने , कौवा ह जुठारे रे हमर समधि मन ला , डंडा मा सुधारे रे हमर समधि मन ला , डंडा मा सुधारे रे हरियर हरियर डोंगर दिखथे , पिंयर पिंयर बांस वो हरियर हरियर डोंगर दिखथे , पिंयर पिंयर बांस वो हमर समधिन छेना बिनत हे , नई लागे एला लाज वो हमर समधिन छेना बिनत हे , नई लागे एला लाज वो बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे जालापाला लुगरा लानेंव , जरगे तुंहर नाक रे जालापाला लुगरा लानेंव , जरगे तुंहर नाक रे हे डमरू हावे दफड़ा हावे , ओला हम बजवाबो वो डमरू हावे दफड़ा हावे , ओला हम बजवाबो वो हमर समधिन ला , बजनिया संग नचवाबो वो हमर समधिन ला , बजनिया संग नचवाबो वो दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डर्राये रे बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डर्राये रे
chhattisgarhi-hne
बरसय जी बाबू, रिमझिम बुँदवा बरसय जी बाबू , रिमझिम बुँदवा , बरसय जी ॥ 1 ॥ हाथी साजूँ , घोड़ा साजूँ , साजूँ बरियतिया । साज देहु जी बाबा , दँड़िया1 सवरिया , साज देहु ॥ 2 ॥ हाथी के पाँव घइले मामा2 खड़ी है , सुन लेहु जी । बाबू हमरी बचनियाँ , सुन लेहु जी ॥ 3 ॥ कइसे में सुनिओ मामा , तोहरी बचनियाँ । जा हियो3 जी मामा , धनि के उदेसवा4 । बियाहन5 को मामा , राजा बंसी6 बेटिया ॥ 4 ॥
magahi-mag
माटी कोड़े गेली हम आज मटिखनमा माटी कोड़े गेली1 हम आज मटिखनमा2 इयार3 मोरा पड़लन , हाय जेहलखनमा4 ॥ 1 ॥ पियवा के कमइया5 हम कछु न जान ही । इयार के कमइया नकबेसर6 हुई7 हे ननदो8 ॥ 2 ॥ ओही नकबेसर धरी इयार के छोड़यबो9 । इयार मोरा पड़लन हाय जेहलखनमा ॥ 3 ॥
magahi-mag
81 हीर चाए भता खंड खीर मखन मिएं रांझे दे पास लै जांवदी ए तेरे वासते जूह मैं भाल थकी रो रो अपना हाल सुनांवदी ए कैदों ढूंढ़दा खोज नूं फिरे भौंदा वास चूरी दी बेलयों आंवदी ए वारस शाह मियां वेखो रंग लंगी एह शैतान दी कलहि जगांवदी ए
panjabi-pan
107 हीर वत के1 बेलयों घरीं आई मां बाप काजी सद लयांवदे ने दोवें आप बैठे अते वि काजी अते साहमणे हीर बहांवदे ने बची हीर तैनूं असीं मत देंदे मिठी जबान नाल समझांवदे ने चाक चोबरां नाल ना गल कीजे एह मेनहती केहड़े थाउं दे ने चरखा डाहके आपने घरीं बहिए सुघड़ गाउं के जी परचांवदे ने लाल चरखड़ा डाहके छोप पाईये कहीए सोहने गीत झनाब दे ने नीवीं नजर हया के नाल रहिये तैनूं सभ सयाने फरमांवदे ने चूचक सिआल होरी हीरे जाणनी ए सरदार ते पंच गरांव दे ने शरम मापियां दी वल धयान कीजे शानदार एह जट सदांवदे ने बाहर फिरन ना सोंहदा कवारियां नूं अज कल लागी घर आंवदे ने ऐथे वयाह दे सब समान होये खेड़े पये बना2 बनांवदे ने वारस शाह मियां चंद रोज अंदर खेड़े जोड़ के जंझ लयांवदे ने
