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6 साल की बच्ची अपनी मां के लिए बनी मां | UPUKLive 6 साल की बच्ची अपनी मां के लिए बनी मां जो प्यार, करुणा और देखभाल का स्वभाव ईश्वर ने बेटियों को दिया है, वह बेटों को हासिल नहीं है। मां को ब्रेन हैमरेज हो जाने के बाद छह साल की मासूम ने जिस तरह से मां की देखभाल की, उसे देखकर लगता है कि मां असल में बेटी है और बेटी मां है। काई चेंगचेंग जब महज छह साल की थी, तो उसकी मां चेन ली को ब्रेन हैमरेज हो गया था। इसकी वजह से उनकी याददाश्त खराब हो गई। बीते चार साल से अपनी मां को पढ़ना, लिखना और बोलना सिखाना ही काई की दिनचर्या का हिस्सा हो गया है। वह कहती है कि कभी मां ने मुझे पढ़ना, लिखना सिखाया था, अब मेरी बारी है कि मैं अपनी मां को पढ़ना लिखना सिखाऊं। मैं मां के लिए पढ़ाई किसी खेल की तरह सिखाती हूं, ताकि उनके लिए इसे समझना आसान हो जाए। उदाहरण के लिए जब मैं उन्हें एपल के बारे में बताती हूं, तो उन्हें सेब देती हूं, ताकि वह इसे खाकर उसका स्वाद और उसके बारे में जान सकें। जब मैं रैबिट के बारे में बताती हूं, तो उन्हें खरगोश पकड़ने के लिए देती हूं। काई के पिता एक छोटी सी दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण और पत्नी के इलाज का खर्च निकाल रहे हैं। इसलिए वह पत्नी की देखभाल के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाते हैं। वहीं, बड़ा भाई काई लिंग ने हाई स्कूल में दाखिला लिया है, जिसकी वजह से वह भी मां की देखभाल नहीं कर पाता है। ऐसे में काई ही अपनी मां की देखभाल करती हैं। वह मां को चीनी भाषा सिखाने के साथ ही उन्हें रोज समय पर दवाएं देना भी नहीं भूलती हैं। इसके साथ ही मां को जल्दी से ठीक करने के लिए वह फीजियोथैरेपी एक्सरसाइज कराती हैं। काई कहती हैं कि मां को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है और ठीक होने के लिए उन्हें लगातार समय पर दवाएं लेना जरूरी है। यदि कोई उन्हें याद नहीं दिलाए, तो वह दवा लेना ही भूल जाती हैं। बीचे चार साल से काई लगातार कड़ी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद स्कूल में न सिर्फ अच्छे ग्रेड हासिल करती हैं, बल्कि लीडरशिप रोल भी निभाती हैं। मां के प्रति काई के समर्पण को देखते हुए स्थानीय सरकार ने उन्हें पुरस्कृत किया है और स्थानीय सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी ने भी उन्हें पहचान दी है। चीन की मीडिया उन लोगों के बारे में अक्सर समाचार दिखाती है, जो इस तरह के काम करते हैं। UPUKLive: 6 साल की बच्ची अपनी मां के लिए बनी मां https://3.bp.blogspot.com/-CJyEsqibU60/W_Q7SAtg7MI/AAAAAAADdhM/8xf2fBeqM7EYImZcZM-WAYu79KjX0JocwCK4BGAYYCw/s640/-%2Bupuklive%2B-%2BCopy%2B%25282%2529.PNG https://3.bp.blogspot.com/-CJyEsqibU60/W_Q7SAtg7MI/AAAAAAADdhM/8xf2fBeqM7EYImZcZM-WAYu79KjX0JocwCK4BGAYYCw/s72-c/-%2Bupuklive%2B-%2BCopy%2B%25282%2529.PNG http://www.upuklive.com/2018/11/6_20.html
2018-12-15T16:31:15Z
http://www.upuklive.com/2018/11/6_20.html
होम > उत्पादों > कोहनी सेनेटरी फिटिंग (कोहनी सेनेटरी फिटिंग के लिए कुल 24 उत्पादों) Shijiazhuang Huize Pipe Fitting Co., Ltd. is one of the कोहनी सेनेटरी फिटिंग leading brands in China. It is the factory & supplier specializing in manufacturing कोहनी सेनेटरी फिटिंग. Offer high quality कोहनी सेनेटरी फिटिंग at a cheap wholesale price. थोक चीन से कोहनी सेनेटरी फिटिंग , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते कोहनी सेनेटरी फिटिंग खोजने की आवश्यकता है। बस कोहनी सेनेटरी फिटिंग पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे कोहनी सेनेटरी फिटिंग का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं।
2019-09-22T00:25:08Z
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2020-08-08T09:24:10Z
https://www.himalini.com/52334/07/04/09/
SPOTLIGHT : 18 - APR - 5:00 PM अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस डिफेंस लि. (आरडीएल) ने भारत के सशस्त्र बलों के लिये सैन्य हार्डवेयर के संयुक्त रूप से विनिर्माण के लिये दक्षिण कोरिया की प्रमुख रक्षा कंपनी के साथ रणनीतिक गठजोड़ किया है। You May Also Like : Nepal, China hold first-ever joint military exercises
2018-02-24T00:33:16Z
http://www.mahendraguru.com/2017/04/spotlight-18-apr-500-pm.html
आज भी प्रासंगिक हैं गांधी के वैश्विक विचार - Pravakta.Com | प्रवक्‍ता.कॉम आज भी प्रासंगिक हैं गांधी के वैश्विक विचार गांधी के आदर्श विचार उनके निजी जीवन तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने अपने आदर्श विचारों को आजादी की लड़ाई से लेकर समाज निर्माण जैसे जीवन के विविध पक्षों में भी आजमाया। उस समय लोग कहा करते थे कि आजादी के लक्ष्य में सत्य और अहिंसा नहीं चलेगी और न ही इससे सभ्य समाज का निर्माण होगा। लेकिन गांधी ने दिखा दिया कि सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर भी आजादी और समाज निर्माण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आजादी के आंदोलन के दौरान गंाधी ने लोगों को संघर्ष के तीन मंत्र दिए-सत्याग्रह, असहयोग और बलिदान। उन्होंने खुद इसे समय की कसौटी पर कसा भी। सत्याग्रह को सत्य के प्रति आग्रह बताया। यानी आदमी को जो सत्य दिखे उस पर पूरी शक्ति और निष्ठा से डटा रहे। बुराई, अन्याय और अत्याचार का किन्हीं भी परिस्थितियों में समर्थन न करे। सत्य और न्याय के लिए प्राणोत्सर्ग करने को बलिदान कहा। अहिंसा के बारे में उनके विचार सनातन भारतीय संस्कृति की प्रतिध्वनि है। गांधी पर गीता के उपदेशों का व्यापक असर रहा। वे कहते थे कि हिंसा और कायरता पूर्ण लड़ाई में मैं कायरता की बजाए हिंसा को पसंद करुंगा। मैं किसी कायर को अहिंसा का पाठ नहीं पढ़ा सकता वैसे ही जैसे किसी अंधे को लुभावने दृश्यों की ओर प्रलोभित नहीं किया जा सकता। उन्होंने अहिंसा को शौर्य का शिखर माना। उन्होंने अहिंसा की स्पष्ट व्याख्या करते हुए कहा कि अहिंसा का अर्थ है ज्ञानपूर्वक कष्ट सहना। उसका अर्थ अन्यायी की इच्छा के आगे दबकर घुटने टेक देना नहीं। उसका अर्थ यह है कि अत्याचारी की इच्छा के विरुद्ध अपनी आत्मा की सारी शक्ति लगा देना। अहिंसा के माध्यम से गांधी ने विश्व को यह भी संदेश दिया कि जीवन के इस नियम के अनुसार चलकर एक अकेला आदमी भी अपने सम्मान, धर्म और आत्मा की रक्षा के लिए साम्राज्य के सम्पूर्ण बल को चुनौती दे सकता है। गांधी के इन विचारों से विश्व की महान विभुतियों ने स्वयं को प्रभावित बताया। आज भी उनके विचार विश्व को उत्प्रेरित कर रहे हैं। लोगों द्वारा उनके अहिंसा और सविनय अवज्ञा जैसे अहिंसात्मक हथियारों को आजमाया जा रहा है। ऐसे समय में जब पूरे विश्व में हिंसा का बोलबाला है, राष्ट्र आपस में उलझ रहे हैं, मानवता खतरे में है, गरीबी, भूखमरी और कुपोषण लोगों को लील रही है तो गांधी के विचार बरबस प्रासंगिक हो जाते हैं। अब विश्व महसूस भी करने लगा है कि गांधी के बताए रास्ते पर चलकर ही विश्व को नैराश्य, द्वेष और प्रतिहिंसा से बचाया जा सकता है। गांधी के विचार विश्व के लिए इसलिए भी प्रासंगिक हैं कि उन विचारों को उन्होंने स्वयं अपने आचरण में ढालकर सिद्ध किया। उन विचारों को सत्य और अहिंसा की कसौटी पर जांचा-परखा। 1920 का असहयोग आंदोलन जब जोरों पर था उस दौरान चैरी-चैरा में भीड़ ने आक्रोश में एक थाने को अग्नि की भेंट चढ़ा दी। इस हिंसक घटना में 22 सिपाही जीवित जल गए। गांधी जी द्रवित हो उठे। उन्होंने तत्काल आंदोलन को स्थगित कर दिया। उनकी खूब आलोचना हुई लेकिन वे अपने इरादे से टस से मस नहीं हुए। वे हिंसा को एक क्षण के लिए भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं थे। उनकी दृढ़ता कमाल की थी। जब उन्होंने महसूस किया कि ब्रिटिश सरकार अपने वादे के मुताबिक भारत को आजादी देने में हीलाहवाली कर रही है तो उन्होंने भारतीयों को टैक्स देने के बजाए जेल जाने का आह्नान किया। विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आंदोलन चलाया। ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर टैक्स लगाए जाने के विरोध में दांडी यात्रा की और समुद्र तट पर नमक बनाया। उनकी दृढ़ता को देखते हुए उनके निधन पर अर्नोल्ड टोनी बी ने अपने लेख में उन्हें पैगंबर कहा। प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन का यह कथन लोगों के जुबान पर है कि आने वाले समय में लोगों को सहज विश्वास नहीं होगा कि हांड़-मांस का एक ऐसा जीव था जिसने अहिंसा को अपना हथियार बनाया। हिंसा भरे वैश्विक माहौल में गांधी के विचारों की ग्राहयता बढ़ती जा रही है। जिन अंग्रेजों ने विश्व के चतुर्दिक हिस्सों में युनियन जैक को लहराया और भारत में गांधी की अहिंसा को चुनौती दी, आज वे भी गांधी के अहिंसात्मक आचरण को अपनाने की बात कर रहे हैं। विश्व का पुलिसमैन कहा जाने वाला अमेरिका जो अपनी धौंस-पट्टी से विश्व समुदाय को उपदेश देता है अब उसे भी लगने लगा है कि गांधी की विचारधारा की राह पकड़कर ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। सच तो यह है कि गांधी के शाश्वत मूल्यों की प्रासंगिकता बढ़ी है। गांधी अहिंसा के न केवल प्रतीक भर हैं बल्कि मापदण्ड भी हैं जिन्हें जीवन में उतारने की कोशिश हो रही है। अभी गत वर्ष पहले ही अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ह्वाइट हाउस में अफ्रीकी महाद्वीप के 50 देशों के युवा नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आज के बदलते परिवेश में युवाओं को गांधी जी से प्रेरणा लेने की जरुरत है। गत वर्ष पहले अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने महात्मा गांधी की अगुवाई वाले नमक सत्याग्रह को दुनिया के सर्वाधिक दस प्रभावशाली आंदोलनों में शुमार किया। याद होगा अभी कुछ साल पहले जाम्बिया के लोकसभा सचिवालय द्वारा विज्ञान भवन में संसदीय लोकतंत्र पर एक सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें राष्ट्रमंडल देशों के लोकसभा अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों ने शिरकत की। जाम्बिया की नेशनल असेम्बली के अध्यक्ष असुमा के. म्वानामवाम्बवा ने इस सम्मेलन के दौरान गांधी के सिद्धान्तों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि भारत के साथ हम भी महात्मा गांधी की विरासत में साझेदार हैं। उन्होनें बताया कि अहिंसा के बारे में गांधी जी की शिक्षाओं ने जाम्बिया के स्वतंत्रता आन्दोलन को बेहद प्रभवित किया। सच तो यह है कि अब गांधी के वैचारिक विरोधियों को भी लगने लगा है कि गांधी के बारे में उनकी अवधारणा संकुचित थी। उन्हें विश्वास होने लगा है कि गांधी के नैतिक नियम पहले से कहीं और अधिक प्रासंगिक और प्रभावी हैं और उनका अनुपालन होना चाहिए। गांधी जी राजनीतिक आजादी के साथ सामाजिक-आर्थिक आजादी के लिए भी चिंतित थे। समावेशी समाज की संरचना को कैसे मजबूत आधार दिया जाए उसके लिए उनका अपना स्वतंत्र चिंतन था। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में विषमता रहेगी, हिंसा भी रहेगी। हिंसा को खत्म करने के लिए विषमता मिटाना जरुरी है। विषमता के कारण समृद्ध अपनी समृद्धि और गरीब अपनी गरीबी में मारा जाएगा। इसलिए ऐसा स्वराज हासिल करना होगा, जिसमें अमीर-गरीब के बीच खाई न हो। शिक्षा के संबंध में भी उनके विचार स्पष्ट थे। उन्होंने कहा है कि मैं पाश्चात्य संस्कृति का विरोधी नहीं हूं। मैं अपने घर के खिड़की दरवाजों को खुला रखना चाहता हूं जिससे बाहर की स्वच्छ हवा आ सके। लेकिन विदेशी भाषाओं की ऐसी आंधी न आ जाए कि मैं औंधें मुंह गिर पड़ूं। गांधी जी नारी सशक्तीकरण के प्रबल पैरोकार थे। उन्होंने कहा कि जिस देश अथवा समाज में स्त्री का आदर नहीं होता उसे सुसंस्कृत नहीं कहा जा सकता। आज के दौर में भारत ही नहीं बल्कि विश्व समुदाय को भी समझना होगा कि उनके सुझाए रास्ते पर चलकर ही एक समृद्ध, सामथ्र्यवान, समतामूलक और सुसंस्कृत विश्व का निर्माण किया जा सकता है। आधुनिक भारतीय चिंतन प्रवाह में गांधी के विचार सार्वकालिक हैं। सच तो यह है कि गांधी भारतीय उदात्त सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के अग्रदूत के साथ-साथ सहिष्णुता, उदारता और तेजस्विता के प्रमाणिक तथ्य हैं। सत्यशोधक संत भी हैं तो शाश्वत सत्य के यथार्थ समाज वैज्ञानिक भी। राजनीति, साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन, विज्ञान और कला के अद्भूत मनीषी भी तो मानववादी विश्व निर्माण के आदर्श मापदण्ड भी। सम्यक प्रगति मार्ग के चिंह्न भी तो भारतीय संस्कृति के परम उद्घोषक भी। गांधी के लिए वेद, पुराण एवं उपनिषद का सारतत्व ही उनका ईश्वर है और बुद्ध, महावीर की करुणा ही उनकी अहिंसा है। सत्य, अहिंसा, ब्रहमचर्य, अस्तेय, अपरिग्रह, शरीर श्रम, आस्वाद, अभय, सर्वधर्म समानता, स्वदेशी और समावेशी समाज निर्माण की परिकल्पना ही उनके जीवन का परम लक्ष्य है। Previous भारत की मिट्टी की विशिष्टता और बंदा बैरागी Next प्रदेश की मेधाशक्‍ति के हित में आदेश, जिस पर राजनीति होना तय है
