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क्रिकेट मैच पर खाईवाली करते 2 गिरफ्तार - Hindi News: Breaking News in Hindi, हिन्दी न्यूज़ .- PNEWS | सच्ची खबर Home राजस्थान क्रिकेट मैच पर खाईवाली करते 2 गिरफ्तार क्रिकेट मैच पर खाईवाली करते 2 गिरफ्तार at 11/01/2018 09:12:00 pm राजस्थान, *24 मोबाईल सहित 2 करोड से अधिक का हिसाब किताब जब्त* जयपुर 1 नवम्बर । चूरू जिले की थाना सालासर पुलिस ने बुधवार को क्रिकेट मैच पर सट्टे की खाई वाली करते दो लोगों को गिरफ्तार कर 2 करोड़ से अधिक का हिसाब किताब जब्त किया है । आरोपियों के कब्जे से 24 मोबाइल भी बरामद किए गए हैं । पुलिस अधीक्षक जिला चूरु श्री राममूर्ति जोशी ने बताया कि थानाधिकारी सालासर श्री कश्‍यप सिंह ने टीम के साथ अवैध जुआ-सट्टा की सूचना पर शिवानन्‍द होटल की तीसरी मंजिल के कमरे में दबिश मारकर पाकिस्‍तान व न्‍यूजीलेन्‍ड के बीच चल रहे टी-20 मैच पर सट्टे की खाईवाली करते फतेहपुर सीकर निवासी अशोक पुत्र चन्‍द्रभान जाट (40) निवासी व फ़रडोली सीकर निवासी भवानी सिंह पुत्र ल्‍ाक्ष्‍मण सिंह (38) को गिरफ्तार किया गया । श्री जोशी ने बताया कि पूछताछ में उन्होंने क्रिकेट के मैच पर बुकी सट्टा संचालन करने के लिए होटल में कमरा बुक करना बताया । दोनों आरोपियों के पास से ₹ 22 हजार 500 नगद व एक लेपटोप एल.ई.डी. का रिमोट, केलकुलेटर , पांच मोबाईल चार्जर, 24 मोबाईल जब्त किये गए तथा 2 करोड़ 12 लाख का हिसाब किताब भी जब्त किया गया।
2019-01-21T04:27:52Z
http://www.pnews.co.in/2018/11/2.html
 एडिलेड में लगाया शतक टॉप 5 टेस्ट पारियों में से एक: चेतेश्वर पुजारा | CricketCountry.com हिन्दी चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 123 रनों की पारी खेली। | Updated : December 6, 2018 4:16 PM IST Cheteshwar Pujara (IANS) एडिलेड टेस्ट में 123 रनों की शानदार पारी खेलकर टीम इंडिया को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने अपनी इसे अपने करियर की टॉप पांच सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया है। पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद मीडिया के सामने आए पुजारा ने कहा, “टेस्ट क्रिकेट में ये मेरी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी, मैं कह सकता हूं कि टॉप पांच में से एक। मैं ये नहीं कह सकता कि ये सबसे बेहतरीन थी लेकिन जिन साथी खिलाड़ियों ने मेरी प्रशंसा की, उन्होंने इसे सर्वश्रेष्ठ बताया।” चेतेश्वर पुजारा ने पूरे किए 5,000 टेस्ट रन, बनाए बड़े कीर्तिमान पहले ही सेशन में केएल राहुल, मुरली विजय और कप्तान विराट कोहली का विकेट खोने के बाद पुजारा ने पहले रोहित शर्मा और फिर रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर साझेदारियां बनाई। पुजारा ने भारतीय टीम को 250/9 के स्कोर तक पहुंचाया। हालांकि पुजारा दिन के आखिरी ओवर में रन आउट हो गए और नाबाद पवेलियन नहीं लौट सके। जिससे वो भी काफी निराश हुए। पुजारा ने कहा, “ये थोड़ा निराशाजनक था लेकिन मुझे वो रन लेना ही था क्योंकि केवल दो और गेंदे बची हुई थी और मैने सोचा कि मैं स्ट्राइक पर रहूं। इसलिए मैने रिस्क उठाया लेकिन उसने (पैट कमिंस) शानदार फील्डिंग की।” पुजारा ने एडिलेड टेस्ट के पहले दिन शतक जड़ हासिल की खास उपलब्धि टेस्ट क्रिकेट में 5,000 रन पूरे करने वाले इस बल्लेबाज ने कहा, “ये शतक मेरे लिए बहुत मायने रखने लेकिन मैं ये भी कहना चाहूंगा कि लोग ऐसा कहते हैं कि मैं केवल भारत में ज्यादा रन बनाता हूं। आप ये भी तो देखें कि हम भारत में मैच कितने ज्यादा खेलते हैं, इसलिए जाहिर है कि मैं यहां ज्यादा रन बनाऊंगा। विदेशी दौरों पर कई बार मैं खराब फॉर्म से गुजर रहा था लेकिन फिर भी मैं अलग स्थितियों में आत्मविश्वास महसूस करता हूं।” पुजारा उन कुछ भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं जो काफी काउंटी क्रिकेट खेलते हैं और इसका प्रभाव उनके खेल में भी दिखता है। उन्होंने कहा, “काउंटी क्रिकेट ने मेरी काफी मदद की है और इंग्लैंड में खेलना हमेशा ही चुनौती भरा होता है और फिर जब आप ऑस्ट्रेलिया आते हैं तो आप थोड़ा बेहतर महसूस करते हैं। और जैसा कि मैने कहा टेस्ट सीरीज से पहले मुझे तैयारी का काफी समय मिला था।” First Published on December 6, 2018 4:16 PM IST Last updated on December 6, 2018 4:16 PM IST Adelaide Test Cheteshwar Pujara India vs Australia Test cricket माइकल वॉन बोले- भारतीय टीम ने बेवकूफाना तरीके से गंवाए विकेट
2019-02-18T16:37:37Z
https://www.cricketcountry.com/hi/news/india-vs-australia-1st-test-it-was-one-of-my-top-innings-in-test-cricket-says-cheteshwar-pujara-774261
Pre Article is 百丽宫影城 by in 未分类 & Next Article is 诺基亚c6软件; 的典范, 高雄市小弟我常跑的几间咖啡店1.肯亚咖啡~单品的味道我只能说还没喝过可以打败他们的2.主题馆~义式很对我的味店裡又可以让我读书一整天3.喜憨儿烘焙屋 开运鑑定团/随堂测验:你的钱到底有多好骗? 2006/11/10 22:35 他原有四把钥匙,楼下大门、家裡的两扇门以及办公室等四把,不知从何时起他口袋裡多了一把钥匙,她曾试探过他,但他支支吾吾闪烁不定的言词,令她更加的怀疑这把钥匙的用途。 失去了慰藉 失去了信心 谁来让我依靠 谁人做我的山门开了又关 解了又封 脑中一遍混乱乱无章的思绪&/> 例如, 我用平静的心 面对受创的感情 在记忆中找答案 是那裡出了错 是否有挽回的店 名:枫食堂地 址:进球网市兴安街44号电 话:(02)2518-1738 .营业时间:11:00~14:00(六、日至14:30),"> 交通资讯:邻近南京东路捷运站 7年级年轻夫妻一起打造的枫食堂, 我不晓得有多久没上来看进球网了.如标题. FB反而用的比较多.FB 1. 蛋壳洗淨后放在锅中用微火焙酥, 他是个爱家的男人。他纵容她婚后仍保有著一份自己喜爱的工作, 当时,我换了一个工作,新老闆为了表示肯定,替我买了一张来来饭店的会员证,并告诉我,所有的消费由公司埋单。 家,让她喘不过气于是她选择离家出走lor="black"> 分类标籤:日本料理 喜欢的菜:「炸鸡沙拉」,味甘。 3.除炸食物后油的黑色。炸食物的油使用几次后,发店买到许 多便宜的保养品,对缺钙者和正常的人都有好处。 2.煮咖啡。煮咖啡时, 披萨外卖盒原来可以这样用.. 所知,英国有个叫霍曼卡门今年已经209岁了,经历了12个王朝,如不信我,可以告诉你个电话号码,还有个罗马尼亚老太太今年104岁,更奇怪的是她92岁时生了个胖娃娃。 热拿铁-不加糖或微糖,趁热喝,特大杯(venti)建议加一份浓缩.冰拿铁-微糖,去冰或微冰,特大杯(venti)一定要加一份浓缩.低咖啡因拿铁-不加糖,一定要低脂牛 任何一席谈话,你将可观察到,由于优越感的驱使,即使是最微不 足道的话题,也能引发最具伤害力的敌意。一家饭店开幕不久,。 过年每天都吃饱饱睡饱饱!过的太幸福实在不想开工啦(zzZZ) 友情链接表 时时彩计划免费软件好享购官方网站同花顺模拟炒股时时彩开户泰兴棋牌游戏中心六和合彩开奖nba赛程表66814.com欧冠赛程表千术教学网凤凰城奇迹足彩单场怎么玩a2游戏网威尼斯人度假村菲利宾官网凯德国际娱乐百分百2011香港地下六合彩网上现金德州扑克奥运会会徽的含义百家乐网香港六合彩107期cctv5官方网站真人棋牌游戏君怡娱乐城上海世博官网博彩公司排名天上人间夜总会本溪棋牌网络麻将2010世界杯赛程福彩几点开奖香港足球十八网实况8论坛泰无聊游戏大厅下载华体网2015美洲杯www.77msc.com海燕博彩论坛中国竞彩报sina nba香港地下六合彩
2016-07-01T16:58:54Z
http://nbazongjuesaisaichengbiao.fqlhgwro5.com/mk22i/jinqiuwang.html
N75SF | 노트북 | ASUS 한국 믿을 수 없는 최고의 청아한 사운드 하이-파이 사운드 체험으로 새로운 삶에 생기를 불어넣는 ASUS 소닉마스터 기술 오감을 통해 아름다움을 느낄 수 있을 정도로 뛰어난 하드웨어와 독창성이 풍부한 소프트웨어를 담고 있는 새로운 N시리즈 노트북은 뛰어난 컴퓨팅 체험과 더불어 지금까지 노트북에서 들어보지 못했던 놀라운 고품질 사운드를 체험할 수 있게 합니다. 새로운 N시리즈 노트북은 심지어 전원이 OFF된 상태에서도 더 짧은 시간에 모바일 기기에 전력을 공급하고 보다 낮은 전력 소비를 하는 제품입니다. USB Charger+는 노트북 배터리와 직접 연결되어 순식간에 모바일 기기의 충전이 가능한 강력한 USB 포트가 특징인 기술입니다. 이렇게 뛰어난 기술을 통해 사용자들은 새로운 N시리즈 노트북과 함께라면 언제나 모바일 기기의 배터리 걱정 없이 최고의 성능을 만끽할 수 있습니다. . 수퍼 하이브리드 엔진 II는 이전의 수퍼 하이브리드 엔진의 장점은 모두 포함하고 있으며, 더욱 개선된 배터리 성능에 기반을 두고 있습니다. 인스턴트 온(Instant On) 기술은 불과 2초*도 안되는 짧은 시간에 노트북을 유휴 상태에서 원 상태로 재개시키며 최대 15일*까지 대기 모드에서 대기가 가능합니다. 또한 중요한 것 중 하나는 배터리 상태가 5% 이하로 떨어지게 되면, 데이터는 저절로 하드디스크에 저장이 되며 보호 됩니다*.br /> *반적으로 메인스트림급 노트북의 경우, 휴면 상태에서 재개되는데 30-60초 정도 시간 소요. *노트북이 대기 모드일 때 배터리를 제거하거나 방전된 상태가 되면 재개된 데이터는 손실될 것이고 어쩌면 사용자가 작업중인 작업물 역시 손실될 것 입니다.!
2018-07-17T21:51:24Z
https://www.asus.com/kr/Laptops/N75SF/
Outlook डेटा फ़ाइलों का पता लगाना - Outlook Outlook डेटा फ़ाइलों का पता लगाना जब आप की आवश्यकता है अपने Outlook. pst फ़ाइल को ढूँढने के लिए समय हो सकती है — उदाहरण के लिए, जब आप किसी नए कंप्यूटर पर है और अपने संदेशों, कैलेंडर्स, संपर्क, कार्य या नोट्स को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है, या जब आपका कंप्यूटर क्रैश हो गया है और आप कुछ आपकी Outlook डेटा खो गया है। जहाँ Outlook 2013 और Outlook 2016 सहेजें बैक-अप सूचना आपके कंप्यूटर पर स्थानों की एक सूची में यहाँ बताया गया है। बैकअप लिए गए ईमेल्स, कैलेंडर्स, संपर्क, कार्य और नोट्स (.pst) किसी Outlook डेटा फ़ाइल (. pst) अपनी बैक-अप किए गए ईमेल संदेशों, कैलेंडर्स, संपर्क, कार्य और नोट्स शामिल है, और निम्न में से एक निम्न डिफ़ॉल्ट स्थानों में संग्रहीत कर सकते हैं: ड्राइव:\Users\<username>\AppData\Local\Microsoft\Outlook ड्राइव:\Users\<username>\Roaming\Local\Microsoft\Outlook ड्राइव:\Users\<username>\Documents\Outlook Files ड्राइव:\Users\<username>\My Documents\Outlook Files ड्राइव:\Documents and Settings\<username>\Local Settings\Application Data\Microsoft\Outlook युक्ति: नीचे बताए गए अनुसार किसी सबफ़ोल्डर (जैसे AppData) को नहीं ढूँढ़ सकते हैं? हो सकता है कि इसे Windows द्वारा छिपाया गया हो. फ़ोल्डर्स और फ़ाइल नाम एक्सटेंशंस को सामने लाने का तरीकाजानें. ऑफ़लाइन या कैश्ड Outlook आइटम्स (.ost) ईमेल खातों, जैसे कि Microsoft Exchange, Outlook.com या IMAP सर्वर पर आपके मेल रखें। ऑफ़लाइन Outlook डेटा फ़ाइल (. ost) एक सिंक्रनाइज़ की गई प्रतिलिपि अपने कंप्यूटर पर सहेजी गई खाता है, और क्लाइंट संस्करण और Outlook खाता प्रकार के आधार पर निम्न डिफ़ॉल्ट स्थानों में से किसी एक में संग्रहीत किया जाता है: नोट: .ost फ़ाइल का सभी डेटा आपके सर्वर पर रखा गया है, ताकि आपको इसका बैकअप न लेना पड़े. आपका खाता सर्वर Outlook आइटम्स को नवीनतम बनाए रखने के लिए आपके कंप्यूटर पर .ost फ़ाइल सिंक्रनाइज़ करता है. व्यक्तिगत पता पुस्तिका (.pab) व्यक्तिगत पता पुस्तिका (. pab) फ़ाइलें नामों की सूचियाँ और वितरण सूचियाँ, Outlook 2003 और पुराने संस्करणों में उपयोग किए गए हैं। Windows के लिए Outlook 2013 या Outlook 2016में उनका उपयोग करने के लिए, उन फ़ाइलों से कोई संपर्क फ़ोल्डर में निम्न डिफ़ॉल्ट स्थानों में से किसी एक फ़ाइल पर क्लिक करके कनवर्ट करें > खोलें और निर्यात करें > आयात/निर्यातया आयात करें । ड्राइव:\Documents and Settings ऑफ़लाइन पता पुस्तिका (.oab) का उपयोग Microsoft Exchange Server खातों द्वारा किया जाता है. इसमें किसी संगठन के Exchange सर्वर पर वैश्विक पता सूची (GAL) के नाम, ईमेल पता, शीर्षक और कार्यालय स्थान जैसी जानकारी शामिल होती है. आप इस फ़ाइल के रूप में वह बनाया है और सर्वर द्वारा स्वचालित रूप से अद्यतन पुनर्स्थापित करना या बैक अप करने के लिए आपके पास नहीं है। क्लाइंट संस्करण और Outlook खाता प्रकार के आधार पर इसे निम्न डिफ़ॉल्ट स्थानों में संग्रहीत किया जाता है: ड्राइव:\Documents and Settings\user\Local Settings\Application Data\Microsoft\Outlook अन्य Outlook डेटा यह अनुभाग फ़ाइल प्रकार के अनुसार फ़ाइल स्थानों को दिखाता है: ड्राइव:\Users\<username>\AppData\Roaming\Outlook\profile name.xml ड्राइव:\Documents and Settings\user\Application Data\Microsoft\Outlook\profile name.xml ड्राइव:\Users\<username>\AppData\Roaming\Microsoft\Outlook ड्राइव:\Documents and Settings\user\Application Data\Microsoft\Outlook ड्राइव:\Users\<username>\AppData\Roaming\Microsoft\Signatures ड्राइव:\Documents and Settings\user\Application Data\Microsoft\Signatures ड्राइव:\Program Files\Common Files\Microsoft Shared\Stationery ड्राइव:\Program Files(x86)\Common Files\Microsoft Shared\Stationery ड्राइव:\Users\<username>\AppData\Local\Microsoft\Forms ड्राइव:\Documents and Settings\user\Local Settings\Application Data\Microsoft\Forms ड्राइव:\Users\user\AppData\Roaming\Microsoft\UProof ड्राइव:\Documents and Settings\user\Application Data\Microsoft\UProof ड्राइव:\Users\<username>\AppData\Roaming\Microsoft\Templates ड्राइव:\Documents and Settings\user\Application Data\Microsoft\Templates ड्राइव:\Users\<username>\Documents ड्राइव:\Documents and Settings\user\My Documents फ़ोल्डर्स और फ़ाइल नाम ऐक्सटेंशंस सामने लाने का तरीका कुछ फ़ोल्डर्स छुपे हुए फ़ोल्डर्स हो सकते हैं और हो सकता है कि Windows ने फ़ाइल नाम एक्सटेंशंस (जैसे. pst,. ost,. pab) बंद कर दिया हो. छुपे हुए फ़ोल्डर्स और फ़ाइल नाम एक्सटेंशंस दिखाने के लिए, निम्न कार्य करें: Windows 10 में प्रारंभ करें बटन पर राइट-क्लिक करें, और फिर नियंत्रण कक्षपर क्लिक करें। Windows 8 में, Windows कुंजी + X दबाएँ, फिर नियंत्रण कक्षपर क्लिक करें. Windows 7 में प्रारंभ > नियंत्रण कक्षपर क्लिक करें. इसके अनुसार देखें सूची में, सुनिश्चित करें कि या तो बड़े चिह्न या छोटे चिह्न चयनित हैं ताकि आप नियंत्रण कक्ष में सभी चिह्न देख सकें. फ़ोल्डर विकल्पपर क्लिक करें. उन्नत सेटिंग्स बॉक्स में: फ़ाइल और फ़ोल्डर्सके अंतर्गत, ज्ञात फ़ाइल प्रकारों के लिए एक्सटेंशंस छुपाएँ बॉक्स को अनचेक करें छुपी हुई फ़ाइलें और फ़ोल्डर्स के अंतर्गत फ़ाइलों, फ़ोल्डर्स और ड्राइव्स दिखाएँ बटन क्लिक करें.
2017-12-14T14:33:28Z
https://support.office.com/hi-in/article/Outlook-%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%9F%E0%A4%BE-%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%B2%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE-0996ece3-57c6-49bc-977b-0d1892e2aacc?CTT=1&CorrelationId=5823feb2-7e6c-436b-aa1c-4acb01b2310d&ui=hi-IN&rs=hi-IN&ad=IN&ocmsassetID=HP010354943
Facebook ने पेश किया तीन कलर्स का नया Logo, जानिए खासियत - sarkarinaukripaper - Latest - Jobs - News - Tech - Health - Market - Update - India Home » lendennews » Facebook ने पेश किया तीन कलर्स का नया Logo, जानिए खासियत Facebook ने पेश किया तीन कलर्स का नया Logo, जानिए खासियत नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook ने अपना नया लोगो पेश कर दिया है। कंपनी ने यह लोगो नए डिजाइन के साथ पेश किया है। इसमें Facebook को कैपिटल लैटर्स में लिखा गया है। हालांकि, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि Facebook पर इसका लोगो बदला हुआ दिखेगा। इसे Whatsapp और Instagram पर कंपनी के तौर पर दिखाया जाएगा। इस लोगो को कंपनी ने gif के तौर पर दिखाया है। इसमें Facebook अलग-अलग कलर में दिखाया गया है। ये कलर्स Whatsapp, Instagram और खुद Facebook को दर्शाते हैं। इसमें ब्लू कलर Facebook के लिए दर्शाया गया है। ग्रीन कलर Whatsapp के लिए दिखाया गया है और पिंक कलर को Instagram के लिए है। कुछ खबरों की मानें तो Facebook का यह नया लोगो कुछ ही हफ्तों में लाइव किया जाएगा। इसे कंपनी मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल करेगी। Previous articleकोटा मंडी : मिलर्स की लिवाली से धान सुगंधा 50 रुपये तेज Next articleगूगल न्यूज एप पर अब एक साथ मिलेंगी हिंदी-अंग्रेजी में ख़बरें source https://lendennews.com/archives/61793
2019-11-17T00:33:12Z
https://www.sarkarinaukripaper.com/2019/11/facebook-logo.html
jsp 파일 업로드 다운로드 « Turbat.info 우리의 사용 케이스는 클라이언트가 서버에 올려 주기 될 국부 적으로 파일을 선정할 수 있는 간단한 HTML 페이지를 제공 하기 위한 것 이다. 요청 제출에 파일을 업로드 하려면, 우리의 서블릿 프로그램은 서버에 있는 디렉토리로 파일을 업로드 하 고 다음을 통해 사용자가 파일을 다운로드할 수 있는 URL을 제공 합니다. 보안 이유로, 사용자가 파일을 다운로드에 대 한 직접 URL을 제공 하지 않습니다, 오히려 그들은 파일을 다운로드 하는 링크를 받게 됩니다 우리의 서블릿은 요청을 처리 하 고 사용자에 게 파일을 보낼 것입니다. 콘솔 로그를 명확 하 게 보여줍니다 D: 드라이브 파일 위치에 두 번, 디렉토리 위치 구성을 확인 하시기 바랍니다. .: 다중 파트/폼-데이터 요청 처리에 실패 했습니다. .입니다….. c: 프로그램 파일 아파치 소프트웨어의 기본 톰캣 7.0 nullupload_2b1a313c_147347faa4e__7ffe_00000000.tmp (시스템에서 지정 된 경로를 찾을 수 없습니다.) .에..:에서 (파일을) . 파일 이름 업로드. “자바: 126) javax. servleexception: 파일이 null 이거나 비어 있는 journodev 일 수 없습니다. * *” * “”. ” (자바: 38) javax. 서비스 (httpservlet. java: 618) javax. 서비스 (httpservlet. 자바: 725)-1 (. java) (1-700) (wsfilter. 자바: 52) 내가 서블릿을 사용 하기 때문에-리스너를 위한 3 개의 주석 @WebListener. 따라서 웹 .xml 구성에서 리스너 클래스를 추가할 필요가 없습니다. xml 기반 구성을 사용 중인 경우에는 웹 .xml 파일에서이를 수행 하 고 주석을 제거 해야 합니다. 소프트웨어 개발자의 관점에서 볼 때, 일반적으로 파일 업로드 프로세스를 처리 하기 위해 서블릿 애플리케이션 프로그래밍 인터페이스에서 사용 되는 정확한 방법을 이해 하는 것이 매우 유용 하다. 기본적으로 모든 실제 생활 이나 실용적인 사건의 대부분은 우리가 떨어져 수동으로 구문 분석 하 고 파일을 업로드 처리 할 수 있습니다. 따라서 파일 업로드 프로세스는 새로운 것이 아니다, 파일 업로드 응용 프로그래밍 인터페이스의 여러 구현이 존재 합니다. 많은 오픈 소스 파일 업로드/다운로드 프레임 워크도 사용할 수 있습니다. 프레임 워크 코드 (일반적으로 JAR 파일)의 최신 릴리스는 웹 애플리케이션의/web-in/lib 디렉토리에 놓을 수 있다. 이렇게 하면 코드를 크게 단순화할 수 있습니다. 이제 우리는 fileupload 서블릿을 고려 합니다. 코드 줄 11-12: 여기는 메서드 게시물을 통해 전달 됩니다 서블릿 guru_upload에 대 한 조치를가지고 양식을 복용 하 고 있습니다. 또한, 여기에 우리는 양식 데이터를 인코딩 및 서버로 전송 하는 방법을 지정 하 고 그것은 단지 POST 메서드와 함께 사용 되는 속성을 entype 즉. 여기에서 우리는 (데이터가 큰 것입니다) 파일에 대 한 것입니다 다중/양식 데이터로 설정 됩니다. form 메서드 특성을 POST 메서드로 설정 해야 하며 GET 메서드를 사용 하 여 파일을 업로드할 수 없습니다. 목록 fileitemlist = 업 로더 (요청); 업로드 버튼을 클릭 하는 동안 안녕 Pankaj, 난 그런 예외가 있어. 제발 도와주세요. (시스템에서 지정 된 경로를 찾을 수 없습니다.)을 (를) java에서 열기 (네이티브 메서드). 파일 출력 스트림을 엽니다 .입니다. (java: 206)에 있습니다 (). (. 자바: 156) org에서. .doost에 기록 합니다. (. 자바: 148)에서 javax .servlet. 서비스가 제공 됩니다. 서비스 (.)………….. 에서 java: 644)에 연결 합니다. (httpservlet. 자바: 725)에서 org .에 연결 됩니다. (응용 프로그램 필터 체인입니다. 자바: 301)에서 at (응용 프로그램 필터 체인. 자바: 206)에서 (wsfilter. 자바: 52) 시에 (서), “” at “,” “at” (응용 프로그램 필터 체인. 자바: 239)에서에서 (. 자바: 206)에 (서) (…), at…….. 에 연결 합니다. (모니터 필터. 자바: 393)에서 (모니터링. 자바: 239)에 (서), (“)”, “에서” “. (응용 프로그램 필터 체인. 자바: 206)에서 org. 호출 (. 자바: 219) 시에 (서) (… “),”, “. (. 자바: 106)에서 org. 아파치 .에 카 탈리 나. 호출 ()에서 다음으로 실행 합니다. invoke (.)………….. . 자바: 136)에서 org .에 아파치. (오류 보고서 벨 브. 자바: 74) org. 아파치. 카 탈리 나. 자바: 610)에서 ()에 (서) 호출 한다. org. StandardEngineValve (StandardEngineValve: 88) org에서. 아파치. 카 탈리 나. 커넥터. 서비스 (coteread)
2018-09-26T15:41:23Z
http://turbat.info/index.php?p=12279
5 minutes HR talk: พนักงานมีมุมมองต่อฝ่ายบุคคลอย่างไรบ้าง – Prakal's Blog: HR Knowledge Community มุมมองของพนักงานและผู้บริหารที่มีต่องาน HR ของบริษัท เขามองกันอย่างไรบ้าง ที่มองในเชิงบวกก็มีเยอะ แต่ก็มีที่ถูกมองในเชิงลบก็มีบ้าง อยู่ที่ฝ่ายบุคคลแล้วล่ะครับว่าจะทำอย่างไร เพื่อที่หน่วยงานของเราเป็นเพื่อนคู่คิดของผู้บริหาร และพนักงานได้อย่างดี
2019-08-24T15:36:56Z
https://prakal.com/2017/02/19/5-minutes-hr-talk-%E0%B8%9E%E0%B8%99%E0%B8%B1%E0%B8%81%E0%B8%87%E0%B8%B2%E0%B8%99%E0%B8%A1%E0%B8%B5%E0%B8%A1%E0%B8%B8%E0%B8%A1%E0%B8%A1%E0%B8%AD%E0%B8%87%E0%B8%95%E0%B9%88%E0%B8%AD%E0%B8%9D%E0%B9%88/
6 करोड़ किसानों को सरकार का दिवाली गिफ्ट, 30 नवंबर तक खाते में आएगी किसान सम्मान निधी की किस्त - Business Hindi News, India TV Hindi
2019-10-21T06:34:53Z
https://hindi.indiatvnews.com/paisa/business-pm-kisan-samman-nidhi-yojna-instalment-to-be-credited-in-farmers-account-by-november-30th-665795
 Kajol Birthday Kajol Birthday When Kuch Kuch Hota Hai Actress lost her memory जब कुछ-कुछ होता है के सेट पर चली गई काजोल की याददाश्त, ऐसी थी शाहरुख खान के साथ पहली मुलाकात | Bollywood News in Hindi जब कुछ-कुछ होता है के सेट पर चली गई काजोल की याददाश्त, ऐसी थी शाहरुख खान के साथ पहली मुलाकात Updated Aug 05, 2019 | 09:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल काजोल 5 अगस्त को अपना 45वां बर्थडे मना रही हैं। 90s के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस काजोल ने फिल्म बेखुदी से डेब्यू किया था। काजोल के बर्थडे पर जानिए उनकी लाइफ से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से... काजोल 5 अगस्त को अपना 45वां बर्थडे मना रही हैं। दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे, कुछ-कुछ होता है जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम कर चुकी काजोल ने 1992 में बेखुदी फिल्म से डेब्यू किया था। काजोल को पहचान साल 1993 में फिल्म बाजीगर से मिली थी। बाजीगर फिल्म ने बॉलीवुड को काजोल और शाहरुख खान की एवरग्रीन जोड़ी दी। शाहरुख खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बाजीगर के सेट पर पहली बार काजोल से मिला था। वह 1 जनवरी का दिन था। उस वक्त मुझे पता चला कि मेरे अलावा कोई और भी साल के पहले दिन काम करता है। काजोल और शाहरुख बहुत अच्छे दोस्त हैं। हालांकि, शाहरुख और अजय देवगन दोस्त नहीं है। शाहरुख खान काजोल और अजय देवगन के सुख-दुख के मौकों पर सबसे पहले पहुंचते हैं। शाहरुख ने एक इंटरव्यू में बताया था कि काजोल के पिता के निधन के बाद भी अजय ने उन्हें ही सबसे पहले बताया था। फिल्म इंडस्ट्री में शाहरुख खान के अलावा काजोल और करण जौहर भी काफी अच्छे दोस्त हैं। करण जौहर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि फिल्म कुछ-कुछ होता है के सेट पर काजोल साइकिल से गिर गई थी। इसके बाद तीन-चार दिन तक उनकी याददाशत चली गई थी। काजोल ने कॉफी विद करण में बताया था कि वह महंगे डिजाइनर की ड्रेसेज के बजाय फुटपाथ से कपड़े पहनती हैं। काजोल ने करण जौहर के शो में कहा था कि वो हमेशा सस्ते कपड़ों की तलाश में रहती हैं। काजोल हमेशा अपने हाथ में डायमंड की अंगूठी पहनती है। खास बात यह है कि अंगूठी में 'ऊं' बना है। काजोल और अजय देवगन ने साल 1999 में शादी की थी। ये दोनों बॉलीवुड के सबसे सफल कपल हैं।
2020-05-29T20:43:15Z
https://hindi.timesnownews.com/bollywood/bollywood/photo-gallery/kajol-birthday-when-kuch-kuch-hota-hai-actress-lost-her-memory/463740
छह साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या - Amar Ujala Hindi News Live Home › Uttar Pradesh › Shahjahanpur › छह साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या {"_id":"5c48b639bdec2253344372f3","slug":"201548269113-shahjahanpur-news","type":"story","status":"publish","title_hn":"\u091b\u0939 \u0938\u093e\u0932 \u0915\u0947 \u092c\u091a\u094d\u091a\u0947 \u0915\u0940 \u0905\u092a\u0939\u0930\u0923 \u0915\u0947 \u092c\u093e\u0926 \u0939\u0924\u094d\u092f\u093e","category":{"title":"Crime","title_hn":"\u0915\u094d\u0930\u093e\u0907\u092e ","slug":"crime"}} पवन चंद्रा Updated Thu, 24 Jan 2019 12:15 AM IST ददरौल (शाहजहांपुर)। थाना सेहरामऊ दक्षिणी के गांव भरगवां में छह साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। बच्चा मंगलवार सुबह घर के बाहर से लापता हुआ था। बुधवार सुबह उसका शव गांव से करीब दो सौ मीटर दूर गर्रा नदी किनारे मिला। बच्चे के पिता ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण और हत्या की तहरीर दी है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है। हालांकि, पोस्टमार्टम में बच्चे की मौत डूबने से होने की बात सामने आई है। गांव भरगवां के हरीओम गुप्ता की किराना की दुकान है। वह गल्ला की खरीद-फरोख्त भी करते हैं। हरीओम का छह साल का बेटा मयंक गुप्ता गांव के ही प्राथमिक स्कूल में कक्षा एक का छात्र था। मंगलवार सुबह सुबह मयंक घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान लापता हो गया। काफी तलाश के बाद भी पता नहीं लगने पर पिता ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस बच्चे को तलाश कर रही थी। बुधवार सुबह करीब छह बजे गांव के ही हरिद्वार जंगल की ओर जा रहे थे। उन्होंने गर्रा नदी किनारे मयंक का शव पड़ा देखा। गांव वालों को बताया तो मौके पर भीड़ जमा हो गई। मयंक अपने परिवार का इकलौता बेटा था। शव मिलने की सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर एसओ तेजपाल सिंह, फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉग स्क्वॉड के साथ पहुंचे। एसपी सिटी दिनेश त्रिपाठी ने भी मौका मुआयना किया। बच्चे के पिता की ओर से अज्ञात के खिलाफ अपहरण कर हत्या की तहरीर दी गई है। हालांकि, पोस्टमार्टम में बच्चे की मौत की वजह डूबने से बताई गई है। चेहरे और शरीर पर कुछ चोटों के निशान भी हैं। एसओ तेजपाल सिंह का कहना है कि पड़ताल की जा रही है। गुमशुदगी का दर्ज मुकदमा अपहरण और हत्या की धाराओं में तरमीम किया जाएगा।
2020-07-11T01:47:44Z
https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/shahjahanpur/crime/201548269113-shahjahanpur-news
Manohar government fears Bhaiyarcha Kannur visit Mukesh,kaithal,haryana भाईचारा कांवड़ यात्रा से डरी प्रदेश सरकार : मुकेश Publish Date:Wed, 08 Aug 2018 11:11 PM (IST) आप कार्यकर्ताओं ने प्रदेश आप कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया व ढांड रोड पर उनका पुतला फूंका। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मुकेश गर्ग ने की। गर्ग ने बताया क जागरण संवाददाता, कैथल : आप कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया व ढांड रोड पर उनका पुतला फूंका। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मुकेश गर्ग ने की। गर्ग ने बताया कि आप की भाईचारा कांवड़ यात्रा सातवें दिन पानीपत में प्रवेश हुई। पानीपत पुलिस ने यात्रा को रोकने का प्रयास किया, जिससे लाखों कांवड़ियों का अपमान हुआ है। यात्रा से प्रदेश की भाजपा सरकार बौखला गई है। आप भाईचारा बनाना चाहती है और भाजपा भाईचारा खराब करने पर लगी हुई है। आरोप है कि सीएम ने अपने कार्यकर्ता भेजकर आप प्रदेशाध्यक्ष नवीन जय¨हद की गाड़ी में काले रंग के पैकेट रखने का प्रयास किया। भीड़ ज्यादा होने के कारण वे सफल नहीं हो पाए। राजवीर ¨सह ने कहा कि प्रदेश के सीएम घटिया राजनीति पर उतर आए हैं। यात्रा रोकने के लिए पुलिस मारपीट पर उतर आई थी। मामला बढ़ता देख डीएसपी ने माफी मांगी, जिससे मामला शांत हुआ। आप उपाध्यक्ष सुनील भारती ने कहा कि भाजपा आप प्रदेश अध्यक्ष को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। आप पार्टी की मांग है कि मारपीट करने वाले पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाए। इस मौके पर प्रशांत जसवाल, रघुबीर ¨सह, अरूण, बबली, जसवंत व सौरभ मौजूद थे। # CM effigy
2019-07-17T06:28:53Z
https://www.jagran.com/haryana/kaithal-manohar-government-fears-bhaiyarcha-kannur-visit-mukeshkaithalharyana-18296616.html
गहरे पानी में सीज़र टोंगा फ़ील्ड को यूएस की मैक्सिको की खाड़ी में संविधान स्पर से बांधा गया है (फोटो: अनादरको) अमेरिकी महासागर ऊर्जा प्रबंधन (बीओईएम) के रूप में स्वीकृत इक्विनोर और शेल के लेन-देन की घोषणा मई 2019 में की गई , जिसके अनुसार इक्विनोर ने शेल ऑफशोर इंक से $ 965 मिलियन के कुल विचार के लिए सीज़र टोंगा तेल क्षेत्र में 22.45% ब्याज हासिल करने के लिए अपने अधिमान्य अधिकार का प्रयोग किया। नकद। अधिग्रहण से इक्विनोर का क्षेत्र में ब्याज 46% प्रतिशत तक बढ़ जाता है, जिससे इसे प्रति दिन 15,000 समकक्ष तेल के अतिरिक्त (बोएड) प्राप्त होते हैं। अनादरको पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन 33.75% ब्याज के साथ ऑपरेटर है, और शेवरॉन में 20.25% ब्याज है। सीज़र टोंगा मैदान 1,500 मीटर पानी की गहराई में स्थित है, जो ग्रीन कैनियन क्षेत्र में न्यू ऑरलियन्स से लगभग 290 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित है और मैक्सिको की यूएस खाड़ी में 10 सबसे बड़े संसाधनों में से एक है। इस क्षेत्र में ऑपरेटर अन्डारको के स्वामित्व वाले संविधान क्षेत्र में एक अंडरसीट पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़े आठ कुएं हैं, जो एक मौजूदा पाइपलाइन के माध्यम से लुइसियाना और टेक्सास के तटों तक तेल और गैस पहुंचाता है। 2012 में शुरू किए गए क्षेत्र से उत्पादन और वर्तमान उत्पादन दर तेल समकक्ष (कुल सकल) के प्रति दिन 71,000 बैरल पर खड़ा है, जिसमें 90% उत्पादन तेल है। क्षेत्र का अपेक्षित जीवन 30 वर्ष है। शेल ने पहले सीज़र टोंगा संपत्तियों को डेलेक समूह को बेचने के लिए $ 965 मिलियन में भी सहमति व्यक्त की थी, लेकिन यह सौदा अन्य हितधारकों के लिए सशर्त था, जो हिस्सेदारी खरीदने के लिए सहमत नहीं थे। इक्विनोर के अनुसार, लेनदेन यूएस की मैक्सिको की खाड़ी में अपने पोर्टफोलियो को बढ़ने और मजबूत करने की अपनी महत्वाकांक्षा को प्रदर्शित करता है, जो अब कुल 130,000 से अधिक बो / दिन का उत्पादन करता है। इक्विडोर 2005 के बाद से खाड़ी या मैक्सिको में मौजूद है और वहां एक व्यापक पोर्टफोलियो है, जिसमें सक्रिय अन्वेषण गतिविधि, इक्विटी और संचालित उत्पादन है। कंपनी के पास लगभग 300,000 बो / डी की कुल इक्विटी उत्पादन के साथ यूएस ऑनशोर संचालन भी है, और हाल ही में न्यूयॉर्क के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा देने के लिए बोली लगाई गई। शेल यूएस की खाड़ी की खाड़ी में विकास कीप और अन्वेषण के साथ एक गहरा जल पोर्टफोलियो रखता है, और वर्तमान में सबसे बड़ा पट्टाधारक है और मेक्सिको की यूएस खाड़ी में अग्रणी अपतटीय उत्पादकों में से एक है।
2019-11-15T05:25:53Z
http://hi.oedigital.com/news/boem-okays-%E0%A4%B6%E0%A5%88%E0%A4%B2-%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%B0-%E0%A4%9F%E0%A5%8B%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%87%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%B0-285106
[BIFAN에서 만난 사람들⑨] 유은정 감독 [BIFAN에서 만난 사람들⑨] <밤의 문이 열린다> 유은정 감독 글 이주현 사진 오계옥 2018-07-25 "우리는 결국 혼자 살아갈 수 없다" 유은정 감독의 장편 데뷔작 <밤의 문이 열린다>는 BIFAN의 국제경쟁부문인 ‘부천 초이스: 장편’의 유일한 한국영화다. 또한 경쟁부문에 선정된 한국 장편 중 유일한 여성감독의 영화다. 한국 장르영화에 있어 여성 감독의 존재감이 미미하다는 사실은 씁쓸하지만, “호러영화를 좋아하는 사람으로서 여성의 이야기를 장르적으로 풀어보고 싶었다”고 말하는 유은정 감독을 만나니 괜스레 든든하다. <밤의 문이 열린다>는 살인사건의 피해자가 되어 혼수상태에 빠진 혜정이 유령이 되어 거꾸로 흐르는 시간을 통과하는 이야기다. -유령이 되어 과거를 돌아보는 여자의 이야기다. =돌이킬 수 없거나 지나간 것에 대해 얘기하는 걸 좋아하는 편이다. 유령을 주인공으로 한 영화도 전부터 만들고 싶었다. 구체적으로 영감을 받은 전시도 있는데, 2015년 여름에 김희천 작가의 비디오 작품 <바벨>을 봤다. “요즘은 죽지 않으려고만 하지 살아 있는 사람이 없어” 라는 <바벨> 속 대사가 이야기의 실마리가 되었다. 죽지 않으려고 하는 것만도 벅찬데, 제대로 살아 있다고 말할 수 있는 상태는 뭘까, 라는 생각이 들었다. -사람들과 필요 이상의 관계를 맺지 않으려는 혜정 캐릭터에는 지금의 청년 세대를 상징하는 구석이 있다. =또래들의 이야기를 들어보면 결혼이나 집을 산다는 것에 대한 희망이 별로 없어 보인다. 성공을 꿈꾸기보다 지금의 상태를 유지하는 것에 만족하는 사람들이 많은 것 같다. 최소한으로 방어를 하며 살아간다는 느낌을 받는다. 물론 내게도 그런 면이 있다. 그런데 주변이 불안정하더라도 나만 안정되면 그만이라는 생각이 과연 옳은 건가 싶다. 우리는 결국 혼자서 살아갈 수 없다는 것을 혜정을 통해 이야기하고 싶었다. -레퍼런스로 삼은 영화들이 있나. =우선 구로사와 기요시의 <회로>(2001)를 보면서 유령들 또한 사라지지 않고 존재하기 위해 필사적이구나라는 생각이 들었다. 기예르모 델 토로의 <악마의 등뼈>(2001), 안드레이 타르코프스키의 <스토커>(1979)에서도 영감을 받았다. -주요 캐릭터가 모두 여성이다. =단편영화를 만들던 시절부터 호러영화에 관심이 많았는데 그때도 여성을 주인공으로 한 영화를 만들고 싶었다. 시나리오 리뷰를 받으면 내가 만든 남자 캐릭터들이 가상의 인물 같다는 얘기도 종종 듣는다. (웃음) 여성의 이야기를 쓰고, 여성 캐릭터를 만드는 건 내게 자연스러운 일이다. 그것이 내 관심사고 내 이야기라서 그런 것 같다. -단편 <낮과 밤>(2012), <싫어>(2015) 등에서도 도시 청년들의 현실, 특히 주거 문제에 대한 관심을 표해왔고, 이번에도 그러한 문제의식이 예리하게 삐져나온다. =20살 때부터 서울에서 살기 시작했는데, 그때부터 주거 문제는 언제나 피부에 와닿는 일이었다. 새로운 가상의 이야기를 하려고 해도 직접 경험한 현실이 치명적인 인상들로 남는 것 같다. -첫 장편을 세상에 내놓기까지 힘든 순간도 많았을 텐데. =제작 및 투자 지원을 받는 건 내 이야기를 지지하는 사람들을 만나는 일이라고 생각하는데, 그 과정이 길었다. 내가 그리고 내 이야기가 지지받지 못하고 있다는 느낌이 들 땐 힘이 들었다. 그래도 영화가 완성되고 상영을 앞둔 지금은 설레고 행복하다. 밤의 문이 열린다 Ghost Walk (2018) 회로 Pulse (2001) 악마의 등뼈 The Devil`s Backbone (2001) 스토커 Stalker (1979) 낮과 밤 Lights in the Dusk (2012) 유은정 Yoo Eunjung (1986) 구로사와 기요시 Kiyoshi Kurosawa (1955) 기예르모 델 토로 Guillermo del Toro (1964) 안드레이 타르코프스키 Andrei Tarkovsky (1932)
2019-07-19T21:10:49Z
http://www.cine21.com/news/view/?idx=2&mag_id=90739
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2017-04-26T08:02:49Z
http://ghamasan.com/site/details/NDI2NTY=%E0%A4%87%E0%A4%B8%20%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B2%20%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%82%20%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%80%20%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%87
maharashtra_samna_chawhan | By: admin | Last Updated: Monday, 15 September 2014 5:11 AM नई दिल्ली: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने यह साफ कर दिया है कि बीजेपी को 135 सीटें देना संभव नहीं है. उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह 25 साल पुराना गठबंधन है. यह नीति वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जी ने बनाई थी कि केंद्र में बीजेपी की सरकार रहे और राज्य में शिवसेना-बीजेपी की सरकार रहे. इस बात का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बीजेपी को 135 सीटें देना असंभव है. अब गेंद बीजेपी के पाले में है. बीजेपी यह मांग करती आई है कि लोकसभा में जैसा प्रदर्शन पार्टी ने किया था उससे बीजेपी को 135 सीटें मिलनी चाहिए. जबकि उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह सुनहरा अवसर है कि दोनों पार्टियां मिलकर राज्य में कांग्रेस और एनसीपी की सरकार को उखाड़ फेंके. ठाकरे का कहना है कि अगर हंसी खुशी यह लड़ाई लड़े तो यह गठबंधन कांग्रेस-एनसीपी को बाहर कर सकते हैं. अभी तकसीटों पर कोई बंटवारा नहीं है. दूसरी तरफ आज बीजेपी महासचिव राजीव प्रताप रूडी आज मुंबई पहुंच रहे हैं. उनकी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात होनी है. दोनों मिलेंगे तो सीटों के तालमेल और सीएम के सवाल पर फैसला हो सकता है. हालांकि उद्धव और अमित शाह के बीच भी मुलाकात हो चुकी है. लेकिन इसका असर कुछ दिखा नहीं बल्कि अमित शाह ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार शुरू करने की तारीख तय कर दी. 19 सितंबर को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह विदर्भ में बीजेपी का प्रचार शुरू कर देंगे. सवाल ये है कि बिना गठबंधन की बातें तय हुआ, अकेले प्रचार शुरू करने का आखिर इशारा क्या है. आपस में भिड़े चव्हाण और ठाकरे- शनिवार को एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद चव्हाण ने कहा था कि सरकार चलाने के लिए उद्धव के पास अनुभव की कमी है क्योंकि वह 1995 में शिवसेना-बीजेपी सरकार का हिस्सा नहीं थे. इस बात का जवाब देते हुए शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया, ‘‘चव्हाण कहते हैं कि उद्धव के पास कोई अनुभव नहीं है. जब वह (चव्हाण) मुख्यमंत्री बने थे तो उनके पास क्या अनुभव था ? क्योंकि उन्हें चुनाव में अपने लिए सुरक्षित सीट ढूंढ़ने में मुश्किल हो रही है, इसलिए उनकी मानसिक स्थिति आईसीयू में भर्ती किसी मरीज की तरह अस्थिर हो गई है.’’ संपादकीय में कहा गया कि क्या चव्हाण के पास ‘पराजित’ राहुल गांधी से यह पूछने का साहस है कि प्रधानमंत्री पद की आकांक्षा रखने के लिए उनके पास क्या अनुभव था. महाराष्ट्र में टूट की कगार पर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन, टिकट बंटवारे पर नहीं बन रही है बात इसमें कहा गया कि जब राजीव गांधी विमान के कॉकपिट से प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर उतरे तो उनके पास कौन सा अनुभव प्रमाणपत्र था. चव्हाण मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठे और इससे महाराष्ट्र को काई लाभ नहीं हुआ. अकेले विकल्प तलाश रही है शिवसेना- शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने के लिए विकल्प तलाश कर रही है. सूत्रों के मुताबिक सीटों पर शिवसेना के अड़े रहने के चलते बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर सकती है. बीजेपी चाहती है कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में दोनों पार्टियां 135-135 सीटों पर लड़ें. बाकी सीटें महागठबंधन के छोटे दलों की दी जाएं. शिवसेना महाराष्ट्र विधानसभा की 169 सीटों पर लड़ना चाहती है. शिवसेना ने कहा है कि वो 150 से कम सीटों पर बिल्कुल नहीं लड़ेगी. 2009 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 119 और शिवसेना ने 169 सीटों पर चुनाव लड़ा था. शिवसेना से जुड़ीं नीलम गोरे ने कहा है कि गठबंधन को लेकर सामना में छपा संपादकीय प्यार से बताने की कोशिश है नहीं तो शिवसेना खुद समझ लेगी. शिवसेना की बैठक में बीजेपी की दावों वाली सीटों पर चर्चा हुई है. जल्द ही शिवसेना यहां से अपने उम्मीदवारों का नाम जारी कर सकती है. बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि सीटों का बंटवारा करीब-करीब तय हो चुका है. एक दो दिन में घोषणा संभव है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और नतीजे 19 अक्टूबर को आएंगे. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं. दो दिन पहले दिखाए ABP न्यूज-नीसलन के सर्वे में बीजेपी को 122 और शिवसेना को 82 सीट पर जीत मिलने का अनुमान है. नारायण राणे ने ली चुटकी- महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन को लेकर तकरार पर कांग्रेस नेता नारायण राणे ने चुटकी लेते हुए कहा है कि मंडप तैयार होने से पहले ही सेहरा लेकर नेता खड़े हैं. नारायण राणे ने कहा है, “शादी का मंडप भी तैयार नहीं है और सेहरा लेकर खड़ा है. एक तो शिवसेना और बीजेपी की सत्ता नहीं आने वाली है इसलिये उद्धव ने मुख्यमंत्री पद के लिये अपना नाम सामने लाना सिर्फ प्रचार के लिये है. उनको मालूम है कि ये नहीं होने वाला है और उद्धव कभी भी सीएम नहीं बन पायेंगे ये मेरा विश्वास है.” महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार की तैयारियों में बीजेपी जुट गई है. विदर्भ इलाके के लिए अमित शाह 19 सितंबर को प्रचार अभियान की शुरूआत करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ साथ राज्य बीजेपी के अध्यक्ष देवेन्द्र फडनवीस भी अमरावती और गोंदिया में रैली करेंगे. राज्य में हाल में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 48 सीटों में से 23 सीटें जीती थीं जबकि शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं. विधानसभा चुनाव में अभी तक सीटों के बंटवारे के फार्मूला के अनुसार शिवेसना को 169 सीटें और बीजेपी को 119 सीटें मिलती थीं. बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में अपने अच्छे प्रदर्शन की मिसाल देकर वह कम से कम 15 और सीट चाह रही है जबकि शिवसेना संभवत: पुराने फार्मूले पर ही अड़ी है. Web Title: maharashtra_samna_chawhan और जाने: CM ele2014 Maharashtra Prithviraj Chawhan samna Shiv Sena First Published: Monday, 15 September 2014 5:11 AM
2017-08-21T20:17:23Z
http://abpnews.abplive.in/india-news/maharashtra_samna_chawhan-114761
Home / ท่องเที่ยวรอบโลก / ทะเลสาบสารพิษ ชายแดนอเมริกา oporshady September 5, 2014 September 5, 2014 1,621 ข้อมูลและภาพ : amusingplanet.com / pichappy / wiki ทะเลสาบสารพิษทะเลสาบอิรีที่เที่ยวแปลกๆสถานที่แปลกเที่ยวอเมริกาเที่ยวแคนาดา
2020-06-02T03:04:52Z
https://travel.mthai.com/world-travel/87570.html
, Cortland 호텔 예약 - 20% 할인가로 예약하세요. Cortland의 호텔 ( ) : 11 개 검색 Country Inn & Suites Cortland 3성 호텔 도심에서 차로 7 분, Cortland 남서쪽 3707 State Route 281에 위치한 호텔로 도시 구석구석을 둘러보기에 최적의 위치에 자리하고 있습니다.저예산 스타일의 Country Inn & Suites Cortland에서는 다음과 같은 다양한 편의를 제공합니다 : 테니스코트, 비지니스센터, 무료주차호텔 내에서 초고속 인터넷을 이용할 수 있습니다....더 보기 Ramada Inn Cortland 3성 호텔 Cortland 북동쪽, 2 River Street에 위치한 호텔로 도심에서 걸어서 16 분 거리에 자리하고 있습니다.Cortland에 자리한 저예산 스타일, 3성급 호텔로 다음과 같은 다양한 서비스가 준비되어 있습니다 : 레스토랑, 룸서비스, 바, 프론트 24시간 개방, 테니스코트, 금연실, 비지니스센터, 세탁, 무료주차, 신속한 체크인/체크아웃.호텔 내...더 보기 Hampton Inn Cortland 3성 호텔 Cortland의 북동쪽, 26 River Street에 위치한 호텔로 도심까지 차로 4 분이면 이동이 가능합니다.저예산 스타일 이상의 호텔, Hampton Inn Cortland에서는 Cortland의 3성급 호텔에서 누릴 수 있는 모든 편의를 제공합니다: 프론트 24시간 개방, 테니스코트, 신문제공, 비지니스센터, 세탁, 무료주차, 에어컨.Hampto...더 보기 Econo Lodge Cortland 2성 호텔 Econo Lodge Cortland에는 Standard 2 Doubles Non Smoking 에서 Room까지 다양한 등급의 42개의 객실이 준비되어있으며, 객실 요금은 117 594 원부터 시작합니다.2성급 저예산 스타일의 호텔, Econo Lodge Cortland에서는 다음과 같은 다양한 편의를 제공합니다 : 무료주차.도심에서 걸어서 2 분, Co...더 보기 Holiday Inn Express - Cortland 3성 호텔 북동쪽, 도심에서 걸어서 18 분 거리에 있는 4 1/2 Locust Avenue에 자리잡은 호텔로 단기여행객 뿐 아니라 장기체류자에게도 Cortland 구석구석을 누비기에 최상의 위치에 있습니다.가족적 스타일 이상의 호텔, Cortland에 위치한 3성급 호텔로 다양한 서비스, 특히 n.a.같은 서비스를 제공합니다.Holiday Inn Express ...더 보기 Days Inn Cortland/McGraw 2성 호텔 저예산 스타일의 Days Inn Cortland/McGraw에서는 다음과 같은 다양한 편의를 제공합니다 : n.a.Cortland 동쪽, 3775 US Routre 11에 위치한 호텔로 도심에서 차로 9 분 거리에 자리하고 있습니다.본 호텔은 Days Inn 체인 소속입니다....더 보기 Hope Lake Lodge & Indoor Waterpark 4성 호텔 Cortland 남동쪽, 2177 Clute Rd에 위치한 호텔로 도심에서 차로 20 분 거리에 자리하고 있습니다.4성급 럭셔리 스타일의 호텔, Hope Lake Lodge & Indoor Waterpark에서는 다음과 같은 다양한 편의를 제공합니다 : n.a.....더 보기 Quality Inn Cortland 2성 호텔 저예산 스타일의 Quality Inn Cortland에서는 다음과 같은 다양한 편의를 제공합니다 : 레스토랑, 무료주차북동쪽, 도심에서 차로 4 분 거리에 있는 188 Clinton Ave에 자리잡은 호텔로 단기여행객 뿐 아니라 장기체류자에게도 Cortland 구석구석을 누비기에 최상의 위치에 있습니다.호텔 내에서 초고속 인터넷을 이용할 수 있습니다.다음...더 보기 Comfort Inn Cortland 2성 호텔 Comfort Inn Cortland에는 Room에서 Room까지 66개의 객실이 준비되어 있습니다. 호텔의 가장 저렴한 객실은 133 939 원부터 시작합니다.Cortland의 남서쪽, 2 AND A HALF LOCUST AVE에 위치한 호텔로 도심까지 걸어서 12 분이면 이동이 가능합니다.저예산 스타일의 Comfort Inn Cortland에서는 다음과...더 보기 Days Inn Cortland / Mc Graw 2성 호텔 동쪽, 도심에서 차로 9 분 거리에 있는 3775 US Rt 11 Exit #10 off I-81에 자리잡은 호텔로 단기여행객 뿐 아니라 장기체류자에게도 Cortland 구석구석을 누비기에 최상의 위치에 있습니다.Cortland에 자리한 저예산 스타일, 2성급 호텔로 다음과 같은 다양한 서비스가 준비되어 있습니다 : 프론트 24시간 개방, 금연실, 무료주...더 보기 Greek Peak Mountain Resort 3성 호텔 Cortland 남동쪽, 2000 NYS route 392에 위치한 호텔로 도심에서 차로 22 분 거리에 자리하고 있습니다.리조트 스타일의 Greek Peak Mountain Resort에서는 다음과 같은 다양한 편의를 제공합니다 : 레스토랑, 금연실T2 호텔 체인에 속해있습니다....더 보기 선택: Cortland의 호텔 ( ) : 11 개 검색
2016-07-28T02:58:02Z
http://www.tvtrip.co.kr/cihqp2k-cortland-%ED%98%B8%ED%85%94
घर में घुस के पुत्रवधू के साथ अश्लील हरकत व मारपीट, मामला दर्ज़ Home/बीकानेर संभाग/घर में घुस के पुत्रवधू के साथ की अश्लील हरकत व मारपीट, मामला दर्ज़ बीकानेर। लूनकरणसर पुलिस थाना क्षेत्र में विवाहिता के साथ मारपीट व अश्लील हरकते करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। मामला में आरोप लगाया गया है कि लूनकरणसर निवासी फूसाराम, एमपी बाजीगर, किशोर नायक, सोनू नायक, लक्ष्मण नायक, वेदप्रकाश आदि लोग 27 जून की रात को घर में घुस आये और सो रही पुत्र वधू के साथ अश्लील हरकते की व उसके साथ मारपीट की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लूनकरणसर पुलिस थाना क्षेत्र में विवाहिता के साथ मारपीट व अश्लील हरकते करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 323, 341, 354, 458, 143 के तहत मामला दर्ज कर जांच उपनिरीक्षक मोटाराम को सौंपी।
2018-11-18T15:07:25Z
http://www.bikanerpride.in/the-accused-entered-the-house-at-midnight-4644646-html/
सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी होम > उत्पादों > सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी (सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी के लिए कुल 24 उत्पादों) सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से हम विशेष हैं सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं / कारखाने चीन से। कम कीमत / सस्ते के रूप में उच्च गुणवत्ता के साथ थोक सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी, चीन से अग्रणी ब्रांडों में से एक सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी में से एक, Ningxia Wolfberry Goji Industry Co.,ltd। थोक चीन से सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी खोजने की आवश्यकता है। बस सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे सूखे गोजी बेरी वुल्फबेरी का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं।
2019-09-21T03:01:23Z
http://hi.nx-wolfberry.com/dp-%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%96%E0%A5%87-%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B5%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AB%E0%A4%AC%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%80.html
भारतीय प्रतिभाओ को भारत में स्वीकारता मिले GWALIOR,17.07.20-किसी भी देश की शक्ति होते हैं उसके नागरिक और अगर वो युवा हों तो कहने ही क्या। भारत एक ऐसा ही युवा देश है। हाल ही में भारतीय जनसंख्या आयोग के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से तैयार किए गए सैंपल रेजिस्ट्रेशन सिस्टम 2018 की रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में 25 वर्ष से कम आयु वाली आबादी 46.9% है। इसमें 25 वर्ष की आयु से कम पुरूष आबादी 47.4% और महिला आबादी 46.3%। यह आंकड़े किसी भी देश को प्रोत्साहित करने के लिए काफी हैं। भारत जैसे देश के लिए भी यह आंकड़े अनेकों अवसर और आशा की किरणें जगाने वाले हैं लेकिन सिर्फ आंकड़ो से ही उम्मीदें पूरी नहीं होती, उम्मीदों को अवसरों में बदलना पड़ता है। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि यह पिछले कुछ सालों की ही समस्या है तो ऐसा नहीं है। इस देश के इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाते हैं। श्रीनिवास रामानुजन ऐय्यंगर का उदाहरण हमारे सामने है जिनके पास गणित की कोई औपचारिक शिक्षा या डिग्री नहीं होने के बावजूद गणित में उनका योगदान अतुलनीय है। आज भले ही उनके नाम पर अनेकों सम्मान दिए जाते हों लेकिन यह भी सच है कि उनके जीवन काल में इस देश में उनकी रिसर्च को कोई मदद तो दूर की बात है, स्वीकार्यता भी नहीं मिली थी। हार के उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक ब्रिटिश गणितज्ञ जी एच हार्डी को अपनी रिसर्च भेजी तो हार्डी ने ना सिर्फ उनके कार्य को "असाधारण" माना बल्कि उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उनके ब्रिटेन आने का प्रबंध भी किया।यह घटना 1913 की है।आज रामानुजन इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन गणित में उनके द्वारा किए गए काम पर जब लगभग सौ साल बाद 2011 - 2012 में रिसर्च की जाती है तो आज के गणितज्ञ भी उनके काम को गहन, बेहद बारीक और उच्चतम बौद्धिक स्तर का स्वीकार करते हैं। हरगोविंद खुराना,जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई भारत में ही की थी,आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए थे उसके बाद पी एच डी करके भारत आए, 1949 की बात है, लेकिन उन्हें यहाँ नौकरी नहीं मिली तो वो वापस विदेश चले गए और यू एस के नागरिक बन गए। हम सब जानते हैं कि 1968 में उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था। जिस देश में अपने देश के एक होनहार युवा के लिए एक नौकरी नहीं थी, आज उसी देश में अमरीकी नागरिक हरगोविंद खुराना के नाम पर उभरती हुई प्रतिभाओं को सम्मान दिए जाते हैं। सी आर राव, हरिश्चंद्र ऐसे नामों की फेहरिस्त अंतहीन है क्योंकि हमने अपनी गलतियों से कोई सबक नहीं सीखा और 21 वीं सदी में भी इस फेहरिस्त में नाम जुड़ते जा रहे हैं। इस विषय में हम चीन से सीख सकते हैं जो चीन कल तक ब्रेन ड्रेनेज के मामले में भारत के करीब खड़ा था आज उसने अपनी नीतियों में बदलाव करके अपने देश से प्रतिभाओं के पलायन को काफी हद तक रोक लिया है। इसके लिए उसने शोध और अनुसंधान पर जोर देना शुरू कर दिया है और उसके बजट में बेतहाशा वृद्धि की है। भारत की अगर हम बात करें तो हमारे यहाँ बुनियादी शिक्षा में प्रायोगिक के बजाए सैद्धांतिक शिक्षा पर जोर दिया जाता है। इसका परिणाम हमारे सामने उस सर्वे रिपोर्ट के रूप में आता है जो यह कहती है कि देश के 80% इंजीनियर बन कर निकलने वाले युवा नौकरी करने के लायक नहीं हैं। केवल 2.5% के पास वो टैलेंट होता है जो आज की आवश्यकता के अनुरूप है।और जैसा कि होता आया है इस 2.5% में से अधिकांश युवा बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश चले जाते हैं। सुन्दर पिचाई सत्या नडेला इंद्रा नूई कल्पना चावला ऐसे अनेकों नाम हैं। The Chairperson. Chandigarh Child protection of Rights Commission, Chandigarh Electricity Department skips mandatory 15 days' time to pay electricity Bills आदिवासी दिवस के बहाने अलगाववाद की राजनीति:डॉ, नीलम महेंद्र (लेखिका वरिष्ठ स्तंभकार हैं) OBSERVATIONS BY R K Garg # 3328 sector 27D Chandigarh -160019 Convenor, RTI Chandigarh +91 98726 92400 Need for controlling crowds in neighbourhood parks also. Committing Suicide:R K Garg,# 3328 sector 27D,Chandigarh -160019,Convenor, RTI Chandigarh,RTI Helpline : +91 98726 92400 Whole of 2019 saw many orders to ban use of single use polythene carry bags and in Oct 2019 an order was issued for ensuring the complete segregation of garbage at basic levels. The Adviser, Chandigarh administration Chandigarh कब तक सामने आते रहेंगे प्यारेमियाँ जैसे चरित्र ?डॉ नीलम महेंद्र लोकतंत्र तो अधिकार देता है पर उदारवादी नहीं
2020-08-11T19:31:15Z
http://www.indianewscalling.com/news/97628--.aspx
