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नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले का असर अब उनके फैंस पर भी नजर आना शुरू हो गया है. गुजरात के हीरा व्यापारी और प्राइवेट एयरलाइन्स के मालिक लालजी भाई पटेल 6000 करोड़ के पुराने नोट बैंक में जमा कराए हैं. लालजी भाई वहीं हैं जिन्होंने पीएम मोदी का विवादित सूट करोड़ों में खरीदा था.
5400 करोड़ रुपये टैक्स भी देंगे
इतना ही नहीं, जानकारी मिली है कि लालजी भाई अलग से 5400 करोड़ रुपये का टैक्स भरेंगे. इस रकम में 30 फीसदी इनकम टैक्स जबकि 200 फीसदी पेनल्टी शामिल है.
4.3 करोड़ में खरीदा था मोदी का सूट
आपको बता दें कि लालजीभाई पटेल ने पीएम मोदी के उस विवादित सूट को 4.3 करोड़ में खरीदा था, जिसे पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात के समय पहना था. इस सूट पर धागों की बारीक कढ़ाई से नरेंद्र मोदी के नाम की लकीरें बनाई गई थी. कुछ खबरों में इस सूट की कीमत 10 लाख रुपये तक बताई गई थी, जिसके बाद इस पर विवाद छिड़ गया और आखिरकार इसे नीलाम कर दिया गया. |
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच व्यापारिक सौदों के खिलाफ जांच कराए जाने की मांग वाली जनहित याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और न्यायमूर्ति वीके दीक्षित की संयुक्त पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।टिप्पणियां
अपनी याचिका में ठाकुर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा लगाए गए रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ पर एक दूसरे को गलत ढंग से फायदा पहुंचाने के आरोपों के आधार पर इनकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी।
ठाकुर की तरफ से यह जनहित याचिका बीते वर्ष अक्टूबर में दायर की गई थी। अदालत ने इस पर 29 नवम्बर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो गुरुवार को पारित किया गया।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और न्यायमूर्ति वीके दीक्षित की संयुक्त पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।टिप्पणियां
अपनी याचिका में ठाकुर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा लगाए गए रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ पर एक दूसरे को गलत ढंग से फायदा पहुंचाने के आरोपों के आधार पर इनकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी।
ठाकुर की तरफ से यह जनहित याचिका बीते वर्ष अक्टूबर में दायर की गई थी। अदालत ने इस पर 29 नवम्बर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो गुरुवार को पारित किया गया।
अपनी याचिका में ठाकुर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा लगाए गए रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ पर एक दूसरे को गलत ढंग से फायदा पहुंचाने के आरोपों के आधार पर इनकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी।
ठाकुर की तरफ से यह जनहित याचिका बीते वर्ष अक्टूबर में दायर की गई थी। अदालत ने इस पर 29 नवम्बर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो गुरुवार को पारित किया गया।
ठाकुर की तरफ से यह जनहित याचिका बीते वर्ष अक्टूबर में दायर की गई थी। अदालत ने इस पर 29 नवम्बर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो गुरुवार को पारित किया गया। |
सुजीत ठाकुर. नई दिल्ली.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमों मायावती ने ऐलान कर दिया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में उनकी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. यह फैसला अनायस नहीं लिया गया बल्कि उस सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत 2019 का चुनाव मोदी बनाम अन्य नहीं होने देने को भाजपा विरोधी दलों ने माकूल समझा था. इसकी पटकथा बंगलुरू में इसी साल मई महीने की 23 तारीख को एच.डी. कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले लिखी गई थी.
जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक मायावती की तरफ से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जगह अजीत जोगी की पार्टी से गठबंधन का फैसला और उसके बाद राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में अपने दम पर या इन राज्यों की छोटी पार्टियों के साथ चुनाव लड़ने का फैसला भाजपा विरोधी दलों की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.
दरअसल, भाजपा विरोधी दल यह जानते हैं कि उनके पास प्रधानमंत्री पद का ऐसा चेहरा नहीं है जो नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में पेश किया जा सके. मोदी भाजपा की सबसे बड़ी ताकत हैं इसलिए भाजपा भी यह चाह रही है कि 2019 का चुनाव मोदी बनाम अन्य हो. फिलहाल की सियासी गणित में एकजुट विपक्ष भाजपा के लिए सबसे मुफीद है.
इसके उलट भाजपा के लिए सबसे कठिन चुनौती बिखरा हुआ विपक्ष साबित हो सकता है क्योंकि कई राज्यों में स्थानीय पार्टियां भाजपा के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में हैं.
मसलन पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा. इन राज्यों में लोकसभा की कुल 164 सीटें हैं. भाजपा विरोधी दलों की पहली कोशिश है कि इन राज्यों में स्थानीय दलों के हाथों भाजपा को हार का सामना करना पड़े.
इन राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जहां से लोकसभा की कुल 134 सीटे हैं वहां के प्रमुख स्थानीय दलों के बीच गठबंधन हो यह भाजपा विरोधी दलों की रणनीति का प्रमुख हिस्सा है.
जैसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ें और कांग्रेस यहां अघोषित रूप से (बिना गठबंधन का हिस्सा हुए) टैक्टिकल एलांइस के साथ चुनाव लड़े.
बिहार और झारखंड के प्रमुख दलों राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ कांग्रेस मिल कर चुनाव लड़े ताकि अधिक से अधिक सीटों पर भाजपा के लिए मुकाबला कठिन किया जा सके. इस तरह कुल 298 से 300 सीटों पर भाजपा को कठिन चुनौती मिले.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि भाजपा विरोधी दलों के बीच बातचीत के दौरान यह मुद्दा भी आया कि कई राज्यों में कांग्रेस के साथ गठबंधन में जाने से वहां के स्थानीय दलों को अपने कोर वोट के कांग्रेस की तरफ खिसकने का खतरा महसूस हो रहा था. जैसे उत्तर प्रदेश. चूंकि यहां दलित वोट मायावती के साथ कांग्रेस के पास भी जाने की संभावना बनती है इसलिए बसपा की चिंता वाजिब थी.
इन आशंकाओं को दूर करने के लिए ही टैक्टिकल एलांइस का फैसला लिया गया. चूंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में दलितों के वोट को मायावती खोना नहीं चाहती हैं.
इसलिए इन राज्यों में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होना बड़ी घटना नहीं बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत उठने वाला कदम है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला कहते हैं कि, 'मायावती ने सोनियां और राहुल गांधी के खिलाफ कुछ नहीं बोला है, इन दोनों नेताओं की उन्होंने तारीफ ही की है.' समाजवादी पार्टी के एक महासचिव का कहना है कि, 'मायावती ने अखिलेश यादव के खिलाफ भी कुछ नहीं बोला है. जो लोग यह सोचकर खुश हैं कि 2019 में मोदी के लिए महागठबंधन नहीं होगा वह मुगालते में हैं. भाजपा को 2004 याद करना चाहिए.'
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सलमान खान हिट एंड रन मामले में 13 साल बाद
बुधवार को फैसला
आना है. 2002 में 27-28 दिसंबर की काली रात में सलमान की कार दुर्घटना की शिकार हुई. हादसे में एक की जान गई, जबकि चार घायल हुए. लेकिन इन 13 वर्षों में सलमान बॉलीवुड के 'सितारा' से बॉक्स ऑफिस के लिए 'ध्रुव तारा' बन गए.
1. तेरे नाम (तेरे नाम/2003)
2. जीने के हैं चार दिन (मुझसे शादी करोगी/2004)
3. जस्ट चिल (मैंने प्यार क्यों किया/2005)
4. सौ दर्द हैं (जान-ए-मन/2006)
5. यू आर माय लव (पार्टनर/2007)
6. तू ही तो मेरी दोस्त (युवराज/2008)
7. जलवा (वॉन्टेड/2009)
8. तेरे मस्त-मस्त दो नैन (दबंग/2010)
9. ढिंक चिका (रेडी/2011)
10. माशाल्लाह (एक था टाइगर/2012)
11. दगाबाज रे (दबंग-2/2012)
12. जुम्मे की रात (किक/2014)
13. हैंगओवर (किक/2014) |
मशहूर कनाडाई सिंगर ब्रायन एडम्स
(Bryan Adams)
के भारत में बहुत चाहने वाले हैं. यही कारण है कि रविवार को हुए गुरुग्राम में उनके लाइव
शो
में काफी भीड़ उमड़ी. लेकिन कॉन्सर्ट से इतर भी ये शो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
दरअसल, कॉन्सर्ट के बाद एडम्स ने एक तस्वीर शेयर की जिसमें उन्होंने
दिल्ली
की
धुंध
(फॉग) का जिक्र किया. उन्होंने लिखा कि ‘इस तस्वीर में, यदि आप ध्यान से देखें तो आपको मेरी परछाई दर्शकों के ऊपर दूर धूल और धुएं के बीच दिखेगी. मैंने ऐसा इससे पहले कभी नहीं देखा. जादुई भारत, नमस्ते.’
गौरतलब है कि ये वही धुंध है जिसकी वजह से पिछले साल दिल्ली और एनसीआर की जनता परेशान रही थी. और अब एक बार फिर नवंबर के महीने में इसके वापस लौटने के आसार हैं.
पिछले साल भी जब ये गुबार दिल्ली पर छाया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की काफी किरकिरी हुई थी. और अब एक बार फिर बाहर के सिंगर ने आकर ऐसा कमेंट किया है. ब्रायन एडेम्स का शो रविवार की शाम गुरुग्राम में हुआ था.
ब्रायन के द्वारा ये तस्वीर साझा करने के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं. कोई उनकी आलोचना कर रहा है, तो वहीं कुछ लोगों ने उन्हें भारत ना आने के लिए भी कह दिया. |
विधि में स्नातक, एलएल॰बी॰ क़ानून या विधि विषय की स्नातक उपाधि का नाम है। असल में विधि स्नातक जैसा कि नाम से ज़ाहिर है, एक स्नातक (bachelor) के दर्जा का शैक्षिक प्रमाणपत्र है जिसको लातीनी में LLB भी कहा जाता है और इसका मुकम्मल नाम Legum Baccalaureus है।
संक्षेप एलएल॰बी॰ में लातीनी अक्षर एल॰ को दो बार (LL) लिखने की वजह यह है कि लातीनी ज़बान में यह दर्जा विभिन्न क़ानूनों का वर्नण करता है न कि सिर्फ़ कोई एक क़ानून, इसलिए इसके मुकम्मल नाम में सिर्फ़ Legum (लातीनी में क़ानून, lex का बहुवचन रूप) लिखा जाता है।
यह उपाधि सभी अंग्रेज़ी साधारण क़ानून देशों में उपलब्ध है। जबकि अमेरिका में इसे डॉक्टर ऑफ़ जूरिस्टप्रूडंस (Juris Doctor, न्यायशास्त्र में विद्वान), संक्षेप में JD, कहलाया जाता है।
सन्दर्भ
स्नातक उपाधियाँ |
लेख: एक तरफ जहां ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर भारी जुर्माने को लेकर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है. वहीं, हैदराबाद पुलिस लोगों को नियमों के प्रति जागरुक करने के लिए अनोखी मुहिम चला रही है. हैदराबाद के रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुक करने के लिए नियम तोड़ने वालों का चालान नहीं करते बल्कि उन्हें उसी समय हेलमेट खरीदने को कहते हैं. इस मुहिम को डिप्टी कमिश्नर (ट्रैफिक) दिव्य चरण राव ने शनिवार को शुरू किया है. बता दें कि इस मुहिम के तहत अगर कोई चालक बगैर हेलमेट के पकड़ा जाता है तो उसे उसी समय हेलमेट खरीदने को कहा जाता है. साथ ही अगर किसी के पास जरूरी कागजात जैसे की पाल्युशन व इंश्यूरेंस सर्टिफिकेट नहीं हो तो ऑथिरिटी से मिलकर उसी समय उसे बनवाया जाता है. पुलिस की इस मुहिम को आम लोगों द्वारा खासा सराहा जा रहा है.
गौरतलब है कि हैदराबाद पुलिस द्वारा चलाई जा रही यह मुहिम इस तरह की अकेली मुहिम नहीं है. इससे पहले बिहार के मोतिहारी शहर में बिना हेलमेट या बीमा नवीनीकरण के चलने वाले मोटरसाइकिल सवारों के साथ पुलिस का अनोखा व्यवहार सामने आया था. दरअसल बिना हेलमेट चलने वालों या जिनका बीमा खत्म हो चुका है, उनका चालान काटने की जगह पुलिस उन्हें अपनी गलती सुधारने का मौका दे रही है. इसके लिए पुलिस ने जांच चौकियों पर ही व्यवस्था की है, ताकि सवारी तुरंत हेलमेट खरीद सकें और वाहन बीमा का नवीनीकरण करा सकें. इस अभियान की शुरुआत पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में छतौनी थाने के एसएचओ मुकेश चंद्र कुंवर ने की है.
उन्होंने पीटीआई को बताया था कि मैंने कुछ हेलमेट विक्रेताओं और बीमा एजेंटों से बात की है, जिन्होंने जांच चौकियों के पास स्टॉल लगाए हैं. सवारियों पर जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है, क्योंकि इससे उन्हें महसूस होता है कि वे अपराधी हैं. इसके बजाय, वे अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट खरीदने और अपने बीमा को नवीकृत कराने के लिए प्रोत्साहित होते हैं.' अधिकारी ने कहा था कि उन्होंने जिला परिवहन विभाग से एक अधिकारी को तैनात करने का भी अनुरोध किया है, जो बिना लाइसेंस के गाड़ी चला रहे लोगों को मौके पर ही लर्नर लाइसेंस जारी कर दें.
उन्होंने कहा था कि जनता के बीच इस बात की भी धारणा बढ़ रही है कि संशोधित मोटर वाहन अधिनियम ने पुलिस को जबरन पैसा निकलवाने के लिए खुली छूट दे दी है. इस तरह का अविश्वास पुलिस व्यवस्था के लिए हानिकारक है.' एसएचओ ने कहा था कि मोतिहारी का ऐतिहासिक महत्व उस भूमि के रूप में है जहां महात्मा गांधी ने 1917 में चंपारण सत्याग्रह का शुभारंभ किया था.
उन्होंने कहा था कि मैंने शहर की ऐतिहासिक विरासत से प्रेरणा ली और इस योजना को लेकर आया, जो हमें संशोधित एमवी एक्ट के उद्देश्य को प्रभावी तरीके से हासिल करने में मदद कर सकता है.' कुँवर ने हालांकि कहा कि सद्भावना के आधार पर सभी अपराधों को माफ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई व्यक्ति शराब के नशे में या शराब के प्रभाव में पाया जाता है, जिसकी बिक्री और खपत बिहार में प्रतिबंधित है, तो हमारे पास कानून के मुताबिक कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है.' |
यह एक लेख है: आरक्षण समाप्त किए जाने की संभावना से इनकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर परोक्ष मगर तीखा हमला बोला और कहा कि देश को विघटित करने के लिए ‘‘सोची समझी साजिश’’ के तहत दलितों के मुद्दे पर ‘‘झूठ का अभियान’’ शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘दलितों के नाम पर झूठ फैलाए जा रहे हैं। जहां कहीं भी वे जाते हैं, जब कभी वे जाते हैं, बार-बार, ऊंची आवाज में वे झूठ बोलते हैं। दलितों को गुमराह करने और मूर्ख बनाने के लिए झूठ बोलने का एक अभियान शुरू किया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देश को विघटित करने के लिए सोची समझी साजिश है, ताकि लोग एक दूसरे से लड़ें। वे लोग निराश हैं क्योंकि उनसे सत्ता ले ली गई है। वे हमेशा मानते थे कि वे (दलित) उनके मतदाता हैं और अब मोदी उनके लिए काम कर रहा है। उन्हें डर है कि मोदी का क्या किया जाए। वे दलितों को मोदी का समर्थन करने से रोकना चाहते हैं।’’टिप्पणियां
पीएम मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि प्रधानमंत्री का निशाना कांग्रेस और उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर था जो दलित शोघ छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर आंदोलन में शामिल होने के लिए हाल ही में दो बार हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय गए।
पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे और उम्मीद थी कि इस रैली से भाजपा तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू करेगी लेकिन उन्होंने स्थानीय राजनीति से पूरी तरह परहेज किया।
उन्होंने कहा, ‘‘दलितों के नाम पर झूठ फैलाए जा रहे हैं। जहां कहीं भी वे जाते हैं, जब कभी वे जाते हैं, बार-बार, ऊंची आवाज में वे झूठ बोलते हैं। दलितों को गुमराह करने और मूर्ख बनाने के लिए झूठ बोलने का एक अभियान शुरू किया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देश को विघटित करने के लिए सोची समझी साजिश है, ताकि लोग एक दूसरे से लड़ें। वे लोग निराश हैं क्योंकि उनसे सत्ता ले ली गई है। वे हमेशा मानते थे कि वे (दलित) उनके मतदाता हैं और अब मोदी उनके लिए काम कर रहा है। उन्हें डर है कि मोदी का क्या किया जाए। वे दलितों को मोदी का समर्थन करने से रोकना चाहते हैं।’’टिप्पणियां
पीएम मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि प्रधानमंत्री का निशाना कांग्रेस और उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर था जो दलित शोघ छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर आंदोलन में शामिल होने के लिए हाल ही में दो बार हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय गए।
पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे और उम्मीद थी कि इस रैली से भाजपा तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू करेगी लेकिन उन्होंने स्थानीय राजनीति से पूरी तरह परहेज किया।
पीएम मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि प्रधानमंत्री का निशाना कांग्रेस और उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर था जो दलित शोघ छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर आंदोलन में शामिल होने के लिए हाल ही में दो बार हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय गए।
पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे और उम्मीद थी कि इस रैली से भाजपा तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू करेगी लेकिन उन्होंने स्थानीय राजनीति से पूरी तरह परहेज किया।
पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे और उम्मीद थी कि इस रैली से भाजपा तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू करेगी लेकिन उन्होंने स्थानीय राजनीति से पूरी तरह परहेज किया। |
भारतीय टीम ने सेमीफाइनल मुकाबले में पड़ोसी बांग्लादेश को हराकर फाइनल में जगह बना ली है. अब भारत का मुकाबला पाकिस्तान से होगा. टीम इंडिया की ओर से बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने मिलकर शानदार बल्लेबाजी की. एक समय ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश बड़े स्कोर की ओर बढ़ रहा है लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि बाजी पूरी तरह से पलट गई.
धोनी का फैसला आया काम
बांग्लादेश का स्कोर 152 पर एक विकेट था, और भारतीय टीम को अहम विकेट की दरकार थी. उस समय केदार जाधव ने आकर बांग्लादेश की पारी के 28 वें ओवर में तमीम इकबाल का अहम विकेट चटकाकर टीम इंडिया को अहम सफलता दिलाई. यह फैसला कप्तान विराट कोहली का नहीं था, बल्कि पूर्व कप्तान
महेंद्र सिंह धोनी
का था. जी हां, धोनी की सलाह पर ही कोहली ने केदार जाधव को बॉल थमाई. और माही का ये फैसला एक दम सही साबित हुआ.
Another moment of the match
The only thing that beats Dhoni's helicopter shot is this helicopter celebration.
Does it very rarely
#INDvBAN
pic.twitter.com/12JznBdXGQ
— KAJALaneNENU (@BanarasiBasanti)
June 15, 2017
धोनी का हेलीकॉप्टर सेलिब्रेशन
लेकिन इस दौरान भारतीय फैंस के लिए इस विकेट से भी ज्यादा आकर्षक रहा एमएस धोनी का सेलिब्रेशन. जैसे ही गेंद स्टंप पर लगी धोनी ने बेहद अनोखे अंदाज़ में अपना हाथ हेलिकॉप्टर स्टाइल में घुमा दिया. जिसके बाद फैंस ने सोशल मीडिया पर भी इसका ज़िक्र किया.
फाइनल में पाक से जंग!
टीम इंडिया
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी
2017 के फाइनल में पहुंच गई है. फाइनल में भारत का मुकाबला चिर प्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान से होगा. चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के दूसरे सेमीफाइनल में बांग्लादेश को धूल चटाने के बाद टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में चौथी बार जगह बनाने वाली दुनिया की पहली टीम बन गई है. भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी (2000, 2002, 2013, 2017) में जगह बनाई है.
भारत को फाइनल में जगह बनाने के लिए 265 का टारगेट मिला था. जिसे टीम इंडिया ने कप्तान विराट कोहली (96) और रोहित शर्मा (123) की धमाकेदार पारियों की बदौलत 40.1 ओवर में ही हासिल कर लिया.पिछले 10 सालों में ये पहला मौका होगा जब किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में भारत और पाकिस्तान की टक्कर होगी. इससे पहले साल 2007 में दोनों देश आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भिड़े थे, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को मात दी थी. ऐसे में टीम इंडिया एक बार फिर पाकिस्तान से मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है |
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले कुछ समय में मोदी सरकार पर काफी आक्रामक रुख में हमला बोला है. फिर चाहे वह महंगाई का मुद्दा हो या फिर कर्नाटक में सरकार बनाने का मुद्दा. राहुल की ओर से लगातार बहस करने के चैलेंज पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटवार किया है. शुक्रवार को सूरत में स्मृति ने कहा कि राहुल गांधी, हमारे अध्यक्ष अमित शाह समेत किसी भी नेता को बहस के लिए चुन सकते हैं.
विभिन्न मुद्दों पर राहुल के प्रधानमंत्री को घेरने के बारे में पूछे जाने पर स्मृति ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद ही यह कह चुके हैं, राहुल गांधी को आगे आना चाहिए और किसी भी मुद्दे पर बात करनी चाहिए. वह संसद में या हमारे सामने बोल सकते हैं.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर
संसद में नहीं तो वह टेलीविजन
पर बहस के लिए आ सकते हैं. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमित शाह) तक उसमें भाग ले सकते हैं. वह (राहुल) हमारे किसी भी पार्टी कार्यकर्ता को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, हम बहस के लिए तैयार हैं, लेकिन वह कोई किताब अथवा कागज का टुकड़ा अपने साथ न लाएं.
दरअसल, स्मृति ईरानी यहां अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर उपलब्धियों को गिनवा रही थीं. ईंधन के बढ़ते दामों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया इस स्थिति से प्रभावित है.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राहुल गांधी के बीच कड़ी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती-रहती है. राहुल गांधी की संसदीय सीट अमेठी से ईरानी साल 2014 में चुनाव भी लड़ चुकी हैं. साथ ही लगातार अमेठी का दौरा कर स्थानीय लोगों के बीच अपनी राजनीतिक पैठ बढ़ाने में लगी हुई हैं. |
किसी भी इंसान का पिता बनना एक सुखद अनुभव होता है. अगर आप 70 साल की उम्र में पहली बार पिता बनते हैं तो इस खुशी को जाहिर करना आसान नहीं होगा. ऐसी ही खुशी मिली है बांग्लादेश के रेल मंत्री मुजीबुल हक को.
70 साल की उम्र में मुजीबुल अपने जन्मदिन के एक दिन पहले एक बेटी के पिता बने हैं. शनिवार को उनकी पत्नी हनुफा ने एक निजी अस्पताल में बेटी को जन्म दिया. मंत्री ने खुद इसकी जानकारी दी और बताया कि मां और बेटी दोनों ठीक है.
67 साल की उम्र में की थी शादी
मंत्री ने 67 साल की उम्र में खुद से आधी उम्र की लड़की हनुफा अख्तर रिक्ता से शादी रचाई थी. होनुफा उस समय महज 29 साल की थी. अब 70 साल की उम्र में पिता बनकर मुजीबुल एक बार फिर खबरों में आ गए हैं. |
अफ्रीकी छात्रों पर हुए हमलों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को अफ्रीकी छात्रों के एक समूह से मुकालात की. सुषमा ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि आगे इस तरह की घटनाएं न हो इसको लेकर सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. जवाहरलाल नेहरू भवन में अफ्रीकी छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से विदेश मंत्री ने कहा 'ये हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसे हमले रोके जाएं और हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं'.
भारत-अफ्रीका का रिश्ता है पुराना
सुषमा स्वराज ने आगे कहा कि अफ्रीकी छात्रों के साथ जो घटनाएं हुई हैं वो बेहद
दुर्भाग्यपूर्ण
है. सुषमा ने कहा 'इस घटना से वो आहत हैं, एक मां होने के नाते वे इस दर्द को समझ सकती हूं. जिसने विदेश में अपना बेटा खोया है'. उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीका से बीच गहरे रिश्ते रहे हैं और इस तरह की घटनाओं से रिश्ते पर असर नहीं पड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीयों की मानसिकता कभी नस्लभेदी नहीं हो सकती है. इसके अलावा सुषमा ने कहा कि ये जांच से पता चलेगा कि ओलिवर पर स्थानीय बदमाशों या फिर किसी असामाजिक तत्वों ने हमला किया था.
दोषियों से नहीं छोड़ेंगे: वीके सिंह
इसके अलावा विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने
अफ्रीकी
राजनयिकों से मुलाकात की और उन्हें इसे मुद्दे पर निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया, वीके सिंह ने ये नस्लभेदी हमला नहीं था, और दिल्ली पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है. इस मामले में जो भी दोषी होंगे उसे कड़ी सजा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि मीडिया मामले को गलत तरीके से पेश कर रही है. |
पिछले 17 सालों में पहली बार अमेरिका आंशिक शटडाउन यानी कामबंदी के भंवर में फंस गया है. रिपब्लिकन पार्टी और सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी की राजनीतिक कुश्ती के चलते दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पटरी से उतर सकती है.
अमेरिका के कई सरकारी दफ्तरों पर ताले लटकने शुरू हो गए हैं. यह स्थिति इसलिए पैदा हुई है क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी की अगुवाई में सीनेट ने अगले साल के बजट को मंजूरी नहीं दी.
व्हाइट हाउस ने सभी गैर जरूरी सरकारी एजेंसियों को बंद करने का आदेश दे दिया है. तकरीबन 10 लाख सरकारी कर्मचारियो को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा जा सकता है.
क्या है बजट का झगड़ा
दरअसल रिपब्लिकन पार्टी के नेता राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से लाए जा रहे हेल्थ केयर सुधार कानून का विरोध कर रहे हैं. विरोधस्वरूप वे सरकारी खर्च विधेयक पारित करने को राजी नहीं हुए जिससे जारी वित्त वर्ष के बचे हुए समय के लिए बजट की व्यवस्था की जानी है. हेल्थ केयर सुधार कानून को रिपब्लिकन नेता 'ओबामाकेयर' भी कह रहे हैं. इससे अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ेगा.
रिपब्लिकन सांसदों पर भड़के ओबामा
ओबामा ने स्पष्ट कहा है कि इस शटडाउन का सीधे लोगों पर गहरा आर्थिक असर पड़ेगा, क्योंकि अब लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को अवैतनिक छुट्टी पर भेजना पड़ेगा. अमेरिका को अपनी स्पेस एजेंसियों व कई अन्य सरकारी कार्यक्रमों को भी रोकना पड़ेगा.
ओबामा ने रिपब्लिकन पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि ये पार्टी देश में फिर से चुनाव चाहती है.
अमेरिकी संसद के स्पीकर जॉन बोएनर ने कहा, 'अमेरिकी लोग शटडाउन नहीं चाहते और न ही मैं चाहता हूं. हालांकि नए हेल्थ केयर कानून का भी विनाशकारी असर पड़ेगा. कुछ तो करना ही पड़ेगा.'
शटडाउन के बारे में कुछ तथ्य
शटडाउन का कारण:
संविधान के मुताबिक संसद को बजट खर्च का कानून पारित करना जरूरी है. अगर इस पर सहमति नहीं बन पाती तो सरकार पैसे खर्च नहीं कर सकती.
शटडाउन की बाध्यता:
सरकारी एजेंसियां चाहकर भी इस शटडाउन की अनदेखी नहीं कर सकतीं. संघीय कानून के मुताबिक, बिना बजट कानून पास किए करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल अपराध की श्रेणी में आ सकता है.
कितनी बार शटडाउन:
1977 से अमेरिका में 17 बार शटडाउन (कामबंदी) हो चुकी है.
सबसे लंबा शटडाउन:
21 दिनों तक चला था. 16 दिसंबर 1995 से 5 जनवरी 1996 तक.
शटडाउन और कर्ज संकट में फर्क:
शटडाउन के दौरान, सरकार के पास गैर जरूरी सेवाओं पर खर्च करने की कानूनी इजाजत नहीं होती. जबकि कर्ज संकट में सरकार के लिए खर्च करना अनिवार्य होता है लेकिन खर्च के लिए कर्ज लेने का कानूनी अधिकार नहीं होता. |
नई दिल्ली के पंडित पंत मार्ग पर प्रदेश बीजेपी दफ्तर से बाहर निकला ही था कि फुटपाथ पर कुर्ता और सदरी की दुकान पर नजर पड़ गई। रंग-बिरंगे कुर्ते और चटख रंग वाले जवाहर जैकेट देखकर बातचीत करने लगा। मुस्तफ़ा एक-एक कर रंगीन सदरी दिखाने लगे। कहा कि जब से मोदी जी आए हैं, कार्यकर्ताओं की च्वाइस बदल गई है। वे टीवी पर मोदी जी को जिस जैकेट में देखते हैं, उसकी मांग करने लगते हैं।
सदरी, बंडी, जैकेट या जवाहर जैकेट नाम तो कई हैं, मगर अब इन पर मोदी के रंग और मजाज की छाप पड़ने लगी है। मुस्तफ़ा ने बताया कि पहले सिर्फ काला और ग्रे टाइप का ही जैकेट चलता था। वो सिर्फ पांच छह सौ रुपये के आते थे। रंगीन वाली सदरी बारह सौ की आती है। कार्यकर्ता नाप तो दे जाते हैं और हम कुछ दिनों बाद तैयार कर ले आते हैं।
बीजेपी दफ्तर में नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सब चटख कपड़े में नजर आए। प्रभात झा का लाल झटकमार कुर्ता और रामेश्वर चौरसिया का हल्का गुलाबी कुर्ता बता रहा था कि पार्टी रंगीन हो गई है। भगवा या गेरुआ से आगे निकल चुकी है। मुस्तफ़ा ने कहा कि बड़े नेता उससे कुर्ता नहीं खरीदते। उनके तो बड़े-बड़े टेलर होते हैं और वे खादी भंडार से कपड़ा लेते हैं।
मुस्तफ़ा बिहार के मधुबनी जिले के हैं। पंद्रह-बीस साल से बीजेपी दफ्तर के बाहर कपड़ा बेच रहे हैं। परिवार में मियां-बीवी के अलावा पांच बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि यहां सब धर्म के कार्यकर्ता आते हैं। मेरे लिए तो यह काम रोज़ी-रोटी है। रोज़गार का अवसर है। |
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यह एक लेख है: अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि नेपाल में आए भूकंप के दौरान भारत की त्वरित प्रतिक्रिया इसकी बढ़ती नेतृत्वकारी भूमिका दर्शाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में भारत, अमेरिकी रिश्ते फले-फूले हैं।
दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के उप-विदेश मंत्री रिचर्ड होआगलैंड ने वॉशिंगटन इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल को सोबंधित करते हुए कहा कि नेपाल की त्रासदी ने भारत के बढ़ते क्षेत्रीय नेतृत्व को प्रस्तुत करने का एक उपयुक्त मंच दिया। भूकंप के चार घंटे के अंदर अंदर भारतीय विमान राहत सामग्री लेकर रवाना हो गए थे।
उन्होंने कहा कि भारत ने सैकड़ों बचावकर्मियों और चिकित्सा कर्मियों को भेजा और अमेरिका सहित कई अन्य देशों के नागरिकों को बचाया।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि हैरत की बात नहीं है कि भारत ने राहत प्रयासों में जिन विमानों का इस्तेमाल किया, उनमें से कई को अमेरिकी कंपनियों की मदद से बनाया गया था और हमें इससे ज्यादा देखने की अपेक्षा है क्योंकि हमने अपने सुरक्षा और आर्थिक सहयोग का दायरा बढ़ाया है।
होआगलैंड ने कहा कि अमेरिका अपना सहयोग सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ा रहा है कि भारत भौगोलिक तौर पर महत्वपूर्ण है और न इसलिए कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यस्था है, बल्कि इसलिए भी बढ़ा रहा है कि भारत के साथ अमेरिका के कई सारे साझा हित और मूल्य हैं।
दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के उप-विदेश मंत्री रिचर्ड होआगलैंड ने वॉशिंगटन इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल को सोबंधित करते हुए कहा कि नेपाल की त्रासदी ने भारत के बढ़ते क्षेत्रीय नेतृत्व को प्रस्तुत करने का एक उपयुक्त मंच दिया। भूकंप के चार घंटे के अंदर अंदर भारतीय विमान राहत सामग्री लेकर रवाना हो गए थे।
उन्होंने कहा कि भारत ने सैकड़ों बचावकर्मियों और चिकित्सा कर्मियों को भेजा और अमेरिका सहित कई अन्य देशों के नागरिकों को बचाया।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि हैरत की बात नहीं है कि भारत ने राहत प्रयासों में जिन विमानों का इस्तेमाल किया, उनमें से कई को अमेरिकी कंपनियों की मदद से बनाया गया था और हमें इससे ज्यादा देखने की अपेक्षा है क्योंकि हमने अपने सुरक्षा और आर्थिक सहयोग का दायरा बढ़ाया है।
होआगलैंड ने कहा कि अमेरिका अपना सहयोग सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ा रहा है कि भारत भौगोलिक तौर पर महत्वपूर्ण है और न इसलिए कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यस्था है, बल्कि इसलिए भी बढ़ा रहा है कि भारत के साथ अमेरिका के कई सारे साझा हित और मूल्य हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने सैकड़ों बचावकर्मियों और चिकित्सा कर्मियों को भेजा और अमेरिका सहित कई अन्य देशों के नागरिकों को बचाया।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि हैरत की बात नहीं है कि भारत ने राहत प्रयासों में जिन विमानों का इस्तेमाल किया, उनमें से कई को अमेरिकी कंपनियों की मदद से बनाया गया था और हमें इससे ज्यादा देखने की अपेक्षा है क्योंकि हमने अपने सुरक्षा और आर्थिक सहयोग का दायरा बढ़ाया है।
होआगलैंड ने कहा कि अमेरिका अपना सहयोग सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ा रहा है कि भारत भौगोलिक तौर पर महत्वपूर्ण है और न इसलिए कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यस्था है, बल्कि इसलिए भी बढ़ा रहा है कि भारत के साथ अमेरिका के कई सारे साझा हित और मूल्य हैं।
उन्होंने कहा कि हैरत की बात नहीं है कि भारत ने राहत प्रयासों में जिन विमानों का इस्तेमाल किया, उनमें से कई को अमेरिकी कंपनियों की मदद से बनाया गया था और हमें इससे ज्यादा देखने की अपेक्षा है क्योंकि हमने अपने सुरक्षा और आर्थिक सहयोग का दायरा बढ़ाया है।
होआगलैंड ने कहा कि अमेरिका अपना सहयोग सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ा रहा है कि भारत भौगोलिक तौर पर महत्वपूर्ण है और न इसलिए कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यस्था है, बल्कि इसलिए भी बढ़ा रहा है कि भारत के साथ अमेरिका के कई सारे साझा हित और मूल्य हैं।
होआगलैंड ने कहा कि अमेरिका अपना सहयोग सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ा रहा है कि भारत भौगोलिक तौर पर महत्वपूर्ण है और न इसलिए कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यस्था है, बल्कि इसलिए भी बढ़ा रहा है कि भारत के साथ अमेरिका के कई सारे साझा हित और मूल्य हैं। |
यद्यपि मूलतः गणित के क्षेत्र में ग्रीक गणितज्ञों ने प्रमेय को पहले ही सिद्ध किए गए कथनों या प्रमेयों में, अथवा स्वीकृत स्वसिद्ध तथ्यों में, रूपांतरित करके सिद्ध करने की पद्धति को 'विश्लेषण' (Analysis) नाम दिया था। किन्तु वर्तमान समय में, संश्लेषण के विपरीत अर्थ में विश्लेषण (Analysis) का प्रयोग किया जाता है। किसी विधान या व्यवस्थाक्रम की सूक्ष्मता से परीक्षण करने की तथा उसके मूल तत्वों को खोजने की क्रिया को 'विश्लेषण' नाम दिया जाता है।
आज ज्ञान के सभी क्षेत्रों में 'विश्लेषण' का प्रयोग किया जाता है। कुछ मुख्य विश्लेषण नीचे दिये हये हैं-
गणितीय विश्लेषण
रासायनिक विश्लेषण
आर्थिक विश्लेषण
क्रांतिक सोच
विचार
अनुसंधान विधियाँ |
अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान में अलकायदा की ताकत बहुत कमजोर हो गयी है लेकिन अन्य सक्रिय आतंकवादी संगठन लगातार वाशिंगटन और उसके सहयोगियों के हितों के लिए सीधा खतरा बने हुए हैं.
राष्ट्रीय प्रतिआतंकवाद केंद्र (नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर) के निदेशक मैथ्यू जी ओल्सन ने कहा, ‘पाकिस्तान और अफगान उग्रवादी समूह तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तैयबा क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगियों के हितों के लिए लगातार सीधा खतरा बने हुए है.’
कांग्रेस की बहस में लिखित ब्यौरे में ओल्सन ने कहा कि पिछले कई वषरें के दौरान आतंकवाद निरोधक सतत कार्रवाई के कारण दबाव बढ़ा जिससे पाकिस्तान में अलकायदा के नेतृत्व के मनोबल और उसकी क्षमता में कमी आई है.
उन्होंने कहा, ‘इन प्रयासों से अलकायदा पिछले दस साल में सर्वाधिक कमजोर हुआ है. हालांकि अलकायदा अपने लक्ष्यों को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन वह पतन की राह पर है.’
ओल्सेन ने कहा कि वर्ष 2005 में लंदन में बम विस्फोटों की घटना के बाद अलकायदा ने पश्चिम में कोई सफल अभियान नहीं चलाया है. लेकिन वह अमेरिका सहित पश्चिमी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
ओल्सन ने कहा कि अलकायदा की क्षमता में कमी के कारण अब उसके योजनाकार ऐसी छोटी, सरल साजिश रचने पर बाध्य हो गए जिसे आसान निशानों पर बिना किसी बाधा के अंजाम दिया जा सके. उन्होंने कहा कि लश्कर ए तैयबा सहित अन्य दक्षिण एशियाई आतंकवादी संगठन क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए लगातार खतरा पेश कर रहे हैं.
ओल्सन ने कहा कि लश्कर ए तैयबा के नेता क्षेत्र पर ध्यान दे रहे हैं, बड़ी संख्या में पाकिस्तानी और पश्चिमी उग्रवादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उनमें से कुछ तो लश्कर ए तैयबा के नेताओं से दिशानिर्देश लिए बिना ही पश्चिम में आतंकवादी हमलों की साजिश रच सकते हैं.
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया आदि पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से लश्कर ए तैयबा के सदस्य हताश हैं और उससे किनारा कर अलकायदा जैसे उन समूहों में शामिल हो सकते हैं जो पूरे विश्व पर ध्यान केंद्रित कर रहा हो.
उन्होंने कहा कि लश्कर ए तैयबा के नेता मानते हैं कि अमेरिका पर हमले से पाकिस्तान को लेकर तीव्र अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया होगी और वहां समूह के लिए सुरक्षित पनाह मिलना मुश्किल हो जाएगा.
