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Bail Application_5521_201910-10-20193160 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> पुत्रस्व0 <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में <नाम> पुत्र स्व0 हरीसिंह का कथन है कि वह इस वाद के अभियुक्त <नाम> व रामबीर का <नाम> तथासुरेश का भतीजा है तथा हालात मुकदमा से भलीभांति परिचित है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण निर्दोष हैं, उन्हें उपरोक्त मामले में वादी ने मनगढंत तथ्यों के आधार परझूठी घटना बनाकर झूठा परिवाद दाखिल किया है, बकि अभियुक्तगण ने उपरोक्तअपराध कारित नही किया है। वादी ने जिस जमीन का विवाद बताया है उस जमीनका बैनामा वादी दिनांक 15.06.2011 को अभियुक्तगण की मां <नाम> <नाम> देवीके नाम <नाम> <नाम> चुका है, तभी से ही वे लगातार फसल उगा रहे हैं। वादी के फायरआर्म्स की कोई चोट नही है, <नाम> ही किसी प्रकार का मेडीकल दाखिल किया है। अभियुक्तगण से अपराध से संबंधित कोई बरामदगी नही है। वादी मुकदमाअभियुक्तगण से पैसा उधार ले गया था, वापस मांगने <नाम> झूठा परिवाद न्यायालय मेंदाखिल किया है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगणप्रस्तुत मामले में दिनांक 22.09.2019 से जेल में है। तब उन्हें जमानत <नाम> अवमुक्तकिया जाये। ",
"अभियोजन द्वारा जमानत आवेदन का विरोध किया गया है। ",
"थाना पैरोकार द्वारा अभियोजन के माध्यम से आवेदन इस आशय का प्रस्तुतकिया गया है कि थाने से <नाम> <नाम> आख्या प्राप्त नही हो सकी है, लेकिन अब तकउक्त आख्या प्रस्तुत <नाम> <नाम> पाने के लिए स्वयं अभियोजन उत्तरदायी है, जेसा किदिनांक 28.09.2019 को भी अभियोजन को आपराधिक इतिहास / आख्या आहूत किएजाने <नाम> समय <नाम> जा चुका है। तब अभियोजन का स्थगन आवेदन निरस्त कियाजाता है। "
],
"judge-opinion": [
" गुणदोष <नाम> उभ्यपक्ष को सुना एवं पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"संबंधित पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रश्नगत प्रकरण वादी मुकदमामुन्ना <नाम> द्वारा न्यायालय के समक्ष दिए गए आवेदन अन्तर्गत <नाम> 156(3) द0प्र0सं0को परिवाद क <नाम> में प्रचलित किए जाने <नाम> आधारित है जिसमें उसका कथन हैकि दिनांक 18.04.2012 को उसक द्वारा अपने पैतृक <नाम> <नाम> खड़ी गेहूँ की फसलको काटकर थ्रेशर से निकालकर गेहूँ रखा गया था, लेकिन दिनांक 19.04.2012 कोसुबह लगभग 8 बजे अचानक उक्त अभियुक्तगण एक <नाम> होकर हथियारों से लैस —2—होकर उसके खेत <नाम> आये तथा उसे <नाम> से मारने की नीयत से निशाना बनाकरकट्टे से फायर किया एवं खेत <नाम> रखे हुए गेहूँ के 45 <नाम> जबरन लूटकर ट्रेक्टर मेंडालकर ले गए। तब उसने तथा उसके पुत्र व पत्नी ने उसका विरोध किया तोअभियुक्तों ने उन <नाम> कट्टे तानकर डारा <नाम> एवं यह धमकी <नाम> गए कि यदिपुलिस में शिकायत की तो वह <नाम> से मार देंगे। उसक द्वारा थाना फतेहपुरसीकरीपर सूचना दी गयी, लेकिन कोई मुकदमा दर्ज नही हुआ। दिनांक 20.04.2012को एस.एस.पी. को भी शिकायत भेजने <नाम> कोई कार्यवाही <नाम> होने <नाम> उसके द्वाराआवेदन <नाम> गया। ",
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिस <नाम> का विवाद बतायाजा रहा है उसे अभियुक्तों द्वारा पहले ही कय किया जा चुका है एवं उक्त दिनांक19.04.2012 को ऐसी कोई घटना ही नही हुई है। जबकि अभियोजन का विरोध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_311_202001-02-20201500 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> अवधेश के शपथपत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा वीरेन्द्रगुप्ता द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयीकि <नाम> को करीब 06:30 बजे वह अपनी दुकान बंद करके अपने घर पहुँचातो उसने अपने घर का मेन गेट अन्दर से बंद पाया। तत्पश्चात उसने गेटको काफी पीटा और अपनी पत्नी को आवाज दी लेकिन काफी देर तकअन्दर से जबाव <नाम> मिलने <नाम> पड़ौसी चम्पा के लड़के को दीवार कुदाकर अन्दर भेजा। उसने अन्दर से मेन गेट को खोला, तब वह और चम्पा कालड़का दोनों अन्दर घर में गए। जैसे ही उसकी नजर रसाई में पड़ी तो Bail Application/ 1045/2020 —-Vasudev Vs. UP State 2उसने <नाम> कि उसकी पत्नी वीरवती जमीन <नाम> खून से लथपथ मृत पड़ी थीऔर उसके हाथ प्लॉस्टिक की रस्सी से बंधे थे। पैर कार्टून टेप से बंधे थे। मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था। उसके गले व सिर <नाम> चोट के निशान थे। उसके शोर मचाने <नाम> मौहल्ले के पष्पू <नाम> <नाम> <नाम> हरिओम गुप्ता,राघवेन्द्र <नाम> अन्य कई लोग आ गए। कमरों का <नाम> सामान इधर उधरपड़ा था। अलमारियाँ खुली थीं। घर का रखा हुआ 4 लाख 10 हजार रूपएनगद, सोने <नाम> के जेवरात <नाम> लगभग 35 तोला व <नाम> लगभग 1किलो गायब <नाम> । उसकी पत्नी के कुण्डल भी गायब थे। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 20.12.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी को रंजिश के <नाम> मुखबिर के कहने <नाम> घरसे पकड़ <नाम> इस कस में झूठा बंद <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी से कोईबरामदगी नहीं हुई है। झूठी बरामदगी दिखायी गयी है। घटना का कोईचश्मदीद <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के घर में घुसकरउसकी पत्नी की हत्या <नाम> घर से नगद रूपयों व सोने <नाम> के जेवरातों कीलूट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत्तप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 24.11.2019 की है। प्रार्थी <नाम> वादी मुकदमा के घर में घुसकर उसकी पत्नी की हत्या <नाम> उसके घर से 4,10,000/- रूपए नगद वसोने <नाम> के जेवरात लूटने का आरोप है। केस डायरी <नाम> उपलब्ध मृतकाश्रीमती वीरवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसका पोस्टमार्टम दिनांक Bail Application/1045/2020 —-Vasudev Vs. UP State 325.11.2019 को समय 11:45 बजे किया गया है जिसमें उसकी मृत्यु दम घुटने के <नाम> होना बताया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यहभी दर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनोक 19.12.2019 को पुलिस पार्टी द्वारागिरफूतार किया गया है तथा उसकी निशानदेही <नाम> प्रश्नगत मामले में लूटेगए जेवरात सें से एक चेन व तीन अंगूठी सोने की बरामद की गयी है। वादीमुकदमा द्वारा उक्त जेवरातों की पहचान की गयी है। प्रार्थी द्वारा अपने कथन में प्रश्नगत घटना में संलिप्त रहने का कथन किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3767_202007-12-2020749 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त का भतीजा कन्हैया पुत्रआशाराम, निवासी ग्राम अटूस, थाना सिकन्दरा, जिला <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है, जिसके अनुसार प्रार्थी/ अभियुक्त ने किसी प्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे उपरोक्त मुकदमे में महज तंग व परेशान करने की नीयतझूठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट गलत एवं <नाम> एवं भ्रामक तथ्यों परआधारित है जिसमें किसी प्रकार की कोई सत्यता नहीं है। पुलिस ने उच्चअधिकारियों को खुश करने के लिए और अपना कार्य <नाम> दिखाने के लिएप्रार्थी / अभियुक्त को झूठा बंद किया है। <नाम> 50, 52 एन०डी०पी0एस० एक्ट का Bail Application/10012/2020 —-UP State Vs. Rakesh 2पालन नहीं किया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त मजदूरी करके अपना व अपनेपरिवारीजनों का पालन पोषण करता है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है। इसके अलावा अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक01.11.2020 से जेल में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त अपनी विश्वसनीय जमानत देनेको तैयार है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किया जाए। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी उपनिरीक्षकसन्दीप <नाम> द्वारा थाना हाजा <नाम> लिखित सूचना इस आशय की दी गयी किदिनांक 31.10.2020 रपट नं0 71 समय 23.41 बजे रवाना होकर वह, अन्य पुलिसकर्मचारियों के साथ देखरेख <नाम> शान्ति व्यवस्था, चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति/ वाहन,रोकथाम जुर्म जरायम, तलाश वांछित अभियुक्त फैक्ट्री एरिया में गश्त करते हुए वेस्टप्राइज एन०एच0 2 <नाम> मामूर होकर गश्त <नाम> करते हुए गोलचक्कर, थाना सिकन्दरा,जिला <नाम> के अन्तर्गत दो अभियुक्तों को पकड़ा गया। एक ने अपना नाम सूरजपुत्र कन्हैया <नाम> तथा दूसरे ने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया। दोनों अभियुक्तों के कब्जे से <नाम> <नाम> से कुल 1,500/- किलोग्राम नशीला पदार्थएल्प्राजोलम बरामद हुआ। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्कप्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसे उक्त केस में झूठा फँसाया है। पब्लिक का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 01.11.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। उक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य <नाम> की ओर से इस न्यायालय में प्रतिनिधित्व <नाम> रहे विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा अभियुक्त की जमानत का विरोधकिया गया। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्ववान अधिवक्ता व विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का परिशीलन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से स्पष्ट है कि इस मामले मेंप्रार्थी / अभियुक्त के कब्जे से <नाम> <नाम> से कुल 1,500 किलोग्राम नशीलापदार्थ एल्प्राजोलम बरामद किया गया जो वाणिज्यिक <नाम> 100 ग्राम से अधिकहै । एन0डी0पी0एस0 एक्ट की <नाम> 37 (1) (ख) (1) में प्रावधान <नाम> गया है किजहाँ न्यायालय को यह समाधान हो जाता है कि अभियुक्त अपराध का <नाम> नहींहै और जमानत <नाम> होने के दौरान उसके द्वारा कोई अपराध किए जाने कीसम्भावना नहीं है तभी अभियुक्त की जमानत स्वीकार की जा सकती है। प्रस्तुत Bail Application /10012/2020 -UP State Vs. Rakesh 3प्रकरण में इस स्तर <नाम> यह समाधान नहीं होता है कि अभियुक्त अपराध का दोषीनहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4757_201921-09-20193805 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माता <नाम> प्रेमवतीके शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा निरीक्षक शैलेन्द्रकुमार <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायीगयी कि दिनाक 10.08.2019 को वह मय हमराहियान विभिन्न अपराधों कीसुरागरसी व तलाश आदि में मामूर थे कि उसी दौरान मुखबिर की सूचना परएक व्यक्ति को गिरफूतार किया गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी लीगयी तो उसने अपना नाम <नाम> बाबरिया बताया। इसकी जामा तलाशीसे 1,150/- रूपए, 01 अदद मोबाइल तथा हाथ में लिए झोले से दो अंगूठीमर्दानी, दो अंगूठी जनानी, 1 अदद चेन, एक जोड़ी कुण्डल, एक जोड़ीझुमकी समस्त पीली धालु, <नाम> अदद बिछुए सफेद धातु, दो जोड़ी पायजेबसफेद धातु तथा नशीला पाउडर बरामद किए गए। अभियुक्त को जुर्म सेअवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्व मौके <नाम> तैयार कीगयी । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 10.08.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है, झूठी बरामदगीदर्शित की गयी है। पुलिस कर्मचारीगण द्वारा जबरदस्ती प्रार्थी के घर में घुसकर उसकी मों के सोने <नाम> के जवरात व एक मोटरसाईकिल उठायी गयीहै और प्रार्थी से झूठी बरामदगी दर्शित की गयी है। बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-05, आयर । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4757 / 2019राज <नाम> बाबरिया बनाम राज्यअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्तद्वारा अन्य के साथ पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उससेलूट का <नाम> बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त की विद्वान अधिवक्ता कु0 <नाम> <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनाक 10.08.2019 की 19:30 बजे की है। प्रार्थी परगिरफूतारी के दौरान उसके कब्जे से लूट का <नाम> बरामद होने का आरोपलगाया गया है। केस डायरी के अमुसार प्रार्थी को दिनोक 10.08.2019 कोपुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उसके कब्जे से1150/ ~ रूपए नगद, एक मोबाइल, दो अंगूठी मर्दानी, दो अंगूठी जनानी, 1अदद चेन, एक जोड़ी कुण्डल, एक जोड़ी झुमकी समस्त पीली धातु, चारअदद बिछुए सफेद धातु, दो जोड़ी पायजेब सफेद घातु तथा नशीला पाउडरबरामद किया गया है! प्रार्थी द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ प्रश्नगतमामले की घटना कारित किए जाने का कथन किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4264_201908-08-2019855 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त पत्नी व पेरौकार श्रीमतीरेनू के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा दिनाक 17.05.2019 को थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी गयी कि दिनाक 16.05.2019 को वहमय हमराहियान चेकिंग <नाम> रहे थे कि उसी दौरान मुखबिर की सूचना परअभियुक्त <नाम> बहादुर को गिरफूतार किया गया तथा उसकी जामा तलाशीसे एक अदद तमंचा 315 बोर, दो कारतूस व एक मोबाइल बरामद कियागया। तमंचा रखने का लाईसौंस तलब किया तो दिखाने में कासिर रहा। अभियुक्त को जुर्म से अवगत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्दमौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 17.05.2019 से जिला (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4264/ 2019लाल बहादुर बनाम राज्यकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी दिनाक 17.05.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। घटना का कोई जनसाक्षी नहींहै। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक20.07.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त कोपुलिस द्वारा गिरफतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक नाजायजतमंचा व दो जिन्दा कारतूस बरामद किए गए हैं। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त की विद्वान अधिवक्ता <नाम> कु <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 17.05.2019 की समय 02:10 बजे की है। प्रार्थी को दिनाक17.05.2019 को गिरफ्तार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक अददमोबाइल, एम तमंचा व दो कारतूस बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। ",
"मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकार की जाचुकी है। प्रार्थी लगभग 80 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले मेंआरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3170_201926-06-20192828 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थिया/अभियुक्ता क पैरोकार अर्जुनसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदसा फतेहसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयी कि उसका पुत्र <नाम> उम्र करीब 32 वर्ष जो परचून की दुकान करता है,दिनाक 20.04.2019 को अपने बेटे <नाम> के साथ समय करीब 7-8 बजे शामदुकान बंद करके अपनी मोटरसाईकिल से घर के लिए गया था जो अब तकघर नही पहुँचा है। उसकी मोटरसाईकिल छक्की और शेर बीच में सड़क परपड़ी <नाम> है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी । ",
"प्रार्थिया/अभियुक्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थिया/अभियुक्ता को मामले में झूठा फंसाया गया है,उसने कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, व्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3170/2019श्रीमती रामदुलारी बनाम राज्यमें दर्ज की गयी है। प्रार्थिया को इलाका पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए घर सेबुलाया गया था तथा <नाम> में इस मुकदमें में झूठा चालान <नाम> <नाम> गया। प्रार्थिया से कोई बरामदगी नहीं है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थिया का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसक अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। प्रार्थिय का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थियादिनोक 14.05.2019 से जिला कारायार, <नाम> में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारोपर प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थिया/ अभियुक्त की प्रश्नगत मामले में संलिप्तता रही है। उपरोक्त आघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थिया/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुमारचौधरी एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनक 20.04.2019 की समय 07:00 बजे से 08:00 बजे के मध्य कीहै तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनीक 21.04.2019 को समय09:30 बजे <नाम> करायी गयी है। प्रार्थिया प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थिया <नाम> अपहुतों का खाना बनाकर देकर आने का आरोप लगाया गयाहै । अभियोजन की ओर से प्रार्थिया/ अभियुक्ता से कोई बरामदगी दर्शित नहींकी गयी है। मामले में अपहृत की बरामदगी हो चुकी है। अभियोजन की ओरसे प्रार्थिया का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रार्थिया एक माह से अधिक समय से जिला कारागार में निरूद्ध है । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1480_202030-07-2020724 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक » अभियुक्त की माँ <नाम> <नाम> देवीका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाइन्द्रपाल <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 19.06.2019को समय 12-45 बजे रात मैं दुकान के अन्दर लेटा था, मेरी सिफ्ट गाडीयू0पी080-बी.जे.--.0966 दुकान के बाहर खडी थी, किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारामेरी गाडी में आग लगा दी, जिससे मेरी गाडी में नुकसान हो गया है। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 21.06.2019 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-410 // 2019 <नाम> धारा-436 भा0द0सं0 का अभियोग थानान्यू <नाम> <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया, जिसमें दौरान विवेचना <नाम> 120बीभा०द0सं० की बढोत्तरी की गयी है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठारंजिशन फँसाया गया है। वादी के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकरायी गयी है। उक्त मामले में प्रार्थी का नाम <नाम> अभियुक्त टिन्कू के द्वारारंजिशन लिये जाने के <नाम> उसे मामले में संलिप्त किया गया है, जबकिउसका उक्त मामले से एवं <नाम> अभियुकतगण से कोई भी संबंध एवं सरोकारनहीं है। उक्त मामले के गवाहों के द्वारा भी उसका नाम नही लिया गया है। वादी के द्वारा भी टिन्कू का नाम लिया गया है। उक्त मामले के सहअभियुक्तगण टिन्कू व <नाम> पाड्या की जमानत स्वीकार हो चुकी है। ",
"आवेदक / अभियुक्त दिनांक 05.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक » अभियुक्तके द्वारा अपने अन्य साथियों क॑ साथ मिलकर <नाम> में वादी मुकदमा की गाडीमें आग लगा दी, जिससे उसकी गाडी में काफी नुकसान हुआ है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में वादी मुकदमा इन्द्रपालसिंह के द्वारा इस आशय की लिखाई गई कि दिनांक 19.06.2019 को रात12-45 बजे मैं दुकान के अन्दर लेटा था तो मेरी गाडी उपरोक्त में किसीअज्ञात व्यक्ति के द्वारा आग लगा दी गयी। ",
