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उन्होंने सभी अनुसूचित बैंकों के अनुसार सभी गैरअनुसूचित सहकारी बैंकों के एनपीए खातों के संबंध में एक्रूअल आधार की बजाय वास्तविक प्राप्ति पर प्राप्त होने वाले ब्याज पर कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
इससे ब्याज आय प्राप्त न होने पर भी कर भुगतान करने का कष्ट समाप्त होगा। एलएनजी को ईंधन के साथसाथ पेट्रो रसायन क्षेत्र के फील्ड स्टॉक के प्रयोग की व्यापकता पर विचार करते हुए वित्त मंत्री ने एलएनजी पर मूल सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया है।
घरेलू मूल्य संवर्द्धन को प्रोत्साहित करने तथा मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने अपने भाषण में कुछ वस्तुओं के संबंध में सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में परिवर्तन करने का प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्रालय मौजूदा श्रम कानूनों को सरल एवं तर्कसंगत बनाने और उनके विलय के लिए विधायी सुधारों को लागू किया जाएगा केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 201718 पेश करते हुए कहा कि सरकार कामगारों से जुड़ा एक ऐसा अनुकूल माहौल बनाना चाहती है जिसमें कामगारों के अधिकारों का संरक्षण हो और सामंजस्यपूर्ण श्रमिक संबंध बने रहें जिससे कि उनकी उत्पादकता में बढ़ोतरी संभव हो सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा श्रम कानूनों को सरल एवं तर्कसंगत बनाने और चार संहिताओं में इनका विलय करने के लिए विधायी सुधारों को लागू किया जाएगा।
इन चार संहिताओं में ये शामिल हैं (i) पारिश्रमिक (ii) औद्योगिक संबंध (iii) सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण और (iv) सुरक्षा एवं कार्य की स्थितियां।
वित्त मंत्री श्री जेटली ने यह भी कहा कि मॉडल शॉप एवं प्रतिष्ठान विधेयक 2016 की प्रतियां सभी राज्यों को मुहैया करा दी गई हैं ताकि वे इस पर विचार करने के साथसाथ उसे अपना सकें।
इससे महिलाओं के रोजगार के लिए अतिरिक्त अवसर उपलब्ध होंगे।
पारिश्रमिक भुगतान अधिनियम में किया गया संशोधन कामगारों के हित के साथसाथ कारोबार करने में सुगमता के लिए भी हमारी सरकार की एक और पहल है।
वित्त मंत्रालय विश्वाविद्यालय अनुदान आयोग में सुधारों को लागू किया जाएगा अच्छी गुणवत्ताव वाले संस्थाआनों को और ज्यागदा प्रशासनिक एवं शैक्षणिक स्वालयत्ताता दी जाएगी केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 201718 पेश करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के अंतर्गत सरकार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) में सुधारों को लागू करेगी।
उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले संस्थानों को और ज्यादा प्रशासनिक एवं शैक्षणिक स्वायत्तता दी जाएगी।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्यायन और रैंकिंग के आधार पर कॉलेजों की पहचान की जाएगी और उन्हें स्वायत्तता प्राप्त संस्थान का दर्जा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि परिणाम आधारित प्रत्यायन और क्रेडिट आधारित कार्यक्रमों के लिए एक संशोधित रूपरेखा तैयार की जाएगी।
वित्त मंत्रालय 2017 तक कालाजार और फिलारियासिस 2018 तक कुष्ठ तथा 2020 तक खसरा समाप्त करने के लिए कार्य योजना झारखंड और गुजरात में दो नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित किये जाएंगेऔषधियों की उचित मूल्यों पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए औषधि और सौन्दर्य प्रसाधन नियमावली में संशोधन किया जाएगा केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरूण जेटली ने आज संसद में वर्ष 201718 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार ने 2017 तक कालाजार और फिलारियासिस 2018 तक कुष्ठ तथा 2020 तक खसरा समाप्त करने के लिए कार्य योजना तैयार की है।
