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इसके लिए एक लेख लिखें: फ़ादर्स डे : मिलिए स्पोर्ट्स की इन मशहूर पिता-पुत्र जोड़ियों से
रोजर बिन्नी टीम इंडिया के सबसे अच्छे ऑलराउंडर खिलाड़ियों में मानें जाते हैं। उन्होंने 1983 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए काफ़ी शानदार प्रदर्शन किया था। रोजर के पुत्र स्टुअर्ट भी क्रिकेटर है और मौजूदा समय में भारतीय टीम का हिस्सा भी हैं। भारत ने लॉर्ड्स में अभी तक दो टेस्ट जीते हैं। साल 1986 में रोजर बिन्नी टेस्ट जीतने वाली टीम में शामिल थे, तो 2014 में जीतने वाली भारतीय टीम में स्टुअर्ट बिन्नी मौजूद थे। रोजर बिन्नी टीम इंडिया के सबसे अच्छे ऑलराउंडर खिलाड़ियों में मानें जाते हैं। उन्होंने 1983 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए काफ़ी शानदार प्रदर्शन किया था। रोजर के पुत्र स्टुअर्ट भी क्रिकेटर है और मौजूदा समय में भारतीय टीम का हिस्सा भी हैं। भारत ने लॉर्ड्स में अभी तक दो टेस्ट जीते हैं। साल 1986 में रोजर बिन्नी टेस्ट जीतने वाली टीम में शामिल थे, तो 2014 में जीतने वाली भारतीय टीम में स्टुअर्ट बिन्नी मौजूद थे।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: चुनाव प्रचार में असरदार नहीं साबित हो रहे हैं गौतम गंभीर, अब बीजेपी का यह नेता बनेगा उनका 'संकटमोचक'
यह लेख है: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Polls 2019) में दिल्ली की सातों सीट पर जीत की आस लगाई बीजेपी पूर्वी दिल्ली की सीट को लेकर परेशान नजर आ रही है. पूर्वी दिल्ली से अपने ‘सेलेब्रिटी' उम्मीदवार गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के चुनाव प्रचार अभियान के ‘खराब'प्रबंधन को लेकर परेशान भाजपा नेतृत्व ने पार्टी के उपाध्यक्ष श्याम जाजू को पूर्व क्रिकेटर के राजनीति में पदार्पण को मजबूती देने का जिम्मा सौंपा है. बीजेपी को ऐसा लग रहा है कि गौतम गंभीर को राजनीतिक प्रबंधन में मजबूती देने की जरूरत है, तभी वह इस सीट को निकाल पाएंगे.  भारतीय जनता पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा कि राजनीति में नए गंभीर दांवपेंच सीख रहे हैं लेकिन वह अपने प्रचार अभियान के लिए स्थानीय भाजपा नेताओं से मिल रहे समर्थन पर ही ज्यादा निर्भर हैं और स्थानीय नेताओं का समर्थन भी उम्मीद के मुताबिक नहीं है.  उन्होंने कहा, ‘जाजू को गंभीर का चुनाव प्रचार अभियान चलाने के लिए तैनात किया गया है... उन्होंने स्थानीय पार्टी नेताओं के साथ बैठकें करके और पूर्वी दिल्ली के प्रत्याशी की मीडिया टीम में कुछ बदलाव करके तत्काल प्रभाव से कार्यभार संभाल लिया है.' जाजू पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रभारी हैं.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: सलमान खान बीच सड़क पर बुरे फंसे, लाखों की गाड़ी छोड़ ऑटो में भागना पड़ा घर...
लेख: सलमान खान अपनी फिटनेस के लिए तो जाने ही जाते हैं. कई बार सलमान खान को मुंबई की सड़कों पर साइकिल चलाते हुए भी देखा गया है. लेकिन मंगलवार को मुंबई की सड़क पर लोग तब अचानक चौंक गए जब सुपरस्‍टार 'दबंग' खान उन्‍हें सड़क पर पैदल चलते हुए नजर आ गए. सलमान को यूं सड़क पर चलता देख कई फैन्‍स उनके पास आ गए. ऐसे में बांद्रा के महबूब स्‍टूडियो से घर के लिए पैदल निकल पड़े. सलमान खान को ऑटो रिक्‍शा करना पड़ा गया. यह पहली बार नहीं है, जब सलमान ऑटो रिक्‍शा पर सवार नजर आए हैं. इससे पहले भी वह ऐसा कर चुके हैं.टिप्पणियां दरअसल मंगलवार को सलमान खान मुम्बई के बांद्रा स्थित मेहबूब स्टूडियो में अपनी आने वाली फिल्म 'ट्यूबलाइट' के प्रमोशन के लिए पहुंचे थे. यहां सलमान के साथ उनके भाई सोहेल भी नजर आए थे. इंटरव्यू के बाद सलमान फिल्ममेकर रमेश तौरानी के साथ पैदल चलते हुए मेहबूब स्टूडियो से अपने घर गैलेक्सी अपार्टमेंट की तरफ चल निकले.   प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ पैदल घर के लिए निकले सलमान खान. लेकिन सड़क पर चलते सलमान को देख एक मां अपने बच्‍चे के साथ उनके पास पहुंच गईं और फोटो खिंचवाने लगी. इसी बीच वहां भीड़ बढ़नी शुरू हो गई.   सलमान को सड़क पर चलता देख उनके फैन्‍स ने भीड़ लगा दी. आनन-फानन में सलमान ने पास ही खड़े एक रिक्शा चालक को बुलाया और गैलेक्सी अपार्टमेंट चलने को कहा. इसके बाद सलमान खान प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ रिक्शा में बैठ कर अपने घर चले गए.   बता दें कि ईद पर सलमान की फिल्म 'ट्यूबलाइट' रिलीज होने वाली है और इस फिल्‍म में सलमान खान के साथ उनके भाई सोहेल खान नजर आने वाले हैं. यह निर्देशक कबीर खान के साथ सलमान की तीसरी फिल्म है. इससे पहले यह जोड़ी 'एक था टाइगर' (2012) और 'बजरंगी भाईजान' (2015) जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुकी है. दरअसल मंगलवार को सलमान खान मुम्बई के बांद्रा स्थित मेहबूब स्टूडियो में अपनी आने वाली फिल्म 'ट्यूबलाइट' के प्रमोशन के लिए पहुंचे थे. यहां सलमान के साथ उनके भाई सोहेल भी नजर आए थे. इंटरव्यू के बाद सलमान फिल्ममेकर रमेश तौरानी के साथ पैदल चलते हुए मेहबूब स्टूडियो से अपने घर गैलेक्सी अपार्टमेंट की तरफ चल निकले.   प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ पैदल घर के लिए निकले सलमान खान. लेकिन सड़क पर चलते सलमान को देख एक मां अपने बच्‍चे के साथ उनके पास पहुंच गईं और फोटो खिंचवाने लगी. इसी बीच वहां भीड़ बढ़नी शुरू हो गई.   सलमान को सड़क पर चलता देख उनके फैन्‍स ने भीड़ लगा दी. आनन-फानन में सलमान ने पास ही खड़े एक रिक्शा चालक को बुलाया और गैलेक्सी अपार्टमेंट चलने को कहा. इसके बाद सलमान खान प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ रिक्शा में बैठ कर अपने घर चले गए.   बता दें कि ईद पर सलमान की फिल्म 'ट्यूबलाइट' रिलीज होने वाली है और इस फिल्‍म में सलमान खान के साथ उनके भाई सोहेल खान नजर आने वाले हैं. यह निर्देशक कबीर खान के साथ सलमान की तीसरी फिल्म है. इससे पहले यह जोड़ी 'एक था टाइगर' (2012) और 'बजरंगी भाईजान' (2015) जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुकी है. लेकिन सड़क पर चलते सलमान को देख एक मां अपने बच्‍चे के साथ उनके पास पहुंच गईं और फोटो खिंचवाने लगी. इसी बीच वहां भीड़ बढ़नी शुरू हो गई.   सलमान को सड़क पर चलता देख उनके फैन्‍स ने भीड़ लगा दी. आनन-फानन में सलमान ने पास ही खड़े एक रिक्शा चालक को बुलाया और गैलेक्सी अपार्टमेंट चलने को कहा. इसके बाद सलमान खान प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ रिक्शा में बैठ कर अपने घर चले गए.   बता दें कि ईद पर सलमान की फिल्म 'ट्यूबलाइट' रिलीज होने वाली है और इस फिल्‍म में सलमान खान के साथ उनके भाई सोहेल खान नजर आने वाले हैं. यह निर्देशक कबीर खान के साथ सलमान की तीसरी फिल्म है. इससे पहले यह जोड़ी 'एक था टाइगर' (2012) और 'बजरंगी भाईजान' (2015) जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुकी है. सलमान को सड़क पर चलता देख उनके फैन्‍स ने भीड़ लगा दी.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: इराक में विस्फोट से छह सुरक्षाकर्मियों की मौत
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: इराकी पुलिस ने बताया कि देश के उत्तरी क्षेत्र स्थित एक शहर में विस्फोटों से लदी एक मोटरसाइकिल में धमाका होने से छह कुर्दिश खुफिया अधिकारियों की मौत हो गई।टिप्पणियां आज के हमले में तुज खोरमातो में गश्त कर रहे कुर्दिश खुफिया दल के पास एक मोटरसाइकिल में धमाका हुआ। पुलिस ने बताया कि धमाके में दो खुफिया अधिकारियों सहित पांच अन्य लोग घायल हो गए। समीप के एक अस्पताल के एक चिकित्साकर्मी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर हताहत हुए लोगों की पुष्टि की। देश में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 115 लोगों की जान गई थी। आज के हमले में तुज खोरमातो में गश्त कर रहे कुर्दिश खुफिया दल के पास एक मोटरसाइकिल में धमाका हुआ। पुलिस ने बताया कि धमाके में दो खुफिया अधिकारियों सहित पांच अन्य लोग घायल हो गए। समीप के एक अस्पताल के एक चिकित्साकर्मी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर हताहत हुए लोगों की पुष्टि की। देश में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 115 लोगों की जान गई थी। समीप के एक अस्पताल के एक चिकित्साकर्मी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर हताहत हुए लोगों की पुष्टि की। देश में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 115 लोगों की जान गई थी।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: पेट्रोलियम मंत्रालय जासूसी मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा : राजनाथ सिंह
पेट्रोलियम मंत्रालय जासूसी मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कठोरतम सजा दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस जांच कर रही है, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। पेट्रोलियम मंत्रालय जासूसी कांड में गिरफ्तार किए गए और सात लोगों में शीर्ष ऊर्जा कंपनियों के पांच वरिष्ठ अधिकारी और दो परामर्शदाता शामिल हैं। इस मामले का कल भंडाफोड़ होने के बाद कुल गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त :अपराध: रविंद्र यादव ने रात बताया, ‘हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरआईएल के शैलेश सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केर्न्‍स के केके नाइक, जुबिलियंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और एडीएजी रिलायंस के रिषी आनंद शामिल हैं।’’ ये गिरफ्तारियां शुक्रवार शाम के वक्त की गई। वहीं पेट्रोलियम मंत्रालय जासूसी मामले की जांच तेज करते हुए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में गिरफ्तार ऊर्जा सलाहकार प्रयास जैन के कार्यालय की तलाशी लेने के बाद आज नोएडा में एक पेट्रोकेमिकल कंपनी के कार्यालय पर छापा मारा। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जूबिलंट एनर्जी के वरिष्ठ कार्यकारी सुभाष चंद्रा को आज सुबह जैन के कार्यालय ले जाया गया। सुभाष चंद्रा को कल ऊर्जा कंपनियों के चार अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। जैन के कार्यालय की तलाशी के बाद पुलिस टीम उसे जूबिलंट एनर्जी के नोएडा कार्यालय ले गयी। पुलिस ने चुराये हुए दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए उसके कार्यालय एवं अन्य कमरों की तलाशी ली। इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा, हमने उन स्थानों की तलाशी ली, जो जांच के सिलसिले में आवश्यक है। हम आगे भी कई स्थानों पर छापा मार सकते हैं क्योंकि हमारा लक्ष्य पूरे मामले की तह तक पहुंचना है। बस्सी ने कहा, हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ चल रही है। ऊर्जा कंपनियों के पांच अधिकारियों को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। हम अदालत से उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध करेंगे ताकि हम उनसे आगे की पूछताछ कर पाएं। पुलिस प्रमुख ने यह भी कहा कि मामले की जांच चल रही है और जब आरोपपत्र दायर किया जाएगा तब यह :जांच: समाप्त होगी। अपराध शाखा ने कल जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया उनकी पहचान आरआईएल के शैलेष सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केयर्न से के के नाईक, जूबिलैंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और एडीएजी रिलायंस के रिषि आनंद के रूप में हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें यह जानने की जरूरत है कि यह कब से चल रहा था और किन लोगों को इससे लाभ पहुंचा। पुलिस के अनुसार, कंपनियों के ये सभी अधिकारी चुराये गये दस्तावेज प्राप्त करते थे जो कि उनके कार्यालय परिसरों पर छापे के दौरान बरामद किये गये। उल्लेखनीय है कि सक्सेना रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) में कारपोरेट मामले के प्रबंधक हैं, जबकि चन्द्रा जुबिलैंट एनर्जी के वरिष्ठ कार्यकारी हैं। आनंद रिलायंस एडीएजी में उपमहाप्रबंधक हैं। विनय एस्सार के उप-महाप्रबंधक जबकि नायक केयर्न इंडिया में महाप्रबंधक हैं।
2
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: राष्‍ट्रपति चुनाव : आम सहमति बनाने के लिए विपक्षी नेताओं से मिले राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू
यह एक लेख है: शुक्रवार को बीजेपी नेताओं राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति चुनाव के मसले पर सोनिया गांधी से मुलाकात की. इसके पहले वेंकैया नायडू ने कई नेताओं से बात की. लेकिन आम राय की चाहे जितनी बात हो रही हो, अभी तक नाम एक भी नहीं आया है. राष्ट्रपति चुनाव पर आम राय बनाने सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे वेंकैया और राजनाथ ने कोई नाम नहीं बताया जिस पर आम राय बनाई जा सके. कांग्रेस ने यही सवाल उठाते हुए सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि बीजेपी लीडर राष्ट्रपति चुनाव के लिए नाम लेकर आएंगे जिनपर विपक्ष विचार कर पाए. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सरकार की तरफ से कोई नाम नहीं आया. उल्टे उन्होंने हमसे ही नाम पूछ लिया."टिप्पणियां बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "जब नाम ही सरकार नहीं रखेगी तो सहमति कैसे बनेगी...बात किस पर होगी? ये सच है कि एनडीए के भीतर भी तरह-तरह के नाम आ-जा रहे हैं. शिवसेना ने पहले मोहन भागवत का नाम लिया और फिर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का. इस बीच शुक्रवार को मोहन भागवत ने राष्ट्रपति से शिष्टाचार मुलाकात की तो ये भी ख़बर बन गई. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह और वैंकेया नायडू ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की. बैठक के बाद येचुरी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति बनना चाहिये जिसकी धर्मनिरपेक्ष छवि हो और संविधान की उसे अच्छी जानकारी हो. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पहले दौर की बातचीत में ना सरकार ने अपने पत्ते खोले और ना ही विपक्ष ने. साफ है, राष्ट्रपति चुनावों से पहले  राजनीतिक जोर-आज़माइश का ये खेल अभी कुछ दिन और जारी रहेगा. बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "जब नाम ही सरकार नहीं रखेगी तो सहमति कैसे बनेगी...बात किस पर होगी? ये सच है कि एनडीए के भीतर भी तरह-तरह के नाम आ-जा रहे हैं. शिवसेना ने पहले मोहन भागवत का नाम लिया और फिर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का. इस बीच शुक्रवार को मोहन भागवत ने राष्ट्रपति से शिष्टाचार मुलाकात की तो ये भी ख़बर बन गई. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह और वैंकेया नायडू ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की. बैठक के बाद येचुरी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति बनना चाहिये जिसकी धर्मनिरपेक्ष छवि हो और संविधान की उसे अच्छी जानकारी हो. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पहले दौर की बातचीत में ना सरकार ने अपने पत्ते खोले और ना ही विपक्ष ने. साफ है, राष्ट्रपति चुनावों से पहले  राजनीतिक जोर-आज़माइश का ये खेल अभी कुछ दिन और जारी रहेगा. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह और वैंकेया नायडू ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की. बैठक के बाद येचुरी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति बनना चाहिये जिसकी धर्मनिरपेक्ष छवि हो और संविधान की उसे अच्छी जानकारी हो. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पहले दौर की बातचीत में ना सरकार ने अपने पत्ते खोले और ना ही विपक्ष ने. साफ है, राष्ट्रपति चुनावों से पहले  राजनीतिक जोर-आज़माइश का ये खेल अभी कुछ दिन और जारी रहेगा.
8
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: तुर्की में इससे पहले भी हो चुके हैं सैन्य तख्तापलट, क्यों और कैसे, पढ़ें पूरी जानकारी
लेख: इस समय सेना ने तर्क दिया कि देश में राजनीतिक स्तर पर इस्लाम के ज्यादा प्रयोग होने लगा है। सेना के जनरल इस्माइल हक्कल करादेल ने सरकार के प्रमुख नेकमेट्टिन एर्बाकन को कुछ निर्देश दिए। इसमें कई धार्मिक स्कूलों को बंद करने, यूनिवर्सिटी में सिर पर टोपी पहनने पर रोक लगाने के लिए कहा। इसके बाद सेना के दबाव में प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। एक अंतरिम सरकार बनाई और सेना ने 1998 में वेल्फेयर पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया। इसी साल एर्दोगान जो उस समय इस्तांबुल के मेयर थे, को जेल में भेज दिया गया था, साथ ही पांच सालों के लिए उनके राजनीति करने पर भी रोक लगा दी गई थी। यह सजा उन्हें पब्लिक के बीच में एक इस्लामिक कविता पढ़ने के लिए दी गई थी। 1999 में फिर चुनाव हुए। 2014 में एर्दोगान देश के राष्ट्रपति चुने गए थे। इसी साल एर्दोगान जो उस समय इस्तांबुल के मेयर थे, को जेल में भेज दिया गया था, साथ ही पांच सालों के लिए उनके राजनीति करने पर भी रोक लगा दी गई थी। यह सजा उन्हें पब्लिक के बीच में एक इस्लामिक कविता पढ़ने के लिए दी गई थी। 1999 में फिर चुनाव हुए। 2014 में एर्दोगान देश के राष्ट्रपति चुने गए थे।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: खुदरा ग्राहकों की लिवाली के कारण सेंसेक्स में तेजी
लेख: बंबई स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में एशियाई क्षेत्र में फंडों और खुदरा ग्राहकों की लिवाली बरकरार रहने के कारण 61 अंकों की तेजी दर्ज हुई।टिप्पणियां स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में तेजी के बीच तीस शेयरों वाले सूचकांक में 61.25 अंक या 0.43 फीसदी की तेजी दर्ज हुई। सूचकांक में पिछले तीन सत्रों में करीब 437 अंकों की तेजी दर्ज हुई। इधर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 16.75 अंक या 0.31 फीसदी चढ़कर 5,373.45 के स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद बीच एशियाई क्षेत्रा में आई तेजी और फंडों व खुदरा निवेशकों की लिवाली जारी रही, जिससे कारोबारी रुख मजबूत रहा। स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में तेजी के बीच तीस शेयरों वाले सूचकांक में 61.25 अंक या 0.43 फीसदी की तेजी दर्ज हुई। सूचकांक में पिछले तीन सत्रों में करीब 437 अंकों की तेजी दर्ज हुई। इधर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 16.75 अंक या 0.31 फीसदी चढ़कर 5,373.45 के स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद बीच एशियाई क्षेत्रा में आई तेजी और फंडों व खुदरा निवेशकों की लिवाली जारी रही, जिससे कारोबारी रुख मजबूत रहा। अमेरिका द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद बीच एशियाई क्षेत्रा में आई तेजी और फंडों व खुदरा निवेशकों की लिवाली जारी रही, जिससे कारोबारी रुख मजबूत रहा।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: यहां पूरे रमजान मस्जिदों से दागे जाते हैं तोप से गोले, इसी से पता चलता है इफ्तार-सहरी का समय
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दुनिया भर में रमजान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इस साल 27 मई से 24 जून तक रमजान होने की बात कही जा रही है. विविधता में एकता वाले देश भारत में रमजान के कई रंग देखने को मिलते हैं. रोजा, इफ्तार और सहरी पर हर शहरों की अपनी परंपराओं का असर दिखता है. ऐसे में हम आपको मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से जुड़ी रमजान की एक अनोखी परंपरा से रूबरू करा रहे हैं. रायसेन स्थित मस्जिद में पारंपरिक तोप से गोले दागकर लोगों को चांद दिखने की सूचना दी जाती है. चांद का दीदार करने के बाद शहर के काजी मस्जिदों से बारूदी गोले दागते हैं, जिसकी आवाज सुनकर लोग समझ जाते हैं कि अगले दिन से रोजा रखना है. इतना ही नहीं पूरे रमजान में मस्जिद से गोले दागे जाते हैं, जिसकी आवाज सुनकर लोग सहरी और इफ्तार का वक्त जान पाते हैं. टिप्पणियां मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार मस्जिद कमिटी ने रमजान के लिए खास तरह के गोले मंगवाए हैं. इन्हें दागे जाने पर रंगीन धुंए निकलेंगे. मसाजिद कमेटी के प्रभारी सेकेट्री यासिर अराफात के हवाले से बताया जा रहा है कि भोपाल के अलावा सीहोर व रायसेन जिलों की मस्जिदों में ये गोले भेजने का जिम्मा मसाजिद कमेटी के पास है. कमेटी भोपाल की 50, सीहोर में 30 व रायसेन जिले में 20 मस्जिदों को गोले भेजती है.  रमजान पर हर मस्जिद को करीब 60 गोले दिए जाते हैं. माहे रमजान में दागे जाने वाले गोले का खर्च मसाजिद कमेटी उठाती है. रमजान में इसे चलाने के लिए स्थानीय डीएम से खासतौर से लाइसेंस लिया जाता है. बताया जाता है कि रायसेन के किले में रखे पुराने तोप से ही सारे गोले दागे जाते हैं. इस तोप में आग के सहारे गोले दागे जाते हैं. तोप का मुंह आसमान की तरफ रखा जाता है ताकि किसी को नुकसान न हो. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार मस्जिद कमिटी ने रमजान के लिए खास तरह के गोले मंगवाए हैं. इन्हें दागे जाने पर रंगीन धुंए निकलेंगे. मसाजिद कमेटी के प्रभारी सेकेट्री यासिर अराफात के हवाले से बताया जा रहा है कि भोपाल के अलावा सीहोर व रायसेन जिलों की मस्जिदों में ये गोले भेजने का जिम्मा मसाजिद कमेटी के पास है. कमेटी भोपाल की 50, सीहोर में 30 व रायसेन जिले में 20 मस्जिदों को गोले भेजती है.  रमजान पर हर मस्जिद को करीब 60 गोले दिए जाते हैं. माहे रमजान में दागे जाने वाले गोले का खर्च मसाजिद कमेटी उठाती है. रमजान में इसे चलाने के लिए स्थानीय डीएम से खासतौर से लाइसेंस लिया जाता है. बताया जाता है कि रायसेन के किले में रखे पुराने तोप से ही सारे गोले दागे जाते हैं. इस तोप में आग के सहारे गोले दागे जाते हैं. तोप का मुंह आसमान की तरफ रखा जाता है ताकि किसी को नुकसान न हो. माहे रमजान में दागे जाने वाले गोले का खर्च मसाजिद कमेटी उठाती है. रमजान में इसे चलाने के लिए स्थानीय डीएम से खासतौर से लाइसेंस लिया जाता है. बताया जाता है कि रायसेन के किले में रखे पुराने तोप से ही सारे गोले दागे जाते हैं. इस तोप में आग के सहारे गोले दागे जाते हैं. तोप का मुंह आसमान की तरफ रखा जाता है ताकि किसी को नुकसान न हो.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: मैं नरेंद्र मोदी की तरह कायर नहीं कि अपना रिश्ता छिपाऊं : दिग्विजय सिंह
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक महिला पत्रकार से अपने रिश्ते की स्वीकारोक्ति को हथियार बनाते हुए नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि वह मोदी की तरह कायर नहीं हैं, जो सालों तक अपनी शादीशुदा जिंदगी के बारे में छिपाते रहे। कांग्रेस ने जहां इस सवाल पर सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी कि क्या दिग्विजय के बयान से पार्टी को किसी तरह की शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। वहीं कांग्रेस नेता के बेटे और मध्य प्रदेश से विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि फिर से शादी करने का उनके पिता का फैसला निजी मामला है और वह अपने पिता को पूरा समर्थन देते हैं। 67-वर्षीय दिग्विजय ने संवाददाताओं से कहा, जहां तक मेरी बात है, मैं अपने रिश्ते को नहीं छिपाता जैसा कि मोदी करते हैं। इस मामले में मेरा रुख बिल्कुल साफ है। मैं कायर नहीं हूं, जो कि दुर्भाग्य से नरेंद्र मोदी हैं। मोदी द्वारा पिछले महीने पहली बार अपनी शादी की बात स्वीकार किए जाने के बाद लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन पर हमला करने वालों में दिग्विजय भी आगे थे। मोदी ने पिछले महीने वड़ोदरा लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करते समय हलफनामे में पहली बार कहा था कि उनकी पत्नी का नाम जशोदाबेन है। इससे पहले तक मोदी हलफनामे में वैवाहिक स्थिति वाला खाना खाली छोड़ते रहे हैं। उधर, एआईसीसी की ब्रीफिंग में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दिग्विजय के बयान से कांग्रेस को किसी तरह की शर्मिंदगी के सवालों का सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, मैं लोगों की निजी जिंदगी पर टिप्पणी नहीं करता, फिर वे चाहें कांग्रेस के हों या अन्य दलों के। यह संबंधित व्यक्ति पर छोड़ देना ही सबसे अच्छा होगा। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने बुधवार को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर घोषणा की थी कि उनके टीवी एंकर अमृता राय से संबंध हैं, जो अपने पति के साथ आपसी सहमति के आधार पर तलाक की अर्जी दायर कर चुकी हैं।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों ने किया भारत-इंग्लैड सीरीज का बहिष्कार
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों ने बीसीसीआई द्वारा कुछ फोटो एजेंसियों पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हुई टेस्ट क्रिकेट शृंखला का बहिष्कार करने का फैसला किया। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों थामसन रायटर्स, एएफपी और एपी ने दौरे की रिपोर्ट और तस्वीरें जारी नहीं करने का फैसला किया है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय एजेंसी द प्रेस एसोसिएशन भी फोटो जारी नहीं करेगी। न्यूज मीडिया कोयलिशन (एनएमसी) द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया संगठनों के समूह एनएमसी ने कहा, गैट्टी इमेज, एक्शन इमेज और दो भारतीय फोटो एजेंसियों को रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसयों ने इस दौरे की तस्वीरें और रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है। इसने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा फोटो एजेंसियों पर रोक लगाए जाने के मायने हैं कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को प्रेस फोटोग्राफरों से इस शृंखला की बहुत कम तस्वीरें मिल सकेंगी। इसने आगे कहा, आमतौर पर एजेंसियां अपनी कवरेज के तहत हजारों तस्वीरें जारी करती हैं, जो क्रिकेटप्रेमियों और उत्साही प्रायोजकों के आनंद के लिए होती हैं। बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया। टिप्पणियां लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों थामसन रायटर्स, एएफपी और एपी ने दौरे की रिपोर्ट और तस्वीरें जारी नहीं करने का फैसला किया है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय एजेंसी द प्रेस एसोसिएशन भी फोटो जारी नहीं करेगी। न्यूज मीडिया कोयलिशन (एनएमसी) द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया संगठनों के समूह एनएमसी ने कहा, गैट्टी इमेज, एक्शन इमेज और दो भारतीय फोटो एजेंसियों को रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसयों ने इस दौरे की तस्वीरें और रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है। इसने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा फोटो एजेंसियों पर रोक लगाए जाने के मायने हैं कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को प्रेस फोटोग्राफरों से इस शृंखला की बहुत कम तस्वीरें मिल सकेंगी। इसने आगे कहा, आमतौर पर एजेंसियां अपनी कवरेज के तहत हजारों तस्वीरें जारी करती हैं, जो क्रिकेटप्रेमियों और उत्साही प्रायोजकों के आनंद के लिए होती हैं। बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया। टिप्पणियां लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया संगठनों के समूह एनएमसी ने कहा, गैट्टी इमेज, एक्शन इमेज और दो भारतीय फोटो एजेंसियों को रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसयों ने इस दौरे की तस्वीरें और रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है। इसने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा फोटो एजेंसियों पर रोक लगाए जाने के मायने हैं कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को प्रेस फोटोग्राफरों से इस शृंखला की बहुत कम तस्वीरें मिल सकेंगी। इसने आगे कहा, आमतौर पर एजेंसियां अपनी कवरेज के तहत हजारों तस्वीरें जारी करती हैं, जो क्रिकेटप्रेमियों और उत्साही प्रायोजकों के आनंद के लिए होती हैं। बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया। टिप्पणियां लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया। टिप्पणियां लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: चौथी तिमाही में इन्फोसिस का मुनाफा 27.4 प्रतिशत बढ़ा
लेख: देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इन्फोसिस ने 31 मार्च 2012 को समाप्त चौथी तिमाही में 27.4 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,316 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। इन्फोसिस ने बीएसई को सूचित किया है कि जनवरी-मार्च 2010-11 में यह मुनाफा 1,818 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही दर तिमाही के आधार पर कंपनी के शुद्ध लाभ में हालांकि 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आमदनी 22 प्रतिशत बढ़कर 8,852 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल 7,250 करोड़ रुपये रही थी। इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा है, ‘‘आय में कमी के साथ हमारे लिए काफी कठिन तिमाही रही। वैश्विक मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव उद्योग के लिए चुनौती बना रहेगा।’’ कंपनी ने आने वाले समय में चुनौतियों के प्रति आगाह किया है। कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 21.88 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 8,316 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया जो पिछले वित्त वर्ष में 6,823 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य वित्त वर्ष में कंपनी की आय 22.66 प्रतिशत बढ़कर 33,734 करोड़ रुपये हो गई। टिप्पणियां इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। इन्फोसिस ने बीएसई को सूचित किया है कि जनवरी-मार्च 2010-11 में यह मुनाफा 1,818 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही दर तिमाही के आधार पर कंपनी के शुद्ध लाभ में हालांकि 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आमदनी 22 प्रतिशत बढ़कर 8,852 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल 7,250 करोड़ रुपये रही थी। इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा है, ‘‘आय में कमी के साथ हमारे लिए काफी कठिन तिमाही रही। वैश्विक मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव उद्योग के लिए चुनौती बना रहेगा।’’ कंपनी ने आने वाले समय में चुनौतियों के प्रति आगाह किया है। कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 21.88 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 8,316 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया जो पिछले वित्त वर्ष में 6,823 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य वित्त वर्ष में कंपनी की आय 22.66 प्रतिशत बढ़कर 33,734 करोड़ रुपये हो गई। टिप्पणियां इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आमदनी 22 प्रतिशत बढ़कर 8,852 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल 7,250 करोड़ रुपये रही थी। इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा है, ‘‘आय में कमी के साथ हमारे लिए काफी कठिन तिमाही रही। वैश्विक मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव उद्योग के लिए चुनौती बना रहेगा।’’ कंपनी ने आने वाले समय में चुनौतियों के प्रति आगाह किया है। कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 21.88 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 8,316 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया जो पिछले वित्त वर्ष में 6,823 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य वित्त वर्ष में कंपनी की आय 22.66 प्रतिशत बढ़कर 33,734 करोड़ रुपये हो गई। टिप्पणियां इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 21.88 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 8,316 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया जो पिछले वित्त वर्ष में 6,823 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य वित्त वर्ष में कंपनी की आय 22.66 प्रतिशत बढ़कर 33,734 करोड़ रुपये हो गई। टिप्पणियां इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: यूनिटेक का दूसरी तिमाही का शुद्ध लाभ 47 प्रतिशत घटा
यह एक लेख है: रीयल एस्टेट कंपनी यूनिटेक का 30 सितंबर को समाप्त चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 46.80 प्रतिशत घटकर 49.19 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में उसने 92.46 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था। तिमाही के दौरान कंपनी की एकीकृत शुद्ध आय 20.54 फीसदी घटकर 539.83 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में 679.35 करोड़ रुपये थी। 30 सितंबर तक यूनिटेक पर कुल 5,566 करोड़ रुपये का कर्ज था। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में उसने 92.46 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था। तिमाही के दौरान कंपनी की एकीकृत शुद्ध आय 20.54 फीसदी घटकर 539.83 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में 679.35 करोड़ रुपये थी। 30 सितंबर तक यूनिटेक पर कुल 5,566 करोड़ रुपये का कर्ज था।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: राजस्थान : स्थानीय निकाय उपचुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को दिया करारा झटका
यह लेख है: राजस्थान में गत शुक्रवार को संपन्न हुए निकाय चुनाव के परिणाम रविवार को घोषित कर दिए गए. नतीजों के अनुसार कांग्रेस ने 37 में से 19 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि बीजेपी को 10 सीटों पर संतोष करना पड़ा. 6 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे, जबकि दो सीटें बहुजन समाज पार्टी ने जीतीं. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नतीजों के अनुसार राजस्थान में 6 जिलों की सात नगरपालिका, सात वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य और 17 जिलों की 24 पंचायत समिति सदस्यों का उपचुनाव गत 5 अगस्त को हुआ एवं रविवार को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए गए. आयोग के अनुसार 6 जिलों के जिला परिषद सदस्यों के उपचुनाव में कांग्रेस ने 4 और बीजेपी तथा बसपा ने 1-1 सीट पर विजय हासिल की है. 24 पंचायत समिति के पंचायत सदस्यों के उपचुनाव में 13 सीटों पर कांग्रेस विजयी रही, जबकि बीजेपी ने 7 सीटों पर, निर्दलीयों ने 3, और बसपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज की. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज के उपचुनाव में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नतीजों के अनुसार राजस्थान में 6 जिलों की सात नगरपालिका, सात वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य और 17 जिलों की 24 पंचायत समिति सदस्यों का उपचुनाव गत 5 अगस्त को हुआ एवं रविवार को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए गए. आयोग के अनुसार 6 जिलों के जिला परिषद सदस्यों के उपचुनाव में कांग्रेस ने 4 और बीजेपी तथा बसपा ने 1-1 सीट पर विजय हासिल की है. 24 पंचायत समिति के पंचायत सदस्यों के उपचुनाव में 13 सीटों पर कांग्रेस विजयी रही, जबकि बीजेपी ने 7 सीटों पर, निर्दलीयों ने 3, और बसपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज की. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज के उपचुनाव में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आयोग के अनुसार 6 जिलों के जिला परिषद सदस्यों के उपचुनाव में कांग्रेस ने 4 और बीजेपी तथा बसपा ने 1-1 सीट पर विजय हासिल की है. 24 पंचायत समिति के पंचायत सदस्यों के उपचुनाव में 13 सीटों पर कांग्रेस विजयी रही, जबकि बीजेपी ने 7 सीटों पर, निर्दलीयों ने 3, और बसपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज की. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज के उपचुनाव में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज के उपचुनाव में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: ईरान समेत छह शक्तियों ने परमाणु समझौते के प्रतिबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक किया
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: ईरान समेत छह विश्व शक्तियों ने एक असाधारण कदम उठाते हुए अपने परमाणु समझौते के गोपनीय दस्तावेज जारी किए हैं और जताने की कोशिश की है कि संवर्धित यूरेनियम की सीमा के बारे में तेहरान झूठ नहीं बोल रहा. संवर्धित यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए किया जाता है. कुछ दस्तावेज 6 जनवरी, 2016 के हैं, इसके कुछ ही समय बाद समझौता लागू हो गया था. लेकिन इन्हें सार्वजनिक कल ही किया गया है और परमाणु समझौते की निगरानी कर रहे इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की वेबसाइट पर इन्हें डाला गया है. समझौते के मुताबिक ईरान केवल कम संवर्धित यूरेनियम ही रख सकता है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने में नहीं किया जा सकता और इसकी भी सीमा 300 किलोग्राम तक है जो हथियार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है.टिप्पणियां जब यह समझौता हुआ तब ईरान के पास 100 किलोग्राम से ज्यादा कम संवर्धित यूरेनियम युक्त तरल या ठोस कचरा था. कल जारी दस्तावेजों में घोषणा की गई है उसके पास मौजूद कम संवर्धित यूरोनियम पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता इसलिए यह 300 किलो की सीमा का हिस्सा नहीं है. दस्तावेज जारी करने की एक वजह यह है कि आगामी अमेरिकी प्रशासन ने नोटिस देकर समझौते से बाहर होने की इच्छा जताई है. कुछ दस्तावेज 6 जनवरी, 2016 के हैं, इसके कुछ ही समय बाद समझौता लागू हो गया था. लेकिन इन्हें सार्वजनिक कल ही किया गया है और परमाणु समझौते की निगरानी कर रहे इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की वेबसाइट पर इन्हें डाला गया है. समझौते के मुताबिक ईरान केवल कम संवर्धित यूरेनियम ही रख सकता है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने में नहीं किया जा सकता और इसकी भी सीमा 300 किलोग्राम तक है जो हथियार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है.टिप्पणियां जब यह समझौता हुआ तब ईरान के पास 100 किलोग्राम से ज्यादा कम संवर्धित यूरेनियम युक्त तरल या ठोस कचरा था. कल जारी दस्तावेजों में घोषणा की गई है उसके पास मौजूद कम संवर्धित यूरोनियम पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता इसलिए यह 300 किलो की सीमा का हिस्सा नहीं है. दस्तावेज जारी करने की एक वजह यह है कि आगामी अमेरिकी प्रशासन ने नोटिस देकर समझौते से बाहर होने की इच्छा जताई है. समझौते के मुताबिक ईरान केवल कम संवर्धित यूरेनियम ही रख सकता है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने में नहीं किया जा सकता और इसकी भी सीमा 300 किलोग्राम तक है जो हथियार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है.टिप्पणियां जब यह समझौता हुआ तब ईरान के पास 100 किलोग्राम से ज्यादा कम संवर्धित यूरेनियम युक्त तरल या ठोस कचरा था. कल जारी दस्तावेजों में घोषणा की गई है उसके पास मौजूद कम संवर्धित यूरोनियम पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता इसलिए यह 300 किलो की सीमा का हिस्सा नहीं है. दस्तावेज जारी करने की एक वजह यह है कि आगामी अमेरिकी प्रशासन ने नोटिस देकर समझौते से बाहर होने की इच्छा जताई है. जब यह समझौता हुआ तब ईरान के पास 100 किलोग्राम से ज्यादा कम संवर्धित यूरेनियम युक्त तरल या ठोस कचरा था. कल जारी दस्तावेजों में घोषणा की गई है उसके पास मौजूद कम संवर्धित यूरोनियम पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता इसलिए यह 300 किलो की सीमा का हिस्सा नहीं है. दस्तावेज जारी करने की एक वजह यह है कि आगामी अमेरिकी प्रशासन ने नोटिस देकर समझौते से बाहर होने की इच्छा जताई है. दस्तावेज जारी करने की एक वजह यह है कि आगामी अमेरिकी प्रशासन ने नोटिस देकर समझौते से बाहर होने की इच्छा जताई है.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की फांसी रोकने की याचिका खारिज की, कहा - पर्याप्त मौका मिला