panjabi-pan
फगुआ के गीत १ . धनिधनि ए सिया रउरी भाग , राम वर पायो । लिखि लिखि चिठिया नारद मुनि भेजे , विश्वामित्र पिठायो । साजि बरात चले राजा दशरथ , जनकपुरी चलि आयो , राम वर पायो । वनविरदा से बांस मंगायो , आनन माड़ो छवायो । कंचन कलस धरतऽ बेदिअन परऽ , जहाँ मानिक दीप जराए , राम वर पाए । भए व्याह देव सब हरषत , सखि सब मंगल गाए , राजा दशरथ द्रव्य लुटाए , राम वर पाए । धनि धनि ए सिया रउरी भाग , राम वर पायो । २ . बारहमासा शुभ कातिक सिर विचारी , तजो वनवारी । जेठ मास तन तप्त अंग भावे नहीं सारी , तजो वनवारी । बाढ़े विरह अषाढ़ देत अद्रा झंकारी , तजो वनवारी । सावन सेज भयावन लागतऽ , पिरतम बिनु बुन्द कटारी , तजो वनवारी । भादो गगन गंभीर पीर अति हृदय मंझारी , करि के क्वार करार सौत संग फंसे मुरारी , तजो वनवारी । कातिव रास रचे मनमोहन , द्विज पाव में पायल भारी , तजो वनवारी । अगहन अपित अनेक विकल वृषभानु दुलारी , पूस लगे तन जाड़ देत कुबजा को गारी । आवत माघ बसंत जनावत , झूमर चौतार झमारी , तजो वनवारी । फागुन उड़त गुलाब अर्गला कुमकुम जारी , नहिं भावत बिनु कंत चैत विरहा जल जारी , दिन छुटकन वैसाख जनावत , ऐसे काम न करहु विहारी , तजो वनवारी ।
bhojpuri-bho
आपियां जूमू चोजमा बाई आपियां जूमू चोजमा बाई आपियां जूमू चोजमा बाई आपियां जूमू जा राजा सारीली डो बोरोली रे ऐ सारीली डो ऐ बोरोली रे आपियां सन्टी इयां रानी केन बावड़ी कुआं बोचो मारे ऐ राजा जा ऐ राजा आपियां सन्टी आमा रानी केन बावड़ी कुआन जा बाकी बोचो ऐ राजा जा ऐ राजा आलीन जा बातो चलना जा रानी मारे स्रोत व्यक्ति मुलायम , ग्राम भोजूढाना
korku-kfq
तूँ किद्धरों आया तूँ किद्धरों आया , किद्धर जाणा , आपणा दस्स ठिकाणा । जिस ठाणे दा तूँ माण करें , तेरेनाल ना जासी ठाणा । जुल्म करें तूँ लोक सतावें , कसब1 फड़ेओ लुट खाणा । महबूब2 सुजानी3 करे असानी , खौफ जाए मलकाणा । शहर खामोशाँ दे चल्ल वसीए , जित्थे मुलक समाणा । भर भर पूर लँघावे डाढा , मलकुलमौत4 मुहाणा । कर लै चावर चार दिहाड़े , ओड़क तूँ उठ जाणा । एहना सभनाँ थीं एह बुल्ला , गुनहगार पुराणा । तूँ किद्धरों आया , किद्धर जाणा , आपणा दस्स ठिकाणा ।
panjabi-pan
ईसुरी की फाग-3 मोरी रजऊ से नौनों को है डगर चलत मन मोहै अंग अंग में कोल कोल कें ईसुर रंग भरौ है । मन कौ हरन गाल कौ गुदना , तिल सौ तनक धरौ है । ईसुर कात उठन जोबन की , विरहा जोर करौ है । भावार्थ मेरी रजऊ से सुन्दर कौन है ? रास्ते चलते मन मोह लेती है । ईश्वर ने उसके अंग अंग को तराश कर रंग भरा है । उसके गाल का गुदना छोटे तिलसा लगता है । देखो , ईसुर उभरते यौवन को विरह कैसे सता रहा है ?