ओल्सन ने कहा कि लश्कर ए तैयबा अपने क्षेत्रीय उद्देश्यों के सिलसिले में दक्षिण एशिया में पश्चिमी हितों पर हमला करने का अपना इरादा करता रहा है. इसके तहत उसने वर्ष 2008 में मुंबई हमलों के दौरान उन बड़े होटलों को निशाना बनाया जहां अकसर पश्चिमी देशों के नागरिक आते जाते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में बड़ी हस्तियों को निशाना बना रहा है. वहां उसने नाटो और अफगान सरकार के ठिकानों पर कई हमले किए हैं. अप्रैल में काबुल में सरकारी और सैन्य प्रतिष्ठानों तथा तीन अन्य शहरों में 18 घंटे के अंदर कई बार हमले किए गए.
इस माह के शुरू में विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिकी कांग्रेस को हक्कानी नेटवर्क को विदेशी आतंकवादी संगठन की सूची में डालने के इरादे से अवगत कराया था.
ओल्सन ने कहा, ‘अलकायदा जैसे वैश्विक समूह और अन्य स्थानीय समूहों को सुरक्षित पनाह देने तथा अन्य सुविधाएं देने की हक्कानी नेटवर्क की क्षमता से हम लगातार चिंता में हैं.’ उन्होंने कहा कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने 16 अगस्त को पाकिस्तान के कामरा एयरबेस पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी. उसने गठबंधन बलों के लिए पाकिस्तान से हो कर जाने वाली आपूर्ति लाइनों को निशाना बनाने की धमकी भी दी जिससे पता चलता है कि क्षेत्र में उसकी वजह से कैसा खतरा है. |
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की अगुवाई में शनिवार को संसद में स्वच्छता अभियान चलाया गया. स्पीकर ओम बिड़ला सहित भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज मंत्रियों और सांसदों ने संसद परिसर में झाड़ू लगाई. स्वच्छता अभियान सुबह 9 बजे शुरू हुआ. बता दें कि साल 2014 में केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की अगुवाई वाली सरकार बनते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता पर विशेष जोर दिया. उन्होंने इसके लिए देश में स्वच्छता अभियान को शुरू किया.
#WATCH
Delhi: BJP MPs including Minister of State (Finance) Anurag Thakur and Hema Malini take part in 'Swachh Bharat Abhiyan' in Parliament premises.
pic.twitter.com/JJJ6IEd0bg
— ANI (@ANI)
July 13, 2019
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर संसद परिसर में झाड़ू लगाते हुए दिख रहे हैैं. उनके साथ सांसद हेमा मालिनी भी झाड़ू लगाते हुए दिख रही हैं. इस दौरान अनुराग ठाकुर के अलावा अन्य मंत्री और सांसद भी झाड़ू लगाते दिखे. बता दें कि शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने जानकारी दी थी कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के साथ शनिवार को संसद भवन में स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेंगे.
बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा, ‘यह अत्यंत सराहनीय है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर संसद परिसर में 'स्वच्छ भारत अभियान' को पूरा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने पहल की. मैं अगले सप्ताह मथुरा वापस जाऊंगी और वहां इस अभियान को आगे बढ़ाऊंगीं.’
BJP MP Hema Malini: It is highly appreciable that the Speaker of the House took initiative to carry out 'Swachh Bharat Abhiyan' on the 150th birth anniversary of Mahatma Gandhi, in Parliament premises. I will go back to Mathura next week and carry out this Abhiyan there as well.
pic.twitter.com/86x5jX7TKE
— ANI (@ANI)
July 13, 2019
गौरतलब है कि राजस्थान की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद ओम बिड़ला 19 जून को 17वीं लोकसभा के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए. उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने अपना उम्मीदवार बनाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में बजट सत्र के तीसरे दिन बिड़ला के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. |
Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) की एंट्री अब होने ही वाली है, लेकिन जेठा लाल की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. गोकुलधाम सोसाइटी में इन दिनों नवरात्रि की धूम है, और इसी फेस्टिवल सीजन को देखते हुए निर्माता चाहते हैं कि जेठालाल की जिंदगी में दया की एंट्री करवा दी जाए. तारक मेहता का उल्टा चश्मा में इन दिनों दया के आने का ही इंतजार है. शो का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें दया की एंट्री होती है लेकिन उसकी शक्ल नहीं दिखाई जाती है. लेकिन तभी जेठालाल के साले सुंदर की एंट्री होती है, और वह जेठा लाल की जिंदगी को और भी मुश्किल बना देता है.
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तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) के वीडियो को सबटीवी ने इंस्टाग्राम एकाउंट से शेयर किया है. इस वीडियो में जेठालाल को जैसे ही पता चलता है कि दया गोकुलधाम सोसाइटी में आ चुकी है. वह दया से मिलने के लिए बेचैन हो जाता है. इसे देखकर सुंदर जेठालाल के साथ गेम खेलने का मन बनाता है. फिर सुंदर जहां हो वहां जेठालाल की जिंदगी में कुछ तूफान आना तो बनता है. बस, सुंदर जेठालाल के सामने नौ महिलाएं लेकर आता है, जिन्होंने घूंघट ओढ़ रखा है, और कहता है कि जीजाजी इनमें से पहचानो बहन कहां है. इस तरह जेठालाल की जिंदगी आसान होते-होते फिर से मुश्किल बन जाती है.
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अब यह सब होगा तो तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) की गोकुलधाम सोसाइटी में तूफान आना तो बनता है, और तूफान आएगा तो दर्शकों को तो खूब मजा आने वाला है. |
विधि या कानून जिन एककों को मुकादमा चलाने या जिनपर मुकदमा चलवाने की सुविधा देता है, उन्हें विधिक व्यक्तित्व (Legal personality) प्राप्त होता है। विविध संस्थाओं को बहुत समय पूर्व से ऐसा व्यक्तित्व प्राप्त था। विधिक व्यक्तित्व की प्रथा का उदय प्राचीन रोम में हुआ। वैसे ग्रीस (534 ई. पू.), फिनीशिया (900 ई. पू.) तथा बेवीलोनिया (2200 ई. पू.) में यह प्रचलित थी।
विधिक व्यक्तित्व सब व्यक्तियों को प्राप्त नहीं होता, क्योंकि सब मुकदमा चलाने या चलवाने के योग्य नहीं होते। प्राचीन काल में विदेशियों को ऐसे कोई अधिकार नहीं दिए जाते थे और दासों को तो चल संपत्ति ही माना जाता था। शिशुओं और पागलों का तो अब भी सीमित व्यक्तित्व होता है। न्यूयॉर्क की विधि के अनुसार जन्म कैदवाला कैदी एक प्रकार से मत ही माना जाता है। दूसरी ओर कुछ समाजों में गर्भस्थ शिशु को भी विधिक व्यक्तित्व मिल जाता है। कुछ में मानवसमूह को या फर्म को या मूर्ति जैसे निर्जीव पदार्थ को भी यह व्यक्तित्व प्रदान कर दिया जाता है। मध्य युग तक तो पक्षी और पशु भी यूरोप में अपराधी के रूप में विधि द्वारा दंडित किए जाते थे।
कुछ उदाहरण
विधिक व्यक्तित्व उस व्यक्ति या संस्था को संसूचित करता है जिसको कानूनन करने या जिस पर मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया हो। कुछ उदाहरण हैं-
कम्पनियाँ
सहकारी संस्थाएँ
कार्पोरेशन
संयुक्त राष्ट्र संघ और काउंसिल ऑफ योरप आदि अन्तरराष्ट्रीय संस्थाएँ
लिमिटेड कम्पनियाँ
नगरपालिकाएँ
मानव
राजनैतिक दल
देश
परिचय
इंग्लैंड में 13वीं और 14वीं शताब्दी से ही काउंटी, बरो, हंड्रेड, मेनोर, मर्चेंट गिल्ड, ट्रेडिंग गिल्ड, डीन इत्यादि विधिक व्यक्तित्व रूप में विकसित होने लगे। प्रसिद्ध लेखक ब्रेक्टन के समय सामूहिक व्यक्तित्व (कोरपोरेट पर्सनेलिटी। का विचार पूर्णत: स्पष्ट नहीं था, किंतु कुक के समय तक यह निश्चित हो गया था कि एक संस्थान सामान्य विधि (कॉमन लॉ) या संसदीय संविधि, शाही घोषणापत्र अथवा अधिकार भोग (प्रेस्क्रिप्शन) द्वारा स्थापित किया जा सकता है।
इंग्लिश विधि के संस्थाओं को संघात (ऐग्रीगेट) संस्थान तथा एकक (सोल) संस्थान में वर्गीकृत किया है। संघात संस्थान सहजीवी व्यक्तियों द्वारा निर्मित संस्था है और एकक संस्थान, उत्तराधिकारी व्यक्तियों का संयोजित क्रम है। पहले प्रकार के संस्थान का एक उदाहरण जाइंट स्टाक कंपनी है और दूसरे प्रकार का पार्सन। एकक संस्थान की अपेक्षा संघात संस्थान को अधिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। एकक संस्थान का संबोध (यूरोप के) महाद्वीपीय विधि में स्थान न पा सका यद्यपि उसके द्वारा अन्य दो प्रकार के संस्थानों को मान्यता दी गई जो एंग्लो सेक्सन विधि द्वारा मान्य नहीं है।
भारत के व्यापारिक संस्थानों के, जिनमें सहकारी समितियों को छोड़कर बैंकिग, बीमा और वित्तीय संस्थान सम्मिलित हैं, संयोजन (इन्कारपॉरेशन), नियामन (रेगुलेशन) और समापन (वाइंडिंग अप) की शक्तियाँ संसद् में निहित हैं। इसी प्रकार अन्य संस्थानों की स्थापना भी जिनका कार्यक्षेत्र एक से अधिक राज्यों में फैला हो, संसद द्वारा ही होती है। उपर्युक्त संस्थानों के अतिरिक्त अन्य संस्थान राज्यों द्वारा भी स्थापित किए जा सकते हैं। राष्ट्रपति और राज्यपाल के अध्यादेशों द्वारा भी संस्थान स्थापित किए जा सकते हैं।
विधिक व्यक्तित्व की प्रकृति को स्पष्ट करने के लिए कई दार्शनिक सिद्धांत प्रस्तावित किए गए हैं। सेविनी और सामंड ने कल्पना (फिक्शन) सिद्धांत प्रतिपादित किया। उनका कहना था कि मानव के अतिरिक्त अन्य वस्तुओं में व्यक्तित्व की उपस्थिति कल्पना मात्र है। समूह में अस्तित्व की वास्तविकता होती है किंतु दार्शनिक दृष्टि से उसमें वास्तविक व्यक्तित्व नहीं होता। इस प्रकार केवल कल्पना स्वरूप ही राज्य, संस्थान, संस्थाएँ, प्रतिमाएँ इत्यादि अधिकारभोक्ता बने।
रियायत (कंसेशन) सिद्धांत कल्पना सिद्धांत का ही एक भिन्न रूप है और कल्पना सिद्धांत के कई प्रतिपादर्को ने भी इसका समर्थन किया है। इसकी यह मान्यता है कि विधिक व्यक्तित्व का उदय विधि के माध्यम से ही होता है। इसलिए संस्थान को विधिक व्यक्तित्व राज्य की विधि द्वारा ही प्राप्त होता है, स्वतंत्र रूप से नहीं।
कोष्ठक (ब्रैकेट) सिद्धांत के अनुसार संस्थान के सदस्य अधिकार और कर्तव्य के भोक्ता है, किंतु सुविधा के लिए संस्थान के संदर्भ में ये अधिकार कर्तव्य समझे जाते हैं। इस प्रकार सभी सदस्यों के अधिकार कर्तव्यों के संस्थान "कोष्ठक" में रख दिया जाता है। किंतु वस्तुस्थिति के ठीक बोध के लिए यह आवश्यक है कि इस कोष्ठक को हटाया जाए। हिस्सेदारों और कंपनी के सारूप्य को अस्वीकार कर यह सिद्धांत न्यायालयों को समूह का पर्दा हटाकर वास्तविक हितों को देखने की शक्ति प्रदान करता है। स्वेक फॅ मॉर्गन के सिद्धांत के अनुसार भी केवल मानव ही व्यक्तित्व रखते हैं। इस सिद्धांत का समर्थन बेकर और ब्रिज ने भी किया। यह सिद्धांत एक प्रकार से रियासत और कल्पना सिद्धांतों की स्थिति को ही प्रतिपादित करता है। इस सिद्धांत की यह मान्यता है कि व्यक्तित्व किसी समूह के सदस्यों को नहीं दिया जाता वरन् यह किसी उद्देश्य और कार्य को प्राप्त होता है।
यथार्थवादी अथवा आंगिक (आंर्गैनिक) सिद्धांत अन्य सब सिद्धांतों से विचारोत्तेजक है। इसे गियर्के ने प्रवर्तित किया। मेरलेंड इसका समर्थक था। यह सिद्धांत इस बात पर जोर देता है कि सामूहिक व्यक्तित्व भी उतना ही वास्तविक है जितना सामान्य प्राणियों का। सामूहिक व्यक्तित्व न तो कल्पना है और न ही यह राज्यप्रदत रियायत। यह इस बात को भी अस्वीकार करता है कि संस्थान के सदस्य अधिकारकर्तव्यों के वाहक हैं। संस्थान स्वयं में वास्तविक व्यक्ति है। इसकी उत्पत्ति वैयक्तिक अनुबंधों के आधिक्य से नहीं होती वरन् वह विधिक व्यक्तित्व की रचना के निमित्त किए गए सामूहिक एकवाही प्रयास से होती है। यह सामूहिक प्रयास वैयक्तिक इच्छाशक्तियों को संघात स्वरूप प्रदान करता है जिससे सामूहिक व्यक्ति का उदय होता है। इसमें कार्य करने की योग्यता एवं निजी इच्छाशक्ति होती है। इस सारी प्रक्रिया का विश्लेषण करते समय, लगता है गियर्कें रूसो की वैयक्तिक इच्छाशक्ति और सामान्य इच्छाशक्ति के संबंधों से प्रभावित हुआ है। गियर्कें शरीर से समूह की उपमा देते हुए यह स्वीकार करता है कि समूह भी वास्तविक मस्तिष्क, वास्तविक इच्छाशक्ति और राज्य की वास्तविक शक्ति रखता है।
नियो कांटियम केल्सन ने विशुद्ध विधि विज्ञान के सिद्धांतों के आधार पर सामूहिक व्यक्तित्व का सिद्धांत प्रतिपादित किया। केल्सन स्वाभाविक और विधिक व्यक्तित्वों में कोई अंतर नहीं मानता। उसके अनुसार विधिक दृष्टि से व्यक्तित्व समन्वयकों का मानवीकरण है। यह कतिपय अधिकार कर्तव्य संकुलों को एकता प्रदान करनेवाला केंद्र बिंदु है।
इन सिद्धांतों से यह स्पष्ट है कि ये विधिक व्यक्तित्व की केवल दार्शनिक व्याख्या अथवा सामूहिक व्यक्तित्व का राजनीतिक विवेचन मात्र हैं। यही कारण है कि ये सिद्धांत एक व्यक्ति कंपनी संस्थान के शत्रुचरित्र, प्रमुख और सहायक कंपनियों के मध्य के आदान प्रदान की सम्यक् व्याख्या करने में असमर्थ हैं।
राजनीतिक दृष्टि से कल्पना सिद्धांत अबोध और व्यक्तिवादी है। यह व्यक्ति को ही वास्तविक व्यक्तित्व मानता है। प्रोफेसर वॉल्फ की यह मान्यता है कि यह सिद्धांत स्वतंत्र समिति के सिद्धांत के विपरीत है। रियासत सिद्धांत राज्य को समितियों को व्यक्तित्व प्रदान करने या छीन लेने की पूर्ण शक्ति देता हैं। यदि इस सिद्धात का यह अर्थ लिया गया कि समस्त सामूहिक जीवन राज्यप्रदत्त रियासत का परिणाम है तो वह वस्तुस्थिति से भिन्न बात होगी। समूह सदैव रहते आए हैं। भारत में संयुक्त परिवार, रोम की परिवार पद्धति, धार्मिक और आर्थिक संगठन इत्यादि इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं। यथार्थवादी सिद्धांत समूह के अस्तित्व की यथार्थता पर जोर देकर समूह की स्वतंत्रता और उसके अधिकारों के नीतियुक्त स्वीकरण की मांग करता है। संस्थानों को वास्तविक व्यक्ति मानना विधि के लिए उपयुक्त है किंतु यह कहना गलत होगा कि किसी समूह के बनते ही उसे व्यक्तित्व मिल जाता है, क्योंकि विधि किसी भी समूह की विकासशील स्थितियों को नहीं आँक सकता। उसका इस बात पर जोर देना उचित है कि समूह अपना व्यक्तित्व प्राप्त करने के कतिपय औपचारिकताओं को पूरा करे। गियर्कें के विचार हीगल से बहुत मिलते हैं। वह यह कहता है कि राज्य सर्वोच्च संस्थान है जिसकी वास्तविक इच्छाशक्ति और मस्तिष्क है और इसलिये उसे अन्य समूहों और संस्थानों पर निंयत्रण रखना चाहिए। यथार्थवादी सिद्धांत उन समितियों के विधिक व्यक्तित्व को भी स्वीकार करता है जिन्हें विधिक मान्यता भी न मिली हो, यथा रोमन डच विधि जिसने कंपनीज ऐक्ट के लागू होने के पूर्व ही बिल्डिंग सोसायटी को मान्यता दे दी। लेकिन यह कहना कि विधिक व्यक्तित्व वास्तविक है, समाजशास्त्रीय तथ्य नहीं है। फ्रीडमेन ने उचित ही कहा है कि मानव व्यक्तित्व व्यक्तिवादिता और आत्मचेतना की अनुभूति होती है और उसमें एक अनुभव होता है किंतु सामूहिक चेतना और समूह के अनुभव केंद्र की शोध के सभी प्रयास असफल हुए हैं।
प्रोफेसर पेटन का कहना है कि बुद्धिमत्ता से प्रयुक्त न करने पर कोई भी एक सिद्धांत गलत परिणामों की ओर ले जा सकता है। इसलिये इन सिद्धांतों को प्रयुक्त करते समय यह ध्यान में रखा जाए कि ये उसी उद्देश्य के लिए प्रयुक्त हों जिसके लिए इन्हें प्रतिपादित किया गया। दूसरे अर्थों में किसी राजनीतिक दर्शन को समर्थित करने के लिए इन्हें प्रयुक्त न किया जाए।
व्यवहार में न्यायालयों ने किसी भी सिद्धांत का अनुकरण नहीं किया यद्यपि प्रारंभ में संस्थान कदाचित् कल्पना सिद्धांत के कारण अपराध से बचते रहे। अब उस क्षेत्र के लिए भी वे उत्तरदायी है। कर्मचारियों के अपराधों (टोर्ट) के लिए भी इन्हें उत्तरदायी ठहराया जाता है। इस विचार का कि संस्थान उन्हीं व्यक्तियों के कार्यों के लिए उत्तरदायी हैं जो उनके लिए कार्य करते हैं और सोचते हैं, अभी निश्चित निर्णय नहीं हो पाया है। यह अनिश्चित स्थिति कंपनी को उसके हिस्सेदारों के समरूप समझाने की न्यायालयों की नीति की है। भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने हिस्सेदारों को कंपनी के समरूप समझने की बात को एक मामले में अस्वीकार कर दिया जब कि एक हिस्सेदार ने कंपनी के मूलभूत अधिकारों की अवहेलना की शिकायत की।
बाहरी कड़ियाँ
विधि |
छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों से बारिश थमने से इंद्रावती, खारुन शिवनाथ, अरपा, महानदी और नर्मदा नदी के किनारे बसे लोगों ने राहत की सांस ली है. ज्यादातर इलाकों में बाढ़ का पानी उतरने लगा है. बाढ़ से प्रभावित लोग भी अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं. प्रशासन ने राहत और बचाव के काम के दौरान नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया है. ताकि प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जा सके. बाढ़ के पानी ने सबसे ज्यादा किसानों को प्रभावित किया है. कई इलाकों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. तो कई खेत खलियान जल भराव के चलते बर्बाद हो गए हैं. हालांकि अभी कहीं से भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है.
छत्तीसगढ़ के जिलो में बारिश का खतरा मंडरा रहा है
छत्तीसगढ़
के ढेड़ दर्जन जिलों में लगातार हुई बारिश से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि बीते दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली है. तीन साल बाद राज्य की तमाम प्रमुख नदियां पानी से लबालब है. कई तो खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बिलासपुर जिले में नर्मदा नदी के
अमरकंटक
से लेकर रायपुर में खारुन और शिवनाथ, बस्तर में इंद्रावती और महासमुंद में महानदी पुरे उफान पर है. राज्य में अच्छी बारिश हो रही है. हालांकि कुछ एक इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. बिलासपुर में तेज बारिश की वजह से जगह-जगह पानी भर गया है. शहर के सिरगिट्टी समेत कई इलाकों में लोगों को जल भराव का सामना करना पड़ा. कई स्कुलों में पानी भर जाने से वहां छुट्टी घोषित कर दी गई है. सरकार हालात पर नजर रखे हुए है. मुख्यमंत्री रमन सिंह के मुताबिक पुलिस और
प्रशासन
को अलर्ट किया गया है. उनकी कोशिश है कि बाढ़ से कहीं भी लोगों को जन धन का नुकासन उठाना पड़ा है.
फसलों को काफी नुकसान हुआ है
सबसे ज्यादा नुकसान इंद्रावती और नर्मदा नदी के किनारे बसे इलाकों के लोगों को उठाना पड़ा है. उनके खेत खलियानो में बाढ़ का पानी घुस आने से फसले तबाह हो गई हैं. खेती करने वाले कई इलाकों में पानी भरा हुआ है. लिहाजा खेती किसानी को लेकर जबरदस्त नुकसान का अंदेशा है. राज्य में सुकमा, दंतेवाड़ा, कांकेर में जबरदस्त बारिश है. मानसून ने ऐसा असर दिखाया की एक दो दिन में ही कई इलाको में चालीस से पचास सेंटीमीटर तक बारिश हुई है. नतीजतन नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. अमरकंटक में तो नर्मदा नदी ने तो जैसे रौद्र रूप ही धारण कर लिया है.
किसानों ने ले रखा है कर्ज
नर्मदा नदी का 60 फीसदी हिस्सा
मध्यप्रदेश
के डिंडोरी और मंडला जिले में आता है. जबकि शेष 40 फीसदी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले का हिस्सा है. फसलों के नुकसान का आकलन अभी नहीं हुआ है. लेकिन नर्मदा का जल अब भी खेत खलियानों में भरा है. ये वो खेत है, जहां बुआई हुए अभी महीना भर भी नहीं बीता है. लगातार दो बार सूखे का सामना करने के बाद यहां के ज्यादातर किसानों ने कर्ज लेकर बुआई की थी. |
राख गिरने से परिवहन, सीवेज निपटान और जल उपचार प्रणालियों में कुछ अस्थायी बड़ी समस्याएं पैदा हुईं। राख गिरने के दौरान दृश्यता बहुत कम हो गई, जिससे कई राजमार्ग और सड़कें बंद हो गईं। सिएटल से स्पोकेन तक अंतरराज्यीय 90 डेढ़ सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया था। हवाई यात्रा कुछ दिनों से लेकर दो सप्ताह तक बाधित रही, क्योंकि राख जमा होने और खराब दृश्यता के कारण पूर्वी वाशिंगटन के कई हवाई अड्डे बंद हो गए। हवाईअड्डे बंद होने के कारण एक हजार से अधिक वाणिज्यिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। महीन दाने वाली, किरकिरी राख ने आंतरिक-दहन इंजनों और अन्य यांत्रिक और विद्युत उपकरणों के लिए काफी समस्याएँ पैदा कीं। राख ने तेल प्रणालियों को दूषित कर दिया और एयर फिल्टर को बंद कर दिया, और चलती सतहों पर खरोंचें डाल दीं। महीन राख के कारण बिजली के ट्रांसफार्मरों में शॉर्ट सर्किट हो गया, जिसके कारण बिजली गुल हो गई। |
तीर्थ धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व वाले स्थानों को कहते हैं जहाँ जाने के लिए लोग लम्बी और अकसर कष्टदायक यात्राएँ करते हैं। इन यात्राओं को तीर्थयात्रा (pilgrimage) कहते हैं। हिन्दू धर्म के तीर्थ प्रायः देवताओं के निवास-स्थान महत्त्वपूर्ण तीर्थ हैं और इसके अतिरिक्त कई तीर्थ महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्तियों के जीवन से भी सम्बन्धित हो सकते हैं। उदाहरण स्वरूप, मास्को में लेनिन की समाधि साम्यवादियों के लिए एक तीर्थ है।
हिन्दू धर्म के महत्त्वपूर्ण तीर्थ
भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने हेतु आदि शंकराचार्य नें भारत के चार दिशाओं में चार धामों की स्थापना की। उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूरब में जगन्नाथपुरी एवं पश्चिम में द्वारका - हिन्दुओं के चार धाम हैं। पूर्व में हिन्दू इन धामों की यात्रा करना अपना पवित्र कर्तव्य मानते थे। कालान्तर में हिन्दुओं के नये तीर्थ आते गये हैं।
बद्रीनाथ
द्वारका
रामेश्वरम
जगन्नाथ पुरी
केदारनाथ
गंगोत्री
यमुनोत्री
सोरों शूकरक्षेत्र
वाराणसी
शाकम्भरी देवी सहारनपुर
प्रयाग
ऋषिकेष
हरिद्वार
वैष्णो देवी
बाबा धाम
तिरुपति
वृंदावन
शिरडी
गंगासागर
पशुपतिनाथ
जैन तीर्थ
शिखरजी
गिरनार
कुण्डलपुर
पालीताना
बौद्ध धर्म के तीर्थ
बौद्ध धर्म में चार तीर्थ सबसे महत्त्वपूर्ण हैं:
कपिलवस्तु जहाँ गौतम बुद्ध का जन्म हुआ
बोधगया जहाँ उन्हें ज्ञान-प्राप्ति हुई
सारनाथ जहाँ उन्होंने सबसे पहला उपदेश दिया
कुशीनगर जहाँ उनका परिनिर्वाण हुआ
इन्हें भी देखें
तीर्थयात्रा
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यात्रा सलाह
धर्म |
हाल ही में जियोफोन में WhatsApp का सपोर्ट दिया गया था. अब YouTube का सपोर्ट भी जियोफोन में दे दिया गया है. यूजर्स इसे जियोस्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. इसे 15 अगस्त को जारी किया जाना था. इससे आप चलते फिरते यूट्यूब वीडियोज देख सकते हैं साथ ही फेसबुक, ट्विटर और गूगल प्लस के जरिए अपने कॉन्टैक्ट्स को शेयर भी कर सकते हैं.
जुलाई में 41 वें एनुअल जनरल मीटिंग के दैारान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने यूट्यूब और वॉट्सऐप के जियोफोन में आने की घोषणा की थी. जियोफोन में YouTube ऐप डाउनलोड करने के लिए मेन मेन्यू से जियोस्टोर में जाना होगा. फिर यहां से लिस्ट से यूट्यूब ऐप को खोजना होगा. इसके बाद इंस्टॉलेशन शुरू करने के लिए इंस्टॉल ऑप्शन को सेलेक्ट करना होगा.
यूट्यूब ऐप को ऐक्सेस करने के लिए जियोफोन का लेटेस्ट
सॉफ्टवेयर
पर चलना जरूरी है. यूजर्स अपने जियोफोन में Settings > Device > Software update में जाकर लेटेस्ट सॉफ्टवेयर के अपडेट को देख सकते हैं.
एंड्रॉयड और ios की तरह ही जियोफोन के लिए डिजाइन किए गए यूट्यूब में होम और
ट्रेडिंग
टैब्स दिए गए हैं. पर्सनलाइज्ड रिजल्ट पाने के लिए होम टैब में जाकर गूगल अकाउंट में साइन इन भी किया जा सकता है. एंड्रॉयड और ios डिवाइसेज की तुलना में जियोफोन के स्क्रीन की साइज काफी छोटी है. हालांकि
वीडियो
प्लेयर में फुल-स्क्रीन ऑप्शन दिया गया है, जिससे स्क्रीन को पोर्टेट से लैंडस्केप में चेंज किया जा सकता है.
यहां यूट्यूब ऐप का इंटरफेस एंड्रॉयड और ios डिवाइसेज की तरह ही है लेकिन डार्क मोड या इनकॉगनिटो मोड जैसे एडवांस फीचर्स मौजूद नहीं है. साथ ही इस ऐप में वीडियोज को ऑफलाइन देखने के लिए डाउनलोड वीडियोज का ऑप्शन भी नहीं दिया गया है. |
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर इसी साल फरवरी में आतंकियों ने हमला किया था. इसमें कई जवान शहीद हो गए थे. अब अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, आमिर खान, टाइगर श्रॉफ, कार्तिक आर्यन और रणबीर कपूर सेना के शहीद जवानों को ट्रिब्यूट देने के लिए एक साथ आए हैं. फिल्मी सितारों ने 15 अगस्त से पूर्व पुलवामा शहीदों को खास अंदाज में श्रद्धांजलि दी हैं.
इन सितारों ने पुलवामा शहीदों को एक देशभक्ति गाना 'तू देश मेरा' समर्पित किया है. स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले सीआरपीएफ ने ट्विटर पर गाने का पोस्टर साझा किया है. सीआरपीएफ ने ट्वीट में लिखा, "पुलवामा के शहीदों के लिए श्रद्धांजलि गाने 'तू देश मेरा' का आधिकारिक पोस्टर. सीआरपीएफ के पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक साथ आया बॉलीवुड." इस ट्वीट में पोस्टर में नजर आने वाले सितारों को भी टैग किया गया है.
Official Poster of the Tribute Song for
#CRPF
Martyrs of Pulwama
#TuDeshMera
by
@HAPPYPRODINDIA
Bollywood comes together to pay homage to the Pulwama Martyrs of
#CRPF
Thanks
@SrBachchan
@iamsrk
@aamir_khan
@TheAaryanKartik
@iTIGERSHROFF
#Ranbirkapoor
#AishwaryaRai
pic.twitter.com/OPLrNfz8Ia
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia)
August 14, 2019
पोस्टर में अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, टाइगर कार्तिक और रणबीर कपूर जवानों को सैल्यूट करते नजर आ रहे हैं. इस स्पेशल ट्रैक के लिए जावेद अली जुबीन नौटियाल शादाब साबरी और कबीर सिंह ने अपनी आवाजें दी हैं. पोस्टर वायरल हो रहा है. लोग सीआरपीएफ शहीदों के लिए बॉलीवुड सितारों की इस कोशिश की सराहना कर रहे हैं.
बता दें कि इस ट्रिब्यूट सॉन्ग की चर्चा पिछले कुछ समय से चल रही थी और पहले भी इस वीडियो सॉन्ग के कुछ दृश्य साझा किए गए थे. बॉलीवुड ने पिछले कुछ समय से देश के सम्मान और वीरों की गाथा पर फिल्में बनाने की किवायद शुरू की है. साल की शुरुआत में ही सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक के नाम से एक फिल्म बनाई गई जिसमें विक्की कौशल को लीड रोल में रखा गया. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: हमें चाहिए आज़ादी, 2016 में जेएनयू से निकले इस नारे को चार चैनल के लोग एंटी नेशनल फ्रेमवर्क में फिट करते रहे मगर यह नारा धारा अपनी रफ्तार से भ्रष्टाचार से लेकर तमाम तरह की अव्यवस्था से आज़ादी का स्लोगन बनता चला गया. जेएनयू सिर्फ जेएनयू में नहीं होता है. जेएनयू होने का मतलब यही था या है कि जो गलत हो रहा है उसके खिलाफ बोलेंगे. कैंपस के भीतर भी और यमन में हो रही बमबारी के खिलाफ भी. आज न सही, कभी न कभी जेएनयू होना पड़ता है और अपने कैंपस में मशाल मार्च निकालना पड़ता है. जैसे हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के 1000 के छात्र इन दिनों कर रहे हैं. 27 अगस्त से वे एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं. उन सीनियरों के बदले भी जो सहते रहे और चुपचाप यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर चले गए. उनके बदले भी ये छात्र लड़ रहे हैं, ताकि उन्हें और आने वाली पीढ़ियों को अब और न झेलना पड़े. इसलिए ये छात्र नारे लगा रहे हैं, हमें चाहिए आज़ादी. मीडिया की दुनिया से दूर ये छात्र अपने हाथों में मोबाइल को मशाल की तरह जलाते हुए रात को मार्च करते हैं और दिन में पोस्टर उठाकर नारे लगाते हैं.
पहले ही बता दें कि एनएलयू रायपुर में एडमिशन इतना आसान नहीं है. क्लैट की अखिल भारतीय प्रतियोगिता में चुने जाने के बाद इन छात्रों को यहां एडमिशन मिला है. इनका कहना है कि हम वकील बनकर दूसरे के अधिकारों के लिए ख़ाक लड़ेंगे जब अपने ही अधिकारों के लिए बोल न सके. मोबाइल को मशाल की तरह उठाए जा रहे ये नौजवान उस व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के नहीं हैं जहां फर्जी मैसेज को ही लोग दिन भर की पढ़ाई मान लेते हैं, बल्कि ये असली यूनिवर्सिटी वाले हैं जिनकी मांग है कि लाइब्रेरी रात के साढ़े दस बजे बंद करने का क्या तुक है. लाइब्रेरी तो 24 घंटे खुली रहनी चाहिए. क्या आप एक दर्शक के रूप में समझ रहे हैं कि इनकी क्लास दोपहर तीन बजे ख़त्म होती है. उसके बाद खा पीकर थोड़ा आराम कर 5 बजे भी लाइब्रेरी पहुंचेंगे तो पढ़ने के लिए कितना कम समय मिलेगा. यहां की लाइब्रेरी अच्छी है तो छात्रों को पूरा इस्तेमाल करने का मौका मिलना ही चाहिए. इनका कहना है कि बाकी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की लाइब्रेरी 10 बजे रात से लेकर 3 बजे सुबह तक खुली रहती हैं, इसलिए हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की लाइब्रेरी भी रात भर खुली रहे.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ नलसर की लाइब्रेरी तो 4 बजे तक खुली रहती है तो फिर रायपुर की लाइब्रेरी किस हिसाब से 10.30 बजे बंद हो जाती है. लाइब्रेरी रात भर खुली होनी चाहिए, दिन रात जो आपको विदेश की तरह भारत बना देने का सपना बेचते हैं उन विदेशों की यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहती है. पर इन छात्रों की लड़ाई सिर्फ लाइब्रेरी के समय को लेकर नहीं है. कुछ मसले ऐसे हैं, जिन्हें फोन पर सुनकर यकीन नहीं हुआ कि लॉ कालेज की लड़कियों के साथ शिक्षक ऐसा करने की हिम्मत कर सकते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को तुरंत इसे नोटिस में लेना चाहिए. क्योंकि एनएलयू रायपुर जिनके नाम पर है जस्टिस हिदायतुल्लाह भी भारत के 11वें मुख्य न्यायाधीश थे. इसलिए ज़रूरी है कि छात्राओं की शिकायत पर गंभीरता से जांच हो और इस पर निर्णायक फैसला हो. सुनिए हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राएं क्या कह रही हैं. एक लॉ यूनिवर्सिटी में कोई छात्रा यह कहे कि उसे भरी क्लास में यह कहा गया कि तुम बहुत सुंदर दिखती हो, आगे आकर बैठो ताकि पढ़ाने वाले का मन लगे और पढ़ने वालों का भी. एक लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से यह कहा जाए कि कॉलेज के कार्यक्रम में तुमने डांस अच्छा किया है, अब कमरे में डांस करके दिखाओ. यह इतना सीरियस मामला है कि इसकी जांच होनी ही चाहिए. हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं के बीच 180 पन्ने की कॉपी घुमाई गई. उनसे कहा गया कि वे अपना अनुभव इस कॉपी में दर्ज कराएं तो 177 पन्ना देखते-देखते भर गया. हर पन्ने पर सेक्सुअल हैरासमेंट की कोई न कोई घटना दर्ज है. यही नहीं गूगल पर एक फॉर्म तैयार किया गया और पूर्व छात्रों से भी पूछा गया तो वहां भी 78 पेज शिकायतें हो गईं, जिनमें सेक्सुअल हैरासमेंट और कमेंटबाज़ी की घटनाओं का ज़िक्र है. इन छात्राओं में से कल कोई वकील बनेगी, जज बनेगी, क्या पता चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनेगी, ऐसी छात्राओं के कॉलेज जीवन का ये अनुभव होगा. इस पर शर्म आने से ज़्यादा कार्रवाई होनी चाहिए.
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का कहना है कि उनके पास यौन उत्पीड़न की कोई औपचारिक शिकायत अभी तक नहीं आई है. शुरू के दिनों में डर के कारण इन शिकायतों को औपचारिक रूप नहीं दिया गया, यानी लिखित शिकायतें कम जमा हुईं मगर आंदोलन कर रहे इन छात्र छात्राओं का कहना है कि काफी शिकायतें की गईं हैं मगर कार्रवाई नहीं हुई है. इसीलिए इस कैंपस में हमें चाहिए आज़ादी का नारा लग रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को 180 पेज की कापी मंगवा लेनी चाहिए और लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों की शिकायतों पर गंभीर एक्शन लेना चाहिए. इस कैंपस में पिंजड़ा तोड़ आंदोलन भी चला है. मतलब छात्राएं देर रात तक लाइब्रेरी में पढ़ने और साढ़े दस बजे के बाद हास्टल से बाहर जाने की आज़ादी मांग रही हैं. कुछ छात्रों ने बताया कि एक मिनट भी देर हो जाती है, साढ़े दस की जगह 10 बज कर 31 मिनट हो जाता है तो सीधा फोन घर चला जाता है. वहां फिर तरह तरह की बातें बताई जाने लगती हैं. कपड़ों का ब्यौरा भी दिया जाने लगता है कि कालेज में क्या पहनती है क्या नहीं. यहां तक कि एक छात्रा के घर फोन गया कि वह शराब पीती है, ड्रग्स लेती है, सिगरेट पीती है. जिसका कोई तुक नहीं था. एक छात्रा ने गैर हाज़िरी में रूप चेक करने का भी आरोप लगाया है.
हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के छात्रों ने जोखिम लिया है. सेक्सुअल हैरासमेंट से लेकर साढ़े दस बजे तक लाइब्रेरी बंद हो जाने से लेकर तमाम तरह की गड़बड़ियों पर चुप रह जाने की परंपरा को तोड़ दिया है. उन्हें पता है कि अगर जीत नहीं मिली, लोगों का साथ नहीं मिला तो फिर से उन्हीं के सामने खड़े होंगे जिनसे सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायतें हैं. मामला यही नहीं है. इस लॉ यूनिवर्सिटी में 65 साल से ज़्यादा उम्र तक वाइस चांसलर नहीं रह सकता. वाइस चांसलर ने कार्यसमिति में उम्र सीमा बढ़ाकर 70 साल कर ली. उसी यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक ने जब हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वाइस चांसलर केस हार गए. उनकी नियुक्ति रद्द हो गई क्योंकि वे 65 साल से ज़्यादा के हो चुके हैं. इसी के बाद से छात्र आंदोलन पर उतर आए क्योंकि वाइस चांसलर अपनी कुरसी बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें फैसला चाहिए. वे आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे. रवि शंकर शर्मा को अंतरिम तौर पर कुलपति नियुक्त किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और समस्याएं भी सुनीं. गुज़ारिश की कि छात्र जल्दी क्लास रूम में लौट आए. अंतरिम कुलपति ने छात्राओं को आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मगर छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा रही हैं इसलिए वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. इनकी मांग यह भी है हास्टल का वार्डन टीचर न हो वर्ना हास्टल का गुस्सा वे क्लास रूम में निकालते हैं. क्लास में देख लेने की धमकी देते हैं.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
पहले ही बता दें कि एनएलयू रायपुर में एडमिशन इतना आसान नहीं है. क्लैट की अखिल भारतीय प्रतियोगिता में चुने जाने के बाद इन छात्रों को यहां एडमिशन मिला है. इनका कहना है कि हम वकील बनकर दूसरे के अधिकारों के लिए ख़ाक लड़ेंगे जब अपने ही अधिकारों के लिए बोल न सके. मोबाइल को मशाल की तरह उठाए जा रहे ये नौजवान उस व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के नहीं हैं जहां फर्जी मैसेज को ही लोग दिन भर की पढ़ाई मान लेते हैं, बल्कि ये असली यूनिवर्सिटी वाले हैं जिनकी मांग है कि लाइब्रेरी रात के साढ़े दस बजे बंद करने का क्या तुक है. लाइब्रेरी तो 24 घंटे खुली रहनी चाहिए. क्या आप एक दर्शक के रूप में समझ रहे हैं कि इनकी क्लास दोपहर तीन बजे ख़त्म होती है. उसके बाद खा पीकर थोड़ा आराम कर 5 बजे भी लाइब्रेरी पहुंचेंगे तो पढ़ने के लिए कितना कम समय मिलेगा. यहां की लाइब्रेरी अच्छी है तो छात्रों को पूरा इस्तेमाल करने का मौका मिलना ही चाहिए. इनका कहना है कि बाकी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की लाइब्रेरी 10 बजे रात से लेकर 3 बजे सुबह तक खुली रहती हैं, इसलिए हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की लाइब्रेरी भी रात भर खुली रहे.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ नलसर की लाइब्रेरी तो 4 बजे तक खुली रहती है तो फिर रायपुर की लाइब्रेरी किस हिसाब से 10.30 बजे बंद हो जाती है. लाइब्रेरी रात भर खुली होनी चाहिए, दिन रात जो आपको विदेश की तरह भारत बना देने का सपना बेचते हैं उन विदेशों की यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहती है. पर इन छात्रों की लड़ाई सिर्फ लाइब्रेरी के समय को लेकर नहीं है. कुछ मसले ऐसे हैं, जिन्हें फोन पर सुनकर यकीन नहीं हुआ कि लॉ कालेज की लड़कियों के साथ शिक्षक ऐसा करने की हिम्मत कर सकते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को तुरंत इसे नोटिस में लेना चाहिए. क्योंकि एनएलयू रायपुर जिनके नाम पर है जस्टिस हिदायतुल्लाह भी भारत के 11वें मुख्य न्यायाधीश थे. इसलिए ज़रूरी है कि छात्राओं की शिकायत पर गंभीरता से जांच हो और इस पर निर्णायक फैसला हो. सुनिए हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राएं क्या कह रही हैं. एक लॉ यूनिवर्सिटी में कोई छात्रा यह कहे कि उसे भरी क्लास में यह कहा गया कि तुम बहुत सुंदर दिखती हो, आगे आकर बैठो ताकि पढ़ाने वाले का मन लगे और पढ़ने वालों का भी. एक लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से यह कहा जाए कि कॉलेज के कार्यक्रम में तुमने डांस अच्छा किया है, अब कमरे में डांस करके दिखाओ. यह इतना सीरियस मामला है कि इसकी जांच होनी ही चाहिए. हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं के बीच 180 पन्ने की कॉपी घुमाई गई. उनसे कहा गया कि वे अपना अनुभव इस कॉपी में दर्ज कराएं तो 177 पन्ना देखते-देखते भर गया. हर पन्ने पर सेक्सुअल हैरासमेंट की कोई न कोई घटना दर्ज है. यही नहीं गूगल पर एक फॉर्म तैयार किया गया और पूर्व छात्रों से भी पूछा गया तो वहां भी 78 पेज शिकायतें हो गईं, जिनमें सेक्सुअल हैरासमेंट और कमेंटबाज़ी की घटनाओं का ज़िक्र है. इन छात्राओं में से कल कोई वकील बनेगी, जज बनेगी, क्या पता चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनेगी, ऐसी छात्राओं के कॉलेज जीवन का ये अनुभव होगा. इस पर शर्म आने से ज़्यादा कार्रवाई होनी चाहिए.
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का कहना है कि उनके पास यौन उत्पीड़न की कोई औपचारिक शिकायत अभी तक नहीं आई है. शुरू के दिनों में डर के कारण इन शिकायतों को औपचारिक रूप नहीं दिया गया, यानी लिखित शिकायतें कम जमा हुईं मगर आंदोलन कर रहे इन छात्र छात्राओं का कहना है कि काफी शिकायतें की गईं हैं मगर कार्रवाई नहीं हुई है. इसीलिए इस कैंपस में हमें चाहिए आज़ादी का नारा लग रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को 180 पेज की कापी मंगवा लेनी चाहिए और लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों की शिकायतों पर गंभीर एक्शन लेना चाहिए. इस कैंपस में पिंजड़ा तोड़ आंदोलन भी चला है. मतलब छात्राएं देर रात तक लाइब्रेरी में पढ़ने और साढ़े दस बजे के बाद हास्टल से बाहर जाने की आज़ादी मांग रही हैं. कुछ छात्रों ने बताया कि एक मिनट भी देर हो जाती है, साढ़े दस की जगह 10 बज कर 31 मिनट हो जाता है तो सीधा फोन घर चला जाता है. वहां फिर तरह तरह की बातें बताई जाने लगती हैं. कपड़ों का ब्यौरा भी दिया जाने लगता है कि कालेज में क्या पहनती है क्या नहीं. यहां तक कि एक छात्रा के घर फोन गया कि वह शराब पीती है, ड्रग्स लेती है, सिगरेट पीती है. जिसका कोई तुक नहीं था. एक छात्रा ने गैर हाज़िरी में रूप चेक करने का भी आरोप लगाया है.
हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के छात्रों ने जोखिम लिया है. सेक्सुअल हैरासमेंट से लेकर साढ़े दस बजे तक लाइब्रेरी बंद हो जाने से लेकर तमाम तरह की गड़बड़ियों पर चुप रह जाने की परंपरा को तोड़ दिया है. उन्हें पता है कि अगर जीत नहीं मिली, लोगों का साथ नहीं मिला तो फिर से उन्हीं के सामने खड़े होंगे जिनसे सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायतें हैं. मामला यही नहीं है. इस लॉ यूनिवर्सिटी में 65 साल से ज़्यादा उम्र तक वाइस चांसलर नहीं रह सकता. वाइस चांसलर ने कार्यसमिति में उम्र सीमा बढ़ाकर 70 साल कर ली. उसी यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक ने जब हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वाइस चांसलर केस हार गए. उनकी नियुक्ति रद्द हो गई क्योंकि वे 65 साल से ज़्यादा के हो चुके हैं. इसी के बाद से छात्र आंदोलन पर उतर आए क्योंकि वाइस चांसलर अपनी कुरसी बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें फैसला चाहिए. वे आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे. रवि शंकर शर्मा को अंतरिम तौर पर कुलपति नियुक्त किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और समस्याएं भी सुनीं. गुज़ारिश की कि छात्र जल्दी क्लास रूम में लौट आए. अंतरिम कुलपति ने छात्राओं को आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मगर छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा रही हैं इसलिए वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. इनकी मांग यह भी है हास्टल का वार्डन टीचर न हो वर्ना हास्टल का गुस्सा वे क्लास रूम में निकालते हैं. क्लास में देख लेने की धमकी देते हैं.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ नलसर की लाइब्रेरी तो 4 बजे तक खुली रहती है तो फिर रायपुर की लाइब्रेरी किस हिसाब से 10.30 बजे बंद हो जाती है. लाइब्रेरी रात भर खुली होनी चाहिए, दिन रात जो आपको विदेश की तरह भारत बना देने का सपना बेचते हैं उन विदेशों की यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहती है. पर इन छात्रों की लड़ाई सिर्फ लाइब्रेरी के समय को लेकर नहीं है. कुछ मसले ऐसे हैं, जिन्हें फोन पर सुनकर यकीन नहीं हुआ कि लॉ कालेज की लड़कियों के साथ शिक्षक ऐसा करने की हिम्मत कर सकते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को तुरंत इसे नोटिस में लेना चाहिए. क्योंकि एनएलयू रायपुर जिनके नाम पर है जस्टिस हिदायतुल्लाह भी भारत के 11वें मुख्य न्यायाधीश थे. इसलिए ज़रूरी है कि छात्राओं की शिकायत पर गंभीरता से जांच हो और इस पर निर्णायक फैसला हो. सुनिए हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राएं क्या कह रही हैं. एक लॉ यूनिवर्सिटी में कोई छात्रा यह कहे कि उसे भरी क्लास में यह कहा गया कि तुम बहुत सुंदर दिखती हो, आगे आकर बैठो ताकि पढ़ाने वाले का मन लगे और पढ़ने वालों का भी. एक लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से यह कहा जाए कि कॉलेज के कार्यक्रम में तुमने डांस अच्छा किया है, अब कमरे में डांस करके दिखाओ. यह इतना सीरियस मामला है कि इसकी जांच होनी ही चाहिए. हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं के बीच 180 पन्ने की कॉपी घुमाई गई. उनसे कहा गया कि वे अपना अनुभव इस कॉपी में दर्ज कराएं तो 177 पन्ना देखते-देखते भर गया. हर पन्ने पर सेक्सुअल हैरासमेंट की कोई न कोई घटना दर्ज है. यही नहीं गूगल पर एक फॉर्म तैयार किया गया और पूर्व छात्रों से भी पूछा गया तो वहां भी 78 पेज शिकायतें हो गईं, जिनमें सेक्सुअल हैरासमेंट और कमेंटबाज़ी की घटनाओं का ज़िक्र है. इन छात्राओं में से कल कोई वकील बनेगी, जज बनेगी, क्या पता चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनेगी, ऐसी छात्राओं के कॉलेज जीवन का ये अनुभव होगा. इस पर शर्म आने से ज़्यादा कार्रवाई होनी चाहिए.
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का कहना है कि उनके पास यौन उत्पीड़न की कोई औपचारिक शिकायत अभी तक नहीं आई है. शुरू के दिनों में डर के कारण इन शिकायतों को औपचारिक रूप नहीं दिया गया, यानी लिखित शिकायतें कम जमा हुईं मगर आंदोलन कर रहे इन छात्र छात्राओं का कहना है कि काफी शिकायतें की गईं हैं मगर कार्रवाई नहीं हुई है. इसीलिए इस कैंपस में हमें चाहिए आज़ादी का नारा लग रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को 180 पेज की कापी मंगवा लेनी चाहिए और लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों की शिकायतों पर गंभीर एक्शन लेना चाहिए. इस कैंपस में पिंजड़ा तोड़ आंदोलन भी चला है. मतलब छात्राएं देर रात तक लाइब्रेरी में पढ़ने और साढ़े दस बजे के बाद हास्टल से बाहर जाने की आज़ादी मांग रही हैं. कुछ छात्रों ने बताया कि एक मिनट भी देर हो जाती है, साढ़े दस की जगह 10 बज कर 31 मिनट हो जाता है तो सीधा फोन घर चला जाता है. वहां फिर तरह तरह की बातें बताई जाने लगती हैं. कपड़ों का ब्यौरा भी दिया जाने लगता है कि कालेज में क्या पहनती है क्या नहीं. यहां तक कि एक छात्रा के घर फोन गया कि वह शराब पीती है, ड्रग्स लेती है, सिगरेट पीती है. जिसका कोई तुक नहीं था. एक छात्रा ने गैर हाज़िरी में रूप चेक करने का भी आरोप लगाया है.
हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के छात्रों ने जोखिम लिया है. सेक्सुअल हैरासमेंट से लेकर साढ़े दस बजे तक लाइब्रेरी बंद हो जाने से लेकर तमाम तरह की गड़बड़ियों पर चुप रह जाने की परंपरा को तोड़ दिया है. उन्हें पता है कि अगर जीत नहीं मिली, लोगों का साथ नहीं मिला तो फिर से उन्हीं के सामने खड़े होंगे जिनसे सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायतें हैं. मामला यही नहीं है. इस लॉ यूनिवर्सिटी में 65 साल से ज़्यादा उम्र तक वाइस चांसलर नहीं रह सकता. वाइस चांसलर ने कार्यसमिति में उम्र सीमा बढ़ाकर 70 साल कर ली. उसी यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक ने जब हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वाइस चांसलर केस हार गए. उनकी नियुक्ति रद्द हो गई क्योंकि वे 65 साल से ज़्यादा के हो चुके हैं. इसी के बाद से छात्र आंदोलन पर उतर आए क्योंकि वाइस चांसलर अपनी कुरसी बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें फैसला चाहिए. वे आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे. रवि शंकर शर्मा को अंतरिम तौर पर कुलपति नियुक्त किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और समस्याएं भी सुनीं. गुज़ारिश की कि छात्र जल्दी क्लास रूम में लौट आए. अंतरिम कुलपति ने छात्राओं को आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मगर छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा रही हैं इसलिए वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. इनकी मांग यह भी है हास्टल का वार्डन टीचर न हो वर्ना हास्टल का गुस्सा वे क्लास रूम में निकालते हैं. क्लास में देख लेने की धमकी देते हैं.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को तुरंत इसे नोटिस में लेना चाहिए. क्योंकि एनएलयू रायपुर जिनके नाम पर है जस्टिस हिदायतुल्लाह भी भारत के 11वें मुख्य न्यायाधीश थे. इसलिए ज़रूरी है कि छात्राओं की शिकायत पर गंभीरता से जांच हो और इस पर निर्णायक फैसला हो. सुनिए हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राएं क्या कह रही हैं. एक लॉ यूनिवर्सिटी में कोई छात्रा यह कहे कि उसे भरी क्लास में यह कहा गया कि तुम बहुत सुंदर दिखती हो, आगे आकर बैठो ताकि पढ़ाने वाले का मन लगे और पढ़ने वालों का भी. एक लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से यह कहा जाए कि कॉलेज के कार्यक्रम में तुमने डांस अच्छा किया है, अब कमरे में डांस करके दिखाओ. यह इतना सीरियस मामला है कि इसकी जांच होनी ही चाहिए. हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं के बीच 180 पन्ने की कॉपी घुमाई गई. उनसे कहा गया कि वे अपना अनुभव इस कॉपी में दर्ज कराएं तो 177 पन्ना देखते-देखते भर गया. हर पन्ने पर सेक्सुअल हैरासमेंट की कोई न कोई घटना दर्ज है. यही नहीं गूगल पर एक फॉर्म तैयार किया गया और पूर्व छात्रों से भी पूछा गया तो वहां भी 78 पेज शिकायतें हो गईं, जिनमें सेक्सुअल हैरासमेंट और कमेंटबाज़ी की घटनाओं का ज़िक्र है. इन छात्राओं में से कल कोई वकील बनेगी, जज बनेगी, क्या पता चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनेगी, ऐसी छात्राओं के कॉलेज जीवन का ये अनुभव होगा. इस पर शर्म आने से ज़्यादा कार्रवाई होनी चाहिए.
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का कहना है कि उनके पास यौन उत्पीड़न की कोई औपचारिक शिकायत अभी तक नहीं आई है. शुरू के दिनों में डर के कारण इन शिकायतों को औपचारिक रूप नहीं दिया गया, यानी लिखित शिकायतें कम जमा हुईं मगर आंदोलन कर रहे इन छात्र छात्राओं का कहना है कि काफी शिकायतें की गईं हैं मगर कार्रवाई नहीं हुई है. इसीलिए इस कैंपस में हमें चाहिए आज़ादी का नारा लग रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को 180 पेज की कापी मंगवा लेनी चाहिए और लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों की शिकायतों पर गंभीर एक्शन लेना चाहिए. इस कैंपस में पिंजड़ा तोड़ आंदोलन भी चला है. मतलब छात्राएं देर रात तक लाइब्रेरी में पढ़ने और साढ़े दस बजे के बाद हास्टल से बाहर जाने की आज़ादी मांग रही हैं. कुछ छात्रों ने बताया कि एक मिनट भी देर हो जाती है, साढ़े दस की जगह 10 बज कर 31 मिनट हो जाता है तो सीधा फोन घर चला जाता है. वहां फिर तरह तरह की बातें बताई जाने लगती हैं. कपड़ों का ब्यौरा भी दिया जाने लगता है कि कालेज में क्या पहनती है क्या नहीं. यहां तक कि एक छात्रा के घर फोन गया कि वह शराब पीती है, ड्रग्स लेती है, सिगरेट पीती है. जिसका कोई तुक नहीं था. एक छात्रा ने गैर हाज़िरी में रूप चेक करने का भी आरोप लगाया है.
हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के छात्रों ने जोखिम लिया है. सेक्सुअल हैरासमेंट से लेकर साढ़े दस बजे तक लाइब्रेरी बंद हो जाने से लेकर तमाम तरह की गड़बड़ियों पर चुप रह जाने की परंपरा को तोड़ दिया है. उन्हें पता है कि अगर जीत नहीं मिली, लोगों का साथ नहीं मिला तो फिर से उन्हीं के सामने खड़े होंगे जिनसे सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायतें हैं. मामला यही नहीं है. इस लॉ यूनिवर्सिटी में 65 साल से ज़्यादा उम्र तक वाइस चांसलर नहीं रह सकता. वाइस चांसलर ने कार्यसमिति में उम्र सीमा बढ़ाकर 70 साल कर ली. उसी यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक ने जब हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वाइस चांसलर केस हार गए. उनकी नियुक्ति रद्द हो गई क्योंकि वे 65 साल से ज़्यादा के हो चुके हैं. इसी के बाद से छात्र आंदोलन पर उतर आए क्योंकि वाइस चांसलर अपनी कुरसी बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें फैसला चाहिए. वे आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे. रवि शंकर शर्मा को अंतरिम तौर पर कुलपति नियुक्त किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और समस्याएं भी सुनीं. गुज़ारिश की कि छात्र जल्दी क्लास रूम में लौट आए. अंतरिम कुलपति ने छात्राओं को आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मगर छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा रही हैं इसलिए वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. इनकी मांग यह भी है हास्टल का वार्डन टीचर न हो वर्ना हास्टल का गुस्सा वे क्लास रूम में निकालते हैं. क्लास में देख लेने की धमकी देते हैं.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का कहना है कि उनके पास यौन उत्पीड़न की कोई औपचारिक शिकायत अभी तक नहीं आई है. शुरू के दिनों में डर के कारण इन शिकायतों को औपचारिक रूप नहीं दिया गया, यानी लिखित शिकायतें कम जमा हुईं मगर आंदोलन कर रहे इन छात्र छात्राओं का कहना है कि काफी शिकायतें की गईं हैं मगर कार्रवाई नहीं हुई है. इसीलिए इस कैंपस में हमें चाहिए आज़ादी का नारा लग रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को 180 पेज की कापी मंगवा लेनी चाहिए और लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों की शिकायतों पर गंभीर एक्शन लेना चाहिए. इस कैंपस में पिंजड़ा तोड़ आंदोलन भी चला है. मतलब छात्राएं देर रात तक लाइब्रेरी में पढ़ने और साढ़े दस बजे के बाद हास्टल से बाहर जाने की आज़ादी मांग रही हैं. कुछ छात्रों ने बताया कि एक मिनट भी देर हो जाती है, साढ़े दस की जगह 10 बज कर 31 मिनट हो जाता है तो सीधा फोन घर चला जाता है. वहां फिर तरह तरह की बातें बताई जाने लगती हैं. कपड़ों का ब्यौरा भी दिया जाने लगता है कि कालेज में क्या पहनती है क्या नहीं. यहां तक कि एक छात्रा के घर फोन गया कि वह शराब पीती है, ड्रग्स लेती है, सिगरेट पीती है. जिसका कोई तुक नहीं था. एक छात्रा ने गैर हाज़िरी में रूप चेक करने का भी आरोप लगाया है.
हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के छात्रों ने जोखिम लिया है. सेक्सुअल हैरासमेंट से लेकर साढ़े दस बजे तक लाइब्रेरी बंद हो जाने से लेकर तमाम तरह की गड़बड़ियों पर चुप रह जाने की परंपरा को तोड़ दिया है. उन्हें पता है कि अगर जीत नहीं मिली, लोगों का साथ नहीं मिला तो फिर से उन्हीं के सामने खड़े होंगे जिनसे सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायतें हैं. मामला यही नहीं है. इस लॉ यूनिवर्सिटी में 65 साल से ज़्यादा उम्र तक वाइस चांसलर नहीं रह सकता. वाइस चांसलर ने कार्यसमिति में उम्र सीमा बढ़ाकर 70 साल कर ली. उसी यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक ने जब हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वाइस चांसलर केस हार गए. उनकी नियुक्ति रद्द हो गई क्योंकि वे 65 साल से ज़्यादा के हो चुके हैं. इसी के बाद से छात्र आंदोलन पर उतर आए क्योंकि वाइस चांसलर अपनी कुरसी बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें फैसला चाहिए. वे आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे. रवि शंकर शर्मा को अंतरिम तौर पर कुलपति नियुक्त किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और समस्याएं भी सुनीं. गुज़ारिश की कि छात्र जल्दी क्लास रूम में लौट आए. अंतरिम कुलपति ने छात्राओं को आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मगर छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा रही हैं इसलिए वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. इनकी मांग यह भी है हास्टल का वार्डन टीचर न हो वर्ना हास्टल का गुस्सा वे क्लास रूम में निकालते हैं. क्लास में देख लेने की धमकी देते हैं.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को 180 पेज की कापी मंगवा लेनी चाहिए और लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों की शिकायतों पर गंभीर एक्शन लेना चाहिए. इस कैंपस में पिंजड़ा तोड़ आंदोलन भी चला है. मतलब छात्राएं देर रात तक लाइब्रेरी में पढ़ने और साढ़े दस बजे के बाद हास्टल से बाहर जाने की आज़ादी मांग रही हैं. कुछ छात्रों ने बताया कि एक मिनट भी देर हो जाती है, साढ़े दस की जगह 10 बज कर 31 मिनट हो जाता है तो सीधा फोन घर चला जाता है. वहां फिर तरह तरह की बातें बताई जाने लगती हैं. कपड़ों का ब्यौरा भी दिया जाने लगता है कि कालेज में क्या पहनती है क्या नहीं. यहां तक कि एक छात्रा के घर फोन गया कि वह शराब पीती है, ड्रग्स लेती है, सिगरेट पीती है. जिसका कोई तुक नहीं था. एक छात्रा ने गैर हाज़िरी में रूप चेक करने का भी आरोप लगाया है.
हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के छात्रों ने जोखिम लिया है. सेक्सुअल हैरासमेंट से लेकर साढ़े दस बजे तक लाइब्रेरी बंद हो जाने से लेकर तमाम तरह की गड़बड़ियों पर चुप रह जाने की परंपरा को तोड़ दिया है. उन्हें पता है कि अगर जीत नहीं मिली, लोगों का साथ नहीं मिला तो फिर से उन्हीं के सामने खड़े होंगे जिनसे सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायतें हैं. मामला यही नहीं है. इस लॉ यूनिवर्सिटी में 65 साल से ज़्यादा उम्र तक वाइस चांसलर नहीं रह सकता. वाइस चांसलर ने कार्यसमिति में उम्र सीमा बढ़ाकर 70 साल कर ली. उसी यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक ने जब हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वाइस चांसलर केस हार गए. उनकी नियुक्ति रद्द हो गई क्योंकि वे 65 साल से ज़्यादा के हो चुके हैं. इसी के बाद से छात्र आंदोलन पर उतर आए क्योंकि वाइस चांसलर अपनी कुरसी बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें फैसला चाहिए. वे आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे. रवि शंकर शर्मा को अंतरिम तौर पर कुलपति नियुक्त किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और समस्याएं भी सुनीं. गुज़ारिश की कि छात्र जल्दी क्लास रूम में लौट आए. अंतरिम कुलपति ने छात्राओं को आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मगर छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा रही हैं इसलिए वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. इनकी मांग यह भी है हास्टल का वार्डन टीचर न हो वर्ना हास्टल का गुस्सा वे क्लास रूम में निकालते हैं. क्लास में देख लेने की धमकी देते हैं.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के छात्रों ने जोखिम लिया है. सेक्सुअल हैरासमेंट से लेकर साढ़े दस बजे तक लाइब्रेरी बंद हो जाने से लेकर तमाम तरह की गड़बड़ियों पर चुप रह जाने की परंपरा को तोड़ दिया है. उन्हें पता है कि अगर जीत नहीं मिली, लोगों का साथ नहीं मिला तो फिर से उन्हीं के सामने खड़े होंगे जिनसे सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायतें हैं. मामला यही नहीं है. इस लॉ यूनिवर्सिटी में 65 साल से ज़्यादा उम्र तक वाइस चांसलर नहीं रह सकता. वाइस चांसलर ने कार्यसमिति में उम्र सीमा बढ़ाकर 70 साल कर ली. उसी यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक ने जब हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वाइस चांसलर केस हार गए. उनकी नियुक्ति रद्द हो गई क्योंकि वे 65 साल से ज़्यादा के हो चुके हैं. इसी के बाद से छात्र आंदोलन पर उतर आए क्योंकि वाइस चांसलर अपनी कुरसी बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें फैसला चाहिए. वे आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे. रवि शंकर शर्मा को अंतरिम तौर पर कुलपति नियुक्त किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और समस्याएं भी सुनीं. गुज़ारिश की कि छात्र जल्दी क्लास रूम में लौट आए. अंतरिम कुलपति ने छात्राओं को आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मगर छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा रही हैं इसलिए वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. इनकी मांग यह भी है हास्टल का वार्डन टीचर न हो वर्ना हास्टल का गुस्सा वे क्लास रूम में निकालते हैं. क्लास में देख लेने की धमकी देते हैं.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें फैसला चाहिए. वे आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे. रवि शंकर शर्मा को अंतरिम तौर पर कुलपति नियुक्त किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और समस्याएं भी सुनीं. गुज़ारिश की कि छात्र जल्दी क्लास रूम में लौट आए. अंतरिम कुलपति ने छात्राओं को आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मगर छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगें नहीं मानी जा रही हैं इसलिए वे अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. इनकी मांग यह भी है हास्टल का वार्डन टीचर न हो वर्ना हास्टल का गुस्सा वे क्लास रूम में निकालते हैं. क्लास में देख लेने की धमकी देते हैं.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
9 जुलाई के प्राइम टाइम में हमने बताया था कि मणिपुर यूनिवर्सिटी में 40 दिनों से पढ़ाई ठप्प है और वहां के छात्रों के समर्थन में करीब 28 विभागों के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अलग-अलग अकादमिक स्कूलों के 5 डीन ने भी इस्ताफा दे दिया है. हमारी उस दिन की खबर के बाद भी 45 दिन और आंदोलन चला था. यानी 85 दिनों तक आंदोलन चला जो 30 मई से शुरू हुआ था. फिर खबर आई कि मानव संसाधन मंत्रालय ने वहां के वीसी एपी पांडे को छुट्टी पर भेज दिया है. अब एपी पांडे छुट्टी से लौट आए हैं और आते ही फैसला किया है कि यहां शिक्षक संघ बंद, कर्मचारी संघ बंद और छात्र संघ बंद. बैन बैन बैन, ढैन ढैन ढैन... एक ही बार में सारा बर्तन इधर से उधर.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
शनिवार को आए नोटिफिकेशन में पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है... 1 सितंबर के आदेश में पांडे ने कहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी ऐक्ट 2005 में MUTA और MUSA जैसी कर्मचारियों की संस्थाओं का कोई प्रावधान नहीं है... आदेश में कहा गया कि ये दोनों ही संस्थाएं यूनिवर्सिटी में विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त हैं जिससे यूनिवर्सिटी में मौजूदा हालात बने... आदेश से यूनिवर्सिटी कैंपस में इन संस्थाओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और कहा गया है कि अगर कोई इन गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी...
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
वाइस चांसलर पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस को भी बताया है कि उन्होंने ऐसा किया है क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी संघ छात्रों को विरोध और यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने के लिए उकसा रहे थे... वो छात्रों को तोड़फोड़ की ओर धकेल रहे थे जिससे कई छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा था...
छात्रों और शिक्षकों ने इस आदेश का विरोध करते हुए उसे virtual यानी आभासी बताया है...MUTA की एक आपात बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि पांडे को तब तक यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं घुसने दिया जाएगा जब तक उनके ख़िलाफ़ जांच और उसके बाद की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती...
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि पांडे का वर्चुअल ऑर्डर बताता है कि वो कितना अलोकतांत्रिक और तानाशाह हैं... MUSU, MUTA और MUSA की एक साझा बैठक में पास एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार 4 सितंबर से पहले पांडे के आदेशों पर उचित कार्रवाई करे... उन्होंने कहा कि छुट्टी के दौरान दिए गए पांडे के आदेशों की आलोचना की जाए और उन्हें null and void घोषित किया जाए ताकि वो किसी पर बाध्यकारी ना रहें... MUTA के प्रवक्ता प्रोफ़ेसर एनएन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर 4 सितंबर की शाम तक हमारी मांगों पर कोई जवाब नहीं आता तो हम अपनी हड़ताल फिर शुरू कर देंगे...
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
आवाज़ बंद करने की फैक्ट्री कोई खोल ले तो उसका धंधा भारत में खूब चल पड़ेगा. तरह-तरह के बहाने अपनाए जा रहे हैं मगर आवाज़ उठाने की सुविधा न होती तो हिदायतुल्ला नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की छात्राओं की कहानी आप तक कैसे पहुंचती.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
लखनऊ के हज़रतगंज की सड़कों पर बारिश में कार की सफाई करते नौजवान इसलिए ऐसा कर रहे हैं ताकि सरकार का इन पर ध्यान जाए और उनकी मांग सुनी जाए. इनकी मांग यह है कि उत्तर प्रदेश में सब इस्पेक्टर के 26000 से अधिक हज़ारों पद ख़ाली हैं. इन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि सब इंस्पेक्टर की 2011 के बाद से भर्ती नहीं हुई है. अब जब 6500 लोग पास हुए हैं तो सभी को रखा जा सकता है क्योंकि ढाई साल की प्रक्रिया के बाद ये पास हुए हैं. अगर सरकार 3308 पदों पर ही बहाली करेगी तो बाकी 3000 से अधिक छात्र पास होकर भी नौकरी से वंचित हो जाएंगे और अगली भरती के लिए उनके पास उम्र नहीं बचेगी. इसलिए ये कभी कार साफ कर रहे हैं तो कभी धरना दे रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुने.रविवार को इन लोगों ने धरना भी दिया मगर हुआ कुछ नहीं. भारतीय रेल ने हाल ही में परीक्षा शुरू होने से कुछ दिन पहले सीटों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन रिज़ल्ट होने के बाद क्या सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इस पर फैसला सरकार को ही लेना होगा. 2015 में सब इंस्पेक्टर की बहाली निकली जो रद्द हो गई. फिर 2016 में आई 3308 पदों की. इसका रिज़ल्ट आ गया है मगर भरती की प्रक्रिया अभी तक चल ही रही है. 2016 से लेकर 2018 आ गया. दो-दो बार परीक्षा हुई और पेपर लीक होने के कारण रद्द भी हुई. छात्र यह भी पूछ रहे हैं कि दारोगा की नई भरती परीक्षा क्यों नहीं आ रही है. आठ महीने पहले खबर छपी थी कि जल्दी आएगी मगर अभी तक नहीं आई है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
2017 के साल में तमिनलाडु की एक प्रतिभाशाली लड़की एस अनिता ने आत्महत्या कर ली थी. वे डाक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल परीक्षा नीट पास नहीं कर सकीं. अनिता की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में नीट को लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए थे. तमिनलनाडु में राज्य स्तर पर अनिता टॉपर में से एक थी. वहां राज्य स्तर पर मेरिट बनता था और उसी के हिसाब से मेडिकल कालेज मिल जाता था. नीट आने से गरीब छात्रों के लिए मुश्किल हो गया क्योंकि परीक्षा का पैटर्न बदल गया था. तमिलनाडु स्तर पर 12 वीं में अनिता 1200 में से 1176 लाई थी. फिजिक्स में 100 में 100 नंबर लाई थी फिर भी नीट के कारण डाक्टर नहीं बन सकी और अनिता ने आत्महत्या कर ली. टिप्पणियां
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
अनिता की मौत के एक साल बाद उसकी याद में एक लाइब्रेरी बनाई गई है. 45 लाख की लागत से यह लाइब्रेरी बनी है. अनिता की मौत के बाद कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने उसके परिवार को पैसे दिए थे, जिसका इस्तमाल कर उसके माता पिता ने अनिता की याद में एक लाइब्रेरी ही बना दी. इसमें 2500 किताबें हैं. अनिता के मां-बाप मज़दूरी करते थे. चाहते तो बेटी की याद में मिले पैसे से अपना जीवन बेहतर कर सकते थे मगर टीन षणमुगम और मां एस अनंथम उन्होंने एक लाइब्रेरी बनाई ताकि बाकियों के बच्चों का जीवन बेहतर हो सके. अनिता की प्रतिमा भी यहां लगी है और उसके पोट्रेट भी लगाए गए. नीट की व्यवस्था आने से पहले नंबर के आधार पर तमिलनाडु के गांवों के बच्चे भी डाक्टर बन जाते थे मगर जब से नीट आया है अनिता जैसी छात्राओं के लिए मुश्किल हो गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
डॉलर के मुकाबले रुपया आज और गिर गया. एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 21 पैसे हो गई. इतना अधिक तो रुपया कभी नहीं गिरा था. 16 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 2 रुपया की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. कई शहरों में पेट्रोल 86-87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. |
पी-एन डायोड (p–n diode) एक अर्धचालक डायोड है जो अर्धचालक के अन्दर बने पी-एन संधि ( p–n junction) पर आधारित है। इनके अनेक उपयोग हैं जिनमें प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में बदलना सबसे प्रमुख है। इसके अलावा ये रेडियो संकेतों को डिटेक्ट करने, प्रकाश उत्सर्जित करने (प्रकाश उत्सर्जक डायोड देखें) तथा प्रकाश का अनुसूचन (detecting light) के लिए प्रयुक्त होते हैं।
V-I वैशिष्ट्य
पी-एन संधि डायोड का वोल्टता-धारा वैशिष्ट्य निम्नलिखित समीकरण द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है-
जहाँ:
ID डायोड से होकर प्रवाहित धारा
VD डायोड के सिरों के बीच विभवान्तर
IS डायोड की व्युत्क्रम संतृप्त धारा (reverse saturation current) जिसका मान 10-10, से लेकर 10-15 के बीच होता है।
q इलेक्ट्रॉनिक आवेश
k बोल्ट्समान नियतांक है,
T पी और एन स्तरों के बीच स्थित संधि का परम ताप है,
VT = kT/q तापीय वोल्टता ; इसका मान 300 K पर 25 से 26 mV होता है।
इलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ |
लेख: चीन के शंघाई शहर में वेश्यावृत्ति के मामले में भारत के चार लोगों को पकड़े जाने के बाद यहां फिर एक भारतीय कारोबारी को ऐसे ही मामले में गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि यिवू शहर में भारतीय कारोबारी को वेश्यावृत्ति के खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी स्थानीय पुलिस द्वारा बीते सप्ताहांत की गई।टिप्पणियां
शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को इस बारे में आज सूचित किया गया। इसी तरह की एक छापेमारी में तीन पहले तीन भारतीय कारोबारियों को पकड़ा गया था। ये लोग एक वाणिज्य मेला में शिरकत करने आए 100 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
ये तीन कारोबारी अब भी हिरासत में है और भारतीय अधिकारियों के इनसे तीन मई के बाद मुलाकात करने की संभावना है क्योंकि यहां मई दिवस के मौके पर छुट्टी रहेगी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने के साथ ही इस तरह की घटनाए नियमित समय पर सामने आ रही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यिवू शहर में भारतीय कारोबारी को वेश्यावृत्ति के खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी स्थानीय पुलिस द्वारा बीते सप्ताहांत की गई।टिप्पणियां
शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को इस बारे में आज सूचित किया गया। इसी तरह की एक छापेमारी में तीन पहले तीन भारतीय कारोबारियों को पकड़ा गया था। ये लोग एक वाणिज्य मेला में शिरकत करने आए 100 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
ये तीन कारोबारी अब भी हिरासत में है और भारतीय अधिकारियों के इनसे तीन मई के बाद मुलाकात करने की संभावना है क्योंकि यहां मई दिवस के मौके पर छुट्टी रहेगी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने के साथ ही इस तरह की घटनाए नियमित समय पर सामने आ रही हैं।
शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को इस बारे में आज सूचित किया गया। इसी तरह की एक छापेमारी में तीन पहले तीन भारतीय कारोबारियों को पकड़ा गया था। ये लोग एक वाणिज्य मेला में शिरकत करने आए 100 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
ये तीन कारोबारी अब भी हिरासत में है और भारतीय अधिकारियों के इनसे तीन मई के बाद मुलाकात करने की संभावना है क्योंकि यहां मई दिवस के मौके पर छुट्टी रहेगी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने के साथ ही इस तरह की घटनाए नियमित समय पर सामने आ रही हैं।
ये तीन कारोबारी अब भी हिरासत में है और भारतीय अधिकारियों के इनसे तीन मई के बाद मुलाकात करने की संभावना है क्योंकि यहां मई दिवस के मौके पर छुट्टी रहेगी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने के साथ ही इस तरह की घटनाए नियमित समय पर सामने आ रही हैं। |
कहते हैं कि पूंजी बढ़ती है तो अपने आप विशाखा मुले के पास आती है. विशाखा फंड मैनेजमेंट कंपनी आइसीआइसीआइ वेंचर की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हैं. 2005 से लेकर 2007 तक वे आइसीआइसीआइ बैंक में मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के पद पर थीं.
उनके नेतृत्व में बैंक के इक्विटी शेयर में 7 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और डेट फायनेंसिंग में कई अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई. 44 वर्षीया मुले के लिए मंदी के दौर के बाद की दुनिया में पूंजी इकट्ठा करना ''चुनौतीपूर्ण, लेकिन संतोषजनक” है.
