folksong
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212 डोली चढ़दयां मारियां हीर चीकां मैंनूं लै चले बाबला लै चले वे मैंनूं रख लै बाबला हीर आखे डोली घत कहार नी लै चले वे मेरा आखया कदी न मोड़दा सैं उह समें बाबल किथे गये चले वे तेरी छतर छावें बाबल रूख वांगू घड़ी वांग मुसाफरां बह चले वे दिन चार न रज अराम पाया दुख दरद मुसीबतां सह चले वे साडा बोलया चालया माफ करना पंज रोज तेरे घर रह चले वे लै वे रांझया रब्ब नूं सौंपयों तूं असी जालमा दे वस पै चले वे जेहड़े नाल खयाल उसारदी सां खाने सभ उमैद दे ढह चले वे असां वत ना आय के खेडना ई बाजी इशक वाली करके तह चले वे सैदे खेड़े दी अज मुकान होई रोन पिटन करदे हाए हाए चले वे चारे कन्नियां मेरियां वेख खाली असीं नाल नहीयों कुझ लै चले वे कूड़ी दुनियां ते शान गुमान कूड़ा वारस शाह होरीं सच कह चले वे
panjabi-pan
झिल मिल साफा बांध दिखे री झिल मिल साफा बांध दिखे री दिल्ली में भरती हो लिया छुट्टी आया री भरतार दिखे री मेरा ठंडा कालजा हो गया झट पट मांडे पौए दिखे री आलू का साग बणा लिया पूरी मांगी ना साग दिखे री मनै घाल्या उतणा खा लिया निकल्या बिचली गाल दिखे री भावज के घर नै जा रह्या खोलो भाभी अजड़ किवाड़ी दिखे री भाभी सांकल खोलो लोहै सार की खुलगे अजड़ किवाड़ दिखे हो देवर सांकल खुलगी लोहै सार की आओ देवर मूढै पै बैठ दिखे तैं तो घणे दिन्यां मैं बाह्वड़ा हम नौकर सरकार दिखे री भाभी छुट्टी मिली जद आ लिया ।
haryanvi-bgc
जन्म के गीत-2 ननदी बोलयेंव उहू नइ आइस ननदी हो हमार का करि लेहव । बहिनी बलाके कांके मढ़ई बोन हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । ननदोइ बोलयेंव उहू नइ आइस भोटो बला के नरियर फोरा ले बोन हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । जेठानी बोलायेंव उहू नइ आइस जेठानी हो हमार का करि लेहव । भौजी बला के , सोंहर गवाबोन हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । जेठ जो बोलायेंव उहू नइ आइस जेठ हो हमार का करिलेहव । भाई बला के बन्दुक छुटबई लेबोन हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । ससुर बोलायेंव उहू नइ आइस ससुर हो हमार का करिलेहव । बापे बला के नाम धरइ ले बोन हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । सासे बोलायेंव उहू नइ आइस सासे हो हमार का करिलेहव । दाई बला के टुठू बधवइबोन हम छबीली सबे के काम पड़िबोन । ।
chhattisgarhi-hne
बीबी की दादी रानी जी से अरज करै बीबी की दादी रानी जी से अरज करै बिटिया की अम्मा बाबुल जी से अरज करै बिटिया ऐसे घर दीजो जी पलंग बैठी राज करै सोने का पलका जी बैठी हुक्म करै सोने की झारी जी चौका बैठी दातुन करै छोटे देवर नन्नदें ‘भाभी’ ‘भाभी’ नित ही करैं बन्ना राजकुंवर सा जी सब कुछ न्यौछावर करै बीबी की चाची ताई भाभी जीजी अरज करै लाडो ऐसे घर दीजो जी रानी बनी हुक्म करै ससुर राजा दसरथ से औ कौसल्या सास मिलै वर तो कुंवर कन्हैया जी ‘रानी’ ‘रानी’ नित ही करै
haryanvi-bgc
ईसुरी की फाग-4 उनकी होय न हमसों यारी उनसों होय हमारी मन आनन्द गईं मन्दिर में , शिव की मूरत ढारी परसत चरन मनक मुन्दरी में , मुख की दिसा निहारी गिरजापति वरदान दीजिए , जौ मैं मनें बिचारी ईसुर सोचें श्री कृष्ण खों , श्री बृखमान दुलारी भावार्थ वे हमसे प्रेम करें या न करें , हम उनसे प्रेम करते हैं । वे मन्दिर में गईं , शिव जी पर जल चढ़ाया , पर अपनी अंगूठी के नग में जब मुखदशा निहारी तो अपने चेहरे की जगह उदासनिराश ईसुरी ही दिखाई दिए । मन्दिर में एक ब्राह्मण को जाने से कौन रोक सकता है ? वृषमान नन्दिनी की तरह उसने वरदान मांगा कि हे गिरिजापति मेरी मनोकामना पूरी करो ।
bundeli-bns
कहऽ त धानी अपन मइया बोलाबूँ कहऽ त धानी1 अपन मइया2 बोलाबूँ । न राजा हो , उनकर3 आदर अब कउन4 करतइन5 ॥ 1 ॥ कहऽ त धानी अपन बहिनी बोलाबूँ । न राजा हो उनकर नखरा कउन सहतइन6 ॥ 2 ॥
magahi-mag
हँस हँस के बाल सँवारे घूँघट खोले लाल बना हँस हँस के बाल सँवारे घूँघट खोले लाल बना । अरी ए अम्माँ , मेरा टीका देख लोभाना1 लाल बना । अरी ए अम्माँ , मेरा मोतिया देख लोभाना लाल बना । हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥ 1 ॥ अरी ए अम्माँ , मेरा बेसर देख लोभाना , लाल बना । अरी ए अम्माँ , मेरा चुनिया2 देख लोभाना , लाल बना । हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥ 2 ॥ अरी ए अम्माँ , मेरा कँगन देख लाभाना , लाल बना । अरी ए अम्माँ , मेरा पहुँची देख लोभाना , लाल बना । हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥ 3 ॥ अरी ए अम्माँ , मेरा हँसुली देख लोभाना , लाल बना । अरी ए अम्माँ , मेरा हरवा3 देख लोभाना , लाल बना । हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥ 4 ॥ अरी ए अम्माँ , मेरा सूहा4 देख लोभाना लाल बना । अरी ए अम्माँ , मेरा छापा देख लोभाना , लाल बना ॥ 5 ॥ अरी ए अम्माँ , मेरी सूरत देख लोभाना , लाल बना । हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥
magahi-mag
240 होका फिरे देंदा पिंड विच सारे आयो किसे फकीर जे होवना जे मंग खावना कम्मना काज करना ना कुझ चारना ते ना कुझ चोवना जे जरा कन्न पड़वा सवाह मलनी गुरु सारे जगत दा होवना जे नही देनी वधाई फिर जमने दी किसे मोए नूं मूल ना रोवना जे मंगना खावना ते नाले घूरना जे देनदार न किसे दे होवना जे खुखी आपनी उठना मियां वारस अते अपनी नींद ही सोवना जे
panjabi-pan
वर शृँगार मोड़ मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । पागा मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । झूल मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । धोती मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । मुजा मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । तरवार मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । मुजड़ि मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । वर शृँगार सामग्री बाजार से क्रय कर लाने के लिये दूल्हे को कहा गया है हे चतुर बना मौर क्रय कर जल्दी आओ । इसी प्रकार सभी वस्तुओं को क्रय करने के बारे में कहा गया है ।
bhili-bhb
चोरी माखन की दै छोड़ि कन्हैया चोरी माखन की दै छोड़ि कन्हैया मैं समझाऊँ तोय एक लख धेनु नंद बाबा कें नित घर माखन होय दधि माखन तू रोज चुरावै हँसी हमारी होय चोरी माखन की दै छोड़ि कन्हैया मैं समझाऊँ तोय . . .
