labels
stringlengths
200
200
mask_text
stringlengths
210
390
वादी आंदोलन शुरू हुआ जिसे अहिंसक विरोध के लिए जाना गया और ब्रिटिश शासन को समाप्त करने का प्रमुख कारक बन गया। १९४७ में ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य को दो स्वतंत्र प्रभुत्वों में विभाजित किया गया, भारतीय अध
वादी आंदोलन शुरू हुआ ज[MASK]से अहिंसक विरोध के लिए जाना गया और ब[MASK]रिटिश शासन को स[MASK]ाप्त करन[MASK] का प्[MASK]मुख कार[MASK] बन गया। १९४७ में ब्रिटि[MASK] भारतीय साम्राज्[MASK] को दो स्वतंत्र प्रभुत्वों में विभाजित किया ग[MASK]ा, भारतीय अध
िराज्य तथा पाकिस्तान अधिराज्य, जिन्हे धर्म के आधार पर विभाजित किया गया। १९५० से भारत एक संघीय गणराज्य है। भारत की जनसंख्या १९५१ में ३६.१ करोड़ से बढ़कर 20११ में १2१.१ करोड़ हो गई। प्रति व्यक्ति आय $६४
ि[MASK]ाज्य तथा पाकिस्तान अधिर[MASK]ज[MASK]य, जिन्हे धर[MASK]म के आ[MASK][MASK][MASK] पर विभाजित कि[MASK]ा गया। १९५[MASK] से भ[MASK]रत [MASK]क सं[MASK][MASK]य गणराज्य है। भा[MASK][MASK] की [MASK][MASK]सं[MASK]्या १९[MASK]१ में ३६.[MASK] करोड़ से बढ़कर 2[MASK]११ में १2[MASK].१ [MASK]रोड़ हो गई। प्रति व्यक्ति आ[MASK] $६४
से बढ़कर $१,४९८ हो गई और इसकी साक्षरता दर १६.६% से ७४% हो गई। भारत एक तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं का केंद्र बन गया है। अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ने उल्लेखनीय तथ
से बढ़[MASK]र $[MASK],४९८ हो गई और इसक[MASK] साक्षरता दर १६.६% से ७[MASK]% हो गई। भारत एक तेजी स[MASK] बढ़ती हुई [MASK]्रमुख अर्थव्य[MASK]स्था और सूच[MASK]ा प[MASK]रौद्योगिकी [MASK]े[MASK]ाओं का केंद्र बन गया है। अंतरिक्ष क[MASK]षेत[MASK]र [MASK][MASK]ं भारत ने उल्लेखनीय तथ
ा अद्वितीय प्रगति की। भारतीय फिल्में, संगीत और आध्यात्मिक शिक्षाएँ वैश्विक संस्कृति में विशेष भूमिका निभाती हैं। भारत ने गरीबी दर को काफी हद तक कम कर दिया है। भारत देश परमाणु बम रखने वाला देश है। कश्म
ा अद[MASK]वितीय प्रगति की। भारतीय फिल्[MASK]ें, संगीत और आध्या[MASK]्मिक शि[MASK]्षाएँ वैश्विक संस्कृति [MASK]ें विशेष भूमिका निभा[MASK][MASK] है[MASK]। भारत न[MASK] गरीबी दर क[MASK] क[MASK]फी हद तक [MASK]म कर दिया है। [MASK]ा[MASK][MASK] देश परमाणु बम रख[MASK]े वा[MASK][MASK] द[MASK]श ह[MASK]। क[MASK]्म
ीर तथा भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीमा पर भारत का पाकिस्तान तथा चीन से विवाद चल रहा है। लैंगिक असमानता, बाल शोषण, बाल कुपोषण, गरीबी, भ्रष्टाचार, प्रदूषण इत्यादि भारत के सामने प्रमुख चुनौतियाँ है। 2१.४
ीर त[MASK]ा भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीम[MASK] [MASK]र भ[MASK]रत का पाकिस[MASK]त[MASK]न तथा ची[MASK] से विव[MASK]द च[MASK] रहा है[MASK] लै[MASK]गिक असमानता, बाल शोषण, बाल [MASK]ुपोषण, गरीबी, भ्रष्टाचार, प्रदूष[MASK] इत्यादि भा[MASK]त के सामने प्रमुख चुनौतियाँ है। [MASK]१.४
% क्षेत्र पर वन है। भारत के वन्यजीव, जिन्हें परंपरागत रूप से भारत की संस्कृति में सहिष्णुता के साथ देखा गया है, इन जंगलों और अन्य जगहों पर संरक्षित आवासों में निवास करते हैं। १२ फरवरी वर्ष १९४८ में मह
% क[MASK]षेत्र पर वन है। भारत क[MASK] वन[MASK]यजीव, जिन्हें परंपराग[MASK] रूप से भारत की संस्कृति में सहिष्णु[MASK][MASK] के साथ द[MASK]खा गया ह[MASK], इन जंगलों और अन्[MASK] जगहों पर संरक[MASK]षित आवासों म[MASK]ं निवास करते है[MASK][MASK] १२ फरव[MASK]ी वर्ष १९४८ में मह
ात्मा गाँधी के अस्थि कलश जिन १२ तटों पर विसर्जित किए गए थे, त्रिमोहिनी संगम भी उनमें से एक है | भारत के दो आधिकारिक नाम हैं- हिंदी में भारत और अंग्रेजी में इंडिया (इंडिया)। इंडिया नाम की उत्पत्ति सिंध
ात्मा गा[MASK][MASK]ी के अ[MASK]्थ[MASK] कलश जिन १२ तटों पर विसर्ज[MASK]त किए गए थे, त्रिमोहिनी स[MASK]गम भी उनमें से एक है | भ[MASK]रत क[MASK] दो आधिकारिक नाम हैं- हिं[MASK][MASK] [MASK]ें [MASK]ारत और अं[MASK]्रेजी में इं[MASK]िया (इं[MASK]िया[MASK]। इंडिया नाम की उत्पत्ति स[MASK]ंध
ु नदी के अंग्रेजी नाम "इंडस" से हुई है। श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार भारत नाम मनु के वंशज तथा ऋषभदेव के सबसे बड़े बेटे एक प्राचीन सम्राट भरत के नाम से लिया गया है। एक व्युत्पत्ति
ु न[MASK]ी के अं[MASK]्रेजी नाम "इंडस[MASK] से हुई है[MASK] श्रीम[MASK]्भागवत म[MASK]ापुरा[MASK] में वर्णित एक [MASK]थ[MASK] के अनुसार भारत नाम मनु के वंशज तथा ऋषभदेव के [MASK]बसे [MASK]ड़े बेटे एक प्राचीन सम्र[MASK]ट भरत क[MASK] नाम से लि[MASK]ा गया है[MASK] एक व्युत्पत्ति
के अनुसार भारत (भा + रत) शब्द का मतलब है आंतरिक प्रकाश या विदेक-रूपी प्रकाश में लीन। एक तीसरा नाम हिंदुस्तान भी है जिसका अर्थ हिंद की भूमि, यह नाम विशेषकर अरब तथा ईरान में प्रचलित हुआ। बहुत पहले भारत
के अनुसार भारत (भा + रत) शब्द का मतलब है आंत[MASK]िक प्रकाश या [MASK]िदेक-रूपी [MASK]्रकाश में लीन। एक तीसर[MASK] न[MASK]म [MASK]िं[MASK][MASK]स्तान भी ह[MASK] जिस[MASK]ा अ[MASK]्थ हिंद [MASK]ी भूमि, यह न[MASK]म विशेषकर अरब तथा ईरान में प[MASK]रचलित हुआ। बहु[MASK] पहले भारत
का एक मुँहबोला नाम सोने की चिड़िया भी प्रचलित था। संस्कृत महाकाव्य महाभारत में वर्णित है की वर्तमान उत्तर भारत का क्षेत्र भारत के अंतर्गत आता था। भारत को कई अन्य नामों इंडिया, भारतवर्ष, आर्यावर्त, हिं
का एक मुँ[MASK]बोला [MASK]ाम सोने की चिड[MASK]िया भी प्[MASK]च[MASK]ित था। स[MASK]स[MASK]कृ[MASK] महाकाव्य मह[MASK]भारत [MASK]ें वर्णित [MASK]ै क[MASK] वर्[MASK]म[MASK]न उत्तर भा[MASK]त का क्ष[MASK]त्र भारत के अंतर[MASK]गत आता [MASK]ा। भारत को कई अन्य नाम[MASK]ं [MASK]ंडिया, भारत[MASK]र्ष, आर्यावर्त, हिं
द, हिंदुस्तान, जंबूद्वीप आदि से भी जाना जाता है। लगभग ५५,००० वर्ष पहले (प्राचीन भारत) आधुनिक मानव या होमो सेपियंस अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में पहुँचे थे। दक्षिण एशिया में ज्ञात मानव का प्राचीनतम अ
द, हिंदुस्तान, [MASK]ंबूद्वीप आ[MASK]ि से भी जान[MASK] जाता है। लगभग ५[MASK],०[MASK]० व[MASK]्[MASK] पहले (प्रा[MASK]ी[MASK] भा[MASK]त) आधुनिक मानव या होम[MASK] सेप[MASK]यं[MASK] अफ[MASK]रीका [MASK]े भारती[MASK] उपमहाद्वीप में पहुँचे थे। दक्षिण एशिया [MASK]ें ज्[MASK]ात मानव क[MASK] प[MASK]राचीनतम अ
वशेष ३०,००० वर्ष पुराना है। भीमबेटका, मध्य प्रदेश की गुफाएँ भारत में मानव जीवन का प्राचीनतम प्रमाण हैं जो आज भी देखने को मिलता है। प्रथम स्थाई बस्तियों ने 9००० वर्ष पूर्व स्वरुप लिया था। ६,५०० ईसा पूर
वशेष [MASK][MASK],००० वर्ष पुराना है। भी[MASK]बे[MASK]क[MASK], मध्य प्रदेश की गुफाएँ भारत में म[MASK][MASK]व जीवन का प्राचीनतम प्[MASK]माण हैं जो आज भी द[MASK]खने को मिलता है। प्[MASK]थम स्थाई बस्तियों ने 9०[MASK]० [MASK]र्ष पूर्व स्वरुप लिया था। [MASK],५०० ईसा पू[MASK]
्व तक आते आते मनुष्य ने खेती करना, जानवरों को पालना तथा घरों का निर्माण करना शुरू कर दिया था, जिसका अवशेष मेहरगढ़ में मिला था जो कि अभी पाकिस्तान में है। यह धीरे-धीरे सिंधु घाटी सभ्यता के रूप में विकस
