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इसके लिए एक लेख लिखें: बरेली में तीन लड़कियों से छेड़छाड़, अपहरण की कोशिश
लेख: उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में दिनदहाड़े तीन लड़कियों से छेड़छाड़ के बाद उन्हें गाड़ी में घसीटकर उनके अपहरण की कोशिश की गई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। घटना बारादरी थाना क्षेत्र की है, जहां आज शाम पजेरो सवार रूहेलखंड विश्वविद्यालय (बरेली) के पूर्व छात्र नेता छत्रपाल सिंह ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर सड़क किनारे जा रही तीन लड़कियों से छेड़छाड़ की और विरोध करने पर उनका पीछा कर उन्हें अपनी कार में घसीटकर उनका अपहरण करने की कोशिश की।टिप्पणियां बारादरी थाना प्रभारी एसपी यादव ने संवाददाताओं को कहा कि पीड़ित लड़कियों ने तत्काल 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने तत्काल दौड़ाकर सभी आरोपियों को घेरकर गाड़ी सहित दबोच लिया। यादव ने कहा कि लड़कियों के परिजनों की शिकायत पर मुख्य आरोपी छत्रपाल सहित चारों के खिलाफ छेड़छाड़, अपहरण की कोशिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। घटना बारादरी थाना क्षेत्र की है, जहां आज शाम पजेरो सवार रूहेलखंड विश्वविद्यालय (बरेली) के पूर्व छात्र नेता छत्रपाल सिंह ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर सड़क किनारे जा रही तीन लड़कियों से छेड़छाड़ की और विरोध करने पर उनका पीछा कर उन्हें अपनी कार में घसीटकर उनका अपहरण करने की कोशिश की।टिप्पणियां बारादरी थाना प्रभारी एसपी यादव ने संवाददाताओं को कहा कि पीड़ित लड़कियों ने तत्काल 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने तत्काल दौड़ाकर सभी आरोपियों को घेरकर गाड़ी सहित दबोच लिया। यादव ने कहा कि लड़कियों के परिजनों की शिकायत पर मुख्य आरोपी छत्रपाल सहित चारों के खिलाफ छेड़छाड़, अपहरण की कोशिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बारादरी थाना प्रभारी एसपी यादव ने संवाददाताओं को कहा कि पीड़ित लड़कियों ने तत्काल 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने तत्काल दौड़ाकर सभी आरोपियों को घेरकर गाड़ी सहित दबोच लिया। यादव ने कहा कि लड़कियों के परिजनों की शिकायत पर मुख्य आरोपी छत्रपाल सहित चारों के खिलाफ छेड़छाड़, अपहरण की कोशिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यादव ने कहा कि लड़कियों के परिजनों की शिकायत पर मुख्य आरोपी छत्रपाल सहित चारों के खिलाफ छेड़छाड़, अपहरण की कोशिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: 16-वर्षीय लड़की के रेप, नृशंस हत्या ने भड़काया अर्जेंटीना में गुस्सा, सड़कों पर उतरे हज़ारों नागरिक
अर्जेन्टीना के हज़ारों निवासी बुधवार को काले कपड़े पहनकर सड़कों पर उतर आए, और 16-वर्षीय लड़की की बलात्कार के बाद नृशंस हत्या के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकाला. देशभर को झकझोरकर रख देने वाली इस वारदात के विरुद्ध बुधवार दोपहर 1 बजे (दोपहर 2 बजे जीएमटी) निकाले गए एक घंटे के इस मार्च में महिलाओं की तादाद पुरुषों की तुलना में काफी ज़्यादा रही. बहुत-से प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर ले रखे थे, जिन पर लिखा था, "अगर तुम हममें से एक को छुओगे, हम सब प्रतिक्रिया देंगे..." दरअसल, 8 अक्टूबर को लूसिया पेरेज़ नामक हाईस्कूल छात्रा के साथ कथित रूप से ड्रग डीलरों ने बलात्कार किया था, और फिर उसे भालों से बींध दिया था. महिलाओं के प्रति अपराधों की घटनाएं अर्जेन्टीना में आम हैं, और इस ताजातरीन घटना से देशभर में जनता के मन में काफी गुस्सा भर गया था. पिछले एक साल में देश में महिलाओं के प्रति अपराधों के विरुद्ध इस तरह के मार्च भी कई बार निकाले गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू हिंसा की वारदात में अर्जेन्टीना में हर 36 घंटे में एक महिला की मौत हो जाती है. टिप्पणियां राजधानी ब्यूनस आयर्स में प्रदर्शनकारी गैबरिएला स्पिनेली ने कहा, "लूसिया पेरेज़ की वारदात ने यौन संबंधी हिंसा झेलने वाली सभी महिलाओं को न्याय की मांग उठाने के लिए ट्रिगर का काम किया..." आयोजकों का कहना था कि इस मार्च का उद्देश्य सिर्फ लूसिया पेरेज़ के मामले की भर्त्सना करना नहीं था, बल्कि उस संस्कृति की आलोचना करना भी था, जिसमें महिलाओं को पुरुषों से कमतर समझा जाता है. देशभर को झकझोरकर रख देने वाली इस वारदात के विरुद्ध बुधवार दोपहर 1 बजे (दोपहर 2 बजे जीएमटी) निकाले गए एक घंटे के इस मार्च में महिलाओं की तादाद पुरुषों की तुलना में काफी ज़्यादा रही. बहुत-से प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर ले रखे थे, जिन पर लिखा था, "अगर तुम हममें से एक को छुओगे, हम सब प्रतिक्रिया देंगे..." दरअसल, 8 अक्टूबर को लूसिया पेरेज़ नामक हाईस्कूल छात्रा के साथ कथित रूप से ड्रग डीलरों ने बलात्कार किया था, और फिर उसे भालों से बींध दिया था. महिलाओं के प्रति अपराधों की घटनाएं अर्जेन्टीना में आम हैं, और इस ताजातरीन घटना से देशभर में जनता के मन में काफी गुस्सा भर गया था. पिछले एक साल में देश में महिलाओं के प्रति अपराधों के विरुद्ध इस तरह के मार्च भी कई बार निकाले गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू हिंसा की वारदात में अर्जेन्टीना में हर 36 घंटे में एक महिला की मौत हो जाती है. टिप्पणियां राजधानी ब्यूनस आयर्स में प्रदर्शनकारी गैबरिएला स्पिनेली ने कहा, "लूसिया पेरेज़ की वारदात ने यौन संबंधी हिंसा झेलने वाली सभी महिलाओं को न्याय की मांग उठाने के लिए ट्रिगर का काम किया..." आयोजकों का कहना था कि इस मार्च का उद्देश्य सिर्फ लूसिया पेरेज़ के मामले की भर्त्सना करना नहीं था, बल्कि उस संस्कृति की आलोचना करना भी था, जिसमें महिलाओं को पुरुषों से कमतर समझा जाता है. दरअसल, 8 अक्टूबर को लूसिया पेरेज़ नामक हाईस्कूल छात्रा के साथ कथित रूप से ड्रग डीलरों ने बलात्कार किया था, और फिर उसे भालों से बींध दिया था. महिलाओं के प्रति अपराधों की घटनाएं अर्जेन्टीना में आम हैं, और इस ताजातरीन घटना से देशभर में जनता के मन में काफी गुस्सा भर गया था. पिछले एक साल में देश में महिलाओं के प्रति अपराधों के विरुद्ध इस तरह के मार्च भी कई बार निकाले गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू हिंसा की वारदात में अर्जेन्टीना में हर 36 घंटे में एक महिला की मौत हो जाती है. टिप्पणियां राजधानी ब्यूनस आयर्स में प्रदर्शनकारी गैबरिएला स्पिनेली ने कहा, "लूसिया पेरेज़ की वारदात ने यौन संबंधी हिंसा झेलने वाली सभी महिलाओं को न्याय की मांग उठाने के लिए ट्रिगर का काम किया..." आयोजकों का कहना था कि इस मार्च का उद्देश्य सिर्फ लूसिया पेरेज़ के मामले की भर्त्सना करना नहीं था, बल्कि उस संस्कृति की आलोचना करना भी था, जिसमें महिलाओं को पुरुषों से कमतर समझा जाता है. पिछले एक साल में देश में महिलाओं के प्रति अपराधों के विरुद्ध इस तरह के मार्च भी कई बार निकाले गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू हिंसा की वारदात में अर्जेन्टीना में हर 36 घंटे में एक महिला की मौत हो जाती है. टिप्पणियां राजधानी ब्यूनस आयर्स में प्रदर्शनकारी गैबरिएला स्पिनेली ने कहा, "लूसिया पेरेज़ की वारदात ने यौन संबंधी हिंसा झेलने वाली सभी महिलाओं को न्याय की मांग उठाने के लिए ट्रिगर का काम किया..." आयोजकों का कहना था कि इस मार्च का उद्देश्य सिर्फ लूसिया पेरेज़ के मामले की भर्त्सना करना नहीं था, बल्कि उस संस्कृति की आलोचना करना भी था, जिसमें महिलाओं को पुरुषों से कमतर समझा जाता है. राजधानी ब्यूनस आयर्स में प्रदर्शनकारी गैबरिएला स्पिनेली ने कहा, "लूसिया पेरेज़ की वारदात ने यौन संबंधी हिंसा झेलने वाली सभी महिलाओं को न्याय की मांग उठाने के लिए ट्रिगर का काम किया..." आयोजकों का कहना था कि इस मार्च का उद्देश्य सिर्फ लूसिया पेरेज़ के मामले की भर्त्सना करना नहीं था, बल्कि उस संस्कृति की आलोचना करना भी था, जिसमें महिलाओं को पुरुषों से कमतर समझा जाता है. आयोजकों का कहना था कि इस मार्च का उद्देश्य सिर्फ लूसिया पेरेज़ के मामले की भर्त्सना करना नहीं था, बल्कि उस संस्कृति की आलोचना करना भी था, जिसमें महिलाओं को पुरुषों से कमतर समझा जाता है.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: कर्नाटक संकट: बागी विधायकों की याचिका पर फैसला आज, जानिए मंगलवार को कोर्ट में क्या कुछ हुआ
यह लेख है: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस-जद(एस) के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली. कोर्ट इस मामले में बुधवार को सवेरे साढ़े दस बजे फैसला सुनाएगा. इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें बागी विधायकों के इस्तीफों पर निर्णय लेने के लिये बुधवार तक का वक्त दिया जाए. साथ ही उन्होंने न्यायालय से इस मामले में यथास्थिति बनाये रखने संबंधी पहले के आदेश में सुधार करने का भी अनुरोध किया. दूसरी ओर, बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायालय से अनुरोध किया कि विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता के मुद्दे पर यथास्थिति बनाये रखने का अध्यक्ष को निर्देश देने संबंधी अंतरिम आदेश जारी रखा जाए. रोहतगी ने कहा कि अगर विधानसभा की कार्यवाही होती है तो इन विधायकों को सत्तारूढ़ गठबंधन की व्हिप के आधार पर सदन में उपस्थित होने से छूट दी जाये क्योंकि मौजूदा सरकार अल्पमत में आ गई है.  चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार और मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की दलीलों को दिन भर विस्तार से सुनने के बाद कहा कि इस पर बुधवार को फैसला सुनाया जाएगा. इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी देवगौडा ने शीर्ष अदालत से कहा कि उसे विधानसभा अध्यक्ष को इन इस्तीफों पर निर्णय लेने और फिर बाद में इस्तीफों और अयोग्यता के मामले में यथास्थिति बनाये रखने के अंतरिम आदेश देने का कोई अधिकार नहीं था.  कुमारस्वामी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को एक समय सीमा के भीतर इस मुद्दे पर निर्णय के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता. धवन ने कहा, ‘‘जब इस्तीफे की प्रक्रिया नियमानुसार नहीं है तो न्यायालय अध्यक्ष को शाम छह बजे तक निर्णय करने का निर्देश नहीं दे सकता.'' उन्होंने कहा कि ये बागी विधायक उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं और न्यायालय को उनकी याचिका पर विचार नहीं करना चाहिए था. विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से सवाल किया, ‘‘अध्यक्ष को यह निर्देश कैसे दिया जा सकता है कि मामले पर एक विशेष तरह से फैसला लिया जाये? इस तरह का आदेश तो निचली अदालत में भी पारित नहीं किया जाता है.'' सिंघवी ने कहा कि अयोग्यता और बागी विधायकों के इस्तीफों पर अध्यक्ष बुधवार तक निर्णय ले लेंगे लेकिन न्यायालय को यथास्थिति बनाये रखने संबंधी अपने आदेश में सुधार करना चाहिए.  उन्होंने कहा कि वैध त्यागपत्र व्यक्तिगत रूप से अध्यक्ष को सौंपना होता है और ये विधायक अध्यक्ष के कार्यालय में इस्तीफा देने के पांच दिन बाद 11 जुलाई को उनके समक्ष पेश हुए. सिंघवी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल कर्नाटक प्रकरण में मध्य रात्रि में सुनवाई के दौरान बी एस येदिरप्पा को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित करने और सदन में शक्ति परीक्षण का आदेश देते समय भी विधानसभा अध्यक्ष को कोई निर्देश नहीं दिया था. उन्होंने पीठ से कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को अभी इन विधायकों के इस्तीफों और उनकी अयोग्यता के मुद्दे पर निर्णय लेना है.  बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकल रोहतगी ने विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे स्वीकार करने ही होंगे क्योंकि मौजूदा राजनीतिक संकट से उबरने का अन्य कोई तरीका नहीं है. उनका कहना था कि विधानसभा अध्यक्ष सिर्फ यह तय कर सकते हैं कि इस्तीफा स्वैच्छिक है या नहीं. इन विधायकों की दलील थी, ‘‘इस्तीफा देने के मेरे मौलिक अधिकार का विधानसभा के अध्यक्ष ने उल्लंघन किया है, वह गलत मंशा से और पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रहे हैं.' रोहतगी ने कहा कि नियमों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफों पर ‘अभी निर्णय' लेना होगा.'' उन्होंने सवाल किया, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष इन्हें लंबित कैसे रख सकते हैं?'' इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि इन इस्तीफों के बाद राज्य में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गयी है और उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं करके अध्यक्ष विश्वास मत के दौरान सरकार के पक्ष में मत देने के लिये दबाव बना रहे हैं. रोहतगी की दलील का प्रतिवाद करते हुये सिंघवी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को समयबद्ध तरीके से मामले में निर्णय के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता. रोहतगी का कहना था कि 10 विधायकों ने छह जुलाई को इस्तीफा दिया और अयोग्यता की कार्यवाही दो विधायकों के खिलाफ लंबित है.  इस पर पीठ ने जब यह पूछा कि ‘‘आठ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रक्रिया कब शुरू हुई?'' रोहतगी ने कहा कि उनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 10 जुलाई को प्रारंभ हुई. न्यायालय में कर्नाटक के राजनीतिक संकट की जड़ बने 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई चल रही थी. राज्य के 10 बागी विधायकों के बाद कांग्रेस के पांच अन्य विधायकों ने 13 जुलाई को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष उनके त्यागपत्र स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इन विधायकों में आनंद सिंह, के सुधाकर, एन नागराज, मुनिरत्न और रोशन बेग शामिल हैं.  शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार को कांग्रेस और जद (एस) के बागी विधायकों के इस्तीफे और उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिये दायर याचिका पर 16 जुलाई तक कोई भी निर्णय लेने से रोक दिया था। इन दस बागी विधायकों में प्रताप गौडा पाटिल, रमेश जारकिहोली, बी बसवराज, बी सी पाटिल, एस टी सोमशेखर, ए शिवराम हब्बर, महेश कुमाथल्ली, के गोपालैया, ए एच विश्वनाथ और नारायण गौड़ा शामिल हैं. इन विधायकों के इस्तीफे की वजह से कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सामने विधानसभा में बहुमत गंवाने का संकट पैदा हो गया है.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: चुनाव आयोग ने 27 अगस्त को बुलाई सर्वदलीय बैठक, ईवीएम हो सकता है बड़ा मुद्दा
यह एक लेख है: निर्वाचन आयोग ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए 27 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें ईवीएम और उसके साथ छेड़छाड़ की आशंका का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण रहने की उम्मीद है.  आयोग के सूत्रों का कहना है कि बैठक सिर्फ ईवीएम के संबंध में नहीं है, बल्कि यह सभी पक्षों की वार्षिक बैठक है. आयोग के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘‘चूंकि लोकसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं, ऐसे में यह प्रासंगिक ही है कि चुनाव आयोग सभी दलों से मिलेगा. बैठक के एजेंडे में पेड न्यूज, आचार संहिता का उल्लंघन, भड़काऊ भाषण आदि प्रमुख मुद्दा रहेंगे. चुनाव आयोग दलों को बताएगा कि आम चुनाव से पहले आधुनिक ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद की प्रक्रिया कहां तक पहुंची है.’’ टिप्पणियां हालांकि कुछ दलों द्वारा ईवीएम की कथित हैकिंग और और इनसे छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया जा सकता है. लेकिन उम्मीद है कि आयोग सभी को याद दिलाएगा कि पिछले वर्ष दी गई छेड़छाड़ की चुनौती में कोई भी ईवीएम को हैक नहीं कर पाया था. चुनाव आयोग ने इस बैठक के लिए सात राष्ट्रीय और 51 क्षेत्रीय दलों को न्योता भेजा है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आयोग के सूत्रों का कहना है कि बैठक सिर्फ ईवीएम के संबंध में नहीं है, बल्कि यह सभी पक्षों की वार्षिक बैठक है. आयोग के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘‘चूंकि लोकसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं, ऐसे में यह प्रासंगिक ही है कि चुनाव आयोग सभी दलों से मिलेगा. बैठक के एजेंडे में पेड न्यूज, आचार संहिता का उल्लंघन, भड़काऊ भाषण आदि प्रमुख मुद्दा रहेंगे. चुनाव आयोग दलों को बताएगा कि आम चुनाव से पहले आधुनिक ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद की प्रक्रिया कहां तक पहुंची है.’’ टिप्पणियां हालांकि कुछ दलों द्वारा ईवीएम की कथित हैकिंग और और इनसे छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया जा सकता है. लेकिन उम्मीद है कि आयोग सभी को याद दिलाएगा कि पिछले वर्ष दी गई छेड़छाड़ की चुनौती में कोई भी ईवीएम को हैक नहीं कर पाया था. चुनाव आयोग ने इस बैठक के लिए सात राष्ट्रीय और 51 क्षेत्रीय दलों को न्योता भेजा है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हालांकि कुछ दलों द्वारा ईवीएम की कथित हैकिंग और और इनसे छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया जा सकता है. लेकिन उम्मीद है कि आयोग सभी को याद दिलाएगा कि पिछले वर्ष दी गई छेड़छाड़ की चुनौती में कोई भी ईवीएम को हैक नहीं कर पाया था. चुनाव आयोग ने इस बैठक के लिए सात राष्ट्रीय और 51 क्षेत्रीय दलों को न्योता भेजा है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: रिलायंस जियो (Jio) के टैरिफ प्लान से बैंकों पर पड़ेगा उलटा असर, जानें इस एसोसिएशन ने ऐसा क्यों कहा
लेख: सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि रिलायंस जियो की नई मूल्य नीति से उद्योग को नुकसान होता रहेगा. इसका प्रतिकूल असर बैंकों पर पड़ेगा जिन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में बड़ी मात्रा में कर्ज दिया हुआ है. सीओएआई ने कहा कि बाजार निचले मूल्य की ओर जा रहा है यह उपभोक्ताओं की दृष्टि से अच्छा कदम है, लेकिन सवाल यह है कि इस तरह का मूल्य दर नियमनों के अनुकूल है.इससे अदालतों तथा दूरसंचार न्यायाधिकरणों द्वारा निपटाया जाना चाहिए. सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा, ‘‘उद्योग को इस मूल्य से नुकसान होता रहेगा. इसका बैंकों, सरकार दूरसंचार कंपनियों द्वारा किए जाने वाले लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम भुगतान के रूप में: के साथ उपकरण विनिर्माताओं पर प्रतिकूल असर होगा. दूरसंचार उद्योग का विभिन्न वित्तीय संस्थानों और बैंकों का 4.60 लाख करोड़ रुपये का बकाया है.टिप्पणियां रिलायंस जियो ने 31 मार्च को घोषणा की है कि उससे 7.2 करोड़ भुगतान करने वाले ग्राहक जुड़ गए हैं. कंपनी ने इस दायरे में और ग्राहकों को लाने के लिए इसकी समयसीमा एक पखवाड़ा बढ़ा दी है. कंपनी ने तीन महीने के लिए रियायती पेशकश की घोषणा की है जिसके तहत 15 अप्रैल तक 303 रपये का भुगतान करने वालों को डाटा बेहद कम मूल्य पर मिलेगा.   सीओएआई ने कहा कि बाजार निचले मूल्य की ओर जा रहा है यह उपभोक्ताओं की दृष्टि से अच्छा कदम है, लेकिन सवाल यह है कि इस तरह का मूल्य दर नियमनों के अनुकूल है.इससे अदालतों तथा दूरसंचार न्यायाधिकरणों द्वारा निपटाया जाना चाहिए. सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा, ‘‘उद्योग को इस मूल्य से नुकसान होता रहेगा. इसका बैंकों, सरकार दूरसंचार कंपनियों द्वारा किए जाने वाले लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम भुगतान के रूप में: के साथ उपकरण विनिर्माताओं पर प्रतिकूल असर होगा. दूरसंचार उद्योग का विभिन्न वित्तीय संस्थानों और बैंकों का 4.60 लाख करोड़ रुपये का बकाया है.टिप्पणियां रिलायंस जियो ने 31 मार्च को घोषणा की है कि उससे 7.2 करोड़ भुगतान करने वाले ग्राहक जुड़ गए हैं. कंपनी ने इस दायरे में और ग्राहकों को लाने के लिए इसकी समयसीमा एक पखवाड़ा बढ़ा दी है. कंपनी ने तीन महीने के लिए रियायती पेशकश की घोषणा की है जिसके तहत 15 अप्रैल तक 303 रपये का भुगतान करने वालों को डाटा बेहद कम मूल्य पर मिलेगा.   सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा, ‘‘उद्योग को इस मूल्य से नुकसान होता रहेगा. इसका बैंकों, सरकार दूरसंचार कंपनियों द्वारा किए जाने वाले लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम भुगतान के रूप में: के साथ उपकरण विनिर्माताओं पर प्रतिकूल असर होगा. दूरसंचार उद्योग का विभिन्न वित्तीय संस्थानों और बैंकों का 4.60 लाख करोड़ रुपये का बकाया है.टिप्पणियां रिलायंस जियो ने 31 मार्च को घोषणा की है कि उससे 7.2 करोड़ भुगतान करने वाले ग्राहक जुड़ गए हैं. कंपनी ने इस दायरे में और ग्राहकों को लाने के लिए इसकी समयसीमा एक पखवाड़ा बढ़ा दी है. कंपनी ने तीन महीने के लिए रियायती पेशकश की घोषणा की है जिसके तहत 15 अप्रैल तक 303 रपये का भुगतान करने वालों को डाटा बेहद कम मूल्य पर मिलेगा.   रिलायंस जियो ने 31 मार्च को घोषणा की है कि उससे 7.2 करोड़ भुगतान करने वाले ग्राहक जुड़ गए हैं. कंपनी ने इस दायरे में और ग्राहकों को लाने के लिए इसकी समयसीमा एक पखवाड़ा बढ़ा दी है. कंपनी ने तीन महीने के लिए रियायती पेशकश की घोषणा की है जिसके तहत 15 अप्रैल तक 303 रपये का भुगतान करने वालों को डाटा बेहद कम मूल्य पर मिलेगा.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: दिलीप कुमार गहन चिकित्सा कक्ष से बाहर लाए गए
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के स्वास्थ्य में सुधार के बाद रविवार को मुंबई के लीलावती अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया। दिलीप कुमार के निकटतम सहयोगी मुर्शीद खान ने यह जानकारी दी। दिलीप कुमार को पिछले रविवार को दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां एक सप्ताह तक उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया था। मुर्शीद खान दिलीप कुमार की पत्नी एवं मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो के मैनेजर हैं। खान ने बताया, "दिलीप अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। अब वह काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष से सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। पूरी संभावना है कि अगले तीन दिनों में उन्हें अस्पातल से छुट्टी मिल जाएगी।" दिलीप कुमार को बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार माना जाता है, और उनके फिल्मी करियर की अवधि को भारतीय फिल्म इतिहास के एक युग की संज्ञा दी जाती है। टिप्पणियां दिलीप कुमार ने भारतीय हिंदी सिनेमा पर छह दशक से भी अधिक समय तक राज किया है, तथा मुख्य अभिनेता के साथ-साथ चरित्र अभिनेता के रूप में भी अद्वितीय ख्याति अर्जित की है। नया दौर, गंगा-जमुना, लीडर, मुगल-ए-आजम जैसी युगांतकारी फिल्में बनाने वाले दिलीप कुमार को भारतीय हिंदी सिनेमा का कीर्तिस्तंभ माना जाता है। 1998 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म 'किला' में अभिनय किया था। दिलीप कुमार को पिछले रविवार को दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां एक सप्ताह तक उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया था। मुर्शीद खान दिलीप कुमार की पत्नी एवं मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो के मैनेजर हैं। खान ने बताया, "दिलीप अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। अब वह काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष से सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। पूरी संभावना है कि अगले तीन दिनों में उन्हें अस्पातल से छुट्टी मिल जाएगी।" दिलीप कुमार को बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार माना जाता है, और उनके फिल्मी करियर की अवधि को भारतीय फिल्म इतिहास के एक युग की संज्ञा दी जाती है। टिप्पणियां दिलीप कुमार ने भारतीय हिंदी सिनेमा पर छह दशक से भी अधिक समय तक राज किया है, तथा मुख्य अभिनेता के साथ-साथ चरित्र अभिनेता के रूप में भी अद्वितीय ख्याति अर्जित की है। नया दौर, गंगा-जमुना, लीडर, मुगल-ए-आजम जैसी युगांतकारी फिल्में बनाने वाले दिलीप कुमार को भारतीय हिंदी सिनेमा का कीर्तिस्तंभ माना जाता है। 1998 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म 'किला' में अभिनय किया था। खान ने बताया, "दिलीप अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। अब वह काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष से सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। पूरी संभावना है कि अगले तीन दिनों में उन्हें अस्पातल से छुट्टी मिल जाएगी।" दिलीप कुमार को बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार माना जाता है, और उनके फिल्मी करियर की अवधि को भारतीय फिल्म इतिहास के एक युग की संज्ञा दी जाती है। टिप्पणियां दिलीप कुमार ने भारतीय हिंदी सिनेमा पर छह दशक से भी अधिक समय तक राज किया है, तथा मुख्य अभिनेता के साथ-साथ चरित्र अभिनेता के रूप में भी अद्वितीय ख्याति अर्जित की है। नया दौर, गंगा-जमुना, लीडर, मुगल-ए-आजम जैसी युगांतकारी फिल्में बनाने वाले दिलीप कुमार को भारतीय हिंदी सिनेमा का कीर्तिस्तंभ माना जाता है। 1998 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म 'किला' में अभिनय किया था। दिलीप कुमार को बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार माना जाता है, और उनके फिल्मी करियर की अवधि को भारतीय फिल्म इतिहास के एक युग की संज्ञा दी जाती है। टिप्पणियां दिलीप कुमार ने भारतीय हिंदी सिनेमा पर छह दशक से भी अधिक समय तक राज किया है, तथा मुख्य अभिनेता के साथ-साथ चरित्र अभिनेता के रूप में भी अद्वितीय ख्याति अर्जित की है। नया दौर, गंगा-जमुना, लीडर, मुगल-ए-आजम जैसी युगांतकारी फिल्में बनाने वाले दिलीप कुमार को भारतीय हिंदी सिनेमा का कीर्तिस्तंभ माना जाता है। 1998 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म 'किला' में अभिनय किया था। दिलीप कुमार ने भारतीय हिंदी सिनेमा पर छह दशक से भी अधिक समय तक राज किया है, तथा मुख्य अभिनेता के साथ-साथ चरित्र अभिनेता के रूप में भी अद्वितीय ख्याति अर्जित की है। नया दौर, गंगा-जमुना, लीडर, मुगल-ए-आजम जैसी युगांतकारी फिल्में बनाने वाले दिलीप कुमार को भारतीय हिंदी सिनेमा का कीर्तिस्तंभ माना जाता है। 1998 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म 'किला' में अभिनय किया था। नया दौर, गंगा-जमुना, लीडर, मुगल-ए-आजम जैसी युगांतकारी फिल्में बनाने वाले दिलीप कुमार को भारतीय हिंदी सिनेमा का कीर्तिस्तंभ माना जाता है। 1998 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म 'किला' में अभिनय किया था।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की ने किया खुलासा, घर पास में होने पर भी क्यों रहती थी हॉस्टल में?
स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय के प्रधानाचार्य संजय बरनवाल ने बताया कि छात्रा हॉस्टल के कमरे में अकेली रहती थी. सूत्रों के मुताबिक स्वामी चिन्मयानंद कॉलेज परिसर में बने अपने आवास दिव्य धाम में मंगलवार को मौजूद नहीं थे. लड़की ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उसके हॉस्टल के कमरे में रेप के सबूत हैं. 'कमरा खुलवाएं, मैं सबूत दूंगी. लड़की चिन्मायानंद पर रेप की एफआईआर करने की मांग कर रही है.' एसआईटी की आधा दर्जन गाड़ियां आज अचानक चिन्मयानंद (Chinmayanand) के लॉ कॉलेज के हॉस्टल पहुंचीं. उनके साथ रेप का इल्ज़ाम लगाने वाली लड़की और उसके पिता भी थे. लड़की ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि रेप के सबूत उसके हॉस्टल के कमरे में हैं. आरोप लगाने वाली लड़की ने कहा था कि एविडेंस सही समय आने पर दे दिए जाएंगे, मेरे पास सब सुरक्षित हैं, हॉस्टल के रूम में. मेरा हॉस्टल का रूम खुलवाया जाए. एसआईटी की टीम मंगलवार को सारे दिन उसके हॉस्टल के कमरे की छानबीन करती रही. उसके साथ आए फोरेंसिक एक्सपर्टों ने वहां से बहुत सारे नमूने उठाए. लड़की का घर हॉस्टल से बहुत पास है. वह कहती है कि चिन्मयानंद और कॉलेज के प्रिंसिपल के कहने पर वह हॉस्टल में रहने लगी थी. आरोप लगाने वाली लड़की से जब पूछा गया कि कॉलेज और आपके घर के बीच में बहुत कम दूरी है, फिर हॉस्टल में रहने की क्या वजह थी? इस पर उसने जवाब दिया कि 'स्वामी जी ने खुद कहा था. ऐसा हुआ मैं वहां पर जॉब करने नहीं गई थी. मैं वहां पर एलएलएम में एडमीशन लेने के लिए गई थी, तो स्वामी जी ने जॉब का ऑफर दिया था. फिर उन्हीं के कहने पर...या जो भी है...प्रिंसिपल मेरे ऊपर एडमिनिस्ट्रेशन का काम ज़्यादा डालने लगे थे. तो उनके बहुत अधिक दबाव पर मैंने वहां हॉस्टल में रूम लेकर डाल दिया था. बाइ चांस मुझे रुकना पड़ा. उसके बाद मेरे साथ बहुत गलत हुआ है वहां पर.' लड़की अब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चिन्मयानंद (Chinmayanand) पर रेप का इल्ज़ाम लगा रही है और उन पर रेप की एफआईआर करने की मांग कर रही है. लेकिन अभी तक चिन्मयानंद से पूछताछ भी नहीं हुई है. सरकार इस पर बोलने से बचती है. यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि 'जांच चल रही है और उसकी कानूनी प्रक्रिया चल रही है. एफआईआर दर्ज हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने उसका संज्ञान लिया है. कानूनी कार्यवाही जब चलती है तो उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए.' (इनपुट भाषा से भी)
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: अयोध्या विवाद के समाधान के लिए नया प्रस्ताव, मंदिर और मस्जिद दोनों बनाने की बात
लेख: अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए फैजाबाद के मंडलायुक्त के समक्ष एक नया प्रस्ताव रखा गया है जिसमें विवादित स्थल पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनाने की बात कही गई है. दावा किया गया है कि याचिका पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों से लगभग 10 हजार लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पलोक बसु इस पहल का नेतृत्व कर रहे हैं. मंडलायुक्त एवं विवादित स्थल के प्रबंधकर्ता सूर्यप्रकाश मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे अयोध्या विवाद के संबंध में एक ज्ञापन और हस्ताक्षरयुक्त प्रतियां मिली हैं. अभी मुझे इस पर फैसला करना है कि क्या किया जाना है.’’ बसु ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसका संज्ञान लेगा. याचिका कल सौंपी गई जिस पर 10,502 लोगों के हस्ताक्षर हैं . उन्होंने कहा, ‘‘हमने उच्चतम न्यायालय में अधिकृत व्यक्ति (फैजाबाद मंडलायुक्त) के जरिए यह समझौता प्रक्रिया शुरू की है. हमें उम्मीद है कि शीर्ष अदालत शांति एवं सौहार्द की जन भावनाओं का सम्मान करेगी.’’ बसु ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रस्तावित किया है कि विवादित स्थल पर राम मंदिर और मस्जिद दोनों होंगे. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 सितंबर 2010 को विवादित स्थल के दो हिस्से निर्मोही अखाड़ा तथा राम लला के ‘‘मित्र’’ को दिए जाने तथा एक हिस्सा मुसलमानों को दिए जाने का आदेश दिया था, जो उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को गया. बसु ने कहा कि मुद्दे के समाधान का उनका ‘‘स्थानीय’’ प्रयास 18 मार्च 2010 को शुरू हुआ था.टिप्पणियां विगत में बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य वादी हाशिम अंसारी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के साथ मामले को अदालत से बाहर सुलझाने पर चर्चा की थी जिसमें करीब 70 एकड़ क्षेत्र में फैले विवादित स्थल पर 100 फुट ऊंची विभाजक दीवार के साथ मंदिर और मस्जिद दोनों रखे जाने के बारे में बात की गई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने प्रस्ताव को उच्च न्यायालय का अपमान बताकर खारिज कर दिया था. अंसारी का इस साल जुलाई में निधन हो गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दावा किया गया है कि याचिका पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों से लगभग 10 हजार लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पलोक बसु इस पहल का नेतृत्व कर रहे हैं. मंडलायुक्त एवं विवादित स्थल के प्रबंधकर्ता सूर्यप्रकाश मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे अयोध्या विवाद के संबंध में एक ज्ञापन और हस्ताक्षरयुक्त प्रतियां मिली हैं. अभी मुझे इस पर फैसला करना है कि क्या किया जाना है.’’ बसु ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसका संज्ञान लेगा. याचिका कल सौंपी गई जिस पर 10,502 लोगों के हस्ताक्षर हैं . उन्होंने कहा, ‘‘हमने उच्चतम न्यायालय में अधिकृत व्यक्ति (फैजाबाद मंडलायुक्त) के जरिए यह समझौता प्रक्रिया शुरू की है. हमें उम्मीद है कि शीर्ष अदालत शांति एवं सौहार्द की जन भावनाओं का सम्मान करेगी.’’ बसु ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रस्तावित किया है कि विवादित स्थल पर राम मंदिर और मस्जिद दोनों होंगे. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 सितंबर 2010 को विवादित स्थल के दो हिस्से निर्मोही अखाड़ा तथा राम लला के ‘‘मित्र’’ को दिए जाने तथा एक हिस्सा मुसलमानों को दिए जाने का आदेश दिया था, जो उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को गया. बसु ने कहा कि मुद्दे के समाधान का उनका ‘‘स्थानीय’’ प्रयास 18 मार्च 2010 को शुरू हुआ था.टिप्पणियां विगत में बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य वादी हाशिम अंसारी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के साथ मामले को अदालत से बाहर सुलझाने पर चर्चा की थी जिसमें करीब 70 एकड़ क्षेत्र में फैले विवादित स्थल पर 100 फुट ऊंची विभाजक दीवार के साथ मंदिर और मस्जिद दोनों रखे जाने के बारे में बात की गई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने प्रस्ताव को उच्च न्यायालय का अपमान बताकर खारिज कर दिया था. अंसारी का इस साल जुलाई में निधन हो गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मंडलायुक्त एवं विवादित स्थल के प्रबंधकर्ता सूर्यप्रकाश मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे अयोध्या विवाद के संबंध में एक ज्ञापन और हस्ताक्षरयुक्त प्रतियां मिली हैं. अभी मुझे इस पर फैसला करना है कि क्या किया जाना है.’’ बसु ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसका संज्ञान लेगा. याचिका कल सौंपी गई जिस पर 10,502 लोगों के हस्ताक्षर हैं . उन्होंने कहा, ‘‘हमने उच्चतम न्यायालय में अधिकृत व्यक्ति (फैजाबाद मंडलायुक्त) के जरिए यह समझौता प्रक्रिया शुरू की है. हमें उम्मीद है कि शीर्ष अदालत शांति एवं सौहार्द की जन भावनाओं का सम्मान करेगी.’’ बसु ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रस्तावित किया है कि विवादित स्थल पर राम मंदिर और मस्जिद दोनों होंगे. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 सितंबर 2010 को विवादित स्थल के दो हिस्से निर्मोही अखाड़ा तथा राम लला के ‘‘मित्र’’ को दिए जाने तथा एक हिस्सा मुसलमानों को दिए जाने का आदेश दिया था, जो उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को गया. बसु ने कहा कि मुद्दे के समाधान का उनका ‘‘स्थानीय’’ प्रयास 18 मार्च 2010 को शुरू हुआ था.टिप्पणियां विगत में बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य वादी हाशिम अंसारी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के साथ मामले को अदालत से बाहर सुलझाने पर चर्चा की थी जिसमें करीब 70 एकड़ क्षेत्र में फैले विवादित स्थल पर 100 फुट ऊंची विभाजक दीवार के साथ मंदिर और मस्जिद दोनों रखे जाने के बारे में बात की गई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने प्रस्ताव को उच्च न्यायालय का अपमान बताकर खारिज कर दिया था. अंसारी का इस साल जुलाई में निधन हो गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, ‘‘हमने उच्चतम न्यायालय में अधिकृत व्यक्ति (फैजाबाद मंडलायुक्त) के जरिए यह समझौता प्रक्रिया शुरू की है. हमें उम्मीद है कि शीर्ष अदालत शांति एवं सौहार्द की जन भावनाओं का सम्मान करेगी.’’ बसु ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रस्तावित किया है कि विवादित स्थल पर राम मंदिर और मस्जिद दोनों होंगे. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 सितंबर 2010 को विवादित स्थल के दो हिस्से निर्मोही अखाड़ा तथा राम लला के ‘‘मित्र’’ को दिए जाने तथा एक हिस्सा मुसलमानों को दिए जाने का आदेश दिया था, जो उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को गया. बसु ने कहा कि मुद्दे के समाधान का उनका ‘‘स्थानीय’’ प्रयास 18 मार्च 2010 को शुरू हुआ था.टिप्पणियां विगत में बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य वादी हाशिम अंसारी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के साथ मामले को अदालत से बाहर सुलझाने पर चर्चा की थी जिसमें करीब 70 एकड़ क्षेत्र में फैले विवादित स्थल पर 100 फुट ऊंची विभाजक दीवार के साथ मंदिर और मस्जिद दोनों रखे जाने के बारे में बात की गई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने प्रस्ताव को उच्च न्यायालय का अपमान बताकर खारिज कर दिया था. अंसारी का इस साल जुलाई में निधन हो गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 30 सितंबर 2010 को विवादित स्थल के दो हिस्से निर्मोही अखाड़ा तथा राम लला के ‘‘मित्र’’ को दिए जाने तथा एक हिस्सा मुसलमानों को दिए जाने का आदेश दिया था, जो उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को गया. बसु ने कहा कि मुद्दे के समाधान का उनका ‘‘स्थानीय’’ प्रयास 18 मार्च 2010 को शुरू हुआ था.टिप्पणियां विगत में बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य वादी हाशिम अंसारी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के साथ मामले को अदालत से बाहर सुलझाने पर चर्चा की थी जिसमें करीब 70 एकड़ क्षेत्र में फैले विवादित स्थल पर 100 फुट ऊंची विभाजक दीवार के साथ मंदिर और मस्जिद दोनों रखे जाने के बारे में बात की गई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने प्रस्ताव को उच्च न्यायालय का अपमान बताकर खारिज कर दिया था. अंसारी का इस साल जुलाई में निधन हो गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बसु ने कहा कि मुद्दे के समाधान का उनका ‘‘स्थानीय’’ प्रयास 18 मार्च 2010 को शुरू हुआ था.टिप्पणियां विगत में बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य वादी हाशिम अंसारी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के साथ मामले को अदालत से बाहर सुलझाने पर चर्चा की थी जिसमें करीब 70 एकड़ क्षेत्र में फैले विवादित स्थल पर 100 फुट ऊंची विभाजक दीवार के साथ मंदिर और मस्जिद दोनों रखे जाने के बारे में बात की गई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने प्रस्ताव को उच्च न्यायालय का अपमान बताकर खारिज कर दिया था. अंसारी का इस साल जुलाई में निधन हो गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) विगत में बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य वादी हाशिम अंसारी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के साथ मामले को अदालत से बाहर सुलझाने पर चर्चा की थी जिसमें करीब 70 एकड़ क्षेत्र में फैले विवादित स्थल पर 100 फुट ऊंची विभाजक दीवार के साथ मंदिर और मस्जिद दोनों रखे जाने के बारे में बात की गई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने प्रस्ताव को उच्च न्यायालय का अपमान बताकर खारिज कर दिया था. अंसारी का इस साल जुलाई में निधन हो गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: फारूक और उमर अब्दुल्ला से मिलेंगे नेशनल कांफ्रेंस के नेता, जम्मू कश्मीर सरकार ने दी इजाजत
नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को अपनी पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) से मिलने की अनुमति मिल गई है. इन दोनों ही नेताओं को हिरासत में रखा गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रवक्ता मदन मंटू ने अपने बयान ने कहा- "जम्मू-कश्मीर सरकार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मिलने की अनुमति दे दी है, जिन्हें हिरासत में रखा गया है.' आपको बता दें कि दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक दिन पहले ही हिरासत में ले लिया गया था. राज्य के कई अन्य नेताओं को भी हिरासत में लिया गया था. जिनमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती और जम्मू कश्मीर पीपुल्स क्रांफ्रेंस के चेयरमेन सज्जाद लोन शामिल हैं.