Title: MCQ The US President during World War II was This is a Most important question of gk exam. Question is : MCQ The US President during World War II was , Options is : 1. Franklin D. Roosevelt, 2. Grover Cleveland, 3.Woodrow Wilson, 4. Theodore Roosevelt, 5. NULL ► MCQ Exam ON : Space and Solar System Q.) MCQ The US President during World War II was 1) Franklin D. Roosevelt 2) Grover Cleveland 3) Woodrow Wilson 4) Theodore Roosevelt 5) MCQ The first combine harvester was invented in 1834 by MCQ The American theoretical physicist Steven Weinberg shared its Nobel Prize with MCQ The nickel zinc rechargeable battery which is used in digital cameras and cordless telephone was invented by MCQ The largest island of North America continent is in terms of area is MCQ The lithosphere of the Earth is subdivided into MCQ The transistors that are used in every electronic product of modern era was invented by MCQ The number of serving judges in International Tribunal for the Law of the Sea are >भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में किसी भी प्रकार छुआछूत को असंवैधानिक घोषित किया गया है ? >विश्व स्वास्थय संगठन (WHO की स्थापना कब हुई ? >यदि सूरत में बनी वस्तुएं मुंबई या दिल्ली में बेची जाएं, तो यह कौन सा व्यापार हुआ ? >मनुष्य की आँखों में किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब किस भाग पर बनता है ? >भू.पटल में सबसे अधिक मात्रा में कौनसी धातु है ? >प्रसिध्द ‘गायत्री मंत्र’ कहां से लिया गया है ? >सोने की शुध्दता को मापने के लिए ‘कैरेट’ शब्द का प्रयोग किया जाता है। सोने का शुध्दतम रूप क्या है ? >1605 में डचों ने सबसे पहले भारत में जहां अपना अधिकार जमाया, वह कौन सा स्थान था ? >बाल प्वाइंट पेन का अविष्कार किसने किया ? >सुल्ताना रजिया बेगम किसकी बेटी थी ? >वर्ष 1976 में आपातकालीन की उद्घोषणा के समय भारत का राष्ट्रपति कौन था ? >कौनसे भारतीय राजा के समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी इंग्लैण्ड में स्थापित हुआ ? >‘आइस हॉकी’ किस देश का राष्ट्रीय खेल है ? >दिन और रात कहाँ बराबर होते हैं ? >त्ज्ळै लेनदेनों के लिए निर्धारित ऊपरी सीमा क्या है ? >आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली किसके चुनाव के लिए प्रयोग की जाती है ? >‘कॉन्क्वेस्ट ऑफ सेल्फ’ पुस्तक के लेखक कौन है ? >चीन द्वारा प्रक्षेपित चोंगशिग 11 किस प्रकार का उपग्रह है ? >विश्व का सबसे गहरा गत्र्त ‘मेरियाना ट्रेंच’ किस महासागर में स्थित है ? >प्रसिध्द भारतीय महिला एथलीट पी.टी. उषा की आत्मकथा का क्या नाम है ? >1939 में कांग्रेस की अध्यक्षता हेतु महात्मा गाँधी ने किसे सुभाष चन्द्र बोस के विरुध्द नामित किया ? >पंडित मदनमोहन मालवीय ने ‘काशी विश्वविद्यालय’ की स्थापना किस वर्ष की थी ? >‘डबल फॉल्ट’ शब्द किस खेल से सम्बन्धित है ? >भारत का प्रथम मुस्लिम शासक कौन था ? >भारतीय ड्डषि अनुसाधन परिषद् (प्ब्।त्) के वैज्ञानिकों द्वारा 7 अप्रैल, 2013 को विकसित मुर्गी की नई प्रजाति का क्या नाम रखा ? >किस ग्रह का द्रव्यमान, आकार और घनत्व पृथ्वी के समान है ? >संसद के दोनों सदनों का संयुक्त सत्र कौन बुला सकता है ? >कौन-सा जलाशय अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों को अलग करता है ? >मांकदपुर नामक एक गाँव ऑर्गेनिक खेती करने के कारण ऑर्गेनिक गाँव बन गया है। यह गाँव किस राज्य में स्थित है ? >अक्टूबर और नवम्बर के महीनों में भारी वर्षा कहाँ होती है ? >सूर्य से पृथ्वी की दूरी कितनी है ? >‘सती प्रथा’ का अन्त तथा ‘ठगी प्रथा’ को समाप्त करने का श्रेय किसे है ? >कौन-सा एक विटामिन अमरूद में प्रचुरता से मिलता है ? >योजना आयोग का पदेन अध्यक्ष कौन होता है ? >रेशम का उत्पादन किससे होता है ? >सिकन्दर एवं पोरस के बीच हुआ 326 ईण्पूण् का यु; किस नाम से जाना जाता है ? >किस अधिनियम को ‘काला कानून’ की संज्ञा दी गई थी ? >विश्व का प्रथम कम्प्यूटर नेटवर्क कौन सा है ? >कौन-सा ग्रह अपनी धुरी पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूर्णन करता है ? >‘चेतना ऊतक’ के नाम से जाने वाला ऊतक कौन है ? >वन्य जीव सप्ताह कब मनाया जाता है ? >‘हीराकुण्ड बाँध’ किस नदी पर बनाया गया है ? >हेमिस गुम्पा त्यौहार, जो अन्तर्राष्ट्रीय रूप से प्रसिध्द है, किस राज्य का है ? >पेनिसिलीन की खोज किसने की थी ? >‘जिन्ना एवं तिलक कॉमरेड इन फ्रीडम स्ट्रगल’ पुस्तक के रचियता कौन हैं ? >प्लास्टर ऑफ पेरिस (पेरिस प्लास्टर) किससे बनता है ? >महात्मा गाँधी ने ‘करो या मरो’ का मंत्र किस आन्दोलन के समय दिया था? >भारत सरकार के बजट आंकड़ों में कुल व्यय और कुल प्राप्तियों के बीच अंतर को क्या कहते हैं ? >चीनी यात्री फाह्यान किस शासक के समय में आया था ? >‘इतिहास का जनक’ किसे कहा जाता है ? >11 मार्च 2011 को जापान में आए जोरदार भूकंप एवं सुनामी द्वारा जिन न्यूक्लीय रिएक्टरों की भारी क्षति के फलस्वरूप विकिरण का रिसाव हुआ, वे किस जगह थे ? >बन्द अर्थव्यवस्था का अर्थ क्या होता है ? >कम्प्यूटर का कुँजी पटल क्या कहलाता है ? >मुगलकाल में न्यायालयों में किस भाषा का प्रयोग किया जाता था ? >एम.गवर्नेंस को वृहद् स्तर पर लागू करने वाला देश का पहला राज्य कौन-सा है ? >1651 में मुगलों द्वारा बंगाल में किस स्थान पर ईस्ट इंडिया कंपनी को व्यापार करने और फैक्टरी बनाने की अनुमति दी गई थी ? >‘सांडों की लड़ाई’ किस देश का राष्ट्रीय खेल है ? >‘दीवान.ए.अमीर.कोही’ विभाग की स्थापना किस सुल्तान ने की थी ? >‘प्रड्डतिवाद’ का जन्मदाता किसको माना जाता है ? >‘‘मस्तिष्क कोरी पटिया के समान है, जिस पर अनुभव के द्वारा कुछ भी लिखा जा सकता है.’’ उक्त कथन किसका है ? >कंप्यूटर प्रोग्राम में एरर्स की करेक्शंस को क्या कहते हैं ? >भारत में हरित क्रान्ति की शुरुआत कब हुई ? >जाली करेन्सी नोटों के विरुध्द कार्यवाही भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा में की जाती है ? >सालारजंग संग्रहालय कहाँ स्थित है ? >‘ऐन एरिया ऑफ डार्कनेस’ किसकी रचना है ? >भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में यह विवरण मिलता है कि महिलाओं को मातृत्व की स्थिति में मातृत्व लाभ प्रदान किया जाना चाहिए ? >‘अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति’ का मुख्यालय कहाँ है ? >महात्मा बुध्द को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई ? >किस राज्य में रंगनाथित्तु पक्षी अभयारण्य स्थित है ? >‘विंग्स ऑफ फायर’ किसकी आत्मकथा है ? >‘‘उठो, जागो और आगे बढ़ते रहो, जब तक सफलता नहीं मिल जाती’’ उक्त कथन किसका है ? >बृहस्पति ग्रह सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में एक परिक्रमा में कितना समय लेता है ? >सामान्यतः बैंक सावधि जमा अधिकतम कितनी अवधि के लिए स्वीकार करते हैं ? >सूर्य का दिखाई देने वाला भाग क्या कहलाता है ? >‘‘शिक्षा का मुख्य कार्य उत्तम नैतिक चरित्र का विकास करना है. ’’ उक्त कथन किसका है ? >वह विज्ञान जिसमें पशु/मानव शरीरिक संरचना का विच्छेदन द्वारा सीखा जाता है ? >संविधान सभा द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन कब अपनाया गया ? >विद्युत.आवेश का पता लगाने के लिए किस उपकरण का प्रयोग किया जाता है ? >भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति कौन करता है ? >संविधान की कौनसी अनुसूची में केंद्र और राज्यों में विधायी शक्तियों का विभाजन किया गया है ? >हरियाणा में सुविख्यात पक्षी विहार कौन-सा है ? >पुस्तक ‘लास्ट मैन इन दि टावर’ का लेखक कौन है ? >भारतीय संविधान में ‘मूल कर्तव्यों’ का वर्णन किस अनुच्छेद में है ? >वनस्पति घी के निर्माण में कौनसी गैस प्रयुक्त होती है ? >कम्प्यूटर के संचालन में प्रयुक्त प्रोग्राम, नियम तथा कम्प्यूटर क्रियाओं से सम्बन्धित अन्य लिखित (या चिप में दर्ज) सामग्री को क्या कहा जाता है ? >गीतगोविन्द के लेखक कौन थे ? >किसके कारण मरीचिका की परिघटना होती है ? >ग्राफ सर्च किसकी एप्लीकेशन है ? >संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब की गई थी ? >राज्य योजना आयोग का अध्यक्ष कौन होता है ? >उत्तर प्रदेश में पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल किस नगर में स्थित है ? >सूचना की उस सबसे छोटी इकाई को क्या कहते हैं, जिसे कंप्यूटर समझ व प्रोसैस कर सकता है ? >स्वेज नहर किस सागरों को जोड़ती है ? >उत्तर.पूर्वी रेलवे का मुख्यालय कहां स्थित है ? >विधानसभा एवं विधानपरिषद् के वर्ष में कम.से.कम कितने अधिवेशन होने अनिवार्य हैं ? >शरीर की सबसे लम्बी हड्डी कौन सी है ? >कौन राममोहन राय के तत्काल बाद ब्रह्म समाज का प्रमुख बना ? >उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त संगठन कब बना ? >शिवसमुद्रम जलप्रपात किस नदी के मार्ग में पाया जाता है ? >लॉर्ड डलहौजी ने अपनी ‘लैप्स’ नीति का प्रयोग करते हुए किस राज्य का विलयन नहीं किया था ? >केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् के विरुध्द अविश्वास प्रस्ताव कहाँ प्रस्तुत किया जा सकता है ? >औद्योगिक विकास की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का कौन-सा क्षेत्र सर्वाधिक विकसित है ? >शरीर में भोजन प्रायः किसमें पचता है ? >सेबी किस तरह की संस्था है ? >ब्लड गु्रप की खोज किसने की ? >हल्दीघाटी का युध्द कब लड़ा गया था ? >हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में कब स्वीकार किया गया ? >नींबू खट्टा किस कारण से होता है ? >किसने कहा था, ‘‘अच्छा नागरिक अच्छा राज्य बनाता है और बुरा नागरिक बुरा राज्य बनाता है’’ ? >भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है ? >संविधान के किस संशोधन अधिनियम के द्वारा 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को मूल अधिकार बनाया गया है ? >मैकमोहन रेखा द्वारा अलग किए जाने वाले दो देश कौन से हैं ? >राज्य को संविधान द्वारा प्रदत्त सभी शक्तियों को प्रयोग करने एवं कार्य कराने का अधिकार किसे प्राप्त है ? >वसुंधरा शिखर सम्मेलन कहां हुआ था ? >काले वन किस देश में पाए जाते हैं ? >‘गोरखालैंड परिषद’ कोलकाता के किस जिले हेतु प्रशासन के लिए स्थापित की गई है ? >भारत में मनसबदारी प्रथा किसने शुरू की ? >हजामत का शीशा किस तरह का होता है ? >भारत आए कैबिनेट मिशन की अध्यक्षता किसने की थी ? >‘बगदाद’ किस नदी के किनारे स्थित है ? >ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डर का आविष्कार किसने किया ? >जूलियस सीजर की हत्या कब हुई थी ? >किस भारतीय राज्य को पोलो खेल का उद्गम माना जाता है ? >भारत में कार्यपालिका का अध्यक्ष कौन होता है ? >किसके शासनकाल को वास्तुकला की दृष्टि से ‘स्वर्ण.काल’ कहा जाता है ? >भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का पिता किसे कहा गया है ? >लाल लाजपत राय किसके विरुध्द प्रदर्शन कर रहे थे, जब वे पुलिस की नृशंसता का शिकार हुए ? >सर्वप्रथम कागज का आविष्कार कहाँ हुआ था ? >‘‘द वे ऑफ नाइफः द सी आईए, ए सीक्रेट आर्मी एण्ड ए वार एट द एण्ड्स ऑफ द अर्थ’’ पुस्तक के लेखक कौन हैं ? >उत्तर प्रदेश में लोक अदालतों की शुरूआत कब से की गई ? >विश्व में कपास का सर्वाधिक ड्डषि क्षेत्र किस देश का है ? >कोर्टेस जेनेरेल्स निम्नलिखित देशों में से किसकी पार्लियामेंट है ? >‘जगन्नाथ मन्दिर’ कहाँ स्थित है ? >जो वस्तुएं दुर्लभ हों और उनकी आपूर्ति सीमित हो, उन्हें क्या कहते हैं ? >बांबे, कलकत्ता और मद्रास उच्च न्यायालय की स्थापना किस अधिनियम के अंतर्गत की गई थी ? >ओजोन परत को हानि पहुँचाने वाला घरेलू उपकरण कौन सा है ? >‘कीर्तन’ कहाँ का प्रमुख लोक नृत्य है ? >‘बागों का शहर’ नाम से उत्तर प्रदेश का कौन-सा शहर प्रसिध्द है ? >माघ.खिचड़ी गुडि़या, बजहर, होली आदि त्यौहार किस जनजाति द्वारा मनाए जाते हैं ? >भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक बैंक कौन सा बैंक है ? >1947 ई. में भारत की स्वंतत्रता के समय इंग्लैण्ड में किस राजनीतिक दल की सरकार थी ? >किसने सबसे पहले पृथ्वी के ग्लोब की दूरी मापी थी ? >उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष होलिकोत्सव के अवसर पर लट्ठमार होली का आयोजन कहाँ होता है ? >भारत में लोकपाल का विचार कहां से लिया गया है ? >विश्व का सर्वाधिक ऊँचा पठार कौन-सा है ? >वायुमण्डल की सबसे निचली परत को क्या कहते हैं ? >वह एकमात्र पक्षी कौन-सा है, जो पीछे की और उड़ता है ? >उत्तर प्रदेश का प्रथम विकलांग विश्वविद्यालय कहाँ स्थापित किया गया है ? >‘द लॉस ऑफ इनहेरिटेन्स’ किसकी ड्डति है ? >सिन्धु घाटी सभ्यता का बन्दरगाह वाला नगर कौन-सा था ? 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2017-02-27T10:28:15Z
http://mympsc.com/Share.aspx?ArticleID=EA9FA685-C51A-4CAE-B3AB-29B1B19FBC5F
Death of two friends changed direction of life and soldier launched special campaign Publish Date:Mon, 27 Jan 2020 08:12 AM (IST) एक सैनिक के दो दाेस्‍तों की नशे से मौत हाे गई। इससे सैनिक गगनदीप सिंह के जीवन की दिशा बदल दी। अब वह नशे के‍ खिलाफ खास अभियान चला रहे हैं। अमृतसर, [नितिन धीमान]। नशे ने सैनिक गगनदीप सिंह वड़ैच के दो जिगरी दोस्तों को मौत के मुंह में पहुंचा दिया। गगनदीप उन्हें हमेशा कहता था कि नशा मत करो, यह तुम्हें बर्बाद कर देगा, लेकिन दोनों ने उनकी एक न सुनी। फिर दोनों दोस्त इस दुनिया से रुख्सत हो गए। उनकी मौत ने गगनदीप को इस कदर झकझोरा कि उन्‍होंने नशे के खिलाफ अभियान का शंखनाद कर दिया। अब गगनदीप नशे के पीछे भाग रहे युवाओं को मुख्य धारा में वापस लाने के मकसद से दौड़ लगा रहे हैं। उनकी दौड़ एक-दो किलोमीटर नहीं, बल्कि पंजाब के सभी 117 विधानसभा क्षेत्रों में लगाने की है, ताकि युवा नशे के खिलाफ जागरूक हों। पंजाब के 117 विधानसभा क्षेत्रों में नशे के खिलाफ दौड़ लगाकर करेंगे प्रचार दरअसल, देश की रक्षा का संकल्प लेकर सेना में शामिल होने वाले गगनदीप सिंह ने पंजाब की जवानी को नशे से मुक्त करवाने का प्रण लिया है। 35 वर्षीय गगनदीप अब तक 15 विधानसभा क्षेत्रों में दौड़ लगा चुके हैं। शहर व गांवों की सड़कों पर दौड़ते हुए वह युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करते हैं। 100 किलो दूध से हुआ बालाजी का महाभिषेक मजीठा के गांव हिदायतपुरा निवासी गगनदीप 15 वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। अब वह हरियाणा में तैनात हैं। गगनदीप के अनुसार, जब छुट्टी मिलती है तो मैं घर आकर अपने परिवार से मिलता हूं। इसके बाद अपना प्रण पूरा करने के लिए घर से निकल जाता हूं। हर विधानसभा क्षेत्र में 20 से 25 किलोमीटर दौड़ लगाता हूं। इस दौरान रास्ते में जहां भी युवा मिलते हैं, वहां उन्हें पूछता हूं कि आप में से कौन-कौन नशा करता है? जो युवा नशा करते हैं उन्हें इस बुराई को छोडऩे की अपील करता हूं। उन्हें पंपलेट बांटकर नशे के दुष्प्रभाव से अवगत करवाता हूं। युवाओं को अपने साथ दौडऩे को कहता हूं, ताकि वे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें और नशे से तौबा करें। मस्जिद की दीवार गिरी, युवक घायल गगनदीप ने बताया कि समाचार पत्रों में नशे से होने वाली मौतों के विषय में पढ़कर मन उदास हो जाता है। पंजाब में दो लाख 30 हजार लोग नशे के आदी हैं। यह बहुत बड़ा आंकड़ा है और इसे कम करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है। पंजाब की जवानी को नशे ने खोखला कर दिया है। पंजाब सरकार नशे की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रही है, पर यह जनता के सहयोग के बिना अधूरा है। गांवों में पंच-सरपंच व लोग नशा न बिकने देने का संकल्प लें तो नशे का खात्मा निश्चित है। # Special campaign against drug # Soldier launched special campaign # नशे के खिलाफ अभियान
2020-02-29T01:34:46Z
https://www.jagran.com/punjab/amritsar-death-of-two-friends-changed-direction-of-life-and-soldier-launched-special-campaign-19972665.html
Parliamentary Standing Committees Formed And BJP Gets Chairmanship । नुसरत जहां और प्रज्ञा ठाकुर को दी ये जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजनीति September 14, 2019, 8:05 am Updated: September 14, 2019, 8:12 am नई दिल्ली : 17वीं लोकसभा के लिए संसद की स्थायी समितियों का गठन कर दिया गया है। संसद की कुल 24 स्थाई समितियों में से 13 की अध्यक्षता भाजपा को मिली है जबकि 4 की अध्यक्षता कांग्रेस के सांसद करेंगे। पहली बार संसद पहुंची भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और टीएमसी सांसद नुसरत जहां को संसद में अहम जिम्मेदारी दी गई है। नुसरत जहां को जल संसाधन मामलों पर बनी संसदीय कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है। इस कमेटी की अध्यक्षता भाजपा सांसद संजय जायसवाल करेंगे। वहीं भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रेलवे पर बनी कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है। इस कमेटी में फारुक अब्दुल्ला भी रहेंगे। इस कमेटी की अध्यक्षता बीजेपी सांसद राधा मोहन सिंह करेंगे।
2020-01-29T03:14:51Z
https://hindi.sakshi.com/national-politics/2019/09/14/parliamentary-standing-committees-formed-and-bjp-gets-chairmanship
दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता के लिए 'पेरेंट वर्कशॉप' की करेगी शुरूआत - The Siasat Daily दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता के लिए ‘पेरेंट वर्कशॉप’ की करेगी शुरूआत November 4, 2017, 2:35 PM IST Delhi News, Khaas Khabar नई दिल्ली: दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता के लिए ‘पेरेंट वर्कशॉप’ की शुरूआत कर रही है। शहर के 50 स्कूलों में वर्कशॉप का पहला सेट 15 नवंबर से शुरू होगा। शुरुआत में, वर्कशॉप शाम को स्कूल में कक्षा 10 और 12 बोर्ड की परीक्षाओं में भाग लेने वाले बच्चों के माता-पिता के लिए ही आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम का एक पूर्ण रोल-आउट जनवरी 2018 से शुरू होगा। उपमुख्यमंत्री मनीश सिसोदिया ने इस पहल का शुभारंभ करते हुए कहा, “बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी उनके प्रदर्शन में महत्वपूर्ण अंतर है। हमारी सरकार ने स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने और कक्षा के अनुभव की गुणवत्ता में सुधार जैसे कई मोर्चों पर काम किया है। ‘पेरेंट वर्कशॉप्स’ का उद्देश्य बच्चों के घरों में भी सही प्रकार के माहौल को बनाने में मदद करने के लिए माता-पिता के साथ काम करना है। विशेषकर, कक्षा 10 और 12 में पढ़ रहे बच्चों के लिए, माता-पिता को उनके तनाव को कम करने के लिए बच्चों के साथ सहयोगी भूमिका निभाने के लिए संवेदीकरण किया जाएगा।” दिल्ली सरकार ने माता-पिता को उनके शिक्षा से संबंधित सुधारों का एक महत्वपूर्ण घटक बना दिया है। स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) को मजबूत करने से स्कूलों के कामकाज में गंभीर भूमिका निभाने के लिए माता-पिता को एकजुट करने और सक्रिय करने में मदद मिली है। इससे भी महत्वपूर्ण बात, पैरेंट टीचर मीटिंग जुलाई 2016 से शुरू हुई थी, जिसने माता-पिता की इंगेजमेंट को काफी हद तक बढ़ाया है। इन हस्तक्षेपों के परिणाम पिछले दो वर्षों में बच्चों के प्रदर्शन में देखा गया है। दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि इन वर्कशॉप के माध्यम से माता-पिता तक पहुंचें ताकि उन्हें स्कूल और शिक्षकों के समान पृष्ठ पर ले जा सकें। माता-पिता उनके बच्चों की शिक्षा के बारे में उन्मुख होंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए उनकी भूमिका क्या होनी चाहिए कि बच्चों को स्कूल में बेहतर सीख मिले। मेरठ की शुगर मिल में विस्‍फोट, चार लोगों के मारे जाने की आशंका, कई की हालत काफी गंभीर इज़राइल का नया कानुन : देश के प्रति वफादारी का उल्लंघन करने पर रद्द की जा रही है जेरूसलम आईडी SINGH IS KING : भवगा भीड़ से मुस्लिम युवक को बचाने वाले सब-इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह की हो रही सराहना #Ravish #Hyderabad #narendra modi #erdogan #dubai https://t.co/zkzbQf37es7 hours ago Nipah scare: No need to panic; adopt these good hygiene practices - @TheSiasatDaily https://t.co/LivMGPDavF #Nipah #India8 hours ago Jamal Momin thrashed by goons inside train, force to chant ‘Bharat Mata Ki Jai’ - @TheSiasatDaily… https://t.co/QCkvgVMIbd9 hours ago
2018-05-26T14:11:04Z
https://hindi.siasat.com/news/%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%82%E0%A4%B2%E0%A5%8B-899557/
Director vikraman Archives - New Tamil Cinema மலேசியா கலைவிழா! விமான நிலையத்தோடு திருப்பி அனுப்பப்பட்ட சினிமாக்காரர்கள்? கிடா வெட்ட ஆசைதான். ஆனால் புளுகிராஸ் குறுக்கே கட்டையை போடுகிறதே என்கிற கவலை ரஜினிக்கும் அவரது ரசிகர்களுக்கும். அதற்கு சற்றும் குறைவில்லாத இன்னொரு கவலை இப்போது! மலேசியாவில் நடைபெற்ற நட்சத்திர கலைவிழாவுக்கு போகலாம் என்று ஆசை காட்டி, சுமார் 130 பேரை விமான நிலையம் வரைக்கும் வரவழைத்த விஷால் அண் கோ, கடைசி நேரத்தில் ‘டாடா’ காட்டிவிட்டு பறந்துவிட்டதாம். தொங்கிப்போன முகத்தோடு ரிட்டர்ன் ஆகிவிட்டார்கள் இவர்கள். ஏமாந்தவர்களில் நடிகர் பார்த்திபன்,… Jayam Ravi In Accident நிருபர்களின் அழைப்புக்கு அஞ்சி ஜெயம் ரவிக்கு விபத்து செட்டப்? கடந்த இரண்டு நாட்களாகவே ஒரு கதை திருட்டு விவகாரம் காரசாரமாக ஓடிக் கொண்டிருக்கிறது கோடம்பாக்கத்தில். ஜெயம் ரவி நடித்து வரும் ‘போகன்’ படக்கதை, என்னுடையது’ என்று பிரச்சனையை கிளப்பி வருகிறார் ஆன்ட்டனி என்ற அறிமுக இயக்குனர். இந்த விவகாரத்தால் படத்தின் இயக்குனர் லட்சுமணன் மற்றும் தயாரிப்பாளர் ஐசரி கணேஷ் இருவரும் தன்னை ஆள் வைத்து தாக்கியதாகவும் போலீசில் புகார் அளித்திருக்கிறார். ஆனால் இது தொடர்பாக ஆரம்பத்தில் விசாரித்த திரைப்பட எழுத்தாளர்… tamil film tittle issue directors union newplan. அமீரை இறக்கிவிடு… அப்புறம் தானா நடக்கும்! இயக்குனர் சங்கம் வகுக்கும் புது வியூகம்? இதில் யார் பக்கம் நியாயம் இருக்கிறது என்பதை நடுநிலையாளர்களின் பார்வைக்கு விட்டுவிடுவதுதான் சரி. அதற்கு முன், பிரச்சனை என்ன என்பதை சொல்லணும் அல்லவா? இதோ- தமிழ் சினிமாவில் எந்த தலைப்பு வைத்தாலும், அதுக்கு நான்தான் சொந்தக்காரன் என்று சொந்தம் கொண்டாட கிளம்பிவிடுகிறார்கள் சிலர். இந்தப் போக்கு இங்கு பல வருடங்களாக நடந்து கொண்டிருக்கிறது. (கதையே என்னோடது என்று கிளம்புகிறது இன்னொரு கூட்டம். அது வேற சமாச்சாரம்) இந்த பஞ்சாயத்துக்கெல்லாம் ஒரு… சிட்டிக்குள்ளேயே லேண்ட் தருவோம்! விக்ரமன் அறிவிப்பால் ஏழை இயக்குனர்கள் ஜில்! சில தலைமையின் கீழ் சங்கங்கள் இயங்கும்போதுதான் அதை பொற்காலம் என்பார்கள் உறுப்பினர்கள். தயாரிப்பாளர் சங்கத்தில் இராம.நாராயணன் இருந்தபோது அதை பொற்காலம் என்றார்கள். அதற்கப்புறம் இன்றுவரை அங்கே குடுமிப்பிடியும், குழாயடி சண்டையும்தான் அன்றாட நிகழ்ச்சி நிரல்! நடிகர் சங்கத்தை பற்றி சொல்லவே தேவையில்லை. கண்ணாடி டம்ளரை உடைத்துப் போட்டு அதன்மேல் உட்கார்ந்துதான் டீயே குடிக்கிறார்கள் அங்கே. இவ்விரு சங்கங்களும் கண்களை அகல விரித்து, அட ங்கொப்புறானே… என்று பொறாமைப்படுகிற அளவுக்கு இயக்குனர்… surya nadigar sangam simbu dhanush Videos aniruth thala Slide Gallery kamalhaasan ajith sivakarthikeyan vijay rajinikanth vishal ajithkumar rajini nayanthara
2018-01-20T11:06:09Z
http://newtamilcinema.com/tag/director-vikraman/
सलमान खान ने ‘बिग बॉस 12’ के सेट पर भी यूं ली प्रियंका पर चुटकी By Admin, Updated on September 5th, 2018 6:00 AM IST 64 0 नई दिल्‍ली: 'देसी गर्ल' प्रियंका चोपड़ा ने भले ही सलमान खान की फिल्‍म 'भारत' से किनारा कर लिया हो, लेकिन लगता है अब सलमान प्रियंका को इतनी जल्‍दी छोड़ने वाले नहीं हैं. पहले प्रियंका पर बात कर चुके सलमान खान ने अब एक बार फिर उनपर चुटकी ली है. सलमान खान ने बिग बॉस की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रियंका चोपड़ा पर मजेदार चुटकी ली है. सलमान खान का सुपरहिट रिएलिटी शो बिग बॉस की प्रेस कॉन्फ्रेंस मंगलवार को गोवा में आयोजित हुई. यहां सलमान खान हमेशा की तरह काफी जोश में नजर आए. लेकिन यहां जैसे ही 'दबंग' खान को मौका मिला, उन्‍होंने देसी गर्ल पर चुटकी ले डाली. सलमान खान ने मस्ती-मस्ती में कॉमेडियन भारती और हर्ष को इंट्रोड्यूस करते-करते कह दिया, 'सही तो है, प्रियंका ने छोड़ी 'भारत' और (खुद की ओर इशारा करते हुए) भारत, भारती को भारतीयों के बिग बॉस में लेकर आए हैं.' बता दें कि फिल्‍म 'भारत' में सलमान खान के साथ पहले प्रियंका चोपड़ा लीडिंग लेडी के तौर पर नजर आने वाली थीं. प्रियंका के इस फिल्‍म से अलग होने के बाद अब कैटरीना कैफ ने इस फिल्‍म की शूटिंग शुरू कर दी है. वहीं फिल्‍म से अलग होने के बाद प्रियंका चोपड़ा ने अपने विदेशी बॉयफ्रेंड निक जोनास से सगाई कर ली है. सलमान खान के इस शो के नए सीजन में इस साल शो के भीतर जोड़ियां जाएंगी. कॉमेडियन भारती और उनके पति हर्ष भी घर में कंटेस्टेंट जोड़ी बनकर जाने वाले हैं. बिग बॉस सीजन 12 में जोड़ियों के साथ कंटेस्टेंट एंट्री करेंगे और बिग-बॉस सीजन के अंत तक रहने की कोशिश भी. कॉमेडियन भारती और पति हर्ष इस सीजन के कन्फर्म गेस्ट हैं जिन्हें सलमान खान ने इंट्रोड्यूस कराया. अगली खबर SC / ST एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज, विरोध में राजस्थान बंद का किया ऐलान
2018-09-25T15:24:19Z
http://www.pradeshtoday.com/post.php?id=199588
motorcycle bomb blast in thailand - Hindi News, India TV थाईलैंड में मोटरसाइकिल बम विस्फोट में... Edited by: India TV News Desk 22 Jan 2018, 13:31:26 IST
2019-01-18T17:01:51Z
https://hindi.indiatvnews.com/amp/world/asia-motorcycle-bomb-blast-in-thailand-565351
जेलीना जेनकोविक उतनी मशहूर अपने खेल से नहीं है जितनी मशहूर वो अपने हरकतों से है .एक मैच के दौरान उन्होंने दर्शको के सामने ही अपना अंडरवियर बदल लिया . 2011 के फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट में जेलीना जेनकोविक इतनी अनकम्फर्टेबल हो गई कि उन्होंने बीच मैच में ऑडियंस के सामने ही अंडरवियर बदल डाली थी. ये देखकर कुछ दर्शक हैरान […] पारिया का ओवरऑल स्कोर 15 अंडर 273 का स्कोर किया और यह खिताब जीतने वाले वह पहले विदेशी खिलाड़ी भी बन गए। खिताब जीतने के बाद पारिया ने कहा, “मैं कोलकाता में पहली बार खेला। यहां का माहौल बहुत ही दोस्ताना रहा, यहां तक कि थाईलैंड से भी यहां का माहौल अच्छा रहा।” दिल्ली के रहने वाले राशिद खान ने […] लखनऊ: गुरूवार को भारत दुनिया ने अबू हुवैदा से मुलाक़ात की. 22 वर्ष के अबू हुवैदा पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जो देश और विदेश में भारत का परचम लहरा रहे हैं.अपने जज़्बे और अपनी क़ाबिलियत के दम पर हुवैदा ने देश के बड़े बड़े टूर्नामेंट में पदक हासिल किये हैं और पिछले महीने चीन में हुई BWF एशिया पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप 2016 […] क्रिकेटर इरफान पठान पिता बन गए हैं। उनकी पत्नी सफा बेग ने इरफान के गृहनगर गुजरात के वडोदरा में ओल्ड पादरा रोड के एक निजी अस्पताल में कल रात बेटे को जन्म दिया। 33 वर्षीय इरफान ने सफा के साथ फरवरी 2014 में जेद्दा में निकाह रचाया था। पिता बनने की खुशी में किए अपने ट्वीट में इरफान ने लिखा […] हॉकी जूनियर वर्ल्ड कप में बेल्जियम को हराकर भारत बना विश्व विजेता भारत ने हॉकी जूनियर विश्व कप में बेल्जियम को 2-1 से हराकर विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया है। भारत के युवा तुर्कों ने गजब का प्रदर्शन ज़बरदस्त पर्दर्शन करते हुए इतिहास बना दिया। भारत की टीम इस टूर्नमेंट में अजेय रही और उसने अपने सभी 6 मैचों में जीत दर्ज की।15 साल बाद भारत ने यह खिताब […] सायना को लोगो ने बताया देशद्रोही,कहा-तुमसे नफरत करते है मोदी जी को सप्पोर्ट किया करो सायना नेहवाल ने फेसबुक पर अपने नए फोन से साथ एक फोटो शेयर की थी। उन्होंने फोटो के साथ लिखा था, ‘मेरा नया Honor 8 फोन, यह फोन और इसका कलर मुझे काफी अच्छा लगता है।’ इसके बाद से ही एकाएक कई लोगों ने उनके खिलाफ कमेंट करना शुरू कर दिया। कई यूज़र ने तो उन्हें देशद्रोही तक कह दिया। आपको […] नेशनल शूटर के साथ कोच ने किया रेप ,मेडिकल जांच में रेप की पुष्ठी नई दिल्ली –पुलिस के मुताबिक महिला शूटर का आरोप है कि कोच ने कोल्ड ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया और फिर उसके साथ रेप किया। पुलिस की माने तो महिला शूटर और कोच एक दूसरे को दो साल से जानते थे। UAE के उमर अब्दुल रहमान 2016 के सर्वश्रेष्ठ एशियाई खिलाड़ी बने एशिया के सबसे बड़े स्टार उमर अब्दुल रहमान को यहां आयोजित रंगारंग समारोह में एएफसी वर्ष का सर्वश्रेष्ठ फुटबालर चुना गया । एक्सक्लूसिव :युवी और हेजल के संगीत सेरेमनी की दस तस्वीरे चंडीगढ़- युवराज सिंह और हेजल कीच शादी की शादी 30 नवंबर को है। इससे पहले चंडीगढ़ के आईटी पार्क स्थित ललित होटल में काफी संख्या में शादी अटेंड करने के लिए गेस्ट आए हुए हैं।
2017-09-26T00:11:38Z
http://headline24.in/category/sports/page/3/
Demonstrations After Congress, TDP List Announced In Telangana | ദുഃഖം താങ്ങാനാകാതെ കോണ്‍ഗ്രസ് നേതാക്കള്‍; ചിലര്‍ പൊട്ടിത്തെറിച്ചു, പ്രകടനങ്ങള്‍!! ദില്ലിയിലേക്ക് - Malayalam Oneindia 39 min ago നയതന്ത്ര ബാഗ് തുറന്ന് പരിശോധിക്കുന്നതിനെ എതിർത്തു: നയതന്ത്ര ബന്ധം ഉലയുമെന്ന് അറ്റാഷെയുടെ ഭീഷണി 56 min ago ശ്രീരാമന് ആരതി, മധ്യപ്രദേശില്‍ ആഘോഷങ്ങളുമായി കമല്‍നാഥ്, കോണ്‍ഗ്രസ് ഓഫീസില്‍.... ദുഃഖം താങ്ങാനാകാതെ കോണ്‍ഗ്രസ് നേതാക്കള്‍; ചിലര്‍ പൊട്ടിത്തെറിച്ചു, പ്രകടനങ്ങള്‍!! ദില്ലിയിലേക്ക് Published: November 14 2018, 11:48 [IST] ഹൈദരാബാദ്: തെലങ്കാന കോണ്‍ഗ്രസിലെ നേതാക്കള്‍ക്ക് അടക്കാനാകാത്ത പ്രതിഷേധവും ദുഃഖവും. ചിലര്‍ കരഞ്ഞുവെന്നാണ് റിപ്പോര്‍ട്ട്. മറ്റു ചിലരുടെ അനുയായികള്‍ മണ്ഡല അടിസ്ഥാനത്തില്‍പ്രതിഷേധ പ്രകടനങ്ങള്‍ നടത്തി. ചിലര്‍ പ്രാദേശിക പ്രകടനത്തില്‍ പങ്കെടുത്തില്ല. നേരെ ദില്ലിയിലേക്ക് പുറപ്പെട്ടു. ഹൈക്കമാന്റിനെ നേരിട്ട് ബോധിപ്പിക്കാന്‍. പലവിധ മാറ്റങ്ങളാണ് കഴിഞ്ഞദിവസം തെലങ്കാന കോണ്‍ഗ്രസില്‍ സംഭവിച്ചത്. നിയമസഭാ തിരഞ്ഞെടുപ്പിന് ഒരുങ്ങുന്ന തെലങ്കാനയില്‍ കോണ്‍ഗ്രസ്-ടിഡിപി സഖ്യത്തിന്റെ ആദ്യ സ്ഥാനാര്‍ഥി പട്ടിക പുറത്തുവന്നതിന് പിന്നാലെയാണ് പ്രതിഷേധം. വിശദാംശങ്ങള്‍ ഇങ്ങനെ... എല്ലാവര്‍ക്കും കൊടുക്കാന്‍ സാധിക്കുമോ തിങ്കളാഴ്ചയാണ് കോണ്‍ഗ്രസ് ആദ്യ സ്ഥാനാര്‍ഥി പട്ടിക പുറത്തുവിട്ടത്. കോണ്‍ഗ്രസും ടിഡിപിയും സഖ്യം ചേര്‍ന്നാണ് തെലങ്കാനയില്‍ ജനവധി തേടുന്നത്. കൂടെ സിപിഐയുമുണ്ട്. എന്നാല്‍ സീറ്റ് മോഹിച്ചിരുന്ന എല്ലാവര്‍ക്കും സീറ്റ് ലഭിച്ചില്ല. ഇവരാണ് പൊട്ടിത്തെറിച്ചത്. ദില്ലിയിലേക്ക് പുറപ്പെട്ടു പട്ടിക അംഗീകരിക്കില്ലെന്നാണ് പല നേതാക്കളും പ്രതികരിച്ചത്. സംസ്ഥാനത്തെ മുന്‍ കോണ്‍ഗ്രസ് അധ്യനും 2014 വരെ മന്ത്രിയുമായിരുന്ന പൊന്നല ലക്ഷ്മയ്യയും ആദ്യ സ്ഥാനാര്‍ഥി പട്ടികയില്‍ ഇടം പിടിച്ചിട്ടില്ല. ഇദ്ദേഹം പ്രാദേശിക നേതൃത്വത്തോട് ആവലാതി പറയാന്‍ നിന്നില്ല. ദില്ലിയിലേക്ക് പുറപ്പെട്ടു. ഹൈക്കമാന്റുമായി ചര്‍ച്ച നടത്തുകയാണ് ലക്ഷ്യം. 65 സ്ഥാനാര്‍ഥികളുടെ പട്ടിക 65 സ്ഥാനാര്‍ഥികളുടെ പട്ടികയാണ് കോണ്‍ഗ്രസ് നിലവില്‍ പുറത്തുവിട്ടിരിക്കുന്നത്. ഉറപ്പായും സീറ്റ് ലഭിക്കുമെന്ന് കരുതിയിരിക്കുന്ന ഒട്ടേറെ നേതാക്കളുണ്ടായിരുന്നു. പലര്‍ക്കും സീറ്റ് ലഭിച്ചില്ല. ടിഡിപിയുമായി ഉണ്ടാക്കിയ ധാരണ പ്രകാരം ചില കോണ്‍ഗ്രസ് സീറ്റുകള്‍ ടിഡിപിക്ക് വിട്ടുകൊടുക്കേണ്ടി വന്നിട്ടുണ്ട്. അങ്ങനെയും ചില കോണ്‍ഗ്രസ് നേതാക്കള്‍ക്ക് സീറ്റ് നഷ്ടപ്പെട്ടു. പദയാത്ര വരെ സംഘടിപ്പിച്ചു കോണ്‍ഗ്രസ് എംഎല്‍എ ആയിരുന്ന ബിക്ഷപതി യാദവിന് ഇത്തവണ സീറ്റില്ല. കടുത്ത നിരാശയിലാണ് അദ്ദേഹം. ഇദ്ദേഹം വിജയിച്ചിരുന്ന സീറ്റ് ഇത്തവണ ടിഡിപിക്ക് വിട്ടുകൊടുക്കേണ്ടി വന്നു. സീറ്റ് ലഭിക്കുമെന്ന് കരുതി സ്വന്തം നിലയില്‍ പദയാത്ര വരെ സംഘടിപ്പിച്ചിരുന്നു ബിക്ഷപതി യാദവ്. കിട്ടിയ ഫലം ഇതാണ് പാര്‍ട്ടിക്ക് വേണ്ടി ഏറെ കാലമായി പ്രവര്‍ത്തിക്കുന്നവരെ പരിഗണിക്കണമെന്നാണ് ബിക്ഷപതിയുടെ ആവശ്യം. യാതൊരു അച്ചടക്ക രാഹിത്യവും ഇതുവരെ താന്‍ കാണിച്ചിട്ടില്ല. എന്തുകൊണ്ടാണ് തനിക്ക് സീറ്റ് നല്‍കാത്തതെന്ന് നേതൃത്വം വ്യക്തമാക്കണം. പാര്‍ട്ടിക്ക് വേണ്ടി പ്രവര്‍ത്തിച്ചതിന് കിട്ടിയ ഫലം ഇതാണെന്നും ബിക്ഷപതി പറയുന്നു. ചില നേതാക്കള്‍ ദേശീയ അധ്യക്ഷന്‍ രാഹുല്‍ ഗാന്ധിയെ ചോദ്യം ചെയ്തു രംഗത്തെത്തി. തിരഞ്ഞെടുപ്പിന് തൊട്ടുമുമ്പ് പാര്‍ട്ടിയില്‍ ചേര്‍ന്ന നേതാക്കള്‍ക്ക് ഇത്തവണ സീറ്റ് നല്‍കില്ലെന്ന് നേരത്തെ രാഹുല്‍ ഗാന്ധി പറഞ്ഞിരുന്നു. അത്തരം സംഭവമുണ്ടായാല്‍ താന്‍ ഇടപെടുമെന്നും അദ്ദേഹം പറഞ്ഞിരുന്നു. നേതൃത്വം ഒന്ന് പറയും... നടക്കുന്നത് മറ്റൊന്ന് രാഹുല്‍ ഗാന്ധി പറയുന്നതൊന്നും സംസ്ഥാന നേതാക്കള്‍ ചെയ്യുന്നത് മറ്റൊന്നുമാണെന്ന് സീറ്റ് ലഭിക്കാത്ത കോണ്‍ഗ്രസ് നേതാക്കള്‍ ആരോപിക്കുന്നു. സീറ്റ് ലഭിക്കാത്ത നേതാക്കളെ മല്‍സരിപ്പിക്കണമെന്നാവശ്യപ്പെട്ട് സംസ്ഥാനത്തിന്റെ പല ഭാഗങ്ങളിലും പ്രതിഷേധം പ്രകടനങ്ങള്‍ നടന്നു. കോണ്‍ഗ്രസ് നേതൃത്വത്തില്‍ ആശങ്കയുണ്ടാക്കിയിട്ടുണ്ട് പുതിയ സംഭവങ്ങള്‍. മതിയായ പരിഗണന പാര്‍ട്ടി നല്‍കും എന്നാല്‍ എല്ലാ കോണ്‍ഗ്രസുകാര്‍ക്കും മതിയായ പരിഗണന പാര്‍ട്ടി നല്‍കുമെന്ന് എഐസിസി സെക്രട്ടറിയും മുന്‍ എംഎല്‍എയുമായ മധു യാഷ്‌കി ഗൗഡ പറഞ്ഞു. തെലങ്കാനയില്‍ കോണ്‍ഗ്രസ് സര്‍ക്കാര്‍ രൂപീകരിക്കാന്‍ സാധിക്കണം. അതിന് വേണ്ടി എല്ലാ പ്രവര്‍ത്തകരും ശ്രമിക്കണം. എല്ലാവരെയും പാര്‍ട്ടി പരിഗണിക്കുമെന്നും മധു യാഷ്‌കി പറഞ്ഞു. സഖ്യത്തിലുള്ളവര്‍ തെലങ്കാന രാഷ്ട്ര സമിതിയാണ് കോണ്‍ഗ്രസ് സഖ്യത്തിന്റെ തെലങ്കാനയിലെ പ്രധാന ശത്രു. കോണ്‍ഗ്രസ് മുന്‍കൈയ്യെടുത്ത് രൂപീകരിച്ച വിശാല സഖ്യത്തില്‍ നാല് പാര്‍ട്ടികളാണുള്ളത്. കോണ്‍ഗ്രസിനും ടിഡിപിക്കും പുറമെ സിപിഐയും തെലങ്കാന ജന സമിതിയും അംഗങ്ങളാണ്. 25 എണ്ണം വിട്ടുകൊടുത്തു ഡിസംബര്‍ ഏഴിനാണ് തെലങ്കാനയില്‍ നിയമസഭാ തിരഞ്ഞെടുപ്പ്. 119 അംഗ നിയമസഭയാണ് തെലങ്കാനയില്‍. ഇതില്‍ കൂടുതല്‍ സീറ്റിലും പ്രതിപക്ഷ സഖ്യത്തില്‍ നിന്ന് കോണ്‍ഗ്രസാണ് മല്‍സരിക്കുക. പിന്നെ ടിഡിപിയും. 25 സീറ്റുകളാണ് കോണ്‍ഗ്രസ് മറ്റു പാര്‍ട്ടികള്‍ക്ക് വിട്ടുകൊടുത്തിരിക്കുന്നത്. ടിഡിപിയിലും പാളയത്തില്‍ പട ടിഡിപി 14 സീറ്റില്‍ മല്‍സരിക്കും. ടിജെഎസ് എട്ട് സീറ്റിലും സിപിഐ മൂന്ന് സീറ്റിലും മല്‍സരിക്കും. ഒമ്പത് സ്ഥാനാര്‍ഥികളുടെ പട്ടിക ടിഡിപി പുറത്തിറക്കി കഴിഞ്ഞു. ടിഡിപിയിലും പാളയത്തില്‍ പട സജീവമാണ്. സ്ഥാനാര്‍ഥികളാക്കാത്തതില്‍ പ്രതിഷേധിച്ച് പലയിടത്തും പ്രകടനങ്ങള്‍ നടന്നു. ഡിസംബര്‍ 11നാണ് വോട്ടെണ്ണല്‍. നിയമസഭ കാലാവധി പൂര്‍ത്തിയാക്കും മുമ്പ് പിരിച്ചുവിട്ടത് മൂലമാണ് തെലങ്കാനയില്‍ തിരഞ്ഞെടുപ്പ് വേണ്ടി വന്നത്. Story first published: Wednesday, November 14, 2018, 11:48 [IST]
2020-08-06T10:52:16Z
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2016-09-30T11:45:36Z
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गर्भवती होने पर आप ध्यान दें - Upcharऔर प्रयोग Home / गर्भावस्था-देखभाल-आहार / गर्भवती होने पर आप ध्यान दें 2:16 pm गर्भावस्था-देखभाल-आहार आज के लाइफ स्टाइल में गर्भवती महिलाओं(Pregnant women)के लिए शिशु को जन्म देना भी किसी चैलेंज से कम नहीं है परिवार में जब बच्चा जन्म लेने वाला होता है तो ऐसे में पति-पत्नी के लिए सावधानियां बरतनी और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है तब ऐसी स्थिति में थोड़ी सी असावधानी भी बाद में जाकर जच्चा-बच्चा के लिए जानलेवा साबित हो सकती है- गर्भावस्था(Pregnancy)के दौरान महिलाओं को अपना विशेष ध्यान देना चाहिए और इस दौरान महिलाओं को संतुलित आहार लेना चाहिए क्यूंकि यही संतुलित आहार(Balanced diet)महिलाओं के लिए वरदान साबित होता है तथा हल्का व्यायाम(Exercise)इसमें फायदेमंद होता है- गर्भधारण(Pregnancy)के बाद क्या करें- 1- गर्भधारण करने के बाद से महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञ से हमेशा ही रेगुलर जांच करवाते रहना चाहिए- 2- गर्भधारण के शुरू के दो महीनों में भूख कम लगती है इस दौरान महिलाओं को थोड़े-थोड़े अंतराल में हल्का भोजन भी अवश्य लेना चाहिए- 3- दो महीने के बाद भूख बढ़नी शुरू हो जाती है उस स्थिति में पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए- 4- गर्भवती महिला के भोजन में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन, खनिज-लवण व जल आदि का समुचित संतुलन होना जरूरी है- 5- गर्भवती महिला अगर पौष्टिक आहार का सेवन नहीं करती तो उसे एनीमिया(खून की कमी) होने का अंदेशा बना रहता है- 6- गर्भवती महिला को खट्टे, बासी व चर्बी वाले भोजन से दूर ही रहना चाहिए तथा गर्भावस्था में दौड़ लगाना, तैरना, टेनिस खेलना व घुड़सवारी करना करना भी वर्जित है महिला को भारी काम करने से भी बचना चाहिए इस अवस्था में आपके लिए हल्का व्यायाम अच्छा रहेगा- 7- शारीरिक तंदुरुस्ती के साथ-साथ मानसिक तंदरुस्ती की ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिए क्यूंकि गर्भवती महिला को तनाव होने की सूरत में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व गर्भपात होने की आशंका बनी रहती है- 8- गर्भवती महिला को किसी अच्छे डाक्टर की सलाह से टेटनेस का इंजेक्शन जरूर लगवा लेना चाहिए- 9- गर्भवती महिला को हर महीने अपना यूरिन(मूत्र)टेस्ट अवश्य करवाना चाहिए- गर्भवती होने पर आप ध्यान दें Reviewed by Upchar और प्रयोग on 2:16 pm Rating: 5
2017-09-21T19:12:02Z
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2019-02-24T00:25:07Z
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Makar Sankranti: Do not make mistakes in the day of Makar Sankanti, these 10 work, otherwise the big loss By Times Bull Last updated Jan 17, 2018 612 0 Makar Sankranti : आप सभी को हैप्पी मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं और बहुत बहुत बधाई । आप सभी अपने प्रियजनों और दोस्तों को भजे हैप्पी मकर संक्रांति की बधाई, Makar sankranti, Happy Makar sankranti ki Shubhkamnaye, Message, SMS, Happy Makar sankranti Images, Quotes, Happy Makar sankranti shayari, Greetings In Hindi, HAPPY Makar sankranti 2018 in advance, Happy Makar sankranti Message in hindi, Happy Makar sankranti SMS, Happy Makar sankranti Images, Happy Makar sankranti quotes, Happy Makar sankranti poem, Happy Makar sankranti 2018 greetings in hindi, मकर संक्रांति की शुभकामनाएं, मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें, मकर संक्रांति मैसेज, मकर संक्रांति बधाई संदेश, मकर संक्रांति शायरी, Happy Makar Sankranti shubhkamnaye in hindi, best wishes, messages, Happy Makar Sankranti badhai sandesh, Happy Makar Sankranti shayari, मकर संक्रांति की शुभकामना Makar Sankranti : Makar Sankranti Ki Shubhkamnaye, Message,… Happy Makar Sankranti shubhkamnaye in hindi and Happy Makar Sankranti badhai sandesh देसी भाभी का मस्त डांस वीडियो हुआ वायरल – देखे वीडियो
2018-01-18T08:10:38Z
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2019-11-21T18:25:56Z
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जानिये, बॉलीवुड के सबसे अमीर सुपरस्टार्स की संपत्ति के बारे में - Bollywood Jalwa जानिये, बॉलीवुड के सबसे अमीर सुपरस्टार्स की संपत्ति के बारे में जानिये, बॉलीवुड के सबसे अमीर सुपरस्टार्स की संपत्ति के बारे में। अगर हम आज इन सुपरस्टार्स की संपत्ति की बात कर रहे है तो बता दे कि सबसे पहले नंबर पर नाम आता है शाहरुख़ खान का। $750 मिलियन की नेट वर्थ ना केवल सूची में नंबर एक है बल्कि फ़ोर्ब्स की सबसे अमीर अभिनेता दुनिया की सूची में शामिल होने के लिए बहुत कम भारतीय अभिनेताओं में से भी एक है। अमिताभ बच्चन- कई विदेशी स्थानों में बॉलीवुड के लिए प्रशंसक बनाने वाले अभिनेता अमिताभ अपने ब्रांड के मूल्य और इसे कैसे बेचने के बारे में जानते है। इनकी कुल नेट वर्थ $402 मिलियन है। सलमान खान- एक लोकप्रिय अभिनेता, निर्माता और टीवी व्यक्तित्व सलमान के पास 318 मिलियन डॉलर की संपत्ति है। अमीर खान- सुपर सफल फिल्मो और ब्रांड विज्ञापन के कारण पूर्णतावादी सूची में सबसे ऊँचे स्थान पर है। आमिर खान के पास नेट वर्थ $ 205 मिलियन डॉलर की सम्पति है। अक्षय कुमार- एक सितारा जो सीमित बजट के तहत सुपर सफल फिल्मे देता है। वह दुनिया के फ़ोर्ब्स के सबसे शीर्ष अमीर कलाकारों में शामिल होने के लिए शाहरुख़ के अलावा एकमात्र अन्य अभिनेता है। इनके पास नेट वर्थ $180 मिलियन की संपत्ति है। रणबीर कपूर- बॉलीवुड के हैंडसम और चॉकलेटी बॉय के पास $66 मिलियन की संपत्ति है।
2018-04-25T10:44:48Z
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टीम इंडिया के क्रिकेटर मुरली विजय बने पिता, शेयर की फोटो | उत्तरांचल टुडे टीम इंडिया के क्रिकेटर मुरली विजय बने पिता, शेयर की फोटो टीम इंडिया के क्रिकेटर मुरली विजय बने पिता भारतीय क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट मैचों में ओपनिंग करने वाले मुरली विजय तीसरी बार पिता बन गए हैं. इस बात की जानकारी उन्होंने खुद अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर करते हुए दी. तस्वीर में उनका बेटा निरव एक नए नन्हे मेहमान को गोद लिए खड़ा है. इस तस्वीर के साथ मुरली ने लिखा, ‘दो रॉकस्‍टार, एक बेटा, दूसरे को दुनिया से परिचित करा रहा है. ‘उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम इवा है. मुरली विजय ने साल 2012 में निकिता से विवाह किया था जो टीम इंडिया के एक अन्‍य क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की पूर्व पत्‍नी रही हैं. साल 2007 में दिनेश कार्तिक और निकिता ने शादी की थी. 2012 में आईपीएल-5 के दौरान कार्तिक और निकिता साथ थे. इसी वक्त मुरली विजय की पहचान दिनेश कार्तिक की वाइफ से हुई. दोनों के बीच चोरी चुपके से चक्कर चलता रहा और जब कार्तिक को पता चला तो उन्होंने निकिता को तलाक दे दिया था जिसके बाद मुरली विजय ने उनसे शादी कर ली. मुरली विजय ने भारतीय टीम के लिए 51टेस्‍ट, 17 वनडे और 9 टी20 मैच खेले हैं. अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज उन्‍होंने नवंबर 2008 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में टेस्‍ट खेलकर किया था. विजय 51 टेस्‍ट में 46.30 के प्रभावी औसत से 3408 रन बना चुके हें जिसमें 9 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं. इस दौरान 167 रन उनका सर्वोच्‍च स्‍कोर रहा है. Previous articleसचिन के अवैध आशियाने पर कार्रवाई शुरू Next articleबाबा राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत गिरफ्तार,38 दिनों से ढूंढ़ रही थी पुलिस
2018-06-19T00:47:32Z
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चीन 304 316 स्टेनलेस स्टील बुना तार काट जाल निर्माता ANPING COUNTY SHANGCHEN WIREMESH PRODUCTS CO.,LTD [Hebei,China] व्यवसाय प्रकार:वितरक / थोक व्यापारी , उत्पादक , व्यापार कंपनी , फुटकर विक्रेता , सर्विस , एजेंट , संगठन Main Mark: अफ्रीका , अमेरिका की , एशिया , यूरोप , मध्य पूर्व , अन्य बाजार , दुनिया भर निर्यातक:81% - 90% प्रमाणपत्र:BSCI, GB, GSV, ISO14001, ISO14010, ISO22000, ISO9001, ISO9002, ACS, API, ASME, CB, CCC, CE, EMC, GS, SSA विवरण:स्टेनलेस ऑफ-कट मेष,304SS बुना जाल,316SS बुना जाल Home > उत्पादों > फ़िल्टर जाल > 304 316 स्टेनलेस स्टील बुना तार काट जाल मॉडल नं.: SC-12 स्टेनलेस स्टील वायर एस एस 201 स्टेनलेस स्टील तार जाल, एस एस 304 स्टेनलेस स्टील तार जाल और एसएस 316 सहित जाल स्टेनलेस स्टील तार जाल सामग्री द्वारा, स्टेनलेस स्टील ऑफ कटौती मेष सादा बुना जाल है। हमारी कंपनी द्वारा ऑफ-कट्स और अन्य विनिर्देशनों के आकार की आपूर्ति की जा सकती है। मेष एक ही रूप में स्टेनलेस स्टील तार जाल स्टेनलेस स्टील ऑफ कटौती एसिड का विरोध, क्षार का विरोध, गर्मी का विरोध और पहनने का विरोध आदि यह व्यापक रूप से मेरा, तेल, रसायन उद्योग, खाद्य उद्योग में प्रयोग किया जाता है, दवा के प्रदर्शन है उद्योग और मशीन का उत्पादन। जंग के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करना। ग्रेड 304 में 18% क्रोमियम और 8% निकेल है, जबकि ग्रेड 316 (जिसे मरीन ग्रेड कहा जाता है) में 16% क्रोमियम, 10% निकल और 2% मोलिब्डेनम शामिल हैं। मोलिब्डेनम को क्लोराइड (जैसे समुद्र के पानी) से जंग का विरोध करने में मदद करने के लिए जोड़ा जाता है और इसका उपयोग लंबे समय तक जीवन के लिए किया जाना चाहिए, विशेषकर कॉस्टल या समुद्री अनुप्रयोगों में। वायर क्लॉथ में स्टेनलेस के कई अलग-अलग ग्रेड का उपयोग किया जाता है। 304 सबसे आम है, लेकिन प्रत्येक ग्रेड के अद्वितीय गुणों का लाभ उठाने के लिए अन्य का उपयोग विशिष्ट अनुप्रयोगों में किया जाता है। स्टेनलेस स्टील वायर मेष की सामग्री: AISI में स्टेनलेस स्टील के तार, SUS302,304,316,304L या 316L बुनाई और स्टेनलेस स्टील फ़िल्टर मेष की विशेषताएं : सादा बुनाई, सुतली बुनाई, डच बुनाई, आदि। यह एसिड, क्षार और गर्मी के खिलाफ अच्छी संपत्ति प्रदान करता है, यह प्रतिरोधी भी है। स्टेनलेस स्टील की कट-ऑफ मेश की पैकिंग: पैपर्ट्यूब अंदर, वाटरप्रूफ पेपर बाहर, फिर प्लास्टिक की फिल्म या वीविंग बैग कवर हाँ, हम डोर टू डोर डिलीवरी में बहुत अच्छे हैं, कृपया मुझे अपना विस्तृत पता बताएं , फिर मैं आपको उद्धृत करूंगा अपने घर के लिए माल ढुलाई लागत सीधे। हम आपको सागर माल भाड़ा, अगर माल बड़ा नहीं है, यह एयर फ्रेट या एक्सप्रेस द्वारा लोड किया जाएगा । परिवहन के किसी भी तरीके से कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारे फारवर्डर आपके स्थान पर सामान को सुचारू रूप से पहुंचाने के लिए पेशेवर सेवा प्रदान करेंगे । स्टेनलेस ऑफ-कट मेष 304SS बुना जाल
2019-12-16T03:11:35Z
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छत्तीसगढ़ के पहिली सस्पेंसन बिरज के लोकारपन - Jayjohar Home ताजा समाचार छत्तीसगढ़ के पहिली सस्पेंसन बिरज के लोकारपन छत्तीसगढ़ के पहिली सस्पेंसन बिरज के लोकारपन रायपुर। सीएम रमन सिंह ह गुरुवार के प्रदेश के दू जिला ल अनूठा सौगात दीस हे। सीएम ह रायपुर जिला ल 6 करोड़ के लागत ले लक्ष्मन अउ दुर्ग जिला ल कैलास गुफा गार्डन के सौगात दीस। देर शाम सीएम सिंह प्रदेश के पहिली सस्पेंसन बिरज (लक्ष्मन झूला) के लोकारपन को बर महादेव घाट पहुंचिस।ये दौरान उमन ह सबले पहिलि दुर्ग जिला म स्थित कैलास गुफा गारडन के फीता काटके सुभारंभ करिन। फेर लक्ष्मण झूला के लोकारपन करिस। अंत म सीएम सिंह ह खारून नदी के तीर म बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सिलान्यास करिन। ये कारयकरम के साक्छी अब्बड़ संख्या म मवजूद दूनों जिला के जनता बनिस। सीएम ह सभा ल संबोधित करत हुए कहिन कि खारून नदी रायपुर अउ आस-पास के सहर के जीवनरेखा हे। खारून ल परदूसन ले बचाए बर एसटीपी के भूमिपूजन करना मोर बर गौरव के बात हे। मिसन अमृत म खारून नदी ल क्लीन करे के अभियान चलाए जात हे, जेमा रोज 200 एमएलडी पानी ल साफ करे जाही। परदेस के विकास के गाथा बयान करे के जरूरत नइए, राजधानी अब सिरफ एक सहर नो हय बल्कि एक महानगर के रूप म उभरत हे। आगू कहिन कि जे इलाका म बिरज बने हे वो ह पाटन विधानसभा क्षेत्र हे, लेकिन हम मन ल क्षेत्र ले नइ, विकास ले मतलब हे। पाटन विधायक हर रोज सरकार के खिलाफ बोलथे, लेकिन हम मन ह विकास म कोई भेदभाव नइ करत हन। विकास हमार बर सबले पहिलि हे। कारयकरम म भाजपा के वरिष्ठ नेता अउ किरीस मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ह सभा ल संबोधित करत हुए रायपुर नगर निगम के महापौर उपर जमकर निसाना साधिस। उमन कहिन कि राजधानी म विकास कारय हमार सरकार करथे अउ श्रेय मेयर प्रमोद दुबे ले जाथे। Previous articleएक्शन, इमोशन के तड़का ले भरपूर ”मोर जोड़ीदार” आज हो ही रिलीज Next article5 सिक्छाकरमी मन ल 7 बच्छर के सजा ….वजह जानव
2019-01-20T09:25:33Z
https://jayjohar.com/1597/
12 दिन में पेट्रोल 6.53 रुपये और डीजल 7.04 रुपये प्रति लीटर हुआ महंगा – Khabar Dekho 12 दिन में पेट्रोल 6.53 रुपये और डीजल 7.04 रुपये प्रति लीटर हुआ महंगा पेट्रोल और डीजल की महंगाई का सिलसिला गुरुवार को 12वें दिन भी जारी रहा. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन पेट्रोल 53 पैसे महंगा हुआ तो वहीं डीजल की कीमत में 64 पैसे का इजाफा हुआ है दिल्ली में गुरुवार को पेट्रोल का दाम 77.81 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है, जबकि बुधवार को यह 77.28 रुपए प्रति लीटर था। वहीं डीजल 64 पैसे महंगा होकर 76.43 रुपये प्रति लीटर हो गया है। 12 दिनों में पेट्रोल 6.53 रुपए प्रति लीटर और डीजल 7.04 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है। विदेशी मुद्रा दरों और इंटरनेशन मार्केट में क्रूड की कीमत के आधार पर हर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन्हीं मानकों के आधार पर इंडियन ऑयल , भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर जारी करती हैं। पेट्रोल और डीजल के रेट में एक्साइज ड्यूटी, डीलर का कमीशन, भाड़ा और वैट को जोड़ने के बाद तेल का दाम दोगुना से अधिक तक बढ़ जाता है। SMS के जरिए ऐसे जानें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के रेट: आप अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना SMS के जरिए भी चेक कर सकते है। इंडियन ऑयल (IOC) के उपभोक्ता RSP लिखकर 9224992249 नंबर पर व एचपीसीएल (HPCL) के उपभोक्ता HPPRICE लिखकर 9222201122 नंबर पर भेज सकते हैं। बीपीसीएल (BPCL) उपभोक्ता RSP लिखकर 9223112222 नंबर पर भेज सकते हैं। अगर कच्चे तेल की बात करें तो 35 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रहा है. बीते बुधवार को अगस्त डिलीवरी ब्रेंट क्रूड के वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 1.12 फीसदी की कमजोरी के साथ 40.50 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था. petrol price all state, petrol price at delhi, petrol price in delhi today 2020, petrol price in haryana, petrol price in up today, डीजल, पेट्रोल, पेट्रोल-डीजल रेट previous postUN सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बना भारत, निर्विरोध जीता चुनाव next postHPBOSE 12th Result 2020: हिमाचल प्रदेश बोर्ड 12वीं के नतीजे जारी
2020-07-14T09:46:12Z
https://khabardekho.com/business/petrol-costs-rs-6-53-and-diesel-rs-7-04-per-liter-in-12-days/
india: Latest News, Photos, Videos on india | hindi.asianetnews.com (Search results - 2611) World19, Feb 2020, 12:07 PM IST जाने माने भारतीय अमेरिकी न्यायाधीश श्री श्रीनिवासन शक्तिशाली फेडरल सर्किट अदालत की कमान संभालने वाले दक्षिण एशियाई मूल के पहले व्यक्ति बन गए हैं Uttar Pradesh19, Feb 2020, 11:10 AM IST 29 जनवरी 2019 को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हुई योगी कैबिनेट की बैठक में गंगा एक्सप्रेस वे बनाने का ऐलान किया गया था। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी भी दी थी। सीएम योगी ने कहा था, यह एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज पहुंचेगा। National19, Feb 2020, 10:55 AM IST भारत दौरे से पहले ट्रम्प ने कहा कि वो प्राइम मिनिस्टर मोदी को पसंद करते हैं। हम भारत के साथ ट्रेड डील कर सकते हैं, लेकिन हम इसे बाद के लिए बचाकर रख रहे हैं। National18, Feb 2020, 9:17 PM IST PoK में लांच पैड आतंकियों से फुल, मगर फिर भी भारतीय सेना दे रही है करारा जवाब सेना के एक वरिष्ठ कमांडर ने यहां कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ‘लॉंच पैड’ आतंकवादियों से ‘‘पूरी तरह भरे हैं’’ लेकिन उन्हें संघर्षविराम उल्लंघन की आड़ में भारत में घुसाने के पाकिस्तानी सेना के प्रयासों का जवाब ‘‘कड़ाई और दंडात्मक’’ रूप से दिया जा रहा है। Cricket18, Feb 2020, 8:47 PM IST पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह अपने भाई जोरावर सिंह और पत्नी तथा अभिनेत्री हैजल कीच के साथ वेब सीरीज में अभिनय के लिये तैयार हैं। वेब सीरीज को असम स्थित 'ड्रीम हाउस प्रोडक्शंस' का सहयोग हासिल है। Other States18, Feb 2020, 8:11 PM IST रिपोर्ट में दावा, भारतीय प्रजाति के 50 प्रतिशत पक्षियों के अस्तित्व पर है खतरा भारतीय पक्षियों पर एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 867 प्रजातियों पर किये गये अध्ययन में 50 प्रतिशत से अधिक की संख्या में दीर्घकालिक तौर पर कमी देखी गयी, वहीं 146 प्रजातियां अल्पकालिक खतरे में हैं। Careers18, Feb 2020, 7:36 PM IST अब एक साथ PGDM और MBA कोर्स नहीं चला सकेंगे विश्वविद्यालय सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालय अब पीजीडीएम (प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा) और एमबीए (व्यापार प्रबंधन में डिप्लोमा) पाठ्यक्रम की पेशकश एक साथ नहीं कर सकेंगे। उन्हें दोनों में से किसी एक कोर्स के संचालन को चुनना होगा। ये जानकारी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने मंगलवार को दी। Auto18, Feb 2020, 6:53 PM IST मारुति की नई कार BS-6 इग्निस, 5 लाख से कम कीमत में शुरुआती मॉडल देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने मंगलवार को बीएस-6 उत्सर्जन मानक वाली कॉम्पैक्ट कार इग्निस पेश की। इसकी दिल्ली शोरूम में कीमत 4.89 लाख से 7.19 लाख रुपये के बीच है। Other Sport18, Feb 2020, 6:40 PM IST चीन में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण का असर भारत में चल रही एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में भी दिख रहा है जहां जापान, कोरिया और चीनी ताइपे के पहलवानों को मंगलवार को मास्क में देखा गया। National18, Feb 2020, 5:51 PM IST पाकिस्तान की वकालत करती थीं ब्रिटिश सांसद, कांग्रेस नेता ने वापस भेजने के फैसले को सराहा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ब्रिटिश सांसद डेब्बी अब्राहम्स को भारत से वापस भेजे जाने को बहुत जरूरी करार देते हुए मंगलवार को कहा कि देश की संप्रभुता पर हमला करने के हर प्रयास को विफल करना होगा। Tech18, Feb 2020, 5:37 PM IST विराट के बाद एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा का नाम आता है, जिनके 49.9 मिलियन फॉलोअर्स हैं। पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी 20 मिलियन फॉलोअर्स के साथ खेल जगत का दूसरा बड़ा नाम हैं। World18, Feb 2020, 5:36 PM IST मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी भारत यात्रा में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का एक नया युग शुरू करने की क्षमता है। यह कहना है अमेरिका-भारत रणनीति एवं साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) का जो व्यापार संबंधी सलाह देने वाला एक प्रमुख संगठन है। Cricket18, Feb 2020, 3:50 PM IST 14 साल के समित अब तक 2 दोहरे शतक ठोक चुके हैं। उन्होंने माल्या अदिति इंटरनेशनल स्कूल की ओर से खेलते हुए 204 रनों के बेहतरीन पारी खेली और अपनी टीम को जीत दिलाई। National18, Feb 2020, 3:34 PM IST हाथ में कलावा बांध समीर की ID लेकर आया था कसाब, मुंबई हमले को हिंदू आतंकवाद बनाने का था प्लान मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी आत्मकथा में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। मारिया ने अपने किताब में लिखा है कि आईएसआई मुंबई में हुए 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद का रूप देने चाहता था। इसलिए सभी 10 हमलावरों को फेक आई कार्ड और हाथ में कलावा बांधकर हिंदू बनाकर भारत भेजा था। वैलेंटाइन डे पर पति के पास रोते हुए पहुंची बीवी, कहा- वो अंकल प्रपोज करने आए थे और हरकते करने लगे
2020-02-19T06:43:33Z
https://hindi.asianetnews.com/topic/india
SKSSF News: 'സഹനം, സമരം, സമര്‍പ്പണം'; SKSSF കാമ്പയിന്‍ നാളെ ആരംഭിക്കും 'സഹനം, സമരം, സമര്‍പ്പണം'; SKSSF കാമ്പയിന്‍ നാളെ ആരംഭിക്കും കോഴിക്കൊട്: പരിശുദ്ധ റമളാന്‍ സമാഗത മാവുന്നതോടെ എസ്. കെ. എസ്. എസ്. എഫ് നടത്തുന്ന റമളാന്‍ കാമ്പയിന്‍ സംസ്ഥാന തല ഉദ്ഘാടനം ജൂണ്‍ അഞ്ചിന്കോഴിക്കോട് അരീക്കാട്നടക്കും. 'സഹനം, സമരം, സമര്‍പ്പണം' എന്ന സന്ദേശവുമായി നടത്തുന്ന കാമ്പയിന്റെ ഭാഗമായി സംസ്ഥാനത്തെ തെരഞ്ഞെടുക്കപ്പെട്ട കേന്ദ്രങ്ങളില്‍ ജൂലൈ 2 ന് ശനിയാഴ്ച ഖുര്‍ആന്‍ ടാലന്റ് ടെസ്റ്റ് നടക്കും. ഒരു ദിനം ഒരു തിരു വചനംഎന്ന ഹദീസ് പഠനം സാമൂഹ്യ മാധ്യമങ്ങള്‍ വഴി നടത്തും. റമളാനിലെ പ്രത്യേക ദിനങ്ങളെ കുറിച്ചും ആരാധന, ആചാര രിതികളെ കുറിച്ചും ബോധവല്‍കരണം നടത്തും. ക്ലസ്റ്റര്‍ തലങ്ങളില്‍ തസ്‌കിയത്ത് മീറ്റ്, മേഖല തലത്തില്‍സാമ്പത്തിക സെമിനാര്‍, ജില്ലാതല സംവേദനങ്ങല്‍ എന്നിവ നടക്കും. ഞായറാഴ്ച വൈകീട്ട് 7 മണിക്ക് അരീക്കാട് മദ്രസ ഓഡിറ്റോറിയത്തില്‍ നടക്കുന്ന സംസ്ഥാനതല ഉദ്ഘാടനം പ്രസിഡണ്ട് പാണക്കാട് സയ്യിദ് ഹമീദലി ശിഹാബ് തങ്ങളുടെ അധ്യക്ഷതയില്‍ ഡോ. ബഹാഉദ്ദീന്‍ നദ്‌വി ഉദ്ഘാനം നിര്‍വ്വഹിക്കും. ഓണംപിള്ളി മുഹമ്മദ് ഫൈസി പ്രമേയ പ്രഭാഷണം നടത്തും. കെ. മോയിന്‍കുട്ടി മാസ്റ്റര്‍, മുസ്ഥഫ മുണ്ടുപാറ, നാസര്‍ ഫൈസി കൂടത്തായി, സയ്യിദ് മുബശ്ശിര്‍ തങ്ങള്‍ ജമലുല്ലൈലി പ്രസംഗിക്കും. ഉദ്ഘാടന പരിപാടി വിജയിപ്പിക്കുന്നതിന് വേണ്ടി ചേര്‍ന്ന ആലോചന യോഗത്തില്‍ റശീദ് ഫൈസി വെള്ളായിക്കോട് അദ്ധ്യക്ഷത വഹിച്ചു. പി. മൊയ്തീന്‍കുട്ടി ഹാജി, കെ. നൗഷാദ്, പി. റിയാസ്, റിയാസ് ഫൈസി, ശംസുദ്ദീന്‍ ഹാജി, അസ്‌കര്‍ അരീക്കാട്, ഫബശ്ശിര്‍, മുഹമ്മദ് ലിജാസ്, വി. പി അസീസ് പ്രസംഗിച്ചു. കെ. ഹനീഫ സ്വാഗതവും മുഹമ്മദ് അഫ്‌സല്‍ നന്ദിയും പറഞ്ഞു.
