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खासकर काम की परेशानी का ख्याल करके गौरी जिस नौकर को रखने के लिए ज्यादा आग्रह करती उसे तो वह फौरन ही निकाल बाहर करता | বিশেষত অসুবিধার আশঙ্কা করিয়া যে চাকরকে গৌরী রাখিবার জন্য অধিক আগ্রহ প্রকাশ করিত, তাহাকে পরেশ এক মুহূর্ত স্থান দিতেন না |
बाहर परिपूर्णता की अंतिम सीमा तक भरकर वर्षा नदीं ने अपने आत्म-विस्मृत उद्दाम चांचल्य से प्रकृति-माता को मानो उद्विग्न कर दिया था | বাহিরে বর্ষার নদী পরিপূর্ণতার শেষ রেখা পর্যন্ত ভরিয়া উঠিয়া আপন আত্মহারা উদ্দাম চাঞ্চল্যে প্রকৃতিমাতাকে যেন উদ্বিগ্ন করিয়া তুলিয়াছিল |
गुरु ने कहा, 'यह क्या! ' | গুরু কহিলেন, “এ কী" |
अन्त में बेटी को ढाढस और सान्त्वना देते हुए पिता के सूखे हुए कपोलों पर अश्रु की दो बूंदें ढुलक पड़ीं | অবশেষে তাহাকে সান্ত্বনা দিতে গিয়া বাণীকণ্ঠের শুষ্ক কপোলে অশ্রু গড়াইয়া পড়িল |
वह मन-ही-मन सोचने लगी कि उसे सब भूल जाएं तो अच्छा हो | মনে করিত, আমাকে সবাই ভুলিলে বাঁচি |
हरेक के हर काम में वह चिरकाल के सहयोगी के समान अभ्यस्त भाव से हस्तक्षेप करता हलवाई की दुकान पर बैठकर साल के पत्ते से संदेश पर बैठी मक्खियाँ उड़ाने लग जाता | সকলের সকল কাজেই সে চিরকালের সহযোগীর ন্যায় অভ্যস্তভাবে হস্তক্ষেপ করে; ময়রার দোকানে গল্প করিতে করিতে ময়রা বলে, “দাদাঠাকুর, একটু বোসো তো ভাই, আমি আসছি”— তারাপদ অম্লানবদনে দোকানে বসিয়া একখানা শালপাতা লইয়া সন্দেশের মাছি তাড়াইতে প্রবৃত্ত হয় |
आज नौकर एक रुपये में ढेर सारा लेमनचूस खरीद कर ला दिया उसी में से एक उठा कर उसने अपने दन्त विहीन मुंह में डाल कर चूसने लगा लेकिन बूढ़े मुंह में बच्चों की पसंद का लोजेंस स्वाद मुताबिक नहीं बल्कि बेस्वाद लग रहा था | আজ চাকর এক টাকায় একরাশ লজঞ্জুস কিনিয়া আনিয়া দিল; তাহারই একটা লইয়া সে দন্তহীন মুখের মধ্যে পুরিয়া চুষিতে লাগিল; কিন্তু বুড়ার মুখে ছেলেমানুষের লজঞ্জুস কিছুতেই ভালো লাগিল না |
सुभाषिणी गौ-घर में घुसकर अपनी दोनों बांहों से जब 'सारो' की गर्दन पकड़कर उसके कान के पास अपनी कनपटी रगड़ती है, तब 'पांगुली' स्नेह की दृष्टि से उसकी ओर निहारती हुई, उसके शरीर को चाटने लगती है | সুভা গোয়ালে ঢুকিয়া দুই বাহুর দ্বারা সর্বশীর গ্রীবা বেষ্টন করিয়া তাহার কানের কাছে আপনার গণ্ডদেশ ঘর্ষণ করিত এবং পাঙ্গুলি স্নিগ্ধদৃষ্টিতে তাহার প্রতি নিরীক্ষণ করিয়া তাহার গা চাটিত |
अभिमानिनी स्वल्पभाषिणी नारी अपमान की चोट खाकर सिंहिनी की तरह भीतर ही भीतर उफनने और घुमडऩे लगी, और इस उन्मत्त सन्देह ने दम्पत्ति के बीच में पड़कर खंडप्रलय की तरह दोनों को बिलकुल विच्छिन्न कर दिया | অভিমানিনী স্বল্পভাষিনী নারী অপমানে আহত সিংহিনীর ন্যায় অন্তরে অন্তরে উদ্দীপ্ত হইতে লাগিলেন এবং এই উন্মত্ত সন্দেহ দম্পতির মাঝখানে প্রলয়খড়্গের মতো পড়িয়া উভয়কে একেবারে বিচ্ছিন্ন করিয়া দিল |
लड़की का नाम था रतन | মেয়েটির নাম রতন |
बड़ी देर के बाद इतने धीरे उठकर रसोईघर में रोटियां बनाने चली गई | কিছুক্ষণ পরে রতন আস্তে আস্তে উঠিয়া রান্নঘরে রুটি গড়িতে গেল |
अंत में सूख कर उनके शरीर की हड्डियाँ बाहर दिखने लगी | শেষকালে রোগা হইয়া শুকাইয়া তাঁহার সর্বাঙ্গের হাড় বাহির হইয়া পড়িল |
ये सोच कर पास ही एक आमड़ा पेड़ था उसी पर चढ़ने की कोशिश करने लगा | এই ভাবিয়া কাছে একটা আমড়া গাছ ছিল, সেইটাতেই উঠিবার জন্য অনেকরকম চেষ্টা করিল |
अस्वस्थ होने के कारण वह घर लौटी सहेली से कुछ दिनों तक भेंट न कर सकी | তাহার শরীর অসুস্থ থাকাতে গৃহপ্রত্যাগত সখীর সহিত সে কিছুদিন সাক্ষাৎ করিতে পারে নাই |
बाहरी जगत् से उसका यथेष्ट परिचय हो गया था, किंतु तस्वीरों के इस जगत् में वह किसी प्रकार भी अच्छी तरह प्रवेश नहीं कर पाता था | বাহিরের সংসারের সহিত তাহার যথেষ্ট পরিচয় হইয়াছে, কিন্তু এই ছবির জগতে সে কিছুতেই ভালো করিয়া প্রবেশ করিতে পারে না |