2025 तक तपेदिक को भी समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसी प्रकार नवजात शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) जो 2014 में 39 था उसे घटाकर 2019 तक 28 करने तथा मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) जो 201113 में 167 था उसे 201820 तक 100 करने के लिए भी कार्य योजना बनाई गई है।
15 लाख स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केन्द्रों में परिवर्तित किया जाएगा।
श्री जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा द्वितीयक और तृतीयक स्तरों की देखभाल को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की जरूरत है इसलिये हमने प्रति वर्ष 5000 अतिरिक्त स्नातकोत्तर सीटें सृजित करने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा बड़े जिला अस्पतालों में डीएनबी पाठ्यक्रम शुरू करने चुनिंदा ईएसआई और नगर निगमों के अस्पतालों में स्नातकोत्तर शिक्षा को मजबूत करने तथा प्रख्यात निजी अस्पतालों को डीएनबी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के कदम उठाये जाएंगे।
सरकार देश में चिकित्सा शिक्षा और प्रैक्टिस के विनियामक ढ़ांचे में संरचनात्मक परिवर्तन के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
झारखंड और गुजरात में दो नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित किये जाएंगे।
बजट में उचित मूल्यों पर औषधि की उपलब्धता और जनेरिक औषधियों को बढ़ावा देने के लिए औषधि और सौन्दर्य प्रसाधन नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।
चिकित्सा उपकरणों को विनियमित करने के लिए नई नियमावली तैयार की जाएगी।
ये नियम अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुसार होंगे और इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करेंगे।
इससे इन उपकरणों की लागत कम हो जाएगी।
वित्त मंत्रालय सूचना प्रौद्योगिकी से लाभ उठाने के लिए स्वयं प्लेटफॉर्म लांच किया जाएगा केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 201718 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी से लाभ उठाने और कम से कम 350 ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के साथ स्वयं प्लेटफॉर्म लांच करने का प्रस्ताव किया है।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि इससे विद्यार्थियों को सर्वोत्तम संकाय द्वारा पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों की कक्षाओं में आभासी ढंग से भाग लेने उच्च गुणवत्ता वाली पठन सामग्री तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करने परिचर्चा फोरम में शिरकत करने परीक्षाओं में बैठने और शैक्षणिक ग्रेड हासिल करने में मदद मिलेगी।
शिक्षा को समर्पित डीटीएच चैनलों के साथ संपर्क के जरिए स्वयं तक पहुंच का विस्तार किया जाएगा।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने एनडीडीबी की स्वर्ण जयंती कॉफी टेबल बुक 50 इयर्स द ग्रेट इंडियन मिल्क रिवोल्यूशन का विमोचन किया छोटे ओैर सीमांत दूध उत्पादकों ने मिलकर 1998 से देश को विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनाने में योगदान दिया है श्री राधा मोहन सिंह भारत का दूध उत्पादन 155 करोड़ टन के स्तर को पार कर चुका है श्री सिंह यह पुस्तक एनडीडीबी की 50 वर्षों की उल्लेखनीय यात्रा की झलक दिखाती है श्री सिंह केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश के दुग्ध उत्पादन में हुई प्रगति ग्रामीण डेरी सहकारी समितियों की मेहनत का नतीजा है।
उन्होंने यह बात आज कृषि मंत्रालय में एनडीडीबी की स्वर्ण जयंती कॉफी टेबल बुक शीर्षक 50 इयर्स द ग्रेट इंडियन मिल्क रिवोल्यूशन के विमोचन के अवसर पर कही।