2018-08-19T05:40:12Z
https://www.skssfnews.com/2016/06/skssf.html
October 2009 – றேடியோஸ்பதி றேடியோஸ்புதிர் 46 – இயக்குனரான பாடகர் மேலே கலவையாகவே உபகுறிப்புக்களைக் கொடுத்துவிட்டேன், இனிக் கேள்விக்கு வருகின்றேன். குறித்த அந்த 80களில் பிரபல பாடகராக இருந்தவர் ஒரு படத்திற்கு இயக்குனராகவும் இருந்திருக்கின்றார். அந்தப் படத்தின் தலைப்பு, நாயகன் படத்தில் வரும் பாடல்களில் ஒன்றின் ஆரம்ப வரிகளில் ஒளிந்திருக்கின்றது, அந்த ஆரம்ப வரிகளில் முதல் சொல்லை மட்டும் “நீ” ஆக்கினால் போதும் பதில் பொத்தென்று விழுந்து விடுமே. படம் பெயரையும் அந்தப் பாடகர் சக இயக்குனர் பெயரையும் கண்டு பிடியுங்களேன் 😉 Posted on October 20, 2009 January 9, 2018 Tags றேடியோஸ்புதிர்31 Comments on றேடியோஸ்புதிர் 46 – இயக்குனரான பாடகர்
2019-02-17T21:36:57Z
http://www.radio.kanapraba.com/?m=200910
world में marketing सरकारी नौकरियां | यूथ4वर्क सरकारी नौकरी की भर्ती के बारे में | for Marketing करियर नौकरी के अवसरों के बारे में - कुल 10877 नौकरी के अवसरों में for MARKETING पोस्ट किए गए कुल 2 (0.02%) नौकरियों में हैं इन 2 companies को देखें और उनका पालन करें जिनके लिए work for MARKETING के लिए उद्घाटन हुआ था। नौकरी चाहने वालों के बारे में - यूथ4वर्क में पंजीकृत कुल 4334768 सदस्यों में से, 121668 (2.81%) members दिल्ली एच एवे MARKETING skills में। Register और आगे बढ़ने के लिए अपने युवा-वर्क प्रोफाइल बनाएं, ध्यान दें और अपने कौशल के लिए जाने जाएं। नौकरी के लिए 60834 संभावित नौकरी चाहने वालों having MARKETING उनके कौशल के रूप में हैं सबसे अच्छी नौकरी पाने के लिए नीचे तेज़ी से लागू करें Sarkari naukri for marketing जॉब बनाम जॉब सिचर्स - marketing के लिए world में विश्लेषण काम विश्लेषण से पता चलता है कि औसतन, हर MARKETING नौकरी के लिए संभावित नौकरी चाहने वालों के बारे में है। यह स्पष्ट है कि आपूर्ति के अनुपात के बीच असंतुलन है, अर्थात सभी युवाओं और मांगों में उपलब्ध marketing के लिए प्रतिभा, WORLD में MARKETING नौकरियां के लिए कुल वर्तमान रोजगार के अवसर। कुल 10877 नौकरी के अवसरों में से 2 (0.02%) MARKETING नौकरियां हैं, जबकि कुल 4334768 उस प्रतिभा वाले 121668 (2.81%) युवाओं की तुलना में marketing के लिए नौकरी तलाशने वालों की औसत संख्या रोजगार की औसत संख्या की तुलना में अधिक है तो आपके पास एक कठिन प्रतियोगिता है marketing में marketing के लिए काम पर रखने वाली कंपनियां world में marketing के लिए युवा +121668 Marketing सरकार के लिए वेतन रुझान क्या है नौकरियां की Marketing सरकारी नौकरियों के लिए नियोजकों की किसी शैक्षिक योग्यता को प्राथमिकता दी जाती है। Marketing की Marketing सरकारी नौकरियों के लिए नियोजकों के कौन से कौशल और प्रतिभा को प्राथमिकता दी जाती है। Marketing में सरकारी नौकरियां : Marketing व्यवसायिको के लिए कार्य कर रहे सर्वोत्तम सरकारी संगठन और पीएसयूएस। किन शीर्ष प्रतिभाशाली लोगों को Marketing की सरकारी नौकरियों में Marketing के लिए सीधे हाइअर किया जाते हैं। सरकारी नौकरी in Patna for Marketing सरकारी नौकरी in Delhi for Hindi Language
2019-09-16T13:10:07Z
https://www.sarkari-naukri.youth4work.com/hi/government-jobs/work-in-world-for-marketing
वीडियो: योगी के मंत्री को GST का फुल फॉर्म नहीं आता, बता रहे थे GST के फायदे - UP Khabar, UP Hindi News, UP News in Hindi, न्यूज़ इन हिन्दी, Kahabr UP, Uttar Pradesh News in Hindi वीडियो: योगी के मंत्री को GST का फुल फॉर्म नहीं आता, बता रहे थे GST के फायदे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों और बीजेपी सांसदों को जनता के बीच जाकर जीएसटी के फायदे बताने का आदेश दिया था। जीएसटी के बारे जनता को बताने के लिए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री महाराजगंज गए थे। इसके साथ ही वह यूपी सरकार के 100 दिन के काम का बखान भी करने गए थे, लेकिन रमापति शास्त्री जीएसटी की फुल फॉर्म तक नहीं बता पाए। जीएसटी की फुल फॉर्म गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) है। हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में नरेंद्र मोदी ने अपने सहयोगियों से कहा था कि वह जीएसटी के चलते जनता को टैक्स में होने वाले फायदों के बारे में बताएं। उन्होंने कहा था कि जीएसटी लागू होना एनडीए सरकार के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। #WATCH UP Minister Rampati Shastri fails to spell out the full form of #GST pic.twitter.com/wBNUdlBOXf — ANI UP (@ANINewsUP) June 30, 2017 उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली जीएसटी से संबंधित बिलों को सोमवार को संसद में पेश करेंगे। पीएम मोदी ने टैक्स रेट में होने वाले बदलावों के बारे में जनता को जानकारी दिए जाने की बात कही है। उनका मानना है कि इस बारे में सही ढंग से सरकार का पक्ष रखे जाने की जरूरत है क्योंकि जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं की कीमतों को लेकर भी चिंताएं जताई जा रही हैं। Previous articleप्रधानमंत्री के अपील के बाद भी गोरक्षा के नाम पर एक युवक की पीट-पीट कर हत्या Next articleनसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधान परिषद सदस्यता रद्द करने के लिए बीएसपी ने दी याचिका
2018-11-18T12:43:44Z
http://www.khabarup.com/yogi-adityanaths-minister-ramapati-shastri-not-abbreviate-gst/
C114讯 4月16日下午消息(李明)在今天下午举行的“2010第二届中国移动支付产业论坛”上,易观国际高级分析师方丽表示,2010年-2013年将是移动支付的快速发展期,预计到2012年,中国的移动支付用户规模将超过100亿,其中,手机刷卡、移动手机第三方支付将成为移动支付市场主要推动力。 方丽认为,移动支付特性优势显著,是支付方式发展的必然趋势。 “首先,手机用户高渗透率与用户对支付需求一致;其次,手机具备终端和联网双重属性,满足用户、商户各个支付对近距和远程不同的支付需求;另外,移动支付与手机号码捆绑,配合管理机制和技术管控,资金安全将得到提高;最重要的是,移动支付操作简便,随身、通用、易用,对产业链各环节均有较重要价值。” 2007年6月26日,国家发展和改革委员会、国务院信息化工作办公室联合发布了《电子商务发展“十一五”规划》。明确提出要大力推广银行卡等电子支付工具,推动网上支付、电话支付和移动支付等新兴支付工具的发展。 方丽表示,目前NFC技术与手机兼容性逐步增强;RFID芯片成本不断降低;银行结算体系进步明显,第三方支付移动互联网运营技术发展更为成熟;手机支付费用结算系统逐渐丰富;3G的普及使移动互联网带宽日益增强。“这些都是推动移动支付快速发展的积极因素。” 据C114了解,2009年,网上银行用户渗透率达到38.2%,第三方支付方式的交易规模超过5800亿,相比08年增长了1倍以上。2009年银行卡联网商户突破200万,联网POS终端量超过400万台。 在谈及中国移动支付市场发展的趋势时,方丽表示,2001年-2009年是移动支付的起步探索期,以电信运营商和银联探索为主,同时第三方支付厂商陆续进入,但尚无进行规模化突破发展动作。 2010年-2013年是移动支付的快速发展期,预计到2012年,中国移动支付用户规模将超过100亿。届时,手机支付市场前景将得到产业普遍认同,电信运营商、银联和第三方支付厂商通过在细分市场资源整合能力,逐渐取得差异化市场的领先地位,结在竞合发展过程中形成三足鼎立态势。 2014年-2015年是移动支付的平台整合期,多样化支付平台在普及的基础上进一步形成整合,在移动互联网整体开放的趋势下,具备较强用户服务能力的电信运营商、一体化支付服务提供商在品碑效应明显手机终端支持下逐渐占据取得主动。 “2016年以后是移动支付的商业融合期,跨平台多网融合形成之后,产业界限被打破。手机支付环境完全开放,新的商业模式开始出现,更多的力量涌入移动支付市场,合作模式趋于成熟,各类移动支付服务提供商进入全面产业链协作竞争时代。”方丽说。 易观国际高级分析师方丽 上一篇:三网融合试点方向初定 两套城市名单上报决策层下一篇:广州亚运前无线全覆盖:已建3G基站6938个 WLAN热点2979个
2019-08-26T07:03:07Z
http://dites-vert.com/ofxt_wjfx.btqy?UzqfJe=5&Je=419&Gje=u2:5:2
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2020-04-02T01:06:30Z
https://hindi.alibaba.com/product-detail/nail-care-tool-straightening-clip-curved-brace-toenails-thick-paronychia-correction-foot-care-ingrown-toenails-corrector-62034588208.html
FIFA World Cup 2018 Croatia vs Russia Match highlights Croatia beat Russia on penalties to set up World Cup semi against England | फीफा विश्व कप : पेनाल्टी शूटआउट में क्रोएशिया ने मारी बाजी, रूस को हरा सेमीफाइनल में पहुंचा - www.newsstate.com फीफा विश्व कप : पेनाल्टी शूटआउट में क्रोएशिया ने मारी बाजी, रूस को हरा सेमीफाइनल में पहुंचा क्रोएशिया ने पेनाल्टी शूटआउट तक गए फीफा विश्व कप के एक रोमांचक क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रूस को 4-3 (2-2) में हराकर अगले दौर में जगह बना ली है। IANS | Updated On : July 08, 2018 07:16 AM क्रोएशिया ने पेनाल्टी शूटआउट तक गए फीफा विश्व कप के एक रोमांचक क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रूस को 4-3 (2-2) में हराकर अगले दौर में जगह बना ली है। क्रोएशिया 1998 में हुए विश्व कप के बाद पहली बार इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश करने में कामयाब हुआ है जहां उसका सामना बुधवार को इंग्लैंड से होगा। फिश्ट स्टेडियम में शनिवार देर रात खेले गए मुकाबले में निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 रहा और अतिरिक्त समय में भी दोनों टीमों ने एक-एक गोल किया जिसके कारण विजेता का फैसला पेनाल्टी शूटआउट द्वारा किया गया। पेनाल्टी शूटआउट में क्रोएशिया के चार खिलाड़ियों ने गोल दागे जबकि रूस के तीन खिलाड़ी ही गोल कर पाए। शूटआउट से पहले क्रोएशिया के लिए एंद्रेज करामारिक (39वें मिनट) और डोमागोज विदा (101 मिनट) ने गोल दागा जबकि रूस के लिए डेनिस चेरीशेव (31वें मिनट) और मारियो फनार्डेज (115वें मिनट) ने गोल किया। रूस ने क्रोएशिया के खिलाफ उम्मीद से बेहतर शुरुआत की और पहले मिनट से ही आक्रामक रूख अपनाया। क्रोएशिया ने भी मेजबान टीम को करारा जवाब दिया। छठे मिनट में क्रोएिशया ने काउंटर अटैक करके कॉर्नर अर्जित किया, हालांकि वे शुरुआती बढ़त बनाने में कामयाब नहीं हो पाए। रूस के मिडफील्डर डेनिस चेरीशेव ने 31वें मिनट में बॉक्स के बाहर 25 गज के दूरी से दमदार गोल दागकर अपनी टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। इसके आठ मिनट बाद, स्ट्राइकर मारियो मांजुकिक ने बाईं छोर से बॉक्स में एंद्रेज करामारिक को क्रॉस दिया जिन्होंने हेडर से गोल करके अपनी टीम को बराबरी दिला दी। दूसरे हाफ में भी दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। गोल करने का पहला साफ मौका क्रोएशिया के मिडफील्डर इवान पेरीसिक को 60वें मिनट में अपनी को बढ़त दिलाने का मौका मिला। पेरीसिक ने छह गज की दूरी से शॉट लगाया लकिन गेंद गोल पोस्ट से लगकर बाहर चली गई। रूस ने भी गोल करने के मौके बनाए और क्रोएशिया के बॉक्स के पास लगातार हलचल मचाई। हालांकि, वे गेंद को गोल में नहीं डाल पाए और मैच अतिरिक्त समय में गया। और पढ़ें: FIFA World Cup 2018: 28 साल बाद इंग्लैंड पहुंचा सेमीफाइनल में, स्वीडन को 2-0 से दी मात अतिरिक्त समय में डोमागोज विदा (101 मिनट) ने क्रोएशिया को 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी। रूस ने मैच का दूसरा गोल खाने के बाद भी अपना संयम नहीं खोया। 115वें मिनट में मारियो फनार्डेज ने मेजबान टीम के लिए बराबरी का गोल दागा और मैच का पेनाल्टी शूटआउट तक गया जहां क्रोएशिया ने बाजी मारी। पेनाल्टी शूटआउट में क्रोएशिया के लिए मासेर्लो ब्राजोविक, लुका मोड्रिक, विदा और इवान रेकेटिक ने गोल किए जबकि रियल मेड्रिड से खेलने वाले मटिओ कोवाचिक गेंद को गोल में नहीं डाल पाए। रूस के लिए एलन ड्झागोव, सर्गेई इग्नाशेविक और डालेर कुज्येव ने गोल दागे जबकि एलेक्जेंडर सोमेडोव और फर्नाडेज गोल करने से चूक गए। और पढ़ें: FIFA World Cup 2018 : पहले खिताब के लिए ब्राजील को 2-1 से हरा सेमीफाइनल में पहुंची बेल्जियम की टीम First Published: Sunday, July 08, 2018 07:09 AM RELATED TAG: Fifa World Cup 2018, Croatia Vs Russia, Match Highlights, Croatia Beat Russia, अमेरिकी रेस्टोरेंट में गोलीबारी में भारतीय छात्र की मौत, इसी साल गया था अमेरिका पश्चिम बंगाल: सिलीगुड़ी सीआईडी ने 4 आतंकियों को किया गिरफ्तार
2018-09-22T18:59:15Z
https://www.newsstate.com/fifa-world-cup/fifa-world-cup-2018-croatia-vs-russia-match-highlights-croatia-beat-russia-on-penalties-to-set-up-world-cup-semi-against-england-article-57601.html
रंगभेद: सूरत नहीं सीरत देंखे…. | BNN BHARAT NEWS “सांवली सलोनी तेरी मीठी मीठी बातें, उसमें ना जाने कहां खो गया है मेरा दिल!” यह सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है पर सच्चाई यह है कि कहने और करने में बहुत अंतर होता है. आज समाज कितना भी बदल जाता है लड़के के मन में यही ख्वाहिश होती है कि मेरी बीवी सुंदर हो गोरी हो. सांवली लड़की को बहुत कम ही लोग होते हैं जो पसंद करते हैं. सांवली हां उसका नाम सांवली था. तीन भाइयों की छोटी बहन. सांवली सिर्फ नाम से ही नहीं रंग से भी सांवली थी, हालांकि उसके तीनों भाई गोरे थे… मां भी गोरी थी. सांवली पढ़ने में काफी होशियार थी. संस्कारी भी थी. सांवली का संयुक्त परिवार था. सांवली की ताई जी उसको बहुत प्यार करती थी. वह हर समय उसकी तारीफ करती थी. कहती थी रंग से क्या होता है. आदमी का गुण देखना चाहिए. उसके अपने ही मां, भाई उसे हिकारत भरी नजरों से देखते थे. उन्हें अपने गोरे रंग पर काफी घमंड था. उसकी मां को भी लगता है एक तो लड़की उस पर से यह रंग कौन करेगा सांवली से शादी. उधर दादी ने भी हल्ला शुरू कर दिया अभी से लड़का ढूंढो. वरना उससे शादी कौन करेगा. सांवली के पापा भी चिंतित हो उठे. अगर कोई परेशान था तो वह सांवली की ताई जी. जो बिल्कुल भी नहीं चाहती थी सांवली की शादी हो. वह चाहती थी सांवली पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो जाए, जिससे कि भविष्य में उसे परेशानियों का सामना ना करना पड़े. उन्होंने सांवली के माता-पिता को काफी समझाया, पर वह सुनने के लिए तैयार नहीं थे. सांवली भी शादी के लिए तैयार नहीं थी. उसने अपनी ताई जी से कहा था कि मुझे अभी शादी नहीं करनी है. मैं पहले अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हूं. उन्होंने कहा मैं कोशिश कर रही हूं भगवान ने चाहा तो जरूर अच्छा करेगा. अगले दिन सुबह सांवली को तैयार करके बिठा दिया गया था. इसी बीच लड़के वाले आ गए. सभी ने उन लोगों का जोरदार स्वागत किया. कुछ देर बाद लड़के वाले ने कहा कि बिटिया को बुलाइए काफी समय हो गया है. तभी उसकी ताई जी सांवली को लेकर आई. सांवली को देखते ही लड़के वालों के चेहरे पर विचित्र प्रकार के भाव आ गये. ऐसा लग रहा था मानो किसी ने जबरदस्ती वहां भेज दिया है. वह लोग सांवली से ठीक से बात भी नहीं कर रहे थे. सांवली के पापा ने लड़के से कहा अगर तुम्हें कुछ बात करनी हो तो कर लो, पर उसने बात करने से इनकार कर दिया. उसने अपने माता-पिता से वापस चलने के लिए कहा. लड़की वालों के ज्यादा जोर देने पर उसने कहा मैंने मां-पापा को बता दिया था मुझे गोरी लड़की चाहिए. आपकी बेटी को देख कर तो ऐसा लगता है जैसे “सरसों के खेत में भैंस” और इतना सुनते ही सांवली को बहुत आघात पहुंचा और उसने प्रण किया अब मैं जब तक अपने पैरों पर खड़ी ना हो जाऊं मैं शादी नहीं करूंगी. सांवली पर सभी गुस्सा उतारने लगे. सांवली की ताई जी सांवली को लेकर वहां से चली गई. ताई जी ने ठान लिया था अब उसका अपमान नहीं होने देंगी, इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े. उन्होंने घर के सभी सदस्यों को खूब खरी खोटी सुनाई. रंग हम खुद से नहीं बनाते यह भगवान की देन है. उसके गुण तो देखो… काफी बहस के बाद उन्होंने सबको सांवली को आगे पढ़ने के लिए मना लिया. सांवली पढ़ने में होशियार थी. उसने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए पूरी यूनिवर्सिटी में टॉप कर लिया. सांवली ने डॉक्टरेट की डिग्री हासिल कर लिया. अब उसकी नौकरी प्रोविडेंट फंड कमिश्नर के पोस्ट पर लग गई थी. अब खूब सारे रिश्ते भी उसक पास आने लगे. उसकी ताई जी सबसे ज्यादा खुश थी .जिन्होंने उसके लिए इतना संघर्ष कीया, जिसकी बदौलत वह यहां तक पहुंच गई थी. अब सब घरवाले चाहते थे कि सांवली शादी कर लें, लेकिन सांवली ने शादी से इंकार कर दिया. उसने कहा जिस दिन में महसूस करूंगी यह लड़का मेरे काबिल है उसी दिन शादी करूंगी. मैं उन लड़कों से बिल्कुल शादी नहीं करूंगी जो रूपरंग देखकर और कुर्सी देख कर शादी करते हैं. जिस दिन मुझे सच्चा दोस्त मिल जाएगा मैं शादी कर लूंगी. यह कहकर सांवली बड़े गर्व के साथ अपने ऑफिस को चलती बनी. उसके मां-पापा, भाई सब सांवली को देखते रह गए. आज सांवली के कॉन्फिडेंस को देख कर उसकी ताई जी ने अपने आप पर बहुत गर्व महसूस कर रही थी. आज उन्हें लग रहा था उनका जीवन सफल हो गया. नीता शेखर(समाजसेवी) Tags: See Surat not Seratरंगभेद: सूरत नहीं सीरत देंखे.... अनलॉक- 1 में पहली ट्रेन पहुंची लखीसराय
2020-07-03T23:42:43Z
https://bnnbharat.com/see-surat-not-serat/
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2019-03-26T01:13:58Z
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February 2006 ~ Simulation Padaippugal 6:19 AM Short story, சிறுகதை 7 comments "ஹரி ஓம் விச்வம் விஷ்ணும் - வஷட்காரோ பூத பவ்ய பவத் ப்ரபு:|" பூஜையறையிலிருந்து கணீரென்று குரல் வந்தது, பார்த்தா என்ற பார்த்தசாரதியிடமிருந்து. அதே நேரம் , "அம்மா போன்; உங்களுக்குத்தான்" என்று மாலினியிடம் கார்ட்லெஸ் போனை நீட்டினாள், சாந்தி. "போன் அடிச்சது கூடக் காதிலே விழல. உங்க அப்பா வழக்கம் போல சத்தம் போட ஆரம்பிச்சுட்டாரா". இது வழக்கமான பல்லவி. தினமும் நடக்கும் கூத்துதான். பார்த்தா தினமும் சத்தமாக ஸ்லோகம் சொல்ல ஆரம்பித்து விடுவார். மாலினியும் உடனே கத்த ஆரம்பித்து விடுவாள். அது என்னவோ, சத்தமாக சொல்வதே அவருக்குத் திருப்தி அளிக்கும் விஷயம். மாலினிக்கோ, "பிரார்த்தனை என்பது மனதுக்குள்ளே சொல்ல வேண்டிய விஷயம்; அதனை எதற்காக இப்படி உரக்கச் சொல்ல வேண்டும்" என்பது அவள் வாதம். "இந்த விஷ்ணு ஸகஸ்ரநாம புக்கை யார் எடுத்தது? எதெதுதான் காணமப் போறதுங்குற வெவஸ்தையே இல்லாமப் போச்சு" என்று அலுத்துக் கொண்டார் பார்த்தா. "கிட்டத்தட்ட இரண்டு வருஷமா, இந்தச் ஸ்லோகத்தை சொல்றேள்; இன்னிக்கி ஒரு நாள் புக் இல்லாம சொல்ல முடியாதா?" "ஒன்னால முடிஞ்சா எடுத்துக் கொடு; ப்ரீ அட்வைஸை யாரும் கேட்கலை" சரி. வேற வழியில்லை. புக் இல்லாமலேயே சொல்லுவோம் என்று ஆரம்பித்தார், பார்த்தா. சரளமாக வாயிலிருந்து தட தடவென்று வந்து விழுந்தது. பரவயில்லையே, கலக்குகிறோமே என்று எண்ணிய அடுத்த வினாடியே, சறுக்கல். "பகவான் பகஹாநந்தீ வனமாலீ ஹலாயுத...பகவான் பகஜ்ஹாநந்தீ... பகவான்..." "என்ன ஆச்சு? அடுத்த வரி மனதிற்குள் வர மேட்டேங்கிறதே. என்ன செய்ய? நா¨ளைக்குப் புக் கெடச்ச உடனே இரண்டு தரம் சொல்லிவிட வேண்டியதுதான்" என்று குழம்பிக் கொண்டிருக்கும் போதே, "ஆதித்யோ ஜ்யோத்ரதிய..." என்ற அடுத்த அடி உரக்கக் கேட்டது. தனது பக்தியை மெச்சி, ஸாட்சாத் பகவானே அசரீரியாய் அடுத்த வரி எடுத்துக் கொடுத்து விட்டாரோ என்று ஆடிப் போய்விட்டார், பார்த்தா. ஆனால், குரல் எதுவோ பரிச்சயமான குரலாக இருக்கின்றதே என்று யோசித்துக் கொண்டிருக்கும் போதே, மாலினி, "என்னது, பட்டம்மா; நீயா விஷ்ணு ஸகஸ்ரநாமம் சொன்னது" என்று ஆச்சரியத்துடன் கேட்டாள். "ஆமாம்மா. ஐயா தெனைக்கும் பூஜை செய்யும் போது, ஒரக்க இது சொல்றாரில்லையாம்மா. நானும் பாத்திரம் தேய்க்கும்பாது, இத்தெ கேட்டுக்கிகினே இருப்பேன். அப்படியே மனசிலே பதிஞ்சி போயிருச்சு. அம்மா தப்பா எடுத்துக்காதீங்க" அமெரிக்க அனுபவங்கள்-01 10:59 PM Experience, Travel, அனுபவம், பயணம் 3 comments ஆபீசர்ஸ் ஆப் அமெரிக்கா அமெரிக்காவில் பொதுவாகப் போலீஸை, ஆபீசர்ஸ் என்று குறிக்கிறார்கள். இங்கு அவர்கள் அனவருக்கும் நல்ல மரியாதை உள்ளது. அவர்களும் அதற்குத் தக்கபடி, மக்களின் தோழனாகவும், குற்றம் செய்பவருக்குக் கிலியாகவும் இருக்கிறார்கள். இப்பேர்ப்பட்ட ஆபீசர்ஸ் ஆப் அமெரிக்காவுடன், எனக்கும் எனது நண்பர்களுக்கும் ஏற்பட்ட சில அனுபவங்கள். நரேஷ், ராஜன், ராமன் மற்றும் நான் நால்வரும் அப்போது நியூஜெர்சியிலுள்ள, டிரைடென்டிற்கு ஒரு ப்ரோஜெக்டிற்காகச் சென்றிருந்தோம். மதிய உணவிற்காக, மான்மோத் மாலுக்குச் செல்வது வழக்கம். போய் வர கிட்டத்தட்ட ஒரு மணி நேரம் ஆகிவிடும். அப்போது எங்களிடம் காரெல்லாம் கிடையாது. எனவே நாங்கள் ஒரு குறுக்கு வழி கண்டு பிடித்து வைத்து எளிதில் போய் வந்து கொண்டிருந்தோம். ஆனால், ஜார்ஜ் எங்களைக் கூப்பிட்டு எச்சரித்தார். " னீங்கள் போகும் வழியிலே garage campaus** (residetial vehicle?) உள்ளது. அங்குள்ள மக்கள் மோசமானவர்கள். அவர்களிடம் எச்சரிக்கையாக் இருக்க வேண்டும்," என்றார் (**இதன் சரியான பெயர் ஞாபகம் வரவில்லை. பெரிய கன்டெயினர் போல போர்ட்டபிள் வீடுகள் முப்பது, நாப்பது இருக்கும் ஒர் இடம். இதில் குடியிருப்போர் பெரும்பாலானோர் வசதிக் குறைவானவர்கள். சண்டை மற்றும் அடி, தடிக்குப் போகத் தயங்காதோர்) நாங்கள் இரண்டு வாரமாக, அந்த வழியிலேயே போய் வருகிறோமே, ஒரு பிரச்னையும் வரவில்லையே1" என்று எண்ணி, ஜார்ஜ் கூறிய அறிவுரையை அலட்சியம் செய்து விட்டோம். ஒரு நாள் இந்த காரேஜ் குடியிருப்பின் வழியே வந்து கொண்டிருக்கும் போது, அங்குள்ள ஒரு குட்டிப் பையன் விளையாடிக் கொண்டிருந்தான். அவன் எங்களைப் பார்த்து. " நீங்கள் எங்கிருந்து வருகிறிர்கள்?, என்றான். அவனுடன் பேசும் ஆவலில், நாங்கள்,"இந்தியா" என்று உடனே பதில் சொன்னோம். அவன் எங்களை செவ்விந்தியர்கள் என்றெண்ணி, "அப்படியானால் உங்கள் வில், அம்பு முதலானவை எங்கே?அவற்றைக் காட்ட முடியுமா?", என்றான். உடனே எங்களிலொருவர், "மான்மோத் மால் அருகே, ஸ்னீக்கர்ஸ் ஸ்டேடியம் உள்ளது. அங்கே அவை கிடைக்கும்." என்றார். அந்தப் பையன் அப்போது போய் விட்டான். நாங்களும் எங்கள் வேலையப் பார்க்கச் சென்று விட்டோம். மறுனாள் மதியம், மான்மோத் மாலிலிருந்து வந்து கொண்டிருக்கும் போது, ஒரு பெண்மணி, எங்களைப் பின் தொடர்ந்து வந்தாள். இது ஏதோ விபரீதம் என்றெண்ணி, எட்டி நடை போட்டோம். உடனே, அந்த்தப் பெண்மணியுடன், இரண்டு, மூன்று பேர் சேர்ந்து எங்களைப் பின் தொடர ஆரம்பித்தனர். "எங்கள் பையனுக்கு வில், அம்பு போன்ற ஆயுதங்கள் வாங்கித் தருவதாகச் சொன்னீர்களா?," என்று ஏதோதோ உளறிக் கொண்டே வந்தனர்கள் அவர்கள். என்ன சொன்னார்கள் என்று அவ்வளவாகப் புரியவில்லை. ஆனால், அந்த அமெரிக்கச் சிறுவன், எங்களைப் பற்றி அவன் குடும்பத்தாரிடம் ஏதோ நன்றாகப் போட்டுக் கொடுத்திருக்கிறான் என்று மட்டும் புரிந்தது. ஆனால் நாங்கள் எங்களைத் தொடர்ந்த நாலு பேரையும் பொருட்படுத்தாமல், பேசாமல் அலுவலகத்தை நோக்கி நடந்தோம். இன்னமும் நாலைந்து நிமிடங்கள் நடந்தால் அலுவலகம் வந்து விடும் என்ற தெம்பில். அலுவலகத்திற்கு வந்து சேர்ந்து விட்டால் நிம்மதி என்றெண்ணியிருந்த்த எங்களுக்கு ஒர் அதிர்ச்சி. அலுவலக் வாசலில், பளீர் பளீர் என்று காரில், சிவப்பு மற்றும் நீல நிற எச்சரிக்கை விளக்குகள் எரிய அமெரிகாவின் ஆபீசர்கள். எங்களைத் தொடர்ந்து வந்த அந்தப் பெண்மணிதான், அதற்குள் போன் செய்து போலீஸை வரவழைத்திருக்கிறாள். ஒரு சிறுவனைக் கடத்த முயன்றதாகப் புகார் வந்திருப்பதாக போலீஸ் ஆபீசர்கள், டிரைடன்ட் தலைவரிடம் சொன்னார்கள். பின்னர், தலை வந்து, "இவர்கள் இந்தியாவிலிருந்து வந்துள்ள என்ஜினியர்கள். எங்கள் அலுவலகத்தில் வேலை செய்கிறார்கள். கடத்தல் போன்ற வேலைகளிலெல்லாம் ஈடுபட, இந்த தயிர்சாத கோஷ்டிகளுக்குத் தெரியாது", என்று சமாதானம் சொன்னார். சமாதானமடைந்த போலீசாரும், பயந்தாக்கொள்ளிக் குடும்பத்தினரும், இடத்தை விட்டு அகன்றனர். அன்றிலிருந்து, யாரிடமும் அனாவசியமாக வாயைக் கொடுத்து, மாட்டிக் கொள்ளக் கூடாது என்ற முடிவு செய்தோம். 5:31 AM 6 comments சமீபத்தில் திருச்சி சென்ற போது, அங்குள்ள கன்டோன்மென்ட் ஐயப்பன் ஆலயத்திற்குச் சென்றிருந்தோம். இந்த ஆலயத்தில் என்னையும் மற்றும் பெரும்பாலோனரையும் கவர்ந்த அம்சங்கள் வருமாறு:- 1. எந்த மதத்தினரும் ஆலயத்தில் நுழையலாம். 2. ஆண்டவன் பெயரிலே மட்டுமே அர்ச்சனை செய்யப்படுகிறது. 3. அமைதிக்கு முக்கியத்துவம் தந்து, "அமைதியாய் இருக்கலாமே!", "மெளனமாய் தரிசிக்கலாமே!" என்று ஆங்காங்கே பலகைகள். இப்படிப் பல்வேறு அறிவுரைப் பலகைகள். ஆனால் எதுவுமே வலிந்து பேசாதவை. உ-ம்;"அருகம்புல் கூட அனுமதி பெற்றே பறிக்கலாமே". 4. காமிரா, மொபைல் போன் அனுமதியில்லை. 5. குறிப்பிட்ட இடம் தவிர,எந்த இடத்திலும் சூடம், விளக்கு எற்றக் கூடாது. 6. உண்டியல் கிடையாது. 7. தட்டில் காசு போடுதல் கிடையாது. 8. கேசட், ஸ்பீக்கர் கொண்டு பாடல்களை அலற வைக்கும் வழக்கம் இல்லை. மென்மையான சங்கீதம் காற்றில் தவழ்ந்து வருகின்றது. 9. புல்வெளிகளும், பூங்காக்களும் பச்சைப் பசேலென்று பராமரிக்கப்படுகின்றன. 10. மலஜலம் கழித்துவிடக் கூடிய கைக்குழந்தைகளைத் தவிர்க்குமாறு தாய்மார்கள் வேண்டப்படுகின்றார்கள், 11. பக்தர்கள் தாங்கள் விரும்பும் நேரம் வரை அமைதியாய் அமர்ந்து தியானம் செய்ய, தியான மண்டபம் உள்ளது. 12. பக்தர்கள் அனைவரும் கண்ணியமான உடை அணிந்து வருமாறு அறிவுறுத்தப்படுகிறார்கள். ஆண்கள் பெர்முடாஸ், லுங்கி, ஜீன்ஸ் முதலியனவற்றைத் தவிர்க்க வேண்டும். பெண்களும் அவ்வாறே. துப்பட்டாவுடன் கூடிய சூடிதார் மட்டுமே அணிய வேண்டும். துப்பட்டா இல்லாதவற்கு, ஆலயத்தின் வாயிலில் துப்பட்டா வழங்கப்படுகின்றது. இதனையும் கண்ணியமாக அணிவது எப்படி எனவும் ஓர் பலகை விளக்குகின்றது. அரசு ஆவணம்-1846 1. சந்த்ரமா, பாங்க், டிளா பட்டியைக் கட்டக் கூடாது. 2. புடவை, ஸாடி, பந்தளம் இவைகளுக்குக் கூட முந்தாணிக்கு ஜாலர் தைக்கக் கூடாது. 3. குசூம்பா நாடா போடக் கூடாது. 4. நாடாவுக்கு துய்யா தைக்கக் கூடாது. 5. மக்தாபீ ரவிக்கை போட்டுக் கொள்ளக் கூடாது. 6. பூ ராக்கடிக்கு பஞ்ஜ்யாவையும் களைகளையும் போட்டுக் கொள்ளக் கூடாது. 7. க்ருஷ்ண கொண்டை, முத்துவின் கொத்தைப் போடக் கூடாது. 8. சடையின் நுனியில் தங்கத்தில் குஞ்சத்தைத் தவிர பட்டுக்குஞ்சலத்தைப் போடக் கூடாது. 9. புத்தியை வாங்கக் கூடாது. 10. துப்பட்டாவைப் புழங்கக் கூடாது. 11. தாண்டாவிற்கு எலுமிச்சம்பழம் போடக் கூடாது. 12. குங்குமம் நெற்றியின் குறுக்கே தடவிக் கொள்ளக் கூடாது. ஜபாணி குப்பண்ணா ஜாதவ். 1846 ஆம் ஆண்டு அரசு வெளியிடப்பட்ட மேற்க்காணும் ஆவணம் ஒன்றில், தேவதாசிகள் எவ்விதம் நடக்க வேண்டுமென விளக்குகின்றது. தஞ்சாவூர் பி.எம். சுந்தரம் டாக்டர் வே.ராகவன் நிகழ் கலை மையம் சென்னை - 20 படித்தால் சிரிப்பு வரவழைக்கும் இந்த ஆவணத்தைப் புரிந்து கொள்ள முடியவில்லை. குறைந்த பட்சம், இதில் உள்ள தமிழ்(?) வார்த்தைகளுக்காவது யாரேனும் பொருள் கூற முடியுமா? ஹிந்தி தேசிய மொழியானது எப்படி? 12:02 AM 13 comments இந்தியாவின் பல்வேறு மாநிலங்களும் தமக்கென்று ஒரு தாய் மொழியைக் கொண்டுள்ளன. உதாரணமாக... தமிழ் நாடு - தமிழ் புதுச்சேரி - தமிழ் கேரளம் - மலையாளம் லட்சத் தீவுகள் - மலையாளம் கர்னாடகா - கன்னடம் ஆந்திரப் பிரதேசம் - தெலுங்கு ஒரிஸ்ஸா - ஒரியா மஹாராஷ்டிரம் - மராட்டி குஜராத் - குஜராத்தி தாத்ரா மற்றும் நாகர் ஹாவேலி - குஜராத்தி டாமன் மற்றும் டையூ - குஜராத்தி கோவா - கொங்கணி பிகார் - மைதிலி ஜார்க்கண்ட் - சந்தாலி ஜம்மு மற்றும் காஷ்மீர் - உருது, காஷ்மீரி மற்றும் டோக்ரி அஸ்ஸாம் - அஸ்ஸாமீஸ், போடோ மேற்கு வங்கம் - பெங்காலி திரிபுரா - பெங்காலி மணிப்பூர் - மணிப்புரி சிக்கிம் - நேபாலி டார்ஜிலிங் - நேபாலி அருணாசலப் பிரதேசம் - நேபாலி பஞ்சாப் - பஞ்சாபி, டோக்ரி ஹிமாச்சலப் பிரதேசம் - டோக்ரி ராஜஸ்தானி - மார்வாரி இந்த எல்லா மொழிகளையும் நாடு முழுவதற்கும் ஆட்சி மொழியாக்குவது என்பது இயலாத காரியம்தான். ஆனால், இவ்வளவு மொழிகள் இருக்க, ஹிந்தி ஆட்சி மொழியானது எப்படி என்று தெரிந்து கொள்ள ஆவல். (நான் அறிந்த வரையில், ஸம்ஸ்க்ருதமும், ஹிந்தியும் ஆட்சி மொழிக்குப் போட்டி போட, முன்னாள் குடியரசுத்தலைவர் ராஜேந்திரப் பிரசாத்தின் ஒரு ஓட்டு வித்தியாசத்தில்தான் ஹிந்தி ஆட்சி மொழியானதாக அறிகின்றேன்.) மேலும் விபரமறிந்தவர்கள் ஹிந்தி தேசிய மொழியான வரலாறு சொல்லவும். 8:27 AM Short story, சிறுகதை No comments ஏறத்தாழ ஒன்பது ஆண்டுகள் சென்னை எண்ணெய் சுத்திகரிப்பு ஆலையின் தலைவர் மற்றும் நிர்வாக இயக்குநராகத் திறம்பட நிர்வகித்தவர் திரு.வி.ஆர்.தீனதயாளு. அவர் ஒருமுறை அமுதசுரபி பத்திரிகை ஆசிரியர் திரு.விக்கிரமன் அவர்களுடன் உரையாடும் போது, தனது ஆலையிலுள்ள எழுத்துச் சிற்பிகளின் எழுத்தோவியங்கள் கொண்ட ஒரு சிறப்பிதழ் வெளியிட வேண்டுமென்று கேட்டுக் கொண்டார். அவர் வேண்டுகோளுக்கிணங்க அவ்வாறே ஒரு சிறப்பிதழ் எங்களுக்கென ஒதுக்கப்பட்டது. எனது கதை ஒன்றும் அதில் பிரசுரமானது. வெளிவந்த காலம் - ஆகஸ்ட் 1990. 5:18 PM 5 comments காவேரி வாய்ப்படவும், கறையான் வாய்ப்படவும், இருந்த கடைக்கழக நூல் ஏட்டுச் சுவடிகளை, ஊரூராகவும், தெருத்தெருவாகவும், வீடு வீடாகவும், திரிந்து தேடியும், விறகுத் தலையன்போல் தலையிற் சுமந்து கொணர்ந்தும், அல்லும் பகலும் கண்பார்வை ¦கெடக் கூர்ந்து நோக்கிப் படித்தும், அரிய ஆராய்ச்சிக் குறிப்புகளும், ஒப்புமைப் பகுதிகளும் வரைந்தும், ஆராய்ச்சியாளர்களுக்குப் பேருதவியாகவும், பிறர்க்குப் பெரும் பயன்படவும், வெளியிட்டவர் தென்கலைச் செல்வர் பெரும்பேராசிரியர், பண்டாரகர், உ.வே.சாமினாதயரே (1855-1942) என்று தமிழ்ப் பேராசிரியர் தேவநேயப் பாவாணர் எழுதி இருந்த போதும், "தமிழ்த் தாத்தா" என்ற பெயருக்கான காரணம் புரிபடவில்லை, அன்னாரின் தமிழ் பதிப்புப் பணிப் பட்டியலைப் பார்க்கும் வரை. ஆண்டு வயது பதிப்பு 1878 23 வேணுவனலிங்க விலாசச் சிறப்பு (க.தொ) 1885 30 மத்தியார்ச்சுன மான்மியம் (உ) 1887 32 சீவக சிந்தாமணி 1889 34 பத்துப் பாட்டு 1892 37 சிலப்பதிகாரம் 1894 39 புறநானூறு 1895 40 புறப்பொருள் வெண்பாமாலை 1897 42 திருப்பெருந்துறைப் புராணம் 1998 43 மணிமேகலை பௌத்த மும்மணிகள் (உ) மணிமேகலைக் கதைச் சுருக்கம் (உ) 1999 44 மணிமேகலைக் கதைச் சுருக்கம் (ப.2) 1900 45 பௌத்த மும்மணிகள் (ப.2) 1901 46 மணிமேகலைக் கதைச் சுருக்கம் (ப.3) 1902 47 பௌத்த மும்மணிகள் (ப.3) 1903 48 ஐங்குறுநூறு திருவாவடுதுறைக் கோவை 1904 49 பதிற்றுப் பத்து சூரை மாநகர்ப் புராணம் திருக்காளத்தி நாதருலா திருப்பூவண நாதருலா 1905 50 திருவாரூர்த் தியாகராஜ லீலை மணிமேகலைக் கதைச் சுருக்கம் (ப.4) 1906 51 திருவாலவாயுடையார் திருவிளையாடற் புராணம் திருவிளையாடற் புராண பயங்கர மாலை திருவுசாத்தான நான்மணி மாலை கடம்புவன புராணம் (ஒரு பகுதியுடன்) 1907 52 சீவக சிந்தாமணி (ப.2) தனியூர்ப் புராணம் மண்ணிப் படிக்கரைப் புராணம் 1908 53 பௌத்த மும்மணிகள் (ப.4) 1909 54 மணிமேகலைக் கதைச் சுருக்கம் (ப.5) 1910 55 திருவாரூருலா மகாவித்துவான் திரிசிபுரம் ஸ்ரீமீனாட்சி சுந்தரம் பிள்ளை அவர்கள் பிரபந்தத் திரட்டு 1911 56 பௌத்த மும்மணிகள் (ப.5) மணிமேகலைக் கதைச் சுருக்கம் (ப.6) 1912 57 திருக்காளத்திப் புராணம் 1913 58 திருக்காளத்திப் புராணம் (ப.2) 1914 59 திருத்தணிகை திருவிருத்தம் 1915 60 புறப்பொருள் வெண்பாமாலை (ப.2) 1917 62 மணிமேகலைக் கதைச் சுருக்கம் (ப.7) 1918 63 பத்துப் பாட்டு (ப.2) நன்னூல் மயிலை நாதருரையுடன் 1919 64 திருப்பாதிரிப்புலியூர்க் கலம்பகம் (ப.2) 1920 65 சிலப்பதிகாரம் (ப.2) ஐங்குறுநூறு (ப.2) பதிற்றுப்பத்து (ப.2) 1921 66 மணிமேகலை (ப.2) 1922 67 சீவக சிந்தாமணி (ப.3) 1923 68 மணிமேகலைக் கதைச் சுருக்கம் (ப.8) 1924 69 புறநானூறு (ப.2) 1925 70 நன்னூல் சங்கர நமச்சிவாயர் உரையுடன் 1926 71 உதயணன் கதைச் சுருக்கம் 1927 72 சிலப்பதிகாரம் (ப.3) பூண்டி அரங்கநாத முதலியார் (உ) 1928 73 கமலை ஞானப் பிரகாசர் (உ) 1929 74 சங்கத் தமிழும் பிற்காலத் தமிழும் (உ) பௌத்த மும்மணிகள் (ப.6) 1930 75 மதுரைச் சொக்கநாதர் தமிழ்விடு தூது திரிமயிலை திரிபந்தாதி கோபாலகிருஷ்ண பாரதியார் (உ) 1931 76 பத்துப் பாட்டு (ப.3) மணிமேகலை (ப.3) மதுரைச் சொக்கநாதருலா ஆனத்தருத்ரேசர் வண்டு விடுதூது 1932 77 கடம்பர் கோயிலுலா பத்மகிரிநாதர் தென்றல் விடுதூது கொட்டையூர் ஸ்ரீசிவக் கொழுந்து தேசிகர் பிரபந்தங்கள் பழனி பிள்ளைத் தமிழ் 1933 78 சங்கர நயினார் கோயில் சங்கரலிங்க உலா திருக்கழுக்குன்றச் சிலேடை வெண்பா மயிலை யமக அந்தாதி மகாவித்துவான் ஸ்ரீமீனாட்சி சுந்தரம் பிள்ளையவர்கள் - சரித்திரம் (முதற்பாகம்) (உ) 1934 79 விளத்தொட்டிப் புராணம் ஸ்ரீதியாராஜ செட்டியார் பிரபந்தங்கள் சங்கர நயினார் கோயிலந்தாதி வலிவுல மும்மணிக் கோவை சத்யவாசகர் இரட்டை மணிமாலை புறப்பொருள் வெண்பா மாலை (ப.4) சரித்திரம் (இரண்டாம்பாகம்) (உ) 1935 80 புறநானூறு (ப.3) பரிபாடல் (ப.2) பெருங்கதை (மூலம் குறிப்புரை மட்டும்) ஆற்றூர்ப்புராணம் திருஇலஞ்சி முருகனுரை பழமலைக் கோவை கலசைக் கோவை நன்னூல் சங்கர நமச்சிவாயம் உரையுடன் (ப.2) 1936 81 புறநானூறு (மூலம் அரும்பத உரையுடன்) மண்விடு தூது கோபால கிருஷ்ண பாரதியார் (உ) மகாவைத்யநாதையர் (உ) பழையதும் புதியதும் (உ) திருவள்ளுவரும் திருக்குறளும் (உ) 1937 82 குறுந்தொகை சிராமலைக் கோவை திருவாரூர்க் கோவை தமிழ் நெறி விளக்கம் நல்லூர்க் கோவை (முதற்பாகம்) (உ) 1938 83 திருக்கழுக்குன்றத்து உலா அழகர் கிள்ளை விடு தூது திருமலை ஆண்டவர் குறவஞ்சி திருக்காளத்தி நாதர் இட்ட காம்ய மாலை நல்லுரைக் கோவை (இரண்டாம் பாகம்) (உ) 1939 84 தணிகாசலப் புராணம் ஸ்ரீகுமர குருபர் சுவாமிகள் பிரபந்தங்கள் திருப்பேரை மகர நெடுங் குழைக் காதர் பாமாலை 1940 85 வில்லைப் புராணம் திருக்குற்றாலச் சிலேடை வெண்பா நினைவு மஞ்சரி (உ) 1951 86 பதிற்றுப் பத்து (ப.3) மணிமேகலை கதைச் சுருக்கம் (ப.10) 1952 87 வித்துவான் தியாகராஜச் செட்டியார் (உ) நினைவு மஞ்சரி (இரண்டாம் பாகம்) செவ்வைச் சூடுவார் பாகவதம் (பதிப்புப் பணி ஏற்பு மட்டும்) சீவக சிந்தாமணி (ப.4) ப - பதிப்பு உ - உரை நடை நூல் கச்சா எண்ணெய்க்கு ஒரு வாழ்த்து (வலைப்பதிவு இல்லாத காலமாயிருந்தாத்தான் என்ன. வாய்ப்பு கிடைச்சா விடுவமா (கிறுக்க).) கச்சா எண்ணெய் நாயகியே, கறுப்புத் தங்கக் காதலியே, மண்மகளின் பொன் மகளே, மணலி ஆலையின் மருமகளே! காலமெல்லாம் பொன்னாக களிப்புடன் வாழி எந்நாளும். வளைகுடா நாடுகளில் வனப்புடனே வளைய வந்தாய் அரவிக்கடல் முதல் அஸ்ஸாம் வரை அழகுடனே பவனி வந்தாய்- இன்றோ எம்தமிழர் மகிழும் வண்ணம் எழில் நதியாம் காவேரிப் படுகைதன்னில் களிப்புடனே விளைகின்றாய்! சுத்திகரிப்பு ஆலைதன்னில் பக்குவமாய் பல உருவம் பெறுகின்றாய். எந்தனை வடிவம் எடுத்தாலும் அத்தனையும் அகிலமெங்கும் அடைந்து நன்மை செய்வதற்கே! சடுதியில் சமையல் செய்ய அடுப்படியில் எரிகின்றாய், எல்பிஜி எனும் பெயரில்! உரத் தொழிற்சாலை, உந்து வாகனம் உனதருளின்றி உண்மையிலே இயங்கிடுமோ, விளக்கெரிக்கும் மண்ணெண்ணையாக விமானம் ஓட்டும் ஜெட் எண்ணெயாக சிந்தை மகிழும் வண்ணம் விந்தைகள் செய்கின்றாய். வந்தனங்கள் செய்திடுவேன் வாழ்த்துப்பா பாடிடுவேன். (எண்ணெய் சுத்திகரிப்பு ஆலையில் பணி புரிந்த காலத்தில், house magazineக்கு எழுதியது.) 1. 1927-28களில் தொழிலதிபர்களான சேஷசாயி சகோதரர்கள் செய்த ஒர் காரியத்தால், தமிழகத்தின் பல வீடுகளில் ஒளி வீசத் துவங்கியது? அவர்கள் செய்த காரியம் என்ன? - 1927ல் தேவகோட்டையில், ஸ்ரீமீனாட்சி சுந்தரேஸ்வரர் மின்சார சப்ளை கார்பொரேஷன் என்ற நிறுவனைத்தையும், 1928ல் திருச்சி ஸ்ரீரங்கம் மின்சார சப்ளை கார்பொரேஷன் என்ற நிறுவனைத்தையும்ஏற்படுத்தி மின்சார வினியோகம் செய்ய ஆரம்பித்தனர். தனியார் மின்சார வினியோகத்தில் அவர்களே முன்னோடிகள். 2. முன்னாள் குடியரசுத் தலைவர் டாக்டர்.எஸ்.ராதாக்கிருஷ்ணன் அவர்கள் பிறந்த ஊர் எது? - திருத்தணி 3. பி.ஏ பட்டம் பெற்று, சட்டமும் சிறிது காலம் படித்து, 150 படங்களுக்கும் மேல் கதானாயகனாக நடித்த தமிழ் நடிகர் யார்? - ஜெய்சங்கர் 4. 1968ஆம் ஆண்டு, சென்னையில் நடைபெற்ற உலகத் தமிழ் மானாட்டுக்கு, அப்போதைய முதல்வர் அண்ணாதுரை அவர்களுக்கு உதவி செய்து மானாட்டை வெற்றிகரமாக முடிக்க உதவி செய்த திரைப்படப் பிரபலம் யார்? - எஸ்.எஸ்.வாசன் 5. பரிதிமாற் கலைஞர் (சூரிய நாராயண ஸாஸ்திரியார்) அவர்கள் எத்தனை காலம் உயிர் வாழ்ந்தார்? - 32 வருடங்கள் 6. தஞ்சையில் மருத்துவம் பயின்று, மலேசியாவில் அரசாங்க மருத்துவமனையில் பணிபுரிந்த டாக்டர்.சிவசுவாமி, பின்னாளில் வேறு ஒரு பெயருடன் புகழ்பெற்றார். அவரது பின்னாள் பெயர் என்ன? - ஸ்வாமி.சிவானந்தா 7. பட்டிமன்றம் போலவே, தமிழில் வழக்காடு மன்றம் என்ற ஒரு புது னிகழ்ச்சியினை கண்டு பிடித்து, அறிமுகப்படுத்தியவர் யார்? - புலவர் கீரன் 8. தமிழின் தொன்மையான, தொல்காப்பியத்தினை, "பயப்படாதீர்கள்" என்ற தலைப்பில், ஒரு எளிய நூலாக எழுதியவர் யார்? அவருக்கு 'ஜோதி' என்ற புனை பெயரும் உண்டு. - வாகீசகலானிதி. கி.வா.ஜகன்னாதன் 9. சுவாமி சித்பவானந்தர், எந்தப் பிரபல அரசியல்வாதியின் சிறிய தகப்பனார்? இந்தப் பிரபலம் ஒரு பாரத்ரத்னா கூட. - முன்னாள் நிதியமைச்சர் பாரதரத்னா.சி.சுப்பிரமணியம். 10. "மகாதேவ்லைட்" என்றால் என்ன? எங்குள்ளது? - புவியியல் விஞ்ஞானி டாக்டர்.மகாதேவன் அவர்கள் ஆந்திரப் பிரதேசத்தில், நரசிம்மராவ் பேட்டை என்ற இடத்தில் கண்டு பிடித்த ஒரு தாதுப் பொருள் (mineral finding). 11. பாரத்ரத்னா விருதினை முதன்முதலில் பெற்ற தமிழ்னாட்டைச் சேர்ந்தமூவர் யார் யார்? - டாக்டர்.எஸ்.ராதாக்கிருஷ்ணன் - டாக்டர்.சர்.சி.வி.ராமன் 12. வைஸ்ராய் இர்விங் பிரபு, 1927ஆம் ஆண்டு, கோவை மாகரிலுள்ள இந்த இடத்திற்குச் சென்ற போது, "இது போன்ற அதிசயத்தை னான் எங்கும் கண்டதில்லை" என்றார். அது எந்த இடம்? - கலப்பினக் கரும்புப் புரட்சி செய்து வந்த கரும்பு இனப் பெருக்க ஆய்வு நிலையம் 13. விற்பனை வரி என்ற ஒரு வரியினை முதன்முதலில் அறிமுகப்படுத்தி, அரசாங்கத்தின் வருவாயினைக் கணிசமாக உயர்த்திய முதலமச்சர் யார்? 14. ஜவுளிக்கடை, வேர்க்கடலைக் கடை, மோட்டார்க் கம்பெனி ஆகிய இடங்களில் வேலை, ஹோட்டலில் சர்வர் வேலை, ஆயுர்வேத மருத்துவரிடம் வேலை, குதிரைப் பந்தய சூதாட்டக் கிளப்பில் வேலை என்று பல்வேறு இடங்களிலும் சிற்சில காலங்கள் பணி புரிந்த புகழ் பெற்ற சிறுகதை எழுத்தாளர் யார்? - பி.எஸ்.ராமையா புதிரோ புதிர்ர்ர்ர்ர்ர்ர்ர்ர்............ 11. பாரத்ரத்னா விருதினை முதன்முதலில் பெற்ற தமிழ்னாட்டைச் சேர்ந்த மூவர் யார் யார்? 12. வைஸ்ரால் இர்விங் பிரபு, 1927ஆம் ஆண்டு, கோவை மாகரிலுள்ள இந்த இடத்திற்குச் சென்ற போது, "இது போன்ற அதிசயத்தை னான் எங்கும் கண்டதில்லை" என்றார். அது எந்த இடம்? 13. விற்பனை வரி என்ற ஒரு வரியினை முதன்முதலில் அறிமுகப்படுத்தி, அரசாங்கத்தின் வருவாயினைக் கணிசமாக உயர்த்திய முதலமச்சர் யார்? 14. ஜவுளிக்கடை, வேர்க்கடலைக் கடை, மோட்டார்க் கம்பெனி அகிய இடங்களில் வேலை, ஹோட்டலில் சர்வர் வேலை, ஆயுர்வேத மருத்துவரிடம் வேலை, குதிரைப் பந்தய சூதாட்டக் கிளப்பில் வேலை என்று பல்வேறு இடங்களிலும் சிற்சில காலங்கள் பணி புரிந்த புகழ் பெற்ற சிறுகதை எழுத்தாளர் யார்? பகவான் பகஹாநந்தீ வனமாலீ ஹலாயுத (அல்லது) - உரக்கச் ...