"दौरान विवेचना अभियुक्त टिंकू का नाम आया और उसी के बताने परआवेदक / अभियुक्त का नाम <नाम> में आया। इस मामले की प्रथम सूचनारिपोर्ट अज्ञात में लिखाई गई है। आवेदक / अभियुक्त का नाम <नाम> अभियुक्तटिंकू के बताने <नाम> <नाम> में आया है, उसका नाम विवेचना में गवाहों के द्वारानहीं लिया गया है। <नाम> अभियुक्त टिंकू की जमानत दिनांक 09.08.2019 कोइस न्यायालय से हो चुकी है। वादी के द्वारा सी.सी.टी.वी. का अवलोकन क्योंनहीं किया गया, इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। -3-आवेदक / अभियुक्त दिनांक 05.08.2019 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_51_202007-02-20201309 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ अभियुक्त की पत्नी <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारशर्मा, प्रभारी निरीक्षक, थाना जगदीशपुरा, जिला <नाम> ने दिनांक 21.01.2020 को 01-00बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंगलीडर धनीराम अपने गैंग के सदस्यों <नाम> <नाम> <नाम> हनुमन्त व मुखत्यार <नाम> के साथ चोरीजैसे जघन्य अपराध कारित करके धन अर्जित करता है तथा समाज व कानून विरोधी किरियाकलापों में संलिप्त है। <नाम> आपराधिक इतिहास है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं, इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसको जमानत पररिहा किया जाय । ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, अभियुक्त गैंग का सक्रिय सदस्य हैं। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.737/19 धारा-399, 402भा.दस. (2) अ.सं718,/19 धारा-457, 380, 411 भा.द.स. (3) अ.सं.732/19 धारा-380,411 भा.द.स. (4) अ.सं.683/19 धारा-380, 411 भा.द.स. (5) अ.सं.484 /19 धारा-380, 411भा.द.स. के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल पॉच उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्तगण के विरूद्ध चोरी करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी किरियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी किये जानेके आरोप हैं। इस न्यायालय के द्वारा पूर्व में इस केस के <नाम> अभियुक्तगण धनीराम वकृष्ण <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जा चुका है। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से चोरी से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6766_201930-11-20191112 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार मानसिंह ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च ऱ्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी भूरी <नाम> द्वारा दिनांक 09.12.2018 कोथाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 08.12.2018 की सांय लगभग 6बजे उसका छोटा <नाम> <नाम> <नाम> अपनी दुकान स्थित चौराहा जहान <नाम> गढ़ी मोड़पर अकेला था। उसी समय मुरारी, मान <नाम> <नाम> <नाम> बन्सी एवं तीन अज्ञातव्यक्ति तीन मोटर साईकिलों <नाम> हथियारों से लैस होकर दुकान <नाम> आये और उसकेभाई <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> लेवा हमला करते हुए अन्धाधुन्ध गोली चलायीं जो उसकेभाई के लगी। उसका <नाम> जिन्दगी से जूझ रहा है। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण मुरारी, मान <नाम> कृष्णा,जितेन्द्र <नाम> बंशी एवं तीन अज्ञात लोगों के विरूद्व मु0अ0सं0 452/2018 <नाम> 147,148, 149, 307 भा०द0सं0 में थाना शमसाबाद <नाम> रिपोर्ट दर्ज की गई। (2)विवेचना के दौरान आहत <नाम> <नाम> की उपचार के दौरान दिनांक 11.12.2018 को मृत्यु हो जाने के <नाम> मामले को <नाम> 302 भा0द०सं0 में तरमीमकिया गया। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फॅ॑साया गया है। यह भी कथन किया गया कि प्राथमिकी मेंअभियुक्त की कोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में दर्शितनहीं है एवं तथाकथित घटना का कोई हेतुक भी नहीं बताया गया है। कथित घटनाका कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है तथा अभियुक्त के कब्जे से उक्त घटना से सम्बन्धित कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। अभियुक्त दिनांक 22.08.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। विद्वान शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) एवं वादी के विद्वान अधिवक्ता द्वाराजमानत का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आवेदक/ अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामजद है। आवेदक / अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर <नाम> विरूद्ध जमाव के सदस्य के <नाम> में, आग्नेयास्त्र से लैस होकर, वादी के <नाम> <नाम> <नाम> को <नाम> से मारने के उद्देश्य से, <नाम> लेवा हमला करते हुए मोहनसिंह <नाम> अन्धाधुन्ध आग्नेयास्त्र से फायर किए गये, जिससे <नाम> <नाम> के गम्भीर चोटें आई तथा उपचार के दौरान <नाम> <नाम> की मृत्यु हो गई। <नाम> अभियुक्तगणमानसिंह एवं <नाम> की जमानत प्रभारी सत्र न्यायाधीश, <नाम> द्वारा गुण दोष केआधार <नाम> निरस्त कौ जा चुकी है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने को प्रार्थना की गई। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक/ अभियुक्त के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर <नाम> विरूद्ध जमाव के सदस्य के <नाम> में <नाम> आग्नेयास्त्र से लैस होकर वादी के <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> आग्नेयास्त्र से फायर करते हुए उसकी हत्या कारित किए जाने का आरोप है। विवेचक द्वारा मृतक के <नाम> वादी भूरी <नाम> का बयान 161 दणप्रश्सं० दिनांक 10.12.2018 को <नाम> किया गया है जिसने अपने बयान में स्पष्ट <नाम> से कथन किया है कि दिनांक 08.12.2018 को सांय 6 बजे वह अपने चाचा के लड़के सत्यभान से (3)जमानत प्राथना पत्र स॒0: 6766 / 2019 प्रार्थना पत्र सं0: 6766 / 2019 दुकान के ठीक सामने खड़ा होकर घरेलू मसले <नाम> बातचीत <नाम> रहा था। तभी उसकेगॉव का जोगेन्द्र गॉव से दूध लेकर <नाम> जा रहा था, वह रूक गया ओर तीनों में आपस में बातचीत करने लगे तभी तीन मोटर साईकिल <नाम> सवार व्यक्तियों ने उसकेभाई <नाम> <नाम> को गोली मार दी। उसने पीछे मुड़कर <नाम> तथा फायर की आवाज सुनी तो मुरारी, मान <नाम> <नाम> <नाम> बन्शी, जिन्हें वह पहचानता है, जिनसे उसकेभाई <नाम> से कुछ <नाम> पहले झगडा हुआ था, ने हाथों में लिये तमन्चे से उसकेभाई के गोली मारी थी। उसने शोर मचाया तो काफी लोग इकट्ठा हो गये। यह लोगअपनी-अपनी मोटर साईकिल से <नाम> की तरफ भाग गये । ",
"मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के शरीर <नाम> मृत्यु पूर्व की पाँचचोटें <नाम> दर्शित है तथा चिकित्सक द्वारा आहत की मृत्यु का <नाम> septicemiashock as a result of ante-mortem in]Ury इन्जरी बताया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
" केस डायरी में उपलब्धसाक्ष्य के अनुसार आवेदक / अभियुक्त क द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के भाई/मृतक <नाम> <नाम> <नाम> आग्नेयास्त्र से अन्धाधुन्ध फायर करते हुए उसकी हत्या किया <नाम> बताया गया है। उक्त अपराध गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4216_202023-12-202041 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानतप्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> राजवीर <नाम> द्वारा इस आशय कादाखिल किया गया है कि वह अभियुकतगण का पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भीप्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवामाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> हीखारिज किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> पुत्र रामवीर <नाम> निवासीचौमाशाहपुर थाना फतेहपुर सीकरी <नाम> भड़कौल मार्ग <नाम> <नाम> चाहर के नाम से वीयर का सरकारी ठेका है उस <नाम> सेल्समैन है। दिनांक 19.05.2020 की रात को Bail Application/10969/2020 -Nikki @ Bagga And OThers Vs. UP State 2 लाकडाउन होने के उपरान्त <नाम> में अज्ञात चोरों द्वारा 20 पेटी वीयर चुराकर ले गयेहैं। लाकडाउन होने के <नाम> प्रार्थी रिपोर्ट लिखाने नहीं आ सका। निवेदन है किरिपोर्ट लिखकर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने Hl Hur He । ",
"प्रार्थगण // अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र /शपथ पत्र में कहागया है कि शपथकर्ता उपरोक्त केस के आरोपी निक्की उर्फ बग्गा का पिता एवंदीपक उर्फ दीपू <नाम> का रिश्तेदार है तथा उपरोक्त मामले के सभी तथ्यों सेभली-भॉति अवगत है एवं उपरोक्त केस में पैरोकार है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण कोथाना पुलिस ने अपने उच्चाधिकारियों को अपनी बेहतर कारगुजारी दिखाने की नीयत से अज्ञात चोरों के विरूद्ध दर्ज मुकदमा में झूठा नामजद <नाम> <नाम> जबकि उपरोक्तकेस में दर्शायी गयी किसी भी घटना को प्रार्थगण,अभियुक्तगण ने अन्जाम नहींदिया है और <नाम> ही प्रार्थगण / अभियुक्तगण के पास से कोई चोरी की वस्तु बरामदहुई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थगण/ अभियुक्तगण नामजद नहीं है और <नाम> हीप्रार्थगण / अभियुक्तगण को घटना स्थल से गिरफ्तार किया गया है एवं <नाम> ही कोईबरामदगी हुई है। प्रार्थगण,/अभियुक्तगण को थाना पुलिस घर से पूछताछ के बहानेले गयी और प्रार्थीगण / अभियुक्तगण से पुलिस द्वारा अवैध 50 हजार रूपये की मांगकी गयी जबकि प्रार्थीगण / अभियुक्तगण द्वारा अवैध 50 हजार रूपये देने से मनाकिया तो प्रार्थगण / अभियुक्तगण को उपरोक्त मुकदमें में पुलिस द्वारा अपनेउच्चाधिकारियों को बेहतर कारगुजारी दिखाने की नीयत से इस अज्ञात चोरों केविरूद्ध मुकदमें में फर्जी तरह से पुलिस अभिरक्षा में लिये गये बयानों के आधार परझूठा फंसाया गया है। प्रार्थगण/अभियुक्तगण की गिरफ्तारी व बरामदगी का कोईभी <नाम> का स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है जबकि दर्शाया गया घटना स्थलकाफी भीड़-भाड़ वाला स्थान है, फर्जी तरह से बरामदगी दर्शायी गयी है। उपरोक्तकेस में <नाम> अभियुक्तगण प्रशान्त <नाम> की जमानत दिनांक 22.07.2020 को एवंललित उर्फ खिलौना की जमानत दिनांक 19.10.2020 को माननीय न्यायालय द्वारास्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण का भी रोल समान दर्शाया गयाहै। प्रार्थगण / अभियुक्तगण दिनांक 07.08.2020 से जिला जेल <नाम> में निरूद्ध है। उपरोक्त केस में प्रार्थगण का जमानत प्रार्थनापत्र माननीय अवर न्यायालय से दिनांक08.12.2020 को खारिज किया जा चुका है। प्रार्थीगण,/अभियुक्तगण का यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रर्थनापत्र किसी भीन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। अतःप्रार्थीगण // अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किया <नाम> न्यायोचित है। ",
"आवेदकगण / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गयाकि अभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसको इस मामले में Bail Application/10969/2020 -Nikki @ Bagga And OThers Vs. UP State 3पुलिस द्वारा अपने उच्चाधिकारियों को बेहतर कारगुजारी दिखाने <नाम> झूठा फंसायागया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण / अभियुक्तगण के पास से फर्जी बरामदगीदिखायी गयी है। ved घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थीगण // अभियुक्तगण दिनांक 07.08.2020 से जिला जेल में निरूद्ध हैं। इन्हींआधारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण द्वारालॉकडाउन के दौरान वादी की वीयर की दुकान में रखे वीयर की पेटियों की चोरीकी गयी है तथा सहअभियुक्तगण को चोरी की बीयर के साथ गिरफ्तार किया गयाहै। अभियुक्तगण चोरी की वारदातों में लिप्त रहे हैं तथा अभियुक्तगण का आपराधिकइतिहास भी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी के तर्कों को सुना गया तथा प्रपत्रों एवं केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"केस डायरी के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात मेंदर्ज करायी गयी है। अभियुक्तगण को सह-अभियुकत के बयानों के आधार परमुकदमें में निरूद्ध किया गया है। अभियुक्तगण के पास से कोई बरामदगी नहींदर्शायी गयी है। उक्त प्रकरण में अभियुक्तगण के विरूद्ध अंतर्गत <नाम> 380, 457 भा.दःस में आरोपपत्र प्रेषित किया जा चुका है। अभियुक्त दिनांक 07.08.2020 से जेल मेंहै। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। सहअभियुक्त प्रशान्त <नाम> कीजमानत दिनांक 22.07.2020 को एवं सहअभियुकत <नाम> उर्फ खिलौना की जमानतदिनांक 19.10.2020 को मेरे समकक्ष न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तगण का आपराधिक इतिहास दर्शाया गया है, परंतु कोई दोष <नाम> नहींदर्शायी गयी है। जिसके सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित विधिव्यवस्था <नाम> <नाम> <नाम> बनाम यू0पी0 राज्य 2007 (1) जे0आई0सी0 680इलाहाबाद में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा यह विधिक सिद्धान्त प्रतिपादित किया हैकि यदि आवेदक जमानत पाने का <नाम> है, तो उसका आपराधिक इतिहास होनेके <नाम> जमानत से इंकार नहीं किया जा सकता। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_201_202116-01-20213571 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> रामदेवी का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2- संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वाराइस आशय की तहरीर थाना मलपुरा <नाम> दी गयी कि आज दिनांक 09.12.2020 कोरात्रि करीब 11.30 बजे शिवम उसके घर में कूद आया तथा उसकी नाबालिग पुत्री केसाथ छेड़खानी एवं अश्लील हरकत करने लगा। वही दूसरे कमरे में मेरी पत्नी व मेरीबेटी के शोर मचाने <नाम> मौका पाकर शिवम वहां से भाग गया। उसी <नाम> मैं समाधियाफार्म हाउस सिकन्दरा, <नाम> में आरकस्ट्रा पार्टी में प्रस्तुति देने गया था, लेकिनउक्त घटना के बारे में मेरे परिवार वालों ने लोकलाज के भय से मुझे नहीं बतायाथा। आज दोपहर में मुझे जानकारी हुई तो मैं शिवम के परिवारवालों से शिकायत कीतो परिवारवाले मुझे <नाम> से मारने की धमकी देने लगे और कह रहे है कि अगरथाने में गया तो अंजाम बहुत बुरा होगा। ",
"3- जमानत प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक /» अभियुक्त निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट लगभग बारह <नाम> विलम्ब से दर्जहै। वास्तविकता यह है कि वादी मुकदमा द्वारा पूर्व रंजिश के <नाम> दबाव बनाने कीदृष्टि से उक्त झूँठा मुकदमा पंजीकृत कराया गया है तथा उक्त मुकदमे में आवेदकको झूँठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। शपथपत्र के पैरा 2 में कहा गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहींहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। ",
"5- अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने तर्क में उन्हीं तथ्यों कोदोहराया हैं जो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं। ",
"Bail Application/305/2021 -Shivam Vs. UP State 2विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर सेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त द्वरा नाबालिग पीड़िता के साथ छेड़छाड व अश्लील हरकत की गयी है तथा शिकायतकरने <नाम> पीड़िता के पिता को <नाम> से मारने की धमकी दी गयी है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । ",
"6- वर्तमान प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक /अभियुक्त द्वारा नाबालिगपीड़िता के साथ छेड़छाड़ व अश्लील हरकत तथा तथा शिकायत करने <नाम> पीड़िता केपिता को <नाम> से मारने की धमकी देने का का आरोप है। <नाम> 161 व 164दं00प्रएससं० बयान के अनुसार पीड़िता की आयु 17 वर्ष है। इस प्रकार पीड़िता पूर्णतयानाबालिग है। "
],
"judge-opinion": [
"4— प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केसडायरी, पीड़िता के <नाम> 161 व 164 दं0प्रणसं? के बयान व <नाम> पत्रावली काअवलोकन किया। ",
"मैंने प्रथम सूचना रिपोर्ट, पुलिस प्रपत्र व पीड़िता के <नाम> 161 व 164दं0प्रणसं? के बयान का अवलोकन किया। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्तके ऊपर 17 वर्षीय पीड़िता के साथ उसके घर में घुसकर छेड़खानी करने का आरोपलगाया गया है। पीड़िता ने अपने <नाम> 161 व 164 दं0प्रणसं० के बयान में घटना कासमर्थन किया है। पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि आवेदक /अभियुक्त ने उसकेकमरे की कुंडी खोली, किन्तु यह उल्लेखनीय है कि कमरे की कुंडी अंदर से बंदरहती है <नाम> कि बाहर से। पीड़िता के बयान के अनुसार आवेदक / अभियुक्त उसके ६एर॒ के सामने ही रहता है। पीड़िता ने अपने बयान में यह भी कहा है कि इस घटनाके पूर्व आवेदक ने उसके साथ कोई छेड़खानी नहीं की है। जमानत प्रार्थनापत्र केसमर्थन में आवेदक की माँ द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। मौखिक तर्क केदौरान आवेदक के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> 107,/116 दं0प्र0सं0 से संबंधित चालानरिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिससे प्रथमदृष्टया दोनों पक्षों के मध्य रंजिश का भी पताचलता है। आवेदक » अभियुक्त द्वारा कोई गंभीर <नाम> से अश्लील हरकत किया जानानहीं कहा गया है तथा आवेदक / अभियुक्त का आपराधिक इतिहास इस संबंध में नहींहै। अभियुक्त दिनांक 26.12.2020 लगभग 20 दिनों से जिला कारागार में बंद है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4291_202021-12-2020162 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> पुत्र छकौड़ी <नाम> का शपथपत्र दाखिलकिया गया है जिसने अपने शपथपत्र में स्वयं को अभियुक्त <नाम> का मामा वमुकदमे का पैरोकार बताया है। जमानत प््रार्थनापत्र में कहा गया है किअभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी घूरेलाल द्वारादिनांक 17-11-2014 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक14-11-2014 को समय करीब 8 बजे <नाम> <नाम> चोब <नाम> अमरीशा, <नाम> हरीशने उसके घर <नाम> हमला किया और उसकी व रामस्नेही की हत्या करने की नीयतसे फरसा, बल्लभ, लाठी डण्डो से मारपीट की जिससे रामस्नेही के सिर में गम्भीरचोट आयी। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सैंया <नाम> परअभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> अमरीश, <नाम> <नाम> के विरूद्ध मु0अ0सं0328ए / 2014 अन्तर्गत <नाम> 147,148,323,504,506 भा०द0सं0 में प्राथमिकी दर्जकी गयी। दौरान विवेचना चुटैल रामस्नेही की आघात आख्या के आधार <नाम> उक्तअपराध में <नाम> 308 भा०द0सं0 की बढ़ौत्तरी की गयी। ",
"प्रकरण में अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोप विरचित किया गया और Bail Application/11134/2020 —Ravi And OThers Vs. UP State 2 अभियोजन पक्ष द्वारा साक्ष्य में पी0डब्लू० 1वादी मुकदमा घूरे <नाम> पी0डब्लू० 2चुटैल रामस्नेही व पी0डब्लू0 3 स्वतन्त्र <नाम> <नाम> को परीक्षित कराये जाने केउपरान्त चुटैल रामस्नेही की ओर से न्यायालय में दिनांक 29-05-2019 को्रार्थनापत्र <नाम> 319 द0प्रoसं0 के तहत <नाम> <नाम> व <नाम> को अभियुक्तगण केरूप में तलब किये जाने की प्रार्थना करते हुये प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वाराआधार पर्याप्त पाते हुये दिनांक 01-10-2019 को आदेश पारित करते हुयेअभियुक्तगण <नाम> <नाम> व <नाम> को सत्र परीक्षण सं0-708/2016 अपराधसंख्या-328ए /2014 अंतर्गत <नाम> 308 34,323, 34,324 / 34, 325/ 34,504,506भा०द0सं0 थाना सैंया जिला <नाम> के मामले में विचारण <नाम> <नाम> 319 द0प्रoसं0के तहत तलब किया गया। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्तगण को उक्त मुकदमे में झूठा फंसाया गया है। अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है। अभियुक्तगण को न्यायालय द्वाराधारा 319 द0प्रoसं0 के तहत तलब किया गया है। घटना के विषय में एक रिपोर्टदिनांक 16-11-2014 को अभियुक्तगण की ओर से चोब <नाम> के द्वारा इस वादके अभियोगी तथा <नाम> वाद राज्य बनाम रामस्नेही आदि के अभियुक्त रामस्नेहीऔर रामदत्त के विरूद्ध थाना सैंया <नाम> <नाम> अपराध सं0 328/14 अन्तर्गतधारा 323,504,506,307 भा०द0सं0 के तहत दर्ज करायी थी जिसका सत्र वाद सं0707/16 है जो न्यायालय में विचाराधीन है। वादी ने उक्त रिपोर्ट के बादपेशबंदी में उक्त रिपोर्ट थाना सैंया में दिनांक 17-11-2014 को दर्ज <नाम> दी। वर्तमान मामले में आरोपपत्र में वर्णित <नाम> अभियुक्तगण न्यायालय से जमानत परहैं। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही पूर्व मेंसजायाफूता हैं। अभियुक्त <नाम> की आयु करीब 62 वर्ष है तथा उसे काफी कमदिखायी देता है तथा चलने फिरने में काफी परेशानी होती है। उक्त आधघारोंपर अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान सहा0 जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये यह कथन किया गया है कि अभियुक्तगण वउसके साथियों ने वादी व उसक पुत्र रामसनेही को फरसा, बल्लम, लाठी डण्डोसे मारपीट <नाम> गम्भीर चोटे पहुंचायी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"वादी के विद्वान अधिवक्ता की ओर से जमानत प्र्रार्थनापत्र <नाम> घोरआपत्ति की गयी है और वादी रामसनेही की ओर से एक प्रार्थनापत्र मय शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है कि जिसमें कथन किया गया है कि पत्रावली के अवलोकनस्पष्ट है कि अभियुक्त <नाम> नाबालिग है जिसका जमानत प्रार्थनापत्र इसन्यायालय में पोषणीय नहीं है। अतः अभियुक्त <नाम> का जमानत प््रार्थनापत्रपोषणीय <नाम> होने के <नाम> निरस्त किया जाये। शपथपत्र के साथ अभियुक्त हरीशका <नाम> 8 के अंकपत्र की छायाप्रति व प्रधानाचार्य <नाम> <नाम> मंदिर लाटूखेड़ाआगरा द्वारा जारी प्रमाण पत्र की छायाप्रति दाखिल की गयी है। ",
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिलाशासकीय अधिवक्ता (फो0) के कथनों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकनकिया। ",
"चुटैल रामसनेही की आघात आख्या के अनुसार उसे इस घटना मेंतीन चोटे <नाम> दर्शित है जो कि फटा हुआ घाव 20m % 1८० £खाल <नाम> गहरासिर <नाम> आक्सीपीटल <नाम> में, फटा हुआ घाव 1८m ४ 3.4m #मांसपेशी <नाम> गहराबांये हाथ <नाम> तथा फटा हुआ घाव ३८० % 1० #मांसपेशी बांये हाथ <नाम> है। पूरकचिकित्सीय रिपोर्ट में रामसनेही के सिर में दांई फण्टो पराईटल बोन व एवं बांईपैराईटल बोन में लीनियर फैक्चर <नाम> बताया गया है। ",
"प्राथमिकी के अनुसार घटना दिनांक 14-11-2014 की बतायी गयी Bail Application/11134/2020 —Ravi And OThers Vs. UP State 3है जबकि घटना की रिपोर्ट 17-11-2014 को थाने <नाम> दर्ज करायी गयी है औरइस देरी का भी कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्राथमिकी मेंअभियुक्तगण की कोई स्पष्ट <नाम> अपराध कारित किये जाने के संबंध में दर्शितनहीं है। अभियुक्तगण को <नाम> 319 दएप्रएसं0 के तहत तलब किया गया है। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। रामसनेही ने अपने साक्ष्य में यह कथन किया है कि अभियुक्त <नाम> <नाम> लाठीडण्डा से मारते रहे मैं हाथ पैर पटकता रहा। इस प्रकार चुटैल व अन्य साक्षीगणद्वारा द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से उपरोक्त अभियुक्तगण का घटना में रोल मुख्यअभियुक्त से अधिक नहीं है। जहां <नाम> अभियुक्त <नाम> के नाबालिग होने सेसंबंधित प्रस्तुत प्रार्थनापत्र का प्रश्न है तो चुटैल रामसनेही क प्रस्तुत प्रार्थनापत्रपर अभियुक्त द्वारा घोर आपत्ति की गयी है और अभियुक्त की ओर से अपनेनाबालिग होने का कोई क्लेम नहीं किया गया है। प्रकरण के <नाम> अभियुक्तगणकी जमानत माननीय सत्र न्यायाधीश, <नाम> द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। वर्तमान प्रकरण में अभियुक्तगण दिनांक 15-12-2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4377_202024-12-202014 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में गुड्डी <नाम> जो कि अभियुक्त की मां है,का शपथपत्र दाखिल किया गया है। शपथपत्र में कहा गया है कि अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा भूषन कुमारबब्बर द्वारा थाना मलपुरा <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी है कि कल दिनांक21.11.2020 की रात को मेरी आटा मिल से एक इनर्वटर माइकोमैक्स, एकबैटरी एपैक्स, एक एल0०ई०डी0 32 इंच मय रिमोट, एक वैल्डिंग मशीन मय तार,स्टैबलाईजर 5 किलोवॉट, डी0वी0आर० कैमरे व एक एयरटेल डिवाईस तालातोड़कर अज्ञात चोरों द्वारा चोरी <नाम> लिया गया है। मेरी रिपोर्ट लिखकर उचितकार्यवाही करने की कूपा करें। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> अज्ञात के विरूद्धमु.अ.सं. 444 /2020 <नाम> 457,380 भा०दं0सं0 के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कीगयी । ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अभियुक्त कोरंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। वह पूर्णतःनिर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात के विरूद्ध तथा देरी से दर्ज करायी गयी हैतथा देरी का भी कोई स्पष्टीकरण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नहीं दर्शाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त नामजद भी नहीं है। अभियुक्त को आपसी कहासुनी के <नाम> पुलिस द्वारा <नाम> अभियुक्त के बयान के आधार <नाम> झूठा फंसादिया गया है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त पूर्वमें सजायाफूता नहीं है। अभियुक्त दिनांक 24.11.2020 से जिला कारागार, आगरामें निरूद्ध है। उक्त आधारों <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी है। Bail Application/11238/2020 —Vinod Vs. UP State 2अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये यहकथन किया गया है कि अभियुक्त व उसके साथियों के कब्जे से वादी की आटामिल से चुराया गया चोरी का सामान बरामद हुआ है। मामला चोरी व बरामदगीका है। ऐसी स्थिति में अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र को निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) के कथनों को सुना तथा पुलिस प्रपत्रों व केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"अभियोजन क प्रपत्रों के अनुसार वर्तमान मामले में वादी मुकदमा भूषनकुमार <नाम> द्वारा अज्ञात में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत करायी गयी है औरदौरान विवेचना पुलिस द्वारा अभियुक्त <नाम> के साथियों के कब्जे से वादी कीआटा मिल से चुराया गया चोरी का सामान बरामद किया गया है जिसके आधारपर प्रकरण में <नाम> 411 भा०द0सं0 की बढ़ौत्तरी की गयी है। बरामदगी का काईस्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीयहै । अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। सहअभियुक्तगण की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। वर्तमान मामले में अभियुक्त24-11-2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त विचारण कदौरान न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने <नाम> अपनी पर्याप्त जमानत देनेको तैयार हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3758_201908-07-20192420 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"एत्माददोला <नाम> । ",