9
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: UGC ने की यूनिवर्सिटी के संस्कृत शिक्षकों का डेटा बैंक तैयार करने की पहल
लेख: देश में संस्कृत शिक्षा एवं शिक्षण को बढ़ावा देने की पहल के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने संस्कृत के पठन पाठन कार्य से जुड़े शिक्षकों का ‘डेटा बैंक’ तैयार करने का प्रस्ताव किया है और विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थाओं से इस बारे में जानकारी प्रदान करने को कहा है। यूजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश ने इस संबंध में देश के 126 विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि यूजीसी देश में संस्कृत के पठन पाठन के अधिक विकास एवं उसे बढ़ावा देने के लिए एक योजना तैयार करने की प्रक्रिया में है। इस पहल के तहत आयोग संस्कृत के पठन पाठन में संलग्न शिक्षकों का डाटा तैयार करने के लिए विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है। इसमें कहा गया है कि इस पत्र के माध्यम से मैं आपसे संस्थान में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्यौरा प्रदान करने का अग्रह करता हूं, ताकि उन्हें प्रस्तावित डेटा बैंक में शामिल किया जा सके। आयोग के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा कि मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक वेबपोर्टल ‘भारतवाणी’ पेश किया है जिसका मकसद भारत में सभी भाषाओं के बारे में जानकारी साझा करना है। मैसूर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ इंडियन लैंग्वेज (सीआईआईएल) को इस पहल का प्रबंधन करने का दायित्व सौंपा गया है। यूजीसी के अध्यक्ष ने संस्कृत पढ़ाने वाले विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं निदेशकों को लिखे पत्र में यह प्रस्ताव भी किया गया है कि जिन-जिन विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जाती है, वहां से इस विषय को पढ़ाने की निर्देशिका, पाठ्यसामग्री, साहित्य, शोध सामग्री को एकत्र किया जाए और उसे भारतवाणी पर अपलोड किया जाए।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि इस संदर्भ में आपसे आग्रह किया जाता है कि सीआईआईएल से सभी जानकारी संस्कृत में साझा करें जो लिखित, दृश्य श्रव्य, चित्र के रूप में हो सकते हैं। इसे वेब पोर्टल भारतवाणी पर भी अपलोड किया जा सकता है। यूजीसी 8 से 10 फरवरी के दौरान राष्ट्रीय कौशल विकास पात्रता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के संदर्भ में सामुदायिक कॉलेज योजना लागू किए जाने के विभिन्न आयामों की समीक्षा करेगी। आयोग ने सभी संस्थाओं से 10 से 15 मिनट की प्रस्तुति देने को कहा है। इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने या योजना के अनुपालन के अयोग्य पाए जाने पर मंजूरी वापस ली जा सकती है। यूजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश ने इस संबंध में देश के 126 विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि यूजीसी देश में संस्कृत के पठन पाठन के अधिक विकास एवं उसे बढ़ावा देने के लिए एक योजना तैयार करने की प्रक्रिया में है। इस पहल के तहत आयोग संस्कृत के पठन पाठन में संलग्न शिक्षकों का डाटा तैयार करने के लिए विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है। इसमें कहा गया है कि इस पत्र के माध्यम से मैं आपसे संस्थान में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्यौरा प्रदान करने का अग्रह करता हूं, ताकि उन्हें प्रस्तावित डेटा बैंक में शामिल किया जा सके। आयोग के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा कि मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक वेबपोर्टल ‘भारतवाणी’ पेश किया है जिसका मकसद भारत में सभी भाषाओं के बारे में जानकारी साझा करना है। मैसूर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ इंडियन लैंग्वेज (सीआईआईएल) को इस पहल का प्रबंधन करने का दायित्व सौंपा गया है। यूजीसी के अध्यक्ष ने संस्कृत पढ़ाने वाले विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं निदेशकों को लिखे पत्र में यह प्रस्ताव भी किया गया है कि जिन-जिन विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जाती है, वहां से इस विषय को पढ़ाने की निर्देशिका, पाठ्यसामग्री, साहित्य, शोध सामग्री को एकत्र किया जाए और उसे भारतवाणी पर अपलोड किया जाए।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि इस संदर्भ में आपसे आग्रह किया जाता है कि सीआईआईएल से सभी जानकारी संस्कृत में साझा करें जो लिखित, दृश्य श्रव्य, चित्र के रूप में हो सकते हैं। इसे वेब पोर्टल भारतवाणी पर भी अपलोड किया जा सकता है। यूजीसी 8 से 10 फरवरी के दौरान राष्ट्रीय कौशल विकास पात्रता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के संदर्भ में सामुदायिक कॉलेज योजना लागू किए जाने के विभिन्न आयामों की समीक्षा करेगी। आयोग ने सभी संस्थाओं से 10 से 15 मिनट की प्रस्तुति देने को कहा है। इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने या योजना के अनुपालन के अयोग्य पाए जाने पर मंजूरी वापस ली जा सकती है। इसमें कहा गया है कि इस पत्र के माध्यम से मैं आपसे संस्थान में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्यौरा प्रदान करने का अग्रह करता हूं, ताकि उन्हें प्रस्तावित डेटा बैंक में शामिल किया जा सके। आयोग के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा कि मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक वेबपोर्टल ‘भारतवाणी’ पेश किया है जिसका मकसद भारत में सभी भाषाओं के बारे में जानकारी साझा करना है। मैसूर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ इंडियन लैंग्वेज (सीआईआईएल) को इस पहल का प्रबंधन करने का दायित्व सौंपा गया है। यूजीसी के अध्यक्ष ने संस्कृत पढ़ाने वाले विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं निदेशकों को लिखे पत्र में यह प्रस्ताव भी किया गया है कि जिन-जिन विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जाती है, वहां से इस विषय को पढ़ाने की निर्देशिका, पाठ्यसामग्री, साहित्य, शोध सामग्री को एकत्र किया जाए और उसे भारतवाणी पर अपलोड किया जाए।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि इस संदर्भ में आपसे आग्रह किया जाता है कि सीआईआईएल से सभी जानकारी संस्कृत में साझा करें जो लिखित, दृश्य श्रव्य, चित्र के रूप में हो सकते हैं। इसे वेब पोर्टल भारतवाणी पर भी अपलोड किया जा सकता है। यूजीसी 8 से 10 फरवरी के दौरान राष्ट्रीय कौशल विकास पात्रता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के संदर्भ में सामुदायिक कॉलेज योजना लागू किए जाने के विभिन्न आयामों की समीक्षा करेगी। आयोग ने सभी संस्थाओं से 10 से 15 मिनट की प्रस्तुति देने को कहा है। इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने या योजना के अनुपालन के अयोग्य पाए जाने पर मंजूरी वापस ली जा सकती है। मैसूर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ इंडियन लैंग्वेज (सीआईआईएल) को इस पहल का प्रबंधन करने का दायित्व सौंपा गया है। यूजीसी के अध्यक्ष ने संस्कृत पढ़ाने वाले विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं निदेशकों को लिखे पत्र में यह प्रस्ताव भी किया गया है कि जिन-जिन विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जाती है, वहां से इस विषय को पढ़ाने की निर्देशिका, पाठ्यसामग्री, साहित्य, शोध सामग्री को एकत्र किया जाए और उसे भारतवाणी पर अपलोड किया जाए।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि इस संदर्भ में आपसे आग्रह किया जाता है कि सीआईआईएल से सभी जानकारी संस्कृत में साझा करें जो लिखित, दृश्य श्रव्य, चित्र के रूप में हो सकते हैं। इसे वेब पोर्टल भारतवाणी पर भी अपलोड किया जा सकता है। यूजीसी 8 से 10 फरवरी के दौरान राष्ट्रीय कौशल विकास पात्रता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के संदर्भ में सामुदायिक कॉलेज योजना लागू किए जाने के विभिन्न आयामों की समीक्षा करेगी। आयोग ने सभी संस्थाओं से 10 से 15 मिनट की प्रस्तुति देने को कहा है। इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने या योजना के अनुपालन के अयोग्य पाए जाने पर मंजूरी वापस ली जा सकती है। इसमें कहा गया है कि इस संदर्भ में आपसे आग्रह किया जाता है कि सीआईआईएल से सभी जानकारी संस्कृत में साझा करें जो लिखित, दृश्य श्रव्य, चित्र के रूप में हो सकते हैं। इसे वेब पोर्टल भारतवाणी पर भी अपलोड किया जा सकता है। यूजीसी 8 से 10 फरवरी के दौरान राष्ट्रीय कौशल विकास पात्रता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के संदर्भ में सामुदायिक कॉलेज योजना लागू किए जाने के विभिन्न आयामों की समीक्षा करेगी। आयोग ने सभी संस्थाओं से 10 से 15 मिनट की प्रस्तुति देने को कहा है। इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने या योजना के अनुपालन के अयोग्य पाए जाने पर मंजूरी वापस ली जा सकती है। यूजीसी 8 से 10 फरवरी के दौरान राष्ट्रीय कौशल विकास पात्रता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के संदर्भ में सामुदायिक कॉलेज योजना लागू किए जाने के विभिन्न आयामों की समीक्षा करेगी। आयोग ने सभी संस्थाओं से 10 से 15 मिनट की प्रस्तुति देने को कहा है। इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने या योजना के अनुपालन के अयोग्य पाए जाने पर मंजूरी वापस ली जा सकती है।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मलेशिया छिपा रहा तथ्य, मारन के खिलाफ केस बंद करना पड़ेगा : सीबीआई
यह लेख है: 2-जी घोटाले से जुड़ी एयरसेल-मैक्सिस डील पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यदि मलेशियाई सरकार जांच में मदद नहीं करेगी तो ताकतवर नेता दयानिधि मारन के खिलाफ जांच के मामले में उसे क्लोजर रिपोर्ट लगानी पड़ेगी। सीबीआई का कहना है कि उसे जांच में भारत में इस बारे में ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला जिससे उन पर केस चलाया जा सके। इसके अलावा फायदा लेने-देने का का भी कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है। बता दें एयरसेल-मैक्सिस डील पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। स्टेटस रिपोर्ट की सबसे खास बात यह है कि सीबीआई ने कहा है कि वित्तीय और राजनीतिक रूप से कोई ताकतवर शख्स इस जांच में दखल दे रहा है। सीबीआई ने कहा कि भारत में इस मामले की जांच पूरी हो गई है, जबकि मलेशिया और मॉरीशस में जांच बाकी है।टिप्पणियां सीबीआई के मुताबिक मॉरीशस जांच में सहयोग कर रहा है, लेकिन मलेशिया से सहयोग नहीं मिल रहा है। स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में 2-जी घोटाले में मिलीभगत नजर आ रही है। सीबीआई 2-जी घोटाले से जुड़ी एयरसेल−मैक्सिस डील में पिछले साल पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ एफआईआर दायर कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दायर की गई है, वही मामले में देरी तो नहीं करा रहा है। सीबीआई का कहना है कि उसे जांच में भारत में इस बारे में ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला जिससे उन पर केस चलाया जा सके। इसके अलावा फायदा लेने-देने का का भी कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है। बता दें एयरसेल-मैक्सिस डील पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। स्टेटस रिपोर्ट की सबसे खास बात यह है कि सीबीआई ने कहा है कि वित्तीय और राजनीतिक रूप से कोई ताकतवर शख्स इस जांच में दखल दे रहा है। सीबीआई ने कहा कि भारत में इस मामले की जांच पूरी हो गई है, जबकि मलेशिया और मॉरीशस में जांच बाकी है।टिप्पणियां सीबीआई के मुताबिक मॉरीशस जांच में सहयोग कर रहा है, लेकिन मलेशिया से सहयोग नहीं मिल रहा है। स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में 2-जी घोटाले में मिलीभगत नजर आ रही है। सीबीआई 2-जी घोटाले से जुड़ी एयरसेल−मैक्सिस डील में पिछले साल पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ एफआईआर दायर कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दायर की गई है, वही मामले में देरी तो नहीं करा रहा है। बता दें एयरसेल-मैक्सिस डील पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। स्टेटस रिपोर्ट की सबसे खास बात यह है कि सीबीआई ने कहा है कि वित्तीय और राजनीतिक रूप से कोई ताकतवर शख्स इस जांच में दखल दे रहा है। सीबीआई ने कहा कि भारत में इस मामले की जांच पूरी हो गई है, जबकि मलेशिया और मॉरीशस में जांच बाकी है।टिप्पणियां सीबीआई के मुताबिक मॉरीशस जांच में सहयोग कर रहा है, लेकिन मलेशिया से सहयोग नहीं मिल रहा है। स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में 2-जी घोटाले में मिलीभगत नजर आ रही है। सीबीआई 2-जी घोटाले से जुड़ी एयरसेल−मैक्सिस डील में पिछले साल पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ एफआईआर दायर कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दायर की गई है, वही मामले में देरी तो नहीं करा रहा है। सीबीआई के मुताबिक मॉरीशस जांच में सहयोग कर रहा है, लेकिन मलेशिया से सहयोग नहीं मिल रहा है। स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में 2-जी घोटाले में मिलीभगत नजर आ रही है। सीबीआई 2-जी घोटाले से जुड़ी एयरसेल−मैक्सिस डील में पिछले साल पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ एफआईआर दायर कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दायर की गई है, वही मामले में देरी तो नहीं करा रहा है। सीबीआई 2-जी घोटाले से जुड़ी एयरसेल−मैक्सिस डील में पिछले साल पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ एफआईआर दायर कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दायर की गई है, वही मामले में देरी तो नहीं करा रहा है।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: विद्या बालन थीं विवेक अग्निहोत्री की पहली पसंद
यह एक लेख है: फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री टी सीरीज के लिए महिला सशक्तिकरण पर आधारित फिल्म बनाने जा रहे हैं। इस फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए अभिनेत्री विद्या बालन उनकी पहली पसंद थीं। 'धन धना धन गोल' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके अग्निहोत्री ने कहा, फिल्म के लिए मेरी पहली पसंद विद्या बालन हैं। लेकिन यदि उन्होंने पहले 'कहानी' न की होती तो वह यह फिल्म करतीं। लेकिन मैं भविष्य में निश्चित रूप से एक ऐसी पटकथा तैयार करूंगा जो उनके लिए न्यायसंगत हो। उन्होंने कहा, अब हमने कुछ अन्य अभिनेत्रियों से संपर्क किया है। देखते हैं क्या होता है।टिप्पणियां अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म के विषय में कहा, यह फिल्म वर्तमान समाज की महिलाओं और उनके साथ सहयोग न करने वाले तंत्र के बारे में है। यह सस्पेंस से भरी रोमांचक फिल्म है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी पत्नी पल्लवी जोशी को इसमें अभिनय के लिए चुनेंगे, तो उन्होंने कहा, पल्लवी मेरे साथ 'बुड्ढ़ा इन ए ट्रैफिक जैम' फिल्म में काम कर रही हैं। लेकिन वह इस फिल्म में नहीं होंगी। 'धन धना धन गोल' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके अग्निहोत्री ने कहा, फिल्म के लिए मेरी पहली पसंद विद्या बालन हैं। लेकिन यदि उन्होंने पहले 'कहानी' न की होती तो वह यह फिल्म करतीं। लेकिन मैं भविष्य में निश्चित रूप से एक ऐसी पटकथा तैयार करूंगा जो उनके लिए न्यायसंगत हो। उन्होंने कहा, अब हमने कुछ अन्य अभिनेत्रियों से संपर्क किया है। देखते हैं क्या होता है।टिप्पणियां अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म के विषय में कहा, यह फिल्म वर्तमान समाज की महिलाओं और उनके साथ सहयोग न करने वाले तंत्र के बारे में है। यह सस्पेंस से भरी रोमांचक फिल्म है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी पत्नी पल्लवी जोशी को इसमें अभिनय के लिए चुनेंगे, तो उन्होंने कहा, पल्लवी मेरे साथ 'बुड्ढ़ा इन ए ट्रैफिक जैम' फिल्म में काम कर रही हैं। लेकिन वह इस फिल्म में नहीं होंगी। उन्होंने कहा, अब हमने कुछ अन्य अभिनेत्रियों से संपर्क किया है। देखते हैं क्या होता है।टिप्पणियां अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म के विषय में कहा, यह फिल्म वर्तमान समाज की महिलाओं और उनके साथ सहयोग न करने वाले तंत्र के बारे में है। यह सस्पेंस से भरी रोमांचक फिल्म है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी पत्नी पल्लवी जोशी को इसमें अभिनय के लिए चुनेंगे, तो उन्होंने कहा, पल्लवी मेरे साथ 'बुड्ढ़ा इन ए ट्रैफिक जैम' फिल्म में काम कर रही हैं। लेकिन वह इस फिल्म में नहीं होंगी। अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म के विषय में कहा, यह फिल्म वर्तमान समाज की महिलाओं और उनके साथ सहयोग न करने वाले तंत्र के बारे में है। यह सस्पेंस से भरी रोमांचक फिल्म है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी पत्नी पल्लवी जोशी को इसमें अभिनय के लिए चुनेंगे, तो उन्होंने कहा, पल्लवी मेरे साथ 'बुड्ढ़ा इन ए ट्रैफिक जैम' फिल्म में काम कर रही हैं। लेकिन वह इस फिल्म में नहीं होंगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी पत्नी पल्लवी जोशी को इसमें अभिनय के लिए चुनेंगे, तो उन्होंने कहा, पल्लवी मेरे साथ 'बुड्ढ़ा इन ए ट्रैफिक जैम' फिल्म में काम कर रही हैं। लेकिन वह इस फिल्म में नहीं होंगी।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: सर्जिकल स्ट्राइक : जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा- भारत को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार
यह एक लेख है: देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) का समर्थन करते हुए शनिवार को कहा कि भारत एक संप्रभु देश है और उसे अपनी एवं अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार हासिल है. जमात प्रमुख सैयद जलालुद्दीन उमरी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, "उरी हमले में सेना के जवानों पर हमला किया गया. वह बहुत निंदनीय था. इस हमले के बाद सेना ने पीओके में यह कार्रवाई की है. किसी भी देश को अपनी हिफाजत का हक हासिल है. भारत ने भी अपनी और अपने लोगों की हिफाजत के लिए यह कदम उठाया है." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "हमारी यह राय है कि युद्ध किसी भी समस्या का विकल्प नहीं है. युद्ध से देश की तरक्की रुकेगी. मीडिया और हम सभी लोगों को जज्बात पर काबू करना चाहिए. इतना जरूर है कि आतंकी वारदातों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और हमें अपनी सीमा की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए."टिप्पणियां मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई 'प्रोग्रेस पंचायत' पहल पर उमरी ने कहा, "सरकार को इस तरह का कदम पहले ही उठाना चाहिए था. पर अब उनकी ओर से पहल हुई है तो वो अच्छी बात है. हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कदमों का नतीजा मुसलमानों के विकास के तौर पर (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जमात प्रमुख सैयद जलालुद्दीन उमरी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, "उरी हमले में सेना के जवानों पर हमला किया गया. वह बहुत निंदनीय था. इस हमले के बाद सेना ने पीओके में यह कार्रवाई की है. किसी भी देश को अपनी हिफाजत का हक हासिल है. भारत ने भी अपनी और अपने लोगों की हिफाजत के लिए यह कदम उठाया है." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "हमारी यह राय है कि युद्ध किसी भी समस्या का विकल्प नहीं है. युद्ध से देश की तरक्की रुकेगी. मीडिया और हम सभी लोगों को जज्बात पर काबू करना चाहिए. इतना जरूर है कि आतंकी वारदातों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और हमें अपनी सीमा की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए."टिप्पणियां मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई 'प्रोग्रेस पंचायत' पहल पर उमरी ने कहा, "सरकार को इस तरह का कदम पहले ही उठाना चाहिए था. पर अब उनकी ओर से पहल हुई है तो वो अच्छी बात है. हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कदमों का नतीजा मुसलमानों के विकास के तौर पर (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "हमारी यह राय है कि युद्ध किसी भी समस्या का विकल्प नहीं है. युद्ध से देश की तरक्की रुकेगी. मीडिया और हम सभी लोगों को जज्बात पर काबू करना चाहिए. इतना जरूर है कि आतंकी वारदातों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और हमें अपनी सीमा की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए."टिप्पणियां मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई 'प्रोग्रेस पंचायत' पहल पर उमरी ने कहा, "सरकार को इस तरह का कदम पहले ही उठाना चाहिए था. पर अब उनकी ओर से पहल हुई है तो वो अच्छी बात है. हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कदमों का नतीजा मुसलमानों के विकास के तौर पर (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई 'प्रोग्रेस पंचायत' पहल पर उमरी ने कहा, "सरकार को इस तरह का कदम पहले ही उठाना चाहिए था. पर अब उनकी ओर से पहल हुई है तो वो अच्छी बात है. हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कदमों का नतीजा मुसलमानों के विकास के तौर पर (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: आइवरी कोस्ट में रिजॉर्ट पर हमला करने वाले 6 आतंकी मारे गए : आइवरी कोस्ट मंत्री
लेख: आइवरी कोस्ट के गृहमंत्री ने कहा कि ग्रांड बस्सम के तटीय रिजॉर्ट के तीन होटलों पर घातक हमले करने वाले छह बंदूकधारियों को 'मार गिराया' गया है। राष्ट्रीय टीवी पर पढ़े गए हमेद बकायोको के एक बयान में कहा गया है कि पूर्व औपनिवेशिक राजधानी में तीन होटलों पर हथियारबंद व्यक्तियों ने हमला किया था, जो आइवरी कोस्ट वासियों और पश्चिम के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि आइवरी के सुरक्षा बलों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और छह आतंकवादियों को मार गिराया। आइवरी कोस्ट के तटीय रिजॉर्ट शहर ग्रांड बस्सम में रविवार को भारी हथियारों से लैस बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इससे पहले पश्चिम के लोगों बीच लोकप्रिय रिसॉर्ट पर हमला होने के बाद एक सैन्य सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा, ‘‘इस वक्त पांच लोग मारे गए हैं।’’ एएफपी के फोटोग्राफर ने कहा कि उसने तट पर और अन्य एतोइली दू सूद होटल में सात शवों को देखा। देश की पूर्व औपनिवेशक राजधानी के प्रतिष्ठानों में से एक पर हमला हुआ है। एक चमश्दीद ने एएफपी को बताया कि नकाबपोश हमलावर भारी हथियारों से लैस थे और उन्होंने ला एतोइली दू सद में महमानों को गोली मारना शुरू कर दिया। यह एक बड़ा होटल है जो मौजूदा गर्मी में प्रवासियों से भरा पड़ा है। यह फौरन साफ नहीं हो सका कि रिजॉर्ट पर हमले के पीछे कौन है। अन्य चश्मदीद ने एएफपी को बताया कि गोलियों की आवाज से हम चौंक गए और अब हम छुपे हुए हैं। पुराने शहर के छोर पर ग्रांड बस्सम के फ्रांसीसी इलाके के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों लोग जमा हो गए, जहां पर दर्जनों एंबुलेंस खड़ी हैं। एएफपी के एक पत्रकार देखा कि पश्चिम की एक घायल महिला सहित करीब एक दर्जन लोगों को सैन्य ट्रक से बाहर निकाला जा रहा था। भारी मशीन गन लेकर सैन्य वाहन मौके की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही में पारपंरिक हथियारबंद शिकारियों को भी भेजा जा रहा है।टिप्पणियां हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) उन्होंने कहा कि आइवरी के सुरक्षा बलों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और छह आतंकवादियों को मार गिराया। आइवरी कोस्ट के तटीय रिजॉर्ट शहर ग्रांड बस्सम में रविवार को भारी हथियारों से लैस बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इससे पहले पश्चिम के लोगों बीच लोकप्रिय रिसॉर्ट पर हमला होने के बाद एक सैन्य सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा, ‘‘इस वक्त पांच लोग मारे गए हैं।’’ एएफपी के फोटोग्राफर ने कहा कि उसने तट पर और अन्य एतोइली दू सूद होटल में सात शवों को देखा। देश की पूर्व औपनिवेशक राजधानी के प्रतिष्ठानों में से एक पर हमला हुआ है। एक चमश्दीद ने एएफपी को बताया कि नकाबपोश हमलावर भारी हथियारों से लैस थे और उन्होंने ला एतोइली दू सद में महमानों को गोली मारना शुरू कर दिया। यह एक बड़ा होटल है जो मौजूदा गर्मी में प्रवासियों से भरा पड़ा है। यह फौरन साफ नहीं हो सका कि रिजॉर्ट पर हमले के पीछे कौन है। अन्य चश्मदीद ने एएफपी को बताया कि गोलियों की आवाज से हम चौंक गए और अब हम छुपे हुए हैं। पुराने शहर के छोर पर ग्रांड बस्सम के फ्रांसीसी इलाके के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों लोग जमा हो गए, जहां पर दर्जनों एंबुलेंस खड़ी हैं। एएफपी के एक पत्रकार देखा कि पश्चिम की एक घायल महिला सहित करीब एक दर्जन लोगों को सैन्य ट्रक से बाहर निकाला जा रहा था। भारी मशीन गन लेकर सैन्य वाहन मौके की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही में पारपंरिक हथियारबंद शिकारियों को भी भेजा जा रहा है।टिप्पणियां हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) आइवरी कोस्ट के तटीय रिजॉर्ट शहर ग्रांड बस्सम में रविवार को भारी हथियारों से लैस बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इससे पहले पश्चिम के लोगों बीच लोकप्रिय रिसॉर्ट पर हमला होने के बाद एक सैन्य सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा, ‘‘इस वक्त पांच लोग मारे गए हैं।’’ एएफपी के फोटोग्राफर ने कहा कि उसने तट पर और अन्य एतोइली दू सूद होटल में सात शवों को देखा। देश की पूर्व औपनिवेशक राजधानी के प्रतिष्ठानों में से एक पर हमला हुआ है। एक चमश्दीद ने एएफपी को बताया कि नकाबपोश हमलावर भारी हथियारों से लैस थे और उन्होंने ला एतोइली दू सद में महमानों को गोली मारना शुरू कर दिया। यह एक बड़ा होटल है जो मौजूदा गर्मी में प्रवासियों से भरा पड़ा है। यह फौरन साफ नहीं हो सका कि रिजॉर्ट पर हमले के पीछे कौन है। अन्य चश्मदीद ने एएफपी को बताया कि गोलियों की आवाज से हम चौंक गए और अब हम छुपे हुए हैं। पुराने शहर के छोर पर ग्रांड बस्सम के फ्रांसीसी इलाके के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों लोग जमा हो गए, जहां पर दर्जनों एंबुलेंस खड़ी हैं। एएफपी के एक पत्रकार देखा कि पश्चिम की एक घायल महिला सहित करीब एक दर्जन लोगों को सैन्य ट्रक से बाहर निकाला जा रहा था। भारी मशीन गन लेकर सैन्य वाहन मौके की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही में पारपंरिक हथियारबंद शिकारियों को भी भेजा जा रहा है।टिप्पणियां हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) इससे पहले पश्चिम के लोगों बीच लोकप्रिय रिसॉर्ट पर हमला होने के बाद एक सैन्य सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा, ‘‘इस वक्त पांच लोग मारे गए हैं।’’ एएफपी के फोटोग्राफर ने कहा कि उसने तट पर और अन्य एतोइली दू सूद होटल में सात शवों को देखा। देश की पूर्व औपनिवेशक राजधानी के प्रतिष्ठानों में से एक पर हमला हुआ है। एक चमश्दीद ने एएफपी को बताया कि नकाबपोश हमलावर भारी हथियारों से लैस थे और उन्होंने ला एतोइली दू सद में महमानों को गोली मारना शुरू कर दिया। यह एक बड़ा होटल है जो मौजूदा गर्मी में प्रवासियों से भरा पड़ा है। यह फौरन साफ नहीं हो सका कि रिजॉर्ट पर हमले के पीछे कौन है। अन्य चश्मदीद ने एएफपी को बताया कि गोलियों की आवाज से हम चौंक गए और अब हम छुपे हुए हैं। पुराने शहर के छोर पर ग्रांड बस्सम के फ्रांसीसी इलाके के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों लोग जमा हो गए, जहां पर दर्जनों एंबुलेंस खड़ी हैं। एएफपी के एक पत्रकार देखा कि पश्चिम की एक घायल महिला सहित करीब एक दर्जन लोगों को सैन्य ट्रक से बाहर निकाला जा रहा था। भारी मशीन गन लेकर सैन्य वाहन मौके की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही में पारपंरिक हथियारबंद शिकारियों को भी भेजा जा रहा है।टिप्पणियां हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) एक चमश्दीद ने एएफपी को बताया कि नकाबपोश हमलावर भारी हथियारों से लैस थे और उन्होंने ला एतोइली दू सद में महमानों को गोली मारना शुरू कर दिया। यह एक बड़ा होटल है जो मौजूदा गर्मी में प्रवासियों से भरा पड़ा है। यह फौरन साफ नहीं हो सका कि रिजॉर्ट पर हमले के पीछे कौन है। अन्य चश्मदीद ने एएफपी को बताया कि गोलियों की आवाज से हम चौंक गए और अब हम छुपे हुए हैं। पुराने शहर के छोर पर ग्रांड बस्सम के फ्रांसीसी इलाके के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों लोग जमा हो गए, जहां पर दर्जनों एंबुलेंस खड़ी हैं। एएफपी के एक पत्रकार देखा कि पश्चिम की एक घायल महिला सहित करीब एक दर्जन लोगों को सैन्य ट्रक से बाहर निकाला जा रहा था। भारी मशीन गन लेकर सैन्य वाहन मौके की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही में पारपंरिक हथियारबंद शिकारियों को भी भेजा जा रहा है।टिप्पणियां हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) यह फौरन साफ नहीं हो सका कि रिजॉर्ट पर हमले के पीछे कौन है। अन्य चश्मदीद ने एएफपी को बताया कि गोलियों की आवाज से हम चौंक गए और अब हम छुपे हुए हैं। पुराने शहर के छोर पर ग्रांड बस्सम के फ्रांसीसी इलाके के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों लोग जमा हो गए, जहां पर दर्जनों एंबुलेंस खड़ी हैं। एएफपी के एक पत्रकार देखा कि पश्चिम की एक घायल महिला सहित करीब एक दर्जन लोगों को सैन्य ट्रक से बाहर निकाला जा रहा था। भारी मशीन गन लेकर सैन्य वाहन मौके की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही में पारपंरिक हथियारबंद शिकारियों को भी भेजा जा रहा है।टिप्पणियां हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) पुराने शहर के छोर पर ग्रांड बस्सम के फ्रांसीसी इलाके के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों लोग जमा हो गए, जहां पर दर्जनों एंबुलेंस खड़ी हैं। एएफपी के एक पत्रकार देखा कि पश्चिम की एक घायल महिला सहित करीब एक दर्जन लोगों को सैन्य ट्रक से बाहर निकाला जा रहा था। भारी मशीन गन लेकर सैन्य वाहन मौके की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही में पारपंरिक हथियारबंद शिकारियों को भी भेजा जा रहा है।टिप्पणियां हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) एएफपी के एक पत्रकार देखा कि पश्चिम की एक घायल महिला सहित करीब एक दर्जन लोगों को सैन्य ट्रक से बाहर निकाला जा रहा था। भारी मशीन गन लेकर सैन्य वाहन मौके की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही में पारपंरिक हथियारबंद शिकारियों को भी भेजा जा रहा है।टिप्पणियां हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) हाल के महीनों में पड़ोसी माली और बुर्काना फासो की राजधानियों के आलीशान होटलों पर हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। इस वजह से पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र बढ़ते आतंकवादी खतरे को लेकर सुरक्षा में इजाफे को लेकर जूझ रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
2
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: अलेप्पो में बमबारी से करीब 500 लोगों की मौत, मरनेवालों में अधिकतर बच्चे : संरा प्रमुख
यह लेख है: संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि अलेप्पो में रूस और सीरियाई बलों की बमबारी के भयावह परिणाम सामने आए हैं, क्योंकि करीब 500 लोगों की मौत हो गई है और इस माह के अंत तक वहां खाद्य सामग्री की भी घोर किल्लत होने की आशंका है. बान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक विशेष बैठक में कहा कि 22 सितंबर को सीरिया सरकार द्वारा, पांच साल से जारी गृह युद्ध में विद्रोहियों के खिलाफ अब तक का सर्वाधिक तेज अभियान शुरू किए जाने के बाद अलेप्पो के पूर्वी हिस्से में हवाई हमले किए गए. पूर्वी अलेप्पो पर विद्रोहियों की पकड़ है. बान के अनुसार, इन हवाई हमलों के भयावह नतीजे सामने आए हैं. हमले में कम से कम 500 लोगों की जान चली गई और करीब 2,000 घायल हो गए हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं. बान ने चेताया कि 7 जुलाई के बाद से अलेप्पो में संयुक्त राष्ट्र का कोई राहत काफिला नहीं पहुंच पाया और अक्तूबर के अंत तक वहां राशन तथा आवश्यक वस्तुओं की घोर किल्लत हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि भूख का युद्ध के हथियार के तौर पर उपयोग किया जा रहा है. टिप्पणियां कनाडा की अध्यक्षता में 27 देशों ने महासभा की बैठक बुलाई थी, जिसका उद्देश्य शांति प्रयासों को पुनर्जीवित करने और बम हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद द्वारा कार्रवाई करने में नाकाम रहने के कारण उत्पन्न गतिरोध दूर करना था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक विशेष बैठक में कहा कि 22 सितंबर को सीरिया सरकार द्वारा, पांच साल से जारी गृह युद्ध में विद्रोहियों के खिलाफ अब तक का सर्वाधिक तेज अभियान शुरू किए जाने के बाद अलेप्पो के पूर्वी हिस्से में हवाई हमले किए गए. पूर्वी अलेप्पो पर विद्रोहियों की पकड़ है. बान के अनुसार, इन हवाई हमलों के भयावह नतीजे सामने आए हैं. हमले में कम से कम 500 लोगों की जान चली गई और करीब 2,000 घायल हो गए हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं. बान ने चेताया कि 7 जुलाई के बाद से अलेप्पो में संयुक्त राष्ट्र का कोई राहत काफिला नहीं पहुंच पाया और अक्तूबर के अंत तक वहां राशन तथा आवश्यक वस्तुओं की घोर किल्लत हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि भूख का युद्ध के हथियार के तौर पर उपयोग किया जा रहा है. टिप्पणियां कनाडा की अध्यक्षता में 27 देशों ने महासभा की बैठक बुलाई थी, जिसका उद्देश्य शांति प्रयासों को पुनर्जीवित करने और बम हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद द्वारा कार्रवाई करने में नाकाम रहने के कारण उत्पन्न गतिरोध दूर करना था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पूर्वी अलेप्पो पर विद्रोहियों की पकड़ है. बान के अनुसार, इन हवाई हमलों के भयावह नतीजे सामने आए हैं. हमले में कम से कम 500 लोगों की जान चली गई और करीब 2,000 घायल हो गए हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं. बान ने चेताया कि 7 जुलाई के बाद से अलेप्पो में संयुक्त राष्ट्र का कोई राहत काफिला नहीं पहुंच पाया और अक्तूबर के अंत तक वहां राशन तथा आवश्यक वस्तुओं की घोर किल्लत हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि भूख का युद्ध के हथियार के तौर पर उपयोग किया जा रहा है. टिप्पणियां कनाडा की अध्यक्षता में 27 देशों ने महासभा की बैठक बुलाई थी, जिसका उद्देश्य शांति प्रयासों को पुनर्जीवित करने और बम हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद द्वारा कार्रवाई करने में नाकाम रहने के कारण उत्पन्न गतिरोध दूर करना था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बान ने चेताया कि 7 जुलाई के बाद से अलेप्पो में संयुक्त राष्ट्र का कोई राहत काफिला नहीं पहुंच पाया और अक्तूबर के अंत तक वहां राशन तथा आवश्यक वस्तुओं की घोर किल्लत हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि भूख का युद्ध के हथियार के तौर पर उपयोग किया जा रहा है. टिप्पणियां कनाडा की अध्यक्षता में 27 देशों ने महासभा की बैठक बुलाई थी, जिसका उद्देश्य शांति प्रयासों को पुनर्जीवित करने और बम हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद द्वारा कार्रवाई करने में नाकाम रहने के कारण उत्पन्न गतिरोध दूर करना था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कनाडा की अध्यक्षता में 27 देशों ने महासभा की बैठक बुलाई थी, जिसका उद्देश्य शांति प्रयासों को पुनर्जीवित करने और बम हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद द्वारा कार्रवाई करने में नाकाम रहने के कारण उत्पन्न गतिरोध दूर करना था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: प्रधानमंत्री ने असम के लिए 500 करोड़ रुपये घोषित किए
यह एक लेख है: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित असम के लिए सोमवार को 500 करोड़ रुपये की सहायता घोषित की। राज्य में बाढ़ के कारण तकरीबन 65 लोगों की मौत हो चुकी है और कृषि भूमि सहित राज्य का एक विशाल भूभाग पानी में डूब गया है। राहत की यह घोषणा मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राज्य के कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों का सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किए जाने के बाद की गई। प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी के पास स्थित एलजीबीआई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया के समक्ष एक बयान पढ़ते हुए कहा, "राज्य को तत्काल राहत के लिए 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। एक केंद्रीय दल राज्य में बाढ़ से हुए कुल नुकसान का आकलन शुरू करेगा और केंद्रीय दल के आकलन के आधार पर राज्य सरकार को सभी आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।" राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ से राज्य के 27 जिले प्रभावित हैं, और रविवार तक बाढ़ में कम से कम 65 लोग मारे जा चुके थे। पिछले दो सप्ताहों के दौरान 16 अन्य लोग भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए थे। प्रधानमंत्री असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमदिंग-बदरपुर पर्वतीय खण्ड में रेल मार्ग की बहाली के लिए अत्याधुनिक प्रयासों का आश्वासन भी दिया। रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है। चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। राज्य में बाढ़ के कारण तकरीबन 65 लोगों की मौत हो चुकी है और कृषि भूमि सहित राज्य का एक विशाल भूभाग पानी में डूब गया है। राहत की यह घोषणा मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राज्य के कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों का सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किए जाने के बाद की गई। प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी के पास स्थित एलजीबीआई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया के समक्ष एक बयान पढ़ते हुए कहा, "राज्य को तत्काल राहत के लिए 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। एक केंद्रीय दल राज्य में बाढ़ से हुए कुल नुकसान का आकलन शुरू करेगा और केंद्रीय दल के आकलन के आधार पर राज्य सरकार को सभी आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।" राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ से राज्य के 27 जिले प्रभावित हैं, और रविवार तक बाढ़ में कम से कम 65 लोग मारे जा चुके थे। पिछले दो सप्ताहों के दौरान 16 अन्य लोग भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए थे। प्रधानमंत्री असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमदिंग-बदरपुर पर्वतीय खण्ड में रेल मार्ग की बहाली के लिए अत्याधुनिक प्रयासों का आश्वासन भी दिया। रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है। चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। राहत की यह घोषणा मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राज्य के कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों का सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किए जाने के बाद की गई। प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी के पास स्थित एलजीबीआई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया के समक्ष एक बयान पढ़ते हुए कहा, "राज्य को तत्काल राहत के लिए 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। एक केंद्रीय दल राज्य में बाढ़ से हुए कुल नुकसान का आकलन शुरू करेगा और केंद्रीय दल के आकलन के आधार पर राज्य सरकार को सभी आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।" राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ से राज्य के 27 जिले प्रभावित हैं, और रविवार तक बाढ़ में कम से कम 65 लोग मारे जा चुके थे। पिछले दो सप्ताहों के दौरान 16 अन्य लोग भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए थे। प्रधानमंत्री असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमदिंग-बदरपुर पर्वतीय खण्ड में रेल मार्ग की बहाली के लिए अत्याधुनिक प्रयासों का आश्वासन भी दिया। रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है। चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी के पास स्थित एलजीबीआई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया के समक्ष एक बयान पढ़ते हुए कहा, "राज्य को तत्काल राहत के लिए 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। एक केंद्रीय दल राज्य में बाढ़ से हुए कुल नुकसान का आकलन शुरू करेगा और केंद्रीय दल के आकलन के आधार पर राज्य सरकार को सभी आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।" राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ से राज्य के 27 जिले प्रभावित हैं, और रविवार तक बाढ़ में कम से कम 65 लोग मारे जा चुके थे। पिछले दो सप्ताहों के दौरान 16 अन्य लोग भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए थे। प्रधानमंत्री असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमदिंग-बदरपुर पर्वतीय खण्ड में रेल मार्ग की बहाली के लिए अत्याधुनिक प्रयासों का आश्वासन भी दिया। रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है। चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ से राज्य के 27 जिले प्रभावित हैं, और रविवार तक बाढ़ में कम से कम 65 लोग मारे जा चुके थे। पिछले दो सप्ताहों के दौरान 16 अन्य लोग भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए थे। प्रधानमंत्री असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमदिंग-बदरपुर पर्वतीय खण्ड में रेल मार्ग की बहाली के लिए अत्याधुनिक प्रयासों का आश्वासन भी दिया। रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है। चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। प्रधानमंत्री असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमदिंग-बदरपुर पर्वतीय खण्ड में रेल मार्ग की बहाली के लिए अत्याधुनिक प्रयासों का आश्वासन भी दिया। रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है। चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। रेल मंत्रालय को रेल मार्गो को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, क्योंकि असम की बराक घाटी तथा पड़ोसी मिजोरम और त्रिपुरा के लोगों के लिए यह जीवन रेखा है। चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। चूंकि कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी घट रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह ने कहा कि फिलहाल प्राथमिक ध्यान उन लोगों को बचाने पर और उन्हें राहत मुहैया कराने पर दिया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों में असहाय पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। प्रधानमंत्री ने इसके पहले बाढ़ और भूस्खलनों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के रिश्तेदार के लिए एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार भी प्रत्येक पीड़ित को 2.5 लाख रुपये देगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 700 से अधिक सैन्यकर्मियों, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल तैनात हैं, जिसमें 600 कर्मी और 71 नौकाएं शामिल हैं। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। मनमोहन ने कहा, "अबतक राज्य में कुल 4,000 लोगों को बचाया जा चुका है और असहाय लोगों की मदद के लिए वायु सेना द्वारा 20 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।"टिप्पणियां मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। मनमोहन ने कहा, "बाढ़ से बेघर हुए कुल 4.84 लाख लोगों ने राज्य भर में 768 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। राहत शिविर में निवास कर रहे शरणार्थियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई गई है।" इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। इस बीच असम गण परिषद (अगप), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों सहित असम की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है।
9
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: लाफार्ज को मेघालय में खनन की मिली अनुमति
यह लेख है: सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांसीसी सीमेंट कंपनी लाफार्ज को मेघालय में पूर्वी खासी की पहाड़ियों में चूना-पत्थर की खुदाई की अनुमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली विशेष वन पीठ ने मेघालय के वनों में खनन की अनुमति देने संबंधी लाफार्ज की याचिका को स्वीकार कर लिया। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने अपनी संशोधित रपट में लाफार्ज की परियोजना को जो मंजूरी दी थी, न्यायालय ने उसे सही ठहराया है। न्यायालय ने कहा, हम मंत्रालय (के निर्णय) से संतुष्ट हैं, क्योंकि उसने पूरा निरीक्षण आदि कर लिया था। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस मामले में दी गई दो अलग-अगल रपट का कारण पूछने का कोई तुक नहीं बनता। उल्लेखनीय है कि सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने 10 मई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इससे पहले 5 जनवरी, 2010 को उच्चतम न्यायालय ने लाफार्ज द्वारा मेघालय में पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में चूना पत्थर के खनन पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पर्यावरण मंत्रालय ने पिछली अप्रैल में लाफार्ज को संशोधित पर्यावरणीय मंजूरी जारी की। उल्लेखनीय है कि लाफार्ज बांग्लादेश में छटक में 22.5 करोड़ डॉलर के निवेश से सुरमा सीमेंट परियोजना लगा रही है। यह कारखाना चूने-पत्थर के लिए पूरी तरह से भारत में पूर्वी खासी की पहाड़ियों में पाए जाने वाले चूना-पत्थर पर निर्भर करेगा। कंपनी वहां से 17 किलोमीटर लंबे कन्वेयर बेल्ट (घूमते पट्टे) के जरिए चूना-पत्थर को बांग्लादेश में अपने कारखाने तक भेजेगी।
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: 'नए अंतरिक्ष उत्पाद विकसित करेगा भारत'
यह लेख है: रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सोमवार को कहा कि भारत अपनी सुरक्षा जरूरतों की पूर्ति के लिए नई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं उत्पाद विकसित करेगा। एंटनी ने यहां अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा, "हमने अपने सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी करने के लिए कई चुनौतीपूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रम विकसित करने का एक महत्वाकांक्षी खाका तैयार किया है।" सरकारी रक्षा इकाइयों को गुणवत्ता सुधारने एवं सशस्त्र बलों के साथ आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए झकझोरते हुए एंटनी ने कहा कि यह समय की जरूरत है कि सुरक्षा सम्बंधी चिंताओं एवं अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए घरेलू प्रणालियों का प्रतिशत बढ़ाया जाए। विकसित किए जाने वाले अंतरिक्ष कार्यक्रमों में उन्नत किस्म के मध्यम लड़ाकू विमान (एमसीए), एयरोस्टैट, मानवरहित लड़ाकू विमान (यूसीए) वायुजनित पूर्व चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली (एईडब्ल्यू एंड सीएस), मध्यम ऊंचाई लम्बी दूरी वाला मानवरहित विमान रुस्तम और गैस टर्बाइन इंजन कावेरी शामिल हैं। एंटनी ने संगोष्ठी में उपस्थित लगभग 800 प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा, "यद्यपि यह खाका रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठानों एवं निजी उद्योग के लिए अपार अवसर उपलब्ध कराता है, लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण बात स्वदेशीकरण एवं आत्मनिर्भरता है, क्योंकि यहां तक कि कोई मित्र देश भी सामरिक उद्देश्यों के लिए अपनी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को नहीं देना चाहता।" घरेलू स्तर पर विकसित किए गए हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस, प्रक्षेपास्त्र प्रणाली आकाश, मानवरहित विमान निशांत, पायलटरहित टार्गेट विमान लक्ष्य एवं वायुजनित पूर्व चेतावनी प्रणाली (एईडब्ल्यूएस) के विकास के लिए अंतरिक्ष उद्योग की प्रशंसा करते हुए एंटनी ने कहा कि इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर विकास की गति बनाए रखने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सहयोग आवश्यक है। एंटनी ने कहा, "यद्यपि अधिक विलम्ब के लिए तेजस की अक्सर आलोचना हुई है, लेकिन हमने एक विश्वस्तरीय विमान बनाने की कोशिश की है। दुनियाभर में जहां उत्पाद के पहले प्रौद्योगिकी सामने आती है, वहीं हमने एलसीए के मामले में दोनों काम एक साथ करने की कोशिश की, क्योंकि हमें प्रौद्योगिकी देने से इनकार कर दिया गया था और हमें कठिन तरीके से समस्या का समाधान करना करना था।" इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री एमएम पल्लम राजू, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल पीवी नाइक, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार वीके सारस्वत और सरकार संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के प्रमुख नियंत्रक प्रहलाद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
8
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: सचिन का 200वां टेस्ट : धोनी ने कहा, शतक की गारंटी नहीं, चाहता हूं सचिन लुत्फ उठाएं
सचिन तेंदुलकर के संन्यास को लेकर चल रही हाईप जब अपने चरम पर पहुंच गई है, तब भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि इस सीनियर बल्लेबाज को अपने अंतिम टेस्ट मैच का पूरी तरह लुत्फ उठाना चाहिए, क्योंकि विदाई मैच में शतक की कोई गारंटी नहीं है, जिसकी उम्मीद उनके सभी प्रशंसक कर रहे हैं। धोनी से मैच की पूर्व संध्या पर संन्यास लेने वाले महान खिलाड़ी के बारे में कई सवाल पूछे गए और भारतीय कप्तान ने व्यावहारिक जवाब देते हुए कहा, मैं चाहूंगा कि वह (तेंदुलकर) अपने अंतिम टेस्ट मैच में खेल का लुत्फ उठाएं। आप उनसे शतक, दोहरा शतक या तिहरा शतक चाहते हैं, लेकिन आप प्रदर्शन की गारंटी नहीं ले सकते। लेकिन धोनी निश्चित रूप से 'मैन विद द गोल्डन आर्म' तेंदुलकर से कुछ विकेट चाहते हैं। उन्होंने कहा, यह उनका अंतिम टेस्ट मैच है, मैं चाहता हूं कि वह इसका पूरी तरह से लुत्फ उठाएं और हमारे लिए कुछ विकेट हासिल करें। इसमें मजा आएगा, क्योंकि विकेट पर कुछ टर्न और उछाल है। यह तो निश्चित ही था कि सारे सवाल परोक्ष या अपरोक्ष रूप से तेंदुलकर से संबंधित थे, लेकिन धोनी ने जोर दिया कि ध्यान सिर्फ मैच पर है, क्योंकि ध्यान भंग करने का मतलब नहीं है।
2
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: राफेल : पीएम को चोर कहने की परंपरा है हमारे यहां
यह लेख है: राफेल मामले पर बयानबाजी एकदम निचले स्तर पर पहुंचती जा रही है. राफेल मामले पर राहुल गांधी ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान के बाद कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने हमारे पीएम को चोर कहा है..फिर क्या था सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री का मजाक बनाया जाने लगा..सोशल मीडिया पर मेरा पीएम चोर है जैसे जुमलों की बाढ़ आ गई ..वहां पर जैसे मानो कि चोर-चोर का शोर होने लगा... केन्द्रीय कानून मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी बेशर्म और गैरजिम्मेदार हैं...यही नहीं प्रसाद ने आगे कहा कि हमारा आरोप है कि राहुल गांधी के परिवार को कमीशन नहीं मिला इसलिए राफेल डील को दुबारा 2012 में किया गया. राहुल गांधी का परिवार बिना कमीशन काम नहीं करता चाहे वो बोफोर्स हो, 2जी हो या कोयला घोटाला हो. बीजेपी को इस बात का गुस्सा है कि पीएम को चोर क्यों बताया जा रहा है. रविशंकर प्रसाद को जवाब दिया कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का नाम बदलकर मोदी बाबा चालीस चोर रख देना चाहिए और रविशंकर प्रसाद आरोपों का जवाब गाली से दे रहे हैं. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार पाकिस्तान की आड़ में छुप रही है. टेंडर ही 2012 में खुला तो 2008 की बात कैसे? एक झूठ छिपाने के लिए बहुत छूट बोलने पड़ते हैं. साथ ही सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि मोदी अंबानी के पीएम हैं या देश के? मगर भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री को चोर कहना कोई नई बात नहीं है. हमारे यहां पीएम को चोर बोलने का एक गैारवशाली इतिहास रहा है. साल 2013 में तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चोर बोला गया. यूपीए सरकार के समय पीएम चोर है हैश टैग खूब चला. बीजेपी आईटी सेल की तरफ से ट्वीट किया गया कि कल पूरा देश जान जाएगा कि हमारा पीएम चोर है. भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने लिखा था कि पीएम चोर है, नहीं यह सरकार चोरों की बारात है, भष्ट्र, हेल्पलेस, पपेट पीएम... अब थोड़े और पीछे चलते हैं.. राजीव गांधी के समय जब बोफोर्स का मामला आया था तब विपक्ष ने नारा दिया था कि गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है. मगर अब जब हालात पलट रहे हैं तो रविशंकर प्रसाद को यही नारा नागवार लग रहा है. सबसे बड़ा सवाल है कि मुद्दों पर बात क्यों नहीं हो रही है. यदि आरोप लग रहा है तो सरकार उन सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक क्यों नहीं करती. सरकार क्यों नहीं कहती कि वो राफेल पर श्वेत पत्र लाने के लिए तैयार है. यही तो संशय की स्थिति पैदा होती है, क्या कुछ छुपाया जा रहा है? रही सही कसर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान ने पूरी कर दी है.टिप्पणियां हालात ये हो गए हैं कि एक पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है, कुछ इल्जाम लगाती है, दूसरा घंटे भर के भीतर नया आरोप लेकर आ जाता है...भारतीय राजनीति के इस काजल की कोठरी के युग में सब एक-दूसरे को कालिख पोत रहे हैं और चोर साबित करने पर तुले हैं..मगर सवाल फिर भी वही रहेगा कि जब फ्रांस सरकार या डेसाल्ट कंपनी की तरफ से यह बार-बार कहा जा रहा है कि उनकी बात तो हिंदुस्तान ऐरोनोटिक्स लिमिटेड से हो रही थी, आखिर ये सौदा एक निजी कंपनी को कैसे चला गया, जिसे किसी भी तरह के हथियार बनाने का कोई अनुभव नहीं है.मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं... डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है. केन्द्रीय कानून मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी बेशर्म और गैरजिम्मेदार हैं...यही नहीं प्रसाद ने आगे कहा कि हमारा आरोप है कि राहुल गांधी के परिवार को कमीशन नहीं मिला इसलिए राफेल डील को दुबारा 2012 में किया गया. राहुल गांधी का परिवार बिना कमीशन काम नहीं करता चाहे वो बोफोर्स हो, 2जी हो या कोयला घोटाला हो. बीजेपी को इस बात का गुस्सा है कि पीएम को चोर क्यों बताया जा रहा है. रविशंकर प्रसाद को जवाब दिया कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का नाम बदलकर मोदी बाबा चालीस चोर रख देना चाहिए और रविशंकर प्रसाद आरोपों का जवाब गाली से दे रहे हैं. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार पाकिस्तान की आड़ में छुप रही है. टेंडर ही 2012 में खुला तो 2008 की बात कैसे? एक झूठ छिपाने के लिए बहुत छूट बोलने पड़ते हैं. साथ ही सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि मोदी अंबानी के पीएम हैं या देश के? मगर भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री को चोर कहना कोई नई बात नहीं है. हमारे यहां पीएम को चोर बोलने का एक गैारवशाली इतिहास रहा है. साल 2013 में तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चोर बोला गया. यूपीए सरकार के समय पीएम चोर है हैश टैग खूब चला. बीजेपी आईटी सेल की तरफ से ट्वीट किया गया कि कल पूरा देश जान जाएगा कि हमारा पीएम चोर है. भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने लिखा था कि पीएम चोर है, नहीं यह सरकार चोरों की बारात है, भष्ट्र, हेल्पलेस, पपेट पीएम... अब थोड़े और पीछे चलते हैं.. राजीव गांधी के समय जब बोफोर्स का मामला आया था तब विपक्ष ने नारा दिया था कि गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है. मगर अब जब हालात पलट रहे हैं तो रविशंकर प्रसाद को यही नारा नागवार लग रहा है. सबसे बड़ा सवाल है कि मुद्दों पर बात क्यों नहीं हो रही है. यदि आरोप लग रहा है तो सरकार उन सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक क्यों नहीं करती. सरकार क्यों नहीं कहती कि वो राफेल पर श्वेत पत्र लाने के लिए तैयार है. यही तो संशय की स्थिति पैदा होती है, क्या कुछ छुपाया जा रहा है? रही सही कसर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान ने पूरी कर दी है.टिप्पणियां हालात ये हो गए हैं कि एक पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है, कुछ इल्जाम लगाती है, दूसरा घंटे भर के भीतर नया आरोप लेकर आ जाता है...भारतीय राजनीति के इस काजल की कोठरी के युग में सब एक-दूसरे को कालिख पोत रहे हैं और चोर साबित करने पर तुले हैं..मगर सवाल फिर भी वही रहेगा कि जब फ्रांस सरकार या डेसाल्ट कंपनी की तरफ से यह बार-बार कहा जा रहा है कि उनकी बात तो हिंदुस्तान ऐरोनोटिक्स लिमिटेड से हो रही थी, आखिर ये सौदा एक निजी कंपनी को कैसे चला गया, जिसे किसी भी तरह के हथियार बनाने का कोई अनुभव नहीं है.मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं... डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है. रविशंकर प्रसाद को जवाब दिया कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का नाम बदलकर मोदी बाबा चालीस चोर रख देना चाहिए और रविशंकर प्रसाद आरोपों का जवाब गाली से दे रहे हैं. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार पाकिस्तान की आड़ में छुप रही है. टेंडर ही 2012 में खुला तो 2008 की बात कैसे? एक झूठ छिपाने के लिए बहुत छूट बोलने पड़ते हैं. साथ ही सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि मोदी अंबानी के पीएम हैं या देश के? मगर भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री को चोर कहना कोई नई बात नहीं है. हमारे यहां पीएम को चोर बोलने का एक गैारवशाली इतिहास रहा है. साल 2013 में तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चोर बोला गया. यूपीए सरकार के समय पीएम चोर है हैश टैग खूब चला. बीजेपी आईटी सेल की तरफ से ट्वीट किया गया कि कल पूरा देश जान जाएगा कि हमारा पीएम चोर है. भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने लिखा था कि पीएम चोर है, नहीं यह सरकार चोरों की बारात है, भष्ट्र, हेल्पलेस, पपेट पीएम... अब थोड़े और पीछे चलते हैं.. राजीव गांधी के समय जब बोफोर्स का मामला आया था तब विपक्ष ने नारा दिया था कि गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है. मगर अब जब हालात पलट रहे हैं तो रविशंकर प्रसाद को यही नारा नागवार लग रहा है. सबसे बड़ा सवाल है कि मुद्दों पर बात क्यों नहीं हो रही है. यदि आरोप लग रहा है तो सरकार उन सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक क्यों नहीं करती. सरकार क्यों नहीं कहती कि वो राफेल पर श्वेत पत्र लाने के लिए तैयार है. यही तो संशय की स्थिति पैदा होती है, क्या कुछ छुपाया जा रहा है? रही सही कसर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान ने पूरी कर दी है.टिप्पणियां हालात ये हो गए हैं कि एक पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है, कुछ इल्जाम लगाती है, दूसरा घंटे भर के भीतर नया आरोप लेकर आ जाता है...भारतीय राजनीति के इस काजल की कोठरी के युग में सब एक-दूसरे को कालिख पोत रहे हैं और चोर साबित करने पर तुले हैं..मगर सवाल फिर भी वही रहेगा कि जब फ्रांस सरकार या डेसाल्ट कंपनी की तरफ से यह बार-बार कहा जा रहा है कि उनकी बात तो हिंदुस्तान ऐरोनोटिक्स लिमिटेड से हो रही थी, आखिर ये सौदा एक निजी कंपनी को कैसे चला गया, जिसे किसी भी तरह के हथियार बनाने का कोई अनुभव नहीं है.मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं... डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है. मगर भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री को चोर कहना कोई नई बात नहीं है. हमारे यहां पीएम को चोर बोलने का एक गैारवशाली इतिहास रहा है. साल 2013 में तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चोर बोला गया. यूपीए सरकार के समय पीएम चोर है हैश टैग खूब चला. बीजेपी आईटी सेल की तरफ से ट्वीट किया गया कि कल पूरा देश जान जाएगा कि हमारा पीएम चोर है. भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने लिखा था कि पीएम चोर है, नहीं यह सरकार चोरों की बारात है, भष्ट्र, हेल्पलेस, पपेट पीएम... अब थोड़े और पीछे चलते हैं.. राजीव गांधी के समय जब बोफोर्स का मामला आया था तब विपक्ष ने नारा दिया था कि गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है. मगर अब जब हालात पलट रहे हैं तो रविशंकर प्रसाद को यही नारा नागवार लग रहा है. सबसे बड़ा सवाल है कि मुद्दों पर बात क्यों नहीं हो रही है. यदि आरोप लग रहा है तो सरकार उन सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक क्यों नहीं करती. सरकार क्यों नहीं कहती कि वो राफेल पर श्वेत पत्र लाने के लिए तैयार है. यही तो संशय की स्थिति पैदा होती है, क्या कुछ छुपाया जा रहा है? रही सही कसर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान ने पूरी कर दी है.टिप्पणियां हालात ये हो गए हैं कि एक पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है, कुछ इल्जाम लगाती है, दूसरा घंटे भर के भीतर नया आरोप लेकर आ जाता है...भारतीय राजनीति के इस काजल की कोठरी के युग में सब एक-दूसरे को कालिख पोत रहे हैं और चोर साबित करने पर तुले हैं..मगर सवाल फिर भी वही रहेगा कि जब फ्रांस सरकार या डेसाल्ट कंपनी की तरफ से यह बार-बार कहा जा रहा है कि उनकी बात तो हिंदुस्तान ऐरोनोटिक्स लिमिटेड से हो रही थी, आखिर ये सौदा एक निजी कंपनी को कैसे चला गया, जिसे किसी भी तरह के हथियार बनाने का कोई अनुभव नहीं है.मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं... डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है. अब थोड़े और पीछे चलते हैं.. राजीव गांधी के समय जब बोफोर्स का मामला आया था तब विपक्ष ने नारा दिया था कि गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है. मगर अब जब हालात पलट रहे हैं तो रविशंकर प्रसाद को यही नारा नागवार लग रहा है. सबसे बड़ा सवाल है कि मुद्दों पर बात क्यों नहीं हो रही है. यदि आरोप लग रहा है तो सरकार उन सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक क्यों नहीं करती. सरकार क्यों नहीं कहती कि वो राफेल पर श्वेत पत्र लाने के लिए तैयार है. यही तो संशय की स्थिति पैदा होती है, क्या कुछ छुपाया जा रहा है? रही सही कसर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान ने पूरी कर दी है.टिप्पणियां हालात ये हो गए हैं कि एक पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है, कुछ इल्जाम लगाती है, दूसरा घंटे भर के भीतर नया आरोप लेकर आ जाता है...भारतीय राजनीति के इस काजल की कोठरी के युग में सब एक-दूसरे को कालिख पोत रहे हैं और चोर साबित करने पर तुले हैं..मगर सवाल फिर भी वही रहेगा कि जब फ्रांस सरकार या डेसाल्ट कंपनी की तरफ से यह बार-बार कहा जा रहा है कि उनकी बात तो हिंदुस्तान ऐरोनोटिक्स लिमिटेड से हो रही थी, आखिर ये सौदा एक निजी कंपनी को कैसे चला गया, जिसे किसी भी तरह के हथियार बनाने का कोई अनुभव नहीं है.मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं... डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है. हालात ये हो गए हैं कि एक पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है, कुछ इल्जाम लगाती है, दूसरा घंटे भर के भीतर नया आरोप लेकर आ जाता है...भारतीय राजनीति के इस काजल की कोठरी के युग में सब एक-दूसरे को कालिख पोत रहे हैं और चोर साबित करने पर तुले हैं..मगर सवाल फिर भी वही रहेगा कि जब फ्रांस सरकार या डेसाल्ट कंपनी की तरफ से यह बार-बार कहा जा रहा है कि उनकी बात तो हिंदुस्तान ऐरोनोटिक्स लिमिटेड से हो रही थी, आखिर ये सौदा एक निजी कंपनी को कैसे चला गया, जिसे किसी भी तरह के हथियार बनाने का कोई अनुभव नहीं है.मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं... डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है. मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं... डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.  डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.
2
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: लाल कार्ड दिखाए जाने पर भड़के नेमार
ब्राजील की फुटबॉल टीम के कप्तान और स्टार खिलाड़ी नेमार ने कोपा अमेरिका में कोलंबिया के खिलाफ मुकाबले के ठीक बाद रेफरी द्वारा उन्हें लाल कार्ड दिखाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। इस मैच में ब्राजील को 0-1 से हार का सामना करना पड़ा।   इस हार के साथ ही पिछले साल फीफा विश्व कप के बाद ब्राजील के लगातार 11 जीतों का सिलसिला भी टूट गया।   कोपा अमेरिका टूर्नामेंट में बुधवार को खेले गए इस मैच में कोलंबिया की ओर से निर्णायक गोल 36वें मिनट में जिसेन मुरिलो ने दागा। मैच के ठीक बाद हालांकि नेमार ने जानबूझकर कोलंबियाई डिफेंडर पाब्लो अर्मेरो की ओर गेंद फेंकी और फिर इस विवाद में बीचबचाव करने आए मुरिलो को भी अपने सिर से मारने की कोशिश की।   इस घटनाक्रम के बीच दोनों टीमों के और भी खिलाड़ी आपस में उलझ पड़े। आखिरकार रेफरी ने नेमार और कोलंबिया के कार्लोस बाका को लाल कार्ड दिखा दिया।   वेबसाइट गोल डॉट कॉम के अनुसार, नेमार ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'नियम हमेशा मेरे खिलाफ ही इस्तेमाल किए जाते हैं। मैच के दौरान भी गेंद पर हाथ लगाने के लिए मुझे पीला कार्ड दिखाया गया जबकि मैंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया था। मैं गिर रहा था और गेंद मेरे हाथ में जा लगी।'   लाल कार्ड दिखाए जाने के बाद अब नेमार रविवार को वेनेजुएला के खिलाफ मैच में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
9
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: जीत के बाद बोले विराट कोहली, 'अगर हमें अच्छी शुरूआत मिलती तो सोचिए स्कोर क्या होता'
इंग्लैंड पर शानदार जीत पर कप्तान विराट कोहली खुश तो नज़र आए मगर संतुष्ट नहीं. उन्होंने कहा कि टीम को सलामी बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर अभी और काम करना होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम अपनी क्षमता का पूरा दोहन नहीं कर पा रही है. बता दें कि गुरुवार को खेल गए मैच में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही. टीम ने महज 25 के स्कोर तक तीन अहम विकेट गंवा दिए. अगर युवराज सिंह (150) और महेंद्र सिंह धोनी (134) ने तूफानी साझेदारी नहीं खेली होती तो टीम की हालत कुछ और ही होती. इस बात को लेकर कप्तान ने अच्छी शुरुआत न दिला पाने के लिए सलामी जोड़ी को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कोहली ने मैच के बाद कहा, 'यदि शीर्ष क्रम ने भी अच्छा प्रदर्शन किया होता तो हम इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे. मुझे हैरानी इस पर हो रही है कि अगर हमें अच्छी शुरूआत मिलती तो फिर हमारा स्कोर क्या होता.' गेंदबाजी पर भी उन्होंने कहा, 'हम जानते थे कि हमें विकेट लेने होंगे लेकिन हम दिन के सबसे मुश्किल समय में गेंदबाजी कर रहे थे.'टिप्पणियां उधर, इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा, "हम फिर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए. इतना करीब पहुंचकर जीत हासिल नहीं करना निराशाजनक है. धोनी और युवराज के लिए गेंदबाजी करना मुश्किल था. हमने बाद में अच्छी चुनौती पेश की. हमें विश्वास था कि हम लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. विश्वास था लेकिन हमारे पास उस के लायक कौशल नहीं था." इस मैच में युवराज को उनकी जबर्दस्त पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. उन्होंने कहा कि यह उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी. युवराज ने कहा, 'यह संभवत: मेरी सर्वश्रेष्ठ पारी है. मैंने निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरूआत की थी लेकिन ऊपरी क्रम में आने पर आपको अधिक गेंदें खेलने को मिलती हैं.' युवराज ने कहा कि जब आप 30 के पार हो जाते हैं तो आपको अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. कोहली ने मैच के बाद कहा, 'यदि शीर्ष क्रम ने भी अच्छा प्रदर्शन किया होता तो हम इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे. मुझे हैरानी इस पर हो रही है कि अगर हमें अच्छी शुरूआत मिलती तो फिर हमारा स्कोर क्या होता.' गेंदबाजी पर भी उन्होंने कहा, 'हम जानते थे कि हमें विकेट लेने होंगे लेकिन हम दिन के सबसे मुश्किल समय में गेंदबाजी कर रहे थे.'टिप्पणियां उधर, इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा, "हम फिर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए. इतना करीब पहुंचकर जीत हासिल नहीं करना निराशाजनक है. धोनी और युवराज के लिए गेंदबाजी करना मुश्किल था. हमने बाद में अच्छी चुनौती पेश की. हमें विश्वास था कि हम लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. विश्वास था लेकिन हमारे पास उस के लायक कौशल नहीं था." इस मैच में युवराज को उनकी जबर्दस्त पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. उन्होंने कहा कि यह उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी. युवराज ने कहा, 'यह संभवत: मेरी सर्वश्रेष्ठ पारी है. मैंने निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरूआत की थी लेकिन ऊपरी क्रम में आने पर आपको अधिक गेंदें खेलने को मिलती हैं.' युवराज ने कहा कि जब आप 30 के पार हो जाते हैं तो आपको अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. उधर, इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा, "हम फिर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए. इतना करीब पहुंचकर जीत हासिल नहीं करना निराशाजनक है. धोनी और युवराज के लिए गेंदबाजी करना मुश्किल था. हमने बाद में अच्छी चुनौती पेश की. हमें विश्वास था कि हम लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. विश्वास था लेकिन हमारे पास उस के लायक कौशल नहीं था." इस मैच में युवराज को उनकी जबर्दस्त पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. उन्होंने कहा कि यह उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी. युवराज ने कहा, 'यह संभवत: मेरी सर्वश्रेष्ठ पारी है. मैंने निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरूआत की थी लेकिन ऊपरी क्रम में आने पर आपको अधिक गेंदें खेलने को मिलती हैं.' युवराज ने कहा कि जब आप 30 के पार हो जाते हैं तो आपको अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. इस मैच में युवराज को उनकी जबर्दस्त पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. उन्होंने कहा कि यह उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी. युवराज ने कहा, 'यह संभवत: मेरी सर्वश्रेष्ठ पारी है. मैंने निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरूआत की थी लेकिन ऊपरी क्रम में आने पर आपको अधिक गेंदें खेलने को मिलती हैं.' युवराज ने कहा कि जब आप 30 के पार हो जाते हैं तो आपको अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.
