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्षीय मंचों, खासकर पूर्वी एशिया शिखर बैठक और जी-८५ बैठक में एक सक्रिय भागीदार रहा है। आर्थिक क्षेत्र में भारत दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के विकासशील देशों के साथ घनिष्ठ संबंध रखते है। अब भारत एक
्षीय मंचों, खास[MASK]र पू[MASK]्[MASK]ी एश[MASK]य[MASK] शिखर बैठक और जी-८५ बैठक में एक [MASK]क[MASK]रिय भागीदार रहा है। आर्[MASK]िक क्षेत[MASK]र में भ[MASK]रत दक[MASK]ष[MASK]ण अमेरिका, अ[MASK]्रीका और एशिया क[MASK] विकासश[MASK]ल देशों के साथ घनिष्ठ संबंध रखत[MASK] है। अब भारत एक
"पूर्व की ओर देखो नीति" में भी संयोग किया है। यह "आसियान" देशों के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत बनाने के मुद्दों की एक विस्तृत शृंखला है जिसमे जापान और दक्षिण कोरिया ने भी मदद किया है। यह विशेष रूप से आ
[MASK]पूर्व की ओर [MASK]ेखो नीति" में भी स[MASK]योग किया है। यह [MASK]आसियान" देशों के साथ अ[MASK]नी भागीदारी को मजबूत बनाने के मुद्दों की ए[MASK] विस[MASK]त[MASK][MASK] शृंखला है जि[MASK]मे जाप[MASK]न और दक्षिण कोरिया ने भी मदद किया है। यह विशेष रूप से आ
र्थिक निवेश और क्षेत्रीय सुरक्षा का प्रयास है। १९७४ में भारत अपनी पहले परमाणु हथियारों का परीक्षण किया और आगे १९९८ में भूमिगत परीक्षण किया। जिसके कारण भारत पर कई तरह के प्रतिबन्ध भी लगाये गए। भारत के
र[MASK]थिक निव[MASK]श और क्षेत्रीय सुरक्षा का प[MASK]रयास है। १९७४ में भार[MASK] अपनी पहले पर[MASK]ाणु ह[MASK]ियार[MASK]ं का परीक[MASK]षण कि[MASK]ा और आग[MASK] १[MASK]९८ में [MASK]ूमिगत पर[MASK]क्[MASK]ण क[MASK]या। जिसके कारण भार[MASK] पर कई तरह के प्र[MASK][MASK]बन्ध भी लगाये गए। [MASK]ारत के
पास अब तरह-तरह के परमाणु हथियारें है। भारत अभी रूस के साथ मिलकर पाँचवीं पीढ़ के विमान बना रहे है। हाल ही में, भारत का संयुक्त राष्ट्रे अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ आर्थिक, सामरिक और सैन्य सहयोग बढ़ ग
पास अब तरह-तरह के परमाणु ह[MASK]ि[MASK]ारें [MASK][MASK]। भा[MASK]त अभी रूस क[MASK] साथ मिलकर पाँचवीं पीढ़ [MASK]े [MASK]िमान बना रहे है। हा[MASK] ही [MASK]ें, भारत का [MASK][MASK]यु[MASK]्त राष्ट्रे अम[MASK]रिका [MASK]र यूरोपी[MASK] संघ के साथ आर्थिक, सामरिक और सैन[MASK]य सहयोग बढ[MASK] ग
या है। २००८ में, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच असैनिक परमाणु समझौते हस्ताक्षर किए गए थे। हालाँकि उस समय भारत के पास परमाणु हथियार था और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के पक्ष में नहीं था यह अंतरर
या है। २००८ में, भा[MASK]त और संयुक्त र[MASK]ज्य [MASK]मेरिका के [MASK][MASK][MASK] असैनिक परमाणु समझौ[MASK]े हस्ताक्षर किए गए थे। ह[MASK]लाँकि [MASK]स समय भारत [MASK]े [MASK]ास परमाणु हथियार थ[MASK] और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के पक[MASK]ष [MASK]ें न[MASK]ी[MASK] था यह अंतर[MASK]
ाष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) से छूट प्राप्त है, भारत की परमाणु प्रौद्योगिकी और वाणिज्य पर पहले प्रतिबंध समाप्त. भारत विश्व का छठा वास्तविक परमाणु हथियार राष्ट्रत
ाष्ट्रीय परम[MASK]णु ऊर्जा एजें[MASK]ी और न्यूक्लियर स[MASK]्[MASK][MASK]यर्स ग्रु[MASK] (एनएसजी) से छूट प्राप्त है, भारत की परमाणु प्रौद्योगिकी और वाणि[MASK]्य पर पहले प्रतिबंध स[MASK]ाप्त. भार[MASK] व[MASK]श्व का छ[MASK]ा वास्तविक [MASK]रमाणु [MASK]थियार राष्ट्रत
बन गया है। एनएसजी छूट के बाद भारत भी रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा सहित देशों के साथ असैनिक परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने में सक्षम है। वित्त वर्ष २०१४-१५ के केन्द्रीय अंतरिम बज
बन गया है। एन[MASK]स[MASK]ी छूट के बाद भार[MASK] भी र[MASK]स, फ्रांस, यूना[MASK]टेड किंगडम और कना[MASK]ा सहित देशों के साथ असैनिक परमाणु ऊर[MASK]जा सहय[MASK][MASK] [MASK]म[MASK]ौते पर हस्ताक्षर करने में [MASK]क्[MASK]म है। वित्त वर्ष २०१४-१५ के केन्द्रीय अं[MASK]रिम बज
ट में रक्षा आवंटन में १० प्रतिशत बढ़ोत्तरी करते हुए २२४,००० करोड़ रूपए आवंटित किए गए। २०१३-१४ के बजट में यह राशि २०३,६७२ करोड़ रूपए थी। २०१२१३ में रक्षा सेवाओं के लिए १,९३,४०७ करोड़ रुपए का प्रावधान क
ट म[MASK]ं रक्षा आवंटन में १० प्रतिशत बढ़[MASK]त्तरी करते हुए २[MASK][MASK],००० करोड़ रूपए आवंटित किए गए। २०१३-१[MASK] के बजट म[MASK][MASK] यह रा[MASK]ि २[MASK][MASK],६७२ करोड़ रू[MASK]ए थी। [MASK][MASK]१२१३ में रक्षा सेवाओं के लिए १,९३[MASK]४०७ करोड़ रुपए का प्रा[MASK]धान क
िया गया था, जबकि 20११20१2 में यह राशि १,६४,4१५ करोइ़ थी। साल 20११ में भारतीय रक्षा बजट ३६.०३ अरब अमरिकी डॉलर रहा (या सकल घरेलू उत्पाद का १,८३%)। २००८ के एक सिरपी रिपोर्ट के अनुसार, भारत क्रय शक्ति के
िया गया था, जबकि 20११20१2 मे[MASK] यह राशि १,६४,4१५ कर[MASK]इ़ थी। [MASK][MASK]ल 20११ मे[MASK] भारती[MASK] रक्षा बजट ३६.०३ अरब अमरिकी डॉलर रहा (य[MASK] सकल घरे[MASK]ू उत्पाद का १,८३%)[MASK] २००८ के एक सिरप[MASK] रिपोर्ट के अनुसार, भार[MASK] क्रय शक्ति क[MASK]
मामले में भारतीय सेना के सैन्य खर्च ७२.७ अरब अमेरिकी डॉलर रहा। साल 20११ में भारतीय रक्षा मंत्रालय के वार्षिक रक्षा बजट में ११.६ प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालाँकि यह पैसा सरकार की अन्य शाखाओं के माध्यम से
मामले मे[MASK] भारतीय सेना क[MASK] सैन्य [MASK]र्च ७२.७ अरब अम[MASK]रिकी डॉलर रहा। साल 20११ में भारतीय [MASK]क्[MASK]ा मंत्[MASK][MASK]लय के वार[MASK]षिक रक्षा बजट में ११.६ प्रति[MASK]त की वृ[MASK]्धि हुई, हालाँकि यह पैसा सरकार [MASK]ी अन्य [MASK]ाखाओं के माध्[MASK]म से
सैन्य की ओर जाते हुए पैसों में शमिल नहीं होता है। भारत दुनिया का सबसे बड़े हथियार आयातक है। २०१४ में नरेन्द्र मोदी नीत भाजपा सरकार ने मेक इन इण्डिया के नाम से भारत में निर्माण अभियान की शुरुआत की और
सैन[MASK]य की ओर जाते हुए पैस[MASK]ं में शमिल न[MASK]ीं [MASK]ोता [MASK]ै। भारत दुन[MASK]य[MASK] का स[MASK]से बड़े हथिय[MASK][MASK] आय[MASK]तक है।[MASK]२०१४ में न[MASK]ेन्द्र म[MASK][MASK]ी नीत भाजप[MASK] सरक[MASK]र ने मेक इन इण्डिया के नाम से भ[MASK]रत में निर[MASK]माण अभियान की शुरुआत की औ[MASK]
भारत को हथियार आयातक से निर्यातक बनाने के लक्ष्य की घोषणा की। रक्षा निर्माण के द्वार निजी कंपनियों के लिए भी खोल दिए गए और भारत के कई उद्योग घरानों ने बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र में पूंजी निवेश की योजन
भारत को हथियार आयातक स[MASK] निर्यातक बनाने के लक्ष्य की घोषण[MASK] [MASK][MASK]। रक्षा न[MASK]र[MASK][MASK]ाण के द्वार निजी [MASK]ंपनिय[MASK]ं के लिए भी खोल दि[MASK] गए औ[MASK] भारत के कई उद्योग घ[MASK]ानों ने [MASK]ड़े पैम[MASK]ने पर इस क्षेत्र में पूंजी [MASK]िवेश क[MASK] योजन
ाएँ घोषित की। फ्राँस की डसॉल्ट एविएशन ने अंबानी समूह के साथ साझेदारी में रफेल लड़ाकू विमान, तथा अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन ने टाटा समूह के साथ साझेदारी लड़ाकू विमान एफ-१६ का निर्माण भारत में प्रारंभ कर