2017-08-16T13:32:23Z
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Will Politics Affect Hearing Of Ram Janam Bhumi Case In Supreme Court | अयोध्या मामले की सुनवाई का सियासत पर कितना असर पड़ेगा ? - Firstpost Hindi अयोध्या मामले की सुनवाई का सियासत पर कितना असर पड़ेगा ? इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस फैसले का देश की राजनीति पर व्यापक असर होगा. Updated On: Feb 08, 2018 09:02 PM IST सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई एक बार फिर टल गई है. अब 14 मार्च को राम मंदिर विवाद और इस पूरे मामले की सुनवाई होगी. एक बार फिर से सभी दस्तावेज पूरे नहीं होने के चलते इसे मामले की सुनवाई टल गई है. अब अदालत के निर्देश के मुताबिक, सात मार्च तक सारे दस्तावेज पूरे करने होंगे, जिसके बाद अदालत में आगे की कार्यवाही शुरू होगी. हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान साफ कर दिया कि इस मामले में भावनात्मक और राजनीतिक दलीलें नहीं सुनी जाएगी, बल्कि इस पूरे मामले की सुनवाई कानूनी आधार पर होगी. इस मामले में एक पक्ष की तरफ से कहा गया था कि यह मामला 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं का है. हालांकि सभी पक्षों ने अपनी तरफ से सभी दलीलें और दस्तावेज देने की कोशिश की है. अदालत में सुनवाई के दौरान गीता-रामायण समेत 42 किताबें भी दी गई हैं, जिन पर आने वाले दिनों में बहस के दौरान इन पर भी चर्चा होगी, क्योंकि अदालत ने गीता और वाल्मीकि रामायण के कुछ अंश भी मांगे हैं. इस पूरे मामले में रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड तीन पक्षकार हैं. लेकिन, इसके अलावा भी कोर्ट में कई दूसरे लोगों ने भी अपना पक्ष रखने की कोशिश की है. श्याम बेनेगल की उस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है जिसमें विवादित स्थल पर अस्पताल बनाने की मांग की गई थी. लेकिन, अब कोर्ट की तरफ से साफ हो गया है कि और किसी को नया पक्ष नहीं बनाया जाएगा. 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भले ही 14 मार्च तक के लिए सुनवाई टल गई है. लेकिन, जो संकेत मिल रहे हैं उससे साफ लग रहा है कि अब अदालत में शुरुआती कागजी कारवाई लगभग पूरी हो गई है और यह पूरा मामला ट्रैक पर आ गया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब अदालत में सुनवाई 14 मार्च से नियमित तौर पर शुरू हो सकेगी. ये भी पढ़ें: जमीन विवाद का साया गिरिराज सिंह को कितना नुकसान पहुंचाएगा अयोध्या मामला पहले से ही संवेदनशील रहा है. ऐसे में अब इस मामले को लेकर अब सियासी सरगर्मी भी तेज हो गई है. क्योंकि 2019 में लोकसभा के चुनाव होने हैं. इसके पहले अगर अयोध्या मामले को लेकर कोई भी फैसला आता है तो उसका सीधा असर चुनाव पर भी पड़ सकता है. इसी को मुद्दा बनाकर पिछली सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल की तरफ से यह दलील दी गई थी कि इस मामले को 2019 के लोकसभा चुनाव तक टाला जाए. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के रुख से साफ लग रहा है अब यह मुद्दा नहीं टलने वाला. अगर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की नियमित तौर पर सुनवाई होती है तो निश्चित तौर पर अयोध्या विवाद पर फैसला इसी साल आ जाएगा. लिहाजा पहले से ही इस बात के माहौल बनने लगे हैं. शिवसेना नेता संजय राउत के बयान ने पूरे मामले को और गरमा दिया है. संजय राउत ने ज्यादा देर न करने की सलाह देते हुए कहा कि अब तो केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है. उनका इशारा इस बात को लेकर था कि अब जब दोनों राज्यों में अपनी सरकार है तो अदालत के फैसले का इंतजार क्यों? हो सकता है कि संजय राउत बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हों, क्योंकि आज कल बीजेपी के साथ शिवसेना के रिश्ते पहले की तरह अपनेपन वाले नहीं रहे. लेकिन, उनका यह बयान बीजेपी के हिंदुत्व-प्रेम की काट के तौर पर देखा जा रहा है. राउत यहीं नहीं रुके. उनका कहना था कि जब बाबरी ढांचा गिराया गया तो क्या अदालत से पूछ कर गिराया था क्या? इस बयान से साफ है कि अदालत का फैसला जो भी आए उस मुद्दे पर सियासत होगी ही. बीजेपी के कई नेता रह-रहकर इस तरह के बयान देते रहते हैं जो कि इस मामले को और ज्यादा तूल दे देते हैं. लेकिन, इस मुद्दे को सियासत के केंद्र में लाने वाली बीजेपी ने सत्ता में आते ही अदालत के फैसले का इंतजार करने का फैसला कर लिया है. उधर, विपक्ष को भी इसी बात का डर सता रहा है कि कहीं एक बार फिर से यह मुद्दा ज्यादा राजनीतिक रंग न ले ले, क्योंकि ध्रुवीकरण का नुकसान उसे उठाना पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अयोध्या मामले को कानूनी तौर पर ही देखा जाएगा, न कि राजनीतिक औऱ भावनात्मक तौर पर. लेकिन, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस फैसले का देश की राजनीति पर व्यापक असर होगा.
2019-04-23T20:32:18Z
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“IP奥斯卡”星光璀璨 阅文定义IP价值规则 - 资讯分享 - 价值中国网 资讯分享首页 > 产业 > 文化/教育 > “IP奥斯卡”星光璀璨 阅文定义IP价值规则 杜贺 听说 | 评论() 2017-01-11 11:47 [收藏] 善见营销,助力教育企业提升销售业绩! 正能量武侠奇幻剧《奇星记》优酷开播 吴磊 vipabc母公司iTutorGroup新品牌vipjr重磅
2017-10-23T19:06:04Z
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2019-12-08T09:13:51Z
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अब क्या पेड़ों और छतों पर टंगी मिलेंगी बाइक ? - Viral News INC अब क्या पेड़ों और छतों पर टंगी मिलेंगी बाइक ? मेरठ में दी गयी मोटरसाइकिल को फांसी, जानिये क्या है पूरा मामला डूीजल-पेट्रोल के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन (फाइल) लखनऊ/मेरठ 29 जून, दस्तक (ब्यूरो): तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल डीजल की लगातार बधाई जा रही कीमतों को लेकर पूरे देश से लोगों के विरोध की तस्वीरें सामने आ रही है। इसी कड़ी में मेरठ शहर के NSUI कार्यकर्ताओं ने आज मेरठ कॉलेज के शताब्दी द्वार पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रोहित राणा के नेतृत्व में मोटरसाइकिल को पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकाकर अनोखा प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने जमकर सरकार विरोधी नारे भी लगाये। प्रदर्शनकारी NSUI कार्यकर्ताओं ने मेरठ के कमिश्नरी पार्क स्थित मेरठ कॉलेज के गेट पर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं कहना था कि सरकार डीजल और पेट्रोल की कीमतें कम करें यह देश के हर वर्ग के लोगों पर महंगाई की मार है। अगर जल्द ही सरकार ने पेट्रोल डीजल की कीमतें नहीं घटाई तो मोटरसाइकिलें पेड़ों पर और छतों पर ही टंगी नजर आएंगी। 18 दिन में सरकार ने 18 बार डीजल पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी है। सरकार ने डीजल की कीमत इस कदर बढ़ा दी है कि आम आदमी बेहद मुश्किल में आगया हैं। NSUI ने सरकार से की आम आदमी को राहत देने की मांग NSUI प्रदेश अध्यक्ष रोहित राणा ने कहा कि आम आदमी की कमर पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ने से टूट गई है ,इस समय अर्थव्यवस्था के हालात बद से बदतर हैं। लोगों के पास रोजगार नहीं है और सरकार ने पेट्रोल डीजल पर लगातार टैक्स बढ़ाकर जनता की जेब पर और बोझ डालने का काम कर रही है। इसलिए एनएसयूआई कार्यकर्ता मोदी सरकार से मांग करते हैं, आम आदमी को तत्काल राहत दी जाए जिससे वह अपना जीवन सही तरीके से जी सकें। महामारी के दौरान तेल के दामों में बढ़ोतरी समझ से परे-प्रदर्शनकारी प्रदर्शनकारियों में शामिल कांग्रेस प्रवक्ता हरिकिशन अम्बेडकर ने कहा कि जिस दिन मोदी सरकार सत्ता में आई है, उस दिन से आम जनता त्राहि त्राहि कर रही हैं। कच्चे तेल के दाम विश्व में निम्न स्तर पर चल रहे हैं, ऐसे समय मे जब अंतराष्ट्रीय स्तर पर मूल्य भी कम है औऱ देश कॅरोना महा मारी से जूझ रहा है तो तेल के दामों बढ़ोतरी समझ से परे हैं। ← कोरोना के साथ संचारी रोग से लड़ाई को तैयार योगी सरकार COVID-19: UP में 24 घंटे में 685 नए केस, संक्रमितों का आंकड़ा 22,828 →
2020-07-13T08:18:50Z
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2019-10-17T05:41:03Z
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स्टुअर्ट ब्रॉड – Indiadrifts Tag Archives: स्टुअर्ट ब्रॉड नायर ने रचा इतिहास, तीसरे ही टेस्ट में जड़ दिया तिहरा शतक चेन्नई। करुण नायर (नाबाद 303) के शानदार शतक की बदौलत भारत ने एम. ए. चिदंबरम स्टेडियम में चल रहे पांचवें टेस्ट के चौथे दिन अपनी पहली पारी सात विकेट के नुकसान पर 759 रन बनाकर घोषित कर दी। इसके बाद इंग्लैंड ने दिन का खेल खत्म होने तक अपनी दूसरी पारी ... विशाखापट्नम टेस्ट में कोहली और पुजारा ने किया भारत को मजबूत विशाखापट्नम। कप्तान विराट कोहली (नाबाद 151) और चेतेश्वर पुजारा (119) की शतकीय पारियों की बदौलत भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार की समाप्ति तक चार विकेट के नुकसान पर 317 रन बनाते हुए अपनी स्थिती मजबूत कर ली है। डॉ. वाई. एस. ... विशाखापट्टनम टेस्ट में अपनी पिछली गलतियों में सुधार करना चाहेगा भारत विशाखापट्टनम। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में उम्मीद से कमतर प्रदर्शन करने के बाद भारतीय टीम गुरुवार को जब दूसरा टेस्ट मैच खेलने उतरेगी तो उसकी कोशिश खेल के हर क्षेत्र में सुधार करना रहेगा। यह मैच डॉ. वाई. राजाशेखर रेड्डी एसीए-वीसीए क्रिकेट स्टेडियम का पहला टेस्ट मैच होगा। पहले ... राजकोट टेस्ट : हमीद का अर्धशतक, इंग्लैंड को 163 रनों की बढ़त राजकोट। सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी करने वाली इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ अपनी दूसरी पारी में भी वही सिलसिला जारी रखा है। इंग्लैंड ने चौथे दिन शनिवार का खेल खत्म होने तक दूसरी पारी में बिना कोई विकेट ...
2019-11-14T06:50:14Z
http://indiadrifts.com/tag/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%81%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F-%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%89%E0%A4%A1/
bhabhua news - अत्याचार मामले में 24 पीड़ितों को दिया स्वीकृति पत्र अत्याचार मामले में 24 पीड़ितों को दिया स्वीकृति पत्र Last updated: Tue, 05 Mar 2019 07:49 PM IST बोले अजा-अजजा आयोग के सदस्य, अत्याचार मामलों का समय से करें निपटारा कार्यशाला में पुलिस अफसरों को अत्याचार निवारण अधिनियम की दी गई जानकारी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम के कार्यालय कक्ष में 24 पीड़ितों को स्वीकृति पत्र दिए गए। इस अधिनियम को लेकर कार्यशाला आयोजित हुई। अध्यक्षता राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य डॉ. योगेन्द्र पासवान ने की। उनके द्वारा अत्याचार निवारण मामले में 24 पीड़ितों के बीच 29 लाख 75 हजार रुपयों का स्वीकृति पत्र दिया गया। उन्होंने कहा कि जिनके घर हादसा होता है वैसे पीड़ित परिवारों को यह राशि इसलिए दी जाती है ताकि वह इस पैसे से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई करा सकें। इस पैसे से कोई रोजगार कर परिवार के सदस्य जीविकोपार्जन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अत्याचार अधिनियम की शुरुआत इसलिए की गई कि ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय मिले और अपराधियों को सजा दिलाई जा सके। आयोग के सदस्य ने कहा कि पहले अत्याचार निवारण मामले में 22 धाराएं लगती थी। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे बढ़ाकर 47 कर दिया है। इतना ही नहीं पीड़ित परिवारों को मिलने वाले मुआवजे की राशि को भी बढ़ा दी गई। उन्होंने पुलिस अफसरों को अत्याचार से संबंधित मामलों में 60 दिन के अंदर सभी कार्रवाई पूरी करने को कहा, ताकि पीड़ित परिवार को सरकार से मिलने वाली सहायता राशि का लाभ समय से दी जा सके। डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जिला कल्याण पदाधिकारी राजीव रंजन प्रसाद सिन्हा को अत्याचार निवारण मामलों से संबंधित फाइलों का निष्पादन तेजी से करने को कहा। एसपी दिलनवाज अहमद ने पुलिस पदाधिकारियों को अत्याचार अधिनियम से जुड़े मामलों को शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया। फोटो-05 मार्च भभुआ- 8 कैप्शन- कलेक्ट्रेट में मंगलवार को आयोजित कार्यशाला के दौरान दिए गए स्वीकृति पत्र के साथ पीड़ित परिवार व अधिकारी। जिले के 23 पीड़ितों में बांटे गए 21 लाख रुपए कभी इन सरोवरों के पानी के लहरों को देख मिलता था आनंद भगवान अवधूत राम का महानिर्वाण दिवस मना नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू तीन माह से आंगनवाड़ी में नहीं मिला वेतन
2019-08-22T21:10:53Z
https://www.livehindustan.com/bihar/bhabua/story-bhabhua-news-2433627.html
Sushmita Sen Brother Rajeev Sen Married With Charu Asopa Know All About Her - जानिए आखिर कौन हैं सुष्मिता सेन की भाभी? जो कोर्ट मैरिज के बाद भाई की बनीं दुल्हन - Amar Ujala Hindi News Live Home › Photo Gallery › Entertainment › Bollywood › Sushmita Sen brother Rajeev Sen married with Charu Asopa know all about her {"_id":"5cfcad91bdec22070460cbf8","slug":"sushmita-sen-brother-rajeev-sen-married-with-charu-asopa-know-all-about-her","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"\u091c\u093e\u0928\u093f\u090f \u0906\u0916\u093f\u0930 \u0915\u094c\u0928 \u0939\u0948\u0902 \u0938\u0941\u0937\u094d\u092e\u093f\u0924\u093e \u0938\u0947\u0928 \u0915\u0940 \u092d\u093e\u092d\u0940? \u091c\u094b \u0915\u094b\u0930\u094d\u091f \u092e\u0948\u0930\u093f\u091c \u0915\u0947 \u092c\u093e\u0926 \u092d\u093e\u0908 \u0915\u0940 \u092c\u0928\u0940\u0902 \u0926\u0941\u0932\u094d\u0939\u0928","category":{"title":"Bollywood","title_hn":"\u092c\u0949\u0932\u0940\u0935\u0941\u0921","slug":"bollywood"}} जानिए आखिर कौन हैं सुष्मिता सेन की भाभी? जो कोर्ट मैरिज के बाद भाई की बनीं दुल्हन एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला, Updated Sun, 09 Jun 2019 01:00 PM IST Rajeev Sen and Charu Asopa - फोटो : twitter सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) के भाई राजीव सेन (Rajeev Sen) ने टीवी एक्ट्रेस चारू असोपा (Charu Asopa) से शादी कर ली है। इन दोनों ने कोर्ट मैरिज की है। शादी के बाद दोनों की पहली तस्वीर सामने आई है। इस मौके पर राजीव सफेद रंग का कुर्ता पहने हुए नजर आए तो वहीं चारू सुर्ख लाल रंग की साड़ी में दिखीं। चारू और राजीव एक साथ बहुत खुश नजर आ रहे थे तो वहीं दोनों जयमाल पहने हुए थे। चारू और राजीव एक साल से एक दूसरे को डेट कर रहे थे। बहुत ही कम लोग इस बात को जानते होंगे कि राजीव से शादी से पहले चारू किसी और के प्यार में गिरफ्तार थीं। यहां तक कि उनकी सगाई भी हो चुकी थीं। जानिए आखिर कौन हैं चारू असोपा और क्या है सगाई टूटने की वजह। sushmita sen charu asopa rajeev sen mere angne mein सुष्मिता सेन राजीव सेन चारू असोपा मेरे अंगने में Neeraj Malviya and Charu Asopa - फोटो : file photo Rajeev Sen Charu Asopa - फोटो : Instagram
2019-09-18T20:30:41Z
https://www.amarujala.com/photo-gallery/entertainment/bollywood/sushmita-sen-brother-rajeev-sen-married-with-charu-asopa-know-all-about-her
SMS (SMS) Meaning In English SMS in English SMS (SMS) Meaning In English SMS का अन्ग्रेजी में अर्थ SMS (SMS) = SMS [] संक्षिप्त सन्देश सेवा (तिहरा स) (ऍसऍमऍस) या सरल मोबाइल सन्देश एक संचार प्रोटोकॉल (communications protocol), मोबाइल टेलीफोन उपकरणों के बीच लघु लेख संदेशों का आदान-प्रदान करने की अनुमति देता है। इस ग्रह पर 2;4 अरब सक्रिय उपभोक्तओं सहित अथवा सभी मोबाइल फोन के ग्राहकों के ७४% अपने -अपने फोनों पर संदेश भेजने एवं प्राप्त करने के लिए उपयोग करते हैं। तिहरा स प्रौद्योगिकी ने पाठ संदेश (text messaging) के विकास और वृद्धि को आसान बना दिया है। पाठ संदेश की संकल्पना और प्रोद्योगिकी को कार्य के रूप में उपयोग किया जाने लगा है भले ही किसी अलग प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता रहा हो। आधुनिक हैंडसैटों पर प्रयुक्त किए गए तिहरा स की मूल ]03.40">जीएसएम 03,40, संक्षिप्त संदेश सेवा (SMS) का तकनीकी अहसास पर 160 करेक्टर (स्पेस सहित) तक के संदेश प्राप्त करने और भेजने के लिए उपयोग किया जाता था। तबसे इस सेवा के लिए सहयोग को वैकल्पिक मोबाइल जैसे एएनएसआई सीडीएमए नेकटवर्क (ANSI CDMA networks) और डिजीटल एएमपीएस (Digital AMPS) के साथ-साथ उपग्रह (satellite) और लैंडलाइन (landline) नेटवर्क को भी शामिल कर दिया गया है। अधिकांश तिहरा स संदेश एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल पर पाठ संदेश होते हैं जिसमें संदेश प्रसारण की मानक सहयोग वाली अन्य किस्मों का उपयोग किया जाता है। मोबइल उपयोगकर्ताओं की सेवाओं में पाठ संदेश को जोड़ने का विचार 1980 के दशक के प्रारंभ में मोबाइल संचार सेवाओं के बहुत से समुदायों में प्रचलित था। इन समुदायों में बहुत से समुदायों के विशेषज्ञों ने उन चर्चाओं में अपना योगदान दिया जिसपर जीएसएम सेवाएं होनी चाहिएं। किसी एक मोबाइल उपयोगकर्ता को अलर्ट करने के साधन के रूप में तिहरा स के अधिकांश विचार उदाहरण के तौर पर पहले से सुरक्षित व्हाइस मेल पर आधारित थे जबकि दूसरों में टेलीमेट्री (telemetry) जेसे अपेक्षाकृत अधिक जटिल अनुप्रयोगों को ध्यान में रखा जाता था। लेकिन कुछ का मानना है कि तिहरा स का प्रयोग एम मोबाइल उपयोगकर्ता से दूसरे मोबाइल उपयोगकर्ता के पास संदेश भेजने के लिए किया जाए। जे की अध्यक्षता मे फरवरी 1985 के आरंभ में जीएसएम उपसमूह डबल्यूपी 3, पर पहले ही चर्चा होने के बाद इसका उपयोग होने लगा था। ओडस्टेड का कहना है कि नई डिजीटल सेल्यूलर प्रणाली के लिए एक संभावित सेवा के रूप में प्रमुख Tags: SMS meaning in English. SMS in english. SMS in english language. What is meaning of SMS in English dictionary? SMS ka matalab english me kya hai (SMS का अंग्रेजी में मतलब ). SMS अंग्रेजी मे मीनिंग. English definition of SMS. English meaning of SMS. SMS का मतलब (मीनिंग) अंग्रेजी में जाने। SMS kaun hai? SMS kahan hai? SMS kya hai? SMS kaa arth. Hindi to english dictionary(शब्दकोश).
2019-12-08T21:53:35Z
https://www.gkexams.com/dictionary/hindi/29323-sms-meaning-in-english.html
गुजराती भाभी - Hot, Sex Erotic stories blog [img:2d4cuthx]http://xnxx-images.com/wp-content/uploads/2015/05/indian-desi-bhabhi-hairy-pussy-xxx-pics-hd-photos6.jpg[/img:2d4cuthx] [size=150:2d4cuthx]वैसे तो मेरा नाम ही काफ़ी है गुजरात की औरतों की चूत में हलचल पैदा करने के लिये वैसे आप सभी दोस्त मुझे जानते ही हो फिर मैं ने उससे पूछा कि डियर तुम क्या अपने पति से संतुष्ट नहीं हो क्या तो उसने कहा कि मैं अपने पति से बहुत संतुष्ट हूं तो मैं ने पूछा तो तुम मेरे साथ एंजोय करना क्यों चाहती थी तो उसने कहा कि रोज एक ही तरीके के सेक्स से बोर हो गई थी तो सोचा कुछ अलग करुं तो मैं ने कहा तो कैसा रहा तो बोली आइ एम वैरी हैपी! तो मैने कहा जिसको जो चाहिये वो मिल ही जाता है तो बोली लेकिन हम ये सब दोबारा नहीं करेंगे। तो मैने उसे कहा कि डियेर जो तुम्हारी मर्जी फिर हम बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुए और फिर मैं कपड़े पहन अपनी फ़ी लेकर वापस चला आया और फिर हम एक दूसरे को भूल गये नहीं कभी उसने मुझे सम्पर्क किया न ही मैने कभी्।[/size:2d4cuthx]
2018-11-15T23:31:03Z
http://arabic.sexykahaniya.biz/?p=11485
बिहार के सासाराम में एक मस्जिद में बम विस्फोट होने का झूठा दावा प्रसारित - Alt News बिहार के सासाराम में हाल ही में हुए बम विस्फोट के बाद, सोशल मीडिया में व्यापक रूप से यह दावा प्रसारित है कि विस्फोट मस्जिद के अंदर हुआ है और वहां से कुछ अन्य बम भी बरामद किये गए है। फेसबुक पर मनीष कुमार के पोस्ट को करीब 4,000 बार साझा किया गया है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने समान दावा प्रसारित किया, “आज सासाराम में मोची टोला मोहल्ला मस्जिद में बम बनाते ब्लास्ट हुआ 100 की संख्या में बम बारूद गिरफ्तार हुआ इस तरह का लगभग मस्जिद में काम काम चल रहा है सासाराम रोहतास बिहार।” ट्विटर पर रेल मंत्री पियूष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किये जा रहे एक उपयोगकर्ता “आकाश RSS” ने भी समान दावा साझा किया है। ‘आकाश RSS’ आकाश सोनी(@Satynistha) ही है, जिन्हें ऑल्ट न्यूज़ के एक न्यूज़ वेबसाइट कवरेज टाइम्स की पड़ताल में भी उजागर किया था। सोनी को 2017 में NDTV के एंकर रवीश कुमार को परेशान करने वाले एक व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के रूप में पाया गया था। एक समान दावे में यह बताया गया है कि यह विस्फोट तब हुआ जब “राममंदिर के फैसले के संदर्भ” में मस्जिद के भीतर बम बनाये जा रहे थे। पुरे संदेश के अनुसार, “सासाराम में मोची टोला मोहल्ला मस्जिद में बम बनाते ब्लास्ट हुआ राम मंदिर की फैसला आने के संबंध में तैयार किया जा रहा हजारों की संख्या में बम बारूद गिरफ्तार हुआ इस तरह का लगभग देश के हर मस्जिद में काम काम चल रहा है सासाराम रोहतास बिहार.” गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किये जा रहे एक उपयोगकर्ता जनार्दन मिश्रा(@JBMIS) ने भी यह समान दावा ट्वीट किया है। ऑल्ट न्यूज़ ने सासाराम के SDO राज कुमार गुप्ता से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहा दावा “सिर्फ अफवाह” है। अधिकारी ने हमें बताया कि विस्फोट मस्जिद के अंदर नहीं बल्कि मस्जिद के बाहर हुआ था। उन्होनें आगे बताते हुए कहा कि पुलिस अभी इसकी जांच कर रही है, “धमाके में एक ही मज़दूर घायल हुआ है और हमें वहा से कोई विस्फोट प्राप्त नहीं हुआ है।” इस घटना के बारे में हिंदी मीडिया में काफी व्यापक रूप से खबर प्रकाशित हुई है। हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद में पिछले एक महीने से मरम्मत का काम चल रहा था। इलाके में काम करने वाले मज़दूरों ने मस्जिद के बाहर सारा कचरा इक्क्ठा किया था। जैसे ही कचरे में आग लगाई, विस्फोट हो गया और तीन मज़दूर घायल हुए और मस्जिद की दिवार को भी नुकसान पंहुचा। दैनिक जागरण के अनुसार, एक मज़दूर गंभीर रूप से घायल हुआ है। इस मीडिया संगठन द्वारा प्रकाशित एक अन्य लेख में मनीष कुमार, जिनका उल्लेख पहले भी इस लेख में किया गया है, उन्हें पुलिस द्वारा “सामाजिक व्यवस्था को बाधित करने वाली अफवाह फ़ैलाने” के लिए गिरफ्तार किया गया था। बिहार के सासाराम में एक मस्जिद के नज़दीक हुए विस्फोट की घटना को सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग दिया गया। धमाका मस्जिद के अंदर और वहां से अन्य बम भी बरामद करने के दावे को पुलिस ने ख़ारिज किया है। इसके अलावा, इस घटना की जांच अभी चल रही है। पुलिस अभी भी इस धमाके के पीछे के अपराधी और इसके पीछे के मकसद के बारे में पता नहीं लगा पायी है।
2019-11-20T11:22:53Z
https://www.altnews.in/hindi/false-claim-bomb-blast-inside-mosque-in-bihars-sasaram-100-bombs-found/
Bharatiya Kala Evam Sanskriti - For Civil Services and Other State Examinations (3rd Edition, Hindi) - Book Ship HomeENTRANCE EXAMUPSC Exams BooksBharatiya Kala Evam Sanskriti – For Civil Services and Other State Examinations (3rd Edition, Hindi) ISBN-10: 8194244625 ISBN-13: 978-8194244622 Amazon.in Price: ₹415.00 (as of 11/08/2020 01:16 PST- Details) सबसे ज्यादा बिक्री वाली पुस्तको की सूची में शामिल भारतीय कला एवं संस्कृति नामक तृतीय संस्करण वाली यह संशोधित एवं परिवर्द्धित पुस्तक, जो नितिन सिंघानिया द्वारा लिखी गयी है ,को मैक्ग्रॉ – हिल द्वारा प्रकाशित करने में गर्व की अनुभूति हो रही है। यह पुस्तक सिविल सेवा के प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के उम्मीदवारों के लिए भारतीय कला, चित्रकला, संगीत और वास्तुकला पर ज्ञान के व्यापक क्षेत्र को समाविष्ट करते हुए विश्लेषणात्मक और नवीनतम जानकारी प्रदान करती है। दो नए अध्यायों और एक परिशिष्ट के अलावा, अध्यायों को विवरणों के साथ संपन्न बनाया गया है, ताकि इसे अधिक केंद्रित और व्यापक बनाया जा सके। विशेष आकर्षण : . चार भागों यथा दृश्य कला ,प्रदर्शन कला ,भारत की संस्कृति एवं परिशिष्ट में विभाजित . 26 अध्यायों एवं 5 परिशिष्टों में समायोजित यह पुस्तक एक अनूठी संग्रहिका की तरह है , जिसमें भारतीय कला एवं संस्कृति के विभिन्न आयामों के विविध पक्षों के अनछुए पहलुओं का बेजोड़ चित्रण . इस संस्करण में निहित नवीन अध्याय: 1. बौद्ध और जैन धर्म 2. विदेशी यात्रियों की दृष्टि में भारत . सामयिक मुद्दों (करेंट अफेयर्स) पर नया परिशिष्ट . पुस्तक के प्रत्येक अध्याय में अभ्यास हेतु सिविल सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं के मॉडल प्रश्नों का संग्रह . पुस्तक के प्रत्येक अध्याय में अभ्यास हेतु सिविल सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं के क्रमशः 17 एवं 37 वर्षों के दौरान पूछे गए प्रश्नों का अपार संग्रह . उच्चस्तरीय,विश्वसनीय,प्रभावकारी एवं नवीन सोंच के अनुरूप तथ्यों एवं प्रश्नों की प्रस्तुति ताकि सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता के मार्ग आसान हो सके . वर्ष 2018 एवं 2019 में सिविल सेवा के विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को प्रमुखता से स्थान . QR कोड के सहारे वीडियो की उपलब्धि Specification: Bharatiya Kala Evam Sanskriti – For Civil Services and Other State Examinations (3rd Edition, Hindi) Be the first to review “Bharatiya Kala Evam Sanskriti – For Civil Services and Other State Examinations (3rd Edition, Hindi)” Cancel reply
2020-08-11T22:48:57Z
https://bookship.in/product/bharatiya-kala-evam-sanskriti-for-civil-services-and-other-state-examinations-3rd-edition-hindihindi-paperback-30-october-2019/
UUKMA News കൊ​റോ​ണ വൈ​റ​സി​നെ ന​ശി​പ്പി​ക്കാ​ൻ ശേ​ഷി​യു​ള്ള ഫി​ൽ​ട്ട​ർ വി​ക​സി​​പ്പി​ച്ചെ​ന്ന്​ - UUKMA News കൊ​റോ​ണ വൈ​റ​സി​നെ ന​ശി​പ്പി​ക്കാ​ൻ ശേ​ഷി​യു​ള്ള ഫി​ൽ​ട്ട​ർ വി​ക​സി​​പ്പി​ച്ചെ​ന്ന്​ - UUKMA News ഹൂ​സ്​​റ്റ​ൺ: കൊ​റോ​ണ വൈ​റ​സി​നെ ന​ശി​പ്പി​ക്കാ​ൻ ശേ​ഷി​യു​ള്ള എ​യ​ർ ഫി​ൽ​ട്ട​ർ യു.​എ​സ്​ ശാ​സ്​​ത്ര​ജ്​​ഞ​ർ വി​ക​സി​പ്പി​ച്ച​താ​യി റി​പ്പോ​ർ​ട്ട്. അ​ധി​കം വാ​യു​സ​ഞ്ചാ​ര​മി​ല്ലാ​ത്ത അ​ട​ഞ്ഞ മു​റി​ക​ളി​ലും വി​മാ​ന​ങ്ങ​ളി​ലും മ​റ്റും ഇ​ത്​ ഏ​റെ ഉ​പ​കാ​ര​പ്ര​ദ​മാ​കും. ഫി​ൽ​ട്ട​റി​ലൂ​ടെ ക​ട​ന്നു​പോ​കു​ന്ന വാ​യു​വി​ലു​ള്ള കൊ​റോ​ണ വൈ​റ​സി​​െൻറ 99.8 ശ​ത​മാ​ന​വും ഈ ​ഉ​പ​ക​ര​ണം നി​ർ​ജീ​വ​മാ​ക്കി​യെ​ന്ന്​ ഇ​തു സം​ബ​ന്ധി​ച്ച്​ ‘മെ​റ്റീ​രി​യ​ൽ​സ്​ ടു​ഡെ ഫി​സി​ക്​​സ്​’ ജേ​ണ​ലി​ൽ പ്ര​സി​ദ്ധീ​ക​രി​ച്ച പ​ഠ​നം പ​റ​യു​ന്നു. ഓ​ഫി​സി​ലും മ​റ്റും ജോ​ലി ചെ​യ്യു​ന്ന​വ​ർ​ക്ക്​ എ​ളു​പ്പ​ത്തി​ൽ ഉ​പ​യോ​ഗി​ക്കാ​വു​ന്ന ചെ​റി​യ ഉ​പ​ക​ര​ണ​ം വി​ക​സി​പ്പി​ക്കാ​നും പ​ദ്ധ​തി​യു​ണ്ട്. ശീ​തീ​ക​രി​ച്ച മു​റി​ക​ളി​ലെ കോ​വി​ഡ്​ ബാ​ധ ത​ട​യ​ൽ വ​ലി​യ വെ​ല്ലു​വി​ളി​യാ​ണ്. ഈ ​സാ​ഹ​ച​ര്യ​ത്തി​ൽ ഫി​ൽ​ട്ട​ർ ര​ക്ഷ​ക​നാ​കു​മെ​ന്ന്​ ശാ​സ്​​ത്ര​ജ്​​ഞ​ർ പ​റ​യു​ന്നു. 70 ഡി​ഗ്രി​യി​ല​ധി​കം ചൂ​ടി​ൽ ​കൊ​റോ​ണ വൈ​റ​സി​ന്​ നി​ൽ​ക്കാ​നാ​കി​ല്ലെ​ന്നും അ​തി​നാ​ൽ, 200 ഡി​ഗ്രി​യോ​ളം ചൂ​ടു​ള്ള ഫി​ൽ​ട്ട​റി​ലൂ​ടെ ക​യ​റി​യി​റ​ങ്ങു​ന്ന വാ​യു​വി​ൽ നി​ന്ന്​ നി​ശ്ച​യ​മാ​യും വൈ​റ​സ്​ സ​ജീ​വ​മ​ല്ലാ​താ​കു​മെ​ന്നും അ​വ​ർ അ​ഭി​പ്രാ​യ​പ്പെ​ട്ടു. നി​ക്ക​ൽ ഫോം ​ഉ​പ​യോ​ഗി​ച്ചാ​ണ്​ ഫി​ൽ​ട്ട​ർ നി​ർ​മി​ക്കു​ന്ന​ത്.
2020-08-13T09:09:50Z
https://uukmanews.com/corona-filter/
गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचें June 24, 2015 02:23 PM डॉक्टरों के मुताबिक गर्मियों में मानव शरीर से पसीना अधिक निकलने के कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाता है। इसलिए खाने से पहले फल और सब्जी की तासीर जान लेना जरूरी है। यदि इस बात का ध्यान नहीं रखा गया और गर्म तासीर वाले फलों को सेवन किया गया तो उससे शरीर में विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं। वर्किंग लोगों के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए रखना और भी जरूरी है, क्योंकि उन्हें दिनभर बाहरी माहौल में रहना है। इसको ध्यान में रखते हुए लोगों को गर्मी में नाश्ते में दूध, सभी फ्रूटशेक्स, जूस, फल, स्प्राउट्स, आट्स, पोहा आदि लेना चाहिए। वहीं लंच में दालों को प्रमुखता से शामिल करें। इसके साथ आप इसमें सीजनल हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे बींस आदि, दो या तीन चपाती और भरपूर सलाद लें। डिनर में इस बात का ध्यान रखा जाए के रात को भारी और ज्यादा खाना न लिया जाए। रात के खाने में रेशेदार सब्जी, दो चपाती और सलाद ले सकते हैं। यदि रोटी खाने का मन न हो तो आप खिचड़ी खा सकते हैं।
2018-04-20T01:24:49Z
http://abhitaknews.com/news/4712-%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%A1%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%AC%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%82.aspx
वे हर बात का जवाब देते थे, सबको जवाब देते थे ⋆ Jankipul Home ब्लॉग वे हर बात का जवाब देते थे, सबको जवाब देते थे By prabhat Ranjan - October 29, 2013 5 33 Tweet on Twitter tweet जिन दिनों सीतामढ़ी में इंटर का विद्यार्थी था तो अपने मित्र श्रीप्रकाश की सलाह पर मैंने एक पत्र राजेंद्र यादव को लिखा था. ‘हंस’ पत्रिका हमारे गाँव तक भी पहुँचती थी. हम दोनों मित्र लेखक बनने के लिए बेचैन थे और जिससे भी मौका मिलता लेखक बनने की सलाह मांगते थे. राजेंद्र जी को भी मैंने लिखा था कि लेखक बनने के लिए क्या करना चाहिए? हफ्ते भर के अन्दर ही यादव जी का हाथ से लिखा जवाब आया था कि लेखक बनने का कोई फार्मूला नहीं होता, वह नैसर्गिक होता है. अभ्यास करते रहो अगर प्रतिभा होगी तो लेखक बन जाओगे. पत्र दिल तोड़ने वाला जरूर था लेकिन अप्रत्याशित भी था कि मेरे जैसे एक अनजान-गुमनाम आदमी के पत्र का जवाब देना भी उन्होंने जरुरी समझा. जबकि उनके लिए वे ‘हंस’ की घनघोर व्यस्तताओं के दिन थे. वे हर बात का जवाब देते थे, सबको जवाब देते थे. इसीलिए सबको अपने लगते थे. हिंदी लेखकों की एक पूरी नई पीढ़ी तैयार करने वाले इस लेखक-संपादक को कभी मैंने गुरु-गंभीर होते नहीं देखा. कोई भी उनसे मिलने जा सकता था, कोई भी उनसे कुछ पूछ सकता था. इस मामले में वे दिल्ली के बाकी ‘महान’ लेखकों से एकदम भिन्न थे. उनसे मिलकर किसी के अन्दर भी आत्मविश्वास जग जाता था, किसी को भी लेखक होने का भ्रम हो जाता था. इतना सार्वजनिक दूसरा लेखक व्यक्तित्व मैंने नहीं देखा. शायद जिसका अपना कोई कोना नहीं था. उनके जाने से वाद-विवाद-संवाद की एक विराट परम्परा का सहसा अंत हो गया. वे खुली बहसों में विश्वास रखते थे, असहमतियों का सम्मान करते थे और अवसर आने पर खुले दिल से अपनी गलतियों को स्वीकार भी कर लेते थे. वे हिंदी के आखिरी बड़े संपादक व्यक्तित्व थे, नई प्रतिभाओं के सबसे बड़े पुरस्कर्ता थे, अस्मितावादी विमर्श के प्रतीक थे, साहित्य के एक ऐसे संगम की तरह थे जिसमें हिंदी की सारी धाराएँ आकर मिल जाती थी. लेकिन मेरे लिए तो वे एक ऐसे लेखक थे जिसने मेरे पत्र का जवाब दिया था. लिखा था प्रतिभा होगी तो लेखक बन जाओगे. अभ्यास करते रहो. न जाने कितनों की प्रतिभा का उन्होंने परिमार्जन किया, उनको लेखक बनाया. वे साहित्य का सदा खुला रहने वाला दरवाजा थे जो हमेशा के लिए बंद हो गया. उनकी स्मृति को अंतिम प्रणाम! चित्र साभार: vaniprakashan.in TAGSprabhat ranjanrajendra yadav SHARE tweet Previous article‘समन्वय’ अब अगले बरस का इंतज़ार है!Next articleआप कैसी कहानियां लिखते हैं? prabhat Ranjanhttps://plus.google.com/115749723993772049314 RELATED ARTICLESMORE FROM AUTHOR उड़ जाएगा हंस अकेला …..उड़ जाएगा हंस अकेला ….ये दुनिया दर्शन का मेला ….उड़ जाएगा हंस अकेला …..कुमार गन्धर्व कि पंक्तियाँ Reply LEAVE A REPLY Cancel reply Please enter an answer in digits:seven − one = साप्ताहिक लोकप्रियAllFeaturedAll time popularMore prabhat Ranjan - November 24, 2013 0 ');
2017-05-26T16:50:39Z
http://www.jankipul.com/2013/10/blog-post_29.html
 Auto conducción autónoma de Google, el distrito cumplió 160 veces - Business Monkey News Español Auto conducción autónoma de Google, el distrito cumplió 160 veces 도로 시험주행 중인 구글 웨이모의 자율주행차. 웨이모 제공 자율주행차 개발에 뛰어든 업체 가운데 가장 먼저 도로 시험주행을 시작한 구글 웨이모(Waymo)의 자율주행차가 새 이정표를 세웠다. 웨이모는 최근 블로그를 통해 “웨이모의 자율주행차가 누적 도로주행 거리 400만마일(644만km)을 돌파했다”고 발표했다. 이는 둘레가 4만km인 지구를 160번이나 돈 거리에 해당한다. 미국의 자가용 승용차 운전자들의 평균 주행거리를 기준으로 하면, 무려 300년을 달려야 하는 거리라고 한다. 시험주행 기록들은 자율주행차에 빅데이터로 축적돼 자율주행차에 탑재된 인공지능이 도로에서 직면할 수 있는 다양한 상황에 적절히 대처할 수 있도록 도와준다. 따라서 시험주행은 많이 할수록 좋다. 2009년부터 시작된 시험주행 거리는 시간이 지나면서 증가 속도가 빨라졌다. 최초 100만마일을 주행하는 데는 18개월이 걸렸지만, 최근 100만마일 주행에는 불과 6개월이 걸렸다. 구글 자율주행차의 누적 주행거리(단위:마일) 가상 시뮬레이션 주행 화면. 웨이모는 이와 함께 실제 도로를 재현한 시뮬레이션 소프트웨어를 이용해 가상 자율주행도 실시하고 있다. 시뮬레이션 주행에선 날마다 2만5000대가 넘는 가상 자율주행차들이 실제 시험차량들이 도로에서 맞닥뜨렸던 곤란한 상황들을 재현해 연습한다. 웨이모는 시뮬레이션 주행은 자율주행차의 학습 단계를 획기적으로 높여주고 있다고 밝혔다. 2016년 한 해 동안 실시한 가상주행 거리만 해도 25억마일(40억2300만km)에 이른다. 웨이모는 “이런 일련의 학습 사이클에 힘입어 시험차량들은 완전자율주행에 필요한 고도의 운전기술을 터득할 수 있었다”며 “곧 웨이모의 자율주행 서비스를 이용해 직장과 학교, 식료품점 등에 갈 수 있게 될 것”이라고 밝혔다. Gwaknopil gran reportero [email protected] ▶ panel de accesos directos de la futura gwaknopil
2018-01-23T05:58:11Z
https://businessmonkeynews.com/es/es/auto-conduccion-autonoma-de-google-el-distrito-cumplio-160-veces/
#AYOGYA | Ippodhu Home Tags #AYOGYA Tag: #AYOGYA விஷாலின் ‘அயோக்யா’ : இணையதளத்தில் முழு படமும் வெளியானது தமிழ் திரையின் புதிய படங்களை திருட்டுத்தனமாக வெளியிடும் பேர்போன இணையதளமான தமிழ் ராக்கர்ஸ், ரஜினிகாந்த், கமல்ஹாசன், விஜய், அஜித்குமார், சூர்யா, விக்ரம், கார்த்தி உள்பட முன்னணி நடிகர்களின் படங்களை திரைக்கு... அயோக்யாவுக்கு யு/ஏ விஷாலின் அயோக்யா படத்துக்கு சென்சார் யு/ஏ சான்றிதழ் அளித்துள்ளது. தெலுங்கில் ஜுனியர் என்டிஆர் நடிப்பில் புரி ஜெகன்நாத் இயக்கத்தில் வெற்றிபெற்ற டெம்பர் படத்தின் தமிழ் ரீமேக்... காஞ்சனா பேயினால் கலவரமானாரா விஷால்? – தள்ளிப் போகிறது அயோக்யா விஷாலின் அயோக்யா ஏப்ரல் 19 ஆம் தேதியும், காஞ்சனா 3 மே மாதமும் வெளியாகும் என்ற நிலையில், காஞ்சனா 3 படத்தின் வெளியீட்டு தேதியை ஏப்ரல் 19 க்கு மாற்றினர். இந்த மாற்றம்... விஷாலின் அயோக்யா படத்துக்கு போட்டியாக வருகிறது காஞ்சனா 3 திரைப்படம். ராகவா லாரன்ஸின் காஞ்சனா படமே தமிழின் முதல் வெற்றிகரமான சீரிஸ் எனலாம். ஒவ்வொன்றும் ஒரு கதை என்பதால் இதனை சீரிஸ் என்று சொல்வது... பாபுராஜ் - March 12, 2019 பொள்ளாச்சியில் 100 க்கு மேற்பட்ட பெண்களை 20 பேர் கொண்ட கும்பல் மிரட்டி பாலியல் பலாத்காரம் செய்த சம்பவம் நாட்டையே உலுக்கியுள்ளது. பாதிக்கப்பட்ட பெண்களின் எண்ணிக்கை இன்னும் துல்லியமாக தெரியவில்லை. 100 க்கும்... பாபுராஜ் - January 19, 2019 விஷாலின் அயோக்யா படத்தின் டீஸர் விரைவில் என்று ஒரு போஸ்டர் வெளியிட்டுள்ளனர். அதைத்தான் அனைவரும் கழுவி ஊற்றுகிறார்கள். https://twitter.com/VishalFansPage/status/1086267979761774592 தெலுங்கில் வெளியான டெம்பர் படத்தை வெங்கட் மோகன் இயக்கத்தில் அயோக்யா என்ற பெயரில் விஷால் தமிழில்... விஷாலின் அயோக்யா படத்தின் பர்ஸ்ட் லுக் வெளியாகியுள்ளது. இரும்புத்திரையின் வெற்றியைத் தொடர்ந்து அயோக்யா படத்தில் விஷால் நடித்து வருகிறார். புரி ஜெகன்நாத் இயக்கத்தில் ஜுனியர் என்டிஆர், காஜல் அகர்வால் நடித்த டெம்பர் படத்தின்... விஷாலின் ‘அயோக்யா’ படம் பூஜையுடன் துவங்கியது விஷால் நடிப்பில் 'அயோக்யா' திரைப்படத்தின் படப்பிடிப்பு பூஜையுடன் துவங்கியது. வெங்கட் மோகன் இயக்கும் இப்படத்தை லைட் ஹவுஸ் மூவி மேக்கர்ஸ் B. மது தயாரிக்கிறார். விஷால் நடிப்பில் உருவாகவிருக்கும் 'அயோக்யா' திரைப்படத்தின் படப்பிடிப்பு...
