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इस पाठ का सारांश बनाएं: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्य के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि आवंटित करने की मांग की. लंबे समय से अपने राज्य के लिए ऋण माफी की मांग कर रहीं बनर्जी ने लगभग आधा घंटे की मुलाकात के दौरान पश्चिम बंगाल की ऋण स्थिति पर चर्चा की, हालांकि उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ तीस्ता नदी के पानी को साझा करने से संबंधित समझौते पर कोई बातचीत नहीं हुई. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बनर्जी ने कहा, "हमने राज्य की ऋण स्थिति पर चर्चा की और विभिन्न परियोजनाओं व योजनाओं के तहत धन आवंटन के बारे में चर्चा की."टिप्पणियां मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, "लगभग 10,459 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास लंबित हैं. मैंने प्रधानमंत्री को इसके बारे में और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के संबंध में जानकारी दी. मैंने उनसे धन आवंटन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा है कि वह धन आंवटित करने का प्रयास करेंगे." (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बनर्जी ने कहा, "हमने राज्य की ऋण स्थिति पर चर्चा की और विभिन्न परियोजनाओं व योजनाओं के तहत धन आवंटन के बारे में चर्चा की."टिप्पणियां मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, "लगभग 10,459 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास लंबित हैं. मैंने प्रधानमंत्री को इसके बारे में और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के संबंध में जानकारी दी. मैंने उनसे धन आवंटन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा है कि वह धन आंवटित करने का प्रयास करेंगे." (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, "लगभग 10,459 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास लंबित हैं. मैंने प्रधानमंत्री को इसके बारे में और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के संबंध में जानकारी दी. मैंने उनसे धन आवंटन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा है कि वह धन आंवटित करने का प्रयास करेंगे." (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि आवंटित करने की मांग की. अपने राज्य के लिए ऋण माफी की मांग कर रहीं हैं बनर्जी लगभग आधा घंटे की चली मुलाकात
25
['hin']
एक सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के छठे चरण का मतदान मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। इस तरह 1103 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में बंद हो गया। इस दौरान 13 जिलों की 68 सीटों पर करीब 60 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने कहा कि कुछ स्थानों पर 60 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया। सहारनपुर में 64 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 जिलों की 68 सीटों पर मतदान हुआ जिसमें करीब 2.14 करोड़ मतदाता मतदान करने के योग्य थे। इस चरण के तहत जिन 13 जिलों में मतदान हुआ इनमें गौतमबुद्धनगर (नोएडा), गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, प्रबुद्धनगर, पंचशीलनगर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि सुबह नौ बजे तक 9.73 फीसदी, 11 बजे तक 23.88 फीसदी, एक बजे तक 38.36 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के आठ घंटे बीतने के बाद दोपहर तीन बजे तक 49.93 फीसदी मतदान हुआ। टिप्पणियां छठे चरण के लिए कुल 22,137 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान प्रक्रिया में 30,028 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल हुआ। इस चरण में सबसे ज्यादा 76 उम्मीदवार अलीगढ़ सदर विधानसभा सीट पर और सबसे कम नौ उम्मीदवार अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर हैं। इस चरण में 86 महिलाओं सहित कुल 1103 उम्मीदवार मैदान में हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस व होमगार्ड के डेढ़ लाख जवान तैनात किए गए थे। हरियाणा और दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने कहा कि कुछ स्थानों पर 60 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया। सहारनपुर में 64 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 जिलों की 68 सीटों पर मतदान हुआ जिसमें करीब 2.14 करोड़ मतदाता मतदान करने के योग्य थे। इस चरण के तहत जिन 13 जिलों में मतदान हुआ इनमें गौतमबुद्धनगर (नोएडा), गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, प्रबुद्धनगर, पंचशीलनगर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि सुबह नौ बजे तक 9.73 फीसदी, 11 बजे तक 23.88 फीसदी, एक बजे तक 38.36 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के आठ घंटे बीतने के बाद दोपहर तीन बजे तक 49.93 फीसदी मतदान हुआ। टिप्पणियां छठे चरण के लिए कुल 22,137 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान प्रक्रिया में 30,028 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल हुआ। इस चरण में सबसे ज्यादा 76 उम्मीदवार अलीगढ़ सदर विधानसभा सीट पर और सबसे कम नौ उम्मीदवार अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर हैं। इस चरण में 86 महिलाओं सहित कुल 1103 उम्मीदवार मैदान में हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस व होमगार्ड के डेढ़ लाख जवान तैनात किए गए थे। हरियाणा और दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी। इस चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 जिलों की 68 सीटों पर मतदान हुआ जिसमें करीब 2.14 करोड़ मतदाता मतदान करने के योग्य थे। इस चरण के तहत जिन 13 जिलों में मतदान हुआ इनमें गौतमबुद्धनगर (नोएडा), गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, प्रबुद्धनगर, पंचशीलनगर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि सुबह नौ बजे तक 9.73 फीसदी, 11 बजे तक 23.88 फीसदी, एक बजे तक 38.36 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के आठ घंटे बीतने के बाद दोपहर तीन बजे तक 49.93 फीसदी मतदान हुआ। टिप्पणियां छठे चरण के लिए कुल 22,137 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान प्रक्रिया में 30,028 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल हुआ। इस चरण में सबसे ज्यादा 76 उम्मीदवार अलीगढ़ सदर विधानसभा सीट पर और सबसे कम नौ उम्मीदवार अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर हैं। इस चरण में 86 महिलाओं सहित कुल 1103 उम्मीदवार मैदान में हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस व होमगार्ड के डेढ़ लाख जवान तैनात किए गए थे। हरियाणा और दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी। इस चरण के तहत जिन 13 जिलों में मतदान हुआ इनमें गौतमबुद्धनगर (नोएडा), गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, प्रबुद्धनगर, पंचशीलनगर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि सुबह नौ बजे तक 9.73 फीसदी, 11 बजे तक 23.88 फीसदी, एक बजे तक 38.36 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के आठ घंटे बीतने के बाद दोपहर तीन बजे तक 49.93 फीसदी मतदान हुआ। टिप्पणियां छठे चरण के लिए कुल 22,137 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान प्रक्रिया में 30,028 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल हुआ। इस चरण में सबसे ज्यादा 76 उम्मीदवार अलीगढ़ सदर विधानसभा सीट पर और सबसे कम नौ उम्मीदवार अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर हैं। इस चरण में 86 महिलाओं सहित कुल 1103 उम्मीदवार मैदान में हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस व होमगार्ड के डेढ़ लाख जवान तैनात किए गए थे। हरियाणा और दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि सुबह नौ बजे तक 9.73 फीसदी, 11 बजे तक 23.88 फीसदी, एक बजे तक 38.36 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के आठ घंटे बीतने के बाद दोपहर तीन बजे तक 49.93 फीसदी मतदान हुआ। टिप्पणियां छठे चरण के लिए कुल 22,137 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान प्रक्रिया में 30,028 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल हुआ। इस चरण में सबसे ज्यादा 76 उम्मीदवार अलीगढ़ सदर विधानसभा सीट पर और सबसे कम नौ उम्मीदवार अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर हैं। इस चरण में 86 महिलाओं सहित कुल 1103 उम्मीदवार मैदान में हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस व होमगार्ड के डेढ़ लाख जवान तैनात किए गए थे। हरियाणा और दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी। छठे चरण के लिए कुल 22,137 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान प्रक्रिया में 30,028 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल हुआ। इस चरण में सबसे ज्यादा 76 उम्मीदवार अलीगढ़ सदर विधानसभा सीट पर और सबसे कम नौ उम्मीदवार अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर हैं। इस चरण में 86 महिलाओं सहित कुल 1103 उम्मीदवार मैदान में हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस व होमगार्ड के डेढ़ लाख जवान तैनात किए गए थे। हरियाणा और दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी। शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस व होमगार्ड के डेढ़ लाख जवान तैनात किए गए थे। हरियाणा और दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी।
संक्षिप्त पाठ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के छठे चरण का मतदान मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। इस तरह 1103 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में बंद हो गया।
30
['hin']
एक सारांश बनाओ: राजस्थान के अलवर में मॉब लिचिंग में जान गंवाने पहलू खान के मामले की जांच फिर से करवाने पर राजस्थान सरकार विचार कर रही है. इस हत्याकांड के सभी आरोपियों को बरी किए जाने के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार पहले ही अपील करने का फैसला कर चुकी है. एक अप्रैल 2017 को हरियाणा के नूंह मेवात ज़िले के निवासी पहलू ख़ान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे. शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू ख़ान और उसके बेटों के साथ मारपीट की थी. इलाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गई थी. पहलू ख़ान की हत्या के मामले में 8 आरोपी पकड़े गए. जिनमें दो नाबालिग हैं. आज अलवर कोर्ट में इन 6 आरोपियों पर फैसला सुनाया गया. नाबालिग आरोपियों की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में हो रही है. इस मॉब लिंचिंग के मामले में एनडीटीवी ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे. इस स्टिंग के बाद मामले की दोबारा जांच की मांग उठी थी. पुलिस ने एनडीटीवी के स्टिंग को सबूत की तरह पेश किया था.  बता दें कि पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने दो FIR दर्ज की थी. एक FIR पहलू खान की हत्या के मामले में 8 लोगों के खिलाफ और दूसरी बिना कलेक्टर की अनुमति के मवेशी ले जाने पर पहलू और उसके परिवार के खिलाफ हुई थी. दूसरे मामले में पहलू खान और उसके दो बेटों के खिलाफ अब चार्जशीट दाखिल की गई है. पहलू खान की मौत हो चुकी है ऐसे में उनके खिलाफ तो केस बंद हो जाएगा, लेकिन उनके बेटों के खिलाफ केस चलेगा. वहीं बात करें साल 2019 में देशभर में हुए गाय के नाम पर हिंसा की तो करीब 8 घटनाएं हो चुकी हैं.यह न सिर्फ हरियाणा, बल्कि कर्नाटक, असम, झारखंड, मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार राज्यों में भी गाय के नाम पर हिंसा हो चुकी है.
सारांश: पहलू खान हत्याकांड सभी 6 आरोपी बरी फिर अपील करेगी राजस्थान सरकार
5
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: सेना का संबोधन हरारे और आसपास के इलाकों में कुछ घंटे पहले हुए धमाकों के बाद आया. सेना की इस कार्रवाई के बाद सेना द्वारा तख्तापलट की अटकलें दिन भर लगाई जाती रही.यह भी कहा जाने लगा कि सेना यह सब कुछ उप-राष्ट्रपति के बहकावे में आकर कर रही है. सत्ताधारी पार्टी ने जेनरल कंस्टेंटाइन चिवेंगा पर उनके उस प्रतिक्रिया के लिए आरोप लगाया जो उन्होंने हरारे में सेना के आने के बाद तुरंत बाद दिया था.टिप्पणियां एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही राष्ट्रपति के आवास के पास से गोलीबारी के आवाज आ रही है. मेरे घर से राष्ट्रपति के घर की तरफ जाने वाले रास्ते में सुबह करीब दो बजे करीब दो से तीन मिनट में ही 30 से 40 राउंड गोली चलने की आवाज आई है. हथियारों लिए सैनिक इलाके से गुजरने वाले आम लोगों के साथ भी मारपीट कर रहे हैं.समाचार एजेंसी के मुताबिक सेना के अधिकारी सुबह हथियार लोड करते भी देखे गए. (इनपुट एएफपी से)   सत्ताधारी पार्टी ने जेनरल कंस्टेंटाइन चिवेंगा पर उनके उस प्रतिक्रिया के लिए आरोप लगाया जो उन्होंने हरारे में सेना के आने के बाद तुरंत बाद दिया था.टिप्पणियां एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही राष्ट्रपति के आवास के पास से गोलीबारी के आवाज आ रही है. मेरे घर से राष्ट्रपति के घर की तरफ जाने वाले रास्ते में सुबह करीब दो बजे करीब दो से तीन मिनट में ही 30 से 40 राउंड गोली चलने की आवाज आई है. हथियारों लिए सैनिक इलाके से गुजरने वाले आम लोगों के साथ भी मारपीट कर रहे हैं.समाचार एजेंसी के मुताबिक सेना के अधिकारी सुबह हथियार लोड करते भी देखे गए. (इनपुट एएफपी से)   एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही राष्ट्रपति के आवास के पास से गोलीबारी के आवाज आ रही है. मेरे घर से राष्ट्रपति के घर की तरफ जाने वाले रास्ते में सुबह करीब दो बजे करीब दो से तीन मिनट में ही 30 से 40 राउंड गोली चलने की आवाज आई है. हथियारों लिए सैनिक इलाके से गुजरने वाले आम लोगों के साथ भी मारपीट कर रहे हैं.समाचार एजेंसी के मुताबिक सेना के अधिकारी सुबह हथियार लोड करते भी देखे गए. (इनपुट एएफपी से)   हथियारों लिए सैनिक इलाके से गुजरने वाले आम लोगों के साथ भी मारपीट कर रहे हैं.समाचार एजेंसी के मुताबिक सेना के अधिकारी सुबह हथियार लोड करते भी देखे गए. (इनपुट एएफपी से)
संक्षिप्त सारांश: राष्ट्रीय टीवी पर सेना ने किया कब्जा सुबह से ही हरारे सहित कई शहरों में सक्रिय दिखी सेना राष्ट्र को सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया संबोधित, कहा यह तख्तापलट नही
29
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: कांग्रेस का उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद राहुल गांधी ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए पार्टी कार्यसमिति की बैठक में पार्टी का आभार जताया और कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार के अनुसार राहुल ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम कांग्रेस में बदलाव ला सकते हैं।’’ राहुल ने कार्यसमिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके लिए महान अनुभव है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले आठ साल से पार्टी के लिए काम किया है। हम देश को बदल सकते हैं। यह एक महान पार्टी है।’’ कांग्रेस ने आज राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। उन्हें लोकसभा चुनाव से करीब 16 महीने पहले ऐसे समय में पार्टी में नंबर दो की जिम्मेदारी सौंपी गई है जब भाजपा में प्रधानमंत्री पद को लेकर नरेंद्र मोदी के नाम पर चर्चा जोर शोर से चल रही है। तैतालिस वर्षीय राहुल को आज कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन पर पार्टी के नंबर दो के तौर पर काबिज किया गया है। टिप्पणियां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 सितंबर, 2007 को राहुल को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इससे करीब तीन साल पहले उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था और वह अमेठी से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। इस सीट से पहले राजीव गांधी भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते थे। राहुल को पार्टी में बड़ी भूमिका दिए जाने की मांग कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पहले से ही की जा रही थीं। उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्हें पार्टी का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने को लेकर भी मांग तेज हो गईं हैं। कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार के अनुसार राहुल ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम कांग्रेस में बदलाव ला सकते हैं।’’ राहुल ने कार्यसमिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके लिए महान अनुभव है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले आठ साल से पार्टी के लिए काम किया है। हम देश को बदल सकते हैं। यह एक महान पार्टी है।’’ कांग्रेस ने आज राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। उन्हें लोकसभा चुनाव से करीब 16 महीने पहले ऐसे समय में पार्टी में नंबर दो की जिम्मेदारी सौंपी गई है जब भाजपा में प्रधानमंत्री पद को लेकर नरेंद्र मोदी के नाम पर चर्चा जोर शोर से चल रही है। तैतालिस वर्षीय राहुल को आज कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन पर पार्टी के नंबर दो के तौर पर काबिज किया गया है। टिप्पणियां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 सितंबर, 2007 को राहुल को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इससे करीब तीन साल पहले उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था और वह अमेठी से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। इस सीट से पहले राजीव गांधी भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते थे। राहुल को पार्टी में बड़ी भूमिका दिए जाने की मांग कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पहले से ही की जा रही थीं। उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्हें पार्टी का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने को लेकर भी मांग तेज हो गईं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले आठ साल से पार्टी के लिए काम किया है। हम देश को बदल सकते हैं। यह एक महान पार्टी है।’’ कांग्रेस ने आज राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। उन्हें लोकसभा चुनाव से करीब 16 महीने पहले ऐसे समय में पार्टी में नंबर दो की जिम्मेदारी सौंपी गई है जब भाजपा में प्रधानमंत्री पद को लेकर नरेंद्र मोदी के नाम पर चर्चा जोर शोर से चल रही है। तैतालिस वर्षीय राहुल को आज कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन पर पार्टी के नंबर दो के तौर पर काबिज किया गया है। टिप्पणियां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 सितंबर, 2007 को राहुल को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इससे करीब तीन साल पहले उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था और वह अमेठी से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। इस सीट से पहले राजीव गांधी भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते थे। राहुल को पार्टी में बड़ी भूमिका दिए जाने की मांग कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पहले से ही की जा रही थीं। उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्हें पार्टी का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने को लेकर भी मांग तेज हो गईं हैं। तैतालिस वर्षीय राहुल को आज कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन पर पार्टी के नंबर दो के तौर पर काबिज किया गया है। टिप्पणियां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 सितंबर, 2007 को राहुल को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इससे करीब तीन साल पहले उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था और वह अमेठी से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। इस सीट से पहले राजीव गांधी भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते थे। राहुल को पार्टी में बड़ी भूमिका दिए जाने की मांग कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पहले से ही की जा रही थीं। उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्हें पार्टी का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने को लेकर भी मांग तेज हो गईं हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 सितंबर, 2007 को राहुल को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इससे करीब तीन साल पहले उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था और वह अमेठी से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। इस सीट से पहले राजीव गांधी भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते थे। राहुल को पार्टी में बड़ी भूमिका दिए जाने की मांग कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पहले से ही की जा रही थीं। उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्हें पार्टी का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने को लेकर भी मांग तेज हो गईं हैं। राहुल को पार्टी में बड़ी भूमिका दिए जाने की मांग कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पहले से ही की जा रही थीं। उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्हें पार्टी का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने को लेकर भी मांग तेज हो गईं हैं।
संक्षिप्त पाठ: कांग्रेस का उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद राहुल गांधी ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए पार्टी कार्यसमिति की बैठक में पार्टी का आभार जताया और कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
13
['hin']
एक सारांश बनाओ: वियतनाम के उत्तरी और मध्य प्रांतों में भारी बारिश और बाढ़ में कम से कम 16 लोग मारे गए जबकि अन्य 38 घायल हो गए हैं। इसकी जानकारी वियतनाम के 'नेशनल कमिटी फॉर सर्च एंड रेस्क्यू' ने रविवार को दी।टिप्पणियां समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक बाढ़ से दो प्रांतों हा तिन्ह और नाहे अन प्रांत ज्यादा प्रभावित हुए हैं जहां 3500 घर और 22,000 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल और फलों के पेड़ जलमग्न हो गए। देश के 'सेंटर हाइड्रो-मेटियोरोलोजिकल फोरकास्टिंग सेंटर' के मुताबिक तान्ह होआ से नाहे अन प्रांत की तरफ जाने वाली नदी का जल स्तर घट गया है लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार है। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ के परिणाम से निपटने के लिए 14000 लोगों को तैयार किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक बाढ़ से दो प्रांतों हा तिन्ह और नाहे अन प्रांत ज्यादा प्रभावित हुए हैं जहां 3500 घर और 22,000 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल और फलों के पेड़ जलमग्न हो गए। देश के 'सेंटर हाइड्रो-मेटियोरोलोजिकल फोरकास्टिंग सेंटर' के मुताबिक तान्ह होआ से नाहे अन प्रांत की तरफ जाने वाली नदी का जल स्तर घट गया है लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार है। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ के परिणाम से निपटने के लिए 14000 लोगों को तैयार किया है। देश के 'सेंटर हाइड्रो-मेटियोरोलोजिकल फोरकास्टिंग सेंटर' के मुताबिक तान्ह होआ से नाहे अन प्रांत की तरफ जाने वाली नदी का जल स्तर घट गया है लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार है। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ के परिणाम से निपटने के लिए 14000 लोगों को तैयार किया है।
यह एक सारांश है: वियतनाम के उत्तरी और मध्य प्रांतों में भारी बारिश और बाढ़ में कम से कम 16 लोग मारे गए जबकि अन्य 38 घायल हो गए हैं।
21
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: खनन घोटाला मामले में सीबीआई ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 22 जगहों पर छापेमारी कर रही हैं. सीबीआई ने यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के घर में भी छापा मारा है. यूपी के हमीरपुर में भी छापेमारी चल रही है. यह मामला गायत्री प्रजापति से जुड़ा हुआ है. बता दें, कि इसी साल जनवरी में उत्तर-प्रदेश में हुए खनन घोटाले( mining scam) की सीबीआई( CBI) जांच में बड़ा खुलासा हुआ था. हमीरपुर की डीएम रहते हुए आईएएस बी चंद्रकला (IAS B Chandrakala)  पर दस अन्य लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचते हुए अवैध खनन करवाने का मामला सामने आया था. दो जनवरी 2019 को सीबीआई के दर्ज मुकदमे में बी चंद्रकला सहित 11 आरोपियों को क्रिमिनिल कांसिपिरेसी में शामिल होने की बात कही गई थी. इसमें सपा और बसपा के दो नेता सहित कई बाबू और दलाल भी शामिल थे. दरअसल, समाजवादी पार्टी की सरकार में अवैध खनन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं पहुंचीं थीं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में यूपी में अवैध खनन की जांच के आदेश दिए. यूपी के सात प्रमुख जिलों में अवैध खनन की शिकायत इलाहाबाद कोर्ट को मिली थी. उस दौरान फतेहपुर, देवरिया, शामली, कौशांबी, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर, हमीरपुर में अवैध खनन का मामला सामने आया था. हमीरपुर मामले में दो जनवरी,2019 को सीबीआई के डिप्टी एसपी केके शर्मा ने केस दर्ज कराया था. इसी केस में 5 जनवरी को सीबीआई ने आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित फ्लैट सहित 14 स्थानों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी कानपुर, लखनऊ, हमीरपुर, जालौन, नोएडा में भी हुई थी.  आईपीसी की धाराओं 379, 384, 420, 511 120 B और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत संबंधितों पर केस दर्ज हुआ था. 2012 से 2016 के बीच में बालू की माइनिंग अवैध तरीके से की गई थी. शिकायतों के मुताबिक अधिकारी अवैध खनन कर रहे लोगों और अवैध बालू ले जा रहे वाहनों के ड्राईवरों से पैसे ऐंठते थे. सातवे आरोपी के तौर पर संजय दीक्षित पर भी केस दर्ज हुआ है. संजय दीक्षित 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे. संजय के पिता सत्यदेव दीक्षित के घर भी छापेमारी हुई. जालौन के माइनिंग क्लर्क राम अवतार के घर से दो करोड़ कैश और दो करोड़ सोना मिला. बता दें कि 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश यादव ने खनन विभाग अपने पास रखा था. 2012 से 2013 तक यह विभाग उनके पास रहा. बाद में गायत्री प्रसाद प्रजापति मंत्री बने थे.
यूपी का खनन घोटाला मामला गायत्री प्रजापति के घर पर भी छापा UP, दिल्ली में 22 ठिकानों पर CBI के छापे
6
['hin']
एक सारांश बनाओ: पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू कश्मीर की अखनूर तहसील में नियंत्रण रेखा के पास मोर्टार बमों और भारी मशीनगनों से भारतीय चौकियों व असैन्य क्षेत्रों को शुक्रवार देर रात निशाना बनाया. रक्षा सूत्रों ने कहा कि देर रात साढ़े तीन बजे शुरू होकर सुबह छह बजे तक चली गोलीबारी में जान-माल का किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है. सीमा की सुरक्षा कर रहे भारतीय बलों ने प्रभावशाली तरीके से जवाबी कार्रवाई की. सूत्रों ने कहा, 'अखनूर तहसील के चंब इलाके एवं पल्लनवाला सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम चौकियों पर मोर्टार बमों, आरपीजी, भारी मशीन गनों एवं छोटे हथियारों से हमला किया गया.' पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी सैन्य बलों ने बादू और चानू बस्तियों पर हमला किया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'नियंत्रण रेखा के पास रह रहे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.' उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रह रहे निवासी अपने मवेशियों एवं घरों की देख रेख के लिए सीमा के पास लौट रहे थे, तभी पाकिस्तानी बलों ने उन्हें भारी हथियारों से निशाना बनाने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से बादू गांव के कुछ मकानों में गोलियां लगीं. पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान की तरफ से यह चौथा संघर्षविराम उल्लंघन है, जबकि बीते एक महीने के दौरान छठी बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है. इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को भी पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से नियंत्रण रेखा में जम्मू जिले के पल्लनवाला, चपरियाल और समनाम इलाकों में गोलीबारी की गई. यह गोलीबारी गुरुवार-शुक्रावर की दरमियानी रात करीब साढ़े बारह बजे शुरू की गई, जबकि देर रात डेढ़ बजे समाप्त हो गई. वहीं पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को मेंढर क्षेत्र के बोलनोई इलाके में गोलीबारी की थी. पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले 28 सितंबर को भी संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा में पुंछ सेक्टर के सब्जियां इलाके में भारतीय सेना चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी.टिप्पणियां इससे पहले 6 सितंबर को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की थी. दो सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए अखनूर सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलबारी की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे. रक्षा सूत्रों ने कहा कि देर रात साढ़े तीन बजे शुरू होकर सुबह छह बजे तक चली गोलीबारी में जान-माल का किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है. सीमा की सुरक्षा कर रहे भारतीय बलों ने प्रभावशाली तरीके से जवाबी कार्रवाई की. सूत्रों ने कहा, 'अखनूर तहसील के चंब इलाके एवं पल्लनवाला सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम चौकियों पर मोर्टार बमों, आरपीजी, भारी मशीन गनों एवं छोटे हथियारों से हमला किया गया.' पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी सैन्य बलों ने बादू और चानू बस्तियों पर हमला किया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'नियंत्रण रेखा के पास रह रहे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.' उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रह रहे निवासी अपने मवेशियों एवं घरों की देख रेख के लिए सीमा के पास लौट रहे थे, तभी पाकिस्तानी बलों ने उन्हें भारी हथियारों से निशाना बनाने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से बादू गांव के कुछ मकानों में गोलियां लगीं. पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान की तरफ से यह चौथा संघर्षविराम उल्लंघन है, जबकि बीते एक महीने के दौरान छठी बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है. इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को भी पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से नियंत्रण रेखा में जम्मू जिले के पल्लनवाला, चपरियाल और समनाम इलाकों में गोलीबारी की गई. यह गोलीबारी गुरुवार-शुक्रावर की दरमियानी रात करीब साढ़े बारह बजे शुरू की गई, जबकि देर रात डेढ़ बजे समाप्त हो गई. वहीं पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को मेंढर क्षेत्र के बोलनोई इलाके में गोलीबारी की थी. पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले 28 सितंबर को भी संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा में पुंछ सेक्टर के सब्जियां इलाके में भारतीय सेना चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी.टिप्पणियां इससे पहले 6 सितंबर को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की थी. दो सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए अखनूर सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलबारी की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे. सूत्रों ने कहा, 'अखनूर तहसील के चंब इलाके एवं पल्लनवाला सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम चौकियों पर मोर्टार बमों, आरपीजी, भारी मशीन गनों एवं छोटे हथियारों से हमला किया गया.' पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी सैन्य बलों ने बादू और चानू बस्तियों पर हमला किया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'नियंत्रण रेखा के पास रह रहे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.' उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रह रहे निवासी अपने मवेशियों एवं घरों की देख रेख के लिए सीमा के पास लौट रहे थे, तभी पाकिस्तानी बलों ने उन्हें भारी हथियारों से निशाना बनाने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से बादू गांव के कुछ मकानों में गोलियां लगीं. पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान की तरफ से यह चौथा संघर्षविराम उल्लंघन है, जबकि बीते एक महीने के दौरान छठी बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है. इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को भी पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से नियंत्रण रेखा में जम्मू जिले के पल्लनवाला, चपरियाल और समनाम इलाकों में गोलीबारी की गई. यह गोलीबारी गुरुवार-शुक्रावर की दरमियानी रात करीब साढ़े बारह बजे शुरू की गई, जबकि देर रात डेढ़ बजे समाप्त हो गई. वहीं पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को मेंढर क्षेत्र के बोलनोई इलाके में गोलीबारी की थी. पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले 28 सितंबर को भी संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा में पुंछ सेक्टर के सब्जियां इलाके में भारतीय सेना चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी.टिप्पणियां इससे पहले 6 सितंबर को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की थी. दो सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए अखनूर सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलबारी की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'नियंत्रण रेखा के पास रह रहे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.' उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रह रहे निवासी अपने मवेशियों एवं घरों की देख रेख के लिए सीमा के पास लौट रहे थे, तभी पाकिस्तानी बलों ने उन्हें भारी हथियारों से निशाना बनाने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से बादू गांव के कुछ मकानों में गोलियां लगीं. पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान की तरफ से यह चौथा संघर्षविराम उल्लंघन है, जबकि बीते एक महीने के दौरान छठी बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है. इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को भी पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से नियंत्रण रेखा में जम्मू जिले के पल्लनवाला, चपरियाल और समनाम इलाकों में गोलीबारी की गई. यह गोलीबारी गुरुवार-शुक्रावर की दरमियानी रात करीब साढ़े बारह बजे शुरू की गई, जबकि देर रात डेढ़ बजे समाप्त हो गई. वहीं पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को मेंढर क्षेत्र के बोलनोई इलाके में गोलीबारी की थी. पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले 28 सितंबर को भी संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा में पुंछ सेक्टर के सब्जियां इलाके में भारतीय सेना चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी.टिप्पणियां इससे पहले 6 सितंबर को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की थी. दो सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए अखनूर सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलबारी की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे. पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान की तरफ से यह चौथा संघर्षविराम उल्लंघन है, जबकि बीते एक महीने के दौरान छठी बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है. इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को भी पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से नियंत्रण रेखा में जम्मू जिले के पल्लनवाला, चपरियाल और समनाम इलाकों में गोलीबारी की गई. यह गोलीबारी गुरुवार-शुक्रावर की दरमियानी रात करीब साढ़े बारह बजे शुरू की गई, जबकि देर रात डेढ़ बजे समाप्त हो गई. वहीं पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को मेंढर क्षेत्र के बोलनोई इलाके में गोलीबारी की थी. पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले 28 सितंबर को भी संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा में पुंछ सेक्टर के सब्जियां इलाके में भारतीय सेना चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी.टिप्पणियां इससे पहले 6 सितंबर को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की थी. दो सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए अखनूर सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलबारी की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे. इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को भी पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से नियंत्रण रेखा में जम्मू जिले के पल्लनवाला, चपरियाल और समनाम इलाकों में गोलीबारी की गई. यह गोलीबारी गुरुवार-शुक्रावर की दरमियानी रात करीब साढ़े बारह बजे शुरू की गई, जबकि देर रात डेढ़ बजे समाप्त हो गई. वहीं पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को मेंढर क्षेत्र के बोलनोई इलाके में गोलीबारी की थी. पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले 28 सितंबर को भी संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा में पुंछ सेक्टर के सब्जियां इलाके में भारतीय सेना चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी.टिप्पणियां इससे पहले 6 सितंबर को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की थी. दो सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए अखनूर सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलबारी की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे. वहीं पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को मेंढर क्षेत्र के बोलनोई इलाके में गोलीबारी की थी. पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले 28 सितंबर को भी संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा में पुंछ सेक्टर के सब्जियां इलाके में भारतीय सेना चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी.टिप्पणियां इससे पहले 6 सितंबर को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की थी. दो सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए अखनूर सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलबारी की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे. इससे पहले 6 सितंबर को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की थी. दो सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए अखनूर सेक्टर में सेना की चौकियों पर गोलबारी की थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान की ओर से सीमा पार गोलीबारी करने की 405 घटनाओं में 16 नागरिकों की मौत हो गई थी और 71 लोग घायल हुए थे.
सारांश: पाकिस्तानी की ओर से सुबह तीन से छह बजे तक चली गोलीबारी इस गोलीबारी में जान-माल का किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान की तरफ से यह चौथा संघर्षविराम उल्लंघन
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['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: आदर्श सोसाइटी के लोगों का कहना है कि सेना के कुछ आला अधिकारी जिन्हें आदर्श इमारत में फ्लैट नहीं दिया गया, वो अब हमसे बदला ले रहे है। यह जवाब आदर्श सोसाइटी के लोगों ने ने रक्षा मंत्रालय के जमीन के मालिकाना हक के नोटिस के जवाब में दिया है। आदर्श सोसाइटी ने अपने जवाब में दावा किया है कि सेना के आला अधिकारियों के दबाव में अब रक्षा मंत्रालय हमे परेशान कर रहा है, और इसी वजह से उन्होंने जमीन के मालिकाना हक का नोटिस भेजा था। रक्षा मंत्रालय की तरफ से 28 मई 2012 को महाराष्ट्र सरकार और आदर्श सोसाइटी के लोगों को नोटिस देते हुए आदर्श इमारत की जमीन को खाली कर उसे सेना के हवाले करने की मांग की थी। रक्षा मंत्रालय ने अपने नोटिस में दो महीने के भीतर जमीन को उनके हवाले करने की मांग की थी, और ऐसा ना करने पर अदालती कार्यवाही की धमकी दी थी। हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से अब तक नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया है। आदर्श सोसाइटी ने अपने जवाब में कहा है की उन्हें जमीन का हिस्सा नियमों और कानूनों का पालन करते हुए दिया गया था। टिप्पणियां राज्य सरकार की तरफ से कोई भी धांधली नहीं की गई। रक्षा मंत्रालय के नोटिस के जवाब में कहा गया है कि  ये नोटिस गलत तरीके से भेजा गया है और अगर सेना अपनी जमीन के हिस्से को लेकर इतनी जागरूक है तो 12 साल पहले जब जमीन सोसाइटी को दी गई थी तब क्यों आवाज नहीं उठाई गई। सेना की तरफ से कई दस्तावेजों को आदर्श कमीशन के सामने पेश किया गया जिसमें मालिकाना हक से भी जुड़े कागजात थे लेकिन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में जमीन का मालिकाना हक़दार राज्य सरकार को बताया है। अब सब की निगाह इस बात पर हैं कि आदर्श की तरफ से दिए गए जवाब के बाद रक्षा मंत्रालय क्या कदम उठाता है। आदर्श सोसाइटी ने अपने जवाब में दावा किया है कि सेना के आला अधिकारियों के दबाव में अब रक्षा मंत्रालय हमे परेशान कर रहा है, और इसी वजह से उन्होंने जमीन के मालिकाना हक का नोटिस भेजा था। रक्षा मंत्रालय की तरफ से 28 मई 2012 को महाराष्ट्र सरकार और आदर्श सोसाइटी के लोगों को नोटिस देते हुए आदर्श इमारत की जमीन को खाली कर उसे सेना के हवाले करने की मांग की थी। रक्षा मंत्रालय ने अपने नोटिस में दो महीने के भीतर जमीन को उनके हवाले करने की मांग की थी, और ऐसा ना करने पर अदालती कार्यवाही की धमकी दी थी। हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से अब तक नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया है। आदर्श सोसाइटी ने अपने जवाब में कहा है की उन्हें जमीन का हिस्सा नियमों और कानूनों का पालन करते हुए दिया गया था। टिप्पणियां राज्य सरकार की तरफ से कोई भी धांधली नहीं की गई। रक्षा मंत्रालय के नोटिस के जवाब में कहा गया है कि  ये नोटिस गलत तरीके से भेजा गया है और अगर सेना अपनी जमीन के हिस्से को लेकर इतनी जागरूक है तो 12 साल पहले जब जमीन सोसाइटी को दी गई थी तब क्यों आवाज नहीं उठाई गई। सेना की तरफ से कई दस्तावेजों को आदर्श कमीशन के सामने पेश किया गया जिसमें मालिकाना हक से भी जुड़े कागजात थे लेकिन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में जमीन का मालिकाना हक़दार राज्य सरकार को बताया है। अब सब की निगाह इस बात पर हैं कि आदर्श की तरफ से दिए गए जवाब के बाद रक्षा मंत्रालय क्या कदम उठाता है। रक्षा मंत्रालय ने अपने नोटिस में दो महीने के भीतर जमीन को उनके हवाले करने की मांग की थी, और ऐसा ना करने पर अदालती कार्यवाही की धमकी दी थी। हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से अब तक नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया है। आदर्श सोसाइटी ने अपने जवाब में कहा है की उन्हें जमीन का हिस्सा नियमों और कानूनों का पालन करते हुए दिया गया था। टिप्पणियां राज्य सरकार की तरफ से कोई भी धांधली नहीं की गई। रक्षा मंत्रालय के नोटिस के जवाब में कहा गया है कि  ये नोटिस गलत तरीके से भेजा गया है और अगर सेना अपनी जमीन के हिस्से को लेकर इतनी जागरूक है तो 12 साल पहले जब जमीन सोसाइटी को दी गई थी तब क्यों आवाज नहीं उठाई गई। सेना की तरफ से कई दस्तावेजों को आदर्श कमीशन के सामने पेश किया गया जिसमें मालिकाना हक से भी जुड़े कागजात थे लेकिन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में जमीन का मालिकाना हक़दार राज्य सरकार को बताया है। अब सब की निगाह इस बात पर हैं कि आदर्श की तरफ से दिए गए जवाब के बाद रक्षा मंत्रालय क्या कदम उठाता है। राज्य सरकार की तरफ से कोई भी धांधली नहीं की गई। रक्षा मंत्रालय के नोटिस के जवाब में कहा गया है कि  ये नोटिस गलत तरीके से भेजा गया है और अगर सेना अपनी जमीन के हिस्से को लेकर इतनी जागरूक है तो 12 साल पहले जब जमीन सोसाइटी को दी गई थी तब क्यों आवाज नहीं उठाई गई। सेना की तरफ से कई दस्तावेजों को आदर्श कमीशन के सामने पेश किया गया जिसमें मालिकाना हक से भी जुड़े कागजात थे लेकिन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में जमीन का मालिकाना हक़दार राज्य सरकार को बताया है। अब सब की निगाह इस बात पर हैं कि आदर्श की तरफ से दिए गए जवाब के बाद रक्षा मंत्रालय क्या कदम उठाता है। सेना की तरफ से कई दस्तावेजों को आदर्श कमीशन के सामने पेश किया गया जिसमें मालिकाना हक से भी जुड़े कागजात थे लेकिन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में जमीन का मालिकाना हक़दार राज्य सरकार को बताया है। अब सब की निगाह इस बात पर हैं कि आदर्श की तरफ से दिए गए जवाब के बाद रक्षा मंत्रालय क्या कदम उठाता है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: आदर्श सोसाइटी के लोगों का कहना है कि सेना के कुछ आला अधिकारी जिन्हें आदर्श इमारत में फ्लैट नहीं दिया गया, वो अब हमसे बदला ले रहे है। यह जवाब आदर्श सोसाइटी के लोगों ने ने रक्षा मंत्रालय के जमीन के मालिकाना हक के नोटिस के जवाब में दिया है।
19
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: केंद्र सरकार देश के हर जिले में विशेष पॉक्सो कोर्ट बनाएगी जहां 100 से ज्यादा पॉक्सो मामले लंबित हैं. इन अदालतों के लिए फंड केंद्र सरकार देगी. केंद्र सरकार 60 दिन में ये कोर्ट बनाएगी. देश भर में बच्चों से रेप पर जनहित याचिका है. कोर्ट मित्र ने कहा कि सिर्फ दिल्ली में ही विशेष पॉक्सो अदालत बनाई गई हैं. दिल्ली की साकेत कोर्ट में बच्चों से संबंधित यौन उत्पीड़न को लेकर दो अदालतों का गठन हो सकता है. बच्चों के लिए फ्रेंडली माहौल बनाया जा सकता है. आर्किटेक्चर में भी बच्चों के हिसाब से बदलाव किया जा सकता है, JJ एक्ट और पॉक्सो एक्ट में इसका प्रावधान है. दिल्ली में एक विशेष जज के पास एक साल में करीब 400 केस सुनवाई के लिए आते हैं, इसलिए उन पर केसों का बोझ रहता है. CJI ने कोर्ट मित्र से पूछा कि पूरे देश में जिले के हिसाब से पॉक्सो के अंतर्गत कितने मामले दर्ज है इसकी जानकारी है? इस पर कोर्ट मित्र ने कहा कि हर जिले में नंबर अलग-अलग है, लेकिन हर जिले में औसतन 250 केस हैं. यानी देशभर के हर जिले में एक साल में 250 मामले बच्चों से यौन उत्पीड़न के दर्ज होते है. जिलों में स्पेशल जज नहीं हैं तो ट्रायल कोर्ट को ये दिए जाते हैं. फोरेंसिक रिपोर्ट के अभाव में ही केस 6-9 महीने लेट हो जाता है. कोर्ट मित्र ने कहा DNA टेस्ट लैब ज्यादातर जिलों में नहीं है. कई मामलों में तो ऐसा होता है कि FSL ये कहता है कि सैंपल डैमेज हो चुका है, लिहाजा इसकी जांच नहीं हो सकती. कोर्ट मित्र वी. गिरी ने कोर्ट को बताया कि ज्यादातर राज्यों मे पॉक्सो के प्रावधान के तहत अपराध की पहचान और तेजी से जांच के इंतजाम नहीं किए गए हैं. स्कूलों में काउंसलर नियुक्त किए जा सकते हैं जो बच्चों, उनके अभिभावकों से लगातार बात कर शिक्षित कर सकते हैं. राज्यों में फॉरेंसिक लैब की कमी है. ज्यादातर मामलों में ट्रायल में देरी होने का मुख्य कारण फोरेंसिक लैब की कमी है. सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग बच्चों दे यौन उत्पीड़न को लेकर चिंता जाहिर की. CJI जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि बच्चों से यौन उत्पीड़न के मामले में जांच, मामले की सुनवाई और केस के जल्द निपटारे को लेकर चिंतित है. सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट मित्र से पूछा, आखिर बच्चों से यौन उत्पीड़न के मामले में जांच और केस के ट्रायल के पीछे क्या ड्रॉ बैक है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र पर भी नाराजगी जताई. कोर्ट ने पूछा कि SG कहां हैं?
सारांश: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला बच्चों संग यौन प्रताड़ना को लेकर सख्त हुई SC मामलों की जल्द सुनवाई को लेकर किया ये फैसला
31
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: इंदौर में सड़क दुर्घटना में दो दिन पहले मारे गये 26 वर्षीय व्यक्ति के ठिकानों से सेना का फर्जी पहचान पत्र और संदिग्ध सामग्री मिलने से चौकन्नी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. जांचकर्ताओं को इस शख्स के बारे में संदेह है कि वह अवैध गतिविधियों में शामिल था. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रशांत चौबे ने बृहस्पतिवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "सड़क हादसे में मंगलवार सुबह मारे गये जयप्रकाश झा (26) की दुर्घटनाग्रस्त कार और उसके घर से मिली संदिग्ध सामग्री के मद्देनजर हम सेना की खुफिया शाखा से तालमेल बनाकर जांच कर रहे हैं." उन्होंने बताया कि पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक मूलत: बिहार से ताल्लुक रखने वाला झा इंदौर से करीब 25 किलोमीटर दूर महू छावनी क्षेत्र के एक सैन्य संस्थान में कथित तौर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में पदस्थ था. सेना में उसकी नियुक्ति की प्रामाणिकता और उसके जीवनकाल की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में छानबीन की जा रही है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि झा की दुर्घटनाग्रस्त कार और महू के उसके घर से बरामद संदिग्ध सामग्री में फर्जी पहचान पत्र अहम है. इसमें उसे प्रादेशिक सेना का राजपत्रित अधिकारी बताते हुए महू के आर्मी वॉर कॉलेज में लेफ्टिनेंट के तौर पर पदस्थ दिखाया गया है. उसके ठिकानों से फौज के लेफ्टिनेंट की वर्दी, वायरलेस सेट और कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं. उसके लैपटॉप और मोबाइल की जांच की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक जांचकर्ताओं को संदेह है कि झा नौजवानों को सेना में नौकरी दिलाने के बहाने उन्हें ठगने वाले गिरोह से जुड़ा था. इस शक को लेकर भी छानबीन जारी है कि कहीं वह भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी किसी शत्रु पक्ष को लीक तो नहीं कर रहा था. सूत्रों ने बताया कि जांच में पुख्ता सुराग मिलने पर इस मामले में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है. झा मंगलवार सुबह सड़क हादसे के वक्त उस तेज रफ्तार कार में सवार था, जो यहां रालामंडल चौराहे के पास अनियंत्रित होकर सामने से आ रही दूसरी कार से जा भिड़ी थी. भीषण हादसे में झा के साथ उसके पिता, माता और उसके चार महीने के बेटे समेत छह लोगों की मौत हो गयी थी.
सारांश: मारे गए शख्स के ठिकानों से मिला सेना का फर्जी आईडी कार्ड संदिग्ध सामग्री मिलने से चौकन्नी पुलिस ने मामले की जांच शुरू की जांचकर्ताओं को शक कि शख्स अवैध गतिविधियों में शामिल था
20
['hin']
एक सारांश बनाओ: हाल ही में ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर की आशंका को खत्म करने के लिए दोहरी मैस्टेक्टॉमी (शल्य क्रिया के जरिये स्तनों को कटवा देना) करवाकर चर्चा में आईं हॉलीवुड अभिनेत्री एंजेलिना जोली अब अपनी अभिनेत्री मां मार्शेलीन बेरट्रान्ड की जीवनी पर बनने जा रही फिल्म में उनकी भूमिका निभाएंगी, जिनकी मौत वर्ष 2007 में गर्भाशय के कैंसर से हुई थी, और उस समय वह 56 वर्ष की थीं। ख़बर है कि इस फिल्म का निर्माण उनके मंगेतर अभिनेता ब्रैड पिट की फिल्म निर्माण कम्पनी 'प्लान बी' कर रही है, और इस पर अगले साल तक काम शुरू हो सकता है, लेकिन प्रदर्शन की तारीख तय करना अभी बाकी है।टिप्पणियां मानवता की भलाई के लिए किए जाने वाले कार्यो में एंजेलिना का स्वभाव बिल्कुल अपनी मां जैसा बताया जाता है। अमेरिका के इलिनॉयस में फ्रेंच-कनाडाई पिता के घर जन्मी मार्शेलीन बेरट्रान्ड ने भी अपने जीवन में अफगानिस्तान की शरणार्थी महिलाओं की मदद के लिए काम किया था और कैंसर जैसी घातक बीमारियों से लड़ने में महिलाओं की मदद के लिए 'गिव लव गिव लाइफ' संस्था की शुरुआत की थी। मार्शेलीन बेरट्रान्ड का विवाह 21 वर्ष की आयु में अभिनेता जॉन वोइट से हुआ था, और उन्होंने अपने बच्चों - पुत्र जेम्स तथा पुत्री एंजेलिना - के पालन-पोषण के लिए अपने अभिनय करियर को अलविदा कह दिया था। हालांकि दोनों वर्ष 1976 में अलग हो गए थे, लेकिन मार्शेलीन ने अपने बच्चों के लिए बेहद उदार मां बनी रहीं। वह इतनी उदार रहीं कि उन्होंने एंजेलिना को मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने ब्वॉयफ्रेंड को अपने घर में रखने की इजाज़त दे दी थी। ख़बर है कि इस फिल्म का निर्माण उनके मंगेतर अभिनेता ब्रैड पिट की फिल्म निर्माण कम्पनी 'प्लान बी' कर रही है, और इस पर अगले साल तक काम शुरू हो सकता है, लेकिन प्रदर्शन की तारीख तय करना अभी बाकी है।टिप्पणियां मानवता की भलाई के लिए किए जाने वाले कार्यो में एंजेलिना का स्वभाव बिल्कुल अपनी मां जैसा बताया जाता है। अमेरिका के इलिनॉयस में फ्रेंच-कनाडाई पिता के घर जन्मी मार्शेलीन बेरट्रान्ड ने भी अपने जीवन में अफगानिस्तान की शरणार्थी महिलाओं की मदद के लिए काम किया था और कैंसर जैसी घातक बीमारियों से लड़ने में महिलाओं की मदद के लिए 'गिव लव गिव लाइफ' संस्था की शुरुआत की थी। मार्शेलीन बेरट्रान्ड का विवाह 21 वर्ष की आयु में अभिनेता जॉन वोइट से हुआ था, और उन्होंने अपने बच्चों - पुत्र जेम्स तथा पुत्री एंजेलिना - के पालन-पोषण के लिए अपने अभिनय करियर को अलविदा कह दिया था। हालांकि दोनों वर्ष 1976 में अलग हो गए थे, लेकिन मार्शेलीन ने अपने बच्चों के लिए बेहद उदार मां बनी रहीं। वह इतनी उदार रहीं कि उन्होंने एंजेलिना को मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने ब्वॉयफ्रेंड को अपने घर में रखने की इजाज़त दे दी थी। मानवता की भलाई के लिए किए जाने वाले कार्यो में एंजेलिना का स्वभाव बिल्कुल अपनी मां जैसा बताया जाता है। अमेरिका के इलिनॉयस में फ्रेंच-कनाडाई पिता के घर जन्मी मार्शेलीन बेरट्रान्ड ने भी अपने जीवन में अफगानिस्तान की शरणार्थी महिलाओं की मदद के लिए काम किया था और कैंसर जैसी घातक बीमारियों से लड़ने में महिलाओं की मदद के लिए 'गिव लव गिव लाइफ' संस्था की शुरुआत की थी। मार्शेलीन बेरट्रान्ड का विवाह 21 वर्ष की आयु में अभिनेता जॉन वोइट से हुआ था, और उन्होंने अपने बच्चों - पुत्र जेम्स तथा पुत्री एंजेलिना - के पालन-पोषण के लिए अपने अभिनय करियर को अलविदा कह दिया था। हालांकि दोनों वर्ष 1976 में अलग हो गए थे, लेकिन मार्शेलीन ने अपने बच्चों के लिए बेहद उदार मां बनी रहीं। वह इतनी उदार रहीं कि उन्होंने एंजेलिना को मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने ब्वॉयफ्रेंड को अपने घर में रखने की इजाज़त दे दी थी। मार्शेलीन बेरट्रान्ड का विवाह 21 वर्ष की आयु में अभिनेता जॉन वोइट से हुआ था, और उन्होंने अपने बच्चों - पुत्र जेम्स तथा पुत्री एंजेलिना - के पालन-पोषण के लिए अपने अभिनय करियर को अलविदा कह दिया था। हालांकि दोनों वर्ष 1976 में अलग हो गए थे, लेकिन मार्शेलीन ने अपने बच्चों के लिए बेहद उदार मां बनी रहीं। वह इतनी उदार रहीं कि उन्होंने एंजेलिना को मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने ब्वॉयफ्रेंड को अपने घर में रखने की इजाज़त दे दी थी।
ख़बर है कि एंजेलिना जोली की इस फिल्म का निर्माण उनके मंगेतर अभिनेता ब्रैड पिट की फिल्म निर्माण कम्पनी 'प्लान बी' कर रही है, और इस पर अगले साल तक काम शुरू हो सकता है, लेकिन प्रदर्शन की तारीख तय करना अभी बाकी है।
26
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: स्पॉट फिक्सिंग मामले में जेल काट चुके पाकिस्तान के कलंकित तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है कि वह ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेना चाहते हैं।टिप्पणियां आसिफ ने ‘जियो न्यूज’ से कहा, ‘‘मैं खुद को फिट रखने के लिये कड़ी मेहनत कर रहा हूं। इसके अलावा स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में मेरे अभियोजन के खिलाफ अपील दायर करने की भी तैयारी कर रहा हूं।’’ आसिफ को 12 महीने की जेल के बाद पिछले महीने कैंटरबरी की जेल से रिहा किया गया था। वह तभी से लंदन में है और अपील दायर करने में अपने वकीलों की मदद कर रहे हैं। उसने कहा कि वह इस मामले से अपना नाम पाक साफ निकालना चाहता है। उसने कहा, ‘‘ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेने का सवाल ही नहीं उठता। पाकिस्तान से भागने वाले शरण तलाशते हैं। मैं जल्दी से जल्दी पाकिस्तान लौटना चाहता हूं और देश के लिये खेलना चाहता हूं।’’ आसिफ ने ‘जियो न्यूज’ से कहा, ‘‘मैं खुद को फिट रखने के लिये कड़ी मेहनत कर रहा हूं। इसके अलावा स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में मेरे अभियोजन के खिलाफ अपील दायर करने की भी तैयारी कर रहा हूं।’’ आसिफ को 12 महीने की जेल के बाद पिछले महीने कैंटरबरी की जेल से रिहा किया गया था। वह तभी से लंदन में है और अपील दायर करने में अपने वकीलों की मदद कर रहे हैं। उसने कहा कि वह इस मामले से अपना नाम पाक साफ निकालना चाहता है। उसने कहा, ‘‘ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेने का सवाल ही नहीं उठता। पाकिस्तान से भागने वाले शरण तलाशते हैं। मैं जल्दी से जल्दी पाकिस्तान लौटना चाहता हूं और देश के लिये खेलना चाहता हूं।’’ उसने कहा कि वह इस मामले से अपना नाम पाक साफ निकालना चाहता है। उसने कहा, ‘‘ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेने का सवाल ही नहीं उठता। पाकिस्तान से भागने वाले शरण तलाशते हैं। मैं जल्दी से जल्दी पाकिस्तान लौटना चाहता हूं और देश के लिये खेलना चाहता हूं।’’
यहाँ एक सारांश है:स्पॉट फिक्सिंग मामले में जेल काट चुके पाकिस्तान के कलंकित तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है कि वह ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेना चाहते हैं।
12
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान माइकल क्लार्क ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से घरेलू बिग बैश ट्वेंटी-20 लीग के मौजूदा सत्र में नहीं खेलने का मन बनाया है।  क्लार्क ने जारी एक बयान में कहा, "मैं उन सभी खिलाड़ियों का सम्मान करता हूं जो बिग बैश लीग में शामिल हैं। मैं इस वर्ष इस टूर्नामेंट में नहीं खेलूंगा। निश्चिततौर पर मैं घरेलू ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट खेलना चाहता हूं लेकिन इस समय मैं ऑस्ट्रेलियाई टीम में अपनी भूमिका को प्राथमिकता देना चाहता हूं। मौजूदा सत्र में बिग बैश लीग में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सलामी बल्लेबाज शेन वॉटसन और विकेट कीपर बल्लेबाज ब्रैड हैडिन सिडनी सिक्सर्स से खेलेंगे। ये दोनों खिलाड़ी भारत के साथ दिसम्बर में होने वाली घरेलू श्रृंखलाओं के बीच के समय में सिडनी सिक्सर्स की ओर से खेलेंगे। बयान में क्लार्क ने कहा, "हमारे लिए अगले छह महीने काफी महत्वपूर्ण हैं। इस समय मेरा पूरा ध्यान प्रतिबद्ध टीमों पर केंद्रित है। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया को अगले कुछ महीनों में श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना है जबकि दिसम्बर में वह अपने घरेलू सरजमीं पर न्यूजीलैंड के साथ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगा वहीं दिसम्बर-जनवरी में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के साथ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगी।
संक्षिप्त सारांश: ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान माइकल क्लार्क ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से घरेलू बिग बैश टी-20 में नहीं खेलने का मन बनाया है।
10
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: शिमला स्थित प्रियंका गांधी के आशियाने को बनाने में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रदेश सरकार ने इस भूमि पर नियमों के उल्लंघन पर जांच के संकेत दिए ही थे कि अब हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में धारा 118 के उल्लंघन में याचिका दायर की गई है।टिप्पणियां इसमें प्रियंका गांधी को भी प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता की दलील है कि प्रभावशाली लोगों को तीन से 15 दिन में अनुमति मिल जाती है जबकि आम जन को इसमें सालों लग जाते हैं। सोमवार को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन मामला मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया है। अब इस मामले में सुनवाई प्रदेश उच्च नयायालय में होगी। प्रदेश सरकार ने इस भूमि पर नियमों के उल्लंघन पर जांच के संकेत दिए ही थे कि अब हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में धारा 118 के उल्लंघन में याचिका दायर की गई है।टिप्पणियां इसमें प्रियंका गांधी को भी प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता की दलील है कि प्रभावशाली लोगों को तीन से 15 दिन में अनुमति मिल जाती है जबकि आम जन को इसमें सालों लग जाते हैं। सोमवार को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन मामला मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया है। अब इस मामले में सुनवाई प्रदेश उच्च नयायालय में होगी। इसमें प्रियंका गांधी को भी प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता की दलील है कि प्रभावशाली लोगों को तीन से 15 दिन में अनुमति मिल जाती है जबकि आम जन को इसमें सालों लग जाते हैं। सोमवार को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन मामला मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया है। अब इस मामले में सुनवाई प्रदेश उच्च नयायालय में होगी। सोमवार को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन मामला मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया है। अब इस मामले में सुनवाई प्रदेश उच्च नयायालय में होगी।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: शिमला स्थित प्रियंका गांधी के आशियाने को बनाने में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रदेश सरकार ने इस भूमि पर नियमों के उल्लंघन पर जांच के संकेत दिए ही थे कि अब हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में धारा 118 के उल्लंघन में याचिका दायर की गई है।
11
['hin']
एक सारांश बनाओ: 4 जून दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई कार्रवाई के मामले में सुनवाई 25 जुलाई तक टल गई है। योग गुरु रामदेव और उनकी संस्था भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी ने कहा कि इस मामले में गृहमंत्री पी चिदंबरम को भी नोटिस भेजा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और गृह सचिव से रामलीला मैदान में हुई कार्रवाई का सीसीटीवी फुटेज तैयार रखने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से 4 जून को हुई पूरी कार्रवाई का ब्योरा देने को कहा है। साथ ही ये भी पूछा कि लोगों पर आंसू गैस और पानी की बौछारें फेंकने की ज़रूरत क्यों पड़ी। योग गुरु बाबा रामदेव ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि रामलीला मैदान की कार्रवाई के पीछे केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम थे। न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बाबा रामदेव के समर्थकों की प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई। योग गुरु रामदेव और उनकी संस्था भारतीय स्वाभिमान ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रामलीला मैदान में उन्होंने राजनीतिक सभा क्यों की जबकि इजाजत सिर्फ योग शिविर के लिए मिली थी। गौरतलब है  कि कालेधन के मुद्दे पर रामदेव 4 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे थे। 4−5 जून की रात को दिल्ली पुलिस मैदान खाली कराने के लिए पहुंची जहां काफी बवाल हुआ था। बेकाबू भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को कार्रवाई करनी जिसमें कई लोग घायल हुए। इस पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने एक हलफनामा देते हुए कहा था कि रामदेव के कारण रामलीला मैदान में हालात बेकाबू हुए।(इनपुट भाषा से भी)
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: योग गुरु बाबा रामदेव ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि रामलीला मैदान की कार्रवाई के पीछे केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम थे।
32
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान सरफराज अहमद ने मुकाबले से पहले शनिवार को दावा किया कि भारत के मुख्य बल्लेबाज और कप्तान विराट कोहली के लिए उनके पास गेम प्लान है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कोहली बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं और किसी भी समय मैच का रुख बदल सकते हैं. वह कल यहां आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी टीम की संभावना को लेकर आश्वस्त दिखे. चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच एजिबेस्टन में कल यानी रविवार को होने वाले इस मुकाबले में सभी की नजरें कोहली पर टिकी हैं जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बेहतरीन पारियां खेली हैं.टिप्पणियां उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं कि कोहली अच्छा खिलाड़ी है लेकिन हमारे पास भी उसके लिए योजनाएं हैं. वह उनका कप्तान और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है, हम उसे जल्दी आउट करने की कोशिश करेंगे जिससे कि बाकी खिलाड़ियों को दबाव में डाल सकें." टूर्नामेंट की कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए दोनों टीमें टूर्नामेंट की शुरुआत जीत के साथ करना चाहेंगी. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में सभी मैच जीते हैं लेकिन चैंपियंस ट्रॉफ्री में पाक का पलड़ा भारी है. भारत ने इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ एक मैच जीता है जबकि दो बार उसे हार मिली. सरफराज ने कहा, "कागजों पर भारत का बल्लेबाजी क्रम मजबूत है लेकिन हम भी अच्छी तरह तैयार हैं." पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने हाल में कहा था कि भारत की टीम बेहतर है जिस पर सरफराज ने कहा कि क्रिकेट में कुछ भी संभव है. उन्होंने कहा, "भारत के पास बेहतर टीम है लेकिन दबाव भी उन पर है. अगर हम जीतेंगे तो हमारी रैंकिंग बेहतर होगी लेकिन अगर वे हारेंगे तो उनकी रैंकिंग गिरेगी." सरफराज ने कहा कि सीमा पर तनाव के बावजूीद दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच मैदान के बाहर अच्छे रिश्ते हैं. उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं कि कोहली अच्छा खिलाड़ी है लेकिन हमारे पास भी उसके लिए योजनाएं हैं. वह उनका कप्तान और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है, हम उसे जल्दी आउट करने की कोशिश करेंगे जिससे कि बाकी खिलाड़ियों को दबाव में डाल सकें." टूर्नामेंट की कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए दोनों टीमें टूर्नामेंट की शुरुआत जीत के साथ करना चाहेंगी. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में सभी मैच जीते हैं लेकिन चैंपियंस ट्रॉफ्री में पाक का पलड़ा भारी है. भारत ने इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ एक मैच जीता है जबकि दो बार उसे हार मिली. सरफराज ने कहा, "कागजों पर भारत का बल्लेबाजी क्रम मजबूत है लेकिन हम भी अच्छी तरह तैयार हैं." पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने हाल में कहा था कि भारत की टीम बेहतर है जिस पर सरफराज ने कहा कि क्रिकेट में कुछ भी संभव है. उन्होंने कहा, "भारत के पास बेहतर टीम है लेकिन दबाव भी उन पर है. अगर हम जीतेंगे तो हमारी रैंकिंग बेहतर होगी लेकिन अगर वे हारेंगे तो उनकी रैंकिंग गिरेगी." सरफराज ने कहा कि सीमा पर तनाव के बावजूीद दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच मैदान के बाहर अच्छे रिश्ते हैं. सरफराज ने कहा, "कागजों पर भारत का बल्लेबाजी क्रम मजबूत है लेकिन हम भी अच्छी तरह तैयार हैं." पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने हाल में कहा था कि भारत की टीम बेहतर है जिस पर सरफराज ने कहा कि क्रिकेट में कुछ भी संभव है. उन्होंने कहा, "भारत के पास बेहतर टीम है लेकिन दबाव भी उन पर है. अगर हम जीतेंगे तो हमारी रैंकिंग बेहतर होगी लेकिन अगर वे हारेंगे तो उनकी रैंकिंग गिरेगी." सरफराज ने कहा कि सीमा पर तनाव के बावजूीद दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच मैदान के बाहर अच्छे रिश्ते हैं.