ाएँ घोषित की। फ्राँस की डसॉल्ट एविएशन ने [MASK][MASK]बानी समूह के [MASK]ाथ [MASK]ाझेदारी में रफेल लड़ाक[MASK] वि[MASK]ान, तथा अमेरिका की ल[MASK]कह[MASK]ड मार्टिन ने टाटा समूह के साथ साझेदारी लड़ाकू विमान [MASK]फ-१६ [MASK]ा निर्माण भारत में प्रारंभ कर
ने की घोषणाएँ की हैं। अन्य प्रतिष्ठित समूह जैसे एल एंड टी,हप्स://स्कोलर.वाल्पो.एडू/क्गी/वियूकॉन्टेंट.क्गी?रेफ्रर=हप्स://एन.विकिपीड़िया.ऑर्ग/&हप्सरेदिर=१&आर्टियल=१095&कॉनटेक्स्ट=ज्व्बल वालपराइसो विश्वव
ने की [MASK]ोष[MASK][MASK]एँ की हैं। अन्य प[MASK]रतिष्ठित सम[MASK][MASK] जैसे एल एंड टी,[MASK]प्स://स[MASK]कोल[MASK].वाल्पो.[MASK]डू/क्गी[MASK][MASK]िय[MASK]कॉन्टेंट.क[MASK]गी?र[MASK][MASK]्रर=हप्स://[MASK]न.विकि[MASK]ीड़िया.[MASK]र्ग/[MASK]हप्सरेदिर=१&आर्टियल=१0[MASK]5&कॉनटेक्स्ट=ज्व्ब[MASK] वालप[MASK]ाइसो वि[MASK]्वव
िद्यालय अनुसंधान महिंद्रा, कल्याणी आदि भी कई परियोजनाओं के निर्माण की पहल कर चुके हैं जिनमें तोपें, असला, जलपोत व पनडुब्बियों का निर्मान शामिल है। रूस के साथ कमोव हेलीकॉप्टर का निर्माण भी भारत में करन
ि[MASK]्या[MASK]य अनुसंधान [MASK][MASK]ि[MASK]द्रा, कल्याणी आदि भ[MASK] कई परियोजनाओं के निर्माण [MASK][MASK] प[MASK]ल क[MASK] चुके हैं जिनमें तोपें, असला, जल[MASK]ोत व पनडु[MASK]्बियों का निर्[MASK]ान शामिल है। र[MASK]स [MASK]े साथ कमोव हेलीकॉप्टर का निर्माण भी भारत में करन
े के लिए समझौता हुआ है। राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश वर्तमान में भारत २८ राज्यों तथा ८ केन्द्रशासित प्रदेशों में बँटा हुआ है। राज्यों की चुनी हुई स्वतंत्र सरकारें हैं, जबकि केन्द्रशासित प्रदेशों पर के
े के [MASK]िए समझौता हुआ है। रा[MASK]्[MASK] और केन्[MASK]्रशा[MASK]ित प्रद[MASK]श वर्तमान [MASK]े[MASK] [MASK]ारत २८ राज[MASK][MASK]ों [MASK]था ८ क[MASK]न्द्[MASK]शासित प्रदेश[MASK]ं मे[MASK] [MASK]ँटा [MASK]ुआ है। राज्यों क[MASK] चु[MASK]ी हुई स[MASK]वतंत्र स[MASK]कारें [MASK][MASK]ं, जबकि केन[MASK]द्रशासित प्रद[MASK]शों पर के
न्द्र द्वारा नियुक्त प्रबंधन शासन करता है, हालाँकि पॉण्डिचेरी और दिल्ली की लोकतांत्रिक सरकार भी हैं। अन्टार्कटिका और दक्षिण गंगोत्री और मैत्री पर भी भारत के वैज्ञानिक-स्थल हैं, यद्यपि अभी तक कोई वास्त
न्द्र द्वारा नियुक्त [MASK]्रबंधन शा[MASK]न करता [MASK]ै, [MASK]ालाँकि पॉण्डिचेरी और दिल्ल[MASK] की लोकतां[MASK]्रिक [MASK]र[MASK]ार भी हैं। अन्टार्कटिका और दक्षिण [MASK]ंगोत[MASK]री और मैत्री [MASK]र भी भारत के वैज्ञ[MASK]निक[MASK]स्थल है[MASK], [MASK]द्यपि अभी तक कोई वास्त
विक आधिपत्य स्थापित नहीं किया गया है। राज्यों के नाम निम्नवत हैं (कोष्ठक में राजधानी का नाम) चंडीगढ़ एक केंद्रशासित प्रदेश है तथा यह पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी है। २६ जनवरी २०२० को दादर
[MASK]िक आधिपत्य स्थापित नहीं किया गया है। रा[MASK]्[MASK]ों के [MASK][MASK]म न[MASK]म्नवत है[MASK] (कोष्ठक में राजध[MASK]न[MASK] का नाम) चंडीगढ़ एक के[MASK]द्रशासित प्रदेश है तथा यह पंजाब और [MASK]रियाणा द[MASK]नों राज्य[MASK][MASK] की रा[MASK]ध[MASK]नी है। [MASK]६ जन[MASK][MASK]ी २०२० को दादर
ा एव नगर हवेली तथा दमन द्वीप का विलय करके एक केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया है। अब इसका पूरा नाम दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन द्वीप है। भाषाओं के मामले में भारतवर्ष विश्व के समृद्धतम देशों में से है।
ा एव नगर हवेली तथा दमन द्वी[MASK] का [MASK][MASK]लय करके एक [MASK]ेंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया है। [MASK]ब इसका पूरा नाम दादरा एवं न[MASK]र हवेली तथा दमन द्वीप है। भाषाओं के मामल[MASK] म[MASK]ं भारतवर्ष विश्व क[MASK] समृद्[MASK]तम देशों में से है।
संविधान के अनुसार हिन्दी भारत की राजभाषा है, और अंग्रेजी को सहायक राजाभाषा का स्थान दिया गया है। १९४७-१९५० के संविधान के निर्माण के समय देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी भाषा और हिन्दी-अरबी अंकों के अन्तर
संविधान के अनुसार [MASK]िन्दी भार[MASK] क[MASK] राजभाषा है, और अं[MASK]्[MASK][MASK]जी को [MASK]हायक [MASK]ाजाभाषा [MASK]ा स[MASK]थान दि[MASK]ा ग[MASK]ा ह[MASK]। १९४७-१९[MASK]० के संविधान के नि[MASK][MASK]माण के समय देवनागरी लिप[MASK] में लिखी हिन्दी भाषा और हिन[MASK]दी-अ[MASK]बी अंकों के अन्[MASK]र
्राष्ट्रीय स्वरूप को संघ (केंद्र) सरकार की कामकाज की भाषा बनाया गया था, और गैर-हिन्दी भाषी राज्यों में हिन्दी के प्रचलन को बढ़ाकर उन्हें हिन्दी-भाषी राज्यों के समान स्तर तक आने तक के लिये १५ वर्षों तक
्राष्ट्रीय [MASK]्व[MASK]ूप को संघ ([MASK]ेंद्र) सरकार की कामकाज की भ[MASK]षा बनाया गया था, और गैर-[MASK][MASK]न्दी भाषी र[MASK]ज्यों में हिन्दी के [MASK]्[MASK]चलन को बढ़ाकर [MASK]न्हें हिन्दी-भाषी राज[MASK]यों के समान [MASK]्तर तक आने तक के लिये १५ व[MASK]्षों [MASK]क
अंग्रेजी के इस्तेमाल की इजाज़त देते हुए इसे सहायक राजभाषा का दर्ज़ा दिया गया था। संविधान के अनुसार यह व्यवस्था १९५० में समाप्त हो जाने वाली थी, लेकिन् तमिलनाडु राज्य के हिन्दी भाषा विरोधी आन्दोलन और
अंग्रेज[MASK] के [MASK]स[MASK]तेमाल की इ[MASK]ाज़त देते हुए इसे सहायक [MASK]ाजभाषा का दर्[MASK]़ा द[MASK]य[MASK] गया था। संविधान क[MASK] अनुसार य[MASK] व्यवस्था १९५० [MASK]ें समाप्त [MASK]ो ज[MASK][MASK]े वाली [MASK]ी, लेकिन् तमिलनाडु र[MASK]ज[MASK]य के हिन्दी भ[MASK]ष[MASK] विर[MASK]धी आन्दोलन औ[MASK]
हिन्दी भाषी राज्यों राजनैतिक विरोध के परिणामस्वरूप, संसद ने इस व्यवस्था की समाप्ति को अनिश्चित काल तक स्थगित कर दिया है। इस वजह से वर्तमान समय में केंद्रीय सरकार में काम हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषाओं में
हिन[MASK]दी भाषी रा[MASK]्यों राजनैतिक विरोध क[MASK] पर[MASK]णाम[MASK]्वरूप, संस[MASK] ने इस व्यवस्था की समा[MASK][MASK]ति को अन[MASK]श्चित काल त[MASK] [MASK]्[MASK]गित क[MASK] दिया है। इस वज[MASK] से व[MASK]्तम[MASK]न समय में के[MASK][MASK]्रीय सरकार मे[MASK] काम [MASK]िन्दी और अंग्रेज़ी [MASK]ाषाओं में
होता है और राज्यों में हिन्दी अथवा अपने-अपने क्षेत्रीय भाषाओं में काम होता है। केन्द्र और राज्यों और अन्तर-राज्यीय पत्र-व्यवहार के लिए, यदि कोई राज्य ऐसी मांग करे, तो हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं
होता है और राज्यों में हिन्दी अथवा अपने-अपन[MASK] क्षेत्रीय [MASK]ाषाओं में काम हो[MASK]ा है। केन्द्र और राज्यों और अन्तर[MASK]राज[MASK]यीय पत्र-व्यवहा[MASK] के लिए, [MASK]दि [MASK]ोई र[MASK]ज्[MASK] ऐसी मा[MASK]ग करे, [MASK]ो हिन्दी और [MASK]ंग्रे[MASK]़ी दोनों भाषाओं
का होना आवश्यक है। भारतीय संविधान एक राष्ट्रभाषा का वर्णन नहीं करता। भारत में कोई राष्ट्रभाषा नहीं है. हिंदी और अंग्रेजी भारत सरकार की आधिकारिक भाषाएं हैं, लेकिन कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है। भारत में
