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इसके लिए एक लेख लिखें: एवेंजर्स एंडगेम और हैरी पॉटर की शूटिंग वाले घर में आप भी बिता सकते हैं रात, बस चुकानी होगी इतनी कीमत
घर सिर्फ छत और चार दीवारें नहीं होता. कुछ घर इतिहास, विरासत और यादों से भरे होते हैं जो उन्हें अद्वितीय बनाते है. इसलिए कभी-कभी इनमें से कोई एक घर हमारे लिए बहुत खास हो जाता है, क्योंकि भले ही हकीकत में हम इन घरों में न रहे हों, लेकिन हमारे काल्पनिक पात्र उनमें रहे होते हैं. उदाहरण के लिए साइंस एंड फिक्शन पर आधारित फिल्म 'एवेंजर्स: एंडगेम्स' का लेकसाइड केबिन, जिसमें फिल्म का आयरन मैन (टोनी स्टार्क) अपनी पत्नी पेप्पर और बेटी मॉर्गन के साथ रहता है.  पॉटरहेड्स एक ऐसा ही घर है. शायद ही लोग इस नाम के घर से परिचित हों, लेकिन यह वही घर है जिसमें लिली और जेम्स पॉटर गॉड्रिक के काल्पनिक शहर में रहते थे और 'यू नो हू' ने हैरी को अपने बिजली के बोल्ट के निशान दिए थे. इंग्लैंड के लावेनहम गांव में स्थित डी वेरी नाम के इस घर को अब किराए पर लिया जा सकता है और इसकी कीमत है केवल  10 हजार रुपये. लेकिन जरा ठहरिए. आपको बता दें, ये दस हजार कोई महीना भर का किराया नहीं है. बल्कि यह इस घर में एक रात बीताने की कीमत है. अब आपको नीचे इस घर की कुछ तस्वीरें दिखाते हैं, जहां जेके रोलिंग की किताब हैरी पॉटर पर बनी फिल्मों की भी शूटिंग हुई थी.  यूएस टुडे के अनुसार, यह जादुई घर लगभग 14वीं शताब्दी में बनाया गया था. आपको बता दें कि इस घर में पालतू जानवर, जैसे- कुत्ता या बिल्ली लाने की अनुमति नहीं है.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: नर्सरी एडमिशन : सीएम अरविंद केजरीवाल मिलेंगे अभिभावकों से
यह लेख है: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया रविवार को नर्सरी एडमिशन के मुद्दे को लेकर बच्चों के अभिभावकों के साथ बातचीत करेंगे। कनॉट प्लेस के पास एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में सुबह 10 बजे होनी वाली इस मुलाकात में सभी अभिभावकों को खुला न्योता दिया गया है। जो लोग नर्सरी एडमिशन को लेकर शंका में हैं या उनके मन में कुछ सवाल हैं, तो उन सवालों के जवाब खुद सीएम केजरीवाल देंगे।टिप्पणियां दरअसल हाल ही में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के मैनेजमेंट कोटे को पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान कर दिया। साथ ही सरकार ने 62 तरह के ऐसे क्राइटेरिया भी रद्द कर दिए, जिनके आधार पर नर्सरी एडमिशन होने थे। इसके बाद कुछ भ्रम फैल रहा है, जिसको दूर करने के लिए ये कार्यक्रम रखा गया है। हालांकि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही कह चुके हैं कि स्कूल 22 जनवरी तक केवल फॉर्म ही जमा कर सकते हैं। नए क्राइटेरिया बनाने और उस आधार पर एडमिशन का काम बाद में शुरू होगा, इसलिए बच्चों के माता-पिता किसी तरह से स्कूलों के बहकावे में ना आएं। दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों में 1 जनवरी से नर्सरी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कनॉट प्लेस के पास एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में सुबह 10 बजे होनी वाली इस मुलाकात में सभी अभिभावकों को खुला न्योता दिया गया है। जो लोग नर्सरी एडमिशन को लेकर शंका में हैं या उनके मन में कुछ सवाल हैं, तो उन सवालों के जवाब खुद सीएम केजरीवाल देंगे।टिप्पणियां दरअसल हाल ही में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के मैनेजमेंट कोटे को पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान कर दिया। साथ ही सरकार ने 62 तरह के ऐसे क्राइटेरिया भी रद्द कर दिए, जिनके आधार पर नर्सरी एडमिशन होने थे। इसके बाद कुछ भ्रम फैल रहा है, जिसको दूर करने के लिए ये कार्यक्रम रखा गया है। हालांकि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही कह चुके हैं कि स्कूल 22 जनवरी तक केवल फॉर्म ही जमा कर सकते हैं। नए क्राइटेरिया बनाने और उस आधार पर एडमिशन का काम बाद में शुरू होगा, इसलिए बच्चों के माता-पिता किसी तरह से स्कूलों के बहकावे में ना आएं। दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों में 1 जनवरी से नर्सरी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दरअसल हाल ही में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के मैनेजमेंट कोटे को पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान कर दिया। साथ ही सरकार ने 62 तरह के ऐसे क्राइटेरिया भी रद्द कर दिए, जिनके आधार पर नर्सरी एडमिशन होने थे। इसके बाद कुछ भ्रम फैल रहा है, जिसको दूर करने के लिए ये कार्यक्रम रखा गया है। हालांकि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही कह चुके हैं कि स्कूल 22 जनवरी तक केवल फॉर्म ही जमा कर सकते हैं। नए क्राइटेरिया बनाने और उस आधार पर एडमिशन का काम बाद में शुरू होगा, इसलिए बच्चों के माता-पिता किसी तरह से स्कूलों के बहकावे में ना आएं। दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों में 1 जनवरी से नर्सरी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही कह चुके हैं कि स्कूल 22 जनवरी तक केवल फॉर्म ही जमा कर सकते हैं। नए क्राइटेरिया बनाने और उस आधार पर एडमिशन का काम बाद में शुरू होगा, इसलिए बच्चों के माता-पिता किसी तरह से स्कूलों के बहकावे में ना आएं। दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों में 1 जनवरी से नर्सरी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: आदर्श सोसाइटी मामला : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
मुंबई की आदर्श सोसाइटी मामले में दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व शहरी विकास विभाग के डिप्टी सेकेट्री पीवी देशमुख की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में देशमुख ने उन्हें भी केस में पार्टी बनाने और बॉम्बे हाईकोर्ट की उन टिप्पणियों को हटाने की मांग की है जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में लगता है कि फ्लैट के लिए उन्होंने इस घोटाले में हिस्सा लिया। डिप्टी सेकेट्री ने याचिका में कहा कि सीबीआई ने उनके खिलाफ इसी टिप्पणी के आधार पर कानूनी कारवाई की। उनके खिलाफ FIR को रद्द करने की याचिका पहले ही हाईकोर्ट में लंबित है।टिप्पणियां विवादों में फंसी मुंबई की आदर्श इमारत को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही अहम सुनवाई कर रहा है। दरअसल 22 जुलाई 2016 को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि जब तक सोसाइटी की स्पेशल लीव पिटीशन पर अंतिम फैसला नहीं आता तब तक वह इसे अपने कब्जे में ले और ख्याल रखे कि कोई इस पर अवैध कब्जा न कर पाए। साथ ही इमारत को गिराने के फैसले पर रोक लगा दी थी। सेना इस इमारत को अपने कब्जे में ले चुकी है। इसके पहले 29 अप्रैल 2016 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने 31 मंजिला इस इमारत को गिराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। याचिका में देशमुख ने उन्हें भी केस में पार्टी बनाने और बॉम्बे हाईकोर्ट की उन टिप्पणियों को हटाने की मांग की है जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में लगता है कि फ्लैट के लिए उन्होंने इस घोटाले में हिस्सा लिया। डिप्टी सेकेट्री ने याचिका में कहा कि सीबीआई ने उनके खिलाफ इसी टिप्पणी के आधार पर कानूनी कारवाई की। उनके खिलाफ FIR को रद्द करने की याचिका पहले ही हाईकोर्ट में लंबित है।टिप्पणियां विवादों में फंसी मुंबई की आदर्श इमारत को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही अहम सुनवाई कर रहा है। दरअसल 22 जुलाई 2016 को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि जब तक सोसाइटी की स्पेशल लीव पिटीशन पर अंतिम फैसला नहीं आता तब तक वह इसे अपने कब्जे में ले और ख्याल रखे कि कोई इस पर अवैध कब्जा न कर पाए। साथ ही इमारत को गिराने के फैसले पर रोक लगा दी थी। सेना इस इमारत को अपने कब्जे में ले चुकी है। इसके पहले 29 अप्रैल 2016 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने 31 मंजिला इस इमारत को गिराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। डिप्टी सेकेट्री ने याचिका में कहा कि सीबीआई ने उनके खिलाफ इसी टिप्पणी के आधार पर कानूनी कारवाई की। उनके खिलाफ FIR को रद्द करने की याचिका पहले ही हाईकोर्ट में लंबित है।टिप्पणियां विवादों में फंसी मुंबई की आदर्श इमारत को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही अहम सुनवाई कर रहा है। दरअसल 22 जुलाई 2016 को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि जब तक सोसाइटी की स्पेशल लीव पिटीशन पर अंतिम फैसला नहीं आता तब तक वह इसे अपने कब्जे में ले और ख्याल रखे कि कोई इस पर अवैध कब्जा न कर पाए। साथ ही इमारत को गिराने के फैसले पर रोक लगा दी थी। सेना इस इमारत को अपने कब्जे में ले चुकी है। इसके पहले 29 अप्रैल 2016 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने 31 मंजिला इस इमारत को गिराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। विवादों में फंसी मुंबई की आदर्श इमारत को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही अहम सुनवाई कर रहा है। दरअसल 22 जुलाई 2016 को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि जब तक सोसाइटी की स्पेशल लीव पिटीशन पर अंतिम फैसला नहीं आता तब तक वह इसे अपने कब्जे में ले और ख्याल रखे कि कोई इस पर अवैध कब्जा न कर पाए। साथ ही इमारत को गिराने के फैसले पर रोक लगा दी थी। सेना इस इमारत को अपने कब्जे में ले चुकी है। इसके पहले 29 अप्रैल 2016 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने 31 मंजिला इस इमारत को गिराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। इसके पहले 29 अप्रैल 2016 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने 31 मंजिला इस इमारत को गिराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: दरगाह गई मानसिक रूप से बीमार लड़की के साथ रेप, सात किशोर गिरफ्तार
लेख: दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के रामनाथपुरम के नजदीक के इरवाड़ी में मानसिक रूप से बीमार केरल की एक लड़की के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है. इस मामले में सात किशोरों को पकड़ा गया है. पुलिस ने बताया कि 22 वर्षीय पीड़िता अपने पिता के साथ रहती है. वह अपने पिता के साथ इरवाड़ी दरगाह गई थी. बुधवार तड़के कुछ किशोरों ने लड़की को पकड़ लिया और पास की झाड़ियों में ले जा कर उससे दुष्कर्म किया. इसके बाद दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सभी सातों आरोपियों को पकड़ किया गया है. गौरतलब है कि इरवाड़ी गांव यहां से 25 किलोमीटर दूर है और प्राचीन दरगाह के लिए मशहूर है. बता दें, इससे पहले उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा जिले में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी, जब एक युवक को अपनी ही भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. यह मामला जिले के अतर्रा थाना क्षेत्र का था, जहां पुलिस ने एक युवक को अपनी 9 साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. घटना के बारे में अतर्रा थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) रामेंद्र तिवारी ने बताया था, 'आरोपी आरख के खिलाफ उसकी भाभी ने थाने में भतीजी के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया.' महिला की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बरेंहड़ा गांव से 22 वर्षीय आरोपी युवक को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी थी.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: लखनऊ में अवैध वसूली के पैसों के बंटवारे को लेकर बीच सड़क पर भिड़ गए पुलिसवाले
अभी तक आपने सुना या देखा होगा कि पैसों के बंटवारे लेकर लुटेरे ने अपने ही साथी को मार डाला। लेकिन इस मामले में पुलिस वाले ही आपस में भिड़ गए।टिप्पणियां मामला लखनऊ के थाना इटौंजा के अंतर्गत पुल के नीचे देखने को मिला जब कुछ खाकी वर्दी धारी आपस मे लड़ने लगे। लड़ना तो छोड़ि‍ए, वह आपस में बीच सड़क पर ही गुत्‍थम-गुत्‍था हो गए। यह देख कुछ वर्दीधारियों ने उन्हें छुड़ाने की कोशिश की लेकिन वह लड़ते रहे और तमाशा देखने के लिए राहगीरों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोग कुछ कहते इससे पहले मामला समझ में आ गया। लड़ाई केवल सड़क के किनारे लगने वाली दुकानों से वसूल किए जाने रुपयों को लेकर थी। क्योंकि लड़ाई करने वाले सिपाही को बंटवारे में कम पैसे मिले थे। वैसे पैसे के आगे पुलिस कुछ भी करने को तैयार रहती है जैसा इस मामले में दिखा। मामला लखनऊ के थाना इटौंजा के अंतर्गत पुल के नीचे देखने को मिला जब कुछ खाकी वर्दी धारी आपस मे लड़ने लगे। लड़ना तो छोड़ि‍ए, वह आपस में बीच सड़क पर ही गुत्‍थम-गुत्‍था हो गए। यह देख कुछ वर्दीधारियों ने उन्हें छुड़ाने की कोशिश की लेकिन वह लड़ते रहे और तमाशा देखने के लिए राहगीरों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोग कुछ कहते इससे पहले मामला समझ में आ गया। लड़ाई केवल सड़क के किनारे लगने वाली दुकानों से वसूल किए जाने रुपयों को लेकर थी। क्योंकि लड़ाई करने वाले सिपाही को बंटवारे में कम पैसे मिले थे। वैसे पैसे के आगे पुलिस कुछ भी करने को तैयार रहती है जैसा इस मामले में दिखा। लोग कुछ कहते इससे पहले मामला समझ में आ गया। लड़ाई केवल सड़क के किनारे लगने वाली दुकानों से वसूल किए जाने रुपयों को लेकर थी। क्योंकि लड़ाई करने वाले सिपाही को बंटवारे में कम पैसे मिले थे। वैसे पैसे के आगे पुलिस कुछ भी करने को तैयार रहती है जैसा इस मामले में दिखा।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: बाजार में दूसरे दिन भी गिरावट, दवा कंपनियों के दबाव में सेंसेक्स 66 अंक टूटा
यह एक लेख है: बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नीचे रहा और यह 66 अंक टूटकर दो सप्ताह के निचले स्तर 24,900.46 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 18 अंक गिरकर 7,600 अंक के नीचे पहुंच गया। ऑटो तथा बैंक शेयरों में हालांकि तेजी रही लेकिन दवा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट से इसका प्रभाव नहीं रहा। वायदा सौदों का निपटान करीब आने से पहले निवेशकों के सतर्क रुख के साथ बाजार में गिरावट आई। निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जानेट येलेन के भाषण का भी इंतजार है। अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक से क्षेत्र की कुछ कंपनियों को मिली टिप्पणी के बाद औषधि क्षेत्र के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। ल्यूपिन ने कहा कि उसे मध्य प्रदेश के मंडीदीप स्थित कारखाने में उत्पादन नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तीन टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। इससे कंपनी का शेयर 6.0 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया और सेंसेक्स के शेयरों में इसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इसके अलावा सिप्ला का शेयर 4.0 प्रतिशत तथा डॉ रेड्डीज करीब 3.0 प्रतिशत नीचे आया। इससे बीएसई स्वास्थ्य सूचकांक 2.52 प्रतिशत नीचे आया। नाटको फार्मा को भी अमेरिकी नियामक से टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। कारोबार के दौरान पूरे दिन सेंसेक्स नकारात्मक दायरे में रहा और एक समय 24,835.56 अंक तक नीचे चला गया। हालांकि, बाद में यूरोप में अच्छी शुरुआत से इसमें थोड़ी तेजी आई और यह मजबूत होकर 25,079.35 अंक तक चढ़ गया, लेकिन अंत में 65.94 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,900.46 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स सोमवार को भी 371.16 अंक लुढ़का था। एनएसई निफ्टी भी 18.10 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,597 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को वायदा एवं विकल्प खंड में मार्च श्रृंखला के समाप्त होने से पहले सौदों के निपटान को लेकर निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जियोजीत बीएनपी परिबा ने कहा कि गुरुवार को वायदा सौदों का निपटान पूरा होने से पहले कारोबारी दायरा सीमित रहा। वैश्विक बाजारों से मिले रुख से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। टाटा मोटर्स सर्वाधिक लाभ में रही और यह 2.63 प्रतिशत मजबूत होकर 372.80 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद मारुति का स्थान रहा जो 2.61 प्रतिशत मजबूत रहा।टिप्पणियां इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) ऑटो तथा बैंक शेयरों में हालांकि तेजी रही लेकिन दवा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट से इसका प्रभाव नहीं रहा। वायदा सौदों का निपटान करीब आने से पहले निवेशकों के सतर्क रुख के साथ बाजार में गिरावट आई। निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जानेट येलेन के भाषण का भी इंतजार है। अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक से क्षेत्र की कुछ कंपनियों को मिली टिप्पणी के बाद औषधि क्षेत्र के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। ल्यूपिन ने कहा कि उसे मध्य प्रदेश के मंडीदीप स्थित कारखाने में उत्पादन नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तीन टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। इससे कंपनी का शेयर 6.0 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया और सेंसेक्स के शेयरों में इसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इसके अलावा सिप्ला का शेयर 4.0 प्रतिशत तथा डॉ रेड्डीज करीब 3.0 प्रतिशत नीचे आया। इससे बीएसई स्वास्थ्य सूचकांक 2.52 प्रतिशत नीचे आया। नाटको फार्मा को भी अमेरिकी नियामक से टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। कारोबार के दौरान पूरे दिन सेंसेक्स नकारात्मक दायरे में रहा और एक समय 24,835.56 अंक तक नीचे चला गया। हालांकि, बाद में यूरोप में अच्छी शुरुआत से इसमें थोड़ी तेजी आई और यह मजबूत होकर 25,079.35 अंक तक चढ़ गया, लेकिन अंत में 65.94 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,900.46 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स सोमवार को भी 371.16 अंक लुढ़का था। एनएसई निफ्टी भी 18.10 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,597 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को वायदा एवं विकल्प खंड में मार्च श्रृंखला के समाप्त होने से पहले सौदों के निपटान को लेकर निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जियोजीत बीएनपी परिबा ने कहा कि गुरुवार को वायदा सौदों का निपटान पूरा होने से पहले कारोबारी दायरा सीमित रहा। वैश्विक बाजारों से मिले रुख से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। टाटा मोटर्स सर्वाधिक लाभ में रही और यह 2.63 प्रतिशत मजबूत होकर 372.80 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद मारुति का स्थान रहा जो 2.61 प्रतिशत मजबूत रहा।टिप्पणियां इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) ल्यूपिन ने कहा कि उसे मध्य प्रदेश के मंडीदीप स्थित कारखाने में उत्पादन नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तीन टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। इससे कंपनी का शेयर 6.0 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया और सेंसेक्स के शेयरों में इसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इसके अलावा सिप्ला का शेयर 4.0 प्रतिशत तथा डॉ रेड्डीज करीब 3.0 प्रतिशत नीचे आया। इससे बीएसई स्वास्थ्य सूचकांक 2.52 प्रतिशत नीचे आया। नाटको फार्मा को भी अमेरिकी नियामक से टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। कारोबार के दौरान पूरे दिन सेंसेक्स नकारात्मक दायरे में रहा और एक समय 24,835.56 अंक तक नीचे चला गया। हालांकि, बाद में यूरोप में अच्छी शुरुआत से इसमें थोड़ी तेजी आई और यह मजबूत होकर 25,079.35 अंक तक चढ़ गया, लेकिन अंत में 65.94 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,900.46 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स सोमवार को भी 371.16 अंक लुढ़का था। एनएसई निफ्टी भी 18.10 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,597 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को वायदा एवं विकल्प खंड में मार्च श्रृंखला के समाप्त होने से पहले सौदों के निपटान को लेकर निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जियोजीत बीएनपी परिबा ने कहा कि गुरुवार को वायदा सौदों का निपटान पूरा होने से पहले कारोबारी दायरा सीमित रहा। वैश्विक बाजारों से मिले रुख से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। टाटा मोटर्स सर्वाधिक लाभ में रही और यह 2.63 प्रतिशत मजबूत होकर 372.80 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद मारुति का स्थान रहा जो 2.61 प्रतिशत मजबूत रहा।टिप्पणियां इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) इसके अलावा सिप्ला का शेयर 4.0 प्रतिशत तथा डॉ रेड्डीज करीब 3.0 प्रतिशत नीचे आया। इससे बीएसई स्वास्थ्य सूचकांक 2.52 प्रतिशत नीचे आया। नाटको फार्मा को भी अमेरिकी नियामक से टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। कारोबार के दौरान पूरे दिन सेंसेक्स नकारात्मक दायरे में रहा और एक समय 24,835.56 अंक तक नीचे चला गया। हालांकि, बाद में यूरोप में अच्छी शुरुआत से इसमें थोड़ी तेजी आई और यह मजबूत होकर 25,079.35 अंक तक चढ़ गया, लेकिन अंत में 65.94 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,900.46 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स सोमवार को भी 371.16 अंक लुढ़का था। एनएसई निफ्टी भी 18.10 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,597 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को वायदा एवं विकल्प खंड में मार्च श्रृंखला के समाप्त होने से पहले सौदों के निपटान को लेकर निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जियोजीत बीएनपी परिबा ने कहा कि गुरुवार को वायदा सौदों का निपटान पूरा होने से पहले कारोबारी दायरा सीमित रहा। वैश्विक बाजारों से मिले रुख से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। टाटा मोटर्स सर्वाधिक लाभ में रही और यह 2.63 प्रतिशत मजबूत होकर 372.80 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद मारुति का स्थान रहा जो 2.61 प्रतिशत मजबूत रहा।टिप्पणियां इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) कारोबार के दौरान पूरे दिन सेंसेक्स नकारात्मक दायरे में रहा और एक समय 24,835.56 अंक तक नीचे चला गया। हालांकि, बाद में यूरोप में अच्छी शुरुआत से इसमें थोड़ी तेजी आई और यह मजबूत होकर 25,079.35 अंक तक चढ़ गया, लेकिन अंत में 65.94 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,900.46 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स सोमवार को भी 371.16 अंक लुढ़का था। एनएसई निफ्टी भी 18.10 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,597 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को वायदा एवं विकल्प खंड में मार्च श्रृंखला के समाप्त होने से पहले सौदों के निपटान को लेकर निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जियोजीत बीएनपी परिबा ने कहा कि गुरुवार को वायदा सौदों का निपटान पूरा होने से पहले कारोबारी दायरा सीमित रहा। वैश्विक बाजारों से मिले रुख से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। टाटा मोटर्स सर्वाधिक लाभ में रही और यह 2.63 प्रतिशत मजबूत होकर 372.80 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद मारुति का स्थान रहा जो 2.61 प्रतिशत मजबूत रहा।टिप्पणियां इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) एनएसई निफ्टी भी 18.10 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,597 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को वायदा एवं विकल्प खंड में मार्च श्रृंखला के समाप्त होने से पहले सौदों के निपटान को लेकर निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जियोजीत बीएनपी परिबा ने कहा कि गुरुवार को वायदा सौदों का निपटान पूरा होने से पहले कारोबारी दायरा सीमित रहा। वैश्विक बाजारों से मिले रुख से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। टाटा मोटर्स सर्वाधिक लाभ में रही और यह 2.63 प्रतिशत मजबूत होकर 372.80 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद मारुति का स्थान रहा जो 2.61 प्रतिशत मजबूत रहा।टिप्पणियां इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) जियोजीत बीएनपी परिबा ने कहा कि गुरुवार को वायदा सौदों का निपटान पूरा होने से पहले कारोबारी दायरा सीमित रहा। वैश्विक बाजारों से मिले रुख से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। टाटा मोटर्स सर्वाधिक लाभ में रही और यह 2.63 प्रतिशत मजबूत होकर 372.80 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद मारुति का स्थान रहा जो 2.61 प्रतिशत मजबूत रहा।टिप्पणियां इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: कौन हैं Supreme Court में नक्शा फाड़ने वाले वकील राजीव धवन? 
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने सुनवाई की. 40वें दिन की सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीखी बहस देखने को मिली. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन (Rajeev Dhavan) ने हिन्दू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से पेश किये गए नक्शे को फाड़ दिया. इसके बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अगर कोर्ट का डेकोरम नहीं बनाया रखा गया तो हम कोर्ट से चले जाएंगे. दरअसल, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह द्वारा अयोध्या में विवादित स्थल पर भगवान राम के जन्म स्थल को दर्शाने वाले नक्शे का हवाला दिये जाने पर राजीव धवन ने आपत्ति की और पीठ से पूछा कि उन्हें इसका (नक्शे का) क्या करना चाहिए, पीठ ने कहा कि वह इसके टुकड़े कर सकते हैं. इस पर राजीव धवन ने न्यायालय कक्ष में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अधिवक्ता द्वारा उपलब्ध कराया गया सचित्र नक्शा फाड़ दिया. इसके बाद यह चर्चा का विषय बन गया.   1994 में अयोध्य़ा मामले में अपनी जिरह से चर्चा में आए राजीव धवन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. उन्होंने इलाहाबाद और शेरवुड स्कूल, नैनीताल से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की है. वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कैंब्रिज विश्वविद्यालय और लंदन विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की है. राजीव धवन (Rajeev Dhavan) के पिता शांति स्वरूप धवन ब्रिटेन में भारत के राजदूत, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और लॉ कमिशन के सदस्य रह चुके हैं. बताया जाता है कि राजीव धवन ने कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के साथ वकालत के गुर सीखे और फिर अपनी जिरह के बूते सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए. मंडल मामले में भी उनकी जिरह ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. धवन (Rajeev Dhavan) इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर भी हैं. अयोध्या मामले में वे सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से केस लड़ रहे हैं.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: SSC CGL Exam: सीजीएल परीक्षा 4 जून से, CHSL परीक्षा के लिए 5 मार्च को आएगा नोटिफिकेशन
लेख: स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (Staff Selection Commission) ने पिछले महीने CGL और CHSL परीक्षाओं का शेड्यूल जारी किया था. ये शेड्यूल SSC की ऑफिशियल वेबसाइट ssc.nic.in पर जारी किया गया था. SSC CGL टायर 1 परीक्षा 4 जून से 19 जून 2019 के बीच आयोजित की जाएगी. जबकि टायर 2 परीक्षा का आयोजन सितंबर में किया जाएगा. SSC CHSL परीक्षा 1 जुलाई से 26 जुलाई के बीच आयोजित की होगी. SSC CHSL परीक्षा के लिए डिटेल में एक नोटिफिकेशन 5 मार्च 2019 को जारी किया जाएगा. इस नोटिफिकेशन में भर्ती परीक्षा से संबंधित हर जानकारी दी गई होगी. एसएससी सीएचएसएल के माध्यम से लोवर डिविजनल क्लर्क और डाटा एंट्री ऑपरेटर के पदों पर भर्ती की जाएगी. SSC CHSL परीक्षा के लिए 12वीं पास लोग आवेदन कर सकते हैं. ध्यान रहे कि डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार का साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास होना अनिवार्य है. उम्मीदवार के पास साइंस स्ट्रीम में मैथ्स होनी चाहिए. बता दें कि SSC दिल्ली पुलिस में SI और CISF में CAPs और ASI भर्ती परीक्षा 12 मार्च, 2019 से 16 मार्च, 2019 तक आयोजित करेगा. फिलहाल अभी SSC GD कॉन्सटेबल के 54 हजार 953 पर भर्ती हो रही है. ये परीक्षा 11 फरवरी को शुरू हुई और अब 11 मार्च तक चलने वाली है.
8
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: जीएम सरसों पर जीईएसी के फ़ैसले को जल्द हरी झंडी दिखाने की सरकारी वैज्ञानिकों ने की मांग
जीएम सरसों को जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रेज़ल कमेटी यानी जीईएसी की मंज़ूरी को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सरकार से जुड़े वैज्ञानिक सोमवार को एक साथ सामने आए. उनकी मांग है कि सरकार जीएम सरसों पर जीईएसी के फ़ैसले को जल्द हरी झंडी दिखाए. डिपार्टमेन्ट ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड एजुकेशन के सचिव टी महापात्रा ने कहा कि जीएम सरसों से देश में सरसों की पैदावार 25 फीसदी तक बढ़ जाएगा और इसके असर से जुड़े सारे तथ्यों की समीक्षा की जा चुकी है. इन कृषि वैज्ञानिकों की दलील है कि जीएम सरसों के इस्तेमाल से सरसों तेल आयात पर देश की निर्भरता कम होगी. ये सफाई ऐसे वक्त पर आयी है जब जीएम सरसों को दी गयी मंज़ूरी के खिलाफ आवाज़ तेज़ हो रही है और संघ परिवार से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर गुज़ारिश की है कि सरकार GEAC की मंज़ूरी को हरी झंडी ना दे क्योंकि जीएम सरसों टौक्सिक है और इससे पैदावार नहीं बढ़ेगी.टिप्पणियां सवाल किसानों से जुड़े संगठन भी उठा रहे हैं. किसान संगठनों के एक बड़े नेटवर्क 'भारत बीज स्वराज मंच' के जैकब नैल्लीथानम ने एनडीटीवी से कहा, "जीएम सरसों के कमर्शियलाइज़ेशन से सरसों की जो मौजूदा वैराइटी है वह क्रॉस पॉलिनेशन के माध्यम से दूषित हो जाएंगी और दूसरा इससे हमारी सभी किस्में प्रदूषित हो जाएंगी जीन से जो एसटी टॉलरेंस का जीन है.'' जीएम सरसों से पहले भारत के संगठन बीटी बैंगन पर सवाल खड़े कर चुके हैं. बीटी कॉटन के अनुभव पर भी बहस चल रही है. जीएम सरसों को लेकर संघ परिवार से जुड़े कई संगठन भी विरोध में हैं. सरकार के लिए फ़ैसला आसान नहीं होगा. ये सफाई ऐसे वक्त पर आयी है जब जीएम सरसों को दी गयी मंज़ूरी के खिलाफ आवाज़ तेज़ हो रही है और संघ परिवार से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर गुज़ारिश की है कि सरकार GEAC की मंज़ूरी को हरी झंडी ना दे क्योंकि जीएम सरसों टौक्सिक है और इससे पैदावार नहीं बढ़ेगी.टिप्पणियां सवाल किसानों से जुड़े संगठन भी उठा रहे हैं. किसान संगठनों के एक बड़े नेटवर्क 'भारत बीज स्वराज मंच' के जैकब नैल्लीथानम ने एनडीटीवी से कहा, "जीएम सरसों के कमर्शियलाइज़ेशन से सरसों की जो मौजूदा वैराइटी है वह क्रॉस पॉलिनेशन के माध्यम से दूषित हो जाएंगी और दूसरा इससे हमारी सभी किस्में प्रदूषित हो जाएंगी जीन से जो एसटी टॉलरेंस का जीन है.'' जीएम सरसों से पहले भारत के संगठन बीटी बैंगन पर सवाल खड़े कर चुके हैं. बीटी कॉटन के अनुभव पर भी बहस चल रही है. जीएम सरसों को लेकर संघ परिवार से जुड़े कई संगठन भी विरोध में हैं. सरकार के लिए फ़ैसला आसान नहीं होगा. सवाल किसानों से जुड़े संगठन भी उठा रहे हैं. किसान संगठनों के एक बड़े नेटवर्क 'भारत बीज स्वराज मंच' के जैकब नैल्लीथानम ने एनडीटीवी से कहा, "जीएम सरसों के कमर्शियलाइज़ेशन से सरसों की जो मौजूदा वैराइटी है वह क्रॉस पॉलिनेशन के माध्यम से दूषित हो जाएंगी और दूसरा इससे हमारी सभी किस्में प्रदूषित हो जाएंगी जीन से जो एसटी टॉलरेंस का जीन है.'' जीएम सरसों से पहले भारत के संगठन बीटी बैंगन पर सवाल खड़े कर चुके हैं. बीटी कॉटन के अनुभव पर भी बहस चल रही है. जीएम सरसों को लेकर संघ परिवार से जुड़े कई संगठन भी विरोध में हैं. सरकार के लिए फ़ैसला आसान नहीं होगा. जीएम सरसों से पहले भारत के संगठन बीटी बैंगन पर सवाल खड़े कर चुके हैं. बीटी कॉटन के अनुभव पर भी बहस चल रही है. जीएम सरसों को लेकर संघ परिवार से जुड़े कई संगठन भी विरोध में हैं. सरकार के लिए फ़ैसला आसान नहीं होगा.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अब OLA ऐप के इस फीचर के साथ आप उठा सकेंगे पूल राइड का लाभ
यह लेख है: दिल्ली में पहली जनवरी से लागू होने वाली सम-विषम वाहन फार्मूला के मद्देनजर परिवहन संबंधी सेवा मुहैया कराने वाली मोबाइल ऐप ओला ने सोमवार को 'कारपूल' फीचर लॉन्च करने की घोषणा की। इसके द्वारा दिल्ली के नागरिक ओला के मोबाइल ऐप के माध्यम से अपनी निजी कारों का इस्तेमाल करते हुए पूल राइड्स का लाभ उठा सकेंगे। कारपूल के साथ, दिल्ली के उपयोगकर्ता ओला के रूट मैचिंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल करते हुए उसी मार्ग पर जाने वाले साथी यात्रियों के साथ पूल राइड का लाभ उठा सकते हैं। ओला ऐप पर कारपूल फीचर मेजबान एवं उनके साथी यात्रियों के लिए पूरी तरह से स्वैच्छिक एवं नि:शुल्क है। ओला की यह पहल राज्य में 1 जनवरी 2016 से प्रयोग के तौर पर शुरू किए जा रहे सम-विषम फॉर्मूला के मद्देनजर पेश की गई है, जिसे खास तौर पर दिल्ली शहर में यातायात एवं प्रदूषण की समस्याओं से निजात पाने के लिए लागू किया जा रहा है।टिप्पणियां ओला ऐप पर मौजूद फ्रेंड लिस्ट फीचर के द्वारा उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन नम्बर के साथ दोस्तों को ऐड करते हुए एक कस्टम लिस्ट बना सकते हैं। इसके द्वारा कारपूल के उपयेागकर्ता अपनी गोपनीयता बनाए रखते हुए जान-पहचान वाले दोस्तों के साथ राइड शेयर कर सकते हैं। ओला में कैटेगरी हैड- शेयर्ड मोबिलिटी ईशान गुप्ता ने कहा, "कारपूल हमारे शहरों में परिवहन के स्थायी विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा इनोवेशन है। इम जानते हैं कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत में आते हैं, और वाहनों के कारण होने वाला प्रदूषण इसका मुख्य स्रोत है। कारपूल फीचर के द्वारा उपभोक्ता अपने खुद के वाहनों को अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हुए अपनी यात्रा को किफायती, सुगम एवं सहज बना सकेंगे।" कारपूल के साथ, दिल्ली के उपयोगकर्ता ओला के रूट मैचिंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल करते हुए उसी मार्ग पर जाने वाले साथी यात्रियों के साथ पूल राइड का लाभ उठा सकते हैं। ओला ऐप पर कारपूल फीचर मेजबान एवं उनके साथी यात्रियों के लिए पूरी तरह से स्वैच्छिक एवं नि:शुल्क है। ओला की यह पहल राज्य में 1 जनवरी 2016 से प्रयोग के तौर पर शुरू किए जा रहे सम-विषम फॉर्मूला के मद्देनजर पेश की गई है, जिसे खास तौर पर दिल्ली शहर में यातायात एवं प्रदूषण की समस्याओं से निजात पाने के लिए लागू किया जा रहा है।टिप्पणियां ओला ऐप पर मौजूद फ्रेंड लिस्ट फीचर के द्वारा उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन नम्बर के साथ दोस्तों को ऐड करते हुए एक कस्टम लिस्ट बना सकते हैं। इसके द्वारा कारपूल के उपयेागकर्ता अपनी गोपनीयता बनाए रखते हुए जान-पहचान वाले दोस्तों के साथ राइड शेयर कर सकते हैं। ओला में कैटेगरी हैड- शेयर्ड मोबिलिटी ईशान गुप्ता ने कहा, "कारपूल हमारे शहरों में परिवहन के स्थायी विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा इनोवेशन है। इम जानते हैं कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत में आते हैं, और वाहनों के कारण होने वाला प्रदूषण इसका मुख्य स्रोत है। कारपूल फीचर के द्वारा उपभोक्ता अपने खुद के वाहनों को अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हुए अपनी यात्रा को किफायती, सुगम एवं सहज बना सकेंगे।" ओला की यह पहल राज्य में 1 जनवरी 2016 से प्रयोग के तौर पर शुरू किए जा रहे सम-विषम फॉर्मूला के मद्देनजर पेश की गई है, जिसे खास तौर पर दिल्ली शहर में यातायात एवं प्रदूषण की समस्याओं से निजात पाने के लिए लागू किया जा रहा है।टिप्पणियां ओला ऐप पर मौजूद फ्रेंड लिस्ट फीचर के द्वारा उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन नम्बर के साथ दोस्तों को ऐड करते हुए एक कस्टम लिस्ट बना सकते हैं। इसके द्वारा कारपूल के उपयेागकर्ता अपनी गोपनीयता बनाए रखते हुए जान-पहचान वाले दोस्तों के साथ राइड शेयर कर सकते हैं। ओला में कैटेगरी हैड- शेयर्ड मोबिलिटी ईशान गुप्ता ने कहा, "कारपूल हमारे शहरों में परिवहन के स्थायी विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा इनोवेशन है। इम जानते हैं कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत में आते हैं, और वाहनों के कारण होने वाला प्रदूषण इसका मुख्य स्रोत है। कारपूल फीचर के द्वारा उपभोक्ता अपने खुद के वाहनों को अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हुए अपनी यात्रा को किफायती, सुगम एवं सहज बना सकेंगे।" ओला ऐप पर मौजूद फ्रेंड लिस्ट फीचर के द्वारा उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन नम्बर के साथ दोस्तों को ऐड करते हुए एक कस्टम लिस्ट बना सकते हैं। इसके द्वारा कारपूल के उपयेागकर्ता अपनी गोपनीयता बनाए रखते हुए जान-पहचान वाले दोस्तों के साथ राइड शेयर कर सकते हैं। ओला में कैटेगरी हैड- शेयर्ड मोबिलिटी ईशान गुप्ता ने कहा, "कारपूल हमारे शहरों में परिवहन के स्थायी विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा इनोवेशन है। इम जानते हैं कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत में आते हैं, और वाहनों के कारण होने वाला प्रदूषण इसका मुख्य स्रोत है। कारपूल फीचर के द्वारा उपभोक्ता अपने खुद के वाहनों को अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हुए अपनी यात्रा को किफायती, सुगम एवं सहज बना सकेंगे।" ओला में कैटेगरी हैड- शेयर्ड मोबिलिटी ईशान गुप्ता ने कहा, "कारपूल हमारे शहरों में परिवहन के स्थायी विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा इनोवेशन है। इम जानते हैं कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत में आते हैं, और वाहनों के कारण होने वाला प्रदूषण इसका मुख्य स्रोत है। कारपूल फीचर के द्वारा उपभोक्ता अपने खुद के वाहनों को अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हुए अपनी यात्रा को किफायती, सुगम एवं सहज बना सकेंगे।"
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: पुलिस ने कलानिथि मारन को पूछताछ के लिए तलब किया
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कलानिधि मारन को चेन्नई पुलिस ने कम्पनी के फिल्म डिविजन, सन पिक्चर्स के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले में सम्मन जारी किया है। सन समूह में 20 सैटेलाइट टीवी चैनल्स, डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवा कम्पनी, 45 एफएम रेडियो स्टेशन, चार साप्ताहिक पत्रिकाएं, दो दैनिक अखबार और स्पाइसजेट एयरलाइंस शामिल हैं। यहां केके नगर पुलिस थाने के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "सन पिक्चर्स के खिलाफ दायर शिकायतों के बारे में पूछताछ के लिए कलानिधि मारन को तलब किया गया है।" मारन बुधवार को इस पुलिस थाने में उपस्थित हो सकते हैं। पुलिस ने हाल ही में सन पिक्चर्स के प्रमुख संचालन अधिकारी हंसराज सक्सेना को एक फिल्म वितरक टीएस सेल्वाराज द्वारा दायर धोखाधड़ी की एक शिकायत पर गिरफ्तार किया था। सेल्वाराज ने शिकायत की थी कि सक्सेना ने उनके साथ 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी की और तमिल फिल्म 'थीराडा विलयट्ट पिल्लै' के वितरण के सम्बंध में जब पैसे मांगे गए तो उन्होंने उन्हें धमकी दी। मारन, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि के बड़े भतीजे हैं और दिवंगत डीएमके नेता मुरासोली मारन के बेटे हैं। वह दयानिधि मारन के बड़े भाई है, जिन्होंने हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद केंद्रीय कपड़ा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: हिमालय फतह करने निकली महिला बाइकर्स की टीम, 17 दिनों में पूरा होगा अभियान
पंद्रह साल से बाइक चला रहीं 31 वर्षीय सारा कश्यप अब महिलाओं की एक टीम के साथ बाइक पर हिमालय फतह करने निकली हैं। कश्यप उर्वशी पटोले के साथ मिलकर रॉयल एनफील्ड हिमालयन ओडिसी के 13वें संस्करण का नेतृत्व कर रही हैं। कुल 20 महिलाओं का यह दल 17 दिनों तक 2200 किलोमीटर लम्बे खतरनाक रास्तों और पहाड़ी दर्रों में महिला शक्ति का प्रदर्शन करेगा। यह यात्रा 23 जुलाई को समाप्त होगी। चेन्नई में रहनेवाली कश्यप का कहना है, ‘‘महिला हो या पुरष किसी के लिए भी पहाड़ी इलाकों की यात्रा करना काफी कठिन है। पहाड़ी इलाकों की यात्रा सीधी सड़क पर 100 किमी की यात्रा करने जैसी नहीं है।’’ कश्यप पुराने अंतरराष्ट्रीय मोटर स्पोर्टस इवेंट ‘रेड-डी-हिमालय’ की यात्रा को पूरा करनेवाली भारत की पहली महिला रह चुकी हैं।टिप्पणियां उर्वशी पटोले पुणे की हैं और 14 साल की उम्र से ही बाइक चला रही हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाली ओडिसी महिला बाइकर्स की पृष्ठभूमि और उद्येश्य भी अलग है। टीम में गुवाहाटी की जिलमिल काकोटी अलीमयान भी हैं, जो दो बच्चों की मां हैं। साइकल और मोटरबाइक्स का शौक रखने वाली टीम की दूसरी सदस्य सौम्य नारायणन हैं, जिनका सपना कन्याकुमारी से खादरुंगला तक बाइक की सवारी करना है। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) चेन्नई में रहनेवाली कश्यप का कहना है, ‘‘महिला हो या पुरष किसी के लिए भी पहाड़ी इलाकों की यात्रा करना काफी कठिन है। पहाड़ी इलाकों की यात्रा सीधी सड़क पर 100 किमी की यात्रा करने जैसी नहीं है।’’ कश्यप पुराने अंतरराष्ट्रीय मोटर स्पोर्टस इवेंट ‘रेड-डी-हिमालय’ की यात्रा को पूरा करनेवाली भारत की पहली महिला रह चुकी हैं।टिप्पणियां उर्वशी पटोले पुणे की हैं और 14 साल की उम्र से ही बाइक चला रही हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाली ओडिसी महिला बाइकर्स की पृष्ठभूमि और उद्येश्य भी अलग है। टीम में गुवाहाटी की जिलमिल काकोटी अलीमयान भी हैं, जो दो बच्चों की मां हैं। साइकल और मोटरबाइक्स का शौक रखने वाली टीम की दूसरी सदस्य सौम्य नारायणन हैं, जिनका सपना कन्याकुमारी से खादरुंगला तक बाइक की सवारी करना है। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उर्वशी पटोले पुणे की हैं और 14 साल की उम्र से ही बाइक चला रही हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाली ओडिसी महिला बाइकर्स की पृष्ठभूमि और उद्येश्य भी अलग है। टीम में गुवाहाटी की जिलमिल काकोटी अलीमयान भी हैं, जो दो बच्चों की मां हैं। साइकल और मोटरबाइक्स का शौक रखने वाली टीम की दूसरी सदस्य सौम्य नारायणन हैं, जिनका सपना कन्याकुमारी से खादरुंगला तक बाइक की सवारी करना है। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: अफगानिस्तान : अपने ही बम से मारे गए 30 तालिबानी आतंकवादी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अफगानिस्तान के फराह प्रांत में अचानक हुए बम विस्फोट में 30 तालिबानी आतंकवादी मारे गए. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि यह विस्फोट गुरुवार को बाला बुलुक जिले के पेवा पसाव इलाके में आतंकवादियों द्वारा सरकारी सुरक्षा बलों के ठिकानों पर हमले की कोशिश के दौरान हुआ. उन्होंने कहा, जैसे ही आतंकवादी हमले के लिए तैयार हुए, एक आत्मघाती हमलावर की जैकेट में विस्फोट हो गया.पाकिस्तान : लाहौर में ट्रक में हुआ धमाका, 22 लोग घायल अधिकारी ने कहा कि इस विस्फोट में कई आतंकवादी घायल भी हो गए. तालिबानी आतंकवादी अफगानिस्तान में अप्रैल में वार्षिक विद्रोह शुरू करने के बाद से कई लोगों को मार चुके हैं. ईरान से लगे प्रांत में सुरक्षा बलों व तालिबान आतंकवादियों के बीच बीते कुछ सालों से संघर्ष हो रहा है.टिप्पणियां पढ़ें: काबुल कार ब्लास्ट : 24 की मौत, 42 घायल(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पाकिस्तान : लाहौर में ट्रक में हुआ धमाका, 22 लोग घायल अधिकारी ने कहा कि इस विस्फोट में कई आतंकवादी घायल भी हो गए. तालिबानी आतंकवादी अफगानिस्तान में अप्रैल में वार्षिक विद्रोह शुरू करने के बाद से कई लोगों को मार चुके हैं. ईरान से लगे प्रांत में सुरक्षा बलों व तालिबान आतंकवादियों के बीच बीते कुछ सालों से संघर्ष हो रहा है.टिप्पणियां पढ़ें: काबुल कार ब्लास्ट : 24 की मौत, 42 घायल(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अधिकारी ने कहा कि इस विस्फोट में कई आतंकवादी घायल भी हो गए. तालिबानी आतंकवादी अफगानिस्तान में अप्रैल में वार्षिक विद्रोह शुरू करने के बाद से कई लोगों को मार चुके हैं. ईरान से लगे प्रांत में सुरक्षा बलों व तालिबान आतंकवादियों के बीच बीते कुछ सालों से संघर्ष हो रहा है.टिप्पणियां पढ़ें: काबुल कार ब्लास्ट : 24 की मौत, 42 घायल(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पढ़ें: काबुल कार ब्लास्ट : 24 की मौत, 42 घायल(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: आतंक के आरोपी ने बनाया आधार कार्ड, नांदेड के पार्षद पर मदद का आरोप
