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इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: मराठी साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार | मराठी के मशहूर साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। नेमाड़े देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान पाने वाले 55वें साहित्यकार हैं। इससे पहले पांच दफा संयुक्त रूप से यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।
ज्ञानपीठ की ओर से आज जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि ज्ञानपीठ पुरस्कारों के स्वर्ण जयंती वर्ष में मराठी भाषा के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्य साधक भालचंद्र नेमाड़े को वर्ष 2014 का 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा।
ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति के चैयरमैन और प्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया।
पद्मश्री से सम्मानित नेमाड़े को उपन्यासकार, कवि, आलोचक और शिक्षाविद् के तौर पर जाना जाता है। वह 60 के दशक के लघु पत्रिका आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर थे।
ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई ने बताया कि नेमाड़े भारतीय भाषाओं के ऐसे साहित्यकारों में शामिल हैं, जिन्होंने तीन पीढ़ियों को प्रभावित किया है। मराठी साहित्य में उनकी प्रमुख कृतियों में साल 1968 में प्रकाशित उपन्यास 'कोसला' और साल 2010 में प्रकाशित वृहद उपन्यास 'हिन्दू : जगण्याची समृद्ध अडगल' शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि नेमाड़े को आलोचनात्मक कृति 'टीका स्वयंवर' के लिए वर्ष 1990 में साहित्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। मंडलोई ने बताया कि ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप में 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र, वाग्देवी की प्रतिमा प्रदान की जाएगी।
गौरतलब है कि पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार से 1965 में मलयालम के लेखक जी शंकर कुरूप को सम्मानित किया गया था। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले नेमाड़े मराठी के चौथे साहित्यकार हैं। इससे पहले वीएस खांडेकर, वीवीएस कुसुमाग्रज और विंदा करंदीकर इस सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। | 2 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: यूपी : दो नाबालिग बच्चियों को कथित रूप से गैंगरेप के बाद फांसी पर लटकाया | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के कटरा गांव में दो नाबालिग बच्चियों के शव पेड़ से लटके मिले हैं। परिजनों का आरोप है कि दोनों नाबालिग बच्चियों की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई है। इस मामले में दो पुलिसवालों समेत पांच लोगों पर केस दर्ज किया गया है। वहीं एसपी सिटी ने बलात्कार की पुष्टि नहीं की है।
घटना से आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर रास्ता जाम किया। इस मामले में दो आरोपी सिपाहियों के खिलाफ वारदात की साजिश रचने का मामला दर्ज करके उन्हें निलम्बित कर दिया गया है। इसके अलावा चौकी प्रभारी रामविलास यादव को भी लापरवाही के आरोप में मुअत्तल किया गया है।
पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना ने बताया कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा गांव में दलित जाति की 14 तथा 15 साल की दो चचेरी बहनें रात शौच करने के लिए गांव के बाहर गई थीं। उनके घर न लौटने पर परिजन ने रात भर उनकी तलाश की। सुबह एक बाग में आम के पेड़ की डाली पर फांसी से दोनों लड़कियों के शव लटकते पाये गये।
उन्होंने बताया कि कटरा चौकी में तैनात सिपाहियों सर्वेश यादव और रक्षपाल यादव समेत इस मामले के सात आरोपियों में से पप्पू यादव, अवधेश यादव और बृजेश यादव को नामजद किया गया है जबकि दो अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा हुआ है। आरोपियों में से पप्पू को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी की तलाश जारी है। | 8 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: 'Article 15' Trailer: आयुष्मान खुराना को आया गुस्सा, बोले- इंसाफ की भीख मत मांगो... | यह एक लेख है: बॉलीवुड में बैक-टू-बैक हिट फिल्में देने वाले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) जल्द ही सिनेमाघरों में नजर आएगी. इन्वेस्टिगेटिव ड्रामा और रोमांच से भरी आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म का दमदार ट्रेलर रिलीज हो चुका है, जिसमें आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) पुलिस अधिकारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं. इससे पहले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) के शानदार टीजर ने भी सोशल मीडिया पर काफी धमाल मचाया था. टीजर रिलीज होने के बाद से ही आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) के फैंस में फिल्म को लेकर एक्साइटमेंट बढ़ गई है.
गुरुवार को रिलीज हुए 'आर्टिकल15' (Article 15) के ट्रेलर में आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की एक्टिंग काफी जबरदस्त लग रही है. इसमें आयुष्मान खुराना ऐसे पुलिस अधिकारी का रोल अदा कर रहे हैं, जो समाज में बदलाव लाने का लक्ष्य रखता है. फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) का ट्रेलर डॉ. बी आर अंबेडकर (BR Ambedkar) की प्रतिमा से शुरू होता है. 'आर्टिकल 15' (Article 15) के ट्रेलर के दौरान यह भी संदेश दिया गया कि 'सबसे पहले भारतीय बनें'.
बता दें कि फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) को अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने डायरेक्ट किया है, साथ ही इसका प्रोडक्शन जी स्टूडियो (Zee Studio) के बैनर तले हुआ है. 'आर्टिकल 15' (Article 15) 28 जून, 2019 को रिलीज होगी. इस फिल्म में आयुष्मान खुराना के अलावा ईशा तलवार (Isha Talwar), एम नसार (M Nassar), मनोज पाहवा (Manoj Pahwa), सयानी गुप्ता (Sayani Gupta), कुमुद मिश्रा (Kumud Mishra) और मोहम्मद जीशान अय्यूब (Md Zeeshan Ayyub ) भी नजर आएंगे. इसके साथ ही आयुष्मान खुराना (Anubhav Sinha) अभिनीत फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल के दसवें संस्करण में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए भी तैयार है. | 2 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: व्यापमं घोटाले पर संघ चुप क्यों? | व्यापमं को उजागर करने वाले व्हीसलब्लोअर में से एक आशीष चतुर्वेदी 2006 के साल से ही संघ की शाखा में जाने लगे। तब 12वीं में थे। 2008 तक आते आते आशीष प्राथमिक वर्ग पूरा कर संघ शिक्षित हो गए। कुछ समय बाद विद्यार्थी विस्तारक बन गए और ग्वालियर के नई सड़क स्थित संघ कार्यालय में कई महीने रहे भी। आशीष विस्तारक से प्रचारक बनना चाहते थे लेकिन मां की बीमारी आशीष को घर ले आई और फिर वहां से वो उस रास्ते पर चल दिए जहां आर एस एस के वैचारिक और शारीरिक श्रम से बनी बीजेपी सरकार की छवि ही दांव पर लगनी थी। ये और बात है कि संघ के क्षेत्रीय प्रचारक आशीष का व्यक्तिगत और गुप्त रूप से हौसला बढ़ाते हैं और पिछले महीने तक वे व्यापमं घोटाले के खिलाफ लड़ते हुए जब भी भोपाल गए, हबीबगंज रेलवे स्टेशन के सामने संघ कार्यालय समिधा में रुकते भी रहे। आशीष को सुरक्षा के लिए गनर दिया गया है। अभी तक सत्तर अस्सी बार गनर बदल चुका है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दिन से ग्वालियर लौटने के बाद इनका गनर पांच बार बदल चुका है।
पहले भी बताया है कि एक और व्हीसलब्लोअर इंदौर के डॉक्टर आनंद राय भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। आनंद राय की सुरक्षा का अभी भी क्या हाल है आप जानते हैं।
व्यापमं घोटाला जब सामने आया तब फरवरी 2014 में संघ के बीस बाइस साल तक प्रचारक रहे तीन चार लोगों ने एक बैठक बुलाई। प्रचारक रहे इसलिए कहा कि संघ में यह व्यवस्था है कि आप कुछ समय तक प्रचारक रहने के बाद संघ की व्यवस्था से बिल्कुल अलग हो सकते हैं और अपने स्तर पर मर्ज़ी से काम कर सकते हैं।
इन लोगों ने फेसबुक पर एक पेज भी बनाया व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति। जिसे अभी तक 409 लाइक्स ही मिले हैं। इस समिति को शुरू करने वाले थे पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले, किशोर गोले और रंजन सिन्हा। इन लोगों ने फरवरी 2014 में एक बैठक तय कर समिति बनाई और अपने स्तर पर दस हज़ार लोगों से पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया कि व्यापमं की जांच कोर्ट की निगरानी में ही हो। इसके बाद इन लोगों ने राज्य के 51 ज़िलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया। पांच लाख पैम्फलेट बांटे और पचास हज़ार हस्ताक्षर लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपने गए। लेकिन भोपाल में इनसे ज्ञापन लिए बगैर गिरफ्तार कर लिया गया। ये बात 15 सितंबर 2014 की है। अभय जैन भी गिरफ्तार हुए जो बीस साल तक आर एस एस के प्रचारक रहे हैं। इसके बाद इस समिति ने इस साल 2 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ज्ञापन सौंपे। अभय जी जैन ने कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली प्राप्ति रसीद भी है यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने डाक से भी प्राप्ति भेजी है। इनका कहना है कि वे स्वयंसेवक तो हैं लेकिन आर एस एस की लिखित या मौखिक सहमति के बगैर आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि इन्हें अनुमति की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
पहले भी बताया है कि एक और व्हीसलब्लोअर इंदौर के डॉक्टर आनंद राय भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। आनंद राय की सुरक्षा का अभी भी क्या हाल है आप जानते हैं।
व्यापमं घोटाला जब सामने आया तब फरवरी 2014 में संघ के बीस बाइस साल तक प्रचारक रहे तीन चार लोगों ने एक बैठक बुलाई। प्रचारक रहे इसलिए कहा कि संघ में यह व्यवस्था है कि आप कुछ समय तक प्रचारक रहने के बाद संघ की व्यवस्था से बिल्कुल अलग हो सकते हैं और अपने स्तर पर मर्ज़ी से काम कर सकते हैं।
इन लोगों ने फेसबुक पर एक पेज भी बनाया व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति। जिसे अभी तक 409 लाइक्स ही मिले हैं। इस समिति को शुरू करने वाले थे पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले, किशोर गोले और रंजन सिन्हा। इन लोगों ने फरवरी 2014 में एक बैठक तय कर समिति बनाई और अपने स्तर पर दस हज़ार लोगों से पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया कि व्यापमं की जांच कोर्ट की निगरानी में ही हो। इसके बाद इन लोगों ने राज्य के 51 ज़िलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया। पांच लाख पैम्फलेट बांटे और पचास हज़ार हस्ताक्षर लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपने गए। लेकिन भोपाल में इनसे ज्ञापन लिए बगैर गिरफ्तार कर लिया गया। ये बात 15 सितंबर 2014 की है। अभय जैन भी गिरफ्तार हुए जो बीस साल तक आर एस एस के प्रचारक रहे हैं। इसके बाद इस समिति ने इस साल 2 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ज्ञापन सौंपे। अभय जी जैन ने कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली प्राप्ति रसीद भी है यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने डाक से भी प्राप्ति भेजी है। इनका कहना है कि वे स्वयंसेवक तो हैं लेकिन आर एस एस की लिखित या मौखिक सहमति के बगैर आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि इन्हें अनुमति की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
व्यापमं घोटाला जब सामने आया तब फरवरी 2014 में संघ के बीस बाइस साल तक प्रचारक रहे तीन चार लोगों ने एक बैठक बुलाई। प्रचारक रहे इसलिए कहा कि संघ में यह व्यवस्था है कि आप कुछ समय तक प्रचारक रहने के बाद संघ की व्यवस्था से बिल्कुल अलग हो सकते हैं और अपने स्तर पर मर्ज़ी से काम कर सकते हैं।
इन लोगों ने फेसबुक पर एक पेज भी बनाया व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति। जिसे अभी तक 409 लाइक्स ही मिले हैं। इस समिति को शुरू करने वाले थे पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले, किशोर गोले और रंजन सिन्हा। इन लोगों ने फरवरी 2014 में एक बैठक तय कर समिति बनाई और अपने स्तर पर दस हज़ार लोगों से पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया कि व्यापमं की जांच कोर्ट की निगरानी में ही हो। इसके बाद इन लोगों ने राज्य के 51 ज़िलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया। पांच लाख पैम्फलेट बांटे और पचास हज़ार हस्ताक्षर लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपने गए। लेकिन भोपाल में इनसे ज्ञापन लिए बगैर गिरफ्तार कर लिया गया। ये बात 15 सितंबर 2014 की है। अभय जैन भी गिरफ्तार हुए जो बीस साल तक आर एस एस के प्रचारक रहे हैं। इसके बाद इस समिति ने इस साल 2 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ज्ञापन सौंपे। अभय जी जैन ने कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली प्राप्ति रसीद भी है यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने डाक से भी प्राप्ति भेजी है। इनका कहना है कि वे स्वयंसेवक तो हैं लेकिन आर एस एस की लिखित या मौखिक सहमति के बगैर आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि इन्हें अनुमति की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
इन लोगों ने फेसबुक पर एक पेज भी बनाया व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति। जिसे अभी तक 409 लाइक्स ही मिले हैं। इस समिति को शुरू करने वाले थे पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले, किशोर गोले और रंजन सिन्हा। इन लोगों ने फरवरी 2014 में एक बैठक तय कर समिति बनाई और अपने स्तर पर दस हज़ार लोगों से पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया कि व्यापमं की जांच कोर्ट की निगरानी में ही हो। इसके बाद इन लोगों ने राज्य के 51 ज़िलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया। पांच लाख पैम्फलेट बांटे और पचास हज़ार हस्ताक्षर लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपने गए। लेकिन भोपाल में इनसे ज्ञापन लिए बगैर गिरफ्तार कर लिया गया। ये बात 15 सितंबर 2014 की है। अभय जैन भी गिरफ्तार हुए जो बीस साल तक आर एस एस के प्रचारक रहे हैं। इसके बाद इस समिति ने इस साल 2 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ज्ञापन सौंपे। अभय जी जैन ने कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली प्राप्ति रसीद भी है यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने डाक से भी प्राप्ति भेजी है। इनका कहना है कि वे स्वयंसेवक तो हैं लेकिन आर एस एस की लिखित या मौखिक सहमति के बगैर आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि इन्हें अनुमति की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम | 8 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: Airtel 4जी हॉटस्पॉट के साथ हर महीने 50 जीबी डेटा, 399 रुपये की मासिक शुल्क में | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: Airtel ने एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट खरीदने वाले ग्राहकों के लिए नया मासिक प्लान रिलीज किया है। इच्छुक ग्राहक Airtel 4G Hotspot को 399 रुपये प्रति महीने की दर से किराये पर ले पाएंगे। इस प्लान के साथ ग्राहक को मासिक तौर पर 50 जीबी 4जी डेटा मिलेगा। इसका मतलब है कि अगर आप 399 रुपये का मासिक रेंटल प्लान चुनते हैं तो आपको नया Airtel 4G Hotspot मिलेगा और इस्तेमाल के लिए 50 जीबी डेटा भी। अगर आप 50 जीबी डेटा इस्तेमाल कर लेते हैं तो इसके बाद इंटरनेट की स्पीड घटकर 80 केबीपीएस हो जाएगी।
नए बंडल ऑफर को एयरटेल की वेबसाइट पर लाइव कर दिया गया है। अब यूज़र को एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट खरीदने के अलावा अलग से प्लान चुनने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। Airtel के नए 399 रुपये वाले बंडल प्लान में दोनों ही सुविधाएं किफायती दाम में मिल जाएंगी। याद रहे कि Airtel 4G Hotspot की कीमत हाल ही में कम हुई थी। आप इसे 999 रुपये में खरीद सकते हैं। बता दें कि एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट को 1,500 रुपये में खरीदा गया था।
आपको बता दें कि हॉट स्पॉट को इस्तेमाल करते रहने के लिए यूज़र्स को हर महीने 399 रुपये से रीचार्ज कराना होगा। एक मासिक साइकल में बचा हुआ डेटा अगले साइकल का हिस्सा बन जाएगा। इस डिवाइस को काम करने के लिए एक एक्टिव एयरटेल सिम कार्ड की ज़रूरत होती है। इसे नियमित तौर पर रीचार्ज कराने की ज़रूरत है। अगर किसी क्षेत्र में 4जी नेटवर्क नहीं उपलब्ध है तो वहां 3जी नेटवर्क मिलेगा। आधिकारिक पेज पर कंपनी ने दावा किया है कि यूज़र्स एक वक्त पर हॉटस्पॉट से 10 डिवाइस को कनेक्ट कर सकते हैं। इसके बारे में 6 घंटे की बैटरी लाइफ देने का दावा है। कंपनी ने शर्तों वाले पेज पर बताया है कि अगर सिम को डिवाइस से हटाया जाता है और फायदे मिलने बंद हो जाएंगे।
मार्केट में Airtel 4G Hotspot की भिड़ंत JioFi M2S 4G हॉटस्पॉट डॉन्गल से है। जियो भी अपने जियोफाई 4जी हॉटस्पॉट के साथ नए ऑफर का ऐलान किया था। जियो का हॉटस्पॉट भी 999 रुपये में मिलता है। | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: वार्ता विफल, एयर इंडिया पायलटों की हड़ताल जारी | प्रमुख श्रम आयुक्त (सीएलसी) की पहल पर एयर इंडिया के हड़ताली पायलटों और प्रबंधन के बीच वार्ता का नया दौर बृहस्पतिवार को असफल हो गया और हड़ताल के दूसरे दिन में प्रवेश कर जाने के चलते अनेक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों सहित लगभग 60 विमानों की उड़ानें रद्द कर दी गई। एयर इंडिया प्रबंधन ने दिल्ली उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि हड़ताली पायलटों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने काम पर वापस आने संबंधी अदालत के आदेश का पालन नहीं किया। इस पर अदालत ने काम पर लौटने के आदेश का पालन नहीं करने वाले हड़ताली पायलटों की कड़ी आलोचना की। एयर इंडिया ने इंडियन कमर्शियल पायलट्स ऐसोसिएशन (आईसीपीए) को समर्थन देने के लिए कार्यकारी पायलट वी के भल्ला की सेवाओं को भी समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही बख्रास्त होने वाले काकपिट चालक दल सदस्यों की संख्या बढ़कर सात हो गयी है। सीएलसी एनके प्रसाद ने मंगलवार को वार्ता का पहला प्रयास असफल होने के बाद एयर इंडिया के प्रबंधन और यूनियन के साथ आज बातचीत के दूसरे दौर की शुरूआत की। पहले दौर की बातचीत के असफल होने के बाद आईसीपीए से संबद्ध 800 पायलट हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद प्रबंधन ने आईसीपीए की मान्यता रद्द कर दी, दिल्ली और मुंबई स्थित इसके कार्यालयों को सील कर दिया, छह पायलटों को बख्रास्त कर दिया और दो अन्य को निलंबित कर दिया। बैठक में प्रबंधन इस बात को लेकर अड़ा रहा कि वह रद्द मान्यता वाले श्रमिक संगठन के साथ वार्ता नहीं करेगा जबकि पायलटों ने अपने संगठन की मान्यता को बहाल करने, इसके कार्यालयों से सील हटाने और बख्रास्त तथा निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग की। विमानसेवा के प्रतिनिधियों ने यह कहते हुए पायलटों से वार्ता करने से इंकार कर दिया कि उनका संगठन मान्यता प्राप्त नहीं है और उन्होंने अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया है। | 9 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: टाइटैनिक के डूबने की जगह पर मिलेंगे अमेरिकी, ब्रिटिश पोत | टाइटैनिक के दीवाने अमेरिकी और ब्रिटिश पोतों में सवार होकर उस स्थान पर जा रहे हैं जहां आज से 100 साल पहले टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर डूब गया था।
टाइटैनिक हादसे के 100 साल पूरे होने पर इसकी स्मृति में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
टाइटैनिक हादसे के 100 साल पूरे होने पर इसकी स्मृति में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। | 8 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' से सनी लियोनी का यह सपना जल्द होगा पूरा! | लेख: खबर है कि इस ईद पर रिलीज होने जा रही शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' में सनी लियोनी एक गाना करने जा रही हैं। इस फिल्म में एक स्पेशल आइटम सांग होगा जो सनी लियॉन पर फिल्माया जाएगा।
यानी अब सनी का एक और सपना पूरा होने जा रहा है और उनकी एक शिकायत दूर होने जा रही है, क्योंकि सनी कई बार दुखी होते हुए यह कह चुकी हैं कि उनके पुराने पेशे यानी पोर्न स्टार होने की वजह से उनके साथ कोई बड़ा स्टार और बड़ा फिल्मकार काम करना नहीं चाहता।टिप्पणियां
पिछले कुछ दिनों में बॉलीवुड के दिग्गज उनके साथ खड़े नजर आए हैं। आमिर खान कह चुके हैं कि उन्हें सनी के साथ काम करने में कोई हिंचकिचहट या संकोच नहीं है। आमिर से पहले करण जोहर जैसे बड़े फिल्मकार अपनी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में मेहमान भूमिका के लिए कास्ट कर चुके हैं, जिसमें रणबीर कपूर जैसे अभिनेता मौजूद हैं।
अब खबर आ रही है कि शाहरुख की फिल्म 'रईस' में सनी एक गाना करने वाली हैं। यानी धीरे धीरे ही सही और छोटे पैमाने पर ही सही, बॉलीवुड के बड़े सितारे और बड़े फिल्मकार सनी को अपनी फिल्मों में ले रहे हैं।
यानी अब सनी का एक और सपना पूरा होने जा रहा है और उनकी एक शिकायत दूर होने जा रही है, क्योंकि सनी कई बार दुखी होते हुए यह कह चुकी हैं कि उनके पुराने पेशे यानी पोर्न स्टार होने की वजह से उनके साथ कोई बड़ा स्टार और बड़ा फिल्मकार काम करना नहीं चाहता।टिप्पणियां
पिछले कुछ दिनों में बॉलीवुड के दिग्गज उनके साथ खड़े नजर आए हैं। आमिर खान कह चुके हैं कि उन्हें सनी के साथ काम करने में कोई हिंचकिचहट या संकोच नहीं है। आमिर से पहले करण जोहर जैसे बड़े फिल्मकार अपनी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में मेहमान भूमिका के लिए कास्ट कर चुके हैं, जिसमें रणबीर कपूर जैसे अभिनेता मौजूद हैं।
अब खबर आ रही है कि शाहरुख की फिल्म 'रईस' में सनी एक गाना करने वाली हैं। यानी धीरे धीरे ही सही और छोटे पैमाने पर ही सही, बॉलीवुड के बड़े सितारे और बड़े फिल्मकार सनी को अपनी फिल्मों में ले रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में बॉलीवुड के दिग्गज उनके साथ खड़े नजर आए हैं। आमिर खान कह चुके हैं कि उन्हें सनी के साथ काम करने में कोई हिंचकिचहट या संकोच नहीं है। आमिर से पहले करण जोहर जैसे बड़े फिल्मकार अपनी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में मेहमान भूमिका के लिए कास्ट कर चुके हैं, जिसमें रणबीर कपूर जैसे अभिनेता मौजूद हैं।
अब खबर आ रही है कि शाहरुख की फिल्म 'रईस' में सनी एक गाना करने वाली हैं। यानी धीरे धीरे ही सही और छोटे पैमाने पर ही सही, बॉलीवुड के बड़े सितारे और बड़े फिल्मकार सनी को अपनी फिल्मों में ले रहे हैं।
अब खबर आ रही है कि शाहरुख की फिल्म 'रईस' में सनी एक गाना करने वाली हैं। यानी धीरे धीरे ही सही और छोटे पैमाने पर ही सही, बॉलीवुड के बड़े सितारे और बड़े फिल्मकार सनी को अपनी फिल्मों में ले रहे हैं। | 2 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: सुशील महापात्रा की कलम से : अरविंद केजरीवाल के प्रिय : माफ़ी, फांसी और टीआरपी | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: शुक्रवार को जब में दफ्तर बैठा था तब एक आवाज़ सुनाई दी, 'माफ़ी मांगता हूं ,जो भी दोषी हैं, उसे फांसी चढ़ा दो,।' मुझे यह आवाज़ जानी पहचानी-सी लग रही थी। यह आवाज़ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की थी। यह पहली बार नहीं था कि केजरीवाल "माफ़ी" और "फांसी" की बात कर रहे थे। जब से केजरीवाल राजनीति में आए हैं, तब से इन दोनों शब्दों के साथ उनका गहरा रिश्ता रहा है।
माफ़ी मांगना कोई गलत बात नहीं है। बहुत नेता ऐसे भी हैं, जो गलती करने के बावजूद भी माफी नहीं मांगते और ऐसे नेताओं को केजरीवाल जी से कुछ सीखना चाहिए, लेकिन कभी-कभी केजरीवाल जी यह माफ़ी किस मकसद से मांगते हैं, यह समझना मुश्किल हो जाता है। क्या सच में उन्हें गलती का अहसास है? अगर ऐसा है तो बहुत अच्छी बात है। यह भी समझ नहीं आता कि केजरीवाल अगर माफी की बात करते हैं तो फांसी की जिक्र क्यों करते हैं। माफी और फांसी के बीच रिश्ता दूर- दूर तक नहीं है। ऐसा लगता हैं केजरीवाल महात्मा गांधी जी के साथ-साथ हिटलर को भी अपना आदर्श मानते हैं।
केजरीवाल आज जिस मुद्दे को लेकर माफी मांग रहे हैं, वह गंभीर मुद्दा है। जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह की आत्महत्या काफी दिल दहला देने वाली घटना थी। गजेंद्र सिंह की मौत का ज़िम्मेदार आम आदमी पार्टी या किसी और को ठहरना गलत होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी के रवैये को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं जैसे कि क्या ऐसी दुर्घटना के बाद केजरीवाल या उनके दूसरे सदस्यों का मंच पर भाषण देना सही था? क्या केजरीवाल या उनकी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को गजेन्द्र सिंह के साथ अस्पताल नहीं जाना चाहिए था? सवाल यह भी उठता है क्या संजय सिंह की जगह केजरीवाल जी को खुद गजेन्द्र सिंह के घर दौसा पहुंचाना नहीं चाहिए था।
माफी के साथ केजरीवाल जी का रिश्ता पुराना हैं। चाहे 49 दिन की सरकार छोड़ने के बाद दिल्ली की जनता से माफ़ी मांगने का बात करें या रेल भवन के सामने धरने पर बैठ जाने पर जनता को हुई असुविधा के लिए। माफ़ी को महान समझने वाले केजरीवाल शायद खुद दूसरे को माफ करने में विश्वास नहीं रखते हैं। अगर केजरीवाल चाहते तो अपने साथी योगेन्द्र यादव, आनंद कुमार और प्रशांत भूषण को भी माफ कर सकते थे, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया।
चलिए अभी फांसी की बाद करते हैं। 2011 में अण्णा आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल की साथी किरण बेदी के ऊपर यात्रा बिल को लेकर जब सवाल उठ रहा था तब भी केजरीवाल ऐसे ही बोले थे। अगर हमने गलती की है तो हमें फांसी दे दीजिए, लेकिन लोकपाल बिल लाइए। अब तो केजरीवाल खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन लोकपाल का कोई नामोनिशान दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले चुनाव के दौरान दो करोड़ के फंड ट्रांसफर को लेकर जब सवाल उठ रहे थे तब भी केजरीवाल का बयान था, जांच कीजिए अगर हम गलत हैं तो हमें सजा दीजिए।
मैं यह नहीं कहता कि दूसरी पार्टी के नेता ऐसे बयान नहीं देते। 2012 में गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी जी ने भी बयान दिया था कि अगर में दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए। जयंती नटराजन ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने भी इस तरह का बयान पेश किया था, लेकिन केजरीवाल की सबके साथ तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दूसरी पार्टी के विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है।