का ह[MASK]ना आवश्यक है। भारत[MASK]य संव[MASK]धान एक राष्ट्रभाषा क[MASK] वर[MASK]णन नहीं करता। भारत में कोई राष[MASK]ट[MASK]रभाषा [MASK]हीं है. [MASK]िंदी और अंग्रेजी भारत सरकार की आधिकारिक भा[MASK]ा[MASK]ं ह[MASK]ं, लेकिन [MASK]ोई राष्ट्री[MASK] भाष[MASK] नहीं है। भारत में
२२ आधिकारिक भाषाएँ हैं, जिनमें से प्रत्येक को बड़ी संख्या में लोग बोलते हैं। हालाँकि, हिंदी का उपयोग अनिवार्य नहीं है, और अन्य आधिकारिक भाषाओं का भी उपयोग किया जा सकता है। हिन्दी और अंग्रेज़ी के इलावा
२[MASK] आधिकारिक भ[MASK]षाएँ ह[MASK]ं, जिन[MASK]ें [MASK]े प्रत्ये[MASK] को बड़ी संख्या में लोग बोलते हैं। हाल[MASK]ँकि, [MASK]िंदी क[MASK] उपयोग अनिव[MASK]र्य नहीं है, और अन्य आधिकारिक भाष[MASK]ओं का [MASK]ी उपयोग किया जा सकता ह[MASK]।[MASK][MASK][MASK]न्द[MASK] और अंग्रेज़ी के [MASK]लाव[MASK]
संविधान की आठवीं अनुसूची में २० अन्य भाषाओं का वर्णन है जिन्हें भारत में आधिकारिक कामकाज में इस्तेमाल किया जा सकता है। संविधान के अनुसार सरकार इन भाषाओं के विकास के लिये प्रयास करेगी, और अधिकृत राजभा
[MASK]ंविध[MASK]न की आठवीं अ[MASK]ुसूची में २० अन्य भाषाओं का वर्[MASK]न है जिन्हें भारत में आधिकारिक कामकाज मे[MASK] इस्तेमाल किया जा सकता है। [MASK]ंविधान के अनुसार [MASK][MASK]का[MASK] [MASK]न भाषाओं [MASK]े विकास के लिये प्रयास करेगी, और अधिकृत राजभा
षा (हिन्दी) को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए इन भाषाओं का उपयोग करेगी। आठवीं अनुसूची में दर्ज़ २२ भाषाएँ यह हैं: राज्यवार भाषाओं की आधिकारिक स्थिति इस प्रकार है: भूगोल और जलवायु भारत पूरी तौर पर भारतीय
षा (हिन[MASK]दी) को और अध[MASK]क समृद[MASK]ध बनान[MASK] [MASK]े लिए [MASK]न भाषाओं का उपयोग करेगी। आठवी[MASK] अनुसूची में दर्ज़ २२ [MASK]ा[MASK]ाए[MASK] यह हैं: राज्[MASK]वार भाषाओं की [MASK]धि[MASK][MASK]रिक स्थित[MASK] इस प्र[MASK]ार ह[MASK][MASK] भूगोल और ज[MASK]वायु भारत [MASK]ू[MASK]ी तौर पर भारतीय
प्लेट के ऊपर स्थित है जो भारतीय आस्ट्रेलियाई प्लेट (इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट) का उपखण्ड है। प्राचीन काल में यह प्लेट गोंडवानालैण्ड का हिस्सा थी और अफ्रीका और अंटार्कटिका के साथ जुड़ी हुई थी। तकरीबन ९ कर
प्लेट के [MASK]पर स्थित है जो भारतीय आस्ट्रेलिया[MASK] प्लेट (इंडो-ऑस[MASK][MASK]्रेलिय[MASK] प्लेट) का उपखण[MASK]ड है[MASK] प्[MASK][MASK]चीन काल में यह प्लेट [MASK]ोंडवानालैण्ड का हि[MASK]्सा थी औ[MASK] अफ्रीका और अंट[MASK]र्क[MASK]िका के साथ जुड़ी हुई थी। [MASK][MASK]रीबन ९ कर
ोड़ वर्ष पहले क्रीटेशियस काल में भारतीय प्लेट १५ सेमी. वर्ष की गति से उत्तर की ओर बढ़ने लगी और इओसीन पीरियड में यूरेशियन प्लेट से टकराई। भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के मध्य स्थित टेथीस भूसन्नति के
ोड़ [MASK]र्ष पहले क्रीटेशियस [MASK]ाल में भारत[MASK]य प्लेट १५ सेमी. वर्ष क[MASK] गत[MASK] से उत[MASK]तर की ओर बढ़ने लगी और इओसीन पीरियड में यूर[MASK]शियन प्लेट से टकराई। भा[MASK]तीय प्[MASK][MASK]ट और यू[MASK]ेशियन प्लेट के मध्य स्थित टेथी[MASK] भूसन्नत[MASK] के
अवसादों के वालन द्वारा ऊपर उठने से तिब्बत पठार और हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ। सामने की द्रोणी में बाद में अवसाद जमा हो जाने से सिन्धु-गंगा मैदान बना। भारतीय प्लेट अभी भी लगभग ५ सेमी./वर्ष की गति से उ
अवसादों [MASK]े वालन [MASK]्वारा ऊपर उठने से [MASK]ि[MASK]्[MASK]त पठा[MASK] और ह[MASK]मालय [MASK]र्वत का निर्माण हुआ। सामने क[MASK] [MASK]्रोणी मे[MASK] बाद में अवस[MASK][MASK] जमा ह[MASK] जाने से सिन्धु-गंगा म[MASK]दान ब[MASK]ा। भ[MASK]रतीय प[MASK]ल[MASK]ट अभी भी लग[MASK]ग ५ सेमी./वर्ष की ग[MASK]ि से उ
त्तर की ओर गतिशील है और हिमालय की ऊँचाई में अभी भी २ मिमी./वर्ष कि गति से उत्थान हो रहा है। भारत के उत्तर में हिमालय की पर्वतमाला नए और मोड़दार पहाड़ों से बनी है। यह पर्वतश्रेणी कश्मीर से अरुणाचल तक ल
त्तर की ओर गतिश[MASK]ल है और हिम[MASK]ल[MASK] की ऊँच[MASK]ई में अभी भी २ मिम[MASK]./वर्ष कि गति से उत्थान हो रहा है। भारत के उत्तर में हिमालय की पर्वतमाल[MASK] नए और [MASK]ोड़दार पहा[MASK]़ों से बनी है। यह [MASK]र्व[MASK]श्रे[MASK]ी कश्मीर से अरुणाचल [MASK]क ल
गभग १,५०० मील तक फैली हुई है। इसकी चौड़ाई १५० से २०० मील तक है। यह संसार की सबसे ऊँची पर्वतमाला है और इसमें अनेक चोटियाँ २४,००० फुट से अधिक ऊँची हैं। हिमालय की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट है जिसकी ऊँ
ग[MASK]ग १,५०० मील [MASK]क फैली हुई ह[MASK]। इसकी [MASK]ौड़ाई [MASK]५० से २०० मील तक है[MASK] [MASK]ह संसार की सबसे ऊँची पर[MASK]वतमाला है और इसमें अनेक च[MASK]टियाँ २४,००० फुट से अधि[MASK] ऊ[MASK]च[MASK] हैं। ह[MASK]मालय की स[MASK]से ऊँची चोटी माउंट [MASK]व[MASK]ेस[MASK]ट ह[MASK] जिसकी ऊ[MASK]
चाई २९,०२८ फुट है जो नेपाल में स्थित है। हिमालय के दक्षिण सिन्धु-गंगा मैदान है जो सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियों द्वारा बना है। हिमालय (शिवालिक) की तलहटी में जहाँ नदियाँ पर्वतीय क्षे
चाई २९,०२८ फुट है जो [MASK]ेपाल म[MASK]ं स्थित है। हिमालय के द[MASK]्[MASK][MASK]ण [MASK]ि[MASK]्ध[MASK]-गंगा मैदा[MASK] है जो सि[MASK]धु, गंगा तथा ब[MASK]रह्मप[MASK]त्र और उनक[MASK] सहायक नदियों द्वारा बना है। हिमालय (श[MASK][MASK]ालिक) की तलहटी में जहाँ नदिय[MASK][MASK] पर्वतीय क्षे
त्र को छोड़कर मैदान में प्रवेश करती हैं, एक संकीर्ण पेटी में कंकड पत्थर मिश्रित निक्षेप पाया जाता है जिसमें नदियाँ अंतर्धान हो जाती हैं। इस ढलुवाँ क्षेत्र को भाबर कहते हैं। भाबर के दक्षिण में तराई प्र
[MASK][MASK]र को छोड़कर मै[MASK][MASK]न [MASK]े[MASK] प्रव[MASK]श [MASK]रती हैं, एक सं[MASK]ी[MASK]्ण पेटी में कंकड पत्थर मिश्रित निक्षे[MASK] पाया जाता है [MASK]िसमें [MASK]दियाँ अंतर्धान ह[MASK] जाती हैं। इ[MASK] ढलुवाँ क्षेत[MASK]र को भा[MASK]र कहत[MASK] हैं। भाबर के दक्ष[MASK]ण में तरा[MASK] प्र
देश है, जहाँ विलुप्त नदियाँ पुन: प्रकट हो जाती हैं। यह क्षेत्र दलदलों और जंगलों से भरा है। तराई के दक्षिण में जलोढ़ मैदान पाया जाता है। मैदान में जलोढ़ दो किस्म के हैं, पुराना जलोढ़ और नवीन जलोढ़। पुर
दे[MASK] है[MASK] जहाँ विलुप्त नदियाँ [MASK]ु[MASK]: प्रकट हो [MASK]ाती हैं। यह क्षेत्र दलदलों और जंगल[MASK]ं से भरा है। तरा[MASK] के दक्षिण में जलोढ़ मैदान पाया जाता [MASK]ै। मैदान मे[MASK] जलो[MASK]़ [MASK]ो किस्म के हैं, पुराना जलोढ़ और नवीन जलोढ़। प[MASK]र
ाने जलोढ़ को बाँगर कहते हैं। यह अपेक्षाकृत ऊँची भूमि में पाया जाता है, जहाँ नदियों की बाढ़ का जल नहीं पहुँच पाता। इसमें कहीं कहीं चूने के कंकड मिलते हैं। नवीन जलोढ़ को खादर कहते हैं। यह नदियों की बाढ़
ाने जलोढ़ को बाँगर कहते है[MASK]। यह [MASK][MASK]ेक्षाकृत ऊँची भूमि में पाया ज[MASK]ता है, जह[MASK]ँ नदियों की बाढ़ का जल नहीं पहुँच पाता[MASK] इसमें क[MASK]ीं कहीं चूने के कं[MASK]ड [MASK]िलत[MASK] हैं। नवीन जल[MASK]ढ़ क[MASK] खा[MASK]र कहते है[MASK]। यह नदिय[MASK]ं की बाढ़
के मैदान तथा डेल्टा प्रदेश में पाया जाता है जहाँ नदियाँ प्रति वर्ष नई तलछट जमा करती हैं। उत्तरी भारत के मैदान के दक्षिण का पूरा भाग एक विस्तृत पठार है जो दुनिया के सबसे पुराने स्थल खंड का अवशेष है और