13
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: श्रीनिवासन के ICC में प्रतिनिधि बनने पर बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड मुस्तफा के अपमान का ले सकता है बदला
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड 2015 के वर्ल्ड कप में मुस्तफा कमाल के अपमान का बदला बीसीसीआई से ले सकता है, जिससे भरतीय बोर्ड को आईसीसी के सामने हार का भी समाना करना पड़ा सकता है. खबरों के अनुसार अगर बीसीसीआई एन श्रीनिवासन को अपने प्रतिनिधि के रूप में विश्व संस्था की बोर्ड बैठक में भेजने का फैसला करता है तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड के आईसीसी में प्रस्तावित संवैधानिक और वित्तीय सुधारों को रोकने के कदम को करारा झटका लग सकता है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि ज्यादातर राज्य इकाइयां बीसीसीआई की विशेष आम बैठक में श्रीनिवासन का समर्थन करेंगी जो 9 अप्रैल को प्रस्तावित है लेकिन इस कदम का मतलब है कि बांग्लादेश और श्रीलंका फिर भारत का समर्थन नहीं करेंगे.टिप्पणियां बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने रविवार को पीटीआई से कहा, ‘बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) श्रीनिवासन से काफी सतर्क हैं. वे ऑस्ट्रेलिया में 2015 विश्व कप में आईसीसी अध्यक्ष मुस्तफा कमाल के अपमान को नहीं भूले हैं. अगर श्रीनिवासन आईसीसी की बोर्ड बैठक में बीसीसीआई की पंसद होते हैं तो बांग्लादेश निश्चित रूप से भारत के साथ नहीं होगा.’ यहां तक कि श्रीलंका भी कुछ इसी तरह सोच रहा है, ऐसा ही जिम्बाब्वे के साथ है और भारत को इन सुधारों को रोकने के लिए तीन वोट की जरूरत है. सूत्र ने कहा, ‘अगर सुधारों का प्रस्ताव वोटिंग के लिए आता है और श्रीनिवासन बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं तो हैरानी की बात नहीं होगी अगर बीसीसीआई 1-9 से या 2-8 से हार जाए.’ पिछली दो आईसीसी बैठकों में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व विक्रम लिमाये ने किया था. आईसीसी की आम सालाना बैठक 27-28 अप्रैल को दुबई में कराई जाएगी. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि ज्यादातर राज्य इकाइयां बीसीसीआई की विशेष आम बैठक में श्रीनिवासन का समर्थन करेंगी जो 9 अप्रैल को प्रस्तावित है लेकिन इस कदम का मतलब है कि बांग्लादेश और श्रीलंका फिर भारत का समर्थन नहीं करेंगे.टिप्पणियां बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने रविवार को पीटीआई से कहा, ‘बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) श्रीनिवासन से काफी सतर्क हैं. वे ऑस्ट्रेलिया में 2015 विश्व कप में आईसीसी अध्यक्ष मुस्तफा कमाल के अपमान को नहीं भूले हैं. अगर श्रीनिवासन आईसीसी की बोर्ड बैठक में बीसीसीआई की पंसद होते हैं तो बांग्लादेश निश्चित रूप से भारत के साथ नहीं होगा.’ यहां तक कि श्रीलंका भी कुछ इसी तरह सोच रहा है, ऐसा ही जिम्बाब्वे के साथ है और भारत को इन सुधारों को रोकने के लिए तीन वोट की जरूरत है. सूत्र ने कहा, ‘अगर सुधारों का प्रस्ताव वोटिंग के लिए आता है और श्रीनिवासन बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं तो हैरानी की बात नहीं होगी अगर बीसीसीआई 1-9 से या 2-8 से हार जाए.’ पिछली दो आईसीसी बैठकों में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व विक्रम लिमाये ने किया था. आईसीसी की आम सालाना बैठक 27-28 अप्रैल को दुबई में कराई जाएगी. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने रविवार को पीटीआई से कहा, ‘बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) श्रीनिवासन से काफी सतर्क हैं. वे ऑस्ट्रेलिया में 2015 विश्व कप में आईसीसी अध्यक्ष मुस्तफा कमाल के अपमान को नहीं भूले हैं. अगर श्रीनिवासन आईसीसी की बोर्ड बैठक में बीसीसीआई की पंसद होते हैं तो बांग्लादेश निश्चित रूप से भारत के साथ नहीं होगा.’ यहां तक कि श्रीलंका भी कुछ इसी तरह सोच रहा है, ऐसा ही जिम्बाब्वे के साथ है और भारत को इन सुधारों को रोकने के लिए तीन वोट की जरूरत है. सूत्र ने कहा, ‘अगर सुधारों का प्रस्ताव वोटिंग के लिए आता है और श्रीनिवासन बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं तो हैरानी की बात नहीं होगी अगर बीसीसीआई 1-9 से या 2-8 से हार जाए.’ पिछली दो आईसीसी बैठकों में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व विक्रम लिमाये ने किया था. आईसीसी की आम सालाना बैठक 27-28 अप्रैल को दुबई में कराई जाएगी. सूत्र ने कहा, ‘अगर सुधारों का प्रस्ताव वोटिंग के लिए आता है और श्रीनिवासन बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं तो हैरानी की बात नहीं होगी अगर बीसीसीआई 1-9 से या 2-8 से हार जाए.’ पिछली दो आईसीसी बैठकों में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व विक्रम लिमाये ने किया था. आईसीसी की आम सालाना बैठक 27-28 अप्रैल को दुबई में कराई जाएगी.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: मारुति सुजुकी की बिक्री जुलाई में 25.3 फीसदी घटी
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कम्पनी मारुति सुजुकी ने जुलाई में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 25.33 फीसदी कम यानी 75,300 कारों की बिक्री की। कम्पनी ने सोमवार को एक बयान में बताया कि इसका कारण मांग में सुस्ती और उत्पादन में कमी है। कम्पनी ने स्विफ्ट डिजायर के सेडान मॉडल का उत्पादन मानेसर की जगह गुड़गांव स्थित संयंत्र में करने का फैसला किया था। इससे भी उत्पादन प्रभावित हुआ। जुलाई में कम्पनी ने 5471 स्विफ्ट डिजायर कारों की बिक्री की, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में काफी कम है। इसके अलावा सबसे ज्यादा बिकने वाली माडलों में से एक स्विफ्ट के नए संस्करण को मध्य अगस्त में बाजार में उतारने की योजना को देखते हुए कम्पनी ने इसका उत्पादन बंद कर दिया गया था। बयान में बताया गया कि कम्पनी ने जुलाई 2010 में 11,828 स्विफ्ट कारों की बिक्री की तुलना में चालू वित्त वर्ष के जुलाई में मात्र 348 कारों की आपूर्ति की। बयान के मुताबिक, "आटोमोबाइल बाजार में सुस्ती और उत्पादन में कटौती के कारण जुलाई 2010 की तुलना में इस जुलाई में 17,000 कारों की कम बिक्री हुई।" जुलाई में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में घरेलू बिक्री में 26.2 फीसदी की गिरावट आई और 66,504 कारों की बिक्री हुई। निर्यात में 18.1 फीसदी की गिरावट के साथ 8,796 कारों की बिक्री हुई।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: दवा या जहर : कीड़े मारने वाली दवा खाने के बाद छात्रा की मौत
यह एक लेख है: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में राष्‍ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस के दिन पेट के कीड़े मारने वाली दवा खाने के बाद बीमार हुए दो दर्जन से अधिक बच्चों में सलोनी नाम की कक्षा चार की छात्रा की उपचार के दौरान मौत हो गयी। बच्ची की मौत के बाद पिता राम प्रसाद सहित पूरा परिवार सदमे में है। पिता रामप्रसाद के अनुसर सलोनी ने स्कूल में कीड़े मारने वाली दवा खाई थी। गोली मीठी होने के चलते बच्ची ने 4 गोली खा ली जिसके बाद उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गयी।टिप्पणियां मृतक सलोनी के पिता का कहना है, 'सलोनी स्‍कूल में पढ़ती थी, बच्‍चों को कीड़ों वाली गोली मिली, मेरी बेटी ने 1 खाया या 4 पता नहीं, उल्‍टी करने लगी तो उसने कि उसने गोली खाई है। मुझे नहीं बताया कि कितनी खाई, इसने खाना नहीं खाया और गोली खाई।' बीते दिनों राष्ट्रिय कृमि दिवस के मौके पर सम्पूर्ण राज्य में बच्चों के पेट के कीड़ों की दवाई खिलाने का अभियान चलाया गया था। जिसमें दो दर्जन बच्चे बीमार हो गए थे। उपचार के दौरान एक मासूम छात्रा प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गयी। इस लापरवाही पर प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल उन दोषियों के विरुद्ध आखिर अभी तक कोई कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई। वहीं अस्पताल के एमएस ए.के. पांडे का कहना है कि उधम सिंह नगर के दो दर्जन बच्चों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। सलोनी नाम की बच्ची की मौत किन कारणों से हुयी, इस बात का सही पता अब पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा। बच्ची की मौत के बाद पिता राम प्रसाद सहित पूरा परिवार सदमे में है। पिता रामप्रसाद के अनुसर सलोनी ने स्कूल में कीड़े मारने वाली दवा खाई थी। गोली मीठी होने के चलते बच्ची ने 4 गोली खा ली जिसके बाद उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गयी।टिप्पणियां मृतक सलोनी के पिता का कहना है, 'सलोनी स्‍कूल में पढ़ती थी, बच्‍चों को कीड़ों वाली गोली मिली, मेरी बेटी ने 1 खाया या 4 पता नहीं, उल्‍टी करने लगी तो उसने कि उसने गोली खाई है। मुझे नहीं बताया कि कितनी खाई, इसने खाना नहीं खाया और गोली खाई।' बीते दिनों राष्ट्रिय कृमि दिवस के मौके पर सम्पूर्ण राज्य में बच्चों के पेट के कीड़ों की दवाई खिलाने का अभियान चलाया गया था। जिसमें दो दर्जन बच्चे बीमार हो गए थे। उपचार के दौरान एक मासूम छात्रा प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गयी। इस लापरवाही पर प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल उन दोषियों के विरुद्ध आखिर अभी तक कोई कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई। वहीं अस्पताल के एमएस ए.के. पांडे का कहना है कि उधम सिंह नगर के दो दर्जन बच्चों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। सलोनी नाम की बच्ची की मौत किन कारणों से हुयी, इस बात का सही पता अब पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा। मृतक सलोनी के पिता का कहना है, 'सलोनी स्‍कूल में पढ़ती थी, बच्‍चों को कीड़ों वाली गोली मिली, मेरी बेटी ने 1 खाया या 4 पता नहीं, उल्‍टी करने लगी तो उसने कि उसने गोली खाई है। मुझे नहीं बताया कि कितनी खाई, इसने खाना नहीं खाया और गोली खाई।' बीते दिनों राष्ट्रिय कृमि दिवस के मौके पर सम्पूर्ण राज्य में बच्चों के पेट के कीड़ों की दवाई खिलाने का अभियान चलाया गया था। जिसमें दो दर्जन बच्चे बीमार हो गए थे। उपचार के दौरान एक मासूम छात्रा प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गयी। इस लापरवाही पर प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल उन दोषियों के विरुद्ध आखिर अभी तक कोई कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई। वहीं अस्पताल के एमएस ए.के. पांडे का कहना है कि उधम सिंह नगर के दो दर्जन बच्चों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। सलोनी नाम की बच्ची की मौत किन कारणों से हुयी, इस बात का सही पता अब पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा। बीते दिनों राष्ट्रिय कृमि दिवस के मौके पर सम्पूर्ण राज्य में बच्चों के पेट के कीड़ों की दवाई खिलाने का अभियान चलाया गया था। जिसमें दो दर्जन बच्चे बीमार हो गए थे। उपचार के दौरान एक मासूम छात्रा प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गयी। इस लापरवाही पर प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल उन दोषियों के विरुद्ध आखिर अभी तक कोई कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई। वहीं अस्पताल के एमएस ए.के. पांडे का कहना है कि उधम सिंह नगर के दो दर्जन बच्चों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। सलोनी नाम की बच्ची की मौत किन कारणों से हुयी, इस बात का सही पता अब पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: गाजियाबाद में ही होगी आरुषि केस की सुनवाई, तलवार दंपति की अर्जी खारिज
लेख: आरुषि−हेमराज दोहरे हत्याकांड की सुनवाई को गाजियाबाद से बाहर कराने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तलवार दंपति के लिए गाजियाबाद कोर्ट में पर्याप्त सुरक्षा है।  लेकिन अगर तलवार दंपति को लगता है कि उनकी सुरक्षा कम है तो सीबीआई उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवाएगी। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान सिर्फ संबद्ध पक्ष और उनके वकीलों को ही अदालत कक्ष में मौजूद रहने की अनुमति होगी। इससे पूर्व आरुषि के माता−पिता और हत्याकांड के आरोपी राजेश ओर नूपुर तलवार ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई को गाजियाबाद से बाहर दिल्ली में कराने की मांग की थी। तलवार दंपति ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें गाजियाबाद में जान का खतरा है, क्योंकि पिछले साल कोर्ट परिसर में राजेश तलवार पर जानलेवा हमला हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा की मामले के ज्यादातर गवाह दिल्ली में हैं इसलिए भी मामले की सुनवाई दिल्ली में की जाए। पिछले साल गाजियाबाद कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए राजेश ओर नूपुर तलवार को दोषी मान कर उन पर ट्रायल चलाने का फैसला दिया था, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। इससे पूर्व आरुषि के माता−पिता और हत्याकांड के आरोपी राजेश ओर नूपुर तलवार ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई को गाजियाबाद से बाहर दिल्ली में कराने की मांग की थी। तलवार दंपति ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें गाजियाबाद में जान का खतरा है, क्योंकि पिछले साल कोर्ट परिसर में राजेश तलवार पर जानलेवा हमला हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा की मामले के ज्यादातर गवाह दिल्ली में हैं इसलिए भी मामले की सुनवाई दिल्ली में की जाए। पिछले साल गाजियाबाद कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए राजेश ओर नूपुर तलवार को दोषी मान कर उन पर ट्रायल चलाने का फैसला दिया था, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: DM ने कायम की मिसाल: गणतंत्र दिवस पर बैंकॉक में 'संविधान' को साक्षी मान रचाया विवाह!
यह लेख है: आमतौर पर लोग वैवाहिक समारोह के जरिए अपनी खुशियों का इजहार करते हुए धूम-धड़ाका करने से नहीं चूकते मगर बैतूल जिले की उप जिलाधिकारी (डिप्टी कलेक्टर) निशा बांगरे के लिए इस सबका कोई मायने नहीं है. उनके लिए सबसे ऊपर 'संविधान' है. निशा ने अपने मित्र सुरेश अग्रवाल के साथ बैंकॉक में गणतंत्र दिवस के मौके पर संविधान को साक्षी मानकर जीवन एक साथ गुजारने का संकल्प लिया. सामान्य परिवार से नाता रखने वाली निशा के जीवन में संविधान की खास अहमियत है, वे मानती हैं कि यह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है जो अनेकता में एकता का संदेश देने के साथ सभी को बराबरी से रहने का हक देता है. यही कारण है कि उन्होंने अपने मित्र और गुड़गांव के सुरेश अग्रवाल के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के संविधान को साक्षी मानकर बैंकॉक में विवाह रचाया.  बालाघाट, तहसील किरनापुर के एक छोटे से ग्राम चिखला की रहने वाली निशा के माता-पिता का आरंभिक जीवन काफी संघर्षो से भरा रहा था. उनके पिता शिक्षक बने और अब एक्सीलेंस स्कूल में प्राचार्य हैं. यह उनके समाज की पहली पीढ़ी थी, जिसने इतनी पढ़ाई की थी और ये मुकाम हासिल किया. निशा बताती हैं कि उन्होंने इंजीनियरिग की पढ़ाई के बाद गुड़गांव में नौकरी की. पहली बार पीएससी की परीक्षा में डीएसपी के पद पर उनका चयन हुआ. दूसरी बार में डिप्टी कलेक्टर के लिए चयन हुआ और बैतूल में पदस्थापना मिलीं.  निशा जब गुड़गांव में नौकरी कर रही थीं, तभी उनकी सुरेश अग्रवाल से मित्रता हुई. पिछले दिनों दोनों के परिवार साथ में थाईलैंड घूमने गए और बौद्ध मंदिर में ही विवाह प्रक्रिया संपन्न की. इन दोनों ने संविधान को साक्षी मानकर विवाह रचाया और एक दूसरे को वरमाला पहनाई. निशा बांगरे ने बताया कि उन्हें बचपन से भारत के संविधान के प्रति काफी आस्था और अटूट विश्वास रहा है. उनका मानना है कि यह दुनिया का बेहतरीन संविधान है जो अनेकता में एकता का संदेश देने के साथ ही सभी वर्गो के मौलिक अधिकारों को अक्षुण्ण बनाए रखता है. निशा बांगरे के मुताबिक, उनका मुख्य ध्येय यही है कि सभी वर्गो के लोग संविधान की रक्षा करें. निशा ने संविधान को साक्षी मानकर विवाह रचाने के बजह बताते हुए कहा कि वह समाज को एक संदेश देना चाहती हैं कि हजारों शादियां अनेक पद्धतियों और अग्निकुंड के फेरे लेकर संपन्न होने के बावजूद टूट जाती हैं और दोनों परिवार कोर्ट कचहरी के वर्षो चक्कर काटते रहते हैं. उन्हें खुशी है कि उनके पति ने भी संविधान के प्रति अटूट विश्वास दर्शाया. इससे अभिभूत होकर उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर शादी का निर्णय लिया. युवतियों को संदेश देते हुए निशा कहती हैं कि पुरुषवादी मानसिकता में ढलने के बजाय खुद स्वतंत्र होकर अपने भविष्य का निर्णय लेकर समाज के लिए प्रेरणा बनें.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: नई दिल्ली : पार्टी से लौट रहे 3 युवकों की दुर्घटना में मौत
दक्षिणी दिल्ली के साकेत क्षेत्र में मंगलवार तड़के एक मित्सुबिसी लांसर खड़ी बस से टकरा गई, जिसमें तीन युवकों की मौत हो गई और दो अन्य गम्भीर रूप से घायल हो गए। पांचों युवक एक पार्टी से लौट रहे थे। दुर्घटना सुबह चार बजे मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन और मैक्स अस्पताल के बीच हौज रानी के पास हुई। दुर्घटना में आकाश शर्मा, उसके चचेरे भाई विकास शर्मा और मयंक प्रताप सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विपुल गर्ग और विकास बरेवा का मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "सभी युवकों की उम्र 18 से 22 वर्ष के बीच है। वे अपने दोस्त निखिल देसवाल की मित्सुबिशी लांसर कार से लौट रहे थे। कार की पंजीयन संख्या डीएल7सीए2251 है। वे छत्तरपुर के एक फार्महाउस से एक पार्टी के बाद लौट रहे थे।"टिप्पणियां दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी एक कार चालक मोहम्मद सारिन ने दो घायलों को कार से निकालकर स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया। युवक दिल्ली के विभिन्न शिक्षा संस्थानों के छात्र हैं। दुर्घटना सुबह चार बजे मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन और मैक्स अस्पताल के बीच हौज रानी के पास हुई। दुर्घटना में आकाश शर्मा, उसके चचेरे भाई विकास शर्मा और मयंक प्रताप सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विपुल गर्ग और विकास बरेवा का मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "सभी युवकों की उम्र 18 से 22 वर्ष के बीच है। वे अपने दोस्त निखिल देसवाल की मित्सुबिशी लांसर कार से लौट रहे थे। कार की पंजीयन संख्या डीएल7सीए2251 है। वे छत्तरपुर के एक फार्महाउस से एक पार्टी के बाद लौट रहे थे।"टिप्पणियां दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी एक कार चालक मोहम्मद सारिन ने दो घायलों को कार से निकालकर स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया। युवक दिल्ली के विभिन्न शिक्षा संस्थानों के छात्र हैं। दुर्घटना में आकाश शर्मा, उसके चचेरे भाई विकास शर्मा और मयंक प्रताप सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विपुल गर्ग और विकास बरेवा का मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "सभी युवकों की उम्र 18 से 22 वर्ष के बीच है। वे अपने दोस्त निखिल देसवाल की मित्सुबिशी लांसर कार से लौट रहे थे। कार की पंजीयन संख्या डीएल7सीए2251 है। वे छत्तरपुर के एक फार्महाउस से एक पार्टी के बाद लौट रहे थे।"टिप्पणियां दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी एक कार चालक मोहम्मद सारिन ने दो घायलों को कार से निकालकर स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया। युवक दिल्ली के विभिन्न शिक्षा संस्थानों के छात्र हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "सभी युवकों की उम्र 18 से 22 वर्ष के बीच है। वे अपने दोस्त निखिल देसवाल की मित्सुबिशी लांसर कार से लौट रहे थे। कार की पंजीयन संख्या डीएल7सीए2251 है। वे छत्तरपुर के एक फार्महाउस से एक पार्टी के बाद लौट रहे थे।"टिप्पणियां दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी एक कार चालक मोहम्मद सारिन ने दो घायलों को कार से निकालकर स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया। युवक दिल्ली के विभिन्न शिक्षा संस्थानों के छात्र हैं। दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी एक कार चालक मोहम्मद सारिन ने दो घायलों को कार से निकालकर स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया। युवक दिल्ली के विभिन्न शिक्षा संस्थानों के छात्र हैं। युवक दिल्ली के विभिन्न शिक्षा संस्थानों के छात्र हैं।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: पेड़ से पत्तियां तोड़ने पर मचा बवाल, छात्र का पीट-पीटकर किया बुरा हाल, केस दर्ज
लेख: उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में एक पेड़ से पत्तियां तोड़ने को लेकर हुए विवाद के बाद जन्माष्टमी के दिन कुछ लोगों ने दसवीं कक्षा के एक छात्र की पिटाई कर दी. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. पीड़ित की पहचान आदित्य राज के रूप में हुई है. पीड़ित के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही है. हालांकि पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए टीमों का गठन किया गया है. आदित्य इस समय अस्पताल में भर्ती है. अधिकारी ने बताया कि आरोपी स्थानीय हैं और अपने घरों से फरार है. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए शहर की एक अदालत का रूख किया था लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली. आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा. राज के चचेरे भाई आदर्श ने पुलिस को बताया कि पीड़ित कुछ लोगों के साथ जन्माष्टमी समारोह के लिए चंदन विहार स्थित एक मंदिर गये थे और वहां से लौटते समय उनमें से एक ने अशोक वृक्ष से कुछ पत्ते तोड़ लिये. पीड़ित के चचेरे भाई ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि एक आरोपी विनोद कार में शराब पी रहा था. जब उसने पत्तों को तोड़ते हुए देखा तो उसने गुस्से में आकर अपनी कार को आगे पीछे कर आदर्श का रास्ता रोक लिया. शिकायत में कहा गया है कि आदर्श भागने लगा लेकिन आरोपी ने उसका पीछा किया. आरोपी ने चंदन विहार कॉलोनी के प्रवेश द्वार पर उसे पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया. इस पर आदित्य और उसके अन्य चचेरे भाइयों ने हस्तक्षेप किया. पुलिस ने बताया कि इसके बाद आरोपी के साथ एक और व्यक्ति लाठी लेकर आ गया. उस व्यक्ति ने आदित्य के सिर पर लाठी से कई बार हमला किया और दावा किया कि वे चोर हैं. पुलिस ने बताया कि आदर्श ने अपनी शिकायत में कहा है कि स्थानीय लोगों ने बीच बचाव का प्रयास किया लेकिन आरोपियों ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा 308 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: विदाई मैच के लिए किसी पर निर्भर नहीं, संन्यास नहीं ले रहा : शाहिद अफरीदी
यह लेख है: विदाई मैच की मांग करने की अटकलों के बीच पाकिस्तान के दिग्गज ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने कहा है कि इस तरह की मांग करने के लिए वह काफी अनुभवी हैं और उन्हें निकट भविष्य में संन्यास की संभावना को भी खारिज किया. अफरीदी ने रविवार को पेशावर में मीडिया से कहा, "मैंने पाकिस्तान के लिए 20 साल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेली है, पीसीबी के लिए नहीं. मैं मैच के लिए किसी पर निर्भर नहीं हूं. जो प्यार और सहयोग मुझे अपने शुभचिंतकों और प्रशंसकों से मिला है वह मेरे लिए पर्याप्त पुरस्कार है." इस आक्रामक ऑलराउंडर और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने कहा कि वह पीसीबी से विदाई मैच की मांग नहीं करेंगे.टिप्पणियां अफरीदी ने कहा कि भारत ने मैच खेलने के पाकिस्तान के प्रस्ताव का कभी सकारात्मक जवाब नहीं दिया. पीसीबी के वरिष्ठ अधिकारी नजम सेठी ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया था कि अफरीदी से उन्हें कोई परेशानी नहीं है और वह पाकिस्तान क्रिकेट को दी गई उनकी सेवाओं का सम्मान करते हैं. उन्होंने साथ ही कहा था कि समय आने पर बोर्ड अफरीदी को शानदार विदाई देगा. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अफरीदी ने रविवार को पेशावर में मीडिया से कहा, "मैंने पाकिस्तान के लिए 20 साल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेली है, पीसीबी के लिए नहीं. मैं मैच के लिए किसी पर निर्भर नहीं हूं. जो प्यार और सहयोग मुझे अपने शुभचिंतकों और प्रशंसकों से मिला है वह मेरे लिए पर्याप्त पुरस्कार है." इस आक्रामक ऑलराउंडर और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने कहा कि वह पीसीबी से विदाई मैच की मांग नहीं करेंगे.टिप्पणियां अफरीदी ने कहा कि भारत ने मैच खेलने के पाकिस्तान के प्रस्ताव का कभी सकारात्मक जवाब नहीं दिया. पीसीबी के वरिष्ठ अधिकारी नजम सेठी ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया था कि अफरीदी से उन्हें कोई परेशानी नहीं है और वह पाकिस्तान क्रिकेट को दी गई उनकी सेवाओं का सम्मान करते हैं. उन्होंने साथ ही कहा था कि समय आने पर बोर्ड अफरीदी को शानदार विदाई देगा. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अफरीदी ने कहा कि भारत ने मैच खेलने के पाकिस्तान के प्रस्ताव का कभी सकारात्मक जवाब नहीं दिया. पीसीबी के वरिष्ठ अधिकारी नजम सेठी ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया था कि अफरीदी से उन्हें कोई परेशानी नहीं है और वह पाकिस्तान क्रिकेट को दी गई उनकी सेवाओं का सम्मान करते हैं. उन्होंने साथ ही कहा था कि समय आने पर बोर्ड अफरीदी को शानदार विदाई देगा. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: UDAN योजना के तहत उत्तर प्रदेश में पहली उड़ान 14 जून से शुरू, सीएम योगी दिखा सकते हैं हरी झंडी
यह लेख है: उल्लेखनीय है कि दूसरे दौर की बोली में इंडिगो ने 20 मार्गों, स्पाइसजेट ने 17 मार्गों और जेट एयरवेज ने 4 मार्गों के लिए उड़ान शुरू करने की मंजूरी हासिल की. इसमें इंडिगो की बेंगलूरु-इलाहाबाद-पुणे, नागपुर-भुवनेश्वर-इलाहाबाद, मुंबई-इलाहाबाद, हिंडन-इलाहाबाद-देहरादून, हिंडन-गोरखपुर-इलाहाबाद सेवा शामिल हैं. इसी तरह, स्पाइसजेट उड़ान योजना के तहत आगामी 3 जुलाई से कानपुर-दिल्ली-कानपुर मार्ग पर उड़ान सेवा शुरू करने जा रही है. कंपनी को बोली के प्रथम दौर में यह मार्ग हासिल हुआ था. सरकार आरसीएस उड़ानों के लिए विमानन कंपनियों और हेलीकाप्टर परिचालकों को सब्सिडी उपलब्ध कराने में 620 करोड़ रुपये खर्च करेगी. उड़ान के दूसरे दौर से देश में 43 हवाईअड्डों और हेलीपैड के जुड़ने की संभावना है जिसमें पूर्वोंत्तर और पहाड़ी राज्य शामिल हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: तोशिबा : 1.2 अरब डॉलर का घोटाला, अध्यक्ष और शीर्ष कार्यकारियों का इस्तीफा
यह लेख है: जापान की जानी मानी कंपनियों में से एक तोशिबा में 1.2 अरब डॉलर से अधिक के लेखा घोटाले को लेकर कंपनी के अध्यक्ष एवं सात अन्य उच्च स्तरीय अधिकारियों ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। एक स्वतंत्र जांच में यह पाए जाने पर कि सालों से चली योजना में मुनाफा दिखाने के लिए वरिष्ठ प्रबंधन की भी मिलीभगत थी, हिसाओ तनाका एवं वाइस चेयरमैन नोरियो सासाकी ने इस्तीफा दे दिया। कंपनी द्वारा नियुक्त एक समिति ने कहा कि पिछले कई सालों से प्रबंधक मुनाफे को बढ़ाकर दिखाने के लिए ‘करीने से’ लगे थे।टिप्पणियां कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह उजागर हुआ है कि लंबे समय से अनुचित लेखांकन चल रहा था और शेयरधारकों व अन्य भागीदारों के समक्ष खड़े हुए इस गंभीर संकट के लिए गहरा खेद व्यक्त करते हैं।’’ इसकी वजह से हमारी कंपनी के अध्यक्ष हिसाओ तनाका और हमारी कंपनी के वाइस चेयरमैन नोरियो ससाकी आज इस्तीफा देंगे। 64 वर्षीय तनाका और 66 वर्षीय ससाकी दोनों ही तोशिबा में सत्तर के दशक में शामिल हुए थे। एक स्वतंत्र जांच में यह पाए जाने पर कि सालों से चली योजना में मुनाफा दिखाने के लिए वरिष्ठ प्रबंधन की भी मिलीभगत थी, हिसाओ तनाका एवं वाइस चेयरमैन नोरियो सासाकी ने इस्तीफा दे दिया। कंपनी द्वारा नियुक्त एक समिति ने कहा कि पिछले कई सालों से प्रबंधक मुनाफे को बढ़ाकर दिखाने के लिए ‘करीने से’ लगे थे।टिप्पणियां कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह उजागर हुआ है कि लंबे समय से अनुचित लेखांकन चल रहा था और शेयरधारकों व अन्य भागीदारों के समक्ष खड़े हुए इस गंभीर संकट के लिए गहरा खेद व्यक्त करते हैं।’’ इसकी वजह से हमारी कंपनी के अध्यक्ष हिसाओ तनाका और हमारी कंपनी के वाइस चेयरमैन नोरियो ससाकी आज इस्तीफा देंगे। 64 वर्षीय तनाका और 66 वर्षीय ससाकी दोनों ही तोशिबा में सत्तर के दशक में शामिल हुए थे। कंपनी द्वारा नियुक्त एक समिति ने कहा कि पिछले कई सालों से प्रबंधक मुनाफे को बढ़ाकर दिखाने के लिए ‘करीने से’ लगे थे।टिप्पणियां कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह उजागर हुआ है कि लंबे समय से अनुचित लेखांकन चल रहा था और शेयरधारकों व अन्य भागीदारों के समक्ष खड़े हुए इस गंभीर संकट के लिए गहरा खेद व्यक्त करते हैं।’’ इसकी वजह से हमारी कंपनी के अध्यक्ष हिसाओ तनाका और हमारी कंपनी के वाइस चेयरमैन नोरियो ससाकी आज इस्तीफा देंगे। 64 वर्षीय तनाका और 66 वर्षीय ससाकी दोनों ही तोशिबा में सत्तर के दशक में शामिल हुए थे। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह उजागर हुआ है कि लंबे समय से अनुचित लेखांकन चल रहा था और शेयरधारकों व अन्य भागीदारों के समक्ष खड़े हुए इस गंभीर संकट के लिए गहरा खेद व्यक्त करते हैं।’’ इसकी वजह से हमारी कंपनी के अध्यक्ष हिसाओ तनाका और हमारी कंपनी के वाइस चेयरमैन नोरियो ससाकी आज इस्तीफा देंगे। 64 वर्षीय तनाका और 66 वर्षीय ससाकी दोनों ही तोशिबा में सत्तर के दशक में शामिल हुए थे। इसकी वजह से हमारी कंपनी के अध्यक्ष हिसाओ तनाका और हमारी कंपनी के वाइस चेयरमैन नोरियो ससाकी आज इस्तीफा देंगे। 64 वर्षीय तनाका और 66 वर्षीय ससाकी दोनों ही तोशिबा में सत्तर के दशक में शामिल हुए थे।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: वामपंथी नेता गोविंद पंसारे हत्याकांड : महिला समेत चार और लोगों को हिरासत में लिया गया
यह एक लेख है: वामपंथी नेता गोविंद पंसारे की हत्या के मामले में छह महीने बाद कोल्हापुर पुलिस ने सांगली से सनातन संस्था के एक सदस्य समीर गायकवाड़ को गिर्किया है। अदालत ने समीर को सात दिन की हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने हत्या में अब तक समीर की भूमिका स्पष्ट नहीं की है।टिप्पणियां इधर, इस मामले में चार और लोगों को हिरासत में लिया गया है। एक महिला को मुंबई से, एक व्यक्ति को पुणे से और दो लोगों को गोवा से हिरासत में लिया गया है। पंसारे को 16 फरवरी को गोली मारी गई थी, जिसके कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई थी।   हिरासत में ली गई महिला के बारे में पता चला है कि वह लगातार समीर गायकवाड़ के संपर्क में थी। समीर के पास तकरीबन 22 सिम कार्ड मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह बार-बार अपना नंबर बदल रहा था इसलिए शक होने पर पुलिस ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया था। पिछले महीने कर्नाटक में एमएम कुलबर्गी की भी बाइक सवार बदमाशों ने हत्या कर दी थी। वहीं महाराष्ट्र में लगभग दो साल पहले डॉ नरेंद्र दाभोलकर की भी हमलावरों ने दिन-दहाड़े हत्या कर दी थी। डॉ दाभोलकर और पंसारे दोनों अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे। पंसारे कोल्हापुर में टोल आंदोलन में भी सक्रिय थे। इधर, इस मामले में चार और लोगों को हिरासत में लिया गया है। एक महिला को मुंबई से, एक व्यक्ति को पुणे से और दो लोगों को गोवा से हिरासत में लिया गया है। पंसारे को 16 फरवरी को गोली मारी गई थी, जिसके कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई थी।   हिरासत में ली गई महिला के बारे में पता चला है कि वह लगातार समीर गायकवाड़ के संपर्क में थी। समीर के पास तकरीबन 22 सिम कार्ड मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह बार-बार अपना नंबर बदल रहा था इसलिए शक होने पर पुलिस ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया था। पिछले महीने कर्नाटक में एमएम कुलबर्गी की भी बाइक सवार बदमाशों ने हत्या कर दी थी। वहीं महाराष्ट्र में लगभग दो साल पहले डॉ नरेंद्र दाभोलकर की भी हमलावरों ने दिन-दहाड़े हत्या कर दी थी। डॉ दाभोलकर और पंसारे दोनों अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे। पंसारे कोल्हापुर में टोल आंदोलन में भी सक्रिय थे। पिछले महीने कर्नाटक में एमएम कुलबर्गी की भी बाइक सवार बदमाशों ने हत्या कर दी थी। वहीं महाराष्ट्र में लगभग दो साल पहले डॉ नरेंद्र दाभोलकर की भी हमलावरों ने दिन-दहाड़े हत्या कर दी थी। डॉ दाभोलकर और पंसारे दोनों अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे। पंसारे कोल्हापुर में टोल आंदोलन में भी सक्रिय थे।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: बांग्लादेश ने ममता बनर्जी को साड़ी, 20 किलो हिलसा मछली और शीरा भेजी
लेख: बांग्लादेश ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए एक विशेष जामदानी साड़ी, 20 किलोग्राम हिलसा मछली और शीरा भेजी है, जिसे एक वरिष्ठ मंत्री शुक्रवार को शपथग्रहण समारोह में उन्हें भेंट करेंगे। उद्योग मंत्री और सत्तारूढ़ आवामी लीग के वरिष्ठ नेता आमिर हुसैन अमू शुक्रवार को दूसरी बार ममता बनर्जी की सरकार गठन के मौके पर बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मामलों के कनिष्ठ मंत्री शहरियार आलम ने संवाददाताओं से कहा, 'हम उन्हें बधाई के तौर पर 20 किलोग्राम हिलसा मछली, अपना जेसोर का प्रसिद्ध शीरा और जामदानी साड़ी भेजे रहे हैं।'टिप्पणियां हाल के विधानसभा चुनाव में अपनी तृणमूल कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत के बाद ममता बजर्नी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रही हैं। वह पिछली साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बांग्लादेश गई थीं। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) उद्योग मंत्री और सत्तारूढ़ आवामी लीग के वरिष्ठ नेता आमिर हुसैन अमू शुक्रवार को दूसरी बार ममता बनर्जी की सरकार गठन के मौके पर बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मामलों के कनिष्ठ मंत्री शहरियार आलम ने संवाददाताओं से कहा, 'हम उन्हें बधाई के तौर पर 20 किलोग्राम हिलसा मछली, अपना जेसोर का प्रसिद्ध शीरा और जामदानी साड़ी भेजे रहे हैं।'टिप्पणियां हाल के विधानसभा चुनाव में अपनी तृणमूल कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत के बाद ममता बजर्नी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रही हैं। वह पिछली साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बांग्लादेश गई थीं। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) हाल के विधानसभा चुनाव में अपनी तृणमूल कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत के बाद ममता बजर्नी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रही हैं। वह पिछली साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बांग्लादेश गई थीं। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: बिहारः कन्हैया कुमार के लिए कैंपेनिंग करने पहुंचे सीताराम येचुरी बोले- राजद से रिश्ता पुराना मगर यह 'खेदजनक'
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(M) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि यह खेदजनक है कि लेफ्ट को बिहार के महागठबंधन में जगह नहीं दी गई. उन्होंने कहा- इस बात का पछतावा है कि हमें महागठबंधन में जगह नहीं मिली. वामपंथ और राजद का बहुत पुराना रिश्ता है, दोनों ने धर्मनिरपेक्षता के लिए मिलकर लड़ाई लड़ी है. बेगूसराय में हम अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि बाकी जगहों पर हम महागठबंधन का समर्थन कर रहे हैं. क्योंकि हमें बीजेपी को हराना है. सीताराम येचुरी जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं, जो बेगूसराय से सीपीआई के टिकट पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह और राजद उम्मीदवार तनवीर हसन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में एक ही मुद्दा है, वह है मोदी को हराना.उन्होंने कहा- पहले पांच साल में, हर किसी के लिए एक बहुत गंभीर स्थिति आ गई है, जीवन की स्थिति दयनीय है. हमें बीजेपी को हराना है. बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं. तीन चरण के मतदान हो चुके हैं. अन्य सीटों पर 29 अप्रैल, छह मई, 12 और 19 मई को मतदान होगा. वोटों की गिनती 23 मई को होगी.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: आंध्र प्रदेश में निजी बस नदी में गिरी, 8 लोगों की मौत, 30 घायल
लेख: भुवनेश्वर से हैदराबाद जा रही एक निजी बस के नदी में गिर जाने से 8 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हो गए. सभी घायलों का इलाज विजयवाड़ा के अस्पतालों में किया जा रहा है. इनमें से कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है. यह हादसा सुबह 5.30 बजे घटित हुआ. पुलिस ने बस संचालक दिवाकर ट्रेवल्स के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. जानकारी के अनुसार, यात्रियों से भरी एक निजी बस भुवनेश्वर से हैदराबाद जा रही थी. सुबह करीब 5.30 बजे यह बस विजयवाड़ा पहुंची. पुलिस के मुताबिक सुबह का वक्त होने के कारण बस चालक को नींद का झोंका आ गया और बस बेकाबू होकर दो फ्लाईओवरों के बीच एक नदी में जा गिरी. यह घटना मुल्लापाडु के पास की है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचा. गैस कटर की मदद से बस को काट कर उसमें फंसे यात्रियों को बाहर निकाला गया. पुलिस ने बताया कि इस घटना में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 घायलों को नंदीगमा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से 10 लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. टिप्पणियां यह बस ओड़िशा से तेलांगाना की करीब 1000 किलोमीटर की यात्रा पर थी. विजयवाड़ा में स्टॉप के दौरान बस की कमान एक अन्य ड्राइवर ने संभाल ली थी. पुलिस ने इस दुर्घटना के लिए दिवाकर ट्रेवल्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.   जानकारी के अनुसार, यात्रियों से भरी एक निजी बस भुवनेश्वर से हैदराबाद जा रही थी. सुबह करीब 5.30 बजे यह बस विजयवाड़ा पहुंची. पुलिस के मुताबिक सुबह का वक्त होने के कारण बस चालक को नींद का झोंका आ गया और बस बेकाबू होकर दो फ्लाईओवरों के बीच एक नदी में जा गिरी. यह घटना मुल्लापाडु के पास की है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचा. गैस कटर की मदद से बस को काट कर उसमें फंसे यात्रियों को बाहर निकाला गया. पुलिस ने बताया कि इस घटना में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 घायलों को नंदीगमा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से 10 लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. टिप्पणियां यह बस ओड़िशा से तेलांगाना की करीब 1000 किलोमीटर की यात्रा पर थी. विजयवाड़ा में स्टॉप के दौरान बस की कमान एक अन्य ड्राइवर ने संभाल ली थी. पुलिस ने इस दुर्घटना के लिए दिवाकर ट्रेवल्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.   घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचा. गैस कटर की मदद से बस को काट कर उसमें फंसे यात्रियों को बाहर निकाला गया. पुलिस ने बताया कि इस घटना में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 घायलों को नंदीगमा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से 10 लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. टिप्पणियां यह बस ओड़िशा से तेलांगाना की करीब 1000 किलोमीटर की यात्रा पर थी. विजयवाड़ा में स्टॉप के दौरान बस की कमान एक अन्य ड्राइवर ने संभाल ली थी. पुलिस ने इस दुर्घटना के लिए दिवाकर ट्रेवल्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.   यह बस ओड़िशा से तेलांगाना की करीब 1000 किलोमीटर की यात्रा पर थी. विजयवाड़ा में स्टॉप के दौरान बस की कमान एक अन्य ड्राइवर ने संभाल ली थी. पुलिस ने इस दुर्घटना के लिए दिवाकर ट्रेवल्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: सोनीपत से दिल्ली तक ग्राउंड रिपोर्ट: आखिर क्यों सूख गई यमुना नदी
यह लेख है: बरसात में नदी में पानी आने से पहले ज्यादा से ज्यादा रेत निकालने के लिए सैकड़ों रेत के ट्रक नदी में खड़े हैं. आप अक्सर यहां जेसीबी मशीन द्वारा बालू निकालते और ट्रक में डालते देख सकते हैं. ये वैसी ही तस्वीर है जैसे किसी लाश का मांस नोचा जा रहा हो. वैसे ही मरती नदी से सैकड़ों ट्रक इस वक्त बालू निकाल रहे हैं. दिल्ली के पल्ला गांव के पास मूनक नहर का पानी यमुना नदी में आता है और फिर नदी तालाब जैसी नजर आने लगती है. यहां के पानी से ही दिल्ली वालों की प्यास बुझती है लेकिन यमुना नदी में पानी का सबसे बड़ा स्रोत ये नजफगढ़ का गंदा नाला है. पचास साल पहले ये यमुना नदी की सहायक नदी साहिबी होती थी जो अलवर से आकर यमुना नदी में मिलती थी. अब इस नदी का नाम बदलकर नजफगढ़ गंदा नाला हो चुका है. यमुना नदी दिल्ली में करीब 25 किमी का सफर तय करती है, जिसमें 22 बड़े नालों का हदारों लीटर गंदा पानी इसमें भरता है और सूखी नदी से गंदे नाले में यमुना बदल जाती है.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की गोपनीय फाइलों को लेकर केंद्र सरकार ने बनाई कमेटी
लेख: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू सुभाष चन्द्र बोस को लेकर चिंतित थे कि वो कहां हैं? क्या उनकी वाकई ही 18 अगस्त 1945 को हुए विमान हादसे में मौत हो गयी थी? या फिर वो ज़िंदा थे? सच की तह तक पहुंचने के लिए नेहरू ने नेताजी के परिवार पर जासूसी करवाई थी। गृह मंत्रालय का कहना है, 'ये सभी आरोप जल्द साबित हो सकते हैं क्‍योंकि केंद्र सरकार ने जो कमेटी गठन की है वो इन सभी बातों को और नेताजी से जुड़े और मसलों को जनता के सामने लाएगी।' एक सीनियर अफसर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'हमने नेताजी से जुड़ी फाइल्स का अधयन करने का राजनैतिक फैसला ले लिया है। जल्द ही सच सबके सामने आएगा।' एक आधिकारिक सूत्र का कहना है, 'ये कमेटी अन्तर मंत्रालयी होगी और इसकी अध्‍यक्षता कैबिनेट सचिव अजित सेठ करेंगे। इसमें गृह मंत्रालय, आईबी, रॉ और प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े अधिकारी भी होंगे।' आधिकारिक सूत्रों ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'जो फाइलें गृह मंत्रालय के पास थीं उनमें ये साफ़ लिखा हुआ था कि नेहरू ने नेताजी के परिवार वालों की जासूसी करवाई थी। यही नहीं फाइलों में कुछ खुफिया विभाग की नोटिंग्स भी थीं।' नेताजी के पौत्र सूर्य कुमार बोस ने जर्मनी में बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दावा किया कि नेताजी से जुड़ी सभी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की उनकी मांग पर मोदी ने विचार करने का आश्वासन दिया है। सूर्य ने मोदी के सम्मान में जर्मनी में भारतीय राजदूत विजय गोखले की ओर से आयोजित समारोह में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान सूर्य ने नेताजी से संबंधित सभी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की। सूर्य ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि दस्तावेजों को जल्द सार्वजनिक किया जाए क्योंकि वह हालिया खबरों से स्तब्ध हैं कि जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने नेताजी के परिवार की ‘जासूसी' कराई थी। मोदी के जवाब के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने कहा कि मामले को वह ठीक से देखेंगे क्योंकि उन्हें भी लगता है कि सच सामने आना चाहिए।' सूर्य ने कहा कि सच सामने आना चाहिए और इसको लेकर एक जांच आयोग का गठन होना चाहिए। ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट को लेकर गुरुवार को कैबिनेट सचिव एक मीटिंग भी करने जा रहे हैं जहां नेताजी की फाइलों पर भी चर्चा की जाएगी।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: सलमान की 'जय हो' शानदार फिल्म होगी : आमिर खान
लेख: अभिनेता सलमान खान ने रियलिटी शो 'बिग बॉस-साथ 7' में अपने दोस्त आमिर खान की फिल्म 'धूम 3' का प्रचार किया। 'दबंग' स्टार के इस सदाचार से आमिर शर्मिंदा हैं। यहां शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता में 48 वर्षीय 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' ने कहा, मैं पूरा श्रेय सलमान को दूंगा। कुछ समय पहले मैंने उनसे बात की थी और उन्हें बताया कि 'आपने मुझे पूरी तरह शर्मिंदा कर दिया और आप जो कर रहे हैं, हम उससे खुश हैं। आमिर ने कहा, सलमान ने कहा, 'मैं जो कर रहा हूं मुझे करने दो'। लेकिन यह उनका प्यार और लगाव है। मैं आशा करता हूं कि मैं भी उनके लिए कुछ कर सकूं और मैं यकीनन करूंगा। आमिर को सलमान अभिनीत 'जय हो' का बेसब्री से इंतजार है। वह मानते हैं कि फिल्म 'अंदाज अपना अपना' के सह-अभिनेता सलमान पिछले कुछ वर्षों में एक अभिनेता के रूप में निखरे हैं। आमिर ने कहा, मुझे यकीन है कि 'जय हो' शानदार फिल्म होगी। विजय कृष्ण आचार्य के निर्देशन में बनी 'धूम 3' में कैटरीना कैफ, अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा भी हैं।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: भारत में फेरारी का आगाज, कीमत 2.2 करोड़
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: इतालवी लग्जरी स्पोर्ट्स कार फेरारी ने आधिकारिक तौर पर गुरुवार को भारत में दस्तक दे दी। कंपनी ने कैलिफोर्निया, 458 इटालिया, 599जीटीबी फियोरानो और एफएम जैसे लोकप्रिय मॉडल पेश किए हैं, जिनकी शुरुआती कीमत 2.2 करोड़ रुपये है। फेरारी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एमेदेव फेलिसा ने बताया, कल तक फेरारी 57 देशों में मौजूद थी। अब हम 58वें देश भारत में कदम रख चुके हैं। हम भारत में काफी पहले आना चाहिए था। हमें अगले दो-तीन साल में 100 से अधिक कारें बिकने की उम्मीद है। कंपनी ने श्रेयान्स ग्रुप को भारत में अपना आधिकारिक आयातक नियुक्त किया है। राष्ट्रीय राजधानी में पहली डीलरशिप खुलने के साथ कारों की बुकिंग गुरुवार से शुरू हो गई। दूसरा शोरूम 2011 की दूसरी छमाही में मुंबई में खोलने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि भारत में फेरारी के जिन मॉडलों की बिक्री की जाएगी, उनमें फरारी कैलिफोर्निया, 458 इटालिया और 599जीटीबी फियोरानो शामिल हैं। कैलिफोर्निया की कीमत 2.2 करोड़ रुपये, इटालिया की कीमत 2.56 करोड़ रुपये और जीटीबी फियोरानो की कीमत 3.37 करोड़ रुपये रखी गई है। इसके अलावा, कंपनी अपने नवीनतम मॉडल एफएम को भी बिक्री के लिए उपलब्ध कराएगी, जिसे इस साल की शुरुआत में जिनीवा मोटर शो में पेश किया गया था। इस कार की कीमत 3.41 करोड़ रुपये है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: फोटो : रात में भी कम नहीं हो रहीं एटीएम के बाहर कतारें
यह लेख है: नोटबंदी की वजह से आज भी बहुत सारे एटीएम में कैश नहीं पहुंचा है. कईयों के शटर डाउन हैं, और जहां कैश पहुंचा वहां रात में भी कैश निकालने के लिए लोगों की कतार कम होने का नाम नहीं ले रही. एनडीटीवी इंडिया के रिपोर्टर एम अतहरुद्दीन मुन्‍ने भारती ने कई एटीएम का जायजा लिया.   ओखला रेलवे स्‍टेशन के पास रात करीब 10:35 बजे (कैश उपलब्‍ध नहीं)   रात 10:41 बजे सराय जुलैना गांव में कोटक महिंद्रा और यास बैंक के एटीएम में कैश नहीं   रात 10:45 बजे न्‍यू फ्रेंड्स कॉलोनी कम्‍यूनिटी सेंटर स्थित आईसीआईसीआई के एटीम में भी कैश नहीं.   रात 10:45 बजे न्‍यू फ्रेंड्स कॉलोनी कम्‍यूनिटी सेंटर स्थित इंडस इंड बैंक के एटीएम के आगे लंबी लाइन   रात 10:52 बजे न्‍यू फ्रेंड्स कॉलोनी के सूर्या प्‍लाजा स्थित स्‍टेट बैंक ऑफ पटियाला के एटीम पर भी लंबी लाइन लग गई   रात 11:25 बजे जामिया यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित इंडियन बैंक के एटीएम पर भी बड़ी संख्‍या में लोग लाइन में दिखे
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: TOP 5 News: INX मीडिया मामले में पी चिदंबरम के परिवार का सरकार पर पलटवार
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: INX मीडिया मामले में जहां तमाम जांच एजेंसियां पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने का दावा कर रही हैं, वहीं मंगलवार को पी चिदंबरम के परिवार ने इस पूरे मामले को लेकर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. पूर्व वित्त मंत्री के परिवार के लोगों ने मीडिया पर केंद्र सरकार की मदद करने का आरोप भी लगाया है. वहीं, दिल्ली का फिरोजशाह कोटला क्रिकेट स्टेडियम (Feroz Shah Kotla Stadium) का नाम अब अरुण जेटली स्टेडियम (Arun Jaitley) रखा जाएगा. दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) ने यह फैसला लिया है. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) कई बार डीडीसीए के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को 66 साल की उम्र में निधन हो गया है. उधर, सरकारी सूत्रों से जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की स्थिति पर अहम जानकारी मिली है. 40 नेताओं और 1000 से ज्यादा पत्थरबाजों को हिरासत में लिया गया है. बीते 24 दिनों में जम्मू कश्मीर के 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर में नजरबंद किया गया है और उनके पास पहुंचने के लिए उनके परिवार के किसी सदस्य या केंद्र द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया. वहीं, पीएम मोदी की तारीफ करने पर कांग्रेस पार्टी ने केरल से अपने सांसद और नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) से जवाब मांगने का फैसला किया है. बीते हफ्ते शशि थरूर, कांग्रेस नेता और अपने सहयोगी जयराम रमेश के बयान के समर्थन में आए थे. जयराम रमेश ने कहा था, 'पीएम मोदी के शासन का मॉडल 'पूरी तरह नकारात्मक गाथा' नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना और हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है. उधर, The Kapil Sharma Show: कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के कॉमेडी शो 'द कपिल शर्मा शो' में इस हफ्ते म्यूजिक वीडियो 'पछताओगे' की टीम ने शिरकत की थी. विक्की कौशल और नोरा फतेही (Nora Fatehi) ने कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के शो में जमकर धूम मचाई थी.  INX मीडिया मामले में जहां तमाम जांच एजेंसियां पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने का दावा कर रही हैं, वहीं मंगलवार को पी चिदंबरम के परिवार ने इस पूरे मामले को लेकर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. पूर्व वित्त मंत्री के परिवार के लोगों ने मीडिया पर केंद्र सरकार की मदद करने का आरोप भी लगाया है. पूर्व वित्त मंत्री के परिवार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि हमें पता है कि केंद्र सरकार पी चिदंबरम को तंग करने और नीचा दिखाने के लिए ऐसा करा रही है लेकिन इस पूरे मामले को जिस तरह से मीडिया पेश कर रही है वह काफी निराशाजनक है. लेकिन सभी को यह याद रखना चाहिए कि कोई भी इंसान तब तक दोषी नहीं साबित हो जाता जब तक उसके खिलाफ लगाए गए आरोप सही साबित न हो जाएं. ऐसे में अदालत से पहले किसी को लेकर फैसला सुनाना सही नहीं है.  दिल्ली का फिरोजशाह कोटला क्रिकेट स्टेडियम (Feroz Shah Kotla Stadium) का नाम अब अरुण जेटली स्टेडियम (Arun Jaitley) रखा जाएगा. दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) ने यह फैसला लिया है. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) कई बार डीडीसीए के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को 66 साल की उम्र में निधन हो गया है. सरकारी सूत्रों से जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की स्थिति पर अहम जानकारी मिली है. 40 नेताओं और 1000 से ज्यादा पत्थरबाजों को हिरासत में लिया गया है. बीते 24 दिनों में जम्मू कश्मीर के 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर में नजरबंद किया गया है और उनके पास पहुंचने के लिए उनके परिवार के किसी सदस्य या केंद्र द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया. बीते हफ्ते के आखिर में आईबी के डायरेक्टर अरविंद कुमार और कई अधिकारी कश्मीर में थे.  कुमार ने एजेंसियों की कई शाखाओं के साथ अंतरम बैठक की थी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ( Ajit Doval) द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार प्रतिक्रिया ली. महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की बेटी इल्तिजा मुफ्ती, जिन्होंने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पत्र लिखा था, वह भी राज्य छोड़ चुकी हैं. पीएम मोदी की तारीफ करने पर कांग्रेस पार्टी ने केरल से अपने सांसद और नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) से जवाब मांगने का फैसला किया है. बीते हफ्ते शशि थरूर, कांग्रेस नेता और अपने सहयोगी जयराम रमेश के बयान के समर्थन में आए थे. जयराम रमेश ने कहा था, 'पीएम मोदी के शासन का मॉडल 'पूरी तरह नकारात्मक गाथा' नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना और हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है. रमेश ने कहा था कि यह वक्त है कि हम मोदी के काम और 2014 से 2019 के बीच उन्होंने जो किया उसके महत्व को समझें, जिसके कारण वह सत्ता में लौटे. इसी के कारण 30 प्रतिशत मतदाताओं ने उनकी सत्ता वापसी करवाई. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 37.4 प्रतिशत वोट मिले जबकि सत्तारूढ़ राजग को कुल मिलाकर 45 प्रतिशत वोट हासिल हुए. The Kapil Sharma Show: कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के कॉमेडी शो 'द कपिल शर्मा शो' में इस हफ्ते म्यूजिक वीडियो 'पछताओगे' की टीम ने शिरकत की थी. विक्की कौशल और नोरा फतेही (Nora Fatehi) ने कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के शो में जमकर धूम मचाई थी. 'द कपिल शर्मा शो' में इस हफ्ते लंबे समय बाद कीकू शारदा अपने विदेशी अवतार में भी नजर आए. कपिल शर्मा की टीम के सदस्य किसी भी अवतार में आएं लेकिन शो में धमाका होना तय होता है. ऐसा ही उस समय देखने को मिला जब कीकू शारदा अंग्रेज बनकर नोरा फतेही से बात करते हैं और बीच में कपिल शर्मा (Kapil Sharma) टोकते हैं तो उन्हें गुस्सा आ जाता है. कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के शो का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: अग्रिम कर : तीसरी तिमाही में एक साल पूर्व स्तर पर
लेख: प्रमुख भारतीय कंपनियों द्वारा अग्रिम कर का भुगतान तीसरी तिमाही में लगभग स्थिर रहा जो इस बात का संकेत है कि आर्थिक मोर्चे पर नरमी का असर कंपनियों के मुनाफे पर पड़ने लगा है। एलआईसी व बैंक ऑफ बड़ौदा ने जहां तीसरी तिमाही में अपेक्षाकृत अधिक अग्रिम कर का भुगतान किया वहीं एलएंडटी व जनरल इंश्योरेंस कारपोरेशन के लिहाज से यह राशि पिछले साल के समान ही रही। अग्रिम कर भुगतान को कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था तथा विशेषकर किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति का संकेत माना जाता है। इसमें गिरावट का मतलब लाभप्रदता में कमी है। आमतौर पर कंपनियां अग्रिम कर का भुगतान चार किस्तों में करती हैं और मौजूदा तिमाही में उन्हें सालाना कर देनदारी के 30 प्रतिशत का भुगतान करना है। एक वरिष्ठ कर अधिकारी ने आज बताया कि एलआईसी उन प्रमुख कंपनियों में है जिन्होंने आज अपने अग्रिम कर का भुगतान किया। कंपनी ने इस मद में 1,200 करोड़ रु का भुगतान किया है जबकि पहले यह राशि 1,070 करोड़ रु थी। शुरुआती सूची के अनुसार रिलायंस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टीसीएस, इन्फोसिस, एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अभी अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया है। दवा कंपनी फाइजर तथा नोवार्तिस ने पिछले साल की तुलना में अधिक अग्रिम कर का भुगतान किया है। वहीं ग्लेक्सो इंडिया ने कम अग्रिम कर चुकाया है। जिन कंपनियों ने कोई अग्रिम कर नहीं दिया है उनमें इंडियन आयल, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम भी है। अधिकारियों के अनुसार तेल कंपनियां आमतौर पर अंतिम तिमाही में करती हैं जबकि उन्हें सरकार से सब्सिडी मुआवजा मिलता है। तीसरी तिमाही के लिए सेंट्रल बैंक आफ इंडिया व देना बैंक ने भी अपेक्षाकृत कम अग्रिम कर का भुगतान किया है।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: डॉलर के मुकाबले रुपये ने पांच सत्रों के बाद मजबूती गंवाई
यह एक लेख है: डॉलर के मुकाबले रुपये ने गुरुवार को मजबूती के रुख के साथ कारोबार की शुरुआत के बाद बढ़त गंवा दी और एक समय 62.92 का स्तर छूने के बाद गिरकर 63.76 के स्तर पर आ गया।टिप्पणियां डॉलर के मुकाबले बुधवार को रुपया 63.83 के स्तर पर बंद हुआ था और गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान यह 0.7 की बढ़त हासिल कर 62.92 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया था, जो 19 अगस्त के बाद इसका सर्वोच्च स्तर पर था। सीरिया पर अमेरिकी हमले के टल जाने और भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन द्वारा पूंजी प्रवाह आकर्षित करने के लिए घोषित उपायों के चलते रुपये में मजबूती का रुझान बना था। रघुराम राजन के रिजर्व बैंक के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पिछले पांच सत्रों के दौरान रुपये में 5.8 फीसदी की मजबूती दर्ज की जा चुकी है। डॉलर के मुकाबले बुधवार को रुपया 63.83 के स्तर पर बंद हुआ था और गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान यह 0.7 की बढ़त हासिल कर 62.92 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया था, जो 19 अगस्त के बाद इसका सर्वोच्च स्तर पर था। सीरिया पर अमेरिकी हमले के टल जाने और भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन द्वारा पूंजी प्रवाह आकर्षित करने के लिए घोषित उपायों के चलते रुपये में मजबूती का रुझान बना था। रघुराम राजन के रिजर्व बैंक के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पिछले पांच सत्रों के दौरान रुपये में 5.8 फीसदी की मजबूती दर्ज की जा चुकी है। सीरिया पर अमेरिकी हमले के टल जाने और भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन द्वारा पूंजी प्रवाह आकर्षित करने के लिए घोषित उपायों के चलते रुपये में मजबूती का रुझान बना था। रघुराम राजन के रिजर्व बैंक के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पिछले पांच सत्रों के दौरान रुपये में 5.8 फीसदी की मजबूती दर्ज की जा चुकी है।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: भ्रष्टाचार रोकें माया, लोकायुक्त नियुक्त करें : अग्निवेश
यह लेख है: सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने उत्तर प्रदेश सरकार में 'तेजी से फैल रहे भ्रष्टाचार' को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री मायावती पर निशाना साधा और उनसे राज्य में लोकायुक्त नियुक्त करने को कहा। लोकपाल विधेयक मसौदा समिति में किसी दलित सदस्य के न होने पर मायावती द्वारा आपत्ति जताने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अग्निवेश ने कहा, "मैं उनकी आपत्ति का स्वागत करता हूं और इस मुद्दे को उठाने के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं, लेकिन मैं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री से यह भी पूछना चाहता हूं कि वह घोषणा करें कि अपनी सरकार में तेजी से फैलते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उन्होंने क्या कोई कारगर कदम उठाया है।" सामाजिक कार्यकर्ता एवं लोकपाल विधेयक मसौदा समिति में सामाजिक संगठन की ओर से शामिल अरविंद केजरीवाल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में अग्निवेश ने कहा, "यदि उन्हें सचमुच गरीब दलितों की चिंता है तो यही समय है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाने की पहल करें। इन कदमों में से एक तो यह हो सकता है कि वह देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य में नए लोकपाल विधेयक को पारित करें और दूसरा लोकायुक्त नियुक्त करें।" केजरीवाल और अग्निवेश रविवार सुबह यहां हास्य कलाकार जसपाल भट्टी के साथ एक जनसभा में अन्ना हजारे का प्रतिनिधत्व करने पहुंचे। एक सवाल का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता 'न तो किसी राजनीतिक पार्टी को हमारे मंच में भागीदारी करने की अनुमति देंगे और न ही हमारा इरादा किसी राजनीतिक संगठन से किसी भी रूप में जुड़ने का है।' इससे पहले दिन में अग्निवेश एवं केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के ज्वलंत मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कमलेश्वर नाथ तथा एससी वर्मा, राज्य के पूर्व पुलिस माहानिदेशक प्रकाश सिंह सहित स्थानीय कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, धार्मिक विद्वानों और ट्रेड यूनियन नेताओं के साथ बातचीत की।
13
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: 23 सितंबर को केंद्र और यूपी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ अखिलेश यादव दिल्ली में
यह एक लेख है: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 23 सितम्बर 2018 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सुबह 11 बजे जनसभा को सम्बोधित करेंगे. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विगत एक माह से राज्य के विभिन्‍न जनपदों में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा साईकिल यात्रा के जरिये लोकतंत्र एवं देश बचाने तथा जनहित में विकास परक नीतियों को लागू कराने के लिए विधानसभा क्षेत्रों में अखिलेश यादव को पहुंचाने का अभियान चलाया जा रहा है. साइकिल यात्रा में शामिल हजारों कार्यकर्ताओं को अखिलेश यादव 23 सितम्बर को जंतर-मंतर पर सम्बोधित करेंगे.टिप्पणियां चौधरी ने बताया की साढ़े चार वर्ष से भाजापा की केंद्र सरकार एवं डेढ़ वर्ष से उत्तर प्रदेश में भाजापा की सरकार ने जनता को निराश किया है तथा जातीय एवं सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति से समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की गई है, विकास ठप है, नौजवानों का भविष्य बेकारी के कारण अन्धकार में है, किसान आत्महत्या करने को मजबूर है, कानून व्यवस्था चौपट है, महिलाएं एवं बच्चियां सहमी हैं, नोटबंदी-जीएसटी से देश में आर्थिक सांसत व्याप्त है. ऐसी तमाम समस्याओं का समाधान एवं अखिलेश यादव का संदेश पहुंचाने सपा कार्यकर्ता साईकिल यात्रा कर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव गए थे और इस अभियान का समापन अखिलेश यादव द्वारा जंतर-मंतर पर साईकिल यात्रियों को संबोधित किये जाने के साथ होगा. चौधरी ने बताया की साढ़े चार वर्ष से भाजापा की केंद्र सरकार एवं डेढ़ वर्ष से उत्तर प्रदेश में भाजापा की सरकार ने जनता को निराश किया है तथा जातीय एवं सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति से समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की गई है, विकास ठप है, नौजवानों का भविष्य बेकारी के कारण अन्धकार में है, किसान आत्महत्या करने को मजबूर है, कानून व्यवस्था चौपट है, महिलाएं एवं बच्चियां सहमी हैं, नोटबंदी-जीएसटी से देश में आर्थिक सांसत व्याप्त है. ऐसी तमाम समस्याओं का समाधान एवं अखिलेश यादव का संदेश पहुंचाने सपा कार्यकर्ता साईकिल यात्रा कर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव गए थे और इस अभियान का समापन अखिलेश यादव द्वारा जंतर-मंतर पर साईकिल यात्रियों को संबोधित किये जाने के साथ होगा. ऐसी तमाम समस्याओं का समाधान एवं अखिलेश यादव का संदेश पहुंचाने सपा कार्यकर्ता साईकिल यात्रा कर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव गए थे और इस अभियान का समापन अखिलेश यादव द्वारा जंतर-मंतर पर साईकिल यात्रियों को संबोधित किये जाने के साथ होगा.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: क्या न्यूज़ चैनल आम आदमी की आवाज़ हैं?
