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रिकॉर्ड पांचवीं बार इजरायल की सत्ता संभालेंगे पीएम मोदी के दोस्त बेंजामिन नेतन्याहू! | Israel election: PM Netanyahu appears on track for victory despite tied result - Hindi Oneindia14 min ago #LokSabhaElectionResults2019: 48 साल पहले जो इंदिरा ने किया, वो ही आज मोदी ने कर दिखाया20 min ago Lok Sabha Results 2019 Rajasthan: सीएम गहलोत ने पीएम मोदी पर लगाए कई बड़े आरोप, गड़े मुर्दे भी उखाड़े22 min ago कैराना में इस बार नहीं चला गठबंधन का जादू, भाजपा प्रत्याशी जीत की ओर| Updated: Wednesday, April 10, 2019, 13:00 [IST]तेल अवीव। एक तरफ जहां भारत में लोकसभा चुनावों का आगाज हो रहा है तो वहीं भारत के करीबी देश इजरायल में चुनाव हो चुके हैं। नतीजे आ रहे हैं और सुनकर आपको आश्चर्य होगा कि चुनावी नतीजों में यहां पर टाई हो गया है। लेकिन टाई के बाद भी प्रधानमंत्री बेंजातिन नेतन्याहू की जीत सुनिश्चित लग रही है। नेतन्याहू रिकॉर्ड पांचवीं बार देश के पीएम बनने की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि उनकी लिकुड पार्टी विरोधी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बराबर ही वोट जीत रही है, इसके बाद भी माना जा रहा है कि नेतन्याहू की जीत तय है।यह भी पढ़ें-केजरीवाल बोले पीएम मोदी की जीत पर पाक में फूटेंगे पटाखे97 प्रतिशत वोटों की गिनती पूरीबेंजामिन की लिकुड पार्टी का मुकाबला बेनी गैंट्ज की पार्टी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी से था। अब तक 97 प्रतिशत वोटों की गिनती हो चुकी है। इजरायल की संसद केनेस्सेट में 120 सीटें हैं। नेतन्याहू और गेंट्ज दोनों की पार्टी को 35-35 सीटें अभी तक हासिल हुई हैं। नतीजों में नेतन्याहू, गेंट्ज की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। नेतन्याहू, दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बना सकते हैं। वहीं गैंट्ज की पार्टी को दूसरी पार्टियां समर्थन देंगी इस बात की संभावना काफी कम नजर आ रही है। चुनाव के अंतिम नतीजे बुधवार दोपहर तक या शाम तक सामने आएंगे। वहीं सरकार बनने की प्रक्रिया में भी कुछ हफ्तों का समय लग सकता है।दोनों नेताओं ने किया जीत का ऐलानइजरायल के चुनावी नतीजों में काफी टिवस्ट और टर्न आए। नेतन्याहू और गैंट्ज दोनों ने ही खुद को नतीजे आने से पहले ही विजयी बता दिया था। एग्जिट पोल्स में भी दोनों के पास सरकार बनाने का मजबूत दावा बताया जा रहा था। नेतन्याहू ने कहा कि मंगलवार की रात उनके लिए एक विशाल जीत की रात बनी है। इसके साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि उन्होंने राइट विंग पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिशें भी शुरू कर दी हैं।लगातार 10 वर्षों से शासन कर रहे नेतन्याहूनेतन्याहू के ऐलान को एक घंटे भी नहीं हुए थे कि गैंट्ज ने अपनी जीत का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा, 'चुनावों में कुछ लोग हारते हैं तो कुछ विजेता होते हैं और हम विजेता हैं।' गैंट्ज के ऐलान से बेखबर नेतन्याहू ने यह भी बताया कि वह राष्ट्रपति के सामने अगली सरकार बनाने का प्रस्ताव रखेंगे। 69 वर्षीय नेतन्याहू लगातार 10 वर्षों से देश के पीएम हैं तो वहीं बेनी गैंट्ज देश के सेना प्रमुख रहे चुके हैं। 59 वर्षीय गैंट्ज ने फरवरी 2011 से फरवरी 2015 तक इजरायल डिफेंस फोर्सेज का नेतृत्व किय। दिसंबर 2018 में उन्होंने एक नई राजनीतिक पार्टी शुरू की जिसका नाम इजरायल रिजीलियंस रखा।benjamin netanyahu israel इजरायल प्रधानमंत्रीIsrael election: Prime Minister Benjamin Netanyahu heading leading towards record 5th term as he appears on track for victory despite tied result. | 2019-05-23T11:15:48 | https://hindi.oneindia.com/news/international/israel-election-pm-netanyahu-appears-on-track-for-victory-despite-tied-results-501202.html?utm_source=articlepage&utm_medium=dsktp&utm_campaign=similar-topic-slider |
apsc scam in assam - Guwahati News in Hindi - असम में एपीएससी घोटाले की जांच भाजपा सांसद तक पहुंची | Patrika Hindi Newsmp sharma file photo| Publish: Jul, 16 2018 03:18:09 PM (IST) Guwahati, Assam, Indiaघोटाले में अब तक आयोग के पूर्व चैयरमैन, सदस्य समेत कई अधिकारी जेल जा चुके हैंगुवाहाटी। असम लोकसेवा आयोग (एपीएससी) में घोटाले के तार अब भाजपा के सांसद तक जा पहुचे हैं। असम में भाजपा गठबंधन की सरकार है। घोटाले में अब तक आयोग के पूर्व चैयरमैन, सदस्य समेत कई अधिकारी जेल जा चुके हैं। अब मामले की जांच कर रही डिब्रुगढ़ पुलिस ने तेजपुर के भाजपा सांसद राम प्रसाद शर्मा की पुत्री पल्लवी शर्मा समेत 18 और अधिकारियों को समन जारी किया है। इन्हें 18 जुलाई को असम पुलिस की विशेष शाखा के कार्यालय में हस्ताक्षर की फारेंसिक जांच के लिए मौजूद रहने को कहा गया है।चापलूसी राजनीति नहीं करताअपनी प्रतिक्रिया में सांसद शर्मा ने कहा कि मेरे खिलाफ राजनीतिक षडय़ंत्र है। यह पार्टी के अंदर से मेरे खिलाफ षडय़ंत्र है।2 019 के लोकसभा में मुझे तेजपुर से टिकट न मिले इसके लिए मुझे टारगेट किया गया है। मैं 2013 से नागपुर चेहरा दिखाने नहीं गया। मैं मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, दिल्ली और नागपुर को इस बारे में कोई अनुरोध नहीं करुंगा। मैं चापलूसी राजनीति नहीं करता। इस बार जिन्हें समन दिया गया है उनमें तीन पुलिस अधिकारी,13 प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और तीन संबंद्ध सेवा के अधिकारी शामिल हैं।फर्जी रिपोर्ट तैयार करने का आरोपउन्होंने कहा कि फर्जी तरीके से फारेंसिक रिपोर्ट तैयार की गई है। मैंने कभीभी मुख्यमंत्री को जांच धीमी करने को नहीं कहा था। यदि कोई प्रमाणित कर देगा तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। गिरफ्तार असम लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष राकेश पाल से मिलने की बात स्वीकारते हुए उन्होंने कहा कि उनकी तरह मैं भी सत्संग में दीक्षित हूं। इसलिए सत्संग विहार में मिला था। यदि मैं दोषी हूं तो जेल जाने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि जांच में पूरा सहयोग करुंगा।कई राजनीतिज्ञों के रिश्तेदार हो चुके गिरफ्तारइससे पहले भी एक पूर्व मंत्री नीलमणि सेन डेका के पुत्र राजश्री सेन डेका, भाजपा की नेता सुमित्रा दले पाटिर की रिश्तेदार गीताली दलै और सुनयना आईदेउ, भाजपा सांसद राजेन गोहाईं का भतीजा भी इस घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं। इस मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पानेसर ने कहा कि जिन्हें समन भेजा गया है वे सभी 2016 बेच के अधिकारी हैं। इस घोटाले में पहली गिरफ्तारी अक्तूबर 2016 में हुई थी। अब तक पाल समेत 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुके हंै। पिछले 2 सालों से जांच चल रही है।यूपी कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इस नेता को प्रधानमंत्री बनाने की कर दी अपीलभाजपाई बने बीएलओ, 2019 से पहले शुरू किया ये बड़ा अभियानशिवराज बोले- चुनाव जीतने के लिए अब टोटके करवा रही है कांग्रेसAssam BJP bjp mp Guwahati guwahati news Politicsअसमः अब डायन कहा, तो होगा सश्रम कारावास, राष्ट्रपति ने डायन हत्या रोकथाम कानून को असम में दी मंजूरी | 2019-06-26T22:44:00 | https://www.patrika.com/guwahati-1/apsc-scam-in-assam-1-3109548/ |
रिकॉर्ड news in hindi, रिकॉर्ड से जुड़ी खबरें, Breaking News, page2अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक लगाने वाले भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने कहा कि वह ऐसी पारी खेलने के लिए मानसिक रूप से तैयार थे। रोहित ने यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जारी तीसरे टेस्ट मैच...हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की गोली मारकर हत्या करने वाले फरार शूटर ने गुजरात के पते का आधार कार्ड की कॉपी देकर कानपुर के रेलबाजार से सिम खरीदा था। एसटीएफ ने सिम देने वाली कान्हा टेलीकॉम की महिला...झारखंड को 2022 तक बरोजगारी से मुक्त करेंगे : रघुवरमुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वे 2022 तक झारखंड को बेरोजगारी और गरीबी से मुक्त करेंगे। सरकार ने इसका संकल्प ले लिया है। उन्होंने कहा कि हम नया झारखंड बनाएंगे तभी नए भारत का निर्माण हो सकेगा। वे...गायकी के माध्यम से नशा मुक्ति अभियान चलाने की कोशिशभजन गायक वीरेंद्र गर्ग उर्फ बिट्टू बिहारी इन दिनों हजारीबाग में रह रहे हैं। वह भजन गायकी के माध्यम से नशामुक्ति अभियान चलाना चाहते हैं। वह कहते हैं कि संगीत में अलग तरह का जादू होता है। इसके माध्यम...मुंबई में पकड़े गए ड्रग्स तस्करी के आरोपी की पठानपुरा में ससुराल हैमुंबई में पिछले दिनों ड्रग्स के साथ पकड़े गए एक आरोपी के पासपोर्ट और पहचान पत्र पर नजीबाबाद का पता मिलने पर एटीएस महाराष्ट्र ने छापामारी कर तहसील का रिकॉर्ड...India vs South Africa, 3rd Test at Ranchi Test Day-2: अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे दक्षिण अफ्रीका के बाएं हाथ के स्पिनर जॉर्ज लिंडे ने शनिवार को कहा कि उनकी टीम दुर्भाग्यशाली रही कि भारतीय सलामी... | 2019-10-21T14:00:21 | https://www.livehindustan.com/search/%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%89%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A1/2 |
आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीनHome > उत्पादों > आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन (आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन के लिए कुल 24 उत्पादों)आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन सेहम विशेष हैं आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं / कारखाने चीन से। कम कीमत / सस्ते के रूप में उच्च गुणवत्ता के साथ थोक आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन, चीन से अग्रणी ब्रांडों में से एक आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन में से एक, DONGGUAN TIANCHENG MACHINERY CO., LTD.।आईफोन फोन केस कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीनTag: आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन , आईफोन फोन केस इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन , मोबाइल केस के लिए इंजेक्शन मोल्डिंग मशीनआईफोन फोन केस कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन की सटीक स्थिति डिवाइस मोल्ड सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सटीक स्थिति और डिस्क सुनिश्चित करता है। प्रयुक्त रोटरी ड्राइव, सर्वो मोटर वायवीय स्थिति, जो प्रत्येक स्टेशन...थोक चीन से आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन खोजने की आवश्यकता है। बस आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे आईफोन फोन कवर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं। | 2019-05-20T06:59:31 | http://hi.tcinjectionmachine.com/dp-%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%A8-%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%B0-%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B6%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97-%E0%A4%AE%E0%A4%B6%E0%A5%80%E0%A4%A8.html |