के मै[MASK]ान तथ[MASK] डेल्ट[MASK] प्[MASK]द[MASK]श में [MASK]ाया जाता [MASK]ै जहाँ नद[MASK]या[MASK] प्रति वर्ष [MASK]ई तलछट ज[MASK]ा करती हैं। उत्तरी भारत के मैदान [MASK]े दक्षिण का पू[MASK]ा [MASK]ाग एक विस[MASK]तृत पठार है जो दुनिय[MASK] के सबसे पुरान[MASK] [MASK]्थल खंड [MASK]ा अवशेष है [MASK]र
मुख्यत: कड़ी तथा दानेदार कायांतरित चट्टानों से बना है। पठार तीन ओर पहाड़ी श्रेणियों से घिरा है। उत्तर में विंध्याचल तथा सतपुड़ा की पहाड़ियाँ हैं, जिनके बीच नर्मदा नदी पश्चिम की ओर बहती है। नर्मदा घाट
म[MASK][MASK]्य[MASK][MASK] क[MASK][MASK]ी तथा दा[MASK]ेदार का[MASK]ांतरित चट्टानों से [MASK]ना है। प[MASK]ार तीन ओर पह[MASK]ड़ी श्रेणिय[MASK]ं से घिरा है। उत[MASK]तर में विंध[MASK]याचल तथा सत[MASK]ुड़[MASK] की पहाड़[MASK]याँ हैं, जिनके बीच नर्मदा नदी पश्चिम की ओर बहती है। नर्मदा घाट
ी के उत्तर विंध्याचल प्रपाती ढाल बनाता है। सतपुड़ा की पर्वतश्रेणी उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करती है और पूर्व की ओर महादेव पहाड़ी तथा मैकाल पहाड़ी के नाम से जानी जाती है। सतपुड़ा के दक्षिण अजंता
ी के उत्तर [MASK]िंध्[MASK]ाचल प[MASK]र[MASK]ा[MASK]ी ढाल बनाता है। सतपु[MASK]़ा की [MASK]र्वतश्रेणी उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करती है और पूर्व की ओर महादेव पहाड़ी तथा मैकाल पहाड़ी के नाम से [MASK]ानी जाती है। सतपुड़ा के दक्षिण अ[MASK][MASK]ता
की पहाड़ियाँ हैं। प्रायद्वीप के पश्चिमी किनारे पर पश्चिमी घाट और पूर्वी किनारे पर पूर्वी घाट नामक पहाडियाँ हैं। कई महत्वपूर्ण और बड़ी नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गोदावरी और कृष्णा भारत से ह
की पहाड[MASK]िय[MASK]ँ हैं। प[MASK][MASK]ायद्व[MASK]प क[MASK] पश्चिमी किनारे पर पश्चिमी घाट और पू[MASK][MASK]वी किनारे पर पू[MASK]्[MASK]ी घाट न[MASK]म[MASK] प[MASK][MASK]डिया[MASK] हैं।[MASK]कई महत्वप[MASK]र्[MASK] और बड़ी नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्[MASK]पु[MASK]्र[MASK] यम[MASK]ना, गोदावरी और कृष्णा भ[MASK]रत से ह
ोकर बहती हैं। कोपेन के वर्गीकरण में भारत में छह प्रकार की जलवायु का निरूपण है किन्तु यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि भू-आकृति के प्रभाव में छोटे और स्थानीय स्तर पर भी जलवायु में बहुत विविधता और विशिष्टता मि
ोकर बहती हैं। कोपेन के वर्गीकरण में भारत में छह प्रकार [MASK]ी जलवायु का [MASK]िरू[MASK]ण है [MASK][MASK]न[MASK]तु यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि भू-आकृति के [MASK]्रभाव में छोटे और स्थानीय स्तर पर भी जलवायु में [MASK]हु[MASK] विविधता और विशिष्टत[MASK] मि
लती है। भारत की जलवायु दक्षिण में उष्णकटिबंधीय है और हिमालयी क्षेत्रों में अधिक ऊँचाई के कारण अल्पाइन (ध्रुवीय जैसी), एक ओर यह पुर्वोत्तर भारत में उष्ण कटिबंधीय नम प्रकार की है तो पश्चिमी भागों में शु
लती है[MASK] भारत की जलवायु दक्षि[MASK] [MASK]ें उष्णकटिबंध[MASK]य है और हिमालयी क्षेत्रों [MASK]ें अधिक ऊँ[MASK]ाई के कारण अल्पाइन (ध्रु[MASK]ीय ज[MASK]स[MASK]), एक ओर य[MASK] पुर्वोत्तर भार[MASK] में [MASK]ष्ण कटिबंधीय नम प्[MASK]क[MASK]र की है तो पश्चिमी [MASK]ाग[MASK]ं में [MASK]ु
ष्क प्रकार की। कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में निम्नलिखित छह प्रकार के जलवायु प्रदेश पाए जाते हैं: आर्द्र उपोष्ण (कवा); उष्ण कटिबंधीय नम और शुष्क (अव); उष्ण कटिबंधीय नम (आम); शुष्क मरुस्थलीय (बह)
ष्क प्रकार की। को[MASK]ेन के वर्ग[MASK]क[MASK]ण के अनुसार भारत मे[MASK] निम्नलिखि[MASK] छह प्[MASK]कार के जलवायु प्रद[MASK]श पाए जाते हैं: आर्द्र उपोष्ण (कवा[MASK]; उष्ण कटिबंधीय [MASK]म [MASK]र शुष्क (अव)[MASK][MASK]उष[MASK]ण क[MASK]िबंधीय नम (आम); श[MASK][MASK]्क मरुस्[MASK]लीय (बह)
. परंपरागत रूप से भारत में छह ऋतुएँ मानी जाती रहीं हैं परन्तु भारतीय मौसम विज्ञान विभाग चार ऋतुओं का वर्णन करता है जिन्हें हम उनके परंपरागत नामों से तुलनात्मक रूप में निम्नवत लिख सकते हैं: शीत ऋतु (वि
. परंपरागत रूप से भारत [MASK][MASK]ं छह [MASK]तुएँ मानी [MASK]ाती रही[MASK] है[MASK] परन्तु भ[MASK]रतीय मौसम विज्ञ[MASK]न व[MASK][MASK]ाग चा[MASK] ऋतुओं का व[MASK]्ण[MASK] करता है जिन्हें हम उनक[MASK] परंपरागत न[MASK][MASK]ों से तुलना[MASK]्मक रूप में नि[MASK]्नवत लिख सकते हैं: शीत ऋतु (वि
ंटर) दिसंबर से मार्च तक, जिसमें दिसंबर और जनवरी सबसे ठंडे महीने होते हैं; उत्तरी भारत में औसत तापमान १० से १५ डिग्री सेल्सियस होता है। ग्रीष्म ऋतु (समर्स और प्री-मान्सून) अप्रैल से जून तक जिसमें मई सब
[MASK]टर) [MASK]िसंबर से मार्च तक, जिसमें दिसंबर और जनवर[MASK] सबसे ठंडे [MASK]हीने होते हैं; उत्तरी भ[MASK]रत [MASK]ें औसत तापमान १० से [MASK]५ डि[MASK]्री [MASK]ेल्सिय[MASK] होता है। ग्रीष्म ऋतु (स[MASK]र्स औ[MASK] [MASK]्री-मान्[MASK]ून) अप्रैल स[MASK] जून त[MASK] जिसम[MASK]ं मई सब
से गर्म महीना होता है, औसत तापमान ३२ से ४० डिग्री सेल्सियस होता है। वर्षा ऋतु (मान्सून और रेनी) जून से सितम्बर तक, जिसमें सार्वाधिक वर्षा अगस्त महीने में होती है, वस्तुतः मानसून का आगमन और प्रत्यावर्त
स[MASK] गर्म महीन[MASK] होता है, औसत ता[MASK]मान ३२ से ४० डिग्री सेल्सियस होता ह[MASK]। वर्षा ऋतु (मान्सून और [MASK]ेनी) ज[MASK][MASK] से सितम्बर तक, जिसम[MASK][MASK] सार्वाधिक वर्षा अगस्त महीने [MASK]ें [MASK]ो[MASK]ी ह[MASK], वस्[MASK]ुतः मानसून का आगमन और प्रत्यावर्[MASK]
न (लौटना) दोनों क्रमिक रूप से होते हैं और अलग अलग स्थानों पर इनका समय अलग अलग होता है। सामान्यतः १ जून को केरल तट पर मानसून के आगमन तारीख होती है इसके ठीक बाद यह पूर्वोत्तर भारत में पहुँचता है और क्रम
न (लौटना) दोनों क्र[MASK]िक रूप से [MASK]ो[MASK][MASK] हैं और अलग अलग स्थ[MASK]नों पर इनका समय अ[MASK]ग अलग होता है। सामान्[MASK]तः १ [MASK]ून को केरल तट पर मान[MASK]ून के आगमन तारीख होती है इसके ठीक बाद यह पूर[MASK]वोत्त[MASK] भारत में पह[MASK]ँचता है और क्रम
शः पूर्व से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण की ओर गतिशील होता है इलाहाबाद में मानसून के पहुँचने की तिथि १८ जून मानी जाती है और दिल्ली में २९ जून। शरद ऋतु (पोस्ट-मान्सून ओट ऑतुमन) - उत्तरी भारत में अक्टूबर
श[MASK] पूर्व से [MASK]श्चिम तथा उत्[MASK][MASK] [MASK]े दक्षिण की ओर गतिशील होता है [MASK]लाहाबाद में मानसून के पह[MASK]ँचने की ति[MASK]ि १८ जून मान[MASK] ज[MASK]ती है और दिल्ली म[MASK]ं [MASK]९ [MASK]ून। शरद ऋतु (पोस[MASK]ट[MASK][MASK]ान्सून ओट ऑतुमन) - उत्[MASK]री भारत मे[MASK] अक्टूबर
और नवंबर माह में मौसम साफ़ और शांत रहता है और अक्टूबर में मानसून लौटना शुरू हो जाता है जिससे तमिलनाडु के तट पर लौटते मानसून से वर्षा होती है। भारत के मुख्य शहर हैं दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बंग
और नवं[MASK]र म[MASK]ह [MASK]ें मौसम साफ़ और शांत रहता ह[MASK] और [MASK]क्टूबर में मानसून लौटना शुरू हो जात[MASK] है जिससे तमिलनाडु के तट पर [MASK]ौटते म[MASK]नसून से वर्षा होत[MASK] ह[MASK]। [MASK]ारत के [MASK]ुख्य शहर हैं दिल[MASK]ली, मु[MASK]्बई, कोलक[MASK]ता, च[MASK]न्नई, बंग
