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इसके लिए एक लेख लिखें: महाराष्‍ट्र : सरकारी अधिकारी पर मछली फेंकने के आरोप में विधायक नीतेश राणे गिरफ्तार
लेख: पिछले सप्ताह एक बैठक के दौरान सरकार के वरिष्ठ कर्मचारी पर कथित रूप से मछली फेंकने के आरोप में कांग्रेस विधायक नीतेश राणे को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. अवर पुलिस अधीक्षक प्रकाश गायकवाड ने कहा कि राणे को 23 अन्य लोगों के साथ तटवर्ती कोंकण के मालवन से गिरफ्तार कर सिंधुदुर्ग की स्थानीय अदालत में पेश किया गया. उनके खिलाफ ड्यूटी कर रहे सरकारी अफसर पर आपराधिक बल प्रयोग, आपराधिक धमकी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. स्थानीय समाचार चैनल पर प्रसारित वीडियो में दिखाया गया है कि छह जुलाई को राणे सिंधुदुर्ग जिले के मत्स्य आयुक्त से उनके कार्यालय में लोगों के समक्ष बात कर रहे हैं. मछुआरों की समस्याओं पर चर्चा के लिए बुलायी गयी बैठक में विधायक ने अपना आपा खो दिया और आयुक्त के टेबल पर रखी मछली उठाकर उन पर फेंक दी. सिंधुदुर्ग जिले के कानकावली से विधायक राणे ने फिर कहा कि उन्होंने कोंकण क्षेत्र के पारंपरिक मछुआरा समुदाय के प्रति अधिकारी के लापरवाह रवैये के विरोध में ऐसा किया. टिप्पणियां  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उनके खिलाफ ड्यूटी कर रहे सरकारी अफसर पर आपराधिक बल प्रयोग, आपराधिक धमकी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. स्थानीय समाचार चैनल पर प्रसारित वीडियो में दिखाया गया है कि छह जुलाई को राणे सिंधुदुर्ग जिले के मत्स्य आयुक्त से उनके कार्यालय में लोगों के समक्ष बात कर रहे हैं. मछुआरों की समस्याओं पर चर्चा के लिए बुलायी गयी बैठक में विधायक ने अपना आपा खो दिया और आयुक्त के टेबल पर रखी मछली उठाकर उन पर फेंक दी. सिंधुदुर्ग जिले के कानकावली से विधायक राणे ने फिर कहा कि उन्होंने कोंकण क्षेत्र के पारंपरिक मछुआरा समुदाय के प्रति अधिकारी के लापरवाह रवैये के विरोध में ऐसा किया. टिप्पणियां  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सिंधुदुर्ग जिले के कानकावली से विधायक राणे ने फिर कहा कि उन्होंने कोंकण क्षेत्र के पारंपरिक मछुआरा समुदाय के प्रति अधिकारी के लापरवाह रवैये के विरोध में ऐसा किया. टिप्पणियां  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
13
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: नीतीश कुमार ने पूछा- मेरे इस्तीफे से क्या बीमारी थम जाएगी और इलाज हो जाएगा?
यह लेख है: नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें मालूम है कि सदन के अंदर और बाहर विपक्ष के विधायक इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अगर इस्तीफ़ा भी हो जाएगा तो कोई नया व्यक्ति आएगा. फिर उसे विषय को जानने में समय लगेगा, इसलिए इस्तीफा समाधान नहीं है. उन्होंने विपक्ष को जनहित के मुद्दे पर साथ रहने का सुझाव जरूर दिया. उन्होंने दावा किया कि उनका लक्ष्य बिहार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश के टॉप पांच राज्यों में शामिल करने का है. इस बीमारी और इससे हुई मौत के मुद्दे पर मीडिया के रुख पर उन्होंने कहा कि आजकल सोशल मेडिया का युग चल रहा है, जिसे हर समय मसाला चाहिए. नीतीश कुमार ने कहा कि वे इस सबकी परवाह किए बिना अपना काम करते हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया भी उल्टे-पुल्टे बोलने वालों को ख़ूब तरजीह देता है. लेकिन लोग जानते हैं कि आख़िर उनका क्या हश्र हुआ. नीतीश का निश्चित रूप से इशारा विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की तरफ था. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफ़े की मांग को लेकर मंगलवार को भी बिहार विधानसभा की पहली पाली में काफी हंगामा हुआ और सदन को स्थगित करना पड़ा.
2
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: अदालत ने मीट एक्सपोर्टर मोइन कुरैशी से कहा : माल्या की तरह व्यवहार न करें, भारत लौटें
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को विवादित मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से कहा कि विजय माल्या की तरह व्यवहार मत कीजिए. अदालत ने उन्हें नवंबर के मध्य तक भारत वापस लौटने और उनके खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति एके पाठक ने दुबई में मौजूद कुरैशी की वह याचिका ठुकरा दी जिसमें एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से 15 दिन के लिए अंतरिम संरक्षण का अनुरोध किया गया था. अदालत ने कहा, "विजय माल्या की तरह व्यवहार मत कीजिए." अदालत ने कहा, "कारोबारी विजय माल्या वाला रुख मत अपनाइए. आपको पहले पूछताछ के लिए पेश होना होगा. आप भारत में नहीं हैं. यह दिखाता है कि आप पेश नहीं होना चाहते. पहले आप देश वापस लौटें और पूछताछ में शामिल हों." अदालत ने कहा कि वह "किसी तरह का अंतरिम आदेश देने के पक्ष में नहीं है." उसने कहा कि वह कुरैशी के खिलाफ कोई 'दंडात्मक कदम' उठाने से एजेंसी को रोकने नहीं जा रही. कुरैशी हाल में ईडी द्वारा उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्क्युलर के बावजूद विदेश जाने में सफल रहे थे. अदालत ने कहा, "आप उनके (प्रवर्तन निदेशालय के) समक्ष पेश हों. आपको गिरफ्तार करना या नहीं करना उन पर है. मैं कुछ नहीं कहने जा रहा हूं. अगर आप अपने खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं चाहते तो आप अंतरिम जमानत के लिए जाएं." बहरहाल, अदालत ने ईडी द्वारा कुरैशी के खिलाफ उन्हें हिरासत में लेने के लिए जारी लुकआउट सर्क्युलर पर 16 नवंबर तक रोक लगा दी और उन्हें 22 नवंबर को ईडी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. अदालत का यह निर्देश उस समय आया जब कुरैशी ने अपनी बेटी सिल्विया कुरैशी के मार्फत एक याचिका दायर कर आग्रह किया कि जांच में उनके शामिल होने के बाद वह गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाये. कुरैशी के वकील आरके हांडू ने यह भी अनुरोध किया कि उन्हें कम से कम 15 दिन का संरक्षण दिया जाना चाहिए वरना यह उनके मुवक्किल के खिलाफ पूर्वाग्रह होगा. उन्होंने कहा, "मैं भारत में उतरने के बाद सीधे आपके (ईडी) कार्यालय आऊंगा." लुकआउट सर्क्युलर जारी होने के बाद 15 अक्टूबर को आईजीआई हवाई अड्डे पर रोके जाने के बाद कुरैशी एक निचली अदालत का आदेश दिखा कर दुबई जाने में कामयाब रहे थे. यह आदेश आयकर के एक मामले में था जिसमें उन्हें जमानत प्रदान की गई थी, लेकिन इसका कोई रिश्ता उस मामले से नहीं था जिसके संबंध में उन्हें एलओसी जारी किया गया था.