2020-05-26T01:13:46Z
https://www.pravakta.com/aaj-bhi-prasangik-hain-gandhi-ke-vaishwik-vichaar/
 Keetru | Sinthanaiyalan | PUCL | Binayak Sen | Release ஒடுக்கப்பட்ட மக்கள் உரிமைப் போராளி மருத்துவர் பிநாயக் சென் விடுதலை மருத்துவர் பிநாயக் சென் இரண்டு ஆண்டுகள், 11 நாள்கள் சிறை வாசத்திற்குப் பின் 25.5.2009 அன்று இராய்ப்பூர் சிறையிலிருந்து பிணையில் விடுதலை செய்யப்பட்டார். நீண்ட போராட்டத்திற்குப் பின் உச்சநீதிமன்றம் இவரை பிணையில் விடுதலை செய்ய உத்தரவிட்டது. சட்டீஸ்கர் மாநிலத்தைச் சேர்ந்த 59 அகவை மருத்துவர் பிநாயக் சென் செய்த குற்றம்தான் என்ன? ஏழை, எளிய, மலைவாழ் மக்களுக்குக் குறைந்த பணத்திற்கும், பணம் இல்லாமலும் மருத்துவத் தொண்டு செய்ததுதான். மக்கள் குடியுரிமைச் சங்கத்தின் (PUCL) தேசியத் துணைத் தலைவராகவுள்ள பிநாயக் சென் மருத்துவர் என்ற முறையில் சிறைவாசிகளுக்கும் மருத்துவம் செய்து வந்தார். அதைப் பயன்படுத்தி பிலாஸ்பூர் சிறைவாசியாக உள்ள மாவோயிஸ்டுத் தலைவருக்கு தூதஞ்சலராக (கூரியர்) செயல்பட்டார் என்று கூறி, 2007 மே 14 அன்று, சட்டீஸ்கர் சிறப்புப் பொது பாதுகாப்புச் சட்டம் 2005 மற்றும் சட்டத்திற்குப் புறம்பான நடவடிக்கைகள் தடுப்புச் சட்டம்-1967 ஆகியவற்றின்படி கைது செய்து சிறையில் அடைக்கப்பட்டார். கடந்த இரண்டு ஆண்டுகளில் அவர் மீதான குற்றச் சாற்றினை எண்பிப்பதற்கான ஆதாரம் எதுவும் அளிக்கப் படவில்லை. வேலூர் கிறித்தவ மருத்துவக் கல்லூரியில் மருத்துவம் பயின்ற இவர், தில்லி சவகர்லால் நேரு பல்கலைக்கழகத்தின் சமூக மருத்துவம் மற்றும் மக்கள் நல நடுவத்தில் ஆசியராகப் பணியாற்றியுள்ளார். இவர் சிறந்த மக்கள் மருத்துவப் பணிக்காக விருதுகள் வழங்கி பெருமைப் படுத்தப்பட்டுள்ளார். 1981இல் இருந்து பிநாயக் சென் மக்கள் குடியுரிமை அமைப்புகளில் அக்கறையுடன் ஈடுபட்டு, பணியாற்றியுள்ளார். சட்டீசுகர் மாநிலத்தில் மாவோயிஸ்டுகளை ஒடுக்குவதற்கு என்று அம்மாநில அரசும் காவல் துறையும் "சல்வா ஜூடும்' என்ற பெயரில் குண்டர் படையை உருவாக்கியுள்ளது. ஏதுமறியாப் பொதுமக்களைக் கொடுமைக் குள்ளாக்குகின்றனர். நூற்றுக்கணக்கான மக்கள் காரணம் ஏதுமின்றி சிறையில் அடைக்கப்பட்டும் உள்ளனர். இவ்வாறு மனித உரிமைகள் நசுக்கப்படுவதற்கு எதிராகவும் அரச பயங்கரவாதத்திற்கு எதிராகவும் குரல்கொடுத்து வந்ததும் போராடியதுமே பிநாயக் சென் சிறையில் அடைக்கப்பட்டதற்கு காரணமாகும். உலகம் முழுவதும் இருந்து நோபல் பரிசு பெற்ற 22 அறிஞர் பெருமக்களும், 2000 மருத்துவர்களும், மனித உரிமை ஆர்வலர்களும் கையயாப்பமிட்டு வேண்டுகோள் விடுத்தும் ஆர்ப்பாட்டங்கள் போராட்டங்கள் நடத்தியதால் விளைவாக உச்சநீதிமன்றத்தன் பிநாயக் சென் விடுதலை செய்யப்பட்டுள்ளார். இப்போதும் அரச பயங்கரவாதத்தால் தன் உயிருக்கு ஆபத்து உள்ளதாக பிநாயக் சென் கூறியுள்ளார். எனவே, மக்களாகிய நாம் பிநாயக் சென் போன்ற ஒடுக்கப்பட்ட மக்கள் உரிமைப் போராளிகளைப் பாதுகாப்பதும், அரச பயங்கரவாத்திற்கு எதிராகப் போராடுவதும் இன்றியமையாக் கடமையாகும்.
2019-11-22T18:53:52Z
http://www.keetru.com/sinthanaiyalan/jun09/binayak.php
serial_etc > 세상읽기 > 곤혹의 나날, 다시 문학을 생각한다 곤혹의 나날, 다시 문학을 생각한다 지난 4.11 총선이 내게 불러일으킨 감정을 한 마디로 표현하자면 ‘곤혹감’이었다. 세상을 바꾸는 일이 참 쉽지 않다는 생각이 새삼스럽게 든 것이다. 이런저런 분석적 접근을 떠나서 그저 감각적으로만 본다면 이런 어불성설의 권력 아래 4년을 살아온 사람들이 어떻게 현 집권세력에게 다시 또 과반의 의석을 줄 수 있는가 좀처럼 이해가 되지 않는 것이다. 박정희의 딸이 등장한다고 해서, 당명을 바꾸고 약간의 개혁적 제스처를 보였다고 해서 바로 지금 자신들의 삶을 구렁텅이로 밀어넣고 있는 그들에게 다시 표를 찍어줄 수 있다는 것일까 하는 생각 때문에 근 보름이 지난 지금까지도 여전히 입맛이 쓰디쓰다. 이 곤혹감은 절망감보다는 가벼운 감정이지만 그 뒷감당을 생각하면 어쩌면 훨씬 더 어렵고 무거운 감정이다. 절망감은 말하자면 바닥을 치는 것과 같아서 다시 치고 올라가면 되는 것이고, 그 반등의 힘은 집중적이고 전면적인 것이어서 장차 극적인 반전을 기대해 볼 수도 있는, 차라리 건강한 감정이다. 반면에 곤혹감은 희망/절망처럼 처음부터 모든 것을 걸고 들어가는 ‘기투’적인 것이 아니고 나름의 운산을 거쳐 도모한 일이 예기치 않은 결과를 낳았을 때 생기는, 그 안에 어떤 역동성도 좀처럼 찾아볼 수 없는 대단히 소모적이고 무기력한 감정이라고 할 수 있다. 그런데 그런 곤혹감이 지금 내 가슴을 꽉 메우고 있는 것이다. 세상 참 어렵다는 생각, 어떻게 해 보려 해도 계산이 잘 들어맞지 않는 다는 생각, 뭔가 보이지 않는 장벽이 앞을 가로막고 있다는 생각이 부쩍 들고 있는 것이다. 어쩐지 예감이 좋지 않다. 그렇다. 여기엔 기분 나쁜 기시감이 있다. 20년 전 1990년대 초반의 기분이 꼭 이랬다. 1987년 12월 대선에서 맛본 허탈함을 넘어 변혁운동이 다시 기운을 차려 노태우정권과 전면전을 시작했던 그 시절, 거리는 연일 최루탄과 화염병이 난무했고 ‘죽음의 굿판’이라는 말까지 들으며 수많은 사람들이 속절없이 목숨을 버리며 그 싸움에 임했지만 결국 운동은 대중으로부터 고립되고 재가 식어가듯 서서히 그 생명을 다해가던 그 시절, 그때도 나는 절망감보다는 곤혹감에 더 사로잡혔었다. 그런데 지금 또 다시 그때의 곤혹감이 되살아난다. 20년 전과 지금, 결국 기시감으로 연결된 두 시기의 특징은 한 마디로 대중의 배반이라고 할 수 있다. 1990년대 초반에 대중은 노태우 정권이 위장한 군부독재권력이라는 것을 충분히 알면서도 직선제 개헌 이상의 어떠한 변혁 프로그램에도 지지를 보내지 않고 기꺼이 ‘운동권’을 고립시켰다. 2012년 봄, 대중은 새누리당 정권이 여전히 신자유주의적 특권세력을 위한 권력임을 알면서도 기꺼이 다시 그들을 선택했다. 가을에 대선이 있지만 지금으로선 대선이 희망적이리라는 아무런 보장도 운산도 없다. 1990년대 초반의 배반에는 이유가 있다. 그때 대중은 사상초유의 호황에 따른 물적인 안락함을 누리고 있었기 때문이다. 거기에 낡은 변혁논리를 들이대는 것은 일종의 시대착오였다. 하지만 지금은 왜? 신자유주의에 의한 고통이 극에 달한 지금 대중은 왜 여전히 보수편향인가. 생각해 보면 역시 이번에도 배반의 이유는 있다. 대안이 없기 때문이다. 20년 전 한줌도 안 되는 이른바 ‘운동권’에게 유사군부독재정권보다 더 나은 세상을 가져오리란 믿음을 갖지 못했듯, 지금 대중 역시 자신들의 가시권 안에 있는 대안세력인 야당세력 또한 다를 바 없는 부르주아정당에 불과하며 신자유주의의 막강한 힘을 제어할 수 있는 힘도 비젼도 갖지 못했음을 현명하게도 알아차린 것이다. 그러므로 20년 전의 곤혹감이 낡고 시대착오적인 변혁이론의 잘못된 운산에서 온 것처럼, 이 봄 내가 다시 느끼는 곤혹감은 그 반대로 대중의 보다 발본적 요구에 못 미치는 개량주의적 정치프로그램의 잘못된 운산에서 온 것일지도 모른다. 이럴 때일수록 발본적 사유가, 발본적 대안이 필요한 것이라는 생각이 든다. 이런저런 현실적 조건이나 제약들, 내면화된 억압이나 금기들로부터 자유로운, 곧이 곧대로 자유와 해방을, 그리고 그것에 이루는 방법들을 솔직히 말하고 그것이 왜 필요한가, 왜 우리에게 그것이 옳은가 눈을 똑바로 뜨고 말하는 것이 필요하다. 이렇게 살아갈 수는 없는 거라고, 이런 나날은 노예의 나날이고 지금 당신의 작은 위안이란 한갓 노예의 휴식이며 죽음의 춤에 불과한 것이라고 깨놓고 말하는 것이 필요하다. 그렇게 해야 한다고 생각하는 동안 나는 말이 칼처럼 쓰이던 시절들을 떠올렸고 다시 문학을 생각해 냈다. “문학은 영구혁명중인 사회의 주체성”이라는, 사르트르가 발신인이고 되어 있고 가라타니 고진이 한번 중개했던 바 있던 그 유명한 한 구절을 생각해 냈다. 나는 문학에 대해 다른 것은 알지 못한다. 나의 시대에는 문학은 혁명과 동의어였고, 그렇지 않은 문학은 내겐 허접쓰레기나 마찬가지였다. 과학의 이름으로 된 거시적인 변혁프로그램도, 현실의 이름 아래 이루어지는 소소한 개량적 정치프로그램도 고통받는 민중의 현실과 아귀가 맞아들어가지 않을 때, 어쩌면 더 요긴한 것은 일찍이 문학이 그 이름 아래 세상을 바꾸는 힘이었던, 불가능한 것을 꿈꾸며 가장 불온한 것에 열광하는 낭만적 기획, 유토피아적 상상력일지도 모른다. 그 상상력, 그 기획의 이름 아래 이루어지는 뜨거운 어떤 것을 위해 문학이 다시 앞장설 수 있는가 어떤가 지금 나는 다시 생각해 보고 있다. 가능할까? 문학이, 문학은, 문학으로? 신동흔 2012.05.01. 9:29 am 잘 읽었습니다. 그날 밤, 저도 잠을 이룰 수 없었지요.. 고민 끝에 도달한 결론은 조금 달랐지만요. 저는 그런 생각을 했더랍니다. '머리'로는, '논리'로는 대중을 설득할 수 없는 거라고. 가슴을 움직여야 하고, 그보다 몸을 움직일 수 있어야 하는 거라고. 회의나 비판에 앞서, 모든 잘못이 우리 자신에게 있음을 절감하며 기꺼이 두 손 내밀어 끌어안는 것이 답이 아닐까 하는 그런 생각 등등... 나이가 들면서 오히려 감상적이 되는 걸 보면 아직도 제가 세상 경험이 부족한 것 같습니다. 어떻든 제가 믿는 것은 문학의 힘! 특히 이야기의 힘!! 함께 힘내도록 하시지요. 로그인 하신 후에 의견을 남겨주세요. 許弛 2012.05.02. 10:47 pm 신동흔선생, 선거 전날 뜨거운 독려 메시지가 생각나는군요. 우리에게 모든 잘못이 있단 말이 맞습니다. 로그인 하신 후에 의견을 남겨주세요. 차원현 2012.05.11. 8:15 pm 평소 존걍하는 두 분이 의기투합하셨군요.^^. 두 분의 말씀에 전적으로 공감합니다. 생각할 꺼리가 많은 정치 이벤트였어요. 먹물로서, 문학으로 밥벌이하는 처지에서...뭘 해야 할지 저도 고민 좀 해봐야겠습니다. 로그인 하신 후에 의견을 남겨주세요. 許弛 2012.05.15. 4:12 pm 차선생, 역시 비평가 답게 비판적 거리를 냉정히 유지하는군. 차마 '존경'한다고 하지 않고 짐짓 오타를 가장해 '존걍'한다고 하는 걸 보니^^ 로그인 하신 후에 의견을 남겨주세요. '세상 읽기'를 시작하며 [1] 2010.05.18. 2331 18 문제적 문학인 임화 2010.10.24. 1949 17 프로문학 연구에 대한 한 소회-대구 심포지엄을 다녀… [1] 2010.10.17. 1542 16 '진보' 사용설명서 2012.05.17. 1013 15 '사랑'을 믿지 않는 <난쏘공> - 최인석의 <연애, 하는… [1] 2012.05.02. 1449 곤혹의 나날, 다시 문학을 생각한다 [4] 2012.04.24. 961 13 영국에서 보내는 짧은 편지 2011.09.27. 1451 12 당신들의 천국 2011.01.05. 2079 11 빚진 자의 혼잣말 - 전태일 40주기에 [1] 2010.11.09. 1854 10 한 주만 쉬지요 [3] 2010.09.08. 2447 9 싸이코패스 공화국 [1] 2010.08.31. 1965 8 개 같은 내 인생 [4] 2010.08.25. 2144 7 망언과 실언 [4] 2010.08.18. 1785 6 현실적인 것과 비현실적인 것 2010.08.10. 1690 5 폭력은 오래 지속된다 [3] 2010.08.04. 1801 1 /2 /
2017-06-26T03:45:13Z
http://minmun.org/index.php?query=serial03&field=&words=&page=1&numerals=44&PHPSESSID=00d6317a92edb9be95c2fb02d9e2fef8
विकास फार्म, तृश्शूर, केरल | Medindia पूरे भारत की 7000 से अधिक फार्मास्युटिकल (औषधि विक्रेता) कंपनियों की सूची में से खोजिये । यहां केरल की औषधि विक्रेता सूचिका (लिस्टिंग) में से 'विकास फार्म' कंपनी का पता, संपर्क विवरण- जैसे फोन नंबर, ईमेल, संपर्क व्यक्ति और स्थान की स्थिति के लिए निर्देश शामिल हैं । पता : नयां चर्च रोड़
2018-01-23T04:05:15Z
http://hi.medindia.net/buy_n_sell/pharm_industry/vicos-pharma-trichur-kerala-5441-1.htm
बालयति बाबा भुमण शाह जी उदासीन - Kamboj Society Baba Bhuman Shah बालयति बाबा भुमण शाह जी उदासीन बाबा भुम्मन शाह, (जिन्हें बाबा भुम्मनशाह, जन्म भूमिया के नाम से भी जाना जाता है) को भारत के शीर्ष उदासी संतों में गिना जाता है। उनका जन्म 14 अप्रैल, 1687 ई. को बहलोलपुर गाँव, दीपालपुर तहसील, ओकरा ज़िला, पंजाब (पाकिस्तान) में हुआ था, जो कथित तौर पर कम्बोज वंश के थे। उनके पिता चौधरी हस्सा राम नम्बरदार और बहलोलपुर के एक प्रसिद्ध जमींदार थे। हस्सा राम और उनकी पत्नी माता राजो बाई को धार्मिक रूप से जाना जाता था और वे गुरु नानक के भक्त होने के साथ-साथ उदासी पंथ के संस्थापक भी थे। कई किंवदंतियों और मिथक हैं जो भूमिया के प्रारंभिक बचपन से जुड़े हुए हैं। कहानी यह है कि एक बार एक बच्चे के रूप में, जब वह अपने पालने में सो रहा था, तो एक कोबरा आया और उसकी छाती के ऊपर बैठ गया और अपने हुड को फैला दिया। मदर राजो दृश्य में दंग रह गई, लेकिन जब उसने पालने के पास जाने की हिम्मत की, तो कोबरा धीरे-धीरे गायब हो गया और सोते हुए बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। एक अन्य मिथक मृत गौरैया के पुनरुद्धार से संबंधित है; और फिर भी एक गरीब किसान की खोई हुई फसल को स्वास्थ्य के लिए बहाल करने से संबंधित है। ये चमत्कार होने के लिए ले जाया गया और दूर-दूर से आए लोगों ने भौमिया के घर पर भीड़ जमा करना शुरू कर दिया। भूमिया सात साल की उम्र में अपनी स्कूली शिक्षा के लिए चली गईं। वह बहुत तेज और बुद्धिमान छात्र था और बहुत कम उम्र में हिंदू धर्म, सिख धर्म और इस्लाम की अनिवार्यताओं को पूरा करता था। अपने धार्मिक पाठों में भाग लेने के अलावा, भूमिया ने अपने गाँव के अन्य लड़कों की संगति में गायों को चराने जैसे सांसारिक कार्य भी किए। वह अपनी गायों को जंगल में ले जाता था, जहाँ वह तपस्वियों, संतों, गरीबों और अनाथों सहित राहगीरों के लिए एक मुफ्त-रसोई (लंगर) चलाने के लिए भरपूर भोजन और जल (जल) भी ले जाता था। थोड़ी देर बाद, परिवार बहलोलपुर से दीपालपुर की ओर चला जाता था। जय जय बाबा भुमन शाह जी दीक्षा पंद्रह वर्ष की आयु तक, भूमिया ने एक भिक्षु बनने की तीव्र आकांक्षा विकसित कर ली थी। अपने माता-पिता की अनुमति के साथ, उन्होंने उदपंत पंथ के प्रमुख संत, पाकपट्टन के बाबा प्रीतम दास से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें गुरु-मंत्र में दीक्षा दी। औपचारिक रूप से बाबा प्रीतम दास द्वारा आरंभ और बपतिस्मा लेने पर, भूमिया स्वयं बाबा भूमण शाह बन गए। इसके तुरंत बाद, उन्होंने उन धार्मिक संदेशों का प्रचार करना शुरू कर दिया जो हमेशा कीर्तन और फ्री-किचन (लंगर) के साथ होते थे। ऐसा कहा जाता है कि गांव कुतुब कोट के एक मुस्लिम राजपूत जमींदार चौधरी लाखा वट्टू को कुछ कारणों से गिरफ्तार किया गया था और पंजाब के राज्यपाल के आदेश से लाहौर में सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। बीबी बख्तावर, लक्खा की माँ, बाबा की कट्टर भक्त थीं। उसने अपने बेटे की रिहाई के लिए बाबा के आशीर्वाद का आग्रह किया और ऐसा हुआ कि चौधरी लाखा को कुछ दिनों के भीतर जेल से रिहा कर दिया गया। परिणामस्वरूप, लट्टू और वट्टू जनजाति के कई मुस्लिम रिश्तेदार भी बाबा के समर्पित अनुयायी बन गए। इसके अलावा, जनजाति ने बाबा के लिए कुतुब-कोट नाम के एक गाँव को भी आत्मसमर्पण कर दिया, जो बाद में उनकी धार्मिक गतिविधियों का केंद्र बना। जिंदगी का कार्य बाबा भुम्मन शाह ने प्रेम, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, सार्वभौमिक भाईचारा, धार्मिक-सहिष्णुता और समानता के अपने संदेश का प्रचार करने के लिए गांव-गांव की यात्रा की। उनके कई संप्रदायों के अनुयायी थे जिनमें हिंदू, सिख और मुस्ले शामिल थे। बाबा ने सूफी संत बाबा फरीद की दरगाह, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, और अपने धार्मिक यात्रा के दौरान कई अन्य सिख और हिंदू मंदिरों की भी यात्रा की। गाँव कुतुब-कोट में, जो बाद में डेरा बाबा भुम्मन शाह के नाम से प्रसिद्ध हुआ, बाबा ने स्थायी रूप से कीर्तन और मुफ्त रसोई (लंगर) की मर्यादा स्थापित की। बाबा भी गुरु गोविंद सिंह के बहुत समर्पित सिख थे। यह बताया जाता है कि एक बार, दशमेश गुरु और उनके सिख अनुयायी निली बार जा रहे थे, जब वे बाबा भुम्मन शाह से मिलने गए और लंगाह को डेरा में ले गए; शाह के नेक मिशन से खुश होकर, गोबिंद सिंह ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनका लंगर किसी भी तरह की कमी के साथ बढ़ता रहेगा। 