लेख: मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को मौत की सजा से बचाने के एक और आखिरी प्रयास के तहत उसके वकीलों ने बुधवार देर रात सुप्रीम कोर्ट का रुख कर फांसी पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याकूब को पर्याप्त मौके दिए गए। याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को रात में पहली बार खोला गया। यह भारतीय इतिहास में ऐतिहासिक घटना है। बताया जा रहा है कि कोर्ट नंबर चार में यह सुनवाई हुई। सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी मामले की पैरवी कर रहे थे। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय थे, जिसने याकूब के खिलाफ डेथ वारंट को बरकरार रखा था।इससे पहले याकूब के वकील आनंद ग्रोवर की दलील थी कि याकूब को 14 दिनों की मोहलत मिले। दया याचिका दायर करने का उनका अधिकार है। वहीं, रोहतगी का कहना है कि डेथ वारंट से पहले लगानी थी याचिका। ऐसे तो हर दिन दया याचिकाएं आएंगी। उन्होंने कहा कि बार-बार दया याचिका भेजना ग़लत है। ताजा याचिका में याकूब की पैरवी कर रहे वकीलों का कहना था कि दया याचिका खारिज होने को चैलेंज करने के लिए उन्हें समय चाहिए, लेकिन अगर याकूब को फांसी हो गई तो कुछ नहीं हो सकेगा। दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, फांसी कम से कम 14 दिन बाद दी जानी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव ने पूर्व में बुधवार को मेमन की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था। याचिका में गुहार लगाई गई कि आदेश पारित किया जाए कि दया याचिका खारिज होने के बाद सर्वोच्च अदालत के दिशा निर्देशों के तहत प्रशासन उसे फांसी के लिए 14 दिन का समय दे। याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को रात में पहली बार खोला गया। यह भारतीय इतिहास में ऐतिहासिक घटना है। बताया जा रहा है कि कोर्ट नंबर चार में यह सुनवाई हुई। सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी मामले की पैरवी कर रहे थे। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय थे, जिसने याकूब के खिलाफ डेथ वारंट को बरकरार रखा था।इससे पहले याकूब के वकील आनंद ग्रोवर की दलील थी कि याकूब को 14 दिनों की मोहलत मिले। दया याचिका दायर करने का उनका अधिकार है। वहीं, रोहतगी का कहना है कि डेथ वारंट से पहले लगानी थी याचिका। ऐसे तो हर दिन दया याचिकाएं आएंगी। उन्होंने कहा कि बार-बार दया याचिका भेजना ग़लत है। ताजा याचिका में याकूब की पैरवी कर रहे वकीलों का कहना था कि दया याचिका खारिज होने को चैलेंज करने के लिए उन्हें समय चाहिए, लेकिन अगर याकूब को फांसी हो गई तो कुछ नहीं हो सकेगा। दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, फांसी कम से कम 14 दिन बाद दी जानी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव ने पूर्व में बुधवार को मेमन की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था। याचिका में गुहार लगाई गई कि आदेश पारित किया जाए कि दया याचिका खारिज होने के बाद सर्वोच्च अदालत के दिशा निर्देशों के तहत प्रशासन उसे फांसी के लिए 14 दिन का समय दे। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय थे, जिसने याकूब के खिलाफ डेथ वारंट को बरकरार रखा था।इससे पहले याकूब के वकील आनंद ग्रोवर की दलील थी कि याकूब को 14 दिनों की मोहलत मिले। दया याचिका दायर करने का उनका अधिकार है। वहीं, रोहतगी का कहना है कि डेथ वारंट से पहले लगानी थी याचिका। ऐसे तो हर दिन दया याचिकाएं आएंगी। उन्होंने कहा कि बार-बार दया याचिका भेजना ग़लत है। ताजा याचिका में याकूब की पैरवी कर रहे वकीलों का कहना था कि दया याचिका खारिज होने को चैलेंज करने के लिए उन्हें समय चाहिए, लेकिन अगर याकूब को फांसी हो गई तो कुछ नहीं हो सकेगा। दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, फांसी कम से कम 14 दिन बाद दी जानी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव ने पूर्व में बुधवार को मेमन की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था। याचिका में गुहार लगाई गई कि आदेश पारित किया जाए कि दया याचिका खारिज होने के बाद सर्वोच्च अदालत के दिशा निर्देशों के तहत प्रशासन उसे फांसी के लिए 14 दिन का समय दे। इससे पहले याकूब के वकील आनंद ग्रोवर की दलील थी कि याकूब को 14 दिनों की मोहलत मिले। दया याचिका दायर करने का उनका अधिकार है। वहीं, रोहतगी का कहना है कि डेथ वारंट से पहले लगानी थी याचिका। ऐसे तो हर दिन दया याचिकाएं आएंगी। उन्होंने कहा कि बार-बार दया याचिका भेजना ग़लत है। ताजा याचिका में याकूब की पैरवी कर रहे वकीलों का कहना था कि दया याचिका खारिज होने को चैलेंज करने के लिए उन्हें समय चाहिए, लेकिन अगर याकूब को फांसी हो गई तो कुछ नहीं हो सकेगा। दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, फांसी कम से कम 14 दिन बाद दी जानी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव ने पूर्व में बुधवार को मेमन की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था। याचिका में गुहार लगाई गई कि आदेश पारित किया जाए कि दया याचिका खारिज होने के बाद सर्वोच्च अदालत के दिशा निर्देशों के तहत प्रशासन उसे फांसी के लिए 14 दिन का समय दे। ताजा याचिका में याकूब की पैरवी कर रहे वकीलों का कहना था कि दया याचिका खारिज होने को चैलेंज करने के लिए उन्हें समय चाहिए, लेकिन अगर याकूब को फांसी हो गई तो कुछ नहीं हो सकेगा। दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, फांसी कम से कम 14 दिन बाद दी जानी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव ने पूर्व में बुधवार को मेमन की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था। याचिका में गुहार लगाई गई कि आदेश पारित किया जाए कि दया याचिका खारिज होने के बाद सर्वोच्च अदालत के दिशा निर्देशों के तहत प्रशासन उसे फांसी के लिए 14 दिन का समय दे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव ने पूर्व में बुधवार को मेमन की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था। याचिका में गुहार लगाई गई कि आदेश पारित किया जाए कि दया याचिका खारिज होने के बाद सर्वोच्च अदालत के दिशा निर्देशों के तहत प्रशासन उसे फांसी के लिए 14 दिन का समय दे। याचिका में गुहार लगाई गई कि आदेश पारित किया जाए कि दया याचिका खारिज होने के बाद सर्वोच्च अदालत के दिशा निर्देशों के तहत प्रशासन उसे फांसी के लिए 14 दिन का समय दे।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: नोटबंदी के ऐलान के दिन आरबीआई के पास 500 रुपये का एक भी नया नोट नहीं था
यह एक लेख है: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त नकदी है, जो 30 दिसंबर के बाद भी उपलब्ध रहेगी. लेकिन क्या नोटबंदी के ऐलान वाले दिन यानी 8 नवंबर को भी हालात ऐसे ही थे? हकीकत में उस दिन नए नोटों का अनुपात रद्द किए गए नोटों की तुलना में एक-चौथाई से कम यानी सिर्फ 24.11% ही था. यही नहीं सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक उस दिन आरबीआई के पास 500 का एक भी नया नोट नहीं था.   वित्तमंत्री ने कहा है कि  "पूरी तैयारी के साथ यह फैसला लिया गया था. नोटबंदी की घोषणा के बाद एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ, जिस दिन आरबीआई ने बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से पर्याप्त धन की आपूर्ति न की हो." लेकिन जो आंकड़े आए हैं उन्हें देखकर लगता है कि नोटबंदी के दौरान बैंक और एटीएम के बाहर लंबी कतार का जिम्मेदार रिजर्व बैंक भी है. आरटीआई से मिले दस्तावेजों के मुताबिक 8 नवंबर को भारतीय रिजर्व बैंक के पास 10, 20, 50, 100, 500 और 1000 रुपए के कुल 23,93,753.39 करोड़ के नोट उपलब्ध थे, जिसमें 500 रुपये का एक भी नया नोट रिजर्व बैंक में मौजूद नहीं था. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के मुताबिक जो पुराना स्टॉक था उसमें करीब 24 लाख करोड़ रुपये की करेंसी उपलब्ध थी जिसमें 500-1000 रुपये के नोटों की कीमत 21 लाख करोड़ थी जिसकी वजह से लोगों की बहुत तकलीफ हुई. रद्दी नोटों के ऐवज़ में 2000 के नए छपे नोटों का मूल्य 4.95 लाख करोड़ था. यानी कहीं न कहीं लगभग डेढ़ महीने बाद भी अगर कतार छोटी नहीं हो रही तो उसकी बड़ी वजह बदइंतजामी भी है. आरटीआई से मिले आंकड़ों से साफ है कि अर्थव्यवस्था को लेकर इतना बड़ा कदम उठाने से पहले न तो पूरी स्थिति का आकलन किया गया और न ही समुचित उपाय. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के मुताबिक जो पुराना स्टॉक था उसमें करीब 24 लाख करोड़ रुपये की करेंसी उपलब्ध थी जिसमें 500-1000 रुपये के नोटों की कीमत 21 लाख करोड़ थी जिसकी वजह से लोगों की बहुत तकलीफ हुई. रद्दी नोटों के ऐवज़ में 2000 के नए छपे नोटों का मूल्य 4.95 लाख करोड़ था. यानी कहीं न कहीं लगभग डेढ़ महीने बाद भी अगर कतार छोटी नहीं हो रही तो उसकी बड़ी वजह बदइंतजामी भी है. आरटीआई से मिले आंकड़ों से साफ है कि अर्थव्यवस्था को लेकर इतना बड़ा कदम उठाने से पहले न तो पूरी स्थिति का आकलन किया गया और न ही समुचित उपाय.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: हम पूरी तरह से नई टीम चाहते थे : गैरी कर्स्टन
लेख: वीरेंद्र सहवाग को टीम में बरकरार नहीं रखने के फैसले को लेकर चर्चाओं के लंबे दौर के बीच दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच गैरी कर्स्टन का मानना है कि पूरी नई टीम चुनने का फैसला पहले से लिया गया था। कर्स्टन ने कहा, नीलामी के समय ही हमने पूरी नई टीम चुनने का फैसला किया था। हम पिछले साल के एक भी खिलाड़ी को टीम में नहीं रखना चाहते थे। हम नई टीम चाहते थे। यह फैसला सही था या नहीं लेकिन यही विकल्प था। नए कप्तान केविन पीटरसन और कुछ नए खिलाड़ियों के साथ अभ्यास के पहले दिन कर्स्टन ने टीम के तालमेल पर अधिक जोर दिया। उन्होंने कहा, मैच से पहले आठ दिन बचे हैं और आपस में तालमेल बहुत जरूरी है। सभी को एक-दूसरे की सोहबत का लुत्फ लेना होगा। आईपीएल में कोचिंग कर्स्टन के लिए बिल्कुल नया अनुभव होगा। उन्होंने कहा, मेरे लिए यह नई चुनौती है और मैं इसके लिए बेकरार हूं। भारत लौटना मुझे अच्छा लगा। मुझे हमेशा से पता था कि मैं कभी ना कभी लौटूंगा। मुझे टी20 क्रिकेट पसंद है और मैंने लगभग सारे मैच देखे हैं। युवराज सिंह के बारे में पूछने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ दिल्ली डेयरडेविल्स के बारे में बोलूंगा।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: अरब में पैदा हुई बेटियों से 28 साल बाद हुआ हैदराबाद में रहने वाली मां का मिलन
लेख: ठीक किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी की तरह असल जिंदगी में भी बेहद नाटकीय रूप से 60 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला 28 साल के अंतराल के बाद गुरुवार को अपनी दो बेटियों से मिली। यह मिलन हैदराबाद पुलिस (दक्षिण क्षेत्र) के डीसीपी सत्यनारायण और हैदराबाद की कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिए संभव हो पाया। हैदराबाद के संतोष नगर की रहने वाली नाजिया बेगम का निकाह पुराने शहर में काजी के दफ्तर में संयुक्त अरब अमीरात के रहने वाले राशिद ईद ओबैद रिफक मासमारी से 1981 में हुआ था। पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार, शादी के बाद अपने पति के साथ संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा सूबे में चार साल रहने के दौरान नाजिया को दो बेटियां आयशा राशिद ईद ओबैद उर्फ कनू राशिद और फातिमा राशिद ईद ओबैद हुईं।टिप्पणियां बहरहाल, राशिद ने नाजिया को तलाक दे दिया जिसके बाद वह अपनी बेटियों के बगैर भारत वापस लौट आई और अब 28 साल बाद आयशा और फातिमा इसी साल जनवरी में अपनी मां को ढूंढती हुईं हैदराबाद आई थीं जहां उन्होंने सत्यनारायण से मदद के लिए सम्पर्क किया। जिसे अंतत: पुलिस ने ढूंढ निकाला। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हैदराबाद के संतोष नगर की रहने वाली नाजिया बेगम का निकाह पुराने शहर में काजी के दफ्तर में संयुक्त अरब अमीरात के रहने वाले राशिद ईद ओबैद रिफक मासमारी से 1981 में हुआ था। पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार, शादी के बाद अपने पति के साथ संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा सूबे में चार साल रहने के दौरान नाजिया को दो बेटियां आयशा राशिद ईद ओबैद उर्फ कनू राशिद और फातिमा राशिद ईद ओबैद हुईं।टिप्पणियां बहरहाल, राशिद ने नाजिया को तलाक दे दिया जिसके बाद वह अपनी बेटियों के बगैर भारत वापस लौट आई और अब 28 साल बाद आयशा और फातिमा इसी साल जनवरी में अपनी मां को ढूंढती हुईं हैदराबाद आई थीं जहां उन्होंने सत्यनारायण से मदद के लिए सम्पर्क किया। जिसे अंतत: पुलिस ने ढूंढ निकाला। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार, शादी के बाद अपने पति के साथ संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा सूबे में चार साल रहने के दौरान नाजिया को दो बेटियां आयशा राशिद ईद ओबैद उर्फ कनू राशिद और फातिमा राशिद ईद ओबैद हुईं।टिप्पणियां बहरहाल, राशिद ने नाजिया को तलाक दे दिया जिसके बाद वह अपनी बेटियों के बगैर भारत वापस लौट आई और अब 28 साल बाद आयशा और फातिमा इसी साल जनवरी में अपनी मां को ढूंढती हुईं हैदराबाद आई थीं जहां उन्होंने सत्यनारायण से मदद के लिए सम्पर्क किया। जिसे अंतत: पुलिस ने ढूंढ निकाला। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बहरहाल, राशिद ने नाजिया को तलाक दे दिया जिसके बाद वह अपनी बेटियों के बगैर भारत वापस लौट आई और अब 28 साल बाद आयशा और फातिमा इसी साल जनवरी में अपनी मां को ढूंढती हुईं हैदराबाद आई थीं जहां उन्होंने सत्यनारायण से मदद के लिए सम्पर्क किया। जिसे अंतत: पुलिस ने ढूंढ निकाला। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: जलजमाव मामले पर आलोचनाओं का सामना कर रहे CM नीतीश कुमार को लेकर क्या बिहार BJP बंट गई?
यह लेख है: पटना के जलजमाव ने नगर विकास विभाग, उसके अंतर्गत नगर निगम, बुडंको जैसी संस्था के साथ-साथ राजनीतिक दल और उनके नेताओं की भी पोल खोल कर रख दी. इसमें सत्तारूढ़ भाजपा में कुछ ज्यादा आंतरिक विवाद सामने आया और इस बात में किसी को शक नहीं रहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा में समर्थक कौन हैं और विरोधी कौन? नीतीश की आलोचना के बहाने कई नेताओं ने अपना राजनीतिक एजेंडा भी खुल कर सामने रख दिया. जहां नीतीश कुमार के समर्थन में बिहार भाजपा के दो वरिष्ठ नेता सुशील मोदी और नंद किशोर यादव एक बार फिर खड़े दिखे. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार का खुलकर विरोध किया, जो राजनीतिक ताना बाना पिछले एक महीने से बुनना शुरू किया था. उन्होंने अपने विरोध के पत्ते सरकार की आलोचना के नाम पर एक बार फिर खुल कर खेले. इसमें उन्हें बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा और बिहार भाजपा के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय जयसवाल का भी साथ मिला. हालांकि, सुरेश शर्मा ने 'अधिकारी मेरी बात नहीं सुनते थे' वाला राग छेड़ा. लेकिन उनकी ये चाल भारी पड़ गई, क्योंकि चौबीस घंटे में उनका एक पुराना वीडिया सामने आया गया, जिसमें वह उसी अधिकारी की तारीफ के पुल बांध रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने यह बयान दिया था. सुरेश शर्मा को मालूम हैं कि जल जमाव के कारण उनकी काबिलियत पर हर कोई सवाल उठा रहा है तो ऐसे में गिरिराज सिंह के पीछे खड़ा होना उन्हें सुरक्षित लगा.  बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी जो इस जलजमाव में खुद आलोचना का सामना कर रहे हैं, उन्होंने ट्वीट कर कहा, एनडीए एकजुट है और नीतीश एक काबिल शासक हैं. इस बयान के जरिए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच गठबंधन के भविष्य को लेकर संशय खत्म करने की कोशिश की.  लेकिन जनता दल यूनाइटेड के नेताओं को अब इस बात का पूरा एहसास हो गया है कि नीतीश कुमार पर गिरिराज सिंह लगातार निशाना साध रहे हैं, और भाजपा का एक तबका (जिसमें शीर्ष नेतृत्व भी शामिल है) उन्हें उसकी मौन सहमति मिली हुई है. आने वाले दिन में भी किसी ना किसी बहाने ऐसे उन्हें नीचा और विफल दिखाने की कोशिश की जाएगी. उन्हें यह भी एहसास हो गया है कि उनके राजनीतिक विरोधी से ज्यादा उनके सहयोगी गुट की तरफ से ही नीतीश कुमार की आलोचना की जाएगी.  हालांकि, भाजपा नेता भी मानते हैं कि नीतीश कुमार के लिए यह राजनीतिक लाभ है कि उनके आलोचक जिस जाति से आते हैं, उनका मुखर और आक्रामक होना नीतीश समर्थकों को उतना ही एकजुट और लामबंद करता हैं. दूसरा जनता दल यूनाइटेड के मंत्री और प्रवक्ता जिस आक्रामकता से अब नीतीश के बचाव में आ गए हैं, उससे भी उनकी तरफ से संदेश साफ है कि फिलहाल सरकार चलाने के लिए अपने नेता के ऊपर बेवजह आलोचना वो बर्दाश्त नहीं करेंगे. जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का कहना है कि अधिकारी की तरफ से खामी रही है, लेकिन इसके किए सभी अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर अपमान करना भी सरकार में बैठे लोगों के लिए एक गलत परंपरा की शुरुआत है.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: भारत के साथ संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर पर चुप्पी को लेकर पाकिस्तान में नवाज शरीफ की आलोचना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात का शुरुआती स्वागत करने के बाद पाकिस्तान के नेताओं और मीडिया ने संयुक्त वक्तव्य में जटिल कश्मीर मुद्दे का कोई जिक्र नहीं होने पर सरकार की आलोचना की है। रूस के उफा शहर में शंघाई सहयोग संगठन के इतर शरीफ और मोदी की मुलाकात हुई, जिसके बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी हुआ। इस वक्तव्य में आतंकवाद का जिक्र किया गया और मुंबई हमलों की सुनवाई तेज़ करने पर जोर दिया गया, जबकि कश्मीर मुद्दा नदारद रहा। इस पर पूर्व विदेशमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता शाह महमूद कुरैशी ने निजी चैनल एक्सप्रेस टीवी से कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र होना चाहिए था। कुरैशी ने कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि कश्मीर बयान का एक हिस्सा नहीं है।' वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सीनेटर रहमान मलिक ने कहा शरीफ के प्रति मोदी का रुख नामुनासिब था। उन्होंने किसी ज़ार की तरह बर्ताव किया और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को अपने 'सिंहासन' की तरफ आने के लिए लंबा गलियारा पार करना पड़ा। मलिक ने कहा, 'कूटनीतिक तौर-रीकों के तहत मोदी ने अपनी पाकिस्तानी समकक्ष के लिए जरा सा भी शिष्टाचार नहीं दिखाया और उनका स्वागत करने के लिए वह कुछ कदम भी नहीं चले।'टिप्पणियां इनके अलावा जियो टीवी के प्रमुख एंकर तलत हुसैन ने कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र नहीं होना शरीफ की नाकामी है। हुसैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि शरीफ बस मोदी को खुश करना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि सरकार को भारत से सकारात्मक जवाब पाने की हड़बड़ी थी।' हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान में कश्मीर के जिक्र की गैरमौजूदगी पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि सरकार को इस पर ढेर सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा। रूस के उफा शहर में शंघाई सहयोग संगठन के इतर शरीफ और मोदी की मुलाकात हुई, जिसके बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी हुआ। इस वक्तव्य में आतंकवाद का जिक्र किया गया और मुंबई हमलों की सुनवाई तेज़ करने पर जोर दिया गया, जबकि कश्मीर मुद्दा नदारद रहा। इस पर पूर्व विदेशमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता शाह महमूद कुरैशी ने निजी चैनल एक्सप्रेस टीवी से कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र होना चाहिए था। कुरैशी ने कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि कश्मीर बयान का एक हिस्सा नहीं है।' वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सीनेटर रहमान मलिक ने कहा शरीफ के प्रति मोदी का रुख नामुनासिब था। उन्होंने किसी ज़ार की तरह बर्ताव किया और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को अपने 'सिंहासन' की तरफ आने के लिए लंबा गलियारा पार करना पड़ा। मलिक ने कहा, 'कूटनीतिक तौर-रीकों के तहत मोदी ने अपनी पाकिस्तानी समकक्ष के लिए जरा सा भी शिष्टाचार नहीं दिखाया और उनका स्वागत करने के लिए वह कुछ कदम भी नहीं चले।'टिप्पणियां इनके अलावा जियो टीवी के प्रमुख एंकर तलत हुसैन ने कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र नहीं होना शरीफ की नाकामी है। हुसैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि शरीफ बस मोदी को खुश करना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि सरकार को भारत से सकारात्मक जवाब पाने की हड़बड़ी थी।' हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान में कश्मीर के जिक्र की गैरमौजूदगी पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि सरकार को इस पर ढेर सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा। इस पर पूर्व विदेशमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता शाह महमूद कुरैशी ने निजी चैनल एक्सप्रेस टीवी से कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र होना चाहिए था। कुरैशी ने कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि कश्मीर बयान का एक हिस्सा नहीं है।' वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सीनेटर रहमान मलिक ने कहा शरीफ के प्रति मोदी का रुख नामुनासिब था। उन्होंने किसी ज़ार की तरह बर्ताव किया और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को अपने 'सिंहासन' की तरफ आने के लिए लंबा गलियारा पार करना पड़ा। मलिक ने कहा, 'कूटनीतिक तौर-रीकों के तहत मोदी ने अपनी पाकिस्तानी समकक्ष के लिए जरा सा भी शिष्टाचार नहीं दिखाया और उनका स्वागत करने के लिए वह कुछ कदम भी नहीं चले।'टिप्पणियां इनके अलावा जियो टीवी के प्रमुख एंकर तलत हुसैन ने कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र नहीं होना शरीफ की नाकामी है। हुसैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि शरीफ बस मोदी को खुश करना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि सरकार को भारत से सकारात्मक जवाब पाने की हड़बड़ी थी।' हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान में कश्मीर के जिक्र की गैरमौजूदगी पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि सरकार को इस पर ढेर सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा। वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सीनेटर रहमान मलिक ने कहा शरीफ के प्रति मोदी का रुख नामुनासिब था। उन्होंने किसी ज़ार की तरह बर्ताव किया और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को अपने 'सिंहासन' की तरफ आने के लिए लंबा गलियारा पार करना पड़ा। मलिक ने कहा, 'कूटनीतिक तौर-रीकों के तहत मोदी ने अपनी पाकिस्तानी समकक्ष के लिए जरा सा भी शिष्टाचार नहीं दिखाया और उनका स्वागत करने के लिए वह कुछ कदम भी नहीं चले।'टिप्पणियां इनके अलावा जियो टीवी के प्रमुख एंकर तलत हुसैन ने कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र नहीं होना शरीफ की नाकामी है। हुसैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि शरीफ बस मोदी को खुश करना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि सरकार को भारत से सकारात्मक जवाब पाने की हड़बड़ी थी।' हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान में कश्मीर के जिक्र की गैरमौजूदगी पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि सरकार को इस पर ढेर सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा। मलिक ने कहा, 'कूटनीतिक तौर-रीकों के तहत मोदी ने अपनी पाकिस्तानी समकक्ष के लिए जरा सा भी शिष्टाचार नहीं दिखाया और उनका स्वागत करने के लिए वह कुछ कदम भी नहीं चले।'टिप्पणियां इनके अलावा जियो टीवी के प्रमुख एंकर तलत हुसैन ने कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र नहीं होना शरीफ की नाकामी है। हुसैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि शरीफ बस मोदी को खुश करना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि सरकार को भारत से सकारात्मक जवाब पाने की हड़बड़ी थी।' हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान में कश्मीर के जिक्र की गैरमौजूदगी पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि सरकार को इस पर ढेर सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा। इनके अलावा जियो टीवी के प्रमुख एंकर तलत हुसैन ने कहा कि संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का जिक्र नहीं होना शरीफ की नाकामी है। हुसैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि शरीफ बस मोदी को खुश करना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि सरकार को भारत से सकारात्मक जवाब पाने की हड़बड़ी थी।' हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान में कश्मीर के जिक्र की गैरमौजूदगी पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि सरकार को इस पर ढेर सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा। हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान में कश्मीर के जिक्र की गैरमौजूदगी पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि सरकार को इस पर ढेर सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: शिवराज के 'खुशहाल' मंत्रालय की जगह CM कमलनाथ बनाएंगे 'आध्यात्मिक विभाग', घोषणा पत्र में किया था वादा
यह एक लेख है: धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग तथा आनंद विभाग को शामिल करते हुए नवगठित होने जा रहे इस प्रस्तावित अध्यात्म विभाग में धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व संचालनालय, तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण ,मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालनालय और राज्य आनंद संस्थान समाहित होंगे।@JansamparkMP आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डॉ. विजय लक्ष्मी साधो को संस्कृति, चिकित्सा शिक्षा तथा आयुष विभाग का दायित्व सौंपा है. सज्जन सिंह वर्मा को लोक निर्माण तथा पर्यावरण विभाग आवंटित किए गए है. हुकुम सिंह कराड़ा जल संसाधन विभाग का दायित्व सम्भालेंगे. डॉ. गोविन्द सिंह को साहकारिता विभाग तथा संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि बाला बच्चन को गृह तथा जेल विभाग सौंपा गया है वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी संबद्ध रहेंगे.  मंत्रिमंडल में आरिफ अकील को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग आवंटित किये गये है. बृजेन्द्र सिंह राठौर को वाणिज्य कर विभाग सौंपा गया है. मंत्रिमंडल में शामिल एकमात्र निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को खनिज साधन विभाग आवंटित किया गया है. लाखन सिंह यादव को पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग का दायित्व सम्भालेंगे. तुलसी सिलावट लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनाये गये है. गोविन्द सिंह राजपूत राजस्व तथा परिवहन विभाग का दायित्व सम्भालेंगे.  इमरती देवी को महिला एवं बाल विकास विभाग आवंटित किया गया है. ओमकार सिंह मरकाम जनजातीय कार्य विभाग, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग मंत्री होंगे. प्रभुराम चौधरी स्कूल शिक्षा मंत्री बनाये गये है. प्रियव्रत सिंह को ऊर्जा विभाग आवंटित किया गया है. सुखदेव पांसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री होंगे. उमंग सिंघार वन मंत्री बनाये गये है. हर्ष यादव को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग तथा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग आवंटित किया गया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री होंगे. जीतू पटवारी को खेल एवं युवा कल्याण तथा उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया है.  कमलेश्वर पटेल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री बनाये गये है तथा लखन घनघोरिया सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग तथा अनुसूचित जाति कल्याण का दायित्व सम्भालेंगे. महेन्द्र सिंह सिसोदिया श्रम मंत्री होंगे. पी.सी. शर्मा विधि एवं विधायी कार्य विभाग के मंत्री बनाये गये है वे मुख्यमंत्री से भी संबद्ध रहेंगे. प्रद्यूम्न सिंह तोमर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री होंगे. पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के छोटे भाई सचिन सुभाष यादव को किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का दायित्व सौंपा गया है. सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल को नर्मदा घाटी विकास विभाग तथा पर्यटन विभाग आवंटित किये गये है और तरूण भनोट को वित्त विभाग तथा योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग सौंपा गया है.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: बैंकों के एटीएम क्यों हो गए खाली, यह है सबसे बड़ा कारण
यह एक लेख है: एटीएम को 200 रुपये के नोट के अनुकूल बनाने में देरी देश के कुछ हिस्सों में नकदी संकट की एक वजह है. सूत्रों ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा 200 रुपये का नोट पेश किए जाने के बाद एटीएम को इसके अनुकूल बनाने का फैसला किया गया. सूत्रों ने बताया कि यह अभियान तुरंत शुरू हो गया लेकिन देश के कुछ हिस्सों में इसमें देरी हुई. रिजर्व बैंक ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में नकदी संकट की एक वजह एटीएम को तेजी से भरने में लॉजिस्टिक की समस्या है. साथ ही एटीएम को नए जारी नोट के अनुकूल बनाने का काम भी चल रहा है. इस बीच, पिछले कुछ दिन से 2,000 रुपये के नोट की छपाई भी रुकी हुई है. आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने कहा कि 2,000 के नोट की और आपूर्ति करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह पहले से ही अत्यधिक आपूर्ति की स्थिति में है. पढ़ें : देशभर में क्यों हो रही कैश की क़िल्लत? ये हैं 10 वजहटिप्पणियां बता दें कि आज लगातार दूसरे दिन भी कई जगहों पर एटीएम ख़ाली पड़े हैं. नो कैश का बोर्ड लगा हुआ है. कई जगह लोग लाइन में खड़े हैं. इस बीच वित्त मंत्रालय का कहना है कि बाज़ार में पर्याप्त से ज़्यादा नक़दी है. अचानक डिमांड की वजह से कुछ राज्यों में कमी है, जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है. 1.5 लाख करोड़ से ज्‍यादा की करेंसी हमारे पास है. थोड़ी बहुत स्थिति ऐसे होती है कहीं पैसा अधिक हो जाता है कहीं कम हो जाते हैं. वेवजह का डर फैलाया गया है और ये ठीक नहीं है. रिजर्व बैंक ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में नकदी संकट की एक वजह एटीएम को तेजी से भरने में लॉजिस्टिक की समस्या है. साथ ही एटीएम को नए जारी नोट के अनुकूल बनाने का काम भी चल रहा है. इस बीच, पिछले कुछ दिन से 2,000 रुपये के नोट की छपाई भी रुकी हुई है. आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने कहा कि 2,000 के नोट की और आपूर्ति करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह पहले से ही अत्यधिक आपूर्ति की स्थिति में है. पढ़ें : देशभर में क्यों हो रही कैश की क़िल्लत? ये हैं 10 वजहटिप्पणियां बता दें कि आज लगातार दूसरे दिन भी कई जगहों पर एटीएम ख़ाली पड़े हैं. नो कैश का बोर्ड लगा हुआ है. कई जगह लोग लाइन में खड़े हैं. इस बीच वित्त मंत्रालय का कहना है कि बाज़ार में पर्याप्त से ज़्यादा नक़दी है. अचानक डिमांड की वजह से कुछ राज्यों में कमी है, जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है. 1.5 लाख करोड़ से ज्‍यादा की करेंसी हमारे पास है. थोड़ी बहुत स्थिति ऐसे होती है कहीं पैसा अधिक हो जाता है कहीं कम हो जाते हैं. वेवजह का डर फैलाया गया है और ये ठीक नहीं है. इस बीच, पिछले कुछ दिन से 2,000 रुपये के नोट की छपाई भी रुकी हुई है. आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने कहा कि 2,000 के नोट की और आपूर्ति करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह पहले से ही अत्यधिक आपूर्ति की स्थिति में है. पढ़ें : देशभर में क्यों हो रही कैश की क़िल्लत? ये हैं 10 वजहटिप्पणियां बता दें कि आज लगातार दूसरे दिन भी कई जगहों पर एटीएम ख़ाली पड़े हैं. नो कैश का बोर्ड लगा हुआ है. कई जगह लोग लाइन में खड़े हैं. इस बीच वित्त मंत्रालय का कहना है कि बाज़ार में पर्याप्त से ज़्यादा नक़दी है. अचानक डिमांड की वजह से कुछ राज्यों में कमी है, जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है. 1.5 लाख करोड़ से ज्‍यादा की करेंसी हमारे पास है. थोड़ी बहुत स्थिति ऐसे होती है कहीं पैसा अधिक हो जाता है कहीं कम हो जाते हैं. वेवजह का डर फैलाया गया है और ये ठीक नहीं है. पढ़ें : देशभर में क्यों हो रही कैश की क़िल्लत? ये हैं 10 वजहटिप्पणियां बता दें कि आज लगातार दूसरे दिन भी कई जगहों पर एटीएम ख़ाली पड़े हैं. नो कैश का बोर्ड लगा हुआ है. कई जगह लोग लाइन में खड़े हैं. इस बीच वित्त मंत्रालय का कहना है कि बाज़ार में पर्याप्त से ज़्यादा नक़दी है. अचानक डिमांड की वजह से कुछ राज्यों में कमी है, जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है. 1.5 लाख करोड़ से ज्‍यादा की करेंसी हमारे पास है. थोड़ी बहुत स्थिति ऐसे होती है कहीं पैसा अधिक हो जाता है कहीं कम हो जाते हैं. वेवजह का डर फैलाया गया है और ये ठीक नहीं है. बता दें कि आज लगातार दूसरे दिन भी कई जगहों पर एटीएम ख़ाली पड़े हैं. नो कैश का बोर्ड लगा हुआ है. कई जगह लोग लाइन में खड़े हैं. इस बीच वित्त मंत्रालय का कहना है कि बाज़ार में पर्याप्त से ज़्यादा नक़दी है. अचानक डिमांड की वजह से कुछ राज्यों में कमी है, जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है. 1.5 लाख करोड़ से ज्‍यादा की करेंसी हमारे पास है. थोड़ी बहुत स्थिति ऐसे होती है कहीं पैसा अधिक हो जाता है कहीं कम हो जाते हैं. वेवजह का डर फैलाया गया है और ये ठीक नहीं है. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है. 1.5 लाख करोड़ से ज्‍यादा की करेंसी हमारे पास है. थोड़ी बहुत स्थिति ऐसे होती है कहीं पैसा अधिक हो जाता है कहीं कम हो जाते हैं. वेवजह का डर फैलाया गया है और ये ठीक नहीं है.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: पीएम मोदी बोले- पहले भी कर्जमाफी हुई, लेकिन किसान अब भी कर्जदार
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि अगर कर्जमाफी से किसानों की समस्या हल होती है तो बिल्कुल किया जाना चाहिए, लेकिन झूठ और भ्रम नहीं फैलाया जाना चाहिए. समाचार एजेंसी ANI को दिये इंटरव्यू  (PM Modi Interview) में पीएम ने कहा कि, 'मैं झूठ और भ्रम को लॉलीपॉप कहता हूं. क्या सभी किसानों का कर्ज माफ हुआ?'. पीएम ने कहा कि पहले की सरकारों ने भी किसानों की कर्जमाफी की है. देवीलाल के जमाने में भी कर्जमाफी की गई थी. 2009 का चुनाव जीतने के लिए भी कर्जमाफी की गई थी, लेकिन व्यवस्था में ऐसी क्या दिक्कत है कि किसान हमेशा कर्जदार बनता रहता है?. इसका उपाय यह है कि किसान को मजबूत बनाना होगा. उन्हें सशक्त बनाना होगा.  पीएम ने कहा कि बीज से लेकर बाजार तक किसानों को अच्छी सुविधाएं मिलनी चाहिए. किसानों के लिए बीज से लेकर पानी आदि की व्यवस्था की जा रही है. किसानों को अब क्रॉप की समझ आने लगी है. फसल ज्यादा पैदा हो रही है. फूड प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन पर काम कर रहे हैं. ट्रांसपोर्टेशन और वेयरहाउसिंग पर भी काम कर रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम किसान को अन्नदाता के अलावा उर्जादाता भी बनाना चाहते हैं. एमएसपी पर काम किया है. 22 फसलों पर एमएसपी बढ़ाया गया. पीएम (PM Narendra Modi) ने कहा कि कर्जमाफी से बहुत कम किसानों को फायदा होता है. ज्यादातर किसान साहूकार से कर्ज लेते हैं और कर्जमाफी के दायरे में वे आते ही नहीं हैं. समस्या को दूर करने के लिए हम दृढ़ संकल्प हैं.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: वेतन का दिन : सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बैंक करेंगे विशेष सुविधा
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: उधर, महाराष्ट्र से खबर है कि सरकार नग़द में तनख्वाह के पक्ष में नहीं है. सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह उनके बैंक अकाउंट में ही जमा होगी. सरकार ने नग़द में तनख्वाह देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. बता दें कि महाराष्ट्र में 14 लाख सरकारी कर्मचारी हैं. तनख्वाह के रूप में सरकार को साढ़े सात हजार करोड़ रुनग़द में देने होते. बता दें कि सातवें वेतन आयोग में कथित अनियमितताओं से लड़ने के लिए बने केंद्रीय कर्मचारियों के संयुक्त संघ एनसीजेसीएम ने सरकार से मांग की थी कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को नंवबर और दिसंबर का वेतन नकद दिया जाए. सरकार ने इस मांग पर गौर किया और जरूरी आदेश जारी कर दिए. 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी के बारे में एनसीजेसीएम के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने बताया था कि देश के हालात को देखते हुए पीएम मोदी और कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर यह मांग की गई.टिप्पणियां अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे. बता दें कि सातवें वेतन आयोग में कथित अनियमितताओं से लड़ने के लिए बने केंद्रीय कर्मचारियों के संयुक्त संघ एनसीजेसीएम ने सरकार से मांग की थी कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को नंवबर और दिसंबर का वेतन नकद दिया जाए. सरकार ने इस मांग पर गौर किया और जरूरी आदेश जारी कर दिए. 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी के बारे में एनसीजेसीएम के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने बताया था कि देश के हालात को देखते हुए पीएम मोदी और कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर यह मांग की गई.टिप्पणियां अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे. 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी के बारे में एनसीजेसीएम के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने बताया था कि देश के हालात को देखते हुए पीएम मोदी और कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर यह मांग की गई.टिप्पणियां अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे. अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: जयललिता को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, सजा पर रोक लगाई गई
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर 18 दिसंबर तक के लिए रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को तब जमानत दी, जब उन्होंने आश्वासन दिया कि वह हाईकोर्ट से कोई स्थगन नहीं मांगेंगी और दो महीने में अपनी अपील के सभी तथ्य एवं बहस से जुड़ी सामग्री (पेपरबुक) पेश करेंगी। इसका मतलब है कि वह अब बेंगलुरु की जेल से रिहा हो जाएंगी। जयललिता आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की जेल की सजा काट रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता से अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं करने का निर्देश देने को भी कहा। वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन द्वारा मामले को इसी सप्ताह में 'समायोजित' किए जाने की अपील करने पर प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को आज सुनवाई के लिए निर्धारित किया था। दीवाली से पूर्व जेल से बाहर आने के लिए जयललिता के पास यह अंतिम अवसर था, क्योंकि शुक्रवार के बाद शीर्ष अदालत में एक सप्ताह का अवकाश रहेगा। रिश्वत के मामले में दोषी ठहराए जाने और चार साल की सजा दिए जाने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता को जमानत प्रदान करने से इनकार कर दिया था और उसके बाद उन्होंने 9 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की। 27 सितंबर के बाद से सलाखों के पीछे रह रही अन्नाद्रमुक प्रमुख ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने उनकी जमानत याचिका नामंजूर कर दी। जयललिता ने खुद के विभिन्न बीमारियों से जूझने और इस मामले में उन्हें केवल चार साल की जेल की सजा सुनाए जाने को तत्काल राहत दिए जाने का आधार बनाया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने जमानत के लिए वरिष्ठ नागरिक तथा महिला होने को भी आधार बनाया था।
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: बलात्कार पीड़ित को स्कूल में दाखिला देने से इनकार
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में बलात्कार की त्रासदी झेल रही एक बच्ची की विडम्बना जाहिर करती एक घटना में उस लड़की को स्कूल में दाखिला सिर्फ इसलिए नहीं दिया गया, क्योंकि उसकी जिन्दगी पर किसी की ज्यादती का ‘दाग’ लगा हुआ है और उसकी मौजूदगी से स्कूल का माहौल ‘खराब’ होगा। जिले के शेरकोट थाना क्षेत्र स्थित हाफिजाबाद बिहारीपुर गांव में गत अप्रैल माह में चार युवकों की हवस का शिकार हुई एक नाबालिग लड़की को ग्रामीणों के दबाव के चलते स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया। उस जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक खालिद हुसैन ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने बलात्कार पीड़ित उस लड़की को स्कूल में दाखिला दिया तो वे अपने बच्चों का स्कूल से नाम कटवा देंगे।टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों ने पंचायत की थी, जिसमें यह आमराय बनी थी कि बलात्कार पीड़ित लड़की को दाखिला देने से स्कूल का माहौल खराब होगा और उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। पंचायत के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखित चेतावनी जारी की गई थी। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। जिले के शेरकोट थाना क्षेत्र स्थित हाफिजाबाद बिहारीपुर गांव में गत अप्रैल माह में चार युवकों की हवस का शिकार हुई एक नाबालिग लड़की को ग्रामीणों के दबाव के चलते स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया। उस जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक खालिद हुसैन ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने बलात्कार पीड़ित उस लड़की को स्कूल में दाखिला दिया तो वे अपने बच्चों का स्कूल से नाम कटवा देंगे।टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों ने पंचायत की थी, जिसमें यह आमराय बनी थी कि बलात्कार पीड़ित लड़की को दाखिला देने से स्कूल का माहौल खराब होगा और उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। पंचायत के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखित चेतावनी जारी की गई थी। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। उस जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक खालिद हुसैन ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने बलात्कार पीड़ित उस लड़की को स्कूल में दाखिला दिया तो वे अपने बच्चों का स्कूल से नाम कटवा देंगे।टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों ने पंचायत की थी, जिसमें यह आमराय बनी थी कि बलात्कार पीड़ित लड़की को दाखिला देने से स्कूल का माहौल खराब होगा और उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। पंचायत के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखित चेतावनी जारी की गई थी। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों ने पंचायत की थी, जिसमें यह आमराय बनी थी कि बलात्कार पीड़ित लड़की को दाखिला देने से स्कूल का माहौल खराब होगा और उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। पंचायत के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखित चेतावनी जारी की गई थी। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: जब बिल्ली ने हाथों में थामी राइफल, पुलिस के हाथ-पांव फूले...!