कृषि मंत्री ने कहा कि छोटे ओैर सीमांत दूध उत्पादकों ने मिलकर 1998 से देश को विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनाने में योगदान दिया है ।
सभी सफलताएं रातोंरात नहीं प्राप्त हुईं हैं बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में दूध उत्पादकों के लगातार श्रम प्रतिबद्ध पेशेवरों द्वारा प्राप्त सहायता तथा राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की दूर दृष्टि तथा विशेषज्ञता के परिणामस्वरूप हासिल हुई हैं।
कृषि मंत्री इस मौके पर बताया कि आपरेशन फ्लड तथा वर्तमान राष्ट्रीय डेरी योजना के माध्यम से एनडीडीबी के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप भारतीय डेरी क्षेत्र ने निरंतर विकास बनाए रखने में सफलता प्राप्त की है।
कृषि जीडीपी में पशुधन का योगदान तथा डेरी उद्योग में पशुधन की हिस्सेदारी में पिछले कई वर्षों से निरंतर वृद्धि हुई है।
मूल्य की दृष्टि से दूध भारत का सबसे बड़ा कृषि उत्पाद है ।
कृषि मंत्री ने कहा कि साथ एनडीडीबी के प्रयासों ने देश में पोषण सुरक्षा लानेदूध की आत्मनिर्भरता लाने तथा उपभोक्ताओं को किफायती दर पर सुरक्षित तथा पौष्टिक दूध एवं दूध उत्पाद उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
एनडीडीबी ने देश में डेरी उद्योग के भावी विकास हेतु अनुकूल परिस्थिति का निर्माण करने के लिए पिछले कई वर्षों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा व्यवस्थित प्रक्रियाओ को स्थापित किया है ।
एनडीडीबी के प्रयासों का लक्ष्य हमेशा से उत्पादकता में सुधार लाभप्रदता स्थिरता लाने पर केंद्रित है जिसके द्वारा लघु धारक दूध उत्पादकों की आजीविका में सुधार होगा ।
श्री सिंह ने कहा कि यह पुस्तक एनडीडीबी की 50 वर्षों की उल्लेखनीय यात्रा की झलक दिखाती है साथसाथ इसमें देश के लाखों डेरी किसानों के लिए सृजित मूल्य का वर्णन है ।
यह पुस्तक एनडीडीबी की उन मान्यताओं के बारे में मिसाल प्रस्तुत करती है कि सहकारी सिद्धांत आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना पहले था तथा जो संस्थाएं इन मान्यताओं का पालन करेंगी वे भविष्य में डेरी उद्योग को संचालित करने के लिए संरचनात्मक ढांचे का निर्माण करेंगी ।
यह पुस्तक ग्रामीण भारत में सामाजिकआर्थिक बदलाव लाने में डेरी बोर्ड के प्रयासों को भी रेखांकित करती है ।
उन्होंने कहा कि हम सभी का यह सामूहिक उत्तरदायित्व है कि हम सफल व्यावसायिक उद्यम के रूप में सहकारी डेरी उद्योग की विशेषताओं के बारे में जागरूकता फैलाएं ।
हमें लघुतम तथा दूरतम दूध उत्पादकों तक पहुंचने का कठोर प्रयास करना चाहिए ताकि वे आत्म निर्भर बन सकें ।
एनडीडीबी की स्थापना सहकारिता के माध्यम से किसानों को सेवा प्रदान करने के लिए हई थी।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय निवेश लक्ष्य निर्धारण एवं सुविधा डेस्क भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आम तौर पर तेजी से बढ़ने वाले उद्योग के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें कृषि अर्थव्यवस्था के विकास की असीम संभावनाएं हैं।
इस क्षेत्र की अहमियत इस तथ्य से और भी ज्यादा बढ़ जाती है कि 60 फीसदी से भी ज्यादा आबादी आजीविका के लिए कृषि से जुड़ी गतिविधियों पर निर्भर है जबकि सकल मूल्य वर्द्धित (जीवीए) में कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 17 फीसदी है।
भारत में एफडीआई और निवेश को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल के नेतृत्व में आधिकारिक मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल विश्व भर का दौरा कर रहे हैं।
इसके लिए मिली शुरुआती प्रतिक्रिया बड़ी ही उत्साहवर्धक रही है।
बड़ी संख्या में विदेशी कंपनियों ने भारत आकर विश्वसनीय स्थानीय भागीदार से हाथ मिलाने में रुचि दिखाई है।
