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1
170
Book Title
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Book Identifier
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Book Publishing Year
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2.02k
2.02k
Book Language
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Test Name
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Chapter No.
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1
18
Chapter Name
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Question ID
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10
Question Type
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Question
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33
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Chart/passages pertaining to the question
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Correct Answer
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14
1.15k
1
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
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1
देवसेना का गीत
1
एकल प्रश्न
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई" - पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
null
जीवन में देवसेना को स्कंदगुप्त की चाह थी, किंतु स्कंदगुप्त मालवा के धनकुबेर की कन्या (विजया) का स्वप्न देखते थे। आज जीवन के भावी सुख, आशा और आकांक्षा-सबसे मैं विदा लेती हूँ", तब वह गीत गाती है-आह ! वेदना मिली विदाई! देवसेना का गीत कविता में देवसेना अपने जीवन पर दृष्टिपात करते हुए अपने अनुभवों में अर्जित वेदनामय क्षणों को याद कर रही है। जीवन के इस मोड़ पर अर्थात् जीवन संध्या की बेला में वह अपने यौवन के क्रियाकलापों को याद कर रही है।
2
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
देवसेना का गीत
2
एकल प्रश्न
कवि ने आशा को बावली क्यों कहा है?
null
Self answered
3
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
देवसेना का गीत
3
एकल प्रश्न
"मैंने निज दुर्बल व्यंजना स्पष्ट कीजिए। होड़ लगाई" इन पंक्तियों में 'दुर्बल पद बल' और 'हारी होड़' में निहित
null
Self answered
4
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
देवसेना का गीत
4
अनेक प्रश्न
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- (क) श्रमित स्वप्न की मधुमाया '''''''''''' तान उठाई। (ख) लौटा लो '''''''''''''' लाज गँवाई।
null
Self answered
5
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
देवसेना का गीत
5
एकल प्रश्न
देवसेना की हार या निराशा के क्या कारण हैं?
null
Self answered
6
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
कार्नेलिया का गीत
1
एकल प्रश्न
कार्नेलिया का गीत कविता में प्रसाद ने भारत की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया है?
null
" तब वह यह गीत गाती है- 'अरुण यह मधुमय देश हमारा!' इस गीत में हमारे देश की गौरवगाथा तथा प्राकृतिक सौंदर्य को भारतवर्ष की विशिष्टता और पहचान के रूप में प्रस्तुत किया गया है। पक्षी भी अपने प्यारे घोंसले की कल्पना कर जिस ओर उड़ते हैं वही यह प्यारा भारतवर्ष है। अनजान को भी सहारा देना और लहरों को भी किनारा देना हमारे देश की विशेषता है सही मायने में भारत देश की यही पहचान है।
7
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
कार्नेलिया का गीत
2
एकल प्रश्न
उड़ते खग' और 'बरसाती आँखों के बादल' में क्या विशेष अर्थ व्यंजित होता है?
null
उड़ते खग' और 'बरसाती आँखों के बादल' में क्या विशेष अर्थ व्यंजित है पक्षी भी अपने प्यारे घोंसले की कल्पना कर जिस ओर उड़ते हैं वही यह प्यारा भारतवर्ष है। अनजान को भी सहारा देना और लहरों को भी किनारा देना हमारे देश की विशेषता है
8
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
कार्नेलिया का गीत
3
एकल प्रश्न
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- हेम कुंभ ले उषा सवेरे-भरती ढुलकाती सुख मेरे मदिर ऊँघते रहते जब-जगकर रजनी भर तारा।
null
Self answered
9
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
कार्नेलिया का गीत
4
एकल प्रश्न
'जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा' - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
10
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
1
कार्नेलिया का गीत
5
एकल प्रश्न
कविता में व्यक्त प्रकृति-चित्रों को अपने शब्दों में लिखिए।
null
Self answered
11
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
2
सरोज स्मृति
1
एकल प्रश्न
सरोज के नव-वधू रूप का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
null
Self answered
12
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
2
सरोज स्मृति
2
एकल प्रश्न
कवि को अपनी स्वर्गीया पत्नी की याद क्यों आई?
null
सरोज स्मृति कविता निराला की दिवंगत पुत्री सरोज पर केंद्रित है। यह कविता बेटी के दिवंगत होने पर पिता का विलाप है। पिता के इस विलाप में कवि को कभी शकुंतला की याद आती है कभी अपनी स्वर्गीय पत्नी की। बेटी के रूप रंग में पत्नी का रूप रंग दिखाई पड़ता है,
13
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
2
सरोज स्मृति
3
एकल प्रश्न
आकाश बदल कर बना मही' में 'आकाश' और 'मही' शब्द किनकी ओर संकेत करते हैं?
null
Self answered
14
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
2
सरोज स्मृति
4
एकल प्रश्न
सरोज का विवाह अन्य विवाहों से किस प्रकार भिन्न था?
null
Self answered
15
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
2
सरोज स्मृति
5
एकल प्रश्न