लोर (बेंगलुरु)| यह भी देंखे भारत के शहर मुद्रा स्थानांतरण की दर से भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में दसवें और क्रयशक्ति के अनुसार तीसरे स्थान पर है। वर्ष २००३ में भारत में लगभग ८% की दर से आर्थिक वृद्धि
ल[MASK]र (बेंगलु[MASK]ु)| यह भी द[MASK]ंखे भारत के शहर मुद्रा स्थान[MASK]ंत[MASK]ण की [MASK]र से भारत की अर्थव्[MASK]वस्था विश्व में द[MASK]वें और क्र[MASK][MASK]क्ति के अनुसार तीसरे स्थान पर है। वर्[MASK] २००३ में भारत में लगभग ८% की दर से आर्थिक वृद्धि
हुई है जो कि विश्व की सबसे तीव्र बढती हुई अर्थव्यवस्थओं में से एक है। परंतु भारत की अत्यधिक जनसंख्या के कारण प्रतिव्यक्ति आय क्रयशक्ति की दर से मात्र ३,२६२ अमेरिकन डॉलर है जो कि विश्व बैंक के अनुसार १
हुई है जो कि विश्व की सबसे तीव्र ब[MASK]ती हु[MASK] अर्[MASK]व्यवस्थओं मे[MASK] से एक है। पर[MASK]तु भा[MASK]त की अत्यधिक जनसं[MASK][MASK]या के का[MASK]ण प्रतिव[MASK]यक्ति आय क्रयशक[MASK]ति की [MASK]र स[MASK] मात[MASK]र ३,२६२ अमेरिकन डॉ[MASK]र है जो [MASK]ि विश्व बै[MASK]क के अन[MASK]सार १
२५वें स्थान पर है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार २६५ (मार्च २००९) अरब अमेरिकी डॉलर है। मुम्बई भारत की आर्थिक राजधानी है और भारतीय रिजर्व बैंक और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय भी। यद्यपि एक चौथाई भार
२५वें स्थान पर है। भार[MASK] का विदेशी मुद्रा भंडार २६५ [MASK]मार्च २[MASK]०९) अरब अमेर[MASK]की [MASK]ॉलर है। मुम्[MASK]ई भारत की आ[MASK]्थ[MASK]क [MASK]ाज[MASK]ानी है और भारत[MASK]य रिजर्[MASK] बैंक औ[MASK] बॉम्[MASK]े स्टॉ[MASK] एक्सचेंज का मु[MASK]्[MASK]ालय भी। यद्यपि एक च[MASK]थाई भार
तीय अभी भी निर्धनता रेखा से नीचे हैं, तीव्रता से बढ़ती हुई सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के कारण मध्यमवर्ग में वृद्धि हुई है। १९९१ के बाद भारत में आर्थिक सुधार की नीति ने भारत के सर्वंगीण विकास में बड़ी
तीय अभी भी न[MASK]र्[MASK]नता र[MASK]खा से नीचे हैं, तीव्रता से [MASK]ढ़ती हुई सूचन[MASK] प्रौद्योगिकी [MASK]ंपनियों के का[MASK]ण मध्यमवर्ग में वृद्धि हुई है। १९९१ क[MASK] बाद भारत [MASK]ें आर्थिक सुध[MASK]र [MASK][MASK] नीति ने भारत के सर[MASK]वंगीण विकास में बड़ी
भूमिका निभाई है। १९९१ के बाद भारत में हुए आर्थिक सुधारोँ ने भारत के सर्वांगीण विकास में बड़ी भूमिका निभाई। भारतीय अर्थव्यवस्था ने कृषि पर अपनी ऐतिहासिक निर्भरता कम की है और कृषि अब भारतीय सकल घरेलू उ
भू[MASK]ि[MASK]ा निभाई [MASK]ै। १९९१ के बाद भ[MASK][MASK]त में हुए आर्थिक सुधारोँ ने [MASK]ार[MASK] के सर्व[MASK]ंगीण विकास में [MASK]ड़ी भू[MASK]िका न[MASK]भ[MASK]ई। भ[MASK]रतीय अर[MASK]थव्यवस्था ने कृषि पर [MASK]पनी ऐत[MASK]हासिक निर्भरता कम [MASK]ी है और कृषि अब भारतीय सकल घरेलू उ
त्पाद (जीडीपी) का केवल २५% है। दूसरे प्रमुख उद्योग हैं उत्खनन, पेट्रोलियम, बहुमूल्य रत्न, चलचित्र, वस्त्र, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं, तथा सजावटी वस्तुऐं। भारत के अधिकतर औद्योगिक क्षेत्र उसके प्रमुख मह
त्पाद [MASK]जीडीपी) का केवल २५% है। दूसरे प्रमुख [MASK]द्यो[MASK] हैं उत्खनन[MASK] पेट्रोलिय[MASK], बहु[MASK]ू[MASK]्य रत्न, चलचित्र, वस्त्[MASK], सू[MASK]ना प्रौद्योगिकी [MASK]ेवाए[MASK], त[MASK]ा [MASK]जा[MASK]टी वस्तुऐं। भारत [MASK]े अधिकतर औद्योगिक क्ष[MASK]त्र उ[MASK]के प्रमुख मह
ानगरों के आसपास स्थित हैं। हाल ही के वर्षों में $१७२० करोड़ अमरीकी डालर वार्षिक आय २००४-२००५ के साथ भारत सॉफ़्टवेयर और बीपीओ सेवाओं का सबसे बड़ा केन्द्र बन कर उभरा है। इसके साथ ही कई लघु स्तर के उद्यो
ानगरों [MASK]े आसपास स्थित हैं। ह[MASK]ल ह[MASK] के वर्षों में $१७२० करोड़ अमरीकी डालर वार्षिक आय २००[MASK]-२००५ के साथ भ[MASK]रत सॉफ़्टवेयर और बी[MASK]ीओ से[MASK]ाओं का [MASK]बसे बड़ा केन्[MASK]्र बन कर उभरा है। इस[MASK][MASK] स[MASK]थ ही कई लघु स्तर के उद्यो
ग भी हैं जोकि छोटे भारतीय गाँव और भारतीय नगरों के कई नागरिकों को जीविका प्रदान करते हैं। पिछले वर्षों में भारत में वित्तीय संस्थानों ने विकास में बड़ी भूमिका निभाई है। केवल तीस लाख विदेशी पर्यटकों के
ग भी हैं जोकि छो[MASK]े भारतीय गाँव [MASK]र भारतीय नगरों के क[MASK] [MASK]ागरिकों को जीविका प्रदा[MASK] कर[MASK]े हैं। प[MASK]छले वर्षों में भ[MASK]रत में [MASK]ित्तीय सं[MASK]्थानों ने व[MASK]कास में [MASK]ड़ी [MASK]ूमिका [MASK]िभाई है। केवल ती[MASK] लाख विदेशी पर्यटक[MASK]ं के
प्रतिवर्ष आने के बाद भी भारतीय पर्यटन राष्ट्रीय आय का एक अति आवश्यक, परन्तु कम विकसित स्रोत है। पर्यटन उद्योग भारत के जीडीपी का कुल ५,३% है। पर्यटन १०% भारतीय कामगारों को आजीविका देता है। वास्तविक संख
प्रतिवर्ष आने के बाद भी भारतीय प[MASK]्यटन राष्ट्रीय आय [MASK]ा एक अति आवश्यक, परन्तु कम विकसित स्र[MASK][MASK] है। पर्[MASK][MASK]न उद्योग भा[MASK][MASK] के जी[MASK]ी[MASK]ी का कुल ५,३% है। प[MASK][MASK]यटन १०[MASK] भारतीय [MASK]ामगारों को [MASK]जीविक[MASK] देत[MASK] है। व[MASK]स्तविक सं[MASK]
्या ४.२ करोड है। आर्थिक रूप से देखा जाए तो पर्यटन भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग $४०० करोड डालर प्रदान करता है। भारत के प्रमुख व्यापार सहयोगी हैं अमरीका, जापान, चीन और संयुक्त अरब अमीरात। भारत के निर्यात
्[MASK]ा ४.२ क[MASK]ोड है। आर्थिक रूप से देखा ज[MASK]ए तो पर्यटन भा[MASK]तीय अर्थव्य[MASK]स्था को ल[MASK]भग $४०० करोड डालर प्र[MASK][MASK]न करता है। भ[MASK]रत के प्[MASK]मु[MASK] व्यापार स[MASK]योगी हैं अ[MASK]रीका, जापान, चीन औ[MASK] संय[MASK]क्त अरब अ[MASK][MASK]रात। भ[MASK]रत के निर्यात
ों में कृषि उत्पाद, चाय, कपड़ा, बहुमूल्य रत्न व आभूषण, साफ़्टवेयर सेवायें, इंजीनियरिंग सामान, रसायन तथा चमड़ा उत्पाद प्रमुख हैं जबकि उसके आयातों में कच्चा तेल, मशीनरी, बहुमूल्य रत्न, उर्वरक (फ़र्टिलाइ
ों में कृषि उत्पाद, चाय, कपड़ा, बहु[MASK][MASK]ल्य रत्न व आ[MASK]ूषण, साफ़्[MASK]वेयर सेवायें, इंजी[MASK][MASK]यरिंग स[MASK]मान, रसायन तथा चमड़ा उत[MASK]पाद प्रमुख हैं जबकि उसके आ[MASK]ातों [MASK][MASK]ं कच्चा तेल, मशीनर[MASK], बहु[MASK]ूल्य रत्न, उर[MASK]वरक (फ[MASK]र[MASK]टिलाइ
ज़र) तथा रसायन प्रमुख हैं। वर्ष २००४ के लिये भारत के कुल निर्यात $६९१८ करोड़ डालर के थे जबकि उसके आयात $८९३३ करोड़ डालर के थे। दिसम्बर २०१३ के अंत में भारत का कुल विदेशी कर्ज ४२६.० अरब अमरीकी डॉलर था,
ज़र) तथा रसायन प्र[MASK]ुख है[MASK]। वर्ष २००[MASK] के लिये भारत के कु[MASK] [MASK]िर्[MASK]ा[MASK] $[MASK]९[MASK]८ करोड[MASK] डालर [MASK]े [MASK]े जबकि [MASK]सके आया[MASK] $८९३३ करोड़ डालर के थे। दिसम्बर २०१[MASK] के अंत में भार[MASK] का क[MASK][MASK] विदे[MASK]ी कर[MASK]ज [MASK]२६.० [MASK]रब अमरी[MASK]ी डॉल[MASK] था,
जिसमें कि दीर्घकालिक कर्ज ३३३.३ अरब (७८,२%) तथा अल्पकालिक कर्ज ९२,७% अरब अमरीकी डॉलर (२1,८%) था। कुल विदेशी कर्ज में सरकार का विदेशी कर्ज ७6.४ अरब अमरीकी डॉलर (कुल विदेशी कर्ज का 1७.९ प्रतिशत) था, बा