वे कहती हैं कि प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट लंबी रेस का घोड़ा है. 2012-13 में उनके नेतृत्व में रियल एस्टेट सेक्टर समेत कुल 10 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ. पूंजी के निर्माण और निवेश, दोनों ही मामलों में पिछले साल से ही काफी मुश्किल का दौर चल रहा है. इसके बावजूद मुले ने 50 करोड़ डॉलर का शानदार फंड इकट्ठा किया और उसी वर्ष 12.5 करोड़ डॉलर का बेहतरीन निवेश भी किया. |
अंजा गोकेल (* 16. मई 1968 मेंज में) एक जर्मन फैशन डिजाइनर हैं ।
आजीविका
अंजा गोकेल ने 1987 से 1995 तक हैम्बर्ग यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज में और लंदन में सेंट्रल सेंट मार्टिंस कॉलेज ऑफ आर्ट एंड डिजाइन में फैशन डिजाइन का अध्ययन किया। 1995 से 1996 तक उसने विविएन वेस्टवुड के लिए काम किया और कार्लोटा एच'ग्लेस द्वारा लाइन एच 'बनाई। 1996 के बाद से महिलाओं के फैशन के लिए उनका अपना फैशन लेबल अंजा गोकेल लंदन है, जिसमें कंपनी के लोगो के रूप में लाल कॉक्सकॉम्ब है।
उनका फैशन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है, कई फैशन मेलों में दिखाया गया है और दुनिया भर के बुटीक में बेचा जाता है। उनके ग्राहकों में स्वीडन की रानी सिल्विया जैसी हस्तियां शामिल हैं। अंजा गोकेल एन-कैथरीन क्रेमर, बारबरा शॉनबर्गर, मीना टंडर और मारिएटा स्लोमका जैसे प्रस्तुतकर्ताओं और कलाकारों के कपड़े पहनते हैं। उसने हेइडी क्लम द्वारा जर्मनी के नेक्स्ट टॉप मॉडल के अंतिम शो को और दो बार वह वहां लाइव थी। वह पहली बार सीज़न चार की शूटिंग के लिए लॉस एंजिल्स गई; 2010 में क्लम और उनके युवा मॉडल गोकेल के फैशन शो के लिए बर्लिन आए। एलेक वीक जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल सुपरमॉडल जर्मन लेबल के लिए जो 2010 के संकट वर्ष में विकसित होने में सक्षम था। 2014 वह बीजिंग निष्पक्ष ठाठ बीजिंग में पहली बार के लिए भाग लिया। 2016 वह 20 वीं मनाया बर्लिन फैशन वीक में। उसके फैशन लेबल का जन्मदिन। जनवरी 2017 में, जर्मन फैशन और टेक्सटाइल डिजाइनरों के नेटवर्क द्वारा अंजा गोकेल को वर्ष 2017 का डिजाइनर नामित किया गया था। उसी समय, उनका फैशन शो पहली बार बर्लिन फैशन वीक के दौरान ब्रैंडेनबर्ग गेट पर होटल एडलॉन केम्पिंस्की की लॉबी में हुआ। 2018 में उन्हें डिजाइन और फैशन संस्कृति (जर्मन फैशन और कपड़ा डिजाइनरों का नेटवर्क) के लिए राजदूत नियुक्त किया गया था। मार्च 2020 में, अंजा गोकेल ने बर्लिन में अपना पहला फ्लैगशिप स्टोर पेरिस44 नाम से खोला। जुलाई 2021 में, अंजा गोकेल ने फ्रैंकफर्ट एम मेन में होटल स्टिगेनबर्गर फ्रैंकफर्टर हॉफ के एहरेनहोफ टैरेस पर पहले फ्रैंकफर्ट फैशन वीक के हिस्से के रूप में पहली बार अपना संग्रह दिखाया।
अंजा गोकेल मेंज में काम करती हैं। वह शादीशुदा है और उसके चार बच्चे हैं।
पुरस्कार
1994: फ़िलिप मॉरिस प्रतियोगिता के विजेता पार्लियामेंट ऑफ़ फ़ैशन
२००७ और २००८: रचनात्मकता पुरस्कार के विजेता (यूएसए)
2012: गोल्डन सिल्क बो से
2017: डिज़ाइनर ऑफ़ द ईयर (VDMD)
2018: डिजाइन और फैशन संस्कृति के लिए राजदूत
2019: राइनलैंड-पैलेटिनेट फ्यूचर इनिशिएटिव (ZIRP) से अंतरराष्ट्रीय अपील के साथ एक अभिनव उद्यमी के रूप में पुरस्कार
2020 पुरस्कार से अर्थशास्त्र मंत्रालय, परिवहन, कृषि और अंगूर की खेती राइनलैंड-पैलाटिनेट में 30 सबसे टिकाऊ कंपनियों में से एक के रूप में राइनलैंड-पैलाटिनेट
साहित्य
इंग्रिड लॉसचेक : फैशन डिजाइनर। अरमानी से यमामोटो तक एक विश्वकोश। सीएच बेक, म्यूनिख 2007, आईएसबीएन 978-3406564925 ( ऑनलाइन )
वेब लिंक
अंजा गोकेल की वेबसाइट
अंजा गोकेल असामान्य मॉडल पर निर्भर हैं।, वीडियो (1:26 मिनट) फैशन वीक 2013 से welt.de . पर
व्यक्तिगत साक्ष्य
1968 में जन्मे लोग |
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची पर सबकी निगाहें हैं. पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या राहुल गांधी दागी नेताओं को टिकट मिलेगा या नहीं.
पार्टी में आते ही क्रिकेटर मोहम्मद कैफ और एक्टर रवि किशन को चुनाव मैदान में उतार दिया गया. वंशवाद के खिलाफ माहौल के बावजूद असम के मुख्यमंत्री के बेटे गौरव गोगोई को भी टिकट मिल गया. अमेठी में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पहले संजय सिंह को राज्यसभा भेजने का फैसला किया गया, फिर सुलतानपुर से उनकी पत्नी को टिकट दे दिया गया. दागी पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन को बिहार के सुपौल से टिकट दिया गया है.
अब राहुल के बड़े दावों की असली परख होगी. सूत्रों के मुताबिक कॉमनवेल्थ घोटाले में आरोपी सुरेश कलमाड़ी को पार्टी टिकट नहीं देना चाहती. हालांकि अशोक चह्वाण की अब तक की जांच के बाद पार्टी उन्हें दोषी नहीं मानती. इसलिए उनको या उनकी पत्नी को टिकट देने पर विचार हो रहा है.
आरोपों के चलते मंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर किए गए सुबोधकांत सहाय की जगह रांची से दूसरा मजबूत उम्मीदवार ढूंढने में पार्टी को मुश्किल पेश आ रही है. हालांकि रेलगेट वाले मामले के बाद भी पवन बंसल को पार्टी दागी नहीं मानती. चंडीगढ़ से उनका टिकट बरकरार रखा जा सकता है.
इसके अलावा दिल्ली में कुछ जगहों पर नए उम्मीदवार उतारने को लेकर माथा पच्ची जारी है. कुछ केंद्रीय मंत्री सीट बदलना चाहते हैं तो चिदंबरम, जीके वासन और जयंती नटराजन जैसे नेता डीएमके से तालमेल होने की सूरत में चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. अगर राजनाथ लखनऊ से लड़े तो वहां से राज बब्बर को उतारा जा सकता है. रीता बहुगुणा जोशी को इलाहाबाद से मैदान में उतारा जा सकता है. |
यह एक लेख है: आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने पटियाला हाउस अदालत परिसर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को कथित धमकी मिलने का आरोप लगाया है. आप नेता राघव चड्ढा ने बताया कि मानहानि के एक मामले की सुनवाई के लिए केजरीवाल और संजय सिंह के साथ अदालत परिसर में प्रवेश करते समय उनके पास से गुजरते हुए एक व्यक्ति ने इन नेताओं को जान से मारने की धमकी दी. चड्ढा ने बताया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि के इस मामले में शनिवार को न्यायाधीश सुमित दास की अदालत में सुनवाई होनी थी. अदालत में पेश होने के लिए जाते समय वकीलों की वेशभूषा में एक व्यक्ति ने उनके पास से गुजरते समय उन्हें जान से मारने की कथित धमकी दी.टिप्पणियां
चड्ढा ने अदालत कक्ष में भी उक्त व्यक्ति को देखकर न्यायाधीश दास से इसकी शिकायत की. इस पर उसकी पहचान वकील के रूप में की गयी. चड्ढा ने कहा कि वह अपने वकील से परामर्श कर इस मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे. इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस घटना की पुष्टि की है. हालांकि सरकार की तरफ से इस बाबत पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बारे में अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से फिलहाल ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चड्ढा ने अदालत कक्ष में भी उक्त व्यक्ति को देखकर न्यायाधीश दास से इसकी शिकायत की. इस पर उसकी पहचान वकील के रूप में की गयी. चड्ढा ने कहा कि वह अपने वकील से परामर्श कर इस मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे. इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस घटना की पुष्टि की है. हालांकि सरकार की तरफ से इस बाबत पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बारे में अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से फिलहाल ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
पंजाब के फरीदकोट में सिगरेट को लेकर हुए झगड़े में कुछ लोगों ने एक शख्स को चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। बीठडा से श्रीगंगानगर जाने के लिए इंटर सिटी ट्रेन में ग्वालियर का रहनेवाला रवि चढ़ा था। ट्रेन में बैठे 5 लोग सिगरेट पी रहे थे रवि ने उन्हें मना किया और झगड़ा इतना बढ़ गया कि इन लोगों ने उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। इस हादसे में रवि के दोनों पैर कट गए हैं। रेलवे पुलिस ने रवि के बयान पर पांच लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। जबकि रवि का फरीदकोट के अस्पताल में इलाज चल रहा है। |
अलगाववादी नेता शब्बीर शाह ने पुष्टि कर दी है कि वे पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) सरताज अजीज से मुलाकात करेंगे.
रविवार को रिसेप्शन के बाद होगी मुलाकात
जम्मू एंड कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष शाह ने आज तक से बातचीत में कहा कि वे शनिवार को श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे और रविवार को पाक उच्चायोग में शाम 4 बजे रिसेप्शन में शामिल होंगे और उसके बाद
अजी
ज
से मिलेंगे.
पिछली मुलाकातों का दिया हवाला
शाह ने कहा कि अगर सरकार ने उन्हें
पाकिस्तानी NSA
से नहीं मिलने दिया तो यह दुखद होगा. उन्होंने कहा, 'हम पहले भी पाकिस्तान के सरकारी नुमाइंदों से दिल्ली में मिल चुके हैं. यहां तक कि अटल बिहारी वापजेयी के सत्ता में रहते भी.'
भारत ने पाक को दी नसीहत
भारत ने कड़ा रुख दिखाते हुए पड़ोसी देश पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में नसीहत दी है कि पाक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) सरताज अजीज का भारत में हुर्रियत के प्रतिनिधियों से मिलना सही नहीं होगा. |
कॉमेडी किंग कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के कार्यक्रम 'द कपिल शर्मा शो' (The Kapil Sharma) में इस बार फिल्म 'सांड की आंख' (Saand Ki Aankh) की टीम यानी भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) और तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) फिल्म का प्रमोशन करने पहुंचेंगी. उनके साथ फिल्म की असल हीरो यानी शूटर दादी प्रकाशी तोमर और चंद्रो तोमर भी कपिल शर्मा के शो में आएंगी. इससे जुड़ा 'द कपिल शर्मा शो' का एक वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कपिल शूटर दादी से कुछ सवाल पूछते हैं, लेकिन उनके यह सवाल उन्हीं पर भारी पड़ जाते हैं. साथ ही वीडियो में शूटर दादी उन्हें धमकी देती भी नजर आ रही हैं. वीडियो में शूटर दादी का यह अंदाज लोगों को काफी पसंद आ रहा है.
This #weekend #shooter DADI #chandrotomar , #prakashitomar n #beautiful n very talented @taapsee n @bhumipednekar in #thekapilsharmashow #TKSS #comedy #fun #laughter #masti #bollywood #movies #television ????????
A post shared by Kapil Sharma (@kapilsharma) on Oct 21, 2019 at 6:37am PDT
दरअसल, 'द कपिल शर्मा शो' (The Kapil Sharma) में आई शूटर दादी (Shooter Dadi) से कपिल (Kapil Sharma) पूछते हैं कि दादी आप हमारा शो देखती हैं. इसपर प्रकाशी तोमर (Prakashi Tomar) ने कपिल को जवाब दिया, "शो देखते हैं तभी तो आए हैं भागकर." इसके बाद कपिल शर्मा प्रकाशी तोमर से एक और सवाल करते हैं, जिसपर शूटर दादी उन्हें धमकी देती हैं. कपिल, दादी से कहते हैं कि वह शो में अकेली आई हैं या अपनी बंदूक भी साथ लाई हैं. इसपर प्रकाशी तोमर ने मजेदार अंदाज में उन्हें कहा, "बेटे बंदूक लाकर दे, हम चलाकर दिखाते हैं." प्रकाशी तोमर का यह जवाब सुनकर वहां मौजूद लोग हंस-हंसकर लोट-पोट हो जाते हैं.
बातचीत के अलावा 'सांड की आंख' (Saand Ki Aankh) स्टार तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) और भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) 'द कपिल शर्मा शो' में डांस भी करती हैं. बता दें कि सांड की आंख इसी महीने 25 अक्टूबर को रिलीज हो रही है. इस फिल्म को तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में तैयार किया है, जबकि इसके निर्माता अनुराग कश्यप हैं. फिल्म में भूमि पेडनेकर ने चंद्रो तोमर और तापसी पन्नू ने प्रकाशी तोमर का किरदार निभाया है. वहीं, 'द कपिल शर्मा शो' की बात करें तो कार्यक्रम अपने कंटेंट और कलाकारों की वजह से टीआरपी की रेस में हमेशा आगे रहता है. |
बॉक्स ऑफिस पर सुपर 30 का जादू अब भी बरकरार है. बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, नई दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद अब जम्मू-कश्मीर में भी फिल्म को टैक्स-फ्री कर दिया गया है. वहीं हरियाणा सरकार ने भी राज्य में फिल्म को जीएसटी फ्री कर दिया है.
बिहार के मैथेमेटिशियन आनंद कुमार के जीवन से प्रेरित फिल्म सुपर 30 आनंद कुमार के जीवन संघर्ष का चित्रण करती है. आनंद कुमार मशहूर कोचिंग इंस्टीट्यूट सुपर 30 के संस्थापक हैं. फिल्म में ऋतिक रोशन ने उनके किरदार को बखूबी निभाया है. फिल्म को टैक्स फ्री और जीएसटी फ्री कर सभी राज्य सरकारों ने फिल्म के विषय को और मजबूती दी है.
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Aaj ka key sawaal! Will Basanti dance or not? #BasantiNoDance out tomorrow. @hrithikroshan @mrunalofficial2016 @nandishsandhu @theamitsadh #AnandKumar @sarkarshibasish #SajidNadiadwala @prem_areni @janardandhatrak @aslidivyakumar @parmarchaitally @ajayatulofficial #AmitabhBhattacharya @reliance.entertainment @nadiadwalagrandson @zeemusiccompany #Super30
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Jun 28, 2019 at 1:20am PDT
कमाई के मामले में भी ऋतिक रोशन स्टारर सुपर 30 धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने फिल्म के अब तक के कारोबार को साझा किया है. तरन के मुताबिक फिल्म ने 31 जुलाई तक 130.14 करोड़ का बिजनेस कर लिया है. माना जा रहा है कि जल्द ही फिल्म 150 करोड़ का आंकड़ा छू लेगी.
#Super30
witnesses growth... Biz on [third] Wed is higher than [third] Mon and Tue... [Week 3] Fri 2.14 cr, Sat 4.47 cr, Sun 5.61 cr, Mon 1.39 cr, Tue 1.35 cr, Wed 1.47 cr. Total: ₹ 130.14 cr. India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh)
August 1, 2019
फिल्म को विकास बहल ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में मृणाल ठाकुर ने ऋतिक रोशन की पत्नी की भूमिका निभाई है. फिल्म को दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स का भी अच्छा रिस्पॉस मिला है. फिल्म की स्टोरीलाइन इंस्पायरिंग है जबकि इसका प्लॉट भी शानदार है. |
कैलाश चन्द्र मेघवाल एक भारतीय राजनेता हैं। वे पूर्व राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष हैं। वे पूर्व में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रह चुके हैं। और वे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके है। वर्तमान में भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। पूर्व में वे टोंक-सवाई माधोपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद थे। वे राजस्थान सरकार में अनेक बार मंत्री पद पर रह चुके हैं।।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मेघवाल का जन्म 22 मार्च 1934 को उदयपुर जिले के माजवाड़ा गाँव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उदयपुर में हुई। उन्होने उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालयके महराना भूपाल कॉलेज से स्नातक किया और यहीं से विधि स्नातक और स्नातकोत्तर भी।
सदस्यता
1977-1985 - सदस्य, राजस्थान विधान सभा।
1989 - जालौर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 9 वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित।
1990 -सदस्य, राजस्थान विधान सभा।
1993-1998 -सदस्य, राजस्थान विधान सभा।
22 सितंबर 2001 -(उपचुनाव) 13 वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित।
2004 -14 वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित।
2013 -सदस्य, राजस्थान विधान सभा।
उत्तरदायित्व
1962 -संयुक्त सचिव, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी. राजस्थान।
1969-1975 -संयुक्त सचिव, भारतीय जनसंघ, राजस्थान।
1977 -खान एवं भूविज्ञान मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार, पंचायती राज, भेड़ और ऊन, राजस्थान सरकार के राज्य मंत्री।
1978 -कैबिनेट मंत्री, सहकारिता, खान एवं भूविज्ञान, राजस्थान सरकार।
1980-1982 -सचिव, भारतीय जनता पार्टी, राजस्थान।
1981-1984 -सदस्य, लोक लेखा समिति, राजस्थान विधान सभा।
1982-1985 -महासचिव, भारतीय जनता पार्टी, राजस्थान।
1987 के बाद उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, राजस्थान।
1991-1992 -कैबिनेट मंत्री, सिंचाई और राहत, राजस्थान सरकार।
1994-1998 -कैबिनेट मंत्री, गृह, खान और मुद्रण के मंत्रालय, राजस्थान सरकार।
2003-2004 -राज्य मंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता,भारत सरकार।
20.12.2013-21.01.2014 -कैबिनेट मंत्री, खान एवं भूविज्ञान, राजस्थान सरकार।
22.1.2014 -राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
राजस्थान विधानसभा पूर्व अध्यक्ष
भारतीय राजनीतिज्ञ
1934 में जन्मे लोग
राजस्थान के लोग
राजस्थान सरकार
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष
राजस्थान के गृह मंत्री
राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र |
हाफिज सईद पाकिस्तान में आजाद होते ही भारत के लिए खतरा बढ़ाने में लग गया है. अपने तकरीरों से एक बार वह फिर भारत की बर्बादी के लिए प्लान बनाने में लग गया है. शनिवार को भी उसने भारत और कश्मीर को लेकर एक बार फिर जहर उगला.
आपको बता दें कि पाकिस्तान भी चाहता है कि
हाफिज सईद
उसकी आतंक की फैक्ट्री फुल स्पीड से चलाता रहे. आजतक ने पहले भी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हाफिज सईद रिहा होकर अब वो 10 महीने बाद फिर यही सब करेगा. पिछले 10 महीने में उसने एक
राजनैतिक पार्टी
भी बना ली है. वो अब टीवी पर बैठकर इंटरव्यू देगा.
Mashriqi Pakistan (East Pakistan) ka badla lena hai toh, Kashmir se intequam ka rasta ban raha hai, nikal raha hai, chal raha hai aur Inshallah yeh tehreek jaari hai, isne bahut aage jana hai: Jammat-ud-Dawah's Chief Hafiz Saeed in Lahore, Pakistan
pic.twitter.com/BK6UxKbCTk
— ANI (@ANI)
December 16, 2017
ऐसा ही शनिवार को देखने को मिला. हाफिज सईद ने भारत को खुलेआम धमकी दी. हाफिज ने कहा कि अगर मशरिकी पाकिस्तान (ईस्ट पाकिस्तान) का बदला लेना है तो कश्मीर से इंतकाम का रास्ता बन रहा है, निकल रहा है, चल रहा है और इंशाअल्लाह ये तहरीक जारी है, इसने बहुत आगे जाने है.
लाहौर, पाकिस्तान में दिए गए सईद के इस बयान में ईस्ट पाकिस्तान का बदला मतलब बांग्लादेश की आजादी से है. हाफिज पहले भी भारत को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा आग उगलता रहा है. एक बार फिर उसने कश्मीर में आग भड़काने के लिए ईस्ट पाकिस्तान का मसला सामने रखा है.
आपको बता दें कि सूत्रों के अनुसार मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म होने जम्मू कश्मीर में चल रहे सेना के ऑपरेशन ऑल आउट से कनेक्शन है. सेना के इस ऑपरेशन से कश्मीर में एक के बाद एक टॉप आतंकी मारे जा रहे थे और घाटी में दहशत का खेल खेलने वालों के हौसले पस्त हो रहे थे, उसी समय पिछले 10 महीने से नजरबंद हाफिज सईद को सरहद के इस पार मौत का खेल खेलने के लिए फिर से खुला छोड़ दिया गया है. मात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद ने रिहा होते ही कश्मीर का राग अलापकर अपने नापाक मंसूबे भी साफ कर दिए थे. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अशोक कुमार मेहता ने aajtak.in से बातचीत में साफ तौर पर माना था कि हाफिज की रिहाई और कश्मीर में आतंकियों के सफाये के बीच सीधा कनेक्शन है.
अब जब कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के पैर उखड़ने लगे हैं, तो पाकिस्तानी सेना और ISI ने हाफिज सईद को रिहा करने का दांव चला है. नजरबंदी से रिहा होते ही जिस तरह से हाफिज सईद ने कश्मीर राग अलापा और भारत के खिलाफ जहर उगला, उससे उसके मंसूबे साफ हैं.
आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना के दमन के बावजूद 1971 में पूर्वी पाकिस्तान एक नए राष्ट्र में सामने आया और उसका नाम बांग्लादेश रखा गया. बांग्लादेश की आजादी में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी योगदान रहा था. 2011 में इसके लिए बांग्लादेश ने आभार जताते हुए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘बांग्लादेश स्वाधीनता सनमानोना’ देने का फैसला किया था.
आपको बता दें कि शनिवार को विजय दिवस भी मनाया गया. 16 दिसंबर को हर साल भारत विजय दिवस मनाता है. आज के ही दिन भारतीय सेना के पराक्रम से दुनिया में एक नए देश को जन्म हुआ था. आज ही के दिन पूर्वी मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने पराजय स्वीकार करते हुए 93 हजार पाक सैनिकों के साथ भारतीय सेना के समक्ष ढाका में सरेंडर किया था. |
सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ 25 और 26 अप्रैल की दरम्यानी रात भारत को आंशिक चंद्रग्रहण का रोमांचक दृश्य दिखाएगी। इस खगोलीय घटना से मौजूदा वर्ष में ग्रहणों का सिलसिला शुरू होगा।
उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के हवाले से आज बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण की शुरुआत 25 और 26 अप्रैल की दरम्यानी रात एक बजकर 22 मिनट पर होगी।
उन्होंने बताया कि रात एक बजकर 38 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण अपनी चरम स्थिति में पहुंच जाएगा, जब चंद्रमा का करीब 20 फीसद हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका नजर आएगा।
तकरीबन दो सदी पुरानी वैधशाला के अधीक्षक के मुताबिक रात एक बजकर 53 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण समाप्त हो जायेगा। यह इस साल का पहला ग्रहण होगा।टिप्पणियां
गुप्त ने बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण का 31 मिनट लम्बा नजारा देशभर में देखा जा सकेगा।
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिये सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में हों।
उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के हवाले से आज बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण की शुरुआत 25 और 26 अप्रैल की दरम्यानी रात एक बजकर 22 मिनट पर होगी।
उन्होंने बताया कि रात एक बजकर 38 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण अपनी चरम स्थिति में पहुंच जाएगा, जब चंद्रमा का करीब 20 फीसद हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका नजर आएगा।
तकरीबन दो सदी पुरानी वैधशाला के अधीक्षक के मुताबिक रात एक बजकर 53 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण समाप्त हो जायेगा। यह इस साल का पहला ग्रहण होगा।टिप्पणियां
गुप्त ने बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण का 31 मिनट लम्बा नजारा देशभर में देखा जा सकेगा।
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिये सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में हों।
उन्होंने बताया कि रात एक बजकर 38 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण अपनी चरम स्थिति में पहुंच जाएगा, जब चंद्रमा का करीब 20 फीसद हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका नजर आएगा।
तकरीबन दो सदी पुरानी वैधशाला के अधीक्षक के मुताबिक रात एक बजकर 53 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण समाप्त हो जायेगा। यह इस साल का पहला ग्रहण होगा।टिप्पणियां
गुप्त ने बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण का 31 मिनट लम्बा नजारा देशभर में देखा जा सकेगा।
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिये सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में हों।
तकरीबन दो सदी पुरानी वैधशाला के अधीक्षक के मुताबिक रात एक बजकर 53 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण समाप्त हो जायेगा। यह इस साल का पहला ग्रहण होगा।टिप्पणियां
गुप्त ने बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण का 31 मिनट लम्बा नजारा देशभर में देखा जा सकेगा।
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिये सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में हों।
गुप्त ने बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण का 31 मिनट लम्बा नजारा देशभर में देखा जा सकेगा।
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिये सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में हों।
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिये सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में हों। |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: देश के शेयर बाजार मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुए. सेंसेक्स 89 अंकों की बढ़त के साथ 34,395 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 20 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 10,548 पर बंद हुआ. यह लगातार नौवां दिन रहा जब बाजार तेजी के साथ बंद हुए. गौर करने की बात है कि पिछले तीन सालों में यह पहली बार है कि शेयर बाजारों में लगातार नौ दिन तक तेजी रही है. इससे पहले नवंबर 2017 में शेयर बाजार लगातार 8 दिन तक तेजी देख चुके हैं. टिप्पणियां
बता दें कि कि सुबहर सेंसेक्स 34 अंकों की तेजी के साथ 34342 पर खुला था, वहीं एनएसई मात्र 8 अंकों की बढ़त के साथ 10,547 पर खुला था. बता दें कि पिछले 8 कारोबारी सत्र के दौरान शेयर बाजार में रौनक बनी रही है. नवंबर 2017 के बाद से यह पहला मौका रहा जब ऐसा देखा गया. बता दें कि देश के शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी दर्ज की गई थी. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 112.78 अंकों की तेजी के साथ 34,305.43 पर और निफ्टी 47.75 अंकों की तेजी के साथ 10,528.35 पर बंद हुआ. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 247.92 अंकों की गिरावट के साथ 33,944.73 पर खुला था और 112.78 अंकों या 0.33 फीसदी की तेजी के साथ 34,305.43 पर बंद हुआ था. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 34,341.46 के ऊपरी और 33,899.34 के निचले स्तर को छुआ.
बता दें कि कि सुबहर सेंसेक्स 34 अंकों की तेजी के साथ 34342 पर खुला था, वहीं एनएसई मात्र 8 अंकों की बढ़त के साथ 10,547 पर खुला था. बता दें कि पिछले 8 कारोबारी सत्र के दौरान शेयर बाजार में रौनक बनी रही है. नवंबर 2017 के बाद से यह पहला मौका रहा जब ऐसा देखा गया. बता दें कि देश के शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी दर्ज की गई थी. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 112.78 अंकों की तेजी के साथ 34,305.43 पर और निफ्टी 47.75 अंकों की तेजी के साथ 10,528.35 पर बंद हुआ. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 247.92 अंकों की गिरावट के साथ 33,944.73 पर खुला था और 112.78 अंकों या 0.33 फीसदी की तेजी के साथ 34,305.43 पर बंद हुआ था. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 34,341.46 के ऊपरी और 33,899.34 के निचले स्तर को छुआ. |
परमिंदर गिल (Parminder Gill) हिंदी और पंजाबी फिल्म, टीवी, थिएटर, गिधा और पंजाबी फोक-डांस की एक अभिनेत्री हैं। परमिंदर गिल का जन्म 16 सितंबर, को रणजीत सिंह मीन और कृष्ण कौर के परिवार में, लुधियाना जिले के रायकोट में एक सिख परिवार में हुआ था। परमिंदर गिल ने एसजीजीजी कॉलेज, रायकोट से शिक्षा प्राप्त की। 22 साल की उम्र में परमिंदर कौर ने बरनाला में सुखजिंदर सिंह गिल (अभिनेता और निर्देशक) से शादी की और उनकी दो बेटियाँ और एक बेटा है। परमिंदर ने 15 साल की उम्र में एक कलाकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। परमिंदर गिल ने मुख्य रूप से पंजाबी फिल्मों और नाटकों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कुछ हिंदी फिल्मों में एक कलाकार के रूप में भी काम किया। फिल्में और टी.वी. श्रृंखला के अलावा, परमिंदर ने 100+ थिएटर, टेलीफिल्म्स और छोटी फिल्मों में एक अभिनेता के रूप में काम किया।
कैरियर
स्कूल के दौरान, परमिंदर एक थिएटर कलाकार थे। उन्होंने 1994 में हिंदी टेलीविजन श्रृंखला "डेरा" से अपने करियर की शुरुआत की।
हिंदी फिल्में
झरती रेत
कुलजोती
प्यास
पंजाबी फिल्में
[हरबी संघा , परमिंदर गिल],
[सुखजिंदर गिल, परमिंदर गिल],
[परमिंदर गिल मूवी शूटिंग समय ],
सन्दर्भ |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: राज्य की छवि खराब करने के लिए कथित ‘असम रेप फेस्टिवल’ पर एक वेबसाइट आलेख को लेकर असम में हर ओर से विरोध हो रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी निंदा की है और सीआईडी ने स्वत: ही इसकी जांच का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के प्रेस सलाहकार भरत नारा ने ट्वीट किया, ‘असम रेप फेस्टिवल हास्यपूर्ण नहीं है। यह अनैतिक, घृणित, निंदनीय है और समाज के हर तबके में निंदा योग्य है।’ ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी बरनाली सैकिया बोरा ने एक बयान में कहा कि एक फर्जी समारोह के बारे में एक अनैतिक और कपटपूर्ण आलेख बिल्कुल अनुचित है और असम की जनता के प्रति असम्मान को जाहिर करता है।
सू़त्रों के मुताबिक, राज्य में विरोध प्रदर्शनों के बीच सीआईडी के अपराध शाखा ने स्वत: ही वेबसाइट आलेख की जांच करने का फैसला किया है। पिछले सप्ताह बेबसाइट नेशनलरिपोर्टडॉटनेट पर यह यह आलेख प्रकाशित हुआ था। |
लेख: इंटरनेट की इस दुनिया में हर चीज संभव है. आज इंटरनेट के जरिए लोग अपनी-अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन पूरी दुनिया के सामने कर रहे हैं. आपकी प्रतिभा मे कितना दम हैं वह इंटरनेट जरिए ही आपको पता चल जाता है. अगर इंटरनेट यूजर्स को आपकी प्रतिभा पसंद आती है, तो उसे वायरल होने में जरा भी वक्त नहीं लगता. यही वजह है कि आए दिन हमें इंटरनेट पर नए-नए वीडियो देखने को मिलते हैं. इसी क्रम में आज हम आपको एक ऐसा वीडियो दिखाने जा रहे हैं जो इंटरनेट पर काफी वायरल हुआ.टिप्पणियां
इस वीडियो में स्रुजाना दोड्डामने नाम की एक लड़की ने फिल्म 'धूम-3' के एक गाने 'कमली' पर जबरदस्त डांस किया है. बता दें, फिल्म में इस गाने में बॉलीवुड एक्ट्रेस कैटरीना कैफ ने डांस किया था. लेकिन स्रुजाना ने 'कमली' पर ऐसा डांस किया है जिसने कैटरीना को जोरदार टक्कर दी है. हालांकि वीडियो में स्रुजाना के बारे में कोई डिटेल नहीं दिया गया है कि यह कौन है और कहां कि है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस वीडियो अब तक एक करोड़ से ऊपर लोगों ने देखा है और इस वीडियो पर काफी प्रतिक्रियाएं भी मिली हैं.
इस वीडियो में स्रुजाना दोड्डामने नाम की एक लड़की ने फिल्म 'धूम-3' के एक गाने 'कमली' पर जबरदस्त डांस किया है. बता दें, फिल्म में इस गाने में बॉलीवुड एक्ट्रेस कैटरीना कैफ ने डांस किया था. लेकिन स्रुजाना ने 'कमली' पर ऐसा डांस किया है जिसने कैटरीना को जोरदार टक्कर दी है. हालांकि वीडियो में स्रुजाना के बारे में कोई डिटेल नहीं दिया गया है कि यह कौन है और कहां कि है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस वीडियो अब तक एक करोड़ से ऊपर लोगों ने देखा है और इस वीडियो पर काफी प्रतिक्रियाएं भी मिली हैं.
इस वीडियो में स्रुजाना दोड्डामने नाम की एक लड़की ने फिल्म 'धूम-3' के एक गाने 'कमली' पर जबरदस्त डांस किया है. बता दें, फिल्म में इस गाने में बॉलीवुड एक्ट्रेस कैटरीना कैफ ने डांस किया था. लेकिन स्रुजाना ने 'कमली' पर ऐसा डांस किया है जिसने कैटरीना को जोरदार टक्कर दी है. हालांकि वीडियो में स्रुजाना के बारे में कोई डिटेल नहीं दिया गया है कि यह कौन है और कहां कि है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस वीडियो अब तक एक करोड़ से ऊपर लोगों ने देखा है और इस वीडियो पर काफी प्रतिक्रियाएं भी मिली हैं. |
क्लेयर एंटोनिया पोलोसाक (जन्म 7 अप्रैल 1988) एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट अंपायर है। वह एक महिला ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय में अंपायर के रूप में खड़ी थी। जनवरी 2017 में, वह चार महिला अंपायरों में से एक थीं जिन्हें आईसीसी ने 2017 महिला क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर में मैचों में खड़ा किया था।
8 अक्टूबर 2017 को, वह ऑस्ट्रेलिया में पुरुषों की घरेलू स्थिरता में ऑनफील्ड अंपायर के रूप में खड़े होने वाली पहली महिला बनीं, जब वह न्यू साउथ वेल्स और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया XI के बीच 2017-18 जेएलएल वन-डे कप के मैच में अंपायरों में से एक थीं। 11 जनवरी 2018 को, वह इंग्लैंड की पुरुषों की क्रिकेट टीम से जुड़े एक मैच में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला बनीं, जब वह इंग्लैंड और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इलेवन के बीच एक दिवसीय वॉर्म अप मैच में खड़ी थीं।
अक्टूबर 2018 में, उन्हें 2018 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी 20 के लिए बारह ऑन-फील्ड अंपायरों में से एक के रूप में नामित किया गया था। अप्रैल 2019 में, नामीबिया में आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन दो 2019 टूर्नामेंट के लिए उन्हें आठ ऑन-फील्ड अंपायरों में से एक के रूप में नामित किया गया था। उन्हें फाइनल के लिए ऑन-फील्ड अंपायरों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया था, जो पुरुषों के एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) मैच में खड़े होने वाली पहली महिला बनीं। मई 2019 में, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने उन्हें आईसीसी के अम्पायर डेवलपमेंट पैनल की आठ महिलाओं में से एक के रूप में नामित किया। अगस्त 2019 में, स्कॉटलैंड में 2019 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी 20 क्वालीफायर टूर्नामेंट के दौरान मैचों में अंपायरिंग करने के लिए उन्हें अंपायरों में से एक के रूप में नामित किया गया था।
पोलोसाक पेशे से एक स्कूल शिक्षक है।
सन्दर्भ |
भारत की दूसरी बड़ी कार कंपनी Hyundai मोटर इंडिया लिमिटेड ने देश में पहली कनेक्टेड SUV Hyundai VENUE को पेश कर दिया है. भारत में पेश करने के साथ ही इसका ग्लोबल डेब्यू 2019 न्यू यॉर्क इंटरनेशनल ऑटो शो के दौरान किया गया. इसकी लॉन्चिंग भारत में मई के महीने में होगी.
बाजार में आने के बाद भारतीय बाजार में Venue SUV का मुकाबला फोर्ड EcoSport, टाटा Nexon, मारुति सुजुकी Vitara Brezza और महिंद्रा XUV300 से रहेगा. पहली कनेक्टेड एसयूवी होने की वजह से Venue में ढेरों कनेक्टेड फीचर्स दिए गए हैं. इसमें कनेक्टिविटी के लिए ब्लूलिंक टेक्नोलॉजी दी गई है. ब्लूलिंक टेक्नोलॉजी में 33 कनेक्टिविटी फीचर्स मौजूद हैं, जिसमें से 10 फीचर्स खासतौर पर भारत के लिए शामिल किए गए हैं. इन फीचर्स में लोकेशन बेस्ड सर्विसेज, AI बेस्ड वॉयस कमांड्स और इंजन, AC और डोर्स के लिए रिमोट फंक्शन्स मिलेंगे.
सेफ्टी के लिहाज से Hyundai Venue में स्टैंडर्ड तौर पर डुअल फ्रंट एयरबैग्स, ABS, सीट-बेल्ट रिमाइंडर और रियर पार्किंग सेंसर दिया गया है. साथ ही इसमें कई और फीचर्स जैसे इलेक्ट्रिक सनरूफ, वायरलेस फोन चार्जिंग, एयर प्यूरीफायर और क्रूज कंट्रोल भी दिए जाएंगे.
मैकेनिकल स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो Hyundai VENUE कंपनी की पहली कार है जिसमें इन हाउस डेवलप्ड 7-स्पीड एंड एडवांस्ड DCT टेक्नोलॉजी दी गई है. साथ ही यहां 6 MT और 5 MT ट्रांसमिशन भी उपलब्ध होगा. VENUE में 1.2 L Kappa पेट्रोल और 1.4 L डीजल इंजन के साथ Kappa 1.0 लीटर टर्बो (T) GD पेट्रोल इंजन भी आएगा.
कंपनी ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि ये कार स्पेस, कंफर्ट, सेफ्टी और स्टाइल के लिए खास है और इसे युवाओं को खास तौर पर ध्यान में रखकर उतारा गया है. उम्मीद की जा रही है इसकी कीमत 8 लाख रुपये से शुरू हो सकती है. |
लोकसभा चुनाव की लड़ाई जीतने के लिए राजनीतिक दल प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं. रैलियों और रोड शो के अलावा इस बार एक जंग सोशल मीडिया पर भी लड़ी जा रही है. वोटरों को लुभाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने कई गानों को लॉन्च किया है. एक तरफ बीजेपी अपने कार्यकाल का बखान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रही है, तो वहीं कांग्रेस ने न्याय योजना को ही थीम बना दिया है.
कांग्रेस ने जारी किया ‘अब होगा न्याय’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर न्याय योजना लागू करने का वादा किया है, जिसके तहत करीब 5 करोड़ गरीब परिवारों को 72000 रुपये सालाना दिए जाएंगे. कांग्रेस ने इसी को भुनाने के लिए गाना लॉन्च किया है, जिसका टाइटल ‘अब होगा न्याय’ दिया गया है. इस गाने में न्याय के बारे में बताने के साथ-साथ बीजेपी सरकार पर निशाना साधा गया है.
“तुम झूठी चालें चल के
शहरों के नाम बदल के
नोटों को कचरा कर के
और हर निर्धन को छल के
नफ़रत का धुआं फ़ैला के
भाई से भाई लड़ा के
कहते हो हम को चुन लो
अब तुम भी हमारी सुन लो..."
BJP ने लगाई विज्ञापनों की कतार
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अभी तक कई विज्ञापन जारी किए गए हैं, जो सोशल मीडिया, टीवी और अखबारों में छाए हुए हैं. भाजपा के विज्ञापनों के केंद्र में सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. जिनमें मोदी है तो मुमकिन है, चलो फिर एक बार मोदी सरकार बनाते हैं जैसे गाने शामिल किए गए हैं.
इसके अलावा भी भारतीय जनता पार्टी छोटे-छोटे विज्ञापन बना रही है, जिसमें मोदी सरकार की योजनाओं जैसे उज्ज्वला, स्वच्छ भारत, भ्रष्टाचार, राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों को भुनाया जा रहा है. बीजेपी ने युवा वोटरों को साधने के लिए रैप का भी सहारा लिया है, जैसे पहली बार वोट डालने वाले लोगों के लिए रैप सॉन्ग निकाला गया है.
गौरतलब है कि इस बार के चुनाव में सोशल मीडिया एक अहम भूमिका निभा रहा है. रोजाना पार्टियों की तरफ से ट्विटर पर नए-नए हैशटैग भी ट्रेंड कराए जा रहे हैं.
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दुष्कर्म के आरोप में अदालत में समर्पण करने वाले घोसी के नवनिर्वाचित बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सांसद अतुल राय ने जेल में अपनी जान का खतरा बताया है. अभी तक लोकसभा में शपथ ग्रहण न कर सकने वाले अतुल राय ने गुरुवार को अदालत में दो आवेदन दाखिल कर सुरक्षा की गुहार लगाई है.