इससे बहुत-सा समय आसानी के साथ कट जाता है | ইহাতে অনেকটা সময় সহজে কাটানো যায় |
पूर्णिमा की गाढ़ी रात्रि में उसने एक दिन धीरे-से कक्ष के झरोखे को खोलकर, भयत्रस्तावस्था में मुंह निकाल कर बाहर की ओर देखा, देखा कि सम्पूर्ण-प्रकृति भी उसके समान सोती हुई दुनिया पर अकेली बैठी हुई जाग रही है वह भी यौवन के उन्माद से, आनन्द से, विषाद से, असीम नीरवता की अन्तिम परिधि तक, यहां तक कि उसे भी पार करके चुपचाप स्थिर बैठी है, एक शब्द भी उसके मुख से नहीं निकल रहा है | গভীর পূর্ণিমারাত্রে সে এক-একদিন ধীরে শয়নগৃহের দ্বার খুলিয়া ভয়ে ভয়ে মুখ বাড়াইয়া বাহিরের দিকে চাহিয়া দেখে, পূর্ণিমাপ্রকৃতিও সুভার মতো একাকিনী সুপ্ত জগতের উপর জাগিয়া বসিয়া— যৌবনের রহস্যে পুলকে বিষাদে অসীম নির্জনতার একেবারে শেষ সীমা পর্যন্ত, এমন-কি, তাহা অতিক্রম করিয়াও থম্থম্ করিতেছে, একটি কথা কহিতে পারিতেছে না |
गौरी ने कहा, 'मेरी तबीयत! ' | গৌরী কহিল, “আমার খুশি" |
सुबल चन्द्र भी कभी-कभी भूल जाता कि वो अब बूढ़ा से छोकरा हो गया है और जा कर वहां बैठ जाता जहाँ और बूढ़े लोग ताश-पासा खेल रहे होते और बूढों की तरह ही बातें करता तो वहाँ लोग उसे भगाने लगते कहते, ‘ जाओ-जाओ जा कर खेलो यहाँ बैठ कर बड़ों के बीच बड़ा बनने को चेष्टा मत करो | সুবলচন্দ্রও এক-একদিন দৈবাৎ ভুলিয়া যাইত যে, সে আজকাল ছেলেমানুষ হইয়াছে, আপনাকে পূর্বের মতো বুড়া মনে করিয়া যেখানে বুড়ামানুষেরা তাস পাশা খেলিতেছে সেইখানে গিয়া সে বসিত এবং বুড়ার মতো কথা বলিত, শুনিয়া সকলেই তাহাকে 'যা যা, খেলা কর্গে যা, জ্যাঠামি করতে হবে না' বলিয়া কান ধরিয়া বিদায় করিয়া দিত |
पांचाली कथकता१, कीर्तन-गान, जात्राभिनय के लंबे अवतरण उसे कंठस्थ थे | পাঁচালি, কথকতা, কীর্তনগান, যাত্রাভিনয়ের সুদীর্ঘ খণ্ডসকল তাহার কণ্ঠাগ্রে ছিল |
पोस्टमास्टर, ‘‘तेरा रसोई का काम पीछे हो जायेगा पहले हुक्का भर ला ! ’’ | পোস্টমাস্টার, "তোর হেঁশেলের কাজ পরে হবে এখন-- একবার তামাকটা সেজে দে তো" |
बहु-संतान वाले घर में भी तारापद सबको अत्यंत प्यारा था, माँ, भाई-बहन और मुहल्ले के सभी लोगों से वह अजस्त्र स्नेह-लाभ करता | বহু সন্তানের ঘরেও তারাপদ সকলের অত্যন্ত আদরের ছিল; মা ভাই বোন এবং পাড়ার সকলেরই নিকট হইতে সে অজস্র স্নেহ লাভ করিত |
जिस कागज के टुकड़े पर उसने अपने हाथ से दीनता प्रकट की थी उसको अनंतकाल के लिए अनंत जगत से बिलकुल लोप कर पाती तो उसके हृदय का गहरा क्षोभ मिट सकता | যে কাগজের টুকরায় সে স্বহস্তে দীনতা প্রকাশ করিয়াছে সেটা অনন্ত কাল এবং অনন্ত জগৎ হইতে সম্পূর্ণ লোপ করিতে পারিলে তবে তাহার হৃদয়ের নিদারুণ ক্ষোভ মিটিতে পারিত |
दैवात् एक उपाय निकल आया | দৈবাৎ একটা উপায় বাহির হইল |
सोनामणि का ‘भैया’ शब्द सुनते ही उसके शरीर में आग लग गई | সোনামণির দাদা! শুনিয়া সর্বশরীর জ্বলিয়া যায় |
निकम्मों के लिए एक बड़ा सुभीता यह है कि परिजन उन पर बेशक नाराज रहें पर बाहरी जनों के लिए वे प्राय: स्नेहपात्र होते हैं, कारण, किसी विशेष काम में न फंसे रहने से वे सरकारी मिलकियत-से बन जाते हैं | অকর্মণ্য লোকের একটা সুবিধা এই যে, আত্মীয় লোকেরা তাহাদের উপর বিরক্ত হয় বটে, কিন্তু প্রায় তাহারা নিঃসম্পর্ক লোকদের প্রিয়পাত্র হয়— কারণ, কোনো কার্যে আবদ্ধ না থাকাতে তাহারা সরকারি সম্পত্তি হইয়া দাঁড়ায় |
गांव के पास ही एक नील-कोठी थी, इसीलिए कोठी के स्वामी ने बहुत कोशिश करके यह नया पोस्टऑफिस खुलवाया था | নিকটে একটি নীলকুঠি আছে, তাই কুঠির সাহেব অনেক জোগাড় করিয়া এই নূতন পোস্টআপিস স্থাপন করাইয়াছে |