यह लेख है: क्या आपको वाकई लगता है कि न्यूज़ चैनलों ने आप आम आदमी को आवाज़ दी है. इस सवाल पर सोचिएगा और खुद से पूछिएगा कि उनके ज़रिए आपकी आवाज़ सरकार की ओर जा रही है या सरकार को पसंद आने वाले मुद्दे चैनलों के ज़रिए आप तक आ रहे हैं. इस फर्क को समझ लेने से ही आप देख पाएंगे कि जब आप अपने मुद्दे लेकर सड़कों पर आते हैं तो ज़्यादातर मामलों में चैनल वहां से चले जाते हैं. जैसे आप ही अपनी परेशानियों के कारण हैं. सरकार या उसकी नीति नहीं. न्यूज़ चैनल ने आपको अभ्यास के ज़रिए बदल दिया है. बड़ी आसानी से सूचनाओं और सवालों को गायब कर दिया गया है. राजनीतिक एजेंडे के साथ कदमताल करना सि‍खा रहे हैं. बहुत से लोग सीख भी रहे हैं. इस प्रक्रिया में हो यह रहा है कि आम आदमी अपनी तकलीकों के साथ मीडिया के इस स्पेस से गायब कर दिया गया है. इसे आप आसानी से समझ सकते हैं. 11 लाख आदिवासियों को उनकी ज़मीन से बेदखल किया जाएगा क्या ये स्टोरी चैनलों की दुनिया से गायब नहीं कर दी गई. 900 चैनलों में से दो चार पर आई होगी तो उस पर ध्यान न दें. जब 11 लाख लोगों से जुड़ी स्टोरी गायब कर दी गई तो क्या आप वाकई आश्वास्त हैं कि जिस माध्यम के सामने बैठे हैं वो आपकी आवाज़ का प्रतिनिधि है. वो आपकी आवाज़ का प्रतिनिधि है या आप उसके प्रोपेगैंडा के प्रतिनिधि बनते जा रहे हैं. दर्शक बनना रिमोट से चैनल बदलना नहीं होता है. ये खबर उन लोगों के लिए नहीं है जो पेंशन नहीं चाहते हैं. मगर ये लोग पेंशन के लिए आए हैं. अचानक कुछ हुआ है. 2004 से पुरानी पेंशन व्यवस्था खत्म कर दी गई. पेंशन को लेकर हाल में दिल्ली में छोटे बड़े की प्रदर्शन हुए. हम यह नहीं कहते कि ये लोग टीवी के सामने पेंशन का मुद्दा ही देखने जाते होंगे क्योंकि इन्हें भी प्रोपेगैंडा ने बांध दिया है. हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे इनके दिलो दिमाग पर भी छाए रहते होंगे. इस लिहाज़ से भी देखें कि जब ये मुद्दे लेकर जंतर मंतर पर आते हैं, तो ये मीडिया में अपने लिए जगह हासिल कर पाते हैं. यह बिल्कुल संभव नहीं है कि हर धरना प्रदर्शन कवर हो जाए लेकिन जिस तरह से कई धरनों के बाद पेंशन एक सवाल बन रहा है उस सवाल से मीडिया क्यों भाग रहा है. सांसद विधायक पेंशन लेंगे और कर्मचारी को पेंशन नहीं. न्यू पेंशन स्कीम अगर इतनी ही अच्छी योजना है तो सबसे पहले उसमें सांसदों और विधायकों को डालना चाहिए. देश के अलग-अलग हिस्सों से आए इन लोगों को कितना खाली लगा होगा कि दिल्ली आए, नारे भी लगाए मगर किसी ने नोटिस ही नहीं किया. इन सबको समझ आने लगा है कि पुरानी पेंशन में आखिरी वेतन का आधा हिस्सा तो मिलता था लेकन नई पेंशन स्कीम में कितना मिलेगा किसी को पता नहीं है. लेकिन अगर इन लोगों को भी एक कमरे में बंद कर राष्ट्रवादी कवियों की कविताएं सुनाई जाए तो मेरा दावा है कि पेंशन तो नहीं बहाल होगी, पेंशन को लेकर धरने प्रदर्शन बंद हो जाएंगे. इन लोगों को भी खुद से लड़ना होगा. वे जनता हैं या चैनलों के बनाए हुए सामान जिसे दर्शक कहते हैं. हमारे सहयोगी राजीव रंजन जंतर मंतर गए थे. अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के नेता से बात करने. पेंशन दुनिया भर में मुद्दा रहा है. मीडिया भले टाल दे मगर लोग इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर आ जाते हैं. इनकी मांग थी कि ठेके पर कर्मचारी नहीं रखे जाएं. अब जो ठेके पर रखे गए हैं और जिन्हें पेंशन नहीं मिल रही है उनकी अंतरात्मा ही बता सकती है कि वोट वे अपने सवाल के आधार पर देंगे या भावुक मुद्दों के आधार पर. अपनी मांगों के लिए धरना प्रदर्शन करने वाले इन लोगों के इम्तहान का वक्त आ रहा है. यह चुनाव दर्शक के नागरिक होने का भी चुनाव है. अब देखिए पुणे में 15 दिनों से ये छात्र धरने पर बैठे हैं. यहां पर एम फिल और पीएचडी के छात्रों को 5000 और 8000 रुपये मासिक स्टाइपेंड मिलता था. यूनिवर्सिटी ने इसे बंद कर दिया. 2018-19 के लिए जिन छात्रों ने एडमिशन लिया है उन्हें 10 महीने बाद भी स्टाइपेंड नहीं मिला है. इनमें से कई गरीब और पहली पीढ़ी के छात्र हैं. 8 फरवरी से 20 फरवरी तक इन छात्रों ने यहां धरना दिया. 12 दिनों के धरने के बाद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो पिछले तीन दिनों से छात्रों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. इनमें 5 लड़कियां हैं और 3 लड़के हैं. आदिवासी पृष्ठभूमि के छात्र इतने गरीब हैं कि एक छात्र स्टाइपेंड बंद होने के कारण अंगूर के बाग में 150 रुपये की मज़दूरी कर रहा है. ऐसा मुझे बताया गया है. इन छात्रों की मांग है कि एम फिल के छात्र को 18 महीने का स्टाइपेंड मिले और पीएचडी के लिए 4 साल का मिले. इसके लिए पुणे यूनिवर्सिटी मे बंद का आहवान किया गया था. कर्नाटक बीजेपी के सांसद से लेकर बनारस बीजेपी से जुड़े बीएचयू के राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर तक ने मेरा नंबर सार्वजनिक कर रहे हैं. सांसद शोभा ने कई पत्रकारों की तस्वीरें ट्वीट कर पूछा है कि देशद्रोहियों को सबक सिखाना है. बीएचयू के ये प्रोफेसर बनारस बीजेपी में सक्रिय भी रहे हैं. आसानी से समझा जा सकता है कि अफवाहें कौन फैला रहा है और कौन उन अफवाहों को मान्यता दे रहा है. गालियां देने वाल देशभक्त हो ही नहीं सकता है. कभी आपने सुना है कि आज़ादी की लड़ाई में शामिल हमारे नेता गालियां देते थे. आज़ाद से लेकर भगत सिंह से लेकर गांधी तक. सबने भाषा की शानदार मर्यादा कायम की. कुछ लोगों ने मुझे जान से मारने की धमकी दी है जिसकी शिकायत पुलिस में करा दी है. एक गुज़ारिश है कि अब जब मेरा नंबर आ ही गया है तो फोन करने या मेसेज करने से पहले अपने विवेक का इस्तमाल ज़रूर करें. बधाई, शुभकामनाएं, गुडमार्निंग मेसेज, हलो या नमस्कार टाइप के मेसेज न भेजें. आपसे संपर्क रहने के कारण ही एक ऐसा मेसेज आया जिसे पढ़ने से मैं खुद को रोक नहीं पा रहा हूं. अनिगनत समस्याओं के लिए लोगों ने मुझे लिखा है मगर आज 22 साल के करियर में पहली बार किसी ने लाइब्रेरी के लिए लिखा है. वो भी दिल्ली के देहात से. लिखा है कि हम दक्षिण पश्चिम दिल्ली की लोकसभा की नज़फगढ़ विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं. मेरे क्षेत्र में एक भी पुस्तकालय की सुविधा नहीं है. न जाने कितने छात्रों को सरकारी लाइब्रेरी के लिए 45 किलोमीटर दूर पटेल नगर या सोरिजिनी नगर जाना पड़ता है. फिलहाल छात्रों को यहां के निजी पुस्तकालयों में जाना पड़ता है और उनका मासिक खर्च 1000 से 2000 रुपये आता है जो कि देहात के छात्र के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. इस क्षेत्र में दिन प्रतिदिन बढ़ती शिक्षा की तरफ रुचि से पुस्तकालय की आवश्यकता और बढ़ जाती है. कभी नहीं सोचा था कि इसी दिल्ली के देहात के छात्र मुझे लिखेंगे कि गांव में लाइब्रेरी नहीं है. मुझसे रहा नहीं गया सो इनका पत्र पढ़ दिया. लिखने वाले ने बताया कि इलाके के सांसद और विधायक से भी कहा मगर लाइब्रेरी की जगह गांव में बेंच लगाकर चले गए. दिल्ली देहात के लड़कों ने लाइब्रेरी मांगी है, लाइब्रेरी मिल जानी चाहिए. हम भले लोगों के मुद्दे न जानें, लोग अपना मुद्दा जानते हैं. ये और बात है कि टीवी उन पर अपना मुद्दा थोप देता है और वे दब जाते हैं. 20 दिसंबर को मुंबई में देश भर से यौन हिंसा की शिकार महिलाएं जमा हुईं और उन्होंने दिल्ली के लिए यात्रा निकाली. 22 फरवरी को वे दिल्ली आ गई हैं. ये महिलाएं साहस कर पाईं हैं कि समाज के सामने आ सकें, आपबीती बता सकें कि ताकि हम समाज का चेहरा देख सकें. ये तो चाहती हैं कि अपना चेहरा दिखाकर आपसे बात करें मगर सुप्रीम कोर्ट का कोई निर्देश है. अदिती राजपूत इन महिलाओं से बात करने गईं थीं. यौन हिंसा सबसे अधिक घरों के भीतर होती है वही घर जहां महान भारतीय परिवार रहता है. यह मार्च 24 राज्यों के 200 ज़िलों से गुज़रा है. जहां जहां से गुज़रा है कोई 25000 महिलाएं इस काफिले से जुड़ती गईं. दिल्ली तक आते आते संख्या कम तो हो गई लेकिन जो आईं हैं उनकी बात तो सुनिए.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: कर्नाटक में सियासी घमासान: BJP के राज्यसभा MP से जुड़ी कंपनी का है MLAs को मुम्बई ले जाने वाला विमान
लेख: कांग्रेस और जनता दल (एस) के 10 असंतुष्ट विधायक जिस चार्टर्ड विमान में बेंगलुरू से मुम्बई गए, वह भाजपा के राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर से जुड़ी एक कंपनी का है. यह जानकारी कंपनी सूत्रों ने दी. विमान जूपिटर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड का है. चंद्रशेखर कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन हैं. कंपनी के अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि विधायकों को ले जाने वाला विमान जूपिटर कैपिटल का है. उन्होंने लेकिन यह स्पष्ट किया कि वे एक कंपनी चला रहे हैं और जो कोई भी विमान का इस्तेमाल करना चाहे वह कर सकता है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘यह चार्टर आपरेशन है और विमान को नियमित तौर पर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा किराये पर लिया जाता है.' अधिकारियों ने हालांकि इस बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया कि उड़ान की बुकिंग किसने और किसकी ओर से की थी. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कर्नाटक में जेडीएस के साथ पार्टी की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार को सत्ता से हटाने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे और कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार ने रविवार को अपना यह आरोप दोहराया कि इस दक्षिणी राज्य में वर्तमान राजनीतिक उथल पुथल के पीछे भाजपा है. लेकिन भाजपा ने कहा कि उसका इससे कोई लेना देना नहीं है और यह विद्रोह दोनों सत्ताधारी सहयोगी साझेदारों के बीच विवादों का परिणाम है. कांग्रेस प्रवक्ता के ई राधाकृष्णन ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि इसके (सरकार गिराने की कोशिश) पीछे उनका (भाजपा का) हाथ है. वे लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते. भाजपा के केंद्रीय नेता इसमें शामिल हैं. उनकी भूमिका पूरी तरह से स्पष्ट है.' उन्होंने दावा किया कि असंतुष्ट विधायकों के शनिवार को राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करके राजभवन से बाहर आने के बाद उन्हें ले जाने के लिए चार्टर्ड विमान को एचएएल हवाई अड्डे पर तैयार रखा गया था. राधाकृष्णन ने आरोप लगाया कि सरकार गिराने का षड्यंत्र एक सप्ताह पहले रचा गया था जब जेडीएस विधायक ए एच विश्वनाथ दिल्ली गए थे और वहां भाजपा नेताओं से मिले थे. विश्वनाथ से सम्पर्क नहीं हो सका. कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस सरकार गठबंधन के 12 विधायकों द्वारा शनिवार को राज्य विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपने के बाद संकट का सामना कर रही है. सत्ताधारी गठबंधन के पास 224 सदस्यीय विधानसभा में 118 विधायक हैं और यदि इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो उसे सदन में बहुमत खोने का खतरा है.
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: आतंकी हमलों से निपटने के लिए 'करारा जवाब' देना होगा : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत के एक सप्ताह बाद और संसद पर हमले की बरसी से एक दिन पहले रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे और भारत को इस तरह की 'बेहया कोशिशों' पर अंकुश लगाने के लिए 'करारा जवाब' देना होगा। रक्षा मंत्री ने गुरुवार को कश्मीर का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि छह माह के भीतर हालात में बदलाव आएगा, क्योंकि सरकार ने इस संबंध में कई कदमों की योजना बनाई है। हालांकि उन्होंने इस सिलसिले में विस्तार से जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि कोई करारा जवाब दिया जाना चाहिए, जिससे इस तरह की बेहया कोशिशों पर हमेशा के लिए रोक लगे और या कम से कम इनमें कमी आए। यह एक खुला रहस्य है कि वे (आतंकवादी) पाकिस्तान से आए थे। आप अगले छह महीने में बदलाव देखेंगे। रक्षा मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के हमलों के प्रति भारत के जवाब कारगर हैं? उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में वतन की हिफाजत कर रहे सशस्त्र बलों को उचित साजोसामान और समर्थन मुहैया कराना है। उन्हें याद दिलाया गया कि पाकिस्तान के पास परमाणु शक्ति है और ऐसे में भारत सरकार कारगर जवाब कैसे दे सकती है, रक्षा मंत्री ने कहा, परमाणु ताकत हमें संयम बरतने को कहती है। रक्षा मंत्री ने कहा, मैं पूर्ण युद्ध की बात नहीं कर रहा। पूर्ण युद्ध पूरी तरह से अलग बात है, लेकिन अगर ऐसे कुछ स्थान है, जहां से आतंकवादी आते-जाते है, जो लोग हैं, जो ऐसा करते हैं... मुझे लगता है कि उन लोगों पर दबाव बनाया जाना चाहिए।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: केजरीवाल की 'जंग' और 'बदलापुर' की याद!
यह लेख है: नजीब जंग। नाम तो सुना ही होगा! दिल्‍ली में इन दिनों एलजी नजीब जंग का नाम किसी भी सामान्‍य ज्ञान के सवाल जैसा है। पता है तो कोई बात नहीं, लेकिन नहीं पता है, तो आपके बारे में पूछने वाला, सोचने लगता है। इन दिनों केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच जिस 'युद्धस्‍तर' पर कार्रवाई चल रही है, वैसी दिल्‍ली और देश कम ही देखने के आदी रहे हैं। यहां तक कि 2014 के महाचुनावी बरस और मोदी-राहुल रैलियों के दिनों में भी वैसा 'रोमांच और एक्‍शन' देखने को नहीं मिलता था। शीला दीक्षित के राजयोग में कभी नजीब साहब को जंग की ओर जाते नहीं देखा था। शायद एक वजह यह रही हो कि सारे निर्णय शीला जंग साहब से पूछकर करती रही हों! अगर नहीं तो कभी तो कोई अनबन हुई होगी, मुझे तो गूगल बाबा से मिली नहीं, आपको मिले तो बताएं, जरूर। दिल्‍ली जैसी आज है, जमाने से वैसी है। तो फि‍र यह 'जंग क्‍यों नई' है? क्‍या इसमें मोदी सरकार और पीएमओ की भूमिकाएं उतनी ही मासूम और संवैधानिक हैं, जितनी की भाजपा के प्रवक्‍ता बताते हैं? या बीजेपी केजरीवाल को सरकार के पिंजरे में कैद करने के मास्‍टर प्‍लान में व्‍यस्‍त है! अगर ऐसा है तो यकीन मानिए वह खुद के पांव में कुल्‍हाड़ी नहीं मार रही है, बल्कि पांव को आरा मशीन में डाल रही है, जहां से कोई पांव वापस नहीं आता। इस देश ने राजनैतिक मतभेदों से भरे खूब जमाने देखे हैं। यहां केंद्र और राज्‍यों में लंबे अर्से तक अलग-अलग सरकारों ने अपना काम एक दूसरे को कोसते हुए गुजारा है, लेकिन उनके दैनिक कामों और जिम्‍मेदारियों के निर्वाह में ऐसे रोड़े का राजनैतिक नाटक हमने कभी नहीं देखा।    मुझे पीएम नरेंद्र मोदी की ऊर्जा और भाषणों में तंज की निपुणता से ईर्ष्‍या है। वह असीम ऊर्जा और रात दिन काम में डूबे रहने वाले नेता और प्रधानमंत्री हैं, जैसा कि उनके ट्विटर अकाउंट से हमें समय-समय पर पता चलता है, लेकिन क्‍या वे अभी तक 'इलेक्‍शन मोड' पर हैं। क्‍या मोदी हमारी संवैधानिक और सामान्‍य राजनैतिक मर्यादा और परंपराओं को खतरे के निशान से ऊपर तक ले आए हैं। बात जंग से शुरू होकर पीएम मोदी पर इसलिए एकाग्र हो गई है, क्‍योंकि पीएमओ इस 'दिल्‍ली की जंग' का केंद्र बनता दिख रहा है। आखिर हम अपने प्रधानमंत्री को एक ऐसे नेता के रूप में जानते हैं, जो बख्‍शते नहीं हैं, अपनी पसंद छुपाते नहीं। उन्‍होंने आडवाणी, जोशी को मार्ग 'दर्शक' बना दिया। अमित शाह को पथप्रदर्शक बना दिया। केजरीवाल को पीएम मोदी अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। केजरीवाल ने उनको खूब तंग किया है। यहां तक की थाली में दिख रही दिल्‍ली एक झटके में छीन ली। लेकिन केजरीवाल की दुश्मनी को दिल से लगाए रखने और बदला चुकाने का यह तरीका कहीं ज्‍यादा भारी पड़ सकता है। यहां मसला, पार्टी का नहीं है। यह देश की राजधानी और उन लोगों का है, जिन्‍होंने आपको पीएम विशाल हृदय और 56 इंच की छाती के लिए चुना था। जनता तो एक बार वोट देकर आपसे आस लगाए घर बैठ गई, लेकिन आप न तो घर में दिखते हैं और न ही उन संवै‍धानिक मूल्‍यों के प्रति सम्‍मान प्रकट करते दिखते हैं, जिनके लिए आपको चुना गया था। यहां तक कि विदेशों में भी कांग्रेस को कोसते रहते हैं। हां, आप बोलते चंगा हैं, जैसा कि कभी नहीं बोलने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि आप सुपरहिट वक्‍ता हैं, जिसके वादों पर जनता निसार थी, लेकिन अब वह चाहती है (इसमें दिल्‍ली भी है) विदेश नीति और वहां जयघोष के बीच उसके आंसुओं और मुद्दों का भी जिक्र और समाधान हो। दिल्‍ली की सरकार को काम करने देना और उसमें एलजी रूपी रुकावट को दूर करना ऐसा ही काम है। हम सब चाहते हैं कि यह जंग जल्‍दी से जल्‍दी खत्‍म हो और यह आपके बिना हस्‍तक्षेप के संभव नहीं। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। इन दिनों केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच जिस 'युद्धस्‍तर' पर कार्रवाई चल रही है, वैसी दिल्‍ली और देश कम ही देखने के आदी रहे हैं। यहां तक कि 2014 के महाचुनावी बरस और मोदी-राहुल रैलियों के दिनों में भी वैसा 'रोमांच और एक्‍शन' देखने को नहीं मिलता था। शीला दीक्षित के राजयोग में कभी नजीब साहब को जंग की ओर जाते नहीं देखा था। शायद एक वजह यह रही हो कि सारे निर्णय शीला जंग साहब से पूछकर करती रही हों! अगर नहीं तो कभी तो कोई अनबन हुई होगी, मुझे तो गूगल बाबा से मिली नहीं, आपको मिले तो बताएं, जरूर। दिल्‍ली जैसी आज है, जमाने से वैसी है। तो फि‍र यह 'जंग क्‍यों नई' है? क्‍या इसमें मोदी सरकार और पीएमओ की भूमिकाएं उतनी ही मासूम और संवैधानिक हैं, जितनी की भाजपा के प्रवक्‍ता बताते हैं? या बीजेपी केजरीवाल को सरकार के पिंजरे में कैद करने के मास्‍टर प्‍लान में व्‍यस्‍त है! अगर ऐसा है तो यकीन मानिए वह खुद के पांव में कुल्‍हाड़ी नहीं मार रही है, बल्कि पांव को आरा मशीन में डाल रही है, जहां से कोई पांव वापस नहीं आता। इस देश ने राजनैतिक मतभेदों से भरे खूब जमाने देखे हैं। यहां केंद्र और राज्‍यों में लंबे अर्से तक अलग-अलग सरकारों ने अपना काम एक दूसरे को कोसते हुए गुजारा है, लेकिन उनके दैनिक कामों और जिम्‍मेदारियों के निर्वाह में ऐसे रोड़े का राजनैतिक नाटक हमने कभी नहीं देखा।    मुझे पीएम नरेंद्र मोदी की ऊर्जा और भाषणों में तंज की निपुणता से ईर्ष्‍या है। वह असीम ऊर्जा और रात दिन काम में डूबे रहने वाले नेता और प्रधानमंत्री हैं, जैसा कि उनके ट्विटर अकाउंट से हमें समय-समय पर पता चलता है, लेकिन क्‍या वे अभी तक 'इलेक्‍शन मोड' पर हैं। क्‍या मोदी हमारी संवैधानिक और सामान्‍य राजनैतिक मर्यादा और परंपराओं को खतरे के निशान से ऊपर तक ले आए हैं। बात जंग से शुरू होकर पीएम मोदी पर इसलिए एकाग्र हो गई है, क्‍योंकि पीएमओ इस 'दिल्‍ली की जंग' का केंद्र बनता दिख रहा है। आखिर हम अपने प्रधानमंत्री को एक ऐसे नेता के रूप में जानते हैं, जो बख्‍शते नहीं हैं, अपनी पसंद छुपाते नहीं। उन्‍होंने आडवाणी, जोशी को मार्ग 'दर्शक' बना दिया। अमित शाह को पथप्रदर्शक बना दिया। केजरीवाल को पीएम मोदी अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। केजरीवाल ने उनको खूब तंग किया है। यहां तक की थाली में दिख रही दिल्‍ली एक झटके में छीन ली। लेकिन केजरीवाल की दुश्मनी को दिल से लगाए रखने और बदला चुकाने का यह तरीका कहीं ज्‍यादा भारी पड़ सकता है। यहां मसला, पार्टी का नहीं है। यह देश की राजधानी और उन लोगों का है, जिन्‍होंने आपको पीएम विशाल हृदय और 56 इंच की छाती के लिए चुना था। जनता तो एक बार वोट देकर आपसे आस लगाए घर बैठ गई, लेकिन आप न तो घर में दिखते हैं और न ही उन संवै‍धानिक मूल्‍यों के प्रति सम्‍मान प्रकट करते दिखते हैं, जिनके लिए आपको चुना गया था। यहां तक कि विदेशों में भी कांग्रेस को कोसते रहते हैं। हां, आप बोलते चंगा हैं, जैसा कि कभी नहीं बोलने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि आप सुपरहिट वक्‍ता हैं, जिसके वादों पर जनता निसार थी, लेकिन अब वह चाहती है (इसमें दिल्‍ली भी है) विदेश नीति और वहां जयघोष के बीच उसके आंसुओं और मुद्दों का भी जिक्र और समाधान हो। दिल्‍ली की सरकार को काम करने देना और उसमें एलजी रूपी रुकावट को दूर करना ऐसा ही काम है। हम सब चाहते हैं कि यह जंग जल्‍दी से जल्‍दी खत्‍म हो और यह आपके बिना हस्‍तक्षेप के संभव नहीं। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। दिल्‍ली जैसी आज है, जमाने से वैसी है। तो फि‍र यह 'जंग क्‍यों नई' है? क्‍या इसमें मोदी सरकार और पीएमओ की भूमिकाएं उतनी ही मासूम और संवैधानिक हैं, जितनी की भाजपा के प्रवक्‍ता बताते हैं? या बीजेपी केजरीवाल को सरकार के पिंजरे में कैद करने के मास्‍टर प्‍लान में व्‍यस्‍त है! अगर ऐसा है तो यकीन मानिए वह खुद के पांव में कुल्‍हाड़ी नहीं मार रही है, बल्कि पांव को आरा मशीन में डाल रही है, जहां से कोई पांव वापस नहीं आता। इस देश ने राजनैतिक मतभेदों से भरे खूब जमाने देखे हैं। यहां केंद्र और राज्‍यों में लंबे अर्से तक अलग-अलग सरकारों ने अपना काम एक दूसरे को कोसते हुए गुजारा है, लेकिन उनके दैनिक कामों और जिम्‍मेदारियों के निर्वाह में ऐसे रोड़े का राजनैतिक नाटक हमने कभी नहीं देखा।    मुझे पीएम नरेंद्र मोदी की ऊर्जा और भाषणों में तंज की निपुणता से ईर्ष्‍या है। वह असीम ऊर्जा और रात दिन काम में डूबे रहने वाले नेता और प्रधानमंत्री हैं, जैसा कि उनके ट्विटर अकाउंट से हमें समय-समय पर पता चलता है, लेकिन क्‍या वे अभी तक 'इलेक्‍शन मोड' पर हैं। क्‍या मोदी हमारी संवैधानिक और सामान्‍य राजनैतिक मर्यादा और परंपराओं को खतरे के निशान से ऊपर तक ले आए हैं। बात जंग से शुरू होकर पीएम मोदी पर इसलिए एकाग्र हो गई है, क्‍योंकि पीएमओ इस 'दिल्‍ली की जंग' का केंद्र बनता दिख रहा है। आखिर हम अपने प्रधानमंत्री को एक ऐसे नेता के रूप में जानते हैं, जो बख्‍शते नहीं हैं, अपनी पसंद छुपाते नहीं। उन्‍होंने आडवाणी, जोशी को मार्ग 'दर्शक' बना दिया। अमित शाह को पथप्रदर्शक बना दिया। केजरीवाल को पीएम मोदी अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। केजरीवाल ने उनको खूब तंग किया है। यहां तक की थाली में दिख रही दिल्‍ली एक झटके में छीन ली। लेकिन केजरीवाल की दुश्मनी को दिल से लगाए रखने और बदला चुकाने का यह तरीका कहीं ज्‍यादा भारी पड़ सकता है। यहां मसला, पार्टी का नहीं है। यह देश की राजधानी और उन लोगों का है, जिन्‍होंने आपको पीएम विशाल हृदय और 56 इंच की छाती के लिए चुना था। जनता तो एक बार वोट देकर आपसे आस लगाए घर बैठ गई, लेकिन आप न तो घर में दिखते हैं और न ही उन संवै‍धानिक मूल्‍यों के प्रति सम्‍मान प्रकट करते दिखते हैं, जिनके लिए आपको चुना गया था। यहां तक कि विदेशों में भी कांग्रेस को कोसते रहते हैं। हां, आप बोलते चंगा हैं, जैसा कि कभी नहीं बोलने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि आप सुपरहिट वक्‍ता हैं, जिसके वादों पर जनता निसार थी, लेकिन अब वह चाहती है (इसमें दिल्‍ली भी है) विदेश नीति और वहां जयघोष के बीच उसके आंसुओं और मुद्दों का भी जिक्र और समाधान हो। दिल्‍ली की सरकार को काम करने देना और उसमें एलजी रूपी रुकावट को दूर करना ऐसा ही काम है। हम सब चाहते हैं कि यह जंग जल्‍दी से जल्‍दी खत्‍म हो और यह आपके बिना हस्‍तक्षेप के संभव नहीं। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। इस देश ने राजनैतिक मतभेदों से भरे खूब जमाने देखे हैं। यहां केंद्र और राज्‍यों में लंबे अर्से तक अलग-अलग सरकारों ने अपना काम एक दूसरे को कोसते हुए गुजारा है, लेकिन उनके दैनिक कामों और जिम्‍मेदारियों के निर्वाह में ऐसे रोड़े का राजनैतिक नाटक हमने कभी नहीं देखा।    मुझे पीएम नरेंद्र मोदी की ऊर्जा और भाषणों में तंज की निपुणता से ईर्ष्‍या है। वह असीम ऊर्जा और रात दिन काम में डूबे रहने वाले नेता और प्रधानमंत्री हैं, जैसा कि उनके ट्विटर अकाउंट से हमें समय-समय पर पता चलता है, लेकिन क्‍या वे अभी तक 'इलेक्‍शन मोड' पर हैं। क्‍या मोदी हमारी संवैधानिक और सामान्‍य राजनैतिक मर्यादा और परंपराओं को खतरे के निशान से ऊपर तक ले आए हैं। बात जंग से शुरू होकर पीएम मोदी पर इसलिए एकाग्र हो गई है, क्‍योंकि पीएमओ इस 'दिल्‍ली की जंग' का केंद्र बनता दिख रहा है। आखिर हम अपने प्रधानमंत्री को एक ऐसे नेता के रूप में जानते हैं, जो बख्‍शते नहीं हैं, अपनी पसंद छुपाते नहीं। उन्‍होंने आडवाणी, जोशी को मार्ग 'दर्शक' बना दिया। अमित शाह को पथप्रदर्शक बना दिया। केजरीवाल को पीएम मोदी अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। केजरीवाल ने उनको खूब तंग किया है। यहां तक की थाली में दिख रही दिल्‍ली एक झटके में छीन ली। लेकिन केजरीवाल की दुश्मनी को दिल से लगाए रखने और बदला चुकाने का यह तरीका कहीं ज्‍यादा भारी पड़ सकता है। यहां मसला, पार्टी का नहीं है। यह देश की राजधानी और उन लोगों का है, जिन्‍होंने आपको पीएम विशाल हृदय और 56 इंच की छाती के लिए चुना था। जनता तो एक बार वोट देकर आपसे आस लगाए घर बैठ गई, लेकिन आप न तो घर में दिखते हैं और न ही उन संवै‍धानिक मूल्‍यों के प्रति सम्‍मान प्रकट करते दिखते हैं, जिनके लिए आपको चुना गया था। यहां तक कि विदेशों में भी कांग्रेस को कोसते रहते हैं। हां, आप बोलते चंगा हैं, जैसा कि कभी नहीं बोलने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि आप सुपरहिट वक्‍ता हैं, जिसके वादों पर जनता निसार थी, लेकिन अब वह चाहती है (इसमें दिल्‍ली भी है) विदेश नीति और वहां जयघोष के बीच उसके आंसुओं और मुद्दों का भी जिक्र और समाधान हो। दिल्‍ली की सरकार को काम करने देना और उसमें एलजी रूपी रुकावट को दूर करना ऐसा ही काम है। हम सब चाहते हैं कि यह जंग जल्‍दी से जल्‍दी खत्‍म हो और यह आपके बिना हस्‍तक्षेप के संभव नहीं। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। मुझे पीएम नरेंद्र मोदी की ऊर्जा और भाषणों में तंज की निपुणता से ईर्ष्‍या है। वह असीम ऊर्जा और रात दिन काम में डूबे रहने वाले नेता और प्रधानमंत्री हैं, जैसा कि उनके ट्विटर अकाउंट से हमें समय-समय पर पता चलता है, लेकिन क्‍या वे अभी तक 'इलेक्‍शन मोड' पर हैं। क्‍या मोदी हमारी संवैधानिक और सामान्‍य राजनैतिक मर्यादा और परंपराओं को खतरे के निशान से ऊपर तक ले आए हैं। बात जंग से शुरू होकर पीएम मोदी पर इसलिए एकाग्र हो गई है, क्‍योंकि पीएमओ इस 'दिल्‍ली की जंग' का केंद्र बनता दिख रहा है। आखिर हम अपने प्रधानमंत्री को एक ऐसे नेता के रूप में जानते हैं, जो बख्‍शते नहीं हैं, अपनी पसंद छुपाते नहीं। उन्‍होंने आडवाणी, जोशी को मार्ग 'दर्शक' बना दिया। अमित शाह को पथप्रदर्शक बना दिया। केजरीवाल को पीएम मोदी अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। केजरीवाल ने उनको खूब तंग किया है। यहां तक की थाली में दिख रही दिल्‍ली एक झटके में छीन ली। लेकिन केजरीवाल की दुश्मनी को दिल से लगाए रखने और बदला चुकाने का यह तरीका कहीं ज्‍यादा भारी पड़ सकता है। यहां मसला, पार्टी का नहीं है। यह देश की राजधानी और उन लोगों का है, जिन्‍होंने आपको पीएम विशाल हृदय और 56 इंच की छाती के लिए चुना था। जनता तो एक बार वोट देकर आपसे आस लगाए घर बैठ गई, लेकिन आप न तो घर में दिखते हैं और न ही उन संवै‍धानिक मूल्‍यों के प्रति सम्‍मान प्रकट करते दिखते हैं, जिनके लिए आपको चुना गया था। यहां तक कि विदेशों में भी कांग्रेस को कोसते रहते हैं। हां, आप बोलते चंगा हैं, जैसा कि कभी नहीं बोलने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि आप सुपरहिट वक्‍ता हैं, जिसके वादों पर जनता निसार थी, लेकिन अब वह चाहती है (इसमें दिल्‍ली भी है) विदेश नीति और वहां जयघोष के बीच उसके आंसुओं और मुद्दों का भी जिक्र और समाधान हो। दिल्‍ली की सरकार को काम करने देना और उसमें एलजी रूपी रुकावट को दूर करना ऐसा ही काम है। हम सब चाहते हैं कि यह जंग जल्‍दी से जल्‍दी खत्‍म हो और यह आपके बिना हस्‍तक्षेप के संभव नहीं। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। बात जंग से शुरू होकर पीएम मोदी पर इसलिए एकाग्र हो गई है, क्‍योंकि पीएमओ इस 'दिल्‍ली की जंग' का केंद्र बनता दिख रहा है। आखिर हम अपने प्रधानमंत्री को एक ऐसे नेता के रूप में जानते हैं, जो बख्‍शते नहीं हैं, अपनी पसंद छुपाते नहीं। उन्‍होंने आडवाणी, जोशी को मार्ग 'दर्शक' बना दिया। अमित शाह को पथप्रदर्शक बना दिया। केजरीवाल को पीएम मोदी अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। केजरीवाल ने उनको खूब तंग किया है। यहां तक की थाली में दिख रही दिल्‍ली एक झटके में छीन ली। लेकिन केजरीवाल की दुश्मनी को दिल से लगाए रखने और बदला चुकाने का यह तरीका कहीं ज्‍यादा भारी पड़ सकता है। यहां मसला, पार्टी का नहीं है। यह देश की राजधानी और उन लोगों का है, जिन्‍होंने आपको पीएम विशाल हृदय और 56 इंच की छाती के लिए चुना था। जनता तो एक बार वोट देकर आपसे आस लगाए घर बैठ गई, लेकिन आप न तो घर में दिखते हैं और न ही उन संवै‍धानिक मूल्‍यों के प्रति सम्‍मान प्रकट करते दिखते हैं, जिनके लिए आपको चुना गया था। यहां तक कि विदेशों में भी कांग्रेस को कोसते रहते हैं। हां, आप बोलते चंगा हैं, जैसा कि कभी नहीं बोलने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि आप सुपरहिट वक्‍ता हैं, जिसके वादों पर जनता निसार थी, लेकिन अब वह चाहती है (इसमें दिल्‍ली भी है) विदेश नीति और वहां जयघोष के बीच उसके आंसुओं और मुद्दों का भी जिक्र और समाधान हो। दिल्‍ली की सरकार को काम करने देना और उसमें एलजी रूपी रुकावट को दूर करना ऐसा ही काम है। हम सब चाहते हैं कि यह जंग जल्‍दी से जल्‍दी खत्‍म हो और यह आपके बिना हस्‍तक्षेप के संभव नहीं। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। लेकिन केजरीवाल की दुश्मनी को दिल से लगाए रखने और बदला चुकाने का यह तरीका कहीं ज्‍यादा भारी पड़ सकता है। यहां मसला, पार्टी का नहीं है। यह देश की राजधानी और उन लोगों का है, जिन्‍होंने आपको पीएम विशाल हृदय और 56 इंच की छाती के लिए चुना था। जनता तो एक बार वोट देकर आपसे आस लगाए घर बैठ गई, लेकिन आप न तो घर में दिखते हैं और न ही उन संवै‍धानिक मूल्‍यों के प्रति सम्‍मान प्रकट करते दिखते हैं, जिनके लिए आपको चुना गया था। यहां तक कि विदेशों में भी कांग्रेस को कोसते रहते हैं। हां, आप बोलते चंगा हैं, जैसा कि कभी नहीं बोलने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि आप सुपरहिट वक्‍ता हैं, जिसके वादों पर जनता निसार थी, लेकिन अब वह चाहती है (इसमें दिल्‍ली भी है) विदेश नीति और वहां जयघोष के बीच उसके आंसुओं और मुद्दों का भी जिक्र और समाधान हो। दिल्‍ली की सरकार को काम करने देना और उसमें एलजी रूपी रुकावट को दूर करना ऐसा ही काम है। हम सब चाहते हैं कि यह जंग जल्‍दी से जल्‍दी खत्‍म हो और यह आपके बिना हस्‍तक्षेप के संभव नहीं। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। दिल्‍ली की सरकार को काम करने देना और उसमें एलजी रूपी रुकावट को दूर करना ऐसा ही काम है। हम सब चाहते हैं कि यह जंग जल्‍दी से जल्‍दी खत्‍म हो और यह आपके बिना हस्‍तक्षेप के संभव नहीं। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। अगर दिल्‍ली को यह संदेश गया कि आपकी सरकार के चलते उसके काम अटके हैं, तो इसका असर बिहार और उत्‍तर प्रदेश की आगामी परीक्षाओं (चुनाव) में बेहद निगेटिव हो सकता है। जनता आपको दिल्‍ली में बैठाना चाहती थी, सो उसने कर दिया, लेकिन उसने बाकी जहां-जहां जिसे बैठाया है, अगर वो काम नहीं कर पाएंगे और आपका नाम गिनाएंगे तो इसकी कीमत आगामी दो सबसे बड़ी जंगों में चुकानी पड़ सकती है। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। हां, एक बात और। केजरीवाल की इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि चुनाव जंग को नहीं लड़ना है, इसलिए केजरीवाल सरकार को काम करने दें और अपनी पार्टी से कहें कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की जंग की तैयारी करे। दिल्‍ली को केजरीवाल को सौंप दें, क्‍योंकि यही जनादेश है।टिप्पणियां इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। इस जंग के बीच मुझे 'बदलापुर' की याद आ रही है। भाजपा को अपने नेताओं (खासकर दिल्‍ली में सक्रिय) के लिए वरुण धवन की 'बदलापुर' का शो जल्‍दी रखना चाहिए। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी। यह फि‍ल्‍म बहुत ही संवेदनशीलता से यह समझाती है कि आपका बदला कितना ही जरूरी और पवित्र क्‍यों न हो, उससे आपको भी उतना ही नुकसान होता है। इसलिए भाजपा और मोदी सरकार जितनी जल्‍दी इस बदलापुर मोड से बाहर आएगी, दिल्‍ली को केजरीवाल के विवेक पर छोड़ देगी, उतना उसके और दिल्‍ली के लिए बेहतर होगा। वरना 'जंग' की कीमत सबको चुकानी पड़ेगी।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: टाटा ग्रुप के सलाहकार हरीश साल्वे ने कहा, रतन टाटा 'जमीन के टुकड़े' के लिए नहीं लड़ रहे हैं...