braj-bra
हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे , मेरा राँझण माही मक्का , नी मैं कमली आँ । मैं ते मंग राँझे दी होई आँ , मेरा बाबल करदा धक्का1 , नी मैं कमली आँ । हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे , मेरे घर विच्च नौ सौ मक्का , नी मैं कमली आँ । विच्चे हाजी विच्चे गाज़ी2 , विच्चे चोर उचक्का , नी मैं कमली आँ । हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे , असाँ जाणा तख़त हज़ारे , नी मैं कमली आँ । जित वल्ल यार उते वल्ल काअबा , भावें फोल किताबाँ चारे3 , नी मैं कमली आँ ।
panjabi-pan
63 घोल घोल घत्ती तैंडी वाट उतों बेली दस खां किधरों आवना है किसे मान मत्ती घरों कढिया तूं जिस वासते फेरियां पौणा है कौण छड आयों पिछे मेहर वाली जिस वासते तूं पछोतौणा है कौण ज़ात ते वतन नाम की साइओं दा अते जात दा कौण सदावना है तेरे वारने होनिआं मैं चौखने मंगू बाबले दा चार लिआवना है मंगू बाबले दा ते तूं चाक मेरा एह भी फंध लगे जे तूं लावना है वारस शाह चहीक1 जे नवीं चूपें सभे भुल जानीं जेहड़ियां गावना है
panjabi-pan
516 वकत फजर1 दे उठ सहेलियो नी तुसां अपने आहरी ही आवना जे माऊ बाप नूं खबर ना करो काई भुलके बाग नूं पासनां लावना जे वहुटी हीर नूं बाग लै चलना जे जरां एस दा जीउ वलावना जे लावन फरनि विच कपाह भैनां किस पुरूष नूं नही वखावना जे राह जादियां नूं पुछन लोक अड़ियो कोई इफतरां2 चा बनावना जे खेडो समीयां ते ततो पबीयां3 नि भलक खूह नूं रंग लगावनां जे वड़ो वट लगोटड़े विच पैली बन्ना वट सभ पुट वखावना जे बन्ह झोलियां चुनो कपाह सभ ते मुदासयां रंग सहावना जे वडे रंग सोहन इको जेडियां दे राह जांदयां दे सांग लावना जे चरखे चाए भरोटड़े4 कज उठो किसे पूनि नूं हथ लावना जे वारस शाह मियां एहो अरथ होया सभनां अजूदे फलेनूं जावना जे
panjabi-pan
मलिया के बाघ में बरसे झालर मेघ हे मलिया के बाघ1 में बरसे झालर2 मेघ हे । भींजले दुलरुआ मउरिया3 सहित हे ॥ 1 ॥ मउरी के रखिहऽ दुलरुआ मलिया के पास हे । निहुरि निहुरि4 दुलरुआ करिहऽ5 परनाम हे ॥ 2 ॥
magahi-mag
राजा थें तो जागो ने जागो जी राजा थें तो जागो ने जागो जी जागो हो नणंद बई रा बीर सुन्ना रा सेहरे रंग लागो राज थारा पांव रा मौजा मेंदी बाली म्हारा राज गुलाबी चुड़िले रंग लागो
malvi-mup
माथा पर लीवि गोबर टोपली हो माथा पर लीवि गोबर टोपली हो , तू कां चली नार । । जै मठ रनुबाई आसन बठिया , ओ मठ लिपवा जावां ओ रनादेव , एक बालुड़ो दऽ । । एक बालुड़ो का कारण , म्हारो जनम अकारथ जाय , एक दीजे लूलो पांगलो हो , म्हारी सम्पति को रखवालो , म्हारा कुळ को हो उजालो , एक बालुड़ो दऽ । ।
nimadi-noe
बीजी जावा बीजी, हे खोली का गणेश बीजी जावा बीजी1 , हे खोली2 का गणेश बीजी जावा बीजी , हे मोरी का नारेण3 बीजी जावा बीजी , हे खतरी4 का खैंडो5 बीजी जावा बीजी , हे कूंती का पंडौऊं6 बीजी जावा बीजी , हे काँठ्यों7 उदंकारों8 बीजी जावा बीजी , हे नौखंडी9 नरसिंह बीजी जावा बीजी , हे संभु भोलेनाथ बीजी जावा बीजी , हे रात की चाँदनी बीजी जावा बीजी , हे दिन का सूरज बीजी जावा बीजी , हे ऐंच का आगास10 बीजी जावा बीजी , हे नीस11 की धरती बीजी जावा बीजी , हे नौ खोली का नागों
garhwali-gbm
जच्चा हाय मैया हाय दैय्या करती फिरै जच्चा हाय मैया हाय दैय्या करती फिरै हांडी सा पेट घुमाती फिरै । दाई आवै होलड़ जनावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । सासड़ आवै सथिया धरावै वाने बी नेग दिलावती फिरै । जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । जिठानी आवै पलंगा बिछावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । दौरानी आवै दीवा बलावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । नणदल आवै दूधी धुलावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । पड़ोसन आवै गीत गवावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै ।
haryanvi-bgc
285 भेत दसना मरद दा कम्म नाहीं मरद सोई जो वेख दम घुट जाए गल जीऊ दे विच जो रहे खुफिया काउं वांग पैखाल1 ना सुट जाए भेत दसना किसे दा भला नाहीं भावें पुछ के लोक नखुट जाए वारस शह ना भेत संदूक खुले भावें जान दा जंदरा टुट जाए
panjabi-pan
माई तुम्हरे श्याम कौन गुण कारे माई तुम्हरे श्याम कौन गुण कारे , कौन गुण कारे । माई तुम्हरे श्याम . . . गोरे नन्द बाबा , सो गोरी यशोदा सो गोरे ही हैं , बलराम तुम्हारे , बलराम तुम्हारे । माई तुम्हरे श्याम . . . कारे जिन कहो ग्वालन कारे ही हैं जग के उजियारे , मोरी आँख के तारे । माई तुम्हरे श्याम . . . खेलत गेंद गिरी जमुना में सो नागनाथ जैसे हो गये कारे , एही गुन कारे । माई तुम्हरे श्याम . . .
bundeli-bns
तिलू रौतेली ओ काँडा1 को कौतिक2 उन्यो3 , ओ तिलू कौतिक जौला4 । धका धैं धैं तिलू रौतेली धका धैं धैं । द्वी वीर मेरा रणशूर ह्वेन , भगतू5 पतर को बदलो लेक कौतिक खेलला , धका धैं धैं तिलू रौतेली धका धैं धैं । अहो रणशूर बाजा बजी गेन रौतेली धका धैं धैं । बोइयों को दूध तुम रणखेतू बतावा धका धैं . . . । तीलू रौंतेली ब्वादा रणसाज सजावा धका . . . । ईजा6 मैंण यू बीरु टीका लगावा , साज सजावा धका . . . । मैं तीलू बोलूद जौंका भाई होला , जौकी बैण होला , ओ रणखेतू जाला धका धैं धैं । बल्लू7 पहरी तू मुल्क जाईक धाई लगादे धका . . . । वीरौं की भ्रकुटी तनीगे धका . . . । तील रौतेली धका धैं धैं । ओ अब बढ़ो सलाण नाचण लाग धका . . . । अब नई ज्वानी आइगे धका . . . । बेलू देवकी द्वी संग चलीगै धका . . . । ओ खैरागढ़ मा जुद्ध लगी गै धका . . . । खडकू रौत तख मरीगे धका धैं धैं । तोलू रौतेली धका धैं धैं । ओ काँडा को कौतिक उरो धका . . . । तिलू रौतेली तुम पुराण हथियार पुजावा धका . . . । अपनी ढाल कटार तलवार सजावा धका . . . । घमडू की हुड़की बजणी बैठे धका . . . । ओ रणशूरसाज सजीक आगे तीतू रौतेली धका . . . । दीवा को उस्टानकर याल धका . . . । रण जीति घर आइक गाडूलो छत्तर रे । धका धैं धैं तोलू रौतेली धका धैं धैं । पहुँची गैतीलू8 टकोली भौन धका . . . । यख विद्वा कत्यूरो मारियल धका . . . । तब तीलू पहुँचीगै सल्ड महादेव । ओ सिगनी शार्दुला धका . . . । शार्दुला तीलु अब बढ़ीगै भिलण भौन । धका धैं धैं तीलू रौतेलो धका . . . । यख कख मारी कै की बढ़ोगै चौखटिया9 देघाट10 धका . . . । विजय मिल पर तीलू घिरीधै धकाः , बेल्लू देवकी रणखेतूमा यखी काम ऐन । इतना माँ शिब्बू पोखरियाल मदद लेक आइग धका . . . । जब शार्दुला लड़द लड़द पहुँची कालिंका खाल सराईखेत आइगै घमसाण युद्ध धका . . . । सार्दुला की मार से कत्यूरा रण छोडी भागीगे धका . . . । यू कत्यरौं क खन से तर्पण देईक कौंतिक खेललो धका . . . । रणभूत पितरों को कख तर्पण दिऊला धका . . . । यख शीब पोखरियाल तर्पण देण लग्ये धका . . . । सराईखेत नाम तभी से पड़ा धका . . . यो कौतिग तलवारियों को हालो धका . . . । ये ताई खेलल मर्दाना मस्ताना रणबांकुर ज्वान धका . . . । सरदार चला तुम रणखेत चला तुम धका . . . । धका धैं धैं तिलू रौतेली धका . . . । ओ रणसिघा रणभेरी , नगाड़ा बजीगै धका . . . । ओ शिबू ब्वाडा तर्पण करण खैरागढ़ धका . . . । अब शार्दुला पहुँची गै खैरागढ़ धका । यह जीत कत्यूरा मारी राजुला जैरौतेली आगे बढ़ोगे . . . । रणजीति सिंघनी दुबाटा मा नाणलग्ये धका . . . । रामू रजवार घात पाइगै धका . . . । राजूला त रणचण्डी छई अपणो काम कैकी नाम धरीगे । कौतिका जाईक खेलणों छयो खेली याल , याद तौं की जुग जुग रहली धका धैं धैं । तू साक्षी रैली खाटली की देवी , ओ तू साक्षी रैलो पंच पाल देव । कालिका की देवी , लंगूरिया भैरो , तड़ासर देव , अमर तीलु सिंगनी शार्दुला , जब तक भूमि , सूरज आसमान , तीलू रौतेली की तब तक याद रैली , धका धैं धैं तीलू रौतेली धका धैं धैं ।
garhwali-gbm
ए मेरी पतरी कमर नारो झुब्बादार लाइयो ए मेरी पतरी कमर नारो झुब्बादार लाइयो झुब्बादार लाइयो करेलीदार लाइयो ऐ मेरी पतरी कमर . . . . . तुम सहर बरेली जाइयो , आच्छा सा सुरमा लाइयो लगाइयो अपने हाथ , नारी झुब्बादार लाइयो ऐ मेरी पतरी कमर . . . . तुम सहर बनारस जाइयो , बढ़िया सी साड़ी लाइयो बन्धाइयो अपने हाथ , नारो झुब्बादार लाइयो ऐ मेरी पतरी कमर . . . तुम मथुरा जी को जाइयो , अच्छे पेरा लाइयो खवाइयो अपने हाथ , नारो झुब्बादार लाइयो ऐ मेरी पतली कमर . . . तुम बिन्दराबन को जाइयो , आच्छौ सो लहंगो लाइयो पहनाइयो अपने हाथ , नारो झुब्बादार लाइयो ऐ मेरी पतली कमर . . .
haryanvi-bgc
499 अड़ियो कसम मैंनूं जे यकीन करो मैं निरोल बेगरज बेदोसियां नी जेहड़ी आप विच रमजां सुनांदियां हो नहीं जानदी मैं चापलोसियां नी मैं तां पेकियां नूं पई याद करां पई पाउनियां नित ओसिआं नी वारस शाह क्यों तिन्हां अराम आवे जेहड़ियां इशक दे ता विच लूसियां नी
panjabi-pan
बहू हे तेरा नाम चमेली बहू हे तेरा नाम चमेली हे तू किस बालक की नार बहू तूं सुथरी घणी से हे सास मैं पाणी ने गई थी री उड़े आ रही एक बड़ी फौज फौज में तै तेरा लाल खड़ा री वो तै ले रहा अंगरेजी बैंत बात अंगरेजां तैं कर रहा री बहू हे तूं पक्के दिल की तनें देख्या मेरा लाल बहू हे तूं घर क्यों न ले आई सास वो तो जहाजां में बैठ लिया री उसने करड़े कर दिये पेच जहाज मिसर में तार्या री
haryanvi-bgc
जोगी ढ़ुढ़ण हम गया जोगी ढ़ुढ़ण हम गया , कोई न देखयो रे भाई १ एक गूरु दुजो बालको , तीजो मस्त दिवानो छोटा सा आसण बैठणा जोगी आया हो नाही . . . . . . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . २ जोगि की झोली जड़ाव की , हीरा माणीक भरीया जो मांगे उसे दई देणा जोगी जमीन आसमानाँ . . . . . . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . ३ आठ कमल नौ बावड़ी , जीन बाग लगाई चम्पा चमेली दवणो मोंगरो जीनकी परमळ वासँ . . . . . . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . ४ पान छाई जोगी रावठी , फुल सेज बिछाई चार दिशा साधु रमी रया अंग भभुत लगाईँ . . . . . . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . .