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दोहरी पहचान रोकने के लिए बन रही यूनिक आईडी यानी आधार कार्ड में फर्जीवाड़े की खबरें पहले भी आती रही है, लेकिन अब तो आतंक के आरोपी का भी आधार कार्ड बनने लगा है। नांदेड पुलिस ने इस मामले में मदद करने के आरोप में एक पूर्व पार्षद को गिरफ्तार भी किया है। नांदेड पुलिस के मुताबिक आतंकी संगठन सिमी के फरार आरोपी जाकिर हुसेन ने सादिक खान के नाम से नांदेड में हमिया कॉलोनी के पते पर अपना आधार कार्ड बनवाया है और उस कार्ड को बनवाने में लोकभारती पार्टी के पूर्व पार्षद मोहम्मद मुखीद ने मदद की है। मुखीद ने अपने लेटर हेड पर लिख कर दिया था कि वह सादिक खान को 10 साल से जानते हैं और वह अच्छा लड़का है। झूठी जानकारी देने के आरोप में अब पुलिस ने पूर्व पार्षद मुखीद को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि आरोपी पार्षद के वकील सैयद अरिबीदीन का कहना है कि सादिक की नांदेड में ससुराल है। वह अपनी पत्नी और सास के साथ आया था। उनके कहने पर उनके मुवक्कील ने पत्र दे दिया था। उनको उसके बारे में कुछ पता नही था। अब पार्षद नें जान बूझकर जाकिर की असली पहचान छिपाने में मदद की या वह खुद ही इस्तेमाल हो गए। यूं तो जांच पूरी होने के बाद ही साफ हो पाएगा, लेकिन इस खुलासे के बाद एक बार फिर आधार बनाने की प्रक्रिया पर सवाल उठने लगा है, क्योंकि पहले भी कई बार बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा बड़े पैमाने पर आधार कार्ड बनवाने का खुलासा होता रहा है। जाकिर का मामला तो और भी गंभीर है, क्योंकि जाकिर हुसेन सिमी के उन 7 खतरनाक आरोपियों में से एक है, जो अक्टूबर 2013 को खंडवा की जेल तोड कर फरार हुए थे। तब से मुंबई सहित पुरे देश में उनकी तलाश की जा रही है। बताया जाता है कि पिछले एक साल में पुणे, बैंगलुरु, चेन्नई और बिजनौर में हुए धमाके में भी इन्हीं फरार आरोपियों का हाथ है। महाराष्ट्र एटीएस के चीफ रह चुके केपी रघुवंशी का कहना है कि आतंकी अक्सर अपनी असली पहचान छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का आघार लेते हैं। ऐसे में आधार कार्ड को लेकर खास सावधानी बरतने की जरूरत है। उनका कहना है कि अभी हम जो भी जानकारी और दस्तावेज देते हैं उसी आधार पर कार्ड बन जा रहा है। ऐसे में फर्जीवाड़ा होना बहुत आसान है। इसलिए दी हुई जानकारी और दस्तावेदजों के जांच बहुत जरूरी है। तभी यह किसी नागरिक की दोहरी पहचान को रोकने मे कामयाब हो पाएगा। जाहिर है आधार बनाने की प्रक्रिया में सुधार और सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ ऐसे लोगों की सिफारिश करने वाले नेताओं को भी सावधान रहने की जरूरत है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: ताज महल के पास प्रेमी जोड़े ने कथित तौर पर 'सहमति' से एक दूसरे का गला काटा
मोहब्बत की इमारत कहे जाने वाले ताज महल से कुछ ही दूरी पर एक प्रेमी युगल ने कथित तौर पर आपसी रज़ामंदी से एक दूसरे का गला काटकर अपने परिवार को एक पैग़ाम दिया है। ये दोनों ही अलग अलग धर्म से वास्ता रखते हैं और ऐसा करने की वजह परिवार द्वारा उठाई जा रही आपत्ति को बताया जा रहा है। राजवीर सिंह और शबाना की जान तो बच गई है लेकिन दोनों ही अस्पताल में भर्ती हैं और इनके गले में पट्टियां बंधी हुई हैं.टिप्पणियां एक साथ पले-बढ़े इन दो दोस्तों के बीच प्यार तब परवान चढ़ा जब राजवीर अपने परिवार के साथ देहरादून चला गया। शबाना के परिवार ने एक हिंदू लड़के से रिश्ता रखने पर एतराज़ जताया और उसे भूल जाने के लिए कहा गया। हालांकि फिर भी दोनों चुपके चुपके मिलते रहे। बुधवार को शबाना से मिलने के लिए राजवीर आगरा आया। एक डांस अकादमी में टीचर शबाना और राजवीर ने ताजमहल के पास ताज नैचर वॉक में मिलने का फैसला किया। थोड़ी ही देर बाद कुछ फॉरेस्ट कर्मचारियों ने इस प्रेमी जोड़े को खून से सना पाया। अस्पताल पहुंचने तक राजवीर होश में था और उसी ने पुलिस को पूरी बात बताई। उसने बताया कि दोनों परिवार को मनाने की लाख कोशिशों के बावजूद भी बात नहीं बन पाई। एक साथ पले-बढ़े इन दो दोस्तों के बीच प्यार तब परवान चढ़ा जब राजवीर अपने परिवार के साथ देहरादून चला गया। शबाना के परिवार ने एक हिंदू लड़के से रिश्ता रखने पर एतराज़ जताया और उसे भूल जाने के लिए कहा गया। हालांकि फिर भी दोनों चुपके चुपके मिलते रहे। बुधवार को शबाना से मिलने के लिए राजवीर आगरा आया। एक डांस अकादमी में टीचर शबाना और राजवीर ने ताजमहल के पास ताज नैचर वॉक में मिलने का फैसला किया। थोड़ी ही देर बाद कुछ फॉरेस्ट कर्मचारियों ने इस प्रेमी जोड़े को खून से सना पाया। अस्पताल पहुंचने तक राजवीर होश में था और उसी ने पुलिस को पूरी बात बताई। उसने बताया कि दोनों परिवार को मनाने की लाख कोशिशों के बावजूद भी बात नहीं बन पाई। बुधवार को शबाना से मिलने के लिए राजवीर आगरा आया। एक डांस अकादमी में टीचर शबाना और राजवीर ने ताजमहल के पास ताज नैचर वॉक में मिलने का फैसला किया। थोड़ी ही देर बाद कुछ फॉरेस्ट कर्मचारियों ने इस प्रेमी जोड़े को खून से सना पाया। अस्पताल पहुंचने तक राजवीर होश में था और उसी ने पुलिस को पूरी बात बताई। उसने बताया कि दोनों परिवार को मनाने की लाख कोशिशों के बावजूद भी बात नहीं बन पाई।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: मुल्क की तहजीब के खिलाफ हैं बीजेपी के विचार और काम : मनमोहन
यह लेख है: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विचारों और कार्यों को देश खासकर उत्तर प्रदेश की तहजीब के खिलाफ करार देते हुए पूछा कि क्या हिन्दुस्तान में एक ऐसी पार्टी की सरकार बननी चाहिए, जिसने हमेशा देश को बांटने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में कहा कि बीजेपी के नेता लोकसभा चुनाव को सांप्रदायिकता के मुद्दों पर मोड़ना चाहते हैं, लेकिन हम सभी को राष्ट्रीय मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये। इस बार बहुत बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा यह है कि क्या भारत में एक ऐसी पार्टी की सरकार बननी चाहिए, जिसने हमेशा देश को बांटने का काम किया है... जो सांप्रदायिक हो, जो दूसरे समुदाय से लड़ाने का काम करती हो। उन्होंने हाल में 'बदला लेने' का विवादास्पद बयान देने वाले बीजेपी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अमित शाह का संदर्भ देते हुए कहा, बीजेपी के एक नेता के भाषण को आपने सुना। आपके सामने आज सवाल यह है कि क्या आप इसे बर्दाश्त करेंगे और कब तक बर्दाश्त करेंगे। उत्तर प्रदेश अपनी मिलीजुली संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां एक-दूसरे के धर्म के आदर की परंपरा रही है। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि बीजेपी के विचार और काम आपकी गंगाजमुनी तहजीब के बिल्कुल खिलाफ हैं। मनमोहन सिंह ने बीजेपी के घोषणापत्र पर सवाल उठाते हुए कहा, बीजेपी ने अपना चुनाव घोषणापत्र उस दिन जारी किया, जब कुछ राज्यों में मतदान शुरू हो चुका था। इससे पता लगता है कि वह अपनी नीतियों को जनता के सामने रखने में गंभीर नहीं है। उसका चुनाव अभियान एक व्यक्ति पर केंद्रित है। वे ऐसे वादे कर रहे हैं, जिन्हें वे कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। अर्सा बीतने के बाद जहां दुनिया के मुद्दे बदल गए, वहीं बीजेपी के घोषणापत्र में वही मंदिर-मस्जिद का मुद्दा, वही धारा 370 शामिल है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: मुंबई लोकल में स्‍टंटबाजों को समझाने के लिए पुलिसवालों की अनोखी पहल
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मुंबई की लाइफलाइन लोकल ट्रेन में स्टंटबाजों को रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल अब आरोपियों के हाथों में हथकड़ी पहनाने के बजाय उन्हें फूल दे रहे हैं। कोशिश है ट्रेन की छत पर सफर करने वाले, स्टंट दिखाने वालों को मार नहीं बल्कि प्यार से समझाया जाए।टिप्पणियां मुंबई में सेंट्रल रेलवे के हाबर्र और मध्य रेल लाइन के स्टेशनों पर ये मुहिम शुरू की गई है। जहां पुलिस के जवान बन्दूक या राइफल लेकर स्टंट बाजों को डराने के बजाय हार पहना कर हाथ जोड़ कर स्वागत कर रहे हैं। ये पहल इसलिए ताकि नौजवान अपनी जान जोखिम में डाल कर ट्रेन के छत पर चढ़कर यात्रा ना करें। शुक्रवार को ईद के मौके पर मुम्बई लोकल ट्रेन एक्सीडेंट में मरने और घायलों का आंकड़ा पूरे साल में सबसे अधिक रहा। उस दिन 15 लोगों की जान गयी और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे जिनमें से ज्यादातर मरनेवालों में नौजवान थे और स्टंट करते हुए गिरे। मुंबई की लोकल ट्रेनों में रोज़ाना 75 लाख मुसाफिर सफर करते हैं,  औसतन हर दिन 10 मुसाफिर शहर की लाइफ लाइन में सफर के दौरान हादसों का शिकार होते हैं। मुंबई में सेंट्रल रेलवे के हाबर्र और मध्य रेल लाइन के स्टेशनों पर ये मुहिम शुरू की गई है। जहां पुलिस के जवान बन्दूक या राइफल लेकर स्टंट बाजों को डराने के बजाय हार पहना कर हाथ जोड़ कर स्वागत कर रहे हैं। ये पहल इसलिए ताकि नौजवान अपनी जान जोखिम में डाल कर ट्रेन के छत पर चढ़कर यात्रा ना करें। शुक्रवार को ईद के मौके पर मुम्बई लोकल ट्रेन एक्सीडेंट में मरने और घायलों का आंकड़ा पूरे साल में सबसे अधिक रहा। उस दिन 15 लोगों की जान गयी और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे जिनमें से ज्यादातर मरनेवालों में नौजवान थे और स्टंट करते हुए गिरे। मुंबई की लोकल ट्रेनों में रोज़ाना 75 लाख मुसाफिर सफर करते हैं,  औसतन हर दिन 10 मुसाफिर शहर की लाइफ लाइन में सफर के दौरान हादसों का शिकार होते हैं। शुक्रवार को ईद के मौके पर मुम्बई लोकल ट्रेन एक्सीडेंट में मरने और घायलों का आंकड़ा पूरे साल में सबसे अधिक रहा। उस दिन 15 लोगों की जान गयी और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे जिनमें से ज्यादातर मरनेवालों में नौजवान थे और स्टंट करते हुए गिरे। मुंबई की लोकल ट्रेनों में रोज़ाना 75 लाख मुसाफिर सफर करते हैं,  औसतन हर दिन 10 मुसाफिर शहर की लाइफ लाइन में सफर के दौरान हादसों का शिकार होते हैं।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ के निलंबन को तत्‍काल प्रभाव से हटाया
यह एक लेख है: खेल मंत्रालय ने आज भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) पर से तुरंत प्रभाव से निलंबन हटा दिया क्योंकि उसने आलोचनायें झेलने के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त दागी सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला किया है. मंत्रालय ने कहा कि वह आईओए पर 30 दिसंबर को लगा निलंबन हटा रहा है क्योंकि उसने कलमाड़ी और चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने की गलती स्वीकार कर ली है. गौरतलब है कि आईओए की ओर से कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा था, यह नियुक्ति पूरी तरह से अस्‍वीकार्य हैं क्‍योंकि कलमाड़ी और चौटाला गंभीर भ्रष्‍टाचार और आपराधिक मामलों में आरोपी है. पूर्व खेल मंत्री अजय माकन ने भी इस फैसले को रद्द करने की मांग की थी. मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा, ‘सरकार ने तुरंत प्रभाव से आईओए की मान्यता पर से निलंबन हटाने का फैसला किया है क्योंकि इसने तुरंत ही कार्रवाई करते हुए अभय सिंह चौटाला और सुरेश कलमाड़ी को आईओए के आजीवन अध्यक्ष बनाने के अपने पहले के फैसले को पलटने का निर्णय किया है.’ उन्होंने कहा, ‘इस फैसले के बाद देश में खेल और विकास के व्यापक हित को देखते हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) , खेल मंत्रालय ने आईओए की मान्यता पर 30 दिसंबर 2016 को लंगा निलंबन हटाने का फैसला किया है.’ टिप्पणियां आईओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘अगर मंत्रालय ने निलंबन हटा दिया है तो यह आईओए के लिये अच्छी खबर है. जहां तक मेरा संबंध है, अगर सरकार निलंबन हटाती है तो मैं मंत्रालय का शुक्रगुजार हूं. ’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) गौरतलब है कि आईओए की ओर से कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा था, यह नियुक्ति पूरी तरह से अस्‍वीकार्य हैं क्‍योंकि कलमाड़ी और चौटाला गंभीर भ्रष्‍टाचार और आपराधिक मामलों में आरोपी है. पूर्व खेल मंत्री अजय माकन ने भी इस फैसले को रद्द करने की मांग की थी. मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा, ‘सरकार ने तुरंत प्रभाव से आईओए की मान्यता पर से निलंबन हटाने का फैसला किया है क्योंकि इसने तुरंत ही कार्रवाई करते हुए अभय सिंह चौटाला और सुरेश कलमाड़ी को आईओए के आजीवन अध्यक्ष बनाने के अपने पहले के फैसले को पलटने का निर्णय किया है.’ उन्होंने कहा, ‘इस फैसले के बाद देश में खेल और विकास के व्यापक हित को देखते हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) , खेल मंत्रालय ने आईओए की मान्यता पर 30 दिसंबर 2016 को लंगा निलंबन हटाने का फैसला किया है.’ टिप्पणियां आईओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘अगर मंत्रालय ने निलंबन हटा दिया है तो यह आईओए के लिये अच्छी खबर है. जहां तक मेरा संबंध है, अगर सरकार निलंबन हटाती है तो मैं मंत्रालय का शुक्रगुजार हूं. ’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा, ‘सरकार ने तुरंत प्रभाव से आईओए की मान्यता पर से निलंबन हटाने का फैसला किया है क्योंकि इसने तुरंत ही कार्रवाई करते हुए अभय सिंह चौटाला और सुरेश कलमाड़ी को आईओए के आजीवन अध्यक्ष बनाने के अपने पहले के फैसले को पलटने का निर्णय किया है.’ उन्होंने कहा, ‘इस फैसले के बाद देश में खेल और विकास के व्यापक हित को देखते हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) , खेल मंत्रालय ने आईओए की मान्यता पर 30 दिसंबर 2016 को लंगा निलंबन हटाने का फैसला किया है.’ टिप्पणियां आईओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘अगर मंत्रालय ने निलंबन हटा दिया है तो यह आईओए के लिये अच्छी खबर है. जहां तक मेरा संबंध है, अगर सरकार निलंबन हटाती है तो मैं मंत्रालय का शुक्रगुजार हूं. ’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आईओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘अगर मंत्रालय ने निलंबन हटा दिया है तो यह आईओए के लिये अच्छी खबर है. जहां तक मेरा संबंध है, अगर सरकार निलंबन हटाती है तो मैं मंत्रालय का शुक्रगुजार हूं. ’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: पाकिस्तान में दूसरी शादी करने जा रहे सिख युवक की हत्या
यह लेख है: पाकिस्तान के लाहौर शहर में दूसरी शादी करने की तैयारी कर रहे एक सिख युवक की हत्या कर दी गई है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को बताया कि शालीमार टाउन स्थित 28 वर्षीय अमरजीत सिंह के स्टोर में घुसकर कुछ लोगों ने उसकी पिटाई की। इसके बाद वे सिंह को एक कार में ठूंसकर वहां से भाग निकले।टिप्पणियां बाद में सिंह का शव लाहौर से 40 किलोमीटर दूर शेखपुरा से बरामद किया गया। शरीर पर चोट के निशान थे। सिंह पेशे से हकीम था और पेशावर का रहने वाला था। पुलिस ने जब सिंह के परिवार से संपर्क किया तो पता चला कि सिंह ने अपनी दूसरी शादी का फैसला किया था। अधिकारियों ने बताया कि तीन लोगों अजरुन सिंह, स्वरूप सिंह और मस्तान सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को बताया कि शालीमार टाउन स्थित 28 वर्षीय अमरजीत सिंह के स्टोर में घुसकर कुछ लोगों ने उसकी पिटाई की। इसके बाद वे सिंह को एक कार में ठूंसकर वहां से भाग निकले।टिप्पणियां बाद में सिंह का शव लाहौर से 40 किलोमीटर दूर शेखपुरा से बरामद किया गया। शरीर पर चोट के निशान थे। सिंह पेशे से हकीम था और पेशावर का रहने वाला था। पुलिस ने जब सिंह के परिवार से संपर्क किया तो पता चला कि सिंह ने अपनी दूसरी शादी का फैसला किया था। अधिकारियों ने बताया कि तीन लोगों अजरुन सिंह, स्वरूप सिंह और मस्तान सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बाद में सिंह का शव लाहौर से 40 किलोमीटर दूर शेखपुरा से बरामद किया गया। शरीर पर चोट के निशान थे। सिंह पेशे से हकीम था और पेशावर का रहने वाला था। पुलिस ने जब सिंह के परिवार से संपर्क किया तो पता चला कि सिंह ने अपनी दूसरी शादी का फैसला किया था। अधिकारियों ने बताया कि तीन लोगों अजरुन सिंह, स्वरूप सिंह और मस्तान सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने जब सिंह के परिवार से संपर्क किया तो पता चला कि सिंह ने अपनी दूसरी शादी का फैसला किया था। अधिकारियों ने बताया कि तीन लोगों अजरुन सिंह, स्वरूप सिंह और मस्तान सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: धोनी के संबंध में कुछ भी नहीं छिपाया जाएगा : डालमिया
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अंतरिम अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने रविवार को आश्वस्त करते हुए कहा कि भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के कथित तौर पर हितों के टकराव से जुड़े विवादित मामले के संबंध में कुछ भी छिपाया नहीं जाएगा। डालमिया ने यहां बीसीसीआई की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा, "कुछ भी छिपाया नहीं जाएगा। हमारा मानना है कि हमें किसी भी खिलाड़ी का बचाव नहीं करना चाहिए। अगर किसी खिलाड़ी का किसी खेल प्रबंधन कंपनी में हिस्सेदारी है, तो हम उसका बचाव नहीं करेंगे बल्कि गलती को सुधारने का प्रयास करेंगे।" डालमिया ने कहा कि भारत का जिम्बाब्वे दौरा खत्म होने के बाद बीसीसीआई इस मामले की छानबीन करेगी। उन्होंने कहा, "इस टूर्नामेंट को खत्म होने दीजिए।"टिप्पणियां 'ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट' कंपनी में धोनी की 15 फीसदी हिस्सेदारी तथा इसी कंपनी से सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा के भी जुड़े होने की खबरें आने के बाद से ही धोनी हितों के टकराव के कथित विवाद से घिर गए। कंपनी ने हालांकि दावा किया है कि धोनी के पास बहुत कम समय के लिए कंपनी के शेयर थे, तथा उनका भुगतान पूरा हो जाने के बाद ये शेयर वापस कंपनी को स्थानांतरित कर दिए गए थे। डालमिया ने यहां बीसीसीआई की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा, "कुछ भी छिपाया नहीं जाएगा। हमारा मानना है कि हमें किसी भी खिलाड़ी का बचाव नहीं करना चाहिए। अगर किसी खिलाड़ी का किसी खेल प्रबंधन कंपनी में हिस्सेदारी है, तो हम उसका बचाव नहीं करेंगे बल्कि गलती को सुधारने का प्रयास करेंगे।" डालमिया ने कहा कि भारत का जिम्बाब्वे दौरा खत्म होने के बाद बीसीसीआई इस मामले की छानबीन करेगी। उन्होंने कहा, "इस टूर्नामेंट को खत्म होने दीजिए।"टिप्पणियां 'ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट' कंपनी में धोनी की 15 फीसदी हिस्सेदारी तथा इसी कंपनी से सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा के भी जुड़े होने की खबरें आने के बाद से ही धोनी हितों के टकराव के कथित विवाद से घिर गए। कंपनी ने हालांकि दावा किया है कि धोनी के पास बहुत कम समय के लिए कंपनी के शेयर थे, तथा उनका भुगतान पूरा हो जाने के बाद ये शेयर वापस कंपनी को स्थानांतरित कर दिए गए थे। डालमिया ने कहा कि भारत का जिम्बाब्वे दौरा खत्म होने के बाद बीसीसीआई इस मामले की छानबीन करेगी। उन्होंने कहा, "इस टूर्नामेंट को खत्म होने दीजिए।"टिप्पणियां 'ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट' कंपनी में धोनी की 15 फीसदी हिस्सेदारी तथा इसी कंपनी से सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा के भी जुड़े होने की खबरें आने के बाद से ही धोनी हितों के टकराव के कथित विवाद से घिर गए। कंपनी ने हालांकि दावा किया है कि धोनी के पास बहुत कम समय के लिए कंपनी के शेयर थे, तथा उनका भुगतान पूरा हो जाने के बाद ये शेयर वापस कंपनी को स्थानांतरित कर दिए गए थे। 'ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट' कंपनी में धोनी की 15 फीसदी हिस्सेदारी तथा इसी कंपनी से सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा के भी जुड़े होने की खबरें आने के बाद से ही धोनी हितों के टकराव के कथित विवाद से घिर गए। कंपनी ने हालांकि दावा किया है कि धोनी के पास बहुत कम समय के लिए कंपनी के शेयर थे, तथा उनका भुगतान पूरा हो जाने के बाद ये शेयर वापस कंपनी को स्थानांतरित कर दिए गए थे। कंपनी ने हालांकि दावा किया है कि धोनी के पास बहुत कम समय के लिए कंपनी के शेयर थे, तथा उनका भुगतान पूरा हो जाने के बाद ये शेयर वापस कंपनी को स्थानांतरित कर दिए गए थे।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: संदीप पाटिल ने टीम इंडिया के हित में सचिन, द्रविड़ जैसे सितारों को भी कर दिया था विदा
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान... ये हैं भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नाम, लेकिन जब ये नाम भारत की कामयाबी के आड़े आने लगे, तो टीम इंडिया से इन पांचों सितारों की विदाई हो गई. इस कठिन फैसले के समय मुख्य चयनकर्ता की कुर्सी पर थे संदीप मधुसूदन पाटिल. 'कैप्टन कूल' धोनी को एक फॉर्मेट तक समेटना हो, या सचिन को विदाई टेस्ट के लिए कहने की खबर, सबका ज़िम्मा पाटिल की अगुवाई वाली चयनसमिति पर था. वैसे पाटिल के कार्यकाल में 'फैब फाइव' गए, तो 57 नए क्रिकेटर क्रिकेट के आसमान पर चमके, जिनमें 12 क्रिकेटरों को टेस्ट, 21 को वनडे और 24 को टी-20 में टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका मिला. पाटिल ने ही शिखर धवन और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया, मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे खिलाड़ी भी उनकी पारखी नज़रों से ही चमके. युवराज सिंह, हरभजन सिंह का करियर जब खत्म माना जा रहा था, तो संदीप पाटिल की अगुवाई में उन्हें 2015 में खेलने का मौका मिला, आशीष नेहरा ने दोबारा अपनी अलग पहचान बनाई. पाटिल जब तक कुर्सी पर रहे टीम आईसीसी के सारे मुकाबलों में सेमीफाइनल तक पहुंची, मौजूदा दौर में टीम टेस्ट मैचों में सिर्फ एक अंक के फासले से नंबर 2 पर है, तो वनडे में नंबर तीन पर, टी-20 में भी टीम दूसरे नंबर पर है. टिप्पणियां इस उपलब्धि पर संदीप पाटिल ने कहा, "हमने भारतीय टीम के भविष्य को देखते हुए कुछ कड़े फैसले लिए. जब आप चयनकर्ता की कुर्सी पर बैठते हैं तो हालात मुश्किल होते हैं. ख़ासकर जब आप वरिष्ठ खिलाड़ियों की फॉर्म, फिटनेस पर चर्चा करते हैं. हमने कुछ अच्छे, लेकिन कड़े फैसले लिए. मुझे खुशी है आज भारतीय क्रिकेट टीम जिस मुकाम पर खड़ी है उसे देखकर खुद पर और अपने साथियों पर गर्व होता है." 1996 में पाटिल भारतीय टीम के कोच भी थे, लेकिन महज 6 महीने में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. बाद में केन्या जैसी टीम को बतौर कोच 2003 विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचाना उनकी बड़ी उपलब्धि रही. संदीप पाटिल 2012 में मुख्य चयनकर्ता बने थे, न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने आखिरी बार भारतीय टीम का चयन किया, लेकिन यह भी साफ किया कि बतौर चयनकर्ता उनके कई अच्छे दोस्त छूट गए. शायद इनमें वह बड़े नाम भी हों जिनकी उनके कार्यकाल में विदाई हुई. संदीप फिर से भारतीय टीम का कोच भी बनना चाहते थे, लेकिन बोर्ड से उन्हें इंटरव्यू तक के लिए बुलावा तक नहीं भेजा गया. 'कैप्टन कूल' धोनी को एक फॉर्मेट तक समेटना हो, या सचिन को विदाई टेस्ट के लिए कहने की खबर, सबका ज़िम्मा पाटिल की अगुवाई वाली चयनसमिति पर था. वैसे पाटिल के कार्यकाल में 'फैब फाइव' गए, तो 57 नए क्रिकेटर क्रिकेट के आसमान पर चमके, जिनमें 12 क्रिकेटरों को टेस्ट, 21 को वनडे और 24 को टी-20 में टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका मिला. पाटिल ने ही शिखर धवन और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया, मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे खिलाड़ी भी उनकी पारखी नज़रों से ही चमके. युवराज सिंह, हरभजन सिंह का करियर जब खत्म माना जा रहा था, तो संदीप पाटिल की अगुवाई में उन्हें 2015 में खेलने का मौका मिला, आशीष नेहरा ने दोबारा अपनी अलग पहचान बनाई. पाटिल जब तक कुर्सी पर रहे टीम आईसीसी के सारे मुकाबलों में सेमीफाइनल तक पहुंची, मौजूदा दौर में टीम टेस्ट मैचों में सिर्फ एक अंक के फासले से नंबर 2 पर है, तो वनडे में नंबर तीन पर, टी-20 में भी टीम दूसरे नंबर पर है. टिप्पणियां इस उपलब्धि पर संदीप पाटिल ने कहा, "हमने भारतीय टीम के भविष्य को देखते हुए कुछ कड़े फैसले लिए. जब आप चयनकर्ता की कुर्सी पर बैठते हैं तो हालात मुश्किल होते हैं. ख़ासकर जब आप वरिष्ठ खिलाड़ियों की फॉर्म, फिटनेस पर चर्चा करते हैं. हमने कुछ अच्छे, लेकिन कड़े फैसले लिए. मुझे खुशी है आज भारतीय क्रिकेट टीम जिस मुकाम पर खड़ी है उसे देखकर खुद पर और अपने साथियों पर गर्व होता है." 1996 में पाटिल भारतीय टीम के कोच भी थे, लेकिन महज 6 महीने में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. बाद में केन्या जैसी टीम को बतौर कोच 2003 विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचाना उनकी बड़ी उपलब्धि रही. संदीप पाटिल 2012 में मुख्य चयनकर्ता बने थे, न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने आखिरी बार भारतीय टीम का चयन किया, लेकिन यह भी साफ किया कि बतौर चयनकर्ता उनके कई अच्छे दोस्त छूट गए. शायद इनमें वह बड़े नाम भी हों जिनकी उनके कार्यकाल में विदाई हुई. संदीप फिर से भारतीय टीम का कोच भी बनना चाहते थे, लेकिन बोर्ड से उन्हें इंटरव्यू तक के लिए बुलावा तक नहीं भेजा गया. पाटिल ने ही शिखर धवन और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया, मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे खिलाड़ी भी उनकी पारखी नज़रों से ही चमके. युवराज सिंह, हरभजन सिंह का करियर जब खत्म माना जा रहा था, तो संदीप पाटिल की अगुवाई में उन्हें 2015 में खेलने का मौका मिला, आशीष नेहरा ने दोबारा अपनी अलग पहचान बनाई. पाटिल जब तक कुर्सी पर रहे टीम आईसीसी के सारे मुकाबलों में सेमीफाइनल तक पहुंची, मौजूदा दौर में टीम टेस्ट मैचों में सिर्फ एक अंक के फासले से नंबर 2 पर है, तो वनडे में नंबर तीन पर, टी-20 में भी टीम दूसरे नंबर पर है. टिप्पणियां इस उपलब्धि पर संदीप पाटिल ने कहा, "हमने भारतीय टीम के भविष्य को देखते हुए कुछ कड़े फैसले लिए. जब आप चयनकर्ता की कुर्सी पर बैठते हैं तो हालात मुश्किल होते हैं. ख़ासकर जब आप वरिष्ठ खिलाड़ियों की फॉर्म, फिटनेस पर चर्चा करते हैं. हमने कुछ अच्छे, लेकिन कड़े फैसले लिए. मुझे खुशी है आज भारतीय क्रिकेट टीम जिस मुकाम पर खड़ी है उसे देखकर खुद पर और अपने साथियों पर गर्व होता है." 1996 में पाटिल भारतीय टीम के कोच भी थे, लेकिन महज 6 महीने में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. बाद में केन्या जैसी टीम को बतौर कोच 2003 विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचाना उनकी बड़ी उपलब्धि रही. संदीप पाटिल 2012 में मुख्य चयनकर्ता बने थे, न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने आखिरी बार भारतीय टीम का चयन किया, लेकिन यह भी साफ किया कि बतौर चयनकर्ता उनके कई अच्छे दोस्त छूट गए. शायद इनमें वह बड़े नाम भी हों जिनकी उनके कार्यकाल में विदाई हुई. संदीप फिर से भारतीय टीम का कोच भी बनना चाहते थे, लेकिन बोर्ड से उन्हें इंटरव्यू तक के लिए बुलावा तक नहीं भेजा गया. इस उपलब्धि पर संदीप पाटिल ने कहा, "हमने भारतीय टीम के भविष्य को देखते हुए कुछ कड़े फैसले लिए. जब आप चयनकर्ता की कुर्सी पर बैठते हैं तो हालात मुश्किल होते हैं. ख़ासकर जब आप वरिष्ठ खिलाड़ियों की फॉर्म, फिटनेस पर चर्चा करते हैं. हमने कुछ अच्छे, लेकिन कड़े फैसले लिए. मुझे खुशी है आज भारतीय क्रिकेट टीम जिस मुकाम पर खड़ी है उसे देखकर खुद पर और अपने साथियों पर गर्व होता है." 1996 में पाटिल भारतीय टीम के कोच भी थे, लेकिन महज 6 महीने में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. बाद में केन्या जैसी टीम को बतौर कोच 2003 विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचाना उनकी बड़ी उपलब्धि रही. संदीप पाटिल 2012 में मुख्य चयनकर्ता बने थे, न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने आखिरी बार भारतीय टीम का चयन किया, लेकिन यह भी साफ किया कि बतौर चयनकर्ता उनके कई अच्छे दोस्त छूट गए. शायद इनमें वह बड़े नाम भी हों जिनकी उनके कार्यकाल में विदाई हुई. संदीप फिर से भारतीय टीम का कोच भी बनना चाहते थे, लेकिन बोर्ड से उन्हें इंटरव्यू तक के लिए बुलावा तक नहीं भेजा गया. 1996 में पाटिल भारतीय टीम के कोच भी थे, लेकिन महज 6 महीने में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. बाद में केन्या जैसी टीम को बतौर कोच 2003 विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचाना उनकी बड़ी उपलब्धि रही. संदीप पाटिल 2012 में मुख्य चयनकर्ता बने थे, न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने आखिरी बार भारतीय टीम का चयन किया, लेकिन यह भी साफ किया कि बतौर चयनकर्ता उनके कई अच्छे दोस्त छूट गए. शायद इनमें वह बड़े नाम भी हों जिनकी उनके कार्यकाल में विदाई हुई. संदीप फिर से भारतीय टीम का कोच भी बनना चाहते थे, लेकिन बोर्ड से उन्हें इंटरव्यू तक के लिए बुलावा तक नहीं भेजा गया.
2
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मोगा : महिलाओं को सुरक्षा मिले न मिले, बादल परिवार की बस को जबरदस्त पुलिस सिक्‍योरिटी!
लेख: पीड़ित महिला के मुताबिक, वह अपनी बेटी और बेटे के साथ गुरुद्वारे जाने के लिए बस में सफर कर रही थी, उसी दौरान बस में मौजूद 6-7 बदमाशों ने उनसे और बेटी के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया। पीड़िता ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी। पीड़िता ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर गठबंधनों में खींचतान
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: महाराष्ट्र में 25 साल पुराना बीजेपी−शिवसेना और दूसरा 15 साल पुराना कांग्रेस−एनसीपी गठबंधन डगमगा रहा है। राज्य में 15 अक्टूबर को वोट पड़ने है, लेकिन अब तक गठबंधन सहयोगियों में सीटों का बटवारा नहीं हुआ है। बीजेपी इस बार 288 विधानसभा सीटों में से  135 सीटें चाह रही है। वहीं शिवसेना पहले की तरह सिर्फ 119 देने को तैयार है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहली बार साफ और स्पष्ट कह दिया है कि इतनी सीटें नहीं दे सकते। दोनों गठबंधनो में सीटों को लेकर मतभेद तो है ही, मुख्यमंत्री पद को लेकर भी कड़ुवाहट है। आज बीजेपी के महाराष्ट्र प्रभारी राजीव प्रताप रूडी और उद्धव ठाकरे की बैठक होनी थी, जो नहीं हुई। इस बार शिवसेना मुख्यमंत्री पद चाहती है। उद्धव ठकरे अपने लिए ये पद चाहते हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना को बीजेपी का बड़ा भाई माना गया, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। साल 2009 के चुनावों में बीजेपी ने शिवसेना से ज्यादा सीटें हासिल की। बीजेपी ने 119 में से 46 सीटें जीतीं, तो वहीं 160 सीटों पर लड़ी शिवसेना ने 44 पर जीत दर्ज किया। इस वजह से लीडर ऑफ अॅपोजिशन का पद भी बीजेपी को गया। अब केंद्र में बीजेपी की सरकार है। नरेंद्र मोदी की लहर है। ऐसे में बीजेपी महाराष्ट्र में अपनी भूमिका बदलना चाहती है। कुछ दिनों पहले उद्धव ठाकरे के बुलावे पर ही अमित शाह उनसे मिलने पंहुचे थे, खुद से नहीं गए थे। ये साफ है कि बीजेपी को गोपीनाथ मुंडे के गुजरने का बड़ा झटका लगा था। बीजेपी उन्हें सीएम कैनडिडेट की तरह प्रोजेक्ट करना चाह रही थी। उनके जाने से अब बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार खड़े हो गए हैं। परेशानी बीजेपी के लिए और भी है। नितिन गडकरी ने एक बार उद्धव की जगह राज ठाकरे को तव्वजो दे दी थी। तब इसे लेकर इतना हंगामा हुआ कि उनको अपने कदम वापस खींचने पड़े। एक समय नरेंद्र मोदी और राज ठाकरे की करीबियों की चर्चा भी थी। अब 17 सितंबर को बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ठोस बातचीत के लिए मुंबई पंहुच रहे हैं। यहां वह उद्धव से भी मिल सकते हैं। 18 और 19 को उनकी महाराष्ट्र में अलग-अलग सभाए हैं।   उधर कांग्रेस एनसीपी में भी तनाव है। आज कुछ देर पहले अजीत पवार ने सीटों को आधे में बांटने की वकालत की है। साल 2009 में कांग्रेस 170 पर लड़ी थी और 82 जीती थी। वहीं एनसीपी 113 पर लड़ी थी और 62 जीती थी। हाल ही में शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी। उनकी गुप्त मुलाकात की खबरें भी चर्चा में आई थी। उनके पाला बदलने की खबर चली थी। अब भले ही कांग्रेस−एनसीपी की बॉडी लैंग्वेज पर हार के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की साफ छवी कुछ राहत देती है। भले ही कांग्रेस को इससे ज्यादा फायदा न हो, लेकिन शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने आज सामना में सीएम पर वार कर कहा कि वह आईसीयू में एक मरीज की तरह हैं। आधी नींद में काम करते हैं। उनको कोई अनुभव नहीं था, सिर्फ सोनिया गांधी की कृपा से सीएम पद मिला। अब आने वाले दिन ही बताएंगे कि इन गठबंधनों में शामिल कौन से दल कितनी सीटें अपने हिस्से में कर पाएंगे।
8
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: इस्‍लामिक स्‍टेट ने चुनाव वाले दिन अमेरिकी मतदाताओं के कत्लेआम का किया आह्वान : आतंकी निगरानी संगठन
लेख: इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन ने चुनाव के दिन अमेरिकी मतदाताओं के कत्लेआम का आह्वान किया है और मुसलमानों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग नहीं लेने की अपील की है. अमेरिका आधारित एक आतंकी निगरानी संगठन ने यह दावा किया है. एसआईटीआई खुफिया संगठन के निदेशक रित्ज कात्ज ने ट्विटर पर कहा है कि इस्लामिक स्टेट के अल हयात मीडिया सेंटर द्वारा एक आलेख में इन धमकियों का जिक्र किया गया है. इसमें यह बताया गया है कि आतंकवादी आपका कत्लेआम करने और आपकी मतपेटियों को नष्ट करने आये हैं . यूएसए टुडे की खबर के मुताबिक यह चेतावनी सात पन्नों के घोषणापत्र में दी गई है जिसका शीर्षक 'द मुर्ताद वोट' है. आलेख में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी की इस्लाम और मुसलमान विरोधी नीतियों में कोई अंतर नहीं बताया गया है.टिप्पणियां एफबीआई ने एक बयान में कहा है कि आतंकवाद रोधी और आतंरिक सुरक्षा समुदाय सतर्क बने हुए हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एसआईटीआई खुफिया संगठन के निदेशक रित्ज कात्ज ने ट्विटर पर कहा है कि इस्लामिक स्टेट के अल हयात मीडिया सेंटर द्वारा एक आलेख में इन धमकियों का जिक्र किया गया है. इसमें यह बताया गया है कि आतंकवादी आपका कत्लेआम करने और आपकी मतपेटियों को नष्ट करने आये हैं . यूएसए टुडे की खबर के मुताबिक यह चेतावनी सात पन्नों के घोषणापत्र में दी गई है जिसका शीर्षक 'द मुर्ताद वोट' है. आलेख में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी की इस्लाम और मुसलमान विरोधी नीतियों में कोई अंतर नहीं बताया गया है.टिप्पणियां एफबीआई ने एक बयान में कहा है कि आतंकवाद रोधी और आतंरिक सुरक्षा समुदाय सतर्क बने हुए हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) यूएसए टुडे की खबर के मुताबिक यह चेतावनी सात पन्नों के घोषणापत्र में दी गई है जिसका शीर्षक 'द मुर्ताद वोट' है. आलेख में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी की इस्लाम और मुसलमान विरोधी नीतियों में कोई अंतर नहीं बताया गया है.टिप्पणियां एफबीआई ने एक बयान में कहा है कि आतंकवाद रोधी और आतंरिक सुरक्षा समुदाय सतर्क बने हुए हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एफबीआई ने एक बयान में कहा है कि आतंकवाद रोधी और आतंरिक सुरक्षा समुदाय सतर्क बने हुए हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: 6 फीट लंबे आदमी से महिला ने लिया Sperm लेकिन बच्चा निकला बौना, महिला ने ठोका केस
यह एक लेख है: 40 साल की महिला ने सोचा कि उसके प्रेग्नेंट होने का आखिरी मौका है. इसलिए उसने एक छ फीट लंबे स्पर्म डोनर से स्पर्म लिया, इस शर्त पर कि उसका होने वाला बच्चा भी इतना ही लंबा-चौड़ा हो और दिखने में भी सुंदर हो. स्पर्म लेने के बाद वह एक सक्सेसफुल आईवीएफ ट्रीटमेंट से गुज़री और मां बनी.  लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब उसे अपनी प्रेग्नेंसी रिपोर्ट से पता चला कि उसका होने वाला बच्चा 'बौना' होगा. रिपोर्ट में पता चला कि उसके बच्चे को एक अनुवांशिक बीमारी 'एकॉड्रोप्लासिया' (Achondroplasia) है. इस बीमारी में हड्डियों की ग्रोथ रुक जाती है. इस बीमारी में खासकर मस्तिष्क का आकार बड़ा और अंगुलियां छोटी होती है. बच्चे के पैदा होने के बाद डॉक्टरों ने महिला को बताया कि उसका बच्चा 4 फीट से ज्यादा ग्रो नहीं कर पाएगा. बच्चे के चेहरे और हाथ-पैरों का साइज़ भी छोटा ही रहेगा.  महिला इस बात से काफी गुस्सा हुई और उसने स्पर्म बैंक के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया. उसका कहना है 'आगे कोई महिला मेरी तरह ना फंसे, इसलिए मैं इस स्पर्म बैंक पर केस कर रही हूं.' डेली मेल के मुताबिक, 'रूस के डिस्ट्रिक कोर्ट ने इस स्पर्म बैंक को बंद करने का ऑर्डर दिया. वहीं, अपना पक्ष रखते हुए स्पर्म बैंक ने कहा कि हमारे स्पर्म डोनर्स 46 कॉमन जेनेटिक बीमारियों के स्क्रीन से गुजरते हैं. इसलिए सभी स्पर्म बढ़िया क्वालिटी के ही होते हैं.' वहीं, लोकल मीडियो को डॉक्टरों ने बताया कि यह जरूरी नहीं कि बच्चे में बोनापन स्पर्म की वजह से ही हो.
2
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: अस्थमा से राहत के लिए स्कूलों में जारी की गई गाइडलाइन
यह लेख है: केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने गुरुवार को नई दिल्ली में दमे के बारे में स्कूलों के लिए एक नियमावली जारी की. यह नियमावली एक गैर लाभकारी संगठन लंग केयर फाउंडेशन ने तैयार की है और एम्स (नई दिल्ली), सर गंगा राम अस्पताल (नई दिल्ली), फोर्टिस (कोलकाता) और अपोलो (बेंगलुरू) के डॉक्टरों सहित भारत के प्रमुख डॉक्टरों ने इसकी समीक्षा की है. 11 विभिन्न भाषाओं में अनुवादित इस नियमावली को भारत भर के पर्यावरण क्‍लबों (इको क्लबों) के जरिए 1 लाख से अधिक स्कूलों में लागू करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकार किया गया है. इस नियमावली को सरल भाषा में तैयार किया गया है, इसमें बच्चों में दमा और स्कूलों द्वारा लागू की जाने वाली बेहतरीन कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी को शामिल किया गया है. इस अवसर पर डॉ हर्षवर्धन ने कहा, “दमा नियमावली स्कूली पर्यावरण प्रणाली में दमे के संबंध में मौलिक जानकारी प्राप्त करने में सभी साझेदारों की मदद करेगा और ऐसा माहौल तैयार करने की दिशा में उचित और अमल में लाने योग्य समाधान की पेशकश करेगा जिससे दमे का प्रभावी प्रबंध किया जा सके और इससे पीड़ित बच्चे स्कूल में स्वस्थ, खुशहाल और सक्रिय जीवन बिता सकें.” उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव से, मैं आश्वस्त हूं कि अध्यापकों, स्कूल प्रशासन, माता-पिता और बच्चों के मिलेजुले प्रयासों से हम स्कूलों में दमा के संबंध में सहयोगपूर्ण माहौल तैयार करने और देश के प्रत्येक बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे. टिप्पणियां इस पहल को उजागर करते हुए लंग केयर फाउंडेशन के सीइओ और सह संस्थापक श्री अभिषेक कुमार ने एनडीटीवी से कहा, “भारत में दमा की प्रवृत्ति वाले बच्चों की बढ़ती संख्या के साथ ऐसी जानकारी काफी महत्वपूर्ण हो गई है.” स्कूल जाने वाले 10 प्रतिशत से अधिक बच्चे दमा से पीड़ित हैं. यदि दमे को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जाए तो बच्चे की शारीरिक वृद्धि में बाधा आ सकती है. बच्चे के जल्दी-जल्दी स्वास्थ्य देखरेख सुविधाएं लेने की वजह से उसके कक्षा में अनुपस्थित रहने और अपने साथियों के साथ कदम से कदम नहीं मिला पाने के कारण इसका बच्चे पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है. दमे के बारे में और आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी नहीं होने के कारण हाल में स्कूलों में अनेक मौतों के मामले सामने आए हैं. इन सभी को रोका जा सकता है और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि स्कूल का नेतृत्व और कर्मचारी समस्या की मौजूदगी और उसकी गंभीरता को समझकर दमे के लिए अनुकूल माहौल बनाएं और सक्रिय उपाए करें तथा सुरक्षा, स्वास्थ्य और छात्रों की भलाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता के तहत एक आपात दमा प्रबंधन योजना तैयार करें. यह समझने की आवश्यकता है कि दमे से पीड़ित बच्चे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं. दमे को यदि नियंत्रण में कर लिया जाए तो ये बच्‍चे उच्च स्तर के खेलों की प्रतिस्पर्धा में भी भाग ले सकते हैं. 11 विभिन्न भाषाओं में अनुवादित इस नियमावली को भारत भर के पर्यावरण क्‍लबों (इको क्लबों) के जरिए 1 लाख से अधिक स्कूलों में लागू करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकार किया गया है. इस नियमावली को सरल भाषा में तैयार किया गया है, इसमें बच्चों में दमा और स्कूलों द्वारा लागू की जाने वाली बेहतरीन कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी को शामिल किया गया है. इस अवसर पर डॉ हर्षवर्धन ने कहा, “दमा नियमावली स्कूली पर्यावरण प्रणाली में दमे के संबंध में मौलिक जानकारी प्राप्त करने में सभी साझेदारों की मदद करेगा और ऐसा माहौल तैयार करने की दिशा में उचित और अमल में लाने योग्य समाधान की पेशकश करेगा जिससे दमे का प्रभावी प्रबंध किया जा सके और इससे पीड़ित बच्चे स्कूल में स्वस्थ, खुशहाल और सक्रिय जीवन बिता सकें.” उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव से, मैं आश्वस्त हूं कि अध्यापकों, स्कूल प्रशासन, माता-पिता और बच्चों के मिलेजुले प्रयासों से हम स्कूलों में दमा के संबंध में सहयोगपूर्ण माहौल तैयार करने और देश के प्रत्येक बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे. टिप्पणियां इस पहल को उजागर करते हुए लंग केयर फाउंडेशन के सीइओ और सह संस्थापक श्री अभिषेक कुमार ने एनडीटीवी से कहा, “भारत में दमा की प्रवृत्ति वाले बच्चों की बढ़ती संख्या के साथ ऐसी जानकारी काफी महत्वपूर्ण हो गई है.” स्कूल जाने वाले 10 प्रतिशत से अधिक बच्चे दमा से पीड़ित हैं. यदि दमे को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जाए तो बच्चे की शारीरिक वृद्धि में बाधा आ सकती है. बच्चे के जल्दी-जल्दी स्वास्थ्य देखरेख सुविधाएं लेने की वजह से उसके कक्षा में अनुपस्थित रहने और अपने साथियों के साथ कदम से कदम नहीं मिला पाने के कारण इसका बच्चे पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है. दमे के बारे में और आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी नहीं होने के कारण हाल में स्कूलों में अनेक मौतों के मामले सामने आए हैं. इन सभी को रोका जा सकता है और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि स्कूल का नेतृत्व और कर्मचारी समस्या की मौजूदगी और उसकी गंभीरता को समझकर दमे के लिए अनुकूल माहौल बनाएं और सक्रिय उपाए करें तथा सुरक्षा, स्वास्थ्य और छात्रों की भलाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता के तहत एक आपात दमा प्रबंधन योजना तैयार करें. यह समझने की आवश्यकता है कि दमे से पीड़ित बच्चे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं. दमे को यदि नियंत्रण में कर लिया जाए तो ये बच्‍चे उच्च स्तर के खेलों की प्रतिस्पर्धा में भी भाग ले सकते हैं. इस अवसर पर डॉ हर्षवर्धन ने कहा, “दमा नियमावली स्कूली पर्यावरण प्रणाली में दमे के संबंध में मौलिक जानकारी प्राप्त करने में सभी साझेदारों की मदद करेगा और ऐसा माहौल तैयार करने की दिशा में उचित और अमल में लाने योग्य समाधान की पेशकश करेगा जिससे दमे का प्रभावी प्रबंध किया जा सके और इससे पीड़ित बच्चे स्कूल में स्वस्थ, खुशहाल और सक्रिय जीवन बिता सकें.” उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव से, मैं आश्वस्त हूं कि अध्यापकों, स्कूल प्रशासन, माता-पिता और बच्चों के मिलेजुले प्रयासों से हम स्कूलों में दमा के संबंध में सहयोगपूर्ण माहौल तैयार करने और देश के प्रत्येक बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे. टिप्पणियां इस पहल को उजागर करते हुए लंग केयर फाउंडेशन के सीइओ और सह संस्थापक श्री अभिषेक कुमार ने एनडीटीवी से कहा, “भारत में दमा की प्रवृत्ति वाले बच्चों की बढ़ती संख्या के साथ ऐसी जानकारी काफी महत्वपूर्ण हो गई है.” स्कूल जाने वाले 10 प्रतिशत से अधिक बच्चे दमा से पीड़ित हैं. यदि दमे को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जाए तो बच्चे की शारीरिक वृद्धि में बाधा आ सकती है. बच्चे के जल्दी-जल्दी स्वास्थ्य देखरेख सुविधाएं लेने की वजह से उसके कक्षा में अनुपस्थित रहने और अपने साथियों के साथ कदम से कदम नहीं मिला पाने के कारण इसका बच्चे पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है. दमे के बारे में और आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी नहीं होने के कारण हाल में स्कूलों में अनेक मौतों के मामले सामने आए हैं. इन सभी को रोका जा सकता है और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि स्कूल का नेतृत्व और कर्मचारी समस्या की मौजूदगी और उसकी गंभीरता को समझकर दमे के लिए अनुकूल माहौल बनाएं और सक्रिय उपाए करें तथा सुरक्षा, स्वास्थ्य और छात्रों की भलाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता के तहत एक आपात दमा प्रबंधन योजना तैयार करें. यह समझने की आवश्यकता है कि दमे से पीड़ित बच्चे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं. दमे को यदि नियंत्रण में कर लिया जाए तो ये बच्‍चे उच्च स्तर के खेलों की प्रतिस्पर्धा में भी भाग ले सकते हैं. इस पहल को उजागर करते हुए लंग केयर फाउंडेशन के सीइओ और सह संस्थापक श्री अभिषेक कुमार ने एनडीटीवी से कहा, “भारत में दमा की प्रवृत्ति वाले बच्चों की बढ़ती संख्या के साथ ऐसी जानकारी काफी महत्वपूर्ण हो गई है.” स्कूल जाने वाले 10 प्रतिशत से अधिक बच्चे दमा से पीड़ित हैं. यदि दमे को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जाए तो बच्चे की शारीरिक वृद्धि में बाधा आ सकती है. बच्चे के जल्दी-जल्दी स्वास्थ्य देखरेख सुविधाएं लेने की वजह से उसके कक्षा में अनुपस्थित रहने और अपने साथियों के साथ कदम से कदम नहीं मिला पाने के कारण इसका बच्चे पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है. दमे के बारे में और आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी नहीं होने के कारण हाल में स्कूलों में अनेक मौतों के मामले सामने आए हैं. इन सभी को रोका जा सकता है और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि स्कूल का नेतृत्व और कर्मचारी समस्या की मौजूदगी और उसकी गंभीरता को समझकर दमे के लिए अनुकूल माहौल बनाएं और सक्रिय उपाए करें तथा सुरक्षा, स्वास्थ्य और छात्रों की भलाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता के तहत एक आपात दमा प्रबंधन योजना तैयार करें. यह समझने की आवश्यकता है कि दमे से पीड़ित बच्चे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं. दमे को यदि नियंत्रण में कर लिया जाए तो ये बच्‍चे उच्च स्तर के खेलों की प्रतिस्पर्धा में भी भाग ले सकते हैं. यह समझने की आवश्यकता है कि दमे से पीड़ित बच्चे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं. दमे को यदि नियंत्रण में कर लिया जाए तो ये बच्‍चे उच्च स्तर के खेलों की प्रतिस्पर्धा में भी भाग ले सकते हैं.