50 से अधिक वर्षों के लिए अपने धार्मिक मिशन को पूरा करने के बाद, 1762 ई. में बाबा की मृत्यु हो गई. उन्हें महंत निर्मल चंद ने सफल बनाया जिन्होंने अपना काम जारी रखा। छठे महंत बाबा दर्शन दास के समय में, एक ब्रिटिश संभागीय आयुक्त ने डेरा का दौरा किया। महंत के व्यक्तित्व के साथ-साथ डेरा-परिसर और मुफ्त-रसोई सेवा (लंगर) से प्रभावित होकर आयुक्त ने तीर्थस्थल (संत चंद्र स्वामी) द्वारा बाबा भुम्मनशाह को 3000 एकड़ (12 किमी²) कृषि भूमि संलग्न की। श्राइन के नाम पर कुल जमीन-जायदाद 18,000 एकड़ (73 किमी of) कृषि भूमि (cf: 18700 एकड़ (76 km in) शेखूपुरा में गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब) के नाम से अच्छी हो गई. उतरा संपत्ति के अलावा, डेरा के नाम पर अन्य चल / अचल संपत्ति थी। विभाजन के बाद का दृश्य विभाजन के बाद, राजनीति की मजबूरियों के कारण, डेरा के मुख सेवक महंत गिरधारी दास ने अपना धार्मिक मुख्यालय पाकिस्तान से भारत में स्थानांतरित कर दिया। हरियाणा के सिरसा जिले के संगर साधा में एक नया तीर्थ और डेरा स्थापित किया गया था। पाकिस्तान से डेरा को हस्तांतरित कुल भूमि 18 से अधिक की तुलना में 1600 एकड़ (6.5 किमी compared) थी । महंत गिरधारी दास की मृत्यु के बाद, बाबा महंत अमर नाथ बावा संगर साधा में तीर्थ के महंत थे। वर्तमान में बाबा ब्रह्म दास महंत (गद्दीनशीन) हैं। महंत बाबा ब्रह्मा दास जी, डेरा बाबा भुम्मनशाह जी संगर सरिस्ता (सिरसा) के 12 वें महंत हैं। संगर साधा के अलावा, बाबा के हिंदू भक्तों ने उत्तर भारत के कई राज्यों में भी उनकी स्मृति में कई मंदिरों का निर्माण किया है, जहाँ प्रतिदिन बाबाजी की पूजा विश्वास और प्रेम (संत चंद्र स्वामी द्वारा बाबा भुम्मनशाह) के साथ की जाती है। पाकिस्तान में, इस डेरा को विभाजन से पहले के समय में इससे जुड़ी सबसे बड़ी संपत्ति के साथ सबसे अमीर माना जाता था। बाबा भुम्मनशाह की आध्यात्मिक और व्यावहारिक शिक्षाओं को उनके उत्साही भक्त, संत चंद्रा स्वामी द्वारा एक पुस्तिका में उपाख्यानों के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें जीवन के सच्चे लक्ष्य के साथ-साथ अपनी उपलब्धि के लिए सही साधनों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये उपदेश बाबा के अपने दिव्य जीवन के साथ पूर्ण सहमति में हैं।
2019-03-26T05:58:42Z
https://www.kambojsociety.com/baba-bhumman-shah-ji-hi.html
World Cup 2019: इंग्लैंड में ये मैदान है भारत के लिए सोने पे सुहागा, जहां भारत हमेशा है जीता - India TV Hindi News Hindi News खेल क्रिकेट World Cup 2019: इंग्लैंड में ये... World Cup 2019: इंग्लैंड में ये मैदान है भारत के लिए सोने पे सुहागा, जहां भारत हमेशा है जीता ऐजबस्टन में भारत का मुकाबला अपने इस चिर प्रतिद्वंद्वी से नहीं बल्कि मेजबान इंग्लैंड (30 जून) और बांग्लादेश (दो जुलाई) से होगा। Bhasha 24 May 2019, 17:24:57 IST नई दिल्ली। विश्व कप के प्रबल दावेदारों में शामिल भारत ब्रिटेन में 30 मई से शुरू होने वाले क्रिकेट महाकुंभ के लीग चरण के नौ मैच छह मैदानों पर खेलेगा जिनमें से बर्मिंघम का ऐजस्टबन भी शामिल है जहां उसका शानदार रिकार्ड रहा है। भारत ने ऐजबस्टन में अब तक दस एकदिवसीय मैच खेले हैं जिनमें से सात में उसे जीत और केवल तीन में हार मिली है। उसने 2013 से यहां लगातार पांच मैच जीते हैं जिनमें पाकिस्तान के खिलाफ आईसीसी चैंपियन्स ट्राफी 2013 और 2017 में आठ विकेट और 124 रन की दो बड़ी जीत भी शामिल हैं। लेकिन ऐजबस्टन में भारत का मुकाबला अपने इस चिर प्रतिद्वंद्वी से नहीं बल्कि मेजबान इंग्लैंड (30 जून) और बांग्लादेश (दो जुलाई) से होगा। इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने यहां चार मैच खेले हैं जिनमें से तीन में उसे जीत मिली है। बांग्लादेश को भी भारत ने 2017 में इस मैदान पर नौ विकेट से करारी शिकस्त दी थी। भारत अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से 16 जून को ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर में होगा जहां उसने 2007 के बाद कोई वनडे नहीं खेला है। इस मैदान पर भारत ने आठ मैचों में से तीन में जीत दर्ज की और पांच में उसे हार मिली है। भारत ने हालांकि विश्व कप 1999 में पाकिस्तान को इस मैदान पर 47 रन से पराजित किया था। मैनचेस्टर में भारत 27 जून को वेस्टइंडीज से भी भिड़ेगा। भारत ने 1983 विश्व कप के लीग चरण में इसी मैदान पर कैरेबियाई टीम को 34 रन से हराकर सनसनी फैला दी थी लेकिन इसके बाद दोनों टीमें कभी इस मैदान पर आमने सामने नहीं हुई। विराट कोहली की टीम अपने अभियान की शुरुआत पांच जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रोज बाउल, साउथम्पटन पर करेगा जिसमें भारतीय रिकार्ड तीन मैचों में एक जीत और दो हार का है। भारत ने इस मैदान पर एकमात्र जीत 2004 में कीनिया के खिलाफ दर्ज की थी। दक्षिण अफ्रीका के अलावा अफगानिस्तान (22 जून) से भी भारत इसी मैदान पर भिड़ेगा। आस्ट्रेलिया की कड़ी चुनौती का सामना भारतीय टीम नौ जून को ओवल में करेगी। भारत ने इस मैदान पर सर्वाधिक 15 वनडे खेले हैं जिनमें से उसने केवल पांच में जीत दर्ज की है जबकि नौ मैच गंवाये हैं। एक मैच का परिणाम नहीं निकला। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच यहां 1999 विश्व कप में मैच खेला गया था। आस्ट्रेलिया ने यह मैच 77 रन से जीता था। भारतीय टीम न्यूजीलैंड (13 जून) से ट्रेंटब्रिज, नाटिंघम में और श्रीलंका (छह जुलाई) से हेडिंग्ले, लीड्स में भिड़ेगी। नाटिंघम में भारतीय टीम ने सात मैचों में से तीन में जीत और इतने ही मैचों में हार का सामना किया है। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने हालांकि विश्व कप में इंग्लैंड में जो तीन मैच खेले हैं उनमें उसे हार मिली है। इनमें विश्व कप 1999 का इसी मैदान पर खेला गया मैच भी शामिल है। लीड्स में भारतीय टीम दसवां मैच खेलने के लिये उतरेगी। उसने अभी तक इस मैदान पर नौ मैचों में से तीन में जीत दर्ज की है। भारत ने इस मैदान पर आखिरी जीत 2007 में दर्ज की थी। भारत और श्रीलंका लीड्स में पहली बार आमने सामने होंगे।
2020-05-29T01:48:52Z
https://www.indiatv.in/amp/sports/cricket-wolrd-cup-2019-england-edgbaston-lucky-ground-for-tem-india-637264
Rainfall in 17 districts including Tirunelveli and Theni in Tamil Nadu: Meteorological Department | தமிழகத்தில் அடுத்த 24 மணி நேரத்தில் திருநெல்வேலி, தேனி உள்ளிட்ட 17 மாவட்டங்களில் மழைக்கு வாய்ப்பு: வானிலை ஆய்வு மையம் | Dinakaran தமிழ்நாடு: வானிலை ஆய்வு மழைப்பொழிவு சென்னை: தமிழ்நாட்டில் அடுத்த 24 மணி நேரத்தில் 17 மாவட்டங்களில் ஒரு சில இடங்களில் மழை பெய்ய வாய்ப்பு என சென்னை வானிலை மையம் தகவல் அளித்துள்ளது. வெப்பச்சலனம் காரணமாக சென்னை, காஞ்சிபுரம், திருவள்ளூர், வேலூர், கிருஷ்ணகிரி, தருமபுரி, சேலம், ஈரோடு, திருப்பூர், கோவை, நீலகிரி, தேனி, திண்டுக்கல், திருச்சி, புதுக்கோட்டை, நெல்லை, கன்னியாகுமரி மாவட்டங்களிலும் மழைக்கு வாய்ப்பு என்று வானிலை மையம் தெரிவித்துள்ளது. சென்னை வானிலை ஆய்வு மைய இயக்குநர் புவியரசன் இன்று செய்தியாளர்கள் சந்திப்பில் கூறியதாவது: தமிழகத்தில் வெப்பச்சலனம் காரணமாக அடுத்த 24 மணி நேரத்திற்கு சென்னை, காஞ்சிபுரம், திருவள்ளூர், வேலூர், கிருஷ்ணகிரி, தர்மபுரி, சேலம், ஈரோடு, திருப்பூர், திருச்சி, புதுக்கோட்டை, கோவை, நீலகிரி, தேனி, திண்டுக்கல், திருநெல்வேலி, கன்னியாகுமரி மாவட்டங்களில் ஒரு சில இடங்களில் இடியுடன் கூடிய லேசானது முதல் மிதமான மழை மழை பெய்யக்கூடும். கடந்த 24 மணி நேரத்தில் அதிகபட்சமாக ஈரோடு மாவட்டம் கொடுமுடியில் 8 செமீ மழை பதிவாகியுள்ளது. தென்கிழக்கு அரபிக்கடல் பகுதியில் நிலவிய ஆழ்ந்த காற்றழுத்த தாழ்வு பகுதி, தாழ்வு மண்டலமாக வலுப்பெற்றுள்ளது. இது நாளை புயலாக வலுவடைந்து மேற்குக் கடற்கரையை ஒட்டி வடக்கு திசையில் நகரும். இதன் காரணமாக தென் கிழக்கு மற்றும் அதனை ஒட்டிய மத்திய கிழக்கு அரபிக்கடல், லட்சத்தீவு மற்றும் கேரள கடலோரப்பகுதிகளில் அடுத்த 48 மணி நேரத்திற்கு சூறாவளி காற்று மணிக்கு 45 - 55 கிலோ மீட்டர் வேகத்திலும் இடையிடையே மணிக்கு 70 கிலோ மீட்டர் வேகத்திலும் வீசக்கூடும். இதன் காரணமாக இன்று முதல் ஜுன் 4-ஆம் தேதி வரை மீனவர்கள் இப்பகுதிகளுக்கு செல்ல வேண்டாம் என கேட்டுக் கொள்ளப்படுகிறார்கள். சென்னையைப் பொறுத்தவரை வானம் பொதுவாக மேகமூட்டத்துடன் காணப்படும். நகரின் சில பகுதிகளில் லேசானது முதல் மிதமானது வரை மழைக்கு வாய்ப்பு உள்ளது. நகரின் அதிகபட்ச வெப்பநிலை 37 டிகிரி செல்சியஸ் என்ற அளவையும் குறைந்தபட்ச வெப்பநிலை 29 டிகிரி செல்சியஸ் என்ற அளவையும் ஒட்டி இருக்கும் என்று தெரிவித்தார்.
2020-07-10T03:31:38Z
https://m.dinakaran.com/article/News_Detail/590074/amp
गुड चने का सेवन | Get Latest Health Slideshow on गुड चने का सेवन Slideshow in गुड चने का सेवन वैसे तो काले चने बहुत सारे पौष्टिक तत्‍वों से भरपूर होता है लेकिन अंकुरित होने के बाद स्‍वादिष्‍ट होने के साथ-साथ इनसे मिलने वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन की मात्रा और भी ज्‍यादा हो जाती है। रोज कीजिये इन पोषक तत्‍वों का सेवन एक स्वस्थ जीवन बिताने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन के अलावा भी कई पोषक तत्व हैं जिनका सेवन हमें रोज करना चाहिए।
2019-08-25T21:00:52Z
https://www.onlymyhealth.com/search_%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%A1-%E0%A4%9A%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%A8_Slideshow.html
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2017-04-25T01:00:06Z