टिप्पणियां बहरहाल, अदालत ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) को नोटिस जारी कर उन्हें ईसीआईआर निरस्त करने के कुरैशी के आग्रह पर चार हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) न्यायमूर्ति एके पाठक ने दुबई में मौजूद कुरैशी की वह याचिका ठुकरा दी जिसमें एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से 15 दिन के लिए अंतरिम संरक्षण का अनुरोध किया गया था. अदालत ने कहा, "विजय माल्या की तरह व्यवहार मत कीजिए." अदालत ने कहा, "कारोबारी विजय माल्या वाला रुख मत अपनाइए. आपको पहले पूछताछ के लिए पेश होना होगा. आप भारत में नहीं हैं. यह दिखाता है कि आप पेश नहीं होना चाहते. पहले आप देश वापस लौटें और पूछताछ में शामिल हों." अदालत ने कहा कि वह "किसी तरह का अंतरिम आदेश देने के पक्ष में नहीं है." उसने कहा कि वह कुरैशी के खिलाफ कोई 'दंडात्मक कदम' उठाने से एजेंसी को रोकने नहीं जा रही. कुरैशी हाल में ईडी द्वारा उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्क्युलर के बावजूद विदेश जाने में सफल रहे थे. अदालत ने कहा, "आप उनके (प्रवर्तन निदेशालय के) समक्ष पेश हों. आपको गिरफ्तार करना या नहीं करना उन पर है. मैं कुछ नहीं कहने जा रहा हूं. अगर आप अपने खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं चाहते तो आप अंतरिम जमानत के लिए जाएं." बहरहाल, अदालत ने ईडी द्वारा कुरैशी के खिलाफ उन्हें हिरासत में लेने के लिए जारी लुकआउट सर्क्युलर पर 16 नवंबर तक रोक लगा दी और उन्हें 22 नवंबर को ईडी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. अदालत का यह निर्देश उस समय आया जब कुरैशी ने अपनी बेटी सिल्विया कुरैशी के मार्फत एक याचिका दायर कर आग्रह किया कि जांच में उनके शामिल होने के बाद वह गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाये. कुरैशी के वकील आरके हांडू ने यह भी अनुरोध किया कि उन्हें कम से कम 15 दिन का संरक्षण दिया जाना चाहिए वरना यह उनके मुवक्किल के खिलाफ पूर्वाग्रह होगा. उन्होंने कहा, "मैं भारत में उतरने के बाद सीधे आपके (ईडी) कार्यालय आऊंगा." लुकआउट सर्क्युलर जारी होने के बाद 15 अक्टूबर को आईजीआई हवाई अड्डे पर रोके जाने के बाद कुरैशी एक निचली अदालत का आदेश दिखा कर दुबई जाने में कामयाब रहे थे. यह आदेश आयकर के एक मामले में था जिसमें उन्हें जमानत प्रदान की गई थी, लेकिन इसका कोई रिश्ता उस मामले से नहीं था जिसके संबंध में उन्हें एलओसी जारी किया गया था.टिप्पणियां बहरहाल, अदालत ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) को नोटिस जारी कर उन्हें ईसीआईआर निरस्त करने के कुरैशी के आग्रह पर चार हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अदालत ने कहा कि वह "किसी तरह का अंतरिम आदेश देने के पक्ष में नहीं है." उसने कहा कि वह कुरैशी के खिलाफ कोई 'दंडात्मक कदम' उठाने से एजेंसी को रोकने नहीं जा रही. कुरैशी हाल में ईडी द्वारा उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्क्युलर के बावजूद विदेश जाने में सफल रहे थे. अदालत ने कहा, "आप उनके (प्रवर्तन निदेशालय के) समक्ष पेश हों. आपको गिरफ्तार करना या नहीं करना उन पर है. मैं कुछ नहीं कहने जा रहा हूं. अगर आप अपने खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं चाहते तो आप अंतरिम जमानत के लिए जाएं." बहरहाल, अदालत ने ईडी द्वारा कुरैशी के खिलाफ उन्हें हिरासत में लेने के लिए जारी लुकआउट सर्क्युलर पर 16 नवंबर तक रोक लगा दी और उन्हें 22 नवंबर को ईडी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. अदालत का यह निर्देश उस समय आया जब कुरैशी ने अपनी बेटी सिल्विया कुरैशी के मार्फत एक याचिका दायर कर आग्रह किया कि जांच में उनके शामिल होने के बाद वह गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाये. कुरैशी के वकील आरके हांडू ने यह भी अनुरोध किया कि उन्हें कम से कम 15 दिन का संरक्षण दिया जाना चाहिए वरना यह उनके मुवक्किल के खिलाफ पूर्वाग्रह होगा. उन्होंने कहा, "मैं भारत में उतरने के बाद सीधे आपके (ईडी) कार्यालय आऊंगा." लुकआउट सर्क्युलर जारी होने के बाद 15 अक्टूबर को आईजीआई हवाई अड्डे पर रोके जाने के बाद कुरैशी एक निचली अदालत का आदेश दिखा कर दुबई जाने में कामयाब रहे थे. यह आदेश आयकर के एक मामले में था जिसमें उन्हें जमानत प्रदान की गई थी, लेकिन इसका कोई रिश्ता उस मामले से नहीं था जिसके संबंध में उन्हें एलओसी जारी किया गया था.टिप्पणियां बहरहाल, अदालत ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) को नोटिस जारी कर उन्हें ईसीआईआर निरस्त करने के कुरैशी के आग्रह पर चार हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अदालत ने कहा, "आप उनके (प्रवर्तन निदेशालय के) समक्ष पेश हों. आपको गिरफ्तार करना या नहीं करना उन पर है. मैं कुछ नहीं कहने जा रहा हूं. अगर आप अपने खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं चाहते तो आप अंतरिम जमानत के लिए जाएं." बहरहाल, अदालत ने ईडी द्वारा कुरैशी के खिलाफ उन्हें हिरासत में लेने के लिए जारी लुकआउट सर्क्युलर पर 16 नवंबर तक रोक लगा दी और उन्हें 22 नवंबर को ईडी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. अदालत का यह निर्देश उस समय आया जब कुरैशी ने अपनी बेटी सिल्विया कुरैशी के मार्फत एक याचिका दायर कर आग्रह किया कि जांच में उनके शामिल होने के बाद वह गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाये. कुरैशी के वकील आरके हांडू ने यह भी अनुरोध किया कि उन्हें कम से कम 15 दिन का संरक्षण दिया जाना चाहिए वरना यह उनके मुवक्किल के खिलाफ पूर्वाग्रह होगा. उन्होंने कहा, "मैं भारत में उतरने के बाद सीधे आपके (ईडी) कार्यालय आऊंगा." लुकआउट सर्क्युलर जारी होने के बाद 15 अक्टूबर को आईजीआई हवाई अड्डे पर रोके जाने के बाद कुरैशी एक निचली अदालत का आदेश दिखा कर दुबई जाने में कामयाब रहे थे. यह आदेश आयकर के एक मामले में था जिसमें उन्हें जमानत प्रदान की गई थी, लेकिन इसका कोई रिश्ता उस मामले से नहीं था जिसके संबंध में उन्हें एलओसी जारी किया गया था.टिप्पणियां बहरहाल, अदालत ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) को नोटिस जारी कर उन्हें ईसीआईआर निरस्त करने के कुरैशी के आग्रह पर चार हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अदालत का यह निर्देश उस समय आया जब कुरैशी ने अपनी बेटी सिल्विया कुरैशी के मार्फत एक याचिका दायर कर आग्रह किया कि जांच में उनके शामिल होने के बाद वह गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाये. कुरैशी के वकील आरके हांडू ने यह भी अनुरोध किया कि उन्हें कम से कम 15 दिन का संरक्षण दिया जाना चाहिए वरना यह उनके मुवक्किल के खिलाफ पूर्वाग्रह होगा. उन्होंने कहा, "मैं भारत में उतरने के बाद सीधे आपके (ईडी) कार्यालय आऊंगा." लुकआउट सर्क्युलर जारी होने के बाद 15 अक्टूबर को आईजीआई हवाई अड्डे पर रोके जाने के बाद कुरैशी एक निचली अदालत का आदेश दिखा कर दुबई जाने में कामयाब रहे थे. यह आदेश आयकर के एक मामले में था जिसमें उन्हें जमानत प्रदान की गई थी, लेकिन इसका कोई रिश्ता उस मामले से नहीं था जिसके संबंध में उन्हें एलओसी जारी किया गया था.टिप्पणियां बहरहाल, अदालत ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) को नोटिस जारी कर उन्हें ईसीआईआर निरस्त करने के कुरैशी के आग्रह पर चार हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, "मैं भारत में उतरने के बाद सीधे आपके (ईडी) कार्यालय आऊंगा." लुकआउट सर्क्युलर जारी होने के बाद 15 अक्टूबर को आईजीआई हवाई अड्डे पर रोके जाने के बाद कुरैशी एक निचली अदालत का आदेश दिखा कर दुबई जाने में कामयाब रहे थे. यह आदेश आयकर के एक मामले में था जिसमें उन्हें जमानत प्रदान की गई थी, लेकिन इसका कोई रिश्ता उस मामले से नहीं था जिसके संबंध में उन्हें एलओसी जारी किया गया था.टिप्पणियां बहरहाल, अदालत ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) को नोटिस जारी कर उन्हें ईसीआईआर निरस्त करने के कुरैशी के आग्रह पर चार हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बहरहाल, अदालत ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) को नोटिस जारी कर उन्हें ईसीआईआर निरस्त करने के कुरैशी के आग्रह पर चार हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
8
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: दिल्‍ली पुलिस के हत्‍थे चढ़ा ATM के जरिए ठगी करने वाला गैंग