अतुल राय ने शनिवार को वाराणसी की एक अदालत में समर्पण कर दिया. उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. राय के साथ उनके सैकड़ों समर्थक इस दौरान मौजूद रहे और उनके समर्थन में नारे लगाते रहे. घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर अतुल राय संसद पहुंचे हैं. जब एक छात्रा ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई और उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया, तब वे अपने चुनाव अभियान को बीच में छोड़कर गायब हो गए थे.
दुष्कर्म के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए बीएसपी सांसद अतुल राय ने गुरुवार को अदालत में दो आवेदन दाखिल किए. पहले आवेदन में उन्होंने कहा है कि वे घोसी से नवनिर्वाचित सांसद हैं. अभी तक लोकसभा में शपथ ग्रहण नहीं कर सके हैं. 17 जून से 26 जुलाई तक चलने वाले सत्र में नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ ग्रहण करना है. ऐसे में पुलिस अभिरक्षा में उन्हें संसद भेजकर शपथ ग्रहण कराने की अनुमति दी जाए. साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी प्रमाणपत्र और संसद सत्र का शेड्यूल भी अतुल राय के वकील ने कोर्ट में दाखिल किया है.
अतुल राय के वकील अनुज यादव की ओर से दिए गए दूसरे आवेदन में कहा गया है कि उन्हें जेल में जान का खतरा है. अतुल राय को डर है कि उन्हें खाने में जहर मिला कर जान से मारा जा सकता है. ऐसा वाराणसी जेल में पहले भी हो चुका है. इसलिए अतुल राय को घर का भोजन दिए जाने की अनुमति दी जाए. साथ ही जेल में अतुल राय को उचित सुरक्षा दी जाए.
सूत्रों के मुताबिक अतुल राय बनारस के मंड़ुवाडीह थाने के पुराने हिस्ट्रीशीटर हैं और पंजाब की जेल में बंद विधायक मुख्तार अंसारी के करीबियों में एक हैं. अतुल राय के खिलाफ बनारस और गाजीपुर सहित आसपास के अन्य जिलों में गंभीर आपराधिक आरोपों में 15 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. इन मामलों के चलते अतुल राय की कई दूसरे गैंग के अपराधियों से दुश्मनी है और उनके लोग भी जेलों में बंद हैं. इसी के चलते अतुल राय ने अपनी जान का खतरा जाहिर किया है.
निर्वाचित घोषित किए जाने के बाद अतुल राय ने संसद में पद की शपथ नहीं ली है. इस सप्ताह की शुरुआत में पुलिस ने उनकी संपत्ति जब्त करने के लिए अदालत से अनुमति ली थी. राय ने गुरुवार को वाराणसी की एक अदालत में समर्पण के लिए एक आवेदन दायर किया था.
अतुल कुमार राय पर बलिया की एक युवती ने बनारस के लंका थाने में दुष्कर्म, धोखाधड़ी और धमकी देने समेत कई धाराओं मामला दर्ज कराया है. दर्ज मामले के मुताबिक, अतुल राय युवती को लंका स्थित एक अपार्टमेंट के फ्लैट में झांसा देकर ले गए और उनका यौन शोषण किया. युवती ने उन पर यह आरोप भी लगाया है कि बीएसपी नेता दुष्कर्म के बाद उस पर मुंह बंद रखने का दबाव बनाते रहे हैं. दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद भी लोकसभा चुनाव में अतुल राय ने बीजेपी के सांसद हरिनारायण राजभर को 1,22,018 हजार मतों से हराया था. |
2011 आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन सात एक क्रिकेट टूर्नामेंट 1 से 8 मई 2011 जगह ले ली थी। यह आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग का हिस्सा है और 2015 क्रिकेट विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने का गठन किया। बोत्सवाना घटना की मेजबानी की।
टीम्स
इन टीमों ने टूर्नामेंट में भाग लिया था टूर्नामेंट में आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन सात 2009, आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन छह 2009 और आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन आठ 2010 के परिणामों के अनुसार निर्णय लिया थे।
खिलाड़ी
फिक्स्चर
ग्रुप चरण
अंक तालिका
मैचेस
प्लेऑफ
5 वें स्थान प्लेऑफ
3 जगह प्लेऑफ
फाइनल
सांख्यिकी
सर्वाधिक रन
शीर्ष पांच सबसे ज्यादा रन स्कोरर (कुल रन) इस तालिका में शामिल किए गए हैं।
अधिकांश विकेट
निम्न तालिका में पांच विकेट लेने वाले होते हैं।
अंतिम स्थान
टूर्नामेंट टीमों के रूप में वितरित कर रहे थे के समापन के बाद:
सन्दर्भ
आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग
क्रिकेट प्रतियोगितायें
2011 |
यह लेख है: सरकार ने मंगलवार को रसोई गैस सिलिंडर (14.2 किग्रा.) की कीमत में 3.46 रुपये की वृद्धि की घोषणा की। गैस सिलिंडर के डीलरों पर इतने ही रुपयों का कमीशन बढ़ाने के बाद यह घोषणा की गई।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "डीलरों को भुगतान किए जाने वाले प्रति सिलिंडर (14.2 किग्रा.) कमीशन राशि में 3.46 रुपयों की वृद्धि कर उसे 40.71 रुपये कर दिया गया। परिणामस्वरूप रसोई गैस सिलिंडर के खुदरा मूल्य में भी इतनी ही वृद्धि कर दी गई।"
रसोई गैस की कीमत में यह वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू होगी। अब 14.2 किग्रा. भार वाला घरेलू गैस सिलिंडर 410.50 रुपये की बजाय 413.96 रुपये में उपलब्ध होगा।
घरेलू गैस की कीमतों में पिछली बार अक्टूबर, 2012 में वृद्धि की गई थी। तब भी डीलरों के कमीशन में वृद्धि के कारण ही कीमतें बढ़ी थीं।
अधिकारी ने बताया कि बिना रियायत वाले एलपीजी सिलिंडर की बिक्री पर 40.71 रुपये के कमीशन पर लगने वाले 75 पैसे के अतिरिक्त कमीशन में कोई संशोधन नहीं किया गया है।
बिना रियायत वाले एलपीजी सिलिंडर की बाजार में कीमत 1,017.50 रुपये है। |
मैत्री या मित्रता या बन्धुत्व लोगों के बीच पारस्परिक स्नेह का सम्बन्ध है। यह एक सहपाठी, पड़ोसी, या सहकर्मी जैसे "परिचित" या "सहचर" की तुलना में पारस्परिक बन्धन का एक शक्तिशाली रूप है।
कुछ संस्कृतियों में, मैत्री की अवधारणा बहुत ही गहरे सम्बन्धों की एक छोटी संख्या तक सीमित है; दूसरों में, एक व्यक्ति के कई मित्र हो सकते हैं, और प्रायः एक या दो लोगों के साथ अधिक गहन सम्बन्ध हो सकते हैं, जिन्हें अच्छे या सबसे अच्छे मित्र कहा जा सकता है।अन्य बोलचाल की शर्तों में बेस्टीज़ या बेस्ट फ्रेंड्स फ़ॉरेवर शामिल हैं। यद्यपि मैत्री के कई रूप हैं, जिनमें से कुछ स्थानीय भिन्नता हो सकते हैं, ऐसे कई बन्धनों में कुछ विशेषताएँ होती हैं। ऐसी विशेषताओं में एक दूसरे के साथ रहना, एक साथ बिताए समय का आनन्द लेना और एक दूसरे के लिए सकारात्मक और सहायक भूमिका निभाने में सक्षम होना शामिल है।
कभी-कभी मित्रों को परिवार से अलग किया जाता है, जैसा कि "मित्रगण और परिवार" कहा जाता है, और कभी-कभी प्रेमियों (जैसे, "प्रेमीगण और मित्रगण") से, यद्यपि लाभ वाले मित्रों के साथ रेखा धुंधली होती है। इसी प्रकार, मित्र क्षेत्र एक ऐसा शब्द है, जब किसी को प्रेमी के स्तर तक ऊपर उठने से प्रतिबन्धित किया जाता है।
संचार, समाजशास्त्र, सामाजिक मनोविज्ञान, नृविज्ञान और दर्शनशास्त्र जैसे शैक्षणिक क्षेत्रों में मैत्री का अध्ययन किया गया है। सामाजिक विनिमय सिद्धान्त, साम्य सिद्धान्त, सम्बन्धात्मक द्वन्द्वात्मकता और स्नेह सिद्धान्त सहित मैत्री के विभिन्न शैक्षणिक सिद्धान्तों का प्रस्ताव किया गया है।
मित्र के कर्तव्य
एक मित्र होने का अर्थ यह नहीं है कि आप किसी मजाक, बातचीत, एक चाय का कप या एक गुदगुदाती कहानी का हिस्सा बनें। बल्कि इसका मतलब है अपने सच्चे और ईमानदार हिस्से को साझा करना। मित्रता महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक बड़ा उत्तरदायित्व है जिसे दोनों पक्षों को स्वेच्छा से ओढना पड़ता है।
मित्र का कर्तव्य इस प्रकार बताया गया है : "उच्च और महान कार्य में इस प्रकार सहायता देना, मन बढ़ाना और साहस दिलाना कि तुम अपनी निज की सामर्थ्य से बाहर का काम कर जाओ।"
मित्र चयन
हिंदी के आलोचक रामचंद्र शुक्ल मित्रों के चुनाव को सचेत कर्म बताते हुए लिखते हैं कि - "हमें ऐसे ही मित्रों की खोज में रहना चाहिए जिनमें हमसे अधिक आत्मबल हो। हमें उनका पल्ला उसी तरह पकड़ना चाहिए जिस तरह सुग्रीव ने राम का पल्ला पकड़ा था। मित्र हों तो प्रतिष्ठित और शुद्ध ह्रदय के हों। मृदुल और पुरूषार्थी हों, शिष्ट और सत्यनिष्ठ हों, जिससे हम अपने को उनके भरोसे पर छोड़ सकें और यह विश्वास कर सके कि उनसे किसी प्रकार का धोखा न होगा।"
मनुष्यों और पशुओं के बीच मैत्री
मैत्री उच्च बुद्धि वाले पशुओं में पाई जाती है, जैसे उच्च स्तनधारी और कुछ पक्षी। अन्तःप्रजातिय मैत्री मनुष्यों और पालतू पशुओं जैसे पालतू सर्प के बीच सामान्य है। अन्तःप्रजातिय मैत्री दो पशुओं, जैसे कुत्तों और बिल्लियों के बीच भी हो सकती है।
सन्दर्भ
सामूहिक प्रक्रियाएँ
व्यावहारिक मनोविज्ञान
अन्तरवैयक्तिक सम्बन्ध
बाहरी कड़ियाँ
मित्रता पर इतिहास की 7 सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ |
यह लेख है: वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा कि वायुसेना किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है. एयरचीफ ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि दोतरफा युद्ध होने के हालात में भी वायुसेना अपने विरोधियों को सजा देने में सक्षम है लेकिन इसके इस्तेमाल पर फैसला सरकार को करना है.
गौरतलब है कि आतंकी अजहर मसूद के मसले पर चीन ने यूएन में पाकिस्तान का साथ दिया है. चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी के बीच एक दोतरफा युद्ध के सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ''1962 में हालात अलग थे, आज हम अपने विरोधियों को माकूल सजा देने में सक्षम हैं. उस वक्त चीन के साथ हुई जंग में वायुसेना को सरकार ने हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दी थी.''टिप्पणियां
वायुसेना दिवस से पहले होने वाली सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीओके में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार सेना के तीनों अंगों में से एक प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा मीडिया के समाने आए. उन्होंने पहले ही सर्जिकल हमले से जुड़े किसी सवाल के न पूछे जाने की बात कही लेकिन बाद में कहा कि यह मामला संवेदनशील है, लिहाजा वे नहीं बोलेंगे. राहा ने कहा कि मामला अभी गरम है.
पठानकोट में वायुसेना के एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में राहा ने खामियां स्वीकार कीं और कहा कि ''यह हमला हमारे लिए एक झटका था. इससे सबक लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बना दी गई है. मसलन अब सेंसर, यूएवी और इन्फ्रा रेड जैसी कई अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं जिसे भेद पाना अब आतंकियों के लिए आसान नहीं होगा.''
गौरतलब है कि आतंकी अजहर मसूद के मसले पर चीन ने यूएन में पाकिस्तान का साथ दिया है. चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी के बीच एक दोतरफा युद्ध के सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ''1962 में हालात अलग थे, आज हम अपने विरोधियों को माकूल सजा देने में सक्षम हैं. उस वक्त चीन के साथ हुई जंग में वायुसेना को सरकार ने हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दी थी.''टिप्पणियां
वायुसेना दिवस से पहले होने वाली सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीओके में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार सेना के तीनों अंगों में से एक प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा मीडिया के समाने आए. उन्होंने पहले ही सर्जिकल हमले से जुड़े किसी सवाल के न पूछे जाने की बात कही लेकिन बाद में कहा कि यह मामला संवेदनशील है, लिहाजा वे नहीं बोलेंगे. राहा ने कहा कि मामला अभी गरम है.
पठानकोट में वायुसेना के एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में राहा ने खामियां स्वीकार कीं और कहा कि ''यह हमला हमारे लिए एक झटका था. इससे सबक लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बना दी गई है. मसलन अब सेंसर, यूएवी और इन्फ्रा रेड जैसी कई अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं जिसे भेद पाना अब आतंकियों के लिए आसान नहीं होगा.''
वायुसेना दिवस से पहले होने वाली सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीओके में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार सेना के तीनों अंगों में से एक प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा मीडिया के समाने आए. उन्होंने पहले ही सर्जिकल हमले से जुड़े किसी सवाल के न पूछे जाने की बात कही लेकिन बाद में कहा कि यह मामला संवेदनशील है, लिहाजा वे नहीं बोलेंगे. राहा ने कहा कि मामला अभी गरम है.
पठानकोट में वायुसेना के एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में राहा ने खामियां स्वीकार कीं और कहा कि ''यह हमला हमारे लिए एक झटका था. इससे सबक लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बना दी गई है. मसलन अब सेंसर, यूएवी और इन्फ्रा रेड जैसी कई अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं जिसे भेद पाना अब आतंकियों के लिए आसान नहीं होगा.''
पठानकोट में वायुसेना के एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में राहा ने खामियां स्वीकार कीं और कहा कि ''यह हमला हमारे लिए एक झटका था. इससे सबक लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बना दी गई है. मसलन अब सेंसर, यूएवी और इन्फ्रा रेड जैसी कई अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं जिसे भेद पाना अब आतंकियों के लिए आसान नहीं होगा.'' |
भगवान शिव के न जाने कितने ही रूप व नाम हैं और हर नाम की अपनी महिमा है. इनके हर नाम में एक विशेष शक्ति छिपी है. यह शक्ति तमाम समस्याओं को नष्ट कर जीवन में सुख का संचार करने वाली है. आइए आपको बताते हैं भगवान शिव के अलग-अलग नामों को जपने का महत्व क्या है.
'विश्वम्भर' नाम से मिलेगा रोजगार-
नौकरी के लिए भगवान शिव के 'विश्वम्भर' नाम का प्रयोग करें.
खाते-पीते, उठते-बैठते शिव का 'विश्वम्भर' नाम जपते रहें . आपकी रोजगार की समस्या जल्दी ही दूर हो जाएगी.
'महेश्वर' नाम से चलेगा कारोबार-
कारोबार बढ़ाने के लिए भगवान शिव के 'महेश्वर' नाम का प्रयोग करें.
इस नाम का जाप करते हुए काम पर निकलें. कारोबार की हर समस्या हल होगी और सफलता मिलेगी.
'आशुतोष' से सुधरेगा जीवनसाथी का व्यवहार-
जीवनसाथी से अनबन को दूर करने के लिए भगवान शिव के 'आशुतोष' नाम का प्रयोग करें.
सुबह उठने के बाद और रात में सोने के पहले इस नाम का जाप करें. आपके जीवनसाथी का बर्ताव बेहतर होने लगेगा.
'महादेव' नाम से पाएं अच्छी सेहत-
सुबह नहा-धोकर मंदिर में शिव जी को जल चढ़ाएं और 'महादेव' नाम का कम से कम 15 मिनट जाप करें.
इससे आपकी सेहत में अद्भुत सुधार होगा.
'रूद्र से सुधरेगा संतान का बर्ताव-
दोपहर के समय "रूद्र" नाम का 15 मिनट जाप करें.
इसके बाद अपनी संतान का 11 बार नाम लेने से उसके व्यवहार में सुधार होगा.
'नटराज' देगा मान-सम्मान-
यश और कीर्ति पाने के लिए भगवान शिव के 'नटराज' नाम का प्रयोग करें.
प्रदोष काल में शिव के 'नटराज' नाम का 108 बार जाप करें. इससे आपका मान-सम्मान बढ़ेगा, नाम और यश भी मिलेगा.
'बाबा' भगाएंगे बड़ी विपत्ति-
भगवान शिव के 'बाबा' नाम में बड़ी से बड़ी विपत्ति को टालने की शक्ति है.
जितना ज्यादा शिव के इस नाम का जप करेंगे उतना ही ज्यादा लाभ होगा.
शिव खोलेंगे मोक्ष का द्वार-
मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान के 'शिव' नाम का ही जाप करें.
शिव जी का ध्यान करते हुए 'शिव' नाम का जाप करने का फल ज़रूर मिलता है. अगर किसी सिद्ध व्यक्ति से 'शिव' नाम का मंत्र मिले तो यह सबसे उत्तम होगा. |
#workinprogress Slowly but surely!!! I begin training again post all my travels to meet the body I want as my 42nd birthday month begins!!! let some SAY it can’t be done...I’ll keep it simple & just DO it!!!My body...My rules!! Every year I celebrate every line..be it on my body or on my face!!! I have earned them!!!#celebratelife #celebrateyourself #birthdaymonth #renewal #rebirth yipppeeeeeee!!!!love u guys!!!!! Mmuuuaaaaah!!!!!
A post shared by Sushmita Sen (@sushmitasen47) on Nov 2, 2017 at 4:52am PDT
सुष्मिता सेन की तस्वीर पर फैन्स का रिएक्शन.
A post shared by Sushmita Sen (@sushmitasen47) on Sep 22, 2017 at 11:22am PDT |
आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि उसकी मौजूदा वित्त वर्ष में अपने कर्मचारियों की संख्या में 7,000 तक की बढोतरी करने की योजना है.
आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक तथा सीईओ चंदा कोचर ने यह जानकारी दी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी इस वित्त वर्ष में 5,000-7,000 लोग नियुक्त करने की योजना है. हमने अपने कर्मचारियों के लिए बोनस तथा लाभ की घोषणा भी की है. निजी क्षेत्र के इस बैंक ने अपनी 2,000वीं शाखा यहां खोली. कोचर ने कहा कि देश में यह उपलब्धि हासिल करने वाला आईसीआईसीआई बैंक निजी क्षेत्र का पहला बैंक है. बैंक इस वित्त वर्ष में और शाखाएं तथा एटीएम खोलेगा.
उन्होंने कहा कि नयी शाखा हमारे ग्राहकों के और पास पहुंचने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. बैंक की 33 प्रतिशत शाखाएं मेट्रो क्षेत्र में, 26 प्रतिशत अन्य शहरी क्षेत्रों में तथा 41 प्रतिशत अर्ध शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में हैं. |
मनुष्य भले ही चांद पर पहुंच गया हो लेकिन लोग अभी भी छुआछूत की मानसिकता छोड़ने को तैयार नहीं हैं. छुआछूत का ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के थाना भोजपुर इलाके का है, जहां नाई समाज (मुसलमानों के सलमानी समुदाय जिन्हें पहले हज्जाम के तौर पर जाना जाता था) अपनी दुकानों में दलित (वाल्मीकि) समाज के बाल काटने और दाढ़ी बनाने को तैयार नहीं हैं.
मुरादाबाद के थाना भोजपुर के गांव पीपलसाना के दलित (वाल्मीकि) एसएसपी मुरादाबाद के पास शिकायत लेकर पहुंचे. उन्होंने बताया कि भेदभाव के चलते उनके गांव की नाई की दुकानों पर उनके बाल नहीं काटे जाते. इस पर एसएसपी ने गंभीरता से डीएम से बातचीत कर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की टीम बनाकर जांच के आदेश दिए. दलितों द्वारा पुलिस में की गई शिकायत के बाद सभी नाई की दुकानें बंद है. उनका कहना है कि वे किसी भी कीमत पर इन लोगों के बाल नहीं काटेंगे. उनका कहना है कि हमारे सामने कभी इनके बाल गांव की दुकानों पर कटते नहीं देखे, यदि हमने इनके बाल काटे तो हमारी बिरादरी के लोग ही हमारी दुकान पर नहीं आएंगे. इसके अलावा कुछ लोग आक्रामक तेवर में भी दिखे और गलत शब्द के प्रयोग भी किए गए.
अन्य मुस्लिम लोगों ने भी दिया साथ
पीपालसाना गांव के नाई समाज (मुसलमानों के सलमानी समुदाय) के अलावा अन्य मुस्लिम लोग भी दलितों के बाल काटे जाने का विरोध करते हुए नाई समाज के साथ दिखाई दे रहे हैं और दुकानों के बंद का समर्थन करते हुए ये कह रहे हैं कि दलित लोग अब तक जहां से बाल कटाते आए हैं वहीं से कटवाएं. सभी मुस्लिम अपनी-अपनी बातें कहते हुए नाई समाज का ही समर्थन करते दिख रहे थे. गांव की प्रधान मुस्लिम हैं. उनके पति ने इस मसले पर मुस्लिमों की पंचायत करते हुए कहा, 'हमारे यहां का माहौल बहुत बढ़िया है, लेकिन नया काम नहीं होना चाहिए, जैसा पहले से होता रहा है वैसे ही होना चाहिए. किसी भी हालत में माहौल खराब नहीं होने दिया जएगा, जबकि कुछ लोग ऐसा ही चाहते हैं.'
छुआछूत हो खत्म: दलित समाज
दूसरी ओर उसी इलाके में कुछ ही दूरी पर रह रहे दलित (वाल्मीकि) समाज के लोग भी इसी मुद्दे पर बिरादरी की पंचायत करते दिखाई दिए. बिरादरी के बुजुर्ग का कहना था, 'हमारी तो कट गई, लेकिन अब छुआछूत खत्म होनी चाहिए और गांव की दुकानों पर ही और लोगों की तरह हमारे भी बाल कटने चाहिए. हमारे बच्चों की शादी नहीं हो पा रही है, रिश्तेदारी में बात खराब हो गई है, हमारे बच्चों के नाम पूछ कर बिना बाल काटे दुकान से वापस भेज दिया जाता है.'
दलितों का कहना है, 'बच्चे पढ़ लिख गए हैं, जमाना बदल गया है, लिहाजा इस पुरानी छुआछूत से बाहर निकल कर जीवन जीना चाहिए. गांव में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं है, सब प्रेम से रहते हैं, इसलिए अन्य लोगों की तरह ही हम लोगों के बाल भी इलाके की दुकानों पर ही कटें. इसी बात को लेकर हम बिरादरी के लोग पुलिस अधिकारी से मिले थे उन्होंने हमें पूरा आश्वासन भी दिया है.'
बता दें कि दलित और मुस्लिम के बीच का छुआछूत का ये मामला भले ही पुलिस के पास पहुंच गया है, लेकिन दोनों ही पक्ष अपनी अपनी बात पर अड़े हुए हैं. |
लेख: फादर्स डे के एक दिन पहले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक पिता ने शराब के नशे में अपनी बेटी को जिंदा जला दिया। पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया है। बिलासपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के पेंड्रा कस्बे के भांडी गांव में एक पिता ने अपनी 16 साल की बेटी पर केरोसिन उड़ेलकर उसे जिंदा जला दिया। धुर आदिवासी इलाके में हुई इस हृदय विदारक घटना के आरोपी पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पेंड्रा के भांडी गांव के सलामटोला में मदन सिंह गोंड अपनी पत्नी और पुत्री के साथ रहता था। शनिवार की दोपहर मदन की बेटी तिलेश्वरी अपने घर में अकेली थी और उसकी मां गांव में ही एक कार्यक्रम में शामिल होने गई हुई थी। इसी दौरान मदन शराब के नशे में घर पहुंचा। दिन में शराब पीकर घर आने को लेकर जब तिलेश्वरी ने मदन को डांटा, तब मदन ने गुस्से में आकर तिलेश्वरी के ऊपर केरोसिन उड़ेल दिया और आग लगा दी। इसके बाद मदन ने कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। आग की लपटों से घिरी तिलेश्वरी चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन मदन का दिल नहीं पसीजा। बाद में तिलेश्वरी किसी तरह दरवाजा तोड़कर बाहर आई, लेकिन तब तक वह 90 प्रतिशत जल चुकी थी। |
सरिय्या हज़रत उसामा बिन ज़ैद रजि०: शुरुआती मुस्लिम खिलाफत का उसामा बिन ज़ैद के नेतृत्व में सैन्य अभियान था। जो जून 632 में हुआ था, जिसमें मुस्लिम सेना ने बाइज़ेंटाइन साम्राज्य में सीरिया पर छापा मारा था। यह अभियान ग़ज़वा ए मूता की लड़ाई के तीन साल बाद हुआ। यह पैग़म्बर मुहम्मद के आदेश पर सहाबा का आखरी सैन्य अभियान था।
विदाई तीर्थयात्रा के बाद , इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद ने उसामा इब्न ज़ैद को एक अभियान दल के कमांडर के रूप में नियुक्त किया, जिसे बाइज़ेंटाइन साम्राज्य में बलका के क्षेत्र पर आक्रमण करना था। मुताह की लड़ाई में मुसलमानों का बदला लेने के लिए मुहम्मद ने उसामा को सीरिया भेजा , जिसमें उसामा के पिता और मुहम्मद के दत्तक पुत्र, ज़ैद बिन हारिसा शहीद (इस्लाम) हो गए थे।
उसामा का अभियान सफल रहा और उसकी सेना बीजान्टिन क्षेत्र पर सफलतापूर्वक आक्रमण करने और छापा मारने वाली पहली मुस्लिम सेना थी, इस प्रकार सीरिया पर मुस्लिम विजय और मिस्र पर मुस्लिम विजय का मार्ग प्रशस्त हुआ, जो दोनों उसामा के जीवनकाल में हुए थे।
पृष्ठभूमि
ग़ज़वा ए मूता की लड़ाई सितंबर 629 में मूता के गांव के पास, जॉर्डन नदी के पूर्व और अल-कराक, मुहम्मद की सेना और बाइज़ेंटाइन साम्राज्य की सेना और उनके अरब ईसाई जागीरदारों के बीच लड़ी गई थी। इस्लामी ऐतिहासिक स्रोतों में, लड़ाई को आमतौर पर मुसलमानों के रूप में वर्णित किया जाता है, जो घाससनीद के खिलाफ प्रतिशोध लेने का प्रयास करते हैं, जब एक घसानीद अधिकारी ने मुहम्मद के दूत को मार डाला, जो बोसरा के रास्ते में था। लड़ाई के दौरान मुस्लिम सेना को भगा दिया गया था। तीन मुस्लिम नेताओं (उसामा के पिता, ज़ैद बिन हारिसा ) के शहीद (इस्लाम) हो जाने के बाद, कमान खालिद इब्न अल- वलीद को दी गई और वह बाकी ताकतों को बचाने में सफल रहे। बची हुई मुस्लिम सेना मदीना की ओर पीछे हट गई।
632 में विदाई तीर्थयात्रा के बाद, मुहम्मद ने उसामा इब्न ज़ायद को एक अभियान बल के कमांडर के रूप में नियुक्त किया, जिसे बीजान्टिन साम्राज्य में बलका के क्षेत्र पर आक्रमण करना था। इस अभियान का घोषित उद्देश्य मुताह की लड़ाई में मुस्लिम नुकसान का बदला लेना था, जिसमें उसामा के पिता और मुहम्मद के दत्तक पुत्र ज़ैद बिन हारिसा शहीद (इस्लाम) हो गए थे। उसामा ने लगभग 3000 आदमियों का एक दल इकट्ठा किया, जिनमें से 1000 घुड़सवार सैनिक थे, और अबू बकरअभियान में उसामा में शामिल होने का इरादा था। उसामा ने अपने आगे जासूस भी भेजे थे, जिनसे उसे पता चला कि दुश्मन अभी भी उसकी सेना के आसन्न दृष्टिकोण से अनजान थे।
हालाँकि, 8 जून को मुहम्मद की वफ़ात के कारण, अभियान में देरी हुई और अबु बक्र को मदीना में खलीफा के रूप में चुना गया। मुहम्मद की मृत्यु के साथ, कुछ मुस्लिम नेताओं और नागरिकों ने उसामा की कमान में जाने का विरोध किया क्योंकि उन्हें लगा कि वह, जो उस समय 20 वर्ष का था, एक सेना का नेतृत्व करने के लिए बहुत छोटा था। मुहम्मद ने इन चिंताओं को खारिज कर दिया। इस घटना का उल्लेख सही अल-बुखारी में भी किया गया है। पैगंबर के कुछ साथियों ने अबू बक्र को मनाने की कोशिश की, जिसने मुहम्मद को इस्लामिक समुदाय के नेता के रूप में उत्तराधिकारी बनाया, उसामा की युवावस्था के कारण, उमर इब्न अल-खत्ताब के साथ सेना के कमांडर के रूप में उसामा को बदलने के लिए।
पूरे अरब में बढ़ते विद्रोह और धर्मत्याग के कारण इस अभियान को लेकर अबू बकर पर बहुत दबाव था, लेकिन वह दृढ़ निश्चयी था। मुहम्मद के निर्णय की फिर से पुष्टि की और उसामा के नेतृत्व में अभियान भेजा।
आखरी सरिय्या "सरिय्या उसामा"
जैशे उसामा, इस लश्कर का दूसरा नाम "सरिय्या उसामा" भी है। यह सब से आखिरी फौज है जिस के रवाना करने का रसूलुल्लाह ने हुक्म दिया। 26 सफ़र 11 हि. दो शम्बा के दिन रूमियों से जंग की तय्यारी का हुक्म दिया और दूसरे दिन हजरते उसामा बिन जैद को बुला कर फरमाया कि मैं ने तुम को इस फौज का अमीरे लश्कर मुकर्रर किया तुम अपने बाप की शहादत गाह मकामे "उबना" में जाओ और निहायत तेजी के साथ सफ़र कर के उन कुफ्फार पर अचानक हमला कर दो ताकि वोह लोग जंग की तय्यारी न कर सकें। वा वुजूदे कि मिज़ाजे नासाज था मगर आप ने खुद अपने दस्ते मुबारक से झन्डा बांधा और यह निशाने इस्लाम हजरते उसामा के हाथ में दे कर इरशाद फ़रमाया इसी हालत
अल्लाह के नाम से और अल्लाह की राह में जिहाद करो और काफिरों के साथ जंग करो।
हज़रते उसामा ने हज़रते बरीदा बिन अल हुसैब को झंडा संभालने वाला बनाया और मदीने से निकल कर एक कोस दूर मकामे "जरफ़" में पड़ाव किया ताकि वहाँ पूरा लश्कर जमा हो जाए। मुहम्मद ने अन्सार व मुहाजिरीन के तमाम मुअज्जिजीन को भी इस लश्कर में शामिल हो जाने का हुक्म दे दिया। लोगों पर यह शाक गुज़रा कि ऐसा लश्कर जिस में अन्सार, मुहाजिरीन के अकाबिर व अमाइद मौजूद हैं एक नौ उम्र लड़का जिस
की उम्र बीस बरस से अधिक नहीं किस तरह अमीरे लश्कर बना दिया गया ? जब हुजूर को इस ए'तिराज़ की ख़बर मिली तो आप ने कमज़ोरी के बावजूद सर में पट्टी बांधे हुए एक चादर ओढ़ कर मिम्बर पर एक खुत्बा दिया जिस में इरशाद फ़रमाया कि अगर तुम लोगों ने उसामा की सिपहसालारी पर तानाजनी की है तो तुम लोगों ने इस से क़ब्ल इस के बाप के सिपह सालार होने पर भी ताना जुनी की थी हालां कि खुदा की कसम ! इस का बाप (जैद बिन हारिसा) सिपहसालार होने के लाइक था और उस के बाद उस का बेटा (उसामा बिन जैद) भी सिपहसालार होने के काबिल है और यह मेरे नज़दीक मेरे महबूब तरीन सहाबा में से है जैसा कि इस का बाप मेरे महबूब तरीन अस्हाब में से था लिहाजा उसामा के बारे में तुम लोग मेरी नेक वसिय्यत को क़बूल करो कि वह तुम्हारे बेहतरीन लोगों में से है। यह खुत्बा दे कर मकान में तशरीफ़ ले गए और आप की अलालत में कुछ और भी इजाफा हो गया।
उसामा हुक्मे नबवी की तक्मील करते हुए मकामे जरफ़ में पहुंच गए थे और वहां लश्करे इस्लाम का इजतिमाअ होता रहा यहां तक कि एक अज़ीम लश्कर तय्यार हो गया। 10 रबीउल अव्वल 11 हिजरी को जिहाद में जाने वाले मुहम्मद से रुख़्सत होने के लिये आए और रुख़्सत हो कर मकामे जर में पहुंच गए। इस के दूसरे दिन हुजूर की अलालत ने और ज़ियादा शिद्दत इख़्तियार कर ली। हज़रते उसामा भी मिज़ाज पुर्सी और रुख्सत होने के लिये में हाज़िर हुए। उसामा को देखा मगर कमज़ोरी की वजह से कुछ बोल न सके, बार बार दस्ते मुबारक को आस्मान की तरफ़ उठाते थे और उन के बदन पर अपना मुक़द्दस हाथ फैरते थे। हज़रते उसामा का बयान है। कि इस से मैं ने यह समझा कि हुजूर मेरे लिये दुआ फरमा रहे हैं। इस के बाद हज़रते उसामा रुख्सत हो कर अपनी फ़ौज में तशरीफ़ ले गए और 12 रबीउल अव्वल 11 हिजरी को कूच करने का एलान भी फ़रमा दिया। सवार होने के लिये 'तय्यारी कर रहे थे कि उन की वालिदा हज़रते उम्मे ऐमन का फ़रिस्तादा आदमी पहुंचा कि हुजूर नज्अ की • हालत में हैं। यह होशरुबा ख़बर सुन कर हज़रते उसामा व हज़रते उम हज़रते अबू उबैदा वग़ैरा फ़ौरन ही मदीना आए तो येह देखा कि आप सकरात के आलम में हैं और उसी दिन दोपहर को या सह पहर के वक्त आप का विसाल हो गया। यह ख़बर सुन कर हज़रते उसामा का लश्कर मदीना वापस चला आया मगर जब हज़रते अबू बक्र सिद्दीक मस्नदे खिलाफ़त पर रौनक अफरोज़ हो गए तो बाज़ लोगों की मुखालफत के बावजूद रबीउल आखिर की आखिरी तारीखों में उस लश्कर को रवाना फ़रमाया और हज़रते उसामा मक़ामे "उबना" में तशरीफ ले गए और वहां बहुत ही खूरैज़ जंग के बाद लश्करे इस्लाम फत्ह याब हुवा और आप ने अपने बाप के क़ातिल और दूसरे कुफ्फार को क़त्ल किया और बेशुमार माले ग़नीमत ले कर चालीस दिन के बाद मदीने वापस तशरीफ लाए।
स्रोत
अल-तबारी के अनुसार, इससे पहले कि उसामा ने सीरिया के निवासियों पर छापा मारे, अबू बकर ने उसामा को युद्ध के दस नियमों का पालन करने का आदेश दिया। अबू बक्र के दस नियमों की परंपरा का उल्लेख अल-मुवत्ता के सुन्नी हदीस संग्रह में भी किया गया है ।
तबरी का कहना है कि अभियान सफल रहा, और उसामा सीरिया पहुंच गया और बीजान्टिन क्षेत्र में सफलतापूर्वक छापा मारने वाली पहली मुस्लिम सेना बन गई , इस प्रकार बीजान्टिन साम्राज्य से सीरिया और मिस्र के बाद के मुस्लिम विजय का मार्ग प्रशस्त हुआ।
यह अभियान इस्लाम के इतिहास में उल्लेखनीय हो गया कि कैसे अभी भी अठारह वर्ष की उसामा को प्रमुख दिग्गजों और पैगंबर के उच्च रैंक वाले साथी जैसे उमर, सआद इब्न अबी वक़्क़ास, सईद इब्न ज़ैद, अबू उबैदाह इब्न अल-जर्राह, और :en:Qatada ibn al-Nu'man क़तादा इब्न अल-नुमान का समग्र कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया था।
सराया और ग़ज़वात
इस्लामी शब्दावली में अरबी शब्द ग़ज़वा इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह (सरिय्या) या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है।
इन्हें भी देखें
सरिय्या अली इब्न अबी तालिब (यमन)
मस्जिद ज़िरार का विध्वंस
मुहम्मद की सैन्य उपलब्धियाँ
मुहम्मद के अभियानों की सूची
ग़ज़वा ए दूमतुल जन्दल
सन्दर्भ
मुहम्मद
इस्लाम
इस्लाम का इतिहास
अरब इतिहास
बाहरी कड़ियाँ
Ar-Raheeq Al-Makhtum|Ar Raheeq Al Makhtum– The Sealed Nectar (Biography Of The Noble Prophet) -First PRIZE WINNER BOOK Ar Raheeq Al Makhtum
अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी), पैगंबर की जीवनी (प्रतियोगिता में प्रथम पुस्तक) अर्रहीकुल मख़तूम |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेंट स्टीफेंस हॉस्पिटल के चिकित्सक के लापता होने तथा सहकर्मी की कथित हत्या के मामले की जांच की प्रगति की महीने में एक बार समीक्षा करने के आदेश निचली अदालत को दिए हैं. लापता डॉ सुयश गुप्ता अपने सहकर्मी डॉ शाश्वत पांडेय की कथित हत्या के मामले में आरोपी हैं. पांडे अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में प्रशिक्षु के तौर पर काम करते थे और पिछले वर्ष अगस्त में सीटी स्कैन लैब में मृत पाए गए थे. उनका गला काटा गया था.बोफोर्स घोटाला : 13 साल बाद CBI ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायाधीश आईएस मेहता की पीठ ने वंदना गुप्ता की ओर से दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया. याचिकाकर्ता ने अपने बेटे डॉ सुयश गुप्ता का पता ठिकाना मालूम करने के लिए याचिका दाखिल की थी.
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी जिसमें चिकित्सक का पता ठिकाना मालूम करने के लिए सब्जी मंडी पुलिस थाने की जांच का विस्तार से जिक्र किया गया था. देश में यह भी कहा गया कि जांच के इस चरण में इस रिपोर्ट को चिकित्सक की मां के साथ साझा नहीं किया जा सकता.टिप्पणियां
आदेश में कहा गया, ‘‘ इस स्थिति रिपोर्ट को रजिस्ट्री के पास सील बंद लिफाफे में रखा जाए और अदालत के आदेश के अलावा इसे देखने की इजाजत नहीं दी जाए.’’ गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त माह से लापता चल रहा चिकित्सक अपने सहकर्मी चिकित्सक शाश्वत पांडे की मौत के मामले में मुख्य संदिग्ध है. उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई कर रहे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच की प्रगति के बारे में पता लगाने के लिए एक माह में कम से कम एक बार इसे सूचीबद्ध करने के आदेश दिए.
