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20231101.hi_45470_14
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3
पोषण
सरंचनात्मक तत्व(structural substance) शारीरिक वृद्धि और शारीरिक बनावट के तत्व मनुष्य के आकार और डोलडौल के निर्माणकर्ता तथा पोषण के मुख्य अंग हैं। मनुष्य के शरीर का मृदु ऊतक अंश (soft tissue) 75% प्रोटीन से बना हुआ है। ठोस स्थूल भाग, जैसे अस्थि, कैल्सियम और फॉस्फोरस से बनी है। यदि सरंचनात्मक तत्व स्वस्थ गर्भवती माता को पर्याप्त मात्रा में मिलता रहे, तो गर्भ में शिशु का निर्माण सुदृढ़ होता है और शरीर की बनावट की नींव मजबूत होती है। जीवन के वृद्धिकाल में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा आहार में मिलना जरूरी है। साधारणतया एक मनुष्य को प्रति दिन 100 ग्राम प्रोटीन आहार में मिलना चाहिए। यह मात्रा केवल अवयवों के ह्रास की पूर्ति के लिये हैं। गर्भवती स्त्री और बढ़नेवाले शरीर को 50% प्रोटीन और मिलना चाहिए।
0.5
6,895.309718
20231101.hi_45470_15
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3
पोषण
प्रोटीन विविध ऐमिनो अम्लों से बना हुआ है। सब ऐमिनो अम्ल सब प्रोटीन में नहीं पाए जाते हैं। कुछ ऐमिनों अम्लों को मनुष्य का शरीर दूसरे खाद्य तत्वों से बना लेता है। इनको साधारण ऐमीनों अम्ल कहते हैं। 10 ऐमिनो अम्ल ऐसे हैं जिन्हें मनुष्य शरीर बना नहीं सकता और उनको आहार से प्राप्त करना जरूरी है। इनको "अत्यावश्यक ऐमिनो" अम्ल (Essential amino acids) कहते हैं।
0.5
6,895.309718
20231101.hi_45470_16
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3
पोषण
अत्यावश्यक ऐमिनो अम्ल हैं : लाइसिन (Lycein), ट्रिप्टोफैन (Tryptophan), हिस्टिडिन (Histidine), फोनिलऐलानिन (Phenylalanine), ल्युसिन (Leucine), आइसौल्युसिन (Isoleucine), थ्रियोनिन (Threonine), वेलिन (Valine) और आरजिनिन (Arginine)। सामान्य ऐमिनो अम्ल हैं : ग्लाइसिन (Glycine), ऐलिनिन (Alanine), सेरिन (Serine), नोरल्युसिन (Norlucine), ऐस्पर्टिक अम्ल (Aspartic acid), ग्लूटैमिक अम्ल (Glutamic acid), हाइड्रॉक्सीग्लुटैमिक अम्ल (Hydroxyglutamic acid), प्रोलिन (Proline), सिट्रलिन (Citruline), टाइरोसिन (Tyrocine), तथा सिस्टीन (Cystine)।
0.5
6,895.309718
20231101.hi_45470_17
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3
पोषण
केवल गेहूँ या मक्का का प्रोटीन उपयुक्त नहीं है, पर दोनों को मिलाने से जो प्रोटीन बनता है वह कुछ हद तक अच्छा है। दूध के मिलाने से प्रोटीन बड़े उपयुक्त हो जाते हैं।
1
6,895.309718
20231101.hi_45470_18
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3
पोषण
शाकाहारियों को प्रोटीन वनस्पति के प्रोटीन से प्राप्त होता है। यदि उसमें दूध या दूध के बने पदार्थ मिला दिए जाएँ तो उनमें कोई कमी नहीं रह जाती। सोयाबीन का प्रोटीन भी बड़ा उपयुक्त सिद्ध हुई हैं जांतव और वानस्पतिक प्रोटीनों में कोई अंतर है तो यही कि जांतव प्रोटीन प्राय: सब का सब अवशोषित हो जाता है जबकि वानस्पतिक प्रोटीन का अवशोषण पूर्ण रूप से नहीं होता।
0.5
6,895.309718
20231101.hi_45470_19
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3
पोषण
आहार सामिष हो या निरामिष, अत्यावश्यक ऐमिनो अम्लवाला प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में मिलना चाहिए। दूध ओर अन्य डेयरी पदार्थ उत्तम पोषण के लिये जरूरी हैं। अंडा और दूध ही ऐसी चीज़ें हैं जिनमें प्रत्येक अवयव के विकास और बनाने की शक्ति है। ये दोनों ही शिशुओं के विकास और वृद्धि के लिये बने हैं। अंडे के ऐल्ब्यूमिन (albumin) और ग्लोब्यूलिन में पक्षी की हड्डी, मांस और शरीर के अल्स अवयवों को बनाने की क्षमता है। इसमें सभी अत्यावश्यक ऐमिनो अम्ल पाए जाते हैं। मांस से भी सभी अत्यावश्यक ऐमिनो अम्ल वर्तमान हैं। सब्ज़ियों के प्रोटीनों में कुछ आवश्यक ऐमिनो अम्लों की कमी है, पर तरह तरह की सब्जियों को खाने से यह कमी पूरी की जा सकती है। आटे के प्रोटीन-ग्लुटेन (gluten) में प्राय: सभी आवश्क एमिनो अम्ल हैं, किंतु लाइसिन (lysin) की मात्रा कम है और प्रतिदिन के लाइसिन की आवश्यकता पूरी करने के लिये बहुत अधिक मात्रा में आटा खाना पड़ेगा। मक्का के प्रोटीन ज़ीन (Zeene) में ट्रिप्टोफेन की कमी है और सोयाबीन की प्रोटीन में बहुत अल्प मात्रा में मेथिऑनिन (metheonine) की कमी है। इन सभी का मिश्रण सभी तरह से पूर्ण मात्रा में ऐमिनो अम्ल को प्रदान करता है।
0.5
6,895.309718
20231101.hi_45470_20
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3
पोषण
जो पुरुष हलका काम करता है उसको 3,000 कैलोरी वाला आहार प्रतिदिन चाहिए। जो स्त्री पुरुष बराबर काम करती है, उसे भी उतना ही कैलोरी का आहार चाहिए। जो पुरुष कठिन काम करते हैं, उनको 4,000 कैलोरी वाले आहार की आवश्यकता है।
0.5
6,895.309718
20231101.hi_45470_21
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3
पोषण
यह स्मरण रखने की बात है कि 12 वर्ष की उम्र वाले बालक का भोजन एक युवक के बराबर होता है और 14 से 18 साल की लड़की के लिये 2,800 - 3,000 कैलोरी का आहार पोषण के लिये ठीक है। इसी अवस्था के बालक के पोषण के लिये 3,000 - 3,400 कैलोरी का आहार मिलना चाहिए।
0.5
6,895.309718
20231101.hi_45330_35
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
यह ध्यान में रखना चाहिये कि पूर्ण-संख्या आक्सीकरण दशा का निर्धारण एक औपचारिकावाद है, क्यौंकि पूर्ण इलेक्ट्रान-अंतरण में दोषहीन बांड क्रमों के लिये कोवैलेंट बांडों का होना आवश्यक नहीं है. इस तरह पैरामैग्नेटिक एचबी-ओटू के तीनों माडल कुछ हद तक एचबी-ओटू की वास्तविक इलेक्ट्रानिक संरचना के लिये जिम्मेदार हो सकते हैं. लेकिन Fe(II) की अपेक्षा एचबी-ओटू में लौह का माडल का Fe(III) होना अधिक सही लगता है.
