text
stringlengths
60
49.5k
राजस्थान की योजनाएँ- सम्प्रेक्षण गृह एवं किशोर गृह तथा विशेष गृह- - वारियस कलर ऑफ राजस्थान - राजस्थान के विविध रंग राजस्थान की योजनाएँ- सम्प्रेक्षण गृह एवं किशोर गृह तथा विशेष गृह- राजस्थान की योजनाएँ- सम्प्रेक्षण गृह एवं किशोर गृह तथा विशेष गृह- ६/१७/२०११ ११:1६:०० आम किशोर न्याय अधिनियम, २००० एवं संशोधित अधिनियम, २००६ के अन्तर्गत बच्चों को निम्नानुसार दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाकर पृथक-पृथक गृहों की व्यवस्था की गई है :- १. देखरेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालक - किशोर न्याय अधिनियम की धारा २(घ) में देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की दी गई परिभाषा में निम्न बच्चों को चिन्हीकृत किया गया हैं, जिनके प्रकरणों की सुनवाई व निपटान सम्बन्धित कार्य 'बाल कल्याण समिति' द्वारा किया जाता है- १. जो बालक किसी घर या निश्चित निवास स्थान और जीवन निर्वाह के बिना पाया जाता है। १(आ) जो भिक्षावृति करता पाया गया है या स्ट्रीट चिल्ड्रन हो या कार्यशील बालक (बाल श्रमिक) हो। २. जो एक व्यक्ति (चाहे बालक का संरक्षक हो या न हो) के साथ रहता है और ऐसे व्यक्ति ने- (ई) बालक को जान से मारने या क्षति पहुंचाने की धमकी दी है और धमकी के दिए जाने की एक युक्तियुक्त सम्भाव्यता है या (ई) किसी दूसरे बालक या बालकों को जान से मार डाला है या गाली दी है या उसका या उनकी उपेक्षा की है और उस व्यक्ति द्वारा प्रश्नगत बालक को जान से मार डाले जाने, गाली दिए जाने की युक्तियुक्त सम्भाव्यता है। ३. जिसको मानसिक और शारीरिक रूप से धमकी दी जाती है या बीमार सहायता करने या देख-रेख करने वाले किसी को भी न रखने वाले टर्मिनल रोग या असाध्य रोग से ग्रस्त होने वाला बालक। ४. जिसके एक माता-पिता या संरक्षक है और ऐसे माता-पिता या संरक्षक बालक पर नियन्त्रण रख पाने के लिए अनुपयुक्त है या असमर्थ बना दिया गया है। ५. जिसके माता-पिता नहीं है और कोई एक देख-रेख करना चाह रहा है या जिसके माता-पिता ने उसका त्याग कर दिया है या समर्पित कर दिया है या जो खो गया है या भाग गया है और जिसके माता-पिता को युक्तियुक्त जाँच के पश्चात् नहीं पाया जाता है। ६. जिसका लैंगिक दुरूपयोग या अवैधानिक कृत्यों प्रयोजनार्थ गम्भीर तौर पर दुरूपयोग किए जाने, सताए जाने या शोषण किये जाने की सम्भावना है या की जा रही है। ७. जिसको भेद्य (वुलनेरेबल) पाया जाता है और औषधि दुरूपयोग या दुर्व्यापार करने में उत्प्रेरित किए जाने की सम्भावना है। ८. जिसे अन्त:करण के विरूद्ध लाभ के लिए गाली दिया जा रहा है या गाली दिए जाने की सम्भावना है। ९. जो किसी सशस्त्र संघर्ष, सिविल उपद्रव या प्राकृतिक आपदा का शिकार है। २. विधि से संघर्षरत किशोर - वे बच्चे, जिन्होंने संविधान सम्मत तरीके से स्थापित विधि का जाने-अनजाने उल्लंघन किया हो। इनके प्रकरणों में सुनवाई व निपटान सम्बन्धित किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किया जाता है। किशोर न्याय अधिनियम के अन्तर्गत बच्चों की श्रेणी अनुसार प्रकरणों की सुनवाई व निपटान तक पृथक-पृथक गृहों का प्रावधान किया गया है, जो निम्नानुसार है- १. सम्प्रेक्षण गृह - अधिनियम की धारा ८ के अन्तर्गत विधि के साथ संघर्षरत बालक - बालिकाओं हेतु सम्प्रेक्षण गृह का प्रावधान है। इन गृहों में विधि से संघर्षरत बालक - बालिकाओं को किशोर न्याय बोर्ड के आदेशों से उनकी जांच लम्बित रहने या जमानत होने या अंतिम निपटान तक रखा जाता है। इन गृहों में विधि से संघर्षरत बालक-बालिकाओं हेतु सभी सुविधाएं यथा भोजन, वस्त्र, चिकित्सा, शिक्षा आदि की नि:शुल्क व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाती है। २. बाल गृह - अधिनियम की धारा ३४ के अन्तर्गत राज्य में देखभाल व संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक - बालिकाओं हेतु बालगृह की स्थापना व पंजीयन का प्रावधान है। इन गृहों में देखभाल व संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक - बालिकाओं को बाल कल्याण समिति के आदेश से १८ वर्ष तक की आयु होने तक रखने का प्रावधान है। इन संस्थाओं में बालक - बालिकाओं के विकास एवं पुनर्वास की पूर्ण व्यवस्था के साथ-साथ भोजन, वस्त्र, शिक्षा, प्रशिक्षण की नि:शुल्क व्यवस्था की जाती है। ३. विशेष गृह - किशोर न्याय अधिनियम की धारा ९ में किशोर न्याय बोर्ड से सजा प्राप्त विधि के साथ संघर्षरत बच्चों को १८ वर्ष की आयु पूर्ण होने तक रखने के लिए विशेष गृहों का प्रावधान किया गया है। ४. राजकीय विमन्दित महिला व बाल गृह- अधिनियम की धारा ४८ के अन्तर्गत विमन्दित बालक - बालिका के समुचित संरक्षण, देखभाल व उपचार हेतु राजकीय विमन्दित महिला व बाल गृह, सेठी कॉलोनी, जयपुर को मान्यता प्राप्त संस्थान प्रमाणित किया हुआ है। ५. एड्स पीड़ित बालकों के लिए संस्था- अधिनियम की धारा ४८ के अन्तर्गत एड्स/ एच.आई.वी. से ग्रसित बच्चों के लिए अजमेर जिले में ''स्नेह संसार संस्था'', ग्राम हाथीखेड़ा, अजमेर एवं जालौर जिले में ''वात्सल्य चाइल्ड केयर होम'', ग्राम लेटा, जिला जालौर को मान्यता प्राप्त संस्थान प्रमाणित किया हुआ है। महिलाओं के पुनर्वास के लिए महिला सदन महिला सदन का मुख्य उद्देश्य- > अनैतिक एवं सामाजिक रूप से उत्पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना एवं उनमें नए जीवन का संचार करना। राज्य सरकार द्वारा जयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, जोधपुर एवं उदयपुर में नारी निकेतनों के भवनों का निर्माण कराया गया है। > इस सदन में महिलाओं को प्रवेश देकर उन्हें निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा एवं शिक्षण-प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। > पुनर्वास व्यवस्था के अन्तर्गत जिन आवासनियों के विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में प्रकरण दर्ज हैं, उनको सम्बन्धित राज्यों एवं जिलों के न्यायालयों में अपना पक्ष रखने हेतु भेजा जाता है तथा न्यायालय के निर्णय अनुसार आवासनियों को उनके अभिभावक व संरक्षकों को सौंप दिया जाता है। > महिला सदन में रहने वाली महिलाओं को विवाह द्वारा भी पुनर्वासित किया जाता है। राजस्थान की योजनाएँ-सहयोग योजना- राजस्थान की योजनाएँ- सम्प्रेक्षण गृह एवं किशोर ग...
जैन मुनि की पुण्य तिथि पर बांटा सूखा राशन - हेलीमंडी सकल जैन समाज की नेक पहल. फकीरचंद जैन की समाधी पर पुष्प अर्पित पटौदी। पटौदी इलाके के हेलीमंडी क्षेत्र के सकल जैन समाज ने जैन मुनि फकीरचंद की ८२वीं पुण्य तिथि के मौके पर करीब एक सौ गरीब और जरूरतमंद लोगों को सूखा राशन प्रदान किया है। शुक्रवार को हेलीमंडी सकल जैन समाज ने जैन मुनि फकीरचंद को उनकी ८२वीं पुण्य तिथि पर याद किया और हेलीमंडी-पटौदी के बीच मुख्य सड़क किनारे बने स्मृति स्थल पर उनकी समाधी पर पुष्प अर्पित किये। कोरोना कोविड १९ और लाॅक डाउन के कारण जैन मुनि के समृति स्थल पर मुख्य रूप से राकेश जैन, हैप्पी जैन, दिनेश जैैन, पंकज जैन, बुलबुल जैन, मधु जैन, प्रीति जैन, सुशील जैैन ही पहुंचे औैर समस्त जैन समाज सहित परिवारों की तरफ से समाधी पर सोशल डिस्टेंस का पालन करते, मास्क लगाकर अल्प समय के लिए भजन प्रस्तुत कर उन्हें याद किया गया। इसी मौके पर पास में ही झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले करीब एक सौ लोगों को एक सप्ताह का सूखा राशन वितरित किया। राकेश जैन और हैप्पी जैन ने बताया कि लाॅक डाउन के नियमों की पालना करते हुए समस्त जैन परिवार के सदस्यों ने अपने-अपने घरों में ही रहते हुए जैन मुनि को याद करते हुए शांति और नमोकार मंत्र का श्रद्धानुसार जाप किया। इन्होंने बताया कि, प्रति वर्ष यहां भव्य रूप से आयोजन किया जाता रहा है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के साथ-साथ सभी के स्वास्थ्य को ध्यान में रख, बेशक आयोजन छोटा किया, लेकिन यह पूूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इसी मौके पर सूखा राशन लेने के लिए पहुंचे लोगों को भी साफ-सफाई रखने, मास्क लगाने, बेवजह बाहर घूमने से बचने के लिए प्रेरित किया गया। प्रदूषित राजनीति के कारण कोरोना काल में जनता परेशान सोनाली फोगाट व मार्केट कमेटी के सचिव सुल्तान सिंह पर मामला दर्ज स्वतंत्रता संग्राम का हीरा है चंद्रशेखर आजाद
बैंक की कतार की तुलना शराब दुकान के लाइन से की माेहनलाल ने मलयालम सिनेमा के मसहूर एक्टर मोहनलाल ने एटीएम और बैंकों के बाहर लगी कताराें की तुलना शराब के लिए लगने वाली लाइन से की मलयालम सिनेमा के मसहूर एक्टर मोहनलाल को उस वक्त लोगों की भारी आलोचना का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने एटीएम और बैंकों के बाहर लगी कताराें की तुलना शराब के लिए लगने वाली लाइन से की। मोहनलाल ने सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन करते हुए आैर उसे सही ठहराते हुए एक ब्लॉग लिखा था। उन्होंने लिखा है कि, हम बिना किसी शिकायत के शराब, थिएटर और धार्मिक स्थलों के बाहर लाइन में लगते हैं। मेरा मानना है कि बैंक और एटीएम के बाहर लाइन में लगने में कोई बुराई नहीं है। एक्टर ने यह बातें अपने ब्लॉग थे कॉम्प्लेट एक्टर में लिखी, जिसके बाद लाेगाें ने माेहनलाल की इस बयान से सोशल मीडिया पर जमकर विरोध किया है। वहीं पर राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग के दाैरान मोहनलाल ने कहा कि नोटबंदी से फिल्म प्रोजेक्ट भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने लिखा, मुझे खुद भी परेशानियां हो रही हैं। एक जिम्मेदार नागरिक और समझदारी व्यक्ति होने के नाते मुझे भी इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। उनके इस ब्लॉग के विरोध में लोगों ने सोशल मीडिया पर थे कॉम्प्लेट दिसस्टर हैशटैग ट्रेंड चलाया जा रहा है। इस पर एक शख्स ने लिखा, मेहनत की कमाई को एक्सचेंज कराने के लिए लाइन में लगे लोगों की तुलना नशे के लिए लाइन में लगने वालों से करने के लिए हम तुम्हें कभी माफ नहीं करेंगे। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वाइस प्रेसिडेंट वी. डी. साथीसेन ने भी एक्टर की इसी तर्क के आधार पर आलोचना की। साथीसेन ने लिखा, उन्हें समझना चाहिए कि बैंक और एटीएम के बाहर लोग शराब के लिए नहीं बल्कि पैसों के लिए लाइन में लगे हैं। मोहनलाल ने उन गरीब लोगों का अपमान किया है जिनकी लाइन में लगे-लगे मौत तक हो गई। इनमें से कुछ लोग इलाज के लिए पैसा निकालने आए थे, तो कुछ शादी के लिए। कांग्रेस विधायक के सबरीनाथ ने मोहनलाल के इस विचार को एक फिल्म की तरह बताया, जो रियल लाइफ से बिलकुल मेल नहीं खाती। वहीं, फिल्म डायरेक्टर एमएम निशाद और डबिंग आर्टिस्ट भाग्यलक्ष्मी ने भी एक्टर की आलोचना की।
टिकाऊ सबसे अच्छा बेच अजीब कार डेकल स्टीकर बिट, वेस्टर्न यूनियन, आदि २०१५ नवीनतम फैक्टरी मूल्य महान मूल्य धातु डेकल शेन्ज़ेन चंगशेंग संकेत लिमिटेडजो एक धातु संकेत आपूर्तिकर्ता है.भी डिजाइन, निर्माण और बिक्री. चंगशेंग फाउण्डेदिन २००४, और संयंत्र अब २५०० से अधिक वर्ग मीटर का एक क्षेत्र शामिल, सहित १३०.कर्मचारी. फक्टरी मौजूदा उत्पादन उपकरणों तेल प्रेस, पंच, पालिशगर, एडम, लिथोग्राफिक प्रेस आदि धातु हस्तशिल्प: धातु स्टिकर, बिल्ला, पिन, सामान, सिक्का, कुंजी श्रृंखला, बोतल खोल, वस्त्र सामान, सामान सामान, धातु वीआईपी कार्ड, फोटो फ्रेम, बुकमार्क आदि मेतलवारे: कस्टम साइन, सेलफोन गौण, फर्नीचर टैग, हार्डवेयर फिटिंग, नक़्क़ाशी फिचर आदि हम आईएसओ ९००१ फैक्टरी, और हमारे सभी उत्पादों को पूरा रोस रिपोर्ट. १. सामग्री: १00% निकल २. प्रक्रिया: विद्युत ४. रंग: चांदी, सोना, सोने गुलाब, काले निकल, मैट सोना, मैट सिवल सफेद विकल्प के सही पक्ष में एक विकल्प बनाने की जरूरत है कागज के अंत पारदर्शी पीईटी फिल्म १)मैं कैसे जगह) एक आदेश और क्या जानकारी प्रदान करने के लिए क्या मुझे जब आदेश? हमें पता करने के लिए एक ईमेल भेजने के लिए कृपया: आकार, और आकार या कलाकृति फ़ाइल (आयत, वर्ग, वृत्त, ओवल, पत्र, तीर, आदि) २)आप प्रस्ताव विभिन्न) सामग्री खत्म विकल्प? चमकदार सोने, चांदी, काला। गुलाब गोल्ड, सोने और चांदी के गूंगा, गूंगा, गूंगा. रंग है। ३)अपने न्यूनतम आदेश मात्रा क्या है)? हमारे न्यूनतम आदेश मात्रा शीट (२२०*३२०म्म) १ ४)आप के लिए कितना) प्रसव के लिए चार्ज? प्रसव के एक विकल्प विकल्प: यूपीएस, टीएनटी, डीएचएल, फेडेक्स एक्सप्रेस टर्नरौंड बार और विशेषज्ञ प्रदाय विकल्प अतिरिक्त कीमत पर भी उपलब्ध हैं, एक बोली के लिए कृपया हमसे संपर्क करें. नमूना समय: २-३ दिनों का है। उत्पाद का समय: ७ ~ १०डेस है।
जगदीशपुर चांधन और आरडी कान्वेंट स्कूल अव्वल युवा कल्याण विभाग एवं प्रांतीय रक्षक दल (पी.आर.डी) के तत्वाधान में ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन सरस्वती देवी परमानंद सिन्हा इंटर कॉलेज कौड़िहार के मैदान में आयोजित किया गया। संचालन खेल शिक्षक देवेन्द्र श्रीवास्तव ने किया। वॉलीबाल, कबड्डी, १०० मीटर, २०० मीटर, ४०० मीटर, ८०० मीटर, १५०० मीटर की दौड़, लंबीकूद, गोला फेंक, डिस्कस की प्रतियोगिता हुई। प्रतियोगिता में क्षेत्र के कई विद्यालय और कॉलेज के छात्र और छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इसमें दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय जगदीशपुर चांधन कौड़िहार प्रथम व आरडी कान्वेंट कॉलेज नवाबगंज द्वितीय स्थान पर रहा। प्रतियोगिता के बाद बालक और बालिका वर्ग की टीम का चयन किया गया। बालिका वर्ग में वंदना पटेल, करिश्मा मौर्या, ज्योति मौर्या, आकांक्षा यादव, आकांक्षा पाण्डेय, रानी, वंदिक सरोज, काजल पटेल और बालक वर्ग में अमृत कुमार सरोज, बालगोविंद, आजाद यादव, रंजीत कुमार, अमर बहादुर पटेल, अमित पांडेय का चयन किया गया। चयनित टीम आगामी ५ जनवरी को मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेगी। मुख्य अतिथि एडीओ पंचायत श्रीकांत यादव ने विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। विशिष्ट अतिथि सरस्वती देवी परमानंद सिंहा इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य गरिमा त्रिपाठी ने विजेताओं को बधाई दी। अव्वल रहे रतन कान्वेंट स्कूल के शूटर कार्तिक, खुशबू व गीता रही अव्वल जगदीशपुर और सोहरामऊ में बनेंगे राजकीय हाईस्कूल अर्पिता और राहुल ने किया विद्यालय टॉप फरीदाबाद कान्वेंट स्कूल के थमेश को मिला रजत पांच किमी. दौड़ में शिवम ने बाजी मारी श्रृंग्वेरपुर में रामायण मेला की कुशलता के लिए गंगा पूजन यमुनापार महोत्सव: संतों ने बखानी भरत महिमा चेहल्लुम पर कर्बला के शहीदों की याद में निकले जुलूस राम से मिले भरत, हुआ सीताहरण का मंचन श्रीराम का राज्याभिषेक, चहुंओर जय-जयकार संकट मोचन धाम में पांच दिवसीय कार्यक्रम ८ नवम्बर से हंडिया का भरत मिलाप आज, वाराणसी रूट डायवर्ट
स्&ज़्ज;टार्टअप इंडिया वैन छत्&ज़्ज;तीसगढ़ के कोरवा, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, भलोदा बाजार, दुर्ग, राजनंदगांव, बालोद, धमतरी, कांकेड़, कोण्&ज़्ज;डागांव, जगदलपुर, दन्&ज़्ज;तेवाड़ा जैसे अन्&ज़्ज;य शहरों की भी यात्रा करेगा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिल पेश करने के दौरान कहा कि राज्य में शराबबंदी लागू होने से काफी फायदा हुआ है. इस कानून को पेश करते हुए मुख्&ज़्ज;यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी गरीब आदमी के लिए लाया गया था. पौधागिरी अभियान में स्कूली बच्चों को पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. इस अभियान के तहत मॉनसून सत्र के दौरान राज्य में २२ लाख से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे, ताकि हरित क्षेत्र को बढ़ाया जा सके. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं पंचकूला स्थित इंद्रधनुष सभागार में महिला सुरक्षा एवं महिला सशक्तिकरण के विषय पर आयोजित &लस्को;एक और सुधार&रस्को; कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कीं. पंजाब के मुख्यमंत्री ने भर्ती और पदोन्नति के सभी मामलों में शरीर में नशीले पदार्थ की जांच अनिवार्य रूप से किये जाने का आदेश दिया.
मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश में एक अराजनीतिक हुड़दंग वीरेन्द्र जैन मिशन २०१८ का बजट जावेद अनीस मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार राजनीतिक रूप से पहले ही मिशन २०१८ के मूड में आ चुकी थी. अब सूबे का नया बजट भी अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है. वित्तमंत्री जयंत मलैया द्वारा वित्त वर्ष [] नोक पर नौकरशाही जावेद अनीस - भारत में पुलिस और प्रशासन के कामों में राजनेताओं उनसे जुड़े लोगों और संगठनों का दखल कोई नया चलन नहीं है. इसकी वजह से अफसर और नौकरशाह सियासी देवताओं के मोहरे बनने को मजबूर होते हैं ऐसा वे कभी लालच और कभी मजबूरियों की वजह से करते हैं. [] कम्मंट: ० भरे पेट माननीयों को सब्सिडी कम्मंट: ० आखिर कोई तो है जो इसे रहस्य ही रखना चाहता है। कम्मंट: ० मन्ना डे:जो गाना मिलता उसे गा देते शैलेन्द्र चौहान कम्मंट: ० खाते खुल जाने से क्रांति नहीं हो सकती
स्वप्नलोक: टूटी मेरी सगाई संभव है कि इस ब्लॉग पर लिखी बातें मेरी विचारधारा का प्रतिनिधित्व न करती हों । यहाँ लिखी बातें विभिन्न दृष्टिकोणों से सोचने का परिणाम हैं । कृपया किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न रखें । बुधवार, जुलाई २२, २००९ पंखा एक डॉक्टर के घरजाकर यूँ फ़रमाया ।कर दें मेरा भी इलाजबिजली ने मुझे सताया ॥घूम गया मेरा दिमागजैसे ही बटन दबाया । लटका था चुपचाप हवा में,लेकिन अब लहराया ॥हलचल सी मच गयी, हवा केकण कुछ समझ न पाये ।एक दूसरे को भगदड़ मेंलतियाये, धकियाये ॥हुई शिकायत घर मेरे,अम्मा ने डाँट लगायी ।बोले लोग, " इसे मिर्गी है "टूटी मेरी सगाई ॥ प्रेषण समय ७/२२/२००९ १०:०१:०० आम शामा२२ जुलाई २००९ को १०:५२ एम्ये भी खूब रही..खूब कही..वह !अब सीधे ' शादी' बेहतर, कह दो पंखे से..! देंहटाएंरंजन२२ जुलाई २००९ को १०:५४ आम::)) मस्त..उत्तर देंहटाएंडॉ. मनोज मिश्र२२ जुलाई २००९ को ११:१२ आमबोले लोग, " इसे मिर्गी है "टूटी मेरी सगाई ॥ क्यों भाई?...........मस्त र्चना..........उत्तर देंहटाएंसदा२२ जुलाई २००९ को ११:३५ आमबहुत ही बढि़या ।उत्तर देंहटाएंअनूप शुक्ल२२ जुलाई २००९ को १२:१० प्मगजब की खुराफ़ाती सोच है। झकास!उत्तर देंहटाएंओम आर्य२२ जुलाई २००९ को १२:३० प्मगजब दास्तां हैं भाई .........मुझे अच्छा लगा.......बधाईउत्तर देंहटाएंकम्पेर्षद२२ जुलाई २००९ को १२:३७ प्मएक दूसरे को भगदड़ मेंलतियाये, धकियाये ॥ऐसा तब भी होता है जी जब पंखे फ़िल्मी सितारों के इर्द-गिर्द घूमते हैं:)उत्तर देंहटाएंसाहित्याइका२२ जुलाई २००९ को १२:४२ पम्हा हा हा ..बहुत सही.. :)उत्तर देंहटाएंइन्सिटिजन२२ जुलाई २००९ को १:४२ प्मये तो सब गड़बड़ हो गयी.उत्तर देंहटाएंगौतम राजरिशी२२ जुलाई २००९ को ३:0३ प्मकहाँ से निकालते हि विवेक भाए ऐसे ख्यालात....बेजोड़!!!उत्तर देंहटाएंनीरज गोस्वामी२२ जुलाई २००९ को ३:०६ प्मआपकी कल्पना शक्ति के घोडे कहाँ कहाँ दौड़ते हैं....पंखे पर ही कविता रच डाली और वो भी बेमिसाल...वाह....नीरजउत्तर देंहटाएंअनिल कान्त :२२ जुलाई २००९ को ३:१० प्मएकदम मस्त है जी :)उत्तर देंहटाएंरंजना२२ जुलाई २००९ को ३:२६ प्मबड़ी देर से खोपडी खुजा रही हूँ,पर समझ नहीं पा रही..........कविता तो लाजवाब है पर विवेक जी कृपया यह बताएं कि यह कविता पंखे पर लिखी है आपने,मिर्गी पर लिखी है या इससे इतर कोई और छायावादी रहस्यवादी अर्थ है इस कविता के.........उत्तर देंहटाएंसाइंस ब्लॉग्जर्स एसोसिएशन२२ जुलाई २००९ को ४:०८ पम्दुख की बात हैं भाई.-ज़ाकिर अली रजनीश { सेक्रेटरी-त्सलीम & सबई }उत्तर देंहटाएंज्ञानदत्त पाण्डेय | ज्ञानउत्त पांडे२२ जुलाई २००९ को ४:२६ प्मबिना मिर्गी का पंखा किस काम का!उत्तर देंहटाएंविवेक सिंह२२ जुलाई २००९ को ६:११ प्म@ रंजना जी,आप बच्चों से कहाँ रहस्यवाद की उम्मीद लगा बैठीं ! यह तो बच्चों की कविता है जी !उत्तर देंहटाएंनिर्म्ला कपिला२२ जुलाई २००९ को ६:४३ प्मआअप तो बडे मजाकिया हैं हा हा हाउत्तर देंहटाएंरतन सिंह शेखावत२२ जुलाई २००९ को ७:३१ प्मबहुत ही बढि़या ।उत्तर देंहटाएंताऊ रामपुरिया२२ जुलाई २००९ को ७:४७ प्मपंखे को मिर्गी आते रहना चाहिये.:)रामराम.उत्तर देंहटाएंउड़न तश्तरी२२ जुलाई २००९ को ८:१२ प्मइस बरस की ५ वीं की पाठय पुस्तक में रखवा दो इसे.उत्तर देंहटाएंविवेक२२ जुलाई २००९ को ८:३2 प्मबच्चों की कविता में बड़ी-बड़ी बातें कह देते हैं आपउत्तर देंहटाएंवर्षा२२ जुलाई २००९ को ८:३७ प्मकिससे करवा दी पंखे की सगाई? कही बिजली से तो नही? फ़िर तो हमेशा मिर्गी का दौरा पड़ेगा।उत्तर देंहटाएंअर्चना तिवारी२२ जुलाई २००९ को ९:४३ प्मबहुत खूब..उत्तर देंहटाएंप.न. सुब्रमनियन२२ जुलाई २००९ को १०:१८ प्मपंखे को जूता सुंघा देते भैय्या.सगाई नहीं टूटती. हा हा. मजेदार. आभार.उत्तर देंहटाएंम वर्मा2३ जुलाई २००९ को ४:५४ आमबहुत खूब --- सगाई क्यो तोड्वा दीउत्तर देंहटाएंकुश2३ जुलाई २००९ को ८:0९ आमओह तो इसलिए सगाई टूटी.. हमें लगा कोई गोत्र वोत्र का मामला होगा..उत्तर देंहटाएंटिप्पणी जोड़ेंअधिक लोड करें...