"¬ आदेशप्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> द्वारा मुकदमाअपराध संख्या 1196/2017 अर्न्तगत <नाम> 135 विद्युत अधिनियम, थानाएत्माद्दौला, जिला <नाम> के मामले में प्रस्लुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के पुत्र <नाम> <नाम> केशपथपत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> <नाम> ,एक्जीक्यूटिव, टोरन्ट पावर, <नाम> के द्वारा थाना एत्माद्दौला, जिला आगरापर प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनांक31.01.2017 को चैकिंग के दौरान अभियुक्त को <नाम> मीटर के अवैध <नाम> सेविद्युत चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त को कस में झूंठा फंसा <नाम> गया है। उसने किसीप्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है। अतः प्रार्थी को जमानत पररिहा किया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। (2)विद्युत विभाग की ओर से इस तथ्य को स्वीकार किया गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त क द्वारा राजस्व निर्धारण की <नाम> विभाग में जमा कीजा चुकी है । ",
"प्रस्तुत प्रकरण में <नाम> विवेचना आरोप पत्र न्यायालय में दाखिलकिया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5343_201917-09-20194070 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के स्वयं के शपथपत्र सेशपथपत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> परेताअवरअभियन्ता, भदरौली, फतेहपुर सीकरी, जिला <नाम> द्वारा थाना फतेहपुरसीकरी, <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी किदिनांक 09.08.2018 को दौरान चैकिंग अभियुक्त होतीराम को अवैध <नाम> सेविद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंध में प्राथमिकीदर्ज की गयी । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त को केस में झूंठा फंसा <नाम> गया है, उसने किसी प्रकारका कोई अपराध कारित नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्त केविरूद्ध कोई मामला नहीं बनता है। प्रार्थी/ अभियुक्त क द्वारा विद्युत विभागका बकाया जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त कारागार में निरूद्ध है। ",
"अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। (2)विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा इस मामले में विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमानहीं कराया गया है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा कहा गया है कि उसे इस मामले मेंगलत तरीके से मामित किया गया है, उसके द्वारा बकाया <नाम> जमा करादीगयी है, प्रार्थना पत्र के साथ उसके द्वारा विद्युत विभाग में रूपये जमाकराने की रसीदें भी दाखिल की गयी है, जिस <नाम> विद्युत विभाग केअधिवक्ता द्वारा कहा गया कि उक्त रसीदें भुगतान से संबंधित हैं, शमन शुल्कसे संबंधित नहीं हैं । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4884_201912-09-20194502 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> बाबी <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में कहा गया है कि आवेदक/ अभियुक्त ने कोई अपराध नहींकिया है, उसे इस मामले में झूंठा फॅँसाया गया है। आवेदक ,/ अभियुक्त इसमुकदमे में पूर्व से जमानत <नाम> था। न्यायालय का स्थान बदल जाने के <नाम> उसेन्यायालय की जानकारी नहीं हो सकी तथा दिनांक 20.07.2019 को अनुपस्थितरहने के <नाम> उसके विरूद्ध न्यायालय से <नाम> जमानती वारण्ट का आदेश पारितहो गया, उसके द्वारा दिनांक 27.08.2019 को न्यायालय में आत्म <नाम> कियागया है और उक्त दिनांक से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत परछोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से अपने जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया हैकि वह इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था, तथा ऱ्यायालय का स्थान बदलजाने के <नाम> उसको पत्रावली की जानकारी नहीं हो सकी। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 27.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपरजिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि इस मामले मेंआवेदक / अभियुक्त पूर्व में माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के फौजदारी -2-प्रकीर्ण जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-967/2015 दिनांक 17.01.2015 से जमानत परथा । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2891_201905-07-20192498 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में असगर का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है। 2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी राजबीर ने दिनांक13-05-2019 को थाना एत्माद्दौला <नाम> में यह रिपोर्ट दी कि मेरी पुत्री <नाम> आयुकरीब 15 वर्ष दिनांक 13-05-2019 को 7 बजे घर से रामस्वरुप इंण्टर कालेज जा रहीशी व <नाम> ब्रिज <नाम> खड़ी होकर सवारी का इन्तजार <नाम> रही थी। तभी मेहराज टैम्पोलेकर आया और बुरी नियत से उसका हाथ पकड़कर टैम्पो में बिठा लिया। मेहराज वउसके साथ एक अन्य लड़का जो टैम्पो चला रहा था, दोनों लड़की को साथ ले गये। तलाश के समय मेरी पुत्री महताब बाग <नाम> टेम्पो में दिखायी दी व उसे नीचे उतारा तभीटैम्पो चालक टैम्पो लेकर भाग गया व मेहराज को पकड़ लिया। 3 जमानत प्रार्थनापत्र के साथ संलग्न शपथपत्र में प्रार्थी / अभियुक्त का कथनहै कि उसे झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। पुन: कहा गया हैकि प्रथम सूचना रिपोर्ट मनगढ़न्त कहानी के आधार <नाम> है। <नाम> का कोई <नाम> नहींहै और <नाम> टैम्पो चालक को <नाम> बनाया है। पीड़िता की आयु मैडिकल रिपोर्ट में 18 वर्षहै। पीड़िता ने <नाम> 164 दं0प्रश्सं0 के बयान में अपना हाश पकड़ना बताया है वह भीबुरी नियत से या छेड़छाड़ करने की नितय से पकड़ना नहीं बताया है और <नाम> घटनास्थलसे मेहराज को पकड़ना बताया है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै । प्रार्थी/ अभियुक्त के विरुद्ध <नाम> 364 व 354ख का कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथामाननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 14-05-2019 सेकारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। 5— अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने अपने <नाम> में उन्हीं तथ्यों को दोहराया हैंजो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त ने नाबालिगके विरुद्ध अपराध किया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की। "
],
"judge-opinion": [
"4— ्रार्शी/अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी,बयान <नाम> 164 दं0प्रoसं0 व <नाम> पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"6— मेरे द्वारा केस डायरी का अवलोकन किया गया। प्रार्थी/ अभियुक्त केविरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> 364, 354ख व 506 भा0०दं0सं0 एवं <नाम> 7/8पाक्सो एक्ट में दर्ज हुयी है किन्तु विवेचना के दौरान विवेचक द्वारा अपहरण का कोई —2—मामला नहीं पाया और केस डायरी के पर्चा नं0 43 में विवेचक ने <नाम> कियाहै कि <नाम> 364 व 354ख भा0दं0सं0 का अपराध होना नहीं पाया गया है। पीड़िता ने <नाम> 164 दं0प्रoसं0 के बयान में कहा है कि मैं स्कूल जा रही थी। आटो नहीं आया तो में लोडिंग टैम्पो में बैठ गयी। उसमें मेहराज बैठा था। मेहराज ने मेरा हाश पकड़ लिया। <नाम> किया तो मुझे धमकी दी व वहीं <नाम> छोड़दिया। मेरे साथ मेहराज ने कुछ नहीं किया। इस प्रकार स्वयं पीड़िता के बयानसे <नाम> 364 भा0०दं0सं0 का प्रथम दृष्टया मामला नहीं था। प्रार्थी/ अभियुक्तदिनांक 14-05-2019 अर्थात लगभग डेढ़ माह से कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_28_202111-01-20213820 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में मीसम अब्बास रिजवी पुत्रजुल्फिकार हुसैन का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथनहै कि उसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसनेकोई अपराध कारित नहीं किया है। आवेदक » अभियुक्त दिनांक 16.10.2020 से जिलाकारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी / अभियुक्त का इस मुकदमे से सम्बन्धित कोईभी जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबादमें विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारादिनांक 16.10.2020 को खारिज किया जा चुका है। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार हैंकि प्रार्थी / वादीस्टेट बैंक ऑफ <नाम> विलय से पूर्व स्टेट बैंक ऑफ <नाम> एण्डजयपुर जी0 685 <नाम> नगर थाना न्यू <नाम> में स्थित शाखा प्रबंधक के पद <नाम> Bail Application/34/2021 -Najaf Abbas Rejavi Vs. UP State2कार्यरत है। प्रार्थी के बैंक से एक खातधारक <नाम> नजफ अब्बास द्वारा एक <नाम> पहिया वाहन (कार) खरीदने <नाम> <नाम> स्वीकृत कराया गया था किंतु उक्त खाताधारक द्वारालोन धनराशि का भुगतान नहीं किया गया <नाम> में पूछताछ करने <नाम> उक्त खाताधारक द्वारा फर्जी तरीके से कूटरचित दस्तावेज (आयकर विभाग के रिर्टन्स) कीकूट <नाम> <नाम> बैंक के साथ धोखाधडी की गयी तथा प्रार्थी की बैंक से एक खाताधारक नजफ अब्बास रिजवी पुत्र <नाम> हसन अब्बास निवासी 11/31 चिल्लीपाडाशाहगंज, <नाम> द्वारा दिनांक 31.10.2012 को नई कार टाटा इंडिका विस्ता अशोकऑटो सेल्स लिमिटेड से खरीदने <नाम> रूपये 5,00,000(पांच लाख रूपये) का <नाम> स्वीकृत कराया। उक्त <नाम> का भुगतान 84 मासिक 8431 /-रूपयों की किश्तो मेंजमा करना था जिसका स्टेट बैंक ऑफ <नाम> एण्ड <नाम> शाखा में <नाम> खाता संख्या <फ़ोन-नंबर>6 है खाताधारक नजफ अब्बास द्वारा के0वाई0सी0 के <नाम> में एकवोटर कार्ड जिसका नम्बर सीडब्लूवाई 2687226, एक पेनकार्ड जिसका नम्बरएकेडीपीए 3655एन के शपथ पत्र एवं वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 के आयकर विभाग की रिटन्स भी दिये गये उक्त <नाम> को स्वीकृत होने के पश्चात उक्तखाताधारक द्वारा एक आर0सी0 जिसका नम्बर यू0पी0 80 बी0टी07897 बैंक में जमाकरायी जिसका चेसि नम्बर एमएटी608535सीपीएच 51813 एवं इंजन नम्बर4751डी4एचएक्सवाईपी 48329 तथा बैंक द्वारा बैंकर चैक संख्या 111490 दिनांकित31.10.2012 द्वारा उक्त <नाम> धनराशि का भुगतान किया गया। उक्त <नाम> को लेने <नाम> खाताधारक नजफ अब्बास द्वारा आयकर ररिटटन्स वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 कीविवरण दाखिल की गयी तथा कुछ मासिक किश्तें भरने के पश्चात खाताधारक द्वाराबैंक का भुगतान करना बंद <नाम> <नाम> उसके उपरांत <नाम> धनराशि से खरीदे गयेवाहन की वास्तविकता का पता लगाने <नाम> जब स्वयं बैक के अधिकारियों द्वारा कियागया तथा इसकी बाबत अपने अधिवक्ता के माध्यम से विधिक नोटिस भी प्रेषितकराया किंतु खाताधारक द्वारा बैंक को कोई संतोषजनक जबाव नहीं <नाम> गया जिसपर बैंक को संदेह हुआ तथा खाताधारक द्वारा बैंक में जमा करायी गयी आयकरResa वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 की विवरण की जांच चार्टर एकाउन््टेन्ट <नाम> ए0जे0एस0आर० एण्ड एसोसिएट द्वारा दिनांक 16.08.2018 एवं आयकर विभाग कीअधिकृत बेबसाइट <नाम> जाकर जब सर्च किया तथा आयकर विभाग में जाकर पूछताछom wu ved ser Rew फर्जी एवं कूटरचित पाये गये जिसका oe Aरिकॉर्ड आयकर विभाग में पाया नहीं गया। उक्त खाते में गारंटर <नाम> अमरीना फातिमा रिजवी पत्नी <नाम> नजफ अब्बास उक्त खाताधारक द्वारा बैंक में जमा करायागया। आयकर विभाग के रिरटन्स कूटरचना करके तैयार की गयी है। Bail Application/34/2021 -Najaf Abbas Rejavi Vs. UP State3अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। प्रार्थी / अभियुक्त ने विधिवत प्रकिया केतहत बैंक कार <नाम> <नाम> के तहत सन 2012 में एक गाडी मुकदमा वादी की बैंक सेलोन कराके ली थी। जब बैंक द्वारा <नाम> <नाम> गया था तब बैंक द्वारा विधिवतप्रकिया के तहत बैक कर्मचारी द्वारा विधिवत जांच तथा बैक कर्मचारियों द्वारा सभीप्रपत्रों की जांच करने के उपरांत विधिक प्रकिया का अनुसरण होने के उपरांत हीलोन <नाम> था। प्रार्थी / अभियुक्त लगातार दो वर्ष <नाम> समय से किश्त जमा करतारहा था परंतु प्रार्थी के पुत्र की आंख में टयूमर (केंसर) हो जाने के कारणप्रार्थी / अभियुक्त इलाज <नाम> <नाम> चला गया जिस <नाम> प्रार्थी समय से किश्त जमानहीं <नाम> पाया। बैंक द्वारा जो भी धनराशि प्रार्थी / अभियुक्त के खिलाफ बतायी गयीथी उसका प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा पूर्ण भुगतान बैंक में <नाम> <नाम> है जिसके सम्बन्धमें बैंक द्वारा जारी किया गया अदेयता प्रमाण पत्र भी संलग्न है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने यह भी तर्क प्रस्तुत किया है कि आयकरअधिकारी <नाम> द्वारा प्रेषित रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त का 111२ 701 एशथं। ४01९0०1 5एशशा! है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है किमैनुअल तरीके से 1२ दाखिल करने के <नाम> उक्त वर्षो का इनकम टैक्स रिर्टन्ससिस्टम <नाम> दर्शित नहीं हो रहा है। प्रकरण में आरोपपत्र प्रेषित किया जा चुका हैतथा कोई विवेचना लंबित नहीं होने के <नाम> साक्ष्य में छेडछाड की कोई संभावनानहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 16.10.2020 को खारिज किया जा चुका है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा प्रपत्रों का परिशीलन किया। ",
"प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियोग वित्तीय संव्यवहार से सम्बन्धितहै। <नाम> एकाउंट नम्बर <फ़ोन-नंबर>7 के आधार <नाम> क्लोज होने का बैंक काप्रमाणपत्र दिनांकित 23.12.2020 तथा <नाम> एकाउंट नम्बर <फ़ोन-नंबर>6 के (015स्कीम के अंतर्गत क्लोज होने का एस0बी0आई0 का प्रमाण पत्र दिनांकित 23.12.2020प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण के सम्बन्ध में संस्थित सिविल वाद संख्या 914 / 2018के वादपत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रस्तुत की गयी है। अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त के पुत्र के अस्वस्थ हो जानेकी वजह से अभियुक्त कुछ किश्तें अदा नहीं <नाम> पाया तत्पश्चात अभियुक्त द्वारा बैंक की धनराशि अदा <नाम> बैंक के दोनों <नाम> एकाउंट बंद <नाम> दिये गये तथा वर्तमानसमय में अभियुक्त <नाम> बैंक की कोई धनराशि बकाया नहीं है। अभियुक्त की तरफ से Bail Application/34/2021 -Najaf Abbas Rejavi Vs. UP Stateउसके पुत्र की चिकित्सा के सम्बन्ध में टाटा मेमोरियल सेंटर <नाम> का चिकित्सीयप्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया गया है। अभिकथित अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारापरीक्षणीय है। अभियुक्त का काई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 16.10.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्र है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2470_202008-09-20202855 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की माँ <नाम> <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को झूंठाफंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त से चोरी से सम्बन्धितकोई अन्य बरामदगी नहीं हुयी है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतःआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के घर चोरी की गयी हैतथा अभियुक्त के पास से चोरी के रुपये बरामद हुये हैं। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियाजाये । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादिनी <नाम> <नाम> द्वारा थानाएत्माददौला <नाम> एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 12 ,/13.08.2020 को2बजे रात वह अपने घर <नाम> सो रही थी कि उसके घर में अज्ञात चोर आये और तोड़िया,एक मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> व 90,900,/- रुपये चोरी करके ले गये। उसकाउपरोक्त सामान व पैसा घर के अन्दर आलमारी में रखा था। उसके wert Prac a बच्चों के हार पीतल के थे। उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना एत्माददौला <नाम> मु0अ0सं0 2648 / 2020 अन्तर्गत <नाम> 380 भा0दं0सं0 पंजीकृत हुआ। दिनांक 18.08.2020 GT उ0नि0 <नाम> <नाम> खोखर मय हमराह द्वारा अभियुक्त को पकड़े जाने <नाम> उसके पास से4हजार रुपये बरामद हुये, जिसके आधार <नाम> मुकदमे में <नाम> 411 भा०दं0सं0 कीबढ़ोत्तरी की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्क सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से we है कि आवेदक /अभियुक्त से4,000 /- रुपयों की बरामदगी हुयी है किन्तु घटना से सम्बन्धित चोरी की किसी बस्तु कीबरामदगी नहीं हुयी है। आवेदक /अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं बतायागया है तथा दिनांक 20.08.2020 से कारागार में निरुद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_296_202027-01-20201786 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्तके पिता त्रिलोकी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारपाण्डेय, प्रभारी निरीक्षक, थाना बाह जिला <नाम> ने दिनांक 04.11.2019 को 20-11 बजेथाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण लक्ष्मनउफ खुट्टी, <नाम> <नाम> उफ सूरा व <नाम> <नाम> एक सुसंगठित गिरोह बनाकरसामूहिक <नाम> से लूट जैसे व पुलिस <नाम> हमला करने जैसे जघन्य अपराध कारित करते हैं। उक्त गैंग का गैंग लीडर लक्ष्मन उर्फ खुट्टी उपरोक्त स्वयं है। अभियुक्तगण अवैधधनोपार्जन करते हुये भा.द.वि. के अध्याय 16 व 17 में वर्णित अपराधों में लिप्त हैं। उक्तगिरोह के भय व आतंक से <नाम> का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध रिपोर्ट लिखाने व गवाहीदेने का सहसा तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारणअधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामला दर्शाया गया है, उसमें उसका जमानत प्रार्थना पत्र विचाराधीन है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 23.05.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध अ.सं.171/19 धारा-393 भा.द.स. 2 थाना-बाह, जिला <नाम> का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में एक उपरोक्त मामलादर्शाया गया है, जिसमें उसके विरूद्ध लूट का प्रयत्न करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र में कहा गया है कि गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामले में उसका जमानत प्रार्थना पत्रविचाराधीन है, यानि उक्त मामले में <नाम> <नाम> आवेदक / अभियुक्त की जमानत भी स्वीकारनहीं हुई है। आवेदक /अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर लूट का प्रयत्न करनेका आरोप है। आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाया गया मुकदमा, उसकी प्रकृतिएवं उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत पररहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_479_202026-02-2020508 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"चूँकि दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एक हीअपराध संख्या एवं एक ही घटना से सम्बन्धित है, अतः दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों कानिस्तारण एक ही आदेश द्वारा किया जा रहा है। (2)जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण क पैरोकार काशीराम ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया कु0 <नाम> द्वारा दिनांक 30.01.2020को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गईं कि दिनांक 29.01.2020 को समय करीब 8.30 बजे <नाम> उसके घर के दरवाजे <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> शार््ति आकरगन्दी गन्दी गालियाँ देने लगे, जब उसने गाली देने से <नाम> किया तो उसके साथलात घूसों व थप्पड़ों से मारपीट की, जब उसके पिताजी इमरतीलाल व मा <नाम> <नाम> <नाम> बचाने आये तो <नाम> <नाम> <नाम> ने उनको लात घूसों व लोहे की राड से बुरी तरह से मारा पीटा जिससे दोनों बेहोश होकर जमीन <नाम> गिर गये तथा उनकेसिर व शरीर में काफी चोटें आई है, जिनका इलाज जे0के0हाँस्पीटल में चल रहा हैतथा <नाम> भी बेहोशी की हालत में है। ",