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली पुलिस ने एक एटीएम के जरिये ठगी करने वाले एक बड़े गैंग को पकड़ा है. इन्होंने दिल्ली के 2 एटीएम में एक हफ्ते के अंदर ठगी की 88 से ज्यादा वारदात कीं. इसके अलावा दूसरे शहरों में भी ये लोग सैकड़ों वारदात कर चुके हैं. ये वो गैंग हैं जो लोगों का मुश्किल से कमाया पैसा पलक झपकते ही उनके अकॉउंट से गायब कर देता था. नजफगढ़ का रहने वाला धर्मेंद्र सैनी इस गैंग का मास्टरमाइंड है. उसके तीन साथियों सिद्धार्थ, सुनील कुमार और मंयक सक्सेना को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि इन लोगों ने पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर के 2 एटीएम से एक हफ्ते के अंदर 88 लोगों के पैसे एटीएम के जरिये निकाल लिए. ठगी करने के इनके तरीके और ठगी के साजो सामान के बारे में भी जान लीजिए. ठगी करने के लिए ये ऐसे एटीएम को चुनते थे जहां गार्ड तैनात न हों. आरोपी मयंक सबसे पहले पहुंचकर एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों पर स्प्रे कर देता था. उसके बाद आरोपी धर्मेंद्र एटीएम कार्ड लगाने वाली जगह पर स्किमिंग मशीन लगा देता था जिससे अगर कोई ग्राहक अपना एटीएम कार्ड लगाता तो उसका डेटा कॉपी हो जाता था. एटीएम के कीपैड पर ये लोग अपना नकली कीपैड लगा देते थे, जिससे लोगों के एटीएम कार्ड के पासवर्ड का पता चल जाता था.  उसके बाद ये लोग एक मशीन और लैपटॉप के जरिये खाली एटीएम कार्ड पर क्लोनिंग के जरिये नए एटीएम कार्ड तैयार कर लेते थे और किसी भी एटीएम से लोगों के अकॉउंट से पैसा निकाल लेते थे. 300 खाली एटीएम कार्ड, क्लोनिंग मशीन और ठगी का पूरा सामान इन लोगों ने ऑनलाइन खरीददारी कर मंगाया था. आरोपी धर्मेंद्र और सिद्धार्थ पहले जयपुर और मुम्बई में भी इसी तरह की ठगी में गिरफ्तार हो चुके हैं. इनके पास से करीब 16 लाख रुपये कैश बरामद हुआ है. मुख़र्जी नगर में कई छात्रों के साथ जो इस तरह की ठगी हुई है उनमें इस गैंग की भूमिका की जांच की जा रही है.
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: प्रधानमंत्री का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है, मोदी ने पीएम पद का स्तर गिराया : लालू यादव
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, नेताओं का वार-पलटवार भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गया की परिवर्तन रैली में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है, वहीं लालू ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है। लालू ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'जैसे-जैसे बिहार का चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे प्रधानमंत्री का मानसिक संतुलन खराब होता जा रहा है।' उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के स्तर को गिराया है। अब उनके भाषणों को लोग मजाक में लेते हैं।' एक अन्य ट्वीट में लालू ने लिखा, 'प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि 15 महीने के कार्यकाल में उन्होंने बिहार के लिए क्या किया? भूतकाल के भूत न बनें आगे देखें।'टिप्पणियां लालू ने ट्वीट कर यह भी कहा है कि आगामी चुनाव में लड़ाई मंडल बनाम कमंडल के बीच होनी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'जो जंगलराज-2 का डर दिखाते हैं, वे खुद मंडलराज-2 से घबराए हुए हैं। यह मंडलराज-2 बनाम कमंडल राज होगा।' उल्लेखनीय है कि गया में रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आरजेडी का मतलब होता है 'रोजाना जंगलराज का डर।' लालू ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'जैसे-जैसे बिहार का चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे प्रधानमंत्री का मानसिक संतुलन खराब होता जा रहा है।' उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के स्तर को गिराया है। अब उनके भाषणों को लोग मजाक में लेते हैं।' एक अन्य ट्वीट में लालू ने लिखा, 'प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि 15 महीने के कार्यकाल में उन्होंने बिहार के लिए क्या किया? भूतकाल के भूत न बनें आगे देखें।'टिप्पणियां लालू ने ट्वीट कर यह भी कहा है कि आगामी चुनाव में लड़ाई मंडल बनाम कमंडल के बीच होनी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'जो जंगलराज-2 का डर दिखाते हैं, वे खुद मंडलराज-2 से घबराए हुए हैं। यह मंडलराज-2 बनाम कमंडल राज होगा।' उल्लेखनीय है कि गया में रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आरजेडी का मतलब होता है 'रोजाना जंगलराज का डर।' एक अन्य ट्वीट में लालू ने लिखा, 'प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि 15 महीने के कार्यकाल में उन्होंने बिहार के लिए क्या किया? भूतकाल के भूत न बनें आगे देखें।'टिप्पणियां लालू ने ट्वीट कर यह भी कहा है कि आगामी चुनाव में लड़ाई मंडल बनाम कमंडल के बीच होनी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'जो जंगलराज-2 का डर दिखाते हैं, वे खुद मंडलराज-2 से घबराए हुए हैं। यह मंडलराज-2 बनाम कमंडल राज होगा।' उल्लेखनीय है कि गया में रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आरजेडी का मतलब होता है 'रोजाना जंगलराज का डर।' लालू ने ट्वीट कर यह भी कहा है कि आगामी चुनाव में लड़ाई मंडल बनाम कमंडल के बीच होनी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'जो जंगलराज-2 का डर दिखाते हैं, वे खुद मंडलराज-2 से घबराए हुए हैं। यह मंडलराज-2 बनाम कमंडल राज होगा।' उल्लेखनीय है कि गया में रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आरजेडी का मतलब होता है 'रोजाना जंगलराज का डर।' उल्लेखनीय है कि गया में रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आरजेडी का मतलब होता है 'रोजाना जंगलराज का डर।'
8
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: बिहार: टिकट कटने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरेंगी बीजेपी की पुतुल कुमारी
बिहार बीजेपी की सीनियर नेता और पूर्व सांसद पुतुल कुमारी ने बिहार में एनडीए के लिए मश्किलें खड़ी कर दी हैं. टिकट कटने के बाद पुतुल कुमारी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी. पुतुल कुमारी बांका सीट से मौजूदा सांसद हैं. गठबंधन में सीट बंटवारें के बाद यह सीट जनता दल यूनाइटेड के खाते में चली गई. पुतुल देवी का कहना है कि बांका के पूरे क्षेत्र में कोका संगठन खड़ा किया, उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की मांग है कि वह उनके स्वाभिमान के लिए चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रही हैं. पुतुल कुमारी बांका से सांसद रह चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी हैं. साल 2010 में दिग्विजय सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी को टिकट दिया गया था. जहां से उन्होंने 2014 में जीत भी दर्ज की है. अब यह सीट जेडीयू के खाते में जा चुकी है और पार्टी ने वहां से अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह को उतारने की पेशकश की है.  बता दें कि महागठबंधन में इन चुनावों से पहले बिहार में गठबंधन का नया फार्मूला बनाया गया था, जिसके तहत बीजेपी के पास 17 सीटें आईं. 17 सीटों पर जेडीयू अपने उम्मीदवार उतारेगी तो वहीं 6 सीटों पर रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी चुनाव लड़ेगी. नए फार्मूले के चलते कई मौजूद सांसदों के टिकट कट गए हैं, क्योंकि 2014 में बीजेपी ने 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और 22 पर उन्हें जीत मिली थी.