0.5
6,884.87324
20231101.hi_45330_36
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
आक्सीजन लाइगैंड के अतिरिक्त, जो हीमोग्लोबिन को सहकारी रूप से बांधे रखता है, हीमोग्लोबिन लाइगैंडों में स्पर्धात्मक अवरोधक जैसे, कार्बन मोनोआक्साइड (सीओ) व ऐलोस्टीयरिक लाइगैंड जैसे कार्बन डाईआक्साइड (CO2) भी शामिल हैं.
0.5
6,884.87324
20231101.hi_45330_37
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
जब आक्सीजन लौह काम्पलेक्स से बंधित होती है, तो इसके कारण लौह का परमाणु पॉरफाइरिन रिंग के तल के केंद्र की ओर चला जाता है. उसी समय हिस्टिडीन अवशेष की लौह के दूसरे ध्रुव से अंतर्क्रिया करती इमिडाजोल सह-श्रृंखला पॉरफाइरिन रिंग की ओर खिंच जाती है. इस अंतर्क्रिया के कारण रिंग का तल टेट्रामर के बाहर की तरफ एक ओर झुक जाता है और लौह परमाणु के पास जाते हुए हिस्टिडीन युक्त प्रोटीन हेलिक्स में भी दबाव उत्पन्न कर देता है. यह दबाव टेट्रामर के बाकी तीनों मोनोमरों की ओर संचरित हो जाता है, जिससे अन्य हीम स्थलों में भी समान तरह के परिवर्तन होने लगता है और इन स्थलों से आक्सीजन का बंधन आसान हो जाता है.
0.5
6,884.87324
20231101.hi_45330_38
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
इस तरह, सामान्य वयस्क हीमोग्लोबिन के टेट्रामरिक प्रकार में, आक्सीजन का बंधीकरण एक सहकारी प्रक्रिया है. हीमोग्लोबिन की आक्सीजन के प्रति बंधन का आकर्षण अणु की आक्सीजन संतृप्तता से बढ़ती है– पहले बंधित आक्सीजनें बंधक स्थलों के आकार को अगली आक्सीजनों के लिये इस तरह से प्रभावित करती हैं कि वे बंधन के लिये अनुकूलित हो जाती हैं. यह सकारात्मक सहकारी बंधनक्रिया ऊपर चर्चित हीमोग्लोबिन प्रोटीन काम्प्लेक्स के स्टीयरिक परिवर्तनों के जरिये संभव होती है, अर्थात् जब हीमोग्लोबिन का एक उपइकाई प्रोटीन आक्सीजनित होता है, तो सारे काम्प्लेक्स में एक परिवर्तन शुरू हो जाता है, जिससे अन्य उपइकाइयों में आक्सीजन के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है. परिणामस्वरूप, हीमोग्लोबिन का आक्सीजन बंधन वक्र सिग्मा, या S के आकार का होता है, जबकि असहकारी बंधनक्रिया से संबंधित सामान्य वक्र अतिपरवलीय होता है.
0.5
6,884.87324
20231101.hi_45330_39
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
हीमोग्लोबिन में सहकारिता की गतिशील प्रक्रिया और कम आवृति की प्रतिध्वनि से इसके संबंध के बारे में चर्चा की जा चुकी है.
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6,884.87324
20231101.hi_45330_40
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
जैवमहाअणुओं में कम- आवृतिक सामूहिक गतियों और उसकी जीववैज्ञानिक क्रिया के बारे में और जानकारी के लिये देखें, प्रोटीनों और डीएनए में कम-आवर्तिक सामूहिक गति.
0.5
6,884.87324
20231101.hi_45330_41
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
हीमोग्लोबिन की आक्सीजन-बंधक क्षमता कार्बन मोनोआक्साइड की उपस्थिति में कम हो जाती है क्यौंकि दोनों गैसें हीमोग्लोबिन पर एक ही बंधक स्थलों के लिये स्पर्धा करती हैं, जिसमें आक्सीजन की जगह कार्बन मोनोआक्साइड का बंधन को प्राथमिकता मिलती है.
0.5
6,884.87324
20231101.hi_45330_42
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
आक्सीजन का बंधन कार्बन मोनो आक्साइड (सीओ) जैसे अणुओं से प्रभावित होता है.(उदा. तम्बाखू के धूम्रपान, कार के धुंए और भट्टियों में अपूर्ण दाहन से). सीओ हीम बंधन स्थल पर आक्सीजन से स्पर्धा करती है. सीओ की हीमोग्लोबिन बंधन आकर्षण उसके आक्सीजन से आकर्षण से 200 गुना अधिक होता है, जिसका अर्थ है कि सीओ की छोटी सी मात्राएं हीमोग्लोबिन की आक्सीजन को वहन करने की क्षमता को नाटकीय रूप से कम कर देती हैं. जब हीमोग्लोबिन सीओ से संयुक्त होता है तो एक बहुत चमकीले लाल यौगिक का निर्माण करता है जिसे कार्बाक्सीहीमोग्लोबिन कहते हैं, जिससे सीओ की विषाक्तता से ग्रस्त व्यक्ति की त्वचा मृत्यु के बाद सफेद या नीली के बजाय गुलाबी दिख सकती है. जब उच्छ्वासित हवा में सीओ के 0.02% जितने कम स्तर होते हैं, सिरदर्द और मतली होती है, यदि सीओ की सांद्रता 0.1% तक बढ़ा दी जाय तो बेहोशी आ जाती है. भारी धूम्रपान करने वालों में, आक्सीजन के सक्रिय स्थलों का 20% तक सीओ द्वारा अवरूद्ध हो सकती हैं.
0.5
6,884.87324
20231101.hi_45330_43
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
हीमोग्लोबिन
इसी तरह, हीमोग्लोबिन का सायनाइड (CN-), सल्फर मोनो आक्साइड (SO), नाइट्रोजन डाई आक्साइड (NO2) और हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) सहित सल्फाइडों (S2-) के प्रति भी स्पर्धात्मक बंधन आकर्षण होता है. ये सभी हीम में लौह से उसकी आक्सीकरण दशा को बदले बिना बंधित होते हैं, लेकिन आक्सीजन बंधन को अवरूद्ध करते हैं, जिससे गंभीर विषाक्तता होती है.