"वादिया की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> एवं <नाम> शान्ति के विरूद्व थाना एत्माद्दौला <नाम> मु०अ०सं0 ७4,2020 <नाम> 308, ३23, 504 भा०द0सं0 मेंप्राथमिकी आँकित की गई। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है, उनके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है, अभियुक्तगण को इस मामले में झूठाँ फॅसाया गया है। यह भी कथन किया गया कि प्राथमिकी मेंअभियुक्तगण की कोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में नहीं बताई गई है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। वास्तविकता यह है कि अभियुक्तगण एवं उसका परिवार वादी, जो कि एक ठेकेदार है,के यहाँ सटरिंग व लैंटर का <नाम> करते है तथा अभियुक्तगण एवं उसके परिवार की मजदूरी के लगभग 20 हजार रूपये वादी <नाम> हो गये थे, जिनको वादी नहीं <नाम> रहा था,इसलिए अभियुक्तगण ने <नाम> करना बन्द <नाम> <नाम> गया था। तथाकथित घटना केदिनांक को सटरिंग लगाते समय, सटरिंग के गिर जाने से आहत के चोटें आ गईं थी,जिसका फायदा उठाते हुए वादिया द्वारा पुलिस से सांठ-गांठ <नाम> यह प्राइवेट सी.टी.स्कैन कराकर झूंठी प्राथमिकी <नाम> कराई गई है। <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 17.02.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तगण काकेस <नाम> अभियुक्त के केस के समान है। अभियुक्तगण दिनांक 31.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। (3)जमानत प्राथना पत्र स0: 478 एव 479 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 478 एवं 479 / 2020विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 17.02.2020 को गुण दोष के आधार <नाम> स्वीकार की जा चुकी हैं, अभियुक्तगण का केस <नाम> अभियुक्तके केस के समान है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगणके साथ मिलकर वादिया एवं उसके पिता व माँ के साथ गाली गलौज करते हुए लात घूसों व लोहे की रॉड से मारपीट <नाम> चोटें पहुँचाये जाने का आरोप है। ",
"आहत इमरतीलाल की सी.टीस्कैन रिपोर्ट के अनुसार आहत के सिर मेंmultiple fractures in B/L anterior frontal & parietal bones with smalldepresssd fragment in LT. anterior frontal region fractures <नाम> बतायागया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तर्को को सुना तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया । ",
"प्राथमिकी के अनुसार अभियुक्तगण एवं <नाम> अभियुक्तगण के द्वारा वादिया एवं उसके पिता इमरतीलाल व माँ <नाम> <नाम> <नाम> के साथ लात घूसों व लोहे की राड से बुरी तरह से मारा पीट किया <नाम> जिससे दोनों का बेहोश होकर जमीन <नाम> गिर <नाम> तथा उनके सिर व शरीर में काफी चोटें <नाम> बताया गया है जबकि केस डायरीके अवलोकन से विदित होता है कि विवेचक द्वारा किसी भी आहत की कोईचिकित्सीय रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है केवल आहतों की सी.टी.स्कैन रिपोर्ट प्रस्तुतकी गई है जिसमें आहत <नाम> के कोई बोन इन्जरी <नाम> दर्शित नहीं है तथा यह सी.टी.स्कैन रिपोर्ट भी प्राइवेट कराया <नाम> दर्शित है। अभियुक्तगण के विद्वानअधिवक्ता द्वारा मुख्य आधार यह लिया गया है कि उनके एवं उसके परिवार के लोगों के सटरिंग की मजदूरी के लगभग 20 हजार रूपये आहत इमरतीलाल <नाम> थे, जो कि आहत नहीं <नाम> रहा था, जिसके <नाम> उनके द्वारा आहत के साथ <नाम> करना छोड़दिया था जिस <नाम> आहत स्वंय ही सटरिंग लगा रहा था तथा सटरिंग गिर जाने सेआहत के चोटें आ गई एवं मजदूरी के रूपये <नाम> देने के लिए आहत द्वारा प्राइवेट सी.टी.स्कैन कराकर यह झूंठी रिपोर्ट कराई गई है, अभियुक्तगण के इन तर्को को कोईउचित स्पष्टीकरण अभियोजन पक्ष द्वारा नहीं <नाम> गया है तथा <नाम> ही किसी भी आहतकी कोई प्रारम्भिक चिकित्सीय रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। प्राथमिकी में अभियुक्तगण की (4)कोई स्पष्ट <नाम> उक्त अपराध कारित किए जाने के सम्बन्ध में इस स्तर <नाम> दर्शितनहीं है तथा कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। इस प्रकरणमें विवेचना पूर्ण <नाम> आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। यह तथ्य अविवादित है कि <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 17.02.2020 को गुण दोषके आधार <नाम> स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्तगण दिनांक 31.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1560_202109-03-20211310 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> <नाम> पत्नी बबलू उर्फराजू जैड द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त कीपत्नी है तथा पैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसीअन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्रविचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी दिनांक 22.11.2020 कोसमय करीब 01:17 ए0एम0 <नाम> उसके जो कि <नाम> विहार कॉलोनी म0नं0 152-एकलवारी में चोरों द्वारा कुछ जेवरात, 20000 ,//- कैश, एक मोबाइल फोन एवं अन्यघरेलू सामान एवं जरूरी कागजात चोरी <नाम> लिये गये हैं। उस समय मैं अपने दूसरेघर परिवार सहित गया हुआ था, जिसके फलस्वरूप घर में कोई मौजूद नहीं था। इससम्बन्ध में उचित कार्यवाही करने की <नाम> करें । @) Bail Application No. 1560/2021 -Raju Z Vs. UP Stateआवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी ,// अभियुक्त निर्दोष एवंनिरअपराध हैं। पुलिस द्वारा झूंठी बरामदगी दर्शायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी सेदर्ज करायी गयी है। देरी का कोई <नाम> स्पष्ट नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है और <नाम> ही अभियुक्त द्वारा उक्त घटना को करते हुये <नाम> गया है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त को पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिए प्रार्थी को 3 <नाम> पहले घरसे उठाकर थाने ले आयी, उसके <नाम> प्रार्थी को <नाम> के समय थाने से गाड़ी मेंबैठाकर एकान्त खेतों में ले जाकर प्रार्थी के पैर में गोली मार दी और थाने <नाम> लाकरउक्त मुकदमें में झूंठा फंसा दिया। प्रार्थी / अभियुक्त खेती बाड़ी करने वाला व्यक्ति हैतथा उससे अपना व अपने परिवार का पालन पोषण <नाम> रहा है। प्रर्थी का परिवार उसपर ही अश्रित है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 31.12.2020 से जिला कारागार <नाम> मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। इन्हीं आधारों परजमानत दिये जाने की <नाम> की जाती है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त को पुलिसद्वारा <नाम> अभियुक्तगण के साथ मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त पास सेतमंचा, कारतूस व 21000 /- रूपये बरामद हुये हैं। अभियुक्त तथा <नाम> अभियुक्तगणकी निशानदेही <नाम> पुलिस द्वारा <नाम> बरामद किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अभियुक्त शातिर किस्म का व्यक्ति हैं, पुन: इस प्रकार के अपराध में सम्मिलित होनेकी <नाम> है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। यह कहते हुए जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्कों को सुना। केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी / अभियुक्तअभियुक्त के पास से तमंचा 315 बोर, 2 कारतूस व 21000 /- रूपये बरामद होनाकहा गया है। अभियुक्त तथा <नाम> अभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> पुलिस द्वारा किराये के मकान से <नाम> बरामद होना कहा गया है। अभियुक्त को उसके जुर्म इकबालियाबयान के आधार <नाम> प्रकरण में नामित किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात मेंदर्ज करायी गयी है। घटना एवं बरामदगी का कोई स्वंत्रत <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त का जोआपराधिक इतिहास बताया गया है, वह सभी मामले इसी फर्द के आधार <नाम> अंकितकिये गये हैं परन्तु अभियुक्त को किसी भी मामले में दोषसिद्ध किये जाने का कोईप्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है, वर्तमान में सभी मामलेविचाराधीन बताये गये हैं। प्रार्थी ,/ अभियुक्त को दिनांक 31.12.2020 से जिला कारावास, (3)Bail Application No. 1560/2021 -Raju Z Vs. UP Stateआगरा में निरूद्ध है। अभियुक्त मामले में झूंठा फंसाना <नाम> है तथा किसी भी प्रकारकी बरामदगी से इंकार करता है। मामले में विवेचना उपरान्त आरोप पत्र आ चुका है। विचारण में समय लगना सम्भाव्य है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_542_202129-01-20213101 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में आवेदक » अभियुक्त द्वारा स्वयंका शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है कि जिसमें यह वर्णित है किआवेदक / अभियुक्त का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईअग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी एम.अरून्मोली द्वारा थाना हाजा <नाम> तहरीर इस आशय की प्रस्तुत की कि उपरोक्तविषयक जिला बेसिक <नाम> <नाम> <नाम> के पत्रांक 16664-67 / 2019-20दिनांक 22.01.2020 का सन्दर्भ ग्रहण करें, जिसके द्वारा अधोहस्ताक्षरी को फर्जीअभिलेखों से नियुक्ति पाए जाने का <नाम> मानते हुये <नाम> महेन्द्र सिंह,स0आ0 एवं <नाम> विमलेश <नाम> स0अ0 पू0मा0वि0 रामगढ <नाम> खण्ड,फतेहाबाद, <नाम> के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश प्राप्त हुये हैं। ",
"उक्त के कम अवगत कराना है कि जिला बेसिक <नाम> <नाम> <नाम> केआदेश संख्या--60 / 2018--19 दिनांक 18.02.2019 (पृष्ठांकनसंख्या-15852--56 / 2018-19 fe. 18.12.2019) H at wl महेन्द्र <नाम> स0अ0पू0मा0वि0 / प्राएवि0, रामगढ <नाम> खण्ड फतेहाबाद की जॉचोपरान्त नियुक्तिअवैध मानते हुये <नाम> <नाम> की कार्यवाही की गई है। अतः दोनों फर्जीशिक्षक के <नाम> <नाम> आदेश आपको इस आशय से प्रेषित किये जा रहे हैंकि <नाम> <नाम> आदेश में दिये गये निर्देशों के अनुकम में दोनों के विरूद्धसुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने का pre He । -2-उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 25.01.2020 को अभियुक्तगण महेन्द्र सिंहव <नाम> विमलेश <नाम> के विरूद्ध अपराध संख्या-03,/ 2020 परधारा-419, 420, 467, 468, 471 भा0द0सं० का अभियोग थाना निबोहरा, आगरापर पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त प्राथमिक विद्यालय में 17.05.1999 में बतौर सहायकअध्यापक नियुक्त हुआ था, अपना सम्पूर्ण सेवाकाल समाप्त करके दिनांक 31.03.2019 को सेवानिवृत्त हो चुका है और उक्त मामले की प्रथम सूचना रिपोर्टदिनांक 25.01.2020 को दर्ज करायी गयी है। कथित <नाम> कुलनश्रेष्ठ केशिकायती प्रार्थना पत्र <नाम> उसके विरूद्ध फर्जी अभिलेखों के आधार <नाम> नियुक्तिपाये जाने के मामले में आधी अधूरी गलत व असत्य आधारों <नाम> कथितशिकायतकर्ती के पक्ष में कथित जॉच को पूर्ण दर्शाते हुये दिनांक 18.02.2019को जिला बेसिक <नाम> <नाम> <नाम> के द्वारा तत्काल प्रभाव से <नाम> सेबर्खास्तगी का आदेश पारित किया गया है। उपरोक्त बर्खास्तगी आदेश केविरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में याचिका 4461 / 2019 दायर की,जिसमें शिक्षाधिकारी <नाम> के द्वारा पारित आदेश दिनांक 18.02.2019 काआपरेशन अग्रिम आदेश <नाम> दिनांक 05.04.2019 को स्थगित <नाम> <नाम> गयाहै,, उक्त याचिका <नाम> <नाम> निस्तारित नहीं हुई है। आवेदक » अभियुक्त नेसेवानिवृत्ति के उपरान्त अपने अवशेष देय भुगतान के लिये आवेदन किया तोदेय का भुगतान <नाम> करने के उद्देश्य से गलत व असत्य आधारों <नाम> vad मामला दर्ज <नाम> <नाम> गया है। अतः अग्रिम जमानत <नाम> छोडे जाने की याचनाकी गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये आवेदक/अभियुकत को शिक्षाविभाग द्वारा की गयी जॉच में फर्जी पाया गया है तथा बेसिक शिक्षाअधिकारी द्वारा उसकी बर्खास्तगी आदेश खण्ड शिक्षाधिकारी, फतेहाबाद केमाध्यम से थाना निबोहरा को प्राप्त हुआ है। आवेदक / अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक /» अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थितविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध प्रपत्रोंका अवलोकन किया। 3.प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार आवेदक »/ अभियुक्त <नाम> फर्जी अभिलेखोंके आधार <नाम> नियुक्ति पाने का आरोप है। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई के समय अभियोजन की ओर से केसडायरी प्रस्तुत की गयी है, जिसके अवलोकन से विदित होता है कि चित्राकुलश्रेष्ठ द्वारा फर्जी अभिलेखों के आधार <नाम> नियुक्ति पाये जाने की, की गयीशिकायत <नाम> जॉच में लगाये गये आरोप सिद्ध होने <नाम> जिला बेसिक शिक्षाअधिकारी, <नाम> द्वारा खण्ड <नाम> <नाम> फतेहाबाद को प्राथमिकी दर्जकराने <नाम> पत्र प्रेषित किया गया है। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से प्रकट होता है किआवेदक /» अभियुक्त के द्वारा जिला बेसिक <नाम> <नाम> , <नाम> द्वारा कीगयी जॉच में आवेदक अभियुक्त की नियुक्ति फर्जी पायी गयी है, जिसकेसम्बन्ध में खण्ड <नाम> <नाम> फतेहाबाद, <नाम> कं द्वाराआवेदक /» अभियुक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। प्रथमसूचना रिपोर्ट के अवलोकन से यह भी विदित होता है कि आवेदक » अभियुक्तप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र के अवलोकनसे यह प्रतीत होता है कि आवेदक /अभियुक्त के विरूद्ध विवेचना प्रचलित है। प्रथम दृष्टया यह समाधान होने का कोई आधार नहीं है कि रिपोर्टअसद्भावी <नाम> से दर्ज कराई गई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट से यह भी प्रकटनहीं होता है कि आवेदक / अभियुक्त को केवल परेशान करने अथवा अपमानित करने एवं देयको का भुगतान <नाम> करने के उद्देश्य से सूचना दर्ज कराई गईहो। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3727_202011-11-20201145 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> पत्नी <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथन है किउसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 22.10.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोईप्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किवादी <नाम> <नाम> दिनांक 22.10.2020 को बैंक ऑफ बड़ोदा से 25 हजार रूपये अपने इलाजके लिए निकाल <नाम> सूरसदन तिराहे से ई रिक्सा पकड़ <नाम> जा रहा था, तभी एक लड़कासूरसदन तिराहे से थोड़ा आगे आकर ई रिक्सा में वादी के पास आकर बैठ गया। थोड़ी दूरसांई मन्दिर के पास ई रिक्सा वाले ने सवारी उतारने के लिए रिक्सा रोका तो वादी के पासबैठा लड़का वादी की जेब से 20 हजार रूपये निकाल <नाम> भागा। वादी ने शोर मचाया तोपब्लिक के कुछ लोगों ने वादी के साथ उसका पीछा किया। कुछ दूरी <नाम> जाकर समय1:30 बजे उस लड़के को पकड़ लिया। भीड़ को देखकर दो पुलिसवाले आये और उसलड़के से नाम पूछा तो उसने अपना नाम सिकदर पुत्र <नाम> निवासी करहल मैनपुरीबताया। उसके पास वादी के 20 हजार रूपये मिले । वादी दोनों सिपाही अवधेश व <नाम> के Bail Application/9951/2020 —Sikandar Vs. UP State 2सथ उस लड़के को थाने लाया तथा रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> का रहने वाला है। वहआगरा <नाम> को दिखाने आया था और ई रिक्सा में ही बैठा हुआ था। उक्त घटना कोकिसी अन्य व्यक्ति के द्वारा किया गया था तथा कूद <नाम> भाग गया था। वादी द्वाराप्रार्थी/ अभियुक्त को पकड़ <नाम> पुलिस को सौंप <नाम> गया। प्रार्थी/अभियुक्त को प्रथमसूचना रिपोर्ट में झूंठा नामजद किया गया है। पुलिस द्वारा अपना गुडवर्क दिखाने के लिएप्रार्थी / अभियुक्त को झूंठा फसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त पूर्व में सजायाफ्ता नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 03.11.2020 को अवर न्यायालय द्वारा निरस्तकिया जा चुका है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसडायरी का परिशीलन किया । प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त दिनांक 22.10.2020 से न्यायिकअभिरक्षा में हैं। अभिकथित अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्त के पूर्व दोष सिद्धिका कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4019_201906-08-2019965 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में हैं। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> चन्द्र <नाम> द्वारा थाना सिकन्दरा जिला <नाम> में दिनॉक-28.03.2019 को समय करीव 14.09 बजे इसआशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि वह और उसकी पत्नी विनीतारावत निवासी 2ए जे0आर0रायल विला सिकन्दरा <नाम> गुरगांवा गये हुए थे। घरपर कोई नहीं था उसके पीछे 27 <नाम> की रात उसके घर <नाम> चोरी की बारदात हुईहै जिसमें उसका निम्न सामान चोरी गया है। 1. 10-12 तोला सोने के जेबरात 2.बीस हजार रुपये उसकी रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> करें। ",
"वादी की उक्त रिपोर्ट के आधार <नाम> अज्ञात के विरूद्ध थाना सिकन्दरा परमु0अ0सं0 232/2019 <नाम> 380, भा.द.सं.में प्राथमिकी दर्ज की गई । दौरान विवेचना आवेदक अभियुक्त को दिनांक 03.06.209 को पुलिस द्वारापकड़े जाने <नाम> जीतू उफ जीतेन्द्र के पास से 17,700/रु0 एक पीली धातु की व दोजोड़ी <नाम> सफेद धातु की चूड़ी पीली धातु की तीन सिक्के सफेद <नाम> धातु के वएक मोबाईल सेमसंग बरामद हुआ जिसके आधार <नाम> अभियुक्त का नाम <नाम> मेंआया और <नाम> 457, 411 भा.द.सं की बढोतरी की गयी। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी /अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में झूँठा फसाया गया है उसने कोई अपराधनही किया है वह प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नही है और <नाम> ही घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> है। उससे मुकदमें का कोई भी <नाम> बरामद नही हुआ है। <नाम> अभियुक्त की जमानत दिनॉक 20.06.2019 को हो चुकी है। प्रार्थी/अभियुक्त का केसभी <नाम> अभियुक्त के समान है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व सजायाफता नही है और <नाम> हीहिस्ट्रीशीटर हैं <नाम> ही <नाम> की कोई शिनाख्त करायी गयी है। अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीहै। अभियुक्त दिनॉक-03.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाये। ",
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवकता \"फौ0' द्वारा जमानत का विरोध कियागया तथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी के घर से जेवरात एवं नकदी चोरी की गयी है तथा चोरी का <नाम> उसके कब्जे से बरामद हुआ है। अभियुक्त द्वाराकारित अपराध गभीर प्रकृती का है। अत' अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जाए। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त का जमानत्रार्थनापत्र विशेष मुख्य न्यायिक मजि0, <नाम> क द्वारा दिनॉक-17.07.2019 कोनिरस्त किया गया है। ",
"मैंने अभियुक्त के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान् ए.डी.जी.सी. को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि घटना दिनॉक 27.03.2019 केसम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना सिकन्दरा <नाम> में दिनॉक-28.03.2019 को समय 14.09 बजे अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। कथित बरामदगी घटना के तीनमाह <नाम> दिनाॉक-03.06.2019 दर्शायी गयी है लेकिन बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नही है। प्रकरण मजिस्टेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। <नाम> अभियुक्तविष्णु की जमानत पूर्व में स्वीकार हो चुकी है। अभियुक्त दिनॉक 03.06.2019 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3815_202001-12-2020838 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में देवीसिंह ने शपथ पत्र प्रस्तुत कियाहै। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 08.10.2020को वादी मुकदमा उप निरीक्षक जनमेद <नाम> व अन्य पुलिस कर्मचारीगण थानाकागारौल से बिनावर प्रार्थना पत्र <नाम> राजवती <नाम> क द्वारा लगाये गये आरोपोंकी जांच करने दिनांक 07.10.2020 को समय 14.00 बजे ग्राम गहर्रा में आये। जांचसे पता चला कि प्रथम पक्ष के <नाम> <नाम> घनश्याम, योगेन्द्र <नाम> <नाम> फौजी,जुगल <नाम> वीरेन्द्र <नाम> बच्चू <नाम> <नाम> <नाम> ढकेली, <नाम> व चार-पांच अन्यअज्ञात महिला-पुरूष एवं द्वितीय पक्ष के हजारी <नाम> योगेन्द्र, पुष्पेन्द्र, हाकिम सिंह,कु० <नाम> <नाम> राजवती, भीकम <नाम> <नाम> भगवान <नाम> उर्फ भग्गो एवं 5-6अन्य नाम पता अज्ञात में पुरानी रंजिश व पूर्व मुकदमेंबाजी को लेकर ग्राम गहर्रा खुर्दमें कहा सुनी हुई और फिर दोनों पक्ष एक <नाम> होकर अपने-अपने हाथों में लाठीडन्डा, सरिया व अन्य प्राणघातक हथियार लेकर एक दूसरे से मारपीट एवं पत्थरबाजीकरते हुए खारी नदी के पास दोनों पक्षों द्वारा उपद्रव करते हुए दंगा फसाद कियागया। घटना में दोनों पक्षों के कुछ लोगों को चोटें आयी हैं। घटना से गांव में अफरातफरी का माहौल, लोगों में भय व्याप्त हुआ और अपने-अपने मकानों के गेट बन्दकर लिए। गांव के लोग काफी डरे सहमें हैं, महिलायें व बच्चे अपने घरों से नहीनिकल रहे हैं। घायलों का दिनांक 07.10.2020 को मजरूबी चिट्ठी देकर अस्पतालभेजकर उपचार <नाम> <नाम> गया है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/ शपथपत्र में कहा गया है कि्रार्थी/ अभियुक्त उपरोक्त अपराध में प््रार्थी/अभियुक्त पूर्णतः निर्दोष है। Bail Application /10142/2020 —-Loka @ Lokendra Vs. UP State2प्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। प््रार्थी/अभियुक्त को मात्रपार्टीबन्दी एवं रंजिश के <नाम> झूठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अंकिततथ्य असत्य हैं। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावाकिसी भी न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में <नाम> तो प्रस्तुत किया गया है, नही विचाराधीन है। प्रार्थी/अभियुक्त का अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र सं0-474 / 2020विजय <नाम> आदि थाना कागारौल में उपरोक्त अपराध में न्यायालय में सुनवाई हेतुलम्बित है। अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र लंबित रहने के दौरान ही प्रार्थी/ अभियुक्त कोथाना कागारौल पुलिस ने दिनांक 10.11.2020 को गिरफूतार <नाम> जेल भेज <नाम> है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 10.11.2020 से जेल में निरूद्ध है। सही तथ्य यह है किदिनांक 07.10.2020 को प्रार्थी/अभियुक्त की मा व पिता चामण <नाम> <नाम> पूजाकरके घर वापस आ रहे थे, तो रास्ते में खारी नदी के पास विपक्षीगण ने एक रायहोकर <नाम> से मारने की नीयत से अपने हाथों में लिये लाठी-डण्डा, सरिया, वफरसा व कट्टा से प्रार्थी/ अभियुक्त वउसके पिता व मॉ व <नाम> के साथ मारपीटकी। लोगों के आ जाने से ये लोग <नाम> से मारने की धमकी देकर भाग ये। चुटैलको लेकर थाना कागारौल गये तो हमारी रिपोर्ट दर्ज नहीं। प्रथम सूचना रिपोर्ट केअनुसार दोनों पक्षों को उपरोक्त अपराध में अभियुक्त बनाया गया है। इन्हीं आधारोपर प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> प्रस्तुतकरते हुए कहा गया कि घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस द्वारा दर्ज करायी गयीहै। वादी मुकदमा पुलिस उपनिरीक्षक, घटना के अगले <नाम> घटनास्थल <नाम> राजवतीक प्रार्थनापत्र <नाम> जांच करने गॉव <नाम> कहते हैं, जो यह दर्शित करता है कि घटनाघटित होने के वह <नाम> नहीं है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी कहागया कि इस प्रकरण के <नाम> अभियुक्त योगेन्द्र की मॉ राजवती द्वारा इस घटना केसंबंध में धारा-156(3) द॑0प्र०सं0 का प्रार्थनापत्र प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतुदिया गया है, उस प्रार्थनापत्र में आवेदक / अभियुक्त लोका उर्फ लोकेन्द्र का नाम घ्टना करने वाले व्यक्ति के <नाम> में नाम नहीं है, अभियुक्त घटनास्थल <नाम> हीउपस्थित नहीं था, यह बात चुटैल हजारी <नाम> की पत्नी द्वारा दायर किये गये156(3) दं0प्र0सं0 क प्रार्थनापत्र से ही दर्शित है। घटनास्थल, जहाँ की घटना होनाबताया गया है, वह ही निश्चित नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त के पक्ष से तीन लोगोंको अनेकां गम्भीर चोटें आयीं हैं। अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्तगण द्वारा पुरानी रंजिश को लेकर एक दूसरे <नाम> लाठी-डण्डो व ईट-पत्थरोंसे हमला किया गया, जिसमें दोनों पक्षों के लोगों को काफी चोटें आयीं है। प्रकरणकी पुलिस उपनिरीक्षक द्वारा दोनों ही पक्षों के विरूद्ध एक ही प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी है। अभियुक्तगण द्वारा किया गया अपराध गंभीर <नाम> का है। विद्वान सहाय जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहागया कि जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प््रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ",