यह एक लेख है: एक बिल्ली के चलते इंग्लैंड की पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. न्यूपोर्ट ओरेगन पुलिस को सूचना मिली कि शहर के एक पेड़ पर एक संदिग्ध राइफल लेकर पोजिशन लिए हुए है. यह खबर मिलते ही पुलिस पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंची. यहां आकर जब नजदीक से देखा तो पता चला कि यह संदिग्ध कोई इंसान नहीं, बल्कि बिल्ली है. यह बिल्ली राइफल लेकर पेड़ पर चढ़ गई थी. वह राइफल को इस तरह से पकड़े हुई थी मानों वह पूरी तरीके से ट्रेंड हो. मिरर की खबर के मुताबिक सफेद और काले रंग की यह बिल्ली अपने पंजे में राइफल को दबाए पत्तों के बीच में बैठी थी. Newport Oregon Police Department ने इस तस्वीर को फेसबुक पर पोस्ट किया है.टिप्पणियां पुलिस ने बताया, स्थानीय न्यूज स्टेशन (KATU) ने बिल्ली के इस पोज की तस्वीर लेकर पुलिस को भेजा था. इसके बाद पुलिस ने इलाके के लोगों को सतर्क कर दिया गया. 25 अप्रैल को पोस्ट किए गए इस तस्वीर को अब तक 3,164  लोग शेयर कर चुके हैं. पहली नजर में अगर आप भी इस तस्वीर को देखेंगे तो शायद घबरा जाएं. यह बिल्ली जिस तरह से अपने पंजों में राइफल को लिए हुए है, ऐसा लग रहा है मानो उसे किसी ने ट्रेनिंग दी हो. मालूम हो कि बाज के जरिए पहले भी दुश्मनों पर बम गिराने की घटनाएं होती रही हैं. पुलिस ने बताया, स्थानीय न्यूज स्टेशन (KATU) ने बिल्ली के इस पोज की तस्वीर लेकर पुलिस को भेजा था. इसके बाद पुलिस ने इलाके के लोगों को सतर्क कर दिया गया. 25 अप्रैल को पोस्ट किए गए इस तस्वीर को अब तक 3,164  लोग शेयर कर चुके हैं. पहली नजर में अगर आप भी इस तस्वीर को देखेंगे तो शायद घबरा जाएं. यह बिल्ली जिस तरह से अपने पंजों में राइफल को लिए हुए है, ऐसा लग रहा है मानो उसे किसी ने ट्रेनिंग दी हो. मालूम हो कि बाज के जरिए पहले भी दुश्मनों पर बम गिराने की घटनाएं होती रही हैं. 25 अप्रैल को पोस्ट किए गए इस तस्वीर को अब तक 3,164  लोग शेयर कर चुके हैं. पहली नजर में अगर आप भी इस तस्वीर को देखेंगे तो शायद घबरा जाएं. यह बिल्ली जिस तरह से अपने पंजों में राइफल को लिए हुए है, ऐसा लग रहा है मानो उसे किसी ने ट्रेनिंग दी हो. मालूम हो कि बाज के जरिए पहले भी दुश्मनों पर बम गिराने की घटनाएं होती रही हैं.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मालेगांव ब्लास्ट मामला : प्रज्ञा सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर दो हफ्ते बाद सुनवाई
यह लेख है: 2008 का मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रज्ञा सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी. बॉम्बे हाईकोर्ट की जमानत देने और मकोका प्रावधान हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में 2017 में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई थी.  ब्लास्ट में मारे गए युवक के पिता की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में हाईकोर्ट के फैसले को गलत ठहराते हुए रोक लगाने की मांग की गई है.  इसी साल 25 अप्रैल को 2008 के मालेगांव धमाका केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से प्रज्ञा ठाकुर को जमानत मिल गई थी. हाईकोर्ट ने प्रज्ञा पर लगाई गई मकोका धारा को भी हटा दिया था. जिसके बाद मकोका के तहत जुटाए गए सबूत भी केस से निकाल दिए गए.  हालांकि इस मामले में कोर्ट ने कर्नल पुरोहित को जमानत देने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर को 5 लाख रुपए की जमानत राशि और अपना पासपोर्ट NIA को जमा कराने और साथ ही ट्रायल कोर्ट में हर तारीख पर पेश होने के आदेश दिए थे. पीठ ने उसे सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने और जब भी जरूरत हो एनआईए अदालत में रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया है.  कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पहली नजर में के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. 2008  में हुए मालेगांव धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और तकरीबन 100 लोग जख्मी हुए थे. 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. प्रज्ञा पर भोपाल, फरीदाबाद की बैठक में धमाके की साजिश रचने के आरोप लगे थे. प्रज्ञा और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया गया था.
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: मैं चाहता हूं कि किसी गरीब परिवार में कोई लड़की जन्म ना ले : कंदील बलूच के पिता
लेख: पिछले साल ‘ऑनर किलिंग’ का शिकार बनी कंदील बलूच के पिता मुहम्मद अजीम ने कहा है कि ‘किसी गरीब परिवार में कोई लड़की जन्म ना ले’. अपने फेसबुक पोस्ट में बोल्ड वीडियो और तस्वीरें डालने को लेकर वह मशहूर हुई थी. परिवार की झूठी शान की खातिर कंदील के भाई ने पिछले साल उसकी हत्या कर दी थी. कंदील का असली नाम फौजिया अजीम था. उसके भाई वसीम पर उसकी हत्या का आरोप है. यह घटना 15 जुलाई 2016 की है.टिप्पणियां उसके 82 वर्षीय पिता ने कहा कि कंदील अपने गरीब माता पिता की पैसों से मदद किया करती थी जो वह अपने विवादित साधनों से अर्जित करती थी. उसकी मौत के बाद उसके माता पिता गरीबी के दुश्चक्र में फंस गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कंदील मेरी बेटी नहीं थी बल्कि वह मेरा बेटा थी. उसने हमें वित्तीय और भावनात्मक मदद पहुंचायी.’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उसके 82 वर्षीय पिता ने कहा कि कंदील अपने गरीब माता पिता की पैसों से मदद किया करती थी जो वह अपने विवादित साधनों से अर्जित करती थी. उसकी मौत के बाद उसके माता पिता गरीबी के दुश्चक्र में फंस गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कंदील मेरी बेटी नहीं थी बल्कि वह मेरा बेटा थी. उसने हमें वित्तीय और भावनात्मक मदद पहुंचायी.’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: रोजर फेडरर ने किर्गियोस को हराया, फाइनल में राफेल नडाल से भिड़ंत
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: रोजर फेडरर ने यहां मियामी ओपन टेनिस टूर्नामेंट में आस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस को हराकर फाइनल में जगह बनाई जहां उनका सामना चिर प्रतिद्वंद्वी राफेल नडाल से होगा. फेडरर ने बेहद कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में किर्गियोस को 7-6, 6-7, 7-6 से हराया. फेडरर ने जब तीसरा टाईब्रेक जीता तो नाराज किर्गियोस ने हताशा में तीन बार रैकेट जमीन पर दे मारा.टिप्पणियां दूसरी तरफ नडाल ने बेहद एकतरफा सेमीफाइनल में इटली के फाबियो फोगनीनी को 6-1, 7-5 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) फेडरर ने बेहद कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में किर्गियोस को 7-6, 6-7, 7-6 से हराया. फेडरर ने जब तीसरा टाईब्रेक जीता तो नाराज किर्गियोस ने हताशा में तीन बार रैकेट जमीन पर दे मारा.टिप्पणियां दूसरी तरफ नडाल ने बेहद एकतरफा सेमीफाइनल में इटली के फाबियो फोगनीनी को 6-1, 7-5 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) फेडरर ने जब तीसरा टाईब्रेक जीता तो नाराज किर्गियोस ने हताशा में तीन बार रैकेट जमीन पर दे मारा.टिप्पणियां दूसरी तरफ नडाल ने बेहद एकतरफा सेमीफाइनल में इटली के फाबियो फोगनीनी को 6-1, 7-5 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दूसरी तरफ नडाल ने बेहद एकतरफा सेमीफाइनल में इटली के फाबियो फोगनीनी को 6-1, 7-5 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: कांग्रेस ने कहा- स्वामी बनना चाहते हैं वित्त मंत्री, इसलिए जेटली से खुला युद्ध
यह एक लेख है: कांग्रेस ने अरुण जेटली के खिलाफ सुब्रह्मण्यम स्वामी के आक्षेप को आज ‘‘खुला युद्ध’’ करार दिया और कहा कि स्वामी वित्त मंत्री बनना चाहते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने एआईसीसी ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक कामेडी थिएटर है। इसका गंभीर असर है, जबकि ‘‘ब्रेक्जिट’’ संकट सामने है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे समय विदेश मंत्रालय के और वित्त मंत्रालय के संयुक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह कामेडी थियेटर जारी है तथा प्रधानमंत्री, डा स्वामी को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं या वह किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं। डा स्वामी जो वित्त मंत्री बनना चाहते हैं और मौजूदा वित्त मंत्री के बीच यह खुला युद्ध है।’’ ‘‘ब्रेक्जिट’’ के बारे में चव्हाण ने कहा कि इसका भारत पर ‘‘असर’’ होगा क्योंकि भारत ब्रिटेन में सबसे बड़ा निवेशक है और ‘‘मैं समझता हूं कि अगर भारतीय कंपनियों को अच्छा करना है तो हमारे हितों की रक्षा करनी होगी।''टिप्पणियां उन्होंने उम्मीद जताई कि यूरोपीय यूनियन मतदान के नतीजे को लेकर सरकार कोई कार्ययोजना लाएगी। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पूर्व केंद्रीय मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने एआईसीसी ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक कामेडी थिएटर है। इसका गंभीर असर है, जबकि ‘‘ब्रेक्जिट’’ संकट सामने है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे समय विदेश मंत्रालय के और वित्त मंत्रालय के संयुक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह कामेडी थियेटर जारी है तथा प्रधानमंत्री, डा स्वामी को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं या वह किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं। डा स्वामी जो वित्त मंत्री बनना चाहते हैं और मौजूदा वित्त मंत्री के बीच यह खुला युद्ध है।’’ ‘‘ब्रेक्जिट’’ के बारे में चव्हाण ने कहा कि इसका भारत पर ‘‘असर’’ होगा क्योंकि भारत ब्रिटेन में सबसे बड़ा निवेशक है और ‘‘मैं समझता हूं कि अगर भारतीय कंपनियों को अच्छा करना है तो हमारे हितों की रक्षा करनी होगी।''टिप्पणियां उन्होंने उम्मीद जताई कि यूरोपीय यूनियन मतदान के नतीजे को लेकर सरकार कोई कार्ययोजना लाएगी। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह कामेडी थियेटर जारी है तथा प्रधानमंत्री, डा स्वामी को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं या वह किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं। डा स्वामी जो वित्त मंत्री बनना चाहते हैं और मौजूदा वित्त मंत्री के बीच यह खुला युद्ध है।’’ ‘‘ब्रेक्जिट’’ के बारे में चव्हाण ने कहा कि इसका भारत पर ‘‘असर’’ होगा क्योंकि भारत ब्रिटेन में सबसे बड़ा निवेशक है और ‘‘मैं समझता हूं कि अगर भारतीय कंपनियों को अच्छा करना है तो हमारे हितों की रक्षा करनी होगी।''टिप्पणियां उन्होंने उम्मीद जताई कि यूरोपीय यूनियन मतदान के नतीजे को लेकर सरकार कोई कार्ययोजना लाएगी। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने उम्मीद जताई कि यूरोपीय यूनियन मतदान के नतीजे को लेकर सरकार कोई कार्ययोजना लाएगी। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: विश्व पुस्तक मेला: आज होगी 'वह सफर था कि मुकाम था' पर बात
शाजी जमां ने कहा, "अकबर पर अभी तक कई किताबें प्रकाशित हुई हैं, मगर मेरा यह उपन्यास सबसे अलग है, मैंने इस पुस्तक के माध्यम से बादशाह सलामत अकबर के सभी पहलुओं को लोगों के समीप लाने की कोशिश की है और मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि एक बार आप इस उपन्यास को पढ़ना शुरू करते हैं तो आप इस उपन्यास में खो जाते हैं." उन्होंने लोगों के सवाल का जवाब देते कहा, "अकबर बुढ़ापे में पृथ्वीराज कपूर की तरह दिखते थे और जोधाबाई अकबर की पत्नी थी, इसका भी कोई प्रमाण नही हैं." शशिकांत मिश्र ने अपने 14 फरवरी को आने वाले उपन्यास 'वेलेंटाइन बाबा' के कुछ अंश पढ़े, साथ ही क्षितिज रॉय ने 'गंदी बात' के अंश पढ़े.टिप्पणियां मेले में 9 जनवरी (सोमवार) को शाम 4 बजे से 5 बजे तक, 'वह सफर था कि मुकाम था' किताब पर मैत्रेयी पुष्पा (सुप्रसिद्ध लेखिका) से प्रेम भारद्वाज (संपादक, 'पाखी' पत्रिका) बात करेंगे. उपस्थित पुस्तकप्रेमी भी लेखिका से सीधे संवाद कर सकेंगे. पुस्तक पर हस्ताक्षर के लिए मैत्रेयी पुष्पा शाम 6 बजे तक स्टॉल पर मौजूद रहेंगी. हर साल की तरह राजकमल प्रकाशन हर तरह के पाठकों के लिए कई खास सौगात लाया है. उपन्यास, संस्मरण, कहानी-संग्रह, कविता संग्रह, नाटक से लेकर कुछ और कथेतर विधाओं में स्थापित और नए लेखकों की पठनीय किताबें मेले में प्रमुखता से होंगी. शशिकांत मिश्र ने अपने 14 फरवरी को आने वाले उपन्यास 'वेलेंटाइन बाबा' के कुछ अंश पढ़े, साथ ही क्षितिज रॉय ने 'गंदी बात' के अंश पढ़े.टिप्पणियां मेले में 9 जनवरी (सोमवार) को शाम 4 बजे से 5 बजे तक, 'वह सफर था कि मुकाम था' किताब पर मैत्रेयी पुष्पा (सुप्रसिद्ध लेखिका) से प्रेम भारद्वाज (संपादक, 'पाखी' पत्रिका) बात करेंगे. उपस्थित पुस्तकप्रेमी भी लेखिका से सीधे संवाद कर सकेंगे. पुस्तक पर हस्ताक्षर के लिए मैत्रेयी पुष्पा शाम 6 बजे तक स्टॉल पर मौजूद रहेंगी. हर साल की तरह राजकमल प्रकाशन हर तरह के पाठकों के लिए कई खास सौगात लाया है. उपन्यास, संस्मरण, कहानी-संग्रह, कविता संग्रह, नाटक से लेकर कुछ और कथेतर विधाओं में स्थापित और नए लेखकों की पठनीय किताबें मेले में प्रमुखता से होंगी. मेले में 9 जनवरी (सोमवार) को शाम 4 बजे से 5 बजे तक, 'वह सफर था कि मुकाम था' किताब पर मैत्रेयी पुष्पा (सुप्रसिद्ध लेखिका) से प्रेम भारद्वाज (संपादक, 'पाखी' पत्रिका) बात करेंगे. उपस्थित पुस्तकप्रेमी भी लेखिका से सीधे संवाद कर सकेंगे. पुस्तक पर हस्ताक्षर के लिए मैत्रेयी पुष्पा शाम 6 बजे तक स्टॉल पर मौजूद रहेंगी. हर साल की तरह राजकमल प्रकाशन हर तरह के पाठकों के लिए कई खास सौगात लाया है. उपन्यास, संस्मरण, कहानी-संग्रह, कविता संग्रह, नाटक से लेकर कुछ और कथेतर विधाओं में स्थापित और नए लेखकों की पठनीय किताबें मेले में प्रमुखता से होंगी. हर साल की तरह राजकमल प्रकाशन हर तरह के पाठकों के लिए कई खास सौगात लाया है. उपन्यास, संस्मरण, कहानी-संग्रह, कविता संग्रह, नाटक से लेकर कुछ और कथेतर विधाओं में स्थापित और नए लेखकों की पठनीय किताबें मेले में प्रमुखता से होंगी.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ब्लू व्हेल गेम का मामला, खूनी खेल पर रोक की गुहार
यह एक लेख है: ब्लू व्हेल गेम का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. मदुरई के रहने वाले 73 साल के एडवोकेट पोन्नियम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि कोर्ट जानलेवा ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाए. पोन्नियम ने अपनी याचिका में कहा है कि ब्लू व्हेल गेम को लेकर अलग-अलग अदालतों में मुकदमे चल रहे हैं लेकिन अभी तक इस पर रोक नही लग पाई है. जिसकी वजह से बच्चों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पढ़ें: खूनी खेल 'ब्लू व्हेल चैलेंज' के बचने के लिए ले सकते हैं हेल्पलाइन की मदद पोन्नियम ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि कोर्ट सभी राज्य सरकारों को आदेश दे कि वे लोगों के बीच इस खेल को लेकर सामाजिक जागरुकता फैलाएं. पढ़ें: रोते हुए बोली ब्लू व्हेल गेम की शिकार लड़की, मैं झील में नहीं कूदी तो मेरी मम्मी मर जाएगीटिप्पणियां एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. पढ़ें: खूनी खेल 'ब्लू व्हेल चैलेंज' के बचने के लिए ले सकते हैं हेल्पलाइन की मदद पोन्नियम ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि कोर्ट सभी राज्य सरकारों को आदेश दे कि वे लोगों के बीच इस खेल को लेकर सामाजिक जागरुकता फैलाएं. पढ़ें: रोते हुए बोली ब्लू व्हेल गेम की शिकार लड़की, मैं झील में नहीं कूदी तो मेरी मम्मी मर जाएगीटिप्पणियां एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. पोन्नियम ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि कोर्ट सभी राज्य सरकारों को आदेश दे कि वे लोगों के बीच इस खेल को लेकर सामाजिक जागरुकता फैलाएं. पढ़ें: रोते हुए बोली ब्लू व्हेल गेम की शिकार लड़की, मैं झील में नहीं कूदी तो मेरी मम्मी मर जाएगीटिप्पणियां एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. पढ़ें: रोते हुए बोली ब्लू व्हेल गेम की शिकार लड़की, मैं झील में नहीं कूदी तो मेरी मम्मी मर जाएगीटिप्पणियां एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: सबसे ऊंचे यूरोपीय पहाड़ पर केबल ट्रॉली में फंसे दर्जनों यात्री, हेलीकॉप्टरों से पहुंचाए गए कंबल
लेख: यूरोप के सबसे ऊंचे पहाड़ मॉन्ट ब्लैंक (Mont Blanc) के निकट दो चोटियों के बीच चलने वाली केबल कार ट्रॉली के गुरुवार को अचानक ठप पड़ जाने से 45 लोग रातभर के लिए हवा में ही फंसे रह गए हैं. यह जानकारी फ्रेंच अधिकारियों ने दी है. गृहमंत्री बर्नार्ड कैज़ेन्यूव ने एक बयान जारी कर कहा कि चार हेलीकॉप्टरों ने रात होने से पहले आल्प्स की चोटियों पर केबल कारों से 65 लोगों को बचा लिया है. फ्रांस और इटली की सीमा पर स्थित हेलब्रॉनर शिखर (Helbronner summit) तथा एगाइल डु मिडी (Aiguille du Midi) चोटी के बीच चलने वाली पांच किलोमीटर लंबी इस राइड की ऊंचाई लगभग 3,000 मीटर, यानी 9,840 फुट है. आमतौर पर इसे पूरा होने में 35 मिनट लगते हैं, लेकिन यह शाम 5:30 बजे (1530 जीएमटी) से अटकी हुई है.टिप्पणियां फ्रांस 3 टीवी ने बताया कि केबल कारें तब रुक गई थीं, जब उनके केबल तेज़ हवाओं में उलझ गए थे, जबकि गृहमंत्री बर्नार्ड कैज़ेन्यूव ने कहा कि यह तकनीकी घटना थी, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया. जो लोग अब भी अंदर ही फंसे हुए हैं, उनके लिए हेलीकॉप्टरों ने कंबल और भोजन पहुंचाया है. बचावकर्मी रातभर उन्हीं के साथ रहेंगे. गृहमंत्री बर्नार्ड कैज़ेन्यूव ने एक बयान जारी कर कहा कि चार हेलीकॉप्टरों ने रात होने से पहले आल्प्स की चोटियों पर केबल कारों से 65 लोगों को बचा लिया है. फ्रांस और इटली की सीमा पर स्थित हेलब्रॉनर शिखर (Helbronner summit) तथा एगाइल डु मिडी (Aiguille du Midi) चोटी के बीच चलने वाली पांच किलोमीटर लंबी इस राइड की ऊंचाई लगभग 3,000 मीटर, यानी 9,840 फुट है. आमतौर पर इसे पूरा होने में 35 मिनट लगते हैं, लेकिन यह शाम 5:30 बजे (1530 जीएमटी) से अटकी हुई है.टिप्पणियां फ्रांस 3 टीवी ने बताया कि केबल कारें तब रुक गई थीं, जब उनके केबल तेज़ हवाओं में उलझ गए थे, जबकि गृहमंत्री बर्नार्ड कैज़ेन्यूव ने कहा कि यह तकनीकी घटना थी, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया. जो लोग अब भी अंदर ही फंसे हुए हैं, उनके लिए हेलीकॉप्टरों ने कंबल और भोजन पहुंचाया है. बचावकर्मी रातभर उन्हीं के साथ रहेंगे. फ्रांस और इटली की सीमा पर स्थित हेलब्रॉनर शिखर (Helbronner summit) तथा एगाइल डु मिडी (Aiguille du Midi) चोटी के बीच चलने वाली पांच किलोमीटर लंबी इस राइड की ऊंचाई लगभग 3,000 मीटर, यानी 9,840 फुट है. आमतौर पर इसे पूरा होने में 35 मिनट लगते हैं, लेकिन यह शाम 5:30 बजे (1530 जीएमटी) से अटकी हुई है.टिप्पणियां फ्रांस 3 टीवी ने बताया कि केबल कारें तब रुक गई थीं, जब उनके केबल तेज़ हवाओं में उलझ गए थे, जबकि गृहमंत्री बर्नार्ड कैज़ेन्यूव ने कहा कि यह तकनीकी घटना थी, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया. जो लोग अब भी अंदर ही फंसे हुए हैं, उनके लिए हेलीकॉप्टरों ने कंबल और भोजन पहुंचाया है. बचावकर्मी रातभर उन्हीं के साथ रहेंगे. फ्रांस 3 टीवी ने बताया कि केबल कारें तब रुक गई थीं, जब उनके केबल तेज़ हवाओं में उलझ गए थे, जबकि गृहमंत्री बर्नार्ड कैज़ेन्यूव ने कहा कि यह तकनीकी घटना थी, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया. जो लोग अब भी अंदर ही फंसे हुए हैं, उनके लिए हेलीकॉप्टरों ने कंबल और भोजन पहुंचाया है. बचावकर्मी रातभर उन्हीं के साथ रहेंगे. जो लोग अब भी अंदर ही फंसे हुए हैं, उनके लिए हेलीकॉप्टरों ने कंबल और भोजन पहुंचाया है. बचावकर्मी रातभर उन्हीं के साथ रहेंगे.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: मेकअप आर्टिस्ट बिल्लू बार्बर गिरफ्तार, 32 साल के जयेश पटेल को बना दिया था 81 साल का बूढ़ा
अभी कुछ दिन पहले ही खबर आई थी जब एक 32 साल का शख्स जयेश 81 साल के बुजुर्ग का भेष बनाकर देश से भागने की फिराक में था. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उस मेकअप आर्टिस्ट को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसने जयेश को ये हुलिया दिया था. बिल्लू बार्बर के नाम से मशहूर इस मेकअप आर्टिस्ट का नाम शमशेर सिंह है, जो दिल्ली के रोहिणी इलाके का रहने वाला है.  डीसीपी एयरपोर्ट संजय भाटिया के मुताबिक आरोपी मेकअप आर्टिस्ट बिल्लू बार्बर ने एजेंट सिद्धू और उसके एक साथी  के कहने पर उसने जयेश पटेल का हुलिया बदला. उसने जयेश के दाढ़ी और सिर के बाल बढ़वाए,फिर उनमें सफेद रंग किया, पगड़ी पहनाई. ज़ीरो पावर का मोटे फ्रेम का चश्मा पहनाया ,सफेद कपड़े पहनाए और फिर एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर में बैठकर जाने के लिए कहा था. पुलिस के मुताबिक शमशेर एजेंट्स के कहने पर 10 और लोगों का गेटअप ऐसे ही बदल चुका है, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने उसके पास से मेकअप का पूरा सामान भी बरामद कर लिया है. आरोपी ने बताया कि वह एक शख्स से मेकअप के लिए 20 हज़ार रुपये लेता था.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: देश में ऐतिहासिक नोटबंदी के बाद आ रहे आम बजट पर अखबारों की पैनी नजर
यह लेख है: देश में लिए गए नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले से प्रभावित अर्थव्यवस्था के दौर में वित्तीय वर्ष 2017-2018 के आम बजट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं. बुधवार को संसद में आम बजट पेश होने वाला है. आने वाले दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इसके मद्देनजर बजट और भी महत्वपूर्ण हो गया है. एक तरफ आचार संहिता है और दूसरी तरफ देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती सरकार के समक्ष है. बजट से संबंधित संभावनाओं और विश्लेषणों के समाचार सभी अखबारों में प्रमुखता से छापे गए हैं.   दैनिक जागरण ने आम बजट की संभावनाओं को लेकर समाचार 'लोकलुभावन घोषणाओं की उम्मीद'  प्रकाशित किया है. जागरण ने लिखा है कि आर्थिक सर्वेक्षण के संकेत साफ हैं कि इस बार आम बजट में लोकलुभावन घोषणाओं के साथ आर्थिक सुधारों के नए उपायों के बीच सामंजस्य बैठाने की कोशिश होगी. आर्थिक सुधार आगे बढ़ाने और गरीबों के लिए बेसिक इनकम की घोषणा होने की उम्मीद जताई गई है.   पत्रिका ने आर्थिक समीक्षा पर केंद्रित खबर लीड बनाई है. इसमें पत्रिका ने लिखा है कि अब मोदी सरकार ने भी  माना कि नोटबंदी से आधा फीसदी तक विकास दर घटेगी. समाचार में आर्थिक सर्वेक्षण के विविध पक्षों को लिया गया है. अखबार ने लिखा है कि कच्चे तेल के दाम ऊंचे होने, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तनाव होने और संरक्षवाद को बढ़ावा मिलने के संकट पैदा हो सकते हैं.       अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों को तरजीह देने की नीति पर काम करना शुरू कर दिया है. अमेरिकी सरकार ने एन-1बी वीजा की शर्तें कड़ी करने का बिल संसद में पेश कर दिया है. इसमें एच-1 वीजा के लिए न्यूनतम वेतन दोगुने से ज्यादा बढ़ाकर 1.30 लाख डॉलर (88 लाख रुपये) करने का प्रस्ताव है. दैनिक भास्कर ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया है. इसके अलावा भास्कर ने बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण का समाचार भी संभावनाओं को टटोलते हुए प्रकाशित किया है. दैनिक जागरण ने आम बजट की संभावनाओं को लेकर समाचार 'लोकलुभावन घोषणाओं की उम्मीद'  प्रकाशित किया है. जागरण ने लिखा है कि आर्थिक सर्वेक्षण के संकेत साफ हैं कि इस बार आम बजट में लोकलुभावन घोषणाओं के साथ आर्थिक सुधारों के नए उपायों के बीच सामंजस्य बैठाने की कोशिश होगी. आर्थिक सुधार आगे बढ़ाने और गरीबों के लिए बेसिक इनकम की घोषणा होने की उम्मीद जताई गई है.   पत्रिका ने आर्थिक समीक्षा पर केंद्रित खबर लीड बनाई है. इसमें पत्रिका ने लिखा है कि अब मोदी सरकार ने भी  माना कि नोटबंदी से आधा फीसदी तक विकास दर घटेगी. समाचार में आर्थिक सर्वेक्षण के विविध पक्षों को लिया गया है. अखबार ने लिखा है कि कच्चे तेल के दाम ऊंचे होने, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तनाव होने और संरक्षवाद को बढ़ावा मिलने के संकट पैदा हो सकते हैं.       अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों को तरजीह देने की नीति पर काम करना शुरू कर दिया है. अमेरिकी सरकार ने एन-1बी वीजा की शर्तें कड़ी करने का बिल संसद में पेश कर दिया है. इसमें एच-1 वीजा के लिए न्यूनतम वेतन दोगुने से ज्यादा बढ़ाकर 1.30 लाख डॉलर (88 लाख रुपये) करने का प्रस्ताव है. दैनिक भास्कर ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया है. इसके अलावा भास्कर ने बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण का समाचार भी संभावनाओं को टटोलते हुए प्रकाशित किया है.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: दक्षिण-पश्चिम कोलंबिया में तेज भूकंप का झटका
लेख: दक्षिण-पश्चिम कोलंबिया के एंडीज पर्वत क्षेत्र में में 7.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। अमेरिकी जिओलॉजिकल सर्वे का कहना है कि कोलंबिया के शहर ला वेगा के करीब 20 किलोमीटर पूर्व में अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शाम चार बजकर 31 मिनट पर भूकंप आया।टिप्पणियां कोलंबिया में भी नेशनल सिस्मोलॉजीकल नेटवर्क ने भी इसी तीव्रता के भूकंप की पुष्टि करते हुए कहा है कि भूकंप का केन्द्र 169 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के बाद कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई है। अभी जानमाल के नुकसान की भी कोई खबर नहीं है। अमेरिकी जिओलॉजिकल सर्वे का कहना है कि कोलंबिया के शहर ला वेगा के करीब 20 किलोमीटर पूर्व में अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शाम चार बजकर 31 मिनट पर भूकंप आया।टिप्पणियां कोलंबिया में भी नेशनल सिस्मोलॉजीकल नेटवर्क ने भी इसी तीव्रता के भूकंप की पुष्टि करते हुए कहा है कि भूकंप का केन्द्र 169 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के बाद कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई है। अभी जानमाल के नुकसान की भी कोई खबर नहीं है। कोलंबिया में भी नेशनल सिस्मोलॉजीकल नेटवर्क ने भी इसी तीव्रता के भूकंप की पुष्टि करते हुए कहा है कि भूकंप का केन्द्र 169 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के बाद कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई है। अभी जानमाल के नुकसान की भी कोई खबर नहीं है। भूकंप के बाद कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई है। अभी जानमाल के नुकसान की भी कोई खबर नहीं है।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: अयोध्या केस पर फैसले को लेकर PM मोदी ने मंत्रियों को दिए निर्देश- अनावश्यक बयानबाजी से बचें
लेख: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से इस मुद्दे पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द बनाए रखने को कहा. इस बारे में सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद की एक बैठक में पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा कि देश में सौहार्द बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है. उन्होंने इस मुद्दे पर अनावश्यक बयानबाजी से बचने को कहा. गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले में इससे पहले अपना फैसला सुना सकता है. वहीं मंत्रिपरिषद की बैठक में मोदी ने जोर देते हुए कहा कि फैसले को हार-जीत के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. बता दें, पीएम मोदी के इस बयान से पहले सत्तारूढ़ भाजपा ने भी अपने कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं से राम मंदिर मुद्दे पर भावनात्मक या उकसाने वाले बयान देने से बचने के लिए कहा था. पार्टी ने शांति कायम रखने के लिए अपने सांसदों से अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में जाने को भी कहा था. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने भी कुछ दिन पहले अपने स्वयंसेवकों से इसी तरह की अपील की थी. संघ के शीर्ष नेतृत्व ने ‘प्रचारकों' की हालिया बैठक में कहा था कि अगर राम मंदिर का फैसला उनके पक्ष में आया, तो वे ना ही कोई जश्न मनाएं और ना ही जुलूस निकालें. बता दें, संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरूओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और उस दौरान इस बात पर ज़ोर दिया गया कि शीर्ष न्यायालय का फैसला चाहे जो भी हो न तो कोई "जूनूनी जश्न" होना चाहिए और न ही "हार का हंगामा हो." केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर यह बैठक हुई थी.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: निकली हैं जमकर भर्तियां, देर न करें
यह लेख है: इन दिनों अगर आप बेरोजगार हैं और लम्‍बे समय से रोजगार की तलाश कर रहे हैं. तो जनाब अब आपका इंतजार खत्‍म हो गया है. जी हां, भारत में कई कम्‍पनियों और भारतीय नौसेना में बम्‍पर भर्तियां निकली हैं. अगर आप अपने देश के लिए कुछ करने का जज्‍बा रखते हैं तो ये आपके लिए सुनहरा मौका है. जी हां भारतीय नौसेना में मल्‍टी टास्‍किंग स्‍टाफ के पद पर भर्ती निकली है. भारतीय नौसेना ने 205 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं. इसके लिए आप भारतीय नौसेना की ऑफिशियल वेबसाइट www.indiannavy.nic.in पर जाकर अप्‍लाई कर सकते हैं. ध्‍यान रहे आवेदन करने की लास्‍ट डेट 15 मई है. वहीं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भी जूनियर इंजीनियर के पद के लिए आवेदन मांगे हैं. यहां कुछ पदों की संख्‍या 74 है. वहीं आखिरी डेट 19 मई तय की गई है. आप इंडियल ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट पर  जाकर इसके लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले आवेदक के पास देश के किसी भी बोर्ड, विश्वविद्यालय या संस्थान से B.Sc./ डिप्लोमा/ ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए.टिप्पणियां इसके अलावा डीसीपीडब्‍ल्‍यू, नई दिल्‍ली में टेक्निकल अस्सिटेंट और वायरलेस सुपरवाइजर समेत कई पदों पर भर्तियां निकली हैं. कुछ 69 पद हैं और इनपर अप्‍लाई करने की आखिरी डेट 28 मई है. आप www.dcpw.nic.in पर जाकर इसके लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. ध्‍यान रहे हर पद के लिए अलग -अलग योग्‍यता तय की गई है. आप अपनी योग्‍यता के अनुसार इन पदों पर अप्‍लाई कर सकते हैं. आप जिस भी पद के लिए अप्‍लाई कर रहे हैं  उस पद की योग्‍यता, फीस और पोस्टिंग से जुड़ी सभी जानकारियां नोटिफिकेशन में ध्‍यान से पढ़ लें.   अगर आप अपने देश के लिए कुछ करने का जज्‍बा रखते हैं तो ये आपके लिए सुनहरा मौका है. जी हां भारतीय नौसेना में मल्‍टी टास्‍किंग स्‍टाफ के पद पर भर्ती निकली है. भारतीय नौसेना ने 205 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं. इसके लिए आप भारतीय नौसेना की ऑफिशियल वेबसाइट www.indiannavy.nic.in पर जाकर अप्‍लाई कर सकते हैं. ध्‍यान रहे आवेदन करने की लास्‍ट डेट 15 मई है. वहीं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भी जूनियर इंजीनियर के पद के लिए आवेदन मांगे हैं. यहां कुछ पदों की संख्‍या 74 है. वहीं आखिरी डेट 19 मई तय की गई है. आप इंडियल ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट पर  जाकर इसके लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले आवेदक के पास देश के किसी भी बोर्ड, विश्वविद्यालय या संस्थान से B.Sc./ डिप्लोमा/ ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए.टिप्पणियां इसके अलावा डीसीपीडब्‍ल्‍यू, नई दिल्‍ली में टेक्निकल अस्सिटेंट और वायरलेस सुपरवाइजर समेत कई पदों पर भर्तियां निकली हैं. कुछ 69 पद हैं और इनपर अप्‍लाई करने की आखिरी डेट 28 मई है. आप www.dcpw.nic.in पर जाकर इसके लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. ध्‍यान रहे हर पद के लिए अलग -अलग योग्‍यता तय की गई है. आप अपनी योग्‍यता के अनुसार इन पदों पर अप्‍लाई कर सकते हैं. आप जिस भी पद के लिए अप्‍लाई कर रहे हैं  उस पद की योग्‍यता, फीस और पोस्टिंग से जुड़ी सभी जानकारियां नोटिफिकेशन में ध्‍यान से पढ़ लें.   वहीं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भी जूनियर इंजीनियर के पद के लिए आवेदन मांगे हैं. यहां कुछ पदों की संख्‍या 74 है. वहीं आखिरी डेट 19 मई तय की गई है. आप इंडियल ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट पर  जाकर इसके लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले आवेदक के पास देश के किसी भी बोर्ड, विश्वविद्यालय या संस्थान से B.Sc./ डिप्लोमा/ ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए.टिप्पणियां इसके अलावा डीसीपीडब्‍ल्‍यू, नई दिल्‍ली में टेक्निकल अस्सिटेंट और वायरलेस सुपरवाइजर समेत कई पदों पर भर्तियां निकली हैं. कुछ 69 पद हैं और इनपर अप्‍लाई करने की आखिरी डेट 28 मई है. आप www.dcpw.nic.in पर जाकर इसके लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. ध्‍यान रहे हर पद के लिए अलग -अलग योग्‍यता तय की गई है. आप अपनी योग्‍यता के अनुसार इन पदों पर अप्‍लाई कर सकते हैं. आप जिस भी पद के लिए अप्‍लाई कर रहे हैं  उस पद की योग्‍यता, फीस और पोस्टिंग से जुड़ी सभी जानकारियां नोटिफिकेशन में ध्‍यान से पढ़ लें.   इसके अलावा डीसीपीडब्‍ल्‍यू, नई दिल्‍ली में टेक्निकल अस्सिटेंट और वायरलेस सुपरवाइजर समेत कई पदों पर भर्तियां निकली हैं. कुछ 69 पद हैं और इनपर अप्‍लाई करने की आखिरी डेट 28 मई है. आप www.dcpw.nic.in पर जाकर इसके लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. ध्‍यान रहे हर पद के लिए अलग -अलग योग्‍यता तय की गई है. आप अपनी योग्‍यता के अनुसार इन पदों पर अप्‍लाई कर सकते हैं. आप जिस भी पद के लिए अप्‍लाई कर रहे हैं  उस पद की योग्‍यता, फीस और पोस्टिंग से जुड़ी सभी जानकारियां नोटिफिकेशन में ध्‍यान से पढ़ लें.   आप जिस भी पद के लिए अप्‍लाई कर रहे हैं  उस पद की योग्‍यता, फीस और पोस्टिंग से जुड़ी सभी जानकारियां नोटिफिकेशन में ध्‍यान से पढ़ लें.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: आरकॉम को सिस्तेमा सौदे के लिए शेयर बाजारों से मिली हरी झंडी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) ने गुरुवार को कहा कि शेयर बाजारों (बीएसई और एनएसई) ने एमटीएस के नाम से कारोबार करने वाली रूस की दूरसंचार कंपनी सिस्तेमा की भारतीय इकाई, सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज (एसएसटीएल) के अधिग्रहण के सौदे को मंजूरी दे दी है।टिप्पणियां रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने बंबई शेयर बाजार को बताया, 'हम आपको बताना चाहते हैं कि हमें बीएसई लिमिटेड और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमटेड (एनएसई) से इस संबंध में पत्र मिल गया है।' कंपनी ने कहा, 'रिलायंस कम्यूनिकेशंस और एसएसटीएल इस योजना की मंजूरी के संबंध में बंबई हाईकोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट में आवश्यक याचिका दायर करेगी।' देश की चौथी सबसे बड़ी दूरसचांर कंपनी आरकॉम ने नवंबर में सिस्तेमा की भारतीय परिचालन इकाई के अधिग्रहण की घोषणा की थी। रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने बंबई शेयर बाजार को बताया, 'हम आपको बताना चाहते हैं कि हमें बीएसई लिमिटेड और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमटेड (एनएसई) से इस संबंध में पत्र मिल गया है।' कंपनी ने कहा, 'रिलायंस कम्यूनिकेशंस और एसएसटीएल इस योजना की मंजूरी के संबंध में बंबई हाईकोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट में आवश्यक याचिका दायर करेगी।' देश की चौथी सबसे बड़ी दूरसचांर कंपनी आरकॉम ने नवंबर में सिस्तेमा की भारतीय परिचालन इकाई के अधिग्रहण की घोषणा की थी। देश की चौथी सबसे बड़ी दूरसचांर कंपनी आरकॉम ने नवंबर में सिस्तेमा की भारतीय परिचालन इकाई के अधिग्रहण की घोषणा की थी।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अनिल, टीना अंबानी को सम्मन जारी करने के खिलाफ आरटीएल पहुंची SC
यह एक लेख है: रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) आज सुप्रीम कोर्ट पहुंची। प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज शीघ्र सुनवाई के लिए इस याचिका का उल्लेख किया गया। खंडपीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति हो गई और इसे सुनवाई हेतु एक ‘‘उचित पीठ’’ के समक्ष 24 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में मुकदमे का सामना कर रही रिलायंस टेलीकॉम लि. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था। निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज शीघ्र सुनवाई के लिए इस याचिका का उल्लेख किया गया। खंडपीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति हो गई और इसे सुनवाई हेतु एक ‘‘उचित पीठ’’ के समक्ष 24 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में मुकदमे का सामना कर रही रिलायंस टेलीकॉम लि. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था। निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में मुकदमे का सामना कर रही रिलायंस टेलीकॉम लि. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था। निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: ईरान के नेता अयातुल्ला अली खुमैनी ने कहा, अमरीका और 'दुष्ट' ब्रिटेन अब भी खास दुश्मन हैं
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: ईरान के मुखिया और सबसे बड़े नेता अयातुल्ला अली खुमैनी ने शुक्रवार को कहा कि कहा कि क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर तेहरान का उसके खास दुश्मन अमरीका  और 'दुष्ट' ब्रिटेन से सहयोग करने कोई इरादा नहीं है। ऐसा एक टीवी रिपोर्ट में बताया गया है। खुमैनी ने टीवी पर लाइव प्रसारित भाषण में कहा कि 1979 की इस्लामी क्रांति से अमरीका अब भी ईरान का दुश्मन है। 'दुष्ट' ब्रिटेन  और बड़े शैतान अमरीका पर विश्वास करना एक बड़ी गलती होगी। उन्होंने कहा, 'हम अमरीका से क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग नहीं करेंगे। उनके लक्ष्य हमसे एकदम विपरीत हैं।' गौरतलब है कि खुमैनी ईरान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अमरीका उस न्यूक्लियर समझौते के लिए प्रतिबद्ध नहीं है जो तेहरान ने छह बड़ी ताकतों से  2015 में किया था। समझौता ईरान के विवादित न्यूक्लियर कार्यक्रम को रोकने के लिए हुआ था। गौरतलब है कि खुमैनी ईरान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अमरीका उस न्यूक्लियर समझौते के लिए प्रतिबद्ध नहीं है जो तेहरान ने छह बड़ी ताकतों से  2015 में किया था। समझौता ईरान के विवादित न्यूक्लियर कार्यक्रम को रोकने के लिए हुआ था।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: जेपी नड्डा बोले- विशेष दर्जे की वजह से जम्मू-कश्मीर में पनप रहा था अलगाववाद
यह एक लेख है: भारतीय जनता पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष दर्ज के कारण वहां अलगाववाद पनप रहा था. उन्होंने यहां संवादददाताओं से कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 का विषय लंबे समय से चला आ रहा था और उसकी वजह से ही राज्य में अलगाववाद पनप रहा था. जम्मू कश्मीर के भारत की मुख्यधारा में होने के बावजूद वहां अलगाववादी ताकतें सिर उठाकर समस्याएं पैदा कर रही थीं.''  नड्डा ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के हटने और 35ए के समाप्त होने से अब जम्मू कश्मीर मुख्यधारा में पूरी तरह से शामिल होकर अंखड भारत को आगे बढ़ाने में योगदान करेगा. इसके लिये मैं संसद के सभी सदस्यों को भी धन्यवाद देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृढ़ संकल्प तथा गृह मंत्री अमित शाह ने जिस ताकत और दृष्टि को ध्यान में रखकर इस काम को पूरा किया है, वह धन्यवाद के पात्र है. देश हमेशा उनके इस कार्य की सराहना करेगा.''  पार्टी के ''संपर्क अभियान'' पर निकले नड्डा ने जम्मू कश्मीर में सेवाएं दे चुके सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों से यहां मुलाकात की. नड्डा लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त विशंभर सिंह के घर गए और जम्मू कश्मीर के विकास के लिए उनकी राय ली. नड्डा ने कहा, ‘‘उनके सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उन्होंने लंबा समय भारत की सुरक्षा में लगाया है. उनके सुझावों को भी हम अपने साथ आत्मसात करके आगे बढ़ेंगे.'' इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया एवं भाजपा के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे.