nimadi-noe
अंगिका फेकड़ा एक मटर पैलेॅ छी एँड़िया तर नुकैलेॅ छी सातो गोतनी पीसै छै एक गोतनी रूसली केकरा लेॅ ? बुढ़वा लेॅ । बुढ़वा गेलोॅ छै बारी कौआँ नोचै छै दाढ़ी छोड़ , छोड़ रे कौआ अब नै जैबौ बारी हाथी पर हथमान भैया घोड़ा पर रजपूत डोली पर बिहौती कनियाँ खोपोॅ हुएॅ मजबूत । एक तारा दू तारा मदन गोपाल तारा मदना के बेटी बड़ी झगड़ाही अक्का गोलगोल , पक्का पान शिवोॅ के बेटी कन्यादान काना रे कनतुल्लातुल्ला पीपर गाछी मारे गुल्ला साँप बोले कोंकों , कबुत्तर माँगे दाना हम्में तोरोॅ नाना । आव आव रे पर्वत सुगा अण्डा पारीपारी देॅ जो । तोहरा अण्डा आग लागौ नूनू आँखी नीन गे आव रे कौआ उचरी केॅ नूनू खैतोॅ कुचरी केॅ आव रे कौआ ओर सें नूूनू खैतोॅ कौर सें । नूनू के माय कुछुए नै खाय ऐंगन एत्तेॅ गो रोटी खाय पानी पियैलेॅ पोखर जाय पोखरी के कछुआ लेलक लुलुआय वहाँ के पियासली कुइयाँ जाय कुइयाँ के बेंगवा लेल लुलआय वहाँ के पियासली गंगा जाय गंगा माँता दिएॅ आशीष चिर युग जिएॅ नूनू लाख बरीस लाख बरिस के खुण्डाखुण्डी लाख बरिस के नूनू हमरोॅ ।
angika-anp
रामचंदर जलम लेलन चइत रामनमी के रामचंदर जलम लेलन1 चइत2 रामनमी के ॥ 1 ॥ डगरिन जे नेग3 माँगइ , नार के कटाइ4 । कोसिला के कँगन लेमो , 5 चैता रामनमी के ॥ 2 ॥ नाउन6 जे नेग माँगे , पैर के रँगाइ । कोसिला के कँगन लेमो , चैता रामनमी के ॥ 3 ॥ धोबिन जे नेग माँगे , फलिया7 के धोबाइ8 । कोसिला के कँगन लेमो , चैता रामनमी के ॥ 4 ॥ फूआ9 जे नेग माँगे आँख के अँजाइ10 । कोसिला के कँगन लेमो , चैता रामनमी के ॥ 5 ॥ दाई जे नेग माँगे , सौरी के झोराइ11 । कोसिला के कँगन लेमो , चैता रामनमी के ॥ 6 ॥
magahi-mag
22 भुल गए हां वड़े हां आन वेहड़े सानूं बखश लै डारीए वासता ई हत्थों तेरिओं देस मैं छड जासां वस्सीं देस हैंसियारीए1 वासता ई दिन रात तूं जुलम ते लक्क बधा मुड़ीं रूप शिंगारीए वासता ई नाल हसन दे फिरे गुमान लदी समझ मसत हंकारीए वासता ई वारस शाह नूं मार ना भाग भरीए अनी मुणस दी पयारीए वासता ई
panjabi-pan
चहका १ . सिया डाले राम गले जय माला , सिया डाले राम गले जय माला । रामचन्द्र दुलहा बनि आए । दुलहा बनि आए , दुलहा बनि आए । आरे लछुमन होऽऽ , बने सोहबाला , सिया डाले . . . २ . केदली बन भौंरा रस माते , के दली बन भौंरा रस माते । केकरा गृहे जन्मे सिया जानकी , अरे केकरा हो , केकरा गृह में पारवती , केदली बन भौंरा रस माते । केइएँ विवाही सिया जानकी , केइएँ विवाही पारबती , केदली बन भौंरा रस माते । राजा जनक गृहे सिया जानकी , अरे राजा होऽऽ , राजा हिवंचल के पारबती , केदली बन भौंरा रस माते । ३ . वर दऽ हो भवानी , इहे मगन हम मांगी ले । रामचन्द्र ऐसो कंत , लखन ऐसो देवर ज्ञानी , इहे मंगन . . . राजा दसरथ ऐसो सुसर , सास कोसिल्या रानी , इहे मंगन . . . राजा अयोध्या सरजुग जल निर्मल पानी , इहे मंगन . . . ४ . तनि भरि दऽ गगरियाऽ हो श्याम कहे बृजनारि । हमसे चढ़ा जात नाहि मोहन , जमुना ऊँच अरारी , पाव धरत हमरो जीउ डरऽवत , दूजे पाव में पायल भारी , कहे बृजनारि ।
bhojpuri-bho
363 तेरी तबा1 चलाक है छैल छिदर2 चोरां वांग की सेलियां सिलियां नी पैरीं बिलियां होण फरिंदीयां दे तेरी जीभ हरयारिए बिलियां नी केहा रोग है दस इस वौहटड़ी नूं अते मारदी है टरपलियां नी किते एसनूं चा मसान घते पड़ ठोकियां सार दियां किलियां नी सहंस धूप अते होर फुल हरमल हरे सरिह दियां छमां गिलियां नी झब करां मैं जतन झड़ जान कामनअनी कमलियो होना ढिलियां नी हथ फेरके धूप ते करां झाड़ा फेरे नैन ते मार दे खिलियां नी रब्ब वैद पका घर घलया जे फिरो ढूंढ़दे पूरब दिलियां नी वारस शाह परेम दी जड़ी घती अखीं हीर दियां कचियां पिलियां नी
panjabi-pan
टिकवा कारन लाड़ो रूस रहल रे टिकवा1 कारन लाड़ो2 रूस3 रहल रे , टिकवा कहाँ रे गिरे ? टिकुली कारन लाड़ो गोसा4 से भरे , टिकुली कहाँ रे भुले ? ॥ 1 ॥ गंगा में गिरल , जमुना दह5 पड़ल , टिकवा कहाँ रे गिरे ? पाँव पड़ि बनरा6 मनावे रे लाड़ो , टिकवा खोजि खोजि लायम7 ॥ 2 ॥ गंगा में देब महाजाल , जमुनमा दह डूबि डूबि लायम । लगे देहु हाजीपुर8 बजार , टिकवा कीनिकीनि9 लायम ॥ 3 ॥ जाये देहु हमरो बनीज10 टिकुली रंगे रंगे11 लायम । लाइ देबो नौलखहार12 सेजिया चकमक रे करे ॥ 4 ॥
magahi-mag
दुर्गा दुर्गति हारो दुर्गा दुर्गति हारो , भवानी मोखों आन उबारो । जपूं शीतला नाम तिहारो शीतल छैयां डारो । भवानी . . . नाम जपो मैया मंगला देवी मंगल काज संवारो । भवानी . . . जपूं रोज मैया मात शारदा सहबुद्धि देव सुधारो । भवानी . . . भजन करूं मैया तेरो कालका काल को फंदा टारो । भवानी . . .
bundeli-bns
99 महीं चरन ना बाझ रंझेटड़े दे माही हार सभे झख मार रहे कोई घुस जए कोई डुब जाए कोई शींह पाड़े कोई पार रहे सयाल पकड़ हथयार ते हो गुंमा मगर लग के खोलिया चार रहे वारस शाह चूचक पछोतावदा ए मूंगू ना छिड़े असीं हार रहे
panjabi-pan
छोटी घर कूंकड़ो, मोटी घर राड़ छोटी घर कूंकड़ो , मोटी घर राड़ दोई बिच कूंकड़ो , बड़ो उमराव बड़ो सिरदार बोल्यो बेरी कूंकड़ो मज अदरात बोल्यो बेरी कूंकड़ो बड़ी परभात पांव सारू बिछिया घड़ाव म्हारा राज अनबट पेरूँ म्हारी सोकड़ रिसाय म्हारी बैरन रिसाय
malvi-mup
चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है ललणा तो जाया पूनो की आधी रात है टेक सासू भी आवै दिवला चसावै दिवला चसाई मांगै झगड़े की बात है चुप . . . जिठाणी भी आवै पिलंग बिछावै , पिलंग बिछाई मांगे झगड़े की बात है चुप . . . नणदल भी आवै सतिये लगावै सतिये लगाई मांगे झगड़े की बात है चुप . . . देवर भी आवै बंसी बजावै बंसी बजाई मांगे झगड़े की बात है चुप . . . दाई भी आवै होलर जणावे , होलर जणाई मांगे झगड़े की बात है चुप . . .
haryanvi-bgc
मंडप मंडप निमाड़ी लोक गीत म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी दो बार म्हारा स्स्राजी गाँव का राजवाई म्हारो बाप दिली केरों राज । ज्डाको लाग्यो रे . . . म्हारी सासु सरस्वती नदी वय , महारी माय गंगा केरो नीर ज्डाको लाग्यो रे . . . महारी नन्द कड़कती बिजलई , महारी बैन सरावन तीज । ज्डाको लाग्यो रे . . . म्हारो देवर देवुल आग्डो , म्हारो भाई गोकुल केरो कान्ह । ज्डाको लाग्यो रे . . . म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी
nimadi-noe
कवन पुर तलाओ के मछरी कवन पुर तलाओ1 के मछरी , नदी नाला में आयो जी , बाबा प्यारे टोना2 । नदी नाला में आयो जी भइया प्यारे टोना ॥ 1 ॥ कहवाँ के अइसन3 गभरू4 जिनि जाल लगायो जी , जिनि जाल लगायो जी , भइया प्यारे टोना ॥ 2 ॥ कहवाँ के अइसन बेटिया जिनि लाल भोरायो जी , बाबा प्यारे टोना । जिनि लाल भोरायो जी , भइया प्यारे टोना ॥ 3 ॥ कवन पुर के अइसन गभरू जिनि जाल लगायो जी , बाबा प्यारे टोना । जिनि जाल लगायो जी , भइया प्यारे टोना ॥ 4 ॥ कवन पुर के अइसन बेटिया , जिनि लाल भोरायो जी बाबा प्यारे टोना । जिनि लाल भोरायो जी , भइया प्यारे टोना ॥ 5 ॥
magahi-mag
माय मायटेन आकोय जा हे सरावेन माय मायटेन आकोय जा हे सरावेन माय मायटेन आकोय जा हे सरावेन बाबा टेन आकोये बाबा टेन आकोये आमा मायनी वन गोम जा हे सरावेन आमा मायनी वन गोम जा हे सरावेन आमा वनी वन गोमे आमा वनी वन गोमे अन्धड़ी माय कानी गोम जा हे सरावेन अन्धड़ी माय कानी गोम जा हे सरावेन अन्धा बाका केन गोमे मारे अन्धा बाका केन गोमे मारे स्रोत व्यक्ति चिरौंजीलाल , ग्राम मोरगढ़ी
korku-kfq
काला डांडा पीछ बाबा जी काला डांडा पीछ बाबा जी काली च कुएड़ी बाबाजी , एकुली मैं लगड़ी च ड . . र एकुलीएकुली मैं कनु कैकी जौलो भावार्थ ' काले पहाड़ के पीछे , पिताजी काला कुहरा छा रहा है । पिताजी , मुझे अकेले में डर लगता है । अकेलेअकेले मैं ससुराल कैसे जाऊंगी ? '
garhwali-gbm
अमर कंट निज धाम है अमर कंट निज धाम है , नीत नंहावण करणा १ वासेण जाल से हो निसरी , आरे माता करण कुवारी कल युग म हो देवी आवियां कलू कर थारी सेवा . . . अमर कंट . . . २ बड़े बड़े पर्वत फोड़ के , आरे धारा बही रे पैयाला कईयेक ऋषि मुनी तप करे जल भये रे अपारा . . . अमर कंट . . . ३ पैली धड़ ॐकार है , ऐली धड़ रे मंन्धाता कोट तिरत का हो नावणा नहावे नर और नारी . . . अमर कंट . . . ४ मंन्धाता के घाट पे , आरे पैड़ी लगी रे पचास आम साम रे वाण्या हाटड़ी दूईरा पड़ रे बजार . . . अमर कंट . . .