0.5
6,884.87324
20231101.hi_1706_1
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
यहाँ के मूल निवासी मैतै जनजाति के लोग हैं, जो यहाँ के घाटी क्षेत्र में रहते हैं। इनकी भाषा मेइतिलोन है, जिसे मणिपुरी भाषा भी कहते हैं। यह भाषा 1992 में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई है और इस प्रकार इसे एक राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया है। यहाँ के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते हैं। मणिपुरी को एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य माना जाता है। इस राज्य को पूर्व की सात बहिनों में से एक माना जाता है।
0.5
6,858.317655
20231101.hi_1706_2
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
मणिपुर का शाब्दिक अर्थ ‘आभूषणों की भूमि’ है। भारत की स्वतंत्रता के पहले यह रियासत थी। आजादी के बाद यह भारत का एक केंद्रशासित राज्य बना। यहाँ की राजधानी इम्फाल है। यह संपूर्ण भाग पहाड़ी है। जलवायु गरम एवं तर है तथा वार्षिक वर्षा का औसत 65 इंच है। यहाँ नागा तथा कूकी जाति की लगभग 60 जनजातियाँ निवास करती हैं। यहाँ के लोग संगीत तथा कला में बड़े प्रवीण होते हैं। यहाँ कई बोलियाँ बोली जाती हैं। पहाड़ी ढालों पर चाय तथा घाटियों में धान की खेती होती है। मणिपुर से होकर एक सड़क बर्मा को जाती है।
0.5
6,858.317655
20231101.hi_1706_3
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
इस राज्य में प्राकृतिक संसाधनों का प्रचुर भंडार है। यहां की प्राकृतिक छटा देखने योग्य है। यहां तरोताजा करने वाले जल-प्रपात है; रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे हैं, दुर्लभ वनस्पतियां व जीव-जन्तु हैं, पवित्र जंगल हैं, हमेशा बहने वाली नदियां हैं, पर्वतों-पहाड़ियों पर बिखरी हरी विभा है और टेढ़े-मेढ़े गिरने वाले झरने हैं। लोकटक झील यहां की एक महत्वपूर्ण झील है। भौतिक आधार पर इस राज्य को दो भागों में बांटा जा सकता है, पहाड़ियां व घाटियां। चारों ओर पहा‍ड़ियां हैं और बीच में घाटी है। इस प्रकार प्रकृति की प्राचीन गौरव है। राज्य की कला व संस्कृति समृद्ध है जो विश्व मानचित्र पर इसकी समृद्धि को दर्शाती है।
0.5
6,858.317655
20231101.hi_1706_4
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
मणिपुर को देश की 'ऑर्किड बास्केट' भी कहा जाता है। यहाँ ऑर्किड पुष्प की 500 प्रजातियां पाई जाती हैं। समुद्र तल से लगभग 5000 फीट की ऊँचाई पर स्थित शिरोइ पहाड़ियों में एक विशेष प्रकार का पुष्प शिरोइ लिली पाया जाता है। शिरोइ लिली का यह फूल पूरे विश्व में केवल मणिपुर में ही पैदा होता है। इस अनोखे और दुर्लभ पुष्प की खोज फ्रैंक किंग्डम वॉर्ड नामक एक अंग्रेज ने 1946 में की थी। यह खास लिली केवल मानसून के महीने में पैदा होता है। इसकी विशेषता यह है कि इसे सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमे सात रंग दिखाई देते हैं। इस अनोखे लिली को 1948 में लंदन स्थित रॉयल हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी ने मेरिट प्राइज से भी नवाजा था। हर वर्ष उखरूल जिले में शिरोइ लिली फेस्टिवल का आयोजन बड़ी धूम धाम से होता है। इसे देखने दूर दूर से लोग मणिपुर आते हैं।
0.5
6,858.317655
20231101.hi_1706_5
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
यहाँ तीन प्रमुख जनजातियाँ निवास करती हैं। घाटी में मीतई जनजाति और बिष्णुप्रिया मणिपुरी रहती है तो नागा और कूकी-चिन जनजातियाँ पहा‍ड़ियों पर रहती हैं। प्रत्येक जनजाति वर्ग की खास संस्कृति और रीति रिवाज हैं जो इनके नृत्य, संगीत व पारंपरिक प्रथाओं से दृष्टिगोचर होता है। मणिपुर के लोग कलाकार होते हैं साथ ही सृजनशील होते हैं जो उनके द्वारा तैयार खादी व दस्तकारी के उत्पादों में झलकती है। ये उत्पाद विश्वभर में अपनी डिज़ाइन, कौशल व उपयोगिता के लिए जाने जाते हैं। यहाँ नेपाल से आकर बसे नेपालियों की भी अधिक संख्या है, जो मणिपुर के कई इलाकों में बसे हैं।
1
6,858.317655
20231101.hi_1706_6
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
भारत के पूर्वी सीमा पर स्थित यह राज्य 23.83 डिग्री उत्तर और 25.68 डिग्री उत्तरी अक्षांश व 94.78 डिग्री पूर्वी देशांतर के बीच पड़ता है। एक ओर तो पूर्व में म्यांमार है तो नागालैंड उत्तर-पश्चिम
0.5
6,858.317655
20231101.hi_1706_7
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
मणिपुर की भौगोलिक स्थिति दर्शनीय है। उत्तरी तथा पूर्वी इलाकों में ऊँची पहाडियाँ है और मध्य भाग में मैदानी समतल है। यहाँ हर पहाड़ के बीच में कोई न कोई नदी बहती हैं। इम्फाल नदी यहाँ की प्रमुख नदी है।
0.5
6,858.317655
20231101.hi_1706_8
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
कृषि व कृषि आधारित उद्योग अर्थव्यवस्था का आधार हैं। राज्य सूचना प्राद्योगिकी आधारित व्यवसायों के लिए एक उपयुक्त स्थान है। यहाँ उच्च शिक्षा की व्यवस्था है, यहां निवेश की अपार संभावनाएँ हैं, खासकर कृषि व खाद्य प्रसंस्कथरण के क्षेत्र में. हथकरघा, दस्तकारी और पर्यटन के क्षेत्र में कई संभावनाएँ है। इन क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई नीतियाँ तैयार की हैं साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने के कई प्रोत्साहन देने की भी घोषणा की गयी है।
0.5
6,858.317655
20231101.hi_1706_9
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
मणिपुर
अपनी विविध वनस्पतियों व जीव-जंतुओं के कारण मणिपुर को 'भारत का आभूषण' व 'पूरब का स्विट्जरलैंड' आदि विविध नामों से संबोधित किया जाता है। लुभाने वाले प्राकृतिक दृश्यों, में विलक्षण फूल-पौधे, निर्मल वन, लहराती नदियाँ, पहाड़ियों पर छाई हरियाली शामिल है। इन सबके अलावा पर्यटकों के लिए कई आकर्षण हैं जो राज्य में पर्यटन के विकास के लिए उत्कृष्ठ अवसर प्रदान करता हैं।
0.5
6,858.317655
20231101.hi_49012_11
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE
कालीबंगा
मिट्टी के विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े बर्तन भी प्राप्त हुए हैं जिन पर चित्रांकन भी किया हुआ है। यह प्रकट करता है कि बर्तन बनाने हेतु 'चारु' का प्रयोग होने लगा था तथा चित्रांकन से कलात्मक प्रवृत्ति व्यक्त करता है।
0.5
6,845.74093
20231101.hi_49012_12
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE
कालीबंगा
अनेक प्रकार के स्री व पुरुषों द्वारा प्रयुक्त होने वाले काँच, सीप, शंख, घोंघों आदि से निर्मित आभूषण भी मिलें हैं जैसे कंगन, चूड़ियाँ आदि।
0.5
6,845.74093
20231101.hi_49012_13
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE
कालीबंगा
मोहन-जोदड़ो व हड़प्पा की भाँति कालीबंगा में भी सूर्य से तपी हुई ईटों से बने मकान, दरवाज़े, पांच से साढ़े पांच मीटर चौड़ी एवं समकोण पर काटती सड़कें, कुएँ, नालियाँ आदि पूर्व योजना के अनुसार निर्मित हैं जो तत्कालीन मानव की नगर-नियोजन, सफ़ाई-व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था आदि पर प्रकाश डालते हैं। मोहनजोदडो. के विपरीत कालीबगाँ के घर कचची ईंटो के बने थे।
0.5
6,845.74093
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कालीबंगा
कपास की खेती के अवशेष मिले है। साथ ही मिक्षित खेती (गेंहू और चना) के साक्ष्य मिले है। [सन्दर्भ-रोशन रातडिया]