Alert! Germs on currency notes can cause TB |सावधान! आपके जेब में रखी नोट ले सकती है आपकी जान!By: admin| Last Updated: Wednesday, 19 August 2015 3:47 PMनई दिल्ली: सावधान हो जाइए. आपके जेब में रखी नोट ले सकती है आपकी जान. एक रिसर्च के मुताबिक आप जो रुपये अपने पर्स या बटुए में रखते हैं दरअसल वो नोट बन गए हैं आपकी गंभीर बीमारियों का खजाना.पैसा बोलता है . हर जगह पैसे की अहमियत है. अगर आप बीमार हैं तो पैसा आपकी बीमारी दूर कर सकता है. पर सावधान जो रुपये आपकी बीमारी दूर कर सकता है वो नोट आपको बीमार भी बना सकता है. ये नोट आपको चर्म रोग का रोगी बना सकता है.जिस रुपये को आप बटुए में संभाल कर रखे हैं ये आपके पेट में बीमारियां पैदा कर सकता है. इतना ही नहीं ये हरे-भरे रुपये आपको टीबी जैसी बीमारी का मरीज बना सकता है.जी हां अगर आप आसानी से गंदे नोट को स्वीकार कर लेते हैं तो जरा सावधान हो जाएं. अगर आप ऐसा करते हैं तो यकीन मानिये कि यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. दरअसल भारतीय वैज्ञानिकों के एक दल के मुताबिक गंदे पुराने नोटों पर एंटीबायोटिक प्रतिरोधिक जीन होते हैं जो कुछ खास वायरस एवं बैक्टिरिया को अपने साथ वहन करते हैं. ये बैक्टिरिया और वाइरस बीमारियों को दावत देते हैं.काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च और इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक रिसर्च के मुताबिक दस, बीस और सौ रुपये के नोट पर 78 रोगाणु और 18 जीन मिले जो शरीर के इम्यूनो सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं. वैज्ञानिकों ने अपनी इस रिपोर्ट को प्लोस वन नाम के साइंस जर्नल में पब्लिश किया है. इस रिपोर्ट का मकसद लोगों को जागरुक करना है, ताकि वो गंदे पुराने नोटों को लेने से पहले सावधान रहें.दिल्ली महानगर में रेहड़ी पटरीवालों, किराने की दुकानों, कैंटीन, चाय की दुकानों, हार्डवेयर की दुकानों और दवा की दुकानों से नमूने इकट्ठे किए गए थे. इनमें 10 , 20 और 100 रूपए के नोट थे जिनका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. एबीपी न्यूज ने जगह-जगह जाकर ये जानने की कोशिश की है कि कब और कैसे आपके बटुए तक आने वाले नोट गंदगी और बीमारी के सवारी बन जाते हैं.Web Title: Alert! Germs on currency notes can cause TBFirst Published: Wednesday, 19 August 2015 3:47 PM | 2017-08-18T07:50:40 | http://abpnews.abplive.in/india-news/alert-germs-on-currency-notes-can-cause-tb-35527 |
कांग्रेस में चल रहा किस्सा कुर्सी का | Pratahkal Daily Hindi Newspaper of Rajasthan in UdaipurHome » Rajasthan » कांग्रेस में चल रहा किस्सा कुर्सी काAugust 11, 2018in Rajasthanभीण्डर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि कांग्रेस में किस्सा कुर्सी का चल रहा है। एक ओर अशोक गहलोत हैं तो दूसरी ओर सचिन पायलट। इस बीच अब आ गये हैं राहुल गांधी मैदान में। जिन्होंने कह दिया है चेहरा ये भी नहीं वो भी नहीं, चेहरा मैं खुद राहुल गांधी हूँ। मुख्यमंत्री ने राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान भीण्डर कस्बे में एक विशाल आमसभा को सम्बोधित करते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं में उस कुर्सी को लेकर घमासान हो रहा है जो उन्हें मिलने वाली नहीं है। चाहे ये चेहरा हो, या वो चेहरा या फिर राहुल का चेहरा जनता उसको सेवा का अवसर देगी जिसने उसकी सेवा की है। उसका काम किया है, प्रदेश का विकास किया है।गौरव यात्रा के खर्च को लेकर भाजपा अध्यक्ष तलबजयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के खर्च को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुये भारतीय जनता पार्टी को नोटिस जारी कर आगामी 16 अगस्त तक अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये है।मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप नंदाजोग की बैंच ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता एडवोकेट विभूति भूषण शर्मा की ओर से यात्रा के दौरान सरकारी धन के उपयोग करने संबंधी दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुये यह निर्देश दिये। न्यायालय ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी को इस प्रकरण में 16 अगस्त को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये है।याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि यात्रा के दौरान आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेशों को वापस ले लिया गया है। इस पर न्यायालय ने कहा कि इस मामले की सुनवाई करना जरूरी है।याचिकाकर्ता ने पार्टी की ओर से आयोजित की जा रही राजस्थान गौरव यात्रा में सरकारी खर्च पर आपत्ति व्यक्त करते हुये न्यायालय में याचिका लगायी थी जिसमें मुख्य सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव और मुख्य अभियंता को भी पक्षकार बनाया गया है।उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी मुख्यमंत्री की ओर से निकाली जा रही राजस्थान गौरव यात्रा में माइक, टेंट और अन्य सुविधाएं सरकारी खर्च पर सरकारी विभागों द्वारा मुहैया कराने का आरोप लगाया था।Previous: केंद्र ने राजीव के हत्यारों की रिहाई की मांग ठुकराईNext: फिर लटका तीन तलाक बिल | 2018-08-16T06:08:43 | https://pratahkal.com/rajasthan/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B8-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%9A%E0%A4%B2-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B8/ |
"बांग्लादेश में 30 साल बाद नहीं बचेगा एक भी हिन्दू"बांग्लादेश में 30 साल बाद नहीं बचेगा एक भी हिन्दूUpdated on 23 Nov, 2016 at 5:52 pmबांग्लादेश में करीब 30 साल बाद एक भी हिन्दू नहीं बचेगा। ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अब्दुल बरकत के अनुसार प्रतिदिन के हिसाब से औसतन 632 हिन्दू बांग्लादेश छोड़ रहे हैं और अगर यह पैटर्न जारी रहा तो जल्दी ही बांग्लादेश में हिन्दू नहीं बचेंगे।डॉ. अब्दुल बरकत की पुस्तक पॉलिटीकल इकोनॉमी ऑफ रिफॉर्मिंग एग्रीकल्चर-लैन्ड-वाटर बॉडीज इन बांग्लादेश में यह बात कही गई है। इस पुस्तक का प्रकाशन 19 नवंबर को हुआ है।ढाका विश्वविद्यालय में इस पुस्तक के विमोचन के दौरान प्रोफेसर बरकत ने दावा किया कि 1964 से 2013 के बीच करीब 1 करोड़ 13 लाख हिन्दुओं ने धार्मिक भेदभाव और उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश दिया। यह आंकड़ा औसतन हर दिन 632 का बैठता है। इसका अर्थ ये भी है कि हर साल 2,30,612 हिन्दू बांग्लादेश छोड़ रहे हैं।इस पुस्तक में 30 साल के अध्ययन और आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रोफेसर बरकत ने लिखा है कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दिनों में हर दिन हिन्दुओं के पलायन का आंकड़ा 705 था। 1971-1981 के बीच ये आंकड़ा 512 रहा। वहीं 1981-1991 के बीच औसतन 438 हिंदुओं ने हर दिन पलायन किया। 1991-2001 के बीच ये आंकड़ा बढ़कर 767 हो गया। वहीं, 2001-2012 में हिंदुओं के हर दिन पलायन का आंकड़ा 774 रहा।इसी कार्यक्रम में ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय रॉय ने हिन्दुओं के बांग्लादेश से पलायन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश बनने से पहले पाकिस्तान के शासन वाले दिनों में सरकार ने अनामी प्रॉपर्टी का नाम देकर हिंदुओं की संपत्ति को जब्त कर लिया। स्वतंत्रता मिलने के बाद भी निहित संपत्ति के तौर पर सरकार ने कब्जा जमाए रखा। यही वजह है कि करीब 60 फीसदी हिंदू भूमिहीन हो गए।इस अवसर पर मौजूद रिटायर्ड जस्टिस काजी इबादुल हक ने कहा कि अल्पसंख्यकों और गरीबों को उनके जमीन के अधिकार से वंचित कर दिया गया।गौरतलब है कि हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिन्दुओं को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।bangladesh hindus troubleभारत को मिली बड़ी सफलता, विकसित किया कुष्ठ रोग का पहला टीकाकर्फ्यू में बाहर निकल मुस्लिम जोड़े ने पंडित परिवार को पहुंचाया खानाशादी करेंगे लालू के लाल तेज प्रताप, जीवन संगिनी के रूप में इस लड़की को चुनास्वामी ओम नए अवतार में, वायरल हो रहा है नया लुक | 2018-12-13T21:58:30 | https://hindi.topyaps.com/bangladesh-hindus-in-trouble/ |
Bihar Election 2015 | inKhabarSearch राज्य दिल्ली उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ राजस्थान हरियाणा महाराष्ट्र बिहार झारखंड पंजाब हिमाचल प्रदेश जम्मू और कश्मीर गुजरात पश्चिम बंगाल दक्षिण भारत पू्र्वोत्तर भारत Home » Bihar Election 2015 You are hereHomeBihar Election 2015 बड़ी ख़बरपप्पू-मुलायम-माया न लड़ते तो 204 होते लालू-नीतीश के MLA ! NOTA से भी नीचे रहे मांझी, पप्पू, मुलायम, मायावती और ओवैसी आरक्षण घटाने की नहीं, बढ़ाने की बात थी समीक्षा: मांझी राजशेखर के इस गीत ने बदल दिया बिहार चुनाव का भविष्य 20 नवंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे नीतीश कुमार टॉप वीडियोनीतीश-लालू साथ सरकार चला लें, बड़ी बात होगी: मांझी बिहार के लोगों को लगा कि RSS की गुलाम है BJP: हुकुमदेव लालू-नीतीश से मिले शत्रुघ्न, बोले पार्टी की सभी कार्रवाई मंजूर बिहार चुनाव: लालू-नीतीश की बड़ी जीत, NDA को मिली हार बिहार चुनाव: जानिए कौन VIP कहां से हारा, कहां से जीता? बिहार की राजनीति में 10 साल पीछे चली गई बीजेपी विधानसभा में मांझी अपनी पार्टी के इकलौते MLA, बेटा-दामाद तक हारे सीपी ठाकुर, अश्विनी चौबे और हुकुमदेव यादव के बेटे हारे रामविलास के पूरे परिवार का सफाया, भाई-भतीजा-दामाद सब हारे लालू-नीतीश की जीत पर सुशील बोले, BJP के लिए ऐसी हार की उम्मीद न थी बैलेट वोट की गिनती पर ही BJP ने फोड़े पटाखे, बाद में पसरा सन्नाटा अब असली झंझट हम दिल्ली की गद्दी पर करेंगे: लालू Load more | 2017-03-30T18:31:50 | http://www.inkhabar.com/bihar-election-2015 |
बिजापूर में कैमिस- वर्णमाला Q के साथ प्रारंभ होती हैं । | मेड़ इंड़िया | 2020-08-12T15:25:25 | https://hi.medindia.net/buy_n_sell/chemist/result.asp?alpha=Q&ch_name=&city=Bijapur&state=&pincode= |
जनता की समस्या सुनना नहीं चाहतीं गैस ऐजेंसी - जनता की समस्या सुनना नहीं चाहतीं गैस ऐजेंसी, Hindi News - Hindustanजनता की समस्या सुनना नहीं चाहतीं गैस ऐजेंसीहिन्दुस्तान संवाद अलीगढ़। जनता की सुविधा के लिए सरकारी कार्यालयों में फोन लगवाए गए। कार्यालयों पर उनके नंबर मोटे-मोटे अक्षरों से लिखवाए गए। जिससे परेशानी होने पर अधिकारियों से तत्काल संपर्क किया जा सके। वहीं अधिकारी दावा भी करते हैं कि समस्या होने पर फोन पर शिकायत दर्ज कराएं।उसका तत्काल निस्तारण किया जाएगा। लेकिन ग्राहक शिकायत तो तब दर्ज कराएं जब अधिकारी फोन उठाएं। शिकायतकर्ता फोन मिलाते-मिलाते थक जाते हैं, लेकिन अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। समाज के हर स्तर से संबंध रखने वाली गैस एजेंसियों के संचालक, पुलिसकर्मी व एएमयू के रजिस्ट्रार शिकायतकर्ताओं की पीड़ा सुनने तक की जहमत नहीं उठाते हैं। फोन नहीं उठने के कारण शिकायतकर्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सात मार्च को भी यही हुआ। दूरसंचार विभाग के आंकड़े असलियत खुलासा कर रहे हैं।अधिकारियों और जनता के बीच संपर्क बना रहे। इसलिए कार्यालयों में फोन लगवाए गए। वहीं अधिकारियों ने अधीनस्थों को आदेश दे रखे हैं कि जनता की छोटी- छोटी समस्या का निस्तारण तत्काल किया जाए। लेकिन अधीनस्थों ने अधिकारियों के आदेश को हवा में उड़ा दिया। वे शिकायतकर्ताओं के फोन रिसीव करने की जहमत तक नहीं उठाते हैं। जिस कारण शिकायतकर्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली की पोल बीएसएनएल से मिले आंकड़ो ने खोली है।विभाग शिकायकर्ता द्वारा की कॉल रिसीव कॉलपुलिस 100 51फायर ब्रिगेड 39 19शिखा गैस गोदाम 988 40प्रीतमा सिंह गैस 239 22जावेद गैस सर्विस 145 42प्रेमनरायण गैस 503 25दुर्गा गैस सर्विस 113 15सैनानी गैस सर्विस 16 0जावेद सलीम 238 47जनता गैस सर्विस 1037 13गोविला गैस सर्विस 161 0मयूर गैस सर्विस 25 0माधव गैस सर्विस 6 0धनश्री गैस सर्विस 211 0कृष्णा उद्योग 271 36गैस सर्विस 89 11इग्नू 73 13एएमयू रजिस्ट्रार 246 38यूपी गर्वमेंट इम्प्लाइस वेलफेयर एसोसिएशन 65 18दूरसंचार पूरी तरह से सुचारू है।सात मार्च के आंकड़ इस बात के गवाह हैं। विभाग के पास पूरी डिटेल है कि कितनी काल की गई औंर कितनी रिसीव हुई-आरवी वर्मा, जीएम, बीएसएनएल।Web Title:जनता की समस्या सुनना नहीं चाहतीं गैस ऐजेंसी | 2018-11-18T15:47:36 | https://www.livehindustan.com/news/article1-story-406575.html |
बाड़ गेट मेनूहोम > उत्पादों > बाड़ गेट मेनू(बाड़ गेट मेनू के लिए कुल 24 उत्पादों)Hebei Giant Metal Technology Co., Ltd. is one of the बाड़ गेट मेनू leading brands in China. It is the factory & supplier specializing in manufacturing बाड़ गेट मेनू. Offer high quality बाड़ गेट मेनू at a cheap wholesale price.बाड़ गेट बिल्डिंग किटTag: बाड़ गेट ब्रेस , बाड़ गेट शादियों , बाड़ गेट मेनूबाड़ द्वार घर डिपो बाड़ गेट पैनल सिस्टम का एक आर्थिक संस्करण है, जो एक वेल्डेड जाल पैनल से निर्मित अनुदैर्ध्य प्रोफाइल है जो एक कठोर बाड़ बनाता है। बाड़ पैनल को उच्च गुणवत्ता वाले कार्बन स्टील के तार के साथ वेल्डेड किया जाता है, गैल्वेनाइज्ड...थोक चीन से बाड़ गेट मेनू , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते बाड़ गेट मेनू खोजने की आवश्यकता है। बस बाड़ गेट मेनू पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे बाड़ गेट मेनू का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं। | 2019-04-24T02:56:02 | http://hi.358fencing.com/dp-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A1%E0%A4%BC-%E0%A4%97%E0%A5%87%E0%A4%9F-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%82.html |