इसे ध्यान में रखते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने मंत्रालय के अंतर्गत ही एक निवेश लक्ष्य निर्धारण एवं सुविधा डेस्क बनायी है जो उनकी मदद गठबंधन करने नेटवर्क बनाने एवं भारत से वस्तुओं की प्राप्ति में करेगी।
संबंधित प्रकोष्ठ भारतीय कंपनियों की एक सूची भी उनके विदेशी भागीदारों के लिए तैयार करेगा।
जनजातीय कार्य मंत्रालय सिक्किम विधानसभा में जनजातियों के लिए पांच अतिरिक्त सीटें आरक्षित करने संबंधी प्रस्ताव को केंद्रीय जनजाति आयोग की मंजूरी केंद्रीय जनजाति आयोग की आज नई दिल्ली में हुई पूर्ण बैठक में सिक्किम विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 12 से बढाकर 17 करने संबंधित गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी देने समेत कई महत्वपूर्ण फैसले किये गये।
सिक्किम विधानसभा में इस समय 32 सदस्य हैं जिसे बढाकर 40 किया जाना है।
बढ़ाई जाने वाली आठ में से पांच सीटें लिम्बू एवं तमांग जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी।
आयोग ने यह भी फैसला किया कि जनजातियों पर होने वाले अत्याचारों के मामलों की मौके पर जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच दल भेजेगा जो मामलों की जांच कर आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
आयोग ने फैसला किया कि सभी राज्यों को पत्र भेजकर यह जानकारी एकत्र की जाये कि उनके यहां जनजाति कल्याण कार्यक्रमों की ताजा स्थिति क्या है।
राज्यों से यह भी कहा जाएगा कि वे अपने यहां गठित आदिम जाति मंत्रणा परिषद की गतिविधियों की भी पूरी जानकारी दें।
साथ ही राज्यों से यह भी अनुरोध किया जायेगा कि वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर केंद्रीय जनजाति आयोग का लिंक भी उपलब्ध कराए ताकि लोगों को आयेाग की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हो सके।
आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री नंद कुमार साय ने कहा कि आयोग जनजातियों की जमीन गैरकानूनी ढंग से हस्तांतरित करने को लेकर बहुत गंभीर है।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले से संबंधित विभिन्न मुद्दों का विस्तृत अध्ययन कराया जाएगा।
बाद में उस पर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की जाएगी जिसमें सभी राज्यों को आमंत्रित कर इस पर व्यापक विमर्श किया जायेगा।
श्री साय ने यह भी कहा कि जो कोई भी अधिकारी जनजाति आयोग के पत्राचार अथवा नोटिस को गंभीरता से नहीं लेगा और तय समय सीमा में समुचित जानकारी उपलब्ध नहीं करायेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।
श्री साय ने कहा कि आयोग को प्रभावशाली बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जाएंगे एवं यह सुनिश्चित किया जायेगा कि आयोग के क्रियाकलापों का व्यापक प्रचार प्रसार हो ताकि आयोग आदिवासी कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
श्री साय ने आयोग के सदस्यों एवं अधिकारियों का आहवान किया कि वे सब एकजुट होकर जनजातियों के कल्याण के लिए व्यक्तिगत निष्ठा से कार्य करें।
बैठक में आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री अनुसुइया उइके सदस्य श्री हरि क़ष्ण डामोर सदस्य हर्षद भाई चुनीलाल वसावा एवं सचिव श्री राघव चंद्रा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
मंत्रिमण्डल कैबिनेट ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन को मंजूरी दी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार(आईटीई) अधिनियम 2009 में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
यह संशोधन सुनिश्चित करेगा कि सभी शिक्षकों को 31 मार्च 2015 की स्थिति में 31 मार्च 2019 यानी चार साल तक इस तरह के प्रशिक्षण के लिए अवधि बढ़ाने के लिए अकादमिक प्राधिकारी द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता प्राप्त करें।