0.5
6,845.74093
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कालीबंगा
कालीबंगा से प्राप्त हल से अंकित रेखाएँ भी प्राप्त हुई हैं जो यह सिद्ध करती हैं कि यहाँ का मानव कृषि कार्य भी करता था। इसकी पुष्टि बैल व अन्य पालतू पशुओं की मूर्तियों से भी होती हैं। बैल व बारहसिंघ की अस्थियों भी प्राप्त हुई हैं। बैलगाड़ी के खिलौने भी मिले हैं।
1
6,845.74093
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कालीबंगा
लकड़ी,धातु व मिट्टी आदि के खिलौने भी मुअन जो दड़ो व हड़प्पा की भाँति यहाँ से प्राप्त हुए हैं जो बच्चों के मनोरंजन के प्रति आकर्षण प्रकट करते हैं।
0.5
6,845.74093
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कालीबंगा
मोहजोदड़ो व हड़प्पा की भाँति कालीबंगा से मातृदेवी की मूर्ति नहीं मिली है। इसके स्थान पर आयाताकार वर्तुलाकार व अंडाकार अग्निवेदियाँ तथा बैल, बारसिंघे की हड्डियाँ यह प्रकट करती है कि यहाँ का मानव यज्ञ में पशु-बली भी देता था।
0.5
6,845.74093
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कालीबंगा
सिंधु घाटी सभ्यता के अन्य केन्द्रो से भिन्न कालीबंगा में एक विशाल दुर्ग के अवशेष भी मिले हैं जो यहाँ के मानव द्वारा अपनाए गए सुरक्षात्मक उपायों का प्रमाण है।
0.5
6,845.74093
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कालीबंगा
उपर्युक्त अवशेषों के स्रोतों के रूप में कालीबंगा व सिंधु-घाटी सभ्यता में अपना विशिष्ट स्थान है। कुछ पुरातत्वेत्ता तो सरस्वती तट पर बसे होने के कारण कालीबंगा सभ्यता को 'सरस्वती घाटी सभ्यता' कहना अधिक उपयुक्त समझते हैं क्योंकि यहाँ का मानव प्रागैतिहासिक काल में हड़प्पा सभ्यता से भी कई दृष्टि से उन्नत था। खेती करने का ज्ञान होना, दुर्ग बना कर सुरक्षा करना, यज्ञ करना आदि इसी उन्नत दशा के सूचक हैं। वस्तुत: कालीबंगा का प्रागैतिहासिक सभ्यता एवं संस्कृति के विकास में यथेष्ट योगदान रहा है। दुर्ग के साथ साथ यहां निचले नगर के अवशेष सुनियोजित अवस्था में मिले।
0.5
6,845.74093
20231101.hi_826_90
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%A1%E0%A5%80%E0%A4%97%E0%A4%A2%E0%A4%BC
चण्डीगढ़
बिजनेस स्टैंडर्ड, भारत के सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क से बात करते हुए, अतिरिक्त निदेशक, संजय त्यागी ने कहा, “हमने 1998-99 में निर्यात कारोबार के रूप में लगभग 7.7 करोड़ के साथ शुरुआत की थी, और 2005-06 में 416 करोड़ रुपये को छूते हुए एक बड़ी वृद्धि हासिल की। एक निर्यात कारोबार के रूप में और आगे हम अगले तीन वर्षों में सॉफ्टवेयर निर्यात के रूप में 1000 करोड़ रुपये को छूने के लिए आशान्वित हैं। ”
0.5
6,836.028056
20231101.hi_826_91
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%A1%E0%A5%80%E0%A4%97%E0%A4%A2%E0%A4%BC
चण्डीगढ़
उन्होंने आगे कहा, "यह सम्मेलन क्षेत्र का निर्माण करने के लिए किया गया एक प्रयास है। यह शहर में दूसरा सम्मेलन होगा, जहां तीन राज्य सरकारें (पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़) एक साझा एजेंडा पर एक साथ खड़ी होंगी - व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में मूल्य पैदा करना आईटी-आईटीईएस / बीपीओ उद्योग और राष्ट्रीय ई-शासन पहल में साझा सेवाओं के महत्त्व के लिए। "
0.5
6,836.028056
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चण्डीगढ़
सम्मेलन का पहला दिन NASSCOM द्वारा आयोजित किया जाएगा और ध्यान उत्तरी राज्यों की क्षमता पर है, विशेष रूप से चंडीगढ़ कैपिटल रीजन (पंचकुला, बद्दी, मोहाली शामिल) में।
0.5
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चण्डीगढ़
साझा सेवाओं पर दूसरे दिन के सत्र में परिसंपत्तियों के बंटवारे, सह-स्वामित्व बुनियादी ढांचे, सेवा मानकों को बनाए रखने और लागत-कुशलता से काम करना शामिल होगा।
0.5
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चण्डीगढ़
नैसकॉम ने कहा कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वर्ष के लिए सॉफ्टवेयर निर्यात मौजूदा वित्तीय वर्ष की तुलना में धीमी गति से बढ़ सकता है क्योंकि मुद्रा की अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक दबाव है।
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चण्डीगढ़
सॉफ्टवेयर लॉबी बॉडी ने मंगलवार को अनुमान लगाया कि 2015-16 के लिए सॉफ्टवेयर निर्यात 12-14% के बीच बढ़कर 110-112 बिलियन डॉलर हो जाएगा, जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए 13-15% की वृद्धि का अनुमान है। नैसकॉम के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, 31 मार्च तक आईटी क्षेत्र के लिए कुल राजस्व 13% से $ 146 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है।
0.5
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चण्डीगढ़
घरेलू मोर्चे पर, नैसकॉम ने अगले वित्त वर्ष में 15-17% की वृद्धि को 55-57 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%A1%E0%A5%80%E0%A4%97%E0%A4%A2%E0%A4%BC
चण्डीगढ़
ई-कॉमर्स ग्रोथ के दम पर चालू वित्त वर्ष में भारतीय घरेलू बाजार 14% बढ़कर 48 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स, सरकार की पहल और उद्योगों द्वारा प्रौद्योगिकी अपनाने के कारण घरेलू विकास की उम्मीद है। नैसकॉम ने कहा कि 2014-15 में $ 26 बिलियन के सरकारी निवेश ने भी घरेलू राजस्व वृद्धि में मदद की।
0.5
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चण्डीगढ़
लॉबी समूह 2020 तक अपने पूरे क्षेत्र में लगातार वृद्धि के बल पर अपने $ 300 बिलियन भारतीय आईटी क्षेत्र के राजस्व लक्ष्य को पूरा करने के लिए आश्वस्त है।
0.5
6,836.028056
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8
संसाधन
स्वामित्व के आधार पर :- व्यक्तिगत संसाधन, सामुदायिक संसाधन, राष्ट्रीय संसाधन, और अंतर्राष्ट्रीय संसाधन |
0.5
6,824.021566
20231101.hi_570509_10
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संसाधन
जैव संसाधन (Biotic resource) :- हमारे पर्यावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ जिनमें जीवन है, जैव संसाधन कहलाती है। जैव संसाधन हमें जीवमंडल से मिलती हैं।
0.5
6,824.021566
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8
संसाधन
अजैव संसाधन(Abiotic resource):- हमारे वातावरण में उपस्थित वैसे सभी संसाधन जिनमें जीवन व्याप्त नहीं हैं अर्थात निर्जीव हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं।
0.5
6,824.021566
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8
संसाधन
नवीकरण योग्य संसाधन वैसे संसाधन जिन्हे फिर से निर्माण किया जा सकता है, नवीकरण योग्य संसाधन कहलाते है।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8
संसाधन
जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल, वन तथा वन्य जीव। इस संसाधनों को इनके सतत प्रवाह के कारण नवीकरण योग्य संसाधन के अंतर्गत रखा गया है।
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8
संसाधन
अनवीकरण योग्य संसाधन वातावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ, जिन्हें उपयोग के बाद निर्माण नहीं किया जा सकता है या उनके विकास अर्थात उन्हें बनने में लाखों करोड़ों वर्ष लगते हैं, अनवीकरण योग्य संसाधन कहलाते हैं।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8