यह एक सारांश है: सरफराज ने स्वीकार किया कि कोहली बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं सभी की नजरें भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली पर टिकी हैं भारत ने इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ एक मैच जीता है
16
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: लोकायुक्त की नियुक्ति के खिलाफ गुजरात सरकार की संशोधित याचिका को गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया। याचिका में प्रतिवादी के तौर पर राज्यपाल कमला बेनीवाल के नाम को हटा दिया गया। पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय को अभूतपूर्व सिथति का सामना करना पड़ा था जब राज्य सरकार ने लोकायुक्त की नियुक्ति के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी जोकि राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है। अदालत ने प्रदेश सरकार को राज्यपाल का नाम प्रथम प्रतिवादी के तौर पर हटाने को कहा था। महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने आज संशोधित याचिका दायर की जिसमें बेनीवाल का नाम हटा दिया गया और केवल न्यायमूर्ति आरए मेहता को नाम मामले में प्रतिवादी के तौर पर रख गया। इस बीच भीखाभाई जेठवा नामक एक व्यक्ति के तरफ से वकील आनंद याज्ञनिक ने अदालत में एक याचिका दायर की जिसमें मामले के अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद मोदी के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखने और उसे प्रकाशित करने के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने की अपील की गई। याज्ञनिक ने मोदी के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर करने की भी अनुमति मांगी।
संक्षिप्त सारांश: लोकायुक्त की नियुक्ति के खिलाफ गुजरात सरकार की संशोधित याचिका को गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया।
0
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव ने बुधवार को कहा कि बीसीसीआई को निजी क्रिकेट अकादमियों को मान्यता देनी चाहिए जिनके पास अच्छा बुनियादी ढांचा है।टिप्पणियां कोलकाता एक क्रिकेट अकादमी के उद्घाटन के मौके पर कपिल ने कहा, ‘‘दस साल पहले मैंने बोर्ड को कहा था कि इस तरह की अकादमियों को मान्यता दे। इनसे टीम इंडिया के लिए अच्छे क्रिकेटर निकलते हैं और फायदा बोर्ड को ही मिलना है।’’ उन्होंने कहा कि बीसीसीआई को चाहिए कि अकादमियों को बल्ले देकर और अच्छी पिचें बनाकर सहायता करे। उन्होंने क्रिकेट के दीवाने इस शहर की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘मैंने कोलकाता में देखा कि माता-पिता अपने बच्चों को क्रिकेट कोचिंग के लिए लाते हैं जबकि उत्तर भारत में माता-पिता बच्चों को खेलने से रोकते हैं।’’ कोलकाता एक क्रिकेट अकादमी के उद्घाटन के मौके पर कपिल ने कहा, ‘‘दस साल पहले मैंने बोर्ड को कहा था कि इस तरह की अकादमियों को मान्यता दे। इनसे टीम इंडिया के लिए अच्छे क्रिकेटर निकलते हैं और फायदा बोर्ड को ही मिलना है।’’ उन्होंने कहा कि बीसीसीआई को चाहिए कि अकादमियों को बल्ले देकर और अच्छी पिचें बनाकर सहायता करे। उन्होंने क्रिकेट के दीवाने इस शहर की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘मैंने कोलकाता में देखा कि माता-पिता अपने बच्चों को क्रिकेट कोचिंग के लिए लाते हैं जबकि उत्तर भारत में माता-पिता बच्चों को खेलने से रोकते हैं।’’ उन्होंने क्रिकेट के दीवाने इस शहर की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘मैंने कोलकाता में देखा कि माता-पिता अपने बच्चों को क्रिकेट कोचिंग के लिए लाते हैं जबकि उत्तर भारत में माता-पिता बच्चों को खेलने से रोकते हैं।’’
संक्षिप्त पाठ: भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव ने बुधवार को कहा कि बीसीसीआई को निजी क्रिकेट अकादमियों को मान्यता देनी चाहिए जिनके पास अच्छा बुनियादी ढांचा है।
13
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: संसद का बजट सत्र समाप्त होने के अगले ही दिन तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम 7.54 रुपये लीटर बढ़ा दिए। एक ही झटके में की जाने वाली यह अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि है। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में भारी गिरावट और तेल कंपनियों को हो रहे भारी नुकसान को देखते हुए यह वृद्धि जरूरी हो गयी थी। हालांकि संप्रग सरकार के सहयोगी दलों ने इस वृद्धि पर नाराजगी जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संप्रग सरकार के तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर कल अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये कड़े फैसले लेने पर जोर दिया था। इसके अगले ही दिन आज पेट्रोल के दाम बढ़ा दिये गये। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बुधवार को मध्य रात्रि से 7.54 रुपये बढ़कर 73.18 रुपये प्रति लीटर होगी। मुंबई में यह 78.57, कोलकाता में 77.88 तथा चेन्नई में 77.53 रुपये प्रति लीटर होगी। यह मूल्य वृद्धि अबतक की सबसे उंची मूल्य वृद्धि है। इससे पहले तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में अधिकतम 5 रुपये की वृद्धि की थी। सरकार के सहयोगी दलों तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और बाहर से समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी ने मूल्य वृद्धि का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने इस वृद्धि को अनुचित और एकतरफा बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर वह सरकार के समक्ष कोई संकट खड़ा नहीं करेंगी। द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने भी कहा कि उनके सांसद इस मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग सरकार के समक्ष रखेंगे। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा समेत वामपंथी दलों ने भी तेल कीमत में वृद्धि पर विरोध जताया है। उधर, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि यह फैसला तेल कंपनियों द्वारा किया गया है। पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त है, अत: इसके दाम तय करने में सरकार कोई हाथ नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से दीर्घकाल में महंगाई पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक में पेट्रोल का भारांश बहुत कम है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने कल ही कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने के साथ साथ रुपये की गिरावट के कारण तेल मूल्यों में तुरंत वृद्धि जरूरी हो गई है। बहरहाल, डीजल, मिट्टी तेल और खाना पकाने की गैस के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति इसे देख रही है। समिति में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। पिछले एक साल से इसकी बैठक नहीं हुई है।टिप्पणियां पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, ‘‘यदि डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक रुपये घटती है तो तेल कंपनियों पर सालाना 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से रुपये में डालर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज डालर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर 56 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ है। एक साल पहले इन्हीं दिनों डालर के मुकाबले रुपया की विनिमय दर 46 रुपये प्रति डालर थी। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संप्रग सरकार के तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर कल अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये कड़े फैसले लेने पर जोर दिया था। इसके अगले ही दिन आज पेट्रोल के दाम बढ़ा दिये गये। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बुधवार को मध्य रात्रि से 7.54 रुपये बढ़कर 73.18 रुपये प्रति लीटर होगी। मुंबई में यह 78.57, कोलकाता में 77.88 तथा चेन्नई में 77.53 रुपये प्रति लीटर होगी। यह मूल्य वृद्धि अबतक की सबसे उंची मूल्य वृद्धि है। इससे पहले तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में अधिकतम 5 रुपये की वृद्धि की थी। सरकार के सहयोगी दलों तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और बाहर से समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी ने मूल्य वृद्धि का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने इस वृद्धि को अनुचित और एकतरफा बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर वह सरकार के समक्ष कोई संकट खड़ा नहीं करेंगी। द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने भी कहा कि उनके सांसद इस मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग सरकार के समक्ष रखेंगे। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा समेत वामपंथी दलों ने भी तेल कीमत में वृद्धि पर विरोध जताया है। उधर, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि यह फैसला तेल कंपनियों द्वारा किया गया है। पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त है, अत: इसके दाम तय करने में सरकार कोई हाथ नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से दीर्घकाल में महंगाई पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक में पेट्रोल का भारांश बहुत कम है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने कल ही कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने के साथ साथ रुपये की गिरावट के कारण तेल मूल्यों में तुरंत वृद्धि जरूरी हो गई है। बहरहाल, डीजल, मिट्टी तेल और खाना पकाने की गैस के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति इसे देख रही है। समिति में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। पिछले एक साल से इसकी बैठक नहीं हुई है।टिप्पणियां पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, ‘‘यदि डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक रुपये घटती है तो तेल कंपनियों पर सालाना 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से रुपये में डालर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज डालर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर 56 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ है। एक साल पहले इन्हीं दिनों डालर के मुकाबले रुपया की विनिमय दर 46 रुपये प्रति डालर थी। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बुधवार को मध्य रात्रि से 7.54 रुपये बढ़कर 73.18 रुपये प्रति लीटर होगी। मुंबई में यह 78.57, कोलकाता में 77.88 तथा चेन्नई में 77.53 रुपये प्रति लीटर होगी। यह मूल्य वृद्धि अबतक की सबसे उंची मूल्य वृद्धि है। इससे पहले तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में अधिकतम 5 रुपये की वृद्धि की थी। सरकार के सहयोगी दलों तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और बाहर से समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी ने मूल्य वृद्धि का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने इस वृद्धि को अनुचित और एकतरफा बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर वह सरकार के समक्ष कोई संकट खड़ा नहीं करेंगी। द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने भी कहा कि उनके सांसद इस मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग सरकार के समक्ष रखेंगे। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा समेत वामपंथी दलों ने भी तेल कीमत में वृद्धि पर विरोध जताया है। उधर, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि यह फैसला तेल कंपनियों द्वारा किया गया है। पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त है, अत: इसके दाम तय करने में सरकार कोई हाथ नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से दीर्घकाल में महंगाई पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक में पेट्रोल का भारांश बहुत कम है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने कल ही कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने के साथ साथ रुपये की गिरावट के कारण तेल मूल्यों में तुरंत वृद्धि जरूरी हो गई है। बहरहाल, डीजल, मिट्टी तेल और खाना पकाने की गैस के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति इसे देख रही है। समिति में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। पिछले एक साल से इसकी बैठक नहीं हुई है।टिप्पणियां पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, ‘‘यदि डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक रुपये घटती है तो तेल कंपनियों पर सालाना 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से रुपये में डालर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज डालर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर 56 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ है। एक साल पहले इन्हीं दिनों डालर के मुकाबले रुपया की विनिमय दर 46 रुपये प्रति डालर थी। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है। सरकार के सहयोगी दलों तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और बाहर से समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी ने मूल्य वृद्धि का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने इस वृद्धि को अनुचित और एकतरफा बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर वह सरकार के समक्ष कोई संकट खड़ा नहीं करेंगी। द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने भी कहा कि उनके सांसद इस मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग सरकार के समक्ष रखेंगे। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा समेत वामपंथी दलों ने भी तेल कीमत में वृद्धि पर विरोध जताया है। उधर, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि यह फैसला तेल कंपनियों द्वारा किया गया है। पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त है, अत: इसके दाम तय करने में सरकार कोई हाथ नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से दीर्घकाल में महंगाई पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक में पेट्रोल का भारांश बहुत कम है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने कल ही कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने के साथ साथ रुपये की गिरावट के कारण तेल मूल्यों में तुरंत वृद्धि जरूरी हो गई है। बहरहाल, डीजल, मिट्टी तेल और खाना पकाने की गैस के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति इसे देख रही है। समिति में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। पिछले एक साल से इसकी बैठक नहीं हुई है।टिप्पणियां पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, ‘‘यदि डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक रुपये घटती है तो तेल कंपनियों पर सालाना 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से रुपये में डालर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज डालर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर 56 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ है। एक साल पहले इन्हीं दिनों डालर के मुकाबले रुपया की विनिमय दर 46 रुपये प्रति डालर थी। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है। द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने भी कहा कि उनके सांसद इस मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग सरकार के समक्ष रखेंगे। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा समेत वामपंथी दलों ने भी तेल कीमत में वृद्धि पर विरोध जताया है। उधर, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि यह फैसला तेल कंपनियों द्वारा किया गया है। पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त है, अत: इसके दाम तय करने में सरकार कोई हाथ नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से दीर्घकाल में महंगाई पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक में पेट्रोल का भारांश बहुत कम है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने कल ही कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने के साथ साथ रुपये की गिरावट के कारण तेल मूल्यों में तुरंत वृद्धि जरूरी हो गई है। बहरहाल, डीजल, मिट्टी तेल और खाना पकाने की गैस के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति इसे देख रही है। समिति में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। पिछले एक साल से इसकी बैठक नहीं हुई है।टिप्पणियां पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, ‘‘यदि डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक रुपये घटती है तो तेल कंपनियों पर सालाना 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से रुपये में डालर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज डालर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर 56 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ है। एक साल पहले इन्हीं दिनों डालर के मुकाबले रुपया की विनिमय दर 46 रुपये प्रति डालर थी। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है। उधर, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि यह फैसला तेल कंपनियों द्वारा किया गया है। पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त है, अत: इसके दाम तय करने में सरकार कोई हाथ नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से दीर्घकाल में महंगाई पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक में पेट्रोल का भारांश बहुत कम है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने कल ही कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने के साथ साथ रुपये की गिरावट के कारण तेल मूल्यों में तुरंत वृद्धि जरूरी हो गई है। बहरहाल, डीजल, मिट्टी तेल और खाना पकाने की गैस के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति इसे देख रही है। समिति में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। पिछले एक साल से इसकी बैठक नहीं हुई है।टिप्पणियां पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, ‘‘यदि डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक रुपये घटती है तो तेल कंपनियों पर सालाना 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से रुपये में डालर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज डालर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर 56 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ है। एक साल पहले इन्हीं दिनों डालर के मुकाबले रुपया की विनिमय दर 46 रुपये प्रति डालर थी। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने कल ही कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने के साथ साथ रुपये की गिरावट के कारण तेल मूल्यों में तुरंत वृद्धि जरूरी हो गई है। बहरहाल, डीजल, मिट्टी तेल और खाना पकाने की गैस के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति इसे देख रही है। समिति में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। पिछले एक साल से इसकी बैठक नहीं हुई है।टिप्पणियां पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, ‘‘यदि डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक रुपये घटती है तो तेल कंपनियों पर सालाना 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से रुपये में डालर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज डालर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर 56 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ है। एक साल पहले इन्हीं दिनों डालर के मुकाबले रुपया की विनिमय दर 46 रुपये प्रति डालर थी। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है। पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, ‘‘यदि डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर एक रुपये घटती है तो तेल कंपनियों पर सालाना 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ता है।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से रुपये में डालर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज डालर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर 56 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ है। एक साल पहले इन्हीं दिनों डालर के मुकाबले रुपया की विनिमय दर 46 रुपये प्रति डालर थी। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दाम से पिछले कई सालों से जूझ रही हैं। मार्च 2011 को समाप्त वर्ष के दौरान लागत से कम दाम पर पेट्रोल बिक्री से कंपनियों को पेट्रोल पर ही 4,860 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्तमान में उन्हें पेट्रोल पर 6.28 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। दिल्ली में इस पर 20 प्रतिशत वैट होने के कारण प्रति लीटर वृद्धि 7.54 रुपये हुई है।
यह एक सारांश है: पेट्रोलियम पदार्थों का खुदरा कारोबार करने वाली सरकारी कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में 7.50 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। नई दरें बुधवार मध्य रात्रि से लागू होंगी।
2
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: विदेश सचिव एस जयशंकर ने साल 2008 के मुंबई हमले के मामले की सुनवाई को तेज करने के रास्ते सुझाते हुए अपने पाकिस्तानी समकक्ष को पत्र लिखा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि जयशंकर ने बीते छह सितम्बर को पत्र लिखा था जिसे नौ सितम्बर को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त द्वारा पाकिस्तान को सौंपा गया. स्वरूप ने कहा कि अगर पाकिस्तान इस हमले के षड्यंत्रकारियों को न्याय की जद में लाने को लेकर गंभीर है तो उसे सुझावों पर कदम उठाना चाहिए क्योंकि इस पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, इसे पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा अंजाम दिया गया था और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं. हमले के करीब आठ साल हो जाने के बाद भी पाकिस्तान में अब तक सुनवाई में प्रगति नहीं होने का उल्लेख करते हुए स्वरूप ने कहा, ‘दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हमारे विदेश सचिव ने हाल ही में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को ऐसे सुझाव देते हुए पत्र लिखा जिनसे कानूनी माध्यम से सहयोग के जरिए सुनवाई में प्रगति हो सकती है.’ उन्होंने कहा कि मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान में अभियुक्तों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने में हो रही देरी के बाद यह कदम उठाया गया है. स्वरूप ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है.’ उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है.टिप्पणियां प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) स्वरूप ने कहा कि अगर पाकिस्तान इस हमले के षड्यंत्रकारियों को न्याय की जद में लाने को लेकर गंभीर है तो उसे सुझावों पर कदम उठाना चाहिए क्योंकि इस पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, इसे पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा अंजाम दिया गया था और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं. हमले के करीब आठ साल हो जाने के बाद भी पाकिस्तान में अब तक सुनवाई में प्रगति नहीं होने का उल्लेख करते हुए स्वरूप ने कहा, ‘दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हमारे विदेश सचिव ने हाल ही में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को ऐसे सुझाव देते हुए पत्र लिखा जिनसे कानूनी माध्यम से सहयोग के जरिए सुनवाई में प्रगति हो सकती है.’ उन्होंने कहा कि मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान में अभियुक्तों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने में हो रही देरी के बाद यह कदम उठाया गया है. स्वरूप ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है.’ उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है.टिप्पणियां प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हमले के करीब आठ साल हो जाने के बाद भी पाकिस्तान में अब तक सुनवाई में प्रगति नहीं होने का उल्लेख करते हुए स्वरूप ने कहा, ‘दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हमारे विदेश सचिव ने हाल ही में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को ऐसे सुझाव देते हुए पत्र लिखा जिनसे कानूनी माध्यम से सहयोग के जरिए सुनवाई में प्रगति हो सकती है.’ उन्होंने कहा कि मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान में अभियुक्तों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने में हो रही देरी के बाद यह कदम उठाया गया है. स्वरूप ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है.’ उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है.टिप्पणियां प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) स्वरूप ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है.’ उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है.टिप्पणियां प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: हमले के आठ साल बाद बाद भी पाकिस्तान में सुनवाई में प्रगति नहीं हुई है साजिश PAK में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है
10
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: भारत के विश्वनाथन आनंद फीडे रैंकिंग में काबिज दुनिया के शीर्ष 10 खिलाड़ियों में दूसरे सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं, लेकिन मौजूदा विश्व शतरंज चैम्पियन ने संन्यास लेने की किसी योजना से इनकार किया।टिप्पणियां आनंद 42 वर्ष के हैं और इस साल मई में मॉस्को में बोरिस गेलफैंड के खिलाफ हाल में विश्व चैम्पियनशिप समेत पांच बार यह खिताब अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने कहा, निश्चित रूप से अभी संन्यास के बारे में कोई विचार नहीं आया है। आनंद ने साक्षात्कार में संकेत दिया कि वह 2014 में भी अपना खिताब बरकरार रखना चाहते हैं, उन्होंने कहा, बल्कि मैं संन्यास के उलट सोच रहा हूं। हालांकि आनंद मौजूदा विश्व चैम्पियन हैं, लेकिन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन फीडे मौजूदा विश्व रेटिंग में शीर्ष पर हैं और वह उम्र में आनंद की उम्र से आधे 21 वर्ष के हैं। केवल यूक्रेन के वासिले इवानचुक ही आनंद से थोड़े बड़े हैं, जो विश्व रैंकिंग में इस समय नौवें स्थान पर हैं। संन्यास की बात खारिज करते हुए आनंद ने पूछा, मैं कैसे अलविदा कह सकता हूं? आनंद पिछले दो दशक से शतरंज खेल रहे हैं और इस दौरान उन्होंने कई कड़े प्रतिद्वंद्वियों को पराजित किया है, लेकिन भारत का महान शतरंज खिलाड़ी इस्राइल के बोरिस गेलफैंड को सभी वर्गों में सबसे मुश्किल प्रतिद्वंद्वी मानता है। आनंद 42 वर्ष के हैं और इस साल मई में मॉस्को में बोरिस गेलफैंड के खिलाफ हाल में विश्व चैम्पियनशिप समेत पांच बार यह खिताब अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने कहा, निश्चित रूप से अभी संन्यास के बारे में कोई विचार नहीं आया है। आनंद ने साक्षात्कार में संकेत दिया कि वह 2014 में भी अपना खिताब बरकरार रखना चाहते हैं, उन्होंने कहा, बल्कि मैं संन्यास के उलट सोच रहा हूं। हालांकि आनंद मौजूदा विश्व चैम्पियन हैं, लेकिन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन फीडे मौजूदा विश्व रेटिंग में शीर्ष पर हैं और वह उम्र में आनंद की उम्र से आधे 21 वर्ष के हैं। केवल यूक्रेन के वासिले इवानचुक ही आनंद से थोड़े बड़े हैं, जो विश्व रैंकिंग में इस समय नौवें स्थान पर हैं। संन्यास की बात खारिज करते हुए आनंद ने पूछा, मैं कैसे अलविदा कह सकता हूं? आनंद पिछले दो दशक से शतरंज खेल रहे हैं और इस दौरान उन्होंने कई कड़े प्रतिद्वंद्वियों को पराजित किया है, लेकिन भारत का महान शतरंज खिलाड़ी इस्राइल के बोरिस गेलफैंड को सभी वर्गों में सबसे मुश्किल प्रतिद्वंद्वी मानता है। संन्यास की बात खारिज करते हुए आनंद ने पूछा, मैं कैसे अलविदा कह सकता हूं? आनंद पिछले दो दशक से शतरंज खेल रहे हैं और इस दौरान उन्होंने कई कड़े प्रतिद्वंद्वियों को पराजित किया है, लेकिन भारत का महान शतरंज खिलाड़ी इस्राइल के बोरिस गेलफैंड को सभी वर्गों में सबसे मुश्किल प्रतिद्वंद्वी मानता है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: भारत के विश्वनाथन आनंद फीडे रैंकिंग में काबिज दुनिया के शीर्ष 10 खिलाड़ियों में दूसरे सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं, लेकिन मौजूदा विश्व शतरंज चैम्पियन ने संन्यास लेने की किसी योजना से इनकार किया।
25
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: चीन की राजधानी में बीते सप्ताह पिछले छह दशक में हुई सर्वाधिक भीषण बारिश में कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शहर के बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि फंगशान, हायरौ, मेन्टोगोउ और पिंगू जिलों और मियुन तथा यांगिंग कस्बे के 30,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। एजेंसी के अनुसार, उत्तर में शांक्सी प्रांत में एक ट्रक पुल से गुजरते समय बाढ़ के पानी में बह गया जिससे चार लोगों की मौत हो गई और एक लापता हो गया। बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत अधिकारियों ने एजेंसी को बताया कि सिचुआन प्रांत में भूस्खलन से छह लोगों की मौत हो गई। फांगशान में रविवार को सुबह हेबेई में 460 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारह शहरों में यातायात बुरी तरह प्रभावित है। छह कस्बों में मोबाइल दूरसंचार सेवाएं और इंटरनेट काम नहीं कर रहे हैं। टिप्पणियां फेंनताई जिले के नांगगंवा में रेलवे पटरियों के पानी में डूबने की वजह से बीजिंग और गुआंगझोउ के बीच ट्रेन सेवाएं रोक दी गई हैं। फांगशान में एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल में पानी भरने से प्राथमिक स्कूल के 104 छात्र और नौ शिक्षक वहां फंस गए हैं। हालांकि तत्काल उन्हें खतरा नहीं है और बचाव कर्मियों ने उन्हें खाना दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शहर के बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि फंगशान, हायरौ, मेन्टोगोउ और पिंगू जिलों और मियुन तथा यांगिंग कस्बे के 30,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। एजेंसी के अनुसार, उत्तर में शांक्सी प्रांत में एक ट्रक पुल से गुजरते समय बाढ़ के पानी में बह गया जिससे चार लोगों की मौत हो गई और एक लापता हो गया। बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत अधिकारियों ने एजेंसी को बताया कि सिचुआन प्रांत में भूस्खलन से छह लोगों की मौत हो गई। फांगशान में रविवार को सुबह हेबेई में 460 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारह शहरों में यातायात बुरी तरह प्रभावित है। छह कस्बों में मोबाइल दूरसंचार सेवाएं और इंटरनेट काम नहीं कर रहे हैं। टिप्पणियां फेंनताई जिले के नांगगंवा में रेलवे पटरियों के पानी में डूबने की वजह से बीजिंग और गुआंगझोउ के बीच ट्रेन सेवाएं रोक दी गई हैं। फांगशान में एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल में पानी भरने से प्राथमिक स्कूल के 104 छात्र और नौ शिक्षक वहां फंस गए हैं। हालांकि तत्काल उन्हें खतरा नहीं है और बचाव कर्मियों ने उन्हें खाना दिया है। एजेंसी के अनुसार, उत्तर में शांक्सी प्रांत में एक ट्रक पुल से गुजरते समय बाढ़ के पानी में बह गया जिससे चार लोगों की मौत हो गई और एक लापता हो गया। बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत अधिकारियों ने एजेंसी को बताया कि सिचुआन प्रांत में भूस्खलन से छह लोगों की मौत हो गई। फांगशान में रविवार को सुबह हेबेई में 460 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारह शहरों में यातायात बुरी तरह प्रभावित है। छह कस्बों में मोबाइल दूरसंचार सेवाएं और इंटरनेट काम नहीं कर रहे हैं। टिप्पणियां फेंनताई जिले के नांगगंवा में रेलवे पटरियों के पानी में डूबने की वजह से बीजिंग और गुआंगझोउ के बीच ट्रेन सेवाएं रोक दी गई हैं। फांगशान में एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल में पानी भरने से प्राथमिक स्कूल के 104 छात्र और नौ शिक्षक वहां फंस गए हैं। हालांकि तत्काल उन्हें खतरा नहीं है और बचाव कर्मियों ने उन्हें खाना दिया है। बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत अधिकारियों ने एजेंसी को बताया कि सिचुआन प्रांत में भूस्खलन से छह लोगों की मौत हो गई। फांगशान में रविवार को सुबह हेबेई में 460 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारह शहरों में यातायात बुरी तरह प्रभावित है। छह कस्बों में मोबाइल दूरसंचार सेवाएं और इंटरनेट काम नहीं कर रहे हैं। टिप्पणियां फेंनताई जिले के नांगगंवा में रेलवे पटरियों के पानी में डूबने की वजह से बीजिंग और गुआंगझोउ के बीच ट्रेन सेवाएं रोक दी गई हैं। फांगशान में एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल में पानी भरने से प्राथमिक स्कूल के 104 छात्र और नौ शिक्षक वहां फंस गए हैं। हालांकि तत्काल उन्हें खतरा नहीं है और बचाव कर्मियों ने उन्हें खाना दिया है। फांगशान में रविवार को सुबह हेबेई में 460 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारह शहरों में यातायात बुरी तरह प्रभावित है। छह कस्बों में मोबाइल दूरसंचार सेवाएं और इंटरनेट काम नहीं कर रहे हैं। टिप्पणियां फेंनताई जिले के नांगगंवा में रेलवे पटरियों के पानी में डूबने की वजह से बीजिंग और गुआंगझोउ के बीच ट्रेन सेवाएं रोक दी गई हैं। फांगशान में एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल में पानी भरने से प्राथमिक स्कूल के 104 छात्र और नौ शिक्षक वहां फंस गए हैं। हालांकि तत्काल उन्हें खतरा नहीं है और बचाव कर्मियों ने उन्हें खाना दिया है। फेंनताई जिले के नांगगंवा में रेलवे पटरियों के पानी में डूबने की वजह से बीजिंग और गुआंगझोउ के बीच ट्रेन सेवाएं रोक दी गई हैं। फांगशान में एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल में पानी भरने से प्राथमिक स्कूल के 104 छात्र और नौ शिक्षक वहां फंस गए हैं। हालांकि तत्काल उन्हें खतरा नहीं है और बचाव कर्मियों ने उन्हें खाना दिया है। फांगशान में एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल में पानी भरने से प्राथमिक स्कूल के 104 छात्र और नौ शिक्षक वहां फंस गए हैं। हालांकि तत्काल उन्हें खतरा नहीं है और बचाव कर्मियों ने उन्हें खाना दिया है।
यहाँ एक सारांश है:चीन की राजधानी में बीते सप्ताह पिछले छह दशक में हुई सर्वाधिक भीषण बारिश में कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई।
12
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सीबीआई को दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है. दरअसल, लालू यादव (Lalu Yadav) ने मेडिकल ग्राउंड पर तीन मामलों में जमानत मांगी है. लालू की तरफ से कहा गया कि वह एक मामले में 22 महीने, दूसरे मामले में 13 महीने और एक मामले में 21 महीने की सज़ा काट चुके है. आपको बता दें कि बहुचर्चित चारा घोटाले के तीन मामलों में सुप्रीम कोर्ट आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है. लालू प्रसाद यादव ने झारखंड उच्च न्यायालय के जमानत ना देने के आदेश को चुनौती दी है. इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाले के तीन मामलों में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही लालू यादव की पार्टी में भी हलचल तेज हो गई है. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कवायद तेज हो गई है. राजद की संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को प्रत्याशियों के चयन और सीट बंटवारे के लिए अधिकृत किया गया है.  बीते दिनोंं  राजद अध्यक्ष की गैरहाजरी में हुई बैठक की जानकारी देते हुए प्रदेशाध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने बताया कि बैठक में कुल चार प्रस्ताव पारित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के चयन, समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ तालमेल और सीट बंटवारे के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को अधिकृत किया गया. उन्होंने कहा कि बैठक में बिहार की सभी 40 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए नेताओं को सहयोग करने का प्रस्ताव पारित किया गया है.
संक्षिप्त पाठ: लालू यादव ने दाखिल की है जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जारी किया नोटिस दो सप्ताह में सीबीआई से जवाब देने को कहा
27
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: सरकार ने मृत्युदंड की सजा प्राप्त दोषियों की दया याचिकाओं पर फैसला करने के लिए कोई समय सीमा तय करने से इनकार करते हुए कहा कि यह सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारी के अधिकार के इस्तेमाल का मामला है जो भारत की राष्ट्रपति हैं। गृहमंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि संविधान की धारा 72 के तहत दया याचिकाओं पर फैसला करने की खातिर राष्ट्रपति के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। उन्होंने भाजपा के एसएस अहलूवालिया के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा इस प्रक्रिया में बदलाव का हमें कोई कारण नजर नहीं आता। यह सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारी के अधिकार के इस्तेमाल का मामला है जो भारत का राष्ट्रपति है। उनके लिए कोई समय सीमा तय करना उचित नहीं होगा। चिदंबरम ने कहा कि वर्ष 2008 में गृह मंत्रालय का प्रभार ग्रहण करने के बाद से दया याचिकाओं पर फैसले के लिए उन्होंने जो प्रक्रिया अपनाई है उसके परिणाम सामने आए हैं जिसकी वजह से उन्हें नहीं लगता कि कोई समय सीमा तय की जानी चाहिए। शिवसेना के मनोहर जोशी ने कहा कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को मौत की सजा सुनाई गई लेकिन उसकी दया याचिका पर फैसला करने में इसलिए विलंब हो रहा है क्योंकि वह अल्पसंख्यक समुदाय का है। इस पर सत्तापक्ष और वामदलों के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई।
संक्षिप्त पाठ: चिदंबरम ने कहा कि संविधान की धारा 72 के तहत दया याचिकाओं पर फैसला करने की खातिर राष्ट्रपति के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
13
['hin']
एक सारांश बनाओ: समाज के लोगों की निंदा किए जाने पर सरकार की जमकर खिंचाई करते हुए गांधीवादी अन्ना हजारे ने 16 अगस्त के अपने प्रस्तावित आंदोलन पर इसे कुचले जाने की धमकियों के बावजूद आगे बढ़ने का संकल्प लिया और कहा कि वह लाठी ही नहीं, बल्कि गोलियों का सामना करने को भी तैयार हैं। यह उल्लेख करते हुए कि सूचना का अधिकार जैसा कानून समाज के दबाव की वजह से ही लागू हुआ, हजारे ने कहा कि यदि यह (लोकपाल को लेकर सरकार पर दबाव) ब्लैकमेल करने के समान है, तो मैं अपनी समूची जिंदगी ब्लैकमेलिंग का सहारा लेने को तैयार हूं। लोकपाल विधयेक के मुद्दे पर समाज के कार्यकर्ताओं की भूमिका की दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा की गई आलोचनाओं को खारिज करते हुए उन्होंने केंद्र की कांग्रेस नीत सरकार को याद दिलाया कि यह दिवंगत राजीव गांधी थे, जिन्होंने देश की पंचायती राज व्यवस्था के संबंध में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के लिए समाज के लोगों की राय मांगी थी। दक्षिणी मुंबई में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद हजारे ने संवाददाताओं को बताया कि राजीव गांधी ने यह कहकर देशभर के पांच लाख ग्राम प्रमुखों को पत्र लिखे थे कि उनकी सरकार पंचायती राज के संबंध में संवैधानिक संशोधन लाना चाहती है। उन्होंने ऐतिहासिक कानून के लिए समाज के लोगों के विचार मांगे थे।
अन्ना हजारे ने 16 अगस्त के अपने प्रस्तावित आंदोलन पर इसे कुचले जाने की धमकियों के बावजूद आगे बढ़ने का संकल्प लिया है।
26
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: दुनिया के चोटी के क्रिकेट क्लबों के बीच होने वाले चैंपियन्स लीग ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट में इस बार इंडियन प्रीमियर लीग की चौथी टीम को भी खेलने का मौका मिल सकता है। चैंपियन्स लीग में अभी तक आईपीएल में चोटी पर रहने वाली तीन टीमों को खेलने का मौका मिलता है लेकिन आईपीएल के मुख्य कार्यकारी सुंदर रमन ने संकेत दिए हैं कि इस सितंबर-अक्तूबर में होने वाले इस टूर्नामेंट से कुछ दिन पहले क्वालीफायर के जरिये चौथी टीम भी इसका हिस्सा बन सकती है। सुंदर रमन ने ट्विटर पर लिखा है, (आईपीएल की) चौथी टीम को चैंपियन्स लीग ट्वेंटी-20 में खेलने का मौका मिल सकता है। लेकिन उन्हें चैंपियन्स लीग से कुछ दिन पहले तीन अन्य टीमों के साथ क्वालीफायर टूर्नामेंट खेलना पड़ेगा। इस बीच क्रिकइन्फो के अनुसार क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के एक अधिकारी ने बताया कि चेन्नई में रविवार को होने वाली संचालन परिषद की बैठक में इस टूर्नामेंट को मूर्तरूप दिया जाएगा।
सारांश: चैंपियन्स लीग ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट में इस बार इंडियन प्रीमियर लीग की चौथी टीम को भी खेलने का मौका मिल सकता है।
20
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: उच्चतम न्यायालय ने गुजरात दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत और मुआवजे के बारे में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस बीच, नरेन्द्र मोदी सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया है कि वह धार्मिक स्थलों की मरम्मत की नीति पर विचार करेगी। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को गुजरात सरकार के महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में उड़ीसा सरकार द्वारा की योजना की तर्ज पर ही राज्य में योजना बनाने पर विचार करेगी। ओडीसा सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर धार्मिक स्थलों की मरम्मत की योजना तैयार की थी। इस बीच, न्यायाधीशों ने राज्य में 2002 के दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत और उनके पुनर्निमाण के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने गुजरात सरकार की अपील पर सुनवाई 14 अगस्त के लिए स्थगित कर दी है। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह उस दिन धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में अपनी योजना से अवगत कराये। उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़की सांम्प्रदायिक हिंसा के दौरान ’’निष्क्रियता और लापरवाही’’ के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया था। इस हिंसा के दौरान राजय में बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था। उच्च न्यायालय ने गुजरात की इस्लामिक रिलीफ कमेटी की याचिका पर आठ फरवरी को पांच सौ से अधिक ऐसे धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होनी है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। इस बीच, नरेन्द्र मोदी सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया है कि वह धार्मिक स्थलों की मरम्मत की नीति पर विचार करेगी। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को गुजरात सरकार के महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में उड़ीसा सरकार द्वारा की योजना की तर्ज पर ही राज्य में योजना बनाने पर विचार करेगी। ओडीसा सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर धार्मिक स्थलों की मरम्मत की योजना तैयार की थी। इस बीच, न्यायाधीशों ने राज्य में 2002 के दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत और उनके पुनर्निमाण के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने गुजरात सरकार की अपील पर सुनवाई 14 अगस्त के लिए स्थगित कर दी है। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह उस दिन धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में अपनी योजना से अवगत कराये। उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़की सांम्प्रदायिक हिंसा के दौरान ’’निष्क्रियता और लापरवाही’’ के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया था। इस हिंसा के दौरान राजय में बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था। उच्च न्यायालय ने गुजरात की इस्लामिक रिलीफ कमेटी की याचिका पर आठ फरवरी को पांच सौ से अधिक ऐसे धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होनी है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को गुजरात सरकार के महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में उड़ीसा सरकार द्वारा की योजना की तर्ज पर ही राज्य में योजना बनाने पर विचार करेगी। ओडीसा सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर धार्मिक स्थलों की मरम्मत की योजना तैयार की थी। इस बीच, न्यायाधीशों ने राज्य में 2002 के दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत और उनके पुनर्निमाण के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने गुजरात सरकार की अपील पर सुनवाई 14 अगस्त के लिए स्थगित कर दी है। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह उस दिन धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में अपनी योजना से अवगत कराये। उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़की सांम्प्रदायिक हिंसा के दौरान ’’निष्क्रियता और लापरवाही’’ के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया था। इस हिंसा के दौरान राजय में बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था। उच्च न्यायालय ने गुजरात की इस्लामिक रिलीफ कमेटी की याचिका पर आठ फरवरी को पांच सौ से अधिक ऐसे धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होनी है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। इस बीच, न्यायाधीशों ने राज्य में 2002 के दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत और उनके पुनर्निमाण के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने गुजरात सरकार की अपील पर सुनवाई 14 अगस्त के लिए स्थगित कर दी है। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह उस दिन धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में अपनी योजना से अवगत कराये। उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़की सांम्प्रदायिक हिंसा के दौरान ’’निष्क्रियता और लापरवाही’’ के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया था। इस हिंसा के दौरान राजय में बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था। उच्च न्यायालय ने गुजरात की इस्लामिक रिलीफ कमेटी की याचिका पर आठ फरवरी को पांच सौ से अधिक ऐसे धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होनी है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। न्यायालय ने गुजरात सरकार की अपील पर सुनवाई 14 अगस्त के लिए स्थगित कर दी है। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह उस दिन धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में अपनी योजना से अवगत कराये। उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़की सांम्प्रदायिक हिंसा के दौरान ’’निष्क्रियता और लापरवाही’’ के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया था। इस हिंसा के दौरान राजय में बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था। उच्च न्यायालय ने गुजरात की इस्लामिक रिलीफ कमेटी की याचिका पर आठ फरवरी को पांच सौ से अधिक ऐसे धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होनी है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़की सांम्प्रदायिक हिंसा के दौरान ’’निष्क्रियता और लापरवाही’’ के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया था। इस हिंसा के दौरान राजय में बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था। उच्च न्यायालय ने गुजरात की इस्लामिक रिलीफ कमेटी की याचिका पर आठ फरवरी को पांच सौ से अधिक ऐसे धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होनी है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। उच्च न्यायालय ने गुजरात की इस्लामिक रिलीफ कमेटी की याचिका पर आठ फरवरी को पांच सौ से अधिक ऐसे धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होनी है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होनी है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। न्यायालय ने नौ जुलाई को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान 2002 के दंगों में राज्य में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों का विवरण नरेन्द्र मोदी सरकार से मांगा था। राज्य सरकार को क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा था कि इन धार्मिक स्थलों के निर्माण और इनकी मरम्मत पर कितना धन खर्च होगा। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। मोदी सरकार शुरू से ही न्यायालय में दलील दे रही थी कि धार्मिक स्थलों के निर्माण और मरम्मत के लिए जनता के धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।टिप्पणियां मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। मोदी सरकार की इन दलीलों पर न्यायालय ने कहा था कि उसके इस तर्क पर गौर किया जायेगा कि क्या जनता के धन का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को उनके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए हो सकता है या नहीं? न्यायालय का सवाल था कि बाढ़ या भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए सरकार मुआजवा देती है तो फिर धार्मिक स्थलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। राज्य सरकार का तर्क था कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए मुआवजे का भुगतान करने से संविधान के अनुच्छेद 27 में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन होगा। उच्च न्यायालय ने गुजरात के 26 जिलों के न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों के लिए मुआवजे की अर्जियां स्वीकार करके उन पर निर्णय करें। इन न्यायाधीशों को छह महीने के भीतर अपने निर्णय से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है।
यहाँ एक सारांश है:उच्चतम न्यायालय ने गुजरात दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत और मुआवजे के बारे में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
12
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल मंगलवार से यहां शुरू हो रहे इंडिया ओपन सुपर सीरिज टूर्नामेंट में खिताब जीतने के लिए उतरेंगी। ओलिंपिक के लिए अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट होने के नाते यह टूर्नामेंट भारत के अन्य खिलाड़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें अच्छे प्रदर्शन की बदौलत वे लंदन का टिकट हासिल कर सकते हैं। लंदन ओलिंपिक में जगह सुनिश्चित कर चुकीं साइना इंडिया ओपन जीतने को बेताब होंगी लेकिन ज्वाला गुट्टा के लिए यह दो स्पर्धाओं महिला युगल वर्ग और मिश्रित युगल वर्ग में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल करने का अंतिम मौका होगा।टिप्पणियां इसके अलावा अजय जयराम के लिए भी ओलिंपिक में पुरुष एकल वर्ग में जगह पक्की करने के लिए सिरी फोर्ट स्टेडियम में आयोजित यह टूर्नामेंट अंतिम मौका होगा। विश्व नंबर पांच साइना हांगकांग की पुइ यिन यिप के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी और उनके क्वार्टरफाइनल में पहुंचने की उम्मीद है जहां उनका मुकाबला दो बार के ऑल इंग्लैंड चैंपियन डेनमार्क की टिन बाउन से होने की संभावना है। लंदन ओलिंपिक में जगह सुनिश्चित कर चुकीं साइना इंडिया ओपन जीतने को बेताब होंगी लेकिन ज्वाला गुट्टा के लिए यह दो स्पर्धाओं महिला युगल वर्ग और मिश्रित युगल वर्ग में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल करने का अंतिम मौका होगा।टिप्पणियां इसके अलावा अजय जयराम के लिए भी ओलिंपिक में पुरुष एकल वर्ग में जगह पक्की करने के लिए सिरी फोर्ट स्टेडियम में आयोजित यह टूर्नामेंट अंतिम मौका होगा। विश्व नंबर पांच साइना हांगकांग की पुइ यिन यिप के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी और उनके क्वार्टरफाइनल में पहुंचने की उम्मीद है जहां उनका मुकाबला दो बार के ऑल इंग्लैंड चैंपियन डेनमार्क की टिन बाउन से होने की संभावना है। इसके अलावा अजय जयराम के लिए भी ओलिंपिक में पुरुष एकल वर्ग में जगह पक्की करने के लिए सिरी फोर्ट स्टेडियम में आयोजित यह टूर्नामेंट अंतिम मौका होगा। विश्व नंबर पांच साइना हांगकांग की पुइ यिन यिप के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी और उनके क्वार्टरफाइनल में पहुंचने की उम्मीद है जहां उनका मुकाबला दो बार के ऑल इंग्लैंड चैंपियन डेनमार्क की टिन बाउन से होने की संभावना है। विश्व नंबर पांच साइना हांगकांग की पुइ यिन यिप के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी और उनके क्वार्टरफाइनल में पहुंचने की उम्मीद है जहां उनका मुकाबला दो बार के ऑल इंग्लैंड चैंपियन डेनमार्क की टिन बाउन से होने की संभावना है।
संक्षिप्त सारांश: भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल मंगलवार से यहां शुरू हो रहे इंडिया ओपन सुपर सीरिज टूर्नामेंट में खिताब जीतने के लिए उतरेंगी।
29
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: उन्होंने बताया कि आरोपी की जल्दी ही गिरफ्तारी की जाएगी. नेगी ने 21 दिसम्बर को हिंदी में किए एक फेसबुक पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष और उनकी बहन के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.  बता दें, पांच राज्यों में चुनाव के लिए प्रचार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और उनके बच्चों के साथ छुट्टी मनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के शिमला गए हुए हैं. प्रियंका के साथ राहुल सड़क मार्ग से शिमला पहुंचे. वह छराबरा में प्रियंका का निर्माणाधीन मकान देखने भी गए. रास्ते में राहुल सोलन जिले में एक ढाबे पर कुछ मिनट के लिए रुके और चाय-नाश्ता किया. राहुल, प्रियंका और उनके बच्चे छराबरा के एक होटल में रुके हुए थे. गौरतलब है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सरकार बनाई है. कांग्रेस ने राजस्थान में 200 में से 99 सीटें हासिल की हैं, वहीं मध्य प्रदेश में 230 सीटों में 114 सीटें जीती हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है. छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में 68 पर जीत दर्ज की है. इन तीनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. राजस्थान में अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश में कमलनाथ और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने हैं.