वह लता वहीं की, जहाँ कली तू खिली' पंक्ति के द्वारा किस प्रसंग को उद्घाटित किया गया है?
null
Self answered
16
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
2
सरोज स्मृति
6
एकल प्रश्न
मुझ भाग्यहीन की तू संबल' निराला की यह पंक्ति क्या 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे कार्यक्रम की माँग करती है।
null
Self answered
17
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
2
सरोज स्मृति
7
अनेक प्रश्न
निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए- (क) नत नयनों से आलोक उत्तर (ख) शृंगार रहा जो निराकार (ग) पर पाठ अन्य यह, अन्य कला (घ) यदि धर्म, रहे नत सदा माथ
null
Self answered
18
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
यह दीप अकेला
1
एकल प्रश्न
'दीप अकेला' के प्रतीकार्थ को स्पष्ट करते हुए यह बताइए कि उसे कवि ने स्नेह भरा, गर्व भरा एवं मदमाता क्यों कहा है?
null
यह दीप अकेला कविता में अज्ञेय ऐसे दीप की बात करते हैं जो स्नेह भरा है, गर्व भरा है, मदमाता भी है किंतु अकेला है। अहंकार का मद हमें अपनो से अलग कर देता है। कवि कहता है कि इस अकेले दीप को भी पंक्ति में शामिल कर लो। पंक्ति में शामिल करने से उस दीप की महत्ता एवं सार्थकता बढ़ जाएगी। दीप सब कुछ है, सारे गुण एवं शक्तियाँ उसमें हैं, उसकी व्यक्तिगत सत्ता भी कम नहीं है फिर भी पंक्ति की तुलना में वह एक है,
19
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
यह दीप अकेला
2
एकल प्रश्न
यह दीप अकेला है 'पर इसको भी पंक्ति को दे दो' के आधार पर व्यष्टि का समष्टि में विलय क्यों और कैसे संभव है?
null
दीप का पंक्ति या समूह में विलय ही उसकी ताकत का, उसकी सत्ता का सार्वभौमीकरण है, उसके लक्ष्य एवं उद्देश्य का सर्वव्यापीकरण है। ठीक यही स्थिति मनुष्य की भी है। व्यक्ति सब कुछ है, सर्वशक्तिमान है, सर्वगुणसंपन्न है फिर भी समाज में उसका विलय, समाज के साथ उसकी अंतरंगता से समाज मज़बूत होगा, राष्ट्र मज़बूत होगा। इस कविता के माध्यम से अज्ञेय ने व्यक्तिगत सत्ता को सामाजिक सत्ता के साथ जोड़ने पर बल दिया है। दीप का पंक्ति में विलय व्यष्टि का समष्टि में विलय है और आत्मबोध का विश्वबोध में रूपांतरण।
20
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
यह दीप अकेला
3
एकल प्रश्न
'गीत' और 'मोती' की सार्थकता किससे जुड़ी है?
null
Self answered
21
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
यह दीप अकेला
4
एकल प्रश्न
'यह अद्वितीय-यह मेरा यह मैं स्वयं विसर्जित' - पंक्ति के आधार पर व्यष्टि के समष्टि में विसर्जन की उपयोगिता बताइए।
null
Self answered
22
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
यह दीप अकेला
5
एकल प्रश्न
'यह मधु है तकता निर्भय'-पंक्तियों के आधार पर बताइए कि 'मधु', 'गोरस' और 'अंकुर' की क्या विशेषता है?
null
Self answered
23
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
यह दीप अकेला
6
अनेक प्रश्न
भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- (क) 'यह प्रकृत, स्वयंभू शक्ति को दे दो।' (ख) 'यह सदा द्रवित, चिर-जागरूक चिर-अखंड अपनापा।' (ग) 'जिज्ञासु, प्रबुद्ध, सदा श्रद्धामय, इसको भक्ति को दे दो।'
null
Self answered
24
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
यह दीप अकेला
7
एकल प्रश्न
'यह दीप अकेला' एक प्रयोगवादी कविता है। इस कविता के आधार पर 'लघु मानव' के अस्तित्व और महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
null
Self answered
25
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
मैंने देखा, एक बूँद
1
एकल प्रश्न
सागर' और 'बूँद' से कवि का क्या आशय है?
null
Self answered
26
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
मैंने देखा, एक बूँद
2
एकल प्रश्न
'रंग गई क्षणभर, ढलते सूरज की आग से'- पंक्ति के आधार पर बूँद के क्षणभर रंगने की सार्थकता बताइए।
null
Self answered
27
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
मैंने देखा, एक बूँद
3
एकल प्रश्न
सूने विराट् के सम्मुख दाग से!'- पंक्तियों का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
28
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
3
मैंने देखा, एक बूँद
4
एकल प्रश्न
क्षण के महत्त्व' को उजागर करते हुए कविता का मूल भाव लिखिए।
null
मै ने देखा एक बूँद कविता में अज्ञेय ने समुद्र से अलग प्रतीत होती बूँद की क्षणभंगुरता को व्याख्यायित किया है। यह क्षणभंगुरता बूँद की है, समुद्र की नहीं। बूँद क्षणभर के लिए ढलते सूरज की आग से रंग जाती है। क्षणभर का यह दृश्य देखकर कवि को एक दार्शनिक तत्व भी दीखने लग जाता है। विराट के सम्मुख बूँद का समुद्र से अलग दिखना नश्वरता के दाग से, नष्ट होने के बोध से मुक्ति का अहसास है। इस कविता के माध्यम से कवि ने जीवन में क्षण के महत्त्व को, क्षणभंगुरता को प्रतिष्ठापित किया है।
29
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
बनारस
1
एकल प्रश्न
बनारस में वसंत का आगमन कैसे होता है और उसका क्या प्रभाव इस शहर पर पड़ता है?
null
Self answered
30
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
बनारस
2
एकल प्रश्न
खाली कटोरों में वसंत का उतरना' से क्या आशय है?
null
बनारस शिव की नगरी और गंगा के साथ विशिष्ट आस्था का केंद्र है। बनारस में गंगा, गंगा के घाट, मंदिर तथा मंदिरों और घाटों के किनारे बैठे भिखारियों के कटोरे जिनमें वसंत उतरता है-का चित्र बनारस कविता में अंकित हुआ है।
31
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
बनारस
3
एकल प्रश्न
बनारस की पूर्णता और रिक्तता को कवि ने किस प्रकार दिखाया है?
null