संसाधन
जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल, कोयला, आदि। जीवाश्म ईंधन का विकास एक लम्बे भू वैज्ञानिक अंतराल में होता है। इसका अर्थ यह है कि एक बार पेट्रोल, कोयला आदि ईंधन की खपत कर लेने पर उन्हें किसी भौतिक या रासायनिक क्रिया द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अत: इन्हें अनवीकरण योग्य संसाधन के अंतर्गत रखा गया है।
0.5
6,824.021566
20231101.hi_570509_16
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8
संसाधन
धातु हमें खनन के द्वारा खनिज के रूप में मिलता है। हालाँकि धातु का एक बार उपयोग के बाद उन्हें फिर से प्राप्त किया जा सकता है। जैसे लोहे के एक डब्बे से पुन: लोहा प्राप्त किया जा सकता है। परंतु फिर से उसी तरह के धातु को प्राप्त करने के लिए खनन की ही आवश्यकता होती है। अत: धातुओं को भी अनवीकरण योग्य संसाधन में रखा जा सकता है।
0.5
6,824.021566
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8
संसाधन
व्यक्तिगत संसाधन वैसे संसाधन, जो व्यक्तियों के निजी स्वामित्व में हों, व्यक्तिगत संसाधन कहलाते हैं। जैसे घर, व्यक्तिगत तालाब, व्यक्तिगत निजी चारागाह, व्यक्तिगत कुँए आदि।
0.5
6,824.021566
20231101.hi_1789_5
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
विष्णु और शिव के साथ ब्रह्मा के सबसे पुराने उल्लेखों में से एक पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व में लिखित मैत्रायणी उपनिषद् के पांचवे पाठ में है। ब्रह्मा का उल्लेख पहले कुत्सायना स्तोत्र कहलाए जाने वाले छंद ५.१ में है। फिर छंद ५.२ इसकी व्याख्या करता है।
0.5
6,820.806954
20231101.hi_1789_6
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
सर्वेश्वरवादी कुत्सायना स्तोत्र कहता है कि हमारी आत्मा ब्रह्मन् है और यह परम सत्य या ईश्वर सभी प्राणियों के भीतर मौजूद है। यह आत्मा का ब्रह्मा और उनकी अन्य अभिव्यक्तियों के साथ इस प्रकार समीकरण करता है: तुम ही ब्रह्मा हो, तुम ही विष्णु हो, तुम ही रूद्र (शिव) हो, तुम ही अग्नि, वरुण, वायु, इंद्र हो, तुम सब हो।
0.5
6,820.806954
20231101.hi_1789_7
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
छंद ५.२ में विष्णु और शिव की तुलना गुण की संकल्पना से की गई है। यह कहता है कि ग्रन्थ में वर्णित गुण, मानस और जन्मजात प्रवृत्तियां सभी प्राणियों में होती हैं। मैत्री उपनिषद का यह अध्याय दावा करता है कि ब्रह्माण्ड अंधकार (तमस) से उभरा है। जो पहले आवेग (रजस) के रूप में उभरा था पर बाद में पवित्रता और अच्छाई (सत्त्व) में बदल गया। फिर यह ब्रह्मा की तुलना रजस से इस प्रकार करता है:
0.5
6,820.806954
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
हालांकि मैत्री उपनिषद ब्रह्मा की तुलना हिन्दू धर्म के गुण सिद्धांत के एक तत्व से करता है, पर यह उन्हें त्रिमूर्ति का भाग नहीं बताता है। त्रिमूर्ति का उल्लेख बाद के पुराणिक साहित्य में मिलता है।
0.5
6,820.806954
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
भागवत पुराण में कई बार कहा गया है कि ब्रह्मा वह है जो "कारणों के सागर" से उभरता है।. यह पुराण कहता है कि जिस क्षण समय और ब्रह्माण्ड का जन्म हुआ था, उसी क्षण ब्रह्मा हरि (विष्णु, जिनकी प्रशंसा भागवत पुराण का मुख्य उद्देश्य है) की नाभि से निकले एक कमल के पुष्प से उभरे थे। यह पुराण कहता है कि ब्रह्मा निद्रा में हैं, गलती करते हैं और वे ब्रह्माण्ड की रचना के समय अस्थायी रूप से अक्षम थे। जब वे अपनी भ्रान्ति और निद्रा से अवगत हुए तो उन्होंने एक तपस्वी की तरह तपस्या की, हरि को अपने हृदय में अपना लिया, फिर उन्हें ब्रह्माण्ड के आरंभ और अंत का ज्ञान हो गया, और फिर उनकी रचनात्मक शक्तियां पुनर्जीवित हो गईं। भागवत पुराण कहता है कि इसके बाद उन्होंने प्रकृति और पुरुष: को जोड़ कर चकाचौंध कर देने वाली प्राणियों की विविधता बनाई।
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20231101.hi_1789_10
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
भागवत पुराण माया के सृजन को भी ब्रह्मा का काम बताता है। इसका सृजन उन्होंने केवल सृजन करने की खातिर किया। माया से सब कुछ अच्छाई और बुराई, पदार्थ और आध्यात्म, आरंभ और अंत से रंग गया।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
पुराण समय बनाने वाले देवता के रूप में ब्रह्मा का वर्णन करते हैं। वे मानव समय की ब्रह्मा के समय के साथ तुलना करते हैं। वे कहते हैं कि महाकल्प (जो कि एक बहुत बड़ी ब्रह्मांडीय अवधि है) ब्रह्मा के एक दिन और एक रात के बराबर है।
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
ब्रह्मा के बारे में विभिन्न पुराणों की कथाएँ विविध और विसंगत हैं। उदाहरण के लिए स्कन्द पुराण में पार्वती को "ब्रह्माण्ड की जननी" कहा गया है। यह ब्रह्मा, देवताओं और तीनों लोकों को बनाने का श्रेय भी पार्वती को देता है। यह कहता है कि पार्वती ने तीनों गुणों (सत्त्व, रजस और तपस) को पदार्थ (प्रकृति) में जोड़ कर ब्रह्माण्ड की रचना की।
0.5
6,820.806954
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE
ब्रह्मा
पौराणिक और तांत्रिक साहित्य ब्रह्मा के रजस गुण वाले देव के वैदिक विचार को आगे बढ़ाता है। यह कहता है कि उनकी पत्नी सरस्वती में सत्त्व (संतुलन, सामंजस्य, अच्‍छाई, पवित्रता, समग्रता, रचनात्मकता, सकारात्मकता, शांतिपूर्णता, नेकता गुण) है। इस प्रकार वे ब्रह्मा के रजस (उत्साह, सक्रियता, न अच्छाई न बुराई पर कभी-कभी दोनों में से कोई एक, कर्मप्रधानता, व्यक्तिवाद, प्रेरित, गतिशीलता गुण) को अनुपूरण करती हैं।
0.5
6,820.806954
20231101.hi_62435_18
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
रणनीतिक विपणन : यह निर्धारित करने का प्रयास की एक संगठन बाज़ार में अपने प्रतिद्वंदियों से कैसे मुकाबला करे. विशेष रूप से, इसका उद्देश्य अपने प्रतियोगियों के सापेक्ष एक लाभदायक बढ़त लेना है।
0.5
6,801.719087
20231101.hi_62435_19
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
परिचालन संबन्धी विपणन: ग्राहकों को आकर्षित करना व उन्हें बनाये रखना है और उनके लिए अधिक से अधिक उपयोगी होना है। साथ ही तत्पर सेवाओं द्वारा ग्राहक को संतुष्ट करना और उसकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। परिचालन संबन्धी विपणन में शामिल हैं पोर्टर के पाँच बलों का निर्धारण
0.5
6,801.719087
20231101.hi_62435_20
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
१९६० के दशक के आरम्भ में, प्रोफ़ेसर नील बोर्डेन ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (Harvard Business School) में कंपनी के ऐसे कार्यों की पहचान की जो उत्पाद या सेवाएं खरीदने के ग्राहक के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। बोर्डेन ने यह सुझाया कि कंपनी द्वारा उठाये जाने वाले वे सभी कदम "विपणन मिश्रण" हैं। प्रोफेसर ई.जेरोम मैकार्थी, भी हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से थे, उन्होंने १९६० के दशक की शुरुआत में सुझाया की विपणन मिश्रण में ४ तत्वों का समावेश है: उत्पाद, मूल्य, स्थान और संवर्धन.