संक्षिप्त पाठ: राहुल और प्रियंका के खिलाफ की थी अपमानजनक टिप्पणी पुलिस ने दर्ज किया युवक के खिलाफ केस दर्ज कहा- केस दर्ज हो गया, जल्द हो जाएगी गिरफ्तारी
13
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी ली चोंग वेई ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए इंडियन बैडमिंटन लीग में मंगलवार को हमवतन मलेशियाई डेरेन लियु को आसानी से हराया जबकि ऑल इंग्लैंड की महिला चैंपियन टियान बाउन ने भी जीत दर्ज करके मुंबई मास्टर्स को दिल्ली स्मैशर्स पर 2-0 से बढ़त दिलाई। ली मुंबई के लिए बंगा बीट्स और पुणे पिस्टन्स के खिलाफ पहले दो मुकाबलों में नहीं खेल पाए थे। वह इस मुकाबले से पहले ही टीम से जुड़े थे। उन्होंने दुनिया के 17वें नंबर के खिलाड़ी लियु को 35 मिनट में 21-12, 21-16 से हराकर मेजबान टीम को 1-0 से आगे किया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन से संन्यास ले चुकी डेनमार्क की बाउन ने भारत की पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन अरूंधति पंतावाने को 21-11, 21-13 से करारी शिकस्त दी।टिप्पणियां दर्शकों में स्टार भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे। ली ने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया तथा हमवतन लियु से पहला गेम आसानी से जीत लिया। लियु ने दूसरे गेम में कुछ चुनौती पेश की और उन्होंने अधिकतर समय बढ़त बनाए रखी, लेकिन दूसरे ब्रेक से पहले ली ने 14-13 से बढ़त बना ली। ली दूसरे गेम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन 30 वर्षीय खिलाड़ी ने फिर से सीधे गेम में जीत दर्ज करके लियु पर शत प्रतिशत जीत का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा। ली मुंबई के लिए बंगा बीट्स और पुणे पिस्टन्स के खिलाफ पहले दो मुकाबलों में नहीं खेल पाए थे। वह इस मुकाबले से पहले ही टीम से जुड़े थे। उन्होंने दुनिया के 17वें नंबर के खिलाड़ी लियु को 35 मिनट में 21-12, 21-16 से हराकर मेजबान टीम को 1-0 से आगे किया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन से संन्यास ले चुकी डेनमार्क की बाउन ने भारत की पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन अरूंधति पंतावाने को 21-11, 21-13 से करारी शिकस्त दी।टिप्पणियां दर्शकों में स्टार भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे। ली ने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया तथा हमवतन लियु से पहला गेम आसानी से जीत लिया। लियु ने दूसरे गेम में कुछ चुनौती पेश की और उन्होंने अधिकतर समय बढ़त बनाए रखी, लेकिन दूसरे ब्रेक से पहले ली ने 14-13 से बढ़त बना ली। ली दूसरे गेम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन 30 वर्षीय खिलाड़ी ने फिर से सीधे गेम में जीत दर्ज करके लियु पर शत प्रतिशत जीत का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा। उन्होंने दुनिया के 17वें नंबर के खिलाड़ी लियु को 35 मिनट में 21-12, 21-16 से हराकर मेजबान टीम को 1-0 से आगे किया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन से संन्यास ले चुकी डेनमार्क की बाउन ने भारत की पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन अरूंधति पंतावाने को 21-11, 21-13 से करारी शिकस्त दी।टिप्पणियां दर्शकों में स्टार भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे। ली ने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया तथा हमवतन लियु से पहला गेम आसानी से जीत लिया। लियु ने दूसरे गेम में कुछ चुनौती पेश की और उन्होंने अधिकतर समय बढ़त बनाए रखी, लेकिन दूसरे ब्रेक से पहले ली ने 14-13 से बढ़त बना ली। ली दूसरे गेम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन 30 वर्षीय खिलाड़ी ने फिर से सीधे गेम में जीत दर्ज करके लियु पर शत प्रतिशत जीत का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा। दर्शकों में स्टार भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे। ली ने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया तथा हमवतन लियु से पहला गेम आसानी से जीत लिया। लियु ने दूसरे गेम में कुछ चुनौती पेश की और उन्होंने अधिकतर समय बढ़त बनाए रखी, लेकिन दूसरे ब्रेक से पहले ली ने 14-13 से बढ़त बना ली। ली दूसरे गेम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन 30 वर्षीय खिलाड़ी ने फिर से सीधे गेम में जीत दर्ज करके लियु पर शत प्रतिशत जीत का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा। ली दूसरे गेम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन 30 वर्षीय खिलाड़ी ने फिर से सीधे गेम में जीत दर्ज करके लियु पर शत प्रतिशत जीत का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी ली चोंग वेई ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए इंडियन बैडमिंटन लीग में मंगलवार को हमवतन मलेशियाई डेरेन लियु को आसानी से हराया जबकि ऑल इंग्लैंड की महिला चैंपियन टियान बाउन ने भी जीत दर्ज करके मुंबई मास्टर्स को कृष दिल्ली स
11
['hin']
एक सारांश बनाओ: विवादास्पद आरोपपत्र वाले नियम को हटाने के आईओए के प्रयासों से नाराज खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी लोगों को चुनावों से दूर रखने के लिए विश्व संस्था को अपने पुराने रवैये पर कायम रहना चाहिए। आईओए की विशेष आम सभा की रविवार को हुई बैठक में केवल उन्हीं व्यक्तियों को चुनावों से दूर रखने का प्रस्ताव रखा गया जिन्हें दो या इससे अधिक साल की जेल की सजा मिली हो। आईओए के अधिकारियों का कहना था कि भारतीय कानून के तहत आरोपी व्यक्ति संसद के चुनाव लड़ सकता है। जितेंद्र हालांकि आईओए के रुख से खुश नहीं हैं। उन्होंने आईओसी अध्यक्ष जाक रोगे को पत्र लिखकर कहा, ‘‘मैं आईओए बैठक के नतीजे से निराश हूं जिसमें दागी अधिकारियों को चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए प्रस्ताव पास किया गया। मेरा मानना है कि इस तरह के नियमों का दुरुपयोग किया जा सकता है और पूरी तरह से गलत है। मैं समझता हूं कि आईओसी ने आईओसी के सामने प्रस्ताव रखा था यह उसके अनुकूल नहीं है।’’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘‘आईओसी ने दागी अधिकारियों को चुनावों से दूर रखने के लिए जो शुरुआती रवैया अपनाया था, भारत सरकार उसका समर्थन करती है। हम खिलाड़ियों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं। भ्रष्ट प्रशासकों के कारण खिलाड़ियों को नुकसान नहीं होना चाहिए।’’ यदि आईओए की बैठक में किए गए संशोधनों को आईओसी स्वीकार कर लेता है तो फिर ललित भनोट और वीके वर्मा तथा पूर्व आईओए प्रमुख सुरेश कलमाड़ी भी चुनाव लड़ सकते हैं। ये सभी राष्ट्रमंडल खेल 2010 के घोटाले के आरोपी हैं। आईओए की विशेष आम सभा की रविवार को हुई बैठक में केवल उन्हीं व्यक्तियों को चुनावों से दूर रखने का प्रस्ताव रखा गया जिन्हें दो या इससे अधिक साल की जेल की सजा मिली हो। आईओए के अधिकारियों का कहना था कि भारतीय कानून के तहत आरोपी व्यक्ति संसद के चुनाव लड़ सकता है। जितेंद्र हालांकि आईओए के रुख से खुश नहीं हैं। उन्होंने आईओसी अध्यक्ष जाक रोगे को पत्र लिखकर कहा, ‘‘मैं आईओए बैठक के नतीजे से निराश हूं जिसमें दागी अधिकारियों को चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए प्रस्ताव पास किया गया। मेरा मानना है कि इस तरह के नियमों का दुरुपयोग किया जा सकता है और पूरी तरह से गलत है। मैं समझता हूं कि आईओसी ने आईओसी के सामने प्रस्ताव रखा था यह उसके अनुकूल नहीं है।’’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘‘आईओसी ने दागी अधिकारियों को चुनावों से दूर रखने के लिए जो शुरुआती रवैया अपनाया था, भारत सरकार उसका समर्थन करती है। हम खिलाड़ियों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं। भ्रष्ट प्रशासकों के कारण खिलाड़ियों को नुकसान नहीं होना चाहिए।’’ यदि आईओए की बैठक में किए गए संशोधनों को आईओसी स्वीकार कर लेता है तो फिर ललित भनोट और वीके वर्मा तथा पूर्व आईओए प्रमुख सुरेश कलमाड़ी भी चुनाव लड़ सकते हैं। ये सभी राष्ट्रमंडल खेल 2010 के घोटाले के आरोपी हैं। जितेंद्र हालांकि आईओए के रुख से खुश नहीं हैं। उन्होंने आईओसी अध्यक्ष जाक रोगे को पत्र लिखकर कहा, ‘‘मैं आईओए बैठक के नतीजे से निराश हूं जिसमें दागी अधिकारियों को चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए प्रस्ताव पास किया गया। मेरा मानना है कि इस तरह के नियमों का दुरुपयोग किया जा सकता है और पूरी तरह से गलत है। मैं समझता हूं कि आईओसी ने आईओसी के सामने प्रस्ताव रखा था यह उसके अनुकूल नहीं है।’’टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘‘आईओसी ने दागी अधिकारियों को चुनावों से दूर रखने के लिए जो शुरुआती रवैया अपनाया था, भारत सरकार उसका समर्थन करती है। हम खिलाड़ियों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं। भ्रष्ट प्रशासकों के कारण खिलाड़ियों को नुकसान नहीं होना चाहिए।’’ यदि आईओए की बैठक में किए गए संशोधनों को आईओसी स्वीकार कर लेता है तो फिर ललित भनोट और वीके वर्मा तथा पूर्व आईओए प्रमुख सुरेश कलमाड़ी भी चुनाव लड़ सकते हैं। ये सभी राष्ट्रमंडल खेल 2010 के घोटाले के आरोपी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आईओसी ने दागी अधिकारियों को चुनावों से दूर रखने के लिए जो शुरुआती रवैया अपनाया था, भारत सरकार उसका समर्थन करती है। हम खिलाड़ियों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं। भ्रष्ट प्रशासकों के कारण खिलाड़ियों को नुकसान नहीं होना चाहिए।’’ यदि आईओए की बैठक में किए गए संशोधनों को आईओसी स्वीकार कर लेता है तो फिर ललित भनोट और वीके वर्मा तथा पूर्व आईओए प्रमुख सुरेश कलमाड़ी भी चुनाव लड़ सकते हैं। ये सभी राष्ट्रमंडल खेल 2010 के घोटाले के आरोपी हैं। यदि आईओए की बैठक में किए गए संशोधनों को आईओसी स्वीकार कर लेता है तो फिर ललित भनोट और वीके वर्मा तथा पूर्व आईओए प्रमुख सुरेश कलमाड़ी भी चुनाव लड़ सकते हैं। ये सभी राष्ट्रमंडल खेल 2010 के घोटाले के आरोपी हैं।
विवादास्पद आरोपपत्र वाले नियम को हटाने के आईओए के प्रयासों से नाराज खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी लोगों को चुनावों से दूर रखने के लिए विश्व संस्था को अपने पुराने रवैये पर कायम रह
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['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: भारत की सानिया मिर्जा और उनकी अमेरिकी जोड़ीदार बेथानी माटेक सैंड्स की जोड़ी वर्ष के तीसरे ग्रैंड स्लैम विम्बलडन टेनिस चैम्पियनशिप के महिला युगल स्पर्धा के तीसरे दौर में प्रवेश कर गई है। उधर, विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त रूस की मारिया शारापोवा चौथे दौर में पहुंच गई हैं। टूर्नामेंट की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, शुक्रवार को खेले गए महिलाओं की युगल स्पर्धा के दूसरे दौर के मुकाबले में सानिया और बेथानी की 13वीं वरीयता प्राप्त जोड़ी ने क्रिस्टीना मलाडेनोविक और स्टेफनी फोरेज गैकॉन की फ्रांसीसी जोड़ी को 6-3, 6-2 से शिकस्त दी। सानिया और बेथानी का अगले दौर में सामना अमेरिका की सेरेना और वीनस विलियम्स तथा रूस की मारिया किरिलेंको व नादिया पत्रोवा के बीच खेले जाने वाले मुकाबले की विजेता जोड़ी से होगा। उधर, महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में शारापोवा ने टूर्नामेंट के गैर वरीय चीनी ताइपे की सू-वेई सिह सी को 6-1, 6-4 से पराजित किया। पुरुषों की एकल स्पर्धा में, अमेरिका के सैम क्वेरी ने दूसरे दौर के मुकाबले में 21वीं वरीयता प्राप्त कनाडा के माइलोस राओनिक को 6-7 (3-7), 7-6 (9-7), 7-6 (10-8), 6-4 से पराजित किया।टिप्पणियां सर्बिया के विक्टर ट्रायोस्की ने 15वीं वरीयता प्राप्त अर्जेंटीना के जुआन मोनाको को 7-5, 7-5, 6-3 से हराकर चौथे दौर में प्रवेश किया। महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में 15वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी की सबिने लिसिकी ने अमेरिका की स्लोआने स्टीफंस को 7-6 (7-5), 1-6, 6-2 से पराजित कर चौथे दौर में जगह बनाई। टूर्नामेंट की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, शुक्रवार को खेले गए महिलाओं की युगल स्पर्धा के दूसरे दौर के मुकाबले में सानिया और बेथानी की 13वीं वरीयता प्राप्त जोड़ी ने क्रिस्टीना मलाडेनोविक और स्टेफनी फोरेज गैकॉन की फ्रांसीसी जोड़ी को 6-3, 6-2 से शिकस्त दी। सानिया और बेथानी का अगले दौर में सामना अमेरिका की सेरेना और वीनस विलियम्स तथा रूस की मारिया किरिलेंको व नादिया पत्रोवा के बीच खेले जाने वाले मुकाबले की विजेता जोड़ी से होगा। उधर, महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में शारापोवा ने टूर्नामेंट के गैर वरीय चीनी ताइपे की सू-वेई सिह सी को 6-1, 6-4 से पराजित किया। पुरुषों की एकल स्पर्धा में, अमेरिका के सैम क्वेरी ने दूसरे दौर के मुकाबले में 21वीं वरीयता प्राप्त कनाडा के माइलोस राओनिक को 6-7 (3-7), 7-6 (9-7), 7-6 (10-8), 6-4 से पराजित किया।टिप्पणियां सर्बिया के विक्टर ट्रायोस्की ने 15वीं वरीयता प्राप्त अर्जेंटीना के जुआन मोनाको को 7-5, 7-5, 6-3 से हराकर चौथे दौर में प्रवेश किया। महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में 15वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी की सबिने लिसिकी ने अमेरिका की स्लोआने स्टीफंस को 7-6 (7-5), 1-6, 6-2 से पराजित कर चौथे दौर में जगह बनाई। सानिया और बेथानी का अगले दौर में सामना अमेरिका की सेरेना और वीनस विलियम्स तथा रूस की मारिया किरिलेंको व नादिया पत्रोवा के बीच खेले जाने वाले मुकाबले की विजेता जोड़ी से होगा। उधर, महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में शारापोवा ने टूर्नामेंट के गैर वरीय चीनी ताइपे की सू-वेई सिह सी को 6-1, 6-4 से पराजित किया। पुरुषों की एकल स्पर्धा में, अमेरिका के सैम क्वेरी ने दूसरे दौर के मुकाबले में 21वीं वरीयता प्राप्त कनाडा के माइलोस राओनिक को 6-7 (3-7), 7-6 (9-7), 7-6 (10-8), 6-4 से पराजित किया।टिप्पणियां सर्बिया के विक्टर ट्रायोस्की ने 15वीं वरीयता प्राप्त अर्जेंटीना के जुआन मोनाको को 7-5, 7-5, 6-3 से हराकर चौथे दौर में प्रवेश किया। महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में 15वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी की सबिने लिसिकी ने अमेरिका की स्लोआने स्टीफंस को 7-6 (7-5), 1-6, 6-2 से पराजित कर चौथे दौर में जगह बनाई। उधर, महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में शारापोवा ने टूर्नामेंट के गैर वरीय चीनी ताइपे की सू-वेई सिह सी को 6-1, 6-4 से पराजित किया। पुरुषों की एकल स्पर्धा में, अमेरिका के सैम क्वेरी ने दूसरे दौर के मुकाबले में 21वीं वरीयता प्राप्त कनाडा के माइलोस राओनिक को 6-7 (3-7), 7-6 (9-7), 7-6 (10-8), 6-4 से पराजित किया।टिप्पणियां सर्बिया के विक्टर ट्रायोस्की ने 15वीं वरीयता प्राप्त अर्जेंटीना के जुआन मोनाको को 7-5, 7-5, 6-3 से हराकर चौथे दौर में प्रवेश किया। महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में 15वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी की सबिने लिसिकी ने अमेरिका की स्लोआने स्टीफंस को 7-6 (7-5), 1-6, 6-2 से पराजित कर चौथे दौर में जगह बनाई। पुरुषों की एकल स्पर्धा में, अमेरिका के सैम क्वेरी ने दूसरे दौर के मुकाबले में 21वीं वरीयता प्राप्त कनाडा के माइलोस राओनिक को 6-7 (3-7), 7-6 (9-7), 7-6 (10-8), 6-4 से पराजित किया।टिप्पणियां सर्बिया के विक्टर ट्रायोस्की ने 15वीं वरीयता प्राप्त अर्जेंटीना के जुआन मोनाको को 7-5, 7-5, 6-3 से हराकर चौथे दौर में प्रवेश किया। महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में 15वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी की सबिने लिसिकी ने अमेरिका की स्लोआने स्टीफंस को 7-6 (7-5), 1-6, 6-2 से पराजित कर चौथे दौर में जगह बनाई। सर्बिया के विक्टर ट्रायोस्की ने 15वीं वरीयता प्राप्त अर्जेंटीना के जुआन मोनाको को 7-5, 7-5, 6-3 से हराकर चौथे दौर में प्रवेश किया। महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में 15वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी की सबिने लिसिकी ने अमेरिका की स्लोआने स्टीफंस को 7-6 (7-5), 1-6, 6-2 से पराजित कर चौथे दौर में जगह बनाई। महिलाओं की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में 15वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी की सबिने लिसिकी ने अमेरिका की स्लोआने स्टीफंस को 7-6 (7-5), 1-6, 6-2 से पराजित कर चौथे दौर में जगह बनाई।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: भारत की सानिया मिर्जा और उनकी अमेरिकी जोड़ीदार बेथानी माटेक सैंड्स की जोड़ी वर्ष के तीसरे ग्रैंड स्लैम विम्बलडन टेनिस चैम्पियनशिप के महिला युगल स्पर्धा के तीसरे दौर में प्रवेश कर गई है।
19
['hin']
एक सारांश बनाओ: ग्रीम स्मिथ के छुपे रुस्तम इमरान ताहिर की कलाईयों के जादू और एबी डिविलियर्स के बल्ले के धमाल से दक्षिण अफ्रीका ने विश्व कप के पहले बड़े मुकाबले में बृहस्पतिवार को वेस्टइंडीज को 43 गेंद शेष रहते हुए सात विकेट से हरा दिया। जब सभी की निगाहें फिरोजशाह कोटला की पिच पर टिकी थी तब पाकिस्तान में जन्में ताहिर ने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में ही 41 रन देकर चार विकेट लेकर कैरेबियाई टीम को झकझोर दिया। डेल स्टेन ने 24 रन के एवज में तीन विकेट लेकर उनका पूरा साथ दिया। वेस्टइंडीज की तरफ से डेरेन ब्रावो ने 71, उनके बड़े भाई ड्वेन ब्रावो ने 40 और डेवोन स्मिथ ने 36 रन बनाये लेकिन अंतिम पांच विकेट 13 रन के अंदर गवांने से उसकी टीम 47.3 ओवर में 222 रन पर सिमट गई। दक्षिण अफ्रीका के भी दो विकेट 20 रन पर निकल गये थे लेकिन डिविलियर्स ने 105 गेंद पर नाबाद 107 रन की बेजोड़ पारी खेली और इस बीच कप्तान स्मिथ :78 गेंद पर 45 रन: के साथ तीसरे विकेट के लिये 119 रन और जीन पाल डुमिनी : नाबाद 42 : के साथ चौथे विकेट के लिये 84 रन की अटूट साझेदारी की। दक्षिण अफ्रीका ने 42.5 ओवर में तीन विकेट पर 223 रन बनाकर दसवें विश्व कप में शानदार शुरुआत की। दोनों टीमों के कप्तानों ने स्पिनरों से गेंदबाजी आगाज कराया। स्मिथ ने जोहान बोथा :48 रन पर दो विकेट: को आजमाया तो डेरेन सैमी ने यही जिम्मा सुलेमान बेन :51 रन पर एक विकेट: को सौंपा। वेस्टइंडीज ने पहले पांच ओवर में बेहतरीन फार्म में चल रहे हाशिम अमला :14: और अनुभवी जाक कैलिस :04: को आउट करके मैच को जीवंत बनाया, लेकिन जल्द ही दक्षिण अफ्रीका ने अपना दबदबा बना दिया। अमला यदि विकेटकीपर डेवोन थामस के एक हाथ से लिये गये बेहतरीन कैच का शिकार बने तो बेन ने कैलिस को स्लिप में सैमी के हाथों कैच कराया। डिविलियर्स ने शुरू में आक्रामक तेवर दिखाये तथा रोच के ओवर में तीन चौके जड़कर शुरुआत की जबकि स्मिथ ने उनके साथ पारी संवारने का अच्छी तरह से बीड़ा उठाया। इस बीच वेस्टइंडीज को ड्वेन ब्रावो के चोटिल होने से करारा झटका लगा जो अपने तीसरे ओवर की पहली गेंद करने के दौरान फिसल गये और उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा। वेस्टइंडीज का क्षेत्ररक्षण बहुत खराब रहा और उसने न सिर्फ कैच टपकाये बल्कि रन आउट के मौके भी गंवाए। स्मिथ और डिविलियर्स इसका फायदा उठाकर टीम पर से दबाव हटाने में सफल रहे। विशेषकर डिविलियर्स ने मनमाफिक रन बटोरे और अपनी पारी में आठ चौके और दो छक्के लगाए। पोलार्ड ने स्मिथ को बोल्ड करके वेस्टइंडीज को तीसरा विकेट दिलाया लेकिन तब तक दक्षिण अफ्रीका संकट से बाहर निकल चुका था। बीच में बारिश के हल्के व्यवधान के बाद जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो डिविलियर्स 97 गेंद पर विश्व कप का अपना दूसरा और वनडे में दसवां शतक पूरा करने में सफल रहे। इससे पहले तीन स्पिनरों को टीम में रखने वाले स्मिथ का बोथा से गेंदबाजी की शुरुआत कराने का फैसला सही साबित हुआ जिन्होंने तीसरी गेंद पर ही खतरनाक क्रिस गेल :2: को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। गेल उनकी आफ ब्रेक को नहीं समझ पाये जो उनके बल्ले को चूमती हुई स्लिप में कैलिस के सुरक्षित हाथों में चली गयी। आखिरी गेंद पर डेरेन ब्रावो के खिलाफ रेफरल मांगा गया जिसमें दक्षिण अफ्रीका को सफलता नहीं मिली। इसके बाद डेरेन ने दक्षिण अफ्रीकी टीम को ब्रायन लारा की याद दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिन्होंने 1996 और 2003 में शतकीय पारियां खेली थी। डेरेन ने पहले डेल स्टेन को निशाने पर रखा और फिर चोट से उबरकर वापसी करने वाले कैलिस का स्वागत दो चौकों से किया। उन्होंने और डेवोन स्मिथ ने दूसरे विकेट के लिये 111 रन की साझेदारी करके टीम को शुरुआती झटके से उबारा। डेरेन ब्रावो ने ताहिर पर लांग आन पर मैच का पहला छक्का जमाया। उनकी जानदार पारी का अंत आखिर में बोथा ने किया जो दूसरा स्पैल ओल्ड पवेलियन छोर से करने के लिये आये थे। इस बार बल्लेबाज ने रेफरल मांगा और फिर से अंपायर का फैसला ही सही साबित हुआ। डेरेन ने 82 गेंद खेली तथा आठ चौके और एक छक्का लगाया। ताहिर ने अगले ओवर में ही डेवोन स्मिथ को अपनी ही गेंद पर कैच आउट करके पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट लिया और फिर रामनरेश सरवन को पगबाधा आउट किया जिनकी रेफरल की अपील नाकाम साबित हुई थी। इसी ओवर में वह ड्वेन ब्रावो को भी आउट कर देते लेकिन खुद ही फालोथ्रू में सीधा कैच छोड़ गए। ड्वेन ब्रावो ने इसका फायदा उठाकर तीनों स्पिनर ताहिर, बोथा और पीटरसन पर छक्के जड़े लेकिन शिवनारायण चंद्रपाल के बुलावे पर देर से हरकत में आने के कारण वह दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हो गए। चंद्रपाल :31: भी अधिक देर तक नहीं टिक पाए और ताहिर के तीसरे शिकार बने। उनकी जगह लेने के उतरे कीरेन पोलार्ड ने जैसे ही मैदान पर कदम रखा दर्शक उत्साहित हो गये, लेकिन वह खाता खोले बिना ही पवेलियन लौट गए। स्टेन की पगबाधा की जोरदार अपील अमीश साहेबा ने ठुकरा दी लेकिन रेफरल पर तीसरे अंपायर अशोका डिसिल्वा ने दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में फैसला सुनाया। ताहिर ने डेवोन थामस :15: को आउट करके विकेटों का चौका पूरा किया जबकि स्टेन ने अगले ओवर में कप्तान डेरेन सैमी और फिर सुलेमान बेन को आउट करके कैरेबियाई पारी समेटी।
यहाँ एक सारांश है:दक्षिण अफ्रीका ने विश्व कप के पहले बड़े मुकाबले में बृहस्पतिवार को वेस्टइंडीज को 43 गेंद शेष रहते हुए सात विकेट से हरा दिया।
15
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: भारत, विदेशी निर्माताओं से अच्छी खासी संख्या में फाइटर प्लेन्स खरीदने को तैयार है, शर्त सिर्फ एक है - ये सभी जेट भारत में स्थानीय पार्टनर के साथ बनाए जाएं. एक वायुसेना के अधिकारी ने यह जानकारी साझा की है. भारत में बनाए जाने वाले 200 सिंगल इंजिन प्लेन की इस डील में संख्या 300 तक भी पहुंच सकती है क्योंकि वायुसेना सोवियत काल के एयरक्राफ्ट को पूरी तरह बाहर कर रहा है. जानकारों के मुताबिक तब यह डील देश की सबसे बड़ी मिलेट्री एयरक्राफ्ट डील में से एक हो जाएगी जिसकी कीमत करीब 1 लाख करोड़ तक हो सकती है. पिछले महीने फ्रांस के डसॉल्ट से राफेल विमानों को खरीदे जाने की डील हुई जिसमें 36 जेट खरीदने की ही बात हो पाई. इसके बाद भारतीय वायुसेना चाहती है कि वह जल्द से जल्द अन्य अधिग्रहण को अंजाम दे ताकि देश की सामरिक क्षमता में इज़ाफा हो सके जो फिलहाल चीन और पाकिस्तान से एक तिहाई कम है. हालांकि पीएम मोदी का प्रशासन चाहता है कि भविष्य में किसी भी तरह के सैन्य विमान भारत में भारतीय पार्टनर के साथ मिलकर बनाे जाए ताकि घरेलू एयरक्राफ्ट उद्योग को आगे बढ़ाया जा सके और मंहगे आयात से निजात मिल सके.टिप्पणियां लॉकहीड मार्टिन का कहना है कि वह F-16 फ्लेन के लिए भारत में निर्माण शुरू करना चाहती है और यह काम वह सिर्फ भारतीय सेना के लिए नहीं बल्कि निर्यात के लिए भी करना चाहते हैं. वहीं स्वीडन के साब ने अपने ग्राइपेन एयरक्राफ्ट के लिए प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है जो अभी तक की सबसे बड़ी मिलेट्री प्लेन डील में से एक को टक्कर दे सकती है. मेक इन इंडिया योजना के तहत इस पर काम करने वाले एयर फोर्स अफसर ने कहा 'फिलहाल तो 200 एयरक्राफ्ट की कमी है. कम से कम इतने की जरूरत तो है ही.' एक और सरकारी सूत्र के मुताबिक भारत के रक्षा मंत्रालय ने कई कंपनियों को सिंगल इंजिन फाइटर प्लेन के लिए देश में एसेंबली लाइन स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है. इन कंपनियों से पूछा गया है कि क्या वह तकनीक स्थानांतरण के साथ प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने के लिए राज़ी हैं. सूत्र के अनुसार 'हम विदेशी फर्म की इच्छाशक्ति देखना चाहते हैं कि क्या वह वाकई में उत्पादन का काम यहां करने के लिए तैयार हैं और उनकी अपेक्षाएं क्या हैं.' पिछले महीने फ्रांस के डसॉल्ट से राफेल विमानों को खरीदे जाने की डील हुई जिसमें 36 जेट खरीदने की ही बात हो पाई. इसके बाद भारतीय वायुसेना चाहती है कि वह जल्द से जल्द अन्य अधिग्रहण को अंजाम दे ताकि देश की सामरिक क्षमता में इज़ाफा हो सके जो फिलहाल चीन और पाकिस्तान से एक तिहाई कम है. हालांकि पीएम मोदी का प्रशासन चाहता है कि भविष्य में किसी भी तरह के सैन्य विमान भारत में भारतीय पार्टनर के साथ मिलकर बनाे जाए ताकि घरेलू एयरक्राफ्ट उद्योग को आगे बढ़ाया जा सके और मंहगे आयात से निजात मिल सके.टिप्पणियां लॉकहीड मार्टिन का कहना है कि वह F-16 फ्लेन के लिए भारत में निर्माण शुरू करना चाहती है और यह काम वह सिर्फ भारतीय सेना के लिए नहीं बल्कि निर्यात के लिए भी करना चाहते हैं. वहीं स्वीडन के साब ने अपने ग्राइपेन एयरक्राफ्ट के लिए प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है जो अभी तक की सबसे बड़ी मिलेट्री प्लेन डील में से एक को टक्कर दे सकती है. मेक इन इंडिया योजना के तहत इस पर काम करने वाले एयर फोर्स अफसर ने कहा 'फिलहाल तो 200 एयरक्राफ्ट की कमी है. कम से कम इतने की जरूरत तो है ही.' एक और सरकारी सूत्र के मुताबिक भारत के रक्षा मंत्रालय ने कई कंपनियों को सिंगल इंजिन फाइटर प्लेन के लिए देश में एसेंबली लाइन स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है. इन कंपनियों से पूछा गया है कि क्या वह तकनीक स्थानांतरण के साथ प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने के लिए राज़ी हैं. सूत्र के अनुसार 'हम विदेशी फर्म की इच्छाशक्ति देखना चाहते हैं कि क्या वह वाकई में उत्पादन का काम यहां करने के लिए तैयार हैं और उनकी अपेक्षाएं क्या हैं.' लॉकहीड मार्टिन का कहना है कि वह F-16 फ्लेन के लिए भारत में निर्माण शुरू करना चाहती है और यह काम वह सिर्फ भारतीय सेना के लिए नहीं बल्कि निर्यात के लिए भी करना चाहते हैं. वहीं स्वीडन के साब ने अपने ग्राइपेन एयरक्राफ्ट के लिए प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है जो अभी तक की सबसे बड़ी मिलेट्री प्लेन डील में से एक को टक्कर दे सकती है. मेक इन इंडिया योजना के तहत इस पर काम करने वाले एयर फोर्स अफसर ने कहा 'फिलहाल तो 200 एयरक्राफ्ट की कमी है. कम से कम इतने की जरूरत तो है ही.' एक और सरकारी सूत्र के मुताबिक भारत के रक्षा मंत्रालय ने कई कंपनियों को सिंगल इंजिन फाइटर प्लेन के लिए देश में एसेंबली लाइन स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है. इन कंपनियों से पूछा गया है कि क्या वह तकनीक स्थानांतरण के साथ प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने के लिए राज़ी हैं. सूत्र के अनुसार 'हम विदेशी फर्म की इच्छाशक्ति देखना चाहते हैं कि क्या वह वाकई में उत्पादन का काम यहां करने के लिए तैयार हैं और उनकी अपेक्षाएं क्या हैं.' एक और सरकारी सूत्र के मुताबिक भारत के रक्षा मंत्रालय ने कई कंपनियों को सिंगल इंजिन फाइटर प्लेन के लिए देश में एसेंबली लाइन स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है. इन कंपनियों से पूछा गया है कि क्या वह तकनीक स्थानांतरण के साथ प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने के लिए राज़ी हैं. सूत्र के अनुसार 'हम विदेशी फर्म की इच्छाशक्ति देखना चाहते हैं कि क्या वह वाकई में उत्पादन का काम यहां करने के लिए तैयार हैं और उनकी अपेक्षाएं क्या हैं.'
संक्षिप्त सारांश: सरकार ने विदेशी फाइटर जेट खरीदने का प्रस्ताव रखा है शर्त यह रखी है कि विदेशी कंपनियां इन प्लेनों को भारत में बनाए 200 सिंगल इंजिन प्लेन की इस डील की संख्या 300 तक भी पहुंच सकती है
23
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट में मैन ऑफ द मैच रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं. कोहली टी-20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में शीर्ष पर हैं और वनडे रैंकिंग में भी चोटी पर रहे, लेकिन टेस्ट रैंकिंग में कभी 10वें स्थान से ऊपर नहीं जा सके थे. विशाखापट्टनम टेस्ट में उन्होंने 167 और 81 रन बनाए, जिससे वह पहली बार 800 अंक पार करके चौथे स्थान पर पहुंचे हैं. वह 800 अंक पार करने वाले 11वें भारतीय बल्लेबाज बन गए. कोहली को विशाखापट्टनम टेस्ट से 97 अंक मिले. वह दूसरे स्थान पर काबिज इंग्लैंड के जो रूट से 22 अंक पीछे हैं. मोहली टेस्ट में दमदार प्रदर्शन से वह रैंकिंग में और सुधार कर सकते हैं.टिप्पणियां मध्यक्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा एक पायदान चढ़कर नौवें स्थान पर पहुंच गए. इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टा चार पायदान चढ़कर 12वें और बेन स्टोक्स पांच पायदान ऊपर 28वें स्थान पर पहुंच गए. आईसीसी टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पांच पायदान चढ़कर 21वें स्थान पर पहुंच गए, जबकि रवींद्र जडेजा एक पायदान चढ़कर छठे स्थान पर हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) विशाखापट्टनम टेस्ट में उन्होंने 167 और 81 रन बनाए, जिससे वह पहली बार 800 अंक पार करके चौथे स्थान पर पहुंचे हैं. वह 800 अंक पार करने वाले 11वें भारतीय बल्लेबाज बन गए. कोहली को विशाखापट्टनम टेस्ट से 97 अंक मिले. वह दूसरे स्थान पर काबिज इंग्लैंड के जो रूट से 22 अंक पीछे हैं. मोहली टेस्ट में दमदार प्रदर्शन से वह रैंकिंग में और सुधार कर सकते हैं.टिप्पणियां मध्यक्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा एक पायदान चढ़कर नौवें स्थान पर पहुंच गए. इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टा चार पायदान चढ़कर 12वें और बेन स्टोक्स पांच पायदान ऊपर 28वें स्थान पर पहुंच गए. आईसीसी टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पांच पायदान चढ़कर 21वें स्थान पर पहुंच गए, जबकि रवींद्र जडेजा एक पायदान चढ़कर छठे स्थान पर हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कोहली को विशाखापट्टनम टेस्ट से 97 अंक मिले. वह दूसरे स्थान पर काबिज इंग्लैंड के जो रूट से 22 अंक पीछे हैं. मोहली टेस्ट में दमदार प्रदर्शन से वह रैंकिंग में और सुधार कर सकते हैं.टिप्पणियां मध्यक्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा एक पायदान चढ़कर नौवें स्थान पर पहुंच गए. इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टा चार पायदान चढ़कर 12वें और बेन स्टोक्स पांच पायदान ऊपर 28वें स्थान पर पहुंच गए. आईसीसी टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पांच पायदान चढ़कर 21वें स्थान पर पहुंच गए, जबकि रवींद्र जडेजा एक पायदान चढ़कर छठे स्थान पर हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मध्यक्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा एक पायदान चढ़कर नौवें स्थान पर पहुंच गए. इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टा चार पायदान चढ़कर 12वें और बेन स्टोक्स पांच पायदान ऊपर 28वें स्थान पर पहुंच गए. आईसीसी टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पांच पायदान चढ़कर 21वें स्थान पर पहुंच गए, जबकि रवींद्र जडेजा एक पायदान चढ़कर छठे स्थान पर हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: कोहली इससे पहले टेस्ट रैंकिंग में कभी 10वें स्थान से ऊपर नहीं जा सके थे चेतेश्वर पुजारा एक पायदान चढ़कर नौवें स्थान पर पहुंच गए हैं टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में मोहम्मद शमी पांच स्थान ऊपर 21वें पायदान पर
29
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: पंजाब में बैन हुई 'द लीजेंड ऑफ़ माइकल मिश्रा' देश के बाक़ी राज्यों में रिलीज़ हो चुकी है. फ़िल्म में मुख्य क़िरदार निभाए हैं अरशद वारसी, बमन ईरानी, इनके बेटे कायोज़े ईरानी और अदिति राव हैदरी ने, वहीं फ़िल्म का निर्देशन किया है मनीष झा ने.टिप्पणियां फ़िल्म की कहानी की अगर बात की जाए तो फिल्म में अरशद वारसी यानी 'माइकल मिश्रा' का क़िरदार बिहार का किडनैपर है जिसे वर्षा शुक्ला यानी आदिति राव हैदरी से मोहब्बत हो जाती है और इसी इश्क में वह अपराध जगत को छोड़ने का फ़ैसला करता है. यही है फ़िल्म की कहानी.   अब फ़िल्म की ख़ूबी और ख़ामियों की बात करें तो मुझे लगता है कि फ़िल्म में ख़ामियां ही ख़ामियां हैं. फिर चाहे कहानी हो, स्क्रीनप्ले हो, एक्टिंग हो या फिर फ़िल्म का निर्देशन हो. 'द लीजेंड ऑफ़ माइकल मिश्रा' किसी भी मोड़ पर आपको न तो रोचक लगती है और न ही दर्शकों को बांधकर रख पाती है. आप फ़िल्म देखते वक्त यही सोचते रहेंगे कि डायरेक्टर और एक्टर आख़िर कर क्या रहे हैं और आख़िर क्या सोचकर यह फ़िल्म बनाई है. मुझे फ़िल्म में एक भी ख़ूबी नज़र नहीं आई इसलिए मेरी ओर से फ़िल्म को एक स्टार! फ़िल्म की कहानी की अगर बात की जाए तो फिल्म में अरशद वारसी यानी 'माइकल मिश्रा' का क़िरदार बिहार का किडनैपर है जिसे वर्षा शुक्ला यानी आदिति राव हैदरी से मोहब्बत हो जाती है और इसी इश्क में वह अपराध जगत को छोड़ने का फ़ैसला करता है. यही है फ़िल्म की कहानी.   अब फ़िल्म की ख़ूबी और ख़ामियों की बात करें तो मुझे लगता है कि फ़िल्म में ख़ामियां ही ख़ामियां हैं. फिर चाहे कहानी हो, स्क्रीनप्ले हो, एक्टिंग हो या फिर फ़िल्म का निर्देशन हो. 'द लीजेंड ऑफ़ माइकल मिश्रा' किसी भी मोड़ पर आपको न तो रोचक लगती है और न ही दर्शकों को बांधकर रख पाती है. आप फ़िल्म देखते वक्त यही सोचते रहेंगे कि डायरेक्टर और एक्टर आख़िर कर क्या रहे हैं और आख़िर क्या सोचकर यह फ़िल्म बनाई है. मुझे फ़िल्म में एक भी ख़ूबी नज़र नहीं आई इसलिए मेरी ओर से फ़िल्म को एक स्टार! 'द लीजेंड ऑफ़ माइकल मिश्रा' किसी भी मोड़ पर आपको न तो रोचक लगती है और न ही दर्शकों को बांधकर रख पाती है. आप फ़िल्म देखते वक्त यही सोचते रहेंगे कि डायरेक्टर और एक्टर आख़िर कर क्या रहे हैं और आख़िर क्या सोचकर यह फ़िल्म बनाई है. मुझे फ़िल्म में एक भी ख़ूबी नज़र नहीं आई इसलिए मेरी ओर से फ़िल्म को एक स्टार!
संक्षिप्त सारांश: ख़ामियों से भरी पड़ी है फिल्म 'द लीजेंड ऑफ माइकल मिश्रा'. अरशद वारसी, बमन ईरानी, अदिति राव हैदरी निभा रहे हैं मुख्य किरदार. फिल्म दर्शकों को बांधकर रखने में असफल.
29
['hin']
एक सारांश बनाओ: अरुणाचल प्रदेश के पूर्व  मुख्यमंत्री कलिखो पुल की खुदकशी मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता नेशनल लॉयर्स कैम्पेन फॉर ज्यूडिशरी ट्रांसपेरेसी एंड रिफार्म संस्था पर दो लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सुसाइड नोट की सत्यता की जांच नहीं की. उन्होंने न कभी नोट की मूल कॉपी देखी न उसे पाने का प्रयास किया. केवल व्हाट्सऐप आदि के आधार पर याचिका दायर की गई. उनके पास नोट की सत्यता साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता एक व्यस्त संगठन है जिसने केवल तीखे आरोप लगाए हैं और मात्र अफवाहों पर याचिका दायर की है. ऐसे में याचिकाकर्ता संस्था व उसके 10 सदस्यों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है. साथ ही संगठन पर भी 25 हजार का जुर्माना लगाया जाता है.टिप्पणियां वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह जांच करना पुलिस व सीबीआई का काम है कि सुसाइड नोट असली है, आरोप सही हैं या नहीं. गौरतलब है कि कलिखो पुल का शव 9 अगस्त 2016 को इटानगर स्थित मुख्यमंत्री आवास में लटकता हुआ मिला था. कलिखो के सुसाइड नोट में राजनीति और न्यायपालिका से जुड़े कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं. सुसाइड नोट में शीर्ष जजों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाया गया है. 23 फरवरी को कलिखो पुल की पत्नी डंगविमसई पुल ने इस मामले की सीबीआई व एनआईए से जांच कराने संबंधी अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी. कलिखो की पत्नी ने सुसाइड नोट का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी. इसके अलावा डंगविमसई पुल ने प्रेस वार्ता में कहा था कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सुसाइड नोट की सत्यता की जांच नहीं की. उन्होंने न कभी नोट की मूल कॉपी देखी न उसे पाने का प्रयास किया. केवल व्हाट्सऐप आदि के आधार पर याचिका दायर की गई. उनके पास नोट की सत्यता साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता एक व्यस्त संगठन है जिसने केवल तीखे आरोप लगाए हैं और मात्र अफवाहों पर याचिका दायर की है. ऐसे में याचिकाकर्ता संस्था व उसके 10 सदस्यों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है. साथ ही संगठन पर भी 25 हजार का जुर्माना लगाया जाता है.टिप्पणियां वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह जांच करना पुलिस व सीबीआई का काम है कि सुसाइड नोट असली है, आरोप सही हैं या नहीं. गौरतलब है कि कलिखो पुल का शव 9 अगस्त 2016 को इटानगर स्थित मुख्यमंत्री आवास में लटकता हुआ मिला था. कलिखो के सुसाइड नोट में राजनीति और न्यायपालिका से जुड़े कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं. सुसाइड नोट में शीर्ष जजों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाया गया है. 23 फरवरी को कलिखो पुल की पत्नी डंगविमसई पुल ने इस मामले की सीबीआई व एनआईए से जांच कराने संबंधी अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी. कलिखो की पत्नी ने सुसाइड नोट का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी. इसके अलावा डंगविमसई पुल ने प्रेस वार्ता में कहा था कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता एक व्यस्त संगठन है जिसने केवल तीखे आरोप लगाए हैं और मात्र अफवाहों पर याचिका दायर की है. ऐसे में याचिकाकर्ता संस्था व उसके 10 सदस्यों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है. साथ ही संगठन पर भी 25 हजार का जुर्माना लगाया जाता है.टिप्पणियां वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह जांच करना पुलिस व सीबीआई का काम है कि सुसाइड नोट असली है, आरोप सही हैं या नहीं. गौरतलब है कि कलिखो पुल का शव 9 अगस्त 2016 को इटानगर स्थित मुख्यमंत्री आवास में लटकता हुआ मिला था. कलिखो के सुसाइड नोट में राजनीति और न्यायपालिका से जुड़े कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं. सुसाइड नोट में शीर्ष जजों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाया गया है. 23 फरवरी को कलिखो पुल की पत्नी डंगविमसई पुल ने इस मामले की सीबीआई व एनआईए से जांच कराने संबंधी अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी. कलिखो की पत्नी ने सुसाइड नोट का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी. इसके अलावा डंगविमसई पुल ने प्रेस वार्ता में कहा था कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए. वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह जांच करना पुलिस व सीबीआई का काम है कि सुसाइड नोट असली है, आरोप सही हैं या नहीं. गौरतलब है कि कलिखो पुल का शव 9 अगस्त 2016 को इटानगर स्थित मुख्यमंत्री आवास में लटकता हुआ मिला था. कलिखो के सुसाइड नोट में राजनीति और न्यायपालिका से जुड़े कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं. सुसाइड नोट में शीर्ष जजों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाया गया है. 23 फरवरी को कलिखो पुल की पत्नी डंगविमसई पुल ने इस मामले की सीबीआई व एनआईए से जांच कराने संबंधी अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी. कलिखो की पत्नी ने सुसाइड नोट का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी. इसके अलावा डंगविमसई पुल ने प्रेस वार्ता में कहा था कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए. 23 फरवरी को कलिखो पुल की पत्नी डंगविमसई पुल ने इस मामले की सीबीआई व एनआईए से जांच कराने संबंधी अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी. कलिखो की पत्नी ने सुसाइड नोट का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी. इसके अलावा डंगविमसई पुल ने प्रेस वार्ता में कहा था कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए.
सारांश: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- याचिकाकर्ता ने सुसाइड नोट की सत्यता नही जांची याचिकाकर्ता संस्था व उसके 10 सदस्यों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाया नेशनल लॉयर्स कैम्पेन फॉर ज्यूडिशरी ट्रांसपेरेसी एंड रिफार्म की याचिका
5
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: सरकार अगले कुछ दिन में लोकपाल विधेयक को संसद में पेश कर सकती है जिसके प्रावधानों में प्रधानमंत्री को पर्याप्त सुरक्षा मानकों के साथ लोकपाल के दायरे में लाने और सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की पद्धति में बदलाव आदि शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि आज रात सरकार विधेयक के 60 सरकारी संशोधनों के साथ उसे अंतिम रूप दे रही है जिसके बाद उसे मंगलवार को कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है। सरकार 22 दिसंबर को समाप्त हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को पांच दिन के क्रिसमस अवकाश के बाद 27 से 29 दिसंबर तक बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि आज रात होने वाली कैबिनेट की बैठक को कम से कम मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया है क्योंकि विधेयक का मसौदा तैयार नहीं है। एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि सभी मुद्दों पर फैसले कर लिए गए हैं और कुछ त्रुटियों को हटाया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि सरकार लोकपाल के दायरे में सीबीआई को पूरी तरह लाने की टीम अन्ना की मांग संभवत: नहीं मानने जा रही हालांकि वह सीबीआई से स्वतंत्र अभियोजन इकाई बनाने के लिए तैयार है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई निदेशक की चयन प्रक्रिया में बदलाव करने का भी प्रस्ताव है जिसमें संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को चयन समिति में शामिल करने का प्रस्ताव है। एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि सरकार को लगता है कि एक संस्थान की स्थापना के लिए दूसरी संस्था को खत्म नहीं किया जा सकता। उधर, सरकार के कुछ मंत्रियों ने विधेयक में सुधार की कवायद पूरी की।
सारांश: माना जा रहा है कि आज रात सरकार विधेयक के 60 सरकारी संशोधनों के साथ उसे अंतिम रूप दे रही है।
20
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: मामला उन दिनों का है जब लालू प्रसाद संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे. सीबीआई की प्राथमिकी में विजय कोचर, विनय कोचर (दोनों सुजाता होटल्स के निदेशक), डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, अब लारा प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है और तत्कालीन आईआरसीटीसी प्रबंध निदेशक पी के गोयल का भी नाम है. सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि रेल मंत्री के तौर पर लालू प्रसाद ने सरला गुप्ता के मालिकाना हक वाली एक बेनामी कंपनी के जरिए पटना में महंगी जमीन के रूप में रिश्वत लेकर आईआरसीटीसी के दो होटलों के रख-रखाव का काम एक कंपनी को दे दिया.टिप्पणियां रांची और पुरी में होटलों की देखरेख के लिए अनुबंध देने में सुजाता होटल्स की कथित तौर पर तरफदारी और साठगांठ के तौर पर महंगी जमीन लेने के मामले में पांच जुलाई को एक प्राथमिकी दर्ज की गई. पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को भ्रष्टाचार की संपत्ति जब्त करने का अधिकार है और उम्मीद है कि मामले में प्रगति होने के बाद ही एजेंसी ऐसा करेगी. (इनपुट भाषा से) सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि रेल मंत्री के तौर पर लालू प्रसाद ने सरला गुप्ता के मालिकाना हक वाली एक बेनामी कंपनी के जरिए पटना में महंगी जमीन के रूप में रिश्वत लेकर आईआरसीटीसी के दो होटलों के रख-रखाव का काम एक कंपनी को दे दिया.टिप्पणियां रांची और पुरी में होटलों की देखरेख के लिए अनुबंध देने में सुजाता होटल्स की कथित तौर पर तरफदारी और साठगांठ के तौर पर महंगी जमीन लेने के मामले में पांच जुलाई को एक प्राथमिकी दर्ज की गई. पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को भ्रष्टाचार की संपत्ति जब्त करने का अधिकार है और उम्मीद है कि मामले में प्रगति होने के बाद ही एजेंसी ऐसा करेगी. (इनपुट भाषा से) सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि रेल मंत्री के तौर पर लालू प्रसाद ने सरला गुप्ता के मालिकाना हक वाली एक बेनामी कंपनी के जरिए पटना में महंगी जमीन के रूप में रिश्वत लेकर आईआरसीटीसी के दो होटलों के रख-रखाव का काम एक कंपनी को दे दिया.टिप्पणियां रांची और पुरी में होटलों की देखरेख के लिए अनुबंध देने में सुजाता होटल्स की कथित तौर पर तरफदारी और साठगांठ के तौर पर महंगी जमीन लेने के मामले में पांच जुलाई को एक प्राथमिकी दर्ज की गई. पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को भ्रष्टाचार की संपत्ति जब्त करने का अधिकार है और उम्मीद है कि मामले में प्रगति होने के बाद ही एजेंसी ऐसा करेगी. (इनपुट भाषा से) रांची और पुरी में होटलों की देखरेख के लिए अनुबंध देने में सुजाता होटल्स की कथित तौर पर तरफदारी और साठगांठ के तौर पर महंगी जमीन लेने के मामले में पांच जुलाई को एक प्राथमिकी दर्ज की गई. पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को भ्रष्टाचार की संपत्ति जब्त करने का अधिकार है और उम्मीद है कि मामले में प्रगति होने के बाद ही एजेंसी ऐसा करेगी. (इनपुट भाषा से) (इनपुट भाषा से)
यहाँ एक सारांश है:संप्रग शासनकाल में रेलवे के होटलों के आवंटन में भ्रष्टाचार का मामला. लालू और उनके परिजनों पर PMLA की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. मामला उन दिनों का है जब लालू प्रसाद संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे.