आश्चर्य और भक्ति का मिला जुला रूप बनारस है। काशी की अति प्राचीनता, आध्यात्मिकता एवं भव्यता के साथ आधुनिकता का समाहार बनारस कविता में मौजूद है। यह कविता एक पुरातन शहर के रहस्यों को खोलती है, बनारस एक मिथक बन चुका शहर है, इस शहर की दार्शनिक व्याख्या यह कविता करती है। कविता भाषा संरचना के स्तर पर सरल है और अर्थ के स्तर पर गहरी। कविता का शिल्प विवरणात्मक होने के साथ ही कवि की सूक्ष्म दृष्टि का परिचायक है।
32
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
बनारस
4
एकल प्रश्न
बनारस में धीरे-धीरे क्या-क्या होता है। 'धीरे-धीरे' से कवि इस शहर के बारे में क्या कहना चाहता है?
null
Self answered
33
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
बनारस
5
एकल प्रश्न
धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय में क्या-क्या बँधा है?
null
Self answered
34
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
बनारस
6
एकल प्रश्न
सई साँझ' में घुसने पर बनारस की किन-किन विशेषताओं का पता चलता है?
null
इस शहर के साथ मिथकीय आस्था-काशी और गंगा के सान्निध्य से मोक्ष की अवधारणा जुड़ी है। गंगा में बंधी नाव, एक ओर मंदिरों-घाटों पर जलने वाले दीप तो दूसरी तरफ़ कभी न बुझने वाली चिताग्नि, उनसे तथा हवन इत्यादि से उठने वाला धुआँ-यही तो है बनारस ।
35
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
बनारस
7
एकल प्रश्न
बनारस शहर के लिए जो मानवीय क्रियाएँ इस कविता में आई हैं, उनका व्यंजनार्थ स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
36
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
बनारस
8
अनेक प्रश्न
शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- (क) 'यह धीरे-धीरे होना .... समूचे शहर को' (ख) 'अगर ध्यान से देखो........ ... और आधा नहीं है' (ग) 'अपनी एक टाँग पर ............ बेखबर'
null
Self answered
37
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
दिशा
1
एकल प्रश्न
बच्चे का उधर-उधर कहना क्या प्रकट करता है?
null
दिशा कविता बाल मनोविज्ञान से संबंधित है जिसमें पतंग उड़ाते बच्चे से कवि पूछता है हिमालय किधर है। बालक का उत्तर बाल सुलभ है कि हिमालय उधर है जिधर उसकी पतंग भागी जा रही है। हर व्यक्ति का अपना यथार्थ होता है, बच्चे यथार्थ को अपने ढंग से देखते हैं।
38
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
4
दिशा
2
एकल प्रश्न
मैं स्वीकार करूँ मैंने पहली बार जाना हिमालय किधर है'- प्रस्तुत पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
39
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
वसंत आया
1
एकल प्रश्न
वंसत आगमन की सूचना कवि को कैसे मिली?
null
वसंत आया कविता कहती है कि आज मनुष्य का प्रकृति से रिश्ता टूट गया है। वसंत ऋतु का आना अब अनुभव करने के बजाय कैलेंडर से जाना जाता है। ऋतुओं में परिवर्तन पहले की तरह ही स्वभावतः घटित होते रहते हैं। पत्ते झड़ते हैं, कोपलें फूटती हैं, हवा बहती है, ढाक के जंगल दहकते हैं, कोमल भ्रमर अपनी मस्ती में झूमते हैं, पर हमारी निगाह उनपर नहीं जाती। हम निरपेक्ष बने रहते हैं। वास्तव में कवि ने आज के मनुष्य की आधुनिक जीवन शैली पर व्यंग्य किया है।
40
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
वसंत आया
2
एकल प्रश्न
कोई छह बजे सुबह... फिरकी सी आई, चली गई'-पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
41
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
वसंत आया
3
अनेक प्रश्न
अलंकार बताइए- (क) बड़े-बड़े पियराए पत्ते (ख) कोई छह बजे सुबह जैसे गरम पानी से नहाई हो (ग) खिली हुई हवा आई, फिरकी-सी आई, चली गई (घ) कि दहर-दहर दहकेंगे कहीं ढाक के जंगल
null
Self answered
42
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
वसंत आया
4
एकल प्रश्न
किन पंक्तियों से ज्ञात होता है कि आज मनुष्य प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य की अनुभूति से वंचित है?
null
कल मैंने जाना कि वसंत आया। और यह कैलेंडर से मालूम था अमुक दिन अमुक बार मदनमहीने की होवेगी पंचमी दफ़्तर में छुट्टी थी-यह था प्रमाण और कविताएँ पढ़ते रहने से यह पता था की होवेगी कि दहर-दहर दहकेंगे कहीं ढाक के जंगल आम बौर आवेंगे
43
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
वसंत आया
5
एकल प्रश्न
'प्रकृति मनुष्य की सहचरी है' इस विषय पर विचार व्यक्त करते हुए आज के संदर्भ में इस कथन की वास्तविकता पर प्रकाश डालिए।
null
Self answered
44
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
वसंत आया
6
एकल प्रश्न
'वसंत आया' कविता में कवि की चिंता क्या है?
null
Self answered
45
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
तोड़ो
1
एकल प्रश्न
पत्थर' और 'चट्टान' शब्द किसके प्रतीक हैं?
null
इसमें कवि सृजन हेतु भूमि को तैयार करने के लिए चट्टानें, ऊसर और बंजर को तोड़ने का आह्वान करता है। परती को खेत में बदलना सृजन की आरंभिक परंतु अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। यहाँ कवि विध्वंस के लिए नहीं उकसाता वरन सृजन के लिए प्रेरित करता है। कविता का ऊपरी ढाँचा सरल प्रतीत होता है,
46
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
तोड़ो
2
एकल प्रश्न
भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- मिट्टी में रस होगा ही जब वह पोसेगी बीज को हम इसको क्या कर डालें इस अपने मन की खीज को? गोड़ो गोड़ो गोड़ो
null
Self answered
47
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
तोड़ो
3
एकल प्रश्न
कविता का आरंभ 'तोड़ो तोड़ो तोड़ो' से हुआ है और अंत 'गोड़ो गोड़ो गोड़ो' से। विचार कीजिए कि कवि ने ऐसा क्यों किया?
null
Self answered
48
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
तोड़ो
4
एकल प्रश्न
ये झूठे बंधन टूटें तो धरती को हम जानें यहाँ पर झूठे बंधनों और धरती को जानने से क्या अभिप्राय हैं?
null