0.5
6,801.719087
20231101.hi_62435_21
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
आम चलन में "विपणन" उत्पाद का प्रचार है, विशेषकर विज्ञापन (advertising) और ब्रांडिंग (brand) किंतु, व्यावसायिक उपयोग में इसका अर्थ विषद है जिसका मतलब है की विपणन ग्राहक-केंद्रित है। उत्पादों का विकास ग्राहकों के एक समूह या कुछ मामलों में कुछ ख़ास ग्राहकों की आवश्यकताओं की पूर्ती हेतु किया जाता है। ई.जेरोम मैकार्थी (E. Jerome McCarthy) ने विपणन को चार सामान्य गतिविधियों के समूहों में बांटा. उनकी टाईपोलोजी को दुनिया भर में इतनी मान्यता हासिल हुई की उनके "चार P" भाषा का हिस्सा बन गए हैं।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
उत्पाद (Product): विपणन का उत्पाद संबन्धी पहलू वास्तविक माल या सेवाओं के ब्यौरे के बारे में की यह कैसे अन्तिम-उपयोगकर्ता (end-user) की ज़रूरतों एवं मांगों से सम्बंधित है। एक उत्पाद के दायरे में कुछ सहयोगी तत्व भी आते हैं जैसे वारंटी, गारंटी और सपोर्ट
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
मूल्य निर्धारण (Pricing): का आशय किसी उत्पाद का एक मूल्य (price) निर्धारित करने से है, जिसमें छूट भी शामिल होती है। ज़रूरी नही की मूल्य, मुद्राओं में ही हो - यह उस उत्पाद या सेवा के बदले में दी जा सकने वाली कोई चीज़ हो सकती है जैसे समय, ऊर्जा, मनोविज्ञान या ध्यान.
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
संवर्धन (Promotion): इसमें शामिल हैं विज्ञापन (advertising), बिक्री संवर्धन (sales promotion), प्रचार (publicity) और व्यक्तिगत बिक्री (personal selling), ब्रांडिंग (branding) और उत्पाद, ब्रांड (brand), या कंपनी के संवर्धन हेतु विभिन्न पद्धतियाँ.
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
नियोजन (या वितरण (distribution)): से तात्पर्य है की उत्पाद किस तरह उपभोक्ता तक पहुंचेगा; उदाहरण के लिए बिक्री व्यवस्था का बिन्दु या खुदरा बिक्री (retailing). इस चौथे P को कई बार स्थान भी कहा जाता है। इसका तात्पर्य है कि किस चैनल के ज़रिये एक उत्पाद या सेवाओं को बेचा जाएगा (जैसे ऑनलाइन बनाम खुदरा), कौन से भौगोलिक क्षेत्र या उद्योग में, किस खंड को (युवा व्यस्क, परिवार, व्यवसायी लोग) आदि इसके अलावा यह भी की जिस वातावरण में उत्पाद बेचा जाएगा वह कैसे बिक्री को प्रभावित कर सकता है।
0.5
6,801.719087
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A3%E0%A4%A8
विपणन
ये चार तत्व विपणन मिश्रण (marketing mix), के तौर पर जाने जाते हैंजिनका उपयोग एक विक्रेता विपणन योजना (marketing plan) बनाने के लिए करता है। कम कीमत के उपभोक्ता उत्पाद के विपणन में चार P का मॉडल सबसे अधिक काम आता है। औद्योगिक उत्पादों, सेवाओं, उच्च मूल्य के उपभोक्ता उत्पादों के मामले में इस मॉडल में समायोजन करना पड़ता है। सेवा विपणन (Services marketing) बेजोड़ किस्म की सेवाओं के लिए होना चाहिए. औद्योगिक या B२B (B2B) विपणन, उन दीर्घकालीन अनुबंधों के लिए होना चाहिए जो आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) के मामलों में विशिष्ट हों. संबंधों का विपणन (Relationship marketing) में विपणन को दीर्घकालीन संबंधों के परिप्रेक्ष्य में देखा जाता है बजाय व्यक्तिगत व्यवहार के.