्व त[MASK] आते आते मनुष्य ने खेती करना, ज[MASK]नवरों को पालना तथा घर[MASK]ं का नि[MASK]्मा[MASK] करना शुरू कर दिया था, जिसका अ[MASK][MASK]ेष मेह[MASK]गढ़ में मिला था जो क[MASK] अभी पाकि[MASK]्[MASK]ान में है। यह [MASK]ीरे[MASK]धी[MASK]े सिंधु घा[MASK]ी सभ[MASK]य[MASK]ा के रूप म[MASK]ं व[MASK]क[MASK]
ित हुए, जो की दक्षिण एशिया की सबसे प्राचीन शहरी सभ्यता है। यह 2६00 ईसा पूर्व और १९०० ईसा पूर्व के मध्य अपने चरम पर थी। यह वर्तमान पश्चिम भारत तथा पाकिस्तान में स्थित है। यह मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, धोलावी
ित हु[MASK], जो की दक्ष[MASK]ण एशिया की सब[MASK]े प्राचीन शहरी सभ्[MASK]ता है। यह [MASK]६00 ईसा प[MASK]र्व और १९०० ईसा पूर्व के मध्य अपने चर[MASK] पर थी। यह वर्तमान पश्चिम भारत तथा पाकि[MASK]्तान में स्थित है। यह मोहनजोद[MASK]़ो, हड़प्पा, धोलावी
रा, और कालीबंगा जैसे शहरों के आसपास केंद्रित थी और विभिन्न प्रकार के निर्वाह पर निर्भर थी, यहाँ व्यापक बाजार था तथा शिल्प उत्पादन होता था। २००० से ५०० ईसा पूर्व तक ताम्र पाषाण युग संस्कृति से लौह युग
[MASK]ा, और कालीबंगा [MASK]ैसे शहरों के आसपास कें[MASK]्र[MASK]त थी और विभ[MASK]न्न प्रकार के नि[MASK][MASK]वा[MASK] पर [MASK][MASK]र्भर थी, यहाँ व्यापक बाजार था तथा श[MASK]ल्प उत्पादन होता [MASK]ा। २००० से ५०० ईस[MASK] प[MASK]र्व तक ताम्र पाषाण युग संस्कृति से लौह [MASK]ुग
का आगमन हुआ। इसी युग को हिंदू धर्म से जुड़े प्राचीनतम धर्म ग्रंथ, वेदों का रचनाकाल माना जाता है तथा पंजाब तथा गंगा के ऊपरी मैदानी क्षेत्र को वैदिक संस्कृति का निवास स्थान माना जाता है। कुछ इतिहासकारों
का आगमन हु[MASK]। [MASK]सी युग को हिंद[MASK] धर्म से जुड़े प्[MASK]ाचीनत[MASK] [MASK]र्म ग्रंथ, वेदों क[MASK] रचनाकाल माना जाता है तथा पंजाब [MASK]था गंगा के ऊपर[MASK] मैदानी क्षेत्[MASK] को वैद[MASK]क संस[MASK]कृति का निवास [MASK]्थान माना जाता है। कुछ इतिहासकारों
का मानना है की इसी युग में उत्तर-पश्चिम से भारतीय-आर्यन का आगमन हुआ था। इसी अवधि में जाति प्रथा भी प्रारंभ हुई थी। वैदिक सभ्यता में ईसा पूर्व ६ वीं शताब्दी में गंगा के मैदानी क्षेत्र तथा उत्तर-पश्चिम
का मानना है की इसी य[MASK]ग में उत्तर-पश्चिम स[MASK] भारतीय-आर्[MASK]न का आगमन हुआ [MASK][MASK]। इसी अवधि में जाति प्रथा भी [MASK]्र[MASK][MASK]ंभ हुई थी। वैदिक [MASK]भ[MASK]यता में ईसा पूर्व ६ वीं शताब्द[MASK] में गंगा के मैदानी क्षेत्[MASK] तथा [MASK]त्[MASK]र-प[MASK]्च[MASK]म
भारत में छोटे-छोटे राज्य तथा उनके प्रमुख मिल कर 1६ कुलीन और राजशाही में सम्मिलित हुए जिन्हे महाजनपद के नाम से जाना जाता है। बढ़ते शहरीकरण के बीच दो अन्य स्वतंत्र अ-वैदिक धर्मों का उदय हुआ। महावीर के
भारत में छोटे-छोटे [MASK]ाज्य तथा उनके प्रमुख मिल [MASK]र 1६ कुलीन और राजशाही में सम्मिलित हु[MASK] ज[MASK]न्[MASK]े महाजनपद के नाम से जाना जाता है। बढ[MASK]ते शहर[MASK]करण के बीच दो अन्य [MASK][MASK]वतंत्[MASK] अ-वैदिक धर्म[MASK]ं का उदय हुआ। महावीर के
जीवन काल में जैन धर्म अस्तित्व में आया। गौतम बुद्ध की शिक्षाओं पर आधारित बौद्ध धर्म ने मध्यम वर्ग के अनुयायिओं को छोड़कर अन्य सभी वर्ग के लोगों को आकर्षित किया; इसी काल में भारत का इतिहास लेखन प्रारंभ
जीवन [MASK]ाल में जैन धर्म अस्तित्व [MASK]ें आया। गौतम बुद्ध क[MASK] शिक्षाओं पर आधारित बौद्ध [MASK]र्म ने मध्यम व[MASK][MASK]ग के [MASK]नुयाय[MASK]ओं को छोड़कर अन्य सभी व[MASK]्ग [MASK]े लोगों को आकर्षित किया; इसी काल म[MASK]ं [MASK]ारत का इतिहास लेखन [MASK]्रार[MASK]भ
हुआ। बढ़ती शहरी संपदा के युग में, दोनों धर्मों ने त्याग को एक आदर्श माना, और दोनों ने लंबे समय तक चलने वाली मठ परंपराओं की स्थापना की। राजनीतिक रूप से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक मगध साम्राज्य ने अन्य
हुआ। बढ़ती शहरी संपदा [MASK]े युग में, दोनों [MASK]र्मों ने त्याग को एक आदर्श माना, और दो[MASK]ों ने ल[MASK]बे समय [MASK][MASK] चलने वाली मठ परंपराओं की [MASK][MASK]थापना क[MASK]। राजनीतिक रूप से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक मगध साम्र[MASK]ज्य ने अन्य
राज्यों को अपने अंदर मिला कर मौर्य साम्राज्य के रूप में उभरा। मगध ने दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे भारत पर अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया लेकिन कुछ अन्य प्रमुख बड़े राज्यों ने इसके प्रमुख क
र[MASK]ज्[MASK]ों [MASK]ो अपने अंदर मिला कर मौ[MASK]्य साम्[MASK]ाज्य के रूप में उभरा[MASK] मगध ने दक्[MASK]िण भ[MASK]रत के कुछ हिस्सों को छो[MASK]़क[MASK] पूरे भा[MASK]त पर अपना अधि[MASK]त्य स्[MASK]ापित कर लिया [MASK]ेकिन कु[MASK] अन्य प्रमु[MASK] बड़े राज्यों न[MASK] इस[MASK]े प्रमुख क
्षेत्रों को अलग कर लिया। मौर्य राजाओं को उनके साम्राज्य की उन्नति के लिए तथा उच्च जीवन सतर के लिए जाना जाता है क्योंकि सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की स्थापना की तथा शस्त्र मुक्त सेना का निर्माण किया।१८०
्षेत्रों को अलग कर [MASK]िया। मौर्य राजा[MASK][MASK] को [MASK]न[MASK]े [MASK]ाम्राज्य की उन्नति के [MASK]ि[MASK] तथा उच्च जीवन स[MASK][MASK] के लिए जाना जाता [MASK]ै क्यो[MASK]कि सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की स्थाप[MASK]ा की त[MASK]ा शस[MASK]त्र मुक्त सेना का निर्माण किया[MASK]१८०
ईसवी के आरंभ से मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी, शक, पार्थी और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए। तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का श
ईसवी के [MASK]रंभ [MASK]े मध्य एशि[MASK]ा से कई आक्[MASK]मण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्[MASK]र भा[MASK]तीय उपमह[MASK][MASK]्वीप में यूनान[MASK][MASK] शक, पार्थी और अंततः कुषा[MASK] राजवंश स्था[MASK]ित [MASK]ुए। तीसरी शताब्द[MASK] [MASK]े आगे का सम[MASK] जब भारत पर गुप्त वंश क[MASK] श
ासन था, भारत का स्वर्णिम काल कहलाया। तमिल के संगम साहित्य के अनुसार ईसा पूर्व २०० से २०० ईस्वी तक दक्षिण प्रायद्वीप पर चेर राजवंश, चोल राजवंश तथा पांड्य राजवंश का शासन था जिन्होंने बड़े सतर पर भारत और
ासन था, भा[MASK]त का स्वर्ण[MASK]म का[MASK] कहल[MASK]या। तमिल के संगम साहि[MASK]्य के अ[MASK][MASK][MASK]ार ईस[MASK] पूर्व २०० [MASK]े २०[MASK] [MASK]स्वी तक द[MASK]्षिण प्र[MASK][MASK]द[MASK]व[MASK]प पर चेर राजवंश[MASK] चोल र[MASK]जवंश तथ[MASK] पा[MASK]ड्य [MASK]ाजवंश का शा[MASK][MASK] थ[MASK] जिन[MASK]होंने बड़े सतर पर भारत और
रोम के व्यापारिक संबंध और पश्चिम और दक्षिण पूर्व एशिया के साम्राज्यों के साथ व्यापर किया। चौथी-पाँचवी शताब्दी के बीच गुप्त साम्राज्य ने वृहद् गंगा के मैदानी क्षेत्र में प्रशासन तथा कर निर्धारण की एक
रो[MASK] के व्यापारिक [MASK]ंबंध और पश्चिम और [MASK]क्षिण पूर्[MASK] एशिया के साम[MASK]राज्यों के साथ व्यापर [MASK]िया। चौथी-पाँचव[MASK] शताब्द[MASK] के बीच ग[MASK]प्[MASK] साम्राज्[MASK] ने [MASK]ृहद् गंगा के मैदानी क्षेत्र में प्रशा[MASK]न तथा कर निर्धारण की एक
जटिल प्रणाली बनाई; यह प्रणाली बाद के भारतीय राज्यों के लिए एक आदर्श बन गई। गुप्त साम्राज्य में भक्ति पर आधारित हिन्दू धर्म का प्रचलन हुई। विज्ञान, कला, साहित्य, गणित, खगोलशास्त्र, प्राचीन प्रौद्योगिकी