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पश्चिम बंगाल में पाकिस्तान विरोध पर मनाही, सेमिनार रद्द | Perform India Home पश्चिम बंगाल विशेष पश्चिम बंगाल में पाकिस्तान विरोध पर मनाही, सेमिनार रद्द क्या आपको पता है कि भारत में एक राज्य ऐसा भी है जहां आप पाकिस्तानी आतंकी हमले, कश्मीर में घुसपैठ सहित उसके दूसरे हथकंडों का विरोध नहीं कर सकते। जी हां, हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के बारे में। यहां अगर आप पाक की करतूतों के बारे में कोई विरोध प्रदर्शन, सभा, सेमिनार या रैली करना चाहेंगे तो आपको उसकी इजाजत नहीं मिलेगी। इसकी जगह किसी पाकिस्तानी जिसका विरोध सारा देश कर रहा हो, यहां स्वागत किया जाता है। पाक आतंकी हमले में बाद जब देश भर में गुलाम अली का कार्यक्रम विरोध हो रहा था तो ममता बनर्जी ने उन्हें कोलकाता बुलाकर कार्यक्रम करने की इजाजत दी। लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यहां कश्मीर और बलूचिस्तान के मुद्दे पर पाक विरोधी सेमिनार करने की इजाजत नहीं दी। पाकिस्तानी मूल के तारिक फतेह कोलकाता में पाक विरोधी सेमिनार करने जा रहे थे। तारिक फतेह पाकिस्तानी मूल के लेखक, चिंतक और विश्लेषक हैं। वे सात जनवरी को कलकत्ता क्लब में ‘द सागा ऑफ बलूचिस्तान’ नाम से एक कार्यक्रम करने जा रहे थे। लेकिन कलकत्ता क्लब ने हाथ खड़े करते हुए कार्यक्रम को रद्द कर दिया। – @KolkataPolice on urging of CM @MamataOfficial forces @TheCalcuttaClub to shut talk on #Kashmir #Balochistan. @GeneralBakshi @neelakantha pic.twitter.com/ZQYnR9Cwsr क्लब की ओर से चार जनवरी को कार्यक्रम रद्द करने के बारे में तारिक फतेह को एक मेल किया गया। मेल में कहा गया है कि एक निजी सामाजिक क्लब होने के नाते हम क्लब में सौहर्दपूर्ण माहौल चाहते हैं। जबकि तारिक फतेह ने ट्वीट कर कहा है कि पुलिस और पश्चिम बंगाल सरकार के दबाव के चलते क्लब ने कार्यक्रम को रद्द किया है। तारिफ फतेह ने आरोप लगाया है कि ममता सरकार ने पहले कार्यक्रम के पोस्टर ने कश्मीर शब्द हटाने को कहा था। जिसके ना करने पर कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। कार्यक्रम स्वाधिकार बांग्ला फाउंडेशन की ओर से आयोजित होना था। यह कार्यक्रम बलूचिस्तान और कश्मीर आधारित एक टॉक शो था। इस कार्यक्रम में तारिक फतेह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान, पूर्व सैन्य अधिकारी जीडी बख्शी, कश्मीरी मूल के सुशील पंडित शामिल होने वाले थे। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल का पूरी तरह से इस्लामीकरण कर दिया है। यहां अगर आप किसी दंगे का शिकार हुए हैं और हिंदू हैं तो आपको ना तो मुआवजा मिलेगा ना राहत और ना पुलिस सुरक्षा। यहां वोटबैंक के लिए बांग्लादेशी मुसलमानों का स्वागत किया जाता है और वही मुसलमान यहां आकर स्थानीय हिंदूओं पर जुल्म करता है। ताजा उदाहरण धूलागढ़ का है। कोलकाता से सिर्फ 36 किलोमीटर दूर है। यहां मुस्लिमों ने हिंदुओं के घर, दुकान और धार्मिक प्रतिष्ठानों को जमकर निशाना बनाया। आगजनी और लूटपाट की लेकिन पुलिस दर्शक बनी खड़ी रही। सवाल उठता है कि क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजनीतिक हताशा की शिकार हो गई हैं? इसके पहले नोटबंदी के दौरान पटना से कोलकाता आते वक्त प्लेन लैंडिग में जरा सी देरी होने पर भड़क उठीं और हत्या की साजिश करने का आरोप लगा बैठीं। उसके बाद कोलकाता में राज्य सचिवालय के पास और कई और जगहों पर सेना की तैनाती पर खफा हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि सेना की तैनाती तख्ता पलट के लिए की गई। लेकिन सेना की मौजूदगी नियमित अभ्‍यास का हिस्सा भर थी। पश्चिम बंगाल में हिंदू समुदाय इस समय दहशत की जिदंगी जी रहे है। ममता बनर्जी के खुले समर्थन के चलते अल्पसंख्यक समुदाय पूरी तरह से बेकाबू हो चुका है। पुलिस भी मूकदर्शक की भूमिका निभा रही है। हर किसी को बस हर पल यही डर समा रहा है कि ना जाने कब उनके घर को जला दिया और सबकुछ लूट लिया जाए। इस डर के साए में जीने की मुख्य वजह है पश्चिम बंगाल में योजनाबद्ध तरीके से हो रहे दंगे, जिसे ममता बनर्जी का पूरा समर्थन प्राप्त है। ममता के शासन में दंगे जिन्हें ममता दबा नहीं पाई 13 दिसंबर 2016 में मालदा जिले में मिलाद-उन-नबी के अगले दिन कुछ मुस्लिम युवकों ने हिन्दुओं के घरों और दुकानों में आग लगा दी। 12 अक्टूबर 2016 को हिंसा की शुरुआत पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना ज़िले से हुई, जहां कथित तौर पर मुहर्रम के जुलूस के दौरान भड़की हिंसा में हिंदुओं के घरों को जला दिया और इस हिंसे की आग 5 ज़िलों में फैल गई। 3 जनवरी 2016 को बंगाल की एनएच 34 पर तकरीबन 2.5 लाख मुस्लिम इकट्ठा हुए। जिन्होंने कालियाचक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया और पूरे इलाके में दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पश्चिम बंगाल के कैनिंग जिला में 19 फरवरी, 2013 में दंगा भड़का क्योंकि ये लोग अलग इस्लामी राज्य की मांग कर रहे थे। इस दंगे में 200 से ज्यादा हिंदुओं के घरों को सुनियोजित तरीके लूटा गया और बड़ी संख्या में मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया। यहां तक पुलिस ने हिंदुओं की मदद के लिए फोन नही उठाए कोलकाता उपनगर के उस्ती बाजार को भी 2013 में मुस्लिमों द्वारा निशाना बनाया गया जिसमें 50 से ज्यादा हिंदू दुकानों को लूट लिया गया। उल्टा पुलिस ने पीड़ित हिंदुओं को ही हिरासत में ले लिया और दंगाई मुस्लिम खुले-आम घुमते रहे 14 मई 2012 को दक्षिण 24 परगना जिले के तारनगर और रूपनगर दो गांवों में जमकर हिंसा हुई और हिंदू परिवारों के घरों को मुस्लिम दंगाईयों ने आग के हवाले कर दिया। एक नजर बंगाल की आबादी के बिगड़ते समीकरण पर! 1947 में हिंदुस्तान का विभाजन हुआ, बांग्ला बोलने वाले मुस्लिमों में कुछ भारत के हिस्से में रह गए और बाकी आज के बांग्लादेश के हिस्से में आए। 1947 में पश्चिम बंगाल में 12 फीसदी मुस्लिम आबादी थी। 50 हजार रोहिंग्या मुसलमान म्यामांर छोड़कर बांग्लादेश की सीमा पर डेरा डाले हुए है। आज पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों की संख्या 27 फीसदी के पार पहुंच गई है। 1947 में आज के बांग्लादेश में 27 फीसदी हिंदुओं की संख्या थी। आज बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी घटकर 8 फीसदी रह गई है। जिस तरह से पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है उसे देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाने की पूरी तैयारी ममता बनर्जी ने कर ली है और देश ने हिंदुओं के साथ हो रही बर्बरता पर चुप्पी साध ली है। Previous Articleकेजरीवाल के कई ‘लाल’, भ्रष्टाचार, अपराध व हवाला के ‘दलाल’ Next Articleकेरल की घटना पर क्यों चुप हैं मानवाधिकार के पैरोकार?
2018-03-19T18:28:03Z
http://performindia.com/mamata-government-cancels-tarek-fatah-balochistan-talk/
वीडियो : “राम के नाम” – जानिए, क्या हुआ था 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में??? | My Zavia Generic Pharnacy India Home अयोध्या वीडियो : “राम के नाम” – जानिए, क्या हुआ था 6 दिसंबर... वीडियो : “राम के नाम” – जानिए, क्या हुआ था 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में??? नई दिल्ली। अयोध्या में बाबरी मस्जिद/राम मंदिर विवाद ने तब एक बड़ा मोड़ ले लिया था जब 6 दिसंबर 1992 को लाखों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद गिरा दिया। उस वक्त उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे। पांच दिसंबर 1992 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक बयान ने हवा का रुख बदल दिया। उन्होंने कहा था, ‘’उस जगह को समतल तो करना पड़ेगा।’’ वीडियो (फेसबुक): वाजपेयी के इस भाषण के अगले ही दिन अयोध्या में लाखों कारसेवकों की भीड़ जुट चुकी थी। इस भीड़ के साथ-साथ बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के तमाम नेता बाबरी मस्जिद के पास बने मंच पर मौजूद थे। उस दिन सुबह करीब 11 बजे कुछ कारसेवक बाबरी मस्जिद के आसपास बनी रेलिंग को फांदकर अंदर घुसने की कोशिश करने लगे। अंदर तैनात पीएसी के जवानों ने उन्हें रोका तो उन पर पथराव शुरू हो गया। किसी के हाथ में फावड़े तो कोई हथौड़े लेकर बाबरी मस्जिद विवादित ढांचे की तरफ बढ़ा चला जा रहा था। वीडियो (यू ट्यूब): यही नहीं बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए बड़ी-बड़ी रस्सियों का इंतजाम भी पहले से कर लिया गया था। इतनी तैयारी के साथ आई कारसेवकों की भीड़ में से कुछ लोग जल्द ही गुंबद तक पहुंच गए और फिर देखते ही देखते गुंबद को गिरा दिया गया। दरअसल छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में जो हुआ उसकी नींव 1990 में आडवाणी की रथयात्रा से ही पड़ गई थी। तब ये नारा दिया गया था कि ‘कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे’ यानी जहां बाबरी मस्जिद है वहीं पर मंदिर बनेगा। अयोध्या बाबरी मस्जिद/राम जन्मभूमि विवाद को लेकर आज से सुप्रीम कोर्ट में सबसे बड़ी सुनवाई: अयोध्या मामले में आज यानी मंगलवार 5 दिसम्बर 2017 दोपहर 2 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी ये अहम इस लिए भी है कि कोर्ट खुद कह चुकी है कि अब सुनवाई टलेगी नहीं। 7 साल से लंबित यह मामले में 20 पिटीशंस और 90 हजार पेज में गवाहियां दर्ज हैं। 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन 3 बराबर हिस्सों में बांट दी थी। अदालत ने रामलला की मूर्ति वाली जगह रामलला विराजमान को दी। सीता रसोई और राम चबूतरा निर्माेही अखाड़े को और बाकी हिस्सा मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड 14 दिसंबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। फिर एक के बाद एक 20 पिटीशंस दाखिल हो गईं। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया, लेकिन सुनवाई शुरू नहीं हुई। इस दौरान 7 चीफ जस्टिस बदले। सातवें चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने इस साल 11 अगस्त को पहली बार पिटीशंस लिस्ट की। ये होंगे पैनल जज: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा: 3 तलाक खत्म करने और सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने जैसे फैसले सुना चुके हैं। जस्टिस अब्दुल नाजिर: तीन तलाक बेंच में थे। प्रथा में दखल गलत बताया था। प्राइवेसी को फंडामेंटल राइट करार दिया था। जस्टिस अशोक भूषण: दिल्ली सरकार अौर एलजी के बीच जारी अधिकारों की जंग के विवाद पर सुनवाई कर रहे हैं। Previous article“भिंड जनपद पंचायत को अब भाजपा पर भरोसा नहीं, अध्यक्ष संजू जाटव की कुर्सी छीनी” Next articleपूर्व वित्तमंत्री व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा गिरफ्तार : “किसानों के प्रति सरकार की ‘बेरूखी’ का विरोध कर रहे थे” “कोई सर्जिकल स्ट्राइक्स नहीं हुईं” – पाकिस्तानी सेना ब्रेकिंग न्यूज़ : “जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने समर्थन लिया वापस, महबूबा...
2018-10-19T16:17:42Z
http://myzavia.com/%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%8F-%E0%A4%95/
बाइट--01-- जगराम (ग्रामीण श्रृद्धालु) मेले में सदगुरु महराज के शिष्यों ने पहले साधू संतो को भोजन कराया गया फिर उन्हें भेंट में कम्बल दिया गया। वहीं इस अवसर पर जलौन के सांसद भानू प्रताप वर्मा भी मौजूद रहें और उन्होंने मीडिया से बातचित करते हुए कहा कि इस मेले में हम आते हैं क्योंकि सदगुरू महाराज में हमारी आस्थाह है। बाइट--02-- भानू प्रताप वर्मा (सांसद जालौन) आपको बता दें कि हर साल सदगुरु महराज की समाधी स्थल पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। जहां देश-विदेश से सदगुरु महराज के भक्त पहुंचकर पुजा-अर्चना करते हैं ।
2018-06-24T03:07:55Z
http://exposeindia.com/video-play.php?id=3596
terror plan to attack in punjab and jammu and kashmir Ludhiana Live news Home Hindi पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बड़े हमले की फिराक में आतंकी पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बड़े हमले की फिराक में आतंकी जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठन अंसार गजावत-उल-हिंद का सरगना जाकिर मूसा जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की भर्ती कर रहा है। इतना ही नहीं, जाकिर मूसा अपने डिप्टी रेहान के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर और पंजाब के पुलिस कर्मियों पर फिदायीन हमले की तैयारी कर रहा है। आतंकी रेहान ने हमले की तैयारियों को लेकर पंजाब और जम्मू में पुलिस के दफ्तरों की कई जगहों की रेकी की है। खुफिया एजेंसियों ने सरकार को भेजी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि जम्मू कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के नजदीक 10 आतंकियों की मूवमेंट देखी गई है। ऐसा बताया जा रहा है कि ये सभी आतंकी कश्मीर में बड़े हमले की फिराक में है और इसके लिए वो भारत में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं ये आतंकी लश्कर और जैश के बताए जा रहे हैं। खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट के बाद से लाइन ऑफ कंट्रोल पर सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने को कहा गया है यही नहीं अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगे ITBP CRPF आर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस से भी कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद भारत पर बड़े आतंकी हमले ना कर पाने से बौखलाई हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ISI की मदद से भारतीय नौसेना के बेस पर आतंकी हमले की ट्रेनिंग दी जा रही है जैश ए मोहम्मद के आतंकियों को गहरे पानी में गोताखोरी से लेकर के हथियार चलाने की ट्रेनिंग मिल रही है ताकि वह पठानकोट जैसा एक और बड़े हमले को अंजाम दे सके। Previous articleन्यू कुंदनपुरी में बुड्ढे नाले के किनारे बनी हुई सड़क होगी ऊंची, बीएंडआर को लिखा गया पत्र Next articleपंजाबी पॉप सिंगर पर लगा दुष्कर्म का आरोप, पुलिस ने किया मामला दर्ज