nimadi-noe
होली आई रे फूलां री जोड़ी झरमटीयोले होली आई रे फूलां री जोड़ी झरमटीयोले ओ कोन खेले रे होली के फाग किस बीरे के हाथ में मोतियां की माला किस बीरा के हाथ में गुलाब की छड़ी होली खेलो रे होली खेलो रे ऋतु फागुन की
haryanvi-bgc
क्यांहे तै न्योदूं बाबल राजा क्यांहे तै न्योदूं बाबल राजा क्यांहे तै चाचे ताऊ भंवरा क्यांहे तै न्योंदूं हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली भेली न्योंदूं बाबल राजा दलिए चाचे ताऊ भंवरा मिसरी के कूजे हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली क्यांहे मैं आवै बाबल राजा क्यांहे मैं चाचे ताऊ भंवरा क्यांहे मैं आवै हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली रेलां में आवै बाबल राजा मोटर चाचे ताऊ भंवरा हाथी कै होदे हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली काहें उतारूं बाबल राजा काहें चाचे ताऊ भंवरा काहें उतारूं हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली परसे उतारूं बाबल राजा परसे चाचे ताऊ भंवरा खस खस के बंगलै हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली मेरै पटडै की शोभा मेरी मां का जाया जिस तै मैं ऊजली मेरे पंचा की सोभ्या हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली क्यांहें मैं न्हावै बाबल राजा क्यांहें चाचे ताऊ भंवरा क्याहें न्हावै हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली गंगा मैं न्हावै बाबल राजा जमना चाचे ताऊ भंवरा हरकी तो पैड़ी हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली ए मेरे पटडै़ की सोभ्या हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली के रै जै खावै बाबल राजा कै रै चाचे ताऊ के रै जै जीमै हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली लाड्डू जलेबी बाबल राजा बरफी चाचे ताऊ भंवरा मुथरा के पेडे हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली के रै जे पीवै बाबल राजा के रै चाचे ताऊ भंवरा के रै जै पीवै मेरी मां का जाया जिस तै मैं ऊजली पाणी पीवै बाबल राजा पाणी चाचे ताऊ भंवरा दूध कटोरे मेरी मां का जाया जिस तै मैं ऊजली के रै जै ल्यावै बाबल राजा के रै चाचे ताऊ भंवरा के रै जे ल्यावै हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली रोक रुपैए बाबल राजा तीवर चाचे ताऊ भवरा पीलड़ी मोहर हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली रे मेरे पटडै की सोभ्या हजारी बीरा जिस तै मैं ऊजली
haryanvi-bgc
जन्में हैं राम अजुध्या मैं जन्मे हैं राम अजुध्या मैं कुसल्या जी के दाई बी आवै , होलर जणावै होलर जणाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से सासू बी आवै , चावल चढ़ावै चावल चढ़ाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से जिठाणी बी आवै , पिलंग बिछावै पिलंग बिछाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से नणदल बी आवै , सतिए लगावै सतिए लगाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से देवर बी आवै , बंसी बजावै बंसी बजाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से नायण बी आवै , नगर बुलावै नगर बुलाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से बाहमण बी आवै , नाम धरावै नाम धराई नेग मांगै राजा दसरथ जी से
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रइयो करन हार से डरते रइयो करन हार से डरते । पल में परलै परते । पल में धरती बूँद न आवै , पल में सागर भरतें । पल में बिगरे बना देत हैं । पल मैं बने विगरते । तृन सें बज्रबज्र से तिनका । तिल सें बज्जुर करते । ईसुर कयें करता की बातें । बिरलें कोई नजरते ।
bundeli-bns
मैया के भुवन मे हरे चदन बिरछा मैया के भुवन में हरे चंदन बिरछा लंगुरा डार कटाय हो मां हँसहँस पूंछे देवी जालपा काहे की खातिर कटाये हो मां । मैया खों तो कइये मां चदन पलकियां मड़खों बजर किवार हो मां । मैया . . . उठा पलंगवा बीरा लंगुरवा डारे बढ़ई की दुकान हो मां । मैया . . . बढ़ई तो कइये चतुर सुजार जो रुचिरुचि पलंग बनाये हो मां । मैया . . .
bundeli-bns
आल्हा ऊदल कौन सकेला तोर पड़ गैल बाबू कौन ऐसन गाढ़ भेद बताब तूँ जियरा के कैसे बूझे प्रान हमार हाथ जोड़ के रुदल बोलल भैया सुन धरम के बात पड़ि सकेला है देहन पर बड़का भाइ बात मनाव पूरब मारलों पुर पाटन में जे दिन सात खण्ड नेपाल पच्छिम मारलों बदम जहौर दक्खिन बिरिन पहाड़ चार मुलुकवा खोजि ऐलों कतहीं नव जोड़ी मिले बार कुआँर कनियाँ जामल नैना गढ़ में राजा इन्दरमन के दरबार बेटी सयानी सम देवा के बर माँगल बाघ जुझर बड़ि लालसा है जियरा में जो भैया के करौं बियाह करों बिअहवा सोनवा से एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा मन मन करे गुनान जोड़ गदोइ अरजी होय गैल बबुआ रुदल कहना मान हमार जन जा रुदल नैनागढ़ में बबुआ किल्ला तूरे मान के नाहिं बरिया राजा नैना गढ़ के लोहन में बड़ चण्डाल बावन दुलहा के बँधले बा साढ़े सात लाख बरियात समधी बाँधल जब गारत में अगुआ बेड़ी पहिरलन जाय भाँट बजनियाँ कुल्हि चहला भैल मँड़वा के बीच मँझार एकहा ढेकहो ढेलफुरवा मुटघिंचवा तीन हजार मारल जेबव् नैनागढ़ में रुदल कहना मान हमार केऊ बीन नव्बा जग दुनिया में जे सोनवा से करे बियाह
bhojpuri-bho
मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना । मेरी सास बुलाई ना मेरो नार छुआओ ना । मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना । तेरी सास बुला दूंगा तेरी नार छुआ दूंगा । मैं तो हरदम ताबेदार गोरी हर दम ताबेदार । मेरी जेठाणी बुलाई ना मेरो पलंग निवायो ना । मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना । तेरी जेठाणी बुला दूंगा तेरो पलंग निवा दूंगा । मैं तो हर दम ताबेदार गोरी हर दम ताबेदार ।
haryanvi-bgc
अयलन रूकमिन जदुराई हे, परछों बर नारी अयलन1 रूकमिन जदुराई हे , परछों2 बर नारी । नगरी में पड़लो3 हँकार4 हे , परछों बर नारी ॥ 1 ॥ कंचन थारी सजाऊँ हे , परछों बर नारी । मानिक दियरा बराऊँ हे , परछों बर नारी ॥ 2 ॥ दस पाँच आगे पाछे चललन परिछे , गीत मधुर रस गावे हे । रूकमिन हथिन5 चान6 के जोतिया7 बाल गोबिंदा8 सुकुमार हे ॥ 3 ॥ काहे तों हहु9 हरि नीने10 अलसायल , काहे हहु मनबेदिल हे । का तोर सासू नइ किछ देलन , का सरहज तोर अबोध हे ॥ 4 ॥ नइ मोरा सासु हे नइ किछु देलन , नइ मोर सरहज अबोध हे । मोर सासु हथिन लछमिनियाँ , सरहज मोर कुलमंती11 हे । मोर ससुरार न भोराय12 हे , परिछों बर नारी ॥ 5 ॥
magahi-mag
झूला डरो कदम की डार झूला डरो कदम की डार , झूला झूलें नंद कुमार । काहे को जो बनो हिंडोला , काहे की जोती चार । झूला . . . चंदन काठ को बनो हिंडोला , रेशम जोती चार । झूला . . . का जो झूलें को जो झुलावे , को जो खैंचे डोर । झूला झूलें नंदकुमार । झूला . . . राधा झूलें कृष्ण झुलावें , सखियां मिचकी घाल । झूला . . .