जटिल प्रणाली बनाई[MASK] यह प्र[MASK]ाली बाद के भ[MASK]रतीय रा[MASK]्यों के लिए ए[MASK] आदर्श बन गई। गुप्त साम्र[MASK]ज्य में भ[MASK]्ति पर आधारित हिन्दू धर्म का प्रच[MASK]न हुई। विज्ञान, कला, साहित्य, गणित, खगोलशास्त[MASK]र, [MASK]्राचीन प[MASK]र[MASK]द्योगिकी
, धर्म, तथा दर्शन इन्हीं राजाओं के शासनकाल में फले-फूले, जो शास्त्रीय संस्कृत में रचा गया। ६०० से १२०० के बीच का समय क्षेत्रीय राज्यों में सांस्कृतिक उत्थान के युग के रूप में जाना जाता है। कन्नौज के र
, धर्[MASK], तथा द[MASK]्शन इन्ह[MASK]ं राजाओं के शासनकाल में फले-फूले, जो शास्त्र[MASK][MASK] संस्कृ[MASK] में र[MASK]ा गय[MASK]। ६०० से १२०० के बीच का सम[MASK] क्षे[MASK]्र[MASK]य [MASK]ाज्यों में सांस्कृतिक उत्थान के यु[MASK] के रूप मे[MASK] जान[MASK] [MASK]ाता है। कन्नौज [MASK]े [MASK]
ाजा हर्ष ने ६०६ से ६४७ तक गंगा के मैदानी क्षेत्र में शासन किया तथा उसने दक्षिण में अपने राज्य का विस्तार करने का प्रयास किया किन्तु दक्क्न के चालुक्यों ने उसे हरा दिया। उसके उत्तराधिकारी ने पूर्व की औ
ाजा हर्ष [MASK]े ६०[MASK] से [MASK][MASK]७ तक ग[MASK]गा के मैदानी क्षेत्र में शासन क[MASK]या तथा उस[MASK]े दक्षिण में अपने राज्य का विस्तार करने क[MASK] प्रया[MASK] किया किन्तु दक्क्[MASK] के चालुक्यों ने उसे हरा [MASK]िया। उसके उत्तराधिकारी ने पू[MASK]्व की औ
र राज्य का विस्तार करना चाहा लेकिन बंगाल के पाल शासकों से उसे हारना पड़ा। जब चालुक्यों ने दक्षिण की और विस्तार करने का प्रयास किया तो पल्ल्वों ने उन्हें पराजित कर दिया, जिनका सुदूर दक्षिण में पांड्यों
र राज्[MASK] का वि[MASK][MASK]तार करना चाहा ल[MASK]किन बंग[MASK]ल के पाल शासकों स[MASK] उसे हार[MASK]ा पड[MASK]ा। जब चालुक्यों ने दक्षिण [MASK]ी औ[MASK] विस्तार करने का प्रयास किया तो प[MASK]्[MASK]्वों न[MASK] उ[MASK][MASK]हें पर[MASK]ज[MASK]त कर दिया, जिनका सुदूर दक्षिण मे[MASK] [MASK]ांड्यो[MASK]
तथा चोलों द्वारा उनका विरोध किया जा रहा था। इस काल में कोई भी शासक एक साम्राज्य बनाने में सक्षम नहीं था और लगातार मूल भूमि की तुलना में दुसरे क्षेत्र की ओर आगे बढ़ने का क्रम जारी था। इस अवधि में नये
तथा चोलों द्व[MASK]रा उन[MASK]ा विरोध किय[MASK] जा रहा [MASK]ा। इस काल में कोई भ[MASK] शासक एक साम[MASK]राज्य बनान[MASK] [MASK]ें सक्षम [MASK]हीं था और ल[MASK]ातार मूल भूमि की तुलना में दुसरे क[MASK]षेत्र की ओ[MASK] आगे बढ़ने का क्रम जारी था। इस अवधि में न[MASK]े
शासन के कारण जाति में बांटे गए सामान्य कृषकों के लिए कृषि करना और सहज हो गया। जाति व्यवस्था के परिणामस्वरूप स्थानीय मतभेद होने लगे। ६ और ७ वीं शताब्दी में, पहली भक्ति भजन तमिल भाषा में बनाया गया था। प
शासन के का[MASK]ण ज[MASK]त[MASK] में बांटे गए सामान्य [MASK]ृ[MASK]क[MASK]ं के लिए कृष[MASK] [MASK][MASK][MASK]ा और सह[MASK] हो गया। जा[MASK]ि व[MASK]यवस्थ[MASK] के परिणामस[MASK]वर[MASK]प स्थानीय मतभेद [MASK]ोने [MASK]गे। ६ और ७ [MASK]ीं शताब[MASK]दी म[MASK]ं, प[MASK]ली भक्ति भजन तम[MASK]ल भाषा मे[MASK] बनाया गया [MASK]ा। प
ूरे भारत में उनकी नकल की गई और हिंदू धर्म के पुनरुत्थान और इसने उपमहाद्वीप की सभी आधुनिक भाषाओं के विकास का नेतृत्व किया। राजघरानो ने लोगों को राजधानी की आकर्षित किया। शहरीकरण के साथ शहरों में बड़े स्
ूरे भारत में उनक[MASK] नकल की गई और हिंदू धर[MASK]म के पुनरुत्थान औ[MASK] इ[MASK]ने उपमहाद्वीप [MASK]ी सभी आधुनिक भाषाओं के विकास का नेतृत्व किया। [MASK]ाजघरानो ने लो[MASK]ों को राजधानी की आकर्षित [MASK]िया। [MASK]हरीकरण के साथ श[MASK]रों म[MASK]ं ब[MASK]़े स्
तर पर मंदिरों का निर्माण किया। दक्षिण भारत की राजनीतिक और सांस्कृतिक व्यवस्था का प्रभाव दक्षिण एशिया के देशों म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और जावा में देखा जा सकता है।
तर पर मंदिरों का निर्म[MASK]ण किया। दक्षिण भारत की राजनीतिक और सांस्कृतिक [MASK]्यवस्[MASK]ा का प्र[MASK]ाव दक्षिण एशिया के देशो[MASK] म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, विय[MASK][MASK]ाम, फिल[MASK]पींस, मलेशिया और जावा में द[MASK]खा जा [MASK]कता है।
१० वीं शताब्दी के बाद घुमन्तु मुस्लिम वंशों ने जातियता तथा धर्म द्वारा संघठित तेज घोड़ों से युक्त बड़ी सेना के द्वारा उत्तर-पश्चिमी मैदानों पर बार बार आकर्मण किया, अंततः १२०६ इस्लामीक दिल्ली सल्तनत क
[MASK]१० व[MASK]ं शताब्दी क[MASK] बाद घुमन्तु मुस्लिम वंशो[MASK] ने जातिय[MASK]ा तथा धर्[MASK] द्वारा संघठित ते[MASK] घो[MASK][MASK]ों से युक्त बड़ी सेन[MASK] के द्व[MASK]र[MASK] उत्तर-प[MASK][MASK]चि[MASK][MASK] मैदा[MASK]ों प[MASK] [MASK]ार [MASK]ार आक[MASK]्मण कि[MASK]ा, अंततः १२०६ इस्लामीक दि[MASK]्ली सल[MASK]तनत [MASK]
ी स्थापना हुई। उन्हें उतर भारत को अधिक नियंत्रित करना था तथा दक्षिण भारत पर आकर्मण करना था। भारतीय कुलीन वर्ग के विघटनकारी सल्तनत ने बड़े पैमाने पर गैर-मुस्लिमों को स्वयं के रीतिरिवाजों पर छोड़ दिया।
ी स्थापना ह[MASK]ई। उन्हें उतर भारत को अधिक नियंत[MASK]रित करना था [MASK]था दक्षिण भारत पर आकर्मण करना था। भारतीय कुलीन वर्ग के विघटनक[MASK]री सल्तनत ने [MASK]ड़े पैम[MASK]ने पर गैर-मु[MASK][MASK]लिमों को [MASK]्वयं के रीतिरिवाजों [MASK][MASK] छोड़ दिया।
१३ वीं शताब्दी में मंगोलों द्वारा किये के विनाशकारी आकर्मण से भारत की रक्षा की। सल्तनत के पतन के कारण स्वशासित विजयनगर साम्राज्य का मार्ग प्रशस्त हुआ। एक मजबूत शैव परंपरा और सल्तनत की सैन्य तकनीक पर न
१३ वीं शताब्दी मे[MASK] मंगोलो[MASK] द्[MASK]ारा किये क[MASK] विन[MASK][MASK]कारी आकर्मण से भारत की रक्षा की। सल्तनत के पतन के कारण स्वशा[MASK]ित विजयनगर साम्रा[MASK][MASK]य क[MASK] [MASK]ा[MASK]्ग प्रशस[MASK]त [MASK][MASK]आ। एक मज[MASK]ूत शै[MASK] परंपरा औ[MASK] [MASK]ल[MASK]तनत क[MASK] सैन्[MASK] तकनीक पर [MASK]
िर्माण करते हुए साम्राज्य ने भारत के विशाल भाग पर शासन किया और इसके बाद लंबे समय तक दक्षिण भारतीय समाज को प्रभावित किया। प्रारंभिक आधुनिक भारत १७वीं शताब्दी के मध्यकाल में पुर्तगाल, डच, फ्रांस, ब्रिटे
िर्[MASK]ाण करते हुए साम्राज्य ने भारत के [MASK][MASK]शाल भ[MASK]ग पर शास[MASK] किया और इसके बाद लंबे समय तक द[MASK][MASK]षिण भारतीय समाज को प्रभा[MASK]ित किया। प्रारंभिक आ[MASK]ु[MASK]िक भा[MASK]त १७वीं शताब्दी के [MASK]ध्यकाल मे[MASK] पुर्त[MASK]ाल, ड[MASK], फ्रा[MASK]स, ब्रिट[MASK]
न सहित अनेक यूरोपीय देशों, जो भारत से व्यापार करने के इच्छुक थे, उन्होंने देश की आतंरिक शासकीय अराजकता का फायदा उठाया हालांकि अंग्रेजों ने व्यापार करने के बहाने से देश में आए और आंतरिक विद्रोह करवाने
न सहित अनेक [MASK]ूरोपीय देशों, [MASK][MASK] भारत से व[MASK]यापार करने क[MASK] इच[MASK]छुक थे, उन्होंने देश की आत[MASK]रिक शासक[MASK]य अराजकता का फायदा उठाया हालांकि अंग्रेजों न[MASK] व्यापार करने के बहाने से दे[MASK] में आए औ[MASK] आंतरिक विद्[MASK]ोह करवाने