12
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: बंबई स्टॉक एक्सचेंज के संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में बीते सप्ताह 522 अंकों की तेजी दर्ज की गई। माना जा रहा है कि वैश्विक बाजारों में तेजी से प्रभावित  संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई खरीद से सेंसेक्स में यह उछाल आया है। 30 शेयरों की कीमतों पर आधारित सेंसेक्स इस सप्ताह 18762.80 पर बंद हुआ। बीते सप्ताह की तुलना में यह 2.86 प्रतिशत की वृद्धि है। वैसे सप्ताह के अंतिम कामकाजी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स दिन के व्यापार में 83.07 अंक गिरा। शुक्रवार से पहले के छ: सत्रों में सेंसेक्स में लगातार 1300 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई थी। इधर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 शेयरों की कीमतों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी में शुक्रवार को 0.36 प्रतिशत की गिरवाट दर्ज की गई। सप्ताह के पहले चार व्यापारिक सत्रों में निफ्टी में लगभग तीन प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। माना जा रहा है कि सरकार द्वारा डीजल, किरोसिन और रसाई गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण तेल कम्पनियों के शेयरों की कीमतों में आई तेजी से बाजार में तेजड़िए हावी हो गए।  इसके अलावा औद्योगिक विकास की सुस्त रफ्तार के बावजूद सरकार द्वारा मौजूदा वित्तीय वर्ष में 8.75 प्रतिशत की विकास दर को हासिल करने के दावे से भी बाजार को मजबूती मिली। मंहगाई के आंकड़ों ने भी बाजार में सकारात्मक माहौल बनाए रखने में मदद की। गौतलब है कि खाद्य मंहगाई की दर 18 जून को समाप्त हुए सप्ताह में 7.78 प्रतिशत थी। इससे पिछल्ले सप्ताह यह 9.13 फीसदी थी।  लेकिन इन आंकड़ों से बाजार में  सप्ताह के दौरान आई तेजी को वाहनों की बिक्री के प्रतिकूल आंकड़ों  और मुनाफा वसूली के प्रयास में शेयरों की तेजी से बिक्री से शुक्रवार को झटका लगा। कोटक सिक्योरिटीज में  वरिष्ठ उपाध्यक्ष(तकनीकी शोध) श्रीकांत चौहान के अनुसार  निफ्टी के 5600 से ऊपर बंद होने से बाजार में तेजी का माहौल बना हुआ है। विश्लेषकों का मत है कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और ग्रीस के ऋण संकट के समाधान के संकेतों से भी बाजार में तेजी को बल मिला है।
माना जा रहा है कि वैश्विक बाजारों में तेजी से प्रभावित संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई खरीद से सेंसेक्स में यह उछाल आया है।
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: देश के शेयर बाजारों में सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिवस बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 27.77 अंकों की गिरावट के साथ 17,145.52 पर जबकि निफ्टी 1.95 अंकों की गिरावट के साथ 5,207.05 पर बंद हुआ। बुधवार को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 46.11 अंकों की गिरावट के साथ 17,127.18 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 15.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,207.05 पर खुला। सेंसेक्स ने 17239.35 के ऊपरी और 17008.77 के निचले स्तर को छुआ। निफ्टी ने 5243.85 के ऊपरी जबकि 5171.75 के निचले स्तर तक कारोबार किया। सेंसेक्स में शामिल विप्रो (1.97 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.52 फीसदी), बजाज ऑटो (1.13 फीसदी), डीएलएफ (1.09 फीसदी) और इंफोसिस (1.07 फीसदी) के शेयरों में एक फीसदी से अधिक की तेजी जबकि स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (3.95 फीसदी), एनटीपीसी (2.41 फीसदी), आरआईएल (1.94 फीसदी), भारती एयरटेल (1.91 फीसदी), भेल (1.85 फीसदी) और जिंदल स्टील (1.78 फीसदी) के शेयरों में डेढ़ फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के कुल 13 में से छह सेक्टरों में गिरावट जबकि सात में तेजी देखी गई। रियल्टी (0.90 फीसदी), आईटी (0.78 फीसदी) और बैंकिंग (0.69 फीसदी) सेक्टर में आधा फीसदी से अधिक की तेजी जबकि धातु (1.51 फीसदी), तेल एवं गैस (1.51 फीसदी), पीएसयू (0.95 फीसदी) और बिजली (0.52 फीसदी) की गिरावट दर्ज की गई। टिप्पणियां बीएसई में कारोबार का रुख नकारात्मक रहा। कुल 1141 कम्पनियों के शेयरों में तेजी जबकि 1690 कम्पनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप एवं स्मॉलकैप में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 4.92 अंकों की गिरावट के साथ 6196.55 पर जबकि स्मॉलकैप 40.82 अंकों की गिरावट के साथ 6659.37 पर बंद हुआ। बुधवार को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 46.11 अंकों की गिरावट के साथ 17,127.18 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 15.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,207.05 पर खुला। सेंसेक्स ने 17239.35 के ऊपरी और 17008.77 के निचले स्तर को छुआ। निफ्टी ने 5243.85 के ऊपरी जबकि 5171.75 के निचले स्तर तक कारोबार किया। सेंसेक्स में शामिल विप्रो (1.97 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.52 फीसदी), बजाज ऑटो (1.13 फीसदी), डीएलएफ (1.09 फीसदी) और इंफोसिस (1.07 फीसदी) के शेयरों में एक फीसदी से अधिक की तेजी जबकि स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (3.95 फीसदी), एनटीपीसी (2.41 फीसदी), आरआईएल (1.94 फीसदी), भारती एयरटेल (1.91 फीसदी), भेल (1.85 फीसदी) और जिंदल स्टील (1.78 फीसदी) के शेयरों में डेढ़ फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के कुल 13 में से छह सेक्टरों में गिरावट जबकि सात में तेजी देखी गई। रियल्टी (0.90 फीसदी), आईटी (0.78 फीसदी) और बैंकिंग (0.69 फीसदी) सेक्टर में आधा फीसदी से अधिक की तेजी जबकि धातु (1.51 फीसदी), तेल एवं गैस (1.51 फीसदी), पीएसयू (0.95 फीसदी) और बिजली (0.52 फीसदी) की गिरावट दर्ज की गई। टिप्पणियां बीएसई में कारोबार का रुख नकारात्मक रहा। कुल 1141 कम्पनियों के शेयरों में तेजी जबकि 1690 कम्पनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप एवं स्मॉलकैप में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 4.92 अंकों की गिरावट के साथ 6196.55 पर जबकि स्मॉलकैप 40.82 अंकों की गिरावट के साथ 6659.37 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल विप्रो (1.97 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.52 फीसदी), बजाज ऑटो (1.13 फीसदी), डीएलएफ (1.09 फीसदी) और इंफोसिस (1.07 फीसदी) के शेयरों में एक फीसदी से अधिक की तेजी जबकि स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (3.95 फीसदी), एनटीपीसी (2.41 फीसदी), आरआईएल (1.94 फीसदी), भारती एयरटेल (1.91 फीसदी), भेल (1.85 फीसदी) और जिंदल स्टील (1.78 फीसदी) के शेयरों में डेढ़ फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के कुल 13 में से छह सेक्टरों में गिरावट जबकि सात में तेजी देखी गई। रियल्टी (0.90 फीसदी), आईटी (0.78 फीसदी) और बैंकिंग (0.69 फीसदी) सेक्टर में आधा फीसदी से अधिक की तेजी जबकि धातु (1.51 फीसदी), तेल एवं गैस (1.51 फीसदी), पीएसयू (0.95 फीसदी) और बिजली (0.52 फीसदी) की गिरावट दर्ज की गई। टिप्पणियां बीएसई में कारोबार का रुख नकारात्मक रहा। कुल 1141 कम्पनियों के शेयरों में तेजी जबकि 1690 कम्पनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप एवं स्मॉलकैप में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 4.92 अंकों की गिरावट के साथ 6196.55 पर जबकि स्मॉलकैप 40.82 अंकों की गिरावट के साथ 6659.37 पर बंद हुआ। बीएसई के कुल 13 में से छह सेक्टरों में गिरावट जबकि सात में तेजी देखी गई। रियल्टी (0.90 फीसदी), आईटी (0.78 फीसदी) और बैंकिंग (0.69 फीसदी) सेक्टर में आधा फीसदी से अधिक की तेजी जबकि धातु (1.51 फीसदी), तेल एवं गैस (1.51 फीसदी), पीएसयू (0.95 फीसदी) और बिजली (0.52 फीसदी) की गिरावट दर्ज की गई। टिप्पणियां बीएसई में कारोबार का रुख नकारात्मक रहा। कुल 1141 कम्पनियों के शेयरों में तेजी जबकि 1690 कम्पनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप एवं स्मॉलकैप में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 4.92 अंकों की गिरावट के साथ 6196.55 पर जबकि स्मॉलकैप 40.82 अंकों की गिरावट के साथ 6659.37 पर बंद हुआ। बीएसई में कारोबार का रुख नकारात्मक रहा। कुल 1141 कम्पनियों के शेयरों में तेजी जबकि 1690 कम्पनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप एवं स्मॉलकैप में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 4.92 अंकों की गिरावट के साथ 6196.55 पर जबकि स्मॉलकैप 40.82 अंकों की गिरावट के साथ 6659.37 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप एवं स्मॉलकैप में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 4.92 अंकों की गिरावट के साथ 6196.55 पर जबकि स्मॉलकैप 40.82 अंकों की गिरावट के साथ 6659.37 पर बंद हुआ।
यहाँ एक सारांश है:सेंसेक्स 27.77 अंकों की गिरावट के साथ 17,145.52 पर जबकि निफ्टी 1.95 अंकों की गिरावट के साथ 5,207.05 पर बंद हुआ।
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['hin']
एक सारांश बनाओ: शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष और बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे गुरुवार देर रात अचानक मातोश्री से बाहर निकले और शिवसैनिकों से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि लोगों की दुआएं असर ला रही हैं और बाला साहेब की तबीयत में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने लोगों से दुआ करने की और संयम बरतने की भी अपील की। इससे पहले शिवसेना नेता सुभाष देसाई ने बताया था कि बाला साहब की हालत में सुधार है और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटा दिया गया। बुधवार रात उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा। सुबह शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी कहा था कि डॉक्टरों के उपचार का बाला साहब पर असर हो रहा है और घबराने की कोई बात नहीं है। इस बीच, मुंबई में अधिकतर स्थानों पर दुकानें बंद हैं। राज्य भर में पुलिस बलों को सतर्क रहने को कहा गया है। बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे ने मातोश्री जाकर बाल ठाकरे के स्वास्थ्य की जानकारी ली और बाहर आकर उन्होंने भी कहा कि बाला साहब की हालत रात से बेहतर है। बाल ठाकरे के घर मातोश्री में उनका हालचाल जानने के लिए तमाम बड़ी हस्तियां पहुंच रही हैं। सुबह गोपीनाथ मुंडे और मनोहर जोशी बाल ठाकरे का हाल पूछने पहुंचे और उम्मीद जताई कि बाल ठाकरे जरूर ठीक हो जाएंगे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री शरद पवार भी मातोश्री पहुंचे। इसके बाद कई फिल्मी सितारे और दिग्गज नेता ठाकरे के घर मातोश्री गए। इस बीच, मुंबई की सड़कें सूनी पड़ी हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मुंबई दौरा भी रद्द हो गया है, लेकिन मातोश्री के बाहर शिवसैनिकों की भीड़ जमा है। मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने बाल ठाकरे की सेहत को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, बाला साहेब ठाकरे की गंभीर सेहत को लेकर मैं काफी परेशान और चिंतित हूं, जो मेरे लिए परिवार के सदस्य की तरह थे। इसे देखते हुए मैं कुछ दिन बाद अपनी संगीत कंपनी का एक कार्यक्रम टाल रही हूं। बाला साहेब और उनके पूरे परिवार के साथ मेरी दुआएं हैं। मातोश्री में कल देर रात बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है और बाल ठाकरे पर इलाज का असर हो रहा है। रात करीब दो बजे अपने घर मातोश्री से बाहर निकलकर उद्धव ने स्पीकर के जरिये ये जानकारी दी। इससे पहले बाल ठाकरे की सेहत का हाल जानने के लिए लोगों और मीडिया का जमावड़ा मातोश्री के बाहर जुट गया। उद्धव ने घर के बाहर खड़ी जनता से कहा कि वे संयम रखें।टिप्पणियां वहीं बाल ठाकरे से मिलने कई हस्तियां मातोश्री पहुंची, जिसमें अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन और संजय दत्त शामिल हैं। ठाकरे (86) का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उनकी स्थिति 'अत्यंत गंभीर' है। अपने नेता की हालत गंभीर होने की खबर मिलते ही शिवसेना कार्यकर्ता उनके आवास ‘मातोश्री’ के बाहर जमा होने लगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहब जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी है। उद्धव ने लोगों से शांति बनाए रखने और बाल ठाकरे के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की। मातोश्री के बाहर शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, ठाकरे की हालत को स्थिर बनाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी कुछ और जांच की जा रही है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और परिवार के नजदीकी सदस्य भी देर रात मातोश्री पहुंचे थे। इससे पहले शिवसेना नेता सुभाष देसाई ने बताया था कि बाला साहब की हालत में सुधार है और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटा दिया गया। बुधवार रात उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा। सुबह शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी कहा था कि डॉक्टरों के उपचार का बाला साहब पर असर हो रहा है और घबराने की कोई बात नहीं है। इस बीच, मुंबई में अधिकतर स्थानों पर दुकानें बंद हैं। राज्य भर में पुलिस बलों को सतर्क रहने को कहा गया है। बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे ने मातोश्री जाकर बाल ठाकरे के स्वास्थ्य की जानकारी ली और बाहर आकर उन्होंने भी कहा कि बाला साहब की हालत रात से बेहतर है। बाल ठाकरे के घर मातोश्री में उनका हालचाल जानने के लिए तमाम बड़ी हस्तियां पहुंच रही हैं। सुबह गोपीनाथ मुंडे और मनोहर जोशी बाल ठाकरे का हाल पूछने पहुंचे और उम्मीद जताई कि बाल ठाकरे जरूर ठीक हो जाएंगे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री शरद पवार भी मातोश्री पहुंचे। इसके बाद कई फिल्मी सितारे और दिग्गज नेता ठाकरे के घर मातोश्री गए। इस बीच, मुंबई की सड़कें सूनी पड़ी हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मुंबई दौरा भी रद्द हो गया है, लेकिन मातोश्री के बाहर शिवसैनिकों की भीड़ जमा है। मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने बाल ठाकरे की सेहत को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, बाला साहेब ठाकरे की गंभीर सेहत को लेकर मैं काफी परेशान और चिंतित हूं, जो मेरे लिए परिवार के सदस्य की तरह थे। इसे देखते हुए मैं कुछ दिन बाद अपनी संगीत कंपनी का एक कार्यक्रम टाल रही हूं। बाला साहेब और उनके पूरे परिवार के साथ मेरी दुआएं हैं। मातोश्री में कल देर रात बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है और बाल ठाकरे पर इलाज का असर हो रहा है। रात करीब दो बजे अपने घर मातोश्री से बाहर निकलकर उद्धव ने स्पीकर के जरिये ये जानकारी दी। इससे पहले बाल ठाकरे की सेहत का हाल जानने के लिए लोगों और मीडिया का जमावड़ा मातोश्री के बाहर जुट गया। उद्धव ने घर के बाहर खड़ी जनता से कहा कि वे संयम रखें।टिप्पणियां वहीं बाल ठाकरे से मिलने कई हस्तियां मातोश्री पहुंची, जिसमें अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन और संजय दत्त शामिल हैं। ठाकरे (86) का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उनकी स्थिति 'अत्यंत गंभीर' है। अपने नेता की हालत गंभीर होने की खबर मिलते ही शिवसेना कार्यकर्ता उनके आवास ‘मातोश्री’ के बाहर जमा होने लगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहब जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी है। उद्धव ने लोगों से शांति बनाए रखने और बाल ठाकरे के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की। मातोश्री के बाहर शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, ठाकरे की हालत को स्थिर बनाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी कुछ और जांच की जा रही है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और परिवार के नजदीकी सदस्य भी देर रात मातोश्री पहुंचे थे। इस बीच, मुंबई में अधिकतर स्थानों पर दुकानें बंद हैं। राज्य भर में पुलिस बलों को सतर्क रहने को कहा गया है। बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे ने मातोश्री जाकर बाल ठाकरे के स्वास्थ्य की जानकारी ली और बाहर आकर उन्होंने भी कहा कि बाला साहब की हालत रात से बेहतर है। बाल ठाकरे के घर मातोश्री में उनका हालचाल जानने के लिए तमाम बड़ी हस्तियां पहुंच रही हैं। सुबह गोपीनाथ मुंडे और मनोहर जोशी बाल ठाकरे का हाल पूछने पहुंचे और उम्मीद जताई कि बाल ठाकरे जरूर ठीक हो जाएंगे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री शरद पवार भी मातोश्री पहुंचे। इसके बाद कई फिल्मी सितारे और दिग्गज नेता ठाकरे के घर मातोश्री गए। इस बीच, मुंबई की सड़कें सूनी पड़ी हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मुंबई दौरा भी रद्द हो गया है, लेकिन मातोश्री के बाहर शिवसैनिकों की भीड़ जमा है। मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने बाल ठाकरे की सेहत को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, बाला साहेब ठाकरे की गंभीर सेहत को लेकर मैं काफी परेशान और चिंतित हूं, जो मेरे लिए परिवार के सदस्य की तरह थे। इसे देखते हुए मैं कुछ दिन बाद अपनी संगीत कंपनी का एक कार्यक्रम टाल रही हूं। बाला साहेब और उनके पूरे परिवार के साथ मेरी दुआएं हैं। मातोश्री में कल देर रात बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है और बाल ठाकरे पर इलाज का असर हो रहा है। रात करीब दो बजे अपने घर मातोश्री से बाहर निकलकर उद्धव ने स्पीकर के जरिये ये जानकारी दी। इससे पहले बाल ठाकरे की सेहत का हाल जानने के लिए लोगों और मीडिया का जमावड़ा मातोश्री के बाहर जुट गया। उद्धव ने घर के बाहर खड़ी जनता से कहा कि वे संयम रखें।टिप्पणियां वहीं बाल ठाकरे से मिलने कई हस्तियां मातोश्री पहुंची, जिसमें अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन और संजय दत्त शामिल हैं। ठाकरे (86) का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उनकी स्थिति 'अत्यंत गंभीर' है। अपने नेता की हालत गंभीर होने की खबर मिलते ही शिवसेना कार्यकर्ता उनके आवास ‘मातोश्री’ के बाहर जमा होने लगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहब जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी है। उद्धव ने लोगों से शांति बनाए रखने और बाल ठाकरे के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की। मातोश्री के बाहर शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, ठाकरे की हालत को स्थिर बनाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी कुछ और जांच की जा रही है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और परिवार के नजदीकी सदस्य भी देर रात मातोश्री पहुंचे थे। बाल ठाकरे के घर मातोश्री में उनका हालचाल जानने के लिए तमाम बड़ी हस्तियां पहुंच रही हैं। सुबह गोपीनाथ मुंडे और मनोहर जोशी बाल ठाकरे का हाल पूछने पहुंचे और उम्मीद जताई कि बाल ठाकरे जरूर ठीक हो जाएंगे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री शरद पवार भी मातोश्री पहुंचे। इसके बाद कई फिल्मी सितारे और दिग्गज नेता ठाकरे के घर मातोश्री गए। इस बीच, मुंबई की सड़कें सूनी पड़ी हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मुंबई दौरा भी रद्द हो गया है, लेकिन मातोश्री के बाहर शिवसैनिकों की भीड़ जमा है। मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने बाल ठाकरे की सेहत को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, बाला साहेब ठाकरे की गंभीर सेहत को लेकर मैं काफी परेशान और चिंतित हूं, जो मेरे लिए परिवार के सदस्य की तरह थे। इसे देखते हुए मैं कुछ दिन बाद अपनी संगीत कंपनी का एक कार्यक्रम टाल रही हूं। बाला साहेब और उनके पूरे परिवार के साथ मेरी दुआएं हैं। मातोश्री में कल देर रात बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है और बाल ठाकरे पर इलाज का असर हो रहा है। रात करीब दो बजे अपने घर मातोश्री से बाहर निकलकर उद्धव ने स्पीकर के जरिये ये जानकारी दी। इससे पहले बाल ठाकरे की सेहत का हाल जानने के लिए लोगों और मीडिया का जमावड़ा मातोश्री के बाहर जुट गया। उद्धव ने घर के बाहर खड़ी जनता से कहा कि वे संयम रखें।टिप्पणियां वहीं बाल ठाकरे से मिलने कई हस्तियां मातोश्री पहुंची, जिसमें अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन और संजय दत्त शामिल हैं। ठाकरे (86) का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उनकी स्थिति 'अत्यंत गंभीर' है। अपने नेता की हालत गंभीर होने की खबर मिलते ही शिवसेना कार्यकर्ता उनके आवास ‘मातोश्री’ के बाहर जमा होने लगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहब जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी है। उद्धव ने लोगों से शांति बनाए रखने और बाल ठाकरे के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की। मातोश्री के बाहर शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, ठाकरे की हालत को स्थिर बनाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी कुछ और जांच की जा रही है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और परिवार के नजदीकी सदस्य भी देर रात मातोश्री पहुंचे थे। इस बीच, मुंबई की सड़कें सूनी पड़ी हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मुंबई दौरा भी रद्द हो गया है, लेकिन मातोश्री के बाहर शिवसैनिकों की भीड़ जमा है। मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने बाल ठाकरे की सेहत को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, बाला साहेब ठाकरे की गंभीर सेहत को लेकर मैं काफी परेशान और चिंतित हूं, जो मेरे लिए परिवार के सदस्य की तरह थे। इसे देखते हुए मैं कुछ दिन बाद अपनी संगीत कंपनी का एक कार्यक्रम टाल रही हूं। बाला साहेब और उनके पूरे परिवार के साथ मेरी दुआएं हैं। मातोश्री में कल देर रात बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है और बाल ठाकरे पर इलाज का असर हो रहा है। रात करीब दो बजे अपने घर मातोश्री से बाहर निकलकर उद्धव ने स्पीकर के जरिये ये जानकारी दी। इससे पहले बाल ठाकरे की सेहत का हाल जानने के लिए लोगों और मीडिया का जमावड़ा मातोश्री के बाहर जुट गया। उद्धव ने घर के बाहर खड़ी जनता से कहा कि वे संयम रखें।टिप्पणियां वहीं बाल ठाकरे से मिलने कई हस्तियां मातोश्री पहुंची, जिसमें अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन और संजय दत्त शामिल हैं। ठाकरे (86) का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उनकी स्थिति 'अत्यंत गंभीर' है। अपने नेता की हालत गंभीर होने की खबर मिलते ही शिवसेना कार्यकर्ता उनके आवास ‘मातोश्री’ के बाहर जमा होने लगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहब जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी है। उद्धव ने लोगों से शांति बनाए रखने और बाल ठाकरे के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की। मातोश्री के बाहर शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, ठाकरे की हालत को स्थिर बनाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी कुछ और जांच की जा रही है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और परिवार के नजदीकी सदस्य भी देर रात मातोश्री पहुंचे थे। मातोश्री में कल देर रात बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है और बाल ठाकरे पर इलाज का असर हो रहा है। रात करीब दो बजे अपने घर मातोश्री से बाहर निकलकर उद्धव ने स्पीकर के जरिये ये जानकारी दी। इससे पहले बाल ठाकरे की सेहत का हाल जानने के लिए लोगों और मीडिया का जमावड़ा मातोश्री के बाहर जुट गया। उद्धव ने घर के बाहर खड़ी जनता से कहा कि वे संयम रखें।टिप्पणियां वहीं बाल ठाकरे से मिलने कई हस्तियां मातोश्री पहुंची, जिसमें अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन और संजय दत्त शामिल हैं। ठाकरे (86) का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उनकी स्थिति 'अत्यंत गंभीर' है। अपने नेता की हालत गंभीर होने की खबर मिलते ही शिवसेना कार्यकर्ता उनके आवास ‘मातोश्री’ के बाहर जमा होने लगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहब जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी है। उद्धव ने लोगों से शांति बनाए रखने और बाल ठाकरे के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की। मातोश्री के बाहर शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, ठाकरे की हालत को स्थिर बनाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी कुछ और जांच की जा रही है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और परिवार के नजदीकी सदस्य भी देर रात मातोश्री पहुंचे थे। वहीं बाल ठाकरे से मिलने कई हस्तियां मातोश्री पहुंची, जिसमें अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन और संजय दत्त शामिल हैं। ठाकरे (86) का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उनकी स्थिति 'अत्यंत गंभीर' है। अपने नेता की हालत गंभीर होने की खबर मिलते ही शिवसेना कार्यकर्ता उनके आवास ‘मातोश्री’ के बाहर जमा होने लगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहब जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी है। उद्धव ने लोगों से शांति बनाए रखने और बाल ठाकरे के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की। मातोश्री के बाहर शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, ठाकरे की हालत को स्थिर बनाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी कुछ और जांच की जा रही है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और परिवार के नजदीकी सदस्य भी देर रात मातोश्री पहुंचे थे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहब जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उन्होंने भी हिम्मत नहीं हारी है। उद्धव ने लोगों से शांति बनाए रखने और बाल ठाकरे के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की। मातोश्री के बाहर शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, ठाकरे की हालत को स्थिर बनाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी कुछ और जांच की जा रही है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और परिवार के नजदीकी सदस्य भी देर रात मातोश्री पहुंचे थे।
संक्षिप्त सारांश: शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष और बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोगों की दुआएं असर ला रही हैं और बाला साहेब की तबीयत में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने लोगों से दुआ करने की और संयम बरतने की भी अपील की।
8
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: सर्वोच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और राज्यसभा सदस्य अमर सिंह को अदालत का समय बर्बाद करने के लिए बुधवार को आड़े हाथों लिया। ज्ञात हो कि अमर सिंह ने अपने उस आरोप को वापस ले लिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2005 में उनकी टेलीफोन वार्ता टैप करने के पीछे कांग्रेस पार्टी का हाथ था। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ ने कहा, "क्या इस अदालत के लिए यह उचित है कि वह फर्जी दस्तावेजों पर आधारित याचिका पर अपना समय बर्बाद करे?" पीठ ने कहा, "अदालत आपके हलफनामे से पीड़ित है। यह मामला अदालत का ध्यान बंटा रहा है। आपकी याचिका पर अदालत का कितना समय बर्बाद हुआ है। और अब आपकी याचिका के एक प्रमुख हिस्से को वापस लिया जा रहा है। यहां न्यायाधीशों के पास बहुत काम है। लेकिन देखिए तो, यहां किस तरीके से व्यवहार किया जा रहा है।" सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी तब की है, जब सिंह ने एक हलफनामा दायर कर पूर्व के अपने उस आरोप को वापस ले लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2005 में कांग्रेस के कहने पर सरकार ने उनकी टेलीफोन वार्ता टैप की थी। उल्लेखनीय है कि फोन टैपिंग की घटना की जांच के दौरान यह पाया गया था कि फोन सेवा प्रदान करने वाली एक कम्पनी का एक कर्मचारी अनधिकृत तरीके से सिंह का फोन टैप करने में लिप्त था। इस काम के लिए उसके पास दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार द्वारा जारी दो कथित पत्र उपलब्ध थे। अमर सिंह 2006 में इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय चले गए थे। उन्होंने टेलीफोन वार्ता मीडिया में प्रकाशित होने से रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से मांग की थी।
यहाँ एक सारांश है:सर्वोच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और राज्यसभा सदस्य अमर सिंह को अदालत का समय बर्बाद करने के लिए आड़े हाथों लिया।
17
['hin']
एक सारांश बनाओ: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कैग (सीएजी) के पूर्व  अधिकारी आरपी सिंह के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पीएसी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें किसी भी अधिकारी को बुलाने और उनसे जानकारी लेने का अधिकार है। आरपी सिंह ने आरोप लगाया है कि जोशी ने 2जी पर रिपोर्ट तैयार किए जाने के समय कैग से संपर्क किया था और उनका व्यवहार अनैतिक था। यह पूछे जाने पर क्या वह इस बात को इनकार रहे हैं कि 26 अप्रैल को कैग के अधिकारी उनसे मिलने आए थे, जोशी ने एनडीटीवी से कहा, बिल्कुल... जब मैं लोगों को बुलाता हूं, तभी वे मुझसे मिलने आते हैं। मुझे किसी भी अधिकारी को बुलाने का हक है। सिर्फ कैग के अफसरों को ही नहीं, मैं किसी भी अफसर को बुला सकता हूं। जोशी ने कहा, मैं अफसरों को बुलाता रहा हूं और उन्हें विभिन्न चीजों के बारे में मुझे जानकारी देनी होती है। अगर मुझे किसी फाइल की जरूरत होती है, तो कैग के अधिकारी आते हैं और मुझे फाइल दिखाते हैं। मुझे रिपोर्ट के आधार पर जानकारी की जरूरत होती है। मैं जिन्हें बुलाता हूं, वे आते हैं। लेकिन मैं यह बता नहीं सकता हूं कि नियत तारीख को कौन आया और कौन नहीं, लेकिन आरपी सिंह वहां मौजूद नहीं थे और उन्होंने खुद भी यह कहा है...फिर भला वह यह कैसे जाने कि कोई मीटिंग हुई और लोग आए थे। आरपी सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी में 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक पहले आओ, पहले पाओ की नीति के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन में 37 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसकी पूरी तरह से भरपाई संभव थी। आरपी सिंह ने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों के आदेश पर 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की बात कहने वाली रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने पड़े थे। सरकार शुरू से कैग के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाती रही है।टिप्पणियां मुरली मनोहन जोशी ने कहा, दूरसंचार मंत्रालय की ऑडिट के बाद पीएसी की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जो कार्य मेरे अधीन था। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया था, लेकिन मेरी रिपोर्ट में नुकसान के आंकड़े नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष भी उन्होंने (आरपी सिंह) इस विषय पर कुछ नहीं कहा, लेकिन अब वे यह सब क्यों कह रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है। जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे, लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया, तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है। आरपी सिंह ने आरोप लगाया है कि जोशी ने 2जी पर रिपोर्ट तैयार किए जाने के समय कैग से संपर्क किया था और उनका व्यवहार अनैतिक था। यह पूछे जाने पर क्या वह इस बात को इनकार रहे हैं कि 26 अप्रैल को कैग के अधिकारी उनसे मिलने आए थे, जोशी ने एनडीटीवी से कहा, बिल्कुल... जब मैं लोगों को बुलाता हूं, तभी वे मुझसे मिलने आते हैं। मुझे किसी भी अधिकारी को बुलाने का हक है। सिर्फ कैग के अफसरों को ही नहीं, मैं किसी भी अफसर को बुला सकता हूं। जोशी ने कहा, मैं अफसरों को बुलाता रहा हूं और उन्हें विभिन्न चीजों के बारे में मुझे जानकारी देनी होती है। अगर मुझे किसी फाइल की जरूरत होती है, तो कैग के अधिकारी आते हैं और मुझे फाइल दिखाते हैं। मुझे रिपोर्ट के आधार पर जानकारी की जरूरत होती है। मैं जिन्हें बुलाता हूं, वे आते हैं। लेकिन मैं यह बता नहीं सकता हूं कि नियत तारीख को कौन आया और कौन नहीं, लेकिन आरपी सिंह वहां मौजूद नहीं थे और उन्होंने खुद भी यह कहा है...फिर भला वह यह कैसे जाने कि कोई मीटिंग हुई और लोग आए थे। आरपी सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी में 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक पहले आओ, पहले पाओ की नीति के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन में 37 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसकी पूरी तरह से भरपाई संभव थी। आरपी सिंह ने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों के आदेश पर 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की बात कहने वाली रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने पड़े थे। सरकार शुरू से कैग के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाती रही है।टिप्पणियां मुरली मनोहन जोशी ने कहा, दूरसंचार मंत्रालय की ऑडिट के बाद पीएसी की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जो कार्य मेरे अधीन था। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया था, लेकिन मेरी रिपोर्ट में नुकसान के आंकड़े नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष भी उन्होंने (आरपी सिंह) इस विषय पर कुछ नहीं कहा, लेकिन अब वे यह सब क्यों कह रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है। जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे, लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया, तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है। यह पूछे जाने पर क्या वह इस बात को इनकार रहे हैं कि 26 अप्रैल को कैग के अधिकारी उनसे मिलने आए थे, जोशी ने एनडीटीवी से कहा, बिल्कुल... जब मैं लोगों को बुलाता हूं, तभी वे मुझसे मिलने आते हैं। मुझे किसी भी अधिकारी को बुलाने का हक है। सिर्फ कैग के अफसरों को ही नहीं, मैं किसी भी अफसर को बुला सकता हूं। जोशी ने कहा, मैं अफसरों को बुलाता रहा हूं और उन्हें विभिन्न चीजों के बारे में मुझे जानकारी देनी होती है। अगर मुझे किसी फाइल की जरूरत होती है, तो कैग के अधिकारी आते हैं और मुझे फाइल दिखाते हैं। मुझे रिपोर्ट के आधार पर जानकारी की जरूरत होती है। मैं जिन्हें बुलाता हूं, वे आते हैं। लेकिन मैं यह बता नहीं सकता हूं कि नियत तारीख को कौन आया और कौन नहीं, लेकिन आरपी सिंह वहां मौजूद नहीं थे और उन्होंने खुद भी यह कहा है...फिर भला वह यह कैसे जाने कि कोई मीटिंग हुई और लोग आए थे। आरपी सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी में 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक पहले आओ, पहले पाओ की नीति के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन में 37 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसकी पूरी तरह से भरपाई संभव थी। आरपी सिंह ने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों के आदेश पर 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की बात कहने वाली रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने पड़े थे। सरकार शुरू से कैग के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाती रही है।टिप्पणियां मुरली मनोहन जोशी ने कहा, दूरसंचार मंत्रालय की ऑडिट के बाद पीएसी की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जो कार्य मेरे अधीन था। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया था, लेकिन मेरी रिपोर्ट में नुकसान के आंकड़े नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष भी उन्होंने (आरपी सिंह) इस विषय पर कुछ नहीं कहा, लेकिन अब वे यह सब क्यों कह रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है। जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे, लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया, तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है। जोशी ने कहा, मैं अफसरों को बुलाता रहा हूं और उन्हें विभिन्न चीजों के बारे में मुझे जानकारी देनी होती है। अगर मुझे किसी फाइल की जरूरत होती है, तो कैग के अधिकारी आते हैं और मुझे फाइल दिखाते हैं। मुझे रिपोर्ट के आधार पर जानकारी की जरूरत होती है। मैं जिन्हें बुलाता हूं, वे आते हैं। लेकिन मैं यह बता नहीं सकता हूं कि नियत तारीख को कौन आया और कौन नहीं, लेकिन आरपी सिंह वहां मौजूद नहीं थे और उन्होंने खुद भी यह कहा है...फिर भला वह यह कैसे जाने कि कोई मीटिंग हुई और लोग आए थे। आरपी सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी में 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक पहले आओ, पहले पाओ की नीति के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन में 37 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसकी पूरी तरह से भरपाई संभव थी। आरपी सिंह ने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों के आदेश पर 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की बात कहने वाली रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने पड़े थे। सरकार शुरू से कैग के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाती रही है।टिप्पणियां मुरली मनोहन जोशी ने कहा, दूरसंचार मंत्रालय की ऑडिट के बाद पीएसी की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जो कार्य मेरे अधीन था। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया था, लेकिन मेरी रिपोर्ट में नुकसान के आंकड़े नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष भी उन्होंने (आरपी सिंह) इस विषय पर कुछ नहीं कहा, लेकिन अब वे यह सब क्यों कह रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है। जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे, लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया, तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है। आरपी सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी में 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक पहले आओ, पहले पाओ की नीति के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन में 37 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसकी पूरी तरह से भरपाई संभव थी। आरपी सिंह ने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों के आदेश पर 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की बात कहने वाली रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने पड़े थे। सरकार शुरू से कैग के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाती रही है।टिप्पणियां मुरली मनोहन जोशी ने कहा, दूरसंचार मंत्रालय की ऑडिट के बाद पीएसी की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जो कार्य मेरे अधीन था। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया था, लेकिन मेरी रिपोर्ट में नुकसान के आंकड़े नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष भी उन्होंने (आरपी सिंह) इस विषय पर कुछ नहीं कहा, लेकिन अब वे यह सब क्यों कह रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है। जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे, लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया, तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है। मुरली मनोहन जोशी ने कहा, दूरसंचार मंत्रालय की ऑडिट के बाद पीएसी की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जो कार्य मेरे अधीन था। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया था, लेकिन मेरी रिपोर्ट में नुकसान के आंकड़े नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष भी उन्होंने (आरपी सिंह) इस विषय पर कुछ नहीं कहा, लेकिन अब वे यह सब क्यों कह रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है। जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे, लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया, तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है। जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे, लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया, तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है।
यह एक सारांश है: बीजेपी नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कैग के पूर्व अधिकारी आरपी सिंह के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पीएसी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें किसी भी अधिकारी को बुलाने और उनसे जानकारी लेने का अधिकार है।
21
['hin']
एक सारांश बनाओ: उद्योग मंडल एसोचैम ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर अपने सहयोगियों के कामकाज को महत्व देने को लेकर एक मजबूत संदेश दिया है, जिसका मकसद राजकाज की गुणवत्ता में सुधार है। एसोचैम ने कहा कि ऐसे समय में जब देश वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है, आतंकवाद और ब्रिटेन एवं यूरोपीय संघ में राजनीतिक उथल-पुथल से भू-राजनीतिक जोखिम है, उद्योग जगत प्रधानमंत्री की मजबूत नेतृत्व क्षमता से उत्साहित है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा, 'एनडीए सरकार अपने कार्यकाल के आधे समय के करीब पहुंच चुकी है, ऐसे में हाल में कपड़ा पैकेज, एफडीआई नियमों को उदार बनाने समेत मंत्रिमंडल में फेरबदल कर प्रधानमंत्री ने उन लोगों को जवाब दिया है, जो यह मान रहे थे नरेंद्र मोदी सरकार सुधारों की गति को आगे नहीं बढ़ा पाएगी...।’’ उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी विधेयक आगामी मॉनसून सत्र में पारित हो जाता है, तो इससे व्यापार धारणा काफी मजबूत होगी।टिप्पणियां एसोचैम ने कहा कि उसे आने वाले दिनों में कई नए उपायों तथा निर्णयों की अपेक्षा है, जिसमें नए रिजर्व बैंक के गवर्नर की नियुक्ति की घोषणा शामिल है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एसोचैम ने कहा कि ऐसे समय में जब देश वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है, आतंकवाद और ब्रिटेन एवं यूरोपीय संघ में राजनीतिक उथल-पुथल से भू-राजनीतिक जोखिम है, उद्योग जगत प्रधानमंत्री की मजबूत नेतृत्व क्षमता से उत्साहित है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा, 'एनडीए सरकार अपने कार्यकाल के आधे समय के करीब पहुंच चुकी है, ऐसे में हाल में कपड़ा पैकेज, एफडीआई नियमों को उदार बनाने समेत मंत्रिमंडल में फेरबदल कर प्रधानमंत्री ने उन लोगों को जवाब दिया है, जो यह मान रहे थे नरेंद्र मोदी सरकार सुधारों की गति को आगे नहीं बढ़ा पाएगी...।’’ उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी विधेयक आगामी मॉनसून सत्र में पारित हो जाता है, तो इससे व्यापार धारणा काफी मजबूत होगी।टिप्पणियां एसोचैम ने कहा कि उसे आने वाले दिनों में कई नए उपायों तथा निर्णयों की अपेक्षा है, जिसमें नए रिजर्व बैंक के गवर्नर की नियुक्ति की घोषणा शामिल है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा, 'एनडीए सरकार अपने कार्यकाल के आधे समय के करीब पहुंच चुकी है, ऐसे में हाल में कपड़ा पैकेज, एफडीआई नियमों को उदार बनाने समेत मंत्रिमंडल में फेरबदल कर प्रधानमंत्री ने उन लोगों को जवाब दिया है, जो यह मान रहे थे नरेंद्र मोदी सरकार सुधारों की गति को आगे नहीं बढ़ा पाएगी...।’’ उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी विधेयक आगामी मॉनसून सत्र में पारित हो जाता है, तो इससे व्यापार धारणा काफी मजबूत होगी।टिप्पणियां एसोचैम ने कहा कि उसे आने वाले दिनों में कई नए उपायों तथा निर्णयों की अपेक्षा है, जिसमें नए रिजर्व बैंक के गवर्नर की नियुक्ति की घोषणा शामिल है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एसोचैम ने कहा कि उसे आने वाले दिनों में कई नए उपायों तथा निर्णयों की अपेक्षा है, जिसमें नए रिजर्व बैंक के गवर्नर की नियुक्ति की घोषणा शामिल है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पीएम ने सहयोगियों के कामकाज को महत्व देने का मजबूत संदेश दिया : एसोचैम एसोचैम के मुताबिक सुधारों की गति आगे बढ़ेगी जीएसटी बिल पास हुआ तो व्यापार धारणा काफी मजबूत होगी
26
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: जिम्बाब्वे के खिलाफ रविवार को तीसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच के जरिये भारत पांच मैचों की शृंखला में विजयी बढ़त लेने के इरादे से उतरेगा। भारत ने अपने युवा बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर शृंखला में 2-0 से बढ़त बना ली है। वहीं पिछले दोनों मैचों में 200 से अधिक रन बनाकर जिम्बाब्वे ने भारतीय गेंदबाजों के लिए खतरे की घंटे बजा दी है। भारत के लिए गेंदबाजों का औसत प्रदर्शन चिंता का विषय बना हुआ है।टिप्पणियां आर विनय कुमार ने 18 ओवर में 106 रन दिए जबकि उन्हें सिर्फ एक ही विकेट मिल सका है। मोहम्मद शमी भी प्रभावित नहीं कर सके। भारत ने इस शृंखला के लिए अपने प्रमुख गेंदबाजों को आराम दिया है। जयदेव उनादकट ने दो मैचों में पांच विकेट लिए हैं। वहीं रविंद्र जडेजा ने किफायती गेंदबाजी की । भारत के भावी कप्तान माने जा रहे विराट कोहली और शानदार फार्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन एक एक शतक बना चुके हैं। अंबाती रायुडू और दिनेश कार्तिक ने भी अर्धशतक बनाया है। रोहित शर्मा और सुरेश रैना हालांकि नाकाम रहे। भारत ने अपने युवा बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर शृंखला में 2-0 से बढ़त बना ली है। वहीं पिछले दोनों मैचों में 200 से अधिक रन बनाकर जिम्बाब्वे ने भारतीय गेंदबाजों के लिए खतरे की घंटे बजा दी है। भारत के लिए गेंदबाजों का औसत प्रदर्शन चिंता का विषय बना हुआ है।टिप्पणियां आर विनय कुमार ने 18 ओवर में 106 रन दिए जबकि उन्हें सिर्फ एक ही विकेट मिल सका है। मोहम्मद शमी भी प्रभावित नहीं कर सके। भारत ने इस शृंखला के लिए अपने प्रमुख गेंदबाजों को आराम दिया है। जयदेव उनादकट ने दो मैचों में पांच विकेट लिए हैं। वहीं रविंद्र जडेजा ने किफायती गेंदबाजी की । भारत के भावी कप्तान माने जा रहे विराट कोहली और शानदार फार्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन एक एक शतक बना चुके हैं। अंबाती रायुडू और दिनेश कार्तिक ने भी अर्धशतक बनाया है। रोहित शर्मा और सुरेश रैना हालांकि नाकाम रहे। आर विनय कुमार ने 18 ओवर में 106 रन दिए जबकि उन्हें सिर्फ एक ही विकेट मिल सका है। मोहम्मद शमी भी प्रभावित नहीं कर सके। भारत ने इस शृंखला के लिए अपने प्रमुख गेंदबाजों को आराम दिया है। जयदेव उनादकट ने दो मैचों में पांच विकेट लिए हैं। वहीं रविंद्र जडेजा ने किफायती गेंदबाजी की । भारत के भावी कप्तान माने जा रहे विराट कोहली और शानदार फार्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन एक एक शतक बना चुके हैं। अंबाती रायुडू और दिनेश कार्तिक ने भी अर्धशतक बनाया है। रोहित शर्मा और सुरेश रैना हालांकि नाकाम रहे। भारत के भावी कप्तान माने जा रहे विराट कोहली और शानदार फार्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन एक एक शतक बना चुके हैं। अंबाती रायुडू और दिनेश कार्तिक ने भी अर्धशतक बनाया है। रोहित शर्मा और सुरेश रैना हालांकि नाकाम रहे।
संक्षिप्त सारांश: जिम्बाब्वे के खिलाफ रविवार को तीसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच के जरिये भारत पांच मैचों की शृंखला में विजयी बढ़त लेने के इरादे से उतरेगा।
23
['hin']
एक सारांश बनाओ: योग गुरु बाबा रामदेव ने भारत रत्न को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि आजादी के 70 साल में किसी सन्यासी को इसे नहीं दिया गया, जबकि कई संतों ने  समाज के लिए अतुलनीय योगदान दिया. यह पूछे जाने पर क्या इसको लेकर उनकी सरकार से शिकायत है, इस पर रामदेव ने कहा कि मैं ऐसा नहीं कह रहा मगर मैं इशारा कर रहा हूं.  2014 के इलेक्शन में बीजेपी को समर्थन देने वाले बाबा रामदेव ने हाल ही में दावा किया था कि अब उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली है. बीते दिनों यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे, उन्होंने कहा था- मैं क्यों करूंगा? कुंभ मेले में रविवार को बाबा रामदेव ने कहा- राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए जिन लोगों को भारत रत्न मिला है, उनके प्रति पूरा सम्मान है,  फिर भी एक भी भगवाधारी सन्यासी को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार क्यों नहीं मिला? बाबा रामदेव ने कहा- महर्षि दयानंद और स्वामी विवेकानंद का क्या देश के लिए योगदान किसी नेता या खिलाड़ियों से कम है. कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के संत शिवकुमार स्वामी के योगदान का भी बाबा रामदेव ने जिक्र किया, जिनका हाल में निधन हुआ है. बाबा रामदेव ने कहा- 'उन्होंने' मदर टेरेसा को  भारत रत्न दिया, क्योंकि वह ईसाई थीं. मगर उन्होंने अन्य सन्यासियों को नहीं दिया, क्योंकि वे हिंदू थे. रामदेव ने सवाल उठाते हुए कहा- क्या इस देश में हिंदू होना गुनाह है? मदर टेरेसा को को 1980 में भारत रत्न से नवाजा गया था. हालांकि रामदेव ने यह भी कहा कि वह धर्म के आधार पर भेदभाव करने का समर्थन नहीं करते हैं.  उन्होंने कहा कि उन सभी संतों को भारत रत्न मिलना चाहिए, जो देश और समाज के भले के लिए काम कर रहे हैं.  रामदेव का बयान ऐसे वक्त आया है, जब कर्नाटक में कांग्रेस नेताओं ने मरणोपरांत शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न देने की मांग उठाई है. उनका 111 साल की उम्र में पिछले हफ्ते निधन हो गया था.
सारांश: रामदेव ने भारत रत्न पर उठाए सवाल, कहा- किसी सन्यासी को क्यों नहीं मिला बाबा रामदेव बोले- ईसाई होने की वजह से मिला मदर टेरेसा को सम्मान बाबा रामदेव ने कहा- क्या देश में हिंदू होना गुनाह है?
5
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को तेजी रही। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 271.95 अंकों की तेजी के साथ 16,949.83 पर और निफ्टी 84.30 अंकों की तेजी के साथ 5,139.05 पर बंद हुआ। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 23.40 अंकों की तेजी के साथ 16,701.28 पर खुला। सेंसेक्स ने 16,967.76 के ऊपरी और 16,701.28 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 27 शेयरों में तेजी रही। टाटा मोटर्स (5.75 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.11 फीसदी), कोल इंडिया (2.72 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.70 फीसदी) और मारुति सुजुकी (2.70 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के तीन शेयरों स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (1.57 फीसदी), बजाज ऑटो (1.41 फीसदी) और ओएनजीसी (0.67 फीसदी) में गिरावट रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 14.80 अंकों की तेजी के साथ 5,069.55 पर खुला। निफ्टी ने 5,146.20 के ऊपरी और 5,069.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 33.91 अंकों की तेजी के साथ 5,958.50 पर और स्मॉलकैप 28.97 अंकों की तेजी के साथ 6,351.44 पर बंद हुआ।टिप्पणियां बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (2.57 फीसदी), बैंकिंग (2.19 फीसदी), रियल्टी (1.78 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.54 फीसदी) और तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.43 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1165 में गिरावट रही, जबकि 145 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 23.40 अंकों की तेजी के साथ 16,701.28 पर खुला। सेंसेक्स ने 16,967.76 के ऊपरी और 16,701.28 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 27 शेयरों में तेजी रही। टाटा मोटर्स (5.75 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.11 फीसदी), कोल इंडिया (2.72 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.70 फीसदी) और मारुति सुजुकी (2.70 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के तीन शेयरों स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (1.57 फीसदी), बजाज ऑटो (1.41 फीसदी) और ओएनजीसी (0.67 फीसदी) में गिरावट रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 14.80 अंकों की तेजी के साथ 5,069.55 पर खुला। निफ्टी ने 5,146.20 के ऊपरी और 5,069.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 33.91 अंकों की तेजी के साथ 5,958.50 पर और स्मॉलकैप 28.97 अंकों की तेजी के साथ 6,351.44 पर बंद हुआ।टिप्पणियां बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (2.57 फीसदी), बैंकिंग (2.19 फीसदी), रियल्टी (1.78 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.54 फीसदी) और तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.43 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1165 में गिरावट रही, जबकि 145 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। सेंसेक्स के 30 में से 27 शेयरों में तेजी रही। टाटा मोटर्स (5.75 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.11 फीसदी), कोल इंडिया (2.72 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.70 फीसदी) और मारुति सुजुकी (2.70 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के तीन शेयरों स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (1.57 फीसदी), बजाज ऑटो (1.41 फीसदी) और ओएनजीसी (0.67 फीसदी) में गिरावट रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 14.80 अंकों की तेजी के साथ 5,069.55 पर खुला। निफ्टी ने 5,146.20 के ऊपरी और 5,069.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 33.91 अंकों की तेजी के साथ 5,958.50 पर और स्मॉलकैप 28.97 अंकों की तेजी के साथ 6,351.44 पर बंद हुआ।टिप्पणियां बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (2.57 फीसदी), बैंकिंग (2.19 फीसदी), रियल्टी (1.78 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.54 फीसदी) और तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.43 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1165 में गिरावट रही, जबकि 145 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। सेंसेक्स के तीन शेयरों स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (1.57 फीसदी), बजाज ऑटो (1.41 फीसदी) और ओएनजीसी (0.67 फीसदी) में गिरावट रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 14.80 अंकों की तेजी के साथ 5,069.55 पर खुला। निफ्टी ने 5,146.20 के ऊपरी और 5,069.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 33.91 अंकों की तेजी के साथ 5,958.50 पर और स्मॉलकैप 28.97 अंकों की तेजी के साथ 6,351.44 पर बंद हुआ।टिप्पणियां बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (2.57 फीसदी), बैंकिंग (2.19 फीसदी), रियल्टी (1.78 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.54 फीसदी) और तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.43 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1165 में गिरावट रही, जबकि 145 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 14.80 अंकों की तेजी के साथ 5,069.55 पर खुला। निफ्टी ने 5,146.20 के ऊपरी और 5,069.15 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 33.91 अंकों की तेजी के साथ 5,958.50 पर और स्मॉलकैप 28.97 अंकों की तेजी के साथ 6,351.44 पर बंद हुआ।टिप्पणियां बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (2.57 फीसदी), बैंकिंग (2.19 फीसदी), रियल्टी (1.78 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.54 फीसदी) और तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.43 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1165 में गिरावट रही, जबकि 145 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 33.91 अंकों की तेजी के साथ 5,958.50 पर और स्मॉलकैप 28.97 अंकों की तेजी के साथ 6,351.44 पर बंद हुआ।टिप्पणियां बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (2.57 फीसदी), बैंकिंग (2.19 फीसदी), रियल्टी (1.78 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.54 फीसदी) और तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.43 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1165 में गिरावट रही, जबकि 145 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (2.57 फीसदी), बैंकिंग (2.19 फीसदी), रियल्टी (1.78 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.54 फीसदी) और तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.43 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1165 में गिरावट रही, जबकि 145 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1165 में गिरावट रही, जबकि 145 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
यहाँ एक सारांश है:देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को तेजी रही। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 271.95 अंकों की तेजी के साथ 16,949.83 पर और निफ्टी 84.30 अंकों की तेजी के साथ 5,139.05 पर बंद हुआ।
18
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के गांव छजलैट में एक परिवार पर झूठी शान के नाम पर हत्या का आरोप लगा है। गांववालों के मुताबिक, गांव के संजीव और अंजुम एक-दूसरे को चाहते थे, जिससे अंजुम के परिवारवाले नाराज थे। दोनों परिवारों के बीच इस बात को लेकर कई बार मारपीट भी हो चुकी थी।टिप्पणियां रविवार को अंजुम के परिवारवालों और संजीव के परिवार के बीच जमकर मारपीट हुई और अंजुम के परिवार ने उसे घर में बंद कर दिया। अचानक देर रात अंजुम के जहर खाने की बात उसके परिवार ने कही और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। उधर, संजीव के परिवार का आरोप है कि अंजुम के परिवार ने ही उसे जहर दिया है। अंजुम के जहर खाने की बात सुन संजीव भी घर से निकल गया और उसने भी जहर खाकर अपनी जान दे दी। संजीव के परिवार का यह आरोप भी है कि अंजुम के परिवार ने ही संजीव को जहर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। रविवार को अंजुम के परिवारवालों और संजीव के परिवार के बीच जमकर मारपीट हुई और अंजुम के परिवार ने उसे घर में बंद कर दिया। अचानक देर रात अंजुम के जहर खाने की बात उसके परिवार ने कही और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। उधर, संजीव के परिवार का आरोप है कि अंजुम के परिवार ने ही उसे जहर दिया है। अंजुम के जहर खाने की बात सुन संजीव भी घर से निकल गया और उसने भी जहर खाकर अपनी जान दे दी। संजीव के परिवार का यह आरोप भी है कि अंजुम के परिवार ने ही संजीव को जहर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। उधर, संजीव के परिवार का आरोप है कि अंजुम के परिवार ने ही उसे जहर दिया है। अंजुम के जहर खाने की बात सुन संजीव भी घर से निकल गया और उसने भी जहर खाकर अपनी जान दे दी। संजीव के परिवार का यह आरोप भी है कि अंजुम के परिवार ने ही संजीव को जहर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: गांववालों के मुताबिक, गांव के संजीव और अंजुम एक-दूसरे को चाहते थे, जिससे अंजुम के परिवारवाले नाराज थे। दोनों परिवारों के बीच कई बार मारपीट भी हो चुकी है।
19
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: आराम ख़त्म... अब सिर पर है इम्तहान... अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय क्रिकेट के नए सीज़न में बड़े और स्टार खिलाड़ियों के सामने नई चुनौतियां हैं। टीम के कई स्टार खिलाड़ियों के लिए नया सीज़न आर−पार की लड़ाई साबित हो सकता है। सिन्थॉल डियोड्रेंट के एक विज्ञापन में विराट कोहली ड्रेसिंग रूम से बाहर निकलते वक्त ऐलान करते हैं... 'द लाइफ़ इज़ ऑसम (ज़िन्दगी बेहतरीन है)..., टीम के इंडिया के शायद सबसे दमदार स्टार विराट कोहली के लिए लाइफ़ अब तक सचमुच ऑसम 'awesome' (बेहतरीन) हो रही है। नए सीज़न में विराट कोहली जैसे क्रिकेटर को शायद ही आराम का मौका मिले। इसलिए उनसे टी-20, वनडे और टेस्ट सभी फ़ॉर्मेट में धमाकेदार पारियों की उम्मीद रहेगी। वैसे अगले लंबे सीज़न में इस दौरान उन्हें अपनी फ़िटनेस का ख़ास ख़्याल रखना होगा। विराट कोहली खुद भी पिछले साल के अपने प्रदर्शन से खुश नज़र आते हैं। विराट कोहली ने बयान दिया है... 'पिछले डेढ़ साल मेरे लिए बहुत अच्छे रहे हैं... मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर बहुत मेहनत की है...' पिछला सीज़न 1 सितंबर 2012−31 अगस्त 2013 तक विराट कोहली के लिए शानदार साबित हुआ है। इस दौरान टेस्ट में उन्होंने आठ टेस्ट मैचों में 42.90 के औसत से 472 रन बनाए और दो शतक लगाए। विराट ने 23 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में 40.52 के औसत से 689 रन बनाए हैं। वैसे यह औसत उनके अपने करियर के औसत 49.72 से बेहद कम है। इस दौरान उनके नाम सिर्फ़ दो शतकीय पारियां हैं। ज़ाहिर है विराट के फ़ैन्स वनडे में उनसे और बेहतर की उम्मीद लगाए रहेंगे। कैंसर से लड़ते हुए भी युवराज सिंह ने बार−बार कमबैक कर अपने अंदर का लोहा पूरी दुनिया को दिखाया है। युवराज ने इस बार यह भी साबित कर दिया कि उनका चयन सिर्फ़ भावनाओं के आधार पर नहीं हुआ। फ्रांस में ट्रेनिंग कर लौटे युवी पहले से ज़्यादा फ़िट नज़र आ रहे हैं। पिछले महीने युवी ने इंडिया−ए और इंडिया ब्लू के लिए खेलते हुए अपने प्रदर्शन से सबको खूब प्रभावित किया। 32 साल के युवराज के लिए अगले सीज़न में अलग तरह की चुनौतियां होंगी और उसका जवाब देकर वह अपने फ़ैन्स के दिलों में अपनी कुछ और अलग छाप छोड़ सकते हैं।   शिखर धवन पिछले सीज़न में टीम इंडिया के लिए बड़ा बोनस साबित हुए। उन्हें पिछले सीज़न में जितने भी मौके मिले... टेस्ट और वनडे में... उन्होंने अपनी धूम मचा दी। शिखर धवन के लिए पिछले कुछ महीने के दौरान पिच पर बेहद शानदार वक्त बीता। चैंपियंस ट्रॉफ़ी और टेस्ट मैच में तहलका मचाने वाले शिखर धवन से उम्मीदें बड़ी हो गई हैं। मोहाली में अपने इकलौते टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक लगाकर उन्होंने अपना दबदबा कायम कर दिया है और अब ऑस्ट्रेलियाई टीम उनके खिलाफ़ ज़रूर अलग रणनीति तैयार कर रही होगी।टिप्पणियां बेहद टैलेंटेड माने जाने वाले रोहित शर्मा से हर बार फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पिछले सीज़न में रोहित शर्मा को 17 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 38.93 के औसत से बल्लेबाज़ी की जो उनके अपने करियर के औसत 32.37 से ज़रूर बेहतर है लेकिन इस दौरान वह कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए। 102 वनडे खेलने वाले रोहित इस सीज़न अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर पाते हैं तभी टेस्ट में अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं। सिन्थॉल डियोड्रेंट के एक विज्ञापन में विराट कोहली ड्रेसिंग रूम से बाहर निकलते वक्त ऐलान करते हैं... 'द लाइफ़ इज़ ऑसम (ज़िन्दगी बेहतरीन है)..., टीम के इंडिया के शायद सबसे दमदार स्टार विराट कोहली के लिए लाइफ़ अब तक सचमुच ऑसम 'awesome' (बेहतरीन) हो रही है। नए सीज़न में विराट कोहली जैसे क्रिकेटर को शायद ही आराम का मौका मिले। इसलिए उनसे टी-20, वनडे और टेस्ट सभी फ़ॉर्मेट में धमाकेदार पारियों की उम्मीद रहेगी। वैसे अगले लंबे सीज़न में इस दौरान उन्हें अपनी फ़िटनेस का ख़ास ख़्याल रखना होगा। विराट कोहली खुद भी पिछले साल के अपने प्रदर्शन से खुश नज़र आते हैं। विराट कोहली ने बयान दिया है... 'पिछले डेढ़ साल मेरे लिए बहुत अच्छे रहे हैं... मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर बहुत मेहनत की है...' पिछला सीज़न 1 सितंबर 2012−31 अगस्त 2013 तक विराट कोहली के लिए शानदार साबित हुआ है। इस दौरान टेस्ट में उन्होंने आठ टेस्ट मैचों में 42.90 के औसत से 472 रन बनाए और दो शतक लगाए। विराट ने 23 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में 40.52 के औसत से 689 रन बनाए हैं। वैसे यह औसत उनके अपने करियर के औसत 49.72 से बेहद कम है। इस दौरान उनके नाम सिर्फ़ दो शतकीय पारियां हैं। ज़ाहिर है विराट के फ़ैन्स वनडे में उनसे और बेहतर की उम्मीद लगाए रहेंगे। कैंसर से लड़ते हुए भी युवराज सिंह ने बार−बार कमबैक कर अपने अंदर का लोहा पूरी दुनिया को दिखाया है। युवराज ने इस बार यह भी साबित कर दिया कि उनका चयन सिर्फ़ भावनाओं के आधार पर नहीं हुआ। फ्रांस में ट्रेनिंग कर लौटे युवी पहले से ज़्यादा फ़िट नज़र आ रहे हैं। पिछले महीने युवी ने इंडिया−ए और इंडिया ब्लू के लिए खेलते हुए अपने प्रदर्शन से सबको खूब प्रभावित किया। 32 साल के युवराज के लिए अगले सीज़न में अलग तरह की चुनौतियां होंगी और उसका जवाब देकर वह अपने फ़ैन्स के दिलों में अपनी कुछ और अलग छाप छोड़ सकते हैं।   शिखर धवन पिछले सीज़न में टीम इंडिया के लिए बड़ा बोनस साबित हुए। उन्हें पिछले सीज़न में जितने भी मौके मिले... टेस्ट और वनडे में... उन्होंने अपनी धूम मचा दी। शिखर धवन के लिए पिछले कुछ महीने के दौरान पिच पर बेहद शानदार वक्त बीता। चैंपियंस ट्रॉफ़ी और टेस्ट मैच में तहलका मचाने वाले शिखर धवन से उम्मीदें बड़ी हो गई हैं। मोहाली में अपने इकलौते टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक लगाकर उन्होंने अपना दबदबा कायम कर दिया है और अब ऑस्ट्रेलियाई टीम उनके खिलाफ़ ज़रूर अलग रणनीति तैयार कर रही होगी।टिप्पणियां बेहद टैलेंटेड माने जाने वाले रोहित शर्मा से हर बार फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पिछले सीज़न में रोहित शर्मा को 17 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 38.93 के औसत से बल्लेबाज़ी की जो उनके अपने करियर के औसत 32.37 से ज़रूर बेहतर है लेकिन इस दौरान वह कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए। 102 वनडे खेलने वाले रोहित इस सीज़न अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर पाते हैं तभी टेस्ट में अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं। विराट कोहली खुद भी पिछले साल के अपने प्रदर्शन से खुश नज़र आते हैं। विराट कोहली ने बयान दिया है... 'पिछले डेढ़ साल मेरे लिए बहुत अच्छे रहे हैं... मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर बहुत मेहनत की है...' पिछला सीज़न 1 सितंबर 2012−31 अगस्त 2013 तक विराट कोहली के लिए शानदार साबित हुआ है। इस दौरान टेस्ट में उन्होंने आठ टेस्ट मैचों में 42.90 के औसत से 472 रन बनाए और दो शतक लगाए। विराट ने 23 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में 40.52 के औसत से 689 रन बनाए हैं। वैसे यह औसत उनके अपने करियर के औसत 49.72 से बेहद कम है। इस दौरान उनके नाम सिर्फ़ दो शतकीय पारियां हैं। ज़ाहिर है विराट के फ़ैन्स वनडे में उनसे और बेहतर की उम्मीद लगाए रहेंगे। कैंसर से लड़ते हुए भी युवराज सिंह ने बार−बार कमबैक कर अपने अंदर का लोहा पूरी दुनिया को दिखाया है। युवराज ने इस बार यह भी साबित कर दिया कि उनका चयन सिर्फ़ भावनाओं के आधार पर नहीं हुआ। फ्रांस में ट्रेनिंग कर लौटे युवी पहले से ज़्यादा फ़िट नज़र आ रहे हैं। पिछले महीने युवी ने इंडिया−ए और इंडिया ब्लू के लिए खेलते हुए अपने प्रदर्शन से सबको खूब प्रभावित किया। 32 साल के युवराज के लिए अगले सीज़न में अलग तरह की चुनौतियां होंगी और उसका जवाब देकर वह अपने फ़ैन्स के दिलों में अपनी कुछ और अलग छाप छोड़ सकते हैं।   शिखर धवन पिछले सीज़न में टीम इंडिया के लिए बड़ा बोनस साबित हुए। उन्हें पिछले सीज़न में जितने भी मौके मिले... टेस्ट और वनडे में... उन्होंने अपनी धूम मचा दी। शिखर धवन के लिए पिछले कुछ महीने के दौरान पिच पर बेहद शानदार वक्त बीता। चैंपियंस ट्रॉफ़ी और टेस्ट मैच में तहलका मचाने वाले शिखर धवन से उम्मीदें बड़ी हो गई हैं। मोहाली में अपने इकलौते टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक लगाकर उन्होंने अपना दबदबा कायम कर दिया है और अब ऑस्ट्रेलियाई टीम उनके खिलाफ़ ज़रूर अलग रणनीति तैयार कर रही होगी।टिप्पणियां बेहद टैलेंटेड माने जाने वाले रोहित शर्मा से हर बार फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पिछले सीज़न में रोहित शर्मा को 17 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 38.93 के औसत से बल्लेबाज़ी की जो उनके अपने करियर के औसत 32.37 से ज़रूर बेहतर है लेकिन इस दौरान वह कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए। 102 वनडे खेलने वाले रोहित इस सीज़न अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर पाते हैं तभी टेस्ट में अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं। पिछला सीज़न 1 सितंबर 2012−31 अगस्त 2013 तक विराट कोहली के लिए शानदार साबित हुआ है। इस दौरान टेस्ट में उन्होंने आठ टेस्ट मैचों में 42.90 के औसत से 472 रन बनाए और दो शतक लगाए। विराट ने 23 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में 40.52 के औसत से 689 रन बनाए हैं। वैसे यह औसत उनके अपने करियर के औसत 49.72 से बेहद कम है। इस दौरान उनके नाम सिर्फ़ दो शतकीय पारियां हैं। ज़ाहिर है विराट के फ़ैन्स वनडे में उनसे और बेहतर की उम्मीद लगाए रहेंगे। कैंसर से लड़ते हुए भी युवराज सिंह ने बार−बार कमबैक कर अपने अंदर का लोहा पूरी दुनिया को दिखाया है। युवराज ने इस बार यह भी साबित कर दिया कि उनका चयन सिर्फ़ भावनाओं के आधार पर नहीं हुआ। फ्रांस में ट्रेनिंग कर लौटे युवी पहले से ज़्यादा फ़िट नज़र आ रहे हैं। पिछले महीने युवी ने इंडिया−ए और इंडिया ब्लू के लिए खेलते हुए अपने प्रदर्शन से सबको खूब प्रभावित किया। 32 साल के युवराज के लिए अगले सीज़न में अलग तरह की चुनौतियां होंगी और उसका जवाब देकर वह अपने फ़ैन्स के दिलों में अपनी कुछ और अलग छाप छोड़ सकते हैं।   शिखर धवन पिछले सीज़न में टीम इंडिया के लिए बड़ा बोनस साबित हुए। उन्हें पिछले सीज़न में जितने भी मौके मिले... टेस्ट और वनडे में... उन्होंने अपनी धूम मचा दी। शिखर धवन के लिए पिछले कुछ महीने के दौरान पिच पर बेहद शानदार वक्त बीता। चैंपियंस ट्रॉफ़ी और टेस्ट मैच में तहलका मचाने वाले शिखर धवन से उम्मीदें बड़ी हो गई हैं। मोहाली में अपने इकलौते टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक लगाकर उन्होंने अपना दबदबा कायम कर दिया है और अब ऑस्ट्रेलियाई टीम उनके खिलाफ़ ज़रूर अलग रणनीति तैयार कर रही होगी।टिप्पणियां बेहद टैलेंटेड माने जाने वाले रोहित शर्मा से हर बार फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पिछले सीज़न में रोहित शर्मा को 17 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 38.93 के औसत से बल्लेबाज़ी की जो उनके अपने करियर के औसत 32.37 से ज़रूर बेहतर है लेकिन इस दौरान वह कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए। 102 वनडे खेलने वाले रोहित इस सीज़न अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर पाते हैं तभी टेस्ट में अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं। कैंसर से लड़ते हुए भी युवराज सिंह ने बार−बार कमबैक कर अपने अंदर का लोहा पूरी दुनिया को दिखाया है। युवराज ने इस बार यह भी साबित कर दिया कि उनका चयन सिर्फ़ भावनाओं के आधार पर नहीं हुआ। फ्रांस में ट्रेनिंग कर लौटे युवी पहले से ज़्यादा फ़िट नज़र आ रहे हैं। पिछले महीने युवी ने इंडिया−ए और इंडिया ब्लू के लिए खेलते हुए अपने प्रदर्शन से सबको खूब प्रभावित किया। 32 साल के युवराज के लिए अगले सीज़न में अलग तरह की चुनौतियां होंगी और उसका जवाब देकर वह अपने फ़ैन्स के दिलों में अपनी कुछ और अलग छाप छोड़ सकते हैं।   शिखर धवन पिछले सीज़न में टीम इंडिया के लिए बड़ा बोनस साबित हुए। उन्हें पिछले सीज़न में जितने भी मौके मिले... टेस्ट और वनडे में... उन्होंने अपनी धूम मचा दी। शिखर धवन के लिए पिछले कुछ महीने के दौरान पिच पर बेहद शानदार वक्त बीता। चैंपियंस ट्रॉफ़ी और टेस्ट मैच में तहलका मचाने वाले शिखर धवन से उम्मीदें बड़ी हो गई हैं। मोहाली में अपने इकलौते टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक लगाकर उन्होंने अपना दबदबा कायम कर दिया है और अब ऑस्ट्रेलियाई टीम उनके खिलाफ़ ज़रूर अलग रणनीति तैयार कर रही होगी।टिप्पणियां बेहद टैलेंटेड माने जाने वाले रोहित शर्मा से हर बार फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पिछले सीज़न में रोहित शर्मा को 17 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 38.93 के औसत से बल्लेबाज़ी की जो उनके अपने करियर के औसत 32.37 से ज़रूर बेहतर है लेकिन इस दौरान वह कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए। 102 वनडे खेलने वाले रोहित इस सीज़न अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर पाते हैं तभी टेस्ट में अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं। शिखर धवन पिछले सीज़न में टीम इंडिया के लिए बड़ा बोनस साबित हुए। उन्हें पिछले सीज़न में जितने भी मौके मिले... टेस्ट और वनडे में... उन्होंने अपनी धूम मचा दी। शिखर धवन के लिए पिछले कुछ महीने के दौरान पिच पर बेहद शानदार वक्त बीता। चैंपियंस ट्रॉफ़ी और टेस्ट मैच में तहलका मचाने वाले शिखर धवन से उम्मीदें बड़ी हो गई हैं। मोहाली में अपने इकलौते टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक लगाकर उन्होंने अपना दबदबा कायम कर दिया है और अब ऑस्ट्रेलियाई टीम उनके खिलाफ़ ज़रूर अलग रणनीति तैयार कर रही होगी।टिप्पणियां बेहद टैलेंटेड माने जाने वाले रोहित शर्मा से हर बार फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पिछले सीज़न में रोहित शर्मा को 17 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 38.93 के औसत से बल्लेबाज़ी की जो उनके अपने करियर के औसत 32.37 से ज़रूर बेहतर है लेकिन इस दौरान वह कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए। 102 वनडे खेलने वाले रोहित इस सीज़न अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर पाते हैं तभी टेस्ट में अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं। चैंपियंस ट्रॉफ़ी और टेस्ट मैच में तहलका मचाने वाले शिखर धवन से उम्मीदें बड़ी हो गई हैं। मोहाली में अपने इकलौते टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक लगाकर उन्होंने अपना दबदबा कायम कर दिया है और अब ऑस्ट्रेलियाई टीम उनके खिलाफ़ ज़रूर अलग रणनीति तैयार कर रही होगी।टिप्पणियां बेहद टैलेंटेड माने जाने वाले रोहित शर्मा से हर बार फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पिछले सीज़न में रोहित शर्मा को 17 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 38.93 के औसत से बल्लेबाज़ी की जो उनके अपने करियर के औसत 32.37 से ज़रूर बेहतर है लेकिन इस दौरान वह कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए। 102 वनडे खेलने वाले रोहित इस सीज़न अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर पाते हैं तभी टेस्ट में अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं। बेहद टैलेंटेड माने जाने वाले रोहित शर्मा से हर बार फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पिछले सीज़न में रोहित शर्मा को 17 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 38.93 के औसत से बल्लेबाज़ी की जो उनके अपने करियर के औसत 32.37 से ज़रूर बेहतर है लेकिन इस दौरान वह कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए। 102 वनडे खेलने वाले रोहित इस सीज़न अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर पाते हैं तभी टेस्ट में अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं। इन स्टार खिलाड़ियों ने वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे सुपर स्टार सलामी बल्लेबाज़ों की वापसी मुश्किल कर दी है। अगले घरेलू सीज़न में इनके पास वापसी के अहम मौके हैं लेकिन फिर फ़्लॉप हुए तो इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर फ़ुल स्टॉप लग सकता है। लेकिन, सबसे ज़्यादा इंतज़ार जाहिर तौर पर सचिन के 199 और 200वें टेस्ट का है। सचिन इसे कितना यादगार बना पाएंगे यह फ़िलहाल अहम सवाल है लेकिन हमेशा की तरह इसका जवाब सिर्फ़ मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के पास है और इसके बारे में अटकलबाज़ी ख़तरे से खाली नहीं।
यह एक सारांश है: आराम ख़त्म... अब सिर पर है इम्तहान... अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय क्रिकेट के नए सीज़न में बड़े और स्टार खिलाड़ियों के सामने नई चुनौतियां हैं। टीम के कई स्टार खिलाड़ियों के लिए नया सीज़न आर−पार की लड़ाई साबित हो सकता है।
24
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: दिल्ली में बढ़ते डेंगू और चिकनगुनिया का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. डॉक्टर अनिल मित्तल ने जनहित याचिका कोर्ट में दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जल्द सुनवाई को तैयार है और अब सोमवार को सुनवाई की जाएगी.टिप्पणियां याचिका में कहा गया दिल्ली कूड़े के ढेर में तब्दील होती जा रही है और एजेंसी इस पर कोई काम नहीं कर रही है. हज़ारों लोग डेंगू और चिकनगुनिया के शिकार हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या इस मामले में मच्छरों को भी पक्ष बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि चिकनगुनिया से निपटने के लिए कोई साइंटफिक पद्धति नहीं है. जो वर्त्तमान चिकित्सा व्यस्था है वो चिकनगुनिया को रोकने के लिए सक्षम नहीं है.  एलजी और दिल्ली सरकार के झगड़े की वजह से एजेंसी काम नहीं कर रही है. याचिका में कहा गया दिल्ली कूड़े के ढेर में तब्दील होती जा रही है और एजेंसी इस पर कोई काम नहीं कर रही है. हज़ारों लोग डेंगू और चिकनगुनिया के शिकार हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या इस मामले में मच्छरों को भी पक्ष बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि चिकनगुनिया से निपटने के लिए कोई साइंटफिक पद्धति नहीं है. जो वर्त्तमान चिकित्सा व्यस्था है वो चिकनगुनिया को रोकने के लिए सक्षम नहीं है.  एलजी और दिल्ली सरकार के झगड़े की वजह से एजेंसी काम नहीं कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या इस मामले में मच्छरों को भी पक्ष बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि चिकनगुनिया से निपटने के लिए कोई साइंटफिक पद्धति नहीं है. जो वर्त्तमान चिकित्सा व्यस्था है वो चिकनगुनिया को रोकने के लिए सक्षम नहीं है.  एलजी और दिल्ली सरकार के झगड़े की वजह से एजेंसी काम नहीं कर रही है.
