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सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम1975 में संशोधन 3
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम1944 में संशोधन 4
केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम अपील 1985 5
अधिनियमों के अधीन प्रावधानों के संशोधन या निरसन जिसके तहत उपकर लाया जाता है उपरोक्त प्रस्तावों के परिणामस्वरूप निम्नलिखित लाभ होंगे अन्य अधिनियमों के विभिन्न प्रावधानों के संशोधन या निरसन जो अब जीएसटी की भूमिका के लिहाज से संगिक नहीं होंगे परिणामस्वरूप संविधि पुस्तक से अप्रासंगिक भागों को शुद्ध किया जाएगा और करों की बहुलता को कम किया जाएगा।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए) मुंबई हार्बर चैनल व जेएन पोर्ट चैनल (दूसरा चरण) को गहरा और चौड़ा करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केंद्रीय समिति ने मुंबई हार्बर चैनल और जेएन पोर्ट चैनल (दूसरा चरण) को गहरा तथा चौड़ा करने की परियोजना के नए अनुमान को मंजूरी दे दी है।
इस परियोजना का लागत 2029 करोड़ रुपये होगी। इसमें सेवा कर शामिल नहीं है।
इस पूरी परियोजना की लागत का वित्त पोषण जेएन पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के आंतरिक स्रोतों और जरूरत पड़ने पर बाजार से कर्ज लेकर किया जाएगा।
परियोजना के तहत मौजूदा चैनल को 370 मीटर से चौड़ाकर 450 मीटर किया जाएगा। चैनल का विस्तार 335 किलोमीटर से बढ़ाकर 355 किलोमीटर तक किया जाएगा।
चैनल के ड्राफ्ट को मौजूदा 14 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर किया जाएगा।
ड्रेज की जाने वाली अनुमानित मात्रा 3503 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी।
इसमें 173 मिलियन क्यूबिक मीटर की रॉक ड्रेजिंग शामिल है।
इस काम को वैश्विक निविदाओं को आमंत्रित कर शुरु किया जाएगा और एक बार शुरू होने के बाद दो साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
जेएनपीटी की मौजूदा कंटेनर हैंडलिंग क्षमता 5 मिलियन टीईयू (ट्वेंटी फीट इक्वावेलेंट यूनिट) है।
चार टर्मिनल के शुरू हो जाने के बाद यह क्षमता बढ़कर 98 मिलियन टीईयू हो जाएगी।
मुख्य व्यापार मार्गों पर कंटेनर जहाजों के आकार में वृद्धि पर विचार करने पर यह अनुमान लगाया गया कि 800012000 टीईयू आकार के जहाज जेएन पोर्ट पर आएंगे।
पूरा होने के बाद जेएनपीटी 167 मिलियन टीईयू के अतिरिक्त यातायात प्रवाह को संभालने की क्षमता हासिल कर लेगा।
क्षमता में वृद्धि से 12500 टीईयू तक के बड़े जहाजों को संभालने में मदद मिलेगी। इसके अलावा आर्थिक लाभ भी होंगे मसलन जहाज के इंतजार करने के समय में कमी आएगी और ट्रांसशिपमेंट खाते में भी बचत होगी।
उपयोगकर्ताओं को असली लाभ कम यूनिट लागत प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर में कमी से होगा। इसके अलावा जेएनपीटी पर जहाजों की भीड़ में कमी आएगी।
इससे भारत के ईएक्सआईएम व्यापार की प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोतरी होगी।
पृष्ठभूमि पिछले कुछ वर्षों के दौरान कंटेनर जहाजों का आकार धीरेधीरे बढ़ रहा है क्योंकि बड़े जहाजों को संचालित करना अधिक किफायती होता है। बड़े जहाजों की ऑपरेशन लागत 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
कंटेनर कार्गो वॉल्यूम में वृद्धि और दुनिया भर में कंटेनर ले जाने वाले जहाजों के बेड़े की क्षमता में बढ़ोतरी के कारण ही जेएन पोर्ट ने नई पीढ़ी के कंटेनर जहाजों को व्यापक बीम और गहरी ड्राफ्ट के साथ संभालने का निर्णय लिया है।
नई पीढ़ी के बड़े आकार के जहाजों को नौवहन के लिए गहराई वाले चैनल की आवश्यकता होती है और तदनुसार 140 से 150 मीटर ड्राफ्ट के साथ चैनल की गहराई और चौड़ाई की परिकल्पना की गई है जिसमें जहाज की क्षमता 12500 टीईयू हो।
वर्तमान में जेएन पोर्ट ज्वारीय विंडो का लाभ उठाकर 14 मीटर ड्राफ्ट और 6000 टीईयू क्षमता वाले जहाजों को संभाल रहा है।