यह एक लेख है: टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के आश्चर्यजनक फैसले के मूल में उनके और पूर्ववर्ती चेयरमैन 78 वर्षीय रतन टाटा के बीच मूल्यों के अंतर का होना है. यह बात 100 बिलियन डॉलर वाले टाटा ग्रुप के कानूनी सलाहकार के रूप में लंबे समय से कार्य कर रहे हरीश साल्वे ने कही है.     गौरतलब है कि 78 साल के टाटा को 4 माह के लिए चेयरमैन बनाया गया है. इस दौरान एक चयन समिति उनके उत्ताधिकारी का चयन करेगी. समूह को लगा होगा कि उसकी वर्षों पुरानी अंतरराष्ट्रीय साख पर आंच आ रही है, इसी बात पर जोर देते हुए हरीश साल्वे ने NDTV से कहा, "मैं पक्के तौर पर कह सकता हूं कि इसमें शामिल लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि वह जमीन के एक टुकड़े या संपत्ति के लिए नहीं लड़ रहे हैं.' साल्वे ने NDTV की ओर से सुबह दी गई एक्सक्लूसिव खबर की पुष्टि की, जिसमें कहा गया था कि भारत की इस बहुआयामी कंपनी के परिवार के कुलपिता को लगा कि 48 साल के मिस्त्री यूके में टाटा के संपूर्ण स्टील कारोबार को समाप्त करके 'परिवार के रत्नों' में से एक को बेचने जा रहे थे. इसके साथ ही वह अमेरिका स्थित होटलों को भी बेचने जा रहे थे, जो समूह की प्रतिष्ठित ताज श्रृंखला का हिस्सा हैं. ब्रेक्जिट की ओर से अवरोधित यूके स्टील को बेचने के कदम के बारे में बात करते हुए हरीश साल्वे ने NDTV से कहा, 'टाटा की छवि तूफानों को झेल जाने की रही है.' उन्होंने बताया कि टाटा का परंपरागत दृष्टिकोण जो उनके मूल्यों का केंद्रबिंदु है, वह यह है, 'कठिन परिस्थितियों में आप अपनी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं... उन्हें विखंडित करने से पहले आप ठीक करने की कोशिश करें.' ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने बढ़ती लागत, चीन से आयात और कम मांग के चलते मार्च में यूके की संपत्तियों को बेचने का फैसला कर लिया था. इस पर साल्वे ने कहा कि बोर्ड को लगा कि जब समूह ने यूके में स्टील कारोबार में अपनी पहुंच बनाई थी, तो 'यह केवल एक बिजनेस को ही खरीदना बस नहीं था, बल्कि यह एक संस्थागत खरीदारी थी', और टाटा स्टील को बेचने के फैसले ने उसे भड़का दिया, क्योंकि इसे टाटा की संपत्तियों को बेचने और उनके द्वारा किए गए अधिग्रहणों, जिनमें लक्जरी ऑटो निर्माता लैंड रोवर और यूरोपियन स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण भी शामिल था, को पलटने के चलन के रूप में देखा गया. साइरस मिस्त्री, जिनके परिवार के स्वामित्व वाला शापूरजी पैलोनजी ग्रुप टाटा सन्स का सबसे बड़ा शेयरधारक है, ने 30 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जाने पर बिजनेस के कुछ हिस्से को बेचने का फैसला कर लिया था. साल्वे ने यह भी पुष्टि की कि डोकोमो केस, जिसमें टाटा को अपने पूर्व टेलीकॉम पार्टनर को 1.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, भी इस तनाव का मुख्य कारण बना. नजदीकी सूत्रों का कहना है कि टाटा का मानना है कि उनके उत्तराधिकारी की ओर से की गई इस डील की वजह से इस मामले में उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जाने वाला था.टिप्पणियां चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' गौरतलब है कि 78 साल के टाटा को 4 माह के लिए चेयरमैन बनाया गया है. इस दौरान एक चयन समिति उनके उत्ताधिकारी का चयन करेगी. समूह को लगा होगा कि उसकी वर्षों पुरानी अंतरराष्ट्रीय साख पर आंच आ रही है, इसी बात पर जोर देते हुए हरीश साल्वे ने NDTV से कहा, "मैं पक्के तौर पर कह सकता हूं कि इसमें शामिल लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि वह जमीन के एक टुकड़े या संपत्ति के लिए नहीं लड़ रहे हैं.' साल्वे ने NDTV की ओर से सुबह दी गई एक्सक्लूसिव खबर की पुष्टि की, जिसमें कहा गया था कि भारत की इस बहुआयामी कंपनी के परिवार के कुलपिता को लगा कि 48 साल के मिस्त्री यूके में टाटा के संपूर्ण स्टील कारोबार को समाप्त करके 'परिवार के रत्नों' में से एक को बेचने जा रहे थे. इसके साथ ही वह अमेरिका स्थित होटलों को भी बेचने जा रहे थे, जो समूह की प्रतिष्ठित ताज श्रृंखला का हिस्सा हैं. ब्रेक्जिट की ओर से अवरोधित यूके स्टील को बेचने के कदम के बारे में बात करते हुए हरीश साल्वे ने NDTV से कहा, 'टाटा की छवि तूफानों को झेल जाने की रही है.' उन्होंने बताया कि टाटा का परंपरागत दृष्टिकोण जो उनके मूल्यों का केंद्रबिंदु है, वह यह है, 'कठिन परिस्थितियों में आप अपनी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं... उन्हें विखंडित करने से पहले आप ठीक करने की कोशिश करें.' ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने बढ़ती लागत, चीन से आयात और कम मांग के चलते मार्च में यूके की संपत्तियों को बेचने का फैसला कर लिया था. इस पर साल्वे ने कहा कि बोर्ड को लगा कि जब समूह ने यूके में स्टील कारोबार में अपनी पहुंच बनाई थी, तो 'यह केवल एक बिजनेस को ही खरीदना बस नहीं था, बल्कि यह एक संस्थागत खरीदारी थी', और टाटा स्टील को बेचने के फैसले ने उसे भड़का दिया, क्योंकि इसे टाटा की संपत्तियों को बेचने और उनके द्वारा किए गए अधिग्रहणों, जिनमें लक्जरी ऑटो निर्माता लैंड रोवर और यूरोपियन स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण भी शामिल था, को पलटने के चलन के रूप में देखा गया. साइरस मिस्त्री, जिनके परिवार के स्वामित्व वाला शापूरजी पैलोनजी ग्रुप टाटा सन्स का सबसे बड़ा शेयरधारक है, ने 30 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जाने पर बिजनेस के कुछ हिस्से को बेचने का फैसला कर लिया था. साल्वे ने यह भी पुष्टि की कि डोकोमो केस, जिसमें टाटा को अपने पूर्व टेलीकॉम पार्टनर को 1.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, भी इस तनाव का मुख्य कारण बना. नजदीकी सूत्रों का कहना है कि टाटा का मानना है कि उनके उत्तराधिकारी की ओर से की गई इस डील की वजह से इस मामले में उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जाने वाला था.टिप्पणियां चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' समूह को लगा होगा कि उसकी वर्षों पुरानी अंतरराष्ट्रीय साख पर आंच आ रही है, इसी बात पर जोर देते हुए हरीश साल्वे ने NDTV से कहा, "मैं पक्के तौर पर कह सकता हूं कि इसमें शामिल लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि वह जमीन के एक टुकड़े या संपत्ति के लिए नहीं लड़ रहे हैं.' साल्वे ने NDTV की ओर से सुबह दी गई एक्सक्लूसिव खबर की पुष्टि की, जिसमें कहा गया था कि भारत की इस बहुआयामी कंपनी के परिवार के कुलपिता को लगा कि 48 साल के मिस्त्री यूके में टाटा के संपूर्ण स्टील कारोबार को समाप्त करके 'परिवार के रत्नों' में से एक को बेचने जा रहे थे. इसके साथ ही वह अमेरिका स्थित होटलों को भी बेचने जा रहे थे, जो समूह की प्रतिष्ठित ताज श्रृंखला का हिस्सा हैं. ब्रेक्जिट की ओर से अवरोधित यूके स्टील को बेचने के कदम के बारे में बात करते हुए हरीश साल्वे ने NDTV से कहा, 'टाटा की छवि तूफानों को झेल जाने की रही है.' उन्होंने बताया कि टाटा का परंपरागत दृष्टिकोण जो उनके मूल्यों का केंद्रबिंदु है, वह यह है, 'कठिन परिस्थितियों में आप अपनी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं... उन्हें विखंडित करने से पहले आप ठीक करने की कोशिश करें.' ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने बढ़ती लागत, चीन से आयात और कम मांग के चलते मार्च में यूके की संपत्तियों को बेचने का फैसला कर लिया था. इस पर साल्वे ने कहा कि बोर्ड को लगा कि जब समूह ने यूके में स्टील कारोबार में अपनी पहुंच बनाई थी, तो 'यह केवल एक बिजनेस को ही खरीदना बस नहीं था, बल्कि यह एक संस्थागत खरीदारी थी', और टाटा स्टील को बेचने के फैसले ने उसे भड़का दिया, क्योंकि इसे टाटा की संपत्तियों को बेचने और उनके द्वारा किए गए अधिग्रहणों, जिनमें लक्जरी ऑटो निर्माता लैंड रोवर और यूरोपियन स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण भी शामिल था, को पलटने के चलन के रूप में देखा गया. साइरस मिस्त्री, जिनके परिवार के स्वामित्व वाला शापूरजी पैलोनजी ग्रुप टाटा सन्स का सबसे बड़ा शेयरधारक है, ने 30 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जाने पर बिजनेस के कुछ हिस्से को बेचने का फैसला कर लिया था. साल्वे ने यह भी पुष्टि की कि डोकोमो केस, जिसमें टाटा को अपने पूर्व टेलीकॉम पार्टनर को 1.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, भी इस तनाव का मुख्य कारण बना. नजदीकी सूत्रों का कहना है कि टाटा का मानना है कि उनके उत्तराधिकारी की ओर से की गई इस डील की वजह से इस मामले में उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जाने वाला था.टिप्पणियां चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' साल्वे ने NDTV की ओर से सुबह दी गई एक्सक्लूसिव खबर की पुष्टि की, जिसमें कहा गया था कि भारत की इस बहुआयामी कंपनी के परिवार के कुलपिता को लगा कि 48 साल के मिस्त्री यूके में टाटा के संपूर्ण स्टील कारोबार को समाप्त करके 'परिवार के रत्नों' में से एक को बेचने जा रहे थे. इसके साथ ही वह अमेरिका स्थित होटलों को भी बेचने जा रहे थे, जो समूह की प्रतिष्ठित ताज श्रृंखला का हिस्सा हैं. ब्रेक्जिट की ओर से अवरोधित यूके स्टील को बेचने के कदम के बारे में बात करते हुए हरीश साल्वे ने NDTV से कहा, 'टाटा की छवि तूफानों को झेल जाने की रही है.' उन्होंने बताया कि टाटा का परंपरागत दृष्टिकोण जो उनके मूल्यों का केंद्रबिंदु है, वह यह है, 'कठिन परिस्थितियों में आप अपनी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं... उन्हें विखंडित करने से पहले आप ठीक करने की कोशिश करें.' ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने बढ़ती लागत, चीन से आयात और कम मांग के चलते मार्च में यूके की संपत्तियों को बेचने का फैसला कर लिया था. इस पर साल्वे ने कहा कि बोर्ड को लगा कि जब समूह ने यूके में स्टील कारोबार में अपनी पहुंच बनाई थी, तो 'यह केवल एक बिजनेस को ही खरीदना बस नहीं था, बल्कि यह एक संस्थागत खरीदारी थी', और टाटा स्टील को बेचने के फैसले ने उसे भड़का दिया, क्योंकि इसे टाटा की संपत्तियों को बेचने और उनके द्वारा किए गए अधिग्रहणों, जिनमें लक्जरी ऑटो निर्माता लैंड रोवर और यूरोपियन स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण भी शामिल था, को पलटने के चलन के रूप में देखा गया. साइरस मिस्त्री, जिनके परिवार के स्वामित्व वाला शापूरजी पैलोनजी ग्रुप टाटा सन्स का सबसे बड़ा शेयरधारक है, ने 30 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जाने पर बिजनेस के कुछ हिस्से को बेचने का फैसला कर लिया था. साल्वे ने यह भी पुष्टि की कि डोकोमो केस, जिसमें टाटा को अपने पूर्व टेलीकॉम पार्टनर को 1.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, भी इस तनाव का मुख्य कारण बना. नजदीकी सूत्रों का कहना है कि टाटा का मानना है कि उनके उत्तराधिकारी की ओर से की गई इस डील की वजह से इस मामले में उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जाने वाला था.टिप्पणियां चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' ब्रेक्जिट की ओर से अवरोधित यूके स्टील को बेचने के कदम के बारे में बात करते हुए हरीश साल्वे ने NDTV से कहा, 'टाटा की छवि तूफानों को झेल जाने की रही है.' उन्होंने बताया कि टाटा का परंपरागत दृष्टिकोण जो उनके मूल्यों का केंद्रबिंदु है, वह यह है, 'कठिन परिस्थितियों में आप अपनी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं... उन्हें विखंडित करने से पहले आप ठीक करने की कोशिश करें.' ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने बढ़ती लागत, चीन से आयात और कम मांग के चलते मार्च में यूके की संपत्तियों को बेचने का फैसला कर लिया था. इस पर साल्वे ने कहा कि बोर्ड को लगा कि जब समूह ने यूके में स्टील कारोबार में अपनी पहुंच बनाई थी, तो 'यह केवल एक बिजनेस को ही खरीदना बस नहीं था, बल्कि यह एक संस्थागत खरीदारी थी', और टाटा स्टील को बेचने के फैसले ने उसे भड़का दिया, क्योंकि इसे टाटा की संपत्तियों को बेचने और उनके द्वारा किए गए अधिग्रहणों, जिनमें लक्जरी ऑटो निर्माता लैंड रोवर और यूरोपियन स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण भी शामिल था, को पलटने के चलन के रूप में देखा गया. साइरस मिस्त्री, जिनके परिवार के स्वामित्व वाला शापूरजी पैलोनजी ग्रुप टाटा सन्स का सबसे बड़ा शेयरधारक है, ने 30 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जाने पर बिजनेस के कुछ हिस्से को बेचने का फैसला कर लिया था. साल्वे ने यह भी पुष्टि की कि डोकोमो केस, जिसमें टाटा को अपने पूर्व टेलीकॉम पार्टनर को 1.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, भी इस तनाव का मुख्य कारण बना. नजदीकी सूत्रों का कहना है कि टाटा का मानना है कि उनके उत्तराधिकारी की ओर से की गई इस डील की वजह से इस मामले में उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जाने वाला था.टिप्पणियां चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने बढ़ती लागत, चीन से आयात और कम मांग के चलते मार्च में यूके की संपत्तियों को बेचने का फैसला कर लिया था. इस पर साल्वे ने कहा कि बोर्ड को लगा कि जब समूह ने यूके में स्टील कारोबार में अपनी पहुंच बनाई थी, तो 'यह केवल एक बिजनेस को ही खरीदना बस नहीं था, बल्कि यह एक संस्थागत खरीदारी थी', और टाटा स्टील को बेचने के फैसले ने उसे भड़का दिया, क्योंकि इसे टाटा की संपत्तियों को बेचने और उनके द्वारा किए गए अधिग्रहणों, जिनमें लक्जरी ऑटो निर्माता लैंड रोवर और यूरोपियन स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण भी शामिल था, को पलटने के चलन के रूप में देखा गया. साइरस मिस्त्री, जिनके परिवार के स्वामित्व वाला शापूरजी पैलोनजी ग्रुप टाटा सन्स का सबसे बड़ा शेयरधारक है, ने 30 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जाने पर बिजनेस के कुछ हिस्से को बेचने का फैसला कर लिया था. साल्वे ने यह भी पुष्टि की कि डोकोमो केस, जिसमें टाटा को अपने पूर्व टेलीकॉम पार्टनर को 1.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, भी इस तनाव का मुख्य कारण बना. नजदीकी सूत्रों का कहना है कि टाटा का मानना है कि उनके उत्तराधिकारी की ओर से की गई इस डील की वजह से इस मामले में उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जाने वाला था.टिप्पणियां चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' साइरस मिस्त्री, जिनके परिवार के स्वामित्व वाला शापूरजी पैलोनजी ग्रुप टाटा सन्स का सबसे बड़ा शेयरधारक है, ने 30 बिलियन डॉलर का कर्ज हो जाने पर बिजनेस के कुछ हिस्से को बेचने का फैसला कर लिया था. साल्वे ने यह भी पुष्टि की कि डोकोमो केस, जिसमें टाटा को अपने पूर्व टेलीकॉम पार्टनर को 1.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, भी इस तनाव का मुख्य कारण बना. नजदीकी सूत्रों का कहना है कि टाटा का मानना है कि उनके उत्तराधिकारी की ओर से की गई इस डील की वजह से इस मामले में उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जाने वाला था.टिप्पणियां चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' साल्वे ने यह भी पुष्टि की कि डोकोमो केस, जिसमें टाटा को अपने पूर्व टेलीकॉम पार्टनर को 1.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, भी इस तनाव का मुख्य कारण बना. नजदीकी सूत्रों का कहना है कि टाटा का मानना है कि उनके उत्तराधिकारी की ओर से की गई इस डील की वजह से इस मामले में उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जाने वाला था.टिप्पणियां चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' चेयरमैन के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री अपने भाषणों को कंपनी के कार्यक्रमों तक सीमित रखते हुए लाइमलाइट से दूर रहे. पिछले माह टाटा की इनहाउस मैग्जीन में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने यह स्वीकार किया था कि चुनौतियों का सामना कर रहीं टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां के 'पोर्टफोलियो में कटौती के लिए कड़े फैसले लेना अनिवार्य है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.' साल्वे ने जोर देकर कहा कि मिस्त्री को हटाने का फैसला रातोंरात नहीं लिया जा सकता, लेकिन यह स्वीकार किया कि उनको बाहर करने के फैसले पर पुरानी कड़वाहट का प्रभाव जरूर है. उन्होंने कहा, 'जब किसी संस्था पर शासन का मामला होता है, तो कई बार चीजें बिल्कुल सही ढंग से नहीं हो पातीं, उसमें पीड़ा, निराशा और कई बार अपमान का भी भाव होता है.'
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अमित शाह ने पूर्व पीएम पर साधा निशाना, कहा- पीएम मोदी से ज्यादा विदेश यात्राओं पर गए थे मनमोहन सिंह
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पीएम के विदेशी दौरों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की तुलना में अधिक विदेश यात्राएं करते रहे हैं.' शाह ने कहा, 'मोदी जहां भी जाते हैं, हजारों लोग एयरपोर्ट पर मोदी-मोदी पुकारते हैं. इससे कांग्रेस के पेट में दर्द होता है और वह कहती है कि मोदी बहुत यात्रा कर रहे हैं. .यह मोदी-मोदी पुकारना देश के लिए सम्मान की बात है.' ह्यूस्टन में पीएम मोदी के भाषण देने पर शाह ने कहा कि यह साबित करता है कि नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे पॉपुलर पीएम थे. शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'मनमोहन सिंह मैडम द्वारा लिखे और दिए गए पेपर को पढ़ते थे. मनमोहन सिंह ने मलेशिया में रूस के लिए स्क्रिप्ट पढ़ी.' बता दें कि 27 सितंबर को वर्ल्ड टूरिज्म डे के मौके पर कांग्रेस ने पीएम मोदी के फोटो का एक कोलाज ट्वीट किया था जिसमें पीएम मोदी प्लेन पर चढ़ते और उतरते दिख रहे थे. इसके कैप्शन में कांग्रेस ने लिखा था 'हैपी वर्ल्ड टूरिज्म डे' कांग्रेस पीएम मोदी के विदेश दौरों पर लगातार निशाना साधती रही है लेकिन बीजेपी का कहना है कि पीएम की इस डिप्लोमेसी से भारत ने ग्लोबल स्तर पर पहचान बनाई है और इससे देश को काफी इनवेस्टमेंट मिला है.  दिसंबर में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने संसद में कहा था कि मई 2014 में शीर्ष पद संभालने के बाद से 48 विदेश यात्राओं में पीएम मोदी ने 55 से अधिक देशों का दौरा किया. इसमें कुछ देशों की कई यात्राएं शामिल थीं. इसी अवधि में, भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में वृद्धि हुई. मंत्री ने कहा कि 2014 और जून 2018 के बीच संचयी एफडीआई प्रवाह 136,077.75 मिलियन डॉलर था, वहीं 2011 और 2014 के बीच के वर्षों के लिए संचयी रूप से 81,843.71 मिलियन डॉलर की कीमत दर्ज की गई थी.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: सेल्‍फी के शौकीन हैं तो जरा ठहरिए, सोशल मीडिया पर लोग पसंद नहीं करते सेल्फी : अध्ययन
लेख: आमतौर पर लोग सेल्फी लेना और उसे साझा करना पसंद करते हैं लेकिन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोई और उन्हें सोशल मीडिया में डाले यह बात उन्हें रास नहीं आती है. जर्मनी में लुडविंग मैक्सीमिलियन यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख (एलएमयू) के शोधकर्ताओं ने लोगों के सेल्फी लेने और उसे देखने के लोगों के इरादे और निर्यण को जानने के लिए ऑनलाइन सर्वेक्षण किया. जिसमें ऑस्ट्रिया, जर्मनी और स्विट्जरलैंड के कम से कम 238 लोगों को शामिल किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि 77 प्रतिशत लोग नियमित तौर पर सेल्फी लेते हैं और अपनी सेल्फी को दूसरे के मुकाबले ज्यादा विश्वस्नीय मानते हैं. एलएमयू में प्रोफेसर साराह डाइफेनबाच कहती हैं, ‘स्वयं के प्रचार के लिए सेल्फी, अपने सकारात्मक पहलुओं को ही दर्शकों को दिखाना या लोगों को अपने निजी क्षणों को दिखाना और उनकी सहानुभूति बटोरना, सेल्फी लेने के मुख्य कारक प्रतीत होते हैं.’ इस शोध की दिलचस्प बाद यह भी है कि 77 प्रतिशत लोग नियमित तौर पर सेल्फी लेने के बावजूद 62 से 67 प्रतिशत लोगा सेल्फी के संभावित नकारात्मक परिणामों से सहमत दिखे.टिप्पणियां सेल्फी के इस नकारात्मक परिणामों की आशंका से 82 प्रतिशत लोग भी सहमत दिखे. उन्होंने कहा कि वह सोशल मीडिया में सेल्फी की बजाए दूसरी तरह की फोटो देखना पसंद करते हैं. यह अध्ययन जनरल फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एलएमयू में प्रोफेसर साराह डाइफेनबाच कहती हैं, ‘स्वयं के प्रचार के लिए सेल्फी, अपने सकारात्मक पहलुओं को ही दर्शकों को दिखाना या लोगों को अपने निजी क्षणों को दिखाना और उनकी सहानुभूति बटोरना, सेल्फी लेने के मुख्य कारक प्रतीत होते हैं.’ इस शोध की दिलचस्प बाद यह भी है कि 77 प्रतिशत लोग नियमित तौर पर सेल्फी लेने के बावजूद 62 से 67 प्रतिशत लोगा सेल्फी के संभावित नकारात्मक परिणामों से सहमत दिखे.टिप्पणियां सेल्फी के इस नकारात्मक परिणामों की आशंका से 82 प्रतिशत लोग भी सहमत दिखे. उन्होंने कहा कि वह सोशल मीडिया में सेल्फी की बजाए दूसरी तरह की फोटो देखना पसंद करते हैं. यह अध्ययन जनरल फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सेल्फी के इस नकारात्मक परिणामों की आशंका से 82 प्रतिशत लोग भी सहमत दिखे. उन्होंने कहा कि वह सोशल मीडिया में सेल्फी की बजाए दूसरी तरह की फोटो देखना पसंद करते हैं. यह अध्ययन जनरल फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: एम्स में होगा अरुणिमा का इलाज
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बरेली में चलती रेलगाड़ी से बाहर फेंके जाने के बाद अपना एक पैर गंवाने वाली युवा वॉलीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा का इलाज अब दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में होगा। मुख्यमंत्री मायावती की तरफ से केजीएमसी में भर्ती अरुणिमा को एम्स भेजने का आदेश दिया गया। लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमसी) के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एसएन शंखवार ने बताया कि बेहतर इलाज के लिए अरुणिमा को एम्स स्थानांतरित किया जा रहा है। उसकी हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। अधिकारियों के मुताबिक अरुणिमा को राजकीय विमान से दिल्ली भेजा जा रहा है। इससे पहले खिलाड़ी से मिलने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन ने कहा, "मुझे केजीएमसी के चिकित्सकों की ओर से बताया गया कि उसकी (अरुणिमा) हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। मैंने अरुणिमा के इलाज के लिए हर मदद का प्रस्ताव दिया है। खेल मंत्रालय उसके इलाज का खर्च वाहन करेगा। उसके परिजन लखनऊ या दिल्ली कहीं पर इलाज करवा सकते हैं।" माकन के मुलाकात के बाद आनन फानन में सूबे की सरकार ने अरुणिमा को एम्स भेजने का आदेश दिया। गौरतलब है कि संक्रमण की शिकायत पर केजीएमसी में रविवार को अरुणिमा का दूसरी बार ऑपरेशन करना पड़ा। उधर, माकन के पहुंचने से कुछ घंटे पहले उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल ने अरुणिमा से अस्पताल जाकर मुलाकात की और उसे सरकारी नौकरी का प्रस्ताव दिया। अरुणिमा से मुलाकात के बाद पाल ने कहा,"अरुणिमा को खेल निदेशालय और स्पोर्टस कॉलेज में नौकरी का प्रस्ताव दिया है। अब यह उसके ऊपर निर्भर करता है कि वह कहां काम करना चाहती है।" पाल ने कहा कि अरुणिमा की हालत काफी बेहतर है। हमारे अधिकारी लगातार उसके परिवार से सम्पर्क में हैं। अम्बेडकर नगर जिले की अरुणिमा को 11 अप्रैल को दिल्ली जाने के दौरान कुछ लोगों ने चलती रेलगाड़ी से बाहर फेंक दिया था। बदमाशों ने खिलाड़ी से उसके गले की सोने की चेन छीनने का प्रयास किया था।
2
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: रोम मास्टर्स : जोकोविक और फेडरर की आसान जीत
यह एक लेख है: शीर्ष वरीय सर्बिया के नोवाक जोकोविक और दूसरे वरीय स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर मेड्रिड मास्टर्स में मिली हार को भुलाते हुए रोम मास्टर्स के तीसरे दौर में पहुंच गए हैं। विश्व के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी जोकोविक ने मंगलवार को एल्बर्ट मोंटानेस को 6-2, 6-3 से हराया। जोकोविक मेड्रिड मास्टर्स के दूसरे दौर में ग्रिगोर दमित्रोव से हार गए थे। फेडरर को भी मेड्रिड मास्टर्स के तीसरे दौर में हार मिली थी, लेकिन रोम मास्टर्स में फेडरर ने मात्र 51 मिनट में इटली के पोतितो स्ट्रारेस को 6-1, 6-2 से हराया।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन ने 11वें वरीय मारिन सिलिक को 6-3, 7-6 से हराया जबकि 12वें वरीय निकोलस अल्माग्रो और 13वें वरीय टॉमी हास को पहले ही दौर में हार मिली। महिला ड्रॉ में 10वीं वरीय कैरोलिन वोजनियास्की को सर्बिया की बोजोना जोवानकोवस्की ने 6-2, 4-6, 6-7 से हराया। 15वीं वरीय एना इवानोविच को भी पहले ही दौर में हार मिली। इवानोविक को पोलैंड के उर्जुला राडवांस्का ने 3-6, 6-2, 2-6 से हराया। विश्व के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी जोकोविक ने मंगलवार को एल्बर्ट मोंटानेस को 6-2, 6-3 से हराया। जोकोविक मेड्रिड मास्टर्स के दूसरे दौर में ग्रिगोर दमित्रोव से हार गए थे। फेडरर को भी मेड्रिड मास्टर्स के तीसरे दौर में हार मिली थी, लेकिन रोम मास्टर्स में फेडरर ने मात्र 51 मिनट में इटली के पोतितो स्ट्रारेस को 6-1, 6-2 से हराया।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन ने 11वें वरीय मारिन सिलिक को 6-3, 7-6 से हराया जबकि 12वें वरीय निकोलस अल्माग्रो और 13वें वरीय टॉमी हास को पहले ही दौर में हार मिली। महिला ड्रॉ में 10वीं वरीय कैरोलिन वोजनियास्की को सर्बिया की बोजोना जोवानकोवस्की ने 6-2, 4-6, 6-7 से हराया। 15वीं वरीय एना इवानोविच को भी पहले ही दौर में हार मिली। इवानोविक को पोलैंड के उर्जुला राडवांस्का ने 3-6, 6-2, 2-6 से हराया। फेडरर को भी मेड्रिड मास्टर्स के तीसरे दौर में हार मिली थी, लेकिन रोम मास्टर्स में फेडरर ने मात्र 51 मिनट में इटली के पोतितो स्ट्रारेस को 6-1, 6-2 से हराया।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन ने 11वें वरीय मारिन सिलिक को 6-3, 7-6 से हराया जबकि 12वें वरीय निकोलस अल्माग्रो और 13वें वरीय टॉमी हास को पहले ही दौर में हार मिली। महिला ड्रॉ में 10वीं वरीय कैरोलिन वोजनियास्की को सर्बिया की बोजोना जोवानकोवस्की ने 6-2, 4-6, 6-7 से हराया। 15वीं वरीय एना इवानोविच को भी पहले ही दौर में हार मिली। इवानोविक को पोलैंड के उर्जुला राडवांस्का ने 3-6, 6-2, 2-6 से हराया। दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन ने 11वें वरीय मारिन सिलिक को 6-3, 7-6 से हराया जबकि 12वें वरीय निकोलस अल्माग्रो और 13वें वरीय टॉमी हास को पहले ही दौर में हार मिली। महिला ड्रॉ में 10वीं वरीय कैरोलिन वोजनियास्की को सर्बिया की बोजोना जोवानकोवस्की ने 6-2, 4-6, 6-7 से हराया। 15वीं वरीय एना इवानोविच को भी पहले ही दौर में हार मिली। इवानोविक को पोलैंड के उर्जुला राडवांस्का ने 3-6, 6-2, 2-6 से हराया। 15वीं वरीय एना इवानोविच को भी पहले ही दौर में हार मिली। इवानोविक को पोलैंड के उर्जुला राडवांस्का ने 3-6, 6-2, 2-6 से हराया।
9
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: कोहरे ने बढ़ाई रेल यात्रियों की मुसिबतें, नई दिल्ली से चलने वाली 4 ट्रेनें रद्द, देखें पूरी लिस्ट
लेख: ठंड का मौसम आते ही ट्रेन और विमान के कैंसिल होने का सिलसिला शुरू हो जाता है. ट्रेन या हवाईजहाज कैंसिल होने से सबसे मुसिबतें यात्रियों की बढ़ जाती हैं. मंगलवार को भी घने कोहरे की वजह से 4 ट्रेनों को रद्द कर (List Of Trains Cancelled) दिया गया है. वहीं, 12 ट्रेनें देरी से चल रहीं हैं. रेलवे अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उत्तर रेलवे के अनुसार, नई दिल्ली से रवाना होने वाली चार ट्रेनों को रद्द किया गया है, जबकि 12 ट्रेनें देरी से चल रहीं हैं. रद्द की गई ट्रेनों में महाबोधि एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस, हरिहर एक्सप्रेस व आनंद विहार-सियालदह एक्सप्रेस शामिल हैं. इससे पहले उत्तर रेलवे ने दिसंबर 2018 से फरवरी 2019 के बीच 48 ट्रेनों के रद्द किए जाने और 20 ट्रेनों के फेरों को कम करने की घोषणा की थी. वहीं, दूसरी तरफ 26 दिसंबर को दो मार्गो के दो घंटों के लिए ब्लॉक किए जाने के कारण पांच जोड़ी ट्रेनें निरस्त, दो शार्ट-टर्मिनेशन और दो ट्रेनों की रि-शिड्यूलिंग की जाएगी. पूर्वात्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि रेलवे प्रशासन की ओर से 26 दिसंबर (बुधवार) को 05.00 से 08.00 बजे तक पनियहवा प्वाइंट पर और 7.00 से 10.00 बजे तक गोरखपुर पर फ्रेट कन्वाय प्लान करने के लिए ब्लॉक किया जा रहा है. इस कारण कुछ गाड़ियों का निरस्तीकरण, रिशिड्यूलिंग एवं शार्ट-टर्मिनेशन किया जाएगा.  दिल्ली से 25 दिसंबर, 2018 को चलने वाली 15706 दिल्ली-कटिहार एक्सप्रेस लखनऊ मंडल पर 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जाएगी. वहीं, 55011 सीवान-गोरखपुर सवारी गाड़ी पुर्ननिर्धारित कर सीवान से 60 मिनट विलंब से चलाई जाएगी.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: दोषी कंपनियों को फिर मौका मिले?
लेख: नमस्कार मैं रवीश कुमार। हमने चांद को भी छू लिया और मंगल की कक्षा में भी प्रवेश कर गए। इस खुशी का इज़हार हिन्दुस्तान ने इतने तरीके से किया है कि ज़िक्र करना मुश्किल है। यहां तक वह भी खुश हैं जो मंगल को अमंगल समझ उस दिन दाढ़ी नहीं बनाते, बाल नहीं कटाते और मांगलिक से शादी से नहीं करते। धर्म, विश्वास, अंधविश्वास, विज्ञान सब आज बधाई बस में सवार हो गए और इतराते रहे। इसरो की इस कामयाबी ने हिन्दुस्तान के तमाम अंतर्विरोधों को पाट दिया और सबको गदगद कर दिया। 2008 में चंद्रयान के बाद मंगलयान ने इसरो को जनजन में जननायक के रूप में स्थापित कर दिया है हिन्दुस्तान की लड़कियां उपग्रह में प्रवेश करने की खबर आने के बाद एक दूसरे को बधाई देती इन वैज्ञानिकों से प्रेरणा पा सकती हैं। जूड़े में जैस्मिन के फूल झूल रहे हैं और खुशी के मारे साड़ियों के कलफ़ टूट रहे हैं। महिला वैज्ञानिकों की ये तस्वीर गांव-गांव में किस तरह के ख्वाब जगा देगी आप कल्पना नहीं कर सकते। 15 अगस्त 2012 को लाल किले की प्राचीर से जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगल मिशन का ऐलान किया तब दुनिया ने उन्हें सवाल भरी नज़रों से देखा था। लेकिन, सालभर से थोड़े अधिक समय में भारत ने 5 नवंबर 2013 को मंगलयान का प्रक्षेपण कर दिया। फिर क़रीब सालभर के अंतर पर ही आज 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे कक्षा में स्थापित होते देखा। वैज्ञानिकों के बीच जाकर उनका हौसला बढ़ाया। पुराने मिशन की पुरानी चीज़ों के इस्तेमाल से भारत ने इस मिशन की लागत इतनी कम कर दी कि दुनिया हैरान है। एशिया में अकेला देश है भारत जिसने यह कामयाबी पाई है। प्रधानमंत्री ने उचित ही कहा है कि विश्वकप जीतने पर झूम सकते हैं तो मंगलयान की कामयाबी पर क्यों नहीं। जन−जन में जश्न होना चाहिए। ये कोई साधारण कामयाबी नहीं है। अमरीका का मंगल मिशन चार हज़ार करोड़ का और भारत का सिर्फ साढ़े चार सौ करोड़ का। इसरो की तरह सुप्रीम कोर्ट ने भी एक शानदार काम किया है। विभिन्न राजनीतिक दलों और कंपनियों के बीच चल रहे कोयलायान को पकड़ कर भूमिगत कर दिया है। राजनीतिक संपर्कों का लाभ उठाकर जिन कंपिनयों ने मुफ्त में कोयला खदान लीं और उसके आधार पर अपने शेयरों की बढ़ी हुई कीमतों से बेशुमार मुनाफा कमाया, उन सब पर जुर्माना लगा है। एक बड़ी बात यह हुई है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट के हिसाब को सही माना है। पूर्व सीएजी विनोद राय ने एक हिसाब दिया था कि जिन कंपनियों को कोयला खदान मिलीं उन्हें प्रति टन कोयला निकालने पर 295 रुपये का लाभ होगा। इस आधार पर उन्होंने एक लाख 86 हज़ार करोड़ के नुकसान का अनुमान बताया था। तब कांग्रेस पार्टी और पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम वगैरह कहा करते थे कि ज़ीरो नुकसान हुआ है। कोर्ट ने फैसला दिया है कि अब जो कोयला निकाला जाएगा और पहले जो निकाला गया है उन सब पर कंपनियों को 295 रुपये प्रति टन जुर्माना देना होगा। 1997 से 2014 के बीच करीब 31 करोड़ टन कोयला निकाला गया है जिन पर जुर्माने की राशि 9000 करोड़ के आस पास बैठती है। 40 खदानों को अगले छह महीने तक चालू रहने का आदेश है उन पर भी जुर्माना लगेगा। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस आरएम लोढा ने 25 अगस्त के फैसले में कहा था कि ये कोल ब्लॉक मनमाने तरीके से दिए गए। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार जल्दी ही फैसला कर लेगी कि किस ब्लॉक की नीलामी होगी और किसकी नहीं। अब देखना होगा कि 2-जी के बाद हुई नीलामी की तरह नतीजे आते हैं या उस नीलामी से भी सरकारी खज़ाने की भरपाई हो सकेगी। कोयला घोटाले के पुरातात्विक अवशेष नरसिम्हा राव से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों में मिलते हैं। जब यह घोटाला सामने आया था तब कांग्रेस घिर गई थी बाद में बीजेपी शासित राज्य सरकारें और पश्चिम बंगाल की वाम सरकार भी घेरे में आ गई। आज के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर आप नेता और वकील प्रशांत भूषण का नाम ट्रेंड होने लगा है। इस मामले में प्रशांत भूषण के अलावा मनोहर लाल शर्मा, बनवारी लाल पुरोहित और वकील सुदीप श्रीवास्तव ने भी याचिका दायर की थी। आम आदमी पार्टी की तरफ से सब अरविंद, कुमार विश्वास ने तस्वीरें ट्वीट की हैं, दावा किया जाने लगा कि पार्टी और उसके नेताओं ने ही ज़बरदस्त संघर्ष किया। धरना प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरें इंटरनेट जगत में पुनर्वितरित की गईं और 26 अगस्त 2012 को जंतर-मंतर पर दिया गया प्रशांत भूषण का पुराना भाषण भी जारी किया गया। अरविंद केजरीवाल से लेकर योगेंद्र यादव तक ने प्रशांत भूषण को सार्वजनिक बधाई दी। नीतीश कुमार ने भी प्रशांत भूषण को बधाई दी है। बीजेपी की तरफ से प्रकाश जावडेकर और हंसराज अहीर ने केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास याचिका दायर की थी इसी के आधार पर सीबीआई जांच हुई, लेकिन इन दोनों ने 2004−2009 के बीच हुए आवंटन की जांच की मांग की थी। एनडीए के दौर के बारे में कुछ नहीं कहा। बाद में कांग्रेस के सांसदों ने लिखा कि एनडीए दौर के आवंटन की जांच की जाए। सज़ा क्या होगी इसकी सुनवाई सीबीआई की अदालत में हो रही है, लेकिन इस फैसले पर अदालत के फैसले के सम्मान से ज्यादा राजनीतिक हलचल क्यों नहीं हैं। क्या आप सुन पा रहे हैं कि कोई राजनीतिक दल मांग कर रहा हो कि दोषी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जिनके नाम एफआईआर में हैं, उन्हें नीलामी में शामिल होने का मौका नहीं मिलना चाहिए। इस फैसले का राजनीतिक एक्शन क्या है। क्या कांग्रेस-बीजेपी ज़िम्मेदारी ले रहे हैं। यह सब क्यों नहीं हो रहा है। फिर इस फैसले को लेकर क्या हो रहा है बात करेंगे, प्राइम टाइम में।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: कंपनी के अधिकारी का आरोप, बीजेपी सांसद कमीशन मांगती हैं, गाली देती हैं
लेख: यूपी में नेशनल हाईवे बना रही एक बड़ी कंपनी ने पुलिस से लिखित शिकायत की है कि बहराइच की बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले उनसे कमीशन मांग रही हैं जिसे ना देने पर उन्‍होंने कंपनी के अफसर के खिलाफ झूठी एफआईआर करा दी। सांसद का आरोप है कि अफसर ने उनके 150 समर्थकों के सामने उन्‍हें गालियां दीं और जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस कहती है कि ऐसा मुमकिन नहीं है कि कोई सांसद के सैकड़ों समर्थकों के सामने उसे गालियां दे। सावित्री बाई फुले हाईवे बनाने वालों से बेइंतहा नाराज हैं। उनका कहना है कि उनकी जांच से नाराज प्रोजेक्‍ट मैनेजर ने उन्‍हें गालियां दीं। उन्‍होंने बताया, मेरे साथ बदसलूकी भी की, अपशब्‍दों का प्रयोग भी किया, जाति सूचक गाली भी दिया।' सांसद साहिबा से जब दोबारा पूछा गया कि क्‍या हुआ था, तब तक वह अपना पहला बयान शायद भूल चुकीं थीं, इसलिए इस बार कहा कि उसकी हिम्‍मत नहीं है कि उन्‍हें गाली दे। दोबारा पूछने पर उन्‍होंने कहा, अपशब्‍दों का ही प्रयोग किया, गाली देने की तो उसकी हिम्‍मत नहीं है।' यूपी में बाराबंकी से बहराइच के नेपाल बॉर्डर तक 150 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे बन रहा है। इसका 50 किलोमीटर हिस्सा भोपाल की एक बड़ी कंपनी बना रही है। पीडब्‍ल्‍यूडी के मुताबिक वह अब तक 45 किलोमीटर बना चुकी है। उसका काम बहुत अच्‍छा है लेकिन उसकी बदनसीबी है कि उसकी सड़क का 3 किलोमीटर हिस्‍सा सांसद सावित्री बाई फुले के इलाके में आता है। कंपनी के प्रोजेक्‍ट मैनेजर ने पुलिस में रिपोर्ट की है, 'सांसद कमीशन मांगती हैं, कहती हैं कि हमारे इलाके में इतना बड़ा काम कर रहे हो लेकिन हमसे मिलते नहीं, हमें डाक बंगले बुलाकार खाना खिलाने कहा। मैंने उनके और उनके 20 समर्थकों के खाने का बिल दिया। फिर सांसद ने जांच के नाम पर सड़क के बीच में गड्ढा खुदवा दिया। मैंने कहा कि सड़क खराब हो जाएगी, किनारे खोद लीजिए... तो नाराज होकर गंदी गालियां दीं और भीड़ से मरवा डालने की धमकी दी।' प्रोजेक्‍ट मैनेजर भागवत मिश्रा ने बताया, मैडम ने दो-तीन बार हमको ये बोला कि आप इतना बड़ा काम कर रहे हैं, बाहर से आए हुए हैं और मिलने नहीं आते। हमारे क्षेत्र में काम कर रहे हैं और हम सांसद हैं, आपको पता नहीं है हम आपकी रोड उखड़वा सकते हैं।' सांसद की शिकायत पर प्रोजेक्‍ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर लिख ली गई है। लेकिन पुलिस को सांसद की बात पर यकीन नहीं है।टिप्पणियां बहराइच के सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार ने बताया, 'मैंने उनसे कहा था कि सही तथ्‍यों के आधार पर अभियोग दर्ज कराएं क्‍योंकि एक माननीय सांसद और इतने समर्थकों के सामन ये घटना संभव नहीं है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है। सावित्री बाई फुले हाईवे बनाने वालों से बेइंतहा नाराज हैं। उनका कहना है कि उनकी जांच से नाराज प्रोजेक्‍ट मैनेजर ने उन्‍हें गालियां दीं। उन्‍होंने बताया, मेरे साथ बदसलूकी भी की, अपशब्‍दों का प्रयोग भी किया, जाति सूचक गाली भी दिया।' सांसद साहिबा से जब दोबारा पूछा गया कि क्‍या हुआ था, तब तक वह अपना पहला बयान शायद भूल चुकीं थीं, इसलिए इस बार कहा कि उसकी हिम्‍मत नहीं है कि उन्‍हें गाली दे। दोबारा पूछने पर उन्‍होंने कहा, अपशब्‍दों का ही प्रयोग किया, गाली देने की तो उसकी हिम्‍मत नहीं है।' यूपी में बाराबंकी से बहराइच के नेपाल बॉर्डर तक 150 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे बन रहा है। इसका 50 किलोमीटर हिस्सा भोपाल की एक बड़ी कंपनी बना रही है। पीडब्‍ल्‍यूडी के मुताबिक वह अब तक 45 किलोमीटर बना चुकी है। उसका काम बहुत अच्‍छा है लेकिन उसकी बदनसीबी है कि उसकी सड़क का 3 किलोमीटर हिस्‍सा सांसद सावित्री बाई फुले के इलाके में आता है। कंपनी के प्रोजेक्‍ट मैनेजर ने पुलिस में रिपोर्ट की है, 'सांसद कमीशन मांगती हैं, कहती हैं कि हमारे इलाके में इतना बड़ा काम कर रहे हो लेकिन हमसे मिलते नहीं, हमें डाक बंगले बुलाकार खाना खिलाने कहा। मैंने उनके और उनके 20 समर्थकों के खाने का बिल दिया। फिर सांसद ने जांच के नाम पर सड़क के बीच में गड्ढा खुदवा दिया। मैंने कहा कि सड़क खराब हो जाएगी, किनारे खोद लीजिए... तो नाराज होकर गंदी गालियां दीं और भीड़ से मरवा डालने की धमकी दी।' प्रोजेक्‍ट मैनेजर भागवत मिश्रा ने बताया, मैडम ने दो-तीन बार हमको ये बोला कि आप इतना बड़ा काम कर रहे हैं, बाहर से आए हुए हैं और मिलने नहीं आते। हमारे क्षेत्र में काम कर रहे हैं और हम सांसद हैं, आपको पता नहीं है हम आपकी रोड उखड़वा सकते हैं।' सांसद की शिकायत पर प्रोजेक्‍ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर लिख ली गई है। लेकिन पुलिस को सांसद की बात पर यकीन नहीं है।टिप्पणियां बहराइच के सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार ने बताया, 'मैंने उनसे कहा था कि सही तथ्‍यों के आधार पर अभियोग दर्ज कराएं क्‍योंकि एक माननीय सांसद और इतने समर्थकों के सामन ये घटना संभव नहीं है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है। सांसद साहिबा से जब दोबारा पूछा गया कि क्‍या हुआ था, तब तक वह अपना पहला बयान शायद भूल चुकीं थीं, इसलिए इस बार कहा कि उसकी हिम्‍मत नहीं है कि उन्‍हें गाली दे। दोबारा पूछने पर उन्‍होंने कहा, अपशब्‍दों का ही प्रयोग किया, गाली देने की तो उसकी हिम्‍मत नहीं है।' यूपी में बाराबंकी से बहराइच के नेपाल बॉर्डर तक 150 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे बन रहा है। इसका 50 किलोमीटर हिस्सा भोपाल की एक बड़ी कंपनी बना रही है। पीडब्‍ल्‍यूडी के मुताबिक वह अब तक 45 किलोमीटर बना चुकी है। उसका काम बहुत अच्‍छा है लेकिन उसकी बदनसीबी है कि उसकी सड़क का 3 किलोमीटर हिस्‍सा सांसद सावित्री बाई फुले के इलाके में आता है। कंपनी के प्रोजेक्‍ट मैनेजर ने पुलिस में रिपोर्ट की है, 'सांसद कमीशन मांगती हैं, कहती हैं कि हमारे इलाके में इतना बड़ा काम कर रहे हो लेकिन हमसे मिलते नहीं, हमें डाक बंगले बुलाकार खाना खिलाने कहा। मैंने उनके और उनके 20 समर्थकों के खाने का बिल दिया। फिर सांसद ने जांच के नाम पर सड़क के बीच में गड्ढा खुदवा दिया। मैंने कहा कि सड़क खराब हो जाएगी, किनारे खोद लीजिए... तो नाराज होकर गंदी गालियां दीं और भीड़ से मरवा डालने की धमकी दी।' प्रोजेक्‍ट मैनेजर भागवत मिश्रा ने बताया, मैडम ने दो-तीन बार हमको ये बोला कि आप इतना बड़ा काम कर रहे हैं, बाहर से आए हुए हैं और मिलने नहीं आते। हमारे क्षेत्र में काम कर रहे हैं और हम सांसद हैं, आपको पता नहीं है हम आपकी रोड उखड़वा सकते हैं।' सांसद की शिकायत पर प्रोजेक्‍ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर लिख ली गई है। लेकिन पुलिस को सांसद की बात पर यकीन नहीं है।टिप्पणियां बहराइच के सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार ने बताया, 'मैंने उनसे कहा था कि सही तथ्‍यों के आधार पर अभियोग दर्ज कराएं क्‍योंकि एक माननीय सांसद और इतने समर्थकों के सामन ये घटना संभव नहीं है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है। यूपी में बाराबंकी से बहराइच के नेपाल बॉर्डर तक 150 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे बन रहा है। इसका 50 किलोमीटर हिस्सा भोपाल की एक बड़ी कंपनी बना रही है। पीडब्‍ल्‍यूडी के मुताबिक वह अब तक 45 किलोमीटर बना चुकी है। उसका काम बहुत अच्‍छा है लेकिन उसकी बदनसीबी है कि उसकी सड़क का 3 किलोमीटर हिस्‍सा सांसद सावित्री बाई फुले के इलाके में आता है। कंपनी के प्रोजेक्‍ट मैनेजर ने पुलिस में रिपोर्ट की है, 'सांसद कमीशन मांगती हैं, कहती हैं कि हमारे इलाके में इतना बड़ा काम कर रहे हो लेकिन हमसे मिलते नहीं, हमें डाक बंगले बुलाकार खाना खिलाने कहा। मैंने उनके और उनके 20 समर्थकों के खाने का बिल दिया। फिर सांसद ने जांच के नाम पर सड़क के बीच में गड्ढा खुदवा दिया। मैंने कहा कि सड़क खराब हो जाएगी, किनारे खोद लीजिए... तो नाराज होकर गंदी गालियां दीं और भीड़ से मरवा डालने की धमकी दी।' प्रोजेक्‍ट मैनेजर भागवत मिश्रा ने बताया, मैडम ने दो-तीन बार हमको ये बोला कि आप इतना बड़ा काम कर रहे हैं, बाहर से आए हुए हैं और मिलने नहीं आते। हमारे क्षेत्र में काम कर रहे हैं और हम सांसद हैं, आपको पता नहीं है हम आपकी रोड उखड़वा सकते हैं।' सांसद की शिकायत पर प्रोजेक्‍ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर लिख ली गई है। लेकिन पुलिस को सांसद की बात पर यकीन नहीं है।टिप्पणियां बहराइच के सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार ने बताया, 'मैंने उनसे कहा था कि सही तथ्‍यों के आधार पर अभियोग दर्ज कराएं क्‍योंकि एक माननीय सांसद और इतने समर्थकों के सामन ये घटना संभव नहीं है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है। कंपनी के प्रोजेक्‍ट मैनेजर ने पुलिस में रिपोर्ट की है, 'सांसद कमीशन मांगती हैं, कहती हैं कि हमारे इलाके में इतना बड़ा काम कर रहे हो लेकिन हमसे मिलते नहीं, हमें डाक बंगले बुलाकार खाना खिलाने कहा। मैंने उनके और उनके 20 समर्थकों के खाने का बिल दिया। फिर सांसद ने जांच के नाम पर सड़क के बीच में गड्ढा खुदवा दिया। मैंने कहा कि सड़क खराब हो जाएगी, किनारे खोद लीजिए... तो नाराज होकर गंदी गालियां दीं और भीड़ से मरवा डालने की धमकी दी।' प्रोजेक्‍ट मैनेजर भागवत मिश्रा ने बताया, मैडम ने दो-तीन बार हमको ये बोला कि आप इतना बड़ा काम कर रहे हैं, बाहर से आए हुए हैं और मिलने नहीं आते। हमारे क्षेत्र में काम कर रहे हैं और हम सांसद हैं, आपको पता नहीं है हम आपकी रोड उखड़वा सकते हैं।' सांसद की शिकायत पर प्रोजेक्‍ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर लिख ली गई है। लेकिन पुलिस को सांसद की बात पर यकीन नहीं है।टिप्पणियां बहराइच के सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार ने बताया, 'मैंने उनसे कहा था कि सही तथ्‍यों के आधार पर अभियोग दर्ज कराएं क्‍योंकि एक माननीय सांसद और इतने समर्थकों के सामन ये घटना संभव नहीं है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है। प्रोजेक्‍ट मैनेजर भागवत मिश्रा ने बताया, मैडम ने दो-तीन बार हमको ये बोला कि आप इतना बड़ा काम कर रहे हैं, बाहर से आए हुए हैं और मिलने नहीं आते। हमारे क्षेत्र में काम कर रहे हैं और हम सांसद हैं, आपको पता नहीं है हम आपकी रोड उखड़वा सकते हैं।' सांसद की शिकायत पर प्रोजेक्‍ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर लिख ली गई है। लेकिन पुलिस को सांसद की बात पर यकीन नहीं है।टिप्पणियां बहराइच के सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार ने बताया, 'मैंने उनसे कहा था कि सही तथ्‍यों के आधार पर अभियोग दर्ज कराएं क्‍योंकि एक माननीय सांसद और इतने समर्थकों के सामन ये घटना संभव नहीं है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है। सांसद की शिकायत पर प्रोजेक्‍ट मैनेजर के खिलाफ एफआईआर लिख ली गई है। लेकिन पुलिस को सांसद की बात पर यकीन नहीं है।टिप्पणियां बहराइच के सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार ने बताया, 'मैंने उनसे कहा था कि सही तथ्‍यों के आधार पर अभियोग दर्ज कराएं क्‍योंकि एक माननीय सांसद और इतने समर्थकों के सामन ये घटना संभव नहीं है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है। बहराइच के सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार ने बताया, 'मैंने उनसे कहा था कि सही तथ्‍यों के आधार पर अभियोग दर्ज कराएं क्‍योंकि एक माननीय सांसद और इतने समर्थकों के सामन ये घटना संभव नहीं है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है। इस तरह की घटनाओं से अच्‍छा काम करनेवालों का मनोबल टूटता है और सांसद और उनकी पार्टी की छवि को भी धक्‍का पहुंचता है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: मुख्यमंत्री के कार्यालय में राष्ट्रमंडल से जुड़े पत्राचार का रिकॉर्ड नहीं
लेख: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यालय को शपथपत्र देने का निर्देश दिया है जिससे कि पुष्टि हो जाए कि उसके पास राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े पत्राचार की प्रतियां नहीं हैं। दिल्ली के आरटीआई कार्यकर्ता और अधिवक्ता विवेक गर्ग की सूचना देने से इनकार करने की शिकायत पर सुनवाई के दौरान जन सूचना अधिकारी को यह निर्देश दिया गया। गर्ग ने राष्ट्रमंडल खेलों के संबंध में मुख्य मंत्री शीला दीक्षित द्वारा विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों को लिखे पत्रों की प्रति मांगी थी। गर्ग ने मुख्य मंत्री और दिल्ली के उपायुक्त तथा वित्त मंत्रालय और खेल मंत्रालय के बीच विभिन्न संवाद या पत्राचार की प्रतियां मांगी थी। इसके अलावा उन्होंने पांच मई 2006 को हुई सचिवों की समिति की बैठक तथा 18 जनवरी 2006 को मंत्रियों के कोर समूह की राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर हुई बैठक का ब्यौरा, आंतरिक नोट, इस दौरान ली गई स्वीकृति और फैसलों की प्रति देने का भी आग्रह किया था। अपने आवेदन पर मिले जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद गर्ग ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था।टिप्पणियां सुनवाई के दौरान प्रतिवादी ने कहा कि मौजूदा आरटीआई आवेदन के संबंध में उनके पास कोई सूचना नहीं है। अपीलकर्ता ने इसके बाद प्रतिवादी के दावे पर कहा था, ‘‘यह असंभव है कि मुख्य मंत्री के कार्यालय के पास दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों को लिखे पत्रों की प्रति नहीं हैं।’’ दोनों पक्षांे की दलीलें सुनने के बाद सीआईसी ने कहा था कि सूचना साझा करने का प्रतिवादी का कोई दायित्व नहीं है क्योंकि उसके पास मौजूदा आरटीआई याचिका के संबंध में कोई सूचना नहीं है। सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हालांकि यहां अपीलकर्ता के मामले पर विचार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के पीआईओ को निर्देश दिया जाता है कि वह आयोग के समक्ष शपथपत्र दे जिसमें इस तथ्य की पुष्टि हो कि आरटीआई याचिका के संबंध में उसके पास कोई सूचना नहीं है।’’ आयुक्त ने कहा कि आयोग और याचिकाकर्ता को 20 जून तक शपथपत्र मिल जाना चाहिए। दिल्ली के आरटीआई कार्यकर्ता और अधिवक्ता विवेक गर्ग की सूचना देने से इनकार करने की शिकायत पर सुनवाई के दौरान जन सूचना अधिकारी को यह निर्देश दिया गया। गर्ग ने राष्ट्रमंडल खेलों के संबंध में मुख्य मंत्री शीला दीक्षित द्वारा विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों को लिखे पत्रों की प्रति मांगी थी। गर्ग ने मुख्य मंत्री और दिल्ली के उपायुक्त तथा वित्त मंत्रालय और खेल मंत्रालय के बीच विभिन्न संवाद या पत्राचार की प्रतियां मांगी थी। इसके अलावा उन्होंने पांच मई 2006 को हुई सचिवों की समिति की बैठक तथा 18 जनवरी 2006 को मंत्रियों के कोर समूह की राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर हुई बैठक का ब्यौरा, आंतरिक नोट, इस दौरान ली गई स्वीकृति और फैसलों की प्रति देने का भी आग्रह किया था। अपने आवेदन पर मिले जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद गर्ग ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था।टिप्पणियां सुनवाई के दौरान प्रतिवादी ने कहा कि मौजूदा आरटीआई आवेदन के संबंध में उनके पास कोई सूचना नहीं है। अपीलकर्ता ने इसके बाद प्रतिवादी के दावे पर कहा था, ‘‘यह असंभव है कि मुख्य मंत्री के कार्यालय के पास दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों को लिखे पत्रों की प्रति नहीं हैं।’’ दोनों पक्षांे की दलीलें सुनने के बाद सीआईसी ने कहा था कि सूचना साझा करने का प्रतिवादी का कोई दायित्व नहीं है क्योंकि उसके पास मौजूदा आरटीआई याचिका के संबंध में कोई सूचना नहीं है। सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हालांकि यहां अपीलकर्ता के मामले पर विचार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के पीआईओ को निर्देश दिया जाता है कि वह आयोग के समक्ष शपथपत्र दे जिसमें इस तथ्य की पुष्टि हो कि आरटीआई याचिका के संबंध में उसके पास कोई सूचना नहीं है।’’ आयुक्त ने कहा कि आयोग और याचिकाकर्ता को 20 जून तक शपथपत्र मिल जाना चाहिए। गर्ग ने मुख्य मंत्री और दिल्ली के उपायुक्त तथा वित्त मंत्रालय और खेल मंत्रालय के बीच विभिन्न संवाद या पत्राचार की प्रतियां मांगी थी। इसके अलावा उन्होंने पांच मई 2006 को हुई सचिवों की समिति की बैठक तथा 18 जनवरी 2006 को मंत्रियों के कोर समूह की राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर हुई बैठक का ब्यौरा, आंतरिक नोट, इस दौरान ली गई स्वीकृति और फैसलों की प्रति देने का भी आग्रह किया था। अपने आवेदन पर मिले जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद गर्ग ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था।टिप्पणियां सुनवाई के दौरान प्रतिवादी ने कहा कि मौजूदा आरटीआई आवेदन के संबंध में उनके पास कोई सूचना नहीं है। अपीलकर्ता ने इसके बाद प्रतिवादी के दावे पर कहा था, ‘‘यह असंभव है कि मुख्य मंत्री के कार्यालय के पास दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों को लिखे पत्रों की प्रति नहीं हैं।’’ दोनों पक्षांे की दलीलें सुनने के बाद सीआईसी ने कहा था कि सूचना साझा करने का प्रतिवादी का कोई दायित्व नहीं है क्योंकि उसके पास मौजूदा आरटीआई याचिका के संबंध में कोई सूचना नहीं है। सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हालांकि यहां अपीलकर्ता के मामले पर विचार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के पीआईओ को निर्देश दिया जाता है कि वह आयोग के समक्ष शपथपत्र दे जिसमें इस तथ्य की पुष्टि हो कि आरटीआई याचिका के संबंध में उसके पास कोई सूचना नहीं है।’’ आयुक्त ने कहा कि आयोग और याचिकाकर्ता को 20 जून तक शपथपत्र मिल जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने पांच मई 2006 को हुई सचिवों की समिति की बैठक तथा 18 जनवरी 2006 को मंत्रियों के कोर समूह की राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर हुई बैठक का ब्यौरा, आंतरिक नोट, इस दौरान ली गई स्वीकृति और फैसलों की प्रति देने का भी आग्रह किया था। अपने आवेदन पर मिले जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद गर्ग ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था।टिप्पणियां सुनवाई के दौरान प्रतिवादी ने कहा कि मौजूदा आरटीआई आवेदन के संबंध में उनके पास कोई सूचना नहीं है। अपीलकर्ता ने इसके बाद प्रतिवादी के दावे पर कहा था, ‘‘यह असंभव है कि मुख्य मंत्री के कार्यालय के पास दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों को लिखे पत्रों की प्रति नहीं हैं।’’ दोनों पक्षांे की दलीलें सुनने के बाद सीआईसी ने कहा था कि सूचना साझा करने का प्रतिवादी का कोई दायित्व नहीं है क्योंकि उसके पास मौजूदा आरटीआई याचिका के संबंध में कोई सूचना नहीं है। सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हालांकि यहां अपीलकर्ता के मामले पर विचार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के पीआईओ को निर्देश दिया जाता है कि वह आयोग के समक्ष शपथपत्र दे जिसमें इस तथ्य की पुष्टि हो कि आरटीआई याचिका के संबंध में उसके पास कोई सूचना नहीं है।’’ आयुक्त ने कहा कि आयोग और याचिकाकर्ता को 20 जून तक शपथपत्र मिल जाना चाहिए। अपने आवेदन पर मिले जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद गर्ग ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था।टिप्पणियां सुनवाई के दौरान प्रतिवादी ने कहा कि मौजूदा आरटीआई आवेदन के संबंध में उनके पास कोई सूचना नहीं है। अपीलकर्ता ने इसके बाद प्रतिवादी के दावे पर कहा था, ‘‘यह असंभव है कि मुख्य मंत्री के कार्यालय के पास दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों को लिखे पत्रों की प्रति नहीं हैं।’’ दोनों पक्षांे की दलीलें सुनने के बाद सीआईसी ने कहा था कि सूचना साझा करने का प्रतिवादी का कोई दायित्व नहीं है क्योंकि उसके पास मौजूदा आरटीआई याचिका के संबंध में कोई सूचना नहीं है। सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हालांकि यहां अपीलकर्ता के मामले पर विचार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के पीआईओ को निर्देश दिया जाता है कि वह आयोग के समक्ष शपथपत्र दे जिसमें इस तथ्य की पुष्टि हो कि आरटीआई याचिका के संबंध में उसके पास कोई सूचना नहीं है।’’ आयुक्त ने कहा कि आयोग और याचिकाकर्ता को 20 जून तक शपथपत्र मिल जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान प्रतिवादी ने कहा कि मौजूदा आरटीआई आवेदन के संबंध में उनके पास कोई सूचना नहीं है। अपीलकर्ता ने इसके बाद प्रतिवादी के दावे पर कहा था, ‘‘यह असंभव है कि मुख्य मंत्री के कार्यालय के पास दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों को लिखे पत्रों की प्रति नहीं हैं।’’ दोनों पक्षांे की दलीलें सुनने के बाद सीआईसी ने कहा था कि सूचना साझा करने का प्रतिवादी का कोई दायित्व नहीं है क्योंकि उसके पास मौजूदा आरटीआई याचिका के संबंध में कोई सूचना नहीं है। सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हालांकि यहां अपीलकर्ता के मामले पर विचार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के पीआईओ को निर्देश दिया जाता है कि वह आयोग के समक्ष शपथपत्र दे जिसमें इस तथ्य की पुष्टि हो कि आरटीआई याचिका के संबंध में उसके पास कोई सूचना नहीं है।’’ आयुक्त ने कहा कि आयोग और याचिकाकर्ता को 20 जून तक शपथपत्र मिल जाना चाहिए। सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हालांकि यहां अपीलकर्ता के मामले पर विचार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के पीआईओ को निर्देश दिया जाता है कि वह आयोग के समक्ष शपथपत्र दे जिसमें इस तथ्य की पुष्टि हो कि आरटीआई याचिका के संबंध में उसके पास कोई सूचना नहीं है।’’ आयुक्त ने कहा कि आयोग और याचिकाकर्ता को 20 जून तक शपथपत्र मिल जाना चाहिए।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: एमएस धोनी को रन-आउट देखने के बाद 33 साल के शख्स को आया हार्ट अटैक, हुई मौत
यह एक लेख है: वर्ल्ड कप में टीम इंडिया बाहर हो चुकी है. इस खबर से भारतीय फैन्स काफी दुखी हैं. टीम इंडिया को इस वर्ल्ड कप के जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. लेकिन न्यूजीलैंड से 18 रन से हारने के बाद वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया. कोलकाता में एक शख्स मैच देख रहा था. धोनी के रन आउट देखने के बाद उसे ऐसा झटका लगा कि उसको हार्ट अटैक आ गया. कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई.  National Herald की खबर के मुताबिक, साइकल की दुकान का मालिक श्रीकांत मैती की हार्ट अटैक से मौत हो गई. एमएस धोनी के रन आउट होने के बाद ही उनको हार्ट अटैक आया और बेहोश होकर गिर गए. सेमीफाइनल में धोनी रन आउट हो गए थे. वो मैच का टर्निंग प्वाइंट था. टीम इंडिया को 10 गेंद पर 25 रन चाहिए थे. जिसके बाद धोनी ने दो रन लेने के चक्कर में खुद का विकेट गंवा दिया.  श्रीकांत दुकान पर बैठकर स्मार्टफोन पर मैच को देख रहे थे. श्रीकांत की दुकान के पास ही एक मिठाई की दुकान के मालिक उन्हें अस्पताल ले गए. उन्होंने कहा- जोर से आवाज आने के बाद हम श्रीकांत की दुकान पर पहुंचे. हमने देखा कि वो जमीन पर बेहोश पड़े हुए हैं. हम उन्हें खनाकुल अस्पताल ले गए. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.  टीम इंडिया 92 रन पर ही 6 विकेट खो चुकी थी. जिसके बाद एमएस धोनी और रवींद्र जडेजा ने 106 रन की पार्टनरशिप की और मैच को जीत के करीब तक ले गए थे. लेकिन धोनी के रन आउट ने मैच का रुख बदल दिया और टीम इंडिया का सफर वर्ल्ड कप में खत्म हो गया.