2019-03-20T07:05:25Z
https://news.ludhianalive.com/news/Terror+plan+to+attack+in+punjab+and+jammu+and+kashmir/
KT '구현모호' 첫 조직 개편 3대 키워드는 '고객·젊음·디지털 혁신'…내용은? 업무 중심 전문가 ‘중용’… 젊은 인력 ‘발탁’ 변화와 혁신 별도였던 기업과 글로벌 사업부문을 기업부문’으로 통합 AI/DX융합사업부문 신설…전홍범 최고디지털혁신책임자 디지털혁신 사업모델 만들고 SW개발부서와 협업 주도 글로벌 기준의 준법경영 위해 최고준법감시책임자 선임 복수 사장 체계로 복잡하고 다양한 시장환경에 민첩 대응 입력2020-01-16 11:40 KT가 신임 구현모 대표를 뒷받침할 올해 조직개편, 임원 인사를 단행했다. 사진=KT KT가 16일 핵심 임원 인사를 단행했다. 왼쪽부터 이번에 새로 사장, 부사장으로 승진한 박윤영 사장, 신현옥 부사장, 이철규 부사장. 사진=KT '고객·젊음·디지털 혁신' KT(회장 황창규)가 16일 이같은 인사개편 키워드로 요약되는 차기 대표 내정자 구현모 사장을 뒷받침할 2020년도 조직개편과 임원인사를 단행했다. KT는 16일 발표한 조직 개편의 초점을 ▲고객이 원하는 것을 발 빠르고 민첩하게 제공하는 고객중심 조직변신 ▲빠르고 유연한 고객 요구 수용 ▲5G 및 인공지능(AI) 기반의 디지털 혁신가속화 ▲글로벌 수준의 준법경영 체계 완성 등에 초점을 맞췄다고 설명했다. 이번 조직개편으로 기존 KT의 영업과 상품서비스 개발로 나뉘어진 조직이 통합돼 B2C(대 고객) 전담 부서가 됐다. B2B(기업간 거래) 부문 역시 기존 국내 기업부문과 글로벌 부문을 통합해 하나로 운영된다. 또 올해부터 본격적으로 화두에 오르고 있는 디지털 혁신을 더욱 강화하기 위해 AI·DX 융합사업부문을 신설했다. 임원인사에서는 젊은 임원을 늘려 더욱 활력 넘치고 역동적인 조직이 되도록 했다. 먼저 KT는 다양하고 빠르게 변화하는 고객의 요구를 민첩하고 유연하게 반영하기 위해 영업과 상품∙서비스 개발로 나눠져 있던 조직을 통합했다. 기존 커스터머&미디어부문과 마케팅부문을 합쳐 ‘커스터머(Customer)부문’을 신설했다. 커스터머 부문은 소비자고객(B2C)을 전담한다. 5G, 기가인터넷을 중심으로 유무선 사업과 IPTV, VR 등 미디어플랫폼 사업에 대한 상품∙서비스 개발과 영업을 총괄하고, 이를 통해 고객 생활의 변화를 이끌고, 더 큰 가치를 제공한다는 목표다. 기업고객(B2B)과 글로벌고객(B2G)을 담당하던 부서도 통합됐다. 기존 기업사업부문과 글로벌사업부문을 ‘기업부문’으로 재편, 국내외 기업고객들의 요구를 능동적으로 대처하도록 했다. 또 기업부문은 기업고객들의 ‘디지털 혁신’을 활성화하고, 경쟁력 향상에 초점을 맞춰 사업을 추진한다. 아울러 영업과 네트워크로 나눠져 있던 각 지역본부를 통합해 고객 편의를 높인다. 전국 11개 지역고객본부와 6개 네트워크운용본부를 6개 광역본부로 합쳐 고객 서비스와 기술 지원이 유기적으로 이뤄지도록 했다. 이를 통해 KT는 지역 고객들에게 보다 안정적이면서 혁신적인 서비스를 제공한다는 방침이다. ■ 업무 중심 전문가 ‘중용’… 변화와 혁신 위해 젊은 인력 ‘발탁’ 올해 임원인사에서 KT는 업무에 초점을 맞춰 전문가를 중용하고, 조직에 변화와 혁신을 주기 위해 젊은 인력을 대거 발탁했다. 이번에 사장 1명, 부사장 2명, 전무 5명이 승진했으며, 상무 21명이 새로 임원이 됐다. 이번 인사로 KT 임원의 평균 연령은 52.1세로, 전년 임원 평균 연령(52.9세)에 비해 한 살 가량 낮아졌다. 또 KT 임원의 수는 전년 대비 약 12% 줄어든 98명이 됐다. 지난 2016년 이후 4년 만에 임원 수가 두 자리 숫자로 축소됐다. 또한 전무 이상 고위직을 대폭 줄여 (33명→25명) 젊고 민첩한 실무형 조직으로 변화를 예고했다. 사장 승진자는 박윤영 기업사업부문장으로, 기존 부사장에서 사장으로 승진했다. 그는 창의적이면서도 도전적인 사업 추진으로 사내외에서 높은 평가를 받고 있으며, KT가 기업사업 분야에서 괄목할 성과를 거두는데 중추적 역할을 했왔다는 평가를 받는다. 박 사장은 기업사업부문과 글로벌사업부문을 통합한 기업부문장을 맡는다. 이에 KT는 차기 CEO로 내정된 구현모 사장 이외에 박윤영 사장이 승진하면서 복수의 사장 체계를 갖추게 됐다. 복잡하고 빠르게 변화하는 시장에 보다 민첩한 대응이 가능할 것으로 예상된다. 이철규 인프라운용혁신실장은 올해부터 부사장을 맡게 됐다. 이 부사장은 전사적으로 통신재난 대응체계를 확립하고, 차세대 통신 인프라 혁신기술 개발을 주도한 성과를 높이 평가 받았다. 신현옥 경영관리부문장은 성과 중심의 인사제도를 정착하고, 기본과 원칙을 지키는 기업문화를 확산시킨 공로로 부사장 승진이 이뤄졌다. 이번에 신규 임원(상무)이 된 21명 중 27%가 1970년대생(50세 이하)이다. 이에 KT 임원은 5명 중 1명 꼴(22.5%)로 50세 이하다. 젊은 임원들의 충원으로 조직의 활력이 커질 것으로 KT는 기대하고 있다. 특히 비즈(Biz) 사업을 이끌고 있는 1972년생 김봉균 상무는 이번에 전무로 승진해 1970년대생이 고위 임원으로 진입하는 신호탄을 쐈다. KT는 "단순히 고연령 임원의 수를 줄이는 게 아니라 성과와 역량을 인정받은 인재를 중용한다는 인사 원칙으로 구성원들의 성취동기를 극대화할 것"이라고 밝혔다. 박종욱 KT 전략기획실장 부사장은 “KT는 고객의 요구를 적극 수용하고 이를 신속하게 만족시키기 위해 고객에 초점을 맞춰 조직을 변화시켰다”면서 “또한 이번에 중용된 인재들은 차기 CEO로 내정된 구현모 사장의 경영을 뒷받침하는 것은 물론 KT에 변화와 혁신을 가져올 것으로 기대한다”고 말했다. ■ AI·DX융합사업부문 신설…고객생활·기업업무환경 근본적 변화 추진 KT는 AI·DX사업부문을 신설해 5G 통신 서비스에 AI, 빅데이터, 클라우드, IoT 기술을 통합, 소비자와 기업 고객의 디지털 혁신을 선도할 계획이다. 이미 KT는 현대중공업, 삼성의료원 등과 제휴해 조선소, 병원 등의 업무환경을 혁신하고 있는데 이번 부서 신설을 통해 이를 더욱 확대한다는 전략이다. 신설 사업부문장은 전홍범 부사장을 보임했다. 그는 최고디지털혁신책임자(CDXO, Chief Digital Transformation Officer)로서 KT의 디지털혁신을 책임지게 됐다. 전 CDXO는 디지털혁신 사업모델을 만드는 선임 부서장으로서 소프트웨어 개발부서와 협업을 주도하는 역할을 수행한다. ■ 글로벌 기준의 준법경영 위해 최고준법감시책임자 선임 예정 아울러 KT는 갈수록 중요성이 커지고 있는 준법경영을 강화하기 위한 조직, 인력 보강도 단행했다. 그동안 비 상설로 운영하던 컴플라이언스(Compliance) 위원회를 상설화하고, 이를 이끌어갈 수장으로 최고준법감시책임자(CCO, Chief Compliance Officer)를 이사회 동의를 얻어 선임할 예정이다. CCO는 경영 전반과 사업 추진에서 적법성과 제반 규정준수를 선도해 KT 준법경영의 수준을 글로벌 기준에 맞게 끌어올리는 역할을 맡는다. KT는 준법경영을 포함한 ‘정도경영’을 기업 핵심가치 중 하나로 선정할 정도로 준법경영 실천을 위해 노력했다. 새로운 CEO를 맞아 글로벌기업에 걸맞은 윤리성을 확보하기 위해 컴플라이언스를 한층 강화했다. KT는 미래를 위한 3대 핵심과제로 AI, 클라우드 분야의 핵심인재 육성, 고객발 자기혁신, 그리고 사회적 가치를 선정했다. 3대 핵심과제는 CEO가 직접 주도하는데 이를 지원할 CEO 직속조직으로 ‘미래가치TF’를 신설하고, TF장으로 김형욱 전무를 선임했다. 이번에 신설된 미래가치TF는 혁신의 컨트롤 타워로서 KT의 변화를 이끈다. KT, 기존보다 2배 빠른 고성능 광중계기 개발...실내 5G서비스 품질↑ KT-삼성서울병원, "5G로 병원내 의료진 환자 의료 영상 언제어디서나 조회·진단"
2020-02-26T21:42:47Z
http://www.g-enews.com/view.php?ud=202001161027482470bf45d5d5ea_1&ssk=g140100
- पूरा परिवार करता है नशे का कारोबार , Firozpur News In Hindi -amar Ujala बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें। Firozpur पूरा परिवार करता है नशे का कारोबार {"_id":"27026","slug":"Firozpur-27026-97","type":"story","status":"publish","title_hn":"\u092a\u0942\u0930\u093e \u092a\u0930\u093f\u0935\u093e\u0930 \u0915\u0930\u0924\u093e \u0939\u0948 \u0928\u0936\u0947 \u0915\u093e \u0915\u093e\u0930\u094b\u092c\u093e\u0930 ","category":{"title":"City & states","title_hn":"\u0936\u0939\u0930 \u0914\u0930 \u0930\u093e\u091c\u094d\u092f","slug":"city-and-states"}} फिरोजपुर। बाप से लेकर बेटे तक सीमा पार से आ रही हेरोइन की तस्करी से जुड़े हैं। जेल में बंद होने के बावजूद तस्कर अपने बेटों के माध्यम से पाकिस्तानी तस्करों से संपर्क साधे हुए हैं। इस बात का खुलासा जलालाबाद के गांव जोधा भैणी में पकड़े गए तस्कर तिलक सिंह से हुआ है। तस्करी के धंधे को पूरे परिवार ने एक बिजनेस की तरह अपना लिया है। सीमावर्ती गांव के कई परिवार इस धंधे से जुड़ हैं। पाकिस्तानी तस्कर इन्हें त्योहारों पर तोहफे भी भेजते हैं। उधर, जलालाबाद थाना सदर के प्रभारी हरदीप सिंह ने बताया कि पकड़ा गया तस्कर तिलक सिंह कई बार फेंसिंग पार खेतों में कामकाज के बहाने अपनी बैलगाड़ी में हेरोइन छिपाकर ला चुका है। ये बात उसने पूछताछ के दौरान स्वीकार की है। सिंह ने बताया कि जेल में बंद तस्कर सुलखन सिंह, मक्खन सिंह और कश्मीर सिंह के साथ तिलक के गहरे रिश्ते हैं। जेल में बंद तस्करों के निर्देशों पर सरहद पार से आने वाली हेरोइन की तस्करी की जा रही है। एसएचओ हरदीप सिंह ने बताया कि जिस समय तिलक सरहद पर पकड़ा गया था, उस समय उसके साथ गांव जोधा भैणी निवासी जोगिंदर सिंह पुत्र कश्मीर सिंह व भोला सिंह भी था, लेकिन वहां से दोनों फरार होने में कामयाब हो गए। सिंह ने बताया कि तस्कर कश्मीर सिंह का एक बेटा अविनाश सिंह भी पाकिस्तानी सिम कार्ड रखने के आरोप में जेल में बंद है। जोगिंदर सिंह अपने पिता के इशारे पर हेरोइन तस्करी का धंधा संभाले हुए है। कश्मीर का पूरा परिवार पाकिस्तानी तस्करों से मिलकर हेरोइन, जाली करेंसी व असलाह की तस्करी करता है।
2017-06-28T04:22:37Z
http://www.amarujala.com/punjab/firozpur/Firozpur-27026-97
Thiruvallur – Captain News You Are Here: Home » News » Tamil Nadu » Thiruvallur தேமுதிக தலைமை கழகம் அறிவிப்பு தேசிய முற்போக்கு திராவிட கழகம் நடத்தும் “தமிழக அரசியலின் திருப்புமுனை மாநாடு” வருகின்ற 20ஆம் தேதி சனிக்கிழமை மாலை 3 மணியளவில் காஞ்சிபுரம் மாவட்டம், காஞ்சிபுரம் தேசிய நெடுஞ்சாலையில் உள்ள வேடலில், கழகத்தலைவர் கேப்டன் விஜயகாந்த் அவர்களின் தலைமையில் நடைபெறவுள்ளது. மாநாட்டின் அழைப்பிதழும், பத்திரிக்கையாளர் அழைப்பு கடிதமும் இத்துடன் இணைக்கப்பட்டு அனுப்பிவைக்கப்பட்டுள்ளது. ... Read more › திருவள்ளுரில் நடைபெற்ற தேமுதிக மாவட்ட செயல்வீரர்கள் கூட்டம் திருவள்ளுரில் தேமுதிக சார்பில் மாவட்ட செயல்வீரர்கள் கூட்டம் நடைபெற்றது‌. திருவள்ளுர் மணவாளநகரில் உள்ள தனியார் திருமணமண்டபத்தில் நேற்று‌ மாவட்ட தேமுதிக நிர்வாகிகளின் செயல்வீரர்கள் கூட்டம் நடந்தது‌. அதில் முக்கிய நிர்வாகிகள் பலர் கலந்து‌ கொண்டனர். செயல்வீரர்கள் கூட்டத்தில் சில முக்கிய தீர்மானங்கள் முன்வைக்கப்பட்டன. அதில் கேப்டன் விஜயகாந்த் தலைமையில் பாஜக சார்பில் பிரதமர் நரேந்திர மோடி வெற்றி பெற்றதற்கு வாழ் ... Read more › மருத்துவ கல்லூரி மாணவர்கள் மீது போலீசார் தடியடி மருத்துவப்படிப்பை மீண்டும் தொடர தங்களுக்கு உரிய அனுமதி வழங்க வேண்டும் என்று வலியுறுத்தி போராட்டத்தில் ஈடுபட்ட டி.டி.மருத்துவ கல்லூரி மாணவர்கள் மீது போலீசார் தடியடி நடத்திய சம்பவம் பரபரப்பை ஏற்படுத்தியுள்ளது. திருவள்ளுர் டி.டி.நாயுடு மருத்துவக்கல்லூரி மாணவ மாணவியர்‌, தங்கள் கல்லூரியின் அங்கீகாரம் ரத்தானதால் தங்களை வேறு கல்லூரியில் சேர அனுமதிக்க வேண்டும் என்று வலியுறுத்தி வந்தனர்‍. இந்நிலையில் மீண்டும் மரு ... Read more › பொன்னேரி அருகே லஞ்சம் வாங்கிய இளநிலை பொறியாளர் கைது திருவள்ளூர் மாவட்டம் பொன்னேரி அருகே புதிதாக கட்டப்பட்ட வீட்டிற்கு மின்இணைப்பு வழங்க 2 ஆயிரத்து 700 ரூபாய் லஞ்சம் வாங்கிய இளநிலை பொறியாளர் கைது செய்யப்பட்டார். பொன்னேரி அடுத்துள்ள திருவென்னைவாயல் பகுதியில் உள்ள மின்சார வாரிய அலுவலகத்தில் இளநிலை பொறியாளராக பணியாற்றி வருபவர் கணேஷ். இவரிடம் நெய்தவாயல் பகுதியை சேர்ந்த சுந்தரம் என்பவர், தனது புதிய வீட்டிற்கு மின்இணைப்பு வழங்க கோரி விண்ணப்பித்துள்ளார். நீண்ட நாளா ... Read more › திருத்தணி அருகே குறுகிய சந்தில் சிக்கிய சிறுவன் – போராடி மீட்பு திருத்தணி அருகே குறுகிய சந்தில் சிக்கிய சிறுவனை தீயணைப்பு துறையினர் போராடி மீட்டுள்ளனர். திருவள்ளூர் மாவட்டம் திருத்தணி அருகேயுள்ள கே.பி.எம் கண்டிகை கிராமத்தை சேர்ந்தவர் சுப்பிரமணி. இவரது மகன் பாலா. இவன் வீட்டின் அருகே பந்து விளையாடி கொண்டிருந்துள்ளான். அப்போது, அங்கிருந்த இரு வீடுகளுக்கு இடைப்பட்ட 1 அடி அகலமான சந்தில் பந்து சென்று விழுந்துள்ளது. இந்நிலையில், பந்தை எடுக்க முயற்சி செய்துள்ள சிறுவன், குறுகிய ... Read more › பொன்னேரி அருகே அதிமுக ஊராட்சிமன்ற தலைவர் மீது நில அபகரிப்பு பொன்னேரி அருகே குடியிருப்பு பகுதியில் பூங்காவை ஊராட்சிமன்ற தலைவர் அபகரித்ததைக் கண்டித்து, இப்பகுதி மக்கள் கோட்டாட்சி தலைவர் அலுவலகத்தை முற்றுகையிட்டனர். திருவள்ளூர் மவாட்டம் பொன்னேரி அருகே கேசவபுரத்தில் குடியிருப்பு பகுதியில் பூங்கா உள்ளது. இந்த பூங்காவை நாலூரை சேர்ந்த அதிமுக ஊராட்சிமன்ற தலைவர் முத்துக்குமார் என்பவர் அபகரித்ததாக புகார் எழுந்துள்ளது. இதனைக் கண்டித்து இப்பகுதி மக்கள் பொன்னேரி கோட்ட்டாட்த ... Read more › பொன்னேரி மற்றும் அதன் சுற்றுவட்டார பகுதிகளில் காவல்துறையினர் போல் நடித்து தொடர் வழிப்பறியில் ஈடுபட்ட 3பேர் கைது செய்யப்பட்டனர். பொன்னேரியை அடுத்த தேவதானம் பகுதியில் கடந்த மார்ச் மாதம் மர்மநபர்கள் சிலர் காவல்துறையினர் போல் நடித்து, பால் வண்டி ஓட்டுனரிடம் சுமார் 79 ஆயிரம் ரூபாய் பணத்தை கொள்ளையடித்தனர். இதேபோல் சோழவரம், திருப்பாலைவனம் உள்ளிட்ட பகுதிகளிலும் தொடர் வழிப்பறி கொள்ளை சம்பவங்கள் நடைபெற்று வ ... Read more › சட்டவிரோதமாக பதுக்கி வைக்கப்பட்டிருந்த 153 யூனிட் மணல் பறிமுதல் பொன்னேரி அருகே பல்வேறு இடங்களில் சட்டவிரோதமாக பதுக்கி வைக்கப்பட்டிருந்த 153 யூனிட் மணலை வருவாய் துறை அதிகாரிகள் பறிமுதல் செய்தனர். திருவள்ளூர் மாவட்டம் பொன்னேரி அருகே உள்ள நாலூர் பகுதயில் சட்டவிரோமாக மணல் அள்ளுவதாக அதிகாரிகளுக்கு தகவல் வந்துள்ளது. அதன்பேரில் சம்பவ இடத்திற்கு சென்ற வருவாய் துறையினர், அங்குள்ள 6 இடங்களில் பதுக்கி வைக்கப்பட்டிருந்த மணலை பறிமுதல் செய்தனர். இதேபோல் வன்னிப்பாக்கம் பகுதியில் ... Read more › வெடிபொருட்களுடன் சுற்றித்திரிந்த மர்மநபர் கைது அரக்கோணம் ரயில் நிலையத்தில் வெடிபொருட்களுடன் சுற்றித்திரிந்த மர்மநபரை கைது செய்த போலீசார் தீவிர விசாரணை செய்து வருகின்றனர். அரக்கோணம் ரயில்வே நிலையத்தில் போலீசார் வழக்கமான சோதனையில் ஈடுபட்டிருந்தனர். அப்போது, அங்கு சந்தேகத்திற்கு இடமளிக்கும் வகையில் சுற்றித்திரிந்த வடமாநிலத்தை சேர்ந்தவரை மடக்கி பிடித்த போலீசார் அவரிடம் விசாரணை மேற்கொண்டனர். அவர் முன்னுக்கு பின் முரணாக பதிலளித்ததால் சந்தேகமடைந்த போலீசார், அவ ... Read more ›
2017-07-23T20:45:25Z
http://captainnews.net/?cat=15
हरियाणवी कविता: सन ब्यालीस मैं हे फौजी नै / रणवीर सिंह दहिया – म्हारा हरियाणा
2019-07-22T15:55:19Z