यह एक सारांश है: डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर पीआईएल इस पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी डॉक्टर अनिल मित्तल ने जनहित याचिका कोर्ट में दाखिल की है
24
['hin']
एक सारांश बनाओ: टिप्पणियां पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पटना में बुधवार को न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री, भागलपुर का 26.8 डिग्री, गया का 27.2 डिग्री और पूर्णिया का 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने के आसार हैं. पटना का मंगलवार को अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री, गया का 36.7 डिग्री, भागलपुर का 37.2 डिग्री और पूर्णिया का 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.   (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पटना में बुधवार को न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री, भागलपुर का 26.8 डिग्री, गया का 27.2 डिग्री और पूर्णिया का 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने के आसार हैं. पटना का मंगलवार को अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री, गया का 36.7 डिग्री, भागलपुर का 37.2 डिग्री और पूर्णिया का 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.   (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह एक सारांश है: बुधवार को मौसम साफ रहेगा और उमस भरी गर्मी जारी रहेगी मौसम विभाग ने कहा, अगले दो दिन में हो सकती है बारिश पटना का अधिकतम तापमान 38 डिग्री के करीब रहने के आसार
21
['hin']
एक सारांश बनाओ: पूरा उत्तर भारत इस समय ठंड से कांप रहा है। चाहे दिल्ली हो, मनाली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश या फिर झारखंड। सब जगह  बर्फीली हवाओं की वजह से तापमान गिरता जा रहा है। मंगलवार सुबह सवा छह बजे दिल्ली का तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उधर उत्तर प्रदेश में सर्दी से अब तक मरने वालों की संख्या 30 हो गई है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ठंड ने पिछले दस सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सतना दमोह और राजगढ़ में पाले से फसल बर्बाद हो गई है। राजधानी दिल्ली में ठंडी हवाएं चलने से लोग परेशान हैं। पिछले पांच सालों में दिल्ली के न्यूनतम तापमान पर नज़र डालें तो 2010 में 4.6 डिग्री, 2009 में 5.6 डिग्री, 2008 में 1.8 डिग्री, 2007 में 1.7 डिग्री, 2006 में दो जनवरी को 0.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। देश के दूसरे शहरों में भी पारा काफी नीचे जा चुका है। करगिल 17 डिग्री, श्रीनगर 5.2 डिग्री, लखनऊ 3.6 डिग्री, शिमला 3.7 डिग्री, जयपुर 3.8 डिग्री और पटना में 6.4 डिग्री दर्ज किया गया।
यहाँ एक सारांश है:सुबह सवा छह बजे दिल्ली का तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उधर उत्तर प्रदेश में सर्दी से अब तक मरने वालों की संख्या 30 हो गई है।
15
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: ललित मोदी बेंगलूर में इंडियन प्रीमियर लीग के खिलाड़ियों की मौजूदा नीलामी से भले ही काफी दूर हों लेकिन आईपीएल के निलंबित आयुक्त ने पहले दिन की नीलामी पर करीबी नजर रखी जिसमें कुछ भारतीय खिलाड़ी रिकार्ड कीमत पर बिके। आईपीएल की सफलता में अहम भूमिका निभाने वाले मोदी ने यहां टेलीविजन के जरिये पहले दिन की नीलामी पर करीबी नजर रखी। वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में पिछले साल बीसीसीआई द्वारा बख्रास्त किये गये मोदी ने ट्विटर पर लिखा, आईपीएल चार की बेहतरीन शुरूआत। सभी टीमों ने अच्छी खरीदारी की। चौथा सत्र अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा, नीलामी प्रक्रिया में खिलाड़ियों की असल कीमत दिखी। दो नयी टीमें भी काफी प्रतिस्पर्धी लगी। सभी 10 टीमें अच्छी लगी। मोदी का हालांकि मानना है कि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली, ब्रायन लारा, क्रिस गेल और मार्क बाउचर सहित जो 16 खिलाड़ी आज खरीदार पाने में असफल रहे उन्हें कल नीलामी के अंतिम दिन खरीदार मिल सकता है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: आईपीएल की सफलता में अहम भूमिका निभाने वाले मोदी ने टेलीविजन के जरिए पहले दिन की नीलामी पर करीबी नजर रखी।
19
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: आधुनिक दुनिया में सब कुछ हाईटेक हो चुका है. नयी तकनीक का इस्तेमाल हर क्षेत्र में ज़ोर शोर से हो रहा है तो ऐसे में क्रिकेट कैसे पीछे रहे. इसी प्रयास में दुनिया की सबसे बडी सेमीकंडक्टर कंपनी इंटेल ने गुरूवार, 1 जून से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी के लिए तीन नई टेक्नोलॉजी पेश की हैं. ये टेक्नोलॉजी हैं - इंटेल ड्रोन, बैट सेंसर और स्टेडियम आने वाले क्रिकेट फैंस के लिए वर्चुअल रियलिटी (VR) एक्सपिरियंस.टिप्पणियां इंटेल फ़ैलकन 8 (Intel Falcon 8) ड्रोन इंफ्रारेड और HD कैमरे से लैस रहेगा, जिसका उपयोग मैच से पहले होने वाली पिच एनालिसिस के लिए किया जाएगा. इस ड्रोन से ली गयी तस्वीरों के ज़रिये पिच पर ग्रास कवर, ग्रास हेल्थ और टोपोलॉजी का डेटा मिलेगा जिससे रोजाना पिच की एंडवांस्ड रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी. इन रिपोर्ट्स की मदद से कमेंटेटर काफी बारीकी से पिच एनालिसिस कर सकेंगे.   इंटेल, ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2017 का ऑफिशियल इनोवेशन पार्टनर है. इन टेक्नोलॉजीस के लांच पर ICC के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर डेव रिचर्डसन ने कहा "इंटेल के साथ भागीदारी करने से हम बेहद उत्साहित हैं. इंटेल द्वारा लाई गयी नयी तकनीक दुनिया भर में क्रिकेट के अनुभव को और भी मज़ेदार बना देगी." इंटेल के नए बैट सेंसर का नाम स्पेक्युलर (Speculur) बैटसेंस है. इसे किसी भी क्रिकेट बैट से जोड़ा जा सकता है और इसका उपयोग बैट्समैन की बैक लिफ्ट, बैट स्पीड और हर स्ट्रोक की डिटेल निकालने में किया जाएगा. इसका उपयोग बहुत से बैट्समैन चैंपियंस ट्रॉफी में भी करेंगे. सेंसर द्वारा कलेक्ट किया गया डेटा टीवी में दिखाया जाएगा. बेंगलुरु स्थित स्पेक्युलर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव के अनुसार स्पेक्युलर बैटसेंस की सहायता से क्रिकेटर्स आत्मनिर्भर बनकर अपनी बैटिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा की कंपनी इस टेक्नोलॉजी को बाजार में 2017 के बाद उतारेगी और इसकी पहली सप्लाई आस्ट्रेलिया, इंडिया, यूएस और यूनाइटेड किंगडम में की जाएगी. इसके अलावा इंटेल लंदन और बर्मिंघन के स्टेडियमस में VR क्रिकेट एक्सपिरियंस भी पेश करेगा जिससे दर्शक वर्चुअल रिएलिटी में क्रिकेट खेलने का लुत्फ़ उठा सकेंगे. इंटेल फ़ैलकन 8 (Intel Falcon 8) ड्रोन इंफ्रारेड और HD कैमरे से लैस रहेगा, जिसका उपयोग मैच से पहले होने वाली पिच एनालिसिस के लिए किया जाएगा. इस ड्रोन से ली गयी तस्वीरों के ज़रिये पिच पर ग्रास कवर, ग्रास हेल्थ और टोपोलॉजी का डेटा मिलेगा जिससे रोजाना पिच की एंडवांस्ड रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी. इन रिपोर्ट्स की मदद से कमेंटेटर काफी बारीकी से पिच एनालिसिस कर सकेंगे.   इंटेल, ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2017 का ऑफिशियल इनोवेशन पार्टनर है. इन टेक्नोलॉजीस के लांच पर ICC के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर डेव रिचर्डसन ने कहा "इंटेल के साथ भागीदारी करने से हम बेहद उत्साहित हैं. इंटेल द्वारा लाई गयी नयी तकनीक दुनिया भर में क्रिकेट के अनुभव को और भी मज़ेदार बना देगी." इंटेल के नए बैट सेंसर का नाम स्पेक्युलर (Speculur) बैटसेंस है. इसे किसी भी क्रिकेट बैट से जोड़ा जा सकता है और इसका उपयोग बैट्समैन की बैक लिफ्ट, बैट स्पीड और हर स्ट्रोक की डिटेल निकालने में किया जाएगा. इसका उपयोग बहुत से बैट्समैन चैंपियंस ट्रॉफी में भी करेंगे. सेंसर द्वारा कलेक्ट किया गया डेटा टीवी में दिखाया जाएगा. बेंगलुरु स्थित स्पेक्युलर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव के अनुसार स्पेक्युलर बैटसेंस की सहायता से क्रिकेटर्स आत्मनिर्भर बनकर अपनी बैटिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा की कंपनी इस टेक्नोलॉजी को बाजार में 2017 के बाद उतारेगी और इसकी पहली सप्लाई आस्ट्रेलिया, इंडिया, यूएस और यूनाइटेड किंगडम में की जाएगी. इसके अलावा इंटेल लंदन और बर्मिंघन के स्टेडियमस में VR क्रिकेट एक्सपिरियंस भी पेश करेगा जिससे दर्शक वर्चुअल रिएलिटी में क्रिकेट खेलने का लुत्फ़ उठा सकेंगे. इंटेल के नए बैट सेंसर का नाम स्पेक्युलर (Speculur) बैटसेंस है. इसे किसी भी क्रिकेट बैट से जोड़ा जा सकता है और इसका उपयोग बैट्समैन की बैक लिफ्ट, बैट स्पीड और हर स्ट्रोक की डिटेल निकालने में किया जाएगा. इसका उपयोग बहुत से बैट्समैन चैंपियंस ट्रॉफी में भी करेंगे. सेंसर द्वारा कलेक्ट किया गया डेटा टीवी में दिखाया जाएगा. बेंगलुरु स्थित स्पेक्युलर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव के अनुसार स्पेक्युलर बैटसेंस की सहायता से क्रिकेटर्स आत्मनिर्भर बनकर अपनी बैटिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा की कंपनी इस टेक्नोलॉजी को बाजार में 2017 के बाद उतारेगी और इसकी पहली सप्लाई आस्ट्रेलिया, इंडिया, यूएस और यूनाइटेड किंगडम में की जाएगी. इसके अलावा इंटेल लंदन और बर्मिंघन के स्टेडियमस में VR क्रिकेट एक्सपिरियंस भी पेश करेगा जिससे दर्शक वर्चुअल रिएलिटी में क्रिकेट खेलने का लुत्फ़ उठा सकेंगे.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: इंटेल ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए तीन नई टेक्नोलॉजी पेश की हैं ये टेक्नोलॉजी हैं- इंटेल ड्रोन, बैट सेंसर और वर्चुअल रियलिटी एक्सपिरियंस चैंपियंस ट्रॉफी में इंटेल फ़ैलकन 8 ड्रोन की मदद से दी जाएगी पिच रिपोर्ट
11
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: एयर इंडिया ने क्रू मेबर के सामान्य से अधिक वजन के 57 सदस्यों को उड़ान ड्यूटी से हटाकर ग्राउंड ड्यूटी पर लगा दिया है. चालक दल से हटाए गए कर्मचारियों में कुछ एयर होस्टेस भी शामिल हैं. एयर इंडिया के सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार इन सभी कर्मचारियों को तय सीमा के भीतर अपना वजन कम करने और 'शेप' में आने के लिए कहा गया था लेकिन ऐसा नहीं करने पर उन्हें स्थायी तौर पर जमीनी ड्यूटी में लगाया गया है.   टिप्पणियां एयर इंडिया में चालक दल के लगभग 3,800 सदस्य हैं जिनमें से 2,500 महिलाएं हैं. कैबिन क्रू के कुल सदस्यों में से 2,200 स्थायी नौकरी पर हैं. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नियमों के मुताबिक कैबिन क्रू के सदस्यों की समय-समय पर मेडिकल जांच के जरिए निर्दिष्ट चिकित्सकों को उन्हें 'फिट', 'अस्थायी रूप से अनफिट' या 'स्थायी रूप से अनफिट' घोषित करना होता है. नियमित जांच के दौरान इन सदस्यों का वजन सामान्य से अधिक पाया गया था जिसके बाद उन्हें निर्धारित अवधि के भीतर उड़ान के लिए फिट होने को कहा गया. ऐसा करने में नाकाम रहने पर पिछले महीने उन्हें उड़ान ड्यूटी से हटाकर जमीनी ड्यूटी में लगा दिया गया. इससे पहले सितंबर 2015 में भी एयरलाइन ने अधिक वजन वाले 125 कर्मचारियों को उड़ान ड्यूटी से हटाया था. डीजीसीए के नियमों के मुताबिक पुरुषों के लिए 18-25 के बीच बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सामान्य माना गया है जबकि महिला के लिए 18-22 बीएमआई सामान्य है. नियमानुसार अधिक वजन वाले कैबिन क्रू सदस्य को अस्थाई अनफिट माना जाता है और वजन कम करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया जाता है. इसमें असफल रहने पर कर्मचारी को स्थायी अनफिट माना जाता है. एयर इंडिया में चालक दल के लगभग 3,800 सदस्य हैं जिनमें से 2,500 महिलाएं हैं. कैबिन क्रू के कुल सदस्यों में से 2,200 स्थायी नौकरी पर हैं. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नियमों के मुताबिक कैबिन क्रू के सदस्यों की समय-समय पर मेडिकल जांच के जरिए निर्दिष्ट चिकित्सकों को उन्हें 'फिट', 'अस्थायी रूप से अनफिट' या 'स्थायी रूप से अनफिट' घोषित करना होता है. नियमित जांच के दौरान इन सदस्यों का वजन सामान्य से अधिक पाया गया था जिसके बाद उन्हें निर्धारित अवधि के भीतर उड़ान के लिए फिट होने को कहा गया. ऐसा करने में नाकाम रहने पर पिछले महीने उन्हें उड़ान ड्यूटी से हटाकर जमीनी ड्यूटी में लगा दिया गया. इससे पहले सितंबर 2015 में भी एयरलाइन ने अधिक वजन वाले 125 कर्मचारियों को उड़ान ड्यूटी से हटाया था. डीजीसीए के नियमों के मुताबिक पुरुषों के लिए 18-25 के बीच बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सामान्य माना गया है जबकि महिला के लिए 18-22 बीएमआई सामान्य है. नियमानुसार अधिक वजन वाले कैबिन क्रू सदस्य को अस्थाई अनफिट माना जाता है और वजन कम करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया जाता है. इसमें असफल रहने पर कर्मचारी को स्थायी अनफिट माना जाता है. ऐसा करने में नाकाम रहने पर पिछले महीने उन्हें उड़ान ड्यूटी से हटाकर जमीनी ड्यूटी में लगा दिया गया. इससे पहले सितंबर 2015 में भी एयरलाइन ने अधिक वजन वाले 125 कर्मचारियों को उड़ान ड्यूटी से हटाया था. डीजीसीए के नियमों के मुताबिक पुरुषों के लिए 18-25 के बीच बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सामान्य माना गया है जबकि महिला के लिए 18-22 बीएमआई सामान्य है. नियमानुसार अधिक वजन वाले कैबिन क्रू सदस्य को अस्थाई अनफिट माना जाता है और वजन कम करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया जाता है. इसमें असफल रहने पर कर्मचारी को स्थायी अनफिट माना जाता है.
संक्षिप्त सारांश: हटाए गए कर्मचारियों में कुछ एयर होस्टेस भी शामिल हैं कर्मचारियों को तय सीमा के भीतर वजन कम करने को कहा था ऐसा नहीं करने पर स्थायी तौर पर जमीनी ड्यूटी में लगाया
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: फिल्म 'मटरू की बिजली का मनडोला' में बिजली की भूमिका अदा करने वाली अनुष्का शर्मा का कहना है कि यह भूमिका उनके लिए दिमागी रूप से काफी थकाने वाली थी। अनुष्का ने यह भी कहा कि उनकी अभी तक की सभी भूमिकाओं में से यह सबसे अधिक कठिन है।टिप्पणियां बकौल अनुष्का, "अब तक मैंने जितनी लड़कियों की भूमिका अदा की है, वे काफी मजबूत रही हैं लिहाजा मैं इन भूमिकाओं को सरल अंदाज में नहीं ले सकती थी। मैंने उनके साथ वैसा ही बर्ताव किया, जैसा उनके बारे में लिखा गया है लेकिन बिजली मेरे लिए अब तक की सबसे कठिन चरित्र के तौर पर सामने आई है।" विशाल भारद्वाज द्वारा लिखित फिल्म में इमरान खान और दिग्गज कलाकार पंकज कपूर ने भी काम किया है। यह फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होगी। अनुष्का ने यह भी कहा कि उनकी अभी तक की सभी भूमिकाओं में से यह सबसे अधिक कठिन है।टिप्पणियां बकौल अनुष्का, "अब तक मैंने जितनी लड़कियों की भूमिका अदा की है, वे काफी मजबूत रही हैं लिहाजा मैं इन भूमिकाओं को सरल अंदाज में नहीं ले सकती थी। मैंने उनके साथ वैसा ही बर्ताव किया, जैसा उनके बारे में लिखा गया है लेकिन बिजली मेरे लिए अब तक की सबसे कठिन चरित्र के तौर पर सामने आई है।" विशाल भारद्वाज द्वारा लिखित फिल्म में इमरान खान और दिग्गज कलाकार पंकज कपूर ने भी काम किया है। यह फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होगी। बकौल अनुष्का, "अब तक मैंने जितनी लड़कियों की भूमिका अदा की है, वे काफी मजबूत रही हैं लिहाजा मैं इन भूमिकाओं को सरल अंदाज में नहीं ले सकती थी। मैंने उनके साथ वैसा ही बर्ताव किया, जैसा उनके बारे में लिखा गया है लेकिन बिजली मेरे लिए अब तक की सबसे कठिन चरित्र के तौर पर सामने आई है।" विशाल भारद्वाज द्वारा लिखित फिल्म में इमरान खान और दिग्गज कलाकार पंकज कपूर ने भी काम किया है। यह फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होगी। विशाल भारद्वाज द्वारा लिखित फिल्म में इमरान खान और दिग्गज कलाकार पंकज कपूर ने भी काम किया है। यह फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होगी।
यहाँ एक सारांश है:फिल्म 'मटरू की बिजली का मनडोला' में बिजली की भूमिका अदा करने वाली अनुष्का शर्मा का कहना है कि यह भूमिका उनके लिए दिमागी रूप से काफी थकाने वाली थी।
18
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले 18 महीने के निम्न स्तर पर आने के बावजूद तेल कंपनियां पेट्रोल के दाम नहीं घटा पा रही हैं क्योंकि उनकी नजर डालर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये पर है जिसकी वजह से उनका आयात महंगा हो रहा है। डालर के मुकाबले रुपया इस समय अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 57.30 रुपये प्रति डालर तक गिर चुका है। कच्चे तेल के दाम करीब 125 डालर की ऊंचाई से घटकर 90 डालर प्रति बैरल तक नीचे आ जाने के बाद जो लाभ हुआ था रुपये की गिरावट से वह लाभ जाता रहा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने कहा, ‘तेल कंपनियों पूरी स्थिति से वाकिफ हैं। कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपया-डॉलर की घट-बढ़ की बराबर निगरानी कर रही हैं। कंपनियां जल्द ही कोई निर्णय लेंगे।’ सरकारी तेल कंपनियां नियमित तौर पर हर महीने की पहली और 16 तारीख को पेट्रोल मूल्य की समीक्षा करती हैं। समीक्षा प्रत्येक पखवाड़े की औसत आयात मूल्य के हिसाब से की जाती हैं। टिप्पणियां रेड्डी ने कहा, ‘कच्चे तेल और रुपये के दाम में काफी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इससे हमें काफी राहत मिली कि कच्चे तेल के दाम नीचे आए हैं लेकिन उसी समय हमें रुपये के दाम में आई भारी गिरावट से असंतोष भी हुआ।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश जहां 76 प्रतिशत पेट्रोलियम पदार्थों की पूर्ति आयात से होती है, के लिये रुपये में गिरावट काफी महत्वपूर्ण है। सूत्रों के अनुसार इंडियन ऑयल कापरेरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियक कॉरपोरेशन कुछ दिन और पेट्रोल के दाम यथास्थिति में रखेंगे और बाजार का आकलन करेंगे। तेल कंपनियों ने 3 जून को पेट्रोल के दाम 2.02 रुपये लीटर कम किए थे जबकि उससे पहले 23 मई को इसमें 7.54 रुपये लीटर की वृद्धि की गई थी। डालर के मुकाबले रुपया इस समय अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 57.30 रुपये प्रति डालर तक गिर चुका है। कच्चे तेल के दाम करीब 125 डालर की ऊंचाई से घटकर 90 डालर प्रति बैरल तक नीचे आ जाने के बाद जो लाभ हुआ था रुपये की गिरावट से वह लाभ जाता रहा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने कहा, ‘तेल कंपनियों पूरी स्थिति से वाकिफ हैं। कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपया-डॉलर की घट-बढ़ की बराबर निगरानी कर रही हैं। कंपनियां जल्द ही कोई निर्णय लेंगे।’ सरकारी तेल कंपनियां नियमित तौर पर हर महीने की पहली और 16 तारीख को पेट्रोल मूल्य की समीक्षा करती हैं। समीक्षा प्रत्येक पखवाड़े की औसत आयात मूल्य के हिसाब से की जाती हैं। टिप्पणियां रेड्डी ने कहा, ‘कच्चे तेल और रुपये के दाम में काफी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इससे हमें काफी राहत मिली कि कच्चे तेल के दाम नीचे आए हैं लेकिन उसी समय हमें रुपये के दाम में आई भारी गिरावट से असंतोष भी हुआ।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश जहां 76 प्रतिशत पेट्रोलियम पदार्थों की पूर्ति आयात से होती है, के लिये रुपये में गिरावट काफी महत्वपूर्ण है। सूत्रों के अनुसार इंडियन ऑयल कापरेरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियक कॉरपोरेशन कुछ दिन और पेट्रोल के दाम यथास्थिति में रखेंगे और बाजार का आकलन करेंगे। तेल कंपनियों ने 3 जून को पेट्रोल के दाम 2.02 रुपये लीटर कम किए थे जबकि उससे पहले 23 मई को इसमें 7.54 रुपये लीटर की वृद्धि की गई थी। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने कहा, ‘तेल कंपनियों पूरी स्थिति से वाकिफ हैं। कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपया-डॉलर की घट-बढ़ की बराबर निगरानी कर रही हैं। कंपनियां जल्द ही कोई निर्णय लेंगे।’ सरकारी तेल कंपनियां नियमित तौर पर हर महीने की पहली और 16 तारीख को पेट्रोल मूल्य की समीक्षा करती हैं। समीक्षा प्रत्येक पखवाड़े की औसत आयात मूल्य के हिसाब से की जाती हैं। टिप्पणियां रेड्डी ने कहा, ‘कच्चे तेल और रुपये के दाम में काफी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इससे हमें काफी राहत मिली कि कच्चे तेल के दाम नीचे आए हैं लेकिन उसी समय हमें रुपये के दाम में आई भारी गिरावट से असंतोष भी हुआ।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश जहां 76 प्रतिशत पेट्रोलियम पदार्थों की पूर्ति आयात से होती है, के लिये रुपये में गिरावट काफी महत्वपूर्ण है। सूत्रों के अनुसार इंडियन ऑयल कापरेरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियक कॉरपोरेशन कुछ दिन और पेट्रोल के दाम यथास्थिति में रखेंगे और बाजार का आकलन करेंगे। तेल कंपनियों ने 3 जून को पेट्रोल के दाम 2.02 रुपये लीटर कम किए थे जबकि उससे पहले 23 मई को इसमें 7.54 रुपये लीटर की वृद्धि की गई थी। सरकारी तेल कंपनियां नियमित तौर पर हर महीने की पहली और 16 तारीख को पेट्रोल मूल्य की समीक्षा करती हैं। समीक्षा प्रत्येक पखवाड़े की औसत आयात मूल्य के हिसाब से की जाती हैं। टिप्पणियां रेड्डी ने कहा, ‘कच्चे तेल और रुपये के दाम में काफी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इससे हमें काफी राहत मिली कि कच्चे तेल के दाम नीचे आए हैं लेकिन उसी समय हमें रुपये के दाम में आई भारी गिरावट से असंतोष भी हुआ।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश जहां 76 प्रतिशत पेट्रोलियम पदार्थों की पूर्ति आयात से होती है, के लिये रुपये में गिरावट काफी महत्वपूर्ण है। सूत्रों के अनुसार इंडियन ऑयल कापरेरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियक कॉरपोरेशन कुछ दिन और पेट्रोल के दाम यथास्थिति में रखेंगे और बाजार का आकलन करेंगे। तेल कंपनियों ने 3 जून को पेट्रोल के दाम 2.02 रुपये लीटर कम किए थे जबकि उससे पहले 23 मई को इसमें 7.54 रुपये लीटर की वृद्धि की गई थी। रेड्डी ने कहा, ‘कच्चे तेल और रुपये के दाम में काफी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इससे हमें काफी राहत मिली कि कच्चे तेल के दाम नीचे आए हैं लेकिन उसी समय हमें रुपये के दाम में आई भारी गिरावट से असंतोष भी हुआ।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश जहां 76 प्रतिशत पेट्रोलियम पदार्थों की पूर्ति आयात से होती है, के लिये रुपये में गिरावट काफी महत्वपूर्ण है। सूत्रों के अनुसार इंडियन ऑयल कापरेरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियक कॉरपोरेशन कुछ दिन और पेट्रोल के दाम यथास्थिति में रखेंगे और बाजार का आकलन करेंगे। तेल कंपनियों ने 3 जून को पेट्रोल के दाम 2.02 रुपये लीटर कम किए थे जबकि उससे पहले 23 मई को इसमें 7.54 रुपये लीटर की वृद्धि की गई थी। सूत्रों के अनुसार इंडियन ऑयल कापरेरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियक कॉरपोरेशन कुछ दिन और पेट्रोल के दाम यथास्थिति में रखेंगे और बाजार का आकलन करेंगे। तेल कंपनियों ने 3 जून को पेट्रोल के दाम 2.02 रुपये लीटर कम किए थे जबकि उससे पहले 23 मई को इसमें 7.54 रुपये लीटर की वृद्धि की गई थी।
यहाँ एक सारांश है:अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले 18 महीने के निम्न स्तर पर आने के बावजूद तेल कंपनियां पेट्रोल के दाम नहीं घटा पा रही हैं क्योंकि उनकी नजर डालर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये पर है जिसकी वजह से उनका आयात महंगा हो रहा है।
4
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के खिलाफ विशेषधिकार हनन का नोटिस देगी, क्योंकि पिछले तीन साल में कई मौकों पर वह अपने मंत्रालय के बारे में 'गलत तथ्य' देते रहे हैं। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि उन्होंने 14 दृष्टांतों की सूची तैयार की है जिसमें यह उल्लेख है कि आजाद ने किन अवसरों पर गलत जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हम आजाद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे।" जायसवाल ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को भंग करने और उसके बदले एक अति महत्वपूर्ण निकाय नेशनल काउंसिल फॉर ह्यूमन रिसोर्स इन हेल्थ (एनसीएचआरएच) की स्थापना के सरकार के प्रस्ताव का भी विरोध किया। उन्होंने कहा, "सरकार सभी वैधानिक निकायों को भंग करने का प्रयास कर रही है ताकि सब कुछ उसके नियंत्रण में रहे।"टिप्पणियां भाजपा की चेतावनी के जवाब में कांग्रेस ने कहा कि भाजपा अपने अधिकारों के उपयोग के लिए स्वतंत्र है और नोटिस पेश किए जाने पर उसका समुचित जवाब दिया जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "यदि भाजपा ने अपने विशेषाधिकार के उपयोग के लिए एक खास संसदीय प्रकिया को चुना है तो यह उसकी मर्जी है। हम समुचित जवाब देंगे।" भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि उन्होंने 14 दृष्टांतों की सूची तैयार की है जिसमें यह उल्लेख है कि आजाद ने किन अवसरों पर गलत जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हम आजाद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे।" जायसवाल ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को भंग करने और उसके बदले एक अति महत्वपूर्ण निकाय नेशनल काउंसिल फॉर ह्यूमन रिसोर्स इन हेल्थ (एनसीएचआरएच) की स्थापना के सरकार के प्रस्ताव का भी विरोध किया। उन्होंने कहा, "सरकार सभी वैधानिक निकायों को भंग करने का प्रयास कर रही है ताकि सब कुछ उसके नियंत्रण में रहे।"टिप्पणियां भाजपा की चेतावनी के जवाब में कांग्रेस ने कहा कि भाजपा अपने अधिकारों के उपयोग के लिए स्वतंत्र है और नोटिस पेश किए जाने पर उसका समुचित जवाब दिया जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "यदि भाजपा ने अपने विशेषाधिकार के उपयोग के लिए एक खास संसदीय प्रकिया को चुना है तो यह उसकी मर्जी है। हम समुचित जवाब देंगे।" जायसवाल ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को भंग करने और उसके बदले एक अति महत्वपूर्ण निकाय नेशनल काउंसिल फॉर ह्यूमन रिसोर्स इन हेल्थ (एनसीएचआरएच) की स्थापना के सरकार के प्रस्ताव का भी विरोध किया। उन्होंने कहा, "सरकार सभी वैधानिक निकायों को भंग करने का प्रयास कर रही है ताकि सब कुछ उसके नियंत्रण में रहे।"टिप्पणियां भाजपा की चेतावनी के जवाब में कांग्रेस ने कहा कि भाजपा अपने अधिकारों के उपयोग के लिए स्वतंत्र है और नोटिस पेश किए जाने पर उसका समुचित जवाब दिया जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "यदि भाजपा ने अपने विशेषाधिकार के उपयोग के लिए एक खास संसदीय प्रकिया को चुना है तो यह उसकी मर्जी है। हम समुचित जवाब देंगे।" भाजपा की चेतावनी के जवाब में कांग्रेस ने कहा कि भाजपा अपने अधिकारों के उपयोग के लिए स्वतंत्र है और नोटिस पेश किए जाने पर उसका समुचित जवाब दिया जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "यदि भाजपा ने अपने विशेषाधिकार के उपयोग के लिए एक खास संसदीय प्रकिया को चुना है तो यह उसकी मर्जी है। हम समुचित जवाब देंगे।" कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "यदि भाजपा ने अपने विशेषाधिकार के उपयोग के लिए एक खास संसदीय प्रकिया को चुना है तो यह उसकी मर्जी है। हम समुचित जवाब देंगे।"
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के खिलाफ विशेषधिकार हनन का नोटिस देगी, क्योंकि पिछले तीन साल में कई मौकों पर वह अपने मंत्रालय के बारे में 'गलत तथ्य' देते रहे हैं।
19
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) ने फिल्म के इस महत्वपूर्ण गीत को अपने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, 'अंग्रेजी का डर हटाओ. क्योंकि ऐसे बहुत से दरवाजे हैं दुनिया में जो सिर्फ इसीलिए नहीं खुलते क्योंकि लोग 'May I come in' नहीं कह पाते.' ऋतिक (Hrithik Roshan) के इस गाने को भी फैन्स का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. 'बसंती नो डांस' आपको एक ट्विस्ट के साथ आइकॉनिक डायलॉग की याद दिला देगा. बता दें अपनी अपकमिंग फिल्म 'सुपर 30' (Super 30) में ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) मैथमेटिशियन आनंद कुमार का किरदार निभा रहे हैं. ट्रेलर में ऋतिक की परफॉर्मेंस को काफी सराहना मिल रही है. यहां तक की हर बारीकी को अपने किरदार में डालने के लिए आनंद कुमार ने भी ऋतिक (Hrithik Roshan) की प्रशंसा की है. ऋतिक रोशन 'सुपर 30' में गणितज्ञ के रोल में नजर आएंगे, जो 30 छात्रों को आईआईटी-जेईई की प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार करते हैं. ऋतिक रोशन की ये मोस्ट अवेटिड फिल्म 12 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.
यह एक सारांश है: 'सुपर 30' का नया गाना 'बसंती नो डांस' हुआ रिलीज होली के बैकग्राउंड पर फिल्माया गया 'बसंती नो डांस' 'बसंती नो डांस' में बच्चों ने भगाया अंग्रेजी का डर
16
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: स्पेन की अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे मंदी से बाहर आने की प्रक्रिया में निर्माण की जगह अब निर्यात महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 फीसदी योगदान है। यह बात बुधवार को स्विट्जरलैंड में स्पेन के बिजनेस काउंसिल फॉर कम्पिटीटिवनेस (सीईसी) के कार्यकारी निदेशक ने कही। समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक फर्नाडो कसाडो ने कहा, "स्पेन की अर्थव्यवस्था में बदलाव हुआ है, अब यह निर्यात पर आधारित है, निर्माण पर नहीं। इस बदलाव से उम्मीद लगाई जा सकती है कि आने वाले वर्ष में जीडीपी में वृद्धि होगी।" आईईएसई बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर अर्थशास्त्री जुआन जोस तोरिबियो ने कहा कि स्पेन के उबरने की प्रक्रिया में एक सकारात्मक पहलू यह है कि श्रम की लागत घटी है और जिसका निर्यात पर सकारात्मक असर हुआ है।टिप्पणियां ज्यूरिक में आयोजित 'स्पेन : अवसरों की भूमि' सम्मेलन में दोनों ने स्पेन में मौजूद निवेश अवसरों के बारे में बढ़-चढ़ कर बताया और देश की प्रतिस्पर्धात्मकता के बारे में चिंता दूर करने की कोशिश की। कसाडो ने कहा कि वित्त और श्रम सुधार से भविष्य में लाभ मिलेगा और इसके साथ ही निर्यात के सहयोग से साल के आखिर तक जीडीपी में वृद्धि होगी। समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक फर्नाडो कसाडो ने कहा, "स्पेन की अर्थव्यवस्था में बदलाव हुआ है, अब यह निर्यात पर आधारित है, निर्माण पर नहीं। इस बदलाव से उम्मीद लगाई जा सकती है कि आने वाले वर्ष में जीडीपी में वृद्धि होगी।" आईईएसई बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर अर्थशास्त्री जुआन जोस तोरिबियो ने कहा कि स्पेन के उबरने की प्रक्रिया में एक सकारात्मक पहलू यह है कि श्रम की लागत घटी है और जिसका निर्यात पर सकारात्मक असर हुआ है।टिप्पणियां ज्यूरिक में आयोजित 'स्पेन : अवसरों की भूमि' सम्मेलन में दोनों ने स्पेन में मौजूद निवेश अवसरों के बारे में बढ़-चढ़ कर बताया और देश की प्रतिस्पर्धात्मकता के बारे में चिंता दूर करने की कोशिश की। कसाडो ने कहा कि वित्त और श्रम सुधार से भविष्य में लाभ मिलेगा और इसके साथ ही निर्यात के सहयोग से साल के आखिर तक जीडीपी में वृद्धि होगी। आईईएसई बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर अर्थशास्त्री जुआन जोस तोरिबियो ने कहा कि स्पेन के उबरने की प्रक्रिया में एक सकारात्मक पहलू यह है कि श्रम की लागत घटी है और जिसका निर्यात पर सकारात्मक असर हुआ है।टिप्पणियां ज्यूरिक में आयोजित 'स्पेन : अवसरों की भूमि' सम्मेलन में दोनों ने स्पेन में मौजूद निवेश अवसरों के बारे में बढ़-चढ़ कर बताया और देश की प्रतिस्पर्धात्मकता के बारे में चिंता दूर करने की कोशिश की। कसाडो ने कहा कि वित्त और श्रम सुधार से भविष्य में लाभ मिलेगा और इसके साथ ही निर्यात के सहयोग से साल के आखिर तक जीडीपी में वृद्धि होगी। ज्यूरिक में आयोजित 'स्पेन : अवसरों की भूमि' सम्मेलन में दोनों ने स्पेन में मौजूद निवेश अवसरों के बारे में बढ़-चढ़ कर बताया और देश की प्रतिस्पर्धात्मकता के बारे में चिंता दूर करने की कोशिश की। कसाडो ने कहा कि वित्त और श्रम सुधार से भविष्य में लाभ मिलेगा और इसके साथ ही निर्यात के सहयोग से साल के आखिर तक जीडीपी में वृद्धि होगी। कसाडो ने कहा कि वित्त और श्रम सुधार से भविष्य में लाभ मिलेगा और इसके साथ ही निर्यात के सहयोग से साल के आखिर तक जीडीपी में वृद्धि होगी।
स्पेन की अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे मंदी से बाहर आने की प्रक्रिया में निर्माण की जगह अब निर्यात महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 फीसदी योगदान है।
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: हाल के दिनों तक दूध आपूर्ति के लिए पंजाब और आंध्र प्रदेश पर निर्भर रहने वाला बिहार अब दूध उत्पादन के मामले में अग्रणी उत्पादक राज्यों की कतार में शामिल होता जा रहा है। बिहार प्रदेश सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ (कॉम्फेड) के महाप्रबंधक अशोक जावा ने बताया कि 1999-2000 में दूध की औसत दैनिक खरीद 281.81 हजार लीटर थी, जो 2011.12 में करीब 14 लाख लीटर प्रतिदिन की है। उन्होंने कहा कि आज बिहार देश के 10 अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्यों में से है। प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिहार ने वर्ष 2021-22 तक दूध की खरीद 32 लाख लीटर प्रतिदिन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने इस सफलता का श्रेय नीतीश कुमार सरकार की प्रगतिशील रुख को दिया है, जो डेयरी उद्योग सहित कृषि क्षेत्र को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश में दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए रियायती चारे और अन्य चीजों के अलावा मवेशियों की खरीद पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी देने सहित किसानों को विभिन्न सहायताएं दे रही है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: हाल के दिनों तक दूध आपूर्ति के लिए पंजाब और आंध्र प्रदेश पर निर्भर रहने वाला बिहार अब अग्रणी उत्पादक दूध राज्यों की कतार में शामिल होता जा रहा है।
25
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ‘मौजूदा माहौल’ का हवाला देते हुए सरकार से आग्रह किया है कि वह पेपर ट्रेल मशीनों की समयबद्ध खरीद के लिए तत्काल धन जारी करें ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में इन मशीनों को उपयोग में लाया जा सके. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे ताजा पत्र में जैदी ने यह भी कहा कि अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आयोग को वह समयसीमा बताने का निर्देश दिया है जिसके भीतर वीवीपीएटी की पूरी प्रणाली अमल में लाई जाएगी.   मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट नहीं किया कि ‘मौजूदा माहौल’ से उनका क्या तात्पर्य है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह विपक्ष की ओर से ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने का हवाला दे रहे थे. बसपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने ‘गड़बड़’ ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. देश के 16 दलों ने हाल ही में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए मत पत्र वाली व्यवस्था फिर शुरू करने का आग्रह किया था.   अपने पत्र में जैदी ने यह याद दिलाया था कि वह पहले ही सरकार को सूचित कर चुके हैं कि वीवीपीएटी की आपूर्ति के लिए ऑर्डर फरवरी, 2017 तक नहीं दिया गया तो ‘सितम्बर, 2018 तक वीवीपीएटी की आपूर्ति के लिए विनिर्माण मुश्किल होगा’.   चुनाव आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी मतदान केद्रों को कवर करने के लिए 16 लाख से अधिक पेपर ट्रेल मशीनों की जरूरत होगी. इस पर 3,174 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. बीते 22 मार्च को कानून मंत्री को लिखे पत्र में जैदी ने कहा कि आयोग ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि ‘जरूरी संख्या में वीवीपीएटी को निर्माण के लिए धन जारी किए जाने से 30 महीने के भीतर विनिर्माण किया जा सकता है.’टिप्पणियां मुख्य निर्वाचन आयुक्त जैदी ने कहा, ‘‘वीवीपीएटी की खरीद की प्रक्रिया में मौजूदा माहौल को देखते हुए देर नहीं की जा सकती..आयोग भविष्य के चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपीएटी मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ायी जा सके, मतदाता की निष्ठा को सुरक्षित रखा जा सके और मतदान की प्रक्रिया में मतदाताओं के भरोसे को बढ़ाया जा सके.’’ चुनाव आयोग जून, 2014 से वीवीपीएटी के बारे में सरकार को कम से कम 11 बार याद दिला चुका है.   पिछले साल नसीम जैदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा था. बीते सात अप्रैल को कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘वीवीपीएटी के संदर्भ में चुनाव आयोग का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है.’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मुख्य निर्वाचन आयुक्त जैदी ने कहा, ‘‘वीवीपीएटी की खरीद की प्रक्रिया में मौजूदा माहौल को देखते हुए देर नहीं की जा सकती..आयोग भविष्य के चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपीएटी मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ायी जा सके, मतदाता की निष्ठा को सुरक्षित रखा जा सके और मतदान की प्रक्रिया में मतदाताओं के भरोसे को बढ़ाया जा सके.’’ चुनाव आयोग जून, 2014 से वीवीपीएटी के बारे में सरकार को कम से कम 11 बार याद दिला चुका है.   पिछले साल नसीम जैदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा था. बीते सात अप्रैल को कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘वीवीपीएटी के संदर्भ में चुनाव आयोग का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है.’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: पेपर ट्रेल मशीनों की समयबद्ध खरीद के लिए तत्काल धन जारी करने का आग्रह. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को मुख्य चुनाव आयुक्त ने लिखा पत्र. पिछले साल नसीम जैदी ने पीएम मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा था.
10
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के मौजूदा हालात पर अमेरिका लगातार नजर बनाए हुए है और लोगों की नजरबंदी और वहां लगातार जारी प्रतिबंधों से चिंतित है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता का यह बयान तब आया है जब कुछ दिन पहले ही भारत ने इस बात पर जोर दिया था कि जम्मू कश्मीर द्विपक्षीय मामला है और इसमें तीसरे पक्ष के मध्यस्थता की ज़रूरत नहीं है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हम मानवाधिकारों के लिए सम्मान, क़ानूनी प्रक्रियाओं के अनुपालन, और प्रभावित लोगों के साथ एक समावेशी बातचीत का अनुरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथन का स्वागत करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर जल्द ही एक सामान्य राजनीतिक स्थिति में लौट आएगा. हालांकि अमेरिका ने पाकिस्तान को भी परोक्ष रूप से चेतावनी दी है कि वह लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर शांति बहाल रखे और सीमापार से आतंकवाद पर लगाम लगाए.  तीन दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्रांस में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू कश्मीर पर 'बहुत विस्तार से' बातचीत की थी. चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने जोर देकर कहा था कि 1947 से पहले भारत और पाकिस्तान एक थे और दोनों देशों के बीच सभी मुद्दे भी द्विपक्षीय थे. इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार्य है. पीएम मोदी ने कहा था, 'भारत और पाकिस्तान के बीच कई द्विपक्षीय मुद्दे हैं, और हम किसी तीसरे देश को परेशान नहीं करना चाहते हैं. हम इन मुद्दों पर द्विपक्षीय रूप से चर्चा और समाधान कर सकते हैं.' बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, 'प्रधानमंत्री मोदी को वास्तव में लगता है कि स्थिति उनके नियंत्रण में है. दोनों लोगों (नरेंद्र मोदी और इमरान ख़ान) के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं और मैं यहां हूं. मुझे लगता है कि वे इस मुद्दा सुलझा ख़ुद हल सकते हैं.