2
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: अर्जेंटीना के जॉर्ज बरगोगलियो पहले लैटिन अमेरिकी पोप बने
लेख: अर्जेन्टीना के कार्डिनल जॉर्ज मारियो बरगोगलियो को रोमन कैथोलिक ईसाई समुदाय के नए पोप के रूप में चुना गया है। मारियो कैथोलिक चर्च के पोप चुने जाने वाले पहले लैटिन अमेरिकी नागरिक व 266वें पोप हैं। उन्हे पोप फ्रांसिस प्रथम के नाम से बुलाया जाएगा। बुधवार की रात नए पोप के पद के लिए हुए मतदान के परिणाम के बाद ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप 76-वर्षीय मारियो ने सिस्टीन चैपल की बाल्कनी में आकर सेंट पीटर्स स्क्वायर पर एकत्र भीड़ का अभिवादन किया, आशीर्वाद दिया और उनसे अपने लिए प्रार्थना करने को कहा। इससे पहले सिस्टीन चैपल की चिमनी से निकलने वाले सफेद धुएं और चर्च की घंटी ने नया पोप चुने की सूचना दी। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, मारियो पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के उत्तराधिकारी के रूप में पोप के पद के लिए चुने गए हैं। कैथोलिक समुदाय के सर्वप्रमुख धर्मगुरु के पद पर पहुंचने वाले वह पहले येसुसमाजी हैं।टिप्पणियां नए पोप के पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद कार्डिनल मारियो ने ट्विटर पर लिखा, "पोप चुना जाना मेरे लिए खुशी की बात है, पोप फ्रांसिस प्रथम।" वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे। बुधवार की रात नए पोप के पद के लिए हुए मतदान के परिणाम के बाद ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप 76-वर्षीय मारियो ने सिस्टीन चैपल की बाल्कनी में आकर सेंट पीटर्स स्क्वायर पर एकत्र भीड़ का अभिवादन किया, आशीर्वाद दिया और उनसे अपने लिए प्रार्थना करने को कहा। इससे पहले सिस्टीन चैपल की चिमनी से निकलने वाले सफेद धुएं और चर्च की घंटी ने नया पोप चुने की सूचना दी। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, मारियो पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के उत्तराधिकारी के रूप में पोप के पद के लिए चुने गए हैं। कैथोलिक समुदाय के सर्वप्रमुख धर्मगुरु के पद पर पहुंचने वाले वह पहले येसुसमाजी हैं।टिप्पणियां नए पोप के पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद कार्डिनल मारियो ने ट्विटर पर लिखा, "पोप चुना जाना मेरे लिए खुशी की बात है, पोप फ्रांसिस प्रथम।" वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे। इससे पहले सिस्टीन चैपल की चिमनी से निकलने वाले सफेद धुएं और चर्च की घंटी ने नया पोप चुने की सूचना दी। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, मारियो पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के उत्तराधिकारी के रूप में पोप के पद के लिए चुने गए हैं। कैथोलिक समुदाय के सर्वप्रमुख धर्मगुरु के पद पर पहुंचने वाले वह पहले येसुसमाजी हैं।टिप्पणियां नए पोप के पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद कार्डिनल मारियो ने ट्विटर पर लिखा, "पोप चुना जाना मेरे लिए खुशी की बात है, पोप फ्रांसिस प्रथम।" वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे। नए पोप के पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद कार्डिनल मारियो ने ट्विटर पर लिखा, "पोप चुना जाना मेरे लिए खुशी की बात है, पोप फ्रांसिस प्रथम।" वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे। वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे।
13
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: असम दंगों के विरोध में मुंबई में प्रदर्शन हुआ हिंसक; दो मरे, 16 घायल
यह लेख है: असम में हुए दंगों के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से दो लोगों की मौत हो गई और कम से कम 16 लोग घायल हो गए जबकि प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के वैन समेत वाहनों में आग लगा दी और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई। असम की हिंसा और पड़ोसी म्यांमार में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित हमलों की निंदा के लिए शहर के एक संगठन रजा अकादमी के आह्वान पर दोपहर में बड़ी संख्या में लोग दक्षिण-मुंबई स्थित आजाद मैदान में इकट्ठा हो गए।टिप्पणियां आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक हुड़दंग मचाने लगे। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई। असम की हिंसा और पड़ोसी म्यांमार में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित हमलों की निंदा के लिए शहर के एक संगठन रजा अकादमी के आह्वान पर दोपहर में बड़ी संख्या में लोग दक्षिण-मुंबई स्थित आजाद मैदान में इकट्ठा हो गए।टिप्पणियां आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक हुड़दंग मचाने लगे। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है। असम की हिंसा और पड़ोसी म्यांमार में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित हमलों की निंदा के लिए शहर के एक संगठन रजा अकादमी के आह्वान पर दोपहर में बड़ी संख्या में लोग दक्षिण-मुंबई स्थित आजाद मैदान में इकट्ठा हो गए।टिप्पणियां आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक हुड़दंग मचाने लगे। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है। आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक हुड़दंग मचाने लगे। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है।
2
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाने के आरोप में करीब दो दर्जन गिरफ्तार, 14 नवंबर से शुरू होगी परीक्षा
यह एक लेख है: कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाने की घटनाओं में शामिल 43 लोगों की पुलिस ने शिनाख्त कर ली है और करीब दो दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है. ये बातें उस हलफनामे में दर्ज हैं, जो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाईकोर्ट को सौंपा है. इस हलफनामे में ये भी लिखा गया है कि स्कूलों में परीक्षा तय समय यानी 14 नवंबर से शुरू होगी और इसके लिए सभी इंतजाम किए जा चुके हैं. वैसे शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर में एक स्कूल को जला दिया गया. यानी बीते दो महीनों में जब 30 से ज़्यादा स्कूल जल गए, तब राज्य प्रशासन हरकत में आया है. बताया जा रहा है कि इस मामले में अब तक दो दर्जन लोग गिरफ़्तार भी किए गए हैं. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 14 नवंबर से होने वाले इम्तिहानों की तैयारी कर ली है. संवेदनशील इलाकों में उन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सुरक्षा दी जाएगी. कई स्कूलों में पुलिस पेट्रोलिंग के जरिये सुरक्षा की निगरानी होगी. यही नहीं गांव समितियों और मोहल्ला कमेटियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने इलाके के स्कूलों का ख्याल रखें.टिप्पणियां प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा. वैसे शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर में एक स्कूल को जला दिया गया. यानी बीते दो महीनों में जब 30 से ज़्यादा स्कूल जल गए, तब राज्य प्रशासन हरकत में आया है. बताया जा रहा है कि इस मामले में अब तक दो दर्जन लोग गिरफ़्तार भी किए गए हैं. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 14 नवंबर से होने वाले इम्तिहानों की तैयारी कर ली है. संवेदनशील इलाकों में उन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सुरक्षा दी जाएगी. कई स्कूलों में पुलिस पेट्रोलिंग के जरिये सुरक्षा की निगरानी होगी. यही नहीं गांव समितियों और मोहल्ला कमेटियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने इलाके के स्कूलों का ख्याल रखें.टिप्पणियां प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 14 नवंबर से होने वाले इम्तिहानों की तैयारी कर ली है. संवेदनशील इलाकों में उन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सुरक्षा दी जाएगी. कई स्कूलों में पुलिस पेट्रोलिंग के जरिये सुरक्षा की निगरानी होगी. यही नहीं गांव समितियों और मोहल्ला कमेटियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने इलाके के स्कूलों का ख्याल रखें.टिप्पणियां प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा. प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा.
9
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: अमेरिका के लिए भविष्य में क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी चुनौती: ओबामा
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने कहा है कि दुनिया के लिए क्लाइमेट चेंज से बड़ा खतरा कुछ नहीं है। ओबामा ने पावर प्लांट्स से कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर प्रशासनिक योजना का सोमवार को औपचारिक उद्धाटन किया।टिप्पणियां कुछ ही महीने बाद पेरिस में क्लाइमेट चेंज को लेकर इंटरनेशनल स्तर की वार्ता होनी है। वाइट हाउस में लोगों को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा कि यदि समय रहते गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो हो सकता है कि दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग को खत्म ही न कर पाए। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि इस प्लान के चलते अमेरिकीयों को बिजली का मोटा बिल चुकाना होगा और इससे गरीबों पर असर पड़ेगा या फिर नौकरियों पर दिक्कत आएगी। दरअसल, इन्हीं शंकाओं के चलते इस प्लान की आलोचना हो रही है। कुछ ही महीने बाद पेरिस में क्लाइमेट चेंज को लेकर इंटरनेशनल स्तर की वार्ता होनी है। वाइट हाउस में लोगों को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा कि यदि समय रहते गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो हो सकता है कि दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग को खत्म ही न कर पाए। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि इस प्लान के चलते अमेरिकीयों को बिजली का मोटा बिल चुकाना होगा और इससे गरीबों पर असर पड़ेगा या फिर नौकरियों पर दिक्कत आएगी। दरअसल, इन्हीं शंकाओं के चलते इस प्लान की आलोचना हो रही है। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि इस प्लान के चलते अमेरिकीयों को बिजली का मोटा बिल चुकाना होगा और इससे गरीबों पर असर पड़ेगा या फिर नौकरियों पर दिक्कत आएगी। दरअसल, इन्हीं शंकाओं के चलते इस प्लान की आलोचना हो रही है।
13
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: जनवरी से कारें होंगी महंगी, कंपनियों की कीमत बढ़ाने की योजना
यह एक लेख है: कार खरीदने के इच्छुक लोगों को अगले साल से अधिक कीमत देने के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि कार कंपनियों ने दाम बढ़ाने का फैसला किया है। मारुति सुजुकी इंडिया ने इस दिशा में सबसे पहले कदम उठाया है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने कहा कि वह अपनी कारों की कीमत 20,000 रुपये तक बढ़ाएगी। टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि वह भी अपनी सभी कारों की कीमत एक से दो फीसदी तक बढ़ाएगी। अन्य कंपनियां होंडा कार्स इंडिया और फोक्सवैगन इंडिया ने कहा कि वे भी ऐसी पहल पर विचार कर रही हैं, लेकिन इससे जुड़ी बारीकियों को अभी अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। कंपनियों ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर उनके मार्जिन पर बढ़ रहे दबाव के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने कहा कि वह अपनी कारों की कीमत 20,000 रुपये तक बढ़ाएगी। टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि वह भी अपनी सभी कारों की कीमत एक से दो फीसदी तक बढ़ाएगी। अन्य कंपनियां होंडा कार्स इंडिया और फोक्सवैगन इंडिया ने कहा कि वे भी ऐसी पहल पर विचार कर रही हैं, लेकिन इससे जुड़ी बारीकियों को अभी अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। कंपनियों ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर उनके मार्जिन पर बढ़ रहे दबाव के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। अन्य कंपनियां होंडा कार्स इंडिया और फोक्सवैगन इंडिया ने कहा कि वे भी ऐसी पहल पर विचार कर रही हैं, लेकिन इससे जुड़ी बारीकियों को अभी अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। कंपनियों ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर उनके मार्जिन पर बढ़ रहे दबाव के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। कंपनियों ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर उनके मार्जिन पर बढ़ रहे दबाव के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: भारत में नया कारोबार शुरू करने की सुविधा के मामले में दिल्ली शीर्ष पर : रपट
यह एक लेख है: भारत में दिल्ली में कारोबार शुरू करना अन्य जगहों की तुलना में सबसे आसान है। उपक्रम बंद करने में आसानी के मामले में हैदराबाद सबसे अच्छा है। यह बात विश्वबैंक की एक रपट में कही गई है। हालांकि वाणिज्यिक विवाद सुलझाने के मामले में दिल्ली तीसरे स्थान पर है। सर्वेक्षण पर आधारित विश्वबैंक की पट में कहा गया कि भारत में जिन 17 शहरों के बारे में सर्वे किया गया उनमें कोलकाता में कारोबार बंद करना सबसे मुश्किल है। विश्वबैंक और अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) की भारत में कारोबार करने के संबंध में तैयार रपट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर दिल्ली 134वें स्थान पर है। रपट के मुताबिक नई दिल्ली में कारोबार शुरू करने में 32 दिन लगते हैं जबकि बेंगलुरू में 40 दिन का समय लगता है। इधर, वाणिज्यिक विवाद के संबंध में कहा गया कि भारत में एक विवाद को निपटाने में औसतन चार साल का वक्त लगता है और इस मामले में यह विश्व में तीसरे सबसे निचले स्थान पर है। कारोबार से जुड़ी रपट में कहा गया कि सिंगापुर में वाणिज्यिक विवाद निपटाने में सिर्फ पांच महीने का वक्त लगता है जो विश्व में कारोबार करने के लिहाज से सबसे अच्छा स्थान है।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: किरण बेदी ने कहा, हममें से कुछ को फांसी दे दीजिए...
लेख: अपने संगठन में अनियमितता होने के आरोपों का सामना कर रहीं टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने जनलोकपाल आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही आलोचना से व्यथित होकर कहा है कि अगर लगे तो हममें से कुछ को फांसी पर चढ़ा दीजिए। खुद को आमंत्रित करने वाले संस्थानों से अधिक यात्रा खर्च लेने के आरोपों का सामना कर रहीं किरण ने कहा, हजारे पक्ष के लगभग हर सदस्य को बदनाम करने की प्रवृत्ति बन गई है। उन्होंने कहा कि हजारे जनलोकपाल विधेयक को संसद में पारित कराने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ मतदाताओं को जागरुक बनाते हुए राष्ट्रहित की आवाज उठाने की कीमत चुका रहा है। किरण के अलावा अरविंद केजरीवाल पर स्वामी अग्निवेश ने हजारे के आंदोलन में मिली दानराशि के संबंध में अनियमितता बरतने के आरोप लगाए हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि इससे यही बात रेखांकित होती है कि हमें संसद के शीतकालीन सत्र पर ध्यान केंद्रित रखने और जनलोकपाल विधेयक का पारित होना सुनिश्चित कराने की जरूरत है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, इसके बाद अगर लगे तो हममें से कुछ को फांसी पर चढ़ा दीजिए। अगर गरीबों के लिए बचत करने के मेरे तरीके गलत हैं, तो मुझे दंड मिलना चाहिए। वही लोकपाल मुझे दंडित करेगा। जानबूझकर दूसरी ओर ध्यान बंटाया जा रहा है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: ग्रीस ने नहीं चुकाया IMF का कर्ज, बना डिफॉल्ट करने वाला पहला विकसित देश
यह एक लेख है: ग्रीस अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के 1.5 अरब यूरो (1.7 अरब डॉलर) के ऋण का भुगतान नहीं कर पाया और वह कर्ज भुगतान में चूक करने वाला पहला विकसित देश बन गया है। आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने मंगलवार को कहा, ‘मैं पुष्टि करता हूं कि ग्रीस को आईएमएफ के जिस बकाया 1.2 अरब एसडीआर का भुगतान करना था, वह आज प्राप्त नहीं हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘हमने अपने कार्यकारी बोर्ड को सूचित कर दिया है कि ग्रीस ने भुगतान नहीं किया है और वह इस बकाया राशि के भुगतान के बाद ही आईएमएफ से वित्तीय मदद ले सकता है।’टिप्पणियां यूरोपीय संघ के साथ अपने बेलआउट वित्तीय समझौते को पुनर्जीवित करने के दिन भर के असफल प्रयासों के बाद ग्रीस ने अंतिम समय में आईएमएफ से भुगतान की अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। ग्रीस को मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे तक भुगतान करना था। राइस ने इस अनुरोध की पुष्टि की, लेकिन बोर्ड ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अवधि बढाए जाने संबंधी अनुरोध को ‘आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के पास उचित समय पर भेजा जाएगा।’ आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने मंगलवार को कहा, ‘मैं पुष्टि करता हूं कि ग्रीस को आईएमएफ के जिस बकाया 1.2 अरब एसडीआर का भुगतान करना था, वह आज प्राप्त नहीं हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘हमने अपने कार्यकारी बोर्ड को सूचित कर दिया है कि ग्रीस ने भुगतान नहीं किया है और वह इस बकाया राशि के भुगतान के बाद ही आईएमएफ से वित्तीय मदद ले सकता है।’टिप्पणियां यूरोपीय संघ के साथ अपने बेलआउट वित्तीय समझौते को पुनर्जीवित करने के दिन भर के असफल प्रयासों के बाद ग्रीस ने अंतिम समय में आईएमएफ से भुगतान की अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। ग्रीस को मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे तक भुगतान करना था। राइस ने इस अनुरोध की पुष्टि की, लेकिन बोर्ड ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अवधि बढाए जाने संबंधी अनुरोध को ‘आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के पास उचित समय पर भेजा जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमने अपने कार्यकारी बोर्ड को सूचित कर दिया है कि ग्रीस ने भुगतान नहीं किया है और वह इस बकाया राशि के भुगतान के बाद ही आईएमएफ से वित्तीय मदद ले सकता है।’टिप्पणियां यूरोपीय संघ के साथ अपने बेलआउट वित्तीय समझौते को पुनर्जीवित करने के दिन भर के असफल प्रयासों के बाद ग्रीस ने अंतिम समय में आईएमएफ से भुगतान की अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। ग्रीस को मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे तक भुगतान करना था। राइस ने इस अनुरोध की पुष्टि की, लेकिन बोर्ड ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अवधि बढाए जाने संबंधी अनुरोध को ‘आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के पास उचित समय पर भेजा जाएगा।’ यूरोपीय संघ के साथ अपने बेलआउट वित्तीय समझौते को पुनर्जीवित करने के दिन भर के असफल प्रयासों के बाद ग्रीस ने अंतिम समय में आईएमएफ से भुगतान की अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। ग्रीस को मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे तक भुगतान करना था। राइस ने इस अनुरोध की पुष्टि की, लेकिन बोर्ड ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अवधि बढाए जाने संबंधी अनुरोध को ‘आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के पास उचित समय पर भेजा जाएगा।’ राइस ने इस अनुरोध की पुष्टि की, लेकिन बोर्ड ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अवधि बढाए जाने संबंधी अनुरोध को ‘आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के पास उचित समय पर भेजा जाएगा।’
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: इस वर्ष टेनिस के 'किंग' रहे जोकोविक
विश्व के सर्वोच्च वरीयता प्राप्त सर्बियाई टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविक के लिए वर्ष 2011 अविस्मरणीय रहा। जोकोविक ने हर लिहाज से इस वर्ष खुद को टेनिस का 'किंग' साबित किया। जोकोविक ने मौजूदा वर्ष में चार में से तीन ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए। इसके अलावा उन्होंने पांच मास्टर्स खिताब जीते और विश्व के सर्वोच्च खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। मौजूदा वर्ष जोकोविक के लिए बेहतरीन रहा। इस दौरान उनका जीत-हार का रिकॉर्ड 70-6 रहा। इस वर्ष उन्होंने कुल 12.6 मीलियन डॉलर की कमाई की। इतना सबकुछ हासिल करने के बाद जोकोविक को मौजूदा टेनिस का 'किंग' कहा जाए तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी। वर्ष की शुरुआत में जोकोविक ने वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन जीतने के बाद सत्र के चारों मास्टर्स खिताब अपने नाम किए जिनमें इंडियन वेल्स और मेड्रिड ओपन टूर्नामेंट शामिल हैं। इन सभी खिताबी मुकाबलों में जोकोविक ने विश्व के दूसरे नम्बर के खिलाड़ी राफेल नडाल को मात दी। मौजूदा वर्ष में फ्रेंच ओपन ग्रैंड स्लैम के सेमीफाइनल में जोकोविक को 16 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर के हाथों हार झेलनी पड़ी। बावजूद इसके जोकोविक के आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं आई और उन्होंने फिर से जीत की राह पकड़ ली। जोकोविक ने विम्बलडन में नडाल को हराकर मौजूदा सत्र में दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब हासिल किया। इसके बाद उन्होंने ऑल इंग्लैंड क्लब का खिताब जीतकर आठ वर्ष से चले आ रहे फेडरर और नडाल की बादशाहत को खत्म किया। वर्ष के अंतिम ग्रैंड स्लैम अमेरिकी ओपन के फाइनल में जोकोविक ने नडाल को हराकर मौजूदा सत्र में तीसरा ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किया। जोकोविक पिछले चार वर्ष से टेनिस सत्र का समापन रैंकिंग में तीसरे स्थान पर रहकर कर रहे थे।  समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने जोकोविक के हवाले से लिखा है, "टेनिस के मानस पटल पर पिछले पांच वर्ष से दो खिलाड़ियों का राज रहा। दोनों खिलाड़ियों ने इस दौरान कई बड़े टूर्नामेंट जीते। कभी-कभी मुझे इससे निराशा होती थी।"
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: नोएडा में शादी का झांसा देकर युवती से बलात्कार, आरोपी गिरफ्तार 
यह एक लेख है: नोएडा सेक्टर 24 थाना क्षेत्र से शादी का झांसा देकर एक युवती से बलात्कार का मामला सामने आया है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. थाना सेक्टर 24 के प्रभारी निरीक्षक पंकज पंत ने बताया कि सेक्टर 53 के ए ब्लॉक में रहने वाली एक युवती ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि मेरठ के रहने वाले शशांक शर्मा नाम के व्यक्ति ने शादी का झांसा देकर उसका बलात्कार किया.टिप्पणियां थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. युवक और युवती नोएडा में एक साथ काम करते हैं. थाना प्रभारी ने बताया कि शशांक का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था और वह पीड़िता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था. उन्होंने बताया कि आरोपी को आज अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.  थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. युवक और युवती नोएडा में एक साथ काम करते हैं. थाना प्रभारी ने बताया कि शशांक का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था और वह पीड़िता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था. उन्होंने बताया कि आरोपी को आज अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.  उन्होंने बताया कि आरोपी को आज अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: जम्मू और कश्मीर सरकार ने दिया घाटी के युवा फुटबॉलर्स को एक नायाब तोहफा
लेख: जम्मू और कश्मीर सरकार ने घाटी में खेल को बढ़ावा देने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने राज्य भर के तमाम गाँवों में फुटबॉल क्लबों की स्थापना के लिये 50-50 लाख रूपये देने की घोषणा की है. राज्य के युवा और खेल मंत्री इमरान अंसारी ने श्रीनगर में आयोजित राज्य खेल परिषद की स्थायी समिति की बैठक में यह ऐलान किया. अंसारी ने हफ्ते में कम से कम दो दिन पूरी तरह से लड़कियों के लिये आरक्षित करने के आदेश देते हुए ऑफिसर्स को खेलों में आधुनिक ट्रेनिंग का इस्तेमाल करने के लिए कहा. अंसारी ने कहा की खेलों में देश के लिए अच्छा करने वाले खिलाड़ियों को ज़्यादा से ज़्यादा प्रोत्साहन मिलना चाहिए और साथ ही उनकी उपलब्धियों को सराहा जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा की कड़ा परिश्रम करके देश के लिए मेडल्स लाने वाले एथलीटों का उदाहरण देकर युवाओं को खेल की ओर बढ़ावा देना चाहिए. अंसारी के अनुसार विश्व-स्तरीय खेल सुविधाओं से लैस इस प्रोजेक्ट का मकसद नई और छुपी हुई प्रतिभाओं को खोजना है. कैंप फंडिंग के अलावा हर जिला खेल कॉउंसिल को खेल को बढ़ावा देने के लिए 3-3 लाख रुपये भी प्रदान किये जाएंगे. क्लबों में कोच कॉन्ट्रैक्ट पर होंगे जिनका कोई निर्धारित वेतन नहीं होगा. खेल के सभी विशेषज्ञ और उम्मीदवारों का चयन युवा और खेल मंत्री इमरान अंसारी की देख रेख में ही होगा.   इस बड़े कदम की घोषणा ऐसे समय हुई है जब भारत अक्टूबर में होने वाले फीफा U-17 विश्व कप के आयोजन की तैयारियों में व्यस्त है. इस प्रतियोगता में भारतीय टीम को विश्व की टॉप टीमों के साथ खेलने का सुनहरा अवसर होगा. भारत मेज़बान होने की वजह से U-17 विश्व कप में हिस्सा लेगा. फुटबॉल में भारत का स्तर लगातार सुधर रहा है और हाल ही में टीम ने टॉप 100 रैंकिंग्स में प्रवेश किया है. विश्व के सबसे मशहूर और पसंदीदा खेल में भारत अपने अस्तित्व को बनाने की राह पर निकल चुका है, ऐसे में जम्मू और कश्मीर जैसे अस्थिर राज्य के इस फैसले ने पूरे देश के लिए एक बेहतरीन मिसाल और उदाहरण पेश किया है. अंसारी ने कहा की खेलों में देश के लिए अच्छा करने वाले खिलाड़ियों को ज़्यादा से ज़्यादा प्रोत्साहन मिलना चाहिए और साथ ही उनकी उपलब्धियों को सराहा जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा की कड़ा परिश्रम करके देश के लिए मेडल्स लाने वाले एथलीटों का उदाहरण देकर युवाओं को खेल की ओर बढ़ावा देना चाहिए. अंसारी के अनुसार विश्व-स्तरीय खेल सुविधाओं से लैस इस प्रोजेक्ट का मकसद नई और छुपी हुई प्रतिभाओं को खोजना है. कैंप फंडिंग के अलावा हर जिला खेल कॉउंसिल को खेल को बढ़ावा देने के लिए 3-3 लाख रुपये भी प्रदान किये जाएंगे. क्लबों में कोच कॉन्ट्रैक्ट पर होंगे जिनका कोई निर्धारित वेतन नहीं होगा. खेल के सभी विशेषज्ञ और उम्मीदवारों का चयन युवा और खेल मंत्री इमरान अंसारी की देख रेख में ही होगा.   इस बड़े कदम की घोषणा ऐसे समय हुई है जब भारत अक्टूबर में होने वाले फीफा U-17 विश्व कप के आयोजन की तैयारियों में व्यस्त है. इस प्रतियोगता में भारतीय टीम को विश्व की टॉप टीमों के साथ खेलने का सुनहरा अवसर होगा. भारत मेज़बान होने की वजह से U-17 विश्व कप में हिस्सा लेगा. फुटबॉल में भारत का स्तर लगातार सुधर रहा है और हाल ही में टीम ने टॉप 100 रैंकिंग्स में प्रवेश किया है. विश्व के सबसे मशहूर और पसंदीदा खेल में भारत अपने अस्तित्व को बनाने की राह पर निकल चुका है, ऐसे में जम्मू और कश्मीर जैसे अस्थिर राज्य के इस फैसले ने पूरे देश के लिए एक बेहतरीन मिसाल और उदाहरण पेश किया है.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: पाकिस्तान टीम को खुद पर गर्व है : संगकारा
यह एक लेख है: श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने पाकिस्तान की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि इस टीम ने स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण को पीछे छोड़ते हुए साबित किया है कि उसे खुद पर गर्व है। श्रीलंका को शनिवार रात ग्रुप-ए के नजदीकी मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों 11 रन से हार झेलनी पड़ी थी। संगकारा ने कहा कि इस मैच में पाकिस्तानी टीम काफी मजबूत साबित हुई। संगकारा ने कहा, उनकी (पाकिस्तान) मजबूत टीम है। उन्होंने साबित किया कि उन्हें खुद पर गर्व है और मुझे लगता है कि उन्होंने शानदार क्रिकेट खेली। श्रीलंकाई कप्तान ने कहा कि उनकी टीम ने पास आए मौकों का फायदा नहीं उठाया, जिसकी वजह से हार झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा, हम कुछ महत्वपूर्ण क्षणों को अपने हक में नहीं बदल सके। संगकारा ने कहा, शोएब (अख्तर) का महेला और (शाहिद) अफरीदी का दिलशान का विकेट लेना मैच के निर्णायक क्षण थे। इसके बाद चमारा सिल्वा थोड़ा धीमा खेले, लेकिन अंत में जाकर उन्होंने लय हासिल की। कनाडा के खिलाफ पहले मुकाबले में पांच विकेट लेने वाले अफरीदी ने इस मैच में भी चार विकेट झटके।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: लोगों ने भाजपा की ध्रुवीकरण की नीति को ठुकरा दिया : कांग्रेस
लेख: कांग्रेस ने आज कहा कि उपचुनाव के परिणाम भाजपा के लिए खतरे की घंटी है क्योंकि जनता ने उसकी 'ध्रुवीकरण की नीति' को ठुकरा दिया है और दावा किया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के सौ दिन के अंदर ही सरकार विरोधी कारक ने काम करना शुरू कर दिया। कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा, 'लोगों ने भाजपा और मोदी सरकार के रवैये को पसंद नहीं किया। प्रधानमंत्री खुद खामोश रहते हैं, लेकिन भाजपा के नेताओं और मोदी सरकार के मंत्रियों ने अपने बयानों के जरिये ध्रुवीकरण की राजनीति की। अहमद ने कहा कि गुजरात और राजस्थान में कांग्रेस की जीत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन दोनों राज्यों में लोकसभा चुनावों में पार्टी का खाता नहीं खुला था। उन्होंने कहा कि अब हम अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के नतीजे यह जाहिर करते हैं कि यह पहली सरकार है, जिसके सत्ता विरोधी कारक ने सरकार के सत्ता में आने के सौ दिन के अंदर ही काम करना शुरू कर दिया।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: पीएम मोदी की रैली से पहले बिहार को तोहफा, दूसरे एम्स को लेकर जारी सस्पेंस खत्म
यह लेख है: बिहार में दूसरे एम्स को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ज़िद और आग्रह के बाद अब दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को ही अपग्रेड कर एम्स बनाया जाएगा. शनिवार को पटना में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस आग्रह पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सहमति जता दी. आपको बता दें कि बिहार में पिछले कई महीनों से दूसरे एम्स के स्थान को लेकर काफी विवाद चल रहा था. माना जा रहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भागलपुर में दूसरे एम्स की स्थापना करना चाहते थे. इसी वजह से यह मामला लटका हुआ था. शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2015 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार में दूसरा एम्स खोलने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसके जगह का चयन नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पटना के बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग को अपग्रेड कर NIT बनाया गया उसी तरह दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अपग्रेड कर एम्स बनाया जाए. नीतीश कुमार ने साफ किया कि वर्तमान में DMCH में जो भी डॉक्टर एम्स के लायक हैं उन्हें ही रखा जाए और बाकी डॉक्टरों को राज्य सरकार अपने किसी अन्य मेडिकल कॉलेज या स्वास्थ्य विभाग में समायोजित कर लेगी. हालांकि इसके लिए वर्तमान नीति में बदलाव की जरूरत है. इस कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी मौजूद थे और उन्होंने भी इस प्रस्ताव पर सहमति जताई. दरअसल, नीतीश कुमार दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को ही एम्स में अपग्रेड कराने को लेकर इसलिए अड़े हुए हैं क्योंकि इसके पास पर्याप्त 200 एकड़ ज़मीन है. भूमि अधिग्रहण की कोई समस्या नहीं आएगी और साथ-साथ यह उत्तर बिहार का एक हब भी है.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: रोजर फेडरर की टीम में होने से उत्साहित हूं : सानिया मिर्जा
यह लेख है: भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रीमियर टेनिस लीग (आईपीटीएल) में स्विस स्टार रोजर फेडरर के साथ एक टीम में होने से काफी उत्साहित हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा, मैं वास्तव में उत्साहित हूं। यह भारत और एशिया की टेनिस के लिए बहुत अच्छा टूर्नामेंट है। मैं वास्तव में उसी टीम की तरफ से खेलने को लेकर उत्साहित हूं, जिसमें रोजर फेडरर भी शामिल हैं। आईपीटीएल में चार फ्रेंचाइजी टीमें भाग लेंगी। इनमें भारत की टीम भी है। इस टूर्नामेंट में फेडरर, नोवाक जोकोविच, एंडी मर्रे और पीट संप्रास जैसे खिलाड़ी भाग लेंगे। 17 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन फेडरर फिलहाल पीठ दर्द से परेशान हैं, लेकिन सानिया को उम्मीद है कि वह जल्द फिट हो जाएंगे। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि वह इससे उबर जाएंगे। वह अभी डेविस कप में खेल रहे हैं। मैं उनके साथ खेलने को लेकर उत्साहित हूं।
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एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: पिछले साल से ज्यादा ब्याज दर की घोषणा कर सकता है ईपीएफओ
यह एक लेख है: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने अंशधारकों को भविष्य निधि जमाओं पर अपेक्षाकृत अधिक ब्याज दर की घोषणा कर सकता है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2012-13 में अपने पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया था। सूत्रों ने बताया, 'ईपीएफओ अंशधारकों की पीएफ जमाओं पर इस वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर पिछले साल की 8.5 प्रतिशत से थोड़ी अधिक होगी।' उन्होंने कहा कि 8.5 प्रतिशत से थोड़ी ऊंची ब्याज दर से ईपीएफओ के लिए न तो घाटा और न ही अधिशेष होगा। ईपीएफओ ने 2012-13 में अपने अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया था जबकि 2011-12 में यह दर 8.25 प्रतिशत रही थी। वहीं 2010-11 में ईपीएफओ ने 9.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया।टिप्पणियां ईपीएफओ अपने केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक बुलाने की प्रक्रिया में है ताकि ब्याज दर को मंजूरी दी जा सके। इस बोर्ड की अध्यक्षता श्रम मंत्री करते हैं। सूत्रों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर की घोषणा दीवाली से पहले की जा सकती है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2012-13 में अपने पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया था। सूत्रों ने बताया, 'ईपीएफओ अंशधारकों की पीएफ जमाओं पर इस वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर पिछले साल की 8.5 प्रतिशत से थोड़ी अधिक होगी।' उन्होंने कहा कि 8.5 प्रतिशत से थोड़ी ऊंची ब्याज दर से ईपीएफओ के लिए न तो घाटा और न ही अधिशेष होगा। ईपीएफओ ने 2012-13 में अपने अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया था जबकि 2011-12 में यह दर 8.25 प्रतिशत रही थी। वहीं 2010-11 में ईपीएफओ ने 9.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया।टिप्पणियां ईपीएफओ अपने केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक बुलाने की प्रक्रिया में है ताकि ब्याज दर को मंजूरी दी जा सके। इस बोर्ड की अध्यक्षता श्रम मंत्री करते हैं। सूत्रों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर की घोषणा दीवाली से पहले की जा सकती है। सूत्रों ने बताया, 'ईपीएफओ अंशधारकों की पीएफ जमाओं पर इस वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर पिछले साल की 8.5 प्रतिशत से थोड़ी अधिक होगी।' उन्होंने कहा कि 8.5 प्रतिशत से थोड़ी ऊंची ब्याज दर से ईपीएफओ के लिए न तो घाटा और न ही अधिशेष होगा। ईपीएफओ ने 2012-13 में अपने अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया था जबकि 2011-12 में यह दर 8.25 प्रतिशत रही थी। वहीं 2010-11 में ईपीएफओ ने 9.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया।टिप्पणियां ईपीएफओ अपने केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक बुलाने की प्रक्रिया में है ताकि ब्याज दर को मंजूरी दी जा सके। इस बोर्ड की अध्यक्षता श्रम मंत्री करते हैं। सूत्रों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर की घोषणा दीवाली से पहले की जा सकती है। ईपीएफओ ने 2012-13 में अपने अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया था जबकि 2011-12 में यह दर 8.25 प्रतिशत रही थी। वहीं 2010-11 में ईपीएफओ ने 9.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया।टिप्पणियां ईपीएफओ अपने केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक बुलाने की प्रक्रिया में है ताकि ब्याज दर को मंजूरी दी जा सके। इस बोर्ड की अध्यक्षता श्रम मंत्री करते हैं। सूत्रों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर की घोषणा दीवाली से पहले की जा सकती है। ईपीएफओ अपने केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक बुलाने की प्रक्रिया में है ताकि ब्याज दर को मंजूरी दी जा सके। इस बोर्ड की अध्यक्षता श्रम मंत्री करते हैं। सूत्रों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर की घोषणा दीवाली से पहले की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर की घोषणा दीवाली से पहले की जा सकती है।
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यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: महाराष्ट्र के हाथ से फिसलने पर बीजेपी ने झोंकी झारखंड में ताकत
यह एक लेख है: देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई को अपने में समेटे राज्य महाराष्ट्र के हाथ से फिसल जाने के बाद भाजपा के लिए झारखंड में 'करो या मरो' जैसी स्थिति आ गई है. भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद महाराष्ट्र के भी हाथ से निकल जाने के बाद झारखंड में कम से कम बहुमत वाली जीत जरूरी है, तभी पार्टी हाल के विधानसभा चुनावों से खराब प्रदर्शन से खोई हुई लय वापस पा सकती है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में किसी तरह से सरकार बनी और बहुमत के अभाव में महाराष्ट्र में बनी सरकार गिर गई. अब अगर झारखंड में भी प्रदर्शन खराब हुआ तो फिर 2020 में दिल्ली विधानसभा और फिर 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर बुरा असर पड़ सकता है.  झारखंड में भी पार्टी का प्रदर्शन गिरने पर भाजपा के कमजोर होने का संदेश जा सकता है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिलहाल एक दर्जन रैलियां प्रस्तावित हैं. सूत्र बता रहे हैं कि हरियाणा की तरह झारखंड में भी वह कुछ अतिरिक्त रैलियां कर सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की झारखंड में फिलहाल दो-दो रैलियां हो चुकीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां झारखंड के पलामू और गुमला में रैली की, वहीं अमित शाह बीते 21 नवंबर को मनिका और लोहरदगा में जनसभा कर चुके हैं. अमित शाह की आगे दो, पांच, नौ, 14 और 17 दिसंबर को रैलियां होनी हैं. अमित शाह भी अपनी रैलियों की संख्या बढ़ा सकते हैं. भाजपा ने झारखंड के लिए 40 स्टार प्रचारकों को लगाया गया है. सूत्र बता रहे हैं कि इन स्टार प्रचारकों की रैलियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती हैं. हरियाणा, महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों से परेशान भाजपा झारखंड को लेकर किसी तरह का खतरा नहीं उठाना चाहती.  भाजपा के एक पदाधिकारी ने समाचार एजेंसी से कहा, जिन दावेदारों को टिकट नहीं मिले हैं, उन्हें चुनाव बाद सरकार में समायोजित करने का आश्वासन दिया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि पार्टी को किसी भी सीट पर भितरघात का सामना न करना पड़े. झारखंड में एक-एक सीट सरकार बनाने में कीमती है. झारखंड में 81 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होगा। 23 दिसंबर को चुनाव परिणाम जारी होंगे.