http://mhaaraharyana.com/%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A4%B5%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80/%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A4%B5%E0%A5%80-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%81/%E0%A4%B8%E0%A4%A8-%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%B8-%E0%A4%AE%E0%A5%88%E0%A4%82-%E0%A4%B9%E0%A5%87-%E0%A4%AB%E0%A5%8C%E0%A4%9C%E0%A5%80-%E0%A4%A8%E0%A5%88-%E0%A4%B0/
NewsCode Jharkhand | 7 July, 2018 9:37 PM रांची। राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी द्वारा जारी पत्र को फर्जी बताया कि इस तरह के आरोप लगाने वालों को शर्म आनी चाहिए। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने जानना चाहा कि क्या बाबूलाल मरांडी को महाभारत के संजय की तरह दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गई थी। साथ ही बाबूलाल जिस चिट्ठी की बात कर रहे हैं क्या उसकी सत्यता सिद्ध कर पाएंगे। मंत्री ने कहा कि ऐसे में तो कल कोई भी व्यक्ति किसी पर भी कोई भी आरोप लगा दे सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने से पहले थोड़ी शर्म जरुर आनी चाहिए। रांची : जनता के सामने भाजपा का असली चेहरा उजागर- झाविमो सीपी सिंह ने बाबूलाल मरांडी को चुनौती देते हुए जांच कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि जांच का सामना करने के लिए उनकी पार्टी तैयार है। मंत्री ने कहा कि इस तरह किसी का चरित्र हनन करना उचित नहीं है। हम भी किसी का चरित्र हनन कर सकते हैं मगर ये हमारी पार्टी का संस्कार नहीं है। इस तरह का काम संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में इस तरह के संस्कारहीन लोग हैं जो इस तरह के काम कर रहे हैं। लातेहार : बोरे की दीवार और कागज के छत में रहती... डेक्कन क्रोनिकल पर 30 करोड़ रुपये के घोटाले में मामला... साहिबगंज : बुनियादी सुविधाओं का संकट है आदिम समुदाय के... कटक टी-20 : टेस्ट, वनडे में श्रीलंका को धूल चटाने... निरसा : बेकाबू कार ने हाइवा को मारी टक्कर, पांच...
2018-07-23T00:21:01Z
http://newscode.in/ranchi-fake-letters-should-be-ashamed-cp-singh/
बैंडस्टैंड पर लगेगी राजेश खन्ना की मूर्ति | Webdunia Hindi बैंडस्टैंड पर लगेगी राजेश खन्ना की मूर्ति बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता राजेश खन्ना की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बांद्रा के बैंडस्टैंड पर यश चोपड़ा, देव आनंद और राज कपूर जैसी मशहूर हस्तियों के साथ उनकी मूर्ति स्थापित की जाएगी। पिछले वर्ष गंभीर बीमारी के बाद 69 वर्षीय अभिनेता का मुंबई में उनके घर ‘आर्शीवाद’ में 18 जुलाई को निधन हो गया था। मनोरंजक चैनल यूटीवी स्टार्स राजेश खन्ना की अनोखी शैली और मनमोहक मुस्कान की याद में यहां बांद्रा के बैंडस्टैंड स्थित विहार स्थल में बॉलीवुड के आधिकारिक स्थान ‘वॉक ऑफ द स्टार’ में उनकी मूर्ति के अनावरण की योजना बना रही है। बॉलीवुड के सुपरस्टार के परिवार के सदस्य उनकी प्रतिष्ठित मुद्रा को अमर करती इस कांसे की मूर्ति का फिल्म जगत की कुछ जानी मानी हस्तियों की मौजूदगी में अनावरण करेंगे।(भाषा) सोनाक्षी सिन्हा की साइज जीरो में कोई रुचि नहीं आलिया बनाना चाहती हैं रितिक की पेंटिंग माधुरी के मोबाइल एप्लिकेशन को मिला अवॉर्ड मेरा परिवार रुढ़ीवादी है : हुमा कुरैशी करीना कपूर खान स्क्रीन पर दिखेगा अब यह नाम बैंड स्टैंड
2019-03-22T14:28:54Z
http://hindi.webdunia.com/rajesh-khanna-special/%E0%A4%AC%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%A1-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%B2%E0%A4%97%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%B6-%E0%A4%96%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF-113071800048_1.htm
Lake Baringo발 어저우/악주행 저가 항공권, 비행기표 예약사이트 | 씨트립 Lake Baringo 출발-어저우/악주 도착 최저가 항공권 홈 > 항공편 > 어저우/악주 도착 항공편 > Lake Baringo 출발 어저우/악주 도착 항공편 Lake Baringo(LBN) 출발-어저우/악주(EZH) 도착 항공편 정보 Lake Baringo(LBN) 출발 어저우/악주(EZH) 도착 항공권 최적의 예약시점은 언제일까요? Lake Baringo-어저우/악주 항공권 요금은 예약 시점에 따라 항공사에 의해 책정됩니다. 모든 항공사 운임정보 조회결과, 최적의 항공권 예약시점은 화요일,수요일, 토요일입니다. Lake Baringo-어저우/악주 여행 즐기기 어저우/악주는 매년 수많은 여행자들이 방문하는 인기 여행지입니다. 씨트립에서 Lake Baringo-어저우/악주 여행을 간편하게 계획하세요. 씨트립 온라인에서 다양한 항공권 및 호텔을 쉽고 빠르게 예약할 수 있습니다. 여행계획 중이신가요? 출발 전에 씨트립에서 Lake Baringo-어저우/악주 여행계획을 세워보세요. 여행지에서 체험할 수 있는 다양한 현지투어도 사전에 예약하고, 여행자 리뷰 등 유용한 정보를 확인하실 수 있습니다.
2018-04-20T03:07:10Z
http://www.ctrip.co.kr/flights/lake-baringo-to-ezhou/airfares-lbn-ezh/
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2018-04-26T00:14:17Z
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प्रियंका वाड्रा ने चाय पर बुलाया तो अनिल बलूनी ने पहाड़ी व्यंजनों का तड़का लगाया – Breaking Uttarakhand प्रियंका वाड्रा ने चाय पर बुलाया तो अनिल बलूनी ने पहाड़ी व्यंजनों का तड़का लगाया July 27, 2020 breakinguttarakhand Breakinguttarakhand, देश विदेश, बड़ी खबर, राजनीतिक प्रियंका वाड्रा ने चाय पर बुलाया तो अनिल बलूनी ने पहाड़ी व्यंजनों का तड़का लगाया When Priyanka Vadra called for tea, Anil Baluni spiced up the hill dishes प्रियंका गांधी वाड्रा का 35 लोधी एस्टेट वाला बंगला राज्य सभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख भाजपा अनिल बलूनी को आवंटित किया जा चुका है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने 35 लोधी एस्टेट के बंगले को छोड़ने से पहले बलूनी जी को चाय पर आमंत्रित किया इसके प्रत्युत्तर में राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने पत्र लिख कर प्रियंका वाड्रा को उत्तराखंड के परम्परागत पहाड़ी भोजन पर आमंत्रित किया। बताया गया कि बिना किसी सरकारी पद के प्रियंका गांधी २३ साल से इस बंगले पर अवैध रूप से काबिज थी इसलिए यह बंगला खाली करना पड़ा। लेकिन राजनेताओं की ऐसी नायाब आपसी कैमिस्ट्री से कार्यकर्ताओं को निश्चित रूप से सीख मिल सकती है। Anil BaluniAnil Baluni spiced up the hill dishesbreakinguttarakhandPiryanka VadraWhen Priyanka Vadra called for teaअनिल बलूनीप्रियंका गांधी वाड्राप्रियंका गांधी वाड्रा ने चाय पर बुलाया तो अनिल बलूनी ने पहाड़ी व्यंजनों का तड़का लगायाब्रेकिंग उत्तराखंड डाट कामहरीश मैखुरी Previous Post:जलागम की सभी योजनाओं में उत्तराखंड आए प्रवासी नागरिकों और बेरोज़गारों को भी जोड़ें Next Post:दूधी को घास न समझें, इन रोगों की दिव्य औषधि है
2020-08-09T11:02:52Z
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2020-04-01T18:04:03Z
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VidhanKesari.com - लोकसभा में महिलाओं की दावेदारी, ममता बनर्जी निकलीं सबसे आगे Online News POrtal, News App
2019-03-25T04:29:30Z
http://vidhankesari.com/VidhanKesari-NewsDetails.php?id=3678
क्या रहा मनुष्य और उसके आविष्कारों के अनुसार, अब तक प्रारंग और जौनपुर का सफर | What-has-been-the-journey-of-Parang-and-Jaunpur-so-far-according-to-man-and-his-inventions क्या रहा मनुष्य और उसके आविष्कारों के अनुसार, अब तक प्रारंग और जौनपुर का सफर 24-07-2020 08:00 AM प्रारंग शहर की स्थानीय भाषा में विभिन्न शहरों/स्थानों की संस्कृति और प्रकृति पर हर रोज उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करके, संस्कृति - प्रकृति संतुलित करने का उद्देश्य रखता है। हम शहर विशेष की संस्कृति और प्रकृति के संदर्भ में दुनिया के अन्य हिस्सों के साथ शहर के संसर्गों पर शोध करते हैं और उन्हें प्रस्तुत करते हैं। प्रारंग के लेखों की रूपरेखा में, हमने प्रकृति और संस्कृति दोनों का ही निम्नलिखित 6 (प्रत्येक में 3) भागों के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया है: 1. समयसीमा : इस बिंदु में पृथ्वी की शुरुआत से लेकर अब तक के समयकाल के बारे में बहुत से नये तथ्यों का पता चलेगा। हम दुनिया भर में सभ्यताओं के विकास के संश्रय में हमारे विशिष्ट शहर के विकास का पता लगाते हैं। 2. मानव व उनकी इन्द्रियाँ : शहर के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, हम मनोरंजन और संवर्धन की वस्तुओं और मानव आवश्यकता की गतिविधियों के विकास का पता लगाते हैं, जो ध्वनि, गंध, स्पर्श, स्वाद, दृष्टि और विचार के रूप में मानव अपनी इंद्रियों के माध्यम से अनुभव करते हैं। 3. मानव व उसके अविष्कार : हम दस्तकारी और औद्योगिक उत्पादों और सेवाओं में हुए आविष्कारों और नवाचारों का पता लगाते हैं, क्यूंकि इनके द्वारा ही दुनिया ने विभिन्न सभ्यताओं की वृद्धि देखी है। 1. भूगोल : प्रकृति के इस बिंदु में हम अपने शहर और विश्व के भूगोल के बारे में प्राप्त जानकारियों को संदर्भित करते हैं। यह भाग पृथ्वी पर मौजूद स्थानों की प्राकृतिक विषेशताओं पर रौशनी ड़ालता है जैसे नदियाँ, समुद्र, जंगल इत्यादि। 2. जीव–जन्तु : जीव-जन्तु प्रकृति का एक अहम हिस्सा होते हैं। प्रारंग के प्रकृति खण्ड के इस भाग में जानिए अपने शहर और विश्व भर में पाये जाने वाले जीव-जन्तुओं से जुडी रोचक जानकारी का वर्णन। 3. वनस्पति : पेड़-पौधों अथवा वनस्पति लोक का अर्थ, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के रूप, रचना, स्थानिक प्रसार या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से है। 1. म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण: स्थानीय कुम्हारों को रोज़गार प्रदान करेगा कुल्हड़ लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3980/Kulhar-will-provide-employment-to-local-potters 2. हथियार व खिलौने जौनपुर में खेल सुविधाओं के निवेश में कमी लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/1214/postname 3. य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3477/most-popular-and-pleasant-railroad-of-india 4. संचार एवं संचार यन्त्र लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/4043/Will-Facial-Recognition-System-prove-useful-in-entire-India-including-Jaunpur 5. घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ भदोही की कालीन बुनाई को प्राप्त है भौगोलिक संकेतक टैग लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/2544/Bhadohis-carpet-weave-is-obtained-Geographical-indicator-tag 6. वास्तुकला 1 वाह्य भवन जौनपुर के विरासत स्थलों की स्थिति में आती गिरावट लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3184/The-decline-in-the-status-of-heritage-sites-of-Jaunpur 7. वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/2321/history-of-pen 8. नगरीकरण- शहर व शक्ति जौनपुर में शहरी विकास का ग्रामीण विकास पर पड़ता प्रभाव लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3266/Urban-development-in-Jaunpur-has-an-impact-on-rural-development 9. सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी) लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3010/One-of-Indias-five-wonderful-Jantar-Mantar-is-near-our-Jaunpur 10. सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान क्या हम भूल गए हैं, जौनपुर से सम्बन्ध रखने वाले सिद्दी समुदाय को लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/4445/Have-we-forgotten-the-Siddi-diaspora-belonging-to-Jaunpur प्रारंग द्वारा आपके शहर में अब तक संस्कृति और प्रकृति से जुड़े 1000 से भी अधिक लेख प्रकाशित किये जा चुके हैं, तो आईये प्रारंग के संग, अपने शहर के विभिन्न रंगों का आनंद लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। https://prarang.in/jaunpur/#
2020-08-07T04:40:57Z
https://prarang.in/jaunpur/posts/4684/What-has-been-the-journey-of-Parang-and-Jaunpur-so-far-according-to-man-and-his-inventions
दाद (Ringworm) एक प्रकार चर्म रोग है। जिसे डर्माटोफायोटासिस या टिनिया भी कहा जाता है। इसका अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह एग्जिमा का रूप ले लेती है। जो कि दाद से ज्यादा खतरनाक त्वचा से जुड़ी बीमारी है। जब मौसम बदलते हैं तो आपको स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं। जैसे कि खुजली, दाग और दाद। दाद जिसे रिंगवॉर्म भी कहा जाता है, ये एक प्रकार का फंगल संक्रमण है जो आपकी त्वचा की ऊपरी परत पर विकसित होता है। आमतौर पर यह तीन तरह की फंगस के कारण होता है – ट्राइकोफिटन, माइक्रोस्पोरम और एपिडर्मोफिटन। दाद आपके शरीर पर कहीं भी हो सकता है, जैसे चेहरे, हाथ, पैर, जांघ, पीठ, छाती, उंगली आदि। आइए जानते हैं इसके प्रकार, होने के कारण, लक्षण और रोकथाम के कुछ सरल उपाय। रिंगवॉर्म