संक्षिप्त पाठ: जम्मू कश्मीर को लेकर अमेरिका का आया बयान जम्मू-कश्मीर में नजरबंदी पर जताई चिंता पाकिस्तान को भी परोक्ष रूप से दी चेतावनी
22
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अमेरिका ने आतंकवादी संगठन अलकायदा को पूरी तरह नष्ट कर देने की रणनीति बनाई है। वह इसके लिए प्रभावी कार्रवाई की जरूरत पर बल देता है ताकि इसका पाकिस्तान के कबायली इलाकों से समूल नाश हो जाए और यह अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में दोबारा सिर न उठा सके। राष्ट्रपति के आंतरिक सुरक्षा मामलों के सहायक जॉन ब्रेनान ने बुधवार को बताया, "हम अपने देश, नागरिकों, सहयोगियों के खिलाफ अलकायदा तथा सम्बद्ध संगठनों के हमले की क्षमता को नष्ट कर देना चाहते हैं। हम अलकायदा के समूल नाश से कम कुछ नहीं चाहते।" पाकिस्तान के साथ अमेरिका के तनावपूर्ण सम्बंधों की बात स्वीकार करते हुए ब्रेनान ने कहा, "हम अपने पाकिस्तानी सहयोगियों के साथ मतभेदों को दूर करने और अपने सामान्य शत्रु के खिलाफ निरंतर कार्रवाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।" पिछले दो-ढाई साल में अलकायदा के शीर्ष नेताओं के मारे जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि संगठन के प्रमुख ओसामा बिन लादेन की मौत से अमेरिका को बड़ी सफलता मिली और आतंकवादी समूहों के लिए यह सबसे बड़ा झटका साबित हुआ। उन्होंने कहा, "लेकिन लादेन के मारे जाने के बाद भी लड़ाई समाप्त नहीं हुई है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बार फिर कहा है कि हमें अलकायदा को पूरी तरह पराजित करना है और हम तब तक आराम नहीं करेंगे, जब तक कि हमारा काम पूरा नहीं हो जाता।" व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा, "अमेरिका का उद्देश्य अफगानिस्तान-पाकिस्तान में अलकायदा तथा इसके नेतृत्व को भंग करना, नष्ट करना और अंतत: उसे पराजित करना है, ताकि हमारे नागरिकों और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।" ब्रेनान ने कहा कि अलकायदा तथा उसके सम्बद्ध संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उपलब्ध कानूनी तरीके एवं प्राधिकरण का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही विदेशों में साझीदारी और सहयोगी भी बनाए जाएंगे।
संक्षिप्त सारांश: वह इसके लिए प्रभावी कार्रवाई की जरूरत पर बल देता है ताकि इसका पाकिस्तान के कबायली इलाकों से समूल नाश हो जाए।
29
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: 12 जून को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2019) मनाया जा रहा है. इस दिन लोग पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं और दान-पुण्य के काम करते हैं. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद पूजा-पाठ और व्रत रखते हैं. गंगा दशहरा के मौके पर हजारों श्रद्धालु हरिद्वार और वाराणसी में गंगा जी में डुबकी लगाते हैं. नदी किनारे हवन और तप करते हैं.    Ganga Dussehra 2019: 12 जून को है गंगा दशहरा, इन खास मैसेजस को भेजकर दें सबको बधाई महर्षि कपिल की समाधि टूट गई. ज्यों ही महर्षि ने अपने आग्नेय नेत्र खोले, त्यों ही सारी प्रजा भस्म हो गई. इन मृत लोगों के उद्धार के लिए ही महाराज दिलीप के पुत्र भगीरथ ने कठोर तप किया था. भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने उनसे वर मांगने को कहा तो भगीरथ ने 'गंगा' की मांग की. इस पर ब्रह्मा ने कहा- 'राजन! तुम गंगा का पृथ्वी पर अवतरण तो चाहते हो? परंतु क्या तुमने पृथ्वी से पूछा है कि वह गंगा के भार तथा वेग को संभाल पाएगी? मेरा विचार है कि गंगा के वेग को संभालने की शक्ति केवल भगवान शंकर में है. इसलिए उचित यह होगा कि गंगा का भार एवं वेग संभालने के लिए भगवान शिव का अनुग्रह प्राप्त कर लिया जाए.' महाराज भगीरथ ने वैसे ही किया. उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने गंगा की धारा को अपने कमंडल से छोड़ा. तब भगवान शिव ने गंगा की धारा को अपनी जटाओं में समेटकर जटाएं बांध लीं. इसका परिणाम यह हुआ कि गंगा को जटाओं से बाहर निकलने का पथ नहीं मिल सका. अब महाराज भगीरथ को और भी अधिक चिंता हुई. उन्होंने एक बार फिर भगवान शिव की आराधना में घोर तप शुरू किया. तब कहीं भगवान शिव ने गंगा की धारा को मुक्त करने का वरदान दिया. इस प्रकार शिवजी की जटाओं से छूट कर गंगाजी हिमालय की घाटियों में कल-कल निनाद करके मैदान की ओर मुड़ी. इस प्रकार भगीरथ पृथ्वी पर गंगा का वरण करके बड़े भाग्यशाली हुए.
संक्षिप्त सारांश: 12 जून को है गंगा दशहरा गंगा स्नान का होता है महत्व लोग गंगा किनारे करते हैं पूजा-पाठ
0
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: किसी भी दिव्यांग को अपनी जिंदगी में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बचपन से ही उन्हें बहुत से लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ता है और इस वजह से उनको कोई जल्दी से नौकरी नहीं देता, फिर चाहे वो कितने ही टेलेंटेड क्यों न हो. इसी बीच हिमाचल प्रदेश की दिव्यांग प्रियंका ठाकुर चर्चाओं में बनी हुई हैं. दरअसल, प्रियंका ठाकुर शारीरिक रूप से 54 प्रतिशत विकलांग हैं. उन्‍हें हिमाचल प्रदेश में न्यायिक सेवाओं के लिए चुना गया है. द स्टेटमैन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियंका ठाकुर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) से लॉ में पीएचडी कर रही हैं और उन्हें हाल ही में हिमाचल प्रदेश में न्यायिक सेवाओं के लिए चुना गया है. प्रियंका ने अपनी एलएलबी (LLB), हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यायल (HPU) के क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला (Dharamshala) से पूरी की. इसके बाद उन्होंने अपनी एलएलएम (LLM) एचपीयू शिमला (Shimla) से की. उन्होंने यूजीसी नेट (UGC NET) की परीक्षा को भी क्‍वालिफाई किया हुआ है.   प्रियंका, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के इंडोरा के एक छोटे से गांव वडाला की रहने वाली हैं. उनके पिता बीएसएफ के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर हैं और मां गृहिणी हैं. वह उमंग फाउंडेशन से भी जुड़ी हुई हैं, जो विकलांगों के लिए एक लोक कल्याणकारी ट्रस्ट है.  प्रियंका ने बताया कि उन्होंने कई घंटों तक इसके लिए पढ़ाई की है और न्यायिक सेवाओं के लिए कभी कोई ट्यूशन क्लास नहीं ली. प्रियंका ने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और कैंपस में ''उभरते विकलांग-अनुकूल वातावरण'' को दिया. प्रियंका ने कहा, ''आमतौर पर लोग महिलाओं पर ध्यान नहीं देते और अगर वह दिव्यांग हो तो बिलकुल नहीं देते. लेकिन अगर आपके पास आत्मविश्वास है, तो आप किसी भी ऊंचाई को प्राप्त कर सकते हैं''.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: दिव्यांग प्रियंका ठाकुर बनीं दूसरों के लिए मिसाल हिमाचल प्रदेश में प्रियंका को न्यायिक सेवा के लिए चुना गया हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से लॉ में कर रही हैं पीएचडी
3
['hin']
एक सारांश बनाओ: अभिनेत्री और गायिका माइली साइरस का कहना है कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि उनके मंगेतर लिएम हेम्सवर्थ को उनका नया हेयरस्टाइल पसंद आया।टिप्पणियां माइली ने ट्विटर पर लिखा है, "उन्हें (लिएम हेम्सवर्थ को) ये अच्छे लगे... बीती रात वह मुझे देखकर बहुत खुश थे, वह मेरी आंखों में और ज़्यादा देख रहे थे..." वेबसाइट एसशोबिज़.कॉम के मुताबिक माइली साइरस ने सेलेब्रिटी हेयरस्टाइलिस्ट क्रिस मैकमिलन से यह स्टाइल बनवाया है। माइली ने कहा कि वह इन दिनों खुद को लेकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं। माइली ने ट्विटर पर लिखा है, "उन्हें (लिएम हेम्सवर्थ को) ये अच्छे लगे... बीती रात वह मुझे देखकर बहुत खुश थे, वह मेरी आंखों में और ज़्यादा देख रहे थे..." वेबसाइट एसशोबिज़.कॉम के मुताबिक माइली साइरस ने सेलेब्रिटी हेयरस्टाइलिस्ट क्रिस मैकमिलन से यह स्टाइल बनवाया है। माइली ने कहा कि वह इन दिनों खुद को लेकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं। वेबसाइट एसशोबिज़.कॉम के मुताबिक माइली साइरस ने सेलेब्रिटी हेयरस्टाइलिस्ट क्रिस मैकमिलन से यह स्टाइल बनवाया है। माइली ने कहा कि वह इन दिनों खुद को लेकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं।
सारांश: अभिनेत्री और गायिका माइली साइरस का कहना है कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि उनके मंगेतर लिएम हेम्सवर्थ को उनका नया हेयरस्टाइल पसंद आया।
5
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: कश्मीर घाटी में शुक्रवार को एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें कुछ किशोरों समेत कई लोग घायल हो गए. अलगाववादियों ने श्रीनगर की जामा मस्जिद तक मार्च का आह्वान किया था. इसके मद्देनजर अधिकारियों ने कर्फ्यू लगा दिया था. लोग कर्फ्यू का उल्लंघन कर सड़कों पर निकल आए. कश्मीर घाटी में 8 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से तनाव बना हुआ है. प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस ने बताया कि श्रीनगर और उत्तरी व दक्षिणी कश्मीर के कई शहरों, कस्बों व गांवों में प्रदर्शन और झड़प हुईं हैं. वहीं पुलिस सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक भीड़ पर उस वक्त फायरिंग की, जब वह सेना के एक कैंप पर धावा बोलने जा रही थी. तीन किशोरों को गोली लगी है, जबकि कुपवाड़ा के लोलाब में झड़प के दौरान एक किशोर के सिर पर चोट लगी है. आंसू गैस का गोला उसके सिर पर गिरने से उसे चोट लगी. श्रीनगर में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए एक मस्जिद से संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर तक मार्च निकाला. उनके हाथों में हरे झंडे थे. इन लोगों ने संयुक्त राष्ट्र दफ्तर के बाहर नारों के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी 'हमें आजादी चाहिए' के नारे लगा रहे थे और कश्मीर मसले को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के दखल की मांग कर रहे थे. उन्होंने सुरक्षा कर्मियों पर घाटी में मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया. पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को लाठीचार्ज कर और आंसू गैस का इस्तेमाल कर तितर-बितर किया. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसी के घायल होने की खबर नहीं है. श्रीनगर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र, लाल चौक पर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ. कई अन्य जगहों पर भी लोगों ने मार्च निकाले. इनमें उत्तरी कश्मीर के बांदीपुर और सोपोर शहर भी शामिल हैं, जहां उस अशांति के बीच भी अपेक्षाकृत शांति बनी हुई थी जिसमें करीब 50 लोग मारे जा चुके हैं. अशांति के गढ़ दक्षिण कश्मीर के कई शहरों में लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर रात भर प्रदर्शन किया. गुरुवार रात के बाद शुक्रवार को दिन भर दक्षिण कश्मीर में प्रदर्शन होते रहे. दक्षिण कश्मीर के शोपियां में लोगों ने जुमे की नमाज के बाद कई रैली निकाली. कई जगहों पर हिंसा हुई. सेना के कैंप, पुलिस पिकेट और पुलिस स्टेशन पर हमले की कोशिश की गई. शोपियां में एक सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया गया. सुरक्षा कर्मियों ने पथराव करने वालों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने श्रीनगर जामा मस्जिद तक शुक्रवार को मार्च निकालने का आह्वान किया था. इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था. पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.टिप्पणियां अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस ने बताया कि श्रीनगर और उत्तरी व दक्षिणी कश्मीर के कई शहरों, कस्बों व गांवों में प्रदर्शन और झड़प हुईं हैं. वहीं पुलिस सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक भीड़ पर उस वक्त फायरिंग की, जब वह सेना के एक कैंप पर धावा बोलने जा रही थी. तीन किशोरों को गोली लगी है, जबकि कुपवाड़ा के लोलाब में झड़प के दौरान एक किशोर के सिर पर चोट लगी है. आंसू गैस का गोला उसके सिर पर गिरने से उसे चोट लगी. श्रीनगर में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए एक मस्जिद से संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर तक मार्च निकाला. उनके हाथों में हरे झंडे थे. इन लोगों ने संयुक्त राष्ट्र दफ्तर के बाहर नारों के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी 'हमें आजादी चाहिए' के नारे लगा रहे थे और कश्मीर मसले को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के दखल की मांग कर रहे थे. उन्होंने सुरक्षा कर्मियों पर घाटी में मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया. पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को लाठीचार्ज कर और आंसू गैस का इस्तेमाल कर तितर-बितर किया. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसी के घायल होने की खबर नहीं है. श्रीनगर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र, लाल चौक पर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ. कई अन्य जगहों पर भी लोगों ने मार्च निकाले. इनमें उत्तरी कश्मीर के बांदीपुर और सोपोर शहर भी शामिल हैं, जहां उस अशांति के बीच भी अपेक्षाकृत शांति बनी हुई थी जिसमें करीब 50 लोग मारे जा चुके हैं. अशांति के गढ़ दक्षिण कश्मीर के कई शहरों में लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर रात भर प्रदर्शन किया. गुरुवार रात के बाद शुक्रवार को दिन भर दक्षिण कश्मीर में प्रदर्शन होते रहे. दक्षिण कश्मीर के शोपियां में लोगों ने जुमे की नमाज के बाद कई रैली निकाली. कई जगहों पर हिंसा हुई. सेना के कैंप, पुलिस पिकेट और पुलिस स्टेशन पर हमले की कोशिश की गई. शोपियां में एक सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया गया. सुरक्षा कर्मियों ने पथराव करने वालों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने श्रीनगर जामा मस्जिद तक शुक्रवार को मार्च निकालने का आह्वान किया था. इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था. पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.टिप्पणियां अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) श्रीनगर में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए एक मस्जिद से संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर तक मार्च निकाला. उनके हाथों में हरे झंडे थे. इन लोगों ने संयुक्त राष्ट्र दफ्तर के बाहर नारों के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी 'हमें आजादी चाहिए' के नारे लगा रहे थे और कश्मीर मसले को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के दखल की मांग कर रहे थे. उन्होंने सुरक्षा कर्मियों पर घाटी में मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया. पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को लाठीचार्ज कर और आंसू गैस का इस्तेमाल कर तितर-बितर किया. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसी के घायल होने की खबर नहीं है. श्रीनगर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र, लाल चौक पर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ. कई अन्य जगहों पर भी लोगों ने मार्च निकाले. इनमें उत्तरी कश्मीर के बांदीपुर और सोपोर शहर भी शामिल हैं, जहां उस अशांति के बीच भी अपेक्षाकृत शांति बनी हुई थी जिसमें करीब 50 लोग मारे जा चुके हैं. अशांति के गढ़ दक्षिण कश्मीर के कई शहरों में लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर रात भर प्रदर्शन किया. गुरुवार रात के बाद शुक्रवार को दिन भर दक्षिण कश्मीर में प्रदर्शन होते रहे. दक्षिण कश्मीर के शोपियां में लोगों ने जुमे की नमाज के बाद कई रैली निकाली. कई जगहों पर हिंसा हुई. सेना के कैंप, पुलिस पिकेट और पुलिस स्टेशन पर हमले की कोशिश की गई. शोपियां में एक सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया गया. सुरक्षा कर्मियों ने पथराव करने वालों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने श्रीनगर जामा मस्जिद तक शुक्रवार को मार्च निकालने का आह्वान किया था. इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था. पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.टिप्पणियां अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को लाठीचार्ज कर और आंसू गैस का इस्तेमाल कर तितर-बितर किया. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसी के घायल होने की खबर नहीं है. श्रीनगर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र, लाल चौक पर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ. कई अन्य जगहों पर भी लोगों ने मार्च निकाले. इनमें उत्तरी कश्मीर के बांदीपुर और सोपोर शहर भी शामिल हैं, जहां उस अशांति के बीच भी अपेक्षाकृत शांति बनी हुई थी जिसमें करीब 50 लोग मारे जा चुके हैं. अशांति के गढ़ दक्षिण कश्मीर के कई शहरों में लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर रात भर प्रदर्शन किया. गुरुवार रात के बाद शुक्रवार को दिन भर दक्षिण कश्मीर में प्रदर्शन होते रहे. दक्षिण कश्मीर के शोपियां में लोगों ने जुमे की नमाज के बाद कई रैली निकाली. कई जगहों पर हिंसा हुई. सेना के कैंप, पुलिस पिकेट और पुलिस स्टेशन पर हमले की कोशिश की गई. शोपियां में एक सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया गया. सुरक्षा कर्मियों ने पथराव करने वालों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने श्रीनगर जामा मस्जिद तक शुक्रवार को मार्च निकालने का आह्वान किया था. इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था. पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.टिप्पणियां अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कई अन्य जगहों पर भी लोगों ने मार्च निकाले. इनमें उत्तरी कश्मीर के बांदीपुर और सोपोर शहर भी शामिल हैं, जहां उस अशांति के बीच भी अपेक्षाकृत शांति बनी हुई थी जिसमें करीब 50 लोग मारे जा चुके हैं. अशांति के गढ़ दक्षिण कश्मीर के कई शहरों में लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर रात भर प्रदर्शन किया. गुरुवार रात के बाद शुक्रवार को दिन भर दक्षिण कश्मीर में प्रदर्शन होते रहे. दक्षिण कश्मीर के शोपियां में लोगों ने जुमे की नमाज के बाद कई रैली निकाली. कई जगहों पर हिंसा हुई. सेना के कैंप, पुलिस पिकेट और पुलिस स्टेशन पर हमले की कोशिश की गई. शोपियां में एक सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया गया. सुरक्षा कर्मियों ने पथराव करने वालों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने श्रीनगर जामा मस्जिद तक शुक्रवार को मार्च निकालने का आह्वान किया था. इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था. पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.टिप्पणियां अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दक्षिण कश्मीर के शोपियां में लोगों ने जुमे की नमाज के बाद कई रैली निकाली. कई जगहों पर हिंसा हुई. सेना के कैंप, पुलिस पिकेट और पुलिस स्टेशन पर हमले की कोशिश की गई. शोपियां में एक सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया गया. सुरक्षा कर्मियों ने पथराव करने वालों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने श्रीनगर जामा मस्जिद तक शुक्रवार को मार्च निकालने का आह्वान किया था. इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था. पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.टिप्पणियां अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सुरक्षा कर्मियों ने पथराव करने वालों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने श्रीनगर जामा मस्जिद तक शुक्रवार को मार्च निकालने का आह्वान किया था. इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था. पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.टिप्पणियां अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.टिप्पणियां अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त पाठ: कश्मीर घाटी में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से तनाव बरकरार है अलगाववादियों के मार्च के मद्देनजर श्रीनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया था सैन्य कैंप पर धावा बोलने जा रही भीड़ पर सुरक्षा बलों को करनी पड़ी फायरिंग
27
['hin']
एक सारांश बनाओ: जापान सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर सकती है। इस समझौते में 10 साल के लिए 90 प्रतिशत वस्तुओं पर शुल्क हटाने का प्रावधान रहेगा। समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि विदेश मंत्री सेजी मेहारा और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा बुधवार को समझौते को अंतिम रूप देंगे। इस समझौते के जरिए वाहन के पुर्जो और विद्युत उपकरणों जैसे भारत को किए जाने वाले 90 प्रतिशत निर्यात उत्पादों और कृषि और मत्स्य उत्पादों सहित भारत से आयात किए जाने वाले 97 प्रतिशत उत्पादों पर वर्ष 2021 तक के लिए शुल्क हटाए जाएंगे। इस समझौते के लिए दोनों देश जनवरी 2007 से वार्ता कर रहे हैं। जापानी व्यापार मंत्री बानरी कैइदा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "भारत एक बहुत बड़ा बाजार है और यह तेजी से बढ़ रहा है।" उन्होंने कहा, "इस समझौते के जरिए सरकार जापानी कम्पनियों को भारत में व्यापार करने के लिए मदद उपलब्ध कराएगी। भारत जापान से आधारभूत संरचना प्रौद्योगिकी प्राप्त करना चाहता है।" जापान और भारत रोजगार प्रतिबंध हटाने के लिए भी वार्ता कर रहे हैं जिसके तहत भारतीयों को जापान में नìसग आदि करने की अनुमति दी जाएगी।
संक्षिप्त पाठ: जापान सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर सकती है।
30
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: तमीम इकबाल और साकिब अल हसन के तूफानी अर्द्धशतकों की मदद से बांग्लादेश ने विषम परिस्थितियों से उबरकर वर्षा से प्रभावित अंतिम लीग मैच में डकवर्थ लुईस पद्धति के तहत श्रीलंका को पांच विकेट से हराकर पहली बार एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया। तमीम ने 57 गेंद में नौ चौकों की मदद से 59 जबकि साकिब ने 46 गेंद में सात चौकों की मदद से 56 रन की पारी खेली जिससे मेजबान बांग्लादेश ने 17 गेंद शेष रहते पांच विकेट पर 212 रन बनाकर मैच जीत लिया। नासिर हुसैन (नाबाद 36) और महमूदुल्लाह (नाबाद 32) ने छठे विकेट के लिए 77 रन की अटूट साझेदारी करके टीम की जीत सुनिश्चित की। इससे पहले, बांग्लादेश ने नजमुल हुसैन (32 रन तीन विकेट) की धारदार गेंदबाजी से श्रीलंका को 49.5 ओवर में 232 रन पर रोक दिया था लेकिन पारी खत्म होने के बाद बारिश आ गई और लंबे विलंब के बाद जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो बांग्लादेश को 40 ओवर में 212 रन का लक्ष्य मिला। बांग्लादेश के भारत के बराबर तीन मैचों में दो जीत से आठ अंक रहे लेकिन मेजबान देश ने लीग चरण में भारत को हराने के कारण गुरुवार को होने वाले फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ने का हक पाया।टिप्पणियां वर्ष 1984 में शुरू हुए एशिया कप में यह पहला मौका है जब भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा किसी अन्य टीम ने फाइनल में प्रवेश किया है। श्रीलंका को टूर्नामेंट में अपने तीनों मैच गंवाने पड़े। लक्ष्य का पीछा करने उतरे बांग्लादेश को नुवान कुलशेखरा ने शुरुआती झटके दिए। कुलशेखरा ने सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन (06) और कप्तान मुशफिकुर रहीम (01) को बोल्ड किया जबकि सुरंगा लकमल ने जहुरुल इस्लाम (02) को पवेलियन भेजकर आठवें ओवर में ही बांग्लादेश का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन कर दिया। तमीम ने 57 गेंद में नौ चौकों की मदद से 59 जबकि साकिब ने 46 गेंद में सात चौकों की मदद से 56 रन की पारी खेली जिससे मेजबान बांग्लादेश ने 17 गेंद शेष रहते पांच विकेट पर 212 रन बनाकर मैच जीत लिया। नासिर हुसैन (नाबाद 36) और महमूदुल्लाह (नाबाद 32) ने छठे विकेट के लिए 77 रन की अटूट साझेदारी करके टीम की जीत सुनिश्चित की। इससे पहले, बांग्लादेश ने नजमुल हुसैन (32 रन तीन विकेट) की धारदार गेंदबाजी से श्रीलंका को 49.5 ओवर में 232 रन पर रोक दिया था लेकिन पारी खत्म होने के बाद बारिश आ गई और लंबे विलंब के बाद जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो बांग्लादेश को 40 ओवर में 212 रन का लक्ष्य मिला। बांग्लादेश के भारत के बराबर तीन मैचों में दो जीत से आठ अंक रहे लेकिन मेजबान देश ने लीग चरण में भारत को हराने के कारण गुरुवार को होने वाले फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ने का हक पाया।टिप्पणियां वर्ष 1984 में शुरू हुए एशिया कप में यह पहला मौका है जब भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा किसी अन्य टीम ने फाइनल में प्रवेश किया है। श्रीलंका को टूर्नामेंट में अपने तीनों मैच गंवाने पड़े। लक्ष्य का पीछा करने उतरे बांग्लादेश को नुवान कुलशेखरा ने शुरुआती झटके दिए। कुलशेखरा ने सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन (06) और कप्तान मुशफिकुर रहीम (01) को बोल्ड किया जबकि सुरंगा लकमल ने जहुरुल इस्लाम (02) को पवेलियन भेजकर आठवें ओवर में ही बांग्लादेश का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन कर दिया। इससे पहले, बांग्लादेश ने नजमुल हुसैन (32 रन तीन विकेट) की धारदार गेंदबाजी से श्रीलंका को 49.5 ओवर में 232 रन पर रोक दिया था लेकिन पारी खत्म होने के बाद बारिश आ गई और लंबे विलंब के बाद जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो बांग्लादेश को 40 ओवर में 212 रन का लक्ष्य मिला। बांग्लादेश के भारत के बराबर तीन मैचों में दो जीत से आठ अंक रहे लेकिन मेजबान देश ने लीग चरण में भारत को हराने के कारण गुरुवार को होने वाले फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ने का हक पाया।टिप्पणियां वर्ष 1984 में शुरू हुए एशिया कप में यह पहला मौका है जब भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा किसी अन्य टीम ने फाइनल में प्रवेश किया है। श्रीलंका को टूर्नामेंट में अपने तीनों मैच गंवाने पड़े। लक्ष्य का पीछा करने उतरे बांग्लादेश को नुवान कुलशेखरा ने शुरुआती झटके दिए। कुलशेखरा ने सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन (06) और कप्तान मुशफिकुर रहीम (01) को बोल्ड किया जबकि सुरंगा लकमल ने जहुरुल इस्लाम (02) को पवेलियन भेजकर आठवें ओवर में ही बांग्लादेश का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन कर दिया। वर्ष 1984 में शुरू हुए एशिया कप में यह पहला मौका है जब भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा किसी अन्य टीम ने फाइनल में प्रवेश किया है। श्रीलंका को टूर्नामेंट में अपने तीनों मैच गंवाने पड़े। लक्ष्य का पीछा करने उतरे बांग्लादेश को नुवान कुलशेखरा ने शुरुआती झटके दिए। कुलशेखरा ने सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन (06) और कप्तान मुशफिकुर रहीम (01) को बोल्ड किया जबकि सुरंगा लकमल ने जहुरुल इस्लाम (02) को पवेलियन भेजकर आठवें ओवर में ही बांग्लादेश का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन कर दिया। श्रीलंका को टूर्नामेंट में अपने तीनों मैच गंवाने पड़े। लक्ष्य का पीछा करने उतरे बांग्लादेश को नुवान कुलशेखरा ने शुरुआती झटके दिए। कुलशेखरा ने सलामी बल्लेबाज नजीमुद्दीन (06) और कप्तान मुशफिकुर रहीम (01) को बोल्ड किया जबकि सुरंगा लकमल ने जहुरुल इस्लाम (02) को पवेलियन भेजकर आठवें ओवर में ही बांग्लादेश का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन कर दिया।
सारांश: तमीम और साकिब के अर्द्धशतकों की मदद से बांग्लादेश ने वर्षा से प्रभावित अंतिम लीग मैच में श्रीलंका को हराकर पहली बार एशिया कप के फाइनल में प्रवेश किया।
33
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: 'कुंडली भाग्य' (Kundali Bhagya) के आज के एपिसोड में देखने को मिलेगा की प्रीता, सृष्टि और सरला किडनैपर को रस्सी से बांध देते हैं. थोड़ी देर में किडनैपर को होश आ जाता है और वो प्रीता को उकसाता है. किडनैपर प्रीता को ये कहकर उकसाता है कि अगर वो लोग उसके हाथों को खोल देंगे तो वो घर की सभी औरतों को अकेले ही पीट देगा. किडनैपर के ऐसा कहने पर प्रीता को बहुत गुस्सा आता है. जिस पर वो सृष्टि को किडनैपर के हाथ खोलने के लिए कहती है.  'कुंडली भाग्य' (Kundali Bhagya) में चल रहे इस घमासान के बीच प्रीता किडनैपर को सबक सिखाने का फैसला करती है. वो किडनैपर को दिखाना चाहती है कि औरतों किडनैपर को आसानी से पीट भी सकती हैं और उसे सबक भी सिखा सकती हैं. प्रीता के इस फैसले पर जहां सृष्टि डर जाती है, वहीं सरला प्रीता को सपोर्ट करती दिखाई देगी. अब ये देखना होगा कि क्या प्रीता और उसका परिवार किडनैपर को सबक सिखाने में सफल हो पाएगा या नहीं ?
संक्षिप्त पाठ: सीरियल 'कुंडली भाग्य' में आज के एपिसोड में होगा जमकर हंगामा प्रीता और सरला के हत्थे चढ़ेगा किडनैपर क्या प्रीता और सरला करेंगी शर्लिन का पर्दाफाश
14
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन ने कहा है कि सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद वह इंग्लैंड की ओर से ‘सफेद गेंद’ का क्रिकेट खेल सकते हैं।टिप्पणियां दक्षिण अफ्रीका में जन्में इस बल्लेबाज ने कहा, मेरी पत्नी, मां, पिता, सास, भाइयों और मेरे घनिष्ठ मित्रों सभी ने मुझसे कहा कि क्या तुम नहीं चाहते कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (मौजूदा वनडे श्रृंखला में) मैदान पर उतरकर बल्लेबाजी करो। उन्होंने कहा, और मैंने उनसे कहा कि मुझे इसकी बिलकुल भी कमी नहीं खली। लेकिन संभवत: मुझे ब्रेक की जरूरत थी। पिछले सात साल में मैंने काफी क्रिकेट खेला है। यह पूछने पर कि क्या वह सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे, 32 वर्षीय पीटरसन ने कहा, कभी नहीं मत बोलो। कुछ साल पहले के मुकाबले अब मैं अधिक उम्रदराज और अधिक परिपक्व हो गया हूं, इसलिए आप कुछ नहीं कह सकते कि क्या होगा। उन्होंने कहा, कुछ भी हो सकता है। मैं कभी इनकार नहीं करता लेकिन मेरी वापसी के लिए जरूरी होगा कि कार्यक्रम में आमूलचूल बदलाव हो। अब इंतजार करते हैं और देखते हैं। दक्षिण अफ्रीका में जन्में इस बल्लेबाज ने कहा, मेरी पत्नी, मां, पिता, सास, भाइयों और मेरे घनिष्ठ मित्रों सभी ने मुझसे कहा कि क्या तुम नहीं चाहते कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (मौजूदा वनडे श्रृंखला में) मैदान पर उतरकर बल्लेबाजी करो। उन्होंने कहा, और मैंने उनसे कहा कि मुझे इसकी बिलकुल भी कमी नहीं खली। लेकिन संभवत: मुझे ब्रेक की जरूरत थी। पिछले सात साल में मैंने काफी क्रिकेट खेला है। यह पूछने पर कि क्या वह सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे, 32 वर्षीय पीटरसन ने कहा, कभी नहीं मत बोलो। कुछ साल पहले के मुकाबले अब मैं अधिक उम्रदराज और अधिक परिपक्व हो गया हूं, इसलिए आप कुछ नहीं कह सकते कि क्या होगा। उन्होंने कहा, कुछ भी हो सकता है। मैं कभी इनकार नहीं करता लेकिन मेरी वापसी के लिए जरूरी होगा कि कार्यक्रम में आमूलचूल बदलाव हो। अब इंतजार करते हैं और देखते हैं। उन्होंने कहा, और मैंने उनसे कहा कि मुझे इसकी बिलकुल भी कमी नहीं खली। लेकिन संभवत: मुझे ब्रेक की जरूरत थी। पिछले सात साल में मैंने काफी क्रिकेट खेला है। यह पूछने पर कि क्या वह सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे, 32 वर्षीय पीटरसन ने कहा, कभी नहीं मत बोलो। कुछ साल पहले के मुकाबले अब मैं अधिक उम्रदराज और अधिक परिपक्व हो गया हूं, इसलिए आप कुछ नहीं कह सकते कि क्या होगा। उन्होंने कहा, कुछ भी हो सकता है। मैं कभी इनकार नहीं करता लेकिन मेरी वापसी के लिए जरूरी होगा कि कार्यक्रम में आमूलचूल बदलाव हो। अब इंतजार करते हैं और देखते हैं।
यहाँ एक सारांश है:स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन ने कहा है कि सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद वह इंग्लैंड की ओर से ‘सफेद गेंद’ का क्रिकेट खेल सकते हैं।
17
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: आईएनएक्स मीडिया मामला कंपनी के प्रमोटर पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी द्वारा विदेशी निवेश मंजूरी पाने के लिए रिश्वत के आरोपों से संबंधित है. पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी दोनों ही इंद्राणी की पहले विवाह से हुई बेटी की कथित रूप से हत्या करने के लिए जेल में बंद हैं. सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया मामले में ही पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) को गिरफ्तार किया है. आईएनएक्स मीडिया की स्थापना 2006 में पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी द्वारा की गई थी. दोनों ने 13 मार्च 2007 को एक विदेशी निवेश प्रस्ताव की मंजूरी के लिए एक आवेदन किया था. आवेदन विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के अध्यक्ष को किया गया था. एफआईपीबी उस समय एक अंतर-मंत्रालयी निकाय था जो विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करने के लिए जिम्मेदार था. एफआईपीबी की अध्यक्षता आर्थिक मामलों के सचिव करते थे और इसमें अन्य स्थायी सदस्य थे, जिसमें औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), वाणिज्य, विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध और प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव शामिल थे. कंपनी ने 4.62 करोड़ रुपये के एफडीआई का प्रस्ताव किया था. उसके इस प्रस्ताव को तत्कालीन वित्तमंत्री चिदंबरम (P Chidambaram) की स्वीकृति के बाद एफआईपीबी ने मंजूरी दे दी थी. लेकिन कंपनी ने शर्तों का उल्लंघन करते हुए 800 रुपये प्रति शेयर के प्रीमियम के साथ 305 करोड़ रुपये एफडीआई के रूप में प्राप्त कर लिये. इस निवेश को लेकर संदेह उत्पन्न होने के बाद आयकर विभाग ने एफआईपीबी को एक पत्र लिखकर मामले की जांच के लिए कहा. बोर्ड ने आयकर विभाग को बताया कि मामले की वैधता का पता लगा लिया गया है और इस बारे में आईएनएक्स मीडिया से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है मामले में दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिये कंपनी ने मंत्री के पुत्र एवं चेस मैनेजमेंट के प्रवर्तक कार्ति चिदंबरम के साथ एक आपराधिक षड्यंत्र रचा ताकि एफआईपीबी में लोकसेवकों पर प्रभाव का इस्तेमाल करते हुये मामले को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि एफआईपीबी द्वारा आईएनएक्स मीडिया को कंपनी में पहले से किए गए निवेश के लिए नये सिरे से आवेदन करने की सलाह दी गई. मामले की जांच करने के आयकर विभाग के अनुरोध में भी टाल मटोल कर दी गई. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वित्त मंत्रालय ने न केवल नये प्रस्तावों को मंजूरी दी बल्कि आयकर विभाग द्वारा की जा रही जांच को लेकर भी भ्रामक सूचना दी. आगे यह भी आरोप लगाया है कि एफआईपीबी अधिसूचना और स्पष्टीकरण के लिए प्रबंधन परामर्श शुल्क के तौर पर एडवांटेज स्ट्रेटेजिक को 10 लाख रुपये का भुगतान किया गया. इसके लिये कंपनी ने आईएनएक्स मीडिया के नाम 3.5 करोड़ रुपये के बिल भी जारी किये. सीबीआई के अनुसार, एडवांटेज स्ट्रैटेजिक का नियंत्रण अप्रत्यक्ष रूप से कार्ति चिदंबरम ही करते हैं लेकिन कार्ति और उनके पिता ने इसका जोरदार ढंग से इनकार किया. प्राथमिकी में चिदंबरम का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में अभी आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है.  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने अपने ऊपर लगे आरोपों का मजबूती से खंडन कर चुके हैं. उन्हें नोटिस जारी होने के बाद वह पिछले साल एजेंसी के सामने पेश भी हुए थे. इस बीच, प्राथमिकी में एक आरोपी के तौर पर शामिल इंद्राणी मुखर्जी मामले में सरकारी गवाह बन गई है और उसने आरोप लगाया कि वह चिदंबरम से उनके कार्यालय में और बाद में उनके बेटे से दक्षिणी दिल्ली स्थित एक पांच सितारा होटल में मिली थी जहां उसे कार्ति को एक विदेशी बैंक खाते में भुगतान करने के लिए कहा गया था.
सारांश: बतौर आरोपी FIR में नहीं है चिदंबरम का नाम चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेजा गया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरोपों का मजबूती से खंडन कर चुके हैं
33
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: सत्ता में लौटने के महज सात माह के भीतर अपने मंत्रिमंडल में पांचवां फेरबदल करते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने गुरुवार को दो मंत्रियों को हटाकर उनकी जगह दो नये लोगों को शामिल किया है।टिप्पणियां स्कूली शिक्षा मंत्री एस एस कृष्णामूर्ति और राजस्व मंत्री एस पी वेलुमनि को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है। इससे दो हफ्ते पहले ही उनका विभाग बदला गया था। एन आर शिवापति और एन सुब्रह्मण्यम को कैबिनेट में जगह दी गयी है। शिवपति को स्कूली शिक्षा और युवा कल्याण विभाग जबकि सुब्रह्मण्यम को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग दिये गये हैं। स्कूली शिक्षा मंत्री एस एस कृष्णामूर्ति और राजस्व मंत्री एस पी वेलुमनि को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है। इससे दो हफ्ते पहले ही उनका विभाग बदला गया था। एन आर शिवापति और एन सुब्रह्मण्यम को कैबिनेट में जगह दी गयी है। शिवपति को स्कूली शिक्षा और युवा कल्याण विभाग जबकि सुब्रह्मण्यम को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग दिये गये हैं। एन आर शिवापति और एन सुब्रह्मण्यम को कैबिनेट में जगह दी गयी है। शिवपति को स्कूली शिक्षा और युवा कल्याण विभाग जबकि सुब्रह्मण्यम को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग दिये गये हैं।
सत्ता में लौटने के महज सात माह के भीतर अपने मंत्रिमंडल में पांचवां फेरबदल करते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने गुरुवार को दो मंत्रियों को हटाकर उनकी जगह दो नये लोगों को शामिल किया है।
34
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: दिल्ली के करोलबाग इलाके के बीदानपुरा में सोमवार को कपड़े की एक छोटी फैक्ट्री में भीषण आग लग गई. आग लगने से फैक्ट्री में काम करने वाले चार लोगों की जलकर मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया. दोपहर करीब 12.22 बजे आग लगने की जानकारी दमकल विभाग को मिली. इसके बाद दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची. लेकिन तब तक उसमें काम करने वाले चार लोगों की जलकर मौत हो चुकी थी. दमकल विभाग के कर्मचारियों ने उनके शव बाहर निकाले और आग पर काबू पाया गया. शुरुआती जांच में पता लगा है कि आग केमिकल के गिरने की वजह से लगी है. आग लगने पर बीदानपुरा इलाके में हड़कंप मच गया. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. पुलिस और फायर डिपार्टमेंट आग लगने की वजहों की जांच कर रहे हैं. फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे सूचना मिली कि करोलबाग इलाके के बिदानपुरा कपड़ा मार्केट की गली नम्बर तीन में आग लग गई है. फायर डिपार्टमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया. जब अंदर जाकर देखा तो काम करने वाले चार लोगों की लाशें जली हालत में पड़ी थीं. एक शख्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मृतकों की पहचान भगन प्रसाद (55), आरएम नरेश (40), आरती(20) और आशा (40) के तौर पर हुई है. गम्भीर घायल शख्स का नाम अजीत (25) है. मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है. पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी. दोपहर करीब 12.22 बजे आग लगने की जानकारी दमकल विभाग को मिली. इसके बाद दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची. लेकिन तब तक उसमें काम करने वाले चार लोगों की जलकर मौत हो चुकी थी. दमकल विभाग के कर्मचारियों ने उनके शव बाहर निकाले और आग पर काबू पाया गया. शुरुआती जांच में पता लगा है कि आग केमिकल के गिरने की वजह से लगी है. आग लगने पर बीदानपुरा इलाके में हड़कंप मच गया. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. पुलिस और फायर डिपार्टमेंट आग लगने की वजहों की जांच कर रहे हैं. फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे सूचना मिली कि करोलबाग इलाके के बिदानपुरा कपड़ा मार्केट की गली नम्बर तीन में आग लग गई है. फायर डिपार्टमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया. जब अंदर जाकर देखा तो काम करने वाले चार लोगों की लाशें जली हालत में पड़ी थीं. एक शख्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मृतकों की पहचान भगन प्रसाद (55), आरएम नरेश (40), आरती(20) और आशा (40) के तौर पर हुई है. गम्भीर घायल शख्स का नाम अजीत (25) है. मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है. पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी. आग लगने पर बीदानपुरा इलाके में हड़कंप मच गया. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. पुलिस और फायर डिपार्टमेंट आग लगने की वजहों की जांच कर रहे हैं. फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे सूचना मिली कि करोलबाग इलाके के बिदानपुरा कपड़ा मार्केट की गली नम्बर तीन में आग लग गई है. फायर डिपार्टमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया. जब अंदर जाकर देखा तो काम करने वाले चार लोगों की लाशें जली हालत में पड़ी थीं. एक शख्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मृतकों की पहचान भगन प्रसाद (55), आरएम नरेश (40), आरती(20) और आशा (40) के तौर पर हुई है. गम्भीर घायल शख्स का नाम अजीत (25) है. मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है. पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी. फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे सूचना मिली कि करोलबाग इलाके के बिदानपुरा कपड़ा मार्केट की गली नम्बर तीन में आग लग गई है. फायर डिपार्टमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया. जब अंदर जाकर देखा तो काम करने वाले चार लोगों की लाशें जली हालत में पड़ी थीं. एक शख्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मृतकों की पहचान भगन प्रसाद (55), आरएम नरेश (40), आरती(20) और आशा (40) के तौर पर हुई है. गम्भीर घायल शख्स का नाम अजीत (25) है. मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है. पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी. मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है. पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी. पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है. पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी. पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी.
यह एक सारांश है: आग में फैक्ट्री में काम करने वालों की मौत दमकल विभाग ने पहुंचकर आग पर पाया काबू आग से जलकर एक घायल हुआ है
16
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: किश्तवाड़ हिंसा मामले में अपनी भूमिका को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे जम्मू-कश्मीर के गृह राज्य मंत्री सज्जाद किचलू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के कारण उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से आहत हैं। राज्यपाल एनएन वोरा ने किचलू का इस्तीफा मंजूर कर लिया हालांकि किचलू ने कहा कि वह निर्दोष हैं और इस्तीफा केवल इस वजह से दे रहे हैं कि उनकी मौजूदगी से निष्पक्ष जांच में कोई दिक्कत न पैदा हो। राजभवन के एक प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा, ‘मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सलाह पर राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य के गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू का राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा तुरंत प्रभाव से मंजूर कर लिया।’ किचलू ने इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा न्यायिक जांच का आदेश देने के बाद अपना इस्तीफा उनको सौंप दिया था। उमर ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर लिखा है, ‘मुझे सज्जाद किचलू का इस्तीफा मिला जिसमें उन्होंने न्यायिक जांच होने तक उन्हें पदमुक्त करने को कहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं मंजूरी देने की सिफारिश के साथ इसे राज्यपाल को भेज रहा हूं।’ किश्तवाड़ के दंगों में किचलू की कथित भूमिका की निष्पक्ष जांच के लिए भाजपा ने गृह राज्य मंत्री को हटाए जाने की मांग की थी। टिप्पणियां किश्तवाड़ विधानसभा सीट से नेशनल कांफ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल की शुरुआत में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपने से पूर्व किचलू ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरा जमीर साफ है, किश्तवाड़ में मेरे मतदाता मेरी धर्मनिरपेक्ष साख की गवाही देते हैं और मैं बहुत आहत हूं कि कुछ लोग इतने नीचे गिर गए हैं कि वे बस तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए मुझपर इल्जाम लगा रहे हैं।’ किचलू ने कहा, ‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं ताकि मेरी मौजूदगी निष्पक्ष जांच को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करे।’ किश्तवाड़ से राज्य विधानसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल जनवरी में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। राज्यपाल एनएन वोरा ने किचलू का इस्तीफा मंजूर कर लिया हालांकि किचलू ने कहा कि वह निर्दोष हैं और इस्तीफा केवल इस वजह से दे रहे हैं कि उनकी मौजूदगी से निष्पक्ष जांच में कोई दिक्कत न पैदा हो। राजभवन के एक प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा, ‘मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सलाह पर राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य के गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू का राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा तुरंत प्रभाव से मंजूर कर लिया।’ किचलू ने इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा न्यायिक जांच का आदेश देने के बाद अपना इस्तीफा उनको सौंप दिया था। उमर ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर लिखा है, ‘मुझे सज्जाद किचलू का इस्तीफा मिला जिसमें उन्होंने न्यायिक जांच होने तक उन्हें पदमुक्त करने को कहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं मंजूरी देने की सिफारिश के साथ इसे राज्यपाल को भेज रहा हूं।’ किश्तवाड़ के दंगों में किचलू की कथित भूमिका की निष्पक्ष जांच के लिए भाजपा ने गृह राज्य मंत्री को हटाए जाने की मांग की थी। टिप्पणियां किश्तवाड़ विधानसभा सीट से नेशनल कांफ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल की शुरुआत में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपने से पूर्व किचलू ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरा जमीर साफ है, किश्तवाड़ में मेरे मतदाता मेरी धर्मनिरपेक्ष साख की गवाही देते हैं और मैं बहुत आहत हूं कि कुछ लोग इतने नीचे गिर गए हैं कि वे बस तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए मुझपर इल्जाम लगा रहे हैं।’ किचलू ने कहा, ‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं ताकि मेरी मौजूदगी निष्पक्ष जांच को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करे।’ किश्तवाड़ से राज्य विधानसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल जनवरी में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। राजभवन के एक प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा, ‘मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सलाह पर राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य के गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू का राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा तुरंत प्रभाव से मंजूर कर लिया।’ किचलू ने इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा न्यायिक जांच का आदेश देने के बाद अपना इस्तीफा उनको सौंप दिया था। उमर ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर लिखा है, ‘मुझे सज्जाद किचलू का इस्तीफा मिला जिसमें उन्होंने न्यायिक जांच होने तक उन्हें पदमुक्त करने को कहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं मंजूरी देने की सिफारिश के साथ इसे राज्यपाल को भेज रहा हूं।’ किश्तवाड़ के दंगों में किचलू की कथित भूमिका की निष्पक्ष जांच के लिए भाजपा ने गृह राज्य मंत्री को हटाए जाने की मांग की थी। टिप्पणियां किश्तवाड़ विधानसभा सीट से नेशनल कांफ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल की शुरुआत में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपने से पूर्व किचलू ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरा जमीर साफ है, किश्तवाड़ में मेरे मतदाता मेरी धर्मनिरपेक्ष साख की गवाही देते हैं और मैं बहुत आहत हूं कि कुछ लोग इतने नीचे गिर गए हैं कि वे बस तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए मुझपर इल्जाम लगा रहे हैं।’ किचलू ने कहा, ‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं ताकि मेरी मौजूदगी निष्पक्ष जांच को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करे।’ किश्तवाड़ से राज्य विधानसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल जनवरी में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। उमर ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर लिखा है, ‘मुझे सज्जाद किचलू का इस्तीफा मिला जिसमें उन्होंने न्यायिक जांच होने तक उन्हें पदमुक्त करने को कहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं मंजूरी देने की सिफारिश के साथ इसे राज्यपाल को भेज रहा हूं।’ किश्तवाड़ के दंगों में किचलू की कथित भूमिका की निष्पक्ष जांच के लिए भाजपा ने गृह राज्य मंत्री को हटाए जाने की मांग की थी। टिप्पणियां किश्तवाड़ विधानसभा सीट से नेशनल कांफ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल की शुरुआत में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपने से पूर्व किचलू ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरा जमीर साफ है, किश्तवाड़ में मेरे मतदाता मेरी धर्मनिरपेक्ष साख की गवाही देते हैं और मैं बहुत आहत हूं कि कुछ लोग इतने नीचे गिर गए हैं कि वे बस तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए मुझपर इल्जाम लगा रहे हैं।’ किचलू ने कहा, ‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं ताकि मेरी मौजूदगी निष्पक्ष जांच को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करे।’ किश्तवाड़ से राज्य विधानसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल जनवरी में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। किश्तवाड़ विधानसभा सीट से नेशनल कांफ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल की शुरुआत में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपने से पूर्व किचलू ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरा जमीर साफ है, किश्तवाड़ में मेरे मतदाता मेरी धर्मनिरपेक्ष साख की गवाही देते हैं और मैं बहुत आहत हूं कि कुछ लोग इतने नीचे गिर गए हैं कि वे बस तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए मुझपर इल्जाम लगा रहे हैं।’ किचलू ने कहा, ‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं ताकि मेरी मौजूदगी निष्पक्ष जांच को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करे।’ किश्तवाड़ से राज्य विधानसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल जनवरी में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपने से पूर्व किचलू ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरा जमीर साफ है, किश्तवाड़ में मेरे मतदाता मेरी धर्मनिरपेक्ष साख की गवाही देते हैं और मैं बहुत आहत हूं कि कुछ लोग इतने नीचे गिर गए हैं कि वे बस तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए मुझपर इल्जाम लगा रहे हैं।’ किचलू ने कहा, ‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं ताकि मेरी मौजूदगी निष्पक्ष जांच को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करे।’ किश्तवाड़ से राज्य विधानसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के विधायक किचलू को इस साल जनवरी में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था।
किश्तवाड़ हिंसा मामले में अपनी भूमिका को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे जम्मू-कश्मीर के गृह राज्य मंत्री सज्जाद किचलू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के कारण उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से आहत हैं।
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: भारत ने चीन से मांग की है कि वह अपने विशाल आईटी क्षेत्र को भारतीय कंपनियों को खोलने की प्रतिबद्धता को पूरा करे ताकि दोनों देशों में बढ़ते व्यापार अंतर को पाटा जा सके। भारतीय आईटी उद्योग के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई करते हुए भारत के राजदूत एस जयशंकर ने कहा कि अब समय आ गया है कि चीन अपने बाजारों को खोले जैसा कि भारत ने चीनी उत्पादों के लिए किया। प्रतिनिधि मंडल में नासकाम के अध्यक्ष सोम मित्तल भी हैं। नानजिंग में सातवें चीन अंतरराष्ट्रीय साफ्टवेयर प्रॉडक्ट एक्सपो के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा, हम ऐसे उद्योग का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने पिछले साल 76 अरब डॉलर की आय अर्जित की और 2020 तक इसके बढ़कर 225 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। इसमें 25 लाख लोगों को रोजगार मिला है। यह उद्योग लगभग 70 देशों में 35 विभिन्न भाषाओं में सेवाएं दे रहा है। जयशंकर ने कहा, नानजिंग में हमारी उपस्थिति इस उद्योग के चीन में रुचि की गंभीरता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ आईटी संबंधों से चीनी कंपनियों को और अधिक वैश्विक व सक्षम बनने में मदद मिलेगी साथ ही वे भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ अपने संबंधों को और प्रगाढ़ बना सकेंगी।
यह एक सारांश है: भारत ने चीन से मांग की है कि वह अपने आईटी क्षेत्र को भारतीय कंपनियों को खोलने की प्रतिबद्धता को पूरा करे।
2
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने भारत-फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों के लिए करीब 59,000 करोड़ की डील पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इस सौदे के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री 22 सितंबर को ही दिल्ली आ गए थे. यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है. यह हर तरह के मिशन पर जा सकता है. राफेल हवा से हवा और हवा से जमीन में मार करने में सक्षम है. इसकी अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है.चीन के पास भी इसकी टक्कर का कोई विमान नहीं है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. सौदे को लेकर शुरुआती बातचीत 1999-2000 में हुई थी. उन दिनों वायुसेना लड़ाकू विमानों के घटते बेड़े को लेकर चिंतित थी. राफेल सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर यानी 2019 में विमान आना शुरू जाएंगे. सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे. तभी से लेकर राफेल पर लगातार बातचीत चलती रही और अब जाकर सौदे पर हस्ताक्षर हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी. इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था. राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है. 36 विमान सीधे फ्रांस से आएंगे.   जब पिछले साल फ्रांस के डसाल्ट से राफेल के कीमत को लेकर बातचीत शुरू की गई तब उसने 36 राफेल की कीमत 12 बिलियन यूरो बताई थी. इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो क़ीमत 8.6 बिलियन यूरो पर आकर टिकी. अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की क़ीमत पर 7.87 बिलियन यूरो पर मुहर लग गई. यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो में होने जा रहा है. यानी अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा. एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी.   विमानों की क़ीमत को लेकर फ्रांस की ओर से जनवरी में बताई गई शुरुआती राशि से मौजूदा क़ीमत लगभग 750 मिलियन यूरो कम है. इसी कीमत में  केवल राफेल लड़ाकू विमान ही नहीं आएगा बल्कि उसमें एक से बढ़कर बेहतर हथियार प्रणाली होगी. मसलन मिटीयोर मिसाइल होंगी. बियॉन्‍ड विजुअल रेंज मिसाइल जिसकी क्षमता 150 किलीमीटर है, भी होगी. करगिल जंग के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के पास बियॉन्‍ड विजुअल रेंज वाले मिसाइल तो थे लेकिन उनकी रेंज 60 किलोमीटर थी. बाद में पाकिस्तान ने भी ऐसी मिसाइल हासिल कर ली जिसकी रेंज 80 किलोमीटर है. यानी मीटियोर के आने से हमारी वायुसेना के मिसाइल पाकिस्तानी वायुसेना के मिसाइल पर काफी भारी पड़ेंगे. जहाज़ में हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल होने से तिब्बत और पाकिस्तान के कई इलाके बगैर सरहद पार किये भारत की ज़द में आ जाएंगे. राफेल विमान में भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के लिहाज से तक़रीबन एक दर्जन फेरबदल भी किए गए हैं.टिप्पणियां इतना ही नही इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी. इसका निशाना अचूक है यानी यहां बैठे बैठे इस लड़ाकू विमान के मिसाइल किसी भी आतंकी कैंप को बरबाद कर सकते हैं. लंबी दूरी की हवा से ज़मीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का होना भारत को अपने प्रतिद्वद्वियों पर एक स्वाभाविक बढ़त देता है. डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी. इतना ही नहीं, फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा. साथ ही हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की अतिरिक्त गारंटी देगा. मसलन अगर आपका हथियारों का डिपो तैयार नहीं हो पाया है तो फ्रांस अपने यहां छह महीने और रख सकता है, इसके लिए कोई अलग से कीमत नहीं देनी होगी. यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है. यह हर तरह के मिशन पर जा सकता है. राफेल हवा से हवा और हवा से जमीन में मार करने में सक्षम है. इसकी अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है.चीन के पास भी इसकी टक्कर का कोई विमान नहीं है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. सौदे को लेकर शुरुआती बातचीत 1999-2000 में हुई थी. उन दिनों वायुसेना लड़ाकू विमानों के घटते बेड़े को लेकर चिंतित थी. राफेल सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर यानी 2019 में विमान आना शुरू जाएंगे. सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे. तभी से लेकर राफेल पर लगातार बातचीत चलती रही और अब जाकर सौदे पर हस्ताक्षर हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी. इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था. राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है. 36 विमान सीधे फ्रांस से आएंगे.   जब पिछले साल फ्रांस के डसाल्ट से राफेल के कीमत को लेकर बातचीत शुरू की गई तब उसने 36 राफेल की कीमत 12 बिलियन यूरो बताई थी. इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो क़ीमत 8.6 बिलियन यूरो पर आकर टिकी. अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की क़ीमत पर 7.87 बिलियन यूरो पर मुहर लग गई. यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो में होने जा रहा है. यानी अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा. एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी.   विमानों की क़ीमत को लेकर फ्रांस की ओर से जनवरी में बताई गई शुरुआती राशि से मौजूदा क़ीमत लगभग 750 मिलियन यूरो कम है. इसी कीमत में  केवल राफेल लड़ाकू विमान ही नहीं आएगा बल्कि उसमें एक से बढ़कर बेहतर हथियार प्रणाली होगी. मसलन मिटीयोर मिसाइल होंगी. बियॉन्‍ड विजुअल रेंज मिसाइल जिसकी क्षमता 150 किलीमीटर है, भी होगी. करगिल जंग के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के पास बियॉन्‍ड विजुअल रेंज वाले मिसाइल तो थे लेकिन उनकी रेंज 60 किलोमीटर थी. बाद में पाकिस्तान ने भी ऐसी मिसाइल हासिल कर ली जिसकी रेंज 80 किलोमीटर है. यानी मीटियोर के आने से हमारी वायुसेना के मिसाइल पाकिस्तानी वायुसेना के मिसाइल पर काफी भारी पड़ेंगे. जहाज़ में हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल होने से तिब्बत और पाकिस्तान के कई इलाके बगैर सरहद पार किये भारत की ज़द में आ जाएंगे. राफेल विमान में भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के लिहाज से तक़रीबन एक दर्जन फेरबदल भी किए गए हैं.टिप्पणियां इतना ही नही इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी. इसका निशाना अचूक है यानी यहां बैठे बैठे इस लड़ाकू विमान के मिसाइल किसी भी आतंकी कैंप को बरबाद कर सकते हैं. लंबी दूरी की हवा से ज़मीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का होना भारत को अपने प्रतिद्वद्वियों पर एक स्वाभाविक बढ़त देता है. डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी. इतना ही नहीं, फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा. साथ ही हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की अतिरिक्त गारंटी देगा. मसलन अगर आपका हथियारों का डिपो तैयार नहीं हो पाया है तो फ्रांस अपने यहां छह महीने और रख सकता है, इसके लिए कोई अलग से कीमत नहीं देनी होगी. सौदे को लेकर शुरुआती बातचीत 1999-2000 में हुई थी. उन दिनों वायुसेना लड़ाकू विमानों के घटते बेड़े को लेकर चिंतित थी. राफेल सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर यानी 2019 में विमान आना शुरू जाएंगे. सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे. तभी से लेकर राफेल पर लगातार बातचीत चलती रही और अब जाकर सौदे पर हस्ताक्षर हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी. इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था. राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है. 36 विमान सीधे फ्रांस से आएंगे.   जब पिछले साल फ्रांस के डसाल्ट से राफेल के कीमत को लेकर बातचीत शुरू की गई तब उसने 36 राफेल की कीमत 12 बिलियन यूरो बताई थी. इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो क़ीमत 8.6 बिलियन यूरो पर आकर टिकी. अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की क़ीमत पर 7.87 बिलियन यूरो पर मुहर लग गई. यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो में होने जा रहा है. यानी अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा. एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी.   विमानों की क़ीमत को लेकर फ्रांस की ओर से जनवरी में बताई गई शुरुआती राशि से मौजूदा क़ीमत लगभग 750 मिलियन यूरो कम है. इसी कीमत में  केवल राफेल लड़ाकू विमान ही नहीं आएगा बल्कि उसमें एक से बढ़कर बेहतर हथियार प्रणाली होगी. मसलन मिटीयोर मिसाइल होंगी. बियॉन्‍ड विजुअल रेंज मिसाइल जिसकी क्षमता 150 किलीमीटर है, भी होगी. करगिल जंग के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के पास बियॉन्‍ड विजुअल रेंज वाले मिसाइल तो थे लेकिन उनकी रेंज 60 किलोमीटर थी. बाद में पाकिस्तान ने भी ऐसी मिसाइल हासिल कर ली जिसकी रेंज 80 किलोमीटर है. यानी मीटियोर के आने से हमारी वायुसेना के मिसाइल पाकिस्तानी वायुसेना के मिसाइल पर काफी भारी पड़ेंगे. जहाज़ में हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल होने से तिब्बत और पाकिस्तान के कई इलाके बगैर सरहद पार किये भारत की ज़द में आ जाएंगे. राफेल विमान में भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के लिहाज से तक़रीबन एक दर्जन फेरबदल भी किए गए हैं.टिप्पणियां इतना ही नही इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी. इसका निशाना अचूक है यानी यहां बैठे बैठे इस लड़ाकू विमान के मिसाइल किसी भी आतंकी कैंप को बरबाद कर सकते हैं. लंबी दूरी की हवा से ज़मीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का होना भारत को अपने प्रतिद्वद्वियों पर एक स्वाभाविक बढ़त देता है. डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी. इतना ही नहीं, फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा. साथ ही हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की अतिरिक्त गारंटी देगा. मसलन अगर आपका हथियारों का डिपो तैयार नहीं हो पाया है तो फ्रांस अपने यहां छह महीने और रख सकता है, इसके लिए कोई अलग से कीमत नहीं देनी होगी. तभी से लेकर राफेल पर लगातार बातचीत चलती रही और अब जाकर सौदे पर हस्ताक्षर हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी. इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था. राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है. 36 विमान सीधे फ्रांस से आएंगे.   जब पिछले साल फ्रांस के डसाल्ट से राफेल के कीमत को लेकर बातचीत शुरू की गई तब उसने 36 राफेल की कीमत 12 बिलियन यूरो बताई थी. इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो क़ीमत 8.6 बिलियन यूरो पर आकर टिकी. अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की क़ीमत पर 7.87 बिलियन यूरो पर मुहर लग गई. यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो में होने जा रहा है. यानी अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा. एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी.   विमानों की क़ीमत को लेकर फ्रांस की ओर से जनवरी में बताई गई शुरुआती राशि से मौजूदा क़ीमत लगभग 750 मिलियन यूरो कम है. इसी कीमत में  केवल राफेल लड़ाकू विमान ही नहीं आएगा बल्कि उसमें एक से बढ़कर बेहतर हथियार प्रणाली होगी. मसलन मिटीयोर मिसाइल होंगी. बियॉन्‍ड विजुअल रेंज मिसाइल जिसकी क्षमता 150 किलीमीटर है, भी होगी. करगिल जंग के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के पास बियॉन्‍ड विजुअल रेंज वाले मिसाइल तो थे लेकिन उनकी रेंज 60 किलोमीटर थी. बाद में पाकिस्तान ने भी ऐसी मिसाइल हासिल कर ली जिसकी रेंज 80 किलोमीटर है. यानी मीटियोर के आने से हमारी वायुसेना के मिसाइल पाकिस्तानी वायुसेना के मिसाइल पर काफी भारी पड़ेंगे. जहाज़ में हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल होने से तिब्बत और पाकिस्तान के कई इलाके बगैर सरहद पार किये भारत की ज़द में आ जाएंगे. राफेल विमान में भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के लिहाज से तक़रीबन एक दर्जन फेरबदल भी किए गए हैं.टिप्पणियां इतना ही नही इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी. इसका निशाना अचूक है यानी यहां बैठे बैठे इस लड़ाकू विमान के मिसाइल किसी भी आतंकी कैंप को बरबाद कर सकते हैं. लंबी दूरी की हवा से ज़मीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का होना भारत को अपने प्रतिद्वद्वियों पर एक स्वाभाविक बढ़त देता है. डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी. इतना ही नहीं, फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा. साथ ही हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की अतिरिक्त गारंटी देगा. मसलन अगर आपका हथियारों का डिपो तैयार नहीं हो पाया है तो फ्रांस अपने यहां छह महीने और रख सकता है, इसके लिए कोई अलग से कीमत नहीं देनी होगी. जब पिछले साल फ्रांस के डसाल्ट से राफेल के कीमत को लेकर बातचीत शुरू की गई तब उसने 36 राफेल की कीमत 12 बिलियन यूरो बताई थी. इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो क़ीमत 8.6 बिलियन यूरो पर आकर टिकी. अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की क़ीमत पर 7.87 बिलियन यूरो पर मुहर लग गई. यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो में होने जा रहा है. यानी अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा. एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी.   विमानों की क़ीमत को लेकर फ्रांस की ओर से जनवरी में बताई गई शुरुआती राशि से मौजूदा क़ीमत लगभग 750 मिलियन यूरो कम है. इसी कीमत में  केवल राफेल लड़ाकू विमान ही नहीं आएगा बल्कि उसमें एक से बढ़कर बेहतर हथियार प्रणाली होगी. मसलन मिटीयोर मिसाइल होंगी. बियॉन्‍ड विजुअल रेंज मिसाइल जिसकी क्षमता 150 किलीमीटर है, भी होगी. करगिल जंग के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के पास बियॉन्‍ड विजुअल रेंज वाले मिसाइल तो थे लेकिन उनकी रेंज 60 किलोमीटर थी. बाद में पाकिस्तान ने भी ऐसी मिसाइल हासिल कर ली जिसकी रेंज 80 किलोमीटर है. यानी मीटियोर के आने से हमारी वायुसेना के मिसाइल पाकिस्तानी वायुसेना के मिसाइल पर काफी भारी पड़ेंगे. जहाज़ में हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल होने से तिब्बत और पाकिस्तान के कई इलाके बगैर सरहद पार किये भारत की ज़द में आ जाएंगे. राफेल विमान में भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के लिहाज से तक़रीबन एक दर्जन फेरबदल भी किए गए हैं.टिप्पणियां इतना ही नही इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी. इसका निशाना अचूक है यानी यहां बैठे बैठे इस लड़ाकू विमान के मिसाइल किसी भी आतंकी कैंप को बरबाद कर सकते हैं. लंबी दूरी की हवा से ज़मीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का होना भारत को अपने प्रतिद्वद्वियों पर एक स्वाभाविक बढ़त देता है. डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी. इतना ही नहीं, फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा. साथ ही हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की अतिरिक्त गारंटी देगा. मसलन अगर आपका हथियारों का डिपो तैयार नहीं हो पाया है तो फ्रांस अपने यहां छह महीने और रख सकता है, इसके लिए कोई अलग से कीमत नहीं देनी होगी. इतना ही नही इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी. इसका निशाना अचूक है यानी यहां बैठे बैठे इस लड़ाकू विमान के मिसाइल किसी भी आतंकी कैंप को बरबाद कर सकते हैं. लंबी दूरी की हवा से ज़मीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का होना भारत को अपने प्रतिद्वद्वियों पर एक स्वाभाविक बढ़त देता है. डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी. इतना ही नहीं, फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा. साथ ही हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की अतिरिक्त गारंटी देगा. मसलन अगर आपका हथियारों का डिपो तैयार नहीं हो पाया है तो फ्रांस अपने यहां छह महीने और रख सकता है, इसके लिए कोई अलग से कीमत नहीं देनी होगी. डसाल्ट वायुसेना को मुफ्त में प्रशिक्षण भी देगी. इतना ही नहीं, फ्रांस पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी देगा. साथ ही हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की अतिरिक्त गारंटी देगा. मसलन अगर आपका हथियारों का डिपो तैयार नहीं हो पाया है तो फ्रांस अपने यहां छह महीने और रख सकता है, इसके लिए कोई अलग से कीमत नहीं देनी होगी.