इसमें कवि सृजन हेतु भूमि को तैयार करने के लिए चट्टानें, ऊसर और बंजर को तोड़ने का आह्वान करता है। परती को खेत में बदलना सृजन की आरंभिक परंतु अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। यहाँ कवि विध्वंस के लिए नहीं उकसाता वरन सृजन के लिए प्रेरित करता है। कविता का ऊपरी ढाँचा सरल प्रतीत होता है, परंतु प्रकृति से मन की तुलना करते हुए कवि ने इसको नया आयाम दे दिया है। यह बंजर प्रकृति में है तो मानव-मन में भी है। कवि मन में व्याप्त ऊब तथा खीज को भी तोड़ने की बात करता है अर्थात उसे भी उर्वर बनाने की बात करता है। मन के भीतर की ऊब सृजन में बाधक है कवि सृजन का आकांक्षी है इसलिए उसको भी दूर करने की बात करता है। इसलिए कवि मन के बारे में प्रश्न उठाकर आगे बढ़ जाता है। इससे कविता का अर्थ विस्तार होता है।
49
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
5
तोड़ो
5
एकल प्रश्न
आधे-आधे गाने' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
null
Self answered
50
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
1
एकल प्रश्न
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
null
Self answered
51
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
2
एकल प्रश्न
मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ ।' में राम के स्वभाव की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया गया है?
null
भरत भावुक हृदय से बताते हैं कि राम का उनके प्रति अत्यधिक प्रेमभाव है। वे बचपन से ही भरत को खेल में भी सहयोग देते रहते थे और उनका मन कभी नहीं तोड़ते थे। वे कहते हैं कि इस प्रेमभाव को भाग्य सहन नहीं कर सका और माता के रूप में उसने व्यवधान उपस्थित कर दिया।
52
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
3
एकल प्रश्न
राम के प्रति अपने श्रद्धाभाव को भरत किस प्रकार प्रकट करते हैं, स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
53
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
4
एकल प्रश्न
'महीं सकल अनरथ कर मूला' पंक्ति द्वारा भरत के विचारों-भावों का स्पष्टीकरण कीजिए।
null
Self answered
54
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
5
एकल प्रश्न
'फरइ कि कोदव बालि सुसाली। मुकता प्रसव कि संबुक काली। पंक्ति में छिपे भाव और शिल्प सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
55
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
1
एकल प्रश्न
राम के वन-गमन के बाद उनकी वस्तुओं को देखकर माँ कौशल्या कैसा अनुभव करती हैं? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
null
राम के वनगमन के बाद माता कौशल्या के हृदय की विरह वेदना का वर्णन किया गया है। वे राम की वस्तुओं को देखकर उनका स्मरण करती हैं और बहुत दुखी हो जाती हैं।
56
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
2
एकल प्रश्न
'रहि चकि चित्रलिखी सी' पंक्ति का मर्म अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
57
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
3
एकल प्रश्न
गीतावली से संकलित पद 'राघौ एक बार फिरि आवौ' में निहित करुणा और संदेश को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
null
Self answered
58
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
4
अनेक प्रश्न
(क) उपमा अलंकार के दो उदाहरण छाँटिए। (ख) उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग कहाँ और क्यों किया गया है? उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।
null
Self answered
59
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
6
भरत-राम का प्रेम
5
एकल प्रश्न
पठित पदों के आधार पर सिद्ध कीजिए कि तुलसीदास का भाषा पर पूरा अधिकार था?
null
Self answered
60
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
7
बारहमासा
1
एकल प्रश्न
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
null
प्रस्तुत पाठ में कवि ने नायिका नागमती के विरह का वर्णन किया है। कवि ने शीत के अगहन और पूस माह में नायिका की विरह दशा का चित्रण किया है। प्रथम अंश में प्रेमी स्थितियों का वर्णन करते हुए नायक को संदेश भेज रही है। द्वितीय अंश में विरहिणी नायिका के वर्णन के साथ-साथ शीत से उसका शरीर काँपने तथा वियोग से हृदय काँपने का सुंदर चित्रण है। चकई और कोकिला से नायिका के विरह की तुलना की गई है। नायिका विरह में शंख के समान हो गई है। तीसरे अंश में माघ महीने में जाड़े से काँपती हुई नागमती की विरह दशा का वर्णन है। वर्षा का होना तथा पवन का बहना भी विरह ताप को बढ़ा रहा है। अंतिम अंश में फागुन मास में चलने वाले पवन झकोरे शीत को चौगुना बढ़ा रहे हैं। सभी फाग खेल रहे हैं परंतु नायिका विरह-ताप में और अधिक संतप्त होती जाती है।
61
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
7
बारहमासा
2
एकल प्रश्न
जीयत खाइ मुएँ नहिं छाँड़ा' पंक्ति के संदर्भ में नायिका की विरह-दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
null
Self answered
62
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
7
बारहमासा
3
एकल प्रश्न
माघ महीने में विरहिणी को क्या अनुभूति होती है?
null
Self answered
63
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
7
बारहमासा
4
एकल प्रश्न
वृक्षों से पत्तियाँ तथा वनों से ढाँखें किस माह में गिरते हैं? इससे विरहिणी का क्या संबंध है?
null
Self answered
64
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
7
बारहमासा
5
अनेक प्रश्न
निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए- (क) पिय सौं कहेहु सँदेसड़ा, ऐ भँवरा ऐ काग। सो धनि बिरहें जरि मुई, तेहिक धुआँ हम लाग। (ख) रकत ढरा माँसू गरा, हाड़ भए सब संख। धनि सारस होइ ररि मुई, आइ समेटहु पंख।। (ग) तुम्ह बिनु कंता धनि हरुई, तन तिनुवर भा डोल। तेहि पर बिरह जराई कै, चहै उड़ावा झोल।। (घ) यह तन जारौं छार कै, कहौं कि पवन उड़ाउ। मकु तेहि मारग होइ परौं, कंत धरैं जहँ पाउ।