वर्ष 2016 में यह 6240 रुपये प्रति क्विंटल था। कोपरा की एमएसपी से किसानों को न्यूनतम कीमत सुनिश्चित होने नारियल की खेती में निवेश बढ़ने और देश में इसका उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ने की उम्मीद है।
यह मंजूरी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर दी गई है।
सीएसीपी एक विशेषज्ञ संस्था है जो उत्पादन की लागत खाद्य तेलों की घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय कीमतों के रुझान कोपरा एवं नारियल तेल की कुल मांग तथा आपूर्ति नारियल तेल में कोपरा के प्रसंस्करण की लागत और एमएसपी की सिफारिश करते समय एमएसपी की सिफारिशों का ग्राहकों पर पड़ने वाले असर का ध्यान रखती है।
राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) नारियल उत्पादक राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्यों के लिए मूल्य समर्थन ऑपरेशन की खातिर केंद्रीय नोडल एजेंसी के तौर पर काम करते रहेंगे।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए) पृष्ठभूमि सीआरईडीए एचपीसीएल बायोफ्यूल लिमिटेड (सीएचबीएल) और इंडियन ऑयल सीआरईडीए बायोफ्यूल लिमिटेड (आईसीबीएल) के बीच ऊर्जा फसल (जटरोफा) के प्लांटेशन एवं जैवईंधन के उत्पादन के लिए क्रमशः 2008 और 2009 में संयुक्त उपक्रम (जेवी) की शुरुआत की गई थी।
इंडियन ऑयल छत्तीसगढ़ की शाखा सीआरईडीए ने लैंड यूज एग्रीमेंट के तहत जटरोफा के प्लांटेशन के लिए सीएचबीएल और आईसीबीएल को बंजर भूमि उपलब्ध कराई।
विभिन्न बाधाओं जैसे बीज की बहुत कम उपज बंजर भूमिक की सीमित उपलब्धता प्लांटेशन के रखरखाव की ऊंची कीमत आदि के चलते यह परियोजना अव्यवहारिक हो गई और जटरोफा प्लांटेशन की गतिविधियों को रोक दिया गया।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए) कैबिनेट ने नार्थ ईस्ट रोड नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट फेज1 को मंजूरी दी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केंद्रीय समिति ने मेघालय एवं मिजोरम में 403 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
इस 403 किलोमीटर में से लगभग 52 किलोमीटर लंबा राजमार्ग मेघालय और 351 किलोमीटर लंबा राजमार्ग मिजोरम में बनेगा।
इस परियोजना का कार्यान्वयन ईपीसी मोड में किया जाएगा।
इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 6721 करोड़ रुपये है। इसमें भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और निर्माण पूर्व की अन्य गतिविधियों की लागत भी शामिल है।
इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन वित्तीय वर्ष 201718 में किया जाएगा।
निर्माण कार्य 2021 में पूरा होने की उम्मीद है। मेंटीनेंस का काम 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
ये परियोजनाएं मेघालय और मिजोरम में बुनियादी ढांचे में सुधार कर उपक्षेत्रीय सामाजिकआर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेंगी।
इससे अंतरराज्यीय सड़क और अंतरराष्ट्रीय सीमा संपर्क सुधरेगा।
विकास के लिए दो लाइनों का काम नार्थ ईस्ट रोड नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट फेज1 योजना के मानकों के तहत हो रहा है। इसमें जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने ण सहायता उपलब्ध कराई है।
पृष्ठभूमि
श्रम और रोजगार मंत्रालय श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय से संबद्ध परामर्श समिति ने बाल मज़दूरी पर चर्चा की श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय से संबद्ध परामर्श समिति की बैठक कल शाम को आयोजित की गई।
इस बैठक में चर्चा का मुख्य बिन्दु बाल मज़दूरी (बाल मज़दूर अधिनियम में संशोधन एवं आईएलओ सम्मेलन संख्या 138 एवं 182 का समर्थन सहित) था।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रम एवं रोज़गार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारु दत्तात्रेय ने बैठक में मौजूद सदस्यों को एजेंडा के बारे में जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि सरकार हमारे देश से बाल मज़दूरी को खत्म करने के प्रति वचनबद्ध है।