यह एक सारांश है: यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें भी होंगी
16
['hin']
एक सारांश बनाओ: गांधीवादी अन्ना हज़ारे के साथी कार्यकर्ता और लोकपाल विधेयक मसौदा समिति के सह-अध्यक्ष शांति भूषण ने सोमवार को सरकार से कहा कि समिति की बैठकों के बाद समाज के सदस्यों द्वारा तैयार किया गया मसौदा विधेयक कोई असहमति नोट नहीं है। भूषण ने मसौदा समिति के अध्यक्ष और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को आज लिखे पत्र में विधि मंत्री एम वीरप्पा मोइली द्वारा दोनों पक्षों के मसौदों का तुलनात्मक विवरण जारी करने और हज़ारे पक्ष के मसौदे को कथित तौर पर असहमति नोट बताने पर ऐतराज जताया। मोइली मसौदा समिति के संयोजक थे। संयुक्त मसौदा समिति की 21 जून को हुई नौंवीं और अंतिम बैठक के बाद हज़ारे पक्ष की ओर से इस पत्र के जरिये सरकार से पहली बार आधिकारिक रूप से संपर्क किया गया है। पूर्व विधि मंत्री भूषण ने पत्र में कहा, बताया जा रहा है कि मोइली ने तुलनात्मक तालिका जारी की, जिसे कैबिनेट और सभी राजनीतिक दलों को भेजा जाएगा। ..यह तालिका (हज़ारे पक्ष के मसौदे) जनलोकपाल विधेयक को सही तरह से पेश नहीं करती क्योंकि इसमें कई खामियां हैं और कई जगहों पर हमारे मसौदे के प्रावधानों का भी पूरी तरह से संदर्भ नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, यह भी कहा जा रहा है कि मोइली ने कहा कि सरकार का मसौदा वास्तविक है और हज़ारे पक्ष का मसौदा एक असहमति वाला नोट है। हम इससे सहमत नहीं हैं। समिति में 10 सदस्य थे। पांच सदस्यों ने एक मसौदे का समर्थन किया, जबकि शेष पांच सदस्यों ने दूसरे मसौदे को स्वीकार किया।   भूषण ने कहा, लिहाजा, जहां तक संयुक्त समिति के नतीजे का सवाल है तो दोनों मसौदों को समान समर्थन प्राप्त है। मैं आपसे (मुखर्जी से) अनुरोध करूंगा कि दोनों मसौदों को संयुक्त समिति का साझा परिणाम ही मानें। ...मेरे विचार से दोनों मसौदों को संयुक्त मसौदा समिति का साझा परिणाम मानना अच्छा फैसला रहेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त समिति की पिछली बैठक में दोनों पक्षों ने फैसला किया था कि लोकपाल विधेयक के दोनों मसौदों को कैबिनेट और राजनीतिक दलों के समक्ष रखा जाएगा। मुखर्जी को लिखे पत्र में पूर्व विधि मंत्री ने कहा, हालांकि, अगर आप दोनों मसौदों को एक तालिका के रूप में मिलाना चाहें तो हम ऐसी कोशिश कर सकते हैं, लेकिन कृपया इसे सभी सदस्यों की सहमति के बिना जारी नहीं करें। भूषण ने सरकार द्वारा तैयार तालिका को हज़ारे पक्ष के पास भेजने की भी पेशकश रखी ताकि उसमें सुधार कर उसे सरकार को लौटाया जा सके। सरकार ने जहां लोकपाल के मुद्दे पर तीन जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलायी है, वहीं हज़ारे पक्ष भी राजनीतिक दलों से संवाद साधने की कवायद शुरू कर चुका है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: शांति भूषण ने सरकार से कहा कि समिति की बैठकों के बाद समाज के सदस्यों द्वारा तैयार किया गया मसौदा विधेयक कोई असहमति नोट नहीं है।
32
['hin']
एक सारांश बनाओ: पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान दिवंगत पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध (Shradh) किया जाता है.  मान्‍यता है कि अगर पितर नाराज हो जाएं तो व्‍यक्ति का जीवन भी खुशहाल नहीं रहता और उसे कई तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है. यही नहीं घर में अशांति फैलती है और व्‍यापार व गृहस्‍थी में भी हानि झेलनी पड़ती है. ऐसे में पितरों को तृप्‍त करना और उनकी आत्‍मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध (Pitru Paksha Shraddha) करना जरूरी माना जाता है. श्राद्ध के जरिए पितरों की तृप्ति के लिए भोजन पहुंचाया जाता है और पिंड दान (Pind Daan) व तर्पण (Tarpan) कर उनकी आत्‍मा की शांति की कामना की जाती है. अगले दिन भोगे की पत्‍नी ने जोगे के घर जाकर सारा काम किया. रसोई तैयार करके कई पकवान बनाए. काम निपटाने के बाद वह अपने घर आ गई. उसे भी पितरों का तर्पण करना था. दोपहर को पितर भूमि पर उतरे. पहले वह जोगे के घर गए. वहां उन्‍होंने देखा कि जोगे के ससुराल वाले भोजन करने में जुटे हुए हैं. बड़े दुखी होकर फिर वो भोगे के घर गए. वहां पितरों के नाम पर 'अगियारी' दे दी गई थी. पितरों ने उसकी राख चाटी और भूखे ही नदी के तट पर जा पहुंचे. थोड़ी ही देर में सारे पितर इकट्ठा हो गए और अपने-अपने यहां के श्राद्धों की बढ़ाई करने लगे. जोगे-भोगे के पितरों ने आपबीती सुनाई. फिर वे सोचने लगे कि अगर भोगे सामर्थ्‍यवान होता तो उन्‍हें भूखा न रहना पड़ता. भोगे के घर पर दो जून की रोटी भी नहीं थी. यही सब सोचकर पितरों को उन पर दया आ गई. अचानक वे नाच-नाच कर कहने लगे- 'भोगे के घर धन हो जाए, भोगे के घर धन हो जाए.'  शाम हो गई. भोगे के बच्‍चों को भी खाने के लिए कुछ नहीं मिला था. बच्‍चों ने मां से कहा कि भूख लगी है. मां ने बच्‍चों को टालने के लिए कहा, 'जाओ! आंगन में आंच पर बर्तन रखा है. उसे खोल लो और जो कुछ मिले बांटकर खा लेना.' बच्‍चे वहां गए तो देखते हैं कि बर्तन मोहरों से भरा पड़ा है. उन्‍होंने मां के पास जाकर सारी बात बताई. आंगन में आकर जब भोगे की पत्‍नी ने यह सब देखा तो वह हैरान रह गई. इस तरह भोगे अमीर हो गया, लेकिन उसने घमंड नहीं किया. अगले साल फिर पितर पक्ष आया. श्राद्ध के दिन भोगे की पत्‍नी ने छप्‍पन भोग तैयार किया. ब्राहम्णों को बुलाकर श्राद्ध किया, भोजन कराया और दक्षिणा दी. जेठ-जेठानी को सोने के बर्तनों में भोजन कराया. यह सब देख पितर बड़े प्रसन्‍न और तृप्‍त हो गए.
सारांश: इस बार पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर को खत्म होगा पितरों को तृप्‍त करने करने के लिए श्राद्ध किया जाता है पिंड दान व तर्पण कर उनकी आत्‍मा की शांति की कामना की जाती है
5
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में कहा कि भ्रष्टाचार ऐसी समस्या बन गया है जो देश को खोखला कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस बुराई का विरोध जायज है लेकिन यह लोकतांत्रिक संस्थाओं पर आक्रमण करने का बहाना नहीं बन सकता। राष्ट्र के नाम अपने पहले सम्बोधन में मुखर्जी ने कहा, "चारों ओर फैले भ्रष्टाचार के विरुद्घ रोष तथा इस बुराई के विरुद्घ विरोध जायज है, क्योंकि यह हमारे राष्ट्र की क्षमता और शक्ति को खोखला कर रहा है। कभी-कभी लोग धैर्य खो देते हैं लेकिन यह हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर आक्रमण का बहाना नहीं बन सकता।" संवैधानिक संस्थाओं पर आए दिन किए जा रहे हमलों पर राष्ट्रपति ने कहा, "संस्थाएं हमारे संविधान के दिखाई देने वाले आधार स्तंभ हैं और अगर इनमें दरार आती है तो हमारे संविधान का आदर्शवाद कायम नहीं रह पाएगा। वे सिद्घांतों और लोगों को जोड़ने का माध्यम हैं। हो सकता है कि हमारी संस्थाएं समय के साथ पुरानी पड़ गई हों, परंतु जो बना हुआ है, उसे नष्ट करना कोई समाधान नहीं है, इसके बजाय हमें इन्हें इस ढंग से पुनर्निर्मित करना होगा ताकि ये पहले से अधिक मजबूत बनें। संस्थाएं हमारी स्वतंत्रता की रक्षक हैं।" राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि राजनीति, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के उन क्षेत्रों की विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, जहां आत्मतुष्टि, थकावट या भ्रष्टाचार के कारण परिणाम प्राप्त करने में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने असंतोष को व्यक्त करने का अधिकार है। परंतु हमें यह भी समझना चाहिए कि विधायिका से कानून को या न्यायपालिका से न्याय को अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "जब प्राधिकारी निरंकुश हो जाते हैं तो लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है परंतु जब विरोध बार-बार होते हैं तब हम अव्यवस्था को न्यौता देते हैं। लोकतंत्र एक साझा प्रक्रिया है। हम सभी की, जीत या हार साथ-साथ होती है। लोकतांत्रिक नजरिए के लिए गरिमापूर्ण व्यवहार और विरोधी विचारों को सहन करने की जरूरत होती है।" मुखर्जी ने कहा, "संसद अपने समय पर और अपनी गति से काम करेगी। कभी-कभी इसकी गति असहज लगती है; लेकिन लोकतंत्र में सदैव एक न्याय का दिन, चुनाव का दिन आता है।"टिप्पणियां "मैं ऐसा चेतावनी के रूप में नहीं, बल्कि इस अनुरोध के साथ कह रहा हूं कि साधारण घटनाक्रमों के पीछे छिपे अस्तित्ववादी मुद्दों को और अच्छे ढंग से समझा जाए। लोकतंत्र में, जवाबदेही की महवपूर्ण संस्था स्वतंत्र चुनावों के जरिए शिकायतों के समाधान का एक बेजोड़ अवसर प्रदान किया गया है।" असम में पिछले दिनों फैली हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए मुखर्जी ने कहा, "असम में हिंसा देखकर मुझे विशेषकर पीड़ा हुई है। हमारे अल्पसंख्यकों को सांत्वना की, सद्भावना की और आक्रामकता से बचाए जाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "हिंसा कोई विकल्प नहीं है। हिंसा से और अधिक हिंसा को आमंत्रण मिलता है। असम के जख्मों को भरने के लिए, हमारे युवा और प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा तैयार किए गए असम समझौते सहित, ठोस प्रयास किए गए हैं। हमें उन पर फिर से विचार करना चाहिए, और न्याय की भावना और राष्ट्र के हित में मौजूदा हालात के अनुसार उन्हें ढालना चाहिए। हमें एक नई आर्थिक क्रांति के लिए शांति की आवश्यकता है जिससे हिंसा के प्रतिस्पर्धात्मक कारणों को समाप्त किया जा सके।" राष्ट्र के नाम अपने पहले सम्बोधन में मुखर्जी ने कहा, "चारों ओर फैले भ्रष्टाचार के विरुद्घ रोष तथा इस बुराई के विरुद्घ विरोध जायज है, क्योंकि यह हमारे राष्ट्र की क्षमता और शक्ति को खोखला कर रहा है। कभी-कभी लोग धैर्य खो देते हैं लेकिन यह हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर आक्रमण का बहाना नहीं बन सकता।" संवैधानिक संस्थाओं पर आए दिन किए जा रहे हमलों पर राष्ट्रपति ने कहा, "संस्थाएं हमारे संविधान के दिखाई देने वाले आधार स्तंभ हैं और अगर इनमें दरार आती है तो हमारे संविधान का आदर्शवाद कायम नहीं रह पाएगा। वे सिद्घांतों और लोगों को जोड़ने का माध्यम हैं। हो सकता है कि हमारी संस्थाएं समय के साथ पुरानी पड़ गई हों, परंतु जो बना हुआ है, उसे नष्ट करना कोई समाधान नहीं है, इसके बजाय हमें इन्हें इस ढंग से पुनर्निर्मित करना होगा ताकि ये पहले से अधिक मजबूत बनें। संस्थाएं हमारी स्वतंत्रता की रक्षक हैं।" राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि राजनीति, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के उन क्षेत्रों की विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, जहां आत्मतुष्टि, थकावट या भ्रष्टाचार के कारण परिणाम प्राप्त करने में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने असंतोष को व्यक्त करने का अधिकार है। परंतु हमें यह भी समझना चाहिए कि विधायिका से कानून को या न्यायपालिका से न्याय को अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "जब प्राधिकारी निरंकुश हो जाते हैं तो लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है परंतु जब विरोध बार-बार होते हैं तब हम अव्यवस्था को न्यौता देते हैं। लोकतंत्र एक साझा प्रक्रिया है। हम सभी की, जीत या हार साथ-साथ होती है। लोकतांत्रिक नजरिए के लिए गरिमापूर्ण व्यवहार और विरोधी विचारों को सहन करने की जरूरत होती है।" मुखर्जी ने कहा, "संसद अपने समय पर और अपनी गति से काम करेगी। कभी-कभी इसकी गति असहज लगती है; लेकिन लोकतंत्र में सदैव एक न्याय का दिन, चुनाव का दिन आता है।"टिप्पणियां "मैं ऐसा चेतावनी के रूप में नहीं, बल्कि इस अनुरोध के साथ कह रहा हूं कि साधारण घटनाक्रमों के पीछे छिपे अस्तित्ववादी मुद्दों को और अच्छे ढंग से समझा जाए। लोकतंत्र में, जवाबदेही की महवपूर्ण संस्था स्वतंत्र चुनावों के जरिए शिकायतों के समाधान का एक बेजोड़ अवसर प्रदान किया गया है।" असम में पिछले दिनों फैली हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए मुखर्जी ने कहा, "असम में हिंसा देखकर मुझे विशेषकर पीड़ा हुई है। हमारे अल्पसंख्यकों को सांत्वना की, सद्भावना की और आक्रामकता से बचाए जाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "हिंसा कोई विकल्प नहीं है। हिंसा से और अधिक हिंसा को आमंत्रण मिलता है। असम के जख्मों को भरने के लिए, हमारे युवा और प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा तैयार किए गए असम समझौते सहित, ठोस प्रयास किए गए हैं। हमें उन पर फिर से विचार करना चाहिए, और न्याय की भावना और राष्ट्र के हित में मौजूदा हालात के अनुसार उन्हें ढालना चाहिए। हमें एक नई आर्थिक क्रांति के लिए शांति की आवश्यकता है जिससे हिंसा के प्रतिस्पर्धात्मक कारणों को समाप्त किया जा सके।" संवैधानिक संस्थाओं पर आए दिन किए जा रहे हमलों पर राष्ट्रपति ने कहा, "संस्थाएं हमारे संविधान के दिखाई देने वाले आधार स्तंभ हैं और अगर इनमें दरार आती है तो हमारे संविधान का आदर्शवाद कायम नहीं रह पाएगा। वे सिद्घांतों और लोगों को जोड़ने का माध्यम हैं। हो सकता है कि हमारी संस्थाएं समय के साथ पुरानी पड़ गई हों, परंतु जो बना हुआ है, उसे नष्ट करना कोई समाधान नहीं है, इसके बजाय हमें इन्हें इस ढंग से पुनर्निर्मित करना होगा ताकि ये पहले से अधिक मजबूत बनें। संस्थाएं हमारी स्वतंत्रता की रक्षक हैं।" राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि राजनीति, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के उन क्षेत्रों की विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, जहां आत्मतुष्टि, थकावट या भ्रष्टाचार के कारण परिणाम प्राप्त करने में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने असंतोष को व्यक्त करने का अधिकार है। परंतु हमें यह भी समझना चाहिए कि विधायिका से कानून को या न्यायपालिका से न्याय को अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "जब प्राधिकारी निरंकुश हो जाते हैं तो लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है परंतु जब विरोध बार-बार होते हैं तब हम अव्यवस्था को न्यौता देते हैं। लोकतंत्र एक साझा प्रक्रिया है। हम सभी की, जीत या हार साथ-साथ होती है। लोकतांत्रिक नजरिए के लिए गरिमापूर्ण व्यवहार और विरोधी विचारों को सहन करने की जरूरत होती है।" मुखर्जी ने कहा, "संसद अपने समय पर और अपनी गति से काम करेगी। कभी-कभी इसकी गति असहज लगती है; लेकिन लोकतंत्र में सदैव एक न्याय का दिन, चुनाव का दिन आता है।"टिप्पणियां "मैं ऐसा चेतावनी के रूप में नहीं, बल्कि इस अनुरोध के साथ कह रहा हूं कि साधारण घटनाक्रमों के पीछे छिपे अस्तित्ववादी मुद्दों को और अच्छे ढंग से समझा जाए। लोकतंत्र में, जवाबदेही की महवपूर्ण संस्था स्वतंत्र चुनावों के जरिए शिकायतों के समाधान का एक बेजोड़ अवसर प्रदान किया गया है।" असम में पिछले दिनों फैली हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए मुखर्जी ने कहा, "असम में हिंसा देखकर मुझे विशेषकर पीड़ा हुई है। हमारे अल्पसंख्यकों को सांत्वना की, सद्भावना की और आक्रामकता से बचाए जाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "हिंसा कोई विकल्प नहीं है। हिंसा से और अधिक हिंसा को आमंत्रण मिलता है। असम के जख्मों को भरने के लिए, हमारे युवा और प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा तैयार किए गए असम समझौते सहित, ठोस प्रयास किए गए हैं। हमें उन पर फिर से विचार करना चाहिए, और न्याय की भावना और राष्ट्र के हित में मौजूदा हालात के अनुसार उन्हें ढालना चाहिए। हमें एक नई आर्थिक क्रांति के लिए शांति की आवश्यकता है जिससे हिंसा के प्रतिस्पर्धात्मक कारणों को समाप्त किया जा सके।" राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि राजनीति, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के उन क्षेत्रों की विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, जहां आत्मतुष्टि, थकावट या भ्रष्टाचार के कारण परिणाम प्राप्त करने में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने असंतोष को व्यक्त करने का अधिकार है। परंतु हमें यह भी समझना चाहिए कि विधायिका से कानून को या न्यायपालिका से न्याय को अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "जब प्राधिकारी निरंकुश हो जाते हैं तो लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है परंतु जब विरोध बार-बार होते हैं तब हम अव्यवस्था को न्यौता देते हैं। लोकतंत्र एक साझा प्रक्रिया है। हम सभी की, जीत या हार साथ-साथ होती है। लोकतांत्रिक नजरिए के लिए गरिमापूर्ण व्यवहार और विरोधी विचारों को सहन करने की जरूरत होती है।" मुखर्जी ने कहा, "संसद अपने समय पर और अपनी गति से काम करेगी। कभी-कभी इसकी गति असहज लगती है; लेकिन लोकतंत्र में सदैव एक न्याय का दिन, चुनाव का दिन आता है।"टिप्पणियां "मैं ऐसा चेतावनी के रूप में नहीं, बल्कि इस अनुरोध के साथ कह रहा हूं कि साधारण घटनाक्रमों के पीछे छिपे अस्तित्ववादी मुद्दों को और अच्छे ढंग से समझा जाए। लोकतंत्र में, जवाबदेही की महवपूर्ण संस्था स्वतंत्र चुनावों के जरिए शिकायतों के समाधान का एक बेजोड़ अवसर प्रदान किया गया है।" असम में पिछले दिनों फैली हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए मुखर्जी ने कहा, "असम में हिंसा देखकर मुझे विशेषकर पीड़ा हुई है। हमारे अल्पसंख्यकों को सांत्वना की, सद्भावना की और आक्रामकता से बचाए जाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "हिंसा कोई विकल्प नहीं है। हिंसा से और अधिक हिंसा को आमंत्रण मिलता है। असम के जख्मों को भरने के लिए, हमारे युवा और प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा तैयार किए गए असम समझौते सहित, ठोस प्रयास किए गए हैं। हमें उन पर फिर से विचार करना चाहिए, और न्याय की भावना और राष्ट्र के हित में मौजूदा हालात के अनुसार उन्हें ढालना चाहिए। हमें एक नई आर्थिक क्रांति के लिए शांति की आवश्यकता है जिससे हिंसा के प्रतिस्पर्धात्मक कारणों को समाप्त किया जा सके।" मुखर्जी ने कहा, "संसद अपने समय पर और अपनी गति से काम करेगी। कभी-कभी इसकी गति असहज लगती है; लेकिन लोकतंत्र में सदैव एक न्याय का दिन, चुनाव का दिन आता है।"टिप्पणियां "मैं ऐसा चेतावनी के रूप में नहीं, बल्कि इस अनुरोध के साथ कह रहा हूं कि साधारण घटनाक्रमों के पीछे छिपे अस्तित्ववादी मुद्दों को और अच्छे ढंग से समझा जाए। लोकतंत्र में, जवाबदेही की महवपूर्ण संस्था स्वतंत्र चुनावों के जरिए शिकायतों के समाधान का एक बेजोड़ अवसर प्रदान किया गया है।" असम में पिछले दिनों फैली हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए मुखर्जी ने कहा, "असम में हिंसा देखकर मुझे विशेषकर पीड़ा हुई है। हमारे अल्पसंख्यकों को सांत्वना की, सद्भावना की और आक्रामकता से बचाए जाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "हिंसा कोई विकल्प नहीं है। हिंसा से और अधिक हिंसा को आमंत्रण मिलता है। असम के जख्मों को भरने के लिए, हमारे युवा और प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा तैयार किए गए असम समझौते सहित, ठोस प्रयास किए गए हैं। हमें उन पर फिर से विचार करना चाहिए, और न्याय की भावना और राष्ट्र के हित में मौजूदा हालात के अनुसार उन्हें ढालना चाहिए। हमें एक नई आर्थिक क्रांति के लिए शांति की आवश्यकता है जिससे हिंसा के प्रतिस्पर्धात्मक कारणों को समाप्त किया जा सके।" "मैं ऐसा चेतावनी के रूप में नहीं, बल्कि इस अनुरोध के साथ कह रहा हूं कि साधारण घटनाक्रमों के पीछे छिपे अस्तित्ववादी मुद्दों को और अच्छे ढंग से समझा जाए। लोकतंत्र में, जवाबदेही की महवपूर्ण संस्था स्वतंत्र चुनावों के जरिए शिकायतों के समाधान का एक बेजोड़ अवसर प्रदान किया गया है।" असम में पिछले दिनों फैली हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए मुखर्जी ने कहा, "असम में हिंसा देखकर मुझे विशेषकर पीड़ा हुई है। हमारे अल्पसंख्यकों को सांत्वना की, सद्भावना की और आक्रामकता से बचाए जाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "हिंसा कोई विकल्प नहीं है। हिंसा से और अधिक हिंसा को आमंत्रण मिलता है। असम के जख्मों को भरने के लिए, हमारे युवा और प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा तैयार किए गए असम समझौते सहित, ठोस प्रयास किए गए हैं। हमें उन पर फिर से विचार करना चाहिए, और न्याय की भावना और राष्ट्र के हित में मौजूदा हालात के अनुसार उन्हें ढालना चाहिए। हमें एक नई आर्थिक क्रांति के लिए शांति की आवश्यकता है जिससे हिंसा के प्रतिस्पर्धात्मक कारणों को समाप्त किया जा सके।" असम में पिछले दिनों फैली हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए मुखर्जी ने कहा, "असम में हिंसा देखकर मुझे विशेषकर पीड़ा हुई है। हमारे अल्पसंख्यकों को सांत्वना की, सद्भावना की और आक्रामकता से बचाए जाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "हिंसा कोई विकल्प नहीं है। हिंसा से और अधिक हिंसा को आमंत्रण मिलता है। असम के जख्मों को भरने के लिए, हमारे युवा और प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा तैयार किए गए असम समझौते सहित, ठोस प्रयास किए गए हैं। हमें उन पर फिर से विचार करना चाहिए, और न्याय की भावना और राष्ट्र के हित में मौजूदा हालात के अनुसार उन्हें ढालना चाहिए। हमें एक नई आर्थिक क्रांति के लिए शांति की आवश्यकता है जिससे हिंसा के प्रतिस्पर्धात्मक कारणों को समाप्त किया जा सके।"
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में कहा कि भ्रष्टाचार ऐसी समस्या बन गया है जो देश को खोखला कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस बुराई का विरोध जायज है लेकिन यह लोकतांत्रिक संस्थाओं पर आक्रमण करने का बहान
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['hin']
एक सारांश बनाओ: पेंटागन के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि अमेरिका को सबसे बड़ा खतरा रूस से है और चीन उसके लिए दूसरे नंबर का सबसे खतरनाक देश है. अमेरिका के एक जाने-माने सांसद ने भी ऐसी ही राय रखी है. जनरल जॉन ई हेतन ने रणनीतिक कमान के कमांडर पद के लिए अपनी ‘कन्फर्मेशन हियरिंग’ में कहा, जिस तरह से मैं दुनिया भर में मौजूद खतरों को देखता हूं, उसके हिसाब से मुझे लगता है कि रूस सबसे खतरनाक खतरा है, चीन बेहद कम अंतर से दूसरे स्थान पर है लेकिन सबसे ज्यादा संभावित चिंताजनक खतरे उत्तर कोरिया और फिर ईरान हैं क्योंकि उत्तर कोरिया के बारे में कुछ भी पहले से कहा जा सकना मुश्किल है. हेतन ने कहा कि रूस और चीन पिछले 20 साल में अपनी तुलना अमेरिका की उस शक्तिशाली और पारंपरिक सेना से करते रहे हैं, जो दुनिया के किसी भी युद्धक्षेत्र को जीत सकती है. दोनों देशों ने अमेरिका से सीख ली है और क्षमता निर्माण शुरू कर दिया है. हेतन ने कहा, इनमें से एक सीख है, विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम की. वे विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम में हमारा वर्चस्व देखते हैं. वे हमें जीपीएस, उपग्रह संचार का इस्तेमाल करते देखते हैं. सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में जो पांचवां परमाणु परीक्षण किया वह इस बात की याद दिलाता है कि वह अमेरिका पर परमाणु हथियारों से हमला बोलने की क्षमताएं विकसित करने के अपने इरादे पर कायम हैं. उन्होंने कहा, इसके बाद चीन है. वह गतिशील मिसाइलों और पनडुब्बियों पर जोर देते हुए अपने परमाणु बलों को आधुनिक कर रहा है. उन्होंने कहा कि लेकिन शायद सबसे मुश्किल चुनौती रूस है. मैक्केन ने भारत और पाकिस्तान द्वारा परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण किए जाने पर भी चिंता जाहिर की. टिप्पणियां उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने तेजी से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया है और उसने कथित तौर पर नए परमाणु हथियार विकसित भी किए हैं. भारत भी लगातार अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जनरल जॉन ई हेतन ने रणनीतिक कमान के कमांडर पद के लिए अपनी ‘कन्फर्मेशन हियरिंग’ में कहा, जिस तरह से मैं दुनिया भर में मौजूद खतरों को देखता हूं, उसके हिसाब से मुझे लगता है कि रूस सबसे खतरनाक खतरा है, चीन बेहद कम अंतर से दूसरे स्थान पर है लेकिन सबसे ज्यादा संभावित चिंताजनक खतरे उत्तर कोरिया और फिर ईरान हैं क्योंकि उत्तर कोरिया के बारे में कुछ भी पहले से कहा जा सकना मुश्किल है. हेतन ने कहा कि रूस और चीन पिछले 20 साल में अपनी तुलना अमेरिका की उस शक्तिशाली और पारंपरिक सेना से करते रहे हैं, जो दुनिया के किसी भी युद्धक्षेत्र को जीत सकती है. दोनों देशों ने अमेरिका से सीख ली है और क्षमता निर्माण शुरू कर दिया है. हेतन ने कहा, इनमें से एक सीख है, विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम की. वे विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम में हमारा वर्चस्व देखते हैं. वे हमें जीपीएस, उपग्रह संचार का इस्तेमाल करते देखते हैं. सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में जो पांचवां परमाणु परीक्षण किया वह इस बात की याद दिलाता है कि वह अमेरिका पर परमाणु हथियारों से हमला बोलने की क्षमताएं विकसित करने के अपने इरादे पर कायम हैं. उन्होंने कहा, इसके बाद चीन है. वह गतिशील मिसाइलों और पनडुब्बियों पर जोर देते हुए अपने परमाणु बलों को आधुनिक कर रहा है. उन्होंने कहा कि लेकिन शायद सबसे मुश्किल चुनौती रूस है. मैक्केन ने भारत और पाकिस्तान द्वारा परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण किए जाने पर भी चिंता जाहिर की. टिप्पणियां उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने तेजी से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया है और उसने कथित तौर पर नए परमाणु हथियार विकसित भी किए हैं. भारत भी लगातार अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हेतन ने कहा कि रूस और चीन पिछले 20 साल में अपनी तुलना अमेरिका की उस शक्तिशाली और पारंपरिक सेना से करते रहे हैं, जो दुनिया के किसी भी युद्धक्षेत्र को जीत सकती है. दोनों देशों ने अमेरिका से सीख ली है और क्षमता निर्माण शुरू कर दिया है. हेतन ने कहा, इनमें से एक सीख है, विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम की. वे विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम में हमारा वर्चस्व देखते हैं. वे हमें जीपीएस, उपग्रह संचार का इस्तेमाल करते देखते हैं. सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में जो पांचवां परमाणु परीक्षण किया वह इस बात की याद दिलाता है कि वह अमेरिका पर परमाणु हथियारों से हमला बोलने की क्षमताएं विकसित करने के अपने इरादे पर कायम हैं. उन्होंने कहा, इसके बाद चीन है. वह गतिशील मिसाइलों और पनडुब्बियों पर जोर देते हुए अपने परमाणु बलों को आधुनिक कर रहा है. उन्होंने कहा कि लेकिन शायद सबसे मुश्किल चुनौती रूस है. मैक्केन ने भारत और पाकिस्तान द्वारा परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण किए जाने पर भी चिंता जाहिर की. टिप्पणियां उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने तेजी से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया है और उसने कथित तौर पर नए परमाणु हथियार विकसित भी किए हैं. भारत भी लगातार अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हेतन ने कहा, इनमें से एक सीख है, विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम की. वे विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम में हमारा वर्चस्व देखते हैं. वे हमें जीपीएस, उपग्रह संचार का इस्तेमाल करते देखते हैं. सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में जो पांचवां परमाणु परीक्षण किया वह इस बात की याद दिलाता है कि वह अमेरिका पर परमाणु हथियारों से हमला बोलने की क्षमताएं विकसित करने के अपने इरादे पर कायम हैं. उन्होंने कहा, इसके बाद चीन है. वह गतिशील मिसाइलों और पनडुब्बियों पर जोर देते हुए अपने परमाणु बलों को आधुनिक कर रहा है. उन्होंने कहा कि लेकिन शायद सबसे मुश्किल चुनौती रूस है. मैक्केन ने भारत और पाकिस्तान द्वारा परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण किए जाने पर भी चिंता जाहिर की. टिप्पणियां उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने तेजी से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया है और उसने कथित तौर पर नए परमाणु हथियार विकसित भी किए हैं. भारत भी लगातार अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने तेजी से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया है और उसने कथित तौर पर नए परमाणु हथियार विकसित भी किए हैं. भारत भी लगातार अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: सबसे ज्यादा संभावित चिंताजनक खतरा उत्तर कोरिया और ईरान हैं चीन बेहद कम अंतर से दूसरे नंबर पर है रूस और चीन ने अमेरिका से सीख लेकर क्षमता बढ़ाई
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['hin']
एक सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को 10 दिन यानी 13 मार्च तक के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है। शनिवार को सीबीआई ने कुशवाहा और विधान परिषद के सदस्य राम प्रसाद जायसवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन यानी एनआरएचएम योजना के तहत जिला अस्पतालों को आवंटित पैसे के गलत इस्तेमाल के मामले में गिरफ्तार किया गया है। कुशवाहा पर पहले से ही सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान इस मामले में कई केस दर्ज किए थे। यूपी में चुनावों से ठीक पहले मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था, जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।टिप्पणियां बाबू सिंह कुशवाहा की गिरफ्तारी के बाद इस मुद्दे को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। कल यूपी में आखिरी चरण के मतदान के पूरा होते ही सीबीआई ने कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया। बीजेपी ने कहा है कि कुशवाहा को चुनाव के दौरान गिरफ्तार करने से कांग्रेस को डर था कि इससे बीजेपी को फायदा मिल सकता है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीबीआई इस मामले में कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले में कुशवाहा की गिरफ्तारी तो होनी ही थी। कांग्रेस ने कहा कि यह मात्र संयोग है कि गिरफ्तारी मतदान के आखिरी दिन हुई। इन दोनों को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन यानी एनआरएचएम योजना के तहत जिला अस्पतालों को आवंटित पैसे के गलत इस्तेमाल के मामले में गिरफ्तार किया गया है। कुशवाहा पर पहले से ही सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान इस मामले में कई केस दर्ज किए थे। यूपी में चुनावों से ठीक पहले मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था, जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।टिप्पणियां बाबू सिंह कुशवाहा की गिरफ्तारी के बाद इस मुद्दे को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। कल यूपी में आखिरी चरण के मतदान के पूरा होते ही सीबीआई ने कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया। बीजेपी ने कहा है कि कुशवाहा को चुनाव के दौरान गिरफ्तार करने से कांग्रेस को डर था कि इससे बीजेपी को फायदा मिल सकता है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीबीआई इस मामले में कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले में कुशवाहा की गिरफ्तारी तो होनी ही थी। कांग्रेस ने कहा कि यह मात्र संयोग है कि गिरफ्तारी मतदान के आखिरी दिन हुई। बाबू सिंह कुशवाहा की गिरफ्तारी के बाद इस मुद्दे को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। कल यूपी में आखिरी चरण के मतदान के पूरा होते ही सीबीआई ने कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया। बीजेपी ने कहा है कि कुशवाहा को चुनाव के दौरान गिरफ्तार करने से कांग्रेस को डर था कि इससे बीजेपी को फायदा मिल सकता है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीबीआई इस मामले में कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले में कुशवाहा की गिरफ्तारी तो होनी ही थी। कांग्रेस ने कहा कि यह मात्र संयोग है कि गिरफ्तारी मतदान के आखिरी दिन हुई। बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीबीआई इस मामले में कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले में कुशवाहा की गिरफ्तारी तो होनी ही थी। कांग्रेस ने कहा कि यह मात्र संयोग है कि गिरफ्तारी मतदान के आखिरी दिन हुई।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीबीआई इस मामले में कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि कुशवाहा की गिरफ्तारी तो होनी ही थी।
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['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: लीबिया के पदच्युत नेता मुअम्मर गद्दाफी के वफादार सैनिक लीबिया के लोगों के खिलाफ हिंसा जारी रखे हुए हैं। यह बात अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कही। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता कैप्टन जॉन किरबी ने पेंटागन में संवाददाताओं से कहा, हमारा मानना है कि गद्दाफी के सैनिक अब भी लीबिया के नागरिकों की जिंदगी के लिए खतरा बने हुए हैं। ये सैनिक अब भी अपने ही लोगों के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि लीबिया की पुरानी सेना के जवान अब भी गद्दाफी के वफादार बने हुए हैं। किरबी ने कहा, सेना का मिशन कर्नल गद्दाफी के खिलाफ नहीं है। यह संयुक्त राष्ट्र अध्यादेश को लागू कराने के लिए है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस वक्त यह सफल रहा है। इस सफलता में नो फ्लाई जोन, नागरिक सुरक्षा मिशन, अमेरिका और नाटो के हमारे सहयोगियों के बीच समन्वय काफी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ट्रांजिशनल नेशनल काउंसिल को स्पष्ट किया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मानवाधिकारों को काफी गंभीरता से लेता है और उम्मीद करता है कि वे इस तरह से व्यवहार करेंगे जो लीबिया की जनता के सिद्धांतों के अनुरूप हों। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, और हम देखेंगे कि चीजें किस दिशा में मुड़ती हैं लेकिन कोई अनुमान व्यक्त नहीं करेंगे।
संक्षिप्त सारांश: गद्दाफी के वफादार सैनिक लीबिया के लोगों के खिलाफ हिंसा जारी रखे हुए हैं। यह बात अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कही।
23
['hin']
एक सारांश बनाओ: लगातार दो मैचों में हार से बैकफुट पर पहुंच चुके भारत को यदि त्रिकोणीय एक-दिवसीय शृंखला के फाइनल में पहुंचने की दौड़ में बने रहना है, तो उसे शुक्रवार को मेज़बान वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ होने वाले 'करो या मरो' जैसे मैच में फिर एकजुट होकर अपनी विजयी लय पकड़नी होगी। भारतीय टीम चैम्पियन्स ट्रॉफी जीतकर यहां पहुंची थी, लेकिन कड़ी परिस्थितियों में उसके बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने लचर प्रदर्शन किया और टीम श्रीलंका और मेज़बान वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ खेले अपने दोनों मैच हार गई। वैसे कैरेबियाई देशों की पिचों से जूझ रहे भारतीयों की परेशानी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल हो जाने से और बढ़ गई, तथा इसी कारण कप्तान बने विराट कोहली की नेतृत्व क्षमता के लिए शुक्रवार का मैच बड़ी परीक्षा और चुनौती होगा, क्योंकि विराट कोहली को भारत का भविष्य का कप्तान माना जा रहा है। श्रीलंका के खिलाफ बड़ी हार के दौरान उनकी रणनीतियां नहीं चल पाई थीं और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह दबाव वाले इस मैच में युवा टीम की अगुवाई कैसे करते हैं, क्योंकि इस मैच में हार से भारत फाइनल की दौड़ से लगभग बाहर हो जाएगा। वेस्ट इंडीज़ ने अब तक अपने दोनों मैच जीते हैं, और इस समय वह नौ अंक लेकर अंकतालिका में चोटी पर बना हुआ है। उधर, श्रीलंका के पांच अंक हैं। इन दोनों ही टीमों ने भारत के खिलाफ अपने मैच बोनस अंक के साथ जीते हैं, जबकि भारत ने अभी टूर्नामेंट में खाता भी नहीं खोला है। अब यदि भारत शुक्रवार को वेस्ट इंडीज़ को हरा देता है, तो शृंखला रोमांचक बनी रहेगी, और ऐसी स्थिति में तीनों टीमें फाइनल में जगह बनाने की स्थिति में होंगी। वैसे शृंखला में भारतीय बल्लेबाज अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। टीम को शिखर धवन और रोहित शर्मा से अच्छी शुरुआत की दरकार है। अभी तक केवल रोहित ही शृंखला में भारत की तरफ से अर्द्धशतक जमा पाए हैं। पहले दो मैचों में धवन और रोहित टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए थे, इसलिए इन दोनों का अच्छा प्रदर्शन टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वैसे खिलाड़ी फॉर्म में हैं और उन्हें परिस्थितियों के अनुसार प्रदर्शन करना होगा।टिप्पणियां गेंदबाजों को श्रीलंका के खिलाफ अपनी लाइन और लेंग्थ हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था और यदि वेस्ट इंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाजों के सामने भी यही स्थिति रहती है, तो स्थिति नाजुक बन जाएगी। क्रिस गेल हमेशा बड़ी चुनौती रहते हैं और उनके साथ पारी का आगाज़ करने वाले जॉनसन चार्ल्स भी अच्छा स्कोर खड़ा कर रहे हैं। मध्यक्रम में कीरॉन पोलार्ड और निचले क्रम में डेरेन सैमी भी जब लय में होते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जहां तक वेस्ट इंडीज़ का सवाल है, तो कप्तान ड्वेन ब्रावो के टीम में लौटने की संभावना है। वह ग्रोइन की चोट के कारण भारत के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाए थे। भारतीय टीम चैम्पियन्स ट्रॉफी जीतकर यहां पहुंची थी, लेकिन कड़ी परिस्थितियों में उसके बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने लचर प्रदर्शन किया और टीम श्रीलंका और मेज़बान वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ खेले अपने दोनों मैच हार गई। वैसे कैरेबियाई देशों की पिचों से जूझ रहे भारतीयों की परेशानी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल हो जाने से और बढ़ गई, तथा इसी कारण कप्तान बने विराट कोहली की नेतृत्व क्षमता के लिए शुक्रवार का मैच बड़ी परीक्षा और चुनौती होगा, क्योंकि विराट कोहली को भारत का भविष्य का कप्तान माना जा रहा है। श्रीलंका के खिलाफ बड़ी हार के दौरान उनकी रणनीतियां नहीं चल पाई थीं और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह दबाव वाले इस मैच में युवा टीम की अगुवाई कैसे करते हैं, क्योंकि इस मैच में हार से भारत फाइनल की दौड़ से लगभग बाहर हो जाएगा। वेस्ट इंडीज़ ने अब तक अपने दोनों मैच जीते हैं, और इस समय वह नौ अंक लेकर अंकतालिका में चोटी पर बना हुआ है। उधर, श्रीलंका के पांच अंक हैं। इन दोनों ही टीमों ने भारत के खिलाफ अपने मैच बोनस अंक के साथ जीते हैं, जबकि भारत ने अभी टूर्नामेंट में खाता भी नहीं खोला है। अब यदि भारत शुक्रवार को वेस्ट इंडीज़ को हरा देता है, तो शृंखला रोमांचक बनी रहेगी, और ऐसी स्थिति में तीनों टीमें फाइनल में जगह बनाने की स्थिति में होंगी। वैसे शृंखला में भारतीय बल्लेबाज अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। टीम को शिखर धवन और रोहित शर्मा से अच्छी शुरुआत की दरकार है। अभी तक केवल रोहित ही शृंखला में भारत की तरफ से अर्द्धशतक जमा पाए हैं। पहले दो मैचों में धवन और रोहित टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए थे, इसलिए इन दोनों का अच्छा प्रदर्शन टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वैसे खिलाड़ी फॉर्म में हैं और उन्हें परिस्थितियों के अनुसार प्रदर्शन करना होगा।टिप्पणियां गेंदबाजों को श्रीलंका के खिलाफ अपनी लाइन और लेंग्थ हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था और यदि वेस्ट इंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाजों के सामने भी यही स्थिति रहती है, तो स्थिति नाजुक बन जाएगी। क्रिस गेल हमेशा बड़ी चुनौती रहते हैं और उनके साथ पारी का आगाज़ करने वाले जॉनसन चार्ल्स भी अच्छा स्कोर खड़ा कर रहे हैं। मध्यक्रम में कीरॉन पोलार्ड और निचले क्रम में डेरेन सैमी भी जब लय में होते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जहां तक वेस्ट इंडीज़ का सवाल है, तो कप्तान ड्वेन ब्रावो के टीम में लौटने की संभावना है। वह ग्रोइन की चोट के कारण भारत के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाए थे। वैसे कैरेबियाई देशों की पिचों से जूझ रहे भारतीयों की परेशानी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल हो जाने से और बढ़ गई, तथा इसी कारण कप्तान बने विराट कोहली की नेतृत्व क्षमता के लिए शुक्रवार का मैच बड़ी परीक्षा और चुनौती होगा, क्योंकि विराट कोहली को भारत का भविष्य का कप्तान माना जा रहा है। श्रीलंका के खिलाफ बड़ी हार के दौरान उनकी रणनीतियां नहीं चल पाई थीं और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह दबाव वाले इस मैच में युवा टीम की अगुवाई कैसे करते हैं, क्योंकि इस मैच में हार से भारत फाइनल की दौड़ से लगभग बाहर हो जाएगा। वेस्ट इंडीज़ ने अब तक अपने दोनों मैच जीते हैं, और इस समय वह नौ अंक लेकर अंकतालिका में चोटी पर बना हुआ है। उधर, श्रीलंका के पांच अंक हैं। इन दोनों ही टीमों ने भारत के खिलाफ अपने मैच बोनस अंक के साथ जीते हैं, जबकि भारत ने अभी टूर्नामेंट में खाता भी नहीं खोला है। अब यदि भारत शुक्रवार को वेस्ट इंडीज़ को हरा देता है, तो शृंखला रोमांचक बनी रहेगी, और ऐसी स्थिति में तीनों टीमें फाइनल में जगह बनाने की स्थिति में होंगी। वैसे शृंखला में भारतीय बल्लेबाज अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। टीम को शिखर धवन और रोहित शर्मा से अच्छी शुरुआत की दरकार है। अभी तक केवल रोहित ही शृंखला में भारत की तरफ से अर्द्धशतक जमा पाए हैं। पहले दो मैचों में धवन और रोहित टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए थे, इसलिए इन दोनों का अच्छा प्रदर्शन टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वैसे खिलाड़ी फॉर्म में हैं और उन्हें परिस्थितियों के अनुसार प्रदर्शन करना होगा।टिप्पणियां गेंदबाजों को श्रीलंका के खिलाफ अपनी लाइन और लेंग्थ हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था और यदि वेस्ट इंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाजों के सामने भी यही स्थिति रहती है, तो स्थिति नाजुक बन जाएगी। क्रिस गेल हमेशा बड़ी चुनौती रहते हैं और उनके साथ पारी का आगाज़ करने वाले जॉनसन चार्ल्स भी अच्छा स्कोर खड़ा कर रहे हैं। मध्यक्रम में कीरॉन पोलार्ड और निचले क्रम में डेरेन सैमी भी जब लय में होते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जहां तक वेस्ट इंडीज़ का सवाल है, तो कप्तान ड्वेन ब्रावो के टीम में लौटने की संभावना है। वह ग्रोइन की चोट के कारण भारत के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाए थे। वेस्ट इंडीज़ ने अब तक अपने दोनों मैच जीते हैं, और इस समय वह नौ अंक लेकर अंकतालिका में चोटी पर बना हुआ है। उधर, श्रीलंका के पांच अंक हैं। इन दोनों ही टीमों ने भारत के खिलाफ अपने मैच बोनस अंक के साथ जीते हैं, जबकि भारत ने अभी टूर्नामेंट में खाता भी नहीं खोला है। अब यदि भारत शुक्रवार को वेस्ट इंडीज़ को हरा देता है, तो शृंखला रोमांचक बनी रहेगी, और ऐसी स्थिति में तीनों टीमें फाइनल में जगह बनाने की स्थिति में होंगी। वैसे शृंखला में भारतीय बल्लेबाज अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। टीम को शिखर धवन और रोहित शर्मा से अच्छी शुरुआत की दरकार है। अभी तक केवल रोहित ही शृंखला में भारत की तरफ से अर्द्धशतक जमा पाए हैं। पहले दो मैचों में धवन और रोहित टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए थे, इसलिए इन दोनों का अच्छा प्रदर्शन टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वैसे खिलाड़ी फॉर्म में हैं और उन्हें परिस्थितियों के अनुसार प्रदर्शन करना होगा।टिप्पणियां गेंदबाजों को श्रीलंका के खिलाफ अपनी लाइन और लेंग्थ हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था और यदि वेस्ट इंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाजों के सामने भी यही स्थिति रहती है, तो स्थिति नाजुक बन जाएगी। क्रिस गेल हमेशा बड़ी चुनौती रहते हैं और उनके साथ पारी का आगाज़ करने वाले जॉनसन चार्ल्स भी अच्छा स्कोर खड़ा कर रहे हैं। मध्यक्रम में कीरॉन पोलार्ड और निचले क्रम में डेरेन सैमी भी जब लय में होते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जहां तक वेस्ट इंडीज़ का सवाल है, तो कप्तान ड्वेन ब्रावो के टीम में लौटने की संभावना है। वह ग्रोइन की चोट के कारण भारत के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाए थे। वैसे शृंखला में भारतीय बल्लेबाज अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। टीम को शिखर धवन और रोहित शर्मा से अच्छी शुरुआत की दरकार है। अभी तक केवल रोहित ही शृंखला में भारत की तरफ से अर्द्धशतक जमा पाए हैं। पहले दो मैचों में धवन और रोहित टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए थे, इसलिए इन दोनों का अच्छा प्रदर्शन टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वैसे खिलाड़ी फॉर्म में हैं और उन्हें परिस्थितियों के अनुसार प्रदर्शन करना होगा।टिप्पणियां गेंदबाजों को श्रीलंका के खिलाफ अपनी लाइन और लेंग्थ हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था और यदि वेस्ट इंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाजों के सामने भी यही स्थिति रहती है, तो स्थिति नाजुक बन जाएगी। क्रिस गेल हमेशा बड़ी चुनौती रहते हैं और उनके साथ पारी का आगाज़ करने वाले जॉनसन चार्ल्स भी अच्छा स्कोर खड़ा कर रहे हैं। मध्यक्रम में कीरॉन पोलार्ड और निचले क्रम में डेरेन सैमी भी जब लय में होते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जहां तक वेस्ट इंडीज़ का सवाल है, तो कप्तान ड्वेन ब्रावो के टीम में लौटने की संभावना है। वह ग्रोइन की चोट के कारण भारत के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाए थे। गेंदबाजों को श्रीलंका के खिलाफ अपनी लाइन और लेंग्थ हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था और यदि वेस्ट इंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाजों के सामने भी यही स्थिति रहती है, तो स्थिति नाजुक बन जाएगी। क्रिस गेल हमेशा बड़ी चुनौती रहते हैं और उनके साथ पारी का आगाज़ करने वाले जॉनसन चार्ल्स भी अच्छा स्कोर खड़ा कर रहे हैं। मध्यक्रम में कीरॉन पोलार्ड और निचले क्रम में डेरेन सैमी भी जब लय में होते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जहां तक वेस्ट इंडीज़ का सवाल है, तो कप्तान ड्वेन ब्रावो के टीम में लौटने की संभावना है। वह ग्रोइन की चोट के कारण भारत के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाए थे। मध्यक्रम में कीरॉन पोलार्ड और निचले क्रम में डेरेन सैमी भी जब लय में होते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जहां तक वेस्ट इंडीज़ का सवाल है, तो कप्तान ड्वेन ब्रावो के टीम में लौटने की संभावना है। वह ग्रोइन की चोट के कारण भारत के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाए थे।
कैरेबियाई देशों की पिचों से जूझ रहे भारतीयों की परेशानी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल हो जाने से और बढ़ गई, तथा इसी कारण कप्तान बने विराट कोहली की नेतृत्व क्षमता के लिए शुक्रवार का मैच बड़ी परीक्षा और चुनौती होगा।
26