null
Self answered
65
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
7
बारहमासा
6
एकल प्रश्न
प्रथम दो छंदों में से अलंकार छाँटकर लिखिए और उनसे उत्पन्न काव्य-सौंदर्य पर टिप्पणी कीजिए।
null
Self answered
66
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
8
पद
1
एकल प्रश्न
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
null
Self answered
67
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
8
पद
2
एकल प्रश्न
कवि 'नयन न तिरपित भेल' के माध्यम से विरहिणी नायिका की किस मनोदशा को व्यक्त करना चाहता है?
null
Self answered
68
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
8
पद
3
एकल प्रश्न
नायिका के प्राण तृप्त न हो पाने का कारण अपने शब्दों में लिखिए।
null
Self answered
69
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
8
पद
4
एकल प्रश्न
'सेह पिरित अनुराग बखानिअ तिल-तिल नूतन होए' से लेखक का क्या आशय है?
null
Self answered
70
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
8
पद
5
एकल प्रश्न
कोयल और भौरों के कलरव का नायिका पर क्या प्रभाव पड़ता है?
null
Self answered
71
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
8
पद
6
एकल प्रश्न
कातर दृष्टि से चारों तरफ़ प्रियतम को ढूँढ़ने की मनोदशा को कवि ने किन शब्दों में व्यक्त किया है?
null
Self answered
72
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
8
पद
7
एकल प्रश्न
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए- तिरपित, छन, बिदगध, निहारल, पिरित, साओन, अपजस, छिन, तोहारा, कातिक
null
Self answered
73
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
9
कवित्त
1
एकल प्रश्न
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
null
Self answered
74
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
9
कवित्त
2
एकल प्रश्न
कवि मौन होकर प्रेमिका के कौन से प्रण पालन को देखना चाहता है?
null
Self answered
75
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
9
कवित्त
3
एकल प्रश्न
कवि ने किस प्रकार की पुकार से 'कान खोलि है' की बात कही है?
null
Self answered
76
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
9
कवित्त
4
एकल प्रश्न
घनानंद की रचनाओं की भाषिक विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
null
Self answered
77
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
9
कवित्त
5
अनेक प्रश्न
निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकारों की पहचान कीजिए। (क) कहि कहि आवन छबीले मनभावन को, गहि गहि राखति ही दें दें सनमान को। (ख) कूक भरी मूकता बुलाय आप बोलि है। (ग) अब न घिरत घन आनंद निदान को।
null
Self answered
78
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
9
कवित्त
6
अनेक प्रश्न
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए- ( क) बहुत दिनान को अवधि आसपास परे / खरे अरबरनि भरे हैं उठि जान को (ख) मौन हू सौं देखिहौं कितेक पन पालिहौ जू / कूकभरी मूकता बुलाय आप बोलिहै।
null
Self answered
79
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
9
कवित्त
7
अनेक प्रश्न
संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए- (क) झूठी बतियानि की पत्यानि तें उदास है, कै....... चाहत चलन ये संदेसो लै सुजान को। (ख) जान घनआनंद यों मोहिं तुम्है पैज परी ........कबहूँ तौ मेरियै पुकार कान खोलि है।
null
Self answered
80
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
1
एकल प्रश्न
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
null
मेरे पिताजी फ़ारसी के अच्छे ज्ञाता और पुरानी हिंदी कविता के बड़े प्रेमी थे। फ़ारसी कवियों की उक्तियों को हिंदी कवियों की उक्तियों के साथ मिलाने में उन्हें बड़ा आनंद आता था। वे रात को प्रायः रामचरितमानस और रामचंद्रिका, घर के सब लोगों को एकत्र करके बड़े चित्ताकर्षक ढंग से पढ़ा करते थे। आधुनिक हिंदी साहित्य में भारतेंदु जी के नाटक उन्हें बहुत प्रिय थे।
81
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
2
एकल प्रश्न
बचपन में लेखक के मन में भारतेंदु जी के संबंध में कैसी भावना जगी रहती थी?
null
जब उनकी बदली हमीरपुर जिले की राठ तहसील से मिर्जापुर हुई तब मेरी अवस्था आठ वर्ष की थी। उसके पहिले ही से भारतेंदु के संबंध में एक अपूर्व मधुर भावना मेरे मन में जगी रहती थी। 'सत्य हरिश्चंद्र' नाटक के नायक राजा हरिश्चंद्र और कवि हरिश्चंद्र में मेरी बाल-बुद्धि कोई भेद नहीं कर पाती थी। 'हरिश्चंद्र' शब्द से दोनों की एक मिलीजुली भावना एक अपूर्व माधुर्य का संचार मेरे मन में करती थी। मिर्जापुर आने पर कुछ दिनों में सुनाई पड़ने लगा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र के एक मित्र यहाँ रहते हैं, जो हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि हैं
82
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
3
एकल प्रश्न
उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' की पहली झलक लेखक ने किस प्रकार देखी?
null
मिर्जापुर आने पर कुछ दिनों में सुनाई पड़ने लगा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र के एक मित्र यहाँ रहते हैं, जो हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि हैं और जिनका नाम है उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी। भारतेंदु-मंडल की किसी सजीव स्मृति के प्रति मेरी कितनी उत्कंठा रही होगी, यह अनुमान करने की बात है। मैं नगर से बाहर रहता था। एक दिन बालकों की मंडली जोड़ी गई। जो चौधरी साहब के मकान से परिचित थे, वे अगुआ हुए। मील डेढ़ का सफर तै हुआ। पत्थर के एक बड़े मकान के सामने हम लोग जा खड़े हुए। नीचे का बरामदा खाली था। ऊपर का बरामदा सघन लताओं के जाल से आवृत था। बीच-बीच में खंभे और खुली जगह दिखाई पड़ती थी। उसी ओर देखने के लिए मुझसे कहा गया। कोई दिखाई न पड़ा। सड़क पर कई चक्कर लगे। कुछ देर पीछे एक लड़के ने उँगली से ऊपर की ओर इशारा किया। लता-प्रतान के बीच एक मूर्ति खड़ी दिखाई पड़ी। दोनों कंधों पर बाल बिखरे हुए थे। एक हाथ खंभे पर था। देखते ही देखते यह मूर्ति दृष्टि से ओझल हो गई। बस, यही पहली झाँकी थी।