संसद द्वारा 26 जुलाई 2016 को बाल मज़दूरी (निषेध एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 को पारित किया जा चुका है।
श्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि इस अधिनियम के अंतर्गत 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को बाल मज़दूरी अथवा अन्य किसी संबंधित प्रक्रिया में संलिप्त करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
हालांकि अधिनियम के अंतर्गत घरेलू स्तर के गैर खतरनाक उद्यमों में इन बच्चों को मदद करने की कुछ हद तक छूट दी गई है मगर स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह मदद विद्यालय के बाद अथवा अवकाश के दौरान ही की जा सकती है।
इसके अतिरिक्त किसी भी किशोर (14 से 18 वर्ष की आयु के बीच) किसी भी अधिसूचित खतरनाक व्यवसाय अथवा प्रक्रिया में रोज़गार पाने अथवा इससे जुड़ने की अनुमति नहीं दी गई है।
किसी भी तरह से उपर्युक्त नियमों के उल्लंघन के संबंध में कड़ी से कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है और ऐसे बालकों के पुनर्वास के लिए अलग से अनुदान का सृजन किया गया है।
संयुक्त सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने बाल मज़दूरी (बाल मज़दूर अधिनियम में संशोधन एवं आईएलओ सम्मेलन संख्या 138 एवं 182 का समर्थन सहित) पर एक विस्तृत प्रस्तुति (प्रेजेंटेशन) पेश की।
अतिरिक्त सचिव श्री हीरा लाल समारिया सदस्यों द्वारा दिए गए अमूल्य सुझावों के लिए उनका धन्यवाद ज्ञापन किया और बैठक में मौजूद श्री लाडु किशोर स्वैन श्री एमके राघवन श्री मनोहर उंटवाल श्री एनके प्रेमचंद्रन श्री शंकर प्रसाद दत्ता एवं श्री केके रागेश आदि सांसदों को आश्वस्त किया कि विभिन्न सदस्यों द्वारा प्राप्त अमूल्य सुझावों पर गंभीरता से विचार कर बाल मज़दूरी को रोकने की दिशा में सकारात्मक पहल की जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में 01 अप्रैल को होगा राष्ट्रीय वयोश्री योजना का शुभारंभ गरीबी रेखा से संबद्ध वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक सहायता एवं जीवन यापन के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने वाली राष्ट्रीय वयोश्री योजना का शुभारंभ आंध्र प्रदेश के नेल्लोर ज़िले में 01 अप्रैल 2017 को किया जाएगा।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी 1038 करोड़ है।
वरिष्ठ नागरिकों की 70 फीसदी से भी अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है।
वरिष्ठ नागरिकों का एक बड़ा प्रतिशत वृद्धावस्था में होने वाली अक्षमताओं से पीड़ित है।
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2026 तक उम्रदराज़ लोगों की आबादी बढ़कर करीब 173 मिलियन हो जाएगी।
यह सार्वजनिक क्षेत्र की केन्द्रीय योजना है जिसके लिए पूर्ण रूप से केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा।
इस योजना के कार्यान्वयन के लिए अनुदान वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष से मिलेगा।
इस योजना के अंतर्गत योग्य बुज़ुर्ग लाभार्थियों को उनकी बीमारी एवं अक्षमता के आधार पर निम्नलिखित सहायता एवं जीवन जीने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। 1
चलने की छड़ियां 2
कोहनी बैसाखियां 5
सुनने की मशीन 6
कृत्रिम दांत एवं जबड़ा 8
चश्मा योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैः ये उपकरण वरिष्ठ नागरिकों को आयु संबंधी शारीरिक दिक्कतों से निपटने में मदद करेंगे और परिवार के अन्य सदस्यों के ऊपर उनकी निर्भरता को कम करते हुए उन्हें बेहतर जीवन जीने का अवसर देंगे।
योजना को भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम) नामक एकमात्र कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा लागू किया जाएगा।
भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम बुज़ुर्गों को दी जाने वाली इस सहायता एवं जीवन जीने के लिए आवश्यक उपकरणों की एक वर्ष तक निःशुल्क देखरेख करेगा।
जहां तक संभव होगा प्रत्येक ज़िले में 30 फीसद लाभार्थी बुज़ुर्ग महिलाएं होंगी।
ये सभी उपकरण शिविरों के माध्यम से वितरित किए जाएंगे।
इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए आगामी तीन वर्षों (वित्तीय वर्ष 201920 तक) के लिए अनुमानित वित्तीय खर्च 4836 करोड़ रुपये है।
देश में अपनी तरह की पहली महत्वाकांक्षी योजना से आगामी तीन वर्षों में करीब 520000 वरिष्ठ नागरिकों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सीमेंट उद्योग में वैकल्पिक ईंधनों और कच्चे माल पर तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सीमेंट उद्योग में वैकल्पिक ईंधन एवं कच्चा माल स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने की दिशा में कदम पर तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आज उद्घाटन किया गया।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग में संयुक्त सचिव सुश्री रवनीत कौर ने ताप प्रतिस्थापन दर (टीएसआर) को बढ़ाने के लिए एएफआर के उपयोग में वृद्धि हेतु सीमेंट उद्योग द्वारा किये गये प्रयासों एवं पहल के लिए उसकी सराहना की। ताप प्रतिस्थापन दर (टीएसआर) बेहद कम 1 फीसदी है जबकि विश्वा भर में यह औसतन 60 फीसदी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सीमेंट उद्योग फिल्हाल वैश्विक सीमेंट आवश्येकता के 7 फीसदी का उत्पा्दन करता है। उन्हों ने यह भी कहा कि देश में प्रति व्य्क्ति सीमेंट खपत को बढ़ाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है जो अब भी निराशाजनक स्त्र पर ही टिकी हुई है।
उन्होंकने समग्र (कम्पोजिट) सीमेंट पर बीआईएस मानकों को हाल ही में जारी किये जाने के कदम की सराहना की।
सुश्री कौर ने सीमेंट उद्योग को यह आश्वाेसन दिया कि सीमेंट उद्योग में इस तरह के एएफआर उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए अनुकूल नीतियां तैयार करने हेतु सरकार अपनी ओर से भरसक सहायता करेगी।
एस चौकसी ने अपने प्रमुख संबोधन में वैकल्पिक ईंधनों फ्लाई ऐश धातु की तलछट इत्यादि के कारगर उपयोग के लिए भारतीय सीमेंट उद्योग द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों पर रोशनी डाली।
उन्होंने उद्योग के समक्ष मौजूद चुनौतियों का भी उल्लेाख किया।
गृह मंत्रालय केन्द्रीय गृह मंत्री ने राज्यों को केन्द्रीय सहायता के लिए एचएलसी बैठक की अध्यक्षता की एचएलसी ने एनडीआरएफ और एनआरडीडब्ल्यूपी से लगभग 5021 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 10 राज्यों आंध्र प्रदेश असम बिहार हिमाचल प्रदेश कर्नाटक मणिपुरराजस्थान तमिलनाडु तेलंगाना और उत्तर प्रदेश को केन्द्रीय सहायता देने के लिए आज यहां आयोजित उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की बैठक की अध्यक्षता की।
502064 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी गई है जिसमें राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 497997 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) से 4067 करोड़ रुपये की सहायता शामिल है।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह केन्द्रीय गृह सचिव श्री राजीव महर्षि और नीति आयोग गृह मंत्रालय कृषि मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
वित्त मंत्रालय भारतसिंगापुर डीटीएए में संशोधन करने वाले तीसरे प्रोटोकॉल को आज अधिसूचित किया गया यह 27 फरवरी 2017 से प्रभावी हो गया है भारतसिंगापुर दोहरा कराधान निवारण समझौते (डीटीएए) में संशोधन करने वाला तीसरा प्रोटोकॉल 27 फरवरी 2017 से प्रभावी हो गया है। इस पर 30 सितम्बर 2016 को हस्ताक्षर किये गये थे।
इसे आज सरकारी राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है।