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: नर्सों की तारीफ 'धरती पर फरिश्ते' के रूप में की जाती है, लेकिन भारत में उनकी पेशेवर जिंदगी अपेक्षाकृत दयनीय है, खासकर निजी स्वास्थ्य क्षेत्र में। उन्हें कम वेतन मिलता है और खराब स्थिति में काम करना पड़ता है। यह बात नई दिल्ली में काम कर रही केरल की नर्सों के बारे में कराए गए एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन के मुताबिक बेहतर पगार और बेहतर कार्य स्थिति की मांग को लेकर हाल में देश के विभिन्न निजी अस्पतालों में हुई नर्सों की हड़ताल एवं आंदोलनों से उनकी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। अध्ययन करने वाले नई दिल्ली स्थित 'सेंटर फॉर वुमेन डेवलपमेंट स्टडीज' की जूनियर फेलो श्रीलेखा नायर ने कहा कि नर्सों के सामने मौखिक एवं शारीरिक उत्पीड़न एक बड़ी समस्या बना हुआ है। उन्हें न सिर्फ डॉक्टरों और प्रबंधन, बल्कि सहकर्मियों के दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ता है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सदस्य पीके थंपी ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों का शोषण करता है। नर्सों और प्रबंधन के बीच लगभग गुलाम एवं मालिक जैसे रिश्ते होते हैं। निजी क्षेत्र में नर्सों को मिलने वाले कम वेतन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें से अधिकतर ने चार से छह लाख रुपये का शैक्षिक ऋण लेकर अपनी पढ़ाई की होती है। उनके द्वारा चुकाई जाने वाली न्यूनतम किश्त करीब छह हजार से 10 हजार रुपये होगी, जबकि उन्हें तनख्वाह के रूप में 2,500 से लेकर 6,500 रुपये तक ही मिल पाते हैं। थंपी ने कहा, क्षेत्र में खराब स्थिति होने के बावजूद उनमें से अधिकतर नौकरी से चिपकी रहती हैं, क्योंकि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं होता। 'मूविंग विद द टाइम्स-जेंडर, स्टेटस एंड माइग्रेशन ऑफ नर्सेज इन इंडिया' प्रकाशित करने वाली श्रीलेखा ने कहा, नर्सों को केवल उनके वरिष्ठ ही नहीं, बल्कि मरीजों के संबंधी भी मौखिक रूप से प्रताड़ित करते हैं, जैसा कि अखबारों में छपता है, कुछ मामलों में उनका शारीरिक शोषण भी किया जाता है।टिप्पणियां अध्ययन में कहा गया है कि मरीजों की जान बचाने के मामले में नर्सों के योगदान की बहुत सी कहानियां हैं, लेकिन उनके योगदान पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह सच है कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में भाग लेने वाले डॉक्टरों का हर जगह नाम होता है, लेकिन नर्सों के नाम का रिकॉर्ड में कभी कोई उल्लेख नहीं होता, उदाहरण के लिए हृदय के प्रथम ऑपरेशन जैसे कार्य। इसके अनुसार नर्सों के शोषण का एक और तरीका यह है कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों के प्रमाण पत्रों को 'जब्त' कर लेते हैं, जिससे वे भारत या विदेश में अच्छे अवसर हासिल नहीं कर पातीं। अध्ययन के अनुसार निजी अस्पतालों में नर्सों के साथ अन्य तरह की धोखाधड़ी भी की जाती है। उनका वेतन कागजों में कुछ और दर्शाया जाता है, जबकि हकीकत में उन्हें इससे कम पैसे दिए जाते हैं। अध्ययन के मुताबिक बेहतर पगार और बेहतर कार्य स्थिति की मांग को लेकर हाल में देश के विभिन्न निजी अस्पतालों में हुई नर्सों की हड़ताल एवं आंदोलनों से उनकी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। अध्ययन करने वाले नई दिल्ली स्थित 'सेंटर फॉर वुमेन डेवलपमेंट स्टडीज' की जूनियर फेलो श्रीलेखा नायर ने कहा कि नर्सों के सामने मौखिक एवं शारीरिक उत्पीड़न एक बड़ी समस्या बना हुआ है। उन्हें न सिर्फ डॉक्टरों और प्रबंधन, बल्कि सहकर्मियों के दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ता है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सदस्य पीके थंपी ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों का शोषण करता है। नर्सों और प्रबंधन के बीच लगभग गुलाम एवं मालिक जैसे रिश्ते होते हैं। निजी क्षेत्र में नर्सों को मिलने वाले कम वेतन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें से अधिकतर ने चार से छह लाख रुपये का शैक्षिक ऋण लेकर अपनी पढ़ाई की होती है। उनके द्वारा चुकाई जाने वाली न्यूनतम किश्त करीब छह हजार से 10 हजार रुपये होगी, जबकि उन्हें तनख्वाह के रूप में 2,500 से लेकर 6,500 रुपये तक ही मिल पाते हैं। थंपी ने कहा, क्षेत्र में खराब स्थिति होने के बावजूद उनमें से अधिकतर नौकरी से चिपकी रहती हैं, क्योंकि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं होता। 'मूविंग विद द टाइम्स-जेंडर, स्टेटस एंड माइग्रेशन ऑफ नर्सेज इन इंडिया' प्रकाशित करने वाली श्रीलेखा ने कहा, नर्सों को केवल उनके वरिष्ठ ही नहीं, बल्कि मरीजों के संबंधी भी मौखिक रूप से प्रताड़ित करते हैं, जैसा कि अखबारों में छपता है, कुछ मामलों में उनका शारीरिक शोषण भी किया जाता है।टिप्पणियां अध्ययन में कहा गया है कि मरीजों की जान बचाने के मामले में नर्सों के योगदान की बहुत सी कहानियां हैं, लेकिन उनके योगदान पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह सच है कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में भाग लेने वाले डॉक्टरों का हर जगह नाम होता है, लेकिन नर्सों के नाम का रिकॉर्ड में कभी कोई उल्लेख नहीं होता, उदाहरण के लिए हृदय के प्रथम ऑपरेशन जैसे कार्य। इसके अनुसार नर्सों के शोषण का एक और तरीका यह है कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों के प्रमाण पत्रों को 'जब्त' कर लेते हैं, जिससे वे भारत या विदेश में अच्छे अवसर हासिल नहीं कर पातीं। अध्ययन के अनुसार निजी अस्पतालों में नर्सों के साथ अन्य तरह की धोखाधड़ी भी की जाती है। उनका वेतन कागजों में कुछ और दर्शाया जाता है, जबकि हकीकत में उन्हें इससे कम पैसे दिए जाते हैं। इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सदस्य पीके थंपी ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों का शोषण करता है। नर्सों और प्रबंधन के बीच लगभग गुलाम एवं मालिक जैसे रिश्ते होते हैं। निजी क्षेत्र में नर्सों को मिलने वाले कम वेतन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें से अधिकतर ने चार से छह लाख रुपये का शैक्षिक ऋण लेकर अपनी पढ़ाई की होती है। उनके द्वारा चुकाई जाने वाली न्यूनतम किश्त करीब छह हजार से 10 हजार रुपये होगी, जबकि उन्हें तनख्वाह के रूप में 2,500 से लेकर 6,500 रुपये तक ही मिल पाते हैं। थंपी ने कहा, क्षेत्र में खराब स्थिति होने के बावजूद उनमें से अधिकतर नौकरी से चिपकी रहती हैं, क्योंकि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं होता। 'मूविंग विद द टाइम्स-जेंडर, स्टेटस एंड माइग्रेशन ऑफ नर्सेज इन इंडिया' प्रकाशित करने वाली श्रीलेखा ने कहा, नर्सों को केवल उनके वरिष्ठ ही नहीं, बल्कि मरीजों के संबंधी भी मौखिक रूप से प्रताड़ित करते हैं, जैसा कि अखबारों में छपता है, कुछ मामलों में उनका शारीरिक शोषण भी किया जाता है।टिप्पणियां अध्ययन में कहा गया है कि मरीजों की जान बचाने के मामले में नर्सों के योगदान की बहुत सी कहानियां हैं, लेकिन उनके योगदान पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह सच है कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में भाग लेने वाले डॉक्टरों का हर जगह नाम होता है, लेकिन नर्सों के नाम का रिकॉर्ड में कभी कोई उल्लेख नहीं होता, उदाहरण के लिए हृदय के प्रथम ऑपरेशन जैसे कार्य। इसके अनुसार नर्सों के शोषण का एक और तरीका यह है कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों के प्रमाण पत्रों को 'जब्त' कर लेते हैं, जिससे वे भारत या विदेश में अच्छे अवसर हासिल नहीं कर पातीं। अध्ययन के अनुसार निजी अस्पतालों में नर्सों के साथ अन्य तरह की धोखाधड़ी भी की जाती है। उनका वेतन कागजों में कुछ और दर्शाया जाता है, जबकि हकीकत में उन्हें इससे कम पैसे दिए जाते हैं। थंपी ने कहा, क्षेत्र में खराब स्थिति होने के बावजूद उनमें से अधिकतर नौकरी से चिपकी रहती हैं, क्योंकि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं होता। 'मूविंग विद द टाइम्स-जेंडर, स्टेटस एंड माइग्रेशन ऑफ नर्सेज इन इंडिया' प्रकाशित करने वाली श्रीलेखा ने कहा, नर्सों को केवल उनके वरिष्ठ ही नहीं, बल्कि मरीजों के संबंधी भी मौखिक रूप से प्रताड़ित करते हैं, जैसा कि अखबारों में छपता है, कुछ मामलों में उनका शारीरिक शोषण भी किया जाता है।टिप्पणियां अध्ययन में कहा गया है कि मरीजों की जान बचाने के मामले में नर्सों के योगदान की बहुत सी कहानियां हैं, लेकिन उनके योगदान पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह सच है कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में भाग लेने वाले डॉक्टरों का हर जगह नाम होता है, लेकिन नर्सों के नाम का रिकॉर्ड में कभी कोई उल्लेख नहीं होता, उदाहरण के लिए हृदय के प्रथम ऑपरेशन जैसे कार्य। इसके अनुसार नर्सों के शोषण का एक और तरीका यह है कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों के प्रमाण पत्रों को 'जब्त' कर लेते हैं, जिससे वे भारत या विदेश में अच्छे अवसर हासिल नहीं कर पातीं। अध्ययन के अनुसार निजी अस्पतालों में नर्सों के साथ अन्य तरह की धोखाधड़ी भी की जाती है। उनका वेतन कागजों में कुछ और दर्शाया जाता है, जबकि हकीकत में उन्हें इससे कम पैसे दिए जाते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि मरीजों की जान बचाने के मामले में नर्सों के योगदान की बहुत सी कहानियां हैं, लेकिन उनके योगदान पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह सच है कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में भाग लेने वाले डॉक्टरों का हर जगह नाम होता है, लेकिन नर्सों के नाम का रिकॉर्ड में कभी कोई उल्लेख नहीं होता, उदाहरण के लिए हृदय के प्रथम ऑपरेशन जैसे कार्य। इसके अनुसार नर्सों के शोषण का एक और तरीका यह है कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों के प्रमाण पत्रों को 'जब्त' कर लेते हैं, जिससे वे भारत या विदेश में अच्छे अवसर हासिल नहीं कर पातीं। अध्ययन के अनुसार निजी अस्पतालों में नर्सों के साथ अन्य तरह की धोखाधड़ी भी की जाती है। उनका वेतन कागजों में कुछ और दर्शाया जाता है, जबकि हकीकत में उन्हें इससे कम पैसे दिए जाते हैं। इसके अनुसार नर्सों के शोषण का एक और तरीका यह है कि अस्पताल प्रबंधन नर्सों के प्रमाण पत्रों को 'जब्त' कर लेते हैं, जिससे वे भारत या विदेश में अच्छे अवसर हासिल नहीं कर पातीं। अध्ययन के अनुसार निजी अस्पतालों में नर्सों के साथ अन्य तरह की धोखाधड़ी भी की जाती है। उनका वेतन कागजों में कुछ और दर्शाया जाता है, जबकि हकीकत में उन्हें इससे कम पैसे दिए जाते हैं।
सारांश: नर्सों की तारीफ 'धरती पर फरिश्ते' के रूप में की जाती है, लेकिन भारत में उनकी पेशेवर जिंदगी दयनीय है, खासकर निजी स्वास्थ्य क्षेत्र में। उन्हें कम वेतन मिलता है और खराब स्थिति में काम करना पड़ता है।
33
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: हैदराबाद शहर में स्विगी की एक डिलीवरी वूमेन चर्चा में है. दरअसल 20 साल की ये लड़की सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए बतौर डिलीवरी वूमेन काम कर रही है और लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है. लड़की का नाम जननी राव है और वह हैदराबाद की ही रहने वाली है. एएनआई से बातचीत में लड़की ने कहा, '2.5 महीने पहले मैंने कंपनी ज्वाइन की. यह नौकरी बहुत आकर्षक और मजेदार है. मैं कई ऐसे लोगों से मिलती हूं जो दिलचस्प हैं. अगर आप इस बारे में सोचें तो यह एक अलग तरह का अनुभव होगा.' जननी राव ने कहा, 'कस्टमर्स की प्रतिक्रिया काफी सराहनीय है. वे कहते हैं कि इस फील्ड में महिला को काम करते देखना बहुत अच्छा है. यह एक ऐसा काम है जिसे समाज में महिलाओं के लिए नहीं माना जाता.' जननी ने कहा, 'काम केवल काम होता है. कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता. काम आपको पैसा देता है. और आप इसे पसंद करते हैं.'  इस फील्ड में महिला सुरक्षा पर जननी ने कहा, 'अगर सुरक्षा की बात है तो हैदराबाद महिलाओं की सुरक्षा के मामले में राज्य में दूसरा सबसे बेहतर शहर है. यहां डरने की कोई जरूरत नहीं है. मैं लोगों से अपील करती हूं कि वे फील्ड में जाएं और बिना डरे काम करें.'
सारांश: जनानी ने 'फूड डिलीवरी' को बनाया अपना प्रोफेशन यह नौकरी बहुत आकर्षक और मजेदार है: जनानी कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता: जनानी
7
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: तुर्की का निवेश बैंक 'कुवैयत तुर्क' अक्टूबर में जर्मनी में पहला इस्लामिक बैंक खोलना चाहता है। समाचार पत्र फाइनेंशियल टाइम्स डचलैंड के मुताबिक कुवैयत तुर्क शरिया कानूनों के अनुपालन के तहत अपनी पहली शाखा लेखापरीक्षण कंपनी अर्न्‍स्ट एंड यंग और लॉ फर्म नॉर्टन रोज के सहयोग से फ्रैंकफर्ट-एम-मेन में खोलना चाहता है।टिप्पणियां कुवैयत तुर्क बैंक बर्लिन सहित जर्मनी के उन शहरों में भी शाखाएं खोलेगा, जहां मुस्लिमों की संख्या अधिक है। अखबार के मुताबिक ब्रिटेन में भी ऐसे बैंक काम कर रहे हैं। विश्लेषकों को हालांकि ऐसी बैंकिंग सेवाओं के जर्मनी में लोकप्रिय हो पाने में संदेह है, क्योंकि यहां मुस्लिमों की आबादी 41 लाख से अधिक नहीं है और यह देश की कुल आबादी से पांच फीसदी से कम ही है। कुवैयत तुर्क बैंक बर्लिन सहित जर्मनी के उन शहरों में भी शाखाएं खोलेगा, जहां मुस्लिमों की संख्या अधिक है। अखबार के मुताबिक ब्रिटेन में भी ऐसे बैंक काम कर रहे हैं। विश्लेषकों को हालांकि ऐसी बैंकिंग सेवाओं के जर्मनी में लोकप्रिय हो पाने में संदेह है, क्योंकि यहां मुस्लिमों की आबादी 41 लाख से अधिक नहीं है और यह देश की कुल आबादी से पांच फीसदी से कम ही है। विश्लेषकों को हालांकि ऐसी बैंकिंग सेवाओं के जर्मनी में लोकप्रिय हो पाने में संदेह है, क्योंकि यहां मुस्लिमों की आबादी 41 लाख से अधिक नहीं है और यह देश की कुल आबादी से पांच फीसदी से कम ही है।
कुवैयत तुर्क बैंक बर्लिन सहित जर्मनी के उन शहरों में भी शाखाएं खोलेगा, जहां मुस्लिमों की संख्या अधिक है।
28
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: कमलनाथ ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उसके बाद से मंत्रिमंडल के गठन की कवायद चल रही है. आखिरकार 25 दिसंबर को शपथ ग्रहण की स्थिति बन पाई. कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार को राजभवन में होगा.  मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहले ही घोषणा कर दी है कि पहली बार चुने गए विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया जाएगा. इसके बाद से तमाम विधायकों और नेताओं में व्याकुलता देखी जा रही है.  सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में डॉ. गोविद सिह, के.पी. सिह, विजयलक्ष्मी साधो, सज्जन सिह वर्मा, बाला बच्चन, हुकुम सिह कराड़ा, आरिफ अकील, लक्ष्मण सिह, विक्रम सिह नातीराजा, बिसाहूलाल सिह, लखन घनघोरिया, तरुण भनोत, दीपक सक्सेना, प्रद्युम्न सिह तोमर, इमरती देवी, गोविद सिह राजपूत, डॉ़ प्रभुराम चौधरी, तुलसीराम सिलावट, राजवर्धन सिह, लाखन सिह यादव, बृजेंद्र सिह राठौर, घनश्याम सिह, हिना कांवरे, प्रियव्रत सिह व सुरेंद्र सिह बघेल, जीतू पटवारी, उमंग सिगार, ओमकार सिह मरकाम, कमलेश्वर पटेल, सचिन यादव, हरदीप सिह डंग, झूमा सोलंकी, पी.सी. शर्मा व हिना कांवरे को शामिल किए जाने की संभावना है.
यह एक सारांश है: पहली बार चुने गए MLAs को नहीं मिलेगी जगह नए चेहरे शामिल किए जाने की संभावना शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार दोपहर तीन बजे होगा
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['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: कुछ ही दिनों में साल 2019 का समापन हो जाएगा. और इस महीने आगे बढ़ने के साथ ही हम आपके लिए अलग-अलग पहलुओं से साल 2019 की कई खास बातें बताएंगे. इसी कड़ी के तहत हम लेकर आए हैं साल 2019 में वनडे का प्रदर्शन. और पिक्चर अभी बाकी है दोस्त क्योंकि दो भारतीयों के बीच किंग बनने की रेस लगी हुई है.  लेकिन यह रेस सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं, बल्कि गेंदबाजी में भी लगी है.  विंडीज के खिलाफ शुरू हो रही तीन वनडे मैचों की सीरीज (India vs West Indies ODI) सीरीज ही तय करेगी कि साल 2019 का वनडे में बल्लेबाजी और गेंदबाजी का किंग कौन बनेगा.  हम बल्लेबाजी के किंग की बात करेंगे, लेकिन उससे पहले आपको साल 2019 में बॉलिंग के किंग की बात कर लेते हैं. मतलब उन गेंदबाजों के बारे में, जिन्होंने चटकाए साल 2019 में सबसे ज्यादा विकेट. . चलिए जान लीजिए कौन-कौन हैं ये गेंदबाज बॉलिंग की बात तो हो गई, चलिए अब बात कर लेते हैं बल्लेबाजी की. और इसमें किंग बनने की होड़ दो दिग्गज भारतीयों विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच लगी है. वास्तव में यह रेस बहुत ही रोमांचक होने जा रही है. चलिए जान लीजिए इस जारी साल में फिलहाल किसके कितने  रन हैं या रहे हैं.  आपने देख ही लिया कि बॉलिंग और बैटिंग दोनों ही विभागों में भारतीय खिलाड़ियों के पास वनडे में किंग बनने का मौका है. मोहम्मद शमी गेंदबाजी में किंग बनने के मुहाने पर हैं, तो इधर रोहित और विराट कोहली के बीच रेस लगी हुई है. और साल की भारत की यह आखिरी वनडे सीरीज ही तय करेगी कि किंग कौन बनता है.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: रोहित और विराट कोहली के बीच लगी है रेस क्या क्या ट्रेंट बोल्ट को पछाड़ पाएंगे शमी? साल 2019 के वनडे के बेहतरीन प्रदर्शन जानिए
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के कड़ी निंदा की है। महासचिव के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि महासचिव (बान) मुंबई में हुए इस हमले की निंदा करते हैं, जिसमें बेकसूर लोग मारे गए और कई घायल हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। सुरक्षा परिषद ने इस जघन्य कृत्य में मारे गए पीड़ितों, उनके परिजनों, भारत सरकार और जनता के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के राजदूत और वर्तमान में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पीटर विटिग ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने फिर दोहराया है कि आतंकवाद किसी भी रूप में हो, वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इन विस्फोटों के बाद कहा कि वह सुरक्षा वार्ता पर अगले हफ्ते प्रस्तावित नई दिल्ली के दौरे पर जरूर जाएंगी। हिलेरी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, मैं पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत ही अगले हफ्ते भारत के दौरे पर जाऊंगी। मुझे लगता है कि इस वक्त भारत का साथ देने, आपसी सहयोग को बढ़ाने और आतंक के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराने की सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पहले भी आतंकी घटनाओं को झेल चुकी है और हमने उन्हें साहस और लचीलेपन के साथ इसका सामना करते देखा है। मुंबई विस्फोटों को अविवेकपूर्ण कार्रवाई बताते हुए अमेरिका के आला सांसदों ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते होने वाली रणनीतिक वार्ता में आतंकवाद से मुकाबले का मुद्दा शीर्षस्थ प्राथमिकता पर होना चाहिए। सांसदों ने अमेरिका से कहा है कि वह हमलावरों को कानून की जद में लाने के लिए पूरा समर्थन दे। कांग्रेसनल कॉकस ऑन इंडिया एंड इंडियन-अमेरिकन्स के सह अध्यक्ष और कांग्रेस के सदस्य एड रॉयस और जो क्राउले ने कहा, अगले सप्ताह भारत और अमेरिका के बीच नई दिल्ली में रणनीतिक वार्ता होनी है। ऐसे में विवेकहीन हमलों के चलते यह जरूरी हो जाता है कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद निरोधक सहयोग सर्वोच्च प्राथमिकता पर हो। उन्होंने कहा, हम मुंबई में निर्दोष नागरिकों पर हुए हमले की निंदा करते हैं। जो कुछ भी हुआ, उसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। अपने कार्यक्षेत्र से घरों की ओर जा रहे लोगों पर हमला निंदनीय है। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि मुंबई शहर में फिर आतंकवादी हमले हुए हैं। ऐसे में गणतंत्र (फ्रांस) के राष्ट्रपति इस कायरतापूर्ण हिंसक घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और संकट की इस घड़ी में भारतीय प्रशासन के साथ पूर्ण एकजुटता जताते हैं। बयान के मुताबिक, इस समय फ्रांस हर बार की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूती से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है। फ्रांस के विदेश मंत्री एलन जुप्पे ने पहले ही इन हमलों को बर्बरतापूर्ण करार देते हुए कहा है कि इनसे भय और आक्रोश की भावना जागी है।
संक्षिप्त सारांश: सुरक्षा परिषद ने पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि हमलावरों के इरादे कभी सफल नहीं होंगे।
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['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: महेश भूपति और रोहन बोपन्ना की सातवीं वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ओलिंपिक में विजय मंच पर पहुंचने के अपने अभियान की अच्छी शुरुआत करते हुए टेनिस प्रतियोगिता के पुरुष युगल में दूसरे दौर में जगह बनाई लेकिन अंतिम क्षणों में एकल में जगह बनाने वाले विष्णु वर्धन पहले दौर में हार गए। भूपति और बोपन्ना ने ऑल इंग्लैंड क्लब में खेले गए बेहद कड़े मुकाबले में बेलारूस के मैक्स मिर्नयी और अलेक्सांद्र बरी को 7-6, 6-7, 8-6 से हराया। उनका अगला मुकाबला जुलियन बेनातू और रिचर्ड गास्केट की फ्रांसीसी जोड़ी से होगा। यह मुकाबला दो घंटे 46 मिनट तक चला जिसमें पहले दो सेट टाईब्रेकर तक खिंचने के बाद तीसरे और निर्णायक सेट में भी आखिरी क्षणों में भारतीय जोड़ी प्रतिद्वंद्वी टीम की सर्विस तोड़ने में सफल रही।टिप्पणियां भूपति और बोपन्ना ने मैच में अधिक बेजा गलतियां की लेकिन उन्होंने प्रतिद्वंद्वी टीम के 37 विनर की तुलना में 49 विनर लगाने का फायदा मिला। पहले दोनों सेट दोनों टीमों ने अपनी सर्विस बचाए रखी जिससे मुकाबला टाईब्रेकर तक पहुंचा। इनमें से पहले सेट के टाईब्रेकर में भारतीय जोड़ी ने 7-4 से जीत दर्ज की लेकिन दूसरे सेट के टाईब्रेकर में वह 4-7 से हार गई। तीसरे और निर्णायक सेट में भी दोनों टीमें एक समय 6-6 से बराबरी पर थी। भूपति और बोपन्ना आखिर में 13वें गेम में ब्रेक प्वाइंट लेने में सफल रहे जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ। भूपति और बोपन्ना ने ऑल इंग्लैंड क्लब में खेले गए बेहद कड़े मुकाबले में बेलारूस के मैक्स मिर्नयी और अलेक्सांद्र बरी को 7-6, 6-7, 8-6 से हराया। उनका अगला मुकाबला जुलियन बेनातू और रिचर्ड गास्केट की फ्रांसीसी जोड़ी से होगा। यह मुकाबला दो घंटे 46 मिनट तक चला जिसमें पहले दो सेट टाईब्रेकर तक खिंचने के बाद तीसरे और निर्णायक सेट में भी आखिरी क्षणों में भारतीय जोड़ी प्रतिद्वंद्वी टीम की सर्विस तोड़ने में सफल रही।टिप्पणियां भूपति और बोपन्ना ने मैच में अधिक बेजा गलतियां की लेकिन उन्होंने प्रतिद्वंद्वी टीम के 37 विनर की तुलना में 49 विनर लगाने का फायदा मिला। पहले दोनों सेट दोनों टीमों ने अपनी सर्विस बचाए रखी जिससे मुकाबला टाईब्रेकर तक पहुंचा। इनमें से पहले सेट के टाईब्रेकर में भारतीय जोड़ी ने 7-4 से जीत दर्ज की लेकिन दूसरे सेट के टाईब्रेकर में वह 4-7 से हार गई। तीसरे और निर्णायक सेट में भी दोनों टीमें एक समय 6-6 से बराबरी पर थी। भूपति और बोपन्ना आखिर में 13वें गेम में ब्रेक प्वाइंट लेने में सफल रहे जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ। भूपति और बोपन्ना ने मैच में अधिक बेजा गलतियां की लेकिन उन्होंने प्रतिद्वंद्वी टीम के 37 विनर की तुलना में 49 विनर लगाने का फायदा मिला। पहले दोनों सेट दोनों टीमों ने अपनी सर्विस बचाए रखी जिससे मुकाबला टाईब्रेकर तक पहुंचा। इनमें से पहले सेट के टाईब्रेकर में भारतीय जोड़ी ने 7-4 से जीत दर्ज की लेकिन दूसरे सेट के टाईब्रेकर में वह 4-7 से हार गई। तीसरे और निर्णायक सेट में भी दोनों टीमें एक समय 6-6 से बराबरी पर थी। भूपति और बोपन्ना आखिर में 13वें गेम में ब्रेक प्वाइंट लेने में सफल रहे जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ। तीसरे और निर्णायक सेट में भी दोनों टीमें एक समय 6-6 से बराबरी पर थी। भूपति और बोपन्ना आखिर में 13वें गेम में ब्रेक प्वाइंट लेने में सफल रहे जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ।
संक्षिप्त पाठ: महेश भूपति और रोहन बोपन्ना की सातवीं वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ओलिंपिक में विजय मंच पर पहुंचने के अपने अभियान की अच्छी शुरुआत करते हुए टेनिस प्रतियोगिता के पुरुष युगल में दूसरे दौर में जगह बनाई लेकिन अंतिम क्षणों में एकल में जगह बनाने वाले विष्णु वर्धन
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['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को उछाल दर्ज किया गया। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 199.37 अंकों की तेजी के साथ 16,839.19 पर और निफ्टी 56.85 अंकों की तेजी के साथ 5,099.85 पर बंद हुआ। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 220.34 अंकों की तेजी के साथ 16,860.16 पर खुला। सेंसेक्स ने 16,975.03 के ऊपरी और 16,760.72 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 24 शेयरों में तेजी रही। टाटा स्टील (3.94 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.88 फीसदी), स्टरलाईट इंडस्ट्रीज (3.22 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (3.13 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.12 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (3.77 फीसदी), भेल (1.93 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (1.58 फीसदी), सिप्ला (0.37 फीसदी) और डॉ. रेड्डीज लैब (0.10 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 81.30 अंकों की तेजी के साथ 5,124.30 पर खुला। निफ्टी ने 5,149.95 के ऊपरी और 5,077.50 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गिरावट रही। मिडकैप 53.44 अंकों की गिरावट के साथ 5,887.50 पर और स्मॉलकैप 62.47 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से नौ सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.09 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.35 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.28 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.09 फीसदी) और वाहन (0.98 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे रियल्टी (0.79 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (0.53 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.09 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 220.34 अंकों की तेजी के साथ 16,860.16 पर खुला। सेंसेक्स ने 16,975.03 के ऊपरी और 16,760.72 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 24 शेयरों में तेजी रही। टाटा स्टील (3.94 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.88 फीसदी), स्टरलाईट इंडस्ट्रीज (3.22 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (3.13 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.12 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (3.77 फीसदी), भेल (1.93 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (1.58 फीसदी), सिप्ला (0.37 फीसदी) और डॉ. रेड्डीज लैब (0.10 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 81.30 अंकों की तेजी के साथ 5,124.30 पर खुला। निफ्टी ने 5,149.95 के ऊपरी और 5,077.50 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गिरावट रही। मिडकैप 53.44 अंकों की गिरावट के साथ 5,887.50 पर और स्मॉलकैप 62.47 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से नौ सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.09 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.35 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.28 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.09 फीसदी) और वाहन (0.98 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे रियल्टी (0.79 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (0.53 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.09 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। सेंसेक्स के 30 में से 24 शेयरों में तेजी रही। टाटा स्टील (3.94 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.88 फीसदी), स्टरलाईट इंडस्ट्रीज (3.22 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (3.13 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.12 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (3.77 फीसदी), भेल (1.93 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (1.58 फीसदी), सिप्ला (0.37 फीसदी) और डॉ. रेड्डीज लैब (0.10 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 81.30 अंकों की तेजी के साथ 5,124.30 पर खुला। निफ्टी ने 5,149.95 के ऊपरी और 5,077.50 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गिरावट रही। मिडकैप 53.44 अंकों की गिरावट के साथ 5,887.50 पर और स्मॉलकैप 62.47 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से नौ सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.09 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.35 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.28 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.09 फीसदी) और वाहन (0.98 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे रियल्टी (0.79 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (0.53 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.09 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (3.77 फीसदी), भेल (1.93 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (1.58 फीसदी), सिप्ला (0.37 फीसदी) और डॉ. रेड्डीज लैब (0.10 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 81.30 अंकों की तेजी के साथ 5,124.30 पर खुला। निफ्टी ने 5,149.95 के ऊपरी और 5,077.50 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गिरावट रही। मिडकैप 53.44 अंकों की गिरावट के साथ 5,887.50 पर और स्मॉलकैप 62.47 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से नौ सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.09 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.35 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.28 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.09 फीसदी) और वाहन (0.98 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे रियल्टी (0.79 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (0.53 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.09 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 81.30 अंकों की तेजी के साथ 5,124.30 पर खुला। निफ्टी ने 5,149.95 के ऊपरी और 5,077.50 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गिरावट रही। मिडकैप 53.44 अंकों की गिरावट के साथ 5,887.50 पर और स्मॉलकैप 62.47 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से नौ सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.09 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.35 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.28 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.09 फीसदी) और वाहन (0.98 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे रियल्टी (0.79 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (0.53 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.09 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गिरावट रही। मिडकैप 53.44 अंकों की गिरावट के साथ 5,887.50 पर और स्मॉलकैप 62.47 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से नौ सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.09 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.35 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.28 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.09 फीसदी) और वाहन (0.98 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे रियल्टी (0.79 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (0.53 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.09 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। बीएसई के 13 में से नौ सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.09 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (1.35 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.28 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.09 फीसदी) और वाहन (0.98 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे रियल्टी (0.79 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (0.53 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.09 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे रियल्टी (0.79 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (0.53 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.09 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1060 शेयरों में तेजी और 1703 में गिरावट रही, जबकि 129 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
संक्षिप्त सारांश: देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को उछाल दर्ज किया गया। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 199.37 अंकों की तेजी के साथ 16,839.19 पर और निफ्टी 56.85 अंकों की तेजी के साथ 5,099.85 पर बंद हुआ।
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज यहां रिलायंस इंडिया लिमिटेड के प्रमुख मुकेश अंबानी और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के प्रमुख एन चंद्रशेखर सहित शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात की और कहा कि अच्छी कार्य संस्कृति के साथ राज्य में अब निवेश का बेहतर माहौल है। मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत के करीब 40 शीर्ष नेताओं के साथ एक घंटे तक चली बैठक के बाद संवाददाताओं को यह बताया। उन्होंने कहा कि इससे पहले हड़तालें होने से उद्योगों को नुकसान होता था। तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने पर हड़ताल से काम के घंटे में होने वाले नुकसान में कमी आई है। ममता ने कहा कि इन दिनों कार्य संस्कृति बहुत अच्छी है और हम किसी हड़ताल या बंद का समर्थन नहीं करते। हमारा मानना है कि उद्योगपतियों और कामगारों के बीच अच्छा संबंध होना चाहिए।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक विस्तृत भूमि उपयोग नीति बनाई है और एक नियुक्ति बैंक बनाने के अलावा औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 10,000 एकड़ का एक भूमि बैंक भी बनाया है।   सिंगूर भूमि विवाद पर ममता ने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ समाधान उद्योग और किसानों को खुश करेगा। उन्होंने कहा, मैंने सिंगूर में जो कुछ भी किया उसे लेकर मुझे गर्व है। मैं उद्योग के पक्ष में हूं और मैं कृषि के भी पक्ष में हूं। घबराइए नहीं, उद्योग धंधे भी फूलेंगे फलेंगे और कृषि भी अच्छी होगी। गौरतलब है कि सिंगूर में भूमि अधिग्रहण का तृणमूल के विरोध के चलते टाटा समूह को अपनी नैनो कार परियोजना पश्चिम बंगाल से गुजरात ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। ममता ने राज्य में निवेश के अवसरों को गिनाते हुए दावा किया कि मुकेश अंबानी ने पश्चिम बंगाल को बैठक में ‘सोने की खान’ कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कोलकाता में एक वित्तीय केंद्र बनाने का फैसला किया है, जिसमें एक ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ भी होगा। मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत के करीब 40 शीर्ष नेताओं के साथ एक घंटे तक चली बैठक के बाद संवाददाताओं को यह बताया। उन्होंने कहा कि इससे पहले हड़तालें होने से उद्योगों को नुकसान होता था। तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने पर हड़ताल से काम के घंटे में होने वाले नुकसान में कमी आई है। ममता ने कहा कि इन दिनों कार्य संस्कृति बहुत अच्छी है और हम किसी हड़ताल या बंद का समर्थन नहीं करते। हमारा मानना है कि उद्योगपतियों और कामगारों के बीच अच्छा संबंध होना चाहिए।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक विस्तृत भूमि उपयोग नीति बनाई है और एक नियुक्ति बैंक बनाने के अलावा औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 10,000 एकड़ का एक भूमि बैंक भी बनाया है।   सिंगूर भूमि विवाद पर ममता ने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ समाधान उद्योग और किसानों को खुश करेगा। उन्होंने कहा, मैंने सिंगूर में जो कुछ भी किया उसे लेकर मुझे गर्व है। मैं उद्योग के पक्ष में हूं और मैं कृषि के भी पक्ष में हूं। घबराइए नहीं, उद्योग धंधे भी फूलेंगे फलेंगे और कृषि भी अच्छी होगी। गौरतलब है कि सिंगूर में भूमि अधिग्रहण का तृणमूल के विरोध के चलते टाटा समूह को अपनी नैनो कार परियोजना पश्चिम बंगाल से गुजरात ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। ममता ने राज्य में निवेश के अवसरों को गिनाते हुए दावा किया कि मुकेश अंबानी ने पश्चिम बंगाल को बैठक में ‘सोने की खान’ कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कोलकाता में एक वित्तीय केंद्र बनाने का फैसला किया है, जिसमें एक ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ भी होगा। ममता ने कहा कि इन दिनों कार्य संस्कृति बहुत अच्छी है और हम किसी हड़ताल या बंद का समर्थन नहीं करते। हमारा मानना है कि उद्योगपतियों और कामगारों के बीच अच्छा संबंध होना चाहिए।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक विस्तृत भूमि उपयोग नीति बनाई है और एक नियुक्ति बैंक बनाने के अलावा औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 10,000 एकड़ का एक भूमि बैंक भी बनाया है।   सिंगूर भूमि विवाद पर ममता ने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ समाधान उद्योग और किसानों को खुश करेगा। उन्होंने कहा, मैंने सिंगूर में जो कुछ भी किया उसे लेकर मुझे गर्व है। मैं उद्योग के पक्ष में हूं और मैं कृषि के भी पक्ष में हूं। घबराइए नहीं, उद्योग धंधे भी फूलेंगे फलेंगे और कृषि भी अच्छी होगी। गौरतलब है कि सिंगूर में भूमि अधिग्रहण का तृणमूल के विरोध के चलते टाटा समूह को अपनी नैनो कार परियोजना पश्चिम बंगाल से गुजरात ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। ममता ने राज्य में निवेश के अवसरों को गिनाते हुए दावा किया कि मुकेश अंबानी ने पश्चिम बंगाल को बैठक में ‘सोने की खान’ कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कोलकाता में एक वित्तीय केंद्र बनाने का फैसला किया है, जिसमें एक ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ भी होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक विस्तृत भूमि उपयोग नीति बनाई है और एक नियुक्ति बैंक बनाने के अलावा औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 10,000 एकड़ का एक भूमि बैंक भी बनाया है।   सिंगूर भूमि विवाद पर ममता ने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ समाधान उद्योग और किसानों को खुश करेगा। उन्होंने कहा, मैंने सिंगूर में जो कुछ भी किया उसे लेकर मुझे गर्व है। मैं उद्योग के पक्ष में हूं और मैं कृषि के भी पक्ष में हूं। घबराइए नहीं, उद्योग धंधे भी फूलेंगे फलेंगे और कृषि भी अच्छी होगी। गौरतलब है कि सिंगूर में भूमि अधिग्रहण का तृणमूल के विरोध के चलते टाटा समूह को अपनी नैनो कार परियोजना पश्चिम बंगाल से गुजरात ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। ममता ने राज्य में निवेश के अवसरों को गिनाते हुए दावा किया कि मुकेश अंबानी ने पश्चिम बंगाल को बैठक में ‘सोने की खान’ कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कोलकाता में एक वित्तीय केंद्र बनाने का फैसला किया है, जिसमें एक ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ भी होगा। गौरतलब है कि सिंगूर में भूमि अधिग्रहण का तृणमूल के विरोध के चलते टाटा समूह को अपनी नैनो कार परियोजना पश्चिम बंगाल से गुजरात ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। ममता ने राज्य में निवेश के अवसरों को गिनाते हुए दावा किया कि मुकेश अंबानी ने पश्चिम बंगाल को बैठक में ‘सोने की खान’ कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कोलकाता में एक वित्तीय केंद्र बनाने का फैसला किया है, जिसमें एक ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ भी होगा।
संक्षिप्त सारांश: ममता ने कहा कि इन दिनों कार्य संस्कृति बहुत अच्छी है और हम किसी हड़ताल या बंद का समर्थन नहीं करते। हमारा मानना है कि उद्योगपतियों और कामगारों के बीच अच्छा संबंध होना चाहिए।
0
['hin']
एक सारांश बनाओ: आंध्र प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 15 विधायकों को पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के कारण अयोग्य करार दिया। विधानसभा अध्यक्ष एन. मनोहर ने दोनों पार्टियों की अर्जी पर सुनवाई करने के बाद शनिवार की शाम अपना फैसला सुनाया। अयोग्य करार दिए गए विधायकों में से नौ कांग्रेस के हैं जबकि छह विधायक तेदेपा के हैं।टिप्पणियां दोनों पार्टियों ने मार्च में तेलंगाना राष्ट्र समिति की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ विधानसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अपने सदस्यों को अयोग्य करार देने की मांग की थी। वाईएसआर कांग्रेस की तरफ झुकाव रखने वाले विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया था। तेदेपा ने अपने सभी सदस्यों को मतदान के दौरान तटस्थ रहने का व्हिप जारी किया था। विधानसभा अध्यक्ष एन. मनोहर ने दोनों पार्टियों की अर्जी पर सुनवाई करने के बाद शनिवार की शाम अपना फैसला सुनाया। अयोग्य करार दिए गए विधायकों में से नौ कांग्रेस के हैं जबकि छह विधायक तेदेपा के हैं।टिप्पणियां दोनों पार्टियों ने मार्च में तेलंगाना राष्ट्र समिति की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ विधानसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अपने सदस्यों को अयोग्य करार देने की मांग की थी। वाईएसआर कांग्रेस की तरफ झुकाव रखने वाले विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया था। तेदेपा ने अपने सभी सदस्यों को मतदान के दौरान तटस्थ रहने का व्हिप जारी किया था। दोनों पार्टियों ने मार्च में तेलंगाना राष्ट्र समिति की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ विधानसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अपने सदस्यों को अयोग्य करार देने की मांग की थी। वाईएसआर कांग्रेस की तरफ झुकाव रखने वाले विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया था। तेदेपा ने अपने सभी सदस्यों को मतदान के दौरान तटस्थ रहने का व्हिप जारी किया था। वाईएसआर कांग्रेस की तरफ झुकाव रखने वाले विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया था। तेदेपा ने अपने सभी सदस्यों को मतदान के दौरान तटस्थ रहने का व्हिप जारी किया था।
यहाँ एक सारांश है:आंध्र प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 15 विधायकों को पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के कारण अयोग्य करार दिया।
15
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: कोर्ट पर स्कर्ट पहनना अनिवार्य बनाने वाले एक नए नियम से भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी काफी परेशान हैं जिनका कहना है कि इससे लड़कियां इस खेल को अपनाने से कतराने लगेंगी। बैडमिंटन विश्व महासंघ ने नया ड्रेसकोड लागू किया है जिसके तहत एक मई से सभी महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए स्कर्ट पहनना अनिवार्य होगा। वे शार्ट्स भी पहन सकती हैं लेकिन उसके उपर स्कर्ट पहननी होगी। भारत की सबसे सफल युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा कोर्ट पर स्कर्ट पहनती हैं लेकिन उनका भी मानना है कि यह कोई शर्त नहीं होनी चाहिए। बैडमिंटन को टेनिस की तरह ग्लैमरस बनाने की कवायद में बीडब्ल्यूएफ ने नया नियम बनाया है। ज्वाला ने कहा कि खेल में ग्लैमर होना जरूरी है लेकिन स्कर्ट पहनना अनिवार्य नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे खिलाड़ी की स्वतंत्रता में बाधा पैदा हो सकती। ज्वाला ने कहा, खिलाड़ी अलग-अलग पृष्ठभूमि और देशों से आते हैं। कुछ देश काफी रूढ़िवादी भी है लिहाजा खिलाड़ियों को यह विचार पसंद आए, यह जरूरी नहीं है। वहीं अश्विनी ने कहा, मैं इस फैसले से खुश हूं लेकिन मुझे पता है कि कई लड़कियां इसमें सहज नहीं रहेंगी। काफी भारतीय लड़कियां शॉर्ट पहनना पसंद करती है और वे शार्ट्स में ही खेलती हैं। उन्हें स्कर्ट के भीतर शॉर्ट्स खेलने की आदत अपनाने में समय लगेगा।
संक्षिप्त पाठ: बैडमिंटन विश्व महासंघ ने नया ड्रेसकोड लागू किया है जिसके तहत एक मई से सभी महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए स्कर्ट पहनना अनिवार्य होगा।
13
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम को आज सजा सुनाई जाएगी. रोहतक की सुनारिया जेल में ही सीबीआई की विशेष अदालत बैठेगी जहां राम रहीम पहले से ही बंद है. सजा सुनाने के लिए सीबीआई की विशेष अदालत के जज जगदीप सिंह रोहतक पहुंचेंगे. सुरक्षा के मद्देनजर सजा सुनाने वाले सीबीआई कोर्ट के जज हेलीकॉप्टर के जरिए रोहतक जिला जेल जाएंगे. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद डेरा समर्थकों ने जिस तरह का उत्पात मचाया उसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. जेल के आसपास के इलाके में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.  पढ़ें: गुरमीत राम रहीम केस : 'गुमनाम चिट्ठी' से लेकर अब तक की पूरी दास्तां, जानिए 10 बिन्दुओं में केंद्र सरकार ने आज कहा कि हरियाणा में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है और सेना संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है. गौरतलब है कि रोहतक की सुनारिया जेल में सीबीआई अदालत आज डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाएगी. टिप्पणियां अधिकारियों ने बताया कि पूरे हरियाणा में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है और दिल्ली पुलिस शांति भंग करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए पूरी तरह अलर्ट है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, हरियाणा के डीजीपी नियंत्रण कक्ष की खबर के अनुसार, स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. सेना के कॉलम लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं. खबर के अनुसार, यौन उत्पीड़न के एक मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा में 35 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें से 17 लोग पंचकूला में, 6 व्यक्ति सिरसा में और 12 व्यक्ति चंडीगढ़ में मारे गए हैं। हिंसा में 204 लोग घायल हुए हैं.   पढ़ें: गुरमीत राम रहीम केस : 'गुमनाम चिट्ठी' से लेकर अब तक की पूरी दास्तां, जानिए 10 बिन्दुओं में केंद्र सरकार ने आज कहा कि हरियाणा में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है और सेना संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है. गौरतलब है कि रोहतक की सुनारिया जेल में सीबीआई अदालत आज डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाएगी. टिप्पणियां अधिकारियों ने बताया कि पूरे हरियाणा में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है और दिल्ली पुलिस शांति भंग करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए पूरी तरह अलर्ट है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, हरियाणा के डीजीपी नियंत्रण कक्ष की खबर के अनुसार, स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. सेना के कॉलम लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं. खबर के अनुसार, यौन उत्पीड़न के एक मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा में 35 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें से 17 लोग पंचकूला में, 6 व्यक्ति सिरसा में और 12 व्यक्ति चंडीगढ़ में मारे गए हैं। हिंसा में 204 लोग घायल हुए हैं.   केंद्र सरकार ने आज कहा कि हरियाणा में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है और सेना संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है. गौरतलब है कि रोहतक की सुनारिया जेल में सीबीआई अदालत आज डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाएगी. टिप्पणियां अधिकारियों ने बताया कि पूरे हरियाणा में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है और दिल्ली पुलिस शांति भंग करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए पूरी तरह अलर्ट है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, हरियाणा के डीजीपी नियंत्रण कक्ष की खबर के अनुसार, स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. सेना के कॉलम लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं. खबर के अनुसार, यौन उत्पीड़न के एक मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा में 35 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें से 17 लोग पंचकूला में, 6 व्यक्ति सिरसा में और 12 व्यक्ति चंडीगढ़ में मारे गए हैं। हिंसा में 204 लोग घायल हुए हैं.   अधिकारियों ने बताया कि पूरे हरियाणा में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है और दिल्ली पुलिस शांति भंग करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए पूरी तरह अलर्ट है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, हरियाणा के डीजीपी नियंत्रण कक्ष की खबर के अनुसार, स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. सेना के कॉलम लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं. खबर के अनुसार, यौन उत्पीड़न के एक मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा में 35 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें से 17 लोग पंचकूला में, 6 व्यक्ति सिरसा में और 12 व्यक्ति चंडीगढ़ में मारे गए हैं। हिंसा में 204 लोग घायल हुए हैं.   गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, हरियाणा के डीजीपी नियंत्रण कक्ष की खबर के अनुसार, स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. सेना के कॉलम लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं. खबर के अनुसार, यौन उत्पीड़न के एक मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा में 35 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें से 17 लोग पंचकूला में, 6 व्यक्ति सिरसा में और 12 व्यक्ति चंडीगढ़ में मारे गए हैं। हिंसा में 204 लोग घायल हुए हैं.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: गुरमीत राम रहीम को सजा का ऐलान आज हरियाणा और पंजाब में हाई अलर्ट गृहमंत्रालय ने कहा- हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में
19
['hin']
एक सारांश बनाओ: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को पार्टीजनों से कहा कि अयोध्या आंदोलन को लेकर शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसकी बजाय इस पर गर्व करना चाहिए। आडवाणी ने बीजेपी मुख्यालय में पार्टी के 33वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में अपने संबोधन में कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में गर्व महसूस होता है कि उनके दल ने राम मंदिर और अयोध्या का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मुद्दा है।टिप्पणियां सपा नेता मुलायम सिंह की ओर से उनकी तारीफ किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, जब लोगों ने मुलायम सिंह के मुंह से मेरी प्रशंसा सुनी, तो उन्हें चिंता हुई। मेरा मानना है कि अगर आप सही बात कहेंगे, तो दुनिया उसे स्वीकार करेगी। झिझकिए नहीं... हीन भावना विकसित मत कीजिए। अगर हम अयोध्या मंदिर मुद्दे में विश्वास करते हैं और उसके लिए आंदोलन चलाया, तो उसके लिए शर्मिंदा मत हों... कभी नहीं... हमें उसमें गर्व होना चाहिए। मुलायम सिंह ने पिछले महीने आडवाणी को ईमानदार व्यक्ति बताते हुए कहा था कि बीजेपी के इस वरिष्ठ नेता ने कभी झूठ नहीं बोला। आडवाणी ने कहा कि उन्हें लोगों के यह कहने पर कोई आपत्ति नहीं है कि केवल अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन के बल पर बीजेपी ने अपना समर्थन आधार बढ़ाया। आडवाणी ने बीजेपी मुख्यालय में पार्टी के 33वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में अपने संबोधन में कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में गर्व महसूस होता है कि उनके दल ने राम मंदिर और अयोध्या का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मुद्दा है।टिप्पणियां सपा नेता मुलायम सिंह की ओर से उनकी तारीफ किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, जब लोगों ने मुलायम सिंह के मुंह से मेरी प्रशंसा सुनी, तो उन्हें चिंता हुई। मेरा मानना है कि अगर आप सही बात कहेंगे, तो दुनिया उसे स्वीकार करेगी। झिझकिए नहीं... हीन भावना विकसित मत कीजिए। अगर हम अयोध्या मंदिर मुद्दे में विश्वास करते हैं और उसके लिए आंदोलन चलाया, तो उसके लिए शर्मिंदा मत हों... कभी नहीं... हमें उसमें गर्व होना चाहिए। मुलायम सिंह ने पिछले महीने आडवाणी को ईमानदार व्यक्ति बताते हुए कहा था कि बीजेपी के इस वरिष्ठ नेता ने कभी झूठ नहीं बोला। आडवाणी ने कहा कि उन्हें लोगों के यह कहने पर कोई आपत्ति नहीं है कि केवल अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन के बल पर बीजेपी ने अपना समर्थन आधार बढ़ाया। सपा नेता मुलायम सिंह की ओर से उनकी तारीफ किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, जब लोगों ने मुलायम सिंह के मुंह से मेरी प्रशंसा सुनी, तो उन्हें चिंता हुई। मेरा मानना है कि अगर आप सही बात कहेंगे, तो दुनिया उसे स्वीकार करेगी। झिझकिए नहीं... हीन भावना विकसित मत कीजिए। अगर हम अयोध्या मंदिर मुद्दे में विश्वास करते हैं और उसके लिए आंदोलन चलाया, तो उसके लिए शर्मिंदा मत हों... कभी नहीं... हमें उसमें गर्व होना चाहिए। मुलायम सिंह ने पिछले महीने आडवाणी को ईमानदार व्यक्ति बताते हुए कहा था कि बीजेपी के इस वरिष्ठ नेता ने कभी झूठ नहीं बोला। आडवाणी ने कहा कि उन्हें लोगों के यह कहने पर कोई आपत्ति नहीं है कि केवल अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन के बल पर बीजेपी ने अपना समर्थन आधार बढ़ाया। मुलायम सिंह ने पिछले महीने आडवाणी को ईमानदार व्यक्ति बताते हुए कहा था कि बीजेपी के इस वरिष्ठ नेता ने कभी झूठ नहीं बोला। आडवाणी ने कहा कि उन्हें लोगों के यह कहने पर कोई आपत्ति नहीं है कि केवल अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन के बल पर बीजेपी ने अपना समर्थन आधार बढ़ाया।
संक्षिप्त सारांश: आडवाणी ने पार्टी के 33वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में गर्व महसूस होता है कि उनके दल ने राम मंदिर और अयोध्या का मुद्दा उठाया। यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मुद्दा है।
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['hin']