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
2. मूल्यानुसार कर : यह कर वस्तु पर उसके मूल्य के अनुसार लगाए जाते हैं। इस प्रकार के कर योग्य वस्तु के मूल्यांकन के पश्चात् लगाए जाते हैं। जैसे निर्यात अथवा आयात शुल्क 5 पैसे प्रति रूपए या वस्तु के मूल्य के 5 प्रतिशत की दर पर लगाया जाता है।
0.5
6,794.298883
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
3. दोहरे कर : यदि एक व्यक्ति एक ही सेवा के लिए दो बार कर देता है तो उसे दोहरा कर कहा जाता है। उदाहरण के रूप में, यदि भारत का व्यक्ति विदेश में आय प्राप्त करता है तो उसे एक ही आय पर दो बार कर देना पड़ेगा एक तो विदेश में और फिर एक भारत में भी।
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
कराधान के सिद्धान्तों को विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा प्रतिपादित किया गया है। इसकी निम्नलिखित प्रकार से व्याख्या की जा सकती हैः
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
1. समानता का सिद्धान्त : इस सिद्धान्त के अनुसार व्यक्ति की कर देने की क्षमता के अनुरूप ही उस पर कर लगाया जाना चाहिए। अमीर लोगों पर गरीबों से अधिक कर लगाया जाना चाहिए। अर्थात् अधिक आय पर अधिक कर और कम आय पर कम कर।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
2. निश्चितता का सिद्धान्त : प्रत्येक व्यक्ति द्वारा दिया जाने वाला कर निश्चित होना चाहिए तथा उसमें कुछ भी असंगत नहीं होना चाहिए। प्रत्येक करदाता का भुगतान का समय, भुगतान की राशि भुगतान का तरीका, भुगतान का स्थान, जिस अधिकारी को कर देना है, वह भी निश्चित होना चाहिए। निश्चितता का सिद्धान्त करदाताओं व सरकार दोनों के लिए जरूरी है।
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
3. सुविधा का सिद्धान्त : सार्वजनिक अधिकारियों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि करदाता को कर के भुगतान में कम से कम असुविधा हो। उदाहरण के लिए भू-राजस्व को फसलों के समय ले लिया जाना चाहिए।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
4. मितव्ययता का सिद्धान्त : कर संग्रहण में कम से कम धन खर्च किया जाना चाहिए। संग्रह की गई राशि का अधिकतम अंश सरकारी खजाने में जमा करवाया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में फालतू खर्च से बचा जाना चाहिए।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
5. उत्पादकता का सिद्धान्त : इस सिद्धान्त के अनुसार अनेक अनुत्पादक कर लगाने के स्थान पर कुछ उत्पादक कर लगाए जाने चाहिए। कर इतने अच्छे तरीके से लगाए जाने चाहिए कि वह लोगों की उत्पादन क्षमता को निरूत्साहित न करें।
0.5
6,794.298883
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0
कर
6. लोचशीलता का सिद्धान्त : कर इस प्रकार के लगाए जाने चाहिए कि उनके द्वारा एकत्र होने वाली राशि को समय और आवश्यकतानुसार कम से कम असुविधा से घटायाया बढ़ाया जा सके।
0.5
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20231101.hi_21136_11
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
कुछ दुआ पढ़ता है और कुरान शरीफ से कुछ तिलावत करता है, जिसमें फातिह: (कुरान शरीफ की पहली सूरह) का पढ़ना आवश्यक है। इसके बाद अन्य सूरह । कभी उच्च तथा कभी मद्धिम स्वर से पढ़े जाते हैं। इसके बाद वह झुकता है जिसे रुक़ू कहते हैं, फिर खड़ा होता है जिसे क़ौमा कहते है, फिर सजदा में सर झुकाता है। कुछ क्षणों के बाद वह घुटनों के बल बैठता है और फिर सिजदा में सर झुकाता है। फिर कुछ देर के बाद खड़ा हो जाता है। इन सब कार्यों के बीच-बीच वह छोटी-छोटी दुआएँ भी पढ़ता जाता है, जिनमें अल्लाह की प्रशंसा होती है। इस प्रकार नमाज की एक रकअत समाप्त होती है। फिर दूसरी रकअत इसी प्रकार पढ़ता है और सिजदा के उपरांत घुटनों के बल बैठ जाता है। फिर पहले दाईं ओर सलाम फेरता है और तब बाईं ओर। इसके बाद वह अल्लाह से हाथ उठाकर दुआ माँगता है और इस प्रकार नमाज़ की दो रकअत पूरी करता है अधिकतर नमाजें दो रकअत करके पढ़ी जाती हैं और कभी-कभी चार रकअतों की भी नमाज़ पढ़ी जाती है। वित्र नमाज तीन रकअतो की पढ़ी जाती है। सभी नमाज पढ़ने का तरीका कम अधिक यही है।
0.5
6,779.914556
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
साफ जाहिर है नमाज़ खालिस बन्दे की आसानी के लिए अल्लाह की नेमत है। 5 नमाजों की मिसाल ऐसी है, मानो आपके द्वार पर 5 पवित्र नहरे॥ दिन में 5 बार आप उनमे स्नान कर के क्या अपवित्र रह सकते हैं? वैसे ही आप अपने मन को इन नहरों में स्नान करवा दुनिया द्वारा दी गई कलिख और मैल को धो डालते हैं। अल्लाह का डर और उसकी मदद आप को कामयाब इन्सान बनाने में मदद देतें हैं।
0.5
6,779.914556
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
जब तुम में से किसी को दावत दी जाय तो वो उसे क़बूल करले फिर अगर वो रोज़े से हो तो दुआ करदे और अगर रोज़े से ना हो तो खाले,
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
और अल्लाह की जानिब से "सलात" के मानी बेहतरीन ज़िक्र के हैं जबकि मलाइका की तरफ़ से "सलात" के मानी दुआ ही के लिए जाऐंगे। इरशाद-ए-बारी ताला है:
0.5
6,779.914556
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
इस्लामी क़वानीन और दुस्सह तीर के मुख़्तलिफ़ और मुतअद्दिद फ़लसफ़े और अस्बाब हैं जिन की वजह से उन्हें वज़ा किया गया है। इन फ़लसफ़ों और अस्बाब तक रसाई सिर्फ वही और मादिन वही (रसूल-ओ-आल-ए-रसूल (ए)) के ज़रीया ही मुम्किन है। क़ुरान मजीद और मासूमीन अलैहिम अस्सलाम की अहादीस में बाअज़ क़वानीन इस्लामी के बाअज़ फ़लसफ़ा और अस्बाब की तरफ़ इशारा किया गया है। उन्हें दस्तो रात में से एक नमाज़ है जो सारी इबादतों का मर्कज़, मुश्किलात और सख़्तियों में इंसान के तआदुल-ओ-तवाज़ुन की मुहाफ़िज़, मोमिन की मेराज, इंसान को बुराईयों और मुनकिरात से रोकने वाली और दूसरे आमाल की क़बूलीयत की ज़ामिन है। अल्लाह तआला इस सिलसिला में इरशाद फ़रमाते हैं:
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
इस आयत की रोशनी में नमाज़ का सब से अहम फ़लसफ़ा याद ख़ुदा है और याद ख़ुदा ही है जो मुश्किलात और सख़्त हालात में इंसान के दिल को आराम और इतमीनान अता करती है।
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा रज़ीअल्लाह अन्हा मस्जिद नबवी में अपने तारीख़ी ख़ुतबा में इस्लामी अह्क़ाम को ब्यान फ़रमाते हुए नमाज़ के बारे में इशारा फ़रमाती हैं:
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
हिशाम बिन हुक्म ने इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहि अस्सलाम से सवाल किया : नमाज़ का क्या फ़लसफ़ा है कि लोगों को कारोबार से रोक दिया जाय और उन के लिए ज़हमत का सबब बने? इमाम अलैहि अस्सलाम ने इस के जवाब में फ़रमाया:
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC
नमाज़