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इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: ईसीबी ने की और सरकारी बांडों की खरीद की घोषणा
लेख: साख निर्धारण एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स द्वारा गत शुक्रवार को अमेरिका की ऋण साख घटाने के बाद वैश्विक वित्तीय बाजारों में संकट और गहरा गया है। ऐसे में यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने वित्तीय बाजारों की स्थिति को शांत करने के उद्देश्य से ऋण संकट में फंसे देशों के और सरकारी बांड खरीदने की घोषणा की है। तीन साल में दूसरे वित्तीय संकट से बचने के लिए भारत सहित जी-20 के देशों के नेताओं और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों तथा जी-सात ने राजनयिक प्रयास तेज कर दिए हैं। दुनिया भर की सरकारों और अर्थव्यवस्थाओं की निगाह इस बात पर लगी है कि अमेरिकी साख घटाने के बाद बाजार में क्या प्रतिक्रिया होती है। इसके मद्देनजर उनके बीच लगातार टेलीफोन कान्फ्रेंसिंग के जरिए इस स्थिति से निपटने पर विचार-विमर्श हो रहा है। यूरो क्षेत्र के केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के बीच वीडियो कान्फ्रेंसिंग के बाद ईसीबी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह यूरो क्षेत्र के सरकारी बांड खरीदने के अपने कार्यक्रम को तेजी से लागू करेगा। तोक्यो बाजार में कारोबार शुरू होने से कुछ घंटे पहले आए इस बयान में हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ईसीबी किन देशों के सरकारी बांडों की खरीद करेगा। लेकिन इसमें यह संकेत दिया गया है कि ऋण खरीद कार्यक्रम का विस्तार इटली तक किया जाएगा।
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इसके लिए एक लेख लिखें: Monsoon Updates: दिल्ली-मुंबई में बारिश के आसार, यूपी समेत इन राज्यों में भी मानसून ने पकड़ी रफ्तार- जानें अगले 2-3 दिन का हाल
दिल्लीवासियों की बुधवार सुबह की शुरुआत उमस भरे मौसम के साथ हुई. न्यूनतम तापमान मौसम के औसत से दो डिग्री अधिक 29.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आर्द्रता का स्तर सुबह साढ़े आठ बजे 73 प्रतिशत दर्ज किया गया. मौसम वैज्ञानिकों ने दिन में गरज के साथ छीटों के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है. अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. वहीं आईएमडी के मुताबिक मुंबई, थाणे, रायगढ़, पालघर, रत्नगिरी और नासिक में गुरुवार को करीब 4 घंटे तेज बारिश के आसार हैं. उत्तर प्रदेश में मानसून ने अब रफ्तार पकड़ ली है. बुधवार को राजधानी समेत अन्य इलाके इलाकों में हुई बारिश ने तापमान को लुढ़का दिया है. मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. गुरुवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग की माने तो लखनऊ समेत झांसी, जालौन, रामपुर, बरेल, रायबरेली, प्रतापगढ़, मुरादाबाद में गुरुवार को करीब 3 घंटे झमाझम बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार मानसून के जोर पकड़ने से अभी 27 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है. मानसून की ट्रफ रेखा प्रदेश के कई इलाकों से होकर गुजर रही है. इस कारण आद्रता में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके चलते प्रदेश के कई क्षेत्रों में गरज चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है. 27 जुलाई के बाद मानसून की कुछ चाल सुस्त पड़ने के आसार हैं. गुरुवार को आगरा का न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस, कानपुर का 25 डिग्री, गोरखपुर 24 डिग्री, बहराइच का 25.1 डिग्री, फैजाबाद का 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. बुधवार को तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम 28.3 डिग्री दर्ज किया गया. न्यूनतम पारा सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम 23.8 रिकॉर्ड हुआ. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के अन्य हिस्सों में गुरुवार की सुबह से आसमान पर बादल छाए हुए हैं, जिससे गर्मी का असर कम है. राज्य में कमजोर पड़े मानसून के एक बार फिर सक्रिय होने के आसार बनने लगे हैं. यही कारण है कि, गुरुवार की सुबह से आसमान पर बादलों का डेरा है, जिससे गर्मी का असर कम है. बीते 24 घंटों के दौरान भी कई स्थानों पर बाछौरें पड़ी है, जिससे तापमान में गिरावट आई है. मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दवाब का क्षेत्र बन रहा है, जिससे आगामी दिनों में बारिश की संभावना बढ़ गई है.
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इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: दर्द का सबब बनता है प्रेम : एम्मा वॉटसन
यह लेख है: हॉलीवुड अभिनेत्री एम्मा वॉटसन का मानना है कि प्यार दर्द का सबब बनता है। उनका कहना है कि अतीत में उनका अनुभव काफी बुरा रहा है। 22 वर्षीय अभिनेत्री फिलहाल एक छात्र विल एडमोविज के साथ मुलाकातें बढ़ा रही हैं।टिप्पणियां एक वेबसाइट के मुताबिक एम्मा का कहना है कि जब उन्होंने मित्रों से मिलना-जुलना शुरू किया तो उनके लिए प्यार 'रोमियो जूलियट' की कहानी की तरह था। उन्होंने कहा, दुख की बात यह है आप सिर्फ अनुभवों से सीखते हैं। इससे अच्छा कि कोई आपको ये बातें बताए और आप उस रिश्ते से बाहर होकर खुद अपनी गलती सुधार लें। एक वेबसाइट के मुताबिक एम्मा का कहना है कि जब उन्होंने मित्रों से मिलना-जुलना शुरू किया तो उनके लिए प्यार 'रोमियो जूलियट' की कहानी की तरह था। उन्होंने कहा, दुख की बात यह है आप सिर्फ अनुभवों से सीखते हैं। इससे अच्छा कि कोई आपको ये बातें बताए और आप उस रिश्ते से बाहर होकर खुद अपनी गलती सुधार लें। उन्होंने कहा, दुख की बात यह है आप सिर्फ अनुभवों से सीखते हैं। इससे अच्छा कि कोई आपको ये बातें बताए और आप उस रिश्ते से बाहर होकर खुद अपनी गलती सुधार लें।
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इसके लिए एक लेख लिखें: सावधानी से खेलें तो जीत सकते हैं शृंखला : शाहिद अफरीदी
यह लेख है: पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने ऑस्ट्रेलिया खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला जीतने की उम्मीद जताई है। अफरीदी ने कहा है कि यदि उनकी टीम सावधानी से खेलती है तो वह शृंखला जीत सकती है। पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच तटस्थ स्थल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में तीन एकदिवसीय और तीन ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेलेगी। इस दौरे की शुरुआत मंगलवार से होगी। यह मुकाबला शारजाह क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जाएगा। अफरीदी का मानना है कि यहां की परिस्थितियां उनकी टीम के अनुकूल होंगी। अफरीदी हाल में श्रीलंका प्रीमियर लीग (एसएलपीए) ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट को बीच में ही छोड़ बीमार पत्नी को देखने स्वदेश लौटे थे। वह टीम से जुड़ने के लिए रविवार को शारजाह रवाना हो गए। अफरीदी का कहना है कि उनकी टीम के पास ऑस्ट्रेलिया को हराने का सुनहरा मौका है। समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अफरीदी के हवाले से लिखा है, वह विश्वस्तरीय टीम है। हमारे पास अच्छा मौका है। हम यहां की परिस्थितियों को बेहतर जानते हैं। हम एक अच्छी ट्वेंटी-20 टीम हैं, साथ ही साथ यदि हम सावधानी से खेलें तो हम शृंखला जीत सकते हैं। टिप्पणियां अफरीदी का कहना है कि इस शृंखला के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। पत्र के मुताबिक अफरीदी ने कहा, मैं अपने प्रदर्शन के महत्व को समझता हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं उस पर खरा उतरूंगा। उल्लेखनीय है कि अफरीदी के नाम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का विश्वकीर्तिमान है। अफरीदी ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब तक 289 छक्के लगाए हैं। छक्कों के बारे में पूछने पर अफरीदी ने कहा कि वह छक्कों का तिहरा शतक पूरा करना चाहते हैं, जिसकी लम्बे समय से उनकी ख्वाहिश रही है। पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच तटस्थ स्थल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में तीन एकदिवसीय और तीन ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेलेगी। इस दौरे की शुरुआत मंगलवार से होगी। यह मुकाबला शारजाह क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जाएगा। अफरीदी का मानना है कि यहां की परिस्थितियां उनकी टीम के अनुकूल होंगी। अफरीदी हाल में श्रीलंका प्रीमियर लीग (एसएलपीए) ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट को बीच में ही छोड़ बीमार पत्नी को देखने स्वदेश लौटे थे। वह टीम से जुड़ने के लिए रविवार को शारजाह रवाना हो गए। अफरीदी का कहना है कि उनकी टीम के पास ऑस्ट्रेलिया को हराने का सुनहरा मौका है। समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अफरीदी के हवाले से लिखा है, वह विश्वस्तरीय टीम है। हमारे पास अच्छा मौका है। हम यहां की परिस्थितियों को बेहतर जानते हैं। हम एक अच्छी ट्वेंटी-20 टीम हैं, साथ ही साथ यदि हम सावधानी से खेलें तो हम शृंखला जीत सकते हैं। टिप्पणियां अफरीदी का कहना है कि इस शृंखला के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। पत्र के मुताबिक अफरीदी ने कहा, मैं अपने प्रदर्शन के महत्व को समझता हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं उस पर खरा उतरूंगा। उल्लेखनीय है कि अफरीदी के नाम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का विश्वकीर्तिमान है। अफरीदी ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब तक 289 छक्के लगाए हैं। छक्कों के बारे में पूछने पर अफरीदी ने कहा कि वह छक्कों का तिहरा शतक पूरा करना चाहते हैं, जिसकी लम्बे समय से उनकी ख्वाहिश रही है। अफरीदी का मानना है कि यहां की परिस्थितियां उनकी टीम के अनुकूल होंगी। अफरीदी हाल में श्रीलंका प्रीमियर लीग (एसएलपीए) ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट को बीच में ही छोड़ बीमार पत्नी को देखने स्वदेश लौटे थे। वह टीम से जुड़ने के लिए रविवार को शारजाह रवाना हो गए। अफरीदी का कहना है कि उनकी टीम के पास ऑस्ट्रेलिया को हराने का सुनहरा मौका है। समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अफरीदी के हवाले से लिखा है, वह विश्वस्तरीय टीम है। हमारे पास अच्छा मौका है। हम यहां की परिस्थितियों को बेहतर जानते हैं। हम एक अच्छी ट्वेंटी-20 टीम हैं, साथ ही साथ यदि हम सावधानी से खेलें तो हम शृंखला जीत सकते हैं। टिप्पणियां अफरीदी का कहना है कि इस शृंखला के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। पत्र के मुताबिक अफरीदी ने कहा, मैं अपने प्रदर्शन के महत्व को समझता हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं उस पर खरा उतरूंगा। उल्लेखनीय है कि अफरीदी के नाम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का विश्वकीर्तिमान है। अफरीदी ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब तक 289 छक्के लगाए हैं। छक्कों के बारे में पूछने पर अफरीदी ने कहा कि वह छक्कों का तिहरा शतक पूरा करना चाहते हैं, जिसकी लम्बे समय से उनकी ख्वाहिश रही है। समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अफरीदी के हवाले से लिखा है, वह विश्वस्तरीय टीम है। हमारे पास अच्छा मौका है। हम यहां की परिस्थितियों को बेहतर जानते हैं। हम एक अच्छी ट्वेंटी-20 टीम हैं, साथ ही साथ यदि हम सावधानी से खेलें तो हम शृंखला जीत सकते हैं। टिप्पणियां अफरीदी का कहना है कि इस शृंखला के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। पत्र के मुताबिक अफरीदी ने कहा, मैं अपने प्रदर्शन के महत्व को समझता हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं उस पर खरा उतरूंगा। उल्लेखनीय है कि अफरीदी के नाम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का विश्वकीर्तिमान है। अफरीदी ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब तक 289 छक्के लगाए हैं। छक्कों के बारे में पूछने पर अफरीदी ने कहा कि वह छक्कों का तिहरा शतक पूरा करना चाहते हैं, जिसकी लम्बे समय से उनकी ख्वाहिश रही है। अफरीदी का कहना है कि इस शृंखला के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। पत्र के मुताबिक अफरीदी ने कहा, मैं अपने प्रदर्शन के महत्व को समझता हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं उस पर खरा उतरूंगा। उल्लेखनीय है कि अफरीदी के नाम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का विश्वकीर्तिमान है। अफरीदी ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब तक 289 छक्के लगाए हैं। छक्कों के बारे में पूछने पर अफरीदी ने कहा कि वह छक्कों का तिहरा शतक पूरा करना चाहते हैं, जिसकी लम्बे समय से उनकी ख्वाहिश रही है। उल्लेखनीय है कि अफरीदी के नाम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का विश्वकीर्तिमान है। अफरीदी ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब तक 289 छक्के लगाए हैं। छक्कों के बारे में पूछने पर अफरीदी ने कहा कि वह छक्कों का तिहरा शतक पूरा करना चाहते हैं, जिसकी लम्बे समय से उनकी ख्वाहिश रही है।
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इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: विश्व कप : भारत ने वेस्टइंडीज को चार विकेट से हराया, क्वार्टर फाइनल में जगह हुई पक्की
यह लेख है: भारत ने वाका मैदान पर शुक्रवार को हुए आईसीसी विश्व कप-2015 के पूल-बी मुकाबले में वेस्टइंडीज को चार विकेट से हराकर लगातार चौथी जीत दर्ज कर ली। इसके साथ ही भारतीय टीम का नॉकआउट वर्ग में पहुंचना भी पक्का हो गया। भारत के सामने जीत के लिए 183 रनों का लक्ष्य था जिसे टीम ने 39.1 ओवरों में छह विकेट खोकर हासिल किया। इस जीत के साथ महेंद्र सिंह धोनी विदेशी धरती पर भारत के सबसे सफल कप्तानों शुमार हो गए हैं। विदेशी जमीन पर कप्तान के तौर पर धोनी की यह 59वीं जीत है। इससे पूर्व सौरव गांगुली के नाम सबसे ज्यादा 58 जीत थे। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की राह हालांकि आसान नहीं रही और उसके छह विकेट एक समय 134 रनों पर गिर गए थे। इसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (41 नाबाद) ने एक बार फिर सधी हुई पारी खेली और टीम को जीत दिलाई। धोनी और रविचंद्रन अश्विन (16 नाबाद) ने सातवें विकेट के लिए 51 रनों की नाबाद साझेदारी की। वेस्टइंडीज की ओर से जेरोम टेलर और आंद्रे रसेल को दो-दो सफलता मिली। केमार रोच और ड्वायन स्मिथ को एक-एक विकेट मिला। इससे पूर्व, रोहित शर्मा (7) के साथ भारतीय पारी की शुरुआत करने आए शिखर धवन (9) को पांचवें ओवर की पहली गेंद पर जेरोम टेलर ने पवेलियन भेजकर भारत को पहला झटका दे दिया। इस समय टीम की रनसंख्या केवल 11 थी। नौ रन बाद ही रोहित भी टेलर का शिकार हो गए। इसके बाद विराट कोहली (33) और अजिंक्य रहाणे (14) ने मिल कर भारतीय पारी को संवारने की कोशिश की और तीसरे विकेट के लिए 43 रन जोड़े। आंद्रे रसेल ने हालांकि 15वें ओवर की आखिरी गेंद पर कोहली को मार्लन सैमुअल्स के हाथों कैच करा कर खतरनाक होती इस जोड़ी को तोड़ दिया। कुछ देर बाद ही अजिंक्य रहाणे भी रोच की गेंद पर विकेटकीपर दिनेश रामदीन को अपना कैच दे बैठे। उनका विकेट हालांकि विवादास्पद रहा। रामदिन द्वारा कैच पकड़े जाने के बाद रहाणे ने तीसरे अंपायर से रिव्यू मांगा था। सुरेश रैना 22 रन बनाकर आउट हुए। इससे पहले भारत ने अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत वेस्टइंडीज टीम को 44.2 ओवर में 182 रनों पर समेट दिया। भारत की ओर से मोहम्मद समी ने तीन जबकि उमेश यादव और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट हासिल किए। रविचंद्रन अश्विन तथा मोहित शर्मा को एक-एक सफलता मिली। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज के सात विकेट एक समय 25 ओवर से पहले ही 85 रनों पर गिर गए थे और ऐसा लगने लगा था कि कैरेबियाई टीम शायद 100 रनों के आस-पास सिमट जाएगी। इसके बाद लेकिन आठवें विकेट के लिए डारेन सैमी (26) और कप्तान जेसन होल्डर (57) के बीच हुई 39 रनों की साझेदारी ने टीम को इस संकट से उबार लिया। सैमी के पवेलियन लौटने के बाद जेरोम टेलर (11) के साथ होल्डर ने नौवें विकेट के लिए 51 रन जोड़े और टीम को 150 रनों के पार पहुंचाया। होल्डर ने 64 गेंदों की अपनी पारी में चार चौके और तीन छक्के लगाए और आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। इस दौरान हालांकि भारतीय क्षेत्ररक्षण बेहद औसत रहा और खिलाड़ियों ने कई कैच छोड़े। कैरेबियाई टीम को पहला झटका पांचवें ओवर में आठ रनों के योग पर ड्वायन स्मिथ (6) के रूप में लगा। वेस्टइंडीज टीम के कुल योग में अभी सात रन ही और जुड़े थे कि मार्लन सैमुअल्स (2) दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए। धीमी शुरुआत के बीच विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल (21) ने रनगति बढ़ाने की कोशिश की और नौवें ओवर की आखिरी गेंद पर एक शॉट हवा में उछाल बैठे। मोहित शर्मा ने उनका कैच लिया। गेल का विकेट समी ने हासिल किया। सबसे बड़ी सफलता मिलने के बाद अगले ही ओवर में भारतीय गेंदबाजों को दिनेश रामदीन (0) का भी विकेट मिल गया। उन्हें उमेश यादव ने बोल्ड किया। इसके बाद लेंडल सिमंस 9 रन और जोनाथन कार्टर 21 रन बनाकर पवेलियन लौटे। आंद्रे रसेल आठ रन बनाकर आउट हुए।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: राडिया टेप प्रकरण में केंद्र को SC का नोटिस
लेख: सुप्रीम कोर्ट ने कॉरपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया के सभी टेपों को सार्वजनिक करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। इस याचिका में नीरा राडिया की बातचीत से जुड़े तमाम टेपों को सार्वजनिक करने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि इन टेपों में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और टाटा ग्रुप की पीआर मैनेजर नीरा राडिया की कुल 5800 बार की बातचीत दर्ज है। इसमें टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा के साथ नीरा राडिया की बातचीत भी शामिल है। ये सभी सरकार ने टैप किए थे। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एसएस निझज्जर ने सोमवार को इस बारे में केंद्र को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई 2 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। न्यायालय ने यह आदेश सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रस्ट लिटिगेशन की याचिका पर दिया है। इस संस्था ने नेताओं, पत्रकारों और कॉरपोरेट दिग्गजों समेत विभिन्न लोगों से नीरा की बातचीत के 5800 टेपों का खुलासा करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि इन टेपों का खुलासा करना जनहित में है, क्योंकि इससे विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है। सरकार ने वित्त मंत्रालय में एक शिकायत के बाद नीरा की फोन पर बातचीत टैप की थी। शिकायत में कहा गया था कि वह कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त है।याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि इन टेपों की पूरी सामग्री का खुलासा इसलिए भी जनहित में है, क्योंकि इससे नेताओं, नौकरशाहों, कॉरपोरेट दिग्गजों, व्यावसायिक घरानों और यहां तक कि पत्रकारों के बीच चल रहे भ्रष्टाचार के पूरे चक्र का खुलासा हो सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि नीरा से जुड़े टेपों को सार्वजनिक करने से संभवत: ऊंचे स्थानों पर जमी भ्रष्टाचार की परतें खुलेंगी। नीरा की विभिन्न लोगों से बातचीत रिकॉर्ड करने के दौरान सरकार ने नीरा की उद्योगपति रतन टाटा से बातचीत भी रिकॉर्ड की थी।टाटा ने इसके बाद अदालत में याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि नीरा के साथ उनकी बातचीत के कुछ हिस्से लीक होने के मामले में सरकार को जांच करने के आदेश दिए जाएं। टाटा ने नीरा के साथ अपनी बातचीत लीक होने के खिलाफ अदालत में दस्तक देते हुए कहा था कि यह उनकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है, जो सम्मान से जीने के उनके अधिकार से जुड़ा है। टाटा ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा था, याचिकाकर्ता (टाटा) इस बात को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं कि इस तरह की चुराई हुई सामग्री के मुक्त वितरण, इसे वापस लेने के लिए कोई कदम उठाए बिना और इसके लीक होने का स्रोत जाने बिना इसके प्रकाशन की अनुमति देने में सरकार ने लापरवाही भरा रवैया रखा। टाटा ने टेप लीक होने की जांच करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी, जिसका केंद्र ने जवाब दिया था। केंद्र के इस जवाब के बाद टाटा ने यह हलफनामा दाखिल किया था। उद्योगपति टाटा ने कहा था कि उनकी टैप की हुई बातचीत को संरक्षित न रख पाना और इसका बाहरी लोगों तक पहुंचना, हमारे महान कानून की परंपरा का हिस्सा नहीं है। टाटा ने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्र का उच्च न्यायालय में दायर हलफनामा, सरकार का यह रुख पेश करता है कि हालांकि ऐसी टैप की हुई सामग्री का संरक्षण कानून के मुताबिक जरूरी है, पर ऐसा न हो पाने और इसके बाहरी लोगों तक पहुंचने की हालत में इन्हें वापस लाने के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता और न ही इस बात की जांच होती है कि यह कैसे लीक हुए। टाटा ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि कर नियमों के उल्लंघन संबंधी मामलों की जांच में लोगों की टेलीफोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड करने की कवायद बढ़ती जा रही है, जबकि इस प्रावधान का मूल तौर पर उपयोग देश की सुरक्षा से जुड़े गंभीर अपराधों की जांच में ही किया जाता था।(इनपुट भाषा से भी)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: हेड कोच विवाद पर बोले कुंबले, 'यह अनिल या रवि की बात नहीं, टीम के खिलाड़ी हैं महत्वपूर्ण'
लेख: अनिल कुंबले ने टीम इंडिया के कोच के रूप में शुरुआत इस पद के लिए चयन को लेकर हुए कथित विवाद को दरकिनार करते हुए की है। कुंबले ने कहा कि इस बात के मायने नहीं हैं कि वह या रवि शास्त्री में से कोई, सीनियर टीम में यह पद संभाल रहे हैं। बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'खिलाड़ी महत्वपूर्ण हैं। मैदान पर वे ही सामने होते हैं। सपोर्ट स्टाफ का काम परदे के पीछे इनके सहायक की भूमिका निभाना है।' कुंबले ने कहा, यह रवि या अनिल की बात नहीं है। हम सब चाहते हैं कि टीम इंडिया अच्‍छा करे। रवि (शास्त्री) ने टीम डायरेक्‍टर के रूप में अच्छा किया है, अब मेरी बारी है, आने वाले कल को कोई और होगा...। मैं पहला शख्स था जिसने रवि शास्त्री को फोन किया और उन्‍होंने मुझे बधाई दी। गौरतलब है कि डायरेक्‍टर के रूप में टीम इंडिया को हाल में सफलताएं दिलाने वाले रवि शास्त्री के दावे को दरकिनार करते हुए कुंबले को कोच के रूप में चुना जाना कुछ लोगों को रास नहीं आया है। शास्त्री करीब 18 माह टीम डायरेक्‍टर रहे और उनके कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया ने दो वर्ल्‍डकप (टी-20 और 50 ओवर वर्ल्‍डकप) के सेमीफाइनल में स्थान बनाया। कुंबले बुधवार को बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में टीम इंडिया के अभ्यास शिविर में कोच के तौर पर शामिल हुए। पहले दिन बेंगलुरू में बारिश ने उनका स्वागत किया। बारिश ने पहले ही दिन प्रैक्टिस में भी बाधा डाली। इस मौके पर मीडिया से रूबरू होते हुए कुंबले ने कहा, 'मौजूदा  टीम बेहद बहुत प्रतिभाशाली है और टेस्‍ट क्रिकेट की लोकप्रियता के लिए मैं जो कुछ भी हो सकता है, करूंगा।' गौरतलब है कि टीम इंडिया का अभ्यास शिविर 29 जून से शुरू होकर 4 जुलाई तक चलेगा, इसके बाद टीम वेस्‍टइंडीज दौरे के लिए रवाना होगी। टिप्पणियां टीम इंडिया के कप्‍तान रह चुके कुंबले ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा,  'मैंने अभी कुछ ही घंटे खिलाडि़यों के साथ बिताए हैं। गेंदबाजी के मोर्चे पर हम तमाम विकल्‍पों पर विचार करेंगे। खुद आला दर्जे के स्पिनर रहे कुंबले ने कहा, मैं गेंदबाजों से बात कर उनकी जरूरतों को जानने की कोशिश करूंगा। हमारे पास इशांत शर्मा जैसे कई अनुभवी गेंदबाज हैं और मेरी कोशिश इन्‍हें सलाह देकर टीम के हित में सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन कराने की होगी। उन्‍होंने कहा कि खिलाडि़यों में मेरी आज केवल औपचारिक मुलाकात हुई है। मैंने वनडे और टी-20 टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी फोन पर बात की है। वेस्‍टइंडीज टीम का जिक्र करते हुए कुंबले ने कहा,  अपने फॉर्म में रहने पर वेस्‍टइंडीज हमेशा ही मुश्किल टीम रही है। कुंबले ने कहा, यह रवि या अनिल की बात नहीं है। हम सब चाहते हैं कि टीम इंडिया अच्‍छा करे। रवि (शास्त्री) ने टीम डायरेक्‍टर के रूप में अच्छा किया है, अब मेरी बारी है, आने वाले कल को कोई और होगा...। मैं पहला शख्स था जिसने रवि शास्त्री को फोन किया और उन्‍होंने मुझे बधाई दी। गौरतलब है कि डायरेक्‍टर के रूप में टीम इंडिया को हाल में सफलताएं दिलाने वाले रवि शास्त्री के दावे को दरकिनार करते हुए कुंबले को कोच के रूप में चुना जाना कुछ लोगों को रास नहीं आया है। शास्त्री करीब 18 माह टीम डायरेक्‍टर रहे और उनके कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया ने दो वर्ल्‍डकप (टी-20 और 50 ओवर वर्ल्‍डकप) के सेमीफाइनल में स्थान बनाया। कुंबले बुधवार को बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में टीम इंडिया के अभ्यास शिविर में कोच के तौर पर शामिल हुए। पहले दिन बेंगलुरू में बारिश ने उनका स्वागत किया। बारिश ने पहले ही दिन प्रैक्टिस में भी बाधा डाली। इस मौके पर मीडिया से रूबरू होते हुए कुंबले ने कहा, 'मौजूदा  टीम बेहद बहुत प्रतिभाशाली है और टेस्‍ट क्रिकेट की लोकप्रियता के लिए मैं जो कुछ भी हो सकता है, करूंगा।' गौरतलब है कि टीम इंडिया का अभ्यास शिविर 29 जून से शुरू होकर 4 जुलाई तक चलेगा, इसके बाद टीम वेस्‍टइंडीज दौरे के लिए रवाना होगी। टिप्पणियां टीम इंडिया के कप्‍तान रह चुके कुंबले ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा,  'मैंने अभी कुछ ही घंटे खिलाडि़यों के साथ बिताए हैं। गेंदबाजी के मोर्चे पर हम तमाम विकल्‍पों पर विचार करेंगे। खुद आला दर्जे के स्पिनर रहे कुंबले ने कहा, मैं गेंदबाजों से बात कर उनकी जरूरतों को जानने की कोशिश करूंगा। हमारे पास इशांत शर्मा जैसे कई अनुभवी गेंदबाज हैं और मेरी कोशिश इन्‍हें सलाह देकर टीम के हित में सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन कराने की होगी। उन्‍होंने कहा कि खिलाडि़यों में मेरी आज केवल औपचारिक मुलाकात हुई है। मैंने वनडे और टी-20 टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी फोन पर बात की है। वेस्‍टइंडीज टीम का जिक्र करते हुए कुंबले ने कहा,  अपने फॉर्म में रहने पर वेस्‍टइंडीज हमेशा ही मुश्किल टीम रही है। कुंबले बुधवार को बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में टीम इंडिया के अभ्यास शिविर में कोच के तौर पर शामिल हुए। पहले दिन बेंगलुरू में बारिश ने उनका स्वागत किया। बारिश ने पहले ही दिन प्रैक्टिस में भी बाधा डाली। इस मौके पर मीडिया से रूबरू होते हुए कुंबले ने कहा, 'मौजूदा  टीम बेहद बहुत प्रतिभाशाली है और टेस्‍ट क्रिकेट की लोकप्रियता के लिए मैं जो कुछ भी हो सकता है, करूंगा।' गौरतलब है कि टीम इंडिया का अभ्यास शिविर 29 जून से शुरू होकर 4 जुलाई तक चलेगा, इसके बाद टीम वेस्‍टइंडीज दौरे के लिए रवाना होगी। टिप्पणियां टीम इंडिया के कप्‍तान रह चुके कुंबले ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा,  'मैंने अभी कुछ ही घंटे खिलाडि़यों के साथ बिताए हैं। गेंदबाजी के मोर्चे पर हम तमाम विकल्‍पों पर विचार करेंगे। खुद आला दर्जे के स्पिनर रहे कुंबले ने कहा, मैं गेंदबाजों से बात कर उनकी जरूरतों को जानने की कोशिश करूंगा। हमारे पास इशांत शर्मा जैसे कई अनुभवी गेंदबाज हैं और मेरी कोशिश इन्‍हें सलाह देकर टीम के हित में सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन कराने की होगी। उन्‍होंने कहा कि खिलाडि़यों में मेरी आज केवल औपचारिक मुलाकात हुई है। मैंने वनडे और टी-20 टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी फोन पर बात की है। वेस्‍टइंडीज टीम का जिक्र करते हुए कुंबले ने कहा,  अपने फॉर्म में रहने पर वेस्‍टइंडीज हमेशा ही मुश्किल टीम रही है। टीम इंडिया के कप्‍तान रह चुके कुंबले ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा,  'मैंने अभी कुछ ही घंटे खिलाडि़यों के साथ बिताए हैं। गेंदबाजी के मोर्चे पर हम तमाम विकल्‍पों पर विचार करेंगे। खुद आला दर्जे के स्पिनर रहे कुंबले ने कहा, मैं गेंदबाजों से बात कर उनकी जरूरतों को जानने की कोशिश करूंगा। हमारे पास इशांत शर्मा जैसे कई अनुभवी गेंदबाज हैं और मेरी कोशिश इन्‍हें सलाह देकर टीम के हित में सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन कराने की होगी। उन्‍होंने कहा कि खिलाडि़यों में मेरी आज केवल औपचारिक मुलाकात हुई है। मैंने वनडे और टी-20 टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी फोन पर बात की है। वेस्‍टइंडीज टीम का जिक्र करते हुए कुंबले ने कहा,  अपने फॉर्म में रहने पर वेस्‍टइंडीज हमेशा ही मुश्किल टीम रही है। उन्‍होंने कहा कि खिलाडि़यों में मेरी आज केवल औपचारिक मुलाकात हुई है। मैंने वनडे और टी-20 टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी फोन पर बात की है। वेस्‍टइंडीज टीम का जिक्र करते हुए कुंबले ने कहा,  अपने फॉर्म में रहने पर वेस्‍टइंडीज हमेशा ही मुश्किल टीम रही है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़, एक आतंकवादी ढेर