रिसर्च / पालतू कुत्तों के साथ बच्चे करते हैं ज्यादा पढ़ाई, सीखने और समझने की बढ़ती है क्षमता कनाडा के यूबीसी ओकानागन स्कूल ऑफ एजुकेशन ने कक्षा १ से ३ तक के बच्चों पर की रिसर्च लाइफस्टाइल डेस्क. लाइफस्टाइल डेस्क. ज्यादातर पेरेंट्स पालतू कुत्तों को बच्चों की पढ़ाई के वक्त दूर रखते हैं ताकि बच्चे पढ़ाई छोड़ने उनके साथ खेलने ना लगें। लेकिन हाल ही में कनाडा के यूबीसी ओकानागन स्कूल ऑफ एजुकेशन की रिसर्च में सामने आया है कि जब बच्चों के आस-पास पालतू कुत्ते होते हैं तो उनका मन देर तक पढ़ाई में लगा रहता है और वो जल्दी सीख और याद कर पाते हैं। बच्चे पढ़ाई में ज्यादा इंट्रेस्ट दिखाते हैं। १७ बच्चों पर हुआ अध्ययन अध्ययन १७ बच्चों पर किया गया। इसमें १ से ३ ग्रेड तक के बच्चे शामिल थे। इन बच्चों को पहले अकेले पढ़ाई को कहा गया और फिर बाद में पढ़ाई के दौरान साथ पालतू कुत्ते साथ रखे गए। शोधकर्ताओं ने विश्लेषण किया कि कुत्ते की मौजूदगी और गैरमौजूदगी में बच्चों ने पढ़ाई किस तरह से की। शोधकर्ता केमिली रूसो ने बताया, 'हमारे अध्ययन ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि क्या एक बच्चे को लंबे समय तक पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है और कुत्ते के साथ होने पर कुछ चुनौतियों को आसानी से पार किया जा सकता है।' शोध में के लिए बच्चों को पहले रीडिंग करने के लिए कहा गया। फिर कुछ ऐसा मेटेरियल दिया गया जो उनकी समझ से परे था। हर बच्चे से कहा गया कि वो किसी डॉग हैंडलर, पालतू जानवरों या किसी को जोर से किताब पढ़ कर सुनाएं। कुत्तों की मौजूगी में उन्होंने पढ़ाई जारी रखने को कहा। इसके अलावा, बच्चों ने अधिक रुचि दिखाई और अच्छा महसूस करने की सूचना दी। कई स्कूलों, पुस्तकालयों और सामुदायिक संगठनों में थेरेपी डॉग रीडिंग कार्यक्रमों की लोकप्रियता में बढ़ी है। रूसो का कहना है कि 'ऐसे अध्ययन किए गए हैं , जिनमें देखा गया है छात्रों की पढ़ने की क्षमताओं को बढ़ाने में कुत्ते सहायक रहे हैं। रूसो ने उम्मीद जताई है कि कई संस्थानों को ये समझ आएगा कि कुत्तों के साथ पढ़ाई करने से बच्चों को खुद को प्रेरित करने में मदद मिलती है।
- चक्का जाम से निपटने को नहीं पुख्ता प्रबंध, चंबा न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें। चंबा चक्का जाम से निपटने को नहीं पुख्ता प्रबंध चंबा। एचआरटीसी के चालकों- परिचालकों के एक दिन के चक्का जाम के निर्णय का जिला में व्यापक असर देखने को मिल सकता है। जिला प्रशासन की ओर से इस समस्या से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं किया जा सके हैं। प्रदेश सरकार ने निजी बस आपरेटरों की मदद से प्रभावित होने वाले रूटों को बहाल करने के निर्देश दिए थे, मगर जिला में ऐसा कोई विशेष प्रबंध नहीं हुआ है। यहां तक कि निजी बस आपरेटरों की रूट मुहैया करवाने की पेशकश भी एक तरह से नजरअंदाज का दी गई है। इस बंद का असर खास कर लांग रूटों पर पड़ेगा। इस कारण पर्यटकों व बाहरी राज्यों में आने-जाने वाले जिलावासियों को निजी बसों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। उधर, इस चक्का जाम से जिला में एचआरटीसी के १०८ रूटों पर बसें नहीं चलेंगी। ऐसे में मंगलवार के दिन सवारियों को खुद ही अपने आने-जाने की व्यवस्था करनी होगी। आरटीओ ओेंकार सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से निजी बस आपरेटरों को कोई विशेष रूट परमिट नहीं जारी किया गया है। लिहाजा यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए अपनी सुविधा अनुसार ही प्लान बनाएं। प्राइवेट बसें अपने रूटों पर ही चलेंगी। प्राइवेट बसें अपनी सेवाएं अपने-अपने रूटों तक सारा दिन देंगी। वहीं उपायुक्त डा. सुनील चौधरी ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से सिर्फ यही निर्देश दिए गए हैं कि जो निजी बसें अपने रूटों पर चलती हैं, वे ज्यादा सवारी होने पर अधिक फेरे लगा सकती हैं। विशेष रूटों की व्यवस्था नहीं की है। आरएम एचआरटीसी विजय कुमार सिपहिया ने बताया कि जिला में १०८ रूटों पर एचआरटीसी की बसें चलती हैं। निजी बस आपरेटर यूनियन चंबा के प्रधान रवि महाजन ने कहा कि जिला में अधिकतर रूटों पर निजी बसें ही सेवाएं देती हैं। जरूरत पड़ी तो बसों को आगे ले जाने की परमिशन ले ली जाएगी।
'गजनी' के सीक्वल की चर्चा | इंस्टेंट ख़बर 'गजनी' के सीक्वल की चर्चा बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की २००८ में रिलीज फिल्म 'गजनी' बॉक्स ऑफिस पर खूब चली थी। इस फिल्म ने ही बॉलीवुड में १०० करोड़ वाले क्लब का ट्रेंड शुरू किया था। अब मेकर्स ने इस हिट फिल्म के सीक्वल की हिंट दे दी है। रिलायंस एंटरटेनमेंट ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक ट्वीट किया है, जिसे देखने के बाद 'गजनी' के सीक्वल की चर्चा शुरू हो गई है। मेकर्स ने इस पोस्ट में आमिर को टैग करते हुए लिखा, ''ये पोस्ट वैसे तो 'गजनी' को लेकर था लेकिन अब भूल गए कि हम क्या बनाना चाहते हैं।'' माना जा रहा है कि साउथ की 'विक्रम वेधा' की रीमेक का नाम 'गजनी २' हो सकता है। फिल्म के मेकर्स ने हाल ही में इस टाइटल को रजिस्टर कराया है। रिपोर्ट के अनुसार, टाइटल को हिंदी और तेलुगू भाषा में रजिस्टर कराया गया है. इसके बाद अब यह बात पक्की हो गई है कि 'गजनी २' की प्लानिंग हो रही है. अभी मेकर्स ने इस फिल्म की आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं की है। 'गजनी' को एआर मुरुगादोस ने डायरेक्ट किया था और इसके सीक्वल के लिए भी उन्हें ही एप्रोच किया जा सकता है। खबरों की मानें तो इस फिल्म के लिए आमिर अपनी बॉडी पर खासा ध्यान दे रहे हैं. आमिर अपनी डाइट पर कंट्रोल कर रहे हैं। वह अपने शरीर को एक खास शेप में लाने के लिए भी मेहनत कर रहे हैं। 'गजनी २' में भी आमिर का लुक 'गजनी' की तरह टफ नजर आ सकता है।
थारी लुगाई लगे तो म्हारे जैसी, पर मैं थारी लुगाई ना सू । तनु वेड्स मनु रिटर्न्स फ़िल्म देखी, तो गुज़रा वक़्त और उसकी खट्टी मीठी यादों का सिलसिला दिलोदिमाग पे छाने लगा । जब हम इंदौर पहुँचे तो पहले ही दिन क्लास में एक लड़के पे नज़र पड़ी और उसका साइड प्रोफाइल देखके हम चकरा गए । मन ही मन ख़ुशी की फुलझड़ियाँ फूटने लगी । आहा! यह तो थोड़ा-थोड़ा मेरे प्यारे दोस्त से मिलता जुलता है । अच्छा लगा कि उसके जैसा कोई यहाँ है तो यहाँ भी मन लग जायेगा । कुछ दिन बाद इत्तेफाक से वो मेरे बगल वाली सीट पे आ बैठा । मैंने उसकी तरफ़ मुस्कुराके देखा और बातचीत शुरू हो गयी । बस यहीं पे खुशनुमा एहसास का खात्मा हो गया । क्यूंकि उसने कहा हैमा (हेमा), तुम्हारे पास एक पैन (पेन) एक्स्ट्रा है क्या? उफ्फ !! तौबा !! यक्क !! यह क्या है ? उसके मुखारविन्द से ऐसे सरस जलेबी सरीखे बैन सुनके लखनवी लड़की मन ही मन रो दी । प्यारे दोस्त का रूतबा और भी ऊँचा हो गया और यह हमशकल गर्त में जा पहुँचा । ऐसा लगा जैसे मेरा नटखट दोस्त मुस्कुराके कह रहा हो वाह शर्मा जी ! रीबोक नहीं तो रीबूक ही सही उस दिन उस लड़के से सम्मोहन टूट गया और हम उसे नज़रंदाज़ करने लगे । क़िस्सा खत्म हुआ । फ़िर एक और रोचक क़िस्सा हुआ वो भी बेहद बोरिंग क्लास में । हमारे डाटा स्ट्रकचर की क्लास चल रही थी । हम सर झुकाए नोट्स कॉपी कर रहे थे कि अचानक एक आवाज़ ने चौंका दिया । हमने हडबडाके तुरंत सर उठाया तो देखकर यक़ीन ही नहीं हुआ कि हमारे लेक्चरर ने वो उम्हुम्म की आवाज़ की थी । बिल्कुल मेरे प्यारे दोस्त के अंदाज़ में । हम उन्हें कुछ देर एकटक देखते रहे । सचमुच ऐसा हुआ या हमने इतनी बोरियत भरी क्लास में छोटी सी झपकी ले ली और छोटा सा सपना देख लिया था ! लेकिन कुछ देर बाद फिर उन्होंने ऐसा ही किया हमारी ख़ुशी का आर-पार ना रहा । और उस दिन के बाद कभी हमने उनकी कोई क्लास गुल नहीं की और बस वो उम्हुम्म करे इसका इंतज़ार करते रहते थे । जैसे ही वो ऐसा करते हम सर झुका के एक हाथ अपने होंठो पे रखके चुपके से खुश हो लेते थे । वो सेमेस्टर बीता और उनका साथ छूट गया । उनको अलविदा कहके हम लौटे अपनी यादों से वापस । सामने दत्तो कह रही थी अच्छा तो इब जो तीसरी ढूँढोगे वो भी ऐसी सी सकल की ढूँढोगे ? और राजा अवस्थी ने वही कहा जो हमने तब सोचा था बस हो गया हमारा, सारे शौक पूरे हो गए हमारे । यादों के मेले में हम फिर जा पहुँचे । तुम जैसे दिखने वाले या तुम्हारे जैसे अंदाज़ वाले तो मिल जाते है लेकिन वो तुम नहीं होते । मुझे ना तुमसे ज्यादा ना तुमसे कुछ कम चाहिए मुझे बस तुम तुम और तुम चाहिए । इस बीच एक मेल भी आई । मेल करने वाले का नाम और मेरे दोस्त का नाम एक ही था, हाँ लेकिन उसका पूरा नाम अलग था । उन दिनों ना व्हाट्सएप्प (व्हेत्सप्प) होता था, ना ऑरकुट ना फेसबुक । लेकिन उनदिनों मेल होती थी, याहू चैट होती थी और बहुतसारी वेबसाइट्स होती थी ग्रीटिंग कार्ड्स वाली । लड़को को अनजान लड़कियों से दोस्ती करने के यह साधन थे । तो कई मेल्स आती थी अजनान लोगों की । लेकिन हमने कभी किसी को रिप्लाई नहीं दिया । इस बार हम अपना यह व्रत तोड़ रहे थे । हमने उसे रिप्लाई किया हम तुम्हें रिप्लाई इसलिए कर रहे हैं क्यूँकि तुम्हारा नाम हमारे एक बहुत प्यारे दोस्त से मिलता जुलता है, इसके बाद हमे मेल मत करना क्यूँकि हमे तुम्हारी मेल नज़रंदाज़ करने में काफ़ी तकलीफ़ होगी । बताने की ज़रूरत नहीं कि उस लड़के ने दोबारा कभो मेल नहीं की । म्का के ५ सेमेस्टर में कभी किसी में तुम्हारी झलक दिखी तो कभी किसी में । कुछ देर उनके साथ ने दिल को बहलाया भी । दिल ने उन्हें ख़ामोश दुवाएँ दी और फिर कभी किसी मोड़ पे हादसे की तरह टकरा जाने की ख्वाहिश भी की । सच कहूं तो तुम्हारी हर बात, हर अंदाज़, तुम्हारी शक्ल, बात करते हुए तुम्हारे हाथ हिलाने-डुलाने की अदा, सब कुछ इस तरह याद थी मुझे कि कहीं भी उनकी झलक दिख जाती तो वो सब किसी ना किसी तरह कुछ ख़ास महसूस होते थे । किसी शायर ने कहा भी है जो भी इसको पहन ले वो अपना सा लगता है । कहीं कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है । हमने घूमके पतिदेव की तरफ़ देखा वो फ़िल्म से बहुत ही खुश थे । उनके ख़ुशी और सन्तुष्टि भरे चेहरे को देखके उनपे बड़ा प्यार आया और मन गा उठा । बीती बातों और अच्छी यादों का मन पे बड़ा साकारात्मक असर होता है, दिल खुश हो जाता है और यह यादें रिश्तों को अमृत से सींच देती हैं । जिन लोगों, जिन चीज़ों के हर रोज़ आसपास होने की वजह से हम उन्हें घर की दाल बराबर समझने लगते हैं, याद आता है कि कभी उन्ही के लिए हम कितना तड़पे थे ! प्रेम और विश्वास की मद्धम आंच दिल में सुलगती रहती है । दिल शुक्रगुज़ार होता है, ईश्वर और उन सब लोगों का जो सफ़र में अलग अलग मोड़ पे हमे मिले और बिछड़े । हर किसी ने अपनी तरह से अपना योगदान दिया । एक कशिश भी जिन्दा रहती है दिल में कि जो यह हमे ना मिल पाते तो? छोटी छोटी गलतियाँ और ना-उम्मिंदी रिश्तों को उधाड़ने पे आमादा रहती हैं तो अच्छी यादें बखिया कर देती हैं । प्यार की चांदनी जो बिखरने सी लगती है हर रोज की व्यस्तताओं में, उसे करीने से बिछाने की अदाकारी होती है यादों में । सपनों के तारों पे हकीक़त की जो गर्द जम जाती है, उसे मांझकर फिर से टिमटिमाने की कला सिखा देती हैं अच्छी यादें । जो हमारे पास है उसे सराहने की इच्छा जाग उठती है । जीवन और दुनिया अच्छी लगने लगती है । तो आप बताइए कब ले चलेंगी मुझे अपने यादों के सफ़र पे?
आज मैं बात कर रहा हूँ एक ऐसे इंसान की, जो बचपन से ही पढ़ाई में और कंपीटीशन में तेज तर्रार था। पर फिर भी कॉलेज को ड्रॉप आउट कर सबको चौका दिया और उसने निश्चय किया कि, वह वही करेगा, जो बचपन से उसके दिल, दिमाग और आत्मा ने कहा. और करता आ रहा है कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, जी हाँ मैं बात करा रहा हूँ माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउनार बिल गेट्स या विलियम हेनरी गेट्स-ई की। जिसने २० साल की उम्र में माइक्रोसॉफ़्ट की नींव रख कर, दुनियाँ में कम्प्यूटिंग को सरल बनाया। जिन्हें हम विस्तार से जानेंगे इस हिन्दी बायोग्राफी में बिल गेट्स का जन्म सिएटल (सीटल, वॉशिंगटन) के अपर मिडल क्लास फ़ैमिली में हुआ था। पिता विलियम हेनरी गेट्स सीनियर (विलियम हेनरी गेट्स सीनियर) एक वकील थे। माँ मैरी मैक्सवेल गेट्स पहली इंटरस्टेट बैंक सिस्टम के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स की सद्स्या थी। उनके परिवार में दो बहनें, कृस्टी (क्रिस्टेन) और लिब्बी हैं, जो एक उनसे बड़ी और दूसरी छोटी हैं। उनके नाना राष्ट्रीय बैंक के प्रेसिडेंट थे। उनके पैरेंट्स उन्हें बचपन से ही कॉम्पटिशन के लिए प्रेरित करते थे। १३ साल की उम्र में बिल गेट्स का प्रारंभिक शिक्षा लेक्साइड स्कूल में स्टार्ट हुआ। उनको बचपन से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में काफी रुचि थी। इस रुचि के लिए वे मैथ की क्लास भी छोड़ देते थे। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने बेसिक कंप्यूटर लैंग्वेज में टिक टैक तोए प्रोग्राम को लिखा, जिसे यूजर गेम खेलने में यूज करते है। स्कूल में कंप्यूटर पर जरूरत से अधिक समय बिताने के कारण एक बार उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिनमें पॉल एलन, रिक वेलैंड, और केंट एवंस भी शामिल थे। उन दिनों अमेरिका में बच्चों का ज्यादा समय तक कंप्यूटर उपयोग करने पर बैन था। बैन खत्म होने के बाद इन चारों स्टूडेंट्स को क्क स सोफ्त्वरे से कमियाँ निकालने का काम दिया गया और बदले में उन्हें कंप्यूटर पर एक्सट्रा टाइम बिताने का ऑफर दिया गया। वे सीसीसी की ऑफिस गए और वहाँ उन्होंने विभिन्न प्रोग्राम्स में उपयोगी सोर्स कोड का अध्ययन किया। यह काम १९७० के अंत तक जब कंपनी बंद हो गई तब तक करते रहे। अब तक १५ वर्षीय गेट्स को अपनी हुनर का पहचान मिल चुका था। इसी वर्ष इंफोरमेशन साइंस, इनक ने सीसीसी में काम करने चारों स्टूडेंट्स को कोबोल भाषा में पैरोल प्रोग्राम लिखने के लिए हायर कर लिया। इस काम के एवज में उन्हें रॉयल्टी और कंप्यूटर पर मनचाहा समय बिताने की छूट दी गई। १९७२ में १७ साल की उम्र में बिल गेट्स ने अपने स्कूल फ्रेंड पोल एलन के साथ मिलकर ट्रफ-ओ-डाटा नाम से एक वैंचर बनाया। जिसमें वे इंटेल ८००८ प्रोसेसर पर आधारित ट्रफिक काउंटर्स बनाया करते थे। १९७३ के शुरू में उन्हें उ स हाउस ऑफ रिप्रसेंटटिव में अपनी सेवा देने का मौका मिला। १९७३ में बिल गेट्स ने लेक्साइड स्कूल से उम्दा अंकों से ग्रेजुएशन पूरा किया, जिसके कारण वे नेशनल मेरिट स्कोलर भी रहे। उन्होंने सत की परीक्षा में १६०० में १५९० अंक अर्जित किए। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए हावर्ड कॉलेज चले गए। जहां वे स्टीव बालमर से मिले, जो बाद में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बने। इसी समय उन्होंने एमआईटीएस इंटेल ८०८० क्पू पर आधारित अल्टायर ८८०० बनाया। यहीं से उन्होंने और इवान्स ने सोचा कि क्यों ना खुद की कंपनी बनाई जाए। वे उस समय ही कॉलेज छोड़ने का मन बना चुके थे। उन्हें अपनी नई कंपनी बनाने में पैरेंट्स की भी मदद मिली। रेड अलसो : कैसा बना वो फर्श पर सोकर गूगल का सीईओ ? १९७५ में अपनी कंपनी का नाम माइक्रो-सॉफ्ट रखा, जिसे नवंबर २६, १९७६ में (-) हायफ़न को हटाकर माइक्रोसॉफ्ट के नाम से रजिस्टर करा लिया। उस समय माइक्रोसॉफ़्ट का बेसिक प्रोग्राम पोपुलर हो चुका था। पर वे चाहते थे कि वे अन्य सॉफ्टवेर पर भी काम करें। सो वे बहुत से विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामिंग लैड्ग्वेज पर सॉफ्टवेयर बनाने लगे। जनवरी १, १979 में उन्होंने अपनी कंपनी को अल्बूकर्क्यू से बेलेव, वॉशिंग्टन शिफ्ट कर लिया। जुलाई १९८० में आईबीएम अपनी आने वाली प्क की ओपरेटिंग सिस्टम की कमी को पूरा करने के लिए माइक्रोसॉफ़्ट से पार्टनर्शिप कर लिया। उन्होंने ८६-डोस ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया, जिसे क्डोस भी कहा जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम क्प/म के समान था। इस डील के लिए उनकी कंपनी को $५०.००० मिले। इस डील से खुश उन्होंने ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलप करने पर ही पूरा फोकस करने का निर्णय लिया। इसी क्रम में म्सडोस को लांच किया, जो काफी पोपुलर हुआ। जिसे आप और हम अच्छी तरह से जानते हैं। २० नवंबर १९८५ को माइक्रोसॉफ्ट विंडो का पहला वर्जन आया। जो कंप्यूटर के दुनियाँ का ऑपरेटिंग किंग बना गया, जो आज तक बरकरार है। वे १९७५ से २००६ तक कंपनी की प्रॉडक्ट डेव्लपमेंट रणनीति को खुद सँभालते रहे। फिर इसके बाद वे माइक्रोसॉफ़्ट के चेयरमेन बन गए। उन्होंने अपनी वाइफ के साथ मिलकर २००२ में बिल & मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के नाम से चरिटेबल ऑर्गनीसशन बनाया, जिसके द्वारा वे दुनियाँ भर में सोशल वर्क और धन-दान करते है। २००८ में उन्होंने माइक्रोसॉफ़्ट को प्रोमोट करने के लिए जेरी सेनफील्ड के साथ ९० सेकंड का अध में भी भाग लिया। जिसमें वे एक अजनबी से बात कर रहे थे। आज माइक्रोसॉफ्ट का नेट इनकम १२.१९ बिलियन है और फोर्ब्स की धनवान कंपनी की सूची में दूसरे स्थान पर है। आज उनका नेटवर्थ ७५.५० बिलियन है। वर्तमान में वे माइक्रोसॉफ़्ट का चीफ अद्विसर के पद पर कार्यरत है और भारतीय सत्या नड़ेला माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ है। १। एक शर्मीले और इंग्लिश ना जानने वाले लड़के ने बनाया इंडियन क्रिकेट टीम से जुड़ने वाला कंपनी २। कभी मेहनत-मजदूरी करता था, आज कॉमेडी किंग है। ३। सफलता से पहले तैयारी में जीत जरूरी है। यूपीएससी की नो. १ रैंक पाने वाली टीना डाबी की पूरी कहानी ४। कैसे बना टीम इंडिया का स्टार, जिसकी हैसियत नया बैट खरीदने तक नहीं थी
शर्मीलापन समस्या नहीं: स्मार्ट बनो, शर्माना छोड़ो होम > लाइफ स्टाइल > शर्मीलापन समस्या नहीं: स्मार्ट बनो, शर्माना छोड़ो किशोरावस्था में शर्मीला... किशोरावस्था में शर्मीला होना लाजमी है, लेकिन कहीं यह शर्मीलापन तुम्हारे व्यक्तित्व का हिस्सा न बन जाए। शर्माना छोड़ो, आत्मविश्वास बढ़ाओ, शर्मीलापन कोई समस्या नहीं। यह किसी भी नई परिस्थिति या नये व्यक्ति से मिलने से पहले खुद को तैयार करने के लिए बिल्कुल ठीक माना जाता है। लेकिन अकसर शर्मीलापन कुछ लोगों की सहजता या अपने आसपास का माहौल जैसा वे चाहते हैं, उसमें अड़चन पैदा करता है। कुछ लोग खुद को कम शर्मीला महसूस कराना चाहते हैं। इसी वजह से, वे ज्यादा से ज्यादा मेल-जोल बढ़ाने और लोगों के आसपास नजर आते हैं। शर्मीलेपन से बाहर निकलने के कुछ टिप्स थोड़े से शुरुआत कम लोगों से शुरुआत करो, जिन्हें तुम जानते हो।सामाजिक व्यवहार जैसे आंखें मिलाना, आत्मविश्वास से भरा बॉडी इमेज, छोटी-छोटी बातचीत, प्रश्न पूछना और ऐसे लोगों को आमंत्रित करना जिनके साथ तुम सबसे ज्यादा सहज महसूस करते हो। साथ ही, मुस्कुराना भी सीखो। इस तरह से अपना आत्मविश्वास बढ़ाओ और अपने नये दोस्तों के साथ भी इसी तरह का व्यवहार करने का प्रयास करो। कोई बात कहने से पहले अभ्यास करना भी बेहतर है। जब तुम किसी बात कहने की कोशिश करने के लिए तैयार होगे तो हो सकता है, तुम उसे अपने शर्मीलेपन की वजह से छोड़ दो, जैसे कोई फोन कॉल या कोई बातचीत, तुम क्या कहना चाहते हो इसे पहले से ही लिख लो। तेज-तेज बोलकर अभ्यास भी कर सकते हो, चाहो तो शीशे के सामने खड़े होकर भी अभ्यास कर सकते हो। इस बात की फिक्र बिल्कुल मत करो कि वह वैसा नहीं हो पा रहा है जैसा कि तुम अभ्यास कर रहे हो या फिर ज्यादा अच्छा नहीं हो पा रहा है।सबसे खास बात यह है कि तुम आत्मविश्वास बनाए रखो। जब अगली बार तुम अभ्यास करोगे तो तुम खुद को पहले से ज्यादा बेहतर पाओगे। ऐसी एक्टिविटीज वाले समूह में शामिल हो, जिसमें तुम्हारी दिलचस्पी वाले लोग हों। इस जगह नये लोगों के बीच तुम खुद को मेलजोल बढ़ाने का एक मौका दो और उन लोगों को धीरे-धीरे जानने की कोशिश करो। जो लोग शर्मीले होते हैं अकसर असफलता या फिर लोग उन्हें जज करेंगे जिनकी तुम्हें फिक्र रहती है। इस तरह की फिक्र और अनुभव के बावजूद तुम्हें प्रयास करते रहना चाहिए। खुद को अपना बेस्ट फ्रेंड मानकर व्यवहार करो। असफलता सोचने की बजाय खुद को प्रोत्साहित करने का प्रयास करो। सबसे अहम बात यह कि खुद के बारे में सोचो। बातचीत की शुरुआत को पहले ही सोच लो। अकसर किसी नये व्यक्ति के साथ बातचीत शुरू करने से पहले यही सोचना पड़ता है कि शुरुआत वैसे की जाए। शुरू करने वाली बातें पहले सोच लो जैसे खुद का परिचय देना, तारीफ करना या फिर कोई प्रश्न पूछना। बातचीत शुरू करने के बाद किसी बात का जवाब देने के लिए खुद को तैयार रखो, ऐसा करने से किसी से बातचीत करना ज्यादा आसान हो जाएगा।