83
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
4
एकल प्रश्न
लेखक का हिंदी साहित्य के प्रति झुकाव किस तरह बढ़ता गया?
null
ज्यों-ज्यों मैं सयाना होता गया, त्यों-त्यों हिंदी के नूतन साहित्य की ओर मेरा झुकाव बढ़ता गया। क्वीन्स कालेज में पढ़ते समय स्वर्गीय बा.रामकृष्ण वर्मा मेरे पिता जी के सहपाठियों में थे। भारत जीवन प्रेस की पुस्तकें प्रायः मेरे यहाँ आया करती थीं पर अब पिता जी उन पुस्तकों को छिपाकर रखने लगे। उन्हें डर हुआ कि कहीं मेरा चित्त स्कूल की पढ़ाई से हट न जाए, मैं बिगड़ न जाऊँ। उन्हीं दिनों पं. केदारनाथ जी पाठक ने एक हिंदी पुस्तकालय खोला था। मैं वहाँ से पुस्तकें ला-लाकर पढ़ा करता। एक बार एक आदमी साथ करके मेरे पिता जी ने मुझे एक बारात में काशी भेजा। मैं उसी के साथ घूमता-फिरता चौखंभा की ओर जा निकला। वहीं पर एक घर में से पं. केदारनाथ जी पाठक निकलते दिखाई पड़े। पुस्तकालय में वे मुझे प्रायः देखा करते थे। 16 वर्ष की अवस्था तक पहुँचते-पहुँचते तो समवयस्क हिंदी-प्रेमियों की एक खासी मंडली मुझे मिल गई, जिनमें श्रीयुत् काशीप्रसाद जी जायसवाल, बा. भगवानदास जी हालना, पं. बदरीनाथ गौंड़, पं. उमाशंकर द्विवेदी मुख्य थे। हिंदी के नए पुराने लेखकों की चर्चा बराबर इस मंडली में रहा करती थी। मैं भी अब अपने को एक लेखक मानने लगा था।
84
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
5
एकल प्रश्न
निस्संदेह' शब्द को लेकर लेखक ने किस प्रसंग का जिक्र किया है?
null
16 वर्ष की अवस्था तक पहुँचते-पहुँचते तो समवयस्क हिंदी-प्रेमियों की एक खासी मंडली मुझे मिल गई, हम लोगों की बातचीत प्रायः लिखने-पढ़ने की हिंदी में हुआ करती, जिसमें 'निस्संदेह' इत्यादि शब्द आया करते थे। जिस स्थान पर मैं रहता था, वहाँ अधिकतर वकील, मुख्तारों तथा कचहरी के अफ़सरों और अमलों की बस्ती थी। ऐसे लोगों के उर्दू कानों में हम लोगों की बोली कुछ अनोखी लगती थी। इसी से उन्होंने हम लोगों का नाम 'निस्संदेह' लोग रख छोड़ा था।
85
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
6
एकल प्रश्न
पाठ में कुछ रोचक घटनाओं का उल्लेख है। ऐसी तीन घटनाएँ चुनकर उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
null
1. वामनाचार्यगिरि। एक दिन वे सड़क पर चौधरी साहब के ऊपर एक कविता जोड़ते चले जा रहे थे। अंतिम चरण रह गया था कि चौधरी साहब अपने बरामदे में कंधों पर बाल छिटकाए खंभे के सहारे खड़े दिखाई पड़े। चट कवित्त पूरा हो गया और वामनजी ने नीचे से वह कवित्त ललकारा, जिसका अंतिम अंश था- "खंभा टेकि खड़ी जैसे नारि मुगलाने की।" 2. एक दिन कई लोग बैठे बातचीत कर रहे थे कि इतने में एक पंडित जी आ गए। चौधरी साहब ने पूछा। "कहिए क्या हाल है?" पंडित जी बोले- "कुछ नहीं, आज एकादशी थी, कुछ जल खाया है और चले आ रहे हैं।" प्रश्न हुआ- "जल ही खाया है कि कुछ फलाहार भी पिया है?" 3. एक दिन चौधरी साहब के एक पड़ोसी उनके यहाँ पहुँचे। देखते ही सवाल हुआ-"क्यों साहब, एक लफ़्ज़ मैं अकसर सुना करता हूँ, पर उसका ठीक अर्थ समझ में न आया। आखिर घनचक्कर के क्या मानी है। उसके क्या लक्षण हैं?" पड़ोसी महाशय बोले- "वाह! यह क्या मुश्किल बात है। एक दिनरात को सोने के पहले कागज़ कलम लेकर सवेरे से रात तक जो-जो काम किए हों, सब लिख जाइए और पढ़ जाइए।"
86
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
7
एकल प्रश्न
"इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का अद्भुत मिश्रण रहता था।" यह कथन किसके संदर्भ में कहा गया है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।
null
चौधरी साहब से तो अब अच्छी तरह परिचय हो गया था। अब उनके यहाँ मेरा जाना एक लेखक की हैसियत से होता था। हम लोग उन्हें एक पुरानी चीज़ समझा करते थे। इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का एक अद्भुत मिश्रण रहता था। यहाँ पर यह कह देना आवश्यक है कि चौधरी साहब एक खासे हिंदुस्तानी रईस थे।
87
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
8
एकल प्रश्न
प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चौधरी साहब के व्यक्तित्व के किन-किन पहलुओं को उजागर किया है?
chose point diffrent pages in book
चौधरी साहब आधुनिक हिंदी-साहित्य में भारतेंदु जी के नाटक उन्हें बहुत प्रिय थे। चौधरी साहब एक खासे हिंदुस्तानी रईस थे। वसंत पंचमी, होली इत्यादि अवसरों पर उनके यहाँ खूब नाचरंग और उत्सव हुआ करते थे। उनकी हर एक अदा से रियासत और तबीयतदारी टपकती थी।
88
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
9
एकल प्रश्न
समवयस्क हिंदी प्रेमियों की मंडली में कौन-कौन से लेखक मुख्य थे?
null
समवयस्क हिंदी-प्रेमियों की एक खासी मंडली मुझे मिल गई, जिनमें श्रीयुत् काशीप्रसाद जी जायसवाल, बा. भगवानदास जी हालना, पं. बदरीनाथ गौंड़, पं. उमाशंकर द्विवेदी मुख्य थे। हिंदी के नए पुराने लेखकों की चर्चा बराबर इस मंडली में रहा करती थी।
89
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
10
प्रेमघन की छाया-स्मृति
10
एकल प्रश्न
'भारतेंदु जी के मकान के नीचे का यह हृदय-परिचय बहुत शीघ्र गहरी मैत्री में परिणत हो गया।' कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
null