"यह दाण्डिक अभियोग, पुलिस उपनिरीक्षक द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज कराये जाने के साथ शुरू हुआ। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वादी मुकदमाउपनिरीक्षक जनमेद <नाम> द्वारा दिनांक 08.10.2020 को हजारी <नाम> की पत्नीराजवती के प्रार्थनापत्र <नाम> जांच करने गॉव में <नाम> कहा गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट में ही दिनांक 07.10.2020 को समय 2.00 बजे दोनों पक्षों के नामित व अज्ञात Bail Application/10142/2020 —-Loka @ Lokendra Vs. UP State3लोगों के विरूद्ध कहा-सुनी होने <नाम> एक-दूसरे <नाम> मारपीट करना व पत्थरवाजीकरते हुए हमला करना कहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में एक पक्ष के 9 व 4-5अज्ञात महिला पुरूष तथा दूसरे पक्ष के भी 9 व 5-6 अज्ञात महिला पुरूष के मध्यमारपीट व झगड़ा होना कहा गया है। प्रकरण में दोनों ही पक्षों को चोटें <नाम> कहागया है, एक पक्ष के हजारी <नाम> को व दूसरे पक्ष के <नाम> <नाम> बच्चू <नाम> व रामढकेली को चोटें <नाम> दर्शित है। प्रकरण के दोनों पक्ष के चुटैल का चिकित्सीयपरीक्षण दिनांक 07.10.2020 को ही जिला चिकित्सालय, <नाम> में हुआ है। एक पक्षके एक तथा दूसरे पक्ष के तीन व्यक्ति घटना क चुटैल हैं, दोनों ही पक्षों के चुटैलके सिर में चोटें <नाम> चिकित्सीय प्रमाण पत्र में <नाम> है। दोनों ही पक्षों द्वाराएक-दूसरे <नाम> घटना के विषय में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने <नाम> धारा-156(3)का प्रार्थनापत्र <नाम> गया है। धारा-156(3) दं0प्रoसं0 का प्रार्थनापत्र, जो चुटैल हजारीसिंह की पत्नी राजवती द्वारा <नाम> गया है, उसमें आवेदक / अभियुक्त लोका उफलोकेन्द्र का नाम घटना करने वालों में दर्शित नहीं है। अभियुक्त दिनांक 10.11.2020से जेल में निरूद्ध है। मारपीट की शुरूआत किस पक्ष के द्वारा की गयी, का आकलनविचारण के दौरान ही किया जा सकता है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2481_202023-09-20202537 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त बन्टी के चाचा खुशाल <नाम> की ओरसे शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्रहै, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्शनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"आवेदकगण / अभियुक्तगण का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्तगणने कोई अपराध कारित नहीं किया है, उनको पुलिस द्वारा झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं हैं । अभियुक्तगण की शिनाख्त नहीं करायी गयी है। <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अतःआवेदकगण / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्तगण के द्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी की कार को लूटागया है तथा लूटी हुयी कार अभियुक्तगण से बरामद हुयी है। सहअभियुक्त आसम का जमानतप्रार्थनापत्र दिनांक 29.07.2020 को खारिज किया जा चुका है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिया जाय। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा थाना सिकन्दरापर एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 23.07.2019 को दोपहर के समय वह 2अपने घर से अपनी गाडी ब्रीजा नं? यूछपी080-एफ.बी.-7407 रंग <नाम> से सन्नीटोयटा एनएच2 की तरफ जा रहा था। जब वह 3.20 बजे दोपहर फैक्ट्री एरिया, सिकन्दरा में लाइफ लाइन स्कूल के सामने पहुंचा तो उसके पीछे से आयी स्विफूट वी. डी.आई. कार में सवार <नाम> अज्ञात लड़कों ने उसे इशारा करके रोक लिया तथा कहनेलगे कि पीछे टक्कर मारकर आये हो, उसे तमंचा दिखाकर उसकी गाड़ी की चाबी छीनली तथा उसकी गाड़ी लेकर भाग गये। उसकी गाड़ी में उसका मोबाइल सेमसंग न॑ं0 639614444, <फ़ोन-नंबर> व गाड़ी के कागज भी थे। वादी की उक्त तहरीर के आधारपर थाना सिकन्दरा में मु0अ0सं0 642/2019 अन्तर्गत <नाम> ३92 भाएदं0सं0 पंजीकृतइुआ। उसी समय 3.00 बजे आवेदक/ अभियुक्त तथा सहअभियुक्तगण से लूट की कारबरामद होने <नाम> <नाम> 411 भा०दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तकसुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदकगण/ अभियुक्तगणद्वारा सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी की ब्रीजा गाड़ी की लूट की गयी है, जो उनकेसंयुक्त कब्जे से बरामद हुयी। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण एवं <नाम> अभियुक्त से लूट की गाड़ी बरामदकिये जाने की परिस्थिति में मामले के गुणदोष <नाम> चर्चा किये बगैर जमानत प्रार्थनापत्रको स्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_35_202108-01-20213889 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में इमरान जो कि अभियुक्त का भाईव पैरोकार है, का शपथपत्र दाखिल किया गया है। शपथपत्र में कहा गया है किअभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मौ० राशिद पुत्र हाजीअनवार द्वारा थाना कोतवाली <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायीगयी कि प्रार्थी घर से जूते की ट्रेडिंग का कार्य करता है। आज से लगभग 8-10दिन पहले से प्रार्थी का पड़ोसी आदिल उर्फ दबंग पुत्र शराफत निवासी 5/63टीला गज <नाम> नाला हींग की मण्डी <नाम> आकर मेरे कमरे के पास बैठ जाताथा। तभी से मेरे कमरे से जूते की जोड़िया चोरी होने लगी। दिनांक 25.12.2020को <नाम> में आदिल कमरे से जूते उठाकर ले जा रहा था जिसे मेरे भतीजे इमरानने ले जाते देखा। कमरे में कोई नहीं था। मेरी भतीजे ने यह खबर मुझे दी तो मैंनेमेरे <नाम> ने उसका पीछा किया तो हम लोगों ने आदिल को 8 जोड़ी जूते मयडिब्बों क॑ भटदूरे वाली गली में पकड़ लिया। इसे लेकर मय सामान के थानाकोतवाली आये हैं। रिपार्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही करे। मुझे आशंका है किआदिल द्वारा पूर्व में भी मेरे कमरे से जूते चोरी किये हैं। मेरे जूते के डिब्बे <नाम> 51'1,८5५ व जूते <नाम> भी यही 57'»1,८5५ लिखा है। ",
"वादी की उक्त तहरीर क॑ आधार <नाम> थाना कोतवाली <नाम> आदिल उर्फ दबंगके विरूद्ध मुएअ0सं० 119 // 2020 <नाम> 379,411 भा०द0सं0 के अन्तर्गत प्राथमिकीदर्ज की गयी। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अभियुक्त को झूठाफंसाया गया है। वह निर्दोष है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। वादी द्वाराप्रथम सूचना रिपोर्ट कथित घटना के एक <नाम> <नाम> दर्ज करायी गयी है और देरीका कोई स्पष्टीकरण भी नहीं <नाम> गया है। वादी ने पुलिस से सांठ गांठ <नाम> Bail Application/ 40/2021 -Aadil @ Dabang Vs. UP State 2अभियुक्त को झूठा फंसाया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियुक्त दिनांक 26-12-2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। उक्तआधारों <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये यह कथनकिया गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी के घर से जूते की जोड़िया चोरी की गयीहै जो कि उसके कब्जे से बरामद भी हुयी है। मामला चोरी व बरामदगी का है। ऐसी स्थिति में अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र को निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहा0 जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) के कथनों को सुना तथा पुलिस प्रपत्रों व केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"अभियोजन के प्रपत्रों के अनुसार वर्तमान मामले में वादी मुकदमा मौहम्मदराशिद द्वारा अभियुक्त आदिल उर्फ दबंग के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट थानाकोतवाली <नाम> <नाम> 379,411 भा0द0सं0 के अन्तर्गत पंजीकृत करायी गयी है औरस्वयं अपने <नाम> की मदद से अभियुक्त के कब्जे से अपने घर से चुराये गये 8जोड़ी जूते मय डिब्बो के बरामद करना बताया है। उक्त घटना का कोई स्वतन्त्रसाक्षी नहीं है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। वर्तमान मामले में अभियुक्त26-12-2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त विचारण केदौरान न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने <नाम> अपनी पर्याप्त जमानत देने कोतैयार हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_84_202013-01-20202330 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि 26.12.2019 को उपनिरीक्षकरविन्दर <नाम> एवं अन्य पुलिस कर्मचारीगण द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> दो व्यक्तियोंको पकड़ा गया। उनमें से एक ने अपना नाम प्रेमचन्द्र तथा दूसरे ने अपना नाम वीरूबताया । अभियुक्त प्रेमचन्द्र की जामातलाशी <नाम> 115 ग्राम अल्प्राजोलाम नशीलापाउडर तथा चोरी के दो मोबाइल फोन बरामद किये गये। मौके <नाम> ही <नाम> को सर्वमुहर किया गया तथा फर्द बरामदगी तैयार की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त का कथन है कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसेझूठा फसाया गया है। उसके पास से कोई नशीला पाउडर बरामद नहीं हुआ है। जनता का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। <नाम> 50 एन0डी0पी0एस० अधिनियम केप्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया है। अभियुक्त अपनी बहन के घर जा रहा था,तभी बल्केशवर पुलिस ने पूछताछ का बहाना <नाम> थाना न्यू <नाम> <नाम> बैठा लिया। ",
"आवेदक / अभियुक्त दिनांक 27.11.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि आवेदक / अभियुक्तके कब्जे से 115 ग्राम अल्प्राजोलाम नशीला पाउडर बरामद किया गया है। यदिआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> गया तो उसके पुनः अपराध में संलिप्त होने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । "
],
"judge-opinion": [
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ०) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी का अवलोकन किया । आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से वाणिज्यक <नाम> से भी अधिक 115 ग्राम अल्प्राजोलाम नशीला पदार्थ अवैध <नाम> से बरामद होना कहा गया है। <नाम> 37एन0डी०पी0एस0 अधिनियम के अर्न्तगत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधार नहींहैं कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्तनहीं होगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2968_202007-10-20202109 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> आसिफ का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता एवेअभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र एवं अन्यसामग्री का सम्यक परिशीलन किया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता का कथनहै कि आवेदक / अभियुक्त को उक्त केस में परेशान करने <नाम> झूँठा फंसायागया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा किसी घटना को अंजाम नहीं <नाम> गयाहै। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई नशीली वस्तु बरामद नहीं हुईहै। घटना व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रा0पत्र के साथ संलग्नशपथपत्र में दिये गये तथ्यों के आधार <नाम> आवेदक/ अभियुक्त को जमानत 2पर छोड़ा <नाम> उचित होगा। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.09.2020 सेजेल में निरूद्ध है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक ने आवेदन पत्र का घोर विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में अभियुक्त के पास से काफी <नाम> में नशीला पाउडर एल्प्राजोलाम बरामदहुआ है। स्वापक आषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम की <नाम> 50 तथा57 का सहमति पत्र दाखिल करके अनुपालन <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक / अभियुक्तको दिनांक 29.09.2020 को समय 2:30 बजे उपनिरीक्षक मनवीर <नाम> व अन्यपुलिस कर्मचारियों द्वारा दौरान देखरेख <नाम> व्यवस्था / चेकिंग संदिग्ध व्यक्तिव वाहन गश्त करते समय <नाम> पब्लिक स्कूल की तरफ से आने वालेरास्ते <नाम> बहद थाना सिकन्दरा, जिला <नाम> क अन्तर्गत अभियुक्त कोपकड़ा गया। पकड़े गये अभियुक्त ने अपना नाम शाहिल पुत्र सत्तार बतायातथा उसके कनब्जे से 220ग्राम एल्प्राजोलाम बरामद किया गया। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध साम्रगी से स्पष्ट है कि इस मामले मेंआवेदक / अभियुक्त के पास से 220 ग्राम नशीला पदार्थ एल्प्राजोलामबरामद होने का आरोप है, जो वाणिज्यिक <नाम> 100 ग्राम से काफीअधिक है। धारा-37 स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम कअन्तर्गत यह अवधारित करने <नाम> पर्याप्त आधार नहीं है किआवेदक / अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह पुनः अपराध में संलिप्तनहीं होगा। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4424_201916-08-2019562 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथअभियुक्त क पुत्र रामदत्त का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक व फर्द बरामदगी/ प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 01.08.2019 को एस0०ओऐ प्रशान्त <नाम> मय हमराह पुलिसकर्मचारीगणके साथ देखरेख शान्ति व्यवस्था थाना <नाम> में मामूर थे तथा जब गस्त करतेहुये रमेश <नाम> बगलघूसा के पास पहुंचे, तो <नाम> के गेट से एक आइशरकेन्टर गाडी निकल <नाम> जाती हुई दिखाई दी, सन्देह होने <नाम> पीछा किया, तोकैन्टर चालक तनिष्क रेजीडेन्सी के रास्ते <नाम> उसे छोड़कर कूद <नाम> भागने में सफल रहा। केन्टर आइशर नंबर यूके.17-सी.ए.-1137 को चैक किया गया तोगाडी में चाबी लगी थी, इस चाबी से गाडी के पिछले गेट को खोलकर देखातो अन्दर कार्टून रखे दिखाई दिये जिनके अन्दर अंग्रेजी शराब हरियाणा मार्का क्वाटर /हाफ अलग अलग पेटियों में रखे थे, गाडी को सरकारी चालक सेचलवाकर रमेश <नाम> लाये, गेट को चौकीदार से खुलवाकर <नाम> तोअन्दर एक ट्रक नंबर जी.जे.11-डब्लू-2393 खडा दिखाई <नाम> जिसे चैककिया तो हरियाणा मार्का अंग्रेजी शराब की पेटियॉ <नाम> जिनमें 11पेटी रायलस्टेग के क्वाटर प्रत्येक पेटी में 48 क्वाटर कुल 528 क्वाटर, दूसरी गाडीआशयर कैन्टर से 449 पेटियाॉँ हरियाणा मार्का अंग्रेजी शराब जिनमें 140पेटी -2-इम्पीरियल ब्लू के क्वाटर प्रत्येक पेटी में 48 क्वाटर कुल 6720 क्वाटर 243पेटी इम्पीरियल ब्लू के हाफ प्रत्येक पेटी में 24 हाफ कुल 5832 हाफ व 35 पेटी रायल स्टेग के हाफ प्रत्येक पेटी में 24 हाफ कुल 840 हाफ 31पेटी रायलस्टेग के क्वाटर प्रत्येक पेटी में 48 क्वाटर कुल 1488 क्वाटर बरामद हुये। चौकीदार रामबाबू से पूछे जाने <नाम> उसने बताया कि गोदाम के <नाम> रमेशचन्द्र <नाम> जिनको शराब की <नाम> जानकारी है, मुझे चौकीदारी के अलावाशराब की रखवाली के लिये अलग से पैसे देते थे, गाडी हारून पुत्र हसनूनिवासी ग्राम उतका थान मूंह हरियाणा भेजता था तथा रफीक पुत्र बशीरनिवासी ग्राम उकसेडी तथा पुनाहना जिला मूंह हरियाणा गाडी चलाकर लाता हैऔर यह <नाम> इन्ही दोनों का है। केन्टर आइशर नंबर यूके.17-सी.ए.-1137पर थे। अभियुक्तगण द्वारा टैक्स की चोरी <नाम> राज्य <नाम> को राजस्व कीहानि पहुंचाने की नीयत से छलकर हरियाणा से शराब की तस्करी <नाम> उत्तरप्रदेश में बिक़ी के लिये लाते हैं। बरामद शराब में से दो दो क्वाटर एक एकहाफ निकालकर अलग अलग कपडे में रखकर सिलकर सर्वे मोहर <नाम> नमूना मुहर तैयार किया गया। <नाम> <नाम> को आशयर गाडी में रखवाकर ताला बन्दकिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 01.08.2019 को अभियुक्तगण रामबाबूहारून, रफीक व रमेश के विरूद्ध अपराध संख्या-268/2019 परधारा-60/63//72 आबकारी अधिनियम व 420, 120बी भा0द0सं0 का अभियोगथाना खन्दौली, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध नहीं किया है, इलाका पुलिस ने उसे उक्त मुकदमे में झूंठा फॅसा <नाम> है, वह <नाम> तो पूर्व सजायाफूता है औरना ही उसका कोई आपराधिक इतिहास है । आज से करीव 35वर्ष पहले उक्ततथाकथित गोदाम में रमेश आयल मिल के नाम से सरसों का तेल का व्यवसायहोता था, विगत पाँच वर्षां से आयल मिल बन्द करके उसी स्थान <नाम> रमेशवाटिका मैरिज होम प्रारम्भ <नाम> <नाम> है, जिसमें शादी विवाह आदि के कार्यकमका आयोजन किया जाता है, वह 35वर्ष से इस फर्म में चौकीदारी की नौकरीकरता है। मैरिज होम में रात में डी0जे0 चलाने के संबंध में पुलिस द्वारा अवैधवसूली की मॉग की गयी, जिसका उसने विरोध किया, उसी के आधार पररजिश मानते हुये पुलिस ने इस मुकदमे में गलत <नाम> से नामजद <नाम> <नाम> है। -3-उससे कोई बरामदगी नहीं हुई है, जिस आयशर केन्टर से बरामदगी दर्शायीगयी है, वह <नाम> तो उसका चालक है और <नाम> <नाम> है और <नाम> उसने कोईअपराध किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थी व <नाम> अभियुक्तगण द्वाराधोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है, प्रार्थी द्वारा अपने लिये किसी प्रकारका <नाम> प्राप्त करने का साक्ष्य उपलब्ध नहीं है और ना ही उसके द्वारा किसीप्रकार का कोई आर्थिक <नाम> अथवा धन प्राप्त किया गया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त दिनांक 02.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त केपास से बहुत अधिक <नाम> हरियाणा मार्का शराब बरामद हुई है, जो हरियाणासे तस्करी <नाम> लायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"उपरोक्त प्रकार से उपरोक्त एक ट्रक 11पेटी जिनमें 528 रायल स्टेग केक्वाटर व एक केन््टर से 449 पेटीहरियाणा मार्का अंग्रेजी शराब जिनमें 140पेटीइम्पीरियल ब्लू के क्वाटर प्रत्येक पेटी में 48 क्वाटर कुल 6720 क्वाटर 243पेटी इम्पीरियल ब्लू के हाफ प्रत्येक पेटी में 24 हाफ कुल 5832 हाफ व 35 पेटी रायल स्टेग के हाफ प्रत्येक पेटी में 24 हाफ कुल 840 हाफ 31पेटी रायलस्टेग के क्वाटर प्रत्येक पेटी में 48 क्वाटर कुल 1488 क्वाटर बरामद होनाबताया जाता है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से यह कहा गया है कि वह रमेश वाटिकामैरिज होम में चौकीदार है, जहाँ शादी विवाह में रात में डी0जे0 चलाने केसंबंध में पुलिस द्वारा अवैध वसूली की मॉग की गयी, जिसका उसने विरोधकिया, उसी के आधार <नाम> रजिश मानते हुये पुलिस ने इस मुकदमे मेंगलत <नाम> से नामजद <नाम> <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त के पास से भारी मात्रामें अन्य प्रान्त की अंग्रेजी शराब बरामद हुई है। अतः उसका यह तक॑ किडी0जे0 बजाने के एवज में पुलिस कर्मचारीगण द्वारा रूपयों की मॉग की गयीऔर <नाम> देने <नाम> इस मामले में झूंठा फँसा <नाम> है, <नाम> जाने <नाम> नहीं है। -4-आवेदक / अभियुक्त उक्त <नाम> में चौकीदार है और उसी के अन्दर सेउपरोक्त प्रकार से भारी <नाम> में शराब की बरामदगी हुई है औरआवेदक / अभियुक्त को मौके से पकडा गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2604_201927-05-20193591 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> प्रेमशंकर काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाजितेन्द्र <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि मैं रेमीमण्ट फैस मैनेजमेंन्टमें असिसटेन्ट रिस्क मैनेजर के पद <नाम> कार्यरत हूँ। मैने दो अधीनस्थ कर्मचारी देवेन्द्रसिंह पुत्र घूरे <नाम> व <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> कम्पनी के लिये केस टैग नंबरडी152175 दिनांक 30.04.2019 को धनराशि 11,08,022 //-रूपये का <नाम> जो किरिलाइन्स पैट्रोल पम्प रैपुरा से लेकर गाडी में रख दियाजो कि देवेन्द द्वारा आपकेथाना <नाम> में स्थित बैंक आफ <नाम> में जमा होता है, जब बैंक में पैसा जमा करानेके लिये सील टैक खोला तो देवेन्द्र के द्वारा उसमें से 2,00,000 /-रूपये कमनिकला। सील बैंक में खुलती है, जबकि <नाम> का कहना है कि पैसा <नाम> में पूरा रखा गया है, <नाम> में <नाम> धनराशि 11,08,022 /-रूपये जिसमें से कंपनी के2,00,000 /-रूपये दोनों के मध्य से गायब हैं, जिसमें दोनों के द्वारा कंपनी केअमानत में खयानत किया गया है। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 05.05.2019 को अभियुक्तगण देवेन्द्र <नाम> वअजय <नाम> के विरूद्ध अपराध संख्या-361 / 2019 <नाम> धारा-406, 420 भा०द0सं0 का अभियोग थाना सदर बाजार, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया, जिसमें दौरान विवेचनाअभियुक्त से हुई बरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 411 भा.द.सं. की बढोत्तरी की गयी। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक » अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध नहीं किया है, उसको झूंठा नामितकर <नाम> गया है। आवेदक /अभियुकत विगत कई वर्षों से पैसे को जमा करने काकार्य ईमानदारी से <नाम> रहे हैं तथा घटना से पूर्व कभी कंपनी के द्वारा कोईशिकायत नहीं की गयी। घटना के दूसरे <नाम> जब उक्त गाडी सर्विस होने के लिये -2-सर्विस स्टेशन गयी थी, तो वहाँ से सर्विस कर्मचारी द्वारा फोन करके सूचना दी गयीकि उक्त वाहन की सीट के नीचे के हिस्से में एक पैकेट मिला है, उसे आकर आपले जाओ, तब कंपनी के कर्मचारी उक्त पैकेट को लेने गये, तो जानकारी हुई किउक्त पैकेट में दिनांक 30.04.2019 को पंजीकृत करायी गयी एफ.आई.आर /घटनाका वही पैसा है, जो एफ.आई.