इनपुट- भाषा
बोफोर्स घोटाला : 13 साल बाद CBI ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायाधीश आईएस मेहता की पीठ ने वंदना गुप्ता की ओर से दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया. याचिकाकर्ता ने अपने बेटे डॉ सुयश गुप्ता का पता ठिकाना मालूम करने के लिए याचिका दाखिल की थी.
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी जिसमें चिकित्सक का पता ठिकाना मालूम करने के लिए सब्जी मंडी पुलिस थाने की जांच का विस्तार से जिक्र किया गया था. देश में यह भी कहा गया कि जांच के इस चरण में इस रिपोर्ट को चिकित्सक की मां के साथ साझा नहीं किया जा सकता.टिप्पणियां
आदेश में कहा गया, ‘‘ इस स्थिति रिपोर्ट को रजिस्ट्री के पास सील बंद लिफाफे में रखा जाए और अदालत के आदेश के अलावा इसे देखने की इजाजत नहीं दी जाए.’’ गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त माह से लापता चल रहा चिकित्सक अपने सहकर्मी चिकित्सक शाश्वत पांडे की मौत के मामले में मुख्य संदिग्ध है. उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई कर रहे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच की प्रगति के बारे में पता लगाने के लिए एक माह में कम से कम एक बार इसे सूचीबद्ध करने के आदेश दिए.
इनपुट- भाषा
न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायाधीश आईएस मेहता की पीठ ने वंदना गुप्ता की ओर से दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया. याचिकाकर्ता ने अपने बेटे डॉ सुयश गुप्ता का पता ठिकाना मालूम करने के लिए याचिका दाखिल की थी.
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी जिसमें चिकित्सक का पता ठिकाना मालूम करने के लिए सब्जी मंडी पुलिस थाने की जांच का विस्तार से जिक्र किया गया था. देश में यह भी कहा गया कि जांच के इस चरण में इस रिपोर्ट को चिकित्सक की मां के साथ साझा नहीं किया जा सकता.टिप्पणियां
आदेश में कहा गया, ‘‘ इस स्थिति रिपोर्ट को रजिस्ट्री के पास सील बंद लिफाफे में रखा जाए और अदालत के आदेश के अलावा इसे देखने की इजाजत नहीं दी जाए.’’ गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त माह से लापता चल रहा चिकित्सक अपने सहकर्मी चिकित्सक शाश्वत पांडे की मौत के मामले में मुख्य संदिग्ध है. उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई कर रहे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच की प्रगति के बारे में पता लगाने के लिए एक माह में कम से कम एक बार इसे सूचीबद्ध करने के आदेश दिए.
इनपुट- भाषा
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी जिसमें चिकित्सक का पता ठिकाना मालूम करने के लिए सब्जी मंडी पुलिस थाने की जांच का विस्तार से जिक्र किया गया था. देश में यह भी कहा गया कि जांच के इस चरण में इस रिपोर्ट को चिकित्सक की मां के साथ साझा नहीं किया जा सकता.टिप्पणियां
आदेश में कहा गया, ‘‘ इस स्थिति रिपोर्ट को रजिस्ट्री के पास सील बंद लिफाफे में रखा जाए और अदालत के आदेश के अलावा इसे देखने की इजाजत नहीं दी जाए.’’ गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त माह से लापता चल रहा चिकित्सक अपने सहकर्मी चिकित्सक शाश्वत पांडे की मौत के मामले में मुख्य संदिग्ध है. उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई कर रहे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच की प्रगति के बारे में पता लगाने के लिए एक माह में कम से कम एक बार इसे सूचीबद्ध करने के आदेश दिए.
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आदेश में कहा गया, ‘‘ इस स्थिति रिपोर्ट को रजिस्ट्री के पास सील बंद लिफाफे में रखा जाए और अदालत के आदेश के अलावा इसे देखने की इजाजत नहीं दी जाए.’’ गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त माह से लापता चल रहा चिकित्सक अपने सहकर्मी चिकित्सक शाश्वत पांडे की मौत के मामले में मुख्य संदिग्ध है. उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई कर रहे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच की प्रगति के बारे में पता लगाने के लिए एक माह में कम से कम एक बार इसे सूचीबद्ध करने के आदेश दिए.
इनपुट- भाषा
इनपुट- भाषा |
जॉन एडवर्ड ग्रे (12 फ़रवरी 1800 - 7 मार्च 1875) एक ब्रिटिश, जीव विज्ञानी थे। वह जॉर्ज रॉबर्ट ग्रे के बड़े भाई और औषध विज्ञानी और वनस्पतिशास्त्री सैमुएल फ्रेडेरिक ग्रे (1766-1828) के बेटे थे।
ग्रे, 1840 से 1874 के क्रिसमस तक लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय मे जीव विज्ञान के कीपर थे। उन्होंने संग्रहालय के संग्रह से संबंधित कई कैटलाग प्रकाशित किए थे जिनमे जीव समूहों और नई प्रजातियों का विस्तृत विवरण दिया गया था।
सन्दर्भ
ब्रिटिश जन्तु विज्ञानी
ब्रिटिश पक्षी विज्ञानी
1800 में जन्मे लोग
1875 में निधन |
उन्हें देखकर आप उनके काम का अंदाजा नहीं लगा सकते. काले रंग की लेगिंग्स और स्लीवलेस ब्लाउज पहने सनी लियोनी उपनगरीय मुंबई के फाइव स्टार होटल की लॉबी में मौजूद हैं और उनसे महज दो फुट की दूरी पर हमेशा साये की तरह साथ रहने वाले उनके पति हैं. छरहरी काया वाली सौम्य सनी यहां लंच करने आई अभिजात्य वर्ग की अन्य महिलाओं में से ही एक लगती हैं. दरअसल, वे फिल्म वन नाइट स्टैंड की शूटिंग पूरी कर फुकेट से लौटी हैं और यहां से बेंगलूरू की ओर रवाना होंगी, जहां उन्हें बड़े बजट की एक क्षेत्रीय भाषा की फिल्म के लिए आइटम सांग शूट करना है. इस सांग में वे नौ अलग-अलग लुक में नजर आएंगी.
साउथ की फिल्म इंडस्ट्री के बारे में सनी कहती हैं कि 'कोई दबा-छिपा एजेंडा नहीं होता.' समय की पाबंदी और 'हर बात का खुला और स्पष्ट होना' भी उसकी खासियत हैं. पर बॉलीवुड इससे एकदम उलट है, जहां ''कुछ भी पहले से साफ-साफ नहीं बताया जाता'' और ऐसे में उन्हें मजबूरन दिया गया काम करना पड़ता है. सनी बताती हैं, ''लोगों को लगता है कि मुझे किसी भी बात पर आपत्ति नहीं होगी. लेकिन ऐसा नहीं है. मैं औरत हूं और मेरा भी आत्मसम्मान है. मैं यहां इसलिए आई हूं ताकि नई जिंदगी शुरू कर सकूं.''
वे आइटम नंबर करती हैं लेकिन जब फिल्मकार उन्हें इसके बारे में बताते हैं तो इसे वे ''थीम सांग'' कहते हैं. ''लेकिन 'आइटम सांग' शब्द मेरे लिए किसी भी लिहाज से नकारात्मक नहीं है.'' हालांकि उन्हें यह समझ नहीं आता कि दूसरे लोग इसे गलत क्यों मानते हैं. उनका मानना है कि आइटम सांग सिर्फ हेलन या सिल्क स्मिता से जुड़ा नहीं है. इस तरह के सांग और डांस तो बॉलीवुड की पहचान हैं. सनी कहती हैं, ''जब मैं अमेरिका के लोगों को बताती हूं कि मैं बॉलीवुड फिल्म शूट कर रही हूं तो वे सबसे पहले सांग, डांस और रंग-बिरंगे सेट के बारे में बात करते हैं न कि फिल्म के प्लॉट के बारे में.'' सनी के मुताबिक, सबसे बड़ी मुश्किल भी यही है जबकि असलियत यह है कि उनके और दूसरी अभिनेत्रियों के पास आइटम सांग के ढेरों ऑफर हैं.
यह उनकी सौम्यता ही है जो उन्हें अपना सम्मान वापस पाने की राह पर आगे बढऩे की प्रेरणा दे रही है. तिब्बती-पंजाबी सिख पिता और हिमाचली मां की बेटी 34 वर्षीया करनजीत कौर वोहरा उर्फ सनी लियोनी लॉस एंजेलिस की कैनेडियन एडल्ट मूवी ऐक्ट्रेस हैं. खुद के बाइसेक्सुअल होने को भी वे खुलेआम स्वीकार करती हैं. सनी ने ब्रेस्ट एनहैंसमेंट सर्जरी करवाई है. वे 2001 में 'पेंटहाउस पेट ऑफ द मंथ' और 'हसलर हनी' रह चुकी हैं और समलैंगिक सेक्स वीडियो में भी काम कर चुकी हैं.
लियोनी ने डेनियल वेबर से शादी की है जो पोर्न फिल्मों में उनके को-स्टार रह चुके हैं और म्युजिशियन भी हैं. उन्होंने एक वाइब्रेटर के लिए मॉडलिंग की है, आइट्यून्स का पहला पोर्नोग्राफिक ऐप भी बनाया और बाद में इसे हटा लिया गया. एडल्ट एंटरटेनमेंट का सारा कारोबार उनकी कंपनी लियोनी एलएलसी के जरिए होता है. टाइम्स सेलोबेक्स स्टार ने सनी को 2014 में लगातार दूसरे साल ऑनलाइन सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली भारतीय सेलेब्रिटी का खिताब दिया है.
अपनी पहली फिल्म जिस्म 2 (2012) से लेकर सुपरहिट रागिनी एमएमएस 2 (2014) और अब कानूनी पचड़ों में फंस चुकी मस्तीजादे तक, वे पिछले पांच साल से एडल्ट फिल्ममेकिंग की सुर्खियों में लगातार बनी हुई हैं. उनकी प्रोडक्शन कंपनी सन लस्ट पिक्चर्स का लक्ष्य साफ तौर से एडल्ट एंटरटेनमेंट है. और लियोनी के एडल्ट एंटरटेनमेंट के कारोबार में कोई कमी नहीं आई है.
सनी लियोनी के साथ काम कर चुके एक फिल्म प्रोड्यूसर उनके बारे में कहते हैं, ''वह पाव भाजी या फास्ट फूड की तरह है जो ज्यादा दिन तक नहीं चल पाता.'' 2011 में बिग बॉस-5 में आने के बाद से पिछले चार साल में फिल्म इंडस्ट्री में सनी के दोस्त नहीं बने हैं और इस सचाई को वे खुद भी स्वीकार करती हैं. फिल्मी दुनिया में वे आज भी बाहरी हैं, बड़े बैनरों के लिए वे अस्पृश्य हैं और उनकी डिब्बाबंद फिल्म इतनी बकवास है—जिन्होंने इसे देखा है, उनका मानना है कि इस फिल्म में जरूरत से ज्यादा फूहड़ता है—कि फिल्म प्रमाणन अपीली न्यायाधिकरण (एफसीएटी) ने इस फिल्म को ही बैन कर दिया है. इसके अलावा, कास्टिंग करने वाले लोग उनके पति के व्यवहार की वजह से उनसे दूर हो रहे हैं. दरअसल, उनके पति फिल्म का फाइन प्रिंट देखने की मांग करते हैं. शाहिद कपूर के भाई ईशान ने भले बेबी डॉल शब्द अपनी भाभी के लिए इस्तेमाल किया हो, जो सामाजिक रूप से स्वीकार्य भी है लेकिन असल बेबी डॉल का अस्तित्व खतरे में है. आज उनके साथ कोई नहीं खड़ा है. ऐसे में हो सकता है, उन्हें फिर वहीं लौटना पड़े जहां से वे आई हैं.
लियोनी ने एक बार अपने एक को-स्टार से कहा था कि अगर कटरीना कैफ बॉलीवुड में आ सकती है तो वे भी यहां अपनी किस्मत आजमा सकती हैं. इस पर उनके को-स्टार ने जवाब दिया था, ''हर किसी को सपने देखने का अधिकार है.'' आज वे उनकी आकांक्षाओं को महज 'भ्रम बताते हैं. बीते चार साल में जिन लेखकों ने सनी को एक आकर्षक चेहरे से लेकर एक समझदार औरत तक की भूमिकाओं में पेश किया है, उनका मानना है कि न तो अश्लीलता और न ही नारीवादी सिद्धांत लियोनी को भारतीय एंजेलिना जोली बनाने में मददगार हो सकते हैं. लेकिन सनी के पास इसका जवाब है, ''बॉलीवुड की हर सफल हीरोइन की पहली दस फिल्में बुरी तरह पिटी थीं.'' वैसे भी वे अमेरिकी सिनेमा देखते हुए बड़ी हुई हैं, जहां अश्लीलता को इतना बुरा नहीं माना जाता. इसके अलावा उनकी सोच भी भारतीय नहीं है. वे लगातार खुद को अपने अतीत से अलगाते हुए आई हैं.
लियोनी अपनी कीमत उन्हें मिलने वाले क्लिक्स से आंकती हैं. उनसे नफरत करने वालों की संख्या उन्हें पसंद करने वालों से कम नहीं है और इसका श्रेय वे विश्लेषकों को देती हैं. लियोनी के मुताबिक, जो लोग उन्हें देखना, उनके बारे में पढऩा या उन्हें सुनना तक पसंद नहीं करते, वे दरअसल पूर्वाग्रह से पीड़ित हैं.
मुख्यधारा के सिनेमा में तेजी से आगे न आने की लियोनी की रणनीति को लेकर एक बार महेश भट्ट ने इसे उनका 'सयानापन' कहा था. लेकिन अब वे यहां पिछड़ती जा रही हैं. हालांकि बूम के जरिए बॉलीवुड में दस्तक देने वाली कटरीना कैफ की तुलना में लियोनी फायदे में थीं, क्योंकि यहां उनके प्रशंसक पहले से मौजूद थे. वे हंसते हुए बताती हैं, ''जब मैंने 2008 में शुरुआत की थी तो लोग मेरे पास आकर कहते थे, 'हम आपके फैन हैं' और मैं जवाब देती थी, ''लेकिन अब तो मैं यहां आ चुकी हूं! '' वे आज भी अपने मौजूदा प्रशंसकों को ध्यान में रखते हुए ही स्क्रिप्ट चुनती हैं, इसके अलावा नए प्रशंसक जोडऩे की ओर भी ध्यान दिया जाता है.
आंकड़े लियोनी का हौसला बढ़ाते हैं. और फिल्म इंडस्ट्री के मुताबिक ये आंकड़े ही हैं जो सनी को भ्रम में डाले हुए हैं. वे स्पिस्टिसविला सीजन-8 को होस्ट कर रही हैं और इस शो के प्रोड्यूसर एमटीवी का कहना है कि लियोनी के इस शो से जुडऩे से दर्शकों की संख्या बढ़ी है. हालांकि फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि बैचलर्स पार्टी में उनका डांस, जिसके लिए वे 10 लाख रु. लेती बताते हैं, बॉक्स ऑफिस की इतनी बड़ी सफलता में नहीं बदल सकता, जिसके कारण यशराज फिल्म्स उन्हें किसी भी बड़े स्टार के साथ काम करने का मौका देने के लिए मजबूर हो जाए. और जैसा इंडस्ट्री के दिग्गजों का कहना है, ऐसा कभी होगा भी नहीं.
लियोनी को भी इसकी कोई जल्दी नहीं है. वे कहती हैं, ''मैं अपनी जगह खुद बना रही हूं.'' उनका मानना है कि वन नाइट स्टैंड जो रति अग्निहोत्री के बेटे तनुज विरवानी की पहली फिल्म है और जैसमिन डिसूजा की भी बतौर निर्देशक पहली फिल्म है, उनकी सेक्स कॉमेडी की बाकी फिल्मों से हटकर है. बेईमान लव राजीव चौधरी की फिल्म है और इसमें लियोनी आज की औरत का किरदार निभा रही हैं. वे मानती हैं कि ये फिल्में उन्हें गंभीर सिनेमा की ओर ले जाएंगी. लेकिन फिल्म उद्योग दोनों ही फिल्मों को 'बी-ग्रेड्' करार देता है. रागिनी एमएमएस 2 के प्रोड्यूसर तनुज गर्ग के मुताबिक, लियोनी बखूबी जानती हैं कि किसी भी ऐक्टर को गंभीरता से लिए जाने में समय लगता है.
लियोनी अब पोर्नोग्राफी से स्वेच्छा से अलग होना चाहती हैं. वे कहती हैं, ''जैसी बातें सुनने को मिल रही हैं और जैसा काम मिल रहा है, ऐसे में मेरे पास और कोई विकल्प नहीं है. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आपका वजूद खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.'' वे और उनके पति खुद को भारतीय संस्कृति के अनुरूप ढालने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं और इसीलिए उन्होंने भारत में किसी भी तरह के पोर्नोग्राफिक मटीरियल का प्रचार नहीं करने का फैसला किया है.
यहां खुद को साबित करने की ऐसी जिद क्यों जबकि इतनी मेहनत तो वे लॉस एंजेलिस की दुनिया में भी कर सकती हैं जो इतनी कट्टर नहीं है? लियोनी कहती हैं, ''जितनी पहचान यहां मिल सकती है, उतनी वहां मिलना संभव ही नहीं है.'' और अमेरिका में? वहां उनके जैसी कई हैं: ''दर्जनों जो बेहद खूबसूरत हैं, सुंदर शरीर की मलिका, अच्छी अभिनेत्री और जिन्हें सही ट्रेनिंग मिली है.'' और यहां भारत में, ''वे उन चुनिंदा ऐक्टर्स में से एक बन सकती हैं जिन्हें लोग पसंद करते हैं.'' और यहां उनके पास ''एक्स फैक्टर भी है'' और वह एक्स फैक्टर क्या है? वे कहती हैं, ''मेरा बीता हुआ कल.'' यानी जो तबाह कर रहा है, वही बना भी रहा है. बॉलीवुड के सिर जो भी आरोप मढ़ें, लेकिन यहां सच की जीत होती है. |
A post shared by @pageants_queens on Jan 1, 2017 at 9:52pm PST
What a #Throwback!#YuktaMookheypic.twitter.com/7tBioEQW0y |
युवा पी कश्यप ने सोमवार को उलटफेर करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों की व्यक्तिगत बैडमिंटन स्पर्धा के पुरुष एकल में अपने से बेहतर रैंकिंग के मलेशिया के मोहम्मद हासिफ हासिम को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई.
पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में शिरकत कर रहे छठे वरीय कश्यप ने खचाखच भरे सिरी फोर्ट खेल परिसर में चौथे वरीय वरीय हासिम को क्वार्टर फाइनल में 19-21, 21-19, 21-16 से हराया.
कश्यप अगले दौर में दूसरे वरीय इंग्लैंड के राजीव ओसेफ से भिड़ेंगे जिन्हें मिश्रित टीम स्पर्धा के सेमीफाइनल के दौरान उन्होंने कुछ दिन पहले हराया था.
भारत के शीर्ष खिलाड़ी चेतन ने भी एक अन्य क्वार्टर फाइनल में कार्ल बैक्सटर को 21-17, 21-9 से हराया. वह सेमीफाइनल में दुनिया के नंबर एक मलेशिया के ली चोंग वेई से भिड़ेंगे.
हालांकि महिला एकल में पांचवीं वरीय अदिति मुटाटकर को शिकस्त का सामना करना पड़ा. उन्हें मलेशिया की दूसरी वरीय म्यू चू वोंग ने 21-8, 21-12 से हराया.
भारत को मिश्रित युगल में भी निराशा हाथ लगी जब ज्वाला गुट्टा और वी दीजू की जोड़ी को कू किएन कीट और चिन ई हुई की मलेशियाई जोड़ी के हाथों क्वार्टर फाइनल में 13-21, 19-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी.
ज्वाला को एक दिन में चार मैच खेलने पड़े लेकिन वह महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा के साथ मिलकर अंतिम चार में जगह बनाने में सफल रही. भारतीय जोड़ी ने हीथर ओल्वेर और मारियन अगाथानगेलू की जोड़ी को 21-9, 21-14 से बाहर का रास्ता दिखाया. |
बीवी नंवर 1 के 20 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर एक्ट्रेस करिश्मा कपूर ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने एक थ्रोबैक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर भी साझा की है. करिश्मा कपूर ने बताया कि ये तस्वीर उफ-उफ मिर्ची गाने की शूटिंग के दौरान की है. इस पोस्ट में करिश्मा ने डेविड धवन और सलमान खान को टैग किया है.
तस्वीर शेयर करते हुए करिश्मा ने लिखा, "बीवी नंबर वन के 20 साल. उफ-उफ मिर्ची सॉन्ग के दौरान सलमान खान के साथ एक जोक और कुछ सीक्रेट शेयर करते हुए."
सुष्मिता सेना जिन्होंने फिल्म में सलमान खान की गर्लफ्रेंड का किरदार निभाया था उन्होंने भी फिल्म का एक पोस्टर साझा किया है. सुष्मिता ने लिखा- "Wow, time flies!"
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20 years of Biwi no 1 💃🏻 during the song “Hai Hai Mirch Uff Uff Mirchi”🌶 sharing a joke (and some secrets)😂 with @beingsalmankhan Memories forever ❤️ @david.dhawan @bhagnani_vashu @poojafilms
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May 29, 2019 at 7:39am PDT
फिल्म की बात करें तो बीवी नंबर 1 कॉमेडी ड्रामा मूवी है. इसे डेविड धवन ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में सलमान खान, करिश्मा कपूर अनिल कपूर, तब्बू, सैफ अली खान और सुष्मिता सेन अहम रोल में हैं. फिल्म की कहानी एक ऐसे इंसान के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपनी पत्नी और दो बच्चों से बहुत प्यार करता है. खुशी-खुशी अपनी जिंदगी गुजार रहा होता है. लेकिन बाद में वो एक मॉडल के प्यार में पड़ जाता है और अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ देता है. फिल्म के आखिर में उसे समझ में आता है कि वो अपनी पत्नी पूजा से ही सच्चा प्यार करता है.
बता दें कि ये फिल्म बहुत हिट साबित हुई थी. करिश्मा कपूर और सलमान खान की एक्टिंग को खूब पसंद किया गया था. |
भारत की यह गेंदें शेष रहने के लिहाज से पाकिस्तान पर सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले उसने 2006 में मुल्तान में 105 गेंदें शेष रहते हुए जीत दर्ज की थी. भारत ने इस तरह से ग्रुप ए से शीर्ष पर रहकर सुपर फोर में जगह बनायी जहां उसे रविवार को फिर से पाकिस्तान का सामना करना है. |
यह एक लेख है: चीन के सरकारी मीडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि कश्मीर विवाद 46 अरब डॉलर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना को आगे बढ़ाने के चीन के प्रयासों को ‘‘बाधित करता’’ है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चीन को भारत की ‘‘छोटी-मोटी चालबाजियों’’ को रोकने के लिए उसका ‘तुष्टीकरण’ करते रहना चाहिए.
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के पीपुल्स डेली समूह से जुड़े ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया, ‘‘कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच का विवाद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना को आगे बढ़ाने के चीन के प्रयासों को बाधित करता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि छोटी-मोटी चालें चलने से भारत को रोकने के लिए चीन को ‘भारत का तुष्टीकरण’ करना चाहिए.’’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारत को यह बात पता होनी चाहिए कि अगर वह क्षेत्रीय एकीकरण और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में बहुत कम योगदान करता है, तो उसकी महान शक्ति बनने की महत्वाकांक्षा सिद्ध नहीं होगी.’’
फोर्ब्स पत्रिका में अमेरिका के एक विश्लेषक पनोस मॉरडॉकोटस का कल एक लेख छपा था जिसमें उन्होंने महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर बीजिंग की आलोचना की थी. इस पर प्रतिक्रिया के रूप में चीन की सरकारी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. टिप्पणियां
फोर्ब्स में छपे इस लेख में कहा गया था कि चीन ने ‘‘भारत को खुश करने का’’ बहुत कम प्रयास किया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के पीपुल्स डेली समूह से जुड़े ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया, ‘‘कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच का विवाद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना को आगे बढ़ाने के चीन के प्रयासों को बाधित करता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि छोटी-मोटी चालें चलने से भारत को रोकने के लिए चीन को ‘भारत का तुष्टीकरण’ करना चाहिए.’’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारत को यह बात पता होनी चाहिए कि अगर वह क्षेत्रीय एकीकरण और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में बहुत कम योगदान करता है, तो उसकी महान शक्ति बनने की महत्वाकांक्षा सिद्ध नहीं होगी.’’
फोर्ब्स पत्रिका में अमेरिका के एक विश्लेषक पनोस मॉरडॉकोटस का कल एक लेख छपा था जिसमें उन्होंने महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर बीजिंग की आलोचना की थी. इस पर प्रतिक्रिया के रूप में चीन की सरकारी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. टिप्पणियां
फोर्ब्स में छपे इस लेख में कहा गया था कि चीन ने ‘‘भारत को खुश करने का’’ बहुत कम प्रयास किया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फोर्ब्स पत्रिका में अमेरिका के एक विश्लेषक पनोस मॉरडॉकोटस का कल एक लेख छपा था जिसमें उन्होंने महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर बीजिंग की आलोचना की थी. इस पर प्रतिक्रिया के रूप में चीन की सरकारी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. टिप्पणियां
फोर्ब्स में छपे इस लेख में कहा गया था कि चीन ने ‘‘भारत को खुश करने का’’ बहुत कम प्रयास किया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फोर्ब्स में छपे इस लेख में कहा गया था कि चीन ने ‘‘भारत को खुश करने का’’ बहुत कम प्रयास किया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
लेख: शनिवार देर रात करीब 2 बजे दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश पार्ट वन में बीआरटी कॉरीडोर की रेड लाइट पर गोलियां चलीं। गैंगवॉर में बाइक पर सवार राजू नाम के एक अपराधी की हत्या कर दी गयी। स्कार्पियों पर सवार छह लड़कों ने 12 गोलियां चलाई जिनमें से सात गोलियां राजू को लगीं और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हत्या की तफ़्तीश कर रही पुलिस के मुताबिक तिगड़ी इलाके का रहने वाला राजू नशीले पदार्थों के धंधे, हत्या की कोशिश और चोरी के मामलों में शामिल रहा है।
हत्या के बाद भाग भाग रहे अपराधियों की धर पकड़ किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। दरअसल बीआरटी रेड लाइट से थाने की दूरी 100 मीटर से भी कम है। ऐसे में नाइट पेट्रोलिंग कर रहे थाने के एसएचओ और दूसरे पुलिसकर्मियों ने गोली की आवाज साफ साफ सुनी। पुलिस टीम ने फौरन पीछा शुरू कर दिया। तेज़ रफ़्तार स्कॉर्पियो उनके आगे थी। अपराधियों की बदकिस्मती ये रही कि वो ऐसे रास्ते में दाखिल हो गये जो रास्ता आगे जाकर बंद हो जाता है।टिप्पणियां
शराब के नशे में कार चला रहे बदमाश ग्रेटर कैलाश के B ब्लॉक से होते हुए आगे जाकर एक दीवार से टकरा गये। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पूरी दीवार भरभराकर कार के अगले हिस्से पर गिर गयी जिससे कुछ बदमाश घायल होकर कार में पड़े रहे। पीछे लगी पुलिस ने उन्हें कार से निकालकर गिरफ्तार कर लिया। कुछ बदमाश कार से उतरकर आगे नाले में कूद गये जबकि एक बदमाश करीब 15 फीट ऊंचे लोहे के गेट पर चढ़ गया लेकिन गेट के ऊपर लगी नुकीली ग्रिल उसके पैर में घुस गयी और घायल हालत में वी नीचे आ गिरा। पुलिस ने उसे भी दबोच लिया। इधर नाले के पास छुपा एक बदमाश और इस केस का मुख्य आरोपी दीपक पंडित सुबह करीब 6 बजे चुपके से निकला और ऑटो कर भागने की फिराक में था लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से उसे भी पकड़ लिया गया।
इस तरह राजू की हत्या के लिए ज़िम्मेदार दीपक पंडित और उसके चार गुर्गे पुलिस के हत्थे चढ़ गये। आरोपियों की दलील है कि ये दोनों गिरोहों के वर्चस्व की लड़ाई है। पुलिस के मुताबिक हाल ही में तिहाड़ जेल में हुई दो हत्याओं के पीछे राजू का हाथ रहा है और ये दोनों लोग दीपक पंडित गैंग के थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 पिस्टल और 22 कारतूस बरामद किए हैं। हत्या में शामिल स्कार्पियो का ड्राइवर और शूटर अनूप फरार है।
हत्या के बाद भाग भाग रहे अपराधियों की धर पकड़ किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। दरअसल बीआरटी रेड लाइट से थाने की दूरी 100 मीटर से भी कम है। ऐसे में नाइट पेट्रोलिंग कर रहे थाने के एसएचओ और दूसरे पुलिसकर्मियों ने गोली की आवाज साफ साफ सुनी। पुलिस टीम ने फौरन पीछा शुरू कर दिया। तेज़ रफ़्तार स्कॉर्पियो उनके आगे थी। अपराधियों की बदकिस्मती ये रही कि वो ऐसे रास्ते में दाखिल हो गये जो रास्ता आगे जाकर बंद हो जाता है।टिप्पणियां
शराब के नशे में कार चला रहे बदमाश ग्रेटर कैलाश के B ब्लॉक से होते हुए आगे जाकर एक दीवार से टकरा गये। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पूरी दीवार भरभराकर कार के अगले हिस्से पर गिर गयी जिससे कुछ बदमाश घायल होकर कार में पड़े रहे। पीछे लगी पुलिस ने उन्हें कार से निकालकर गिरफ्तार कर लिया। कुछ बदमाश कार से उतरकर आगे नाले में कूद गये जबकि एक बदमाश करीब 15 फीट ऊंचे लोहे के गेट पर चढ़ गया लेकिन गेट के ऊपर लगी नुकीली ग्रिल उसके पैर में घुस गयी और घायल हालत में वी नीचे आ गिरा। पुलिस ने उसे भी दबोच लिया। इधर नाले के पास छुपा एक बदमाश और इस केस का मुख्य आरोपी दीपक पंडित सुबह करीब 6 बजे चुपके से निकला और ऑटो कर भागने की फिराक में था लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से उसे भी पकड़ लिया गया।
इस तरह राजू की हत्या के लिए ज़िम्मेदार दीपक पंडित और उसके चार गुर्गे पुलिस के हत्थे चढ़ गये। आरोपियों की दलील है कि ये दोनों गिरोहों के वर्चस्व की लड़ाई है। पुलिस के मुताबिक हाल ही में तिहाड़ जेल में हुई दो हत्याओं के पीछे राजू का हाथ रहा है और ये दोनों लोग दीपक पंडित गैंग के थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 पिस्टल और 22 कारतूस बरामद किए हैं। हत्या में शामिल स्कार्पियो का ड्राइवर और शूटर अनूप फरार है।
शराब के नशे में कार चला रहे बदमाश ग्रेटर कैलाश के B ब्लॉक से होते हुए आगे जाकर एक दीवार से टकरा गये। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पूरी दीवार भरभराकर कार के अगले हिस्से पर गिर गयी जिससे कुछ बदमाश घायल होकर कार में पड़े रहे। पीछे लगी पुलिस ने उन्हें कार से निकालकर गिरफ्तार कर लिया। कुछ बदमाश कार से उतरकर आगे नाले में कूद गये जबकि एक बदमाश करीब 15 फीट ऊंचे लोहे के गेट पर चढ़ गया लेकिन गेट के ऊपर लगी नुकीली ग्रिल उसके पैर में घुस गयी और घायल हालत में वी नीचे आ गिरा। पुलिस ने उसे भी दबोच लिया। इधर नाले के पास छुपा एक बदमाश और इस केस का मुख्य आरोपी दीपक पंडित सुबह करीब 6 बजे चुपके से निकला और ऑटो कर भागने की फिराक में था लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से उसे भी पकड़ लिया गया।
इस तरह राजू की हत्या के लिए ज़िम्मेदार दीपक पंडित और उसके चार गुर्गे पुलिस के हत्थे चढ़ गये। आरोपियों की दलील है कि ये दोनों गिरोहों के वर्चस्व की लड़ाई है। पुलिस के मुताबिक हाल ही में तिहाड़ जेल में हुई दो हत्याओं के पीछे राजू का हाथ रहा है और ये दोनों लोग दीपक पंडित गैंग के थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 पिस्टल और 22 कारतूस बरामद किए हैं। हत्या में शामिल स्कार्पियो का ड्राइवर और शूटर अनूप फरार है।
इस तरह राजू की हत्या के लिए ज़िम्मेदार दीपक पंडित और उसके चार गुर्गे पुलिस के हत्थे चढ़ गये। आरोपियों की दलील है कि ये दोनों गिरोहों के वर्चस्व की लड़ाई है। पुलिस के मुताबिक हाल ही में तिहाड़ जेल में हुई दो हत्याओं के पीछे राजू का हाथ रहा है और ये दोनों लोग दीपक पंडित गैंग के थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 पिस्टल और 22 कारतूस बरामद किए हैं। हत्या में शामिल स्कार्पियो का ड्राइवर और शूटर अनूप फरार है। |
टाल्क (Talc) एक खनिज है। इसका रासायनिक सूत्र Mg3 (OH) 2 Si4 O10 है। यह खनिज बड़ा मुलायम होता है तथा साबुन की तरह चिकनाहट लिए रहता है। इसका रंग सफेद या हरा होता है। कठोरता १ होने के कारण इसका चूर्ण आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसका आपेक्षिक घनत्व २.७-२.८ है।
टाल्कम पाउडर का प्रयोग प्राय: सभी घरों में होता है। यह पाउडर खनिज टाल्क से ही तैयार किया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह खनिज कपड़ों से चिकनाई को हटाने में, चीनी मिट्टी के उद्योग में, पोर्सिलेन तथा टाइल बनाने के काम में तथा रबर, कागज और रंग के उद्योगों में पूरक के रूप में काम आता है। रासायनिक बरतन बनाने तथा बिजली के उद्योगों में भी यह प्रयोग में लाया जाता है।
भारत में इस खजि के उच्च श्रेणी के निक्षेप राजस्थान, आंध्र प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में है। कदाचित् विश्व का सबसे अच्छा टाल्क फ्रांस के पाइरेनीज प्रदेश में मिलता है।
सन्दर्भ
खनिज |
मुंबई की एक मॉडल के रेप के आरोपी डीआईजी सुनील पारस्कर
की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. मुंबई क्राइम ब्रांच इस पूरे मामले में जल्द ही मॉडल पूनम पांडे से पूछताछ करेगी. पीड़ित मॉडल ने आरोप लगाया है कि पूनम पांडे के कहने पर ही पारस्कर ने उसके साथ ये घिनौनी हरकत की.
खबरों के मुताबिक पीड़ित मॉडल ने पुलिस को बताया कि पूनम पांडे के कहने पर ही पारस्कर उसे परेशान करता था. उसने बताया कि पूनम और उसके बीच प्रतिद्वंद्विता होने की वजह से उसने ऐसा करवाया.
हमेशा सुर्खियों में रहने वाली पूनम पांडे एक बार फिर विवादों में घिरने वाली हैं. पुलिस पूनम पांडे से पूछेगी कि रेप के आरोपी डीआईजी पारस्कर से उनका क्या रिश्ता है? पीड़ित मॉडल ने आरोप लगाया था कि पूनम पांडे और डीआईजी के बीच नजदीकी रिश्ते हैं और पूनम के कहने पर ही डीआईजी ने उसे परेशान करना शुरू किया.
इतना ही नहीं पीड़ित मॉडल और पूनम पांडे के बीच कुछ ट्वीट्स भी हुई हैं, जिसकी पुलिस जांच कर रही है. 3 जुलाई को पीड़ित मॉडल ने ट्वीट किया था कि पूनम पांडे के कहने पर डीआईजी पारस्कर उसे प्रताड़ित कर रहा है.
क्राइम ब्रांच ने पारस्कर द्वारा पीड़ित मॉडल को भेजे गए कुछ ऐसे मेसेजेस रिट्रीव कर लिए हैं. इन मेसेजेस में पारस्कर पीड़ित मॉडल से माफी मांग रहा है, हालांकि वो माफी किस लिए मांग रहा है, ये मेसेज में नहीं लिखा है.
बुधवार को क्राइम ब्रांच ने पीड़ित मॉडल का स्टेटमेंट CRPC की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड किया था.
पढ़ें: FIR में दर्ज पीड़ित मॉडल का पूरा बयान... |
अब तक आपने दोस्ती के कम ही ऐसे किस्से सुने होंगे, जब किसी मुस्लिम ने हिंदू मित्र का अंतिम संस्कार कर दोस्ती का फर्ज निभाया हो. मगर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में अब्दुल रज्जाक ने अपने दोस्त संतोष सिंह ठाकुर का पूरे हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर दोस्ती की मिसाल कायम की है.
पिछले 12 दिनों से बीमार था संतोष
संतोष रज्जाक का अजीज दोस्त था. उनकी इस दोस्ती में धर्म कभी बाधा नहीं बना. रज्जाक ऑटो चलाता था और संतोष मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता था. दोनों के परिवार सोनाघाटी क्षेत्र में रहते हैं. संतोष का स्वास्थ्य करीब 12 दिन पहले बिगड़ गया. उसे टीबी और पीलिया बताया गया. अस्पताल में भर्ती संतोष की रविवार सुबह मौत हो गई.
'जनआस्था' ने किया अंतिम संस्कार का बंदोबस्त
संतोष और रज्जाक दोनों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह
अंतिम संस्कार
कर सकें. लेकिन रज्जाक और संतोष की पत्नी छायाबाई नहीं चाहते थे कि संतोष को लावारिस की तरह दफनाया जाए. उन्होंने यह बात जिला अस्पताल में हड्डी के डॉक्टर विशेषज्ञ डॉ. रूपेश पद्माकर को बताई. डॉ. रूपेश पद्माकर ने सामाजिक संगठन 'जनआस्था' के संस्थापक संजय शुक्ला से संपर्क किया. 'जनआस्था' की टीम के महेश साहू और उनके दोस्तों ने अंतिम संस्कार की सभी व्यवस्था करा दी.
रज्जाक ने दोस्त को दी मुखाग्नि
संतोष के अंतिम संस्कार का इंतजाम होने के बाद समस्या थी कि मुखाग्नि कौन दे. संतोष का कोई बेटा नहीं था. रिश्तेदार भी मौजूद नहीं थे. इसलिए रज्जाक ने खुद अपने
दोस्त को मुखाग्नि
देने का फैसला किया. गंज स्थित मोक्षधाम में हिंदू रीति-रिवाज से संतोष को रज्जाक ने मुखाग्नि देकर दोस्ती का फर्ज निभाया.
हिंदू रीति-रिवाज से दोस्त का श्राद्धकर्म करेगा रज्जाक
रज्जाक का कहना है कि उसकी और संतोष की दोस्ती किसी धर्म पर टिकी नहीं थी, लिहाजा उसने तो उसे मुखाग्नि देकर दोस्ती का धर्म निभाया है. वह
श्राद्धकर्म भी हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक
करेगा.
'जनआस्था' के संस्थापक ने बताया कि लावारिस शवों और गरीबों के अंतिम संस्कार में सहयोग करने वाली उनकी संस्था ने संतोष के अंतिम संस्कार में सहयोग कर अपनी जिम्मेदारी निभाई है. शुक्ला ने कहा कि रज्जाक ने संतोष का अंतिम संस्कार कर जाति-धर्म के बंधनों की परवाह किए बगैर दोस्ती की मिसाल कायम की है. वह सच्चा इंसान है.