9
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: पाक से स्पष्ट रूप से परिभाषित संबंध चाहता है अमेरिका
अमेरिका ने पाकिस्तानी संसद की ओर से अमेरिका-पाक संबंधों के दिशानिर्देशों को मंजूरी देने के बीच बेहद सावधानीपूर्वक बयान जारी करके उसके साथ स्थायी, सामरिक और स्पष्ट रूप से परिभाषित संबंध की इच्छा जताई है।टिप्पणियां अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान के साथ एक ऐसा संबंध चाहते हैं जो स्थायी, सामरिक और अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित हो। हमें इस नीति सिफारिशों के बारे में पाकिस्तान के साथ चर्चा का इंतजार है और हम उसके साथ साझा हितों को लेकर लगातार सम्पर्क में रहना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि पाकिस्तानी संसद ने ‘अमेरिका, नाटो, आईएसएएफ के साथ संबंधों की संशोधित शर्तों के दिशानिर्देशों और आम विदेश नीति’ को मंजूरी दी है। संसद ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों की जिस गंभीरता से समीक्षा की है उसका हम सम्मान करते हैं।’’ अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान के साथ एक ऐसा संबंध चाहते हैं जो स्थायी, सामरिक और अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित हो। हमें इस नीति सिफारिशों के बारे में पाकिस्तान के साथ चर्चा का इंतजार है और हम उसके साथ साझा हितों को लेकर लगातार सम्पर्क में रहना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि पाकिस्तानी संसद ने ‘अमेरिका, नाटो, आईएसएएफ के साथ संबंधों की संशोधित शर्तों के दिशानिर्देशों और आम विदेश नीति’ को मंजूरी दी है। संसद ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों की जिस गंभीरता से समीक्षा की है उसका हम सम्मान करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि पाकिस्तानी संसद ने ‘अमेरिका, नाटो, आईएसएएफ के साथ संबंधों की संशोधित शर्तों के दिशानिर्देशों और आम विदेश नीति’ को मंजूरी दी है। संसद ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों की जिस गंभीरता से समीक्षा की है उसका हम सम्मान करते हैं।’’
2
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: नर्सरी दाखिला विवाद: अदालत ने दिल्ली सरकार की याचिका खारिज की
यह लेख है: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी . एकल न्यायाधीश ने अपने अंतरिम आदेश में नर्सरी दाखिले के लिए स्कूल से दूरी के पैमाने पर रोक लगाई थी. मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने एकल न्यायाधीश को याचिकाओं पर शीघ्र फैसला करने को कहा. पीठ ने कहा, ‘‘हमनें याचिका (दिल्ली सरकार की) को खारिज कर दिया है. हमनें हालांकि एकल न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि वह याचिकाओं (दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली) पर जितनी जल्दी हो सके, फैसला करें.’’ पीठ ने यह भी कहा कि एकल न्यायाधीश को अपने अंतरिम आदेश में की गई टिप्पणी को ध्यान में रखकर आगे नहीं बढ़ना चाहिए. खंडपीठ 14 फरवरी के एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर आम आदमी पार्टी सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के नर्सरी दाखिले के नए नियम पर रोक लगाते हुए कहा था, ‘‘एक छात्र के शैक्षिक भविष्य को सिर्फ इस बात से तय नहीं किया जा सकता कि नक्शे पर उसकी स्थिति कहां है.’’ न्यायमूर्ति मनमोहन ने इस पैमाने को ‘‘मनमाना और भेदभावपूर्ण’’ करार देते हुए कहा था कि इससे सिर्फ उन अभिभावकों को फायदा होगा जो अच्छे निजी विद्यालयों के पास रहते हैं. एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा था कि स्कूल से दूरी के पैमाने के अभाव में स्कूल मनमाने और अपारदर्शी तरीके से दाखिला देंगे. इतना ही नहीं, स्कूल हद से ज्यादा फीस वसूलने को भी न्यायसंगत ठहराएंगे. दिल्ली सरकार ने कहा कि एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश ‘‘पूर्णत: गलत’’, ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ और ‘‘कानून के खिलाफ’’ है. सरकार ने खंडपीठ से अनुरोध किया था कि कि वो इस आदेश के अमल पर रोक लगाए.टिप्पणियां दिल्ली सरकार ने 19 दिसंबर 2016 और सात जनवरी को अपने दो निर्देशों में दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन पर बने 298 निजी स्कूलों के लिए यह अनिवार्य किया था कि वो उन बच्चों को दाखिला दें जो स्कूल के पास रहते हैं या स्कूल से एक निश्चित दूरी के दायरे में रहते हैं. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला होने तक सात फरवरी की अधिसूचना पर रोक लगाने का आदेश दिया था. पीठ ने कहा, ‘‘हमनें याचिका (दिल्ली सरकार की) को खारिज कर दिया है. हमनें हालांकि एकल न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि वह याचिकाओं (दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली) पर जितनी जल्दी हो सके, फैसला करें.’’ पीठ ने यह भी कहा कि एकल न्यायाधीश को अपने अंतरिम आदेश में की गई टिप्पणी को ध्यान में रखकर आगे नहीं बढ़ना चाहिए. खंडपीठ 14 फरवरी के एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर आम आदमी पार्टी सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के नर्सरी दाखिले के नए नियम पर रोक लगाते हुए कहा था, ‘‘एक छात्र के शैक्षिक भविष्य को सिर्फ इस बात से तय नहीं किया जा सकता कि नक्शे पर उसकी स्थिति कहां है.’’ न्यायमूर्ति मनमोहन ने इस पैमाने को ‘‘मनमाना और भेदभावपूर्ण’’ करार देते हुए कहा था कि इससे सिर्फ उन अभिभावकों को फायदा होगा जो अच्छे निजी विद्यालयों के पास रहते हैं. एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा था कि स्कूल से दूरी के पैमाने के अभाव में स्कूल मनमाने और अपारदर्शी तरीके से दाखिला देंगे. इतना ही नहीं, स्कूल हद से ज्यादा फीस वसूलने को भी न्यायसंगत ठहराएंगे. दिल्ली सरकार ने कहा कि एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश ‘‘पूर्णत: गलत’’, ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ और ‘‘कानून के खिलाफ’’ है. सरकार ने खंडपीठ से अनुरोध किया था कि कि वो इस आदेश के अमल पर रोक लगाए.टिप्पणियां दिल्ली सरकार ने 19 दिसंबर 2016 और सात जनवरी को अपने दो निर्देशों में दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन पर बने 298 निजी स्कूलों के लिए यह अनिवार्य किया था कि वो उन बच्चों को दाखिला दें जो स्कूल के पास रहते हैं या स्कूल से एक निश्चित दूरी के दायरे में रहते हैं. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला होने तक सात फरवरी की अधिसूचना पर रोक लगाने का आदेश दिया था. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के नर्सरी दाखिले के नए नियम पर रोक लगाते हुए कहा था, ‘‘एक छात्र के शैक्षिक भविष्य को सिर्फ इस बात से तय नहीं किया जा सकता कि नक्शे पर उसकी स्थिति कहां है.’’ न्यायमूर्ति मनमोहन ने इस पैमाने को ‘‘मनमाना और भेदभावपूर्ण’’ करार देते हुए कहा था कि इससे सिर्फ उन अभिभावकों को फायदा होगा जो अच्छे निजी विद्यालयों के पास रहते हैं. एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा था कि स्कूल से दूरी के पैमाने के अभाव में स्कूल मनमाने और अपारदर्शी तरीके से दाखिला देंगे. इतना ही नहीं, स्कूल हद से ज्यादा फीस वसूलने को भी न्यायसंगत ठहराएंगे. दिल्ली सरकार ने कहा कि एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश ‘‘पूर्णत: गलत’’, ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ और ‘‘कानून के खिलाफ’’ है. सरकार ने खंडपीठ से अनुरोध किया था कि कि वो इस आदेश के अमल पर रोक लगाए.टिप्पणियां दिल्ली सरकार ने 19 दिसंबर 2016 और सात जनवरी को अपने दो निर्देशों में दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन पर बने 298 निजी स्कूलों के लिए यह अनिवार्य किया था कि वो उन बच्चों को दाखिला दें जो स्कूल के पास रहते हैं या स्कूल से एक निश्चित दूरी के दायरे में रहते हैं. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला होने तक सात फरवरी की अधिसूचना पर रोक लगाने का आदेश दिया था. एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा था कि स्कूल से दूरी के पैमाने के अभाव में स्कूल मनमाने और अपारदर्शी तरीके से दाखिला देंगे. इतना ही नहीं, स्कूल हद से ज्यादा फीस वसूलने को भी न्यायसंगत ठहराएंगे. दिल्ली सरकार ने कहा कि एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश ‘‘पूर्णत: गलत’’, ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ और ‘‘कानून के खिलाफ’’ है. सरकार ने खंडपीठ से अनुरोध किया था कि कि वो इस आदेश के अमल पर रोक लगाए.टिप्पणियां दिल्ली सरकार ने 19 दिसंबर 2016 और सात जनवरी को अपने दो निर्देशों में दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन पर बने 298 निजी स्कूलों के लिए यह अनिवार्य किया था कि वो उन बच्चों को दाखिला दें जो स्कूल के पास रहते हैं या स्कूल से एक निश्चित दूरी के दायरे में रहते हैं. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला होने तक सात फरवरी की अधिसूचना पर रोक लगाने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार ने 19 दिसंबर 2016 और सात जनवरी को अपने दो निर्देशों में दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन पर बने 298 निजी स्कूलों के लिए यह अनिवार्य किया था कि वो उन बच्चों को दाखिला दें जो स्कूल के पास रहते हैं या स्कूल से एक निश्चित दूरी के दायरे में रहते हैं. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला होने तक सात फरवरी की अधिसूचना पर रोक लगाने का आदेश दिया था. एकल न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला होने तक सात फरवरी की अधिसूचना पर रोक लगाने का आदेश दिया था.
13
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: SP-BSP गठबंधन में गलेगी RLD की दाल? सीटों का फॉर्मूला सुलझाने पर अखिलेश-जयंत की आज मुलाकात
यह एक लेख है: यूपी की सियासत में बसपा-सपा गठबंधन में अब भी सीटों को लेकर पेच फंसा है. मायावती की बसपा और अखिलेश यादव की सपा ने भले ही 38-38 सीटों पर यूपी में लोकसभा में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, मगर अब भी स्पष्ट नहीं है कि सहयोगी आरएलडी को कितनी सीटें मिलेंगी. हालांकि, RLD और सपा-बसपा गठबंधन पर आज आखिरी फैसला होना है. RLD उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की लखनऊ में मुलाकात करने वाले हैं, जहां आरएलडी को मिलने वाली सीटों पर से सस्पेंस खत्म हो जाएगा. बताया जा रहा है कि बैठक के बाद अखिलेश यादव और जयंत चौधरी मायावती से मिलने भी जाएंगे. बता दें कि सपा-बसपा गठबंधन में दो सीटें RLD के लिए रखी गई थीं. मुज़फ्फरनगर से अजीत सिंह और बागपत से जयंत चौधरी के लिए दो सीटें रखी गई हैं. हालांकि, सूत्रों की मानें तो आरएलडी जहां गठबंधन में पांच सीटों की मांग कर रही है, वहीं सपा-बसपा गठबंधन से 2 सीटें मिलने का अनुमान है. RLD ने कैराना, मथुरा और हाथरस की भी सीटें मांगी हैं. मगर हाथरस की सीट बसपा के कोटे में जा चुकी है और मायावती अपने कोटे से RLD को कोई सीट देनें को तैयार नहीं हैं. ऐसे में अखिलेश सपा के कोटे से मथुरा सीट RLD को देने को तैयार हो गये हैं. कैराना की सीट को लेकर पेंच फ़ंसा है. सैद्धांतिक रूप से RLD और सपा-बसपा के साथ गठबंधन के लिए तैयार है. इस पर गठबंधन का औपचारिक ऐलान गुरुवार को ऐलान हो सकता है.  बता दें कि यूपी की राजधानी लखनऊ में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने सीटों के बंटवारे पर से सस्पेंस खत्म कर दिया और 38-38 सीटें अपने पास रख लीं. मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में सपा और बसपा दोनों दलों के लिए कुल 80 सीटों में 38-38 सीटें लड़ने का ऐलान किया बाक़ी 2 सीटें सहयोगी दलों और अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने की बात कही.  एनडीटीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सपा-बसपा गठबंधन में जिन दो सीटों को सहयोगियों के लिए छोड़ा गया है, वे दोनों सीटें चौधरी अजित सिंह की राष्ट्रीय लोकदल के खाते में जाएंगी. दरअसल, 4 जनवरी को दिल्ली में मायावती और अखिलेश की बैठक में RLD को दो सीटें देने का फ़ार्मूला तय हुआ था. ये दो सीटें मुज़फ्फरनगर और बागपत हैं. मुजफ्फरनगर से चौधरी अजीत सिंह और बागपत से जयंत चौधरी प्रत्याशी होंगे. मगर बुधवार को जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव से मिलकर कैराना, मथुरा और हाथरस की सीटें भी मांगी. कैराना सीट पर सपा के समर्थन से RLD की उम्मीदवार तब्बसुम हसन उपचुनाव जीती थीं. अखिलेश ने सपा के कोटे से RLD को दो और सीटें देने का भरोसा दिलाया था, पर हाथरस सीट बसपा के कोटे में पहले ही जा चुकी है. हालांकि, कैराना और मथुरा सीट पर आरएलडी के दरवाजे अभी बंद नहीं हुए हैं. दो सीटों पर आरएलडी की अब भी बात बन सकती है.  सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव जहां आरएलडी को अपने कोटे से सीट देने को तैयार हैं, वहीं मायावती अपने कोटे से RLD को एक भी सीट देनें को तैयार नहीं हैं. बहरहाल, इस महीने की 15 तारीख के बाद अखिलेश और जयंत चौधरी की मुलाक़ात फिर होगी जिसमें टेबल पर बैठ कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में RLD के साथ तालमेल बैठाने पर चर्चा होगी. वहीं सपा अपने कोटे से एक सीट निषाद पार्टी और एक सीट ओपी राजभर को भी दे सकती है. सपा निषाद पार्टी के संजय निषाद को सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि सपा ओपी राजभर को साथ लाने की कोशिश बड़े फ़ायदे के लिए कर रही है.  ऐसा माना जा रहा है कि ओपी राजभर महागठबंधन में आते हैं तो वो अपने साथ अपने चार विधायक भी लाएंगे. ऐसे में चार विधायकों के आने से एक राज्यसभा सीट पर भी दावेदारी होगी. ऐसे में राजभर को सीट देना सपा के लिए फ़ायदे का सौदा है. फ़िलहाल ओपी राजभर बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं और लोकसभा चुनाव में अपने लिए दो से ज़्यादा सीटें मांग कर बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: लाल चंदन की तस्करी के मामले में तेलुगू अभिनेत्री गिरफ्तार
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: आंध्र प्रदेश पुलिस ने लाल चंदन की तस्करी के एक मामले में आरोपित किए जाने के बाद पिछले कुछ दिनों से फरार एक तेलुगू अभिनेत्री को रविवार को राज्य के कुर्नूल जिले से गिरफ्तार किया गया। अभिनेत्री नीतू अग्रवाल ने 2013 में मस्तान वली द्वारा निर्मित फिल्म ‘प्रेम प्रयाणम’ में काम किया था। कुर्नूल के पुलिस अधीक्षक ए. रविकृष्ण ने कहा कि अभिनेत्री को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि उसकी पुलिस हिरासत मांगी जाएगी।   27 साल की टॉलीवुड अभिनेत्री करीब दो महीने पहले जिले में जब्त लाल चंदन से जुड़े मामले में आरोपी संख्या 10 के रूप में शामिल है।   उन्होंने कहा, ‘कीमती लकड़ी के तस्करों के साथ साजिश करने के लिए अभिनेत्री के खिलाफ आईपीसी और वन अधिनियम की दूसरी महत्वपूर्ण धाराओं के तहत आपराधिक साजिश के आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया गया है।’टिप्पणियां जिले के रूद्रवरम पुलिस थाने में दर्ज कराए गए इस मामलें को लेकर वाईएसआर कांग्रेस नेता और चंगलार्मी मंडल के अध्यक्ष के.एम. वली को 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अधीक्षक के अनुसार अभिनेत्री ने अपने बैंक खाते से लाल चंदन के एक तस्कर बालू नाइक के खाते में 1.05 लाख रुपये हस्तांतरित किए थे। नाइक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।   इसी बीच पुलिस सूत्रों ने कहा कि नीतू ने पूछताछ के दौरान मस्तान वली से अपनी शादी होने का दावा किया और कहा कि वह उसके साथ मारपीट करता था। कुर्नूल के पुलिस अधीक्षक ए. रविकृष्ण ने कहा कि अभिनेत्री को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि उसकी पुलिस हिरासत मांगी जाएगी।   27 साल की टॉलीवुड अभिनेत्री करीब दो महीने पहले जिले में जब्त लाल चंदन से जुड़े मामले में आरोपी संख्या 10 के रूप में शामिल है।   उन्होंने कहा, ‘कीमती लकड़ी के तस्करों के साथ साजिश करने के लिए अभिनेत्री के खिलाफ आईपीसी और वन अधिनियम की दूसरी महत्वपूर्ण धाराओं के तहत आपराधिक साजिश के आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया गया है।’टिप्पणियां जिले के रूद्रवरम पुलिस थाने में दर्ज कराए गए इस मामलें को लेकर वाईएसआर कांग्रेस नेता और चंगलार्मी मंडल के अध्यक्ष के.एम. वली को 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अधीक्षक के अनुसार अभिनेत्री ने अपने बैंक खाते से लाल चंदन के एक तस्कर बालू नाइक के खाते में 1.05 लाख रुपये हस्तांतरित किए थे। नाइक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।   इसी बीच पुलिस सूत्रों ने कहा कि नीतू ने पूछताछ के दौरान मस्तान वली से अपनी शादी होने का दावा किया और कहा कि वह उसके साथ मारपीट करता था। जिले के रूद्रवरम पुलिस थाने में दर्ज कराए गए इस मामलें को लेकर वाईएसआर कांग्रेस नेता और चंगलार्मी मंडल के अध्यक्ष के.एम. वली को 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अधीक्षक के अनुसार अभिनेत्री ने अपने बैंक खाते से लाल चंदन के एक तस्कर बालू नाइक के खाते में 1.05 लाख रुपये हस्तांतरित किए थे। नाइक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।   इसी बीच पुलिस सूत्रों ने कहा कि नीतू ने पूछताछ के दौरान मस्तान वली से अपनी शादी होने का दावा किया और कहा कि वह उसके साथ मारपीट करता था। पुलिस अधीक्षक के अनुसार अभिनेत्री ने अपने बैंक खाते से लाल चंदन के एक तस्कर बालू नाइक के खाते में 1.05 लाख रुपये हस्तांतरित किए थे। नाइक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।   इसी बीच पुलिस सूत्रों ने कहा कि नीतू ने पूछताछ के दौरान मस्तान वली से अपनी शादी होने का दावा किया और कहा कि वह उसके साथ मारपीट करता था।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: निठारी हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने सुरिंदर कोली की फांसी की सजा बरकार रखी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को निठारी हत्याकांड मामले में मृत्युदंड का सामना कर रहे सुरिंदर कोली की एक याचिका खारिज कर दी। कोली ने अपनी याचिका में रिम्बा हलदर हत्याकांड में मिले मृत्युदंड को बरकरार रखने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने की अपील की थी। प्रधान न्यायमूर्ति एचएल दत्तू, न्यायमूर्ति अनिल आर दवे और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की पीठ ने मृत्युदंड पर दायर पुनर्विचार याचिका पर पहली बार खुली अदालत में हुई सुनवाई में कहा, 'हम इस बात से पूरी तरह संतुष्ट हैं कि इस न्यायालय ने कोई गलती नहीं की है, जिसके लिए हमें उस आदेश पर पुनर्विचार करना पड़े।' वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के उस तर्क, जिसमें उन्होंने कहा कि कोली को अपने बचाव के लिए पर्याप्त कानूनी सहायता नहीं दी गई, के संदर्भ में न्यायालय ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि आगे से अन्य मामलों में आरोपी को विशेषज्ञता प्राप्त वकील मुहैया कराया जाए जो आरोपी के मामले को पर्याप्त समय दे सके।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: शेयर बाजार में गिरावट थमी, सेंसेक्स 112 अंक चढ़ा
यह एक लेख है: देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को तेजी रही। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 112.41 अंकों की तेजी के साथ 16,328.25 पर और निफ्टी 35.00 अंकों की तेजी के साथ 4,942.80 पर बंद हुआ।टिप्पणियां बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 68.94 अंकों की गिरावट के साथ 16,146.90 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 37.95 अंकों की गिरावट के साथ 4,869.85 पर खुला। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 36.82 अंकों की तेजी के साथ 5,925.77 पर और स्मॉलकैप 20.70 अंकों की तेजी के साथ 6,335.27 पर बंद हुआ। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 68.94 अंकों की गिरावट के साथ 16,146.90 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 37.95 अंकों की गिरावट के साथ 4,869.85 पर खुला। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 36.82 अंकों की तेजी के साथ 5,925.77 पर और स्मॉलकैप 20.70 अंकों की तेजी के साथ 6,335.27 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 36.82 अंकों की तेजी के साथ 5,925.77 पर और स्मॉलकैप 20.70 अंकों की तेजी के साथ 6,335.27 पर बंद हुआ।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: लापता अभिनेत्री लैला को परिवार सहित मारा जा चुका है : पुलिस
यह लेख है: पिछले 11 महीने से लापता बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, तीन लोगों ने लैला को उसके पूरे परिवार सहित मार डाला था। लैला और उसके परिवार के अपहरण के मामले में लगभग दो हफ्ते पहले जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की पकड़ में आए लैला के सौतेले पिता परवेज़ टाक ने पूछताछ के दौरान बताया कि लैला सहित उसके परिवार की हत्या की जा चुकी है। टाक के मुताबिक ये हत्याएं मुंबई में आसिफ शेख, अफगान खान और सोनू नाम के तीन लोगों ने कीं। इन तीन लोगों में से आसिफ शेख लैला की मां सेलिना खान का दूसरा पति है, जबकि परवेज़ तीसरा पति। हत्याकांड में शामिल तीसरा व्यक्ति अफगान खान लैला का प्रेमी था, लेकिन इस रिश्ते को लेकर वह पिछले कुछ समय से तनाव में था, इसलिए वह साजिश का हिस्सा बना। तीसरा आरोपी सोनू इस साज़िश का हिस्सा कैसे और क्यों बना, यह अभी साफ नहीं है। परवेज़ के मुताबिक आसिफ नहीं चाहता था कि सेलिना खान मुंबई की अपनी प्रॉपर्टी बेचे, और इसी विवाद के चलते लैला और उसके परिवार की हत्या की गई।टिप्पणियां जम्मू पुलिस से मिली इस जानकारी के आधार पर मुंबई पुलिस उस जगह पर पहुंच रही है, जहां परवेज ने लैला और उसके परिवार की हत्या किए जाने का खुलासा किया है। साथ ही क्राइम ब्रांच की एक टीम परवेज की हिरासत के लिए जम्मू जा रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी मूल की बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान और उसके परिवार के गुमशुदा होने की शिकायत लैला के पिता नादिर पटेल ने दर्ज करवाई थी। अपहृत लोगों में लैला, उसकी मां सेलिना, उसकी बड़ी बहन, जुड़वां बच्चे और एक अन्य संबंधी शामिल थे। लैला और उसके परिवार के अपहरण के मामले में लगभग दो हफ्ते पहले जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की पकड़ में आए लैला के सौतेले पिता परवेज़ टाक ने पूछताछ के दौरान बताया कि लैला सहित उसके परिवार की हत्या की जा चुकी है। टाक के मुताबिक ये हत्याएं मुंबई में आसिफ शेख, अफगान खान और सोनू नाम के तीन लोगों ने कीं। इन तीन लोगों में से आसिफ शेख लैला की मां सेलिना खान का दूसरा पति है, जबकि परवेज़ तीसरा पति। हत्याकांड में शामिल तीसरा व्यक्ति अफगान खान लैला का प्रेमी था, लेकिन इस रिश्ते को लेकर वह पिछले कुछ समय से तनाव में था, इसलिए वह साजिश का हिस्सा बना। तीसरा आरोपी सोनू इस साज़िश का हिस्सा कैसे और क्यों बना, यह अभी साफ नहीं है। परवेज़ के मुताबिक आसिफ नहीं चाहता था कि सेलिना खान मुंबई की अपनी प्रॉपर्टी बेचे, और इसी विवाद के चलते लैला और उसके परिवार की हत्या की गई।टिप्पणियां जम्मू पुलिस से मिली इस जानकारी के आधार पर मुंबई पुलिस उस जगह पर पहुंच रही है, जहां परवेज ने लैला और उसके परिवार की हत्या किए जाने का खुलासा किया है। साथ ही क्राइम ब्रांच की एक टीम परवेज की हिरासत के लिए जम्मू जा रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी मूल की बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान और उसके परिवार के गुमशुदा होने की शिकायत लैला के पिता नादिर पटेल ने दर्ज करवाई थी। अपहृत लोगों में लैला, उसकी मां सेलिना, उसकी बड़ी बहन, जुड़वां बच्चे और एक अन्य संबंधी शामिल थे। इन तीन लोगों में से आसिफ शेख लैला की मां सेलिना खान का दूसरा पति है, जबकि परवेज़ तीसरा पति। हत्याकांड में शामिल तीसरा व्यक्ति अफगान खान लैला का प्रेमी था, लेकिन इस रिश्ते को लेकर वह पिछले कुछ समय से तनाव में था, इसलिए वह साजिश का हिस्सा बना। तीसरा आरोपी सोनू इस साज़िश का हिस्सा कैसे और क्यों बना, यह अभी साफ नहीं है। परवेज़ के मुताबिक आसिफ नहीं चाहता था कि सेलिना खान मुंबई की अपनी प्रॉपर्टी बेचे, और इसी विवाद के चलते लैला और उसके परिवार की हत्या की गई।टिप्पणियां जम्मू पुलिस से मिली इस जानकारी के आधार पर मुंबई पुलिस उस जगह पर पहुंच रही है, जहां परवेज ने लैला और उसके परिवार की हत्या किए जाने का खुलासा किया है। साथ ही क्राइम ब्रांच की एक टीम परवेज की हिरासत के लिए जम्मू जा रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी मूल की बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान और उसके परिवार के गुमशुदा होने की शिकायत लैला के पिता नादिर पटेल ने दर्ज करवाई थी। अपहृत लोगों में लैला, उसकी मां सेलिना, उसकी बड़ी बहन, जुड़वां बच्चे और एक अन्य संबंधी शामिल थे। जम्मू पुलिस से मिली इस जानकारी के आधार पर मुंबई पुलिस उस जगह पर पहुंच रही है, जहां परवेज ने लैला और उसके परिवार की हत्या किए जाने का खुलासा किया है। साथ ही क्राइम ब्रांच की एक टीम परवेज की हिरासत के लिए जम्मू जा रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी मूल की बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान और उसके परिवार के गुमशुदा होने की शिकायत लैला के पिता नादिर पटेल ने दर्ज करवाई थी। अपहृत लोगों में लैला, उसकी मां सेलिना, उसकी बड़ी बहन, जुड़वां बच्चे और एक अन्य संबंधी शामिल थे। गौरतलब है कि पाकिस्तानी मूल की बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान और उसके परिवार के गुमशुदा होने की शिकायत लैला के पिता नादिर पटेल ने दर्ज करवाई थी। अपहृत लोगों में लैला, उसकी मां सेलिना, उसकी बड़ी बहन, जुड़वां बच्चे और एक अन्य संबंधी शामिल थे।
8
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: राजनीतिक लाभ उठाने के लिए मेरे पति का अपमान किया जाता है : प्रियंका गांधी
यह लेख है: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में मां सोनिया गांधी के लिए प्रचार करने पहुंची प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहली बार अपने पति रॉबर्ट वाड्रा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर चुप्पी तोड़ी। प्रियंका ने कहा कि उनके पति के बारे में झूठा प्रचार किया जाता है। मेरे परिवार को ज़लील किया जाता है, मेरे पति के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। वे जितना अपमान करेंगे, हम उतने ही मजबूत बनेंगे। मैं इस तरह के हमलों से दुखी हूं, लेकिन मैंने इंदिरा गांधी से सीखा है कि सच्चाई ही -हिम्मत पैदा करती है। प्रियंका ने कहा कि मुझे वोट मांगना अच्छा नहीं लगता। आपसे कुछ भी मांगना अच्छा नहीं लगता, आपने बहुत दिया है। रायबरेली ने मेरी मां को बहुत कुछ दिया है। आप लोग सोच-समझकर वोट दें। मुझे दुख इस बात का है कि हमारे देश में चुनाव देश के विकास पर आधारित होना चाहिए, जहां बातें होनी चाहिए कि हम देश को आगे कैसे बढ़ाएंगे, वहां इनके बजाय फिजूल की बातें की जा रही हैं। गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा पर हरियाणा में जमीन सौदों को लेकर आरोप लगाए गए हैं, जहां कांग्रेस की ही सरकार है। इस पर भाजपा नेता मिनाक्षी लेखी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि निश्चिततौर पर वह अपने पति का बचाव करेंगी और वह पत्नी के तौर पर इस तरह के आरोपों से खुश नहीं होंगी, लेकिन लोग भी उनके पति द्वारा बनाए गए पैसों को लेकर नाखुश हैं। 42 वर्षीय प्रियंका राजनीति से दूर है, वह सिर्फ अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्रों में प्रचार कर रही हैं।
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: सिंगूर : अदालत ने अंतरिम आदेश से इनकार किया
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: कोलकाता उच्च न्यायालय ने सिंगूर में किसानों को भूमि लौटाने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर रोक लगाने के संबंध में अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया। वाम सरकार के दौरान टाटा मोटर्स ने अपनी नैनो परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहित की थी। टाटा ने याचिका दायर कर मांग की थी कि भूमि लौटाने के संदर्भ में मंगलवार से रोक लगाई जाए। न्यायमूर्ति सौमित्र पाल ने कहा कि इस बारे में सरकार की ओर से अभी कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है कि किसानों को भूमि का वितरण मंगलवार से शुरू होगा, ऐसे में कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जा सकता। टाटा मोटर्स के वकील समरादित्य पाल ने याचिका दायर कर भूमि वितरण पर स्थगन आदेश की मांग की थी। याचिका में उन्होंने आशंका जताई थी कि सरकार की ओर से एक या दो दिनों में भूमि वितरित कर दी जाएगी। पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील शक्तिनाथ मुखर्जी ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि जब दूसरा पक्ष अदालत में है तो भूमि वितरित नहीं की जा सकती।
8
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: अगर घरेलू सहायक रखते हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें और सावधान रहें
यह एक लेख है: दिल्‍ली से सटे नोएडा में पुलिस ने चोरों के ऐसे गैंग को पकड़ा है, जिसके सदस्य जस्ट डायल के जरिये घरेलू सहायक (नौकर) बनकर लोगों के घरों तक पहुंचते थे। बाद में उनके घर से ही सामान चोरी कर फरार हो जाते थे। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सेक्टर-93 स्थित ग्रैंड ऑमेक्स से लाखों के आभूषण और नगदी लेकर फरार हो गए थे। उनसे आभूषण और कई फर्जी पहचान पत्र मिले हैं। चोरी के आभूषण खरीदने वाला ज्वेलर फरार है।   पुलिस की गिरफ्त में दोनों ने खुलासा किया कि वे कैसे अपना शिकार ढूंढते थे। आरोपियों ने बताया कि जस्ट डायल से छतरपुर (दिल्ली) की जौली प्लेसमेंट एजेंसी में नौकरी के लिए आवेदन किया था। एजेंसी में आरोपी ने फर्जी वोटर कार्ड दिया, जिसमें उसका फोटो तो असली था, लेकिन नाम रामेश्वर और गोरखपुर का पता गलत था।टिप्पणियां इसको एजेंसी ने सेक्टर-93 स्थित ग्रैंड ऑमेक्स में रहने वाली अपर्णा तेवतिया के घर घरेलू सहायक के रूप में तैनात किया था लेकिन पहले दिन जब अपर्णा को परिवार के साथ मंदिर गई थी उसी दौरान उसने अपने साथी रिंकू के साथ मिलकर सेफ बॉक्स में रखे आभूषण और नगदी पर हाथ साफ कर लिया। उन्होंने चोरी की ज्वेलरी बुलंदशहर शिकारपुर निवासी प्रमोद को डेढ़ लाख रुपये में बेच दी। इस चोरी के बाद आरोपियों ने दिल्ली के करोलबाग और आनंद विहार में भी इसी तरह से चोरी थी। चोरी के आरोप में दोनों तिहाड़ जेल भी जा चुके हैं। पुलिस ने दोनों को पंचशील इंटर कॉलेज के पास से गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्‍जे से चोरी के आभूषण बरामद कर लिए गए। फर्जी नाम और पते से बनवाए 4 वोटर कार्ड, 8 फर्जी आईडी कार्ड 15 अलग-अलग लोगों के फोटो, कई सिम कार्ड और एक बाइक भी पुलिस ने इन चोरों से बरामद की। इसको एजेंसी ने सेक्टर-93 स्थित ग्रैंड ऑमेक्स में रहने वाली अपर्णा तेवतिया के घर घरेलू सहायक के रूप में तैनात किया था लेकिन पहले दिन जब अपर्णा को परिवार के साथ मंदिर गई थी उसी दौरान उसने अपने साथी रिंकू के साथ मिलकर सेफ बॉक्स में रखे आभूषण और नगदी पर हाथ साफ कर लिया। उन्होंने चोरी की ज्वेलरी बुलंदशहर शिकारपुर निवासी प्रमोद को डेढ़ लाख रुपये में बेच दी। इस चोरी के बाद आरोपियों ने दिल्ली के करोलबाग और आनंद विहार में भी इसी तरह से चोरी थी। चोरी के आरोप में दोनों तिहाड़ जेल भी जा चुके हैं। पुलिस ने दोनों को पंचशील इंटर कॉलेज के पास से गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्‍जे से चोरी के आभूषण बरामद कर लिए गए। फर्जी नाम और पते से बनवाए 4 वोटर कार्ड, 8 फर्जी आईडी कार्ड 15 अलग-अलग लोगों के फोटो, कई सिम कार्ड और एक बाइक भी पुलिस ने इन चोरों से बरामद की। इस चोरी के बाद आरोपियों ने दिल्ली के करोलबाग और आनंद विहार में भी इसी तरह से चोरी थी। चोरी के आरोप में दोनों तिहाड़ जेल भी जा चुके हैं। पुलिस ने दोनों को पंचशील इंटर कॉलेज के पास से गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्‍जे से चोरी के आभूषण बरामद कर लिए गए। फर्जी नाम और पते से बनवाए 4 वोटर कार्ड, 8 फर्जी आईडी कार्ड 15 अलग-अलग लोगों के फोटो, कई सिम कार्ड और एक बाइक भी पुलिस ने इन चोरों से बरामद की।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्रों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां, वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पंजाब यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के शिक्षा शुल्क में वृद्धि किए जाने के खिलाफ मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई, जिससे कैंपस में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुलपति के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठी हुई विद्यार्थियों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा, पानी की बौछार का इस्तेमाल किया गया और आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े. पुलिस द्वारा बल प्रयोग में कुछ विद्यार्थी घायल हुए हैं. प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने पुलिस पर पथराव किया, कार्यालय की खिड़कियां तोड़ दीं और विश्वविद्यालय की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. पुलिस द्वारा दौड़ाए जाने पर कुछ विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर में ही स्थित गुरुद्वारे में घुस गए और वहीं छिपे रहे. उन्हें गुरुद्वारे से बाहर आने को मनाने के लिए पुलिस अधिकारियों को बुलाया गया.टिप्पणियां विरोध प्रदर्शन के चलते विश्वविद्यालय के सेक्टर-14 स्थित परिसर में पठन-पाठन का कार्य बाधित रहा. 'स्टूडेंट फॉर सोसाइटी' (एसएफएस) सहित अन्य छात्र संगठन शिक्षा शुल्क बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुलपति के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठी हुई विद्यार्थियों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा, पानी की बौछार का इस्तेमाल किया गया और आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े. पुलिस द्वारा बल प्रयोग में कुछ विद्यार्थी घायल हुए हैं. प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने पुलिस पर पथराव किया, कार्यालय की खिड़कियां तोड़ दीं और विश्वविद्यालय की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. पुलिस द्वारा दौड़ाए जाने पर कुछ विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर में ही स्थित गुरुद्वारे में घुस गए और वहीं छिपे रहे. उन्हें गुरुद्वारे से बाहर आने को मनाने के लिए पुलिस अधिकारियों को बुलाया गया.टिप्पणियां विरोध प्रदर्शन के चलते विश्वविद्यालय के सेक्टर-14 स्थित परिसर में पठन-पाठन का कार्य बाधित रहा. 'स्टूडेंट फॉर सोसाइटी' (एसएफएस) सहित अन्य छात्र संगठन शिक्षा शुल्क बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने पुलिस पर पथराव किया, कार्यालय की खिड़कियां तोड़ दीं और विश्वविद्यालय की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. पुलिस द्वारा दौड़ाए जाने पर कुछ विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर में ही स्थित गुरुद्वारे में घुस गए और वहीं छिपे रहे. उन्हें गुरुद्वारे से बाहर आने को मनाने के लिए पुलिस अधिकारियों को बुलाया गया.टिप्पणियां विरोध प्रदर्शन के चलते विश्वविद्यालय के सेक्टर-14 स्थित परिसर में पठन-पाठन का कार्य बाधित रहा. 'स्टूडेंट फॉर सोसाइटी' (एसएफएस) सहित अन्य छात्र संगठन शिक्षा शुल्क बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) विरोध प्रदर्शन के चलते विश्वविद्यालय के सेक्टर-14 स्थित परिसर में पठन-पाठन का कार्य बाधित रहा. 'स्टूडेंट फॉर सोसाइटी' (एसएफएस) सहित अन्य छात्र संगठन शिक्षा शुल्क बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: तंबाकू पैकेटों के 85 फीसदी हिस्से पर चेतावनी अनिवार्य
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: देश में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के पैकेटों के 85 फीसदी हिस्से पर इसके दुष्प्रभाव से संबंधित चेतावनी प्रकाशित करना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को यह घोषणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वैश्विक हाथ धुलाई दिवस मनाने के लिए रखे गए कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कि अगले कुछ महीनों में सिगरेट बनाने वाली कंपनियां पैकेटों के 85 फीसदी हिस्से पर तंबाकू के दुष्प्रभावों के खिलाफ सचित्र या संदेश वाली चेतावनी प्रकाशित करें, एक अधिसूचना जारी की है।" इस बाबत दिशा-निर्देश अगले साल 1 अप्रैल से लागू होंगे। वर्तमान में तंबाकू उत्पाद निर्माता कंपनियां पैकेटों के महज 40 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी प्रकाशित कर रही हैं। हर्षवर्धन ने कहा, "मैंने अपने चिकित्सकीय करियर में अपने सामने धूम्रपान करने वालों और तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करने वालों को मरते देखा है। लोगों को जागरूक करने के लिए यथासंभव हमें सबकुछ करना चाहिए।" थाईलैंड में भी सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के पैकेटों के 85 फीसदी भाग पर दुष्प्रभाव संबंधी चेतावनी प्रकाशित की जाती है। भारत अब उन 198 देशों की सूची में पहला ऐसा देश होगा, जो सिगरेट पैकेटों पर ग्राफिक तस्वीरों के जरिए धूम्रपान करने वालों को इसके दुष्प्रभाव के बारे में चेताएगा। वहीं ऑस्ट्रेलिया में 82.5 फीसदी, जबकि उरूग्वे में 80 फीसदी हिस्से पर चेतावनी प्रकाशित की जाती है। अधिसूचना के मुताबिक, "पैकेटों के 85 फीसदी भाग में से 60 फीसदी हिस्से पर दुष्प्रभाव संबंधी चेतावनी चित्रित रूप में होंगे, जबकि बाकी 25 फीसदी हिस्से पर लिखित तौर पर चेतावनी होगी। और यह पैकेट में सबसे ऊपर होगा।" अधिसूचना में कहा गया है कि स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी अंग्रेजी या किसी भी भारतीय भाषा में लिखी जाएगी। "जिस तरह पैकेट का आकार बढ़ेगा उसके 85 फीसदी हिस्से पर चेतावनी होगी।" भारत के स्वैच्छिक स्वास्थ्य संघ के कार्यकारी निदेशक भावना मुखोपाध्याय ने कहा, "लोगों के स्वास्थ्य के हित में यह कदम उठाने के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष को बधाई देना चाहेंगे। इससे लाखों लोगों का जीवन बचेगा।"
9
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: जितेंद्र तोमर की मुश्किलें बढ़ीं : दफ्तर और इंस्टीट्यूट पर छापा, कॉलेजों में भी मारी जाएगी रेड
लेख: फर्जी डिग्री केस में लपेटे में आए दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस ने छापा मारा है। इसके अलावा रोहिणी के न्यू यूनिवर्सल इंस्टीट्यूट पर भी छापा मारा है। पुलिस इस छापेमारी में तोमर को साथ लेकर गई है। इंस्टीट्यूट को इंदु गुप्ता नाम की महिला चलाती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह महिला जितेंद्र तोमर की करीबी है और जितेंद्र तोमर की गिरफ्तारी के बाद से ही वह इंस्टीट्यूट पर ताला मारकर लापता है। पुलिस को शक है कि यहीं से तोमर ने फर्जी डिग्री हासिल की है।टिप्पणियां इसके साथ ही पुलिस आज दिल्ली के राजधानी और शिवाजी कॉलेज में भी जाएगी। तोमर ने इन दोनों कॉलेजों में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया था, लेकिन वह पास नहीं हो पाए थे। यहां बता दें कि तोमर की दो दिनों की रिमांड आज खत्म हो रही है। तोमर ने कुछ रोज पहले दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं जितेंद्र तोमर को दिल्ली पुलिस आज साकेत कोर्ट में पेश करेगी। शनिवार को कोर्ट ने तोमर को और दो दिनों के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया था, जिसकी मियाद आज ख़त्म हो रही है। पेशी के दौरान पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि तोमर ने अपनी बीएससी की डिग्री फ़र्ज़ी होने की बात क़बूल ली है जबकि एलएलबी की डिग्री की जांच जारी है। पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया था कि जिन दो लोगों ने तोमर को फ़र्ज़ी डिग्री दिलाने में मदद की थी, उनमें तोमर का भाई भी शामिल है। इंस्टीट्यूट को इंदु गुप्ता नाम की महिला चलाती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह महिला जितेंद्र तोमर की करीबी है और जितेंद्र तोमर की गिरफ्तारी के बाद से ही वह इंस्टीट्यूट पर ताला मारकर लापता है। पुलिस को शक है कि यहीं से तोमर ने फर्जी डिग्री हासिल की है।टिप्पणियां इसके साथ ही पुलिस आज दिल्ली के राजधानी और शिवाजी कॉलेज में भी जाएगी। तोमर ने इन दोनों कॉलेजों में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया था, लेकिन वह पास नहीं हो पाए थे। यहां बता दें कि तोमर की दो दिनों की रिमांड आज खत्म हो रही है। तोमर ने कुछ रोज पहले दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं जितेंद्र तोमर को दिल्ली पुलिस आज साकेत कोर्ट में पेश करेगी। शनिवार को कोर्ट ने तोमर को और दो दिनों के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया था, जिसकी मियाद आज ख़त्म हो रही है। पेशी के दौरान पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि तोमर ने अपनी बीएससी की डिग्री फ़र्ज़ी होने की बात क़बूल ली है जबकि एलएलबी की डिग्री की जांच जारी है। पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया था कि जिन दो लोगों ने तोमर को फ़र्ज़ी डिग्री दिलाने में मदद की थी, उनमें तोमर का भाई भी शामिल है। इसके साथ ही पुलिस आज दिल्ली के राजधानी और शिवाजी कॉलेज में भी जाएगी। तोमर ने इन दोनों कॉलेजों में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया था, लेकिन वह पास नहीं हो पाए थे। यहां बता दें कि तोमर की दो दिनों की रिमांड आज खत्म हो रही है। तोमर ने कुछ रोज पहले दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं जितेंद्र तोमर को दिल्ली पुलिस आज साकेत कोर्ट में पेश करेगी। शनिवार को कोर्ट ने तोमर को और दो दिनों के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया था, जिसकी मियाद आज ख़त्म हो रही है। पेशी के दौरान पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि तोमर ने अपनी बीएससी की डिग्री फ़र्ज़ी होने की बात क़बूल ली है जबकि एलएलबी की डिग्री की जांच जारी है। पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया था कि जिन दो लोगों ने तोमर को फ़र्ज़ी डिग्री दिलाने में मदद की थी, उनमें तोमर का भाई भी शामिल है। वहीं जितेंद्र तोमर को दिल्ली पुलिस आज साकेत कोर्ट में पेश करेगी। शनिवार को कोर्ट ने तोमर को और दो दिनों के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया था, जिसकी मियाद आज ख़त्म हो रही है। पेशी के दौरान पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि तोमर ने अपनी बीएससी की डिग्री फ़र्ज़ी होने की बात क़बूल ली है जबकि एलएलबी की डिग्री की जांच जारी है। पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया था कि जिन दो लोगों ने तोमर को फ़र्ज़ी डिग्री दिलाने में मदद की थी, उनमें तोमर का भाई भी शामिल है।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: खेती नहीं खेल का मैदान: सिर्फ क्रिकेटरों को ही नहीं, यहां किसानों को भी खूब भा रहा क्रिकेट...