दरोगा व सिपाहियों को दौड़ा-दौड़ाकर थप्पड़ और लात घूसों से पीटा - होमउ० प्र० / उत्तराखण्डदरोगा व सिपाहियों को दौड़ा-दौड़ाकर थप्पड़ और लात घूसों से पीटा दरोगा व सिपाहियों को दौड़ा-दौड़ाकर थप्पड़ और लात घूसों से पीटा मई १५, २०१९ उ० प्र० / उत्तराखण्ड कम्मंट ऑफ ऑन दरोगा व सिपाहियों को दौड़ा-दौड़ाकर थप्पड़ और लात घूसों से पीटा सुरसा (हरदोई)। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सुरक्षा थाना क्षेत्र के गांव मलिहाबाद में बीती रात बारात के दौरान जनातियों व बारातियों में कहासुनी हो गई। सूचना पर पहुंची यूपी १०० पुलिस ने विवाद शांत कराने का प्रयास किया तो बारातियों ने पुलिस पार्टी पर हमला बोल दिया। दरोगा व दो सिपाहियों को दौड़ा-दौड़ाकर थप्पड़ व लातघूसों से पीटा। महिलाबाद निवासी एक युवती की बुधवार को शादी थी। उन्नाव जिले के कस्बा बांगरमऊ से बारात आने के बाद धूमधाम से उसका स्वागत व अगवानी की गई। बारात में शामिल कुछ बाराती नशे में बेहद धुत थे। खुलेआम शराब पीने के बाद उन्होंने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। कुछ जनातियों को नशेड़ियों ने पीटा तो उन्होंने यूपी १०० पुलिस को फोन कर घटना की सूचना दी। इस पर आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। झगड़ रहे लोगों को शांत कराना शुरू किया। इस बीच कुछ नशेड़ी बारातियों ने पुलिस कर्मियों को घेर लिया और पीटना शुरू कर दी। पुलिस कर्मी जाने बचाने के लिए भागे तो उन्होंने पीछा कर उन्हें पीटा। बाद में सूचना पर भारी पुलिस फोर्स थाने से पहुंचा लेकिन तब तक नशेड़ी भाग चुके थे। बताया गया कि दरोगा व दो सिपाही पिटाई का शिकार हुए हैं। पीड़ित दरोगा सतेंद्र ने ओर से थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। कांग्रेस की प्रेस वार्ता में योगी आदित्यनाथ को अजय सिंह बिष्ट कहने पर आपत्ति, हंगामा
नवरात्रि २०१९: नवरात्रि के दूसरे दिन ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की आराधना - पर्दाफाश होम एस्ट्रोलोजी नवरात्रि २०१९: नवरात्रि के दूसरे दिन ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की आराधना नवरात्रि २०१९: नवरात्रि के दूसरे दिन ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की आराधना उसके पश्चात घी व कपूर मिलाकर देवी की आरती करते हैं। कलश देवता की पूजा के पश्चात इसी प्रकार नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता, की पूजा करते हैं। पिछला लेखवर्ल्ड हेल्थ दए २०१९: स्वस्थ रहने के लिए विश्व स्वास्थ दिवस के मौके पर खुद से करें ये वादे अगला लेखराजधानी में बदला चिकनकारी का दौर, कलीदार से ए लाइन पहुंचा फ़ैशन
देश के लिए खतरनाक : छुपकर घूम रहे है ६००० कोरोना बम, फ़ोन बंद कर छिपे है - अग्नि-पोस्ट होम उन्कैटेगरी देश के लिए खतरनाक : छुपकर घूम रहे है ६००० कोरोना बम, फ़ोन बंद कर छिपे है देश के लिए खतरनाक : छुपकर घूम रहे है ६००० कोरोना बम, फ़ोन बंद कर छिपे है देश में अब लॉक डाउन बढाया जा रहा है, कई राज्य सरकारें पहले से ही ३० अप्रैल तक लॉक डाउन को बढाने का ऐलान कर चुकी है और इसका कारण ये है की दिन प्रतिदिन नए कोरोना मामलों की संख्या बढती ही जा रही है इसी बीच देश के लिए एक खतरनाक जानकारी ये निकलकर सामने आ रही है की देश में ६ हज़ार कोरोना बम छिपकर घूम रहे है, ये ६ हज़ार आगे कितनो को कोरोना पहुंचा रहे है इसकी कल्पना भी काफी खतरनाक है दरअसल दिल्ली के मरकज में ९ हज़ार जमाती जुटे थे और इन ९ हज़ार में से अभी तक सिर्फ ३ हज़ार के आसपास ही जमाती पकडे गए है, और इन ३ हज़ार में से ७६५ पॉजिटिव निकल चुके है और कईयों के टेस्ट रिजल्ट अभी बाकी है वहीँ खतरनाक चीज ये है की ९ हज़ार में से ६ हज़ार अब भी गायब है, ये सब फ़ोन बंद कर चुके है और देश में यहाँ वहां छिपे बैठे है ये लोग सरकार से कोई सहयोग नहीं कर रहे, ये मस्जिदों, मदरसों, मजहबी उन्मादी इलाकों में छिपे हुए है, इन्होने फ़ोन भी बंद करके रखे हुए है और इन्हें जिन लोगो ने छिपाया हुआ है तो भी सरकार को कोई जानकारी नहीं दे रहे है देश भर में कोरोना फैलाने के पीछे जमातियों का बहुत बड़ा हाथ है, इस देश पर संकट बढ़ता ही जा रहा है क्यूंकि लॉकडाउन ज्यादा चलने से इकॉनमी को बहुत बड़ा नुक्सान पहुँच रहा है पर देश के ये उन्मादी किसी भी प्रकार देश की बर्बादी में ही लगे हुए है
नई दिल्ली, १० अक्तूबर - त्योहारी सीजन से पहले रेल कर्मियों को ७८ दिनों का वेतन बोनस के रूप में मिलेगा। केन्द्रीय कैबिनेट बुधवार काे इस बात की घोषणा कर दी है। पिछले वर्ष भी कर्मचारियों को इतना ही बोनस दिया गया था। रेल कर्मचारियों के संगठनों से बातचीत के बाद रेलवे बोर्ड ने २०१७-१८ के लिए अपने कर्मचारियों को उत्पादकता-लिंक बोनस के रूप में ७८ दिनों के वेतन के बराबर का बोनस का प्रस्ताव किया था। यह बोनस नॉन गजेटेड कर्मचारियों को ही मिलता है। इस बार बोनस की गणना के लिए वेतन सीमा ७,००० रुपए की गई है, जिससे रेलकर्मियों को करीब 1७,९५१ रुपए बोनस राशि के मिलेंगे। विडियो : १ नवंबर से किसानों को धान की कीमत के साथ मिलेगा बोनस - रमन सिंह ०५ सेप, २०१८ २०:२१ जापान से नहीं, चीन से आई थी बोनसाई ०३ जून, २०१८ ०१:१५ विडियो : ट्रक ड्राइवरों को परिवहन मंत्रालय का तोहफा, अब ट्रकों के केबिन होंगे वातानुकूलित २८ मार, २०१८ ०७:४५ विडियो : केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने मालवा क्षेत्र को दिया तोहफा २७ फेब, २०१८ १४:३९ प्रदेश सरकार का तोहफा, कानपुर में खुला तितली पार्क ०३ फेब, २०१८ २१:२२ जुझारू खेल के बावजूद सिंधू नव वर्ष का तोहफा न दे सकी २५ जान, २०१८ ००:५४ विडियो : गुरदासपुर : सुनील जाखड़ की जीत राहुल गांधी को दीवाली का तोहफा - सिद्धू
ऐसे बनाये स्वादिष्ट प्लम केक क्रिसमस का मौका है और क्रिसमस का सेलिब्रेशन प्लम केक के बिना अधूरा है ल बहुत से लोग प्लम केक बाहर से खरीदते हैं ल पर आइये जानते हैं घर पर ही आसान तरीके से और जल्दी से स्वादिष्ट प्लम केक कैसे बनाते हैं इसके लिए हमें चाहिए : २५० ग्राम केक मिक्स १५० मिली लीटर फुल क्रीम दूध १०० ग्राम कटा हुआ आलूबुखारा ६० ग्राम बिना नमक वाला मक्खन ३० ग्राम कटे हुए बादाम सबसे पहले एक बाउल में केक मिक्स,दूध,चीनी,दालचीनी पाउडर और ५० ग्राम पिघला हुआ मक्खन अच्छी तरह से मिक्स कर लें ल जब मिश्रण अच्छे से मिक्स हो जाये और मुलायम हो जाये तो उसमे बारीक़ कटे हुए बादाम और आलूबुखारा मिला देंगे ल अब बेकिंग पैन लेंगे और उसमे मक्खन लगाकर ग्रीस करेंगे ल अब इसमें मिक्स किया हुआ बैटर डालेंगे ल अब माइक्रोवेव अवन को १८० डिग्री सेल्सियस पर प्री- हीट कर लेंगे ल अब इस मिश्रण को ३० मिनट तक बेक करेंगे ल अब एक टूथपिक लेंगे और केक में डाल के देखें, अगर वह सफाई से निकल जाए तो हमारा केक अच्छे से पक चुका है। इसके बाद पैन को बाहर निकल कर ठंडा कर लेंगे ल अब इस केक को ड्राई फ्रूट्स और क्रीम से सजा लेंगे ल ये स्वादिष्ट प्लम केक बच्चों को तो पसंद आएगा ही साथ में बड़े भी इसको चाव से खाएंगे ल
ज़िप्लॉक के साथ क्राफ्ट पेपर फ्लैट नीचे पाउच - बॉस्गोओ डॉट कॉम लंकेर पैक ग्रुप लिमिटेड [ग्वांगडोंग,चीना] व्यवसाय प्रकार: उत्पादक , व्यापार कंपनी में मार्क: अमेरिका की , यूरोप , उत्तरी यूरोप , दुनिया भर , ओशिनिया , अफ्रीका , एशिया , पूर्वी यूरोप , मध्य पूर्व , अन्य बाजार , पश्चिम यूरोप निर्यातक: ६१% - ७०% प्रमाणपत्र: ब्र्च, इसो९००१, हकप, फ्स्क, इसो१४००१, फ़्ड़ा विवरण: ज़िप्लॉक के साथ पाउच,जिपर के साथ फ्लैट नीचे पाउच,क्राफ्ट पेपर फ्लैट नीचे पाउच होम > उत्पादों > क्राफ्ट पेपर पाउच > ज़िप्लॉक के साथ क्राफ्ट पेपर फ्लैट नीचे पाउच ज़िप्लॉक के साथ क्राफ्ट पेपर फ्लैट नीचे पाउच क्राफ्ट पेपर पाउच अब के लिए प्रवृत्ति है। आपके उत्पाद के लिए एक महान प्राकृतिक देखो। हमारे क्राफ्ट पेपर बैग आकार में विभिन्न प्रकारों और प्रकारों में उपलब्ध हैं। पुन: प्रयोज्य ज़िप्पर, देगासिंग वाल्व, आंसू पायदान और अपनी शैली के अनुरूप छेद छेद जैसे विभिन्न कार्यात्मक संवर्द्धन से चुनें। लंकर का क्राफ्ट पेपर पैकेजिंग बैग आपका अच्छा चयन होगा। कस्टम खाद्य पैकेजिंग मुद्रण स्क्वायर नीचे पाउच अब से संपर्क करें कस्टम फीचर रिसलेबल स्टैंड अप जिपर पैकेजिंग बैग अब से संपर्क करें शुष्क भोजन के लिए ईसीओ फ्रेंडली कस्टम क्राफ्ट डोयपैक अब से संपर्क करें साफ़ खिड़की के साथ रिसलेबल ज़िप्लॉक क्राफ्ट पेपर बैग अब से संपर्क करें फ्रंट जिपर के साथ एल्यूमिनियम फ्लैट नीचे कॉफी थैला अब से संपर्क करें ज़िप्लॉक के साथ पाउच , जिपर के साथ फ्लैट नीचे पाउच , क्राफ्ट पेपर फ्लैट नीचे पाउच , जिपर के साथ पाउच , स्पॉट के साथ पाउच , केचप सॉस पाउच , तेल स्पॉट पाउच , भोजन के लिए पाउच
प्लास्टिक टूल कार होम > उत्पादों > प्लास्टिक टूल कार(प्लास्टिक टूल कार के लिए कुल २४ उत्पादों) प्लास्टिक टूल कार - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से हम विशेष हैं प्लास्टिक टूल कार निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं / कारखाने चीन से। कम कीमत / सस्ते के रूप में उच्च गुणवत्ता के साथ थोक प्लास्टिक टूल कार, चीन से अग्रणी ब्रांडों में से एक प्लास्टिक टूल कार में से एक, रुइज़ूँ प्रिसिज़न मेटल को., लैड.।
शहर बरेली का सबसे बड़ा और सबसे भव्य थियेटर प्रभा टाकीज़ जो रामपुर गार्डन नामक पॉश कॉलोनी के नज़दीक स्थित है । आज इस टाकीज़ में पैर रखने तक को जगह नहीं है और हर तरफ़ सर ही सर नज़र आ रहे हैं । हर तरफ़ भीड़ ही भीड़ । बुकिंग विंडो,जहाँ टिकटें बांटी जाती है कब की बंद हो चुकी है लेकिन अब भी विंडो को घेरे कई लोग इस उम्मीद में खड़े हैं कि शायद विंडो दोबारा फिर खुलेगी । विंडो के नज़दीक एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ है जिसपर मोटे-मोटे अंग्रेज़ी के अक्षरों में लिखा है 'हॉउसफुल' जिसे देख कर टिकट खरीदने आने वाले दर्शक निराशा में सर हिलाते हुए वापस लौट रहे हैं । जिनको टिकट मिल चुके हैं वे चहरे पर प्रसन्नता और विजेता के से भाव लिए दूसरो को हिकारत भरी नज़रों से देखते हुए घूम रहे हैं और जिनको टिकट नहीं मिले हैं वे बेचैनी के आलम में टिकटों की जुगाड़ में हड़बड़ाये इधर-उधर घूम रहे हैं । एक कोने में एक ब्लैकिया टिकट बेच रहा है जिसे घेर कर भीड़ खड़ी है । ब्लैकिया बड़ी दक्षता से एक हाथ में टिकटों को दबाये और दुसरे हाथ में नोटों को उँगलियों के बीच दबाये 'पाँच का बीस,पाँच का बीस' कहता हुआ टिकट बेच रहा है । भीड़ उससे मोलभाव कर रही है लेकिन वह बड़े तजुर्बेकार और घिसे हुए अंदाज़ में अपनी मांग से टस से मस नहीं हो रहा है । ब्लैकिया और उसे घेरे खड़ी भीड़ से थोड़ी दूर टाकीज़ के एक गेट के नज़दीक एक छह-सात साल का बच्चा दीवार के सहारे खड़ी साईकल पर बैठा हुआ उत्सुकता और आशा भरी से नज़रों से बार-बार मुंह उठा कर भीड़ की तरफ देख रहा है । थोड़ी देर में भीड़ से निकल कर एक युवक साइकिल की तरफ़ आता है जिसे देख कर बच्चा उत्सुकता भरे अंदाज़ में कहता है,"क्या हुआ मुख़्तार भाई टिकट मिला क्या?" । युवक ना में सर हिलाता है । बच्चे का सर लटक जाता है । "चलो वापस चलते हैं",युवक कहता है । साइकिल पर बैठकर दोनों वापस लौट जाते हैं लेकिन उसी दिन के दुसरे शो के लिए करीब १ बजे दोनों फिर वापस लौटते हैं । युवक टिकट विंडो पर किसी राशन की दुकान पर लगी सर्प सरीखी लम्बी लाइन में लग जाता है और बच्चा साईकल की रखवाली करता हुआ उसपर बैठा हुआ इस बार टिकट मिल जाने की आशा मन में लिए हुए इंतज़ार करता है । युवक एक बार फ़िर टिकट विंडो से टिकट प्राप्त करने की जीतोड़ कोशिश करता है लेकिन इस बार भी उसके हाथ निराशा ही लगती है और दोनों को फिर मुंह लटकाए घर वापस लौटना पड़ता है । दोस्तों,उस प्रभा थियेटर में-जिसका नाम प्रभा टाकीज़ था-फ़िल्म 'शक्ति' लगी थी और वह बच्चा और कोई नहीं बल्कि खुद खाकसार था और आज की इस बज़्मे महफ़िल में हम तब्सिरा करेंगे फ़िल्म 'शक्ति' पर ।
सलमान खुर्शीद भी हुए मोदी के मुरीद, ऐसे कैसे मुकाबला करेगी कांग्रेस | जनमन त्व ख़बर सलमान खुर्शीद भी हुए मोदी के मुरीद, ऐसे कैसे मुकाबला करेगी कांग्रेस सलमान खुर्शीद भी हुए मोदी के मुरीद, ऐसे कैसे मुकाबला करेगी कांग्रेस कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मोदी के कामकाज को लेकर उनकी सरकार की योजनाओं की खूब प्रशंसा की है. कांग्रेस पार्टी के बदहाली वाले वक़्त में वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने मोदी सरकार की एक योजना पर जमकर तारीफ के पुल बाँधे हैं. उन्होंने कहा है कि भले ही मोदी जी लगातार कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते रहे मगर उनकी पार्टी के नेता दिन-प्रतिदिन प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के कामकाज के तरीके को लेकर उसके मुरीद होते चले जा रहे हैं. बता दें कि फर्रुखाबाद से सांसद रहे सलमान खुर्शीद ने नरेन्द्र मोदी की आयुष्यमान भारत योजना की जमकर तारीफ की. खुर्शीद बोले कि गरीब और मध्यम आय वर्ग वाले लोगो के लिए यह एक बेहतरीन योजना है. प्रत्येक व्यक्ति को इसका समर्थन करना चाहिए. लखनऊ में वित्त आयोग की १५वीं बैठक के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुँचे सलमान खुर्शीद ने कहा कि इस योजना में जितना पैसा आवंटित किया गया था उतना अभी तक खर्च होना बाकी है. बता दें कि इससे पहले सलमान खुर्शीद अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद पर टिप्पणी के चलते सुर्ख़ियों में आये थे. उन्होंने राहुल गाँधी को अपना नेता बताते हुए अध्यक्ष पद पर उनके बैठने की बात की थी हालाँकि उन्ही की पार्टी के नेताओं ने उनके बयान को खारिज कर दिया था. पीएम मोदी की किसी विपक्षी द्वारा तारीफ कोई नई बात नहीं है, बताते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली ही कुछ ऐसी है कि अपने विरोधियों को अपना मुरीद बनाने में वे कभी नहीं चूकते. यह कहना गलत नहीं होगा कि पीएम मोदी ने राजनीति में एक ऐसा स्थान हासिल किया है जहाँ राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर उनके कार्यों और भारत को गतिशील बनाए रखने के प्रयासों पर उनकी खूब सराहना होती है. भारत के विपक्षी दलों से लेकर इस्लामिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प तक मोदी के कार्यों का डंका बजता है. बता दें कि यह पहला वाकया नहीं है कि जब प्रधानमंत्री की तारीफों के पुल बाँधने में कोई कॉन्ग्रेसी सामने आया हो. इससे पहले भी कांग्रेस नेता शशि थरूर और जयराम रमेश पीएम मोदी को लेकर अपनी राय सार्वजनिक रूप से पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर जता चुके हैं. पार्टी की खिसकती राजनीतिक ज़मीन पर नसीहत देते हुए जयराम रमेश ने तो यहाँ तक कह दिया था कि कांग्रेस अपनी हर हार के लिए पीएम मोदी को ज़िम्मेदार ठहराना बंद करे. दूसरी ओर सरकार के कामकाज को लेकर विपक्षी पार्टी होने के बावजूद कई नेता मोदी सरकार के कामकाज से इत्तेफाक रखते हैं. इसका प्रमाण तब देखने को मिला जब संसद में अनुच्छेद ३७० को लेकर कांग्रेस पार्टी खुद में ही तय नहीं कर पा रही थी कि कश्मीर में ३७० हटाए जाने का समर्थन करना है या विरोध. एक ओर सदन में विपक्षी दल के नेता के तौर पर जहाँ अधीर रंजन चौधरी ने इस बिल का विरोध किया था तो वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश से कांग्रेस नेता और नई पीढ़ी का चेहरा कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुले-आम इसका समर्थन किया था. प्रेवियस आर्टियलजेठ लूटने आया अस्मत, साथ में थी जेठानी और तीसरा कोई नेक्स्ट आर्टियलकश्मीर पर प्म मोदी का नया मिशन, अब ऐसे बढ़ेगी किसानों की दोगुना आमदनी
बुधवार २६ फरवरी २०२० आज का शब्द औथोरिसेड | प्राधिकृत श्री संजीव सोनी का परिचय श्री संजीव सोनी श्री संजीव सोनी (५८) ने १० जुलाई, २०१९ को निदेशक (वित्त), सीआईएल का पदभार ग्रहण किया । इससे पहले वे १९.०६.१८ से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यरत थे । उनका जन्म १८ जून, १९61 को हुआ और उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से कॉमर्स में स्नातक किया है । वे भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्य हैं । श्री सोनी के पास ३२ वर्षों से अधिक का वृहद अनुभव है और उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में कोयला उद्योग की सेवा की है । श्री सोनी ने २७.०५.१९८६ को सीएमपीडीआई (कम्पड़ी) से अपने सेवा की शुरूआत की । ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने डब्ल्यूसीएल मुख्यालय, नागपुर में आईएडी के महाप्रबंधक (वित्त) के रूप में अपनी सेवा दिए है । अपने पेशेवर कैरियर के दौरान श्री सोनी ने सीएमपीडीआई में विभिन्न क्षमताओं में अपनी सेवा दी है । वह कम्पड़ी / ब्सल / गोई / अंडप द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किए गए अंडप / गेफ / गोई- कोल बेड मीथेन रिकवरी एंड यूटिलाइज़ेशन परियोजना के वित्तीय कार्यों के प्रभारी थे । डब्ल्यूसीएल में आंतरिक लेखा परीक्षा विभाग के प्रमुख के तौर पर श्री सोनी ने मजबूत आंतरिक नियंत्रण के निर्माण की दिशा में विभिन्न पहल किए है । उन्होंने सीबीएम परियोजना कार्यान्वयन के लिए वर्ष २००४ में वियना, ऑस्ट्रिया और सीआईएल प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में पऐक २०१९ के लिए टोरंटो, कनाडा का दौरा किया है ।