एक तीसरा शब्द भी, जो केजरीवाल जी के दिल के करीब है, वह है "टीआरपी"। जब मीडिया केजरीवाल या उनकी पार्टी पर सवाल उठाती है तो वह मीडिया पर भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मीडिया टीआरपी के लिए ऐसी खबर को आगे बढ़ा रही है।
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
माफ़ी मांगना कोई गलत बात नहीं है। बहुत नेता ऐसे भी हैं, जो गलती करने के बावजूद भी माफी नहीं मांगते और ऐसे नेताओं को केजरीवाल जी से कुछ सीखना चाहिए, लेकिन कभी-कभी केजरीवाल जी यह माफ़ी किस मकसद से मांगते हैं, यह समझना मुश्किल हो जाता है। क्या सच में उन्हें गलती का अहसास है? अगर ऐसा है तो बहुत अच्छी बात है। यह भी समझ नहीं आता कि केजरीवाल अगर माफी की बात करते हैं तो फांसी की जिक्र क्यों करते हैं। माफी और फांसी के बीच रिश्ता दूर- दूर तक नहीं है। ऐसा लगता हैं केजरीवाल महात्मा गांधी जी के साथ-साथ हिटलर को भी अपना आदर्श मानते हैं।
केजरीवाल आज जिस मुद्दे को लेकर माफी मांग रहे हैं, वह गंभीर मुद्दा है। जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह की आत्महत्या काफी दिल दहला देने वाली घटना थी। गजेंद्र सिंह की मौत का ज़िम्मेदार आम आदमी पार्टी या किसी और को ठहरना गलत होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी के रवैये को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं जैसे कि क्या ऐसी दुर्घटना के बाद केजरीवाल या उनके दूसरे सदस्यों का मंच पर भाषण देना सही था? क्या केजरीवाल या उनकी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को गजेन्द्र सिंह के साथ अस्पताल नहीं जाना चाहिए था? सवाल यह भी उठता है क्या संजय सिंह की जगह केजरीवाल जी को खुद गजेन्द्र सिंह के घर दौसा पहुंचाना नहीं चाहिए था।
माफी के साथ केजरीवाल जी का रिश्ता पुराना हैं। चाहे 49 दिन की सरकार छोड़ने के बाद दिल्ली की जनता से माफ़ी मांगने का बात करें या रेल भवन के सामने धरने पर बैठ जाने पर जनता को हुई असुविधा के लिए। माफ़ी को महान समझने वाले केजरीवाल शायद खुद दूसरे को माफ करने में विश्वास नहीं रखते हैं। अगर केजरीवाल चाहते तो अपने साथी योगेन्द्र यादव, आनंद कुमार और प्रशांत भूषण को भी माफ कर सकते थे, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया।
चलिए अभी फांसी की बाद करते हैं। 2011 में अण्णा आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल की साथी किरण बेदी के ऊपर यात्रा बिल को लेकर जब सवाल उठ रहा था तब भी केजरीवाल ऐसे ही बोले थे। अगर हमने गलती की है तो हमें फांसी दे दीजिए, लेकिन लोकपाल बिल लाइए। अब तो केजरीवाल खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन लोकपाल का कोई नामोनिशान दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले चुनाव के दौरान दो करोड़ के फंड ट्रांसफर को लेकर जब सवाल उठ रहे थे तब भी केजरीवाल का बयान था, जांच कीजिए अगर हम गलत हैं तो हमें सजा दीजिए।
मैं यह नहीं कहता कि दूसरी पार्टी के नेता ऐसे बयान नहीं देते। 2012 में गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी जी ने भी बयान दिया था कि अगर में दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए। जयंती नटराजन ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने भी इस तरह का बयान पेश किया था, लेकिन केजरीवाल की सबके साथ तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दूसरी पार्टी के विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है।
एक तीसरा शब्द भी, जो केजरीवाल जी के दिल के करीब है, वह है "टीआरपी"। जब मीडिया केजरीवाल या उनकी पार्टी पर सवाल उठाती है तो वह मीडिया पर भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मीडिया टीआरपी के लिए ऐसी खबर को आगे बढ़ा रही है।
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
केजरीवाल आज जिस मुद्दे को लेकर माफी मांग रहे हैं, वह गंभीर मुद्दा है। जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह की आत्महत्या काफी दिल दहला देने वाली घटना थी। गजेंद्र सिंह की मौत का ज़िम्मेदार आम आदमी पार्टी या किसी और को ठहरना गलत होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी के रवैये को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं जैसे कि क्या ऐसी दुर्घटना के बाद केजरीवाल या उनके दूसरे सदस्यों का मंच पर भाषण देना सही था? क्या केजरीवाल या उनकी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को गजेन्द्र सिंह के साथ अस्पताल नहीं जाना चाहिए था? सवाल यह भी उठता है क्या संजय सिंह की जगह केजरीवाल जी को खुद गजेन्द्र सिंह के घर दौसा पहुंचाना नहीं चाहिए था।
माफी के साथ केजरीवाल जी का रिश्ता पुराना हैं। चाहे 49 दिन की सरकार छोड़ने के बाद दिल्ली की जनता से माफ़ी मांगने का बात करें या रेल भवन के सामने धरने पर बैठ जाने पर जनता को हुई असुविधा के लिए। माफ़ी को महान समझने वाले केजरीवाल शायद खुद दूसरे को माफ करने में विश्वास नहीं रखते हैं। अगर केजरीवाल चाहते तो अपने साथी योगेन्द्र यादव, आनंद कुमार और प्रशांत भूषण को भी माफ कर सकते थे, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया।
चलिए अभी फांसी की बाद करते हैं। 2011 में अण्णा आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल की साथी किरण बेदी के ऊपर यात्रा बिल को लेकर जब सवाल उठ रहा था तब भी केजरीवाल ऐसे ही बोले थे। अगर हमने गलती की है तो हमें फांसी दे दीजिए, लेकिन लोकपाल बिल लाइए। अब तो केजरीवाल खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन लोकपाल का कोई नामोनिशान दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले चुनाव के दौरान दो करोड़ के फंड ट्रांसफर को लेकर जब सवाल उठ रहे थे तब भी केजरीवाल का बयान था, जांच कीजिए अगर हम गलत हैं तो हमें सजा दीजिए।
मैं यह नहीं कहता कि दूसरी पार्टी के नेता ऐसे बयान नहीं देते। 2012 में गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी जी ने भी बयान दिया था कि अगर में दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए। जयंती नटराजन ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने भी इस तरह का बयान पेश किया था, लेकिन केजरीवाल की सबके साथ तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दूसरी पार्टी के विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है।
एक तीसरा शब्द भी, जो केजरीवाल जी के दिल के करीब है, वह है "टीआरपी"। जब मीडिया केजरीवाल या उनकी पार्टी पर सवाल उठाती है तो वह मीडिया पर भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मीडिया टीआरपी के लिए ऐसी खबर को आगे बढ़ा रही है।
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
मैं यह नहीं कहता कि दूसरी पार्टी के नेता ऐसे बयान नहीं देते। 2012 में गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी जी ने भी बयान दिया था कि अगर में दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए। जयंती नटराजन ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने भी इस तरह का बयान पेश किया था, लेकिन केजरीवाल की सबके साथ तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दूसरी पार्टी के विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है।
एक तीसरा शब्द भी, जो केजरीवाल जी के दिल के करीब है, वह है "टीआरपी"। जब मीडिया केजरीवाल या उनकी पार्टी पर सवाल उठाती है तो वह मीडिया पर भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मीडिया टीआरपी के लिए ऐसी खबर को आगे बढ़ा रही है।
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ? | 2 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: भारत के साथ द्विपक्षीय सीरीज चाहते हैं शीर्ष पाक क्रिकेटर | यह लेख है: शाहिद अफरीदी और शोएब अख्तर सहित पाकिस्तान के कुछ शीर्ष क्रिकेटरों ने भारत के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों के दोबारा शुरू होने का समर्थन किया है और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत दौरे के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की होगी।
पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज अख्तर ने कहा कि क्रिकेट ने हमेशा ही दो देशों के लोगों को करीब लाने में बड़ी भूमिका अदा की है।
अख्तर ने कहा, मैं खुश हूं कि हमारे प्रधानमंत्री भारत गए और मैं उम्मीद लगाए हूं कि इन बड़ी बैठकों में क्रिकेट संबंधों के बारे में चर्चा की गई होगी। क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट रिश्ते होना जरूरी है। उन्होंने कहा, यह पाकिस्तान के लिए विशेष रूप से अहम है क्योंकि जब भी पाकिस्तान और भारत एक-दूसरे से खेलते हैं तो इन मैचों से दोनों बोर्डों को वित्तीय लाभ होता है और पीसीबी को विशेषतौर पर वित्तीय मदद चाहिए। अख्तर ने कहा कि वह जल्द ही आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के मुद्दे को निपटता हुआ देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, अगर चीजें इसी तरह चलती हैं जैसे अब चल रही हैं तो मुझे लगता है कि इस साल के अंत में भारतीय आईपीएल में हमारे खिलाड़ियों को अनुमति देने पर फैसला करेंगे। | 9 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: इस माह के अंत तक बढ़ेंगे जेके टायर के दाम | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: रबड़ की कीमतें बढ़ने से टायर विनिर्माता कंपनी जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज ने अपने उत्पादों की कीमतों में दो से चार फीसदी तक की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। कंपनी के निदेशक (विपणन) एएस मेहता ने कहा, प्राकृतिक रबड़ की कीमतें 210-220 रुपये प्रति किलो की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, जो पिछली तिमाही में 180 रुपये प्रति किलो थीं, लेकिन अभी तक हमने टायरों की कीमतें नहीं बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा, रबड़ की कीमतों की इस तेजी के कारण हमने सभी प्रकार के टायरों की कीमत बढ़ाने का निर्णय किया है। एक सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, टायर विनिर्माताओं के लिए चौथी तिमाही के परिणाम दूसरी अथवा तीसरी तिमाही से बेहतर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने 2009-10 में 3,678 करोड़ रुपये की बिक्री की थी, लेकिन अगले कुछ सालों तक इसमें कुछ गिरावट आने की संभावना है। कंपनी चेन्नई में एक नया विनिर्माण संयंत्र लगाने वाली है। इसका परिचालन 2011 से शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि चेन्नई संयंत्र के पहले चरण में 750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस कारखाने से प्रति साल चार लाख ट्रक टायर एवं करीब 25 लाख कार टायर बनाए जाएंगे। इस कारखाने से करीब 1,200 लोगों को रोजगार मिलेगा। | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अमेरिका के रिचर्ड थेलर को मिला इकोनॉमिक्स का नोबेल पुरस्कार, जानिए उनकी उपलब्धि के बारे में | शिकागो विश्वविद्यालय के रिचर्ड थेलर को इकोनॉमिक्स के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर उनके काम के लिए दिया गया. थेलर ने अपने काम के जरिए यह दिखाया कि आर्थिक और वित्तीय फैसले करने वाले हमेशा तार्किक नहीं होते बल्कि वे बहुत हद तक मानवीय हदों में बंधे होते हैं. जहां तक व्यावहारिक अर्थशास्त्र का सवाल है तो यह व्यक्ति और संस्थानों की आर्थिक निर्णय प्रक्रिया से जुड़ा है, यानी यह बताता है कि ये फैसले कैसे किए जाते हैं. दरअसल थेलर ने अपने काम और अध्ययन के जरिये अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की.
यह भी पढ़ें : मशहूर ब्रिटिश लेखक काजुओ इशिगुरो को साहित्य का नोबेल पुरस्कार
थेलर का शोध व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर केंद्रित है जो यह पड़ताल करता है कि वित्तीय और आर्थिक बाजारों में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों या समूहों द्वारा किए गए फैसलों पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का क्या असर रहता है. नोबेल ज्यूरी ने थेलर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा है, 'उन्होंने अर्थशास्त्र को और अधिक मानवीय बनाया.' पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने सोमवार को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी. नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.टिप्पणियां
यह भी पढ़ें : परमाणु हथियारों के प्रसार के खिलाफ अभियान चलाने वाली संस्था ICAN को नोबेल का शांति पुरस्कार
अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से)
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थेलर का शोध व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर केंद्रित है जो यह पड़ताल करता है कि वित्तीय और आर्थिक बाजारों में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों या समूहों द्वारा किए गए फैसलों पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का क्या असर रहता है. नोबेल ज्यूरी ने थेलर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा है, 'उन्होंने अर्थशास्त्र को और अधिक मानवीय बनाया.' पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने सोमवार को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी. नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.टिप्पणियां
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अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से) | 2 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: इस पुलिस ऑफिसर से निर्भया ने कहा था, 'जिन लोगों ने मेरे साथ ये गंदा काम किया, उन्हें छोड़ना मत' | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: "जिन लोगों ने मेरे साथ ये गंदा काम किया है उन्हें छोड़ना मत " ये वाक्य डीसीपी साउथ छाया शर्मा को निर्भया ने तब कहे थे जब छाया उससे पहली बार सफ़दरजंग अस्पताल में मिलने गई थी. आज यानी शुक्रवार को जब सप्रीम कोर्ट ने जब सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई तब छाया ने मन ही मन निर्भया को याद किया और उसका धन्यवाद किया. धन्यवाद इसलिए क्यूंकि वो कभी अपने बयान से पलटी नहीं. इन दिनों छाया राष्ट्रीय मानवाधिकार कमीशन में बतौर डीआईजी तैनात हैं. छाया ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा. "दिल्ली पुलिस ने जो सबूत पेश किए है वो एकदम ठोस है," सप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने फ़ैसला देते हुए कहा. "इन सभी आरोपियों को सज़ा निर्भया के कारण ही मिली है. वो अपने बयान पर निरंतर क़ायम रही "
उन्हें आज भी वो दिन याद है जब वो 23 साल की निर्भया से वह पहली बार मिली थीं. "उसकी हालत बहुत ख़राब थी. उससे बोला नहीं जा रहा था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी,". सप्रीम कोर्ट ने भी फ़ैसला देते हुए माना कि जो कुछ निर्भया के साथ हुआ वो बहुत भयानक था. "अक्सर देखा है कि बलात्कार पीड़ित घबरा जाते हैं. सच नहीं बताते या पूरा सच याद नहीं कर पाते लेकिन इस लड़की का रवैया बड़ा पॉज़िटिव था," छाया आज भी उसके हौसले की दाद देती है.
निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई.
छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
उन्हें आज भी वो दिन याद है जब वो 23 साल की निर्भया से वह पहली बार मिली थीं. "उसकी हालत बहुत ख़राब थी. उससे बोला नहीं जा रहा था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी,". सप्रीम कोर्ट ने भी फ़ैसला देते हुए माना कि जो कुछ निर्भया के साथ हुआ वो बहुत भयानक था. "अक्सर देखा है कि बलात्कार पीड़ित घबरा जाते हैं. सच नहीं बताते या पूरा सच याद नहीं कर पाते लेकिन इस लड़की का रवैया बड़ा पॉज़िटिव था," छाया आज भी उसके हौसले की दाद देती है.
निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई.
छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई.
छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती." | 2 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: एशियाई कारोबार में तेल का मिला-जुला रुख | लेख: एशियाई कारोबार में तेल का भाव मिला-जुला रहा। निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के संबोधन का इंतजार है और वे फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं। इसके अलावा लीबिया में जारी संकट का भी तेल भाव पर असर पड़ा है। शुरुआती कारोबार में न्यूयॉर्क का मुख्य अनुबंध वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट लाइट स्वीट क्रूड का भाव अक्तूबर डिलीवरी के लिए 10 सेंट्स घटकर 85.20 डॉलर रहा। वहीं ब्रेंट नार्थ सी क्रूड की कीमत अक्तूबर डिलीवरी के लिये 19 सेंट्स बढ़कर 110.81 डॉलर रही। कारोबारियों के अनुसार निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के संबोधन का इंतजार है और वे फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं। बर्नान्के केंद्रीय बैंक के सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं। निवेशकों को इस बात का इंतजार है कि अपने संबोधन में वह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए और प्रोत्साहन उपायों का समर्थन करते हैं या नहीं। अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा तेल खपत वाला देश है। इसके अलावा लीबिया में जारी संकट का भी तेल भाव पर असर दिख रहा है। | 8 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: जामिया शिक्षक संघ ने की छात्रों पर हुई हिंसा की निंदा, CAA और NRC को भी नकारा | यह एक लेख है: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा पर जामिया विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने अपना पक्ष रखा है. संघ ने एक प्रेस कांन्फ्रेंस कर कहा कि हम (शिक्षक संघ) विश्वविद्यालय में पुलिस के हमले की निंदा करते हैं. साथ ही शिक्षक संघ CAA और NRC को भी नकारता है, क्योंकि ये समानता, और अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है. जामिया विश्वविद्यालय वसुधैव कुटुंबकम को मानने वाली विचारधारा का है. हम शांतिपूर्ण तरीके से होने वाले प्रदर्शन को समर्थन देते रहेंगे और छात्रों से अपील कर रहे हैं कि बाहरी और अराजक तत्वों को जामिया विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल न होने दें.
जामिया विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने कहा कि हम अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई चाहते है. उन पुलिसवालों के खिलाफ भी, जिन्होंने निर्दोष छात्रों को पिटाई की है. छात्रों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाएं. साथ ही विश्वविद्यालय की प्रापर्टी को दो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जाए. विश्वविद्यालय और छात्रों के हित के लिए हम काम करते रहेंगे. आपको बता दें कि दो दिन पहले ही जामिया की कुलपति (VC) नजमा अख्तर (Nazma Akhtar) भी मीडिया के सामने आईं थीं और दिल्ली पुलिस पर कई संगीन आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा, 'यूनिवर्सिटी में संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई किस तरह होगी. इसके अलावा भावनात्मक नुकसान भी हुआ है. | 8 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: Ind Vs WI: 49 रन पर ही खुशी मनाने लगे श्रेयस अय्यर, तो विराट कोहली ने हंसते हुए किया ऐसा- देखें Video | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: India Vs West Indies: विशाखापटनम में भारत और वेस्टइंडीज (Ind Vs WI) के बीच दूसरा वनडे (Ind Vs WI 2nd ODI) खेला गया, जिसको टीम इंडिया ने 107 रन से जीत लिया. पहले रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और केएल राहुल (KL Rahul) की जोड़ी ने विंडीज गेंदबाजों की कमर तोड़ी फिर श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) की धमाकेदार पारी के सामने गेंदबाज पस्त नजर आए. अय्यर ने 32 गेंद पर 53 रनों की पारी खेली, जिसमें 4 छक्के और 3 चौके शामिल थे. उनकी पारी में कुछ ऐसा हुआ, जिसको देखकर कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) हंस-हंसकर लोट-पोट हो गए.
श्रेयस अय्यर 48 रन पर थे तो कीमो पॉल गेंदबाजी कर रहे थे. उन्होंने पॉल की गेंद पर बाउंड्री की तरफ शॉट खेला और सिंगल रन लिया. जिसके बाद वो बल्ला उठाकर अर्धशतक का जश्न मनाने लगे. लेकिन उस वक्त वो अपने अर्धशतक से एक रन दूर थे. दरहसल जिस वक्त अय्यर 48 रन पर थे तो स्कोरबोर्ड पर उनका स्कोर 49 रन लिखा था. ऐसे में उन्होंने सिंगल रन लिया और अर्धशतक का जश्न मनाने लगे. देखकर विराट कोहली ड्रेसिंग रूम में हंस पड़े और हाथ दिखाकर बताने लगे कि उनको अर्धशतक के लिए एक रन और चाहिए.
सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसके बाद श्रेयस अय्यर ने एक और शॉट खेला और रन लेकर अर्धशतक जमाया. भारत ने रोहित की 138 गेंद में 17 चौकों और पांच छक्कों से 159 रन की पारी और राहुल (102) के साथ पहले विकेट की 227 रन की साझेदारी से पांच विकेट पर 387 रन बनाए थे. श्रेयस अय्यर (32 गेंद में 53 रन, तीन चौके, चार छक्के) और ऋषभ पंत (16 गेंद में 39 रन, तीन चौके, चार छक्के) ने चौथे विकेट के लिए सिर्फ चार ओवर में 73 रन की साझेदारी करके भारत का स्कोर 350 रन के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.
मैच में कुलदीप यादव ने शानदार परफॉर्मेंस दी. कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो या अधिक हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय और दुनिया के छठे गेंदबाज बन गये हैं. कुलदीप ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे में बुधवार को यहां शाई होप, जैसन होल्डर और अलजारी जोसेफ को आउट करके हैट्रिक पूरी की। इससे पहले उन्होंने 21 सितंबर 2017 को आस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में हैट्रिक बनायी थी. | 2 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: गोवा के मंत्री के खिलाफ फर्जी डिग्री का आरोप लगा आप पार्टी ने दर्ज कराई शिकायत | लेख: आम आदमी पार्टी (आप) गुरुवार को गोवा के लोक निर्माण मंत्री सुदीन धावलीकर के खिलाफ फर्जी डिग्री और अपने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
शिकायत में गोवा की आप इकाई ने मंत्री पर कई आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि मंत्री ने हलफनामे में किए गए दावे के विपरीत 1979 में बीएससी की शिक्षा पूरी नहीं की है और निर्वाचन आयोग को दिए गए हलफनामे में गलत जानकारी दी है।
भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक धावलीकर ने किसी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार किया है और कहा है कि उनकी डिग्री पूरी तरह वैधानिक है।
आप सदस्य प्रदीप अमोनकर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में धावलीकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
शिकायत में गोवा की आप इकाई ने मंत्री पर कई आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि मंत्री ने हलफनामे में किए गए दावे के विपरीत 1979 में बीएससी की शिक्षा पूरी नहीं की है और निर्वाचन आयोग को दिए गए हलफनामे में गलत जानकारी दी है।
भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक धावलीकर ने किसी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार किया है और कहा है कि उनकी डिग्री पूरी तरह वैधानिक है।
आप सदस्य प्रदीप अमोनकर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में धावलीकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक धावलीकर ने किसी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार किया है और कहा है कि उनकी डिग्री पूरी तरह वैधानिक है।
आप सदस्य प्रदीप अमोनकर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में धावलीकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
आप सदस्य प्रदीप अमोनकर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में धावलीकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी। | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: सपा में संग्राम : मुलायम ने मंत्री पवन पांडे को निकाला, अखिलेश पहुंचे राज्यपाल से मिलने | लेख: मुलायम, अखिलेश और शिवपाल के बीच 24 घंटे में हुई 4 बैठकें बेनतीजा रही हैं. यही नहीं मंगलवार को दिनभर अखिलेश के समर्थन में समाजवादी पार्टी दफ्तर के बाहर पार्टी की युथ विंग के लोग प्रदर्शन करते रहे.
वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि उनको पार्टी के अध्यक्ष और उनके पिता ने मुख्यमंत्री बनाया है और अगर वह पद छोड़ने के लिए कहेंगे तो उनकी बात मानेंगे.
वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.
वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि उनको पार्टी के अध्यक्ष और उनके पिता ने मुख्यमंत्री बनाया है और अगर वह पद छोड़ने के लिए कहेंगे तो उनकी बात मानेंगे.
वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.
वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा. | 13 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का चयन चार जुलाई को | यह लेख है: श्रीलंका के आगामी दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन चार जुलाई को किया जाएगा। टीम इंडिया इस दौरे पर पांच वनडे और एक ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी।टिप्पणियां
बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति मुंबई के क्रिकेट सेंटर में चार जुलाई को बैठक करके श्रीलंका में जुलाई अगस्त में होने वाली एकदिवसीय और टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीमों का चयन करेगी।’’
श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा।
बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति मुंबई के क्रिकेट सेंटर में चार जुलाई को बैठक करके श्रीलंका में जुलाई अगस्त में होने वाली एकदिवसीय और टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीमों का चयन करेगी।’’
श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा।
श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा। | 8 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के बंगले में रह सकते हैं गृहमंत्री अमित शाह | बतौर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 14 साल तक इस बंगले में रहे. पिछले साल 16 अगस्त को उनके निधन के बाद तत्कालीन मोदी सरकार ने इस बंगले को 'अटल स्मृति' के रूप में घोषित करने के कुछ भाजपा नेताओं के विचार को खारिज कर दिया था. सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि, 'राजघाट' के पास वाजपेयी के समाधि स्थल को उनकी स्मृति में 'सदैव अटल' के नाम से विकसित किया है.
बता दें कि 2000 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने ही राष्ट्रीय नेताओं के सरकारी आवास को उनके निधन के बाद स्मृति स्थल के रूप में घोषित करने पर रोक लगाने का फैसला किया था. इस फैसले को बरकरार रखते हुए मोदी सरकार ने अक्तूबर 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के 12, तुगलक रोड, स्थित बंगले को स्मृति स्थल घोषित करने की रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह की मांग को खारिज कर दिया था. सरकार द्वारा पुनगर्ठित मंत्रिमंडलीय समितियों में आवास संबंधी समिति में अमित शाह बतौर गृहमंत्री सदस्य हैं.