किसी को किसी प्रकार की जल्दी नहीं थी; दोपहर को स्नानाहार में बहुत समय व्यतीत होती; और इधर संध्या होते न होते बड़े दिखने वाले किसी गाँव के किनारे, घाट के समीप, झिल्लीमंद्रित खद्योतखचित वन के पास नौका बाँध दी जाती | কাহারো কোনোরূপ তাড়া ছিল না; মধ্যাহ্নে স্নানাহারে অনেকক্ষণ বিলম্ব হইত; এ দিকে, সন্ধ্যা হইতে না হইতেই একটা বড়ো দেখিয়া গ্রামের ধারে, ঘাটের কাছে, ঝিল্লিমন্দ্রিত খদ্যোতখচিত বনের পার্শ্বে নৌকা বাঁধিত |
भोजन समाप्त होने पर नौका चल पड़ी | আহারান্তে নৌকা ছাড়িয়া দিল |
बोला, ‘‘चारु, मेरी वंशी क्यों तोड़ रही हो" | কহিল, “চারু, আমার বাঁশিটা ভাঙছ কেন" |
पारस पछांह के एक छोटे-से शहर में वकालत करता है, घर में अपने कुटुम्ब का कोई न था, अकेली स्त्री के लिए उसका चित्त सदा उद्विग्न बना रहता बीच-बीच में वह अचानक असमय में अदालत से घर चला आता | পরেশ পশ্চিমে একটি ক্ষুদ্র শহরে ওকালতি করিতেন; ঘরে আত্মীয়স্বজন বড়ো কেহ ছিল না, একাকিনী স্ত্রীর জন্য তাঁহার চিত্ত উদ্বিগ্ন হইয়া থাকিত, মাঝে মাঝে এক-একদিন হঠাৎ অসময়ে তিনি আদালত হইতে বাড়িতে আসিয়া উপস্থিত হইতেন |
लेकिन अब पहले की तरह उसकी बुलाहट नहीं होती थी, वह बीच-बीच में झांककर देखती-पोस्टमास्टर बड़े ही अनमने भाव से या तो कुर्सी पर बैठे रहते या खाट पर लेटे रहते | কিন্তু পূর্ববৎ আর তাহাকে ডাক পড়ে না; মাঝে মাঝে উঁকি মারিয়া দেখে, পোস্টমাস্টার অত্যন্ত অন্যমনস্কভাবে চৌকিতে বসিয়া অথবা খাটিয়ায় শুইয়া আছেন |
पोस्टमास्टर, ‘‘तू क्या कर रही है" | পোস্টমাস্টার, "তুই কী করছিস" |
अन्नपूर्णा ने प्रश्न किया, ‘‘तुम्हारी माँ नहीं है" | অন্নপূর্ণা প্রশ্ন করিলেন, “তোমার মা নাই" |
अचानक भूल कर मास्टर से भी बोल पड़ता, ‘ज़रा तम्बाकू दो तो, तलब लगी है’ सुन कर मास्टर जी उसे एक पाँव पर बेंच पर खड़ा कर देते | হঠাৎ ভুলিয়া মাস্টারকে গিয়া বলিত, 'দাও তো, তামাকটা দাও তো, খেয়ে নিই শুনিয়া মাস্টার তাহাকে বেঞ্চের উপর এক পায়ে দাঁড় করাইয়া দিত |
सब लोग उसका पता लगाकर उसे गाँव लौटा लाए | সকলে খোঁজ করিয়া তাহাকে গ্রামে ফিরাইয়া আনিল |
पति के दाहिने हाथ की मुट्ठी में से उस पत्र को निकालकर गौरी ने जल्दी से डाक्टर बुलवाया | দক্ষিণ বদ্ধমুষ্টি হইতে পত্রখানি ছাড়াইয়া লইয়া তাড়াতাড়ি ডাক্তার ডাকিয়া পাঠাইল |
भोजन बनाने का कार्य समाप्त होने पर तारापद ने नदी में स्नान करके पोटली खोली और एक सफेद वस्त्र धारण किया; काठ की एक छोटी-सी कंघी लेकर सिर के बड़े-बड़े बाल माथे पर से हटाकर गर्दन पर डाल लिए और स्वच्छ जनेऊ का धागा छाती पर लटकाकर नौका पर बैठे मति बाबू के पास जा पहुँचा | পাককার্য শেষ হইলে তারাপদ নদীতে স্নান করিয়া বোঁচকা খুলিয়া একটি শুভ্র বস্ত্র পরিল; একটি ছোট কাঠের কাঁকই লইয়া মাথার বড়ো বড়ো চুল কপাল হইতে তুলিয়া গ্রীবার উপর ফেলিল এবং মার্জিত পইতার গোছা বক্ষে বিলম্বিত করিয়া নৌকায় মতিবাবুর নিকট গিয়া উপস্থিত হইল |
मानो इस स्थिर निस्तब्ध प्रकृति के एक छोर पर उससे भी स्थिर और उससे भी निस्तब्ध एक भोली लड़की खड़ी हो | এই নিস্তব্ধ ব্যাকুল প্রকৃতির প্রান্তে একটি নিস্তব্ধ ব্যাকুল বালিকা দাঁড়াইয়া |
दिन भर मेहनत करके उसके पिता शाम को घर लौटते, भाग्य से उन्हीं में से दो-एक शामों की याद उसके मन में चित्र के समान अंकित है | পরিশ্রম করিয়া বাপ সন্ধ্যাবেলায় ঘরে ফিরিয়া আসিত, তাহারই মধ্যে দৈবাৎ দুটি-একটি সন্ধ্যা তাহার মনে পরিষ্কার ছবির মতো অঙ্কিত আছে |
शायद पढ़ने-लिखने में उसका मन एक अपूर्व आकर्षण में बँध गया था; लगता है, वयोवृद्धि के साथ उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन आरंभ हो गया था और स्थिर बैठे रहकर संसार के सुख-स्वच्छंदता का भोग करने की ओर उसका मन लग रहा था; कदाचित् उसकी सहपाठिनी बालिका का स्वाभाविक दौरात्म्य, चंचल सौंदर्य अलक्षित भाव से उसके हृदय पर बंधन फैला रहा था | বোধ করি, পড়াশুনার মধ্যে তাহার মন এক অপূর্ব আকর্ষণে বদ্ধ হইয়াছিল; বোধ করি, বয়োবৃদ্ধি-সহকারে তাহার প্রকৃতির পরিবর্তন আরম্ভ হইয়াছিল এবং স্থায়ী হইয়া বসিয়া সংসারের সুখস্বচ্ছন্দতা ভোগ করিবার দিকে তাহার মন পড়িয়াছিল; বোধ করি, তাহার সহপাঠিকা বালিকার নিয়তদৌরাত্ম্যচঞ্চল সৌন্দর্য অলক্ষিতভাবে তাহার হৃদয়ের উপর বন্ধন বিস্তার করিতেছিল |