2
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: गोमांस सेवन के सवाल पर 'स्टंप' हुए राजनाथ सिंह
लेख: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने मंत्रालय के एक साल के काम-काज का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए क्रिकेट की बोलचाल का सहारा लिया, लेकिन गोमांस का सेवन करने वालों को पाकिस्तान चले जाने से जुड़े अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी मुख्तार अब्बास नकवी की नसीहत से जुड़े सवालों से 'स्टंप' हो गए। राजनाथ सिंह ने एनडीए शासन के एक साल की उपलब्धियों को बताने के लिए बुलाई गई अपनी प्रेस वार्ता की शुरुआत में कहा, 'अभी का स्कोर है, बिना कोई विकेट खोए एक मजबूत साल।' वह इस वार्ता में अपने मंत्रालय के जूनियर मंत्री किरण रिजीजू के साथ बैठे राजनाथ सिंह की शुरुआती टिप्पणियों के बाद जब संवाददाताओं के सवाल पूछने की बारी आई तो एक ने किक्रेट के शब्दजाल से ही उन्हें घेरते हुए 'स्टंप' करने की कोशिश की। उनसे सवाल किया गया, 'श्रीमान गृहमंत्री, आपने बिना विकेट खोए एक साल की बात की लेकिन उन 'हिट विकेटों' के बारे में क्या कहेंगे जो मंत्रिमंडल के आपके सहयोगी अक्सर अपने बयानों से करते हैं। जैसे कि संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का यह कहना कि गोमांस का सेवन करने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। रिपोर्टर ने साथ ही सिंह के साथ बैठे रिजीजू की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन्होंने ही नकवी की नसीहत पर कहा है कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, तो क्या उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए? इस सवाल पर राजनाथ सिंह अपनी गहरी मुस्कान नहीं रोक पाए और बस इतना कहा, 'वे सभी लोग जो भारत में रहते हैं, भारत में रहेंगे।' आपको बता दें कि नकवी के हाल के इस विवादास्पद बयान को रिजीजू ने खारिज करते हुए कहा था कि भारत जैसे सेकुलर देश में खान-पान की आदतों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। हिन्दू बहुल राज्यों और इसाई एवं मुस्लिम बहुल राज्यों में वहां के बहुसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।टिप्पणियां बताया जाता है कि रिजीजू ने पहले कहा था कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात से इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर में गोवध पर रोक लगा देनी चाहिए, सिंह ने कहा, 'कई राज्य सरकारों ने गोवध के खिलाफ कानून बनाए हैं।' राजनाथ सिंह ने एनडीए शासन के एक साल की उपलब्धियों को बताने के लिए बुलाई गई अपनी प्रेस वार्ता की शुरुआत में कहा, 'अभी का स्कोर है, बिना कोई विकेट खोए एक मजबूत साल।' वह इस वार्ता में अपने मंत्रालय के जूनियर मंत्री किरण रिजीजू के साथ बैठे राजनाथ सिंह की शुरुआती टिप्पणियों के बाद जब संवाददाताओं के सवाल पूछने की बारी आई तो एक ने किक्रेट के शब्दजाल से ही उन्हें घेरते हुए 'स्टंप' करने की कोशिश की। उनसे सवाल किया गया, 'श्रीमान गृहमंत्री, आपने बिना विकेट खोए एक साल की बात की लेकिन उन 'हिट विकेटों' के बारे में क्या कहेंगे जो मंत्रिमंडल के आपके सहयोगी अक्सर अपने बयानों से करते हैं। जैसे कि संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का यह कहना कि गोमांस का सेवन करने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। रिपोर्टर ने साथ ही सिंह के साथ बैठे रिजीजू की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन्होंने ही नकवी की नसीहत पर कहा है कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, तो क्या उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए? इस सवाल पर राजनाथ सिंह अपनी गहरी मुस्कान नहीं रोक पाए और बस इतना कहा, 'वे सभी लोग जो भारत में रहते हैं, भारत में रहेंगे।' आपको बता दें कि नकवी के हाल के इस विवादास्पद बयान को रिजीजू ने खारिज करते हुए कहा था कि भारत जैसे सेकुलर देश में खान-पान की आदतों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। हिन्दू बहुल राज्यों और इसाई एवं मुस्लिम बहुल राज्यों में वहां के बहुसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।टिप्पणियां बताया जाता है कि रिजीजू ने पहले कहा था कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात से इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर में गोवध पर रोक लगा देनी चाहिए, सिंह ने कहा, 'कई राज्य सरकारों ने गोवध के खिलाफ कानून बनाए हैं।' वह इस वार्ता में अपने मंत्रालय के जूनियर मंत्री किरण रिजीजू के साथ बैठे राजनाथ सिंह की शुरुआती टिप्पणियों के बाद जब संवाददाताओं के सवाल पूछने की बारी आई तो एक ने किक्रेट के शब्दजाल से ही उन्हें घेरते हुए 'स्टंप' करने की कोशिश की। उनसे सवाल किया गया, 'श्रीमान गृहमंत्री, आपने बिना विकेट खोए एक साल की बात की लेकिन उन 'हिट विकेटों' के बारे में क्या कहेंगे जो मंत्रिमंडल के आपके सहयोगी अक्सर अपने बयानों से करते हैं। जैसे कि संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का यह कहना कि गोमांस का सेवन करने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। रिपोर्टर ने साथ ही सिंह के साथ बैठे रिजीजू की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन्होंने ही नकवी की नसीहत पर कहा है कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, तो क्या उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए? इस सवाल पर राजनाथ सिंह अपनी गहरी मुस्कान नहीं रोक पाए और बस इतना कहा, 'वे सभी लोग जो भारत में रहते हैं, भारत में रहेंगे।' आपको बता दें कि नकवी के हाल के इस विवादास्पद बयान को रिजीजू ने खारिज करते हुए कहा था कि भारत जैसे सेकुलर देश में खान-पान की आदतों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। हिन्दू बहुल राज्यों और इसाई एवं मुस्लिम बहुल राज्यों में वहां के बहुसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।टिप्पणियां बताया जाता है कि रिजीजू ने पहले कहा था कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात से इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर में गोवध पर रोक लगा देनी चाहिए, सिंह ने कहा, 'कई राज्य सरकारों ने गोवध के खिलाफ कानून बनाए हैं।' उनसे सवाल किया गया, 'श्रीमान गृहमंत्री, आपने बिना विकेट खोए एक साल की बात की लेकिन उन 'हिट विकेटों' के बारे में क्या कहेंगे जो मंत्रिमंडल के आपके सहयोगी अक्सर अपने बयानों से करते हैं। जैसे कि संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का यह कहना कि गोमांस का सेवन करने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। रिपोर्टर ने साथ ही सिंह के साथ बैठे रिजीजू की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन्होंने ही नकवी की नसीहत पर कहा है कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, तो क्या उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए? इस सवाल पर राजनाथ सिंह अपनी गहरी मुस्कान नहीं रोक पाए और बस इतना कहा, 'वे सभी लोग जो भारत में रहते हैं, भारत में रहेंगे।' आपको बता दें कि नकवी के हाल के इस विवादास्पद बयान को रिजीजू ने खारिज करते हुए कहा था कि भारत जैसे सेकुलर देश में खान-पान की आदतों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। हिन्दू बहुल राज्यों और इसाई एवं मुस्लिम बहुल राज्यों में वहां के बहुसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।