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: खेती में घाटे को देखते हुए नोएडा-ग्रेटर नोएडा के किसानों ने खेतों में खेल के मैदान तैयार करने शुरू कर दिए हैं. हर मैच के 4000 से 10000 रु तक किसानों को मिल रहे हैं. गौड़ चौक के 7 किलोमीटर के दायरे में ऐसे करीब 15 मैदान बन चुके हैं. जो ज़मीन कभी अन्न उगलती थी, अब रन उगल रही है. रोलर भी है और प्रैक्टिस के लिए पिच भी. डे-नाइट मैचों का भी इंतज़ाम हो रहा है. NCR प्ले ग्राउंड का 15,000 गज के मैदान में फ्लडलाइट के लिए पिलर भी लगने शुरू हो गए हैं. काम 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा. इस ग्राउंड के मालिक मूलचंद शर्मा बताते हैं कि पहले इस ग्राउंड पर गेहूं, ज्वार बाजरा की दो तीन फसलें हो पाती थीं. उससे कोई लागत नहीं निकलती थी. मुनाफा तो दूर की बात है. यह भी पढ़ें: FLASHBACK 2018: इन दस बड़े विवादों ने साल 2018 में कराई क्रिकेट की किरकिरी सोमवार से शुक्रवार तक चार हज़ार में मिल जाता है. शनिवार-इतवार को 10,000 रुपये हर मैच के मिल जाते हैं. आम दिनों में आसपास बनी गगनचुम्बी इमारतों के बच्चे, गांव के लोग और छुट्टी वाले दिन कॉर्पोरेट ऑफिस के लोग मैच खेलते हैं. दो गांव के बीच चल रहे मैच के खिलाड़ी रोहित यादव कहते हैं कि एक टी-20 मैच का 4000 रु देना होता है. शनिवार-रविवार को कीमत दोगुनी से ज़्यादा हो जाती है, पर सबसे बड़ी बात यह है कि पैसे की कोई बात नहीं. हमारे लिए प्ले ग्राउंड की है. पहले गांव में देसी ग्राउंड पर ही खेलते थे. अब यहां खेलना एक सुखद अनुभव है. बीते 6 महीनों में ही दर्जनों और ऐसे ग्राउंड तैयार हो गए हैं और खेत से ज़्यादा खेल का मैदान किसानों को लुभा रहा है. नोएडा क्रिकेट ग्राउंड के ग्राउंड मैनेजर मोहम्मद आसिफ भी खेती को नुकसानदायक करार दे रहे हैं. कहते हैं पहले इस जमीन में गेहूं और मौसमी सब्ज़ी उगती थी. पर उसमे ज़्यादा फायदा ना देख ही इसको खेल के मैदान में तब्दील किया गया है.  इसे शहरीकरण का साइड इफ़ेक्ट कहिये या किसानों की सूझबूझ जिनको पता है कि अपनी ज़मीन पर साल भर जी तोड़ मेहनत के बाद भी फायदा तो दूर...लागत भी निकल पायेगी की नहीं. ऐसे में शहरों में खेलों के लिए घटती जगह को भांपते हुए किसानों ने कारोबार का ये रास्ता चुना है.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: मलेशियाई नागरिकों को राहत, उत्तर कोरिया छोड़ने पर अस्थाई रोक
यह एक लेख है: उत्तर कोरिया ने मलेशिया में अपने शीर्ष नेता किम जोंग-उन के सौतेले भाई किम जोंग-नम की मौत के बाद दोनों देशों के बीच उपजे कूटनीतिक तनाव के बीच देश में रह रहे मलेशियाई नागरिकों के उत्तर कोरिया छोड़ने पर अस्थाई रोक लगा दी है.  उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्रालय ने प्योंगयांग स्थित मलेशियाई दूतावास को सूचित किया है कि जब तक मलेशिया में उत्तर कोरियाई राजनयिकों और नागरिकों की सुरक्षा और 'मामले (नम हत्याकांड) के निष्पक्ष निपटारे की गारंटी' नहीं मिलती तब तक मलेशियाई नागरिकों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी. दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी 'योनहाप' की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया में रह रहे मलेशियाई इस प्रतिबंध के बावजूद पहले की तरह ही बगैर किसी परेशानी के देश में रहेंगे. वहीं, इसकी प्रतिक्रिया में मलेशिया की सरकार ने भी अपने देश से उत्तर कोरियाई दूतावास के सदस्यों और अधिकारियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है.  'द स्टार' के अनुसार, मलेशिया के गृह मंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम ऐसा करना नहीं चाहते थे, लेकिन इसकी जरूरत थी."  उन्होंने कहा, "गृह मंत्रालय ने उत्तर कोरियाई दूतावास के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी सदस्य के देश छोड़कर जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है."  अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी. इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया. मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्रालय ने प्योंगयांग स्थित मलेशियाई दूतावास को सूचित किया है कि जब तक मलेशिया में उत्तर कोरियाई राजनयिकों और नागरिकों की सुरक्षा और 'मामले (नम हत्याकांड) के निष्पक्ष निपटारे की गारंटी' नहीं मिलती तब तक मलेशियाई नागरिकों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी. दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी 'योनहाप' की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया में रह रहे मलेशियाई इस प्रतिबंध के बावजूद पहले की तरह ही बगैर किसी परेशानी के देश में रहेंगे. वहीं, इसकी प्रतिक्रिया में मलेशिया की सरकार ने भी अपने देश से उत्तर कोरियाई दूतावास के सदस्यों और अधिकारियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है.  'द स्टार' के अनुसार, मलेशिया के गृह मंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम ऐसा करना नहीं चाहते थे, लेकिन इसकी जरूरत थी."  उन्होंने कहा, "गृह मंत्रालय ने उत्तर कोरियाई दूतावास के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी सदस्य के देश छोड़कर जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है."  अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी. इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया. मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी 'योनहाप' की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया में रह रहे मलेशियाई इस प्रतिबंध के बावजूद पहले की तरह ही बगैर किसी परेशानी के देश में रहेंगे. वहीं, इसकी प्रतिक्रिया में मलेशिया की सरकार ने भी अपने देश से उत्तर कोरियाई दूतावास के सदस्यों और अधिकारियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है.  'द स्टार' के अनुसार, मलेशिया के गृह मंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम ऐसा करना नहीं चाहते थे, लेकिन इसकी जरूरत थी."  उन्होंने कहा, "गृह मंत्रालय ने उत्तर कोरियाई दूतावास के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी सदस्य के देश छोड़कर जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है."  अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी. इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया. मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वहीं, इसकी प्रतिक्रिया में मलेशिया की सरकार ने भी अपने देश से उत्तर कोरियाई दूतावास के सदस्यों और अधिकारियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है.  'द स्टार' के अनुसार, मलेशिया के गृह मंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम ऐसा करना नहीं चाहते थे, लेकिन इसकी जरूरत थी."  उन्होंने कहा, "गृह मंत्रालय ने उत्तर कोरियाई दूतावास के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी सदस्य के देश छोड़कर जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है."  अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी. इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया. मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) 'द स्टार' के अनुसार, मलेशिया के गृह मंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम ऐसा करना नहीं चाहते थे, लेकिन इसकी जरूरत थी."  उन्होंने कहा, "गृह मंत्रालय ने उत्तर कोरियाई दूतावास के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी सदस्य के देश छोड़कर जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है."  अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी. इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया. मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, "गृह मंत्रालय ने उत्तर कोरियाई दूतावास के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी सदस्य के देश छोड़कर जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है."  अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी. इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया. मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी. इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया. मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया. मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं. टिप्पणियां 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) 'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
8
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: लाखों पाकिस्तानी कर रहे खाद्य असुरक्षा का सामना : गिलानी
यह लेख है: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी का कहना है कि खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने के कारण उनके देश के लाखों लोग खाद्य असुरक्षा की स्थिति का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस चुनौती के प्रति जागरूक है। गिलानी ने 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा, "खाद्य पदार्थों के ऊंचे दामों के कारण पैदा हुई खाद्य असुरक्षा एक ऐसी स्थिति है जिसका लाखों पाकिस्तानी सामना कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि यह दिवस ऊंची खाद्य कीमतों और सबसे कमजोर तबकों पर पड़ रहे इसके प्रभाव को रेखांकित करता है। पाकिस्तान की आबादी 18 करोड़ है। समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान ने गिलानी के हवाले से लिखा है, "पाकिस्तान में खाद्य पदार्थों के दाम तेजी से बढ़ रहे है। खासकर बीते दो सालों में ज्यादा दाम बढ़े हैं। विनाशकारी बाढ़ में फसलें नष्ट हो गईं, हजारों एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा और देश के किसानों पर इसका गम्भीर प्रभाव पड़ा।" उन्होंने कहा, "इतने महत्वपूर्ण समय में खाद्य सुरक्षा हासिल करना एक महत्वपूर्ण और तात्कालिक उद्देश्य है।" गिलानी ने कहा, "यह बहुत आवश्यक है कि राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बरतते हुए आबादी के सबसे अधिक संवेदनशील हिस्से खासकर कुपोषण पीड़ित ग्रामीण महिलाओं व बच्चों के लिए खाद्य कमी दूर करने के लिए बनी नीतियां लागू की जाएं।"
8
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया को नहीं बेचे परमाणु हथियार: अमेरिका
लेख: अमेरिका ने उन खबरों को ‘गलत’ बताया है जिनमें यह दावा किया गया था कि पाकिस्तान लगातार उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार सामग्री बेच रहा है, जिससे चीन अवगत है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कल ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जहां तक हमारी जानकारी है, ये खबरें गलत हैं।’’ प्रवक्ता से यह पूछा गया था कि हाल में ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों का उल्लंघन कर उत्तर कोरिया को परमाणु सामग्री बेच रहा है और चीन इससे अवगत है, इसके जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं।टिप्पणियां प्रवक्ता से जब इन खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में टिप्पणी करने का अधिकारी नहीं हूं।’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कल ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जहां तक हमारी जानकारी है, ये खबरें गलत हैं।’’ प्रवक्ता से यह पूछा गया था कि हाल में ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों का उल्लंघन कर उत्तर कोरिया को परमाणु सामग्री बेच रहा है और चीन इससे अवगत है, इसके जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं।टिप्पणियां प्रवक्ता से जब इन खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में टिप्पणी करने का अधिकारी नहीं हूं।’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रवक्ता से जब इन खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में टिप्पणी करने का अधिकारी नहीं हूं।’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
8
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अलकायदा की धमकी की जांच करेगा बांग्लादेश
बांग्लादेश ने रविवार को कहा कि अलकायदा की हालिया धमकी की जांच की जाएगी। इस धमकी को लेकर राजनीतिक दलों के बीच वाक्युद्ध छिड़ गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि सरकारी अधिकारी अलकायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी द्वारा भेजे गए ऑडियो संदेश की प्रामाणिकता की जांच कर रहे हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्री शहरयार आलम ने संवाददाताओं को बताया, "हम इस तरह की धमकियों से डरते नहीं है। हम इनसे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।" बांग्लादेश के गृहमंत्री असदउज्जमान खान कमाल ने कहा कि देश किसी भी तरह के आतंकवादी खतरे से निपटने में सक्षम है। अलकायदा से जोड़ कर देखे जा रहे ऑडियो संदेश में बांग्लादेश के मुस्लिम समुदाय से इस्लाम के खिलाफ जिहादी हमले के विरोध में उठ खड़े होने का आग्रह किया गया है। बांग्लादेश की दोनों प्रमुख पार्टियां इस धमकी को लेकर एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रही हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ पार्टी बांग्लादेश आवामी लीग पार्टी ने विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और इसके प्रमुख सहयोगी जमात-ए-इस्लामी पर वैश्विक आतंकवाद नेटवर्क  का सहयोगी होने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। आवामी लीग के वरिष्ठ नेता शेख फजलुल करीम सलीम ने संसद में कहा, "बीएनपी और जमात, अलकायदा के सहयोगी हैं।"
2
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: अवैध कॉलोनियां नियमित करना झुनझुना, असल में तोड़ी जाएंगी : अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार ने अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का जो फैसला किया है, वह केवल एक झुनझुना है, और उन्हें पूरा यकीन है कि चुनाव के बाद बीजेपी इन कालोनियों को तुड़वा देगी। केजरीवाल ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत के दौरान कहा, "जैसे शीला दीक्षित ने प्रोविज़नल सर्टिफिकेट बांटे थे, वैसे ही बीजेपी बांट रही है, लेकिन कोई कॉलोनी नियमित नहीं हुई, अगर सरकार के फैसले से कॉलोनी नियमित हो रही है तो बीजेपी बताए कि इन कॉलोनियों में रजिस्ट्री कब से होगी, कब सीवर और पानी की पाइपलाइन डलेंगी...? चुनाव से पहले पब्लिक को झुनझुना पकड़ा देते हैं कांग्रेस-बीजेपी वाले..." यह पूछे जाने पर कि क्या इस फैसले से दिल्ली में बीजेपी को फायदा और 'आप' को नुकसान हो सकता है, केजरीवाल का कहना था कि इन कॉलोनियों में रहने वाली जनता समझदार है और सब समझती है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 50 सीटें जीतने जा रही है।
8
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: अफगान राष्ट्रपति ने काबुल में हुए हमलों को लेकर पाक को सुनाई खरी-खोटी
यह लेख है: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राजधानी काबुल में हाल में हुए हमले को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की है। इन हमलों में कम से कम 56 लोग मारे गए थे। गनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अंतिम कुछ दिनों से पता चलता है कि पाकिस्तान में अब भी पहले की ही तरह आत्मघाती बम हमलावर ट्रेनिंग कैंप और बम बनाने वाली फैक्टरियां मौजूद हैं।' उन्होंने कहा, 'हम शांति की उम्मीद करते हैं लेकिन हमें पाकिस्तान से युद्ध के संदेश मिल रहे हैं।' पाकिस्तान पहले से तालिबानी आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है और कई अफगान नागरिक पाकिस्तान पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह देता है ताकि अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव कायम रख सके। पिछले साल सत्ता में आने के बाद से गनी ने पाकिस्तान से बातचीत को प्रोत्साहित किया और इस प्रक्रिया में इस उम्मीद से उन्होंने राजनीतिक वार्ता को बढ़ाया कि इस्लामाबाद तालिबान को बातचीत की मेज़ पर लाने में राजी हो जाएगा। लेकिन आज की उनकी टिप्पणी पड़ोसी देश के खिलाफ सबसे कड़ी टिप्पणी है। टिप्पणियां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को (रविवार को) टेलीफोन कर मैंने पाकिस्तान से कहा कि वह जिस तरह से आतंकवाद को पाकिस्तान में देखते हैं वैसे ही वह अफगानिस्तान में भी देखें।' उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान की सरकार से पूछा कि अगर शाह शहीद की तरह जनसंहार इस्लामाबाद में हुआ होता और षड्यंत्रकर्ता अफगानिस्तान में होते तो आप क्या करते। आपको बता दें कि काबुल में शुक्रवार को भीषण ट्रक बम हमला हुआ था। वहीं सोमवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के प्रवेश द्वार पर एक कार बम हमलावर के हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए। गनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अंतिम कुछ दिनों से पता चलता है कि पाकिस्तान में अब भी पहले की ही तरह आत्मघाती बम हमलावर ट्रेनिंग कैंप और बम बनाने वाली फैक्टरियां मौजूद हैं।' उन्होंने कहा, 'हम शांति की उम्मीद करते हैं लेकिन हमें पाकिस्तान से युद्ध के संदेश मिल रहे हैं।' पाकिस्तान पहले से तालिबानी आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है और कई अफगान नागरिक पाकिस्तान पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह देता है ताकि अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव कायम रख सके। पिछले साल सत्ता में आने के बाद से गनी ने पाकिस्तान से बातचीत को प्रोत्साहित किया और इस प्रक्रिया में इस उम्मीद से उन्होंने राजनीतिक वार्ता को बढ़ाया कि इस्लामाबाद तालिबान को बातचीत की मेज़ पर लाने में राजी हो जाएगा। लेकिन आज की उनकी टिप्पणी पड़ोसी देश के खिलाफ सबसे कड़ी टिप्पणी है। टिप्पणियां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को (रविवार को) टेलीफोन कर मैंने पाकिस्तान से कहा कि वह जिस तरह से आतंकवाद को पाकिस्तान में देखते हैं वैसे ही वह अफगानिस्तान में भी देखें।' उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान की सरकार से पूछा कि अगर शाह शहीद की तरह जनसंहार इस्लामाबाद में हुआ होता और षड्यंत्रकर्ता अफगानिस्तान में होते तो आप क्या करते। आपको बता दें कि काबुल में शुक्रवार को भीषण ट्रक बम हमला हुआ था। वहीं सोमवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के प्रवेश द्वार पर एक कार बम हमलावर के हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए। पाकिस्तान पहले से तालिबानी आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है और कई अफगान नागरिक पाकिस्तान पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह देता है ताकि अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव कायम रख सके। पिछले साल सत्ता में आने के बाद से गनी ने पाकिस्तान से बातचीत को प्रोत्साहित किया और इस प्रक्रिया में इस उम्मीद से उन्होंने राजनीतिक वार्ता को बढ़ाया कि इस्लामाबाद तालिबान को बातचीत की मेज़ पर लाने में राजी हो जाएगा। लेकिन आज की उनकी टिप्पणी पड़ोसी देश के खिलाफ सबसे कड़ी टिप्पणी है। टिप्पणियां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को (रविवार को) टेलीफोन कर मैंने पाकिस्तान से कहा कि वह जिस तरह से आतंकवाद को पाकिस्तान में देखते हैं वैसे ही वह अफगानिस्तान में भी देखें।' उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान की सरकार से पूछा कि अगर शाह शहीद की तरह जनसंहार इस्लामाबाद में हुआ होता और षड्यंत्रकर्ता अफगानिस्तान में होते तो आप क्या करते। आपको बता दें कि काबुल में शुक्रवार को भीषण ट्रक बम हमला हुआ था। वहीं सोमवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के प्रवेश द्वार पर एक कार बम हमलावर के हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए। पिछले साल सत्ता में आने के बाद से गनी ने पाकिस्तान से बातचीत को प्रोत्साहित किया और इस प्रक्रिया में इस उम्मीद से उन्होंने राजनीतिक वार्ता को बढ़ाया कि इस्लामाबाद तालिबान को बातचीत की मेज़ पर लाने में राजी हो जाएगा। लेकिन आज की उनकी टिप्पणी पड़ोसी देश के खिलाफ सबसे कड़ी टिप्पणी है। टिप्पणियां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को (रविवार को) टेलीफोन कर मैंने पाकिस्तान से कहा कि वह जिस तरह से आतंकवाद को पाकिस्तान में देखते हैं वैसे ही वह अफगानिस्तान में भी देखें।' उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान की सरकार से पूछा कि अगर शाह शहीद की तरह जनसंहार इस्लामाबाद में हुआ होता और षड्यंत्रकर्ता अफगानिस्तान में होते तो आप क्या करते। आपको बता दें कि काबुल में शुक्रवार को भीषण ट्रक बम हमला हुआ था। वहीं सोमवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के प्रवेश द्वार पर एक कार बम हमलावर के हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को (रविवार को) टेलीफोन कर मैंने पाकिस्तान से कहा कि वह जिस तरह से आतंकवाद को पाकिस्तान में देखते हैं वैसे ही वह अफगानिस्तान में भी देखें।' उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान की सरकार से पूछा कि अगर शाह शहीद की तरह जनसंहार इस्लामाबाद में हुआ होता और षड्यंत्रकर्ता अफगानिस्तान में होते तो आप क्या करते। आपको बता दें कि काबुल में शुक्रवार को भीषण ट्रक बम हमला हुआ था। वहीं सोमवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के प्रवेश द्वार पर एक कार बम हमलावर के हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए। आपको बता दें कि काबुल में शुक्रवार को भीषण ट्रक बम हमला हुआ था। वहीं सोमवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के प्रवेश द्वार पर एक कार बम हमलावर के हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए।
8
['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: Surf Excel से हुई इतनी नफरत कि लोगों ने Microsoft Excel के साथ कर दिया ऐसा
यह लेख है: सर्फ एक्सेल (Surf Excel) का एक एड काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. होली पर बनाए गए इस एड को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है. एड के चलते सर्फ एक्सेल (Surf Excel) लोगों के निशाने पर आ चुका है. कंपनी ने 'रंग लाए संग' कैंपेन के जरिए होली पर हिंदू-मुस्लिम के बीच मिठास का संदेश देने की कोशिश की. दिखाया गया कि सफेद टी-शर्ट पहने पूरी गली में घूमती है और बच्चों से रंग अपने ऊपर डलवा लेती है. जब सभी के रंग खत्म हो जाते हैं तो वो अपने मुस्लिम दोस्त के पास आकर कहती है- 'रंग खत्म हो गए.' जिसके बाद बच्चा बच्ची की साइकल पर बैठ जाता है. बच्ची उसे मस्जिद के दरवाजे पर छोड़ती है और कहती है बाद में रंग पड़ेंगे. बच्चा हंसते हुए मस्जिद की तरफ निकल जाता है. हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) ने इस एड के जरिए बताने की कोशिश की है कि रंग से भी समाज साथ आ सकता है. लेकिन कई लोगों को ये एड पसंद नहीं आया और बायकॉट करने की जंग छिड़ चुकी है.    ट्विटर पर #BoycottSurfExcel हैशटैग टॉप ट्रेंड कर रहा है. लोग इस प्रोडक्ट को भारत से बैन करने की मांग तक कर रहे हैं. कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिसमें लोग सर्फ एक्सेल का पैकेट जला रहे हैं. इसी बीच कुछ लोगों ने सर्फ एक्सेल की जगह गूगल एप स्टोर पर माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल को सिर्फ एक स्टार दिया है और नेगेटिव कमेंट्स कर रहे हैं. कुछ लोग MS Excel को ही सर्फ एक्सेल समझ रहे हैं और नेगेटिव कमेंट कर रहे हैं.  कुछ लोग माइक्रोसॉफ्ट को सर्फ एक्सेल के जरिए जानकर ट्रोल कर रहे हैं तो किसी को एक्सेल शब्द से ही इतनी नफरत हो गई, इसलिए नेगेटिव कमेंट कर रहे हैं.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: एसबीआई, एचडीएफसी ने होम लोन सस्ता किया
यह एक लेख है: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) तथा एचडीएफसी ने नए आवास ऋण पर ब्याज दरों में 0.4 प्रतिशत तक की कटौती कर दी। रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किए जाने के बाद इन बैंकों ने यह कदम उठाया है। एसबीआई ने कहा है कि कर्ज लेने वाली महिलाओं को ब्याज में 0.05 प्रतिशत की अतिरिक्त रियायत मिलेगी। एसबीआई आवास ऋण अब- 75 लाख रुपये से नीचे और 75 लाख रुपये से अधिक के दो वर्ग में उपलब्ध होगा। कर्ज लेने वालों के लिए 75 लाख रुपये तक का ऋण 10.15 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध होगा, जो फिलहाल 10.50 प्रतिशत है। महिलाओं के लिए 75 लाख रुपये तक के ऋण पर ब्याज दर 10.10 प्रतिशत होगी। स्टेट बैंक ने बयान में कहा कि नई दरें से प्रभावी होंगी। 75 लाख रुपये से अधिक के कर्ज पर ब्याज दर 10.30 प्रतिशत होगी। इस वर्ग के ऋण में महिलाओं के लिए ब्याज दर 10.25 प्रतिशत होगी। वहीं देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी ने आवास ऋण पर ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की कटौती की है। एचडीएफसी ने बयान में कहा कि यह सीमित अवधि की पेशकश है और 31 जनवरी तक जमा होने वाले सभी नए आवेदनों पर मिलेगी। इसके तहत पहला ऋण 28 फरवरी, 2014 तक दिया जाएगा। एचडीएफसी के 75 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर अब 10.25 प्रतिशत का ब्याज लिया जाएगा। अभी तक यह 10.50 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 7.75 प्रतिशत तथा नकद आरक्षित अनुपान (सीआरआर) को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: एनआरआई जोड़े ने बच्चा गोद लिया, बीमा राशि के लिए मरवा भी डाला
यह लेख है: पैसे के लालच में एक एनआरआई जोड़े ने मानवीय संवेदनाओं को झकझोरने वाली घटना को अंजाम दिया. इस जोड़े पर आरोप है कि उन्‍होंने वर्ष 2015 में जिस बच्‍चे को गोद लिया था, उसे 1.20 करोड़ रुपये की बीमा राशि हासिल करने के लिए मरवा डाला. इस बाबत पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्‍या का मामला दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि बच्चे की 1.20 करोड़ रूपये की बीमा राशि लेने के लिए एनआरआई जोड़े ने उसे मरवा डाला. आरोपियों के नाम आरती लोकनाथ और कंवलजीत सिंह रायजादा (पति) है, जोकि फिलहाल लंदन में रह रहे हैं. केशोद पुलिस इंस्पेक्टर अशोक तिलवा ने बताया कि दोनों के खिलाफ 13 वर्षीय गोपाल की हत्या की साजिश का हिस्सा होने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. तिलवा ने बताया कि आरती और कंवलजीत ने नीतीश मुंद के साथ मिलकर 13 वर्षीय गोपाल को गोद लेने की साजिश रची. उन्होंने बच्चे का बीमा कराया और फिर उसे मार डाला ताकि वह बीमा राशि ले सकें. वीजा एक्सपायर होने से पहले नीतीश भी लंदन में रहता था. तीनों ने मिलकर वर्ष 2015 में गोपाल को गोद लेने के बाद मारने की साजिश रची थी.टिप्पणियां नीतीश को हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद आरती और कंवलजीत की भूमिका का पता चला. गोपाल की कल राजकोट अस्पताल में मौत हो गई. उस पर आठ फरवरी की रात को जूनागढ़ जिले के केशोद में दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने चाकू से हमला किया था. तिलवा ने बताया कि गोपाल नीतीश के साथ राजकोट से मालिया लौट रहा था. आरती और उसका पति लंदन में रहते हैं. पुलिस ने बताया कि बच्चे की 1.20 करोड़ रूपये की बीमा राशि लेने के लिए एनआरआई जोड़े ने उसे मरवा डाला. आरोपियों के नाम आरती लोकनाथ और कंवलजीत सिंह रायजादा (पति) है, जोकि फिलहाल लंदन में रह रहे हैं. केशोद पुलिस इंस्पेक्टर अशोक तिलवा ने बताया कि दोनों के खिलाफ 13 वर्षीय गोपाल की हत्या की साजिश का हिस्सा होने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. तिलवा ने बताया कि आरती और कंवलजीत ने नीतीश मुंद के साथ मिलकर 13 वर्षीय गोपाल को गोद लेने की साजिश रची. उन्होंने बच्चे का बीमा कराया और फिर उसे मार डाला ताकि वह बीमा राशि ले सकें. वीजा एक्सपायर होने से पहले नीतीश भी लंदन में रहता था. तीनों ने मिलकर वर्ष 2015 में गोपाल को गोद लेने के बाद मारने की साजिश रची थी.टिप्पणियां नीतीश को हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद आरती और कंवलजीत की भूमिका का पता चला. गोपाल की कल राजकोट अस्पताल में मौत हो गई. उस पर आठ फरवरी की रात को जूनागढ़ जिले के केशोद में दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने चाकू से हमला किया था. तिलवा ने बताया कि गोपाल नीतीश के साथ राजकोट से मालिया लौट रहा था. आरती और उसका पति लंदन में रहते हैं. केशोद पुलिस इंस्पेक्टर अशोक तिलवा ने बताया कि दोनों के खिलाफ 13 वर्षीय गोपाल की हत्या की साजिश का हिस्सा होने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. तिलवा ने बताया कि आरती और कंवलजीत ने नीतीश मुंद के साथ मिलकर 13 वर्षीय गोपाल को गोद लेने की साजिश रची. उन्होंने बच्चे का बीमा कराया और फिर उसे मार डाला ताकि वह बीमा राशि ले सकें. वीजा एक्सपायर होने से पहले नीतीश भी लंदन में रहता था. तीनों ने मिलकर वर्ष 2015 में गोपाल को गोद लेने के बाद मारने की साजिश रची थी.टिप्पणियां नीतीश को हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद आरती और कंवलजीत की भूमिका का पता चला. गोपाल की कल राजकोट अस्पताल में मौत हो गई. उस पर आठ फरवरी की रात को जूनागढ़ जिले के केशोद में दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने चाकू से हमला किया था. तिलवा ने बताया कि गोपाल नीतीश के साथ राजकोट से मालिया लौट रहा था. आरती और उसका पति लंदन में रहते हैं. नीतीश को हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद आरती और कंवलजीत की भूमिका का पता चला. गोपाल की कल राजकोट अस्पताल में मौत हो गई. उस पर आठ फरवरी की रात को जूनागढ़ जिले के केशोद में दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने चाकू से हमला किया था. तिलवा ने बताया कि गोपाल नीतीश के साथ राजकोट से मालिया लौट रहा था. आरती और उसका पति लंदन में रहते हैं. गोपाल की कल राजकोट अस्पताल में मौत हो गई. उस पर आठ फरवरी की रात को जूनागढ़ जिले के केशोद में दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने चाकू से हमला किया था. तिलवा ने बताया कि गोपाल नीतीश के साथ राजकोट से मालिया लौट रहा था. आरती और उसका पति लंदन में रहते हैं.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार का बिहार के सीएम नीतीश कुमार से यह कैसा वास्ता?
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सबसे पहले राजद अध्यक्ष लालू यादव ने पहले ट्वीट करके पूछा- झुण्ड से भटकने के बाद बन्दर को कोई नहीं पूछता. लालू यादव ने यह भी कहा कि पल्टूराम को कार्ड तक नहीं आया. लालू ने भविष्यवाणी-सी करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की असल दुर्गति अभी बाकी हैं. वहीं उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि  नीतीश कुमार को माया मिली न राम. तिवारी ने अपने बयां में कहा कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश कुमार का जिस दिन राज्य के बढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने आये थे उस दिन दोपहर के भोज के आग्रह को  ठुकरा चुके हैं.टिप्पणियां निश्चित रूप से जनता दल यूनाइटेड के नेता शयद इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि पिछले दिनों राष्ट्रीय कार्यकारणी में प्रस्ताव पारित कर ये घोषणा कि जनता दल यूनाइटेड एनडीएम में शामिल हो रही हैं, केवल इस बात के लिए की गयी थी कि जब भी केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो तब पार्टी को भी उसमे जगह मिले. इस विस्तार में पार्टी के वरिष्ठ नेता आर सी सिंह के शामिल होने की खबर को पक्का माना जा रहा था इसलिए कई पार्टी के विधायक दिल्ली में कमेंट भी कर रहे थे लेकिन फ़िलहाल बीजेपी के नेता राहत की सांस ले रहे हैं. उनका मानना हैं कि पार्टी ने पहली बार ये सन्देश साफ़ शब्दों में दिया हैं कि नीतीश कुमार की मनमानी करने के दिन चले गए और अब वो एक नयी बीजेपी के साथ डील कर रहे हैं जहां कार्यकर्ताओं और पार्टी को सर्वोपरि रखा जाता हैं.  निश्चित रूप से जनता दल यूनाइटेड के नेता शयद इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि पिछले दिनों राष्ट्रीय कार्यकारणी में प्रस्ताव पारित कर ये घोषणा कि जनता दल यूनाइटेड एनडीएम में शामिल हो रही हैं, केवल इस बात के लिए की गयी थी कि जब भी केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो तब पार्टी को भी उसमे जगह मिले. इस विस्तार में पार्टी के वरिष्ठ नेता आर सी सिंह के शामिल होने की खबर को पक्का माना जा रहा था इसलिए कई पार्टी के विधायक दिल्ली में कमेंट भी कर रहे थे लेकिन फ़िलहाल बीजेपी के नेता राहत की सांस ले रहे हैं. उनका मानना हैं कि पार्टी ने पहली बार ये सन्देश साफ़ शब्दों में दिया हैं कि नीतीश कुमार की मनमानी करने के दिन चले गए और अब वो एक नयी बीजेपी के साथ डील कर रहे हैं जहां कार्यकर्ताओं और पार्टी को सर्वोपरि रखा जाता हैं.  इस विस्तार में पार्टी के वरिष्ठ नेता आर सी सिंह के शामिल होने की खबर को पक्का माना जा रहा था इसलिए कई पार्टी के विधायक दिल्ली में कमेंट भी कर रहे थे लेकिन फ़िलहाल बीजेपी के नेता राहत की सांस ले रहे हैं. उनका मानना हैं कि पार्टी ने पहली बार ये सन्देश साफ़ शब्दों में दिया हैं कि नीतीश कुमार की मनमानी करने के दिन चले गए और अब वो एक नयी बीजेपी के साथ डील कर रहे हैं जहां कार्यकर्ताओं और पार्टी को सर्वोपरि रखा जाता हैं.
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: गुजरात में नरेंद्र मोदी को चुनौती देगी नीतीश की पार्टी
लेख: गुजरात में आने वाले चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड तकरीबन 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पिछले कई वर्षों से एनडीए का हिस्सा रहे जनता दल युनाइटेड की बिहार में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिली-जुली सरकार है। जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि पार्टी गुजरात में कुछ जिलों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बता दें कि पिछले चुनाव में भी जदयू ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं, उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि इस चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री और नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी नीतीश कुमार भी प्रचार करने के लिए मैदान में उतरेंगे। माना जा रहा है कि नीतीश का चुनाव के समय गुजरात का दौरा दोनों दलों में तनाव की वजह बन सकता है। अगले लोकसभा चुनाव के लिए पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि यह निर्णय भाजपा को करना है। वहीं, नीतीश ने साफ कर दिया है कि यदि भाजपा ऐसा करती है तब वह अपनी राह अलग चुन लेंगे। बता दें कि पिछले चुनाव में नीतीश कुमार ने भाजपा से साफ कर दिया था कि वह राज्य में नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार में न उतारें। राज्य में 18 फीसदी आबादी मुसलमानों की है और इनमें अधिकतर नीतीश के वोटर माने जाते हैं।टिप्पणियां इस मुद्दे पर भाजपा अभी तक नीतीश के साथ सख्त बातचीत नहीं कर पाई है। पार्टी का कहना है कि जब भी इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा तब वह नीतीश कुमार से बात जरूर करेंगे। इस मुद्दे पर पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि पार्टी ने अभी पीएम पद के प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने पहले कह दिया है कि वह सुषमा स्वराज के पीएम पद का प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं। जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि पार्टी गुजरात में कुछ जिलों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बता दें कि पिछले चुनाव में भी जदयू ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं, उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि इस चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री और नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी नीतीश कुमार भी प्रचार करने के लिए मैदान में उतरेंगे। माना जा रहा है कि नीतीश का चुनाव के समय गुजरात का दौरा दोनों दलों में तनाव की वजह बन सकता है। अगले लोकसभा चुनाव के लिए पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि यह निर्णय भाजपा को करना है। वहीं, नीतीश ने साफ कर दिया है कि यदि भाजपा ऐसा करती है तब वह अपनी राह अलग चुन लेंगे। बता दें कि पिछले चुनाव में नीतीश कुमार ने भाजपा से साफ कर दिया था कि वह राज्य में नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार में न उतारें। राज्य में 18 फीसदी आबादी मुसलमानों की है और इनमें अधिकतर नीतीश के वोटर माने जाते हैं।टिप्पणियां इस मुद्दे पर भाजपा अभी तक नीतीश के साथ सख्त बातचीत नहीं कर पाई है। पार्टी का कहना है कि जब भी इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा तब वह नीतीश कुमार से बात जरूर करेंगे। इस मुद्दे पर पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि पार्टी ने अभी पीएम पद के प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने पहले कह दिया है कि वह सुषमा स्वराज के पीएम पद का प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं। वहीं, उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि इस चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री और नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी नीतीश कुमार भी प्रचार करने के लिए मैदान में उतरेंगे। माना जा रहा है कि नीतीश का चुनाव के समय गुजरात का दौरा दोनों दलों में तनाव की वजह बन सकता है। अगले लोकसभा चुनाव के लिए पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि यह निर्णय भाजपा को करना है। वहीं, नीतीश ने साफ कर दिया है कि यदि भाजपा ऐसा करती है तब वह अपनी राह अलग चुन लेंगे। बता दें कि पिछले चुनाव में नीतीश कुमार ने भाजपा से साफ कर दिया था कि वह राज्य में नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार में न उतारें। राज्य में 18 फीसदी आबादी मुसलमानों की है और इनमें अधिकतर नीतीश के वोटर माने जाते हैं।टिप्पणियां इस मुद्दे पर भाजपा अभी तक नीतीश के साथ सख्त बातचीत नहीं कर पाई है। पार्टी का कहना है कि जब भी इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा तब वह नीतीश कुमार से बात जरूर करेंगे। इस मुद्दे पर पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि पार्टी ने अभी पीएम पद के प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने पहले कह दिया है कि वह सुषमा स्वराज के पीएम पद का प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं। अगले लोकसभा चुनाव के लिए पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि यह निर्णय भाजपा को करना है। वहीं, नीतीश ने साफ कर दिया है कि यदि भाजपा ऐसा करती है तब वह अपनी राह अलग चुन लेंगे। बता दें कि पिछले चुनाव में नीतीश कुमार ने भाजपा से साफ कर दिया था कि वह राज्य में नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार में न उतारें। राज्य में 18 फीसदी आबादी मुसलमानों की है और इनमें अधिकतर नीतीश के वोटर माने जाते हैं।टिप्पणियां इस मुद्दे पर भाजपा अभी तक नीतीश के साथ सख्त बातचीत नहीं कर पाई है। पार्टी का कहना है कि जब भी इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा तब वह नीतीश कुमार से बात जरूर करेंगे। इस मुद्दे पर पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि पार्टी ने अभी पीएम पद के प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने पहले कह दिया है कि वह सुषमा स्वराज के पीएम पद का प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं। बता दें कि पिछले चुनाव में नीतीश कुमार ने भाजपा से साफ कर दिया था कि वह राज्य में नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार में न उतारें। राज्य में 18 फीसदी आबादी मुसलमानों की है और इनमें अधिकतर नीतीश के वोटर माने जाते हैं।टिप्पणियां इस मुद्दे पर भाजपा अभी तक नीतीश के साथ सख्त बातचीत नहीं कर पाई है। पार्टी का कहना है कि जब भी इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा तब वह नीतीश कुमार से बात जरूर करेंगे। इस मुद्दे पर पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि पार्टी ने अभी पीएम पद के प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने पहले कह दिया है कि वह सुषमा स्वराज के पीएम पद का प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं। इस मुद्दे पर भाजपा अभी तक नीतीश के साथ सख्त बातचीत नहीं कर पाई है। पार्टी का कहना है कि जब भी इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा तब वह नीतीश कुमार से बात जरूर करेंगे। इस मुद्दे पर पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि पार्टी ने अभी पीएम पद के प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने पहले कह दिया है कि वह सुषमा स्वराज के पीएम पद का प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं। उल्लेखनीय है कि एनडीए के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने पहले कह दिया है कि वह सुषमा स्वराज के पीएम पद का प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: शशि थरूर को अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर मामले में मिली क्लीन चिट : दिल्ली पुलिस के सूत्र
यह लेख है: केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई है। दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि गवाहों के बयान के आधार पर थरूर को यह क्लीन चिट दी गई है। इससे पहले, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सूत्रों ने रविवार को कहा था कि सुनंदा पुष्कर के शरीर में शराब के अंश नहीं पाए गए, हालांकि अवसाद रोधी दवा की अत्याधिक मात्रा में मौजूदगी की संभावना है। सुनंदा के शव का पोस्टमार्टम कल एम्स में डॉक्टरों के तीन सदस्यीय बोर्ड ने किया था। डाक्टरों ने कहा था कि सुनंदा की मौत 'अचानक और अस्वाभाविक' है। एम्स सूत्रों ने कहा कि डॉक्टरों को शरीर में शराब के कोई अंश नहीं मिले हैं। लेकिन मानसिक परेशानी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा एलप्राजोलम की मौजूदगी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। जांचकर्ताओं को होटल के कमरे से एलप्राक्स की खाली पट्टी मिली थी। मीडिया की खबरों में आशंका जताई गई थी कि शराब और अवसाद रोधी दवा का संयोजन मौत का कारण बना होगा। सूत्रों ने बताया कि घटना की जांच कर रहे एसडीएम आलोक शर्मा ने अब तक आठ लोगों के बयान दर्ज किए हैं जिनमें सुनंदा के पति एवं केंद्रीय मंत्री शशि थरूर, उनका स्टाफ तथा पत्रकार नलिनी सिंह भी शामिल हैं। एसडीएम घटनाक्रम को लेकर बयानों का अध्ययन कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि एसडीएम ने थरूर से पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के साथ उनके कथित संबंधों और इससे संबंधित विवाद के बारे में पूछा। एसडीएम अपराह्न 3 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच के शुक्रवार के सुनंदा के फोन रिकॉर्ड की भी जांच कर रहे हैं। शर्मा ने पुलिस को पत्र लिखकर अब तक के जांच परिणाम साझा करने को कहा है। सूत्रों ने कहा कि एम्स के डाक्टरों की समिति संभवत: मंगलवार तक एसडीएम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप देगी।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: इंग्लैंड ने भारत की जमीन पर छह साल बाद जीता टेस्ट
यह लेख है: भ्रमणकारी इंग्लैण्ड ने मुंबई में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत को 10 विकेट से हराकर चार मैचों की शृंखला में 1-1 से बराबरी कर ली है। चौथी पारी में मिले 57 रन के लक्ष्य को इंग्लैण्ड ने बिना विकेट खोए हासिल कर लिया। यह इंग्लैण्ड की पिछले साल में भारतीय धरती पर पहली टेस्ट जीत है। गौरतलब है कि अहमदाबाद में खेला गया शृंखला का पहला टेस्ट भारत ने जीता था। दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच के चौथे दिन अपनी दूसरी पारी में भारतीय टीम कुल 142 रन पर सिमट गई थी, जिससे इंग्लैण्ड को जीत के लिए 57 रन का लक्ष्य मिला। इंग्लैण्ड की ओर से स्पिनर मोन्टी पनेसर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच में कुल 11 विकेट चटकाए हैं, जबकि काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भी दूसरी पारी में 65 रन ठोके। मेजबान टीम की ओर से पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा ने शानदार 135 और रविचंद्रन अश्विन ने 68 रनों का योगदान दिया था, जिसके जवाब में इंग्लैण्ड के कप्तान एलेस्टेयर कुक तथा 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किए गए पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने बेहद शानदार शतकीय पारियां खेलकर टीम इंडिया को बैकफुट पर ला दिया। भारतीय दूसरी पारी में बल्लेबाजों ने बेहद शर्मनाक प्रदर्शन किया, और गौतम गंभीर (65) तथा अश्विन (11) के अतिरिक्त कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचा। तीसरे दिन का खेल खत्म होने पर नाबाद रही गौतम गम्भीर और हरभजन सिंह की जोड़ी भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने के अपने इरादे में कामयाब नहीं हो सकी। हरभजन सिंह को स्पिन गेंदबाज ग्रीम स्वान ने 21 रनों के निजी योग पर पेविलियन का रास्ता दिखा दिया। उनके बाद नौंवे विकेट के रूप में बल्लेबाजी करने आए जहीर खान एक रन ही बना सके। सलामी बल्लेबाज गौतम गम्भीर के स्वान की गेंद पर पगबाधा होते ही भारतीय पारी का अंत हो गया। इंग्लैंड की तरफ से मोंटी पनेसर ने छह और स्वान ने चार विकेट झटके। उल्लेखनीय है कि भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए अपनी पहली पारी में 327 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 413 रन बनाकर 86 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी।टिप्पणियां भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में शतक जड़ा था। उन्होंने 135 रनों की पारी खेली थी। वहीं इंग्लैंड की तरफ से दो शतक लगे थे। कुक ने 122 और केविन पीटरसन ने 186 रनों की अनमोल पारी खेली थी। मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, इसके विपरीत इंग्लैंड के गेंदबाजों ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की एक नहीं चलने दी। दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच के चौथे दिन अपनी दूसरी पारी में भारतीय टीम कुल 142 रन पर सिमट गई थी, जिससे इंग्लैण्ड को जीत के लिए 57 रन का लक्ष्य मिला। इंग्लैण्ड की ओर से स्पिनर मोन्टी पनेसर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच में कुल 11 विकेट चटकाए हैं, जबकि काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भी दूसरी पारी में 65 रन ठोके। मेजबान टीम की ओर से पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा ने शानदार 135 और रविचंद्रन अश्विन ने 68 रनों का योगदान दिया था, जिसके जवाब में इंग्लैण्ड के कप्तान एलेस्टेयर कुक तथा 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किए गए पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने बेहद शानदार शतकीय पारियां खेलकर टीम इंडिया को बैकफुट पर ला दिया। भारतीय दूसरी पारी में बल्लेबाजों ने बेहद शर्मनाक प्रदर्शन किया, और गौतम गंभीर (65) तथा अश्विन (11) के अतिरिक्त कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचा। तीसरे दिन का खेल खत्म होने पर नाबाद रही गौतम गम्भीर और हरभजन सिंह की जोड़ी भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने के अपने इरादे में कामयाब नहीं हो सकी। हरभजन सिंह को स्पिन गेंदबाज ग्रीम स्वान ने 21 रनों के निजी योग पर पेविलियन का रास्ता दिखा दिया। उनके बाद नौंवे विकेट के रूप में बल्लेबाजी करने आए जहीर खान एक रन ही बना सके। सलामी बल्लेबाज गौतम गम्भीर के स्वान की गेंद पर पगबाधा होते ही भारतीय पारी का अंत हो गया। इंग्लैंड की तरफ से मोंटी पनेसर ने छह और स्वान ने चार विकेट झटके। उल्लेखनीय है कि भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए अपनी पहली पारी में 327 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 413 रन बनाकर 86 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी।टिप्पणियां भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में शतक जड़ा था। उन्होंने 135 रनों की पारी खेली थी। वहीं इंग्लैंड की तरफ से दो शतक लगे थे। कुक ने 122 और केविन पीटरसन ने 186 रनों की अनमोल पारी खेली थी। मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, इसके विपरीत इंग्लैंड के गेंदबाजों ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की एक नहीं चलने दी। भारतीय दूसरी पारी में बल्लेबाजों ने बेहद शर्मनाक प्रदर्शन किया, और गौतम गंभीर (65) तथा अश्विन (11) के अतिरिक्त कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचा। तीसरे दिन का खेल खत्म होने पर नाबाद रही गौतम गम्भीर और हरभजन सिंह की जोड़ी भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने के अपने इरादे में कामयाब नहीं हो सकी। हरभजन सिंह को स्पिन गेंदबाज ग्रीम स्वान ने 21 रनों के निजी योग पर पेविलियन का रास्ता दिखा दिया। उनके बाद नौंवे विकेट के रूप में बल्लेबाजी करने आए जहीर खान एक रन ही बना सके। सलामी बल्लेबाज गौतम गम्भीर के स्वान की गेंद पर पगबाधा होते ही भारतीय पारी का अंत हो गया। इंग्लैंड की तरफ से मोंटी पनेसर ने छह और स्वान ने चार विकेट झटके। उल्लेखनीय है कि भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए अपनी पहली पारी में 327 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 413 रन बनाकर 86 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी।टिप्पणियां भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में शतक जड़ा था। उन्होंने 135 रनों की पारी खेली थी। वहीं इंग्लैंड की तरफ से दो शतक लगे थे। कुक ने 122 और केविन पीटरसन ने 186 रनों की अनमोल पारी खेली थी। मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, इसके विपरीत इंग्लैंड के गेंदबाजों ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की एक नहीं चलने दी। तीसरे दिन का खेल खत्म होने पर नाबाद रही गौतम गम्भीर और हरभजन सिंह की जोड़ी भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने के अपने इरादे में कामयाब नहीं हो सकी। हरभजन सिंह को स्पिन गेंदबाज ग्रीम स्वान ने 21 रनों के निजी योग पर पेविलियन का रास्ता दिखा दिया। उनके बाद नौंवे विकेट के रूप में बल्लेबाजी करने आए जहीर खान एक रन ही बना सके। सलामी बल्लेबाज गौतम गम्भीर के स्वान की गेंद पर पगबाधा होते ही भारतीय पारी का अंत हो गया। इंग्लैंड की तरफ से मोंटी पनेसर ने छह और स्वान ने चार विकेट झटके। उल्लेखनीय है कि भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए अपनी पहली पारी में 327 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 413 रन बनाकर 86 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी।टिप्पणियां भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में शतक जड़ा था। उन्होंने 135 रनों की पारी खेली थी। वहीं इंग्लैंड की तरफ से दो शतक लगे थे। कुक ने 122 और केविन पीटरसन ने 186 रनों की अनमोल पारी खेली थी। मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, इसके विपरीत इंग्लैंड के गेंदबाजों ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की एक नहीं चलने दी। उनके बाद नौंवे विकेट के रूप में बल्लेबाजी करने आए जहीर खान एक रन ही बना सके। सलामी बल्लेबाज गौतम गम्भीर के स्वान की गेंद पर पगबाधा होते ही भारतीय पारी का अंत हो गया। इंग्लैंड की तरफ से मोंटी पनेसर ने छह और स्वान ने चार विकेट झटके। उल्लेखनीय है कि भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए अपनी पहली पारी में 327 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 413 रन बनाकर 86 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी।टिप्पणियां भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में शतक जड़ा था। उन्होंने 135 रनों की पारी खेली थी। वहीं इंग्लैंड की तरफ से दो शतक लगे थे। कुक ने 122 और केविन पीटरसन ने 186 रनों की अनमोल पारी खेली थी। मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, इसके विपरीत इंग्लैंड के गेंदबाजों ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की एक नहीं चलने दी। उल्लेखनीय है कि भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए अपनी पहली पारी में 327 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 413 रन बनाकर 86 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी।टिप्पणियां भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में शतक जड़ा था। उन्होंने 135 रनों की पारी खेली थी। वहीं इंग्लैंड की तरफ से दो शतक लगे थे। कुक ने 122 और केविन पीटरसन ने 186 रनों की अनमोल पारी खेली थी। मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, इसके विपरीत इंग्लैंड के गेंदबाजों ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की एक नहीं चलने दी। भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में शतक जड़ा था। उन्होंने 135 रनों की पारी खेली थी। वहीं इंग्लैंड की तरफ से दो शतक लगे थे। कुक ने 122 और केविन पीटरसन ने 186 रनों की अनमोल पारी खेली थी। मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, इसके विपरीत इंग्लैंड के गेंदबाजों ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की एक नहीं चलने दी। मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, इसके विपरीत इंग्लैंड के गेंदबाजों ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज की एक नहीं चलने दी।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मुझे तोंद वाले पुलिसकर्मी पसंद नहीं : सुशील शिन्दे
लेख: केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने आज कहा कि पुलिसकर्मियों को हट्टा-कट्टा दिखना चाहिए न कि बूढ़े व्यक्ति की तरह। उन्होंने कहा कि उन्हें तोंद वाले पुलिसकर्मी पसंद नहीं हैं। खुद पुलिस में उप-निरीक्षक रह चुके शिन्दे ने कहा कि कई बार हम महसूस करते हैं कि होमगार्ड वर्दी पहने, बस खड़ा है। गृहमंत्री ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से महसूस होता है कि एक व्यक्ति जो वर्दी में है, उसे हट्टा-कट्टा होना चाहिए। लोगों को एकदम ऐसा दिखना चाहिए कि जो व्यक्ति वर्दी पहने है, वह उनका रक्षक है। उसे 75 या 80 साल के बूढ़े व्यक्ति जैसा नहीं दिखना चाहिए । शिन्दे ने नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड की स्वर्ण जयंती समारोह के मौके पर केन्द्रीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, मुझे लगता है कि आप सब (पुलिस और अर्धसैनिक बलों के प्रमुख) इसका ध्यान रखेंगे। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे बड़ी संख्या में स्वेच्छा से नागरिक सुरक्षा बल में शामिल हों, क्योंकि अभी काफी कम लोग इसमें हैं।टिप्पणियां शिन्दे ने कहा कि यह एकमात्र ऐसा बल है, जिसे हमें बहुत मजबूत और अनुशासित बनाना है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि नागरिक सुरक्षा में जो लोग शामिल हो रहे हैं, वे सिर्फ शामिल होने के लिए ऐसा कर रहे हैं और वे एक सैनिक की तरह नहीं हैं।   सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में नागरिक सुरक्षा के कार्य में 535155 स्वयंसेवी पंजीकृत हैं और केन्द्रीय गृह मंत्रालय अगले पांच से दस साल में इनकी संख्या बढ़ाकर इसे कुल आबादी का कम से कम एक प्रतिशत करना चाहता है। शिन्दे ने कहा कि नागरिक सुरक्षा संगठन 1962 के चीन युद्ध के बाद बनाया गया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमें चीन की घुसपैठ का एक छोटा अनुभव हुआ। शिन्दे ने कहा कि ऐसे में उन्हें नागरिक सुरक्षा का स्मरण होता है। इन स्वयंसेवकों को लगातार प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे देश में किसी भी समय मानवजन्य या प्राकृतिक आपदा का सामना कर सकें। उन्होंने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों से कहा कि हमें शांति के समय भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। यदि आप युद्ध लड़ना चाहते हैं तो शांति के समय भी तैयार रहना होगा। सरकार आपके साथ है और आपको हमारे साथ होना चाहिए। खुद पुलिस में उप-निरीक्षक रह चुके शिन्दे ने कहा कि कई बार हम महसूस करते हैं कि होमगार्ड वर्दी पहने, बस खड़ा है। गृहमंत्री ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से महसूस होता है कि एक व्यक्ति जो वर्दी में है, उसे हट्टा-कट्टा होना चाहिए। लोगों को एकदम ऐसा दिखना चाहिए कि जो व्यक्ति वर्दी पहने है, वह उनका रक्षक है। उसे 75 या 80 साल के बूढ़े व्यक्ति जैसा नहीं दिखना चाहिए । शिन्दे ने नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड की स्वर्ण जयंती समारोह के मौके पर केन्द्रीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, मुझे लगता है कि आप सब (पुलिस और अर्धसैनिक बलों के प्रमुख) इसका ध्यान रखेंगे। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे बड़ी संख्या में स्वेच्छा से नागरिक सुरक्षा बल में शामिल हों, क्योंकि अभी काफी कम लोग इसमें हैं।टिप्पणियां शिन्दे ने कहा कि यह एकमात्र ऐसा बल है, जिसे हमें बहुत मजबूत और अनुशासित बनाना है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि नागरिक सुरक्षा में जो लोग शामिल हो रहे हैं, वे सिर्फ शामिल होने के लिए ऐसा कर रहे हैं और वे एक सैनिक की तरह नहीं हैं।   सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में नागरिक सुरक्षा के कार्य में 535155 स्वयंसेवी पंजीकृत हैं और केन्द्रीय गृह मंत्रालय अगले पांच से दस साल में इनकी संख्या बढ़ाकर इसे कुल आबादी का कम से कम एक प्रतिशत करना चाहता है। शिन्दे ने कहा कि नागरिक सुरक्षा संगठन 1962 के चीन युद्ध के बाद बनाया गया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमें चीन की घुसपैठ का एक छोटा अनुभव हुआ। शिन्दे ने कहा कि ऐसे में उन्हें नागरिक सुरक्षा का स्मरण होता है। इन स्वयंसेवकों को लगातार प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे देश में किसी भी समय मानवजन्य या प्राकृतिक आपदा का सामना कर सकें। उन्होंने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों से कहा कि हमें शांति के समय भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। यदि आप युद्ध लड़ना चाहते हैं तो शांति के समय भी तैयार रहना होगा। सरकार आपके साथ है और आपको हमारे साथ होना चाहिए। शिन्दे ने नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड की स्वर्ण जयंती समारोह के मौके पर केन्द्रीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, मुझे लगता है कि आप सब (पुलिस और अर्धसैनिक बलों के प्रमुख) इसका ध्यान रखेंगे। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे बड़ी संख्या में स्वेच्छा से नागरिक सुरक्षा बल में शामिल हों, क्योंकि अभी काफी कम लोग इसमें हैं।टिप्पणियां शिन्दे ने कहा कि यह एकमात्र ऐसा बल है, जिसे हमें बहुत मजबूत और अनुशासित बनाना है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि नागरिक सुरक्षा में जो लोग शामिल हो रहे हैं, वे सिर्फ शामिल होने के लिए ऐसा कर रहे हैं और वे एक सैनिक की तरह नहीं हैं।   सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में नागरिक सुरक्षा के कार्य में 535155 स्वयंसेवी पंजीकृत हैं और केन्द्रीय गृह मंत्रालय अगले पांच से दस साल में इनकी संख्या बढ़ाकर इसे कुल आबादी का कम से कम एक प्रतिशत करना चाहता है। शिन्दे ने कहा कि नागरिक सुरक्षा संगठन 1962 के चीन युद्ध के बाद बनाया गया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमें चीन की घुसपैठ का एक छोटा अनुभव हुआ। शिन्दे ने कहा कि ऐसे में उन्हें नागरिक सुरक्षा का स्मरण होता है। इन स्वयंसेवकों को लगातार प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे देश में किसी भी समय मानवजन्य या प्राकृतिक आपदा का सामना कर सकें। उन्होंने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों से कहा कि हमें शांति के समय भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। यदि आप युद्ध लड़ना चाहते हैं तो शांति के समय भी तैयार रहना होगा। सरकार आपके साथ है और आपको हमारे साथ होना चाहिए। शिन्दे ने कहा कि यह एकमात्र ऐसा बल है, जिसे हमें बहुत मजबूत और अनुशासित बनाना है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि नागरिक सुरक्षा में जो लोग शामिल हो रहे हैं, वे सिर्फ शामिल होने के लिए ऐसा कर रहे हैं और वे एक सैनिक की तरह नहीं हैं।   सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में नागरिक सुरक्षा के कार्य में 535155 स्वयंसेवी पंजीकृत हैं और केन्द्रीय गृह मंत्रालय अगले पांच से दस साल में इनकी संख्या बढ़ाकर इसे कुल आबादी का कम से कम एक प्रतिशत करना चाहता है। शिन्दे ने कहा कि नागरिक सुरक्षा संगठन 1962 के चीन युद्ध के बाद बनाया गया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमें चीन की घुसपैठ का एक छोटा अनुभव हुआ। शिन्दे ने कहा कि ऐसे में उन्हें नागरिक सुरक्षा का स्मरण होता है। इन स्वयंसेवकों को लगातार प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे देश में किसी भी समय मानवजन्य या प्राकृतिक आपदा का सामना कर सकें। उन्होंने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों से कहा कि हमें शांति के समय भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। यदि आप युद्ध लड़ना चाहते हैं तो शांति के समय भी तैयार रहना होगा। सरकार आपके साथ है और आपको हमारे साथ होना चाहिए। उन्होंने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों से कहा कि हमें शांति के समय भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। यदि आप युद्ध लड़ना चाहते हैं तो शांति के समय भी तैयार रहना होगा। सरकार आपके साथ है और आपको हमारे साथ होना चाहिए।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: 'शत्रुजीत' अभ्यास के दौरान अलग-अलग हादसों में तीन जवान शहीद, सेना ने कहा- जांच करेंगे
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: राजस्थान में पाकिस्तान सीमा से लगे महाजन फायरिंग रेंज पर सेना के युद्ध अभ्यास 'शत्रुजीत' के दौरान अलग-अलग हादसों में तीन सैनिक शहीद हो गए। सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी के आदेश दे दिए हैं और इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।टिप्पणियां पिछले दो महीने तक थार के रेगिस्तान में हुए इस अभ्यास की शुरुआत में ही एक जवान की जान चली गई। दूसरे जवान की मौत करंट लगने की वजह से मौत हो गई, जबकि तीसरे जवान की मौत सांप काटने की वजह से हुई। पाकिस्तान की ओर से अगर परमाणु हमले की स्थिति पैदा होती तो उससे निपटने की तैयारियों के मद्देनजर भारतीय सेना पाकिस्तान से लगी सरहद पर 'शत्रुजीत' अभ्यास कर रही थी, ताकि अपने रणनीतिक कौशल को और धार दे सकें। 22 अप्रैल को सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने खुद इस युद्धाभ्यास का जायजा लिया था।   शत्रुजीत अभ्यास में शामिल सैन्य अफसरों से मिलते सेना प्रमुख सेना के सूत्रों के मुताबिक, हम अपने स्तर पर एहतियात बरतने की कोशिश करते हैं लेकिन कई बार जरा सी भी चूक भारी पड़ जाती है। पिछले साल दिसंबर महीने में हुए अभ्यास 'दृढ़संकल्प' में भी पांच सैनिकों की मौत हो गई थी। इनमें तीन अफसर और दो  जवान शामिल थे। सेना के सूत्रों ने बताया कि कि ऐसा अभ्यास 45 डिग्री तापमान में 30 हजार से ज्यादा सैनिक हिस्सा ले रहे हों, वहां ऐसे हादसों का होना कोई बड़ी बात नहीं है। पिछले दो महीने तक थार के रेगिस्तान में हुए इस अभ्यास की शुरुआत में ही एक जवान की जान चली गई। दूसरे जवान की मौत करंट लगने की वजह से मौत हो गई, जबकि तीसरे जवान की मौत सांप काटने की वजह से हुई। पाकिस्तान की ओर से अगर परमाणु हमले की स्थिति पैदा होती तो उससे निपटने की तैयारियों के मद्देनजर भारतीय सेना पाकिस्तान से लगी सरहद पर 'शत्रुजीत' अभ्यास कर रही थी, ताकि अपने रणनीतिक कौशल को और धार दे सकें। 22 अप्रैल को सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने खुद इस युद्धाभ्यास का जायजा लिया था।   शत्रुजीत अभ्यास में शामिल सैन्य अफसरों से मिलते सेना प्रमुख सेना के सूत्रों के मुताबिक, हम अपने स्तर पर एहतियात बरतने की कोशिश करते हैं लेकिन कई बार जरा सी भी चूक भारी पड़ जाती है। पिछले साल दिसंबर महीने में हुए अभ्यास 'दृढ़संकल्प' में भी पांच सैनिकों की मौत हो गई थी। इनमें तीन अफसर और दो  जवान शामिल थे। सेना के सूत्रों ने बताया कि कि ऐसा अभ्यास 45 डिग्री तापमान में 30 हजार से ज्यादा सैनिक हिस्सा ले रहे हों, वहां ऐसे हादसों का होना कोई बड़ी बात नहीं है। पाकिस्तान की ओर से अगर परमाणु हमले की स्थिति पैदा होती तो उससे निपटने की तैयारियों के मद्देनजर भारतीय सेना पाकिस्तान से लगी सरहद पर 'शत्रुजीत' अभ्यास कर रही थी, ताकि अपने रणनीतिक कौशल को और धार दे सकें। 22 अप्रैल को सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने खुद इस युद्धाभ्यास का जायजा लिया था।   शत्रुजीत अभ्यास में शामिल सैन्य अफसरों से मिलते सेना प्रमुख सेना के सूत्रों के मुताबिक, हम अपने स्तर पर एहतियात बरतने की कोशिश करते हैं लेकिन कई बार जरा सी भी चूक भारी पड़ जाती है। पिछले साल दिसंबर महीने में हुए अभ्यास 'दृढ़संकल्प' में भी पांच सैनिकों की मौत हो गई थी। इनमें तीन अफसर और दो  जवान शामिल थे। सेना के सूत्रों ने बताया कि कि ऐसा अभ्यास 45 डिग्री तापमान में 30 हजार से ज्यादा सैनिक हिस्सा ले रहे हों, वहां ऐसे हादसों का होना कोई बड़ी बात नहीं है। शत्रुजीत अभ्यास में शामिल सैन्य अफसरों से मिलते सेना प्रमुख सेना के सूत्रों के मुताबिक, हम अपने स्तर पर एहतियात बरतने की कोशिश करते हैं लेकिन कई बार जरा सी भी चूक भारी पड़ जाती है। पिछले साल दिसंबर महीने में हुए अभ्यास 'दृढ़संकल्प' में भी पांच सैनिकों की मौत हो गई थी। इनमें तीन अफसर और दो  जवान शामिल थे। सेना के सूत्रों ने बताया कि कि ऐसा अभ्यास 45 डिग्री तापमान में 30 हजार से ज्यादा सैनिक हिस्सा ले रहे हों, वहां ऐसे हादसों का होना कोई बड़ी बात नहीं है।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: शिवसेना के संजय राउत ने मौजूदा परिदृश्य में 'विपक्षी पार्टी' के अस्तित्व को लेकर खड़े किए सवाल, कहा...