यह लेख है: कश्मीर घाटी के बडगाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आज पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (लईटी) से संबंध रखने वाला एक आतंकवादी मारा गया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादी की पहचान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रहने वाले उमर बिलाल के तौर पर की गई है। आज सुबह मध्य कश्मीर जिला के चडूरा इलाके स्थित हुशरू गांव में हुए एक मुठभेड़ में यह आतंकवादी मारा गया। उन्होंने बताया कि इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया सूचना मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षाबलों ने बुधवार को गांव को चारों ओर से घेर लिया। प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान शुरू करते ही एक घर में छुपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिस पर सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। रात भर रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही और सुबह में जबर्दस्त मुठभेड़ शुरू हुई और मुठभेड़ में आतंकवादी मारा गया। प्रवक्ता ने बताया कि गोलीबारी के कारण मकान क्षतिग्रस्त हो गया है और मलबे से आतंकवादी का शव बरामद कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मलबे से एक एके-47 राइफल और कुछ गोला-बारूद बरामद किया गया है। मंगलवार को लश्कर-ए-तैयबा के एक स्थानीय सदस्य अहमद राथेर को पकड़ने के बाद यह तलाशी अभियान शुरू किया गया था। सदस्य द्वारा मुहैया कराए गए सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने चडूरा के निकट इचकूट गांव को घेर लिया, लेकिन आतंकवादी फरार होने में कामयाब रहे।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: पाक को रणनीतिक दिशा के लिए सर्वदलीय बैठक
यह एक लेख है: अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक सुरक्षा खतरे को लेकर देश को एक रणनीतिक दिशा प्रदान करेगी। यह जानकारी गिलानी के कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई है। गिलानी ने इस्लामाबाद में 29 सितंबर को सभी राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाने का निर्णय लिया। विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और सैन्य अधिकारी इस महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री ने सभी दलों के नेताओं को पत्र भेजकर उन्हें बैठक में आमंत्रित किया। गिलानी के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, पत्र में लिखा गया है कि क्षेत्र में सुरक्षा के प्रति उत्पन्न खतरे को देखते हुए राष्ट्र को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए यह बैठक बुलाई जा रही है। विदेशमंत्री खार बैठक में क्षेत्र और देश में सुरक्षा स्थिति के बारे में नेताओं को बताएंगी। खार को अपना अमेरिका दौरा बीच में ही छोड़कर पाकिस्तान लौटने के लिए कह दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रही खार 27 सितंबर को महासभा को संबोधित करने के तुरंत बाद पाकिस्तान लौट आएंगी। गिलानी ने सर्वदलीय बैठक से पहले सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के र्शीष नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में रक्षामंत्री अहमद मुख्तार, गृहमंत्री रहमान मलिक, सूचना मंत्री फिरदौस आशीक अवान और पीपीपी के महासचिव जहांगीर बदर शामिल हुए।
8
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: सीरिया में विद्रोहियों का गढ़ पूर्वी घोउटा में हुए हवाई हमले में कम से कम 70 नागरिकों की मौत
लेख: सीरिया में विद्रोहियों का गढ़ समझे जाने वाले पूर्वी घोउटा में हुए हवाई हमले में कम से कम 70 नागिरकों की मौत हो गयी. पूर्वी घोउटा के दोउमा में 11 लोग सांस लेने की समस्या से ग्रसित हैं. दोउमा पर कब्जा जमाने वाले इस्लामी धड़े जैश अल - इस्लाम के साथ रूस के बातचीत शुरू करने के बाद बमबारी थम गयी थी और करीब 10 दिन तक सैन्य अभियान को रोक दिया गया था.  ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार निगरानी संस्था ‘ सीरियन ऑबजर्वेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स ’ के अनुसार इस सप्ताह बातचीत की प्रक्रिया बाधित हो जाने के बाद शुक्रवार को फिर से हवाई हमले शुरू हो गये , जिसमें 40 नागरिकों की मौत हो गयी. टिप्पणियां संस्था ने बताया कि शनिवार को ऐसे ही हमलों में आठ बच्चे सहित 30 नागरिक मारे गये थे. दोउमा में एक युवा डॉक्टर ने बताया, ‘‘बमबारी अभी रुकी नहीं है. हमलोग सभी घायलों की गिनती भी नहीं कर सकते.’’  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) संस्था ने बताया कि शनिवार को ऐसे ही हमलों में आठ बच्चे सहित 30 नागरिक मारे गये थे. दोउमा में एक युवा डॉक्टर ने बताया, ‘‘बमबारी अभी रुकी नहीं है. हमलोग सभी घायलों की गिनती भी नहीं कर सकते.’’  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: हिन्दी दिवस पर 'दरवाज़े बाईं तरफ खुलेंगे' वाले शम्मी नारंग की दो टूक
शुद्ध और अच्छी भाषा के समर्थक शम्मी कहते हैं कि 'मेरी हिन्दी के प्रकांड पंडितों से गुज़ारिश है कि वह क्यों नए नए शब्द लाने पर तुले हुए हैं. वेटलिफ्टिंग को भारोत्तोलन कहने की क्या जरूरत है. मैं बस इतना कहता हूं कि जो भी भाषा बोलें साफ और शुद्ध बोलें...अगर करियर बोलना है तो करियर ही बोलें, उसे कैरियर न बना लें...' एक और उदाहरण देते हुए शम्मी ने कहा - अगर मोदी जी मन की बात न करते हुए हृदय की बात करते तो शायद ही उन्हें कोई सुनता... आधे घंटे का वह लेक्चर... अपने शुरूआती वक्त की बात करते हुए शम्मी ने बताया कि किस तरह दूरदर्शन पर समाचार पढ़ते वक्त उन्होंने 'मरणोपरांत' को 'मरणोप्रांत' कह दिया था जिसके बाद मुझे आधे घंटे का लेक्चर दिया गया था कि सही शब्द बोलना सीखिए. इसी तरह मौजूदा समाचार चैनलों के बारे में शम्मी ने कहा 'कई बार समाचारों में 'इसके बावजूद भी' बोल दिया जाता है, बल्कि बावजूद का तो मतलब ही 'भी' होता है भाई...'----- ----- ----- ----- ----- -----  ----- ----- ----- ----- ----- -----* यह हिन्दी क्विज़ खेलिए और जांचिए, कितनी हिन्दी जानते हैं आप...* जब अंडर सेक्रेटरी को मज़ाक में कहते थे 'नीच सचिव'...* 'शुक्रिया डोरेमॉन... हम हैरान हैं, बच्चे को इतनी अच्छी हिन्दी आई कैसे...'* क्या अवचेतन की भाषा को भुला बैठे हैं हम* लोकप्रिय भाषा के रूप में हिन्दी का 'कमबैक'* इस तरह हिन्दी भारत की राष्ट्रीय भाषा बनते बनते रह गई*'खिचड़ी' को 'चावल मिश्रित दाल' लिखने की क्या जरूरत...*बचपन और ज्ञान की मौलिक भाषा ----- ----- ----- ----- ----- -----  ----- ----- ----- ----- ----- -----टिप्पणियां शम्मी की हिन्दी सुनने के दौरान एक सवाल जो दिमाग में आया वह यह है कि उनके बच्चों की भी क्या इतनी ही अच्छी पकड़ है जिसका जवाब शम्मी ने 'न' में दिया. बेहद ही दिलचस्प तरीके से अपनी बात रखते हुए शम्मी कहते हैं 'मेरे बेटे की हिन्दी कतई अच्छी नहीं है और मुझे इस बात को लेकर बहुत शर्म आती है. यह सब कमबख़्त अंग्रेजी स्कूल की वजह से हुआ है.' वैसे वह हमारे सामने थे तो हमने यह भी पूछ ही लिया कि क्या वह खुद कभी मेट्रो में घूमने गए हैं. उन्होंने बताया कि वह एक बार मेट्रो में अपने भाई को लेकर मालवीय नगर से चांदनी चौक गए थे. 'मेट्रो लगभग खाली पड़ी थी और एक बच्चा अपनी मां के साथ उसी डिब्बे में था जिसमें हम थे. मेट्रो में जब जब मेरी आवाज़ आती, वह बच्चा मेरे पीछे पीछे बोलता. मैं कैसे भी करके अपनी हंसी रोककर बैठा था. स्टेशन आने के बाद उसने अपनी मां से बड़ी ही मासूमियत से कहा कि - मम्मी अंकल को तो कितना अच्छा है ना, उनको ट्रेन में कितना घूमने को मिलता है. उस मासूम बच्चे को लग रहा था कि मैं ट्रेन में बैठकर वे सारे अनाउन्समेंट (घोषणा) करता हूं.' आधे घंटे का वह लेक्चर... अपने शुरूआती वक्त की बात करते हुए शम्मी ने बताया कि किस तरह दूरदर्शन पर समाचार पढ़ते वक्त उन्होंने 'मरणोपरांत' को 'मरणोप्रांत' कह दिया था जिसके बाद मुझे आधे घंटे का लेक्चर दिया गया था कि सही शब्द बोलना सीखिए. इसी तरह मौजूदा समाचार चैनलों के बारे में शम्मी ने कहा 'कई बार समाचारों में 'इसके बावजूद भी' बोल दिया जाता है, बल्कि बावजूद का तो मतलब ही 'भी' होता है भाई...'----- ----- ----- ----- ----- -----  ----- ----- ----- ----- ----- -----* यह हिन्दी क्विज़ खेलिए और जांचिए, कितनी हिन्दी जानते हैं आप...* जब अंडर सेक्रेटरी को मज़ाक में कहते थे 'नीच सचिव'...* 'शुक्रिया डोरेमॉन... हम हैरान हैं, बच्चे को इतनी अच्छी हिन्दी आई कैसे...'* क्या अवचेतन की भाषा को भुला बैठे हैं हम* लोकप्रिय भाषा के रूप में हिन्दी का 'कमबैक'* इस तरह हिन्दी भारत की राष्ट्रीय भाषा बनते बनते रह गई*'खिचड़ी' को 'चावल मिश्रित दाल' लिखने की क्या जरूरत...*बचपन और ज्ञान की मौलिक भाषा ----- ----- ----- ----- ----- -----  ----- ----- ----- ----- ----- -----टिप्पणियां शम्मी की हिन्दी सुनने के दौरान एक सवाल जो दिमाग में आया वह यह है कि उनके बच्चों की भी क्या इतनी ही अच्छी पकड़ है जिसका जवाब शम्मी ने 'न' में दिया. बेहद ही दिलचस्प तरीके से अपनी बात रखते हुए शम्मी कहते हैं 'मेरे बेटे की हिन्दी कतई अच्छी नहीं है और मुझे इस बात को लेकर बहुत शर्म आती है. यह सब कमबख़्त अंग्रेजी स्कूल की वजह से हुआ है.' वैसे वह हमारे सामने थे तो हमने यह भी पूछ ही लिया कि क्या वह खुद कभी मेट्रो में घूमने गए हैं. उन्होंने बताया कि वह एक बार मेट्रो में अपने भाई को लेकर मालवीय नगर से चांदनी चौक गए थे. 'मेट्रो लगभग खाली पड़ी थी और एक बच्चा अपनी मां के साथ उसी डिब्बे में था जिसमें हम थे. मेट्रो में जब जब मेरी आवाज़ आती, वह बच्चा मेरे पीछे पीछे बोलता. मैं कैसे भी करके अपनी हंसी रोककर बैठा था. स्टेशन आने के बाद उसने अपनी मां से बड़ी ही मासूमियत से कहा कि - मम्मी अंकल को तो कितना अच्छा है ना, उनको ट्रेन में कितना घूमने को मिलता है. उस मासूम बच्चे को लग रहा था कि मैं ट्रेन में बैठकर वे सारे अनाउन्समेंट (घोषणा) करता हूं.' ----- ----- ----- ----- ----- -----  ----- ----- ----- ----- ----- -----* यह हिन्दी क्विज़ खेलिए और जांचिए, कितनी हिन्दी जानते हैं आप...* जब अंडर सेक्रेटरी को मज़ाक में कहते थे 'नीच सचिव'...* 'शुक्रिया डोरेमॉन... हम हैरान हैं, बच्चे को इतनी अच्छी हिन्दी आई कैसे...'* क्या अवचेतन की भाषा को भुला बैठे हैं हम* लोकप्रिय भाषा के रूप में हिन्दी का 'कमबैक'* इस तरह हिन्दी भारत की राष्ट्रीय भाषा बनते बनते रह गई*'खिचड़ी' को 'चावल मिश्रित दाल' लिखने की क्या जरूरत...*बचपन और ज्ञान की मौलिक भाषा ----- ----- ----- ----- ----- -----  ----- ----- ----- ----- ----- -----टिप्पणियां शम्मी की हिन्दी सुनने के दौरान एक सवाल जो दिमाग में आया वह यह है कि उनके बच्चों की भी क्या इतनी ही अच्छी पकड़ है जिसका जवाब शम्मी ने 'न' में दिया. बेहद ही दिलचस्प तरीके से अपनी बात रखते हुए शम्मी कहते हैं 'मेरे बेटे की हिन्दी कतई अच्छी नहीं है और मुझे इस बात को लेकर बहुत शर्म आती है. यह सब कमबख़्त अंग्रेजी स्कूल की वजह से हुआ है.' वैसे वह हमारे सामने थे तो हमने यह भी पूछ ही लिया कि क्या वह खुद कभी मेट्रो में घूमने गए हैं. उन्होंने बताया कि वह एक बार मेट्रो में अपने भाई को लेकर मालवीय नगर से चांदनी चौक गए थे. 'मेट्रो लगभग खाली पड़ी थी और एक बच्चा अपनी मां के साथ उसी डिब्बे में था जिसमें हम थे. मेट्रो में जब जब मेरी आवाज़ आती, वह बच्चा मेरे पीछे पीछे बोलता. मैं कैसे भी करके अपनी हंसी रोककर बैठा था. स्टेशन आने के बाद उसने अपनी मां से बड़ी ही मासूमियत से कहा कि - मम्मी अंकल को तो कितना अच्छा है ना, उनको ट्रेन में कितना घूमने को मिलता है. उस मासूम बच्चे को लग रहा था कि मैं ट्रेन में बैठकर वे सारे अनाउन्समेंट (घोषणा) करता हूं.' शम्मी की हिन्दी सुनने के दौरान एक सवाल जो दिमाग में आया वह यह है कि उनके बच्चों की भी क्या इतनी ही अच्छी पकड़ है जिसका जवाब शम्मी ने 'न' में दिया. बेहद ही दिलचस्प तरीके से अपनी बात रखते हुए शम्मी कहते हैं 'मेरे बेटे की हिन्दी कतई अच्छी नहीं है और मुझे इस बात को लेकर बहुत शर्म आती है. यह सब कमबख़्त अंग्रेजी स्कूल की वजह से हुआ है.' वैसे वह हमारे सामने थे तो हमने यह भी पूछ ही लिया कि क्या वह खुद कभी मेट्रो में घूमने गए हैं. उन्होंने बताया कि वह एक बार मेट्रो में अपने भाई को लेकर मालवीय नगर से चांदनी चौक गए थे. 'मेट्रो लगभग खाली पड़ी थी और एक बच्चा अपनी मां के साथ उसी डिब्बे में था जिसमें हम थे. मेट्रो में जब जब मेरी आवाज़ आती, वह बच्चा मेरे पीछे पीछे बोलता. मैं कैसे भी करके अपनी हंसी रोककर बैठा था. स्टेशन आने के बाद उसने अपनी मां से बड़ी ही मासूमियत से कहा कि - मम्मी अंकल को तो कितना अच्छा है ना, उनको ट्रेन में कितना घूमने को मिलता है. उस मासूम बच्चे को लग रहा था कि मैं ट्रेन में बैठकर वे सारे अनाउन्समेंट (घोषणा) करता हूं.' वैसे वह हमारे सामने थे तो हमने यह भी पूछ ही लिया कि क्या वह खुद कभी मेट्रो में घूमने गए हैं. उन्होंने बताया कि वह एक बार मेट्रो में अपने भाई को लेकर मालवीय नगर से चांदनी चौक गए थे. 'मेट्रो लगभग खाली पड़ी थी और एक बच्चा अपनी मां के साथ उसी डिब्बे में था जिसमें हम थे. मेट्रो में जब जब मेरी आवाज़ आती, वह बच्चा मेरे पीछे पीछे बोलता. मैं कैसे भी करके अपनी हंसी रोककर बैठा था. स्टेशन आने के बाद उसने अपनी मां से बड़ी ही मासूमियत से कहा कि - मम्मी अंकल को तो कितना अच्छा है ना, उनको ट्रेन में कितना घूमने को मिलता है. उस मासूम बच्चे को लग रहा था कि मैं ट्रेन में बैठकर वे सारे अनाउन्समेंट (घोषणा) करता हूं.'
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: सलमान के यहां गणपति पूजा में पहुंचीं कैटरीना
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ अपने पूर्व प्रेमी सलमान खान की बहन के घर में हुई गणपति पूजा में शामिल होने पहुंची थीं।टिप्पणियां खान परिवार की करीबी मानी जाने वाली कैटरीना ने इस शुभ अवसर पर वहां अपनी मौजूदगी सुनिश्चित की। मंगलवार शाम करिश्मा कपूर और संगीता बिजलानी सहित कुछ बॉलीवुड हस्तियां भी खान परिवार संग उत्सव में शामिल हुईं। सलमान पिछले ग्यारह वर्षों से यहां अपने गैलेक्सी अपार्टमेंट में भगवान गणेश का स्वागत करते रहे हैं। लेकिन इस साल उत्सव उनकी छोटी बहन अर्पिता के घर में किया गया। 9 सितंबर को मूर्ति स्थापना से शुरू हुई गणेश पूजा को पूरे डेढ़ दिन तक अर्पिता के घर में जारी रखा गया। खान परिवार की करीबी मानी जाने वाली कैटरीना ने इस शुभ अवसर पर वहां अपनी मौजूदगी सुनिश्चित की। मंगलवार शाम करिश्मा कपूर और संगीता बिजलानी सहित कुछ बॉलीवुड हस्तियां भी खान परिवार संग उत्सव में शामिल हुईं। सलमान पिछले ग्यारह वर्षों से यहां अपने गैलेक्सी अपार्टमेंट में भगवान गणेश का स्वागत करते रहे हैं। लेकिन इस साल उत्सव उनकी छोटी बहन अर्पिता के घर में किया गया। 9 सितंबर को मूर्ति स्थापना से शुरू हुई गणेश पूजा को पूरे डेढ़ दिन तक अर्पिता के घर में जारी रखा गया। सलमान पिछले ग्यारह वर्षों से यहां अपने गैलेक्सी अपार्टमेंट में भगवान गणेश का स्वागत करते रहे हैं। लेकिन इस साल उत्सव उनकी छोटी बहन अर्पिता के घर में किया गया। 9 सितंबर को मूर्ति स्थापना से शुरू हुई गणेश पूजा को पूरे डेढ़ दिन तक अर्पिता के घर में जारी रखा गया।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: करण वाही दिव्यांका त्रिपाठी को करेंगे रिप्लेस, 'द वॉइस' की करेंगे मेजबानी
यह एक लेख है: एक्टर करण वाही (Karan Wahi) को टीवी शो 'द वॉइस (The Voice)' के आगामी वीकेंड एपिसोड्स की मेजबानी करने के लिए अनुबंधित किया गया है. शो के शुरू होने के बाद से अब तक इसे दिव्यांका त्रिपाठी (Divyanka Tripathi) होस्ट करती रही हैं. व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण वह इस वीकेंड के आगामी एपिसोड्स की मेजबानी नहीं कर पाएंगी जिसके चलते करण वाही (Karan Wahi) को होस्ट करना पड़ रहा है. इस तरह करण वाही को एक बड़ा प्रोजेक्ट मिल गया है.  एक्टर करण वाही (Karan Wahi) ने एक बयान में कहा, "मैं इस शो का हिस्सा बनकर बेहद उत्साहित हूं. मुझे इन एपिसोड्स के लिए एंकरिंग और शूटिंग करने में बहुत मजा आया क्योंकि ये बहुत मजेदार थे. प्रतिभागी प्रतिभाशाली हैं और उन्हें लाइव सुनना सम्मान की बात रही.' 'द वॉइस' का प्रसारण स्टार प्लस चैनल पर होता है. एक्टर करण वाही (Karan Wahi) इससे पहले बिग बॉस में भी नजर आ चुके हैं और वहां उन्होंन ढेर सारे स्टंड भी किए थे. करण वाही बॉलीवुड फिल्म 'हेट स्टोरी 4 (Hate Story 4)' में भी नजर आ चुके हैं. 'द वॉइस' काफी पॉपुलर शो है और टेलीविजन पर इसकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग भी है.  करण वाही टेलीविजन का लोकप्रिय चेहरा है और वे कई शो में नजर भी आ चुके हैं.
9
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: जस्टिस सौमित्र सेन ने कहा, मैं बहुत निराश हूं
यह लेख है: राज्यसभा ने गुरुवार को न्यायमूर्ति सौमित्र सेन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया, जिसके बाद सेन ने कहा कि वह अत्यधिक निराश हैं। जब सेन से दिल्ली से वापसी के बाद इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, मैं अत्यधिक निराश हूं। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश सेन बुधवार को खुद राज्यसभा में अपने खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की कार्यवाही में पेश हुए थे। सेन पहले न्यायाधीश होंगे, जिन्हें राज्यसभा की मंजूरी के बाद हटाया जा सकता है। महाभियोग प्रस्ताव पर दो दिन की चर्चा के बाद गुरुवार को प्रस्ताव के समर्थन में 189 और विरोध में 17 मत पड़े। सेन के वकील सुभाष भट्टाचार्य ने कहा, यदि अनुमति दी गई तो मेरे मुवक्किल लोकसभा में अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा, मेरे मुवक्किल खुद को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में दोषी नहीं मानते और अपना पक्ष निचले सदन में रखना चाहेंगे, जहां प्रस्ताव पारित करना होगा।
13
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: ज़मीन अधिग्रहण कानून में बदलाव से दिल्ली के किसानों में गुस्सा
दिल्ली के कई गांवों में ज़मीन अधिग्रहण कानून पर केंद्र सरकार के नए अध्यादेश से किसानों में नाराज़गी है और एक विवाद खड़ा होने की आशंका हो गई है। छतरपुर के राजपुर खुर्द गांव में कोई 50 किसान एक मीटिंग में अपने गुस्से का इज़हार भी कर रहे हैं और हालात से निबटने के लिए प्लानिंग भी कर रहे हैं। राजपुर खुर्द ऐसा गांव है, जहां 34 साल पहले ज़मीन अधिग्रहण का काम शुरू हुआ था। काग़ज़ों पर ज़मीन ली गई, लेकिन असल में कब्ज़ा मूल मालिकों के पास ही रहा। इनमें से कुछ लोगों ने मुआवज़ा भी लिया, लेकिन चूंकि ज़मीन मूल मालिकों के पास ही रही और सरकार ने उसका कब्ज़ा नहीं लिया, लिहाज़ा लोगों ने कुछ साल बाद उस पर निर्माण करना शुरू कर दिया। आज राजपुर खुर्द एक बेहद घनी बसी हुई कॉलोनी है, लेकिन नए अध्यादेश के बाद यहां सरकार का डंडा चल सकता है। यूपीए सरकार के वक्त पिछले साल लागू हुए ज़मीन अधिग्रहण कानून के मुताबिक अगर सरकार या कोई कंपनी ज़मीन अधिग्रहीत करती है तो उसे पांच साल के भीतर मुआवज़ा देकर ज़मीन को अपने क़ब्ज़े में लेना होगा और काम शुरू करना होगा। अगर सरकार के पास क़ब्ज़ा नहीं है या प्रभावित ज़मीन मालिक को मुआवज़ा नहीं दिया गया है तो पांच साल बाद ज़मीन वापस करनी होगी, लेकिन राजपुर खुर्द जैसे गांवों के हालात विवाद खड़े करेंगे। दिल्ली में राजपुर खुर्द जैसे 120 गांव हैं, जहां मामले अदालत में हैं। नया कानून आने के बाद इनमें से 90 फीसदी मामलों में ज़मीन मूल ज़मीन मालिक के पास लौट जाती, लेकिन अब केंद्र सरकार के नए अध्यादेश के सेक्शन 24 (ए) में दिए गए प्रावधानों से मालिकाना हक सरकार के पास होगा। ऐसा लगता है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ये हालात चुनावी रंग भी ले सकते हैं। अदालत में कई केस लड़ रहे दिल्ली ग्रामीण समाज के अध्यक्ष कर्नल रायसिंह बलहारा कहते हैं, "ये हमें लूटने जैसा है... इतने साल तक सरकार ने यहां कुछ नहीं किया... बहुत कम लोगों ने मुआवज़ा लिया है... ये मकान 20-20 साल पुराने हैं... अगर सरकार कल क़ब्ज़ा ले लेगी तो इन गांवों के ये लाखों लोग कहां जाएंगे...?" इन गांवों में लोग सरकार के खिलाफ दिखते हैं। वे तैश में आकर बीजेपी के खिलाफ नारे लगाते हैं। 'किसानों के हत्यारे तीन, मोदी, जेटली और नितिन...' लेकिन क्या इसका असर चुनावों में दिखेगा या यह सिर्फ भावनात्मक उबाल है। दिल्ली ग्रामीण समाज के सचिव अनिल ज्ञानचंदानी कहते हैं, 'हम लोग मीटिंग कर रहे हैं... देखते हैं, कौन-सी पार्टी हमारा साथ देगी... किसानों के दबदबे वाली दिल्ली की 20 में 16 देहात की सीटें बीजेपी ने जीतीं, लेकिन वह आज हमारे खिलाफ है... हम आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों से बात करेंगे... अगर ज़रूरत पड़ी तो हम कोई नया मंच भी बना सकते हैं...'
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: आईएसआईएस ने ब्रिटेन को पेरिस से भी भयानक हमले की चेतावनी दी
आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने ब्रिटेन को चेतावनी दी है कि उसके यहां होने वाला आतंकी हमला पेरिस से ज्यादा भयानक होगा। समूह ने कहा है कि 'मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने' को लेकर देश को नरसंहार झेलना पड़ेगा।टिप्पणियां अरबी भाषा में निकलने वाले अपने अखबार 'अल-नाबा' (समाचार) के ताजा अंक में आईएसआईएस ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन को पेरिस से भी भयानक हमले के लिए तैयार रहना चाहिए। पिछले वर्ष नवंबर में पेरिस में हुए हमले में 130 लोग मारे गए थे। 'द संडे टाइम्स' की खबर के अनुसार, अखबार के लेख में ब्रिटिश हत्यारे, जिसे जिहादी जॉन कहा जा रहा था, मोहम्मद एमवाजी की तारीफ की गई है। यह आतंकवादी अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। उसमें कहा गया है, 'उसके शब्द कभी नहीं मरेंगे।' अरबी भाषा में निकलने वाले अपने अखबार 'अल-नाबा' (समाचार) के ताजा अंक में आईएसआईएस ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन को पेरिस से भी भयानक हमले के लिए तैयार रहना चाहिए। पिछले वर्ष नवंबर में पेरिस में हुए हमले में 130 लोग मारे गए थे। 'द संडे टाइम्स' की खबर के अनुसार, अखबार के लेख में ब्रिटिश हत्यारे, जिसे जिहादी जॉन कहा जा रहा था, मोहम्मद एमवाजी की तारीफ की गई है। यह आतंकवादी अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। उसमें कहा गया है, 'उसके शब्द कभी नहीं मरेंगे।' 'द संडे टाइम्स' की खबर के अनुसार, अखबार के लेख में ब्रिटिश हत्यारे, जिसे जिहादी जॉन कहा जा रहा था, मोहम्मद एमवाजी की तारीफ की गई है। यह आतंकवादी अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। उसमें कहा गया है, 'उसके शब्द कभी नहीं मरेंगे।'
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, BJP प्रत्याशी भारती घोष को बंगाल में घुसने पर रोक लगाने से किया इनकार
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सुप्रीम कोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को झटका लगा है. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के घाटाल से प्रत्याशी पूर्व आईपीएस भारती घोष को राज्य में घुसने से रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में ममता बनर्जी सरकार की ओर से कहा गया था कि भारती अपने खिलाफ मामलों के गवाहों को प्रभावित कर रही हैं जबकि भारती घोष के वकील ने कहा था कि यह सिर्फ चुनाव लड़ने से रोक लगाने के लिए है. फिलहाल अब भारती घोष चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा ले पाएंगी. हालांकि कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि भारती घोष 12 मई को मतदान के बाद घोष को 14 मई की सुबह 11 बजे कोलकाता में CID के सामने जांच में शामिल हों. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को छूट दी है कि अगर घोष ने जांच में सहयोग नहीं किया तो वो वेकेशन बेंच के सामने अर्जी लगा सकती है. सुप्रीम कोर्ट जुलाई में मामले की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट का घोष के खिलाफ कठोर कार्रवाई ना करने का अंतरिम आदेश बरकरार रहेगा.
