folksong
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वा तो सात पापड़ की जोड़ी हो वा तो सात पापड़ की जोड़ी हो वे तो लईगया फलाणा राम चोरी हो देख्यादेख्या फलाणी बाई चोरी हो उनखे बांदिया फलाणी बाई चोरी हो उनखे बांदिया मोया की डोरी हो धीरयाधीर या उनखे सालाजी सेरी हो अब तो छोड़ पनोती गोरी वो मैं तो कदी नी करूँ पापड़ चोरी वो
malvi-mup
ईसुरी की फाग-11 जो तुम छैल , छला हो जाते , परे उंगरियन राते मौं मुँह पौंछत गालन के ऊपर , कजरा देत दिखाते घरीघरी घूंघट खोलत में , नज़र सामने आते ' ईसुर ' दूर दरस के लानें , ऐसे काए ललाते ?
bundeli-bns
कृष्ण हिंडोले बहना मेरी पड़ गये जी कृष्ण हिंडोले बहना मेरी पड़ गये जी , ऐजी कोई आय रही अजब बहार ॥ 1 ॥ सावन महीना अधिक सुहावनौ जी , ऐजी जामें तीजन कौ त्यौहार ॥ 2 ॥ मथुरा जी की शोभा ना कोई कहि सके जी , ऐजी जहाँ पै कृष्ण लियौ अवतार ॥ 3 ॥ गोकुल में तो झूले बहना पालनो जी , ऐजी जहाँ लीला करीं अपार ॥ 4 ॥ वृन्दावन तो बहना सबते हैं बड़ौरी , एजी जहाँ कृष्ण करे रस ख्याल ॥ 5 ॥ मंदिर2 झूला बहना मेरी परि गये जी एजी जामें झूलें नन्दकुमार ॥ 6 ॥ राग रंग तो घर घर है रहे जी , ऐजी बैकुण्ठ बन्यौ दरबार ॥ 7 ॥ बाग बगीचे चारों लग लग रहे जी , ऐजी जिनमें पक्षी रहे गुंजार ॥ 8 ॥ मोर पपैया कलरब करत हैं जी , ऐजी कोई कोयल बोलत डार ॥ 9 ॥ पावन यमुना बहना मेरी बहि रही जी , ऐजी कोई भमर लपेटा खाय ॥ 10 ॥ ब्रजभूमी की बहना छवि को कहैजी , ऐजी जहाँ कृष्ण चराईं गाय ॥ 11 ॥ महिमा बड़ी है बहना बैकुण्ठ तै जी , एजी यहाँ है रहे जै 2 कार ॥ 12 ॥
braj-bra
कहवाँ के डँड़िया कुनली कहवाँ के डँड़िया1 कुनली2 अही डँड़िया कुनली । कहवाँ में लगले ओहार3 चढ़हु4 धनि डाँडि , चेतहु5 गिरहि6 आपन हे ॥ 1 ॥ कवन पुर के डँड़िया कुनली , अहो डँड़िया कुनली । कवन पुर में लगले ओहार , चढ़हु धनि डाँरि , चेतहु गिरहि आपन हे ॥ 2 ॥ गोड़ लागों , पइयाँ परों , अजी सइयाँ ठाकुर हे । बाबा के पोखरवा7 डाँड़ि बिलमावहु8 अम्मा से भेंट करम9 हे ॥ 3 ॥ कइसे में डाँरि बिलमायब , अहे धनि सुन्नर हे । तोर बाबा दहेजवा के सोंच में , अम्मा बिसमादल10 हे ॥ 4 ॥ रँचिएक11 डाँडि बिलमावहु , अजी सइयाँ ठाकुर हे । भेंटे देहु चाची हमार , सासु जे आपन हे ॥ 5 ॥ कइसे में डाँड़ि बिलमाऊँ , अहें धनि सुन्नर हे । बरवा12 पकवइत13 चाची बिसमादल हे । तिलक गिनइते चच्चा बिसमादल हे ॥ 6 ॥ रँचिएक डाँड़ि बिलमावहु , अजी सँइया ठाकुर हे । भेंटे देहु भउजी हमार , सरहज आपन हे ॥ 7 ॥ कइसे में डाँड़ि बिलमाऊँ , अहे धनि सुन्नर हे । पटवा14 फड़इते भउजी बिसमादल हे । भँउरिया15 घुमइते भइया बिसमादल हे ॥ 8 ॥
magahi-mag
7 हुकम1 मन्न के सजनां प्यारयां दा किस्सा अजब बहार दा जोड़या ए फिकरा जोड़ के खूब दरूसत कीता नवां फुल गुलाब दा तोड़या ए बहुत जीउ दे विच तरतीब करके फरहाद पहाड़ नू फोड़या ए सभा वीन के जे़ब बना दिता जेहा अतर गुलाब नचोड़या ए
panjabi-pan
355 महबूब अलाह दे लाडले हो एस वहुटड़ी नूं कोई सूल है जी कोई गुझड़ा रोग है एस धाणा पई नित एह रहे रंजूल1 है जी हथों लुढी वैंहदीं लाहू लथड़ी है वहुटी हो जांदी मखतूल2 है जी मुंहों मिठड़ी लाड दे नाल बोले हर किसे दे नाल माकूल3 है जी मूधा पया है झुगड़ा नित साडा एह वहुटड़ी घरे दा सूल है जी मेरे वीर दे नाल है वैर एहदा जेहा काफरां दे नाल रसूल है जी अगे एसदे साहुरे हथ बधी जो कुझ आखदी सब कबूल है जी वारस पलंघ तों कदी तां उठ बैठे साडे ढिड दे विच डंडूल है जी
panjabi-pan
319 जोगी हीर दे सौहरे जा वड़या भुखा जट जिउं फिर लालोरदा जी आया खुशी दे नाल दहचद होके सूबेदार जिउं नवां लाहौर दा जी धुस दे के वेहड़े विच आ वड़या कड कीता सू सन ते चोर दा जी अनी खेड़यां दी पयारी वौहटीए नी हीरे सुख है चा टकोरदा जी वारस शाह अगे हुण पई फाहवी शगन होया है जंग दे शोर दा जी
panjabi-pan
138 पाड़ चुनियां सुथनां कुडतियां नूं चक वढ के चीकदा चोर वांगू वते फिरन परावर जयों चंद दवाले गिरद पायलां पांदियां मोर वांगू शाहूकार दा माल जयों विच कोटांदवाले चौंकियां फिरन लहौर वांगू वारस शाह अगयारियां भखदियां दी एहदी प्रीत जो चंद चकोर वांगू
panjabi-pan
हल्दी गीत बेनी तारो पीठी रोलो , कुण चोलसे ? बेनी तारो पीठी रोला , े कुण चोलसे ? बेनी तारो पीठी रोलो , तारि भोजाइ चोलसे । बेनी तारो पीठी रोलो , तारि बहणिस चोलसे । बेनी तारो पीठी रोलो , तारि फुई चोलसे । बनी तुझे हल्दी कौन लगायेगा ? हे बनी तुम्हारी भौजाई , बहन और बुआ तुम्हें हल्दी लगाएँगी ।
bhili-bhb
चम चम चमके चुन्दडी चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे म्हारी तो रंग दे चुन्दडी बिण्जारा रे म्हारे साहेबा रो , म्हारे पिवजी रो , म्हारा साहेबा रो रंगदे रूमाल रे बिण्जारा रे म्हारा साहेबा रो रंगदे रूमाल रे बिण्जारा रे चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे जोधाणा सरीखा पैर मैं बिण्जारा रे कोई सोनो तो घड़े रे सुनार रे बिण्जारा रे कोई सोनो तो घड़े रे सुनार रे बिण्जारा रे चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे पायल घड़ दे बाजणी बिण्जारा रे म्हारी नथली पळ्कादार रे बिण्जारा रे म्हारी नथली पळ्कादार रे बिण्जारा रे चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे
rajasthani-raj
105 रांझा आखदा हीर नूं मां तेरी सानूं फेर मुड़ रात दी चंबड़ी ए मियां मन लै उसदे आखने नूं तेरी हीर पयारी दी अंबड़ी ए किते जाइए उठ के घरीं बहीए अजे वयाह दी विथ ते लंबड़ी ए वारस शाह इस इशक दे वनज विचों किसे पले न बधड़ी दमड़ी ए
panjabi-pan
रूप तेरा चन्दा-सा खिल रिया रूप तेरा चन्दासा खिल रिया , बे ने घढ़ी बैठ के ठाली कर तावल वार भाजरी , जिसी दारू माँ आग लाग री कलियाँदार घाघरी , पतली कम्मर लचकत चाली । भावार्थ ' तेरा रूप चांद की तरह खिलाखिलासा है । लगता है , भगवान ने तुझे फ़ुरसत में बैठ कर गढ़ा है । यह सुनकर युवती वहाँ से भाग कर दूर चली गई । ऐसा लगा जैसे शराब में आग लग गई हो । कलीदार लहंगा पहने वह अपनी पतली कमर को लचकाती हुई वहाँ से चली गई । '
haryanvi-bgc
डुगीकू डुगीकू खाडू राजन डेई डुगीकू डुगीकू खाडू राजन डेई डुगीकू डुगीकू खाडू राजन डेई सुसून मारे चोजा मा आसीबा चोजा मा सुसून मारे चोजा मा आसीबा चोजा मा जुजुमवा डुगीकूखाडू जा सुसुन वा जुजुमवा डुगीकूखाडू जा सुसुन वा पैसो भी बागो धैला भी बागो पैसो भी बागो धैला भी बागो डुगूकी खाडू सुसून वा चाना भी दाना बागो जा डुगूकी खाडू सुसून वा चाना भी दाना बागो जा डुगीकू दाना बागो जा कालीमीटो डोंगोर जा डुगीकू दाना बागो जा कालीमीटो डोंगोर जा डुगीकू मिया नी मिटर जा डोंगोर बायल लाये जा डुगीकू मिया नी मिटर जा डोंगोर बायल लाये जा कुलू भी जोपे राजन जा डाई जा डाई कुलू भी जोपे राजन जा डाई जा डाई डुगीकू खाडू भी सुसून वा जा मारे डुगीकू खाडू भी सुसून वा जा मारे स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल
korku-kfq
सीता राम सुमर लेवो सीता राम सुमर लेवो , आरे तजी देवो सब काम १ सपना की संपत भई , आरे बाध्यो जगराज भोर भई उठ जागीयाँ आरे जीनका कोण हवाल . . . सीता हो राम . . . २ बिगर पंख को सोरटो , आरे उड़ी चलीयो रे आकाश रंग रुप वो को कछु नही आरे वोक भुख नी प्यास . . . सीता हो राम . . . ३ वायो सोनो नही निपजे , आरे मोती लग्या रे डाल भाग बिना रे मोती ना मीले तपस्या बीन राज . . . सीता हो राम . . . ४ राजा दशरथ की हो अयोध्या , आरे सिर जाया रघुबीरा माता हो जीनकी कोशल्याँ आरे लक्ष्मण बलवीरा . . . सीता हो राम . . . ५ अनहद बाजा हो बाजीया , आरे सतगुरु दरबार सेन भगत जा की बिनती राखो चरण आधार . . . सीता हो राम . . .