bundeli-bns
316 जट वेख के जटी नूं कांग कीती वेखो मरी नूं रिछ पथलया जे मेरी सैआं दी मेहर नूं मार जिंदे तिलक मेहर दी सथ नूं चलया जे लोकां बाहुड़ी ते फरयाद कूके मेरा झुगड़ा चैड़ कर चलया जे पिंड विच एह आन बला वड़ी जहां जिन पकवाड़ विच मलया जे पकड़ लाठियां गभरू आन ढुके वांग काढवे कटक दे टलया जे वारस शाह जिवें धूंआं सरकया तों बदल पाटके घटा हो चलया जे
panjabi-pan
191 लाल लुंगियां अते मताअ लाचे नाल रेशम खेस सलारियां ने माणक चौंक पटामलां डोरिए सन बूंदा होर पंजदानियां सारियां ने चोंप छैला ते चार सुतये सन चंदा मोरां दे बान्हणू1 कारियां ने सालू तीहरे चादरां बाफते दीयां नाल भोशनां दे फुलकारियां ने वारस शाह चिकनी सिरोपाउ खासे ते पाष्ठाकियां मिलदया भारियां ने
panjabi-pan
हुई है सुनहली रात सजन आए हरे हरे हुई है सुनहली रात सजन आए हरे हरे सजन आये मोरे अंगना आओ दादी बाबा आओ सब मंगल गाओ सजन आये मोरे अंगना आओ अम्मा बाबुल आओ सब मंगल गाओ सजन आये मोरे अंगना आओ भैया भाभी आओ अब ना देर लगाओ सजन आये मोरे अंगना आओ सखियो आओ सब उत्सव रचाओ सजन आये मोरे अंगना पीले हाथ करो लाडो के पीले हाथ करो लाडो के सजन आये मोरे अंगना दूधों नाहये पूतों फले सुख सौभाग्य इसे दिन दूना सजन आये मोरे अंगना
haryanvi-bgc
रक्षा बंधन के गीत 1 . गलिया क गलिया फिरइ मनिहरवा , के लइहैं मोतिया क हारहिंडोलवा । मोतिया क हार लइहैं भैंया हो भैया , जेकर बहिनी दुलारी हिंडोलवा । पाछे लागी ठुनकई बहिनी रानी , एक लर हमहूं क देहूं हिंडोलवा । एक लर टुटि हैं सहस मोती गिरि हैं । एक लर बहिनि तुं लेउ हिंडोलवा । 2 माइ तलवा कुहकइ मोर । माई जेठरा भइअवा जिनि होइहैं सावन नीअर । माई सार बहनोइया एकै होइहैं सावन नीअर । माई बभना का पूत जिनि पठये सावन नीअर । माई पोथिया बांचन लगिहें सावन नीअर । । माई लहुरा भइयवा पठये सावन नीअर । माई रोइगाइ बिदवा करइहैं सावन नीअर । । 3 ठाढ़ी झरोखवा मैं चितवऊं , नैहरे से कोई नाहीं आइ । ओहिरे से केउ नाहीं बपई रे जिन मोरी सुधियों न लीन । ओहिरे बहिनिया कैसन बीरन , ससुरे में सावन होई ।
bhojpuri-bho
पड़ते अकाल जुलाहे मरे पड़ते अकाल जुलाहे मरे , और बीच में मरे तेली उतरते अकाल बनिये मरे , रुपये की रहगी धेली चणा चिरौंजी हो गया , अर गेहूं होगे दाख सत्रह भी ऐसा पड़ा , चालीसा का बाप
haryanvi-bgc
घाम पड़े, धरती तपै रे घाम पड़े , धरती तपै रे , पड़े नगांरा री रोल भंवर थारी जांत मांयने बापाजी बिना कड़ू चालणू रे बापा मोत्यां सूं मूंगा साथा भंवर थारी जांन मांयने माताजी बिना केडूं चालणू रे माताजी हरका दे साथ भंवर थारी जान मांयने घाम पड़े , धरती रपै रे , पड़े नागरां री रौल भवंर थारी जांन मांयने
rajasthani-raj
549 रांझे हथ उठायके दुआ मंगी रब्बा मेलना यार गवारनी1 दा एस हुब2 दे नाल है कम्म कीता वेड़ा पार करना कम सारनी दा पंजां पीरां दी तुरत आवाज होई रब्बा यार मेलीं इस यारनी दा फजल रब्ब कीता यार आन मिलया वारस शह मुराद पुकारनी दा
panjabi-pan
होरी खेलूँगी तोते नाय होरी खेलूँगी श्याम तोते नाय हारूँ उड़त गुलाल लाल भए बादर , भर गडुआ रंग को डारूँ होरी में तोय गोरी बनाऊँ लाला , पाग झगा तरी फारूँ औचक छतियन हाथ चलाए , तोरे हाथ बाँधि गुलाल मारूँ ।
bhadrawahi-bhd
जेवर की झंकार नै डोब दिया जेवर की झंकार नै डोब दिया हरियाणा सगा सगी तैं कहण लाग्या मैं तेरी छोरी ब्याह कै ले ज्यांगा वा बोलै तू मेरी छोरी ना ब्याह सकदा तेरे पास टूम घणी घालण नै कोन्या इतनी सुण कै सगा बोल्या इतना के मेरा घाट्टा सै बीस तीन के गूदड़ गाभे तीस बीस की खाट सै तीन सौ की झोटी घरां करै तो अरडाट सै मैं तेरी छोरी ब्याह कै ले ज्यांगा चाहै कितना कर लिये धिंकताणा जेवर की झंकार ने डोब दिया हरियाणा
haryanvi-bgc
ठहर बटेऊ ठहर बटेऊ के नै जाइये ठहर बटेऊ ठहर बटेऊ के नै जाइये म्हारे बाग का मिसरी मेवा चाख कै नै जाइये तेरे हाथ की रै माली की रोटी ना भावै कच्चे पाक्के फल तोड़ै मनै आच्छे ना लागैं सेठ की सिठाणी पै तेरी रोटी पुआ द्यूंगी मांज कै नै बालटी जल नीर पिता द्यूंगी
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आज अगन बीच कन्हैया मचला ठाने आज अंगन बीच कन्हैया मचला ठाने । हमें खेलने हेतु गगन को चंदा चाने । आज . . . भांतिभांति के नये खिलौने , एकएक से नौनेनौने , माने न छलिया एक , हो गगन को चंदा चाने । आज . . . माता यशोदा गोद बिठाये , भांति भांति के खेल खिलाए , माने न नटखट एक हो , गगन को चंदा चाने । आज . . . कांसे को एक थार मंगाओ , थोड़ा जल उसमें भरवाओ । दियो है चन्द्र दिखाय हो , गगन को चंदा चाने । आज . . .
bundeli-bns
25 केहा भेड़ मचाया ई कचया वे मत्था डाहया ई सौंकनां वांग केहा जाह सजरा कम्म गवा नाहीं हो जासीया जोबन फेर बेहा रांझे खा गुस्सा सिर धौल मारी केही चबड़ी उस नूं जिवें लेहा रांझा हो गुस्से उठ रवां1 होया भाबी रख ओह तां नांह रेहा हत्थ पकड़ के जुतियां मार बुकल रांझा हो टुरया वारस शाह जेहा
panjabi-pan
कहऽ त जच्चा रानी, डगरिन बोला देउँ कहऽ1 त जच्चा रानी , डगरिन बोला देउँ । चुप , चुप , मेरो राजा , काटब2 नार3 अपने ॥ 1 ॥ कहऽ त जच्चा रानी , लउँड़ी4 बोला देउँ । चुप , चुप , मेरो राजा , लीपब5 सउर6 अपने ॥ 2 ॥ कहऽ त जच्चा रानी , भउजी बोला देउँ । चुप , चुप , मेरो राजा , पूजब7 देओ8 अपने ॥ 3 ॥ कहऽ त जच्चा रानी , बहिनी बोला देउँ । चुप , चुप , मेरो राजा पारब काजर9 अपने ॥ 4 ॥
magahi-mag
187 साक माड़यां खोह लैन डाढे अन पुजदे ओह ना बोलदे नी नहीं चलदा वस लाचार होके मोए सप्प वांगू विस घोलदे नी कदे आखदे मारीए आप मरीए पए अंदरों बाहरों डोलदे नी गुन माड़यां दे सभे रहिन विचे माड़ेमाड़यां दे दुख फोलदे नी शानदार1 नूं करे ना कोई झूठा कंगला झूठा कर टोलदे नी वारस शाह लुटाइंदे खड़े माड़े मारे खौफ दे मुंहों ना बोलदे नी
panjabi-pan
362 केही वैदगी आन जगायो ई किस वैद नेदस पढ़ायों वे वांग चैधरी आनके वैद बनयों किस चिठियां घल सदायों वे सेली टोपियां पहन लंगूर वांग तूं तां शाह भोला1 बन आयों वे वडे दगे ते फंध फरेब पढ़यों ऐवें पाड़ के कन्न गवायों वे ना तू जनयां ना फकीर रहयों ऐवें मुंदके घोन करायों वे बुरे दिनां भैड़ियां वादियां नी अज रब्ब ने ठीक कुटायों वे वारस शाह कर बंदगी रब्ब दी तूं जिस वासते रब्ब बनायों वे
panjabi-pan
अंगिका फेकड़ा अट्टापट्टा नुनु केॅ सात बेटा राजा , पाता , सीत , वसन्त , कुतवा अड़गड़ मारो बड़गड़ जाऊँ , पानी पीये पोखरिये जाऊँ बबुआ कहै काँखी तर जाऊँ ओ ना मा सी धं गुरूजी पढ़ंग कुइयाँ में काँटोॅ गुरूजी नाँटोॅ । नैहरा में कै बार गांगो सतसत बेरी अॅ ससुरारी मंे कै बार माँगों एके बेरी । उर्र बकरिया घाँस खो चुक्का लेॅ बथान जो चुक्का गेलौ फूटी दूध लेलकौ लूटी । रौदा उगोॅ गोसांय रौदा उगोॅ तोरी बहुरिया जाड़ें मरेॅ हमरी बहुरिया रौदा सेकेॅ । रौदा उग रे बभना मुरगी देबौ चखना बिलैया देवौ कोर काली माँय केॅ दीया बारबै सगरे ई ंजोर । रौदा छेकले बौध लागतौ गोला बरद के पीज रोटी खैबे । जाड़ा ऐल छै , पाड़ा ऐल छै ओढ़ गुदड़ी । बुढ़िया के दमाद ऐल छै मार मुँगड़ी । मामू हो मामू , डोॅर लागै छै केकरोॅ डोॅर , बेटी केकरोॅ डोॅर ? बाघ छै , बघिनियाँ छै झुनझुन कटोरवा खेलै छै सिकियो नै डोलै छै भौजी माथा पर कमलोॅ सेनूर भैया माथा पर कमलोॅ के फूल उठोॅ हे भौजी पीन्होॅ पटोर हम नै पिन्हबोॅ भंगा पटोर आनभौं कचिया दागभौं ठोर गुआगुआ केॅ पोछभौं लोर ।
angika-anp
तिरिया एक चतर पर बहना तिरिया एक चतर पर बहना । कजरे भरी राखती नैंना । गोरी बाको बदन चाल बैरिन की मतवारी । पतरी पतरी कमर थोंद ही गोला गुदकारी ।
haryanvi-bgc