IANS से इनपुट |
फसल सिंचाई के लिए, इष्टतम जल दक्षता का मतलब उत्पादन को अधिकतम करते हुए वाष्पीकरण, अपवाह या उपसतह जल निकासी के कारण होने वाले नुकसान को कम करना है। विशिष्ट फसल सुधार कारकों के संयोजन में एक वाष्पीकरण पैन का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है कि पौधों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कितने पानी की आवश्यकता है। बाढ़ सिंचाई, सबसे पुराना और सबसे आम प्रकार, अक्सर वितरण में बहुत असमान होता है, क्योंकि एक खेत के कुछ हिस्सों को अन्य हिस्सों में पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचाने के लिए अतिरिक्त पानी प्राप्त हो सकता है। केंद्र-धुरी या पार्श्व-चलती स्प्रिंकलर का उपयोग करके ओवरहेड सिंचाई में अधिक समान और नियंत्रित वितरण पैटर्न की संभावना होती है। ड्रिप सिंचाई सबसे महंगी और सबसे कम उपयोग की जाने वाली विधि है, लेकिन यह न्यूनतम नुकसान के साथ पौधों की जड़ों तक पानी पहुंचाने की क्षमता प्रदान करती है। हालाँकि, ड्रिप सिंचाई तेजी से सस्ती होती जा रही है, खासकर घरेलू माली के लिए और पानी की बढ़ती दरों के मद्देनजर। सभी दिशाओं में छिड़काव करने वाली सिंचाई प्रणालियों को प्रतिस्थापित करते समय ड्रिप सिंचाई विधियों का उपयोग करके प्रति वर्ष 30,000 गैलन पानी बचाया जा सकता है। ड्रिप सिंचाई के समान सस्ते प्रभावी तरीके भी हैं जैसे सोखने वाली नली का उपयोग जो वाष्पीकरण को खत्म करने के लिए बढ़ते माध्यम में भी डूबा जा सकता है। |
दोनों के बीच 376 रनों की साझेदारी हुई। द्रविड़ 180 रन बनाकर आउट हुए जबकि लक्ष्मण ने 281 रन बनाए। भारत ने अपनी दूसरी पारी की घोषणा 657 रनों पर कर दी. इस तरह ऑस्ट्रेलिया के सामने 383 रन का लक्ष्य था. लक्ष्मण और द्रविड़ के बाद हरभजन सिंह ने अपना कमल दिखाया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के छह विकेट लेने में कामयाबी हासिल की और ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम सिर्फ 212 रन पर ऑल आउट हो गयी. इस तरह भारत ने इस मैच को 171 रन से जीत लिया था.
इस जीत ने भारतीय खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ा दिया. इस जीत के साथ यह एहसास हो गया कि भारत ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीम को हरा सकता है. इस जीत ने भारत को कई मैचों में दवाब में अच्छा खेलने के लिए प्रेरणा दी. सबसे बड़ी बात यह थी वीवीएस लक्ष्मण ने इस पारी के जरिए एक नई पहचान बनाई। लक्ष्मण के टेस्ट करियर को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे थे वह यहीं ख़त्म हो गए.
इस जीत ने भारतीय खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ा दिया. इस जीत के साथ यह एहसास हो गया कि भारत ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीम को हरा सकता है. इस जीत ने भारत को कई मैचों में दवाब में अच्छा खेलने के लिए प्रेरणा दी. सबसे बड़ी बात यह थी वीवीएस लक्ष्मण ने इस पारी के जरिए एक नई पहचान बनाई। लक्ष्मण के टेस्ट करियर को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे थे वह यहीं ख़त्म हो गए. |
2022 मुहम्मद तथ्य विवाद 27 मई 2022 को शुरू हुआ, जब भारत की सत्तारूढ़ पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर टाइम्स नाउ की वाद-विवाद में इस्लामीय पैगम्बर मुहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की। प्रतिपक्ष ने विवादित शिवलिंग को फाउण्टेन बताया. टिप्पणियाँ मुहम्मद और उसकी तृतीय पत्नी आइशा की निकाह के समय और संसिद्धि के समय की आयु के सन्दर्भ में थीं। यद्यपि, वह केवल हदीस का उद्धरण दे रही थी। विवाद 1 जून को तब बढ़ गया, जब दिल्ली भाजपा के माध्यम प्रमुख नवीन जिन्दल ने ट्विटर पर इसी प्रकार की टिप्पणी की। 4 जून तक, टिप्पणियों को सामाजिक माध्यम पर व्यापक रूप से साझा किया गया था, और खाड़ी सहयोग परिषद और तुर्की के सभी देशों में शीर्ष 10 हैशटैग में आवृत्त था।
इस टिप्पणी की मुस्लिम देशों ने कठोर निन्दा की थी। भारत के भीतर, शर्मा और जिन्दल के विरुद्ध द्वादशों पुलिस मामले दर्ज किए गए थे। देश के कुछ भागों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिससे कई लोगों की मृत्यु हो गई और कई आघात हो गए। उत्तर प्रदेश में हिंसा के कारण कुछ आरोपी दंगाइयों के घरों को दण्डात्मक रूप से ध्वस्त कर दिया गया।
भारत के सहयोगियों और सहभागियों सहित कई खाड़ी देशों ने कठोर निन्दा की और भारतीय वस्त्वों के बहिष्कार की धमकियाँ दी गईं।
सन्दर्भ |
यह एक लेख है: कारोबारी सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजारों में कारोबार का अंत तेजी पर हुआ. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 67 अंक तेजी के साथ 29926 के स्तर पर बंद हुआ जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंक का सूचकांक निफ्टी 9314 के स्तर पर बंद हुआ.आईटी शेयरों में खरीददारी देखी गई.टिप्पणियां
आज सुबह एशियाई बाजारों में स्थिर संकेतों के चलते शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 78 अंक से ज्यादा चढ़ा और निफ्टी भी फिर 9,300 अंक तक पहुंच गया था.
तीस कंपनियों के शेयरों पर आधारित बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 78.22 अंक यानी 0.26 प्रतिशत चढ़कर 29,937.02 अंक पर खुला था. इसके पीछे अहम कारण टिकाउ उपभोक्ता सामान, वाहन, पूंजीगत सामान और स्वास्थ्य देखभाल इत्यादि कंपनियों के शेयर में तेजी दिखना बताया गया.
आज सुबह एशियाई बाजारों में स्थिर संकेतों के चलते शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 78 अंक से ज्यादा चढ़ा और निफ्टी भी फिर 9,300 अंक तक पहुंच गया था.
तीस कंपनियों के शेयरों पर आधारित बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 78.22 अंक यानी 0.26 प्रतिशत चढ़कर 29,937.02 अंक पर खुला था. इसके पीछे अहम कारण टिकाउ उपभोक्ता सामान, वाहन, पूंजीगत सामान और स्वास्थ्य देखभाल इत्यादि कंपनियों के शेयर में तेजी दिखना बताया गया.
तीस कंपनियों के शेयरों पर आधारित बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 78.22 अंक यानी 0.26 प्रतिशत चढ़कर 29,937.02 अंक पर खुला था. इसके पीछे अहम कारण टिकाउ उपभोक्ता सामान, वाहन, पूंजीगत सामान और स्वास्थ्य देखभाल इत्यादि कंपनियों के शेयर में तेजी दिखना बताया गया. |
आरोपियों द्वारा जलाई गई उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद जहां पूरे देश में रोष व्याप्त है, वहीं उन्नाव पुलिस अपने उसी पुराने निर्दयी रवैये पर कायम है. जानकारी मिली है कि हिंदूपुर गांव, जहां उन्नाव पीड़िता को आरोपियों ने जलाया था, वहां की एक महिला ने शनिवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने दुष्कर्म के प्रयास की उसकी शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. कथित तौर पर पुलिस ने महिला से कहा कि जब दुष्कर्म हो उसके बाद आना, तभी शिकायत दर्ज होगी. पुलिस स्टेशन में पुलिस ने महिला से कहा, 'रेप तो हुआ नहीं, जब होगा तब आना.'
महिला ने बताया कि कुछ महीने पहले गांव के ही तीन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था. महिला ने कहा, 'मैं अपनी दवाई लेने जा रही थी. तभी तीनों ने मुझे रोका और मेरे कपड़े खींचने लगे. उन्होंने मेरे साथ दुष्कर्म करने का भी प्रयास किया.' महिला ने आरोपियों की पहचान भी की. इसके बाद जब वह शिकायत करने पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने उसे भगा दिया और दुष्कर्म होने के बाद आने के लिए कहा.
महिला ने बताया कि वह तीन महीने से थाने के चक्कर लगा रही है, लेकिन किसी ने भी मामले की सुनवाई नहीं की. महिला ने कहा, 'घटना के बाद, मैंने 1090 (महिला हेल्प लाइन) पर फोन किया और उन्होंने मुझे 100 डायल करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मुझे फिर उन्नाव पुलिस में इस मामले की शिकायत करने के लिए कहा.' महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी उसे शिकायर्त दर्ज कराने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. |
यह लेख है: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कैश फॉर वोट मामले का जाल फैलता जा रहा है। आंध्र प्रदेश के एंटी करप्शन ब्यूरो ने टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी के अलावा दो अन्य लोगों के घर में छापेमारी की है। इस मामले में एसीबी ने रेवंत रेड्डी को पहले ही गिरफ़्तार कर लिया है।
रेवंत रेड्डी पर विधान परिषद के चुनाव में मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को 50 लाख रुपये घूस देने का आरोप है। सोमवार को इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का नाम सामने आया था। उन पर आरोप था कि उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी थी। जिस कथित ऑडियो टेप के जरिये ये बात सामने आ रही थी उसे बाद में आंध्र प्रदेश सरकार ने गलत बताया था।
उधर, वोट के लिए नोट मामले में आरोपों का सामने कर रहे आंध्र के मुख्यमंत्री की कथित आडियो टेप के मामले में नायडू की पार्टी टीडीपी ने तेलंगाना सरकार पर पलटवार किया है।
टीडीपी ने इस ऑडियो टेप को बनावटी बताते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर मानहानि और फोन टैपिंग के कई मामले विजयवाड़ा, वाईज़ैग समेत कई शहरों में दर्ज कराए हैं। वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति का आरोप है कि कैश फॉर वोट के इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड चंद्रबाबू नायडू हैं।टिप्पणियां
आरोप है कि इस ऑडियो टेप में चंद्रबाबू नायडू और मनोनीत विधायक की बातचीत है, जिसमें कथित तौर पर चंद्रबाबू कह रहे हैं कि अगर वह तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं तो उन्हें हर तरह की सुविधा दी जाएगी हालांकि चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ हुई है।
हाल ही में तेलंगाना के एक टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक दूसरे विधायक को रिश्वत की पेशकश के आरोप में गिरफ़्तार किया था। विधान परिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार को वोट देने के लिए रेवंत रेड्डी एक मनोनीत विधायक को रिश्वत की पेशकश कर रहे थे।
रेवंत रेड्डी पर विधान परिषद के चुनाव में मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को 50 लाख रुपये घूस देने का आरोप है। सोमवार को इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का नाम सामने आया था। उन पर आरोप था कि उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी थी। जिस कथित ऑडियो टेप के जरिये ये बात सामने आ रही थी उसे बाद में आंध्र प्रदेश सरकार ने गलत बताया था।
उधर, वोट के लिए नोट मामले में आरोपों का सामने कर रहे आंध्र के मुख्यमंत्री की कथित आडियो टेप के मामले में नायडू की पार्टी टीडीपी ने तेलंगाना सरकार पर पलटवार किया है।
टीडीपी ने इस ऑडियो टेप को बनावटी बताते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर मानहानि और फोन टैपिंग के कई मामले विजयवाड़ा, वाईज़ैग समेत कई शहरों में दर्ज कराए हैं। वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति का आरोप है कि कैश फॉर वोट के इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड चंद्रबाबू नायडू हैं।टिप्पणियां
आरोप है कि इस ऑडियो टेप में चंद्रबाबू नायडू और मनोनीत विधायक की बातचीत है, जिसमें कथित तौर पर चंद्रबाबू कह रहे हैं कि अगर वह तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं तो उन्हें हर तरह की सुविधा दी जाएगी हालांकि चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ हुई है।
हाल ही में तेलंगाना के एक टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक दूसरे विधायक को रिश्वत की पेशकश के आरोप में गिरफ़्तार किया था। विधान परिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार को वोट देने के लिए रेवंत रेड्डी एक मनोनीत विधायक को रिश्वत की पेशकश कर रहे थे।
उधर, वोट के लिए नोट मामले में आरोपों का सामने कर रहे आंध्र के मुख्यमंत्री की कथित आडियो टेप के मामले में नायडू की पार्टी टीडीपी ने तेलंगाना सरकार पर पलटवार किया है।
टीडीपी ने इस ऑडियो टेप को बनावटी बताते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर मानहानि और फोन टैपिंग के कई मामले विजयवाड़ा, वाईज़ैग समेत कई शहरों में दर्ज कराए हैं। वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति का आरोप है कि कैश फॉर वोट के इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड चंद्रबाबू नायडू हैं।टिप्पणियां
आरोप है कि इस ऑडियो टेप में चंद्रबाबू नायडू और मनोनीत विधायक की बातचीत है, जिसमें कथित तौर पर चंद्रबाबू कह रहे हैं कि अगर वह तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं तो उन्हें हर तरह की सुविधा दी जाएगी हालांकि चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ हुई है।
हाल ही में तेलंगाना के एक टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक दूसरे विधायक को रिश्वत की पेशकश के आरोप में गिरफ़्तार किया था। विधान परिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार को वोट देने के लिए रेवंत रेड्डी एक मनोनीत विधायक को रिश्वत की पेशकश कर रहे थे।
टीडीपी ने इस ऑडियो टेप को बनावटी बताते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर मानहानि और फोन टैपिंग के कई मामले विजयवाड़ा, वाईज़ैग समेत कई शहरों में दर्ज कराए हैं। वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति का आरोप है कि कैश फॉर वोट के इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड चंद्रबाबू नायडू हैं।टिप्पणियां
आरोप है कि इस ऑडियो टेप में चंद्रबाबू नायडू और मनोनीत विधायक की बातचीत है, जिसमें कथित तौर पर चंद्रबाबू कह रहे हैं कि अगर वह तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं तो उन्हें हर तरह की सुविधा दी जाएगी हालांकि चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ हुई है।
हाल ही में तेलंगाना के एक टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक दूसरे विधायक को रिश्वत की पेशकश के आरोप में गिरफ़्तार किया था। विधान परिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार को वोट देने के लिए रेवंत रेड्डी एक मनोनीत विधायक को रिश्वत की पेशकश कर रहे थे।
आरोप है कि इस ऑडियो टेप में चंद्रबाबू नायडू और मनोनीत विधायक की बातचीत है, जिसमें कथित तौर पर चंद्रबाबू कह रहे हैं कि अगर वह तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं तो उन्हें हर तरह की सुविधा दी जाएगी हालांकि चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ हुई है।
हाल ही में तेलंगाना के एक टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक दूसरे विधायक को रिश्वत की पेशकश के आरोप में गिरफ़्तार किया था। विधान परिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार को वोट देने के लिए रेवंत रेड्डी एक मनोनीत विधायक को रिश्वत की पेशकश कर रहे थे।
हाल ही में तेलंगाना के एक टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक दूसरे विधायक को रिश्वत की पेशकश के आरोप में गिरफ़्तार किया था। विधान परिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार को वोट देने के लिए रेवंत रेड्डी एक मनोनीत विधायक को रिश्वत की पेशकश कर रहे थे। |
ईथर का सामान्य सूत्र R-O-R होता है। ईथर में दो कार्बन परमाणु एक ऑक्सिजन परमाणु द्वारा संयोजित रहते हैं। एल्किल समूह के आधार पर ईथर दो प्रकार के होते है -
1॰ सममित ईथर
2। असममित ईथर
1। सममित ईथर - जब ऑक्सीज़न परमाणु के दोनों ओर कार्बन परमाणु समान हो तथा एल्किल समूह भी समान हो तो एसे ईथर , सममित ईथर कहलाते हैं।
जैसे-CH3-O-CH3 एक सममित ईथर है।
2। असममित ईथर - जब ऑक्सीज़न परमाणु के दोनों ओर एल्किल समूह असमान हो तो एसे ईथर , असममित ईथर कहलाते हैं।
जैसे - CH3-CH2-O-CH3 एक असममित ईथर है।
रसायन |
बिग बॉस के फिनाले वीक में कंटेस्टेंट के फैंस उन्हें जीताने के लिए अपनी पूरी कोशिश में लगे हुए हैं. इसी बीच हिना खान के पैरेंट्स ने भी अपनी बेटी को विनर बनाने के लिए सोशल मीडिया पर वोट करने की अपील की है.
हिना के सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें हिना के पैरेंट्स उनके लिए वोट की अपील करते नजर आ रहे हैं. हिना के पापा फैंस से बात करते हुए कह रहे हैं कि हिना को आपने अक्षरा के रोल में काफी पसंद किया और प्यार दिया. अब एक बार फिर से हिना की बिग बॉस में एंट्री हुई है तो आप उसे वोट करके अपना प्यार जताएं. हिना ने काफी र्इंमानदार हो ये गेम खेला है और वो जैसी है वैसी ही इस शो में नजर आई है.
हिना ने शिल्पा को बताया कॉल गर्ल, सेलेब्स ने ऐसे जताई नाराजगी
Hina Khan is in the last stage of #BB11... and we are sure her parents can’t wait to see her! But before that here’s a very sweet vote appeal from her dearest parents! The purest kind of love ♥️ Voting lines are open till Saturday 10am! So just log in to voot and start voting 😊 (Link in the bio) #TeamHinaKhan #HinaForTheWin
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Hina Khan
(@realhinakhan) on
Jan 11, 2018 at 12:59am PST
बता दें कि बिग बॉस 11 का गेम हर रोज बदलता है और अब फिनाले वीक में तो बचे हुए कंटेस्टेंट के चेहरे सामने आने लगे हैं. इस तरह से सोशल मीडिया पर शो का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हिना खान अपनी को कंटेस्टेंट शिल्पा शिंदे को कॉल गर्ल कहते हुए सुना जा सकता है. हिना की इस बात से टीवी सेलेब्स काफी नाराज हैं और शिल्पा के फैंस भी उन्हें ट्रोल करते नजर आ रहे हैं.
प्रियांक शर्मा हुए घर से बाहर, ये रहे कारण, लव त्यागी सेफ
हिना खान और शिल्पा शिंदे के बीच शो की शुरुआत से 36 का आंकड़ा रहा है. इससे पहले भी हिना ने शिल्पा के लिए लूजर और भैंस जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था.
पिछले हफ्ते के नॉमिनेशन में हिना खान लाइव वोटिंग में शिल्पा के बाद सेकेंड नंबर पर हैं. वहीं हिना के दोस्त बनते नजर आ रहे विकास गुप्ता से भी हिना की लड़ाई हो गई है. अब देखना मजेदार होगा कि फिनाले में हिना की जीत होगी या हार. |
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आज उम्मीद जताई कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और चीन को प्रभावित करने में सक्षम होंगे.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों से हमारे विशिष्ट मेहमानों का हम गर्मजोशी से स्वागत करते हैं. ब्रिक्स दुनिया की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और यह दुनिया की जीडीपी का 22 प्रतिशत निर्माण करता है. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित आतंकवाद के बारे में ब्रिक्स के अन्य सदस्यों को राजी करने में सक्षम होंगे.’’टिप्पणियां
सिंह ने कई ट्विट कर कहा, ‘‘अगर चीन और रूस संयुक्त रूप से भारत में आतंकवाद अपराध के आकाओं और आरोपियों को भारत को सौंपने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाएंगे तो पाकिस्तान इससे इनकार नहीं कर सकेगा.’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री अपनी भाषण कला से नेताओं को राजी करने में सक्षम होंगे. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘श्री मोदी क्या आप अपनी भाषण कला से उन्हें राजी करने में सक्षम होंगे? मुझे पूरी उम्मीद है कि आप ऐसा करेंगे. आपको शुभकामनाएं.’’
इस शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग और ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका के नेता सम्मिलित होंगे. शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खतरों से मुकाबला और कारोबार एवं निवेश को बढ़ावा देने सहित कई अहम मुद्दों पर विचार किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान बढ़ते रूस-पाकिस्तान सैन्य संबंधों पर भारत के चिंता जताने की संभावना है और इस दौरान दोनों पक्ष रक्षा एवं परमाणु उर्जा के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर कर अपने ‘‘विशेष एवं विशिष्ट साझेदारी’’ को बढ़ावा देने पर विचार करेंगे.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों से हमारे विशिष्ट मेहमानों का हम गर्मजोशी से स्वागत करते हैं. ब्रिक्स दुनिया की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और यह दुनिया की जीडीपी का 22 प्रतिशत निर्माण करता है. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित आतंकवाद के बारे में ब्रिक्स के अन्य सदस्यों को राजी करने में सक्षम होंगे.’’टिप्पणियां
सिंह ने कई ट्विट कर कहा, ‘‘अगर चीन और रूस संयुक्त रूप से भारत में आतंकवाद अपराध के आकाओं और आरोपियों को भारत को सौंपने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाएंगे तो पाकिस्तान इससे इनकार नहीं कर सकेगा.’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री अपनी भाषण कला से नेताओं को राजी करने में सक्षम होंगे. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘श्री मोदी क्या आप अपनी भाषण कला से उन्हें राजी करने में सक्षम होंगे? मुझे पूरी उम्मीद है कि आप ऐसा करेंगे. आपको शुभकामनाएं.’’
इस शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग और ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका के नेता सम्मिलित होंगे. शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खतरों से मुकाबला और कारोबार एवं निवेश को बढ़ावा देने सहित कई अहम मुद्दों पर विचार किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान बढ़ते रूस-पाकिस्तान सैन्य संबंधों पर भारत के चिंता जताने की संभावना है और इस दौरान दोनों पक्ष रक्षा एवं परमाणु उर्जा के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर कर अपने ‘‘विशेष एवं विशिष्ट साझेदारी’’ को बढ़ावा देने पर विचार करेंगे.
सिंह ने कई ट्विट कर कहा, ‘‘अगर चीन और रूस संयुक्त रूप से भारत में आतंकवाद अपराध के आकाओं और आरोपियों को भारत को सौंपने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाएंगे तो पाकिस्तान इससे इनकार नहीं कर सकेगा.’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री अपनी भाषण कला से नेताओं को राजी करने में सक्षम होंगे. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘श्री मोदी क्या आप अपनी भाषण कला से उन्हें राजी करने में सक्षम होंगे? मुझे पूरी उम्मीद है कि आप ऐसा करेंगे. आपको शुभकामनाएं.’’
इस शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग और ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका के नेता सम्मिलित होंगे. शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खतरों से मुकाबला और कारोबार एवं निवेश को बढ़ावा देने सहित कई अहम मुद्दों पर विचार किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान बढ़ते रूस-पाकिस्तान सैन्य संबंधों पर भारत के चिंता जताने की संभावना है और इस दौरान दोनों पक्ष रक्षा एवं परमाणु उर्जा के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर कर अपने ‘‘विशेष एवं विशिष्ट साझेदारी’’ को बढ़ावा देने पर विचार करेंगे.
इस शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग और ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका के नेता सम्मिलित होंगे. शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खतरों से मुकाबला और कारोबार एवं निवेश को बढ़ावा देने सहित कई अहम मुद्दों पर विचार किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान बढ़ते रूस-पाकिस्तान सैन्य संबंधों पर भारत के चिंता जताने की संभावना है और इस दौरान दोनों पक्ष रक्षा एवं परमाणु उर्जा के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर कर अपने ‘‘विशेष एवं विशिष्ट साझेदारी’’ को बढ़ावा देने पर विचार करेंगे. |
अमेरिका के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में औषधि विज्ञान के भारतीय मूल के प्रोफेसर ताहिर हुसैन को किडनी से जुड़े एक अध्ययन के लिए 10 करोड़ रु. की राशि प्रदान की है.
यह राशि एक गुर्दे की कोशिका की जांच करने के लिए दी गई है जो मोटापा के कारण होने वाले सूजन से किडनी को पहुंचने वाली क्षति को रोक सकती है. हुसैन ने बताया कि अगर एटी 2 आर प्रोटीन को हम सक्रिय करने में सफल हो सके तो वह किडनी की पुरानी और गंभीर समस्याओं से निजात पाने में मददगार साबित हो सकता है.
यूपी में किडनी बेचने को क्यों मजबूर हुई एक मां ?
मूल रूप से भारत के रहने वाले और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एलुमनी हुसैन किडनी पर सूजन के प्रभावों का अध्ययन करेंगे. उन्होंने कहा- ‘इस अनुदान के लिए मैं जो प्रस्ताव दे रहा हूं वह यह है कि गुर्दे में कुछ कोशिकाएं होती हैं वह गुर्दे की रक्षा कर सकती हैं.’
हुसैन ने भारत के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीएससी (रसायनशास्त्र), एमएससी, एमफिल और पीएचडी (बायोकेमेस्ट्री) किया है. इसके बाद उन्होंने न्यूयार्क के ईस्ट कैरोलिना विश्वविद्यालय से पोस्ट डॉक्टरेट (औषधि विज्ञान) किया.
हुसैन ने भारत के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीएससी (रसायनशास्त्र), एमएससी, एमफिल और पीएचडी (बायोकेमेस्ट्री) किया है. इसके बाद उन्होंने न्यूयार्क के ईस्ट कैरोलिना विश्वविद्यालय से पोस्ट डॉक्टरेट (औषधि विज्ञान) किया. |
क्यू वियतनाम में ही रहे और 12 मई 1999 को नेशनल असेंबली के लिए स्वतंत्र चुनाव की वकालत करते हुए इंटरनेट पर एक बयान पोस्ट किया। 17 मार्च 2003 को, क्यू को वियतनामी मीडिया सेंसरशिप के बारे में लेखों की एक श्रृंखला लिखने के बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया गया, शासन ने उन पर "जासूसी" का आरोप लगाया। 29 जनवरी 2004 को, हो ची मिन्ह पीपुल्स कोर्ट ने उन्हें "राज्य के हितों, और सामाजिक संगठनों और नागरिकों के वैध अधिकारों और हितों को खतरे में डालने के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों का दुरुपयोग करने" का दोषी पाया और 30 महीने की कैद की सजा सुनाई। 22 सितंबर, 2004 को क्यू को गुप्त रूप से थान होआ प्रांत में एक कठिन श्रम शिविर (गुलाग) में भेजा गया था। हालाँकि, उन्हें 31 जनवरी 2005 को साथी असंतुष्ट गुयेन वान ली, न्गुयेन दीन्ह हुई और हुइन्ह वान बा के साथ, वियतनामी नव वर्ष, टेट के लिए माफी दी गई थी। फरवरी 2011 के मध्य में, क्यू ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के लिए एक इंटरनेट अपील पोस्ट की वियतनाम में अरब स्प्रिंग विद्रोह के मॉडल पर, नागरिकों से "कम्युनिस्ट तानाशाही को साफ़ करने और एक नया, स्वतंत्र, लोकतांत्रिक, मानवीय और प्रगतिशील वियतनाम बनाने" का आह्वान किया गया। फिर उन्हें "लोगों की सरकार की स्थिरता और ताकत का सीधे उल्लंघन करने" के लिए अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया गया था। उनके घर पर छापेमारी के बाद, पुलिस ने बताया कि उन्हें उनके घर में हजारों सरकार विरोधी दस्तावेज़ मिले हैं। एक सरकारी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि उन्हें क्रांति का आह्वान करने वाले "दस्तावेज़ रखते और वितरित करते हुए" रंगे हाथों पकड़ा गया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उन्हें अंतरात्मा का कैदी करार दिया और उनकी तत्काल रिहाई का आह्वान किया। 6 मार्च 2012 को, पूर्व अमेरिकी प्रतिनिधि जोसेफ काओ ने क्यू, गुयेन वान ली, डियू के और अन्य वियतनामी राजनीतिक कैदियों के लिए एक वियतनामी-अमेरिकी पैरवी प्रयास का आयोजन किया, जिसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा और अमेरिकी कांग्रेस के प्रशासन से एक मजबूत रुख अपनाने का आह्वान किया गया। उनकी ओर से। |
यह लेख है: लोकसभा में न्यायमूर्ति सौमित्र सेन के खिलाफ अब महाभियोग की कार्यवाही नहीं होगी। न्यायमूर्ति सेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पहले के कार्यक्रम के तहत सोमवार को न्यायमूर्ति सेन के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग की कार्यवाही चलनी थी। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस मुद्दे पर सरकार और राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की। वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी की विधि मंत्री सलमान खुर्शीद और संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल के साथ हुई बैठक में इस बारे में तय किया गया। एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया, सेन का इस्तीफा स्वीकार हो जाने के मद्देनजर अब महाभियोग की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जायेगा। उनसे लोकसभा की कार्यसूची में सेन के महाभियोग का उल्लेख होने के बारे में प्रश्न पूछा गया था। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, मुझे नये घटनाक्रम के मद्देनजर विचार विमर्श करना होगा। गौरतलब है कि सरकार ने रविवार को कलकाता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सेन के इस्तीफे को अधिसूचित कर दिया था। |
भारतीय धर्म-दर्शन की स्थापना है कि परब्रह्म अपने परिकरों के साथ नित्य लीला में संलग्न रहते हैं। जीवों का उद्धार करने के सदुद्देश्य से, अवतरित हो भगवान अपनी पार्थिव लीला से विश्वोपयोगी ऐश्वर्यगुणों को प्रस्तुत करते हैं। राम और कृष्ण के अनन्य उपासकों ने अपने आराध्य को परब्रह्म या उसका अवतार मानकर उनकी समस्त क्रिया-क्रीड़ाओं का मुक्त कंठ से गान किया है।
राम भक्ति साहित्य में परमेश्वर राम की लीलाओं के तीन प्रकार बताए गए हैं - (1) नित्य, (2) अवतरित (3) अनुकरणात्मक।
वैष्णव भक्तों के अनुसार परब्रह्म साकेत धाम में नित्य क्रीड़ा में संलग्न है। यह लीला चिरंतन, शाश्वत और अविराम परमानंददायिनी है। इस अवतरित लीला की अति पावन भूमि अयोध्या है : साकेत की नित्य लीला अंतरंग है, अयोध्या की अवतरित बहिरंग। लीला का मूलोद्देश्य मायाबद्ध जीवों को अंतरंग में प्रवेश करा उपास्यानंद में तल्लीन कराता है। रसिक आचार्यों के मतानुसार नित्य लीला ही निर्गुण लीला है, अप्रकट लीला है। और अवतरित लीला सगुण और प्रकट लीला है। वय: दृष्टि से राम की संपूर्ण लीलाओं का बाल्यावस्था, विवाह, वन, रण, राज्याभिषेक संबंधी लीलाओं का समूह कहा जाता है। स्थान की दृष्टि से थल लीला और जल लीला तत्वानुसार तात्विकी और अतात्विकी दो भेद हैं।
लीलानायक राम परब्रह्म के साकार रूप है, परंतु एकपत्नीव्रत न रह कर दक्षिण नायक बन जाते हैं। नायिका सीता आह्लादिनी शक्ति है जो इच्छा, ज्ञान, क्रिया इन तीनो शक्तियों का समन्वय है। राम और सीता का संबंध भक्तों के अनुसार पुरुष और प्रकृति का, परब्रह्म और आह्लादिनी शक्ति का है। परिकर जीवात्मा के रूप में स्वीकृत है। राम द्वारा किए गए सारे क्रियाव्यापारों का उनके भक्त जन अनुकरण करते हैं। यह अनुकरणात्मक लीला ही इन दिनों चलित रामलीला है।
रामलीला
कृष्णलीला
भारतीय संस्कृति |
यह लेख है: भारतीय टीम में वापसी की कवायद में जुटे गौतम गंभीर की दिलकश पारी से दिल्ली ने बंगाल को 93 गेंद शेष रहते हुए चार विकेट से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई।
दिल्ली की इस जीत में उसके गेंदबाजों का भी अहम योगदान रहा, जिन्होंने पहले बल्लेबाजी का न्योता पाने वाले बंगाल को 40.1 ओवर में 156 रन पर ढेर किया। इसके बाद गंभीर ने 78 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 69 रन बनाए, जिससे दिल्ली ने 34.3 ओवर में चार विकेट पर 160 रन बनाकर शान से फाइनल में प्रवेश किया। बंगाल के लिए सुबह से कुछ भी अनुकूल नहीं रहा।
दिल्ली के कप्तान रजत भाटिया ने टॉस जीतकर बंगाल को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। उसका शीर्ष क्रम बुरी तरह लड़खड़ा गया तथा 13वें ओवर और 32 रन तक उसके चार विकेट पैवेलियन लौट गए। इसके बाद मनोज तिवारी (87) और कप्तान लक्ष्मीरतन शुक्ला (30) ने पांचवें विकेट के लिए 73 रन की साझेदारी की।टिप्पणियां
बंगाल की तरफ से केवल तिवारी और शुक्ला ही दोहरे अंक में पहुंचे। भाटिया ने शुक्ला को अपनी ही गेंद पर कैच किया, जिसके बाद दिल्ली के गेंदबाजों को निचले क्रम के बल्लेबाजों को समेटने में परेशानी नहीं हुई। तिवारी ने एक छोर संभाले रखा। वह आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। उन्होंने अपनी पारी में 111 गेंद खेली तथा 10 चौके और दो छक्के लगाए।
दिल्ली की तरफ से लेग स्पिनर वरुण सूद सबसे सफल गेंदबाज रहे और उन्होंने 48 रन देकर तीन विकेट लिए। उनके अलावा भाटिया, प्रदीप सांगवान और सुमित नारवाल ने दो-दो विकेट लिए। छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरे दिल्ली ने ध्रुव शोरे (10) का विकेट जल्दी गंवा दिया, लेकिन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए गंभीर ने किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाई और आसानी से रन बटोरे। उन्होंने इस बीच कुछ खूबसूरत शॉट जमाकर बंगाल की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। युवा बल्लेबाज उन्मुक्त चंद 22 और मिलिंद कुमार 18 रन बनाकर आउट हो गए, लेकन भाटिया ने बल्ले से भी कमाल दिखाया और 32 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से नाबाद 28 रन की पारी खेली।
दिल्ली की इस जीत में उसके गेंदबाजों का भी अहम योगदान रहा, जिन्होंने पहले बल्लेबाजी का न्योता पाने वाले बंगाल को 40.1 ओवर में 156 रन पर ढेर किया। इसके बाद गंभीर ने 78 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 69 रन बनाए, जिससे दिल्ली ने 34.3 ओवर में चार विकेट पर 160 रन बनाकर शान से फाइनल में प्रवेश किया। बंगाल के लिए सुबह से कुछ भी अनुकूल नहीं रहा।
दिल्ली के कप्तान रजत भाटिया ने टॉस जीतकर बंगाल को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। उसका शीर्ष क्रम बुरी तरह लड़खड़ा गया तथा 13वें ओवर और 32 रन तक उसके चार विकेट पैवेलियन लौट गए। इसके बाद मनोज तिवारी (87) और कप्तान लक्ष्मीरतन शुक्ला (30) ने पांचवें विकेट के लिए 73 रन की साझेदारी की।टिप्पणियां
बंगाल की तरफ से केवल तिवारी और शुक्ला ही दोहरे अंक में पहुंचे। भाटिया ने शुक्ला को अपनी ही गेंद पर कैच किया, जिसके बाद दिल्ली के गेंदबाजों को निचले क्रम के बल्लेबाजों को समेटने में परेशानी नहीं हुई। तिवारी ने एक छोर संभाले रखा। वह आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। उन्होंने अपनी पारी में 111 गेंद खेली तथा 10 चौके और दो छक्के लगाए।
दिल्ली की तरफ से लेग स्पिनर वरुण सूद सबसे सफल गेंदबाज रहे और उन्होंने 48 रन देकर तीन विकेट लिए। उनके अलावा भाटिया, प्रदीप सांगवान और सुमित नारवाल ने दो-दो विकेट लिए। छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरे दिल्ली ने ध्रुव शोरे (10) का विकेट जल्दी गंवा दिया, लेकिन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए गंभीर ने किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाई और आसानी से रन बटोरे। उन्होंने इस बीच कुछ खूबसूरत शॉट जमाकर बंगाल की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। युवा बल्लेबाज उन्मुक्त चंद 22 और मिलिंद कुमार 18 रन बनाकर आउट हो गए, लेकन भाटिया ने बल्ले से भी कमाल दिखाया और 32 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से नाबाद 28 रन की पारी खेली।
दिल्ली के कप्तान रजत भाटिया ने टॉस जीतकर बंगाल को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। उसका शीर्ष क्रम बुरी तरह लड़खड़ा गया तथा 13वें ओवर और 32 रन तक उसके चार विकेट पैवेलियन लौट गए। इसके बाद मनोज तिवारी (87) और कप्तान लक्ष्मीरतन शुक्ला (30) ने पांचवें विकेट के लिए 73 रन की साझेदारी की।टिप्पणियां
बंगाल की तरफ से केवल तिवारी और शुक्ला ही दोहरे अंक में पहुंचे। भाटिया ने शुक्ला को अपनी ही गेंद पर कैच किया, जिसके बाद दिल्ली के गेंदबाजों को निचले क्रम के बल्लेबाजों को समेटने में परेशानी नहीं हुई। तिवारी ने एक छोर संभाले रखा। वह आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। उन्होंने अपनी पारी में 111 गेंद खेली तथा 10 चौके और दो छक्के लगाए।
दिल्ली की तरफ से लेग स्पिनर वरुण सूद सबसे सफल गेंदबाज रहे और उन्होंने 48 रन देकर तीन विकेट लिए। उनके अलावा भाटिया, प्रदीप सांगवान और सुमित नारवाल ने दो-दो विकेट लिए। छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरे दिल्ली ने ध्रुव शोरे (10) का विकेट जल्दी गंवा दिया, लेकिन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए गंभीर ने किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाई और आसानी से रन बटोरे। उन्होंने इस बीच कुछ खूबसूरत शॉट जमाकर बंगाल की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। युवा बल्लेबाज उन्मुक्त चंद 22 और मिलिंद कुमार 18 रन बनाकर आउट हो गए, लेकन भाटिया ने बल्ले से भी कमाल दिखाया और 32 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से नाबाद 28 रन की पारी खेली।
बंगाल की तरफ से केवल तिवारी और शुक्ला ही दोहरे अंक में पहुंचे। भाटिया ने शुक्ला को अपनी ही गेंद पर कैच किया, जिसके बाद दिल्ली के गेंदबाजों को निचले क्रम के बल्लेबाजों को समेटने में परेशानी नहीं हुई। तिवारी ने एक छोर संभाले रखा। वह आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। उन्होंने अपनी पारी में 111 गेंद खेली तथा 10 चौके और दो छक्के लगाए।
दिल्ली की तरफ से लेग स्पिनर वरुण सूद सबसे सफल गेंदबाज रहे और उन्होंने 48 रन देकर तीन विकेट लिए। उनके अलावा भाटिया, प्रदीप सांगवान और सुमित नारवाल ने दो-दो विकेट लिए। छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरे दिल्ली ने ध्रुव शोरे (10) का विकेट जल्दी गंवा दिया, लेकिन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए गंभीर ने किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाई और आसानी से रन बटोरे। उन्होंने इस बीच कुछ खूबसूरत शॉट जमाकर बंगाल की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। युवा बल्लेबाज उन्मुक्त चंद 22 और मिलिंद कुमार 18 रन बनाकर आउट हो गए, लेकन भाटिया ने बल्ले से भी कमाल दिखाया और 32 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से नाबाद 28 रन की पारी खेली।
दिल्ली की तरफ से लेग स्पिनर वरुण सूद सबसे सफल गेंदबाज रहे और उन्होंने 48 रन देकर तीन विकेट लिए। उनके अलावा भाटिया, प्रदीप सांगवान और सुमित नारवाल ने दो-दो विकेट लिए। छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरे दिल्ली ने ध्रुव शोरे (10) का विकेट जल्दी गंवा दिया, लेकिन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए गंभीर ने किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाई और आसानी से रन बटोरे। उन्होंने इस बीच कुछ खूबसूरत शॉट जमाकर बंगाल की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। युवा बल्लेबाज उन्मुक्त चंद 22 और मिलिंद कुमार 18 रन बनाकर आउट हो गए, लेकन भाटिया ने बल्ले से भी कमाल दिखाया और 32 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से नाबाद 28 रन की पारी खेली। |
लेख: देश के शेयर बाजारों में इस सप्ताह उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। सप्ताह के दौरान कंपनियों के तीसरी तिमाही पर बाजार की चाल निर्भर करेगी। प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस 11 जनवरी को अपने तिमाही नतीजे घोषित करेगी।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों को उम्मीद है कि 29 जनवरी को मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इससे बाजार में तेजी का रुख बन सकता है। सप्ताह के दौरान आने वाले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आंकड़ों का भी कारोबारी धारणा पर कुछ असर देखने को मिल सकता है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का आंकड़ा शुक्रवार को जारी किया जाएगा। इंवेन्चर ग्रोथ एंड सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मिलन बाविशी ने कहा, इससे आगे बाजार की आगे की दिशा इस बात पर भी निर्भर करेगी कि रुपया-डॉलर दर में किस तरह का उतार-चढ़ाव आता है। तीसरी तिमाही में आईटी क्षेत्र के कार्यपरिणामों से उम्मीद के बारे में रेलिगेयर रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय आईटी क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त रह सकती हैं।टिप्पणियां
बड़ी पूंजी वाली कंपनियों की कमाई में मामूली गिरावट आ सकती है। कुल मिलाकर क्षेत्रवार स्तर पर शुद्ध मुनाफे की स्थिति लगभग पूर्ववत रह सकती है, जिसमें रुपये के अवमूल्यन का भी योगदान हो सकता है। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार को मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार रहेगा। अगर मुद्रास्फीति में कोई कमी आती है, तो ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ जाएगी।
बोनान्जा पोर्टफोलियो की वरिष्ठ शोध विश्लेषक निधि सारस्वत ने कहा, निवेशकों का ध्यान आगामी तिमाही कार्यपरिणामों पर है, जिसका बाजार रुख पर तात्कालिक प्रभाव होने की उम्मीद है। वैश्विक खबरें भी बाजार धारणा को प्रभावित करेंगी। अमेरिकी बजट संकट का समाधान खोजे जाने तथा देश में सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में सकारात्मक रुख से सेंसेक्स और निफ्टी करीब दो वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों को उम्मीद है कि 29 जनवरी को मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इससे बाजार में तेजी का रुख बन सकता है। सप्ताह के दौरान आने वाले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आंकड़ों का भी कारोबारी धारणा पर कुछ असर देखने को मिल सकता है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का आंकड़ा शुक्रवार को जारी किया जाएगा। इंवेन्चर ग्रोथ एंड सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मिलन बाविशी ने कहा, इससे आगे बाजार की आगे की दिशा इस बात पर भी निर्भर करेगी कि रुपया-डॉलर दर में किस तरह का उतार-चढ़ाव आता है। तीसरी तिमाही में आईटी क्षेत्र के कार्यपरिणामों से उम्मीद के बारे में रेलिगेयर रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय आईटी क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त रह सकती हैं।टिप्पणियां
बड़ी पूंजी वाली कंपनियों की कमाई में मामूली गिरावट आ सकती है। कुल मिलाकर क्षेत्रवार स्तर पर शुद्ध मुनाफे की स्थिति लगभग पूर्ववत रह सकती है, जिसमें रुपये के अवमूल्यन का भी योगदान हो सकता है। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार को मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार रहेगा। अगर मुद्रास्फीति में कोई कमी आती है, तो ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ जाएगी।
बोनान्जा पोर्टफोलियो की वरिष्ठ शोध विश्लेषक निधि सारस्वत ने कहा, निवेशकों का ध्यान आगामी तिमाही कार्यपरिणामों पर है, जिसका बाजार रुख पर तात्कालिक प्रभाव होने की उम्मीद है। वैश्विक खबरें भी बाजार धारणा को प्रभावित करेंगी। अमेरिकी बजट संकट का समाधान खोजे जाने तथा देश में सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में सकारात्मक रुख से सेंसेक्स और निफ्टी करीब दो वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का आंकड़ा शुक्रवार को जारी किया जाएगा। इंवेन्चर ग्रोथ एंड सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मिलन बाविशी ने कहा, इससे आगे बाजार की आगे की दिशा इस बात पर भी निर्भर करेगी कि रुपया-डॉलर दर में किस तरह का उतार-चढ़ाव आता है। तीसरी तिमाही में आईटी क्षेत्र के कार्यपरिणामों से उम्मीद के बारे में रेलिगेयर रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय आईटी क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त रह सकती हैं।टिप्पणियां
बड़ी पूंजी वाली कंपनियों की कमाई में मामूली गिरावट आ सकती है। कुल मिलाकर क्षेत्रवार स्तर पर शुद्ध मुनाफे की स्थिति लगभग पूर्ववत रह सकती है, जिसमें रुपये के अवमूल्यन का भी योगदान हो सकता है। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार को मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार रहेगा। अगर मुद्रास्फीति में कोई कमी आती है, तो ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ जाएगी।
बोनान्जा पोर्टफोलियो की वरिष्ठ शोध विश्लेषक निधि सारस्वत ने कहा, निवेशकों का ध्यान आगामी तिमाही कार्यपरिणामों पर है, जिसका बाजार रुख पर तात्कालिक प्रभाव होने की उम्मीद है। वैश्विक खबरें भी बाजार धारणा को प्रभावित करेंगी। अमेरिकी बजट संकट का समाधान खोजे जाने तथा देश में सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में सकारात्मक रुख से सेंसेक्स और निफ्टी करीब दो वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
बड़ी पूंजी वाली कंपनियों की कमाई में मामूली गिरावट आ सकती है। कुल मिलाकर क्षेत्रवार स्तर पर शुद्ध मुनाफे की स्थिति लगभग पूर्ववत रह सकती है, जिसमें रुपये के अवमूल्यन का भी योगदान हो सकता है। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार को मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार रहेगा। अगर मुद्रास्फीति में कोई कमी आती है, तो ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ जाएगी।
बोनान्जा पोर्टफोलियो की वरिष्ठ शोध विश्लेषक निधि सारस्वत ने कहा, निवेशकों का ध्यान आगामी तिमाही कार्यपरिणामों पर है, जिसका बाजार रुख पर तात्कालिक प्रभाव होने की उम्मीद है। वैश्विक खबरें भी बाजार धारणा को प्रभावित करेंगी। अमेरिकी बजट संकट का समाधान खोजे जाने तथा देश में सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में सकारात्मक रुख से सेंसेक्स और निफ्टी करीब दो वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
बोनान्जा पोर्टफोलियो की वरिष्ठ शोध विश्लेषक निधि सारस्वत ने कहा, निवेशकों का ध्यान आगामी तिमाही कार्यपरिणामों पर है, जिसका बाजार रुख पर तात्कालिक प्रभाव होने की उम्मीद है। वैश्विक खबरें भी बाजार धारणा को प्रभावित करेंगी। अमेरिकी बजट संकट का समाधान खोजे जाने तथा देश में सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में सकारात्मक रुख से सेंसेक्स और निफ्टी करीब दो वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। |
मेंडलीफ 1869 में रासायनिक तत्व का आवर्त सारणी गुणों के आधार पर प्रकाशित हुआ जो कुछ नियमितता के साथ प्रकट हुआ क्योंकि उन्होंने तत्वों को सबसे हल्के से सबसे भारी तक ले जाया था. जब मेंडेलीव ने अपनी आवर्त सारणी का प्रस्ताव रखा, तो उन्होंने तालिका में अंतराल का उल्लेख किया और भविष्यवाणी की कि तत्कालीन अज्ञात तत्व उन अंतरालों को भरने के लिए उपयुक्त गुणों के साथ मौजूद थे। उन्होंने 44, 68, और 72 के संबंधित परमाणु द्रव्यमान के साथ उन्हें ईका-बोरोन, ईका-एल्यूमीनियम और ईका-सिलिकॉन नाम दिया।
उपसर्गों
अपने पूर्वानुमानित तत्वों को अनंतिम नाम देने के लिए, मेंडलीफ ने उपसर्गों का उपयोग कियाeka- , " dvi " - या " dwi-", और "wikt: 3 संस्कृत tri" -, संस्कृत अंकों के नाम 1, 2, और 3, इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी तालिका में ज्ञात तत्व के समान तत्व समूह से एक, दो या तीन स्थान नीचे है। उदाहरण के लिए, १६६ में इसकी खोज से पहले जर्मेनियम को १ 18 और ६ में इसकी खोज से पहले तक ईका-सिलिकॉन कहा जाता था, और रेनियम को द्वि - मैंगनीज कहा जाता था।
ईका- उपसर्ग का उपयोग अन्य सिद्धांतकारों द्वारा किया गया था, न कि मेंडेलीव की अपनी भविष्यवाणियों में। खोज से पहले, फ्रेंशियम को ईका-सीज़ियम , और एस्टैटाइन को 'ईका-आयोडीन' के रूप में संदर्भित किया गया था। कभी-कभी, ईका- का उपयोग अभी भी कुछ ट्रांसयूरानिक तत्व के संदर्भ में किया जाता है, उदाहरण के लिए, एक्टिनियम (या डवी-लैंथेनम ) के लिए यूनाबिनियम। लेकिन वर्तमान अधिकारी आईयूपीऐसी अभ्यास का उपयोग परमाणु तत्व नाम के आधार पर परमाणु संख्या अनंतिम नाम के रूप में किया गया है, बजाय आवधिक तालिका में इसकी स्थिति के आधार पर। उपसर्गों की आवश्यकता होती है।
सन्दर्भ
आगे की पढाई
रासायनिक तत्व
रासायनिक तत्व मेंडलीफ द्वारा भविष्यवाणी की गई |
राजधानी में रविवार 16 दिसंबर को चली बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के अंतिम संस्कार के बाद बलात्कारियों को कड़ी सजा देने के मांग करते हुए बड़ी संख्या में लोग जंतर-मंतर पर जमा हुए हैं.