आर. में वर्णित किया था, जो दो लाख रूपया है। उक्तपैकेट के संबंध में कंपनी के कर्मचारी द्वारा पुलिस को दिनांक 04.05.2019 को <नाम> दीगयी, परन्तु पुलिस ने गुडवर्क दिखाने के लिये पैसे की रिकवरी मुल्जिमान से दिखाईगयी है, जबकि पैसा कंपनी के कर्मचारियों को कंपनी के वाहन से मिल चुका है। प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी से लिखाये जाने का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 08.05.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत परछोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक /अभियुकत ने अपनेसाथी के साथ साजिश करके जो पैसा कपंनी के द्वारा बैंक मे जमा कराने <नाम> <नाम> गया, उसमें से उसने दो लाख रूपये निकल लिये, जो दौरान विवेचना उसके पाससे बरामद हुआ है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"वादी मुकदमा रेमीमण्ट फैस मैनेजमेंन्ट में असिसटेन्ट रिस्क मैनेजर के पदपर कार्यरत है, उसने स्पष्ट <नाम> से नामजद एफ0आई0०आर0 उपरोक्त लिखाई है औरस्पष्ट <नाम> से कहा है कि सील बैंक में खुलती है और दो लाख रूपये उससे कमनिकले हैं तथा दिनांक 08.05.2019 को आवेदक / अभियुक्त से दो लाख रूपये कीबरामदगी फर्द बरामदगी के मुताबिक हुई है, जिसका वह कोई स्पष्टीकरण नहीं देपाया कि वह रूपये कहा से आये हैं। फर्द बरामदगी की उपरोक्त धनराशि तथाजिस व्यक्ति को रूपये एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिये दिये गये, उसीके द्वारा दो लाख रूपये निकाल <नाम> कहा जाता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3836_202004-12-2020796 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार धर्मेन्द्र <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीयउच्च न्यायालय, इलाहाबाद में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 22.08.2020 कोउ0नि0 <नाम> सिह मय हमराहियान दौरान चेकिंग बाह तिराहे <नाम> मामूर थे किमुखबिर खास की सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति चोरी की स्कूटी जो मुकदमे से संबंधितहै जिस <नाम> शाराब की पेटी है, उस <नाम> विशवास करके चेकिंग करने लगे, तभी एकव्यक्ति स्कूटर सवार आता हुआ दिखाई <नाम> जब वह इशारा <नाम> चला गया तो उक्त स्कूटर वाहन ने मुड़ना चाहा, तभी आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> उसे पकड लिया गयातथा जामा तलाशी लेने <नाम> दाहिनी जेब से मोबाइल बीवो और बायीं जेब से <नाम> Bail Application/10190/2020 -Jeetu @ Jitendra Vs. UP State 2सौ रूपया तथा पायदान <नाम> <नाम> हुर्ई पेटी जिस <नाम> 37 पउएऐ पंजाब मार्का, जिसपर सेल इन अरूणाचल प्रदेश ऑनली लिखा था, जिसका लाइसेंस मांगा गयापरन्तु वह दिखाने में कासिर रहा। पूछताछ करने <नाम> बताया कि स्कूटी उसनेप्रतापपुरा चौराहे से उठाया था तथा स्कूटी में मोबाइल व पर्स रखा था और यहवही <नाम> सौ रूपये हैं,.जिसके संबंध में थाना हाजा <नाम> मु0अ0सं0 224/2020 धारा379 भा०द0सं0 पंजीकृत है और <नाम> मुकदमाती होने के <नाम> <नाम> 411भा0द0सं0 की बढ़ोत्तरी की बढोत्तरी की गयी एवं बरामद शराब को परीक्षण के लिए अलग निकाल <नाम> तथा 400/-रूपये अलग कपड़े में रखकर सर्व मुहरकिया गया। कोरोना के <नाम> कोई <नाम> नहीं मिला। इस <नाम> गिरफूतारी कीसूचना देकर उसे गिरफूतार किया गया। ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर व बरामदगी के आधार <नाम> थानाफतेहाबाद, <नाम> <नाम> अभियुक्त जीतू उफ <नाम> के विरूद्ध मु0अ0सं0230,/ 2020 अंतर्गत <नाम> 60(1), 6३ आबकारी अधिनियम पंजीकृत हुआ। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे झूंठा फंसाया गया है। वह निर्दोष है। अभियोजन पक्ष के अनुसार पुलिस पार्टीद्वारा झूंी दविश देकर रूपया व शराब बरामद किया गया है। घटना हाईवे की है,जहां <नाम> <नाम> के <नाम> रहते हैं, जिन्हें लेने का प्रयास नहीं किया गया क्योंकि घटना संदिग्ध थी। अभियुक्त गृहस्थी का सामान लेने आया तथा मुंह को गमछे से ढका था और मास्क <नाम> लगाने को लेकर विवाद हो गया और पुलिस ने उसे झूंठाफंसा दिया। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 3.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधारों <नाम> जमानतस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयीअभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है किअभियुक्त को पुलिस आख्या के अनुसार दिनांक 22.08.2020 को करीब 8.30 बजेगिरफूतार किया तथा उसके पास अंग्रेजी शराब थी। पुलिस द्वारा दविश दी गयी हैऔर सब चीजें उसके पास से बरामद हुई हैं। अभियुक्त पुलिस पार्टी से भागने कीफिराक में था तथा उसके पास से चोरी की मोटर साइकिल बरामद हुई है जिसकेसंबंध में मु0अ0सं0 224/2020 दर्ज है। आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना Bail Application/10190/2020 -jeetu @ Jitendra Vs. UP State 3पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा थाने की आख्या काअवलोकन किया। ",
"थाने की आख्या एवं पैरोकार की रिपोर्ट के अवलोकन से विदित हैकि अभियुक्त के विरूद्ध मुखबिर की सूचना के अनुसार अभियुक्त को चोरी कीमोटर साइकिल व रूपया के साथ पकड़ा गया है जिसके पास से 37 पउए अंग्रेजीशराब बरामद हुई है। अभियुक्त की शपथपत्र के अनुसार इस फर्द <नाम> दर्ज मुकदमेके अतिरिक्त अन्य कोई मुकदमा दर्ज नहीं है और <नाम> ही उसका कोई पूर्वआपराधिक इतिहास अभियोजन की ओर से बताया गया है और <नाम> ही किसी अन्यमुकदमे में दोषसिद्धि की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। अभियुक्त से बरामदगी क संबंधमें कोई जनसाक्षी नही है, जबकि घटना हाइवे की बतायी गयी है। फर्द से संबंधितचोरी की मोटर साइकिल के संबंध में दर्ज मु0अ0सं0 224,/2020 के संबंध मेंबचाव पक्ष द्वारा बताया गया कि अभियुक्त की जमानत अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्टसंख्या 16, <नाम> से दिनांक 02.12.2020 को हो चुकी है। थाने से यह आख्याभी प्रस्तुत की गयी है कि आवेदक/ अभियुक्त जीतू उर्फ <नाम> के विरूद्ध आरोपपत्र न्यायालय प्रेषित किया जा चुका है। आवेदक/ अभियुक्त की ओर से यहकथन किया गया है कि संबंधित थाने की पुलिस द्वारा उसे झूंठा फंसाया गया है,जिसके संबंध में अभियुक्त की ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 23.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है । प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2391_202001-09-20203057 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थनमें <नाम> <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त कायह प्रथम जमानत प्ररार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे षड्यंत्र के तहत झूठा फसाया गया है। अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और <नाम> ही वह समाज विरोधी कियाकलाप में संलिप्तहैं। मु0अ0सं0 2582018 <नाम> 392,411 भा०दं0सं0, मु0अ0सं0 6७46/2018 अर्न्तगतधारा 392,411 भा0०दं0सं0 के मामले में अभियुक्त जमानत <नाम> है। मु0अ0सं0 677 /2018अर्न्तगत <नाम> 3/25 आयुध अधिनियम गलत <नाम> से दर्शित किया गया है। पुलिस द्वगरा गुडवकं दिखाने के आशय से यह झूठा अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त दिनांक 18.03.2020 से कारागार में है। अतएव अभियुक्त को जमानत पररिहा किया जाये। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा गिरीशचन्द्रगौतम, थानाध्यक्ष थाना अछनेरा, <नाम> द्वारा इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गयीकि अभियुक्त <नाम> उर्फ जीतू गैंग का लीडर है तथा करन उक्त गैंग का सदस्य है,जो आर्थिक <नाम> व जीविकोपार्जन <नाम> थाना <नाम> व आसपास के क्षेत्रों में लूट वाहनचोरी जैसे जघन्य अपराध <नाम> अवैध धन अर्जित करते हैं। <नाम> स्वच्छंद रहनाजनहित में नहीं हैं। अभियुक्त <नाम> उर्फ जीतू के विरुद्ध थाना अछनेरा पर-1. मु0अ0०सं0 258,/2018 <नाम> ३92,411 भा०दं0सं02.मु०अ0०सं० ७46,/2018 अर्न्तगत <नाम> 392,411 भा०दं०सं03. मु०अ०सं० 677 /2018 अर्न्तगत <नाम> 3/25 आयुध अधिनियमपंजीकृत हैं । ",
"Bail Application/6946/2020 -jitendra Vs. UP State 2वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना अछनेरा, <नाम> <नाम> मु0अ0सं021/2019 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ । ",
"विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहा गया हैकि अभियुक्त आदतन अपराधी है तथा गैंग का लीडर है। अभियुक्तगण का एकसंगठित गिरोह है। अभियुक्तगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्टदाखिल है, जिसमें उसके विरुद्ध तीन मुकदमे दर्ज हैं, जो लूट एवं वाहन चोरी आदिसे सम्बन्धित हैं। <नाम> अभियुक्त करन की जमानत निरस्त हो चुकी है। अतः अभियुक्तका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया । ",
"उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहांन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोईअपराध करने की सम्भावना नहीं है। ",
"अभियुक्त <नाम> उफ जीतू गैंग का लीडर है। गैंगचार्ट के अनुसार उसकेविरुद्ध अपने साथियों के साथ मिलकर लूट एवं वाहन चोरी जैसे अपराध करने काआरोप है। <नाम> अभियुक्त करन की जमानत निरस्त हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्तके विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवंउत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक / अभियुक्त को जमानतपर छोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2286_202025-08-202097 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में गनेश की ओर से शपथपत्रप्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है । आवेदक /अभियुक्तगण ने जमानत प््रार्थनापत्र में कथन किया है किउनके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उन्हें षडयंत्र के तहत झूठाफंसाया गया है। अभियुक्तगण का कोई गिरोह नहीं है और <नाम> ही वह समाजविरोधी कियाकलाप में संलिप्त हैं। मु0अ०सं0 1034/2017 धारा147,148,149,342,504,323,353,307 भा0०दं0सं0 थाना ताजगंज, <नाम> मेंअभियुक्तगण की जमानत हो चुकी है। मु०अ0सं0 1036/2017 धारा147,148,149,452,354,307,427,394 भा0दं0सं0 थाना ताजगंज, <नाम> के मामले मेंभी अभियुक्तगण की जमानत हो चुकी है। कां0 <नाम> <नाम> द्वारा रॉकी पुत्रविजय <नाम> से कहासुनी होने <नाम> उसे जमीन <नाम> <नाम> <नाम> बुरी तरह से मारा पीटाथा तथा <नाम> से मारने के आशय से उस <नाम> गोली चलाई, जो उसकी गर्दन केपास लगी । जिसके संबंध में न्यायालय के आदेश <नाम> कां0 <नाम> <नाम> के विरूद्धमु0अ0सं० 58/2019 <नाम> 389,307,323,504 भा.द.सः के अन्तर्गत अभियोगपंजीकृत हुआ है। उक्त मामले से बचने <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध उपरोक्तअभियोग झूठी कहानी के आधार <नाम> पंजीकृत कराये गये हैं। दोनों अभियोग एकही दिनांक को थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> दर्ज कराये गये हैं, अतएव Bail Application/6896/2020 —-Raghuraj alias Bhura and Others Vs. UP State 2अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थानाध्यक्षविनोद <नाम> <नाम> द्वारा थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> इस आशय की रिपोर्ट दर्जकराई गयी कि <नाम> उर्फ कालू, रघुराज उर्फ भूरा, <नाम> कृपाराम, रिंकूउफप्रदीप, भोलाराम, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> सोनू <नाम> उफ कालाडॉन, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> उफ धांधू अपनेगैंग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक <नाम> व जीविकोपार्जन <नाम> थाना <नाम> वआसपास के क्षेत्रों में लूट व हत्या का प्रयास तथा पुलिस <नाम> हमले जैसे जघन्यअपराध <नाम> अवैध धन अर्जित करते हैं। <नाम> स्वच्छंद रहना जनहित में नहीं हैं। अभियुक्तगण के विरुद्ध थाना ताजगंज पर-1. मु०अ0सं0 1034/2017 <नाम> 147,148,149,342,504,323,353,307भा०दं०सं०2.1036 /2017 <नाम> 147,148,149,452,354,307,427,394 भा0दं0सं0पंजीकृत हैं। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> मु0अ0सं०1271/2018 <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ । ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्तगण आदतन अपराधी हैं। अभियुक्तगणगण का एक संगठित गिरोह है तथा अभियुक्तगण गैंग के सदस्य है। अभियुक्तगणगण के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उनके विरुद्ध दो मुकदमे दर्ज हैं, जो लूट एवं पुलिस <नाम> हमले आदि सेसम्बन्धित हैं। अतः अभियुक्तगण का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक कीबहस सुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदिअभियुक्तगण अभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जबतक कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता हैवहां न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधारहै कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वाराकोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ",
"अभियुक्तगण सोनू तथा <नाम> गैंग के सदस्य है। गैंगचार्ट के अनुसारउनके विरुद्ध अपने साथियों के साथ मिलकर लूट, हत्या के प्रयास तथा पुलिस परहमले जैसे अपराध करने का आरोप है। आवेदकगण /अभियुक्तगण के विरुद्ध गैंगचार्ट में दर्शाये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेशगिरोहबंद व समाज विरोधी करियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4)में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक /अभियुक्तगण को जमानत परछोड़ा <नाम> न्यायसंगत नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1700_202006-08-2020549 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में हरीओम शर्मापुत्र स्व0 गोपीचन्द <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"2. जमानत प््रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में हरीओम <नाम> पुत्र स्व0गोपीलचन्द <नाम> का कथन है कि वह अभियुक्त का पिता है तथा मुकदमें के सभी तथ्यों से भलीभाति परिचित है। अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में झूठा फॅसाया <नाम> है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी/अभियुक्त कारपेन्टरी का कार्य करता है। पडौस में रहने वाले दरोगा <नाम> से मजदूरी के लेन देन को लेकर हुए कहासुनी से नाराज होकर उक्त चोरी के मुकदमें में फर्जी तरीके से मनगढन्त कहानी बनाकर फॅसा <नाम> । प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा कोई चोरी नहीं की गयी है तथा चोरी से संबंधित कोई वस्तुभी बरामद नहीं हुई है। अभियुक्त के कब्जे से जो बरामदगी बताई गयी है वह फर्जी है। अभियुक्त की गिरफ्तारी व बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त दिनांक 21.07.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र अवरन्यायालय द्वारा दिनांक 22.07.2020 को खारिज <नाम> <नाम> गया है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र इस न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। अभियुक्त अपनी स्थानीय एवं विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। तब उसे जमानतपर अवमुक्त किया जाए। 2 3. विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गयातथा थाने से प्राप्त आख्या प्रस्तुत करके <नाम> है कि इस अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के घरसे 3 मोबाइल तथा एक लैपटॉप की चोरी की गयी है, जिसमें से अभियुक्त के कब्जे से एकमोबाइल सैमसंग की बरामदगी हुई है। अभियुक्त एक आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है, यदि उसे जमानत <नाम> अवमुक्त किया जाता है तो वह अन्य अपराध में संलिप्त हो सकता है। अतःउसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। "
],
"judge-opinion": [
"4. उभय पक्षों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"5. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों से विदित है कि वादी मुकदमा <नाम> कुमारद्वारा दिनांक 09.06.2020 को थाना एत्माद्दौला <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टअंकित करायी गई है कि दिनांक 08.06.2020 को वह अपने परिवार के साथ सो रहा था रात्रिकरीब 2.30 बजे उसे बच्चों ने जगाकर अपने मोबाइल के बारे में पूँछा उसने कहा उसे नहींमालूम, फिर उसने बच्चों के साथ मोबाइल ढूँढा तो पता चला कि अन्य 2 मोबाइल व लैपटॉप चोरी हो गया। कुल तीन मोबाइल सैमसंग ए305,पैनासोनिक पी55, सैमसंग डुअल, जिनके न॑0. <फ़ोन-नंबर>,<फ़ोन-नंबर>,<फ़ोन-नंबर> व॑ <फ़ोन-नंबर> है। लैपटॉप व मोबाइल के बिल कीछायाप्रति संलग्न है। ",
"6. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत केस डायरी के अनुसार वादी मुकदमा की उक्त सूचना <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में पंजीकृत होकर विवेचक द्वारा विवेचना प्रारम्भ की गयी एवं दिनांक 20.07.2020 को विवेचक / उ0नि० शैलेन्द्र पताप <नाम> मय हमराही फोर्स वास्ते गश्त, <नाम> व्यवस्था, रोकथाम अपराध, तलाश वांछित अपराधी <नाम> चौकी <नाम> बुंदूकटरा में मामूर थे, जब वे लोग टेडी बगिया पुलिस बूथ <नाम> पहुँचे तो मुखविर ने आकर सूचना दी कि एक व्यक्ति जिसके पास चोरी का मोबाइल है, बेचने की फिराक में खड़ा है। मुखबिर की सूचना <नाम> उसके बताये स्थान की ओर मुखबिर के साथ चल दिये, तब मुखबिर ने बताया कि सिलेटी रंग की लोअर पहने जो व्यक्ति खड़ा है, वह वही व्यक्ति है जिसके पास चोरी का मोबाइल है, तो पुलिसवालों ने छुपते छुपाते हुए सिखलाए तरीके से एकबारगी दबिश देकर घेर घारकर 80फुटाचौराहे <नाम> देशी शराब के ठेके से पहले पकड़ लिया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी लीगयी तो पहले उसने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> हरीओम <नाम> निवासी <नाम> नगर, थाना-एत्माद्दौला, <नाम> बताया। जामा तलाशी लेने <नाम> पहने लोउर की बांयी जेब से एक मोबाइल फोन सेमसंग बैंगनी <नाम> बरामद हुआ। मोबाइल के बारे में पूँछने <नाम> बताया कि लगभग डेढ महीने पहले अम्बेडकर पार्क के पीछे एक घर से तीन मोबाइल और एक लैपटॉपचोरी किया था। दो मोबाइल और एक लैपटॉप लॉकडाउन में राह चलते अजनबी लोगों को बेचे दिया। मोबाइल बेचने आया था जो पुलिस ने पकड़ लिया। मोबाइल को ऑनकरआई0एम०ई0आई चैक की गयी तो थाना हाजा <नाम> पंजीकृत मुकदमा अ0सं0 436/2020धारा-380 भा0द0सं0 से संबंधित है। तब अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताते हुए थाने मेंपंजीकृत मु0अ0सं0 436/ 2020 धारा-380 भा0द0सं0 में धारा-411 भा०द0सं0 की बढोत्तरी केआधार <नाम> अभियुक्त को गिरफूतार किया गया तथा फर्द बनाकर गवाहों व अभियुक्त केहस्ताक्षर कराये गये । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3125_202014-10-20201909 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> दीपचंद काद्वारा अधिवक्ता <नाम> शरन <नाम> शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार <नाम> नाराणन पुत्र भगवान <नाम> निवासीमित्तल भवन शाहदरा का लाईट व जनरेटर का <नाम> है। मेरे घर/गोदाम में समरसेविल की केबिल रोज चोरी हो जाती है आज दिनांक 19.09.2020 समय करीब 20:10बजे मैने <नाम> कि जिस मकान में मैं किराये <नाम> रहता हूं उसी मकान में अन्यकिरायेदार जिसमें छोटू पुत्र दीपचंद निवासी <नाम> भवन मेरे गोदाम से केबिल वसाइकिल चोरी करके बेचने ले जा रहा था तो रास्ते में मैने व मेरे मित्र <नाम> कुमारपुत्र <नाम> रमेश चन्द्र निवासी मैन बाजार शाहदरा ने पकड़ लिया । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में @)Bail Application No. 3125/2020 -Chotu Vs. UP Stateकहा गया है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में चोरी की घटना <नाम> 20:10 बजे दिनांक 19.09.2020 की बतायी जाती है जबकि थाना हाजा <नाम> घटना के 03 घण्टे <नाम> लगभग23:36 बजे थाने <नाम> दाखिल किया गया है, मौके <नाम> वादी द्वारा पुलिस नहीं बुलाईगयी है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण उचित नहीं है, जिससे वादी की कहानी पूर्ण रूपसे बनावटी एवं संदिग्ध हैं तथा प्रार्थी/अभियुक्त को झूंठा फसाया <नाम> स्पष्ट है। ्रार्शी/अभियुक्त गरीब आदमी है। वादी <नाम> नरायन द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंस्वीकार किया है कि प््रार्थी/अभियुक्त व वादी मुकदमा एक ही मकापन में किराये परहै, जिसके <नाम> वादी मुकदमा एवं प्रार्थी/अभियुक्त में बच्चों के विवाद के कारणकाफी समय से मन मुटाव रहता था वादी मुकदमा दबंग है उसने प्रार्थी/ अभियुक्त कोपकड़कर मारपीटर <नाम> अपने कबाडे की साईकिल व केबिल लेकर थाने में ले जाकरपुलिस को सौपकर जबरन झूंठा बंद <नाम> <नाम> है। प्रार्थी/ अभियुक्त बिलकूल निर्दोष हैउसने कोई उपरोक्त अपराध नहीं किया है तथा वादी द्वारा मौके <नाम> पुलिस को बुलायानहीं गया है। थाना हाजा <नाम> बैठकर फर्द बनायी गयी है एवं प्रार्थी/ अभियुक्त गरीबमजदूर व्यक्ति है गिरफ्तारी एवं बरामदगी का कोई स्वतंत्र जन <नाम> नहीं है उसकाकोई पूर्व का आपराधिक इतिहास नहीं है एवं उसने कोई साईकिल व केबिल चोरी नहींकी है। यह प्रार्थी /अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है इसके अलावा कोईप्रार्थना पत्र किसी न्यायालय व मा0 उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। दिनांक23.09.2020 को माननीय अपर सिविल जज (जू०डि), न्यायालय सं०-7,/ जे0एम0 केद्वारा जमानत प्रार्थनापत्र सरसरी तौर <नाम> खारिज <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्तदिनांक 19.09.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसको इस मामले में झूठाफंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी से दर्ज करायी गयी है एवं अभियुक्त सेपुलिस द्वारा कोई बरामदगी नहीं की गयी है बल्कि वादी द्वारा झूठी बरामदगी बताकर ्रार्थी/ अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। ्रार्शी/अभियुक्त का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प््रार्थी/अभियुक्त दिनांक19.09.2020 से जिला करागार में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जानेकी <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त को चोरीकिये गये <नाम> के साथ वादी द्वारा पकड़ गया है तथा चोरी किये गये <नाम> के साथथाने ले जाया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, 3)Bail Application No. 3125/2020 -Chotu Vs. UP Stateदाण्डिक के तर्को को सुना गया तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है, जिसका कोई स्पष्टीकरणभी नहीं <नाम> गया है। उक्त घटना का कोई चक्षुदर्शी <नाम> नहीं है तथा कथितबरामदगी का भी कोई जन <नाम> नही है। अभियुक्त किसी भी प्रकार की बरामदगी सेइंकार करता है और इस प्रकरण में झूठा फसाना <नाम> है। अभियुक्त दिनांक19.09.2020 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7165_201911-12-2019695 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के बहनोई/ पैरोकार <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाअमित <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि मैं डिप्लोमा इंजीनियरका छात्र <नाम> और <नाम> का निवासी हूँ। फेस बुक <नाम> एक आई.