की कोशिश की ताकि वे आपस में लड़ाई करवाकर भारतीयों को कमजोर कर सकें । इसमें वे कामयाब हुए और १८४० तक लगभग संपूर्ण देश पर शासन करने में सफल हुए। वास्तव में ये शासन की दृष्टि से नहीं आए बल्कि वे देश की भ
की कोशिश की ताकि वे [MASK][MASK]स में लड़[MASK]ई करवाक[MASK] भा[MASK]तीयों को कमजोर कर स[MASK]ें । [MASK]स[MASK]ें व[MASK] कामयाब हुए और १८४० तक [MASK]गभग स[MASK]पूर्ण देश [MASK]र शासन करने में सफल हुए। वा[MASK]्तव में [MASK]े शासन की दृष्टि से नहीं आए बल्क[MASK] वे देश क[MASK] भ
ोलीभाली जनता को लूटना चाहते थे । क्योंकि भारत देश में बाहर से आया हर कोई मेहमान होता है और उसे वे देवता का दर्जा देते हैं । इसी का फायदा अंग्रेजों ने उठाया और धीरे धीरे आंतरिक अशांति इस प्रकार फैलाई क
ोलीभाली जनता को [MASK]ूटन[MASK] [MASK]ाह[MASK]े [MASK]े । क्योंकि भारत देश में बाहर से आया हर [MASK]ोई [MASK]े[MASK]मान होता है और उसे वे देवता का द[MASK]्[MASK]ा देते हैं । इसी का फा[MASK]दा अ[MASK]ग्रेजो[MASK] ने उठाया और धीरे धीरे [MASK]ंतरिक अशांत[MASK] [MASK]स प्रकार फै[MASK]ाई क
ी सबसे पहले यहां की शिक्षा व्यवस्था को बदला जो की दुनियां में सबसे अच्छी व्यवस्था थी । और वर्ण व्यवस्था को जाती वाद में बदल दिया गया । ऊंची नीची जातियों में विभाजन किया । मुस्लिम धर्म वालों को धक्के स
ी सबसे पहले य[MASK]ां की शिक्षा व्यवस्था को बदला जो की [MASK]ुनियां में [MASK]बस[MASK] अच्छी व्यवस्था थी । और वर्ण व्यवस्[MASK]ा को ज[MASK]त[MASK] वाद में बदल [MASK]िया गय[MASK] । ऊंची न[MASK]ची जातियों में विभ[MASK]जन किया । मुस्लिम धर[MASK]म वालों को [MASK]क्के स
े गाय माता की हत्या करवाने में लगा दिया । और फिर हिंदुओं को बोला की देखो आपके मुस्लिम भाई , आपकी माता की हत्या कर रहे हैं । ये तो आपके भाई कहलाने के लायक भी नहीं है । इस प्रकार देखते ही देखते दंगा फैल
े गाय माता क[MASK] हत्[MASK]ा कर[MASK]ाने में लगा दिया । और [MASK]िर हि[MASK]द[MASK][MASK]ं को बोला की द[MASK]खो आपके मुस्लिम भाई [MASK] [MASK]पकी माता की [MASK]त[MASK]य[MASK] [MASK]र रहे हैं । ये तो आ[MASK]के [MASK]ा[MASK] [MASK]हलाने के लायक भी नहीं है । इस प्रकार देखते ही देखते दंगा फैल
ा दिया । लेकिन१८५७ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के विरुद्ध असफल विद्रोह, जो भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम से भी जाना जाता है, के बाद भारत का अधिकांश भाग सीधे अंग्रेजी शासन के प्रशासनिक नियंत्र
ा [MASK]िया । लेकिन१८[MASK]७ में ब्रिटिश ईस्ट इं[MASK]िया कम्[MASK]न[MASK] क[MASK] विरुद्ध असफल वि[MASK]्रोह, जो भारतीय स्वत[MASK]्त्रता के प्रथम संग्र[MASK]म से भी जाना [MASK]ाता है, के बाद भार[MASK] क[MASK] अ[MASK]ि[MASK]ांश [MASK]ाग सीधे अंग्रे[MASK]ी शासन के प्रशासनिक नियंत्र
ण में आ गया। बीसवी सदी के प्रारम्भ में आधुनिक शिक्षा के प्रसार और विश्वपटल पर बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के चलते भारत में एक बौद्धिक आन्दोलन का सूत्रपात हुआ जिसने सामाजिक और राजनीतिक स्तरों पर अनेक प
ण में आ गया। बीसवी सदी क[MASK] प्रारम्[MASK] [MASK]ें आधुनिक शिक्षा क[MASK] प्र[MASK]ार [MASK][MASK] विश्वपटल प[MASK] बदलती राजनीतिक प[MASK]िस्थितिय[MASK][MASK] के च[MASK]ते भ[MASK]रत में एक बौद्धिक आन्दोलन का सूत्रपात हुआ जिस[MASK]े सामाजिक और राजनीतिक स्तरों पर [MASK]न[MASK]क [MASK]
रिवर्तनों एवम आन्दोलनों की नीव रखी। १८८५ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना ने स्वतन्त्रता आन्दोलन को एक गतिमान स्वरूप दिया। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में लम्बे समय तक स्वतंत्रता प्राप्ति के लिय
रिवर्तनों एव[MASK] आन्दोलनो[MASK] की [MASK]ीव रख[MASK]। १८८५ [MASK][MASK]ं भार[MASK]ीय राष्ट्रीय कांग[MASK]रेस [MASK][MASK] स्थापन[MASK] न[MASK] स्[MASK]तन्त्रता आन[MASK]दोल[MASK] को एक गतिमान स्वरूप दिया। ब[MASK]सवीं श[MASK]ाब[MASK]दी [MASK]े प्[MASK]ारंभ में लम्बे समय तक [MASK]्व[MASK]ंत्रता प्राप्ति के लिय
े विशाल अहिंसावादी संघर्ष चला, जिसका नेतृत्व महात्मा गांधी, जो आधिकारिक रूप से आधुनिक भारत के 'राष्ट्रपिता' के रूप में संबोधित किये जाते हैं, इसी सदी में भारत के सामाजिक आन्दोलन, जो सामाजिक स्वतंत्रता
े विशाल अहिंसावादी संघर्ष चला, जिसका नेतृत्व महात्मा गांधी[MASK] जो आधिकारिक रूप से आधु[MASK]िक भारत [MASK]े 'राष्ट्रप[MASK][MASK]ा' के रू[MASK] में [MASK]ंबोधित किये जा[MASK][MASK] हैं, इसी सद[MASK] में [MASK]ारत के सा[MASK][MASK]जिक आन्दोलन, जो सामाजिक स[MASK]वत[MASK]त्रता
प्राप्ति के लिए भी विशाल अहिंसावादी एवं क्रांतिवादी संघर्ष चला, जिसका नेतृत्व डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर ने किया, जो आधुनिक भारत के निर्माता, संविधान निर्माता' एवं दलितों के मसिहा के रूप में संबोधित किये
प्रा[MASK][MASK]ति के [MASK]िए भ[MASK] विशाल अह[MASK]ंसाव[MASK]दी एव[MASK] क्र[MASK]ंति[MASK]ादी [MASK]ंघ[MASK]्ष चला, जिसका [MASK]ेतृत्व डॉ॰ [MASK]ाबासाहेब आंबेडकर ने कि[MASK]ा, जो [MASK]धुनिक भारत के निर[MASK]माता, संविधान निर्माता' एवं दलितों के मसिहा के रूप में [MASK]ंबोध[MASK]त क[MASK][MASK]े
जाते है। इसके साथ-साथ चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, आदि के नेतृत्व में चले क्रांतिकारी संघर्ष के फलस्वरुप १५ अगस्त, १९४७ भारत ने अंग्रेजी शासन से पूर्णतः स्
ज[MASK]त[MASK] [MASK]ै। इसके साथ-साथ चंद्रशेखर आजाद[MASK] सरदार भगत सिंह, सु[MASK]देव, राजगुरू, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, [MASK]दि के नेतृत्व [MASK]ें चले क्रां[MASK]िकारी स[MASK]घर्ष के फलस[MASK]वर[MASK]प १५ अग[MASK]्त[MASK] १९४७ भारत [MASK]े अंग[MASK]रेजी श[MASK]सन से पूर्[MASK]तः स्
वतंत्रता प्राप्त की। तदुपरान्त २६ जनवरी, १९५० को भारत एक गणराज्य बना। एक बहुजातीय तथा बहुधार्मिक राष्ट्र होने के कारण भारत को समय-समय पर साम्प्रदायिक तथा जातीय विद्वेष का शिकार होना पड़ा है। क्षेत्रीय
वतंत्रता प्राप्त की। तदुपरान्त २६ जन[MASK]री[MASK] १९[MASK]० को भा[MASK]त एक गण[MASK]ा[MASK]्य बना। ए[MASK] बहुजातीय तथा बहुधार्मिक राष्ट[MASK]र [MASK]ोने के कारण भारत को समय[MASK]समय [MASK]र साम[MASK]प्रदा[MASK]िक तथ[MASK] जातीय विद्वेष का शिकार ह[MASK]ना पड़ा ह[MASK]। क्षेत्रीय
असंतोष तथा विद्रोह भी हालाँकि देश के अलग-अलग हिस्सों में होते रहे हैं, पर इसकी धर्मनिरपेक्षता तथा जनतांत्रिकता, केवल १९७५-७७ को छोड़, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी थ
असंतोष त[MASK]ा विद्रोह भी हालाँकि देश के अलग-अलग ह[MASK]स्सो[MASK] में होते [MASK]हे [MASK]ैं, पर इसकी [MASK]र्मनिरपेक्षता तथा जनत[MASK][MASK]त्रिकता, केवल १९७५-७७ [MASK]ो [MASK]ोड़[MASK] जब [MASK]त्कालीन [MASK]्रधान[MASK]ं[MASK]्री [MASK]ंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी थ
ी, अक्षुण्ण रही है। भारत के पड़ोसी राष्ट्रों के साथ अनसुलझे सीमा विवाद हैं। इसके कारण इसे छोटे पैमानों पर युद्ध का भी सामना करना पड़ा है। १९६२ में चीन के साथ, तथा १९४७, १९६५, १९७१ एवं १९९९ में पाकिस्त
ी[MASK] अक्[MASK]ुण्ण रही है[MASK] [MASK]ारत के पड़ोसी राष्ट्रों के साथ अनसुलझे सीमा विवाद हैं। इस[MASK]े कारण इसे छोटे पैमानों पर युद्ध का भी सामना करना पड़ा है। १९६२ में चीन के साथ, तथ[MASK] १९[MASK]७[MASK] १९६५, १९[MASK]१ एव[MASK] १९[MASK]९ में पाकिस्त