प्रदर्शन स्थल पर सुबह से ही बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी जमा होने लगे और वे सभी इस संबंध में गिरफ्तार छह लोगों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों का एक समूह जंतर-मंतर पर एक दिन के उपवास पर बैठा है तो शेष लोग अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए नारे लगा रहे हैं.
पिछले सप्ताहांत पर इंडिया गेट और रायसीना हिल्स पर हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद इन क्षेत्रों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है.
पुलिस ने कहा कि राजपथ, विजय चौक और इंडिया गेट की ओर जाने वाले सभी रास्तों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. कमाल आतातुर्क मार्ग को भी बंद कर दिया गया है. सभी लोगों से इन रास्तों से बचने की अपील की जाती है. |
1 अक्टूबर, 1990 को मुंबई सब अरबन के रूप में नया जिला बना
देश का सबसे घनी आबादी वाला जिला, 93 लाख से ज्यादा आबादी
2011 की जनगणना के हिसाब से जिले की साक्षरता दर 80.96%
मुंबई सब अरबन जिले के तहत 4 लोकसभा, 26 विधानसभा सीटें
मुंबई सब अरबन जिला महाराष्ट्र के 36 जिलों में से सबसे चर्चित जिले में गिना जाता है. यह राज्य के कोंकण क्षेत्र में आता है. यह मुंबई सिटी का हिस्सा है. मुंबई सब अरबन जिला 2 उप डीविजन एसडीओ वेस्टर्न सबर्ब और एसडीओ ईस्टर्न सबर्ब में बंटा हुआ है. अंधेरी, बोरिवली और कुर्ला इस जिले के 3 तहसील हैं. इस जिले के तहत 4 संसदीय सीट और 26 विधानसभा सीटें आती हैं. जिले में 10 सिटी सर्वे ऑफिस भी हैं.
इस जिले के हिस्से में ही मशहूर जुहू बीच, मध बीच, गोराई बीच, वर्सोवा बीच और एरांगल बीच आते हैं. साथ ही जिले में 3 मशहूर झील तुलसी लेक, विहार लेक और पवाई लेक हैं. इसके अलावा प्राचीन काल की कन्हेरी और महाकाली गुफा भी इस शहर की ऐतिहासिकता को दर्शाती है. संजय गांधी राष्ट्रीय पार्क जिसे कृष्णागिरी उपवन या बोरिवली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है और यह 104 स्क्ववायर किलोमीटर के दायरे में फैला है.
1990 में मुंबई सब अरबन बना जिला
मुंबई सब अरबन जिले को मुंबई सिटी से अलग कर 1 अक्टूबर, 1990 को अलग जिले के रूप में स्थापित किया गया. अब मुंबई सिटी और मुंबई सब अरबन जिले 2 जिले हैं. आबादी के लिहाज से देखें तो यह देश का सबसे घनी आबादी वाला जिला है.
2011 की जनगणना के मुताबिक यहां पर 93,56,962 आबादी रहती है जिसमें 50,31,323 पुरुष तो 43,25,639 महिलाएं शामिल हैं. प्रति स्क्वयार किलोमीटर के दायरे में 25,357 लोग रहते हैं. जबकि 2001 में इस जिले की आबादी 8,640,419 थी. महाराष्ट्र की कुल आबादी की 8.33 फीसदी हिस्सा यहां पर रहता है.
2011 की जनगणना के हिसाब से देखें तो यहां की साक्षरता दर 80.96 फीसदी है जिसमें 92.92 फीसदी (4,223,029 लोग) पुरुष तो 86.37 फीसदी (3,352,456 महिलाएं) साक्षर हैं. लिंगानुपात के आधार पर देखें तो प्रति हजार पुरुषों पर 857 महिलाएं हैं. 2001 में यह लिंगानुपात 822 था.
धर्म के आधार पर इस जिले की बसावट पर नजर डालें तो यहां पर 67.73 फीसदी लोग हिंदू तो 19.19 फीसदी मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं. जबकि 5.02 फीसदी बौद्ध, 3.67 फीसदी जैन और 3.45 फीसदी ईसाई समाज के लोग रहते हैं.
जिले में 26 विधानसभा सीटें
मुंबई सब अरबन जिले के तहत 26 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें बोरिवली, धाईसर, मगाथाणे, मुलुंद, विखरोली, भांडअप वेस्ट, जोगेश्वरी ईस्ट, ढिंडोशी, मलाड वेस्ट, गोरेगांव, वर्सोवा, अंधेरी वेस्ट, अंधेरी ईस्ट, विले पार्ले, चांददिवेली, घाटकोपार वेस्ट, घाटकोपार ईस्ट, मनखुर्द, शिवाजीनगर, अनुशक्ति नगर, चेंबुर, कुर्ला (अनुसूचित जाति), कालिना, वंद्रे ईस्ट और वंद्रे वेस्ट शामिल हैं.
मुंबई सब अरबन जिले में 4 संसदीय सीटें हैं जिसमें मुंबई नॉर्थ, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ ईस्ट और मुंबई नॉर्थ सेंट्रल संसदीय सीटें शामिल हैं. मुंबई नॉर्थ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के गोपाल शेट्टी सांसद हैं. वह 2014 के बाद 2019 में भी इसी सीट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे. मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट पर शिवसेना का कब्जा है. शिवसेना के गजानन कीर्तिकर सांसद हैं. वह 2014 से ही सांसद हैं.
मुंबई नॉर्थ ईस्ट संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी के मनोज कोटक सांसद हैं. 2014 में बीजेपी के टिकट पर कीरिट सोमैया सांसद रहे थे. मुंबई नॉर्थ सेंट्रल संसदीय सीट पर बीजेपी की पूनम महाजन सांसद हैं. वह 2014 में भी सांसद रही थीं.
मुंबई नॉर्थ लोकसभा सीट के तहत 6 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और एक-एक पर शिवसेना तथा कांग्रेस का कब्जा है. मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट के तहत 3-3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी और शिवसेना का कब्जा है. जबकि मुंबई नॉर्थ ईस्ट संसदीय सीट पर 6 विधानसभा सीटों में से 3 पर बीजेपी, 2 पर शिवसेना और एक पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है.
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल संसदीय सीट के तहत सबसे ज्यादा 8 विधानसभा सीटें आती हैं और यहां पर शिवसेना बेहद मजबूत स्थिति में है.
फिलहाल हरियाणा के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं.
दोनों ही राज्यों में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे जबकि 24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आएंगे. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी शक्ति बनने की चीन की महत्वाकांक्षा अब विवादित जलक्षेत्र पर टिक गई है।
चीन की दो सरकारी कंपनियों ने विवादित क्षेत्र में तैरते हुए परमाणु रिएक्टर विकसित करने की योजना बनाई है। इसके वाणिज्यिक परिचालन के लिए यूनिट हासिल करने के मकसद से चीन निरंतर रूस से संपर्क कर रहा है। रूस ने 2007 से इसे विकसित करना आरंभ कर दिया था।
रिएक्टर स्थापित करने से दक्षिण चीन सागर में तेल उत्खनन में मदद करने वाले उपायों को नुकसान पहुंचेगा। दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का पहले से ही वियतनाम, फिलीपीन तथा कुछ देशों के साथ विवाद चल रहा हैं। चीन की मीडिया का कहा है कि दक्षिणी चीन सागर में 20 रिएक्टर तैनात किए जाने की योजना है।टिप्पणियां
बीते 12 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र की एक मध्यस्थता अदालत ने फैसला दिया था कि पूरे दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है। चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया था। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चीन की दो सरकारी कंपनियों ने विवादित क्षेत्र में तैरते हुए परमाणु रिएक्टर विकसित करने की योजना बनाई है। इसके वाणिज्यिक परिचालन के लिए यूनिट हासिल करने के मकसद से चीन निरंतर रूस से संपर्क कर रहा है। रूस ने 2007 से इसे विकसित करना आरंभ कर दिया था।
रिएक्टर स्थापित करने से दक्षिण चीन सागर में तेल उत्खनन में मदद करने वाले उपायों को नुकसान पहुंचेगा। दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का पहले से ही वियतनाम, फिलीपीन तथा कुछ देशों के साथ विवाद चल रहा हैं। चीन की मीडिया का कहा है कि दक्षिणी चीन सागर में 20 रिएक्टर तैनात किए जाने की योजना है।टिप्पणियां
बीते 12 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र की एक मध्यस्थता अदालत ने फैसला दिया था कि पूरे दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है। चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया था। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रिएक्टर स्थापित करने से दक्षिण चीन सागर में तेल उत्खनन में मदद करने वाले उपायों को नुकसान पहुंचेगा। दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का पहले से ही वियतनाम, फिलीपीन तथा कुछ देशों के साथ विवाद चल रहा हैं। चीन की मीडिया का कहा है कि दक्षिणी चीन सागर में 20 रिएक्टर तैनात किए जाने की योजना है।टिप्पणियां
बीते 12 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र की एक मध्यस्थता अदालत ने फैसला दिया था कि पूरे दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है। चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया था। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बीते 12 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र की एक मध्यस्थता अदालत ने फैसला दिया था कि पूरे दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है। चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया था। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
लेख: भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काट्जू ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर देवेंदर पाल सिंह भुल्लर को माफी देने की मांग की है जिसे वर्ष 1993 के दिल्ली बम विस्फोट मामले में मौत की सजा सुनाई गई है।टिप्पणियां
काट्जू ने यह पत्र उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों वाली एक पीठ द्वारा सजाए मौत के खिलाफ खालिस्तान आतंकवादी भुल्लर की याचिका के खारिज किए जाने के कुछ दिनों बाद लिखा है। न्यायालय के उस फैसले से भुल्लर को फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो गया है।
काट्जू ने कहा कि भुल्लर जनवरी 1995 में भारत आने के बाद से ही जेल में बंद है। वह गत 18 वर्ष से जेल में हैं। उसे अपनी फांसी के लिए काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा जिससे उसे काफी लंबे समय मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी इस दौरान क्योंकि उसके सिर पर खतरे की तलवार लटकती रही। उन्होंने अपनी अपील के कारण बताते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय भुल्लर की फांसी के खिलाफ उसकी अपील एक के मुकाबले दो से खारिज कर चुका था, यह निर्णय सर्वसम्मत नहीं था। उन्होंने कहा कि पीठ के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति एमबी शाह भुल्लर को बरी कर चुके थे।
काट्जू ने यह पत्र उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों वाली एक पीठ द्वारा सजाए मौत के खिलाफ खालिस्तान आतंकवादी भुल्लर की याचिका के खारिज किए जाने के कुछ दिनों बाद लिखा है। न्यायालय के उस फैसले से भुल्लर को फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो गया है।
काट्जू ने कहा कि भुल्लर जनवरी 1995 में भारत आने के बाद से ही जेल में बंद है। वह गत 18 वर्ष से जेल में हैं। उसे अपनी फांसी के लिए काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा जिससे उसे काफी लंबे समय मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी इस दौरान क्योंकि उसके सिर पर खतरे की तलवार लटकती रही। उन्होंने अपनी अपील के कारण बताते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय भुल्लर की फांसी के खिलाफ उसकी अपील एक के मुकाबले दो से खारिज कर चुका था, यह निर्णय सर्वसम्मत नहीं था। उन्होंने कहा कि पीठ के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति एमबी शाह भुल्लर को बरी कर चुके थे।
काट्जू ने कहा कि भुल्लर जनवरी 1995 में भारत आने के बाद से ही जेल में बंद है। वह गत 18 वर्ष से जेल में हैं। उसे अपनी फांसी के लिए काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा जिससे उसे काफी लंबे समय मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी इस दौरान क्योंकि उसके सिर पर खतरे की तलवार लटकती रही। उन्होंने अपनी अपील के कारण बताते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय भुल्लर की फांसी के खिलाफ उसकी अपील एक के मुकाबले दो से खारिज कर चुका था, यह निर्णय सर्वसम्मत नहीं था। उन्होंने कहा कि पीठ के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति एमबी शाह भुल्लर को बरी कर चुके थे। |
उत्तर प्रदेश के
महाराजगंज
जिले में बच्चों को राष्ट्रगान नहीं गाने देने वाले मदरसे की मान्यता रद्द कर दी गई है. महाराजगंज के जिला अधिकारी ने जांच रिपोर्ट में पाया कि इस मदरसे में ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान नहीं गाने दिया गया. जांच रिपोर्ट आने के बाद महाराजगंज जिले के अरबिया अहले सुन्नत गर्ल्स मदरसे की मान्यता खत्म की गई है.
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री
मोहसिन रजा
की जांच में मदरसे में गड़बड़ियां पाई गई हैं. 15 अगस्त को राष्ट्रगान नहीं गाए दिए जाने के आरोप को भी सही पाया गया है. इस मदरसे के संचालक जुनैद अंसारी सहित तीन लोग राष्ट्रगान के अपमान के आरोप में जेल में हैं.
मौलवी ने ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान का किया विरोध, तीन गिरफ्तार
महाराजगंज
पुलिस
ने मोहम्मद जुनैद अंसारी, मोहम्मद अज़लूर रहमान और मोहम्मद निजाम को गिरफ्तार किया था. इन तीनों ने 15 अगस्त को लड़कियों के मदरसे में तिरंगा फहराए जाने के बाद राष्ट्रगान का न सिर्फ विरोध किया था बल्कि उसे रोका भी था.
बता दें कि महाराजगंज के कोल्हुई थाना क्षेत्र के एक मदरसे में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह तिरंगा तो फहराया गया, लेकिन ध्वजारोहण के तुरंत बाद होने वाले राष्ट्रगान को रोक दिया गया. इस राष्ट्रगान को किसी और ने नहीं बल्कि उसी मदरसे के एक
मौलाना
ने रोक दिया. हालांकि वहां मौजूद शिक्षक राष्ट्रगान गाने के लिए जोर देते रहे, लेकिन इस तथाकथित मौलाना ने इस्लाम और मुसलमान की दुहाई देते हुए न सिर्फ जबरन राष्ट्रगान गाने से रोका बल्कि बच्चों को भी वहां से हटाने पर उतारू हो गया.
वहां मौजूद लोगों में मौलाना के प्रति नाराजगी साफ दिखाई दे रही थी, लेकिन मदरसे में उसकी तूती बोलती है इसलिए वो राष्ट्रगान रोकने में कामयाब रहा. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले झंडारोहण के बाद राष्ट्रगान नहीं होने दिया गया था, लेकिन जब मदरसे के टीचर की ओर से विरोध किया गया और उसका वीडियो बनाया गया तो बाद में राष्ट्रगान कराया गया. |
टीम अन्ना की कोर कमेटी की आज एक महत्वपूर्ण बैठक होनी है, जिसमें उन कदमों पर चर्चा होगी, जोकि सरकार की ओर से मजबूत लोकपाल पास न होने पर टीम अन्ना उठाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता अन्ना हजारे करेंगे। अन्ना पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर मजबूत लोकपाल बिल पास नहीं हुआ, तो वह 27 दिसंबर से फिर से अपना अनशन शुरू कर देंगे। अन्ना का यह अनशन रामलीला मैदान में होगा, जिसके लिए टीम अन्ना ने करीब-करीब सभी तैयारियां कर ली हैं। इसके अलावा पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी इस बैठक में चर्चा होगी। |
Congratulations to @boxervijender on the win. Careful what you wish for kid! https://t.co/HUwvjMeQCL |
करगिल विजय दिवस पर भारतीय संसद में देश के जवानों की बहादुरी, शौर्य और पराक्रम की जमकर तारीफ की गई. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मसले को उठाया और चर्चा की मांग की. इसके बाद लोकसभा स्पीकर के निर्देश पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया.
लोकसभा में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान, भारतीय सेना के बहादुर जवानों के शौर्य और पराक्रम को देख चुका है. लिहाजा वो अब फुल फ्लैश वॉर या लिमिटेड वॉर लड़ने की कभी हिमाकत नहीं कर सकता है.
उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को सिर्फ देश में रहने वाले नागरिक ही नहीं, बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय भी करगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं. करगिल के युद्ध में देश के जवानों ने जिस शौर्य-पराक्रम का परिचय और शहादत दी थी, उसको यह देश कभी भूल नहीं सकता है.'
इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को भी हिंदुस्तान की ताकत का एहसास कराया. लोकसभा में जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'जहां तक पाकिस्तान के साथ लड़ाई की बात है, तो पाकिस्तान के साथ हमारी लड़ाई 1965 में भी हुई, 1971 में भी हुई और 1999 में भी हुई. इन युद्धों के दौरान हमारे देश के बहादुर जवानों ने जो करिश्माई काम किया है, उसको सभी ने देखा है.'
My statement in Parliament on the occasion of 20th anniversary of Kargil Vijay Diwas.
pic.twitter.com/9cRjedqhdi
— Rajnath Singh (@rajnathsingh)
July 26, 2019
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के बहादुर जवानों का शौर्य और पराक्रम पाकिस्तान देख चुका है. अब पाकिस्तान हिंदुस्तान के साथ न तो फुल फ्लैश वॉर लड़ सकता है और न ही लिमिटेड वॉर लड़ सकता है. वो सिर्फ प्रॉक्सी वॉर ही लड़ता है.' इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमको अपने जवानों पर पूरा यकीन और गर्व है. मैं करगिल युद्ध में भारत को विजय दिलाने वाले जवानों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं.'
इसके अलावा राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी करगिल के वीर जवानों को याद किया. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'करगिल विजय दिवस हमारे राष्ट्र के लिए 1999 में करगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है. इस मौके पर हम भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के साहस और बहादुरी को नमन करते हैं.'
पीएम मोदी ने ट्विटर पर भारतीय सेना के जवानों के साथ तस्वीरों को भी साझा किया है. उन्होंने लिखा, 'करगिल युद्ध के दौरान मुझको करगिल जाने और अपने बहादुर जवानों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर मिला था. उस समय मैं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में अपनी पार्टी के लिए काम कर रहा था. उस समय करगिल का दौरा और जवानों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है.' |
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने कहा है कि भारतीय तेज गेंदबाज भी ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्षों जितने घातक साबित हो सकते हैं और मेहमान टीम को दूसरे टेस्ट में इस विश्वास के साथ उतरना चाहिए कि मेजबान टीम को टक्कर देने के लिए उनके पास काफी हथियार मौजूद हैं।
अकरम ने कहा कि मेलबर्न में पहले टेस्ट में हार के बावजूद भारत को कमतर नहीं आंका जा सकता। उन्होंने कहा, ‘भारत के पास ऑस्ट्रेलिया से निपटने के लिए अनुभव और प्रतिभा है और सिडनी टेस्ट से पहले मैं धोनी और उनकी टीम को चुका हुआ मानने को तैयार नहीं हूं।’
अकरम ने अपने कॉलम में लिखा, ‘सिडनी का विकेट पहले दो दिन निश्चित तौर पर सीम और स्विंग करेगा। भारत को इसके लिए तैयार रहना चाहिए और विश्वास रखना चाहिए कि उनका तेज गेंदबाजी आक्रमण भी उतना ही प्रतिभावान है। भारत को आग का सामना आग से करना चाहिए और उनके पास हथियार मौजूद हैं।’ इस पूर्व तेज गेंदबाज ने पहले टेस्ट के विश्लेषण के साथ अपनी टिप्पणी का समर्थन भी किया, जहां भारत के तीनों तेज गेंदबाजों ने बेहतरीन गेंदबाजी की। |
धमाकेदार ओपनर शिखर धवन को चैंपियंस लीग टी20 में हैदराबाद सनराइजर्स की कप्तानी की ज़िम्मेदारी मिली है। कुमार संगाकार इस टूर्नामेंट में अपनी घरेलू टीम कांदूराता मैरून्स की ओर से खेल रहे हैं। लिहाज़ा उनकी जगह धवन कप्तानी संभालेंगे।
धवन की टीम में वेस्टइंडीज़ के कप्तान डैरेन सैमी, जेपी डूमिनी, डेल स्टेन और कैमरन व्हाइट जैसे दिग्गज़ खिलाड़ी होंगे। इन खिलाड़ियों से उनका बेहतरीन प्रदर्शन निकालना शिखर धवन के लिए बड़ी चुनौती होगी। शिखर कहते हैं 'सनराइजर्स की कप्तानी करना मेरे लिए बड़ी बात है। हमारी टीम में दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ी हैं। मैं बतौर कप्तान शानदार प्रदर्शन करने की कोशिश करुंगा।'
पहले टेस्ट कैप फिर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में धमाल और अब कप्तानी। साल 2013 वाकई बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ के लिए खास रहा है। 'मेरे लिए साल अच्छा रहा है। ईश्वर मेहरबान रहा है। मैं बेहद खुश हूं। विजेता टीम का सदस्य होना एक अलग तरह का अनुभव होता है...' शिखर ने एनडीटीवी को दिए एक खास इंटरव्यू में कहा।
पहले टेस्ट में सबसे तेज़ शतक ठोकने के बाद शिखर अनफ़िट हो गए थे। 10 साल बाद मिले मौक़े को धवन फ़िटनेस के चलते गंवाना नहीं चाहते। वह अपनी फ़िटनेस पर खास ध्यान दे रहे हैं। योग और संतुलित खानपान पर उनका खास ध्यान है। 'मैं चीज़ों को संतुलित रखने की कोशिश करता हूं। दो दिन तक हेल्दी खाना और फिर अगले दो दिन तक अपनी पसंद का खाना। इस तरह से संतुलन बना रहता है...' शिखर हंसते हुए कहते हैं।
शिखर की शख्सियत और अंदाज़ दूसरों से जुदा हैं। उन्हें अपनी मूछों पर बड़ा नाज़ है। मुझे मालूम नहीं था कि मेरी मूछें इतनी मशहूर हो जाएंगी। मैंने तो यों ही रख लिया था क्योंकि हर पंजाबी को ये पसंद थीं। भगवान का शुक्र है कि लोगों को भी ये पसंद आ रहा है। हैदराबाद सनराइजर्स आईपीएल के सेमीफ़ाइनल में हार गए थे लेकिन चैंपियंस लीग टी20 में नए कप्तान शिखर धवन के लिए जीत उनके मूछों का सवाल है।
धवन की टीम में वेस्टइंडीज़ के कप्तान डैरेन सैमी, जेपी डूमिनी, डेल स्टेन और कैमरन व्हाइट जैसे दिग्गज़ खिलाड़ी होंगे। इन खिलाड़ियों से उनका बेहतरीन प्रदर्शन निकालना शिखर धवन के लिए बड़ी चुनौती होगी। शिखर कहते हैं 'सनराइजर्स की कप्तानी करना मेरे लिए बड़ी बात है। हमारी टीम में दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ी हैं। मैं बतौर कप्तान शानदार प्रदर्शन करने की कोशिश करुंगा।'
पहले टेस्ट कैप फिर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में धमाल और अब कप्तानी। साल 2013 वाकई बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ के लिए खास रहा है। 'मेरे लिए साल अच्छा रहा है। ईश्वर मेहरबान रहा है। मैं बेहद खुश हूं। विजेता टीम का सदस्य होना एक अलग तरह का अनुभव होता है...' शिखर ने एनडीटीवी को दिए एक खास इंटरव्यू में कहा।
पहले टेस्ट में सबसे तेज़ शतक ठोकने के बाद शिखर अनफ़िट हो गए थे। 10 साल बाद मिले मौक़े को धवन फ़िटनेस के चलते गंवाना नहीं चाहते। वह अपनी फ़िटनेस पर खास ध्यान दे रहे हैं। योग और संतुलित खानपान पर उनका खास ध्यान है। 'मैं चीज़ों को संतुलित रखने की कोशिश करता हूं। दो दिन तक हेल्दी खाना और फिर अगले दो दिन तक अपनी पसंद का खाना। इस तरह से संतुलन बना रहता है...' शिखर हंसते हुए कहते हैं।
शिखर की शख्सियत और अंदाज़ दूसरों से जुदा हैं। उन्हें अपनी मूछों पर बड़ा नाज़ है। मुझे मालूम नहीं था कि मेरी मूछें इतनी मशहूर हो जाएंगी। मैंने तो यों ही रख लिया था क्योंकि हर पंजाबी को ये पसंद थीं। भगवान का शुक्र है कि लोगों को भी ये पसंद आ रहा है। हैदराबाद सनराइजर्स आईपीएल के सेमीफ़ाइनल में हार गए थे लेकिन चैंपियंस लीग टी20 में नए कप्तान शिखर धवन के लिए जीत उनके मूछों का सवाल है। |
लेख: भोंगिर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां कथित तौर पर 8वीं में पढ़ने वाले एक 13 साल के लड़के ने इसलिए सुसाइड कर ली क्योंकि वह क्लास लीडर का इलेक्शन हार गया था. पुलिस ने यह जानकारी दी है. लड़के की पहचान चरन के रूप में हुई है. उसका शव रामन्नपेट क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर शुक्रवार को मिला. वह गुरुवार शाम से लापता था. भोंगिर के डीसीपी नारायणा रेड्डी ने कहा, 'देर रात हमें बच्चे के माता-पिता से शिकायत मिली कि वह गुरुवार शाम से लापता है. फौरन गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया और शुक्रवार दोपहर रेलवे ट्रैक पर उसका शव मिला.'
पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर ट्रंप प्रशासन को नहीं है 'विश्वास'
रेड्डी ने कहा, 'यह नोटिस किया गया है कि बच्चा बीते 3 दिनों से परेशान था क्योंकि वह स्कूल में क्लास की लीडरशिप का चुनाव हार गया था. वह 8वीं क्लास में पढ़ रहा था और 3 दिन पहले स्कूल मैनेजमेंट ने क्लास में चुनाव करवाए थे जिसमें एक लड़की चुनाव जीत गई थी. वह परेशान था इसलिए उसने सुसाइड कर ली.'
पुणे: ब्लू व्हेल गेम का 'टॉस्क' पूरा करने के चक्कर में गई एक और जान, युवक ने की आत्महत्या
पुलिस ने कहा, लड़के के शव को पोस्टपार्टम के लिए भेज दिया गया. अगर बच्चे के माता-पिता स्कूल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे तो हम केस दर्ज करेंगे और मामले की जांच कराएंगे. (इनपुट:एएनआई से भी) |
यह कमी पेट्रोल और डीजल के दाम में केवल एक-एक पैसे की की गई थी. 30 मई से अभी तक पेट्रोल के दामों में 47 पैसे की कमी कई गई है.
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले चार दिनों से कच्चे तेल के दाम कम होते जा रहे हैं. जिसकी वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम में मामूली कमी आई है.
हालांकि, करीब 16 दिनों तक लगातार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम के बाद बीते चार दिनों से आम लोगों को राहत मिल रही है.
हालांकि, करीब 16 दिनों तक लगातार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम के बाद बीते चार दिनों से आम लोगों को राहत मिल रही है. |
गैलेंटरी मेडल का इस्तेमाल कर छूट पर टिकट खरीद कर यात्रा करने के बाद कथित रूप से आयोजकों से पूरा बिल वसूलने के विवादों में घिरी टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने रविवार रात कहा कि उनके गैर सरकारी संगठन इंडिया विजन फाउंडेशन के ट्रस्टियों ने उनसे कहा था कि वह स्वनिर्णय किये बगैर आयोजकों की शर्तों पर ही यात्रा करें.
किरण बेदी ने अपने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर लिखा है, ‘फाउंडेशन के ट्रस्टियों ने एक प्रस्ताव पारित कर मुझे निर्देश दिया था कि मैं उन्हीं शर्तों पर यात्रा करूं जैसे आयोजकों की ओर से मुझे आमंत्रण मिलता है. इसमें स्वनिर्णय के लिए कोई गुंजाइश ही नहीं है.’
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी उनके बारे में यह खबर आने के बाद कि वह अपने गैलेंटरी मेडल का इस्तेमाल कर यात्रा करने के लिए छूट पर टिकट खरीदती हैं और आयोजकों से पूरे पैसे लेती हैं विवादों के घेरे में आ गईं. इन आरोपों के बाद बेदी ने अपने बचाव में कहा था कि वह इन पैसों का व्यक्तिगत तौर पर लाभ नहीं लेती है बल्कि यह पैसा फाउंडेशन को चला जाता है. |
लेख: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी पहली शिखर स्तरीय बैठक में भारत, अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को 'नए स्तर' पर ले जाने, असैन्य परमाणु करार को लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर करने तथा आतंकवाद से लड़ने में परस्पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता जतायी।
दोनों नेताओं के बीच लंबी चली बातचीत में आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश सहित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की गई और मोदी ने अमेरिका में भारतीय सेवा क्षेत्र की पहुंच को सुगम बनाने की मांग की।
दोनों देशों के बीच अपने रक्षा सहयोग को 10 वर्ष और बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र में भागीदारी करने का निमंत्रण दिया।
दोनों के बीच पहले सीमित स्तरीय और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ताएं हुई जिनमें दक्षिण और पश्चिम एशिया में आतंकवाद के उभरते नये खतरे सहित एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता जैसे विषयों को लिया गया।
मोदी और ओबामा की यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले ओबामा ने भारतीय प्रधानमंत्री के न्यूयॉर्क से यहां आगमन पर रात्रिभोज का आयोजन किया था। मोदी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, राजदूत एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी थे। वहीं ओबामा के साथ उप राष्ट्रपति जो बाइडेन, विदेश मंत्री जॉन कैरी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसैन राइस और दक्षिण तथा मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल थीं। |