एक बार एक आदमी साथ करके मेरे पिता जी ने मुझे एक बारात में काशी भेजा। मैं उसी के साथ घूमता-फिरता चौखंभा की ओर जा निकला। वहीं पर एक घर में से पं. केदारनाथ जी पाठक निकलते दिखाई पड़े। पुस्तकालय में वे मुझे प्रायः देखा करते थे। इससे मुझे देखते ही वे वहीं खड़े हो गए। बात ही बात में मालूम हुआ कि जिस मकान में से वे निकले थे, वह भारतेंदु जी का घर था। मैं बड़ी चाह और कुतूहल की दृष्टि से कुछ देर तक उस मकान की ओर न जाने किन-किन भावनाओं में लीन होकर देखता रहा। पाठक जी मेरी यह भावुकता देख बड़े प्रसन्न हुए और बहुत दूर मेरे साथ बातचीत करते हुए गए। भारतेंदु जी के मकान के नीचे का यह हृदय-परिचय बहुत शीघ्र गहरी मैत्री में परिणत हो गया।
90
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
1
एकल प्रश्न
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
बालक बच गया
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के प्रश्न पूछे गए और वह उत्तर दे रहा था। धर्म के दस लक्षण वह सुना गया, नौ रसों के उदाहरण दे गया। पानी के चार डिग्री के नीचे शीतता में फैल जाने के कारण और उससे मछलियों की प्राणरक्षा को समझा गया, चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक समाधान दे गया, अभाव को पदार्थ मानने न मानने का शास्त्रार्थ कह गया और इंग्लैंड के राजा आठवें हेनरी की स्त्रियों के नाम और पेशवाओं का कुर्सीनामा सुना गया। यह पूछा गया कि तू क्या करेगा।
91
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
2
एकल प्रश्न
बालक ने क्यों कहा कि मैं यावज्जन्म लोकसेवा करूँगा?
बालक बच गया
बालक ने सीखा सिखाया उत्तर दिया कि मैं यावज्जन्म लोकसेवा करूँगा। सभा 'वाह-वाह' करती सुन रही थी, पिता का हृदय उल्लास से भर रहा था।
92
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
3
एकल प्रश्न
बालक द्वारा इनाम में लड्डू माँगने पर लेखक ने सुख की साँस क्यों भरी?
बालक बच गया
बालक के मुख पर विलक्षण रंगों का परिवर्तन हो रहा था, हृदय में कृत्रिम और स्वाभाविक भावों की लड़ाई की झलक आँखों में दीख रही थी। कुछ खाँसकर, गला साफ़ कर नकली परदे के हट जाने पर स्वयं विस्मित होकर बालक ने धीरे से कहा, 'लड्डू'। पिता और अध्यापक निराश हो गए। इतने समय तक मेरा श्वास घुट रहा था। अब मैंने सुख से साँस भरी। उन सबने बालक की प्रवृत्तियों का गला घोंटने में कुछ उठा नहीं रखा था। पर बालक बच गया। उसके बचने की आशा है क्योंकि वह 'लड्डू' की पुकार जीवित वृक्ष के हरे पत्तों का मधुर मर्मर था, मरे काठ की अलमारी की सिर दुखाने वाली खड़खड़ाहट नहीं।
93
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
4
एकल प्रश्न
बालक की प्रवृत्तियों का गला घोटना अनुचित है, पाठ में ऐसा आभास किन स्थलों पर होता है कि उसकी प्रवृत्तियों का गला घोटा जाता है?
बालक बच गया
एक पाठशाला का वार्षिकोत्सव था। वहाँ के प्रधान अध्यापक का एकमात्र पुत्र, जिसकी अवस्था आठ वर्ष की थी, बड़े लाड़ से नुमाइश में मिस्टर हादी के कोल्हू की तरह दिखाया जा रहा था। उसका मुँह पीला था, आँखें सफेद थीं, दृष्टि भूमि से उठती नहीं थी। प्रश्न पूछे जा रहे थे। उनका वह उत्तर दे रहा था। धर्म के दस लक्षण वह सुना गया, कुछ खाँसकर, गला साफ़ कर नकली परदे के हट जाने पर स्वयं विस्मित होकर बालक ने धीरे से कहा, 'लड्डू'। पिता और अध्यापक निराश हो गए। इतने समय तक मेरा श्वास घुट रहा था। अब मैंने सुख से साँस भरी। उन सबने बालक की प्रवृत्तियों का गला घोंटने में कुछ उठा नहीं रखा था
94
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
5
एकल प्रश्न
“बालक बच गया। उसके बचने की आशा है क्योंकि वह 'लड्डू की पुकार जीवित वृक्ष के हरे पत्तों का मधुर मर्मर था, मरे काठ की अलमारी की सिर दुखानेवाली खड़खड़ाहट नहीं" कथन के आधार पर बालक की स्वाभाविक प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
बालक बच गया
Self answered
95
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
6
एकल प्रश्न
उम्र के अनुसार बालक में योग्यता का होना आवश्यक है किन्तु उसका ज्ञानी या दार्शनिक होना ज़रूरी नहीं। 'लर्निंग आउटकम' के बारे में विचार कीजिए।
बालक बच गया
Self answered
96
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
1
एकल प्रश्न
लेखक ने धर्म का रहस्य जानने के लिए 'घड़ी के पुर्जे' का दृष्टांत क्यों दिया है?
घड़ी के पुर्जे
धर्म के रहस्य जानने की इच्छा प्रत्येक मनुष्य न करे, जो कहा जाए वही कान ढलकाकर सुन ले, इस सत्ययुगी मत के समर्थन में घड़ी का दृष्टांत बहुत तालियाँ पिटवाकर दिया जाता है। घड़ी समय बतलाती है। किसी घड़ी देखना जाननेवाले से समय पूछ लो और काम चला लो। यदि अधिक करो तो घड़ी देखना स्वयं सीख लो किंतु तुम चाहते हो कि घड़ी का पीछा खोलकर देखें, पुर्जे गिन लें, उन्हें खोलकर फिर जमा दें, साफ़ करके फिर लगा लें- यह तुमसे नहीं होगा। तुम उसके अधिकारी नहीं। यह तो वेदशास्त्रज्ञ धर्माचार्यों का ही काम है
97
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
2
एकल प्रश्न
'धर्म का रहस्य जानना वेदशास्त्रज्ञ धर्माचार्यों का ही काम है।' आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं? धर्म संबंधी अपने विचार व्यक्त कीजिए।
घड़ी के पुर्जे
Self answered
98
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
3
एकल प्रश्न
घड़ी समय का ज्ञान कराती है। क्या धर्म संबंधी मान्यताएँ या विचार अपने समय का बोध नहीं कराते?
घड़ी के पुर्जे
Self answered
99
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
4
एकल प्रश्न
धर्म अगर कुछ विशेष लोगों वेदशास्त्रज्ञ धर्माचार्यों, मठाधीशों, पंडे-पुजारियों की मुट्ठी में है तो आम आदमी और समाज का उससे क्या संबंध होगा? अपनी राय लिखिए।
घड़ी के पुर्जे
Self answered
100
अंतरा
ISBN 81-7450-661-6
2,022
Hindi
null
11
सुमिरिनी के मनके
5
एकल प्रश्न
जहाँ धर्म पर कुछ मुट्ठीभर लोगों का एकाधिकार धर्म को संकुचित अर्थ प्रदान करता है वहीं धर्म का आम आदमी से संबंध उसके विकास एवं विस्तार का द्योतक है।' तर्क सहित व्याख्या कीजिए।
घड़ी के पुर्जे
Self answered