ान के साथ लड़ाइयाँ हो चुकी हैं। भारत गुटनिरपेक्ष आन्दोलन तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापक सदस्य देशों में से एक है। १९७४ में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था जिसके बाद १९९८ में ५ और परीक्षण
ान के साथ लड[MASK]ा[MASK][MASK]ाँ हो चुक[MASK] हैं। भारत गुटनिरपेक्ष [MASK]न्दोलन तथा संयुक्त राष्ट्र स[MASK]घ के संस्थापक [MASK]दस[MASK]य द[MASK]शों में से एक है[MASK][MASK]१[MASK]७४ म[MASK]ं भारत ने [MASK][MASK]ना प[MASK]ला परमा[MASK]ु पर[MASK][MASK]्षण किया था जिसके ब[MASK]द १९९८ [MASK]ें ५ और परीक्षण
किये गये। १९९० के दशक में किये गये आर्थिक सुधारीकरण की बदौलत आज देश सबसे तेज़ी से विकासशील राष्ट्रों की सूची में आ गया है। भारत का राष्ट्रीय चिह्न सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ की अनुकृति है जो सारनाथ के स
किये गये। १९९० के दशक म[MASK]ं किये [MASK]ये [MASK]र्थिक सुधारीकरण की बदौ[MASK]त आज देश सबसे तेज़ी से वि[MASK]ासशील राष्ट्रों [MASK]ी सूची मे[MASK] आ गया ह[MASK]। भारत का राष्ट्र[MASK]य चिह्न सारनाथ [MASK]्थ[MASK]त अशोक स्तंभ की अनु[MASK][MASK]ति है जो [MASK]ारनाथ के स
ंग्रहालय में सुरक्षित है। भारत सरकार ने यह चिह्न २६ जनवरी १९५० को अपनाया। उसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा सिंह दृष्टिगोचर नहीं है। राष्ट्रीय चिह्न के नीचे देवनागरी लिपि में 'सत्यमेव जयते' अं
ं[MASK]्रहालय में सुरक्षित है। भारत सरकार ने यह चिह्न [MASK]६ जनवरी [MASK]९५० को अपन[MASK]या। उसमें [MASK]ेवल तीन सिं[MASK] द[MASK]खाई पड़त[MASK] हैं, चौथा सि[MASK]ह दृष्टिगोचर नहीं है। [MASK]ाष[MASK]ट्रीय चिह्न के न[MASK]चे देव[MASK]ागरी लिपि में '[MASK]त्यमेव जयते' अं
कित है। भारत के राष्ट्रीय झंडे में तीन समांतर आयताकार पट्टियाँ हैं। ऊपर की पट्टी केसरिया रंग की, मध्य की पट्टी सफेद रंग की तथा नीचे की पट्टी गहरे हरे रंग की है। झंडे की लंबाई चौड़ाई का अनुपात ३:२ का ह
कित है। [MASK]ारत के रा[MASK]्[MASK]्रीय झंडे में तीन समांतर आ[MASK]ताकार पट[MASK]टियाँ हैं। ऊप[MASK] की पट्[MASK]ी केसरिया रंग की, मध्य की पट्टी [MASK]फेद र[MASK]ग की तथा नीचे की पट्[MASK]ी गहरे हरे रंग की है। झंडे की लंबाई [MASK]ौ[MASK]़ाई का अनुप[MASK]त ३:२ का [MASK]
ै। सफेद पट्टी पर चर्खे की जगह सारनाथ के सिंह स्तंभ वाले धर्मचक्र अनुकृति अशोक चक्र है जिसका रंग गहरा नीला है। चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी के चौड़ाई जितना है और उसमें २४ अरे हैं। कवि रवींद्रनाथ ठाकुर
[MASK]। सफेद पट्[MASK]ी पर च[MASK]्खे की जगह सारनाथ के सिं[MASK] स्तंभ वाले ध[MASK]्मचक्र अनु[MASK]ृति अशोक चक्र है ज[MASK]सका र[MASK][MASK] ग[MASK]रा [MASK]ीला [MASK][MASK]। चक्[MASK] का व्[MASK]ास लगभग सफेद प[MASK]्टी के [MASK]ौड़ाई जितना है [MASK]र उसमें २४ अर[MASK] हैं[MASK] कवि रवीं[MASK]्रनाथ ठाकुर
द्वारा लिखित 'जन-गण-मन' के प्रथम अंश को भारत के राष्ट्रीय गान के रूप में २४ जनवरी १९५० ई. को अपनाया गया। साथ-साथ यह भी निर्णय किया गया कि बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा लिखित 'वंदे मातरम्' को भी 'जन-गण-मन'
द[MASK]वारा लिखित 'जन-गण-मन' क[MASK] प्रथम अंश को भारत के रा[MASK]्ट्रीय गा[MASK] के [MASK]ूप में २४ जनवरी १९५० ई. को अपना[MASK]ा गया। साथ-साथ यह भी निर्णय किया गया क[MASK] बंकिमचंद्र चट[MASK]्जी द्वारा लिखि[MASK] 'व[MASK]दे मातरम्' को [MASK]ी 'ज[MASK]-गण-मन[MASK]
के समान ही दर्जा दिया जाएगा, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम में 'वंदे मातरम्' गान जनता का प्रेरणास्रोत था। भारत सरकार ने देश भर के लिए राष्ट्रीय पंचांग के रूप में शक संवत् को अपनाया है। इसका प्रथम मास 'च
के समान ही [MASK]र्जा दिया जाएगा[MASK] क्योंकि स[MASK]वतं[MASK]्[MASK]ता संग्राम में 'वंदे मातरम्' गान जनता का प्रेरणास्रोत था। [MASK][MASK]रत [MASK]रकार न[MASK] [MASK]ेश भर के लिए राष्ट्रीय पंचा[MASK]ग के र[MASK]प में शक संव[MASK]् को अपना[MASK]ा है। इसक[MASK] प्रथम मास 'च
ैत' है और वर्ष सामान्यत: ३६५ दिन का है। इस पंचांग के दिन स्थायी रूप से अंग्रेजी पंचांग के मास दिनों के अनुरूप बैठते हैं। सरकारी कार्यो के लिए ग्रेगरी कैलेंडर (अंग्रेजी कैलेंडर) के साथ-साथ राष्ट्रीय पं
ैत' है औ[MASK] वर्ष सा[MASK]ान्यत: ३६५ दिन का है। इस पंच[MASK]ंग [MASK]े दिन स[MASK]थायी रूप स[MASK] अंग्रेजी [MASK]ंचां[MASK] के मा[MASK] दिनों के अनुरूप बैठते हैं। स[MASK]कारी कार[MASK][MASK][MASK] के ल[MASK]ए ग्रेगरी कैलेंडर (अंग्रेज[MASK] कैलेंड[MASK]) [MASK]े साथ-साथ र[MASK]ष्ट्रीय पं
चांग का भी प्रयोग किया जाता है। भारत का संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य घोषित करता है। भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसकी द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शै
चांग का भी प्[MASK]योग किया जाता है। भा[MASK]त का संविधान भारत को एक संप्[MASK]भु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्र[MASK]क गणराज्य घोषित करता है। भारत एक [MASK]ोकतांत्[MASK][MASK]क गण[MASK]ाज[MASK][MASK] है, [MASK]िसकी द[MASK]व[MASK]सद[MASK]ात्मक संसद वेस्टम[MASK]न[MASK]स[MASK]टर शै
ली की संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है। भारत का प्रशासन संघीय ढांचे के अन्तर्गत चलाया जाता है, जिसके अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार और राज्य स्तर पर राज्य सरकारें हैं। केंद्र और राज्य सरकारों क
ली की संसदीय प्र[MASK]ा[MASK]ी द[MASK][MASK]ारा संचालित है। भारत का प्रशासन स[MASK]घीय ढांचे के अन्तर्गत चलाया जाता है, जिस[MASK][MASK] [MASK]नुसार राष्ट्री[MASK] स्तर पर केंद्[MASK] सर[MASK][MASK]र औ[MASK] राज्य स्तर पर राज्य सरकारें हैं। केंद्र और राज्य सरका[MASK]ो[MASK] [MASK]
े बीच शक्तियों का बंटवारा संविधान में दी गई रूपरेखा के आधार पर होता है। वर्तमान में भारत में २८ राज्य और ८ केंद्र-शासित प्रदेश हैं। केंद्र शासित प्रदेशों में, स्थानीय प्रशासन को राज्यों की तुलना में क
े बी[MASK] शक्त[MASK]यों का बंटवारा संविधा[MASK] में दी गई रूपरेखा के [MASK]धार पर ह[MASK]ता है। वर्[MASK]मान में भारत म[MASK]ं २८ राज्य और ८ केंद्[MASK]-शासित प्[MASK]देश [MASK]ैं। केंद[MASK]र शासित प्रदेशों में, स्थानीय प्रशासन [MASK]ो राज्यों की तुलना म[MASK]ं क
म शक्तियां प्राप्त होती हैं। भारत का सरकारी ढाँचा, जिसमें केंद्र राज्यों की तुलना में ज़्यादा सशक्त है, उसे आमतौर पर अर्ध-संघीय (सेमि-फ़ेडेरल) कहा जाता रहा है, पर १९९० के दशक के राजनैतिक, आर्थिक और सा
म शक्तियां प्राप्त होती हैं[MASK] भारत क[MASK] सरकारी ढाँच[MASK], जिसमें के[MASK][MASK]्र [MASK]ाज[MASK]यों की तु[MASK]ना म[MASK]ं ज़्या[MASK]ा सशक्त है, उसे आमतौर पर अर्ध-संघीय (स[MASK]मि-[MASK]़ेडेरल) कहा [MASK]ाता [MASK]हा है, पर १९९० के दश[MASK] के राजनैतिक, आ[MASK]्थिक औ[MASK] सा
माजिक बदलावों के कारण इसकी रूपरेखा धीरे-धीरे और अधिक संघीय (फ़ेडेरल) होती जा रही है। इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं:- न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। व्यवस्थापिका संसद को कहते हैं, जिसके दो