नमाज़ सबब बनती है कि इंसान हमेशा अल्लाह की याद में रहे और उसे भूले नहीं, नाफ़रमानी और सरकशी ना करे। ख़ुशू-ओ-ख़ुज़ू और रग़बत-ओ-शौक़ के साथ अपने दुनियावी और उखरवी हिस्सा में इज़ाफ़ा का तलबगार हो। इस के इलावा इंसान नमाज़ के ज़रीया हमेशा और हरवक़त अल्लाह की बारगाह में हाज़िर रहे और उसकी याद से सरशार रहे। नमाज़ गुनाहों से रोकती और मुख़्तलिफ़ बुराईयों से मना करती है सजदा का फ़लसफ़ा ग़रूर-ओ-तकब्बुर, ख़ुद ख़्वाही और सरकशी को ख़ुद से दूर करना और अल्लाह वहिदा ला शरीक की याद में रहना और गुनाहों से दूर रहना है
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20231101.hi_3090_11
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
प्रो-फेमिनिज़्म, उन नारीवाद के समर्थन को कहते है जोकि नारीवादी आंदोलन के सदस्य नहीं होते है। इस शब्द का उपयोग अक्सर उन पुरुषों के संदर्भ में किया जाता है जो नारीवाद का सक्रिय समर्थन करते हैं। नारी-समर्थक पुरुष समूहों की गतिविधियों में स्कूलों में लड़कों और युवा पुरुषों के साथ हिंसा रोकने जैसे कार्य, कार्यस्थलों में यौन उत्पीड़न कार्यशालाओं की पेशकश करना, सामुदायिक शिक्षा अभियान चलाना और हिंसा में लिप्त पुरुष अपराधियों की काउंसलिंग शामिल है। प्रो-फेमिनिस्ट पुरुष, पुरुषों के स्वास्थ्य सम्बंधित कार्यक्रम जैसे: पोर्नोग्राफी के खिलाफ सक्रियता, जिसमें पोर्नोग्राफी विरोधी कानून, पुरुषों का अध्ययन और स्कूलों में लिंग इक्विटी पाठ्यक्रम का विकास आदि में भी शामिल होते है। कभी-कभी नारीवादी और महिला संगठन साथ आकर, घरेलू हिंसा और बलात्कार संकट केंद्रों में सहयोग करते है।
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6,716.787734
20231101.hi_3090_12
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
नारीवाद एवं लोक कथाएं, महिलाओं के हक व समानता की बात करता है | जो नारी को पुरुष की भांति हक दिलाने व उनको बेहतर बनाने को प्रोत्साहित करता है| किंतु नारीवाद एवं लोक कथाएं कहीं ना कहीं कठपुतली की भांति कार्य करती है | नारी को कैसा होना चाहिए, कितनी समानता चाहिए और नारी को पुरुषों के समान अधिकार की बात कही जाती है |
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
लोक कथाएं भी नारी की चेतना को जगाने के लिए अन्य नारियों की कथाएं समाज में सुनाई जाती हैं | ताकि उन्हें भी उन सा बनने की प्रेरणा मिले, किंतु भविष्य की नारियों के अपने भी सपने हो सकते हैं | जो उन परिस्थितियों की महिलाओं से भिन्न हो | नारियों के साथ कठपुतली जैसा व्यवहार कब तक ! माता-पिता की परवरिश में समानता होने से ही कहीं ना कहीं ऐसी असमानता खत्म हो सकती है | इसकी शुरुआत अपने घर परिवार से किया जाना चाहिए |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
इतिहास हमें गलतियां ना दोहराने और उनसे कुछ सीखने की शिक्षा देता है , न कि उसे जीने की शिक्षा देता है | महिलाओं को नारीवाद शब्द के द्वारा समाज में अधिकार दिलाने की बात रखी जा रही है तथा उनकी तुलना पुरुषों से भी की जा रही है | पुरुषों के समान उनकी अभिव्यक्ति कहां तक जायज है , इसलिए उन्हें स्वयं को समझने और आत्मनिर्भर बनने के लिए किसी खाके की नहीं खुले विचार की आवश्यकता है |
0.5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
हमारा ध्यान यहां केंद्रित होना चाहिए की भोजन शिक्षा और नौकरी यह सभी मनुस्य की प्राथमिक आवश्यकताओं में निहित है | यदि हम इन्हीं में उलझे रहे तो समाज में नारी के सम्मान की चर्चा कब करेंगे ? नारी को हमेशा पुरुषों के खाके में रखकर सम्मान और अधिकार क्यों दिलाना, जबकि दोनों प्राकृतिक रूप से सामान है | अब वक्त यह समझने का है कि स्त्री - पुरुष की अपनी प्रकृति हैं | ना की किसी एक से प्रकृति का सृजन होता है | समाज का सृजन नारी - पुरुष के सामान होने से हुआ | किसी एक के बिना समाज अधूरा है | इसलिए महिलाओं को महिला रहने दिया जाए तथा पुरुष के समान तुलनात्मक रूप ना दिया जाए | तब नारीवाद सशक्त होगा और लोककथाएं सदैव जीवंत व जाग्रत होंगी जो समाज को आगे बढ़ने में गति प्रदान करेगा |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
महिला - पुरुष मनुष्य हैं और शारीरिक और मानसिक रूप से भिन्न तो उनकी तुलना करना ही क्यों है ? यहां समानता का कोई प्रश्न ही नहीं उठता, एक महिला को महिला के रूप में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है तथा समाज में उनका अपना क्या दायित्व है वह यह स्वयं चुन सकती हैं |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
इसमें एक स्त्री के शौर्य भाव को समाज में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया, ‘मर्दानी’ शब्द उच्च और ‘जनानी’ शब्द निम्न क्यों हो गया | तो हमें जरूरत है आज उन शब्दों के मस्तक से शौर्य का तिलक हटा सभी का करने को |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
वीर रस का भाव सिर्फ पुरुष का नहीं स्त्री का भी हो सकता है , नारियों की पुरुषों से तुलना बंद करना होगा | नारियों की भी अपनी प्रकृति और अपनी विशेषताएं हैं , जिसे वह जीवित रखना व निखारना  चाहती हैं |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
नारीवाद
नारीवाद और लोक कथाएं तब सफल होंगी , जब वह नारी को उनके रूप विशेषता और शौर्य के यशगान को नारी के संदर्भ में तुलना रहित प्रस्तुत करने लगेगा | नारी स्वरूप स्वयं का है, ना कि किसी की परछाई का रूप है | इस भाव मात्रा से अन्य मुद्दे स्वयं ही समाप्त हो जाएंगे क्योंकि तब स्त्री को एक नारी ही नहीं मनुष्य का दर्जा मिल चुका होगा , जिसकी लड़ाई वो सदियों से लड़ती आ रही है |
0.5
6,716.787734
20231101.hi_904_0
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%97%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A8
अफ़ग़ानिस्तान
अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी अमीरात दक्षिण एशिया में अवस्थित देश है, जो विश्व का एक भूूूू-आवेष्ठित देश है। अप्रैल २००७ में अफगानिस्तान सार्क का आठवाँ सदस्य बना। अफगानिस्तान के पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है।
0.5
6,691.213883
20231101.hi_904_1
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%97%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A8
अफ़ग़ानिस्तान
अफ़गानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3,000 से 2,000 ई.पू. के रूप में मानी जा सकती है। यह क्षेत्र एक ऐसे भू-रणनीतिक स्थान पर अवस्थित है जो मध्य एशिया और पश्चिम एशिया को भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति से जोड़ता है। इस भूमि पर कुषाण, हफ्थलिट, समानी, गज़नवी, मुहम्मद गौरी, मुगल,अहमद शाह अब्दाली, दुर्रानी साम्राज्य, और अनेक दूसरे प्रमुख साम्राज्यों का उत्थान हुआ है। प्राचीन काल में फ़ारस तथा शक साम्राज्यों का अंग रहा अफ़्ग़ानिस्तान कई सम्राटों, आक्रमणकारियों तथा विजेताओं की कर्मभूमि रहा है। इनमें सिकन्दर, फारसी शासक दारा प्रथम, तुर्क,मुगल शासक बाबर, मुहम्मद गौरी, नादिर शाह, सिख साम्राज्य इत्यादि के नाम प्रमुख हैं। ब्रिटिश सेनाओं ने भी कई बार अफ़गानिस्तान पर आक्रमण किया। वर्तमान में अमेरिका द्वारा तालिबान पर आक्रमण किये जाने के बाद नाटो(NATO) की सेनाएँ वहाँ बनी हुई थीं जो सन 2021 में वहां से निकाल दी गईं हैं।
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