nimadi-noe
जसुदै दैंन उरानों जइये जसुदै दैंन उरानों जइये । हाल लला कौ कइये । हीरा हाट बिचौली पैरी चोली फटी दिखइये । कछुअक साँसी कछुअक झूँठी , जुरे मिले कैं कइये , आठ घरी दिन रात ‘ईसुरी’ । काँलौं कैं गम खइये ।
bundeli-bns
गूंगड़ा देशो नीला जोवेड़ा गूंगड़ा देशो नीला जोवेड़ा गूंगड़ा देशो नीला जोवेड़ा रुन्डो रुन्डो टे जाटीये डो बेटा मारे रुन्डो रुन्डो टे जाटीये डो बेटा मारे रुन्डो रुन्डो जाटीये अरिको अमा कंकार गाडा कोरा इयानी बेदी डाय वोडा माय मारे रुन्डो रुन्डो जाटि अरिको खिटी खोरा बा कंकार इयानी बेदी डाय माडो माय मारे स्रोत व्यक्ति बालकराम सिलाले , ग्राम झल्लार
korku-kfq
कब चुकबे, कब चुकबे चलनी कै गोंहुआँ हो न कब चुकबे , कब चुकबे चलनी कै गोंहुआँ हो न । मोरा बीरन भइया आये अनवइया हो न । । बैइठहु न मोरे भइया रतनी पलँगिया हो न । बहिनी कहि जाऊ आपन हवलिया हो न । । नौ मन कूट्यों भइया नौ मन पीस्यों हो न । भइया पहिली टिकरिया मोर भोजनवा हो न । । भइया वोहू महैं कुकरा बिलरिया हो न । । भइया वोहू महैं गोरू चरवहवा हो न । । भइया वोहू महैं देवरा कलेवना हो न । । भइया वोहू महैं ननदी कलेवना हो न । । फटही लुगरिया भइया हमरा पखरुआ हो न । भइया वोहू महैं गोरू चरवहवा हो न । । भइया वोहू महैं ननदी ओढनिया हो न । । भइया वोहू महैं देवरा भगइया हो न । । ई दुख जिन कह्या बाबा के अगवा हो न । भइया सभवा बइठ बाबा रोइहैं हो न । । ई दुख जिन कह्या माई के अगवा हो न । भइया मचिया बइठ माई रोइहैं हो न । । ई दुख जिन कह्या सखिया के अगवा हो न । भइया खेलतै खेलत सखियाँ रोइहैं हो न । । ई दुख जिन कह्या बहिनी के अगवा हो न । भइया इहै सुनि गवने न जइहैं हो न । । ई दुख जिन कह्या भाभी के अगवा हो न । भइया राम रसोइयाँ तनवा मरिहैं हो न । । ई दुख कह्या भइया अगुआ के अगवा हो न । भइया जेन कीहें मोरी अगुअइया हो न । ।
awadhi-awa
हात रे भाई रे! हात रे भाई रे नाना की मांय पाणी खऽ गई , घर मऽ कुतरा कोंडी गई । कुतरा भूकसे होलई पर , नानों म्हारो सोवसे झोलई पर । आवों चिड़ीबाई दौड़ करी , नानो म्हारो सोवसे सौड़ करी । आवो चिड़ीबाई परात मऽ , नानो म्हारेा जासे बरात मंऽ । आवो चिड़ीबाई करूँ थारो याव , कथील को मूंदड़ो नऽ जुरूंग को हार बाजरा को खीचड़ो नऽ मसूर की दाल , आवों चिड़ीबाई करूँ थारों याव । हात रे भाई रे
nimadi-noe
गाम गाम धुपवा दियैले माँ कोसिका गाम गाम धुपवा दियैले माँ कोसिका , माँ तोरा नहीं माया दरेग , बाजे लागल बिछिया अनोर । डेढ़ी डेढ़ी नैया गे कोसिका घाटघाट चढ़ेबौ रोरिया बाजे लागल बिछिया अनोर । ’’ धारे धारे चढ़ेबौ गे कोसिका थार थार मिठइया , बाजे लागल बिछिया अनोर ।
angika-anp
दादा साहेब के घर पोता भयेल हे बधैया दादा साहेब के घर पोता भयेल हे । पोता निछाउर1 कछु देवऽ2 कि न ? । हमसे असीस3 कछु लेबऽ4 कि न ? ॥ 1 ॥ देबो5 मैं देबो पोती अन धन सोनवाँ । हमरा ही6 नाचबऽ आउ7 गयबऽ कि न ? ॥ 2 ॥ गयबो मैं गयबो दादा , दिनमा से रतिआ8 । अपन खजाना लुटयबऽ कि न ? ॥ 3 ॥ जुग जुग जिओ दादा तोहर होरिलवा9 । हमर ससुर घर पेठयबऽ कि न ? ॥ 4 ॥
magahi-mag
जे उट्ठ चल्लियों चाकरी, चाकरी वे माहिया जे उट्ठ चल्लियों चाकरी , चाकरी वे माहिया सान्नूँ वी लै चल्लीं नाल वे अख्खियाँ नूँ नींद क्यों न आई वे तूँ करेंगा चाकरी , चाकरी वे माहिया मैं कत्तांगी सोहणा सूत वे अख्खियाँ नूँ नींद क्यों न आई वे इक्क ट्का तेरी चाकरी , चाकरी वे माहिया लख्ख टके दा मेरा सूत वे अख्खियाँ नूँ नींद क्यों न आई वे भावार्थ ' यदि काम पर जाने के लिए तुम तैयार हो , काम पर जाने को प्रीतम तो मुझे भी अपने साथ ले चलो । अजी , मैं भी कहूँ , मुझे नींद क्यों नहीं आती ? तुम करोगे नौकरी , ओ मेरे प्रीतम और मैं कातूंगी सूत सुन्दर मेरे प्रिय अजी , मैं भी सोचती हूँ , ये नींद क्यों नहीं आती ? एक रुपए की नौकरी तुम्हारी , ओ प्रीतम मेरा सूत होगा एक लाख का । अजी , मैं भी कहूँ मुझे आख़िर नींद क्यों नहीं आती । '
panjabi-pan
401 रांझा वेखके बहुत हैरान होया पइयां दुध विच अवदियां फालड़ियां ने गुसे नाल जो हशर नू जिमीउते जिउ विच कलीलियां1 चाड़ियां ने चीणा2 चोग चमूनयां3 पायो ई मुन्न चलीए गोलीए दाढ़ियां ने जिसते नबी दा रवा दरूद4 नाही अखीं फिरनना मूल उघाड़ियां ने जैदा पवे परावना नांह मडा पंड नांह बझे विच साड़ियां ने डुब मोए नी कासथी5 विच चीने वारस शाह ने बोलियां मारियां ने
panjabi-pan
ऐली पैली सखरिया री पाल ऐली पैली सखरिया री पाल पालां रे तंबू तांणिया रे जाये वनी रे बापाजी ने कैजो , के हस्ती तो सामां मेल जो जी नहीं म्हारां देसलड़ा में रीत , भंवर पाला आवणों जी जाय बनी रा काकाजी ने कैजो घुड़ला तो सांमां भेजजो जी नहीं म्हारे देशां में रीत , भेवर पाला चालणों जी जाय बनीरा माता जी ने कैजो सांमेला सामां मेल जो जी नहीं म्हारे देशलड़ां में रीत भंवर पाला आवणों री
rajasthani-raj
548 निकल कोठयों तुरत तयार होया सहती आन हजूर सलाम कीता बेड़ा ला बने असो आजजां दा रब्ब फजल तेरे उते आम कीता मेरा यार मलावना वासता ई असां कम्म तेरा सरंजाम1 कीता भाबी हथ फड़ायके टोर दिता कम खेड़यां दा सभ खास आम कीता शरम मापयां दी सभो रोड़ दिती ससी नाल जिवें आदम जाम कीता जो कुझ होवनी ने सीता नाल कीती अते दहसरे नाल जो राम कीता वारस शाह आप जिस ते मेहरबान होवे उथे फजल ने आय कियाम कीता
panjabi-pan
337 कहियां आन पंचायतां जोड़ियां नी असी रन्न नूं रेवड़ी जानने हां फड़ी चिथ के लई लंघा पल विच तंबू वैर दे असीं ना तानने हां लोक जागदे महरियांनाल परचन असीं खाब अंदर मौजां मानने हां लो छानदे भंग ते शरबतां नूं असीं आदमी नजर विच छानने हां
panjabi-pan
अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे अँगना बहारइत1 चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे । चेरिया , बबुआ जी के पारु न हँकरवा , 2 महलिया में कुछो काम हे ॥ 1 ॥ पोथिया जे बिगलन3 बबुआ दुअरवे पर , 4 अवरो दलनवा5 पर हे । मचिया बइठल तुहूँ भउजी , त सुनहऽ बचन मोरा हे ॥ 2 ॥ भउजी , कउची6 महलिया कुछो काम , त हमरा बोलावल जी । बबुआ , भइया जी के पारु न हँकरिया , त दरदे बेयाकुल जी ॥ 3 ॥ भइया , रउरा महलिया त कुछो काम , भउजी बोलावले जी । पसवा त फेंकलन परभु जी बेलवा तरे , अउरो बबूर तरे हे । भनसा7 पइसल तुहूँ धनियाँ , कउन काम हमरा बोलऽवलऽ जी ॥ 4 ॥ डाँर मोरा फाटे करइले8 जोगे , ओटिया चिल्हकि मारे हे । सामी , लामीलामी केसिया भसम9 लोटे , धरती अन्हार लागे हे ॥ 5 ॥ अतना बचनियाँ परभु जी सुनलन , त देबी जी मनावन चललन हे । देबी जी , तिरिया पर होहु न सहइया , अब न तिरिया पास जइबो हे ॥ 6 ॥ पहिले जे धनियाँ मोरा महितऽ , त अउरो में चूमि लेती हे । धनियाँ , मगही ढोली10 पनवा चभइती , 11त जँघिया बइठइती हे । धनियाँ , लाली रे रजइया हम ओढ़उती , त कोरबा12 ले के सुतती हे ॥ 7 ॥
magahi-mag
ये बहना डो ये बहना लेना डो ये बहना डो ये बहना लेना डो बुलवा ईन डायेन ये बहना डो ये बहना बहना बुलवा डो ईन डायेन ये बहना डो ये बहना बहना बुलवा डो ईन डाये ये डाई जा ये डाई इयां उरान नी डायेन मारे कजली गाय नी कोनकेन मारे ये डाई जा ये डाई इयां उरान जा कपली गेई जा कोनकेन मारे ये बहना बुलवा डो ईन डायेन ये बहना ये बहना ये बहना बहना बुलवा डो ईन डायेन ये बहना डो ये बहना कपली गेई कोनकेन मारे ये डाई जा ये डाई ईन भी से असली कोन्जई जा डाई ये डाई जा झाडी टालटेन ईन उलडे मारे स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल
korku-kfq
कय गुने कलसा हे, कय गुने भार कय1 गुने2 कलसा हे , कय गुने भार3 बोल हे कलसवा हे , के4 लेत भार ॥ 1 ॥ छव गुने कलसा हे , नव गुने भार । बोलथि5 जनइया6 रिखी7 हम लेबो भार ॥ 2 ॥ गंगाजल पानी देबो , पुंगीफल धान । चउमक8 बराय9 देबो , सगरो10 इँजोर11 ॥ 3 ॥ धन12 अनपुरना13 देइ , धन रउरा भाग । कलसा धराइ गेल14 जनइया रिखी के मड़वा ॥ 4 ॥
magahi-mag