bundeli-bns
हेठ वगे दरिया ते ऊपर मैं खड़ी हेठ वगे दरिया ते ऊपर मैं खड़ी , मेरे वीरे लवाया बाग खिड पई चंबा कली , चंबा कली न तोड़ वीर मेरा मारुगा , वीरा मेरा सरदार बैठे कुर्सी ते , भाबो मेरी परधान बैवे रत्ते पीढ़े , रत्तड़ा पीढ़ा चीकदा भाबो नु उड़ीकदा , भाबो कोलों आइयाँ , झग्गा चुन्नी लेआइयाँ ।
panjabi-pan
446 जिवें सुबह दी कजा1 नमाज हुंदी राजी हो इबलीस2 भी नचदा ए जिवें सहती दे जिउ विच खुशी होई दिल रन्न दा छला कच दा ए जाह वखशया सभ गुनाह तेरा तैनूं इशक कदीम तों सच दा ए वारस शाह चल यार मना आईए एथे नवां अखारड़ा मचदा ए
panjabi-pan
विरह आयो चैतर मास , सुणा दौं मेरी ले सास वणवणूडें1 सबी मौली2 गैन , चीटें3 मौली गैन घास स्वामी मेरो परदेस गै तो , द्वी तीन होई गैन मास अज्यूं4 तई5 कुछ सुणी6 निमणी , ज्यूं7 को ह्वेगे उत्पास8 जौंका स्वामी घरू छन , तौंको होयुं छ विलास रंगविरंगे चादरे ओढ़ीओढ़ी , अड़ोसपड़ौस सुहास ।
garhwali-gbm
मेरी सांझी के औरे धोरै फूल रही कव्वाई मेरी सांझी के औरे धोरै फूल रही कव्वाई भान मैं तन्नै बूझूं संझा कैं तेरे भाई मेरे पांच पचास भतीजे नौ दस भाई भान कैयां का ब्याह रचाया कितने की सगाई पांचा का तो ब्याह रचाया दसां की सगाई ।
haryanvi-bgc
चली गई माल दुलारी तजी न थारी चली गई माल दुलारी तजी न थारी सोयो पाव पसारी तजी न थारी १ जिसकी जान थारा पास नही रे , सोना क दियो रे गमाईहो रामा भरम भंभू का उठण लाग्या नोटीश प नोटीश जारी . . . तजी न थारी . . . २ बृम्ह कचेरी म बृम्ह का वासा , गीत का मुजरा लेईहो रामा नव नाड़ी और बावन कोठड़ी अंत बिराणी होय . . . तजी न थारी . . . ३ जब हो दिवानी ने दफ्तर खोला , नही शरीर नही श्वासहो रामा माता छटी ने डोर रचीयो है रती फरक नही आव . . . तजी न थारी . . . ४ हिम्मत का हाल टुटी गया रे , रयि हमेशा रोई सतगुरु राखा अभी ले जाजो नही तो चैरासी का माही . . . तजी न थारी . . . ५ कहत कबीर सुणो भाई साधो , यो पद है निरबाणीहो रामा यही रे पंथ की करो खोजना रही जासे नाम निसाणी . . . तजी न थारी . . .
nimadi-noe
एती जाथोँ त ओती जाथस एती जाथोँ त ओती जाथस , ओती जाथॉ त दोती ओ एती जाथो त ओती जाथस , ओती जाथॉ त दोती ओ कोन नजर के जादु मँतर मार देहे मोला ओ , हाय मोला झोल्टुराम बना देहे ओ । मोला झोल्टुराम बना देहे ओ झोल्टु के झोली मा का का चीज , लौँग सुपारी धथूरा के बीज । झोल्टु के झोला ला लेगे चोर , झोल्टु कुदावथे धोती छोर ॥ एती देखव ते ओती देखव , ओती देखव ते दोती ओ छ्त्तीसगढ के मोहनी जरी मोला पिया देहे रे , हाय मोला सुखडू राम बना देहे ओ मोला झोल्टुराम बना देये हो तोर मया म मै जोगी बनेव , सोला बछर के मै माला जपेँव । का कहाव मैं ह काला बताँव , तोला बलावव के ओला बलाँव ॥ तोर मया म मै जोगी बनेव , सोला बछर के मै माला जपेँव । का कहाव मैं ह काला सुनाव , तोला बालावव के ओला बलाँव ॥ एती लेजाव कि ओती लेजाव , ओती लेजाव के दोती ओ सात भाँवर के सात नचनिया , मोला नचा देहे रे , हाय मोरा फोकटू राम बना देहे ओ मोरा फोकटू राम बना देहे ओ तोर जवानी के नशा मोला , गाँजा पीयेँव मे तोला तोला । का कहाव मैं ह काला बताँव , तोला बलावव के ओला बलाँव आरी लेजेव के बारी लेजव , बारी लेजव के दुवारी ओ । बत्तीस दिन के खाना पीना मोला छोड़ा देहे ओ , हाय मोरा फोकटू राम बना देहे ओ एती देखव त ओती देँखँव , ओती देखँव ते दोती ओ एती लेजाव कि ओती लेजाव , ओती लेजाव के दोती ओ कोन नजर के जादु मँतर मार देहे मोला ओ , हाय मोला झोल्टुराम बना देहे ओ ।