एक अंधेरी आठचाला में उनका ऑफिस था, पास ही काई से घिरा एक तालाब था, जिसके चारों ओर जंगल था | একখানি অন্ধকার আটচালার মধ্যে তাঁহার আপিস; অদূরে একটি পানাপুকুর এবং তাহার চারি পাড়ে জঙ্গল |
उधर संकुचित चित्त सोनामणि एक-दो-दिन अध्ययनशाला के बाहर घूम-फिरकर झाँककर चली गई | এ দিকে সংকুচিতচিত্ত সোনামণি দুই-একদিন অধ্যয়নশালার বাহিরে উঁকিঝুঁকি মারিয়া ফিরিয়া চলিয়া গিয়াছে |
स्त्री ने कहा, 'कोई नहीं आया, मैं खुद गुरुदेव के घर गई थी' | স্ত্রী কহিল, “কেহ আসে নাই, আমি গুরুদেবের গৃহে গিয়াছিলাম" |
उस दिन पोस्टमास्टर के हाथ खाली थे-- वर्षों के धुले लहलहाते चिकने मृदुल तरु-पल्लव और धूप में चमकते पराजित वर्षा के भग्नावशिष्ट स्तूपाकार बादल सचमुच देखने योग्य थे, पोस्टमास्टर उन्हें देखते जाते और सोचते जाते कि इस समय यदि कोई आत्मीय अपने पास होता, हृदय के साथ एकान्त संलग्न कोई स्नेह की प्रतिमा मानव-मूर्ति | পোস্টমাস্টারের হাতে কাজ ছিল না-- সেদিনকার বৃষ্টিধৌত মসৃণ চিক্কণ তরুপল্লবের হিল্লোল এবং পরাভূত বর্ষার ভগ্নাবশিষ্ট রৌদ্রশুভ্র স্তূপাকার মেঘস্তর বাস্তবিকই দেখিবার বিষয় ছিল; পোস্টমাস্টার তাহা দেখিতেছিলেন এবং ভাবিতেছিলেন, এই সময়ে কাছে একটি-কেহ নিতান্ত আপনার লোক থাকিত-- হৃদয়ের সহিত একান্তসংলগ্ন একটি স্নেহপুত্তলি মানবমূর্তি |
घर में जिस दिन वह कोई सख्त बात सुनती, उस दिन उसका समय अपनी गूंगी सखियों के पास बीतता सुभाषिणी की सहनशील और विषाद-शान्त चितवन को देखकर वे न जाने कैसी एक अन्य अनुमान शक्ति में उसकी मर्म-वेदना को समझ जातीं और उसकी देह से सटकर धीरे-धीरे उसकी बांहों पर सींग धिस-घिसकर अपनी मौन आकुलता से उसको धैर्य बंधाने का प्रयत्न करतीं | গৃহে যেদিন কোনো কঠিন কথা শুনিত সেদিন সে অসময়ে তাহার এই মূক বন্ধু দুটির কাছে আসিত— তাহার সহিষ্ণুতাপরিপূর্ণ বিষাদশান্ত দৃষ্টিপাত হইতে তাহারা কী-একটা অন্ধ অনুমানশক্তির দ্বারা বালিকার মর্মবেদনা যেন বুঝিতে পারিত, এবং সুভার গা ঘেঁষিয়া আসিয়া অল্পে অল্পে তাহার বাহুতে শিং ঘষিয়া ঘষিয়া তাহাকে নির্বাক্ ব্যাকুলতার সহিত সান্ত্বনা দিতে চেষ্টা করিত |
एक बार सोचा ; ये सब छोटे हो गये बाबा को खिलाया जाये, लेकिन दुसरे ही पल सोचा, ‘ ना! देना ठीक नहीं होगा, ये सब खा कर तबियत ख़राब हो जाएगी | একবার ভাবিল 'এগুলো আমার ছেলেমানুষ বাবাকে খাইতে দেওয়া যাক্'; আমার তখনই মনে হইল 'না কাজ নাই, এত লজঞ্জুস খাইলে উহার আবার অসুখ করিবে |
पोस्टमास्टर ने कहा, ‘‘रतन, मैं कल ही चला जाऊंगा" | পোস্টমাস্টার বলিলেন, ""রতন, কালই আমি যাচ্ছি"" |
इसलिए कभी-कभी पिता, पुत्र को नियंत्रण में रखने के लिए भाग कर आते लेकिन पिता के पैर में गठिया का दर्द और बेटा भागता था हिरन जैसा | সেইজন্য বাপ মাঝে মাঝে শাসন করিতে ছুটিতেন; কিন্তু বাপের পায়ে ছিল বাত, আর ছেলেটি হরিণের মতো দৌড়িতে পারিত |
दोनों ही साष्टांग हो कर देवता से बोले, ‘दुहाई हो! हम जैसे थे हमें फिर से वैसा ही बना दीजिये सब शौक मिट गये | তাঁহারা দুইজনেই গড় হইয়া প্রণাম করিয়া কহিলেন, 'দোহাই ঠাকরুন, মিটিয়াছে এখন আমরা যে যাহা ছিলাম আমাদিগকে তাহাই করিয়া দাও |
एक दिन बरसात की दोपहर में बादल छंट गए थे और हलका-सा ताप लिये सुकोमल हवा चल रही थी, धूप में नहाई घास से और पेड़-पौधों से एक प्रकार की गन्ध निकल रही थी; ऐसा लगता था मानो क्लान्त धरती का उष्ण निःश्वास अंगों को छू रहा हो और न जाने कहां का एक हठी पक्षी दोपहर-भर प्रकृति के दरबार में लगातार एक लय से अत्यन्त करुण स्वर में अपनी नालिश दुहरा रहा था | একদিন বর্ষাকালে মেঘমুক্ত দ্বিপ্রহরে ঈষৎ-তপ্ত সুকোমল বাতাস দিতেছিল, রৌদ্রে ভিজা ঘাস এবং গাছপালা হইতে একপ্রকার গন্ধ উত্থিত হইতেছিল, মনে হইতেছিল যেন ক্লান্ত ধরণীর উষ্ণ নিশ্বাস গায়ের উপরে আসিয়া লাগিতেছে, এবং কোথাকার এক নাছোড়বান্দা পাখি তাহার একটা একটানা সুরের নালিশ সমস্ত দুপুরবেলা প্রকৃতির দরবারে অত্যন্ত করুণস্বরে বার বার আবৃত্তি করিতেছিল |