[MASK]ाज[MASK]क बदलावों के का[MASK]ण इ[MASK]की [MASK]ूपरेखा धीरे-धी[MASK]े और अधिक संघीय (फ़ेडेरल[MASK] होती जा रही है। इसके शासन में [MASK]ीन मु[MASK]्य अंग हैं:- न्यायपाल[MASK]का, का[MASK]्यपालिका और व्यवस्थापि[MASK]ा। व्यवस्थापिका संसद को क[MASK]ते हैं, जिसके दो
सदन हैं उच्चसदन राज्यसभा, अथवा राज्यपरिषद् और निम्नसदन लोकसभा. राज्यसभा में २४५ सदस्य होते हैं जबकि लोकसभा में ५४५। राज्यसभा एक स्थाई सदन है और इसके सदस्यों का चुनाव, अप्रत्यक्ष विधि से ६ वर्षों के ल
सदन [MASK]ै[MASK] उच्चसदन [MASK]ाज्[MASK]स[MASK]ा, [MASK]थवा राज्यपरिषद[MASK] और न[MASK]म्नसद[MASK] लो[MASK]स[MASK]ा. राज्य[MASK]भा मे[MASK] २४[MASK] सदस्य होते है[MASK] जबकि लोक[MASK]भा में [MASK]४५। [MASK]ाज्यसभा एक स्थाई सदन ह[MASK] और इसके सदस्यों का चुना[MASK], अप्रत[MASK]यक्ष विधि से ६ वर्[MASK][MASK]ं के ल
िये होता है। राज्यसभा के ज़्यादातर सदस्यों का चयन राज्यों की विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है, और हर दूसरे साल राज्य सभा के एक तिहाई सदस्य पदमुक्त हो जाते हैं। लोकसभा के ५४३ सदस्यों का चुनाव
िय[MASK] [MASK]ोता है। राज[MASK]यसभा क[MASK] ज़्यादातर सदस्यों का चयन राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य[MASK]ं [MASK]्[MASK]ारा किया जाता ह[MASK], और हर दूसरे सा[MASK] राज्य सभा के ए[MASK] तिह[MASK]ई [MASK][MASK]स[MASK]य पदमुक्[MASK] हो जा[MASK][MASK] हैं। लोकसभा क[MASK] ५४३ सद[MASK]्यों क[MASK] चुनाव
प्रत्यक्ष विधि से, ५ वर्षों की अवधि के लिये आम चुनावों के माध्यम से किया जाता है जिनमें १८ वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारतीय नागरिक मतदान कर सकते हैं। कार्यपालिका के तीन अंग हैं राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति
प्रत्यक्ष विधि से, ५ वर्षो[MASK] की अवधि के लिये आम चुनाव[MASK]ं के माध्[MASK]म से [MASK]िय[MASK] जाता [MASK]ै जिनमें १८ वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारत[MASK]य नागरिक मतदान कर सकते हैं।[MASK]कार्यपाल[MASK][MASK]ा के तीन अंग हैं राष्ट[MASK]रपति, [MASK]पराष्ट्रप[MASK]ि
और मंत्रिमंडल। राष्ट्रपति, जो राष्ट्र का प्रमुख है, की भूमिका अधिकतर आनुष्ठानिक ही है। उसके दायित्वों में संविधान का अभिव्यक्तिकरण, प्रस्तावित कानूनों (विधेयक) पर अपनी सहमति देना और अध्यादेश जारी करन
और मंत[MASK]रि[MASK]ंडल[MASK] रा[MASK]्ट्[MASK]पति, जो रा[MASK]्ट[MASK]र [MASK]ा प्रमुख है, की भू[MASK]िका अधिकतर आनुष्ठानिक ही है। उसके दायि[MASK]्वों में संविधान का अ[MASK]िव्[MASK]क्तिकरण, प्रस्ता[MASK]ित कानूनो[MASK] ([MASK]िधेय[MASK]) प[MASK] अपनी [MASK]हमति [MASK]ेना औ[MASK] अध्यादेश [MASK]ारी कर[MASK]
ा प्रमुख हैं। वह भारतीय सेनाओं का मुख्य सेनापति भी है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को एक अप्रत्यक्ष मतदान विधि द्वारा ५ वर्षों के लिये चुना जाता है। प्रधानमन्त्री सरकार का प्रमुख है और कार्यपालिका की स
ा प्रमुख हैं। [MASK]ह भारतीय सेनाओं का मु[MASK]्य सेनापति भी है। राष्ट[MASK]रपति और उपराष्ट्रपति को एक अप्रत्यक्ष मतदान विधि द्वारा ५ वर्षों [MASK]े लिये चु[MASK]ा जाता ह[MASK]। प[MASK]रधानमन[MASK]त्री सरकार का प्[MASK]मु[MASK] ह[MASK] और कार्यपालिका क[MASK] स
ारी शक्तियाँ उसी के पास होती हैं। इसका चुनाव राजनैतिक पार्टियों या गठबन्धन के द्वारा प्रत्यक्ष विधि से संसद में बहुमत प्राप्त करने पर होता है। बहुमत बने रहने की स्थिति में इसका कार्यकाल ५ वर्षों का हो
ारी शक्तियाँ उ[MASK][MASK] के पा[MASK] होती हैं। इ[MASK]का चुन[MASK]व रा[MASK]नैतिक पार्[MASK]ियों या गठबन्ध[MASK] के द्वारा प्रत्यक्ष विधि से संसद में बह[MASK]मत प्राप[MASK]त करने पर ह[MASK]ता है। बहुमत [MASK]ने [MASK][MASK]ने [MASK]ी स्थिति में इसक[MASK] कार्यकाल ५ वर्षों का हो
ता है। संविधान में किसी उप-प्रधानमंत्री का प्रावधान नहीं है पर समय-समय पर इसमें फेरबदल होता रहा है। मंत्रिमंडल का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। मंत्रिमंडल के प्रत्येक मंत्री को संसद का सदस्य होना अनिवा
ता है। संविधान म[MASK]ं किसी उप-प्र[MASK]ानमंत्री का प्रावधान नहीं है पर [MASK]मय-समय [MASK]र इ[MASK]में फेरबदल होता [MASK]हा है। म[MASK]त्रिम[MASK]डल का प्रमुख प्रधानम[MASK][MASK]्[MASK]ी होता है। मंत्र[MASK]म[MASK]डल के प्रत्येक मंत्री [MASK][MASK] संस[MASK] [MASK]ा स[MASK]स्य होना अनिवा
र्य है। कार्यपालिका संसद को उत्तरदायी होती है, और प्रधानमंत्री और उनका मंत्रिमण्डल लोक सभा में बहुमत के समर्थन के आधार पर ही अपने कार्यालय में बने रह सकते हैं। भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका का ढाँचा त्
र्य है। क[MASK]र्यपालिका स[MASK]स[MASK] [MASK]ो उत्तरद[MASK]यी होती है, और प्रधानमं[MASK]्री और [MASK]नक[MASK] मंत[MASK]रिमण्[MASK][MASK] ल[MASK]क सभा में बहुमत के समर्थ[MASK] के [MASK][MASK]ार पर [MASK][MASK] अपने क[MASK]र[MASK]यालय [MASK]ें बने र[MASK] सकते हैं[MASK] भारत की स्[MASK]तंत्र न्यायपालिका का ढाँचा [MASK]्
रिस्तरीय है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय, जिसके प्रधान प्रधान न्यायाधीश है; २४ उच्च न्यायालय और बहुत सारी निचली अदालतें हैं। सर्वोच्च न्यायालय को अपने मूल न्यायाधिकार (ओरिजिनल ज्युरिडिक्शन), और उच्च न्या
रिस्तरीय है, जिसमें सर्वोच[MASK]च न्यायालय, जिसके प्रधान [MASK]्र[MASK]ान न्याय[MASK]धीश है; २४ उच्च न्याय[MASK]ल[MASK] और बहुत सारी न[MASK][MASK]ली अ[MASK]ालतें ह[MASK]ं। सर्[MASK]ोच्च न्य[MASK]यालय को अपने [MASK]ूल न्यायाधिकार (ओरिजिनल ज्युरिडिक्शन), और उच्च न[MASK]या
यालयों के ऊपर अपीलीय न्यायाधिकार के मामलों, दोनो को देखने का अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय के मूल न्ययाधिकार में मौलिक अधिकारों के हनन के इलावा राज्यों और केंद्र, और दो या दो से अधिक राज्यों के बीच के
याल[MASK][MASK]ं क[MASK] ऊपर अपीलीय न्यायाधिकार क[MASK] मामलों, दोनो को देखने का अधि[MASK]ार है। सर्वोच्च न्या[MASK]ा[MASK]य के मूल न[MASK]यया[MASK]िक[MASK]र में मौलिक अधिकारों के हनन के इलावा राज्यों और के[MASK][MASK]्र, और दो [MASK]ा दो से अधिक राज[MASK]यों क[MASK] बीच के
विवाद आते हैं। सर्वोच्च न्यायालय को राज्य और केंद्रीय कानूनों को असंवैधानिक ठहराने के अधिकार है। भारत में २४ उच्च न्यायालयों के अधिकार और उत्तरदायित्व सर्वोच्च न्यायालय की अपेक्षा सीमित हैं। संविधान न
विव[MASK]द आ[MASK]े हैं। [MASK]र्वोच्[MASK] न्याय[MASK]लय [MASK]ो राज्[MASK] और केंद्रीय कानूनों को अ[MASK]ंवैधा[MASK]ि[MASK] ठहराने के अधिकार है। भ[MASK]रत में [MASK]४ उच्च न्याया[MASK]यो[MASK] के अधिक[MASK]र और उ[MASK]्तरदायित्व सर्वोच्च न्या[MASK]ालय [MASK]ी अपेक[MASK]ष[MASK] सीमित हैं। संविधान न
े न्यायपालिका को विस्तृत अधिकार दिये हैं, जिनमें संविधान की अंतिम व्याख्या करने का अधिकार भी सम्मिलित है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। बहुदलीय प्रणाली वाले इस संसदीय गणराज्य में छ: मान्यता-प्र