chhattisgarhi-hne
प्रश्नोत्तर में जोगीरा मित्रो भेद बताओ महावीर उस लंका के , जो दहन किया गढ़ लंका के ना । कवन बात पर महावीर ने भेष बनाया बन्दर का ? कितना लम्बा कितना चौड़ा पानी रहा समुन्दर का ? पूरब पच्छिम उत्तर दक्खिन था पहाड़ दशकन्धर का ? कौन तरफ से गये महावीर , भेद जो पाये अन्दर का ? विभीषण से मुलाकात हुआ कब , दिन रहा कि रात ? जाकर बजा दिया ओ डंका जो दहन किया गढ़ लंका का । कै मिनट के अन्दर पकड़ा महावीर बलवान को ? कौन दूत ने खबर दिया था , जाकर सभा में रावन को ? उसी दूत का नाम बता दो , आज सभा में धावन को । परी रहा कि देव रहा , कि था लड़का उ ब्राह्मन का ? पूँछ में कपड़ा कौन लपेटा , था किस निस्चर का बेटा ? फूंका घर वो पहले किसका , महावीर ने जाकर के ? नर नारी सब जले थे कितने बताओ तू गा करके ? रहा कौन समय ओ बेरा , उसने पूंछ कै दफे फेरा ? गुजरा कै दिन शंका का , जो दहन किया गढ़ लंका का । गोरे काले मरे थे कितने , बिगे गये उठा करके ? हिसाब करके जरा बता दो आज हमें समझा करके । किस जंगल की थी वो लकड़ी गदा बना बलधारी का ? उस बढ़ई का नाम बताओ काम किया मिनकारी का ? वजन बता दो उस गदा का महावीर बलधारी का । कहे शिवनन्दन खोलो भेद , दिल से हटाकर संका का । जो दहन किया था लंका का ।
bhojpuri-bho
मेरी सांझे तील दिखा दई कर दिया मकर कसार मेरी सांझे तील दिखा दई कर दिया मकर कसार मैं बखते बहैल बिठा दई कर दई लम्बे राह बादल तैं बादल अड़ रहा नन्ही पड़ैं फुहार बेहल का परदा भीजै री बुलदां का भीजै सिंगार पति का साफा भीजै री मेरे भी लगैं बौछार मेरी भी चूंदड़ी भीजै री पति का हरा रूमाल
haryanvi-bgc
पाँच-पाँच पनवाँ के बिरवा त बिरवा सोहामन जी पाँचपाँच पनवाँ के बिरवा1 त बिरवा सोहामन जी । अजी ननद , एहो बिरवा भइया जी के हाथे त मैया के मनावहु जी ॥ 1 ॥ कि अजी भउजी , नाउन2 , कि अजी भउजी , भाँटिन । कि अजी भउजी , तोरा बाप के चेरिआ जी ॥ 2 ॥ न एजी ननद , नाउन , न एजी ननद , भाँटिन । न एजी ननद , मोरा बाप के चेरिया जी । अजी ननद , मोरा प्रभु जी के बहिनी , ननद बलु3 लगबऽ जी ॥ 3 ॥ जुगवा खेलइते भइया , बेलतेरे , अउरो बबुरतरे जी । अजी भइया , प्राण पेयारी मोर भउजिया , त केसिया4 भसमलोटे जी ॥ 4 ॥ जुगवा छोरलन राजा बेलतरे , अउरो बबुरतरे जी । कि अरे लाला , भाई चलले , गजओबर , कहू जी धनि कूसल हे ॥ 5 ॥ लाज सरम केरा बात , कहलो न जाय , सुनलो न जाय । कि अजी प्रभु , मरलों करमवा के पीरा5 त ओदर6 चिल्हकि मारे हे ॥ 6 ॥ कहितऽ त अजी धनियाँ , जिरवा7 के बोरसी भरइतों , लवँगिया के पासँघ8 जी । कहितऽ त अजी धनियाँ , अपन अम्माँ के बोलइतों , रतिया सोहानन जी ॥ 7 ॥ कहितऽ त अजी धनियाँ , सोए रहूँ , अउरो बइठि रहूँ । अजी धनि , मानिक दीप बरएबों त रतिया सोहावन जी ॥ 8 ॥ न कहुँ अजी प्रभुजी , सोए रहु , न कहुँ बइठि रहु । अजी प्रभु , बुति9 जइहें मानिक दीप , रतिया भेयावन जी ॥ 9 ॥ बुति जइहें जीरवा के बोरसी , लवंगिया के पासँघि जी । अजी प्रभु , सोए जइहें तोहर अम्माँ , त रतिया भेयावन जी ॥ 10 ॥ हम त जनति धनि , बिरही10 बोलित , अउरो बिरही बोलित जी । अजी धनि , लरिके मैं गवना करइती , विदेस चलि जइती , बिरही नहीं सुनती जी ॥ 11 ॥