टिप्पणियां बताया जाता है कि रिजीजू ने पहले कहा था कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात से इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर में गोवध पर रोक लगा देनी चाहिए, सिंह ने कहा, 'कई राज्य सरकारों ने गोवध के खिलाफ कानून बनाए हैं।' इस सवाल पर राजनाथ सिंह अपनी गहरी मुस्कान नहीं रोक पाए और बस इतना कहा, 'वे सभी लोग जो भारत में रहते हैं, भारत में रहेंगे।' आपको बता दें कि नकवी के हाल के इस विवादास्पद बयान को रिजीजू ने खारिज करते हुए कहा था कि भारत जैसे सेकुलर देश में खान-पान की आदतों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। हिन्दू बहुल राज्यों और इसाई एवं मुस्लिम बहुल राज्यों में वहां के बहुसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।टिप्पणियां बताया जाता है कि रिजीजू ने पहले कहा था कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात से इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर में गोवध पर रोक लगा देनी चाहिए, सिंह ने कहा, 'कई राज्य सरकारों ने गोवध के खिलाफ कानून बनाए हैं।' आपको बता दें कि नकवी के हाल के इस विवादास्पद बयान को रिजीजू ने खारिज करते हुए कहा था कि भारत जैसे सेकुलर देश में खान-पान की आदतों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। हिन्दू बहुल राज्यों और इसाई एवं मुस्लिम बहुल राज्यों में वहां के बहुसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।टिप्पणियां बताया जाता है कि रिजीजू ने पहले कहा था कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात से इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर में गोवध पर रोक लगा देनी चाहिए, सिंह ने कहा, 'कई राज्य सरकारों ने गोवध के खिलाफ कानून बनाए हैं।' बताया जाता है कि रिजीजू ने पहले कहा था कि वह गोमांस का सेवन करते हैं, लेकिन बाद में उन्होंने इस बात से इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर में गोवध पर रोक लगा देनी चाहिए, सिंह ने कहा, 'कई राज्य सरकारों ने गोवध के खिलाफ कानून बनाए हैं।' यह पूछे जाने पर कि क्या देश भर में गोवध पर रोक लगा देनी चाहिए, सिंह ने कहा, 'कई राज्य सरकारों ने गोवध के खिलाफ कानून बनाए हैं।'
8
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 210 अंक चढ़ा
लेख: मजबूत वैश्विक रुख के बीच कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों से उत्साहित घरेलू फंडों द्वारा आईटी एवं मेटल शेयरों में लिवाली से बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 210 अंक सुधर गया। 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 209.80 अंक मजबूत होकर 19,092.05 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 69.30 अंक की बढ़ोतरी हुई और यह बाजार बंद होने के समय 5,724.05 अंक पर था। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि टीसीएस द्वारा तीसरी तिमाही के शुद्ध लाभ में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज किए जाने से बाजार की धारणा में सुधार आया। इस्पात की कीमतों में बढ़त एवं विदेश में प्रमुख धातुओं में तेजी से मेटल शेयर भी लिवाली के केंद्र में रहे। आईटी शेयरों में लिवाली से आईटी इंडेक्स 2.60 प्रतिशत चढ़कर 6,720.76 अंक पर बंद हुआ। आईटी शेयरों में टीसीएस 62.40 रुपये चढ़कर 1,200.55 रुपये पर बंद हुआ, जबकि इंफोसिस 50.20 रुपये चढ़कर 3,318.15 रुपये और विप्रो 13 रुपये मजबूत होकर 479.15 रुपये पर बंद हुआ।
8
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: पासवान ने कहा- मैंने ऐसा नहीं कहा 'मैगी खुदरा दुकानों में लौटेगी'
यह एक लेख है: खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कभी यह टिप्पणी नहीं की कि मैगी नूडल जल्द ही खुदरा दुकानों में फिर आ जाएगा। इस बारे में मीडिया रपटों पर स्पष्टीकरण देते हुए पासवान ने कहा कि उन्होंने न तो केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई) की परीक्षण रपटों का और न ही विदेशी निवेश के संबंध में सरकार की साख का कहीं कोई ज्रिक किया था।टिप्पणियां केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता मामलात मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी किया है। इसके अनुसार,‘ पासवान ने स्पष्ट किया है कि उन्हें संदर्भ से हटकर उदृधत किया गया है और उन्हें कुछ ऐसी चीजों से जोड़ा, जिनका उनकी बातों से कोई आशय नहीं था।’ बयान में कहा गया है कि मीडिया के एक वर्ग ने एजेंसी पर आधारित समाचार प्रकाशित किया कि जिसमें मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि सीएफटीआरआई रिपोर्ट में मैगी को सुरक्षित पाया गया है। मेरा मानना है कि यह जल्द ही खुदरा दुकानों पर फिर आ जाएगी। बयान के अनुसार,‘पासवान को यह भी कहते हुए उदृधत किया गया है,‘ मैगी प्रतिबंध के बाद लोगों की धारणा बदल गई है। विदेशी निवेशक अब भारत में निवेश से पहले दो बार सोचेंगे। हमारी साख दांव पर है।’ इसके अनुसार मंत्री ने केवल ऐसे कहा था कि अगर किसी उत्पाद के प्रति आम लोगों की धारणा एक बार नकारात्मक बन जाए तो उस उत्पाद की साख प्रभावित होती है।’ केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता मामलात मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी किया है। इसके अनुसार,‘ पासवान ने स्पष्ट किया है कि उन्हें संदर्भ से हटकर उदृधत किया गया है और उन्हें कुछ ऐसी चीजों से जोड़ा, जिनका उनकी बातों से कोई आशय नहीं था।’ बयान में कहा गया है कि मीडिया के एक वर्ग ने एजेंसी पर आधारित समाचार प्रकाशित किया कि जिसमें मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि सीएफटीआरआई रिपोर्ट में मैगी को सुरक्षित पाया गया है। मेरा मानना है कि यह जल्द ही खुदरा दुकानों पर फिर आ जाएगी। बयान के अनुसार,‘पासवान को यह भी कहते हुए उदृधत किया गया है,‘ मैगी प्रतिबंध के बाद लोगों की धारणा बदल गई है। विदेशी निवेशक अब भारत में निवेश से पहले दो बार सोचेंगे। हमारी साख दांव पर है।’ इसके अनुसार मंत्री ने केवल ऐसे कहा था कि अगर किसी उत्पाद के प्रति आम लोगों की धारणा एक बार नकारात्मक बन जाए तो उस उत्पाद की साख प्रभावित होती है।’ मेरा मानना है कि यह जल्द ही खुदरा दुकानों पर फिर आ जाएगी। बयान के अनुसार,‘पासवान को यह भी कहते हुए उदृधत किया गया है,‘ मैगी प्रतिबंध के बाद लोगों की धारणा बदल गई है। विदेशी निवेशक अब भारत में निवेश से पहले दो बार सोचेंगे। हमारी साख दांव पर है।’ इसके अनुसार मंत्री ने केवल ऐसे कहा था कि अगर किसी उत्पाद के प्रति आम लोगों की धारणा एक बार नकारात्मक बन जाए तो उस उत्पाद की साख प्रभावित होती है।’
2
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: बेनजीर भुट्टो हत्या मामले में 10 गवाहों को समन