चीन पॉलिश जिरकोनिया ईंट निर्माता और आपूर्तिकर्ता और फैक्टरीपॉलिश जिरकोनिया ईंट - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से(पॉलिश जिरकोनिया ईंट के लिए कुल 24 उत्पादों)पॉलिश जिरकोनिया ईंट पोलिश ज़िरकोनिया ईंट पॉलिश जिरकोनिया घटक पॉलिश जिरकोनिया टाइल पॉलिश जिरकोनिया ब्लॉक पोलिश ज़िरकोनिया टाइल पॉलिश जिरकोनिया पार्ट्स ब्लैक ज़िरकोनिया भाग | 2020-02-25T08:29:26 | http://hi.hardcm.com/dp-%E0%A4%AA%E0%A5%89%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%B6-%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%88%E0%A4%82%E0%A4%9F.html |
PNB Fraud के घाटे की भरपायी क्या संपत्ति बेचकर करेगा बैंक? जानिए PNB ने क्या कहा - India TV PaisaHindi News पैसा बिज़नेस PNB Fraud के घाटे की भरपायी...Manoj Kumar 19 Feb 2018, 17:11:37 IST | 2019-10-18T19:56:13 | https://hindi.indiatvnews.com/amp/paisa/business-asset-sale-news-is-create-by-miscreants-and-totally-baseless-says-pnb-569600 |
70 प्रतिशत से नीचे आयी एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी - Navyug SandeshHome / देश / 70 प्रतिशत से नीचे आयी एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी70 प्रतिशत से नीचे आयी एलआईसी की बाजार हिस्सेदारीNavyug Sandesh Hindi 13/01/2019देश, लेटेस्ट न्यूज़, व्यापारसरकारी स्वामित्व वाले भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बाजार हिस्सेदारी मार्च 2018 में समाप्त तिमाही में 70 प्रतिशत से नीचे आ गयी। निजी बीमा कंपनियों की अधिक आक्रामक रणनीति अख्तियार करने से कंपनी की हिस्सेदारी में यह महत्वपूर्ण कमी देखी गयी है।आपको बता दे की पिछले वित्त वर्ष में निजी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 2016-17 की 28.19 प्रतिशत से बढक़र 30.64 प्रतिशत हो गयी।भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, ल्लवित्त वर्ष 2017-18 में प्रीमियम से कुल आय के आधार पर LIC की बाजार हिस्सेदारी 71.81 से घटकर 69.36 प्रतिशत पर आ गयी है।Previous पति पत्नी और वो के रीमेक में काम करेंगे कार्तिक आर्यनNext वजन कम करने के लिए अदरक होती है बेहद लाभकारी | 2019-06-26T09:05:56 | https://www.navyugsandesh.com/lics-market-share-fell-below-70-percent/ |
लाइक का अर्थ क्या लाइक करना ही है?You are here: #My Hashtag लाइक का अर्थ क्या लाइक करना ही है?एकाकी जीवन जी रहे लोगों को सोशल मीडिया के लाइक्स बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं। ज्यादा लाइक्स का अर्थ है उनके लिए खुशी। लाइक्स का कम होना उनमें नैराश्य का भाव ला देता है। जन्मदिन पर मिले लाइक्स की संख्या तय करती है कि बर्थ-डे मना रहा व्यक्ति उस दिन कितना खुश रहता है। फेसबुक जैसे प्लेटफार्म लोगों के बर्थ-डे को खास बना देते है। उन लोगों को भी याद दिला दी जाती है कि जिसे आप भूल रहे हो, आज उसका बर्थ-डे है। इस सूचना से ऐसे भी कई लोग बधाई संदेश प्रेषित कर देते है, जिनकी याददाश्त कमजोर है और जो बधाई संदेश देने के लिए बहुत मेहनत नहीं करना चाहते। एक इमोजी भेजकर बधाई दी जा सकती है या फिर पूरा हैप्पी बर्थ-डे लिखने की बजाय केवल तीन अक्षर एचबीडी से काम चल जाता है।कुछ ऐसा ही फेसबुक फोटो और पोस्ट के बारे में भी है। ज्यादा लाइक्स और कमेंट्स लोगों को खुशियां देते है। फेसबुक शेयर भी लोगों की लोकप्रियता का पैमाना बन चुका है। स्कूल और कॉलेज के दिनों के मित्रों के संपर्क में रहने का एक अच्छा माध्यम है सोशल मीडिया। दूर हो चुके लोगों के बारे में भी इससे यह भ्रम हो जाता है कि नजदीकियां बनी हुई है।फेसबुक पर लाइक्स का अर्थ केवल लाइक हो, यह तो संभव है, लेकिन इसके और अर्थ भी हो सकते है। जरूरी नहीं कि आपने जो फोटो या वीडियो या टैक्स्ट पोस्ट शेयर की हो, सामने वाला उससे इत्तेफाक रखता हो। मैं अपने पांच हजार फेसबुक मित्रों की सैकड़ों पोस्ट रोज देखता हूं। उनमें से कई तो पोस्ट के बहाने पूरा निबंध ही फेसबुक पर डाल देते हैं। ऐसे तमाम लेखों को पूरा पढ़ने के बाद ही कोई लाइक करे, जरूरी नहीं। मुझे किसी लेख का विषय या फोटो पसंद आता है, तब भी लाइक का बटन दबा देता हूं। परिवार के बहुत से लोग ऐसे है, जो अपनी हर छोटी-बड़ी गतिविधि को सोशल मीडिया पर शेयर करते है। ऐसी पोस्ट को लाइक करने का मतलब मेरे लिए यह है कि मैंने यह पोस्ट देखी। कई बार मैं ऐसी पोस्ट को भी लाइक करता हूं, जो परस्पर विरोधाभासी होती है। जैसे कोई सरकार की घनघोर समर्थक टिप्पणी और कोई सरकार के एकदम खिलाफ लिखी गई बात। यहां मेरे लाइक करने का अर्थ होता है कि मुझे आपके तर्क पसंद आए और शायद विषय को उठाने का तरीका भी। यहां मेरी लाइक का अर्थ यह नहीं कि मैं पोस्ट से पूरी तरह सामर्थ हूं ही। मैं एक लोकतांत्रिक व्यक्ति हूं और मुझे लगता है कि हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है और हर व्यक्ति अपनी सोच के हिसाब से कोई भी धारणा बनाकर विचार व्यक्त करता है। मैं ऐसे हर एक विचार का स्वागत करता हूं, जिसमें कोई नई बात प्रस्तुत की गई हो।लाइक्स के अलावा कई पोस्ट ऐसी होती है, जहां मैं न तो लाइक का बटन दबाना पसंद करता हूं और न ही कोई कमेंट। उसे शेयर करने का सवाल भी शायद नहीं उठता। मैं यह बात अच्छी तरह जानता हूं कि कई लोग केवल इसलिए विवादास्पद पोस्ट डालते है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाइक्स मिलें। घनघोर सांप्रदायिक या अतिमहिलावादी पोस्ट को बहुत ज्यादा लाइक्स मिलते हैं। यहां कई लोग इस तरह की पोस्ट को इसलिए लाइक करते हैं कि वे अपने आपको ऐसी जगह पाते हैं, जहां वे खुलकर अपनी बात नहीं कह सकते। ऐसे लोग भी हैं, जो अपने आप को प्रगतिशील दिखाने के लिए खास तरह की पोस्ट को लाइक करते हैं, लेकिन उनके विचार वैसे ही दकियानूस होते हैं। इसीलिए यह बात कहीं जा सकती है कि जो लोग आपकी पोस्ट को लाइक कर रहे हैं और टिप्पणी लिख रहे हैं, जरूरी नहीं कि निजी जीवन में भी वे उन्हीं बातों को मानते हो, जो सोशल मीडिया पर दिखा रहे हो।सोशल मीडिया पर की गई अनेक शोध में यह बात बार-बार दोहराई गई है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग लोगों को आत्ममुग्ध बना देता है। इस तरह की पोस्ट में मैं, मैं और मैं के अलावा मुझसे संबंध रखने वाली बातें और लोग ही होते हैं। यह भी एक तरह की मानसिक व्याधि है। शायद इसीलिए कई लोग इस तरह के बयान देते है कि जब से मैंने सोशल मीडिया का उपयोग छोड़ा है, तब से मैं ज्यादा खुश और सुखी हूं। | 2018-02-23T02:08:12 | http://www.prakashhindustani.com/index.php/my-hashtag/817-my-hashtag-dr-prakash-hindustani-social-media-webdunia-blogging-fb-likes |
आप यहाँ हैं: होम > सामाजिक और राजनीतिक > वातावरण > संपादकों से > कैरोल किंग - सो फार अवे 2020 एडाप्टेशन | 2020-06-02T21:38:13 | https://hi.innerself.com/content/social/environment/645-from-the-editors/22794-carole-king-so-far-away-2020-adaptation.html |
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CONFIRM: लंदन में है नीरव मोदी ट्रेन से लगातार कर रहा है ट्रैवल ब्रिटिश एजेंसी का खुलासा2018-08-20 | 2019-04-19T01:01:43 | https://tosnews.com/confirm-%E0%A4%B2%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B9%E0%A5%88-%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%B5-%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0/143329 |
6 साधारण नुस्खे रातभर मे चेहरे पर ग्लो लाने के | 6 sadharan nuskhe raatbhar mein chehre par glow laane ke -September 6, 2016 AdminChehre (Face) ke NuskheNo Comment on 6 साधारण नुस्खे रातभर मे चेहरे पर ग्लो लाने के | 6 sadharan nuskhe raatbhar mein chehre par glow laane keएक स्वस्थ और चमकदार त्वचा (healthy and shiny skin) भला किसे नहीं पसंद। सही समय पर सोना, सही डाइट मेंटेन (diet maintain) करना, व्यायाम करना (doing exercise) और सही टाइप की फेस क्रीम (correct face cream) लगाने से आप एक ग्लोइंग त्वचा (glowing skin) आराम से पा सकती हैं। लेकिन हर कोई यह रूटीन फॉलो (routine follow) कर पाए, यह जरुरी नहीं है।अगर आपके पास यह सब करने का समय नहीं है और आपको किसी भी तरह चमकदार त्वचा चाहिये, तो यहां पर कुछ आजमाए हुए प्राकृतिक तरीके (natural remedies) हैं, जो आपको रातभर में ग्लोइंग स्किन दे सकते हैं।1) चावल और तिल का स्क्रब rice scrubचावल और तिल की समान मात्रा को रात भर एक कटोरी पानी में भिगो (dip in 1 cup water) कर रखें। फिर इनको बारीक पीस लें और चेहरे तथा बॉडी पर कुछ मिनटों तक लगाए रखें। उसके बाद इसे ठंडे पानी से धो लें। तिल आपकी त्वचा में नमी भरेगा और चावल आपकी त्वचा से डेड स्किन को साफ (clean dead skin) करेगा। इससे चेहरा और शरीर बिल्कुल पॉलिश (polish) हो जाएंगे।2) स्लीपिंग पैक प्रयोग करें use sleeping packयह प्रोडक्ट (product) आपको बाजार (market) में आराम से मिल जाएगा। इसे खरीदें और प्रयोग (buy and use) करें। इसे लगाने से पहले चेहरे को फेस वॉश (clean with face wash) से धो लें, फिर एक चम्मच (spoon) से भी कम स्लीपिंग पैक लें और उससे अपने चेहरे की मसाज (massage) करें। यह आसानी से चेहरे की त्वचा में समा जाता है और चिपचिपाहट का एहसास भी नहीं होने देता। फिर जब सुबह उठें तब चेहरे को माइल्ड फेस वॉश से धो लें। (clean with mild face wash).3) दूध लगाएं use milkआप चेहरे पर लो फैट वाला मिल्क (low fat milk) लगा सकती हैं। इससे अपने चेहरे को ऊपर की ओर तब तक मसाज करें जब तक कि दूध त्वचा में समा ना जाए। फिर सुबह चेहरे को माइल्ड फेस वॉश से धो लें।4) स्क्रब व माइस्चराइजर- scrub and moisturizerचेहरे पर हल्का स्क्रब करें और मेकअप (remove makeup) छुड़ा लें। फिर चेहरे पर शहद और मुल्तानी मिट्टी मिक्स (mix)कर के चेहरे पर 15 मिनट तक लगाए रखें। जब फेस पैक सूख जाए तब इसे पानी से हल्के हल्के छुडा लें। उसके बाद चेहरे पर नाइट क्रीम (use night cream) लगाएं और सुबह इसे हल्के स्क्रब तथा फेस वॉश से साफ कर लें।5) आंखों के लिये for eyesआंखों के नीचे के डार्क सर्कल (dark circle) भी ठीक करना बहुत जरुरी है, तभी पूरे चेहरे पर ग्लो (glow) आएगा! आंखों के आस पास की त्वचा के लिये एक अच्छी हाइड्रेटिंग क्रीम (hydrating cream) खरीदें और उसे नियमित तौर पर लगाएं! हो सकता है कि आपके डार्क सर्कल ना मिटें, लेकिन आपकी आंखों से थकान मिटेगी और ग्लो बढेगा!6) फेस ऑइल face oilचेहरे के लिये एक आयुर्वेदिक तेल (buy ayurvedic oil) खरीदें। अगर चेहरा ड्राई है तो चेहरे पर रातभर तेल लगाने के बाद छोड दें और सुबह मुंह धो लें। अगर आपकी स्किन नॉर्मल (normal skin) है, तो तेल को केवल एक घंटे के लिये छोड़ (leave for one hour) कर बाद में ठंडे पानी से धो लें।6 sadharan nuskhe raatbhar mein chehre par glow laane ke, 6 साधारण नुस्खे रातभर मे चेहरे पर ग्लो लाने के, alternative medicine for glowing face, alternative medicine in hindi, ayurvedic gharelu upchar in hindi, beauty tips in hindi, chehre ki glow ke desi nuskhe, chehre ki glow ke gharelu nukshe in hindi, chehre ki glow ke gharelu nuskhe, dadi maa ke chehre ki glow ke nuskhe, dadi maa ke chehre ki glow ke nuskhe in hindi, dadi maa ke nuskhe, dadi maa ke nuskhe in hindi, dadima ke nuskhe, desi health tips in hindi, Desi Nuskhe, gharelu nukshe in hindi, gharelu nuskhe, gharelu nuskhe in hindi for health, glowing skin tips in hindi, herbal medicine for glowing face, herbal medicine in hindi, home beauty tips in hindi, home remedies for glowing face, home remedies in hindi, household remedies for glowing face, household remedies in hindi, natural healing for glowing face, natural healing in hindi, natural medicine for glowing face, natural medicine in hindi, natural remedies for glowing face, natural remedies in hindi, nuskhe, आयुर्वेदिक उपचार, घरेलू उपचार, घरेलू नुस्खे, चेहरे पर चमक लाने के उपाय, चेहरे पर दाने के उपाय, दादी माँ के नुस्खे, देसी नुस्खे, नुस्खेNotice: It seems you have Javascript disabled in your Browser. In order to submit a comment to this post, please write this code along with your comment: 8680d5ef0c4e2e1b8159e5f90ce7d134 | 2017-12-18T01:08:55 | http://nuskhe.in/2016/09/06/6-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A3-%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%96%E0%A5%87-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%AD%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%87-%E0%A4%9A%E0%A5%87/ |