गैलारौ जीकौ ओर न छोर ऐसी है गैल , गैल गहें चलो जात हेरौ , वौ गैलारौ । किदना निगौ ? कोऊ नइँ जानत बस निगत सबइ नें देखौ , मानों चका होय गाड़ी कौ , भमत जात है ऐसें जैसें पथरा ढँड़कत चूना पीसत की चकिया कौ । लीलाधौरा खैंचत जिऐ समै के बैला और संग में पिसत जात है दिन चूनासे हराँहराँ सब जिँदगानी के ।
bundeli-bns
राम के मथवा लुटिरिया, देखत नीक लागय हे आँख अँजाई राम के मथवा1 लुटिरिया , 2 देखत नीक3 लागय हे । ललना , ब्ररह्मा जे दिहले लुटुरिया , अधिको छबि लागय हे ॥ 1 ॥ राम के माथे तिलकवा , तिलक भल सोभय हे । ललना , चन्नन दिहले बसिट्ठ , 4 अधिको छबि लागय हे ॥ 2 ॥ राम के अँखिया रतनारि , काजर भल सोभय हे । ललना , काजर दिहले सुभदरा , 5 देखत नीक लागय हे , अधिको छबि लागय हे ॥ 3 ॥ राम के पाँव पैजनियाँ , पाँव भल सोभय हे । ललना , ठुमुकि चलले अँगनवाँ , देखत नीक लागय हे ॥ 4 ॥
magahi-mag
अहो सगुनि अहो सगुनि, सगुने बियाह अहो सगुनि1 अहो सगुनि , सगुने2 बियाह । मैं तो जनइति3 गे4 सगुनी , होयतो बियाह ॥ 1 ॥ अरे काँचे बाँसे डलवा5 गे सगुनी , रखती बिनाय6 । अरे आपन बेटा दुलरइता दुलहा , रखती चुमाय7 ॥ 2 ॥ मैं तो जनइति गे सगुनी , होयतो बियाह । अरे अपन बेटी दुलरइतिन बेटी रखती छिपाय ॥ 3 ॥ रखे के न रखलऽ जी बाबा , लड़िका से बारी8 । अरे अब कते9 रखबऽ जी बाबा , सुबुधि सेयानी10 ।
magahi-mag
वेखो नी की कर गया माही वेखो नी की कर गया माही , लैंदा ही दिल हो गया राही , अंबड़ी झिड़के मैनूँ बाबल मारे , ताअने देंदे वीर प्यारे , ओसे दी गल ओहा नितारे , हँसदिआँ गल विच्च पै गई फाही । वेखो नी की कर गया माही । बूहे ते उन नाद वजाया , अकल फिकर सभ चा गवाया , जे बुरी बुरिआर मैं होया , मैनूँ देहो उते वल्ल तराही । वेखो नी की कर गया माही । इशक होर दे पए पुवाड़े कुझ सुलाँ कुझ करमा साड़े , मनसूर होराँ चा बुरके पाड़े , असाँ भी मुँह तो लोई लाही । वेखो नी की कर गया माही । बुल्ला सहु दी इशक रंजाणी , डंगी आँ मैं किसे नाग अयाणी , अज्ज अजोके प्रीत ना जाणी , लग्गी रोज़ अज़ल दी माही । वेखो नी की कर गया माही ।
panjabi-pan
अरे निऊँ रौवै बूढ़ बैल अरे निऊँ रौवे बूढ़ बैल , म्हने मत बेचै रे , पापी तेरे कुल कोल्हू में चाल्या नाज कमा कै तेरे घरां घाल्या इब तन्ने कर ली है बज्जर की छाती । तेरा बज्जड़ खेत मन्ने तोड्या , गडीते न मुँह मोड्या , इब मेरी बेचै से माटी । मेरी रै क्यों बेचै से माटी ? अरे निऊँ रौवै बूढ़ बैल । भावार्थ अरे यूँ रो रहा है बूढ़ा बैल ' मुझे बेच मत , ओ पापी मैं तेरे सारे परिवार के कोल्हू में जुता हूँ यानी तेरे परिवार को पालने के लिए सारे काम मैंने किए हैं । तेरे घर को मैंने अनाज से भर दिया और अब तूने अपना हृदय वज्र के सामान सख़्त बना लिया है । मैंने पूरी तरह से बंजर तेरे खेत को भी जोतजोत कर उपजाऊ बना डाला । गाड़ी छकड़ा या बैलगाड़ी में जुतने से भी मैंने तुझे कभी इंकार नहीं किया । और अब तू मेरी मिट्टी मेरी यह वृद्ध देहबेचने जा रहा है । अरे भाई , क्यों बेच रहा है तू मेरी यह मिट्टी ? ' बूढ़ा बैल यह कहकह कर रो रहा है ।
haryanvi-bgc
ओखरी में चउरा छँटाएब हे, चकरी में दाल दराएब हे, ओखरी1 में चउरा2 छँटाएब हे , चकरी3 में दाल दराएब4 हे , कन्हइआ जी के मूंड़न हे । बराम्हन के नेओता5 पेठाएब , पोथिआ समेत6 चलि आवऽ कन्हइआजी के मूंड़न हे । बराम्हन अलुरी7 पसारे , हम लेबौ पोथिया के मोल , कन्हइआ जी के मूंड़न हे ॥ 1 ॥ ओखरी में चउरा छँटाएब हे , चकरी में दाल दराएब हे , कन्हइआ जी के मूंड़न हे । हजमा8 के नेओता पेठाएब , छुरबा9 समेत चलि आवऽ , कन्हइआ जी के मूंड़न हे । हजमा अलुरी पसारे , हम लेबो छुरबा के मोल , कन्हइआ जी के मूंड़न हे ॥ 2 ॥ ओखरी में चउरा छँटाएब , चकरी में दाल दराएब , कन्हइआ जी के मूंड़न हे । कुम्हारा10 के नेओता पेठाएब , कलसा समेत चलि आवऽ , कन्हइआ जी के मूंड़न हे । कुम्हरा अलुरी पसारे , हम लेबो कलसा के मोल , कन्हइआ जी के मूंड़न हे ॥ 3 ॥ ओखरी में चउरा छँटाएब , चकरी में दाल दराएब , कन्हइआ जी के मूंड़न हे । फूआ11 के नेओता पेठाएब , फुफ्फा12 समेत चलि आवऽ कन्हइआ जी के मूंड़न हे । फूआ अलुरी पसारे , हम लेबो बबुआ के मोल , कन्हइआ जी के मूंड़न हे ॥ 4 ॥
magahi-mag
खेती खेडो रे हरिनाम की खेती खेड़ो रे हरिनाम की , जेम घणो होय लाभ १ पाप का पालवा कटाड़जो , आरे काठी बाहेर राल कर्म की फाँस एचाड़जो खेती निरमळ हुई जाय . . . खेती खेड़ो रे . . . . २ आस स्वास दोई बैल है , आरे सुरती रास लगाव प्रेम पिराणो हो कर धरो ज्ञानी आर लगावो . . . खेती खेड़ो रे . . . ३ ओहम् वख्खर जोतजो , आरे सोहम् सरतो लगावो मुल मंत्र बीज बोवजो खेती लुटा लुम हुई जाय . . . खेती खेड़ो रे . . . ४ सत को माँडवो रोपजो , आरे धर्म की पयडी लगावो ज्ञान का गोला चलावजो सुआ उड़ी उड़ी जाय . . . खेती खेड़ो रे . . . ५ दया की दावण राळजो , आरे बहुरि फेरा नी होय कहे सिंगा पयचाण जो आवा गमन नी होय . . . खेती खेड़ो रे . . . .
nimadi-noe
बाये कोयलि बाये कोयलि आले देशो बो डी बाये कोयलि बाये कोयलि आले देशो बो डी बाये कोयलि बाये कोयलि आले देशो बो डी बाये कोयलि बाये कोयलि आले देशो बो डी आपे देशो बाये कोयलि आले देशो बी डी आपे देशो बाये कोयलि आले देशो बी डी आपे देशो बाये कोयलि आले देशो बी डी आपे साड़ी बाये कोयलि आले साड़ी उरीये आपे साड़ी बाये कोयलि आले साड़ी उरीये आपे साड़ी बाये कोयलि आले साड़ी उरीये आपे चाँदी बाये कोयलि आले चांदी उरीये आपे चाँदी बाये कोयलि आले चांदी उरीये आपे चाँदी बाये कोयलि आले चांदी उरीये स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी
korku-kfq
साथिया पुरावो हे रणचंडी दुर्गा चामुंडा करता सवनी रखवाली हे माजी करता सवनी रखवाली हे महिसासुर मर्दिनी अम्बिका जै जै माँ गबर वाली जै जै माँ आरासुर वाली खेडब्रह्मा ना खोले रमता बाला घुमे बहुचर वाली गरबे रमवा ने आवो बाल साहू विनवे माँ पवावाली माँ जै जै माँ गबर वाली . . . साथिया पुरावो द्वारे , दिवडा प्रग्टावो राज आज मारा आँगणे पधारशे माँ पावावाली जै अम्बे जै अम्बे अम्बे जै जै अम्बे . . . वान्झिया नो मेलो पाले रमवा राजकुमार दे खोळा नो खुन्दनार दे कुंवारी कन्या ने मनगम्तो भरतार दे प्रीतमजी नो प्यार दे निर्धन ने धन धान आपे राखे माड़ी सवनी लाज आज मारा आँगणे पधारशे माँ पावावाली साथिया पुरावो द्वारे , दिवडा प्रग्टावो राज आज मारा आँगने पधारशे माँ पावावाली जै अम्बे जै अम्बे अम्बे जै जै अम्बे . . .
gujarati-guj
प्यारा यार मनावाँगी टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । इस टुणे नूँ पढ़ फूकाँगी , सूरज अगन जलावाँगी । टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । अक्खिआँ काजल काले बादल , भवाँ1 से आग लगावाँगी । टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । और बसात2 नहीं कुझ मेरी , जोबन धड़ी गुन्दावाँगी । टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । सत्त समुन्दर दिल दे अन्दर , दिल से लहर उठावाँगी । टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । बिजली होकर चमक डरावाँ , मैं बादल घिर घिर जावाँगी । टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । इशक अँगीठी हरमल3 तारे , सूरज अगन चढ़ावाँगी । टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । ना मैं ब्याही ना मैं कँवारी , बेटा गोद खिड़ावाँगी । बुल्ला लामकान4 दी पटड़ी उत्ते , बह नाद बजावाँगी । टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी ।
panjabi-pan
बधाये नन्द के घर आज सुहाये नन्द के घर आज बधाये नन्द के घर आज , सुहाये नन्द के घर आज । टैरो टैरो सुगर नहनिया , घरघर बुलावा देय बधाये . . . अपनेअपने महलिन भीतर , सब सखि करती सिंगार पटियां पारे , मांग संवारे , वेंदी दिपत लिलार । बधाये . . . आवत देखी सबरी सखियां , झपट के खोले किवाड़ बूढ़नबड़ेन की पइयां पड़त हूं , छोटेन को परणाम । बधाये . . . बाबा नन्द बजारे जइयो , साड़ी सरहज खों ले आओ पहिनो ओढो सबरी सखियां , जो जी के अंगे भाये । बधाये . . . पहिन ओढ़ ठांड़ी भई सखियां , मुख भर देतीं आशीष जुगजुग जिये माई तेरो कन्हैया , राखे सभी को मान । बधाये . . .