मृत्यु गीत हाड़ मास का बणा रे पींजरा , भीतर भर्या भंगारा ऊपर रंग सुरंग लगायो , अजब करी करतारा , जोबन धन पावणा दिन चारा , अने जाता नि लागे वारा , जोबन धन पावणा दिन चारा ॥ पशु चाम के बाजा बने रे , नोबत बने नंगारा । नर तेरि चाम काम नहिं आवे , नर तेरि चाम काम नहिं आवे जळ भळ होइ अंगारा , जोबन धन पावणा दिन चारा ॥ गरब कर्यो रतनागर सागर , केसा नीर मतवाळा एसाएसा वीर गरब माय गळिया , आधा मीठा आधा खारा जोबन धन पावणा दिन चारा , अने जाता नि लागे वारा , जोबन धन पावणा दिन चारा । दस मस्तक वनी वीस भुजा रे , कुटम बहुत परिवारा एसाएसा नर गरब माय कलिया , लंका रा सरदारा जोबन धन पावणा दिन चारा । यो संसार ओस वाळो पाणी , अने जाता नि लागे वारा । कहत कबीर सुणों भइ साधू , कहत कबीर सुणो भइ साधू हर भज उतरोला पारा , जोबन धन पावणा दिन चारा ॥ यह मनुष्य का शरीर एक हड्डी और माँस का पिंजरा है , इसके भीतर भँगार भरा है । इस शरीर पर ऊपर अच्छज्ञ रंगरोगन कर सुन्दरता प्रदान की है , यह भगवान की माया गजब की है । जवानी और धनदौलत चार दिन की मेहमान है , इसे जाते देर न लगेगी । मानव तू इस हड्डी और माँस के पिंजरे पर तथा धनदौलत पर अभिमान न कर , ये चार दिन के मेहमान हैं । मानव तू विचार तो कर । अरे पशुओं के चमड़े के बाजे , नोबत , नगारे और भट्टी की धम्मन बनती है , परन्तु तेरा चमड़ा तो जलकर खाक होने वाला है । किसी के भी कुछ काम नहीं आने वाला है । तू उस परमात्मा का भजन कर , जिससे तू इस संसार रूपी समुद्र से पार उतर जायेगा । रत्नाकर समुद्र ने घमण्ड किया था , किस पर घमण्ड किया था अपने निर्मल नीर पर , तो भगवान ने उसके जल को आधा खारा और आधा मीठा बना दिया । इस जीवन में अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि यह थोड़े समय का है , किसे मालूम कब राम के घर का बुलावा आ जाये । लंका में राजा रावण , वह बहुत मायावी और बलशाली था । उसके दस सिर और बीस भुजा थी और बहुत बड़ा कुटुम्ब था । रावण ने बहुत अत्याचार , अनाचार किया , कितने ही साधुओं को मारा । उसके पुत्र मेघनाथ ने इन्द्र को भी जीत लिया था । देवताओं को जीता । रावण ने सीता का हरण किया , किन्तु अपने बुरे कर्मों के कारण कुटुम्ब सहित मारा गया । जैसा उसका भाई भगवान का भगत था , वैसा आचरण रावण भी रखता तो आज तक लंका पर उसके वंश का राज्य रहता । मनुष्य को अभिमान नहीं करना चाहिए । यह जवानी और धनदौलत चारदिन की मेहमान है । इस दुनिया में मनुष्य ओस का पानी के समान अल्पकाल के लिए आया है । जैसे प्रातःकाल पृथ्वी और पेड़पौधों पर ओस का पानी दिखाई देता है और सूर्य की किरणों से अल्पकाल में उड़ जाता है । अरे मनुष्य इस हड्डी और माँस के पिंजरे पर घमण्ड नहीं करना चाहिए । मनुष्य को अपने परिश्रम की कमाई से जीवनयापन करते हुए भगवान का भजन भी करनाा चाहिए जिससे सद्गति प्राप्त हो । यह जवानी और दौलत चार दिन की मेहमान है ।
bhili-bhb
म्हारा घर मदनसिंह जलमियो म्हारा घर मदनसिंह जलमियो । हऊँ तो जोसी घर भेजूं बधाओ , हमारा घर पोथीपुराण लई आवऽ । पोथी वाचसे नानोसो बालुड़ो , पुराण वाचसेऽ ओको बाप । मारूणी न मदनसिंह जलमियो । हऊँ सोनी घर भेजूं बधाओ , म्हारा घर कड़ातोड़ा लइ आवऽ । तोड़ा पेरसे नानोसो बालुड़ो , कड़ा पेरऽ नाना को बाप । मारूणी न मदनसिंह जलमियो । हऊँ तो बजाजी घर भेजूं बधाओ , म्हारा घर साड़ी वागो लई आवऽ । साड़ी पेरऽ गा नाना की माय , वागो पेरऽ नाना को बाप । मारूणी न मदनसिंह जलमियो । हऊँ तो दरजी घर भेजूँ बधाओ , म्हारा घर झगोटोपी लई आवऽ । झगो पेरऽ गा नानसो बालुड़ो , टोपी पेरसे नाना को भाई । मारूणी न मदनसिंह जलमियो । हऊँ तो बीराजी घर भेजूँ बधाओ , म्हारा घर पंचो पेळो लई आवऽ पेळो पेरऽ गा नाना की माउली , पंचो बांधऽ गा नाना को बाप हऊँ तो सबईघर भेजूँ बधाओ , मारूणी न मदनसिंह जलमियो ।
nimadi-noe
जैपर जाइओ जी ढोला जैपर जाइओ जी ढोला हम नै बंद बंगड़ी का चा कौण निरखैगा हे गोरी तेरा पिआ बसै परदेस चिट्ठी लिख भेजूं जी ढोला थम तो सांझ पड़ी घर आओ किस बिध आऊं हे गोरी मेरी मायड़ कै चढ़ रह्या ताप क्यूं ब्याही थी जी ढोला मेरा ब्याह कै मार्या मान न्यूं ब्याही थी ए गोरी मेरा घर का करिओ काम आग लगाद्यूं जी ढोला थम तो खड्या तमासा देखिओ जी इसी मत करिओ रे गोरी मेरी सात फेरयां की नार ना मर जइयो हे गोरी तेरे बिना तज द्यूं सारा संसार इब समझे ओ जी ढोला थारा घर बसाऊं दिन रात
haryanvi-bgc
सरद दुलइया कीनें कीकौ चुरा लओ चैन रे ? मीठी पीरा जा कीकी देंन रे ? नैनूँ की कान्हा नें करबे चोरी , कौनउँ गुजरिया की गागर फोरी । बचौ न काँसतिनूका कोरौ दई सारस नें लम्बी तान रे ; देखौ सरद जुन्हइया को सान रे । नौनी दुलइया धरनि सकुच्याबै , दूलाअकास मगन मुस्क्याबै । सेंमरगिँदउआसे बदरा उड़उड़ धीरेंधीरें डुला रए चौंर रे ; उठी हियरा में मीठी हिलोर रे । मनइँमनें मुसक्या रइँ रानी ; भऔ नदिया कौ निरमल पानी । सोंन मछरिया अत छनकीली मचलें घुँघटा में प्यासे नैन रे ; मन देखत भऔ बेचैन रे । धान गरब सें भर इठलाई , कनकछरी नइ भारन भाई । ताल तलइयन के ऐना में चोखे रूपेसी चिलकै रैन रे ; मुखसोभा खिली है पुरैन रे । जुनरी के भुंटा भए गदरारे , सहजइँ करत हैं वारेन्यारे । चाल हंस की लख मतवारी रिसिमुनियैन कौ टूटै ध्याँन रे , जौ है सरद दुलइया कौ मान रे ।
bundeli-bns
अवरित आई बसन्त बहारन अवरित आई बसन्त बहारन पानफूल फल डारन । बागन , बनन , बंगलन , बेलन बीधन बगरं बजारन । हारन और पहारन पारन , घाम धवल जल धारन । तपसी कुटिल कन्दरन खोरन । गई बैराग बिगारन । आए बौर मजीरन ऊपर लगे भोंर गुजारन । चहत अतीत , प्रीत प्यारे की । हा हा करत हजारन । ईसुर कन्त अन्त हैं जिनके तिनें देत दुख दारून ।
bundeli-bns
इस इमली के ओड़े चोड़े पात इस इमली के ओड़े चोड़े पात इमली तले साधण खड़ी के म्हारी गोरी थमनै इमली की साध के इमली तेरै मन बसी ना राजा जी म्हारे इमली की साध न इमली म्हारे मन बसी हम नै तो म्हारा मारू प्यार की साध आज रहो म्हारे महल में पौ पाटी जद होई परभात नाई कै नै दूब टांगिआ के नाई का म्हारे जन्मी सै म्हैंस के घोड़ी घुड़साल में ना म्हारा जजमान जन्मी सै म्हैंस ना घेड़ी घुड़साल मैं थारे म्हारा जिजमान जनम्या सै पूत बेल बधी थारे बाप की
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हमरो बाबाजी के चारों खंड अँगना हमरो बाबाजी के चारों खंड अँगना , चहुँ दिसि लगल केबार हे । ओहि1 खंभ ओठँगल2 बेटी दुलरइती बेटी , बाबा से मिनती हमार हे ॥ 1 ॥ काहाँ तोंहे बाबा पयलऽ3 गजदाँत हथिया , काहाँ पयलऽ गजमोती हार हे । काहाँ तोंहे पयलऽ डँटहर4 पनमा , काहाँ पयलऽ राजकुमार हे ॥ 2 ॥ राजा घर पयली बेटी गजदाँत हथिया , पैसारी5 घर गजमोती हार हे । बरियाहि6 पइली डँटहर पनमा , देस पइसी7 राजकुमार हे ॥ 3 ॥ कइसे के चिन्हबऽ बाबा गजदाँत हथिया , कइसे के गजमोती हार हे । कइसे तों चिन्हबऽ बाबा डँटहर पनमा , कइसे के राजकुमार हे ॥ 4 ॥ खरग8 से चिन्हब गजदाँत हथिया , झलक9 से गजमोती हार हे । डंटिया से चिन्हब डँटहर पनमा , पोथिया पढ़इते राजकुमार हे ॥ 5 ॥
magahi-mag
झालो अलगियों तो ऐयूं जालो मांए झालो अलगियों तो ऐयूं जालो मांए के धिया बाई सा रो पीवरियो तो एयूं मीडक मांए सासूरियूं तो लीन्यूं नजरा मांए बाइसा रो बापा जी तो रेग्या मीडंक भांए ससुरा जी तो लीन्या नजरां मांए सासू जी ने लीवों नजरां मांए । बाई री साथणियां तो रैगी माड़क मांय नणदल बाई सा ने लेवो नजरां मांए ।
rajasthani-raj