बब्बी बादल को अकाली दल टकसाली में शामिल कर ब्रह्मपुरा ने फैंका नहले पर दहला - ranjit singh brahmpura lok sabha election 2019Updated: 16 Mar, 2019 08:14 AMतरनतारन(रमन): लोकसभा हलका खडूर साहिब जिसको शिरोमणि अकाली दल का गढ़ कहा जाता है, इस सीट पर लंबा समय अकाली दल के सांसदों ने इतिहास रचा है। इस हलके से 4 बार अकाली दल की सीट पर सांसद रहे जत्थेदार रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा की किसी जमाने में तूती बोलती थी। कुछ समय पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देते हुए अपनी अलग पार्टी अकाली दल (टकसाली) बना ली जिसके वह मौजूदा प्रधान हैं। कांग्रेस की तरफ से अभी तक किसी भी प्रत्याशी का ऐलान न करने से कांग्रेसी और हलके के लोग दुविधा में फंसे हुए हैं।वहीं कांग्रेसी प्रत्याशी को जहां अकाली दल के गढ़ माने जाते खडूर साहिब हलके के लोगों को ब्रह्मपुरा के साथ तोडऩे के लिए कई यत्न करने पड़ेंगे। वर्णनीय है कि ब्रह्मपुरा ने इस हलके से पूर्व सेना प्रमुख जनरल जे.जे. सिंह को अपनी पार्टी से एम.पी. की टिकट दी है। अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार के समय उनके लड़के रविन्द्र सिंह ब्रह्मपुरा खडूर साहिब से 2 बार विधायक भी रहे।टकसाली अकाली दल के गठन के बाद जहां शिअद (ब) प्रत्याशी बीबी जगीर कौर द्वारा लंबे समय से हलके में काबिज ब्रह्मपुरा धढ़े को किस तरह मात देनी है, उस संबंधी कई क्षेत्रों की चुनाव सरगर्मियां तेज की जा रही हैं। इसके अंतर्गत पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजिठिया, बीबी जगीर कौर, पूर्व विधायक हरमीत सिंह संधू ने ब्रह्मपुरा के भतीजे गुरिन्द्र सिंह टोनी को शिअद बादल में शामिल किया, वहीं अकाली दल टकसाली के प्रधान रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के चाचा के लड़के सुखइन्द्र सिंह बब्बी बादल को अपनी पार्टी में शामिल कर बादल परिवार को राजनीतिक जवाब देते हुए नहले पर दहला फैंका है। | 2019-03-20T04:03:48 | https://punjab.punjabkesari.in/punjab/news/ranjit-singh-brahmpura-lok-sabha-election-2019-966629 |
Updated: 04 Mar, 2019 04:11 PMविदिशा: मध्यप्रदेश के श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया एसएटीआई इंजीनियरिंग कॉलेज में राज्य स्तरीय अंतर अभियांत्रिकीय किक्रेट प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम में शामिल होने विदिशा पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने विजेता टीम एसएटीआई को ट्रॉफी प्रदान की और विजेता टीम बधाई दी। वहीं उन्होंने पुलवामा हमले संबंधी पीएम मोदी पर जमकर हमला किया है।मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने पुलवामा हमले पर बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए पुलवामा आतंकवादी हमले को सैन्य इंटेलीजेंस और भारत सरकार की नाकामी करार दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत सरकार पाकिस्तान के एफ-16 को गिराकर उसके मलबे को जनता को दिखा सकती है तो क्या एयर सर्जीकल स्ट्राईक के वीडियो और उसमे मारे गए आंतकवादियों के शव क्यों जनता को नहीं दिखा रही है। इस बात को लेकर उन्होंने एयर सर्जीकल स्ट्राईक पर सवाल खड़े किए और साथ ही उन्होंने इंडियन एयर फोर्स के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अभिनंदन की रिहाई भारत के प्रयास से नहीं बल्कि जिनेवा संधि और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते हुई है। इसमें नरेन्द्र मोदी का कोई योगदान नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश की पूर्व शिवराज सरकार पर अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि शिवराज सरकार के दौरान श्रम विभाग में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने श्रमिकों के लिए कुछ नहीं किया है। श्रमिकों का दोहन किया है और लोकसभा चुनाव के बाद श्रमिकों के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए जाएगें। | 2020-02-18T02:03:30 | https://mp.punjabkesari.in/madhya-pradesh/news/mahender-on-kamalnath-960880 |
Corona Virus: चीन को नहीं पता वुहान में कितने लोग संक्रमित - trending clicks AajTakCorona Virus: चीन को नहीं पता वुहान में कितने लोग संक्रमितकोरोना वायरस (Coronavirus) कोविड 19 ने एक दिन में चीन के हुबेई प्रांत (Hubei Province) में 4823 लोगों को संक्रमित किया है. यह किसी एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित लोगों के सामने का पहला मामला है. इसी हुबेई प्रांत की राजधानी है वुहान (Wuhan) शहर. जहां से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला. वहीं, चीन की सरकार ने ये मान लिया है कि उसे नहीं पता कि वुहान शहर में कितने लोग कोरोना से संक्रमित हैं. (फोटोः AP)गुरुवार यानी 13 फरवरी के पूरे 24 घंटे में कोरोना वायरस कोविड 19 (Covid 19) से संक्रमित कुल 4823 नए मामले सामने आए. इनमें से 3095 मामलों की जांच की जा चुकी है. पिछले 24 घंटे में हुबेई प्रांत में ही कुल 116 लोगों की मौत हुई है. (फोटोः AP)कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से अब तक पूरी दुनिया में 65,210 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 64,627 लोग तो सिर्फ चीन में ही बीमार हैं. वहीं, कोविड 19 (Covid 19) कोरोना वायरस की वजह से अब तक दुनियाभर में 1486 लोग मारे गए हैं. इनमें से 1483 लोग चीन के हैं. (फोटोः AP)आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हुबेई प्रांत में ही कोरोना वायरस (Coronavirus) से सबसे ज्यादा संक्रमित लोग हैं. चीन के इस राज्य में अब तक आंकड़ों के अनुसार 51,986 लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाए गए हैं. (फोटोः रायटर्स)इस बीच, चीन की सरकार ने कहा है कि उन्हें ये जानकारी नहीं है कि हुबेई की राजधानी वुहान (Wuhan) में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित कितने लोग हैं. बीजिंग में मौजूद कोरोना वायरस (Coronavirus) की मॉनिटरिंग कर रही स्पेशल टीम ने ये बात मानी है. (फोटोः गेटी)स्पेशल टीम ने कहा कि हम अभी तक यह नहीं पता कर पाए हैं कि वुहान (Wuhan) शहर में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से कितने लोग बीमार हैं. हमारे स्वास्थ्यकर्मी हर घर जाकर लोगों की जांच कर रहे हैं. सही आंकड़े अभी आने बाकी है. (फोटोः रायटर्स)दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की सरकार जितने भी आंकड़े जारी कर रही है, वुहान और हुबेई में उससे 10 से 25 गुना ज्यादा लोग बीमार हैं या मारे गए हैं. क्योंकि वुहान (Wuhan) में पिछले 24 घंटे में मरीजों की संख्या 12 गुना बढ़ गई है. (फोटोः रायटर्स)कोरोना वायरस (Coronavirus) की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार यानी 13 फरवरी को इससे दुनिया भर में कुल 60,380 लोग संक्रमित थे. जो 14 फरवरी यानी शुक्रवार को बढ़कर 65,210 हो गई है. पिछले 24 घंटे में 116 लोगों की मौत भी हुई है. (फोटोः रायटर्स)चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार कोरोना वायरस (Coronavirus) कोविड 19 (Covid 19) के खिलाफ बड़ा जंग छेड़ चुकी है. हम हर तरीके से सख्त होकर इस महामारी का सामना करेंगे और इसे हराएंगे. (फोटोः AP)बीजिंग में कोरोना वायरस (Coronavirus) कोविड 19 (Covid 19) से लड़ रही स्पेशल टीम के उप प्रमुख चेन यिशिन ने कहा है कि हमें पूरे चीन में अस्थाई अस्पतालों की जरूरत है. वैसे ही अस्पताल जैसे वुहान शहर में 10 दिनों में बनाए गए हैं. (फोटोः रायटर्स)चेन यिशिन ने लोगों से अपनी की है कि वे भी सामने आकर कोरोना वायरस (Coronavirus) कोविड 19 (Covid 19) से लड़ाई करने में सरकार की मदद करें. क्योंकि अब भी 45 हजार से ज्यादा संक्रमित लोग अस्पतालों में जीवन और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. (फोटोः रायटर्स)इस बीच ये जानकारी भी सामने आई है कि वुहान (Wuhan) से करीब 50 लाख लोग शहर छोड़कर भाग गए हैं. ये लोग कहां गए हैं इसका किसी को पता नहीं है. लेकिन चीन के सर्च इंजन बायडू के अनुसार चीन में 20 ऐसी जगहें हैं जहां ये लोग जा सकते हैं. बायडू ने यह निष्कर्ष उसपर सर्च किए गए लोकेशन के आधार पर निकाला है. (फोटोः रायटर्स) | 2020-02-24T14:06:20 | https://aajtak.intoday.in/gallery/coronavirus-covid-19-china-admits-no-idea-how-many-people-infected-in-wuhan-tstr-1-45893.html |
अभिषेक लीड रोल | ऐश्वर्या और अभिषेक अपने नए फ्लैट में शिफ्ट | अभिषेक और ऐश्वर्याHome/राजनीति/अभिषेक और ऐश्वर्या इस काम से देने वाले हैं बड़ा झटका, 11 साल का लंबा इंतज़ार अब जाकर होगा खत्मShikha Yadav फ़रवरी 27, 2018जब भी हम आइडियल कपल की बात करते हैं तब हमारे मन में ऐश्वर्या और अभिषेक का नाम जरूर आता है. आज दोनों की शादी को 10 साल बीत गए हैं और 10 साल बाद भी दोनों का प्यार उतना ही बरक़रार है जितना कि पहले था. बता दें साल 2007 में ऐश्वर्या और अभिषेक शादी के पवित्र बंधन में बंध गए थे. आज भी शादी के इतने साल बाद दोनों एक दूसरे के प्यार में डूबे नज़र आते हैं. जहां एक तरफ ऐश्वर्या पति अभिषेक के प्यार में दीवानी हैं तो वहीं दूसरी तरफ अभिषेक भी अपनी ज़िम्मेदारियों को अच्छी तरह निभा रहे हैं. आज दोनों एक खुशहाल जिंदगी बीता रहे हैं. लेकिन हाल ही में खबरें आई थीं कि श्वेता बच्चन और ऐश्वर्या में तनाव चल रहा है और इस तनाव के चलते अभिषेक अपना जन्मदिन बाहर सेलिब्रेट करेंगे. यह खबरें सही साबित हुई.अभिषेक ने अपना जन्मदिन घरवालों के साथ न मनाकर बाहर अपनी पत्नी ऐश्वर्या और बेटी आराध्या के साथ मनाया. यह भी सुनने में आया था कि जया के साथ चल रहे विवादों के कारण जल्द ही ऐश्वर्या और अभिषेक अपने नए फ्लैट में शिफ्ट होने वाले हैं. लेकिन दोनों में से किसी स्टार ने इस बात की कोई पुष्टि नहीं की. इसके अलावा भी कुछ दिनों से अभिषेक बहुत परेशान चल रहे थे क्योंकि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था और उनके अकाउंट से कोई शख्स अभिनेत्रियों को उल्टे-सीधे मैसेज भेज रहा था. इन सब विवादों के बीच अभिषेक को एक अच्छी खबर मिली है. खबर ऐसी है जिसे जानकर अभिषेक के घर में तनाव का माहौल थोड़ा बहुत कम तो जरूर हो जाएगा. क्या है वह खबर? चलिए आपको बताते हैं.11 साल बाद खत्म हुआ अभिषेक बच्चन का इंतज़ारदरअसल, खबरें आ रही हैं कि अभिषेक का रुका हुआ करियर एक बार फिर ट्रैक पर आने वाला है. काफी सालों से अभिषेक किसी भी फिल्म में मुख्य भूमिका में नहीं नजर आये थे. वह इस बीच ज्यादातर मल्टीस्टारर फिल्म का हिस्सा बने रहे. हाल ही में हमने उन्हें मल्टीस्टारर फिल्म हैप्पी न्यू ईयर और हाउसफुल में देखा. उनके खाते में काफी सालों से अच्छी फिल्म नहीं लग रही थी. लेकिन इतने साल बाद ही सही अब जाकर उनका इंतज़ार खत्म हो गया है. अब अभिषेक को एक अच्छी फिल्म मिल गई है. बता दें कि अभिषेक को फिल्म बच्चन सिंह में लीड हीरो का रोल मिल गया है. इस बात से आजकल वह बेहद खुश नजर आ रहे हैं.प्रियदर्शन हैं फिल्म के डायरेक्टरबता दें कि 5 जून से इस फिल्म की शूटिंग शुरू की जायेगी. फिल्म की स्क्रिप्ट पूरी तरह से तैयार है बस हीरोइन की खोज अभी भी जारी है. इस फिल्म के डायरेक्टर प्रियदर्शन हैं. प्रियदर्शन कॉमेडी फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं. केवल 36 साल की उम्र में प्रियदर्शन की यह 93वी फिल्म होगी. उससे भी खास बात यह है कि 11 साल के लंबे इंतज़ार के बाद अभिषेक को लीड रोल ऑफर हुआ है. उनके फैन्स के लिए इससे बड़ी खुशखबरी भला और क्या होगी. | 2020-06-07T02:41:34 | https://www.newstrend.news/127452/after-11-years-abhishek-bachchan-got-a-lead-role-in-priyadarshan-movie/ |