bundeli-bns
जाग नी मेरी बाल कन्या जाग नी मेरी बाल कन्या , जाग रुकमणी राणीये । कीकण जागां मेरेया भोलेया लोका , कीकण जागां मेरेया लखेया देसा , बाबल तां वर घर नहीं लेआयेया , बाबल तेरा दान करदा , लै गडवे इशनान करदा , मोतियाँ बाबल चौक पूरदा , बाबल तां वर घर लै आयेया । जाग नी मेरी बाल कन्या , जाग रुकमणी राणीये । कीकण जागां मेरेया भोलेया लोका , कीकण जागां मेरेया लखेया देसा , भईया तां दाजो नहीं लैआएया भईया तेरा दान करदा , लै गडवे इशनान करदा , मोतियाँ भईया चौक पूरदा , भईया दाज लै के आयेया । जाग नी मेरी बाल कन्या , जाग रुकमणी राणीये । कीकण जागां मेरेया भोलेया लोका , कीकण जागां मेरेया लखेया देसा , चाचा तां गुलियान नहीं लैएया चाचा तेरा दान करदा , लै गडवे इशनान करदा , मोतियाँ चाचा चौक पूरदा , चाचा गुलियान लै आयेया । जाग नी मेरी बाल कन्या , जाग रुकमणी राणीये । कीकण जागां मेरेया भोलेया लोका , कीकण जागां मेरेया लखेया देसा , मामा तां चूड़ा नहीं लेएया । मामा तेरा दान करदा , लै गडवे इशनान करदा , मोतियाँ मामा चौक पूरदा , मामागु चूड़ा लै के आयेया ।
panjabi-pan
मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ आवरो से चन्दन हो मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ अवरो से चन्दन हो रामा सुघर बडइया मारे छेवर लालन जी के पालन हो ॥ रामा के गढउ खडउवा लालन जी के पालन हो , रामा जसुमती ठाढ़ी झुलावैं लालन जी के पालन हो ॥ झूलहु ए लाल झूलहु अवरो से झूलहु हो रामा जमुना से जल भरि लाईं त झुलवा झुलाइब हो ॥ जमुना पहुँच न पावों घडिलवौ ना भरिलिउं हो रामा पिछवाँ उलटि जो मैं चितवौं पहल मुरली बाजल हो ॥ रान परोसिन मैया मोरी अवरो बहिन मोरी हो बहिनि छवहि दिना के भइने लाल त मुरली बजावल हो ॥ चुप रहु जसुमति चुप रहु दुसमन जनि सुनै हो बहिनी ईहैं त कंस के मारिहैं औ गोकुला बसैहैं हो ॥
bhojpuri-bho
सात सहेल्यां रे झूलरे सात सहेल्यां रे झूलरे , पणिहारी जीयेलो मिरगानेणी जीयेलो पाण्यू चाली रे तालाब , बाला जो काळी रे कळायण उमडी एपणिहारी जीयेलो , मिरगानेणीजीयेलो , छोटोडी बूंदां रो बरसे मेह , बालाजो आज धराऊं धूंधलो ए पणिहारी . . . मोटोडो धारां रो बरसे मेह , बाला जो भर नाडा भर नाडयां ए पणिहारी . . . भरियोभरियो समंद तलाब , बाला जो
rajasthani-raj
बजरंग बली- उँचो माळो डगमाळ , टोंगल्या बूडन्ती ज्वार । । काचा सूत की बजरंग बली की गोफण , सावळ राणी होर्या टोवण जाई । । हरमीधरमी का होर्या उड़ी जाजो , ने पापी का खाजो सगळो खेत । । बजरंग बली का महल ऊँचा है और ज्वार घुटने से ऊपर तक की है । बजरंग बली की गोफण कच्चे सूत की बनाई है । सावल रानी तोते उड़ाने जाती हैं । धरमी के खेत छोड़कर तोतो , पापी का खेत सारा चुग लेना । हनुमानजी की पत्नी सावल रानी को माना है ।
bhili-bhb
रेपे रेपे टे कोयो येचकेन नानी रेपे रेपे टे कोयो येचकेन नानी रेपे रेपे टे कोयो येचकेन नानी आम्बे बोचो किजा बल कुयेरा आम्बे बोचो किजा बल कुयेरा आमानी कटारी इली कुवेरा आमानी कटारी इली कुवेरा आम्बे सोल कीजा बल कुवेरा आम्बे सोल कीजा बल कुवेरा आमानी कटारी इली कुवेरा आमानी कटारी इली कुवेरा नाना आम्बे कपि कीजा बल कुवेरा नाना आम्बे कपि कीजा बल कुवेरा मिया परा आम जोमे मिया परा रेमा जोमे मिया परा आम जोमे मिया परा रेमा जोमे रेमा अनाशा पूरा कीजा बल कुवेरा रेमा अनाशा पूरा कीजा बल कुवेरा स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी
korku-kfq
बाना गीत गुदड़ये बठो रे बानो कागते वाचे । इनी धड़े फुवो , पली धड़े फुई । विच मा बठो रे बानो , कागते वाचे । इनी धड़े भाई , पत्नी धड़े भोजाई , विच मा बठो रे बानो , कागते वाचे । इनी धड़े बनवी , पत्नी धड़े बइण विच मा बठो रे बानो कागद वाचे । गद्दी पर बैठा हुआ दूल्हा कागज पढ़ रहा है । दूल्हे के एक तरफ फूफा बैठा है और दूसरी तरफ फूफी बैठी है । बीच में दूल्हा कागज पढ़ रहा है । इस ओर भाई तथा उस ओर भौजाई बैठी है । इस ओर बहन और उस ओर बहनोई बैठा है । बीच में बैठा बना कागज पढ़ रहा है ।
bhili-bhb
सिदुवा तिन मथुरा मा जनम लीने , विष्णु मेरा करतार , तिन देवकी का गर्भ लीने , मेरा अवतार । तुम द्वारिका का धनी होला , मथुरा का ग्वैर1 गायों का गोपाल होला , गोप्यों का मोहन । तुम तै प्यारी होली , मधुवन की कुँज स्ये , तुम तैं प्यारा होला , जमुना का त छाला2 । तब सुपिना मा देखे कृष्ण गगू की रमोली , रौंत्याली रमोली3 होलि , तौं ऊँचो डाँडयों4 मा । बाँज की वणीई5 होली , तख होली कुलाई6 , अनमन भाँति का फूल , अनमनभाँति की वासिना7 दूरू फैल्याँ सौड़8 होला , होलो ऊँचो शतरंज9 देखे भगवानन बाँकी रमोली लागे मन तब इनाबैन बोदा साँवल भगीवान् हे गंगू रमोला , मैं तेरी रमोली औंदू । द्वारिका नारैण छौं , मैं तेरो कुलदेव , जगा दियाल मैं , तेरी रमोली लग्यो मन । मैं नी माणदू कै सणी10 , देवता सुण्याल11 , गंगू रमोलो छऊँ मैं , मेरा अग्वाड़ी12 क्वी नी समझलू देवता त्वै , नितर रिङ्वा13 , जु रागसीण मारी देलो , सेम छ वींको वासो । मैन हरणाकंस मारे , मैन असुर संहारया , रागसीण मारणी गंगू , मेरा अग्वाड़ी क्या छ ? कला पूरा छयो कृष्ण , जसीलो देवता मारी दिन रागसीण , चीरे चारी दिशौं मा । तब तई सेम मुखम , तेरा बजदा घाँड , दस घड़ी सजा14 होन्दी , बीस घड़ी की पूजा । सिदुवा लिजाँद डौरूथाली , कृष्ण लिजाँद शंख । चलदऊ सिदुवा जौला15 , पंडौऊ16 की जैन्ती17 । रौड़दादौड़दा गैन , तब खैट की खाल18 । खैट की खाल गैन , चौपता चौराड़ी । चौपता चौराड़ी गेन , कोंकू19 डाली छैलू20 । तब कृष्ण भगीवान , कना बैन बोदान : कंूकू डाली नीस सिदुवा , छम धड्याली21 लौला । तब अनमन भाँति की , तौन धड्याली लगाये । खैट की आछरी22 तब देव्यो , कना बैन बोदीन , खैट कीखाल देव्यों , कू होलू धड्याल्या ? चला दीदी भुल्यों , धड्याला भू जौला । आज की धड्याली सूणी , मन ह्वैगे मोहित , चित होइगे चंचल । तब निकलीन भैर23 , आछरियों की टोली अगास की गैणी छै वो , धरती की चाँदना । रूप की जोत छई , कांठ्यों को उद्यौऊ । धाड थाला मू जैक , देव्यों रास रचीयाले , अनमन भाँति को , लगे रास मंडल । रूप की छलार पड़े , शीशू चमलाणी । सिदुवा बजौंद डौंरू थाली , कृष्ण करद अनमन , भाँति को नाच
garhwali-gbm
527 अजू आखया सैदया जाह भाई एह वौहटियां बहुत पयारियां ने जाह बन्ह के हथ सलाम करना तुसां तारियां खलकतां सारियां ने अगे नजर रखीं सारा हाल असीं अगे जोगिड़े दी करीं जारियां ने सानूं बनी है हीर नूं सप्प लड़या खोल कहीं हकीकतां सारियां ने आखीं रब्ब दे वासते चलो जोगी सानूं पइयां मुसीबतां भारियां ने जोगी मार मंतर करो सब हाजर जाह लया मना तूं वारियां ने वारस शाह उथे नहीं फुरे मंतर जिथे इशक ने दंदियां मारियां ने
panjabi-pan
मृत्यु गीत राम भजो रे , भगवान मारो मन काई म लागी रयो । राम भजो रे , भगवान मारो मन काई म लागी रयो । राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । भगवान मारो मन बेटाबहु म रमी रयो रे राम । भगवान मारो मन बेटाबहु म रमी रयो रे राम । भगवान मारो मन कई मा लागी रयो । राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । भगवान मारो मन खेतीवाड़ी म लगी रयो । भगवान मारो मन खेतीवाड़ी म लगी रयो । राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । मारो मन छोरी जवाँई म लगी रयो ॥ राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । मारा मन कइ मा लगी रयो ॥ राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । मारो मन नातीपोती म लगी रयो ॥ राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । मारो मन कइ मा लगी रयो ॥ राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । मारो मन घरबार म लगी रयो ॥ राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । मानव के अन्तिम क्षणों में जब केवल श्वाँस बाकी रहती है , उस समय की दशा का इस मृत्यु गीत में वर्णन किया गया है । राम का भजन करो । हे भगवान मेरा मन किसमें लगा हुआ है जिससे मेरा जीव अटका है । मरणासन्न दशा वाले मनुष्य से कहलाया गया है कि मेरा गन अपने पुत्रो और बहुओं में लगा हुआ है । इस सभी का मोह मेरी आत्मा को रोके हुए है । आगे कहा गया है कि मेरा मन खेतीबाड़ी के मोह में अटका हुआ है । मेरी खेतीबाड़ी इतनी बड़ी और अच्छी है । यह संसार मोह माया है इसमें जीव अटका है । लड़की और जवाँई के मोह में मेरा जीव अटका है । नाती और पोती का मोह भी रोके हुए हैं । घरबार का मोह भी रुकावट डालता है । गीत का मुख्य उद्देश्य यह है कि माया मोह के सांसारिक बंधनों में मनुष्य पड़ा रहता है । राम का भजन करना चाहिए जिससे मनुष्य को मुक्ति प्राप्त होती है । लोगों को भगवान के भजन की ओर प्रेरित करने के प्रयास में ये उदाहरण दिये हैं ।
bhili-bhb
24 नढी सयालां दी व्याहके लयावसां मैं करो बोलियां नाल ठठोलियां नी बहे घत पीढ़ा वांग रानियां दे अगे तुसां जेहियां होवन गोलियां नी मझू वाह विच बोड़ीए भाबियां नूं होण तुसां जहियां बड़बोलियां नी वारस बस करो असीं रज रहे भर दितियां जो तुसां झोलियां नी
panjabi-pan
अंगण खज़ूरां मैं लाईआं अंगण खज़ूरां मैं लाईआं , मन मेरड़िआ मैं घक़ कम्म ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े माई मेरी ने भाजी घल्ली , मन मेरड़िआ पेके तां जाणा ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े देईं नी सस्से झग्गा टोपी , सस्सु मेरड़िए मैं पेकड़े जाणा ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े लै लै नी नूहें झग्गा टोपी , नूहें मेरड़िए आपनड़े घर राज , दिऊरां घर सोहलड़े लिआ वे दिऊरा घोड़ी , दिऊरा मेरड़िआ मैं पेकड़े जाणा ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े वड्डी भैण ने सद्दा दित्ता , वीरां मेरड़िआ छोटी तूं आई ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े