रावलपिंडी स्थित आतंकवाद विरोधी एक विशेष अदालत ने शनिवार को पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या मामले में 10 गवाहों को समन जारी किया। डॉन ऑन लाइन के मुताबिक, आदियाला जेल परिसर में इस मामले की सुनवाई आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश पीरवाइज रसूल जोया कर रहे हैं। न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष को भी मामले में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद रफाकत, हसनैन गुल और एत्जाज शाह की जमानत अर्जियों पर नोटिस जारी किया। बाद में न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई 25 जनवरी तक के लिए टाल दी। पाकिस्तान में चुनाव प्रचार के दौरान 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में आयोजित एक सभा में भुट्टो की हत्या कर दी गई थी। उस समय परवेज मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति थे। सभा को संबोधित करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। अगस्त 2013 में इस ममले में पूर्व सैनिक तानाशाह मुशर्रफ का नाम सामने आया, लेकिन बाद में एक अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। भुट्टो की हत्या के लिए मुशर्रफ की सरकार ने तालिबान पर आरोप मढ़ा। 2010 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भुट्टो की हत्या टाली जा सकती थी और मुशर्रफ की सरकार उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रही।
8
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: उतार-चढ़ाव के बीच मामूली बढ़त लेकर बंद हुए शेयर बाजार
लेख: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को देश के शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले थे, लेकिन उसके बाद भारी उतार-चढ़ाव के बीच वैश्विक बाजारों में तेजी के बल पर दोनों प्रमुख शेयर बाज़ार मामूली बढ़त लेकर बंद हुए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेन्सेक्स कारोबार के दौरान 17,849.64 अंक और 17,665.89 अंकों के दायरे में घूमने के बाद 24.15 अंक की बढ़त लेकर 17,772.84 पर बंद हुआ, और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) का निफ्टी सूचकांक 8.6 अंक मजबूत होकर 5,390.20 पर बंद हुआ। सोमवार सुबह सेन्सेक्स बढ़त के रुख के साथ 17,761.70 पर खुला था, और सुबह करीब 10:40 बजे यह गिरावट के रुख के साथ 17,735.03 पर कारोबार कर रहा था। सेन्सेक्स पिछले कारोबारी दिवस, यानि शुक्रवार को 17,748.69 पर बंद हुआ था। उधर, निफ्टी सोमवार को 5,382.10 पर खुला था, जबकि वह शुक्रवार को 5,381.60 पर बंद हुआ था। बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में बढ़त का रुख देखा गया। सोमवार को सबसे अधिक तेजी धातु शेयरों में दर्ज की गई जिससे धातु सूचकांक 1.01 प्रतिशत चढ़कर 12,489.36 अंक पर बंद हुआ। सोमवार सुबह सेन्सेक्स बढ़त के रुख के साथ 17,761.70 पर खुला था, और सुबह करीब 10:40 बजे यह गिरावट के रुख के साथ 17,735.03 पर कारोबार कर रहा था। सेन्सेक्स पिछले कारोबारी दिवस, यानि शुक्रवार को 17,748.69 पर बंद हुआ था। उधर, निफ्टी सोमवार को 5,382.10 पर खुला था, जबकि वह शुक्रवार को 5,381.60 पर बंद हुआ था। बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में बढ़त का रुख देखा गया। सोमवार को सबसे अधिक तेजी धातु शेयरों में दर्ज की गई जिससे धातु सूचकांक 1.01 प्रतिशत चढ़कर 12,489.36 अंक पर बंद हुआ।
13
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए एसआई का परिवार सरकार के रवैये से नाखुश
लेख: बिहार के दो जवान पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए. लेकिन उससे एक दिन पहले नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बिहार के ही औरंगाबाद जिले में सब इंस्पेक्टर रोशन कुमार की मौत हुई. बिहार के लखीसराय जिले के रामगढ़ चौक प्रखंड के अंतर्गत गरसंडा ग्राम के पच्चीस वर्षीय रोशन कुमार कोबरा बटालियन में सब इंस्पेक्टर थे. पिछले बुधवार की रात में वे नक्सलियों से दो-दो हाथ करते हुए शहीद हो गए. इस मुठभेड़ के दौरान एक पत्थर पर उनका पैर पड़ा और वे जख्मी हो गए. हालांकि उन्हें तुरंत हेलीकॉप्टर से पटना पहुंचाया गया लेकिन खून अधिक बह जाने के कारण आखिर उनकी जान नहीं बच पाई. उनके पिता मितिलेश कुमार सिंह कहते हैं कि वे नहीं चाहते थे कि रोशन कुमार किसी बल में जाएं. रोशन कुमार के परिवार वालों को इस बात का मलाल है कि भले ही उनका बेटा नक्सलियों से लड़ते-लड़ते शहीद हुआ लेकिन सामान्य प्रोटोकॉल के तहत ही उसे अंतिम विदाई दी गई. जबकि कश्मीर में CRPF के शहीद जवानों के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. मितिलेश कुमार सिंह  ने कहा कि ‘किसी के देने से कुछ सम्मान थोड़ी मिलता है. हम उसके लिए लालायित या आकांक्षा नहीं रखते हैं. वो सब सरकार का काम है.' हालांकि अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि चाहे कश्मीर में या नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में, शहीद होने वाले जवानों या अधिकारियों, सबको एक समान सहायता और अन्य सुविधाओं की नीति की जल्द ही घोषणा की जाएगी.
13
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: JEE Main Exam 2017: 3 फरवरी तक किया जा सकता है एप्लीकेशन फॉर्म में सुधार
इसके अलावा जेईई (एडवांस)/जेईई (मेन) रैंकिंग के आधार पर अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन देने वाले आईआईटी/एनआईटी/आईआईआईटी और अन्य केंद्रीय वित्तीय सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों के लिए क्वालिफाई करने के लिए भी 12वीं कक्षा में कम से कम 75 फीसदी मार्क्स होना अनिवार्य है. या संबंधित बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं कक्षा की परीक्षा में टॉप 20 परसेंटाइल हो.  अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संवर्ग के लिए यह योग्यता 65 प्रतिशत है.टिप्पणियां गौरतलब है कि देश के तमाम एनआईटी, आईआईआईटी, अन्य केंद्रीय वित्तीय सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों, इस सिस्टम में शामिल हो चुके राज्यों के संस्थानों और अन्य ढेरों संस्थानों में जेईई (मेन) परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर इंजीनियरिंग अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला होता है. जेईई (मेन) में प्रदर्शन के आधार पर जेईई एडवांस परीक्षा देने का मौका मिलता है. जेईई एडवांस परीक्षा के जरिए ही देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी के इंजीनियरिंग कोर्सेज में दाखिला लिया जा सकता है. गौरतलब है कि देश के तमाम एनआईटी, आईआईआईटी, अन्य केंद्रीय वित्तीय सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों, इस सिस्टम में शामिल हो चुके राज्यों के संस्थानों और अन्य ढेरों संस्थानों में जेईई (मेन) परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर इंजीनियरिंग अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला होता है. जेईई (मेन) में प्रदर्शन के आधार पर जेईई एडवांस परीक्षा देने का मौका मिलता है. जेईई एडवांस परीक्षा के जरिए ही देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी के इंजीनियरिंग कोर्सेज में दाखिला लिया जा सकता है. जेईई (मेन) में प्रदर्शन के आधार पर जेईई एडवांस परीक्षा देने का मौका मिलता है. जेईई एडवांस परीक्षा के जरिए ही देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी के इंजीनियरिंग कोर्सेज में दाखिला लिया जा सकता है.