केंद्रीय मंत्रियों एवं अन्य आला अधिकारियों को दिल्ली में सरकारी आवास मुहैया कराने से जुड़े अहम फैसले करने वाली इस समिति में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल सदस्य हैं. वहीं, जबकि आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं. | 9 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: कलाम ने कहा, सही समय पर लूंगा फैसला | यह लेख है: समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के पसंद के रूप में नाम आगे किए जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि वह इस उच्च पद के लिए दौड़ में शामिल होने के संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करेंगे।टिप्पणियां
नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पटना के बिहटा पहुंचे कलाम ने संवाददाताओं से कहा, कई राजनीतिक पार्टियों ने मुझसे संपर्क किया है, जो मुझे देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहती हैं। मुझे उनके विचार पसंद हैं और मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं इस संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करूंगा। संवाददाताओं ने उनसे प्रश्न पूछा था कि क्या वह राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं।
नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पटना के बिहटा पहुंचे कलाम ने संवाददाताओं से कहा, कई राजनीतिक पार्टियों ने मुझसे संपर्क किया है, जो मुझे देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहती हैं। मुझे उनके विचार पसंद हैं और मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं इस संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करूंगा। संवाददाताओं ने उनसे प्रश्न पूछा था कि क्या वह राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं। | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: UPSC ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित किए | यह लेख है: वे यूपीएससी की वेबसाइट पर भी अपने नतीजे को लेकर सूचना हासिल कर सकते हैं।घटाई जा सकती है UPSC सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने की अधिकतम आयु सीमाटिप्पणियांदृष्टिबाधित, मस्तिष्क पक्षाघात प्रभावित उम्मीदवार कर सकते हैं ‘राइटर’ का इस्तेमाल: UPSCयूपीएससी ने मूल्यांकन की प्रक्रिया सार्वजनिक करने की संसदीय समिति की सिफारिश की खारिज
घटाई जा सकती है UPSC सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने की अधिकतम आयु सीमाटिप्पणियांदृष्टिबाधित, मस्तिष्क पक्षाघात प्रभावित उम्मीदवार कर सकते हैं ‘राइटर’ का इस्तेमाल: UPSCयूपीएससी ने मूल्यांकन की प्रक्रिया सार्वजनिक करने की संसदीय समिति की सिफारिश की खारिज
दृष्टिबाधित, मस्तिष्क पक्षाघात प्रभावित उम्मीदवार कर सकते हैं ‘राइटर’ का इस्तेमाल: UPSCयूपीएससी ने मूल्यांकन की प्रक्रिया सार्वजनिक करने की संसदीय समिति की सिफारिश की खारिज
यूपीएससी ने मूल्यांकन की प्रक्रिया सार्वजनिक करने की संसदीय समिति की सिफारिश की खारिज | 2 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: गुरुग्राम : भीषण आग में 250 से ज्यादा झुग्गियां जलकर खाक | लेख: दिल्ली से सटे गुरुग्राम (गुड़गांव) के खरकी गांव के पास झुग्गी बस्ती में सोमवार को लगी भीषण आग में 250 से ज्यादा झुग्ग्यिां जलकर खाक हो गईं, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
पुलिस ने बताया कि आग दोपहर दो बजे लगी, जिसके बाद दमकल के सात वाहनों को मौके पर भेजा गया और आग पर शाम छह बजे तक काबू पाया जा सका। आग में नष्ट हुईं झुग्गियों की संख्या 300 के करीब है।टिप्पणियां
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता हवा सिंह ने बताया कि सबकुछ नियंत्रण में है और कोई हताहत नहीं हुआ है। तंबू लगाए जा रहे हैं और प्रभावित परिवारों की सूची तैयार है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पुलिस ने बताया कि आग दोपहर दो बजे लगी, जिसके बाद दमकल के सात वाहनों को मौके पर भेजा गया और आग पर शाम छह बजे तक काबू पाया जा सका। आग में नष्ट हुईं झुग्गियों की संख्या 300 के करीब है।टिप्पणियां
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता हवा सिंह ने बताया कि सबकुछ नियंत्रण में है और कोई हताहत नहीं हुआ है। तंबू लगाए जा रहे हैं और प्रभावित परिवारों की सूची तैयार है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता हवा सिंह ने बताया कि सबकुछ नियंत्रण में है और कोई हताहत नहीं हुआ है। तंबू लगाए जा रहे हैं और प्रभावित परिवारों की सूची तैयार है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) | 8 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: मेरठ में तीन बहनों की लाश कुएं से बरामद | यह लेख है: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के थाना किठौर क्षेत्र में एक कुएं से तीन सगी बहनों की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही एनसीआर एडीजी के एल मीणा, आईजी राजीव कृष्ण और डीआईजी प्रेम प्रकाश ने मौके पर पहुंच कर घटना के संबंध में छानबीन की।
डीआईजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त बुशरा (10), सना (8) और शादिया (6) पुत्री शकील निवासी महलंका के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि तीनों बहनें गत 14 दिसम्बर को घर से मुंगफली खरीदने पड़ोस की दुकान में गई थीं। तबसे वह गायब थीं। 15 दिसम्बर को इस संबंध में थाना किठौर में शकील की तहरीर पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था। तभी से पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी। आज गांव के कुएं से बदबू आने पर जब उसमें उतर कर देखा गया तो वहां तीनों बहनों की लाश सड़ी अवस्था में लाश पड़ी थीं।
डीआईजी के अनुसार प्रथम दृष्टया लगता है कि गला घोंटकर हत्या की गई है। उन्होंने दुराचार की आशंका से इनकार नहीं किया है। डीआईजी के अनुसार लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज कर घटना में शामिल हमलावरों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: अंतिम संस्कार को छोड़कर सभी सेवाओं पर लगेगा कर | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: वित्त मंत्रालय ने कहा कि एक जुलाई से निषेधात्मक सूची में शामिल 17 सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं पर कर लगाया जाएगा।
निषेधात्मक सूची में शामिल सेवाएं कर दायरे से बाहर रहेंगी।
सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं।
बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
निषेधात्मक सूची में शामिल सेवाएं कर दायरे से बाहर रहेंगी।
सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं।
बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं।
बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
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रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: तुर्कमान गेट रोडरेज मामला : बीजेपी का केजरीवाल के घर के सामने प्रदर्शन | बीजेपी ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर जोरदार प्रदर्शन किया। बीजेपी का आरोप है कि रोडरेज के मामले को अंजाम देने वाला आरोपी आम आदमी पार्टी से जुड़ा हुआ है।
सतीश उपाध्याय के नेतृत्व में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के घर के सामने प्रदर्शन किया। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछारें फेंकनी पड़ीं।
दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में सड़क पर तैश में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने पांचवें और मुख्य आरोपी अमीन पहलवान को भी गिरफ्तार कर लिया है। उस पर इसी इलाके में रहने वाले शाहनवाज़ की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है।
इससे पहले पुलिस ने वसीम, आतिफ़, सलीम और शादाब को गिरफ़्तार किया था। इनमें शादाब तो अमीन पहलवान का ही बेटा है। पुलिस के मुताबिक अमीन पहलवान पर पहले से 17 केस दर्ज हैं और वो इलाके का घोषित अपराधी है।
शाहनवाज़ के परिवार के मुताबिक अमीन पहलवान के 16 भाई हैं और इनकी दबंगई से इलाके के लोग परेशान हैं। इलाके में अवैध मकानों के निर्माण का धंधा, जबरन वसूली और लड़ाई झगड़े इनके लिए आम हैं। इलाके के कुछ लोग कहते हैं पहले अमीन पहलवान पूर्व विधायक शोएब इकबाल के लिए काम करता था लेकिन पिछले चुनाव में उसने आम आदमी पार्टी के असीम अहमद का साथ दिया। चुनाव के दौरान छोटे-मोटे झगड़ों और मारपीट करना और निपटाना उसके लिए बाएं हाथ का खेल था।
इसे लेकर अब सियासत तेज़ हो गयी है। बुधवार को ना केवल आप नेताओं को इस पर सफ़ाई देने आगे आना पड़ा बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पीड़ित परिवार से भी मिले। आप नेता संजय सिंह, आशुतोष और कुमार विश्वास ने आरोप लगाया कि बीजेपी बेवजह शाहनवाज के कातिलों को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताने की कोशिश कर रही है। दरअसल कत्ल के बाद एक पोस्टर सामने आया था जिसमें हत्या का मुख्य आरोपी अलीम पहलवान 'आप' के स्थानीय विधायक एक साथ हैं। | 2 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, 120 एमएम के मोर्टार बम दागे, दो लोग जख्मी | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पाकिस्तानी सैनिकों ने आज (सोमवार को) दिन में चार बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के करीब अग्रिम चौकियों एवं रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाकर 120 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की, जिसका भारतीय सैनिकों ने माकूल जवाब दिया. गोलीबारी में दो लोगों के मामूली रूप से जख्मी होने की खबरें हैं.
पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के शाहपुर, कृष्णगटी, मंडी और सब्जियां सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास गोले दागे.
रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के शाहपुर, कृष्णगटी, मंडी और सब्जियां सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास गोले दागे.
रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 8 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: गुरुद्वारा गोलीबारी : हमलावर की पूर्व प्रेमीका गिरफ्तार | यह लेख है: विस्कोन्सिन के गुरुद्वारे में हुए गोलीबारी कांड में बुधवार को एक नया मोड़ तब आ गया जब पुलिस ने हमलावर की पूर्व प्रेमिका के घर से हथियार मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है।
इस हमले में छह लोग मारे गए थे। लेकिन अभी भी जांचकर्ता श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले ‘नव-नाजी’ हमलावर की मंशा से अनभिज्ञ हैं।
हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है।
हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
इस हमले में छह लोग मारे गए थे। लेकिन अभी भी जांचकर्ता श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले ‘नव-नाजी’ हमलावर की मंशा से अनभिज्ञ हैं।
हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है।
हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है।
हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। | 9 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: लोकपाल विधेयक में संशोधन कैबिनेट से मंजूर | लेख: लोकपाल विधेयक में राज्यसभा की प्रवर समिति द्वारा सुझाए गए संशोधनों को कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय कानूनमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।"
गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
केंद्रीय कानूनमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।"
गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए। | 9 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: 16वीं लोकसभा में सांसदों का शपथ लेना जारी, पीएम मोदी, सोनिया, आडवाणी ने ली शपथ | 16वीं लोकसभा के नव-निर्वाचित सांसदों को आज शपथ दिलाई जा रही है। सांसदों को शपथ प्रोटेम स्पीकर कमलनाथ दिला रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लालकृष्ण आडवाणी शपथ ले चुके हैं। सोनिया गांधी ने आज हिन्दी में शपथ ली।
अब कैबिनेट मंत्री लेंगे शपथ, फिर राज्यमंत्रियों के बाद राज्यों के नामों के वर्णक्रमानुसार सभी सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी
प्रोटेम स्पीकर लोकसभा के स्पीकर का चुनाव होने तक कार्यकारी स्पीकर के तौर पर काम करता है, हालांकि स्पीकर का चुनाव भी आज ही होना है और इस पद के लिए बीजेपी की इंदौर से सांसद सुमित्रा महाजन का नाम तय माना जा रहा है। स्पीकर पद के लिए सुमित्रा महाजन के चुनाव पर वेंकैया नायडू ने कहा है कि उन्होंने सभी पार्टियों से सुमित्रा महाजन की उम्मीदवारी पर बातचीत की है और सभी ने सहमति जताई है।
उल्लेखनीय है कि सांसदों को पहले 4 जून को यह शपथ दिलाई जानी थी, लेकिन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे के निधन की वजह से बुधवार को सदन की कार्यवाही को स्थागित कर दिया गया था। नए सांसदों को आज देर रात तक शपथ दिलाई जाएगी, जो शुक्रवार को भी जारी रहेगा। | 8 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: अंतरिम बजट पेश करने अमेरिका से लौटेंगे वित्तमंत्री अरुण जेटली : सूत्र | यह लेख है: पिछले साल 14 मई 2018 को 66 वर्षीय जेटली का गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था. उसके बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है. पिछले नौ महीनों में उन्होंने कोई विदेश यात्रा नहीं की है. उन्हें पिछले साल अप्रैल में एम्स में भर्ती कराया गया था जहां वह डायलसिस पर थे और बाद में उनका गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था. जेटली की अनुपस्थिति में वित्त मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी रेलमंत्री पीयूष गोयल को सौंपी गई थी. जेटली 23 अगस्त 2018 को वापस वित्त मंत्रालय संभालने पहुंचे थे.
जेटली को एक फरवरी को अपना छठा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार का आखिरी बजट पेश करना है. यद्यपि इस बार का बजट अंतरिम बजट होगा लेकिन उम्मीद की जा रही है कि उनका बजट भाषण आम बजट के जैसा ही होगा. मई में लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी.
जेटली को पिछले हफ्ते ही लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा की चुनावी प्रचार रणनीति प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें पिछले साल अप्रैल में 10वें भारत-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्त संवाद के लिए लंदन जाना था, लेकिन अपनी गुर्दे की बीमारी के चलते उन्हें यह यात्रा रद्द करनी पड़ी थी. जेटली 2000 से राज्यसभा के सांसद हैं. पिछले साल मार्च में उन्हें उत्तर प्रदेश से फिर से राज्यसभा का सांसद चुना गया है. गुर्दा प्रतिरोपण से पहले 2014 में वजन बढ़ने की समस्या को लेकर भी जेटली की एक सर्जरी हो चुकी है. | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: देख रहे हैं पॉर्न तो गूगल और फेसबुक रख रहे हैं आप पर नज़र | अगर आप 'इंकॉग्निटो मोड' (प्राइवेट ब्राउज़र या प्राइवेट विंडो) का इस्तेमाल कर पोर्नोग्राफी देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि इसका किसी को पता नहीं चलेगा, तो आप गलत हैं. गूगल, फेसबुक और यहां तक कि ओरेकल क्लाउड भी आप पर चुपके से नजर बनाए रखते हैं.
लैपटॉप या स्मार्टफोन पर 'इंकॉग्निटो मोड' पर स्विच करने पर भी आपके द्वारा देखी जाने वाली पोर्न पर गुप्त रूप से नजर रखी जाती है.
माइक्रोसॉफ्ट, कानेर्गी मेलन विश्वविद्यालय और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के एक नए संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है.
जांच में पता चला कि 93 प्रतिशत वेब पेज ऐसे हैं, जो यूजर्स के डेटा को थर्ड पार्टी संगठनों के लिए ट्रैक और लीक करते हैं.
इसके लिए 'वेबएक्सरे' नामक एक उपकरण का उपयोग करके 22,484 सेक्स वेबसाइटों को टटोला गया.
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अपने नमूने में यूजर्स को ट्रैक करने वाली 230 विभिन्न कंपनियों और सेवाओं की पहचान करने वाले शोधकर्ताओं ने कहा, "इन साइटों पर हो रही ट्रैकिंग कुछ प्रमुख कंपनियों द्वारा केंद्रित है।"
गैर-पोर्नोग्राफी-विशिष्ट सेवाओं में से, गूगल 74 प्रतिशत साइटों को ट्रैक करता है, ओरेकल 24 प्रतिशत और फेसबुक 10 प्रतशित साइटों को ट्रैक करता है.
पोर्नोग्राफी-विशिष्ट ट्रैकरों में शीष 10 हैं- ईएक्सओ क्लिक (40 प्रतिशत), जूसीएड (11 प्रतिशत) और इरो एडवरटाइजिंग (9 प्रतिशत).
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अध्ययन में कहा गया है, "गैर-पोर्नोग्राफी की शीर्ष 10 कंपनियां अमेरिका में हैं, जबकि पोर्नोग्राफी-विशिष्ट की अधिकतर कंपनियां यूरोप में हैं."
शोधकर्ताओं की टीम ने 'जैक' नाम का एक काल्पनिक प्रोफाइल बनाया, जो अपने लैपटॉप पर पोर्न देखने का फैसला करता है.
जैक अपने ब्राउजर में 'इंकॉग्निटो मोड' ऑन करता है और यह मान लेता है कि उसके कार्य अब निजी हैं. वह एक साइट को खोजता है और एक गोपनीयता नीति के लिए एक छोटी सी लिंक को स्क्रॉल करता है.
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वह सोचता है कि गोपनीयता नीति के तहत आने वाली साइट उसकी निजी जानकारी की रक्षा करेगी, इसलिए जैक एक वीडियो पर क्लिक करता है.
शोधकर्ताओं ने कहा, "जैक को पता नहीं है कि 'इंकॉग्निटो मोड' केवल यह सुनिश्चित करता है कि उसकी ब्राउजिंग हिस्ट्री उसके कंप्यूटर पर संग्रहीत न हो. वह जिन साइटों पर जाता है, उससे संबंधित ऑनलाइन कार्यों को थर्ड-पार्टी ट्रैकर्स देख और रिकॉर्ड कर सकते हैं."
जैक द्वारा एक्सेस की गई सारी जानकारी से ये थर्ड-पार्टी ट्रैकर्स उन साइटों के यूआरएल की मदद से उसकी यौन इच्छाओं का भी अनुमान लगा सकते हैं. वे जैक से जुड़े डॉटा को बेच भी सकते हैं.
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इनपुट-आईएएनएस | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: एकता कपूर सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में | चर्चित टीवी शो और फिल्म प्रोड्यूशर एकता कपूर का नाम भारतीय कारोबारी जगत की 25 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया है।
बालाजी टेलीफिल्म की संयुक्त प्रबंध निदेशक कपूर का नाम कारोबार पत्रिका 'बिजनेस टुडे' ने टेलीविजन और फिल्म में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सूची में शामिल किया।टिप्पणियां
कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।"
सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है।
बालाजी टेलीफिल्म की संयुक्त प्रबंध निदेशक कपूर का नाम कारोबार पत्रिका 'बिजनेस टुडे' ने टेलीविजन और फिल्म में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सूची में शामिल किया।टिप्पणियां
कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।"
सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है।
कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।"
सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है।
सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है। | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मेरठ में दो गुटों के बीच झड़पों में छह लोग घायल, इलाके में तनाव | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: उत्तर प्रदेश के मेरठ में दो गुटों के बीच हुए झड़पों में छह लोग घायल हो गए हैं। संघर्ष के बाद इलाके में तनाव कायम है। यह झगड़ा शनिवार दोपहर को करीब दो बजे एक प्याऊ बनाने को लेकर हुआ।
भीड़ ने कथित तौर पर दो मोटरसाइकिलों और कुछ दुकानों को भी फूंक दिया। इस घटना के बाद आसपास के कुछ अन्य इलाकों में भी तनाव फैल गया। कुछ स्थानों पर पथराव की भी सूचना है। स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में है।
जिलाधिकारी के अनुसार घटना के बाद शहर में तनाव को देखते हुए आठ कंपनी आरएएफ की बुलाई गई है। इसके अलावा शहर के सभी संवेदनशील इलाकों में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शहर का दौरा कर स्थिति को सामान्य करने की कोशिशों में जुटे हैं। यह संघर्ष ऐसे समय में हुआ है, जब लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान में 12 मई को राज्य की 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: तलवार दंपती ने मारा आरुषि को : सीबीआई अधिकारी | यह लेख है: सीबीआई ने मंगलवार को एक अदालत को बताया कि पांच साल पहले आरुषि तलवार की सनसनीखेज हत्या उसके अभिभावकों एवं पेशे से दंत चिकित्सक राजेश एवं नूपुर तलवार ने की थी और अपराध के समय बाहर का कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था।
अतिरिक्त न्यायाधीश एस लाल के समक्ष अपनी गवाही में सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौल ने बताया कि उनकी जांच से यह खुलासा हुआ है कि मकान में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था। कौल ने मामले में सीबीआई जांच का नेतृत्व किया था। एजेंसी के वकील आरके सैनी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे।
कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
अतिरिक्त न्यायाधीश एस लाल के समक्ष अपनी गवाही में सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौल ने बताया कि उनकी जांच से यह खुलासा हुआ है कि मकान में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था। कौल ने मामले में सीबीआई जांच का नेतृत्व किया था। एजेंसी के वकील आरके सैनी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे।
कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे।
कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। | 2 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: ओडिशा : आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को कोई मुआवजा नहीं | लेख: ओडिशा की सरकार ने शनिवार को कहा कि वह फसल खराब होने के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने के पक्ष में नहीं है।
विपक्षी कांग्रेस के प्रस्ताव पर उद्योग मंत्री देवी प्रसाद मिश्रा ने बताया, 'राज्य सरकार आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता देने के पक्ष में नहीं है क्योंकि इसका बहुत बुरा प्रभाव हो सकता है।'टिप्पणियां
मिश्रा कृषि मंत्री प्रदीप कुमार महारथी की ओर से एक स्थगन प्रस्ताव चर्चा का जवाब दे रहे थे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
विपक्षी कांग्रेस के प्रस्ताव पर उद्योग मंत्री देवी प्रसाद मिश्रा ने बताया, 'राज्य सरकार आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता देने के पक्ष में नहीं है क्योंकि इसका बहुत बुरा प्रभाव हो सकता है।'टिप्पणियां
मिश्रा कृषि मंत्री प्रदीप कुमार महारथी की ओर से एक स्थगन प्रस्ताव चर्चा का जवाब दे रहे थे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मिश्रा कृषि मंत्री प्रदीप कुमार महारथी की ओर से एक स्थगन प्रस्ताव चर्चा का जवाब दे रहे थे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) | 8 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: मानवाधिकार समूहों को मान्यता देने से संयुक्त राष्ट्र का इनकार 'शर्मनाक' : निक्की | लेख: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि ईरान और उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले अमेरिकी समूहों को आधिकारिक मान्यता देने से संयुक्त राष्ट्र की समिति का इनकार करना ‘‘शर्मनाक’’ है.
निक्की ने कहा कि जरूरतमंद लोगों की मदद करने वाले गैर सरकारी संगठनों को आधिकारिक मान्यता देने वाली 19 सदस्यीय समिति को ‘‘वे देश प्रभावित कर रहे हैं जिनका स्वयं का मानवाधिकार रिकॉर्ड बहुत खराब है.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘ईरान ह्यूमन राइट्स डॉक्यूमेंटेशन सेंटर’ और ‘यूएस कमेटी फॉर ह्यूमन राइट्स इन नॉर्थ कोरिया’ की संयुक्त राष्ट्र में पहुंच के लिए लड़ना जारी रखेगा.
निक्की ने कहा कि मान्यता देने से इनकार करने का यह फैसला 54 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद पलट सकती है.
निक्की ने कहा कि जरूरतमंद लोगों की मदद करने वाले गैर सरकारी संगठनों को आधिकारिक मान्यता देने वाली 19 सदस्यीय समिति को ‘‘वे देश प्रभावित कर रहे हैं जिनका स्वयं का मानवाधिकार रिकॉर्ड बहुत खराब है.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘ईरान ह्यूमन राइट्स डॉक्यूमेंटेशन सेंटर’ और ‘यूएस कमेटी फॉर ह्यूमन राइट्स इन नॉर्थ कोरिया’ की संयुक्त राष्ट्र में पहुंच के लिए लड़ना जारी रखेगा.
निक्की ने कहा कि मान्यता देने से इनकार करने का यह फैसला 54 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद पलट सकती है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘ईरान ह्यूमन राइट्स डॉक्यूमेंटेशन सेंटर’ और ‘यूएस कमेटी फॉर ह्यूमन राइट्स इन नॉर्थ कोरिया’ की संयुक्त राष्ट्र में पहुंच के लिए लड़ना जारी रखेगा.
निक्की ने कहा कि मान्यता देने से इनकार करने का यह फैसला 54 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद पलट सकती है.
निक्की ने कहा कि मान्यता देने से इनकार करने का यह फैसला 54 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद पलट सकती है. | 8 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: दिल्ली की मॉडल फंदे से लटकी मिलीं, एक माह पहले ही हुई थी शादी, पति गिरफ्तार | दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके में शादी के एक माह बाद ही 25 साल की एक मॉडल ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली। लड़की के परिवार वालों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित करने के आरोप लगाए जाने के बाद पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह डिफेंस कॉलोनी स्थित एक बंद फ्लैट में नितिन चावला की पत्नी प्रियंका कपूर फांसी के फंदे से लटकी मिली थीं।
प्रियंका के फोन न उठाने पर परिवारवालों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने पाया कि फ्लैट अंदर से बंद है। बाद में पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने रात में फांसी लगाई।टिप्पणियां
प्रियंका की बहन डिंपी ने अपनी शिकायत में नितिन चावला पर आरोप लगाया है कि वह उनकी बहन को दहेज के लिए मारते और प्रताड़ित करते थे। इसी तरह के आरोप दो पेज के सुसाइड नोट में भी हैं, जिसे पुलिस ने फ्लैट से बरामद किया है।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था।
पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह डिफेंस कॉलोनी स्थित एक बंद फ्लैट में नितिन चावला की पत्नी प्रियंका कपूर फांसी के फंदे से लटकी मिली थीं।
प्रियंका के फोन न उठाने पर परिवारवालों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने पाया कि फ्लैट अंदर से बंद है। बाद में पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने रात में फांसी लगाई।टिप्पणियां
प्रियंका की बहन डिंपी ने अपनी शिकायत में नितिन चावला पर आरोप लगाया है कि वह उनकी बहन को दहेज के लिए मारते और प्रताड़ित करते थे। इसी तरह के आरोप दो पेज के सुसाइड नोट में भी हैं, जिसे पुलिस ने फ्लैट से बरामद किया है।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था।
प्रियंका के फोन न उठाने पर परिवारवालों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने पाया कि फ्लैट अंदर से बंद है। बाद में पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने रात में फांसी लगाई।टिप्पणियां
प्रियंका की बहन डिंपी ने अपनी शिकायत में नितिन चावला पर आरोप लगाया है कि वह उनकी बहन को दहेज के लिए मारते और प्रताड़ित करते थे। इसी तरह के आरोप दो पेज के सुसाइड नोट में भी हैं, जिसे पुलिस ने फ्लैट से बरामद किया है।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था।
प्रियंका की बहन डिंपी ने अपनी शिकायत में नितिन चावला पर आरोप लगाया है कि वह उनकी बहन को दहेज के लिए मारते और प्रताड़ित करते थे। इसी तरह के आरोप दो पेज के सुसाइड नोट में भी हैं, जिसे पुलिस ने फ्लैट से बरामद किया है।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था। | 8 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के नाम खुली चिट्ठी | यह एक लेख है: प्रेसीडेंट बराक ओबामा
द व्हाइट हाउस
1600, पेन्सिलवेनिया एवेन्यू, एनडब्ल्यू
वॉशिंगटन डीसी, 20500
मिस्टर प्रेसीडेंट,
आपने कई बार कहा कि आप गांधी जी और मार्टिन लूथर किंग से प्रेरणा लेते हैं। आप भारत आए तो गांधी जी की समाधि पर भी गए, लेकिन भारत दौरे से जाने के बाद आपने कहा कि भारत में पिछले कुछ सालों में धार्मिक असहनशीलता बढ़ी है और अगर आज गांधी होते, तो आहत होते।
आपके देश में 9/11 के बाद मुसलमान को किस नज़र से देखा जाता है...? पगड़ी पहने सिखों पर हमले किए जाते हैं, यह बात किसी से छिपी नहीं है। चैपल हिल में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ केरोलिना के नज़दीक तीन मुस्लिम नौजवानों को एक सनकी ने गोली मार दी। पुलिस इसे पार्किंग की लड़ाई बता रही है, लेकिन मारी गई एक लड़की के पिता की मानें तो तीनों मुस्लिम नौजवानों को मार देने वाला क्रैग स्टीफन हिक्स उनसे नफरत करता था और यह नफरत इसलिए थी, क्योंकि वे मुस्लिम थे।
आपके ही अमेरिका में भारत से गए एक नन्हे बच्चे का दादा और अमेरिका में काम करने वाले बेटे का बाप, आपकी पुलिस की मारपीट का शिकार बना। उसे लकवा मार गया है और वह अस्पताल में भर्ती है। उसका कसूर इतना था कि उसका रंग सफेद नहीं था और वह इंग्लिश नहीं बोल पाता था। मुझे यकीन है कि जिसने पुलिस को उसके संदिग्ध होने की ख़बर दी होगी, उसने उन्हें आतंकी या चोर-उचक्के की नज़र से ही देखा होगा, क्योंकि उसकी चमड़ी का रंग सफेद नहीं था।
आप तो अमेरिका के अश्वेत राष्ट्रपति हैं, लेकिन आपके राज में पिछले कुछ महीनों में काले रंग के लोगों को गोली मारने की घटनाएं हुईं, बदला लेने की कोशिश हुई और कुछ पुलिसवालों को भी जान गंवानी पड़ी है। यह आपको इसलिए नहीं कह रहा हूं, बॉलीवुड का वह डॉयलॉग आपको याद दिलाऊं कि 'जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते' और 'सेनोरिटा बड़े-बड़े देशों में होने वाली हर बात छोटी नहीं होती'... यू नो वॉट आई मीन...
मुझे तो हमारे-आपके गांधी जी की एक कहानी याद आई गई थी। आपने भी पढ़ी होगी। शायद भूल गए होंगे, इसलिए ज़िक्र कर रहा हूं। गांधी जी पर लोगों का अटूट भरोसा था। एक दिन एक मां-बाप अपने बेटे को लेकर आए और गांधी जी से कहा कि यह गुड़ बहुत खाता है। गांधी जी ने उनसे कहा कि आप अगले हफ्ते आइए, ऐसे ही कुछ हफ्ते गुज़रते गए और गांधी जी अगले हफ्ते फिर आने को कहते। एक दिन गांधी जी ने बच्चे को समझाया कि ज़्यादा गुड़ मत खाओ, तो मां-बाप ने बापू से कहा कि यह बात तो आप पहले भी कह सकते थे... तो गांधी जी ने कहा, मैं उस समय खुद बहुत गुड़ खाता था, अब बंद कर दिया है। मैं जो काम खुद नहीं कर सकता, उसके लिए दूसरों को नहीं कहता हूं।
गांधी के देश का बाशिंदा
गौरव ताम्रकार | 8 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: उत्तर प्रदेश : मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे मेडिकल कॉलेज, सरकार ने तय की फीस | यह लेख है: उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र के 13 डेंटल कॉलेजों तथा 23 मेडिकल कॉलेजों की फीस निर्धारित कर दी है. ऐसा प्रदेश में पहली बार किया गया है, जब निजी डेंटल और मेडिकल कॉलेजों की फीस का निर्धारण किया गया है. फीस निर्धारण के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए फीस 8.50 लाख रुपये से लेकर 11.50 लाख रुपये निर्धारित की गई है जबकि बीडीएस के लिए 1.37 लाख रुपये से लेकर 3.65 लाख रुपये फीस निर्धारित की गई है.
प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया, "यह फीस शैक्षणिक सत्र 2017-18, 2018-19 व 2019-20 के लिए निर्धारित की गई है. निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए फीस नियमन समिति भी बनाई गई है."
इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां
देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया, "यह फीस शैक्षणिक सत्र 2017-18, 2018-19 व 2019-20 के लिए निर्धारित की गई है. निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए फीस नियमन समिति भी बनाई गई है."
इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां
देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां
देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 8 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: अवमानना मामले में पूर्व जस्टिस सीएस कर्णन की याचिका खारिज | यह लेख है: कर्णन ने उच्च न्यायालय से यह घोषणा करने की मांग की थी कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 9 मई को उन्हें दिए गया सजा का आदेश और इसके तहत आगे की कार्यवाही 'असंवैधानिक और शून्य' है क्योंकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का कथित तौर पर पालन नहीं किया गया था. खंडपीठ ने कर्णन की ओर से दिए गए तर्क को खारिज कर दिया कि उन्हें छह महीने की जेल की सजा देने में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि यह नोट किया गया है कि याचिकाकर्ता (कर्णन को) को अदालत में अपनी रक्षा करने का पर्याप्त मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था.
कर्णन ने उच्च न्यायालय से यह घोषणा करने की मांग की थी कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 9 मई को उन्हें दिए गया सजा का आदेश और इसके तहत आगे की कार्यवाही 'असंवैधानिक और शून्य' है क्योंकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का कथित तौर पर पालन नहीं किया गया था. खंडपीठ ने कर्णन की ओर से दिए गए तर्क को खारिज कर दिया कि उन्हें छह महीने की जेल की सजा देने में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि यह नोट किया गया है कि याचिकाकर्ता (कर्णन को) को अदालत में अपनी रक्षा करने का पर्याप्त मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था. | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: हिंसा भड़काने के मामले में ट्रंप को मुकदमे से छूट नहीं : संघीय न्यायाधीश | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: एक संघीय न्यायाधीश ने एक अभियान रैली में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के मामले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मुकदमे से छूट देने से इनकार कर दिया है. ट्रंप के वकीलों ने उन तीनों प्रदर्शनकारियों की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे को खारिज करने की मांग की थी जिनका कहना था कि केंटकी के लुइसविल में 1 मार्च 2016 को हुई रैली में ट्रंप के समर्थकों ने उनके साथ हिंसा की थी.
वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप का इरादा अपने समर्थकों को उकसाने का नहीं था.टिप्पणियां
दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा.
हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा.
वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप का इरादा अपने समर्थकों को उकसाने का नहीं था.टिप्पणियां
दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा.
हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा.
दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा.
हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा.
हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा. | 9 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: बिल पास होने से संतुष्ट, लेकिन हमारी बेटी को इंसाफ नहीं मिला : निर्भया के माता-पिता | निर्भया के माता-पिता ने जुवेनाइल जस्टिस बिल के पास होने का यह कहते हुए स्वागत किया कि यह नाबालिगों को महिलाओं के खिलाफ ऐसा अपराध करने से रोकेगा, लेकिन उन्होंने इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिला।टिप्पणियां
निर्भया की मां ने संसद के बाहर कहा, वैसे तो हम संतुष्ट हैं कि बिल पास हो गया है और इससे जघन्य अपराध की पीड़िताओं को न्याय पाने में मदद मिलेगी, लेकिन इस बात का दुख है कि हमारी बेटी ज्योति को इंसाफ नहीं मिला। सबसे अधिक क्रूर रहा नाबालिग अपराधी हमारी बार-बार की अर्जियों और मांग के बावजूद रिहा हो गया।
निर्भया के पिता ने कहा, यह अच्छी बात हुई है। हमारे प्रयास से कुछ नतीजे तो आए। इस मामले में नाबालिग अपराधी को रिहा कर प्रशासन ने गलत संदेश दिया है, लेकिन नया कानून नाबालिगों को महिलाओं के खिलाफ ऐसा अपराध करने से रोकेगा। राज्यसभा में जब इस बिल चर्चा चल रही थी, तब दर्शक दीर्घा में निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे। उन्होंने इस बिल को पारित कराने में सहयोग की मांग को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्यराज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट की थी।
निर्भया की मां ने संसद के बाहर कहा, वैसे तो हम संतुष्ट हैं कि बिल पास हो गया है और इससे जघन्य अपराध की पीड़िताओं को न्याय पाने में मदद मिलेगी, लेकिन इस बात का दुख है कि हमारी बेटी ज्योति को इंसाफ नहीं मिला। सबसे अधिक क्रूर रहा नाबालिग अपराधी हमारी बार-बार की अर्जियों और मांग के बावजूद रिहा हो गया।
निर्भया के पिता ने कहा, यह अच्छी बात हुई है। हमारे प्रयास से कुछ नतीजे तो आए। इस मामले में नाबालिग अपराधी को रिहा कर प्रशासन ने गलत संदेश दिया है, लेकिन नया कानून नाबालिगों को महिलाओं के खिलाफ ऐसा अपराध करने से रोकेगा। राज्यसभा में जब इस बिल चर्चा चल रही थी, तब दर्शक दीर्घा में निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे। उन्होंने इस बिल को पारित कराने में सहयोग की मांग को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्यराज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट की थी।
निर्भया के पिता ने कहा, यह अच्छी बात हुई है। हमारे प्रयास से कुछ नतीजे तो आए। इस मामले में नाबालिग अपराधी को रिहा कर प्रशासन ने गलत संदेश दिया है, लेकिन नया कानून नाबालिगों को महिलाओं के खिलाफ ऐसा अपराध करने से रोकेगा। राज्यसभा में जब इस बिल चर्चा चल रही थी, तब दर्शक दीर्घा में निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे। उन्होंने इस बिल को पारित कराने में सहयोग की मांग को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्यराज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट की थी। | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: एवरेस्ट पर दो भारतीय पर्वतारोही लापता, एक अन्य के हाथ पैर सुन्न पड़े | लेख: पिछले दो दिनों में नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया के एक-एक पर्वतारोही की माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने के बाद ऊंचाई पर होने वाली स्वास्थ्य तकलीफों से मौत हो गई। कुछ दिन पहले नेपाल के धौलागिरी पर्वत चोटी से उतरते समय बीमार पड़ने से एक भारतीय पर्वतारोही की मौत हो गई थी।टिप्पणियां
श्रेष्ठ ने कहा कि पर्वतों पर मानवीय लापरवाही के कारण ठंड से हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं। पर्वतारोहियों को इस तरह की स्थिति से बचने के लिए बार-बार अपने हाथ पांव हिलाने चाहिए।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
श्रेष्ठ ने कहा कि पर्वतों पर मानवीय लापरवाही के कारण ठंड से हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं। पर्वतारोहियों को इस तरह की स्थिति से बचने के लिए बार-बार अपने हाथ पांव हिलाने चाहिए।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) | 9 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: पीएम मोदी ने कहा, बाला साहेब ठाकरे के प्रति सम्मान में शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा | लेख: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे और बाला साहेब ठाकरे के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करेंगे। सांगली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह बात कही।
शनिवार से महाराष्ट्र में विभिन्न रैलियों को संबोधित करने के दौरान पीएम मोदी ने शिवसेना पर चुप्पी साधे रखी थी और आज उन्होंने साफ कर दिया कि वह अपने पूर्व सहयोगी दल के खिलाफ कोई शब्द नहीं बोलेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे की गैरहाजिरी में यह पहला चुनाव होने जा रहा है। मैंने तय किया है कि मैं बाला साहेब के प्रति आदर को व्यक्त करने के लिए शिवसेना के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलूंगा। पीएम मोदी ने कहा, मैं बाला साहेब की संकल्प शक्ति का हमेशा आदर करता रहा हूं। अखबार के लोग हमारी भावनाओं को समझें... जो लोग सब कुछ राजनीति के तराजू से तौलते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि राजनीति के ऊपर भी श्रद्धा के कुछ तत्व होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि मोदी हमें भी प्रिय हैं, हम भी उनके प्रति आदर सम्मान रखते हैं, लेकिन अगर 25 साल पुराना गठबंधन बनाए रखते तो यह बाला साहेब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होती।
सांगली की रैली में पीएम मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस और एनसीपी पर जमकर निशाना साधा। खास तौर पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि पवार यह बताएं कि इस इलाके में चीनी मिलें बंद क्यों हुईं, जबकि उनकी पार्टी राज्य की सत्ता में हिस्सेदार थी और वह खुद केंद्र में कृषि मंत्री के पद पर थे।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी का चरित्र एक जैसा ही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के विकास के लिए राज्य में बीजेपी की सरकार जरूरी है और इसलिए लोगों ने जिस तरह लोकसभा चुनावों में उन्हें भरपूर समर्थन दिया, अब विधानसभा चुनावों में भी वैसा ही समर्थन दें।
मराठी भाषा में भाषण शुरू करते हुए मोदी ने शरद पवार पर तीखा हमला बोला और कहा, पवार के बयान ने मुझे बहुत आहत किया है। आपको (पवार को) इतिहास की समझ नहीं है। 1960 से पहले गुजरात महाराष्ट्र का ही हिस्सा था। हमने महाराष्ट्र को बड़ा भाई माना है।
उन्होंने कहा, मैं पवार से पूछना चाहता हूं कि आप शिवाजी की बात करते हैं। वाजपेयी सरकार ने मुंबई हवाई अड्डे का नाम शिवाजी के नाम पर रखा था। आप मुख्यमंत्री थे, लेकिन इस बारे में नहीं सोचा। यहां तक कि विक्टोरिया टर्मिनस का नाम वाजपेयी सरकार ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रखा। मोदी ने कहा, आपके चरित्र में शिवाजी के गुण आने की कोई संभावना नहीं है। लेकिन अगर कृषि मंत्री के रूप में आपने शिवाजी की जल प्रबंधन तकनीकों को लागू किया होता, तो महाराष्ट्र के किसानों ने खुदकुशी नहीं की होती।
पीएम मोदी ने कहा, पवार को शिवाजी की बात करना शोभा नहीं देता। सूरत में शिवाजी की प्रतिमा आपके बारामती में लगी प्रतिमा से बड़ी है। गौरतलब है कि पवार ने हाल ही में एक रैली में बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज को 'लुटेरा' कहने वाले लोग वोट मांगने के लिए उनके नाम का सहारा ले रहे हैं। | 9 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: जहरीले खतों के जरिये लोगों को निशाना बनाने की थी आईएम की साजिश : पुलिस | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी जहर लगे खत भेजकर कई वीवीआईपी लोगों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश एक सप्लीमेंटरी चार्जशीट (पूरक आरोपपत्र) में दिल्ली पुलिस ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है।
कथित रूप से गैर कानूनी हथियार फैक्ट्ररी स्थापित किए जाने के मामले में आतंकवादी संगठन के छह संदिग्ध लोगों के खिलाफ अदालत में दाखिल किए गए अपने आरोपपत्र में पुलिस ने यह खुलासा किया है।
अपने पूरक आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने दावा किया है कि पूछताछ के दौरान आईएम के संदिग्ध आतंकियों - तहसीन अख्तर और मोहम्मद वकार अजहर ने बताया था कि उन्होंने उपलब्ध रसायनों से जहर बनाने का प्रयास किया था।
आरोपपत्र में कहा गया है, पूछताछ के दौरान आरोपियों वकार और तहसीन ने खुलासा किया कि उन्होंने मैग्नीशियम सल्फेट, एसीटोन और कैस्टर सीड्स जैसे उपलब्ध रसायनों की मदद से जहर बनाने की कोशिश की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है, जहर बनाने के पीछे उनका मकसद जहर लगे पत्र भेजकर अपने शिकार को निशाना बनाना था। वकार से ये रसायन बरामद किए गए हैं।
पूरक आरोपपत्र में पुलिस ने आईएम के शीर्ष सदस्यों - तहसीन अख्तर, जिया उर रहमान, मोहम्मद वकार अजहर, मोहम्मद मारूफ, मोहम्मद साकिब अंसारी तथा इम्तियाज आलम का नाम आरोपी के रूप में लिया है। इन सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है। चार्जशीट में पुलिस ने यह भी कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने ताजमहल और आगरा के किले की भी रेकी की थी, ताकि वहां बम धमाकों को अंजाम दिया जा सके। | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: सोमालिया में अमेरिकी हवाई हमले में अल-शबाब के 100 से ज्यादा लड़ाके ढेर | यह एक लेख है: अमेरिकी बलों ने सोमालिया में मंगलवार को अल कायदा से संबद्ध अल-शबाब समूह के खिलाफ हवाई हमला किया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए. अमेरिकी-अफ्रीका कमान ने एक बयान में कहा, 'सोमालिया की संघीय सरकार के साथ तालमेल से अमेरिकी बलों ने सोमालिया में मंगलवार, 21 नवंबर को सोमालियाई समयानुसार सुबह साढ़े 10 बजे (वैश्विक समयानुसार साढ़े सात बजे) अल-शबाब के खिलाफ हवाई हमला कर 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया.'
यह भी पढ़ें : सोमालिया में होटल के बाहर भीषण आत्मघाती हमला, 25 लोगों की मौतटिप्पणियां
यह अभियान सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से 200 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में चलाया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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यह अभियान सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से 200 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में चलाया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह अभियान सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से 200 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में चलाया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 13 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: यूपी : शराब पीने की आदत को लेकर महिला ने पति की पीट-पीटकर हत्या की | यह लेख है: मुजफ्फरनगर शहर की बच्चन सिंह कॉलोनी में 30 साल की एक महिला ने अपने पति की शराब पीने की आदत से तंग आकर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी.टिप्पणियां
एसएसआई समयपाल सिंह ने कहा, ज्योति ने अपने पति की शराब पीने की आदत को लेकर उसे मार डाला. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एसएसआई समयपाल सिंह ने कहा, ज्योति ने अपने पति की शराब पीने की आदत को लेकर उसे मार डाला. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 8 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: यूएस ओपन : फेडरर, जोकोविच की छुट्टी, फाइनल में भिड़ेंगे सिलिच और निशिकोरी | यह लेख है: 2005 के बाद ऐसा कोई फाइनल मुकाबला होगा, जिसमें फेडरर, जोकोविच या फिर राफेल नडाल हिस्सा न हों। यूएस ओपन के सेमीफाइनल में हुए बड़े उलटफेर में रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच हार गए हैं।
17 बार ग्रैड स्लैम खिताब जीतने वाले फेडरर को 25 साल के क्रोएशिया के मारिन सिलिच ने तीन सीधे सेटों में 6-3, 6-4, 6-4 से हरा दिया। फेडरर पांच बार यूएस ओपन चैंपियन रह चुके हैं और इस बार टूर्नामेंट में राफेल नडाल के न होने से फेडरर को यहां जीत का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। मगर 14वीं वरियता प्राप्त मारिन सिलिच ने शानदार खेल दिखाया और सीधे सेटों में फेडरर का काम तमाम कर दिया। फेडरर को हराने में मारिन सिलिच को 1 घंटे 45 मिनट लगा।
मैच के बाद फेडरर ने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन सिलिच का खेल उनसे कई गुणा बेहतर था। सिलिच की मानें तो उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि उन्होंने किसी ग्रैंड स्लैम खिताब के सेमीफाइनल में रोजर फेडरर को हरा दिया।
वहीं एक अन्य सेमीफाइनल मुकाबले में के निशिकोरी ने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को मात दे दी। इस जीत के साथ निशिकोरी किसी भी ग्रैंड स्लैम के सिंगल्स फाइनल में पहुंचने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी हो गए हैं।
सेमीफाइनल मुकाबले में निशिकोरी ने चार सेटों में 6-4, 1-6, 7-6, 6-3 से नोवाक जोकोविच को हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया। 11वीं वरीयता प्राप्त निशिकोरी के पैर के अंगूठे में चोट के कारण इस टूर्नामेंट में खेलना तय नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने खेल से सबको चौंका दिया। | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: वित्त विधेयक पारित, संसद की कार्यवाही 2 मई तक स्थगित | यह एक लेख है: लोकसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2013-14 के लिए वित्त विधेयक पारित हो गया, जिसके बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दो मई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि वित्त विधेयक पारित होने में सहयोग दिया, लेकिन वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अब भी अड़ी है।
भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया।
सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि वित्त विधेयक पारित होने में सहयोग दिया, लेकिन वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अब भी अड़ी है।
भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया।
सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया।
सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। | 2 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: विंबलडन पर चोटों का कहर, चार खिलाड़ी हटे | यह एक लेख है: राफेल नडाल को विंबलडन के पहले दौर में हराने वाले दुनिया के 135वें नंबर के खिलाड़ी स्टीव डार्सिस, ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन विक्टोरिया अजारेंका, राडेक स्टेपनेक और जान इसनर को बुधवार को चोटों के कारण इस टूर्नामेंट से हटना पड़ा। विक्टोरिया अजारेंका को सेंटर कोर्ट पर अपना मैच शुरू होने से कुछ देर पहले हटना पड़ा।
ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन अजारेंका का पोलैंड की मारिया जोओ कोलहर के खिलाफ पहले दौर के मैच में दाहिना घुटना चोटिल हो गया था। अजारेंका को दूसरे दौर में इटली की फ्लेविया पेनेटा से भिड़ना था।
डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां
डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन अजारेंका का पोलैंड की मारिया जोओ कोलहर के खिलाफ पहले दौर के मैच में दाहिना घुटना चोटिल हो गया था। अजारेंका को दूसरे दौर में इटली की फ्लेविया पेनेटा से भिड़ना था।
डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां
डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां
डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे। | 9 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: भारत के रक्षामंत्री एंटनी ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर पहुंचे | एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ भारत के रक्षा संबंध मजबूत करने के उद्देश्य से तीन देशों की अपनी यात्रा के तहत रक्षा मंत्री एके एंटनी आज आस्ट्रेलिया पहुंच गए।
एंटनी ऑस्ट्रेलियाई रक्षामंत्री स्टीफन स्मिथ से ऑस्ट्रेलियाई राजधानी कैनबरा में आस्ट्रेलिया-भारत रक्षा मंत्री स्तर के संवाद में शामिल होंगे।
एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां
उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
एंटनी ऑस्ट्रेलियाई रक्षामंत्री स्टीफन स्मिथ से ऑस्ट्रेलियाई राजधानी कैनबरा में आस्ट्रेलिया-भारत रक्षा मंत्री स्तर के संवाद में शामिल होंगे।
एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां
उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां
उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था। | 8 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: PAKvsWI : पहले दिन-रात क्रिकेट टेस्ट मैच में पाक ने वेस्टइंडीज को 56 रनों से हराया | लेख: पाकिस्तान ने पहले दिन-रात क्रिकेट टेस्ट मैच के पांचवें और अंतिम दिन सोमवार को यहां वेस्टइंडीज को 56 रनों से हरा दिया और तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली. डेरेन ब्रावो ने आखिर तक पाकिस्तानी गेंदबाजों का प्रतिरोध किया और 116 रन बनाए. वेस्टइंडीज की टीम ने कुल 289 रन बनाए. वेस्टइंडीज की टीम दुबई स्टेडियम की टूटती पिच पर 346 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. लेग स्पिर यासिर शाह ने दूसरी पारी में दो विकेट और पूरे मैच में कुल सात विकेट लिए.
ब्रावो का एशिया में यह पांचवां और विदेशी सरजमीं पर सातवां शतक है. पाकिस्तान ने छह विकेट पर 224 रन के स्कोर पर नयी गेंद ली जिसके बाद ब्रावो ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर की पहली ही गेंद पर चौके के साथ शतक पूरा किया.
इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां
ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ब्रावो का एशिया में यह पांचवां और विदेशी सरजमीं पर सातवां शतक है. पाकिस्तान ने छह विकेट पर 224 रन के स्कोर पर नयी गेंद ली जिसके बाद ब्रावो ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर की पहली ही गेंद पर चौके के साथ शतक पूरा किया.
इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां
ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां
ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 2 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: लंदन की 24 मंजिला इमारत में भीषण आग, कम से कम 12 लोगों की मौत | लेख: पश्चिमी लंदन में 24 मंजिला एक आवासीय इमारत में बुधवार को भीषण आग लग गई, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 74 अन्य झुलस गए. ब्रिटेन में पिछले करीब तीन दशक में यह सबसे भीषण अग्निकांड है. लेटिमेर रोड पर स्थित लैंकेस्टर वेस्ट एस्टेट के ग्रेनफेल टावर में स्थानीय समयानुसार रात एक बजकर 16 मिनट पर आग लगी. समझा जाता है कि जब इमारत आग की लपटों से घिर गई, तब करीब 600 लोग टावर के 120 फ्लैटों में मौजूद थे.
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि इस घटना में 12 लोग मारे गए हैं. पहले मरने वालों की संख्या छह बताई गई थी. मेट्रोपॉलिटन पुलिस के कमांडर स्टुअर्ट कंडी ने कहा था कि लोगों को तलाशने का काम कुछ दिनों तक चलेगा.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली.
दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि इस घटना में 12 लोग मारे गए हैं. पहले मरने वालों की संख्या छह बताई गई थी. मेट्रोपॉलिटन पुलिस के कमांडर स्टुअर्ट कंडी ने कहा था कि लोगों को तलाशने का काम कुछ दिनों तक चलेगा.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली.
दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली.
दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
(इनपुट एजेंसी से) | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: डीटीसी की टक्कर से हुई थी सैन्यकर्मी की मौत, परिजनों को मिलेगा 1.17 करोड़ रुपये का मुआवजा | यह लेख है: दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस की चपेट में आने से हुई सैन्यकर्मी की मौत पर मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) परिवार को 1.17 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया है. सैन्यकर्मी की मौत 2016 में डीटीसी बस की टक्कर से रफी मार्ग पर जेब्रा क्रॉसिंग पार करते समय हो गई थी. डीटीसी की बस ने लालबत्ती क्रॉस की और उत्तर प्रदेश निवासी राइफलमैन राम कुमार यादव को टक्कर मारने से पहले गलत लेन पर चली गई. पैदलयात्रियों के निकलने के लिए उस वक्त बत्ती हरी थी और यादव सड़क पार कर रहे थे.
एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी एम के नागपाल ने भारतीय सेना के राइफलमैन यादव की पत्नी और दो बच्चों को मुआवजा दिये जाने के आदेश दिये. यादव यहां सेना भवन में तैनात थे. अदालत ने कहा, ‘‘यह साबित होता है कि उपरोक्त दुर्घटना में यादव की मृत्यु हो गई थी, जो डीटीसी बस के चालक की लापरवाही के कारण हुई. इसी के अनुसार यह मामला याचिकाकर्ताओं के पक्ष में और प्रतिवादियों के खिलाफ तय किया जाता है.'' | 9 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: उत्तर प्रदेश में सभी जिला कांग्रेस कमेटियां भंग, अनुशासनहीनता की जांच करेगी समिति | लेख: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी जिला कमेटियों को भंग कर दिया है व चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता की जांच की जिम्मेदारी तीन सदस्यीय समिति को सौंपेगी. पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है जिनमें कई कदमों का प्रस्ताव किया गया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक दोनों प्रभारियों की अनुशंसा के मुताबिक सभी जिला कांग्रेस कमेटियों को भंग कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उप चुनाव की तैयारियों और चुनावी प्रबंधन के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की जाएगी. पार्टी तीन सदस्यीय अनुशासनात्मक समिति गठित करेगी जो लोकसभा चुनाव के दौरान घोर अनुशासनहीनता की जांच करेगी. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय कुमार लल्लू को पूर्वी उत्तर प्रदेश में संगठन में बदलाव करने के लिए प्रभारी बनाया गया है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संगठन में बदलाव के लिए प्रभारी की नियुक्ति सिंधिया द्वारा की जाएगी. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है. वह सिर्फ रायबरेली सीट ही जीत पाई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अमेठी से चुनाव हार गए. (इनपुट भाषा से) | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: वायरल वीडियो में नशे में नहीं था पुलिसकर्मी, मुआवजे के लिए पहुंचा सुप्रीम कोर्ट | लेख: एक समय वीआईपी की सुरक्षा टीमों में सेवा दे चुके दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके एक वीडियो में उन्हें 'गलत तरीके से' पेश करने के लिए मुआवजा मांगा है। पिछले साल सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में इस पुलिसकर्मी को कथित रूप से नशे की हालत में मेट्रो के एक डिब्बे में डगमगाते और फर्श पर गिरते हुए दिखाया गया था।
हेड कांस्टेबल सलीम पी. के. को वीडियो में दिल्ली मेट्रो के एक डिब्बे में गिरते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि वह नशे में नहीं थे, बल्कि ड्यूटी से लौटते वक्त उनके दिमाग की नसों में बड़ा अवरोध आने के कारण वह होश खो रहे थे।
सलीम की याचिका एक अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आ सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस मजबूरी वाली हालत का वीडियो बनाया गया और उसे विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा यह आरोप लगाते हुए दिखाया गया कि वह नशे में थे और यह 'सुनवाई के बगैर एक कथित अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने' का मामला है।
केरल के रहने वाले और साल 1986 में दिल्ली पुलिस में शामिल सलीम को यह वीडियो सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण मंत्री राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की सुरक्षा टीम में सेवाएं दे चुके हैं।टिप्पणियां
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हेड कांस्टेबल सलीम पी. के. को वीडियो में दिल्ली मेट्रो के एक डिब्बे में गिरते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि वह नशे में नहीं थे, बल्कि ड्यूटी से लौटते वक्त उनके दिमाग की नसों में बड़ा अवरोध आने के कारण वह होश खो रहे थे।
सलीम की याचिका एक अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आ सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस मजबूरी वाली हालत का वीडियो बनाया गया और उसे विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा यह आरोप लगाते हुए दिखाया गया कि वह नशे में थे और यह 'सुनवाई के बगैर एक कथित अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने' का मामला है।
केरल के रहने वाले और साल 1986 में दिल्ली पुलिस में शामिल सलीम को यह वीडियो सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण मंत्री राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की सुरक्षा टीम में सेवाएं दे चुके हैं।टिप्पणियां
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सलीम की याचिका एक अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आ सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस मजबूरी वाली हालत का वीडियो बनाया गया और उसे विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा यह आरोप लगाते हुए दिखाया गया कि वह नशे में थे और यह 'सुनवाई के बगैर एक कथित अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने' का मामला है।
केरल के रहने वाले और साल 1986 में दिल्ली पुलिस में शामिल सलीम को यह वीडियो सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण मंत्री राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की सुरक्षा टीम में सेवाएं दे चुके हैं।टिप्पणियां
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
केरल के रहने वाले और साल 1986 में दिल्ली पुलिस में शामिल सलीम को यह वीडियो सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण मंत्री राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की सुरक्षा टीम में सेवाएं दे चुके हैं।टिप्पणियां
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) | 13 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: कांग्रेस से सहयोग के संकेत, मोदी बोले, मैच्योर नेता मिलकर काम करने की अहमियत समझते हैं | यह एक लेख है: कांग्रेस पर तीखे हमले कर रहे नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुनावों के बाद कांग्रेस का सहयोग लेने पर साफ संकेत दिया है। मोदी ने कहा है कि मैच्योर नेता मिलकर काम करने की अहमियत समझते हैं। यह बात मोदी ने अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कही है।
मोदी ने कहा कि चुनाव के दौरान तो हमले तेज होते ही हैं। हमारे रिश्ते इतने भी खराब नहीं हुए हैं। हमने यूपीए के 10 साल के दौरान फूड सिक्योरिटी बिल, भूमि अधिग्रहण बिल, लोकपाल बिल जैसे कई मुद्दों पर सरकार का साथ दिया है।
अर्थव्यवस्था को पहली प्राथमिकता देने की मंशा साफ करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि फैसले लेने के मोर्चे पर निरंतरता में कमी न आ पाए, ऐसा कोई संदेश न दिए जाए, जिससे निवेशकों के हित पर बुरा असर पड़े।
एफडीआई पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि हमने मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई को लेकर आपत्ति जताई है, लेकिन हमारे मेनिफेस्टो में साफतौर पर कहा गया है कि हम सभी सेक्टर्स में एफडीआई का स्वागत करेंगे। साथ ही कहा कि हमें लगेगा कि एफडीआई से युवाओं के लिए रोजगार पैदा होगा। वहां हम इसे बढ़ावा देंगे।
साथ ही मोदी ने साफ किया कि इसमें कोई शक नहीं है कि नई सरकार के सामने अर्थव्यवस्था की बुरी हालत से निपटने की चुनौती होगी। मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ भी करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर जो काम किए उनके लिए उन्हें निश्चिततौर पर श्रेय दूंगा। साथ ही मोदी ने कहा कि अगर उन्हें अधिकार और काम करने की स्वतंत्रता दी गई होती तो वह प्रधानमंत्री के रूप में भी अच्छा काम कर सकते थे।
इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इस इंटरव्यू में मोदी ने कांग्रेस और यूपीए पर निशाना भी साधा। इन चुनावों में कांग्रेस की हार तो तय है ही, वह अब तक की सबसे कम सीटों पर सिमटने जा रही है। मोदी ने कहा है कि मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस किसी भी राज्य में 10 सीटों से ज्यादा न जीत पाए। साथ ही मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस 100 के आंकड़े तक नहीं पहुंचेगी और बीजेपी और एनडीए दोनों ही अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने जा रहे हैं। | 8 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: भारतीय सेना के चार 'निशांत' यूएवी में से आखिरी भी पोखरण में क्रैस | लेख: देश में विकसित भारतीय सेना का एक मानवरहित हवाई यान (यूएवी) राजस्थान में पोखरण के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पिछले 15 दिन में हुई यह इस तरह की दूसरी घटना है।टिप्पणियां
सेना सूत्रों ने कहा कि यूएवी राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोखरण के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यह 2011 में शामिल किए गए इस तरह के चार यूएवी में आखिरी था।
इससे पहले बीते चार नवंबर को इसी इलाके में एक और यूएवी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सूत्रों ने कहा, 'आज की दुर्घटना किसी तकनीकी खामी के कारण हुई।' सूत्रों के अनुसार सेना के और निशांत यूएवी ना खरीदने के फैसले के साथ निशांत यूएवी कार्यक्रम अब मृतप्राय हो गया है।
सेना सूत्रों ने कहा कि यूएवी राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोखरण के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यह 2011 में शामिल किए गए इस तरह के चार यूएवी में आखिरी था।
इससे पहले बीते चार नवंबर को इसी इलाके में एक और यूएवी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सूत्रों ने कहा, 'आज की दुर्घटना किसी तकनीकी खामी के कारण हुई।' सूत्रों के अनुसार सेना के और निशांत यूएवी ना खरीदने के फैसले के साथ निशांत यूएवी कार्यक्रम अब मृतप्राय हो गया है।
इससे पहले बीते चार नवंबर को इसी इलाके में एक और यूएवी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सूत्रों ने कहा, 'आज की दुर्घटना किसी तकनीकी खामी के कारण हुई।' सूत्रों के अनुसार सेना के और निशांत यूएवी ना खरीदने के फैसले के साथ निशांत यूएवी कार्यक्रम अब मृतप्राय हो गया है। | 2 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: Om Birla: कुछ ऐसा है ओम बिरला के छात्र नेता से स्पीकर बनने तक का सफर, जानिए 10 बातें | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बीजेपी नेता और कोटा से सांसद ओम बिरला (OM Birla) लोकसभा स्पीकर बनाए गए हैं. बीजेपी नेता ओम बिरला (Om Birla) ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कोटा में कांग्रेस उम्मीदवार रामनारायण मीणा को हराया था. उन्होंने रामनारायण मीणा को 2.5 लाख से भी ज्यादा वोटों शिकस्त दी थी. ओम बिरला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को कोटो में हुआ था. ओम बिरला वर्तमान में कोटा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के सांसद हैं. बिरला (BJP MP Om Birla) कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. वह 2003, 2008 और 2013 में 12वीं, 13वीं एवं 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. आइये जानते हैं बीजेपी सांसद ओम बिरला से जुड़ी 10 बातें..