9
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: गांगुली ने फाइनल मैच में कोलकाता पर लगाया दांव
लेख: गौतम गंभीर की कप्तानी को महेंद्र सिंह धोनी से बेहतर आंकते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने इंडियन प्रीमियर लीग के पांचवें सत्र का फाइनल जीतने के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स पर दांव लगाया। भारतीय चयनकर्ताओं ने भले ही एशिया कप से पहले गंभीर को टीम इंडिया की उप कप्तानी से हटा दिया हो, लेकिन गांगुली ने नाइट राइडर्स के इस सलामी बल्लेबाजी को अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश का कप्तान बनाया है, जिसमें धोनी भी शामिल है। गांगुली ने पहले क्वालीफायर में दिल्ली डेययडेविल्स पर कोलकाता की जीत में यूसुफ पठान की 21 गेंद में 40 रन की पारी के संदर्भ में कहा, गौतम गंभीर आईपीएल का सर्वश्रेष्ठ कप्तान है। वह अपने खिलाड़ियों का जिस तरह समर्थन करता है, वह मुझे पसंद है। उसने यूसुफ पठान पर अपना भरोसा कायम रखा और उसने दो साल में केकेआर की ओर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। धोनी चेन्नई सुपरकिंग्स की अगुआई कर रहे हैं और तीन साल में अपने तीसरे आईपीएल फाइनल में खेल रही है। गांगुली ने दोनों टीमों को बराबरी का आंका है और उम्मीद जताई कि नाइट राइडर्स की टीम पांच साल में अपना पहला खिताब जीतने में सफल रहेगी। गांगुली ने कहा, मैं दोनों टीमों को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन मैं नया चैंपियन देखना चाहता हूं। मुझे लगता है कि इस बार केकेआर जीतेगा। टिप्पणियां पूर्व भारतीय कप्तान ने हालांकि कहा कि सुपरकिंग्स के मुख्य खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए आदर्श खिलाड़ी हो सकते हैं। गांगुली ने कहा, वे पिछले पांच साल से इसी टीम के साथ खेल रहे हैं और हर बार धोनी, विजय, बद्रीनाथन जैसे खिलाड़ियों ने टीम में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि छोटे प्रारूप में धोनी की कोई बराबरी नहीं है। टेस्ट क्रिकेट में हालांकि हमेशा उस पर सवालिया निशान रहता है। गांगुली ने कहा कि चेपक में टॉस अहम भूमिका निभाएगा और यह भी अहम रहेगा कि धोनी की टीम केकेआर के रहस्मयी स्पिनर सुनील नरेन से कैसे निपटती है। भारतीय चयनकर्ताओं ने भले ही एशिया कप से पहले गंभीर को टीम इंडिया की उप कप्तानी से हटा दिया हो, लेकिन गांगुली ने नाइट राइडर्स के इस सलामी बल्लेबाजी को अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश का कप्तान बनाया है, जिसमें धोनी भी शामिल है। गांगुली ने पहले क्वालीफायर में दिल्ली डेययडेविल्स पर कोलकाता की जीत में यूसुफ पठान की 21 गेंद में 40 रन की पारी के संदर्भ में कहा, गौतम गंभीर आईपीएल का सर्वश्रेष्ठ कप्तान है। वह अपने खिलाड़ियों का जिस तरह समर्थन करता है, वह मुझे पसंद है। उसने यूसुफ पठान पर अपना भरोसा कायम रखा और उसने दो साल में केकेआर की ओर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। धोनी चेन्नई सुपरकिंग्स की अगुआई कर रहे हैं और तीन साल में अपने तीसरे आईपीएल फाइनल में खेल रही है। गांगुली ने दोनों टीमों को बराबरी का आंका है और उम्मीद जताई कि नाइट राइडर्स की टीम पांच साल में अपना पहला खिताब जीतने में सफल रहेगी। गांगुली ने कहा, मैं दोनों टीमों को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन मैं नया चैंपियन देखना चाहता हूं। मुझे लगता है कि इस बार केकेआर जीतेगा। टिप्पणियां पूर्व भारतीय कप्तान ने हालांकि कहा कि सुपरकिंग्स के मुख्य खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए आदर्श खिलाड़ी हो सकते हैं। गांगुली ने कहा, वे पिछले पांच साल से इसी टीम के साथ खेल रहे हैं और हर बार धोनी, विजय, बद्रीनाथन जैसे खिलाड़ियों ने टीम में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि छोटे प्रारूप में धोनी की कोई बराबरी नहीं है। टेस्ट क्रिकेट में हालांकि हमेशा उस पर सवालिया निशान रहता है। गांगुली ने कहा कि चेपक में टॉस अहम भूमिका निभाएगा और यह भी अहम रहेगा कि धोनी की टीम केकेआर के रहस्मयी स्पिनर सुनील नरेन से कैसे निपटती है। गांगुली ने पहले क्वालीफायर में दिल्ली डेययडेविल्स पर कोलकाता की जीत में यूसुफ पठान की 21 गेंद में 40 रन की पारी के संदर्भ में कहा, गौतम गंभीर आईपीएल का सर्वश्रेष्ठ कप्तान है। वह अपने खिलाड़ियों का जिस तरह समर्थन करता है, वह मुझे पसंद है। उसने यूसुफ पठान पर अपना भरोसा कायम रखा और उसने दो साल में केकेआर की ओर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। धोनी चेन्नई सुपरकिंग्स की अगुआई कर रहे हैं और तीन साल में अपने तीसरे आईपीएल फाइनल में खेल रही है। गांगुली ने दोनों टीमों को बराबरी का आंका है और उम्मीद जताई कि नाइट राइडर्स की टीम पांच साल में अपना पहला खिताब जीतने में सफल रहेगी। गांगुली ने कहा, मैं दोनों टीमों को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन मैं नया चैंपियन देखना चाहता हूं। मुझे लगता है कि इस बार केकेआर जीतेगा। टिप्पणियां पूर्व भारतीय कप्तान ने हालांकि कहा कि सुपरकिंग्स के मुख्य खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए आदर्श खिलाड़ी हो सकते हैं। गांगुली ने कहा, वे पिछले पांच साल से इसी टीम के साथ खेल रहे हैं और हर बार धोनी, विजय, बद्रीनाथन जैसे खिलाड़ियों ने टीम में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि छोटे प्रारूप में धोनी की कोई बराबरी नहीं है। टेस्ट क्रिकेट में हालांकि हमेशा उस पर सवालिया निशान रहता है। गांगुली ने कहा कि चेपक में टॉस अहम भूमिका निभाएगा और यह भी अहम रहेगा कि धोनी की टीम केकेआर के रहस्मयी स्पिनर सुनील नरेन से कैसे निपटती है। गांगुली ने दोनों टीमों को बराबरी का आंका है और उम्मीद जताई कि नाइट राइडर्स की टीम पांच साल में अपना पहला खिताब जीतने में सफल रहेगी। गांगुली ने कहा, मैं दोनों टीमों को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन मैं नया चैंपियन देखना चाहता हूं। मुझे लगता है कि इस बार केकेआर जीतेगा। टिप्पणियां पूर्व भारतीय कप्तान ने हालांकि कहा कि सुपरकिंग्स के मुख्य खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए आदर्श खिलाड़ी हो सकते हैं। गांगुली ने कहा, वे पिछले पांच साल से इसी टीम के साथ खेल रहे हैं और हर बार धोनी, विजय, बद्रीनाथन जैसे खिलाड़ियों ने टीम में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि छोटे प्रारूप में धोनी की कोई बराबरी नहीं है। टेस्ट क्रिकेट में हालांकि हमेशा उस पर सवालिया निशान रहता है। गांगुली ने कहा कि चेपक में टॉस अहम भूमिका निभाएगा और यह भी अहम रहेगा कि धोनी की टीम केकेआर के रहस्मयी स्पिनर सुनील नरेन से कैसे निपटती है। पूर्व भारतीय कप्तान ने हालांकि कहा कि सुपरकिंग्स के मुख्य खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए आदर्श खिलाड़ी हो सकते हैं। गांगुली ने कहा, वे पिछले पांच साल से इसी टीम के साथ खेल रहे हैं और हर बार धोनी, विजय, बद्रीनाथन जैसे खिलाड़ियों ने टीम में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि छोटे प्रारूप में धोनी की कोई बराबरी नहीं है। टेस्ट क्रिकेट में हालांकि हमेशा उस पर सवालिया निशान रहता है। गांगुली ने कहा कि चेपक में टॉस अहम भूमिका निभाएगा और यह भी अहम रहेगा कि धोनी की टीम केकेआर के रहस्मयी स्पिनर सुनील नरेन से कैसे निपटती है। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि छोटे प्रारूप में धोनी की कोई बराबरी नहीं है। टेस्ट क्रिकेट में हालांकि हमेशा उस पर सवालिया निशान रहता है। गांगुली ने कहा कि चेपक में टॉस अहम भूमिका निभाएगा और यह भी अहम रहेगा कि धोनी की टीम केकेआर के रहस्मयी स्पिनर सुनील नरेन से कैसे निपटती है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: दिल्ली चुनाव : हर सीट पर 40 दावेदार, भाजपा लेगी सर्वे एजेंसियों का सहारा
यह एक लेख है: 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा की करारी हार हुई थी, मगर इस बार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए नेताओं में होड़ है. इसके पीछे दो प्रमुख वजह बताई जा रही है. एक तो 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर पार्टी ने क्लीन स्वीप किया, दूसरी बात मोदी सरकार की ओर से डेढ़ हजार से अधिक अवैध कालोनियों का नियमितीकरण कर करीब 40 लाख लोगों को फायदा पहुंचाने का फैसला. इससे नेताओं को लगता है कि इस बार पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, संगठन मंत्री सिद्धार्थन और महामंत्रियों के कार्यालयों में ऐसे उम्मीदवारों का बायोडाटा पहुंच रहा है. अभी चुनाव कार्यक्रम भी घोषित नहीं हुआ है, ऐसे में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. भाजपा सूत्रों ने बताया कि चुनाव लड़ने के लिए मची होड़ का आलम यह है कि हर सीट पर औसतन 40-40 नेताओं के बायोडाटा जमा हो चुके हैं. इनमें से योग्य और गंभीर उम्मीदवारों की तलाश के लिए भाजपा सर्वे एजेंसियों का सहारा लेगी. ये एजेंसियां केंद्रीय कार्यालय ने पहले से हायर कर रखी हैं. एजेंसियों की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हर सीट के दावेदारों की स्क्रानिंग कर कम से कम तीन नेताओं की लिस्ट तैयार की जाएगी. यही लिस्ट प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में भेजी जाएगी. हर विधानसभा क्षेत्र में सर्वे एजेंसियां टिकट दावेदारों की जिताऊ क्षमता का आकलन करेंगी. एजेंसियां अपने सैंपल सर्वे में शामिल लोगों के सामने दावेदारों के नाम रखकर पसंदीदा प्रत्याशी चुनने को कहेंगी.  जनता की पसंद के हिसाब से दावेदारों का वरीयता क्रम तय करते हुए सर्वे एजेंसियां रिपोर्ट पार्टी को देंगी. यह सर्वे रिपोर्ट दावेदारों की छवि, उनका व्यवहार, क्षेत्र में सक्रियता, सामाजिक संगठनों से जुड़ाव, फैंस फॉलोइंग आदि पर आधारित होगा. खास बात है कि मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी भाजपा के टिकट के लिए दावेदारों की कमी नहीं है. सीलमपुर, ओखला, बल्लीमारान, चांदनी चौक, बाबरपुर व सीमापुरी जैसे विधानसभा क्षेत्रों में भी भाजपा से लड़ने के लिए काफी नेताओं की अर्जियां आ रही हैं. दिल्ली भाजपा इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को कहा, "हर सीट पर औसतन 40 लोगों की दावेदारी तो है ही. खास बात है कि उसमें भी करीब 10-10 लोग मजबूत दावेदार हैं, जो पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों से जुड़े हैं या फिर अन्य तरह के दायित्व में हैं. ऐसे में 'योग्य में से योग्य' तलाशना संगठन के लिए चुनौती है. सर्वमान्य चेहरों को वरीयता मिलेगी, जिससे किसी को टिकट मिलने पर नाराजगी न हो. उम्मीदवारों के चयन में सर्वे एजेंसियों की रिपोर्ट अहम होगी." बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल कीं थीं, जबकि भाजपा को सिर्फ तीन सीटें मिलीं थीं. वहीं इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 32, आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को सात सीटें मिलीं थीं.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: ...तो कान पकड़कर 100 बार उट्ठक-बैठक लगाएं पीएम नरेंद्र मोदी, ममता बनर्जी ने दे डाली चुनौती
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बंगाल (Bengal) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के प्रचार के दौरान भारी आरोप और प्रत्यारोप के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हमले के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को बांकुरा में चुनाव प्रचार करते हुए पीएम मोदी को एक असामान्य चुनौती दी. बांकुरा में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की चुनावी रैली से एक घंटे पहले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बंगाल की मुख्यमंत्री पर कोयला खदानों में "माफिया" का राज स्थापित करने और खदान मजदूरों को उनके पारिश्रमिक से वंचित करने का आरोप लगाया. बांकुरा में की इस रैली में पीएम मोदी ने जनसमूह से कहा, "आप बेहतर जानते हैं कि तृणमूल का माफिया राज किस तरह से कोयला खदानों में जारी है. तृणमूल नेता पैसा कमा रहे हैं, जबकि खदान के श्रमिक अपने पारिश्रमिक से वंचित हैं." पीएम मोदी (PM Modi) के आरोपों के जवाब में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि यदि वे (मोदी) किसी एक प्रत्याशी के खिलाफ भी अपने आरोप को साबित कर दें तो वे बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों से अपने प्रत्याशियों की उम्मीदवारी वापस ले लेंगी.      ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पीएम मोदी (PM Modi) को करारा जवाब देते हुए कहा कि 'मोदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का उम्मीदवार कोल माफिया है. मैं उन्हें इसे साबित करने की चुनौती देती हूं. मैं अपने सारे प्रत्याशियों की उम्मीदवारी वापस ले लूंगी. यदि आप (मोदी) झूठ बोल रहे हैं तो आप अपने दोनों कान पकड़ें और सौ उट्ठक-बैठक लगाएं.'       ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि कोयला केंद्र सरकार के अधीन है और बीजेपी के नेता कोयले के लेन-देन में एजेंट हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 'मेरे पास पेन-ड्राइव है. यदि मैं इसे सार्वजनिक कर दूं तो कोल माफिया और गौ तस्करी का सारा मामला खुल जाएगा.'      पुरुलिया में हुई एक रैली में पीएम मोदी (PM Modi) ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के "तोलाबाजी" के लिए उन्हें 'लोकतंत्र का थप्पड़' लगाने और उनकी पार्टी के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप पर भी पलटवार किया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैने उन्हें दीदी कहा, और उन्होंने मुझे थप्पड़ मारने की बात कही. मैं आपको दीदी बुलाता हूं, आपका आदर करता हूं. आपका थप्पड़ मेरे लिए आशीर्वाद होगा.'     पुरुलिया जिले के सिमुलिया में रैली को संबोधित करते हुए ममता (Mamata Banerjee) ने स्पष्ट किया कि ‘‘लोकतंत्र के थप्पड़'' से उनका मतलब लोगों के जनादेश से था.     बीजेपी पिछले कुछ सालों से बंगाल में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. इस चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) बंगाल में जोरदार प्रचार में जुटे हैं. सन 2014 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की सीटों के सबसे बड़े हिस्से पर कब्जा जमाया था. इस बार बीजेपी को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ-साथ पूर्व में बंगाल और ओडिशा में भी सीटों का नुकसान होने की आशंका है. लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल में मतदान के दो चरण बाकी हैं. अंतिम चरण 19 मई को होगा और चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित किए जाएंगे.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: शीना बोरा मर्डर केस : जेल में ही रहेंगे पीटर मुखर्जी, जमानत याचिका खारिज
यह लेख है: शीना बोरा हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी की जमानत याचिका विशेष सीबीआई अदालत ने खारिज कर दी और कहा कि आरोप पत्र अभी दायर नहीं हुआ है और मामले की जांच चल रही है। न्यायाधीश एच एस महाजन ने कहा कि मामले की जांच अभी चल रही है, ऐसे में पीटर को जमानत देना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आरोप पत्र दायर होने के बाद जमानत याचिका पर विचार किया जाएगा। पिछले साल 19 नवंबर को पीटर को हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने 59 साल के पीटर से दो सप्ताह तक पूछताछ की और बाद में उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल वह आर्थर रोड जेल में बंद हैं।टिप्पणियां इस मामले में पीटर की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी है। इंद्राणी शीना की मां है। इंद्राणी को बायकला की महिला जेल में रखा गया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) न्यायाधीश एच एस महाजन ने कहा कि मामले की जांच अभी चल रही है, ऐसे में पीटर को जमानत देना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आरोप पत्र दायर होने के बाद जमानत याचिका पर विचार किया जाएगा। पिछले साल 19 नवंबर को पीटर को हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने 59 साल के पीटर से दो सप्ताह तक पूछताछ की और बाद में उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल वह आर्थर रोड जेल में बंद हैं।टिप्पणियां इस मामले में पीटर की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी है। इंद्राणी शीना की मां है। इंद्राणी को बायकला की महिला जेल में रखा गया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) पिछले साल 19 नवंबर को पीटर को हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने 59 साल के पीटर से दो सप्ताह तक पूछताछ की और बाद में उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल वह आर्थर रोड जेल में बंद हैं।टिप्पणियां इस मामले में पीटर की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी है। इंद्राणी शीना की मां है। इंद्राणी को बायकला की महिला जेल में रखा गया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) इस मामले में पीटर की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी है। इंद्राणी शीना की मां है। इंद्राणी को बायकला की महिला जेल में रखा गया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
8
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: लगता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हार स्वीकार कर चुके हैं : बसपा सुप्रीमो मायावती
यह एक लेख है: बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उन्होंने काफी समय पहले ही प्रत्याशी तय कर लिए थे और इसमें अब कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन सूची बाद में जारी की जाएगी. मायावती ने चुनाव में किसी से गठजोड़ की संभावना से भी इनकार किया. भाजपा की लखनऊ में कल हुई महापरिवर्तन रैली पर वह बोलीं कि 'पहली बार कल जब प्रधानमंत्री भाषण दे रहे थे तो उनके चेहरे का नूर गायब था.. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बगल में बैठे थे और मैंने पाया कि उनके चेहरे का नूर भी गायब है'. उन्होंने कहा कि कल साबित हो गया कि जिस तरह की बात भाजपा कर रही है और जिस तरह की बयानबाजी हो रही है, उत्तर प्रदेश में वह सत्ता में आने वाली नहीं है'.टिप्पणियां मायावती ने कहा कि 'कल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण दर्शाता है कि उन्होंने हार स्वीकार कर ली है और उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में नहीं आ रही है. मोदी बार-बार कह रहे थे कि ये चुनाव हार जीत के लिए नहीं लड़ा जाएगा, बल्कि जिम्मेदारी के लिए लड़ा जाएगा'.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) भाजपा की लखनऊ में कल हुई महापरिवर्तन रैली पर वह बोलीं कि 'पहली बार कल जब प्रधानमंत्री भाषण दे रहे थे तो उनके चेहरे का नूर गायब था.. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बगल में बैठे थे और मैंने पाया कि उनके चेहरे का नूर भी गायब है'. उन्होंने कहा कि कल साबित हो गया कि जिस तरह की बात भाजपा कर रही है और जिस तरह की बयानबाजी हो रही है, उत्तर प्रदेश में वह सत्ता में आने वाली नहीं है'.टिप्पणियां मायावती ने कहा कि 'कल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण दर्शाता है कि उन्होंने हार स्वीकार कर ली है और उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में नहीं आ रही है. मोदी बार-बार कह रहे थे कि ये चुनाव हार जीत के लिए नहीं लड़ा जाएगा, बल्कि जिम्मेदारी के लिए लड़ा जाएगा'.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मायावती ने कहा कि 'कल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण दर्शाता है कि उन्होंने हार स्वीकार कर ली है और उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में नहीं आ रही है. मोदी बार-बार कह रहे थे कि ये चुनाव हार जीत के लिए नहीं लड़ा जाएगा, बल्कि जिम्मेदारी के लिए लड़ा जाएगा'.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: अर्थव्यवस्था का इस साल का प्रदर्शन निराशाजनक रहा : प्रणब
यह एक लेख है: वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने माना कि मंदी के अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव को सीमित करने में भारत सफल रहा लेकिन इसके बावजूद इस साल का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा कि 2011-12 के दौरान विकास दर के 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।टिप्पणियां मुखर्जी ने लोकसभा में 2012-13 का आम बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘वैश्विक संकट ने हमें प्रभावित किया है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में दो पूर्ववर्ती वषरें में प्रत्येक वर्ष में 8.4 प्रतिशत की दर पर हुए विकास के बाद 2011-12 में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यद्यपि हम अपनी अर्थव्यवस्था में इस मंदी के प्रतिकूल प्रभाव को सीमित करने में सफल रहे हैं तो भी इस वर्ष का निष्पादन निराशाजनक रहा है परंतु यह भी एक सचाई है कि किसी भी अन्य देश की अपेक्षा भारत आर्थिक विकास के मोर्चे पर अग्रणी देश बना हुआ है।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल में अधिकांश समय हमें लगभग दो अंकों की समग्र मुद्रास्फीति से जूझना पड़ा। इस अवधि में हमारे मौद्रिक और राजकोषीय नीतिगत उपाय घरेलू मुद्रास्फीतिकारी दबावों को काबू करने की दिशा में केन्द्रित रहे। सख्त मौद्रिक नीति ने निवेश और उपभोग की वृद्धि पर प्रभाव डाला। राजकोषीय नीति में सब्सिडी पर बढ़े परिव्यय और उपभोक्ताओं पर ईंधन की ऊंची कीमतों का असर सीमित करने हेतु शुल्क में कटौतियां करनी पड़ीं। इसके परिणामस्वरूप विकास धीमा हुआ और राजकोषीय संतुलन की स्थिति खराब हुई। मुखर्जी ने लोकसभा में 2012-13 का आम बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘वैश्विक संकट ने हमें प्रभावित किया है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में दो पूर्ववर्ती वषरें में प्रत्येक वर्ष में 8.4 प्रतिशत की दर पर हुए विकास के बाद 2011-12 में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यद्यपि हम अपनी अर्थव्यवस्था में इस मंदी के प्रतिकूल प्रभाव को सीमित करने में सफल रहे हैं तो भी इस वर्ष का निष्पादन निराशाजनक रहा है परंतु यह भी एक सचाई है कि किसी भी अन्य देश की अपेक्षा भारत आर्थिक विकास के मोर्चे पर अग्रणी देश बना हुआ है।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल में अधिकांश समय हमें लगभग दो अंकों की समग्र मुद्रास्फीति से जूझना पड़ा। इस अवधि में हमारे मौद्रिक और राजकोषीय नीतिगत उपाय घरेलू मुद्रास्फीतिकारी दबावों को काबू करने की दिशा में केन्द्रित रहे। सख्त मौद्रिक नीति ने निवेश और उपभोग की वृद्धि पर प्रभाव डाला। राजकोषीय नीति में सब्सिडी पर बढ़े परिव्यय और उपभोक्ताओं पर ईंधन की ऊंची कीमतों का असर सीमित करने हेतु शुल्क में कटौतियां करनी पड़ीं। इसके परिणामस्वरूप विकास धीमा हुआ और राजकोषीय संतुलन की स्थिति खराब हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल में अधिकांश समय हमें लगभग दो अंकों की समग्र मुद्रास्फीति से जूझना पड़ा। इस अवधि में हमारे मौद्रिक और राजकोषीय नीतिगत उपाय घरेलू मुद्रास्फीतिकारी दबावों को काबू करने की दिशा में केन्द्रित रहे। सख्त मौद्रिक नीति ने निवेश और उपभोग की वृद्धि पर प्रभाव डाला। राजकोषीय नीति में सब्सिडी पर बढ़े परिव्यय और उपभोक्ताओं पर ईंधन की ऊंची कीमतों का असर सीमित करने हेतु शुल्क में कटौतियां करनी पड़ीं। इसके परिणामस्वरूप विकास धीमा हुआ और राजकोषीय संतुलन की स्थिति खराब हुई।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: रिव्यू : 'मेरी कॉम' में प्रियंका का अभिनय असरदार
यह एक लेख है: इस शुक्रवार रिलीज हुई है 'मेरी कॉम' जो आधारित है ओलिंपिक महिला बॉक्सिंग चैंपियन मेरी कॉम की असल जिंदगी पर। इस फिल्म में मेरी कॉम के किरदार में हैं प्रियंका चोपड़ा और उनके पिता की भूमिका निभाई है रॉबिन दास ने। वहीं उनके पति का रोल किया है दर्शन ने। इनके अलावा फिल्म में हैं सुनील थापा और रजनी बासुमात्री। अगर आपको मेरी कॉम की जिंदगी की हकीकत जाननी हो, तो आप यह फिल्म देख सकते हैं। मैं आपको बताता हूं कि मुझे यह फिल्म कैसी लगी। किसी की जीवनी पर्दे पर लाना थोड़ा कठिन है, क्योंकि फिल्म में असल जिंदगी दिखाई जानी है, तो मसाला कम होगा और यह डॉक्यूमेंट्री ज्यादा दिख सकती है। ऐसे में फिल्मकार के लिए दोनों के बीच संतुलन बनाकर रखना एक चुनौती होती है। 'मेरी कॉम' में इन दोनों के अलावा और भी मुझे कमियां दिखीं। मेरी कॉम की जिंदगी में जैसी घटनाएं घटीं, उनको ढंग से लेखक और निर्देशक स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले में पिरो नहीं पाए। पहले भाग में कहानी में आपको बार-बार झटके लगते हैं। ऐसा लगता है कि मेरी कॉम की शुरुआती जद्दोजहद को बड़े हल्के में लिया गया है। ऐसा लगता है शायद निर्देशक फिल्म को इंटरवल तक पहुंचाने के लिए जल्दबाजी कर रहे हों। पहले भाग में कहानी कहने का तरीका दर्शकों को अटपटा लग सकता है। फर्स्ट हाफ में ऐसे कई सीन्स हैं, जो मुकम्मल नहीं होते, जिसकी वजह से दर्शक शायद फिल्म से जुड़ नहीं पाएं। मुझे लगता है कि मेरी कॉम के मां बनने के पहले की कहानी भी उतनी ही जरूरी थी, जितनी बनने के बाद की, जिसे फिल्म में तवज्जो नहीं दी गई। खैर यह थी फिल्म की खामियां, अब बात खूबियों की। प्रियंका ने यंग मेरी कॉम से लेकर मां बनने और परिपक्व खिलाड़ी तक के किरदार को खूबसूरती से निभाया है। प्रियंका ने नॉर्थ-ईस्ट की भाषा का लहजा जो ट्रेलर में दिखाया, उससे कहीं ज्यादा प्रभावशाली वह फिल्म में नजर आईं। फिल्म के गाने मुझे अच्छे लगे। इंटरवल के बाद फिल्म में नई जान आती है। स्क्रीनप्ले, कहानी और निर्देशन तीनों में ही ठहराव आ जाता है। यानी जो झटके और जल्दबाजी आपको पहले भाग में नजर आएंगे, वो दूसरे भाग में शायद आपको महसूस न हों।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: दिन की शुरू दिल्ली के गर्मी से, 29 डिग्री सेल्सियस पर रहा न्यूनतम तापमान
यह एक लेख है: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज (मंगलवार) दिन की शुरआत एक बार फिर गर्म सुबह से ही हुई और यहां का न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहा जो इस सीजन के सामान्य तापामान से तीन डिग्री अधिक है. हालांकि, मौसम विज्ञानियों ने आज दिन के आखिर में शहर के कुछ इलाकों में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने का पूर्वानुमान जताया है. मौसम विभाग के अनुसार, आज(मंगलवार) सुबह के 8.30 बजे आद्र्रता का स्तर 38 प्रतिशत दर्ज किया गया. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘दिन के आखिर में बिजली कड़कने की संभावना है. आज अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. कल, न्यूनतम तापमान 28.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस रहा था.   मौसम विभाग के अनुसार, आज(मंगलवार) सुबह के 8.30 बजे आद्र्रता का स्तर 38 प्रतिशत दर्ज किया गया. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘दिन के आखिर में बिजली कड़कने की संभावना है. आज अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. कल, न्यूनतम तापमान 28.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस रहा था.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: भारत ने 91 पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा किया
लेख: भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली बैठक से एक दिन पहले भारत ने मंगलवार को गुजरात, पंजाब और हरियाणा के जेलों में बंद 91 पाकिस्तानी नागरिकों को स्वदेश रवाना किया। भारत के इस कदम को विश्वास बहाली के उपाय के रूप में देखा जा रहा है। भारत की ओर से रिहा पाकिस्तानी नागरिकों में 87 मछुआरे भी शामिल हैं जिन्हें गुजरात तट के समीप भारतीय सीमा में पकड़ा गया था। ये नागरिक एक से पांच साल तक यहां की जेलों में बंद रहे। इन नागरिकों को स्वदेश भेजने के लिए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने आपातकालीन यात्रा दस्तावेज जारी किए। मछुआरों को गुजरात के जामनगर जेल में रखा गया था जबकि दो कैदी अमृतसर, एक कैदी पंजाब के संगरूर और एक हरियाणा की जेल में बंद था। उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली में विदेश सचिव स्तर की वार्ता के लिए पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर वाघा-अटारी सीमा से सोमवार शाम भारत में दाखिल हुए।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: Howdy Modi:पीएम मोदी ने ह्यूस्टन में किया कश्मीर से धारा 370 हटाने का जिक्र, कहा- 70 साल की चुनौती को भारत ने दे दिया 'फेयरवेल'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ह्यूस्टन में रविवार को 'हाउडी मोदी' (Howdy Modi) समारोह में अपने संबोधन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की मौजूदगी में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा. साथ ही पीएम ने हाल ही  में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "देश के सामने 70 साल से एक चुनौती थी, जिसे कुछ दिन पहले भारत ने इसे 'फेयरवेल' दे दिया है. ये विषय है अनुच्छेद 370 का." मोदी ने कहा, "अनुच्छेद 370 ने जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के लोगों को विकास और समान अधिकार से वंचित रखा था. इस स्थिति का लाभ आतंकवादी और अलगाववादी उठा रहे थे. संविधान ने जो अधिकार भारत को दिए हैं, वही अधिकार अब जम्मू एवं कश्मीर को मिल गया है. वहां की महिलाओं और दलितों के साथ हो रहा भेदभाव अब खत्म हो गया है. राज्यसभा और लोकसभा में इसपर घंटों चर्चा हुई. राज्यसभा में हमारी बहुमत नहीं है, इसके बावजूद हमारे दोनों सदनों ने इस फैसले को दो तिहाई बहुमत से पारित किया है." उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए हुए कहा, "हमारे फैसलों से उन लोगों को दिक्कत हो रही है, जिनसे अपना देश संभल नहीं रहा है। उनकी पहचान सारी दुनिया जानती है। अमेरिका में 9/11 हो या मुंबई में 26/11 हो उसके साजिशकर्ता कहां पाए जाते हैं? अब समय आ गया है कि आतंकवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए."
2
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: इंटरनेशनल बॉर्डर पर दीवार बनाने की भारत की कोई योजना नहीं : BSF आईजी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बीएसएफ़ के आईजी ने कहा है कि भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दीवार बनाने की कोई योजना नहीं है। हाल ही में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चिट्ठी लिखकर भारत की शिकायत की थी। संयुक्त राष्ट्र में पाक राजदूत मलीहा लोधी ने चिट्ठी में लिखा था कि भारत, जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दीवार बनाने की योजना बना रहा है। 9 सितंबर को सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रूसी राजदूत विताली को लिखे पत्र में लोधी ने जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के बीच की 197 किलोमीटर लंबी कार्य सीमा पर 10 मीटर ऊंचा और 135 फुट चौड़ा पुश्ता (दीवार) बनाने की भारत की योजना पर ‘गहरी चिंता’ जताई।टिप्पणियांपाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत करते हुए कहा था कि भारत की योजना नियंत्रण रेखा पर दीवार बनाने की है और वह इस तरह इसे कथित तौर पर ‘पक्की अंतरराष्ट्रीय सीमा’ में तब्दील करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के इस कदम पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि है कि वह ‘उपयुक्त समय’ पर इसका जवाब देगा। हालांकि भारत ने कहा था कि पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा परिषद को दिए गए पत्रों में से एक पत्र हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन के प्रमुख सईद सलाहुद्दीन के ‘बयान’ पर आधारित है। संयुक्त राष्ट्र में पाक राजदूत मलीहा लोधी ने चिट्ठी में लिखा था कि भारत, जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दीवार बनाने की योजना बना रहा है। 9 सितंबर को सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रूसी राजदूत विताली को लिखे पत्र में लोधी ने जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के बीच की 197 किलोमीटर लंबी कार्य सीमा पर 10 मीटर ऊंचा और 135 फुट चौड़ा पुश्ता (दीवार) बनाने की भारत की योजना पर ‘गहरी चिंता’ जताई।टिप्पणियांपाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत करते हुए कहा था कि भारत की योजना नियंत्रण रेखा पर दीवार बनाने की है और वह इस तरह इसे कथित तौर पर ‘पक्की अंतरराष्ट्रीय सीमा’ में तब्दील करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के इस कदम पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि है कि वह ‘उपयुक्त समय’ पर इसका जवाब देगा। हालांकि भारत ने कहा था कि पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा परिषद को दिए गए पत्रों में से एक पत्र हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन के प्रमुख सईद सलाहुद्दीन के ‘बयान’ पर आधारित है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत करते हुए कहा था कि भारत की योजना नियंत्रण रेखा पर दीवार बनाने की है और वह इस तरह इसे कथित तौर पर ‘पक्की अंतरराष्ट्रीय सीमा’ में तब्दील करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के इस कदम पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि है कि वह ‘उपयुक्त समय’ पर इसका जवाब देगा। हालांकि भारत ने कहा था कि पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा परिषद को दिए गए पत्रों में से एक पत्र हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन के प्रमुख सईद सलाहुद्दीन के ‘बयान’ पर आधारित है। हालांकि भारत ने कहा था कि पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा परिषद को दिए गए पत्रों में से एक पत्र हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन के प्रमुख सईद सलाहुद्दीन के ‘बयान’ पर आधारित है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: यूपी चुनाव 2017 : नौकरी के लिए दूसरे शहरों को बनाया ठिकाना, अब वोट डालने जा रहे हैं अपने प्रदेश
यह लेख है: जब मुंबई से यूपी के गोरखपुर जाने वाली लोकमान्य तिलक - गोरखपुर एक्सप्रेस ने गोंडा में थोड़ी देर के लिए सांस ली, तब तक 19 साल के राजेश कुमार गुप्ता को ट्रेन में बैठे 27 घंटे गुज़र चुके थे. राजेश मुंबई में अपने दो बड़े भाइयों के साथ काम करते हैं और गोरखपुर में उनके माता-पिता रहते हैं. वह वोटिंग के लिए अपने गांव जा रहे हैं. राजेश पिछले पांच सालों से इसी ट्रेन से मुंबई और गोरखपुर के बीच सफर करते हैं. उन्हीं की तरह देश भर में दिहाड़ी पर काम करने वाले कई मजदूर वोट डालने के लिए यूपी में अपने घर जा रहे हैं. मुंबई, गुजरात, कर्नाटक में काम करने वाले ऐसे कई लोग हैं जो यूपी में नौकरी नहीं होने की वजह से दूसरे शहरों में रोज़ी-रोटी के लिए जाते हैं. मुंबई में रहते हुए राजेश ने अपने बाल ज़रा रंग लिये हैं और कानों में बुंदे भी पहने हैं. मुंबई में राजेश और उसके भाईयों को कॉन्ट्रेक्टर ने एक कमरा दे रखा है जिसका किराया नहीं लगता. राजेश ने बताया 'लोग कहते हैं कि यूपी और बिहार में काम नहीं है इसलिए हम यहां आते हैं. यहां पर लोग बस पैसे के साथ धांधली करते हैं. पेमेंट टाइम पर नहीं मिलता लेकिन यह समस्या तो शायद पूरे देश में है, सिर्फ मुंबई में नहीं.' यह राजेश का पहला वोट होगा और वह कहता है 'मेरा किसी को वोट देने का मन नहीं करता. जब किसी ने कुछ किया ही नहीं तो वोट क्यों डालूं.' ट्रेन कम्पार्टमेंट के दरवाजे पर बैठे, ठंडी हवा खाते 28 साल के अली अहमद पेशे से एक पेंटर हैं जो पिछले दस साल से मुंबई में रहते आ रहे हैं. वह बताते हैं कि यूपी में उनका परिवार रहता है और वह इतना कमा लेते हैं कि पत्नी, मां और दो बेटियों का पेट भर सकें. अली बताते हैं 'बहुत मुश्किल है परिवार से इतना दूर रहकर काम करना लेकिन पेट के लिए करना पड़ता है. यूपी-बिहार में काम ही नहीं है. कंपनियां ही नहीं हैं. मुंबई में बड़ी कंपनियां हैं.' वह कहते हैं 'सब नेताओं के हाथ में है, कुछ नहीं कह सकते. लेकिन मुझे लगता है कि बदलाव आएगा. आज के नेताओं में यकीन करने का मन करता है लेकिन कुछ भी करने में कम से कम 10 साल तो लग जाएंगे.'टिप्पणियां बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए हुए भारी भरकम चुनावी अभियान में सभी पार्टियों ने नौकरी, उद्योग और युवाओं को स्मार्टफोन देने का वादा किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ताधारी पार्टी सपा के सीएम अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती पर पिछले 15 सालों से जनता की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. वहीं अखिलेश यादव ने एक रैली में वादा किया है कि अगर वह लौटे तो राज्य की पुलिस फोर्स में 1 लाख नौकरियां लेकर आएंगे. अगर यूपी के औद्योगिक विकास के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014-15 में पूर्वी यूपी अपने पड़ोसी राज्य बिहार से नीचे हैं. केंद्र सरकार की रिपोर्ट कहती है कि अगले साल तक यूपी में बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ पहुंच सकती है. पूर्वी यूपी और बिहार से दूसरे शहरों में पलायन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. जनगणना डाटा के मुताबिक इस क्षेत्र से पलायन करने वालों की संख्या पिछले बीस सालों में दोगुनी हो गई है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपी की प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये हैं, वहीं महाराष्ट्र जहां कई लोग पलायन करके पहुंचते हैं, वहां प्रति व्यक्ति आय - एक लाख रुपए है. राजेश पिछले पांच सालों से इसी ट्रेन से मुंबई और गोरखपुर के बीच सफर करते हैं. उन्हीं की तरह देश भर में दिहाड़ी पर काम करने वाले कई मजदूर वोट डालने के लिए यूपी में अपने घर जा रहे हैं. मुंबई, गुजरात, कर्नाटक में काम करने वाले ऐसे कई लोग हैं जो यूपी में नौकरी नहीं होने की वजह से दूसरे शहरों में रोज़ी-रोटी के लिए जाते हैं. मुंबई में रहते हुए राजेश ने अपने बाल ज़रा रंग लिये हैं और कानों में बुंदे भी पहने हैं. मुंबई में राजेश और उसके भाईयों को कॉन्ट्रेक्टर ने एक कमरा दे रखा है जिसका किराया नहीं लगता. राजेश ने बताया 'लोग कहते हैं कि यूपी और बिहार में काम नहीं है इसलिए हम यहां आते हैं. यहां पर लोग बस पैसे के साथ धांधली करते हैं. पेमेंट टाइम पर नहीं मिलता लेकिन यह समस्या तो शायद पूरे देश में है, सिर्फ मुंबई में नहीं.' यह राजेश का पहला वोट होगा और वह कहता है 'मेरा किसी को वोट देने का मन नहीं करता. जब किसी ने कुछ किया ही नहीं तो वोट क्यों डालूं.' ट्रेन कम्पार्टमेंट के दरवाजे पर बैठे, ठंडी हवा खाते 28 साल के अली अहमद पेशे से एक पेंटर हैं जो पिछले दस साल से मुंबई में रहते आ रहे हैं. वह बताते हैं कि यूपी में उनका परिवार रहता है और वह इतना कमा लेते हैं कि पत्नी, मां और दो बेटियों का पेट भर सकें. अली बताते हैं 'बहुत मुश्किल है परिवार से इतना दूर रहकर काम करना लेकिन पेट के लिए करना पड़ता है. यूपी-बिहार में काम ही नहीं है. कंपनियां ही नहीं हैं. मुंबई में बड़ी कंपनियां हैं.' वह कहते हैं 'सब नेताओं के हाथ में है, कुछ नहीं कह सकते. लेकिन मुझे लगता है कि बदलाव आएगा. आज के नेताओं में यकीन करने का मन करता है लेकिन कुछ भी करने में कम से कम 10 साल तो लग जाएंगे.'टिप्पणियां बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए हुए भारी भरकम चुनावी अभियान में सभी पार्टियों ने नौकरी, उद्योग और युवाओं को स्मार्टफोन देने का वादा किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ताधारी पार्टी सपा के सीएम अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती पर पिछले 15 सालों से जनता की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. वहीं अखिलेश यादव ने एक रैली में वादा किया है कि अगर वह लौटे तो राज्य की पुलिस फोर्स में 1 लाख नौकरियां लेकर आएंगे. अगर यूपी के औद्योगिक विकास के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014-15 में पूर्वी यूपी अपने पड़ोसी राज्य बिहार से नीचे हैं. केंद्र सरकार की रिपोर्ट कहती है कि अगले साल तक यूपी में बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ पहुंच सकती है. पूर्वी यूपी और बिहार से दूसरे शहरों में पलायन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. जनगणना डाटा के मुताबिक इस क्षेत्र से पलायन करने वालों की संख्या पिछले बीस सालों में दोगुनी हो गई है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपी की प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये हैं, वहीं महाराष्ट्र जहां कई लोग पलायन करके पहुंचते हैं, वहां प्रति व्यक्ति आय - एक लाख रुपए है. मुंबई में रहते हुए राजेश ने अपने बाल ज़रा रंग लिये हैं और कानों में बुंदे भी पहने हैं. मुंबई में राजेश और उसके भाईयों को कॉन्ट्रेक्टर ने एक कमरा दे रखा है जिसका किराया नहीं लगता. राजेश ने बताया 'लोग कहते हैं कि यूपी और बिहार में काम नहीं है इसलिए हम यहां आते हैं. यहां पर लोग बस पैसे के साथ धांधली करते हैं. पेमेंट टाइम पर नहीं मिलता लेकिन यह समस्या तो शायद पूरे देश में है, सिर्फ मुंबई में नहीं.' यह राजेश का पहला वोट होगा और वह कहता है 'मेरा किसी को वोट देने का मन नहीं करता. जब किसी ने कुछ किया ही नहीं तो वोट क्यों डालूं.' ट्रेन कम्पार्टमेंट के दरवाजे पर बैठे, ठंडी हवा खाते 28 साल के अली अहमद पेशे से एक पेंटर हैं जो पिछले दस साल से मुंबई में रहते आ रहे हैं. वह बताते हैं कि यूपी में उनका परिवार रहता है और वह इतना कमा लेते हैं कि पत्नी, मां और दो बेटियों का पेट भर सकें. अली बताते हैं 'बहुत मुश्किल है परिवार से इतना दूर रहकर काम करना लेकिन पेट के लिए करना पड़ता है. यूपी-बिहार में काम ही नहीं है. कंपनियां ही नहीं हैं. मुंबई में बड़ी कंपनियां हैं.' वह कहते हैं 'सब नेताओं के हाथ में है, कुछ नहीं कह सकते. लेकिन मुझे लगता है कि बदलाव आएगा. आज के नेताओं में यकीन करने का मन करता है लेकिन कुछ भी करने में कम से कम 10 साल तो लग जाएंगे.'टिप्पणियां बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए हुए भारी भरकम चुनावी अभियान में सभी पार्टियों ने नौकरी, उद्योग और युवाओं को स्मार्टफोन देने का वादा किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ताधारी पार्टी सपा के सीएम अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती पर पिछले 15 सालों से जनता की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. वहीं अखिलेश यादव ने एक रैली में वादा किया है कि अगर वह लौटे तो राज्य की पुलिस फोर्स में 1 लाख नौकरियां लेकर आएंगे. अगर यूपी के औद्योगिक विकास के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014-15 में पूर्वी यूपी अपने पड़ोसी राज्य बिहार से नीचे हैं. केंद्र सरकार की रिपोर्ट कहती है कि अगले साल तक यूपी में बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ पहुंच सकती है. पूर्वी यूपी और बिहार से दूसरे शहरों में पलायन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. जनगणना डाटा के मुताबिक इस क्षेत्र से पलायन करने वालों की संख्या पिछले बीस सालों में दोगुनी हो गई है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपी की प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये हैं, वहीं महाराष्ट्र जहां कई लोग पलायन करके पहुंचते हैं, वहां प्रति व्यक्ति आय - एक लाख रुपए है. ट्रेन कम्पार्टमेंट के दरवाजे पर बैठे, ठंडी हवा खाते 28 साल के अली अहमद पेशे से एक पेंटर हैं जो पिछले दस साल से मुंबई में रहते आ रहे हैं. वह बताते हैं कि यूपी में उनका परिवार रहता है और वह इतना कमा लेते हैं कि पत्नी, मां और दो बेटियों का पेट भर सकें. अली बताते हैं 'बहुत मुश्किल है परिवार से इतना दूर रहकर काम करना लेकिन पेट के लिए करना पड़ता है. यूपी-बिहार में काम ही नहीं है. कंपनियां ही नहीं हैं. मुंबई में बड़ी कंपनियां हैं.' वह कहते हैं 'सब नेताओं के हाथ में है, कुछ नहीं कह सकते. लेकिन मुझे लगता है कि बदलाव आएगा. आज के नेताओं में यकीन करने का मन करता है लेकिन कुछ भी करने में कम से कम 10 साल तो लग जाएंगे.'टिप्पणियां बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए हुए भारी भरकम चुनावी अभियान में सभी पार्टियों ने नौकरी, उद्योग और युवाओं को स्मार्टफोन देने का वादा किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ताधारी पार्टी सपा के सीएम अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती पर पिछले 15 सालों से जनता की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. वहीं अखिलेश यादव ने एक रैली में वादा किया है कि अगर वह लौटे तो राज्य की पुलिस फोर्स में 1 लाख नौकरियां लेकर आएंगे. अगर यूपी के औद्योगिक विकास के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014-15 में पूर्वी यूपी अपने पड़ोसी राज्य बिहार से नीचे हैं. केंद्र सरकार की रिपोर्ट कहती है कि अगले साल तक यूपी में बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ पहुंच सकती है. पूर्वी यूपी और बिहार से दूसरे शहरों में पलायन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. जनगणना डाटा के मुताबिक इस क्षेत्र से पलायन करने वालों की संख्या पिछले बीस सालों में दोगुनी हो गई है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपी की प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये हैं, वहीं महाराष्ट्र जहां कई लोग पलायन करके पहुंचते हैं, वहां प्रति व्यक्ति आय - एक लाख रुपए है. बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए हुए भारी भरकम चुनावी अभियान में सभी पार्टियों ने नौकरी, उद्योग और युवाओं को स्मार्टफोन देने का वादा किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ताधारी पार्टी सपा के सीएम अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती पर पिछले 15 सालों से जनता की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. वहीं अखिलेश यादव ने एक रैली में वादा किया है कि अगर वह लौटे तो राज्य की पुलिस फोर्स में 1 लाख नौकरियां लेकर आएंगे. अगर यूपी के औद्योगिक विकास के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014-15 में पूर्वी यूपी अपने पड़ोसी राज्य बिहार से नीचे हैं. केंद्र सरकार की रिपोर्ट कहती है कि अगले साल तक यूपी में बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ पहुंच सकती है. पूर्वी यूपी और बिहार से दूसरे शहरों में पलायन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. जनगणना डाटा के मुताबिक इस क्षेत्र से पलायन करने वालों की संख्या पिछले बीस सालों में दोगुनी हो गई है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपी की प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये हैं, वहीं महाराष्ट्र जहां कई लोग पलायन करके पहुंचते हैं, वहां प्रति व्यक्ति आय - एक लाख रुपए है. अगर यूपी के औद्योगिक विकास के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014-15 में पूर्वी यूपी अपने पड़ोसी राज्य बिहार से नीचे हैं. केंद्र सरकार की रिपोर्ट कहती है कि अगले साल तक यूपी में बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ पहुंच सकती है. पूर्वी यूपी और बिहार से दूसरे शहरों में पलायन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. जनगणना डाटा के मुताबिक इस क्षेत्र से पलायन करने वालों की संख्या पिछले बीस सालों में दोगुनी हो गई है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपी की प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये हैं, वहीं महाराष्ट्र जहां कई लोग पलायन करके पहुंचते हैं, वहां प्रति व्यक्ति आय - एक लाख रुपए है.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: कुछ अलग है 'नौटंकी साला'
यह एक लेख है: आज रिलीज़ हुई है, रोहन सिप्पी निर्देशित 'नौटंकी साला', जिसमें मुख्य भूमिका निभाई है 'विकी डोनर' फेम अभिनेता आयुष्मान खुराना ने, और उसके किरदार का नाम है राम... यह राम पेशे से एक थिएटर एक्टर और डायरेक्टर है, और अपने नाटक में रावण का किरदार निभाता है... एक दिन उसे रास्ते में अचानक मिलता है मंदार लेले, यानि कुणाल रॉय कपूर, जो खुदकुशी करने की कोशिश कर रहा है... राम उसे खुदकुशी करने से बचाता है और अपने घर ले आता है... इसके बाद राम कोशिश करता है, उसे उसकी पत्नी से मिलाने की, और उसकी ज़िन्दगी में खुशियां वापस लाने की... लेकिन इस कोशिश में वह खुद ही फंस जाता है... कहानी अच्छी है, और रोहन सिप्पी ने उसे बेहद अलग अंदाज़ में कहने की कोशिश की है, लेकिन लगता है, वह स्क्रिप्ट तैयार करने में मात खा गए... 'नौटंकी साला' के प्रोमो देखकर लग रहा था कि शायद यह कॉमेडी फिल्म होगी, लेकिन असल में यह बिल्कुल अलग ट्रैक पर चलती है... हां, कुछ-कुछ जगह यह आपको हंसा सकती है...टिप्पणियां इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म को अलग बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन अपनी गति से चलते कुछ सीन फिल्म को ढीला बना देते हैं... असल ज़िन्दगी को रामायण के पन्नों में ढूंढते डायरेक्टर ने एक नई बात तो सामने रखी है, लेकिन फायदा तब होगा, जब दर्शक इसे समझ पाएं... हां, रामायण के सीन, कॉस्ट्यूम, और लाइट्स फिल्म को खूबसूरत बनाते हैं... आयुष्मान खुराना अच्छे हैं, लेकिन कुणाल रॉय कपूर का अभिनय सराहनीय है... यहां मैं आयुष्मान की नाटक कंपनी के प्रोड्यूसर संजीव भट्ट की तारीफ भी ज़रूर करना चाहूंगा, जिन्होंने अच्छा अभिनय किया है... फिल्म में ठहराव है, लेकिन कहीं-कहीं वह आपको ऊबाऊ लग सकता है... कुछ पुराने गानों के री−मिक्स आपको सुनने में अच्छे लग सकते हैं... कुल मिलाकर इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार... यह राम पेशे से एक थिएटर एक्टर और डायरेक्टर है, और अपने नाटक में रावण का किरदार निभाता है... एक दिन उसे रास्ते में अचानक मिलता है मंदार लेले, यानि कुणाल रॉय कपूर, जो खुदकुशी करने की कोशिश कर रहा है... राम उसे खुदकुशी करने से बचाता है और अपने घर ले आता है... इसके बाद राम कोशिश करता है, उसे उसकी पत्नी से मिलाने की, और उसकी ज़िन्दगी में खुशियां वापस लाने की... लेकिन इस कोशिश में वह खुद ही फंस जाता है... कहानी अच्छी है, और रोहन सिप्पी ने उसे बेहद अलग अंदाज़ में कहने की कोशिश की है, लेकिन लगता है, वह स्क्रिप्ट तैयार करने में मात खा गए... 'नौटंकी साला' के प्रोमो देखकर लग रहा था कि शायद यह कॉमेडी फिल्म होगी, लेकिन असल में यह बिल्कुल अलग ट्रैक पर चलती है... हां, कुछ-कुछ जगह यह आपको हंसा सकती है...टिप्पणियां इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म को अलग बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन अपनी गति से चलते कुछ सीन फिल्म को ढीला बना देते हैं... असल ज़िन्दगी को रामायण के पन्नों में ढूंढते डायरेक्टर ने एक नई बात तो सामने रखी है, लेकिन फायदा तब होगा, जब दर्शक इसे समझ पाएं... हां, रामायण के सीन, कॉस्ट्यूम, और लाइट्स फिल्म को खूबसूरत बनाते हैं... आयुष्मान खुराना अच्छे हैं, लेकिन कुणाल रॉय कपूर का अभिनय सराहनीय है... यहां मैं आयुष्मान की नाटक कंपनी के प्रोड्यूसर संजीव भट्ट की तारीफ भी ज़रूर करना चाहूंगा, जिन्होंने अच्छा अभिनय किया है... फिल्म में ठहराव है, लेकिन कहीं-कहीं वह आपको ऊबाऊ लग सकता है... कुछ पुराने गानों के री−मिक्स आपको सुनने में अच्छे लग सकते हैं... कुल मिलाकर इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार... कहानी अच्छी है, और रोहन सिप्पी ने उसे बेहद अलग अंदाज़ में कहने की कोशिश की है, लेकिन लगता है, वह स्क्रिप्ट तैयार करने में मात खा गए... 'नौटंकी साला' के प्रोमो देखकर लग रहा था कि शायद यह कॉमेडी फिल्म होगी, लेकिन असल में यह बिल्कुल अलग ट्रैक पर चलती है... हां, कुछ-कुछ जगह यह आपको हंसा सकती है...टिप्पणियां इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म को अलग बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन अपनी गति से चलते कुछ सीन फिल्म को ढीला बना देते हैं... असल ज़िन्दगी को रामायण के पन्नों में ढूंढते डायरेक्टर ने एक नई बात तो सामने रखी है, लेकिन फायदा तब होगा, जब दर्शक इसे समझ पाएं... हां, रामायण के सीन, कॉस्ट्यूम, और लाइट्स फिल्म को खूबसूरत बनाते हैं... आयुष्मान खुराना अच्छे हैं, लेकिन कुणाल रॉय कपूर का अभिनय सराहनीय है... यहां मैं आयुष्मान की नाटक कंपनी के प्रोड्यूसर संजीव भट्ट की तारीफ भी ज़रूर करना चाहूंगा, जिन्होंने अच्छा अभिनय किया है... फिल्म में ठहराव है, लेकिन कहीं-कहीं वह आपको ऊबाऊ लग सकता है... कुछ पुराने गानों के री−मिक्स आपको सुनने में अच्छे लग सकते हैं... कुल मिलाकर इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार... इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म को अलग बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन अपनी गति से चलते कुछ सीन फिल्म को ढीला बना देते हैं... असल ज़िन्दगी को रामायण के पन्नों में ढूंढते डायरेक्टर ने एक नई बात तो सामने रखी है, लेकिन फायदा तब होगा, जब दर्शक इसे समझ पाएं... हां, रामायण के सीन, कॉस्ट्यूम, और लाइट्स फिल्म को खूबसूरत बनाते हैं... आयुष्मान खुराना अच्छे हैं, लेकिन कुणाल रॉय कपूर का अभिनय सराहनीय है... यहां मैं आयुष्मान की नाटक कंपनी के प्रोड्यूसर संजीव भट्ट की तारीफ भी ज़रूर करना चाहूंगा, जिन्होंने अच्छा अभिनय किया है... फिल्म में ठहराव है, लेकिन कहीं-कहीं वह आपको ऊबाऊ लग सकता है... कुछ पुराने गानों के री−मिक्स आपको सुनने में अच्छे लग सकते हैं... कुल मिलाकर इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार... आयुष्मान खुराना अच्छे हैं, लेकिन कुणाल रॉय कपूर का अभिनय सराहनीय है... यहां मैं आयुष्मान की नाटक कंपनी के प्रोड्यूसर संजीव भट्ट की तारीफ भी ज़रूर करना चाहूंगा, जिन्होंने अच्छा अभिनय किया है... फिल्म में ठहराव है, लेकिन कहीं-कहीं वह आपको ऊबाऊ लग सकता है... कुछ पुराने गानों के री−मिक्स आपको सुनने में अच्छे लग सकते हैं... कुल मिलाकर इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार...