panjabi-pan
अंगिका बुझौवल तर खमेरी ऊपर झण्डा जेकरोॅ पात सहस्सर खण्डा । ओल हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी , बीच में मकइया फरै में लदबद , खाय में मिठैइया । पानी के सिंघाड़ा चलोॅ पाँचो भाय पाण्डव चरका पथलोॅ के पार करी दीहोॅ । अंगुरीदाँत एक मुट्ठी नारोॅ सौंसे घरोॅ छारोॅ । सिन्दूर हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी , बीच में सड़कवा फरेॅ लागलै काली माय , छोड़ी देलकै बन्दूकवा । सलाम चार कबूतर चार रंग भाड़ी में ढूकेॅ एके रंग । पान हेती टा चुकड़ी में तीन बचवा किरीन के धाव लागल उड़ बचवा । अंडी इती टा भालमियाँ हेत्तेॅ ठो पुछड़ी सूई आँखीतर गुजुरगुजुर गुजुर तर फें फें फें फें तर फदर फदर सुनेॅ तेॅ कें कें आँख , नाक , मुख , कान एक महल में दू दरवाजा ऐलै लटकन मारोॅ पटकन नाक बाप रे बाप ऊपर से गिरलै बड़का चाप घोॅर भागलै दुआर दै केॅ हम्में कोन दै केॅ भागवै रे बाप जालमछली तोॅर टाटी ऊपर टाटी बीच में नाचेॅ गोली पाठी जीभ चार कबूतर चार रंग भाँड़ी में ढूकेॅ तेॅ एक्के रंग पान , सुपारी , चूना , कत्था सूतसूत पर आग बरेॅ लेकिन सूत एक नै जरेॅ बिजली का तार घोटोॅ घोटोॅ डिबिया लाल लाल बिबिया मसूर लाल हाथी उजरोॅ सूँढ़ बूटकी अँकुरी तोॅर गदगद ऊपर फेन तेकरोॅ बेटा रतन सेन भात
angika-anp
केहा झेड़ा लायो ई? आ सज्जण गल लग्ग असाडे , केहा झेड़ा लायो ई ? सुत्तेआँ बैठेआँ कुझ ना डिट्ठा , जागदेआं सहु पायो ई । कुम्ब बि इजली शमस1 बोले , उल्टा कर लटकायो ई । इशकन इशकन लग्ग विच्च होइआँ , दे दिलास बिठायो ई । मैं तैं काटी नहीं जुदाई , फिर क्यों आप छुपायो ई । मज्झिआँ आइआँ माही ना आया , फूक बिरहों डुलायो ई । ऐस इशक दे वेक्खे कारे , यूसफ खूह पवायो ई । वाँग जुलैखा विच्च मिशर दे , घुँघट खोल रूलायो ई । रब्बएअरनी मूसा बोले , तद कोह तूर जलायो ई । लन तरानी2 झिडकाँ वाला , आपे हुक्म सुणायो ई । इशक दीवाने कीता फानी , दिल यतीम बणायो ई । बुल्ला सहु घर वसिआ आ के , शाह अनायत पायो रे । आ सज्जण गल लग्ग असाडे , केहा झेड़ा लायो ई ।
panjabi-pan
लचिका रानी चौथा खण्ड रम्मा कुँवर सुमरै धरती मैयो रे ना रम्मा वीर बाँके रणवीर कुवरवो रे ना रम्मा दादियाँ के करै परनममो रे ना रम्मा घोड़ियाँ पर होलै सबरवो रे ना रम्मा बारप्पा सें करलकै परसथनमो रे ना रम्मा चली देलकै दुश्मनमा के देशवो रे ना रम्मा कुँवर बोलै घोड़ी सें बचनमो रे ना रम्मा चले घोड़ी दुश्मनमा के देशवो रे ना रम्मा घोड़ी छोड़ै धरती उड़े आकशवो रे ना रम्मा कुछ ही घंटा में जाय पहुँचलै मुदैई नगरियो रे ना रम्मा होय छेलै राजा घर आनन्दवो रे ना रम्मा लचिका सें करै छेलै विधिवत् विहववो रे ना रम्मा होय छेलै मंगल गीत गानमो रे ना रम्मा बाजै छेलै दुआरी पर बजवो रे ना रम्मा राजा छेलै खुशी मगनमो रे ना रम्मा बड़ी भीड़ छेलै दुवरियो रे ना रम्मा वही समय पहुचलै कुंवर रणवीरवो रे ना रम्मा जहाँ करै छेलै लचिका दानमो रे ना रम्मा वहाँ गेलै कुंवर रणबीरबो रे ना रम्मा घोड़ी पीठी पर होलै सबरवो रे ना रम्मा बोलै बात बड़ी कड़वो रे ना रम्मा हरि के लानल्है हमरो मैयो रे ना रम्मा करबै हम्में होकरोॅ बेटी से बिहवबो रे ना रम्मा हम्मू जों होभै असल के जनमलो रे ना रम्मा हम्मू चूकैय्यै लेबै बापोॅ के बदलो रे ना रम्मा आजु दिनां देखबै होकरोॅ बलबो रे ना रम्मा तलवरवा सें काटि होकरोॅ सिरबो रे ना रम्मा काटि केॅ लटकैय्यै देवै पीपरवा के गछियाँ पर सिरबो रे ना रम्मा कुंवर के सुनि के बतियो रे ना रम्मा लचिका रानी सुनी केॅ होलै खुशवो रे ना रम्मा लचिका के छतियाँ से बहै लागलै दुधबो रे ना रम्मा पड़लै जायकै कुंवर के मुंहमो रे ना रम्मा ऐसन देखि के हलवो रे ना रम्मा तबेॅ कहेॅ लागलै रानी लचिको रे ना रम्मा सुनोॅ नुनुआ हमरोॅ बतवो रे ना रम्मा भागी जो तों चुपचपवो रे ना रम्मा भेद नहीं जानौं पापी रजवो रे ना रम्मा जबेॅ होय जैताैं राजा के मालूममो रे ना रम्मा जित्तोॅ नै छोड़ताैं परनममो रे ना रम्मा माता के सुनी बचनमो रे ना रम्मा तबेॅ बोलै कुंवर रणवीरवो रे ना रम्मा सुनोॅ मैया हमरोॅ कहनमो रे ना रम्मा तोरोॅ चरन पर धरै मथवो रे ना रम्मा मैया तों दे हमरा आशिशबो रे ना रम्मा असल के जो होवै लड़कवो रे ना रम्मा हम्में आपनोॅ बापो के लेवै बदलवो रे ना रम्मा बिना बदला चुकैलै नै जैबै आपनोॅ देशवो रे ना रम्मा एतना कहि केॅ बचनमो रे ना रम्मा मैया केॅ करलकै परनममो रे ना रम्मा तबेॅ देलकै मैया अशिरबदवो रे ना रम्मा कुंवर ऐलै सीधा दरबरवो रे ना रम्मा गरजी केॅ बोलै बचनमो रे ना रम्मा हरन करि केॅ जे लानल्हे हमरोॅ मैयो रे ना रम्मा आबी जो तों हमरोॅ सामना रे ना रम्मा देखबै हम्में होकरोॅ सुरतियो रे ना रम्मा जों होतै असल के पैदवो रे ना रम्मा आवी केॅ निकलतै मैदनमो रे ना रम्मा देलकै कुंवर ललकरवो रे ना रम्मा देवै होकरोॅ विगाड़ी नकशवो रे ना रम्मा सुनि केॅ कुंवर के ललकरबो रे ना रम्मा राजा हौले जरी केॅ अंगरवो रे ना रम्मा दै देलकै पलटन केॅ हुकुवमो रे ना रम्मा जल्दी सें होय जो तैयरवो रे ना रम्मा सुनी केॅ हुकुम पलटनमो रे ना रम्मा आवी जुटलै सब मैदनमो रे ना रम्मा टूटी पड़लै कुंवर के उपरवो रे ना रम्मा तबेॅ कुंवर देलकै ललकरवो रे ना रम्मा घोड़ी उड़ै आकशवा रे ना रम्मा दोॅत सें काटी गिरावै पलटनमो रे ना रम्मा घोड़ी पर चढ़ी केॅ कुंवर रणवीरवो रे ना रम्मा जैसै काटै खेत किसनमो रे ना रम्मा वैसे काटै कुंवर सेनमो रे ना रम्मा खुनमा से पटै धरतियो रे ना रम्मा खतम होय गेलै सब सैनिकवो रे ना रम्मा अकेला बचलै एक्के रजवो रे ना रम्मा होकरोॅ काटलकै गरदन वीर रणवीरवो रे ना रम्मा बापोॅ के चुकैलकै बदलवो रे ना रम्मा कुंवर जीतलकै समरवो रे ना रम्मा तबेॅ गेलै गढ़ के उपरवो रे ना रम्मा धजवा फरैलकै कुंवर रणबीरवो रे ना रम्मा तोड़ी देलकै सबके गुमनमो रे ना रम्मा चल्लो गेलै महल के भीतरवो रे ना रम्मा जहाँ छेलै रजवा के बेटीयो रे ना रम्मा रजबा के बेटी लैकेॅ संगबो रे ना रम्मा हीरामंती जेकरोॅ नाममो रे ना रम्मा चमकै छैलै होकरोॅ रूपवो रे ना रम्मा ऐलै आपनोॅ मैया के किनटवो रे ना रम्मा हाथ जोड़ी करलकै मैया केॅ परनममो रे ना रम्मा देलकै मैया तबेॅ आर्शीबदबो रे ना रम्मा कुंवर मन होलै आनन्दवो रे ना रम्मा मैया के साथोॅ में कुंवरवो रे ना रम्मा चली देलकै आपनोॅ देशवो रे ना रम्मा कुंवर आवी गेलै नौरंग पोखरबो रे ना रम्मा बोलै तबेॅ कुंवर रणवीरवो रे ना रम्मा सुनी लेॅ राजा के बेटीयो रे ना रम्मा यै पोखरिया उपर जेतना हड्डियो रे ना रम्मा चुनीचुनी करै तों जोअरवो रे ना रम्मा तोरोॅ बापोॅ के करनमो रे ना रम्मा कुंवर के सुनी बचनमो रे ना रम्मा भोकरीभोकरी कानेॅ लागलै हिरामंती रे ना रम्मा कथीलेॅ होलोॅ छेलै हमरोॅ जनममो रे ना रम्मा कौनी जनमोॅ में करलोॅ छेलां पपवो रे ना रम्मा जे आय हमरा भोगे लेॅ पड़ै रे ना रम्मा कुंवर कहै आपनोॅ कहनमो रे ना रम्मा जल्दी सें मानी लेॅ हमरोॅ कहनमो रे ना रम्मा यही बातोॅ में तोरोेॅ कुशलवो रे ना रम्मा नहीं तेॅ करवोॅ तोरोॅ दुरगतियाँ रे ना रम्मा खींची लेवौ देहोॅ के खलवो रे ना रम्मा कत्तो तों कानभै नै छोड़वौ जानमो रे ना रम्मा हमरोॅ कहलोॅ मुताबिक करेॅ तों कममो रे ना रम्मा जैसनोॅ तोरोॅ वापोॅ के मारलियो समानमो रे ना रम्मा वैसने लै लेवौ तोरोॅ परनममो रे ना रम्मा हीरामंती कानै धुनीधुनी कपरवो रे ना रम्मा लोर पोछीपोछी भीजाबै अचरबो रे ना रम्मा कुछु दिन के बादबो रे ना रम्मा आवी गेलै शिवरतियाँ के दिनमो रे ना रम्मा शिबरतियाँ के दिनमा हिरामंती सें कुंवर करलकै बिहबबो रे ना रम्मा बाजै लागलै खुशी के बजबो रे ना रम्मा मंगल गीत हुवै लागलै अंगनमो रे ना रम्मा छुटी गेलै कुंवर के सब विपत्तियो रे ना रम्मा खुशिया से रहै रानी लचिको रे ना रम्मा पुरी गेलै सब्भै आस अरमनमो रे ना रम्मा कुंवर रणबीरवा केॅ पिन्हलकै राज मुकुटवो रे ना रम्मा कुंवर रणबीरवा भेलै वरप्पा के रजवो रे ना रम्मा वीतेॅ लागलै खुशी से जीवनमो रे ना रम्मा परजबा में भी होलै खुशियो रे ना रम्मा खनैलकै वारोॅ कुपवो रे ना रम्मा हरलो राज धुरी केॅ होलै रे ना रम्मा जनता के खुशी सें राजा रहै प्रसन्नमो रे ना ।
angika-anp
कथि केर खटोलवा त कथि केर ओरहन हे कथि1 केर खटोलवा त कथि केर ओरहन2 हे । ललना , सेहो चढ़ि धानि वेदनायली , 3 वेदने बेयाकुल हे ॥ 1 ॥ चनन कोरा खटोलवा , त रेसम के ओरहन हे । सेहो चढ़ि धानि वेदनायली , बेदने बेयाकुल हे ॥ 2 ॥ आन4 दिन सुतलऽ एके सेज , बहर5 सिरहाना6 कयले हे । धानि हे , आज काहे सुतलऽ दोसर सेजिया , परभु से बयर कयलऽ हे ॥ 3 ॥ काँचहि बँसवा कटायब , खटोला बिनायब हे । पिया से लड़िए झगड़ि करि बेदना बँटायब हे ॥ 4 ॥ टोला परोसिन के माय , तुहुँ मोर बहिनी ही हे । मइया , सब मिलि धनि परबोधऽ , कहि समुझावऽ हे ॥ 5 ॥ तोर धनि दिनमा के थोरी , बयसवा के भारी7 हथु हे । बबुआ , जबो घर होयतो नंदलाल , करिहऽ पनचाइत हे । जबे घर होयतो होरिलवा तबही परबोधब8 हे , कहि के बुझायब हे ॥ 6 ॥
magahi-mag
घोड़ा सरीका चमके होय तो भायर निकालो घोड़ा सरीका चमके होय तो भायर निकालो घोड़ा सरीका चमके होय तो भायर निकालो समदन भायर निकालो समदन भायर निकालो हथ्थी सरीका डोले हो तो घर में रखी लेव हथ्थी सरीका डोले हो तो घर में रखी लेव घर में रखी लेव समदन घर में रखी लेवे घर में रखी लेव समदन घर में रखी लेवे स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम बंदी
korku-kfq
सुआ गीत-2 तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना तिरिया जनम झन देव तिरिया जनम मोर गऊ के बरोबर रे सुअना तिरिया जनम झन देव बिनती करंव मय चन्दा सुरुज के रे सुअना तिरिया जनम झन देव चोंच तो दिखत हवय लाले ला कुदंरु रे सुअना आंखी मसूर कस दार . . . सास मोला मारय ननद गारी देवय रे सुअना मोर पिया गिये परदेस तरी नरी नना मोर नहा नारी ना ना रे सुअना तिरिया जनम झन देव . . .