ड़ी. HRJASMINE SINGH के नाम से थी, से मैने सम्पर्क किया था, तो उसनेमुझे एक मोबाइल नंबर <फ़ोन-नंबर> <नाम> तथा बताया यह <नाम> <नाम> हैं,जो कि हीरो मोटर कार्प शिड्यूल, <नाम> में एच.आर. मैनेजर के पद <नाम> कार्यकरते हैं, ये तुम्हारी नौकरी लगवा देंगे। मैने इसी बात <नाम> भरोसा करते हुयेइसी नंबर <नाम> सम्पर्क किया, तो उसने मुझे बताया कि मैं प्राइवेट नौकरीदिलवाता <नाम> मेरे पास दो पोस्ट हैं, आप JASMINE SINGH से सम्पर्क कीजिएजो आपकी सरकारी नौकरी लगवा देगी। इस <नाम> मैने फेसबुक <नाम> ही HRJASMINE SINGH से सम्पर्क किया, तो उन्होने अपना प्राइवेट नंबर<फ़ोन-नंबर> <नाम> इस <नाम> मैने उनसे सम्पर्क किया, तो उसने बताया कि मैंगेल <नाम> प्रा0लि0 में एच.आर.मैनेजर (HR JASMINE SINGH ) के पद परकार्यरत <नाम> तथा में सरकारी नौकरी आपकी लगवा दूंगी, आप मुझे एडवान्स में245000 खाता संख्या <फ़ोन-नंबर> बैंक आफ बड़ौदा, <नाम> ब्रान्च, IFSCCODE - BARBOAGRAXX में जमा <नाम> दीजिए तथा मुझे सारे डाक्यूमेन्टवाट्सएप <नाम> दीजिए, नौकरी लगने के <नाम> 22,55,000 <नाम> में देने पड़ेगें। इसीझॉसे में आकर मैने दिनांक 7अगस्त 2019 को अपने खाता संख्या एस.बी.आई. -2-<फ़ोन-नंबर>7 एस.बी.आई.कानपुर IFSC CODE SBI\\0016844 से बैंक आफबड़ौदा के खाता संख्या <फ़ोन-नंबर> जो कि NOYAL JINS AGRABRANCH में जमा <नाम> दिये, अब मैं उन्हें काल <नाम> रहा <नाम> तो फोन नहीं उठारही हैं। इन लोगों ने मेरे साथ धोखाधड़ी <नाम> ठगी <नाम> ली है। कूपया उचितकार्यवाही करते हुये मेरा पैसा मुझे वापस दिलाने की <नाम> करें। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 16.08.2019 को अभियुक्तगण HRJASMINE SINGH <नाम> <नाम> के विरूद्ध अपराध संख्या-259/2019पर धारा-420 भा०द0सं0 का अभियोग थाना रकावगंज, <नाम> <नाम> पंजीकृतकिया गया। दौरान विवेचना मामले में <नाम> 411, 467, 468, 471 भा0द0सं0 व66ङी आई.टी.एक्ट की बढोत्तरी की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में रंजिशवशझूंठा फॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त के मोबाइल नंबर <नाम> वादी से कोईबातचीत नहीं हुई है और ना ही आवेदक/ अभियुक्त के खाते में कोई धनराशिवादी ने जमा की है। आवेदक,/ अभियुक्त के कब्जे से कोई धनराशि बरामदनहीं हुई है। आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध धोखाधड़ी कूटरचित प्रपत्रों केआधार <नाम> नौकरी लगवाने के संबंध में धनराशि हड़पने का नहीं किया। आवेदक / अभियुक्त किसी अन्य वाद में जेल में था, पुलिस ने दिनांक23.10.2019 को इस केस में उसका रिमाण्ड लिया है। आवेदक ,/ अभियुक्तदिनांक 23.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने कीयाचना की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक/ अभियुक्तके द्वारा अन्य अन्य लोगों के साथ मिलकर एक गिरोह तैयार किया है, जिसमेंवह फेस बुक व अन्य संचार माध्यम से लोगों को नौकरी लगवाने के नाम परउनसे रूपये लेकर धोखाधड़ी करते हैं, इनक द्वारा अन्य लोगों से भी नौकरीलगवाने के नाम <नाम> धोखा धड़ी <नाम> रूपये लिये गये हैं। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। _3-अभियोजन कथानक क मुताबिक यह कहा है कि आवेदक/ अभियुक्तअन्य मुल्जिमानों के साथ नौकरी लगवाने के नाम <नाम> धोखाधड़ी करके पैसाकमाते हैं और ग्रुप के लोगों से मिलकर कॉल करके नौकरी दिलाने का भरोसादेकर जाल में फॅँसाकर उनके साथ ठगी करते अपने खाते में पैसा डलवाते हैंऔर ठगी करते हैं। आवेदक / अभियुक्त <नाम> का नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं है, दौरान विवेचना आवेदक / अभियुक्त का नाम <नाम> में आया है तथा दिनांक16.08.2019 को दौरान विवेचना केस डायरी के साथ संलग्न फर्द बरामदगी केमुताबिक आवेदक /अभियुक्त को अन्य अभियुक्तो नोयला जीन्स, बालकिशन,मधु आदि के साथ पकड़ा गया तो उसके बायें हाथ से मोबाइल सेमसंग तथापहिनी पेन्ट की दाहिनी जेब से दो मोबाइल तथा बायी जेब से 11 विभिन्न बैंकोंके ए.टी.एम.कार्ड तथा पेन्ट की पिछली जेब से आठ आधार कार्ड, जिनमें से दोमें उसके फर्जी नाम व पते थे बरामद हुये। बरामद <नाम> के बारे में पूछने <नाम> उसने बताया कि <नाम> मैं कई <नाम> से बालकिशन के साथ मिलकर अलगअलग जगहाँ <नाम> मकान किराये <नाम> लेकर फेसबुक कंपनी के एच.आर.के नामसे फर्जी एकाउन्ट बनाकर लोगों को सरकारी व प्राइवेट नौकरी लगवाने के नाम <नाम> फेसबुक में उनका मोबाइल नंबर प्राप्त <नाम> उन्हें नियुक्ति दिलवाने केनाम <नाम> बहला फुसलाकर अपने खाते में पैसा डलवाते हैं व फर्जी आधार कार्ड बनवाकर उनसे काल करने <नाम> सिम व बैंक में फर्जी खाते खुलवाने <नाम> इनकाप्रयोग करते हैं । मैं इस ग्रुप का लीडर हूँ। मेरे ही द्वारा सब लोगों से कामकराया जाता है फिर <नाम> क अनुसार मैं ही पूरे ग्रुप में पैसा बॉटता हूँ। मैने हीनॉथशल जिन्स व <नाम> को करीव तीन महीने पहले <नाम> क बारे में बताया औरकहा कि एक कमरा किराये <नाम> ले लो, वही से हम लोगों के साथ तरह तरहसे ठगी करेगें और लगातार इस <नाम> को करके धन कमा रहे हैं। पूछताछ मेंइसके द्वारा ठगे गये विभिन्न लोगों के नाम बताये गये। ",
"मौके से आवेदक / अभियुक्तगण के अलावा तीन अन्य अभियुक्तगणबालकिशन, <नाम> व नोयला जीन्स से भी फर्द बरामदगी के मुताबिक तमामपासबुक, आधार कार्ड आदि बरामद हुये हैं तथा उनके द्वारा पूछताछ मेंआवेदक / अभियुक्त को ग्रुप का लीडर बताते हुये ठगे गये पैसों में से पैसावितरित किये जाने का कथन किया गया है। इन चारों ही अभियुक्तों से उसीमकान में 2,00,870/-रूपये, दो मर्दाना, एक जनाना अंगूठी, एक पेण्डल, एकचैन, एक सैट कानों के टाप्स, एक चैन पैण्डल सहित बरामद हुये हैं। -4-वादी मुकदमा ने भी इसी प्रकार की एफ.आई.आर.दर्ज करायी है किउससे धोखाधड़ी करक पैसा प्रथम सूचना रिपोर्ट में कहे गये तथ्यों के अनुसारखाते में डलवाया गया और धोखाधड़ी करके ठगी <नाम> ली गयी। ",
"यह सही है कि आवेदक / अभियुक्त का नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्जनहीं है, लेकिन वह अन्य अभियुक्तों के साथ पकडा गया है और उससेउपरोक्त प्रकार से आधार कार्ड, ए.टी.एम.कार्ड जो दूसरों क नाम से हैं, बरामदहुये है, अन्य अभियुक्तों के द्वारा उसे ग्रुप का लीडर होना बताया गया है,जिसका वह कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> पाया है। ",
"उपरोक्त प्रकार से आवेदक/अभियुक्त जो कि ग्रुप लीडर है, अन्यअभियुक्तों के साथ मिलकर नौकरी लगवाने के नाम <नाम> धोखाधड़ी करके बेरोजगार युवको को अपने जाल में फॅसाकर पैसा वसूल <नाम> उपरोक्त प्रकार सेठगा <नाम> अभियोजन द्वारा बताया गया है तथा आवेदक/ अभियुक्त के साथपकड़ें गये अन्य तीन अभियुक्तों के पास से भी ए.टी.एम.कार्ड, विभिन्न लोगों कीपास बुक, डी0एल0 आदि बरामद हुये हैं। ",
"इस न्यायालय क द्वारा पूर्व में इस मामले के <नाम> अभियुक्त बालकिशनका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जा चुका है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_149_202010-02-20201098 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> पुत्र पूरनचन्द काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन का कथनाक इस प्रकार है कि वादी खादय सुरक्षा अधिकारीश्री आर.सी.गंगवार थाना खेरागढ़ जिला <नाम> द्वारा दिनाक 30.01.2020 कोसमय 23.40 बजे थाना खेरागढ़ में इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी गयी कि आज दिनाक 30.01.2020 को समय लगभग 1.00 बजेअपराहन में <नाम> <नाम> <नाम> जयसवाल सहायक आयुक्त खाद्य <नाम> मण्डलआगरा, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> अभिहित <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> आशीष मोर्यमुख्य खाद्य सुरक्षा <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> मण्डलीय खाद्य सुरक्षाअधिकारी, <नाम> आर.एल.कुशवाह खाद्य सुरक्षा <नाम> <नाम> आर.पी.गंगवार खाद्यसुरक्षा <नाम> <नाम> त्रिभुवन नरायण खाद्य सुरक्षा <नाम> एव अन्य टीम केसाथ ऊेटगिरी रोड पहाड़ी किला स्थित मै0 पी.सी.सिंघल डेरी प्रोडक्ट एण्डचिलिग पहाड़ी <नाम> खेरागढ़ <नाम> जिसके <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र श्रीपूरनचन्द सिघल निवासी पीपलखेड़ा पोस्ट सरेण्डा थाना खेरागढ़ जिला आगराहै का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान परिसर में रखे निष्प्रयोजन दूधटैकरों में मल्टिडक्सिट्रन के 21 बोरे प्रत्येक में 25 के.जी. माल्टो डक्टिन 60 बोरेप्रत्येक में 25 के <नाम> व बनस्पति के 12 बोक्स प्रत्येक 15 किलो एवं परिसर कअन्दर एक कमरे में लीक्वीड डिटरजेन्ट दो कन्टेनर से ल0 80 के.जी. 50किलो बनस्पति अल्यूमुनियम केनो में पोटेशियम साईट्रिट 03 <नाम> प्रत्येक 25केजी मे खड़े दो मोबाईल टैकरों में लगभग 32000 लीटर मिश्रित दूध स्टोरटैक में लगभग 10000 लीटर मिश्रित दूध एक कमरे में रखे धातु के एक बड़ेकन्टेनर में लगभग 150 लीटर मिश्रित दूध बरामद हुआ। मौके <नाम> बरामदउपरोक्त अपमिक्षकों का परिसर में पाये जाने से दूध में मिलावट किये जाने कीसंभावना है। कार्यवाही क दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस को सूचना दी गयीजिसके कुछ समय पश्चात थानाध्यक्ष खेरागढ़ मय उपनिरीक्षक व कॉस्टेबिलपरिसर में पहुँचे जिसकी उपस्थिति में सात उपरोक्त अपतिक्षिकों एव मिश्रितदूध के <नाम> नमूने जॉच <नाम> संग्रहित किये गये। कार्यवाही के दौरान —2—उपजिलाधिकारी महोदय खेरागढ़ <नाम> परिसर में पहुँचे जिनकी उपस्थिति मेउपरोक्त सात अपमिक्षकों को सीज <नाम> खाद्य कारोबार करता <नाम> <नाम> नेपूछताछ की गयी तो उसके द्वारा बताया गया कि उक्त अपमिक्षकों का प्रयोगवह दूध में मिलावट के लिए प्रयोग करता है। इस प्रकार उपरोक्त सातअपमिक्षकों का दूध में मिलावट के लिए प्रयोग करक खाद्य कारोबारकर्ता नरेन्द्रकुमार <नाम> के साथ धोखाधड़ी <नाम> रहा है व अनुचित <नाम> प्राप्त <नाम> रहा हैखाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अन्तगत जाच <नाम> सग्रह नमूनों कोजॉच <नाम> खाद्य प्रयोग शाला भेजा जा रहा है खाद्य विश्लेषक की जाच रिपोर्टप्राप्त होने के पश्चात अग्रिम विधिक कार्यवाही <नाम> उक्त रिपोर्ट की प्रतियाँआपको उपलब्ध करायी जायेगी । ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना खेरागढ जिला <नाम> मेंअभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्ध मु0अ0सं0 16/2020 <नाम> 272, 273 भा.द.सं.में प्राथमिकी <नाम> की गई। विवेचना प्रचलित है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथपत्र एवं प्रस्तुत तर्क में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया हैकि उक्त मामले में प्रार्थी/अभियुक्त को झूँठा फंसाया गया है। वह निर्दोष हैउसके विरूद्ध <नाम> 272, 273 भा.द.सं. का कोई मामला नही बनता है। वह पी.सी.सिंघल डेरी प्रोडक्ट एण्ड चिलिंग केनाम से दूध का भण्डारण व दूध कोठंडा रखने का कारोबार करता है। जिसका उसके पास लाईसेन्स है। उसकीफैक्ट्री से दूध नही बेचा जाता है दूध केवल बड़ी फैक्टरियों को सप्लाई होताजहाँ दूध से घी बनाया जाता है। उसकी डेरी की अच्छी साख है इस कारणउसके यहाँ दूध का कलेक्शन बड़ी <नाम> में होता है और दूध देने वाले किसानव दूधिये डेरी <नाम> आते है। डेरी के आसापास अन्य लोग भी दूध का कलेक्शनकरते है जो उसके कारोबार को देखकर व्यापारिक रंजिश मानते है। इन लोगोकी खाद्य सुरक्षा <नाम> से साँठगाँठ है। वह उसे महीनेदारी नही देता है इसकारण दूध कारोवारियो के उकसाने <नाम> उसके विरूद्ध कार्यवाही करकेअवैध <नाम> से रिपोर्ट दर्ज करायी है। उसके यहाँ बरामद दर्शायी गयी वस्तुओंका दूध में प्रयोग किसी प्रकार से नही किया जाता है। बरामद दर्शाया गयामाटोडक्टिन मक्के का पावडर है जिसे पशुपालक अपने जानवरों को खिलातेहै। दूधियों के कहने <नाम> उक्त पाउडर लाया गया है। पुटेशियम नाईंटेटलालदवा व लिक्विड डिटरजेन्ट मशीनरी व चिलिंग प्लान्ट की पाइप लाईन दूधकी टकी एवं बर्तनों की सफाई के लिए रहता है। निरीक्षणकताओं की टीम नेपूरी कार्यवाही अवैधानिक <नाम> से उसे प्रताड़ित करने व उसका व्यापार नष्टकरने के उददेश्य से की है। उससे दबाब देकर हस्ताक्षर कराये है तथाकागजात की कोई <नाम> नही दी गयी है और गलत <नाम> से सैम्पलिंग की गयीहै। प्रकिया के दौरान कोई स्वतंत्र <नाम> नही लिया गया है उसके विरूद्धदूषित खाद्य पदार्थ बेचने का कोई साक्ष्य नही है <नाम> कोई शिकायत है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसीन्यायालय में लम्बित नही है। वह बीमारी से ग्रसित है तथा उसका इलाज चलरहा है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि्रार्थी/ अभियुक्त के यहाँ से दूघ के टैकरों से 3000लीटर दूध, माल्टो डक्सिट्रनके 21 बोरे, माल्टो डक्टिन के 60 बोरे, बनस्पति के 12 कनस्तर, लिक्वीडडिटरजेन्ट के दो कन्टेनर, 50 किलोग्राम बनस्पति केन में, दो मोबाईल टैकर32000लीटर मिश्रित दूध, स्टोर टैक में 10,000लीटर मिश्रित दूध व धातु ककन्टेनर में व 150 लीटर मिश्रित दूध व अन्य सामिग्री बरामद हुई है। अभियुक्तदूध में मिलावट करक उसे बेचकर अनुचित <नाम> कमा रहा था और अपमिश्रित —3—दूध पीने से लोगो क स्वास्थ्य <नाम> विपरीत असर पड़ रहा था। अभियुक्त द्वाराकारित अपराध गंभीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियाजाये । "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि आवेदक,/ अभियुक्त कीजमानत विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय सं0 02, <नाम> द्वारा दिनॉक 31.01.2020 को निरस्त की गयी है। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी क तर्को को सुना तथा पत्रावलीका सम्यक् परिशीलन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त के विरूद्ध अवैध रूपसे दूध में अखाद्य पदार्थ मिलावट करके अनुचित <नाम> कमाने, चिकनाई व फेटबढ़ाने, एवं <नाम> डालकर दूध की <नाम> बढाने, एवं उसके यहाँ से 3000लीटरके दूध क टेंकर, माल्टो डक्सिट्रन के 21 बोर, माल्टो डाक्टिन के 60 बोरेबनस्पति के 12 कनस्तर, लीक्विड डिटरजेन्ट के दो कन्टेनर, बनस्पतिअल्यूमिनियम 50 किलो, पोटेशियम साईटेट के 3 बैंग, दो मोबाईल टेंकर 32000लीटर मिश्रित दूध स्टोर टैक में 10000 लीटर मिश्रित दूध, तथा अन्य सामानबरामद होने का आरोप है। अभियुक्त नकली दूध का कारोबार करता है जिसकेयहाँ से काफी <नाम> में नकली दूध बनाने की सामिगी बरामद हुई है जिसकासैम्पल लेकर खाद्य <नाम> द्वारा जाँच <नाम> भेजा गया है। अभियुक्त द्वाराकारित अपराध जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारण तथा गंभीर <नाम> का है है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने <नाम> कोई पर्याप्त आधार दर्शित नहीहोता है । "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1005_202016-07-20201163 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्ररार्थी/अभियुक्त के पुत्र व पैरोकारकिशोरीलाल के शपथ पत्र से समर्थित है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> आरफील्ड एण्ड कपनी में नौकर है जो कि एककुरियर कम्पनी है दिनांक 2.3.2020 को वह अपने फलेट खालसा गली सेदिल्ली के लिए पैदल पैदल जा रहा था कि जब वह साएनो स्टार होटलहाथी घाट के पास समय करीब 6:15 बजे सुबह पहुंचा तो उसके आगे पीछेसे दो मोटर साइकिलों <नाम> दो दो व्यक्ति आये उसे घेरकर छीना झपटी करकेउसका पार्सल वाला <नाम> छीन लिया पार्सल में क्या था इसकी जानकारी वहअपने <नाम> से पूछकर बताएगा उसके <नाम> सूरत में रहते हैं जो किकल <नाम> आ जाएंगे। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोधकरते हुए कथन किया गया कि प्रार्थिया डकैती का पैसा जानते हुए डकैतीका पैसा प्राप्त की तथा गिरफतारी के समय उसके कब्जे से डकैती के1,50,000 /-रूपये की बरामदगी भी हुई है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थिया/अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रार्थिया/अभियुक्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थिया को मामले में झूंठा फसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट भी वादी द्वारा थानेपर देरी से दर्ज करायी गयी है जिसका कोई <नाम> वादी मुकदमा द्वारा नहींदर्शाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्ता नामजद नहीं हैं। पुलिस (2)द्वारा जो रूपया प्रार्थिया व उसके पुत्र से बरामद दिखाये हैं वह कुल2,50,000 / -प्रार्थिया का अपने घर का है जो उसके <नाम> ने स्टेट बैंक ऑफइंडिया से अपने खाते से निकाले थे। प्रार्थिया/अभियुक्ता गिरफतारी के बादसे ही जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। प्रार्थिया का कोई अपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थिया का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 02.03.2020 की समय 06:15 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टथाने <नाम> दिनाक 02.03.2020 को ही समय 21:05 बजे दर्ज करायी गयी है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि्रार्थिया/ अभियुक्ता के विरूद्व डकैती के रूपये में से लूट का पैसा जानते हुए1,50,000/ -रूपये प्राप्त करने का अभियोग है। प्रार्थिया/अभियुक्ता कीनिशानदेही <नाम> उक्त डकैती का रूपया मु0 1,50,000/-रूपया बरामद होनादर्शित है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2101_202102-04-2021357 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा धर्मवीर द्वाराइस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 10.02.2021 को थाना ताजगंज, आगरापर दर्ज करायी गयी कि दिनांक 06.02.2021 से उसकी पुत्री पीड़िता उम्र 13 वर्षलापता है। पीड़िता सुबह 8.00 बजे घर से काशीराम इंटर कालेज के लिए निकलीथी। उसे पता चला कि वह स्कूल नही पहुंची और <नाम> ही घर <नाम> है। रिश्तेदारों वसब जगह पूछताछ की, <नाम> पीड़िता का कुछ पता नही चला। पीड़िता की लम्बाई 4फुट है, रंग गेहुंआ और कपड़े सफेद सूट <नाम> स्वाटर <नाम> सहित स्कूल की ड्रेसमें है। ्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तकं है कि उसे उपरोक्तकेस में मनगढंत तथ्यों के आधार <नाम> झूठा फंसाया गया है, उसके द्वारा उपरोक्तधाराओं के तहत किसी प्रकार अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी/ अभियुक्त नेवादी की पुत्री के साथ कोई अश्लील हरकत नही की, <नाम> ही उसको बहला फुसलाकर ले गया है। प्रार्थी/अभियुक्त प्राथमिकी में नामजद नही है, प्राथमिकी अज्ञात मेंदर्ज करायी गयी है। प्राथमिकी में जो तथ्य दर्शाये गये हैं वह मनगढंत तथ्यों केआधार <नाम> हैं, उसे रंजिशन झूंठा फ॑साया गया है तथा उसे घर से गिरफूतार कियागया है। प््रार्थी/अभियुक्त ड्राइवर है, स्कूल की वैन चलाता है। प््रार्थी/ Bail Application/3740/2021 -Robin David @ Rikky Vs. UP State2अभियुक्त द्वारा किसी भी प्रकार की किसी भी लड़की के साथ कोई घिनौनी हरकतनही की गयी है। प््ार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। ्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद मेंविचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 07.03.2021 से जिला कारागार आगरामें निरूद्ध है। अतः प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन कियागया। ",
"अभियोजन की आर से विद्वान ए.डी.जी.सी. (फौजदारी) द्वारा जमानतका विरोध किया गया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी कीनाबालिग पुत्री पीड़िता को बहला फुसला <नाम> ले जाकर उसके साथ जबरनबलात्कार किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्रखारिज किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तरक सुने तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रस्तुतप्रकरण में शैक्षिक प्रमाण पत्रों में पीड़िता की जन्मतिथि 03.07.2005 <नाम> हैजिसके अनुसार उसकी आयु लगभग साढे 15 वर्ष दर्शाई गयी है। पीड़िता ने अपनेबयान अन्तर्गत <नाम> 164 द0प्र०सं0 में अपनी उम्र 15 वर्ष बतायी है तथा कथनकिया है कि दिनांक 06.02.2021 को रिक्की रास्ते में जब वह स्कूल जा रही थीतब रिक्की आया था, रिक्की मोटर साइकिल <नाम> आया था, उससे बोला तुम्हारेपापा का एक्सीडेंट हो गया है, इसलिए वह उसके साथ बैठ गयी, फिर रिक्की उसेअपनी बहन के घर ले गया, वहां उसने बेहोश <नाम> <नाम> था, जब होश आया तबवह <नाम> में थी, उसके साथ रिक्की ने जबरदस्ती शारीरिक सम्बन्ध बनाये थे,उसे धमकी देता था अगर उसके साथ शारीरिक सम्बन्धा नही बनायेगी तोउसको घर नही जाने देगा। पीड़िता द्वारा अपने बयान अन्तर्गत <नाम> 164 में धारा161 द0प्रoसं0 के बयानों का समर्थन किया है। प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त केविरूद्ध नाबालिग पीड़िता को बहला फुसला <नाम> उसके विधिक संरक्षक कीसंरक्षकता से ले जाने, जबरन बलात्कार करने का कथन किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित कृत्य गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2521_201922-05-20193732 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त केपिता <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा सलीम खा थाना इरादतनगर जिला <नाम> ने दिनांक 31.07.2018 को 21-30 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि ज्ञात से ज्ञात हुआ कि गैंग लीडर प्रवेशकुमार अपने साथी गैंग के सदस्य <नाम> <नाम> व धर्मेन्द्र के साथ मिलकर अपने तथा अपनेसाथियों के भौतिक व आर्थिक <नाम> के लिये समाज विरोधी <नाम> कलापों में लिप्त रहकरवाहन चोरी जैसे जघन्य अपराध कारित <नाम> <नाम> में भय व आतंक व्याप्त <नाम> अवैध धनअर्जित करते हैं। भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित अपराध कारित करने के अभ्यस्त अपराधीहैं। इनके विरूद्ध थाने <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोईअपराध नहीं किया है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसीगिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्तकारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.239,/18 धारा-379, 411 भा.द.स. थाना-रिफाइनरी जनपद <नाम> (2) आअ.सं.104/18 धारा-379 भा.द.स. थाना-इरादतनगर के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी हूै। "
],
"judge-opinion": [