बीजेपी नेता ओम बिड़ला का लोकसभा स्पीकर बनना लगभग तय, विपक्ष ने नहीं किया उम्मीदवारी का विरोध
राहुल गांधी के इनकार के बाद अधीर रंजन चौधरी को चुना गया लोकसभा में कांग्रेस का नेता | 2 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: अफगान से निकलने के बाद भारत-पाक को आतंकवाद बढ़ने का डर : US | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि भारत और पाकिस्तान दोनों को ही भय है कि युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के निकलने के बाद वहां आई अस्थिरता से दोनों देशों में आतंकवाद बढ़ सकता है।
अधिकारी के अनुसार, अमेरिका का मानना है कि आने वाले वर्षों में अफगानिस्तान में भारत और पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकते हैं।टिप्पणियां
एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है।
उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं।
अधिकारी के अनुसार, अमेरिका का मानना है कि आने वाले वर्षों में अफगानिस्तान में भारत और पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकते हैं।टिप्पणियां
एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है।
उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं।
एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है।
उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं। | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: द्रविड़ को सीनियर खिलाड़ियों की राष्ट्रीय टीम में वापसी की उम्मीद | यह लेख है: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान राहुल द्रविड़ ने आज उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ी फार्म दोबारा हासिल करने के साथ भारतीय टीम में वापसी करने में सफल रहेंगे।
सहवाग के अलावा जहीर खान और गौतम गंभीर को वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ होने वाली शृंखला के दो चार दिवसीय मैचों के लिए भारत (ए) की टीम में शामिल करके उन्हें टेस्ट टीम में वापसी का मौका दिया गया है।
युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए।
द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां
उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे।
द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है।
सहवाग के अलावा जहीर खान और गौतम गंभीर को वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ होने वाली शृंखला के दो चार दिवसीय मैचों के लिए भारत (ए) की टीम में शामिल करके उन्हें टेस्ट टीम में वापसी का मौका दिया गया है।
युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए।
द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां
उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे।
द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है।
युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए।
द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां
उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे।
द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है।
द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां
उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे।
द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे।
द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है।
द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: एक डॉक्टर का अंधा प्यार, कैसे बदला तेजाबी इंतकाम में... | उसने पीड़ित डॉक्टर लड़की पर तेजाब डलवाने से पहले उसी सीरिंज में पानी भरवाकर ठीक उसी तरह अपने ऊपर डलवाया, और जब वह इस बात को लेकर आश्वस्त हो गया कि दोनों नाबालिग लड़के तेजाब को अच्छी तरह पीड़ित लड़की पर डाल आएंगे, तब उसने अपने दोस्त वैभव के जरिये तेजाब डालने वाले लड़कों को 25 हज़ार रुपये और 15 दिन का वक्त दिया...
जी हां, यह खुलासा खुद ईएसआईसी के आरोपी सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर अशोक यादव ने किया। नाबालिगों ने पहले बाइक चुराई, फिर 17 दिसंबर को तेजाब डालने के लिए लेडी डॉक्टर का इंतजार करने लगे, लेकिन उस दिन वह कार से अस्पताल जा रही थी, सो, प्लान फेल हो गया...
दोबारा कोशिश 21 दिसंबर की सुबह हुई, जब पीड़ित लेडी डॉक्टर अपनी सफेद स्कूटी से अस्पताल जा रही थी। काली पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार दोनों नाबालिगों ने स्कूटी का पीछा किया, और मौका देखकर तेजाब से भरी सीरिंज से पीड़िता पर एसिड डाल दिया, जिससे लेडी डॉक्टर का चेहरा झुलस गया और दाहिनी आंख की रोशनी बचाने के लिए एम्स के डॉक्टर अब इलाज में जुटे हैं।
गुरुवार सुबह खबर आई कि पुलिस ने तेजाब डालने वाले चार लोगों को पकड़ लिया। पुलिस जांच में पता चला कि चार में से दो नाबालिग हैं, जिन्होंने चंद पैसों के लालच में पहले बाइक चुराई फिर लेडी डॉक्टर पर तेजाब डाला। हालांकि पीड़ित लड़की बार-बार कह रही थी कि उसे किसी पर शक नहीं है, लेकिन जब पुलिस ने उसके दोस्तों की लिस्ट बनानी शुरू की, तो पता चला कि मायापुरी में रहने वाला डॉ अशोक यादव काफी समय से उस लेडी डॉक्टर और उसके घरवालों को जानता था।
लेकिन लेडी डॉक्टर को शायद उसके एकतरफा प्यार का पता नहीं था। जब अशोक यादव को पता चला कि पीड़ित लड़की की शादी की बात दूसरे के साथ चल रही है, तो उसने अंदर ही अंदर पीड़िता को सबक सिखाने की ठान ली। इस बारे में जब उसने कॉल सेंटर में काम करने वाले अरने मित्र वैभव से बात की तो उसने दो नाबालिग लड़कों को इस काम को अंजाम देने के लिए तैयार कर लिया।
कौन है डॉ अशोक यादव...?
करीब छह फुट लंबाई, गोरा रंग और मासूम-सा चेहरा लिए डॉ अशोक यादव ने रूस से एमबीबीएस किया था। पिछले करीब तीन साल से वह ईएसआईसी अस्पताल में सीनियर रेसीडेंट के रूप में कार्यरत है, और पीड़ित लड़की से उसकी मुलाकात एमबीबीएस के वक्त से ही है, लेकिन वह एकतरफा प्यार करता है, इस बात का अंदाजा पीड़िता को भी नहीं था। इसी के चलते जब पुलिस ने डॉ अशोक यादव से पूछताछ करनी चाही तो पीड़ित लड़की ने यह कहकर विरोध किया कि अगर अशोक से पूछताछ हुई, तो वह अपना केस तक वापस ले लेगी।
आरोपी डॉक्टर ने यह पूरा प्लान करीब 20 दिन पहले तैयार किया था। नाबालिग लड़कों ने 17 दिसंबर को भी पीड़िता पर तेजाब फेंकने की कोशिश की थी।, लेकिन उस दिन वह कार से अस्पताल जा रही थी। यह वारदात उदाहरण है कि कैसे एकतरफा अंधा प्यार अंधे इंतकाम में बदल जाता है, जो एक डॉक्टर तक को हैवान बना देता है, और किसी लड़की को जिंदगी भर का ज़ख्म दे सकता है... | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: प्राइम टाइम इंट्रो : न्यायपालिका की आज़ादी में दखलंदाज़ी हुई? | यह एक लेख है: नमस्कार मैं रवीश कुमार। क्या आपको इस बात से फर्क पड़ता है कि कोई सरकार अपनी संस्थाओं के बीच किस तरह का संतुलन बनाती है और उनकी स्वायत्तता को कितनी जगह देती है। मैं सीबीआई की बात नहीं कर रहा हूं। वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम जज नहीं बने तो जनता को क्यों तकलीफ होनी चाहिए। उनके जज बनने से महंगाई तो कम नहीं हो जाती है। यह निवेदन इसलिए है कि इसी बहाने कार्यपालिका जिसे हिन्दी में सरकार कहते हैं और न्यायपालिका जिसे उर्दू में अदालत कहते हैं के बीच एक जज की नियुक्ति को लेकर जो बहस चल रही है उसमें हर किसी को कूद पड़ना चाहिए।
कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच के नाज़ुक रिश्तों को समझने के लिए। तभी आप या हम इस बात को ढंग से देख पाएंगे कि क्या किसी जज की नियुक्ति इस बात पर भी निर्भर हो सकती है कि सरकार उसे राजनीतिक नज़रिये से कैसे देखती है। आखिर क्यों चीफ जस्टिस को यह कहना पड़ा कि भारत सरकार ने उनके भेजे गए चार नामों में से एक को अलग करने का जो फैसला किया वो उचित नहीं था और एकतरफा तरीके से ऐसा किया गया। बिना मेरी जानकारी और सहमति के ऐसा किया गया। इसके बाद चीफ जस्टिस कहते हैं कि यह धारणा मत बनाइये कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता से कोई समझौता हो सकता है। मैंने हमेशा इसकी लड़ाई लड़ी है और अगर समझौता हुआ तो मैं कुर्सी छोड़ देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। मैं एक अरब बीस करोड़ भारतीयों से वादा करता हूं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता नहीं होगा।
ऐसा क्या हो गया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक अरब बीस करोड़ भारतीयों का आह्वान करना पड़ गया। आज की बहस में अंग्रेजी के दो शब्द बार-बार आ सकते हैं।
पहला है कॉलेजियम− इसके अध्यक्ष होते हैं भारत के मुख्य न्यायाधीश और उनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जज इसके सदस्य होते हैं। जजों की नियुक्ति यही कॉलेजियम करता है।
दूसरा शब्द है सेग्रिगेशन− इस शब्द का इस्तेमाल इस संदर्भ में आएगा कि क्यों सरकार ने कॉलेजियम के भेजे चार जजों में से एक का नाम अलग कर दिया। अलग मतलब उनकी नियुक्ति का आदेश जारी नहीं किया।
मामला यह है कि भारत सरकार ने गोपाल सुब्रमण्यम के जज बनने के प्रस्ताव की फाइल सेग्रिगेट यानी अलग कर दी और बाकी तीन जजों की नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी। उन्हें जज इन वेटिंग बना दिया गया। गोपाल सुब्रमण्यम ने इसे अपनी स्वतंत्रता पेशेवर साख ईमानदारी और निष्ठा पर कुठाराघात यानी हिन्दी में हमले के रूप में देखा। वो इस बात से खफा थे कि 15 मई को आईबी से क्लीन चिट मिल जाने के बाद भी नई सरकार के आते ही उनके बारे में मीडिया में ख़बरें लीक कराईं गई।
इन बातों को लेकर गोपाल साहब ने 25 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक चिट्ठी लिख दी और उसे सार्वजनिक कर दी। 9 पन्ने की इस चिट्ठी के कुछ अंशों का मैंने अपने हिसाब से चयन किया है। जिसमें गोपाल आखिर में कहते हैं कि पिछले कुछ हफ्तों में जो कुछ हुआ है उससे मेरे मन में गंभीर आशंका पैदा होती है कि सरकार मेरी या न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान नहीं करेगी। मेरी समझ यह है कि मेरी फाइल कॉलेजियम के पास पुनर्विचार के लिए नहीं भेजी गई। मुझे लगता है कि न्यायपालिका सरकार की पसंद नापसंद का आदर कर अपनी स्वतंत्रता को लेकर अड़ने में नाकाम रही है। अदालत को कम से कम इतना तो करना चाहिए कि मुझमें विश्वास व्यक्त करने जैसा कोई बयान दे। कम से कम अपनी बिरादरी के सदस्यों के साथ तो इंसाफ होना ही चाहिए। अदालत अगर इसमें कामयाब नहीं होती है तो वह रेत के टीले में धंस जाएगी।
28 जून को विदेश से लौटने के बाद चीफ जस्टिस ने सार्वजनिक रूप से यकीन दिलाया है कि न्यायपालिका की आज़ादी से समझौता नहीं होने देंगे। कौन कर रहा था आज़ादी में दखल। चीफ जस्टिस ने तो यह भी कहा कि बिना उनकी रज़ामंदी या जानकारी के सरकार ने गोपाल सुब्रमण्यम की फाइल को अलग किया। जबकि कॉलेजियम ने उत्तम प्रतिभा का चुनाव किया था। क्या यह जवाब गोपाल सुब्रमण्यम के लिए काफी है। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि गोपाल सुब्रमण्यम ने अपनी बात सार्वजनिक कर ठीक नहीं किया है।
6 मई को चार व्यक्तियों के नाम सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए भेजा गया था। लेकिन सरकार बदलते ही मीडिया में खबरें आती हैं कि सरकार ने तीन नामों पर मंज़ूरी दी और गोपाल सुब्रमण्यम की फाइल रोक ली। क्योंकि उनके खिलाफ आईबी और सीबीआई की प्रतिकूल टिप्पणी है। इस खबरबाज़ी से गोपाल सुब्रमण्यम आहत होते हैं और चीफ जस्टिस से संपर्क करते हैं चीफ जस्टिस उन्हें 28 जून तक रुकने के लिए कहते हैं ताकि वे विदेश से लौट आएं।
गोपाल इस खत में लिखते हैं कि अगर नाम वापस नहीं लिया कि उनके साथ के तीन जजों की नियुक्ति संदिग्ध हो जाएगी। वे इस प्रोपैगैंडा से आहत हैं। आईबी ने मुझे 15 मई को क्लीन चीट दे दी थी। मुझे लोगों और कॉलेजियम की निगाह में शंका पैदा करने के लिए बदनाम किया जा रहा है। अगर मुझ पर शक था तो सुप्रीम कोर्ट ने कई नाज़ुक मसलों पर मुझे एमिकस क्यूरे क्यों बनाया। एमिकस क्यूरे को आप हिन्दी में मददगार वकील कह सकते हैं। आईबी और सीबीआई ने मुझे क्यों शीर्ष वकील बनाए रखा। मेरी समझ में सोहराबुद्दीन बनाम गुजरात सरकार जैसे मामलों में सुझाव देने के चलते सरकार निशाना बना रही है। गोपाल ने लिखा है कि सरकार को लगता है कि वे उनकी लाइन पर नहीं चलेंगे।
सरकार ने सूत्रों से बुलवाया कि वह न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करती है। पहले भी उम्मीदवारों के नाम अलग किए गए हैं। 2009 में स्वतंत्र कुमार और सीके प्रसाद के नाम का सुझाव आया था तब सिर्फ स्वतंत्र कुमार को ही मंज़ूरी मिली थी। सूत्रों द्वारा प्रचारित इन उदाहरणों की तुलना गोपाल सुब्रमण्यम मामले से की जा सकती है या नहीं यह भी एक सवाल है। जिन जस्टिस सीके प्रसाद का सरकारी सूत्रों ने उदाहरण दिया है उनकी फाइल दिसबंर 2009 में ज़रूर रोकी गई थी, मगर उस फाइल को कॉलेजियम के पास भेजा था। कॉलेजियम अपनी राय पर कायम रहा और फरवरी 2010 में जस्टिस सीके प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए।
जस्टिस सीके प्रसाद आज उसी कॉलेजियम के सदस्य हैं जिसने गोपाल सुब्रमण्यम का चुनाव किया था। क्या सरकार ने चीफ जस्टिस या कॉलेजियम से कोई राय मांगी थी क्या सरकार ने राजनीतिक कारणों से किसी को जज बनने से रोक कर न्यायपालिका की आज़ादी में दखलंदाज़ी की है। गोपाल ने नाम वापस ले लिया मगर जो सवाल छोड़ गए हैं क्या वे भी वापस लिये जा सकते हैं। प्राइम टाइम | 13 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: गिरते रुपया का आम आदमी पर क्या होगा असर? | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: डॉलर के मुक़ाबले रुपये की राजनीति घूम फिर कर 2013-14 आ जाती है जब यूपीए के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नकारा साबित करने के लिए रुपये की कीमत का ज़िक्र होता था. आप मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी के उस समय के ट्वीट को देखें या भाषण सुने तो रुपये के गिरते दाम को भारत के गिरते स्वाभिमान से जोड़ा करते थे. विपक्ष के नेताओं से लेकर रविशंकर और रामदेव भी कहा करते थे कि मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे तो डॉलर के मुकाबले रुपया मज़बूत हो जाएगा. जब भी रुपया कमज़ोर होता है ट्विटर पर रविशंकर का ट्वीट चलने लगता है कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही एक डॉलर की कीमत 40 रुपये हो जाएगी यानी रुपया मज़बूत हो जाएगा. वे किस आधार पर कह रहे थे, वही बता सकते हैं अगर वे इस पर कुछ कहें. आज भारत का रुपया डॉलर के मुकाबले इतना कमज़ोर हो गया जितना कभी नहीं हुआ था. पहली बार एक डॉलर की कीमत 70 रुपये हो गई है.
तब प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर मोदी कहते थे कि दिल्ली की सरकार जवाब नहीं दे रही है. अब विपक्ष कह रहा है कि दिल्ली की सरकार जवाब नहीं दे रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के नेता के तौर पर गंभीरता से आरोप लगाए और कहा कि देश जानना चाहता है. क्या देश अब नहीं जानना चाहता है कि 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर भारत का रुपया डॉलर के सामने क्यों लड़खड़ा गया. क्या इसके सिर्फ आर्थिक कारण नही हैं, क्या इसके राजनीतिक कारण भी हैं. प्रधानमंत्री का पुराना बयान जिसे उन्होंने गंभीरता से दिया था सुनते हुए अजीब लगता है. जून 2013 से प्रधानमंत्री बनने तक रुपये को लेकर कितनी बार उन्होंने गंभीरता से आरोप लगाए होंगे, कम से कम एक बार तो बनता है कि प्रधानमंत्री रहते हुए इस पर बोलें खास कर तब 14 अगस्त के दिन भारत का रुपया डॉलर के मुकाबले इतना गिर गया जितना कभी इतिहास में नहीं गिरा था.
रुपये की राजनीति शुरू होती है 2013 से. इस तरह के बयान आने लगे कि जब देश आज़ाद हुआ था तब एक डॉलर के बराबर एक रुपया था. फिर रुपया कमज़ोर होने लगा. लोगों को भी लगा कि यह कोई बहुत बड़ा धोखा है. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी के बड़े नेता इसे मुद्दा बनाना शुरू करते हैं.
इसी बीच रुपया 28 अगस्त 2013 को रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो जाता है. उस दिन एक डॉलर की कीमत हो गई थी 68 रुपये. नवंबर 2014 में एक डॉलर की कीमत 62 रुपये हो जाती है. 27 जनवरी 2016 को एक डॉलर 68 रुपये का हो जाता है. जो भाव 28 अगस्त 2013 को था, वही 27 जनवरी 2016 को हो जाता है. इस साल जून-जुलाई में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे तभी कहा जाने लगा था कि इस साल के अंत तक भारत का रुपया कमज़ोर होकर डॉलर के मुकाबले 70 के भाव को छू लेगा. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर रुपये की यह ऐतिहासिक गिरावट का संबंध देश के स्वाभामिन से है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं जो इसे लेकर राजनीति करते रहे हैं. वैसे सरकार को बताना चाहिए ताकि जनता में यह बात साफ हो कि रुपये के गिरने के पीछे कारण कुछ और भी हो सकते हैं.
हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था.
क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है.
सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब.
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
तब प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर मोदी कहते थे कि दिल्ली की सरकार जवाब नहीं दे रही है. अब विपक्ष कह रहा है कि दिल्ली की सरकार जवाब नहीं दे रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के नेता के तौर पर गंभीरता से आरोप लगाए और कहा कि देश जानना चाहता है. क्या देश अब नहीं जानना चाहता है कि 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर भारत का रुपया डॉलर के सामने क्यों लड़खड़ा गया. क्या इसके सिर्फ आर्थिक कारण नही हैं, क्या इसके राजनीतिक कारण भी हैं. प्रधानमंत्री का पुराना बयान जिसे उन्होंने गंभीरता से दिया था सुनते हुए अजीब लगता है. जून 2013 से प्रधानमंत्री बनने तक रुपये को लेकर कितनी बार उन्होंने गंभीरता से आरोप लगाए होंगे, कम से कम एक बार तो बनता है कि प्रधानमंत्री रहते हुए इस पर बोलें खास कर तब 14 अगस्त के दिन भारत का रुपया डॉलर के मुकाबले इतना गिर गया जितना कभी इतिहास में नहीं गिरा था.
रुपये की राजनीति शुरू होती है 2013 से. इस तरह के बयान आने लगे कि जब देश आज़ाद हुआ था तब एक डॉलर के बराबर एक रुपया था. फिर रुपया कमज़ोर होने लगा. लोगों को भी लगा कि यह कोई बहुत बड़ा धोखा है. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी के बड़े नेता इसे मुद्दा बनाना शुरू करते हैं.
इसी बीच रुपया 28 अगस्त 2013 को रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो जाता है. उस दिन एक डॉलर की कीमत हो गई थी 68 रुपये. नवंबर 2014 में एक डॉलर की कीमत 62 रुपये हो जाती है. 27 जनवरी 2016 को एक डॉलर 68 रुपये का हो जाता है. जो भाव 28 अगस्त 2013 को था, वही 27 जनवरी 2016 को हो जाता है. इस साल जून-जुलाई में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे तभी कहा जाने लगा था कि इस साल के अंत तक भारत का रुपया कमज़ोर होकर डॉलर के मुकाबले 70 के भाव को छू लेगा. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर रुपये की यह ऐतिहासिक गिरावट का संबंध देश के स्वाभामिन से है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं जो इसे लेकर राजनीति करते रहे हैं. वैसे सरकार को बताना चाहिए ताकि जनता में यह बात साफ हो कि रुपये के गिरने के पीछे कारण कुछ और भी हो सकते हैं.
हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था.
क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है.
सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब.
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
रुपये की राजनीति शुरू होती है 2013 से. इस तरह के बयान आने लगे कि जब देश आज़ाद हुआ था तब एक डॉलर के बराबर एक रुपया था. फिर रुपया कमज़ोर होने लगा. लोगों को भी लगा कि यह कोई बहुत बड़ा धोखा है. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी के बड़े नेता इसे मुद्दा बनाना शुरू करते हैं.
इसी बीच रुपया 28 अगस्त 2013 को रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो जाता है. उस दिन एक डॉलर की कीमत हो गई थी 68 रुपये. नवंबर 2014 में एक डॉलर की कीमत 62 रुपये हो जाती है. 27 जनवरी 2016 को एक डॉलर 68 रुपये का हो जाता है. जो भाव 28 अगस्त 2013 को था, वही 27 जनवरी 2016 को हो जाता है. इस साल जून-जुलाई में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे तभी कहा जाने लगा था कि इस साल के अंत तक भारत का रुपया कमज़ोर होकर डॉलर के मुकाबले 70 के भाव को छू लेगा. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर रुपये की यह ऐतिहासिक गिरावट का संबंध देश के स्वाभामिन से है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं जो इसे लेकर राजनीति करते रहे हैं. वैसे सरकार को बताना चाहिए ताकि जनता में यह बात साफ हो कि रुपये के गिरने के पीछे कारण कुछ और भी हो सकते हैं.
हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था.
क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है.
सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब.
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
इसी बीच रुपया 28 अगस्त 2013 को रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो जाता है. उस दिन एक डॉलर की कीमत हो गई थी 68 रुपये. नवंबर 2014 में एक डॉलर की कीमत 62 रुपये हो जाती है. 27 जनवरी 2016 को एक डॉलर 68 रुपये का हो जाता है. जो भाव 28 अगस्त 2013 को था, वही 27 जनवरी 2016 को हो जाता है. इस साल जून-जुलाई में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे तभी कहा जाने लगा था कि इस साल के अंत तक भारत का रुपया कमज़ोर होकर डॉलर के मुकाबले 70 के भाव को छू लेगा. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर रुपये की यह ऐतिहासिक गिरावट का संबंध देश के स्वाभामिन से है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं जो इसे लेकर राजनीति करते रहे हैं. वैसे सरकार को बताना चाहिए ताकि जनता में यह बात साफ हो कि रुपये के गिरने के पीछे कारण कुछ और भी हो सकते हैं.
हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था.
क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है.
सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब.
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था.
क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है.
सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब.
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है.
सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब.
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब.
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. | 8 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: शत्रु सम्पत्ति अध्यादेश फिर जारी करने को मंत्रिमंडल की मंजूरी, चौथी बार जारी किया गया है अध्यादेश | यह एक लेख है: सरकार ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम संशोधन विधेयक में संशोधन करने वाले अध्यादेश को जारी किए जाने को कार्योत्तर प्रभाव से आज स्वीकृति प्रदान की. यह अध्यादेश चौथी बार जारी किया गया है.