2019-06-19T02:04:45Z
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Pre Article is 扎金花技巧 by in 未分类 & Next Article is 走地; 小弟是个手机控,离不开手机游戏听朋友说最近手机玩游戏都很烫,而红白设计, 入秋后,桃园大溪中新里韭菜花盛开。 首尔大爆冷门 名列2010必游景点首尔大爆冷门 名列2010必游景点~今年你已经计画好,到哪 昨天 办在顶 《转贴》174会刊霹雳至今的十大魔王 离天者退场还有至少九个月(删除 手机裡储存了八十几则的简讯,全都是就读国二的女儿从学校传来的。即使因为占据太多容量,开启时常要等上十来秒,我还是一则也捨不得删掉。「妈咪,你帮我带的水,练饵QQ的,有点黏又不太黏,有点硬又不太硬,就算完成一小坨了,如此继续直至整坨虾饼原料揉完就算完成了。 皎洁的皓月 映照著浪花 一如翻腾的思绪在风中绞裂撕伤碎裂的杯 火烫的酒 难以嚥吞的伤 不想悲伤 只愿心能够遗忘 能再次接受未来的希望濡湿的衣裳 濛濛的眼光 是拼却一切也要举杯而尽的怅蹒跚的脚步 不愿恨的创伤 逃不过前世因果轮迴的框 市政府办公楼落成,大门口缺副对联,市委书记挥毫:明陞上联:说实话办实事一身正气;下联:不贪污不受贿两袖清风。< 洗手台的流水孔有一个须拉起来的塞子,但是不知道怎麽把塞子拆下来杂志社练饵溪哥红饵*1+南极虾粉*3+3个鸡(鸭)蛋+中高筋麵1. 腥饵黑格丸 加南极虾精 加南极虾粉 再来几滴蚵精 ....太油 太软 加点麵粉搂 腥的不得了唷2.香饵黑格丸 很臭吧 把他变香 用起来不错唷材料.黑格丸一颗 万能饵 4包 到 6包 (白色)做法.1.先将万能饵加水 成糊状 留半包最后用 2.将黑格丸揉一揉 均匀一点3.将两种饵 加一起揉 太湿的话 把刚留的半包 再加进去4.揉到颜色均匀 就可以 当然揉久一点啦5.软硬度应该会很适当 太软 加一点玉米粉 或麵粉保存方法弄个桶子 铁盒子之类的 用塑胶袋包著练饵 再放进去千万不要拿去冰啦 因为要让他味道变酸 做出来的饵已经不臭了 而且不会粘手 让他放个几天 会发霉没关係 就是要他发霉 味道变酸的 又有香味别放到硬掉好处 不臭 不粘手 不用臭好几天对象豆仔 臭肚 老黑鲷 .....等 快去弄一颗看看吧:heart: 3.最近再研究鱼精 这个怪东西 和黑格丸的成分.....最好用的 还诉丸2 那颗蓝的* 偷讲一下 单要使用黑格丸 可以打开一点 让他发霉 长越多越好 别放到硬掉就好味道完全不一样 听说很好用啦 丸2头家自己说的 黑黑....不能说太多:sunglass: .............................................................................吐司一条,南级虾一盒,南级虾精一瓶.作法:将上述材料混合在一起,搓揉成团(不可加水)直到成为粉红色麵团为止.适用鱼种:黑鲷,赤翅,斑头,红槽,石斑,吊仔,鹦哥,鹦鲷,秋姑,雀鲷,臭肚,娘列仔,变身苦,黑毛,白毛,乌鱼,豆仔........(青物及掠食迴游性鱼种就别闹了) PS:1.若家中有果汁机可先行将吐司打成麵包屑.2.若有搅拌料理机更方便,使用搅拌水饺馅、打鱼丸浆那项功能将所有材料一次放入,启动机器后不用2分钟就可完成.3.视须要可添加蚕蛹精(以黑鲷为目标鱼时可防小鱼吵)4.也可添加你当天使用的诱饵粉,以增加骗鱼率(台製诱饵粉则免了,会令饵馊的很可怕)5.用不完的饵可用鍊袋封好放冰箱冷冻库中保存,2~3年也不会坏,就算略带馊味搞不好效果更佳! :smile: .......................................................................1. 高筋麵粉一包2. 南极虾粉一包(红色尤佳)3. 黏粉一包4. 南极虾精一瓶 @ 作法将南极虾粉与麵粉以一比二的量调匀, 再加入少许黏粉及南极虾精, 混予些许海水, 将其揉成球状即可 ****诱饵调製..@ 材料1. 一般黑白毛诱饵一包2. 海砂3. 南极虾砖半块 @ 作法将上述材料混合后加以些许海水即可 ****适用对像鱼种1. 黑鲷; 黄鳍鲷2. 臭肚3. 鹦哥4. 豆仔5. 雀鲷6. 倒吊7. 乌尾冬8. 黑白毛 9. 观赏鱼类 2. 吐司麵包(奶油口味)去皮.南极虾粉(红色).南极虾精 ..........................................................练饵配方:土司+南极虾+蚵精+海底鸡罐头!!土司半条去边留中间,南极虾粉2包,南极虾精2罐,赤尾青粉2包,香香粉2包,糊饵1包,黏粉1包,鸡蛋8至9粒,加以搅拌如太黏加赤尾青,太乾加鸡蛋完成以后加海髮丝一大把剁碎加入练饵加一点米酒效果更强除了鸟尾冬不咬外,矶钓鱼种无不吃饵 :sunglass: ..............................................................................嘿嘿!两公斤重的虾饼原料到底多大一坨呢?(煎起来如果好吃,可要吃好逗相报啊!),还有麫粉是啥粉?不开玩笑了!不要急,有救的!:angry: 1.去买几包钓卡多南极虾粉(我通常是用另一种牌子,因你已做的太黏了,所以适合这牌子)(如嫌贵就买包黑鲷诱饵粉吧)以及到7-11买包中筋麵粉(或低筋麵粉)。家过得很好, />桃园大溪中新里韭菜生产专业区面积广达70公顷,活中这些诱惑和羡慕常常会让我们迷失自己, 霹雳裡头喜欢那些角色以下是觉的最爱的角色人物1掌术..弃天帝 神无月 南风不竞 枫岫主人2剑术..风之痕 不二做 万古长空 香独秀 求影十锋3刀术..罗 再来谈谈18尺竿18尺竿是单手半日持竿的体力上限中国人的体能大半是如此 一般假设一条河床裡面有水的宽度流幅是x尺时 二二三三三三三二二三三三三三 当今的城市拥堵不仅仅发生在地面上,每到上下班高峰期,地铁也是考验人们生存技能的热门场所之一。太多的诱惑, 请教一下资深的大大,小弟之前掉土虱都是用蚯蚓或蟋蟀,听说钓土虱也可以用路亚。上网查寻了资料得知要用软虫模拟饵,由于是第一次使用,所以想请问一下用7尺甩竿的话,要搭配怎样的软虫模拟饵,重量差不多多重,请知道的资深前辈们不吝赐教,谢谢。 桃园 大溪赏9月雪 休閒餐厅喂鸭提到5月雪,大家很容易就联想到桐花,但其实台湾还有场较不为人知的9月雪,就下在桃园大溪中新里的韭菜生产专业区。白粉(一般即可)四、麵粉(一般)五、鱼精油(若不方便可用沙拉油代替)致于比例约为50:30:50:3:5(一掰即成两半、不要太Q------乌格不喜欢)若有人想添加南极虾粉、或其他特别口味儘可随意, 有那为大大用过或有经验1.关于电子围篱(高压低流.自动侦测.警报)产品资讯?2.关于影像自动追踪(大多为双摄影机或以上搭配快速球放大摄影.不知哪一家效果及稳定性较佳)? 友情链接表 博彩公司排名网页百家乐欧洲杯直播贝博888真人娱乐城ppnba直播吧007皇家赌场高清巴比伦帝国.笔趣阁ballive网络k歌设备大卖场横行霸刀足球最大比分欧洲三大博彩公司网上赌博台州互联星空百家乐翻天下载去澳门国际娱乐城娱网棋牌官网下载买码网实况足球2013任意球博彩网论坛www.hg1088.com球探足球比分直播天王娱乐城乔博弈维尼夫妇结婚照欢乐炸金花北京市天上人间乐视体育网球直播广东省福利彩票中心赌场风云主题曲007皇家赌场剧情竞彩足球推荐必赢彩票www.bcyz777.com明升88世界杯怎么赌球亚洲博彩网wnba赛程好又多官方网站热火官网皇冠投注网站dota2菠菜吧澳客网打不开费率并香港六合彩信息大家乐官网2012天下足球大电影
2016-07-01T13:24:47Z
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सौतेली बेटी सारा के बारे में करीना ने कह दी ये बड़ी बात Patrika Hindi सारा अली खान को कोई टिप्स देना चाहेंगी, तो उन्होंने कहा कि ... मुंबई। अभिनेता करीना कपूर खान का कहना है कि मीडिया द्वारा उनके बेटे तैमूर की तस्वीर लेने से उन्हें कोई परेशानी नहीं हैं, क्योंकि वह बेहद प्यारा दिखने वाला बच्चा है। यह बात करीना ने मुंबई में रुतुजा दिवेकर की किताब 'प्रेग्नेंसी नोट्स : बिफोर, ड्यूरिंग एंड आ टर' के लॉन्च के मौके पर कही। इस दौरान करीना से उनकी फिटनेस और सौतेली बेटी सारा से जुड़े सवाल भी किए गए। जब करीना से पूछा गया कि क्या वह वजन घटाने को लेकर दबाव महसूस करती हैं, तो उन्होंने कहा, "नहीं, मैं नहीं करती। मैं जिम जा रही हूं और सही आहार लेती हूं, ताकि मैं अच्छा महसूस कर सकूं और वजन घटा सकूं। इसमें समय लगेगा।" यह पूछे जाने पर कि क्या वह सैफ की पूर्व वाइफ अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान को कोई टिप्स देना चाहेंगी, तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई टिप्स की जरूरत नहीं है। अभिनय उनकी रगों में हैं और अपनी खूबसूरती और प्रतिभा से जल्द ही फिल्म उद्योग में धमाल मचाने वाली हैं। Kareena Kapoor Sara Ali Khan Sara Ali Khan's Debut Saif Ali Khan amrita singh Sara Ali Khan PHoto Kareena Kapoor Sara Ali Khan Sara Ali Khan's Debut Saif Ali Khan amrita singh Sara Ali Khan PHoto sara ali khan news
2018-01-19T17:02:12Z
https://www.patrika.com/news/bollywood/kareena-kapoor-on-sara-ali-khan-s-debut-she-ll-rock-the-industry-1624926/
Engineering Student Tragic Story Bhurhanpur Mp | Indore News in Hindi Hindi News »Madhya Pradesh News »Indore News »News» Engineering Student Tragic Story Bhurhanpur Mp पलंग के नीचे छिपी रही इंजीनियरिंग स्टूडेंट, बताई 3 घंटे की डरावनी स्टोरी dainikbhaksar.com | Last Modified - Feb 08, 2018, 01:19 PM IST असीरगढ़ का ढाबा विवाद, शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं करने पर दोनों बहनों ने कलेक्टर-एसपी के सामने जताया आक्रोश। पीड़िता इशरत (नर्सिंग छात्रा) व नुसरत (इंजीनियरिंग छात्रा) ने एसपी को बताई पूरी कहानी। इंदौर।बुरहानपुर में असीरगढ़ स्थित ढाबे पर 40 से ज्यादा बलवाइयों ने जमकर तोड़फोड़ कर उत्पात मचाया। ढाबा संचालक वृद्ध महिला की दो बेटियों के साथ मारपीट कर अश्लील हरकत की। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद आरोपियों ने आतंक मचाया। महिला ने अपनी बेटियाें के साथ तीन घंटे तक पलंग के नीचे छिपकर जान बचाई। पुलिस ने मामले में काउंटर केस दर्ज किया। इससे महिला और उसकी बेटियां आक्रोशित हो गईं। - पीड़िता इशरत (नर्सिंग छात्रा) व नुसरत (इंजीनियरिंग छात्रा) ने बताया कि सोमवार को डेढ़ घंटे इंतजार के बाद एसपी पंकज श्रीवास्तव से मुलाकात हुई। नुसरत ने कहा हम पांच महीने से सूचना दे रहे हैं। उसी समय कार्रवाई हो जाती तो आज यह हरकत नहीं होती। पूर्व नियोजित ढंग से पूरे गांव वाले ढाबा तोड़ने पहुंचे। उन्होंने उत्पात मचाया। हम पलंग के नीचे छिपे तो जान बची। मेरे और बहन के साथ अश्लील हरकत की गई। यह बात रिपोर्ट में थाना प्रभारी संदीप चौरसिया ने लिखी ही नहीं है। - बहनों ने तीखे शब्दों में एसपी के सामने आक्रोश जताया। दोनों ने कहा- जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी। हम यहां से नहीं जाएंगे। एसपी ने दोनों छात्राओं को बाहर जाने को कहा। एसपी ने दोनों बहनों से कहा- दोनों पक्षों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। कार्रवाई करेंगे। अतिक्रमण का मामला पंचायत का है। वे ही देखेंगे। पंचायत पुलिस की मदद लेगी तो जरूर करेंगे। - एसपी से मिलने के बाद बहनें कलेक्टर दीपकसिंह से मिलीं। कलेक्टर को मामला बताया। कलेक्टर ने पूछा आपके पास कोई सबूत है। बहनों ने कहा- फोटो और वीडियो हैं। कलेक्टर ने फोटो और वीडियो की सीडी बनाकर देने के लिए कहा और कार्रवाई का आश्वासन दिया। विवाद के कारण नहीं दी अंतिम वर्ष की परीक्षा - ढाबा संचालक जुलेखाबी की बड़ी बेटी इशरत नर्सिंग की छात्रा है। इस अंतिम वर्ष की परीक्षा है, लेकिन वह दहशत के कारण 20 दिन से कॉलेज नहीं गई है। डर है कि आरोपी कहीं उसके साथ रास्ते में कोई वारदात न कर दे चूकिं पुलिस को लगातार शिकायतों के बाद भी आरोपियों पर लगाम नहीं लगाया जा रहा। इशरत ने बताया कि मेरा छोटा भाई अजहरउद्दीन बुरहानपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में कंम्प्यूटर साइंस प्रथम वर्ष में अध्ययनरत है। विवाद क कारण वह भी 20 दिन से कॉलेज नहीं गया। छोटी बहन नूरजहां की पढ़ाई छूट गई पांच माह से कॉलेज नहीं गई भोपाल इंजीनियरिंग कॉलेज से इस साल अंतिम वर्ष के पेपर देना थे जो कि वह नहीं दे पाई। - असीरगढ़ में हाईवे पर जुलेखाबी और उसके पति आमीन ने करीब 20 साल पहले सरकारी जमीन पर कब्जा कर ढाबा बना लिया था, जो कि अब तक संचालित है। इसके बावजूद व मस्जिद कमेटी व पंचायत को समय-समय पर टैक्स के रूप में रुपए देते आए हैं। लेकिन अब ढाबे को ग्राम पंचायत के कुछ भाजपा नेता हटाना चाहते हैं। पांच महीने पहले भाजपा नेताओं ने ढाबा संचालक की बेटी को सर्किट हाउस में बुलाया था। तब से इस मामले ने तूल पकड़ लिया। एसपी के बाद कलेक्टर से भी मिली दोनों बहनें। Web Title: Engineering Student Tragic Story Bhurhanpur Mp दूसरी पत्नी ने कहा- जब इमरान खान मेरे साथ थे तब भी बुशरा को डेट कर रहे थे 30 mins दिल्ली के सीएस को थप्पड़ मारने के मामले में आप MLA अरेस्ट, दूसरे विधायकों की तलाश जारी 42 mins चीफ सेक्रेटरी को थप्पड़ मारने के मामले में आप विधायक अरेस्ट, पूछताछ शुरू 59 mins मोदीजी अगली विदेश यात्रा पर जाएं तो दूसरे मोदीजी को वापस ले आएं: राहुल गांधी 46 mins कश्मीर: तंगधार में पाक की फायरिंग में एक जवान शहीद, मलंगपोरा एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकियों ने फेंका ग्रेनेड 50 mins स्विफ्ट नेटवर्क का गलत इस्तेमाल हो सकता है, इस बारे में बैंकों को तीन बार आगाह किया: पीएनबी फ्रॉड पर RBI 52 mins ऑडिटर्स कर क्या रहे थे, गड़बड़ी नहीं पकड़ सकते तो खुद के अंदर झांकें: पीएनबी फ्रॉड पर जेटली 59 mins मैं मुस्लिम और शफीन की बीवी रहना चाहती हूं: केरल लव जिहाद केस में SC से बोली हादिया 42 mins मालदीव के पास हिंद महासागर में चीन के जंगी जहाजों की तैनाती का दावा गलत: इंडियन नेवी 52 mins पीएनबी फ्रॉड: फायर स्टार इंटरनेशल के प्रेसिडेंट विपुल अंबानी, नक्षत्र ग्रुप के सीएफओ समेत 5 लोग अरेस्ट 27 mins प्राइवेट पार्टी में इस लड़की को दिल दे बैठे थे यहां के राजा, बना लिया महारानी 59 mins चीन को भारत से खतरा; बॉर्डर पर J-10 और J-11 फाइटर प्लेन से मजबूत कर रहा एयर डिफेंस: रिपोर्ट 4 mins यशवंत सिन्हा ने सरकार से पूछे 10 सवाल, कहा- आपने कितने LOU दिए? 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2018-02-20T23:13:03Z
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OrientiqueMoon :: 이황 VS 이이 - 사단칠정에 관한 논쟁(사칠논쟁) 2014.09.24 00:12 이황 VS 이이 - 사단칠정에 관한 논쟁(사칠논쟁) Moon's Daily/Book & Quates 2014.09.24 00:12 【이황 VS 이이 - 사단칠정에 관한 논쟁(사칠논쟁)】 이황 : “사단과 칠정은 질적으로 다른 감정이다.” 사단칠정논쟁에 들어가기에 앞서 먼저 ‘사단’과 ‘칠정’이 무엇인지를 살펴보도록 하자. 사단은 측은지심, 수오지심, 사양지심, 시비지심의 네 가지 마음을 가리킨다. 맹자 이래 주희까지도 이 네 가지 마음은 모두 본성(性)으로부터 유래한 것으로 이해하고 있었다. 반면 칠정은 『예기』라는 책에서 최초로 등장하는 것으로, 기뻐함, 노여움, 슬픔, 두려움, 사랑함, 싫어함, 욕망함이란 일곱 가지 감정을 가리킨다. 그러니까 사단이 본성으로부터 출현한 마음의 양태라고 한다면, 칠정은 인간이면 누구나 가지고 있는 현실적인 마음의 양태를 가리키는 것이라고 볼 수 있겠다. 그런데 정지운이라는 유학자가 자신이 만든 『천명도설』을 이황에게 보여 주면서부터 비로소 사칠논쟁이 발단되었다고 할 수 있다. 『천명도설』에는 “사단은 이(理)에서 드러난 것이고, 칠정은 기(氣)에서 드러난 것이다.”라는 구절이 들어 있었다. 이황은 이 구절을 수정하여 “사단은 이가 드러난 것이고, 칠정은 기가 드러난 것이다”라고 고쳐 준 적이 있다. 당시 정지운이나 이황 누구도 자신들의 이런 간략한 대화 내용이 조선 유학계를 일대 철학논쟁으로 몰고 가리라는 것을 예측하지 못했던 것 같다. 본격적인 사칠논쟁은 이황에 의해 수정된 『천명도설』을 기대승이란 인물이 보고 나서 이황에게 편지를 보내면서부터 시작되었다. 물론 기대승은 “사단은 이가 드러난 것이고, 칠정은 기가 드러난 것”이라는, 이황이 고친 문구를 논박하기 위해서 편지를 띄운 것이다. 당시 기대승이 이황의 관점을 반박했던 이유는 다음과 같다. 원래 본성이 발할 때 기(氣)가 잘못 작용하지 않으면 본연의 선이 곧 이루어지는데, 이것이 바로 맹자가 말한 사단입니다. 이것은 순수하게 천리가 드러난 것이긴 하지만 칠정의 범위를 벗어날 수는 없습니다. 사단은 바로 칠정 중 ‘드러나서 절도에 맞는 것’의 묘맥일 뿐입니다. 이황은 사단과 칠정을 질적으로 다른 것으로 보았다. 사단이 본성에서 직접 드러나는 것이기 때문에 이가 드러난 것이라면, 칠정은 본성과는 무관하게 사적인 개체의 감정이기 때문에 기가 드러난 것이라고 보았기 때문이다. 그렇지만 기대승은 사단과 칠정을 질적으로 다른 것으로 보아서는 안 된다고 지적하면서 이황과 다른 자신의 견해를 피력했던 것이다. 분명 사람에게는 윤리적인 마음도 나올 수 있고 혹은 그렇지 않은 현실적인 마음도 실현돼 나올 수 있다. 하지만 어느 경우이든 이와 기는 동시에 함께 고려되어야 한다는 것이 기대승의 입장이었다. 그래서 그는 사단을 “본성이 발할 때 기(氣)가 잘못 작용하지 않으면 본연의 선이 곧 이루어지는” 경우로 이해해야 한다고 주장했던 것이다. 다시 말해서 사단의 경우도 이(理)와 기(氣)라는 두 가지 계기가 함께 작동하고 있다는 것이다. 그래서 기대승은 사단이란 마음도 결국 칠정으로 대표되는 현실적인 마음들 가운데 특히 ‘절도에 맞는’ 윤리적 마음을 가리키는 것이라고 보아야 한다고 결론을 내렸다. 한편 이황은 기대승의 편지를 받고 나서 그의 비판을 일정 부분 수용하게 된다. 하지만 그렇다고 하더라도 이황은 사단을 현실적인 마음 가운데 포함된 윤리적으로 타당한 마음이라고 본 기대승의 견해를 전부 수용할 수는 없었다. 이 점에서 이황의 다음 편지는 기대승의 비판도 일부 받아 들이면서 자신의 기존 입장 또한 고수하려는 타협책으로 나온 것이라고 할 수 있다. 사단이 외물에 감응하여 움직인다는 것은 진실로 칠정과 다르지 않습니다. 그러나 사단은 이(理)가 드러날 때 기(氣)가 따르는 것이고, 칠정은 기가 드러날 때 이가 타는 것(승(乘))입니다. ... 대개 이가 드러날 때 기가 따른 다는 것은 이(理)를 주로 하여 말한 것일 뿐 기 밖의 이를 말한 것이 아니니, 사단이 바로 이것입니다. 기(氣)가 드러날 때 이가 탄다는 것은 기를 주로하여 말한 것일 뿐 이 밖의 기를 말한 것이 아니니, 칠정이 바로 이것입니다. 타협책으로 나온 이황의 해법은 사실 단순했다. 사단과 칠정에 모두 이와 기라는 범주를 적용하지만, 사단에서는 이가 중심적인 역할을 하는 반면 칠정에서는 기가 중심적인 역할을 한다고 보자는 것이었다. 사단과 칠정에는 이제 이와 기라는 범주를 동일하게 적용하자고 본 이황의 생각은 기대승의 반박을 일부 수용했기 때문에 가능했던 것이다. 반면 그는 사단의 고유성, 혹은 사단의 우월성을 결코 포기할 수 없었다. 다시 말해 그는 사단이란 마음은 칠정으로 상징되는 현실적인 마음의 양태 가운데 윤리적인 마음에 지나지 않는다는 입장에 대해서는 끝내 받아들일 수 없었던 것이다. 그래서 이황은 자신의 사단칠정론을 최종적으로 다음과 같이 정리했던 것이다. “사단은 이가 드러날 때 기가 따르는 것이고, 칠정은 기가 드러날 때 이가 타는 것입니다.” 이와 기를 사단과 칠정의 경우 모두 동일하게 적용되면서도, 사단은 이(理)가 중심이 되어 실현되고 칠정은 기(氣)가 중심이 되어 드러난다는 매우 절묘한 타협안을 내놓았던 것이다. 이이 : “사단은 칠정 중 좋은 감정에 지나지 않는다.” 이황의 타협책은 그리 오래가지 않아 다시 심각한 도전에 직면하게 되었다. 성혼이란 인물이 이황의 사단칠정론을 옹호하자, 이이는 성혼과 논쟁하면서 자신의 정신적 멘토이기도 했던 이황에게 비판의 칼날을 들이밀었기 때문이다. 젊었을 때부터 이이는 수재로 유명했다. 전해지는 바처럼 어머니 신사임당의 교육 때문이었는지 아니면 다른 이유가 더 있었는지는 알 수 없지만, 그는 사대부들의 평생소원이었던 과거 급제를 그것도 자그마치 아홉 번이나 장원으로 당선되어 ‘구도장원공’이라는 애칭으로 불릴 정도로 남다른 영민함을 과시했다. 그랬던 이이가 이제 이황이라는 당시 대선배 학자에게 도전장을 던진 것이다. 그런데 이이의 비판도 결국 “사단은 이(理)가 드러날 때 기(氣)가 따르는 것이고, 칠정은 기(氣)가 드러날 때 이(理)가 타는 것이다”라는 이황의 주장에 초점을 맞추었다. 앞서도 언급한 이황의 이러한 입장에 대해 이이가 어떻게 비판하고 있는지 직접 살펴보도록 하자. 기(氣)가 드러나서 이(理)가 탄다는 (이황의) 말은 옳지만, 단지 칠정만이 그런 것은 아닙니다. 사단도 또한 기가 드러나서 이가 타는 것입니다. 왜냐하면 갓난아이가 우물 안으로 들어가는 것을 본 이후에야 측은지심이 드러나기 때문입니다. 갓난아이를 보고 측은해지는 것은 바로 기(氣)입니다. 이것이 이른바 ‘기(氣)가 드러났다는 것’입니다. 측은지심의 근본은 인(仁)이니, 이것이 이른바 ‘이(理)가 탄다는 것’입니다. 이이의 비판은 “기(氣)가 드러날 때 이(理)가 탄다”라는 이황의 말에 대해서는 긍정하면서, “이(理)가 드러날 때 기(氣)가 따른다”라는 이황의 첫 번째 주장에 대해서는 부정했던 것이라고 볼 수 있다. 이이가 보았을 때 이황 논리의 핵심은 결국 이가 먼저 드러난다는 것을 그대로 주장한 데 지나지 않는다. 그렇다면 이것은 이황이 “사단은 이(理)가 드러난 것이다”라고 말한 처음 입장에서 한 걸음도 나아가지 않았다는 것을 의미하는 것이기도 했다. 그래서 이이는 사단 가운데 하나인 측은지심을 이기(理氣)라는 범주로 다시 분석하면서 이황의 논의를 전면적으로 비판하기 시작한다. 측은지심은 『맹자』의 사례에서도 설명된 것처럼, 갓난아이가 우물에 빠지려고 할 때 자신도 모르게 발생하는 선천적인 마음이다. 이 경우 측은지심이란 타인의 불행에 대해 공감하게 되는 일종의 동정심이라고도 볼 수 있다. 그런데 이황은 측은지심이 우리의 현상적 의식이 통제할 수 있는 그런 종류의 것이 아니므로 내면의 본성에서부터 필연적으로 실현돼 나온 마음이라고 본 맹자 관점을 따르려고 했다. 그래서 그는 사단을 “이(理)가 드러난 것” 혹은 “이(理)가 드러날 때 기(氣)가 따르는 것”이라고 이해했던 것이다. 하지만 이이는 “갓난아이를 보고 측은해지는 것” 자체가 바로 기(氣)라는 범주로 설명되어야만 한다고 주장한다. 특히 이 대목에서 중요한 것은 “갓난아이를 본다”라는 경험적 사태에 주목하고 있는 이이의 의도이다. 과거에 주희는 만물이 개체성 혹은 개별화의 원리로서의 기(氣)와 공통성 혹은 동일성의 원리로서의 이(理)라는 두 범주로부터 생성된다고 보았다. 바로 이런 맥락을 토대로 이이는 “갓난아이를 본다”라는 행위가, 만물에 공통된 원리라는 차원을 가리키는 것인지 아니면 개체성의 차원을 말하는 것인지 되묻고 있다. 당연히 이이는 아이를 보는 지각 작용은 개체성의 차원에서만 설명될 수 있는 것이라고 생각했다. 지각 작용은 지각하는 자와 지각되는 대상 간의 구별, 즉 개체적 구별이 먼저 전제되어야 가능한 것이기 때문이다. 그 다음 단계부터 그의 논증은 일사천리로 진행된다. 갓난아이를 보았을 때에만 측은지심이 생긴다면, 결국 갓난아이를 보았던 기(氣)의 측면에 수반되어 측은지심이란 마음이 드러나는 것이고, 이 마음을 통해 비로소 이(理)가 기(氣) 안에 타 있는 모습을 볼 수 있게 될 것이다. 그래서 이이는 단호하지만 부드럽게 자신의 입장을 다음과 같이 정리할 수 있었던 것이다. “기(氣)가 드러나서 이(理)가 탄다는 (이황의) 말은 옳지만, 단지 칠정만이 그런 것은 아닙니다. 사단도 또한 기(氣)가 드러나서 이(理)가 타는 것입니다.” 'Moon's Daily > Book & Quates' 카테고리의 다른 글 이황 VS 이이 - 사단칠정에 관한 논쟁(사칠논쟁) (0) 한권으로 읽는 조선왕조 실록 - 예송논쟁 (1) 길들이는 건축 길들여진 인간 - 중문과 안채 (0) 길들이는 건축 길들여진 인간 - 양반가 사랑채 (0) 스피노자 감정수업 - 강신주 (0) 철학 VS 철학 헬레니즘 철학 (0) TAG 강신주, 기대승, 동양사상, 본성, 사단, 사단칠정논쟁, 사칠논쟁, 성리학, 성혼, 이기론, 이이, 이황, 주희, 천명도설, 철학, 칠정 이전 1 2 3 4 5 6 7 8 ··· 876 다음 양명학 (陽明學). (1) 방심곡령. (1) 한권으로 읽는 조선왕조... (1) Moon's Publish 달님의 한복이야기 Moon's Daily Moon's Study 동양복식사 MooN's Fairy tail
2017-10-19T05:21:56Z
http://orientiquemoon.tistory.com/entry/%EC%9D%B4%ED%99%A9-VS-%EC%9D%B4%EC%9D%B4-%EC%82%AC%EB%8B%A8%EC%B9%A0%EC%A0%95%EC%97%90-%EA%B4%80%ED%95%9C-%EB%85%BC%EC%9F%81%EC%82%AC%EC%B9%A0%EB%85%BC%EC%9F%81
TPCA:近半數PCB業界人士認今年上半年景氣出現成長 | 蕃新聞 TPCA:近半數PCB業界人士認今年上半年景氣出現成長 鉅亨網/鉅亨網記者張欽發 台北 2014.02.05 00:00 TPCA指出,根據本次調查結果分析,對於整體電路板產業的2014年上半年景氣看法,有2%的受訪者認為將會有大幅成長、9%認為會有中幅成長、約35%認為會有小幅成長;而認為持平者約有27%,另外則有19%的受訪者則是認為會小幅衰退,4%認為會中幅衰退,另外有2%認為會大幅衰退 TPCA強調,由此一調查結果顯示,受訪者中有超過73%認為2014年上半年景氣將持平或成長。 這項調查是TPCA每半年針對專業人士進行問卷調查,此次問卷共回收208份有效問卷進行分析。組成百分比為電路板廠(34%)、設備供應商(17%)、原物料供應商(28%)、化學品供應商(11%)、及其他類別(10%)。 TPCA並指出,總結本次針對2014上半年度景氣調查結果,發現PCB產業無論是對整體景氣預測或是企業自評,雖均有超70%以上的受訪者認為,未來景氣會有持平或成長的樂觀表現,但與2013年下半年仔細比較,樂觀的預期心態,確實有不小程度的下滑,更多則是保守面對以及先打了衰退的預防針。調查結果確實與近期全球景氣復甦的氛圍大相逕庭,但也代表PCB產業已開始從長期不穩定與低迷的電子產業中,學習到保護自己與審慎評估的經營策略。 據IEK研究資料顯示,預估2013年兩岸台商PCB產值為5057億元,出現較2012年衰退1.88%的走勢,然而在全球景氣溫和復甦帶動下,若能拉升電子產品的市場銷售,PCB產業成長仍然可期。同時,在全球公有雲與雲端服務產值預期2014年成長至475億美元,將成為整體ICT市場重要的成長業務之一、中國大陸品牌中興、華為、聯想、酷派、小米等品牌崛起等因素,提供相關供應鏈需求的PCB產業,仍可觀察其帶動的效果。 TPCA指出,而2014年台灣PCB企業若欲打破停滯促進成長,勢必進行市場的區分開拓與新產品創新。舉例而言,光電協進會(PIDA)估計2013年全球智慧型穿戴式顯示裝置市場營收約26億美元,2014年可達57億美元,成長率高達逾一倍,2017年全球營收更是上看183億美元。電子產品朝向為輕、薄、小發展,如:穿戴式裝置如智慧型手錶、智慧手環、智慧型眼鏡...等等;同時,汽車邁向高度電子化,使得車上配備的電子控制器(ECU)的數量也越來越多,進而帶動汽車電子的市場向上成長,這些都是未來台灣PCB產業在跳脫現有資通訊產品領域之外,可以做為開發的新產品應用領域,亦是PCB相關企業在競爭激烈的電子生態系中如何能促進市場提升的關鍵要素。
2018-08-18T13:03:22Z
https://n.yam.com/Article/20140205090297
Indore Test: Latest Indore Test News & Updates, Indore Test Photos & Images, Indore Test Videos | Navbharat Times - Page 6 February,29,2020, 16:17:15 इंदौर, 25 फरवरी (भाषा) स्थानीय सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 580 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 700 रुपये प्रति 10 ग्राम की कमी शनिवार की तुलना में लिए रहे। हाजिर व्यापार में सोना ऊंचे में 43,010, नीचे में 42,850 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी ऊंचे में 48,400 एवं नीचे में 48,125 रुपये प्रति किलोग्राम बिकी। मूल्यवान धातुओं के औसत भाव इस प्रकार रहे। सोना 42920 रुपये प्रति 10 ग्राम चांदी 48350 रुपये प्रति किलोग्राम चांदी सिक्का 625 रुपये प्रति नग। इंदौर, 27 फरवरी (भाषा) स्थानीय खाद्य तेल बाजार में बृहस्पतिवार को सोयाबीन रिफाइंड के भाव में 10 रुपये प्रति 10 किलोग्राम की कमी हुई। मूंगफली तेल 30 रुपये प्रति 10 किलोग्राम महंगा बिका। तिलहन में रायडा के भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल कम हुए। तिलहनसरसों 3600 से 3650रायडा 3550 से 3600सोयाबीन 3850 से 3900 रुपये प्रति क्विंटल।तेलमूंगफली तेल इंदौर 1180 से 1200, सोयाबीन रिफाइंड इंदौर 800 से 805, सोयाबीन साल्वेंट 755 से 760, पाम तेल 820 से 825 रुपये प्रति 10 किलोग्राम। पशु आहारकपास्या खली इंदौर 1125, देवास 1125, उज्जैन 1125, खंडवा 1100, बुरहानपुर 1100, अकोला 1625 रुपये प्रति 60 Feb 28, 2020, 06.55 PM इंदौर, 28 फरवरी (भाषा) स्थानीय सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना में 150 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी के भाव में 1125 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आयी। हाजिर व्यापार में सोना ऊंचे में 42825, नीचे में 42680 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी ऊंचे में 46550 एवं नीचे में 46100 रुपये प्रति किलोग्राम बिकी। मूल्यवान धातुओं के औसत भाव (बिना जीएसटी के) इस प्रकार रहे: सोना 42690 रुपये प्रति 10 ग्राम। चांदी 46400 रुपये प्रति किलोग्राम। चांदी सिक्का 625 रुपये प्रति नग। इंदौर में भारत-बांग्लादेश टेस्ट का सबसे सस्ता पांच दिवसीय टिकट 315 रुपये का इंदौर, एक नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) ने यहां भारत और बांग्लादेश के बीच 14 नवंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच के टिकटों की दरें घोषित की जिसमें पांच दिन के सबसे सस्ते टिकट के लिए दर्शकों को 315 रुपये खर्च करने होंगे। एमपीसीए के सचिव संजीव राव ने शुक्रवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "हमने होलकर स्टेडियम में आयोजित पिछले क्रिकेट मैचों के मुकाबले इस बार टेस्ट मैच की दरें कम रखी हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग खेल का मजा ले सकें।" उन्होंने कहा, ‘‘दैनिक टिकट को लेकर हालांकि अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। जल्द ही इंदौर, 17 फरवरी (भाषा) स्थानीय संयोगितागंज अनाज मंडी में सोमवार को मूंग 200 रुपये और तुअर (अरहर) के भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी शनिवार की तुलना में लिए रहे। आज मूंग दाल 100 रुपये, मूंग मोगर 100 रुपये एवं तुअर की दाल 50 रुपये प्रति क्विंटल महंगी बिकी।कारोबारियों के अनुमान के मुताबिक संयोगितागंज अनाज मंडी में सोमवार को 1000 बोरी गेहूं एवं 100 बोरी मक्का की आवक हुई।दलहनचना (कांटा) 4125 से 4150, चना (देसी) 4000 से 4050, डबल डॉलर 5200 से 5500, मसूर 4725 से 4750, हल्की 4450 से 4500, मूंग 7700 से 8000, हल्की 6500 से 7000, तुअर इंदौर, 21 फरवरी (भाषा) स्थानीय खाद्य तेल बाजार में शुक्रवार को पाम तेल के भाव में दो रुपये प्रति 10 किलोग्राम की कमी गुरुवार की तुलना में हुई। पशु आहार कपास्या खली के भाव में 25 रुपये प्रति 60 किलोग्राम की तेजी दर्ज की गई। तेल: मूंगफली तेल इंदौर 1120 से 1140, सोयाबीन रिफाइंड इंदौर 815 से 820, सोयाबीन साल्वेंट 760 से 765, पाम तेल 820 से 825 रुपये प्रति 10 किलोग्राम। पशु आहार: कपास्या खली इंदौर 1225, देवास 1225, उज्जैन 1225 खंडवा 1205, बुरहानपुर 1205, अकोला 1775 रुपये प्रति
2020-02-29T10:47:16Z
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AIPMT 2016 एंट्रेंस एक्जाम उत्तर कुंजी डाउनलोड करें SARKARI RESULT HINDIWWW.SARKARIRESULTHINDI.COM AIPMT 2016 एंट्रेंस एक्जाम उत्तर कुंजी डाउनलोड करें Post Date: 16/12/2015 | 8:45 PM CBSE सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेसन (AIPMT) भारत भर में सभी विभिन्न कॉलेज में एमबीबीएस और बीडीएस प्रवेश के लिए (AIPMT) ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट 2016 आयोजित किया गया ,उसकी उत्तर कुंजी अपलोड कर दी गयी है डाउनलोड करें . CBSE सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेसन (AIPMT) (ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट) आवेदन शुल्क General and OBC : Rs. 1400/- SC /ST and PH : Rs. 750/- विलंब शुल्क के साथ आवेदन शुल्क जनरल और ओबीसी: रु। 2800 / - अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और शारीरिक रूप से विकलांग: रु। 2150 / - ऑफलाइन शुल्क मोड: आवेदकों को ई-चालान शुल्क मोड के माध्यम से परीक्षा शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। ऑनलाइन शुल्क मोड: आवेदकों को ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग मोड के माध्यम से परीक्षा शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। महत्वपूर्ण तिथि आवेदन प्रपत्र प्रारंभ: 15/12/2015 फार्म जमा करने के लिए अंतिम तिथि: 2016/12/01 अंतिम तिथि शुल्क भुगतान: 2016/08/01 ऑनलाइन मोड के माध्यम शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि: 2016/12/01 परीक्षा की तिथि: 2016/01/05 डाउनलोड एडमिट card: 2016/06/04 डाउनलोड Answer key: 2016 24-26 मई परीक्षा परिणाम घोषित: 2016/05/06 एडमिट कार्ड डाउनलोड कैसे करें नीचे दी गयी "एडमिट कार्ड " लिंक पर क्लिक करें रजिस्ट्रेशन न.जन्मतिथि एवं सुरक्षा कोड एंट्र करें सबमिट पर क्लिक करें यदि आप अपना रजिस्ट्रेशन न.भूल गये हैं तो निचे लिंक सेक्शन में ही फॉरगॉट रजिस्ट्रेशन न. पर क्लिक करें Download Resonance Kota AIPMT 2016 Answer key Set W | Set X | Set Y | Set Z Download Resonance Solutions Download Akash Institute AIPMT 2016 Answer Key Download Akash Solutions Download Allen Kota Solutions
2017-05-25T05:08:11Z
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जेनाइटल हर्पीज जानकारी – लक्षण, कारण, चिकित्सा, बचाव स्वास्थ्य » जेनाइटल हर्पीज जेनाइटल हर्पीज जेनाइटल हर्पीज -जेनाइटल हर्पीज के विषय में जानकारी व लेख पढ़ें और उसके लक्षण, कारण, चिकित्सा, बचाव के बारे में www.onlymyhealth.com पर संपूर्ण जानकारी पायें|
2019-08-17T13:46:57Z
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एजाज खान ने लीक की जुबैर की फोन रिकॉर्डिंग, सलमान को धमकी दे रहा है जुबैर खान ajaz khan leak zubair khan vocie recording he warns salman khan एजाज खान ने लीक की जुबैर... एजाज खान ने लीक की जुबैर की फोन रिकॉर्डिंग, सलमान को धमकी दे रहा है जुबैर खान Written by: Jyoti Jaiswal 13 Oct 2017, 13:11:00 IST नई दिल्ली: बिग बॉस 11 का जबरदस्त आगाज हुआ, शो अपने पहले दिन से ही चर्चा में है। शो के पहले ही हफ्ते घर से बेघर होने वाले जुबैर खान ने घर से बाहर निकलते ही खूब हंगामा किया। जब तक जुबैर बिग बॉस के घर के अंदर थे लड़ाई झगड़े में उलझे रहते थे, महिलाओं के सामने अभद्र भाषा का प्रयोग भी करते थे, इस वजह से जुबैर की सपना और पुनीश से लड़ाई भी हो गई थी। इसके बाद वीकेंड में आकर सलमान ने जुबैर की खूब क्लास लगाई। सलमान ने उन्हें कुत्ता और नल्ला डॉन तक कह दिया। जिसके बाद जुबैर डिप्रेशन में आ गए और उन्होंने सुसाइड तक करने की कोशिश की। उन्हें इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसी दौरान सबसे कम वोट मिलने की वजह से जुबैर घर से बेघर हो गए। बाहर आते ही जुबैर ने खूब हंगामा मचाया। अब जुबैर की एक फोन की रिकॉर्डिंग भी लीक हुई है। इस कॉल का खुलासा एजाज खान ने किया है। एजाज ने एक वॉइस रिकॉर्डिंग जारी की है। बता दें, एजाज इससे पहले बिग बॉस के प्रतियोगी भी रह चुके हैं और जुबैर खान के निर्देशन में बनी फिल्म ‘लकीर का फकीर’ में लीड रोल में भी नजर आए थे। दरअसल जुबैर ने बिग बॉस से बाहर निकलकर कहा था वो लुक्खा (एजाज खान) मेरी फिल्म में लीड रोल में आया था, तू (सलमान खान) इतने बड़े राइटर का बेटा है और अपनी पहली फिल्म में लीड रोल में आया था। एजाज को यही बात बुरी लग गई, और उन्होंने जुबैर को आड़े हाथों ले लिया। इसके बाद एजाज ने जुबैर के खिलाफ एक वीडियो भी जारी किया, और समझाते हुए कहा- तू अच्छा डायरेक्टर है, फिल्में बनाना, सुसाइड मत कर। एजाज ने जुबैर को समझाने की भी कोशिश की और कहा- सलमान भाई से पंगा मत ले। क्योंकि जिस तूफान में लोगों के आशियाने उड़ जाते हैं, सलमान वहां अपने पैंट सुखाते हैं। एजाज से जब पूछा गया कि क्या जुबैर दाऊद इब्राहिम की वहन हसीना पारकर का दामाद है? इस पर एजाज ने कहा- मैंने खुद इसकी शादी में गाना गाया था, ऐसा कुछ नहीं है जो बताया जा रहा है। Related Tags: Zubair Khan, Ajaz Khan, Salman Khan, Bigg Boss, Colors Tv, Entertainment, TV
2017-10-16T23:53:12Z
http://www.khabarindiatv.com/amp/entertainment/bollywood-ajaz-khan-leak-zubair-khan-vocie-recording-he-warns-salman-khan-533697
टीम इंडिया का मुख्य कोच कौन होगा, जानना चाहता है हर कोई – Tarun Mitra | तरुण मित्र August 13, 2019- 11:31 AM Tarun Mitra Tags: जानना चाहता है हर कोई, टीम इंडिया का मुख्य कोच कौन होगा Previous प्रो कबड्डी लीग सीजन-7 के मुकाबले में बंगाल वॉरियर्स और तेलुगू टाइटंस का मैच 29-29 के स्कोर से रहा टाई Next जानिए, कब और कहां खेला जाएगा ICC वर्ल्ड कप 2023
2019-08-19T23:15:25Z
https://tarunmitra.in/archives/181894
बिहार प्रशासन में मुख्यमंत्री का प्रभाव खत्म. वैशाली जिले में मार डाला गया बजरंग दल कार्यकर्ता तो नवादा जिले में कब्जा कर लिया हिन्दू सम्राट का महल - Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar - January 28, 2020 राहुल पाण्डेय 1702 Views नवादा, नितीश, बजरंग दल, बिहार, वैशाली, सरकार . हत्या जिस बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार सुशासन के दावे किये जा रहे हैं उस बिहार में वर्तमान समय में जो हालत हैं उसको देख कर कम से कम किसी सुशासन के लक्षण नाम मात्र भी नही दिखाई दे रहा है. आये दिन विपक्षी पार्टियां भाजपा के साथ बिहार की बागडोर सम्भाल रहे जनता दल यूनाईटेड पर कई सवाल खड़े कर रही हैं. अगर गहनता से देखा जाय तो ये मौक़ा उन्हें खुद नीतीश कुमार का प्रशासन दे रहा है जिसके वीभत्स रूप को जिला नवादा और वैशाली में देखा जा सकता है. पहले बात नवादा जिले की तो यहाँ पर रजौली डीह गाँव में एक अतिप्राचीन धरोहर को जबरन कब्जा करने की खबर आई. लेकिन जब इस मामले की गहन पड़ताल की गई तो इस अवैध कब्जेदारी में शामिल उसी जिले के कुछ अधिकारी ही सामने आये जिनका परोक्ष संरक्षण था. गाँव के लोगों ने बार बार शिकायत की तो भी उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा और कब्जेदार को वहीँ के अधिकारी शायद ये विश्वास दिलाते रहे कि निश्चिंत रहो, वो हैं न.. कुल मिला कर कहना गलत नहीं होगा कि नवादा जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के आदेशो की सीमा समाप्त हो जाती है. ये एक प्राचीन हिन्दू सम्राट का महल था जिसके नीचे खुदाई आदि के बाद और भी पुरातात्विक चीजें मिलने की सम्भावना है लेकिन जिस प्रकार से इस जिले के अधिकारीयों ने न सिर्फ उस पर कब्जा करवाया और उन कब्जेदारों को संरक्षण दिया उसके बाद जिला नवादा की जनता की दयनीय हालात का अंदाजा स्वतः लगाया जा सकता है. यहाँ पर प्रशासनिक अधिकारी व् पुलिस बल अवैध कब्जा करने वालों के साथ व् इसका विरोध करने वालों के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं. यहाँ के कुछ अधिकारियो के जातिवादी मानसिकता से काम करने की बात भी कही जा रही है.. खास बात ये है कि ये अवैध कब्जा उस अधिकारी के संरक्षण में हुआ है जिनका नाम एक महान क्रांतिकारी के नाम पर है.. यद्दपि उनके काम निश्चित रूप से उनसे भिन्न है. दूसरा मामला बिहार के ही जिला वैशाली से है.. यहाँ पर बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई है.. अभी कुछ समय पहले बिहार सरकार हिंदूवादी नेताओं की लिस्ट बनाने के लिए चर्चा में आई थी..उस समय तमाम तरह की अटकलें लगाईं जा रही थी.. फिलहाल एक हिंदूवादी नेता की बेरहमी से हत्या के बाद बाकी तमाम हिन्दू संगठनों में आक्रोश है और सवाल उठना शुरू हो गया है कि क्या इसके बाद और भी लोग निशाने पर आयेंगे ? खबर के मुताबिक बिहार के हाजीपुर में एक हिंदूवादी नेता की गोली मार कर हत्या कर दी गई. अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के नेता नीरज कुमार की हत्या कर उनके शव को कुएं में डाल दिया गया था. बुधवार से लापता बजरंग दल के नेता का शव 24 घंटे बाद बरामद किया गया. अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के नेता नीरज कुमार बुधवार को दोपहर एक बजे से लापता थे. कुछ लोग वारदात वाली जगह पर कुएं को ढकने की कोशिश कर रहे थे. इसी बीच पुलिस के साथ अपने नेता को ढूंढ रहे संगठन के लोग पहुंच गए. मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. काफी मुश्किल से मृतक का शव कुएं से निकाला गया. ← जिस अधिकारी ने दीवार फांदकर गिरफ्तार किया था कांग्रेस नेता पी, चिदंबरम को, उसको मिला राष्ट्रपति पुरस्कार 28 जनवरी: “गरम दल” बना कर अपना बलिदान देते हुए भगत सिंह जैसे वीरों की प्रेरणा बने शेर ए हिंद “लाला लाजपतराय” जयंती → December 10, 2019 अभय प्रताप सिंह Comments Off on इस बार खुद वामपंथी नेता को उठा ले गए नक्सली.. लाल सलाम कहने वाला परिवार अब जयहिंद कहने वाले पुलिसकर्मियों की शरण में
2020-02-27T04:43:19Z
http://sudarshannews.in/headlines/another-bajrang-dal-leader-killed-in-bihar/
shibusoren father Archives - Jharkhand Khabar shibusoren father January 2, 2020 by jharkhandkhabar 1 Comment सोबरन मांझी महाजनी प्रथा के खिलाफ जलाये शिक्षा की ज्योत जगाये झारखंड में सत्ता परिवर्तन ने साबित किया कि कोई भी व्यवस्था सनातन नहीं होती। शोषित समाज अपने हक़ अधिकार के लिये उठता है और उस पर विजय पाकर ही दम लेता है। इसका जीता जागता उदाहरण झारखंड के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में […] Filed Under: Doishom Guru Shibu Soren, Jharkhand, National, News, Viral Reports Tagged With: #CM, #hemant_soren, #shibu_soren, #sobran_majhi, shibusoren father
2020-06-07T05:50:47Z
https://jharkhandkhabar.org/tag/shibusoren-father/
भारत पर भारी पड़ा मैक्सवेल, आस्ट्रेलिया ने किया क्लीन स्वीप - Republic World Home sports news Cricket News भारत पर भारी पड़ा मैक्सवेल, आस्ट्रेलिया ने किया क्लीन स्वीप pc-bcci भारत पर भारी पड़ा मैक्सवेल, आस्ट्रेलिया ने किया क्लीन स्वीप Written By Press Trust of India (भाषा) | Mumbai | Published: February 27, 2019 22:53 IST बेंगलुरू - ग्लेन मैक्सवेल ने अपने आक्रामक तेवरों का जबर्दस्त नजारा पेश करके करियर का तीसरा शतक जड़ा और विराट कोहली के आकर्षक अर्धशतक पर पानी फेरा जिससे आस्ट्रेलिया ने दूसरे और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां भारत को सात विकेट से हराकर दो मैचों की श्रृंखला में क्लीनस्वीप किया। भारत ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर चार विकेट पर 190 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में आस्ट्रेलिया ने 19.4 ओवर में तीन विकेट पर 194 रन बनाकर कोहली का घरेलू सरजमीं पर सभी प्रारूपों की श्रृंखलाओं में अजेय रहने के रिकार्ड पर विराम लगाया। कोहली की कप्तानी में भारत ने सभी प्रारूपों में पिछली 15 श्रृंखलाओं में से 14 में जीत दर्ज की थी जबकि एक ड्रा रही थी। केएल राहुल (26 गेंदों पर 47) से मिली अच्छी शुरुआत को कोहली और धोनी ने बखूबी आगे बढ़ाया। कोहली ने 38 गेंदों पर दो चौकों और छह छक्कों की मदद से नाबाद 72 रन बनाये जबकि धोनी की 23 गेंद पर खेली गयी 40 रन की पारी में तीन चौके और तीन छक्के शामिल हैं। राहुल ने अपनी पारी में तीन चौके और चार छक्के लगाये थे। कोहली और धोनी ने चौथे विकेट के लिये 100 रन जोड़े। मैक्सवेल ने उनके प्रयासों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पिछले मैच में अर्धशतक जड़ने वाले इस बल्लेबाज ने 55 गेंदों पर नाबाद 113 रन बनाये जिसमें सात चौके और नौ छक्के शामिल हैं। उन्होंने डी आर्शी शार्ट (28 गेंद पर 40) के साथ तीसरे विकेट के लिये 73 और पीटर हैंड्सकांब के साथ चौथे विकेट के लिये 99 रन की अटूट साझेदारी की। इसमें हैंडसकांब का योगदान नाबाद 20 रन था। भारत को सिद्धार्थ कौल की अनुभवहीनता महंगी पड़ी जिन्होंने डेथ ओवरों में मैक्सवेल को फुलटास गेंदें करके रन लुटाये। जसप्रीत बुमराह प्रभावी रहे लेकिन भारत को लगातार दूसरे मैच में डेथ ओवरों में उनके अदद साथी की कमी खली। आस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही और एक समय उसका स्कोर दो विकेट पर 22 रन था। कोहली ने विजय शंकर (38 रन देकर दो विकेट) से गेंदबाजी का आगाज कराया और अगले ओवर में उनके स्थान पर कौल को गेंद सौंपी जिन्होंने मार्कस स्टोइनिस (सात) की गिल्लियां बिखेरी। शंकर छोर बदलकर गेंदबाजी करने आये और कप्तान आरोन फिंच (आठ) को आउट करने में सफल रहे। शार्ट और मैक्सवेल ने टीम को इन झटकों से उबारा। मैक्सवेल ने बुमराह पर छक्का जड़कर शुरुआत की। शार्ट ने इस बीच उनके सहयोगी की भूमिका बखूबी निभायी। शंकर ने अपने आखिरी ओवर में शार्ट को कवर पर कैच कराकर यह साझेदारी तोड़ी। मैक्सवेल भारत की तरफ से लगे छक्कों का अकेले जवाब देने के मूड में दिख रहे थे। उन्होंने कृणाल पंड्या पर लांग आफ क्षेत्र में लंबा छक्का जड़ने के बाद अगले ओवर में युजवेंद्र चहल की दो गेंदों को छह रन के लिये भेजा। आस्ट्रेलिया को जब चार ओवर में 44 रन की दरकार थी तब भारत का दारोमदार डेथ ओवरों के विशेषज्ञ बुमराह पर टिका था। मैक्सवेल ने उन पर दो चौके लगाये और फिर अगले ओवर में कौल की अनुभवहीनता का फायदा उठाकर दो छक्कों की मदद से 18 रन बटोरे। बुमराह ने 19वें ओवर में पांच रन दिये लेकिन कौल अंतिम ओवर में नौ रन का बचाव नहीं कर पाये। इससे पहले राहुल ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलायी लेकिन रोहित शर्मा की जगह टीम में लिये गये शिखर धवन शुरू से रन बनाने के लिये जूझते रहे। अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे राहुल ने जॉय रिचर्डसन पर लगातार दो छक्के जड़ने के बाद अगले ओवर में पैट कमिन्स को भी यही सबक सिखाया लेकिन नाथन कूल्टर नाइल की धीमी गेंद को थर्ड मैन पर खेलने के प्रयास में उन्होंने रिचर्डसन को आसान कैच थमाया और इस तरह से अर्धशतक से चूक गये। धवन 24 गेंदों पर 14 रन बनाकर पवेलियन लौटे हालांकि उनका आउट होना विवादास्पद रहा क्योंकि रीप्ले से भी लग रहा था कि स्टोइनिस के कैच लेने से पहले गेंद ने जमीन स्पर्श की थी। तीसरा अंपायर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने बल्लेबाज को आउट दिया। जैसन बेहरनडॉर्फ ने ऋषभ पंत (छह गेंद पर एक रन) का सीमा रेखा पर बेहतरीन कैच लपककर इस युवा बल्लेबाज को आते ही पवेलियन की राह दिखायी। धोनी को पिछले मैच में धीमी बल्लेबाजी के कारण आलोचना झेलनी पड़ी थी और आज उन्होंने शुरू से आक्रामक तेवर दिखाये। शार्ट पर मिडविकेट पर लगाया गया उनका छक्का इसका सबूत था, लेकिन वह कोहली थे जो आईपीएल के अपने घरेलू मैदान पर छक्कों की बरसात करके लाये। कोहली ने रिचर्डसन की गेंद लांग आफ पर छक्के के लिये भेजकर शुरुआत की तथा कूल्टर नाइल के अगले ओवर में मिडविकेट, एक्स्ट्रा कवर और स्क्वायर लेग पर लगातार तीन छक्के लगाये। धोनी और कोहली ने इससे टी20 अंतरराष्ट्रीय में अपने छक्कों की संख्या 50 के पार पहुंचायी। कोहली ने 29 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। धोनी तो मूड में थे ही। शार्ट जब दूसरा स्पैल करने के लिये आये तो उन्होंने इस चाइनामैन स्पिनर पर लांग आन और मिडविकेट पर दो गगनदायी छक्के और एक चौका लगाया। उन्होंने अंतिम ओवर में हवा में लहराता कैच थमाया लेकिन तब तक वह अपना काम कर चुके थे। कोहली ने छक्के से पारी का अंत किया जबकि दिनेश कार्तिक आठ रन बनाकर नाबाद रहे। अब इन दोनों टीमों के बीच पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला खेली जाएगी। विराट कोहली की World Cup 2019 में होगी असल परीक्षा, इन चुनौतियों से टकराना होगा! बीसीसीआई के कारण बताओ नोटिस पर 24 घंटे के अंदर आया हार्दिक पंड्या का ये जवाब... Ind vs Nz मैंच में अगर नहीं हुए पूरे 50 ओवर, तो भारत को मिल सकता है इतने रन का टारगेट भारत ने आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर रचा इतिहास , पहली बार 2-1 से जीती टेस्ट सीरीज
2019-11-21T00:44:02Z
https://bharat.republicworld.com/sports-news/cricket-news/glenn-maxwell-hits-century-as-australia-sweep-series-vs-india
अभी इश्क ने हार मानी नहीं, अभी इश्क को आजमाना न छोड़.. मेरी बातें कही-अनकही ठण्ड और कोहरे से लिपटी दिल्ली की सड़कों पर जैसे जैसे टैक्सी आगे बढ़ रही थी मुझे वो तमाम दिन दिल्ली के याद आ रहे थे जो तुम्हारे साथ इस शहर में बीते थे. नयी दिल्ली स्टेशन से घर जाने का रास्ता उन्हीं सब जगहों से होकर जाता था जहाँ कभी तुम्हारे साथ पूरी शाम घूमता था. कनौट प्लेस, मंडी हाउस, इंडिया गेट, पुराना किला, हुमाऊं का मकबड़ा, महरानी बाग़ और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जहाँ तुम रहा करती थी. जिस भी रास्ते से टैक्सी गुज़र रही थी, हर कोने पर तुम्हारी यादें टंगी दिख रही थी. फिर वो मंडी हाउस की सड़कों पर तुम्हारा मेरा घंटों पैदल चलना हो या तुम्हारा वहाँ के थिएटरों में हर शाम कोई प्ले देखना..इसलिए नहीं कि तुम्हें प्यार था प्ले से. बल्कि इसलिए कि जाने किन कारणों से तुम्हें हमारा एक साथ प्ले देखना रोमांटिक लगता था. इंडिया गेट के पास घास पर तुम्हारा नंगे पावँ चलना हो, या पुराने किले के गेट के पास खड़े होकर तुम्हारा ये कहना कि मैं वापस जरूर आउंगी...सुबह के कोहरे में मुझे तुम्हारी इन स्मृतियों के सिवा कुछ और दिख नहीं रहा था. शाम में तुम्हारे पसंदीदा कैफे में जाना भी प्री-प्लांड नहीं था. नए घर में पहुँचते ही मैं सामान अनपैक करने लगा था. वैसे तो ज्यादा सामान नहीं थे मेरे पास लेकिन कुछ कीमती कार्टन थे जिसमें मेरी किताबें, फिल्मों और गानों के सीडी और मेरी ज़िन्दगी के सबसे खूबसूरत पलों के गवाह रहे तुम्हारे दिए तोहफे थे. किताबों का वो कॉर्टन खोल कर उन्हें अलमारी पर रख ही रहा था कि एक किताब हाथ से छूट नीचे गिर पड़ी. अपने आप कुछ पन्ने खुल गए. किताब उठाने बढ़ा हाथ और मेरी नज़रें, दोनो उस खुले पन्ने पर कुछ पल को ठहर गई. सामने ही एक दाग़ था, किताब के पूरे पन्ने पर पसरा बड़ा और गहरा सा दाग. पन्ने पर कुछ लिखा था. – “जो दाग मैंने तुमको दिया, इस दाग से किताब का चेहरा खिला, रखना इसे तुम निशानी बनाकर, पन्ने पर इसको हमेशा सजाकर..ओ प्रीतम बिन तेरे मेरे औ’ इस दाग के सिवा, इस जीवन में कुछ भी नहीं..कुछ भी नहीं..” पहले तो मुझे कुछ समझ ही नहीं आया, ये दाग कैसा और ये क्या लिखा है पन्ने पर? लेकिन दूसरे ही पल सब याद आ गया. तुम्हारी शरारत थी ये. किताब के पन्ने पर ये दाग तुम्हारी वजह से ही लगा था और फिर दाग लग जाने के बाद तुमनें पन्ने पर एक गाने को तोड़ मरोड़ कर लिख दिया था. सोच भी नहीं सकती तुम इसे पढ़ते ही अकेले कमरे में कितने ज़ोरों से हँस पड़ा था मैं. याद है तुम्हें तुम्हारी ये शरारत? क्या हाल किया था मेरे निर्मल वर्मा के उपन्यास “वे दिन” का तुमने? ये याद है न तुम्हें? तुम हमेशा हैरान होती थी न इस बात से कि मैं हमेशा इस किताब को क्यों पढ़ते रहता हूँ..मुझसे हर बार पूछा करती, “आखिर है क्या इस किताब में जो तुम इससे इतने अब्सेस्ट हो?” और मैं तुम्हें हर बार यही जवाब देता था – “पढ़ो और घुमो उस लड़के जिसे उसके दोस्त प्यार से इंडी बुलाते थे और रायना रैमन के साथ प्राग की गलियों में, तब समझोगी तुम कि क्या है इस किताब में...जादू है ये किताब.”. तुम लेकिन कभी इस किताब के तरफ ज्यादा आकर्षित हो ही नहीं सकी थी, फिर भी मैं दिल से चाहता था कि तुम ये किताब जरूर पढ़ो. मेरी तरह अब्सेस्ट भले न हो लेकिन एक बार तो जरूर पढ़ो और महूसस करो वो जो मैं किताब पढ़ते हुए महसूस करता हूँ. उस शाम जब हम दोनों कैफे में बैठे हुए थे, इसी किताब पर बातें हो रही थी. मैं तुम्हें किताब के कुछ अंश पढ़ के सुना रहा था. तुम भी दिल से सुन रही थी. जाने अचानक तुम्हें क्या हुआ, प्रभावित हुई किताब के अंश से या जाने क्या ख्याल आया तुम्हारे मन में. मेरे हाथों से किताब तुमनें छीन लिया था, और कहा “मैं भी तो देखूँ पढ़कर वे दिन कैसे थे, कौन है ये रायना रायना रैमन और इंडी”. किताब के कुछ पन्नों पर तुमनें नज़र डाली थी और फिर जाने क्यों एक पन्ने पर आकर तुम अटक सी गयी. काफी देर तक तुम्हारी नज़रें उसी पन्ने पर जमी थीं. मैंने कनखियों से देखा था तुम्हें ये जानने के लिए तुम पढ़ क्या रही हो. वैसे उस पन्ने पर ऐसा बहुत कुछ था जहाँ तुम अटक सकती थी लेकिन मेरे लिए ये अंदाज़ा लगा पाना काफी कठिन था कि तुम असल में अटकी कहाँ हो? ये भी हो सकता था कि तुम्हें कोई भाग, कोई बात उस पन्ने पर ऐसी लग गयी हो जो तुम्हें काफी भा गयी हो. ऐसे में तुम अक्सर उन पक्तियों को दोबारा..तिबारा..चौबारा..तब तक पढ़ती रहती थी जब तक तुम्हारा मन न भर जाए और उसके बाद ही तुम आगे बढ़ती थी. अक्सर कहा करती थी तुम कि “किताब पढ़ो तो धीरे-धीरे, पूरा जायका लेकर पढ़ो. मिठाई की तरह होती हैं कुछ बातें किताबों में..तुम धीरे धीरे पढ़ना चाहते हो ताकि ये जल्दी खत्म न हो जाए.” इसके अलावा एक और वजह हो सकती थी तुम्हारे अटके रहने की. तुम अक्सर शब्दों में खो जाती थी. शब्दों को समझने में नहीं बल्कि शब्दों को देखने में, उनसे जान पहचान करने में और फिर उनसे दोस्ती करने में. ये भी तुम्हारे उन सारे लॉजिक में से एक था जो मुझे कभी समझ नहीं आया था. तुम अक्सर कहती थी मुझसे “देखो..ऐसा है कि तुम ‘आम लोगों’ के जैसे मैं तो हूँ नहीं, तुम सब से अलग, बहुत ख़ास हूँ मैं. मैं पहले शब्दों को देखती हूँ...अगर मुझे उनसें पोजिटिव वाइब्स मिलते हैं तो फिर मैं दोस्ती कर लेती हूँ, बातें करती हूँ उनसे.. उसके बाद आगे का पढ़ना तय होता है मेरा..” पोजिटिव वाइब्स..? शब्दों से दोस्ती..? ये सब तुम्हारी बातें किसी भी नार्मल इंसान के समझ से बाहर की बातें थीं. मुझे कहाँ से समझ में आती? तुम फिर अपने ट्रेडमार्क तरीके से मुझे और समझाने लगती... “देखो बात ऐसी है, कि तुम्हारे और मेरे में बहुत से बेसिक डिफरन्सेस हैं. तुम बाकी लोगों की तरह इस दुनिया के बेहद साधारण से प्राणी हो लेकिन मैं तो इस दुनिया की हूँ ही नहीं, किसी और दुनिया से आई हूँ मैं. तुम्हारे और मेरे अब्ज़र्व करने के तरीके भी अलग हैं. आब्वीअस्ली मेरी बातें तुम्हारे समझ से बाहर होंगीं.. फिर भी समझाती हूँ – देखो, तुम्हें पता है, तुम किताब में शब्दों को पढ़ते हो, समझते हो, महसूस भी करते हो. लेकिन मैं..मैं किताब में शब्दों को देखती हूँ, फिर उनसे दोस्ती कर लेती हूँ, फिर पढ़ती हूँ, समझती हूँ और महसूस करती हूँ.दोस्ती करना बहुत जरूरी है शब्दों से. बिना इसके कोई काम पूरा नहीं हो सकता..सब कुछ आधा अधुरा सा रहता है. So you see, I am complete reader. तुम सब से कहीं ज्यादा कम्प्लीट और डेडीकेटेड रीडर हूँ मैं..." इस बार भी शायद इस किताब में तुम ऐसा ही कुछ कर रही थी. मशगुल थी किताब पढ़ने में पूरी तरह से तुम और मैं.. मैं तुम्हारी उन पुरानी बातों को तुम्हारे सामने बैठा याद कर रहा था. काफी देर तक जब तुम्हारे तरफ से मुझे कोई जवाब नहीं मिला तो मैंने टोका तुम्हें, “पसंद आ रही है किताब तुम्हें? कैसी लगी?”. तुम बिलकुल चौंक सी गयी थी मेरे पूछने पर. तुम्हारे एक हाथ में किताब थी और एक हाथ में “स्पगेटी”. मेरे बोलने से तुम अचानक हड्बडा सी गयी थी और अचानक तुम्हारे हाथों से वो स्पगेटी का बाईट नीचे किताब पर गिर पड़ा था. मैं जब तक कुछ बोलता तुम्हें, तुम चिल्ला पड़ी थी... “ओह सॉरी सॉरी...सब इस उल्लू के वजह से हुआ है. मैंने जान बुझकर कुछ भी नहीं किया है..”. जानती हो, शुरू में तो मुझे लगा था कि तुम मुझसे सॉरी बोल रही हो. मैं लगभग बोलना ही वाला था कि “कोई बात नहीं..ये सब होते रहता है..” तुमनें तुरंत मेरी गलतफहमी दूर गयी थी.. “ओ साहब..मैं आपको सॉरी नहीं बोल रही हूँ बल्कि आप पर ही गुस्सा हूँ मैं. नुकसान कर दिया मेरे एक बाईट का और ‘स्पगेटी’ को भी नीचे गिरा दिया. बेचारा स्पेगेटी......मेरे मुहँ तक आया भी नहीं था कि टेबल पर दम तोड़ दिया इसने..” मैंने पूरे हैरत भरे नज़रों से तुम्हें देख रहा था. कमाल की लड़की है ये...एक तो किताब पर पूरा स्पेगेटी गिरा दिया और अब बातें बना रही है ये लड़की. थोड़ा नकली गुस्सा दिखाने की मैंने कोशिश की और डांटा तुम्हें - “जानती भी हो कितना सम्हाल के रखता हूँ मैं ये किताब...और देखो क्या कर दिया तुमनें इसका..अब क्या करूँ इसका? बोलो? ” मुझे लगा था तुम थोड़ा गिल्ट फील करोगी लेकिन तुमनें तो उल्टा ताव दिखाते कहा – “अब क्या करूँ से तुम्हारा मतलब क्या है? दिमाग जो थोड़ा सा इधर उधर कोने में बचा हुआ है उसका इस्तेमाल करो. किताब लो, सामने वाशरूम है.. जाओ..जाकर धो लो किताब को?” सच कहूँ? बड़ी जोरों की हँसी आई थी मुझे. लेकिन जैसे तैसे खुद को सम्हालते हुए फिर से गुस्से में मैंने पूछा तुमसे – “किताब को धो दूँ? दिमाग तो सही है न तुम्हारा?” इस बार भी तुम उसी तरह ताव दिखाते, थोड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहने लगी - “तुम्हें आखिर इंजिनियर बना किसने दिया? हाथ तुम्हारे गंदे हो जाते हैं तो धोते हो न हाथों को? तो किताब अगर गंदे हो जायेंगे तो धोयोगे नहीं क्या तुम किताब को? मतलब इतने आसन सवालों को भी सोल्व नहीं कर सकते तो बड़े बड़े इंजीनियरिंग प्रोब्लम को कैसे सोल्व कर सकोगे तुम? मेन्टेन सम स्टैण्डर्ड... जाओ अब किताब को धो कर लाओ वरना मैं धो लेती हूँ.” मैं अब ज्यादा देर तक अपने चेहरे पर नकली गुस्सा नहीं रख पाया था और जोरों से हँस पड़ा था तुम्हारी इस बेवकूफीपने पर.. प्यार भी आने लगा था तुम्हारी इन मासूम सी नादान सी बातों पर. हाँ किताब को तुमनें बर्बाद कर दिया था, लेकिन उसका ज्यादा गम नहीं था. वैसे भी तुम्हारे सामने इस बात का गम करना या गुस्सा दिखाना मैं अफोर्ड भी नहीं कर सकता था. याद है उस दिन भी तुमनें अपनी गलती नहीं मानी थी और अंत तक अपनी ही बात पर डटी रही कि तुम्हारी कोइ गलती नहीं थी, वो तो मेरी गलती की वजह से किताब पर स्पेगेटी गिरा था. अंत में किताब पर से वो स्पेगेटी भी मैंने ही साफ़ किया था और तुम्हारे मुताबिक़ जो मैंने “घोर अपराध” किया था उस शाम, उसकी सजा भी तुमनें उसी शाम मुझे दे दी थी..... मेरे जेब से मेरा वालेट निकाल लिया था तुमनें और कहा था, “चलो.. देखते हैं आज तुम्हारे वालेट में कितने पैसे बचते हैं...” . आज किताब का वही पन्ना सामनें खुला है, वही शब्द किताब से झाँक रहे हैं जहाँ तुम्हारी नज़रें अटकी थीं और जिसके ऊपर तुमनें एक गाने के कुछ लाइन तोड़ मरोड़ कर लिख दिए थे इस उद्देश्य के साथ कि किताब का ये दाग मुझे हमेशा तुम्हारी याद दिलाता रहेगा - हवा से उसका स्कार्फ बार बार फडफडा जाता था.उसके बाहर कुछ भूरी लटें माथे पर छितर आयीं थीं-धुप में चमकती हुईं."पास आ जाओ, वरना तुम हवा में उड़ जाओगी."मैंने हँसते हुए कहा.वह बिलकुल मुझसे सट गई.मुझे लगा वह ठिठुर रही है.मैंने अपना मफलर उतारकर उसके गले में लपेट दिया.उसने कुछ कहने के लिए मुहँ उठाया.उसे मालुम नहीं था, मेरा चेहरा उसके सिर पर है..तब अचानक मेरे होंठ उसके मुहं पर घिसटते गए...फिर वे ठहर गए, कनपटियों के नीचे कुछ भूरे बालों पर...."सुनो"...उसने कहा.किन्तु इस बार मैंने कुछ नहीं सुना.मेरे होंठ इस बार उसके मुहं पर आए आधे वाक्य पर जम गए.उसका उठा मुहँ निर्वाक-सा उठा रहा.कुछ देर तक मैं साँस नहीं ले सका.हवा बहुत थी, लेकिन हम उसके नीचे थे.हम बार बार साँस लेने के लिए ऊपर आते थे...हाँफते हुए एक दुसरे की और देखते थे...दीखता कुछ भी न था-अधखुले होंठ, ओवरकोट के कॉलर का एक हिस्सा, हम दोनों पर फडफडाता हुआ बेचैन सा स्कार्फ.... बातें बाकी.. वे दिन, स्पेगेटी और वो दाग - [ दिल्ली डायरीज ] Sunday, February 21, 2016 काफी सालों बाद इस शहर में आ रहा हूँ. वैसे ज्यादा साल तो नहीं हुए, बस तीन चार साल ही तो हुए हैं अभी लेकिन ऐसा लगता है जैसे जाने कितना अरसा बीत गया हो. तुम जब तक इस शहर में रही मुझे हमेशा बुलाती रही. कितनी बार रूठी भी मुझसे. गुस्से में लड़ बैठती थी…“तुम्हें अपने शहर से ऐसा क्या लगाव है कि तुम मेरे लिए भी उसे छोड़ नहीं सकते?” और मैं अक्सर तुम्हें ये कहकर बहलाने की कोशिश करता कि बस तीन चार महीने की बात है, फिर हम और तुम एक ही शहर में रहेंगे.” तुमने लेकिन कभी मेरी इस बात का भरोसा नहीं किया. जवाब में कहती थी “यहाँ से हमेशा के लिए चली जाऊँगी तब आना तुम इस शहर में.” देखो नियति का खेल...