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: दिल्ली की सभी राजनैतिक पार्टियों को कोर्ट में घसीटा 20 साल की रूबी ने
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: इस बच्ची की उम्र सिर्फ 20 साल है, और आज की तारीख में वह एक ऐसा नाम बन चुकी है, जिसे दिल्ली की कोई राजनैतिक पार्टी उसे नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती। लॉ की तीसरे साल की छात्रा रूबी मलिक ने कोर्ट पहुंचकर आरोप लगाया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (Delhi University Students' Union - DUSU) के लिए हो रहे चुनाव में सभी पार्टियां सभी तरह की सीमाएं लांघ रही हैं। वैसे, देश के कई मौजूदा बड़े नेता दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की ही देन हैं, जिनमें वित्तमंत्री अरुण जेटली, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता विजय गोयल तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन शामिल हैं। इस साल का चुनाव होने में सिर्फ चार दिन रह गए हैं, और इस बार की खास बात यह है कि दिल्ली की गद्दी पर आरूढ़ आम आदमी पार्टी भी अपनी युवा शाखा - छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) - के जरिये पहली बार इस दौड़ में शामिल है, जिसका सीधा मुकाबला बीजेपी की छात्र शाखा - अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) - तथा कांग्रेस की छात्र शाखा - नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) - से होगा। रूबी ने NDTV के शो 'एजेंडा' के दौरान कहा, "आप देखिए, पूरे कैम्पस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कितने बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हुए हैं, और आपको पता चल जाएगा कि ये लोग कितना पैसा खर्च कर रहे हैं..." रूबी का दावा है कि उनका किसी राजनैतिक दल से कोई संबंध नहीं है, और न ही वह राजनीति में करियर बनाने की इच्छुक हैं। उनके मुताबिक, उनका एकमात्र मकसद यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान सभी को बराबरी का मौका मिले, और चुनाव निर्देशों का पालन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित नियमों के अनुसार, कॉलेज-स्तरीय चुनाव के लिए कोई भी प्रत्याशी अधिकतम 5,000 रुपये खर्च कर सकता है, तथा प्रचार सामग्री तथा नारों के लिए सार्वजनिक संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। वाहनों का जुलूस भी छपे हुए पोस्टरों के साथ नहीं निकाला जा सकता, हालांकि हाथ से बने पोस्टर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।टिप्पणियां किसी भी कैम्पस में जाने पर साफ दिखाई देता है कि इन निर्देशों को कैसे खुलेआम नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। भगत सिंह कॉलेज में छपे हुए चुनावी पैम्फ्लेट बाटते एक शख्स ने कहा, "खर्चा तो लाखों में भी हो जाता है... पिछले साल तो उन्होंने (प्रत्याशियों ने) वोटरों को फिल्मों की टिकट और फन एंड फूड विलेज (एम्यूज़मेंट पार्क) के ट्रिप ऑफर किए थे, जिनके लिए ढेरों पैसा खर्च होता है..." जब NDTV ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया, तो उनके प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इस मुद्दे पर सभी पार्टियां दोषी हैं। आम आदमी पार्टी की भूमिका को लेकर प्रवक्ता ने कहा, "बस स्टैंडों पर विज्ञापनों की जगह खरीदी जा रही है, जिन पर प्रचार किया जा रहा है कि उन्हें 46 फीसदी वोट मिलने जा रहे हैं... उनके अलावा एबीवीपी और एनएसयूआई भी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं..." वैसे, देश के कई मौजूदा बड़े नेता दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की ही देन हैं, जिनमें वित्तमंत्री अरुण जेटली, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता विजय गोयल तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन शामिल हैं। इस साल का चुनाव होने में सिर्फ चार दिन रह गए हैं, और इस बार की खास बात यह है कि दिल्ली की गद्दी पर आरूढ़ आम आदमी पार्टी भी अपनी युवा शाखा - छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) - के जरिये पहली बार इस दौड़ में शामिल है, जिसका सीधा मुकाबला बीजेपी की छात्र शाखा - अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) - तथा कांग्रेस की छात्र शाखा - नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) - से होगा। रूबी ने NDTV के शो 'एजेंडा' के दौरान कहा, "आप देखिए, पूरे कैम्पस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कितने बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हुए हैं, और आपको पता चल जाएगा कि ये लोग कितना पैसा खर्च कर रहे हैं..." रूबी का दावा है कि उनका किसी राजनैतिक दल से कोई संबंध नहीं है, और न ही वह राजनीति में करियर बनाने की इच्छुक हैं। उनके मुताबिक, उनका एकमात्र मकसद यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान सभी को बराबरी का मौका मिले, और चुनाव निर्देशों का पालन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित नियमों के अनुसार, कॉलेज-स्तरीय चुनाव के लिए कोई भी प्रत्याशी अधिकतम 5,000 रुपये खर्च कर सकता है, तथा प्रचार सामग्री तथा नारों के लिए सार्वजनिक संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। वाहनों का जुलूस भी छपे हुए पोस्टरों के साथ नहीं निकाला जा सकता, हालांकि हाथ से बने पोस्टर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।टिप्पणियां किसी भी कैम्पस में जाने पर साफ दिखाई देता है कि इन निर्देशों को कैसे खुलेआम नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। भगत सिंह कॉलेज में छपे हुए चुनावी पैम्फ्लेट बाटते एक शख्स ने कहा, "खर्चा तो लाखों में भी हो जाता है... पिछले साल तो उन्होंने (प्रत्याशियों ने) वोटरों को फिल्मों की टिकट और फन एंड फूड विलेज (एम्यूज़मेंट पार्क) के ट्रिप ऑफर किए थे, जिनके लिए ढेरों पैसा खर्च होता है..." जब NDTV ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया, तो उनके प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इस मुद्दे पर सभी पार्टियां दोषी हैं। आम आदमी पार्टी की भूमिका को लेकर प्रवक्ता ने कहा, "बस स्टैंडों पर विज्ञापनों की जगह खरीदी जा रही है, जिन पर प्रचार किया जा रहा है कि उन्हें 46 फीसदी वोट मिलने जा रहे हैं... उनके अलावा एबीवीपी और एनएसयूआई भी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं..." रूबी ने NDTV के शो 'एजेंडा' के दौरान कहा, "आप देखिए, पूरे कैम्पस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कितने बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हुए हैं, और आपको पता चल जाएगा कि ये लोग कितना पैसा खर्च कर रहे हैं..." रूबी का दावा है कि उनका किसी राजनैतिक दल से कोई संबंध नहीं है, और न ही वह राजनीति में करियर बनाने की इच्छुक हैं। उनके मुताबिक, उनका एकमात्र मकसद यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान सभी को बराबरी का मौका मिले, और चुनाव निर्देशों का पालन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित नियमों के अनुसार, कॉलेज-स्तरीय चुनाव के लिए कोई भी प्रत्याशी अधिकतम 5,000 रुपये खर्च कर सकता है, तथा प्रचार सामग्री तथा नारों के लिए सार्वजनिक संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। वाहनों का जुलूस भी छपे हुए पोस्टरों के साथ नहीं निकाला जा सकता, हालांकि हाथ से बने पोस्टर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।टिप्पणियां किसी भी कैम्पस में जाने पर साफ दिखाई देता है कि इन निर्देशों को कैसे खुलेआम नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। भगत सिंह कॉलेज में छपे हुए चुनावी पैम्फ्लेट बाटते एक शख्स ने कहा, "खर्चा तो लाखों में भी हो जाता है... पिछले साल तो उन्होंने (प्रत्याशियों ने) वोटरों को फिल्मों की टिकट और फन एंड फूड विलेज (एम्यूज़मेंट पार्क) के ट्रिप ऑफर किए थे, जिनके लिए ढेरों पैसा खर्च होता है..." जब NDTV ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया, तो उनके प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इस मुद्दे पर सभी पार्टियां दोषी हैं। आम आदमी पार्टी की भूमिका को लेकर प्रवक्ता ने कहा, "बस स्टैंडों पर विज्ञापनों की जगह खरीदी जा रही है, जिन पर प्रचार किया जा रहा है कि उन्हें 46 फीसदी वोट मिलने जा रहे हैं... उनके अलावा एबीवीपी और एनएसयूआई भी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं..." सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित नियमों के अनुसार, कॉलेज-स्तरीय चुनाव के लिए कोई भी प्रत्याशी अधिकतम 5,000 रुपये खर्च कर सकता है, तथा प्रचार सामग्री तथा नारों के लिए सार्वजनिक संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। वाहनों का जुलूस भी छपे हुए पोस्टरों के साथ नहीं निकाला जा सकता, हालांकि हाथ से बने पोस्टर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।टिप्पणियां किसी भी कैम्पस में जाने पर साफ दिखाई देता है कि इन निर्देशों को कैसे खुलेआम नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। भगत सिंह कॉलेज में छपे हुए चुनावी पैम्फ्लेट बाटते एक शख्स ने कहा, "खर्चा तो लाखों में भी हो जाता है... पिछले साल तो उन्होंने (प्रत्याशियों ने) वोटरों को फिल्मों की टिकट और फन एंड फूड विलेज (एम्यूज़मेंट पार्क) के ट्रिप ऑफर किए थे, जिनके लिए ढेरों पैसा खर्च होता है..." जब NDTV ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया, तो उनके प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इस मुद्दे पर सभी पार्टियां दोषी हैं। आम आदमी पार्टी की भूमिका को लेकर प्रवक्ता ने कहा, "बस स्टैंडों पर विज्ञापनों की जगह खरीदी जा रही है, जिन पर प्रचार किया जा रहा है कि उन्हें 46 फीसदी वोट मिलने जा रहे हैं... उनके अलावा एबीवीपी और एनएसयूआई भी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं..." किसी भी कैम्पस में जाने पर साफ दिखाई देता है कि इन निर्देशों को कैसे खुलेआम नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। भगत सिंह कॉलेज में छपे हुए चुनावी पैम्फ्लेट बाटते एक शख्स ने कहा, "खर्चा तो लाखों में भी हो जाता है... पिछले साल तो उन्होंने (प्रत्याशियों ने) वोटरों को फिल्मों की टिकट और फन एंड फूड विलेज (एम्यूज़मेंट पार्क) के ट्रिप ऑफर किए थे, जिनके लिए ढेरों पैसा खर्च होता है..." जब NDTV ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया, तो उनके प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इस मुद्दे पर सभी पार्टियां दोषी हैं। आम आदमी पार्टी की भूमिका को लेकर प्रवक्ता ने कहा, "बस स्टैंडों पर विज्ञापनों की जगह खरीदी जा रही है, जिन पर प्रचार किया जा रहा है कि उन्हें 46 फीसदी वोट मिलने जा रहे हैं... उनके अलावा एबीवीपी और एनएसयूआई भी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं..." जब NDTV ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया, तो उनके प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इस मुद्दे पर सभी पार्टियां दोषी हैं। आम आदमी पार्टी की भूमिका को लेकर प्रवक्ता ने कहा, "बस स्टैंडों पर विज्ञापनों की जगह खरीदी जा रही है, जिन पर प्रचार किया जा रहा है कि उन्हें 46 फीसदी वोट मिलने जा रहे हैं... उनके अलावा एबीवीपी और एनएसयूआई भी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं..."
2
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर अमेरिका सरकार की रिपोर्ट में भारत की आलोचना
अमेरिका के विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों, सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किये जाने और मध्य प्रदेश में आठ संदिग्ध सिमी कार्यकर्ताओं को मुठभेड़ में मार गिराये जाने को लेकर भारत सरकार की आलोचना की गयी है. ‘ह्यूमन राइट्स प्रैटिक्टिसेज इन इंडिया 2016’ शीषर्क रिपोर्ट में गैर-सरकारी संगठनों के विदेशी वित्त पोषण पर रोक, महिलाओं के खतना और दहेज से जुड़ी मौतों को देश की मानवाधिकार समस्याओं के तौर पर उद्धृत किया गया है. इसमें वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ और अमेरिका के कम्पैशन इंटरनेशनल के दो प्राथमिक साझीदारों समेत 25 एनजीओ को विदेशी वित्त पोषण प्राप्त करने की सरकारी मंजूरी के नवीनीकरण को नामंजूर किये जाने का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार कई स्वैच्छिक संगठनों ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाईयों से भारत में सेवाएं जारी रखने की उनकी क्षमता को लेकर खतरा पैदा हो गया है. रिपोर्ट में चंदा देने वालों के धन के दुरूपयोग के मामले में सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनन्द और अन्य के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाना ‘मानवाधिकार के कथित उल्लंघनों की अंतरराष्ट्रीय और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जांच को लेकर सरकारी रवैये’ को दिखलाता है. टिप्पणियां इस रिपोर्ट में भोपाल केंद्रीय कारा से भागने के बाद प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मुवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ संदिग्ध सदस्यों को एक पुलिस मुठभेड़ में मार गिराये जाने की घटना को ‘आर्बिटरी डिप्रिवेशन ऑफ लाइफ एंड अदर अनलॉफुल ऑर पॉलिटकली मॉटिवेटेड किलिंग्स’ शीषर्क उपखण्ड में शामिल किया गया है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में कथित अनियमितताओं से जुड़े व्यापम घोटाले का भी जिक्र किया गया है. इस रिपोर्ट में इसे ‘भ्रष्टाचार और सरकार में पारदर्शिता के अभाव’ के तौर पर बताया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रिपोर्ट के अनुसार कई स्वैच्छिक संगठनों ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाईयों से भारत में सेवाएं जारी रखने की उनकी क्षमता को लेकर खतरा पैदा हो गया है. रिपोर्ट में चंदा देने वालों के धन के दुरूपयोग के मामले में सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनन्द और अन्य के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाना ‘मानवाधिकार के कथित उल्लंघनों की अंतरराष्ट्रीय और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जांच को लेकर सरकारी रवैये’ को दिखलाता है. टिप्पणियां इस रिपोर्ट में भोपाल केंद्रीय कारा से भागने के बाद प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मुवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ संदिग्ध सदस्यों को एक पुलिस मुठभेड़ में मार गिराये जाने की घटना को ‘आर्बिटरी डिप्रिवेशन ऑफ लाइफ एंड अदर अनलॉफुल ऑर पॉलिटकली मॉटिवेटेड किलिंग्स’ शीषर्क उपखण्ड में शामिल किया गया है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में कथित अनियमितताओं से जुड़े व्यापम घोटाले का भी जिक्र किया गया है. इस रिपोर्ट में इसे ‘भ्रष्टाचार और सरकार में पारदर्शिता के अभाव’ के तौर पर बताया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस रिपोर्ट में भोपाल केंद्रीय कारा से भागने के बाद प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मुवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ संदिग्ध सदस्यों को एक पुलिस मुठभेड़ में मार गिराये जाने की घटना को ‘आर्बिटरी डिप्रिवेशन ऑफ लाइफ एंड अदर अनलॉफुल ऑर पॉलिटकली मॉटिवेटेड किलिंग्स’ शीषर्क उपखण्ड में शामिल किया गया है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में कथित अनियमितताओं से जुड़े व्यापम घोटाले का भी जिक्र किया गया है. इस रिपोर्ट में इसे ‘भ्रष्टाचार और सरकार में पारदर्शिता के अभाव’ के तौर पर बताया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अप्रैल में सुधार, रोजगार सृजन सात वर्ष के उच्च स्तर पर
देश के सेवा क्षेत्र में अप्रैल महीने में सुधार जारी रहा. कारोबारी गतिविधियां बढ़ने और रोजगार सृजन के सात वर्ष से अधिक समय से उच्च स्तर पर बने रहने के चलते तेजी रही. एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई. निक्केई इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अप्रैल माह में 51.4 पर पहुंच गया जो मार्च में 50.3 पर था. नए कारोबारी ऑर्डरों में वृद्धि और मुद्रास्फीति दबाव कम होने से भी मांग में सुधार आया. यह सेवा क्षेत्र की कंपनियों के उत्पादन में तेजी को दर्शाता है.  रिपोर्ट के मुताबिक, तिमाही की शुरुआत में सेवा क्षेत्र में लगातार सुधार जारी है. नए ऑर्डरों में वृद्धि से कारोबारी गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं.  रोजगार सृजन मार्च 2011 के बाद से सबसे तेज है , जो मांग स्थितियों में सुधार को दर्शाता है. आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि सेवा क्षेत्र ने अप्रैल तिमाही में सकारात्मक शुरुआती की. इसी के साथ मांग स्थितियों में सुधार से उत्पादन वृद्धि ने तेजी पकड़ी.  टिप्पणियां उन्होंने ने कहा कि फरवरी में आई अस्थायी गिरावट के बाद सेवा क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने आए आंकड़े सेवा क्षेत्र में अधिक ऑर्डर मिलने की ओर इशारा करते हैं. अप्रैल के दौरान विनिर्माताओं को मिलने वाले नए ऑडरों में लगातार छठवें महीने तेजी रही.  रिपोर्ट के मुताबिक, नए कामकाज की मदद से सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को मजबूती मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, तिमाही की शुरुआत में सेवा क्षेत्र में लगातार सुधार जारी है. नए ऑर्डरों में वृद्धि से कारोबारी गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं.  रोजगार सृजन मार्च 2011 के बाद से सबसे तेज है , जो मांग स्थितियों में सुधार को दर्शाता है. आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि सेवा क्षेत्र ने अप्रैल तिमाही में सकारात्मक शुरुआती की. इसी के साथ मांग स्थितियों में सुधार से उत्पादन वृद्धि ने तेजी पकड़ी.  टिप्पणियां उन्होंने ने कहा कि फरवरी में आई अस्थायी गिरावट के बाद सेवा क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने आए आंकड़े सेवा क्षेत्र में अधिक ऑर्डर मिलने की ओर इशारा करते हैं. अप्रैल के दौरान विनिर्माताओं को मिलने वाले नए ऑडरों में लगातार छठवें महीने तेजी रही.  रिपोर्ट के मुताबिक, नए कामकाज की मदद से सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को मजबूती मिली है. रोजगार सृजन मार्च 2011 के बाद से सबसे तेज है , जो मांग स्थितियों में सुधार को दर्शाता है. आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि सेवा क्षेत्र ने अप्रैल तिमाही में सकारात्मक शुरुआती की. इसी के साथ मांग स्थितियों में सुधार से उत्पादन वृद्धि ने तेजी पकड़ी.  टिप्पणियां उन्होंने ने कहा कि फरवरी में आई अस्थायी गिरावट के बाद सेवा क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने आए आंकड़े सेवा क्षेत्र में अधिक ऑर्डर मिलने की ओर इशारा करते हैं. अप्रैल के दौरान विनिर्माताओं को मिलने वाले नए ऑडरों में लगातार छठवें महीने तेजी रही.  रिपोर्ट के मुताबिक, नए कामकाज की मदद से सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को मजबूती मिली है. उन्होंने ने कहा कि फरवरी में आई अस्थायी गिरावट के बाद सेवा क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने आए आंकड़े सेवा क्षेत्र में अधिक ऑर्डर मिलने की ओर इशारा करते हैं. अप्रैल के दौरान विनिर्माताओं को मिलने वाले नए ऑडरों में लगातार छठवें महीने तेजी रही.  रिपोर्ट के मुताबिक, नए कामकाज की मदद से सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को मजबूती मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, नए कामकाज की मदद से सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को मजबूती मिली है.
9
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: गोवा एमओआई मुद्दा : भाजपा ने कहा, संघ से कोई मतभेद नहीं
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा के माध्यम के मुद्दे पर आरएसएस की आलोचना की पृष्ठभूमि में गोवा-भाजपा आज बचाव की मुद्रा में दिखी और कहा कि अगर किसी तरह के मतभेद हैं तो उन्हें दूर कर लिया जाएगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने यहां कहा कि शिक्षा के माध्यम (एमओआई) के मुद्दे पर संघ के साथ हमारा कोई मतभेद नहीं है। उन्हें सुलझा लिया जाएगा। पणजी में आज पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक में शिक्षा का माध्यम और आरएसएस द्वारा भाजपा की आलोचना के मुद्दे पर चर्चा हुई।टिप्पणियां भाजपा ने 2012 के गोवा विधानसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में क्षेत्रीय भाषाओं - कोंकणी और मराठी को एमओआई का दर्जा देने का आश्वासन दिया था, जबकि आरएसएस समर्थित सामजिक समूह 'भारतीय भाषा सुरक्षा मंच' (बीबीएसएम) ने मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने और अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन करने वाले स्कूलों को दिया गया अनुदान बंद करने की मांग की है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने यहां कहा कि शिक्षा के माध्यम (एमओआई) के मुद्दे पर संघ के साथ हमारा कोई मतभेद नहीं है। उन्हें सुलझा लिया जाएगा। पणजी में आज पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक में शिक्षा का माध्यम और आरएसएस द्वारा भाजपा की आलोचना के मुद्दे पर चर्चा हुई।टिप्पणियां भाजपा ने 2012 के गोवा विधानसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में क्षेत्रीय भाषाओं - कोंकणी और मराठी को एमओआई का दर्जा देने का आश्वासन दिया था, जबकि आरएसएस समर्थित सामजिक समूह 'भारतीय भाषा सुरक्षा मंच' (बीबीएसएम) ने मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने और अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन करने वाले स्कूलों को दिया गया अनुदान बंद करने की मांग की है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) पणजी में आज पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक में शिक्षा का माध्यम और आरएसएस द्वारा भाजपा की आलोचना के मुद्दे पर चर्चा हुई।टिप्पणियां भाजपा ने 2012 के गोवा विधानसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में क्षेत्रीय भाषाओं - कोंकणी और मराठी को एमओआई का दर्जा देने का आश्वासन दिया था, जबकि आरएसएस समर्थित सामजिक समूह 'भारतीय भाषा सुरक्षा मंच' (बीबीएसएम) ने मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने और अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन करने वाले स्कूलों को दिया गया अनुदान बंद करने की मांग की है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) भाजपा ने 2012 के गोवा विधानसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में क्षेत्रीय भाषाओं - कोंकणी और मराठी को एमओआई का दर्जा देने का आश्वासन दिया था, जबकि आरएसएस समर्थित सामजिक समूह 'भारतीय भाषा सुरक्षा मंच' (बीबीएसएम) ने मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने और अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन करने वाले स्कूलों को दिया गया अनुदान बंद करने की मांग की है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
9
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगी ट्रेनें, अनेक सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी
सीसीटीवी कैमरों से लैस और दोनों तरफ से खुलते दरवाजे... कुछ इसी तरह की खासियत के साथ ट्रेनें आने वाले दिनों में पटरी पर दौड़ेंगी। इतना ही नहीं जो लोग देख नहीं सकते उनके लिए ब्रैल लिपि का भी इंतजाम किया गया है ताकि उनको दिक्कत न आए।  रेलवे बोर्ड के मेंबर मैकेनिकल हेमंत कुमार कहते हैं कि सिर्फ 3 एसी ही नहीं, सेकंड और फर्स्ट एसी के साथ-साथ सामान्य ट्रेनों में भी जो-जो हो सकता है, हम वह सुविधाएं देंगे। आने वाले दिनों में ट्रेनों में बढ़ने जा रही सुविधाओं की संख्या काफी है। प्रत्येक बोगी में 6 सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्ज करने के लिए हर कम्पार्टमेंट में चार्जिंग प्वाइंट और होल्डर, टॉयलेट इंडिकेटर, दो की जगह चार आपातकालीन खिड़कियां, लाइटिंग एलईडी बल्ब से, ऊपर चढ़ने के लिए चौड़ी सीढ़ियां और पकड़ने के लिए हैंडहोल्ड और स्टेनलेस स्टील के मॉड्यूलर टॉयलेट अब ट्रेनों में होंगे। हेमंत कुमार बताते हैं कि इस तरह की सुविधाएं बढ़ाने में प्रत्येक कोच में करीब 7 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे। वैसे पूरा कोच बनाने में करीब डेढ़ करोड़ की लागत आती है। आने वाले दिनों में ट्रेनों में बढ़ने जा रही सुविधाओं की संख्या काफी है। प्रत्येक बोगी में 6 सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्ज करने के लिए हर कम्पार्टमेंट में चार्जिंग प्वाइंट और होल्डर, टॉयलेट इंडिकेटर, दो की जगह चार आपातकालीन खिड़कियां, लाइटिंग एलईडी बल्ब से, ऊपर चढ़ने के लिए चौड़ी सीढ़ियां और पकड़ने के लिए हैंडहोल्ड और स्टेनलेस स्टील के मॉड्यूलर टॉयलेट अब ट्रेनों में होंगे। हेमंत कुमार बताते हैं कि इस तरह की सुविधाएं बढ़ाने में प्रत्येक कोच में करीब 7 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे। वैसे पूरा कोच बनाने में करीब डेढ़ करोड़ की लागत आती है।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: श्रीनगर-लेह राजमार्ग पांच महीने बाद फिर खुला
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: लद्दाख क्षेत्र को कश्मीर घाटी से जोड़ने वाला श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर दोबारा खोल दिया गया. यह 500 किमी से अधिक लंबा राजमार्ग जोजिला दर्रे से होकर गुजरता है, जो समुद्र तल से 3528 मीटर की ऊंचाई पर है. यह प्रतिवर्ष सर्दियों के महीनों में भारी बर्फबारी के कारण बंद कर दिया जाता है.टिप्पणियां पांच माह बाद राजमार्ग खुलने के बाद, शुक्रवार को माल और यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों को सोनमर्ग से जोजिला दर्रे की ओर जाने की अनुमति दे दी गई है. सर्दियों और गर्मियों में लद्दाख क्षेत्र के लेह और करगिल जिलों को सभी आवश्यक आपूर्ति इसी राजमार्ग से होकर गुजरती है. सर्दियों में राजमार्ग बंद रहने के दौरान लद्दाख और देश के बाकी हिस्सों में उड़ानों से संपर्क होता है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पांच माह बाद राजमार्ग खुलने के बाद, शुक्रवार को माल और यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों को सोनमर्ग से जोजिला दर्रे की ओर जाने की अनुमति दे दी गई है. सर्दियों और गर्मियों में लद्दाख क्षेत्र के लेह और करगिल जिलों को सभी आवश्यक आपूर्ति इसी राजमार्ग से होकर गुजरती है. सर्दियों में राजमार्ग बंद रहने के दौरान लद्दाख और देश के बाकी हिस्सों में उड़ानों से संपर्क होता है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
13
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: 30 फीसदी सरकारी अनाज हो जाता है चोरी : मंत्री
ग़रीबों के बीच बांटने के लिए भेजा जाने वाला कम से कम तीस फीसदी अनाज चोरी हो जाता है। देश के खाद्य मंत्री केवी थॉमस का यह कहना है। उनके मुताबिक चोरी अनाज की कीमत बीस हज़ार करोड़ रुपए है। महंगाई के इस दौर में सरकारी राशन की दुकानों में बंटने वाला सस्ता अनाज देश की सबसे गरीब जनता के जीने का एकमात्र सहारा है। लेकिन इन गरीबों के लिए सरकार सस्ते दरों पर जो अनाज मुहैया कराती है उसका तीस फीसदी चोरी हो जाता है। एनडीटीवी से खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा, 'पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से कम से कम 30 फीसदी तक अनाज की चोरी हो जाता है। इसकी वजह से सरकार को 20हजार करोड़ का वित्तीय नुकसान होता है। मेरा अनुमान है कि नुकसान इससे ज्यादा ही होगा।' थॉमस मानते हैं कि भ्रष्टाचार हर स्तर पर खुलेआम चल रहा है। अनाज की खरीद से लेकर पीडीएस के ज़रिए उसके बांटे जाने तक। थॉमस ने कहा कि केरल में 2 लाख बोगस राशन कार्ड हैं। आंध्र प्रदेश में 10 से 15 लाख राशन कार्ड बोगस हैं। लाखों टन अनाज की चोरी सरकारी अनाज की बरबादी की सिर्फ एक वजह है। लाखों टन और अनाज गोदामों में रखे-रखे भी सड़ जाता है जो दूसरी बड़ी समस्या है।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: मानवाधिकार आयोग ने 'मानव ढाल' बनाए गए डार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया
यह लेख है: श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के दौरान सेना द्वारा मानव ढाल के रूप में जीप से बांधे जाने वाले शख्‍स को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को दिया है. सेना ने 'मानव ढाल' के तौर पर डार का इस्तेमाल किया था. राज्य मानवाधिकार आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि सेना के एक वाहन के बोनट से बांधने से हुए अपमान, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना, तनाव, गलत तरीके से रोकने और बंधक बनाने को लेकर डार को यह मुआवजा अदा किया जाए. सेना ने पत्थरबाजों से बचने के लिए डार को वाहन के बोनट से बांधा था. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति‍ (सेवानिवृत्त) बिलाल नाजकी ने कहा, 'मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि फारूक अहमद डार को प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ा. इसके अलावा उन्हें गलत तरीके से बंधक रखा गया.' उन्होंने कहा कि इस कार्य से उन्हें सदमा पहुंचा, नतीजतन उन्हें मानसिक तनाव हुआ जो आजीवन उसके साथ बना रहेगा.टिप्पणियां आयोग ने जम्मू कश्मीर सरकार को निर्देश का छह हफ्ते के अंदर अनुपालन करने को कहा. हालांकि, यह फैसला सिफारिशी प्रकृति का है और इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. आयोग ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव को छह हफ्ते की ही अवधि के दौरान आयोग के समक्ष एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करना है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति‍ (सेवानिवृत्त) बिलाल नाजकी ने कहा, 'मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि फारूक अहमद डार को प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ा. इसके अलावा उन्हें गलत तरीके से बंधक रखा गया.' उन्होंने कहा कि इस कार्य से उन्हें सदमा पहुंचा, नतीजतन उन्हें मानसिक तनाव हुआ जो आजीवन उसके साथ बना रहेगा.टिप्पणियां आयोग ने जम्मू कश्मीर सरकार को निर्देश का छह हफ्ते के अंदर अनुपालन करने को कहा. हालांकि, यह फैसला सिफारिशी प्रकृति का है और इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. आयोग ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव को छह हफ्ते की ही अवधि के दौरान आयोग के समक्ष एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करना है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आयोग ने जम्मू कश्मीर सरकार को निर्देश का छह हफ्ते के अंदर अनुपालन करने को कहा. हालांकि, यह फैसला सिफारिशी प्रकृति का है और इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. आयोग ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव को छह हफ्ते की ही अवधि के दौरान आयोग के समक्ष एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करना है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड नेता और कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक वागडी घोनिम को मौत की सजा
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मिस्र की एक अदालत ने इस्लामी राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी का 2013 में तख्तापलट करने के बाद एक आतंकी समूह बनाने के मामले में मुस्लिम ब्रदरहुड नेता और कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक वागडी घोनिम को उसकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई गई. काहिरा की आपराधिक अदालत ने तुर्की में रह रहे घोनिम और दो अन्य को मौत की सजा सुनाई. उन्हें 2003 से 2015 के बीच अवैध प्रकोष्ठ बनाने का दोषी पाया गया, जिसने संविधान एवं देश की संस्थानों में बाधा डाली तथा नागरिकों पर हमले किए और सुरक्षाबलों के खिलाफ हिंसा को उकसाने का काम किया.टिप्पणियां पांच अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें से दो हाजिर नहीं थे. मुर्सी के कट्टर समर्थक घोनिम (66) ने इस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि वह 2001 से मिस्र में नहीं रहे हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) काहिरा की आपराधिक अदालत ने तुर्की में रह रहे घोनिम और दो अन्य को मौत की सजा सुनाई. उन्हें 2003 से 2015 के बीच अवैध प्रकोष्ठ बनाने का दोषी पाया गया, जिसने संविधान एवं देश की संस्थानों में बाधा डाली तथा नागरिकों पर हमले किए और सुरक्षाबलों के खिलाफ हिंसा को उकसाने का काम किया.टिप्पणियां पांच अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें से दो हाजिर नहीं थे. मुर्सी के कट्टर समर्थक घोनिम (66) ने इस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि वह 2001 से मिस्र में नहीं रहे हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पांच अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें से दो हाजिर नहीं थे. मुर्सी के कट्टर समर्थक घोनिम (66) ने इस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि वह 2001 से मिस्र में नहीं रहे हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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