गांधी-सैम पित्रोदा आर्थिक विकास मॉडल सैम पित्रोदा की सलाह पर सरकार ने पेयजल, टीकाकरण, साक्षरता, तिलहन, दूर संचार एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मिशन स्थापित करके विकास कार्य प्रारंभ किया । राजीव गांधी - सैम पित्रोदा का मिशन मोड एप्रोच इतना अधिक लोकप्रिय हुआ है कि कांग्रेस और गांधी परिवार के कटु आलोचक वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक दर्जन से अधिक स्कीमों एवं संचालन अभिकरणों के साथ मिशन जुड़ा हुआ है। भारत में जापान के सहयोग से ईंधन बचत करने वाले वाहनों के उत्पादन की शुरूआत, जापान के समान ही बड़े उद्योगों से सहायक उद्योगों को जोड़ने की उत्पादन प्रक्रिया के अंर्तगत हजारों एंसलरी उद्योगों की स्थापना की पहल, सेवा प्रतिष्ठानों एवं सरकारी विभागों में कम्प्यूटरीकरण आदि अन्य योगदान हैं । राजीव गाांधी- सैम पित्रोदा की ये विकास पहले वर्तमान डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया की बुनियाद बन गई है। कांंग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अनुरोध पर भारतीय सूचना क्रांति के जनक माने जाने वाले सैम पित्रोदा ९ से १५ नवंबर तक एक सप्ताह के लिए गुजरात प्रवास पर थे। राहुल गांधी ने उनको गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र बनाने में मधुसूदन मिस्त्री और दीपक बाबरिया को सहयोग के लिए आमंत्रित किया था। सैम पित्रोदा ने चुनावी घोषणापत्र को जनोन्मुखी बनाने के लिए अहमदाबाद, बडोदरा, राजकोट, भावनगर तथा सूरत इन पांच प्रमुख नगरों में जाकर वहां के विभिन्न वर्गों के साथ बैठक करके उनकी समस्याओं एवं अपेक्षाओं के बारे में बातचीत की। गुजरात प्रवास के अंतिम दिन १५ नवंबर को उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि जनचर्चा में लोगों ने बताया कि निजीकरण के कारण निजी शिक्षण संस्थानों में भारी फीस, शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी रोजगार न मिल पाना, आम जनता के लिए आवास, स्वास्थ्य सुविधाओं तथा सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं में कमी आदि गुजरात की आम जनता की प्रमुख समस्याएं हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र जनोन्मुखी होगा जो प्रमुख रूप से छात्रों, छोटे व्यवसायियों, किसानों तथा महिलाओं पर केन्द्रित होगा। गांधी परिवार से सैम पित्रोदा की नजदीकी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गंाधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद १९८४ से प्रारंभ हुई। भारत आकर अपनी सेवाएं देने के प्रधानमंत्री राजीव गंाधी के आमंत्रण को स्वीकार कर सैम पित्रोदा भारत आए। उन्होंने दूरसंचार के क्षेत्र में स्वायत्त रूप से अनुसंधान और विकास के लिए सी-डॉट अर्थात सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की स्थापना की। प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा सलाहकार नियुक्त किए जाने के बाद उनके भारत में सूचना क्रांति के क्षेत्र में उनके योगदान से सभी प्रबुद्धजन परिचित हैं किन्तु उनके अन्य योगदान अनदेखे रह गए इसलिए कि राजीव गांधी १९८९ तक ही प्रधानमंत्री रहे तथा उनके योगदान की बजाय बोफोर्स का पुछल्ला जोड़कर उनकी छवि धूमिल की गई। मेरी नजर में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान के समान ही आर्थिक विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रशासन में मिशन एप्रोच अपनाने की शुरूआत करना भी महत्वपूर्ण योगदान था। सैम पित्रोदा की सलाह पर सरकार ने पेयजल, टीकाकरण, साक्षरता, तिलहन, दूर संचार एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मिशन स्थापित करके विकास कार्य प्रारंभ किया। राजीव गांधी-सैम पित्रोदा का मिशन मोड एप्रोच इतना अधिक लोकप्रिय हुआ है कि कांग्रेस और गांधी परिवार के कटु आलोचक वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक दर्जन से अधिक स्कीमों एवं संचालन अभिकरणों के साथ मिशन जुड़ा हुआ है। भारत में जापान के सहयोग से ईंधन बचत करने वाले वाहनों के उत्पादन की शुरूआत, जापान के समान ही बड़े उद्योगों से सहायक उद्योगों को जोड़ने की उत्पादन प्रक्रिया के अंतर्गत हजारों एंसलरी उद्योगों की स्थापना की पहल, सेवा प्रतिष्ठानों एवं सरकारी विभागों में कम्प्यूटरीकरण आदि अन्य योगदान हैं। राजीव गांधी- सैम पित्रोदा की ये विकास पहलें वर्तमान डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया की बुनियाद बन गई है। गांधी परिवार से इसी नजदीकी के कारण ही सैम पित्रोदा कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें जून २०१७ में समुद्रपारीय कांग्रेस का अध्यक्ष मनोनीत किया। कांग्रेस पार्टी में अपने इस नए दायित्व का निर्वहन करते हुए सैम पित्रोदा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सितंबर २०१७ माह में अमेरिका स्थित कुछ विश्वविद्यालयों एवं प्रवासी भारतीयों के साथ संबोधन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। अमेरिका में प्रवासी गुजरातियों के बीच सैम पित्रोदा की लोकप्रियता को देखकर राहुल गांधी ने उन्हें गुजरात विधान सभा चुनाव अभियान में जोड़ने हेतु नवंबर माह में एक सप्ताह के लिए आमंत्रित किया। सैम पित्रोदा ने उनको सौंपे गए दायित्वों का निर्वाह करते हुए पांच नगरों में प्रवास कर वहां के विभिन्न वर्गों से चर्चा करके चुनावी घोषणापत्र तैयार किया है। सैम पित्रोदा का कहना है कि कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र सही मायनों में गुजरात का जनघोषणापत्र होगा जिसमें प्रमुखत: शिक्षा, स्वास्थ्य, लघु एवं मध्यम उद्यम, रोजगार सृजन एवं पर्यावरण संरक्षण पर फोकस होगा। सैम पित्रोदा का कहना है कि प्रधानमंत्री का बहु प्रचारित गुजरात विकास मॉडल पश्चिमी विकास मॉडलों के समान ही ऊपर से नीचे मॉडल है जिसमें जीडीपी, संयंत्र, बन्दरगाह, सड़क आदि विकास पर केन्द्रित होता है उसका लाभ उच्च आमदनी वाले वर्ग के कुछ लोगों को ही मिल पाता है। उनके द्वारा बनाए गए कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र नीचे से ऊपर विकास पर केन्द्रित है जो आम जनता खासकर ग्रामीण जनता के शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार सृजन की जरूरतों को पूरी करेगा। यह विकास मॉडल, महात्मा गांधी की विकास की अवधारणा पर आधारित होगा। सैम पित्रोदा का कहना है कि गुजरात में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने पर सबके आर्थिक विकास के लिए महात्मा गांधी के समग्र ग्रामीण विकास पर केन्द्रित विकास मॉडल में सूचना प्रौद्योगिकी को हर स्तर पर जोड़कर नवप्रवर्तित गांधी विकास मॉडल को अपनाएगी। इसका पहला प्रयोग गुजरात में सफल होने के बाद केन्द्र में सत्ता में आने पर गुजरात का प्रयोग पूरे भारत में अपनाएगी। सैम पित्रोदा के इस विकास मॉडल को महात्मा गंाधी से जोड़ने की बजाय राहुल गांधी-सैम पित्रोदा विकास मॉडल कहना अधिक उपयुक्त होगा इसको इसी नाम से नरेन्द्र मोदी के तथाकथित गुजरात मॉडल के मुकाबले प्रचारित करना अधिक उपयुक्त होगा। सैम पित्रोदा के गुजरात दौरे के बाद उनकी कांग्रेसी नेताओं से बातचीत के बाद एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने अपना नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एक लोकप्रिय पत्रिका को बताया कि गुजरात के अनेक कांग्रेसी नेताओं की राय में २०१९ के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के मुकाबले सैम पित्रोदा कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं। यदि गुजरात विधानसभा चुनाव में आम मतदाताओं के बीच जो अंडर करेट चल रहा है कि गुजराती प्रधानमंत्री को २०१९ के लोकसभा चुनाव में जिताने के लिए विधानसभा चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार कोई भी हो भाजपा के कमल को ही मतदान करके जिताना है। ऐसी स्थिति में पाटीदार और दलित वर्ग के कांग्रेस के समर्थन के बावजूद भाजपा के लिए १८० सीटों में से १०० सीटें जीतना कठिन काम नहीं होगा। मेरी समझ में कांग्रेस को सचमुच ही जीतने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ना है तो कांग्रेस आला कमान को अतिशीघ्र सैम पित्रोदा को प्रधानमंत्री पद घोषित करते हुए राहुल गांधी के नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लेना होगा। इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी के गुजरात मॉडल के मुकाबले सैम पित्रोदा द्वारा विकसित आर्थिक विकास मॉडल को राहुल गांधी-सैम पित्रोदा विकास मॉडल प्रचारित करना भी जीत की संभावनाओं को बढ़ाने में मददगार होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात सैम पित्रोदा ने गुजरात दौरे के समय अपनी जाति विश्वकर्मा बताई है तथा अपने आप को गंगाराम बढ़ई का बेटा बताया है। चायवाले प्रधानमंत्री के मुकाबले पिछड़ा वर्ग से संबंधित गुजराती बढ़ई का दूरसंचार कारीगर बेटे के रूप सैम पित्रोदा का प्रचार चुनाव अभियान चलाने पर कांग्रेस के गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने की संभावना बनती है। यही प्रचार २०१९ के लोकसभा चुनाव जीतने में भी मददगार हो सकता है।
जून २०१७ में ही कुलदीप और कविता की शादी हुई थी. झुंझुनूं: राजस्थान के झुंझुनूं के पचेरी थाना क्षेत्र के ढाणी निहालोठ गांव में दिन दहाड़े हुए एक आरएसी जवान के मर्डर मामले का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. एसपी गौरव यादव ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरएसी जवान कुलदीप की हत्या उसकी ही पत्नी कविता तथा कविता के प्रेमी कविन उर्फ सचिन ने कुल्हाड़ी से चार-पांच वार कर की है. एसपी ने बताया कि सूचना के साथ ही वे खुद मौके पर पहुंचे थे और सीकर से डॉग स्कवायड की टीम भी बुलाई गई थी. इस मामले में पुलिस को मृतक की पत्नी के साथ-साथ कविन उर्फ सचिन पर शक हुआ. कविन उर्फ सचिन मृतक के चाचा का बेटा था. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल लिया और दोनों को गिरफ्तार कर लिया. झुंझुनूं के एसपी गौरव यादव के मुताबिक आरएसी जवान छुट्टी पर आया था. वहीं, पिता घर पर आए तो जवान मृत हालत में पड़ा था. यह घटना ब्लाइंड मर्डर केस था. घर में सामान बिखरा हुआ था. जिससे संभावना थी कि या तो लूट का सीन क्रिएट किया गया है और फिर लूट की गई है. मौके पर मैं खुद गया और डॉग स्कवायड के अलावा एफएसएल और एमओबी की टीम को भी बुलाया. लोगों से बातचीत की गई. शक कुलदीप के चचेरे भाई कविन और उसकी पत्नी कविता पर हुआ. दोनों से पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. एसपी गौरव यादव ने बताया कि जून २०१७ में ही कुलदीप और कविता की शादी हुई थी. करीब छह-सात महीने पहले कविता और कविन संपर्क में आए और वे एक-दूसरे को प्यार करने लगे. उन्होंने तय कर लिया था कि कुलदीप को मारकर वे दोनों शादी कर लेंगे. इसी दौरान जब इस बार कुलदीप आया तो वह अपने साथ पत्नी कविता को भी पोस्टिंग वाली जगह ले जाने के लिए बोल रहा था. जिससे दोनों ने घटना के एक दिन पहले ही मर्डर की योजना बनाई. वहीं, मर्डर वाले दिन कुलदीप की मां अपने ससुर के साथ दवा लेने के लिए नारनौल जाने वाली थी और पिता मजदूरी पर. घर पर कविता और कुलदीप दोनों ही थे. योजना के मुताबिक कुलदीप और कविता दोनों पहले खेत में गए और इसके बाद कुलदीप को घर लेकर आई आराम के लिए. कुलदीप की चारपाई पर लेटने के बाद आंख लगी तो कविता ने फोन करके कविन को बुलाया और कविन ने पहला वार कुलदीप पर किया. इसके बाद तीन से चार वार कविता ने भी किए. फिर दोनों ने मिलकर घर में लूट जैसे सीन बनाया ताकि पुलिस को गुमराह कर सकें. एसपी गौरव यादव ने यह भी बता या कि घरवालों से बातचीत में सामने आया कि छह-सात महीने पहले से दोनों के बीच बातचीत हो रही थी. दोनों ने सोच लिया था कि यदि कुलदीप की डेथ हो जाती है तो दोनों शादी कर लेंगे. घटना के एक दिन पहले मर्डर की प्लानिंग बनाई. कुलदीप अपनी पत्नी को भी पोस्टिंग वाली जगह ले जाना चाहता था. वहीं, पचेरी थानाधिकारी भरतलाल मीणा ने बताया कि घटना से पहले कुल्हाड़ी को मृतक की पत्नी ने घर में ही सोफे के नीचे छुपा दिया था. जो काम में ली गई और घटना के बाद घर के जेवर देकर कविता ने कविन को रवाना कर दिया. ताकि पूरी वारदात लूट से जुड़ी हुई लगे. पुलिस ने काम में ली गई कुल्हाड़ी और कविन के पास से जेवरात बरामद कर लिए हैं. मुंबई में अमित शाह का कार्यक्रम आज, शिवसेना के साथ गठबंधन पर लग सकती है मुहर
प्यार व्हाट्स एप स्टेटस वेबसाइट (हिन्दिशैरी.इन) पर दी गयी किसी भी सामग्री के लिए हम अपना स्वामित्व व्यक्त नहीं करते हैं । ये मात्र वेबसाइट उपयोगकर्ता के मनोरंजन मात्र के किये संगृहीत और प्रदर्शित किया गया है । इस के साथ साथ हम कॉपीराइट कानूनों का भी सम्मान करते हैं और हमारी वेबसाइट से किसी भी कॉपीराइट कानून का उल्लंघन करने वाली सामग्री को हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब ना मैं हूँ
मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री का दावा, जम्मू-कश्मीर में खत्म हो रहा है आतंकवाद केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने शनिवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने अंतिम दौर में है. जम्मू: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों के चलते जम्मू-कश्मी में आतंकवाद खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है. केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने शनिवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने अंतिम दौर में है. उम्मीद जताई कि हर वर्ष होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए अगले वर्ष से सुरक्षा की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि ४६ दिनों तक चलने वाली यात्रा के लिए इस वर्ष सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. यात्रा एक जुलाई से अनंतनाग जिले के पहलगाम और गंदेरबल जिले के बालटाल से शुरू होगी. उधमपुर के सांसद ने कहा कि अगले वर्ष से यात्रा के लिए सुरक्षा की जरूरत नहीं होगी क्योंकि मेरी अंतरात्मा कहती है कि राज्य में आतंकवाद अंतिम चरण में है. ३८८० मीटर की ऊंचाई पर स्थित मंदिर के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रविवार को यहां के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना होगा. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री ने कहा कि अमरनाथ यात्रा हमारी आस्था का हिस्सा है और यह हमारी समृद्ध संस्कृति का ज्वलंत उदाहरण है और इसका धार्मिक महत्व केवल क्षेत्र के लिए नहीं है बल्कि पूरे देश के लिए है. उन्होंने उम्मीद जताई कि घाटी में श्रद्धालुओं का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया जाएगा.
अब गाना नहीं गाएंगे, खाना पकाएंगे दिलजीत दोसांझ- हरिभूमि, हरिभूमि अब गाना नहीं गाएंगे, खाना पकाएंगे दिलजीत दोसांझ मशहूर सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दिलजीत दोसांझ इन दिनों टेलीविजन के लोकप्रिय लाइव सिंगिग रिएलिटी शो राइजिंग स्टार में बतौर जज नजर आ रहे हैं। सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ इन टेलीविजन के लोकप्रिय सिंगिग रिएलिटी शो राइजिंग स्टार' में जज के रूप में नजर आ रहे हैं। राइजिंग स्टार अपने आप में एक अनूठा सिंगिग शो है जिसमें कंटेस्टेंट की किस्मत का फैसला जज नहीं बल्कि जनता करती है। यह एक लाइव सिंगिंग रिएलिटी शो है। खान पकाना चाहते हैं दिलजीत दोसांझ- मशहूर सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ भले ही सिंगिग रिएलिटी शो में जज के रूप में नजर आ रहे हों लेकिन उनकी ख्वाहिश है कि वह एक दिन कुकिंग रिएलिटी शो में नजर आएं क्योंकि उन्हें खाना बनाना पसंद है। दिलजीत दोसांझ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं चाहता हूं कि मैं एक कूकिंग रीयल्टी शो में हिस्सा लूं। मैं खाना बनाता हूं, मैं हर बार कुछ नया बनाने का प्रयास करता हूं। मैं कुछ ऐसा खाना भी बनाता हूं जो हमारी दादी मां बनाती थी।' जज के रूप में आ रहे हैं नजर- आपको बता दें कि दिलजीत दोसांझ, शंकर महादेवन और मोनाली ठाकुर के साथ लाइव सिंगिंग रिएलिटी शो राइजिंग स्टार में बतौर जज नजर आ रहे हैं। दिलजीत दोसांझ पंजाबी संगीत का जाना पहचाना नाम है। इन फिल्मों में आएंगे नजर- सिगंर-एक्टर दिलजीत दोसांझ हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के जीवन पर आने वाली फिल्म सूरमा' में अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा के साथ एक्टिंग करते हुए दिखाई देंगे। इसके साथ ही दिलजीत दोसांझ बूम बूम इन न्यूयार्क' और निर्माता रमेश तौरानी की एक फिल्म में भी नजर आएंगे।
होम त्वचा रोग चेहरे पर दाग धब्बों या चोट के निशान का घरेलू उपचार चेहरे पर किसी प्रकार के दाग धब्बे कोई नहीं चाहता है। पर कुदरत किसी के चाहने से नहीं चलती। मानव जीवन आज के युग में काफी व्यस्त जीवन हो गया है। आज के दौर की इस दौड़ धूप में व्यक्ति अपने स्वास्थ्य व शरीर के लिए सोच नहीं पाता है और व्यस्तता के चलते वह सही संतुलित व पोषण युक्त आहार नहीं ले पाता है। जिसके कारण उपयुक्त या पर्याप्त पोषण शरीर को नहीं मिल पाता वह दौड़ धूप के कारण व्यक्ति को कुछ प्राकृतिक परिवर्तन का सामना करना पड़ता है। जिसमें व्यक्ति की त्वचा पर झुर्रियां व झाइयां जैसी समस्या देखने को मिलती है। यह समस्या समय से पहले ही देखने को मिल जाती हैं। झुर्रियां जैसी समस्या पर हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं। आज यहां हम बात कर रहे हैं चेहरे पर दाग धब्बे व झाइयों के घरेलू उपचार जिसके कारण व्यक्ति को काफी सारी समस्या का सामना करना पड़ता है। जैसे जिस व्यक्ति के चेहरे पर झाइयां होती हैं या किसी प्रकार के धब्बे होते हैं ऐसे व्यक्तियों में कहीं ना कहीं आत्मविश्वास की कमी देखी जाती है व चेहरे पर किसी प्रकार के दाग धब्बे होने से व्यक्ति की सुंदरता में कमी आ जाती है। और ऐसा होना काफी समस्या की बात होती है क्योंकि सुंदरता में किसी प्रकार की कमी होना व्यक्ति को अपने आप में काफी पिछड़ा महसूस कराने लगता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए आज हम यहां कुछ घरेलू उपचार बताने वाले हैं जिससे व्यक्ति अपने चेहरे के कई प्रकार के दागों से मुक्ति पा सकते हैं और अपने चेहरे को दाग रहित रख सकते हैं। चेहरे के दाग धब्बों के या चोट के निशान लिए घरेलू उपचार खुश्क त्वचा की दशा में चंदन की लकड़ी दूध में घिस कर और तैलीय त्वचा की दशा में चंदन को गुलाब जल में घिसकर लगाएं घंटे भर बाद स्नान कर लें या चेहरा ठंडे पानी से धो लें। यह प्रयोग गर्मियों में करें। चेहरा दाग रहित हो जाता है। चोट के निशान अथवा जल जाने के बाद चेहरे पर पड़ गए काले दागों को मिटाने के लिए चंदन पानी में घिसकर रोज दागों के ऊपर लगाने से आशातीत लाभ मिलता है। विकल्प १. प्रतिदिन एक पके टमाटर के गूदे में नींबू के रस की कुछ बूँदें डालकर प्रातः एवं सायं चेहरे पर धीरे-धीरे मलें कुछ देर बाद पानी से धो डालें ऐसा करते रहने से कुछ ही दिनों में त्वचा दाग रहित व चमकीली हो जाती है। विकल्प २. चेहरे के धब्बे और झुर्रियों पर रात को नींबू का रस लगाएं या नींबू लेकर मलें सारी रात लगा रहने दें और प्रातः धो डालें निरंतर १ से २ सप्ताह तक इस प्रयोग को करने से चेहरे के दाग, धब्बे, कील व झुर्रियां दूर हो जाती हैं और सख्त, मोटी, त्वचा मुलायम होती है। यदि जिगर विकार के कारण चेहरे पर धब्बे हो गए हों तो इस प्रयोग के साथ एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर दिन में दो से तीन बार आवश्यकता अनुसार १0 से १5 दिन तक सेवन करें। विकल्प ३. नींबू का रस और तुलसी की पत्तियों को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी साफ व स्वच्छ कांच की शीशी में रख लें इस मिश्रण को दिन में दो बार रूई से मुख पर मलें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से मुंह की झाइयां नष्ट हो जाएंगीं । विकल्प ४. पर काले दाग झाइयां हो तो सुखी हल्दी की गांठ को नींबू के रस में जिस पर दांव पर लगाते रहने से वह धीरे धीरे मिट जाते हैं।
तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट से फिलहाल एआईएडीएमके के बी. सेनगुट्टुवन (ब.सेंगुट्टुवन) सांसद हैं. राज्य की आठवें नंबर की इस सीट का गठन १९५१ में हुआ था. तमिलनाडु के प्राचीन शहरों में से एक वेल्लोर पलार नदी के किनारे पर है. इस सीट पर अभी तक के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो यहां ज्यादातर डीएमके का प्रत्याशी ही जीता है. १९७१ के परिसीमन के बाद यहां पर २०१४ तक १२ बार चुनाव हुए हैं. चार बार कांग्रेस की झोली में गई सीट १२ बार में से चार बार यह सीट डीएमके और चार बार कांग्रेस की झोली में गई है. इसके अलावा दो बार पीएमके और दो बार अन्नाद्रमुक प्रत्याशी यहां पर विजयी हुआ है. १९९८ में इस सीट पर पीएमके एनटी शानमुघम, २००४ में केएम केदार मोहिद्दुीन और २००९ में अब्दुल रहमान यहां से सांसद बने थे. साल २०१४ के अनुसार वेल्लोर संसदीय सीट पर कुल १३,१२,२५१ मतदाता हैं. इनमें ६,५२,0६4 पुरुष और ६,६0,१८७ महिला मतदाता हैं. वेल्लोर संसदीय सीट के अंतर्गत छह विधानसभा आती हैं. इन विधानसभा का नाम वेल्लोर (वेल्लोर), अनाई कट्टू (अनिकत्तू) किलवाईथिनंकुप्पम (किल्वैतीनान्कुप्पम-स्क), गुडियथम (गुड़ियतम-स्क), वानीयंबादी (वनियम्बड़ी) और अंबूर (अम्बूर) हैं. लोकसभा चुनाव २०१९: कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे महाराष्ट्र के सोलापुर में कर पाएंगे वापसी!