इससे सेवा में बरकरार प्राथमिक शिक्षक अपने प्रशिक्षण को पूरा करने में सक्षम होंगे और इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि देश के प्राथमिक स्तर के सभी शिक्षकों में योग्यता का एक निश्चित न्यूनतम मानक निर्धारित हो।
इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि सभी शिक्षक न्यूनतम योग्यता रखें जो कि शिक्षण की गुणवत्ता के मानक को बनाए रखने के लिए जरूरी मानी जाती है।
इससे आखिरकर शिक्षकों की समग्र गुणवत्ता और शिक्षण प्रक्रियाओं में सुधार होगा। इससे परिणामस्वरूप बच्चों के सीखने के मामलों में सुधार होगा।
इस संशोधन के बाद से सरकार का भी प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर बढ़ेगा।
पृष्टभूमिः निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार(आरटीई) अधिनियम 2009 एक अप्रैल 2010 से देश में प्रभावी है।
इसकी परिकल्पना 614 वर्ष उम्र के देश के हरेक बच्चों को अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए की गई थी।
इस अधिनियम में धारा 23(2) के तहत प्राथमिक स्तर पर जिन शिक्षकों के पास 31 मार्च 2015 तक यानी पांच वर्ष के दौरान न्यूनतम योग्यता नहीं था उन सभी के लिए इस संशोधन के जरिये न्यूनतम योग्यता प्राप्त करना जरूरी होगा।
कई राज्य सरकारों का कहना है कि प्राथमिक स्तर पर कुल 6641 लाख शिक्षकों में से अभी तक 1100 लाख शिक्षक(इनमें 512 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक जबकि 598 लाख निजी स्कूलों के शिक्षक अप्रशिक्षित हैं) अप्रशिक्षित हैं।
आरटीई कानून 2009 में यह संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी शिक्षकों को 31 मार्च 2015 तक अकादमिक प्राधिकारी द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता प्राप्त करना सुनिश्चित करना होगा। अब इन अप्रशिक्षित शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक प्राथमिक स्तर तक चार वर्षों में न्यूनतम योग्यता हासिल करना होगा।
मंत्रिमण्डल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और अमेरिका के बीच साइबर सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और अमेरिका के बीच साइबर सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुए समझौता ज्ञापन से अवगत कराया। यह समझौता साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में मदद के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटीएलएन) और अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के बीच हुआ है।
नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन पर 11 जनवरी 2017 को हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौता ज्ञापन संबंधित कानूनों नियमों और विनियमों के अनुसार साइबर सुरक्षा से संबंधित सूचनाओं के करीबी सहयोग एवं विनिमय का इरादा रखता है।
मंत्रिमण्डल कैबिनेट ने नाबार्ड अधिनियम 1981 में संशोधन के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित प्रस्तावों को अनुमति प्रदान कर दी है (ए) कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक अधिनियम 1981 के मसौदे में बदलाव प्रस्तावित किया गया है। अधिनियम में बदलाव को विधि विभाग ने आवश्यक माना है।
इस संशोधन में वह बिन्दु भी शामिल है जिसके होने के बाद केंद्र सरकार नाबार्ड की अधिकृत पूंजी में 5000 करोड़ रुपये को बढ़ाकर 30000 करोड़ रुपये कर सकेगी।
नाबार्ड की पूंजी में यह 30000 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि आवश्यकता अनुसार rbi के परामर्श से होगी।
(बी) नाबार्ड में रिजर्व बैंक की इक्विटी चार प्रतिशत है जो भारत सरकार के लिए 20 करोड़ रुपये होगी।