यह एक लेख है: शिवसेना (Shiv Sena) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करने के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) और कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की रविवार को सराहना की. उन्होंने मौजूदा परिदृश्य में 'विपक्षी पार्टी' के अस्तित्व को लेकर सवाल भी खड़े किए. उन्होंने कहा कि विपक्ष की अनुपस्थिति किसी देश की राजनीति को मनमाना और एकतरफा बना देती है. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में साप्ताहिक स्तंभ लेखन में पार्टी सांसद ने अगले महीने प्रस्तावित महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना में शामिल होने के लिए कतार में खड़े अवसरवादियों पर कटाक्ष किया.  संजय राउत ने मौजूदा परिदृश्य में 'विपक्षी पार्टी' के अस्तित्व को लेकर गंभीर सवाल भी खड़ा किया. उन्होंने कहा, 'मराठवाडा में पानी की कमी अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समान ही महत्वपूर्ण है, लेकिन कोई भी इस विशेष मुद्दे का हवाला देते हुए पार्टी नहीं छोड़ रहा है.' राउत ने लिखा, 'भले ही हर जगह सूखा हो, लेकिन भाजपा और शिवसेना में अन्य दलों के नेताओं का तांता लगा हुआ है. राजनीति एक कठिन कला है, लेकिन अब कुछ लोगों ने इसे सरल बना दिया है.' वह जाहिर तौर पर दल-बदलू नेताओं के उस आम राग का जिक्र कर रहे थे कि वे मतदाताओं की खातिर और अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए अपने मूल दल को छोड़ रहे है. राउत ने कहा, 'जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस के बारे में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने संसदीय लोकतंत्र में शिष्टाचार को बनाए रखा है. वह कांग्रेस ही थी जो आजादी के बाद संसद में शिष्टाचार और परंपराओं से संबंधित कुछ नियम लेकर आई.' राउत ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) के गठन के लिए कांग्रेस को श्रेय भी दिया. उन्होंने कहा, 'वह जवाहरलाल नेहरू थे जिन्होंने देश में विपक्षी दल के महत्व को पहचाना. जब शुरू में विपक्षी दल कमजोर था, तो वह कहते थे कि उन्हें प्रधानमंत्री की भूमिका निभाने के साथ-साथ विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभानी होगी.' राउत ने कहा कि यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी नेहरू के नक्शेकदम पर चलते थे. उन्होंने कहा, 'यदि कोई विपक्षी दल नहीं है तो देश का लोकतंत्र कमजोर हो जाता है और राजनीति मनमानी और एकतरफा हो जाती है.'
13
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: RRB ALP 2nd Stage Result: 6 अप्रैल को आएगा एएलपी, टेक्नीशियन का रिजल्ट, जानिए डिटेल
यह एक लेख है: रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) 6 अप्रैल को एएलपी, टेक्नीशियन की दूसरी स्टेज की परीक्षा का रिजल्ट (RRB ALP CBT 2 Result) जारी कर देगा. उम्मीदवारों का रिजल्ट (RRB ALP Result) आरआरबी की सभी वेबसाइट्स पर जारी किया जाएगा. उम्मीदवार अपने रीजन की आरआरबी (RRB) वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट (RRB ALP 2nd Stage Result) चेक कर पाएंगे. उम्मीदवारों को रिजल्ट चेक करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और जन्मतिथि डालकर लॉग इन करना होगा. ऐसा भी हो सकता है कि रेलवे पास होने वालों की एक लिस्ट पीडीएफ के रूप में जारी करे. बता दें कि असिस्टेंट लोको पायलट (RRB ALP) के पदों पर उम्मीदवारों को अब एप्टीट्यूड टेस्ट देना होगा. रेलवे ने एएलपी, टेक्नीशियन (RRB ALP, Technician) सीबीटी 2 का स्कोर कार्ड और फाइनल आंसर-की 24 मार्च को जारी किया था. उम्मीदवार अपना स्कोर 25 मार्च रात 11:59 तक चेक कर पाए थे. ग्रुप सी एएलपी, टेक्नीशियन के पदों पर दूसरे स्टेज की परीक्षा 21,22 और 23 फरवरी को आयोजित की गई थी.
9
['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: धूम्रपान 60 की उम्र में भी छोड़ें, तो नहीं होगा हृदय रोग : शोध
यह एक लेख है: अगर आप 60 साल की उम्र में भी धूम्रपान की लत से छुटकारा पा लेते हैं, तो आप दिल का दौरा व स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकते हैं। जर्मनी के एक शोधकर्ता ने यह खुलासा किया है कि, किसी व्यक्ति द्वारा धूम्रपान छोड़ने के बाद यह खतरा लगातार कम होता जाता है। औसतन एक पूर्व धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी भी धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति से मात्र 1.3 फीसदी ज्यादा दिल का दौरा व स्ट्रोक का खतरा होता है।टिप्पणियां बुजुर्गों में धूम्रपान का हृदय संबंधी रोगों के अब तक के सबसे व्यापक अध्ययन में जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर के एपिडेमियोलॉजिस्ट यूट मॉन्स ने 25 अलग-अलग विश्लेषण किए, जिसमें 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पांच लाख लोगों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया। उन्होंने कहा, "पहले पांच साल के दौरान ही खतरा बेहद व्यापक तौर पर कम हो गया।" यह खतरा किसी व्यक्ति द्वारा उसके पूरे जीवनकाल में उपभोग की गई कुल सिगरेटों की संख्या पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति द्वारा धूम्रपान छोड़ने पर यह खतरा लगातार घटता जाता है। जर्मनी के एक शोधकर्ता ने यह खुलासा किया है कि, किसी व्यक्ति द्वारा धूम्रपान छोड़ने के बाद यह खतरा लगातार कम होता जाता है। औसतन एक पूर्व धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी भी धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति से मात्र 1.3 फीसदी ज्यादा दिल का दौरा व स्ट्रोक का खतरा होता है।टिप्पणियां बुजुर्गों में धूम्रपान का हृदय संबंधी रोगों के अब तक के सबसे व्यापक अध्ययन में जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर के एपिडेमियोलॉजिस्ट यूट मॉन्स ने 25 अलग-अलग विश्लेषण किए, जिसमें 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पांच लाख लोगों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया। उन्होंने कहा, "पहले पांच साल के दौरान ही खतरा बेहद व्यापक तौर पर कम हो गया।" यह खतरा किसी व्यक्ति द्वारा उसके पूरे जीवनकाल में उपभोग की गई कुल सिगरेटों की संख्या पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति द्वारा धूम्रपान छोड़ने पर यह खतरा लगातार घटता जाता है। बुजुर्गों में धूम्रपान का हृदय संबंधी रोगों के अब तक के सबसे व्यापक अध्ययन में जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर के एपिडेमियोलॉजिस्ट यूट मॉन्स ने 25 अलग-अलग विश्लेषण किए, जिसमें 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पांच लाख लोगों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया। उन्होंने कहा, "पहले पांच साल के दौरान ही खतरा बेहद व्यापक तौर पर कम हो गया।" यह खतरा किसी व्यक्ति द्वारा उसके पूरे जीवनकाल में उपभोग की गई कुल सिगरेटों की संख्या पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति द्वारा धूम्रपान छोड़ने पर यह खतरा लगातार घटता जाता है। उन्होंने कहा, "पहले पांच साल के दौरान ही खतरा बेहद व्यापक तौर पर कम हो गया।" यह खतरा किसी व्यक्ति द्वारा उसके पूरे जीवनकाल में उपभोग की गई कुल सिगरेटों की संख्या पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति द्वारा धूम्रपान छोड़ने पर यह खतरा लगातार घटता जाता है।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: मलयाली समलैंगिक जोड़े ने कैलिफोर्निया में हिन्दू रीति रिवाज से रचाई शादी, देखें तस्वीरें
यह एक लेख है: अमेरिका के कैलिफोर्निया में हुई भारतीय मूल के दो युवकों कार्तिक और संदीप की शादी इन दिनों खासी चर्चा में है। पल्लकड़ ब्राह्मण परिवार से आने वाले कार्तिक का जन्म और पालन पोषण अमेरिका में ही हुआ है, जबकि केरल के तिरुवनंतपुरम में जन्मे संदीप साल 2008 से अमेरिका में रह रहे हैं। खबर के मुताबिक, साल 2012 में एक ऑनलाइन डेटिंग साइट पर कार्तिक और संदीप की मुलाकात हुई। फिर एसएमएस और ई-मेल के जरिये दोनों में बातचीत शुरू हुई और इसी तरह धीरे-धीरे उनका प्यार परवान चढ़ता गया। इन दोनों ने जब अपने रिश्ते की बात परिवार वालों को बताई तो कुछ चौक गए और कुछ ने विरोध भी किया। हालांकि इनके प्यार को समझते हुए दोनों परिवार इस रिश्ते के लिए राज़ी हो गए। फरवरी 2014 में दोनों की सगाई हुई और फिर शादी की तैयारियां शुरू हो गईं। इस साल 18 जनवरी को दोनों पारंपरिक हिन्दू रीति रिवाज के साथ परिणय सूत्र में बंध गए। इस मौके पर उनके परिवार वालों के साथ करीबी दोस्त भी मौजूद थे। इस युवा समलैंगिक जोड़े ने इसी महीने अपनी शादी की तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक किया और तभी से यह शादी सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: क्या है 'ऑपरेशन लोटस 3.0', कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ कर्नाटक में 2008 दोहरा पाएगी बीजेपी?
यह एक लेख है: कर्नाटक (Karnataka) में एक बार फिर से सियासी घमासाम (Karnataka Political Crisis)  परवान चढ़ चुका है. कर्नाटक में सात माह पुरानी मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन (Congress-JDS Govt) सरकार को एक बार फिर से अस्थिर करने की कोशिशें जारी हैं और इसके केंद्र में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ही है, जो इससे पहले भी कई बार ऐसे प्रयास दोहरा चुकी है. कर्नाटक में दो निर्दलीय विधायकों के जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन से समर्थन वापस लेने के बाद कुमारस्वामी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. हालांकि, कांग्रेस और जेडीएस का कहना है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है और उनकी सरकार स्थिर है. उनका कहना है कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार को अस्थिर करने की बीजेपी की कोशिश कामयाब नहीं होगी. साथ ही दोनों पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि भाजपा उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिशों में जुटी है. दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर से कर्नाटक सियासी चर्चा का केंद्र बिंदू उस वक्त बना जब कांग्रेस के तीन विधायक अचानक गायब हो गये और फिर उसके बाद कुमारस्वामी सरकार को झटका देते हुए दो निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया. हालांकि, बाद में पता चला कि कांग्रेस के ये तीन विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं.  इस तरह से देखा जाए तो अभी 5 विधायक गायब हैं, जिसे लेकर कांग्रेस-जेडीएस का आरोप है कि बीजेपी उन्हें खरीदने की कोशिश कर रही है. वहीं, येदियुरप्पा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायकों को तोड़-फोड़ से बचाने के लिए सभी 104 विधायकों को गुरुग्राम के एक रिजॉर्ट में रख दिया है. बताया यह भी जा रहा है कि मुंबई के होटल में रुके कर्नाटक कांग्रेस के 4 विधायक आज इस्तीफ़ा दे सकते हैं. ये विधायक यहां पिछले चार दिनों से ठहरे हुए हैं. कर्नाटक में इसी सियासी उठापटक को 'ऑपरेशन लोटस 3.0' नाम दिया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले भी बीजेपी कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार को गिराने की कोशिश कर चुकी है. वहीं, बीजेपी के पास 104 विधायक हैं और दो निर्दलीयों को मिलाकर उसके पास 106 विधायक हैं. बीजेपी के ऑपरेशन लोटस 3.0 में कोशिश है कि किसी तरह के 13 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे दिलाने की ताकि बहुमत का आंकड़ा घटकर 106 रह जाए और बीजेपी सरकार बना ले. इस पूरे मसले को ऑपरेशन लोटस 3.0 इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह तीसरी बार है जब बीजेपी सत्ता में आने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति कर रही है.  अब बीजेपी ने इनसे पहले इस्तीफा दिलवाया और उपचुनाव हुए. बीजेपी ने इन सातों को अपने टिकट पर सियासी मैदान में उतारा और इनमें से पांच विधायक उपचुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रहे. इस तरह से बीजेपी की संख्या विधानसभा में 115 हो गई जो बहुमत के आंकड़े से दो अधिक था. 2008 में इसी सियासी उठापटक को पहली बार ऑपरेशन लोटस यानी ऑपरेशन कमल के रूप में जाना गया.
8
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: जर्मन पत्रिका ने भूलवश कर दी बुश के निधन की घोषणा
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: जर्मन साप्ताहिक 'डेर स्पीजेल' के रविवार के अंक में भूलवश एक श्रद्धांजलि लेख प्रकाशित हुआ जिसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश को 'बेरंग राजनेता' बताया गया। पत्रिका के न्यूयॉर्क स्थित संवाददाता मार्क पित्जके ने कहा कि बुश का रिकॉर्ड तभी प्रभावित करता है जब उनकी तुलना उनके बेटे जॉर्ज डब्ल्यू बुश से की जाती है। उनके बेटे ने 2001 से 2009 के बीच दो बार राष्ट्रपति का दायित्व संभाला था। यह अपूर्ण श्रद्धांजलि लेख कुछ मिनटों तक 'डेर स्पीजेल' पर भी देखा गया। इंटरनेट का उपयोग करने वालों ने जब अपनी प्रतिक्रियाएं प्रेषित कर इस भूल की ओर ध्यान दिलाया तब इस लेख को हटा लिया गया।टिप्पणियां वरिष्ठ बुश 1989 से 1993 तक राष्ट्रपति रहे। सीने में जकड़न और खांसी की शिकायत के बाद 23 नवम्बर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उन्हें कई बार अस्पताल की सेवा लेनी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि 88 वर्षीय जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश अमेरिका के सबसे बुजुर्ग जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों में से एक हैं। पत्रिका के न्यूयॉर्क स्थित संवाददाता मार्क पित्जके ने कहा कि बुश का रिकॉर्ड तभी प्रभावित करता है जब उनकी तुलना उनके बेटे जॉर्ज डब्ल्यू बुश से की जाती है। उनके बेटे ने 2001 से 2009 के बीच दो बार राष्ट्रपति का दायित्व संभाला था। यह अपूर्ण श्रद्धांजलि लेख कुछ मिनटों तक 'डेर स्पीजेल' पर भी देखा गया। इंटरनेट का उपयोग करने वालों ने जब अपनी प्रतिक्रियाएं प्रेषित कर इस भूल की ओर ध्यान दिलाया तब इस लेख को हटा लिया गया।टिप्पणियां वरिष्ठ बुश 1989 से 1993 तक राष्ट्रपति रहे। सीने में जकड़न और खांसी की शिकायत के बाद 23 नवम्बर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उन्हें कई बार अस्पताल की सेवा लेनी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि 88 वर्षीय जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश अमेरिका के सबसे बुजुर्ग जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों में से एक हैं। यह अपूर्ण श्रद्धांजलि लेख कुछ मिनटों तक 'डेर स्पीजेल' पर भी देखा गया। इंटरनेट का उपयोग करने वालों ने जब अपनी प्रतिक्रियाएं प्रेषित कर इस भूल की ओर ध्यान दिलाया तब इस लेख को हटा लिया गया।टिप्पणियां वरिष्ठ बुश 1989 से 1993 तक राष्ट्रपति रहे। सीने में जकड़न और खांसी की शिकायत के बाद 23 नवम्बर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उन्हें कई बार अस्पताल की सेवा लेनी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि 88 वर्षीय जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश अमेरिका के सबसे बुजुर्ग जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों में से एक हैं। वरिष्ठ बुश 1989 से 1993 तक राष्ट्रपति रहे। सीने में जकड़न और खांसी की शिकायत के बाद 23 नवम्बर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उन्हें कई बार अस्पताल की सेवा लेनी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि 88 वर्षीय जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश अमेरिका के सबसे बुजुर्ग जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों में से एक हैं। उल्लेखनीय है कि 88 वर्षीय जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश अमेरिका के सबसे बुजुर्ग जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों में से एक हैं।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: 135 रनों के भारी अंतर से हारी टीम इंडिया
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दक्षिण अफ्रीका के 290 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की पूरी 154 रनों पर ढेर हो गई। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की शुरूआत काफी खराब रही। सलामी बल्लेबाज मुरली विजय :01: को पारी की चौथी गेंद पर ही डेल स्टेन ने पगबाधा आउट कर दिया। चोटिल वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की गैरमौजूदगी में खेल रही टीम इंडिया को चौथे ओवर में दूसरा झटका लगा जब सचिन तेंदुलकर :07: लोनवाबो सोतसोबे की गेंद पर पवेलियन लौट गये। तेंदुलकर गेंद को लेग साइड में खेलने के प्रयास में आफ साइड की ओर निकल गये और गेंद उनके बल्ले का उपरी किनारा लेकर हवा में लहरा गई जिसे फाइन लेग में लपकने में स्टेन ने कोई गलती नहीं की। इस समय भारत का स्कोर दो विकेट पर 13 रन था। मोर्ने मोर्कल ने इसके बाद 11वें ओवर में भारत को दोहरा झटका देकर मध्यक्रम की कमर तोड़ दी। मोर्कल ने रोहित शर्मा :11: को विकेटकीपर एबी डिविलियर्स के हाथों कैच कराने के तीन गेंद बाद युवराज सिंह को स्लिप में ग्रीम स्मिथ के हाथों कैच कराया। रोहित हालांकि अंपायर साइमन टोफेल के फैसले से निराश दिखे। भारत की ओर से अर्धशतक मात्र कोहली ही बना सके। कोहली ने 54 रनों का योगदान दिया। वहीं कप्तान धोनी ने 25 और रैना ने 32 रन बनाए। रोहित शर्मा के 11 रन छोड़ दे तो कोई अन्य खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाया। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट के नुकसान पर 289 रन बनाए। अफ्रीका की ओर से अब्राहम डिविलियर्स ने 76, जेपी ड्यूमिनी ने 73 और हासिम अमला ने 50 रनों की उपयोगी पारियां खेली।  टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं रही और चौथे ही ओवर में उसके सलामी बल्लेबाज ग्रीम स्मिथ 21 रन के कुल योग पर चलते बने। उन्होंने 15 गेंदों पर दो चौके की मदद से 11 रन बनाए। स्मिथ को आशीष नेहरा ने रोहित शर्मा के हाथों कैच करवाया। कोलिन इन्ग्राम को पांच रन के निजी योग पर मुनाफ पटेल ने नेहरा के हाथों लपकवाया। इसके बाद अमला ने पारी को सम्भाला लेकिन अमला भी 50 रन के निजी योग पर मुनाफ की एक खूबसूरत गेंद पर हरभजन सिंह को कैच थमाकर चलते बने। अमला ने 36 गेंदों पर आठ चौके लगाए। अमला ने इन्ग्राम के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 51 रनों की साझेदारी की। दक्षिण अफ्रीका ने शुरुआती तीन विकेट गंवाने के बाद अब्राहम डिविलियर्स और जेपी ड्यूमिनी के बीच हुई 131 रनों की शानदार साझेदारी की बदौलत अपनी स्थिति संभाल ली है।  अब्राहम डिविलियर्स ने 69 गेंदों पर सात चौके और एक छक्के की मदद से 76 रन बनाए। रोहित शर्मा की गेंद पर हरभजन ने उनका कैच लपका। जेपी ड्यूमिनी ने 89 गेंदों में एक चौका और एक छक्का की मदद से 73 रन बनाए। वह रोहित शर्मा की गेंद पर पगबाधा आउट हुए। इसके बाद डेविड मिलर 9, जेहान बोथा 23, डेल स्टेन सात और त्सोत्सोबे एक रन बनाकर आउट हुए। मोर्केल बगैर खाता खोले पेवेलियन लौटे। भारत की ओर से मुनाफ पटेल, जहीर खान और रोहित शर्मा ने दो-दो विकेट चटकाए जबकि आशीष नेहरा, हरभजन सिंह और सुरेश रैना ने एक-एक विकेट हासिल किए।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: तीन तलाक बिल पर अब दबाव में मोदी सरकार, राज्यसभा में विपक्षी एकता का यह है गणित
यह लेख है: लोकसभा में तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) को पास कराने के बाद मोदी सरकार के इरादे बुलंद हैं, मगर राज्यसभा (triple talaq bill in rajya sabha) की राह इतनी आसान नहीं दिख रही है. एक ओर जहां मोदी सरकार (Modi Govt) इस बिल को राज्यसभा में पास कराना चाहेगी, वहीं इस बिल को पास होने से रोक कर कांग्रेस समेत कई पार्टियों को विपक्षी एकता की झलक दिखाने की भी अग्नि परीक्षा होगी.  राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो सके, इसके लिए विपक्ष एकजुट हो रहा है और इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रहा है. तीन तलाक बिल पर कांग्रेस के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के सुर भी एक हैं. दोनों पार्टियों का कहना है कि बिल को राज्यसभा में पारित कराने से पहले बिल को ज्वांइट सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. बता दें कि किसी मसले पर जब भी राजनीतिक सहमति बनानी होती है तो ऐसे में उसे ज्वांइट सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाता है. राज्यसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी हो चुकी है, लेकिन बहुमत में नहीं है. बिल के खिलाफ पार्टियां ज्यादा ताकतवर और लामबंद होती दिख रहीं इनके अलावा भी कई सांसद सरकार के साथ नहीं हैं. यानी सरकार के पास यहां बहुमत नहीं है. जबकि विपक्ष बिल में संशोधन पर अड़ा हुआ है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने एनडीटीवी से कहा कि ट्रिपल तलाक बिल में सजा का प्रावधान नहीं होना चाहिए. सिविल लॉ को क्रिमिनल लॉ बना रहे हैं. जब समुदाय को स्वीकार नहीं है तो बिल उन पर क्यों थोपा जा रहा है. हम मांग करते हैं कि बिल को ज्वाईंट सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए.  वहीं, इस मसले पर समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस के सुर में सुल मिला रही है. समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि हम चाहते हैं कि ट्रिपल तलाक बिल से तीन साल की सजा का प्रावधान हटाया जाए. तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेज देना चाहिए, ताकि कमियों को दूर किया जा सके.  बीजेपी की ओर से विजय गोयल ने एनडीटीवी से कहा कि अभी तीन तलाक बिल को ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी को भेजने की कोई जरूरत नहीं है. हम राज्यसभा में सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हैं कि वो बिल का समर्थन करें. वहीं, बीजेडी नेता प्रसन्ना पटसानी का कहना है कि यह एक संवेदनशील बिल है. इस पर सभी राजनीतिक पार्टियों में आम सहमति बनाकर ही सरकार को आगे बढ़ना चाहिए.  इतना ही नहीं, एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध घोषित करने के प्रावधान का विरोध करते हुये आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि वह इससे जुड़े मुस्लिम महिला अधिकार संरक्षण विधेयक का उच्च सदन में समर्थन नहीं करेगी. राज्यसभा में आप के नेता संजय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से निजात दिलाने के नाम पर मुस्लिम समाज के लोगों को डराने के लिये लाए गए इस विधेयक का पार्टी विरोध करेगी.  विपक्ष के तरफ से पहला संकेत कि वह राज्यसभा में बिल पारित नहीं होने देगा. बता दें कि यह विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया और अब इसे उच्च सदन में लाया जायेगा. राज्यसभा में इस बिल को पास कराना मोदी सरकार के लिए इसलिए भी आसान नहीं है, क्योंकि राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. उम्मीद की जा रही है कि यह विधेयक अगले सप्ताह उच्च सदन में लाया जा सकता है.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
यह एक लेख है: याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह की घटना होने से स्कूल की मान्यता या लाइसेंस रद्द की जाए. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन बनाया जाए जो स्कूलों को लेकर सिफारिश दे. प्रद्युम्न के परिवार के सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए कोर्ट दिशा निर्देश जारी करें. स्कूलों में इस तरह की होने वाली घटनाओं पर सुनवाई के लिए  एक स्वतंत्र संवैधानिक बॉडी या ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन या कमेटी बनाई जाए जो स्कूलों में सुरक्षा को लेकर सिफारिश दे. इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष सीबीआई से जांच कराई जाए.  पिता का कहना है कि एसआईटी की जांच सिर्फ स्कूल की लापरवाही पर है, लेकिन इस हत्या का सच सामने नहीं आया कि बच्चे की हत्या के पीछे कौन है और उसे क्यों मारा? इस मामले का कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए. वहीं प्रद्युम्न के पिता के मीडिया से कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कंडक्टर के पास हथियार हो और टॉयलेट में मौजूद हो?  पिता का कहना है कि एसआईटी की जांच सिर्फ स्कूल की लापरवाही पर है, लेकिन इस हत्या का सच सामने नहीं आया कि बच्चे की हत्या के पीछे कौन है और उसे क्यों मारा? इस मामले का कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए. वहीं प्रद्युम्न के पिता के मीडिया से कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कंडक्टर के पास हथियार हो और टॉयलेट में मौजूद हो?
8
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: ईद पर भारत की मिठाई लेने से पाकिस्‍तानी सेना ने किया इंकार
यह लेख है: सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच व्याप्त तनाव के बीच पाकिस्तानी रेंजरों ने आज ईद के मौके पर बीएसएफ की ओर से दी गई मिठाई लेने से मना कर दिया। दोनों देशों के सीमा निगरानी बल जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर और पंजाब के अमृतसर में अटारी-वाघा सीमा पर त्यौहारों के दौरान एक दूसरे को मिठाई देने की परंपरा का पालन करते रहे हैं। अमृतसर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उप महानिदेशक एम.एफ फारूकी ने बताया कि अटारी-वाघा सीमा पर ईद के मौके पर उन्होंने मिठाई दी] लेकिन दूसरी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि हम हर बार ईद पर मिठाई देते हैं। आज रेंजरों ने मिठाई नहीं ली। हम सीमा पर हमेशा शांति बनाए रखना चाहते हैं। बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने अपने समकक्षों को मिठाई नहीं दी। बीएसएफ के एक वरिष्ठ कमांडर ने दिल्ली में अपने मुख्यालय में बताया कि नियंत्रण रेखा पर जारी संघर्ष विराम उल्लंघन के विरोध में बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेंजरों को ईद के मौके पर मिठाई नहीं दी। पिछले कुछ दिनों में इस संघर्ष विराम उल्लंघन में कुछ लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हो गए हैं। पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा बार-बार संघषर्विराम उल्लंघन किए जाने के संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान को सीमा पार से आतंकवाद और बिना उकसावे के गोलीबारी करने का 'प्रभावी और करारा' जवाब देने की चेतावनी दी है। दोनों देशों के सीमा निगरानी बल जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर और पंजाब के अमृतसर में अटारी-वाघा सीमा पर त्यौहारों के दौरान एक दूसरे को मिठाई देने की परंपरा का पालन करते रहे हैं। अमृतसर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उप महानिदेशक एम.एफ फारूकी ने बताया कि अटारी-वाघा सीमा पर ईद के मौके पर उन्होंने मिठाई दी] लेकिन दूसरी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि हम हर बार ईद पर मिठाई देते हैं। आज रेंजरों ने मिठाई नहीं ली। हम सीमा पर हमेशा शांति बनाए रखना चाहते हैं। बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने अपने समकक्षों को मिठाई नहीं दी। बीएसएफ के एक वरिष्ठ कमांडर ने दिल्ली में अपने मुख्यालय में बताया कि नियंत्रण रेखा पर जारी संघर्ष विराम उल्लंघन के विरोध में बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेंजरों को ईद के मौके पर मिठाई नहीं दी। पिछले कुछ दिनों में इस संघर्ष विराम उल्लंघन में कुछ लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हो गए हैं। पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा बार-बार संघषर्विराम उल्लंघन किए जाने के संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान को सीमा पार से आतंकवाद और बिना उकसावे के गोलीबारी करने का 'प्रभावी और करारा' जवाब देने की चेतावनी दी है। अमृतसर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उप महानिदेशक एम.एफ फारूकी ने बताया कि अटारी-वाघा सीमा पर ईद के मौके पर उन्होंने मिठाई दी] लेकिन दूसरी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि हम हर बार ईद पर मिठाई देते हैं। आज रेंजरों ने मिठाई नहीं ली। हम सीमा पर हमेशा शांति बनाए रखना चाहते हैं। बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने अपने समकक्षों को मिठाई नहीं दी। बीएसएफ के एक वरिष्ठ कमांडर ने दिल्ली में अपने मुख्यालय में बताया कि नियंत्रण रेखा पर जारी संघर्ष विराम उल्लंघन के विरोध में बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेंजरों को ईद के मौके पर मिठाई नहीं दी। पिछले कुछ दिनों में इस संघर्ष विराम उल्लंघन में कुछ लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हो गए हैं। पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा बार-बार संघषर्विराम उल्लंघन किए जाने के संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान को सीमा पार से आतंकवाद और बिना उकसावे के गोलीबारी करने का 'प्रभावी और करारा' जवाब देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हम हर बार ईद पर मिठाई देते हैं। आज रेंजरों ने मिठाई नहीं ली। हम सीमा पर हमेशा शांति बनाए रखना चाहते हैं। बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने अपने समकक्षों को मिठाई नहीं दी। बीएसएफ के एक वरिष्ठ कमांडर ने दिल्ली में अपने मुख्यालय में बताया कि नियंत्रण रेखा पर जारी संघर्ष विराम उल्लंघन के विरोध में बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेंजरों को ईद के मौके पर मिठाई नहीं दी। पिछले कुछ दिनों में इस संघर्ष विराम उल्लंघन में कुछ लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हो गए हैं। पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा बार-बार संघषर्विराम उल्लंघन किए जाने के संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान को सीमा पार से आतंकवाद और बिना उकसावे के गोलीबारी करने का 'प्रभावी और करारा' जवाब देने की चेतावनी दी है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ कमांडर ने दिल्ली में अपने मुख्यालय में बताया कि नियंत्रण रेखा पर जारी संघर्ष विराम उल्लंघन के विरोध में बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेंजरों को ईद के मौके पर मिठाई नहीं दी। पिछले कुछ दिनों में इस संघर्ष विराम उल्लंघन में कुछ लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हो गए हैं। पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा बार-बार संघषर्विराम उल्लंघन किए जाने के संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान को सीमा पार से आतंकवाद और बिना उकसावे के गोलीबारी करने का 'प्रभावी और करारा' जवाब देने की चेतावनी दी है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: नेपाल भूकंप : कैसे बची 50 घंटे तक मलबे में दबी सुनीता...
42 साल की सुनीता हमें उस जगह ले जाती हैं जहां 50 घंटे तक वह मलबे में दबी रहीं। सुनीता कई पलों तक दैत्याकार जेसीबी मशीनों को काम करते देखती हैं। कई लाशें अभी भी उसी मलबे में दबी हैं, जिससे वह सुरक्षित निकलीं। सुनीता की आंखों से आंसू गिरने लगते हैं। हम उसके पति महेंद्र से बात करते हैं। वह बताते हैं कि उस दिन सुनीता इस पांच मज़िला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर थी। जब इमारत भरभरा कर गिरी तो ये उम्मीद करना मुश्किल था कि कोई बच पाएगा। जब महेंद्र ने पत्नी की खोज शुरू की तो उन्हें उसकी चीखें सुनाई दी।टिप्पणियां "मेरी पत्नी ज़िंदा थी। मैं मदद के लिए चिल्लाया। नेपाल की पुलिस और आर्मी आई तो ज़रूर पर उनके पास ऐसे औजार ही नहीं थे, जो इस विशालकाय इमारत के मलबे को हटा पाते।" सुनीता की चीखें करीब 20 घंटे तक लोगों को सुनाई देती रहीं। फिर सुनाती बेहाश हो गई..आखिर कार सोमवार को एनडीआरएफ के जवान उसके लिए राहत लेकर आए...   एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर ने हमें बताया, पिछले दो सालों में जवानों को सिखाया गया है कि ऐेसे हाल में कैसे लोगों को निकाला जाए। जैसे ही हमें सुनीता के बारे में पता चला तो हमने उनकी लोकेशन पता की। वो दो स्लैब्स के बीच फंसी थी। हमारे जवान रेंगकर उन्हें निकालने भीतर गए।   सुनीता बेहाश हो गई थी पर ज़िंदा थी। उसे खरोंच भी नहीं आई क्योंकि वो सीमेंट के दो स्लेब्स के बीच पड़ी रही। आज उसका पूरा परिवार सुरक्षित है, लेकिन महेंद्र का कहना है कि ज़िंदगी की सारी कमाई चली गई, लेकिन वह नई शुरुआत करेंगे। हम उसके पति महेंद्र से बात करते हैं। वह बताते हैं कि उस दिन सुनीता इस पांच मज़िला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर थी। जब इमारत भरभरा कर गिरी तो ये उम्मीद करना मुश्किल था कि कोई बच पाएगा। जब महेंद्र ने पत्नी की खोज शुरू की तो उन्हें उसकी चीखें सुनाई दी।टिप्पणियां "मेरी पत्नी ज़िंदा थी। मैं मदद के लिए चिल्लाया। नेपाल की पुलिस और आर्मी आई तो ज़रूर पर उनके पास ऐसे औजार ही नहीं थे, जो इस विशालकाय इमारत के मलबे को हटा पाते।" सुनीता की चीखें करीब 20 घंटे तक लोगों को सुनाई देती रहीं। फिर सुनाती बेहाश हो गई..आखिर कार सोमवार को एनडीआरएफ के जवान उसके लिए राहत लेकर आए...   एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर ने हमें बताया, पिछले दो सालों में जवानों को सिखाया गया है कि ऐेसे हाल में कैसे लोगों को निकाला जाए। जैसे ही हमें सुनीता के बारे में पता चला तो हमने उनकी लोकेशन पता की। वो दो स्लैब्स के बीच फंसी थी। हमारे जवान रेंगकर उन्हें निकालने भीतर गए।   सुनीता बेहाश हो गई थी पर ज़िंदा थी। उसे खरोंच भी नहीं आई क्योंकि वो सीमेंट के दो स्लेब्स के बीच पड़ी रही। आज उसका पूरा परिवार सुरक्षित है, लेकिन महेंद्र का कहना है कि ज़िंदगी की सारी कमाई चली गई, लेकिन वह नई शुरुआत करेंगे। "मेरी पत्नी ज़िंदा थी। मैं मदद के लिए चिल्लाया। नेपाल की पुलिस और आर्मी आई तो ज़रूर पर उनके पास ऐसे औजार ही नहीं थे, जो इस विशालकाय इमारत के मलबे को हटा पाते।" सुनीता की चीखें करीब 20 घंटे तक लोगों को सुनाई देती रहीं। फिर सुनाती बेहाश हो गई..आखिर कार सोमवार को एनडीआरएफ के जवान उसके लिए राहत लेकर आए...   एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर ने हमें बताया, पिछले दो सालों में जवानों को सिखाया गया है कि ऐेसे हाल में कैसे लोगों को निकाला जाए। जैसे ही हमें सुनीता के बारे में पता चला तो हमने उनकी लोकेशन पता की। वो दो स्लैब्स के बीच फंसी थी। हमारे जवान रेंगकर उन्हें निकालने भीतर गए।   सुनीता बेहाश हो गई थी पर ज़िंदा थी। उसे खरोंच भी नहीं आई क्योंकि वो सीमेंट के दो स्लेब्स के बीच पड़ी रही। आज उसका पूरा परिवार सुरक्षित है, लेकिन महेंद्र का कहना है कि ज़िंदगी की सारी कमाई चली गई, लेकिन वह नई शुरुआत करेंगे। सुनीता की चीखें करीब 20 घंटे तक लोगों को सुनाई देती रहीं। फिर सुनाती बेहाश हो गई..आखिर कार सोमवार को एनडीआरएफ के जवान उसके लिए राहत लेकर आए...   एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर ने हमें बताया, पिछले दो सालों में जवानों को सिखाया गया है कि ऐेसे हाल में कैसे लोगों को निकाला जाए। जैसे ही हमें सुनीता के बारे में पता चला तो हमने उनकी लोकेशन पता की। वो दो स्लैब्स के बीच फंसी थी। हमारे जवान रेंगकर उन्हें निकालने भीतर गए।   सुनीता बेहाश हो गई थी पर ज़िंदा थी। उसे खरोंच भी नहीं आई क्योंकि वो सीमेंट के दो स्लेब्स के बीच पड़ी रही। आज उसका पूरा परिवार सुरक्षित है, लेकिन महेंद्र का कहना है कि ज़िंदगी की सारी कमाई चली गई, लेकिन वह नई शुरुआत करेंगे।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: भारत सरकार ने कहीं पर भी 'शहीद' शब्द को परिभाषित नहीं किया है : गृह मंत्रालय
लेख: सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को मुआवजा और सम्मान प्रदान करने में किसी तरह का भेदभाव किए जाने को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने कहीं पर भी 'शहीद' शब्द को परिभाषित नहीं किया है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत गृह मंत्रालय के पुनर्वास एवं कल्याण निदेशालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 'सरकार द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा रक्षा बलों में दोहरा मानक नहीं अपनाया जाता है तथा न ही कोई फर्क किया जाता है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा रक्षा बलों की सेवा शर्तें विभिन्न अधिनियमों तथा नियमों के तहत प्रशासित होती हैं।' निदेशालय ने कहा, 'इन नियमों के अंतर्गत दिए गए प्रावधानों के अनुसार ही ये बल कार्य करते हैं और इन्हीं के अनुसार सेवाकाल एवं सेवानिवृत्ति के लाभों के पात्र हैं।' गृह मंत्रालय के पुनर्वास एवं कल्याण निदेशालय ने कहा, 'भारत सरकार द्वारा कहीं पर भी 'शहीद' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है। सरकार विभिन्न सशस्त्र बलों के कर्मियों द्वारा किए गए बलिदान में कोई भेदभाव नहीं करती है।' आरटीआई के तहत मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र बलों के ऐसे कर्मियों को जिनकी कर्तव्य निर्वहन के दौरान मृत्यु हो गई हो, उनके संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से कोई आदेश या अधिसूचना (शहीद या मृत घोषित करने के संबंध में) जारी नहीं की गई है। दिल्ली स्थित आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद ने गृह मंत्रालय से पूछा था कि एक ही कार्य में लगे सेवा एवं अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की जान जाने की स्थिति में क्या सेना का जवान 'शहीद' कहलाने का हकदार है जबकि अर्द्धसैनिक बलों के ऐसे जवान सिर्फ मृतक घोषित होते हैं। गृह मंत्रालय के पुनर्वास एवं कल्याण निदेशालय ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र बलों के ऐसे कर्मियों को, जिनकी कत्र्तव्य निर्वहन के दौरान मृत्यु हो गई हो, उनके परिवारों या निकटतम संबंधियों को लिबरलाइज्ड पेंशनरी अवार्ड (एलपीए) नियमावली के अंतर्गत पूरी पारिवारिक पेंशन अर्थात अहरित अंतिम वेतन और स्वीकार्य अन्य अनुग्रह (लाभ के अलावा) नियमानुसार मुआवजा प्रदान किया जाता है। आरटीआई के तहत यह पूछे जाने पर कि सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों में एक समान नीति एवं नियमावली लागू करने के लिए क्या कोई समिति या आयोग गठित किया गया है, मंत्रालय ने कहा, 'इस संबंध में कोई कमेटी या आयोग नहीं है।' मंत्रालय से पूछा गया था कि सेना और अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों के परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं और क्षतिपूर्ण में क्या दोहरा मानक अपनाया जाता है। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, दुश्मन से मुकाबला करते हुए अपूर्व वीरता एवं शौर्य का प्रदर्शन करने के लिए अशोक चक्र प्रदान किया जाता है। इसे राष्ट्रपति प्रदान करते हैं। यह सम्मान सेना, नौसेना और वायु सेना, किसी रिजर्व बल या प्रदेशिक सेना के सभी रैंक के पुरुष या महिला अधिकारियों को समान रूप से दिया जाता है। इसी शृंखला में एक अन्य सम्मान कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र हैं। इन सम्मानों की सिफारिश करने के लिए रक्षा मंत्रालय शीर्ष मंत्रालय है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: चित्रांगदा ने कहा, न कहना जानती हूं
लेख: बॉलीवुड अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह कहती हैं कि उन्हें मालूम है कि बोल्ड दृश्यों को फिल्माते समय कहां न कहना है। चित्रांगदा कार्यस्थलों पर होने वाले यौन उत्पीड़न पर आधारित फिल्म 'इनकार' में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। चित्रांगदा ने बताया, "बोल्ड दृश्यों की शूटिंग में जब तक मैं सहकलाकार और निर्देशक के साथ सहज महसूस करती हूं तब तक ही काम करती हूं। मेरी अपनी सीमाएं हैं और मैं न कहना जानती हूं।" आइटम गीतों में प्रस्तुत होने के बारे में चित्रांगदा ने कहा कि वह नृत्य करने के मामले में मैं बहुत सहज हूं। नृत्य काफी मजेदार काम है। आइटम गीत करने से मुझे कोई परहेज नहीं है। अच्छे प्रस्ताव मिलने पर मैं जरूर करना चाहूंगी।टिप्पणियां फिल्म 'इनकार' में उन्होंने अभिनेता अर्जुन रामपाल के साथ काम किया है। उनका दावा है कि यह फिल्म अर्जुन के अब तक के कामों में सबसे बेहतर है। चित्रांगदा अपनी समकालीन अभिनेत्रियों के साथ प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं रखती। उनका मानना है कि अच्छी फिल्मों के बिना आइटम गीतों का कोई महत्व नहीं है। चित्रांगदा ने बताया, "बोल्ड दृश्यों की शूटिंग में जब तक मैं सहकलाकार और निर्देशक के साथ सहज महसूस करती हूं तब तक ही काम करती हूं। मेरी अपनी सीमाएं हैं और मैं न कहना जानती हूं।" आइटम गीतों में प्रस्तुत होने के बारे में चित्रांगदा ने कहा कि वह नृत्य करने के मामले में मैं बहुत सहज हूं। नृत्य काफी मजेदार काम है। आइटम गीत करने से मुझे कोई परहेज नहीं है। अच्छे प्रस्ताव मिलने पर मैं जरूर करना चाहूंगी।टिप्पणियां फिल्म 'इनकार' में उन्होंने अभिनेता अर्जुन रामपाल के साथ काम किया है। उनका दावा है कि यह फिल्म अर्जुन के अब तक के कामों में सबसे बेहतर है। चित्रांगदा अपनी समकालीन अभिनेत्रियों के साथ प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं रखती। उनका मानना है कि अच्छी फिल्मों के बिना आइटम गीतों का कोई महत्व नहीं है। आइटम गीतों में प्रस्तुत होने के बारे में चित्रांगदा ने कहा कि वह नृत्य करने के मामले में मैं बहुत सहज हूं। नृत्य काफी मजेदार काम है। आइटम गीत करने से मुझे कोई परहेज नहीं है। अच्छे प्रस्ताव मिलने पर मैं जरूर करना चाहूंगी।टिप्पणियां फिल्म 'इनकार' में उन्होंने अभिनेता अर्जुन रामपाल के साथ काम किया है। उनका दावा है कि यह फिल्म अर्जुन के अब तक के कामों में सबसे बेहतर है। चित्रांगदा अपनी समकालीन अभिनेत्रियों के साथ प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं रखती। उनका मानना है कि अच्छी फिल्मों के बिना आइटम गीतों का कोई महत्व नहीं है। फिल्म 'इनकार' में उन्होंने अभिनेता अर्जुन रामपाल के साथ काम किया है। उनका दावा है कि यह फिल्म अर्जुन के अब तक के कामों में सबसे बेहतर है। चित्रांगदा अपनी समकालीन अभिनेत्रियों के साथ प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं रखती। उनका मानना है कि अच्छी फिल्मों के बिना आइटम गीतों का कोई महत्व नहीं है। चित्रांगदा अपनी समकालीन अभिनेत्रियों के साथ प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं रखती। उनका मानना है कि अच्छी फिल्मों के बिना आइटम गीतों का कोई महत्व नहीं है।
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: पूर्व सैनिकों के बाद अब रेलवे कर्मचारियों ने भी 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग उठायी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अब, रेलवे कर्मचारियों ने भी एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) की मांग उठाते हुए कहा है कि उन्हें नजरंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि रक्षाकर्मियों की तरह उन्होंने भी देश के लिए अपनी सेवा समर्पित की है। ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि सातवें वेतन आयोग में रेलवे कर्मचारियों के लिए ओआरओपी के मुद्दे पर चर्चा हुई और फिर से मामला उठाया जाएगा। वर्तमान में रेलवे में 13.26 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं।टिप्पणियां मिश्रा ने कहा, 'रेलवे कर्मचारी देश के लिए समर्पित सेवा कर रहे हैं। रेलवे देश की जीवन रेखा है। कर्मचारी देशभर में चौबीसों घंटे काम करते हैं।' हालांकि, उन्होंने कहा कि रक्षा बलों में सैन्यकर्मियों को ओआरओपी मिलना चाहिए, लेकिन यही सिद्धांत रेलवे पर भी अमल होना चाहिए। एआईआरएफ नेता ने कहा, 'सेना में हमारे भाइयों को जितनी जल्द मुमकिन हो मिलना चाहिए। लेकिन साथ ही हमें भी नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए।' ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि सातवें वेतन आयोग में रेलवे कर्मचारियों के लिए ओआरओपी के मुद्दे पर चर्चा हुई और फिर से मामला उठाया जाएगा। वर्तमान में रेलवे में 13.26 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं।टिप्पणियां मिश्रा ने कहा, 'रेलवे कर्मचारी देश के लिए समर्पित सेवा कर रहे हैं। रेलवे देश की जीवन रेखा है। कर्मचारी देशभर में चौबीसों घंटे काम करते हैं।' हालांकि, उन्होंने कहा कि रक्षा बलों में सैन्यकर्मियों को ओआरओपी मिलना चाहिए, लेकिन यही सिद्धांत रेलवे पर भी अमल होना चाहिए। एआईआरएफ नेता ने कहा, 'सेना में हमारे भाइयों को जितनी जल्द मुमकिन हो मिलना चाहिए। लेकिन साथ ही हमें भी नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए।' मिश्रा ने कहा, 'रेलवे कर्मचारी देश के लिए समर्पित सेवा कर रहे हैं। रेलवे देश की जीवन रेखा है। कर्मचारी देशभर में चौबीसों घंटे काम करते हैं।' हालांकि, उन्होंने कहा कि रक्षा बलों में सैन्यकर्मियों को ओआरओपी मिलना चाहिए, लेकिन यही सिद्धांत रेलवे पर भी अमल होना चाहिए। एआईआरएफ नेता ने कहा, 'सेना में हमारे भाइयों को जितनी जल्द मुमकिन हो मिलना चाहिए। लेकिन साथ ही हमें भी नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए।' एआईआरएफ नेता ने कहा, 'सेना में हमारे भाइयों को जितनी जल्द मुमकिन हो मिलना चाहिए। लेकिन साथ ही हमें भी नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए।'
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: यूपीएससी परीक्षा मामले को एक सप्ताह में सुलझा लिया जाएगा : राजनाथ सिंह
यह एक लेख है: यूपीएससी के नए पाठ्यक्रम पर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने कहा है कि इस मुद्दे को एक सप्ताह में सुलझा लिया जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा, यूपीएससी मुद्दे को एक सप्ताह के भीतर सुलझा लिया जाएगा। इस बारे में चर्चा चल रही है। राजनाथ ने कहा कि इस बारे में छात्रों के प्रदर्शन के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद उन्होंने रविवार को बैठक की थी, जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली और कार्मिक मामलों के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह एवं अन्य लोगों ने हिस्सा लिया था। एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से नियुक्त तीन-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी, जिसका गठन यूपीएससी के सीसैट प्रारूप में बदलाव की मांग करने वाले छात्रों की मांग पर विचार करने के लिए किया गया है। राजनाथ सिंह ने हालांकि 24 अगस्त को होने वाले सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने के बारे में पूछे जाने पर कुछ स्पष्ट नहीं कहा। प्रारंभिक परीक्षा में 200 अंकों के दो अनिवार्य पत्र है। इन पत्रों को सीसैट 1 और सीसैट 2 के रूप में जाना जाता है। सीसैट 2 पत्र में अवधारणा आधारित प्रश्न, संवाद कौशल, तार्किक क्षमता, विवेचना पर आधारित प्रश्न, सामान्य मानसिक क्षमता कौशल, बुनियादी आंकिकी और अंग्रेजी भाषा संप्रेषण कौशल आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। छात्र सीसैट 2 पत्र का विरोध कर रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: महिला मुक्केबाजों को विदेशी कोच की जरूरत : मैरीकॉम
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली एमसी मैरीकॉम ने बुधवार को कहा कि विदेशी प्रशिक्षकों के रहने से देश की महिला मुक्केबाजों को फायदा होगा।टिप्पणियां मैरीकॉम ने मुंबई में प्रचार कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा, 'निश्चित तौर पर हमें विदेशी प्रशिक्षकों की जरूरत है। मैंने भारतीय कोचों के साथ कई वर्षों तक अभ्यास किया और ओलिंपिक के बाद हमें विदेशी कोचों से भी कुछ सीखने की जरूरत है।' ओलिंपिक क्वालीफाइंग राउंड से पहले मैरीकॉम विदेशी कोच से प्रशिक्षण लेना चाहती थी, लेकिन खेल मंत्रालय ने उनकी यह मांग नामंजूर कर दी थी। पुरुष मुक्केबाजों को दूसरी तरफ क्यूबा के केबीआई नॉर्डिस से कोचिंग मिल रही थी, जो द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले पहले विदेशी कोच बन गए हैं। वह पिछले एक दशक से अधिक समय से पुरुष मुक्केबाजों को कोचिंग दे रहे हैं।   मैरीकॉम ने कहा कि वह 2016 में रियो डि जेनेरियो में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भाग लेना चाहती हैं, जहां वह एक और पदक जीतने की कोशिश करेंगी। मैरीकॉम ने कहा, 'यदि 46 या 48 किलोग्राम में बाउट होगी तो मैं निश्चित तौर पर स्वर्ण पदक लेकर आऊंगी। यदि 46 से 48 किलोग्राम की बाउट नहीं होती हैं तब भी मैं अपने पदक का रंग बदलने की कोशिश करूंगी।' मैरीकॉम ने मुंबई में प्रचार कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा, 'निश्चित तौर पर हमें विदेशी प्रशिक्षकों की जरूरत है। मैंने भारतीय कोचों के साथ कई वर्षों तक अभ्यास किया और ओलिंपिक के बाद हमें विदेशी कोचों से भी कुछ सीखने की जरूरत है।' ओलिंपिक क्वालीफाइंग राउंड से पहले मैरीकॉम विदेशी कोच से प्रशिक्षण लेना चाहती थी, लेकिन खेल मंत्रालय ने उनकी यह मांग नामंजूर कर दी थी। पुरुष मुक्केबाजों को दूसरी तरफ क्यूबा के केबीआई नॉर्डिस से कोचिंग मिल रही थी, जो द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले पहले विदेशी कोच बन गए हैं। वह पिछले एक दशक से अधिक समय से पुरुष मुक्केबाजों को कोचिंग दे रहे हैं।   मैरीकॉम ने कहा कि वह 2016 में रियो डि जेनेरियो में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भाग लेना चाहती हैं, जहां वह एक और पदक जीतने की कोशिश करेंगी। मैरीकॉम ने कहा, 'यदि 46 या 48 किलोग्राम में बाउट होगी तो मैं निश्चित तौर पर स्वर्ण पदक लेकर आऊंगी। यदि 46 से 48 किलोग्राम की बाउट नहीं होती हैं तब भी मैं अपने पदक का रंग बदलने की कोशिश करूंगी।' ओलिंपिक क्वालीफाइंग राउंड से पहले मैरीकॉम विदेशी कोच से प्रशिक्षण लेना चाहती थी, लेकिन खेल मंत्रालय ने उनकी यह मांग नामंजूर कर दी थी। पुरुष मुक्केबाजों को दूसरी तरफ क्यूबा के केबीआई नॉर्डिस से कोचिंग मिल रही थी, जो द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले पहले विदेशी कोच बन गए हैं। वह पिछले एक दशक से अधिक समय से पुरुष मुक्केबाजों को कोचिंग दे रहे हैं।   मैरीकॉम ने कहा कि वह 2016 में रियो डि जेनेरियो में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भाग लेना चाहती हैं, जहां वह एक और पदक जीतने की कोशिश करेंगी। मैरीकॉम ने कहा, 'यदि 46 या 48 किलोग्राम में बाउट होगी तो मैं निश्चित तौर पर स्वर्ण पदक लेकर आऊंगी। यदि 46 से 48 किलोग्राम की बाउट नहीं होती हैं तब भी मैं अपने पदक का रंग बदलने की कोशिश करूंगी।'
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: बिहार : जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने राज्य सरकार से जान को खतरा बताकर मांगी सुरक्षा
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (आरेजडी) के नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को बिहार की एक अदालत में अर्जी देकर राज्य सरकार से अपने जान-माल को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है। पूर्व सांसद फिलहाल भागलपुर जेल में बंद हैं। सीवान के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (एडीजे) -4 और विशेष अदालत में पूर्व सांसद की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने अर्जी दी है। अर्जी में कहा गया है कि 'पूर्व सांसद को राज्य सरकार से जान को खतरा है।' अधिवक्ता राजन ने बताया कि एडीजे-4 और विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। शहाबुद्दीन की ओर से अधिवक्ता द्वारा दी गई अर्जी के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान ही शहाबुद्दीन की वर्ष 2006 में राज्य सरकार के इशारे पर हत्या करने की कोशिश की गई। अनुमंडल पुलिस अधिकारी सुधीर कुमार के हमले से शहाबुद्दीन की रीढ़ की हड्डी खिसक गई थी, जिसका दिल्ली एम्स में ऑपरेशन कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने जांच के दौरान इसकी पुष्टि भी की थी। आवेदन में कहा गया है कि राज्य सरकार जेल प्रशासन से मिलकर उन्हें ठिकाने लगाने की साजिश रचती रही है, लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप से ऐसा नहीं हो सका। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने तथा नेता होने के कारण सरकार प्रताड़ित करना चाहती है। आवेदन में फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की साजिश रचने की आशंका जताई गई है। आवेदन में आदेश के बिना ही सीवान जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर देने को भी हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया गया है। राजन ने बताया कि इस आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर लोक अभियोजक को 14 जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।टिप्पणियां गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सीवान के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (एडीजे) -4 और विशेष अदालत में पूर्व सांसद की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने अर्जी दी है। अर्जी में कहा गया है कि 'पूर्व सांसद को राज्य सरकार से जान को खतरा है।' अधिवक्ता राजन ने बताया कि एडीजे-4 और विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। शहाबुद्दीन की ओर से अधिवक्ता द्वारा दी गई अर्जी के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान ही शहाबुद्दीन की वर्ष 2006 में राज्य सरकार के इशारे पर हत्या करने की कोशिश की गई। अनुमंडल पुलिस अधिकारी सुधीर कुमार के हमले से शहाबुद्दीन की रीढ़ की हड्डी खिसक गई थी, जिसका दिल्ली एम्स में ऑपरेशन कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने जांच के दौरान इसकी पुष्टि भी की थी। आवेदन में कहा गया है कि राज्य सरकार जेल प्रशासन से मिलकर उन्हें ठिकाने लगाने की साजिश रचती रही है, लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप से ऐसा नहीं हो सका। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने तथा नेता होने के कारण सरकार प्रताड़ित करना चाहती है। आवेदन में फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की साजिश रचने की आशंका जताई गई है। आवेदन में आदेश के बिना ही सीवान जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर देने को भी हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया गया है। राजन ने बताया कि इस आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर लोक अभियोजक को 14 जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।टिप्पणियां गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अधिवक्ता राजन ने बताया कि एडीजे-4 और विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। शहाबुद्दीन की ओर से अधिवक्ता द्वारा दी गई अर्जी के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान ही शहाबुद्दीन की वर्ष 2006 में राज्य सरकार के इशारे पर हत्या करने की कोशिश की गई। अनुमंडल पुलिस अधिकारी सुधीर कुमार के हमले से शहाबुद्दीन की रीढ़ की हड्डी खिसक गई थी, जिसका दिल्ली एम्स में ऑपरेशन कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने जांच के दौरान इसकी पुष्टि भी की थी। आवेदन में कहा गया है कि राज्य सरकार जेल प्रशासन से मिलकर उन्हें ठिकाने लगाने की साजिश रचती रही है, लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप से ऐसा नहीं हो सका। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने तथा नेता होने के कारण सरकार प्रताड़ित करना चाहती है। आवेदन में फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की साजिश रचने की आशंका जताई गई है। आवेदन में आदेश के बिना ही सीवान जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर देने को भी हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया गया है। राजन ने बताया कि इस आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर लोक अभियोजक को 14 जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।टिप्पणियां गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) शहाबुद्दीन की ओर से अधिवक्ता द्वारा दी गई अर्जी के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान ही शहाबुद्दीन की वर्ष 2006 में राज्य सरकार के इशारे पर हत्या करने की कोशिश की गई। अनुमंडल पुलिस अधिकारी सुधीर कुमार के हमले से शहाबुद्दीन की रीढ़ की हड्डी खिसक गई थी, जिसका दिल्ली एम्स में ऑपरेशन कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने जांच के दौरान इसकी पुष्टि भी की थी। आवेदन में कहा गया है कि राज्य सरकार जेल प्रशासन से मिलकर उन्हें ठिकाने लगाने की साजिश रचती रही है, लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप से ऐसा नहीं हो सका। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने तथा नेता होने के कारण सरकार प्रताड़ित करना चाहती है। आवेदन में फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की साजिश रचने की आशंका जताई गई है। आवेदन में आदेश के बिना ही सीवान जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर देने को भी हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया गया है। राजन ने बताया कि इस आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर लोक अभियोजक को 14 जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।टिप्पणियां गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आवेदन में कहा गया है कि राज्य सरकार जेल प्रशासन से मिलकर उन्हें ठिकाने लगाने की साजिश रचती रही है, लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप से ऐसा नहीं हो सका। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से होने तथा नेता होने के कारण सरकार प्रताड़ित करना चाहती है। आवेदन में फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की साजिश रचने की आशंका जताई गई है। आवेदन में आदेश के बिना ही सीवान जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर देने को भी हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया गया है। राजन ने बताया कि इस आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर लोक अभियोजक को 14 जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।टिप्पणियां गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आवेदन में आदेश के बिना ही सीवान जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर देने को भी हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया गया है। राजन ने बताया कि इस आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर लोक अभियोजक को 14 जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।टिप्पणियां गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) गौरतलब है कि शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे, लेकिन पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अमेरिका से अरुण जेटली का विपक्ष पर 'ब्लॉग वार': कुछ लोगों को लगता है, उनका जन्म ही 'राज' करने के लिए हुआ है
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली  (Arun Jaitley) भले ही अभी अपने इलाज के लिए अमेरिका में हों, मगर उनकी सक्रियता अभी कम नहीं हुई है. ब्लॉग के जरिए अक्सर विपक्ष पर हमला बोलने वाले अरुण जेटली ने एक बार फिर से इलाज के दौरान ही ब्लॉग लिखा है और कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी है. आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस समेत विपक्ष के हमलावर रूख को देखते हुए कई मुद्दों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया है. अरुण जेटली ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि पोलिटिकल सिस्टम में कुछ लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं कि वे राज करने के लिए ही पैदा हुए हैं.  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों को ‘बात बात पर विरोध करने वाले' बताते हुए उन पर झूठ गढ़ने और एक निर्वाचित सरकार को कमजोर करके लोकतंत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों का नाम लिए बगैर एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि सकारात्मक मानसिकता वाले लोगों और राष्ट्रीय शक्ति से राष्ट्र का निर्माण होता है ना कि ‘बात बात पर विरोध करने वालों से. बता दें कि अरुण जेटली चिकित्सा जांच के लिए अमेरिका में हैं. अरुण जेटली ने गुरुवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा- पोलिटिकल सिस्टम में कुछ लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं कि उनका जन्म सिर्फ शासन करने के लिए हुआ है. कुछ लोग तो ऐसे हैं जो लेफ्ट या अल्ट्रा लेफ्ट की विचारधारा से प्रभावित हैं. उनके लिए एनडीए की सरकार पूरी तरह से स्वीकार करने लायक नहीं है. इस बीच एक दूसरा वर्ग भी सामने आया है, जिनका काम बस लगातार दुष्प्रचार चलाना है.' अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक ब्लॉग लिखा, ‘बार बार झूठ गढ़ने का कोई अफसोस नहीं होता. अगर वे देश के आम हित के खिलाफ चले जाते हैं तो वे तर्क भी गढ़ सकते हैं. वे भ्रष्टाचार के रूप में धर्मयुद्ध का स्वांग रच सकते हैं. अपनी सहूलियत के हिसाब से वे दोहरे मानदंड अपना सकते हैं.' आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और राफेल रक्षा सौदे समेत कई मुद्दों पर राजनीतिक दलों की निंदा का हवाला देते हुए जेटली ने कहा कि ‘बात बात पर झूठ बोलने वालों' का मानना है कि सरकार कुछ अच्छा नहीं कर सकती और इसलिए उसके हर काम में रोड़े अटकाए जाने चाहिए. अरुण जेटली ने कहा, ‘सकारात्मक मानसिकता वाले लोग और राष्ट्रीय शक्ति से राष्ट्र का निर्माण होता है ना कि ‘बात बात पर विरोध करने वालों से. क्या वाम उदारवादियों को आजादी के संग्राम के दौरान गांधीजी द्वारा उठाए विभिन्न कदमों में खामियां नजर नहीं आयीं थीं? संप्रभु निर्वाचित सरकार को कमजोर करके और निर्वाचन के अयोग्य को मजबूत करना केवल लोकतंत्र का विनाश है.'