chhattisgarhi-hne
जय जय बोला जय भगोती नंदा (धार्मिक गीत) जय जय बोला जय भगोती नंदा , नंदा उंचा कैलास की जय जय जय बोला जय भगोती नंदा , नंदा उंचा कैलास की जय जय बोला तेरु चौसिंग्या खाडू , तेरी छंतोळी रिंगाळ की जय जय बोला तेरु चौसिंग्या खाडू , तेरी छंतोळी रिंगाळ की जय जय जय बोला . . . . . . . काली कुलसारी की , देवी उफरांई की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . बगोली का लाटू की , हीत बिणेसर की नंदा राज राजेश्वरी . . . बीड़ा बधाण की , जमन सिंह जदोड़ा की , कांसुआ कुवंरुं की . . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . जय जय बोला , माता मैणावती , तेरा पिताजी हेमंता की जय . . . जय बोला जय भगोती नंदा , नंदा उंचा कैलासा की जय . . . जय बोला . . . . . नौटी का नौट्याळूं की , सेम का सेम्वाळूं की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . देवल का देवळ्यूं की , नूना का नवान्यूं की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . देवी नंदकेसरी की , छैकुड़ा का सत्यूं की , बाराटोकी बमणूं की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . जय जय बोला दशम द्वार डोली , डोली कुरुड़ हिंडोली की जय . . . जय बोला जय भगोती नंदा , नंदा उंचा कैलासा की जय . . . जय बोला . . . . डिमर का डिमर्यूं की , मलेथा मलेथ्यूं की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . . तोती का ड्यूंड्यूं की , खंडूड़ा खंडूड़्यूं की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . . नैणी का नैन्वळ्यूं की , गैरोळा थपल्यळ्यूं की , चेपड़्यूं का थोकदारूं की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . जय जय बोला हीत घंड्याळ , तेरा न्योज्यां निसाण की जय . . . . जय बोला जय भगोती नंदा . नंदा उंचा कैलासा की जय . . . जय बोला लाता की मल्यारी की , शैलेसर बनोली की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . . मनोड़ा मनोड्यूं की , देवराड़ा देवरड्यूं की . . नंदा राज राजेश्वरी . . . . चमोळी कंड्वळूं की , चौदा सयाणों की , द्यो सिंह भौ सिंह की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . जय जय बोला तांबा का पतार , तेरा रिंगदा छतारा की जय . . . . जय बोला जय भगोती नंदा . नंदा उंचा कैलासा की जय . . . जय बोला नैनीताल अल्मोड़ा की , रणचूला बैजनाथ की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . . कोटमाई डंगोली की , दानपुर सनेती की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . . बदिया बागेसुर की , मारत्वोली जोहार की , छलमिलम मकाया की . . . नंदा राज राजेश्वरी . . . जय जय बोला ईष्ट देवी नंदा , नंदा कुमौ गढ़्वाळ की जय . . . जय बोला जय भगोती नंदा . नंदा उंचा कैलासा की जय . . . जय बोला
garhwali-gbm
327 वेहड़े वालियां दानियां आखदियां क्यों बोलदियो नाल दवानड़े नी कुड़ीए कासनूं झगड़े नाल जोगी एह तां जंगलीखडे निमानडे नी मंग खायके सदा एह देहे तयागन तबू वैरने एह तानदे नी कसब जानदे रब्ब दी याद वाला ऐडे झगड़े एह ना जानदे नी सदा रहन उदास निरास नगे बिरछ फूक के सयाल गुजारदे नी वारस शाह पर असां मलूम कीता जटी जोगी दोवें इकसे हानदे नी
panjabi-pan
अँगना में चकमक, कोहबर अँन्हार अँगना में चकमक , कोहबर अँन्हार1 । नेसि2 देहु दियरा3 होयतो4 इँजोर गे माइ ॥ 1 ॥ पान अइसन पतरी , सुहाग बाढ़ो5 तोर । साटन6 के अँगिया समाय7 नहीं कोर8 गे माइ ॥ 2 ॥ केंचुआ9 के चोरवा भइया , देहु न बँधाय । रउदा10 में बाँधल भइया , रहतन रउदाय11 । अँचरो में बाँधब भइया रहतन लोभाय ॥ 3 ॥
magahi-mag
बिन्दी तो तुम पैरो हो बनीजी बिन्दी तो तुम पैरो हो बनीजी , तुमखऽ बन्दड़ाजी बुलावऽ । । थारा रंगमहल कसी आऊं रे बना , म्हारा झाँझरिया की रूणुकझुणुक , म्हारा पिताजी सुणी लीसे । थारा पिताजी की गाळई हो बनी , मखऽ बहुतज प्यारी लागऽ । ।
nimadi-noe
मृत्यु गीत टेक आर तुन मनक्या जनम गमायो हंसा , नाम नहिं जाण्यो राम को । चौक1 हारे खाई न दिन गमाविया रे हंसा , सोइ न गमाइ तुन रात रे , आरे हंसा सोइन गमाइ तुन रात रे हीरा सरीका तुन जलम गमाया , एको कवड़ी मोल नइ पायो हंसा नहिं जाण्यो राम को । चौक2 तन की बणाइ तुन ताकड़ी , हांसा रे हांसा , मन को बणायो सेर रे , आरे हांसा मनको बणायो तुनसेर रे । सुरत नुरत दोनो डांडी लगाई , हांन थारा तोलणम कछु फेर हांसा नाम निजाण्यो राम को । चौक3 सकर विखरी रेत म रे हंसा , कसि पाछि आवे हाथ रे । अरे हंसा कसि पछि आवे हाथ रे । सरग सुवागणी ऊतरी रे , ऐसी किड़ियां बणकर चुंग । हंसा नाम नि जाण्यो राम को । छाप तिरगुणी घाट संत का मेळा कसि पत उतरेगा पार रे । कसि पत उतरेगा पार रे । गऊ का दान तुम देवो मोरे हंसा । तेरा धरम उतरारेगा पार , हंसा नाम नि जाण्यो राम को । अरे जीव तूने मानव जन्म खो दिया , राम का नाम नहीं जाना । अरे मानव तूने खाकर दिन खो दिए और सोकर रात खो दी । हीरे के समान तूने जन्म खो दिया । मानव जीवन का मूल्य एक कौड़ी के बराबर न पाया । राम का नाम न जाना । इस शरीर को तूने तराजू बनाई और मन का सेर बनाया । सुरतनिरत दोनों डांडी लगाई और तेरे तौलने में कुछ कपट है , तूने राम का नाम न जाना । अरे जीव शक्कर रेत में बिखर गई , वह अब हाथ में नहीं आ सकती , समय चला गया अब क्या ? उस रेत में बिखरी शक्कर को चीटियाँ बनकर चुग अर्थात् और चौरासी लाख योनियों में भटक । त्रिगुण घाट पर संतो का मेला किस प्रकार पार उतरेगा ? गोदान करो , तेरा धरम पार उतारेगा । तूने राम का नाम न जाना ।
bhili-bhb
हे री आई सै रंगीली तीज हे री आई सै रंगीली तीज , झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी बूड्ढा आया हे मां मेरी लेण नै जी , हां जी कोये नां जां बुड्ढे के साथ झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी हे री आई सै रंगीली तीज , झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी जेठा आया हे मां मेरी लेण नै जी , हां जी कोये नां जां जेठे के साथ झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी हे री आई सै रंगीली तीज , झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी देवर आया हे मां मेरी लेण नै जी , हां जी कोये नां जां पाली के साथ झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी हे री आई सै रंगीली तीज , झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी कन्था आया हे मां मेरी लेण नै जी , हां जी कोये इब जां कन्थै के साथ झूलण जांगी हे री हरीयल बाग मैं जी
haryanvi-bgc
हेरा गइले बदरी में चनवां हेरा गइले बदरी में चनवां1 रे गुइयां चैत महीनवां । पागल पवनवां सुमनवा बटोरे , नरमी चमेलियन के बंहियां मरोड़े पांख झारि नाचेला मोरवा रे गुइयां चैत महीनवां । कोइली के बोली मोरा जियरा जरावे , घरआंगन मोहे तनिको ना भावे देवरा पापी निरखे जोबनवां रे गुइयां , चैत महीनवां ।
bhojpuri-bho
टिकवा ओलरि गेल माँग से टिकवा1 ओलरि2 गेल माँग से , दुलहा पेन्हावे3 हाँथ से , गीभरू4 पेन्हावे हाँथ से । अहियात5 बाढ़े भाग से , सोहाग6 बाढ़े भाग से ॥ 1 ॥ कंठवा7 ओलरि गेल गल्ला8 से , दुलहा पेन्हावे हाँथ से , गभरू पेन्हावे हाँथ से । अहियात बाढ़े भाग से , सोहाग बाढ़े भाग से ॥ 2 ॥ बलवा9 ओलरि गेल लिलुहा10 से , दुलहा पेन्हावे हाँथ से , गभरू पेन्हावे हाँथ से । अहियात बाढ़े भाग से , सोहाग बाढ़े भाग से ॥ 3 ॥ छागल11 ओलरि गेल पाँव से , दुलहा पेन्हावे हाँथ से , गभरू पेन्हावे हाँथ से । अहियात बाढ़े भाग से , सोहाग बाढ़े भाग से ॥ 4 ॥
magahi-mag
बहै पुरवैया कोसी माय डोलले सेमैर बहै पुरवैया कोसी माय डोलले सेमैर , नदिया किनारे महामैया भइये गेलखिन ठाढ़ि । नैया लाउ नैया लाउ मलहा जे भाय , पाँचो बहिन दोलिया मलहा उतारि दियौ पार । कथी के नैया कोसी माय कथी के पतवार , कोने विधि नैया उतारि दियौ पार । सोना के नैया कोसी माय रूपा के पतवार , झमकैत दोलिया उतारि दियौ पार । खनै नैया खेवै कोसी माय खने भसियाय , खने मलहा पूछै जाति के ठेकान । जाति के रे छियै मलहा बाहानक बेटी , नाम हमर छियै कासिकामाय । आब की पूछै छह मलहा दिल के बात , बँहिया जे छूबै मलहा कोढ़ी फूटि जाय ।
angika-anp
बेगी कीमड़ा खोले डो रानी बेगी कीमड़ा खोले डो रानी बेगी कीमड़ा खोले डो रानी रानी डो बेगी कीमड़ा खोले रानी डो बेगी कीमड़ा खोले इयानी राजा ऊरान बन जा जोगी इयानी राजा ऊरान बन जा जोगी अरे जोगी मैं कैसी बेगी कीमड़ा खोले अरे जोगी मैं कैसी बेगी कीमड़ा खोले इयानी राजा ऊरान बने जा जोगी इयानी राजा ऊरान बने जा जोगी चोफरा टेमा बेगी कीमड़ा खोले चोफरा टेमा बेगी कीमड़ा खोले हाथ का झल्ला पायं का मचूरा पहचान कर वो रानी हाथ का झल्ला पायं का मचूरा पहचान कर वो रानी रानी डो बेगी कीमड़ा खोले रानी डो बेगी कीमड़ा खोले स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी
korku-kfq
आबहुँ बूढ़ी रूढ़ी छठी-पूजन आबहुँ बूढ़ी रूढ़ी1 वयठहुँ आय । बबुआ के घोँटी2 देहु बतलाय ॥ 1 ॥ बचा3 महाउर4 आउर5 जायफर6 । सोने के सितुहा7 रूपे8 के काम । जसोमती घोँटी देल चुचकार ॥ 2 ॥
magahi-mag
281 अवे सुनी चाका सुआह ला मुंह ते जोगी होयके नजर भवा बैठों हीर सयाल दा यार मशहूर रांझा मौजां मन्न के कन्न पड़ा बैठों खेड़े यार लै गए मुंह मार तेरे सारी उमर दी लीक लवा बैठों तेरे बैठयां वयाह लै गए खेड़े दाड़ी परे दे विच मुणा बैठों जदों डिठया चाआ ना कोई लगे ए बूहे नाथ दे अंत नूं जा बैठों मंग छडीए नहीं जे जान होवे बली वधरा छड हया बैठों अमल ना कीतो ई गाफला ओए ऐवें कीमियां उमर गवा बैठों वारस शाह तरयाक1 दा थां नाहीं हथीं जहर तूं खा बैठों
panjabi-pan
कौने राज उपजै कोसी माय कौने राज उपजै कोसी माय लांग ते हे इलेचिया हे मेया कौने हे राज उपजै सरर के हे गाछ हे कौने हे राज तिरहुत राज उपजै छै कोसी माय लांग ते हे इलेचिया हे मैया मोरंग हे राज कोसी माय सरर के हे गाछ हे मोरंग हे राज कौने डाला तोरबैय हे कोसी माय लांग ते हे इलेचिया हे मैया कौने हे डाला तोरबैय सरर के हे गाछ हे मैया कौने हे डाला सोने डाला तोरब हे कोसी माय लंग ते हे इलेचिया हे मैया रूपा हे डाला तोरब सरर के हे गाछ हे रूपा हे डाला किए हमें करबैय हे कोसी माय सरर के हे गाछ हे किए हे करबैय तोरे चढ़इबऽ कोसी माय लांग ते हे इलेचिया हे मैया हे धूप देबऽ कोसी माय हे सरर के हे गाछ हे धूप हे देबऽ ।
angika-anp
मालिन के अँगना कसइलिया के गछिया मालिन के अँगना कसइलिया1 के गछिया2 रने बने3 पसरल4 डार5 हे । घर से बाहर भेले दुलहा दुलरइते दुलहा , तोड़ हइ6 कसइलिया के डार हे ॥ 1 ॥ घर से बाहर भेले दादा दुलरइते दादा , मालिन ओलहन7 देवे हे । देखो बाबू साहब तोहरे8 पोता9 तोड़े हे10 कसइलिया के डार हे ॥ 2 ॥ लड़िका रहइते मालिन बरजतियइ11 छयला बरजलो न जायगे । देबो गे अगे मालिन डाला12 भर सोनमा , डाला भर रूपवा , तोड़े दे कसइलिया के डार गे ॥ 3 ॥ हमरा दुलरइते दुलहा कसइलिया के भूखल , तोड़े हइ कसइलिया के डार गे ॥ 4 ॥
magahi-mag
सुणा मेरा स्वामी जी सावण आयो सुणा मेरा स्वामी जी सावण1 आयो । रूणझुणया2 वर्षा , घनघोर लाया । दौड़ी दौड़ी कुयेड़ी3 , डाडू मा आयो । कुयेड़ी न स्वामी , अंधियारों छायो ।
garhwali-gbm
हाथ मऽ आरती नऽ खोळा मऽ पाती ”हाथ मऽ आरती , नऽ खोळा मऽ पाती , चलो म्हारी सई ओ , रनुबाई पूजाँ । पूजतजऽ पूजतजऽ ससराजी न देख्या , केतरा जाय पूत , म्हारी बहुवर वाँजुली । असलामसला कहाँ तक सहूँ हो , एक वार तो टूटो म्हारी माता , डोंगर की देवी । हळवा गयो होय तो हळई घर आवऽ , खेलवा गयो होय तो खेली घर आवऽ , पालणा को बाळो पालणऽ झूल , सड़क को बाळो सड़क पर खेलऽ , मजघर को बाळो मजघर जीमऽ म्हारी माता सोना की टोपली न मोती का जवारा , दुहिरा रथ सिंगारूँ म्हारी माता एक बालूड़ो द
nimadi-noe
मैं चली पिया पेकड़े मैं चली पिया पेकड़े तुसी मगरे ही आ जाइओ मैं ता मिलांगी उत्थे बेबे जी नू तुसी बापू जी नु मिल आइओ मगरों करयोजी तुसी पेरीपैणा पहलां लै जाणा सुणा आइयो मैं कहूँगी जी मैं नहीं जाना किते छड्ड के ना जाइओ थोड़ा बहुता उत्थे मैं रोऊँगी वी तुसी ऐंवीं ना घबरा जाइओ
panjabi-pan
इक नुकता यार पढ़ाया ए। इक नुकता यार पढ़ाया ए । इक नुकता यार पढ़ाया ए । ऐन गैन दी हिक्का1 सूरत , हिक्क नुकते शोर मचाया ए । इक नुकता यार पढ़ाया ए । सस्सी दा दिल लुट्टण कारन , होत पुनूँ बण आया ए । इक नुकता यार पढ़ाया ए । बुल्ला सहु दी जात ना कोई , मैं सहु अनायत2 पाया ए । इक नुकता यार पढ़ाया ए । ऐन गैन दी हिक्का सूरत , हिक्क नुकते शोर मचाया ए । इक नुकता यार पढ़ाया ए ।
panjabi-pan
गाली गीत तारि माय नो काम कुण करसे वो बूढ़ी लाड़ि । करसे करसे ने घड़िक रड़से वो मारि बूढ़ी लाड़ि । तारि माय ना रूटा कुण करसे वो बूढ़ी लाड़ि । करसे करसे ने घड़िक रड़से वो मारि बुढ़ि लाड़ि । दुल्हन से वर पक्ष की महिलाएँ गीत में कह रही हैं कि बूढ़ी लाड़ी तेरी माँ का काम कौन करेगा ? वही करेगी और थोड़ी देर रोएगी । तेरी माँ की रोटियाँ कौन बनाएगा ? वही बनाएगी और थोड़ी देर रोएगी ।
bhili-bhb
बेदियनि बोलले बरुअवा बेदियनि1 बोलले बरुअवा , जनेऊजनेऊ करे हे । बाबा , के मोरा बेदिया भरावत2 जनेउआ दियावत3 हे ॥ 1 ॥ हँसिहँसि बोलथिन4 बाबा , बोली भितराएल5 बबुआ , हम तोरा बेदिया भराएब , जनेउआ दियाएब हे ॥ 2 ॥ बेदियनि बोलले बरुअवा , जनेऊजनेऊ करे हे । चच्चा , के मोरा बेदिया भरावत , जनेउआ दियावत हे ॥ 3 ॥ हँसिहँसि बोलथिन चच्चा , बोली भितराएल हे । बबुआ , हम तोरा बेदिया भराएब , जनेउआ दियाएब हे ॥ 4 ॥ बेदियन बोलले बरुअवा , जनेऊजनेऊ करे हे । भइया , के मोरा बेदिया भरावत , जनेउवा दियावत हे ॥ 5 ॥ हँसिहँसि बोलथिन भइया , बोली भितरायल हे । बबुआ , हम तोर बेदिया भराएब6 जनेउआ दियाएब हे ॥ 6 ॥
magahi-mag
रमजनिया का दुखड़ा रोईरोई कहतिया बुढ़िया रमजनिया , का कहीं ए बाबा आपन दुख के कहनियाँ । जेठवा बेटउआ के कइनी सगाई , अइसन बिआ मिलल दुलहिनिया भेटाइल , खटिया पर पानी ध के माँगे ले भोजनिया । का कहीं . . . कबो उहो घरवा में झाड़ू ना लगावे , दिनभर भतरा के मुँहवे निहारे , भतरे के किरिया खाले मोर दुलहिनिया । का कहीं . . .
bhojpuri-bho
572 रांझे हथ उठाय दुआ मंगी तेरा नास जबार कहार साई तूं ते अपने नाम कहर पिछे एस शहर नूं कादरा अग लाई सारा शहर उजाड़ के साढ़ रब्बा रख लई हैवान ते माल गाई साडी शरम रहे करामात जागे बंने बेड़ियां साडियां जा लाई वारस शाह पीरां सुनी कूक साडी अज राजे दे शहर नूं अग लाई
panjabi-pan
छोटी-छोटी गइया छोटीछोटी गइया छोटेछोटे ग्वाल , छोटौ सो मेरौ मदन गोपाल । आगेआगे गइया , पीछेपीछे ग्वाल , बीच में मेरो मदन गोपाल । छोटीछोटी गइया . . . कालीकाली गइया गोरेगोरे ग्वाल , श्याम वरन मेरौ मदन गोपाल ॥ छोटीछोटी गइया . . . छोटौ सै मैरो . . . . . ॥ घास खाएँ गइया , दूध पीवे ग्वाल , माखन तो खावै मेरौ मदन गोपाल , छोटीछोटी गइया . . . छोटौ सै मैरो . . . . . ॥ छोटीछोटी लकुटी , छोटेछोटे हाथ , बंसी बजावे मेरौ मदन गोपाल ॥ छोटीछोटी गइया . . . छोटौ सै मैरो . . . . . ॥ छोटीछोटी सखियाँ मधुबन बाग रास रचावे मेरौ मदन गोपाल । छोटीछोटी गइया . . . छोटौ सै मैरो . . . . . ॥ छोटौ सौ मेरौ मदन गोपाल ॥
braj-bra
558 खेड़े राजे दे आन हजूर होए मुंह बने ने आन फरयादियां दे रांझे आखया खोह लै चले नढी एह खोहरू1 परहे वेदादियां2 दे मैथों खोह फकीर तों उठ नठै जिवें पैसयां नूं डूम शादियां दे मेरा नयां राजा साहब तेरे अगे एह वडे दरबार नी आदियां दे चिटियां दाढ़ियां पगड़ियां वेख भुले एह शैतान ने अंदरों वादियां दे वारस शाह बाहरों सुफैद सयाह विचों तंबू होण जिवें मालजादियां3 दे
panjabi-pan
परोस दिया भात जी धोया धोया थाल परोस दिया भात जी आओ आओ जीजाजी बैठो म्हारै साथ जी बैठो म्हारै साथ बताओ थारी जात जी बाप म्हारा बैली , माँ ए चिंडाल जी चारों भाई चोरटा , बैण उदाल जी बुआ म्हारी बगतन , मोड्या रै साथ जी धोया धोया थाल परोस दिया भात जी आओ आओ साला जी बैठो म्हारै साथ जी बैठो म्हारै साथ बताओ थारी जात जी बाप म्हारा राजा जी , माँ पटराणी जी चारों भाई सत्तर साँ , बैण सुदाल जी बुआ म्हारी सौदरा रसोइयाँ रै माए जी । ० शारदा सैनी हाँसी के सौजन्य से प्राप्त
haryanvi-bgc
नद्दी नद्दी दिया बळऽ रे काई जनावर जाय “नद्दी नद्दी दिया बळऽ रे , काई जनावर जाय , हरणी को पिलको ढोर चरावण जाय । ला ओ माय बकेड़ी । "
nimadi-noe
इक्को रंग कपाई दा इक्को रंग कपाई दा । सभे इक्को रंग कपाही दा , इक आपे रूप वटाई दा । अरूड़ी ते जे गद्दों चरावै , सो भी वागी गाई दा । सभ नगराँ विच्च आपे वस्से , ओहों मेहर सराई1 दा । हरजी आपे हर जा खेले , सद्दया चाईं चाईं दा । बाज बहाराँ ताँ तूँ वेखें , थीवें चाक अराईं2 दा । इशक मुश्क दी सार की जाणे , कुत्ता सूर सराईं दा । बुल्ला तिस नूँ वेख हमेशाँ , एह दरसन साईं दा ।
panjabi-pan
यूँ को राज रखो देवता यूँ को राज रखो देवता , माथा भाग दे देवता यूँ का बेटाबेटी रखो देवता , यूँ का कुल की जोत जगौ देवता । यूँ का खाना जश दे , माथा भाग दे देवता यूँ की डाँडो काँठ्यों1 मा , फूँलीं रौ फ्योंली2 डंड्यौली यूँ कि साग सवाड़ी , रौन रोज कलबली3 । धरती माता सोनो बरखाओ , नाजा4 का कौठारा5 दे , धन का भंडारा दे ।
garhwali-gbm