जि[MASK][MASK]ें कि दीर्घकाल[MASK]क कर[MASK]ज ३३३.३ अरब (७८,२%[MASK] तथा अल्पकाल[MASK]क कर्ज ९२,७% [MASK]रब अमरीकी [MASK]ॉलर (२1,८%) था। कु[MASK] विदेशी [MASK]र्ज [MASK]ें सरकार का विदेशी कर[MASK]ज ७[MASK].[MASK] अरब अमर[MASK]की डॉलर [MASK]कुल विदेशी कर्ज का 1७[MASK]९ प्रतिशत) था, बा
की में व्यावसायिक उधार, एनआरआई जमा और बहुउद्देश्यीय कर्ज आदि हैं। भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत की विभिन्नताओं से भरी जनता में भाषा, जाति और धर्म, सामाजिक और राजन
क[MASK] मे[MASK] व्या[MASK]स[MASK]यिक उधार, एनआरआई जमा और बहुउद्देश्यीय कर्[MASK] आ[MASK]ि हैं। भारत चीन के बाद विश्व क[MASK] दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या व[MASK]ला [MASK]ेश है। भारत की वि[MASK]िन्नताओं से भर[MASK] [MASK]न[MASK]ा में भाष[MASK], जात[MASK] और धर्म, सामाजिक [MASK]र राजन
ीतिक सौहार्द और समरसता के मुख्य शत्रु हैं। भारत में २०११ की जनगणना के अनुसार ७४.०४ प्रतिशत साक्षरता है, जिस में से ८२.१४% पुरुष और स्त्रियो की साक्षरता ६५.४६ हैं। लिंग अनुपात की दृष्टि से भारत में प्र
ीतिक स[MASK]हार्[MASK] और [MASK]मरसता के मु[MASK]्य [MASK]त्[MASK]ु ह[MASK]ं। भारत में २०११ क[MASK] जनगणन[MASK] के अनुस[MASK]र ७४.०४ प्रतिश[MASK] सा[MASK]्ष[MASK]ता है, जि[MASK] में से ८२.१४% पुरुष और स्त्रियो की साक्षरता ६५.४६ हैं[MASK] लिंग अनुपात की दृष्टि से भा[MASK]त में प्र
त्येक १००० पुरुषों के पीछे मात्र ९४० महिलायें हैं। कार्य भागीदारी दर (कुल जनसंख्या में कार्य करने वालों का भाग) ३९.१% है। पुरुषों के लिए यह दर ५१,७% और स्त्रियों के लिये २५,६% है। भारत की १००० जनसंख्य
त्[MASK][MASK]क १०[MASK]० पुरुषों के पीछे [MASK]ात्[MASK] ९४० [MASK]हिल[MASK][MASK]ें ह[MASK]ं। कार्य भागीदारी दर (कुल जनसंख्या में कार्य करने [MASK]ालों का [MASK]ाग) ३९.१% है। पुरुषों के [MASK]िए यह दर ५[MASK],७[MASK] [MASK]र स्त्[MASK]ियों के लिये २५,६% है। भारत की १००० जनसंख[MASK]य
ा में २२.३२ जन्मों के साथ बढ़ती जनसंख्या के आधे लोग २२.६६ वर्ष से कम आयु के हैं। यद्यपि भारत की ७९.८० प्रतिशत या ९६.६२ करोड़ जनसंख्या हिन्दू है, १४.२३ प्रतिशत या १७.२२ करोड़ जनसंख्या के साथ भारत विश्व
ा में २२.३[MASK] जन्मों [MASK][MASK] साथ बढ़ती जनसंख्या के आधे लोग २२.६६ वर्ष से कम [MASK]यु क[MASK] हैं। यद[MASK]यपि [MASK]ारत की ७९.[MASK]० प्र[MASK]िशत या ९६.६२ करोड़ जनसं[MASK][MASK][MASK]ा हिन्द[MASK] ह[MASK], १४.२३ प्[MASK]तिशत या १७.२२ करो[MASK][MASK] जनसंख्[MASK][MASK] के साथ भारत व[MASK]श्व
में मुसलमानों की संख्या में भी इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद तीसरे स्थान पर है। अन्य धर्मावलम्बियों में ईसाई (२.३० % या २.७८ करोड़), सिख (१,७२ % या २.०८ करोड़), बौद्ध (०,७० % या ८४.४३ लाख), जैन (०,३
में म[MASK]सलमा[MASK]ों की संख्या में भी इ[MASK]ड[MASK]नेशिया औ[MASK] पाकिस्तान के बाद ती[MASK]रे स्थान पर है। अन[MASK]य [MASK]र्मावलम्बि[MASK]ों मे[MASK] [MASK]सा[MASK] (२[MASK]३[MASK] % या २.[MASK]८ कर[MASK]ड़), सिख (१,७२ % य[MASK] [MASK].[MASK]८ करोड़), बौ[MASK]्ध (०,७० [MASK] या ८४[MASK]४३ लाख)[MASK] जैन (०,३
७ % या ४४.५२ लाख), अन्य धर्म (०,६६ % या ७९.३८ लाख) इनमें यहूदी, पारसी, अहमदी और बहाई आदि धर्मीय हैं। नास्तिकता ०,२४% या ३८.३७ लाख है। भारत दो मुख्य भाषा-सूत्रों: आर्य और द्रविड़ भाषाओं का स्रोत भी है।
७ % [MASK]ा ४४.५२ [MASK]ाख)[MASK] अन्य [MASK]र्म (०,६६ % या ७९.३८ लाख) इनमें य[MASK][MASK][MASK][MASK], [MASK]ारसी, अहमद[MASK] और बहाई आदि धर्मीय हैं[MASK] [MASK][MASK]स्तिकता ०,२४[MASK] या ३८.३७ लाख है। भार[MASK] दो मुख्य भा[MASK]ा-सूत्र[MASK]ं: आर्य और द्रविड़ भाषा[MASK]ं का स्रोत भी है।
भारत का संविधान कुल २३ भाषाओं को मान्यता देता है। हिन्दी और अंग्रेजी केन्द्रीय सरकार द्वारा सरकारी कामकाज के लिए उपयोग की जाती हैं। संस्कृत और तमिल जैसी अति प्राचीन भाषाएं भारत में ही जन्मी हैं। संस्
भारत का संविधान कुल २३ भाषाओं को मान्[MASK]ता देता है। हिन्दी और अं[MASK]्रेजी केन्द्रीय सरकार द्वा[MASK]ा सरकारी काम[MASK]ाज के लिए उपय[MASK]ग की जाती [MASK]ैं। संस्कृ[MASK] और त[MASK]िल जैसी अति प्राचीन भाष[MASK][MASK]ं भ[MASK]रत [MASK]ें ही जन्मी है[MASK]। [MASK]ंस्
कृत, संसार की सर्वाधिक प्राचीन भाषाओं में से एक है, जिसका विकास पथ्यास्वस्ति नाम की अति प्राचीन भाषा/बोली से हुआ था। तमिल के अलावा सारी भारतीय भाषाएँ संस्कृत से ही विकसित हुई हैं, हालाँकि संस्कृत और त
कृत, स[MASK]सार [MASK]ी सर्व[MASK]धिक प्राचीन भा[MASK]ाओं में से एक है, जिसका विका[MASK] पथ्यास्वस्ति नाम की अति प्[MASK]ाचीन भ[MASK]षा/बोली [MASK]े हुआ [MASK]ा। तमिल के अलावा सारी भारत[MASK]य भाषाए[MASK] संस्कृत से ही विकसित हुई हैं, हालाँकि [MASK]ंस्कृत और त
मिल में कई शब्द समान हैं, कुल मिला कर भारत में १६५२ से भी अधिक भाषाएं एवं बोलियाँ बोली जातीं हैं। भारत की सांस्कृतिक धरोहर बहुत संपन्न है। यहाँ की संस्कृति अनोखी है और वर्षों से इसके कई अवयव अब तक अक्
म[MASK]ल में [MASK]ई शब्द समान [MASK]ैं, कुल मिला कर भारत में १६५[MASK] स[MASK] भी अधिक भाषा[MASK]ं [MASK]वं बोलियाँ बोली जातीं हैं। भारत की [MASK]ांस्कृतिक धरोहर बहुत संपन्न ह[MASK]। य[MASK][MASK]ँ की संस्कृति अनोखी [MASK]ै और वर्षों स[MASK] इस[MASK]े क[MASK] अवयव अब तक अ[MASK]्
षुण्ण हैं। आक्रमणकारियों तथा प्रवासियों से विभिन्न चीजों को समेट कर यह एक मिश्रित संस्कृति बन गई है। आधुनिक भारत का समाज, भाषाएं, रीति-रिवाज इत्यादि इसका प्रमाण हैं। ताजमहल और अन्य उदाहरण, इस्लाम प्रभ
षुण्ण है[MASK]। आक्रमणकारिय[MASK]ं तथा प्रवासियों से विभिन[MASK]न च[MASK]जों को समेट कर यह ए[MASK] मिश्रित सं[MASK]्कृति ब[MASK] गई है। आधुनिक भा[MASK]त [MASK]ा समा[MASK], भाष[MASK]एं, [MASK]ीति-रिवाज इत्यादि इसका प्रमाण हैं। ताजम[MASK]ल और अन्य उदाहरण, इस्लाम प्रभ
ावित स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने हैं। भारतीय समाज बहुधर्मिक, बहुभाषी तथा मिश्र-सांस्कृतिक है। पारंपरिक भारतीय पारिवारिक मूल्यों को बहुत आदर की दृष्टि से देखा जाता है। विभिन्न धर्मों के इस भूभाग पर
ावित स्थापत्य कल[MASK] के उत्कृष्ट नमूने हैं। भार[MASK]ी[MASK] समाज बहुधर[MASK]मिक, बहुभाषी तथा म[MASK]श्र-सांस्[MASK]ृतिक है। पारंपरिक भारत[MASK]य पारिवा[MASK]ि[MASK] मू[MASK]्यों को बह[MASK]त आदर क[MASK] दृष्टि से देखा ज[MASK]ता है। विभिन्न धर्म[MASK]ं के इस भू[MASK]ाग पर
कई मनभावन पर्व त्यौहार मनाए जाते हैं - दिवाली, होली, दशहरा, पोंगल तथा ओणम, ईद उल-फ़ित्र, ईद-उल-जुहा, मुहर्रम, क्रिसमस, ईस्टर आदि भी बहुत लोकप्रिय हैं। भारत में संगीत तथा नृत्य की अपनी शैलियां भी विकसि
कई मनभावन पर्व त[MASK]यौह[MASK]र [MASK]नाए जाते हैं - दिवाली, ह[MASK]ली, दशहरा, पोंगल तथा [MASK]णम, ईद [MASK]ल-फ़ित[MASK]र, ईद-उल-जुहा, मुहर्रम, क्रिसमस, ईस्टर आदि भ[MASK] बह[MASK]त लोकप्रिय [MASK]ैं।[MASK]भारत मे[MASK] संगीत तथा नृत्य की अपनी शैलियां भी विकस[MASK]