2020-01-18T23:44:02Z
https://m.onlymyhealth.com/what-are-the-types-causes-symptoms-and-prevention-of-ringworm-in-hindi-1564653913
मदरसे में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान का विरोध,सरकारी अनुदान बंदी के साथ देशद्रोह का मामला।विडिओ।। | मुंबई आस पास August 23, 2018 August 23, 2018 Mumbai AasPaas 0 Comments a case of sedition, Protests against national anthem on Independence Day in Madarsa, with stopping all government grants गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के अरबिया एहले गर्ल्स स्कूल मैं राष्ट्रगान नहीं गाया जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन में आ गई है और इस मदरसा प्रबंधन के इस कारस्तानी को गंभीर मानते हुए मदरसे का सरकारी अनुदान पूर्ण रूप से बंद कर दिया है इसके साथ स्थानीय पुलिस ने मदरसा प्रबंधन पर राष्ट्रद्रोह का मामला भी दर्ज किया है प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के कोल्हुई थाना क्षेत्र के बड़ागो स्थित अरबिया एहले गर्ल्स कॉलेज मे स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र ध्वज फहराने का कार्यक्रम हुआ लेकिन एक समुदाय विशेष के लोगों ने इसके बाद राष्ट्रगान की जगह सारे जहां से अच्छा गीत गाने की सख्त हिदायत दी इसी बात पर वहां उपस्थित कुछ अन्य शिक्षकों ने इसका विरोध किया वहीं इस पूरे मामले का वीडियो किसी ने बना लिया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया सोशल मीडिया पर यह मामला जोर-शोर से वायरल हुआ और राज्य सरकार के साथ स्थानीय पुलिस के भी तुरंत नजर में आ गया राज्य सरकार जहां इसे गंभीरता से लेते हुए उस मदरसे का सरकारी अनुदान बंद कर दिया है वहीं स्थानीय पुलिस ने मदरसा प्रबंधक के विरुद्ध देशद्रोह का मामला दर्ज किया है http://mumbaiaaspaas.com/wp-content/uploads/2018/08/VID-20180823-WA0089.mp4 ← अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने का विरोध करना पड़ा महंगा, ओवैसी के पार्षद को एक साल की जेल सनातन संस्था के प्रमुख को गिरफ्तार करने की मांग करनेवाले भ्रष्टाचारी राधाकृष्ण विखे पाटील को ही पहले गिरफ्तार करें ! → '); is_agreed = false; } } else { is_agreed = true; } if (isvalidName == true && isvalidEmail == true && is_agreed == true) { $n(".AjaxLoader").show(); $n('#mysuccess_msg').html(''); $n('#mysuccess_msg').hide(); $n('#myerror_msg').html(''); $n('#myerror_msg').hide(); var name = ""; if ($n('#yourname').length > 0) { name = $n("#yourname").val(); } var nonce = '35bc4ffae9'; var url = 'http://mumbaiaaspaas.com/wp-content/plugins/email-subscribe/'; var email = $n("#youremail").val(); var str = "action=store_email&email=" + email + '&name=' + name + '&is_agreed=' + is_agreed + '&sec_string=' + nonce; $n.ajax({ type: "POST", url: 'http://mumbaiaaspaas.com/wp-admin/admin-ajax.php', data: str, async: true, success: function (msg) { if (msg != '') { var result = msg.split("|"); if (result[0] == 'success') { $n(".AjaxLoader").hide(); $n('#mysuccess_msg').html(result[1]); $n('#mysuccess_msg').show(); setTimeout(function () { $n.fancybox_ns.close(); }, 2000); } else { $n(".AjaxLoader").hide(); $n('#myerror_msg').html(result[1]); $n('#myerror_msg').show(); } } } }); } } var interval_5eff8663f0ad0 = setInterval(function() { if(document.readyState === 'complete') { clearInterval(interval_5eff8663f0ad0); var $n = jQuery.noConflict(); /* if ( $n.browser.msie && $n.browser.version >= 9 ) { $n.support.noCloneEvent = true }*/ var htmlpopup = $n("#formFormEmail").html(); $n("#formFormEmail").remove(); $n('body').on('click', '.shownewsletterbox', function () { $n.fancybox_ns({ 'overlayColor': '#000000', 'hideOnOverlayClick': false, 'padding': 10, 'autoScale': true, 'showCloseButton': true, 'content': htmlpopup, 'transitionIn': 'fade', 'transitionOut': 'elastic', 'width': 560, 'height': 360 }); }); } }, 100);
2020-07-03T19:26:28Z
http://mumbaiaaspaas.com/protests-against-national-anthem-on-independence-day-in-madarsa-a-case-of-sedition-with-stopping-all-government-grants-13917-2/
कम से कम कर्मचारियों के अनुबंध कार्यकाल का वरिष्ठता लाभ तो दिलाएं जयराम: राणा - rajendra rana कम से कम कर्मचारियों के अनुबंध कार्यकाल का वरिष्ठता लाभ तो दिलाएं जयराम: राणा Updated: 05 Sep, 2019 12:02 PM सुजानपुर: भाजपा के चुनावी दृष्टि पत्र पर अमल न करने व कर्मचारियों को अनुबंध कार्यकाल के वरिष्ठता लाभ से वंचित रखने को लेकर सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जयराम सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाली जयराम सरकार ने कदम कदम पर कर्मचारियों के साथ छल किया है और वायदे न निभाकर कर्मचारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने वायदे के विपरीत कर्मचारियों को अनुबंध कार्यकाल की वरिष्ठता लाभ से भी वंचित रखा है, जबकि कमीशन के माध्यम से भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार ही भर्तियां की जाती हैं। राजेंद्र राणा ने याद दिलाया कि वर्ष 2007 में भाजपा की तत्कालीन धूमल सरकार ने प्रदेश में 8 साल के अनुबंध कार्यकाल के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया था तथा वर्ष 2009 में अधिसूचना जारी होते ही अनुबंध आधार पर पहली भर्ती की गई। वर्ष 2012 में सत्ता से जाते-जाते उन्होंने अनुबंध का कार्यकाल 6 साल करने की घोषणा की थी। उसके बाद कांग्रेस की वीरभद्र सिंह ने सत्ता में आने के बाद वर्ष 2014 में कर्मचारियों का अनुबंध कार्यकाल 5 साल तथा वर्ष 2016 में इसे घटाकर 3 साल कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने शासनकाल में कर्मचारियों को छलने व बरगलाने का ही काम किया है। राणा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकारों के साथ केंद्र में रहते हुए भी भाजपा नीत एन.डी.ए. सरकारों ने कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया है जिसकी शुरूआत वर्ष 2003 में केंद्र की तत्कालीन एन.डी.ए. सरकार ने कर्मचारियों को धोखा देते हुए पैंशन बंद कर काले अध्याय लिखा था। उसके बाद अनुबंध पर नौकरियां देने का फैसला भाजपा सरकार ने ही लिया और अब जयराम सरकार ने ट्रिब्यूनल को बंद कर कर्मचारी विरोधी होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने दृष्टि पत्र में कर्मचारियों से अनेकों वायदे किए थे जिनमें पैंशन को लेकर भी एक कमेटी गठित करने की बात कही थी। लेकिन सत्ता के नशे में मदहोश जयराम सरकार अब तक कमेटी गठित करने सहित किसी भी वायदे पर दृष्टि डालने में भी फेल साबित हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि चुनावी दृष्टि पत्र तो सरकार की नजर-ए-इनायत कब होगी और कर्मचारियों से किए वायदों को लेकर कब नींद से जागेगी, यह तो सरकार व मुख्यमंत्री ही जानें। लेकिन अनुबंध कार्यकाल का वरिष्ठता लाभ कर्मचारियों का जायज हक है जिसका लाभ देकर भाजपा की पूर्व केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा लिए कर्मचारी विरोधी फैसलों के दाग भाजपा के ऊपर से थोड़े बहुत जरूर धुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि 4-9-14 के बारे में भी भाजपा सरकार का कर्मचारियों से किया गया वायदा महज एक छलावा साबित हुआ है। कर्मचारी वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने दृष्टि पत्र में कर्मचारियों से वायदा किया था कि सत्ता में आने पर कर्मचारियों को 4-9-14 का लाभ दिया जाएगा। लेकिन अब सरकार के 2 साल पूरे होने को है लेकिन कर्मचारी अभी तक सरकार की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को वेतन आयोग के लाभों से भी वंचित रख रही है। मनाली-रोहतांग मार्ग दलदल में तब्दील, प्रशासन ने रात को सफर न करने की हिदायत दी
2019-11-15T02:45:33Z
https://himachal.punjabkesari.in/himachal-pradesh/news/rajendra-rana-1049494
आईआईटी रुड़की ने लांच किया एलुमनी का ग्लोबल नेटवर्क - NAVAL TIMES आईआईटी रुड़की ने लांच किया एलुमनी का ग्लोबल नेटवर्क आईआईटी रुड़की ने दुनिया भर में रहने वाले अपने एलुमनी के साथ एक व्यापक संबंध स्थापित करने के लिए आईआईटी रुड़की एलुमनी का ग्लोबल नेटवर्क लांच किया है। यह संस्थान और उसके एलुमनी के एक व्यापक और सटीक एलुमनी डेटाबेस की जरूरत को पूरा करेगा। इसके अलावा, कई एलुमनी एक ऐसे नेटवर्क की मांग कर रहे थे जो उन्हें एलुमनी को खोजने और उनके साथ जुड़ने में मदद कर सकता हो। साथ ही एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से संस्थान के साथ संवाद करने की सुविधा भी प्रदान करता हो। ग्लोबल नेटवर्क इस जरूरत को भी पूरा करने की कोशिश करेगा। यह ग्लोबल नेटवर्क, थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग से यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की और अब आईआईटी रुड़की की यात्रा को संजोकर रखने में योगदान देगा। वर्ष 1847 में स्थापित इस संस्थान के शानदार इतिहास का हिस्सा रहे एलुमनी की पुरानी और नई पीढ़ियों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आएगा। आईआईटी रुड़की एलुमनी का यह ग्लोबल नेटवर्क एलुमनी वालंटियर्स द्वारा संचालित किया जाएगा। नेटवर्क के कार्यान्वयन में प्रावधान बनाए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सदस्यों की गोपनीयता संबंधी चिंताओं का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए। इसके अलावा, सदस्यों के पास अपनी इच्छा के अनुसार संदेशों और सेवाओं की सदस्यता शुरू और समाप्त करने का विकल्प होगा। डेटाबेस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा। नेटवर्क की सदस्यता से कई लाभ मिलेंगे। उदाहरण के लिए, नेटवर्क की लाइफ मेंबरशिप फ्री होगी। सभी सदस्यों को एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। सदस्यों के पास दुनिया भर के लोकल, रीजनल और नेशनल नेटवर्क पर एलुमनी के साथ सोशल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के अवसर होंगे। यह संकट में फंसे किसी एलुमनी या उसके परिवार के लिए, उनके सहयोगी एलुमनी से मदद जुटाने के लिए एक प्रणाली का निर्माण करेगा। सदस्यों के पास स्टूडेंट्स मेंटोरशिप प्रोग्राम्स, इंटर्नशिप और संस्थान की अन्य गतिविधियों जैसी योजनाओं में भाग लेने और योगदान करने के अवसर होंगे। सदस्यों को ई-न्यूजलेटर्स के माध्यम से एलुमनी और अल्मा मेटर के बारे में नियमित अपडेट प्राप्त होगा। नेटवर्क में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सदस्यों को उपयुक्त रूप से मान्यता दी जाएगी। पहचान पत्र धारकों के लिए विभिन्न संगठनों के उत्पादों और सेवाओं के लिए विशेष छूट की सुविधा दी जाएगी।पहचान पत्र सदस्यों को परिसर में सुचारू रूप से प्रवेश करने में मदद करेगा। उपलब्धता के अनुसार, सदस्य रियायती दर पर आईआईटी रुड़की के गेस्टहाउस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। सदस्यों को एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से डीन, हेड ऑफ डिपार्टमेंटध्सेंटर, विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले फैकल्टी या संस्थान के कार्यालय से जुड़ने का अवसर मिलेगा। जहां भी संभव हो, सदस्यों के लिए पुस्तकालय सेवाओं का विस्तार करने की संभावना का पता लगाया जाएगा। अनुरोध पर, सदस्यों को स्थापना दिवस, स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के अवसर पर आमंत्रित किया जाएगा। सदस्य रविवार को परिसर के दौरे के लिए अनुरोध कर सकते हैं। परिसर के दौरे में जेम्स थॉमसन बिल्डिंग, हैंगर, इंस्टीट्यूट आर्काइव, मेडलिकॉट म्यूजियम और महात्मा गांधी सेंट्रल लाइब्रेरी के दौरे शामिल होंगे। अनुरोध कम से कम एक सप्ताह पहले किया जाना चाहिए। इस अवसर पर, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने कहा, “इस डिजिटल युग में, सोशल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के संबंध में काफी बदलाव आया है। सूचना प्रौद्योगिकी ने एक पदानुक्रमित और नौकरशाही प्रणाली के बजाय एक सीधा और कुशल मंच के लिए एलुमनी और स्टूडेंट्स की अपेक्षाओं को बढ़ाया है। वे एक-दूसरे के साथ और संस्थान के साथ भी जुड़ना चाहते हैं।” उन्होंने कहा “यह देश में संभवतरू अपनी तरह का पहला नेटवर्क होगा। हमें विश्वास है कि यह नेटवर्क अन्य शैक्षणिक संस्थानों में लागू किए जाने में भी सक्षम होगा।”