भारतसिंगापुर डीटीएए में फिलहाल किसी कंपनी के शेयरों के पूंजीगत लाभ पर निवास आधारित कराधान का प्रावधान है।
तीसरे प्रोटोकॉल में 1 अप्रैल 2017 से डीटीएए में संशोधन किया गया है ताकि किसी कंपनी के शेयरों की बिक्री से प्राप्त होने वाले पूंजीगत लाभ पर स्रोत आधारित कराधान सुनिश्चित किया जा सके।
इससे राजस्व के नुकसान पर अंकुश लगेगा और निवेश का प्रवाह सहज होगा।
इसके अलावा 1 अप्रैल 2017 से लेकर 31 मार्च 2019 तक की दो साल की संक्रमण अवधि का प्रावधान किया गया है।
इस दौरान शेयरों पर प्राप्त होने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स स्रोत देश में ही लगाया जायेगा जो सामान्य कर दर का आधा होगा। इसके लिए लाभ की सीमा वाले अनुच्छेद में उल्लिखित शर्तों को पूरा करना जरूरी होगा।
तीसरे प्रोटोकॉल के तहत डीटीएए में धारा 9(2) भी जोड़ी गई है जिससे ट्रांसफर प्राइसिंग मामलों में आर्थिक दोहरे कराधान से राहत मिलेगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 के बारे में जानकारी दी स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ज़रिए हम दुनिया के सबसे बड़े ओपन इनोवेशन मॉडल को सृजित करने की आशा करते हैं जिसे अन्य देश भी पुनः दोहरा सकते हैं मानव संसाधन विकास मंत्री केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज नई दिल्ली में पत्रकारों को स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 के बारे जानकारी दी। इसको आई4सी (i4c) माईजीओवी (mygov) पर्सिस्टेंट सिस्टम (persistent system) एवं रम्भाउ म्हाल्गी पबोदिनी (rambhau mhalgi pabodini) के सहयोग से पहले ही शुरू किया जा चुका है।
मंत्री ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ज़रिए हम दुनिया के सबसे बड़े ओपन इनोवेशन मॉडल को सृजित करने की आशा करते हैं जिसे अन्य देश भी पुनः दोहरा सकते हैं।
श्री जावड़ेकर ने आगे कहा कि हैकाथॉन की अवधारणा भारत मे अभी भी नई है इसलिए स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से एआईसीटीई ने देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 26 स्थानों पर जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया है।
इन कार्यशालाओं ने विद्यार्थियों को हमारे देश की समस्याओं को समझने और उनसे जुड़ने में मदद की।
7531 टीमों में से 01 एवं 02 अप्रैल को आयोजित होने वाले ग्रैंड फिनाले के लिए 1266 टीमों (प्रत्येक टीम में 08 सदस्य कुल 10000 प्रतिभागी) को चुना गया है।
यह पहला मौका है जब करीब 10000 युवा राष्ट्रहित में किसी कारगर उत्पाद को विकसित करने के लिए 36 घंटों तक लगातार कार्य करेंगे।
हमारे पास विद्यार्थियों के लिए 50 लाख रुपये तक के विभिन्न पुरस्कार हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह बात है कि इस पहल के दौरान छात्रों द्वारा विकसित उत्पादों को विभिन्न मंत्रालयों द्वारा अपनाए जाने की उम्मीद है।
इसके अतिरिक्त हम नासकोम एवं एआईसीटीई डीएसटी डीबीटी एवं आईसीएमआर जैसी अन्य अनुदान प्रदान करने वाली एजेंसियों से आशा करते हैं कि वे इस पहल के दौरान आने वाले सर्वोत्तम विचारों को चुनें और उन्हें स्टार्टअप में परिवर्तित करने में मदद करें।
मंत्री ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 की सफलता सुनिश्चित करने के लिए हम विभिन्न स्तरों पर छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन भी कर रहे हैं।
पहली बार हम आशा करते हैं कि इन ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्रों के ज़रिए 30000 से भी अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
मंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा हैकाथॉन होगा।
गृह मंत्रालय डॉ किरण बेदी ने पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुखों की 35वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया पुदुचेरी की उपराज्यपाल ने कहा ईलर्निंग ने लागत समय और दूरी को कम किया है पुदुचेरी की उपराज्यपाल डॉ