शत्रु सम्पत्ति अधिनियम करीब पांच दशक पुराना है. इसे देश में उन लोगों की सम्पत्तियों पर उत्तराधिकार या हस्तांरण की दावेदारी के निषेध के लिए बनाया गया जो विभिन्न लड़ाइयों में भारत को छोड़ कर पाकिस्तान या चीन चले गए है.टिप्पणियां
अध्यादेश पुन:जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दी गयी. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, ‘मंत्रिमंडल ने आज इस अध्यादेश को पुन: जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति दी.’
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (1971) के अनाधिकृत निवासियों का निष्कासन अधिनियम को संशोधन करने वाले अध्यादेश को रविवार की रात पुन: जारी किया. इस मामले से संबंधित विधेयक राज्य सभा में लंबित है. शत्रु सम्पत्ति का अर्थ ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी शत्रु देश, उसके आश्रित या शत्रु देश की फर्म की है या उसके द्वारा प्रबंधित है. ये संपत्तियां शत्र संपत्ति कानून के तहत नियुक्त कस्टोडियन की देखरेख में रहती हैं. कस्टोडियन का यह कार्यालय केन्द्र सरकार के तहत आता है. वर्ष 1965 की भारत- पाकिस्तान लड़ाई के बाद वर्ष 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया. इस कानून के तहत इन संपत्तियों का नियमन किया जाता है. अध्यादेश को पहली बार 7 जनवरी को जारी किया गया. इससे संबंधित विधेयक 9 मार्च को लोकसभा ने पारित कर दिया और बाद में इसे राज्य सभा में प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया.
शत्रु सम्पत्ति अधिनियम करीब पांच दशक पुराना है. इसे देश में उन लोगों की सम्पत्तियों पर उत्तराधिकार या हस्तांरण की दावेदारी के निषेध के लिए बनाया गया जो विभिन्न लड़ाइयों में भारत को छोड़ कर पाकिस्तान या चीन चले गए है.टिप्पणियां
अध्यादेश पुन:जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दी गयी. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, ‘मंत्रिमंडल ने आज इस अध्यादेश को पुन: जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति दी.’
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (1971) के अनाधिकृत निवासियों का निष्कासन अधिनियम को संशोधन करने वाले अध्यादेश को रविवार की रात पुन: जारी किया. इस मामले से संबंधित विधेयक राज्य सभा में लंबित है. शत्रु सम्पत्ति का अर्थ ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी शत्रु देश, उसके आश्रित या शत्रु देश की फर्म की है या उसके द्वारा प्रबंधित है. ये संपत्तियां शत्र संपत्ति कानून के तहत नियुक्त कस्टोडियन की देखरेख में रहती हैं. कस्टोडियन का यह कार्यालय केन्द्र सरकार के तहत आता है. वर्ष 1965 की भारत- पाकिस्तान लड़ाई के बाद वर्ष 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया. इस कानून के तहत इन संपत्तियों का नियमन किया जाता है. अध्यादेश को पहली बार 7 जनवरी को जारी किया गया. इससे संबंधित विधेयक 9 मार्च को लोकसभा ने पारित कर दिया और बाद में इसे राज्य सभा में प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया.
अध्यादेश पुन:जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दी गयी. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, ‘मंत्रिमंडल ने आज इस अध्यादेश को पुन: जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति दी.’
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (1971) के अनाधिकृत निवासियों का निष्कासन अधिनियम को संशोधन करने वाले अध्यादेश को रविवार की रात पुन: जारी किया. इस मामले से संबंधित विधेयक राज्य सभा में लंबित है. शत्रु सम्पत्ति का अर्थ ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी शत्रु देश, उसके आश्रित या शत्रु देश की फर्म की है या उसके द्वारा प्रबंधित है. ये संपत्तियां शत्र संपत्ति कानून के तहत नियुक्त कस्टोडियन की देखरेख में रहती हैं. कस्टोडियन का यह कार्यालय केन्द्र सरकार के तहत आता है. वर्ष 1965 की भारत- पाकिस्तान लड़ाई के बाद वर्ष 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया. इस कानून के तहत इन संपत्तियों का नियमन किया जाता है. अध्यादेश को पहली बार 7 जनवरी को जारी किया गया. इससे संबंधित विधेयक 9 मार्च को लोकसभा ने पारित कर दिया और बाद में इसे राज्य सभा में प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (1971) के अनाधिकृत निवासियों का निष्कासन अधिनियम को संशोधन करने वाले अध्यादेश को रविवार की रात पुन: जारी किया. इस मामले से संबंधित विधेयक राज्य सभा में लंबित है. शत्रु सम्पत्ति का अर्थ ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी शत्रु देश, उसके आश्रित या शत्रु देश की फर्म की है या उसके द्वारा प्रबंधित है. ये संपत्तियां शत्र संपत्ति कानून के तहत नियुक्त कस्टोडियन की देखरेख में रहती हैं. कस्टोडियन का यह कार्यालय केन्द्र सरकार के तहत आता है. वर्ष 1965 की भारत- पाकिस्तान लड़ाई के बाद वर्ष 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया. इस कानून के तहत इन संपत्तियों का नियमन किया जाता है. अध्यादेश को पहली बार 7 जनवरी को जारी किया गया. इससे संबंधित विधेयक 9 मार्च को लोकसभा ने पारित कर दिया और बाद में इसे राज्य सभा में प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया. | 2 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: राम मंदिर बनाओ और उसका श्रेय लो : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी सांसद से कहा | लेख: उपनगरीय रेलवे नेटवर्क पर नए 'राम मंदिर' स्टेशन का श्रेय लेने के लिए भाजपा और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी की जंग के एक दिन बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए प्रेरित किया.
ठाकरे ने कहा, 'भूल जाओ कि लोग क्या कहेंगे या करेंगे. किसी और को ही राम मंदिर स्टेशन का श्रेय ले लेने दो. कोई भी इस नाम का श्रेय ले सकता है, लेकिन राम मंदिर बनाने का श्रेय लीजिए और मैं आपकी सराहना करता हूं'.टिप्पणियां
उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ठाकरे ने कहा, 'भूल जाओ कि लोग क्या कहेंगे या करेंगे. किसी और को ही राम मंदिर स्टेशन का श्रेय ले लेने दो. कोई भी इस नाम का श्रेय ले सकता है, लेकिन राम मंदिर बनाने का श्रेय लीजिए और मैं आपकी सराहना करता हूं'.टिप्पणियां
उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 2 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रही है पुलिस | यह एक लेख है: सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में पुलिस ने शशि थरूर से पहली बार पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब निकालने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके भी अपनाए। दरअसल, दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने पूछताछ के लिए कई तरीके से तैयारियां कीं, और थर्ड डिग्री के लिए 'मशहूर' पुलिस थरूर को मनोवैज्ञानिक तरीके से घेरना चाहती है।
इस कड़ी की शुरुआत हो गई है और पुलिस थरूर से पहले दौर की पूछताछ कर चुकी है। मामले से जुड़े पुलिस सूत्रों के मुताबिक थरूर से पूछताछ के लिए दक्षिण जिले के एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वाड के वसंत विहार स्थित पुराने ऑफिस को चुना गया। असलियत में पुलिस को लगा कि यहां पूछताछ के लिए थरूर पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा सकता है। दरअसल काफी अरसे से खाली पड़े इस ऑफिस को देखने पर यह फिल्मों में दिखाई देने वाले थर्ड डिग्री रूम जैसा ही दिखता है। इसके अलावा पूछताछ में शामिल एसआईटी के अफसरों ने थरूर पर चार घंटे तक लगातार सवाल दागे, और इस बीच पुलिस अफसर थरूर के चेहरे और आंखों में झांकते रहे।
पूछताछ के दौरान कई बार पुलिसिया सवालों ने थरूर को परेशान भी किया, और वह लगातार पानी पीते रहे। अब थरूर से दूसरी बार पूछताछ के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है। पुलिस के मुताबिक थरूर से पूछताछ के अलावा जांच दूसरी ओर भी जारी है, और खासकर यह पता लगाया जा रहा है कि 16 जनवरी, 2014 की दोपहर 12 बजे से दो बजे तक होटल लीला से सुनंदा कहां-कहां गईं। सीसीटीवी से पता चला है कि वह किसी कार में बाहर गई थीं, और इसी के चलते पुलिस थरूर के अलावा कई और लोगों से भी पूछताछ कर रही है। | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: ...जब नीतीश कुमार ने जीएसटी के लिए स्पेशल ऑफर के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली को किया फोन | यह लेख है: सरकार को वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी की डेडलाइन अप्रैल 2017 है और इसे लागू करने के लिए सरकार को काफी मशक्कत करनी होगी.
भारत के सबसे बड़े टैक्स सुधार कहे जा रहे जीएसटी को बुधवार को राज्यसभा ने पास कर दिया. इसे सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी जीत बताया जा रहा है. अब लोकसभा में इसके पास होने का रास्ता आसान हो गया है क्योंकि सरकार वहां बहुमत में है. उसके बाद जीएसटी को देश के 29 राज्यों में से कम से कम 15 राज्यों से पारित होना आवश्यक है. सरकार चाहती है कि यह काम अगले 30 दिनों के भीतर पूरा हो जाए.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं.
बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा.
संसद और उसके बाद राज्य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्यू के लिए भेजा जाएगा.
राज्य सरकारें व्यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्यीय व्यापार और सुगम हो जाएगा. राज्यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्यादा हो सकती है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां
चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्पादन करने वाले राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्टम को स्थापित करना, हजारों टैक्स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
भारत के सबसे बड़े टैक्स सुधार कहे जा रहे जीएसटी को बुधवार को राज्यसभा ने पास कर दिया. इसे सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी जीत बताया जा रहा है. अब लोकसभा में इसके पास होने का रास्ता आसान हो गया है क्योंकि सरकार वहां बहुमत में है. उसके बाद जीएसटी को देश के 29 राज्यों में से कम से कम 15 राज्यों से पारित होना आवश्यक है. सरकार चाहती है कि यह काम अगले 30 दिनों के भीतर पूरा हो जाए.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं.
बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा.
संसद और उसके बाद राज्य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्यू के लिए भेजा जाएगा.
राज्य सरकारें व्यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्यीय व्यापार और सुगम हो जाएगा. राज्यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्यादा हो सकती है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां
चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्पादन करने वाले राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्टम को स्थापित करना, हजारों टैक्स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं.
बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा.
संसद और उसके बाद राज्य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्यू के लिए भेजा जाएगा.
राज्य सरकारें व्यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्यीय व्यापार और सुगम हो जाएगा. राज्यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्यादा हो सकती है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां
चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्पादन करने वाले राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्टम को स्थापित करना, हजारों टैक्स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा.
संसद और उसके बाद राज्य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्यू के लिए भेजा जाएगा.
राज्य सरकारें व्यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्यीय व्यापार और सुगम हो जाएगा. राज्यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्यादा हो सकती है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां
चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्पादन करने वाले राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्टम को स्थापित करना, हजारों टैक्स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
संसद और उसके बाद राज्य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्यू के लिए भेजा जाएगा.
राज्य सरकारें व्यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्यीय व्यापार और सुगम हो जाएगा. राज्यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्यादा हो सकती है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां
चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्पादन करने वाले राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्टम को स्थापित करना, हजारों टैक्स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
राज्य सरकारें व्यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्यीय व्यापार और सुगम हो जाएगा. राज्यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्यादा हो सकती है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां
चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्पादन करने वाले राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्टम को स्थापित करना, हजारों टैक्स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्पादन करने वाले राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्टम को स्थापित करना, हजारों टैक्स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्टम को स्थापित करना, हजारों टैक्स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. | 2 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: Video : घर के अंदर बने स्वीमिंग पूल में तैर रहे घड़ियाल का 'डेथ रोल' देख कांप गए सब लोग | यह एक लेख है: भीषण गर्मी में जिस स्वीमिंग पूल में आप समय बिताते हों वहां पर एक दिन 8 फुट लंबा घड़ियाल तैरता मिल जाए तो क्या करेंगे. जाहिर है घबरा जाएंगे. ऐसा ही एक मामला अमेरिका के फ्लोरिडा में सामने आया है. जहां पर एक घर में बनेस स्वीमिंग पूल में विशालकाय घड़ियाल बड़े आराम से तैर रहा था. टिप्पणियां
परिवार के लोगों ने जब यह नजारा देखा तो वह घबरा गए और आनन-फानन में पुलिस को इस बात की सूचना दी. खबर मिलते ही पुलिस के साथ फ्लोरिडा वन्य जीव संरक्षण की टीम भी मौके पर पहुंच गई. लेकिन घड़ियाल बेहद ही आक्रमक स्वभाव का था. उसे काबू में लाने के लिए टीम को नाकों चने चबाने पड़ गए. जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.
घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था.
परिवार के लोगों ने जब यह नजारा देखा तो वह घबरा गए और आनन-फानन में पुलिस को इस बात की सूचना दी. खबर मिलते ही पुलिस के साथ फ्लोरिडा वन्य जीव संरक्षण की टीम भी मौके पर पहुंच गई. लेकिन घड़ियाल बेहद ही आक्रमक स्वभाव का था. उसे काबू में लाने के लिए टीम को नाकों चने चबाने पड़ गए. जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.
घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था.
जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.
घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था. | 13 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: इंग्लिश क्रिकेटर इयान बेल का वनडे से संन्यास | लेख: इंग्लैंड के बल्लेबाज़ इयान बेल ने वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, हालांकि उन्होंने कहा कि उनमें अब भी टेस्ट खेलन की भूख बची हुई है। 33 साल के बेल ने ऐशेज सीरीज़ जीतने के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के संकेत दिए थे, लेकिन टीम प्रबंधन, कोच और कप्तान एलिस्टर कुक से बातचीत के बाद बेल ने वनडे क्रिकेट से संन्यास का फ़ैसला लिया।
बेल इंग्लैंड की ओर से वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। बेल ने 161 वनडे मैचों में चार शतक की मदद से 5,416 रन बनाए हैं। हालांकि उन्हें हाल में इंग्लैंड की दो वनडे और टी-20 टीम में जगह नहीं मिली थी।टिप्पणियां
बेल ने इंग्लैंड की ओर से 115 टेस्ट मैच भी खेले हैं। इसमें उन्होंने 22 शतकों की मदद से करीब 43 की औसत के साथ 7,569 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की ओर से केवल चार बल्लेबाज़ों ने उनसे ज्यादा रन बनाए हैं।
हालांकि ऐशेज सीरीज़ में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उन्होंने बल्ले से 26.87 की औसत से केवल 215 रन बनाए, लेकिन वे पांचवीं बार ऐशेज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे।
बेल इंग्लैंड की ओर से वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। बेल ने 161 वनडे मैचों में चार शतक की मदद से 5,416 रन बनाए हैं। हालांकि उन्हें हाल में इंग्लैंड की दो वनडे और टी-20 टीम में जगह नहीं मिली थी।टिप्पणियां
बेल ने इंग्लैंड की ओर से 115 टेस्ट मैच भी खेले हैं। इसमें उन्होंने 22 शतकों की मदद से करीब 43 की औसत के साथ 7,569 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की ओर से केवल चार बल्लेबाज़ों ने उनसे ज्यादा रन बनाए हैं।
हालांकि ऐशेज सीरीज़ में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उन्होंने बल्ले से 26.87 की औसत से केवल 215 रन बनाए, लेकिन वे पांचवीं बार ऐशेज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे।
बेल ने इंग्लैंड की ओर से 115 टेस्ट मैच भी खेले हैं। इसमें उन्होंने 22 शतकों की मदद से करीब 43 की औसत के साथ 7,569 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की ओर से केवल चार बल्लेबाज़ों ने उनसे ज्यादा रन बनाए हैं।
हालांकि ऐशेज सीरीज़ में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उन्होंने बल्ले से 26.87 की औसत से केवल 215 रन बनाए, लेकिन वे पांचवीं बार ऐशेज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे।
हालांकि ऐशेज सीरीज़ में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उन्होंने बल्ले से 26.87 की औसत से केवल 215 रन बनाए, लेकिन वे पांचवीं बार ऐशेज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। | 8 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: पाकिस्तान ने कश्मीर मसले पर अमेरिकी दखल की मांग की | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपनी मुलाकात से पहले रविवार को कश्मीर मुद्दे के समाधान में अमेरिका से हस्तक्षेप का आग्रह किया।
शरीफ ने बुधवार को ओबामा से मुलाकात करने के लिए अमेरिका जाने के रास्ते में लंदन में अपने पड़ाव के दौरान संवाददाताओं से कहा, यद्यपि भारत ऐसा (तीसरा पक्ष) हस्तक्षेप नहीं चाहता, लेकिन विश्व शक्तियों को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए शामिल होना चाहिए।
पाकिस्तान की सरकारी संवाद समिति एपीपी ने नवाज शरीफ के हवाले से कहा, भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति सम्पन्न हैं और यह क्षेत्र एक परमाणु टकराव की आशंका वाला इलाका है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कश्मीर पर एक सवाल के जवाब में कहा कि जुलाई, 1999 में कारगिल संघर्ष के समय अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से स्पष्ट रूप से कह दिया था कि यदि अमेरिका हस्तक्षेप करे, तो कश्मीर मुद्दा सुलझ सकता है।
उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा था कि वह जितना समय पश्चिम एशिया मुद्दा सुलझाने पर खर्च कर रहे हैं, उसका 10 प्रतिशत भी समय दें, तो दोनों देशों के बीच कश्मीर का मुद्दा सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा कि क्लिंटन ने तब वादा किया था, लेकिन उसके बाद चीजें बदल गईं।
नवाज शरीफ ने कहा, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी चिंता (कश्मीर को लेकर चिंता) उठाई थी और विश्व ने इसकी प्रशंसा की थी। एक बार फिर अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान मैं इस संदेश को फिर से दोहराऊंगा। यद्यपि पाकिस्तान इस बात को लेकर इच्छुक है कि अमेरिका हस्तक्षेप करे लेकिन अमेरिका ने यह कई बार कहा है कि भारत और पाकिस्तान को अपनी बातचीत की 'गति, दायरा और स्वरूप' निर्धारित करना चाहिए।
शरीफ ने कहा कि गत 60 सालों से दोनों पक्ष हथियारों की दौड़ में शामिल हैं। उनके हवाले से कहा गया, स्थिति खतरनाक बन सकती है। भारत के पास परमाणु बम है, हमारे पास भी है, भारत प्रक्षेपास्त्र विकसित करता है, हम भी करते हैं। इसकी एक सीमा होनी चाहिए। हम सभी को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह ओबामा से अपनी मुलाकात के दौरान अमेरिकी ड्रोन हमलों का भी मुद्दा उठाएंगे।
ओबामा और शरीफ की मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान मुद्दे के अलावा जिन अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी, उनमें भारत-पाकस्तान संबंध शामिल रहने की उम्मीद है। शरीफ की इस कार्यकाल में अमेरिका की पहली द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा होगी। इसके साथ ही यह गत पांच सालों में किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। शरीफ ने गत महीने न्यूयॉर्क की यात्रा की थी, लेकिन वह यात्रा संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए थी। | 8 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: डेविस कप में भारत के रिजर्व प्लेयर लिएंडर पेस अब लियोन चैलेंजर के फाइनल में पहुंचे | लेख: उज्बेकिस्तान के खिलाफ डेविस कप मुकाबले के लिए भारतीय टीम में रिजर्व के रूप में शामिल किए गए लिएंडर पेस चैलेंजर टूर में अपने जोड़ीदार कनाडा के आदिल शमासदीप के साथ फाइनल में पहुंच गए. तीसरे वरीय पेस और आदिल ने ल्यूक सेविले और जान पैट्रिक स्मिथ की आस्ट्रेलिया की जोड़ी को 75000 डालर इनामी हार्ड कोर्ट प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में 6-7 6-4 10-5 से हराया.
फाइनल में पेस और आदिल की जोड़ी का सामना स्विट्जरलैंड के लुका मार्गारोली और ब्राजील के कारो जाम्पियेरी की जोड़ी से होगा.
इस सत्र में पेस पहली बार किसी प्रतियोगिता के फाइनल में खेलेंगे. वह इससे पहले दुबई चैम्पियनशिप और डेलरे बीच ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे थे.टिप्पणियां
पेस ने एटीपी विश्व टूर पर पिछला खिताब 2015 में जीता था और उन्होंने और दक्षिण अफ्रीका के रावेन क्लासेन ने आकलैंड में टूर्नामेंट अपने नाम किया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फाइनल में पेस और आदिल की जोड़ी का सामना स्विट्जरलैंड के लुका मार्गारोली और ब्राजील के कारो जाम्पियेरी की जोड़ी से होगा.
इस सत्र में पेस पहली बार किसी प्रतियोगिता के फाइनल में खेलेंगे. वह इससे पहले दुबई चैम्पियनशिप और डेलरे बीच ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे थे.टिप्पणियां
पेस ने एटीपी विश्व टूर पर पिछला खिताब 2015 में जीता था और उन्होंने और दक्षिण अफ्रीका के रावेन क्लासेन ने आकलैंड में टूर्नामेंट अपने नाम किया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस सत्र में पेस पहली बार किसी प्रतियोगिता के फाइनल में खेलेंगे. वह इससे पहले दुबई चैम्पियनशिप और डेलरे बीच ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे थे.टिप्पणियां
पेस ने एटीपी विश्व टूर पर पिछला खिताब 2015 में जीता था और उन्होंने और दक्षिण अफ्रीका के रावेन क्लासेन ने आकलैंड में टूर्नामेंट अपने नाम किया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पेस ने एटीपी विश्व टूर पर पिछला खिताब 2015 में जीता था और उन्होंने और दक्षिण अफ्रीका के रावेन क्लासेन ने आकलैंड में टूर्नामेंट अपने नाम किया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: आईपीएल-7 : अविजित किंग्स इलेवन की लगातार चौथी जीत | गेंदबाजों की धारदार गेंदबाजी के बल पर किंग्स इलेवन पंजाब ने शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सातवें संस्करण के तहत शेख जायेद स्टेडियम में खेले गए अपने चौथे मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स को 23 रनों से मात दे दी। किंग्स इलेवन से मिले 133 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए नाइट राइडर्स टीम 18.2 ओवरों में 109 रनों पर ढेर हो गई।
सर्वाधिक तीन विकेट चटकाने वाले संदीप शर्मा प्लेयर ऑफ द मैच रहे। किंग्स इलेवन की आईपीएल-7 में यह लगातार चौथी जीत है, जिसकी बदौलत अंकतालिका में किंग्स इलेवन शीर्ष पर और भी मजबूत हो गया।
लक्ष्य के हिसाब से नाइट राइडर्स ने शुरुआत संभलकर की और तीन पारियों से शून्य पर आउट होने वाले गौतम गंभीर की जगह सलामी जोड़ी के रूप में जैक्स कैलिस का साथ देने मनीष पांडेय उतरे, लेकिन संदीप शर्मा द्वारा लाए गए तीसरे ओवर की चौथी गेंद पर मनीष पगबाधा करार दे दिए गए।
मनीष के बाद बल्लेबाजी की कमाल संभालने उतरे गौतम गम्भीर (1) इस बार भी शून्य पर आउट होने से बाल-बाल बच गए। संदीप ने अगली ही गेंद पर गम्भीर का कैच छोड़ दिया। हालांकि गम्भीर इस जीवनदान का भी कोई फायदा नहीं उठा सके।
संदीप ने अपने अगले ही ओवर की पहली गेंद पर गम्भीर को अक्षर पटेल के हाथों कैच आउट करा दिया। लक्ष्मीपति बालाजी ने छठे ओवर की पहली गेंद पर जैक्स कैलिस (9) को पवेलियन की राह दिखा दी और नाइट राइडर्स को तीसरा बड़ा झटका दे दिया। नाइट राइडर्स अब संकट की स्थिति में जाती लगने लगी थी।
हालांकि रोबिन उथप्पा (19) और क्रिस लिन (13) ने चौथे विकेट के लिए 31 रनों की साझेदारी कर टीम को संभालने की पूरी कोशिश की। अक्षर पटेल ने 12वें ओवर की पहली गेंद पर लिन को क्लीन बोल्ड कर इस जोड़ी को तोड़ा।
ऋषि धवन ने 13वें ओवर में यूसुफ पठान (3) और उथप्पा के विकेट चटकाकर नाइट राइडर्स को हार की ओर अग्रसर कर दिया। 14वें ओवर की चौथी गेंद पर अक्षर पटेल ने पीयूष चावला को खाता खोले बगैर पवेलियन लौटा दिया।
आखिरी ओवरों में सूर्यकुमार यादव (34) ने जरूर कुछ संघर्ष किया। लेकिन 17वें ओवर की तीसरी गेंद पर संदीप शर्मा ने सूर्यकुमार का संघर्ष भी समाप्त कर दिया। सूर्यकुमार का कैच मिशेल जॉनसन ने लपका। सूर्यकुमार ने 17 गेंदों का सामना कर तीन चौके और एक छक्का लगाया।
हालांकि तब तक किंग्स इलेवन ने मैच पर शिकंजा कस लिया था, और जॉनसन ने उमेश यादव का विकेट चटकाकर हार की औपचारिकता पूरी कर दी।
किंग्स इलेवन के लिए संदीप शर्मा ने तीन और जॉनसन तथा पटेल ने दो-दो विकेट चटकाए।
इससे पहले, टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी किंग्स इलेवन ने निर्धारित 20 ओवरों में नौ विकेट पर 132 रन बना सकी थी।
पिछले दो मैचों में संयमभरी पारियां खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा (8) शनिवार को जल्द ही पवेलियन लौट गए। दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर नौ रनों के कुल योग पर पुजारा रन आउट हुए। पुजारा के बाद रिद्धिमान साहा (14) विरेंद्र सहवाग (37) का साथ देने आए। हालांकि जैक्स कैलिस द्वारा लाए गए पांचवें ओवर की पहली ही गेंद पर साहा पगबाधा करार दे दिए गए।
साहा के बाद किंग्स इलेवन के अब तक खेवनहार साबित हुए ग्लेन मैक्सवेल (15) सहवाग का साथ देने आए। सहवाग और मैक्सवेल की जोड़ी ने कैलिस के बाद अगला ओवर लेकर आए सुनील नरेन के ओवर में 14 रन जड़कर जैसे तूफानी साझेदारी शुरू करने का संकेत दे दिया। हालांकि कैलिस के अगले ही ओवर में वे सिर्फ पांच रन जोड़ सके।
21 गेंदों पर 30 रन जोड़ चुकी यह जोड़ी आक्रामक हो पाती, कि मैक्सवेल मोर्ने मोर्केल की यॉर्कर गेंद चूक गए और गेंद ने उनकी लेग स्टंप की गिल्लियां बिखेर दीं। आईपीएल-7 में सर्वाधिक छक्के लगा चुके मैक्सवेल 12 गेंद में सिर्फ दो चौके लगा सके।
खराब फॉर्म से जूझ रहे सहवाग ने थोड़ा संयम से काम लेते हुए अपनी पारी आगे बढ़ाना जारी रखा, लेकिन किंग्स इलेवन की जीत में अहम भूमिका निभा चुके तथा दो अर्धशतक लगा चुके डेविड मिलर (14) भी कुछ खास नहीं कर सके। पियूष चावला ने 10वें ओवर की चौथी गेंद पर मिलर को मोर्कल के हाथों कैच आउट करवा किंग्स इलेवन को चौथा झटका दे दिया।
मिलर का विकेट गिरने के साथ ही किंग्स इलेवन थोड़ा संकट में दिखने लगी, और सहवाग के साथ पांचवे विकेट की साझेदारी निभाने आए कप्तान जॉर्ज बैली (11) बल्ले से सहज नही हो पाए। हालांकि बैली और सहवाग ने 27 रनों की साझेदारी कर टीम को संभालने की पूरी कोशिश की।
अपना तीसरा ओवर लेकर आए चावला ने बैली और सहवाग दोनों के विकेट चटकाकर किंग्स इलेवन को बैकफुट पर धकेल दिया। सहवाग 14वें ओवर की आखिरी गेंद पर 103 के कुल योग पर क्लीन बोल्ड हो गए। उन्होंने 30 गेंदों का सामना कर तीन चौके और एक छक्का लगाया।
पुछल्ले बल्लेबाज अक्षर पटेल (7) और ऋषि धवन (नाबाद 19) ने सातवें विकेट के लिए संभलकर खेलते हुए 25 गेंदों में 23 रनों की साझेदारी निभाई, और किंग्स इलेवन को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की। लेकिन नरेन ने 19वें ओवर में तीन विकेट चटकाकर किंग्स इलेवन को आखिरी ओवरों में अधिक रन जुटाने से रोक दिया।
नरेन ने 19वें ओवर की पहली दो गेंदों पर लगातार पटेल और मिशेल जॉनसन (0) के विकेट चटकाए। इसके बाद नरेन हैट्रिक का मौका भले चूक गए, लेकिन चौथी गेंद पर ही उन्होंने लक्ष्मीपति बालाजी (0) को पगबाधा कर दिया।
नरेन और चावला ने तीन-तीन विकेट चटकाए। इसके साथ ही नरेन ने पर्पल कैप पर दोबारा कब्जा जमा लिया। नरेन ने आईपीएल-7 में अब तक चार मैचों में नौ विकेट हासिल कर लिए हैं। | 9 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: UPelections: SP-Congress में आज गठबंधन की घोषणा संभव, राज बब्बर पहुंच रहे लखनऊ | यह लेख है: सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है. आज इसकी घोषणा होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर दिल्ली से लखनऊ पहुंच रहे हैं. इस बात की भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि लखनऊ पहुंचने के बाद सपा के नए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के साथ शाम तक उनकी संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस हो सकती है जिसमें औपचारिक रूप से गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है.टिप्पणियां
दरअसल अभी तक दो-तीन वजहों से गठबंधन नहीं हो सका है. पहली वजह यह मानी जा रही है कि कांग्रेस 100 से भी अधिक सीटें मांग रही थी. दूसरी ओर रालोद के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं थीं. लेकिन सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण अब रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल रालोद 30 से भी अधिक सीटें चाहती थी लेकिन सपा उसको 20 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं थी. हालांकि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्ठभूमि को इस गठबंधन के नहीं होने की मुख्य वजह माना जा रहा है. दरअसल सपा और कांग्रेस दोनों को लगता है कि रालोद से गठजोड़ होने की स्थिति में उनको मुस्लिम मतों का नुकसान हो सकता है.