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बदल गए बीसीसीआई के सुर, अब 'ना' से 'हां' की ओर ...
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बीसीसीआई के टॉप बॉस शशांक मनोहर ने दीपावली से पहले बीसीसीआई की सफाई तो तेज कर ही दी है साथ ही भारत-पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर भी बीसीसीआई ने अपना सुर बदल दिया है। भारतीय क्रिकेट संघ कम से कम अब इस बारे में सरकार से बात करने की तैयारी में है। बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने आईपीएल से कॉन्फ़्लिटक्ट ऑफ इंटरेस्ट यानी हितों के टकराव का मसला तो साफ किया ही, धूमिल छवि वाले एन श्रीनिवासन को आईसीसी से बाहर का रास्ता दिखा कर यह भी साफ कर दिया कि क्रिकेट संघ का रुख पहले से अलग होगा। अध्यक्ष शशांक मनोहर मानते हैं कि भारत और पाक बोर्ड के बीच संवाद की स्थिति हमेशा बनी रहनी चाहिए। शशांक कहते हैं, "दोनों देशों के बीच क्रिकेट का होना इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार इस बारे में क्या फैसला लेती है।" आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन राजीव शुक्ला इस बात की पुष्टि करते हैं कि बीसीसीआई अध्यक्ष भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। वह भी मानते हैं कि सरकार की सहमति के बाद इस बारे में तेज़ी से काम किया जा सकता है। वे ये भी इशारा करते हैं कि अगर दोनों देशों के बीच क्रिकेट का आयोजन हुआ तो भारत में ही सीरीज का होना मुमकिन नजर आता है। शशांक मनोहर के बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी दोनों टीमों के बीच क्रिकेट की शुरुआत की थोड़ी उम्मीद बढ़ी है। वैसे हर हाल में ये फैसला दोनों सरकारों के रिश्तों पर ही निर्भर करेगा कि दोनों टीमों के बीच क्रिकेट कैसे, कब और कहां शुरू होगी? वैसे भारतीय क्रिकेट संघ के कई अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज को लेकर अब तक जो रुख अख्तियार कर रखा है ऐसे में सीरीज क्यों हो इसे लेकर दलील देना भी आसान नहीं होगा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद कहते हैं कि आतंकवाद और क्रिकेट की बात एक साथ नहीं की जा सकती। वे ये भी कहते हैं, पाकिस्तान हर बार सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है। ऐसे में दोनों टीमों के बीच क्रिकेट के रिश्ते रखने की बात कैसे की जा सकती है?टिप्पणियां एक स्थिति यह भी है कि अगर भारत-पाकिस्तान सीरीज हाल में मुमकिन नहीं हो पाती तो टीम इंडिया अगले महीने किसी और सीरीज का कार्यक्रम बना ले। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की सीरीज 7 दिसंबर को खत्म होगी जबकि टीम को जनवरी में ऑस्ट्रेलिया रवाना होना है। दोनों टीमों के बीच क्रिकेट मैदान पर एक्शन होने का फैसला यकीनन राजनीति के गलियारों में होगा, क्योंकि खेल और राजनीति को अलग रखने की बात कई एक्सपर्ट्स सही नहीं मानते। कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "अगर राजनीति और खेल को हमेशा अलग रणनीति सही है तो दक्षिण अफ़्रीका को लेकर रंगभेद नीति की वजह से दूसरे देशों ने उनका बहिष्कार क्यों किया था या फिर मॉस्को ओलिंपिक्स का कई देशों ने बहिष्कार क्यों किया?" बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने आईपीएल से कॉन्फ़्लिटक्ट ऑफ इंटरेस्ट यानी हितों के टकराव का मसला तो साफ किया ही, धूमिल छवि वाले एन श्रीनिवासन को आईसीसी से बाहर का रास्ता दिखा कर यह भी साफ कर दिया कि क्रिकेट संघ का रुख पहले से अलग होगा। अध्यक्ष शशांक मनोहर मानते हैं कि भारत और पाक बोर्ड के बीच संवाद की स्थिति हमेशा बनी रहनी चाहिए। शशांक कहते हैं, "दोनों देशों के बीच क्रिकेट का होना इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार इस बारे में क्या फैसला लेती है।" आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन राजीव शुक्ला इस बात की पुष्टि करते हैं कि बीसीसीआई अध्यक्ष भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। वह भी मानते हैं कि सरकार की सहमति के बाद इस बारे में तेज़ी से काम किया जा सकता है। वे ये भी इशारा करते हैं कि अगर दोनों देशों के बीच क्रिकेट का आयोजन हुआ तो भारत में ही सीरीज का होना मुमकिन नजर आता है। शशांक मनोहर के बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी दोनों टीमों के बीच क्रिकेट की शुरुआत की थोड़ी उम्मीद बढ़ी है। वैसे हर हाल में ये फैसला दोनों सरकारों के रिश्तों पर ही निर्भर करेगा कि दोनों टीमों के बीच क्रिकेट कैसे, कब और कहां शुरू होगी? वैसे भारतीय क्रिकेट संघ के कई अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज को लेकर अब तक जो रुख अख्तियार कर रखा है ऐसे में सीरीज क्यों हो इसे लेकर दलील देना भी आसान नहीं होगा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद कहते हैं कि आतंकवाद और क्रिकेट की बात एक साथ नहीं की जा सकती। वे ये भी कहते हैं, पाकिस्तान हर बार सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है। ऐसे में दोनों टीमों के बीच क्रिकेट के रिश्ते रखने की बात कैसे की जा सकती है?टिप्पणियां एक स्थिति यह भी है कि अगर भारत-पाकिस्तान सीरीज हाल में मुमकिन नहीं हो पाती तो टीम इंडिया अगले महीने किसी और सीरीज का कार्यक्रम बना ले। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की सीरीज 7 दिसंबर को खत्म होगी जबकि टीम को जनवरी में ऑस्ट्रेलिया रवाना होना है। दोनों टीमों के बीच क्रिकेट मैदान पर एक्शन होने का फैसला यकीनन राजनीति के गलियारों में होगा, क्योंकि खेल और राजनीति को अलग रखने की बात कई एक्सपर्ट्स सही नहीं मानते। कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "अगर राजनीति और खेल को हमेशा अलग रणनीति सही है तो दक्षिण अफ़्रीका को लेकर रंगभेद नीति की वजह से दूसरे देशों ने उनका बहिष्कार क्यों किया था या फिर मॉस्को ओलिंपिक्स का कई देशों ने बहिष्कार क्यों किया?" आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन राजीव शुक्ला इस बात की पुष्टि करते हैं कि बीसीसीआई अध्यक्ष भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। वह भी मानते हैं कि सरकार की सहमति के बाद इस बारे में तेज़ी से काम किया जा सकता है। वे ये भी इशारा करते हैं कि अगर दोनों देशों के बीच क्रिकेट का आयोजन हुआ तो भारत में ही सीरीज का होना मुमकिन नजर आता है। शशांक मनोहर के बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी दोनों टीमों के बीच क्रिकेट की शुरुआत की थोड़ी उम्मीद बढ़ी है। वैसे हर हाल में ये फैसला दोनों सरकारों के रिश्तों पर ही निर्भर करेगा कि दोनों टीमों के बीच क्रिकेट कैसे, कब और कहां शुरू होगी? वैसे भारतीय क्रिकेट संघ के कई अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज को लेकर अब तक जो रुख अख्तियार कर रखा है ऐसे में सीरीज क्यों हो इसे लेकर दलील देना भी आसान नहीं होगा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद कहते हैं कि आतंकवाद और क्रिकेट की बात एक साथ नहीं की जा सकती। वे ये भी कहते हैं, पाकिस्तान हर बार सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है। ऐसे में दोनों टीमों के बीच क्रिकेट के रिश्ते रखने की बात कैसे की जा सकती है?टिप्पणियां एक स्थिति यह भी है कि अगर भारत-पाकिस्तान सीरीज हाल में मुमकिन नहीं हो पाती तो टीम इंडिया अगले महीने किसी और सीरीज का कार्यक्रम बना ले। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की सीरीज 7 दिसंबर को खत्म होगी जबकि टीम को जनवरी में ऑस्ट्रेलिया रवाना होना है। दोनों टीमों के बीच क्रिकेट मैदान पर एक्शन होने का फैसला यकीनन राजनीति के गलियारों में होगा, क्योंकि खेल और राजनीति को अलग रखने की बात कई एक्सपर्ट्स सही नहीं मानते। कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "अगर राजनीति और खेल को हमेशा अलग रणनीति सही है तो दक्षिण अफ़्रीका को लेकर रंगभेद नीति की वजह से दूसरे देशों ने उनका बहिष्कार क्यों किया था या फिर मॉस्को ओलिंपिक्स का कई देशों ने बहिष्कार क्यों किया?" शशांक मनोहर के बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी दोनों टीमों के बीच क्रिकेट की शुरुआत की थोड़ी उम्मीद बढ़ी है। वैसे हर हाल में ये फैसला दोनों सरकारों के रिश्तों पर ही निर्भर करेगा कि दोनों टीमों के बीच क्रिकेट कैसे, कब और कहां शुरू होगी? वैसे भारतीय क्रिकेट संघ के कई अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज को लेकर अब तक जो रुख अख्तियार कर रखा है ऐसे में सीरीज क्यों हो इसे लेकर दलील देना भी आसान नहीं होगा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद कहते हैं कि आतंकवाद और क्रिकेट की बात एक साथ नहीं की जा सकती। वे ये भी कहते हैं, पाकिस्तान हर बार सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है। ऐसे में दोनों टीमों के बीच क्रिकेट के रिश्ते रखने की बात कैसे की जा सकती है?टिप्पणियां एक स्थिति यह भी है कि अगर भारत-पाकिस्तान सीरीज हाल में मुमकिन नहीं हो पाती तो टीम इंडिया अगले महीने किसी और सीरीज का कार्यक्रम बना ले। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की सीरीज 7 दिसंबर को खत्म होगी जबकि टीम को जनवरी में ऑस्ट्रेलिया रवाना होना है। दोनों टीमों के बीच क्रिकेट मैदान पर एक्शन होने का फैसला यकीनन राजनीति के गलियारों में होगा, क्योंकि खेल और राजनीति को अलग रखने की बात कई एक्सपर्ट्स सही नहीं मानते। कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "अगर राजनीति और खेल को हमेशा अलग रणनीति सही है तो दक्षिण अफ़्रीका को लेकर रंगभेद नीति की वजह से दूसरे देशों ने उनका बहिष्कार क्यों किया था या फिर मॉस्को ओलिंपिक्स का कई देशों ने बहिष्कार क्यों किया?" वैसे भारतीय क्रिकेट संघ के कई अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज को लेकर अब तक जो रुख अख्तियार कर रखा है ऐसे में सीरीज क्यों हो इसे लेकर दलील देना भी आसान नहीं होगा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद कहते हैं कि आतंकवाद और क्रिकेट की बात एक साथ नहीं की जा सकती। वे ये भी कहते हैं, पाकिस्तान हर बार सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है। ऐसे में दोनों टीमों के बीच क्रिकेट के रिश्ते रखने की बात कैसे की जा सकती है?टिप्पणियां एक स्थिति यह भी है कि अगर भारत-पाकिस्तान सीरीज हाल में मुमकिन नहीं हो पाती तो टीम इंडिया अगले महीने किसी और सीरीज का कार्यक्रम बना ले। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की सीरीज 7 दिसंबर को खत्म होगी जबकि टीम को जनवरी में ऑस्ट्रेलिया रवाना होना है। दोनों टीमों के बीच क्रिकेट मैदान पर एक्शन होने का फैसला यकीनन राजनीति के गलियारों में होगा, क्योंकि खेल और राजनीति को अलग रखने की बात कई एक्सपर्ट्स सही नहीं मानते। कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "अगर राजनीति और खेल को हमेशा अलग रणनीति सही है तो दक्षिण अफ़्रीका को लेकर रंगभेद नीति की वजह से दूसरे देशों ने उनका बहिष्कार क्यों किया था या फिर मॉस्को ओलिंपिक्स का कई देशों ने बहिष्कार क्यों किया?" एक स्थिति यह भी है कि अगर भारत-पाकिस्तान सीरीज हाल में मुमकिन नहीं हो पाती तो टीम इंडिया अगले महीने किसी और सीरीज का कार्यक्रम बना ले। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की सीरीज 7 दिसंबर को खत्म होगी जबकि टीम को जनवरी में ऑस्ट्रेलिया रवाना होना है। दोनों टीमों के बीच क्रिकेट मैदान पर एक्शन होने का फैसला यकीनन राजनीति के गलियारों में होगा, क्योंकि खेल और राजनीति को अलग रखने की बात कई एक्सपर्ट्स सही नहीं मानते। कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "अगर राजनीति और खेल को हमेशा अलग रणनीति सही है तो दक्षिण अफ़्रीका को लेकर रंगभेद नीति की वजह से दूसरे देशों ने उनका बहिष्कार क्यों किया था या फिर मॉस्को ओलिंपिक्स का कई देशों ने बहिष्कार क्यों किया?" दोनों टीमों के बीच क्रिकेट मैदान पर एक्शन होने का फैसला यकीनन राजनीति के गलियारों में होगा, क्योंकि खेल और राजनीति को अलग रखने की बात कई एक्सपर्ट्स सही नहीं मानते। कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "अगर राजनीति और खेल को हमेशा अलग रणनीति सही है तो दक्षिण अफ़्रीका को लेकर रंगभेद नीति की वजह से दूसरे देशों ने उनका बहिष्कार क्यों किया था या फिर मॉस्को ओलिंपिक्स का कई देशों ने बहिष्कार क्यों किया?"
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: रियो ओलिंपिक में हमसे नौकरों की तरह बर्ताव किया गया : भारतीय गोल्‍फर एसएसपी चौरसिया
यह लेख है: शीर्ष भारतीय गोल्फर एसएसपी चौरसिया ने रियो ओलिंपिक की तैयारियों के लिये आवंटित की गयी 30 लाख रुपये की पूरी राशि अभी तक नहीं मिलने के लिये भारतीय ओलंपिक संघ और खेल मंत्रालय को लताड़ा. चौरसिया और उनके साथी गोल्फर अनिर्बान लाहिड़ी को खेल मंत्रालय द्वारा की गयी आवंटित राशि अभी तक नहीं मिली है. चौरसिया ने आईओए अधिकारियों द्वारा रियो खेलों में किये गये इस बर्ताव को खराब करार करते हुए कहा कि वे ऐसे व्यवहार करते थे जैसे वे (गोल्फर) ‘नौकर’ हों. चौरसिया ने पत्रकारों से कहा कि रियो खेलों को समाप्त हुए अब तक चार महीने हो गये हैं और उन्होंने कई तरह का दस्तावेजी काम भी किया है लेकिन दुनिया में 16 खिताब जीत चुके लाहिड़ी को एक भी पैसा नहीं मिला है. चौरसिया के अनुसार उन्हें अभी तक सिर्फ 5.5 लाख रुपये ही मिले हैं. इस साल हीरो इंडियन ओपन और रिजॉर्ट्स वर्ल्ड मनिला मास्टर्स खिताब जीतने वाले चौरसिया ने तल्ख लहजे में कहा, ‘मेरे पास पत्र है जिसमें उन्होंने 30 लाख रुपये की खर्च राशि का भुगतान करने का वादा किया है. लेकिन रियो के बाद से हमें बताया गया कि यह राशि घटाकर 15 लाख रुपये कर दी गयी है.’ रियो के अनुभव के बारे में चौरसिया ने कहा, ‘वाहन इतंजाम से लेकर कोई उचित व्यवस्था नहीं थी. वहां इतनी ठंड थी और बारिश हो रही थी लेकिन उन्होंने हमारे लिये छाते या रेनकोट तक का इंतजाम नहीं कराया. वे ऐसे व्यवहार करते थे जैसे कि वे मालिक हों और हम उनके नौकर.’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘हमें वाहन के लिये चार घंटे तक हवाईअड्डे पर इंतजार करने के लिये कहा गया और लाहिड़ी खुद ही आये थे. हमें बहुत बुरा लग रहा था. अब हम ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने से पहले दो बार सोचेंगे. हम इस मुद्दे का राग नहीं अलापेंगे क्योंकि हमें आगे मुश्किल चुनौतियों पर ध्यान लगाना है.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) चौरसिया और उनके साथी गोल्फर अनिर्बान लाहिड़ी को खेल मंत्रालय द्वारा की गयी आवंटित राशि अभी तक नहीं मिली है. चौरसिया ने आईओए अधिकारियों द्वारा रियो खेलों में किये गये इस बर्ताव को खराब करार करते हुए कहा कि वे ऐसे व्यवहार करते थे जैसे वे (गोल्फर) ‘नौकर’ हों. चौरसिया ने पत्रकारों से कहा कि रियो खेलों को समाप्त हुए अब तक चार महीने हो गये हैं और उन्होंने कई तरह का दस्तावेजी काम भी किया है लेकिन दुनिया में 16 खिताब जीत चुके लाहिड़ी को एक भी पैसा नहीं मिला है. चौरसिया के अनुसार उन्हें अभी तक सिर्फ 5.5 लाख रुपये ही मिले हैं. इस साल हीरो इंडियन ओपन और रिजॉर्ट्स वर्ल्ड मनिला मास्टर्स खिताब जीतने वाले चौरसिया ने तल्ख लहजे में कहा, ‘मेरे पास पत्र है जिसमें उन्होंने 30 लाख रुपये की खर्च राशि का भुगतान करने का वादा किया है. लेकिन रियो के बाद से हमें बताया गया कि यह राशि घटाकर 15 लाख रुपये कर दी गयी है.’ रियो के अनुभव के बारे में चौरसिया ने कहा, ‘वाहन इतंजाम से लेकर कोई उचित व्यवस्था नहीं थी. वहां इतनी ठंड थी और बारिश हो रही थी लेकिन उन्होंने हमारे लिये छाते या रेनकोट तक का इंतजाम नहीं कराया. वे ऐसे व्यवहार करते थे जैसे कि वे मालिक हों और हम उनके नौकर.’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘हमें वाहन के लिये चार घंटे तक हवाईअड्डे पर इंतजार करने के लिये कहा गया और लाहिड़ी खुद ही आये थे. हमें बहुत बुरा लग रहा था. अब हम ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने से पहले दो बार सोचेंगे. हम इस मुद्दे का राग नहीं अलापेंगे क्योंकि हमें आगे मुश्किल चुनौतियों पर ध्यान लगाना है.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) चौरसिया ने पत्रकारों से कहा कि रियो खेलों को समाप्त हुए अब तक चार महीने हो गये हैं और उन्होंने कई तरह का दस्तावेजी काम भी किया है लेकिन दुनिया में 16 खिताब जीत चुके लाहिड़ी को एक भी पैसा नहीं मिला है. चौरसिया के अनुसार उन्हें अभी तक सिर्फ 5.5 लाख रुपये ही मिले हैं. इस साल हीरो इंडियन ओपन और रिजॉर्ट्स वर्ल्ड मनिला मास्टर्स खिताब जीतने वाले चौरसिया ने तल्ख लहजे में कहा, ‘मेरे पास पत्र है जिसमें उन्होंने 30 लाख रुपये की खर्च राशि का भुगतान करने का वादा किया है. लेकिन रियो के बाद से हमें बताया गया कि यह राशि घटाकर 15 लाख रुपये कर दी गयी है.’ रियो के अनुभव के बारे में चौरसिया ने कहा, ‘वाहन इतंजाम से लेकर कोई उचित व्यवस्था नहीं थी. वहां इतनी ठंड थी और बारिश हो रही थी लेकिन उन्होंने हमारे लिये छाते या रेनकोट तक का इंतजाम नहीं कराया. वे ऐसे व्यवहार करते थे जैसे कि वे मालिक हों और हम उनके नौकर.’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘हमें वाहन के लिये चार घंटे तक हवाईअड्डे पर इंतजार करने के लिये कहा गया और लाहिड़ी खुद ही आये थे. हमें बहुत बुरा लग रहा था. अब हम ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने से पहले दो बार सोचेंगे. हम इस मुद्दे का राग नहीं अलापेंगे क्योंकि हमें आगे मुश्किल चुनौतियों पर ध्यान लगाना है.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस साल हीरो इंडियन ओपन और रिजॉर्ट्स वर्ल्ड मनिला मास्टर्स खिताब जीतने वाले चौरसिया ने तल्ख लहजे में कहा, ‘मेरे पास पत्र है जिसमें उन्होंने 30 लाख रुपये की खर्च राशि का भुगतान करने का वादा किया है. लेकिन रियो के बाद से हमें बताया गया कि यह राशि घटाकर 15 लाख रुपये कर दी गयी है.’ रियो के अनुभव के बारे में चौरसिया ने कहा, ‘वाहन इतंजाम से लेकर कोई उचित व्यवस्था नहीं थी. वहां इतनी ठंड थी और बारिश हो रही थी लेकिन उन्होंने हमारे लिये छाते या रेनकोट तक का इंतजाम नहीं कराया. वे ऐसे व्यवहार करते थे जैसे कि वे मालिक हों और हम उनके नौकर.’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘हमें वाहन के लिये चार घंटे तक हवाईअड्डे पर इंतजार करने के लिये कहा गया और लाहिड़ी खुद ही आये थे. हमें बहुत बुरा लग रहा था. अब हम ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने से पहले दो बार सोचेंगे. हम इस मुद्दे का राग नहीं अलापेंगे क्योंकि हमें आगे मुश्किल चुनौतियों पर ध्यान लगाना है.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रियो के अनुभव के बारे में चौरसिया ने कहा, ‘वाहन इतंजाम से लेकर कोई उचित व्यवस्था नहीं थी. वहां इतनी ठंड थी और बारिश हो रही थी लेकिन उन्होंने हमारे लिये छाते या रेनकोट तक का इंतजाम नहीं कराया. वे ऐसे व्यवहार करते थे जैसे कि वे मालिक हों और हम उनके नौकर.’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘हमें वाहन के लिये चार घंटे तक हवाईअड्डे पर इंतजार करने के लिये कहा गया और लाहिड़ी खुद ही आये थे. हमें बहुत बुरा लग रहा था. अब हम ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने से पहले दो बार सोचेंगे. हम इस मुद्दे का राग नहीं अलापेंगे क्योंकि हमें आगे मुश्किल चुनौतियों पर ध्यान लगाना है.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, ‘हमें वाहन के लिये चार घंटे तक हवाईअड्डे पर इंतजार करने के लिये कहा गया और लाहिड़ी खुद ही आये थे. हमें बहुत बुरा लग रहा था. अब हम ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने से पहले दो बार सोचेंगे. हम इस मुद्दे का राग नहीं अलापेंगे क्योंकि हमें आगे मुश्किल चुनौतियों पर ध्यान लगाना है.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: जहीर का दर्द बना रुद्र के लिए 'वरदान'
इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा शृंखला में अब तक खराब प्रदर्शन से जूझ रही भारतीय टीम को आज एक और बड़ा झटका लगा, जब तेज गेंदबाज जहीर खान मांसपेशियों में खिंचाव और टखने की चोट से उबरने में नाकाम रहने के बाद बाकी बचे दौरे से बाहर हो गए। बीसीसीआई ने एक बयान में कहा कि जहीर खान की दायें पैर की मांसपेशियों और दायें टखने में चोट है। उन्हें टखने की सर्जरी करानी होगी, जिसके बाद टखने और मांसपेशियों के लिए गहन रिहैबिलिटेशन से गुजरना होगा। बयान के अनुसार, पूरी तरह से उबरने में उन्हें कम से कम 14 से 16 हफ्ते लगेंगे। इसलिए वह मौजूदा टेस्ट सीरीज और इसके बाद होने वाले ट्वेंटी-20 और वनडे सीरीज में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पिछला टेस्ट खेलने वाले आरपी सिंह को जहीर के विकल्प के तौर पर टेस्ट, वनडे और ट्वेंटी-20 टीम में शामिल किया गया है। सीमित ओवरों की शृंखला 31 अगस्त से शुरू हो रही है, जिस दिन दोनों टीमों के बीच एकमात्र ट्वेंटी-20 मैच खेला जाएगा। बीसीसीआई ने कहा कि अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति ने टेस्ट शृंखला, ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय और एकदिवसीय शृंखला में उनके विकल्प के तौर पर आरपी सिंह को चुना है। आरपी सिंह जल्द से जल्द टीम से जुड़ेंगे। आरपी सिंह पिछले काफी समय से भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं और उन्होंने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में 2009 में खेला था। लॉर्ड्स में 21 जुलाई को पहले टेस्ट के पहले दिन मांसपेशियों में खिंचाव के कारण मैदान से बाहर जाने वाले जहीर के 10 से 14 अगस्त तक बर्मिंघम में होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए फिट होने की उम्मीद थी। यह तेज गेंदबाज अपनी फिटनेस को परखने के लिए नार्थम्पटनशर के खिलाफ शनिवार को संपन्न दो दिवसीय अभ्यास मैच में खेला था, लेकिन वह केवल तीन ओवर गेंदबाजी कर पाए, जिसमें उन्होंने 24 रन खर्च किए। इससे पहले ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और युवराज सिंह पहले ही चोटों के कारण इंग्लैंड दौरे से बाहर हो गए हैं।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: CBSE की 12वीं की परीक्षा में इस वर्ष नकल के दोगुने से अधिक मामले
यह एक लेख है: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की बारहवीं कक्षा की परीक्षा में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष नकल के दोगुने से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं. सीबीएसई के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले वर्ष देशभर से नकल के 56 मामले सामने आए थे जबकि इस वर्ष ऐसे 119 मामले सामने आए हैं. नकल के सबसे ज्यादा 54 मामले राजस्थान के अजमेर से हैं जबकि पिछले वर्ष से यहां ऐसे सिर्फ तीन मामले थे. दिल्ली में नकल के मामले पिछले वर्ष के 12 से घटकर आठ रह गए जबकि गुवाहाटी में मामले नौ से बढ़कर 27 हो गए.टिप्पणियां उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में नकल के मामले सात से घटकर तीन रह गए जबकि देहरादून में चार से बढ़कर नौ हो गए. चंडीगढ़ के पंचकुला में पिछले वर्ष के चार के मुकाबले इस वर्ष नकल के आठ मामले सामने आए. सीबीएसई के अधिकारी नकल के ज्यादा मामले सामने आने का श्रेय परीक्षा में नकल को पकड़ने के कड़े उपायों को देते हैं. इस वर्ष तिरूवनंतपुरम और भुवनेश्वर से कोई मामले सामने नहीं आए और पटना से ऐसे आठ मामले सामने आए हैं जो पिछले वर्ष के मुकाबले एक कम है. नकल के सबसे ज्यादा 54 मामले राजस्थान के अजमेर से हैं जबकि पिछले वर्ष से यहां ऐसे सिर्फ तीन मामले थे. दिल्ली में नकल के मामले पिछले वर्ष के 12 से घटकर आठ रह गए जबकि गुवाहाटी में मामले नौ से बढ़कर 27 हो गए.टिप्पणियां उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में नकल के मामले सात से घटकर तीन रह गए जबकि देहरादून में चार से बढ़कर नौ हो गए. चंडीगढ़ के पंचकुला में पिछले वर्ष के चार के मुकाबले इस वर्ष नकल के आठ मामले सामने आए. सीबीएसई के अधिकारी नकल के ज्यादा मामले सामने आने का श्रेय परीक्षा में नकल को पकड़ने के कड़े उपायों को देते हैं. इस वर्ष तिरूवनंतपुरम और भुवनेश्वर से कोई मामले सामने नहीं आए और पटना से ऐसे आठ मामले सामने आए हैं जो पिछले वर्ष के मुकाबले एक कम है. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में नकल के मामले सात से घटकर तीन रह गए जबकि देहरादून में चार से बढ़कर नौ हो गए. चंडीगढ़ के पंचकुला में पिछले वर्ष के चार के मुकाबले इस वर्ष नकल के आठ मामले सामने आए. सीबीएसई के अधिकारी नकल के ज्यादा मामले सामने आने का श्रेय परीक्षा में नकल को पकड़ने के कड़े उपायों को देते हैं. इस वर्ष तिरूवनंतपुरम और भुवनेश्वर से कोई मामले सामने नहीं आए और पटना से ऐसे आठ मामले सामने आए हैं जो पिछले वर्ष के मुकाबले एक कम है. इस वर्ष तिरूवनंतपुरम और भुवनेश्वर से कोई मामले सामने नहीं आए और पटना से ऐसे आठ मामले सामने आए हैं जो पिछले वर्ष के मुकाबले एक कम है.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: साइना नेहवाल की ऊंची उड़ान, छू लिया आसमान
यह लेख है: देश की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी और ओलिंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल ने वायुसेना के किरण एमके 2 जेट ट्रेनर विमान में आंध्र प्रदेश की डुंडिगल स्थित आईएएफ ट्रेनिंग अकादमी से उड़ान भरी और इसके साथ ही उनके नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो गई।टिप्पणियां साइना नेहवाल को अंतर स्क्वाड्रन खेल चैम्पियनशिप के समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। भारतीय वायुसेना ने हाल ही में खास उपलब्धि हासिल करने खिलाड़ियों को सम्मानित किया है और उन्हें मानद पद भी दिए हैं। सचिन तेंदुलकर को पिछले साल भारतीय वायुसेना द्वारा मानद ग्रुप कैप्टन बनाया गया था, जबकि टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को फाइटर एयरक्राफ्ट में उड़ान भरने का मौका दिया गया था। साइना नेहवाल को अंतर स्क्वाड्रन खेल चैम्पियनशिप के समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। भारतीय वायुसेना ने हाल ही में खास उपलब्धि हासिल करने खिलाड़ियों को सम्मानित किया है और उन्हें मानद पद भी दिए हैं। सचिन तेंदुलकर को पिछले साल भारतीय वायुसेना द्वारा मानद ग्रुप कैप्टन बनाया गया था, जबकि टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को फाइटर एयरक्राफ्ट में उड़ान भरने का मौका दिया गया था। भारतीय वायुसेना ने हाल ही में खास उपलब्धि हासिल करने खिलाड़ियों को सम्मानित किया है और उन्हें मानद पद भी दिए हैं। सचिन तेंदुलकर को पिछले साल भारतीय वायुसेना द्वारा मानद ग्रुप कैप्टन बनाया गया था, जबकि टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को फाइटर एयरक्राफ्ट में उड़ान भरने का मौका दिया गया था।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: उचित खाद्य प्रबंधन से मुद्रास्फीति कम करने में मदद मिलेगी : राजन
यह लेख है: भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि वह मुद्रास्फीति पर नजर रखे हुए है और उसे उम्मीद है कि उचित खाद्य प्रबंधन से खाद्य कीमतों में कमी में मदद मिलेगी। आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा 'हम मुद्रास्फीति पर निगाह रखे हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति पर खाद्य कीमतों का असर रहा है।' उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उचित खाद्य प्रबंधन से खाद्य कीमतें कम हो सकती हैं। मुख्य मुद्रास्फीति मई में पांच महीने के उच्चतम स्तर 6.01 प्रतिशत पर आ गई जो पिछले महीने 5.2 प्रतिशत थी। ऐसा मुख्य तौर पर खाद्य एवं ईंधन मुद्रास्फीति के कारण हुआ। उन्होंने यहां एसबीआई के एक समारोह के मौके पर संवाददाताओं से कहा 'लेकिन सरकार और आरबीआई दोनों की इस पर नजर है और उन्हें इस संबंध में चौकस रहना होगा।' मौजूदा इराक संकट के बारे में राजन ने कहा कि यह चिंता का विषय है। इस संकट के कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत प्रभावित हुई है और रुपये पर भी असर हुआ है। आरबीआई के गवर्नर ने कहा 'इराक के मामले में अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। इस मामले पर हमारी नजर है और निश्चित तौर पर सभी को इराक संघर्ष के बारे में चिंतित होना चाहिए।' हालांकि उन्होंने कहा कि तेल संसाधन दक्षिणी इराक में हैं इसलिए ये संघर्ष से सीधे तौर पर प्रभावित नहीं हुए हैं।
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मेडिकल कोर्सेज के लिए काउंसिलिंग के महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर रोक
यह एक लेख है: बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें मेडिकल और डेंटल पाठ्यक्रमों के लिए इस वर्ष की राष्ट्रीय योग्यता एवं प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में बैठने वाले छात्रों की केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग का आदेश दिया गया था। इससे महाराष्ट्र के डीम्ड विश्वविद्यालयों को प्रवेश के लिए अपना काउंसिलिंग सत्र आयोजित करने का अवसर मिलेगा।टिप्पणियां मेडिकल और डेंटल कालेज चला रहे निजी डीम्ड विश्वविद्यालय सरकारी आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण में गये थे जिसमें प्रवेश के लिए केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग की बात कही गई थी। न्यायमूर्ति एसएस केमकर और न्यायमूर्ति एमएस कार्निक की खंडपीठ ने अनिवार्य संयुक्त काउंसिलिंग पर रोक लगाई लेकिन साफ किया कि डीम्ड विश्वविद्यालय एनईईटी की रैंकिंग के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश देंगे। इससे महाराष्ट्र के डीम्ड विश्वविद्यालयों को प्रवेश के लिए अपना काउंसिलिंग सत्र आयोजित करने का अवसर मिलेगा।टिप्पणियां मेडिकल और डेंटल कालेज चला रहे निजी डीम्ड विश्वविद्यालय सरकारी आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण में गये थे जिसमें प्रवेश के लिए केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग की बात कही गई थी। न्यायमूर्ति एसएस केमकर और न्यायमूर्ति एमएस कार्निक की खंडपीठ ने अनिवार्य संयुक्त काउंसिलिंग पर रोक लगाई लेकिन साफ किया कि डीम्ड विश्वविद्यालय एनईईटी की रैंकिंग के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश देंगे। मेडिकल और डेंटल कालेज चला रहे निजी डीम्ड विश्वविद्यालय सरकारी आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण में गये थे जिसमें प्रवेश के लिए केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग की बात कही गई थी। न्यायमूर्ति एसएस केमकर और न्यायमूर्ति एमएस कार्निक की खंडपीठ ने अनिवार्य संयुक्त काउंसिलिंग पर रोक लगाई लेकिन साफ किया कि डीम्ड विश्वविद्यालय एनईईटी की रैंकिंग के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश देंगे। न्यायमूर्ति एसएस केमकर और न्यायमूर्ति एमएस कार्निक की खंडपीठ ने अनिवार्य संयुक्त काउंसिलिंग पर रोक लगाई लेकिन साफ किया कि डीम्ड विश्वविद्यालय एनईईटी की रैंकिंग के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश देंगे।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: रफाल का एक और सच हुआ बाहर
यह एक लेख है: पन्ने बेलगाम हो गए हैं. कभी अख़बार के ज़रिए बाहर आ जा रहे हैं तो कभी सरकार के ज़रिए बाहर आ जा रहे हैं. भारत के आकाश में रफाल ने अभी उड़ना शुरू नहीं किया है कि उसकी फाइलों के पन्ने उड़ाए जाने लगे हैं. शुक्रवार को दि‍ हिन्दू अखबार की एक खबर की प्रतिक्रिया में लगा कि सारी फाइल ही बाहर आ जाएगी मगर दो तीन पन्ने बाज़ार में आ गए. दि हिन्दू अखबार के पहले पन्ने पर 24 नवंबर 2015 की यह नोटिंग छपी है. इस नोटिंग के ज़रिए इस खबर को सामने लाने वाले एन राम मूल प्रश्न यह उठाते हैं कि रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव और रक्षा सौदों की खरीद के लिए बनी टीम को पता ही नहीं था कि प्रधानमंत्री मोदी का कार्यालय फ्रांस से अपने स्तर पर बातचीत कर रहा है. इस नोटिंग में रक्षा सचिव इस बात पर एतराज़ ज़ाहिर करते हैं कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय को भरोसा नहीं है तो वह डील के लिए अपनी कोई नई व्यवस्था बना ले. जाहिर है जो कमेटी कई साल से काम कर रही है, अचानक उसे बताए बगैर या भंग किए बगैर प्रधानमंत्री कार्यालय सक्रिय हो जाए तो किसी को भी बुरा लगेगा. इसका खंडन करने वाले यह भी बताएं कि मनोहर पर्रिकर जैसे काबिल रक्षा मंत्री, रक्षा खरीद के लिए बनी कमेटी के प्रमुख एयर मार्शल एस बी पी सिन्हा की टीम से ऐसा कौन सा काम नहीं हो पा रहा था जिसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को आगे आना पड़ा. क्या रक्षा की टीम ने प्रधानमंत्री कार्यालय से कहा था कि हमसे नहीं हो पा रहा है. आप कुछ कीजिए. यह स्टोरी इसी बारे में है. रफाल विमान को खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय में एक टीम बनाई गई थी जिसके मुखिया भारतीय वायुसेना के डिप्टी चीफ एयरमार्शल एस बी सिन्हा थे. उसी तरफ फ्रांस में भी एक टीम बनी थी जिसके मुखिया जनरल रैब थे. 24 नवंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय एक नोट बनाता है और जिसे हिन्दू ने छाप दिया है. इसमें लिखा है कि हमें प्रधानमंत्री कार्यालय को सुझाव देना चाहिए कि कोई भी अफसर जो खरीद और मोलभाव के लिए बनी टीम का हिस्सा नहीं है, समानांतर स्तर पर फ्रांस की सरकार से बातचीत न करें. अगर प्रधानमंत्री कार्यालय को रक्षा मंत्रालय की टीम की बातचीत पर भरोसा नहीं है तब ऐसी स्थिति में उचित स्तर पर प्रधानमंत्री कार्यालय ही बातचीत की नई व्यवस्था बना ले. किसी भी स्थिति में 24 नवंबर 2015 का यह पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेपर पर कड़ी टिप्पणी है. क्या यह सख्त टिप्पणी नहीं है कि रक्षा मंत्रालय की टीम पर भरोसा नहीं है तो प्रधानमंत्री कार्यालय अपनी अलग व्यवस्था बना ले. इस पत्र में जो लिखा है उसे रक्षा मंत्रालय के तीन बड़े अधिकारियों ने समहति जताई है जिसमें खरीद टीम के अध्यक्ष एयरमार्शल एस बी पी सिन्हा शामिल हैं. इसके पैराग्राफ 5 में साफ लिखा है कि 'प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस तरह समानांतर तौर पर चर्चा करने से रक्षा मंत्रालय और भारतीय टीम की स्थिति कमज़ोर होती है. हमें प्रधानमंत्री कार्यालय को सुझाव देना चाहिए कि कोई भी अफसर जो बातचीत की टीम का हिस्सा नहीं है फ्रांस सरकार के अधिकारियों से अपने स्तर पर बातचीत न करें. अगर प्रधानमंत्री कार्यालय को रक्षा मंत्रालय की टीम की कोशिशों के नतीजों पर भरोसा नहीं है तो प्रधानमंत्री खुद अपने स्तर पर बातचीत की नई व्यवस्था बना ले. क्या यह सामान्य टिप्पणी है. तीन अफसरों की सहमति वाली नोटिंग पर रक्षा सचिव एतराज़ ज़ाहिर नहीं करते हैं. बल्कि उसे आगे बढ़ाने के लिए हाथ से लिख देते हैं कि रक्षा मंत्री देख लें. सिर्फ देखने की बात नहीं करते हैं बल्कि वे भी उसी लाइन में कड़ी टिप्पणी करते हैं कि उम्मीद की जाती है कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस तरह की चर्चा न करे क्योंकि इससे हमारी टीम की स्थिति कमज़ोर होती है. ये रक्षा सचिव की टिप्पणी है. मूंगफली के ठेले पर सौदा नहीं हो रहा है कि उधर से मूंगफली मांग कर ठेले के इधर से दो मूंगफली चुपके से उठा ली. दो मुल्कों के बीच सौदा हो रहा है. क्या सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए जवाब में यह बताया है कि इस डील में प्रधानमंत्री कार्यालय भी शामिल था जिसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय को नहीं थी? दिल्ली में फ्रांस के तब के राष्ट्रपति ओलान्द और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रक्षा सौदे पर करार करते हैं. 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में डील का एलान हो चुका होता है. उसके बाद 23 सितंबर 2016 को दोनों देशों के बीच सहमति पत्र पर समझौता हो जाता है. एक महीने बाद रक्षा मंत्रालय को 23 अक्तूबर 2015 को फ्रांस के जनरल स्टीफन रेब के पत्र से पता चलता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव जावेद अशरफ और फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के कूटनीतिक सलाहकार लुई वेस्सी के बीच टेलिफोन पर बातचीत हुई थी. इस पत्र के पहले तक यही पता नहीं था कि प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस डील में कोई भूमिका अदा कर रहा है. यह सब हिन्दू अखबार में छपा है उसका हिस्सा बता रहा हूं. प्रधानमंत्री कार्यालय अपने स्तर पर कुछ कर रहा है इसकी भनक फ्रांस के जनरल स्टीफन रेब से लगती है न कि प्रधानमंत्री कार्यालय खुद बताता है. भारतीय टीम के जो मुखिया थे एयर मार्शल एस बी पी सिन्हा वे भी संयुक्त सचिव जावेद अशरफ को पत्र लिखते हैं. क्या जावेद अशरफ अपने स्तर पर बातचीत कर रहे थे या वे किसी के कहने पर बातचीत कर रहे थे. इसी के जवाब में जावेद अशरफ इसकी पुष्टि कर देते हैं कि उनकी कूटनीतिक सलाहकार लुई वेस्सी से चर्चा हुई थी. जावेद अशरफ यही पर एक बात कहते हैं कि लुई वेस्सी ने फ्रांस के राष्ट्रपति की सलाह पर उनसे बात की थी. आपको यहां पर याद दिला दें कि पिछले साल 21 सितंबर एसोसिएट प्रेस को कहा था कि मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद नया फार्मूला बनाती है उसी में चर्चा के दौरान रिलायंस ग्रुप का नाम आता है. नवंबर के नोट में लिखा गया है कि इस तरह से बातचीत करने से भारतीय टीम की मोलभाव करने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है. फ्रांस की साइड को लाभ मिल सकता था. और यही इस केस में हुआ. रक्षा मंत्रालय और विमान की खरीद की बातचीत के लिए बनी टीम लंबे समय से इस बात की कोशिश कर रही थी कि फ्रांस सरकार या तो अपने स्तर पर गारंटी दे या फिर बैंक गारंटी दे. मगर रक्षा मंत्रालय इस बात पर एतराज़ जताता है कि बिना बैंक गारंटी या संप्रभु गारंटी के ही डील हो रही है. सिर्फ लेटर आफ कंफर्ट जारी हो रहा है. जो मात्र आश्वासन है कि सभी शर्तों को पूरा किया जाएगा. राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस की और फिर से कहा कि वे जो डेढ़ साल से कहने का प्रयास कर रहे हैं वो सही साबित होता जा रहा है. ज़ाहिर है बीजेपी की भी प्रतिक्रिया आनी थी. संसद में निर्मला सीतरमण ने इस मुद्दे को मरा हुआ घोड़ा बताया. जहाज़ों की लड़ाई में बेचारा घोड़ा मारा गया. निर्मला सीतारमण ने एक सवाल उठाया कि अखबार ने सिर्फ आधा हिस्सा छापा. यानी जहां तक रक्षा सौदे की टीम की टिप्पणी है और रक्षा सचिव की नोटिंग है कि रक्षा मंत्री आप देख लो, वही छापा मगर रक्षा मंत्री का जवाब नहीं छापा. निर्मला सीतारमण के इस सवाल पर अलग से बहस हो सकती है, हो सकता है अखबार ने दूसरा हिस्सा दूसरे दिन की खबर के लिए रखा हो मगर क्या यह अच्छी बात नहीं है कि जो सरकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को दस्तावेज़ दिखाना चाहती थी वो अब खुद ही फाइल के एक पन्ने को बाहर लाने के लिए मजबूर हो जाती है. निर्मला सीतारमण अपने जवाब में एक बात गोल कर गई. जो छपा है उसमें रक्षा सचिव सिर्फ यही नहीं कह रहे कि रक्षा मंत्री देख लो बल्कि यह भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री स्वतंत्र रूप से जो बातचीत कर रहा है, उससे रक्षा मंत्रालय की स्थिति कमज़ोर होती है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने रक्षा मंत्रालय को क्यों नहीं बताया कि वह भी कुछ कर रहा है. यही वो पूरा पन्ना है जिसे रक्षा मंत्री चाहती थीं कि हिन्दू अखबार को पूरा छापना चाहिए था. इस फाइल पर आप एक बात पर गौर करें. यहां पर पर्रिकर साहब का दस्तखत है वो 11 जनवरी 2016 का है. जबकि पहली नोटिंग पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारी का साइन 24 नवंबर 2015 का है. इस पन्ने पर रक्षा मंत्री ने लिखा है कि ऐसी प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और फ्रांस का राष्ट्रपति कार्यालय इस मसले की प्रगति को मोनिटर कर रहा है. जो समिट मीटिंग में तय हुआ था. रक्षा मंत्री को भी पता नहीं है वे भी लिखते हैं कि इट अपीयर्स यानी प्रतीत होता है. पर्रिकर लिखते हैं कि पैरा 5 में जो प्रतिक्रिया दी गई है वो ज़्यादा है. रक्षा सचिव इस मामले को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव से मिलकर सुझाएं. अब अगर ये जवाब है तो सरकार को एक बार फिर से सोचना चाहिए कि वह सही जवाब दे रही है या नहीं. रक्षा मंत्री के अनुसार एक साल पहले यानी अप्रैल 2015 में पेरिस में जो तय हुआ था उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय मोनिटर कर रहा है. यानी अप्रैल 2015 से लेकर नवंबर 2015 तक प्रधानमंत्री कार्यालय अपने ही रक्षा मंत्री, रक्षा मंत्रालय की उस टीम को नहीं बताता है जो इस काम के लिए बनी थी. आप तय करें कि ऐसा करना मानिटरिंग कहलाएगा या प्रक्रिया को बाइपास करना कहलाएगा. निर्मला जी कह रही है कि पीएमओ का उनके मंत्रालय से बार बार पूछना कि प्रोग्रेस हो रही है या क्या. इसको हस्तक्षेप माना जा सकता है. लेकिन फाइल पर तो ये लिखा है कि पीएमओ अपने आप बिना बताए सबकुछ कर रहा है. सवाल यहां है रक्षा मंत्रालय को भरोसे में नहीं लेने का. जवाब दिया जा रहा है कि पीएमओ का पूछना हस्तक्षेप है या नहीं. निर्मला जी बताएं कि रक्षा सचिव की नोटिंग के पहले कब पीएमओ ने इस बारे में उनसे या खरीद के लिए बनी टीम से पूछा था. बिल्कुल हिन्दू में भी कीमतों को लेकर कुछ नहीं छपा है. क्या गोल मोल जवाब देने की जगह पूर्व रक्षा सचिव को उस बात पर जवाब नहीं देना चाहिए जो उन्होंने फाइल पर लिखी है. फिर उन्होंने फाइल पर यह बात क्यों लिखी है कि अगर अगर प्रधानमंत्री कार्यालय को रक्षा मंत्रालय की टीम की बातचीत पर भरोसा नहीं है तब ऐसी स्थिति में उचित स्तर पर प्रधानमंत्री कार्यालय ही बातचीत की नई व्यवस्था बना ले. फाइल में क्यों लिखा जाता है कि रक्षा मंत्रालय, रक्षा सचिव, खरीद के लिए बनी टीम को फ्रांस की साइड से आए पत्र से पता चलता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय अपने स्तर पर इस डील में बातचीत कर रहा है. रक्षा मंत्री कह रही हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रगति के बारे में पूछना हस्तक्षेप नहीं है. क्या आपको दोनों बातें अलग नहीं लगती हैं. एक कह रहा है कि प्रधानमंत्री पूछ नहीं रहा है. रक्षा मंत्री नहीं पूछने को पूछना कह रही हैं. अब दाम और डील की बात कहां से आ गई. खरीद समिति के अध्यक्ष एयर वाइस मार्शल एस बी पी सिन्हा का जवाब भी अलग प्रश्न का लगता है. मूल प्रश्न है कि 24 नवंबर 2015 के पत्र पर जो उन्होंने दस्तखत किए हैं उस पर क्यों लिखा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय उनकी टीम की हैसियत को कमज़ोर कर रहा है, अपने स्तर पर मोलभाव कर रहा है. क्या अच्छा नही होता कि जब मीडिया में आ ही गए तो जो फाइल पर बात लिखी है उसका जवाब दिया जाता.