गूंगी कन्या को दूसरों के हाथ सौंपकर माता-पिता अपने घर लौट आये और तब कहीं उनकी जाति और परलोक की रक्षा हो सकी | বোবা মেয়েকে পরের হস্তে সমর্পণ করিয়া বাপ-মা দেশে চলিয়া গেল— তাহাদের জাতি ও পরকাল রক্ষা হইল |
मिठाइयाँ बनाने में भी पक्का था, करघे का मर्म भी उसे थोड़ा-बहुत मालूम था, कुम्हार का चाक चलाना भी उसके लिए बिलकुल नया नहीं था | ভিয়ান করিতেও সে মজবুত, তাঁতের রহস্যও তাহার কিছু কিছু জানা আছে, কুমারের চক্রচালনও তাহার সম্পূর্ণ অজ্ঞাত নহে |
वो चुपचाप बरामदे में एक चटाई बिछा कर बैठ सोचने लगा | চুপচাপ করিয়া দাওয়ায় একটা মাদুর পাতিয়া বসিয়া বসিয়া ভাবিতে লাগিল |
किसी को दादा, किसी को काका, किसी को दीदी, किसी को मौसी कहकर दो-तीन घंटे में सारे गाँव के साथ सौहार्द्र बंधन स्थापित कर लिया | কাহাকেও দাদা, কাহাকেও খুড়া, কাহাকেও দিদি, কাহাকেও মাসি বলিয়া দুই-তিন ঘণ্টার মধ্যে সমস্ত গ্রামের সহিত সৌহার্দ্য-বন্ধন স্থাপিত করিয়া লইল |
सुशील सर खुजाते हुए मुंह नीचा कर के बोला, ‘पिताजी, मेरी व्याकरण की किताब खो गयी है | সুশীল মাথা চুলকাইতে চুলকাইতে বলিল, 'বাবা, আমার বই হারিয়ে গেছে |
जो भी दृश्य उसकी आँखों के सामने आता, उसी ओर तारापद की कौतूहलपूर्ण दृष्टि दौड़ जाती; जो भी काम उसके हाथ लग जाता, उसी की ओर वह अपने आप आकर्षित हो जाता | যে-কোনো দৃশ্য তাহার চোখের সম্মুখে আসে তাহার প্রতি তারাপদর সকৌতুলহল দৃষ্টি ধাবিত হয়, যে-কোনো কাজ তাহার হাতের কাছে আসিয়া উপস্থিত হয় তাহাতেই সে আপনি আকৃষ্ট হইয়া পড়ে |
हमारे सुशील बाबू रोज उठते ही दुरात्मा की तरह दौड़ते फिरते है, लेकिन आज उनकी नींद ही नहीं टूट रही; जब अपने पिता सुबल चन्द्र के चिल्लाने की आवाज़ से उसकी नींद खुली तो देखा उसके पहने हुए कपड़े इस तरह छोटे हो कर चिपक गये हैं की उसके चीथड़े हो कर शरीर से अलग हो जायेंगे | আমাদের সুশীলচন্দ্র অন্যদিন ভোরে উঠিয়া চারি দিকে দৌরাত্ম্য করিয়া বেড়ান, কিন্তু আজ তাহার ঘুম আর ভাঙে না; যখন তাহার বাপ সুবলচন্দ্রের চেঁচামেচিতে সে জাগিয়া উঠিল তখন দেখিল, কাপড়-চোপড়গুলো গায়ে এমনি আঁটিয়া গেছে যে, ছিঁড়িয়া ফাটিয়া কুটিকুটি হইবার জো হইয়াছে; |
रोगी की सेवा से छुट्टी पाकर रतन ने दरवाजे के बाहर फिर अपने स्थान पर अधिकार जमा लिया | রোগসেবা হইতে নিষ্কৃতি পাইয়া রতন দ্বারের বাহিরে আবার তাহার স্বস্থান অধিকার করিল |
संध्या होने के कुछ पूर्व अन्नपूर्णा ने तारापद को बुलाकर पूछा, ‘‘रात में तुम क्या खाते हो’’ | সন্ধ্যার প্রাক্কালে অন্নপূর্ণা তারাপদকে জিজ্ঞাসা করিলেন, “রাত্রে তুমি কী খাও" |
सवेरे उठकर पोस्टमास्टर ने देखा कि उनके नहाने के लिए पानी पहले से ही रख दिया गया है, कलकत्ता की अपनी आदत के अनुसार वे ताजे पानी से ही स्नान करते थे | ভোরে উঠিয়া পোস্টমাস্টার দেখিলেন, তাঁহার স্নানের জল ঠিক আছে; কলিকাতার অভ্যাস অনুসারে তিনি তোলা জলে স্নান করিতেন |
चारु ने कितनी बार अकेले में प्रतिज्ञा की कि वह तारापद के साथ सद्व्यवहार करेगी, फिर कभी उसे एक क्षण के लिए भी परेशान न करेगी, किंतु सोनामणि आदि अन्य पाँच जनों के बीच आ पड़ते ही न जाने कब, कैसे उसका मिजाज बिगड़ जाता और वह किसी भी प्रकार आत्म-नियंत्रण न कर पाती | চারু কতবার একান্তমনে প্রতিজ্ঞা করিয়াছে যে, সে তারাপদর সহিত সদ্ব্যবহার করিবে, কখনো তাহাকে মুহূর্তের জন্য বিরক্ত করিবে না, কিন্তু সোনামণি প্রভৃতি আর পাঁচজন মাঝে আসিয়া পড়াতে কখন তাহার কিরূপ মেজাজ হইয়া যায় কিছুতেই আত্মসংবরণ করিতে পারে না |