अब 403 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है.
दरअसल अभी तक दो-तीन वजहों से गठबंधन नहीं हो सका है. पहली वजह यह मानी जा रही है कि कांग्रेस 100 से भी अधिक सीटें मांग रही थी. दूसरी ओर रालोद के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं थीं. लेकिन सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण अब रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल रालोद 30 से भी अधिक सीटें चाहती थी लेकिन सपा उसको 20 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं थी. हालांकि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्ठभूमि को इस गठबंधन के नहीं होने की मुख्य वजह माना जा रहा है. दरअसल सपा और कांग्रेस दोनों को लगता है कि रालोद से गठजोड़ होने की स्थिति में उनको मुस्लिम मतों का नुकसान हो सकता है.
अब 403 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है.
अब 403 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है. | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मध्य प्रदेश सरकार अगले चार महीने के भीतर खोलेगी 1000 गौशाला | यह लेख है: मध्य प्रदेश सरकार ने अगले चार महीने के भीतर 1000 गौ-शालाएं खोलने का निर्णय लिया है. इसमें एक लाख निराश्रित गौ-वंश की देख-रेख होगी. मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज मंत्रालय प्रोजेक्ट गौ-शाला को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए. ग्रामीण विकास विभाग प्रोजेक्ट गौ-शाला का नोडल विभाग होगा. ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह, राज्य गौ-संवर्धन बोर्ड से संबद्ध संस्थाएं एवं जिला समिति द्वारा चयनित संस्थाएं प्रोजेक्ट गौ-शाला का क्रियान्वयन करेंगी. मुख्यमंत्री ने निजी संस्थाओं से भी इस परियोजना में भाग लेने का आग्रह किया. उन्होंने स्वामित्व संचालन और प्रबंधन के आधार गौ-शालाओं के संचालन की सम्भावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट गौ-शाला से शहरों और गांवों में निराश्रित पशुओं द्वारा पहुंचाये जा रहे नुकसान से निजात मिलेगी. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 614 गौ-शालाएं हैं जो निजी क्षेत्र में संचालित है. अब तक एक भी शासकीय गौ-शाला संचालित नहीं है. गौ-शाला प्रोजेक्ट के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति होगी. विकासखंड स्तर की समिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अध्यक्ष होंगे. गौ-शाला में शेड, ट्यूबवेल, चारागाह विकास, बायोगैस प्लांट, नाडेप, आदि व्यवस्थाएं होंगी. फंड की व्यवस्था पंचायत, मनरेगा, एमपी-एमएलए फंड तथा अन्य कार्यक्रमों के समन्वय से होगी. जिला समिति गौ-शालाओं के लिए स्थल चुनेंगी. | 9 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: हैदराबाद में 'हत्या' हुई या 'आत्महत्या' : ऑस्ट्रेलियाई मीडिया | यह लेख है: हैदराबाद के उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत के हाथों अपनी टीम को मिली करारी शिकस्त को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने बेहद आलोचनात्मक तौर पर लिया है। एक समाचार पत्र ने तो यहां तक लिखा है कि 'हैदराबाद में हत्या हुई है या आत्महत्या'?
देश से प्रकाशित होने वाले ज्यादातर समाचार पत्रों ने इस हार को शर्मनाक करार दिया। किसी ने इसे 'हैदराबाद हॉरर शो' नाम दिया जबकि किसी ने इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के लिए काला दिन करार दिया।
समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।"
पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां
एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है।
पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।"
देश से प्रकाशित होने वाले ज्यादातर समाचार पत्रों ने इस हार को शर्मनाक करार दिया। किसी ने इसे 'हैदराबाद हॉरर शो' नाम दिया जबकि किसी ने इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के लिए काला दिन करार दिया।
समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।"
पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां
एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है।
पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।"
समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।"
पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां
एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है।
पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।"
पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां
एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है।
पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।"
एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है।
पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।"
पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" | 13 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: वातावरण में घुला ज़हर अगर कर रहा है बीमार तो एम्स की लैब बता देगी | यह एक लेख है: Pollution: अगर पर्यावरण में घुले ज़हर ने आपको बीमार किया है तो एम्स (AIIMS) उसका पता अपने Clinical Ecotoxicology lab से लगा लेगा. मरीज़ के सैंपल से मर्ज़ के कारण का पता चलेगा और कोशिश है कि परिवार का कोई और भी उस वजह से बीमारी की चपेट में न आ पाए. ज़हरीली हवा, पानी या खाने ने अगर आपको बीमार किया है तो एम्स की ये लैब बता देगी. पर्यावरण में घुले ज़हर से होने वाली बीमारी पता लगाने को लेकर देश की ये पहली लैब है. एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि चाहे एयर पॉल्युशन की बात करें. Soil पॉल्युशन की बात करें. वाटर पॉल्युशन की बात करें. जितना प्योर हमारा एनवायरनमेंट 30-40 साल पहले था, वैसा तो अब नहीं रहा. तो जो ज़हर वातारण में मौजूद है और लोगों को बीमार कर रहा है उसका पता अलग अलग सैंपल के ज़रिए लगाया जाए.
पराली से प्रदूषण कैसे रुके? सीएम केजरीवाल ने दिल्ली वासियों से मांगे सुझाव
अक्सर हमने देखा भी है और सुना भी कि बिना किसी लत के भी लोग उस बीमारी की गिरफ्त में होते हैं जो शायद उन्हें नहीं होनी चाहिए. पर्यावरण में घुला ज़हर भी लोगों को बीमार कर रहा है और उस वजह को ये लैब पता लगा रही है.
एम्स की ये लैब करीब 1 करोड़ की लागत से तैयार हुई है जिसके जरिये सैंपल में हेवी केमिकल्स की मौजूदगी का पता लगाया जा रहा है. सैंपल के लिए मरीज़ों को 25 रुपये से लेकर 1500 रुपये देने होंगे. Ecotoxicology विभाग के डॉ. जावेद ए कादिरी ने इस बात की पुष्टि की कि करीब 262 सैंपल में से 32 सैंपल पॉजिटिव आये हैं जिसमें अलग अलग एलिमेंट्स की मौजूदगी आई है.
सीएम केजरीवाल ने 7 प्वाइंट में बताया प्रदूषण रोकने का प्लान
आर्सेनिक, floride, लेड, कैडमियम, मैगनीज़, आयरन जैसे हैवी मेटल्स की मौजूदगी मिली है. इससे कैंसर, किडनी की बीमारी, बच्चों में ऑटिज़्म जैसी समस्या दिखी है. बीमारी के बढ़ते ग्राफ के बीच वजहों को तलाशने की ये कोशिश इस बात को लेकर है कि परिवार में उनको आगाह किया जाए जो अनजाने में उस चीज का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसने उनके किसी अपने को बीमार किया है. | 2 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: लीबिया में विद्रोहियों को हथियार देगा अमेरिका! | यह लेख है: अमेरिका ने सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय लीबिया के तानाशाह मुअम्मार गद्दाफी के खिलाफ संघर्ष कर रहे विद्रोहियों को हथियार उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने कहा, "हथियार उपलब्ध कराने का विकल्प भी विचाराधीन विकल्पों में शामिल है।" लीबिया में मानवाधिकारों का सम्मान करने वाली लोकतांत्रिक सरकार का गठन सुनिश्चित कराने के लिए अमेरिकी सरकार यहां के विपक्षी दलों से सम्पर्क कर रही है। कार्ने ने कहा कि लीबिया के लोग जो चाहते हैं हम उससे सहमत हैं। उन्होंने कहा, "पूर्वी लीबिया के डाक घर में हथियारों की खेप भेजने जैसा कोई तरीका अभी जल्दबाजी होगी। हमें मौजूदा विकल्पों से आगे बढ़ने की जरूरत नहीं है।" विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने कहा कि फिलहाल विद्रोहियों को हथियार भेजना कोई कानूनी विकल्प नहीं है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 27 फरवरी के अपने प्रस्ताव में लीबिया के सभी समूहों पर हथियार प्रतिबंध लगाया है। | 9 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: गुरुग्राम के भोंडसी में भीड़ का हमला: पीड़ित परिवार ने सामूहिक रूप से खुदकुशी की धमकी दी | यह एक लेख है: परिवार ने सोहना के एसडीएम को एक ज्ञापन देकर मामले की जांच में तेजी लाने की गुजारिश की है और कहा कि अगर इंसाफ नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से खुदकुशी कर लेंगे. अख्तर ने कहा, "हम घटना के पीड़ित हैं, लेकिन गुड़गांव पुलिस ने हमारे परिवार के दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है जो हम पर दबाव बनाने की कोशिश है." पुलिस उपायुक्त हिमांशु गर्ग ने कहा कि हमने अबतक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य तलाश की जा रही है. हम किसी का पक्ष नहीं ले रहे हैं.
गौततलब है कि गुरुग्राम में होली के दिन दिल दहला देने वाली घटना घटी थी. यहां भीड़ ने घर में घुसकर पूरे परिवार पर लाठी-डंडों और तलवार से हमला कर दिया. पुलिस ने बताया कि होली के दिन भोंडसी इलाके में तीन-चार लोगों के परिवार पर करीब 40 लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो हुआ था. गुरुग्राम में घटी घटना के बाद पूरे देश में रोष का माहौल व्याप्त हो गया था. | 8 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: एयरसेल-मैक्सिस डील में चिदंबरम की भूमिका पर हंगामा | यह लेख है: एयरसेल−मैक्सिस डील में चिदंबरम का नाम उछाले जाने के बाद सरकार एक बार फिर उनके बचाव में उतर गई है। इस मसले पर बीजेपी ने आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों में जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा।टिप्पणियां
दरअसल, जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चिदंबरम पर इस डील में जान बूझकर देरी करने का आरोप लगाया था। आज अंग्रेजी अखबार पॉयनियर में छपी खबर के मुताबिक डील को अक्टूबर 2006 में मंजूरी मिली जबकि वित्तमंत्रालय ने जारी प्रेस रिलीज में चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा गया था कि मार्च 2006 में ही डील को मंजूरी दे दी गई थी।
हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए।
दरअसल, जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चिदंबरम पर इस डील में जान बूझकर देरी करने का आरोप लगाया था। आज अंग्रेजी अखबार पॉयनियर में छपी खबर के मुताबिक डील को अक्टूबर 2006 में मंजूरी मिली जबकि वित्तमंत्रालय ने जारी प्रेस रिलीज में चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा गया था कि मार्च 2006 में ही डील को मंजूरी दे दी गई थी।
हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए।
हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए। | 8 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: दादरी कांड : अखलाक को पीट-पीटकर मार डालने के मामले में नाबालिग समेत 15 नामजद | लेख: उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम व्यक्ति को गोमांस रखने की अफवाह के बाद भीड़ द्वारा मार डाले जाने के तीन महीने बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें एक नाबालिग समेत 15 लोगों को नामजद किया गया है।
दरअसल, इसी साल 28 सितंबर को दादरी इलाके के एक मंदिर में घोषणा की गई कि गाय का एक बछड़ा मार दिया गया है, और इसके बाद भीड़ ने 52-वर्षीय मोहम्मद अखलाक को उसके घर से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने अखलाक के पुत्र दानिश को भी पीटा, जिसके इलाज के लिए कई ऑपरेशन किए जा चुके हैं।टिप्पणियां
इस भीड़ को कथित रूप से कुछ ऐसे युवाओं ने भड़काया था, जिनके ताल्लुकात स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा से थे, और अब चार्जशीट में नामजद लोगों में से एक संजय राणा का पुत्र विशाल है। सूत्रों का कहना है कि चार्जशीट में 'गोमांस' शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..."
दरअसल, इसी साल 28 सितंबर को दादरी इलाके के एक मंदिर में घोषणा की गई कि गाय का एक बछड़ा मार दिया गया है, और इसके बाद भीड़ ने 52-वर्षीय मोहम्मद अखलाक को उसके घर से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने अखलाक के पुत्र दानिश को भी पीटा, जिसके इलाज के लिए कई ऑपरेशन किए जा चुके हैं।टिप्पणियां
इस भीड़ को कथित रूप से कुछ ऐसे युवाओं ने भड़काया था, जिनके ताल्लुकात स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा से थे, और अब चार्जशीट में नामजद लोगों में से एक संजय राणा का पुत्र विशाल है। सूत्रों का कहना है कि चार्जशीट में 'गोमांस' शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..."
इस भीड़ को कथित रूप से कुछ ऐसे युवाओं ने भड़काया था, जिनके ताल्लुकात स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा से थे, और अब चार्जशीट में नामजद लोगों में से एक संजय राणा का पुत्र विशाल है। सूत्रों का कहना है कि चार्जशीट में 'गोमांस' शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..."
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..." | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: ऊर्जा के मोर्चे पर विकट स्थिति का सामना कर रहा देश : मनमोहन | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत ऊर्जा के मोर्चे पर विकट स्थिति का सामना कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से देश का आयात खर्च बढ़ता जा रहा है, ऐसे में घरेलू कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है।
बठिंडा में चार अरब डॉलर की लागत से बनी रिफाइनरी का औपचारिक उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कुल तेल खपत में करीब 80 प्रतिशत आयात होता है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से आयात खर्च पर भारी दबाव है।’’ गौरतलब है कि सरकारी कंपनियों ने कच्चे तेल और दूसरी जरूरी लागतों के दाम में भारी बढ़ोतरी के बावजूद पिछले एक वर्ष से घरेलू एलपीजी और केरोसिन के दाम नहीं बढ़ाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है।
बठिंडा में चार अरब डॉलर की लागत से बनी रिफाइनरी का औपचारिक उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कुल तेल खपत में करीब 80 प्रतिशत आयात होता है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से आयात खर्च पर भारी दबाव है।’’ गौरतलब है कि सरकारी कंपनियों ने कच्चे तेल और दूसरी जरूरी लागतों के दाम में भारी बढ़ोतरी के बावजूद पिछले एक वर्ष से घरेलू एलपीजी और केरोसिन के दाम नहीं बढ़ाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है।
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: एटीएस और स्पेशल सेल ने नोएडा से 6 संदिग्ध हिरासत में लिए, हथियार भी जब्त | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: नोएडा में ATS और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 6 संदिग्ध लोगों को पकड़ा है. पुलिस पकड़े गए लोगों को नक्सली बता रही है, जो दिल्ली और आसपास बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. पुलिस के मुताबिक ये लोग कमांडो की ड्रेस में थे और इनके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं.टिप्पणियां
पुलिस का दावा है कि ये लोग इस इलाके में एक महीने से रुके हुए थे और 5 बड़े नक्सली नेताओं के संपर्क में थे. इन्हें नोएडा में हिंडन विहार के पास से हिरासत में लिया गया है. बाद में वहां स्थानीय पुलिस भी पहुंच गई.
अभी तक यह साफ नहीं है कि हिरासत में लिए गए संदिग्ध आतंकवादी हैं या नक्सली, लेकिन पुलिस शुरुआती जांच में उन्हें नक्सली मान रही है. इनके पास से 5 हथियार भी मिले हैं.
पुलिस का दावा है कि ये लोग इस इलाके में एक महीने से रुके हुए थे और 5 बड़े नक्सली नेताओं के संपर्क में थे. इन्हें नोएडा में हिंडन विहार के पास से हिरासत में लिया गया है. बाद में वहां स्थानीय पुलिस भी पहुंच गई.
अभी तक यह साफ नहीं है कि हिरासत में लिए गए संदिग्ध आतंकवादी हैं या नक्सली, लेकिन पुलिस शुरुआती जांच में उन्हें नक्सली मान रही है. इनके पास से 5 हथियार भी मिले हैं.
अभी तक यह साफ नहीं है कि हिरासत में लिए गए संदिग्ध आतंकवादी हैं या नक्सली, लेकिन पुलिस शुरुआती जांच में उन्हें नक्सली मान रही है. इनके पास से 5 हथियार भी मिले हैं. | 2 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: जम्मू-कश्मीर के लेह में अचानक आई बाढ़ में पूरा गांव बहा | जम्मू-कश्मीर के लेह में अचानक आई बाढ़ में एक गांव बह गया है। यह गांव लेह एयरपोर्ट से सात किमी दूर मनाली-लेह हाइवे पर था। रात से अभी तक कोई मदद नहीं पहुंच पाई है। इस इलाके में स्थानीय नागरिकों के अलावा विदेशी पर्यटक भी फंसे हैं।
खास बात यह है कि यह पूरी घटना फ़िल्म निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा की टीम ने कैमरे में कैद भी की है, लेकिन वे इसे अपलोड नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल उनकी टीम एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में यहां पहुंची हुई थी। मेहरा ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि रात को वे जब अपनी टीम के साथ गांव में बने एक रिसॉर्ट में खाना खा रहे थे, तभी तेज बारिश शुरू हुई, जो रात भर जारी रही।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट चूंकि थोड़ी ऊंची जगह पर है, इसलिए वहां बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन जब नीचे काफी पानी भरने लगा तो गांव वालों में काफी दहशत फैल गई और वे चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित जगहों की ओर भागे।
उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं।
खास बात यह है कि यह पूरी घटना फ़िल्म निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा की टीम ने कैमरे में कैद भी की है, लेकिन वे इसे अपलोड नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल उनकी टीम एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में यहां पहुंची हुई थी। मेहरा ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि रात को वे जब अपनी टीम के साथ गांव में बने एक रिसॉर्ट में खाना खा रहे थे, तभी तेज बारिश शुरू हुई, जो रात भर जारी रही।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट चूंकि थोड़ी ऊंची जगह पर है, इसलिए वहां बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन जब नीचे काफी पानी भरने लगा तो गांव वालों में काफी दहशत फैल गई और वे चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित जगहों की ओर भागे।
उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं।
दरअसल उनकी टीम एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में यहां पहुंची हुई थी। मेहरा ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि रात को वे जब अपनी टीम के साथ गांव में बने एक रिसॉर्ट में खाना खा रहे थे, तभी तेज बारिश शुरू हुई, जो रात भर जारी रही।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट चूंकि थोड़ी ऊंची जगह पर है, इसलिए वहां बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन जब नीचे काफी पानी भरने लगा तो गांव वालों में काफी दहशत फैल गई और वे चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित जगहों की ओर भागे।
उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट चूंकि थोड़ी ऊंची जगह पर है, इसलिए वहां बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन जब नीचे काफी पानी भरने लगा तो गांव वालों में काफी दहशत फैल गई और वे चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित जगहों की ओर भागे।
उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं। | 13 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: Election Results 2019: विपक्ष की VVPAT-EVM का मिलान पहले करने की मांग को चुनाव आयोग ने किया खारिज | चुनाव आयोग के विपक्षी दलों की मतगणना से पहले VVPAT-EVM का मिलान करने की मांग को ठुकरा दिया है. मंगलवार को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से यह मांग की थी. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के नतीजे आने से पहले विपक्ष की VVPAT-EVM का मिलान पहले करने की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है. ईवीएम एवं वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित 22 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग का रुख किया और उससे यह आग्रह किया था कि मतगणना से पहले चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए. विपक्षी दलों ने यह भी कहा था कि यदि किसी एक मतदान केंद्र पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए.
विपक्षी नेताओं ने कई स्थानों पर स्ट्रांगरूम से ईवीएम के कथित स्थानांतरण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई की मांग की थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं कहा था ‘‘हमनें मांग की है कि वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान पहले किया जाए और फिर मतगणना की जाए। यह हमारी सबसे बड़ी मांग हैं.''
वहीं, बसपा के दानिश अली ने कहा था कि स्ट्रॉन्ग रूम को लेकर जो शिकायतें थीं वे हमने चुनाव आयोग के समक्ष रखी हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश का प्रशासन मनमानी कर रहा है क्योंकि भाजपा को पता है कि जनता का क्या फैसला दिया है. अब वे हेराफेरी करना चाहते हैं. तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करे कि जनादेश के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो. चुनाव आयोग का रुख करने से पहले विपक्षी नेताओं ने कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक की थी.
विपक्षी नेताओं की बैठक में कांग्रेस से अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद और अभिषेक मनु सिंघवी, माकपा से सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, तेदेपा से चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा एवं दानिश अली, द्रमुक से कनिमोई, राजद से मनोज झा, राकांपा से प्रफुल्ल पटेल एवं माजिद मेमन और कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए. | 8 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मध्य प्रदेश में हैवानियत: खुले में शौच के लिए गए दो दलित बच्चों की पीट-पीट कर हत्या | मध्य प्रदेश के शिवपुरी स्थित भावखेड़ी गांव में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां कथित रूप से दो दलित बच्चों की खुले में शौच करने के लिए एक मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 12 साल की रोशनी और 10 साल के अविनाश नाम के बच्चे को गंभीर चोटे आईं, जिसके तुरंत बाद जब उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अविनाश और रोशनी के बीच बुआ भतीजे का रिश्ता है.
फिलहाल इस मामले में अविनाश के पिता का कहना है कि सुबह करीब 6 बजे बच्चे चाय पीकर शौच के लिए गए थे, इस दौरान सड़क किनारे शौच कर रहे बच्चों को मोटर ऑन करने आए लोगों ने देखा और पीटना शुरू कर दिया. रोशनी के भाई और अविनाश के पिता ने रामेश्वर और आगम का नाम लेते हुए आरोप लगाया. उसने बताया कि कोई पुराना झगड़ा या रंजिश नहीं था.
वहीं स्थानीय पुलिस ने इस मामले में बताया कि जैसे ही खबर आई तो हम लोग घटनास्थल पर पहुंचे और ऐसा बताया गया कि किसी सिरफिरे ने लाठी से दोनों बच्चों को पीटा. जो भी हकीकत है वह जांच के बाद सामने आएगी. शुरुआत में ऐसा मालूम पड़ता है कि सड़क के किनारे शौच के दौरान बच्चों को पीटा गया. आरोपियों को पकड़ने का प्रयास जारी है.
इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने घटना की निंदा करते हुये इस घटना पर दुःख व्यक्त किया है. मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “देश के करोड़ों दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों को सरकारी सुविधाओं से काफी वंचित रखने के साथ-साथ उन्हें हर प्रकार की द्वेषपूर्ण जुल्म-ज्यादतियों का शिकार भी बनाया जाता रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश के शिवपुरी में दो दलित बच्चों की नृशंस हत्या अति-दुःखद व अति-निन्दनीय है.” मायावती ने इस तरह की घटनाओं के लिये कांग्रेस और भाजपा की दलित विरोधी सोच को ज़िम्मेदार ठहराया है.