गरीब एवं जरूरतमंदों को किया गया दान ही सच्चा दान : रामेश्वर बक्स सिंह SHREESAMACHARJanuary 15, 2020 January 15, 2020 ShreesamacharLeave a Comment on गरीब एवं जरूरतमंदों को किया गया दान ही सच्चा दान : रामेश्वर बक्स सिंहरायबरेली।रायबरेली जिले के शिवगढ़ कस्बे के रहने वाले सेवानिवृत्त कंपाउंडर एवं समाजसेवी रामेश्वर बक्स सिंह ने प्रति वर्ष की भांति मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सैकड़ों गरीब,बेसहारा, वृद्धों एवं जरूरतमंदों को रजाइयां वितरित करके समाज सेवा की सच्ची मिसाल पेश की है।बताते चलें कि रामेश्वर बक्स सिंह पिछले कई वर्षों से मकर संक्रांति के पावन अवसर पर गरीब, बेसहारा एवं जरूरतमंदों को रजाइयां वितरित करते चले आ रहे हैं। श्री सिंह का कहना है कि सही मायने में गरीबों को किया गया दान ही सच्चा दान है। इसलिए दान हमेशा गरीब, बेसहारा एवं जरूरतमंदों को करना चाहिए। किए गए दान से भले ही जरूरतमंदों की स्थिति नहीं सुधर सकती है पर उनके लिए वैसा ही साबित होगा जैसे डूबते के लिए तिनके का सहारा काफी होता है।श्री सिंह प्रतिवर्ष निस्वार्थ भावना से जरूरतमंदों को रजाइया बांटकर समाज सेवा की सच्ची मिसाल पेश करते हैं। इसीलिए लोग उनकी सराहना करते नही थकते। इस मौके पर युवा समाजसेवी सुत्तन सिंह, राम बहादुर सिंह, सोमेंद्र सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।गरीबों और असहायों की अनवरत मदद कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी के पदाधिकारीदस दिवसीय थांगता मार्शल आर्ट प्रशिक्षण का हुआ शुभारम्भFebruary 4, 2020 February 4, 2020 Shreesamacharवर्दी का मान बढ़ाने के साथ मानवता की मिशाल पेश कर रहे थानाध्यक्ष अनिल सिंह. | 2020-06-06T02:32:23 | http://shreesamachar.com/?p=2924 |
जीसीसी शिखर सम्मेलन में बोले शाह सलमान - ईरान के खिलाफ खाड़ी की एकता जरूरी - Kohram Hindi NewsHome विदेश जीसीसी शिखर सम्मेलन में बोले शाह सलमान ईरान के खिलाफ खाड़ी...जीसीसी शिखर सम्मेलन में बोले शाह सलमान ईरान के खिलाफ खाड़ी की एकता जरूरीसऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज ने मंगलवार को रियाद में आयोजित 40 वें गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) शिखर सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान जोर देकर कहा कि खाड़ी देशों को क्षेत्र में ईरानी शासन की आक्रामकता के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।सऊदी किंग ने कहा, जीसीसी इस क्षेत्र में आने वाले कई संकटों को दूर करने में सक्षम है। हमारा क्षेत्र आज उन परिस्थितियों और चुनौतियों से गुजर रहा है। जिनका सामना करने के लिए केंद्रित प्रयासों की जरूरत है। किंग सलमान ने कहा कि ईरानी शासन सुरक्षा और स्थिरता [क्षेत्र] की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने के लिए अपनी आक्रामक नीतियों को जारी रखे हुए है।उन्होंने कहा कि जीसीसी राज्यों को अपने देशों के संरक्षण के लिए एकजुट होना चाहिए, साथ ही अपने लोगों के हितों के लिए भी। सऊदी किंग ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से ऊर्जा आपूर्ति और समुद्री नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करने का भी आह्वान किया है।किंग सलमान ने कहा, हम असफल नहीं हो सकते, इस बैठक के दौरान, फिलिस्तीनी लोगों के अधिकार के रूप में पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी के रूप में अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित करने की पुष्टि भी की गई।सऊदी अरब ने यमनी सरकार के रियाद समझौते तक पहुंचने के प्रयासों का स्वागत किया, राजा ने कहा, यमन में एक राजनीतिक समाधान के महत्व पर बल दिया। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि देश की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किंगडम यमन का समर्थन करना जारी रखेगा। | 2020-01-27T13:14:45 | https://kohraam.com/international/king-salman-says-gulf-unity-is-needed-against-iran-at-gcc-summit-166564.html/ |
थोड़ा सा इंसान...: क्या कोई अपने बच्चे का नाम रावण रखेगा?थोड़ा सा इंसान...ज्यादातर मर चुका है...थोड़ा सा बचा है...अंदर कहीं किसी खामोश अंधेरे कोने में...वही कुलबुलाता है...Thursday, 11 June, 2009क्या कोई अपने बच्चे का नाम रावण रखेगा?अजीब सवाल है ना ! रावण, हिटलर, कुंभकर्ण, विभीषण, शकुनि, दुर्योधन, कंस, मेघनाद...मैं कभी इन नामों वाले किसी शख्स से कभी नहीं मिला। पापा की पीढ़ी में, अपनी पीढ़ी में और मेरे बाद आई पीढ़ी में भी मैंने अब तक किसी ऐसे शख्स को नहीं देखा, जिसका नाम रावण हो। सुना है कि दक्षिण भारत में किसी जगह रावण की पूजा होती है। हो सकता है, वहां किसी का नाम रावण हो !अपने कुछ यूरोपीय मित्रों से पूछा तो हिटलर नाम पर उन्होंने ने भी वैसी ही प्रतिक्रिया दी, जैसी इन कुछ हिंदुस्तानी नामों को लेकर हमारी होती है। क्यों? सिर्फ इसलिए कि ये नाम ऐतिहासिक या पौराणिक खलनायकों के हैं? क्या यह यह हमारी सनक नहीं है कि हम अपने बच्चों के नाम तक ऐसे नहीं रखना चाहते?अच्छा एक और सवाल और...हर्षद मेहता, मनु शर्मा, प्रभाकरन, तेलगी....क्या ये खलनायक नहीं हैं? हमारे वक्त के खलनायक तो शायद यही हैं। ऐतिहासिक खलनायकों का तो हमने बस नाम ही सुना है, हमने इन लोगों के तो अपराध और उनकी वजहों से बहाए गए आंसू, दोनों देखे हैं...क्या इन नामों को लेकर भी हमारे अंदर वही विरोध है, जो रावण या हिटलर या मेघनाद जैसे नामों को लेकर है?जब नाम रखे जाते हैं, तो उम्मीद की जाती है कि उस नाम के गुण बच्चे के अंदर आएंगे। क्या ऐसा होता है? फीसद तो नहीं पता, लेकिन अपने आसपास जितने भी लोगों को देखता हूं, एक-आध ही है, जिसके अंदर वे गुण हैं जो उनके नाम के मुताबिक होने चाहिए। आप नजर दौड़ाइए अपने चारों ओर, देखिए कितने लोग हैं जो यथा नाम तथा गुण हैं। और फिर रावण की मां ने कब सोचा होगा कि उसका बेटा इतिहास का इतना बड़ा खलनायक निकलेगा, ठीक उसी तरह जैसे प्रभाकरन की मां ने नहीं सोचा होगा!फिर भी, कौन अपने बच्चे का नाम रावण रखना चाहेगा !Posted by विवेक at 10:16 AMLabels: तेलगी, प्रभाकरन, रामलिंगम राजू, रावण, हर्षद मेहतावह क्या बात है मगर हमने कल एक ब्लोग देखा था रावण के नाम से आई डी तो याद नहीं आज के रावणों से ति वो रावण कहीं अधिक महान था मगर हम सब कुछ कंहाँ देखते हैं अच्छी पोस्ट है आभार्11 June 2009 at 11:10 AMरंजन said...कौन रिस्क ले बाबा..11 June 2009 at 12:28 PMरावण तो पौराणिक चरित्र था। क्या किसी ने अपने बच्चे का नाम प्राण रखा है? इस बारे में तो ईनाम की घोषणा भी प्राण साहब की बेटी ने की थी11 June 2009 at 4:51 PMबात तो सत्य है...........11 June 2009 at 6:48 PMpaablaa ji........praan Sharmaa ji to blog jgat ki mashhoor hasti hain.........हा हादिगम्बर जी, अभिनेता प्राण सिकंद 12 फरवरी 1920 को जनमे थे व अगर आप सुराही वाले प्राण शर्मा की बात कर रहे तो वे 13 जून 1937 को जनमे थे।1954 में प्राण साहब की पहली फिल्म बिरज बहू आई थी। जाहिर है अभिनेता प्राण काफी समय बाद 'कुख्यात' हुये थे। उनकी बेटी ने भी यह प्रतियोगिता शायद 80 के दशक में, किसी खास सन के बाद प्राण नाम रखे जाने वाले बच्चे की तलाश में रखी थी।जहाँ तक मुझे याद है यह अवार्ड लेने के लिए किसी माँ-बाप ने दावा नहीं पेश किया था।कौन आता भई :-)11 June 2009 at 7:05 PMरावण नाम की अब जरूरत नहीं हैसबने रावण कर्म को जब जीवन मेंउतार लिया हैउन्हीं कर्मों से आज के सभी अखबारचैनल, ब्लॉग्स भरपूर मिलते हैंबस रावण नाम ही तोदूर तक नहीं दिखते हैंनाम चाहे रख लेंपर रावण कर्मों से तोतौबा करेंवो शुभ दिन कब आएगालगता नहीं कभी आएगा11 June 2009 at 8:26 PMसही है ऐसे नाम तो मैंने भी कभी अपने आस पास नहीं सुने...सिवाय इसके के बचपन का मित्र रमण, जिसे हम रावण कहते थे.11 June 2009 at 10:58 PMchintu said...Hitler surname tha, asli naam 'Adolf' tha. jo ki abhi bhi Germany me prachalit hai.11 June 2009 at 11:00 PMravan khalnayak nahi thaaaj k log agar ravan b ban jaye to bahut haivo to ramanand saagar ki aproch thi jo usne bhagwan ram ko uch dikhane k liye ravan ko neecha dikha diya.bhagavan ram bhagvan ho kar b seeta ki agni pareeksha lete hai.orr ravan insaan ho kar b seeta ko haath b nahi lagaata. o jeevan mrityu se aage tha. sirf bhagvan k hatho se marna chahta tha.12 June 2009 at 4:31 PMI have met with a person named Kumbhkaran Azad but he is very much ashamed at this name. He genearally tells his name as K. K. Azad. But as a matter of fact this is an exception.12 June 2009 at 9:20 PMkoi bhi apna naam khud nahi rakhta.... uska naam uske ma baap rakhte hain , or ma baap ne agar kabhi aisa naam rakh diya to duniya vale uske bachche ka mzak udayenge19 June 2009 at 8:54 PMजरा बताते जाइए, हुज़ूर...हमकदम...क्योंकि इस डर के आगे जिंदगी हैजो जारी है...महमूद दरवेश: अगर ऎसी सड़क से गुजरोजिरहइतना भी बुरा नहीं यह वक्त, जितना सब कोसते हैंचंदौसी एक्सप्रेसWhom to choose - First Love or Wife By Prabhatchew some cud...नवभारत टाइम्स ब्लॉगयहां सबको सुन सकते हैंमीटर Downसोमा की टिप्पणी पढ़ने लायक हैहिंदू बच्चे का मुस्लिम नाम...हाय राम !एक चुराई हुई कविता...आखिरी आदमी का गीतासारनई भर्तियां चालू आहे...विवेकपूछते हैं वो कि गालिब कौन हैकोई बतलाए के हम बतलाएं क्या | 2018-07-23T09:54:18 | http://sunaapne.blogspot.com/2009/06/blog-post_11.html |
बिजनेस स्टैंडर्ड - कॉरपोरेट मुखौटे को हटाना आसान नहींTuesday, July 14, 2020 04:08 PM English | हिंदीकॉरपोरेट मुखौटे को हटाना आसान नहींसुदीप्त दे / August 04, 2019कंपनी (संशोधन) विधेयक 2019 में कंपनियों की कुछ खास जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं ताकि प्रमुख लाभान्वित मालिकों (एसबीओ) की पहचान की जा सके। कंपनियों के प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। यह कोई नया प्रावधान नहीं है और फरवरी 2019 में एसबीओ नियमों को संशोधित करते हुए इसी तरह का एक प्रावधान शामिल किया गया था। लेकिन इससे पहले अनुपालन न किए जाने पर जुर्माना संबंधी प्रावधानों को शामिल नहीं किया गया था। साथ ही ताजा संशोधन के जरिये कंपनियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे एसबीओ की पहचान के लिए 'आवश्यक कदम' उठाए।जे सागर एसोसिएट्स के पार्टनर ललित कुमार ने कहा, 'इसका उद्देश्य बिल्कुल साफ है कि यदि कोई व्यक्ति कंपनी का प्रमुख लाभान्वित मालिक है तो उसे पहचान सुनिश्चित करने की जरूरत होगी। कंपनियों को इसी उद्देश्य से नियम लागू करने चाहिए।' ईवाई इंडिया के पार्टनर (कंपनी अनुपालन एवं प्रशासन) संपत के राजगोपालन के अनुसार, एसबीओ की पहचान के लिए पर्याप्त कदम न उठाने के लिए कंपनियों पर जुर्माना लगाने और उसका खुलासा करने के प्रावधानों को शामिल करने से पता चलता है कि यह जिम्मेदारी कितना महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, 'जब कभी तथ्य स्पष्ट न हो अथवा उसकी जानकारी न हो तो कंपनियों को जांच अवश्य शुरू करनी चाहिए। सभी तथ्यों की विस्तृत समीक्षा की जानी चाहिए और अपने एसबीओ को हरी झंडी देने से पहले उनकी पात्रता शर्तों की उचित व्याख्या की जानी चाहिए।' निवेश ढ़ांचे में अंतिम शेयरधारिता स्तर तक जांच अवश्य की जानी चाहिए।हालांकि ऐसा कहना आसान है लेकिन करना कठिन। जटिल शेयरधारिता पैटर्न के कुछ मामलों में कंपनी को उसके शेयरधारकों की शेयर हिस्सेदारी की जानकारी नहीं भी हो सकती है। एक कंपनी सचिव गौरव पिंगले ने कहा, 'इन सब से अंतत: मुकदमेबाजी बढ़ेगी।' यदि एसबीओ जरूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराता है अथवा पर्याप्त सूचना नहीं देता है तो कंपनी उसके खिलाफ नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में शिकायत कर सकती है ताकि शेयरों के हस्तांतरण आदि अधिकारों पर तत्काल रोक लगाई जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि एसबीओ की पहचान, किसी व्यक्ति की अप्रत्यक्ष शेयरधारिता को परिभाषित करने और बहुलांश हिस्सेदारी की पहचान करने में तमाम व्यावहारिक चुनौतियां सामने आ सकती हैं।उदाहरण के लिए विधेयक में 'ऐक्टिंग टुगेदर' यानी साथ काम करने को परिभाषित किया गया है लेकिन उस पर अमल करना अथवा उसे लागू करना आसान नहीं होगा। पिंगले ने कहा, 'ऐक्टिंग टुगेदर के तहत कंपनी के नियंत्रण के लिए दो अथवा इससे अधिक लोगों की मंशा और उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।' विशेषज्ञों का कहना है कि एसबीओ नियमों के तहत एसबीओ की पहचान के लिए कोई ढांचा उपलब्ध नहीं कराया गया है। कुमार ने कहा कि 'उल्लेखनीय प्रभाव' की अवधारणा पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा, 'इसमें कहा गया है कि वित्तीय एवं परिचालन नीति संबंधी निर्णय में भाग लेने की शक्ति रखने वाला कोई भी व्यक्ति। भाग लेने की अवधारणा स्पष्ट नहीं है क्योंकि महज भाग लेने का मतलब होगा कि उस व्यक्ति का उल्लेखनीय प्रभाव है।'ट्राईलीगल के पार्टनर अर्णव दयाल ने कहा कि 'आवश्यक कदम' के मामले में भी अस्पष्टता है। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, रिपोर्टिंग कंपनी को पहले से ही यह जिम्मेदारी दी गई है कि यदि वह किसी व्यक्ति को एसबीओ मानती है तो उसे नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा, 'संशोधन के बाद यदि रिपोर्टिंग कंपनी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह इन जरूरतों से आगे बढ़े तो अपेक्षित पहल के लिए दिशानिर्देश जारी करना जरूरी है।' विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ परिभाषाओं पर खुलकर बहस होनी चाहिए क्योंकि कुछ कंपनियों के शेयरधारिता ढांचे जटिल हैं। संशोधन के तहत कहा गया है कि अनुपालन न किए जाने पर कंपनी और कंपनी के हरेक अधिकारी स्वत: 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये केजुर्माना दायरे में आ जाएंगे।Keyword: company, law, bill, SBO,, | 2020-07-14T10:38:51 | https://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=160906 |