तारापद हरिण के छौने के समान बंधनभीरु था और हरिण के ही समान संगीत-प्रेमी भी | তারাপদ হরিণশিশুর মতো বন্ধনভীরু, আবার হরিণেরই মতো সংগীতমুগ্ধ |
जिसमें झींगुरों की झिन-झिन ध्वनि से गूंजती हुई तृणभूमि से लेकर शब्दातीत नक्षत्र-लोक तक केवल इंगित, संगीत, क्रन्दन और उच्छ्वासें भरी पड़ी हैं | ঝিল্লিরবপূর্ণ তৃণভূমি হইতে শব্দাতীত নক্ষত্রলোক পর্যন্ত কেবল ইঙ্গিত, ভঙ্গী, সংগীত, ক্রন্দন এবং দীর্ঘনিশ্বাস |
यहाँ तक कि शाम को दादीमाँ के पास कहानी सुनने भी नहीं जाऊंगा, रात दस-ग्यारह बजे तक प्रदीप जला कर पढाई पूरी करूँगा | এমন-কি, সন্ধ্যার পরে ঠাকুরমার কাছে গল্প শোনাও বন্ধ করিয়া প্রদীপ জ্বালিয়া রাত্রি দশটা এগারোটা পর্যন্ত পড়া তৈয়ারি করি |
बोस निवास में पटाखे देखने हरि को अकेले ही भेज देता हूँ | বোসদের বাড়ি বাজি দেখতে হরিকে একলাই পাঠিয়ে দেব এখন |
आखिर लगभग एक सप्ताह के बाद एक दिन शाम को उस की पुकार हुई | অবশেষে সপ্তাহখানেক পরে একদিন সন্ধ্যাবেলায় ডাক পড়িল |
किंतु वह स्वयं किस अभिप्राय से असमय ही तारापद के पढ़ने के कमरे में आकर उपस्थित हुई थी, यह अंतर्यामी से छिपा नहीं था और तारापद भी उसे अच्छी तरह जानता था | কিন্তু সে নিজে কী অভিপ্রায়ে এই অসময়ে তারাপদর পাঠগৃহে আসিয়া উপস্থিত হইয়াছিল তাহা অন্তর্যামীর অগোচর ছিল না এবং তারাপদও তাহা ভালোরূপ জানিত |
मेघ-मुक्त धूप में नदी किनारे की अर्धनिमग्न काशतृण-श्रेणी एवं उसके ऊपर सरस सघन ईख के खेत और उससे भी परवर्ती प्रदेश में दूर-दिंगत चुंबित नीलांजन-वर्ग वनरेखा, सभी-कुछ मानो किसी काल्पनिक कथा की सोने की छड़ी
(प्रसिद्ध लोककथा है कि एक राजकुमार ने सोने की छड़ी छुआकर सोई हुई राजकुमारी को जगा दिया था, चाँदी की छड़ी छुआने से वह सो जाती थी सोने की छड़ी प्रेम जाग्रत् अवस्था का प्रतीक है ) के स्पर्श से सद्यःजाग्रत् नवीन सौंदर्य की भाँति नीरव नीलाकाश की मुग्ध दृष्टि के सम्मुख परिस्फुटित हो उठा हो; सभी कुछ मानो सजीव स्पंदित, प्रगल्भ प्रकाश में उद्भासित, नवीनता से मसृण और प्राचुर्य से परिपूर्ण हो | মেঘনির্মুক্ত রৌদ্রে নদীতীরের অর্ধনিমগ্ন কাশতৃণশ্রেণী, এবং তাহার উর্ধ্বে সরস সঘন ইক্ষুক্ষেত্র এবং তাহার পরপ্রান্তে দূরদিগন্তচুম্বিত নীলাঞ্জনবর্ণ বনরেখা সমস্তই যেন কোন্-এক রূপকথার সোনার কাঠির স্পর্শে সদ্যজাগ্রত নবীন সৌন্দর্যের মতো নির্বাক্ নীলাকাশের মুগ্ধদৃষ্টির সম্মুখে পরিস্ফুট হইয়া উঠিয়াছিল, সমস্তই যেন সজীব, স্পন্দিত, প্রগল্ভ, আলোকে উদ্ভাসিত, নবীনতায় সুচিক্কণ, প্রাচুর্যে পরিপূর্ণ |
गौरी कुछ ज्यादा उमर में ससुराल आई | গৌরী বেশ-একটু বয়স্থা হইয়াই পতিগৃহে আসিয়াছিল |
प्रकृति अपने पार्श्व में बैठकर उसकी सारी कमी को पूर्ण कर देती है | প্রকৃতি যেন তাহার ভাষার অভাব পূরণ করিয়া দেয় |
देखते-देखते पूर्व क्षितिज से सघन मेघराशि ने प्रकांड काला पाल तानकर आकाश के बीच में खड़ा कर दिया, चाँद ढक गया–पूर्व की वायु वेग से बहने लगी, मेघ के पीछे मेघ दौड़ चले, नदी में जल कलकल हास्य से बढ़कर उमड़ने लगा–नदी-तीरवर्ती आंदोलित वनश्रेणी में अंधकार पुंजीभूत हो उठा, मेढकों ने टर्राना शुरू कर दिया, झिल्ली की ध्वनि जैसे कराँत लेकर अंधकार को चीरने लगी | দেখিতে দেখিতে পূর্বদিগন্ত হইতে ঘনমেঘরাশি প্রকাণ্ড কালো পাল তুলিয়া দিয়া আকাশের মাঝখানে উঠিয়া পড়িল, চাঁদ আচ্ছন্ন হইল— পুবে-বাতাস বেগে বহিতে লাগিল, মেঘের পশ্চাতে মেঘ ছুটিয়া চলিল, নদীর জল খল খল হাস্যে স্ফীত হইয়া উঠিতে লাগিল— নদীতীরবর্তী আন্দোলিত বনশ্রেণীর মধ্যে অন্ধকার পুঞ্জীভূত হইয়া উঠিল, ভেক ডাকিতে আরম্ভ করিল, ঝিল্লিধ্বনি যেন করাত দিয়া অন্ধকারকে চিরিতে লাগিল |
गौ-घर में दो गायें हैं, एक का नाम है सर्बोशी और दूसरी का नाम है पांगुली | গোয়ালের দুটি গাভী, তাহাদের নাম সর্বশী ও পাঙ্গুলি |