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: केरल में किसका पलड़ा भारी होगा, लेफ्ट या कांग्रेस? डॉ प्रणय रॉय का विश्लेषण
16 मई को होने वाले केरल चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन यूडीएफ या एलडीएफ की जीत पर असर डाल सकता है। बीजेपी की मजबूत स्थिति यूडीएफ के लिए मुसीबत का कारण बन सकती है। अगर इस बार चुनाव में बीजेपी को वोटों का 2 प्रतिशत हिस्सा भी मिल जाता है तो संभावना है कि इसमें से 1.5 प्रतिशत हिस्सा वह यूडीएफ से छीनेगा। ऐसा होने से एलडीएफ को बहुमत मिल सकता है। अगर बीजेपी को पांच प्रतिशत वोट मिलते हैं तो उसमें से चार प्रतिशत यूडीएफ का हिस्सा होगा और इस तरह एलडीएफ के खाते में 79 सीटें जा सकती हैं। गौरतलब है कि यूडीएफ ने पिछले दो चुनाव जीते हैं - 2011 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उसने करीब 80  विधानसभा सीटों के बराबर जीत हासिल की थी। लेकिन एलडीएफ को उम्मीद इस बात से है कि छह महीने पहले पंचायत चुनाव में उनका पलड़ा भारी रहा था और यह भी कि पिछले 36 सालों में कोई भी पार्टी या गठबंधन दोबारा सत्ता में नहीं आया है। पंचायत चुनावों के परिणामों से अक्सर केरल के विधानसभा चुनाव के रुख़ को समझा जाता रहा है। 19 मई को चार राज्यों के अलावा केरल में भी वोटों की गिनती होनी है और उसी दिन दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। गौरतलब है कि यूडीएफ ने पिछले दो चुनाव जीते हैं - 2011 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उसने करीब 80  विधानसभा सीटों के बराबर जीत हासिल की थी। लेकिन एलडीएफ को उम्मीद इस बात से है कि छह महीने पहले पंचायत चुनाव में उनका पलड़ा भारी रहा था और यह भी कि पिछले 36 सालों में कोई भी पार्टी या गठबंधन दोबारा सत्ता में नहीं आया है। पंचायत चुनावों के परिणामों से अक्सर केरल के विधानसभा चुनाव के रुख़ को समझा जाता रहा है। 19 मई को चार राज्यों के अलावा केरल में भी वोटों की गिनती होनी है और उसी दिन दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
8
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: पाकिस्‍तान को 'ब्‍लैक लिस्‍ट' में डाला जाएगा या नहीं, FATF की बैठक में होगा फैसला
यह लेख है: आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर की अगुवाई में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सोमवार से शुरू होने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दो दिवसीय सत्र में भाग लेने के लिए पेरिस पहुंच गया है. जियो न्यूज के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि एफएटीएफ की बैठक में अप्रैल 2019 तक पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट पर चर्चा होगी और इस पर निर्णय लिया जाएगा कि इस्लामाबाद को अंतर-सरकारी संगठन की ग्रे लिस्ट से बाहर रखा जाए या नहीं. एफएटीएफ बैठक में आतंकवादी फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जाएगी. वित्त और राजस्व मामले में प्रधानमंत्री के सलाहकार अब्दुल हाफीज शेख के अनुसार, इस्लामाबाद ने 20 कदम उठाए हैं और इन्हें पूरा किया है.  हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने पहले ही एफएटीएफ के ज्यादातर सिफारिशों को लागू कर दिया था, जैसे कि आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाना. इसके अलावा, इसने आतंकवादियों की संपत्तियों को जब्त करने के लिए भी कदम उठाए और उन्हें व्यापार करने से रोक दिया था. पिछले सप्ताह, मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया पैसिफिक ग्रुप ऑन (एपीजी) ने अपनी बहु-प्रतीक्षित 228 पृष्ठ की रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसका शीर्षक 'म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट 2019' था, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर 40 मानकों में से 36 का आंशिक रूप से अनुपालन किया है.  तकनीकी अनुपालन रेटिंग के आधार पर, एपीजी रिपोर्ट से पता चला कि पाकिस्तान ने केवल एक पैरामीटर का पूरी तरह से अनुपालन किया, मोटे तौर पर नौ का अनुपालन किया गया था, और आंशिक रूप से 40 मानकों में से 26 का अनुपालन किया गया था. एफएटीएफ की समीक्षा ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा था और ग्रे सूची से बाहर आने के लिए अनुपालन के लिए सितंबर 2019 तक 27 कार्य योजनाएं दी थीं. पेरिस में एफएटीएफ की बैठक की यह आगामी समीक्षा अब तीन संभावनाओं के साथ पाकिस्तान की किस्मत का फैसला करेगी. समीक्षा के बाद उसे ग्रे लिस्ट से निकालकर ग्रीन लिस्ट में डाला जा सकता है, नौ से 12 महीने की विस्तारित अवधि के साथ ग्रे सूची में बनाए रखा जा सकता है और सबसे खराब स्थिति में तीसरा परिदृश्य यह हो सकता है कि देश को ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है, ऐसा किए जाने पर देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
2
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: नीलामी के पहले दिन पीएम मोदी के 'बहुचर्चित सूट' की बोली 1 करोड़ 21 लाख तक पहुंची
यह लेख है: पिछले कुछ महीनों से चर्चों पर हो रहे हमलों, घर वापसी जैसे कार्यक्रमों को लेकर खामोश रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। वह अपने बहुचर्चित सूट को नीलाम कर रहे हैं, जिसकी बोली एक करोड़ 21 लाख तक पहुंच गई है। यह बोली राजेश जुनेजा ने लगाई। इससे पहले 1 करोड़ की बोली सुरेश अग्रवाल ने लगाई थी। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि किसी तरह की धार्मिक हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी धर्मों को एक समान आज़ादी होगी। इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपना मंदिर बनाए जाने पर भी नाराज़गी जताई थी। साथ ही अब वह अपने चर्चित सूट की नीलामी भी कर रहे हैं, जिसका सारा पैसा चैरिटी में जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के समय अपने नाम की धारियों वाले इस सूट को लेकर मोदी विपक्ष और खासकर राहुल गांधी के निशाने पर थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस सूट की कीमत करीब 10 लाख रुपये बताई गई थी। सूरत में हो रही इस नीलामी में पीएम को गिफ्ट के तौर पर मिले 455 चीजों की नीलामी भी की जा रही है, जिसमें यह सूट भी शामिल है। नीलामी से मिले पैसे गंगा की सफाई और दूसरे सामाजिक कामों में खर्च किए जाएंगे। गुजरात का सीएम रहते हुए भी नरेंद्र मोदी उन्हें मिले गिफ्ट्स को हर साल नीलाम किया करते थे।
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इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अरुण जेटली का स्वभाव चुनावी राजनीति से मेल नहीं खाता था, जानिए- कैसा था संपूर्ण जीवन