खनन के असली खलनायकभाजपा बेशक गंगा को जीवदायिनी मानती हो। लेकिन सच यही है कि हाईकोर्ट ने जब इसे जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया तो उत्तराखण्ड की त्रिवेंद्र रावत सरकार बेचैन हो उठी। तत्काल स्टे लेने सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची। सनातन संस्कृति की पैरोकार त्रिवेंद्र सरकार की गंगा के प्रति बेरुखी समझ से पूरे है। हरिद्वार में मातृ सदन के संत अवैध खनन से त्रस्त गंगा को बचाने के लिए अनशन पर हैं लेकिन दूसरी ओर खनन माफिया बेखौफ अपने अवैध कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। जो भी उनके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं उन पर हमले हो रहे हैं। अकेले गंगा ही नहीं] बल्कि राज्य की तमाम अन्य नदियां जिस कदर माफिया के तांडव से कराह उठी हैं उससे तो यही लगता है कि सरकार से उन्हें खुली छूट मिली हुई हैपिछले साल नैनीताल हाईकोर्ट ने गंगा में प्रदूषण को लेकर दायर पीआईएल पर महत्वपूर्ण फैसला दिया था। न्यायाधीश राजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गंगा के साथ ग्लेशियर आदि को जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया था। गंगा पर इस फैसले को फ्रांस के नेशनल सेंटर फॉर साइंस रिसर्च और सेंटर फॉर हिमालयन स्टडीज में अब अध्ययन के लिए शामिल किया गया है। वहां के शोधार्थी पिछले सप्ताह ही इस पर शोध करने यहां पहुंचे। फ्रांस की इस पहल को वहां गंगा को महत्व देने के तौर पर समझ सकते हैं मगर अपने देश में हाल यह है कि जिस उत्तराखण्ड प्रदेश से गंगा निकलती है] [kqn वहीं की सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर स्टे ले लिया। दूसरी तरफ सरकार और नौकरशाहों की शह पर गंगा का किनारा ही नहीं] बल्कि तलहटी को भी चीरा जा रहा है। माफिया बेखौफ अंधाधुंध खनन कर गंगा के अस्तित्व के लिए चुनौती बन गया है। प्रदेश की अब तक की किसी भी सरकार का उस पर अंकुश नहीं रहा।गंगा&यमुना जैसी पवित्र एवं उत्तर भारत की जीवनदायिनी नदियों का उद्गम राज्य उत्तराखण्ड है। गंगा&यमुना जैसी नदियां उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों की प्यास बुझाती हैं। इनकी उपजाऊ बेल्ट किसानों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। लाखों किसानों के खेतों को ये नदियां लहलहाती हैं। जिससे देश का पेट भरता है। मगर कम समय में ही अपार धन कमाने की प्रवृत्ति के कारण भविष्य में ये नदियां अपने उद्गम राज्य में ही खत्म हो जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। गंगा के धरती पर उतरते ही उसको छलनी करने के लिए खनन माफियाओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। जेसीबी] पोर्टलैंड से गंगा की तलहटी में जमे पत्थरों को निकाला जा रहा है। वो भी कई पाबंदियों और रोक के बावजूद। खनन माफियाओं ने राजनेताओं और नौकरशाहों से ऐसा गठजोड़ बनाया है कि इनमें किसी प्रकार का भय भी नहीं रहा है।ऐसे तो अवैध खनन का खेल पूरे प्रदेश में चल रहा है। लेकिन हरिद्वार] देहरादून] उधमसिंह नगर और नैनीताल में इसका वीभत्स चेहरा सामने आता है। जहां नदियों को नदी नहीं बल्कि खान की तरह खोद कर तहस&नहस कर दिया गया है। यह सिलसिला अभी भी बंद होने का नाम नहीं ले रहा। हरिद्वार चण्डी और मनसा पहाड़ी के बीच स्थित है। इन दोनों पहाड़ियों के आधार पर ही शहर बसा है। पहाड़ियों के कारण इसकी तलहटी में पत्थर हैं। यह पत्थर इसके स्थायित्व के लिये नितांत आवश्यक हैं। गंगा इसी शहर से हो कर बहती है। हरिद्वार में गंगा बहुत वेग से बहती है। यदि इसकी तलहटी में पत्थर न रहें या उन्हें निकाल लिया जाए तो समस्त मिट्टी और बालू बहा लेगी। बालू बहने के बाद गंगा हरिद्वार में ही धरती में समा जाएगी। गंगा का मैदानी क्षेत्र सूखाग्रस्त हो जाएगा। किसानों की खेती खत्म होने के साथ ही लोगों की प्यास बुझाना भी मुश्किल हो जाएगा।हरिद्वार&प्रशासन ने जिस आधार पर खनन खोला है उसकी एक झलक मात्र से स्पष्ट हो जाता है कि खनन का अवैध खेल कितने वृहद् स्तर पर खेला जाता है। इसमें निचले कर्मचारी से लेकर सरकार तक शामिल है। यह तय है कि बिना सरकार की सहमति के नियमों की धज्जियां नहीं उड़ाई जा सकती। राज्य के वन विकास निगम ने गंगा में खनन खोलने के लिए एफआरआई नामक कंपनी को हायर किया। इस कंपनी को गंगा में खनन की आवश्यकता पर रिपोर्ट तैयार करनी थी। इनके अध्ययन में यह भी शामिल था कि गंगा में पत्थर ऊपर से बहकर आता है या नहीं। इस कंपनी की प्राथमिक रिपोर्ट पर ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ¼एमओईएफ½ को गलत सूचना देकर पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त कर ली गई। इस पर हरिद्वार के एक समाजसेवी डॉक्टर विजय वर्मा ने एनजीटी में वाद दायर किया। इसमें एफआरआई ने जवाब दिया कि उसने तो रिपेनिसमेंट का अभी अध्ययन ही नहीं किया है। इसके लिए तो कम से कम ३ साल का समय चाहिए। यह तीन साल इसलिए कि प्रत्येक साल मानसून के पूर्व और मानसून के बाद गंगा की तलहटी के पत्थरों को जांचना था। इस तरह लगातार तीन साल यही प्रक्रिया अपनाई जाती। इसके अध्ययन के बाद ही ऊपर से बहकर आता है या फिर पहले से ही गंगा में मौजूद है।उत्तराखण्ड वन विकास निगम की गलत सूचना पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने निगम को फटकार लगाई। मंत्रालय ने निगम को कारण बताओ नोटिस भेजा और कहा कि क्यों नहीं तुम्हारी पर्यावरण स्वीकृति को रोक कर रख दिया जाए। निगम को १५ दिन में जवाब देने के लिए भी कहा। यह नोटिस १८ जुलाई २०१७ को दिया गया था। समय पर जवाब न देने के कारण उसने एनजीटी को कहा कि पर्यावरण स्वीकृति को रोककर रख दिया गया है। इस बीच निगम ने भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान को गंगा में पत्थर पर अध्ययन का जिम्मा सौंपा। उसे भी कम से कम ३ साल का समय चाहिए। पर्यावरण स्वीकृति रोककर रखे जाने के बावजूद मुख्यमंत्री और हरिद्वार के जिलाधिकारी उसी दौरान बार&बार द्घोषणा करते रहे कि अक्टूबर में खनन जरूर खोलेंगे। एनजीटी के अलावा सीपीसीबी भी हरिद्वार के रायवाला से लेकर भोगपुर तक खनन नहीं करने का आदेश पूर्व में ही दे चुका है।उधर भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान को गंगा में पत्थर पर अध्ययन करने का जो जिम्मा निगम ने सौंपा था] उसमें उसकी जल्दबाजी ने उसकी रिपोर्ट पर ही सवाल खड़ा कर दिया। जिस अध्ययन को करने में एक विशेषज्ञ कंपनी ने कम से कम तीन साल का समय लगना बताया। उस अध्ययन को भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान ने मात्र तीन दिन में कर दिया। यही नहीं उसने १२ नवंबर २००१७ यानी रविवार के दिन ही वन विकास निगम को रिपोर्ट भेज दी। वन विकास निगम ने उससे भी ज्यादा तेजी से उसी दिन उस रिपोर्ट को पर्यावरण मंत्रालय और एनजीटी को भेज दिया। रिपोर्ट का अध्ययन करने पर पता चला कि यह सर्वे ६ अक्टूबर को किया गया था। ६ अक्टूबर को गंगा नहर बंद थी। गंगा की संपूर्ण धारा खनन लॉट से होकर ही गुजरती थी। जब उनसे पूछा गया कि उस समय आपने सर्वे कैसे किया तो उन्होंने जवाब दिया कि वृहद् सर्वे भी उन्होंने ८] ९ और १० नवंबर को किया। ११ और १२ नवंबर को रिपोर्ट तैयार की। आश्चर्यजनक है कि जिसके लिए कम से कम ३ साल का समय चाहिए था उस रिपोर्ट को उन्होंने मानसून के पश्चात तीन दिन में ही तैयार कर दिया और छुट्टी के दिन शनिवार एवं रविवार को ही रिपोर्ट तैयार कर भेज भी दी।नियमतः रिपोर्ट पर पर्यावरण मंत्रालय को अपना निर्णय एनजीटी में जमा करना था। जिसके बाद वादी इस पर अपना मंतव्य कोर्ट में देता। फिर कोर्ट में बहस के बाद कोर्ट अपना निर्णय देता। पर यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। जो रिपोर्ट जिलाधिकारी हरिद्वार को नहीं भेजी गई थी उसे जिलाधिकारी ने लॉगिंग ऑफिस से मंगाकर तत्काल खनन खुलने का आदेश दे दिया। आदेश देते ही तत्काल खनन खुल गया। २३ नवंबर को जब एनजीटी में सुनवाई हुई तो पीठासीन जजों ने यही दोहराया। उसी दिन उन्होंने आदेश दिया कि जब पर्यावरण स्वीकृति को रोककर रखा गया है तो खनन कैसे खेला गया। जो खनन खुला है] वह अवैध है। एनजीटी ने खनन खुलने की रिपोर्ट उत्तराखण्ड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एक सप्ताह के अंदर मांगी है। इस बार तो सरकार ने कोर्ट] एनजीटी और सीपीसीबी के आदेश को भी दरकिनार करते हुए खनन खोल दिया। न केवल खनन खुला है बल्कि नए \kkV भी खोल दिए गए हैं। इससे जैसा लगना स्वाभाविक है कि प्रदेश सरकार और प्रशासन दोनों खनन माफिया के साथ सभी नियम&कायदों को दरकिनार करते हुए खड़े हैं।सर्व प्रथम पोंटी चड्ढा ग्रुप ने १९८६ में गंगा सफाई के नाम पर १९५१ के नोटिफिकेशन जिसमें अजीतपुर तक गंगा के किसी पदार्थ को निकालने पर पूर्ण पाबंदी थी को दबाकर खनन खुलवाया। परंतु वह किसी कारण कुछ समय बाद बंद हो गया। फिर१९९६ में पुनः पट्टा लिया। १९९८ में हरिद्वार महाकुंभ था। उस समय प्रकाश में आया कि कुंभ क्षेत्र में खनन से जो गड्ढे हुए उसमें कुछ को भरने में ही जितना खनन से राजस्व की प्राप्ति हुई थी उससे ज्यादा खर्च हुआ। मामला मातृ सदन के संज्ञान में आने पर उसी समय से कुंभ क्षेत्र को खनन&क्रशिंग वर्जित क्षेत्र \kksf"kr करने के लिए अनेक स्तर पर la\k"kZ किया गया। जिसमें मातृ सदन का सत्याग्रह एक मुख्य हथियार था। अंत में २००० में जांच के उपरान्त पोंटी चड्ढा ग्रुप को तत्कालीन ईमानदार जिलाधिकारी आराधना शुक्ला ने तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट एनपी सिंह की संस्तुति पर ५ साल के लिए काली सूची में डाल दिया।एनपी सिंह ने कुंभ क्षेत्र को खनन मुक्त क्षेत्र \kksf"kr करने की संस्तुति भी की थी। इसी को आधार बनाकर भिन्न&भिन्न स्तर पर la\k"kZ के उपरांत कुंभ क्षेत्र से खनन और क्रशिंग बंद हुआ। इसी बीच एक स्टोन क्रशर को बचाने के लिए कुंभ क्षेत्र को ही सरकारी दस्तावेज में जालसाजी करके जगजीतपुर तक सिकुड़ा दिया गया। इसके लिए भी मातृ सदन के संतों ने सत्याग्रह किया। उस सत्याग्रह और la\k"kZ के परिणामस्वरूप स्वामी निगमानंद शहीद हुए। निगमानंद की हत्या सरकार और माफियाओं के निर्देश पर की गई] ऐसा मातृ सदन के संतों का कहना है। उनकी शिकायत पर निगमानंद की हत्या की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई कोर्ट देहरादून ने कहा कि सीबीआई ने तो उचित जांच की ही नहीं। कुछ बिंदुओं पर फिर जांच के आदेश दिए। मातृ सदन के संतों का आरोप है कि सीबीआई ठीक से जांच नहीं कर रही है। यदि उन बिंदुओं पर जांच हुई तो बड़े&बड़े मगरमच्छ निगमानंद की हत्या के आरोप में फसेंगे। इससे माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ गया कि अब वे हरिद्वार में पूरी गंगा को ही नष्ट करने पर लगे हुए हैं।