चारु रक्त नेत्रों और लाल मुख से ‘‘ठीक कर रही हूँ, अच्छा कर रही हूँ’’ कहकर टूटी हुई वंशी को और दो-चार अनावश्यक लातें मारकर उच्छृवसित कंठ से रोती हुई कमरे से बाहर चली गई | চারু রক্তনেত্রে রক্তিমমুখে “বেশ করছি, খুব করছি” বলিয়া আরো বার দুই-চার বিদীর্ণ বাঁশির উপর অনাবশ্যক পদাঘাত করিয়া উচ্ছ্বসিত কণ্ঠে কাঁদিয়া ঘর হইতে বাহির হইয়া গেল |
उसने इसे कहानी सुनाकर, गाना गाकर, वंशी बजाकर वश में करने की बहुत चेष्टा की; किंतु किसी भी प्रकार सफल नहीं हुआ | সে ইহাকে গল্প শুনাইয়া, গান গাহিয়া, বাঁশি বাজাইয়া, বশ করিতে অনেক চেষ্টা করিল কিন্তু কিছুতেই কৃতকার্য হইল না |
मति बाबू बड़े खुश हुए उन्होंने गाँव के एंट्रेंस स्कूल के हेडमास्टर रामरतन बाबू की प्रतिदिन संध्या-समय इस लड़के को अंग्रेजी पढ़ाने के लिए नियुक्त कर दिया | মতিবাবু খুব খুশি হইয়া গ্রামের এন্ট্রেন্স্ স্কুলের হেড্ মাস্টার রামরতনবাবুকে প্রতিদিন সন্ধ্যাবেলায় এই বালকের ইংরাজি- অধ্যাপনকার্যে নিযুক্ত করিয়া দিলেন |
उसके माता-पिता ने बड़े प्रयत्नों के उपरान्त इस बात की आशा तो बिल्कुल छोड़ दी थी कि वह कोई काम-काज करके घर-गृहस्थी की कुछ सहायता करेगा | সে যে কাজকর্ম করিয়া সংসারের উন্নতি করিতে যত্ন করিবে বহু চেষ্টার পর বাপ-মা সে আশা ত্যাগ করিয়াছেন |
किंतु बेचारी सोनामणि डरकर उसी क्षण हजारों झूठी कैफियतें देतीं; अंत में जब चारु घृणापूर्वक उसको ‘मिथ्यावादिनी’ कहकर संबोधित करती तो वह लज्जित-शंकित-पराजित होकर व्यथित चित्त से लौट जाती | কিন্তু সোনামণি বেচারা ভীত হইয়া তৎক্ষণাৎ একরাশ মিথ্যা কৈফিয়ত সৃজন করিত; অবশেষে চারু যখন ঘৃণাভরে তাহাকে মিথ্যাবাদী বলিয়া সম্ভাষণ করিত তখন সে লজ্জিত শঙ্কিত পরাজিত হইয়া ব্যথিতচিত্তে ফিরিয়া যাইত |
उसने कोई उत्तर दिए बिना बड़े जोर से सिर हिला दिया | সে কোনো উত্তর না দিয়ে অত্যন্ত প্রবলবেগে মাথা নাড়িয়া দিল |
पिछले वर्ष से कलकत्ता की एक छोटी कलाबाज-मंडली इस पर्यटनशील मेले के मनोरंजन में योग दे रही थी | গত বৎসর হইতে কলিকাতার এক ক্ষুদ্র জিম্ন্যাস্টিকের দল এই পর্যটনশীল মেলায় আমোদচক্রের মধ্যে যোগ দিয়াছিল |
यों तो हर मनुष्य की अपनी एक स्वतंत्र अधिष्ठान भूमि होती है, किंतु तारापद इस अनंत नीलांबरवाही विश्व-प्रवाह की एक आनंदोज्ज्वल तरंग था–भूत-भविष्यत् के साथ उसका कोई संबंध न था - आगे बढ़ते जाना ही उसका एकमात्र काम था | মানুষমাত্রেরই নিজের একটি স্বতন্ত্র অধিষ্ঠানভূমি আছে; কিন্তু তারাপদ এই অনন্ত নীলাম্বরবাহী বিশ্বপ্রবাহের একটি আনন্দোজ্জ্বল তরঙ্গ— ভূত-ভবিষ্যতের সহিত তাহার কোনো সম্বন্ধ নাই— সম্মুখাভিমুখে চলিয়া যাওয়াই তাহার একমাত্র কার্য |
अन्त में, एक दिन घर लौटकर पत्नी से बोले-''चलो, कलकत्ते चले चलें | অবশেষে ফিরিয়া আসিয়া কহিল, “চলো, কলিকাতায় চলো" |
जो बातें उनके मन में बार-बार उदय होती रहतीं, पर जो नील-कोठी के गुमाश्तों के सामने किसी भी तरह नहीं उठाई जा सकती थीं, उन्हीं बातों को उस अनपढ़ नन्ही बालिका से कहते उन्हें बिल्कुल संकोच न लगता | যে-সকল কথা সর্বদাই মনে উদয় হয় অথচ নীলকুঠির গোমস্তাদের কাছে যাহা কোনোমতেই উত্থাপন করা যায় না, সেই কথা একটি অশিক্ষিতা ক্ষুদ্র বালিকাকে বলিয়া যাইতেন, কিছুমাত্র অসংগত মনে হইত না |
माता-पिता के मन में वह हर समय पीड़ा की तरह जीती-जागती बनी रहती है | পিতামাতার মনে সে সর্বদাই জাগরূক ছিল |
तुम यहाँ चुपचाप पड़े रहो मैं अभी तुम्हारे लिए पाचक तैयार कर के लाता हूँ, सुशील के कमरे से निकल कर बाहर सांकल लगा दिया और बहुत कड़वा सा एक पाचक तैयार करने चले गये | তুই এখানে চুপ করে পড়ে থাক্, আমি খানিকটা পাঁচন তৈরি করে নিয়ে আসি এই বলিয়া তাহার ঘরে শিকল দিয়া সুবলচন্দ্র খুব তিতো পাঁচন তৈয়ার করিয়া আনিতে গেলেন |
उसके बाद से ही वो गर्म पानी से ही नहाता है और पिता सुबलचन्द्र को भी तालाब में नहाने जाने नहीं देता | তাহার পর হইতে দুই দিন অন্তর সে গরম জলে স্নান করিত এবং সুবলকেও কিছুতেই পুকুরে স্নান করিতে দিত না |