त हुईं, जो बहुत ही लोकप्रिय हैं। भरतनाट्यम, ओडिसी, कथक प्रसिद्ध भारतीय नृत्य शैली है। हिन्दुस्तानी संगीत तथा कर्नाटक संगीत भारतीय परंपरागत संगीत की दो मुख्य धाराएं हैं। लोक नृत्यों में शामिल हैं पंजाब
त हुईं, जो बह[MASK]त ही लोकप्र[MASK]य हैं। [MASK]रतनाट्यम, ओडिसी, [MASK]थक प्रसिद्ध भारतीय नृत्य [MASK]ैली है। हिन्दुस[MASK]त[MASK][MASK]ी संगीत तथा क[MASK]्नाटक संगीत भारतीय प[MASK]ं[MASK]रागत संगीत क[MASK] दो मुख्य धारा[MASK][MASK] हैं। लोक नृत्यों म[MASK]ं शामिल [MASK]ैं प[MASK]जा[MASK]
का भांगड़ा, असम का बिहू, झारखंड का झुमइर और डमकच, झारखंड और उड़ीसा का छाऊ, राजस्थान का घूमर, गुजरात का डांडिया और गरबा, कर्नाटक जा यक्षगान, महाराष्ट्र का लावनी और गोवा का देख्ननी । हालाँकि हॉकी देश क
क[MASK] भा[MASK]ग[MASK]़ा, असम का [MASK]िहू[MASK] झ[MASK]रखंड का झुमइर औ[MASK] डमकच, [MASK]ारखंड और उ[MASK]़ीसा [MASK]ा छाऊ, राजस[MASK][MASK]ान का घू[MASK]र, गुज[MASK]ात [MASK]ा डा[MASK]डिया और गरब[MASK][MASK] कर्नाटक जा यक[MASK]ष[MASK]ान[MASK] महाराष[MASK][MASK][MASK]र क[MASK] लावनी और [MASK]ो[MASK]ा का द[MASK]ख्नन[MASK] ।[MASK][MASK]ाला[MASK]क[MASK] हॉक[MASK] दे[MASK] क
ा राष्ट्रीय खेल है, क्रिकेट सबसे अधिक लोकप्रिय है। वर्तमान में फुटबॉल, हॉकी तथा टेनिस में भी बहुत भारतीयों की अभिरुचि है। देश की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम १९८३ और २०११ में दो बार विश्व कप और २००७ का २०२०
ा र[MASK][MASK]्[MASK]्रीय खेल है, क्रिक[MASK]ट सबसे अधिक लोक[MASK]्रिय है। व[MASK]्तमा[MASK] में फुटबॉल, हॉकी तथा [MASK]ेनिस में भी बहुत भारती[MASK]ों की अभिरु[MASK]ि है। देश की राष[MASK]ट्रीय क्रि[MASK]ेट [MASK]ीम १९८३ और २०१[MASK] में दो बार व[MASK]श्व कप और २००७ का २०२०
विश्व-कप जीत चुकी है। इसके अतिरिक्त वर्ष २००३ में वह विश्व कप के फाइनल तक पहुँची थी। १९३० तथा ४० के दशक में हॉकी भारत में अपने चरम पर थी। मेजर ध्यानचंद ने हॉकी में भारत को बहुत प्रसिद्धि दिलाई और एक स
विश[MASK]व-कप जीत चुकी है। इसके अति[MASK]िक्त वर्ष २००३ में वह विश्व कप के फाइनल तक पहुँची थी। १९३० तथ[MASK] ४[MASK] के दशक में हॉकी भारत में अपने [MASK][MASK]म [MASK]र थी। मेजर ध्यान[MASK]ंद ने हॉकी में भा[MASK]त को बहुत प्रसिद्धि दिलाई और एक स
मय भारत ने अमरीका को 2४० से हराया था जो अब तक विश्व कीर्तिमान है। शतरंज के जनक देश भारत के खिलाड़ी विश्वनाथ आनंद ने अच्छा प्रदर्शन किया है। वैश्वीकरण के इस युग में शेष विश्व की तरह भारतीय समाज पर भी अ
मय भार[MASK] ने अमरीका को [MASK]४० से हराया था जो अब त[MASK] व[MASK]श्[MASK] कीर्[MASK]िमान है। श[MASK]र[MASK]ज क[MASK] जनक देश भारत के खिला[MASK]़ी [MASK]िश्वनाथ आनंद ने अच्[MASK]ा प्रदर्[MASK]न क[MASK]य[MASK] है[MASK] वैश्वीकरण के इस य[MASK]ग में शेष विश्व की [MASK]रह भारतीय सम[MASK]ज पर भी अ
ंग्रेजी तथा यूरोपीय प्रभाव पड़ रहा है। बाहरी लोगों की खूबियों को अपनाने की भारतीय परंपरा का नया दौर कई भारतीयों की दृष्टि में उचित नहीं है। एक खुले समाज के जीवन का यत्न कर रहे लोगों को मध्यमवर्गीय तथा
ंग[MASK]रे[MASK]ी तथा यू[MASK]ोपीय प्रभाव पड़ रहा [MASK]ै। बाह[MASK]ी [MASK]ोगों की खू[MASK]ियों को अपनान[MASK] क[MASK] भारतीय पर[MASK]परा क[MASK] नया दौर कई भारत[MASK]यों [MASK]ी दृष्टि में [MASK][MASK]ित [MASK]हीं है। एक खुले समाज के [MASK]ीव[MASK] क[MASK] [MASK]त्न कर रह[MASK] लोगों को [MASK]ध्यम[MASK]र्गीय तथा
वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। कुछ लोग इसे भारतीय पारंपरिक मूल्यों का हनन भी मानते हैं। विज्ञान तथा साहित्य में अधिक प्रगति न कर पाने की वजह से भारतीय समाज यूरोपीय लोगों पर निर्भर
वरिष्ठ नागर[MASK]क[MASK]ं की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। [MASK][MASK]छ लोग इसे भारतीय पारंपरिक मूल्यों का हनन भी मानते हैं। विज्ञान [MASK]था साहित्य में अ[MASK]िक [MASK]्रगति न [MASK][MASK] पाने की वजह से भारतीय समाज यूरोप[MASK]य ल[MASK]गो[MASK] पर न[MASK][MASK]्भर
होता जा रहा है। ऐसे समय में लोग विदेशी अविष्कारों का भारत में प्रयोग अनुचित भी समझते हैं। सिनेमा और टेलीविज़न भारतीय फिल्म उद्योग, दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली सिनेमा का उत्पादन करता है। इसके
होता जा रहा है। ऐसे सम[MASK] में लोग [MASK]िदेशी अविष्[MASK]ा[MASK]ों का भारत में प्[MASK]योग अनुचित [MASK][MASK] सम[MASK]ते हैं। सिनेमा और टेलीविज़न भारतीय फिल्म उद्योग, दुनिय[MASK] की सबसे ज्य[MASK]दा देखी जाने वाली [MASK]ि[MASK]ेमा का उत्पादन करता है। इसके
अलावा यहाँ असमिया, बंगाली, भोजपुरी, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, गुजराती, मराठी, ओडिया, तमिल और तेलुगू भाषाओं के क्षेत्रीय सिनेमाई परंपराएं भी मौजूद हैं। दक्षिण भारतीय सिनेमा का राष्ट्रीय फिल्म राज
अलाव[MASK] यहाँ अ[MASK]मिया, ब[MASK]गाली, भोजप[MASK]री, हिंदी, कन्नड़[MASK] मलयालम, पंजाबी, गुजराती, मराठी, ओडिय[MASK], त[MASK]िल औ[MASK] तेलुगू भाषाओं के क्षेत्रीय सिनेमाई परं[MASK]राएं भी मौ[MASK]ूद [MASK]ैं। दक्षिण [MASK]ारतीय सिनेमा का र[MASK]ष[MASK]ट[MASK][MASK][MASK]य फिल्म रा[MASK]
स्व में ७५% से अधिक का हिस्सा है। भारत में सितंबर २०१६ तक २२०० मल्टीप्लेक्स स्क्रीन सिनेमाघर थे तथा इसके २०१९ तक ३००० तक बढ़ने की अपेक्षा की गई हैं। १९५९ में भारत में टेलीविजन का प्रसारण, राज्य संचालि
स्व [MASK]ें ७५% से अधि[MASK] का हिस्सा है। भ[MASK]रत में सितंबर २०१६ [MASK]क [MASK]२०० मल्टी[MASK]्ल[MASK]क्स स्क्[MASK]ीन सिनेमा[MASK]र थे तथा [MASK][MASK]के २०१[MASK] तक ३००० [MASK]क बढ़ने की अपेक्षा की गई ह[MASK]ं। [MASK]९५९ [MASK]ें भारत में टे[MASK]ीविजन का प[MASK]रसारण, राज्य संचालि
त संचार के माध्यम के रूप में शुरू हुआ, और अगले दो दशकों तक इसका धीमी गति से विस्तार हुआ। १९९० के दशक में टेलीविजन प्रसारण पर राज्य के एकाधिकार समाप्त हो गया, और तब से, उपग्रह चैनलों ने भारतीय समाज की
त स[MASK][MASK]ार के माध्य[MASK] के रूप में शुरू हु[MASK], और अगले दो दशकों तक इसका धीमी गति से विस्त[MASK]र हुआ[MASK] १९[MASK]० के दशक म[MASK]ं [MASK]ेलीविजन प्रसारण पर राज्य के एकाधिकार समाप्त हो गया, और तब से, उप[MASK]्[MASK]ह चैनलों ने भारत[MASK]य समाज की
लोकप्रिय संस्कृति को आकार दिया है। आज, भारत में टेलीविज़न मनोरंजन का सबसे प्रचलित माध्यम हैं, तथा इसकी पैठ समाज के हर वर्ग तक फैली हैं। उद्योग के अनुमान हैं कि भारत में २०१२ तक ४६२ मिलियन उपग्रह या के
[MASK]ो[MASK][MASK]्रिय संस्कृति क[MASK] आक[MASK]र द[MASK]या है। आज, भारत में ट[MASK]लीविज़न मनोरं[MASK]न का सब[MASK]े प्रचल[MASK]त [MASK]ा[MASK]्यम [MASK]ैं, तथा इसकी पै[MASK] समाज के हर वर्ग तक फैली ह[MASK]ं। उद्य[MASK]ग क[MASK] अनुमान [MASK]ैं कि [MASK]ा[MASK]त में २०१२ तक [MASK]६२ म[MASK]लि[MASK]न उपग्रह या के
बल कनेक्शन के साथ, कुल ५५४ मिलियन से अधिक टीवी उपभोक्ता हैं, मनोरंजन के अन्य साधनो में प्रेस मीडिया (३५० मिलियन), रेडियो (१५६ मिलियन) तथा इंटरनेट (३७ मिलियन) भी सम्मलित हैं भारतीय खानपान बहुत ही समृद्