magahi-mag
इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । कुनफअकूनो1 अग्गे दीआँ लगिआँ , नेहु ना लगड़ा चोर दा , आप छिड़ जान्दा नाल मज्झी दे , सानूँ क्यों बेलिओं मोड़ीदा ? इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । राँझे जेहा मैनूँ होर ना कोई , मिन्नताँ कर कर मोड़ीदा । इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । मान वालिआँ दे नैण सलौने , सूहा दुपट्टा गोरी दा । इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । अहिद2 अहिमद3 विच्च फरक ना बुल्लिआ , इक रत्ती भेत मरोड़ी दा । इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा ।
panjabi-pan
राँझा जोगीड़ा बण आया ऐस जोगी दी की निशानी , कन्न विच्च मुन्दराँ गल विच्च गानी । सूरत इस दी यूसफ सानी , इस अलफों अहल1 बणाया । राँझा जोगीड़ा बण आया । रांझा जोगी ते में जोगिआणी , इस दी खातर भरसाँ पाणी । ऐवें पिछली उमर विहाणी , ऐस हुण मैनूँ भरमाया । राँझा जोगीड़ा बण आया । बुल्ला सहु दी एह गल बणाई , प्रीत पुराणी शोर मचाई । एह गल्ल कीकूँ छप छुपाई , नी तख्त हजारेओं धाया । राँझा जोगीड़ा बण आया । वाह सांगी सांग रचाया ।
panjabi-pan
242 नाथ वेख के बहत मलूक चंचल अहल तबा1 ते सोहना छैल मुंडा कोई हुसन दी कान उशनाक2 सुंदर अते लाडला मां ते बाप सदा किसे दुख ते रूस के उठ आया अते किसे दे नाल पै गया धंदा नाथ आखदा दस खां सच मैंथे तूं तां केहड़े दुख फकीर हुंदा
panjabi-pan
होली गीत टेक मचाई बृज में हरी होरी रचाई । चौक1 इत से हो आई सुगर राधिका उत से कृष्ण कन्हाई । हिलमिल फाग रचिो फागण को , तो सोभा बरणि न जाई , लालजी ने होरी मचाई , बृज में हरि होरि रचाई चौक2 राधा सेन दियो सखियन को , झुण्ड झुण्ड उठ आई । लपट झपट गले श्याम सुन्दर के , तो पर्वत पकड़ बनाई । लालजी ने होरी रचाई । बृज में हरि होरी रचाई । चौक3 छीन लीनी रे वाकि मोर मुरलिया , सिर चूनर ओढ़ाई । बिन्दी जो भाल नयन बिच कजरा । तो नथ बेसर पेराई कृष्णजी नार बणाई , बृज में हरि होरी रचाई । चौक4 करि गई तेरि मोर मुरलिया , कां रे गई चतुराई , कां रे गया तेरा नन्द बाबाजी , तो कांहां जसोदा माई लालजि ने लेवे छोड़ाई बृज में हरि होरी रचाई । छाप धन गोकल धनधन बृन्दावन धन हो जसोदा माई । धन मयती नर सहया न स्वामी , तो मांगू ते बेऊ कर जोड़ी सदा रंग रऊंगा तुमारी , बृज में हरि होरी रचाई । चौक5 तो घणा रे दिवस ना दही दुद खादा , तुम बिन चोर न कोई लेत कसर सब दिन की चुकाऊँ हे तुम बिन चोर न कोई ददी मेरो माखन खाई बृज में हरि होरी रचाई । छाप धन गोकल धनधन बिन्द्राबन , धन हो जसोदा माई , धन मयता नरसइया नू स्वामी चौक6 बाजत ताल मिरदंग झांजर डफ मर्जुग धुन न्यारी । चवां रे चवां चंदन आरो पिया , तो रंग का उड़त फवारा , मानो रे जैसे बादल छाई , बृज में हरि होरी रचाई । बृज में श्रीकृष्ण ने होली रचाई