मातृ सदन के संतों के सत्याग्रह ¼तपस्या½ को खत्म करने के लिए माफियाओं की ओर से कई प्रकार के कूत किए गए। संतों के कमरे के दरवाजे को काटना] बंद कमरे में विषैली गैसों को छोड़कर अपने रास्ते से हटाने का असफल प्रयास भी किया। फिर भी मातृ सदन के संत संकल्पित हैं कि जब तक गंगा जी हरिद्वार में खनन माफियाओं से मुक्त नहीं कराई जाएगी तब तक तपस्या जारी रहेगी। इस बीच अनेक जांच प्रमाण के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्टोन क्रशर को गंगा से ५ किलोमीटर दूर भोगपुर तक खनन पर पूर्ण पाबंदी के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम ५ के तहत कार्रवाई भी की। लेकिन उत्तराखण्ड में माफियाओं का इतना वर्चस्व है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर पा रही है।वर्तममान मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत की सरकार ने हरिद्वार में तैनात जिलाधिकारी मुरुगेशन को यहां से कुछ ही महीने में हटाकर नये जिलाधिकारी दीपक रावत की तैनाती कर दी। मातृ सदन का आरोप है कि पूर्व की सरकार में भी दो रावत ने गंगा में अवैध खनन के लिए सभी प्रकार के हथकंडे अपनाए। इस बार भी तीन रावत गंगा को चीरने में लगे हुए हैं।गंगा के चार खनन लॉटों को खोल दिया गया है। प्रत्येक खनन लाटों में चार से पांच \kkV हैं। प्रत्येक \kkV से कम से कम १०० से १५० ट्रक और ट्रैक्टर तीन से चार बार गंगा से पत्थर एवं बजरी लाते हैं। इस तरह प्रतिदिन गंगा के १० किलोमीटर के दायरे में खनन से गंगा की कोख को चीरा जा रहा है। साथ ही साथ बड़ी संख्या में ट्रक और ट्रैक्टर से गंगा के पवित्र जल को गंदा भी किया जा रहा है। जहां एक ओर गंगा में वाहन धोने से ५००० रु का जुर्माना किया जाता है वहीं हजारों ट्रक और ट्रैक्टर से गंगा के पवित्र धारा को रौंदा जा रहा है। यही नहीं गंगा की जलीय जीव एवं मछली भी इसके शिकार हो रहे हैं। इस सब की जवाबदेही सरकार और शासन प्रशासन में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों की है।प्रशासन का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश से क्रेशर खुले हैं। जब उनसे पूछा जाता है कि आदेश तो क्रेशर और खनन बंद करने के लिए हैं। इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश का पालन जरूरी है तो उनके पास कोई उत्तर नहीं होता है।कानून से ऊपर माफियाधर्मनगरी में खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने कानून व्यवस्था को बौना साबित कर दिया है। किसान हो या आम आदमी सब के अंदर खनन माफिया इतना खौफ पैदा करके रखते हैंंं कि उनके खिलाफ बोलने का किसी के अंदर साहस नहीं होता। गंगा में खनन के साथ&साथ माफिया लोगों ने मोटे मुनाफे के लालच में खेतों से मिट्टी और आरबीएम के खनन में भी करोड़ों कमाने के रास्ते निकाले हैंं। अधिकारियों की मिलीभगत से समतलीकरण के नाम पर किसी भी खेत में १०००\kuehVj तक मिट्टी उठाने की अनुमति प्राप्त कर ली जाती हैंं। आश्चर्य की बात ये है कि इस पूरे क्षेत्र में जहां समतलीकरण के नाम अनुमतियां ली जाती हैंं वहां की भूमि पहले ही समतल है। यानी केवल आंखों में धूल झोंककर अनुमति हासिल की जाती है। उसके बाद शुरू होता है हरी भरी फसलों को उजाडकर खेतों को हमेशा के लिए बर्बाद करने का वो सिलसिला जिसने अब हजारों बीद्घा खेती की भूमि को तहस&नहस कर दिया है। १०००\kuehVj की अनुमति की आड़ में १५ से २५ हजार\kuehVj तक मिट्टी और आरबीएम का खनन किया जाता है। एक\kuehVj के लिए ११० रूपये का राजस्व जमा करना होता है जबकि अवैध रूप से खनन करने पर इसके पांच गुना यानि ५५० रूपये प्रति \kuehVj तक का जुर्माना किया जा सकता है यानी हर अनुमति के बाद ये खनन माफिया ७७ लाख ५०]००० हजार तक का राजस्व का चूना लगाते हैंंं और प्रशासन मिलीभगत के चलते इन्हें और इस अवैध काम में संरक्षण देता है। माफियाओं से मिलीभगत का प्रमाण २२ नवंबर को भी देखने को मिला जब पथरी पुलिस के थाना प्रभारी गजेंद्र बहुगुणा को सूचना देने के बाद पुलिस की जगह दर्जनों खनन माफिया मौके पर आ गये और कानून को हाथ मेंं लेकर पत्रकारो पर टूट पड़े और जानलेवा हमला कर दिया उसके बाद भी खनन माफियाओं के ईशारे पर उल्टा पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया जबकि एसओ गजेंद्र बहुगुणा ये भलीभांति जानते थे कि पत्रकारों के साथ बंधक बनाकर मारपीट और लूटपाट की गई है फिर भी उन्होंने पत्रकार अरूण कश्यप] सुनील शर्मा और नायब पर मुकदमा दर्ज कर लिया।अगर माफियाओं और उनके मोटे मुनाफे के बीच कोई आता हैंं तो वो इन खनन माफियाओं का शिकार बन जाता है। २२ नवंबर को पथरी क्षेत्र के पथरी पुल निकट डांडी चौक के पास पत्रकारों पर हुए जानलेवा हमले की \kVuk इसी का उदाहरण हैंं इससे पहले भी खुद सरकारी नुमांइंदों पर भी इस पूरे क्षेत्र में खनन माफिया कई बार हमले कर चुके हैं। लगभग ४ साल पहले आजाद और नवाब नाम के दो खनन माफियाओं ने रामनाथ नाम के पटवारी पर जानलेवा हमला कर दिया। पटवारी रामनाथ ने बताया कि करीब चार साल पहले आजाद ने मेरे ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाकर मुझे जान से मारने का प्रयास उस समय किया जब मैं ग्रामीणों की सूचना पर उस जगह पहुंचा जहां ये लोग खनन कर रहे थे। ये लोग अनुमति से कहीं ज्यादा खनन कर चुके थे। उसके बाद बाहर निकालकर मैंने पथरी थाने में इन लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था।इस अवैध काम का बेताज बादशाह कहा जाने वाला अंसारी कांट्रैक्टर कंपनी का मालिक मुशर्रफ अली पुत्र यासीन निवासी सराय है। ये वही है जिसने २३ नवंबर को पत्रकारों के खिलाफ झूठा मुकदमा पथरी थाने मेंं दर्ज कराया था। बता दें कि मुशर्रफ अली एक तानाशाही रवैये का आदतन अपराधी भी है। नवंबर २०१५ में जब ज्वालापुर हल्के में तैनात पटवारी तेलूराम ने अवैध खनन ढोते इनके ट्रैक्टर को पकड़ा तो पीछे से आकर मुशर्रफ ने पटवारी तेलूराम को पकड़ लिया और ट्रैक्टर चालक को आगे चलने को कहा। उसके बाद पटवारी के साथ हाथापाई भी की गई जिसके बाद ज्वालापुर कोतवाली में मुशर्रफ के खिलाफ संबधित धाराओं में मुकदमा भी पटवारी तेलूराम ने दर्ज कराया था।पथरी थाने का सबसे बड़ा दलालबाइस नंवबर की शाम को आबिदपुर भगतनपुर उर्फ इक्कड कला में पत्रकारों पर जो हमला हुआ था उसमें सबसे बड़ी भूमिका कुरबान अली निवासी एक्कड ने निभाई थी। जोर&जोर से ये शख्स चिल्ला&चिल्ला कह रहा था कि जेसीबी का गड्ढा खोद कर जिंदा दफन कर दो इन साले पत्रकारों को पुलिस को तो मैं देख लूंगा। सूत्रों से पता चला है कि कुरबान अली नाम का ये शख्स दिन के चार से पांच द्घंटे पथरी थाने में ही डेरा डाले रहता है और पथरी थाना पुलिस के स्टाफ का इसको संरक्षण प्राप्त है।^सरकार भी अवैध खनन में शामिल^मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद महाराज से खनन पर विशेषस्वामी जी आपका आंदोलन करीब दो दशक से चल रहा है फिर भी गंगा खनन मुक्त नहीं हो पाई है। क्या कारण मानते हैं\उत्तराखण्ड बनने के बाद चार ही जिले हैं] जहां से शासन&प्रशासन और पुलिस को धन की प्राप्ति हो सकती है। इन जिलों में खनन और शराब से ही पैसा मिलता है। तीसरा भूमाफिया भी है मगर खनन का व्यापक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि इसका पैसा नीचे से लेकर ऊपर तक सभी को पहुंचता है उत्तर प्रदेश के समय ऐसा नहीं होता था। उस वक्त खनन ज्यादा होता भी नहीं था। १९८६ में कुछ दस्तावेजों को दबाकर सर्वप्रथम गंगा की सफाई के नाम पर खनन शुरू किया गया। लेकिन जब मातृ सदन ने १९९७ में आंदोलन किया तो तत्काल उसे रोक दिया गया। उत्तर प्रदेश के समय आंदोलन करने पर सरकार तुंरत हरकत में आती थी। लखनऊ से ईमानदार अधिकारी भेजे जाते थे। कल्याण सिंह को हमने जो कहा] वह उन्होंने किया। पर उत्तराखण्ड में यह सब खत्म हो गया है। महीने भर हमारे संत अनशन पर रहते हैं फिर भी सरकार सोई रहती है क्योंकि अवैध खनन का पैसा सभी को पहुंचता है। इसलिए हमारा आंदोलन तो छोड़िए] ये एनजीटी] सीपीसीबी यहां तक की नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को भी नहीं मानते। जब कोर्ट बहुत सख्ती करता है तब कुछ दिनों के लिए खनन बंद कर दिया जाता है। फिर कुछ दिनों बाद खोल दिया जाता है।सभी कोर्टों] संबंधित एजेंसियों यहां तक कि सरकारों ने भी आपकी बात को सही मानते हुए कई बार खनन पर रोक लगाई। फिर भी खनन बंद न होना क्या दर्शाता है\इसका एक मात्र कारण भ्रष्टाचार है। त्रिवेंद्र सिंह रावत खनन पिछली हर सरकार से एक कदम आगे निकल गया है। उत्तर प्रदेश के समय सिर्फ अधिकारी और माफिया मिलकर अवैध खनन करते थे। पर अब तो सरकार तक इसमें शामिल है। सरकार से इन्हें निर्देश मिलते हैं] तो कैसे खनन रुकेगा। भोगपुर तक गंगा के नीचे पत्थर है। उसके बाद बालू है। हमारा कहना है कि हरिद्वार और गंगा के लिए ये पत्थर बहुत जरूरी है। इसलिए आप नियमों का पालन कर भोगपुर के बाद बालू निकालें] हमें कोई आपत्ति नहीं है।क्या प्रदेश में खनन माफिया सरकार से ज्यादा पावरफुल हो गया है\हरेक सरकार से ये माफिया ताकतवर तो हो ही गया है। उसका कारण यह है कि यहां ऐसे नेता मुख्यमंत्री बनते हैं जो उत्तरप्रदेश के समय मंत्री भी नहीं बन सकते थे। उन्हें ज्ञान कुछ भी नहीं है। सरकार के साथ&साथ अधिकारियों में भी धन की आकांक्षा प्रबल है। इसलिए पैसे का लोभ देकर माफिया सरकार और अधिकारियों को अपने इशारे पर नचाते हैं।पूरा संत समाज गंगा की बात करता है मगर खनन पर संत समाज एकजुट क्यों नहीं होता\हरिद्वार में अब संत रहे ही कहां\ सिर्फ गेरूवा वस्त्र पहन लेने से कोई संत नहीं बनता। जब हमारे यहां कामना भरी हुई है। एसी कमरों में रहना और एसी गाड़ियों में द्घूमना किसी सच्चे संत की आकांक्षा नहीं होती। ये तो रावण भी करता था। प्रकृति के साथ रहना और उसे जन के लिए उपयोगी बनाना संत करता है। प्रकृति का दोहन करने वाला संत नहीं हो सकता। ये लोग तो संत के नाम पर कलंक हैं।खनन रुकने से विकास कार्य में समस्या आती है\किसी परिवार की आय जितनी होगी] वह उतना ही खर्च करेगा न। यदि आपका पड़ोसी आपसे ज्यादा कमाता है तो क्या आप उनके इतना खर्च करेंगे। मैटेरियल की पूर्ति के लिए गंगा को खत्म नहीं कर सकते। यदि मैटेरियल की पूर्ति अपने यहां से नहीं हो तो बाहर से मंगाया जा सकता है। जहां नहीं होता है] वह राज्य आखिर बाहर से मंगाता है या नहीं। हम खनन के विरोधी नहीं हैं। खनन को सिर्फ नियमानुसार करने का आग्रह करते हैं। नियम यह कहता है कि आप सिर्फ गंगा ही नहीं किसी भी नदी से उतना ही पत्थर या बालू निकाल सकते हैं] जिसकी पूर्ति अगले मानसून में हो जाए। हरिद्वार में गंगा में पत्थर ऊपर से आता नहीं है। मैंने पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों को दिखा दिया कि पत्थर ऊपर से नहीं आया है। बालू भी कहीं रूकी नहीं है। फिर यहां खनन क्यों हो रहा है। हम अपनी अगली पीढ़ी के लिए क्या छोड़ेंगे। कम से कम हमें जो पूर्वजों से मिला है उतना तो छोड़ें। यदि गंगा में इसी तरह खनन होता रहा तो आने वाली पीढ़ी गंगा नदी के बारे में भूगोल में नहीं इतिहास की किताबों में पढ़ेगी।वैज्ञानिकों की जांच से मचा हड़कंपतीस अक्टूबर को हरिद्वार में खनन खोलने की शिकायत मातृ सदन ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से की थी। उस शिकायत पर मंत्रालय के दो वैज्ञानिक गंगा में खनन पर जांच करने २८ नवंबर को हरिद्वार पहुंचे। दो सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम में शामिल डॉ एससी कटियार और केके गर्ग ने हरिद्वार के तीन द्घाटों पर जांच की। जांच की जानकारी वन विभाग को पता होने के कारण २८ नवंबर को दो द्घाटों पर खनन बंद करवा दिया गया था। वन विभाग इहीं बंद द्घाटों पर वैज्ञानिकों को जांच कराने पहुंचा। जांच के दौरान मातृ सदन के स्वामी शिवानंद महाराज एवं अन्य संत भी मौजूद थे।जांच के दौरान कई आश्चर्यचकित करने वाले तथ्य सामने आए। दो सदस्यीय टीम पहले भोगपुर जांच करने पहुंची। वहां खनन को एक दिन के लिए बंद करवा दिया गया था। इसके बाद टांडा भागमल और रामकुंडी में जांच करने पहुंची। टांडा भागमल में हालांकि खनन बंद था लेकिन वहां वैज्ञानिकों को पिलर की हदबंदी मिली। वैज्ञानिकों ने जब वन विकास निगम के लोगों से पूछा कि पत्थर निकालने के लिए कितना खोदो गए तो निगम के लोगों ने कहा डेढ़ मीटर। कहां खोदा गया] यहां तो पत्थर है नहीं। तब निगम के लोगों ने जवाब दिया कि टापू को खोदेंगे। ये उसी टापू को खोदने की बात कर थे जो सदियों से प्राकृतिक रूप से बना हुआ। ऐसे कितने ही टापुओं को हरिद्वार में खत्म कर दिया गया है।इसके बाद वैज्ञानिकों ने बिशनपुर जाने को कहा। जिस पर निगम के लोग चकित हो गए। क्योंकि वहां खनन बंद नहीं करवाया गया था। मातृ सदन के संत ब्रह्मचारी दयानंद कहते हैं कि निगम के लोगों की गाड़ी को हम लोगों की गाड़ी से पीछे रहने को कहा गया पर आगे निकलकर स्पीड में अपनी गाड़ी बिशनपुर ले गए। वहां पहुंचने पर करीब १५० गाड़ियां लाइन में खड़ी दिखीं। जिस पर पत्थर भरा था। निगम से दल ने पूछा एक दिन में कितना पत्थरनिकालते हो। उनका जवाब था १००० टन। लेकिन एक गाड़ी में ९ टन पत्थर आता है। यानी डेढ़ सौ गाड़ियों में १००० टन से कहीं ज्यादा पत्थर भरा था। यह एक समय का था जबकि एक गाड़ी कम से कम तीन से चार बार फर्जी रव्वना पर पत्थर ले जाती है। इसका सरल आकलन करने पर पता चला कि करीब रोजाना एक \kkV से २४ लाख रुपए का पत्थर बिना रॉयल्टी के माफिया ले जा रहे हैं। हरिद्वार में करीब ऐसे दस द्घाटों पर खनन हो रहा है। इससे समझा जा सकता है कि सरकार को कितने राजस्व का नुकसान हो रहा है।सार्वजनिक जीवन में मैं कई सरकारी एवं पार्टी प्रदत्त पदों पर रहा। मैंने ब्लॉक प्रमुख के रूप में पढ़े हुए पाठों का निष्ठा से अनुग्रहण किया। यदि आप कुछ पाना | 2018-05-28T08:10:19 | http://thesundaypost.in/sundaypost_article.php?id=5568 |