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['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: राजस्‍थान के अलवर में भी किसान ने की आत्‍महत्‍या
45 साल के हरसूल यादव ने घर के पास रेल की पटरी पर लेट के जान दे दी। 10 बीघा ज़मीन किराये पर ली थी खेती करने के लिए, क़र्ज़ा 1 लाख 30 हजार रुपये। एक साल पहले बेटियों की शादी भी की थी, सोचा इस साल खेत किराये पर लेकर 2 साल से चला आ रहा ऋण चुका दूंगा। लेकिन ओला वृष्टि ने सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया। सरकारी मुआवज़े का इंतज़ार करते करते हरसूल की हिम्मत टूट गई। हरसूल के पड़ोसी अयूब ने बताया, 'कर्जा हो गया था। मजदूर 300 रुपये में एक दिन के लिए आता है, जितनी पैदावार नहीं थी उससे ज्‍यादा मजदूरी लग गई। इसलिए तनाव के कारण आत्‍महत्‍या किया है।'टिप्पणियां 33 में से 26 ज़िलों में भरी नुकसान हुआ है। राजस्थान में 3000 ऐसे गांव है जहां फसल 50 फीसदी से ज़्यादा नष्ट हो गई है। कहीं-कहीं किसानों ने बर्बाद फसल में आग लगा दी है, ये कह कर कि इसमें कटाई करना और भरी पड़ेगा। एक किसान महमूद ने बताया, '4 बीघा जमीन थी, इसमें एक बोरी भी नहीं हुई, हमारी सारी फसल बर्बाद हो गई और हमने इसमें आग लगा दी।' किसानों तक मुआवज़ा अभी पहुंचा नहीं है, साथ ही मंडियों में गेहूं की खरीद भी शुरू नहीं हुई है। लेकिन सरकार का मानना है राजस्थान में किसान आत्महत्या नहीं करते। हरसूल के पड़ोसी अयूब ने बताया, 'कर्जा हो गया था। मजदूर 300 रुपये में एक दिन के लिए आता है, जितनी पैदावार नहीं थी उससे ज्‍यादा मजदूरी लग गई। इसलिए तनाव के कारण आत्‍महत्‍या किया है।'टिप्पणियां 33 में से 26 ज़िलों में भरी नुकसान हुआ है। राजस्थान में 3000 ऐसे गांव है जहां फसल 50 फीसदी से ज़्यादा नष्ट हो गई है। कहीं-कहीं किसानों ने बर्बाद फसल में आग लगा दी है, ये कह कर कि इसमें कटाई करना और भरी पड़ेगा। एक किसान महमूद ने बताया, '4 बीघा जमीन थी, इसमें एक बोरी भी नहीं हुई, हमारी सारी फसल बर्बाद हो गई और हमने इसमें आग लगा दी।' किसानों तक मुआवज़ा अभी पहुंचा नहीं है, साथ ही मंडियों में गेहूं की खरीद भी शुरू नहीं हुई है। लेकिन सरकार का मानना है राजस्थान में किसान आत्महत्या नहीं करते। 33 में से 26 ज़िलों में भरी नुकसान हुआ है। राजस्थान में 3000 ऐसे गांव है जहां फसल 50 फीसदी से ज़्यादा नष्ट हो गई है। कहीं-कहीं किसानों ने बर्बाद फसल में आग लगा दी है, ये कह कर कि इसमें कटाई करना और भरी पड़ेगा। एक किसान महमूद ने बताया, '4 बीघा जमीन थी, इसमें एक बोरी भी नहीं हुई, हमारी सारी फसल बर्बाद हो गई और हमने इसमें आग लगा दी।' किसानों तक मुआवज़ा अभी पहुंचा नहीं है, साथ ही मंडियों में गेहूं की खरीद भी शुरू नहीं हुई है। लेकिन सरकार का मानना है राजस्थान में किसान आत्महत्या नहीं करते। किसानों तक मुआवज़ा अभी पहुंचा नहीं है, साथ ही मंडियों में गेहूं की खरीद भी शुरू नहीं हुई है। लेकिन सरकार का मानना है राजस्थान में किसान आत्महत्या नहीं करते।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: पवार ने राकांपा कार्यकर्ताओं से कहा, महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहें
यह लेख है: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद के राजनीतिक हालात के मद्देनजर वे राज्य में मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहें। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में शुरू हुई पार्टी की दो दिवसीय बैठक को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, हमें महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव का सामना करने के लिए तैयार रहना है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में स्थिर सरकार रखने की जिम्मेदारी राकांपा की नहीं है। उल्लेखनीय है कि जिस दिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए, पवार की पार्टी राकांपा ने भाजपा को बाहर से बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के राज्य विधानसभा चुनावों में दो सीटों पर काबिज होने वाली मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के उभार के पीछे भाजपा के कुछ तत्व हैं। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 121, शिवसेना के 63, कांग्रेस के 42 और राकांपा के 41 विधायक हैं। महाराष्ट्र की अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने राकांपा की ओर से बाहरी समर्थन की घोषणा के बाद पिछले हफ्ते विवादस्पद रूप से ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव हासिल किया। ध्वनिमत से विश्वासमत पारित होने के बाद शिवसेना और कांग्रेस ने उसका कड़ा विरोध किया। दोनों पार्टियों ने ज्ञापन देकर राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मांग की कि वह फडणवीस सरकार को फिर से विश्वास मत हासिल करने के लिए कहें और इसका फैसला मतविभाजन से हो। राकांपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने विश्वास मत के तरीके से असहमति जताई थी। इससे पहले, शरद पवार कह चुके हैं कि वह भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल की गारंटी नहीं ले सकते हैं।
13
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: पाक कैदी पर पीएम ने मांगी चिदंबरम की राय
लेख: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गृह मंत्री पी चिदंबरम से कहा है कि वह इस बात का पता लगाएं कि पाकिस्तानी कैदी खलील चिश्ती को मानवीय आधार पर रिहा करने के उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश के आग्रह पर क्या विचार किया जा सकता है। सिंह ने न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू से प्राप्त अनुरोध पत्र को चिदंबरम को भेज दिया है। प्रधानमंत्री ने चिदंबरम को लिखे पत्र में कहा है, अगर आप न्यायमूर्ति काटजू के इस आग्रह पर गौर करें तो मैं आपका आभार मानूंगा कि क्या डॉ. खलील चिश्ती को मानवता के आधार पर क्षमादान दिया जा सकता है। न्यायमूर्ति काटजू ने मानवीय आधारों पर चिश्ती को रिहा करने के लिए सिंह से व्यक्तिगत अपील की है। पाकिस्तानी नागरिक 80 वर्षीय चिश्ती विषाणु विज्ञानी हैं जो हत्या के मामले में 1992 से जेल में बंद हैं। सिंह ने कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला को भी जवाब भेज दिया है जिनके माध्यम से न्यायाधीश ने अपील की थी और उनके पत्र को गृह मंत्री को भेजे जाने के बारे में सूचित कर दिया है।
2
['hin']
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: श्रीनगर : सुरक्षाबलों की कथित फायरिंग में युवक की मौत के बाद कर्फ्यू
यह एक लेख है: पत्थरबाजी करने वालों के बीच में फंसने पर सीआरपीएफ के एक जवान ने कथित तौर पर गोलियां चलाईं, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ का जवान अपने वाहन से एसकेआईएमएस अस्पताल जा रहा था तभी जूनीमार इलाके में लोगों ने उस पर हमला कर दिया। बेमीना इलाके में हुए हमले में घायल हुए जवान इसी अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि जवान ने पत्थर फेंक रही भीड़ को हटाने की कोशिश में कथित तौर पर गोली चलाई, जो अल्ताफ हुसैन वानी नामक युवक के सीने में लग गई।टिप्पणियां वानी को गंभीर अवस्था में एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया। वहां तुरंत उसकी मौत हो गई। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एजाज अहमद ने कहा, वानी की जख्मों के कारण मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ का जवान अस्पताल में भर्ती अपने साथियों के लिए रक्त देने जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ का जवान अपने वाहन से एसकेआईएमएस अस्पताल जा रहा था तभी जूनीमार इलाके में लोगों ने उस पर हमला कर दिया। बेमीना इलाके में हुए हमले में घायल हुए जवान इसी अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि जवान ने पत्थर फेंक रही भीड़ को हटाने की कोशिश में कथित तौर पर गोली चलाई, जो अल्ताफ हुसैन वानी नामक युवक के सीने में लग गई।टिप्पणियां वानी को गंभीर अवस्था में एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया। वहां तुरंत उसकी मौत हो गई। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एजाज अहमद ने कहा, वानी की जख्मों के कारण मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ का जवान अस्पताल में भर्ती अपने साथियों के लिए रक्त देने जा रहा था। उन्होंने बताया कि जवान ने पत्थर फेंक रही भीड़ को हटाने की कोशिश में कथित तौर पर गोली चलाई, जो अल्ताफ हुसैन वानी नामक युवक के सीने में लग गई।टिप्पणियां वानी को गंभीर अवस्था में एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया। वहां तुरंत उसकी मौत हो गई। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एजाज अहमद ने कहा, वानी की जख्मों के कारण मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ का जवान अस्पताल में भर्ती अपने साथियों के लिए रक्त देने जा रहा था। वानी को गंभीर अवस्था में एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया। वहां तुरंत उसकी मौत हो गई। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एजाज अहमद ने कहा, वानी की जख्मों के कारण मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ का जवान अस्पताल में भर्ती अपने साथियों के लिए रक्त देने जा रहा था। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एजाज अहमद ने कहा, वानी की जख्मों के कारण मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ का जवान अस्पताल में भर्ती अपने साथियों के लिए रक्त देने जा रहा था।
2
['hin']
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को छोड़कर अन्य की वीआईपी सुरक्षा को विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए : मनोहर पर्रिकर
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि भारत में वीआईपी संस्कृति में कमी लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को छोड़कर अन्य की वीआईपी सुरक्षा को ज्यादा विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या गोवा में भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार केंद्र के लाल बत्ती से दूर रहने के फैसले का अनुसरण करेगी, पर्रिकर ने पहले कहा कि उन्हें इस तरह के फैसले के बारे में पता नहीं है, लेकिन वह अपनी गाड़ी पर लगी लाल बत्ती को मीडिया को देने की पेशकश की. राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि वीआईपी संस्कृति को कम करना है. वीआईपी संस्कृति गलत चीज है जो इस देश में चल रही है. सुरक्षा एक तरह की मानसिकता है. देश के केंद्र बिंदु राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अलावा हमें अनावश्यक सुरक्षा पर समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है. इस पर मेरा दृष्टिकोण साफ है." यह पूछे जाने पर क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को मंत्रिमंडल के फैसले के बाद लाल बत्ती हटाने का अनुसरण करने को तैयार हैं तो पर्रिकर ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी फैसले के बारे में पता नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि यदि यह राज्य सरकार को भेजा जाता है तो वह केंद्र सरकार के निर्देश का क्रियान्वयन करेंगे. उन्होंने कहा, "मुझे इस तरह के किसी फैसले की जानकारी नहीं है. आप लगातार टेलीविजन पर खबरों के संपर्क में हैं, लेकिन मुझे खेद है कि मुझे इस बारे में नहीं पता."टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार को लाल बत्ती के मुद्दे पर कोई निर्देश भेजती है तो "मैं इसका पूरा पालन करूंगा." पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, "आप चाहते हैं कि लाल बत्ती हटा दी जाए. जिसे भी इच्छा हो जाकर ले लें, मेरा यही जवाब है, मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है." यह पूछे जाने पर कि क्या गोवा में भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार केंद्र के लाल बत्ती से दूर रहने के फैसले का अनुसरण करेगी, पर्रिकर ने पहले कहा कि उन्हें इस तरह के फैसले के बारे में पता नहीं है, लेकिन वह अपनी गाड़ी पर लगी लाल बत्ती को मीडिया को देने की पेशकश की. राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि वीआईपी संस्कृति को कम करना है. वीआईपी संस्कृति गलत चीज है जो इस देश में चल रही है. सुरक्षा एक तरह की मानसिकता है. देश के केंद्र बिंदु राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अलावा हमें अनावश्यक सुरक्षा पर समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है. इस पर मेरा दृष्टिकोण साफ है." यह पूछे जाने पर क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को मंत्रिमंडल के फैसले के बाद लाल बत्ती हटाने का अनुसरण करने को तैयार हैं तो पर्रिकर ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी फैसले के बारे में पता नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि यदि यह राज्य सरकार को भेजा जाता है तो वह केंद्र सरकार के निर्देश का क्रियान्वयन करेंगे. उन्होंने कहा, "मुझे इस तरह के किसी फैसले की जानकारी नहीं है. आप लगातार टेलीविजन पर खबरों के संपर्क में हैं, लेकिन मुझे खेद है कि मुझे इस बारे में नहीं पता."टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार को लाल बत्ती के मुद्दे पर कोई निर्देश भेजती है तो "मैं इसका पूरा पालन करूंगा." पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, "आप चाहते हैं कि लाल बत्ती हटा दी जाए. जिसे भी इच्छा हो जाकर ले लें, मेरा यही जवाब है, मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है." राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि वीआईपी संस्कृति को कम करना है. वीआईपी संस्कृति गलत चीज है जो इस देश में चल रही है. सुरक्षा एक तरह की मानसिकता है. देश के केंद्र बिंदु राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अलावा हमें अनावश्यक सुरक्षा पर समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है. इस पर मेरा दृष्टिकोण साफ है." यह पूछे जाने पर क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को मंत्रिमंडल के फैसले के बाद लाल बत्ती हटाने का अनुसरण करने को तैयार हैं तो पर्रिकर ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी फैसले के बारे में पता नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि यदि यह राज्य सरकार को भेजा जाता है तो वह केंद्र सरकार के निर्देश का क्रियान्वयन करेंगे. उन्होंने कहा, "मुझे इस तरह के किसी फैसले की जानकारी नहीं है. आप लगातार टेलीविजन पर खबरों के संपर्क में हैं, लेकिन मुझे खेद है कि मुझे इस बारे में नहीं पता."टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार को लाल बत्ती के मुद्दे पर कोई निर्देश भेजती है तो "मैं इसका पूरा पालन करूंगा." पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, "आप चाहते हैं कि लाल बत्ती हटा दी जाए. जिसे भी इच्छा हो जाकर ले लें, मेरा यही जवाब है, मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है." यह पूछे जाने पर क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को मंत्रिमंडल के फैसले के बाद लाल बत्ती हटाने का अनुसरण करने को तैयार हैं तो पर्रिकर ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी फैसले के बारे में पता नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि यदि यह राज्य सरकार को भेजा जाता है तो वह केंद्र सरकार के निर्देश का क्रियान्वयन करेंगे. उन्होंने कहा, "मुझे इस तरह के किसी फैसले की जानकारी नहीं है. आप लगातार टेलीविजन पर खबरों के संपर्क में हैं, लेकिन मुझे खेद है कि मुझे इस बारे में नहीं पता."टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार को लाल बत्ती के मुद्दे पर कोई निर्देश भेजती है तो "मैं इसका पूरा पालन करूंगा." पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, "आप चाहते हैं कि लाल बत्ती हटा दी जाए. जिसे भी इच्छा हो जाकर ले लें, मेरा यही जवाब है, मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है." उन्होंने कहा, "मुझे इस तरह के किसी फैसले की जानकारी नहीं है. आप लगातार टेलीविजन पर खबरों के संपर्क में हैं, लेकिन मुझे खेद है कि मुझे इस बारे में नहीं पता."टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार को लाल बत्ती के मुद्दे पर कोई निर्देश भेजती है तो "मैं इसका पूरा पालन करूंगा." पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, "आप चाहते हैं कि लाल बत्ती हटा दी जाए. जिसे भी इच्छा हो जाकर ले लें, मेरा यही जवाब है, मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है." उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार को लाल बत्ती के मुद्दे पर कोई निर्देश भेजती है तो "मैं इसका पूरा पालन करूंगा." पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, "आप चाहते हैं कि लाल बत्ती हटा दी जाए. जिसे भी इच्छा हो जाकर ले लें, मेरा यही जवाब है, मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है." पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, "आप चाहते हैं कि लाल बत्ती हटा दी जाए. जिसे भी इच्छा हो जाकर ले लें, मेरा यही जवाब है, मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है."
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: मेरे जीवन के सबसे कठिन 40 मिनट : ओबामा
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: व्हाइट हाउस के भूतल में स्थित सिचुएशन रूम में गत रविवार की दोपहर अपने शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मानते हैं कि अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के खिलाफ पाकिस्तान के ऐबटाबाद स्थित परिसर में चलाए गए अभियान में लगे 40 मिनट उनके जीवन के सबसे कठिन पल थे। लादेन के खिलाफ अभियान के दौरान तनाव भरे उन पलों में ओबामा और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सहायकों की धड़कन कई बार तेज हुई। राष्ट्रपति ने बिन लादेन की मौत के बाद अपने पहले साक्षात्कार में कहा, यह (अभियान) मेरे जीवन के सबसे लंबे 40 मिनट थे। ऐसी व्याकुलता तब हुई थी तब साशा तीन माह की थी और उसे मस्तिष्क ज्वर हुआ था। बहुत तनावपूर्ण स्थिति थी। ओबामा ने सीबीएस न्यूज के शो 60 मिनट्स में कहा कि सिचुएशन रूम में मौजूद हर व्यक्ति तनाव में था और लादेन के खिलाफ अभियान की अवधि बढ़ने से उनकी घबराहट बढ़ती जा रही थी। दुनिया का सर्वाधिक वांछित और कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन (54) दो मई को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अमेरिकी बलों के एक सफल अभियान में मारा गया था। अधिकारियों ने कहा कि विशेष अमेरिकी बलों के अभियान में करीब 40 मिनट का समय लगा और इन 40 मिनटों के आखिरी दौर में लादेन मारा गया।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, हम स्थिति पर नजर रख रहे थे। हम देख रहे थे कि परिसर के आसपास क्या हो रहा था लेकिन परिसर के अंदर के घटनाक्रम के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी। ओबामा ने कहा कि जिस अभियान को मंजूरी दी गई थी वह खतरे से खाली नहीं था क्योंकि ऐबटाबाद में लादेन की मौजूदगी के बारे में उनका (राष्ट्रपति का) कोई भी सहायक या खुफिया अधिकारी 100 फीसदी आश्वस्त नहीं था। उन्होंने कहा, मैं कहूंगा कि यह महत्वपूर्ण था। यह महत्वपूर्ण इसलिए था क्योंकि हमने अलकायदा के खिलाफ लड़ाई में बहुत खून और धन बहाया है। 2001 से यहां तक कि केन्या स्थित दूतावास में बम विस्फोट के पहले से। ओबामा ने कहा,  मैंने खुद से कहा कि यदि हमें अच्छा मौका मिला जिसमें हम भले ही अलकायदा को पूरी तरह परास्त नहीं कर पाए लेकिन उसे बुरी तरह अस्थिर कर दिया तो यह राजनीतिक खतरे और हमारे आदमियों को खतरे से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें अभियान के बिल्कुल आखिर में पता चला कि लादेन मारा गया। उन्होंने कहा कि जब तक हर व्यक्ति हेलीकॉप्टर में बैठ कर वापस ठिकाने की ओर नहीं चला गया, तब तक असमंजस बरकरार था। ठिकाने पर पहुंच कर सैनिकों ने कहा कि जेरोनिमो मारा गया। ओबामा ने कहा, जेरोनिमो लादेन के लिए एक छद्म नाम था। जाहिर है कि हमारे आदमी अंधेरे में तीर छोड़ रहे थे इसलिए हर कोई सतर्क था लेकिन सभी को उम्मीद भी थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभियान के बाद राहत की सांस ली और वह चाहते थे कि अमेरिकी सैनिक पाकिस्तान की सीमा से निकल जाएं और सुरक्षित रूप से, ठिकाने पर हेलीकॉप्टर से उतर जाएं। राष्ट्रपति ने कहा कि अपने दल पर उन्हें बहुत गर्व है और उनके काम से वह संतुष्ट हैं। राष्ट्रपति ने कहा,  जब सैनिक अपने ठिकाने पर सुरक्षित पहुंच गए तब ही स्पष्ट तौर पर पुष्टि हुई कि वह लादेन था। तस्वीरें ली गई थीं। चेहरे का विश्लेषण किया गया और बिल्कुल साफ हो गया कि वह वही था। हमने अब तक डीएनए परीक्षण नहीं किया था लेकिन अब तक हम 95 फीसदी आश्वस्त हो गए थे।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: चुनावी मौसम में भी नहीं बढ़ी एसयूवी की बिक्री
यह एक लेख है: चुनावी मौसम में आमतौर नेताओं के काफिले में धूल उड़ाते हुए भागती दिखने वाली बोलेरो, स्कॉर्पियो, इनोवा, फॉर्च्यूनर, सफारी एवं एंडेवर जैसी एसयूवी और यूटिलिटी कारों की बिक्री इस बार के आम चुनाव के में रफ्तार नहीं पकड़ सकी, जबकि देश के चुनावी इतिहास का यह सबसे खर्चीला चुनाव माना जा रहा है। परंपरा के विपरीत इस बार के चुनाव में एसयूवी और यूटिलिटी वाहनों का आकर्षण कम रहा। इससे चुनाव के दौरान इन वाहनों की बिक्री बढ़ने की वाहन उद्योग की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। अर्थव्यवस्था में नरमी से वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई और मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एसएमएस और सोशल मीडिया जैसे स्मार्ट साधनों ने भी चुनाव प्रक्रिया में इन वाहनों की बिक्री को प्रभावित किया। सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स (सियाम) के ताजा आंकड़े के मुताबिक, मार्च में यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी समेत) की बिक्री 4.55 प्रतिशत घटकर 51,414 इकाई रह गई, जो पिछले साल के इसी महीने 53,866 इकाई थी। इसी तरह फरवरी में भी यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 9.09 प्रतिशत घटकर 43,507 इकाई रही, जो 2013 के इसी माह में 47,859 इकाई थी। सियाम के अध्यक्ष विक्रम किलरेस्कर ने कहा, इस बार चुनाव का एसयूवी और यूटिलिटी वाहनों की बिक्री पर सकारात्मक असर नहीं हुआ। पहले इन वाहनों की बिक्री मे कुछ बढ़ोतरी होती थी। उनके मुताबिक, इस आज के दौर में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एसएमएस जैसे ज्यादा प्रभावी माध्यम हैं।
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: तो क्या विधानसभा चुनाव से पहले ही अपनी सीट हार चुके हैं अरविंद केजरीवाल?  
यह एक लेख है: लोकसभा चुनाव के नतीजों से जो आंकडें आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. इसके अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट हार गए हैं और तीसरे नंबर पर हैं. नई दिल्ली विधानसभा में जहां 2015 में केजरीवील ने शीला दीक्षित को हराया था वहां इस बार खुद कांग्रेस से पीछे हैं. यहां में कांग्रेस को इस लोकसभा चुनाव के मुताबिक 26 हजार 312 वोट मिले हैं तो आम आदमी पार्टी को 14 हजार 740 वोट मिले हैं. यही नहीं नजफगढ़ से केजरीवाल सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत भी तीसरे नंबर पर हैं, यहां कांग्रेस को लोकसभा के वोटों के अनुसार 23 हजार 354 वोट मिलेगें तो आप को 22 हजार 302 वोट. यदि इन आकंड़ों के आधार पर विधानसभा के क्षेत्रवार सीटों से मिलान किया जाए तो दिल्ली की 70 सीटों में से बीजेपी 65 सीट जीत सकती और कांग्रेस 5 सीटें जबकि आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुलता दिख रहा है. लोकसभा चुनाव के बाद मिले आंकड़ों के अनुसार बीजेपी जहां 65 सीटों पर आगे है वहीं वह 5 सीटों पर दूसरे नंबर पर है जबकि कांग्रेस 5 सीट जीत रही है और 42 सीटों पर दूसरे नंबर पर है और 23 सीटों पर तीसरे नंबर पर. आम आदमी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत रही है जबकि 23 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर है और 47 सीटों पर तीसरे नंबर पर. मौजूदा आंकडों के अनुसार बीजेपी को 56.5 फीसदी वोट मिले हैं जो 2014 के मुकाबले तकरीबन 10 फीसदी ज्यादा है.और 2015 के विधानसभा के मुकाबले साढे़ 24 फीसदी अधिक है. जबकि कांग्रेस को 22.5 फीसदी वोट मिले हैं जो 2014 के मुकाबले 7.5 फीसदी अधिक है और 2015 के विधानसभा के मुकाबले साढे़ 12 फीसदी अधिक .वहीं आम आदमी पार्टी के आंकड़ों को देखें तो उसे इस लोकसभा चुनाव में केवल 18 फीसदी वोट मिले हैं, जो  2014 के लोक सभा चुनाव के मुकाबले साढे़ 14 फीसदी कम हैं. जबकि 2015 के विधानसभा के मुकाबले साढे़ 31 फीसदी वोट घट गए हैं. यानि आम आदमी पार्टी का सूपडा साफ है. अब आम आदमी पार्टी को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि पार्टी को कैसे बचाया जाए क्योंकि उसके पास राज्य सभा में तीन और लोकसभा में सिर्फ एक सांसद है. हालांकि यहां यह दलील जरूर दी जा रही है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग अलग मुद्दों पर लडे जाते हैं और यह कारनामा आम आदमी पार्टी ने 2015 में करके दिखाया है जब 2014 में एक भी लोकसभा की सीट नहीं जीतने वाली आप ने विधानसभा में 67 सीटें जीती थीं और उसे अपने मुहल्ला क्लीनिक और सरकारी स्कूलों के कायाकल्प करने जैसे कामों पर भरोसा है. मगर मौजूदा लोकसभा चुनाव के आंकड़ें भी काफी कुछ इशारा कर रहे हैं. चुनाव के दौरान केजरीवाल का वह बयान आपको याद होगा जिसमें उन्होने कहा था कि मुसलमान कांग्रेस को तो वोट नहीं दे रहा है और हिंदु भी नहीं वोट करने वाला है मगर आंकड़ों ने इसे गलत साबित किया है. मुस्लिम बहुल ईलाकों जैसे सीलमपुर, बाबरपुर, मुस्तफाबाद, बल्लीमारान, मटियामहल ,चांदनी चौक औरओखला जैसे विधानसभा में कांग्रेस नंबर दो की पार्टी है और आप नंबर तीन पर है. यानि आम आदमी पार्टी के लिए संकट काफी गहरा है राहत की बात ये है कि आप के पास अभी कुछ महीनों का वक्त है जिससे वो अपनी हालत सुधार सकता है वरना आम आदमी पार्टी धीरे धीरे जिस तरह उभरी थी उसी तरह खत्म हो जाएगी क्योकि पंजाब और गोवा में उसका कोई भविष्य नहीं है और ना ही हरियाणा में और ना ही आप में केजरीवाल किसी और को नेता के रूप में उभरने देना चाहते हैं.
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: बिहार चुनाव : एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत आखिरी दौर में
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत अब आखिरी दौर में है। जहां एक तरफ उपेन्द्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ने सीटों को लेकर अन्तिम फैसला बीजेपी पर छोड़ दिया है वहीं बीजेपी ने भी कहा है कि सीटों का बंटवारा सम्मानजनक होगा। गुरुवार को बिहार चुनावों को लेकर सीटों के बंटवारे पर एनडीए के घटक दाल बीजेपी के चुनाव इंचार्ज और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार से फिर मिले। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब राजनीतिक सुगबुगाहट तेज़ हो गयी है और टिकटों के बंटवारे में हो रही देरी को लेकर तनाव भी बढ़ता जा रहा है। अनंत कुमार से मुलाकात के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा, 'मैंने बीजेपी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर कहा है की जो भी तय करना है बीजेपी तय करे। हम उनके निर्णय से सहमत होंगे। लेकिन बीजेपी को जल्दी तय करना होगा।' दरअसल बिहार चुनावों की तारीख के ऐलान के साथ ही एनडीए पर सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने को लेकर दबाव बढ़ गया है। बीजेपी  घटक दलों को इस बात का एहसास है की वो जितना ज्यादा समय टिकटों के बंटवारे पर लगाएंगे चुनावी अभियान के लिए उनके पास उतना ही कम समय होगा1 टिप्पणियां राजनीतिक गलियारों में खबर है की बीजेपी 160 से 165 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। पार्टी अपने तीन सहयोगियों को बाकी की 80 के आसपास सीटें देने के बारे में सोच रही है। मंशा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की है जिससे चुनावों के बाद उसकी स्थिति ज्यादा मज़बूत हो। इस रणनीति के तहत वो अपने घटक दलों पर दबाव बढ़ा रही है। और इस वजह से बीजेपी के घटक दलों की सौदेबाज़ी की ताकत घटती दिखाई दे रही है। अनंत कुमार के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में बातचीत के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, 'हमने आखिरी फैसला प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।' ज़ाहिर है, समय बहुत कम है और अब तैयारी जल्दी से जल्दी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की है। गुरुवार को बिहार चुनावों को लेकर सीटों के बंटवारे पर एनडीए के घटक दाल बीजेपी के चुनाव इंचार्ज और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार से फिर मिले। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब राजनीतिक सुगबुगाहट तेज़ हो गयी है और टिकटों के बंटवारे में हो रही देरी को लेकर तनाव भी बढ़ता जा रहा है। अनंत कुमार से मुलाकात के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा, 'मैंने बीजेपी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर कहा है की जो भी तय करना है बीजेपी तय करे। हम उनके निर्णय से सहमत होंगे। लेकिन बीजेपी को जल्दी तय करना होगा।' दरअसल बिहार चुनावों की तारीख के ऐलान के साथ ही एनडीए पर सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने को लेकर दबाव बढ़ गया है। बीजेपी  घटक दलों को इस बात का एहसास है की वो जितना ज्यादा समय टिकटों के बंटवारे पर लगाएंगे चुनावी अभियान के लिए उनके पास उतना ही कम समय होगा1 टिप्पणियां राजनीतिक गलियारों में खबर है की बीजेपी 160 से 165 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। पार्टी अपने तीन सहयोगियों को बाकी की 80 के आसपास सीटें देने के बारे में सोच रही है। मंशा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की है जिससे चुनावों के बाद उसकी स्थिति ज्यादा मज़बूत हो। इस रणनीति के तहत वो अपने घटक दलों पर दबाव बढ़ा रही है। और इस वजह से बीजेपी के घटक दलों की सौदेबाज़ी की ताकत घटती दिखाई दे रही है। अनंत कुमार के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में बातचीत के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, 'हमने आखिरी फैसला प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।' ज़ाहिर है, समय बहुत कम है और अब तैयारी जल्दी से जल्दी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की है। अनंत कुमार से मुलाकात के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा, 'मैंने बीजेपी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर कहा है की जो भी तय करना है बीजेपी तय करे। हम उनके निर्णय से सहमत होंगे। लेकिन बीजेपी को जल्दी तय करना होगा।' दरअसल बिहार चुनावों की तारीख के ऐलान के साथ ही एनडीए पर सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने को लेकर दबाव बढ़ गया है। बीजेपी  घटक दलों को इस बात का एहसास है की वो जितना ज्यादा समय टिकटों के बंटवारे पर लगाएंगे चुनावी अभियान के लिए उनके पास उतना ही कम समय होगा1 टिप्पणियां राजनीतिक गलियारों में खबर है की बीजेपी 160 से 165 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। पार्टी अपने तीन सहयोगियों को बाकी की 80 के आसपास सीटें देने के बारे में सोच रही है। मंशा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की है जिससे चुनावों के बाद उसकी स्थिति ज्यादा मज़बूत हो। इस रणनीति के तहत वो अपने घटक दलों पर दबाव बढ़ा रही है। और इस वजह से बीजेपी के घटक दलों की सौदेबाज़ी की ताकत घटती दिखाई दे रही है। अनंत कुमार के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में बातचीत के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, 'हमने आखिरी फैसला प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।' ज़ाहिर है, समय बहुत कम है और अब तैयारी जल्दी से जल्दी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की है। दरअसल बिहार चुनावों की तारीख के ऐलान के साथ ही एनडीए पर सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने को लेकर दबाव बढ़ गया है। बीजेपी  घटक दलों को इस बात का एहसास है की वो जितना ज्यादा समय टिकटों के बंटवारे पर लगाएंगे चुनावी अभियान के लिए उनके पास उतना ही कम समय होगा1 टिप्पणियां राजनीतिक गलियारों में खबर है की बीजेपी 160 से 165 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। पार्टी अपने तीन सहयोगियों को बाकी की 80 के आसपास सीटें देने के बारे में सोच रही है। मंशा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की है जिससे चुनावों के बाद उसकी स्थिति ज्यादा मज़बूत हो। इस रणनीति के तहत वो अपने घटक दलों पर दबाव बढ़ा रही है। और इस वजह से बीजेपी के घटक दलों की सौदेबाज़ी की ताकत घटती दिखाई दे रही है। अनंत कुमार के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में बातचीत के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, 'हमने आखिरी फैसला प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।' ज़ाहिर है, समय बहुत कम है और अब तैयारी जल्दी से जल्दी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की है। राजनीतिक गलियारों में खबर है की बीजेपी 160 से 165 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। पार्टी अपने तीन सहयोगियों को बाकी की 80 के आसपास सीटें देने के बारे में सोच रही है। मंशा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की है जिससे चुनावों के बाद उसकी स्थिति ज्यादा मज़बूत हो। इस रणनीति के तहत वो अपने घटक दलों पर दबाव बढ़ा रही है। और इस वजह से बीजेपी के घटक दलों की सौदेबाज़ी की ताकत घटती दिखाई दे रही है। अनंत कुमार के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में बातचीत के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, 'हमने आखिरी फैसला प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।' ज़ाहिर है, समय बहुत कम है और अब तैयारी जल्दी से जल्दी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की है। और इस वजह से बीजेपी के घटक दलों की सौदेबाज़ी की ताकत घटती दिखाई दे रही है। अनंत कुमार के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में बातचीत के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, 'हमने आखिरी फैसला प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।' ज़ाहिर है, समय बहुत कम है और अब तैयारी जल्दी से जल्दी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की है।
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: इंडिगो ने घटाया हवाई यात्रा का किराया, लेकिन तीन दिन के लिए
यह लेख है: बजट एयरलाइन इंडिगो ने अपने नेटवर्क पर तीन दिन की गर्मियों की विशेष सेल की पेशकश की है. इसमें 899 रुपये तक के निचले किराये की पेशकश की गई है. इंडिगो ने बयान में कहा कि यह पेशकश 8 मई से 10 मई तक उपलब्ध होगी. एयरलाइन ने चुनिंदा गंतव्यों के लिए 899 रुपये (सभी शुल्क शामिल) के किराये की पेशकश की है. इसमें मुंबई-गोवा, अहमदाबाद-मुंबई, चेन्नई-पोर्ट ब्लेयर, गुवाहाटी-हैदराबाद, मुंबई-गुवाहाटी, जम्मू-अमृतसर, दिल्ली-उदयपुर, कोलकाता-अगरतला मार्ग शामिल हैं. टिप्पणियां इंडिगो ने कहा है कि यह पेशकश पहले आओ पहले पाओ पर आधारित है. इस योजना के तहत टिकट बुक कराने के बाद उसे रद्द करने पर रिफंड नहीं मिलेगा. एयरलाइन 133 एयरबस ए320 विमानों के जरिये 46 गंतव्यों के लिए 932 दैनिक उड़ानों का परिचालन करती है.      (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इंडिगो ने बयान में कहा कि यह पेशकश 8 मई से 10 मई तक उपलब्ध होगी. एयरलाइन ने चुनिंदा गंतव्यों के लिए 899 रुपये (सभी शुल्क शामिल) के किराये की पेशकश की है. इसमें मुंबई-गोवा, अहमदाबाद-मुंबई, चेन्नई-पोर्ट ब्लेयर, गुवाहाटी-हैदराबाद, मुंबई-गुवाहाटी, जम्मू-अमृतसर, दिल्ली-उदयपुर, कोलकाता-अगरतला मार्ग शामिल हैं. टिप्पणियां इंडिगो ने कहा है कि यह पेशकश पहले आओ पहले पाओ पर आधारित है. इस योजना के तहत टिकट बुक कराने के बाद उसे रद्द करने पर रिफंड नहीं मिलेगा. एयरलाइन 133 एयरबस ए320 विमानों के जरिये 46 गंतव्यों के लिए 932 दैनिक उड़ानों का परिचालन करती है.      (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इंडिगो ने कहा है कि यह पेशकश पहले आओ पहले पाओ पर आधारित है. इस योजना के तहत टिकट बुक कराने के बाद उसे रद्द करने पर रिफंड नहीं मिलेगा. एयरलाइन 133 एयरबस ए320 विमानों के जरिये 46 गंतव्यों के लिए 932 दैनिक उड़ानों का परिचालन करती है.      (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: पटना हाईकोर्ट में जज के फैसले से सनसनी क्यों?