लोक मारेन्दे ताने इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । दिल दी वेदन1 कोई ना जाणे , अन्दर देस बगाने । जिस नूँ चाट2 अमर3 दी होवे , सोई अमर पछाणे । ऐस इशक दी औक्खी घाटी , जो चढ़ेआ सो जाणें । इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । आतश4 इशक फराक5 तेरे दी , पल विच्च साड़ विखाइआँ । ऐस इशक दे साड़े कोलों , जग्ग विच्च देआँ दुहाइआँ । जिस तन लागे सो तन जाणे , दूजा कोई ना जाणे । इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । इशक कसाई ने जेही कीत्ती , रैह गई खबर ना काई । इशक चवाती6 लाई छाती , फेर ना झाती पाई । मापिआँ कोलों छुपछुप रोवाँ , कर कर लक्ख बहाने । इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । हिजर तेरे ने झल्ली करके , कमली नाम धराया । सुमुन बुकमनु7 व उमयुन8 हो के , आपणा वक्त लंघाया । कर हुण नज़र करम दी साइआँ , ना कर ज़ोर धडाने । इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । हस्स बुलावा तेरी जानी , याद कराँ हर वेले । पल पल दे विच्च दरद जुदाई , तेरा शाम सवेले । रो रो याद कराँ दिन रातीं , पिछले वक्त विहाणे । इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । इशक तेरा दरकार असाँ नूँ , हर वेले हर हीले । पाक रसूल9 मुहम्मद साहिब , मेरे खास वसीले । बुल्ले शाह जो मिले प्यारा , लक्ख कराँ शुकराने । इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने ।
panjabi-pan
हरियर लेमुआ हे हरियर जोवा केरा खेत1 हरियर1 लेमुआ2 हे हरियर जोवा3 केरा4 खेत ॥ 1 ॥ एक अचरज हम सुनलूँ , दुलरइते बाबू के मड़वा5 जनेऊ । मड़वहिं बैठल दुलरइते बाबू , गेंठ जोड़ि6 दुलरइते सुहवे7 हे ॥ 2 ॥ बेदिअहिं8 घीउ9 हे ढारिये गेल , सगरो10 भेइ गल इजोर11 । सरग12 अनंद भेल पितर लोग , अबे बंस बाढ़ल13 मोर ॥ 3 ॥
magahi-mag
बिहुला कथा मनसा पूजा तथा बिषहरी चरित्र बिहुला कथा प्रथम खण्ड दूसरा भाग तीसरा भाग चौथा खण्ड पांचवां खण्ड छठवां खण्ड सातवां खण्ड आठवां खण्ड नवाँ खण्ड
angika-anp
ईसुरी की फाग-18 जौ जी रजउरजउ के लानैं का काऊ से कानैं जौ लौ जीने जियत जिन्दगी रजुआ हेत कमाने पैले भोजन करै रजऊआ पाछे मो खौं खानै रजउ रजउ को नाँव ' ईसुरी ' लेत लेत मर जानै । भावार्थ अपनी प्रेयसी " रजउ " के विरह में तड़पते ईसुरी कहते हैं — मेरे ये प्राण रजउ के ही लिए हैं , मुझे किसी से क्या कहना . . . ? जब तक जीना है , जीवन है तब तक रजउ के हित के लिए ही कमाना है यानि उसका प्रेम अर्जित करना है । पहले रजउ भोजन करेगी फिर मैं खाऊँगा । ईसुरी कहते हैं मैं रजउ रजउ नाम लेते लेते ही मर जाऊँगा ।
bundeli-bns
तरो रिरम वोजा डाई टरोव गोगाठ तरो रिरम वोजा डाई टरोव गोगाठ बोजा डाई टरोब गोगाठ टरोब गोगाठ वोजा डाई टरोब गोगाठ टरोब बीली जो ऐन डाई डागा टाटोम ये मेन्डाई डागा टा टाम जामुनि हिटो जीरा डो बकजे रा बन डानी नुये डो बोकजई रा बन डानी स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी
korku-kfq
काला दाम्मन चक्कर काटै काला दाम्मन चक्कर काटै जम्फर करै कमाल मेरा ज्यादा मत ना बोलिये मारूंगी हरिया रूमाल मेरा
haryanvi-bgc
आल्हा ऊदल गज भर धरती घट जैहें प्रक चोट करों दैब से मार तब तो बेटा जासर के नैं याँ पड़े रुदल बबुआन चल गैल रुदल ओजनी से गढ़ पिअरी में गैल बनाय लागल कचहरी है डेबा का जहवाँ रुदल पहुँचे जाय सोना पलँगरी बिछवाइ सोना के मोंढा देल धरवाय सात गलैचा के उपर माँ रुदल के देल बैठाय हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू डेबा ब्राहमन के बलि जाओं लागल लड़ाइ नैना गढ़ में डेबा चलीं हमरा साथ एतना बोली डेबा सुन गैल डेबा बड़ मोहित होई जाय जोड़ गदोइ डेबा बोलल बाबू सुनीं रुदल बबुआन जहवाँ पसीना है रुदल के तहवाँ लोधिन गिरे हमार डेबा डेबा के ललकारे डेबा सुन बात हमार बाँधल घोड़ा तबल खास में घोड़ा ए दिन लावव् हमरा पास चल गैल डेबा गढ़ पिअरी से तबल खास में पहुँचल जाय बावन कोतल के बाँधल है बीच में बाँधल बेनुलिया घोड़ ओहि समंदर डेबा पहुँचल घोड़ा कन पहुँचल जाय जोइ गदोइ डेबा बोलल घोड़ा सुनव् बात हमार भैल बोलाहट बघ रुदल के लागल लड़ाइ नैना गढ़ में घोड़ा चलव् हमरा साथ एतना बोली घोड़ा सुन गैल घोड़ा के भैल अँगार बोलल घोड़ा जब डेबा से बाबू डेबा के बलि जाओं
bhojpuri-bho
142 मैंनूं मार के उधलां मुंज कीता झुगी लाए मुआतड़े साड़ियां ने दौर भन्न के कुटके साड़ मेरे पैवंद जुलियां फोल के पाड़ियांने भन्न कुटीया मेरी अफीम लुटी मेरी बावनी चाए उजाड़ियां ने धाड़ेमार धड़वैल एह माल लुटण मेरा मुलख लुटिया ऐनां लाड़िया ने झूठियां सचियां चुगलियां मेल के ते घरोघरी तूं लूतिया1 सुनावना एं पिउ पुतरां नूं यार यार कोलों मावां धीयां नूं पाड़ वखावना एं तैनूं बान है बुरा कमावने दी ऐवें टकरां पया लड़ावना एं परां जा शाह जटा पिछा छड साडा एवड कास नूं पिआ अकावनाएं
panjabi-pan
राम भजन कर भाई रे निगुरा राम भजन कर भाई रे निगुरा , नाव किनारा आई रे निगुरा १ पैसा सरीका टिपारा , जीसमे अंडा धरावे आट मास गरब म रइयो करी किड़ा की कमाई . . . रे निगुरा . . . २ इना नरक से बाहर करो , कळु की हवा खावा हाथ जोड़ी न कलजुग म आयो प्रभु क पल म भुलायो . . . . रे निगुरा . . . ३ बाल पणो तुन खेल म गमायो , जवानी म भरनींद सोयो दास कबीरजा की बजीर पड़ी रे अब कह क्यो पछताई . . . . . रे निगुरा . . . ४ आयो बुड़ापो न लग्यो रे कुड़ापो , लकड़ी लिनी हाथ पाव चल तो ठोकर खावे जरा सुद नही पाई . . . . . . रे निगुरा . . .
nimadi-noe
झूलण जांगी ऐ मां मेरी बाग में री झूलण जांगी ऐ मां मेरी बाग में री आं री कोए संग सुहेली च्यार झूलण जांगी ए मां मेरी बाग में री कोए पंदरां की मां मेरी कोए बीस की री आं री को संग सुहेली च्यार झूलण जंगी ए मां मेरी बाग में री कोए गोरी ए मां मेरी कोए सांवरी री आं री कोए संग की सहेली च्यार झूलन जांगी हे मां मेरी बाग में री
haryanvi-bgc
जब तौं घर तैं लीकड़या गभरू सेर जुआन जब तौं घर तैं लीकड़या गभरू सेर जुआन हो गया सौण कसौण गभरू सेर जुआन हाय हाय गभरू सेर जुआन बाम्मै बोल्ली कोतरी दहणै बोल्या काग गभरू सेर जुआन हाय हाय गभरू सेर जुआन मारी क्यों ना कोतरी तैने मार्या क्यों ना काग हाय हाय गभरू सेर जुआन कनअ तेरी बांधी पालकी कनअ तेरा कर्या सिंगार हाय हाय गभरू सेर जुआन भाइयां बांधी पालकी भाइयां ने कर्या सिंगार हाय हाय गभरू सेर जुआन सुसरा का प्यारा हाय सासड़ का प्यारा हाय हाय हाय हाय गभरू सेर जुआन
haryanvi-bgc
जी पहला मास जै लागिया, दूध दही मन जाय जी पहला मास जै लागिया , दूध दही मन जाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया । दूजा मास जै लागिया , मेरा निबुआं में मन जाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया । तीजा मास जै लागिया , मेरा बेरा में मन जाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया । चौथा मास जै लागिया , मेरा लाडूआं ने मन जाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया । पांचवां मास जै लागिया , मेरा खरी पूडां में मन जाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया । छटा मास जो लागिया , मेरा गूंद गिरी मन जाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया । सातवां मास जै लागिया , मेरा फलियां में मन जाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया । आठवां मास जै लागिया , मेरा धाणी में मन जाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया । नौवां मास जै लागिया , मेरा होलड़ सबद सुणाय , मेरे अंगणा में अमला बो दिया ।
haryanvi-bgc
30 भरजाइयां आखया रांझिया वे असीं बांदियां तेरियां हुंनीयां हां नाम लैना एं जदों तूं जावणे दा असीं हंजड़ रतदियां रूंनीयां हां जान विच ऊलांभियां आ गई तेरे दरद फिराक चा भुंनीयां हां सानूं सबर करार अराम नाहीं वारस शाह तों जदों वछुनीयां हां
panjabi-pan
अठमी के भेल नंदलाल, बधावा ले के चलऽ अठमी1 के भेल2 नंदलाल , बधावा ले के चलऽ3 मेरो मन भेल नेहाल , 4 बधावा ले के चलऽ ॥ 1 ॥ सोने के छूरी से नार5 कटायल , 6 रूपे7 खपर8 नेहायल । कानों में कुंडल , गले में मोहर , केसों में झब्बूदार ॥ 2 ॥ रेसम के कुलिहा , 9 साटन के टोपी , बीचे बीचे गोटा10 लगाय । सेही पहिर के कन्हैयाजी बिहँसथ , गावथि11 गोआल12 ॥ 3 ॥
magahi-mag
425 सहती सने लौंडी1 हथ पकड़ मोहली जैंदे नाल छडें़दियां चावले नूं गिरद आन होई वांग जोगनां देखूब फंड चाढ़ी ओस रावले नूं खपर सेलियां तोड़के गिरद होईयां ढाह घतयो ने सोहने सावले नूं अंदर वाड़के हीर नूं मार कुंडा बाहर कुटयो खूब लटवावले नूं घड़ी घड़ी नालों इको मार मारी उन्हां तकयासी इस लावले नूं वारस शाह मियां नाल मुहलयां दे ठडा कितो ने कस उतावले नूं
panjabi-pan
चन्दन से भरी हो तळाई चन्दन से भरी हो तळाई , राणी रनुबाई पाणी खऽ संचरिया । आगऽ जाऊँ तो डर भय लागऽ , पाछऽ रहूँ तो घागर नहीं डूबऽ सिर लेऊँ तो बाजूबंद भींजऽ कड़ऽ लेऊं तो बाळों रड़ऽ
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