9
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: 'अर्जुन रेड्डी' के एक्टर विजय देवराकोंडा ने शाहिद कपूर की 'Kabir Singh' देखने से किया इंकार, कह डाली ये बात
यह एक लेख है: दरअसल, साउथ के मशहूर एक्टर विजय देवराकोंडा (Vijay Deverakonda) की अपकमिंग फिल्म 'कॉमरेड (Comrade)' की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे 'कबीर सिंह (Kabir  Singh)' को लेकर पूछा गया कि उन्होंने फिल्म देखा या नहीं. तो सिनेमा एक्सप्रेस के मुताबिक विजय ने जवाब दिया, 'शाहिद कपूर ने ये फिल्म की है, और वो इस कैरेक्टर से गुजरे हैं, मेरे पास इस फिल्म को दोबारा देखने के लिए कुछ नहीं है. मैं फिल्म की कहानी को जानता हूं और मैंने ये फिल्म की है, तो मैं इस फिल्म को दोबारा क्यों देखूं.' बता दें फिल्म 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' अपनी रिलीज के समय से ही विवादों में घिरी है. फिल्म में शाहिद कपूर एक सिरफिरे आशिक का किरदार निभा रहे हैं, जो अपना प्यार हासिल ना होने पर खुद को बर्बाद कर लेता है. शाहिद के किरदार पर कुछ लोगों में फिल्म के लिए गुस्सा था. हालांकि इन विवादों के बावजूद डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा (Sandeep Reddy Vanga) की फिल्म ने अच्छी कमाई के साथ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड कायम किया है.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: नई दिल्ली दुनिया का 5वां सबसे महंगा कार्यालय बाजार
लेख: नई दिल्ली दुनिया में पांचवां सबसे महंगा कार्यालय बाजार है। यह निष्कर्ष बुधवार को जारी एक सर्वेक्षण का है। सीबीआरई ग्लोबल रिसर्च एंड कंसल्टिंग के अर्द्धवार्षिक प्राइम ऑफिस ऑक्यूपेंसी कॉस्ट्स सर्वेक्षण के मुताबिक नई दिल्ली (कनॉट प्लेस) में सलाना प्रति वर्ग फुट स्थान की कीमत 183.30 डॉलर बैठती है और इसके आधार पर यह दुनिया में पांचवां सबसे महंगा कार्यालय बाजार है। मुम्बई का नरीमन प्वाइंट जुलाई में इस सूची में 20वें स्थान पर था, जहां से गिरकर यह सितम्बर में 25वें स्थान पर आ गया। नव विकसित बांद्रा-कुर्ला परिसर ताजा सर्वेक्षण में 11वें स्थान पर है। सूची में पहले स्थान पर है हांगकांग सेंट्रल। इसके बाद है लंदन वेस्ट एंड, टोक्यो और बीजिंग।टिप्पणियां ताजा सर्वेक्षण 30 सितम्बर 2012 को इन स्थानों पर किराया दर तथा स्थान लेने पर होने वाले खर्च पर आधारित है। सीबीआरई दक्षिण एशिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष अंशुमान मैगजिन ने कहा, "प्रमुख केंद्रीय कारोबारी जिले में जगह की आपूर्ति काफी सीमित है। निकट भविष्य में आपूर्ति बढ़ने की कोई सम्भावना नहीं है। यह बात गुणवत्तापूर्ण कार्यालय परिसर के मामले में भी लागू होती है, जिसके कारण जगह लेने पर होने वाले खर्च की दर काफी अधिक हो गई है।" सीबीआरई ग्लोबल रिसर्च एंड कंसल्टिंग के अर्द्धवार्षिक प्राइम ऑफिस ऑक्यूपेंसी कॉस्ट्स सर्वेक्षण के मुताबिक नई दिल्ली (कनॉट प्लेस) में सलाना प्रति वर्ग फुट स्थान की कीमत 183.30 डॉलर बैठती है और इसके आधार पर यह दुनिया में पांचवां सबसे महंगा कार्यालय बाजार है। मुम्बई का नरीमन प्वाइंट जुलाई में इस सूची में 20वें स्थान पर था, जहां से गिरकर यह सितम्बर में 25वें स्थान पर आ गया। नव विकसित बांद्रा-कुर्ला परिसर ताजा सर्वेक्षण में 11वें स्थान पर है। सूची में पहले स्थान पर है हांगकांग सेंट्रल। इसके बाद है लंदन वेस्ट एंड, टोक्यो और बीजिंग।टिप्पणियां ताजा सर्वेक्षण 30 सितम्बर 2012 को इन स्थानों पर किराया दर तथा स्थान लेने पर होने वाले खर्च पर आधारित है। सीबीआरई दक्षिण एशिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष अंशुमान मैगजिन ने कहा, "प्रमुख केंद्रीय कारोबारी जिले में जगह की आपूर्ति काफी सीमित है। निकट भविष्य में आपूर्ति बढ़ने की कोई सम्भावना नहीं है। यह बात गुणवत्तापूर्ण कार्यालय परिसर के मामले में भी लागू होती है, जिसके कारण जगह लेने पर होने वाले खर्च की दर काफी अधिक हो गई है।" मुम्बई का नरीमन प्वाइंट जुलाई में इस सूची में 20वें स्थान पर था, जहां से गिरकर यह सितम्बर में 25वें स्थान पर आ गया। नव विकसित बांद्रा-कुर्ला परिसर ताजा सर्वेक्षण में 11वें स्थान पर है। सूची में पहले स्थान पर है हांगकांग सेंट्रल। इसके बाद है लंदन वेस्ट एंड, टोक्यो और बीजिंग।टिप्पणियां ताजा सर्वेक्षण 30 सितम्बर 2012 को इन स्थानों पर किराया दर तथा स्थान लेने पर होने वाले खर्च पर आधारित है। सीबीआरई दक्षिण एशिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष अंशुमान मैगजिन ने कहा, "प्रमुख केंद्रीय कारोबारी जिले में जगह की आपूर्ति काफी सीमित है। निकट भविष्य में आपूर्ति बढ़ने की कोई सम्भावना नहीं है। यह बात गुणवत्तापूर्ण कार्यालय परिसर के मामले में भी लागू होती है, जिसके कारण जगह लेने पर होने वाले खर्च की दर काफी अधिक हो गई है।" सूची में पहले स्थान पर है हांगकांग सेंट्रल। इसके बाद है लंदन वेस्ट एंड, टोक्यो और बीजिंग।टिप्पणियां ताजा सर्वेक्षण 30 सितम्बर 2012 को इन स्थानों पर किराया दर तथा स्थान लेने पर होने वाले खर्च पर आधारित है। सीबीआरई दक्षिण एशिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष अंशुमान मैगजिन ने कहा, "प्रमुख केंद्रीय कारोबारी जिले में जगह की आपूर्ति काफी सीमित है। निकट भविष्य में आपूर्ति बढ़ने की कोई सम्भावना नहीं है। यह बात गुणवत्तापूर्ण कार्यालय परिसर के मामले में भी लागू होती है, जिसके कारण जगह लेने पर होने वाले खर्च की दर काफी अधिक हो गई है।" ताजा सर्वेक्षण 30 सितम्बर 2012 को इन स्थानों पर किराया दर तथा स्थान लेने पर होने वाले खर्च पर आधारित है। सीबीआरई दक्षिण एशिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष अंशुमान मैगजिन ने कहा, "प्रमुख केंद्रीय कारोबारी जिले में जगह की आपूर्ति काफी सीमित है। निकट भविष्य में आपूर्ति बढ़ने की कोई सम्भावना नहीं है। यह बात गुणवत्तापूर्ण कार्यालय परिसर के मामले में भी लागू होती है, जिसके कारण जगह लेने पर होने वाले खर्च की दर काफी अधिक हो गई है।" सीबीआरई दक्षिण एशिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष अंशुमान मैगजिन ने कहा, "प्रमुख केंद्रीय कारोबारी जिले में जगह की आपूर्ति काफी सीमित है। निकट भविष्य में आपूर्ति बढ़ने की कोई सम्भावना नहीं है। यह बात गुणवत्तापूर्ण कार्यालय परिसर के मामले में भी लागू होती है, जिसके कारण जगह लेने पर होने वाले खर्च की दर काफी अधिक हो गई है।"
2
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: सुरक्षा पर मंडराने वाला साझा खतरा है 'आतंकवाद का निर्यात' : आसियान देशों से पीएम मोदी
लेख: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की ओर स्पष्ट संकेत देते हुए हुए आज 'आतंकवाद के बढ़ते निर्यात' पर गहरी चिंता जताई और कहा कि यह क्षेत्र की सुरक्षा पर मंडराने वाला एक साझा खतरा है. उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए आसियान के सदस्य देशों से समन्वित प्रतिक्रिया देने की अपील की. यहां 14वें आसियान-भारत सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि घृणा की विचारधारा के कारण बढ़ता कट्टरपंथ और अत्यधिक हिंसा का प्रसार सुरक्षा से जुड़े कुछ अन्य खतरे हैं. नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते वाक्युद्ध के बीच मोदी ने दो दिन में दूसरी बार पाकिस्तान पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद का निर्यात, बढ़ता कट्टरपंथ और अत्यधिक हिंसा का प्रसार हमारे समाजों की सुरक्षा पर मंडराने वाले साझा खतरे हैं'. पीएम मोदी ने कहा, 'यह खतरा स्थानीय, क्षेत्रीय और इसके साथ-साथ परिवर्तनशील है. आसियान के साथ हमारी साझेदारी विभिन्न स्तरों पर समन्वय और सहयोग के जरिए प्रतिक्रिया चाहती है'. उन्होंने कहा कि बढ़ती पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक चुनौतियों के मद्देनजर संबंधों में राजनीतिक सहयोग बेहद महत्वपूर्ण हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम साइबर सुरक्षा, कट्टरपंथ के उन्मूलन और आतंकवाद से मुकाबले के लिए ठोस कदम उठाना चाहते हैं'. सोमवार को मोदी ने जी20 सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया में 'एक देश' ऐसा है, जो 'आतंक के कारकों' का प्रसार कर रहा है. पीएम ने कहा था कि आतंकवाद के प्रायोजकों पर प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए और उन्हें अलग-थलग कर देना चाहिए, न कि पुरस्कार दिया जाना चाहिए. आज प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है. उन्होंने विभिन्न देशों के प्रमुखों के 10 सदस्यीय समूह से कहा, 'हमारा जुड़ाव क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने वाली हमारी साझा प्राथमिकताओं से संचालित है'. उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ाना आसियान के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में है. मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच अबाधित डिजिटल संपर्क एक साझा लक्ष्य है. भारत आसियान संपर्क के मुद्दे पर बने मास्टर प्लान के लिए प्रतिबद्ध है. समुद्री मार्गों को 'वैश्विक व्यापार की जीवन रेखाएं' बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्रों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्र कानून पर आधारित समझौते (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है. उन्होंने 'आपसी जुड़ाव की प्रकृति, दिशा और प्राथमिकताओं' पर अपने-अपने विचार साझा करने के लिए सदस्य देशों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'हमारी साझेदारी के तीन स्तंभ हैं सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज-संस्कृति, तीनों ही क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव 'आर्थिक आशावाद' का जुड़ाव है.टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे प्रगाढ़ करना जारी है'. लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) यहां 14वें आसियान-भारत सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि घृणा की विचारधारा के कारण बढ़ता कट्टरपंथ और अत्यधिक हिंसा का प्रसार सुरक्षा से जुड़े कुछ अन्य खतरे हैं. नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते वाक्युद्ध के बीच मोदी ने दो दिन में दूसरी बार पाकिस्तान पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद का निर्यात, बढ़ता कट्टरपंथ और अत्यधिक हिंसा का प्रसार हमारे समाजों की सुरक्षा पर मंडराने वाले साझा खतरे हैं'. पीएम मोदी ने कहा, 'यह खतरा स्थानीय, क्षेत्रीय और इसके साथ-साथ परिवर्तनशील है. आसियान के साथ हमारी साझेदारी विभिन्न स्तरों पर समन्वय और सहयोग के जरिए प्रतिक्रिया चाहती है'. उन्होंने कहा कि बढ़ती पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक चुनौतियों के मद्देनजर संबंधों में राजनीतिक सहयोग बेहद महत्वपूर्ण हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम साइबर सुरक्षा, कट्टरपंथ के उन्मूलन और आतंकवाद से मुकाबले के लिए ठोस कदम उठाना चाहते हैं'. सोमवार को मोदी ने जी20 सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया में 'एक देश' ऐसा है, जो 'आतंक के कारकों' का प्रसार कर रहा है. पीएम ने कहा था कि आतंकवाद के प्रायोजकों पर प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए और उन्हें अलग-थलग कर देना चाहिए, न कि पुरस्कार दिया जाना चाहिए. आज प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है. उन्होंने विभिन्न देशों के प्रमुखों के 10 सदस्यीय समूह से कहा, 'हमारा जुड़ाव क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने वाली हमारी साझा प्राथमिकताओं से संचालित है'. उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ाना आसियान के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में है. मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच अबाधित डिजिटल संपर्क एक साझा लक्ष्य है. भारत आसियान संपर्क के मुद्दे पर बने मास्टर प्लान के लिए प्रतिबद्ध है. समुद्री मार्गों को 'वैश्विक व्यापार की जीवन रेखाएं' बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्रों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्र कानून पर आधारित समझौते (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है. उन्होंने 'आपसी जुड़ाव की प्रकृति, दिशा और प्राथमिकताओं' पर अपने-अपने विचार साझा करने के लिए सदस्य देशों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'हमारी साझेदारी के तीन स्तंभ हैं सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज-संस्कृति, तीनों ही क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव 'आर्थिक आशावाद' का जुड़ाव है.टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे प्रगाढ़ करना जारी है'. लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते वाक्युद्ध के बीच मोदी ने दो दिन में दूसरी बार पाकिस्तान पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद का निर्यात, बढ़ता कट्टरपंथ और अत्यधिक हिंसा का प्रसार हमारे समाजों की सुरक्षा पर मंडराने वाले साझा खतरे हैं'. पीएम मोदी ने कहा, 'यह खतरा स्थानीय, क्षेत्रीय और इसके साथ-साथ परिवर्तनशील है. आसियान के साथ हमारी साझेदारी विभिन्न स्तरों पर समन्वय और सहयोग के जरिए प्रतिक्रिया चाहती है'. उन्होंने कहा कि बढ़ती पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक चुनौतियों के मद्देनजर संबंधों में राजनीतिक सहयोग बेहद महत्वपूर्ण हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम साइबर सुरक्षा, कट्टरपंथ के उन्मूलन और आतंकवाद से मुकाबले के लिए ठोस कदम उठाना चाहते हैं'. सोमवार को मोदी ने जी20 सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया में 'एक देश' ऐसा है, जो 'आतंक के कारकों' का प्रसार कर रहा है. पीएम ने कहा था कि आतंकवाद के प्रायोजकों पर प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए और उन्हें अलग-थलग कर देना चाहिए, न कि पुरस्कार दिया जाना चाहिए. आज प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है. उन्होंने विभिन्न देशों के प्रमुखों के 10 सदस्यीय समूह से कहा, 'हमारा जुड़ाव क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने वाली हमारी साझा प्राथमिकताओं से संचालित है'. उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ाना आसियान के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में है. मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच अबाधित डिजिटल संपर्क एक साझा लक्ष्य है. भारत आसियान संपर्क के मुद्दे पर बने मास्टर प्लान के लिए प्रतिबद्ध है. समुद्री मार्गों को 'वैश्विक व्यापार की जीवन रेखाएं' बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्रों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्र कानून पर आधारित समझौते (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है. उन्होंने 'आपसी जुड़ाव की प्रकृति, दिशा और प्राथमिकताओं' पर अपने-अपने विचार साझा करने के लिए सदस्य देशों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'हमारी साझेदारी के तीन स्तंभ हैं सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज-संस्कृति, तीनों ही क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव 'आर्थिक आशावाद' का जुड़ाव है.टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे प्रगाढ़ करना जारी है'. लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम साइबर सुरक्षा, कट्टरपंथ के उन्मूलन और आतंकवाद से मुकाबले के लिए ठोस कदम उठाना चाहते हैं'. सोमवार को मोदी ने जी20 सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया में 'एक देश' ऐसा है, जो 'आतंक के कारकों' का प्रसार कर रहा है. पीएम ने कहा था कि आतंकवाद के प्रायोजकों पर प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए और उन्हें अलग-थलग कर देना चाहिए, न कि पुरस्कार दिया जाना चाहिए. आज प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है. उन्होंने विभिन्न देशों के प्रमुखों के 10 सदस्यीय समूह से कहा, 'हमारा जुड़ाव क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने वाली हमारी साझा प्राथमिकताओं से संचालित है'. उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ाना आसियान के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में है. मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच अबाधित डिजिटल संपर्क एक साझा लक्ष्य है. भारत आसियान संपर्क के मुद्दे पर बने मास्टर प्लान के लिए प्रतिबद्ध है. समुद्री मार्गों को 'वैश्विक व्यापार की जीवन रेखाएं' बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्रों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्र कानून पर आधारित समझौते (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है. उन्होंने 'आपसी जुड़ाव की प्रकृति, दिशा और प्राथमिकताओं' पर अपने-अपने विचार साझा करने के लिए सदस्य देशों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'हमारी साझेदारी के तीन स्तंभ हैं सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज-संस्कृति, तीनों ही क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव 'आर्थिक आशावाद' का जुड़ाव है.टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे प्रगाढ़ करना जारी है'. लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आज प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है. उन्होंने विभिन्न देशों के प्रमुखों के 10 सदस्यीय समूह से कहा, 'हमारा जुड़ाव क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने वाली हमारी साझा प्राथमिकताओं से संचालित है'. उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ाना आसियान के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में है. मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच अबाधित डिजिटल संपर्क एक साझा लक्ष्य है. भारत आसियान संपर्क के मुद्दे पर बने मास्टर प्लान के लिए प्रतिबद्ध है. समुद्री मार्गों को 'वैश्विक व्यापार की जीवन रेखाएं' बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्रों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्र कानून पर आधारित समझौते (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है. उन्होंने 'आपसी जुड़ाव की प्रकृति, दिशा और प्राथमिकताओं' पर अपने-अपने विचार साझा करने के लिए सदस्य देशों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'हमारी साझेदारी के तीन स्तंभ हैं सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज-संस्कृति, तीनों ही क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव 'आर्थिक आशावाद' का जुड़ाव है.टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे प्रगाढ़ करना जारी है'. लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच अबाधित डिजिटल संपर्क एक साझा लक्ष्य है. भारत आसियान संपर्क के मुद्दे पर बने मास्टर प्लान के लिए प्रतिबद्ध है. समुद्री मार्गों को 'वैश्विक व्यापार की जीवन रेखाएं' बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्रों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्र कानून पर आधारित समझौते (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है. उन्होंने 'आपसी जुड़ाव की प्रकृति, दिशा और प्राथमिकताओं' पर अपने-अपने विचार साझा करने के लिए सदस्य देशों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'हमारी साझेदारी के तीन स्तंभ हैं सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज-संस्कृति, तीनों ही क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव 'आर्थिक आशावाद' का जुड़ाव है.टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे प्रगाढ़ करना जारी है'. लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) समुद्री मार्गों को 'वैश्विक व्यापार की जीवन रेखाएं' बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्रों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्र कानून पर आधारित समझौते (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है. उन्होंने 'आपसी जुड़ाव की प्रकृति, दिशा और प्राथमिकताओं' पर अपने-अपने विचार साझा करने के लिए सदस्य देशों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'हमारी साझेदारी के तीन स्तंभ हैं सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज-संस्कृति, तीनों ही क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव 'आर्थिक आशावाद' का जुड़ाव है.टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे प्रगाढ़ करना जारी है'. लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, 'हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे प्रगाढ़ करना जारी है'. लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
8
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: लाल ग्रह पर भारत-अमेरिका शिखर मिलन के बाद धरती पर हम मिल रहे हैं : मोदी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मंगल ग्रह पर भारतीय और अमेरिकी मिशनों के पहुंचने के कुछ ही दिनों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपनी मुलाकात के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि लाल ग्रह पर भारत-अमेरिका शिखर मिलन के बाद अब बारी है धरती पर दोनों राष्ट्रों के नेताओं के मुलाकात की। राष्ट्रपति ओबामा के साथ संयुक्त प्रेस कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा, 'यह सुखद संयोग हमारे रिश्तों की ताकत का द्योतक है।' दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा और पश्चिम एशिया में इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों के खतरे समेत ठोस द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। भारत ने 24 सितंबर को मंगल ग्रह की कक्षा में अपने कम लागत वाले मंगलयान को पहले ही प्रयास में स्थापित कर इतिहास रच दिया था और उसके साथ ही भारत ऐसी क्षमता रखने वाले तीन विशिष्ट राष्ट्रों के समूह में शामिल हो गया था। भारत का मंगल अभियान सबसे सस्ता अंतर ग्रहीय अभियान था जिसमें नासा के मंगल मिशन मावेन पर आयी लागत का दसवां हिस्सा ही खर्च हुआ। मावेन 22 सितंबर को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा था।
9
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: मिस्र के राष्ट्रपति मुर्सी ने विवादास्पद आदेश निरस्त किया
यह एक लेख है: समझौते का एक बड़ा संकेत देते हुए मिस्र के इस्लामी राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने उन्हें व्यापक शक्तियां देने वाले विवादास्पद आदेश को निरस्त कर दिया है, लेकिन विपक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया कि नए संविधान पर जनमत संग्रह कराए जाने में विलंब किया जाना चाहिए। नए संविधान पर जनमत संग्रह निर्धारित तारीख 15 दिसंबर को ही होगा। राष्ट्रपति मुर्सी ने अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठकों के बाद यह नाटकीय कदम उठाया है। राष्ट्रपति पद के पूर्व उम्मीदवार मोहम्मद सलीम अल अवा ने टेलीविजन पर कानूनी समिति का बयान पढ़ा। इसमें कहा गया, संवैधानिक आदेश इसी क्षण से निरस्त किया जाता है।टिप्पणियां कानूनी समिति मुर्सी के पिछले महीने के आदेश की समीक्षा के लिए नियुक्त की गई थी। वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता उस समय पैदा हुई, जब राष्ट्रपति मुर्सी ने 22 नवंबर को एक आदेश जारी कर संपूर्ण शक्तियां अपने पास रख लीं और कहा कि उनके फैसले न्यायिक समीक्षा से परे होंगे। इस आदेश और जनमत संग्रह के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे। सलीम ने हालांकि, कहा कि नए संविधान पर जनमत संग्रह निर्धारित तारीख को ही होगा, क्योंकि राष्ट्रपति के लिए इसे स्थगित करना कानूनी रूप से संभव नहीं है। मुर्सी ने गुरुवार को अपने भाषण में अपनी व्यापक शक्तियों को छोड़ने की अनिच्छा जताई थी। पूर्व में सेना ने आगाह किया था कि यदि देश में वार्ता के जरिए राजनीतिक संकट का समाधान नहीं निकलता है, तो विनाशकारी नतीजे होंगे। नए संविधान पर जनमत संग्रह निर्धारित तारीख 15 दिसंबर को ही होगा। राष्ट्रपति मुर्सी ने अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठकों के बाद यह नाटकीय कदम उठाया है। राष्ट्रपति पद के पूर्व उम्मीदवार मोहम्मद सलीम अल अवा ने टेलीविजन पर कानूनी समिति का बयान पढ़ा। इसमें कहा गया, संवैधानिक आदेश इसी क्षण से निरस्त किया जाता है।टिप्पणियां कानूनी समिति मुर्सी के पिछले महीने के आदेश की समीक्षा के लिए नियुक्त की गई थी। वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता उस समय पैदा हुई, जब राष्ट्रपति मुर्सी ने 22 नवंबर को एक आदेश जारी कर संपूर्ण शक्तियां अपने पास रख लीं और कहा कि उनके फैसले न्यायिक समीक्षा से परे होंगे। इस आदेश और जनमत संग्रह के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे। सलीम ने हालांकि, कहा कि नए संविधान पर जनमत संग्रह निर्धारित तारीख को ही होगा, क्योंकि राष्ट्रपति के लिए इसे स्थगित करना कानूनी रूप से संभव नहीं है। मुर्सी ने गुरुवार को अपने भाषण में अपनी व्यापक शक्तियों को छोड़ने की अनिच्छा जताई थी। पूर्व में सेना ने आगाह किया था कि यदि देश में वार्ता के जरिए राजनीतिक संकट का समाधान नहीं निकलता है, तो विनाशकारी नतीजे होंगे। कानूनी समिति मुर्सी के पिछले महीने के आदेश की समीक्षा के लिए नियुक्त की गई थी। वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता उस समय पैदा हुई, जब राष्ट्रपति मुर्सी ने 22 नवंबर को एक आदेश जारी कर संपूर्ण शक्तियां अपने पास रख लीं और कहा कि उनके फैसले न्यायिक समीक्षा से परे होंगे। इस आदेश और जनमत संग्रह के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे। सलीम ने हालांकि, कहा कि नए संविधान पर जनमत संग्रह निर्धारित तारीख को ही होगा, क्योंकि राष्ट्रपति के लिए इसे स्थगित करना कानूनी रूप से संभव नहीं है। मुर्सी ने गुरुवार को अपने भाषण में अपनी व्यापक शक्तियों को छोड़ने की अनिच्छा जताई थी। पूर्व में सेना ने आगाह किया था कि यदि देश में वार्ता के जरिए राजनीतिक संकट का समाधान नहीं निकलता है, तो विनाशकारी नतीजे होंगे। सलीम ने हालांकि, कहा कि नए संविधान पर जनमत संग्रह निर्धारित तारीख को ही होगा, क्योंकि राष्ट्रपति के लिए इसे स्थगित करना कानूनी रूप से संभव नहीं है। मुर्सी ने गुरुवार को अपने भाषण में अपनी व्यापक शक्तियों को छोड़ने की अनिच्छा जताई थी। पूर्व में सेना ने आगाह किया था कि यदि देश में वार्ता के जरिए राजनीतिक संकट का समाधान नहीं निकलता है, तो विनाशकारी नतीजे होंगे।
13
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो भारी कीमत चुकानी होगी : ख्वाजा
यह एक लेख है: पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने रविवार को चेतावनी दी कि अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। पाकिस्तान रेडियो के अनुसार, ख्वाजा ने कहा, 'यदि भारत ने पाकिस्तान पर युद्ध थोपने की कोशिश की तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी, जिसे वह दशकों तक याद रखेगा।' ख्वाजा जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर स्थित कुंदनपुर गांव के दौरे के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सीमा बलों द्वारा बगैर उकसावे के गोलाबारी की गई और गोलीबारी से कुंदनपुर गांव बुरी तरह प्रभावित हुआ है।टिप्पणियां ख्वाजा ने कहा कि भारत सीमा पर तनाव पैदा कर अपनी आंतरिक विफलता से ध्यान भटका रहा है। उन्होंने भारत पर पाकिस्तानी मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया और कहा कि इस्लामाबाद के पास इसके समर्थन में सबूत है। जम्मू एवं कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर बगैर उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी का आरोप लगा रहे हैं। पाकिस्तान रेडियो के अनुसार, ख्वाजा ने कहा, 'यदि भारत ने पाकिस्तान पर युद्ध थोपने की कोशिश की तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी, जिसे वह दशकों तक याद रखेगा।' ख्वाजा जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर स्थित कुंदनपुर गांव के दौरे के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सीमा बलों द्वारा बगैर उकसावे के गोलाबारी की गई और गोलीबारी से कुंदनपुर गांव बुरी तरह प्रभावित हुआ है।टिप्पणियां ख्वाजा ने कहा कि भारत सीमा पर तनाव पैदा कर अपनी आंतरिक विफलता से ध्यान भटका रहा है। उन्होंने भारत पर पाकिस्तानी मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया और कहा कि इस्लामाबाद के पास इसके समर्थन में सबूत है। जम्मू एवं कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर बगैर उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी का आरोप लगा रहे हैं। ख्वाजा जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर स्थित कुंदनपुर गांव के दौरे के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सीमा बलों द्वारा बगैर उकसावे के गोलाबारी की गई और गोलीबारी से कुंदनपुर गांव बुरी तरह प्रभावित हुआ है।टिप्पणियां ख्वाजा ने कहा कि भारत सीमा पर तनाव पैदा कर अपनी आंतरिक विफलता से ध्यान भटका रहा है। उन्होंने भारत पर पाकिस्तानी मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया और कहा कि इस्लामाबाद के पास इसके समर्थन में सबूत है। जम्मू एवं कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर बगैर उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी का आरोप लगा रहे हैं। ख्वाजा ने कहा कि भारत सीमा पर तनाव पैदा कर अपनी आंतरिक विफलता से ध्यान भटका रहा है। उन्होंने भारत पर पाकिस्तानी मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया और कहा कि इस्लामाबाद के पास इसके समर्थन में सबूत है। जम्मू एवं कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर बगैर उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी का आरोप लगा रहे हैं। जम्मू एवं कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर बगैर उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी का आरोप लगा रहे हैं।
9
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: एचसीएल का 3-जी टैबलेट अगस्त में, कीमत 18 हजार होगी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एचसीएल इन्फोसिस्टम्स अपना तीसरी पीढ़ी 3जी का टैबलेट पीसी इस साल अगस्त में पेश करेगी। इसका दाम 18,000 रुपये के आसपास होगा।टिप्पणियां एचसीएल इन्फोसिस्टम्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रमुख (मोबिलिटी) गौतम आडवाणी ने बताया कि इस उत्पाद का कोड नाम वाई 2 होगा। इसे अगस्त में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल टैबलेट बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 15 फीसदी है। वहीं 10,000 रुपये से कम की श्रेणी में कंपनी का हिस्सा करीब 50 प्रतिशत है। एचसीएल इन्फोसिस्टम्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रमुख (मोबिलिटी) गौतम आडवाणी ने बताया कि इस उत्पाद का कोड नाम वाई 2 होगा। इसे अगस्त में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल टैबलेट बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 15 फीसदी है। वहीं 10,000 रुपये से कम की श्रेणी में कंपनी का हिस्सा करीब 50 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि कुल टैबलेट बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 15 फीसदी है। वहीं 10,000 रुपये से कम की श्रेणी में कंपनी का हिस्सा करीब 50 प्रतिशत है।
9
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: सरकार की कोशिश है कि हज सब्सिडी खत्म होने पर राज्यों पर नहीं पड़े बोझ : मुख्तार अब्बास नकवी
लेख: अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार की ओर से ऐसी कोशिश की जा रही है कि हज यात्रा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से खत्म किए जाने के बाद राज्यों पर अधिक बोझ न पड़े. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में उच्चतम न्यायालय ने अपनी व्यवस्था में कहा था कि हज सब्सिडी धीरे धीरे खत्म की जानी चाहिए. इस फैसले के संबंध में एक उच्च स्तरीय समिति काम कर रही है. नकवी ने कहा कि हज सब्सिडी खत्म करने की प्रक्रिया वर्ष 2013 से शुरू की गई. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला तब आया था जब संप्रग की सरकार थी. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सब्सिडी खत्म होने पर राज्यों पर अधिक बोझ न पड़े. उन्होंने बताया कि देश भर में 21 ‘‘एम्बार्गेशन प्वॉइंट’’ हैं जहां से हज यात्री हज के लिए रवाना होते हैं. उन्होंने बताया कि इस हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाले यात्रियों की संख्या करीब एक लाख 70 हजार है. टिप्पणियां नकवी ने यह बात कांग्रेस के हुसैन दलवई द्वारा उठाए गए मुद्दे के जवाब में कही. दलवई ने हज सब्सिडी समाप्त किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022 तक समाप्त की जानी है. उन्होंने कहा कि सरकार को इसे धीरे धीरे घटना चाहिए जबकि उसने एक साथ 180 करोड़ रूपये की सब्सिडी घटा दी. इससे छोटे राज्यों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. उन्होंने मांग की कि वर्ष 2022 के बाद सरकार को हज के संबंध में छोटे राज्यों की मदद के लिए भी कदम उठाने चाहिए. नकवी ने कहा कि हज सब्सिडी खत्म करने की प्रक्रिया वर्ष 2013 से शुरू की गई. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला तब आया था जब संप्रग की सरकार थी. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सब्सिडी खत्म होने पर राज्यों पर अधिक बोझ न पड़े. उन्होंने बताया कि देश भर में 21 ‘‘एम्बार्गेशन प्वॉइंट’’ हैं जहां से हज यात्री हज के लिए रवाना होते हैं. उन्होंने बताया कि इस हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाले यात्रियों की संख्या करीब एक लाख 70 हजार है. टिप्पणियां नकवी ने यह बात कांग्रेस के हुसैन दलवई द्वारा उठाए गए मुद्दे के जवाब में कही. दलवई ने हज सब्सिडी समाप्त किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022 तक समाप्त की जानी है. उन्होंने कहा कि सरकार को इसे धीरे धीरे घटना चाहिए जबकि उसने एक साथ 180 करोड़ रूपये की सब्सिडी घटा दी. इससे छोटे राज्यों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. उन्होंने मांग की कि वर्ष 2022 के बाद सरकार को हज के संबंध में छोटे राज्यों की मदद के लिए भी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने बताया कि देश भर में 21 ‘‘एम्बार्गेशन प्वॉइंट’’ हैं जहां से हज यात्री हज के लिए रवाना होते हैं. उन्होंने बताया कि इस हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाले यात्रियों की संख्या करीब एक लाख 70 हजार है. टिप्पणियां नकवी ने यह बात कांग्रेस के हुसैन दलवई द्वारा उठाए गए मुद्दे के जवाब में कही. दलवई ने हज सब्सिडी समाप्त किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022 तक समाप्त की जानी है. उन्होंने कहा कि सरकार को इसे धीरे धीरे घटना चाहिए जबकि उसने एक साथ 180 करोड़ रूपये की सब्सिडी घटा दी. इससे छोटे राज्यों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. उन्होंने मांग की कि वर्ष 2022 के बाद सरकार को हज के संबंध में छोटे राज्यों की मदद के लिए भी कदम उठाने चाहिए. नकवी ने यह बात कांग्रेस के हुसैन दलवई द्वारा उठाए गए मुद्दे के जवाब में कही. दलवई ने हज सब्सिडी समाप्त किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022 तक समाप्त की जानी है. उन्होंने कहा कि सरकार को इसे धीरे धीरे घटना चाहिए जबकि उसने एक साथ 180 करोड़ रूपये की सब्सिडी घटा दी. इससे छोटे राज्यों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. उन्होंने मांग की कि वर्ष 2022 के बाद सरकार को हज के संबंध में छोटे राज्यों की मदद के लिए भी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने मांग की कि वर्ष 2022 के बाद सरकार को हज के संबंध में छोटे राज्यों की मदद के लिए भी कदम उठाने चाहिए.
2
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: हेलीकॉप्टर करार में कहीं न कहीं, कुछ न कुछ तो हुआ है : एंटनी
वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील मामले में आज रक्षामंत्री एके एंटनी ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि इस डील की वजह से उनके इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। एंटनी ने कहा कि वह घोटाले के आरोपों से काफी आहत हैं और उनका मंत्रालय सच जानने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर डील में किसी भी तरह की गड़बड़ी साबित हुई तो वह उस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। एंटनी ने दावा किया कि उनकी सरकार में इस डील को लेकर कोई मतभेद नहीं है। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील की जांच के लिए गए सीबीआई और रक्षा मंत्रालय के लोग आज इटली के अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं। इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा। मैं संसद सत्र के लिए तैयारी कर रहा हूं। मैं अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हो रहा हूं। एंटनी ने कहा कि हेलीकॉप्टर सौदे में सभी स्तरों पर हर तरह की सावधानी बरते जाने के बाद भी रिश्वतखोरी के आरोपों से वह दुखी हैं। विवाद से निपटने के मुद्दे पर सरकार के भीतर मतभेदों की बात को दरकिनार करते हुए मंत्री ने कहा कि इस मामले में पूरी सरकार एक साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है। पूरी सरकार मिलकर काम कर रही है। यह फैसला सरकार का ही है कि हमें विवाद की जड़ में जाना चाहिए, हमें सच्चाई का पता लगाना चाहिए और जिसने यह किया उसे जल्दी से जल्दी कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। वह इस मसले से निपटने के लिए सरकार के भीतर मतभेद की धारणा के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।टिप्पणियां एंटनी ने कहा कि सरकार और उनके मंत्रालय को इस मामले में कुछ भी छिपाना नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। रक्षामंत्री ने कहा, हम कार्रवाई करेंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। हम सच जानने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। यहां लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में एंटनी ने कहा कि अभी तक जो भी पता चला है वह मीडिया की खबरों में आया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार पारदर्शिता के मामले में समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने कहा, हम जांच का ब्यौरा हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं। हम कानून के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं। हमें जब तक कुछ ठोस साक्ष्य नहीं मिलते, जब तक हमारे पास आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं होता, हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? हम सच पता करने के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। उससे पहले हम नतीजों पर नहीं पहुंचना चाहते। सौदे में किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव की खबरों को खारिज करते हुए एंटनी ने कहा, भारत के रक्षा सौदों में कोई राजनीतिक निर्णय नहीं होता। उन्होंने कहा कि अगर डील में किसी भी तरह की गड़बड़ी साबित हुई तो वह उस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। एंटनी ने दावा किया कि उनकी सरकार में इस डील को लेकर कोई मतभेद नहीं है। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील की जांच के लिए गए सीबीआई और रक्षा मंत्रालय के लोग आज इटली के अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं। इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा। मैं संसद सत्र के लिए तैयारी कर रहा हूं। मैं अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हो रहा हूं। एंटनी ने कहा कि हेलीकॉप्टर सौदे में सभी स्तरों पर हर तरह की सावधानी बरते जाने के बाद भी रिश्वतखोरी के आरोपों से वह दुखी हैं। विवाद से निपटने के मुद्दे पर सरकार के भीतर मतभेदों की बात को दरकिनार करते हुए मंत्री ने कहा कि इस मामले में पूरी सरकार एक साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है। पूरी सरकार मिलकर काम कर रही है। यह फैसला सरकार का ही है कि हमें विवाद की जड़ में जाना चाहिए, हमें सच्चाई का पता लगाना चाहिए और जिसने यह किया उसे जल्दी से जल्दी कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। वह इस मसले से निपटने के लिए सरकार के भीतर मतभेद की धारणा के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।टिप्पणियां एंटनी ने कहा कि सरकार और उनके मंत्रालय को इस मामले में कुछ भी छिपाना नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। रक्षामंत्री ने कहा, हम कार्रवाई करेंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। हम सच जानने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। यहां लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में एंटनी ने कहा कि अभी तक जो भी पता चला है वह मीडिया की खबरों में आया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार पारदर्शिता के मामले में समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने कहा, हम जांच का ब्यौरा हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं। हम कानून के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं। हमें जब तक कुछ ठोस साक्ष्य नहीं मिलते, जब तक हमारे पास आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं होता, हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? हम सच पता करने के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। उससे पहले हम नतीजों पर नहीं पहुंचना चाहते। सौदे में किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव की खबरों को खारिज करते हुए एंटनी ने कहा, भारत के रक्षा सौदों में कोई राजनीतिक निर्णय नहीं होता। इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा। मैं संसद सत्र के लिए तैयारी कर रहा हूं। मैं अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हो रहा हूं। एंटनी ने कहा कि हेलीकॉप्टर सौदे में सभी स्तरों पर हर तरह की सावधानी बरते जाने के बाद भी रिश्वतखोरी के आरोपों से वह दुखी हैं। विवाद से निपटने के मुद्दे पर सरकार के भीतर मतभेदों की बात को दरकिनार करते हुए मंत्री ने कहा कि इस मामले में पूरी सरकार एक साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है। पूरी सरकार मिलकर काम कर रही है। यह फैसला सरकार का ही है कि हमें विवाद की जड़ में जाना चाहिए, हमें सच्चाई का पता लगाना चाहिए और जिसने यह किया उसे जल्दी से जल्दी कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। वह इस मसले से निपटने के लिए सरकार के भीतर मतभेद की धारणा के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।टिप्पणियां एंटनी ने कहा कि सरकार और उनके मंत्रालय को इस मामले में कुछ भी छिपाना नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। रक्षामंत्री ने कहा, हम कार्रवाई करेंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। हम सच जानने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। यहां लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में एंटनी ने कहा कि अभी तक जो भी पता चला है वह मीडिया की खबरों में आया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार पारदर्शिता के मामले में समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने कहा, हम जांच का ब्यौरा हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं। हम कानून के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं। हमें जब तक कुछ ठोस साक्ष्य नहीं मिलते, जब तक हमारे पास आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं होता, हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? हम सच पता करने के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। उससे पहले हम नतीजों पर नहीं पहुंचना चाहते। सौदे में किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव की खबरों को खारिज करते हुए एंटनी ने कहा, भारत के रक्षा सौदों में कोई राजनीतिक निर्णय नहीं होता। विवाद से निपटने के मुद्दे पर सरकार के भीतर मतभेदों की बात को दरकिनार करते हुए मंत्री ने कहा कि इस मामले में पूरी सरकार एक साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है। पूरी सरकार मिलकर काम कर रही है। यह फैसला सरकार का ही है कि हमें विवाद की जड़ में जाना चाहिए, हमें सच्चाई का पता लगाना चाहिए और जिसने यह किया उसे जल्दी से जल्दी कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। वह इस मसले से निपटने के लिए सरकार के भीतर मतभेद की धारणा के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।टिप्पणियां एंटनी ने कहा कि सरकार और उनके मंत्रालय को इस मामले में कुछ भी छिपाना नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। रक्षामंत्री ने कहा, हम कार्रवाई करेंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। हम सच जानने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। यहां लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में एंटनी ने कहा कि अभी तक जो भी पता चला है वह मीडिया की खबरों में आया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार पारदर्शिता के मामले में समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने कहा, हम जांच का ब्यौरा हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं। हम कानून के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं। हमें जब तक कुछ ठोस साक्ष्य नहीं मिलते, जब तक हमारे पास आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं होता, हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? हम सच पता करने के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। उससे पहले हम नतीजों पर नहीं पहुंचना चाहते। सौदे में किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव की खबरों को खारिज करते हुए एंटनी ने कहा, भारत के रक्षा सौदों में कोई राजनीतिक निर्णय नहीं होता। उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है। पूरी सरकार मिलकर काम कर रही है। यह फैसला सरकार का ही है कि हमें विवाद की जड़ में जाना चाहिए, हमें सच्चाई का पता लगाना चाहिए और जिसने यह किया उसे जल्दी से जल्दी कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। वह इस मसले से निपटने के लिए सरकार के भीतर मतभेद की धारणा के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।टिप्पणियां एंटनी ने कहा कि सरकार और उनके मंत्रालय को इस मामले में कुछ भी छिपाना नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। रक्षामंत्री ने कहा, हम कार्रवाई करेंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। हम सच जानने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। यहां लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में एंटनी ने कहा कि अभी तक जो भी पता चला है वह मीडिया की खबरों में आया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार पारदर्शिता के मामले में समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने कहा, हम जांच का ब्यौरा हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं। हम कानून के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं। हमें जब तक कुछ ठोस साक्ष्य नहीं मिलते, जब तक हमारे पास आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं होता, हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? हम सच पता करने के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। उससे पहले हम नतीजों पर नहीं पहुंचना चाहते। सौदे में किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव की खबरों को खारिज करते हुए एंटनी ने कहा, भारत के रक्षा सौदों में कोई राजनीतिक निर्णय नहीं होता। एंटनी ने कहा कि सरकार और उनके मंत्रालय को इस मामले में कुछ भी छिपाना नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। रक्षामंत्री ने कहा, हम कार्रवाई करेंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। हम सच जानने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। यहां लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में एंटनी ने कहा कि अभी तक जो भी पता चला है वह मीडिया की खबरों में आया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार पारदर्शिता के मामले में समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने कहा, हम जांच का ब्यौरा हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं। हम कानून के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं। हमें जब तक कुछ ठोस साक्ष्य नहीं मिलते, जब तक हमारे पास आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं होता, हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? हम सच पता करने के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। उससे पहले हम नतीजों पर नहीं पहुंचना चाहते। सौदे में किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव की खबरों को खारिज करते हुए एंटनी ने कहा, भारत के रक्षा सौदों में कोई राजनीतिक निर्णय नहीं होता। रक्षा मंत्री ने कहा, हम जांच का ब्यौरा हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं। हम कानून के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं। हमें जब तक कुछ ठोस साक्ष्य नहीं मिलते, जब तक हमारे पास आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं होता, हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? हम सच पता करने के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। उससे पहले हम नतीजों पर नहीं पहुंचना चाहते। सौदे में किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव की खबरों को खारिज करते हुए एंटनी ने कहा, भारत के रक्षा सौदों में कोई राजनीतिक निर्णय नहीं होता।
8
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: तरनतारन में पुलिस की दरिंदगी, महिला को सरेआम पीटा, चार जवान सस्पेंड
यह एक लेख है: पंजाब के तरनतारन जिले में आज एक महिला के साथ पुलिस ने सड़क पर जो बर्ताव किया, वह पंजाब पुलिस पर कई सवाल खड़े करता है। दरअसल, महिला के साथ एक ट्रक ड्राइवर ने छेड़छाड़ की थी। महिला ने अपने परिवारवालों को इसकी जानकारी दी और परिवार वाले वहां पहुंचकर ट्रक ड्राइवर के साथ जिरह कर रहे थे, तभी पुलिस ने ट्रक ड्राइवर का साथ देते हुए पीड़ित महिला को ही पीटना शुरू कर दिया। यही नहीं, उसके पुलिस ने उसके परिवार के साथ भी बुरा सलूक किया।टिप्पणियां आखिरकार जान बचाने के लिए इस महिला को वहां से भागना पड़ा। पीड़ित महिला और उसके परिवार के मुताबिक, पुलिसवालों ने उन्हें पीटने के अलावा भद्दी गालियां भी दीं। एनडीटीवी की खबर के बाद चार जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है। दरअसल, महिला के साथ एक ट्रक ड्राइवर ने छेड़छाड़ की थी। महिला ने अपने परिवारवालों को इसकी जानकारी दी और परिवार वाले वहां पहुंचकर ट्रक ड्राइवर के साथ जिरह कर रहे थे, तभी पुलिस ने ट्रक ड्राइवर का साथ देते हुए पीड़ित महिला को ही पीटना शुरू कर दिया। यही नहीं, उसके पुलिस ने उसके परिवार के साथ भी बुरा सलूक किया।टिप्पणियां आखिरकार जान बचाने के लिए इस महिला को वहां से भागना पड़ा। पीड़ित महिला और उसके परिवार के मुताबिक, पुलिसवालों ने उन्हें पीटने के अलावा भद्दी गालियां भी दीं। एनडीटीवी की खबर के बाद चार जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है। आखिरकार जान बचाने के लिए इस महिला को वहां से भागना पड़ा। पीड़ित महिला और उसके परिवार के मुताबिक, पुलिसवालों ने उन्हें पीटने के अलावा भद्दी गालियां भी दीं। एनडीटीवी की खबर के बाद चार जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है। एनडीटीवी की खबर के बाद चार जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है।
8
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: पाकिस्तान के क्वेटा में बम धमाका, 40 लोगों की मौत, 50 लोग घायल : रिपोर्ट्स
यह एक लेख है: पाकिस्तान के क्वेटा में बम धमाके की खबर है. धमाके में 40 लोगों की मौत की खबर आ रही है जबकि कम से कम 50 लोग घायल हो गए बताए जा रहे हैं. यह धमाका सिविल हॉस्पिटल में हुआ है. विस्फोट के बाद यहां गोलीबारी भी हुई. प्रांत की राजधानी में हुई इस घटना में अज्ञात लोगों ने बलूचिस्तान बार एसोसिएशन (बीए) के अध्यक्ष अधिवक्ता बिलाल अनवर कासी की गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना के बाद तेज धमाके की आवाज सुनाई दी.टिप्पणियां पुलिस और बचाव अधिकारियों के मुताबिक जब वकील कासी को अस्पताल लेकर आए तभी बम विस्फोट हुआ. कासी के शव को आपात विभाग में लाया गया था और सभी वकील तथा पत्रकार यहां इकट्ठे हुए थे. तभी यह धमाका हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि धमाके की चपेट में आकर घायल हुए ज्यादातर लोग वकील हैं.   प्रांत की राजधानी में हुई इस घटना में अज्ञात लोगों ने बलूचिस्तान बार एसोसिएशन (बीए) के अध्यक्ष अधिवक्ता बिलाल अनवर कासी की गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना के बाद तेज धमाके की आवाज सुनाई दी.टिप्पणियां पुलिस और बचाव अधिकारियों के मुताबिक जब वकील कासी को अस्पताल लेकर आए तभी बम विस्फोट हुआ. कासी के शव को आपात विभाग में लाया गया था और सभी वकील तथा पत्रकार यहां इकट्ठे हुए थे. तभी यह धमाका हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि धमाके की चपेट में आकर घायल हुए ज्यादातर लोग वकील हैं.   पुलिस और बचाव अधिकारियों के मुताबिक जब वकील कासी को अस्पताल लेकर आए तभी बम विस्फोट हुआ. कासी के शव को आपात विभाग में लाया गया था और सभी वकील तथा पत्रकार यहां इकट्ठे हुए थे. तभी यह धमाका हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि धमाके की चपेट में आकर घायल हुए ज्यादातर लोग वकील हैं.