और धूम मचा दी । इधर से राधिका आई और उधर से कृष्ण आये । दोनों ने मिलकर होली का फाग रचा फाल्गुन मास का फाग रचा तो उस शोभा का वर्णन नहीं किया जा सकता । लालजी श्रीकृष्ण ने होली रचाई । राधा ने सखियों को आँखों से इशारा किया तो होली खेलने के लिए सखियाँ उठकर झुण्ड के झुण्ड में आ गईं । श्रीकृष्ण के गले लिपट गईं और पर्वत के समान कसकर मजबूती से पकड़ा । श्रीकृष्ण ने होली रचाई । राधिका और सखियों ने मुनकी , मुरली और सिर का मोर मुकुट छीन लिया और उनके सिर पर चूनरी ओढ़ा दी । ललाट पर बिन्दी और नयनों के बीच काजल लगाकर नाक में नथ पहना दी और श्रीकृष्ण को औरत बना दिया । फिर गोपियाँ कृष्ण से पूछती हैं कि कहाँ गया तुम्हारा मोर मुकुट और मुरली ? तेरे नंदबाबा और जसोदा माता कहाँ गये ? वे आकर आपको छुड़ा लें । गोकुल धन्य है । वृन्दावन धन्यधन्य है । यशोदा माता धन्य है । गोकुल और वृन्दावन धन्य हैं । यशोदा माता धन्य है । नरसिंह मेहता के स्वामी श्रीकृष्ण धन्य हैं । मैं दोनों हाथ जोड़कर वर माँगूँ कि आप सदैव साथ रहें । हरि ने ब्रज में होली रचाई । आपने बहुत दिनों तक दूधदही चुराकर खाया । आपके अलावा कोई दूसरा चोर नहीं है । आज सब दिन की कसर निकाल लेंगे । मेरा दही और माखन खूब खाया है । गोकुल , वृन्दावन , यशोदा माता और नरसिंह मेहता के स्वामी श्रीकृष्ण धन्य हों । मृदंग ताल , झाँझ , डफ बज रही है । मर्जुन की धुन का क्या कहना , उसकी धुन निराली ही है । प्रत्येक चौक में चंदन आरोपित किए हैं और फव्वारों से रंग की फुहारें उड़ रही हैं , मानो जैसे बादल छाये हुए हांे । ब्रज में हरि ने होली रचाई है ।
bhili-bhb
रसिया रस लूटो होली में रसिया रस लूटो होली में , राम रंग पिचुकारि , भरो सुरति की झोली में हरि गुन गाओ , ताल बजाओ , खेलो संग हमजोली में मन को रंग लो रंग रंगिले कोई चित चंचल चोली में होरी के ई धूमि मची है , सिहरो भक्तन की टोली में संकलनकर्ता : जगदेव सिंह भदौरिया
bhadrawahi-bhd
हथलेवो दादा को ए पोती कर हथलेवो कराइयो हथलेवो दादा को ए पोती कर हथलेवो कराइयो हथलेवो ताऊ की ए बेटी कर हथलेवो कराइयो हथलेवो बाबल की ए बेटी कर हथलेवो कराइयो हथलेवो भाई की ए भाण कर हथलेवो कराइयो हथलेवो मामा की ए भाणजी कर हथलेवो कराइयो
haryanvi-bgc
186 मुंडे मास चावल दाल दहीं धगड़ एह माहियां पालियां राहियां नूं सभा चूहड़े चपड़े रज रहे राखे जेहड़े सी सांभदे वाहियां नूं कासे चाक चोबर सीरी डंगरां नूं दहीं मुखपा जिउ दिसन बिलाइयां नूं दाल शोरबा रसा मठा मंडे डूमां ढोलियां कंजरां नाइयां नूं
panjabi-pan
दिल लोचे माही यार नूँ दिल लोचे माही यार नूँ । इक्क हस्स हस्स गल्लाँ करदिआँ , इक्क रोन्दिआँ धोन्दिआँ मरदिआँ , कहो फुल्ली बसंत बहार नूँ । दिल लोचे माही यार नूँ । मैं न्हाती धोती रह गई , इक्क गन्ढ माही दिल बह गई , भा1 लाईए हार शिंगार नूँ । दिल लोचे माही यार नूँ । मैं कमली कीती दूतिआँ2 , दुक्ख घेर चुफेरे लीतिआँ , घर आ माही दीदार नूँ । दिल लोचे माही यार नूँ । बुल्ला सहु मेरे घर आया , मैं घुट्ट राँझण गल लाया , दुक्ख गए समुन्दरों पार नूँ । दिल लोचे माही यार नूँ ।
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