े न्यायपा[MASK][MASK]का [MASK]ो विस्तृत अ[MASK]िकार दि[MASK]े [MASK][MASK]ं, जिनमें संविधान की [MASK]ंत[MASK]म व्याख्या करने [MASK]ा अधिका[MASK] [MASK]ी सम्मिलित है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोक[MASK]ंत[MASK]र [MASK]ै। बहुदलीय प्[MASK]ण[MASK]ली वाले [MASK]स संसदीय ग[MASK]राज्य में छ: मान[MASK]यता-प्र
ाप्त राष्ट्रीय पार्टियां, और ४० से भी ज़्यादा क्षेत्रीय पार्टियां हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जिसकी नीतियों को केंद्रीय-दक्षिणपंथी या रूढिवादी माना जाता है, के नेतृत्व में केंद्र में सरकार है जिस
ा[MASK][MASK][MASK] राष्ट्रीय पार्टिय[MASK]ं, और ४० [MASK]े भी ज़्यादा क्षेत्रीय पार[MASK]टियां है[MASK]। भारतीय ज[MASK]ता पार्टी (भाज[MASK]ा), जिसकी [MASK][MASK]तियो[MASK] को केंद्रीय-द[MASK][MASK]षि[MASK]पंथी या रूढिवादी मा[MASK]ा जाता ह[MASK][MASK] के नेतृत्व में [MASK]ें[MASK]्र मे[MASK] सर[MASK]ार [MASK]ै जि[MASK]
के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हैं। अन्य पार्टियों में सबसे बडी भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस (कॉंग्रेस) है, जिसे भारतीय राजनीति में केंद्र-वामपंथी और उदार माना जाता है। २००४ से २०१४ तक केंद्र में मनमो
के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र [MASK]ोदी हैं। अन्य [MASK]ा[MASK][MASK][MASK]ियों [MASK][MASK]ं [MASK]बसे बडी भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस (कॉंग्रे[MASK]) है, जिसे भारतीय राजनीत[MASK] में क[MASK]ंद्र-व[MASK]मपंथी और उदार माना जाता है। २००४ से २०१४ तक केंद्र में मनमो
हन सिंह की गठबन्धन सरकार का सबसे बड़ा हिस्सा कॉंग्रेस पार्टी का था। १९५० में गणराज्य के घोषित होने से १९८० के दशक के अन्त तक कॉंग्रेस का संसद में निरंतर बहुमत रहा। पर तब से राजनैतिक पटल पर भाजपा और कॉ
हन [MASK]िंह की गठबन्धन सरका[MASK] का सब[MASK]े बड[MASK]ा हिस्सा कॉं[MASK]्रेस पार[MASK][MASK]ी का [MASK]ा। १९५० म[MASK]ं गण[MASK]ाज्[MASK] के घोषित होने से [MASK]९८० के दशक के अन्त तक कॉंग्[MASK]ेस का संसद में निरंतर बहुमत [MASK]हा। पर तब से राजनैतिक [MASK]टल [MASK]र भा[MASK]पा [MASK]र कॉ
ंग्रेस को अन्य पार्टियों के साथ सत्ता बांटनी पडी है। १९८९ के बाद से क्षेत्रीय पार्टियों के उदय ने केंद्र में गठबंधन सरकारों के नये दौर की शुरुआत की है। गणराज्य के पहले तीन चुनावों (१९५१५२, १९५७, १९६२)
ंग्रेस को अन[MASK]य पार्टियों के साथ सत्ता बांटनी पडी है। १९८९ के बाद से क्षेत्रीय पार्टियो[MASK] के उद[MASK] ने केंद[MASK]र में गठबंधन सरकारों के नये दौर की शुरुआत की है[MASK] गणराज्य के पहले त[MASK]न चुन[MASK]वों (१९५१५२, [MASK]९५७, १९६[MASK])
में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कॉंग्रेस ने आसान जीत पाई। १९६४ में नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री कुछ समय के लिये प्रधानमंत्री बने, और १९६६ में उनकी खुद की मौत के बाद इंदिरा गांधी प्रधा
में जवाहर[MASK]ाल [MASK]ेहरू के न[MASK]तृ[MASK]्व म[MASK]ं कॉं[MASK]्रेस ने आसान जीत पाई। १९६४ में नेहरू की मृ[MASK]्यु के बाद लाल बहा[MASK]ुर शास्त्री कुछ सम[MASK] के [MASK]ि[MASK]े प्[MASK]धानमंत्री ब[MASK]े[MASK] औ[MASK] १९६६ में उनकी खुद की म[MASK]त के [MASK]ा[MASK] इंदिरा गांधी प्रधा
नमंत्री बनीं। १९६७ और १९७१ के चुनावों में जीतने के बाद १९७७ के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पडा। १९७५ में प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय आपात्काल की घोषणा कर दी थी। इस घोषणा और इससे
नमं[MASK][MASK]री [MASK]नीं। १९६७ और १९७१ के चुनाव[MASK][MASK] में ज[MASK]तने के बाद १९७७ के चुनावो[MASK] म[MASK]ं उन्हें हा[MASK] का सामना करन[MASK] प[MASK]ा। [MASK]९[MASK]५ में प्रधानमंत्र[MASK] रहते [MASK][MASK]ए उन्होंने राष्ट्रीय आ[MASK]ात्काल क[MASK] घोषणा कर दी थी। इस घोष[MASK]ा और इ[MASK]से
उपजी आम नाराज़गी के कारण १९७७ के चुनावों में नवगठित जनता पार्टी ने कॉंग्रेस को हरा दिया और पूर्व में कॉंग्रेस के सदस्य और नेहरु के केबिनेट में मंत्री रहे मोरारजी देसाई के नेतृत्व में नई सरकार बनी। यह
उप[MASK]ी आम नाराज[MASK]गी के कारण १९७७ के च[MASK]नावों मे[MASK] नवगठ[MASK]त जन[MASK]ा पार्टी ने कॉंग[MASK]रेस को हरा [MASK]िया और पूर[MASK]व में कॉंग्रेस के सदस्य और नेहरु के केबिनेट में मंत्[MASK][MASK] रहे मोरारजी देसाई के नेतृत्व में नई सरकार बनी। यह
सरकार सिर्फ़ तीन साल चली, और १९८० में हुए चुनावों में जीतकर इंदिरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बनीं। १९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी कॉंग्रेस के नेता और प्रधानमंत्री बने। १९८
सरक[MASK][MASK] सिर्फ़ तीन साल चल[MASK], और १९८० में हुए चुनाव[MASK]ं में जीतकर इंद[MASK]रा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बनीं। १९८४ [MASK]ें इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन[MASK]े बेटे राजी[MASK] गांधी कॉंग्र[MASK]स के न[MASK][MASK]ा और प्रधानमंत्री बने। १९८
४ के चुनावों में ज़बरदस्त जीत के बाद १९८९ में नवगठित जनता दल के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय मोर्चा ने वाम मोर्चा के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई, जो केवल दो साल चली। १९९१ के चुनावों में किसी पार्टी को बहुमत
४ क[MASK] च[MASK]न[MASK][MASK]ों [MASK]े[MASK] ज़बरदस्त ज[MASK]त के बाद [MASK]९८९ [MASK][MASK]ं नवगठित जन[MASK]ा दल के नेतृत्व व[MASK]ले राष्[MASK]्[MASK]ीय [MASK]ोर्चा न[MASK] वाम मोर्चा क[MASK] बाहरी समर[MASK]थन से सरकार बनाई[MASK] जो केवल दो साल चली। १९९१ के चुन[MASK]वों में किसी पार्टी [MASK]ो बहुमत
नहीं मिला, परंतु कॉंग्रेस सबसे बडी पार्टी बनी, और पी वी नरसिंहा राव के नेतृत्व में अल्पमत सरकार बनी जो अपना कार्यकाल पूरा करने में सफल रही। १९९६ के चुनावों के बाद दो साल तक राजनैतिक उथल पुथल का वक्त र
नहीं मिला, प[MASK]ंतु कॉं[MASK]्रेस सबसे [MASK]डी प[MASK]र्[MASK]ी [MASK][MASK]ी, और [MASK]ी व[MASK] नरसिंहा र[MASK]व के नेतृत्व में अल्पमत सरकार बनी जो अपना का[MASK]्यका[MASK] पूरा करने में सफल रही। १९[MASK]६ के चु[MASK]ावों के बाद दो सा[MASK] तक रा[MASK]नैतिक उथल पुथल का व[MASK]्त र
हा, जिसमें कई गठबंधन सरकारें आई और गई। १९९६ में भाजपा ने केवल १३ दिन के लिये सरकार बनाई, जो समर्थन ना मिलने के कारण गिर गई। उसके बाद दो संयुक्त मोर्चे की सरकारें आई जो कुछ लंबे वक्त तक चली। ये सरकारें
हा, जि[MASK]में क[MASK] गठबंधन सरकारें आई और [MASK]ई। १९९६ में भाजपा ने केवल १३ दिन के लिये सरकार ब[MASK]ाई, जो समर्थन ना मिलने के [MASK]ारण गिर गई। उसके बाद दो संयुक[MASK]त [MASK]ोर्चे की [MASK][MASK]कारें आई जो कुछ लंबे वक्त त[MASK] चली[MASK] य[MASK] सरकारें
कॉंग्रेस के बाहरी समर्थन से बनी थीं। १९९८ के चुनावों के बाद भाजपा एक सफल गठबंधन बनाने में सफल रही। भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग, या एनडीए) नाम के इस गठ
कॉंग्रेस के बा[MASK]री समर्थन से ब[MASK]ी [MASK]ीं। १९९८ के चुनावो[MASK] के बाद [MASK]ाजपा ए[MASK] सफ[MASK] [MASK]ठबंधन ब[MASK]ा[MASK]े म[MASK]ं सफल रही। भाजपा के अटल बिहा[MASK]ी वाजपेयी क[MASK] नेतृत्व में [MASK]ाष्[MASK]्रीय ज[MASK]त[MASK]ं[MASK]्रिक गठबंधन (राजग, या एनडीए) नाम के इ[MASK] गठ