13
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: यदि देश की एकता टूटी, तो लोगों के सपने भी टूटेंगे : पीएम मोदी
यह लेख है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत के हर कोने में एकता और हर भारतीय में सादगी दिखती है। उन्होंने कहा कि यही 'देश की ताकत' है।टिप्पणियां देश आज स्वतंत्रता दिवस की 69वीं वर्षगांठ मना रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, "यदि भारत की एकता टूटती है, तो लोगों के सपने भी टूटेंगे।" प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संघर्ष में जीवन का बलिदान देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान जताया और उनको श्रद्धांजलि दी। देश आज स्वतंत्रता दिवस की 69वीं वर्षगांठ मना रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, "यदि भारत की एकता टूटती है, तो लोगों के सपने भी टूटेंगे।" प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संघर्ष में जीवन का बलिदान देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान जताया और उनको श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संघर्ष में जीवन का बलिदान देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान जताया और उनको श्रद्धांजलि दी।
8
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: भारत हमारा अहम सहयोगी है और बना रहेगा : अमेरिका
अमेरिका ने कहा है कि भारत उसका अहम सहयोगी है और बना रहेगा तथा अमेरिका ओबामा प्रशासन के शेष कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर पूरा ध्यान केंद्रित करेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'हमारे भारत के साथ आज जिस तरह के संबंध हैं, हम उनका महत्व समझते हैं और उनका बहुत सम्मान करते हैं. हमने इन संबंधों में सुधार के लिए और इन्हें मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है.' उन्होंने अमेरिका में भारत के नए राजदूत नवतेज सरना का स्वागत करते हुए कहा, 'हम ओबामा प्रशासन के शेष कार्यकाल में इस बात पर पूरा ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं.' किर्बी ने कहा, 'हम नए राजदूत का स्वागत करते हैं और उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है, ऐसे में हम उनके साथ मिलकर निकटता से काम करने के इच्छुक हैं. मैं आपको यह बता सकता हूं कि विदेश मंत्री जॉन किर्बी के शेष कार्यकाल में कुछ भी नहीं बदलेगा. हम भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित रखना जारी रखेंगे.'टिप्पणियां किर्बी ने कहा, 'हमारे नए राष्ट्रपति के कार्यभार संभालने के बाद क्या होता है, इस बारे में नया प्रशासन ही बात करेगा.' उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर कोई प्रश्न खड़ा नहीं होता कि भारत विश्व के इस हिस्से में अहम साझीदार है और बना रहेगा और ये मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने की जरूरत है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'हमारे भारत के साथ आज जिस तरह के संबंध हैं, हम उनका महत्व समझते हैं और उनका बहुत सम्मान करते हैं. हमने इन संबंधों में सुधार के लिए और इन्हें मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है.' उन्होंने अमेरिका में भारत के नए राजदूत नवतेज सरना का स्वागत करते हुए कहा, 'हम ओबामा प्रशासन के शेष कार्यकाल में इस बात पर पूरा ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं.' किर्बी ने कहा, 'हम नए राजदूत का स्वागत करते हैं और उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है, ऐसे में हम उनके साथ मिलकर निकटता से काम करने के इच्छुक हैं. मैं आपको यह बता सकता हूं कि विदेश मंत्री जॉन किर्बी के शेष कार्यकाल में कुछ भी नहीं बदलेगा. हम भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित रखना जारी रखेंगे.'टिप्पणियां किर्बी ने कहा, 'हमारे नए राष्ट्रपति के कार्यभार संभालने के बाद क्या होता है, इस बारे में नया प्रशासन ही बात करेगा.' उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर कोई प्रश्न खड़ा नहीं होता कि भारत विश्व के इस हिस्से में अहम साझीदार है और बना रहेगा और ये मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने की जरूरत है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) किर्बी ने कहा, 'हम नए राजदूत का स्वागत करते हैं और उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है, ऐसे में हम उनके साथ मिलकर निकटता से काम करने के इच्छुक हैं. मैं आपको यह बता सकता हूं कि विदेश मंत्री जॉन किर्बी के शेष कार्यकाल में कुछ भी नहीं बदलेगा. हम भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित रखना जारी रखेंगे.'टिप्पणियां किर्बी ने कहा, 'हमारे नए राष्ट्रपति के कार्यभार संभालने के बाद क्या होता है, इस बारे में नया प्रशासन ही बात करेगा.' उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर कोई प्रश्न खड़ा नहीं होता कि भारत विश्व के इस हिस्से में अहम साझीदार है और बना रहेगा और ये मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने की जरूरत है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) किर्बी ने कहा, 'हमारे नए राष्ट्रपति के कार्यभार संभालने के बाद क्या होता है, इस बारे में नया प्रशासन ही बात करेगा.' उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर कोई प्रश्न खड़ा नहीं होता कि भारत विश्व के इस हिस्से में अहम साझीदार है और बना रहेगा और ये मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने की जरूरत है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
2
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: यूपी चुनाव परिणाम 2017: बेअसर रही बसपा के पक्ष में मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, देवबंद जैसी सीट भी गंवाई
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में विभिन्न मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरओं का बसपा को समर्थन का ऐलान इस पार्टी के लिए फलदायी होने के बजाय नुकसानदेह साबित हुआ. दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी, प्रमुख शिया धर्मगुर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना कल्बे जव्वाद और पूर्वांचल के कुछ इलाकों में प्रभावशाली मानी जाने वाली राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल समेत कई मुस्लिम संगठनों तथा धर्मगुरुओं ने चुनाव में बसपा को समर्थन का ऐलान करते हुए मुसलमानों से इस पार्टी को वोट देने की अपील की थी.लेकिन सभी दांव फेल हो गए.टिप्पणियां प्रदेश के मुस्लिम बहुल जिलों में रामपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, बरेली, आजमगढ़, मउ, शाहजहांपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ तथा अलीगढ़ प्रमुख रूप से शामिल हैं. इन जिलों की कुल 77 सीटों में से बसपा को कुल जमा चार सीटों पर ही जीत हासिल हुई. रामपुर में करीब 52 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है मगर यहां की पांच में से एक भी सीट पर बसपा नहीं जीत सकी. पार्टी का यही हाल सहारनपुर और मुरादाबाद में भी रहा. सहारनपुर की सातों और मुरादाबाद की सभी नौ सीटों पर बसपा का सूपड़ा साफ हो गया. यहां तक की देवबंद जैसी खांटी मुस्लिम बहुल सीट पर भी मौलानाओं की अपील का कोई असर नहीं हुआ और वहां भी बसपा हार गई. मुरादाबाद में ज्यादातर सीटों पर वह तीसरे नम्बर पर रही.   अमरोहा में भी बसपा चार में से एक भी सीट नहीं जीत सकी और यहां भी वह ज्यादातर तीसरे स्थान पर रही. बरेली की नौ सीटों में से सभी में बसपा को करारी पराजय का सामना करना पड़ा. शाहजहांपुर की सभी छह सीटों पर बसपा तीसरे स्थान पर रही. आजमगढ़ की 10 सीटों में से सिर्फ सगड़ी, लालगंज तथा दीदारगंज सीटों पर ही बसपा जीत सकी.   मउ की सदर सीट को छोड़कर बाकी सभी तीन सीटों पर बसपा को हार का सामना करना पड़ा. मेरठ और अलीगढ़ की भी सभी सात-सात सीटों पर बसपा की बुरी हार हुई. कुल मिलाकर, जो तस्वीर सामने आयी है उसमें मुस्लिम धर्मगुरओं की बसपा के पक्ष में समर्थन की अपील फायदे के बजाय उसके लिए नुकसानदेह ही साबित हुई है. वर्ष 2007 में प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर अपने उत्कर्ष पर पहुंची बसपा इस बार के विधानसभा चुनाव में महज 19 सीटों के साथ रसातल में पहुंच गई. प्रदेश के मुस्लिम बहुल जिलों में रामपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, बरेली, आजमगढ़, मउ, शाहजहांपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ तथा अलीगढ़ प्रमुख रूप से शामिल हैं. इन जिलों की कुल 77 सीटों में से बसपा को कुल जमा चार सीटों पर ही जीत हासिल हुई. रामपुर में करीब 52 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है मगर यहां की पांच में से एक भी सीट पर बसपा नहीं जीत सकी. पार्टी का यही हाल सहारनपुर और मुरादाबाद में भी रहा. सहारनपुर की सातों और मुरादाबाद की सभी नौ सीटों पर बसपा का सूपड़ा साफ हो गया. यहां तक की देवबंद जैसी खांटी मुस्लिम बहुल सीट पर भी मौलानाओं की अपील का कोई असर नहीं हुआ और वहां भी बसपा हार गई. मुरादाबाद में ज्यादातर सीटों पर वह तीसरे नम्बर पर रही.   अमरोहा में भी बसपा चार में से एक भी सीट नहीं जीत सकी और यहां भी वह ज्यादातर तीसरे स्थान पर रही. बरेली की नौ सीटों में से सभी में बसपा को करारी पराजय का सामना करना पड़ा. शाहजहांपुर की सभी छह सीटों पर बसपा तीसरे स्थान पर रही. आजमगढ़ की 10 सीटों में से सिर्फ सगड़ी, लालगंज तथा दीदारगंज सीटों पर ही बसपा जीत सकी.   मउ की सदर सीट को छोड़कर बाकी सभी तीन सीटों पर बसपा को हार का सामना करना पड़ा. मेरठ और अलीगढ़ की भी सभी सात-सात सीटों पर बसपा की बुरी हार हुई. कुल मिलाकर, जो तस्वीर सामने आयी है उसमें मुस्लिम धर्मगुरओं की बसपा के पक्ष में समर्थन की अपील फायदे के बजाय उसके लिए नुकसानदेह ही साबित हुई है. वर्ष 2007 में प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर अपने उत्कर्ष पर पहुंची बसपा इस बार के विधानसभा चुनाव में महज 19 सीटों के साथ रसातल में पहुंच गई. रामपुर में करीब 52 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है मगर यहां की पांच में से एक भी सीट पर बसपा नहीं जीत सकी. पार्टी का यही हाल सहारनपुर और मुरादाबाद में भी रहा. सहारनपुर की सातों और मुरादाबाद की सभी नौ सीटों पर बसपा का सूपड़ा साफ हो गया. यहां तक की देवबंद जैसी खांटी मुस्लिम बहुल सीट पर भी मौलानाओं की अपील का कोई असर नहीं हुआ और वहां भी बसपा हार गई. मुरादाबाद में ज्यादातर सीटों पर वह तीसरे नम्बर पर रही.   अमरोहा में भी बसपा चार में से एक भी सीट नहीं जीत सकी और यहां भी वह ज्यादातर तीसरे स्थान पर रही. बरेली की नौ सीटों में से सभी में बसपा को करारी पराजय का सामना करना पड़ा. शाहजहांपुर की सभी छह सीटों पर बसपा तीसरे स्थान पर रही. आजमगढ़ की 10 सीटों में से सिर्फ सगड़ी, लालगंज तथा दीदारगंज सीटों पर ही बसपा जीत सकी.   मउ की सदर सीट को छोड़कर बाकी सभी तीन सीटों पर बसपा को हार का सामना करना पड़ा. मेरठ और अलीगढ़ की भी सभी सात-सात सीटों पर बसपा की बुरी हार हुई. कुल मिलाकर, जो तस्वीर सामने आयी है उसमें मुस्लिम धर्मगुरओं की बसपा के पक्ष में समर्थन की अपील फायदे के बजाय उसके लिए नुकसानदेह ही साबित हुई है. वर्ष 2007 में प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर अपने उत्कर्ष पर पहुंची बसपा इस बार के विधानसभा चुनाव में महज 19 सीटों के साथ रसातल में पहुंच गई.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: क्रिकेट का किंग बना दक्षिण अफ्रीका, टेस्ट, वन-डे और टी-20 रैकिंग में टॉप पर
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को दूसरे वन−डे में इंग्लैंड को 80 रन से हरा दिया और इस जीत के साथ ही दक्षिण अफ्रीका वन−डे में भी नंबर वन टीम बन गई। टेस्ट और टी-20 में दक्षिण अफ्रीका की टीम पहले ही नंबर-1 का ताज हासिल कर चुकी है। आईसीसी के रैंकिग के इतिहास में यह पहली बार है जब कोई टीम क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में एक साथ नंबर वन के स्थान पर काबिज है। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में प्रोटियाज की यह ऐसी कामयाबी है जिसे देखकर क्रिकेट पर दक्षिण अफ्रीका की बादशाहत कायम होती है। टेस्ट मैचों द में अफ्रीका के 120 अंक हैं और वह इंग्लैंड (117 अंक) और ऑस्ट्रेलिया (116 अंक) से आगे है। वहीं टी-20 में दक्षिण अफ्रीका के 130 अंक है और यहां भी वह इंग्लैंड (129 अंक) और श्रीलंका (119 अंक) से आगे है। वन-डे में 124 अंक के साथ दक्षिण अफ्रीका नंबर वन पर है, तो 120 अंकों के साथ भारत नंबर दो पर और 118 अंकों के साथ इंग्लैंड नंबर तीन पर खिसक गया है। एक साल पहले कोच गैरी कर्स्टन ने टीम को हर फॉर्मेट में नंबर-1 बनाने की रणनीति बनाई थी और टीम में कई युवा और कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल भी किया गया। 'चोकर' के ठप्पे से जूझती दक्षिण अफ्रीकी टीम को एक चैंपियन टीम में तब्दील करने का कारनामा कोच कर्स्टन के साथ मेंटल कोच माइक हॉर्नर ने किया। अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में नंबर वन बनने के बाद भी गैरी कर्स्टन खुश नहीं हैं। वह अब इस टीम के साथ बड़े-बड़े खिताब जीतना चाहते हैं और उनका अगला मिशन है श्रीलंका में होने वाला टी−20 विश्वकप और जिस तरह टीम मैच-दर-मैच मजबूत होती जा रही है, उससे अब बाकी टीमों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। गौरतलब है कि साउथटम्पटन में खेले गए दूसरे वन-डे मैच में हाशिम अमला के शतक की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 80 रन से हरा दिया। अमला ने आखिरी ओवर में आउट होने से पहले 124 गेंदों पर 16 चौकों की मदद से 150 रन बनाए। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन-डे मैच में अमला अपने पिछले सर्वोच्च स्कोर 140 रन को पीछे छोड़ने में भी सफल रहे, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ बनाया था। यह उनका 10वां एक-दिवसीय शतक है और वह सबसे कम मैचों में 10 शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, जिसके बाद अमला और कप्तान ग्रीम स्मिथ (52) ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। जीन पॉल डुमिनी (14) और डीन एलगर (15) क्रीज पर कुछ समय बिताने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाए। अमला ने एबी डिविलियर्स (28) के साथ 65 रन और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 22) के साथ 55 रन की महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। स्वान ने एलगर को आउट करके बाद डिविलियर्स को भी बोल्ड किया। वह इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए। आईसीसी के रैंकिग के इतिहास में यह पहली बार है जब कोई टीम क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में एक साथ नंबर वन के स्थान पर काबिज है। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में प्रोटियाज की यह ऐसी कामयाबी है जिसे देखकर क्रिकेट पर दक्षिण अफ्रीका की बादशाहत कायम होती है। टेस्ट मैचों द में अफ्रीका के 120 अंक हैं और वह इंग्लैंड (117 अंक) और ऑस्ट्रेलिया (116 अंक) से आगे है। वहीं टी-20 में दक्षिण अफ्रीका के 130 अंक है और यहां भी वह इंग्लैंड (129 अंक) और श्रीलंका (119 अंक) से आगे है। वन-डे में 124 अंक के साथ दक्षिण अफ्रीका नंबर वन पर है, तो 120 अंकों के साथ भारत नंबर दो पर और 118 अंकों के साथ इंग्लैंड नंबर तीन पर खिसक गया है। एक साल पहले कोच गैरी कर्स्टन ने टीम को हर फॉर्मेट में नंबर-1 बनाने की रणनीति बनाई थी और टीम में कई युवा और कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल भी किया गया। 'चोकर' के ठप्पे से जूझती दक्षिण अफ्रीकी टीम को एक चैंपियन टीम में तब्दील करने का कारनामा कोच कर्स्टन के साथ मेंटल कोच माइक हॉर्नर ने किया। अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में नंबर वन बनने के बाद भी गैरी कर्स्टन खुश नहीं हैं। वह अब इस टीम के साथ बड़े-बड़े खिताब जीतना चाहते हैं और उनका अगला मिशन है श्रीलंका में होने वाला टी−20 विश्वकप और जिस तरह टीम मैच-दर-मैच मजबूत होती जा रही है, उससे अब बाकी टीमों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। गौरतलब है कि साउथटम्पटन में खेले गए दूसरे वन-डे मैच में हाशिम अमला के शतक की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 80 रन से हरा दिया। अमला ने आखिरी ओवर में आउट होने से पहले 124 गेंदों पर 16 चौकों की मदद से 150 रन बनाए। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन-डे मैच में अमला अपने पिछले सर्वोच्च स्कोर 140 रन को पीछे छोड़ने में भी सफल रहे, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ बनाया था। यह उनका 10वां एक-दिवसीय शतक है और वह सबसे कम मैचों में 10 शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, जिसके बाद अमला और कप्तान ग्रीम स्मिथ (52) ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। जीन पॉल डुमिनी (14) और डीन एलगर (15) क्रीज पर कुछ समय बिताने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाए। अमला ने एबी डिविलियर्स (28) के साथ 65 रन और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 22) के साथ 55 रन की महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। स्वान ने एलगर को आउट करके बाद डिविलियर्स को भी बोल्ड किया। वह इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए। टेस्ट मैचों द में अफ्रीका के 120 अंक हैं और वह इंग्लैंड (117 अंक) और ऑस्ट्रेलिया (116 अंक) से आगे है। वहीं टी-20 में दक्षिण अफ्रीका के 130 अंक है और यहां भी वह इंग्लैंड (129 अंक) और श्रीलंका (119 अंक) से आगे है। वन-डे में 124 अंक के साथ दक्षिण अफ्रीका नंबर वन पर है, तो 120 अंकों के साथ भारत नंबर दो पर और 118 अंकों के साथ इंग्लैंड नंबर तीन पर खिसक गया है। एक साल पहले कोच गैरी कर्स्टन ने टीम को हर फॉर्मेट में नंबर-1 बनाने की रणनीति बनाई थी और टीम में कई युवा और कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल भी किया गया। 'चोकर' के ठप्पे से जूझती दक्षिण अफ्रीकी टीम को एक चैंपियन टीम में तब्दील करने का कारनामा कोच कर्स्टन के साथ मेंटल कोच माइक हॉर्नर ने किया। अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में नंबर वन बनने के बाद भी गैरी कर्स्टन खुश नहीं हैं। वह अब इस टीम के साथ बड़े-बड़े खिताब जीतना चाहते हैं और उनका अगला मिशन है श्रीलंका में होने वाला टी−20 विश्वकप और जिस तरह टीम मैच-दर-मैच मजबूत होती जा रही है, उससे अब बाकी टीमों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। गौरतलब है कि साउथटम्पटन में खेले गए दूसरे वन-डे मैच में हाशिम अमला के शतक की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 80 रन से हरा दिया। अमला ने आखिरी ओवर में आउट होने से पहले 124 गेंदों पर 16 चौकों की मदद से 150 रन बनाए। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन-डे मैच में अमला अपने पिछले सर्वोच्च स्कोर 140 रन को पीछे छोड़ने में भी सफल रहे, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ बनाया था। यह उनका 10वां एक-दिवसीय शतक है और वह सबसे कम मैचों में 10 शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, जिसके बाद अमला और कप्तान ग्रीम स्मिथ (52) ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। जीन पॉल डुमिनी (14) और डीन एलगर (15) क्रीज पर कुछ समय बिताने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाए। अमला ने एबी डिविलियर्स (28) के साथ 65 रन और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 22) के साथ 55 रन की महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। स्वान ने एलगर को आउट करके बाद डिविलियर्स को भी बोल्ड किया। वह इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए। एक साल पहले कोच गैरी कर्स्टन ने टीम को हर फॉर्मेट में नंबर-1 बनाने की रणनीति बनाई थी और टीम में कई युवा और कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल भी किया गया। 'चोकर' के ठप्पे से जूझती दक्षिण अफ्रीकी टीम को एक चैंपियन टीम में तब्दील करने का कारनामा कोच कर्स्टन के साथ मेंटल कोच माइक हॉर्नर ने किया। अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में नंबर वन बनने के बाद भी गैरी कर्स्टन खुश नहीं हैं। वह अब इस टीम के साथ बड़े-बड़े खिताब जीतना चाहते हैं और उनका अगला मिशन है श्रीलंका में होने वाला टी−20 विश्वकप और जिस तरह टीम मैच-दर-मैच मजबूत होती जा रही है, उससे अब बाकी टीमों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। गौरतलब है कि साउथटम्पटन में खेले गए दूसरे वन-डे मैच में हाशिम अमला के शतक की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 80 रन से हरा दिया। अमला ने आखिरी ओवर में आउट होने से पहले 124 गेंदों पर 16 चौकों की मदद से 150 रन बनाए। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन-डे मैच में अमला अपने पिछले सर्वोच्च स्कोर 140 रन को पीछे छोड़ने में भी सफल रहे, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ बनाया था। यह उनका 10वां एक-दिवसीय शतक है और वह सबसे कम मैचों में 10 शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, जिसके बाद अमला और कप्तान ग्रीम स्मिथ (52) ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। जीन पॉल डुमिनी (14) और डीन एलगर (15) क्रीज पर कुछ समय बिताने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाए। अमला ने एबी डिविलियर्स (28) के साथ 65 रन और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 22) के साथ 55 रन की महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। स्वान ने एलगर को आउट करके बाद डिविलियर्स को भी बोल्ड किया। वह इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए। अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में नंबर वन बनने के बाद भी गैरी कर्स्टन खुश नहीं हैं। वह अब इस टीम के साथ बड़े-बड़े खिताब जीतना चाहते हैं और उनका अगला मिशन है श्रीलंका में होने वाला टी−20 विश्वकप और जिस तरह टीम मैच-दर-मैच मजबूत होती जा रही है, उससे अब बाकी टीमों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। गौरतलब है कि साउथटम्पटन में खेले गए दूसरे वन-डे मैच में हाशिम अमला के शतक की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 80 रन से हरा दिया। अमला ने आखिरी ओवर में आउट होने से पहले 124 गेंदों पर 16 चौकों की मदद से 150 रन बनाए। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन-डे मैच में अमला अपने पिछले सर्वोच्च स्कोर 140 रन को पीछे छोड़ने में भी सफल रहे, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ बनाया था। यह उनका 10वां एक-दिवसीय शतक है और वह सबसे कम मैचों में 10 शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, जिसके बाद अमला और कप्तान ग्रीम स्मिथ (52) ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। जीन पॉल डुमिनी (14) और डीन एलगर (15) क्रीज पर कुछ समय बिताने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाए। अमला ने एबी डिविलियर्स (28) के साथ 65 रन और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 22) के साथ 55 रन की महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। स्वान ने एलगर को आउट करके बाद डिविलियर्स को भी बोल्ड किया। वह इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए। गौरतलब है कि साउथटम्पटन में खेले गए दूसरे वन-डे मैच में हाशिम अमला के शतक की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 80 रन से हरा दिया। अमला ने आखिरी ओवर में आउट होने से पहले 124 गेंदों पर 16 चौकों की मदद से 150 रन बनाए। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन-डे मैच में अमला अपने पिछले सर्वोच्च स्कोर 140 रन को पीछे छोड़ने में भी सफल रहे, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ बनाया था। यह उनका 10वां एक-दिवसीय शतक है और वह सबसे कम मैचों में 10 शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, जिसके बाद अमला और कप्तान ग्रीम स्मिथ (52) ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। जीन पॉल डुमिनी (14) और डीन एलगर (15) क्रीज पर कुछ समय बिताने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाए। अमला ने एबी डिविलियर्स (28) के साथ 65 रन और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 22) के साथ 55 रन की महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। स्वान ने एलगर को आउट करके बाद डिविलियर्स को भी बोल्ड किया। वह इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, जिसके बाद अमला और कप्तान ग्रीम स्मिथ (52) ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। जीन पॉल डुमिनी (14) और डीन एलगर (15) क्रीज पर कुछ समय बिताने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाए। अमला ने एबी डिविलियर्स (28) के साथ 65 रन और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 22) के साथ 55 रन की महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। स्वान ने एलगर को आउट करके बाद डिविलियर्स को भी बोल्ड किया। वह इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए। अमला ने एबी डिविलियर्स (28) के साथ 65 रन और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 22) के साथ 55 रन की महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। स्वान ने एलगर को आउट करके बाद डिविलियर्स को भी बोल्ड किया। वह इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: 8064 कब्रिस्तानों में से 75 फीसदी की चारदीवारी पूरी : नीतीश कुमार
यह लेख है: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य में अब तक चिह्नित कुल 8064 कब्रिस्तानों में से 75 प्रतिशत की चारदीवारी का काम पूरा हो चुका है.  बिहार विधानसभा में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा राजद सदस्य यदुवंश कुमार द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देने के क्रम में नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2006 में कराए गए एक सर्वेक्षण में 8064 ऐसे कब्रिस्तान चिह्नित किए गए थे जिनको लेकर कोई विवाद है या फिर भविष्य में विवाद उत्पन्न हो सकता है.  इन 8064 कब्रिस्तानों में से 75 फीसदी की चारदीवारी का काम अब तक पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को शेष कब्रिस्तानों की चारदीवारी शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया गया है. प्रश्नकाल के दौरान राजद सदस्य यदुवंश यादव ने जानना चाहा कि सुपौल जिले में लाल खान दरगाह (कब्रिस्तान) की सुरक्षा के मद्देनजर क्या उसकी चारदीवारी करायी जाएगी.  गृह विभाग जो कि मुख्यमंत्री के पास है, की ओर से जवाब देते हुए बिजेंद्र ने बताया कि कब्रिस्तान की चारदीवारी के लिए नियम बना दिया गया है तथा जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को प्राथमिकता के आधार पर चारदीवारी करने का काम सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा सदस्य और बिहार विधान परिषद सदस्य भी कब्रिस्तान की पहचान कर मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास निधि के माध्यम से चारदीवारी कराने की सलाह दे सकते हैं.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: तेजस्वी का नीतीश पर प्रहार: राजधर्म गिरवी रख आपने थानों की नीलामी की, बिहार को रावणों का कुशासन बना दिया
यह लेख है: बिहार में कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात पर राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर से सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने आए दिन हत्या-लूटपाट की वारदातों के मद्देनजर नीतीश कुमार से सवाल किया है कि आखिर इन मुद्दों पर वह कब तक चुप रहेंगे. बिहार के वैशाली में अज्ञात हमलावरों द्वारा एक व्यापारी की हत्या पर तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार और प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है. तेजस्वी यादव ने शराबबंदी और बालूबंदी को लेकर पर नीतीश कुमार की आलोचना की है और कहा है कि इनकी वजह से बिहार बर्बाद हो रहा है और इसके जिम्मेवार नीतीश कुमार हैं.  तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक कई ट्वीट कर सरकार पर हमल बोला है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि 'नैतिकता बन गयी लोलुपता और अंतरात्मा बन गयी दुरात्मा. बिहार में घूम रहे दुशासन. रावणों का है कुशासन. जनता कह रही है ये थूशासन. क्योंकि राजा ने बेच दिया ईमान और प्रशासन.' नीतीश जी, आख़िर कब तक बिहार के व्यापारी, किसान और नौजवान अपराधियों की गोलियों का शिकार होते रहेंगे? आपके शराबबंदी और बालूबंदी के हैंगओवर ने बिहार को बर्बाद कर दिया है। राजधर्म गिरवी रख आपने थानों की नीलामी कर प्रशासन का इक़बाल और ईमान भी बेच दिया है। आख़िर,कब तक चुप रहियेगा? तेजस्वी ने अन्य ट्वीट में लिखा- 'नीतीश जी, आख़िर कब तक बिहार के व्यापारी, किसान और नौजवान अपराधियों की गोलियों का शिकार होते रहेंगे? आपके शराबबंदी और बालूबंदी के हैंगओवर ने बिहार को बर्बाद कर दिया है. राजधर्म गिरवी रख आपने थानों की नीलामी कर प्रशासन का इक़बाल और ईमान भी बेच दिया है. आख़िर, कब तक चुप रहियेगा?' बता दें कि गुरुवार को वैशाली में महात्मा गांधी सेतु पर अज्ञात हमलावरों ने एक व्यापारी के कार पर गोलियां चलाईं थी, जिससे व्यापारी की मौत हो गई. इसमें कार का ड्राइवर घायल हो गया.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका से वनडे सीरीज जीती
यह एक लेख है: ऑस्ट्रेलियाई टीम ने किंग्समीड में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम वनडे मैच में तीन विकेट से जीत दर्जकर शृंखला 2-1 से अपने नाम की। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाया हुआ था, लेकिन 223 रन के लक्ष्य को हासिल करने के दौरान टीम ने महत्वपूर्ण समय पर विकेट गंवा दिए। माइक हस्सी हालांकि अपनी नाबाद 45 रन की पारी के दौरान डटे रहे और मोर्ने मोर्कल की गेंद पर छक्का लगाकर 15 गेंद रहते टीम को जीत दिलाई। ऑस्ट्रेलिया ने 47.3 ओवर में सात विकेट पर 227 रन बनाकर तीन विकेट से जीत दर्ज की। उछाल भरी पिच पर हस्सी ने टीम को जीत दिलाई, लेकिन शेन वाटसन को अनुशासित गेंदबाजी और फिर आक्रामक बल्लेबाजी के कारण मैच ऑफ द मैच चुना गया। वाटसन ने कोई विकेट नहीं चटकाया, लेकिन उन्होंने 10 ओवर में केवल 42 रन गंवाए। उन्होंने और अन्य साथी गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों पर लगाम लगाई। वाटसन ने इसके बाद 46 गेंद में छह चौके और एक छक्के की मदद से 49 रन बनाए। इससे पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने हाशिम अमला और जाक कैलिस के अर्धशतकों से निर्धारित ओवर में छह विकेट पर 222 रन बनाए, लेकिन वे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबदबा नहीं बना सके। अमला ने 52 और कैलिस ने 54 रन बनाए, दोनों अर्धशतक पूरा करने के बाद आउट हो गए। मेहमान टीम ने हालांकि पहले दो ओवर में 22 रन बना लिए थे, जिसमें अमला के चार चौके भी शामिल थे। ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर जेवियर डोहर्टी ने नौ ओवर में 33 रन देकर और मिशेल जानसन ने दो-दो, जबकि पैट क्यूमिंस ने एक विकेट चटकाया।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: नए पीसीबी अध्यक्ष नजम सेठी बोले - भारत के साथ क्रिकेट खेलने को लेकर दरवाजे बंद नहीं किए
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नवनियुक्त अध्यक्ष नजम सेठी ने आज उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्तों में सुधार होने के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज को फिर से शुरू किया जा सकता है. पीसीबी के 30वें अध्यक्ष बनने के बाद सेठी ने कहा, "भारत के साथ क्रिकेट खेलने को लेकर मैंने दरवाजे बंद नहीं किये हैं. मुझे लगता है कि दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आने के बाद बीसीसीआई को भारत सरकार से हमारे खिलाफ खेलने की अनुमति मिल सकती है." सेठी ने यह साफ किया कि पीसीबी आईसीसी की 'विवाद समाधान समिति' के समक्ष बीसीसीआई से क्षतिपूर्ति की मांग करेगा. उन्होंने बताया कि इसके लिये पीसीबी के कानूनी सलाहकार लंदन स्थित कानूनी सेवाऐं देने वाली कंपनी के संपर्क में है और क्षतिपूर्ति का दावा करने संबंधी तैयारियों को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. पढ़ें: जब भी भारत से खेलने की योजना बनाते हैं कुछ हो जाता है : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड सेठी ने कहा कि पाकिस्तान यह भी मांग करेगा की नवंबर में बेंगलुरु में होने वाले अंडर-19 एशिया कप को किसी तटस्थ स्थान पर कराया जाये. सेठी इस सप्ताह कोलंबो में एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में इसके अध्यक्ष बनेंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टीम को अभी भारत भेजने में समस्या है और इस मुद्दे पर एसीसी की बैठक में वह चर्चा करेंगे. सेठी ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य आतंक से प्रभावित इस देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी करना है. पढ़ें : INDvsPAK : पाक क्रिकेट बोर्ड ने कहा, पाकिस्तान के साथ सीरीज रद्द करने के लिए भारत हर्जाना दे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी चुनौतीपूर्ण होगी लेकिन यह उनका लक्ष्य है. सेठी ने कहा, "हमें धैर्य बरतने की जरूरत है क्योंकि यह देश की सुरक्षा स्थिति से जुड़ा है." जिम्बाब्वे के खिलाफ 2015 में सीमित ओवरों की श्रृंखला को छोड़कर पाकिस्तान ने 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद किसी विदेशी टीम की मेजबानी नहीं की है.टिप्पणियां सेठी ने कहा कि अगले महीने के प्रस्तावित विश्व एकादश के दौरे से देश में भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिये मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि तीन टी20 मैचों की श्रृंखला के लिये विश्व एकादश यहां का दौरा करेगी और अगले दो तीन महीनों में कुछ और अच्छी खबर सुनने को मिलेगी." सेठी ने तीन साल के लिये पीसीबी के अध्यक्ष चुने गये हैं. इससे पहले वह 2013 में भी इस पद पर चुने गये थे तब वह अदालती कार्रवाई में ही फंसे रहे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सेठी ने यह साफ किया कि पीसीबी आईसीसी की 'विवाद समाधान समिति' के समक्ष बीसीसीआई से क्षतिपूर्ति की मांग करेगा. उन्होंने बताया कि इसके लिये पीसीबी के कानूनी सलाहकार लंदन स्थित कानूनी सेवाऐं देने वाली कंपनी के संपर्क में है और क्षतिपूर्ति का दावा करने संबंधी तैयारियों को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. पढ़ें: जब भी भारत से खेलने की योजना बनाते हैं कुछ हो जाता है : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड सेठी ने कहा कि पाकिस्तान यह भी मांग करेगा की नवंबर में बेंगलुरु में होने वाले अंडर-19 एशिया कप को किसी तटस्थ स्थान पर कराया जाये. सेठी इस सप्ताह कोलंबो में एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में इसके अध्यक्ष बनेंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टीम को अभी भारत भेजने में समस्या है और इस मुद्दे पर एसीसी की बैठक में वह चर्चा करेंगे. सेठी ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य आतंक से प्रभावित इस देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी करना है. पढ़ें : INDvsPAK : पाक क्रिकेट बोर्ड ने कहा, पाकिस्तान के साथ सीरीज रद्द करने के लिए भारत हर्जाना दे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी चुनौतीपूर्ण होगी लेकिन यह उनका लक्ष्य है. सेठी ने कहा, "हमें धैर्य बरतने की जरूरत है क्योंकि यह देश की सुरक्षा स्थिति से जुड़ा है." जिम्बाब्वे के खिलाफ 2015 में सीमित ओवरों की श्रृंखला को छोड़कर पाकिस्तान ने 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद किसी विदेशी टीम की मेजबानी नहीं की है.टिप्पणियां सेठी ने कहा कि अगले महीने के प्रस्तावित विश्व एकादश के दौरे से देश में भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिये मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि तीन टी20 मैचों की श्रृंखला के लिये विश्व एकादश यहां का दौरा करेगी और अगले दो तीन महीनों में कुछ और अच्छी खबर सुनने को मिलेगी." सेठी ने तीन साल के लिये पीसीबी के अध्यक्ष चुने गये हैं. इससे पहले वह 2013 में भी इस पद पर चुने गये थे तब वह अदालती कार्रवाई में ही फंसे रहे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पढ़ें: जब भी भारत से खेलने की योजना बनाते हैं कुछ हो जाता है : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड सेठी ने कहा कि पाकिस्तान यह भी मांग करेगा की नवंबर में बेंगलुरु में होने वाले अंडर-19 एशिया कप को किसी तटस्थ स्थान पर कराया जाये. सेठी इस सप्ताह कोलंबो में एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में इसके अध्यक्ष बनेंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टीम को अभी भारत भेजने में समस्या है और इस मुद्दे पर एसीसी की बैठक में वह चर्चा करेंगे. सेठी ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य आतंक से प्रभावित इस देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी करना है. पढ़ें : INDvsPAK : पाक क्रिकेट बोर्ड ने कहा, पाकिस्तान के साथ सीरीज रद्द करने के लिए भारत हर्जाना दे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी चुनौतीपूर्ण होगी लेकिन यह उनका लक्ष्य है. सेठी ने कहा, "हमें धैर्य बरतने की जरूरत है क्योंकि यह देश की सुरक्षा स्थिति से जुड़ा है." जिम्बाब्वे के खिलाफ 2015 में सीमित ओवरों की श्रृंखला को छोड़कर पाकिस्तान ने 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद किसी विदेशी टीम की मेजबानी नहीं की है.टिप्पणियां सेठी ने कहा कि अगले महीने के प्रस्तावित विश्व एकादश के दौरे से देश में भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिये मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि तीन टी20 मैचों की श्रृंखला के लिये विश्व एकादश यहां का दौरा करेगी और अगले दो तीन महीनों में कुछ और अच्छी खबर सुनने को मिलेगी." सेठी ने तीन साल के लिये पीसीबी के अध्यक्ष चुने गये हैं. इससे पहले वह 2013 में भी इस पद पर चुने गये थे तब वह अदालती कार्रवाई में ही फंसे रहे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सेठी ने कहा कि पाकिस्तान यह भी मांग करेगा की नवंबर में बेंगलुरु में होने वाले अंडर-19 एशिया कप को किसी तटस्थ स्थान पर कराया जाये. सेठी इस सप्ताह कोलंबो में एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में इसके अध्यक्ष बनेंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टीम को अभी भारत भेजने में समस्या है और इस मुद्दे पर एसीसी की बैठक में वह चर्चा करेंगे. सेठी ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य आतंक से प्रभावित इस देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी करना है. पढ़ें : INDvsPAK : पाक क्रिकेट बोर्ड ने कहा, पाकिस्तान के साथ सीरीज रद्द करने के लिए भारत हर्जाना दे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी चुनौतीपूर्ण होगी लेकिन यह उनका लक्ष्य है. सेठी ने कहा, "हमें धैर्य बरतने की जरूरत है क्योंकि यह देश की सुरक्षा स्थिति से जुड़ा है." जिम्बाब्वे के खिलाफ 2015 में सीमित ओवरों की श्रृंखला को छोड़कर पाकिस्तान ने 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद किसी विदेशी टीम की मेजबानी नहीं की है.टिप्पणियां सेठी ने कहा कि अगले महीने के प्रस्तावित विश्व एकादश के दौरे से देश में भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिये मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि तीन टी20 मैचों की श्रृंखला के लिये विश्व एकादश यहां का दौरा करेगी और अगले दो तीन महीनों में कुछ और अच्छी खबर सुनने को मिलेगी." सेठी ने तीन साल के लिये पीसीबी के अध्यक्ष चुने गये हैं. इससे पहले वह 2013 में भी इस पद पर चुने गये थे तब वह अदालती कार्रवाई में ही फंसे रहे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पढ़ें : INDvsPAK : पाक क्रिकेट बोर्ड ने कहा, पाकिस्तान के साथ सीरीज रद्द करने के लिए भारत हर्जाना दे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी चुनौतीपूर्ण होगी लेकिन यह उनका लक्ष्य है. सेठी ने कहा, "हमें धैर्य बरतने की जरूरत है क्योंकि यह देश की सुरक्षा स्थिति से जुड़ा है." जिम्बाब्वे के खिलाफ 2015 में सीमित ओवरों की श्रृंखला को छोड़कर पाकिस्तान ने 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद किसी विदेशी टीम की मेजबानी नहीं की है.टिप्पणियां सेठी ने कहा कि अगले महीने के प्रस्तावित विश्व एकादश के दौरे से देश में भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिये मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि तीन टी20 मैचों की श्रृंखला के लिये विश्व एकादश यहां का दौरा करेगी और अगले दो तीन महीनों में कुछ और अच्छी खबर सुनने को मिलेगी." सेठी ने तीन साल के लिये पीसीबी के अध्यक्ष चुने गये हैं. इससे पहले वह 2013 में भी इस पद पर चुने गये थे तब वह अदालती कार्रवाई में ही फंसे रहे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी चुनौतीपूर्ण होगी लेकिन यह उनका लक्ष्य है. सेठी ने कहा, "हमें धैर्य बरतने की जरूरत है क्योंकि यह देश की सुरक्षा स्थिति से जुड़ा है." जिम्बाब्वे के खिलाफ 2015 में सीमित ओवरों की श्रृंखला को छोड़कर पाकिस्तान ने 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद किसी विदेशी टीम की मेजबानी नहीं की है.टिप्पणियां सेठी ने कहा कि अगले महीने के प्रस्तावित विश्व एकादश के दौरे से देश में भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिये मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि तीन टी20 मैचों की श्रृंखला के लिये विश्व एकादश यहां का दौरा करेगी और अगले दो तीन महीनों में कुछ और अच्छी खबर सुनने को मिलेगी." सेठी ने तीन साल के लिये पीसीबी के अध्यक्ष चुने गये हैं. इससे पहले वह 2013 में भी इस पद पर चुने गये थे तब वह अदालती कार्रवाई में ही फंसे रहे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सेठी ने कहा कि अगले महीने के प्रस्तावित विश्व एकादश के दौरे से देश में भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिये मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि तीन टी20 मैचों की श्रृंखला के लिये विश्व एकादश यहां का दौरा करेगी और अगले दो तीन महीनों में कुछ और अच्छी खबर सुनने को मिलेगी." सेठी ने तीन साल के लिये पीसीबी के अध्यक्ष चुने गये हैं. इससे पहले वह 2013 में भी इस पद पर चुने गये थे तब वह अदालती कार्रवाई में ही फंसे रहे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: राजनीति दलों ने रामदेव पर स्याही फेंके जाने की निंदा की
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: योग गुरु बाबा रामदेव पर काली स्याही फेंके जाने की राजनीतिक दलों ने निंदा की है। भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ‘‘इन दिनों एक चलन सा चल गया है कि इस तरह की हरकतों को अंजाम दिया जाता है, ताकि मुफ्त की चर्चा मिल जाए। सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। इस तरह घटना प्रशांत भूषण और शरद पवार के संदर्भ में भी देखने को मिली थी।’’ रूडी ने कहा, ‘‘कुछ महीने पहले हमने देखा था कि रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान से बाहर निकालने के लिए लाठीचार्ज किया गया था। कथित तौर पर केंद्र सरकार की ओर से पुलिस का आतंक लोगों को झेलना पड़ा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का मानना है कि आज की घटना संप्रग सरकार की ओर से रची गई हो सकती है। सरकार पर पहले से संदेह है कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर वह बदले की कार्रवाई करती है। संप्रग सरकार को इस घटना में खुद को पाक-साफ साबित करना है और इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। रामदेव की पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।’’टिप्पणियां कांग्रेस ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि रामदेव पर हमले का सरकार से उनके विरोध से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है और कोई कुछ गलत करता है, तो मैं उसकी निंदा करता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि कानून अपनी कार्रवाई करेगा।’’ कांग्रेस ने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अधिकार है कि वह किसी भी राजनीतिक दल का विरोध कर सकता है। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी घटना की निंदा की है और कहा कि रामदेव के चेहरे पर काली स्याही फेंकने वाले की पूरी जांच की जाए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए की जाती है। रूडी ने कहा, ‘‘कुछ महीने पहले हमने देखा था कि रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान से बाहर निकालने के लिए लाठीचार्ज किया गया था। कथित तौर पर केंद्र सरकार की ओर से पुलिस का आतंक लोगों को झेलना पड़ा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का मानना है कि आज की घटना संप्रग सरकार की ओर से रची गई हो सकती है। सरकार पर पहले से संदेह है कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर वह बदले की कार्रवाई करती है। संप्रग सरकार को इस घटना में खुद को पाक-साफ साबित करना है और इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। रामदेव की पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।’’टिप्पणियां कांग्रेस ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि रामदेव पर हमले का सरकार से उनके विरोध से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है और कोई कुछ गलत करता है, तो मैं उसकी निंदा करता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि कानून अपनी कार्रवाई करेगा।’’ कांग्रेस ने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अधिकार है कि वह किसी भी राजनीतिक दल का विरोध कर सकता है। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी घटना की निंदा की है और कहा कि रामदेव के चेहरे पर काली स्याही फेंकने वाले की पूरी जांच की जाए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए की जाती है। कांग्रेस ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि रामदेव पर हमले का सरकार से उनके विरोध से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है और कोई कुछ गलत करता है, तो मैं उसकी निंदा करता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि कानून अपनी कार्रवाई करेगा।’’ कांग्रेस ने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अधिकार है कि वह किसी भी राजनीतिक दल का विरोध कर सकता है। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी घटना की निंदा की है और कहा कि रामदेव के चेहरे पर काली स्याही फेंकने वाले की पूरी जांच की जाए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए की जाती है। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी घटना की निंदा की है और कहा कि रामदेव के चेहरे पर काली स्याही फेंकने वाले की पूरी जांच की जाए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए की जाती है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: बीजेपी नेता ने कहा-उम्मीदवार जिताओ, पांच लाख मिलेगा, दर्ज हुआ आचार संहिता का केस
लेख: महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने शनिवार को बताया कि आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में भाजपा के सांगली जिला अध्यक्ष पृथ्वीराज देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.सीईओ के कार्यालय ने बताया कि मिराज में देशमुख द्वारा 27 मार्च को की गई टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग को शिकायत मिली थी.सीईओ के दफ्तर ने एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि तथ्यों का पता लगाने के बाद, मिराज और भिलवडी थानों में एक शिकायत दर्ज कराई गई है.देशमुख ने सांगली जिले के मिराज शहर में बुधवार को भाजपा, शिवसेना और आरपीआई (ए) कार्यकर्ताओं की एक संयुक्त सभा को संबोधित करते हुए कथित रूप से कहा था कि सांगली सीट जीतना आसान नहीं है. इस सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद संजयकाका पाटिल को टिकट दिया है.भीड़ में से जब किसी ने देशमुख से पूछा कि अगर पाटिल फिर से चुन लिये जाते हैं तो वह उन्हें क्या देंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘आपको पांच लाख या उससे अधिक मिलेंगे.''लेकिन उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मजाक छोड़ो. संजय पाटिल ने यहां मिराज में सड़क, राजमार्ग, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास कार्य के लिये धनराशि हासिल करके काफी अच्छा काम किया है.''उनके भाषण का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.सांगली के जिला कलेक्टर अभिजीत चौधरी ने  कहा कि चुनाव आयोग ने देशमुख के भाषण को लेकर मीडिया में आयी खबरों पर संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा, ‘‘उनके भाषण की फुटेज को असिस्टेंट रिटर्निंग आफिसर को भेज दिया गया है.राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि आगे की जांच की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि देशमुख साफ-साफ लोगों को रिश्वत की पेशकश करते सुने जा सकते हैं.उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे इस आरोप साबित करता है कि भाजपा धन के बल पर चुनाव लड़ रही है.'
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: खुद के इस्तेमाल के लिए परमाणु बिजली संयंत्र लगाएगी रेलवे
यह लेख है: बिजली का बिल घटाने के उद्देश्य से रेलवे ट्रेन परिचालन के लिए ईंधन की बढ़ती जरूरतें पूरी करने के लिए कैप्टिव परमाणु बिजली संयंत्र लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन के साथ खुद के इस्तेमाल के लिए परमाणु बिजली संयंत्र लगाने के संबंध में बातचीत कर रहे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि कुल 65,000 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग में से 23,541 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है।टिप्पणियां नकदी की कमी से जूझ रही रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष में बिजली के बिल पर 8,000 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि उसका डीजल का बिल करीब 15,000 करोड़ रुपये रहा। उसने कहा कि बातचीत पूरी होने के बाद संयंत्र लगाने के संबंध में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन के साथ खुद के इस्तेमाल के लिए परमाणु बिजली संयंत्र लगाने के संबंध में बातचीत कर रहे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि कुल 65,000 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग में से 23,541 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है।टिप्पणियां नकदी की कमी से जूझ रही रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष में बिजली के बिल पर 8,000 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि उसका डीजल का बिल करीब 15,000 करोड़ रुपये रहा। उसने कहा कि बातचीत पूरी होने के बाद संयंत्र लगाने के संबंध में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। नकदी की कमी से जूझ रही रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष में बिजली के बिल पर 8,000 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि उसका डीजल का बिल करीब 15,000 करोड़ रुपये रहा। उसने कहा कि बातचीत पूरी होने के बाद संयंत्र लगाने के संबंध में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उसने कहा कि बातचीत पूरी होने के बाद संयंत्र लगाने के संबंध में न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: रात में गली में कुत्ते को घुमा रहे युवक का मर्डर, दो लोग स्कूटी पर आए और कई गोलियां मारीं
लेख: पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. पुष्कर के शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी हॉस्पिटल भेज दिया. चश्मदीदों के मुताबिक जिस तरह से पुष्कर को गोली मारकर वारदात को अंजाम दिया गया है, यह आपसी रंजिश की ओर इशारा कर रहा है. पुष्कर को गोली मारने वाले काले रंग की स्कूटी पर आए थे और बदमाशों से पुष्कर की कहासुनी भी हुई थी. इसके बाद बदमाशों ने पुष्कर पर एक के बाद एक कई गोलियां दाग दीं. गोली लगने से पुष्कर की मौत हो गई. घटना की जानकारी अमन विहार थाना पुलिस को दी गई. अमन विहार पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल से चार से पांच कारतूस के खोल बरामद किए.मृतक के चाचा अनिल कुमार के अनुसार उनका भतीजा कुत्ते को टहला रहा था दो लड़के आए काली स्कूटी पर और गोली मार गए. उसकी किसी से कोई रंजिश नहीं थी. अमन विहार पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और स्कूटी सवार आरोपियों की तलाश कर रही है. साथ ही आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे और चश्मदीदों से पूछताछ के आधार पर स्कूटी के नंबर का भी पता लगाया जा रहा है.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट में 6 याचिकाएं दाखिल, जिसमें से चार बीते 24 घंटों में हुई
अनुच्छेद 370 रद्द करने के केंद्र सरकार के निर्णय और कानून-व्यवस्था की समस्या के मद्देनजर जम्मू एवं कश्मीर में कर्फ्यू लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आधा दर्जन याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिसमें से चार बीते 24 घंटों में दाखिल की गई हैं. तीन याचिकाएं राष्ट्रपति के आदेश से अनुच्छेद 370 को संविधान में एक मृत पत्र बना देने के खिलाफ दाखिल की गई हैं. अन्य याचिकाएं कर्फ्यू और क्षेत्र में उसके परिणाम के संदर्भ में दाखिल की गई हैं. नेशनल कांफ्रेंस की याचिका में अनुच्छेद 370 की उत्पत्ति और उसके विकास और अनुच्छेद 35ए के बारे में काफी विस्तार से चर्चा की गई है. याचिकाओं में कहा गया है कि संविधान निर्माताओं ने बहुलतावादी संघीय मॉडल की पैरवी की थी. याचिका में स्वराज या स्वशासन का हवाला देते हुए कहा गया है कि संघीय ढांचे के भीतर स्वायत्त स्वशासन का अधिकार एक अनिवार्य मौलिक अधिकार है. इन मूल्यवान अधिकारों को 'कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया' के बिना इस तरह से हटा दिया गया है, जो संवैधानिक नैतिकता की प्रत्येक कसौटी का उल्लंघन करता है. इसी तरह, अधिवक्ताओं द्वारा दायर दो अन्य याचिकाएं, जिनमें से एक कश्मीरी मूल की है, अनुच्छेद 370 को निर्थक बनाने वाले केंद्र के फैसले को चुनौती दी गई है कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर मीडिया कर्मियों और फोटो पत्रकारों की मुक्त रिपोर्टिंग के लिए आवाजाही की छूट देने की मांग की है. दिल्ली के एक लॉ ग्रेजुएट ने अपने माता-पिता की जानकारी के लिए याचिका दाखिल की है. उम्मीद है कि अदालत इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगी और सुनवाई की तिथि तय करेगी.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: टीआरएस प्रमुख करेंगे पीएम, सुषमा से मुलाकात
यह लेख है: अलग तेलंगाना राज्य के मुद्दे पर दिल्ली में शुक्रवार की शाम प्रधानमंत्री के घर पर हुई बैठक बेनतीज़ा ख़त्म हो गई। कांग्रेस कोर ग्रुप की दो घंटे चली बैठक में तय किया गया कि अभी इस मामले में राष्ट्रीय स्तर पर और बातचीत की ज़रूरत है। तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव भी प्रधानमंत्री से इस मामले पर बात करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में आए थे। शुक्रवार की शाम को वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी तेलंगाना के कांग्रेस प्रतिनिधियों से दिल्ली में बात की। बातचीत के दौरान इन प्रतिनिधियों ने कहा कि वो अलग तेलंगाना राज्य के आश्वासन के बिना वापस नहीं लौट सकते। इससे पहले अलग तेलंगाना के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आज़ाद ने सोनिया गांधी को एक राजनैतिक रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तेलंगाना में हालात बेहद गंभीर हैं। और बहुत जल्द किसी ठोस निर्णय पर पहुंचने की ज़रूरत है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: बालाकोट हमले ने सटीक बमबारी करने की वायुसेना की क्षमता को दिखाया: वायुसेना प्रमुख 
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने मंगलवार को कहा कि बालाकोट हमले ने सटीकता के साथ बमबारी करने की वायुसेना की क्षमता का प्रदर्शन किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय वायुसेना हर तरह के युद्ध के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सभी मौसमों में बादलों में से बम बरसाने के लिए हमारे पास सही सामंजस्य है और वायु सेना इसके लिए सक्षम है. इस साल की शुरुआत में पुलवामा आतंकी हमले के बाद वायु सेना ने पाकिस्तान क्षेत्र के भीतर बालाकोट में एक आतंकी ठिकाने पर बम बरसाए थे. धनोआ ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर' के 20 वर्ष होने के अवसर पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए करगिल संघर्ष के दौरान वायुसेना द्वारा की गई कार्रवाई को याद किया. वह उस समय 17वीं स्क्वाड्रन के कमांडिंग अफसर थे. उन्होंने कहा कि यह पहली बार था जब मिग-21 लड़ाकू विमानों ने पर्वतीय क्षेत्र में रात के दौरान हवा से जमीन पर बमबारी की. करगिल से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय' के तहत वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर' चलाया था. धनोआ ने 1999 में अभियान की सीमाओं तथा संघर्ष के दौरान मुश्किलों से निपटने के लिए वायुसेना द्वारा अपनाए गए नए तौर-तरीकों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध के बाद हुए घटनाक्रमों ने वायुसेना की क्षमता को बदल दिया है जिससे वह किसी भी तरह के हवाई खतरे से निपट सकती है. उन्होंने कहा कि 26 फरवरी को किए गए हमले में देखा गया कि सेना पूरी सटीकता के साथ हमला करने में सक्षम है. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना किसी भी तरह का युद्ध लड़ने को तैयार है, चाहे यह पूर्ण युद्ध हो, या करगिल जैसा संघर्ष हो, या फिर किसी आतंकी हमले का जवाब हो. (इनपुट भाषा से)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: Confirmed! बॉलीवुड में कदम रखने जा रही हैं श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर
लेख: लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जाह्नवी कपूर बॉलीवुड में कदम रखने जा रही हैं. जाह्नवी की पहली फिल्म के निर्देशक करण जौहर होंगे. उनके पिता बोनी ने इस बात की पुष्टि कर दी है. सूत्रों की मानें तो यह फिल्म मराठी की चर्चित फिल्म 'सैराट' का हिंदी रीमेक होगी.अंग्रेजी अखबार डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार बोनी कपूर ने कहा, 'फिल्म को लेकर हमारी करण जौहर से बात हो रही है, लेकिन फिल्म क्या होगी और किस मुद्दे पर होगी इस बारे में हमें अभी कोई जानकारी नहीं है. करण ने हाल ही में 'सैराट' के रीमेक राइट्स खरीदे हैं इस वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जाह्नवी को इसी प्रोजेक्ट में लॉन्च करने जा रहे हैं.'टिप्पणियां जाह्नवी कपूर के बॉलीवुड में आने को लेकर लंबे समय से खबरें आ रही हैं, हालांकि पिछले कुछ महीनों में पब्लिक ईवेंट्स में जाह्नवी की उपस्थिति काफी बढ़ी है. ऐसे में उनके बॉलीवुड करियर को लेकर संभावनाएं तेज थीं. डीएनए से बातचीत में बोनी ने कहा, 'जाह्नवी में काम को लेकर वही लगन दिखती है जो उसकी मां में है. सितारों के बच्चों के लिए करियर बनाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि उनकी तुलना हमेशा उनके माता-पिता से की जाती है.' इससे पहले करण जौहर आलिया भट्ट, वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा को अपनी फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द इयर' से लॉन्च कर चुके हैं. तीनों बेहतरीन काम कर रहे हैं और उन्होंने काफी हद तक इंडस्ट्री में खुद को स्थापित कर लिया है. अंग्रेजी अखबार डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार बोनी कपूर ने कहा, 'फिल्म को लेकर हमारी करण जौहर से बात हो रही है, लेकिन फिल्म क्या होगी और किस मुद्दे पर होगी इस बारे में हमें अभी कोई जानकारी नहीं है. करण ने हाल ही में 'सैराट' के रीमेक राइट्स खरीदे हैं इस वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जाह्नवी को इसी प्रोजेक्ट में लॉन्च करने जा रहे हैं.'टिप्पणियां जाह्नवी कपूर के बॉलीवुड में आने को लेकर लंबे समय से खबरें आ रही हैं, हालांकि पिछले कुछ महीनों में पब्लिक ईवेंट्स में जाह्नवी की उपस्थिति काफी बढ़ी है. ऐसे में उनके बॉलीवुड करियर को लेकर संभावनाएं तेज थीं. डीएनए से बातचीत में बोनी ने कहा, 'जाह्नवी में काम को लेकर वही लगन दिखती है जो उसकी मां में है. सितारों के बच्चों के लिए करियर बनाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि उनकी तुलना हमेशा उनके माता-पिता से की जाती है.' इससे पहले करण जौहर आलिया भट्ट, वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा को अपनी फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द इयर' से लॉन्च कर चुके हैं. तीनों बेहतरीन काम कर रहे हैं और उन्होंने काफी हद तक इंडस्ट्री में खुद को स्थापित कर लिया है. जाह्नवी कपूर के बॉलीवुड में आने को लेकर लंबे समय से खबरें आ रही हैं, हालांकि पिछले कुछ महीनों में पब्लिक ईवेंट्स में जाह्नवी की उपस्थिति काफी बढ़ी है. ऐसे में उनके बॉलीवुड करियर को लेकर संभावनाएं तेज थीं. डीएनए से बातचीत में बोनी ने कहा, 'जाह्नवी में काम को लेकर वही लगन दिखती है जो उसकी मां में है. सितारों के बच्चों के लिए करियर बनाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि उनकी तुलना हमेशा उनके माता-पिता से की जाती है.' इससे पहले करण जौहर आलिया भट्ट, वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा को अपनी फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द इयर' से लॉन्च कर चुके हैं. तीनों बेहतरीन काम कर रहे हैं और उन्होंने काफी हद तक इंडस्ट्री में खुद को स्थापित कर लिया है. इससे पहले करण जौहर आलिया भट्ट, वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा को अपनी फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द इयर' से लॉन्च कर चुके हैं. तीनों बेहतरीन काम कर रहे हैं और उन्होंने काफी हद तक इंडस्ट्री में खुद को स्थापित कर लिया है.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मंत्रिमंडल विस्‍तार के जरिये यूपी में बसपा के वोट बैंक को साधने का प्रयास
यह लेख है: अवध विश्वविद्यालय से परास्नातक कृष्णा एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में भी महारत रखती हैं। पहली बार सांसद चुने जाने के बाद वह काफी सक्रिय रही हैं। वह संसद की ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति तथा ग्राम्य विकास, पंचायतीराज तथा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की सक्रिय सदस्य भी हैं। महेंद्रनाथ पांडे को मंत्री बनाकर आमतौर पर भाजपा के ही वोट बैंक समझे जाने वाले ब्राम्‍हण समाज को और मजबूती से साधने की कोशिश माना जा रहा है। मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल तीन नए मंत्रियों को लेकर उत्तर प्रदेश के कुल मंत्रियों की संख्या 16 हो गई है। इनमें तीन ब्राह्मण (कलराज मिश्र, महेश शर्मा और महेन्द्रनाथ पांडेय), दो राजपूत (राजनाथ सिंह और वी के सिंह), दो कुर्मी नेताओं (संतोष गंगवार और अनुप्रिया पटेल) के अलावा लोधी जाति से आने वाली उमा भारती और साध्वी निरंजन ज्योति (निषाद) भी पिछड़े वर्ग से ताल्‍लुक रखती हैं।टिप्पणियां पासी जाति की कृष्णा राज को मंगलवार को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने के बाद अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले रामशंकर कठेरिया का मंत्रिपरिषद से इस्तीफा ले लिया गया, जो विगत दिनों अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहे थे। वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) महेंद्रनाथ पांडे को मंत्री बनाकर आमतौर पर भाजपा के ही वोट बैंक समझे जाने वाले ब्राम्‍हण समाज को और मजबूती से साधने की कोशिश माना जा रहा है। मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल तीन नए मंत्रियों को लेकर उत्तर प्रदेश के कुल मंत्रियों की संख्या 16 हो गई है। इनमें तीन ब्राह्मण (कलराज मिश्र, महेश शर्मा और महेन्द्रनाथ पांडेय), दो राजपूत (राजनाथ सिंह और वी के सिंह), दो कुर्मी नेताओं (संतोष गंगवार और अनुप्रिया पटेल) के अलावा लोधी जाति से आने वाली उमा भारती और साध्वी निरंजन ज्योति (निषाद) भी पिछड़े वर्ग से ताल्‍लुक रखती हैं।टिप्पणियां पासी जाति की कृष्णा राज को मंगलवार को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने के बाद अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले रामशंकर कठेरिया का मंत्रिपरिषद से इस्तीफा ले लिया गया, जो विगत दिनों अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहे थे। वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल तीन नए मंत्रियों को लेकर उत्तर प्रदेश के कुल मंत्रियों की संख्या 16 हो गई है। इनमें तीन ब्राह्मण (कलराज मिश्र, महेश शर्मा और महेन्द्रनाथ पांडेय), दो राजपूत (राजनाथ सिंह और वी के सिंह), दो कुर्मी नेताओं (संतोष गंगवार और अनुप्रिया पटेल) के अलावा लोधी जाति से आने वाली उमा भारती और साध्वी निरंजन ज्योति (निषाद) भी पिछड़े वर्ग से ताल्‍लुक रखती हैं।टिप्पणियां पासी जाति की कृष्णा राज को मंगलवार को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने के बाद अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले रामशंकर कठेरिया का मंत्रिपरिषद से इस्तीफा ले लिया गया, जो विगत दिनों अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहे थे। वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पासी जाति की कृष्णा राज को मंगलवार को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने के बाद अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले रामशंकर कठेरिया का मंत्रिपरिषद से इस्तीफा ले लिया गया, जो विगत दिनों अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहे थे। वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: यश चोपड़ा की स्मृति में अवार्ड, पहला पुरस्कार लता मंगेशकर को
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: टी सुब्बारामी रेड्डी फाउंडेशन ने प्रख्यात फिल्म निर्माता दिवंगत यश चोपड़ा की स्मृति में एक अवार्ड की स्थापना की है।टिप्पणियां कांग्रेस सांसद टी सुब्बारामी रेड्डी ने बताया कि इस अवार्ड के तहत 10 लाख रुपये नकद और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहला यश चोपड़ा स्मृति पुरस्कार 19 अक्टूबर को मुंबई में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी अगुवाई में निर्णायक मंडल के सदस्यों ने लता मंगेशकर को ‘नेशनल यश चोपड़ा मेमोरियल अवार्ड’ प्रदान करने का फैसला किया। निर्णायक मंडल के सदस्यों में बॉलीवुड की हस्तियां हेमा मालिनी, अनिल कपूर और सिमी ग्रेवाल शामिल हैं। कांग्रेस सांसद टी सुब्बारामी रेड्डी ने बताया कि इस अवार्ड के तहत 10 लाख रुपये नकद और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहला यश चोपड़ा स्मृति पुरस्कार 19 अक्टूबर को मुंबई में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी अगुवाई में निर्णायक मंडल के सदस्यों ने लता मंगेशकर को ‘नेशनल यश चोपड़ा मेमोरियल अवार्ड’ प्रदान करने का फैसला किया। निर्णायक मंडल के सदस्यों में बॉलीवुड की हस्तियां हेमा मालिनी, अनिल कपूर और सिमी ग्रेवाल शामिल हैं। निर्णायक मंडल के सदस्यों में बॉलीवुड की हस्तियां हेमा मालिनी, अनिल कपूर और सिमी ग्रेवाल शामिल हैं।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: INDvsPAK : छोटे लक्ष्य के बावजूद पाकिस्तान को पटखनी देने पर इंडिया की कैप्टन ने कहा, हमें तो पता था कि...