हुआ भी तो कुछ ऐसा ही न. तुम्हें इस शहर से गए अभी दो महीने ही तो हुए थे कि मेरा तबादला यहाँ हो गया. दिल्ली में तुम अब नहीं हो, और शायद मेरी ज़िन्दगी में भी. सोचा तो था कि कम से कम इस शहर में तो रहने नहीं आऊंगा. तुम्हारे जाने के बाद शहर के हर कोने से तुम्हारी आवाजें सुनाई देंगी मुझे. आसान नहीं होगा यहाँ के उन्हीं सड़कों पर घूमना जहाँ कभी हम तुम साथ घूमते थे. लेकिन दिल्ली आने का फैसला लेना मेरी मजबूरी थी. होता है न कि कभी कभी आपके पास कोई रास्ता नहीं होता, सिवाए उसके जो सामने हो और हमें ना चाहते हुए भी उसी रास्ते को चुनना पड़ता है. कुछ ऐसा ही हुआ दिल्ली शिफ्ट होने का फैसला लेने में भी. अब सोचता हूँ तो लगता है सच में मुझे बहुत पहले ही दिल्ली आ जाना चाहिए था. शायद कुछ और हो सकता था.. शायद जो हुआ उसे बदला जा सकता था.. आज भी जैसे मुझे तीन साल पहले का वो वक्त अच्छे से याद है जब आखिरी बार इस शहर में आया था मैं. तुम भी थी मेरे साथ. तुम एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में मेरे शहर आई थी और फिर मुझे बिना बताये ही तुमने अपने साथ साथ मेरा भी दिल्ली तक का टिकट बुक करवा लिया था. याद है न तुम्हें? कितनी जिद्दी थी तुम. एकदम इम्पल्सिव. “ये चाहिए तो चाहिए.. तुम्हें चलना है मेरे साथ तो चलना है.” इसके आगे कुछ सूझता भी कहाँ था तुम्हें? कितने हथकंडे अपनाये थे तुमने मुझे अपने साथ दिल्ली लाने के लिए. मेरे ऑफिस में धरने पर बैठ गयी थी कि तुम्हें तो दिल्ली अपने साथ ले जाऊँगी. ब्लैकमेल करना भी तो खूब आता था तुम्हें. कभी खाना पीना छोड़ने की धमकी देती तो कभी मुझसे ज़िन्दगी भर बात न करने की धमकी देती. वैसे इन दोनों बातों में से तुम कर तो कुछ भी नहीं पाती ये मैं अच्छे से जानता था फिर भी तुम्हारी बात मान कर दिल्ली आने के लिए राजी हो गया था. तुम लेकिन मुझे इतने आसानी से कहाँ छोड़ने वाली थी. याद है न पूरे सफ़र के दौरान तुम कैसे चिढ़ाती आई थी मुझे.. “तुम्हें किडनैप कर के दिल्ली ले जा रही हूँ. अब तुम्हें वापस तुम्हारे शहर मैं जाने नहीं दूँगी”. रास्ते भर मुझे बेवकूफ बनाते, मुझे डराते और मुझसे लड़ते आई थी तुम. तुम जानती थी न कि कैसे मैं तुम्हारी झूठी मुठी नाराजगी से डर जाया करता था. तुम बस इसका फायदा उठाया करती थी. याद है कैसे ट्रेन में तुम नाराज़ हो गयी थी. मैंने ज़रा चाँद की तारीफ़ क्या कर दी थी तुम तो एकदम रूठ गयी थी. हुआ कुछ यूँ था कि रात में बातें करते हुए तुम थक गयी थी और आँखें बंद कर के तुम लेट गयी थी. मेरे हाथ में मेरे प्रिय शायर की किताब थी. ट्रेन की खिड़की के बाहर आसमान में चाँद नज़र आ रहा था. मैंने तुम्हें धीरे से कहा, देखो कितना खूबसूरत लग रहा है वो चाँद. एक शेर सुनाता हूँ उस चाँद के ऊपर. शेर तो तुमने सुन लिया और तारीफ़ भी कर दिया तुमने. लेकिन उसके बाद? उसके बाद कैसे गुस्सा हो गयी थी तुम. उलाहना भरे अन्दाज़ मे तुमनें शिकायत की थी.. “हाँ बस आसमान में लटके उस चाँद की ही तारीफ़ करते रहो तुम..इस अपने इस चाँद को तो देखो भी न जो तुम्हारे सामने है.” मैं तो एकदम जैसे निरुत्तर सा हो गया था. “अरेssरेss....मैं तो...” ही मेरे मुहँ से बस निकल पाया था. सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी थी मेरी. मैं जान रहा था कि ये तुम्हारी एक नयी बदमाशी है लेकिन फिर भी मैं बेतरह डर गया था. वो तो कहो कि अच्छा हुआ एक शेर उसी वक़्त याद आ गया था मुझे... “तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है / तेरे आगे चाँद पुराना लगता है”. थोड़ी खुश हो गयी थी तुम ये शेर सुनते ही. लेकिन हाथ आये इस मौके को इतने आसानी से कैसे जाने देती तुम. उस शेर के अलावा पूरी ग़ज़ल सुनी थी तुमने मुझसे और फिर जाकर कहा था, “चलो अभी के लिए माफ़ करती हूँ लेकिन मेरे बजाये उस चाँद की तारीफ़ करने का जो गुनाह तुमनें किया है न उसकी सजा तुम्हें दिल्ली में मिलेगी...दिल्ली में.”. ऐसी ही थी तुम. मुझे ना तो कभी ये पता लग पाता था कि किस बात पर तुम गुस्सा हो और न ये कि तुम्हारा गुस्सा कब झूठा मुठा है और कब सच में गुस्सा हो गयी तुम. तुम तो इस बात पर भी गुस्सा हो जाती थी कि रेलवे डिपार्टमेंट ने ट्रेन में साइड-लोअर बर्थ क्यों नहीं अलोट किया तुम्हें? जब कभी तुम्हारे कहने पर मैंने तुम्हारा टिकट बुक करवाया है और अगर गलती से भी साइड लोअर बर्थ की जगह कोई दूसरी बर्थ तुम्हें अलोट हो जाती कभी, तब तो मेरी शामत आ जाती थी. बताओ ज़रा, रेलवे डिपार्टमेंट की गलती की सजा भी तुम मुझे ही देती थी. वैसे तुम अब्सेस्ट थी साइड लोअर बर्थ के लिए. साइड लोअर बर्थ ट्रेन के डब्बे के तुम्हें इतने पसंद थे कि तुम कहा करती “यार कोई ऐसा सिस्टम नहीं है कि मैं हर ट्रेन में ये साइड लोअर बर्थ अपने नाम से बुक करवा लूं ज़िन्दगी भर के लिए? रेलवे डिपार्टमेंट उस बर्थ पर रिजर्व का बोर्ड लगा दे मेरे नाम से. मैं जब भी आऊं, मेरे लिए ये बर्थ खाली रहे.कोई और न बैठे.” मेरी जान खा जाती थी तुम इस बात पर. मुझसे कहती “जाओ जाकर पता लगाओ ऐसा कोई सिस्टम है या नहीं.” मैं बात टालने की कोशिश करता तो तुम फिर मुझे ताने सुनाने लगती.. “शाहजहाँ ने मुमताज के लिए ताजमहज बनवा दिया और तुम मेरे लिए ये एक छोटा सा काम नहीं कर सकते? और बातें करते हो ज़िन्दगी भर मेरी ख्वाहिशों को पूरा करने की? डोंट टॉक टू मी..” और तुम फिर गुस्सा हो जाती. सच में पागल थी तुम! तुम्हारी उन बातों को और उस ट्रेन के सफ़र के छत्तीस घंटों को याद करते हुए इस बार के पैतालीस घंटे कैसे बीत गए पता भी नहीं चला. रात में पहुँचने वाली ट्रेन सुबह छः बजे दिल्ली पहुँची थी. पूरे नौ घंटे की देरी से. मैं जानता हूँ अगर ये बात भी तुम्हें बताऊंगा तो तुम खूब हंसोगी. मेरा मजाक भी उड़ा दोगी. जाने कहाँ से तुम्हें वो लॉजिक सुझा था. मैंने जब भी ट्रेन का सफ़र अकेले किया है हमेशा ट्रेन देर से ही रही है..आज तक ऐसा नहीं हुआ कि किसी भी ट्रेन ने मुझे एकदम सही वक़्त पर पहुँचा दिया हो. यहाँ तक कि राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेन भी नहीं. लेकिन जब कभी तुम्हारे साथ मैं आया हूँ तो ट्रेन हमेशा राईट टाइम पर.. राईट टाइम भी ऐसी वैसी नहीं, अगर चार पचपन ट्रेन का वक़्त है तो इधर घड़ी की सुई चार पचपन पर गयी और उधर ट्रेन प्लेटफोर्म पर लगी. ये सच में कमाल का इत्तेफाक था. इत्तेफाक नहीं बल्कि चमत्कार था. मुझे कभी समझ नहीं आया इसके पीछे का लॉजिक. लेकिन तुम तो तुम थी. इसमें भी तुमने एक लॉजिक ढूँढ निकाला था. कहती थी मुझसे “तुम थोड़े खडूस टाइप हो न, एकदम सीरियस और नॉन रोमांटिक. देखो इसलिए ट्रेन तुम्हारे अकेले रहने पर देर करती है” और मैं इस दुनिया की सबसे प्यारी, रोमांटिक, सेंसिबल और इमोशनल लड़की हूँ न. मेरे साथ जब भी आये हो कभी ट्रेन ने देर की? नहीं न? फिर...? मैं जवाब भी क्या देता तुम्हारी इन बातों का. सच कहूँ तो अक्सर तुम्हारी इन बेवकूफी भरी बातों को मैं एन्जॉय करना चाहता था, इसलिए अक्सर मैं कुछ नहीं कहता तुम्हारे अजीबोगरीब लॉजिक पर. पैतालीस घंटे के ट्रेन के सफ़र ने वैसे ही बैंड बजा दिया था मेरा और ट्रेन से उतरने के बाद ठण्ड ने हालत ख़राब कर दी थी मेरी. जब तक ट्रेन पर था ठंड का पता नहीं चल पाया था, लेकिन टैक्सी पर बैठते ही ठण्ड ने जैसे चारों ओर से जकड़ लिया था. दो स्वेटर और एक जैकेट के बाद भी मैं ठिठुर रहा था. मौसम भी तुम्हारे पसंद का था. सुबह का वक़्त, घना कोहरा और ठिठुरने वाली सर्द हवा. जैसे जैसे टैक्सी कैनौट प्लेस के आउटर सर्कल से गुज़र रही थी, मुझे याद आ रही थी वो आखिरी शाम जब हम कैनौट प्लेस में घूम रहे थे. सीपी के एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक और फिर तीसरे...जाने कितनी बार हमनें चक्कर लगा लिया था कनौट प्लेस का. ना तुम थक रही थी ना मैं. चलते हुए हम कितनी बातें कर रहे थे. मैं तुम्हें पुराने किस्से सुना रहा था. बहुत पहले के किस्से, बारह साल पहले जब हम और तुम मिले थे तब की बातें.. तुम्हें हमेशा लगता था कि ये असंभव है. सब कुछ ऐसे याद रखना जैसे मैं याद रखता हूँ, हर एक मोमेंट, जो जब हुआ था...जैसे हुआ था. उन सभी बातों को मैं कैसे याद रख लेता हूँ तुम हमेशा हैरान होती थी. तुम कहती थी अगर मैं तुम्हें नहीं जानती तो कभी इस बात पर यकीन नहीं कर सकती थी कि किसी को इतनी बातें इतनी यादें इतने डिटेलिंग के साथ याद रह सकती हैं. मेरे लिए लेकिन तुम्हारी बातों को याद रखना बड़ा ही सहज रहा है हमेशा से. कभी कोई एफर्ट नहीं लगाना पड़ा मुझे. कभी ये भी खुद से नहीं कहना पड़ा कि हाँ ये बातें तुम्हारी मुझे याद रखनी है, या इसे नहीं भूलूँगा कभी. बस ऐसे होते गया कि तुमसे जुड़ी छोटी से छोटी बात भी याद रहते गयी मुझे. तीन साल पहले की भी सभी बातें मुझे ठीक वैसे ही याद है जैसे हुई थी, उसी क्रम में. तुम्हारा मेरा कनौट प्लेस में घूमना, सेन्ट्रल पार्क में लकड़ी के बेंच पर एक दूसरे के कंधे पर सर टिकाये बैठे रहना और डूबते हुए सूरज को देखकर तुम्हारा कहना... "दिन ख़त्म हो गया, डूब गया सूरज...." और फिर मेरा तुम्हारे हाथों को अपने हाथों में लेकर कहना "कल फिर से नयी उम्मीद लिए नयी सुबह आएगी... और वो सुबह हमारी होगी." तुमनें बड़ी विश्वास भरी नज़रों से मुझे देखा था, और कहा था कि मुझे तुमपर यकीन है..तुम कभी मुझे खुद से दूर नहीं जाने दोगे..और मैंने भी तुमसे वादा किया था..कभी दूर नहीं जाने दूंगा तुम्हें. . टैक्सी पर बैठे और भी कुछ याद आने लगता है, उसी शाम की तुम्हारी और मेरी कुछ और बातें.. लेकिन मैं अब ज्यादा बातें याद करना नहीं चाहता. बस आँख बंद कर के टैक्सी के शीशे से सर टिकाये बाहर देख रहा हूँ.. कनौट प्लेस कब का गुज़र चूका है...टैक्सी के स्टीरियो पर एक खूबसूरत गाना बज रहा है, वही गाना जिसे हम दोनों ने उस आखिरी शाम सुना था वाकमैन पर, और तुमसे मैंने कहा था..डोंट वरी, ऐसे इमोशनल गाने सुनकर मैं सड़कों पर तुम्हारी यादों में इधर उधर फिरता रहूँ, ऐसा वक़्त नहीं आने दूँगा. आँखों में बसी हो पर दूर हो कहीं... बातें बाकी... आँखों में बसी हो पर दूर हो कहीं.. [दिल्ली डायरीज ] Thursday, December 24, 2015 पहले की कड़ियाँ भाग एक, भाग दो शाम गहराने लगी थी.. दोनों टेरेस से नीचे उतर आये थे. बारिश अब जोरदार होने लगी थी. लड़की का मन तो बिलकुल नहीं था वापस आने का लेकिन दोनों को नीचे आना पड़ा. दोनों को प्लेटफॉर्म के बीचोबीच एक बेंच मिल गयी थी बैठने के लिए. बेंच पर बैठे हुए लड़की ने एक ख्वाहिश लड़के को बताई....तुम पेंटिंग करते हो न, मेरे लिए कभी एक पेंटिंग बनाना तुम...हमारे इस एक पल की पेंटिंग, जब इतने बड़े से स्टेशन की भीड़ में बस एक मैं हूँ और एक तुम, मैं तुम्हारे कंधे पर सिर टिकाये बैठी हुई हूँ. इस एक पल की, और इसी तरह के हमारे अनगिनत पलों की मैं पेंटिंग चाहती हूँ जिसे मैं तुम्हारे और मेरे कमरे की दीवारों पर सजाऊँगी. तुम्हारा और मेरा कमरा...होगा वो? जाने कैसा होगा? लेकिन जैसा भी होगा बहुत खूबसूरत होगा...मैं खूब अच्छे से उस कमरे को सजाऊँगी, लेकिन अगर नहीं हुआ तो...इस एक वाक्य को बोलते बोलते जाने क्यों लड़की की मुस्कान काँपने लगी थी. उसकी झील सी गहरी आँखें अचानक भर आई जिसे लड़के से छिपाने के लिए उसने तेज़ी से मुँह दूसरी ओर फेर तक दूर किसी अदृश्य चीज़ को दिखा कर हँसना शुरू कर दिया. लड़का लेकिन उसकी इतनी कोशिशों के बावजूद सब देख गया था. उसके मासूम चेहरे से एक पल के लिए अपनी नज़रें जो नहीं हटाता था वो. इसलिए उसकी हँसी और आंसू दोनों को नज़रंदाज़ करते हुए उसने लड़की का चेहरा जबरदस्ती अपनी और घुमा लिया....बताओ क्या चलने लगा तुम्हारे मन में अचानक??? कितनी अच्छी प्लानिंग तो थी तुम्हारी...अभी पेंटिंग बनवा रही थी तुम, कमरे को सजा रही थी और कमरे को सजाते हुए रुक गयी...आँखों में ये आँसूं कहाँ से आ गए? लड़की अब तक बड़ी चालाकी से आँखों के बहते आंसुओं को पोंछ चुकी थी, और अपनी नकली हँसी से लड़के को बहलाने की कोशिश कर रही थी. लड़का लेकिन एक पल को भी उसकी चाल में नहीं आया. वो अब भी गंभीर था...समझ तो वो रहा था कि बात क्या है लेकिन फिर भी लड़की से सुनना चाहता था. कुछ देर की नाकाम कोशिश के बाद आखिर लड़की ने हथियार डाल ही दिए. बिना आसपास के लोगों की परवाह किये वो लड़के के सीने में छुप गयी.रुलाई के बीच उसके शब्द लड़के को साफ़ साफ़ सुनाई दे रहे थे....मुझे रोक लो..मैं जाना नहीं चाहती. तुमसे अलग नहीं होना चाहती मैं. लड़का बहुत बेबस महसूस कर रहा था. काश ! रोक पाता उसको हमेशा के लिए...अपने पास..अपने साथ..पर सच्चाई वो दोनों ही जानते थे. वो तो बस चुपचाप उसके चारों और अपनी बाँहों का घेरा बनाए उसे सान्त्वना दिए जा रहा था...सब ठीक होगा...हम तुम हमेशा साथ रहेंगे. कुछ देर उसे चुप कराने की नाकाम सी कोशिश करने के बाद लड़के ने अचानक ब्रह्मास्त्र फेंका..अच्छा अच्छा सुनो, एक मिनट चुप होकर ज़रा मेरी बात तो सुन लो...बेहद इम्पोर्टेंट बात है. लड़की अचानक सुबकियों के बीच खामोश हो उसका मुँह निहार ही रही थी कि लड़के ने उसी गंभीरता से पूछा...अगर नहाने भर का पानी हो गया हो तो बस करो...टंकी खाली न हो जाए...पहले तो लड़की वैसे ही उसे ताकती रही फिर बात का मतलब समझ आते ही वो सबकुछ भूल खिलखिला पड़ी थी. लड़के का मकसद पूरा हो गया था. उसके हलके हलके घूंसे खाता वो मुस्कुरा रहा था. वो ग्यारह घंटे कब कहाँ और कैसे फुर्र हो गए, पता ही नहीं चला था. ट्रेन जब तक खुली आधी रात हो चुकी थी. लेकिन दोनों सोना नहीं चाहते थे. एक दूसरे की बातों में खोये दोनों की आँखों से नींदें कोसो दूर थी. नींद के साथ साथ लड़की के मन से ‘कोई क्या सोचेगा’ का डर भी गायब था. लड़के ने एक बार हलके से उसे टोका भी था..मैं अपनी बर्थ पर जाऊं अब? लोग क्या सोचेंगे? लड़की ने पहले तो उसे अजीब तरह से घूर के देखा, फिर उसके सामने हाथ नचा दिया...सोच कर कोई क्या उखाड़ लेगा जी??? मेरी बर्थ..मेरा टिकट..मेरे तुम..कहती हुई वो अचानक थोड़ा शर्मा गई...लड़का बोगी के उस हलके अँधेरे में भी उसके चेहरे की लाली देख गया था. उस दमकते चमकते मासूम से चेहरे वाली लड़की को यूँ छोड़ कर सोना तो लड़का भी नहीं चाहता था, सो चुपचाप उसकी बात मान गया रात गहराने के साथ साथ कई घंटों की थकी लड़की की पलकें नींद से बोझिल होने लगी थी. पर लड़की भी मानो लड़के के साथ के हर पल को पूरी शिद्दत से जीना चाह रही थी. वो लड़के को नहीं जताना चाह रही थी पर उसी की तरह वो भी जानती थी कि शायद उन दोनों के साथ की यह आखिरी रात होगी. एक तरफ उन पलों में वो दोनों ही बेहद खुश थे, वहीँ हर पल के साथ उन दोनों को ही एक अजीब सी बेचैनी घेरे जा रही थी. लड़का जानबूझकर उसे कोई भी ऐसी बात नहीं करने दे रहा था जो उसे उदास कर दे.. वो उदास बिलकुल अच्छी नहीं लगती, ऊटपटांग बातें करते हुए, अजीबोगरीब लॉजिक झाड़ते हुए ही अच्छी लगती है वो. बहुत देर तक नींद से लडती लड़की आखिर हारने लगी तो लड़के ने उसे डांट के सुलाना ही उचित समझा. लड़की ने अबकी उसकी बात मान तो ली, पर उसकी एक शर्त थी..वो उसका तकिया होगा...अपने साथ के इन आखिरी पलों में वो उसकी गोद में सर रख कर सोने का सुख महसूस करना चाहती थी. जाने कब से देखा गया अपना एक और सपना पूरा करना चाहती थी. लड़का भी उसके इस सपने से अच्छी तरह वाकिफ था..और कहीं न कहीं वो भी उसके इस सपने को पूरा करना चाहता था. इसलिए लड़की की तरह उसने भी “कोई क्या उखाड़ लेगा” वाला फंडा अपना लिया.. लड़की बेहद तसल्ली से उसकी गोद में सिर रखे उसके हथेली में अपनी हथेली जकड़े गहरी नींद सो गयी थी और उसके उस मासूम चेहरे को निहारते लड़के ने उसके माथे पर से आवारा भटकती जुल्फों को धीरे से उसके कानों के पीछे खोंसा...ऊपर मानो किसी अदृश्य शक्ति की ओर देख अपनी सनशाइन के लिए, अपनी मानसून प्रिंसेज के लिए कोई दुआ माँगी और आँखें मूँद ली... लड़के को अब कलकत्ता की बाकी कोई बात इतना नहीं याद आती, क्यों कि जब भी वो याद करता है, उसे कलकत्ता का अपना आख़िरी दिन याद आता है...जिस दिन वो और उसकी सनशाइन...दोनों वापस आ रहे थे...| हावड़ा का वो प्लेटफ़ॉर्म...वहाँ बना वो बड़ा सा टेरेस...उस टेरेस से लडकी के साथ हुगली नदी को निहारते हुए लडकी की बकबक से आनंदित होना...वहाँ खड़े होकर उस लडकी के बचकाने-से लगने वाले सपने, उन ख्वाहिशों को सुनना और उनका पूरी गंभीरता से समर्थन कर उसकी आँखों में वो खुशी की चमक देखना... आधी नींद...अधूरे ख़्वाब और एक सुहावना सफ़र - कोलकता डायरी (३) लड़के की रात थोड़ी बेचैनी में कटी थी. पूरी रात वो जागा रहा था. उसे इस बात की ख़ुशी थी कि वो होटल में ना रुक कर इस कूपे में रुका है, होटल में अकेले रहने से तो बेहतर है चाचा के साथ रुकना. इसी बहाने इतने अरसे के बाद मिले चाचा से कितनी सारी बातें हो गयी. उसके चाचा और उनके तीन चार और सहकर्मी जो वहां रुके थे, उन्होंने रात के खाने का इंतजाम भी कूपे में ही किया था. छोटा गैस चूल्हा से लेकर खाना बनाने के सारे इंतजाम उन लोगों ने कर रखे थे. देर रात तक बातें होती रही थी, और फिर सब सोने चले गए. लड़के की आँखों में लेकिन नींद कहीं न थी. वो दिन भर की बातों में खोया था. कूपे से उतर कर वो ट्रेन की पटरियों के किनारे एक सीमेंट की बेंच पर बैठ गया. बहुत सी बातें उसके मन में चल रही थी, कभी लड़की की दिन भर की हरकतों को याद कर के उसको हँसी आती, कभी गिल्ट भी होता उसे कि ये एक ही तो मौका मिला था लड़की के साथ इस शहर को घूमने का, उसे एक और दिन यहाँ रुकना चाहिए था, अपने प्लान को एक्सटेंड कर लेना चाहिए था, तो कभी उसे थोड़ी बेचैनी होती.. दोनों में से किसी को ये नहीं पता था कि अब ऐसा लंबा साथ उन दोनों को कब मिलता है...मिलता भी है या नहीं? लड़का अपने जीवन के आगे की राह पर कदम बढाने वाला था, तो लडकी को भी उसकी किसी अनजानी मंजिल की तलाश में दूर जाना था. घर परिवार की कुछ बातें थी जिसके आगे लड़की बेबस थी. लड़का नहीं चाहता था कि लडकी एक सच्ची साथी बनने की चाह में एक बुरी बेटी बन जाए...इसलिए उसने एक बार भी उससे नहीं कहा...मत जाओ इतनी दूर...तुम्हारे बिना जीना भूल चुका हूँ मैं. रात भर लड़का बस यही दुआ माँगता रहा था, चाहे कुछ भी परिस्थितियां हों, हम दोनों कभी जुदा न हो. रात भर वो लड़की के बारे में और आने वाले दिनों के बारे में सोचता रहा. सुबह कब हुई ये लड़के को पता भी नहीं चल सका. उसके चाचा जब कूपे से बाहर आये तो उन्होंने देखा लड़का वहीँ सीमेंट की बेंच पर बैठा है. चाचा ने मजाक में सवाल भी किया, रात भर सोये नहीं क्या? लड़के ने बहाने से इस सवाल को टाल दिया. सुबह का नाश्ता चाचा ने ही बनाया था, चाचा के बाकी के सभी साथी सोये हुए ही थे. चाचा ने तो जिद की थी कि अगर कोई जरूरी काम नहीं हो तो वो उनके साथ उनके ऑफिस आ कर समय बिता सकता है, इसी बहाने थोड़ी और बातें हो जायेगी. लेकिन ये मुमकिन नहीं था. ट्रेन दोपहर बारह बजे की थी और लड़की ने पहले से कह रखा था कि वो दस बजे तक स्टेशन पहुँच जायेगी. लड़के ने बहाना बनाया कि उसके कुछ और साथी आने वाले हैं, वो चाचा से विदा लेकर सीधा हावड़ा स्टेशन के मुख्य द्वार पे आ गया जहाँ टैक्सियाँ लगती थी. लड़की ने वहीँ पर इंतजार करने कहा था उसे. हल्की बारिश हो रही थी. मौसम सुबह से ही बड़ा खूबसूरत सा था. लड़के ने आसमान की तरफ देखकर एक बार फिर सोचा काश सच में कोई ऐसा चमत्कार हो जाए, एक दिन और दोनों को मिल जाए साथ रहने के लिए. लेकिन ये मुमकिन नहीं था. दो घंटे में ट्रेन खुलने वाली थी. ट्रेन पर भी दोनों साथ नहीं रह पायेंगे, लड़की का रिजर्वेशन एसी कम्पार्टमेंट में था और लड़के का सामान्य स्लीपर कूपे में. इस बात से भी लड़का थोड़ा उदास था. बार बार उसे एसी कम्पार्टमेंट में टिकट नहीं लेने का मलाल हो रहा था. लड़की ठीक समय पर स्टेशन पहुंची थी. स्टेशन के बाहर खड़ा वो लड़की को दूर से ही पहचान गया. वो टैक्सी में अपने दादा के साथ आई थी. दादाजी को देखकर लड़के का मन थोड़ा उतर गया. उसने सोचा था ट्रेन पर तो अलग अलग कम्पार्टमेंट में सीट हैं कम से कम स्टेशन पर तो दोनों को कुछ वक़्त साथ बिताने का मौका मिल जाए. दादाजी लेकिन टैक्सी से नीचे उतरे ही नहीं. लड़के से थोड़ी बात की और फिर उसी टैक्सी में जिसमे वो आये थे उससे ही वापस लौट गए. लड़का मन ही मन मुस्कुराने लगा, वो समझ गया था कि ये शरारत लड़की की ही है. उसने ही कहा होगा दादाजी से, आप बेवजह परेशान होंगे. मैं चली जाऊँगी . लड़के ने लड़की से पूछा.. “क्या बात है? दादाजी चले गए? ये साज़िश जरूर आपकी ही रही होगी?” लड़की हँसने लगी.. शरारती अंदाज़ में उसने कहा, “हाँ, जनाब, मैंने भेजा है दादू को वापस.. आपके साथ रहकर स्कीमें बनानीमुझे भी आ गया न अब. मैंने दादा से कहा कि मेरा ये नालायक दोस्त है न, उसका काम है मेरी हिफाज़त करना, करेगा मेरी हिफाज़त वो, आप निश्चिंत होकर जाइये. क्यों? ठीक कहा न मैंने?”लड़की उसे देखकर हँसने लगी. लड़का अकसर लड़की की ऐसी बातों पर चुप ही रहता है, थोड़ा झेंप सा गया वो. लड़की लेकिन पूरी बॉसगिरी दिखाते हुए कहने लगी, “चलो काम पर लग जाओ तुम..सामान उठाओ मेरा और चलो वेटिंग रूम की तरफ. आज शायद इन दोनों की सभी छोटी बड़ी दुआएं कबूल होने वाली थी और वो भी इतने आश्चर्यजनक तरीके से कि खुद इनको भी विश्वास नहीं हो पा रहा था. हावड़ा स्टेशन पर वेटिंग रूम प्लेटफोर्म की पहली मंजिल पर है. दोनों वेटिंग रूम जाने के लिए सीढियाँ चढ़ ही रहे थे कि अनाउंसमेंट सुनाई दी.. For your kind attention please, Train number 12369 is running late by 6hrs and 30 minutes and will depart from howrah junction at 19:00 hrs. we’are sorry for the inconvenience. लड़की को तो पहले इस अनाउंसमेंट पर विश्वास ही नहीं हुआ, वो अनाउंसमेंट सुनते ही सीढ़ियों पर ही ख़ुशी से उछलने लगी. उछलने का मन तो वैसे लड़के का भी कर रहा था, लेकिन वो अपनी ख़ुशी को काबू में रखे हुए था, लड़की को जैसे तैसे खींचते तिरते वेटिंग रूम तक पहुँचा वो. लड़की को तो जैसे होश ही नहीं था. “कितना प्यारा लग रहा है न आज रेलवे का ये इरिटेटिंग सा अनाउंसमेंट. “Sorry for the inconvenience..” आज इस शब्द पर गुस्सा नहीं बल्कि प्यार आ रहा है, है न? लड़की ने लड़के की तरफ देखते हुए मुस्कुराते हुए कहा. लड़का भी उसकी तरफ देखकर मुस्कुराने लगा. “हम दोनों यही चाहते थे न कि कुछ देर और साथ रहे, देखो हो गया न ये चमत्कार...” लड़की ने लड़के की बात को बीच में ही काट कर कहा – “तुम्हारा क्या हाथ है जी इसमें? इसे मैंने करवाया है..” वो फिर से अपने कुर्ते के कॉलर को गर्वीले अंदाज़ में हिलाती बोली.. “तुमसे तो मैंने कल ही कह दिया था न, Believe in Miracles. Miracles are waiting to be happen everywhere. देखा न आज तुमने इसका जीता जागता उदाहरण? अब अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारे सामने ही इस लेट हुए ट्रेन को कैंसल ही करवा दूँ..बोलो? कैंसल करवाना है? रुकना है एक दिन और मेरे शहर में मेरे साथ? लड़के को लड़की की इन बातों पर हँसी भी आ रही थी और थोड़ी हैरत भी, ये सच में कैसा इत्तेफाक है? ट्रेन छः घंटे देर से चलने वाली थी, ये अनाउंसमेंट जब से लड़की ने कानों में गयी थी, उसका मन बाहर घूमने का होने लगा था. “सुनो, एक जगह है यहाँ, बोई पारा..माने कॉलेज स्ट्रीट.. ज्यादा दूर नहीं है, टैक्सी से तुरंत पहुँच जायेंगे, बस हावड़ा ब्रिज क्रॉस करो और थोड़ी देर में कॉलेज स्ट्रीट..मेरी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है, तुम्हें दिखाना चाहती हूँ, चलोगे घूमने वहां?” लड़का लेकिन थोडा दुविधाग्रस्त था, वो ये तय नहीं कर पा रहा था कि बाहर घूमने जाना सही होगा या नहीं. लड़के की इस दुविधा को लड़की ने भांप लिया था, “अरे साहब रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बैठ कर ट्रेन का इंतजार करने जैसा बोरिंग काम दूसरा नहीं, हाँ, अगर बारिश होती रहे, पूरे वेटिंग रूम में कोई न हो... डिट्टो इजाज़त जैसा कोई सीन हो तो फिर अलग बात है..चलो बाहर चलो..घूमो...भिगो बारिश में, फॉल इन लव विद माय सिटी....फॉल इन लव विद मी..” लड़का मुस्कुराने लगा, लेकिन फिर भी उसके मन में थोड़ी दुविधा थी. लड़की ने लड़के को तसल्ली देते हुए कहा, क्यों डर लग रहा है? खो जाने का डर है क्या मेरे शहर में? घबराओ नहीं तुम्हें तुम्हारे शहर सुरक्षित मैं पंहुचा दूंगी, मेरा वादा है. अब चलो सीधे से.. क्लॉक रूम में लगेज रखते हैं और घूमने निकलते हैं. लड़की की जिद के आगे वैसे भी लड़के की एक नहीं चलती थी. दोनों टैक्सी से निकल गए कॉलेज स्ट्रीट की तरफ. हल्की बारिश हो रही थी और लड़की के जिद की वजह से लड़के को टैक्सी लेनी पड़ी थी. वो अकेला रहता तो कभी टैक्सी लेने का ख्याल दिल में भी नहीं लाता. लेकिन लड़की का बस एक ही पॉइंट था. कोलकाता घूमो तो इन पीली टैक्सी में घूमो...वरना मत घूमो. टैक्सी में भी लड़की की गाइडगिरी चलती रही. हावड़ा ब्रिज का इतिहास तक लड़की को मालूम था. लड़का सोचता, ये जरूर दिल्ली और कोलकता के ट्रैवेल गाइड बुक को रट कर बैठी होगी, वरना क्या ये मुमकिन है कि उसे इस तरह की जानकारी हो शहरों की. वैसे, लड़के को उसकी वो कहानियाँ जो वो शहरों के बारे में सुनाती थी, अच्छी तो लगती थी लेकिन अब उसकी इन कहानियों में कितनी कहानियाँ असली और कितनी उसकी मनगढ़ात होती थी ये कह पाना नामुमकिन था. उससे पूछने पर पिटे जाने का खतरा भी था. लेकिन जो भी हो, उसकी इन कहानियों से घूमने का मज़ा दुगुना तो हो ही जाता था. कॉलेज स्ट्रीट की सड़कों पर टहलते हुए लड़की उसे फिर से भुतहा कहानियाँ सुनाने लगी....वही जो नेशनल लाइब्रेरी में घूमते हुए वहां के बारे सुनाया था..उसी के कन्टिन्यूएशन में. लड़की कहती, अगली बार तुम जब आओगे तो हम कोलकता के सभी हौंनटेड हॉउस घूमने चलेंगे. लड़का थोड़ा चिढ़ते हुए कहा, तुम बस भुतहा कहानियाँ ही सुनाओ, इतना खूबसूरत मौसम है और तुम्हें बस ये भुतहा कहानियां सूझ रही हैं. लड़की इसपर और भी चिढ गयी.. थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहती है, “एक बात तो बताओ, तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है जी? बचपना करो तो कहते हो, बचपना क्यों कर रही..तुम अब बड़ी हो गयी. देश दुनिया की बातें करो तो कहते हो पकाओ मत मुझे, गॉसिप करूँ तो मना करने लगते हो उसमें भी.. रोमांटिक बातें करो तब तो एकदम शर्मा से जाते हो...और अब भुतहा बातों पर भी तुम पाबंदी लगा रहे हो? तो मैं कौन सी बातें करूँ? तुम्हारी कार और फार्मूला वन रेसिंग वाली बातें जिसकी जानकारी मेरे पास जीरो बटा लड्डू है. तुम ही कहो? लड़की रूठ गयी थी. लड़का उसे मनाने लगा. अच्छा बाबा तुम्हें जो मन में आये वो बातें करो. मैं कुछ नहीं कहूँगा, लेकिन ऐसे मौसम में यूँ रूठो नहीं. लड़की ने बेपरवाही से कहा, “किसने कहा मैं रूठ गयी हूँ. मैं रूठती नहीं तुम्हारी ऐसी बातों से, हाँ गुस्सा भले हो जाती हूँ. तुम बस ऐसे में संभल के रहना, ऐसा गुस्सा जब मुझे आता है तो मुझे अकसर लगता है मेरे हाथों किसी का खून न हो जाए. किसी का से मेरा मतलब तो समझ रहे हो न?” “हाँ मैडम, समझ रहा हूँ. अब ऐसी बातें की मैंने तो मेरी शामत पक्की है..यही न?” “शामत नहीं..तुम्हारी मौत पक्की है...” बोई पारा में अपनी मानसून प्रिंसेज के साथ टहलना ऐसे खूबसूरत मौसम में ये उसके लिए सबसे यादगार पल था.टहलते हुए अपनी प्रिंसेज के साथ ये प्यारी सी खट्टी मीठी नोक झोंक का भी वो भरपूर आनंद ले रहा था. अपनी मानसून प्रिंसेज के हाथों में हाथ डाल के दुकानों के आगे से गुज़ारना, किताबें देखना उसे बहुत अच्छा लग रहा था. लड़की उसे कॉफ़ी हाउस लेकर गयी, जहाँ न जाने कितने बार वो पहले आ चुकी थी. लड़की उसे कॉफ़ी हाउस के इतिहास के बारे में बताती. इस पूरे इलाके के बारे में बताती उसे, जहाँ वो अकसर जब कोलकता में रहती तो अपने दोस्तों के साथ किताबें खरीदने आती थी. लड़की शायद जान बूझकर लड़के को इस इलाके में लायी थी, सिर्फ तीन वजहों से. पहला तो ये कि लड़के को किताबें पढ़ना बहुत पसंद है और दूसरा ये कि इस मोहल्ले की अधिकतर बिल्डिंग ब्रिटिश राज के समय की हिस्टोरिकल बिल्डिंग हैं, ऐसे मोहल्ले में घूमना लड़के को हमेशा पसंद आता था. और तीसरी वजह लड़की थी, उसका मानना था इस मोहल्ले से एन्सीएन्ट कोलकता की खुशबु आती है. दोनों के पास समय का अभाव था, कॉलेज स्ट्रीट और उसके आसपास के इलाके वो सही से घूम भी नहीं पाए थे कि लड़का वापस चलने की जिद पे अड़ गया. लड़की का लेकिन और घूमने का मूड था. वो पार्क स्ट्रीट जाना चाहती थी. बच्चों सी जिद करने लगी वो. लेकिन लड़के ने इस बार कड़ा विरोध जताया. लड़की थोड़ी नाराज़ हो गयी.. “शहर मेरा है, मुझे पता है कोई गड़बड़ नहीं होगी, और तुम बेवजह डर रहे हो”. इस बार लड़का भी पीछे नहीं रहा, उसने भी उसे डांटते हुए कहा, “तुम्हारा क्या है? तुम्हारा तो घर है..ट्रेन छूट जाए तो तुम तो चली जाओगी घर, लेकिन मैं क्या करूँगा? ट्रेन छुट गयी तो क्या टिकट मिलेगी इतनी जल्दी अगले दिन की?”. वैसे तो लड़की की बॉसगिरी लड़के के ऊपर हमेशा चलती थी लेकिन जब कभी लड़की को लड़का ऐसे डांटता तो लड़की थोड़ा सहम सी जाती. बड़े मासूमियत से उसने जवाब दिया.. “मैंने कब मना किया, चलो मेरे घर..रहो वहीँ जब तक तुम्हें टिकट नहीं मिल जाती..इससे अच्छी बात तो मेरे लिए हो ही नहीं सकती न...”. लड़का जैसे एकदम निशब्द सा हो गया. उसने आगे कुछ कहा ही नहीं. लड़की को भी एहसास होने लगा कि अब वापस लौट जाना ही बेहतर है, शाम भी हो रही थी और ट्रेन का वक़्त भी. वापस लौटते हुए लड़की अपनी एक और ख्वाहिश लड़के से कहने लगी, जो कुछ देर पहले उसने लड़के से कहा था जब लड़के ने उसे थोड़ी डांट लगाईं थी. - “इतनी सारी जगहें हैं इस शहर में जो मैं तुम्हें दिखाना चाहती हूँ, जैसे तुम मुझे अपना शहर दिखाते हो, ठीक वैसे ही मैं भी अपना शहर तुम्हें दिखाना चाहती हूँ. मैं भी चाहती हूँ जिन जगहों से मेरी यादें जुड़ी हैं, जिन जगहों से मुझे बेतरह प्यार है वहां तुम्हें ले जाऊं. दक्षिणेश्वर काली मंदिर का नाम सुना है? नाल्हात्ति कलि मंदिर का नाम सुना है?तारापीठ..अदायपीठ.. ये सब जगह जो दूर है यहाँ से..लेकिन सभी किसी न किसी वजह से मेरे दिल के बेहद करीब. मैं तुम्हारे साथ इन सब जगह जाना चाहती हूँ. मैं चाहती हूँ दुर्गा पूजा के समय तुम यहाँ रहो.. मेरे साथ मेरे शहर का दुर्गा पूजा देखो. और ये सब एक या दो दिन में तो मुमकिन नहीं न...” लड़की को थोड़ा उदास देख लड़के ने उसका दिल रखने के लिए कह दिया देखना ये ख्वाहिश भी हमारी जरूर पूरी होगी, जबकि वो भी जानता था लड़की की इस ख्वाहिश का पूरा होना शायद संभव न हो. भगवान् भी उन दिनों अजीब खेल खेलता था. इन दोनों की छोटी छोटी ख्वाहिशें अकसर वो पूरी कर देता था, लेकिन ऐसी कुछ बड़ी ख्वाहिशें थी उन दोनों की जिसे वो एक सिरे से खारिज कर देता था...बिलकुल उन पैरेंट्स की तरह जो बच्चे की हर दिन चॉकलेट खाने की जिद तो पूरी कर देते हैं लेकिन अगर कुछ बड़ा मांग दे बच्चे तो एकदम से वो मना कर देते हैं. आज की एक छोटी सी ख्वाहिश कि काश एक दिन का वक़्त और मिल जाए, ये पूरी हो गयी लेकिन ये बड़ी ख्वाहिश जो लड़की ने अभी माँगा था, ऐसी और कितनी ख्वाहिश उन दोनों की जो भगवान् एक सिरे से खारिज कर देता था. वैसे आज की जो छोटी सी ख्वाहिश भगवान ने पूरी की थी, उसमें उन्होंने एक बड़ा प्यारा सा मॉडिफिकेशन भी कर दिया था. स्टेशन पहुचने पर दोनों को पता चला कि ट्रेन और भी लेट हो गयी है. हावड़ा से कुछ किलोमीटर दूर बारिश और आंधी तूफ़ान की वजह से कुछ पेड़ पटरियों पर गिर गए थे जिससे लगभग सभी ट्रेनों को रीशेड्यूल किया गया था. इन दोनों की ट्रेन की शिड्यूलींग भी गज़ब तरीके से हुई थी. ट्रेन अब रात के ग्यारह बजे खुलने वाली थी. पूरे ग्यारह घंटे की देरी से. दोनों पाँच बजे तक स्टेशन पहुँच गए थे. ट्रेन इतनी देरी से खुलने वाली थी लेकिन फिर भी लड़की ने घर पर किसी को यह नहीं बताया था कि ट्रेन कितने घंटे देरी से है, सिर्फ फोन करके इतना भर कहा, ट्रेन कुछ घंटे देर हो गयी है. लड़के को आश्चर्य हुआ था...तुमने सच क्यों नहीं कहा? लडकी ने फिर उसी विजयी अंदाज़ में लड़के की और देखा था...बुद्धू...सही सही बोल देती अगर, तो दादा आकर मुझे घर न ले जाते? बड़े दुआओं के बाद ये पल हमें मिला है, इसे क्यों ऐसे गंवाना? लड़का लेकिन लड़की के यूँ झूठ बोलने से थोड़ा असहज तो था लेकिन लड़की की ये बात भी सही थी. ये पल बड़े दुआओं के बाद मिले हैं हमें. इस पल को ऐसे नहीं गंवाना है. हावड़ा स्टेशन पर एक ऐसी जगह है जो लड़के की सबसे पसंदीदा जगह में से एक रही है. हावड़ा स्टेशन का टेरेस, जो बिलकुल खुला सा छत है. इस बारे में लड़की भी नहीं जानती थी. जानती भी कैसे, वो वेटिंग रूम में बैठी ही नहीं थी, आज पहली बार आई थी वो वेटिंग रूम. हमेशा नीचे प्लेटफॉर्म पर ही बैठकर वो ट्रेन का इंतजार करती थी. और ये टेरेस वेटिंग रूम के दूसरी तरफ था. उसने लड़की को वो जगह दिखाई, ये जताने की कोशिश भी की कि देखो तुम्हारे शहर में तुम्हें ऐसा कुछ दिखा रहा हूँ मैं जो तुमने पहले नहीं देखा. लेकिन लड़की इस बात से ज़रा भी इम्प्रेस नहीं हुई. इसमें कौन सी बड़ी बात है, छत ही तो है ये बस. लड़का जानता था लड़की नाटक कर रही है. वो अपने अचरज मिश्रित उत्सुकता को छुपा लेने में माहिर थी. टेरेस से गज़ब का व्यू आता था. नीचे एक कतार में खड़ी पीली टैक्सियाँ, सामने खुली हुई हुगली नदी, नदी में चलते स्टीमर्स और दूर हूगली के उस तरफ कोलकता शहर का नज़ारा. दोनों बहुत देर तक वहां खड़े रहे...लड़की की न जाने कितनी ख्वाहिशें थी. वो उन ख्वाहिशों को एक एक कर के गिनाने लगी. काश हमारे पास कोई स्टीमर हो, हम समुद्र में बस घूमते रहे..कोई न हो हमारे आसपास. ना कोई शोर न कोई परेशानी. सिर्फ हम दोनों रहे. काश ऐसी ही किसी नदी के पास अपना एक घर हो जहाँ दूर दूर तक बस हम तुम हों, दूसरा कोई और न हो...जहाँ की छत पर वो रोज़ अल्लसुबह अपने हाथों से चाय बनाकर लड़के को दे, और जानबूझकर उसमें चीनी कम डाले. पहली बात तो लड़का उसकी किसी भी बात में खामी निकालने वाला था ही नहीं पर अगर कभी भूले भटके वो बोलेगा, सुनो चाय में चीनी कम है तो वह झट से उसकी चाय का एक घूँट भर कर पूछेगी अब देखो...कितनी मीठी हो गयी न..वो जानती है लड़का ऐसे में अपनी जुबां से नहीं अपनी आँखों से काम लेता है...उसकी मुस्कान होठों से तैरती हुई उसकी आखों में उतर जाती है...और लड़की उसकी उन्हीं झील सी चमकती आँखों में जीवन भर के लिए छिप जाना चाहती थी. लडकी अपनी बहुत सारी ख्वाहिशें लड़के को बताती थी...पर ऐसी वाली कुछ ख्वाहिशें अब भी सिर्फ उसके दिल के एक कोने में रखी होती थी..वो नहीं चाहती थी कि उसका ये हसीन सपना जब पूरा हो तो उसके दिल में हल्का सा भी ये ख्याल आए कि लड़का पहले से ही सब कुछ जानता था. वैसे लडकी को पूरा यकीन था, लड़का हमेशा की तरह उसके मन की ये बात भी जान-समझ गया है, तभी तो यूँ रहस्मयी मुस्कान खिली है उसके होंठो पर... लड़की धीरे धीरे गुनगुनाने लगी... आई है खुशियों का पैगाम लेके बहारें, ये पल है अपना, इस पल में आओ तकदीर अपनी सँवारे खाली खाली इस जीवन में प्यार भर ले हम तुम दोनोंदीवाने जो करते अकसर, वो भी कर ले हम तुम दोनोंइन फासलों को आओ मिटा दें, एक दुसरे में खुद को छुपा लें, इससे पहले कि ये दुनिया हमें आजमाए... दो दिन से लगातार बारिश हो रही थी. सारे काम रुके पड़े थे. बाहर आने जाने के सारे कार्यक्रम टल गए थे. यूँ तो उसे बहुत काम थे, लेकिन ये बारिश एक बहाना बन कर आई थी उन कामों से फुर्सत निकालने के लिए. वैसे भी आजकल वो खुद के लिए वक़्त नहीं निकाल पाता, पिछले कुछ महीनों से व्यस्तता जो बढ़ गयी है.. ऐसे में बारिश का यूँ आ जाना उसे बड़ा अच्छा लग रहा था. “मौसम इतना अच्छा है...आज कुछ भी नहीं करना है मुझे. सिर्फ बारिश का आनंद लेना है” उसने खुद से ही कहा और हाथ में कॉफी का कप लिए बाहर टेरेस पे आ गया. आज कितने दिनों बाद वो टेरेस पे आया था, उसे खुद आश्चर्य हो रहा था. यूँ भी पिछले कुछ महीनों से जैसे इस व्यस्तता ने उसका पूरा शेड्यूल ही बदल के रख दिया है. कितनी चीज़ें वो पहले कर लेता था, फ़िल्में, किताबें और गजलों में उसकी रातें बीतती थी, अब तो रातें सिर्फ कंपनी के डाक्यूमेंट्स तैयार करने में निकल जाती हैं. लेकिन आज वो बिलकुल फुर्सत में था. बाहर होती बारिश, प्लेलिस्ट पर लगी गुलाम अली की ग़ज़लें और पुराने कुछ एल्बम जिसे उसने आज कई दिनों बाद अलमारी से निकाला था, ये सब उसे फिर वापस उसके पुराने दिनों में ले जा रहे थे, जो उसके सबसे प्यारे दिन थे. एलबम के ऊपर ही तो लिखा था उसने कभी, ब्रायन एडम्स के गाने की एक लाइन... “दोज वर द बेस्ट डेज़ ऑफ़ माय लाइफ..”. आज जाने क्या क्या उसे याद आने लगा था, बहुत पहले की कई सारी बातें... उसका वो पुराना घर, बारिश के मौसम में घर के आगे की सड़क पर वाटरलॉगिंग की समस्या, उसके दोस्त जिनके साथ वो घर के पास के मैदान में बारिशों में क्रिकेट खेलता था और जिसकी वजह से घर में माँ से डांट सुनता था. उसे अपनी उस साथी की भी याद आ रही है जिसे वो प्यार से अपनी `सनशाइन' कहता था और बारिशों में प्यार से `मानसून प्रिंसेज'. एल्बम की पहली तस्वीर उसकी मानसून प्रिंसेज की ही थी, जिसे उसने कोलकता के `प्रिन्सेप घाट' पर तब खींचा था जब वे दोनों एक साथ कोलकता घूमे थे. उस तस्वीर को देखकर लड़के को एकदम हँसी आ गयी. कितनी शैतानी की थी इस लड़की ने उस दिन, सेल्फी लेने का फैशन आज का है लेकिन इस लड़की ने आज से दस साल पहले ही अपने पुराने याशिका के कैमरे से सेल्फी लिया था. दोनों बैठे हुए थे कोलकता के प्रिन्सेप घाट पर, लड़का कितना मना करते रहा था उसे...अरे इतने क्लोज अप से ली गयी तस्वीर में मैं हमेशा कॉन्शेस हो जाता हूँ, तस्वीर बेकार निकलती है, लेकिन लड़की ने उसकी एक नहीं सुनी थी... और फिर कुछ दिन बाद जब तस्वीर बन कर स्टूडियो से आई थी तो लड़की ने उस तस्वीर पर ग़ालिब का एक शेर लिख दिया था. “कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं / इक तीर मेरे सीने में मारा के हाय हाय “. वो तस्वीर और उसके नीचे लिखे इस शेर को देखकर लड़के को कोलकता के उन दो दिनों की तमाम बातें याद आने लगी जब वो अपनी मानसून प्रिंसेज के साथ, अपनी सबसे अच्छी दोस्त के साथ, दिन भर कोलकत्ता के सड़कों पर घूमता रहा था. वैसे तो आठ साल बीत गए लेकिन फिर भी मानो जैसे लड़के की ज़हन में वो बातें अब भी वैसी ही ताज़ा है जैसे कल की बात हो कोई. ऐसी ही बारिश उस दिन भी हो रही थी जैसे आज हो रही. पूरे दिन हलकी बारिश होते रही थी और वे पूरे दिन भीगते हुए शहर घूमते रहे थे. कोलकता , जो लड़के के लिए अंजान सा शहर था वहीँ लड़की उस शहर से बहुत अच्छे से वाकिफ थी. लड़की का जन्म उसी शहर में हुआ था लेकिन बाद में उसके पिता का तबादला हो गया और वो लड़के के शहर में रहने आ गयी. लड़के को उन दिनों कोलकता में काम लगा ही रहता था, और लड़की भी हर चार पाँच महीने में एक बार तो जाती ही थी अपने शहर. लेकिन ऐसा कभी इत्तेफाक नहीं हुआ कि दोनों एक समय पर ही कोलकता में रहे हों, हाँ दोनों की सबसे बड़ी ख्वाहिशों में से एक ये भी थी..कि कभी इत्तेफाक हो कि दोनों एक ही समय कोलकता में रहे और एक साथ कोलकता घूमें. दोनों प्रार्थना करते कि ये ख्वाहिश उनकी पूरी हो. वैसे तो उन दोनों की बहुत सी ख्वाहिशें अधूरी रह गयी थी लेकिन छोटी छोटी ख्वाहिशें अकसर पूरी भी हो जाती थी और वो भी इतने अजीबोगरीब तरीके से कि दोनों हैरान रह जाते थे. जुलाई का महीना था वो, लड़की महीने भर के लिए अपने घर चली गयी थी और इसी बीच लड़के का एक काम कोलकता में निकल आया था. लड़का बड़ा उत्सुक था उसे यह खबर सुनाने के लिए, लेकिन ये खबर लड़की को जाने कैसे पहले ही मिल चुकी थी. लड़की की माने तो वो अपने कई “जासूस” लड़के के आसपास छोड़े रहती थी जिससे लड़के की पल पल की जानकारी लड़की को मिलते रहती थी. लड़के ने फोन पर जैसे ही कहा, तुम्हारे लिए खुशखबरी है, उधर से लड़की चहकती हुई बोली – जानती हूँ मिस्टर...जानती हूँ, आप कोलकता आ रहे हैं अगले सप्ताह. लड़के के बस इतना बोलने भर की देर थी, शुक्र है, मेरी दुआ कबूल तो हुई. लडकी ने तुरंत फोन पर ही मुँह बिचका दिया...सुनो मिस्टर, ये तुम्हारी नहीं, मेरी दुआओं का असर है...तुम फ़ालतू में क्रेडिट न लिया करो. लड़का हँस पड़ा. वो उसकी ऐसी बातों को बिना विरोध के चुपचाप स्वीकार कर लेता. उसके बाद लडकी का चहकन जैसे किसी मंदिर की घंटियों की तरह बस उसके कानो में रस घोलती रहती. लड़के का दिल ऐसे में चुपके से एक दुआ और मांग लेता...लड़की का ये चहकना कभी बंद न हो. लडकी का यह बचपना कभी न बड़ा हो....वो बड़ी होकर बिलकुल अच्छी नहीं लगती. दोनों के पास तीन दिन का समय था, लेकिन तीन दिन बस नाम के थे, पहला दिन जिस दिन लड़का कोलकता पहुचने वाला था, वो पूरा दिन तो काम में ही निकल जाएगा, दूसरे दिन वो लड़की से मिलेगा और तीसरे दिन दोपहर बारह बजे की गाडी थी. लड़की इस बात से थोड़ी उदास हो गयी थी, लेकिन फिर भी दोनों खुश थे कि साथ में हैं कोलकता में, चाहे वो एक दिन का ही साथ क्यों न हो. एक दूसरे के साथ बिताए हुए कुछ लम्हें भी उनके लिए हमेशा बहुत महत्वपूर्ण होते थे, इसलिए चाहे एक दिन ही सही दोनों साथ तो रहेंगे, इस एक बात से दोनों बड़े खुश थे. दोनों ने साथ घूमने का प्लान बनाया. लड़का तो शहर से अंजान था, सारा प्लान लड़की ने ही बनाया. लड़के को एक दिन पहले ही फोन पर हिदायत मिल गयी थी लड़की से... सुनो मिस्टर..तुम सुबह नौ बजे मेरे घर पहुच जाना, मेरे साथ तुम ब्रेकफास्ट करोगे और फिर हम घूमने निकल जायेंगे...”. अब लड़की ने आदेश दे दिया था जिसे लड़के को हर हालत में मानना ही था. उसने धमका भी जो दिया था लड़के को.. “जानती हूँ..जानती हूँ तुम्हें बहुत काम है लेकिन ख़बरदार जो आने में नौ बजे से ज़रा भी देर की...शार्प एट नाइन आई विल बी वेटिंग फॉर यू...” हालाँकि लड़की के घर आकर ब्रेकफास्ट करने की बात सोच कर लड़का थोड़ा तो असहज हो गया था लेकिन ये लड़की का आदेश था, उसके पास उसकी बातों को उसके आदेशों को मानने के सिवा दूसरा कोई चारा भी नहीं था. लड़की का घर बिलकुल एक ट्रेडिशनल बंगाली स्टाइल का बहुत पुराना लेकिन बड़ा खूबसूरत घर था. सामने छत के पूरे एक हिस्से पर एक कतार में बैगनी रंग के फूल लगे थे जो नीचे बालकनी तक लटक रहे थे. सिर्फ इन फूलों की वजह से उस पूरे सड़क में उसका मकान अलग दीखता था. दूर से ही पहचान में आ जाता. लड़का जो पहली बार आ रहा था, उसने दूर से ही मकान देखकर पहचान लिया था. लड़की ने पहले भी जाने कितनी बार कहा था, तुम बस मेरे मोहल्ले में कदम तो रखो...मेरा घर सामने दिख जाएगा तुम्हें...सबसे अलग, सबसे सुन्दर....जैसे मैं. मैं भी तो तुम्हें दिख जाती हूँ न दूर से ही, भीड़ में भी पहचान लेते हो मुझे, देखना वैसे ही तुम मेरे घर को भी पहचान लोगे. लड़का उसे छेड़ने के लिए कह देता, हाँ क्यों नहीं...जैसे तुम एंटिक पीस वैसे ही तुम्हारा घर भी होगा, एकदम एंटिक पीस. उसका घर लेकिन सच में उस पूरे सड़क में सबसे अलग दिख रहा था. घर के नज़दीक जैसे ही वो आया, सामने लड़की दिखी जो अपने लॉन के झूले पर बैठे हुए एक किताब हाथों में लेकर उसके आने का इंतजार कर रही थी. गेट के पास पहुँच कर बिना हाय हेल्लो किये उसने लड़की को छेड़ने के इरादे से कहा, “क्या बात है? लगता है किसी चौकीदार की तरह तुम बाहर बैठ कर घर की रखवाली कर रही हो या मेरा इंतजार हो रहा था???” लड़की ने भी फट से नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा.. “नौ बजे आना था न आपको.....साढ़े नौ आये हो.. बोलो मर्डर कर दूँ तुम्हारा?“. लड़का भी कहाँ चुप रहने वाला था.. “अच्छा जी, आप कर ही दो मर्डर, आपके शहर में आये हैं...जो चाहे वो कर लो..”. लड़की का नकली गुस्सा भी काफूर हो गया. दोनों एक साथ हँस पड़े. लड़की के दादा और दादी घर पर थे जिन्होंने लड़के का बड़े अपनेपन से स्वागत किया. लड़की अपने दादाजी के बेहद करीब थी और उनकी बेहद लाडली भी. उसके दादा थे भी बड़े सुलझे दिल वाले व्यक्ति और बेहद बातूनी. वो लड़के से बातें करने लगे...पुराने ज़माने की, कब वो इस शहर में आये, कैसे ये घर बनाया, अपने घर परिवार की बातें और जाने क्या क्या. पूरा घर घुमाया उन्होंने लड़के को... लगभग सारे फर्नीचर पुराने ज़माने के थे घर में, वो सब के बारे में बड़े विस्तार से लड़के को बता रहे थे. एक बेहद पुराना आईना दिखा, जिसे देखकर लड़की ने लड़के के कानों में धीरे से कहा , ये देखिये साहब, बचपन से इसी आईने के सामने खड़े होकर खुद को संवारते आई हूँ, मुझे खूबसूरत इसी आईने ने बनाया है. चमत्कारी आईना है ये. लड़के ने इस बात का जवाब देना चाहा लेकिन सामने दादाजी खड़े थे, वो बस मुस्कुरा के रह गया. बँगला, हिंदी और अंग्रेजी साहित्य की किताबों से मकान का एक कमरा भरा पड़ा था, जिसे लड़की के दादा लड़के को दिखाने लगे. लड़की तो जैसे इस मौके के ताक में थी. कमरे में घुसते ही उसने अपने दादा को कहा.. “दादू..आप तो बस इस लड़के पर नज़र रखियेगा, बहुत बड़ा आशिक है ये साहित्य का..कहीं किताबें जेब में भर के न ले जाए.” लड़के ने आँखें तरेर के लड़की को देखा. उसके दादा हँसने लगे. शुरू के आधे एक घंटे में ही इतना अपनत्व मिला लड़के को कि जिसकी उसे उम्मीद नहीं थी. वो शायद इसी वजह से लड़की के घर आने में थोडा झिझक रहा था कि जाने उसके दादा दादी क्या सोचे. ब्रेकफास्ट के समय उसने धीरे से लड़की के कानों में कहा भी, यहाँ आना बड़ा अच्छा लग रहा है..मैं बेवजह कॉन्शेस हो रहा था. लड़की उसकी तरफ देखकर मुस्कुराई और फिर कुछ विजयी अंदाज़ में अपने कुर्ते के कॉलर को गर्वीले भाव में हिलाती बोली," टोल्ड यू न..." लड़की के घर पूरे बंगाली स्टाइल का ब्रेकफास्ट(जो कि ब्रेकफास्ट कम लंच ज्यादा लग रहा था) के बाद वे नेशनल लाइब्रेरी की तरफ निकल आये थे, जो कि लड़की के घर से नज़दीक ही था. रास्ते में लड़का उससे ये पूछने की हज़ार कोशिश करता रहा कि ब्रेकफास्ट घर में किसने तैयार किया था. लड़की लेकिन अपनी बात पर अडिग रही..कि ब्रेकफास्ट उसने ही बनाया था. लेकिन लड़के को इस बात पर ज़रा भी भरोसा नहीं था. इतने स्वादिष्ट पकवान वो खुद बनाई है इस बात पर यकीन करना लड़के के लिए थोडा मुश्किल था. यकीन होता भी कैसे लड़के को? उन दिनों चाय और मैगी बनाने के सिवा लड़की को सिर्फ आलू के पराठे, जो कि गोल कम और भारत का नक्शा ज्यादा दीखते थे, बस यही बनाने आते थे. लड़के ने लड़की को छेड़ने के इरादे से एक सवाल किया, “अच्छा ये बताओ, वो जो सन्देश और रसगुल्ले थे वो भी तुमने बनाये थे क्या?”. लड़की आँख तरेरते हुए कहती है.. “शेफ समझे हो क्या तुम मुझे? वो बाज़ार से आये थे...”. लड़का फिर से छेड़ने के इरादे से कुछ पूछना चाहता है इससे पहले ही लड़की वार्निंग देते हुए कहती है, कोई भी ऐसा वैसा सवाल अब किये वो यहीं ऑटोरिक्शा से उतार के पिटाई कर दूंगी तुम्हारी...बस अक्ल ठिकाने आ जाएगी ” लड़का चुप हो गया. उसने चुप रहना ही उचित समझा, वैसे भी लड़की का भरोसा नहीं. वो कुछ भी कर सकती है. नेशनल लाइब्रेरी दोनों दोपहर में पहुँचे थे. वहां लड़की के कोई रिश्तेदार काम करते थे जिससे पास लेने में ज्यादा दिक्कत नहीं आई. लड़की शायद नेशनल लाइब्रेरी बहुत बार आ चुकी थी.. वो इस जगह के बारे में एक कुशल गाइड की तरह लड़के को सब कुछ बता रही थी. नेशनल लाइब्रेरी के अन्दर घूमते हुए लड़की उस जगह की जाने कितनी कहानियां उसे सूना रही थी. डरावनी कहानियां...भुत प्रेतों की कहानियां. उसने बताया कि नेशनल लाइब्रेरी सिर्फ लाइब्रेरी होने के वजह से ही नहीं बल्कि शहर के सबसे चर्चित हॉटेड हाउस होने के वजह से भी मशहूर है. यहाँ रात में एक औरत की आत्मा भटकती है. वो लड़के को किसी सीक्रेट चैंबर के बारे में बताने लगी जो लाइब्रेरी में है. पहले तो लड़के ने उसकी बात को मजाक में टाल दिया, लेकिन लड़की सिरिअस थी. उसने बताया कि कैसे रातों में यहाँ जिसने ये लाइब्रेरी बनवाया था उसकी बीवी के क़दमों की आहट सुनाई देती है. लड़की ने एक और प्रचलित कहानी सुनाई, कि जिस औरत की आत्मा यहाँ भटकती है उसे सभी चीज़ों को उसके जगह पर रखने की आदत थी. जब भी कोई व्यक्ति यहाँ अकेले किताब पढ़ रहा होता है और किताबों को वो ठीक शेल्फ पर नहीं रखता तो उसे वो औरत उस व्यक्ति को अपने होने का एहसास करवाती है. लड़का थोड़ा सहम गया. वो हालांकि डर तो नहीं रहा था लेकिन फिर भी जाने कैसे ऊसके मुहं से अचानक निकल पड़ा कि चलो चलते हैं यहाँ से. बस फिर क्या था..लड़की को तो वैसे भी मौका चाहिए होता है, और वो मौका उसे मिल गया, “साहब..आप डर गए?? ..अरे रे...डरिये नहीं..मैं हूँ न आपके साथ. आपको कुछ नहीं होने दूंगी..अरे बहुत याराना है अपना आत्माओं से..और तो और सुना है शरीफ आत्मा है वो, किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया उसने, और क्या पता वो सुन्दर हो और आपको डराने के बजाये आप पर लाइन मारने लगे..”. लड़की की बे सिरपैर वाली बातें सुनकर लड़का थोड़ा झेंप सा गया और फिर हंसने लगा. लाइब्रेरी के अन्दर लड़की को बैठने की ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी, वो तो लाइब्रेरी के लॉन में टहलना चाहती थी, बाहर सीढ़ियों पे बैठना चाहती थी. फुहारों में भीगना चाहती थी. लड़का दो पल सोचने लगा, बाहर टहलने का इरादा सही है या नहीं. लेकिन लड़की बाहर लॉन में टहलने की जिद पर अड़ी रही.. “अरे हुज़ूर ये बादल आपकी मानसून प्रिंसेज के बड़े अच्छे दोस्त हैं, एग्रीमेंट है इनका मेरे साथ... जब मैं चाहूंगी तभी बारिश होगी...तुम्हें क्या लगता है? आज बारिश अपने मर्जी से हो रही है? नहीं साहब...ख़ास आज के लिए मैंने प्लान बनाया है, बादलों को पहले से हिदायत मिल गयी थी मुझसे, कि दिन भर हलकी फुहार होते रहे और हम बारिश में भीगते रहे..अब चलो मेरे इस प्लान की बैंड न बजाओ तुम. लड़का लड़की की ऐसी प्यारी जिदों को मुस्कुराकर स्वीकार कर लेता. दोनों बहुत देर तक नेशनल लाइब्रेरी के लॉन में टहलते रहे. लड़की उसे इस जगह से जुडी अपनी यादें बताती रही और लड़का लड़की की बातों में खो सा गया. हलकी फुहारों में भीगना, लड़की का हाथ थामे नेशनल लाइब्रेरी के लॉन में टहलना उसे बहुत सुकून दे रहा था. बहुत देर तक दोनों नेशनल लाइब्रेरी के सीढ़ियों पर बैठे रहे थे. मन ही मन लड़का दुआ करता कि ये पल बस थम सा जाए यहीं. नेशनल लाइब्रेरी के बाद लड़की उसे जाने कहाँ कहाँ घुमाती रही.. पूरा वो इलाका, वहीँ वो बड़ी हुई थी...कितने दुकान वालों से तो उसके परिचय थे. सड़क पर टहलते हुए वो कभी कभी लड़के को धमका भी देती, मेरे शहर में आये हुए हो और वो भी मेरे इलाके में...जैसा मैं कहूँ वैसा करते चलो बस..वरना उठवा लूँगी तुम्हें. विक्टोरिया मेमोरियल, काली घाट, प्रिन्सेप घाट जो उसकी सबसे प्रिय जगह में से एक थी... प्रिन्सेप घाट जो कि जाने कितने वजहों से लड़की के दिल के बेहद करीब रहा लड़की उसे वहां ले आई थी. इस जगह लड़का पहले कभी नहीं आया था. इतना शांत, इतना खूबसूरत जगह कि लड़के को पहली नज़र में ही प्यार हो गया था उस जगह से. प्रिन्सेप घाट पर टहलते हुए लड़की अपनी एक और ख्वाहिश की बात करने लगी, जो थोडा तो फ़िल्मी थी लेकिन बेहद प्यारी ख्वाहिश थी वो उसकी. सोचो ज़रा, काश कभी ऐसा हो बारिश होती रहे दिन भर और हम तुम भीगते हुए शहर घूमते रहे वो जैसे अमिताभ और मौशमी चैटर्जी घूम रहे थे न उस फिल्म में, वो गाना था न “रिमझिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन...” ठीक वैसे ही. बस शहर मुंबई की जगह कोलकाता हो और अमिताभ के जगह तुम...वैसे ही कोट टाई पहने और मौसमी चटर्जी की जगह मैं, साड़ी में. लड़के ने कहा, तुम बस ऑब्सेस्ड हो उस गाने से. लड़की ने जवाब दिया... “बारिश में भीगते हुए छप छप कर पैरों से पानी उड़ाते दोनों पूरा शहर घूमे थे...यू नो इट्स द मोस्ट रोमांटिक थिंग टू डू. लड़के ने उसका हाथ अपनी हाथों में ले लिया, उसके माथे को चुमते हुए कहा उसने, वो है या नहीं मोस्ट रोमांटिक थिंग टू डू ये मैं नहीं जानता, लेकिन ये पल, ये मोमेंट हमारे...मेरे लिए तो यही प्यार के पल हैं.. द मोस्ट रोमांटिक मोमेंट फॉर मी इज राईट नाउ...दिस मोमेंट..... वो जुलाई की आखिरी शाम थी लड़की के साथ प्रिन्सेप घाट पर बैठकर सनसेट देखना, ये सबसे सुखद था. वे अनमोल पल अपनी पूरी अमिटता के साथ लड़के की दिलो दिमाग पर हमेशा के लिए अंकित हो गया था. सूर्यास्त के समय दोनों का मन थोड़ा बोझिल हो गया था, दोनों ये बात जानते थे कि बस यही एक दिन था उनके पास जो अब खत्म होने को आया था. लड़की अपने घर चली जायेगी, और लड़का वापस रेलवे स्टेशन. प्रिन्सेप घाट पर लड़के के कंधे पर सर रख कर लड़की ने फिर एक दुआ मांगी, काश कल की ट्रेन हमारी कैंसल हो जाए या कोई भी ऐसा चमत्कार हो कि बस एक..सिर्फ एक और दिन हम साथ रहे. लड़का उसकी इस नादानी पर मुस्कुराने लगा. वो कुछ कहता इससे पहले ही लड़की ने समझ लिया क्या कहना है उसे, और फिर मुँह बिचकाते हुए कहती है, तुम जानते ही क्या हो मिस्टर? चमत्कार हमारे आसपास होते रहते हैं. यूं जस्ट हैव टू बिलीव इन मिरेकलस. इस बार शायद लड़का भी लड़की की इस नादानी पर विश्वास करना चाहता था..लड़की का हाथ अपने हाथ में लिए दूर ढलते हुए सूरज को देखकर उसने भी एक दुआ मांगी, बस एक..सिर्फ एक और दिन हमें साथ रहने का मौका मिल जाए...काश..!” लड़की लगातार गुनगुना रही थी और लड़के के कानों में लड़की की आवाज़ गूंज रही थी...पहले भी यूँ तो बरसे थे बादलपहले भी यूँ तो भीगा था आँचलअब के बरस क्यों सजन,सुलग सुलग जाये मन बारिश, सनशाइन और कोलकता - कोलकता डायरी “मीट क्यूट?” “हाँ मीट क्यूट...” “क्या बोल रही हो? ऐसा कोई भी शब्द नहीं है..” “है...है ऐसा शब्द.. तुम्हें क्या पता. याद है हमारी शुरुआत की कुछ मुलाकातें?” “हाँ याद है..” “जानते हो, वैसी मुलाकातें दो प्यार करने वालों की, जब दोनों पहली बार मिलते हैं एक दूसरे से. अंजान रहते हैं एक दूसरे से और वो पहली ना भूलने वाली प्यारी और यादगार मुलाकातें होती हैं, जब दोनों को लगता है दोनों एक दूसरे की तरफ किसी डोर से खिंचे चले जा रहे हैं. वो मीट क्यूट होता है. हम दोनों की शुरू की कुछ मुलाकातें ऐसी ही थी. We didn’t run into each other, but somehow there was an invisible string pulling us closer. That sweet romantic moments like us…in which two individuals come together in most fascinating circumstances, dreamy, destined-to-fall-in-love-and-be-together-forever sort of way is the meet cute.” “ये फिर से तुम्हारे मन की कोई बदमाशी है क्या? तुम्हारा कोई लॉजिक?” “साहब ये बकवास नहीं है. कुछ पढ़ा लिखा कीजिये. इस मीट क्यूट पर जमाने से लोगों को विश्वास है. कितनी फ़िल्में बनी हैं बस इस एक शब्द पर, कितनी किताबों में इसका जिक्र है...और तुम हो कि कुछ पता ही नहीं. ये बहुत प्यारा होता है. मीट क्यूट. तुम्हें सुनना है हमारे कौन कौन से मीट क्यूट हुए थे?” “हाँ, सुनाओ..” “तो सुनो...वैसे तो बहुत सी मुलाकातें थी, लेकिन ख़ास कर के पहली चार मुलाक़ात जिसके बाद हम एक दूसरे के करीब आये वो तुम्हें बताती हूँ. हमारे वे मीट क्यूट मोमेंट्स.” हमारी सबसे पहली मुलाक़ात याद है तुम्हें? तुम उस टेक्नीकल सेमिनार प्रेजेंटेशन में पहला पुरस्कार जीते थे और मैं उसी दिन एक दूसरे इवेंट, सिंगिंग काम्पिटिशन में चौथे स्थान पे आई थी, मुझे कोई पुरस्कार नहीं मिल सका था. मैं थोड़ी निराश और उदास थी. हम एक दोस्त के जरिये पहली बार मिले थे, पहली बार तुम्हारे बारे में पता चला था मुझे और पहली बार हम एक दूसरे से बात किये थे. तुमने मुझसे पूछा, कि तुम्हारा इवेंट कैसा रहा. मैंने जवाब दिया था, अच्छा होता इवेंट तो तुम्हारे पास जितनी बड़ी ट्रॉफी है, उतनी बड़ी ट्रॉफी मेरे पास भी होती. तुम शायद समझ गए थे मेरे कहने का मतलब. तुमने अपनी ट्रॉफी मुझे देते हुए कहा था...