देवयानी मामला: 'रिश्तों पर लंबे समय तक नहीं पड़ेगा असर' यू अरे हेरेंटरनेशनथरदय, जान्वरी ०२, २०१४-१०:५१ आमवाशिंगटन: ओबामा प्रशासन के एक पूर्व आला अधिकारी ने कहा है कि वीजा धोखाधड़ी के आरोपों में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे़ की गिरफ्तारी को अमेरिका द्वारा बार-बार इकलौती घटना बताना और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर नहीं पडऩे की बात कहना सोच-समझकर दिया गया बयान है। विदेश विभाग के पूर्व प्रवक्ता पी. जे क्राउले ने कहा, विदेश विभाग के लिहाज से नजरिया यह रहा है कि इस मामले को भारत-अमेरिका के व्यापक रिश्तों से अलग रखना चाहिए। मुझे लगता है कि यह सोच-समझकर तय किया गया नजरिया है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से गलत निर्णय लिए गए। मई, २००९ से मार्च, २०११ तक सार्वजनिक मामलों के सहायक विदेश मंत्री रहे क्राउले ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा करने वाले इस मुद्दे से दोनों पक्ष अलग तरह से निपट सकते थे। इस घटनाक्रम पर भारत की प्रतिक्रिया काफी कुछ अपेक्षित थी। फिलहाल जार्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में अध्यापन कर रहे क्राउले ने कहा, ऐसा जरूर लगा कि अमेरिका और भारत दोनों के पास इस मामले में दोनों देशों में जनता की राय पर पडऩे वाले असर को कम करने के अवसर थे और वे इन मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे। मुझे नहीं लगता कि इसका रिश्तों पर लंबे समय तक असर पडऩे वाला है, लेकिन यह कुछ समय के लिए अड़चन पैदा करेगा। दुर्भाग्य से मेरे विचार से यह एक ऐसा संकट है, जिससे बचा जा सकता था। अब इसे बहुत जल्दी सुलझाना मुश्किल होगा। गौरतलब है कि न्यूयार्क में भारत की उप महावाणिज्यदूत और १९९९ बैच की आईएफएस अधिकारी देवयानी खोबरागडे़ को अपनी आया संगीता रिचर्ड के लिए वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें २,५०,००० डॉलर के बांड पर छोड़ा गया था।
१ गुयाना डॉलर (गिड) कन्वर्ट पैलेडियम की औंस (ज़्प्ड) के लिए, मुद्रा विनिमय दरें आज १ गिड गुयाना डॉलर सेवा मेरे ज़्प्ड पैलेडियम की औंस आप परिवर्तित कर दिया है १ गिड सेवा मेरे ज़्प्ड : ०.०००००० . आखिरी अपडेट : फ्री, २९ मई २०२० १०:०७:०५ +०००० ४ गुयाना डॉलर तो पैलेडियम की औंस ६४ गुयाना डॉलर तो पैलेडियम की औंस २३२२२६ थ्ब सेवा मेरे ज़ौ २.०६८९४ रोन सेवा मेरे ज़्प्फ ५.1032५ वंड सेवा मेरे सोस १४७२ रूब सेवा मेरे एड ११४३६९८० ज़्प्फ सेवा मेरे मूर १८८३५४७५ ऐत्ब सेवा मेरे श्प
घरेलु उपचार के द्वारा एसीडिटी से जल्द राहत पायें | तेहलथईट.कॉम पीरियड्स के समय लड़कियों के पेट में अधिक गैस क्यों होती है?लीवर और फेफड़े को स्वस्थ और साफ़ रखने के लिए खाएं ये १० सुपर फूड्सजानिए किस तरह के कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी से नहीं है संभवक्या नाश्ते में चाय के साथ रोटी (चपाती) खाना सेहत के नजरिये से ठीक है?निकोटिन पचिस से क्या सच में सिगरेट पीने की आदत छुट सकती है?जानिये स्किज़ोफ्रेनिया से जुड़े ५ मिथक और उनका सचजानिए भारत में क्या है स्किजोफ्रेनिया का इलाजहार्मोनल पिम्पल से राहत के लिए आयुर्वेदिक डायट टिप्सक्या आपको चलने या खड़े रहने के दौरान पैरों में तेज दर्द होता है?डायबिटीज़ होने पर क्या सचमुच पुरूषों को इन्फ़र्टिलिटी का प्रॉबल्म हो जाता है?आंखों से वाइट डिस्चार्ज होने के क्या कारण हैं?क्या करें जब आठ साल का बच्चा फेसबुक चलाने की जिद करने लगेहेल्दी रेसिपी- लो कैलोरी वाला उबला चिकनक्या फ्रोज़ेन फ्रूट्स हेल्दी होते हैं?जाने किस एंटीबॉडी से कैंसर के विकास को रोका जा सकता है! इंग होम / हिन्दी / घरेलु उपचार के द्वारा एसीडिटी से जल्द राहत पायें टैग्स: हेल्थ टिप्स इन हिन्दी हिन्दी आज कल एसीडिटी की समस्या आधुनिक व्यस्त जीवन जीने वालों की आम समस्या हो गई है। क्योंकि लोग अपने खान-पान पर सही तरह से ध्यान नहीं देते हैं। अगर आपका पेट स्वस्थ नहीं होगा तो शरीर का कोई भी अंग सही तरह से काम नहीं कर पायेगा। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने का प्रथम चरण है अपने पेट को स्वस्थ रखना। रिलेटेड स्टोरीसाप्ताहिक स्वास्थ्य राशिफल १९ मार्च- २५ मार्चसाप्ताहिक स्वास्थ्य राशिफल १२ फरवरी १८ फरवरीसाप्ताहिक स्वास्थ्य राशिफल १५ जनवरी २१जनवरीसाप्ताहिक स्वास्थ्य राशिफल ०८ जनवरी १४ जनवरी
हल भर्ती : १७७ पदों पर नौकरी, ४५ वर्ष तक के उम्मीदवार कर सकते हैं आवेदन सेप १६ २०१८ ०९:१० आम हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड कंपनी (हल) ने प्रोफेशनल एग्जिक्यूटिव कैरेक्टर के ११७ पदों पर सीधी भर्ती के लिए ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए सरकारी नौकरी निकली है. आप इन पदों के लिए ६/१०/२०१८ से पहले आवेदन कर सकते हैं. नौकरी से जुड़ी अधिक जानकारी इस प्रकार से हैं... हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड भर्ती-२०१८ अधिसूचना विवरण विभाग/संस्था का नाम:- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड कंपनी (हल) विज्ञापित पद का नाम:- प्रोफेशनल एग्जीक्यूटिव विज्ञापित पद की संख्या:- ११७ पद नौकरी स्थान:- कलकत्ता कॉपर लिमिटेड कंपनी कलकत्ता भर्ती-२०१८ अधिसूचना के लिए योग्यता मानदंड ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, एमबीए, बीई, बीटेक, एमसीए, एमएससी. कम से कम २१ वर्ष अधिक से अधिक ४५ वर्ष अगर आप इन पदों के लिए जरूरी योग्यता रखते है तो १५ सितंबर २०१८ से ६ अक्टूबर २०१८ तक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते है. ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने के लिए आपको हिंदूस्तान कॉपर लिमिटेड की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा. अभ्यर्थियों के चयन (सेलेक्शन) हेतु विभाग द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर आवेदकों को दस्तावेज सत्यापन/कौशल परीक्षा/साक्षात्कार/समूह चर्चा जिसमें प्रदर्शन के आधार पर उम्मीदवार का चयन किया जायेगा. आवेदन करने की अंतिम तिथि:-०६/१०/२०१८ व्यापाम : १७ हजार पदों पर भर्ती, शिक्षकों के लिए सुनहरा मौका १८००० से अधिक पदों पर वैकेंसी, आवेदन के लिए मात्र ३ दिन शेष नागालैंड प्स्क : कई पदों पर भर्तियां, युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का शानदार अवसर क्सिर -झीम भर्ती : करियर को सफल उड़ान देने के लिए युवा अभी करें आवेदन
गोल्ड रेट तोडे: आभूषण विक्रेताओं की खरीदारी से सोने में आई तेजी, प्रति १० ग्राम का भाव हुआ ३१,३९० रुपए - इंडिया त्व पैसा गोल्ड रेट तोडे: आभूषण विक्रेताओं की खरीदारी से सोने में आई तेजी, प्रति १० ग्राम का भाव हुआ ३१,३९० रुपए नरम वैश्विक संकेतों को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ताजा खरीदारी के कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना २१० रुपए की तेजी के साथ ३१,३९० रुपए प्रति १० ग्राम हो गया। नई दिल्ली। नरम वैश्विक संकेतों को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ताजा खरीदारी के कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना २१० रुपए की तेजी के साथ ३१,३९० रुपए प्रति १० ग्राम हो गया। वहीं, औद्योगिक इकाइयों तथा सिक्का निर्माताओं का उठाव बढ़ने के कारण चांदी भी २०० रुपए की तेजी के साथ ३९ हजार रुपए के स्तर को लांघकर ३९,१५० रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। कारोबारियों ने सोने की कीमतों में तेजी आने का श्रेय पवित्र नवरात्र के त्योहार की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ताजा खरीदारी को दिया लेकिन विदेशों में कमजोरी के रुख से लाभ कुछ सीमित हो गया। वैश्विक स्तर पर डॉलर के मजबूत होने से सिंगापुर में सोना ०.२२ प्रतिशत गिरकर १,3१3.7० डॉलर प्रति औंस रह गया। चांदी भी ०.१5 प्रतिशत कमजोर होकर १6.२७ डॉलर प्रति औंस रह गई। राष्ट्रीय राजधानी में ९९.९ प्रतिशत तथा ९९.५ प्रतिशत शुद्धता वाला सोना २१०-२१० रुपए मजबूत होकर क्रमश: ३१,3९0 रुपए और ३१,२४० रुपए प्रति १० ग्राम हो गया। कल इसमें 1१० रुपए की गिरावट आई थी। हालांकि आठ ग्राम वाली गिन्नी २४,८०० रुपए प्रति इकाई पर स्थिर बनी रही। चांदी तैयार की कीमत भी २०० रुपए की तेजी के साथ ३९,१५० रुपए प्रति किलो हो गई। जबकि चांदी साप्ताहिक डिलीवरी वाली चांदी की कीमत २२५ रुपए की गिरावट के साथ ३८,४५० रुपए प्रति किलो रह गई। हालांकि चांदी सिक्कों की कीमत लिवाल ७३ हजार रुपए तथा बिकवाल ७४ हजार रुपए प्रति सैकड़ा पर पूर्ववत बने रहे। वेब तितले: गोल्ड रेट तोडे: आभूषण विक्रेताओं की खरीदारी से सोने में आई तेजी, प्रति १० ग्राम का भाव हुआ ३१,३९० रुपए
वैष्णव समाज का युवक युवती सम्मेलन कल फ्लाईएश की उपयोगिता पर कॉन्फे्रंस कल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का वार्षिक सम्मेलन कल सतनामी समाज की बैठक कल सेन समाज का परिचय सम्मेलन कल कल नहीं आएगी हीराकुंड एक्सप्रेस कोसीर । नईदुनिया न्यूज बिलासपुर के त्रिवेणी सामुदायिक भवन में छत्तीसगढ़ वैष्णव महासभा का २१ मई रविवार सुबह १० बजे से युवक युवती सम्मेलन होगा है। सम्मेलन में वैष्णव समाज के लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम में जिले के वैष्णव समाज के पदाधिकारी और विकासखंड स्तर के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। सम्मेलन में महासभा कार्यकारिणी के महामंडलेश्वर भरत दास वैष्णव, अध्यक्ष शिव कुमार, महासचिव लखन दास वैष्णव, अशोक दास, नोहर दास उपस्थित रहेंगे। इसी सभा में प्रांतीय कार्यकारिणी की भी बैठक होगी। कार्यक्रम में वैष्णव समाज के हर वर्ग को कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की गई है। वहीं युवक युवती सम्मेलन को सफल बनाने युवक युवतियों को कार्यक्रम में सम्मिलित होने को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम की जानकारी प्रांतीय उपाध्यक्ष लखन दास वैष्णव द्वारा दिया गया।
वैज्ञानिकों ने नई तरह की गाजर बनाई है, जिसमें आम गाजर के मुकाबले कैल्शियम ४१ फीसदी ज्यादा होगा। यह मुमकिन हुआ है गाजर के जीन में बदलाव करने से। अमेरिका के टेक्सस, ह्यूस्टन में बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद इसका दावा किया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर सामान्य खानपान में इस गाजर को भी लिया जाए, तो इससे हड्डियों को भुरभुरा होने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। ज्यादा शाकाहारी खाने में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा नहीं होती, जबकि मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है। दूध से बनी चीजों में मिनरल यानी खनिज की मात्रा अच्छी खासी होती है, लेकिन यह हर किसी को सूट नहीं करतीं। दूध से बनी चीजें बहुत ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ने के खतरे के अलावा दिल को खतरा होने की संभावना भी बढ़ जाती है। कॉलेज की रिसर्च टीम के प्रमुख डॉक्टर जे. मॉरिस ने बताया कि इस स्टडी का लक्ष्य था कि फलों और सब्जियों में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाई जाए ताकि सेहत पर इसका अच्छा प्रभाव पड़े। उन्होंने बताया कि फल और सब्जियों में कई गुण होते हैं, लेकिन इनमें कैल्शियम की मात्रा उतनी नहीं होती। रिसर्च के दौरान ३० पुरुष और महिलाओं को दो अलग दलों में बांटकर एक दल को सामान्य गाजर जबकि दूसरे को नई वाली गाजर खाने को दी गई। दूसरे सप्ताह में दोनों दलों की गाजरों को एक-दूसरे की गाजर दी गईं, जिससे हर दल को नई गाजर खाने का मौका मिले। शरीर में कैल्शियम के स्तर को जांचने के लिए पेशाब का नमूना लिया गया। रिसर्च में नतीजों में पाया गया कि दोनों दलों के शरीर में नई गाजर खाने के बाद कैल्शियम का स्तर बढ़ा था। हालांकि यह भी कहा गया कि नई गाजर को विशेष रूप से तैयार किए गए माहौल में उगाया गया है। आम लोगों तक पहुंचाने के लिए अभी इस पर काफी रिसर्च होनी बाकी है। मैं कैसे डॉ। सागबो डिबा द्वारा जीनात्मक ज्योतिषों को ठीक कर रहा हूं मैंने डॉ। साबो डिबा से वादा किया कि मैं इंटरनेट पर इस गवाही को साझा करेगा। मेरे पास एसटीडी के संकेत थे, लेकिन मुझे पूरा यकीन नहीं था कि कौन सा एक मैं बाद में चला गया एक नर्स को देखने के लिए उसने मेरे जननांगों पर एक नज़र डाला और पहले कहा कि यह सिर्फ खरोंच हो सकता है, वह एक परीक्षण चला गया तो उसने कहा कि यह जननांग की तरह दिखता है मौसा और मेरे पास हरपीज है बाद में हेर्पेस की पुष्टि की गई.उसने दे दिया मुझे हरपीज के लिए कुछ दवा और मौसा के लिए कुछ क्रीम अभी भी यह काम नहीं कर रहा था, मैं उदास था, सोचा कि मैं अच्छा नहीं रहा था फिर। मैंने सभी अस्पतालों को देखा, मेरी दिक्कतें कभी भी बेहतर नहीं हुई ई ठीक होने के लिए निर्धारित किया गया था, तो एक दिन मैं इंटरनेट ब्राउज़ और मैंने देखा डावाओ अटकिन्स की एक गवाही के बारे में कैसे डॉ। साबो डिबा ने उसे और उसके ठीक हो जननांग हरपीज सिम्प्लेक्स की पत्नी को २० दिन का समय दें, मैंने इसके बारे में सोचा कुछ हफ्तों में मैंने इसे एक कोशिश देने का फैसला किया, इसलिए मैंने अपना संपर्क लिया और लिख लिया उसे अपने ईमेल पते पर। मैंने डॉ। सैबो को मेरी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बताया और उसने मुझे एक इलाज का आश्वासन दिया उसने अपनी हर्बल दवा तैयार की और उसे भेजा मुझे। मैंने इसे २० दिनों के लिए लिया २० दिनों के पूरा होने से पहले मैंने दवा ले ली, फफोले और मौसा मेरे शरीर पर बंद हो गया था सिर्फ १४ दिनों में, २० दिन पहले, इसे पूरी तरह से साफ़ कर दिया गया था। मैं था बहुत खुश है, मैं चेक-अप के लिए वापस चले गए और मुझे बताया गया कि मैं इस से मुक्त हूं वायरस पूरी तरह से अब मैं पूरी तरह ठीक हूं। कृपया अगर आप से पीड़ित हैं एचआईवी / एड्स, कैंसर, हेर्पस, डायबिटीज जैसे किसी भी गंभीर और घातक बीमारी, मुंह का दर्द, वैक्सीन रोग / आईटीसीएच, क्रोनिक हिपेटिटिस, ग्रीनलेट वार्ट्स, ईपीलीस्सी, ओवरियन कैंसर / सीआईएसटी, स्ट्रोक, किडनी और लाइवर डिसीज, टॉमर और बहुत से उसने मुझे बताया कि वह उन सभी को ठीक करता है, कृपया तुरंत उसे संपर्क करें अपने विवरण पर मुझे मिल गया ईमेल पता = मेरा नाम फिल से एरिन है, मुझे इस बात के बारे में बहुत खुशी है कि मुझे कैसे मिला जननांग हर्पीज का चंगा ४ महीने पहले मैं कुछ ऐसे लोगों से कई टिप्पणियां पढ़ रहा हूं जो कि डॉ। एसएजीबीओ द्वारा एचआईवी और अन्य वायरल संक्रमणों से ठीक हो चुके हैं, लेकिन मेरे पिछले अनुभव के कारण मुझे उन पर विश्वास करना मुश्किल हो गया है। मैं उलझन में था और उदास था, मैं उत्सुक था और डॉ। सैबो की कोशिश करना चाहता था, तब मैंने उनके साथ (ई-मेल ड्रसगाबो संपर्क किया, जब मैंने उन्हें लिखा था, तो उन्होंने गारंटी दी थी कि वह मुझे पूरी तरह से इलाज करेंगे, मुझे डर था और मैं उसकी सहायता करने के लिए उसके साथ याचिका दायर करता हूं, उसने मुझे अपनी दवाएं वादा किया था और दवा लेने के २० दिनों के बाद मुझसे परीक्षा लेने जाने के लिए कहा था। मैंने दवा ली और खत्म होने के बाद परीक्षण के लिए चला गया। मैं एक महीने पहले एक और रक्त परीक्षण किया था और यह अभी भी दाद के लिए नकारात्मक था और मेरे शरीर पर सभी दाने और काले डॉट्स गायब होते हैं और पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। यदि आपके वायरल संक्रमण हैं, हरपीज एचएसवी -१ या एचएसवी -२, एचआईवी, एचपीवी, हेपेटाइटिस बी, मधुमेह, कैंसर, क्लैमाइडिया, अस्थमा, योनि संक्रमण, डॉ। एसएजीओओ लिखने के लिए उसका व्हाट्सएप नंबर है (+२३४७०१ ९ ६४२८८१) मुझे पता है कि आप इस बारे में कैसे संदिग्ध महसूस कर सकते हैं क्योंकि यह मेरे साथ हुआ कई अच्छे और बुरे सलाह और निर्देश, लेकिन अब मैं आपको बताता हूं कि इन बीमारियों का इलाज है। बहुत लंबा इंतजार न करें
ऐसे ५ वादे, जिन्हें आप करते हैं, बस तोड़ देने के लिए कुछ वादे तो पक्का ऐसे हैं, जिन्हें आप करते हैं और तोड़ देते हैं। फर्क बस यह है कि ये वादे आप किसी और से नहीं, खुद से करते हैं। तो पेश है ऐसे ५ वादों की लिस्ट जो आपने खुद से कई बार किए और हां तोड़ भी दिए... भले ही आप वादे के पक्के हों और एक बार कमिटमेंट करने के बाद किसी न सुनते हों, फिर भी हम आपसे शर्त लगा कर कह सकते हैं कि कुछ वादे तो पक्का ऐसे हैं, जिन्हें आप करते हैं और तोड़ देते हैं। फर्क बस यह है कि ये वादे आप किसी और से नहीं, खुद से करते हैं। तो पेश है ऐसे ५ वादों की लिस्ट जो आपने खुद से कई बार किए और हां तोड़ भी दिए... एलोवेरा के १० फायदे, बालों को दे मजबूती, त्वचा को दे नई चमक और कम करे मोटापा... स्मोकिंग कल से बंद ये तो शायद आपको भी नहीं पता कि आपने खुद से कितनी बार ये वादा किया कि कल से' आप स्मोकिेंग छोड़ देंगे। पर वो कल जाने कब आएगा। शायद कभी-कभी आ भी जाता होगा, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही कल की बात' हो जाता होगा। बाहर का खाना बंद हर बार जब आप बुखार, दस्त या किसी और बीमारी के बाद ठीक होते हैं, तो यकीनन डॉक्टर की बातों से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि खुद से ऐसा वादा कर देते हैं, जो आप निभा ही नहीं सकते। जानते हुए कि आप इस वादे को पूरा नहीं कर सकते, फिर भी आप एक बार और हिम्मत कर लेते हैं- एक और वादा करने और तोड़ने की। एक गिलास गर्म पानी, दूर करेगा कई परेशानी... गर्म पानी पीने के १० फायदे एक्सरसाइज कल से पक्का अगर आप एक अर्ली राइजर नहीं हैं और सुबह उठने के लिए आप कम से कम ५ स्नूज तो लगा ही लेते हैं, तो इस बात में कोई संदेह नहीं कि आप खुद से जाने कितनी ही बार ये वादा कर चुके होंगे कि आप कल सुबह ६ बजे उठेंगे और वॉक पर, जिम जाना या योगा करना शुरू करेंगे'। पर इस बात का भी हमें यकीन है कि ५ या छह दिन से ज्यादा ये वादा भी टिक नहीं पाता होगा। ये वह वादा है, जो आप खुद से हर महीने के लास्ट वीक में करते हैं। पूरे महीने खुद को जाने कितने ही बहाने देकर आप जमकर खर्च कर लेते हैं या फिर चाहे-अनचाहे हर महीने आपसे वेतन का वह हिस्सा खर्च हो ही जाता हो, जो आपने बचत के नाम से अलग किया था। क्या कहा, आप पिछले हफ्ते ही फैमिली से मिलने जाने वाले थे, लेकिन किसी काम की वजह से कैंसल हो गया... अब देखिए न ये भी उन पांच वादों में से एक बनता जा रहा है, जो आप करते हैं और तोड़ देते हैं। यकीनन काम का बोझ और समय की कमी आजकल फैमिली टाइम को कम करती जा रही है। हम सब इस कमी को महसूस भी कर रहे हैं, तभी तो आप गाहे-बगाहे खुद से वादा करते हैं कि अब से आप परिवार को और अधिक समय देंगे, लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं पाता। काम और कई दूसरी वजहों से ये वादा भी आप नहीं कर पाते पूरा... और नुस्खों के लिए क्लिक करें. जनता को छलने वाले चुनावी वादे - लोकपाल से समझें राहुल गांधी ने किया दुनिया की सबसे बड़ी न्यूनतम आय योजना का वादा, गरीबों को मिलेंगे सालाना ७२ हजार रुपये (यह भी पढ़ें)... नत्व पोल ऑफ एक्सित पोल रेसल्ट्स उपकेट्स: कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व टीडीपी नेता एन चंद्रबाबू नायडू
मुख्यमंत्री ले उत्तर प्रदेश के मंत्रि मन करिन सौजन्य मुलाकात मुख्यमंत्री ले उत्तर प्रदेश के मंत्रि मन करिन सौजन्य मुलाकात - गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ले उत्तर प्रदेश के मंत्रि मन करिन सौजन्य मुलाकात छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल के करिन बड़ई रायपुर, ३१ मार्च २०१७। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ले आज इहां मंत्रालय म उत्तर प्रदेश के खाद्य मंत्री श्री अतुल गर्ग अउ कृषि मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण हर सौजन्य मुलाकात करिन। ए अवसर म छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति अउ उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले अउ मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड घलोक उपस्थित रहिन। छत्तीसगढ़ सरकार के सार्वजनिक वितरण प्रणाली ल देश के एक आदर्श प्रणाली मानके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ हर उहां के खाद्य अउ कृषि मंत्री ल अध्ययन दौरा बर इहां भेजे हावय। डॉ. रमन सिंह ले आज गोठ-बात करत मंत्री सर्वश्री अतुल गर्ग अउ चौधरी लक्ष्मीनारायण हर कहिन कि आप मन के राज्य के सार्वजनिक वितरण व्यवस्था ल पाछू कई बछर ले देश म लगातार सराहना मिलत हावय। छत्तीसगढ़ ह गरीब मन बर देश म सबले पहिली अपन खाद्य अउ पोषण सुरक्षा कानून बनाए हावय। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ घलोक चाहत हे कि आप मन के इहां के ए पीडीएस मॉडल ल उत्तर प्रदेश म घलोक अपनाए जाय। डॉ. रमन सिंह हर एखर खातिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अउ दुनों मत्री मन के प्रति आभार प्रकट करिन। डॉ. सिंह हर कहिन कि उत्तर प्रदेश के अधिकारी मन ल पीडीएस के छत्तीसगढ़ मॉडल के व्यावहारिक प्रशिक्षण दे बर राज्य सरकार इहां ले अपन अधिकारी मन के टीम ल उहां भेजही। हमार खाद्य मंत्री श्री मोहले अधिकारी मन के दल ल लेके उहां जाहीं। डॉ. सिंह हर कहिन कि गरीब मन ल मात्र एक रूपिया किलो म चाउंर, निःशुल्क आयोडिन नमक अउ आदिवासी क्षेत्र मन म सिरिफ पांच रूपिया किलो म दू किलो चना वितरण ले राज्य के कुपोषण मुक्ति म घलोक मदद मिलत हावय। पारदर्शिता के दृष्टि ले पूरा पीडीएस के कम्प्यूटरीकरण करे गीए हावय।