2020-07-13T14:08:37Z
https://navaltimes.page/article/aaeeaeetee-rudakee-ne-laanch-kiya-elumanee-ka-global-netavark/uySkj0.html
इन्दौर लोकसभा सीट : सुमित्रा 'ताई' की सीट पर बड़े अंतर से जीते भाजपा के शंकर लालवानी - Ajay Bharat Home टॉप स्टोरी इन्दौर लोकसभा सीट : सुमित्रा ‘ताई’ की सीट पर बड़े अंतर से... इन्दौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध समझी जाने वाली लोकसभा सीट इन्दौर से भाजपा के शंकर लालवानी ने रिकार्ड जीत दर्ज की है। उन्होंने इन्दौर से 8 बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को 2014 में मिली 466901 मतों की जीत के रिकार्ड को तोड़ते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पंकज संघवी को 547754 मतों से हराया है। भाजपा प्रत्याशी लालवानी को कुल 1068569 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 520815 मत मिले। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने विजयी प्रत्याशी शंकर लालवानी को सांसद निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र दिया। इस मौके पर सुमित्रा महाजन व विधायक रमेश मैंदोला भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि इन्दौर से 8 बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को इस भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। उनकी जगह ललवानी को पार्टी ने मैदान में उतारा था। हालांकि सुमित्रा महाजन इस सीट पर फिर से चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं, लेकिन पार्टी की ओर से उम्मीदवार के नाम के ऐलान में देरी होते देख उन्होंने खुद ही यह ऐलान कर दिया था कि वह इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस सीट पर पिछले मुकाबलों की बात करें तो लगातार 8 बार बीजेपी की तरफ से सुमित्रा महाजन कुर्सी पर काबिज रहीं। वहीं, कांग्रेस आखिरी बार 1984 में यहां से लोकसभा का चुनाव जीती थी। 2014 के चुनाव में भाजपा की सुमित्रा महाजन को 854972, कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 388071 व आम आदमी पार्टी के अनिल त्रिवेदी को 35124 मत मिले थे। इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्दौर सीट पर 20 प्रत्याशी चुनावी मैदान होकर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के पंकज संघवी और भाजपा के शंकर लालवानी के मध्य था और लालवानी ने यह मुकाबला 547754 मतों के रिकार्ड अंतर से जीत लिया है। यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ते हुए बड़ी जीत दर्ज की है। लालवानी ने 1993 में पहली बार विधानसभा क्षेत्र-4 से भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था। इसके बाद 1996 में नगर निगम चुनाव में वे अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश लालवानी को हराकर पार्षद बने। वे नगर निगम सभापति भी रहे। इसके बाद वे नगर अध्यक्ष रहे। वे इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे। 1998 में भाजपा की सुमित्रा महाजन से लोकसभा चुनाव हार चुके पकंज संघवी पर कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताया, लेकिन उन्हें दूसरी बार भी हार का मुंह देखना पड़ा। संघवी 1983 में पहली बार पार्षद का चुनाव जीते। इसके बाद 1998 में पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, लेकिन सुमित्रा महाजन ने उन्हें 49 हजार 852 वोट से चुनाव हार दिया। इसके बाद 2009 में महापौर का चुनाव लड़े और भाजपा के कृष्णमुरारी मोघे से करीब 4 हजार वोट से हार गए। 2013 में वे इंदौर विधानसभा पांच नंबर सीट से करीब 12 हजार 500 वोट से विधानसभा चुनाव हारे। :: इंदौर को 30 साल बाद पुरुष सांसद मिला :: इन्दौर लोकसभा सीट से 1952 में कांग्रेस के नन्दलाल जोशी, 1957 में कांग्रेस के कन्हैयालाल खेड़ीवाला, 1962 में सीपीआई के होमी दाजी, 1967 में कांग्रेस के प्रकाशचंद्र सेठी, 1971 में कांग्रेस के रामसिंह भाई, 1977 में भारतीय लोकदल के कल्याण जैन, 1980 और 1984 में कांग्रेस के प्रकाशचन्द्र सेठी ने दो बार जीत हासिल की। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने 1989 के आम चुनाव में पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग लिया और उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी को हराया। फ‍िर भाजपा के टिकट पर सुमित्रा ताई ने 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में जीत दर्ज की। वो प्रथम महिला हैं जो कभी लोकसभा चुनावों में पराजित नहीं हुई और आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली प्रथम महिला बनी। लालवानी के जीत से अब इन्दौर को 30 साल बाद पुरुष सांसद मिला है। :: जीत का विश्वास तो था, पर इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी : लालवानी अपनी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शंकर ललवानी ने कहा – जीत का विश्वास तो था, पर इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी। जनता ने इतनी बड़ी जीत दी है, तो मेरे ऊपर शहर की जनता का भार भी काफी रहेगा। बीआरटीएस के विकल्प के रूप में एलिवेटेड ब्रिज होगा, जो शहर की समस्या दूर होगी। ट्रैफिक सुधार और शहर के विकास के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। लालवानी ने जीत का श्रेय सबसे पहले नरेंद्र मोदी और अपनी पार्टी को दिया। अपने प्रतिद्वंदी पंकज संघवी को लेकर कहा कि वे टूरिस्ट वीजा लेकर चुनाव के मैदान में आते रहे हैं, जबकि उन्हें लगातार सक्रिय रहकर समाज की सेवा करना चाहिए। जनता के बीच रहना चाहिए, जो उन्होंने नहीं किया और इसके परिणाम सामने हैं। :: संघवी ने लालवानी को दी जीत की बधाई :: कांग्रेस के प्रत्याशी पंकज संघवी ने हार के बाद ट्वीट पर भाजपा के शंकर लालवानी को जीत की बधाई दी है। संघवी ने लिखा- हार जीत का फैसला तो भगवान करता है। इंसान कोशिश और मेहनत करता है। भाई शंकर लालवानी को जीत की बधाई। उन्होंने आगे लिखा – वल्लभ नगर मेरे निवास पर कई सालों से समाजसेवा जारी थी। आगे भी जारी रहेगी। गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद आखिरी सांस तक करता रहूंगा। Previous articleप्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को दी जीत की बधाई, कहा- जनता का फैसला स्वीकार Next articleलालकृष्ण आडवाणी ने मोदी को दी बधाई, कही बड़ी बात BJP प्रदेशाध्यक्ष ने गौर नदी को जीवन देने चलाए फावड़े राजनाथ सिंह का तंज- आत्ममंथन करे सपा-कांग्रेस, सिर्फ मोदी विरोध से... हम सत्ता नहीं, व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं :राय
2019-06-26T08:00:26Z
http://ajaybharat.com/?p=109762
रावत राज में उत्तराखंडी भरेंगे ईमानदारी की रोयल्टी - Janpaksh UPCL Loss 2019 त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में दिनों दिन उत्तराखंड की व्यवस्था बेपटरी होती जा रही हैं| मक्कारों का मकडजाल उत्तराखंड को चहू और से लूटने में लगा है| उत्तराखंड विधुत वितरण निगम उनमे से एक है जो मक्कारों को प्रोत्साहित करता हैं की वो बिजली की चोरी करे व इमानदार लोगो को बिल बढ़ाकर प्रताड़ित किया जा रहा हैं| उत्तराखंड विधुत वितरण निगम अपने अन्दर फैले भ्रष्टाचार को लगाम ना लगा पाने के कारण फिर आयोग में बिजली की दरो को बढाने के लिए प्रस्ताव भेजा हैं व आकड़ो की आने तो इस बार वितरण निगम को वर्ष 2018-19 में 625 करोड़ की शुद्ध हानि हुई हैं जबकि 2017-18 में यही हानि 229 करोड़ थी इसका मतलब यह है की इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले 396 करोड़ ज्यादा की हानि हुई हैं| वर्ष 2016 में केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार व वितरण निगम के बीच में एक समझोता हुआ था जिसके अंतर्गत UPCL को अपने AT&C हानि को 2018-19 में 14.5 प्रतिशत तक लेकर आनी थी लेकिन विधुत वितरण खंड हल्द्वानी के अनुसार उनका पारेषण, वितरण व आय का अन्तराल 20.06 प्रतिशत हैं जिसका मतलब की हल्द्वानी में एक करोड़ की बिजली के बदले 79 लाख 96 हजार ही आते हैं| सिर्फ हल्द्वानी में अगर 20 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही हैं तो आप समझ सकते हैं की पूरे प्रदेश का हाल क्या होगा? 20% T&D की हानि हैं तो उसमे से आधा हिस्सा चोरी का हैं जिसे की उत्तराखंड विधुत वितरण निगम को रोकना चाहिए था| इस वर्ष 625 करोड़ की भरपाई के लिए निगम ने आयोग से बिजली की दरो को बढाने की गुहार की है| Electricity Theft at Bareilly Road, Haldwani. यह बिजली की दरे केवल और केवल इमानदार उपभोक्ताओं के लिए बढेंगी क्योकि मक्कार व चोर लोग बिजली पहले की तरह फ्री में जलाते रहेंगे और इनको देख कर और लोग भी चोरी के लिए प्रेरित होंगे और यह घाटा दिनोंदिन बढ़ता रहेगा जो की आय व्यय के आंकड़ो में नज़र आता हैं| अगर आप देखे तो पिछले साल 2017-18 में 22.01 प्रतिशत का T&D हानि थी और 229 करोड़ का घाटा हुआ था जबकि 2018-19 में घाटा 20.06 हुआ हैं जबकि हानि पिछले साल से तिगुना 625 करोड़ की शुद्ध हानि हुई हैं जो की घाटा घटने के बाद भी तिगुनी हुई हैं| उत्तराखंड की जनता आज उत्तराखंड में इमानदार होने की रोयल्टी दे रही हैं क्योकि बढे हुए दरें केवल और केवल ईमानदार लोग ही भरेंगे वो भी बिना किसी विरोध के ओर यही बढ़ा हुआ पैसा ही उत्तराखंड में हमारे ईमानदार बने रहने की रॉयल्टी हैं। आपकी टिप्पणियों का स्वागत हैं आप हमें 05946 222224 पर व्हात्सप्प भी कर सकते हैं | UPCL Agreement details with Central Govt. https://www.uday.gov.in/MOU/Uttrakhand_MOU.pdf किराना, रेस्तरां के लिए सिंगल-विंडो, रिनुवल ख़त्म पूर्व सैनिक स्वास्थ योजना ECHS में फर्जीवाडा Previous Previous post: बुजुर्ग साधू की मर्दानगी टेस्ट कराने की गुहार Next Next post: भ्रष्टतम व बदतर होती नोयडा की व्यवस्था
2020-06-01T21:27:29Z
http://janpaksh.com/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%A4-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%96%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%80-%E0%A4%AD/

Dataset Card for "mC4-hindi"

This dataset is a subset of the mC4 dataset, which is a multilingual colossal, cleaned version of Common Crawl's web crawl corpus. It contains natural text in 101 languages, including Hindi. This dataset is specifically focused on Hindi text, and contains a variety of different types of text, including news articles, blog posts, and social media posts.

This dataset is intended to be used for training and evaluating natural language processing models for Hindi. It can be used for a variety of tasks, such as pretraining language models, machine translation, text summarization, and question-answering.

Data format

The dataset is in JSONL format. Each line in the file contains a JSON object with the following fields:

  • text: field contains the text of the document.
  • timestamp: field contains the date and time when the document was crawled.
  • url: field contains the URL of the document.

Data splits

The dataset is split into two parts: train and validation. The train split contains 90% of the data, the validation split contains 5% of the data, and the test split contains 5% of the data.

Usage

To use the dataset, you can load it into a Hugging Face Dataset object using the following code:

import datasets

dataset = datasets.load_dataset("zicsx/mC4-hindi")

Once you have loaded the dataset, you can access the train and validation splits using the following code:

train_dataset = dataset["train"]
validation_dataset = dataset["validation"]

You can then use the dataset to train and evaluate your natural language processing model.

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