बल कनेक्शन के साथ, कुल ५५[MASK] मिलियन स[MASK] अधिक टीवी उपभोक्ता हैं, मनोरंजन के अन्[MASK] साधनो में प्रेस मीडि[MASK]ा ([MASK]५० मिलिय[MASK]), रेडियो (१५६ मिलियन) तथा इंटरन[MASK]ट (३७ [MASK]िलि[MASK]न) भी सम्मलित हैं [MASK]ारतीय खानपान बहुत ह[MASK] [MASK]मृ[MASK]्
ध है। शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों ही तरह का खाना पसन्द किया जाता है। भारतीय व्यंजन विदेशों में भी बहुत पसन्द किए जाते हैं। १९४७ में अपनी स्वतंत्रता के बाद, भारत के अधिकांश देशों के साथ सौहार्दपूर्ण स
ध है। शाका[MASK]ारी त[MASK]ा मांसाहार[MASK] दोनों ही तरह का खाना पसन्द किया ज[MASK]ता है। भारतीय व[MASK]यंजन वि[MASK]ेशो[MASK] में भी बहुत पसन्द किए जा[MASK]े है[MASK]।[MASK]१९४७ में अप[MASK]ी स्वतंत[MASK]रता के बाद, भ[MASK]रत के अध[MASK]कांश देशों के साथ [MASK]ौह[MASK]र्दपूर्ण [MASK]
ंबंध बनाए रखा है। १९५० के दशक में, भारत ने पुरजोर रूप से अफ्रीका और एशिया में यूरोपीय उपनिवेशों की स्वतंत्रता का समर्थन किया और गुट निरपेक्ष आंदोलन में एक अग्रणी की भूमिका निभाई। १९८० के दशक में भारत
ंब[MASK]ध बना[MASK] रखा है। १[MASK]५० के दशक में, भारत ने पुरजोर रूप से अफ्रीक[MASK] औ[MASK] एशिय[MASK] में [MASK]ूरोपीय उपनिवेशों की स्वतंत्रत[MASK] [MASK]ा समर्थन किय[MASK] [MASK]र गुट निरपे[MASK]्ष आंदोलन में [MASK]क अग्रणी की भूमिका निभ[MASK]ई। १९८० के दशक [MASK]ें भारत
दो पड़ोसी देशों के निमंत्रण पर, सेना के द्वारा संक्षिप्त सैन्य हस्तक्षेप किया, एक श्रीलंका में और दुसरा मालदीव में। भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के साथ एक तनाव भरा संबंध है और दोनों देशों के बीच चार बार य
द[MASK] पड़ोसी देशों के निमंत्रण पर, सेना [MASK]े द्वारा संक[MASK]षिप्[MASK] सैन[MASK]य हस्तक्[MASK]ेप कि[MASK]ा, एक [MASK]्री[MASK]ंका में और द[MASK]सरा [MASK]ालदीव में। भार[MASK] के [MASK]ड़ोसी पाकिस्तान के साथ ए[MASK] [MASK]नाव [MASK]रा संबंध है और दोनों देशों के बीच चार बार य
ुद्ध हुआ था, १९४७, १९६५, १९७१ और १९९९ में। कश्मीर विवाद इन युद्धों का प्रमुख कारण था। १९६२ के भारत - चीन युद्ध और पाकिस्तान के साथ १९६५ के युद्ध के बाद भारत और सोवियत संघ के साथ सैन्य संबंधों में बहुत
ुद्ध हुआ थ[MASK], [MASK]९४७, १९६५, १[MASK]७१ [MASK]र १९९९ में। कश्मीर विवाद इन युद[MASK]ध[MASK]ं का प्रमुख क[MASK]रण था। १९६२ के भारत - चीन युद्ध और पाकि[MASK]्[MASK]ान के साथ १९६५ क[MASK] युद[MASK]ध [MASK]े बाद भारत और स[MASK]वियत सं[MASK] के साथ सैन्य संबंधों में बह[MASK]त
बढ़ोतरी हुई। १९६० के दशक के अन्त में सोवियत संघ भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरी थी। रूस के साथ सामरिक संबंधों के अलावा, भारत का इजरायल और फ्रांस के साथ विस्तृत रक्षा संबंध हैं।
बढ़ोतरी हुई। १९६० के द[MASK]क के अन्त में सोवियत संघ भार[MASK] [MASK]ा सबसे बड़ा हथ[MASK]यार आप[MASK]र्तिकर्ता के रूप में उ[MASK]री [MASK]ी। रूस [MASK]े साथ सामरिक संबंधों के अलावा, भारत का इजरायल और फ्[MASK]ांस के [MASK]ाथ वि[MASK]्तृत रक्षा संबंध हैं।
हाल के वर्षों में, भारत ने क्षेत्रीय सहयोग और विश्व व्यापार संगठन के लिए एक दक्षिण एशियाई एसोसिएशन में प्रभावशाली भूमिका निभाई है। भारत ने १००,००० सैन्य और पुलिस कर्मियों को चार महाद्वीपों भर में संयु
हाल के वर्षों में, भारत न[MASK] क्षेत्रीय सह[MASK][MASK][MASK] [MASK]र विश[MASK]व व्या[MASK][MASK]र [MASK]ंगठ[MASK] क[MASK] ल[MASK]ए एक दक्[MASK]िण एश[MASK]य[MASK]ई ए[MASK][MASK]सिएशन में प्रभावशाली भूमिका न[MASK]भाई है[MASK] भारत ने १००,००० [MASK]ै[MASK]्य और पुलिस कर्मि[MASK]ों क[MASK] चार महाद्[MASK]ीपों [MASK]र में संय[MASK]
क्त राष्ट्र के पैंतीस शांति अभियानों में सेवा प्रदान की है। भारत ने विभिन्न बहुपक्षीय मंचों, सबसे खासकर पूर्वी एशिया के शिखर बैठक और जी-८ ५ में एक सक्रिय भागीदारी निभाई है। आर्थिक क्षेत्र में भारत का
क्त र[MASK]ष्ट्र के पैंतीस श[MASK][MASK]ति अभि[MASK]ानों में सेवा प्रदान की [MASK]ै। भारत ने विभिन्[MASK] ब[MASK]ुपक्ष[MASK]य मं[MASK][MASK][MASK], सबसे खासकर प[MASK]र्वी एशिया के शिखर बैठक और [MASK]ी-८ ५ में एक सक्रिय भागीदारी निभाई है। आर्[MASK]िक क्षेत्र म[MASK]ं भा[MASK]त [MASK]ा
दक्षिण अमेरिका, एशिया, और अफ्रीका के विकासशील देशों के साथ घनिष्ठ संबंध है। भारत में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं, जिसमें २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस, १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, २ अक्टूबर को गांधी जयंती,
दक्षिण अमेरिका, एशिया, और अफ्रीका के [MASK]िकास[MASK][MASK]ल देशों के साथ घनि[MASK]्ठ संबंध है[MASK] [MASK]ारत में कई सार[MASK] प[MASK]्व मनाए जाते हैं, [MASK]िसमे[MASK] २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस, १५ अगस्त को स्व[MASK]ंत्रता दिवस, २ अक्टूबर को [MASK]ांधी जयंती,
दिवाली, होली, नवरात्रि, रामनवमी, दशहरा और ईद पूरे देश में मनाई जाती है। इसके अलावा अन्य पर्व राज्यों के अनुसार होते हैं। भारत की जनजातियां गोंड - गोंड भारत की जनजाति है , मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में
दिवाली, होली, नवर[MASK]त्रि, रामन[MASK][MASK]ी, [MASK]शहरा और ई[MASK] पूरे देश में मनाई जाती है। इसके अलावा अन्य पर्व राज्यों [MASK]े अनुसार होते ह[MASK]ं। भार[MASK] की जनज[MASK]तिया[MASK] गोंड - गोंड भा[MASK]त क[MASK] जनज[MASK]ति है , मध्यप्रदेश और छत[MASK]तीसगढ़ में
इनका शासन था । भील - भील देश की सबसे विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है , यह जनजाति मुख्यरूप से राजस्थान , मध्यप्रदेश , गुजरात और महाराष्ट्र में निवास करती है , इस जनजाति का इतिहास बेहद ही गौरवशाल
इनका शासन था । भी[MASK] - भील देश की सबस[MASK] विस्तृत क्षेत्र मे[MASK] फै[MASK]ी हु[MASK] जनजाति है [MASK] [MASK]ह जनजाति मुख्यर[MASK][MASK] से राजस्थान [MASK] मध्यप[MASK]र[MASK][MASK]श , गुजरात और महा[MASK]ाष्ट्र में निवास करती है , इस जनजाति का इतिहास [MASK]ेहद ही गौरव[MASK]ाल
ी रहा है , यह जनजाति प्राचीन समय में एक कबीले में ना रह कर , देश के कई क्षेत्रों पर शासन किया । भील जनजाति देश में भील रेजिमेंट और भील प्रदेश चाहती है। मीणा - मीणा राजस्थान की जनजाति है। मध्य प्रदेश म
ी रहा है , यह जनजाति प्राचीन समय में एक कबीले में ना रह कर , देश के कई [MASK]्षे[MASK]्रों पर [MASK]ास[MASK] किया । भील जनजात[MASK] देश में भील [MASK]ेजिमेंट और भील प्र[MASK]ेश [MASK]ाहती है[MASK] मी[MASK]ा - मीणा [MASK]ाजस्थान की जनजाति है। मध्य प्रदेश म
ें मीणाओं को पूर्ण रूप से अनुसूचित जनजाति के रूप में प्रस्तावित किया गया है, जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है। नागा - नागा जनजाति मुख्यरूप से नागालैंड में पाई जाती है , देश में नागा रेजिमेंट है। गारो
े[MASK] मीण[MASK]ओं को [MASK]ू[MASK]्[MASK] रूप से अन[MASK]सूचि[MASK] जनज[MASK]ति के रूप में प्रस्तावित किया गया है, ज[MASK]स पर भारत सर[MASK]ार [MASK]िचार कर रही है। नागा - न[MASK]ग[MASK] जनजाति मुख्यरूप से नाग[MASK]लैंड म[MASK]ं पाई जाती है , दे[MASK] में नागा रेजिमेंट है। गारो