फ़िल्म रिव्यू: 'शादी के साइड इफ़ेक्ट्स' - बैक हिंदी फ़िल्म रिव्यू: 'शादी के साइड इफ़ेक्ट्स' रेटिंग: **बालाजी मोशन पिक्चर्स और प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशंस की 'शादी के साइड इफ़ेक्ट्स' एक शादीशुदा जोड़े की कहानी है. ये शादीशुदा ज़िंदगी में घटी कुछ हास्यास्पद घटनाओं पर आधारित है.सिद्धार्थ रॉय उर्फ़ सिड (फ़रहान अख़्तर) और तृषा (विद्या बालन) सुखी वैवाहिक जीवन बिता रहे थे. तभी एक दिन पता चलता है कि तृषा गर्भवती है जिसके लिए दोनों ही उस वक़्त तैयार नहीं होते.सिड एक संघर्षरत संगीतकार है और तृषा भी नौकरीपेशा है. इस वजह से वो पहले तो गर्भपात के बारे में सोचते हैं क्योंकि दोनों ही अभी बच्चे के लिए तैयार नहीं है लेकिन बाद में वो अपना फ़ैसला बदल देते हैं.दोनों की बच्ची 'मिली' के जन्म के बाद सिड काफ़ी परेशान रहने लगता है. क्योंकि बच्ची की देखभाल के लिए तृषा अपनी नौकरी छोड़ देती है और वो सिड से भी बराबर उम्मीद करती है कि वो भी बच्ची के पालन-पोषण में पूरा योगदान दे.दिलचस्प कहानी आगे क्या होता है. तृषा और सिड अपनी ज़िंदगी में संतुलन बनाने के लिए क्या-क्या हथकंडे अपनाते हैं. दोनों के बीच किस तरह की ग़लतफ़हमियां पैदा होती हैं. यही आगे की कहानी है.(रिव्यू: 'हाईवे')ज़ीनत लखानी और साकेत चौधरी की कहानी बड़ी दिलचस्प और हास्यप्रद है. फ़िल्म का स्क्रीनप्ले भी मज़ेदार हैं जिसमें शादीशुदा ज़िंदगी में होने वाली घटनाओं को बड़े दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत किया गया है.अरशद सैयद के लिखे संवाद भी बढ़िया हैं. इंटरवल से पहले ख़ासतौर पर फ़िल्म बहुत मज़ेदार है और युवा लोगों को पसंद आएगी.इंटरवल के बाद ढीली फ़िल्म विद्या बालन ने बेहतरीन अभिनय किया है लेकिन फ़िल्म की अपील काफी सीमित है. इंटरवल के बाद ज़रूर फ़िल्म कई जगह ट्रैक से हटती हुई और खींची हुई लगती है. लेकिन इस हिस्से में भी कई जगह लोगों को हंसी आएगी. लेकिन ये भी कहना होगा कि फ़िल्म की कॉमेडी हर तरह के दर्शकों को पसंद नहीं आएगी और एक ख़ास दर्शक वर्ग को ही अपील कर पाएगी.साथ ही घरेलू ज़िंदगी की छोटी-छोटी बातों पर ही फ़िल्म आधारित है और कोई बड़ा ड्रामा नहीं है. इस वजह से भी फ़िल्म को एक बड़े दर्शक वर्ग का प्यार नहीं मिल पाएगा.(रिव्यू: 'गुंडे')साथ ही बच्ची के जन्म के बाद फ़िल्म के हीरो को अपनी ज़िंदगी बोझ जैसी लगने लगती है. ये बात कई लोगों को आपत्तिजनक लग सकती है.इंटरवल के बाद फ़िल्म काफ़ी हद तक बोझिल हो जाती है.फ़रहान अख़्तर (सिड) का अपनी समस्याएं रणवीर (राम कपूर) से डिस्कस करना और फिर रणवीर का उसे सलाह देने वाला हिस्सा बड़ा बोरिंग है और इसी वजह से फ़िल्म में दर्शकों की दिलचस्पी कम हो जाती है.बढ़िया अभिनयफ़रहान अख़्तर ने सिड के रोल में ज़बरदस्त काम किया है. उनकी कॉमिक टाइमिंग और चेहरे के हाव-भाव ज़बरदस्त रहे हैं. विद्या बालन भी अपने रोल में बेहतरीन रही हैं. उनके हाव-भाव, कॉमिक टाइमिंग, बॉडी लैंग्वेज, संवाद अदायगी सब कुछ शानदार है. एक छोटे से रोल में वीर दास ने बढ़िया काम किया है.(रिव्यू: 'हंसी तो फंसी')राम कपूर ने भी अपने रोल के साथ पूरा न्याय किया है. बाकी कलाकार भी बढ़िया हैं.साकेत चौधरी का निर्देशन अच्छा है लेकिन फ़िल्म की स्क्रिप्ट एक ख़ास सेक्शन को ही पसंद आएगी. प्रीतम का संगीत उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है.कुल मिलाकर शादी के साइड इफ़ेक्ट्स एक हल्की-फुल्की मज़ेदार फ़िल्म तो है लेकिन ये एक सीमित अपील वाली फ़िल्म है.(बीबीसी हिंदी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.) संबंधित समाचार आलिया दर्शकों को 'हाईवे' पर कहाँ तक ले जा पाईं २१ फरवरी २०१४ फ़िल्म रिव्यू: गुंडे १४ फरवरी २०१४ फ़िल्म रिव्यू: 'हंसी तो फंसी' ७ फरवरी २०१४ फ़िल्म रिव्यू: 'वन बाय टू' ३१ जनवरी २०१४ अधिक मनोरंजन की खबरें
सच्चा युवक वही जो चुनौतियों को स्वीकार करे: योगी आदित्यनाथ | इंस्टेंट ख़बर सच्चा युवक वही जो चुनौतियों को स्वीकार करे: योगी आदित्यनाथ जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर में स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्य नाथ ने कहा कि युवाओं के सामने कई चुनौतियां है सच्चा युवक वही है जो पलायन करने के बजाए चुनौतियों को स्वीकार करे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में डिग्री बांटने का केंद्र न बने बल्कि वह नौजवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए विकास में योगदान दे। उन्होंने कहा कि सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना का मकसद क्षेत्रीय उत्पादों को बढ़ावा देना है हमें क्षेत्र विशेष के परम्परागत उत्पादों को मंच देना होगा तब जाकर क्षेत्र का विकास होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजनाओं का लाभ प्रदेश के चार लाख लोग पा चुके हैं। विश्वविद्यालय इसमें अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए और विश्वविद्यालय नकल विहीन परीक्षा के लिए अपने को तैयार रखें ।यही स्वामी विवेकानंद के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय रज्जू भैया अशोक सिंघल और महंत अवैद्यनाथ नाथ के नाम पर बने संस्थान को सरकार हर मदद करने देने के लिए तैयार है उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव को जो कार्य योजना का प्रारूप सौंपा है वह उसे प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में प्रेषित करें।सरकार उसे अगले सत्र से शुरू करने में मदद करेगी। स्वागत भाषण में कुलपति प्रो० डाॅ० राजाराम यादव ने कहा कि मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हॅंू कि मुझे गृह जनपद में स्वामी मंशानाथ जी ने आशीर्वाद दिया था आज उनके विश्वविद्यालय में महंत योगी आदित्यनाथ जी आए हैं। मैं विश्वविद्यालय परिवार के ओर से उनका वंदन और अभिनंदन करता हॅंू। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश में पोस्ट डाक्ट्रेट फेलोशिप देने वाला यह पहला विश्वविद्यालय है। साथ ही समय से परीक्षा कराने और उसके परिणाम घोषित करने वाले अग्रणी विश्वविद्यालय में यह एक है। साथ ही यह बताया कि शोध प्रबंध गंगा के पोर्टल पर डालने वाला यह देश के तीसरे नंबर का विश्वविद्यालय बन गया है। प्लेसमेंट सेल ने 3० विद्यार्थियों का कैम्पस सेलेक्शन कराया और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से आई०ए०एस० और पी०सी०एस० की कोचिंग भी शुरू करने जा रहा है। उन्होंने मा० मुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय परिसर में प्रारम्भ हो रहे नवीन पाठ्यक्रमों एवं संस्थानों के लिए वार्षिक वेतन के रूप में ११ करोड़ एंव भवन निर्माण के मद में १८ करोड़ रूपये की मांग की। उन्होंने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय के विविध पक्षों की उत्तरोत्तर प्रगति की आख्या प्रस्तुत की। इसके पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डाॅ० राकेश यादव, ने राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। धन्यवाद ज्ञापन प्रो० बी० बी० तिवारी एवं संचालन मीडिया प्रभारी डाॅ० मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर सांसद के०पी० सिंह, राज्यमंत्री गिरीश चन्द्र यादव, , काशी क्षेत्र के भाजपा के संगठन मंत्री रत्नाकर जी, विधायकगण रमेश मिश्र, दिनेश चैधरी, श्रीमती लीना तिवारी यूथ इन एक्शन के राष्ट्रीय संयोजक शतरूद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक श्रीमती सीमा द्विवेदी, प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी, जनसंत योगी देवनाथ, जिला अध्यक्ष सुशील कुमार उपाध्याय, अवध प्रांत के उपाध्यक्ष अमर सिंह, मंचासीन रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर कार्यपरिषद सदस्य प्रो० विलास ए० तभाने, प्रो० मानस पाण्डेय, प्रो. अजय द्विवेदी, अशोक सिंह, रजनीश सिंह आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने भवनों का किया शिलान्यास जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के संगोष्ठी भवन परिसर में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने प्रो० राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान भवन एवं अशोक सिंहल भारतीय परंपरागत विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान भवन का शिलान्यास किया। इसके साथ ही संगोष्ठी भवन का नामकरण पूज्य महंत अवैद्यनाथ के नाम पर हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजीव कुमार सिंह एवं वित्त अधिकारी एम०के० सिंह बुके देकर स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो० ए०के० श्रीवास्तव, प्रो० अविनाश पाथर्डिकर, डाॅ. अवध विहारी सिंह डाॅ. दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ० के०एस० तोमर उपस्थित रहे। उल्लेखनीय योगदान के लिए हुए सम्मानित जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के प्रो. बी.बी. तिवारी, समन्वयक टेकिप एवं प्लेसमेण्ट सेल की निदेशक प्रो. डाॅ. रंजना प्रकाश को विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्लेसमेण्ट प्रदान करने में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। इसके साथ हीं प्रख्यात युवा शास्त्रीय गायक सत्य प्रकाश मिश्र को शास्त्रीय गायन में एवं प्रख्यात युवा कथक नर्तक रवि सिंह को कथक नर्तन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र दिया गया। विश्वविद्यालय के बी०टेक० विद्यार्थी रहे शीलनिधि सिंह एवं विश्वविद्यालय की एम०ए० बी०एड० की छात्रा कु० पूजा मिश्र को समाज सेवा के लिए पूर्णकालिक समय देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रमाण-पत्र प्रदान कर आशीर्वाद दिया। एन.एस.एस. के स्वयं सेवक-सेविकाओं ने प्रस्तुत किया सांस्कृतिक कार्यक्रम जौनपुर। मुख्यमंत्री जी के मंच पर आगमन के पूर्व एन.एस.एस. के आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर एवं जौनपुर के विभिन्न महाविद्यालयों से आये हुए स्वयं सेवक सेविकाओं ने प्रस्तुत किया सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसके साथ ही आकर्षक रंगोली भी मैदान में बनाया गया। शहीद की पत्नी को दिया ५ लाख का चेक विगत माह लुटेरों की गोली से शहीद हुए मादरडीह मुंगराबादशाहपुर निवासी स्व० विनय त्रिपाठी जी की धर्मपत्नी श्रीमती पूनम त्रिपाठी को उ०प्र० सरकार की तरफ से रू० ५ लाख का चेक मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया। पूर्व विधायक सीमा द्विवेदी ने बताया कि इसके द्वारा उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया था। उन्होंने पीड़ित परिवार एवं जनपदवासियों की भावना का सम्मान एवं शहीद की शहादत को नमन करते हुए यह अनुग्रह राशि दी है।
लाल पर्दा पंग, छवियाँ डाउनलोड, पंग, पर्दा, पर्दे वेक्टर कला, औड़ फाइलें और पृष्ठभूमि लाल पर्दा मुक्त पंग तथा औड़ पंग पर्दा पर्दे लाल पर्दा सफेद पर्दे मंच पर्दा सफेद पर्दे पानी पर्दा गोल्डन पर्दा गुलाबी पर्दा लाल पर्दे शादी के फ्रेम पुष्प सीमा सोने बॉर्डर शादी के कार्ड वेडाईगीन्वितेशन टेम्पलेट्स शादी के लोगो वैलेंटाइन्स दिवस ट्रांसपेरेंट बैकग्राउंड के साथ मुफ्त लाल पर्दा पीएनजी छवियों के हमारे नवीनतम संग्रह को देखें, जिसे आप सीधे अपने पोस्टर, फ्लायर डिजाइन या प्रस्तुति पावरपॉइंट में उपयोग कर सकते हैं। पंग प्रारूप छवियों के अलावा, आप पंग, पर्दा, पर्दे, वैक्टर, औड़ फाइलें और एचडी पृष्ठभूमि चित्र भी पा सकते हैं। आप प्रत्येक छवि, पीएनजी, पीएसडी, ईपीएस या एआई के शीर्ष पर प्रारूप देख सकते हैं, जो आपको बटन पर क्लिक करके अपने इच्छित मुफ्त संसाधनों को सीधे डाउनलोड करने में मदद कर सकते हैं। अधिक पंग छवियों के लिए, पंगत्री पर आना न भूलें और बस खोज करें।.
बहुमत साबित करने के बाद ठाकरे सरकार को सता रहा ये डर, बीजेपी बड़े दांव की तैयारी में विधानसभा अध्यक्ष के लिये कांग्रेस की ओर से नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बीजेपी ने किशन शंकर कथोरे को प्रत्याशी बनाया है। नव दिल्ली, डेक ०१ : महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद अब उद्धव ठाकरे सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है, सदन में अब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है, महा विकास अघाड़ी गठबंधन के समझौते के तहत विधानसभा स्पीकर की कुर्सी कांग्रेस को देने पर सहमति बनी लहै, ऐसे में जरुरी है कि शिनसेना, कांग्रेस और एनसीपी के विधायक उन्हें वोट करें, नियमों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान से होता है, लेकिन सरकार इसके लिये ओपन वोटिंग की मांग कर रही है, सरकार चाहती है कि विश्वास मत की तरह ही अध्यक्ष चुनाव भी ओपन वोटिंग से हो, ताकि विधायकों के ना टूटने का डर बना रहे, अध्यक्ष चुनाव को लेकर पूर्व सीएम पृथ्वी राज चव्हाण ने पहले ही कहा है कि चुनाव खुले मतदान से ही होगा। नाना पटोले उम्मीदवार विधानसभा अध्यक्ष के लिये कांग्रेस की ओर से नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बीजेपी ने किशन शंकर कथोरे को प्रत्याशी बनाया है, कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा कि नाना पटोले स्पीकर के चुनाव में हमारे उम्मीदवार हैं, पटोले विदर्भ के सकोली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। बहुमत के फैसले पर हो सकता है खुला मतदान हाल के दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में जिस तरह के उलटफेर हुए हैं, उसे देखने के बाद ये तय है कि रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हंगामेदार होने वाला है, मतदान के लिये उद्धव सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दे सकती है, जिसमें कोर्ट ने राज्य में विधायकों के खरीद-फरोख्त ना होने देने के लिये खुले मतदान को मंजूरी दी थी, इस के साथ ही पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण करने को कहा था, जिससे सदन में पारदर्शिता बनी रहे, इस के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायक और मत से खुले मतदान की वकालत करेंगे, जिससे बहुमत के आधार पर खुला मतदान हो सकता है। सत्ता पक्ष के लिये मुश्किल नहीं सत्ता पक्ष के लिये अध्यक्ष का चुनाव खुले मतदान से कराना मुश्किल नहीं होगा, इसका एक बड़ा कारण ये है कि उनके पास १६९ विधायकों का समर्थन है, प्रोटेम स्पीकर की कुर्सी अभी एनसीपी के दिलीप वलसे पाटिल के पास है, ऐसे में जब सत्ता पक्ष खुली वोटिंग का प्रस्ताव करता है, तो प्रोटेम स्पीकर इसके लिये ध्वनि मत का सहारा ले सकते हैं, ऐसे में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। निर्विरोध चुनाव होने की परंपरा कांग्रेस उम्मीदवार ने मीडिया ने कहा कि बीजेपी के पास लोकतंत्र में उम्मीदवार उतारने का अधिकार है, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा में ये परंपरा रही है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता है, हमें उम्मीद है कि ये परंपरा जारी रहेगी, पटोले और कथोरे दोनों ही चौथी बार विधायक बने हैं। पत्नी अनुष्का के बचाव में खुलकर उतरे विराट कोहली, गुस्से में कही ऐसी बात कोरोना संकट के बीच खतरे में उद्धव ठाकरे की कुर्सी, राज्यपाल की चुप्पी ने बढाई शिवसेना सुप्रीमो की परेशानी
पटना में फिर लगा लॉकडाउन, इन चीजों पर होगी पाबंदी | | घमसन पटना। कोरोना वायरस के बीच देश को फिर से पहले की तरह खोलने की तैयारियां चल रही है। वहीं बिहार के पटना में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण दोबारा लाॅकडाउन लगा दिया गया। हालांकि इस बार ये लाॅकडाउन ७ दिनों के लिए लागू किया गया है। दरअसल आज बुधवार को पटना में एक साथ २३५ लोग कोरोना पाॅजिटिव मिले जिसके बाद जिलाअधिकारी ने यह फैसला लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार १० से १६ जुलाई तक पटना में लाॅकडाउन रहेगा। पटना में लाॅकडाउन का आदेश डीएम कुमार रवि ने जारी किया। इस लाॅकडाउन के दौरान यहां सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। आदेश में बताया गया है कि आर्म्ड पुलिस फोर्स, ट्रेजरी, पब्लिक यूटिलिटीज की चीजें, जैसे- पैट्रोलियम, सीएनजी, एलपीजी पीएनजी इत्यादि जैसी सेवाएं जारी रहेंगी। इसी तरह आपदा प्रबंधन व ऊर्जा से संबंधित सेवाएं चालू रहेंगी। इसके साथ ही पोस्ट ऑफिस एवं नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर भी खुले रहेंगे। इसके अलावा व्यवसायिक एवं निजी इस्टेब्लिसमेंट बंद रहेंगे। लाॅकडाउन के दौरान सभी धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक स्थान बंद रहेंगे। वहीं राशन दुकान, सब्जी, डेयरी एंड मिल्क, मीट एंड फिश शॉप, एनिमल फ्रूट एंड वेजिटेबल की दुकानें सुबह ६ः०० बजे से १०ः०० बजे तक और शाम ४ः०० बजे से ७ः०० बजे तक ही खुली रहेंगी। घरेलू उपभोक्ताओं को अब राहत, बिजली अफसरों व जन प्रतिनिधियों ने दिए सुझाव
फरियादी की थाने में पिटाई से एसपी खफा सीओ को सौंपी जांच।। रेबरेली न्यूज ।। | कारे ऑफ मीडिया फरियादी की थाने में पिटाई से एसपी खफा सीओ को सौंपी जांच।। रेबरेली न्यूज ।। कप्तान ने लिया घटना का संज्ञान व्यापारी संगठन पुलिस अधीक्षक से मिला माहताब खान रायबरेली: पिछले कई दिनों से थाने में फरियादी की जू... कप्तान ने लिया घटना का संज्ञान व्यापारी संगठन पुलिस अधीक्षक से मिला रायबरेली: पिछले कई दिनों से थाने में फरियादी की जूतों से पिटाई के मामले में चर्चा में रहे कोतवाल महराजगंज के खिलाफ पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकारी महराजगंज को मामले की जांच सौंपी है। व्यापार संगठन के प्रतिनिधि मंडल से मिलकर पुलिस अधीक्षक ने नाबालिग फरियादी को पीटने के मामले को गंभीरता से लिया। आपको बता दें कि, महराजगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने भाजपा जिला अध्यक्ष रामदेव पाल की अगुवाई में आज पुलिस अधीक्षक से मिलकर कोतवाल महराजगंज की अंग्रेजों की जमाने के पुलिसिंग की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस अधीक्षक स्वप्निल मंगाई ने कोतवाल महराजगंज के कारनामों की लिस्ट क्षेत्राधिकारी महराजगंज विनीत सिंह को सौंपी है और तत्काल रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि, गत बृहस्पतिवार की रात लगभग १२:०० बजे थाने में फरियाद लेकर पहुंचा नाबालिक फरियादी एश पुत्र शिवप्रसाद निवासी वार्ड नंबर ८ प्रकाश नगर महराजगंज को पिटाई कर थाने में बैठा लिया था। उस नाबालिक का कसूर बस इतना था कि, पीड़ित की जमीन पर दीपू साहू आदि ने पुलिस की मिलीभगत से रात में स्लेप डलवा दी थी। क्योंकि विपक्षी को कोतवाल का वर्धहस्त प्राप्त है। इसलिए न्याय के साथ अन्याय होता रहा और पुलिस देखती रही। विपक्षी असरदार और पैसे वाले हैं इसलिए अब स्लेप डालने के बाद दरवाजा बंद करने पर अड़े हुए हैं। पुलिस उनका सहयोग कर रही है। व्यापार मंडल के प्रतिनिधि मंडल ने यह भी बताया कि, कोतवाल ने मुझ प्रार्थी गणों को बीती रात कोतवाली बुलाया और जबरन मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर दबाव में लेकर बयान लिया। जिसमें कोतवाल द्वारा कहा गया कि, फरियादी को मारा नहीं डांटा गया है। मामला पूरी तरह से क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह जांच के दायरे में आ गया है। अब देखना है कि, क्षेत्राधिकारी की जांच में न्याय का पलड़ा भारी होता है या अन्याय का। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। कारे ऑफ मीडिया: फरियादी की थाने में पिटाई से एसपी खफा सीओ को सौंपी जांच।। रेबरेली न्यूज ।।
राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे रविशंकर और खट्टर | जय बिहार राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे रविशंकर और खट्टर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भाजपा विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए रविवार सुबह नयी दिल्ली से यहां पहुंचे। विधायक दल का नेता चुनने के लिए जल्द ही बैठक शुरू होगी। हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचने के बाद वह सीधे अपने आधिकारिक आवास पर पहुंचे, जो बैठक स्थल के करीब है। हालांकि यह बैठक महज एक औपचारिकता है क्योंकि पार्टी पहले से ही तय कर चुकी है कि खट्टर ही अगली सरकार की अगुवाई करेंगे। बैठक के बाद, खट्टर हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात करेंगे और राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला के भी दोपहर में चंडीगढ़ पहुंचने की संभावना है और वह अपनी पार्टी का समर्थन भाजपा को देने संबंधी पत्र सौंपने के लिए राज्यपाल से मिलेंगे। जजपा के साथ गठबंधन होने के बाद भाजपा हरियाणा में नयी सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। जजपा ने ९० सदस्यीय विधानसभा में १० सीट हासिल की है। महाराष्ट्र: हिंदू संगठन ने शिवसेना को दी चेतावनी एनएमसीएच: कनिष्ठ डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त
क्यों शिशुओं को भी पिताजी की जरूरत है मनोविज्ञान दुनिया आप अपनी अटैचमेंट स्टाइल को बदल सकते हैं क्या अवसाद को दोहराया? क्या हीलिंग डबल है? या लाभ दोहराया? जीवन कला का काम नहीं है कैसे नॉर्मल हम कैसे न करें जब अवसाद अवसाद नहीं होता है? भाग ४ एक कठिन लड़का विलंब: यह मुझे नहीं है, यह स्थिति है! पीनट बटर माई गेटवे ड्रग है ई स्टोरीटेलर्स के पास और सेक्स है बढ़ने की अनुमति विश्वास नहीं है धर्म खुश माता की १० आदतें क्या डॉक्टर सभी गलत हो रहे हैं फ्रेड के जीवन में केस इतिहास के तत्व क्या आप चिंता का जाल में पड़े हैं? एक गर्भावस्था को खोना केवल एक बार फिर हारना मस्तिष्क के शुरुआती अनुभव से, विशेष रूप से, माताओं (उत्तरदायी देखभाल को पोषण) हम माताओं और पिता से प्राप्त होते हैं। पिता और माताओं और अन्य वयस्क पूरे जीवन में बच्चों के लिए सामाजिक अनुभव प्रदान करते हैं। प्रारंभिक जीवन में टी हेस के अनुभवों को स्थापित करना है कि मस्तिष्क को न केवल स्वास्थ्य और खुफिया बल्कि सामाजिकता के लिए विकसित किया जा सकता है। * ऑटिस्टिक बच्चे (आत्मकेंद्रित सामाजिक अस्वस्थता को दर्शाता है, जो कि कई कारण हैं) दूसरों में जीवन शक्ति गतिशीलता की नकल करने में कठिनाई होती है ( पारस्परिक संकेतन के "कैसे"), हालांकि वे सही तरीके से अर्थ और लक्ष्य की नकल कर सकते हैं ("क्या")। जीवन शक्ति गतिशीलता क्या हैं? शुरुआती विकास में विशेषज्ञता वाले एक प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक डेनिएल स्टर्न ने २०१० की अपनी किताब, जीवन शक्ति के रूप में कहा: "हम स्वाभाविक रूप से अपने जीवन शक्ति के मामले में लोगों को अनुभव करते हैं हम अपनी भावनाओं, मन की स्थिति, उनकी सोच और उनकी वास्तविकता, उनकी प्रामाणिकता, वे जो आगे चलने की संभावना रखते हैं, साथ ही उनके स्वास्थ्य और बीमारी के लगभग निरंतर आंदोलनों में व्यक्त जीवनशैली के आधार पर उनका सहज मूल्यांकन करते हैं। "(पृष्ठ ३) पाँच गतिशील घटनाएं हमारे जीवनशक्ति के अनुभव में एक साथ जुड़ी हुई हैं: "आंदोलन, समय, बल, अंतरिक्ष, और इरादा / दिशा-निर्देश । मौलिकता एक गेटाल्ट है, जो संपूर्ण इन घटकों से उभर आता है। "किसी टुकड द्वारा टुकड़े टुकड़े टुकड़े करके इसका विश्लेषण नहीं किया जाता है, परिचित चेहरे से अधिक कोई भी है, भले ही प्रत्येक अलग तत्व को अलग किया जा सकता है और अलगाव में अध्ययन किया जा सकता है।" (स्टर्न, २०१०, पृष्ठ ५) प्रारंभिक जीवन में मस्तिष्क को आकार देने वाली गतिशील प्रक्रियाएं क्या हैं? कॉलविन ट्रेवर्थन (१ ९९९) ने गतिशील प्रवाह को साझा करके दूसरे व्यक्ति के साथ "होने" के युगल के युग्म बनाने के उद्देश्य, एक दूसरे के साथ जानबूझकर राज्यों और व्यवहारों को सिंक्रनाइज़ करने की पारस्परिक गतिशीलता का वर्णन करने के लिए शब्द, संगीतात्मक संगीत का उच्चारण किया। शिशु के प्रारंभिक सामाजिक जीवन में जीवन शक्ति गतिशील गति के लिए क्षमताएं होती हैं। २.५ से लेकर ६ महीने की आयु तक, चेहरे का भाव और मुखर के माध्यम से उसके माता-पिता के व्यवहार के लिए बच्चे का व्यवहार बेहद संवेदनशील होता है। इंटरैक्शन अमीर और आपसी बन जाते हैं "फेस-टू-फेस नाटक मुख्य" गेम "बन जाता है। आँखें, चेहरे मुखर, इशारों, और शरीर की टॉनस केंद्र स्तर लेते हैं।" (स्टर्न, २010, पृष्ठ 10६) इसके बाद, चूंकि बच्चे आंदोलनों को नियंत्रित करने में सक्षम हैं, वे अपने सामाजिक साथी को अधिक आसानी से दर्पण करते हैं। डैड्स अपने बच्चों के साथ खेलने में विशेष रूप से अच्छे हैं और इस तरह के खेल के माध्यम से बच्चे सामाजिक संबंधों के लिए लिपियों को सीख रहे हैं। "जीवन शक्ति के गतिशील रूप प्रासंगिक घटनाओं का हिस्सा हैं और हम अपने जीवन के बारे में बताते हुए कथाओं को जीवन देते हैं। तदनुसार, जीवन शक्ति के गतिशील रूप, मनोचिकित्सा के लिए गैर-जागरूक पिछले अनुभव "का उपयोग करने के लिए एक और रास्ता प्रदान करता है" जिसमें अंतर्निहित रिलेशनल जानना (हम कैसे विशिष्ट तरीके से जानते हैं कि कैसे 'एक विशिष्ट अन्य' (स्टर्न, २०१०, पी। ११) डैड्स, माताओं की तरह, बच्चों को "दूसरों के साथ" होने के तरीके सीखने में मदद करें प्रत्येक रिश्ते को एक वैकल्पिक पैटर्न सीखने का एक तरीका है: "पिताजी और मैं इस तरह से संबंधित हूं; माँ और मैं उस तरह से संबंधित " विश्वसनीय वैकल्पिक पैटर्न सीखना एक विविध सामाजिक जीवन के लिए बच्चे को तैयार करता है शिशुओं को एक विशेष क्षेत्र के उत्तेजना में खेलने और खुश होने के लिए बेहतर रूप से उत्साहित किया गया है। बहुत कम या बहुत ज्यादा पैतृक उत्तेजना बच्चे को इष्टतम क्षेत्र से बाहर ले जाती है वयस्कों को इष्टतम क्षेत्र सीखने के लिए अभ्यास करना पड़ता है अगर उनके पास शिशुओं के साथ "बातचीत" करने से पहले अनुभव नहीं होता है पहले वर्ष के अधिकांश के बाद तक उत्तेजना के आत्म नियंत्रण (बाद के विकासशील प्रांतस्था के माध्यम से) को तब तक नहीं लगाया जाता है, इसलिए शिशुओं को उत्तेजित करने या कम से कम रखने से माता पिता को काफी हद तक निर्भर करता है। बेशक, बच्चे सरल चीजें कर सकते हैं जैसे घूमने या करीब आंखें, लेकिन बच्चे को आत्म-शांत होने के लिए सीमित क्षमताएं हैं। यदि ये असफल हैं तो बच्चा आत्म-शांत नहीं हो सकता दाड्स बच्चे को त्वचा से त्वचा के साथ शांत (एक उल्लेखनीय शांत उपकरण), कमाल और पैटींग, और अन्य स्पर्श-प्लस-आंदोलन व्यवहार शांत रहने में मदद कर सकते हैं। बच्चे और माता-पिता के बीच आमने-सामने का खेल एक नैदानिक खिड़की बन जाता है कि माता-पिता की साझेदारी कैसे हो रही है: "यह पता चलता है कि जब माता-पिता आसान या कठिन, प्राकृतिक या मजबूर, दखलंदाजी, नियंत्रित, बेतरतीब, निष्क्रिय, आक्रामक, इत्यादि। "चिकित्सक जो इन संबंधपरक संकेतों में भाग लेते हैं, उनका उपयोग दयाद के इलाज के लिए किया जा सकता है। (स्टर्न, २०१०, पीपी १०६-७) पहले १८ महीनों में सामाजिक रूप से सीखने के लिए तैयार बच्चा क्या है? म्युचुअल आंख ने देखा प्रथा (कैसे, कब तक, किसके साथ) मुद्राएं कैसे पढ़ें भोजन या नाटक जैसी ज़रूरतों के लिए दूसरों को कैसे आग्रह करें गेम के नियम स्नेह व्यक्त करना यह ज्ञान निहित है, जानकार, अचेतन और गैरवर्तनीय संबंधपरक है और इसे प्रारम्भिक रूप से सही गोलार्द्ध में संसाधित किया जाता है, जो जीवन के पहले वर्षों में तेजी से विकसित होता है। माता-पिता "जीवनशैली के मिलान / बेमेल आकार शिशु को क्या कर सकते हैं और वह ऐसा करने के बारे में कैसा महसूस करता है। यह अंदर से उसके दिमाग को मूर्तिकला जैसा है। "(स्टर्न, २०१०, पी। ११५) क्या होता है जब बच्चों को अच्छा मातृत्व नहीं मिलता? दो चीजें होती हैं: शिशुओं को उस संकट से जहरीले तनाव का अनुभव होता है, जो तब उठता है जब वे उन्हें जरूरत नहीं देते। उदाहरण के लिए, आरामदायक सहकारी देखभाल की कमी: वे अकेले रह गए हैं या रोने के लिए छोड़ दिए गए हैं ( "रोइंग ऑफ़ आउट" के खतरे और शिशुओं के लिए पांच चीज़ें नहीं )। दूसरा, बच्चों को उस समय बढ़ने के लिए उचित उत्तेजना प्राप्त नहीं होती है। हां, मानव दिमाग प्लास्टिक होते हैं, लेकिन प्लास्टिक नहीं होते हैं: बच्चों को खुफिया, शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक और नैतिक क्षमताओं के साथ कई प्रणालियों में अंतराल के साथ छोड़ा जा सकता है, जो तुरंत प्रदर्शित नहीं हो सकता है, लेकिन आगे परिपक्वता के बाद उन पर निर्भर होता है पहले की नींव जो गायब हैं इन अंतराल को बाद में सुधार करना असंभव नहीं है। डैनियल स्टर्न पूछते हैं कि क्यों प्रकृति बच्चों के लिए योजना बनाई गई है या पहले वर्ष या उससे ज़्यादा ज़िंदगी के लिए बोलने या समझने में नहीं है। उनका जवाब यह है कि वे "पारस्परिक विनिमय की बुनियादी प्रक्रियाओं और संरचनाओं के बारे में जानने के लिए बहुत अधिक हैं। विशेष रूप से, उन्हें सामाजिक व्यवहार के रूपों को सीखना होगा जो सामाजिक व्यवहार लेते हैं। इसके अलावा, इससे भाषा सीखने से पहले उन्हें यह सीखना होगा कि यह सब गड़बड़ कर आता है। मूल संरचनाएं सभी गैर-मौखिक, एनालॉगिक, गतिशील गस्टलट्स हैं जो शब्दों की असंतत, डिजिटल, स्पष्ट प्रकृति के अनुरूप नहीं हैं। "(स्टर्न, २०१०, पृष्ठ ११०) प्रारंभिक जीवन के अनुभवों के प्रकार के एक उदाहरण का विकास होता है, जब मस्तिष्क का दाहिना गोलार्द्ध अधिक तेज़ी से विकसित होता है, ** जिल बोल्के टेलर, तंत्रिका विज्ञानी द्वारा प्रदान किया जाता है। उसने अपने बाएं सेरेब्रल गोलार्ध में एक स्ट्रोक होने के बाद अचानक और अप्रत्याशित अधिकार-गोलार्ध प्रभुत्व का अनुभव किया: "हमारा सही गोलार्ध चीजों को याद रखने के लिए बनाया गया है क्योंकि वे एक दूसरे से संबंधित हैं। विशिष्ट संस्थाओं के बीच की सीमाएं नरम होती हैं, और जटिल मानसिक कोलाज उनकी संपूर्णता में चित्र, संयोजन, और शरीर विज्ञान के संयोजन के रूप में याद किए जा सकते हैं। सही मन में, वर्तमान समय के अलावा कोई भी समय मौजूद नहीं है, और प्रत्येक क्षण सनसनी के साथ जीवंत है। अब का क्षण कालातीत और प्रचुर मात्रा में है वर्तमान क्षण एक समय था जब सब कुछ और सब एक साथ एक के रूप में जुड़े हुए हैं। नतीजतन, हमारा सही मन मानव परिवार के समान सदस्य के रूप में हम सभी को मानता है यह हमारी समानताओं को पहचानता है और इस अद्भुत ग्रह के साथ हमारे संबंध को पहचानता है, जो हमारे जीवन को कायम करता है। यह बड़ी तस्वीर को देखती है, सब कुछ कैसे संबंधित है, और हम सब कैसे पूरे बनाने के लिए एक साथ जुड़ जाते हैं। एहैथैथिक होने की हमारी क्षमता, दूसरे के जूते में चलना और उनकी भावनाओं को महसूस करना, हमारे सही ललाट प्रांतस्था का एक उत्पाद है। "(२००८, पीपी। ३०-३१)। मनुष्य जटिल जीव हैं जिनकी क्षमताओं को जन्म के बाद ज्यादातर विकसित किया जाता है, वस्तुतः हर दूसरे जानवर के विपरीत। हमें माता और दादाजी, माताओं और दादी और अन्य लोगों के साथ, पोषण की देखभाल, माताओं को प्रदान करने की जरूरत है, कि बच्चों को अच्छी तरह से विकसित होने की जरूरत है * ध्यान दें कि गर्भ का अनुभव भी मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है और हम अपने दादा-दादी के अनुभवों के कारण कुछ लक्षणों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, जैसे चिंता। ** सही गोलार्द्ध को दुनिया पर बिना किसी आधार पर प्रक्रिया, फिल्टर और कार्य करने की आदत होती है, जबकि बाएं गोलार्द्ध मौखिक प्रसंस्करण और अभिव्यक्ति से संबंधित मस्तिष्क के क्षेत्रों को पेश करता है। दाड्स के महत्व पर अन्य पोस्ट: आत्म नियंत्रण: (ए) इंटर्न, या (बी) माँ और पिताजी पर निर्भर? क्यों पिताजी "टॉक" महत्वपूर्ण है "श्री। माँ "नया (या पुराने?) सामान्य बोलके-टेलर, जे (२००८)। अंतर्दृष्टि का मेरा स्ट्रोक न्यूयॉर्क: वाइकिंग प्रेस ट्रेवर्थन, (१ ९९९) संगीत और आंतरिक उद्देश्य नाड़ी: मानव मनोवैज्ञानिक और शिशु संचार से साक्ष्य। संगीतई वैज्ञानिक, विशेष अंक, १ ९९९, १57-2१3 अधिनियम आत्म-नियंत्रण आत्मकेंद्रित उपहार तनाव नैतिक प्रकृति बुद्धि मनोचिकित्सा मस्तिष्क यादें लक्ष्य सामाजिक जीवन स्वास्थ्य पेरेंटिंग
जबलपुर में कोरोना संदिग्धों का आंकड़ा ९ हजार पर पहुंचा / जबलपुर न्यूज जबलपुर। जबलपुर में लौटे मजदूरों के कारण बीते ९ दिन में होम क्वारंटाइन में रखे गए कोरोना संदिग्धों की संख्या में बेतहाशा वृद्घि हुई है। होम क्वारंटाइन कोरोना संदिग्धों का आंकड़ा ९ हजार के करीब पहुंच गया है वहीं २५ मई तक संस्थागत क्वारंटाइन में रखे गए कोरोना संदिग्धों की संख्या २२८७ पहुंच गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बाहर से आने वाले कोरोना संदिग्ध लोगों व कोरोना संकमित मिले मरीजों के स्वजन को होम व संस्थागत क्वारंटाइन में रखे जाने के कारण इनके आंक़ड़े बढ़ रहे हैं। फीवर क्लीनिक का संचालन जिला अस्पताल समेत तमाम शासकीय व निजी अस्पतालों में फीवर क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। फीवर क्लीनिक में बाहर से आने वाले प्रत्येक नागरिक की स्क्रीनिंग कराई जा रही है। इसके अलावा जिले के अन्य नागरिक जो कोरोना के संभावित लक्षण की शिकायत करते हैं उन्हें भी फीवर क्लीनिक जाने की सलाह दी जा रही है। शुक्रवार को जिलेभर में संचालित फीवर क्लीनिक में पहुंचने वालों की संख्या १ हजार के आंकड़ों को पार कर गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में रहने वाले स्वजन तथा बाहर से आने वाले कोरोना संदिग्धों को घर पर ही क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी जाती है। क्वारेंटाइन अवधि में उन्हें पृथक कमरे में रहना पड़ता है। जिन लोगों के घर पृथक से कमरे की सुविधा नहीं रहती उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कोविड-१९ की नई गाइड लाइन के तहत कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भी लक्षण सामने न आने पर होम अथवा संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। मध्य प्रदेश कोरोना: २० जिलों में २३७ पॉजिटिव मिले, ६ जिलों में ८ मौतें नाराज सीएम शिवराज सिंह ने कोरोना लापरवाह कमो और सम को सस्पेंड किया ग्वालियर के ऑर्किड ग्रीन अपार्टमेंट के ६त फ्लोर से गिरे आग ऑफिस रिटायर्ड ऑडिटर, मौत
राज्य समीक्षा मनोरंजन विडियो: नए गढ़वाली गीत के साथ शाश्वत पंडित का कमबैक, इस बार कुछ खास है ! विडियो: नए गढ़वाली गीत के साथ शाश्वत पंडित का कमबैक, इस बार कुछ खास है ! कपिल २८ जुल २०१८ मनोरंजन कुछ नया करने का जुनून इस पहाड़ी लड़के को इस मुकांम पर ले आया है, जहां हर नया सिंगर पहुंचना चाहता है। लीजिए...उत्तराखंड के देवप्रयाग का लड़का एक बार फिर से नए गीत के साथ आप सभी के बीच आ गया है। शाश्वत पंडित के इस गीत का शायद आपको भी इंतजार रहा होगा। कुछ दिन पहले ही इस गीत का प्रोमो रिलीज किया गया था। अब इस पूरे वीडियो को रिलीज कर दिया गया है। उम्मीदों पर ये गीत एकदम खरा उतरा है। नए संगीत और नए शब्दों का जादू इस गीत में बरकरार रखा गया है। गीत को शाश्वत पंडित ने लिखा और इसके बोल बेहद प्यारे हैं। जा ना..इस गीत को शाश्वत ने लव सोंग की तर्ज पर पेश किया गया है। लोकेशन बेहद प्यारे हैं और साथ शाश्वत पंडित की आवाज इस गीत में जादू घोलने का काम रही है। अगर आप कुछ अलग सुनना चाहते हैं और डीजे वाले म्यूजिक से जरा खुद को राहत देना चाहते हैं, तो ये गीत आपके लिए है। यकीन मानिए ये गीत आपके दिल का सुकून देगा। आपको खुशी होगी कि अब उत्तराखंड में कुछ ऐसे गीत तैयार हो रहे हैं, जो लीक से हटकर हैं और बेहतर हैं। शाश्वत पंडित के साथ साथ इस गीत में संगीत देने का काम अर्पित शिखर ने किया है। अर्पित शिखर ने इस गीत की मिक्सिंग और मास्टरिंग का काम किया है। राहुल बौरियां ने इस गीत का वीडियो तैयार किया है। कुल मिलाकर कहें तो अगर आपके पास अपनी बिज़ी जिंदगी से बाहर निकलकर चंद मिनट हैं, तो इस गीत को जरूर सुनिए। अगर कोई उत्तराखंड की बोली भाषा को संगीत के नए स्तर पर ले जाना चाहता है, तो उसका हौसला बढ़ाना भी जरूरी है। इसलिए आप भी ये गीत सुनें और शाश्वत का हौसला बढ़ाएं। उत्तराखंड करेगा टूरिज्म के सबसे बड़े ईवेंट की मेजबानी, दुनियाभर के ६० देश होंगे शामिलप्रेवियस पोस्ट विडियो: पहाड़ के संकल्प खेतवाल बॉलीवुड को भा गए, ये गढ़वाली गीत सुनकर झूम उठा देशनेक्स्ट पोस्ट
- रानीकोड़रन में उल्टी- दस्त का प्रकोप, ललितपुर न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें। ललितपुर रानीकोड़रन में उल्टी- दस्त का प्रकोप ललितपुर। विकासखंड जखौरा के ग्राम गोराकलां में फैले संक्रामक रोगों के बाद अब ग्राम पंचायत हर्षपुर के मजरा रानीकोड़रन के निवासी उल्टी- दस्त की चपेट में आ गए हैं। सूचना पाकर गांव में पहुंची संक्रामक रोग नियंत्रण टीम ने मरीजों का उपचार किया। जनपद के ग्रामीण इलाकों में संक्रामक रोग थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक गांव में चिकित्सा अधिकारी रोगियों का उपचार कर नहीं पाते कि दूसरे गांव में उल्टी- दस्त का प्रकोप शुरू हो जाता है। मंगलवार को ग्राम पंचायत हर्षपुर के मजरा रानीकोड़रन में तमाम ग्रामीण बीमारी की चपेट में आ गए। जानकारी पाकर पहुंचे बांसी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने डा. ए के गुप्ता के नेतृत्व में बीस रोगियों का उपचार किया और अन्य प्रभावित लोगों को दवाइयां बांटी। पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरीन की गोलियां भी वितरित की गईं। चिकित्सकों के दल ने रानीकोड़रन निवासी फूलकुंवर पत्नी पूरन, रामअवतार पुत्र करन सिंह, मोहन सिंह पुत्र किशोरी, निधि पुत्री फूलसिंह, रवि पुत्र लाल सिंह, जलेबी पत्नी लाल सिंह, लालसिंह पुत्र हरनाम सिंह, सत्यम पुत्र ऊदल सिंह, लक्ष्मी पुत्री लाल सिंह, अनेक सिंह पुत्र समरथ सिंह, पूरन सिंह पुत्र समरथ सिंह, बृजेश पुत्र भगवान सिंह एवं रहीस पुत्र वीरन सिंह का उपचार किया। हैंडपंप के आसपास की गंदगी बनी वजहललितपुर। गांवों में हैंडपंप के आसपास मौजूद गंदगी संक्रामक रोगों के पैर पसारने की प्रमुख वजह बताई जा रही है। चिकित्सकों का मानना है कि बारिश के पानी के साथ गंदगी भी भूगर्भ जल में पहुंच रही है। इस पानी का सेवन करने से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। जिला चिकित्सालय में उमड़ी भीड़ ललितपुर। संक्रामक रोगों के फैलने का असर अस्पतालों पर दिखाई देने लगा है। जिला संयुक्त चिकित्सालय हो या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हर जगह मरीजों की कतार देखी जा रही है। जिला चिकित्सालय में मंगलवार को मरीजों व तीमारदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह पर्चा काउंटर खुलते ही लोगों की कतार लग गई। दिन में दो बजे तक मरीज पर्चा बनवाने के लिए आते रहे। वहीं, ओपीडी में मरीजों की भरमार रही।
राम रहीम किस चीज का है एडिक्ट, कहाँ से आते थे शक्तिवर्धक टॉनिक - करनाल ब्रेकिंग न्यूज होम क्राइम राम रहीम किस चीज का है एडिक्ट, कहाँ से आते थे शक्तिवर्धक... राम रहीम किस चीज का है एडिक्ट, कहाँ से आते थे शक्तिवर्धक टॉनिक डेरा के एक पूर्व सेवादार ने दावा किया था कि राम रहीम सेक्स टॉनिक लेता था उसके लिए ऑस्ट्रेलिया और कई दूसरे देशों से शक्तिवर्धक पेय मंगाया जाता था. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने तो यहां तक दावा किया है कि वह ड्रग्स का सेवन भी करता था. साल १९८८ तक उसे शराब का सेवन करते देखा गया है. इसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. प्रेवियस आर्टिकलिक्म सिटी करनाल में चोरी के बढ़ते मामले, रहे सतर्क, अब मॉडल टाउन स्थित मकान में घुसे चोर नेक्स्ट आर्टियलरेयान इंटरनेशनल स्कूल मामले में स्क में सुनवाई, हरियाणा सरकार क्बी जाँच को तैयार करनाल डॉक्टर राजीव गुप्ता के हत्या आरोपियों को पुलिस लाई कोर्ट...