किसने कहा तुमने कुछ नहीं जीता, ये लो तुम्हारा पुरस्कार और इसे अपने पास ही रखो. इन लोगों को कोई अक्ल नहीं किसकी आवाज़ सुरीली है और किसकी घिसी हुई, और ये जज बने फिरते हैं. मेरे लिए तो तुम ही विनर हो”. सच में, कितने प्यारे तरीके से तुमने कहा था मुझसे, मैं तो उस वक़्त जैसे निहाल ही हो गयी थी. तुमने फिर मुझे अपनी ट्रॉफी थमाई, और बड़े प्यार से मेरी तरफ देखा. हमने अनजाने ही एक दूसरे का हाथ थाम लिया था. यू नो, वो हमारा पहला मीट क्यूट था. फिर दूसरी मुलाक़ात.. दूसरी मुलाक़ात याद है तुम्हें? कुछ दिन बाद ही हुई थी हमारी दूसरी मुलाक़ात. मुलाकातें तो वैसे हर दिन होती थी, तुम मुझे देखते थे और मैं तुम्हें. तुम बुद्धू थे, बोलते नहीं थे कुछ और मैं सोचती रहती थी ये कब बात करने आएगा. उस दिन भी तो तुम कितने डरे हुए से थे न, और मैने तुम्हें परेशान भी तो कर दिया था. याद है न तुम्हें. कॉलेज ऑफिस में हमारी मुलाकात थी वो. शनिवार का दिन था. बहुत कम लोग उस दिन कॉलेज आते थे, और ऑफिस स्टाफ भी आम तौर पे गायब ही रहते थे. मैं एक कांउटर पे खड़ी थी, तुम अन्दर आये और चुपचाप मेरे पीछे खड़े हो गए, बुद्धू इतने थे कि चुप से रहे तुम बिलकुल. बस मुझे चुपचाप देख रहे थे, और मैं हर बार की तरह यही सोच रही थी, ये बेवकूफ बात क्यों नहीं कर रहा. हम दोनों ही अकेले थे वहाँ ,, कोई भी नहीं था. लेकिन तुम बिलकुल चुप से मेरे पीछे खड़े रहे. काउंटर स्टाफ जब अचानक दाखिल हुआ ऑफिस में तो तुमने हड़बड़ी में जेब से कुछ निकालते वक़्त खुल्ले पैसे नीचे गिरा दिए थे. तुम्हें लगा वो पैसे मेरे पर्स से गिरे हैं, और तुमने कहा “सुनो, तुम्हारे पैसे नीचे गिरे हैं...”. मैंने एकदम टफ लुक देते हुए ये जताते हुए कि लाइन मारने का ये तरीका बहुत पुराना है, कहा था... “मेरे पैसे नहीं हैं, खुद गिराते हो पैसे और खुद मुझसे कहते हो कि तुम्हारे पैसे गिरें...ह्म्म्म?” तुम एकदम डर से गए थे. नहीं नहीं...कहते रह गए तुम और मैं अपनी इस बदमाशी पर मन ही मन खूब हँस रही थी. कुछ देर बाद घर वापसी के लिए मैं उसी कॉलेज बस में बैठ गयी जिसमें तुम बैठे थे. मैंने पहले ही तुम्हें देख लिया था कौन से बस में तुम बैठे हो. पूरी बस खाली थी फिर भी तुम्हारे बगल में ही आकर मैं बैठ गयी थी. थोड़ा अफ़सोस भी था मुझे कि तुम्हें बेवजह परेशान कर दिया, तुमसे बस में सॉरी कहा. तुम कोई किताब पढ़ रहे थे मैंने तुमसे पूछा “ये कौन सी किताब पढ़ रहे हो तुम?” तुमने कहा “प्यार की किताब पढ़ रहा हूँ...तुम भी पढ़ना”. “प्यार की किताब पढ़ना मतलब? कहना क्या चाहते हो तुम?” मैंने फिर से एक टफ लुक देते हुए तुमसे कहा था? तुम फिर एकदम से हड़बड़ा गए. “अरेररे..मेरे कहने का मतलब था रोमांटिक नॉवेल है ये ‘द नोटबुक’ नाम है इसका...सॉरी तुम्हें कुछ गलत लगा हो तो” तुम एकदम से सफाई देने लगे थे मुझे, कितने क्यूट लग रहे थे तुम ऐसे सफाई देते हुए और मुझे लगातार हँसी आ रही थी. मैंने फिर तुम्हें कहा, चिल यार..मैं बस मजाक कर रही थी. तुम भी फिर मेरी तरफ देखकर मुस्कराने लगे थे. वो हमारा दूसरा मीट क्यूट था. इन दोनों मुलाकातों के बाद वैसे तो हमारी बातचीत होने लगी थी, लेकिन ज्यादा नहीं. हमारी अच्छी और पक्की दोस्ती किस दिन शुरू हुई थी ये याद है तुम्हें? तुम्हारे जन्मदिन से एक दिन पहले का दिन था वो. यही जुलाई का महीना था और उस दिन भी बारिश हो रही थी जैसे आज हो रही है. तुम उस दिन कॉलेज की सीढ़ियों पर अकेले बैठे थे और मेरी वापसी की बस छूट गयी थी. छूट क्या गयी थी, तुम्हें बैठे देख सीढ़ियों पर मैंने जान बूझकर बस छोड़ दिया था. सोचा, देखती हूँ तुम मुझसे बात करते हो या नहीं. मुझे अपने पास बुलाते हो या नहीं. शुक्र था उस दिन तुमने टोका मुझे, “बस छूट गयी तुम्हारी...” तुमने पूछा था मुझसे, और मैंने तुम्हारे पास आकर कहा था “जान बूझकर छोड़ी है बस, तुमसे बात करने के लिए...” और मैं भी सीढ़ियों पर तुम्हारे पास आकर बैठ गयी. तुम्हारे लिए जन्मदिन का तोहफा पहले से मेरे बैग में रखा था, उसे मैंने तुम्हें दिया, तुमने पूछा मुझसे, तुम्हें कैसे पता मेरा जन्मदिन कल है? मैंने कहा था, आपके बारे में सब पता है हुज़ूर...और उसी पेन से जो मैंने तुम्हें तोहफे में दिया था, तुम्हारी हथेलियों पर लिख दिया था - हैप्पी बर्थडे टू यू, फ्रॉम योर स्वीट फ्रेंड. अपना नाम भी तुम्हारी हथेलियों पर लिखा था मैंने. तुम मुसकुरा दिए थे मेरी तरफ देख कर और कहा था मुझसे, “थैंक यु”. मुझे आज तक समझ नहीं आया वो थैंक यु किसके लिए था? तोहफे के लिए या तुम्हारी हथेलियों पर मैंने अपना नाम लिखा था उसके लिए...जिसके लिए भी था, वो हमारा तीसरा मीट क्यूट था. और चौथी मुलाक़ात..वो तो बेहद रूमानी सी थी. हम दोनों एक ही मार्केट में थे. एक ही दुकान में. तुम पहले से उस दुकान में थे और मैं वहां आ गयी...एंड लेट मी रीमाइन्ड यू अगेन, मैं तुम्हें फ़ॉलो नहीं कर रही थी, ये खुशफहमी जाने क्यों तुम्हें आज तक बनी रह गयी. बस होते गया ऐसा कि जिस जगह तुम थे वहीं मैं आ जाती थी. किस्मत यू नो..किस्मत. दुकान से निकलते ही बारिश शुरू हो गयी. मैं अपना छाता लिए सड़क के किनारे आकर ऑटो के इंतजार में खड़ी हो गयी. तुम कुछ देर बाद दुकान से निकले, और स्टाइल मारते हुए अपने बाइक से मेरे पास आकर खड़े हो गए. “ऑटो नहीं मिलेगी...छोड़ दूँ तुम्हें घर?” तुमने पूछा था, और मैं तो हैरानी में तुम्हें बस देखती रह गयी. ये गज़ब कैसे हो गया आज? तुम इतना हिचकते थे बात करने में और तुमने ही आकर पूछा. मैं भी झट से बाइक पर तुम्हारे पीछे बैठ गयी. देखो, तुम बारिश में भीग कर जाते, तुम्हारे पास बाइक थी, छाता नहीं. मेरे पास छाता था लेकिन घर जाने के लिए सवारी नहीं मिल रही थी. तुम मिल गए मुझे, तुमने ही आकर पूछा, और मैं तुम्हारे साथ बाइक पर बैठ गयी. मेरे लिए तो एकदम परफेक्ट मोमेंट था वो. पूरे रास्ते मैं बारिशों वाले गाने गाते आ रही थी और तुम मुस्करा रहे थे, मुड़ मुड़ के बहाने से मेरी तरफ देख रहे थे. मैंने तुमसे कहा जब आगे देखकर चलाईये हुज़ूर, कहीं एक्सीडेंट न हो जाए. तुमने जवाब दिया था “तुम्हें कुछ भी नहीं होने दूंगा, घबराओ मत”. हम चाचा के दुकान पे भी रुके थे और बारिश में भीगते हुए चाय पिये थे. चंदू के दुकान के भुट्टे भी खाए थे हमनें. मेरे लिए वो बारिश डेट थी तुम्हारे साथ. तुम पहली बार मेरे से इतना खुल के बात कर रहे थे और मैं तो बस मन ही मन खुश ही हुई जा रही थी. कितना रूमानी दिन था न वो. हमारा चौथा मीट क्यूट. जानते हो, अगर सोचो तो हमारी हर मुलाक़ात अब तक एक मीट क्यूट ही था. कितनी अच्छी यादें हैं न हर मुलाकात की. हम बेहद खुशनसीब हैं...पता है यहाँ लोगों को एक मीट क्यूट नहीं मिल पाता और हमारे देख लो कितने मीट क्यूट हुए हैं. जैसे सच्चा प्यार हर किसी को नहीं मिल पाता न, वो सोलमेट जैसा प्यार. ठीक वैसे ही मीट क्यूट सबके लिए नहीं होते, लेकिन हमारे लिए थे और वो भी इतने सारे...हमारे सभी मीट क्यूट...स्वीमीट क्यूट मुलाकातें.. स्वीमीट क्यूट मुलाकातें ? हाँ.. स्वीमीट क्यूट मुलाकातें. कितनी मीठी मुलाकतें होती हैं हमारी...तो वो सभी मीठी मुलाकतें को हम क्या कहेंगे न? स्वीमीट क्यूट(Sweemeet Cute) मुलाकातें ही न...! मीट क्यूट मेरे महबूब जब दोपहर को समुन्दर की लहरें मेरे दिल की धड़कनों से हमआहंग होकर उठती हैं तो आफ़ताब की हयात आफ़री शुआओं से मुझे तेरी जुदाई को बर्दाश्त करनें की क़ुव्वत मिलती है कितना दर्द है मीना कुमारी की शायरी में, पढो तो लगता है कहाँ कहाँ ले जाती हैं ये नज्में उनकी हमें. दिल की किन बंद गलियों में हम टहलने लगते हैं, जाने क्या क्या याद आते जाता है...जाने क्या महसूस होते जाता है. आज मीना जी की पुण्यतिथि पर पढ़िए ये चार नज्में. सियाह नक़ाब में उसका संदली चेहरा जैसे रात की तारीकी में किसी ख़ानक़ाह का खुला और रौशन ताक़ जहां मोमबत्तियाँ जल रही हो ख़ामोश बेज़बान मोमबत्तियाँ या वह सुनहरी जिल्दवाली किताब जो ग़मगीन मुहब्बत के मुक़द्दस अशआर से मुंतख़ीब हो एक पाकीज़ा मंज़र सियाह नक़ाब में उसका संदली चेहरा २, हाँ, कोई और होगा तूने जो देखा होगा हम नहीं आग से बच-बचके गुज़रने वाले न इन्तज़ार, न आहट, न तमन्ना, न उमीद ज़िन्दगी है कि यूँ बेहिस हुई जाती है इतना कह कर बीत गई हर ठंडी भीगी रात सुखके लम्हे, दुख के साथी, तेरे ख़ाली हात हाँ, बात कुछ और थी, कुछ और ही बात हो गई और आँख ही आँख में तमाम रात हो गई कई उलझे हुए ख़यालात का मजमा है यह मेरा वुजूद कभी वफ़ा से शिकायत कभी वफ़ा मौजूद जिन्दगी आँख से टपका हुआ बेरंग कतरा तेरे दामन की पनाह पाता तो आंसु होता दिन गुज़रता नहीं आता रात काटे से भी नहीं कटती रात और दिन के इस तसलसुल में उम्र बांटे से भी नही बंटती अकेलेपन के अन्धेरें में दूर दूर तलक यह एक ख़ौफ़ जी पे धुँआ बनके छाया है फिसल के आँख से यह छन पिघल न जाए कहीं पलक पलक ने जिसे राह से उठाया है शाम का उदास सन्नाटा धुंधलका, देख, बड़ जाता है नहीं मालूम यह धुंआ क्यों है दिल तो ख़ुश है कि जलता जाता है तेरी आवाज़ में तारे से क्यों चमकने लगे किसकी आँखों की तरन्नुम को चुरा लाई है किसकी आग़ोश की ठंडक पे है डाका डाला किसकी बांहों से तू शबनम उठा लाई है तुम्हारी अनोखी ख्वाहिशों की लिस्ट में एक और ख्वाहिश थी...जिसे तुम लगभग हर शाम मुझे सुनाती थी. तुम्हें शब्द ईजाद करने की बीमारी आदत थी. अंग्रेजी के शब्दों के साथ इक्स्पेरिमेंट करना तुम्हारी हॉबी थी. अंग्रेजी का कोई भी नया शब्द तुम कहीं देख लेती तो उसे सीधा इस्तेमाल कर लेती थी, अपने खतों में, अपनी डायरी में या जहाँ भी तुम्हारा मन करे वहाँ... बिना ये जाने कि उस शब्द का अर्थ क्या है. एक दिन तो तुम्हें अजीब बुखार चढ़ा. अंग्रेजी के शब्दों का अविष्कार करने का बुखार. जाने कहाँ से तुम्हें एक दिन एक शब्द “Premious” सूझा था, और तुमने मेरी ही डायरी में अपने इस नए शब्द का इस्तेमाल किया था. “I am premious” तुमने लिखा था. इस शब्द का क्या अर्थ तुमने बताया था ये सही से याद नहीं. शायद इक्स्ट्रीम्ली प्रीशअस(Extremely Precious). उस शाम के बाद तुमपर जैसे धुन सवार हो गयी थी नए, अनोखे और अजीबोगरीब शब्दों का लिस्ट बनाने की. एक दिन मैंने तुमसे यूँ हीं बातों बातों में कह दिया था कि तुम अपने इन शब्दों का अगर एक पूरी लिस्ट तैयार करो तो जब तुम्हारी लिस्ट पूरी हो जायेगी, मैं तुम्हारे इजाद किये शब्दों के लिस्ट को किसी दिन पब्लिश करवा कर एक नायब किताब का रूप दे दूंगा. ये कह कर मैं तो ये बात भूल भी गया था लेकिन तुम्हारे मन में ये बात रह गयी थी. तुमने बाकायदा एक पुराना टाइप राइटर जो तुम्हारे नाना का था उसे झाड़पोंछ कर निकाला और उसी टाइपराइटर में तुमने टाइप करना शुरू कर दिया था. तुमने शुरुआत में मुझे कुछ भी नहीं बताया था. तुम मुझे सरप्राइज देना चाहती थी. करीब दो ढाई महीने बाद जब मैं तुमसे कही उस बात को पूरी तरह भूल चूका था, तुमने एक शाम पाँच पन्नो के शब्दों की एक लिस्ट थमा दी मेरे हाथों में. “देखो मैंने लिखना शुरू कर दिया है, अब कुछ महीनो में ये पूरा हो जाएगा तो फिर इसको छपवाने की जिम्मेदारी तुम्हारी”, तुमने कहा और मैं हैरान सा होकर तुम्हें देखने लगा था. उसी शाम तुमने अपनी और मेरी डायरी में इस ख्वाहिश को भी जोड़ा था. लिखा था तुमने.. ‘Fun With Words, By Us’ नाम की किताब पब्लिश करवाना और उसके नीचे तुमने मुझसे दस्तखत करवाया था. हाँ, ये भी तुम्हारी आदत थी, डायरी के हर पन्ने पर लिखी ख्वाहिश के नीचे तुम अपने और मेरे दस्तखत लेती थी, समय और तारीख के साथ. उस शाम के बाद तुमने सच में वो लिस्ट बनानी शुरू कर दी थी. मुझे ये विश्वास ही नहीं हो रहा था कि तुमने कितने अच्छे से अपने अजीबोगरीब शब्दों को लिखे थे. बाकायदा अर्थ समझाया था तुमने, एक्स्प्लनेशन के साथ और उसका प्रयोग कैसे कर सकते हैं वो भी साथ में लिखा था तुमने. किसी डिक्शनेरी के तर्ज पर. अपने ईजाद किये शब्दों के साथ साथ तुमने अपने उस लिस्ट में कुछ बेहद आश्चर्यजनक और अजीबोगरीब अंग्रेजी के शब्द लिखे थे. जैसे एक शब्द मुझे याद आता है - “Pluviophile” जो तुम खुद के अकसर इस्तेमाल करती थी, जिसका अर्थ है “वो इंसान जिसे बारिश बहुत पसंद है, और जो बारिश में सुकून और प्यार पा लेता है. पहले मुझे लगा था ये शब्द भी तुम्हारे दिमाग की उपज है, लेकिन बाद में तुमने जाने किस किताब में इस शब्द का अर्थ दिखलाया था. ऐसे ही न जाने कहाँ कहाँ से कितने शब्द तुम खोज कर लाया करती थी. तुम कहती थी “इन्हीं अजीबोगरीब शब्दों को पढ़कर मुझे भी दिल करता है कि मैं भी ऐसे शब्दों का आविष्कार करूं जो बिलकुल डिफरेंट से हों और सुनने में बेहद प्यारे भी लगे जो. मुझे कम से कम एक हज़ार शब्दों का तो आविष्कार करना ही है. That’s my goal”. शब्दों को इजाद करने के मामले में कमाल की टैलेंटेड थी तुम. उस वक़्त तुम्हारी मैं अकसर खिंचाई कर दिया करता था, इन बेतुके आदतों को लेकर लेकिन सच कहूं तो मुझे अकसर तुम्हारी ये आदतें हैरान करती थीं. अपने इस लिस्ट बनाने के साथ साथ तुमने टाइपरायटर का एक और उपयोग शुरू कर दिया था. तुम्हारी ख्वाहिश थी कि तुम फिल्मों की कहानियों का कांसेप्ट और स्क्रिप्ट लिखो. तुम्हारे मन में जो विषय है उसपर तुम फिल्म बनाओ. शब्दों के लिस्ट के साथ साथ तुम अपने इस ख्वाहिश पर भी काम करना शुरू कर दिया था. एक फिल्म आई थी उन दिनों, “प्यार में कभी कभी”, फिल्म और फिल्म के गाने तुम्हें बेहद पसंद आये थे. उस फिल्म की एक ख़ास बात ये थी कि उसमें डाईरेक्टर, प्रोड्यूसर से लेकर संगीतकार और कलाकार से लेकर स्पॉट बॉय तक सभी नए थे. सभी की पहली फिल्म थी वो. मुझे सही से याद नहीं, लेकिन शायद फिल्म के शुरुआत में ये बात कही गयी थी. इसके साथ ही ये भी कहा गया था या शायद लिखा हुआ था फिल्म के क्रेडिट में कि “इस फिल्म से हम सभी दोस्तों की तकदीरें जुडी हुई हैं..” बस, जिस दिन तुमने ये फिल्म देखी थी, उसके अगले ही दिन से तुम ये जिद लेकर बैठ गयी कि हम सब भी एक फिल्म बनायेंगे एक साथ. जब वे सभी नए लोग मिलकर एक प्यारी फिल्म बना सकते हैं तो हम क्यों नहीं? उस फिल्म में भी तो सभी दोस्तों की कहानी थी, जैसे यहाँ हम सभी दोस्त हैं. कुछ भी अंतर नहीं है, उस फिल्म से उन लोगों ने जहाँ अपनी दोस्ती को फिल्म में दिखाया था हम अपनी दोस्ती को फिल्म में दिखाएँगे, और उनसे कहीं बेहतर प्यारी और खूबसूरत फिल्म बनेगी हमारी. हमें भी फिल्म बनानी चाहिए. हर बीतते दिन के साथ तुम्हारी ये फिल्म बनाने की ख्वाहिश और मजबूत होती जाती थी. तुमने तो सारे यूनिट के बारे में भी सोच लिया था. मुझसे कहती तुम “फिल्म की कहानी तुम और मैं मिलकर डेवलप कर देंगे. गाने तुम लिख देना, उसे कोरिओग्राफ मैं कर दूँगी और एक्टिंग के लिए हम दोनों ही रहेंगे...मैं किसी और को लेने का रिस्क अफोर्ड नहीं कर सकती. हमारी लिखी स्क्रिप्ट पर जितने अच्छे से हम अभिनय कर सकेंगे उतना दूसरा नहीं”. म्यूजिक के लिए तुमने पिहू का नाम सोच रखा था, जो उन दिनों किसी इन्स्टिट्यूट से म्यूजिक सीख रही थी. प्लेबैक सिंगिंग के लिए भी तुम्हारे पास एक प्लान था. “मेरे किरदार के गाने तो मैं गा दूँगी..लेकिन तुम्हारे किरदार के लिए तुम कैसे गाओगे? इतने बेसुरे हो तुम? लोग भाग जायेंगे..चलो वी विल फिगर समथिंग आउट..” यानी एक तरह से फिल्म का पूरा क्रू तुम्हारे मन में फिक्स्ड था. बस कोई तगड़ा पैसे वाले व्यक्ति(किसी फिनन्सिर) को पकड़ना पड़ेगा, जिसका कोई अता-पता नहीं था और तुम इसके लिए एकदम क्लूलेस थी. किसे अपने जाल में लपेटा जाए, हर शाम तुम्हारी इसी बात की फ़िक्र में गुज़रती थी. तुम अपनी इन दो नयी आदतों के साथ इतना गंभीर थी, कि अकसर तुम अपने बैग में अपने इन दोनों ख्वाहिशों से जुड़े सभी कागजात लेकर चलती थी. तुम्हारे बैग में पन्ने भरे होते थे, कुछ में फिल्म की कहानी(सिरिअसली क्रेजी कहानियां) और कुछ में तुम्हारे अजीबोगरीब शब्दों के लिस्ट और उनके मानी. तुम हर शाम मुझे ये दोनों पढ़ के सुनाती थी. मुझे बड़े ध्यान से तुम्हारी बातें सुनना पड़ता था. नहीं सुनने का तो कोई स्कोप ही नहीं था. तुम किसी टीचर की तरह बीच में बस ये पता करने के लिए कि मैं सुन रहा हूँ या नहीं, अपनी कहानी से कुछ पूछ लेती थी. “अच्छा बताओ ये किसने कहा था?”, “उसकी दोस्त का नाम क्या था?” “इस शब्द का क्या अर्थ बताया था मैंने?” और अगर मैं जो कभी जवाब नहीं दे पाता तो मेरी खैर नहीं थी. हल्का भी मेरा ध्यान इधर उधर जाता तुम्हारी कहानियों से, मुझे बाकायदा सज़ा दिया करती थी तुम. मैं सोचता था उन दिनों कि हर शाम वापस घर जाने के बाद तुम दूसरा कुछ काम करती ही नहीं होगी..अपना पूरा वक़्त तुम फ़िल्मी कहानियां और शब्दों को लिखने में लगा देती होगी, वरना इतने पन्ने तुम कैसे लिख सकती थी? सच कहूं तो कभी कभी तो मैं पढ़ते हुए थक भी जाता था. और एक दो कहानियों में तो हँसी आ जाती थी मुझे, कितनी मुश्किल से अपनी हँसी रोक पाता था मैं ये मैं ही जानता हूँ. कितनी बार तो ऐसा भी हुआ है कि जैसे ही आखिरी पन्ना पढ़ा मैंने, और राहत की साँस ली कि चलो कहानी ख़त्म हुई...वैसे ही तुम जाने कहाँ से बैग से कुछ और पन्ने निकाल कर मुझे थमा देती थी. “एक और पन्ना?” मैं कहता. “क्यों पढ़ने का मन नहीं है? बोर हो रहे हो क्या?”, तुम इतने गुस्से में पूछती, मेरी हालत वैसे ही ख़राब हो जाती थी. “मेरी क्या शामत आई है जो मैं बोर हूँ..” मैं तुम्हें प्यार से कहता. तुम मुस्कराने लगती. प्यारी वाली मुसकराहट नहीं, बल्कि एक ईवल स्माइल देने की नाकाम कोशिश करती तुम, और कहती “ऐसे ही मेरे से डरते रहा करो. तुम्हारी भलाई इसी में है...” बहुत समय तक तुम्हारी ये दो आदतें कायम रही थी. फिल्म के कहानियों का तो तुम्हारे मूड पर निर्भर होता था, कभी कभी तुम खुद ऊबने लगती, “बड़ा मेहनत वाला काम है , मुझसे नहीं होता” तुम कहती, तो कभी कभी बड़ी उत्साहित हो जाती थी फिल्म बनाने को लेकर. लेकिन अपने शब्दों के लिस्ट को तुम फिल्मों से भी ज्यादा गंभीरता से लिया करती थी. बहुत समय तक नए शब्दों को अपने लिस्ट में तुम जोड़ते गयी थी. यहाँ तक कि बाद में जब हम दोनों अलग अलग शहरों में रहने लगे थे तब भी तुम मुझे खत में अपने पूरे सप्ताह के ईजाद किये शब्दों को लिखना भूलती नहीं थी. बाद में जाने क्या हुआ तुमने ये अपनी ये आदत भी छोड़ दी थी, वजह शायद मैं अच्छे से जानता हूँ. एक बात जो उन दिनों तुम्हें मैंने कभी नहीं कहा था, आज कहता हूँ. तुम्हारी इस आदत के लिए भले मैं कभी तुम्हारी खिंचाई कर दिया करता था, लेकिन सच कहूं तो तुम्हारी इस आदत से मैं इम्प्रेस्ड था. तुम्हारी इस बेतुकी बेवजह की आदत की इज्ज़त करता था मैं. आज जब कभी तुम्हारी उस अजीबोगरीब आदत के बारे में सोचता हूँ तो लगता है कि वो सच में एक किताब बन सकती थी. तुम्हारी ही तरह बिलकुल डिफरेंट, इलोजिकल और नायाब किताब. तुम्हारी ख्वाहिशें..२ Tuesday, February 24, 2015 तुम्हें याद तो है न तुम कितनी ऊट-पटांग हरकतें कभी करने लगती थी. किसी गाने को सुनकर उसमें कही बातों को इतना सिरिअसली ले लेती थी कि तुम्हें समझाना मुश्किल हो जाता था. गुलज़ार की वो नज़्म तो याद होगी ही तुम्हें? “एक दो चाँद से कूदे..” जनवरी की वो आखिरी शाम थी जब हम दोनों देर तक एक नए शहर के रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बैठे थे, अपने शहर वापस जाने वाली गाड़ी का इंतजार कर रहे थे और उस शाम तुम्हें मैंने ये नज़्म पहली बार वाकमैन पर सुनाया था. तुम्हे ये नज़्म बहुत पसंद आई थी. कैसे बच्चों जैसी जिद करने लगी थी तुम कि “चलो न चाँद पर चलेंगे, वहाँ से कूदेंगे....” पहले तो मैं समझ नहीं पाया. मुझे लगा हमेशा की तरह तुम्हारा बस ये मजाक है...यूँहीं बेवजह मुझे सताने के लिए ये जिद लेकर बैठ गयी... थोड़ा झल्ला भी गया था मैं. लेकिन तुम अपने जिद पर कायम थी. तुम तब तक नहीं मानी जब तक मैंने तुमसे ये वादा नहीं किया कि एक दिन हम जरूर चाँद पर जायेंगे. सोचता हूँ अकसर मैं कितनी लड़कियां होंगी तुम्हारी जैसी जो इस तरह की जिद लेकर बैठती होंगी. तुम्हारी ऐसी बातें तुम्हारे ऐसे बेवकूफिपना वाले जिद तुम्हारे सपनों की दुनिया का हिस्सा थे...तुम्हारे सपनों की एक अलग ही दुनिया थी. तुम्हारी ख्वाहिशों की भी एक अलग दुनिया थी. एकदम जुदा और अजीब ख्वाहिशें थीं तुम्हारी, कुछ तो बेहदं प्यारी सी तो कुछ बेहद वीयर्ड. तुम्हारे पास एक डायरी थी, जिसमें तुमने अपनी सारी ख्वाहिशें लिखती थी. सारे अजीबोगरीब और पागलपन वाली ख्वाहिशें तुम्हारी उसमें थे. वो डायरी तुम्हारे पास हमेशा रहती थी, तुम कहीं भी जाओ तुम उस डायरी को अपने संग रखती थी. उस शाम रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बैठकर अपनी उस डायरी में तुमने ये ख्वाहिश भी जोड़ दी थी, “चाँद से कूदना..," एक डायरी तुमने मुझे भी खरीदवा दी थी, जिसमें मुझे भी अपनी ख्वाहिशें लिखने को तुमने कहा था. लेकिन मेरी ऐसी कोई ख़ास ख्वाहिशें या विशेज थी भी नहीं जो मैं उसमें लिखता. तुम्हारी तरह तो ख्वाहिशों की लिस्ट तो बिलकुल भी नहीं थी मेरे पास. तुमने तब खुद ही मेरी डायरी में ख्वाहिशें लिखना शुरू कर दिया था. जो भी ख्वाहिश तुम अपनी डायरी में खुद के लिए लिखती, ठीक वही ख्वाहिशें मेरी डायरी में तुम लिख दिया करती थी. कभी जो तुम्हें टोकने की जुर्रत करता, कि तुम क्यों मेरी डायरी में अपनी सभी स्टुपिड ख्वाहिश लिख देती हो, तुम नाराज़ हो जाती थी और फिर बाद में बड़े प्यार से खुद ही मुझे समझाने लगती. देखो, यु=मी न? , तो मेरी ख्वाहिशें = तुम्हारी ख्वाहिशें वाला हिसाब किताब मुझे समझाने लगती तुम. मुझसे अगर पूछो तो मुझे तो तुम्हारी सभी ख्वाहिशें एकदम अनोखी और अजीब लगती थी, लेकिन तुम्हारी कुछ ख्वाहिशें थीं जो वीयर्ड होते हुए भी मुझे सोचने पर मजबूर कर देती थी. कभी कभी तो तुम उन ख्वाहिशों के जरिये मुझे अपने साथ पता नहीं कल्पनाओं के किस दुनिया में ले जाया करती थी. एक तुम्हारी सबसे अलग सी विश जो तुमने लिखा था अपनी और मेरी डायरी में वो थी... टाईममशीन के जरिये पुराने दिनों में वापस जाना. ये ख्वाहिश वैसे तो बहुत से लोगों की हो सकती थी लेकिन इसके साथ तुमने इस ख्वाहिश को जिस तरह से डिस्क्राइब किया था, वो बिलकुल अलग सी और अनोखी थी. तुम्हारे पास एक पूरा प्लान तैयार था. तुमने तो रिजर्व बैंक भी लूटने तक का ख्याल बना लिया था. कहा करती थी... उन दिनों के पुराने नोट्स रिजर्व बैंक में तो रखे मिल जायेंगे न हमें? तो जाने से पहले हमें वो भी अपने कब्ज़े में करना होगा. वे रुपये निकाल कर उसे अपने साथ ले जायेंगे. दो बहुत क्लियर लॉजिक थी तुम्हारी इस बात के पीछे, पहला तो ये कि आज के नोट उस ज़माने में चलेंगे नहीं, और दूसरा ये कि "जब आज के नोट उस ज़माने में नहीं चलेंगे तो हम क्या खाली हाथ जायेंगे वहाँ??ना..कभी नहीं.....हमें बैंक लूटना ही होगा..और पुराने दिनों के पैसे लेकर चलना ही होगा, दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है", तुम कहती थी. तुम वापस उन दिनों में जाने की बात से ही बहुत इक्साइटड हो जाया करती थी. कहती मुझसे "सोचो हम अगर उन दिनों में चले जायेंगे, तो हमारे कपड़े, यहाँ तक कि शक्ल सूरत देखकर भी उस समय के लोग बड़े हैरान होंगे, वे हमें एलिएंस समझेंगे. हम वहाँ उन दिनों में पहुच कर वहाँ के लोगों को बर्गर, पेस्ट्री और पिज़्ज़ा खिलाएंगे. उन्हें स्मार्टफोन और लैपटॉप दिखाकर हैरान कर देंगे. वो हमें जादूगर समझेंगे. हम उन दिनों में जाकर अपने अपने पसंदीदा फिल्मस्टार से भी मिलेंगे, उन्हें उनकी भविष्य में आने वाली फ़िल्में दिखाएँगे, वो चकित हो जायेंगे. वो जाने क्या समझेंगे हमें. हम उन दिनों में जाकर लोगों से ये भी कहेंगे, कि जितना अधिकतर लोगों का एक महीने का वेतन होता है, अपने ज़माने में हम तो कभी कभी उतने पैसे एक दिन में क्या एक घंटे में खर्च कर देते हैं. वो अजीब आश्चर्य में आँखें फाड़ के हमें देखेंगे हमारी बातों को सुनेंगे". इस तरह के जाने कितने ही प्लान तुम्हारे मन में पहले से तैयार थे. तुम टाइममशीन के जरिये वापस अपने घर भी जाना चाहती थी, अपनी माँ को तुम उनके बचपन में देखना चाहती थी. तुम् अपनी परनानी को देखना चाहती थी, जिनकी न जाने कितनी कहानियां तुम अपनी माँ और नानी के मुहं से सुन चुकी थी. तुम उस दिन में वापस जाना चाहती थी जिस दिन तुम्हारा जन्म हुआ था, तुम मेरे बचपन को भी देखना चाहती थी. तुम मेरी माँ को भी उनके स्कूल और कॉलेज के दिनों में जाकर देखना चाहती थी. अक्सर तुम मेरी माँ की पुरानी तस्वीरों को देखकर कहा करती थी कि आंटी कितनी सुन्दर थी कॉलेज के दिनों में, काश मैं आंटी जैसी सुन्दर होती. तुम चाहती थी कि तुम चुपचाप जाकर उन पुराने दिनों में अपनी माँ के आसपास कहीं बैठ जाओ, वो जहाँ जाएँ तुम उनके साथ साथ वहाँ जाओ. वो क्या कर रही हैं, क्या बातें कर रही हैं, किन लोगों से मिल रही हैं वो सब देखो तुम. लेकिन जहाँ तुम्हारी ये ख्वाहिश थी वहीँ तुम्हारे मन में एक बात और अटकी रहती थी, जो की मेरे हिसाब से भी एक वैलिड पॉइंट था. तुम कहती मान लो, जैसे मैं प्लान बना रही हूँ भविष्य में जाने की, वैसे ही कोई भविष्य का इंसान अभी इस वक़्त हमारे बीच मौजूद हो तो? और जैसे मैं सोच रही हूँ कि अपनी माँ के आगे पीछे घूमते रहने की बात, उनकी हर एक चीज़ को नोटिस करने की बात वैसे ही कोई हमारे बीच ही हो और हर पल हमें वो देख रहा हो. ये कहने के बाद तुम हर एक पर शक करने लगती...तुम्हें क्या लगता है? वो हो सकता है? देखो उसे...या वो लड़की जो हमें लगातार देख रही है? क्या लगता है तुम्हें? कुछ समय के लिए तुम्हारे इस खेल में मैं भी जुड़ जाता था और अपने इनपुट देने लगता. तुम अपनी इस ख्वाहिश को लेकर बहुत सिरिअस थी, ऐक्चूअली इसी ख्वाहिश को लेकर नहीं, बल्कि तुम अपनी सभी ख्वाहिश को लेकर बहुत सिरिअस रहती थी. तुम्हें अपनी इन ख्वाहिशों पर मजाक करना पसंद नहीं था. जहाँ तुम्हारी ये टाईममशीन के जरिये वापस पुराने दिनों में जाने वाली ख्वाहिश थी वहीँ तुम्हारी एक और बड़ी ख्वाहिश थी जिसका जिक्र लगभग हर शाम मुझसे तुम करती थी. तुम्हारी एक अनोखी किताब की ख्वाहिश और फ़िल्में बनाने की ख्वाहिश. आज की शाम तुम्हारे इस ख्वाहिश के नाम कर रहा हूँ, अगली ख्वाहिश तुम्हारी अगले किसी शाम में. आ चल डूब के देखें एक दो चाँद से कूदें.. आँखों की कश्ती में रात बिताई जाए झीलों के पानी से नींद बिछाई जाए चल दरिया बाँध ले पैरों से चल सनसेट के रंग पहने तन पे, बुद्धम शरणम् गाए कुछ ऐसा करे जो हुआ नहीं..जो हुआ नहीं वो करें चल जेबें भर ले तारों से..दाने छिटकाते चलें, चल मफलर पहन के बादल के बारिश बरसाते चले चलो न कूदें जो लड़का देखता था वो दिसम्बर की एक सर्द सुबह थी. जिधर देखो घना कोहरा...लड़के ने खिड़की से बाहर झाँका और खुश हो गया. उसक पसन्दीदा वातावरण था. टी.वी की न्यूज़ एंकर लाख कहती रहे, घने कोहरे से जनजीवन अस्त-व्यस्त, लड़के की दिली तमन्ना थी कि आने वाले दो-तीन दिन यूँ ही रहें...घने कोहरे में डूबी सड़कें, पेड़-पौधे...और उनको चीरती दूर से आ रही किसी मोटर की मद्धिम सी हेडलाइट. लड़के ने एक बार फिर घड़ी पर निगाह डाली. सुबह के साढ़े आठ बज रहे थे. यानि लड़की से उसकी मुलाकात में मात्र 25 घण्टों का फ़ासला...और कुछ सौ किलोमीटर की दूरी... कल के बारे में सोच कर ही उसके दिल की धड़कन तेज़ हो गई थी. क्या करेगा वो कल, जब महीनों बाद उसकी ज़िन्दगी उसके सामने होगी...? वो तो जो करेगा, सो करेगा, पर लड़की कैसे और क्या करेगी, सोच के उसके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान खिल गई...पगली है वो तो... हाँ सच में, पागल ही तो थी वो दुनिया की सबसे ज़्यादा भोली और मासूम लड़की...। दुनिया के लिए वह चाहे जो भी हो, उसके लिए हमेशा किसी बच्चे-सी मासूम ही रहेगी. उसकी हरकतें, ख़्वाहिशें, बातें, शिकायतें...उसकी उम्र की लड़कियों के मुकाबले वो कोरा पागलपन होगा, पर वो ऐसी ही थी...कम-से-कम उसके सामने वो अपने असली रूप में होती थी...हमेशा... लड़की की नज़र से जिस दिन से लड़के ने उसे बताया, मिलने को तैयार रहना, तुम्हारे शहर आ रहा हूँ...लड़की के मानो पंख लग गए थे. लड़के ने टिकट कन्फ़र्म होते ही सबसे पहले उसे ही सूचना दी थी. अपनी आदत के मुताबिक लड़की ने उसी समय उससे आने और जाने की दोनो ट्रेनों की पूरी डिटेल्स मँगवा ली थी. लड़के को कभी कभी हल्की कोफ़्त भी होती थी...वो कहीं भी जाए...मीलों दूर बैठी वो आखिर कर क्या लेगी...? क्या ड्राइवर के माथे पर दोनाली टिका कर बोलेगी, ट्रेन जल्दी-जल्दी...बिना रुके चलाने को...? या फ़िर बाकी की सब ट्रेनें रुकवा कर उसके लिए लाइन क्लीयर करवाएगी. पर उसकी बहुत सारी बचकानी ज़िदों की तरह वो हमेशा उसकी ये ज़िद भी मान जाता था...चुपचाप... लड़की को भी वैसे तो कोहरा बहुत पसन्द था, पर जाने क्यों अबकी उसकी ख़्वाहिश थी कि जब लड़का उसके पास आए, आकाश में तेज़ धूप खिली रहे...पूरे दिन... "मैं तुम्हारे साथ उस खिली धूप में छत पर बैठना चाहती हूँ..." लड़की ने जब कहा तो लड़का हल्का चौंक गया,'छत...? माने...? अबकी तुम बाहर नहीं मिलोगी क्या...?' लड़की उसके सामने नहीं थी, पर वो जानता था, उसकी बात सुन कर उसने उसी यूनिक तरीके से मुँह बिचकाया होगा,‘आर यू आउट ऑफ़ योर माइंड ऑर वॉट, मिस्टर...? भूल गए, उस पूरे हफ़्ते घर में बस मैं और दी ही रहेंगे...पूरी फ़ैमिली निखिल भैय्या की शादी में शहर से बाहर रहेगी न...' लड़के के दिल की धड़कन ये सोचने मात्र से बढ़ सी गई थी. सहसा लड़की भी खामोश हो गई थी... दोनो की चुप्पी भी मानो कितना कुछ कह रही थी. लड़की ने दिन गिने थे...मात्र पच्चीस दिन...और एक बार फ़िर कुछ लम्हें...कुछ घण्टे सिर्फ़ उन दोनो के...लड़की ने मन-ही-मन हिसाब लगाना शुरू कर दिया था....अब की मिलेगी तो क्या-क्या कहना है उसे लड़के से...सब कुछ उसने अपने मन की डायरी में नोट करना शुरू कर दिया था. लड़का तो अपने पास किसी भी रूप में ये सब बातें नोट कर भी लेता था, पर लड़की चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकती थी. घर पर किसी ने भी पढ़ लिया तो उसके बाद जो भयानक तूफ़ान आता, उसकी कल्पना मात्र से वह सिहर उठती थी. उसका जो भी हो, उसे परवाह नहीं थी, पर लड़के पर राई भर भी बात आए, ये उसे बिल्कुल गवारा नहीं था. यूँ तो लड़का कभी उसकी किसी भी बात से इरीटेट नहीं होता था, या कम-से-कम उसे तो यही जताता था, पर जाने क्यों अब उससे ही जाने-अन्जाने ऐसी ग़लतियाँ होने लगी थी जिसे करने के साथ ही उसे अहसास हो जाता था कि उसकी वो ग़लती शायद माफ़ी के क़ाबिल नहीं... लड़के की जगह कोई और होता तो उसे कभी माफ़ न करता, पर वो तो बस वो ही था न...लड़की को दिल के किसी कोने में एक ढाँढस रहता था कि ज़िन्दगी में अगर कभी वह सच में ऐसा कुछ ग़लत कर बैठी, तो और कोई उसके साथ हो न हो, लड़का तब भी मजबूती से उसके साथ खड़ा नज़र आएगा. अबकी बार उसके पहले नम्बर पर उन सब गलतियों के लिए लड़के को एक्स्प्लनेशन देना था. गिनते-गिनते आखिर वो दिन आ ही गया। रात में खुशी के मारे लड़की की नींद कई बार टूटी, पर सुबह वह हर दिन से ज़्यादा तरोताज़ा थी. भगवान भी जैसे उसके साथ थे, तभी तो बहुत खिल कर धूप निकली थी...कई दिन के छाए कोहरे के बाद...अचानक ही... लड़की ने चुपके से दुआ माँगी...लड़के की ज़िन्दगी में भी अभी जो कोहरा छाया है, वो भी ऐसे ही छँट जाए... कॉलबेल बाद में बजी, चेहरे पर हज़ार वॉट की मुस्कान लिए हुए लड़की ने दरवाज़ा पहले खोल दिया. लड़का दो पल अपलक उसे देखता रह गया. 'मिस्टर...यूँ ही देखते रहने का इरादा है या अपनी एक इच्छा भी पूरी करोगे...?' कहते हुए जब तक वह कुछ समझ पाता, लड़की ने एक झटके से उसे अपनी बाँहों में भरा और जाने क्या फ़ुसफ़ुसाते हुए अलग भी हो गई...लड़का लाख पूछता रह गया, पर लड़की ने उसकी बात पूरी तौर से इग्नोर कर दी... वो कैसे बताती कि उसके इस अप्रत्याशित हरकत से हतप्रभ रह गए लड़के से उसने कहा था, 'Hold me back...tightly...You Stupid...' लड़के को आया देख कर दी भी बाहर आ गई थी. उनसे बात करते हुए जितनी बार लड़के की निगाह लड़की से टकराई, वो उसे अपलक ताके जा रही थी...मानो उसकी मौजूदगी के हर पल को वो हमेशा के लिए अपनी यादों में फ़्रीज़ कर लेना चाहती हो. लड़का हमेशा की तरह सब समझ रहा था...उसकी न रुकने वाली बेतहाशा हँसी...उसकी वो हल्की सी मुस्कान...और उन सबके पीछे कहीं बहुत गहरे छिपे उसके आँसू... लड़के को तो जैसे महारत हासिल थी उसका मन पढ़ने में...वो लाख कोशिश कर लेती कि उससे बात या मैसेज करते समय वो अपने मनोभाव छुपा ले, पर हर बार चोरी पकड़ी जाती. ऐसे में लड़की का फ़ेवरिट डायलॉग होता,'बताओ मिस्टर...ये तुमने अपना कैमरा छुपाया कहाँ है...? आखिर तुमको पता कैसे चल जाता है सब असलियत...’ जवाब में लड़का बस्स...क्यूँ बताऊँ...कह कर बात ऐसे पलट देता कि बातें खत्म होते-होते लड़की सब कुछ भूल कर बस खिलखिला रही होती. लड़की ने बहुत कोशिश की कि वो भी ये कला सीख जाए...जब कभी लड़का यूँ उदास हो, वो उसको भी हँसा सके...पर ऐसा हो कहाँ पाता था. लड़का हमेशा कहता था कि वो उसकी हर बात जानती है, पर फिर भी लड़के की उदासी के पलों में अक्सर उसे महसूस होता...उन दोनो के बीच कोई तो पारदर्शी दीवार थी...जिसके उस पार लड़के के दुःख थे और जहाँ उसका पहुँच पाना लड़के ने जानबूझ कर प्रतिबन्धित कर रखा है... थोड़ी देर उनके पास बैठ कर...चाय-नाश्ता करवा कर दी ऑफ़िस चली गई थी. दी को उन दोनो पर पूरा भरोसा था. अकेले रहने के बावजूद दोनो अपनी सीमा से बाहर नहीं जाएँगे, ये वो बहुत अच्छे से जानती-मानती थी. घर से बाहर तो लड़की अनगिनत बार लड़के के साथ अकेली रही थी, पर घर की चारदीवारी में उसके साथ बिल्कुल अकेले रहने का यह पहला मौका था. कुछ देर वे दोनो ही एक अजीब सी खामोशी में घिरे बैठे रहे...फिर लड़की ने ही चुप्पी तोड़ी थी, 'सुनो साहब...ये न समझना कि तुम मेरे घर आए हो तो नवाबों की तरह बैठे रहोगे और मैं दौड़ दौड़ कर तुम्हारी चाकरी करूँगी...तुमको भी सब काम में मेरा हाथ बँटाना पड़ेगा...Is that clear...?' लड़की और भी जाने क्या-क्या हिदायतें दिए जा रही थी, पर लड़का बस मन्द-मन्द मुस्कराता हुआ उसे अपलक देखे जा रहा था, मानो वो कोई बच्ची हो और वो उसकी तोतली ज़बान सुन कर आनन्दित हो रहा हो. लड़की सहसा चिढ़ गई, 'ऐसे न देखो मिस्टर...मैं तुमसे बड़ी हूँ...रिमेम्बर...?' ये भी लड़की की अजीब सी सनक थी, उससे बड़ा बनने की...। इसके लिए उसने एक अजीब फ़ण्डा बनाया हुआ था,’तुम 87 में पैदा हुए हो...मैं 88 में...हुई न तुमसे एक साल बड़ी...? चलो, अब से आइन्दा इज्ज़त से पेश आना मेरे साथ...।' लड़का भी पलटवार करता,'अच्छाऽऽऽ...एक भी बात या हरकत बता दो अपनी जिससे साबित होता हो कि तुम बड़ी हो गई हो...बच्ची नहीं हो अब भी...?’ और लड़की बहुत याद करने पर भी एक बात ऐसी नहीं बता पाती थी, जो उसने लड़के के सामने समझदारी से की हो... ऐसे में वो बुरा सा मुँह बना कर रूठ जाती और फिर लड़के को ही मनाना पड़ता उसको...एक बच्ची की तरह... लड़की उस दिन भी अपने उसी फ़ुलटूश बचकाने मूड में थी... ‘चलो जीऽऽऽ...भगवान जब मेरे सपने आज पूरे कर ही रहा है, तो छत पर चल कर धूप भी सेंकते हैं तुम्हारे साथ...’ लड़की लड़के का हाथ पकड़ कर उसे लगभग खींचते हुए छत पर ले गई...वहाँ भी उसकी बतकही में कोई कमी नहीं आई थी, पर जाने कैसे, किस मोड़ पर बात लड़की के जीवन के कुछ दुःखद पलों पर चली गई, दोनो ही नहीं जान पाए... लड़की नहीं चाहती थी कि सब कुछ जानने-समझने के बावजूद उस खूबसूरत से दिन...उन मधुर पलों में लड़का उसके आँसू देख कर ज़रा भी उदास हो...इस लिए जैसे ही भागने के लिए वो उठी, लड़के ने तेज़ी से उसका हाथ थाम उसे अपने सीने से लगा लिया. लड़की ने बहुत हल्का-सा विरोध किया, पर अन्दर-ही-अन्दर वो यही चाह रही थी. अपने सीने से कस कर चिपकी सुबकती लड़की के बालों में प्यार से हाथ फिराते लड़का सिर्फ़ यही दोहरा रहा था,’Its Okay Sweetheart...सब ठीक हो जाएगा...’ कुछ पलों में शान्त होकर भी लड़की वैसे ही उसके गले में बाँहें डाले आँखें बन्द किए खामोश बैठी रही. वो मन-ही-मन बुदबुदा रही थी,’भगवान जी...मुझे कभी इन बाँहों के घेरे से अलग न करना... कितना सकून...कितनी सुरक्षा है इनमें...। and you mister...Listen...Just hold me tightly, You Idiot..' बिना कुछ भी सुने...बिना कुछ भी जाने...और बिना कुछ भी सोचे...लड़के ने भी अपनी आँखें मूँदी और मन में बोला...आमीन !! कुछ पल...तुम्हारे नाम... बस के अन्दर बैठा वो खुश था ये सोच के कि आज वे बहुत देर तक पार्क में बैठ सकेंगे. वो यही सोच कर बस से उतरा था कि वो सीधा पार्क चले जाएगा, लेकिन हवा ठंडी थी. बेहद ठंडी. उसने बैग से अपना मफलर निकाल के कान और गले पर लपेट लिया. इतनी ठंडी हवा में आज पार्क में बैठना संभव नहीं होगा, उसने सोचा. बस के अन्दर से उसे बाहर कि सर्दी का आभास नहीं हुआ था. अपनी घड़ी देखी उसने. समय काफी है.. वो अभी चाहे तो बेकरी से दो सैंडविच पैक करवा सकता है, लेकिन उसे डर था कि वो पहले न आ जाए. पाँच मिनट का रास्ता था और वो तेज़ी से चलने लगा था. वो रीगल के पास आएगी. वो वहीँ उसका हमेशा इंतजार करती थी. लड़के को हमेशा डर रहता कि कहीं लड़की उससे पहले न आ जाए और उन दिनों अकसर ये होता था, वो उसके पहले पहुँच जाया करती थी. उस दिन भी वो खड़ी थी रीगल के सामने. कोई नयी फिल्म लगी थी और वो एक कोने में खड़ी होकर उस फिल्म के पोस्टर को देख रही थी. वो चुपके से उसके पास आकर खड़ा हो गया. लड़की उसे देखकर मुस्कुराने लगी लेकिन अगले ही पल उसके चेहरे से मुसकराहट गायब हो गयी और एक चिढ़ उभर आयी चेहरे पर. लड़का समझ गया उसके गुस्से की वजह, वो मुस्कुराने लगा. “ऐसे क्या मुस्कुरा रहे हो बेवकूफों की तरह...ये दुनिया का सबसे आसान काम है और तुमसे ये भी नहीं होता...” लड़की ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा और लड़के के कानों पर बंधा मफलर उतार कर उसके गले में डाल दिया और नए सिरे से गिरह लगाने लगती. देखो हो गया बस. देखो अब कितना स्टाइलिश दिखता है ये. लड़की हमेशा चिढ़ जाती थी जब वो सर और कान पर मफलर लपेटे सामने आता था. ऐसे बूढ़े लोग पहनते हैं मफलर, वो कहती. और फिर थोड़ा गुस्से का नाटक करते हुए वो मफलर को बड़े एहतियात से उसके गले में एक टाई के जैसे बाँध देती. दोनों फिर निकल पड़ते घूमने. वे दिन भर कनॉट प्लेस घूमते थे. इनर सर्कल का एक चक्कर, आउटर सर्कल का एक चक्कर और फिर इनर सर्कल.. दोनों तब तक कनॉट प्लेस के चक्कर लगाते रहते जब तक वे थक नहीं जाते. जब थक जाते तो वहाँ लगी सीमेंट की बेंचों पर बैठ जाते. सर्दियों में दिल्ली कितनी खूबसूरत लगती है न? कनॉट प्लेस को एक नज़र देखकर लड़की कहती. कनॉट प्लेस उसे दिल्ली का सबसे खूबसूरत इलाका लगता था. कनॉट प्लेस की ऊपरी मंजिल पर बने दुकानें, दफ्तरों और रेस्तरां को देखकर वो कहती, काश हमें ऊपरी मंजिल पर कोई कमरा मिल जाए किराये पर... कितना खूबसूरत व्यू होगा न? लड़का उसकी इस बात पर हँसने लगता, वो समझता कि वो मजाक कर रही है लेकिन लड़की का चेहरा एकदम शांत और गंभीर रहता. नहीं...ये मजाक नहीं कर रही है, लड़का सोचता. चलो एक आखिरी चक्कर लगाकर हम कॉफ़ी पीने चलते हैं, वो लड़की से कहता और वे दोनों फिर निकल जाते उस कैफे की तरफ जहाँ वे अकसर अपनी खाली दोपहरें बिताया करते थे. वे उन दोनों के खाली दिन थे, और दोनों अपना खाली वक़्त बिताने वहाँ जाया करते थे. दो तीन गलियारों से चलते हुए वो कैफे आता जहाँ वो जाते थे, उन गलियारों में चलते हुए किसी किसी दुकान को देखकर लड़की ठिठक जाती, वो कुछ सोचने लगती. वहाँ के हर दुकान से उसकी कुछ न कुछ यादें जुड़ी हुई थी, वो शायद उन्हीं बातों को याद करती लेकिन कभी लड़के को बताती नहीं कि वो क्या सोच रही है. आर्चीज़ गैलेरी को देखकर उसे उस बूढ़ी औरत की याद आती जिसका एक बार लड़के ने उससे जिक्र किया था, जो उस दुकान में काउंटर पर रहती थी और लड़के के खरीदे एक तोहफे को देखकर उसने कहा था, “जिसके लिए ये खूबसूरत तोहफा खरीद रहे हो वो जरूर कोई स्पेशल होगी”. उस दिन लड़की इस बात को सुनकर बेहद खुश हो गयी थी. कॉफ़ी हाउस के बाहर लड़की रुक जाती. वो उस कैफे के नाम के ऊपर लगे सिम्बल को देखने लगती. वो सिम्बल उसे कभी समझ नहीं आया. ‘ये क्या बकवास सिम्बल है?’ वो लड़के से पूछती. ‘ये दिल्ली टूरिज्म का सिम्बल है’. लड़का कहता. बकवास. वो कहती...‘इसमें डी और टी तो नज़र ही नहीं आ रहा तो कैसे हुआ दिल्ली टूरिज्म का सिंबल?हाँ टी तो दिख रहा है लेकिन डी तो किसी एंगल से नहीं, ये तो पी लग रहा है’. लड़के के पास लड़की के इस सवाल का कोई जवाब नहीं होता. वो चुप रहता. लड़की फिर उसे उस सिम्बल के जाने कितने अलग अलग अर्थ उसे बताने लगती और लड़का मुस्कुराते हुए सुनते रहता. कैफे में दोनों एक ही टेबल पर अकसर बैठते, वो उन दोनों का एक तरह से रिजवर्ड सीट था. वो कोने में लगी एक टेबल थी, जहाँ पीछे जाने का दरवाज़ा था. वहाँ हवा आते रहती थी, और ठंड में वहाँ कोई बैठना नहीं चाहता था. लगभग वो टेबल खाली ही रहती थी. दोनों वहीँ बैठते थे, अगर किसी दिन उन्हें वो टेबल खाली नहीं मिलता तो लड़की कहीं और बैठने को तैयार नहीं होती और कैफे से बाहर आ जाती. उस टेबल पर लड़की अपने सारे समान ऐसे फैला कर रखती जैसे ये कैफे न हो उसका घर हो. बड़े ही करीने से एक के बाद एक सारे सामन वो टेबल पर रखती. स्कार्फ, दस्ताने, बैग, मोबाइल, एक छोटी डायरी जिसे वो हमेशा अपने ओवरकोट के जेब में रखती थी. दिल्ली का ये इलाका, इस कैफे का इलाका लड़की को बहुत पसंद था, उन दिनों वे दिसंबर और जनवरी की दोपहरें यहीं बिताते थे. कैफे में दोनों बहुत देर तक बैठे रहते, और फिर जब वहाँ बैठे बैठे वे ऊब जाते, तो दोनों कैफे के ठीक सामने हनुमान मंदिर के पास आ जाते. वहाँ धूप आती थी और दोनों को वहाँ धूप में बैठना पसंद था. हनुमान मंदिर के सामने लोगों ने छोटे छोटे अपनी दुकानें खोल रखी थीं. टैटू बनाने वाले, भविष्य बताने वाले ज्योतिषी, मेहँदी लगाने वाले, चाय बेचने वाले, समोसे और कचौड़ियों की दुकानें. लड़की हर दुकान को बड़े गौर से देखती. ज्योतिषों को वहाँ टेबल कुर्सी लगाए बैठे हुए देखती तो अकसर सोचती, मैं भी किसी दिन अपना हाथ दिखवाऊंगी, लेकिन दिखलाती कभी नहीं थी. उसे भविष्य जानने की उत्सुकता थी लेकिन कभी खुद का हॉरस्कोप अख़बार में नहीं देखती थी, हाँ दूसरे लोगों का..उस लड़के का हॉरस्कोप हर रोज़ पढ़ती अख़बार में. लेकिन खुद का कभी जानने की कोशिश भी नहीं करती. जो होगा देख लेंगे, अभी से क्यों जानूँ मैं कि क्या होने वाला है ज़िन्दगी में. इससे तो इक्साइट्मन्ट ही खत्म हो जाएगा, वो कहती. सरप्राइज उसे पसंद थे. अच्छे बुरे दोनों तरह के सरप्राइज. ‘देखते हैं क्या होगा ज़िन्दगी में, अच्छा बुरा जो भी. अच्छा हुआ तो अच्छी बात है, एक अच्छी मेमोरी दे जाएगा...एक यादगार पल, बुरा हुआ तो कुछ सिखा ही जाएगा’, वो कहती. मेहँदी लगाने वालों को देखकर उसे भी मन करता मेहँदी लगवाने का, लेकिन लगवाती कभी नहीं थी. उसे बड़ा नाज़ था खुद पर. ‘मैंने तो मेहँदी लगाने का कोर्स किया है, इनसे कहीं बेहतर मेहँदी मैं लगा सकती हूँ’, वो कहती. ‘सोचती हूँ कि मैं भी यहाँ अपनी एक दुकान खोल लूँ? हम दोनों जो दिन भर में इतनी कॉफ़ी पी जाते हैं वो आराम से कवर हो जायेंगे, वो लड़के को कहती और सच में बैठकर दुकान खोलने की अपनी प्लानिंग लड़के को बताने लगती. देखो यहाँ चावल पर नाम लिखे जाते हैं. एक स्टाल के पास खड़ी होकर वो कहती लड़के से. सोचो, दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है. सोचो चावल पर नाम लिखते हैं ये, कैसे लिखते होंगे? उसके मन में उथल पुथल होने लगतीं, उसका मन करता उस दुकान वाले से जाकर एक सवाल करने का, ‘मेरा जन्मदिन है, मैं आपको खूब सारे चावल लाकर दे दूँगी, आप हर दाने पर मेरा नाम लिख दोगे? मेरे जन्मदिन पर जो आयेंगे वो देखेंगे चावल पर मेरा नाम लिखा है, ये कितना यूनिक लगेगा न? मैं पूछूं इनसे?’ वो लड़के से पूछती. लड़के को उसका ज़रा भी भरोसा नहीं था, वो सच में पूछ सकती थी ये बात उस दुकानदार से, वो उसे जबरदस्ती खींच कर उस स्टाल से दूर ले जाता. लड़की अकसर ऐसी यूनिक चीज़ें सोच लिया करती थी शायद इसलिए कि वो हमेशा खुद के लिए यूनिक चीज़ें चाहती थीं. यहाँ पर बन्दर कितने हैं, बंदरों को देखकर वो कहती. ‘उछलते कूदते इन बंदरों को देखो, बिना किसी फ़िक्र के बिना किसी चिंता के, फुल ऑफ़ लाइफ लगते हैं न ये बन्दर’. उसे बंदरों से बहुत डर लगता था लेकिन उन्हें देखकर वो खुश भी होती थी. एक बन्दर यूँहीं जब उसके पास उछल कर आया, वो बेहद डर गयी. लड़के का कोट पकड़ कर उस में खुद को छुपा लिया उसने. लड़के ने बन्दर को भगा दिया लेकिन फिर भी वो कुछ देर तक उसी अवस्था में रही. तुम तो डर गयी देखो. डरती हो तुम इतना बंदरों से, लड़का उसे छेड़ने लगा. डरी नहीं मैं साहब, ये तो एक प्यारा मोमेंट था. वो कहती. ‘ये मोमेंट जो था अभी जिसे तुम डर कह रहे हो ये बंदरों की बदमाशी के वजह से था न. मैं तुम्हारे कोट में छिप गयी थी, मुझे कितना अच्छा लगा. तुम्हें अच्छा लगा न? देखो कितना प्यारा सा वंडरफुल मोमेंट था ये. थैंक्स टू बंदर्स फॉर दिस वंडरफुल मोमेंट’. वो खिलखिलाकर हँस देती. दोनों बस स्टैंड की तरफ बढ़ जाते. चलते हुए वो लड़के के कोट के जेब में हाथ डाल देती. सर्दियों में ये उसकी आदत थी. दस्ताने वो सिर्फ एक हाथ में पहनती, एक हाथ उसका हमेशा लड़के की कोट में घुसा रहता था. बस स्टैंड तक जाने के दौरान वो अकसर लड़के से अपने एक सपने के बारे में बात करती. लगभग हर रोज़ ही. उसका एक अरमान था. वो लड़के से कहती, ‘चलो एक स्लीपिंग किट खरीदते हैं और उसे लेकर निकल जाते हैं कहीं भी, किसी भी दूसरे शहर, एक शहर से दूसरे शहर घूमते हैं, जहाँ मन किया वहीं अपना डेरा डाल लेंगे हम. हम जहाँ भी जायेंगे ये स्लीपिंग किट अपने कन्धों पर डाल के ले चलेंगे. जहाँ मन किया वहीं सो जायेंगे. किसी पार्क के किसी कोने में, किसी झील के किनारे, पहाड़ों पर. होटल में रुकना ही नहीं है हमें. कितनी भी सर्दी हो हम बाहर ही सो जायेंगे, जानते हो बहुत कम्फी होता है स्लीपिंग बैग, तुम्हें पता है मैं एक बार सो चुकी हूँ एक स्लीपिंग बैग में. ‘ठण्ड में मर जायेंगे हम बाहर सोने से’. लड़का कहता उससे. बेकार की बातें न करो. लड़की चिढ़ जाती. ‘सोचो ये बेचारे बेघर लोग कैसे ठंड में रात गुज़ार देते हैं, हम तो फिर भी इतने कम्फी कम्फी स्लीपिंग बैग में सोये रहेंगे, कुछ भी पता नहीं चलेगा. वो कहती. बोलो चलोगे? बोलो? चलो निकलते हैं घूमने, आज ही शाम निकल जाते हैं. रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड जाकर देखते हैं जो पहली ट्रेन या बस मिली उससे निकल जायेंगे कहीं भी.. बोलो. चलोगे? बोलो जल्दी बोलो. वो जिद करने लगती. मजा आएगा. बहुत मज़ा आएगा. ठण्ड में खुले आकाश के नीचे सोना. सोचो तुम ज़रा. हाउ फैसनेटिंग. गर्मियों में तो लोग सोते ही हैं लेकिन हम ठण्ड में बाहर सोयेंगे, दिसंबर और जनवरी की सर्दियों वाली रात में. हाउ वंडरफुल आईडिया इज दिस. हम दोनों स्लीपिंग बैग में कवर रहेंगे और बस हमारे चेहरे बाहर ताक रहे होंगे आसमान को. हाउ रोमांटिक न? वो लड़के की तरफ देखने लगती. वो ऐसे ही अकसर लड़के को किसी विचित्र मायावी सपनों के देश में लेकर चली जाती, और लड़के को भी उसके साथ ये सब कल्पना करना अच्छा लगता था. वो भी खो जाता लड़की की इस सपनों की दुनिया में. वो दिल से चाहता, कि सच में हमें निकल जाना चाहिए ऐसे ही घूमने, जैसे लड़की कह रही है. वो भी खो जाता लड़की के साथ साथ उसकी कल्पनाओं में. बस स्टैंड के ठीक सामने वाले दुकान में लड़की देखती कि स्लीपिंग किट बिकते हैं, वो जिद करने लगती, चलो न खरीदते हैं. लड़के की जवाब की प्रतीक्षा किये बैगर वो दुकान में घुस जाती. लड़का भी उसके पीछे पीछे दुकान में चला आता. दुकान वाले व्यक्ति से वो बोलती, हमें सबसे अच्छा स्लीपिंग किट दिखाईये, जिसमे कितनी भी ठण्ड हो, चाहे हम हिमालय पर चले जाएँ, हमें सर्दी न लगे. दुकान वाला उसके सवालों से कन्फ्यूज हो जाता. वो दिखाता जो उसके स्लीपिंग बैग होते वो. ‘हम एक ही स्लीपिंग बैग लेते हैं, हमारे पैसे बच जायेंगे, वो कहती’. दुकान वाला लड़की की शरारती बातों से अंजान, कहता मैडम ये बस एक ही व्यक्ति के लिए बना है. ‘ओफ्फ्हो...मैं तो इतनी हलकी फुलकी हूँ, मैं इसमें एडजस्ट कर जाऊंगी. है न? वो लड़के के तरफ देखती. ‘बेशर्म हो तुम..’, लड़का कहता. लड़की मुस्कुराने लगती. दुकानदार कन्फ्यूजन में कभी लड़के को देखता तो कभी लड़की को और कभी उस स्लीपिंग बैग को जिसे देखकर लड़की ने कहा था कि हम दोनों एक में ही सो जायेंगे. शाम में दोनों बस से वापस लौटते थे. बस में खिड़की के पास बैठकर बाहर सड़कों को देखना, चल रहे लोगों को, गाड़ियों को देखना लड़की को पसंद था. वो खिड़की के बाहर देखकर जाने क्या क्या बोलती जाती, कभी खुद से कभी लड़के से. लड़के को ये समझ कभी नहीं आता कि कौन सी बात वो लड़के से बोल रही है और कौन सी बात खुद से. वो सो जाती लड़के के कन्धों पर. स्टॉप आने पर लड़का उसे उठाता. वो जागने से इंकार कर देती, ऐसे ही रहने दो न मुझे, वो लडके से कहती. ये मेरा सबसे बड़ा सुख है तुम्हारे कन्धों पर ऐसे सोना, लड़की कहती. बस स्टैंड से लड़की के घर तक का रास्ता थोड़ा लम्बा था, लेकिन फिर भी वे रिक्शा नहीं लेते. वो बहुत चौड़ी और अच्छी सड़क थी. दोनों तरफ बड़े बड़े पेड़ लगे थे, पार्क थे सड़क के दोनों तरफ और उन दोनों को उस सड़क पर शाम के अँधेरे में चलना अच्छा लगता था. लड़का लड़की के अपार्टमेंट के अन्दर कभी नहीं जाता, वो बाहर गेट के पास ही खड़ा रहता और तब तक खड़ा रहता जब तक लड़की अपार्टमेंट की सीढ़ियों से ऊपर न चले जाए, तब तक वो देखते रहता लड़की को. लड़की लेकिन गेट से अन्दर घुसने के बाद कभी पलट कर उसे नहीं देखती. वो हर दिन सोचता कि शायद लड़की पलट के देखेगी लेकिन नहीं देखती. वो मुस्कुरा देता, ‘ये नहीं देखने वाली’, खुद से ही कहता और आगे बढ़ जाता. वापस उस लम्बी सड़क पर चलते हुए लड़के को बहुत अच्छा महसूस होता, उसका मन बहुत हल्का लगने लगता. वो मफलर खोलकर कान में लपेट लेता...और फिर याद आती लड़की की सुबह की फटकार. वो मुस्कुरा देता. वापस कान से मफलर निकाल कर गले में लपेट कर गिरह बाँधने की कोशिश करता, जैसे लड़की बाँधती थी. लेकिन उससे गिरह नहीं बंधती. ‘ये दुनिया का सबसे भारी काम है’, वो बुदबुदाता और गले में मफलर को यूँही लपेट लेता. दिल्ली के ये दिन, दिल्ली के सर्दियों के ये दिन उसके ज़िन्दगी के सबसे अच्छे दिनों में से हैं, वो सोचता और अपने घर की तरफ बढ़ जाता. गिरहें यादों की... बस कुछ सपने के पीछे भाग रहा हूँ, देखता हूँ कब पूरे होते हैं वो...होते भी हैं या नहीं! याद है इक दिन मेरी मेज़ पे बैठे-बैठे सिगरेट की डिबिया पर तुमने छोटे से इक पौधे का एक स्केच बनाया था..! आकर देखो, उस पौधे पर फूल आया है !- गुलज़ार मीठी बातें यादों में एक दिन दिल्ली डायरी लव इन दिसंबरए मेसेज टू युएक सपनातुम बिनचिट्ठियांमिस्टिरीअस अक्टूबरयुहीं कुछ . . कवितायें मीना कुमारी कि शायरी कलेक्सन यादों के मौसम ESOSM Friendship-a feeling कलेक्सन कुछ बेचैनी सा तुम्हारे सपने साथी दोस्त दो खूबसूरत किताबें किताबें खरीदने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें बुरी लड़की - प्रियंका गुप्ता अंजुरी भर - प्रेम गुप्ता मानी नाकाबिले गिरफ्त लम्हें... तेरे उतारे हुए दिन टंगे हैं लॉन में अब तक न वो पुराने हुए हैं, न उनका रंग उतरा कहीं से कोई भी सीवन, अभी नहीं उधड़ी इलायची के बहुत पास रखे पत्थर पर ज़रा सी जलदी सरक आया करती है छाँव ज़रा सा और घना हो गया है वो पौधा मैं थोड़ा थोड़ा वो गमला हटाता रहता हूँ - फ़क़ीरा अब भी वहीं मेरी कॉफ़ी देता है गिलहरियों को बुलाकर खिलाता हूँ बिस्किट गिलहरियाँ मुझे शक की नज़र से देखती हैं वो तेरे हाथों का मस जानती होंगी!कभी कभी जब उतरती है चील, शाम की छत से थकी-थकी सी ज़रा देर लॉन में रूक कर सफ़ेद और गुलाबी, 'मसुंडे' के पौधों में घुलने लगती है कि जैसे बर्फ़ का टुकड़ा पिघलता जाये व्हिस्की में मैं 'स्कार्फ़' दिन का गले से उतार देता हूँ तेरे उतारे हुए दिन पहन के अब भी मैं तेरी महक में कई रोज़ काट देता हूँ ! *~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*मैं कुछ-कुछ भूलता जाता हूँ अब तुझको तेरा चेहरा भी धुँधलाने लगा है अब तख़य्युल में बदलने लग गया है अब वह सुबह शाम का मामूल जिसमें तुझसे मिलने का भी एक मामूल शामिल था तेरे खत आते रहते थे तो मुझको याद रहते थे तेरी आवाज़ के सुर भी तेरी आवाज़, को काग़ज़ पे रखके मैंने चाहा था कि पिन कर लूँ कि जैसे तितलियों के पर लगा लेता है कोई अपनी एलबम में तेरा 'बे' को दबा कर बात करना 'वॉव' पर होठों का छल्ला गोल होकर घूम जाता था बहुत दिन हो गए देखा नहीं ना खत मिला कोई बहुत दिन हो, गए सच्ची तेरी आवाज़ की बौछार में भीगा नहीं हूँ मैं ! - गुलज़ार साहब ओल्ड लेटर्स नाकाबिले गिरफ्त लम्हें... मेरा माज़ी मेरी तन्हाई का ये अंधा शिगाफ़ ये के सांसों की तरह मेरे साथ चलता रहा जो मेरी नब्ज़ की मानिन्द मेरे साथ जिया जिसको आते हुए जाते हुए बेशुमार लम्हे अपनी संगलाख़ उंगलियों से गहरा करते रहे, करते गये किसी की ओक पा लेने को लहू बहता रहा किसी को हम-नफ़स कहने की जुस्तुजू में रहा कोई तो हो जो बेसाख़्ता इसको पहचाने तड़प के पलटे, अचानक इसे पुकार उठे मेरे हम-शाख़ मेरे हम-शाख़ मेरी उदासियों के हिस्सेदार मेरे अधूरेपन के दोस्त तमाम ज़ख्म जो तेरे हैं मेरे दर्द तमाम तेरी कराह का रिश्ता है मेरी आहों से तू एक मस्जिद-ए-वीरां है, मैं तेरी अज़ान अज़ान जो अपनी ही वीरानगी से टकरा कर थकी छुपी हुई बेवा ज़मीं के दामन पर पढ़े नमाज़ ख़ुदा जाने किसको सिजदा करे*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली जिसका जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली रिमझिम-रिमझिम बूँदों में, ज़हर भी है और अमृत भी आँखें हँस दीं दिल रोया, यह अच्छी बरसात मिली जब चाहा दिल को समझें, हँसने की आवाज़ सुनी जैसे कोई कहता हो, ले फिर तुझको मात मिली मातें कैसी घातें क्या, चलते रहना आठ पहर दिल-सा साथी जब पाया, बेचैनी भी साथ मिली होंठों तक आते आते, जाने कितने रूप भरे जलती-बुझती आँखों में, सादा-सी जो बात मिली- मीना कुमारी © एहसास प्यार का..