यह एक लेख है: भारत की पुरुष क्रिकेट टीम को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भले ही पाकिस्तान के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी हो, लेकिन महिला क्रिकेट टीम ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को धूल चटा दी. रविवार को खेले गए दो मैचों में जहां एक ओर विंडीज की धरती पर विराट कोहली की कप्तानी वाली पुरुष क्रिकेट टीम छोटा लक्ष्य ही हासिल नहीं कर पाई, वहीं महिला टीम ने अपने छोटे लक्ष्य का खूबसूरती से बचाव कर लिया. भारत ने पाकिस्तान के सामने 170 रनों का मामूली लक्ष्य रखा था और फिर पाकिस्तान को 100 रन के भीतर ही ढेर कर दिया. टीम इंडिया की कप्तान मिताली राज का आत्मविश्वास तो देखिए, उन्होंने कहा है कि छोटे लक्ष्य के बावजूद उनको पता था कि पाक टीम नहीं टिक पाएगी... जानिए कैसे... भारतीय महिला टीम की कैप्टन मिताली राज बेहद अनुभवी हैं और वह देश के लिए 150 से अधिक वनडे खेल चुकी हैं. जाहिर ऐसे में वह खेल के हर उतार-चढ़ाव से भलीभांति परिचित हैं और यही अनुभव उनके काम आया. भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा भी कि वह जानती थी कि पाकिस्तानी टीम के लिए 170 रन का लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा, क्योंकि दूसरी पारी में पिच बल्लेबाजी के अनुकूल नहीं रह गई थी. मिताली ने मैच के बाद कहा,  'जब हम 170 रन के करीब पहुंचे तो मैं जानती थी कि शुरू में विकेट लेना जरूरी है क्योंकि लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम कितनी भी अच्छी क्यों नहीं हो और भले ही उसके सामने 150 रन का लक्ष्य हो, उस पर अच्छी शुरुआत के लिए दबाव होता है. विकेट बाद में आसान नहीं रह गया था और स्पिनरों को काफी टर्न मिल रहा था.' कप्तान मिताली ने यह भी कहा कि शुरुआती विकेट खोने के बाद उन्होंने नई रणनीति बनाई और उनका लक्ष्य 170 के स्कोर के आसपास पहुंचना था, क्योंकि गेंदबाजों की मदद कर रहा था. खासतौर से स्पिनरों को खेलना मुश्किल हो रहा था. मिताली ने यह भी कहा, 'जब आप पहले 10 ओवरों में पहला विकेट गंवा देते हो, तो इससे आप बैकफुट पर चले जाते हैं. हालांकि हमने अच्छी साझेदारियां निभाई, लेकिन लगातार 2 विकेट गंवाने से हम फिर बैकफुट पर चले गए.'  टिप्पणियां उन्होंने कहा,  हमने अपनी बल्लेबाजों को 40वें ओवर तक टिके रहने की सलाह दी थी लेकिन हमने फिर से विकेट गंवा दिये. सुषमा और झूलन ने आखिर में महत्वपूर्ण योगदान दिया और हम 170 रन तक पहुंचने में सफल रहे. चोटी की चार बल्लेबाज गंवाने के बाद हम इतना ही स्कोर बनाने के बारे में सोच रहीं थीं.' भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 169 रन बनाए तथा मिताली ने निचले क्रम में अच्छे योगदान के लिए सुषमा वर्मा और झूलन गोस्वामी की तारीफ की. भारतीय महिला टीम की कैप्टन मिताली राज बेहद अनुभवी हैं और वह देश के लिए 150 से अधिक वनडे खेल चुकी हैं. जाहिर ऐसे में वह खेल के हर उतार-चढ़ाव से भलीभांति परिचित हैं और यही अनुभव उनके काम आया. भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा भी कि वह जानती थी कि पाकिस्तानी टीम के लिए 170 रन का लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा, क्योंकि दूसरी पारी में पिच बल्लेबाजी के अनुकूल नहीं रह गई थी. मिताली ने मैच के बाद कहा,  'जब हम 170 रन के करीब पहुंचे तो मैं जानती थी कि शुरू में विकेट लेना जरूरी है क्योंकि लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम कितनी भी अच्छी क्यों नहीं हो और भले ही उसके सामने 150 रन का लक्ष्य हो, उस पर अच्छी शुरुआत के लिए दबाव होता है. विकेट बाद में आसान नहीं रह गया था और स्पिनरों को काफी टर्न मिल रहा था.' कप्तान मिताली ने यह भी कहा कि शुरुआती विकेट खोने के बाद उन्होंने नई रणनीति बनाई और उनका लक्ष्य 170 के स्कोर के आसपास पहुंचना था, क्योंकि गेंदबाजों की मदद कर रहा था. खासतौर से स्पिनरों को खेलना मुश्किल हो रहा था. मिताली ने यह भी कहा, 'जब आप पहले 10 ओवरों में पहला विकेट गंवा देते हो, तो इससे आप बैकफुट पर चले जाते हैं. हालांकि हमने अच्छी साझेदारियां निभाई, लेकिन लगातार 2 विकेट गंवाने से हम फिर बैकफुट पर चले गए.'  टिप्पणियां उन्होंने कहा,  हमने अपनी बल्लेबाजों को 40वें ओवर तक टिके रहने की सलाह दी थी लेकिन हमने फिर से विकेट गंवा दिये. सुषमा और झूलन ने आखिर में महत्वपूर्ण योगदान दिया और हम 170 रन तक पहुंचने में सफल रहे. चोटी की चार बल्लेबाज गंवाने के बाद हम इतना ही स्कोर बनाने के बारे में सोच रहीं थीं.' भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 169 रन बनाए तथा मिताली ने निचले क्रम में अच्छे योगदान के लिए सुषमा वर्मा और झूलन गोस्वामी की तारीफ की. मिताली ने मैच के बाद कहा,  'जब हम 170 रन के करीब पहुंचे तो मैं जानती थी कि शुरू में विकेट लेना जरूरी है क्योंकि लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम कितनी भी अच्छी क्यों नहीं हो और भले ही उसके सामने 150 रन का लक्ष्य हो, उस पर अच्छी शुरुआत के लिए दबाव होता है. विकेट बाद में आसान नहीं रह गया था और स्पिनरों को काफी टर्न मिल रहा था.' कप्तान मिताली ने यह भी कहा कि शुरुआती विकेट खोने के बाद उन्होंने नई रणनीति बनाई और उनका लक्ष्य 170 के स्कोर के आसपास पहुंचना था, क्योंकि गेंदबाजों की मदद कर रहा था. खासतौर से स्पिनरों को खेलना मुश्किल हो रहा था. मिताली ने यह भी कहा, 'जब आप पहले 10 ओवरों में पहला विकेट गंवा देते हो, तो इससे आप बैकफुट पर चले जाते हैं. हालांकि हमने अच्छी साझेदारियां निभाई, लेकिन लगातार 2 विकेट गंवाने से हम फिर बैकफुट पर चले गए.'  टिप्पणियां उन्होंने कहा,  हमने अपनी बल्लेबाजों को 40वें ओवर तक टिके रहने की सलाह दी थी लेकिन हमने फिर से विकेट गंवा दिये. सुषमा और झूलन ने आखिर में महत्वपूर्ण योगदान दिया और हम 170 रन तक पहुंचने में सफल रहे. चोटी की चार बल्लेबाज गंवाने के बाद हम इतना ही स्कोर बनाने के बारे में सोच रहीं थीं.' भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 169 रन बनाए तथा मिताली ने निचले क्रम में अच्छे योगदान के लिए सुषमा वर्मा और झूलन गोस्वामी की तारीफ की. कप्तान मिताली ने यह भी कहा कि शुरुआती विकेट खोने के बाद उन्होंने नई रणनीति बनाई और उनका लक्ष्य 170 के स्कोर के आसपास पहुंचना था, क्योंकि गेंदबाजों की मदद कर रहा था. खासतौर से स्पिनरों को खेलना मुश्किल हो रहा था. मिताली ने यह भी कहा, 'जब आप पहले 10 ओवरों में पहला विकेट गंवा देते हो, तो इससे आप बैकफुट पर चले जाते हैं. हालांकि हमने अच्छी साझेदारियां निभाई, लेकिन लगातार 2 विकेट गंवाने से हम फिर बैकफुट पर चले गए.'  टिप्पणियां उन्होंने कहा,  हमने अपनी बल्लेबाजों को 40वें ओवर तक टिके रहने की सलाह दी थी लेकिन हमने फिर से विकेट गंवा दिये. सुषमा और झूलन ने आखिर में महत्वपूर्ण योगदान दिया और हम 170 रन तक पहुंचने में सफल रहे. चोटी की चार बल्लेबाज गंवाने के बाद हम इतना ही स्कोर बनाने के बारे में सोच रहीं थीं.' भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 169 रन बनाए तथा मिताली ने निचले क्रम में अच्छे योगदान के लिए सुषमा वर्मा और झूलन गोस्वामी की तारीफ की. मिताली ने यह भी कहा, 'जब आप पहले 10 ओवरों में पहला विकेट गंवा देते हो, तो इससे आप बैकफुट पर चले जाते हैं. हालांकि हमने अच्छी साझेदारियां निभाई, लेकिन लगातार 2 विकेट गंवाने से हम फिर बैकफुट पर चले गए.'  टिप्पणियां उन्होंने कहा,  हमने अपनी बल्लेबाजों को 40वें ओवर तक टिके रहने की सलाह दी थी लेकिन हमने फिर से विकेट गंवा दिये. सुषमा और झूलन ने आखिर में महत्वपूर्ण योगदान दिया और हम 170 रन तक पहुंचने में सफल रहे. चोटी की चार बल्लेबाज गंवाने के बाद हम इतना ही स्कोर बनाने के बारे में सोच रहीं थीं.' भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 169 रन बनाए तथा मिताली ने निचले क्रम में अच्छे योगदान के लिए सुषमा वर्मा और झूलन गोस्वामी की तारीफ की. उन्होंने कहा,  हमने अपनी बल्लेबाजों को 40वें ओवर तक टिके रहने की सलाह दी थी लेकिन हमने फिर से विकेट गंवा दिये. सुषमा और झूलन ने आखिर में महत्वपूर्ण योगदान दिया और हम 170 रन तक पहुंचने में सफल रहे. चोटी की चार बल्लेबाज गंवाने के बाद हम इतना ही स्कोर बनाने के बारे में सोच रहीं थीं.' भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 169 रन बनाए तथा मिताली ने निचले क्रम में अच्छे योगदान के लिए सुषमा वर्मा और झूलन गोस्वामी की तारीफ की. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 169 रन बनाए तथा मिताली ने निचले क्रम में अच्छे योगदान के लिए सुषमा वर्मा और झूलन गोस्वामी की तारीफ की.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: ओवैसी ने पीएम मोदी को 'जालिम' बताया, कहा - मुस्लिम इलाकों में नहीं काम करे हैं एटीएम
यह लेख है: नोटबंदी को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'जालिम' बताते हुए कहा आरोप लगाया कि शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में बैंक और एटीएम काम नहीं कर रहे. हैदराबाद से सांसद ने पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन 'मिलाद-उन-नबी' के मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'आज हर घर परेशानी में है... मैं खुद का पैसा नहीं निकाल सकता हूं. किसने यह कानून बनाया.' ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि जो आज अपने पैसे निकालने के लिए कतारों में लगे हैं, वही लोग एक बार फिर उनके खिलाफ (चुनावों में) वोट देने के लिए कतार में लगेंगे.टिप्पणियां पीएम मोदी की 'फकीर' वाली टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि क्या कोई फकीर '15 लाख रुपये' का सूट पहनता है. उन्होंने कहा, 'वह किस किस्म के ‘फकीर’ हैं? क्या कोई ‘फकीर’ किसी को दर्द देता है... आप ‘फकीर’ नहीं हैं, आप तो ‘जालिम’ हैं.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हैदराबाद से सांसद ने पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन 'मिलाद-उन-नबी' के मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'आज हर घर परेशानी में है... मैं खुद का पैसा नहीं निकाल सकता हूं. किसने यह कानून बनाया.' ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि जो आज अपने पैसे निकालने के लिए कतारों में लगे हैं, वही लोग एक बार फिर उनके खिलाफ (चुनावों में) वोट देने के लिए कतार में लगेंगे.टिप्पणियां पीएम मोदी की 'फकीर' वाली टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि क्या कोई फकीर '15 लाख रुपये' का सूट पहनता है. उन्होंने कहा, 'वह किस किस्म के ‘फकीर’ हैं? क्या कोई ‘फकीर’ किसी को दर्द देता है... आप ‘फकीर’ नहीं हैं, आप तो ‘जालिम’ हैं.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि जो आज अपने पैसे निकालने के लिए कतारों में लगे हैं, वही लोग एक बार फिर उनके खिलाफ (चुनावों में) वोट देने के लिए कतार में लगेंगे.टिप्पणियां पीएम मोदी की 'फकीर' वाली टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि क्या कोई फकीर '15 लाख रुपये' का सूट पहनता है. उन्होंने कहा, 'वह किस किस्म के ‘फकीर’ हैं? क्या कोई ‘फकीर’ किसी को दर्द देता है... आप ‘फकीर’ नहीं हैं, आप तो ‘जालिम’ हैं.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पीएम मोदी की 'फकीर' वाली टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि क्या कोई फकीर '15 लाख रुपये' का सूट पहनता है. उन्होंने कहा, 'वह किस किस्म के ‘फकीर’ हैं? क्या कोई ‘फकीर’ किसी को दर्द देता है... आप ‘फकीर’ नहीं हैं, आप तो ‘जालिम’ हैं.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: अंतरिम बजट : सेना के लिए 'वन रैंक वन पेंशन', रक्षा बजट में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी
सरकार ने 'वन रैंक वन पेंशन' योजना को लागू करने का ऐलान करते हुए रक्षा आवंटन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, रक्षा आवंटन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। सुरक्षा के लिए 2,24,000 करोड रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले बजट में यह राशि 2,03,672 करोड रुपये थी। उन्होंने सशस्त्र सेनाओं के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' योजना कार्यान्वित करने के उद्देश्य से वर्तमान वित्तवर्ष में रक्षा पेंशन खाते के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह निर्णय 2014-15 से भविष्यलक्षी प्रभाव से कार्यान्वित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में यह मांग की थी, जिसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी। सरकार ने प्रत्येक रैंक से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों की पेंशन में अंतर को समाप्त करने का फैसला किया है। रक्षा सेवाओं में 'एक रैंक एक पेंशन' की मांग लंबे समय से थी और यह एक भावनात्मक मुद्दा भी रहा है। वित्तमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकारों के कार्यकाल के दौरान रक्षा सेवाओं के लिए लागू होने वाले पेंशन नियम 2006, 2010 और 2013 में तीन अवसरों पर अधिसूचित किए गए हैं। परिणामस्वरूप चार अर्थात हवलदार, नायब सूबेदार और सूबेदार मेजर रैंकों में (दूर की जा रही कुछ विसंगतियों की शर्त पर) 2006 से पहले और 2006 के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के बीच अंतर समाप्त हो गया है। चिदंबरम ने बताया कि सिपाही और नायक के रैंकों में छोटा सा अंतर और मेजर एवं उससे ऊपर की रैंकों में अंतर अभी बना हुआ है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: सलमान खान पर बात करना मेरा मौजूदा संबंध का अपमान होगा : कैटरीना कैफ
अपने हुस्न की जादूगरी से लाखों लोगों को दीवना बनाने वाली कैटरीना कैफ का कहना है कि अगर वह सार्वजनिक रूप से सलमान खान के बारे में बात करती हैं तो इससे उनके मौजूदा संबंध का अपमान होगा। एक लंबे अर्से से कैटरीना का नाम रणबीर कपूर के साथ जोड़ा जा रहा है। पटकथा लेखक-गीतकार निरंजन आयंकर के टॉक शो 'लुक व्हूज टॉकिंग विद निरंजन -सीजन 2' में कैटरीना से पूर्व में उनके सलमान के साथ संबंधों के बारे में पूछा गया था।टिप्पणियां इसके जवाब में कैटरीना ने कहा, वह एक बेहतरीन इंसान हैं और फिल्म जगत में तथा इसके बाहर भी सब इस बारे में जानते हैं। उनके माता-पिता और परिवार ने मुझे हमेशा एक बेटी की तरह प्यार दिया, लेकिन अगर मैं मीडिया में सलमान और उनके परिवार के बारे में बात करूं तो यह मेरे मौजूदा संबंध के लिए सम्मान की बात नहीं होगी। रणबीर के साथ अपने 'मौजूदा संबंध' और शादी की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर कैटरीना ने कहा, रणबीर मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं और हमेशा रहेंगे। इसके जवाब में कैटरीना ने कहा, वह एक बेहतरीन इंसान हैं और फिल्म जगत में तथा इसके बाहर भी सब इस बारे में जानते हैं। उनके माता-पिता और परिवार ने मुझे हमेशा एक बेटी की तरह प्यार दिया, लेकिन अगर मैं मीडिया में सलमान और उनके परिवार के बारे में बात करूं तो यह मेरे मौजूदा संबंध के लिए सम्मान की बात नहीं होगी। रणबीर के साथ अपने 'मौजूदा संबंध' और शादी की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर कैटरीना ने कहा, रणबीर मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं और हमेशा रहेंगे। रणबीर के साथ अपने 'मौजूदा संबंध' और शादी की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर कैटरीना ने कहा, रणबीर मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं और हमेशा रहेंगे।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: मुंबई के नजदीक 9 कॉल सेंटरों के वर्करों ने अमेरिकियों से अवैध तरीके से वसूले करोड़ों
महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने मुंबई से सटे काशी मीरा इलाके में देश की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी कर तक़रीबन 700 लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें कॉल सेंटर के कर्मचारी, मैनेजेर और मालिक भी शामिल हैं. ठाणे पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के मुताबिक, 3 इमारतों में 9 कॉल सेंटरों पर छापा मारा गया है और कार्रवाई बुधवार तड़के साढ़े पांच बजे तक भी जारी थी. उन्होंने बताया कि ठाणे क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि कॉल सेंटरों के जरिए अंतराष्ट्रीय ठगी चल रही है.टिप्पणियां इस सूचना को पुख्ता करने के बाद छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. तकरीबन 200 पुलिसकर्मियों के साथ कुल 9 कॉल सेंटरों में कार्रवाई चल रही है.   मिली जानकारी के मुताबिक, कॉल सेंटर का बॉस अमेरिका में रहता है. वहां से वह यूएसए के लोगों का पर्सनल डेटा चुराकर हिंदुस्तान के लोगों को भेजता था. मीरा रोड कॉल सेंटर से शिकार को फोन जाता था. उन्हें बताया जाता था कि उसकी अवैध संपत्ति की जानकारी मिली है और टैक्स रिवीजन हुआ है. रेवेन्यू सर्विस और लोकल पुलिस मिलकर घर और ऑफिस पर रेड डालेगी. घबराए लोगों को सेटलमेंट करने की बात कहते थे. फिर उनको एक नम्बर और मैसेज भेज जाता था और उस नंबर पर संपर्क करने पर वह किसी डिपार्टमेंटल स्टोर में जाने को बोलता था. वहां उसे कूपन खरीदने के लिए कहा जाता और फिर कूपन का पिन नम्बर ले लिया जाता था. पिन नम्बर लेकर उसकी राशि को कॉल सेंटर के लोग अपने एकाउंट में ले लेते थे. पुलिस के मुताबिक, दिन में 1 से डेढ़ करोड का ट्रांजेक्शन होता था.  7 कॉल सेंटर में 770 लोगों को डिटेन किया गया था, जिसमें से 70 को अरेस्ट किया गया है. ठाणे पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के मुताबिक, 3 इमारतों में 9 कॉल सेंटरों पर छापा मारा गया है और कार्रवाई बुधवार तड़के साढ़े पांच बजे तक भी जारी थी. उन्होंने बताया कि ठाणे क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि कॉल सेंटरों के जरिए अंतराष्ट्रीय ठगी चल रही है.टिप्पणियां इस सूचना को पुख्ता करने के बाद छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. तकरीबन 200 पुलिसकर्मियों के साथ कुल 9 कॉल सेंटरों में कार्रवाई चल रही है.   मिली जानकारी के मुताबिक, कॉल सेंटर का बॉस अमेरिका में रहता है. वहां से वह यूएसए के लोगों का पर्सनल डेटा चुराकर हिंदुस्तान के लोगों को भेजता था. मीरा रोड कॉल सेंटर से शिकार को फोन जाता था. उन्हें बताया जाता था कि उसकी अवैध संपत्ति की जानकारी मिली है और टैक्स रिवीजन हुआ है. रेवेन्यू सर्विस और लोकल पुलिस मिलकर घर और ऑफिस पर रेड डालेगी. घबराए लोगों को सेटलमेंट करने की बात कहते थे. फिर उनको एक नम्बर और मैसेज भेज जाता था और उस नंबर पर संपर्क करने पर वह किसी डिपार्टमेंटल स्टोर में जाने को बोलता था. वहां उसे कूपन खरीदने के लिए कहा जाता और फिर कूपन का पिन नम्बर ले लिया जाता था. पिन नम्बर लेकर उसकी राशि को कॉल सेंटर के लोग अपने एकाउंट में ले लेते थे. पुलिस के मुताबिक, दिन में 1 से डेढ़ करोड का ट्रांजेक्शन होता था.  7 कॉल सेंटर में 770 लोगों को डिटेन किया गया था, जिसमें से 70 को अरेस्ट किया गया है. इस सूचना को पुख्ता करने के बाद छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. तकरीबन 200 पुलिसकर्मियों के साथ कुल 9 कॉल सेंटरों में कार्रवाई चल रही है.   मिली जानकारी के मुताबिक, कॉल सेंटर का बॉस अमेरिका में रहता है. वहां से वह यूएसए के लोगों का पर्सनल डेटा चुराकर हिंदुस्तान के लोगों को भेजता था. मीरा रोड कॉल सेंटर से शिकार को फोन जाता था. उन्हें बताया जाता था कि उसकी अवैध संपत्ति की जानकारी मिली है और टैक्स रिवीजन हुआ है. रेवेन्यू सर्विस और लोकल पुलिस मिलकर घर और ऑफिस पर रेड डालेगी. घबराए लोगों को सेटलमेंट करने की बात कहते थे. फिर उनको एक नम्बर और मैसेज भेज जाता था और उस नंबर पर संपर्क करने पर वह किसी डिपार्टमेंटल स्टोर में जाने को बोलता था. वहां उसे कूपन खरीदने के लिए कहा जाता और फिर कूपन का पिन नम्बर ले लिया जाता था. पिन नम्बर लेकर उसकी राशि को कॉल सेंटर के लोग अपने एकाउंट में ले लेते थे. पुलिस के मुताबिक, दिन में 1 से डेढ़ करोड का ट्रांजेक्शन होता था.  7 कॉल सेंटर में 770 लोगों को डिटेन किया गया था, जिसमें से 70 को अरेस्ट किया गया है. पुलिस के मुताबिक, दिन में 1 से डेढ़ करोड का ट्रांजेक्शन होता था.  7 कॉल सेंटर में 770 लोगों को डिटेन किया गया था, जिसमें से 70 को अरेस्ट किया गया है.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: आईबीएल : प्रनॉय की बदौलत स्मैशर्स को 3-1 की अजेय बढ़त
लेख: क्रिश दिल्ली स्मैशर्स टीम ने दूसरा पुरुष एकल मैच जीतकर रविवार को कांतिराव स्टेडियम में जारी इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) के पहले संस्करण का पांचवें चरण के मुकाबलों में बांगा बीट्स टीम के खिलाफ 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। स्मैशर्स के एचएस प्रनॉय ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरे पुरुष एकल मैच में बीट्स के अरविंद भट्ट को 21-18, 7-21, 11-8 से हराया। स्मैशर्स ने पुरुष युगल जोड़ीदारों की बदौलत 2-1 की बढ़त बनाई थी। कीन कीत कू और बूंग होएंग तान की जोड़ी ने बीट्स के कार्ल्सन मोंगेनसेन और अक्षय देवाल्कर को 21-11, 20-21, 11-7 से हराया था। स्मैशर्स ने महिला एकल मैच में निचाओन जिंदापोन की जीत के साथ 1-1 की बराबरी की थी। आयकन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने पहला पुरुष एकल मैच जीतते हुए बीट्स टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी थी लेकिन जिंदापोन ने बीट्स की इस खुशी को ज्यादा देर कायम नहीं रहने दिया। जिंदापोन ने बीट्स की केरोलिना मारिन को 21-17, 15-21 और 11-9 से हराया। जिंदापोन ने पहला गेम 21-17 से जीता लेकिन मारिन ने दूसरा गेम 21-15 से जीतते हुए मैच में रोमांच ला दिया। इसके बाद जिंदापोन ने तीसरे गेम में 11-9 की बढ़त के साथ मैच अपने नाम किया। टिप्पणियां इससे पहले, कश्यप ने स्मैशर्स के साई प्रणीत को 21-15, 21-11 से हराया। कश्यप अपने पिछले मैच में पुणे पिस्टंस के सौरव वर्मा से हार गए थे। चार मैचों में उनकी यह दूसरी जीत है। बीट्स अपना चौथा मैच खेल रहे हैं जबकि स्मैशर्स का यह पांचवां मैच है। बीट्स एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छह टीमों की तालिका में पांचवें क्रम पर हैं जबकि स्मैशर्स चार मैचों से एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छठे क्रम पर हैं। स्मैशर्स के एचएस प्रनॉय ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरे पुरुष एकल मैच में बीट्स के अरविंद भट्ट को 21-18, 7-21, 11-8 से हराया। स्मैशर्स ने पुरुष युगल जोड़ीदारों की बदौलत 2-1 की बढ़त बनाई थी। कीन कीत कू और बूंग होएंग तान की जोड़ी ने बीट्स के कार्ल्सन मोंगेनसेन और अक्षय देवाल्कर को 21-11, 20-21, 11-7 से हराया था। स्मैशर्स ने महिला एकल मैच में निचाओन जिंदापोन की जीत के साथ 1-1 की बराबरी की थी। आयकन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने पहला पुरुष एकल मैच जीतते हुए बीट्स टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी थी लेकिन जिंदापोन ने बीट्स की इस खुशी को ज्यादा देर कायम नहीं रहने दिया। जिंदापोन ने बीट्स की केरोलिना मारिन को 21-17, 15-21 और 11-9 से हराया। जिंदापोन ने पहला गेम 21-17 से जीता लेकिन मारिन ने दूसरा गेम 21-15 से जीतते हुए मैच में रोमांच ला दिया। इसके बाद जिंदापोन ने तीसरे गेम में 11-9 की बढ़त के साथ मैच अपने नाम किया। टिप्पणियां इससे पहले, कश्यप ने स्मैशर्स के साई प्रणीत को 21-15, 21-11 से हराया। कश्यप अपने पिछले मैच में पुणे पिस्टंस के सौरव वर्मा से हार गए थे। चार मैचों में उनकी यह दूसरी जीत है। बीट्स अपना चौथा मैच खेल रहे हैं जबकि स्मैशर्स का यह पांचवां मैच है। बीट्स एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छह टीमों की तालिका में पांचवें क्रम पर हैं जबकि स्मैशर्स चार मैचों से एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छठे क्रम पर हैं। स्मैशर्स ने पुरुष युगल जोड़ीदारों की बदौलत 2-1 की बढ़त बनाई थी। कीन कीत कू और बूंग होएंग तान की जोड़ी ने बीट्स के कार्ल्सन मोंगेनसेन और अक्षय देवाल्कर को 21-11, 20-21, 11-7 से हराया था। स्मैशर्स ने महिला एकल मैच में निचाओन जिंदापोन की जीत के साथ 1-1 की बराबरी की थी। आयकन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने पहला पुरुष एकल मैच जीतते हुए बीट्स टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी थी लेकिन जिंदापोन ने बीट्स की इस खुशी को ज्यादा देर कायम नहीं रहने दिया। जिंदापोन ने बीट्स की केरोलिना मारिन को 21-17, 15-21 और 11-9 से हराया। जिंदापोन ने पहला गेम 21-17 से जीता लेकिन मारिन ने दूसरा गेम 21-15 से जीतते हुए मैच में रोमांच ला दिया। इसके बाद जिंदापोन ने तीसरे गेम में 11-9 की बढ़त के साथ मैच अपने नाम किया। टिप्पणियां इससे पहले, कश्यप ने स्मैशर्स के साई प्रणीत को 21-15, 21-11 से हराया। कश्यप अपने पिछले मैच में पुणे पिस्टंस के सौरव वर्मा से हार गए थे। चार मैचों में उनकी यह दूसरी जीत है। बीट्स अपना चौथा मैच खेल रहे हैं जबकि स्मैशर्स का यह पांचवां मैच है। बीट्स एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छह टीमों की तालिका में पांचवें क्रम पर हैं जबकि स्मैशर्स चार मैचों से एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छठे क्रम पर हैं। स्मैशर्स ने महिला एकल मैच में निचाओन जिंदापोन की जीत के साथ 1-1 की बराबरी की थी। आयकन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने पहला पुरुष एकल मैच जीतते हुए बीट्स टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी थी लेकिन जिंदापोन ने बीट्स की इस खुशी को ज्यादा देर कायम नहीं रहने दिया। जिंदापोन ने बीट्स की केरोलिना मारिन को 21-17, 15-21 और 11-9 से हराया। जिंदापोन ने पहला गेम 21-17 से जीता लेकिन मारिन ने दूसरा गेम 21-15 से जीतते हुए मैच में रोमांच ला दिया। इसके बाद जिंदापोन ने तीसरे गेम में 11-9 की बढ़त के साथ मैच अपने नाम किया। टिप्पणियां इससे पहले, कश्यप ने स्मैशर्स के साई प्रणीत को 21-15, 21-11 से हराया। कश्यप अपने पिछले मैच में पुणे पिस्टंस के सौरव वर्मा से हार गए थे। चार मैचों में उनकी यह दूसरी जीत है। बीट्स अपना चौथा मैच खेल रहे हैं जबकि स्मैशर्स का यह पांचवां मैच है। बीट्स एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छह टीमों की तालिका में पांचवें क्रम पर हैं जबकि स्मैशर्स चार मैचों से एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छठे क्रम पर हैं। जिंदापोन ने बीट्स की केरोलिना मारिन को 21-17, 15-21 और 11-9 से हराया। जिंदापोन ने पहला गेम 21-17 से जीता लेकिन मारिन ने दूसरा गेम 21-15 से जीतते हुए मैच में रोमांच ला दिया। इसके बाद जिंदापोन ने तीसरे गेम में 11-9 की बढ़त के साथ मैच अपने नाम किया। टिप्पणियां इससे पहले, कश्यप ने स्मैशर्स के साई प्रणीत को 21-15, 21-11 से हराया। कश्यप अपने पिछले मैच में पुणे पिस्टंस के सौरव वर्मा से हार गए थे। चार मैचों में उनकी यह दूसरी जीत है। बीट्स अपना चौथा मैच खेल रहे हैं जबकि स्मैशर्स का यह पांचवां मैच है। बीट्स एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छह टीमों की तालिका में पांचवें क्रम पर हैं जबकि स्मैशर्स चार मैचों से एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छठे क्रम पर हैं। इससे पहले, कश्यप ने स्मैशर्स के साई प्रणीत को 21-15, 21-11 से हराया। कश्यप अपने पिछले मैच में पुणे पिस्टंस के सौरव वर्मा से हार गए थे। चार मैचों में उनकी यह दूसरी जीत है। बीट्स अपना चौथा मैच खेल रहे हैं जबकि स्मैशर्स का यह पांचवां मैच है। बीट्स एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छह टीमों की तालिका में पांचवें क्रम पर हैं जबकि स्मैशर्स चार मैचों से एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छठे क्रम पर हैं। बीट्स अपना चौथा मैच खेल रहे हैं जबकि स्मैशर्स का यह पांचवां मैच है। बीट्स एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छह टीमों की तालिका में पांचवें क्रम पर हैं जबकि स्मैशर्स चार मैचों से एक जीत के साथ आठ अंक लेकर छठे क्रम पर हैं।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: 'उंगली' के आइटम नंबर में श्रद्धा बनी नए जमाने की 'बसंती'
'आशिकी' और 'हैदर' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकीं अभिनेत्री श्रद्धा कपूर फिल्मकार करन जौहर की आने वाली फिल्म 'उंगली' में एक बिंदास आइटम गर्ल के रूप में नजर आएंगी। रेनसिल डिसिल्वा के निर्देशन में बन रही फिल्म में इमरान हाशमी और कंगना रनौत नपे मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। श्रद्धा फिल्म के एक गाने में इमरान के साथ ठुमके लगाती नजर आएंगी। उन्होंने कहा, पता नहीं इसे आइटम गीत कहा जाए या प्रचार गीत, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि यह एक अनोखी चीज है, जो मैं कर रही हूं। उन्होंने आगे कहा, करन ने मुझे इस गाने का प्रस्ताव दिया और कहा कि तुम्हें इस तरह से पहले किसी ने नहीं देखा होगा। यह बेहद खूबसूरत गीत है। तो मुझे यह सब बहुत दिलचस्प लगा और मैंने 'हां' कर दी। जब मैंने गाना सुना तो और रोमांच से भर गई, यह जुबां पर चढ़ने वाला गाना है। बोस्को-सीजर द्वारा कोरियोग्राफ किए गए गाने के बोल 'डांस बसंती' हैं। श्रद्धा से यह पूछे जाने पर कि क्या गाने के बोल फिल्म 'शोले' में हेमा मालिनी के किरदार बसंती से संबंधित है, उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि असली बसंती से निश्चित तौर पर जुड़ा है। इसमें आधुनिक जमाने का तड़का है। मैं खुद की तुलना हेमा जी वाली बसंती से नहीं कर सकती। वह तो असली बसंती है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: हेलो चाइना : चीन यात्रा से पहले 'वेयबो' पर एकाउंट बनाया पीएम नरेंद्र मोदी ने
यह एक लेख है: अगले हफ्ते चीन की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चीनी सोशल मीडिया वेबसाइट 'वेयबो' (Weibo) पर पदार्पण किया और वह 50 करोड़ से ज्यादा सदस्यों वाली इस लोकप्रिय माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर एकाउंट खोलने वाले पहले भारतीय नेता बन गए। ट्विटर से मिलती-जुलती माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर मंडारिन चीनी भाषा में डाली गई अपनी पहली पोस्ट में मोदी ने लिखा, ''हेलो चीन... वेयबो के माध्यम से चीनी मित्रों से संपर्क के लिए उत्सुक हूं..." वेयबो पर उनके एकाउंट 'कनेक्ट विद पीएम नरेंद्र मोदी' के खुलने के पहले घंटे में 7,000 से ज्यादा हिट हुए। बहुत से ब्लॉगरों ने चीन के सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके आने का स्वागत किया। एक ब्लॉगर ने मोदी को 'हैंडसम' कहकर उनकी तारीफ की, वहीं एक अन्य ने उनका अभिवादन करते हुए वेयबो पर उनका स्वागत किया। एक पोस्ट में कहा गया, "एक और अंतरराष्ट्रीय हस्ती वेयबो में शामिल हुई..." चीनी अवाम के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरून समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने वेयबो पर अपना एकाउंट खोला हुआ है। बहरहाल, इस एकाउंट पर एक नापसंद आने वाली टिप्पणी भी की गई। एक चीनी माइक्रो-ब्लॉगर ने चीन का आधिकारिक रुख दोहराते हुए कहा कि दक्षिणी तिब्बत चीन का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि चीन दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का एक हिस्सा है।टिप्पणियां नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने कई बार चीन की यात्रा की थी।, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के रूप में वह 14 से 16 मई तक पहली बार चीन की यात्रा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि यात्रा के दिन निकट आने के साथ ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर जोर देने वाले नरेंद्र मोदी अपने चीनी ट्वीट में इजाफा करेंगे। यहां अधिकारियों को उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह चीन में भी मोदी की सोशल मीडिया पहुंच बढ़ेगी और उनकी पोस्टों पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी। ट्विटर से मिलती-जुलती माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर मंडारिन चीनी भाषा में डाली गई अपनी पहली पोस्ट में मोदी ने लिखा, ''हेलो चीन... वेयबो के माध्यम से चीनी मित्रों से संपर्क के लिए उत्सुक हूं..." वेयबो पर उनके एकाउंट 'कनेक्ट विद पीएम नरेंद्र मोदी' के खुलने के पहले घंटे में 7,000 से ज्यादा हिट हुए। बहुत से ब्लॉगरों ने चीन के सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके आने का स्वागत किया। एक ब्लॉगर ने मोदी को 'हैंडसम' कहकर उनकी तारीफ की, वहीं एक अन्य ने उनका अभिवादन करते हुए वेयबो पर उनका स्वागत किया। एक पोस्ट में कहा गया, "एक और अंतरराष्ट्रीय हस्ती वेयबो में शामिल हुई..." चीनी अवाम के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरून समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने वेयबो पर अपना एकाउंट खोला हुआ है। बहरहाल, इस एकाउंट पर एक नापसंद आने वाली टिप्पणी भी की गई। एक चीनी माइक्रो-ब्लॉगर ने चीन का आधिकारिक रुख दोहराते हुए कहा कि दक्षिणी तिब्बत चीन का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि चीन दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का एक हिस्सा है।टिप्पणियां नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने कई बार चीन की यात्रा की थी।, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के रूप में वह 14 से 16 मई तक पहली बार चीन की यात्रा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि यात्रा के दिन निकट आने के साथ ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर जोर देने वाले नरेंद्र मोदी अपने चीनी ट्वीट में इजाफा करेंगे। यहां अधिकारियों को उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह चीन में भी मोदी की सोशल मीडिया पहुंच बढ़ेगी और उनकी पोस्टों पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी। वेयबो पर उनके एकाउंट 'कनेक्ट विद पीएम नरेंद्र मोदी' के खुलने के पहले घंटे में 7,000 से ज्यादा हिट हुए। बहुत से ब्लॉगरों ने चीन के सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके आने का स्वागत किया। एक ब्लॉगर ने मोदी को 'हैंडसम' कहकर उनकी तारीफ की, वहीं एक अन्य ने उनका अभिवादन करते हुए वेयबो पर उनका स्वागत किया। एक पोस्ट में कहा गया, "एक और अंतरराष्ट्रीय हस्ती वेयबो में शामिल हुई..." चीनी अवाम के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरून समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने वेयबो पर अपना एकाउंट खोला हुआ है। बहरहाल, इस एकाउंट पर एक नापसंद आने वाली टिप्पणी भी की गई। एक चीनी माइक्रो-ब्लॉगर ने चीन का आधिकारिक रुख दोहराते हुए कहा कि दक्षिणी तिब्बत चीन का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि चीन दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का एक हिस्सा है।टिप्पणियां नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने कई बार चीन की यात्रा की थी।, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के रूप में वह 14 से 16 मई तक पहली बार चीन की यात्रा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि यात्रा के दिन निकट आने के साथ ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर जोर देने वाले नरेंद्र मोदी अपने चीनी ट्वीट में इजाफा करेंगे। यहां अधिकारियों को उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह चीन में भी मोदी की सोशल मीडिया पहुंच बढ़ेगी और उनकी पोस्टों पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी। एक पोस्ट में कहा गया, "एक और अंतरराष्ट्रीय हस्ती वेयबो में शामिल हुई..." चीनी अवाम के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरून समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने वेयबो पर अपना एकाउंट खोला हुआ है। बहरहाल, इस एकाउंट पर एक नापसंद आने वाली टिप्पणी भी की गई। एक चीनी माइक्रो-ब्लॉगर ने चीन का आधिकारिक रुख दोहराते हुए कहा कि दक्षिणी तिब्बत चीन का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि चीन दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का एक हिस्सा है।टिप्पणियां नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने कई बार चीन की यात्रा की थी।, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के रूप में वह 14 से 16 मई तक पहली बार चीन की यात्रा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि यात्रा के दिन निकट आने के साथ ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर जोर देने वाले नरेंद्र मोदी अपने चीनी ट्वीट में इजाफा करेंगे। यहां अधिकारियों को उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह चीन में भी मोदी की सोशल मीडिया पहुंच बढ़ेगी और उनकी पोस्टों पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी। बहरहाल, इस एकाउंट पर एक नापसंद आने वाली टिप्पणी भी की गई। एक चीनी माइक्रो-ब्लॉगर ने चीन का आधिकारिक रुख दोहराते हुए कहा कि दक्षिणी तिब्बत चीन का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि चीन दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का एक हिस्सा है।टिप्पणियां नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने कई बार चीन की यात्रा की थी।, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के रूप में वह 14 से 16 मई तक पहली बार चीन की यात्रा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि यात्रा के दिन निकट आने के साथ ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर जोर देने वाले नरेंद्र मोदी अपने चीनी ट्वीट में इजाफा करेंगे। यहां अधिकारियों को उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह चीन में भी मोदी की सोशल मीडिया पहुंच बढ़ेगी और उनकी पोस्टों पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने कई बार चीन की यात्रा की थी।, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के रूप में वह 14 से 16 मई तक पहली बार चीन की यात्रा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि यात्रा के दिन निकट आने के साथ ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर जोर देने वाले नरेंद्र मोदी अपने चीनी ट्वीट में इजाफा करेंगे। यहां अधिकारियों को उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह चीन में भी मोदी की सोशल मीडिया पहुंच बढ़ेगी और उनकी पोस्टों पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी। यहां अधिकारियों को उम्मीद है कि दूसरे देशों की तरह चीन में भी मोदी की सोशल मीडिया पहुंच बढ़ेगी और उनकी पोस्टों पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: रियो ओलिंपिक (भारोत्तोलन) : ग्रुप-बी में चौथे स्थान पर रहे सतीश कुमार शिवलिंगम
भारतीय भोरोत्तोलक सतीश कुमार शिवलिंगम रियो ओलिंपिक के चौथे दिन बुधवार को पुरुषों की 77 किलोग्राम भारवर्ग के ग्रुप-बी मुकाबले में चौथे स्थान पर रहे. सतीश ने कुल 329 किलोग्राम भार उठाया और छह प्रतिभागियों के बीच चौथा स्थान हासिल किया. शीर्ष पर रहे कोलंबियाई भारोत्तोलक आंद्रेस मौरीसिया काईसेडो पीद्राहीता ने कुल 346 किलोग्राम भार उठाया.टिप्पणियां सतीश ने स्नैच के पहले प्रयास में 143 और दूसरे प्रयास में 148 किलोग्राम भार उठाया, हालांकि तीसरे प्रयास में वह 153 किलोग्राम भार नहीं उठा सके. इसके बाद क्लीन एंड जर्क में सतीश ने पहले प्रयास में 176 और दूसरे प्रयास में 181 किलोग्राम भार उठाया और तीसरे प्रयास में 186 किलोग्राम भार उठाने से रह गए. सतीश तीसरे स्थान पर रहे जर्मनी के भारोत्तोलक निको म्यूलर से तीन किलोग्राम पीछे रह गए. हालांकि म्यूलर का भी क्लीन एंड जर्क में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सतीश के बराबर 181 किलोग्राम ही रहा. स्पर्धा के ग्रुप-बी मुकाबले भी बुधवार को ही होंगे, जिसके बाद शीर्ष-3 पर रहने वाले भारोत्तोलक पदकों पर कब्जा जमाएंगे. सतीश ने स्नैच के पहले प्रयास में 143 और दूसरे प्रयास में 148 किलोग्राम भार उठाया, हालांकि तीसरे प्रयास में वह 153 किलोग्राम भार नहीं उठा सके. इसके बाद क्लीन एंड जर्क में सतीश ने पहले प्रयास में 176 और दूसरे प्रयास में 181 किलोग्राम भार उठाया और तीसरे प्रयास में 186 किलोग्राम भार उठाने से रह गए. सतीश तीसरे स्थान पर रहे जर्मनी के भारोत्तोलक निको म्यूलर से तीन किलोग्राम पीछे रह गए. हालांकि म्यूलर का भी क्लीन एंड जर्क में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सतीश के बराबर 181 किलोग्राम ही रहा. स्पर्धा के ग्रुप-बी मुकाबले भी बुधवार को ही होंगे, जिसके बाद शीर्ष-3 पर रहने वाले भारोत्तोलक पदकों पर कब्जा जमाएंगे. सतीश तीसरे स्थान पर रहे जर्मनी के भारोत्तोलक निको म्यूलर से तीन किलोग्राम पीछे रह गए. हालांकि म्यूलर का भी क्लीन एंड जर्क में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सतीश के बराबर 181 किलोग्राम ही रहा. स्पर्धा के ग्रुप-बी मुकाबले भी बुधवार को ही होंगे, जिसके बाद शीर्ष-3 पर रहने वाले भारोत्तोलक पदकों पर कब्जा जमाएंगे.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: भूख हड़ताल : जगन ने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार किया
आंध्र प्रदेश के बंटवारे के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़पाल पर बैठे वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी को जेल में पांच दिन तक भूख हड़ताल के बाद यहां सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां उन्होंने नसों के जरिये तरल पदार्थ लेने से भी इनकार कर दिया।टिप्पणियां अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि भूख हड़ताल की वजह से जगन के रक्त में शर्करा का स्तर काफी नीचे आ गया है, हालांकि ब्लड प्रेशर जैसे उनके दूसरे मानक सुबह सामान्य थे। डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने नसों के जरिये तरल पदार्थ लेने से भी इनकार कर दिया। पुलिस ने चंचलगुडा जेल में बंद जगनमोहन रेड्डी को गुरुवार रात भारी सुरक्षा के बीच सरकार द्वारा संचालित उस्मानिया जनरल अस्पताल में स्थानांतरित किया था। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि भूख हड़ताल की वजह से जगन के रक्त में शर्करा का स्तर काफी नीचे आ गया है, हालांकि ब्लड प्रेशर जैसे उनके दूसरे मानक सुबह सामान्य थे। डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने नसों के जरिये तरल पदार्थ लेने से भी इनकार कर दिया। पुलिस ने चंचलगुडा जेल में बंद जगनमोहन रेड्डी को गुरुवार रात भारी सुरक्षा के बीच सरकार द्वारा संचालित उस्मानिया जनरल अस्पताल में स्थानांतरित किया था। डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने नसों के जरिये तरल पदार्थ लेने से भी इनकार कर दिया। पुलिस ने चंचलगुडा जेल में बंद जगनमोहन रेड्डी को गुरुवार रात भारी सुरक्षा के बीच सरकार द्वारा संचालित उस्मानिया जनरल अस्पताल में स्थानांतरित किया था।
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: रिलायंस जियो लेकर आएगा नए और मजेदार प्लान, वेबसाइट के जरिए कर दिया ऐलान
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: रिलायंस जियो का समर सरप्राइज ऑफर खत्म होने के साथ ही कंपनी ने ऐलान कर दिया है कि वह जल्द ही नए और मजेदार टैरिफ प्लान लेकर आएगी. कंपनी ने कहा है कि वह अपने नए टैरिफ प्लान्स पर काम कर रही है और जल्द ही उन्हें लेकर उपस्थित होगी. बता दें कि रिलायंस जियो का समर सरप्राइज खत्म हो गया है. ऐसा कंपनी ने ट्राई के निर्देश के बाद किया है.टिप्पणियां अब जब आप जियो डॉट कॉम पर जाते हैं तो वहां आपको कंपनी इस बाबत सूचना देती है कि वह जल्द ही नए और मजेदार टैरिफ प्लान लेकर आएगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि कंपनी एक बार फिर टेलिकॉम इंडस्ट्री के मौजूदा प्लेयर्स (एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया) के लिए 'सिरदर्द' और आम आदमी के लिए खुशखबरी लेकर आई है. इससे पहले जियो ने प्राइम मेंबरशिप हासिल करने की अवधि खत्म होने की तारीख 31 मार्च से थोड़ा ही पहले ऐलान करके इसे 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया था. इसे 1 अप्रैल की जगह 15 अप्रैल कर दिया गया. कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ग्राहकों के नाम जारी चिट्ठी में कहा था कि जो ग्राहक 15 अप्रैल तक 99 रुपये देकर एक साल का प्राइम मेंबरशिप लेकर 303 रुपये या इससे ज्यादा का पैक लेगा, उसे समर सरप्राइज ऑफर के तहत जून महीने तक फ्री सेवाएं मिलेंगी.   लोगों ने इस एक्सटेंशन का लाभ भी लिया लेकिन फिर ट्राई के निर्देश के बाद कंपनी ने कदम वापस खींच लिए. दरअसल 6 अप्रैल को ट्राई ने जियो से कहा कि वह समर सरप्राइज ऑफर नहीं दे सकता. हालांकि ऑफर ले चुके ग्राहकों को इसका लाभ देने से  नहीं रोका. वहीं जियो ने भी ट्राई के इस आदेश को तुरंत लागू नहीं किया. जब तक यह निर्देश लागू नहीं हुआ तब तक यानी 9 अप्रैल तक ग्राहकों को समर सरप्राइज ऑफर मिलता रहा. वहीं बता दें कि कंपनी जल्‍द ही अपनी ब्रॉडबैंड सेवा की शुरूआत कर सकती है. कंपनी ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट जियो डॉट कॉम पर कंपनी के दूसरे प्रोडक्‍ट जैसे कि वाईफाई हॉटस्‍पॉट, जियो लिंक, जियो ऐप्‍स के साथ ही होम ब्रॉडबैंड का भी जिक्र किया है. जाहिर है कि कंपनी जल्द ही होम ब्रॉडबैंड के क्षेत्र में भी उतरेगी. हालांकि अभी कंपनी ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई खुलासा नहीं किया है. अब जब आप जियो डॉट कॉम पर जाते हैं तो वहां आपको कंपनी इस बाबत सूचना देती है कि वह जल्द ही नए और मजेदार टैरिफ प्लान लेकर आएगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि कंपनी एक बार फिर टेलिकॉम इंडस्ट्री के मौजूदा प्लेयर्स (एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया) के लिए 'सिरदर्द' और आम आदमी के लिए खुशखबरी लेकर आई है. इससे पहले जियो ने प्राइम मेंबरशिप हासिल करने की अवधि खत्म होने की तारीख 31 मार्च से थोड़ा ही पहले ऐलान करके इसे 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया था. इसे 1 अप्रैल की जगह 15 अप्रैल कर दिया गया. कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ग्राहकों के नाम जारी चिट्ठी में कहा था कि जो ग्राहक 15 अप्रैल तक 99 रुपये देकर एक साल का प्राइम मेंबरशिप लेकर 303 रुपये या इससे ज्यादा का पैक लेगा, उसे समर सरप्राइज ऑफर के तहत जून महीने तक फ्री सेवाएं मिलेंगी.   लोगों ने इस एक्सटेंशन का लाभ भी लिया लेकिन फिर ट्राई के निर्देश के बाद कंपनी ने कदम वापस खींच लिए. दरअसल 6 अप्रैल को ट्राई ने जियो से कहा कि वह समर सरप्राइज ऑफर नहीं दे सकता. हालांकि ऑफर ले चुके ग्राहकों को इसका लाभ देने से  नहीं रोका. वहीं जियो ने भी ट्राई के इस आदेश को तुरंत लागू नहीं किया. जब तक यह निर्देश लागू नहीं हुआ तब तक यानी 9 अप्रैल तक ग्राहकों को समर सरप्राइज ऑफर मिलता रहा. वहीं बता दें कि कंपनी जल्‍द ही अपनी ब्रॉडबैंड सेवा की शुरूआत कर सकती है. कंपनी ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट जियो डॉट कॉम पर कंपनी के दूसरे प्रोडक्‍ट जैसे कि वाईफाई हॉटस्‍पॉट, जियो लिंक, जियो ऐप्‍स के साथ ही होम ब्रॉडबैंड का भी जिक्र किया है. जाहिर है कि कंपनी जल्द ही होम ब्रॉडबैंड के क्षेत्र में भी उतरेगी. हालांकि अभी कंपनी ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई खुलासा नहीं किया है. वहीं बता दें कि कंपनी जल्‍द ही अपनी ब्रॉडबैंड सेवा की शुरूआत कर सकती है. कंपनी ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट जियो डॉट कॉम पर कंपनी के दूसरे प्रोडक्‍ट जैसे कि वाईफाई हॉटस्‍पॉट, जियो लिंक, जियो ऐप्‍स के साथ ही होम ब्रॉडबैंड का भी जिक्र किया है. जाहिर है कि कंपनी जल्द ही होम ब्रॉडबैंड के क्षेत्र में भी उतरेगी. हालांकि अभी कंपनी ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई खुलासा नहीं किया है.
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['hin']