यह लेख है: अरुण जेटली (Arun Jaitley) कभी लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में नहीं पहुंचे लेकिन वह चाहे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या नरेंद्र मोदी की वे हमेशा प्रधानमंत्री के भरोसेमंद मंत्रियों में रहे. वास्तव में चुनावी राजनीति से उनका स्वभाव मेल नहीं खाता था. वे अध्ययनशील थे और देश, समाज के उत्थान के चिंता करने वाले थे. अरुण जेटली में नेतृत्व का उदय जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से हुआ था. छात्र जीवन में ही भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय, कार्पोरेट मामले के मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, कानून मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय संभाला. वे जहां भी रहे, सराहना हासिल करते रहे.           भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता और प्रसिद्ध वकील अरुण जेटली का जन्म 28 दिसम्बर 1952 नई दिल्ली में हुआ था. वकील महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के पुत्र अरुण जेटली ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल में 1957 से 1969 के दौरान ली. उन्होंने सन 1973 में दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम किया. इसके बाद उन्होंने सन 1977 में दिल्ली विश्‍वविद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल की. वे सन 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे. अरुण जेटली ने 24 मई 1982 को संगीता जेटली से विवाह किया. उनके दो बच्चे पुत्र रोहन और पुत्री सोनाली हैं. अरुण जेटली वेजेटेरियन थे और पंजाबी ब्राह्मण थे. उन्हें अध्ययन करने और लिखने का शौक था. उन्होंने कानून की कई पुस्तकें लिखीं. अरुण जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता थे. बाद में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए. सन 1973 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार समेत देश के कई तत्कालीन मुद्दों को लेकर संपूर्ण क्रांति आंदोलन शुरू किया जिसको देश भर में व्यापक समर्थन मिला. अरुण जेटली ने भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. अरुण जेटली सन 1975 में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय रहे. उस दौर में वे युवा मोर्चा के संयोजक थे. उन्हें आपातकाल के दौरान 19 महीने कानूनी हिरासत में रहना पड़ा था. वे पहले अंबाला जेल में और फिर तिहाड़ जेल में रहे थे. जेल से वापसी के बाद अरुण जेटली ने जनसंघ की सदस्यता ले ली. सन 1977 में अरुण जेटली लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के संयोजक बने.    अरुण जेटली सीए बनना चाहते थे लेकिन उन्होंने अपने पिता के पेशे वकालत को ही अपनाया. राजनीति में आने से पहले अरुण जेटली सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे थे. सन 1977 में एलएलबी करने के बाद अरुण जेटली सुप्रीम कोर्ट और देश के कई उच्च न्यायालयों में वकालत करने लगे थे. जनवरी 1990 में अरुण जेटली को दिल्ली हाईकोर्ट ने वरिष्ठ वकील नामित किया. अरुण जेटली को सन 1989 में वीपी सिंह सरकार के दौर में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था. इस दौरान उन्होंने बोफोर्स घोटाले की जांच की तफसील तैयार की थी. जेटली ने भारतीय ब्रिटिश विधिक न्यायालय के समक्ष 'भारत में भ्रष्टाचार और अपराध' विषय पर दस्तावेज प्रस्तुत किए. जून 1998 में नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून को अधिनियमित करने के उद्देश्य से आयोजित संयुक्त राष्ट्र संघ सम्मेलन में वे भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए थे. विधिक और समसामयिक समस्याओं पर अनेक जेटली ने कई पुस्तकें लिखीं. लालकृष्ण आडवाणी, माधवराव सिंधिया समेत कई वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के क्लाइंट रहे हैं. अरुण जेटली के 1977 में जनसंघ में शामिल होने के साथ ही उसी वर्ष उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सचिव और फिर 1980 में अध्यक्ष बनाया गया. वे 1991 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.एक जुलाई 2002 को उन्हें भाजपा का जनरल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया. वे 1999 के आम चुनाव से पहले बीजेपी के प्रवक्ता थे. सन 1999 में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के सत्ता में आने पर 13 अक्टूबर 1999 को अरुण जेटली को सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. इसके अलावा उन्हें विनिवेश राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी नियुक्त किया गया. विनिवेश नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए तब यह नया मंत्रालय बनाया गया था. इसके बाद जेटली 23 जुलाई 2000 को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने. राम जेठमलानी के इस्तीफा देने के बाद उन्हें यह मंत्रालय सौंपा गया था. नवम्बर 2000 में उन्हें कानून, न्याय और कंपनी मामलों के अलावा जहाजरानी मंत्री बनाया गया. भूतल परिवहन मंत्रालय का विभाजन हुआ और तब वे नौवहन मंत्री बने. उन्हें जुलाई 2002 में जम्मू-कश्मीर सरकार के नामांकित व्यक्तियों और राज्यों में शक्तियों के विभाजन के मुद्दे पर अन्य समूहों के साथ चर्चा करने के लिए केंद्र सरकार का प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था. उन्हें 29 जनवरी 2003 को केंद्रीय मंत्रिमंडल में वाणिज्य, उद्योग, कानून और न्याय मंत्री बनाया गया. मई 2004 में एनडीए की हार के बाद जेटली पार्टी के महासचिव बने और वकालत भी करने लगे. अरुण जेटली को 3 जून 2009 को राज्यसभा में विपक्ष का नेता चुना गया. इसके चंद दिन बाद 16 जून को उन्होंने अपनी पार्टी की नीति के अनुसार एक पद, यानी बीजेपी के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया. राज्यसभा में उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक पर बहस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने जन लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे का समर्थन किया. उन्होंने 2009 से 2014 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया. अरुण जेटली ने 1980 से बीजेपी में सक्रिय होने के बावजूद सन 2014 तक कभी कोई सीधा चुनाव नहीं लड़ा. सन 2014 के आम चुनाव में वे अमृतसर लोकसभा सीट पर लड़े लेकिन कांग्रेस के अमरिंदर सिंह से पराजित हो गए. वे पहले गुजरात से राज्यसभा सदस्य थे. उन्हें मार्च 2018 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए फिर से चुना गया. वे चौथी बार राज्यसभा सांसद बने. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में 26 मई 2014 को अरुण जेटली को वित्त मंत्री बनाया गया. उनको कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय का जिम्मा भी दिया गया था. नवंबर 2015 में जेटली ने कहा कि विवाह और तलाक को नियंत्रित करने वाले व्यक्तिगत कानून मौलिक अधिकारों के अधीन होने चाहिए, क्योंकि संवैधानिक रूप से गारंटीकृत अधिकार सर्वोच्च हैं. वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान 9 नवंबर, 2016 को भ्रष्टाचार, काला धन, नकली मुद्रा और आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए 500 और 1000 के नोटों का विमुद्रीकरण कर दिया. यह एक ऐतिहासिक फैसला था, जिसका बड़ा असर पूरे देश और अर्थव्यवस्था पर देखने को मिला. अरुण जेटली को दो जून 2014 को राज्यसभा का नेता चुना गया. वे 27 मई 2014 से 14 मई 2018  तक केंद्रीय वित्त एवं कार्पोरेट मामलों के मंत्री रहे. उनके पास 27 मई 2014 से 9 नवंबर 2014 तक रक्षा मंत्रालय का प्रभार भी रहा. वे 13 मार्च 2017 से 3 सितंबर 2017 तक रक्षा मंत्री के पद पर रहे. मई 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद जेटली को वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया था. वे 2014 में छह महीने रक्षा मंत्री रहे. बाद में मनोहर पर्रिकर रक्षा मंत्री बनाए गए. पर्रिकर के गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद जेटली को 2017 में छह महीने के लिए दोबारा रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया. बाद में उनकी जगह निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री बनीं. जेटली की बीमारी के चलते पीयूष गोयल ने दो बार वित्त मंत्रालय संभाला था. मई 2019 में अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कह दिया था कि वे नई सरकार में शामिल नहीं हो पाएंगे.
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