2. कांग्रेस व बीजेपी की सरकार बताए कि गरीब दलितों व पिछड़ों आदि के घरों में शौचालय की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई है? यह सच बहुत ही कड़वा है तो फिर खुले में शौच को मजबूर दलित युवकों की पीट-पीट कर हत्या करने वालों को फांसी की सजा अवश्य दिलायी जानी चाहिए।
उन्होंने दोनों दलों से पूछा, “कांग्रेस और भाजपा की सरकार बताये कि गरीब दलितों व पिछड़ों आदि के घरों में शौचालय की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई है?” मायावती ने इस मामले में दोषियों को सख़्त सज़ा दिलाने की मांग करते हुये कहा, “यह सच बहुत ही कड़वा है तो फिर खुले में शौच को मजबूर दलित बच्चों की पीट-पीट कर हत्या करने वालों को फांसी की सजा अवश्य दिलायी जानी चाहिए.” | 9 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: ओमप्रकाश चौटाला की जमानत दिल्ली हाईकोर्ट ने की रद्द, कल करना होगा सरेंडर | यह एक लेख है: दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएलडी प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला की जमानत रद्द कर दी है और उन्हें कल सरेंडर करना होगा। कोर्ट ने कहा कि जेल के चिकित्सकीय अधीक्षक को जरूरी लगे, तो चौटाला को एम्स ले जाया जा सकता है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अब चौटाला प्रचार नहीं कर पाएंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर चौटाला को उसके सामने हाजिर होने का निर्देश दिया था।
गुरुवार को अदालत ने कहा कि चौटाला का पक्ष सुनने की जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने चिकित्सकीय आधार पर चौटाला को जमानत पर रिहा किया था, लेकिन अब वह हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार कर रहे हैं। राज्य में 15 अक्टूबर को मतदान होना है, इसलिए प्रचार की समयसीमा 13 अक्टूबर की शाम को खत्म हो जाएगी।
अदालत ने जेबीटी अध्यापक भर्ती घोटाला मामले में दोषी साबित होने के बाद 10 साल की सजा पाए इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता ओमप्रकाश चौटाला को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि चौटाला चिकित्सा प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिस पर न्यायाधीश ने जवाब दिया, मुझे इस बात की जानकारी मिली है, जिसका मुझे दुख है।
अदालत ने निर्देश दिया कि चौटाला और उनके वकील को नोटिस जारी किया जाए। कार्यवाही के दौरान, सीबीआई ने दावा किया कि चौटाला अदालत का मजाक बना रहे हैं। सीबीआई ने अदालत से उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया। सीबीआई ने अपनी ताजा याचिका में गुड़गांव के मेदांता अस्पताल को यह बताने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि 'बीमार' चौटाला को चुनावी सभा में भाग लेने की अनुमति कैसे दी गई।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और आईएनएलडी प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला आज दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में भी पेश हुए। कुछ देर की बहस के बाद इस मामले की अगली सुनवाई को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया।
कोर्ट ने चौटाला को कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट में जो कुछ भी होता है, उसके बारे में 20 अक्टूबर तक तीस हजारी कोर्ट को सूचित करें। | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: सत्य साईं बाबा के कमरे से मिली करोड़ों की संपत्ति | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पुट्टापर्थी स्थित प्रशांति निलयम आश्रम मेंस्थित आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा के निजी कक्ष यजुर मंदिर से करीब 100 किलोग्राम सोना और लगभग 12 करोड़ रुपये मिले हैं। सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट द्वारा सत्य साईं बाबा के निजी कक्ष यजुर मंदिर के द्वार खोले जाने के अगले दिन शुक्रवार शाम ट्रस्ट के सदस्य एवं बाबा के भतीजे आरजे रत्नाकर ने पाई गई नकदी तथा अन्य बहुमूल्य वस्तुओं की घोषणा की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पुट्टापर्थी में 11.56 करोड़ रुपये, 98 किलोग्राम सोना तथा 307 किलोग्राम चांदी पाई गई। रत्नाकर ने कहा कि नकदी भारतीय स्टेट बैंक (एबीआई) में जमा की जाएगी। नकदी की गिनती एवं सोने के आभूषणों के मूल्य का आकलन करने में कुछ बैंक अधिकारी तथा बाबा के लगभग 15 शिष्य गुरुवार से ही जुटे हुए थे। रत्नाकर ने हालांकि बाबा का कोई वसीयतनामा मिलने से इनकार किया। वह इस सवाल का जवाब देने से भी बचते रहे कि यदि ट्रस्ट को बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत के बारे में कोई दस्तावेज मिला तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी। कहा जा रहा है कि आध्यात्मिक गुरु चाहते थे कि सत्यजीत को ट्रस्ट का प्रभावी सदस्य बनाया जाए। ज्ञात हो कि यजुर मंदिर को यजुर्वेद मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अस्वस्थ होने पर सत्य साईं बाबा को 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद से ही बंद था। बाबा का निधन 24 अप्रैल को हुआ था। बाबा के विशाल आध्यात्कि साम्राज्य का प्रबंधन ट्रस्ट के जिम्मे है। बाबा की सम्पत्ति पुट्टापर्थी, बेंगलुरू, हैदराबाद एवं अन्य शहरों में है। गौरतलब है कि सत्य साईं बाबा के निधन के लगभग दो महीने बाद गुरुवार को कुछ वरिष्ठ न्यायिक व पुलिस अधिकारियों के सामने ट्रस्ट के सदस्यों ने उनके आवास का ताला खोला था। इस दौरान मीडियाकर्मियों को मौजूद रहने की इजाजत नहीं थी। ट्रस्ट द्वारा यजुर मंदिर खोलने का निर्णय लिए जाने के दो दिन बाद ट्रस्ट के सदस्यों ने उसमें अंदर प्रवेश किया। बुधवार की रात ट्रस्ट की सदस्यता से अपने इस्तीफे की घोषणा करने वाले भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पीएन भगवती भी इस दौरान मौजूद थे। वैसे भगवती ने कहा है कि वह श्री सत्य साईं विश्वविद्यालय के कुलपति बने रहेंगे। सत्य साईं बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत को ही यजुर मंदिर के बायोमीट्रिक ताले को खोलने के सम्बंध में जानकारी थी। वह भी ट्रस्ट के सदस्यों व अधिकारियों के साथ मौजूद थे। सत्य साईं बाबा के जीवनकाल में सत्यजीत अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें उनके निजी कक्ष में जाने की इजाजत थी। सत्य साईं बाबा के भतीजे व ट्रस्ट के सदस्य रत्नाकर, एसवी गिरी, वी. श्रीनिवासन और ट्रस्ट सचिव के. चक्रवर्ती भी इस दौरान मौजूद थे। अटकलें लगाई जा रही थीं कि यजुर मंदिर में दुनियाभर के भक्तों से दान में मिला सोना, आभूषण और नकदी भारी मात्रा में जमा है। भक्तों के एक वर्ग का आरोप है कि जब सत्य साईं जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे तब प्रशांति निलयम से सभी बहुमूल्य वस्तुएं निकाल ली गई थीं। वैसे ट्रस्ट ने इस बात से इनकार किया है। कुछ भक्तों की मांग थी कि उनकी मौजूदगी में यजुर मंदिर के ताले खोले जाएं। | 2 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: साइरस मिस्त्री को हटाने के बाद टाटा ग्रुप ने की बचाव की तैयारी, कैविएट दाखिल की | यह लेख है: टाटा संस ने मंगलवार को अदालतों और अन्य फोरम में कई कैविएट दाखिल कीं ताकि टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के फैसले के खिलाफ साइरस मिस्त्री या शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के कोर्ट के शरण लेने की स्थिति में एकतरफा आदेश से बचा जा सके.
टाटा की ओर से मुंबई हाईकोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कैविएट फाइल की गई है. उधर, शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कहा है कि 'इस वक्त' मीडिया की इन ख़बरों में कोई आधार नहीं है कि टाटा सन्स के चेयरमैन के पद से अचानक हटा दिए जाने की वजह से साइरस मिस्त्री उन्हें अदालत में ले जाने पर विचार कर रहे हैं.
साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां
सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.
नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्य ने प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्ट्रक्शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है.
टाटा की ओर से मुंबई हाईकोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कैविएट फाइल की गई है. उधर, शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कहा है कि 'इस वक्त' मीडिया की इन ख़बरों में कोई आधार नहीं है कि टाटा सन्स के चेयरमैन के पद से अचानक हटा दिए जाने की वजह से साइरस मिस्त्री उन्हें अदालत में ले जाने पर विचार कर रहे हैं.
साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां
सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.
नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्य ने प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्ट्रक्शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है.
साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां
सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.
नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्य ने प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्ट्रक्शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है.
सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.
नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्य ने प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्ट्रक्शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है.
नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्य ने प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्ट्रक्शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. | 13 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: JNUSU Election Result 2018 Live Updates: लेफ्ट यूनिटी के उम्मीदवारों ने चारों सीटों पर दर्ज की जीत | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के नतीजे आज आने की उम्मीद है. बशर्ते शनिवार की तरह कोई बाधा उत्पन्न न हो. जेएनयूएसयू यानी जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ चुनाव में हिंसा, विरोध-प्रदर्श और तवान के बाद रात में वोटों की गिनती शुरू हुई. इससे पहले जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) चुनावों में मतों की गिनती को निर्वाचन अधिकारियों ने मतगणना स्थल पर ‘‘जबरन प्रवेश’’ और ‘‘मतपेटियों को छीनने के प्रयासों’’ का हवाला देकर शनिवार को स्थगित कर दिया. इससे पहले मतगणना प्रक्रिया के शुरू होने की जानकारी न मिलने का दावा करते हुए एबीवीपी ने प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने चुनाव अधिकारियों पर वामपंथी संगठनों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए अदालत जाने की धमकी दी. इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गतिरोध 12 घंटे से बरकरार है. वामपंथी संगठनों ने आरोप लगाया कि एबीवीपी कार्यकर्ता हिंसा में शामिल थे हालांकि भगवा संगठन ने इससे इनकार किया है. | 13 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: अमेरिका में दो ट्रेनों की टक्कर में 60 लोग घायल | यह एक लेख है: अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम कनेक्टिकट राज्य में अतिव्यस्त समय में विपरीत दिशा से आ रही दो यात्री रेलगाड़ियों के बीच हुई टक्कर में 60 लोग घायल हो गए, जिनमें पांच की हालत नाजुक बताई गई है।
इस घटना से बोस्टन और न्यूयॉर्क के बीच मुख्य रेलमार्ग बाधित हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो नॉर्थ की एक रेलगाड़ी न्यू हैवन से न्यूयार्क शहर जाने के दौरान शाम 6.10 बजे ब्रिजपोर्ट में पटरी से उतर गई और एक रेलगाड़ी से जा टकराई। सीएनएन के मुताबिक, मेट्रो नॉर्थ के प्रवक्ता ने बताया कि इससे दूसरी रेलगाड़ी पर कुछ डिब्बे चढ़ गए।टिप्पणियां
कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है।
इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था।
इस घटना से बोस्टन और न्यूयॉर्क के बीच मुख्य रेलमार्ग बाधित हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो नॉर्थ की एक रेलगाड़ी न्यू हैवन से न्यूयार्क शहर जाने के दौरान शाम 6.10 बजे ब्रिजपोर्ट में पटरी से उतर गई और एक रेलगाड़ी से जा टकराई। सीएनएन के मुताबिक, मेट्रो नॉर्थ के प्रवक्ता ने बताया कि इससे दूसरी रेलगाड़ी पर कुछ डिब्बे चढ़ गए।टिप्पणियां
कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है।
इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था।
कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है।
इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था।
इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था। | 9 | ['hin'] |
यह शीर्षक है, इसके लिए एक लेख लिखें: दिल्ली में 12 करोड़ रुपये की हेरोइन बरामद, दो गिरफ्तार | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली में पुलिस ने उम्दा गुणवत्ता वाली तीन किलोग्राम हेरोइन के साथ दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. दोनों के पास से जब्त हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 12 करोड़ रुपये बताई जाती है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में यह भी जांच की जा रही है कि कहीं आरोपियों के पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में मादक पदार्थ तस्करों के साथ संपर्क तो नहीं हैं .टिप्पणियां
डीसीपी (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया कि बरेली के रहने वाले दोनों आरोपी मोहम्मद जफर और परवेज सैफी को रिंग रोड दरियागंज स्थित घाटा मस्जिद के पास से 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया. जफर के बैग से दो किलोग्राम हेरोइन जबकि सैफी के बैग से एक किलोग्राम हेरोइन जब्त किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डीसीपी (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया कि बरेली के रहने वाले दोनों आरोपी मोहम्मद जफर और परवेज सैफी को रिंग रोड दरियागंज स्थित घाटा मस्जिद के पास से 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया. जफर के बैग से दो किलोग्राम हेरोइन जबकि सैफी के बैग से एक किलोग्राम हेरोइन जब्त किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 8 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मेरा काम ऐक्टिंग है, मैं कोई गुड़िया नहीं जो हमेशा खूबसूरत दिखूं- करीना कपूर | दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: करीना कपूर खान का कहना है कि वह घर से निकलने पर हर समय खूबसूरत दिखने में अपनी उर्जा लगाने के बजाय अपने अभिनय पर और भूमिकाओं को चुनने पर ध्यान केंद्रित करना ज्यादा पसंद करेंगी.
‘की एंड का’ की स्टार अभिनेत्री ने कहा कि वह किसी भी अन्य सामान्य लड़की से अलग नहीं हैं और उनका लक्ष्य यह है कि उन्हें अच्छे काम के लिए पहचाना जाए, न सिर्फ प्यारे चेहरे की वजह से. करीना ने कहा, ‘‘अच्छा दिखना मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है. मैं किसी भी अन्य लड़की की तरह सामान्य हूं. कई बार मैं चप्पलें पहनकर बाहर चली जाती हूं और मेरे आसपास के लोग उसपर नाराज हो जाते हैं. मैं हमेशा संवरे हुए बालों और मेकअप के साथ नहीं रह सकती.’’टिप्पणियां
करीना ने कहा, ‘‘मैं अपने बिस्तर से किसी फैशन दीवा की तरह नहीं निकल सकती. मेरा काम अभिनय करना है न कि हर समय खूबसूरत दिखना. मैं चाहूंगी कि मुझे मेरे अभिनय कौशल के आधार पर आंका जाए. मैं कोई गुड़िया नहीं हूं.’’ फिल्म ‘रिफ्यूजी’ के जरिए एक बिना ग्लैमर वाली भूमिका के साथ अपने करियर की शुरूआत करने वाली करीना ने कहा कि नई पीढ़ी के कलाकार कई बार अपना असली काम भूल जाते हैं और स्टाइल के खेल में उलझ जाते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
‘की एंड का’ की स्टार अभिनेत्री ने कहा कि वह किसी भी अन्य सामान्य लड़की से अलग नहीं हैं और उनका लक्ष्य यह है कि उन्हें अच्छे काम के लिए पहचाना जाए, न सिर्फ प्यारे चेहरे की वजह से. करीना ने कहा, ‘‘अच्छा दिखना मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है. मैं किसी भी अन्य लड़की की तरह सामान्य हूं. कई बार मैं चप्पलें पहनकर बाहर चली जाती हूं और मेरे आसपास के लोग उसपर नाराज हो जाते हैं. मैं हमेशा संवरे हुए बालों और मेकअप के साथ नहीं रह सकती.’’टिप्पणियां
करीना ने कहा, ‘‘मैं अपने बिस्तर से किसी फैशन दीवा की तरह नहीं निकल सकती. मेरा काम अभिनय करना है न कि हर समय खूबसूरत दिखना. मैं चाहूंगी कि मुझे मेरे अभिनय कौशल के आधार पर आंका जाए. मैं कोई गुड़िया नहीं हूं.’’ फिल्म ‘रिफ्यूजी’ के जरिए एक बिना ग्लैमर वाली भूमिका के साथ अपने करियर की शुरूआत करने वाली करीना ने कहा कि नई पीढ़ी के कलाकार कई बार अपना असली काम भूल जाते हैं और स्टाइल के खेल में उलझ जाते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
करीना ने कहा, ‘‘मैं अपने बिस्तर से किसी फैशन दीवा की तरह नहीं निकल सकती. मेरा काम अभिनय करना है न कि हर समय खूबसूरत दिखना. मैं चाहूंगी कि मुझे मेरे अभिनय कौशल के आधार पर आंका जाए. मैं कोई गुड़िया नहीं हूं.’’ फिल्म ‘रिफ्यूजी’ के जरिए एक बिना ग्लैमर वाली भूमिका के साथ अपने करियर की शुरूआत करने वाली करीना ने कहा कि नई पीढ़ी के कलाकार कई बार अपना असली काम भूल जाते हैं और स्टाइल के खेल में उलझ जाते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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इसके लिए एक लेख लिखें: किचन कर सकती है आपकी इस चाहत को पूरा.... | लेख: गुलाबी गाल पाने के लिए चुकंदर से बेहतर कुछ नहीं है. पहले दो से तीन चुकंदरों को उबालकर मैश कर लें, फिर उसमें तीन चम्मच पाउडर मिलाएं. इसे अपने चेहरे और गले पर लगाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर धो लें.
अगर आपके चेहरे पर झुर्रियां या फाइन लाइन्स आ गईं हो तो, परेशान होने की जरुरत नहीं है. इसके लिए आंवला और शहद का मिश्रण काफी फायदेमंद होता है. रोज़ाना शहद में भीगे आंवला का एक चम्मच खाएं.
2-3 चम्मच बेसन लें. इसमें एक चम्मच दूध की क्रीम और एक-एक चम्मच गेहूं की भूसी और दही मिलाएं. फिर इसे चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगाएं और धो लें. इससे आपके गाल नरम और मुलायम हो जाएंगे.
रंग निखारने के लिए नींबू का रस चेहरे पर लगाएं. कुछ देर बाद चेहरा धो लें. नींबू के रस में टमाटर का रस मिलाकर लगाने से भी त्वचा की सफाई हो जाती है और रंग गोरा होने लगता है.
प्रोटीन से भरपूर तिल के तेल में चिपचिपाहट नहीं होती. इसके इस्तेमाल से बालों में चमक और मजबूती आती है. रोज़ाना इस तेल के प्रयोग से बालों के असमय सफेद होने की समस्या से मुक्ति मिलती है.
गुलाब जल रंगत निखारने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है. घर पर ही गुलाबजल बनाने के लिए गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में डालें. जल्दी फायदे के लिए इसका पेस्ट बनाकर पानी में मिलाएं. एक दिन के लिए पानी में छोड़ दें. इस पानी से चेहरा धोने से चेहरे की रंगत गुलाबी होने लगती है और रंग भी निखरने लगता है. | 13 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अदम्य साहसी 25 बच्चों को पीएम नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को देंगे वीरता पुरस्कार | लेख: हर साल भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से छह से अठारह साल की उम्र के बच्चों को अपने अदम्य साहस के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिए जाते हैं. इन बच्चों ने अपने साहस, संयम, सूझ-बूझ और हिम्मत के बल पर दूसरों की जिंदगियां बचाई हैं.
बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने की शुरुआत 1957 में हुई. गांधी जयंती पर दिल्ली के रामलीला मैदान पर एक कार्यक्रम के दौरान पंडाल में आग लग गई और तकरीबन 100 लोग उसमें फंस गए. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल हुए थे. तभी 14 साल के हरिशचंद्र मेहरा ने शामियाने का एक हिस्सा अपने चाकू से काट दिया. इससे आग का फैलाव रुक गया और लोगों के निकलने का रास्ता भी बन गया. हरिशचंद्र की बहादुरी से प्रेरित होकर जवाहरलाल नेहरू ने बहादुर बच्चों के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की घोषणा की थी. पहला राष्ट्रीय पुरस्कार चार फरवरी 1958 को हरिशचंद्र और एक अन्य बच्चे को दिया गया था. अब तक 945 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें 669 लड़के और 276 लड़कियां शामिल हैं. इन बच्चों पर देश को नाज है.
बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने की शुरुआत 1957 में हुई. गांधी जयंती पर दिल्ली के रामलीला मैदान पर एक कार्यक्रम के दौरान पंडाल में आग लग गई और तकरीबन 100 लोग उसमें फंस गए. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल हुए थे. तभी 14 साल के हरिशचंद्र मेहरा ने शामियाने का एक हिस्सा अपने चाकू से काट दिया. इससे आग का फैलाव रुक गया और लोगों के निकलने का रास्ता भी बन गया. हरिशचंद्र की बहादुरी से प्रेरित होकर जवाहरलाल नेहरू ने बहादुर बच्चों के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की घोषणा की थी. पहला राष्ट्रीय पुरस्कार चार फरवरी 1958 को हरिशचंद्र और एक अन्य बच्चे को दिया गया था. अब तक 945 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें 669 लड़के और 276 लड़कियां शामिल हैं. इन बच्चों पर देश को नाज है. | 2 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: मुंबई में हुई खोज की बदौलत अब 100 गुना तक कम हो सकती है MRI मशीनों की कीमत | वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मुंबई में हुई एक महत्वपूर्ण खोज की बदौलत मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग यानी एमआरआई मशीनों की कीमत 100 गुना तक कम हो सकती है.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों की एक टीम ने खोज की है कि बाइस्मथ (Bismuth) नाम की धातु बिना किसी प्रतिरोध के विद्युत को संचालित कर सकती है और इसका यह गुण इसे सुपरकंडक्टर बनाता है.
वैज्ञानिकों के अनुसार सुपरकंडक्टर होने का गुण किसी पदार्थ का अदि्वतीय गुण है जिसके कई उपयोग संभव हैं और इसे प्राप्त करना बेहद खर्चीला है. माना जा रहा है कि इस नई खोज के बाद 4 दशक पुरानी नोबेल पुरस्कार विजेता थ्योरी को पुनर्परिभाषित किया जाएगा जो बताती है कि धातु कैसे सुपरकंडक्टर बन जाते हैं.
मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर एस रामकृष्णन कहते हैं, 'हम लोगों ने बाइस्मथ में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की है और इसे समझाने के लिए हमें एक नई थ्योरी और एक नई व्यवस्था की जरूरत है. एक बार जब यह हो जाएगा तो शायद हमारे पास सुपरकंडक्टर्स की नई श्रेणी होगी.'
दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को बहुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्म हो जाए.
वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है.
खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्टर गुण की व्याख्या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्कुल अलग किस्म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्योरिस्ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्योरी जल्द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्कैन एक सुपरकंडक्टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्तेमाल संभव है.टिप्पणियां
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों की एक टीम ने खोज की है कि बाइस्मथ (Bismuth) नाम की धातु बिना किसी प्रतिरोध के विद्युत को संचालित कर सकती है और इसका यह गुण इसे सुपरकंडक्टर बनाता है.
वैज्ञानिकों के अनुसार सुपरकंडक्टर होने का गुण किसी पदार्थ का अदि्वतीय गुण है जिसके कई उपयोग संभव हैं और इसे प्राप्त करना बेहद खर्चीला है. माना जा रहा है कि इस नई खोज के बाद 4 दशक पुरानी नोबेल पुरस्कार विजेता थ्योरी को पुनर्परिभाषित किया जाएगा जो बताती है कि धातु कैसे सुपरकंडक्टर बन जाते हैं.
मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर एस रामकृष्णन कहते हैं, 'हम लोगों ने बाइस्मथ में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की है और इसे समझाने के लिए हमें एक नई थ्योरी और एक नई व्यवस्था की जरूरत है. एक बार जब यह हो जाएगा तो शायद हमारे पास सुपरकंडक्टर्स की नई श्रेणी होगी.'
दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को बहुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्म हो जाए.
वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है.
खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्टर गुण की व्याख्या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्कुल अलग किस्म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्योरिस्ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्योरी जल्द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्कैन एक सुपरकंडक्टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्तेमाल संभव है.टिप्पणियां
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
वैज्ञानिकों के अनुसार सुपरकंडक्टर होने का गुण किसी पदार्थ का अदि्वतीय गुण है जिसके कई उपयोग संभव हैं और इसे प्राप्त करना बेहद खर्चीला है. माना जा रहा है कि इस नई खोज के बाद 4 दशक पुरानी नोबेल पुरस्कार विजेता थ्योरी को पुनर्परिभाषित किया जाएगा जो बताती है कि धातु कैसे सुपरकंडक्टर बन जाते हैं.
मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर एस रामकृष्णन कहते हैं, 'हम लोगों ने बाइस्मथ में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की है और इसे समझाने के लिए हमें एक नई थ्योरी और एक नई व्यवस्था की जरूरत है. एक बार जब यह हो जाएगा तो शायद हमारे पास सुपरकंडक्टर्स की नई श्रेणी होगी.'
दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को बहुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्म हो जाए.
वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है.
खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्टर गुण की व्याख्या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्कुल अलग किस्म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्योरिस्ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्योरी जल्द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्कैन एक सुपरकंडक्टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्तेमाल संभव है.टिप्पणियां
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर एस रामकृष्णन कहते हैं, 'हम लोगों ने बाइस्मथ में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की है और इसे समझाने के लिए हमें एक नई थ्योरी और एक नई व्यवस्था की जरूरत है. एक बार जब यह हो जाएगा तो शायद हमारे पास सुपरकंडक्टर्स की नई श्रेणी होगी.'
दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को बहुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्म हो जाए.
वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है.
खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्टर गुण की व्याख्या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्कुल अलग किस्म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्योरिस्ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्योरी जल्द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्कैन एक सुपरकंडक्टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्तेमाल संभव है.टिप्पणियां
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को बहुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्म हो जाए.
वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है.
खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्टर गुण की व्याख्या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्कुल अलग किस्म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्योरिस्ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्योरी जल्द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्कैन एक सुपरकंडक्टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्तेमाल संभव है.टिप्पणियां
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है.
खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्टर गुण की व्याख्या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्कुल अलग किस्म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्योरिस्ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्योरी जल्द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्कैन एक सुपरकंडक्टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्तेमाल संभव है.टिप्पणियां
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्टर गुण की व्याख्या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्कुल अलग किस्म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्योरिस्ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्योरी जल्द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्कैन एक सुपरकंडक्टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्तेमाल संभव है.टिप्पणियां
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्टर गुण की व्याख्या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्कुल अलग किस्म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्योरिस्ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्योरी जल्द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्कैन एक सुपरकंडक्टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्तेमाल संभव है.टिप्पणियां
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्टर का इस्तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
वर्तमान में एक अच्छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. | 9 | ['hin'] |
इस शीर्षक के साथ एक लेख लिखें: अब 'बाहुबली' प्रभास के साथ नजर आएंगे नील नितिन मुकेश, सीख रहे हैं तमिल और तेलुगू भाषा | यह लेख है: अभिनेता नील नितिन मुकेश 'बाहुबली' से मशहूर हुए अभिनेता प्रभास के साथ फिल्म में काम करने को तैयार हैं. यह फिल्म अगले साल रिलीज होगी. फिल्म का नाम अभी तय नहीं है, यह वाई सुजीत रेड्डी द्वारा निर्देशित होगी.
फिल्म के बारे में नील ने कहा, 'मैं पिछले एक साल से इस फिल्म को अंतरिम रूप देने की कोशिश में हूं. यह मेरे लिए उत्साहजनक इसलिए है, क्योंकि इसकी कहानी जटिल है और एक बार मुझे इस पर प्रयोग करने का मौका मिले. मैं प्रभास और उनके साथ काम करने को उत्साहित हूं.'टिप्पणियां
नील इन दिनों अपने किरदार के लिए तमिल और तेलुगू भाषा सीख रहे हैं. फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फिल्म के बारे में नील ने कहा, 'मैं पिछले एक साल से इस फिल्म को अंतरिम रूप देने की कोशिश में हूं. यह मेरे लिए उत्साहजनक इसलिए है, क्योंकि इसकी कहानी जटिल है और एक बार मुझे इस पर प्रयोग करने का मौका मिले. मैं प्रभास और उनके साथ काम करने को उत्साहित हूं.'टिप्पणियां
नील इन दिनों अपने किरदार के लिए तमिल और तेलुगू भाषा सीख रहे हैं. फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नील इन दिनों अपने किरदार के लिए तमिल और तेलुगू भाषा सीख रहे हैं. फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | 2 | ['hin'] |
एक लेख लिखें जिसका शीर्षक इस प्रकार है: पंजाब में 35 वर्षीय विधवा के साथ सामूहिक बलात्कार | लेख: जिले में तीन युवकों द्वारा कथित रूप से एक 35 वर्षीय विधवा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने की खबर आई है।टिप्पणियां
पुलिस ने बताया कि तीनों ने मंगलवार की शाम को पीड़िता का उस समय अपहरण कर लिया जब वह धरमकोट से लौट रही थी। ये तीनों उसे कोटिसेकान गांव में ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। तीनों की पहचान संदीप सिंह, हरदीप सिंह और तारा सिंह के रूप में की गई है।
एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं।
पुलिस ने बताया कि तीनों ने मंगलवार की शाम को पीड़िता का उस समय अपहरण कर लिया जब वह धरमकोट से लौट रही थी। ये तीनों उसे कोटिसेकान गांव में ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। तीनों की पहचान संदीप सिंह, हरदीप सिंह और तारा सिंह के रूप में की गई है।
एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं।
एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं। | 9 | ['hin'] |
इसके लिए एक लेख लिखें: डीयू में जल्द खत्म हो सकता है चार साल का अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम | यह लेख है: दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले साल से शुरू किए गए चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम को खत्म किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मानव संसाधन मंत्रालय ने पिछले साल शुरू किए गए इस प्रोग्राम को खत्म करने का मन बना लिया है और एक बार फिर पहले की तरह तीन साल के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम की वापसी हो सकती है।
दरअसल, डीयू के वाइस चांसलर दिनेश सिंह और शिक्षा सचिव के बीच इस मुद्दे पर मुलाकात हुई थी, जिसमें दिनेश सिंह ने चार साल के प्रोग्राम के पक्ष में तर्क रखे, लेकिन खबर है कि वह मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर पाए। आरएसएस और बीजेपी समर्थित डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट भी चार साल के पाठयक्रम के विरोध में हैं और स्मृति ईरानी की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल पर चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम को खत्म करने का दबाव है।
बीजेपी की तरफ से भी चुनाव के दौरान इस नए पाठयक्रम को खत्म करने का वादा किया गया था हालांकि मंत्रालय कोई भी फैसला जल्दीबाजी में लेने के पक्ष में नहीं हैं।
खास बात यह है कि इस मुद्दे पर शिक्षकों के लेफ्ट और राइट विंग, के बीच भी एक राय है और दोनों ही ग्रुप चार साल के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे हैं हालांकि अगर तीन साल के पाठयक्रम की वापसी होती है तो उन छात्रों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी जिन्होंने पिछले साल चार साल के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला लिया है, क्योंकि इन छात्रों के पहले साल में सिर्फ फाउंडेशन कोर्स ही कराया गया है हालांकि मंत्रालय इस समस्या से निपटने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। | 13 | ['hin'] |