जारे राजा जारे राजा राजा नीली घोड़ा के सिंगारो रे जारे राजा जारे राजा राजा नीली घोड़ा के सिंगारो रे जारे राजा जारे राजा राजा नीली घोड़ा के सिंगारो रे चलो मायू चलो मायू माय मेरी रानी को निभाई लेवो चलो मायू चलो मायू माय मेरी रानी को निभाई लेवो नहीं रे बेटा नहीं रे बेटा बेटा मोरो घेरु रे सूना है रे नहीं रे बेटा नहीं रे बेटा बेटा मोरो घेरु रे सूना है रे चलो डायनी माय चलो मायू माय तेरे लेने सवारी ना लायो चलो डायनी माय चलो मायू माय तेरे लेने सवारी ना लायो हारे बेटा हारे बेटा बेटा मोरो मुसरा रे ठाड़ी लेवो हारे बेटा हारे बेटा बेटा मोरो मुसरा रे ठाड़ी लेवो चलो वो डायनी माय चलो मायू माय तेरा मूसरा वो साड़े बारा चलो वो डायनी माय चलो मायू माय तेरा मूसरा वो साड़े बारा चलो वो डायनी माय चलो मायू माय मेरी रानी को निभाई लेरे चलो वो डायनी माय चलो मायू माय मेरी रानी को निभाई लेरे एको जा जाय धरती डालो माय एकी जा पाय आगशो डाले एको जा जाय धरती डालो माय एकी जा पाय आगशो डाले स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर
korku-kfq
चन्ना वे तेरी मेरी चानड़ी चन्ना वे तेरी मेरी चानड़ी , तारया वे तेरी मेरी लो , नी ओ ओ तारया वे तेरी मेरी लो , चन्न पकावे रोटियाँ , तारा करे रसो , नी ओ ओ तारा करे रसो , चन्न दियाँ पक्कियाँ खा लईयाँ , तारे दियाँ रह गईयाँ दो , नी ओ ओ तारे दियां रह गईयाँ दो , सस ने मैनू आख्या , घ्यो विच आटा गो , नी ओ ओ घ्यो विच आटा गो , घ्यो विच आटा थोडा पया , सस्स मैनू गलियाँ देवे , नी ओ ओ सस्स मैनू गलियाँ देवे , न दे सस्से गलियाँ , एथे मेरी कौन सुणे , नी ओ ओ एथे मेरी कौन सुणे , बागे विच मेरा बापू खड़ा , रो रो नीर भरे , नी ओ ओ रो रो नीर भरे , न रो बापू मेरेया , इत्थे मेरा कौन सुणे , नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे , बागे विच मेरा वडा भराह , रो रो नीर भरे , नी ओ ओ । रो रो नीर भरे । न रो वीरा आपने । इत्थे मेरा कौन सुणे । नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे । न रो माये मेरिये । इत्थे मेरा कौन सुणे । नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे । चन्न दियाँ पक्कियाँ खा लईयाँ , तारे दियाँ रह गईयाँ दो । नी ओ ओ तारे दियाँ रह गईयाँ दो
panjabi-pan
जानै कौन जमानों आऔ जानै कौन जमानों आऔ , गाँठन माल गमाओं भोजन वार बरक्कत गइँयाँ खाऔ जौन कमाऔ अपनी मूँड जेरिया बाधें । फिरत लोग सब धाओ । सतजुग की वा राय चली गई , बिन बँयै काटौ गाऔ । ईसुर कलस कुलीनन के घर कलजुग कलसा छाऔ ।
bundeli-bns
आणे का वायदा किया, हो आए ना बालमा आणे का वायदा किया , हो आए ना बालमा घूंघट की ओर से खोल दे अंखियां , चाले हैं ठण्डी हवा हो आए ना बालमा दरवाजे की ओर से देखो , हाथ पैरों से चल के देखो डोले हे मोरा जिया , हो आए ना बालमा हाथ की रेखा देखन वाले , देख मेरे ये भाग निराले परदेसी ने ये क्या किया , हो आए ना बालमा
haryanvi-bgc
डाभ कटाओ हे डाभ कटाओ हे डाभ कटाय कै जेवड़ी बंटाओ हे जेवड़ी बंटाय के पिलंग भराओ हे पिलंग भराए कै देवां नै सुआओ हे ।
haryanvi-bgc
52 रात हस के खेड गुजारीया सू सुबह उठ के जीउ उदास कीता राह जांदड़े नूं झुगी नजर आई डेरा चा मलाहां दे पास कीता अगे पलंघ बेड़ी विच विछिआ सी उते खूब विछौना रास कीता इथे जा वजा के वंझली नूं चा पलंग उते आम खास कीता वारस शाह जां हीर नूं खबर होई तेरी सेज दा जट ने नास कीता
panjabi-pan
वैहसाँ जोगी दे नाल मैं वैहसाँ जोगी दे नाल माए नी , मत्थे तिलक लगा के । मैं वैसाँ रैहसाँ हरगिज़ होड़े , कौण कोई मैं जान्दी नूँ मोड़े । मैनूँ मुड़ना ताँ मुहाल होया नी , सिर ते मेहना चा के । जोगी नहीं कोई दिल दा मीता , भुल्ल गई मैं प्यार कीता । मैनूँ रही ना कुझ सँभाल नी , उस चा दरशन पा के । इस जोगी मैनूँ कोहिआँ लईआँ , हाऊँ कलेजे कुण्डिआँ पाईआँ । इशके दा पाइओ सु जाल नी , मिी बात सुणा के । इस जोगी नूँ मैं खूब पछाता , लोकाँ मैनूँ कमली जाता । लुट्यो सू झंग स्याल नी , कन्नीं कुन्दराँ पा के । जे जोगी घर आवे मेरे , चुक्क जावण सभ झड़े झेड़े । लावाँ मैं सीने दे नाल नी , लक्ख लक्ख शगन मना के ।
panjabi-pan
259 धुरों हुंदड़े कावसां1 वैर आये बुरियां चुगलियां अते बखीलियां ओए मैंनूं तर्स आया वेख जुहद2 एहदा गलां मिठियां बहुत रसीलियां ओए पानी दुध विचों कढ लैन चातर जदों छिल के पांवदे तीलियां ओए गुरु आखया मुंदरां झब ल्यायो छड दयो गलां अठखीलियां ओए नहीं डरन हुन मरन थीं भैर आशक जिन्हां सूलियां सिरां ते झीलियां ओए वारस शाह फिर नाथ ने हुकम कीता कढ अखियां नीलियां पीलियां ओए
panjabi-pan
लमाना लमाना लमाना बेटा लमाना लमाना लमाना बेटा लमाना लमाना लमाना बेटा लमाना बेटा लमाना रे लमाना बेटा लमाना रे चोखा चावल पीला रे हल्दी चोखा चावल पीला रे हल्दी पीली रे हल्दी न्यूता भेज्यो पीली रे हल्दी न्यूता भेज्यो आजा रे काका केन भुलायो बेटा आजा रे काका केन भुलायो बेटा आजा रे काका केन भुलायो रे आजा रे काका केन भुलायो रे सोने की जाजोम बिछायो बेटा सोने की जाजोम बिछायो बेटा रुपे की जाजोम बिछायो रे रुपे की जाजोम बिछायो रे बिछायो बिछायो बिछायो बेटा बिछायो बिछायो बिछायो बेटा आजा रे काकाकेन बैठायो रे आजा रे काकाकेन बैठायो रे आजा रे काका ने बैठायो रे बेटा आजा रे काका ने बैठायो रे बेटा रामा रे रुमाय लियो रे रामा रे रुमाय लियो रे रामा रे रुमाय लियो रे बेटा रामा रे रुमाय लियो रे बेटा बातो रे चीतो बोलियो रे बातो रे चीतो बोलियो रे बातो रे चीतो बोलियो रे बेटा बातो रे चीतो बोलियो रे बेटा पान रे बीड़ा पिलायो रे पान रे बीड़ा पिलायो रे पान रे बीड़ा पिलायो रे लमाना लमाना लमाना बेटा लमाना लमाना लमाना बेटा लमाना बेटा लमाना रे लमाना बेटा लमाना रे स्रोत व्यक्ति मांगीलाल , ग्राम मोरगढ़ी
korku-kfq
काला डोरिया कुंडे नाल अडया ओये काला डोरिया कुंडे नाल अडया इ ओये के छोटा देवरा भाभी नाल लड़या इ ओये छन्ना चूरी दा ना मक्खन आँदा इ लै जा भत्ता ऐ मेरा पौला खाँदा इ छोटे देवरा तेरी दूर बलाई वे के न लड़ सोणया तेरी इक भरजाई वे कुकडी ओ लैणी जेड़ी आंडे देंदी ए सौरे नहीं जाणा सस्स ताने देंदी ए कुकडी ओ लैणी जेड़ी कुडकुड़ करदी ए सौरे नहीं जाणा सस्स बुड़बुड़ करदी ए सुथना छीट दियाँ मुल्तनों आईयाँ ने माँवाँ आप्नियाँ जिन्हा रीझाँ लाईयाँ ने सुथना छीट दियाँ मुल्तानों आईयाँ ने सस्सा बगाणीआं जिन्हा गलों लवाईयाँ ने काला डोरिया कुंडे नाल अडया इ ओये , के छोटा देवरा भाभी नाल लड़या इ ओये
panjabi-pan
171 खेड़यां भेजया असां थे इक नाई करन मिंनतां चाए एहसान कीचै भले जट बूहे उते आन बैठे एह छोकरी उन्हां नूं दान कीचै रल्ल भाइयां एह सलाह दिती किहा असांदा सभ प्रवान कीचै अन्न धन दा कुझ विसाह नाहीं अते बाहां दा ना गुमान कीचै जिथे रब्ब दे नाम दा जिकर आवे लख बेटियां चा कुरबान कीचै वारस शाह मियां नहीं करो आकड़ फरऔण1 जेहां वल ध्यान कीचै
panjabi-pan
विवाह गीत अतरि जुवानिमा लेहर्यो फुंदो , धड़े मेलिन् नाचो वो । नि माने ते मा माने लहर्यो फुंदो , मेलिन नाचों वो । फुंदा वाली धन्लि मारि उभिकरो , फुंद्याली दवड़ाउंवो । नि माने ते मा माने उभिकारो , फुंद्याली दवड़ाउंवो । अतरि जुवान मा लेहर्यो फुंदो , धड़े मेलिन् नाचो वो । दुल्हन के आँगन में महिलाएँ नाचते हुए गा रही हैं इतनी जवानी मंे चोटी का लहर्या फंुदा एक तरफ करके नाच रही हूँ । न माने तो मत माने । मेरी कमर में फुंदे लगे हैं , उसे खड़ी करके और दौड़ाऊँ । मन न माने तो खड़ी करूँ और दौड़ाऊँ ।
bhili-bhb
बल्ला - बल्ला हे सेन्द्रा ऐ जा लाड़ा बल्ला बल्ला हे सेन्द्रा ऐ जा लाड़ा बल्ला बल्ला हे सेन्द्रा ऐ जा लाड़ा बल्ला बल्ला हे सेन्द्रा ऐ जा लाड़ा लाड़ा आमानी रायनी जामू कोपा लाड़ा आमानी रायनी जामू कोपा लाड़ा आमानी रायनी जामू कोपा बुरुबुरु टेन सेन्द्रा ऐ जा डो लाड़ी बुरुबुरु टेन सेन्द्रा ऐ जा डो लाड़ी बुरुबुरु टेन सेन्द्रा ऐ जा डो लाड़ी लाड़ी अमानी कुकरु कुन्डा कोपा लाड़ी अमानी कुकरु कुन्डा कोपा लाड़ी अमानी कुकरु कुन्डा कोपा स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी
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भाँवर गीत बनी चवरी में खेले , सूरज फूल खेले । बनी चवरी में खेले , रंगइलो फूल खेले । मारि रंग रूपाली बिल्खी वो चरवयो खेलो चुट । बनी चवरी में खेले , सूरज फूल खेले । फेरे के समय चवरी की सजावट के बारे में बताया गया है । सूर्यमुखी फूल , रंगीन फूल चवरी में लगे हैं ।
bhili-bhb
अंबर बरसा बड़ा चिवा मेरी सासड़ अंबर बरसा बड़ा चिवा मेरी सासड़ राणी कोई नीम्ब झलार ले सात जणी का झूमटब मेरी सासड़ राणी कोई सात्यों री पाणी नां जां राहे मसाफर जांदड़ा मेरी सासड़ राणी कोई जांदे ना पानी पला मेरा तो पाणी बिस भर्या सुण जाण वाले कोई कोई पीउंदेउ मरजा म्हारतां घर के गारडू कोई पीयांगे जहर उतार जो थारे घर के गारडू सुण सालू वाली कोई हम से क्यूं घडला उठाय घडला उठाएऊ सास ते सुण सालू वाली कोई अपणा तो हाल बता छह्या के बालम घर रहे सुण सालू वाली लिया म्हारे साथ साथ जायों मत ना रहे सुण चीरे वाले कोई दो कुल खावेंगी लाज घडला उठा घर आ गई सुण सासड़ राणी कोई सुणियों जी हमारी बात राहे मसाफर मिल्या सुण सासड़ राणी बातां मां लग गई देर कैसे सो गाबरू सुण बहुवड़ राणी कोई कैसी सूरत होणहार तकड़ा सो गाबरू सुण सासड़ राणी कोई जेठ सूरत होणहार बें तो तेरे बालमा सुण बहुवड़ मेरी कोई कस क्यों ना पकड़ी तां बां कोठा चढ़ का देखले सुण बहुवड़ मेरी कोई नेड़ा गये या दूर आखां ते दीखा नेड़ा सासड़ मेरी पैरां ते कोस पचास
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दया करो म्हारा नाथ दया करो म्हारा नाथ हुँउ रे गरीब जन ऐकलो १ बन म वनस्पति फुलियाँ , आरे फुलिया डालम डाल वाही म चन्दन ऐकलो जाकी निरमल वाँस . . . हुँउ रे गरीब . . . २ कई लाख तारा ऊगीयाँ ऊगीयाँ गगन का मायँ , वहा म्हारो चन्दाँ ऐकलो जाकी निर्मल जोत . . . हुँउ रे गरीब . . . ३ अन्न ही चुगता चुंगी रयाँ , आरे पंछी पंख पसार वहा म्हारो हंसो ऐकलो आरे मोती चुगचुग खाय… हुँउ रे गरीब . . . ४ कहेत कबीर धर्मराज से , आरे साहेब सुण लिजै घट का परदा खोल के आरे आपणो कर लिजे . . . हुँउ रे गरीब . . .
nimadi-noe
जशोदा के महलन बेग चलो री जशोदा के महलन बेग चलो री । महल के अंदर बेग चलो री । बंदनवारे बंदे अति सोहें लगी आम की धौरें । जशोदा . . . सोने के कलश धरे अति सोहें उनहू की ऊंची पौरें । जशोदा . . . अरे हाथ गुलेरी एड़िया महावर नाइन फिरी दौड़ीदौड़ी । जशोदा . . . कोई सखी गावे कोई बजावे कोई नाचें दै दै तारी । जशोदा . . . कोई सखी गोरी कोई कारी कोई सखी लड़कौरी । जशोदा . . .
bundeli-bns
हल्दी गीत कुणे कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । कुणे कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । बावो कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । माय कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । भाइ कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । भोजाइ कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । बाने बिठाते समय एक गुदड़ी गादी बिछाते हैं , उस पर दूल्हादुल्हन को बिठाते हैं । दुल्हन से पूछती हैं कि तुमसे किसने कहा और जो तू गादी पर बैठ गई ? उत्तर में गाते हैं कि पिता ने कहा और गादी पर बैठी । माँ ने कहा , भाई ने कहा और भौजाई ने कहा , तब गादी पर बैठी ।
bhili-bhb
343 कारसाज है रब्ब ते फेर दौलत सभ मेहनतां पेट दे कारने नी पेट वासते फिरन अमीर दर दर सयद जादयां ने गधे चारने नी पेट वासते हूर ते परीजादां जान जिन्न ते भूत दे वारने नी पेट वासते सब खराबियां ने पेट वासते खून गुजारने नी पेट वासते फकर तसलीम1 तोड़न समझ लै सभ रन्ने गवारने नी एस जिमीं नूं वांहदा मुलक मुका एथे हो चुके वडे कारने नी गाहुनहोर ते राहक2 नी होर एहदे खांवद हीर है होर दम मारने नी मेहरब्बान जे होण फकीर इक पल तुसां जहे करोड़ लख तारने नी
panjabi-pan
मैनूँ की होया मैत्थें गई गवाती मैं मैनूँ की होया मैत्थें गई गवाती मैं ? क्यों कमली आक्खे लोकाँ ? मैनूँ की होया है ? मैं विच्च वेक्खाँ ताँ मैं नहीं बणदी । मैं विच्च वसना ऐं तैं । सिर ते पैरीं तीक भी तूँ ही , अन्दर बाहर हैं । इक पाक इक उरार सुणीन्दा , इक बेड़ी इक नैं । मनसूर कहिआ अनलहक्क , कहु कहाया कैं ? बुल्ला शाह औसे दा आशक , आपणा आप वन्जाया जैं ।
panjabi-pan
घुड़ला तै बल ल्याइओ घुड़ला रे चाबक आओ घुड़ला तै बल ल्याइओ घुड़ला रे चाबक आओ अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल करवा तै बल ल्याइयो करवा रे रड़कत आओ अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल धूप पड़ै धरती तपै करूं अडाणी छांए अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल मंजल मंजल डेरा दिया तम्बू दिया ढलकाय अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल धमड़ा तै बल ल्याइयो समधी की पौल बखेर अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल महंदी तै बल ल्याइयो बंदडी रै हाथ रचाए अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल काजल तै बल ल्याइयो बंदड़ी रै नैन घलाए अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल काजल तै बल ल्याइयो बंदड़ी रै नैन घलाए अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल गहणा तै बल ल्याइयो गहणा पाट बलाय अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल बंदड़ी तै बल ल्याइयो बंदड़ी सै हंस बतलाय अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल मंजलै मंजलै चाल
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दुर्गा का दरबार चंपो-मोगरो दुर्गा का दरबार चंपोमोगरो कोणरू राम बीणे फूल कांकी बऊ हार गूंथे गूंथ्योगुथायो हार देवी के सिर ही चढ़े मांग रे सेवक मांग आज को मांग्यो पावे चखे मांगे दूद गोदी में पुत्र भवानी अखंड मांगू एैवात
malvi-mup
217 रांझे आखया सियाल रत्न गए सारे अते हीर भी छड ईमान चली सिर हेठां नूं कर लया फेर चूचक जदों सथ विच आनके गल हली धीयां वेंचदे कौल जबान हारन महराब मथे उते पौन ढिली यारो सयालां दियां दाढ़ियां वेखदे हो जेही मूंग मंगवाड़ दी मसर फली वारस शाह मियां धी साहनी नूं गल विच चा पांवदे हैन टली
panjabi-pan
राम लक्ष्मन बरी बूमकी राम लक्ष्मन बरी बूमकी राम लक्ष्मन बरी बूमकी बनेबासी ओलेन्डो माय बोले बनेबासी ओलेन्डो माय बोले हनुमानजी राधो ये म्याका बुजाटेन हनुमानजी राधो ये म्याका बुजाटेन टुलकेनडो माय बोले टुलकेनडो माय बोले स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी
korku-kfq
या ब्रज मे कछु देखो री टोना या ब्रज में कछु देखो री टोना । ले मटकी सिर चली गुजरिया आगे मिले नन्द जी को छोना । या ब्रज . . . दधि को नाम बिसर गयो प्यारे लेले रे कोई श्याम सलोना । या ब्रज . . . वृन्दावन की कुंज गलिन में , आँख लगाय गयो मन मोहना । या ब्रज . . . मीरा के प्रभु गिरधर नागर , सुन्दर श्याम सुंदर है सलोना । या ब्रज . . .
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बहुआ जे चलली नहाय, तो सासू निरेखइ हे बहुआ जे चलली नहाय , 1 तो सासू निरेखइ2 हे । बहुआ , कवन मरद चित लायल , 3 गरभ जनावल हे ॥ 1 ॥ सासू आधी राति जा हइ , अउरो पहर4 राति हे । सासू , राती के आव हइ5 भँरवा , 6 तो होइ के खिड़की से हे ॥ 2 ॥ बोलवहऽ7 गाँव के पठेरिया , 8 तो रेसम के जाल बुनऽ हे । ओहि जाल बुझयबइ9 भँवरा , अछरँग 10 मोरा छुटि जइहें हे ॥ 3 ॥ मचियाहि11 बैठल सासू बढ़यतिन , 12 चिन्ही लेहु13 अपना बेटा के हे । सासु , अछरँग मोरा छोरि देहु हे ॥ 4 ॥
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