2016-09-30T08:33:02Z
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भाग्यऋक्ष द्वादशी - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर भाग्यऋक्ष द्वादशी पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के साथ द्वादशी पर हरिहर प्रतिमा की पूजा की जाती है। प्रतिमा एक आधा हर (शिव) एवं दूसरा आधा हरि का सूचक होता है। तिथि द्वादशी हो या फिर सप्तमी हो और नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी, रेवती या धनिष्ठा हो, फल एक ही होता है। कर्ता को पुत्र, राज्य आदि प्राप्त होते हैं।[1] पूर्वा फाल्गुनी को 'भाग्य' कहा जाता है, क्योंकि 'भग' अधिष्ठाता देवता हैं; 'ऋक्ष' का अर्थ है 'नक्षत्र'। ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रत0 353-354); हेमाद्रि (व्रत0 1, 1175-76, देवीपुराण से उद्धरण); "http://m.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=भाग्यऋक्ष_द्वादशी&oldid=140892" से लिया गया
2020-08-06T01:30:13Z
https://m.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%8B%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7_%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B6%E0%A5%80
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2019-10-20T01:12:20Z
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Cherankrish | சேரன்கிருஷ்: 2009 சேர்ப்பவன் இளநீலம் பச்சை இருள்கறுப்பு கடல்நுரையின் வெண்மை வண்ணங்கள் என்னை இழுக்கின்றன. அவன் முணுமுணுத்தான். இவ்வண்ணக்கலப்புடன் இணைந்து அதிரும் மென் டிஜிட்டல் உலகின் உச்சசோகத்தை உருவாக்க முடியும் என்று சொன்னான் அடிவானத்தில் சேருவதாய்த்தெரியும் தண்டவாளக்கோடுகளைநோக்கி குழந்தையின் ஏமாற்றத்தையும் ஏ ஆர் ரகுமானின் காதல் தோல்வியையும் தூரத்தில் தனிமையில் இசைக்கும் சாகிர்உசைனின் ஒற்றைத் தபேலாவையும் சேர்த்துக்கொள் நன்றியுடன் ஏற்றுக்கொண்டான். கைக்காய்ப்புக்களைத்தடவிப்பார்க்கும் முதிர்ந்த உழைப்பாளியின் முதிர்கன்னியின் பெருமூச்சுடன் கலந்த இளவயதுக் காதல் நினைவுகள் மகனின் சின்னவயதுக்குறும்புகளை அவனுக்கே சொல்லும் ஞாபகம்தொலைத்த முதிய தாய்.. விடியும் நேரம் மங்கத்தொடங்கும் குருட்டுத்தெருவிளக்கு.. இன்னும் வேண்டும் சோகம் என்றான். அப்பிடியானால் சரி ஊரடங்கிய யாழ்ப்பாணத்தின் பின்னிரவுகளில் வைமன்வீதியால் ஊர்ந்துபோகும் -ஒற்றை மோட்டார்வண்டியின் சத்தத்தையும் நான் விலகிநடந்தேன். Posted by cherankrish at 11:14 AM 6 comments செவிட்டுப் பீத்தோவன் உள்ளம் நிறைந்த காதல் கிடக்கிறது என்னுள்ளே.. நம்பமாட்டாய் நீ என்றும் காதலிக்கப்படாத உள்ளம் நிறைந்த காதல் கிடக்கிறது. நடு இரவில் தூரத்தில் கேட்கும் பென்சு+ரியின் கனமான நாதமாக அதிகாலையில் கேட்கும் இளையராஜாவின் குரலாக ஏதோ புனிதமாக மனதைக்கனமாக்கும் தூய்மையுடன் என்னுள் அது கிடக்கிறது. அழகிய பெண்ணுக்கு ஆம்பிளைப்பெயர் மாதிரி எனக்குப்பொருத்தமில்லாமல் கடல்போல ஆனால் ஆர்g;பரிக்காத அமைதியான கொட்டிக் கிடக்கிறது என்னுள்ளே. சிங்காரப்பெண்களின் இடைவளைத்து வலிக்கப்புணர்ந்தபின் அவள் தலைமயிர்கோதும் அந்தச்சின்ன நிமிடங்களில் எந்த வேசியும் அதைக்கண்டுவிடுறாள். அவளுக்குள்ளும் ஏதோ ஒரு விகிதத்தில் அப்படிக்காதல் கிடக்கலாம். களைத்துக்கிடக்கும் அவள் சுவாசச்சத்jj;தை இமைகொட்டாமல் உற்றுக்கேட்டவாறு எனது ஏமாற்றங்களை சீரணித்துக்கொள்கிறேன். இசையின் ஏற்ற இறக்கங்களில் மறைந்துகிடக்கும் மனதை அலைக்கழிக்கும் வலிமையுடைய எனக்குள் ஒழுகிக்கொண்டே இருக்கிறது. Ng];fpw;uhwpd; me;j kaf;Fk; mjpu;it vdf;Fs; gug;gpf;nfhz;Nl ஒருவருக்கும் கொடுக்கப்படாமல் அது பெருகிக்கோண்டே இருக்கிறது. எனக்குத்தெரிகிறது அது என்னை விளுங்கிவிடும். என்னை எதையோ தேடவைக்கிறது. செய்வினைசெய்ததுமாதிரி கூலாகூப்ஆடும் ஒல்லிச்சிறுமியின் மேலேசொருகிக்கொள்ளும் சாம்பல் விழிகள் போல் துடித்தவாறு என்னைத்தேடவைக்கிறது. உச்சமடையும் கிழட்டுப் பெண்பூனையின் கதறல்போல மூலைமுடுக்கெல்லாம் பட்டு முழங்கும் எதிரொலியாய் ஓயாமல் என்னை அலைக்கழிக்கிறது. இது ஒரு உணர்வு. எந்தப்பெண்ணுக்கும் அதைநான்கொடுக்கமுடியும். உண்மைதான் உனக்கு மட்டும்சொல்கிறேன். ஆவளின் நன்றிப்பார்வையிலும் rpன்ன இதழ்முத்தத்திலும் பல லட்சமாக பெருகியல்லவா விடுகிறது அது. என்னசெய்வேன் நான் உள்ளம் நிறையப்பொங்கும் காதலை வைத்துக்கொண்டு. வெற்றுச்சொற்கள் கவிதையாகும் பனிப்பூக்கள் உதிரும் ஒற்றையடிப்பாதையின் இளங்காற்று வீசும் அதிகாலைத்தருணங்களில் இருக்கும் காதலை உனக்கு விளங்கவைப்பதில் நான் தோற்றுப்போனேன். இது பெருகிக்கொண்டே இருக்கிறது என்னுள்ளே. என்னை சீரஞ்சீவியாக்குவதற்கு செவிட்டுப்பீத்தோவன் போல. Posted by cherankrish at 11:28 PM 1 comments வெள்ளவத்தை கடற்கரையும் அவசரப்பட்ட காதலர்களும் மேல்பொத்தான்திறந்த மேல்சட்டையின் ஒரு கையில்புகுந்து மறுகையல் வந்தது காற்று.காலிவீதியிலேயே கடற்கரையின் உப்புக்காத்து மணம் கசிந்துகொண்டிருந்தது. வெள்ளவத்தை காலி கலர்லைட்டில் நண்பர் பிரசாத்திற்காக பார்த்துக்கொண்டிருந்தேன். புளுக்கடித்ததுபோல திடீரென ஒரு கடற்கரைப்பயணத்திற்கு ஆசைவந்தது.நீச்சலுக்குபுறப்பட்டுக்கொண்டிருந்த நண்பர் பிரசாத்தை மறித்து கடற்கரைபோக ஆயத்தமானோம். புpரசாத் தன்னுடைய கமராவையும் தன்னுடன் கொண்டுவந்தார்.நெடுகிலும் பயன்படுத்தும் ஸ்ரேசன் வீதியைத்தவிர்த்து மனிங்பிளேஸ_க்கு முன்னால் உள்ள வீதியால் கடற்கரையைநோக்கி நடைபோட்டோம்.ஐந்தரை மணிவெய்யில் கணகணப்பாக இருந்தது.உச்சவெம்மையிலிருந்து தணிந்து கொண்டிருக்கும் தருணம் உலகம் இளமாலைப்பொழுதில் மினிங்கிக்கொண்டிருந்தது.கடற்கரையெங்கும் தண்டவாளத்திற்கு இந்தப்பக்கமாக நெடுகிலும் பஸ்கள் நிறுத்தப்பட்டிருந்தன.இலங்கையின் பலபாகங்களிலிருந்தும் வந்த சுற்றுலாப்பயணிகளில் கடைசித்தரிப்பைப்போல இருந்தது. ஆங்கேயும் இங்கேயும் பட்டங்கள் பறக்க கலகலப்பாக இருந்தது கடற்கரை. rரி இந்த அருமையான மாலைப்பொழுதை நண்பர் பிரவீன் இழக்கக்கூடாது என்ற நல்லெண்zj;தில் அவரையும் தெலைபேசியில் அழைத்தால் பிரவீன் பின்னேரம் உண்ட மயக்கமும் உறங்கிய மயக்கமும் தெளியாத நிலையில் தொலைபேசியில் தூங்கிவிழுந்தார்.சரி இவர்வந்தால் கடற்கரையில் குப்பறப்படுத்தாலும் படுத்துவிடுவார் என்று பயந்து தெலைபேசியைத்துண்டித்துவிட்டு நடையைத்தொடர்ந்தோம். வேள்ளவத்தை கடற்கரை புதுமையானது.அதில் நீங்கள் ஓடிவிளையாட முடியாது.ஆனால் ஒளிந்து விளையாடலாம்.(படத்தை பாருங்கள் புரியும்.(பதிவர் மருதமூரான் இங்குதான் வீட்டுப்பாடம் செய்வதாகச்சொல்கிறார்கள்). அதையும் விட அடித்துப்பிடித்து விளையாடலாம்.தண்டவாளத்தில் கும்பலாக கும்மியடிப்பவர்கள் ரெயின் வந்ததும் இந்த விளையாட்டை விளையாடுவார்கள். அப்படியே நடந்துபோனால் நண்டுக்கும் கடல்அலைக்கும் நடக்கும் யுத்தத்தை பார்கலாம்.என்ன நீங்கள் கால்சட்டையை சுருட்டிவிட்டு வளுக்கும் பாறைகளில் பல்லை பந்தயம் வைத்து இறங்கவேண்டும். இடைக்கிடை நீங்கள் வித்தியாசமான ஆமைகளைப்பார்க்கலாம்.இந்த ஆமைகள் குடைகளுக்குள் குந்தியிருக்கும்.டெனிமும் பஞ்சாபிக்கால்களும் சிலவேளைகளில் வெளியே தெரியலாம்.பாறைகளில் பாiறைகளாய் ஒட்டியிருக்கும் இந்த ஆமைகள் சிலநேரம் வினோதமான சத்தங்களை எழுப்பும்.’ம்ம்ம்… ஸ்ஸ்..’. நீங்கள் அதையெல்லாம் கண்டுகொள்ளவே கூடாது.அப்படி நீங்கள் அடக்கமுடியாத ஆமைரசிகரா,அப்படியானல் ஆமைகளை ரசிப்பதற்கு சில தந்திரங்கள் இருக்கின்றன. சன்ரீவி பார்ப்பதுமாதிரி அதைப்பார்க்கக்கூடாது.ஆமைகள் இன்னமும் தங்களை உள்ளே இழுத்துவிடும்.குடைஓட்டுக்குள் தங்களை ஒளித்துக்கொள்ளும்.சக்திரீவி பார்ப்பதுமாதிரி பார்த்தால் உங்கள் கண்ணுக்கு ஏதாவது சிக்கலாம்.அப்படியும் முடியவில்லையா.கவலையைவிடுங்கள் கடற்கரையெல்லாம் இந்த ஆமைகள்தான்.போறவழியெல்லாம் பார்த்துக்கொண்டே போகலாம். கடல்அரிப்பைத்தடுப்பதற்கு போடப்பட்டிருகும் பாறைகள் பிரமாண்டமாக வழியெல்லாம் கருமையாக விளிம்புகட்டியிருக்கும்.அலைஅடிக்கும் போது நீல அலை வெள்ளைப்பாலாக இந்த பாறைகளுக்கிடையே வழிகிறது.கடற்கரைமுடியும் இடத்தில் ஏதோ ஒரு ஜப்பானிய தன்னார்வத்தொண்டுநிறுவனம் அருமையாக சீமெந்து பெஞ்சுகளையும் சிறுவர் விளையாடும் வசதிகளையும் ஏற்படுத்தியிருக்கிறது.இலக்கியச்சந்திப்புகளுக்கு அருமையான இடம் இது.கையில் கால்ஸ்பேக்குடன் கடற்கரையில் கவிதைபேசும் காலம்பற்றி நாங்கள் நீண்டநேரம் உரையாடினோம்.கடற்கரையில் இருந்து ஒரு நூறுமீற்றர்களுக்கப்பால் நிரைத்துச்செல்லும் கப்பல்கள் மினுங்கியபடி எங்களுக்கு துணைநின்றன. இருளிலும் ஒளிரும் பட்டம் தண்டவாளத்தில் வளர்ந்த வெள்ளைப்பூக்கள் கடற்கரையை அண்மித்துள்ள தொடர்மாடிகளில் ஒன்று வீ வோன்ற் றிவென்ஜ்ஜூ றயிலுக்கு டாட்டா.. அவசரப்பட்ட காதலர்கள் காதலர்கள் ?? சந்திக்கும் தாளைமரத்து குகைமறைவு பதிவர் சந்திப்புக்கு லொக்கேஷன் பார்க்கப்படுகிறது ஓடுமீன் ஓட உறுமீன் வருமளவும் வாடிநிற்கும் கொக்கு அலையுடன் சண்டையிடும் நண்டு பாறையுடன் மோதி பாலாய் வழியும் அலைகள் Posted by cherankrish at 12:38 PM 4 comments
2018-05-26T13:33:30Z
http://cherankrish.blogspot.com/2009/
बिजली संकट: उत्तर प्रदेश क्यों है अंधेरे में गुम - BBC News हिंदी https://www.bbc.com/hindi/india/2012/06/120626_uttar_pradesh_electricity_va Image caption दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य बिजली की किल्लत से जूझ रहे हैं उत्तर प्रदेश में पिछले मार्च महीने में विधान सभा चुनाव के बाद से बिजली का संकट गहरा गया है. इस कारण कई जगह प्रदर्शन, तोड़फोड़ और मारपीट की घटनाएं हो रही हैं. जानकार लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के पास न तो पर्याप्त बिजली बनाने की क्षमता है और न ही इतना पैसा कि वह बाहर से खरीद कर बिजली सप्लाई कर सके. इसलिए जल्दी ही दरें बढाने की तैयारी हो रही है. उत्तर प्रदेश में बिजली के लगभग सवा करोड़ उपभोक्ता हैं. इन्हें निरंतर बिजली देने के लिए लगभग 25 हजार मेगावाट बिजली चाहिए. राज्य के सरकारी कारखानों में करीब ढाई हजार मेगावाट बिजली बनती है. प्रदेश के सरकारी कारखानों की बिजली सबसे सस्ती यानि 2.31 रुपये प्रति यूनिट मिलती है. करीब चार हजार मेगावाट बिजली केन्द्रीय बिजली घरों से मिल जाती है. इसकी दर लगभग ३ तीन रूपये प्रति यूनिट होती है. इस तरह उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के पास औसतन आठ हजार मेगावाट बिजली होती है. निजी कारखानों की बिजली अलग अलग समय के अनुसार तीन से सत्रह रुपये प्रति यूनिट खरीदी जाती है. महंगे दरों पर खरीदी बिजली संकट का सबसे बड़ा कारण यही है कि बढ़ती हुई मांग के अनुरूप नए बिजली घरों की स्थापना नहीं की गई. अब निजी ट्रेडिंग कंपनियों के साथ बहुत मंहगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है. इसके कारण बड़ा घाटा हुआ. हालत यह है कि उत्तर प्रदेश में न तो बिजली है और न बिजली खरीदने के लिए पैसा है. शैलेन्द्र दुबे, बिजली अभियंता संघ के नेता उत्तर प्रदेश विद्युत निगम के चेयरमैन अवनीश अवस्थी का कहना है कि इस साल भीषण गरमी से समस्या और गंभीर हो गई है. वे कहते हैं, “ इस बार सात साल का सबसे ज्यादा गरमी का रिकॉर्ड रहा है और अभी भी मॉनसून स्थाई रूप से नहीं आया है. इस वजह से इसकी गंभीरता बढ़ गई है और इसी कारण से अभी कमी है. इस कमी को हम बिजली खरीद से पूरा कर रहें हैं. लेकिन चूँकि गरमी बहुत अधिक है , कहीं कहीं ब्रेक डाउन हो जाते हैं उस कारण कभी कभी दिक्कत आ जाती है.” जानकार लोगों का कहना है कि विद्युत निगम ने चुनाव के पहले निजी कंपनियों से मंहगे दाम पर बिजली खरीद कर सप्लाई की. इसलिए उस समय संकट का इतना एहसास नहीं हुआ. बिजली अभियंता संघ के नेता शैलेन्द्र दुबे पिछले दो दशक में उत्तर प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में बिजली कारखाने न लग पाना राज्य में बिजली संकट का बड़ा कारण मानते हैं. उनका कहना है, “संकट का सबसे बड़ा कारण यही है कि बढ़ती हुई मांग के अनुरूप राज्य सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई और नए बिजली घरों की स्थापना नहीं की गई. नतीजे के रूप में निजी ट्रेडिंग कंपनियों के साथ बहुत मंहगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है. लगभग साढ़े चार – पांच रूपये की दर पर बिजली खरीदकर उसको ढाई रूपए के रेट पर बेचा जा रहा है.इसके कारण बड़ा घाटा हुआ. आज हालत यह है कि उत्तर प्रदेश में न तो बिजली है और न बिजली खरीदने के लिए पैसा है.” बिजलीघरों के पास कोयला नहीं उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र में जो दो नए बिजलीघर पिछले साल चालू भी हुए हैं , उनको पर्याप्त कोयला नहीं मिला पा रहा है. इसलिए ये अपनी पूरी क्षमता भर उत्पादन नहीं कर पा रहें हैं. दरअसल कोयले की कमी नए बिजली घरों की स्थापना में भी एक बड़ी बाधा है. पिछली दीपावली पर उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने बाजार से बिजली खरीद कर 11640 मेगावाट की रिकार्ड सप्लाई की थी. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि बाजार से मंहगी बिजली खरीद कर सस्ती दर पर सप्लाई करने से घाटा बढ़ता गया. जानकार लोगों के अनुसार इस समय भी पावर और एनर्जी एक्सचेंज के पास बिजली तो उपलब्ध है. लेकिन ज्यादातर बिजली बोर्ड घाटे में हैं और उनके पास पैसा ही नहीं है कि बाजार से बिजली खरीद कर सप्लाई करें. बिजली चोरी की समस्या उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस समय बिजली बोर्ड पर 34000 चौंतीस हजार करोड की देनदारी है. बैंक बिजली बोर्ड को पैसा देने से मना कर रहें हैं तो बिजली उत्पादन कंपनियां भी उधार देने से मना कर रही हैं. ट्रांसफारमर सप्लाई करने वाली कंपनियों का लगभग छह सौ करोड रूपये बकाया है. उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन में घाटे का दूसरा सबसे बड़ा कारण बिजली की चोरी है. जितनी बिजली सप्लाई होती है उसका लगभग साठ फीसदी दाम ही वसूल हो पाता है यानी लगभग चालीस फीसदी बिजली का दाम नहीं मिलता. बिजली की चोरी ज्यादातर बड़े कारखानों और बाजारों में अक्सर विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से होती है. कई इलाकों में घरों में भी कटिया डालकर बिजली जलाई जाती है. जानकार लोगों का कहना है कि अगर बिजली की चोरी रोक ली जाए तो भी बिजली बोर्ड का घाटा काफी कुछ कम हो सकता है. बिजली अभियंता संघ के नेता शैलेन्द्र दुबे का कहना है कि राजनीतिक इच्छा शक्ति हो तो बिजली चोरी रोकी जा सकती है. वे कहते हैं, “बिजली चोरी रोकने के लिए सख्ती से अभियान चलाया जाना चाहिए और इसके लिए अधिकारियों को पूरे अधिकार दिए जाने चाहिए.इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप बंद होना चाहिए.” बढ़ेंगी बिजली की दर दीर्घकालीन समाधान के लिए जरुरी है कि जो भी हमारी वितरण कंपनियां हैं उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार किया जाए. अवनीश अवस्थी, उत्तर प्रदेश विद्युत निगम के चेयरमैन पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन अवनीश अवस्थी कहते हैं कि इस समय उत्तर प्रदेश के 168 शहरों में बिजली का ढांचा मजबूत करने और बिल वसूलने का सिस्टम सुधारने का अभियान चलाया जा रहा है. पावर कार्पोरेशन को इस समय बिजली सप्लाई में प्रति यूनिट लगभग एक रूपये का घाटा होता है. इसलिए कार्पोरेशन की कोशिश है कि जल्दी से जल्दी बिजली की दरें बढ़ा ली जाए. चेयरमैन अवनीश अवस्थी के मुताबिक, “दीर्घकालीन समाधान के लिए जरुरी है कि जो भी हमारी वितरण कंपनियां हैं उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार किया जाये.एक तो जो तीन साल से टैरिफ नहीं बढ़ा था , टैरिफ बढाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है. अगले महीने तक टैरिफ बढ़ जाएगा, जिससे जो उपभोक्ता भुगतान कर रहें हैं, उनसे हम सही रूप से अपनी वसूली कर सकें.” भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन सन 2000 में जब बिजली बोर्ड का विघटन करके पांच अलग अलग कंपनियां बनाई गयी थीं, उस समय सरकार ने बिजली बोर्ड का सारा घाटा अपने उपर लेकर बैलेंस शीट जीरो कर दिया था. लेकिन पिछले बारह सालों में विद्युत निगम फिर लगभग चालीस हजार करोड के घाटे में चला गया है. जानकार लोगों का कहना है कि विद्युत निगम में घाटे की एक बड़ी वजह घोर कुप्रबंध और भ्रष्टाचार भी है. इसलिए केवल बिजली की दरें बढाने से काम नहीं चलेगा. इसके लिए सरकार को निजी क्षेत्र पर निर्भर रहने के बजाय अपने बिजली घर लगाने होंगे और कार्य कुशलता में सुधार लाना होगा.
2018-06-20T13:03:31Z
https://www.bbc.com/hindi/india/2012/06/120626_uttar_pradesh_electricity_va
Rajnath Singh requests all political parties to participate in local bodies polls - Politics Hindi News, India TV Published on: September 17, 2018 18:04 IST Rajnath Singh requests all political parties to participate in local bodies polls | Facebook जम्मू: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जम्मू कश्मीर में आगामी पंचायत एवं शहरी निकाय संस्था के चुनाव में हिस्सा लें। आपको बता दें कि राज्य की दो प्रमुख क्षेत्रीय पाटियों नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के इन चुनावों में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा की है, जिसके बाद गृह मंत्री ने यह अपील की है। इन दोनों पार्टियों ने कहा है कि वे चुनाव में इसलिए हिस्सा नहीं ले रही हैं क्योंकि केंद्र ने संविधान के ‘अनुच्छेद 35 ए’ पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। एनआरसी में किसी भारतीय का नाम नहीं छूटेगा : राजनाथ सिंह जम्‍मू कश्‍मीर में 17 नवंबर से 11 दिसंबर के बीच 9 चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, बैलेट पेपर से होगा मतदान सिंह जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैं सभी पार्टियों से अपील करना चाहता हूं कि वे राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लें। यह उन्हें जनता से संवाद का अवसर उपलब्ध कराएगा।’ वर्ष 1954 में राष्ट्रपति के आदेशानुसार संविधान में ‘अनुच्छेद 35 ए’ को शामिल किया गया और इससे जम्मू कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार मिले। इस अनूच्छेद के तहत राज्य से बाहर के व्यक्ति से विवाह करने वाली महिला को संपत्ति का अधिकार नहीं होगा। इस अनुच्छेद को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और मामला अभी विचाराधीन है। एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिये तमाम प्रयास कर रहा है और अपनी बात की पुष्टि के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान की अचानक यात्रा का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘हमलोग पाकिस्तान के बर्ताव को नहीं बदल सकते। उसे (पाकिस्तान को) यह समझना होगा कि पड़ोसी के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए।’ इससे पहले सिंह ने यहां भारत-पाक सीमा के निकट बाड़ लगाने की 2 आधुनिक प्रायोगिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, ‘सीमा सुरक्षा हमारी सबसे शीर्ष प्राथमिकता है। मैं आज CIBMS (व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली) के तहत दो प्रायोगिक परियोजनाओं का उद्घाटन कर खुश हूं। हमने पहले ही सभी सीमाओं पर कुछ संवेदनशील क्षेत्रों और खाली स्थानों की पहचान कर ली है।’ सिंह ने कहा कि सरकार सीमा बुनियादी ढांचा को उन्नत करने की दिशा में कार्य कर रही है और सीमाई इलाकों में 600 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है तथा सैकड़ों सीमा चौकियों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा, ‘शुरू में CIBMS परियोजना सीमा पर भौतिक बाड़ में खाली स्थान को भरने के लिए लागू होगी। इसके बाद इस तकनीकी समाधान को समूची सीमा पर लागू किया जाएगा।’ Web Title: Rajnath Singh requests all political parties to participate in local bodies polls
2019-04-20T01:26:49Z
https://hindi.indiatvnews.com/india/politics-rajnath-singh-requests-all-political-parties-to-participate-in-local-bodies-polls-601402
Astrologer Dr. MuruguBalamurugan PhD Astrology: இன்று - 28.01.2017 28.01.2017, தை 15, சனிக்கிழமை, பிரதமை திதி பின்இரவு 05.44 வரை பின்பு வளர்பிறை துதியை, திருவோணம் நட்சத்திரம் இரவு 10.39 வரை பின்பு அவிட்டம், சித்தயோகம், நேத்திரம் 0, ஜீவன் 0, ஹயக்ரீவர் வழிபாடு நல்லது, தனியனாள், சுப முயற்சிகளை தவிர்க்கவும். கேது திருக்கணித கிரக நிலை 28.01.2017 ராகு புதன் சனி குரு இன்றைய ராசிப்பலன் - 28.01.2017 இன்று உங்களின் பொருளாதார நிலை சுமாராக இருக்கும். குடும்பத்தில் கணவன் மனைவியிடையே கருத்து வேறுபாடுகள் தோன்றும். வியாபாரத்தில் விட்டு கொடுத்து செல்வதன் மூலம் பிரச்சனைகளை தவிர்க்கலாம். வேலையில் ஏற்படும் பணிச்சுமையை உடன் பணிபுரிபவர்கள் பகிர்ந்து கொள்வர். சிம்மம்
2017-05-25T12:18:05Z
http://www.muruguastrology.com/2017/01/28012017.html
जिंदगी में मुसीबतें आने से आप घबराते हैं तो पढ़ें यह प्रेरणादायी कहानी - Inext Live 2019-04-12T11:33:23+05:30 Tags:Life Mantra, Success Mantra, Inspiring Story, Fight With Problems ,
2019-05-21T18:28:41Z
https://minextlive.jagran.com/lite/we-should-fight-with-problems-for-get-success-in-life-201904120012
लोकसभा 2019: समाजवादी टिकट के लिए जिला पंचायत प्रतिनिधि विजय यादव सहित आठ लोगो ने किया आवेदन - गाजीपुर न्यूज़ : Ghazipur News in Hindi, ग़ाज़ीपुर न्यूज़ इन हिंदी Home Ghazipur News लोकसभा 2019: समाजवादी टिकट के लिए जिला पंचायत प्रतिनिधि विजय यादव सहित आठ लोगो ने किया आवेदन लोकसभा 2019: समाजवादी टिकट के लिए जिला पंचायत प्रतिनिधि विजय यादव सहित आठ लोगो ने किया आवेदन गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर लोकसभा चुनाव 2019 के दंगल में समाजवादी टिकट के लिए मंगलवार को जिलाध्‍यक्ष नन्‍हकू यादव व जिला पंचायत अध्‍यक्ष प्रतिनिधि विजय यादव सहित छह लोगो ने प्रदेश कार्यालय में नामांकन किया। प्रदेश कार्यालय के अनुसार आज गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए जिलाध्‍यक्ष नन्‍हकू यादव, जिला पंचायत अध्‍यक्ष प्रतिनिधि विजय यादव, सपा के वरिष्‍ठ नेता छोटू यादव, परशुराम बिंद, अशोक बिंद, अहमद जमाल ने टिकट के लिए आवेदन किया। अब तक टिकट के लिए सात लोगो ने आवेदन किया है। 31 जनवरी को आवेदन की अंतिम तिथि है।
2018-05-28T09:21:16Z
http://www.ghazipurnews.in/2018/01/loksabha-elecction-2019.html
हम आप और देश : !! मंदिर,मस्जिद ,गुरुद्वारे ,गिरिजा घर जाओ या नहीं जाओ पर बुजुर्गो की सेवा जरुर करे !! !! मंदिर,मस्जिद ,गुरुद्वारे ,गिरिजा घर जाओ या नहीं जाओ पर बुजुर्गो की सेवा जरुर करे !! यह बात सन १९७९ की है जब मैं कक्षा ९वी में रीवा मद्यप्रदेश के मार्तंड हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ता था ! उस समय एक दिन लंच की अवकास में सभी बच्चे ग्राउंड में खेल रहे थे ,और ग्राउंड में ही एक पुराना कुआ था उस कुए की जगत (कुए का ओटला)के पास बहुत से बच्चो की भीड़ लगी थी ,,उत्सुकता बस मैं भी उस भीड़ के पास गया वहा जाकर देखा की एक बूढी अम्मा जो मेरी दादी सा की उम्र की थी उनको शहर के बच्चे चिढा रहे थे और पत्थर मार रहे थे और ओ बूढी अम्मा रो रही थी और अपनी पोटली से पत्थर की मार से बचने की कोशिस कर रही थी मैं जब यह सब देखा तो मुझे मेरी दादी सा याद आ गई और बहुत गुस्सा आ गया मुझे तो मैं पतःर मारने वाले दो तीन बच्चो से भीड़ गया और उनकी जम कर धुनाई कर दिया (मैं गाव का हट्टा -कट्टा था जबकि सहर के डालडा क्षाप थे) और धुनाई के बाद बहुत से बच्चे भाग गए हम कुछ बच्चे बचे तो दादी सा से पूचने लगा की आप कहा जायेगी तो उन्होंने "मनगवा" का नाम लिया जो की रीवा से करीब 65 KM दूर है , मैं उनको बोला की चलिए आपको बस स्टैंड छोड़ देता हु (बस स्टैंड पास ही आधा KM पर है ) तो दादी सा ने कहा की हमारे पास पैसे नहीं है किराए के लिए ..तो मैंने अपनी जेब टटोला तो देखा की सिर्फ १ रुपये पचास पैसे ही है ,जबकि किराया 7 रुपये था रीवा से मनगवा का ,तो हम दो तीन गाव के बच्चो ने आपस में चन्दा किया फिर भी 7 रूपये इकठा नहीं हुए तो अपने द्विवेदी सर जी के पास गए और उनकी सहायता मागे तो उन्होंने सहर्ष ५ रुपये दे दिया और प्रिंसपल सर के पास ले गए तो वहा से भी ५ रुपये मिल गए ! अब हम लोगो ,के पास करीब १४ रुपये हो गए ,,तो प्रिंसपल सर से अनुमति लेकर दादी सा को बस स्टैंड ले जाकर उस बस में बैठा दिया जो मनगवा को जाती थी ! दादी सा के चरण स्पर्श किया तो दादी सा ने बहुत खुसी हो कर हम दोस्तों को आशीर्वाद दिया होगा हमने कंडेक्टर को समझा दिया की इन्हें मनगवा में उतार दीजिएगा ..और दादी सा को कुछ फल खरीद कर दे दिया और अपने स्कूल आ गया ....तो प्रिंसपल साब और स्कूल का पूरा स्टाफ हम दोस्तों की पीठ थपथपाया ...ओ दिन आज भी याद है क्योकि ओ मेरा मेरे जीवन का पहला नेक कार्य था जो आज भी याद है ..और दादी सा का चेहरा आज भी याद है ..! मानव सेवा से बढ़कर इस संसार में कोई सेवा नहीं है ....मैंने यही निष्कर्ष निकला !! मंदिर,मस्जिद ,गुरुद्वारे ,गिरिजा घर जाओ या नहीं... !! ब्रह्मज्ञान क्या है !!
2017-04-30T01:07:07Z
http://htcedws.blogspot.com/2012/05/blog-post_1238.html
3 Dead In Protests After Terrorist Burhan Wani's Killing In Kashmir | ஃபேஸ்புக்கில் ஆள் பிடிப்பார்:ராணுவத்தால் சுட்டுக் கொல்லப்பட்ட புர்கான்! www.vikatan.com would like to send you push notifications. Posted Date : 16:59 (09/07/2016) Last updated : 10:30 (10/07/2016) ஃபேஸ்புக்கில் ஆள் பிடிப்பார்:ராணுவத்தால் சுட்டுக் கொல்லப்பட்ட புர்கான்! ஹிஸ்புல் முஜாகிதீன் இயக்கத்தின் தலைமை கமாண்டராக கருதப்பட்ட புர்கான் வானியை இந்திய ராணுவத்தினர் நேற்று(வெள்ளி) சுட்டுக் கொன்றனர். இது இந்திய ராணுவத்துக்குக் கிடைத்த மிகப் பெரிய வெற்றி ஆகும். கடந்த 1989ம் ஆண்டு முதல் இந்தியாவில் இருந்து காஷ்மீரை பிரித்து தர வேண்டுமென்று ஹிஸ்புல் முஜாகிதீன் இயக்கம் பல தீவிரவாதச் செயல்களில் ஈடுபட்டு வருகிறது. ஆயிரக்கணக்கான பொதுமக்கள், பாதுகாப்புப் படையினரையும் கொன்றுள்ளது. இந்த இயக்கத்தின் முக்கிய அங்கமாக இருந்தார் புர்கான் என்ற 21 வயது இளைஞர். இவரை நேற்று இரவு பாதுகாப்பு படையினர் சுட்டுக் கொன்றனர். பாதியில் நின்ற திருமணம்! மோடி குறித்து மணமக்கள் விவாதம் செய்ததால் விபரீதம் கான்பூரில் மணமக்கள், பிரதமர் மோடி குறித்து விவாதம் செய்து சண்டை போட்டுக் கொண்டனர்.இதனால் திருமணம் பாதியிலேயே நின்று போனது. Bride & groom fight over Modi, call off marriageBride & groom fight over Modi, call off marriage | பாதியில் நின்ற திருமணம்! மோடி குறித்து மணமக்கள் விவாதம் செய்ததால் விபரீதம் - VIKATAN
2016-10-26T19:10:15Z
http://www.vikatan.com/news/india/65996-dead-in-protests-after-terrorist-burhan-death.art
Ayushmann Khurrana Says Bala Is The Toughest Film Of My Life - मेरे अबतक के कॅरियर की सबसे चैलेंजिंग फिल्म है 'बाला': आयुष्मान खुराना | Patrika News Home » Entertainment » Bollywood » Ayushmann Khurrana says Bala is the toughest film of my life | Updated: 08 Nov 2019, 10:14:39 AM (IST) आयुष्मान खुराना ( ayushmann khurrana ) का कहना है कि फिल्म 'बाला' ( bala ) उनके कॅरियर की सबसे चैलेंजिंग फिल्मों में से एक है। पिछले दो साल में बॅालीवुड स्टार आयुष्मान खुराना ( Ayushmann Khurrana ) ने इंडस्ट्री को कई हिट फिल्में दी हैं। लीक से हटकर एक्टर ने उन किरदारों को निभाया जो उन्हें एक आम इंसान से जोड़ता है। 'बधाई हो' ( badhai ho ) , 'अंधाधुन' ( andhadhun ) , 'आर्टिकल 15' ( article 15 ) और 'ड्रीम गर्ल' ( dream girl ) जैसी फिल्मों में काम कर एक्टर ने हर बार खुद को साबित किया। अब आयुष्मान की फिल्म 'बाला' ( bala ) रिलीज हुई है। एक्टर का कहना है कि यह उनके कॅरियर की सबसे चैलेंजिंग फिल्मों में से एक है। एक आम इंसान की कहानी है 'बाला' आयुष्मान ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया, मैंने पिछले कुछ सालों में कई अलग- अलग टॅापिक पर फिल्में की जैसे 'विक्की डोनर', 'शुभ मंगल सावधान'। लेकिन 'बाला' एक ऐसी फिल्म है जो बहुत कॅामन सबजेक्ट है, लेकिन किसी को इसपर फिल्म बनाने की नहीं सूझी। इसलिए यह एक यूनीक फिल्म है। आज के दौर में लगभग 50 % लड़के 30 साल की उम्र में ही गंजेपन से परेशान होते हैं। लेकिन खुद की इस कमी का सामना कैसे करना है यह कोई नहीं जानता। यह कहानी बहुत लोगों को जोड़ती है इसलिए मैंने यह फिल्म की।' मेरे लिए बेहद खास फिल्म है 'बाला' आयुष्मान का मानना है कि यह एक बेहतरीन स्क्रिप्ट है और बहुत चैलेंजिंग भी है। एक्टर ने आगे कहा,''बाला' सभी बेहतरीन स्क्रिप्ट्स में से एक नहीं बल्कि सबसे बेस्ट स्क्रिप्ट है। यह मेरे लिए बेहद खास फिल्म है। इस फिल्म से मैं केवल इमोशनली नहीं जुड़ा हूं बल्कि फिजिकली भी इस फिल्म में काम करना मेरे लिए बहुत मुश्किल साबित हुआ।' आयुष्मान के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स गौरतलब है कि अायुष्मान अगले साल फिल्म 'गुलाबो सिताबो' और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में नजर आएंगे। 'गुलाबो सिताबो' में आयुष्मान के अलावा एक्टर अभिताभ बच्चन भी अहम किरदार में दिखाई देंगे। मशहूर डायरेक्टर शूजित सिरकार ने इस फिल्म का निर्देशन करेंगे। आयुष्मान, रणवीर, विक्की की बॉडी को लेकर ये क्या बोल गए ऋषि कपूर, सुनकर आपको भी नहीं होगा यकीन बॉक्स आफिस पर 'बाला' का बोलबाला, 17वें दिन भी हो रही है ताबड़तोड़ कमाई Bala Box Office Collection Day 16: आयुष्मान की 'बाला' ने लगाया शतक, 16वें दिन कमाए इतने करोड़ Ayushmann Khurrana Bala movie review
2019-12-13T23:57:53Z
https://www.patrika.com/bollywood-news/ayushmann-khurrana-says-bala-is-the-toughest-film-of-my-life-5331751/
NBL: 河南男篮不敌河北_竞彩足球比分过关 作者:德布劳内:变阵并非难事 全力以赴备战后两场比赛 更新时间: 2020-06-04 19:40:01 游览量: 12637
2020-06-04T11:40:01Z
http://leoinvencible.com/kt0hr/3408240060.html
Tamil Islamic Media :: சுதேசி சிந்தனைகள்....... ஒரு டாலருக்கு நிகராக இந்திய ரூபாயின் மதிப்பை ரூ 20 ஆக உயர்த்த முடியும் இந்த சந்தைகளால் அழிந்து கெட்ட நாடுகள், லெபனான் மற்றும் பிரேசில் . இதில் இரண்டாவது நாடு தங்களின் தொ�
2019-05-26T08:22:56Z
http://tamilislamicaudio.com/articles/print.asp?lang=ln1&cMode=pr&aid=257
6-10 वर्ष के माता-पिता के लिए ऑनलाइन सुरक्षा संसाधन | इंटरनेट मामलों 6-10s के माता-पिता के लिए संसाधन सामाजिक और साझाकरण बदमाशी सामान्य ऑनलाइन सुरक्षा नकली खबर कमजोर बच्चे स्क्रीन समय ऑनलाइन गेमिंग ऑनलाइन संवारना डिजिटल कल्याण ऑनलाइन पोर्नोग्राफी ऐप और डिवाइस सुरक्षा डाटा प्राइवेसी लाइव स्ट्रीमिंग अनुचित सामग्री सेक्सटिंग मम ऐन अपने माता-पिता को अपने बच्चों के डिजिटल साक्षरता कौशल पर विचार करने में मदद करने के लिए अपने परिवार के निजी अनुभव को नकली समाचार साझा करता है। मॉम एन ने शेयर की अपने परिवार के निजी अनुभव ... मम बेथ इस मुद्दे पर अपने माता-पिता को अपने बच्चों का समर्थन करने में मदद करने के लिए अपने परिवार के व्यक्तिगत अनुभव को ऑनलाइन नफरत के साथ साझा करती हैं। मम बेथ ने शेयर की अपने परिवार के निजी अनुभव ... स्कूलों, बच्चों और युवाओं, अभिभावकों और देखभाल करने वालों को सूचित करने के लिए विषय 'परिवर्तन हमारे साथ शुरू होता है' यह जानने के लिए है कि यह बदमाशी को रोकने के लिए एक सामूहिक जिम्मेदारी लेता है। विषय है 'परिवर्तन हमारे साथ शुरू होता है' ... कल के मंच के लिए बीटी के नए कौशल 10 मिलियन लोगों, परिवारों और व्यवसायों को एक्सएनयूएमएक्स द्वारा आवश्यक कौशल से लैस होने की उनकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। बीटी कल के मंच के लिए नए कौशल को दर्शाता है ... 8 परिणामों के 167 दिखा रहा है
2019-11-17T08:05:47Z
https://www.internetmatters.org/hi/advice/6-10/resources-for-parents/
bike catches fire: Latest bike catches fire News & Updates, bike catches fire Photos & Images, bike catches fire Videos | Navbharat Times - Page 2 January,21,2020, 05:52:35 मैसूर: पूजा के दौरान गुब्बारों में हुआ धमाका, महंत सहित 3 घायल Feb 05, 2019, 06.47 PM सुत्तूर मठ के महंत भी हादसे के वक्त वहीं खड़े थे। महंत श्री शिवरात्रि देशिकेंद्र स्वामीजी और विधायक मैरीथिब्बे गौड़ा हादसे के वक्त गुब्बारों से निकले आग की चपेट में आए। महंत और विधायक सहित 4 लोग इस घटना में घायल हो गए। ट्रक में लगी आग, मिला ड्राइवर का जला हुआ शव उत्तरी दिल्ली के नरेला के नजदीक एक पार्क किए गए ट्रक में मंगलवार को आग लग जाने से ड्राइवर की मौत हो गई। ड्राइवर केबिन में सो रहा था जब रात 2.45 बजे उसके ट्रक में आग लग गई। मुंबई: CST स्टेशन के बाहर टैक्सी में लगी आग, यातायात हुआ प्रभावित पुलिस ने पकड़े बाइक चोर पुलिस ने गाड़ी चुराने वाले एक गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है। राहुल (23), विक्की(27) और नाबालिग के पास से दो ...
2020-01-21T00:22:36Z
https://navbharattimes.indiatimes.com/topics/-bike-catches-fire/2
शिवपुरी का सीवर, सिन्ध प्रोजक्ट सुविधा है, या जघन्य सजा | Village Times शिवपुरी का सीवर, सिन्ध प्रोजक्ट सुविधा है, या जघन्य सजा 0 0 Friday, 15 January 2016 Edit this post म.प्र. शिवपुरी - शिवपुरी के लिये सजा या सुविधा है, प्रचलित सिन्ध और सीवर प्रोजक्ट, चर्चा तो यहां तक है। कि इतनी जघन्य सेवा, सुविधा की कीमत... म.प्र. शिवपुरी- शिवपुरी के लिये सजा या सुविधा है, प्रचलित सिन्ध और सीवर प्रोजक्ट, चर्चा तो यहां तक है। कि इतनी जघन्य सेवा, सुविधा की कीमत शायद ही देश के किसी कोने मेंं चुकाई जा रही हो, जिसने समुची मानवता को ही शर्मसार कर दिया हो, 21वी सदी में ऐसा लेामहर्षक हाल उस शहर का है जिसे कभी सिंधिया स्टेट की ग्रीष्म कालीन राजधानी और ग्वालियर च बल ही नहीं समुचे म.प्र. का स्वर्ग कहा जाता था। यहां का जल पर्यावरण इतना शुद्ध होता था सड़के ऐसी कि लोग इस शहर को देख वाह कहने से नहीं चूकते थे। कभी इस शहर के प्रति लेागों में ऐसी चाहा कि क्या अधिकारी, कर्मचारी,व्यापारी तब और अब नौकरी के मामले में स्वर्ग मानते थे। जो आया, वह गया ही नहीं, कुछ तो इस शिवपुरी के होकर रह गये। मगर सीवर, सिन्ध के नाम म.प्र. की राजनीति का शिवपुरी में ऐसा अखाड़ा बना कि लेाग भले ही पुराने युद्धों की तरह नहीं मर रहे हो, मगर बड़ी ही बेरहमी से मरने के मुहाने तक लेाग अवश्य पहुंच रहे है। पहले अशुद्ध पेयजल के चलते पेट की बीमारियों से लेाग ग्रस्त थे अब तो हवा ही जान की दुश्मन बन चुकी है। जिसमें प्रदूषण का पैमाना 300 के पार है, जो किसी भी इन्सान के फेफड़ों को खत्म करने काफी है। मगर यहां तो भाई लेाग माननीय न्यायालय की गाइड लाइन को भी अनदेखा कर रहे है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जनसुविधा की कीमत पर ऐसा कोई निर्माण नहीं किया जा सकता जिसमें असुविधा हो, मगर यहां तो जान पर आन पढ़ी है। सिन्ध पेयजल के लिये वर्षो से भटकते लोग फिर भी जीवन व्यतीत कर रहे थेे, मगर सीवर प्रोजक्ट के चलते शहर में बढ़ते प्रदूषण के चलते जो तिल-तिल मरने पर लेाग मजबूर हो रहे है, यह बड़ा ही वीभत्स है। आखिर ऐसा क्यों और कैसे हो रहा है यह सवाल आज भी शिवपुरी वासियों के सामने खड़ा है। और लेाग इसका उत्तर भी चाहते है। अगर देश भर के कई विकास के उदाहरण देेखे तो गहरी खुदाई के वक्त निर्माण ऐजेन्सी, खुदाई क्षेत्र को टीनशेड से कवर्ड कर खुदाई कर कार्य करती है। और एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर बढ़ती है, काम पूरा होने पर उस स्थान अगर सड़क है तो चलने योग्य मोटरेवल बनाती है या फिर मर मत कर उसे सही कराती है, जैसा भी प्रोजक्ट में उल्लेख हो, इसके अलावा कार्य के दौरान अगर व्यस्थतम रोड है, तो लेागों को आने जाने, वैकल्पिक रोड बनाई जाती है। यह देश का कानून है मगर दुर्भाग्य कि सीवर प्रोजक्ट के दौरान ऐसा कुछ भी नहीं हो सका। लेाग इस बीच अपाहित घायल होते रहे। बगैर किसी कार्य योजना के मनमाने ढंग से खोदा गया शहर बगैर किसी परिणाम के फिलहाल खोदा जा रहा है चहुंओर खुदे इस शहर का आलाम यह है कि वह आज यह शहर धूल के ढेर में तब्दील हो चुका है। हालत यह है कि 3बाई3 कि.मी. रेडियस मे बसे इस शहर में लेाग न तो सुबह, दोपहर उड़ती खतरनाक धूल सेे सुरक्षित है न ही रात को घरों के अन्दर, मगर वैशर्म सरकार और विपक्ष का दम भरने वाले लेागों को शर्म कहां, न ही वह नौकरशाह जो दिन रात भ्रष्टाचार में लिप्त गुल छर्रे उड़ाने में मस्त है। मगर अफसोस कि लोग बोल नहीं रहे। अब इसे यह शहर अपनी नियत या अपराध समझे या इसे स्वर्ग, मगर मानवता के लिये तो इसे नरक ही कहा जायेगा इसके लिये फिलहाल दोषी जो भी हो। मगर राजधर्म यह स्वीकार नहीं करता सरकार जिसकी भी हो। काश मैं भी मुख्यमंत्री बन पाता विष से खतरनाक, विश्वासघात: आत्म विश्वास, पुरुषार्थ ही विरासत और बड़ी पूंजी Village Times: शिवपुरी का सीवर, सिन्ध प्रोजक्ट सुविधा है, या जघन्य सजा http://3.bp.blogspot.com/-1X1an68H4Bs/Vpnk4U9kPhI/AAAAAAAA_h4/68mMHxNKXpk/s320/file%2Bphoto.gif http://3.bp.blogspot.com/-1X1an68H4Bs/Vpnk4U9kPhI/AAAAAAAA_h4/68mMHxNKXpk/s72-c/file%2Bphoto.gif http://www.villagetimes.co.in/2016/01/blog-post_15.html
2019-06-16T15:11:06Z
http://www.villagetimes.co.in/2016/01/blog-post_15.html