३ वजहों से समर्सलाम में रोमन रेंस व्स ब्रॉक लैसनर का मुकाबला मेन इवेंट में नहीं होना चाहिए व्वे के पीपीवी समरस्लैम को शुरू होने में अब बस कुछ हफ्तों का समय बाकी रह गया है। व्वे ने इस पीपीवी को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इस पीपीवी पर हमें एक बार फिर यूनिवर्सल चैंपियनशिप के लिए ब्रॉक लैसनर बनाम रोमन रेंस का मुकाबला देखने को मिलेगा। इससे पहले भी हमें कई पीपीवी के मेन इवेंट पर यूनिवर्सल चैंपियनशिप के लिए ब्रॉक लैसनर बनाम रोमन रेंस का मुकाबला देखने को मिल चुका है। रोमन रेंस हाल ही में बॉबी लैश्ले को हराकर यूनिवर्सल चैंपियन के लिए नंबर वन कंटेंडर बने हैं लेकिन ज्यादा फैंस इस मुकाबले में लैश्ले की जीत चाहते थे क्योंकि वह समरस्लैम पर ब्रॉक लैसनर बनाम बॉबी लैश्ले के मुकाबले को देखना चाहते थे। हालांकि अब तो व्वे ने समरस्लैम के लिए लैसनर और रोमन रेंस को बुक कर दिया है। लेकिन हमारे पास ३ ऐसे कारण हैं जो यह बताते हैं कि समरस्लैम के मेन इवेंट में ब्रॉक लैसनर बनाम रोमन रेंस का मुकाबला नहीं होना चाहिए। यह पहले भी हो चुका है बेशक हम इस पीपीवी पर सैथ रॉलिंस को यूनिवर्सल चैंपियन बनते नहीं देख सकते हैं लेकिन कम से कम हम ब्रॉन स्ट्रोमैन को शो के आखिरी में यूनिवर्सल चैंपियन बनते तो देख ही सकते हैं। रोमन रेंस और ब्रॉक लैसनर के बीच हम पहले भी पीपीवी पर मुकाबला देख चुके हैं। ऐसे में फैंस के यह मुकाबला नया नहीं है। हमारे ख्याल से व्वे को समरस्लैम के मेन इवेंट पर इस मुकाबले को बिल्कुल बुक नहीं करना चाहिए क्योंकि किसी भी यह उम्मीद नहीं है कि लैसनर बनाम रोमन के बीच होने वाला यह मुकाबला बहुत शानदार होगा हालांकि इस मुकाबले में सरप्राइज एंट्री कराकर मुकाबले को थोड़ा दिलचस्प बनाया जा सकता है।
कुछ ऐसे म्स धोनी ने टेबल टेनिस मुकाबले में अपने बैकहैंड शॉट से ड्वेन ब्रावो को किया हैरान, विडियो होमक्रिकेटकुछ ऐसे म्स धोनी ने टेबल टेनिस मुकाबले में अपने बैकहैंड शॉट से ड्वेन ब्रावो को किया हैरान, विडियो म्स धोनी और ड्वेन ब्रावो मुकाबले के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स ने जारी किया वीडियो धोनी और ब्रावो का टेटे मैच देखिए टेटे में भी दिग्गज हैं एमएस धोनी मैदान पर तो आप पूर्व कप्तान एमएस धोनी (म्स धोनी) की हार्ड हिटिंग पावर से तो आप बहुत ही अच्छी तरह वाकिफ हैं. पर आपको बता दें कि इनडोर खेलों में भी धोनी (म्स धोनी) अपने साथियों को पानी पिलाते रहे हैं. फिर चाहे यह बैडमिंटन रहा हो, या कोई और खेल. वास्तव में धोनी का बाकी खेलों के प्रति प्यार भी गाहे-बेगाहे देखा जा सकता है. और एक बार यह फिर से सामने उभरकर आया, जब उनकी फ्रेंचाइजी टीम ने धोनी का एक पुराना वीडियो जारी किया है. एमएस धोनी ने लॉकडाउन में खरीदा ट्रैक्टर, हंसते हुए तेज दौड़ाया तो डर गया पास में बैठा शख्स... देखें विडियो लॉकडाउन में एमएस धोनी दिनभर खेलते हैं पुबग, पत्नी साक्षी बोलीं- 'माही सोते हुए भी बोलता रहता है...' - देखें विडियो मार्च १०१९ के इस थ्रोबैक वीडियो में धोनी टीम के साथी ड्वेन ब्रावो के साथ टेबल टेनिस खेल रहे हैं. इस मुकाबले में धोनी कुछ शॉट खेलने के बाद अपने बैकहैंड शॉट से ब्रावो को हैरान कर देते हैं. सीएसके ने इस मैच का पूरा वीडियो यू-ट्यूब पर डाला है. यह भी पढ़ें: पीसीबी ने अपने ठुकरा दी अपने नए कप्तान बाबर आज़म की यह अहम मांग सीएसके ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि मार्च २०१९ में जब थाला, चैंपियन और सर जड्डू सहित जब सभी दीपावली से जुड़े एड शूट में व्यसत् थे, तो इस दौरान उन्होंने दूसरे खेल पर हाथ आजमाया. बहरहाल, धोनी के शॉट से हैरान ब्रावो कहते हैं कि मैं अब रैली करने जा रहा हूं. इस पर धोनी ने कहा कि मैं रैली नहीं करता. यह सुनकर ब्रावो कहते हैं कि तुम तो एकदम खत्म करने के लिए जाते हो. इस वीडियो में दोनों को लंबी रैली खेलते हुए देखा जा सकता है. विडियो: हालिया दक्षिण अफ्रीका सीरीज के दूसरे टेस्ट से पहले विराट कोहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान. वैसे इन दिनों धोनी सक्रिय क्रिकेट से दूर हैं. हाल ही में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कप्तान विराट और सेलेक्टरों से उनके भविष्य को लेकर धोनी से बात करने की बात कही थी. हरियाणा १०वीं बोर्ड का रिजल्ट कल होगा जारी, इन तरीकों से कर सकते हैं चेक
११ लोग जख्मी तग: ११ लोग जख्मी नेपाल: छात्रों से भरी बस खाई में गिरी, १६ की मौत, ११ लोग जख्मी काठमांडू। पड़ोसी देश नेपाल के डांग जिले के तुलसीपुर में हुए एक भीषण सड़क हादसे में १६ लोगों की मौत हो गई, जबकि १२ गंभीर रुप से घायल बताए जा रहे हैं। शुक्रवार शाम को तुलसीपुर के पास रामरी के नजदीक छात्रों से भरी एक बस ४०० मीटर गहरी खाई मे जा गिरी। जो बस हादसे की शिकार हुई है वह एक एजुकेशन टूर पर थी। बस हादसे में मारे गए छात्र और टीचर वापस लौट रहे थे। क्षेत्र पुलिस कार्यालय तुलसीपुर के डीएसपी प्रेम बहादुर शाही ने बताया कि, कोलकाता: बाजार मेंं ननि के दफ्तर के पास हुआ ब्लास्ट, एक मासूम की मौत, ११ लोग जख्मी कोलकाता। कोलकाता में आज दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां दमदम थाना क्षेत्र के अंतर्गत काजिपारा में स्थित एक बहुमंजिला इमारत के सामने हुए बम धमाके में एक बच्चे की मौत हो गई। हादसे में ११ अन्य लोग घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिस इमारत के सामने यह धमाका हुआ है वहां नगर निगम का दफ्तर है। पश्चिम बंगाल पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि काजीपारा क्षेत्र के बहुमंजिला इमारत की भूतल पर स्थित फल की एक दुकान के बाहर सुबह नौ पश्चिम बंगाल हिंदुस्तान
सस्ता फ्लश डोर होम > उत्पादों > सस्ता फ्लश डोर (सस्ता फ्लश डोर के लिए कुल २४ उत्पादों) थोक चीन से सस्ता फ्लश डोर , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते सस्ता फ्लश डोर खोजने की आवश्यकता है। बस सस्ता फ्लश डोर पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे सस्ता फ्लश डोर का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं।
बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज के बलउ गांव में पुलिस ने छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद किया है. इसके साथ ही पुलिस ने बाइक, बोलेरो और ट्रैक्टर भा जब्त किया है. मामले में दो तस्करों की गिरफ्तारी की गई है. दरअसल अवैध शराब के इस कारोबार को लेकर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी. जिसके बाद पुलिस ने उत्पाद विभाग की टीम के साथ छापेमारी की. छापेमारी में ८६ पेटी विदेशी शराब समेत कई वाहन बरामद किए गए है और दो तस्करो को गिरफ्तार किया गया है. बरामद की गई शराब की कीमत लाखों रुपए की बताई जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया - ब्रेकिंग न्यूज तोडे ';वर ट्र्टड=' सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुए अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया. कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है. प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने ३६५ पेज के फैसले में कहा, ३:२ के बहुमत से दर्ज की गई अलग-अलग राय के मद्देनजर तलाक-ए-बिद्दत तीन तलाक को निरस्त किया जाता है. प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर ने तीन तलाक की इस प्रथा पर छह महीने की रोक लगाने की हिमायत करते हुए सरकार से कहा कि वह इस संबंध में कानून बनाए जबकि न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति उदय यू ललित ने इस प्रथा को संविधान का उल्लंघन करने वाला करार दिया. बहुमत के फैसले में कहा गया कि तीन तलाक सहित कोई भी प्रथा जो कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है, अस्वीकार्य है. तीन न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि तीन तलाक के माध्यम से विवाह विच्छेद करने की प्रथा मनमानी है और इससे संविधान का उल्लंघन होता हैं, इसलिए इसे निरस्त किया जाना चाहिए. प्रधान न्यायाधीश खेहर और न्यायमूर्ति नजीर ने अल्पमत के निर्णय में तीन तलाक की प्रथा को छह महीने स्थगित रखने की हिमायत करते हुए राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने मतभेद परे रखते हुए केन्द्र को इस संबंध में कानून बनाने में सहयोग करें. अल्पमत के निर्णय में यह भी कहा गया कि यदि केन्द्र छह महीने के भीतर कानून नहीं बनाता है तो तीन तलाक पर यह अंतरिम रोक जारी रहेगी. प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति नजीर ने उम्मीद जताई कि केन्द्र का कानून मुस्लिम संगठनों की चिंता और शरिया कानून को ध्यान में रखेगा. इस पांच सदस्यीय संविधान पीठ में विभिन्न धार्मिक समुदाय-सिख, ईसाई, पारसी, हिन्दू और मुस्लिम- के न्यायाधीशों ने तीन तलाक की प्रथा को चुनौती देने वाली पांच मुस्लिम महिलाओं की याचिका सहित सात याचिकाओं पर सुनवाई की थी. इससे पूर्व ११ से १८ मई तक रोजाना सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए मंगलवार का दिन मुकर्रर किया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय में शादी तोड़ने के लिए यह सबसे खराब तरीका है. ये गैर-ज़रूरी है. कोर्ट ने सवाल किया कि क्या जो धर्म के मुताबिक ही घिनौना है वह कानून के तहत वैध ठहराया जा सकता है? सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि कैसे कोई पापी प्रथा आस्था का विषय हो सकती है. साभार नत्व
फर्जी कंपनियों के नाम पर ७० करोड़ ठगने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को अमेरिका में सजा - इनेक्स्ट लाइव फर्जी कंपनियों के नाम पर ७० करोड़ ठगने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को अमेरिका में सजा अमेरिका में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को मेल फ्रॉड और गबन के मामले में दोषी पाए जाने पर ३३ महीने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ उसे १७ करोड़ रुपये भुगतान करने का आदेश दिया गया है। न्यूयॉर्क (पीटीआई)। अमेरिका में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को मेल फ्रॉड और गबन के मामले में दोषी पाए जाने पर ३३ महीने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ उसे १७ करोड़ रुपये भुगतान करने का आदेश दिया गया है। यूएस अटॉर्नी डेविड एंडरसन ने बताया कि सैन जोस के ४१ वर्षीय दिनेश शंकर को एक मेडिकल डिवाइस कंपनी से गबन के लिए मेल फ्रॉड के मामले में दोषी पाया गया, इस जुर्म के लिए उसे ३३ महीने जेल की सजा सुनाई गई है। शंकर की सजा इसी साल से शुरू होगी। मार्च २०१३ से जनवरी २०१८ तक याचिका में दी जानकरी के अनुसार, शंकर एक मेडिकल डिवाइस कंपनी में कर्मचारी था। फेक कंपनियों के नाम पर बनाया गलत चालान जुलाई २०१३ से दिसंबर २०१७ तक, उसने कंपनी के फाइनेंसियल विभाग को गलत एक्सपेंस रिपोर्ट और झूठे चालान पेश किए, जिसके चलते कंपनी को उसे जरुरत से ज्यादा खर्च देना पड़ता था और इससे कंपनी का काफी नुकसान भी हुआ। बाद में कंपनी को उसके धोखाधड़ी के बारे में पता चला और शंकर ने स्वीकार भी किया कि उसने छह अलग-अलग फर्जी कंपनियों के नाम पर गलत चालान बनाए। जांच पड़ताल के बाद पता चला कि जिन छह कंपनियों के नाम पर चलान बनाये जा रहे थे, वास्तव में ऐसी कोई संस्था थी ही नहीं, शंकर उन्हें अपने हिसाब से कंट्रोल करता था। शंकर ने माना कि उसने कंपनी को अपनी धोखधड़ी से लगभग २.५ मिलियन अमेरिकी डालर (करीब १७ करोड़) का नुकसान पहुंचाया।
विडियो: अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा लखनऊ का हजरतगंज चौराहा उत्तर प्रदेश१२:४९ प्म इस्ट सेप ०८, २०१८ लखनऊ के हजरतगंज चौराहा अब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से पहचाना जाएगा. लेकिन हजरतगंज चौराहे का अपना एक बड़ा इतिहास रहा है. इस चौराहे से लखनऊ की पहचान जुड़ी हुई है. इस चौराहे का नाम बदलने के बाद कितना बदलेगा चैराहे से लोगों का जुड़ाव इतिहासकार रवि भट्ट के साथ बता रहें हैं हमारे संवाददाता मो शबाब.
कावेरी प्रोजेक्ट के लिए जमा की गई राशि का खुलासा करे ईशा फाउंडेशन: कर्नाटक हाईकोर्ट जग्गी वासुदेव की अध्यक्षता वाले ईशा फाउंडेशन को फटकार लगाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा, इस धारणा में मत रहिए कि चूंकि आप एक आध्यात्मिक संस्था हैं तो आप कानून से बंधे नहीं हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने जेएनयू में हुए हमले पर कुलपति जगदीश कुमार की आलोचना की और आरोप लगाया कि ऐसे कठिन समय में वह अनुपस्थित थे और पूरी तरह विफल रहे. जेएनयू हिंसा: पांच जनवरी को क्या हुआ था? वीडियो: बीते पांच जनवरी की रात कुछ नकाबपोश लोग जेएनयू कैंपस में घुस आए और विभिन्न हॉस्टलों में तोड़फोड़ की. साथ ही उपद्रवियों ने छात्रों को बर्बर तरीके से पीटा. इस हिंसा में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत कुल ३० से अधिक लोग घायल हुए हैं. पूरे घटनाक्रम पर शेखर तिवारी, धीरज मिश्रा, विशाल जायसवाल और अविचल दुबे की रिपोर्ट. देश के आर्थिक आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना के बाद पिछले महीने केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन की अध्यक्षता में ये पैनल बनाया था, जिसका काम देश के विभिन्न क्षेत्रों के आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करना और इसकी विश्वसनीयता बहाल करना है. जेएनयू हिंसा मामले में प्रशासन की शिकायत पर छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इन पर कथित तौर पर चार जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने और सुरक्षा गार्डों पर हमला करने का आरोप है. नेवर १ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ १७८ ओल्डर
कालीन/चटाई कारखाने कस्टम नीचे पहनने के कपड़ा पोशाक और स्कर्ट बॉडीसूट्स और जम्प्सूट्स पैंट और शॉर्ट्स और लेगिंग सबसे ऊपर है और कोट महिलाओं के सामान बच्चों बाल बैंड/क्लिप बच्चों बाल बैंड/क्लिप थोक ओएम फैशन २०१९ लड़कियों रेट्रो नवजात जन्मदिन ह्रबंद लोलिता यूरोप कोर्ट शैली लोचदार फूल रिबन बच्चों बाल बैंड ओएम के थोक गर्म बोहेमिया बच्चे कस्टम छुट्टी समुद्र तटीय आईएनएस लड़कियों हेडवियर कपास नींबू प्रिंट बच्चों लोचदार हवाई ह्रबंद में सबसे ऊपर ओएम/थोक नई २०१९ कपास कैंडी रंग आईएनएस शैली लड़कियों बच्चे ह्रबंद जन्मदिन की पार्टी बच्चों लोचदार हेडवियर धनुष बाल बैंड थोक गर्म २०१९ नई के लिए इन्स जाल डॉट खरगोश बच्चों बाल बैंड बच्चे पार्टी लड़की सामान प्यारा हेलोवीन कान लड़कियों ह्रबंद ओएम के थोक फैशन प्यारा बडी लड़की २०१९ सोने चांदी नवीनतम डिजाइन कोरिया बाल बैंड बच्चों के सामान धनुष बच्चों ह्रबंड आलीशान गेंद ह्रबंद ओएम/थोक अद्यतन कोरिया शैली लवली धनुष कपास बच्चा लड़की त्योहार लोचदार यीवु हेडवियर बच्चों के लिए थोक २०१९ बच्चे जन्मदिन का हेडवियर क्राउन बच्चों राजकुमारी ह्रबंड पार्टी किशोर लड़की के लिए प्यारा ह्रबंद हेडबैंड बाल सामान थोक ओएम २०१९ गर्म आईएनएस शैली सेक्विन हिरण बच्चों पार्टी ह्रबंड फैशन कोस्प्ली कस्टम मेकअप क्रिसमस बच्चे लड़की बाल बैंड थोक गर्म २०१९ आईएनएस फैशन के सामान बच्चे राजकुमारी ह्रबंड प्यारा ऑर्गन्ज़ा ठोस लड़की बाल बैंड धनुष पार्टी ह्रबंद बच्चों थोक गर्म २०१९ नए फूल लड़कियों बाल बैंड शादी का सामान शिशु बपतिस्मा के लिए हेडवियर बच्चों लोचदार फीता पुष्प ह्रबंद थोक गर्म २०१९ नई ठोस न्यूबो बाहर दरवाजा हेडवियर फैशन बच्चे को लड़कियों के बाल बैंड बच्चों सादे विस्तृत कपड़े पगड़ी गाँठ ह्रबंद थोक गर्म २०१९ नई फैशन बच्चे को लड़कियों के बाल बैंड सर्दियों ब्लिंग गेंद बच्चों पार्टी हेडवियर प्यारा चमक पोंपोम बच्चा ह्रबंद थोक ओएम प्यारा २०१९ कोरिया शैली बड़ा धनुष समुद्र तट आईएनएस लड़कियों हेडवियर बच्चे के सामान कार्टून प्रिंट लोचदार बच्चों बिल्ली ह्रबंद थोक गर्म २०१९ नई हेडवियर नवजात जन्मदिन की पार्टी बाल सामान लड़कियों के लिए क्राउन बच्चों बाल बैंड फैशन बच्चे ह्रबंद बच्चे थोक गर्म २०१९ ब्लिंग ब्लिंग स्टार बच्चा लड़की बाल बैंड बड़ा फूल बच्चे पार्टी हेडवियर सफेद बच्चों लोचदार क्रोचेट ह्रबंद
उधम सिंह नागर नादेही चीनी मिल का पेराई सत्र आरंभ जसपुर। नादेही चीनी मिल के पेराई सत्र का शुभारंभ मिल के प्रधान प्रबंधक एवं क्षेत्रीय विधायक ने किसानों के साथ पूजा-अर्चना कर किया। बृहस्पतिवार को नादेही चीनी मिल के प्रांगण में प्रधान प्रबंधक वीएल फिरमाल, क्षेत्रीय विधायक एवं उत्तराखंड मंडी परिषद् के अध्यक्ष डा. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने क्षेत्र के सैकड़ों किसानों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में हवन, पूजा-अर्चना कर किया। विधायक डा. सिंघल ने मिल चेन में गन्ना डालकर मिल को चालू कराया। विगत वर्षों की तरह इस बार भी पहली गन्ने की बैलगाड़ी ग्राम पुरनपुर निवासी मौखी सिंह पुत्र मिश्री सिंह एवं पहली ट्रैक्टर-ट्राली ग्राम राजपुर निवासी राम चंदर पुत्र इंदर सिंह की तौल कर मिल चेन में गन्ना डाला गया। दोनों पहली गाड़ी वालों को विधायक डा. सिंघल ने १५१ रुपया नकद देकर सम्मानित किया। विधायक ने पेराई सत्र के शुभारंभ पर प्रधान प्रबंधक एवं किसानों को बधाई दी। इस दौरान उत्तराखंड राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष निकेश अग्रवाल, हीरा सिंह, सिद्धार्थ सिंघल, चौधरी खिलेंद्र सिंह, सरजीत सिंह, कमला चौहान, प्रेम सहोता, सुभाष चंद्र, अतीकुर्रहमान, संजय कांबोज, मदन लाल, सुधीर विश्नोई, राजीव कुमार, सुरेंद्र सिंह समेत मिल अधिकारी आरके सेठी, पीसी तिवारी, सुधीर अग्रवाल आदि थे।
देखें, भारतीय खिलाड़ी को अंपायर से उलझना पड़ा भारी, हो गया कुछ ऐसा नई दिल्ली, जेएनएन। आइपीएल के ४७वें मैच में किंग्स उलेवन पंजाब के खिलाड़ी संदीप शर्मा को अंपायर से मैदान पर भिड़ना भारी पड़ गया। संदीप को उनकी मैच फीस का ५०% हिस्सा अब जुर्माने के रुप में देना होगा। संदीप शर्मा कल रात मोहाली में खेले गए मुकाबले में अंपायर के नो बॉल देने के फैसले पर उनसे बहस करने लग गए थे। जिसके चलते अब उनपर फाइन लगा है। पंजाब के तेज़ गेंदबाज़ संदीप शर्मा को आइपीएल की आचार संहिता के नियम-२.१.५ के अनुसार मैच फीस का ५0 प्रतिशत जुर्माना लगा है। इस सजा को संदीप ने स्वीकार कर लिया है और इसीलिए, इस मामले में आधिकारिक सुनवाई नहीं की जाएगी। यहां से शुरू हुई बहस गुजरात के साथ खेले जा रहे इस मुकाबले में पंजाब की गेंदबाज़ी के पांचवें ओवर में गेंद संदीप शर्मा के हाथों में थी। इस ओवर की पांचवीं गेंद करने के बाद जब संदीप पीछे मुड़े तो उन्होंने देखा कि अंपायर ने नो बॉल का इशारा किया था। न तो ये गेंद एक घातक बाउंसर थी, न तो ये सीधे बल्लेबाज की कमर से ऊपर फेंकी गई थी और न ही गेंद फेंकते समय संदीप शर्मा का पैर क्रीज से बाहर गया था। फिर आखिर हुआ क्या था? क्यों अंपायर ने इस गेंद को नो-बॉल करार दिया। नो-बॉल पर हुआ बवाल अंपायर ने निर्णय के बाद संदीप शर्मा ने पूछा कि इस गेंद को नो-बॉल क्यों दिया गया है। जबाव में अंपायर ने संदीप को बताया कि उन्होंने उस तरफ से गेंदबाज़़ी की (अराउंड द विकेट) जहां पर नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज़ खड़ा हुआ था। जबकि इससे पहले तक संदीप विकेट की दूसरी तरफ यानि कि (ओवर द विकेट) गेंदबाजी कर रहे थे। क्रिकेट के नियमों के मुताबिक गेंदबाज को अपनी साइड चेंज करने से पहले इसकी जानकारी अंपायर को देनी होती है। लेकिन अंपायर के मुताबिक संदीप शर्मा ने इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी थी, वहीं संदीप शर्मा इस बात पर अड़े थे कि उन्होंने अंपायर को इसकी जानकारी दी है। इस बात को लेकर अंपायर और संदीप के बीच बहस शुरु हो गई। संदीप के साथ-साथ पंजाब के कप्तान गलेन मैक्सवेल भी अंपायर से बहस करने पहुंच गए। हालांकि तब तक नो-बॉल का फैसला दिया जा चुका था और साथ ही फ्री-हिट भी दी जा चुकी थी। (संदीप और अंपायर की बहस का वीडियो) देखें, भारतीय खिलाड़ी को अंपायर से उलझना पड़ा भारी, हो गया कुछ ऐसा,५ / ५ ( १वोटस )