यह एक लेख है: पटना हाई कोर्ट में आज अप्रत्याशित हुआ. जस्टिस राकेश कुमार के फैसले को 24 घंटे के भीतर 11 जजों की बेंच ने निरस्त कर दिया. जस्टिस राकेश कुमार से इस वक्त सारा काम ले लिया गया है. वो किसी केस की सुनवाई नहीं कर रहे हैं. इस फैसले में ऐसा क्या था कि सुबह-सुबह 11 जजों की बैठक हुई और पूरे फैसले को निरस्त किया. जस्टिस राकेश कुमार पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैय्या की अग्रिम ज़मानत के मामले में सुनवाई कर रहे थे. 23 मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी. रमैय्या ने समय से पहले रिटायरमेंट की अर्जी दी थी. उन्हें पता था कि रिटायरमेंट की अर्जी मंजूर हो गई है. उन्होंने ढाई करोड़ से अधिक की राशि के दो अलग-अलग चेक जारी कर दिए थे. इस मामले के संदर्भ में अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई हो रही थी. जस्टिस राकेश कुमार ने लिखा कि बेशक ज़मानत देना या न देना कोर्ट का विवेकाधिकार है, लेकिन जिस तरह से आरोपी को ज़मानत दी गई है, वह न्यायपालिका पर सवाल उठाता है. यह कोर्ट इस बात की जांच करने के लिए अधिकृत है कि ज़मानत न्यायिक विवेक के आधार पर दिया गया है या बाहरी दबाव के आधार पर. मेरी राय में इस मामले की जांच होनी चाहिए और जांच पटना के जिला जज को करना चाहिए. सवाल था कि क्या बेल के समय नियमित बेंच छुट्टी पर थी, अखबारों में जो रिपोर्ट छपी है वो सही है या नहीं. अगर नियमित बेंच की जगह जो बेंच बैठी थी, उस जज के पिछले छह महीने के फैसलों की जांच होनी चाहिए. हाईकोर्ट के द्वारा ज़मानत रद्द करने पर आरोपी कई महीने तक अदालत में नहीं आया, इसके बाद भी इस मामले में उसे ज़मानत दी गई. यह भी पता किया जाए कि स्पेशल जज छुट्टी पर अन्य कारणों से तो नहीं गए थे. जस्टिस राकेश ने 15 वें पैराग्राफ में लिखा कि न्यायपालिका के सम्मान को बचाने के लिए भ्रष्टाचार पर पर्दा नहीं डालना चाहिए वर्ना पूरे समाज का विश्वास हिल जाएगा. इस फैसले में जस्टिस राकेश कुमार ने न्यायपालिका के भीतर पैसे लेकर कुछ मामलों का भी ज़िक्र किया है. 20 पन्नों के इस फैसले में उन्होंने लिखा है कि भ्रष्ट न्यायिक अधिकारियों को बचाने के उदाहरण हैं. आरोप लगने और सही पाए जाने के बाद भी विभाग द्वारा बचाया गया हो. सामान्य तौर पर मैं ऐसे आदेश पास नहीं करता लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस कोर्ट में चीज़ें सही संदर्भ में नहीं चल रही है. मैंने 25 दिसंबर 2009 को न्याय करने की शपथ ली थी, और अगर मैं भ्रष्टाचार के मामले में कदम उठाने में नाकाम होता हूं तो खुद के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगा. यह सभी को पता है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ जज ने चारा घोटाले की सुनवाई के दौरान अपनी पत्नी को राज्यसभा की सदस्यता दिला दी. जब मैं जज बना तो देखा कि वरिष्ठ जज चीफ जस्टिस की खुशामद करने में लगे हैं. मैं सोचता था कि सीनियर जज को ये सब करने की क्या ज़रूरत है. लेकिन कुछ समय बाद मुझे पता चला कि ये सब अपनी पसंद के या जाति के लोगों को जज बनाने के लिए किया जा रहा है या किसी भ्रष्ट न्यायिक अधिकारी को बचाने के लिए. इसके बाद चीफ जस्टिस के आदेश से जस्टिस राकेश कुमार से सारे मामले ले लिए गए. नोटिस जारी कर दिया गया और फिर 11 जजों की बेंच ने फैसला किया कि जस्टिस राकेश कुमार का फैसला निरस्त समझा जाना चाहिए. जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही ने फैसला सुनाते हुए कहा कि माननीय जस्टिस राकेश कुमार के सामने जितने भी मामले लंबित हैं, तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाते हैं. दो बातें हैं. सुप्रीम कोर्ट अगर बेल न दे तो भी निचली अदालतें बेल दे सकती हैं और किसी जज का लिखा हुआ फैसला अदालत निरस्त कर सकती है. लेकिन जस्टिस राकेश कुमार ने विस्तार से भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए हैं, उनका क्या. उनका अब कुछ नहीं, क्योंकि फैसला ही निरस्त हो गया है. पटना हाईकोर्ट कवर करने वालों को याद नहीं आ रहा है कि हाल फिलहाल कब फैसला पलटा गया है. सन 1869 में लियो टॉलस्टाय ने 'वॉर एंड पीस' पूरी की थी, 2019 में भारत में इस किताब को लेकर वॉर जैसी स्थिति तो नहीं है लेकिन पीस जैसी भी नहीं है. पहले इस मामले को समझना ज़रूरी है कि संदर्भ क्या है. क्या मीडिया ने हड़बड़ी में रिपोर्टिंग कर दी और सोशल मीडिया में लोग सक्रिय हो गए. मुंबई हाई कोर्ट में भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार एक आरोपी वी गोंज़ल्विस की ज़मानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी. इसकी सुनवाई जस्टिस सारंग कोतवाल कर रहे थे. पुणे पुलिस उनकी ज़मानत का विरोध कर रही थी जिसने गोंज़ाल्विस को पिछले साल अगस्त में अनलाफुल एक्टिविटिज़ प्रिवेंशन एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था. पुलिस ने गोंजल्विस के खिलाफ सीडी और कुछ किताबें पेश कीं और कहा कि उनके घर से बरामद हुई हैं और गंभीर हैं. जो भी ज़ब्ती हुई है उसकी सूची पेश की गई, जिसमें कई चीज़ें थी, मार्कसिस्ट आर्काइव की सीडी, कबीर कला मंच की सीडी जिसका टाइटल है राज्य दमन विरोधी और कुछ किताबें. सुधा भारद्वाज के वकील युग मोहित चौधरी ने कहा कि उस सूची में लियो टॉल्सटाय की किताब वॉर एंड पीस है ही नहीं लेकिन मीडिया में रिपोर्ट बन गई कि जस्टिस सारंग कोतवाल ने वॉर एंड पीस से संबंधित टिप्पणी की है और पूछा है कि दूसरे देश के युद्ध से संबंधित किताब क्यों है, वो कोर्ट को बताना होगा. सुधा भारद्वाज के वकील युग मोहित चौधरी ने कहा कि मीडिया में वार एंड पीस एन जंगल महल की बात हो रही थी. पीटीआई में उनका बयान जारी किया है. अगर आप हफपोस्ट की रिपोर्ट पढ़ेंगे तो उसमें लिखा है कि गोंज़ाल्विस के वकील मिहिर देसाई और जस्टिस सारंग कोतवाल दोनों ने कहा है कि किताब रखने से आतंकवादी नहीं हो जाता है. इस बहस में जो उल्लेख करने वाली बात है या बहस करने वाली बात है वो है पुणे पुलिस यानी सरकारी वकील अरुणा पाई की दलील. अरुणा पाई ने कहा कि एक साल पहले गोंज़ाल्विस के कंप्यूटर के हार्ड डिस्क से अभी तक कुछ भी गंभीर नहीं मिला है. लेकिन उनके घर से कुछ सीडी और किताबें मिली हैं जिनके टाइटल आपत्तिजनक हैं. जस्टिस कोतवाल ने कहा कि पुणे पुलिस को भी संतुष्ट करना होगा कि ये क्यों गंभीर है जो बताने में फेल रही है. तो लियो टॉलस्टाय की किताब वॉर एंड पीस का ज़िक्र नहीं हो रहा था. विश्वजीत रॉय के संपादन में छपी किताब War and Peace in Junglemahal: People, State and Maoists का ज़िक्र हो रहा था. हम आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, पश्चिम मिदनापुर और बांकुरा को मिलाकर जंगलमहल कहा जाता है. जो बहस करने लायक है वो यह कि क्या घर में रखी किताबें आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकती हैं, उनके टाइटल क्या आपको आतंक जैसे मामले में पकड़ने के लिए बने कानून की गिरफ्त में डाल सकते हैं. आदमी तो छोड़िए क्या पता एक दिन लाइब्रेरी भी आतंकवादी या राष्ट्रविरोधी घोषित हो जाए क्योंकि वहां ऐसी किताबें हो सकती हैं जिनके टाइटल किसी को राज्य विरोधी लग सकते हैं. ऐसे लोग जो आतंक पर रिसर्च करते हैं वो अपनी किताबों के टाइटल काट कर अभी से वहां सामाजिक प्रश्नावली लिख दें या फिर वहां पर प्रात व्यायाम के तीस फायदे लिख दें. ऐसे सबूतों के आधार पर किसी को भी सालों जेल में टहलाया जा सकता है. इस पर बहस करने की ज़रूरत है. अगर आपको आज के समय में कोई किताब पढ़नी है तो जार्ज ओरवेल की 1984 पढ़ें या फिर हक्सले की ब्रेव न्यू वर्ल्ड पढ़ें. दोनों एक साथ पढ़ेंगे तो और भी अच्छा. वॉर एंड पीस का हिन्दी अनुवाद भी है लेकिन 2100 पन्नों का है और तीन खंडों में छपा है. लियो टॉलस्टाय ने इसे 1865 से लिखना शुरू किया था. टॉलस्टाय खुद इसे नॉवेल यानि उपन्यास नहीं मानते थे, महाकाव्य भी नहीं और इतिहास तो बिल्कुल नहीं मानते थे. 2016 में गार्डियन अख़बार में फिलिप हेनशेर ने लिखा है कि अगर आपने वॉर एंड पीस नहीं पढ़ी है तो इसे दस कारणों से पढ़नी चाहिए. इस उपन्यास के पात्र अपने अनुभवों के आधार पर लगातार बदलते रहते हैं. यह कोई फिल्मी हीरो हीरोईन की किताब नहीं है. किताब समझाना चाहती है कि लोग जो भी करते हैं वो क्यों करते हैं, किताब ऐसे पात्रों को भी समझने और उनसे सहानुभूति रखने का सलीका सिखाती है जिनसे आप सहमत नहीं होते हैं. यह किताब किसी भी किरदार के लिए शर्मिंदा नही है और न ही किसी एक को सही ठहराने का प्रयास करती है. आप इसे पढ़ने के दौरान देखते हैं कि एक ही घटना को अलग-अलग लोग किस तरह से देखते हैं. इसमें मानवीय स्थिति को समझने का प्रयास है. जो पात्र शुरू में अच्छे लगते हैं वो बाद में मायूस करते हैं और जो शुरू में खराब लगते हैं वो बाद में अच्छे लगते हैं. फिलिप हेनशेर की बात को पढ़ते हुए लग रहा था कि वे आज के माहौल के बारे में लिख रहे हैं जहां हर बात को शत्रुता के खांचे में रखकर पेश किया जाता है. इस नावेल को दस दिनों में पढ़ा जा सकता है और पुलिस के अलावा पत्रकार भी पढ़ सकते हैं. मैंने नहीं पढ़ी है. हेनशेर की यह टिप्पणी ज़्यादा अच्छी लगी कि यह किताब आपसे बहस करेगी. आप इससे बहस करेंगे मगर एकमत होने के लिए यह आसान रास्ते नहीं अपनाएगी. हम फिर से बता दें कि जस्टिस सारंग के सामने जो सूची पेश की गई उसमें टाल्सटाय की वॉर एंड पीस नहीं है, बल्कि दूसरी किताब का ज़िक्र है. हां यह सवाल बड़ा है कि क्या किताबें अब गंभीर सबूत के तौर पर पेश की जाएंगी, वो भी जो प्रतिबंधित नहीं हैं. लेकिन इस गलती से एक महान किताब की चर्चा हो गई, यह अच्छा है. मगर दुखद है कि जस्टिस सारंग के बारे में गलत धारणा भी बन गई. जैसा कि वॉर एंड पीस का भाव है, जो शुरू में बुरा लगता है वो अंत में अच्छा लग सकता है और जो शुरू में अच्छा होता है, अंत में बुरा लग सकता है. इस किताब ने न्याय कर दिया है. इस सूची में मार्कसिस्ट आर्काइव का ज़िक्र है. दुनिया भर की यूनिवर्सिटी में और भारत में भी मार्क्सवाद पढ़ाया जाता है. एक वेबसाइट है जिसका पता है marxists.org, यहां पर सैकड़ों लेखकों के लेख और किताबें पढ़ सकते हैं. इस साइट को अमेरिका में नॉन प्रोफिट के रूप में पंजीकृत किया गया है. 1990 में एक व्यक्ति ने इसे बनाया था जिसमें अब कई देश के लोग जुड़े हैं. ब्रिटिश लाइब्रेरी ने भी इसे अपनी आर्काइव में शामिल किया है. इस साइट पर उपलब्ध हर सामग्री क्रिएटिव कामंस लाइसेंस के तहत है. यानी आप इसका इस्तेमाल किसी भी रूप में कर सकते हैं, व्यावसायिक भी. आनलाइन के अलावा यह सीडी, किताब के माध्यम से भी सामग्री देने की कोशिश करती है. न्याय प्रक्रिया में जांच और सबूतों के साथ व्यवहार को लेकर व्यापक बहस हो सकती थी मगर जल्दबाज़ी में सब हेन-तेन हो गया. न्याय की हालत क्या है उसके बारे में भी देखिए. हम न पुलिस सिस्टम की सड़न पर ध्यान दे रहे हैं और न ही न्यायपालिका के भीतर की सड़न पर. जोगिंदर और चंदरावती इतने हताश हो चुके थे कि थाने के बाहर आग लगा ली. उनके गांव का सत्यपाल कई दिनों से मार पीट कर रहा था और पत्नी को छेड़ रहा था. एक महीने तक जोगिंदर पुलिस के पास दौड़ा लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. सोचिए सारा सिस्टम किसके लिए है फिर. कोई यूं ही आग लगाने का फैसला नहीं कर लेता है. दोनों की हालत गंभीर है और दिल्ली में इलाज चल रहा है. आम लोग इसी तरह से अपनी परेशानियों में जल रहे हैं या फिर खुद को जला रहे हैं. घटना मथुरा की है. सत्यपाल ने शराब पीकर मारा फिर भी पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी. मामले की हमेशा की तरह जांच हो रही है और फिलहाल तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड हो गए हैं. पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली लड़की अभी तक गायब है लेकिन पुलिस ने चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की है. लड़की के पिता का आरोप है कि तहरीर में रेप का आरोप लगाने के बावजूद पुलिस ने रेप का मुक़दमा दर्ज नहीं किया. जब यह मामला प्रकाश में आया तो कुछ वकील सुप्रीम कोर्ट के पास गए और कहा कि अदालत स्वत: संज्ञान ले. उन्नाव की तरह दूसरी घटना न हो जाए इसलिए संज्ञान लेना ज़रूरी है. पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के पास जाएं लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को देखेगा. लड़की का पता नहीं चल रहा है. रक्षाबंधन के दिन उसने अपनी मां से कहा था कि अगर मेरा फोन लंबे समय तक बंद रहे तो समझ लेना कि किसी समस्या में हूं. वह तभी बंद होता है जब हाथ में नहीं होता है. उधर इन विवादों के बीच चिन्मयानंद हरिद्वार के अपने आश्रम में हैं. मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन जवाब यही मिला कि मुझे कुछ नहीं मालूम है. चिन्मयानंद पर एक और लड़की ने दुराचार का केस लिखवाया था. सरकार ने उसे वापस लेने की कोशिश की लेकिन हो नहीं पाया. उनके प्रभाव का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पुलिस से लड़की के पिता ने दुराचार की बात कही मगर मामला दर्ज नहीं हुआ. चिन्मयानंद के चार आश्रम हैं. पांच कालेज हैं. इस बीच सन्यासी भी हैं. एसएस आईएमबी कालेज, एसएस लॉ कालेज, देवी संपदा इंटर कालेज, बीटीसी बीएड कालेज. कालेज के प्रिंसिपल कहते हैं कि लड़की के गायब होने की खबर मीडिया से पता चली है. पुलिस ने अभी तक चिन्मयानंद से पूछताछ नहीं की है. चिन्मयानंद ने भी एफआईआर दर्ज कराई है कि उनसे फिरौती मांगी गई. आजकल नौकरियां जाने के बहुत से मैसेज आते हैं. खासकर होटल इंडस्ट्री के लोग बहुत लिखते हैं. हम हनुमान जी तो हैं नहीं कि सब जगह पहुंच जाएं लेकिन पता नहीं सरकारी दावों में तो ये सब कोरी कल्पना लगती है. वहां तो सब ठीक है. फिर भी नौकरी तो नौकरी है, किसी की न जाए तो अच्छा. कर्नाटक के सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (msme) जगत के संगठन के अध्यक्ष आर राजू ने कहा है कि मंदी डर नहीं बल्कि हकीकत है, अगर कुछ नहीं किया गया तो 30 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती हैं. निहाल ने बताया है कि गारमेंट सेक्टर में धंधा 70 फीसदी मंदा है. सात दिन की जगह चार या पांच दिन ही काम होता है.
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू के विवादास्पद कार्यक्रम के दो वीडियो में 'जोड़-तोड़' : सूत्र
यह एक लेख है: दिल्ली सरकार के आदेश पर जेएनयू के विवादास्पद कार्यक्रम के वीडियो क्लिपिंग के सेट की फारेसिंक जांच से पता चला है कि दो वीडियो में 'जोड़ तोड़' हुई और क्लिप्स में जो व्यक्ति मौजूद नहीं थे, उनकी आवाज जोड़ी गई थी। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा हैदराबाद स्थित ट्रूथ लैब को भेजे गए सात वीडियो में से दो में जोड़ तोड़ पाया गया, जबकि बाकी वास्तविक है। उन्होंने कहा, 'हेरफेर किए गए क्लिप्स में वीडियो को संपादित किया गया और आवाजों को जोड़ दिया गया। पूरक के साथ मुख्य रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी गई है।' यह पूछे जाने पर कि क्या जिन आवाजों को जोड़ा गया वे व्यक्ति छेडछाड़ किए क्लिप्स में नजर नहीं आए, उन्होंने कहा 'बेशक'।टिप्पणियां अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली सरकार ने जेएनयू कैंपस में 9 फरवरी को कथित देशविरोधी नारेबाजी की घटना की तफ्तीश के लिए 13 फरवरी को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। इससे पहले कथित तौर पर बाहरी लोगों द्वारा भारत विरोधी नारेबाजी करने का एक वीडियो सामने आने के बाद मामला और उलझ गया था। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा हैदराबाद स्थित ट्रूथ लैब को भेजे गए सात वीडियो में से दो में जोड़ तोड़ पाया गया, जबकि बाकी वास्तविक है। उन्होंने कहा, 'हेरफेर किए गए क्लिप्स में वीडियो को संपादित किया गया और आवाजों को जोड़ दिया गया। पूरक के साथ मुख्य रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी गई है।' यह पूछे जाने पर कि क्या जिन आवाजों को जोड़ा गया वे व्यक्ति छेडछाड़ किए क्लिप्स में नजर नहीं आए, उन्होंने कहा 'बेशक'।टिप्पणियां अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली सरकार ने जेएनयू कैंपस में 9 फरवरी को कथित देशविरोधी नारेबाजी की घटना की तफ्तीश के लिए 13 फरवरी को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। इससे पहले कथित तौर पर बाहरी लोगों द्वारा भारत विरोधी नारेबाजी करने का एक वीडियो सामने आने के बाद मामला और उलझ गया था। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली सरकार ने जेएनयू कैंपस में 9 फरवरी को कथित देशविरोधी नारेबाजी की घटना की तफ्तीश के लिए 13 फरवरी को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। इससे पहले कथित तौर पर बाहरी लोगों द्वारा भारत विरोधी नारेबाजी करने का एक वीडियो सामने आने के बाद मामला और उलझ गया था। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: बीजेपी के पास अच्छा आंतरिक पार्टी लोकतंत्र है : तीन दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचे अमित शाह ने कहा
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: जयपुर को इस मौके पर जबरदस्त ढंग से सजाया गया है. पार्टीध्वज और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बड़े-बड़े कटआउट और बैनर लगाए गए हैं. शाह के काफिले के आगे मोटरसाइकिल पर युवा कार्यकर्ताओं का काफिला चल रहा था. शाह तीन दिन के कार्यक्रम के दौरान सत्ता और संगठन के बीच तालमेल, संगठनात्मक मुद्दों पर मंथन करने के अलावा भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी, कोर कमेटी, मंत्रिमंडल सदस्यों, राज्यसभा, लोकसभा सांसदों, राजस्थान से केन्द्रीय मंत्री, विधायकों और पार्टी मोर्चा, प्रकल्प, विभाग प्रमुखों, पंचायत राज, जिला अध्यक्षों, जिला संगठन प्रभारियों, सभी धर्म गुरूओं, सोशल मीडिया प्रकोष्ठ, मीडिया प्रकोष्ठ, पार्टी विस्तारकों, नगर निकाय के प्रमुखों से संगठनात्मक मुद्दों की जानकारी प्राप्त करेंगे. शाह जयपुर प्रवास के दौरान राज्य के प्रत्येक जिले से बुलाए गए बीस-बीस प्रबुद्ध नागरिकों को भी संबोधित और उनसे संवाद करेंगे. शाह जयपुर प्रवास के दौरान पार्टी प्रदेश मुख्यालय में ई-लाईब्रेरी का लोकार्पण करेंगे. शाह के प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पहुंचने पर पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. शाह ने बाद में पार्टी कार्यालय में नवस्थापित ई लाईब्रेरी का दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर लोकार्पण किया. अमित शाह ने ई लाईब्रेरी का लोकार्पण करने के बाद कार्यप्रणाली जानी और पुस्तिकाएं देखीं. भाजपा मुख्यालय में नानाजी देशमुख पुस्तकालय और ई-पुस्तकालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम सहित कई महान हस्तियों महात्मा गांधी, सरदार पटेल, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. बी.आर अंबेडकर पर पुस्तकें उपलब्ध हैं. पुस्तकालय के प्रभारी वरिष्ठ नेता बीरू राठौड़ ने बताया कि पुस्तकालय में दो हजार पुस्तकें और 8,400 ई-पुस्तकें उपलब्ध हैं.टिप्पणियां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के अनुसार संभवत: शाह कल (शनिवार को) किसी दलित परिवार के साथ भोजन करेंगे. हालांकि सुरक्षा कारणों से स्थान और परिवार की सूचना को गुप्त रखा गया है. शाह के जयपुर दौरे को देखते हुए पार्टी प्रदेश मुख्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया है और सजाया संवारा गया है. इनपुट भाषा से भी) शाह तीन दिन के कार्यक्रम के दौरान सत्ता और संगठन के बीच तालमेल, संगठनात्मक मुद्दों पर मंथन करने के अलावा भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी, कोर कमेटी, मंत्रिमंडल सदस्यों, राज्यसभा, लोकसभा सांसदों, राजस्थान से केन्द्रीय मंत्री, विधायकों और पार्टी मोर्चा, प्रकल्प, विभाग प्रमुखों, पंचायत राज, जिला अध्यक्षों, जिला संगठन प्रभारियों, सभी धर्म गुरूओं, सोशल मीडिया प्रकोष्ठ, मीडिया प्रकोष्ठ, पार्टी विस्तारकों, नगर निकाय के प्रमुखों से संगठनात्मक मुद्दों की जानकारी प्राप्त करेंगे. शाह जयपुर प्रवास के दौरान राज्य के प्रत्येक जिले से बुलाए गए बीस-बीस प्रबुद्ध नागरिकों को भी संबोधित और उनसे संवाद करेंगे. शाह जयपुर प्रवास के दौरान पार्टी प्रदेश मुख्यालय में ई-लाईब्रेरी का लोकार्पण करेंगे. शाह के प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पहुंचने पर पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. शाह ने बाद में पार्टी कार्यालय में नवस्थापित ई लाईब्रेरी का दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर लोकार्पण किया. अमित शाह ने ई लाईब्रेरी का लोकार्पण करने के बाद कार्यप्रणाली जानी और पुस्तिकाएं देखीं. भाजपा मुख्यालय में नानाजी देशमुख पुस्तकालय और ई-पुस्तकालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम सहित कई महान हस्तियों महात्मा गांधी, सरदार पटेल, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. बी.आर अंबेडकर पर पुस्तकें उपलब्ध हैं. पुस्तकालय के प्रभारी वरिष्ठ नेता बीरू राठौड़ ने बताया कि पुस्तकालय में दो हजार पुस्तकें और 8,400 ई-पुस्तकें उपलब्ध हैं.टिप्पणियां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के अनुसार संभवत: शाह कल (शनिवार को) किसी दलित परिवार के साथ भोजन करेंगे. हालांकि सुरक्षा कारणों से स्थान और परिवार की सूचना को गुप्त रखा गया है. शाह के जयपुर दौरे को देखते हुए पार्टी प्रदेश मुख्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया है और सजाया संवारा गया है. इनपुट भाषा से भी) शाह के प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पहुंचने पर पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. शाह ने बाद में पार्टी कार्यालय में नवस्थापित ई लाईब्रेरी का दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर लोकार्पण किया. अमित शाह ने ई लाईब्रेरी का लोकार्पण करने के बाद कार्यप्रणाली जानी और पुस्तिकाएं देखीं. भाजपा मुख्यालय में नानाजी देशमुख पुस्तकालय और ई-पुस्तकालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम सहित कई महान हस्तियों महात्मा गांधी, सरदार पटेल, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. बी.आर अंबेडकर पर पुस्तकें उपलब्ध हैं. पुस्तकालय के प्रभारी वरिष्ठ नेता बीरू राठौड़ ने बताया कि पुस्तकालय में दो हजार पुस्तकें और 8,400 ई-पुस्तकें उपलब्ध हैं.टिप्पणियां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के अनुसार संभवत: शाह कल (शनिवार को) किसी दलित परिवार के साथ भोजन करेंगे. हालांकि सुरक्षा कारणों से स्थान और परिवार की सूचना को गुप्त रखा गया है. शाह के जयपुर दौरे को देखते हुए पार्टी प्रदेश मुख्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया है और सजाया संवारा गया है. इनपुट भाषा से भी) शाह के प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पहुंचने पर पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. शाह ने बाद में पार्टी कार्यालय में नवस्थापित ई लाईब्रेरी का दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर लोकार्पण किया. अमित शाह ने ई लाईब्रेरी का लोकार्पण करने के बाद कार्यप्रणाली जानी और पुस्तिकाएं देखीं. भाजपा मुख्यालय में नानाजी देशमुख पुस्तकालय और ई-पुस्तकालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम सहित कई महान हस्तियों महात्मा गांधी, सरदार पटेल, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. बी.आर अंबेडकर पर पुस्तकें उपलब्ध हैं. पुस्तकालय के प्रभारी वरिष्ठ नेता बीरू राठौड़ ने बताया कि पुस्तकालय में दो हजार पुस्तकें और 8,400 ई-पुस्तकें उपलब्ध हैं.टिप्पणियां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के अनुसार संभवत: शाह कल (शनिवार को) किसी दलित परिवार के साथ भोजन करेंगे. हालांकि सुरक्षा कारणों से स्थान और परिवार की सूचना को गुप्त रखा गया है. शाह के जयपुर दौरे को देखते हुए पार्टी प्रदेश मुख्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया है और सजाया संवारा गया है. इनपुट भाषा से भी) भाजपा मुख्यालय में नानाजी देशमुख पुस्तकालय और ई-पुस्तकालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम सहित कई महान हस्तियों महात्मा गांधी, सरदार पटेल, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. बी.आर अंबेडकर पर पुस्तकें उपलब्ध हैं. पुस्तकालय के प्रभारी वरिष्ठ नेता बीरू राठौड़ ने बताया कि पुस्तकालय में दो हजार पुस्तकें और 8,400 ई-पुस्तकें उपलब्ध हैं.टिप्पणियां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के अनुसार संभवत: शाह कल (शनिवार को) किसी दलित परिवार के साथ भोजन करेंगे. हालांकि सुरक्षा कारणों से स्थान और परिवार की सूचना को गुप्त रखा गया है. शाह के जयपुर दौरे को देखते हुए पार्टी प्रदेश मुख्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया है और सजाया संवारा गया है. इनपुट भाषा से भी) पुस्तकालय के प्रभारी वरिष्ठ नेता बीरू राठौड़ ने बताया कि पुस्तकालय में दो हजार पुस्तकें और 8,400 ई-पुस्तकें उपलब्ध हैं.टिप्पणियां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के अनुसार संभवत: शाह कल (शनिवार को) किसी दलित परिवार के साथ भोजन करेंगे. हालांकि सुरक्षा कारणों से स्थान और परिवार की सूचना को गुप्त रखा गया है. शाह के जयपुर दौरे को देखते हुए पार्टी प्रदेश मुख्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया है और सजाया संवारा गया है. इनपुट भाषा से भी) भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के अनुसार संभवत: शाह कल (शनिवार को) किसी दलित परिवार के साथ भोजन करेंगे. हालांकि सुरक्षा कारणों से स्थान और परिवार की सूचना को गुप्त रखा गया है. शाह के जयपुर दौरे को देखते हुए पार्टी प्रदेश मुख्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया है और सजाया संवारा गया है. इनपुट भाषा से भी) शाह के जयपुर दौरे को देखते हुए पार्टी प्रदेश मुख्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया है और सजाया संवारा गया है. इनपुट भाषा से भी)
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['hin']
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: हवाई हमले में मारा गया आईएसआईएस का 'सूचना मंत्री' डॉ. वाइल : पेंटागन
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि सीरिया में गठबंधन सेना की ओर से किए गए एक हवाई हमले में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का 'सूचना मंत्री' मारा गया है. बीते 30 अगस्त को भी आईएसआईएस का एक शीर्ष नेता मारा गया था. पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने कहा कि वाइल आदिल हसन सलमान अल-फयाद के नाम से मशहूर डॉ. वाइल सीरिया में आईएसआईएस के गढ़ राक्का के पास किए गए एक हवाई हमले में मारा गया है. कुक ने कहा, 'सात सितंबर को गठबंधन बलों ने सीरिया के राक्का के पास काफी करीब से हमला किया, जिसमें डॉ. वाइल को निशाना बनाकर मार गिराया गया. यह आईएसआईएस के सबसे बड़े नेताओं में से एक था'. उन्होंने बताया कि कुक आईएसआईएस के सूचना मंत्री के तौर पर काम करता था और संगठन के नेतृत्व समूह - वरिष्ठ शूरा परिषद - का प्रमुख सदस्य था.टिप्पणियां वाइल आईएसआईएस की ओर से जारी किए जाने वाले प्रचार वीडियो के निर्माण से जुड़े कामों की निगरानी करता था. इस तरह के वीडियो में आईएसआईएस की ओर से बंदियों को दी जाने वाली यातनाएं या उनकी हत्या दिखाई जाती रही है. वह आईएसआईएस के प्रवक्ता अबु मुहम्मद अल-अदनानी का करीबी सहयोगी था. कुक ने कहा कि अल-अदनानी को गठबंधन बलों ने 30 अगस्त को मार गिराया था. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने कहा कि वाइल आदिल हसन सलमान अल-फयाद के नाम से मशहूर डॉ. वाइल सीरिया में आईएसआईएस के गढ़ राक्का के पास किए गए एक हवाई हमले में मारा गया है. कुक ने कहा, 'सात सितंबर को गठबंधन बलों ने सीरिया के राक्का के पास काफी करीब से हमला किया, जिसमें डॉ. वाइल को निशाना बनाकर मार गिराया गया. यह आईएसआईएस के सबसे बड़े नेताओं में से एक था'. उन्होंने बताया कि कुक आईएसआईएस के सूचना मंत्री के तौर पर काम करता था और संगठन के नेतृत्व समूह - वरिष्ठ शूरा परिषद - का प्रमुख सदस्य था.टिप्पणियां वाइल आईएसआईएस की ओर से जारी किए जाने वाले प्रचार वीडियो के निर्माण से जुड़े कामों की निगरानी करता था. इस तरह के वीडियो में आईएसआईएस की ओर से बंदियों को दी जाने वाली यातनाएं या उनकी हत्या दिखाई जाती रही है. वह आईएसआईएस के प्रवक्ता अबु मुहम्मद अल-अदनानी का करीबी सहयोगी था. कुक ने कहा कि अल-अदनानी को गठबंधन बलों ने 30 अगस्त को मार गिराया था. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कुक ने कहा, 'सात सितंबर को गठबंधन बलों ने सीरिया के राक्का के पास काफी करीब से हमला किया, जिसमें डॉ. वाइल को निशाना बनाकर मार गिराया गया. यह आईएसआईएस के सबसे बड़े नेताओं में से एक था'. उन्होंने बताया कि कुक आईएसआईएस के सूचना मंत्री के तौर पर काम करता था और संगठन के नेतृत्व समूह - वरिष्ठ शूरा परिषद - का प्रमुख सदस्य था.टिप्पणियां वाइल आईएसआईएस की ओर से जारी किए जाने वाले प्रचार वीडियो के निर्माण से जुड़े कामों की निगरानी करता था. इस तरह के वीडियो में आईएसआईएस की ओर से बंदियों को दी जाने वाली यातनाएं या उनकी हत्या दिखाई जाती रही है. वह आईएसआईएस के प्रवक्ता अबु मुहम्मद अल-अदनानी का करीबी सहयोगी था. कुक ने कहा कि अल-अदनानी को गठबंधन बलों ने 30 अगस्त को मार गिराया था. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वाइल आईएसआईएस की ओर से जारी किए जाने वाले प्रचार वीडियो के निर्माण से जुड़े कामों की निगरानी करता था. इस तरह के वीडियो में आईएसआईएस की ओर से बंदियों को दी जाने वाली यातनाएं या उनकी हत्या दिखाई जाती रही है. वह आईएसआईएस के प्रवक्ता अबु मुहम्मद अल-अदनानी का करीबी सहयोगी था. कुक ने कहा कि अल-अदनानी को गठबंधन बलों ने 30 अगस्त को मार गिराया था. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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['hin']
इसके लिए एक लेख लिखें: कर्नाटक : नोटबंदी से टमाटर किसान बेहाल, अपनी फसल मवेशियों को खिलाने को मजबूर
लेख: बेंगलुरु से सटा शहर कोलार कभी सोने की खान के लिए जाना जाता था. अब इस इलाके की पहचान टमाटर उत्पादक क्षेत्र के तौर पर होती है, लेकिन नोटबंदी की मार इस इलाके के किसानों पर भी साफ दिख रहा है. मुन्नीबैरे गौड़ा का परिवार सब्जियों और अंगूर की खेती पुश्तैनी पेशे के तौर पर करता है. लेकिन शनिवार को जब हम उनके फार्म में पहुंचे तो देखा कि अपने बाड़े के मवेशी को वो चारा के तौर पर टमाटर खिला रहे थे. जब हमने उनसे वजह पूछी तो उनका जवाब था कि बारिश कम होने से पहले ही टमाटर के उत्पादन पर काफी बुरा असर पड़ा और जब हालात थोड़े सुधरे तो नोटबंदी की वजह से नकदी की समस्या खड़ी हो गई. नकदी की कमी की वजह से वो अपना उत्पादन बाजार तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. इस वजह से काफी टमाटर जमा हो गया है. वैसे भी गांव के बाजार में शहर की तुलना में अच्छे भाव नहीं मिलते. ऐसी सूरत में उनके पास अपनी फसल पालतू पशुओं को देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, कम से कम सड़ाकर फेंकने से तो ये बेहतर उपाय है. श्रीनिवास गौड़ा का 9 एकड़ का टमाटर का फार्म है. उनका कहना है कि पिछले 40 सालों में ऐसी बर्बादी फसल की उन्होंने नहीं देखी. मांग है, लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रही, क्योंकि नकदी नहीं होने की वजह से मजदूरों को मजदूरी देने के साथ-साथ टमाटर को बाजार तक पहुंचाने के लिए भाड़े की रकम नहीं है. टिप्पणियां श्रीनिवास गौड़ा के मुताबिक इस साल कम बारिश होने की वजह से टमाटर का प्रति किलो उत्पादन पर आने वाला खर्च 4 से 6 रुपये है, लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ठप होने से माल जमा हो गया है. व्यापारी औने-पौने दाम पर इसे 3 रुपये किलो तक खरीद रहे हैं. ऐसे में नोटबंदी की वजह से टमाटर बाजार भी दूसरे फल-फूल और सब्जियों की तरह खासा प्रभावित हुआ है. टमाटर के उत्पादन में भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. दक्षिण में तमिलनाडु और कर्नाटक टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं. अगर यही हाल रहा और सरकार इनके समर्थन में आगे नहीं आई तो राष्ट्रीय स्तर पर टमाटर का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा. मुन्नीबैरे गौड़ा का परिवार सब्जियों और अंगूर की खेती पुश्तैनी पेशे के तौर पर करता है. लेकिन शनिवार को जब हम उनके फार्म में पहुंचे तो देखा कि अपने बाड़े के मवेशी को वो चारा के तौर पर टमाटर खिला रहे थे. जब हमने उनसे वजह पूछी तो उनका जवाब था कि बारिश कम होने से पहले ही टमाटर के उत्पादन पर काफी बुरा असर पड़ा और जब हालात थोड़े सुधरे तो नोटबंदी की वजह से नकदी की समस्या खड़ी हो गई. नकदी की कमी की वजह से वो अपना उत्पादन बाजार तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. इस वजह से काफी टमाटर जमा हो गया है. वैसे भी गांव के बाजार में शहर की तुलना में अच्छे भाव नहीं मिलते. ऐसी सूरत में उनके पास अपनी फसल पालतू पशुओं को देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, कम से कम सड़ाकर फेंकने से तो ये बेहतर उपाय है. श्रीनिवास गौड़ा का 9 एकड़ का टमाटर का फार्म है. उनका कहना है कि पिछले 40 सालों में ऐसी बर्बादी फसल की उन्होंने नहीं देखी. मांग है, लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रही, क्योंकि नकदी नहीं होने की वजह से मजदूरों को मजदूरी देने के साथ-साथ टमाटर को बाजार तक पहुंचाने के लिए भाड़े की रकम नहीं है. टिप्पणियां श्रीनिवास गौड़ा के मुताबिक इस साल कम बारिश होने की वजह से टमाटर का प्रति किलो उत्पादन पर आने वाला खर्च 4 से 6 रुपये है, लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ठप होने से माल जमा हो गया है. व्यापारी औने-पौने दाम पर इसे 3 रुपये किलो तक खरीद रहे हैं. ऐसे में नोटबंदी की वजह से टमाटर बाजार भी दूसरे फल-फूल और सब्जियों की तरह खासा प्रभावित हुआ है. टमाटर के उत्पादन में भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. दक्षिण में तमिलनाडु और कर्नाटक टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं. अगर यही हाल रहा और सरकार इनके समर्थन में आगे नहीं आई तो राष्ट्रीय स्तर पर टमाटर का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा. नकदी की कमी की वजह से वो अपना उत्पादन बाजार तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. इस वजह से काफी टमाटर जमा हो गया है. वैसे भी गांव के बाजार में शहर की तुलना में अच्छे भाव नहीं मिलते. ऐसी सूरत में उनके पास अपनी फसल पालतू पशुओं को देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, कम से कम सड़ाकर फेंकने से तो ये बेहतर उपाय है. श्रीनिवास गौड़ा का 9 एकड़ का टमाटर का फार्म है. उनका कहना है कि पिछले 40 सालों में ऐसी बर्बादी फसल की उन्होंने नहीं देखी. मांग है, लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रही, क्योंकि नकदी नहीं होने की वजह से मजदूरों को मजदूरी देने के साथ-साथ टमाटर को बाजार तक पहुंचाने के लिए भाड़े की रकम नहीं है. टिप्पणियां श्रीनिवास गौड़ा के मुताबिक इस साल कम बारिश होने की वजह से टमाटर का प्रति किलो उत्पादन पर आने वाला खर्च 4 से 6 रुपये है, लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ठप होने से माल जमा हो गया है. व्यापारी औने-पौने दाम पर इसे 3 रुपये किलो तक खरीद रहे हैं. ऐसे में नोटबंदी की वजह से टमाटर बाजार भी दूसरे फल-फूल और सब्जियों की तरह खासा प्रभावित हुआ है. टमाटर के उत्पादन में भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. दक्षिण में तमिलनाडु और कर्नाटक टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं. अगर यही हाल रहा और सरकार इनके समर्थन में आगे नहीं आई तो राष्ट्रीय स्तर पर टमाटर का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा. श्रीनिवास गौड़ा का 9 एकड़ का टमाटर का फार्म है. उनका कहना है कि पिछले 40 सालों में ऐसी बर्बादी फसल की उन्होंने नहीं देखी. मांग है, लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रही, क्योंकि नकदी नहीं होने की वजह से मजदूरों को मजदूरी देने के साथ-साथ टमाटर को बाजार तक पहुंचाने के लिए भाड़े की रकम नहीं है. टिप्पणियां श्रीनिवास गौड़ा के मुताबिक इस साल कम बारिश होने की वजह से टमाटर का प्रति किलो उत्पादन पर आने वाला खर्च 4 से 6 रुपये है, लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ठप होने से माल जमा हो गया है. व्यापारी औने-पौने दाम पर इसे 3 रुपये किलो तक खरीद रहे हैं. ऐसे में नोटबंदी की वजह से टमाटर बाजार भी दूसरे फल-फूल और सब्जियों की तरह खासा प्रभावित हुआ है. टमाटर के उत्पादन में भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. दक्षिण में तमिलनाडु और कर्नाटक टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं. अगर यही हाल रहा और सरकार इनके समर्थन में आगे नहीं आई तो राष्ट्रीय स्तर पर टमाटर का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा. श्रीनिवास गौड़ा के मुताबिक इस साल कम बारिश होने की वजह से टमाटर का प्रति किलो उत्पादन पर आने वाला खर्च 4 से 6 रुपये है, लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ठप होने से माल जमा हो गया है. व्यापारी औने-पौने दाम पर इसे 3 रुपये किलो तक खरीद रहे हैं. ऐसे में नोटबंदी की वजह से टमाटर बाजार भी दूसरे फल-फूल और सब्जियों की तरह खासा प्रभावित हुआ है. टमाटर के उत्पादन में भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. दक्षिण में तमिलनाडु और कर्नाटक टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं. अगर यही हाल रहा और सरकार इनके समर्थन में आगे नहीं आई तो राष्ट्रीय स्तर पर टमाटर का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा. टमाटर के उत्पादन में भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. दक्षिण में तमिलनाडु और कर्नाटक टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं. अगर यही हाल रहा और सरकार इनके समर्थन में आगे नहीं आई तो राष्ट्रीय स्तर पर टमाटर का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा.
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इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: केरल : गैंगरेप पीड़ित से अशोभनीय सवाल पूछने के आरोप में पुलिस अफसर सस्पेंड
पुलिस के अनुसार त्रिसूर जिले के पेरामंगलम थाने के सर्किल इंस्पेक्टर एमवी मणिकंटन को पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) एमआर अजीत कुमार ने जांच चलने तक निलंबित कर दिया. आईजी ने पीड़ित द्वारा लगाए गए इस आरोप की प्राथमिक जांच की थी कि संबंधित पुलिस अधिकारी ने अपराध को लेकर उनसे अभद्र सवाल किए थे. माकपा ने 33-वर्षीय इस महिला के बलात्कार संबंधी आरोपों के सिलसिले में वडाकांचेरी निगम के अपने पार्षद जयनथन और अन्य पार्टी कार्यकर्ता को निलंबित कर दिया है. यह महिला मीडिया के सामने अपने पति के साथ पेश हुई थी और दो साल पहले हुई इस वारदात के बारे में बताया था. टिप्पणियां कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता भाग्यलक्षमी ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये यह घटना सामने लाई थी. उन्होंने पीड़ित से अभद्र सवाल करने को लेकर पुलिस अधिकारी की कड़ी आलोचना की थी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) माकपा ने 33-वर्षीय इस महिला के बलात्कार संबंधी आरोपों के सिलसिले में वडाकांचेरी निगम के अपने पार्षद जयनथन और अन्य पार्टी कार्यकर्ता को निलंबित कर दिया है. यह महिला मीडिया के सामने अपने पति के साथ पेश हुई थी और दो साल पहले हुई इस वारदात के बारे में बताया था. टिप्पणियां कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता भाग्यलक्षमी ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये यह घटना सामने लाई थी. उन्होंने पीड़ित से अभद्र सवाल करने को लेकर पुलिस अधिकारी की कड़ी आलोचना की थी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता भाग्यलक्षमी ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये यह घटना सामने लाई थी. उन्होंने पीड़ित से अभद्र सवाल करने को लेकर पुलिस अधिकारी की कड़ी आलोचना की थी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: बिहार चुनाव के बाद अचानक ही रुक गया अवार्ड वापसी का मौसम : अनुपम खेर
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: ‘असहिष्णुता’ का बेसुरा राग अलापकर पुरस्कार वापस करने वालों पर निशाना साधते हुए अभिनेता अनुपम खेर ने शनिवार को कहा कि इसे बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया था। उन्होंने इस तरह के अभियान को अचानक रोकने पर सवाल उठाए। उन्होंने जम्‍मू में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘किसी तरह मैंने पुरस्कार वापसी के बारे में अपनी आवाज उठाई। यह पहला मौका है जब ऐसा हुआ है। मेरा मानना है कि इसे काफी सुनियोजित तरीके से किया गया था और बिहार चुनाव के बाद पुरस्कार वापसी का मौसम अचानक बंद हो गया।’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा मानना है कि भगवान की कृपा से मुझे कई पुरस्कार मिले हैं। यद्यपि पुरस्कार किसी संगठन द्वारा दिए जाते हैं लेकिन वो आम आदमी के प्रेम और प्रोत्साहन का प्रतिनिधित्व करते हैं।’ खेर तीन दिन की जम्मू यात्रा पर हैं। उन्होंने ‘तवी किनारे’ जम्मू साहित्य महोत्सव 2015 का उद्घाटन किया। खेर ने कहा कि सबसे बड़ी असहिष्णुता कश्मीरी पंडितों की त्रासदी के खिलाफ दिखाई जानी चाहिए थी, लेकिन वह पुरस्कार लौटाने वालों की नजर से ओझल रहा। कश्मीरी पंडितों के जगती टाउनशिप का दौरा करने वाले 60 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह समुदाय की वापसी और पुनर्वास पर काम करेंगे। उन्होंने जम्‍मू में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘किसी तरह मैंने पुरस्कार वापसी के बारे में अपनी आवाज उठाई। यह पहला मौका है जब ऐसा हुआ है। मेरा मानना है कि इसे काफी सुनियोजित तरीके से किया गया था और बिहार चुनाव के बाद पुरस्कार वापसी का मौसम अचानक बंद हो गया।’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा मानना है कि भगवान की कृपा से मुझे कई पुरस्कार मिले हैं। यद्यपि पुरस्कार किसी संगठन द्वारा दिए जाते हैं लेकिन वो आम आदमी के प्रेम और प्रोत्साहन का प्रतिनिधित्व करते हैं।’ खेर तीन दिन की जम्मू यात्रा पर हैं। उन्होंने ‘तवी किनारे’ जम्मू साहित्य महोत्सव 2015 का उद्घाटन किया। खेर ने कहा कि सबसे बड़ी असहिष्णुता कश्मीरी पंडितों की त्रासदी के खिलाफ दिखाई जानी चाहिए थी, लेकिन वह पुरस्कार लौटाने वालों की नजर से ओझल रहा। कश्मीरी पंडितों के जगती टाउनशिप का दौरा करने वाले 60 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह समुदाय की वापसी और पुनर्वास पर काम करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा मानना है कि भगवान की कृपा से मुझे कई पुरस्कार मिले हैं। यद्यपि पुरस्कार किसी संगठन द्वारा दिए जाते हैं लेकिन वो आम आदमी के प्रेम और प्रोत्साहन का प्रतिनिधित्व करते हैं।’ खेर तीन दिन की जम्मू यात्रा पर हैं। उन्होंने ‘तवी किनारे’ जम्मू साहित्य महोत्सव 2015 का उद्घाटन किया। खेर ने कहा कि सबसे बड़ी असहिष्णुता कश्मीरी पंडितों की त्रासदी के खिलाफ दिखाई जानी चाहिए थी, लेकिन वह पुरस्कार लौटाने वालों की नजर से ओझल रहा। कश्मीरी पंडितों के जगती टाउनशिप का दौरा करने वाले 60 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह समुदाय की वापसी और पुनर्वास पर काम करेंगे। खेर ने कहा कि सबसे बड़ी असहिष्णुता कश्मीरी पंडितों की त्रासदी के खिलाफ दिखाई जानी चाहिए थी, लेकिन वह पुरस्कार लौटाने वालों की नजर से ओझल रहा। कश्मीरी पंडितों के जगती टाउनशिप का दौरा करने वाले 60 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह समुदाय की वापसी और पुनर्वास पर काम करेंगे।
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इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: भारत में 'ट्विटर किंग' बने PM मोदी, ट्रंप-ओबामा के बाद दुनिया के तीसरे सबसे ज़्यादा फॉलोअर्स वाले राजनेता
लेख: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर (Twitter) एकाउंट ने हाल ही में 50 मिलियन (पांच करोड़) फॉलोअरों का आंकड़ा पार कर लिया है, और इसी के साथ यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह पहले भारतीय बन गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी, 2009 में ट्विटर पर एकाउंट खोला था, जब देश के बहुत कम राजनेता इस माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया करते थे. इसके अलावा दुनिया में सबसे ज़्यादा फॉलोअरों वाले राजनेताओं की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरे स्थान पर मौजूद हैं, और उनसे ज़्यादा फॉलोअर सिर्फ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा तथा अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हैं. एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अन्य प्रमुख सोशल मीडिया एकाउंटों पर भी समान रूप से लोकप्रिय हैं. उनके फेसबुक (Facebook) पेज पर 44 मिलियन (चार करोड़ 40 लाख) लाइक्स हैं, जबकि उनके इंस्टाग्राम (Instagram) एकाउंट पर 28 मिलियन (दो करोड़ 80 लाख) फॉलोअर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूट्यूब (YouTube) चैनल पर भी 3.4 मिलियन (34 लाख) सब्सक्राइबर हैं, और उनके लिंक्डइन (LinkedIn) प्रोफाइल पर भी तीन मिलियन (30 लाख) फॉलोअर हैं. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी सोशल मीडिया एकाउंटों पर उनके कुल फॉलोअरों की संख्या को जोड़ा जाए, तो यह आंकड़ा 125 मिलियन (12 करोड़ 50 लाख) को पार कर जाता है.
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इसके लिए एक लेख लिखें: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा- किसी भी तरह के उभरते खतरों से निपटने के लिए...
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत पड़ोस के साथ-साथ वृहद क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है और सेना किसी भी तरह के उभरते खतरों से निपटने के लिए अपने मित्रों के साथ साझेदारी करना जारी रखेगी. रावत ने रक्षा अताशे के चौथे सम्मेलन में यहां कहा, ‘‘हम महज अपने सशस्त्र बलों को हथियारबंद करने के लिए हथियारों का निर्माण नहीं कर रहे हैं बल्कि धीरे-धीरे हम निर्यात उन्मुखी रक्षा उद्योग बन रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रक्षा निर्यात वर्तमान में 11 हजार करोड़ रुपये वार्षिक है और 2024 तक इसके 35 हजार करोड़ तक बढ़ने की उम्मीद है.'' बिपिन रावत ने अपने संबोधन में सशस्त्र बलों की प्रशंसा की और अच्छे प्रशिक्षण तथा गुणवत्तापूर्ण हथियारों और उपकरणों के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल आकार के आधार पर ही नहीं, बल्कि हमारे वृहद लड़ाकू अनुभव, हमारी पेशेवर दक्षता और अन्य गुणों के कारण दुनिया के अग्रणी सशस्त्र बलों में से एक हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘इसी वजह से हमारे अन्य विशिष्ट लोकाचार हैं. हम अपने पड़ोस के साथ साथ वृहद क्षेत्र में भी शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम अतीत की ही तरह आगे भी किसी भी तरह के उभरते खतरों से निपटने के लिए हमारे मित्रों के साथ साझेदारी करना जारी रखेंगे.'' नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी सम्मेलन में शिरकत की. उन्होंने अपने संबोधन में समुद्री डकैतों जैसे समुद्री खतरों का हवाला दिया जिनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर पड़ता है. उन्होंने समुद्री सहयोग बढ़ाने और विश्व में ‘‘सामूहिक सैन्य दक्षता'' का लाभ उठाने की भी वकालत की. करमबीर सिंह ने कहा, ‘‘नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में समान विचारों वाले सदस्यों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और सहयोग संबंधी हमारा लोकाचार प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त पांच ‘स' (एस) से - सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति एवं समृद्धि - से निर्देशित होता है.'' इससे पहले थलसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में रक्षा उद्योग से भी अपील की कि वह सशस्त्र बलों को समाधान मुहैया कराए. उन्होंने कहा, ‘‘हम जब एक अनिश्चित एवं जटिल दुनिया में सुरक्षा के हमारे मार्ग पर मौजूद चुनौतियों से निपटने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में हम चाहते हैं कि रक्षा उद्योग समाधान मुहैया कराए ताकि हमारे रक्षा बलों की आवश्यकताएं पूरी हो सकें.'' रावत ने कहा कि हर देश शांति, स्थिरता एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए ‘‘सशस्त्र बलों या मुझे कहना चाहिए मजबूत सशस्त्र बलों'' को बनाए रखता है. उन्होंने कहा, ‘‘शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को जब भी बुलाया जाए, वे तब अपने उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम हों, इसके लिए आपको एक बहुत दक्ष एवं सशक्त मानवबल, सैनिकों, नौसैन्यकर्मियों और वायुसेनाकर्मियों की आवश्यकता है. अच्छा प्रशिक्षण और अच्छी गुणवत्ता के हथियार एवं उपकरण जवानों को सशक्त करते हैं.'' सेना प्रमुख ने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में ‘‘उभरते खतरों का सामना करने के लिए रक्षा संबंधी तैयारियों के लिए साझी जिम्मेदारियों की प्रणाली को मजबूत करना होगा.''  उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भारतीय उद्योग को मित्रवत अन्य देशों, रक्षा विशेषज्ञों या सैन्य विशेषज्ञों की रक्षा जरूरतों को पूरा करने में खुशी होगी. उन्होंने कहा, ‘‘सभी भागीदारों के साथ बातचीत करने के लिए आर्मी डिजाइन ब्यूरो के माध्यम से इस तरह की पहल को संभव बनाने में हमें खुशी होगी.'' रावत ने कहा, ‘‘हम सिर्फ अपने रक्षा बलों के लिए ही हथियार नहीं बना रहे हैं, बल्कि हम अब निर्यात करने वाले रक्षा उद्योग के रूप में उभर रहे हैं.'' उन्होंने अपने भाषण में फरवरी 2020 में होने वाले अगले डिफेंस एक्सपो का जिक्र भी किया.
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