A Collection of NCERT - based Educational Resources for Class XII

Introduction

This is a comprehensive collection of educational resources, sourced and prepared from NCERT textbooks, specifically catering to the academic needs of Class XIITH students. This collection represents organization of questions and answers, spanning a wide array of subjects, for students studying in Hindi medium.

The National Council of Educational Research and Training (NCERT) is an autonomous organisation set up in 1961 by the government of India to assist and advise the central and state governments on policies and programmes for qualitative improvement in school education. It has an impressive track record of developing and publishing high-quality textbooks. According to the NCERT syllabus for Class XIIth, the following are the subjects and their corresponding book titles of its entire syllabus:

S.No	Subject Name	  Book Name	                             File Size (KB)
1	    History 1	      Bharatiya Itihas Ke Kuchh Vishay-1	  66
2	    Hindi 1	          Antra	                                  66
3	    Hindi 2	          Aroh	                                  43
4	    Urdu 1	          Gulistan-e-Adab	                      41
5	    Urdu 2	          Khayaban-e-Urdu	                      22

Annotation process

Book annotation requires a careful process for data extraction and audit. In addition, the right annotators and auditors would have to be chosen for carrying out this exercise. The following is a representation of how the extraction is done and how deftly the experts in the process operate:

Data Creation

The initial step in the data creation process involves:

  1. Procuring files corresponding to each subject within a specific class syllabus. 
    
  2. Every file is sourced and downloaded from its credible website.
  3. PDF file is converted to an image
  4. Conversion is applied to extract text from these images, ensuring that the content is digitized and ready for extraction.

Data Extraction

In this phase:

  1. Individual subject files are assigned to annotators to examine the questions and answers.
  2. The annotators delve into each chapter, extracting relevant information and providing accurate responses to associated questions.
  3. Each question is assigned a unique identifier, ensuring systematic organization and ease of reference during subsequent use.

Audit

Following the data extraction process, an auditing phase:

  1. Ensures the integrity and accuracy of the extracted data.
  2. A different team checks the dataset, verifying each entry against predefined standards and criteria.
  3. This thorough examination serves as a crucial quality assurance measure, identifying and rectifying any discrepancies or errors that may have occurred during the extraction process.

Accuracy of Annotation and Auditing

Throughout the data annotation process, a focus is placed on maintaining a high level of accuracy. Analysis reveals that the annotation process achieves an accuracy rate of 98.5%. Furthermore, during auditing procedures, accuracy rate of 99.9% is attained.

Skillsets of the Annotator/Auditor

Annotators possess a robust educational background, typically holding a graduate degree, coupled with extensive proficiency in navigating the internet and utilizing MS Office tools proficiently. Auditors are generally experienced annotators and had gone through training course of data annotation.

Features

The structure of the provided data encompasses various attributes (columns), each contributing to a comprehensive understanding of the textbooks as per the XIIth class NCERT curriculum.

  • Serial Number: The serial number attributed to each question within a textbook serves as a unique identifier.
  • Book Title: This section not only enumerates the titles of the textbooks designated for the XIIth class curriculum but also provides an insightful overview of each tome.
  • Book Identifier: The Book Identifier column elucidates the International Standard Book Number (ISBN) corresponding to each textbook
  • Book Publishing Year: This information in the particular column represents the year in which the edition of the book was published.
  • Book Language: Indicating the language in which the textbook is authored, this column provides crucial information regarding the linguistic medium of the educational material.
  • Chapter Number: Should a question pertain to a specific chapter within the textbook, this attribute denotes the corresponding chapter number.
  • Chapter Name: Providing the name of the chapter to which a question pertains.
  • Question ID: Each question is assigned a unique identification code, facilitating precise referencing and tracking of individual queries within the educational material.
  • Question Type: Distinguishing between simple and multiple-choice questions.
  • Question: Presenting the specific query in a clear and concise manner.
  • Correct Answer: Identifying the appropriate response to each query.
  • Multiple Choice Answer: Identifying the appropriate choice to each query.
  • Explanation: This segment provides a comprehensive explanation, aiding students in comprehending the underlying concepts and principles.
  • Image pertaining to the Explanation: Should visual aids be necessary to augment the explanatory content, this column indicates the presence of accompanying images or charts.

Benefits

  • Effective Learning: These organized sheets serve as a valuable study guide, allowing students to cover the syllabus systematically while saving time.
  • Streamlined Preparation: The comprehensive nature of this collection enables students to focus their preparations, making last-minute revisions efficient and focused.
  • Improved Accessibility: The online availability of NCERT resources ensures that students can access them conveniently, eliminating the need for extensive physical resources.
  • Visual Engagement: Included images contribute to a more interactive learning journey, benefiting those who learn best through visualization.
  • Collaborative Learning: The unique question numbering system encourages collaborative discussions among classmates, fostering a supportive learning environment.

Purpose

This questions and answers set aims to cater to the diverse learning needs of students, ensuring accessibility and engagement for all. It streamlines the preparation process and offers a structured approach to studying. It is designed as an active facilitator of learning, helping students to unlock their full potential and navigate the complexities of the Class XII curriculum with ease.

Who are the annotators?

This dataset is curated by team @SoftAge

Conclusion

This collection guides students seamlessly through their academic journey. With an expansive range of questions and answers at their fingertips, students can approach their preparations with confidence and efficiency.

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