श्रीमद् देवी भागवत और मार्कन्डेय पुराण में भी चर्चा मिलती है रोहतास जिले के उत्तरी छोर पर बियावान में बैठी मां याक्षिणी भवानी की, जिसे कलांतर में कई प्रसंगों के बाद भलुनी भवानी का नाम मिला। आदी गुरु शंकराचार्य ने भी कई बार चर्चा की है इस अष्टभूजी पौराणिक सत्यपीठ की।ऐसी मान्यता है कि देवासुर संग्राम के बाद अहंकार से भरे इंद्र को यही आकर देवी याक्षिणी ने सत्य का पाठ पढाया था। इसके बाद देवेन्द्र के सारे अहंकार चूर-चूर हो गये। लज्जित होकर इंद्र ने कंचन नदी के किनारे घनघोर तपस्या की, जहां मां याक्षिणी भवानी ने अपना अष्टभुजी रुप इंद्र को दिखलाया। ध्यानमग्न इंद्र को सोने के सिंहासनारुढ़ भगवती के दर्शन हुए, जो सजीव रुप को त्यागकर प्रतिमा के आकार में आ गई।वहीं पर इंद्र ने मां की स्थापना की तबसे भलूनी धाम में याक्षिणी भवानी विराजमान हुई। इस शक्तिपीठ के प्रधान पुजारी मदन मोहन पांडेय बताते हैं कि घनघोर रात्री में कई बार यहां मां के विचरण करने का आभास हुआ है। कई बार आसपास के इलाके में घटने वाली अशुभ घटनाओं के संकेत भी मिले है। नवरात्र के मौके पर प्रतिवर्ष लगने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ में से कई लोगों ने यह बताया कि यहा मांगे जाने पर एक मनोकामना तो जरूर पूरी होती है। महात्म्य कथा (यक्षणी भवानी) के मुताबिक मंदिर प्रांगण में राम-लक्ष्मण ने रात्रि विश्राम किया था। वैसे बाल्मिकि रामायण और बाद के शाहाबाद गजटीयन भी याक्षिणी भवानी की चर्चा पाई गयी है जो वर्तमान समय में जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 45 किलोमीटर दूर नटवार थाना क्षेत्र के भलूनी धाम में स्थित है।हजारों की संख्या में मिलते है बंदरभलुनी धाम में आज से नहीं सैकड़ों वर्ष से बंदरों का बहुत बड़ा जत्था रहता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह बंदर कभी भी धाम के आसपास स्थित घनघोर बागीचे से बाहर नहीं जाते। न ही ग्रामीणों और किसानों को कोई नुकसान ही पहुंचाते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां के बंदरों को भोजन कराने वाले श्रद्धालुओं के उपर याक्षिणी भवानी की खास कृपा-दृष्टि रहती है। यही कारण है कि वहां पहुंचने वाले श्रद्धालू प्रसाद के साथ-साथ भारी मात्रा में अनाज और फल-फूल भी लेकर जाते हैं। | 2017-08-23T04:06:55 | http://incrediblerohtas.com/%E0%A4%87%E0%A4%B8-%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A5%80-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%9A%E0%A5%82%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%A5%E0%A4%BE.html |
काशी आने में लगा दिए 64 साल, ऊषा मंगेशकर को मिलेगा 'चराग-ए-दैर' - NewstrackPublished by AdminPublished: February 20, 2016 | 10:33 pmModified: February 21, 2016 | 11:32 amवाराणसी: 1952 के बाद मंगेशकर परिवार का कोई सदस्य काशी आया है। शनिवार को स्वर कोकिला लता मंगेशकर की छोटी बहन ऊषा मंगेशकर काशी पहुंची। काशी भ्रमण के बाद गंगा आरती में भी शामिल हुईं। काशी यात्रा से ऊषा मंगेशकर काफी खुश थीं।ऊषा मंगेशकर होटल रमांडा में ठहरी हैं। उनकी यात्रा को लेकर काफी सावधानी बरती गई थी। लेकिन दोपहर बाद उनके आते ही शाम तक मीडिया को भनक लग गई। शाम को ऊषा मंगेशकर ने गंगा आरती देखी। इस बीच जब लोगों ने अपने बीच ऊषा मंगेशकर को देखा तो वह अचरज में पड़ गए।चराग-ए-दैर से होंगी सम्मानितऊषा मंगेशकर को 21 फरवरी को अंक के चरागेे दैर से सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए होटल रमांडा में तैयारी अंतिम चरण में है। वर्ष 2011 से अंक संस्था यह एवार्ड किसी नामचीन हस्ती को देती आयी है। यह अवॉर्ड का पांचवा साल है। हिन्दी और भोजपुरी फिल्मों में गाना गाने पर ही ऊषा मंगेशकर को पुरस्कार दिया जा रहा है।अभिनेत्री मधुबाला की बहन को भी सम्मानरुपहले पर्दे की प्रसिद्ध अभिनेत्री मधुबाला के आध्यात्मिक सौंदर्य और नारी शक्ति को समर्पित सम्मान मधुबाला एलिगेंट ब्यूटी अवॉर्ड मधुबाला की छोटी बहन और लेखिका मधुर बृजभूषण तथा डालिम्स सनबीम समूह की निदेशक पूजा मधोक को दिया जाएगा। 1952 में मंगेशकर परिवार के सदस्य आए थे काशी। इसके बाद अब तक मंगेशकर परिवार का कोई सदस्य काशी नहीं आया था। | 2020-07-05T14:04:39 | https://newstrack.com/entertainment/usha-mangeshkar-visit-in-varanasi-10456.html |
Chennai/Bangalore News: कर्नाटक विधानसभा चुनाव: नामांकन भरने पहुंचे येदियुरप्पा, किया 40 हजार वोटों से जीत का दावा - cm candidate from bjp yeddyurappa claims that he would get lead of 40 thousands votes | Navbharat TimesELECTION_TOPBAND_1582715551033cm candidate from bjp yeddyurappa claims that he would get lead of 40 thousands votesकर्नाटक विधानसभा चुनाव: नामांकन भरने पहुंचे येदियुरप्पा, किया 40 हजार वोटों से जीत का दावाकर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों की तरफ से उम्मीदवार लिस्ट जारी होने के बाद नामांकन का दौर शुरू हो गया है। इस सिलसिले में बीजेपी की तरफ से सीएम पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा शिमोगा के शिकारीपुरा से नामांकन करने पहुंचे। येदियुरप्पा ने यहां करीब 40 हजार वोटों से जीत हासिल करने का दावा किया।एएनआई | Updated: 19 Apr 2018, 02:47:00 PM ISTनामांकन के लिए जाते बीएस येदियुरप्पानामांकन भरने से पहले येदियुरप्पा ने कहा, 'मैं यहां अपना नामांकन भरने आया हूं और मुझे कम से कम 30 से 40 हजार वोटों से जीत हासिल होगी।' बता दें कि येदियुरप्पा कर्नाटक के शिकारीपुरा से चुनाव लड़ने वाले हैं। वे इस समय अपनी परंपरागत शिमोगा लोकसभा सीट से सांसद और कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं। 2008 विधानसभा चुनावों में वह राज्य के 19वें मुख्यमंत्री बने थे।राज्य में 12 मई को वोट डाले जाएंगे और 15 मई को मतगणना होगी। इस चुनाव परिणाम के आधार पर 2019 में बीजेपी और कांग्रेस का भविष्य भी तय हो सकता है। कर्नाटक इलेक्शन को असल में 2019 के आम चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच अहम मुकाबला माना जा रहा है। कर्नाटक में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों का प्रदर्शन यह तय करेगा कि 2019 में किसका पलड़ा भारी हो सकता है।Web Title cm candidate from bjp yeddyurappa claims that he would get lead of 40 thousands votes(News in Hindi from Navbharat Times , TIL Network)और जानें:बीजेपी के सीएम उम्मीदवारकर्नाटक विधानसभा चुनावnomination processKarnataka assembly electioncm candidate from bjpBS Yeddyurappabangalore/chennai Newsbangalore/chennai News in Hindibangalore/chennai Latest Newsbangalore/chennai Headlinesबेंगलुरु/चेन्नै समाचार | 2020-02-26T11:12:31 | https://navbharattimes.indiatimes.com/state/other-states/bangalore/chennai/cm-candidate-from-bjp-yeddyurappa-claims-that-he-would-get-lead-of-40-thousands-votes/articleshow/63829383.cms |
prime minister narendra modi kedarnath diwali kedarpuri reconstruction project | इस बार केदारनाथ में दिवाली मनाएंगे पीएम नरेंद्र मोदी - 1541404472 - Shortpedia News Appइस बार केदारनाथ में दिवाली मनाएंगे पीएम नरेंद्र मोदीUpdated: November 5th, 2018 03:50 PM ISTप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली का त्योहार केदारनाथ में मनाएंगे। इसी के साथ वह तीसरी बार केदारनाथ यात्रा पर होंगे। हालांकि यह बात पूरी तरह कंफर्म नहीं है लेकिन सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी दिवाली से एक दिन पहले यानी 6 नवंबर को केदारनाथ की यात्रा पर जाएंगे।बता दें इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के केदारनाथ से करीब 400 मीटर ऊंची ध्यान गुफा समेत हिमालयी धाम का भी दर्शन करेंगे।Prime Minister Narendra Modi Kedarnath Diwali Kedarpuri Reconstruction Project | 2018-11-21T16:27:36 | https://www.shortpedia.in/hindi-news-article/prime-minister-narendra-modi-kedarnath-diwali-kedarpuri-reconstruction-project-1541404472 |
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अब लॉकडाउन को मानने लगे लोग, सोशल डिस्टेंसिंग की शुरू हुई कवायद, पुलिस बनी दोस्त - Dainik Bhaskar | Uttar Pradesh News, UP Dainikbhaskarज्ञान प्रकाश अवस्थीकानपुर।कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कानपुर में लॉकडाउन का तीसरा दिन है.21 दिनों तक चलने वाले लॉकडाउन में घर मौजूद लोगों की सुविधा के लिए कानपुर में होम डिलीवरी की व्यवस्था शुरू कर दी गयी है. स्वरूपनगर, आर्यनगर , बिठूर , रावतपुर , गुमटी नंबर 5 , काकादेव ,समेत कई जगहों पर होम डिलीवरी की व्यवस्था को शुरू कराया गया. व्यापारियों के सहयोग से पुलिस खुद होम डिलीवरी व्यवस्था की कमान संभाली.फजलगंज थाने के पुलिस कर्मियों ने सरहनीय कार्य किया ।फजलगंज थाने में तैनात संब इनपेक्टर अभिनव चौधरी ने अपनी टीम के साथ फुटपाथ पर रहने वालों को खाने के लिए लेंच पैकेट भिजवाया रहने के लिए उचित व्यवस्था की साथ ही किसी अन्य जरूरत के लिए पुलिस की सहायता के लिए कहा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कानपुर में लॉकडाउन का तीसरा दिन है.लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से जरूरी वस्तुओं की कमी न हो, इसके लिए होम डिलीवरी की व्यवस्था शुरू हो चुकी है. गुरूवार को व्यापारियों के सहयोग से पुलिस ने शहर के कई क्षेत्रों में होम डिलीवरी की व्यवस्था को शुरू कराया.सुविधा के लिए पूरे रास्ते पुलिस खुद माइक से घोषणा किस्वरूपनगर में खूब हुई खरीदारीलॉकडाउन की वजह से अपार्टमेंट में अपने फ्लैट्स के अंदर रहने को मजबूर लोगों के घरों के सामने जब होम डिलीवरी की व्यवस्था शुरू हुई तो इन लोगों ने काफी राहत महसूस की. व्यापारियों के सहयोग के साथ शुरू की गई इस व्यवस्था का रिस्पांस भी देखने को मिला. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन किया गया. लोगों की सुविधा के लिए पूरे रास्ते पुलिस खुद माइक से घोषणा करती रही. सब्जी के साथ आटा, बेसन, मैदा, बिस्किट और अन्य जरूरी सामान की डिलीवरी यहां पर की गई. लोगों को एक दिन के हिसाब से मिल रही है सब्जिया क बाजार के मूल्य पर वितरण किया गया.बिठूर क्षेत्र में भी पुलिस ने लोगी की मददवहीं, बिठूर में भी पुलिस अपनी अगुवाई में सब्जियों की होम डिलीवरी के लिए निकली. पुलिस वालों के संग सब्जी विक्रेताओं ने घर-घर पहुंचकर सब्जियों की होम डिलीवरी की. लोगों को एक दिन के हिसाब से यहां पर सब्जियों का बाजार के मूल्य पर वितरण किया गया.पुलिस ने इस दौरान आश्वासन दिया कि होम डिलीवरी की व्यवस्था को रोज चलाया जाएगा इसलिए किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं हैजितनी है जरूरत ,उतना ही मिलेगा सामान,होम डिलीवरी की व्यवस्था के दौरान इस बात का खासा ध्यान रखा गया, जिसमें लोग अपने घरों में भंडारण न कर सकें. इस दौरान लोगों को उतना ही सामान दिया गया, जितने में एक या दो दिन का काम चल जाए. किसी को ज्यादा मात्रा में सामान खरीदने नहीं दिया गया. .शादीशुदा होने के बावजूद इश्क किए ये सितारे, जानें क्या हुआ अंजामकोरोना की जंग: पुलिसकर्मियों को 50 लाख का बीमा कवर देगी योगी सरकारयूपी में कोरोना वायरस के 308 मामलों में 168 जमात के, CM योगी ने टीम 11 को दिए ये निर्देश..लॉकडाउन : योगी सरकार हुई गरीबो पर मेहरबान, किया ये दिल जीत लेने वाला काम,,, | 2020-04-08T14:36:24 | http://dainikbhaskarup.com/now-people-start-accepting-lockdown-social-distancing-exercise-police-become-friends-news/ |
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