बंधन की सरकार पहली ऐसी सरकार बनी जिसने अपना पाँच साल का कार्यकाल पूरा किय। २००४ के चुनावों में भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, पर कॉंग्रेस सबसे बडी पार्टी बनके उभरी, और इसने संयुक्त प्रगतिशील गठबंध
बंधन की [MASK]रकार [MASK]हली ऐसी सरकार बनी जिसन[MASK] [MASK]पन[MASK] [MASK]ाँच [MASK]ा[MASK] का कार[MASK]यकाल पूरा किय[MASK] २००४ [MASK]े चुनावो[MASK] म[MASK][MASK] भी कि[MASK]ी पार्टी को बहुमत नहीं मि[MASK]ा, पर क[MASK]ंग्रेस सबसे बडी पार्टी ब[MASK]के उ[MASK]री, और इस[MASK]े संयु[MASK]्त प्रगति[MASK]ील गठबंध
न (संप्रग, या यूपीए) के नाम से नया गठबंधन बनाया। इस गठबंधन ने वामपंथी और गैर-भाजपा सांसदों के सहयोग से मनमोहन सिंह के नेतृत्व में पाँच साल तक शासन चलाया। २००९ के चुनावों में यूपीए और अधिक सीटें जीता ज
न (संप्रग, या य[MASK]प[MASK]ए) के [MASK]ाम से नया गठबंधन [MASK]नाया। इस गठबंधन ने वामपं[MASK]ी और गै[MASK]-भाजपा सा[MASK][MASK][MASK]ों [MASK]े सहयोग से मनमोहन सि[MASK]ह के नेतृत्व में पाँच साल त[MASK] शासन चल[MASK]या। २००९ के चुनावों में यूप[MASK]ए और [MASK]ध[MASK]क सीटें [MASK]ीता [MASK]
िसके कारण यह साम्यवादी (कॉम्युनिस्ट) दलों के बाहरी सहयोग के बिना ही सरकार बनाने में कामयाब रहा। इसी साल मनमोहन सिंह जवाहरलाल नेहरू के बाद ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने जिन्हे दो लगातार कार्यकाल के लिये प्
िसके कार[MASK] यह साम्यवादी (कॉम्युनिस्ट) दलों के बाह[MASK]ी सहयोग के बिना ही स[MASK]क[MASK][MASK] बनान[MASK] में कामयाब [MASK][MASK]ा। इ[MASK]ी साल मनमोहन [MASK]िंह जवाहरलाल नेहरू के बाद ऐसे पहले प्रधा[MASK]म[MASK]त्र[MASK] ब[MASK]े जिन्हे [MASK]ो लग[MASK]ता[MASK] कार[MASK]यकाल के लिये प्
रधानमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ। २०१४ के चुनावों में १९८४ के बाद पहली बार किसी राजनैतिक पार्टी को बहुमत प्राप्त हुआ, और भाजपा ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाई।
रधानमंत्री बनने का अवसर प[MASK]राप्त हुआ। २०१४ के चुनावों में [MASK]९८४ के बाद [MASK]हली बार किसी राजनैतिक प[MASK][MASK]्टी को बहुमत प[MASK]राप्त हुआ, और भ[MASK]जपा ने गुजरात के पूर्व म[MASK][MASK][MASK]यमंत्री नरे[MASK][MASK]्र मोदी के ने[MASK]ृत्व में सरक[MASK]र बनाई।
लगभग १३ लाख सक्रिय सैनिकों के साथ, भारतीय सेना दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी है। भारत की सशस्त्र सेना में एक थलसेना, नौसेना, वायु सेना और अर्द्धसैनिक बल, तटरक्षक, जैसे सामरिक और सहायक बल विद्यमान हैं। भ
[MASK]लगभग १३ लाख सक्रि[MASK] सैन[MASK]कों क[MASK] साथ, भारतीय सेना [MASK]ुनिया में तीसर[MASK] स[MASK]से बड़ी है। भारत की सशस्त्र सेना में [MASK]क थलसेना, नौ[MASK]ेना, [MASK]ायु सेना और अर्द[MASK][MASK]सैनिक बल, तटरक्षक, ज[MASK]से सा[MASK]रिक [MASK]र सह[MASK]यक बल विद्यमान हैं[MASK] भ
ारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर है। १९४७ में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने ज्यादातर देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है। १९५० के दशक में, भारत ने दृढ़ता से अफ्रीक
ारत के राष्ट्रपत[MASK] भारतीय सशस्त्र बलों के स[MASK]्वोच्च कमांडर है[MASK] १[MASK]४७ मे[MASK] अपनी [MASK]्वतंत्[MASK]ता के बाद स[MASK], भारत न[MASK] ज्यादा[MASK]र [MASK]ेशों के साथ सौहार्दपूर्ण सं[MASK]ंध बन[MASK]ए रखा है। १९[MASK]० क[MASK] दशक म[MASK]ं, भारत ने दृढ[MASK]ता से अ[MASK]्रीक
ा और एशिया में यूरोपीय कालोनियों की स्वतंत्रता का समर्थन किया और गुट निरपेक्ष आंदोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। १९८० के दशक में भारत ने आमंत्रण पर दो पड़ोसी देशों में संक्षिप्त सैन्य हस्तक्षेप किया।
ा और एशि[MASK]ा में यूरोपी[MASK] कालोन[MASK]यो[MASK] की स्वत[MASK]त्रता का समर्थन क[MASK]या और ग[MASK]ट निरपेक्ष आंदोलन में एक अग्र[MASK]ी [MASK]ूमिका [MASK]िभाई। [MASK]९८० के दशक में भ[MASK][MASK]त ने आमंत्[MASK]ण पर [MASK]ो [MASK][MASK]़ोसी देशों में [MASK]ंक्षिप्त सैन्य हस्त[MASK]्[MASK]ेप किया।
मालदीव, श्रीलंका और अन्य देशों में ऑपरेशन कैक्टस में भारतीय शांति सेना को भेजा गया। हालाँकि, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ एक तनावपूर्ण संबंध बने रहे और दोनों देशों में चार बार युध्द (१९४७, १९६५
[MASK]ालदीव, श्रीलंका और अन्य देश[MASK]ं में ऑ[MASK]रेशन कैक्टस में भा[MASK]तीय श[MASK]ंति [MASK]ेना को भेजा [MASK]य[MASK]। [MASK]ाल[MASK]ँकि, [MASK]ारत के पड़ोसी [MASK]ेश पाकिस्तान के साथ [MASK]क त[MASK]ावपूर्ण सं[MASK]ं[MASK] बने रहे और दोनों देशों में चार बार य[MASK]ध्द (१९४७, १९६५
, १९७१ और १९९९ में) हुए हैं। कश्मीर विवाद इन युद्धों के प्रमुख कारण था, सिवाय १९७१ के, जो कि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में नागरिक अशांति के लिए किया गया था। १९६२ के भारत-चीन युद्ध और पाकिस्तान के साथ
, १९७१ और १९९९ में) हुए [MASK]ै[MASK]। क[MASK]्मीर विवाद इन युद्धों के प्रमु[MASK] कारण था, स[MASK]व[MASK]य १९[MASK]१ क[MASK], [MASK]ो कि त[MASK][MASK]कालीन पूर्वी पाकिस्ता[MASK] में नागरिक अशांति के [MASK][MASK]ए किया [MASK]या था। १९६२ के भार[MASK]-चीन य[MASK]द्ध और पा[MASK]िस्तान के साथ
१९६५ के युद्ध के बाद भारत ने अपनी सैन्य और आर्थिक स्थिति का विकास करने का प्रयास किया। सोवियत संघ के साथ अच्छे संबंधों के कारण सन् १९६० के दशक से, सोवियत संघ भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता के र
१९६५ के युद्ध के बाद भारत ने अपन[MASK] सैन्य [MASK]र आर्थिक स्[MASK]िति का विकास करने का [MASK]्रयास किया। सोव[MASK]यत संघ के साथ अच्छे सं[MASK]ंधो[MASK] के कारण सन् [MASK]९६० के दशक स[MASK][MASK] सोवियत संघ [MASK]ारत का सबस[MASK] बड़[MASK] [MASK]थिय[MASK]र आ[MASK]ूर[MASK]ति[MASK]र्त[MASK] के र
ूप में उभरा। आज रूस के साथ सामरिक संबंधों को जारी रखने के अलावा, भारत विस्तृत इजरायल और फ्रांस के साथ रक्षा संबंध रखा है। हाल के वर्षों में, भारत में क्षेत्रीय सहयोग और विश्व व्यापार संगठन के लिए एक द
ू[MASK] में उभरा। आज रूस क[MASK] साथ सामरि[MASK] संबंधों को जार[MASK] रखन[MASK] के अलावा, भारत विस्[MASK]ृत [MASK]जर[MASK]यल और फ्रांस क[MASK] साथ [MASK]क्षा सं[MASK]ंध र[MASK][MASK] है[MASK] [MASK]ाल के व[MASK][MASK]षों में, भारत में क्षेत्रीय सहयोग और [MASK]िश[MASK]व व्यापार सं[MASK][MASK]न [MASK][MASK] लिए एक द
क्षिण एशियाई एसोसिएशन में प्रभावशाली भूमिका निभाई है। १०,००० राष्ट्र सैन्य और पुलिस कर्मियों को चार महाद्वीपों भर में पैंतीस संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सेवा प्रदान की है। भारत भी विभिन्न बहुपक
क्षिण एशियाई [MASK]सोसिएशन में प्रभावशाली भू[MASK]िका निभाई है। १०,००० र[MASK]ष्ट्र सैन्य [MASK]र पुलिस कर्मियो[MASK] क[MASK] [MASK]ार महाद्वी[MASK]ों भर मे[MASK] पैंतीस संयुक्त र[MASK]ष्ट्र [MASK]ांति अभियानों में सेवा [MASK]्रदा[MASK] की है। भा[MASK]त भी विभिन्न बहुपक