नाबार्ड अधिनियम में जो संशोधन प्रस्तावित हैं उनमें नाबार्ड के तहत मध्यम उद्यमों और हथकरघा उद्योग को लाना है। साथ ही कुछ अनुभागों में परिवर्तन सहित कुछ अन्य संशोधन लंबित हैं।
प्राधिकृत पूंजी में प्रस्तावित वृद्धि से नाबार्ड अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सक्षम होगा खासकर लंबे अवधि के सिंचाई फंड और कॉपरेटिव बैंक से कर्ज लेने संबंधी हाल ही में कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक काम करने में नाबार्ड सक्षम होगा।
यह नाबार्ड को अपने कारोबार और अपनी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सक्षम बनाएगा जिससे एकीकृत ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजन सहित ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि बढ़ेगी।
नाबार्ड में शेयरों के हस्तातंरण के बाद फंड को लेकर रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच होने वाले मतभेद खत्म होंगे।
मंत्रिमण्डल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्टार्टप्स के लिए निधि स्थापित करने को मंजूरी दी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्टार्टप्स के लिए निधि स्थापित करने के लिए निम्नलिखित प्रस्तावों को अनुमति प्रदान कर दी है।
इसे पिछले साल जून में 1000 करोड़ रुपये के साथ स्थापित किया गया था।
यह भी निर्णय लिया गया कि एआईएफ और बकाया के लिए किए गए प्रतिबद्धताओं के 050 की सीमा तक एफईएस से ली जाएगी जिससे वेंचर कैपिटल इनवेस्टमेंट कमेटी की बैठक का आयोजन कानूनी और तकनीकी मूल्यांकन के लिए परिचालन व्यय आदि की पूर्ति होगी।
प्रत्येक आधे वर्ष की शुरुआत में (एक अप्रैल और एक अक्टूबर को) इसे फंड में निकासी की जाएगी।
एफएफएस का प्रबंधन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक(सिडबी) की देखरेख में होता है।
सेबी में पंजीकृत वैकल्पिक निवेश निधि(एआईएफ) में एफएफएस योगदान करता है। यह योगदान अधिकतम 35 प्रतिशत से अधिक तक हो सकता है।
विभिन्न हितधारकों के साथ अपनी बातचीत के दौरान यह विभाग को सूचित किया गया है कि एआईएफ में निवेशकों को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे एआईएफ का पोर्टफोलियो निवेश के जोखिम को उचित रूप से प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त रूप से विविध है और अगर एआईएफ के संपूर्ण धन को स्टार्टअप में निवेश किया जाता है तो यह ऐसे एआईएफ के निवेशकों के लिए अस्वीकार्य जोखिम बना हुआ है।
जिन अन्य मुद्दों को लेकर हितधारकों ने चिंता जाहिर की उनमें एआईएफ द्वारा स्टार्टअप के वित्तपोषण की प्रक्रिया लंबे समय से तैयार की गई है जो एआईएफ द्वारा शुरूआती प्रतिबद्धता से शुरू होती है और फिर फंड्स में फंड जारी करता है शामिल है।
इस प्रकार यह संभव है कि अंतिम किस्त के जारी किए जाने से पहले स्टार्टअप का कारोबार 25 करोड़ रुपये हो लेकिन इसकी अभी भी अपनी विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है।
इसके अलावा स्टार्ट अप को अपने जीवन चक्र के विभिन्न चरणों के माध्यम से धन जुटाने की आवश्यकता होती है अर्थात प्रारंभिक चरण बीज स्तर और विकास मंच पर।
सिडबी द्वारा विभाग को भी बताया गया कि वर्तमान प्रावधान एआईएफ को स्वीकृति के बाद की गई गतिविधियों के लिए सिडबी को मुआवजा देने के लिए अधिकार प्रदान नहीं करते हैं।
इन निर्णयों को ऊपर की चिंताओं की पृष्ठभूमि में लिया गया है।
मंत्रिमण्डल मंत्रिमंडल ने सीमा एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम में सेसों के उन्मूलन और विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर अधिभार के संबंध में जीएसटी व्यवस्था को लागू करने के लिए संशोधन को अनुमोदित किया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी।
सीमा शुल्क अधिनियम1962 में संशोधन 2