वह जब भी देखता कि नदी में कोई विदेशी नौका अपनी रस्सी घिसटाती जा रही है, गाँव के विशाल पीपल के वृक्ष के तले किसी दूर देश के किसी संन्यासी ने आश्रय लिया है अथवा बनजारे नदी के किनारे ढालू मैदान में छोटी-छोटी चटाइयाँ बाँधकर खपच्चियाँ छीलकर टोकरियाँ बनाने में लगे हैं, तब अज्ञात बाह्य पृथ्वी को स्नेहहीन स्वाधीनता के लिए उसका मन बेचैन हो उठता | সে যখনই দেখিত নদী দিয়া বিদেশী নৌকা গুণ টানিয়া চলিয়াছে, গ্রামের বৃহৎ অশ্বত্থগাছের তলে কোন্ দূরদেশ হইতে এক সন্ন্যাসী আসিয়া আশ্রয় লইয়াছে, অথবা বেদেরা নদীতীরের পতিত মাঠে ছোটো ছোটো চাটাই বাঁধিয়া বাঁখারি ছুলিয়া চাঙারি নির্মাণ করিতে বসিয়াছে, তখন অজ্ঞাত বহিঃপৃথিবীর স্নেহহীন স্বাধীনতার জন্য তাহার চিত্ত অশান্ত হইয়া উঠিত |
काम शुरू करते ही पहले पहल पोस्टमास्टर को उलापुर गांव आना पड़ा | প্রথম কাজ আরম্ভ করিয়াই উলাপুর গ্রামে পোস্টমাস্টারকে আসিতে হয় |
पहले तारापद अंतःपुर में जाकर अन्नपूर्णा की स्नेह-दृष्टि के सामने बैठकर भोजन करता था–किंतु इसके कारण कभी-कभी देर हो जाती थी इसीलिए उसने मति बाबू से अनुरोध करके अपने भोजन की व्यवस्था बाहर ही करा ली थी | পূর্বে তারাপদ অন্তঃপুরে গিয়া অন্নপূর্ণার স্নেহদৃষ্টির সম্মুখে বসিয়া আহার করিত— কিন্তু তদুপলক্ষে প্রায় মাঝে মাঝে কিছু বিলম্ব হইয়া যাইত বলিয়া সে মতিবাবুকে অনুরোধ করিয়া বাহিরে আহারের বন্দোবস্ত করিয়া লইল |
सवाल करने वाले की उम्र पंद्रह-सोलह से अधिक न होगी मति बाबू ने उत्तर दिया, ‘‘काँठालिया" | প্রশ্নকর্তার বয়স পনেরো-ষোলোর অধিক হইবে না মতিবাবু উত্তর করিলেন, “কাঁঠালে" |
स्नान समाप्त होते ही रतन की पुकार हुई | স্নান সমাপন হইলে রতনের ডাক পড়িল |
बालक के इस विचित्र उत्तर से व्यथित होकर अन्नपूर्णा ने कहा, ‘‘ओ माँ, यह कैसी बात है! पाँच अँगुलियाँ हैं, तो क्या एक अँगुली त्यागी जा सकती है" | অন্নপূর্ণা বালকের এই অদ্ভুত উত্তরে ব্যথিত হইয়া কহিলেন, “ওমা, সে কী কথা পাঁচটি আঙুল আছে ব’লে কি একটি আঙুল ত্যাগ করা যায়" |
उसने जहर खा लिया था और, आधुनिक काल में इस आश्चर्यपूर्ण सहमरण के दृष्टान्त ने सती के माहात्म्य से सबको दंग कर दिया | সে বিষ খাইয়া মরিয়াছে, আধুনিক কালে এই আশ্চর্য সহমরণের দৃষ্টান্তে সতীমাহাত্ম্যে সকলে স্তম্ভিত হইয়া গেল |
संगीत के इस मोह से आकृष्ट होकर वह शीघ्र ही एक पांचाली जल (लोकगीत गायकों का दल) में भर्ती हो गया | এই সংগীতের মোহে আকৃষ্ট হইয়া সে অনতিবিলম্বে এক পাঁচালির দলের মধ্যে গিয়া প্রবিষ্ট হইল |
सुशील बोला, ‘मेरे पेट में मरोड़ उठ रहे है, आज मैं स्कूल नहीं जा पाऊंगा | সুশীল বলিল, 'আমার পেট কামড়াচ্ছে, আজ আমি ইস্কুলে যেতে পারব না |
इस प्रकार दसेक दिन में नौका काँठालिया पहुँची | এমনি করিয়া দিনদশেকে নৌকা কাঁঠালিয়ায় পৌঁছিল |
न जाने क्यों बालिका यह नहीं पूछ सकी थी कि वे सवेरे किस समय यात्रा करेंगे, बाद में कहीं तड़के ही जरूरत न पड़ जाय, यह सोचकर रतन उतनी रात में ही नदी से उनके नहाने के लिए पानी भरकर ले आई थी | কখন তিনি যাত্রা করিবেন সে কথা বালিকা কী কারণে জিজ্ঞাসা করিতে পারে নাই; পাছে প্রাতঃকালে আবশ্যক হয় এইজন্য রতন তত রাত্রে নদী হইতে তাঁহার স্নানের জল তুলিয়া আনিয়াছিল |
लेकिन हमेशा नाम के अनुरूप व्यक्ति भी हो ऐसा कतई ज़रूरी नहीं | কিন্তু সকল সময়ে নামের মতো মানুষটি হয় না |
उसकी धुन और हठ की कोई सीमा न थी | তাহার খেয়াল এবং জেদের অন্ত ছিল না |
पुरानी आदत मुताबिक भूल कर जब भी पलंग से कूद कर उतरने जाता तो हाथ पैर की हड्डियाँ टनटना जाती है | পূর্বেকার অভ্যাসমত, ভুলিয়া তক্তপোশ হইতে সে লাফ দিয়া নামিতে যায়, আর হাড়গুলো টন্টন্ ঝন্ঝন্ করিয়া উঠে |
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