"2मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध चोरी करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी किये जाने का आरोपहै। इस न्यायालय के द्वारा पूर्व में इस केस के <नाम> अभियुक्त प्रवेश <नाम> व <नाम> <नाम> काजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जा चुका है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी प्रकृतिएवं अभियुक्त के कब्जे से चोरी से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्त अधिनियम की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करनेकी सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1346_202126-02-20211813 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार अनोज <नाम> नेशपथ पत्र प्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा शाहरूखने थाना हरीपर्वत <नाम> दिनाक 20.06.2020 को इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक20.03.2020 को श्रीराम फाइनेन्स कम्पनी के कम्प्यूटर सही करने के लिए अपनी मोटरसाइकिल <नाम> डिस्कवर 125 एस.टी. रंग काला <नाम> जिसका पंजीयन नम्बर यू पी.so सी.के. 1951 चेसिस नम्बर एमडी 2ए37सीजेड4सीपीजे63870 इन्जन नं0जेईजेडपीसीजे82231 है जो उसकी माताजी मुर्शत बानो नाम पंजीकृत है। उसनेअपनी मोटर साइकिल को लोटस हॉस्पीटल <नाम> चौराहा <नाम> <नाम> सीढ़ियों केपास खड़ी की, जब वह वापस लौटकर आया तो वहां <नाम> उसकी मोटर साइकिल नहींथीं। उसने अपनी मोटर साइकिल काफी तलाश की लेकिन मोटर साइकिल नहींमिली। रिपोर्ट लिख कानूनी कार्यवाही की जाय । ",
"वादी मुकदमा की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना हरीपर्वत <नाम> अज्ञातके विरूद्ध मुएअ0सं0 240 // 2020 अंतर्गत <नाम> 379 भा0द0सं0 पंजीकृत हुआ । Bail Application/2592 /2021 -Manoj Vs. UP State 2 अभियुक्त व अन्य के पकड़े जाने <नाम> <नाम> में <नाम> 411 भा०द0सं0 की बढोत्तरी कीगयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र / शपथपत्र मेंकथन किया गया कि आवेदक /अभियुकत ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसे गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूंठा फंसाया गया है और <नाम> हीआवेदक /» अभियुक्त के पास से कोई बरामदगी है। आवेदक /» अभियुक्त मु0अ0सं028 / 2024, थाना सादाबाद जिला <नाम> के मामले में दिनांक 14.01.2021 सेजिला कारागार अलीगढ़ में निरूद्ध है। आवेदक अभियुक्त को बी वारण्ट केआधार <नाम> दिनांक 02.02.2021 को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है। आवेदक /» अभियुक्त को थाना सादाबाद की पुलिस घर से पकड़ <नाम> ले गयी थीऔर उसे तथ्यों के आधार <नाम> उसे मु0अ0सं० 28 /2021, <नाम> 411, 414भा०द0सं0 में नामजद <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त को जुर्म इकबाल केआधार <नाम> मुल्जिम बनाया गया है। आवेदक /अभियुकत का उक्त अपराध मेंन्यायालय में यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा आवेदक /» अभियुक्तका किसी अन्य न्यायालय में कोई जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। इन्हींआधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता(फौजदारी) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा केस डायरी काअवलोकन किया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार चोरी की घटना दिनाक 20.03.2020 कीबताई गयी है जबकि घटना की चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 20.06.2020 कोसमय 16.49 बजे दर्ज की गयी है, जबकि घटना स्थल से थाने की दूरी मात्र डेढ़किलो मीटर <नाम> है। तीन माह विलम्ब का कोई समुचित स्पष्टीकरण अभियोजनकी ओर से नहीं <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त व अन्य से 23 मोटर साइकिल व वाहन के अन्य पार्ट्स की बरामदगीकबाड़े के गोदाम से होना बतायी गयी है जो बदन <नाम> नामक व्यक्ति का होनाबताया गया है। चोरी व बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं हैं। अभियुक्त की ओरसे चोरी की मोटर साइकिलें बरामदगी वाले मामले में अपर सत्र न्यायाधीश, Bail Application/2592/2021 -Manoj Vs. UP State 3न्यायालय संख्या 3, <नाम> से जमानत स्वीकार होने के संबंध में जमानत आदेशदिनांकित 22.02.2021 की <नाम> <नाम> दाखिल की गयी है। पुलिस द्वारा अभियुक्तका 5 मुकदमों का आपराधिक इतिहास बताया गया है। अभियोजन द्वारा यह नहींबताया गया है कि उक्त आपराधिक मामलो में से अभियुक्त को किसी मामले मेंन्यायालय द्वारा <नाम> पाया गया है या नहीं। वर्तमान में सभी मामले विचाराधीन हैं। अभियुक्त की ओर से यह भी कथन किया गया है कि पुलिस द्वारा उसे बी वारण्टके आधार <नाम> इस अपराध में न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है तथा मामले मेंझूंठा फंसाया गया है तथा झूंठी बरामदगी दिखायी गयी है, जिसके संबंध मेंअभियुक्त की ओर से शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण मेंबी वारण्ट के आधार <नाम> दिनांक 02.02.2024 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7339_201917-12-2019269 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थनापत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ बेताल गूर्जर पुत्र <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. <नाम> बैजनाथ <नाम> थाना रौंया जिला <नाम> द्वारा दिनांक 03.12.19 को समय 22.44 बजे जुबानी प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण बिजेन्द्र <नाम> उफ पप्पू सत्यवीर उर्फ सत्तो, प्रेमसिंह, <नाम> <नाम> उर्फ पप्पी, <नाम> उर्फ अवधेश उफ <नाम> <नाम> प्रशान्त, सत्यपाल, <नाम> उफ मामा, अब्दुल, सानू, हरीओम, भीकम <नाम> उर्फ भीका <नाम> के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जिसका गैगलीडर बिजेन्द्र उर्फ पप्पू है जो अपने साथियों के साथ मिलकर अध्याय17 में वर्णित अपराध करने के अभयस्थ अपराधी हैं और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्तरहते है । ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है जिसके <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध मुदकदमा पंजीकृत कराने एवं गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया हैै। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प््रार्थी/ अभियुक्त उपरोक्त मुकदमें में झूँटा फसाया गया है जबकि उसने कोई अपराध कारित नही किया है। उसके विरूद्ध एक मुकदमा दर्शित है जिसमेंउसका जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन है। उसके विरूद्ध कोई जनसाक्षी नही हे और <नाम> ही उसका कोई भय व आतंक <नाम> में व्याप्त है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोईजमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। वह पूर्व सजायाफता नही है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 189/19 धारा-395, 412 भा.द.सं. थाना-सैया जिला आगरा। 2का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामलादर्शाया गया हैं, जिसमं अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर अध्याय 17 में वर्णित डकैती के अपराधकरने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर अध्याय 17 में वर्णित डकैती के अपराध करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
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Bail Application_3631_201916-07-20191877 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> पुत्रप्रहलाद <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ <नाम> <नाम> <नाम> सोनकर थाना <नाम> <नाम> गेट जिला <नाम> ने दिनांक 25.06.2019 को 19.50बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगणशुभम <नाम> व आशीष उफ शालू के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडरशुभम <नाम> है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर सामूहिक <नाम> से लोक व्यवस्था कोअस्त व्यस्त करने व अपने साथी के लिए अनुचित आर्थिक एवं भौतिक लाम प्राप्त करने केउददेश्य से हत्या, लूट, चोरी, जैसे संगीन अपराध कारित करने का आदी है व समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त है। जिसके <नाम> <नाम> में उक्त अभियुक्तगण का भय वआतंक व्याप्त है । अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 एवं 17 में वर्णित दण्डनीय अपराधकारित किया गया है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इसके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं। इसके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त केस में अभियुक्त दर्शाया गया है। जबकि उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। वह पूर्णत: निर्दोष है। वह पूर्व सजायाफता नही है। उसके जमानत का दुरूपयोग करने की कोई <नाम> नही है। उसके विरूद्ध लगाये गये मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। अभियुक्त द्वारा धनोपार्जन <नाम> कोईसम्पत्ति तैयार नही की गयी है और <नाम> ही पुलिस द्वारा उससे कोई वसूली की गयी है। अभियुक्त के फरार होने की कोई <नाम> नही है। अभियुक्त दिनॉक 30.06.2019 से जिला 2कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय गैगलीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 43/18 धारा-392, 411, भा.द.स. थाना-एम.एम.गेट <नाम> । (2) अ.सं. 432/18 धारा-302 भा.द.सं. व 3(2) एस.सी.एस.टी.एक्ट व शस्त्र अधिनियम.थाना-बन्ना <नाम> अलीगढ़ । के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया । ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध हत्या व लूट करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसका जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार हुए है। --अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की <नाम> एवं अभियुक्तके हत्या, डकैती व चोरी से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करनेकी सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2040_202019-08-2020286 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादीगण टेकचंद वजगन <नाम> द्वारा थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी गयी कि दिनांक 19.07.2020 की <नाम> में प्रार्थी जगन <नाम> ट्यूववैल केसमरसेबिल की मोटर अज्ञात चोरों द्वारा चोरी <नाम> ली गयी और गांव के टेकचंद केखेत से पांच खम्भों के बीच के तार भी चोरी हो गए और टेकचंद के ट्यूववैल काताला टूटा मिला। जब वे लोग रात में खेत <नाम> पहुंचे तो टेकचंद क ट्यूववैल केपास उन आज्ञात चारों में से किसी एक का मोबाइन फोन नोकिया पड़ा मिला। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथपत्र में कहागया कि प्रार्थी/अभियुक्त पूर्णतः निर्दोष है, उसने कोई अपराध नहीं किया है औरउसे इस मुकदमे में थाना हाजा पुलिस ने अपनी नाजायज इच्छापूर्ति <नाम> होने केकारण झूठा फंसाया है। प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त मुकदमा में नामजद नहीं है, उक्तमुकदमा की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज हुई है। सत्य बात यह है कि्रार्थी/ अभियुक्त मजदूरी करने घर लौट रहा था, तो <नाम> चौकी पुलिस ने <नाम> कोउसे मास्क <नाम> होने के <नाम> पकड़ लिया तथा प्रार्थी/ अभियुक्त को छोड़ने केएवज में नाजायज रूपयों की मांग की, जब प्रार्थी /अभियुक्त ने रूपये देने से मनाकर <नाम> तो थाना हाजा पुलिस ने मारपीट <नाम> जबरदस्ती इस मुकदमें में झूठा फंसादिया। घटनास्थल <नाम> भीड़भाड़ रहती है, फिर भी <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहींदर्शाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। सहअभियुक्त <नाम> की जमानत न्यायालय द्वारा स्वीकृत हो चुकी है प्रार्थी / अभियुक्त का Bail Application/6170/2020 -Pawan Vs. UP State2यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसीभी न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्तदिनांक 22.07.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों परजमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गयाकि अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, उसको पुलिस द्वारा इस मामलेमें झूठा फंसाया गया है तथा उससे कोई बरामदगी नहीं हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वाराट्यूववैल के समरसेबिल की मोटर व तार की चोरी की गयी तथा उससे बरामदगीहुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्र्ार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ",
"यह प्रकरण अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायेजाने के साथ शुरू हुआ। इस अभियुक्त से बरामदगी होने के आधार <नाम> इस प्रकरणमें शामिल किया गया है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है,अभियुक्त किसी बरामदगी से इंकार करता है और इस प्रकरण में झूठा फसानाकहता है। इस प्रकरण के <नाम> अभियुक्त <नाम> की जमानत समकक्ष न्यायालय द्वारास्वीकृत हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 22.07.2020 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2659_202025-09-20202443 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प््रार्थनापत्रों के समर्थन में प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के पैरोकार कमशःराकेश एवं <नाम> के शपथपत्र प्रस्तुत किये गये हैं जिनमे यह वर्णित है कि येप्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र हैं, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य ऱ्यायालय में लम्बित नहीं है। चूँकि दोनों जमानत प्रार्थनापत्र एक ही Bail Application/7694/7760/2020 -Chatrapal And OThers Vs. UP State 2अपराध संख्या एवं एक ही घटना से सम्बच्धित है, अतः दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों कानिस्तारण एक ही आदेश द्वारा किया जा रहा है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थीगण/ अभियुक्तगणछत्रपाल व गुड्डा का जमानत प््रार्थनापत्र दिनांक 08.09.2020 को एवंप्रार्थीगण / अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एवं राधेश्याम का जमानत प्रार्थनापत्रविद्वान अपर सिविल जज(जू0डि0)/ न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय संख्या-07,आगरा द्वारा दिनांक 09.09.2020 को निरस्त किये गये हैं। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2512_202024-09-20202490 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तग के पेरोकार <नाम> <नाम> नेशपशथ्रपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 13.06.2020 कोथाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसकी दो बहनों की शादी एक ही घर मेंहुई हैं। जिसमें बड़ी बहन <नाम> की शादी लक्ष्मीनरायन से 9 वर्ष पहले हुई थी तथाछोटी बहन <नाम> की शादी तीन वर्ष पहले <नाम> के साथ हुई थी। शादी के <नाम> सेही उसके <नाम> <नाम> छोटी बहन <नाम> को दहेज की मॉग को लेकर मारपीट करतेथे, जिसकी सूचना उसकी बहन <नाम> ने उनको दी थी। आज दिनांक 13.06.2020 को उसके <नाम> <नाम> <नाम> विजेन्द्र, अंचनसिंह, <नाम> एवं लक्ष्मीनारायण नेउसकी बहन <नाम> को फांसी लगा दी और उनको <नाम> सूचना दिए उसका दाह (2)संस्कार भी <नाम> <नाम> तथा उसको <नाम> में सूचना दी गई । ",
"वादी की तहरीर <नाम> अभियुकतगण <नाम> <नाम> विजेन्द्र, अंचनसिंह, अजयएवं लक्ष्मीनगायण के विरूद्दर थाना मलपुरा <नाम> मु0अ0सं0० 203/2020 <नाम> 498ए,304बी., 201 भा0द0सं0 एवं <नाम> 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में प्राथमिकी अंकितकी गई । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूँठा फँसाया गया है, जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराधकारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त के द्वारा वादी कीबहन /मृतका को कभी भी अतिरिक्त दहेज के लिए प्रताड़ित नहीं किया गया। अभियुक्त मृतका एवं उसके परिवार से अलग रहता हैं तथा उसका राशन कार्ड व अन्य कागजात निवास से सम्बन्धित अलग हैं। मृतका <नाम> का दाह संस्कार उसकी बड़ीबहन <नाम> व अन्य मायके वालों की मर्जी से हुआ था। अभियुक्त परिवार के नाते मृतका के दाह संस्कार में शामिल हुआ था। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहींबताया गया हैं। अभियुक्त के विरूद्द केवल <नाम> 201 भा०द0सं0 में आरोप पत्र प्रेषितकिया गया हैं तथा <नाम> 201 भा0द0सं० का अपराध जमानती अपराध हैं। अभियुक्त दिनांक 28.08.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्र हैं, अतः जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की प्रार्थना की गई । ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा इस तथ्य को स्वीकार किया गया किअभियुक्त के विरूद्र केवल <नाम> 201 भा0द0सं0 में आरोप पत्र प्रेषित किया गया हैं जोकि जमानतीय अपराध हैं। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्द अन्य <नाम> अभियुकतगण केसाथ मिलकर वादी की बहन को अतिरिक्त दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने तथाउसकी हत्या <नाम> हत्या के साक्ष्य को विलुप्त किए जाने का आरोप हैं। ",
"प्राथमिकी के अनुसार अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथमिलकर वादी की बहन को अतिरिक्त दहेज के लिए प्रताड़ित किया <नाम> तदुपरान्त मृतका की मृत्यु के उपरान्त साक्ष्य को विलुप्त किए जाने के आशय से मृतका के शवको जला <नाम> <नाम> बताया गया हैं जिसकी <नाम> वादी द्वारा विवेचक को दिए गयेउसके बयान 161 द0प्र0सं० से होती हैं। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
" केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उक्त प्रकरण में विवेचना के उपरान्त अभियुक्त का अपराध केवल <नाम> 201 के जमानत प्रार्थना पत्र स0: 2512 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 2512 / 2020अन्तर्गत पाते हुए अभियुक्त के विरूद्र आरोप पत्र <नाम> 201 भा०द0सं0 में प्रेषित कियागया हैं। अभियुक्त द्वारा यह आधार लिया गया हैं कि वह परिवार के नाते मृतका के दाह संस्कार में शामिल हुआ था, उसका उक्त घटना से कोई सम्बन्ध नहीं हैं। विद्वानशासकीय अधिवक्ता द्वाण्डिक द्वारा अभियुक्त के इस तर्क का खण्डन नहीं किया गयाहैं बल्कि इस तथ्य को स्वीकार किया गया हैं कि अभियुक्त के विरूद्र केवल <नाम> 201भा०द0सं0 में आरोप पत्र प्रेषित किया गया हैं जो कि जमानतीय अपराध हैं । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_117_202018-01-20202133 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त की पत्नी व पैरोकारश्रीमती <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> के द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इसकथन क साथ प्रस्तुत की गयी कि दिनांक 15.09.2018 को वादी की पत्नीश्रीसती श्यामलता अपनी रिश्तेदार <नाम> किरन निवासी-9 <नाम> नगर थानान्यू <नाम> सूर्यलोक चिकित्सक के पास जा रही थी। समय करीब 08:20 बजेशाम सूर्यलोक चौराहा <नाम> पहुँची कि सामने से दो युवक <नाम> रंग की मोटरसाईकिल <नाम> आये और श्यामलता की गर्दन में झपटटा मार <नाम> पहनी सोने की चैन करीब 2.1/2 तोला बजन तोडकर मोटरसाईकिल से भाग गये। दोनों अपराधियों को श्रमीती श्यामलता व किरन ने <नाम> खम्बे <नाम> लगीलाइटों के <नाम> में भली प्रकार <नाम> है। सामने आने <नाम> पहचान सकती है। घटनास्थल के पास कई सी सी टी वी कैमरे लगे हैं जिनमें घटना देखी जासकती है। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 18.12.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी से कोईबरामदगी नहीं है। मौके से गिरफूतार सह-अभियुक्तगण पुष्पेन्द्र <नाम> व <नाम> <नाम> की जमानत र््यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी काअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्यकोई जमान प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी की पत्मी के साथ लूटपाट कीगयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी । "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 117 2020सोनू जाट बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त की विद्वान अधिवक्ता कु0 <नाम> <नाम> एवंविद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिमोक 15.09.2018 की 20:20 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टदिनोक 16.09.2018 को समय 15:06 बजे <नाम> करायी गयी है। प्रार्थी परअन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा की पत्नी के गले से सोने की चेन लूटनेका आरोप है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थीसह-अभियुक्तगण पुष्घेन्द्र <नाम> व <नाम> <नाम> के कथन के आधार परमामले में अभियुक्त बनाया गया है। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शितहोता है कि प्रार्थी को दिनाक 18.12.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतारकिया गया है। प्रार्थी से इस प्रकरण से संबघित कोई बरामदगी दर्शित नहींकी गयी है। सह-अभियुक्तगण पुष्पेन्द्र <नाम> एवं <नाम> <नाम> की जमानतइस न्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी लगभग एक माइसे जिला कारागार में निरूद्ध है । (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रल्क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_17_202111-01-20213818 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"उपरोक्त अपराध में अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र, न्यायिक मजिस्ट्रेट, फतेहाबाद, <नाम> द्वारा दिनांक 23.12.2020 को निरस्त किया जा चुका है। जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की मां <नाम> सरोज ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहींहै। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी धर्मेन्द्र <नाम> द्वारा इस आशय की तहरीर थाना फतेहाबाद, <नाम> <नाम> दर्ज कराई गयी कि दिनांक 13.12.2020 कोसमय करीब पांच बजे <नाम> वह अपने खेत <नाम> अपनी मोटरसाइकिलसंख्या-यू०पी0 80-डी0एक्स0-8716 से गया था, जिसे सड़क <नाम> खड़ी <नाम> खेतमें <नाम> करने लगा। कुछ देर <नाम> <नाम> कि वहां <नाम> मोटरसाइकिल नहीं <नाम> । काफी खोजबीन की गयी, नहीं मिली। उसकी मोटरसाइकिल कोई चोर चोरी करकेले गया है। अब <नाम> वह अपनी मोटरसाइकिल की खोजबीन करता रहा, किन्तु Bail Application/21/2021 -Subhas Vs. UP State 2उसकी मोटरसाइकिल <नाम> <नाम> नहीं <नाम> है। ",
"वादी की तहरीर <नाम> थाना फतेहाबाद <नाम> <नाम> मु0अ0सं0 360/ 2020 अर्न्तगत <नाम> 379 भा०दं0सं० में प्राथमिकी ऑकित की गई। ",
"विवेचना के दौरान अभियुक्त <नाम> को <नाम> अभियुक्त धर्मेन्द्र के साथदिनांक 19.12.2020 को गिरफूतार किया गया तथा कथित चोरी गयीमोटरसाइकिल के साथ अन्य मोटरसाइकिलें बरामद की गयीं एवं <नाम> 411भा०द0सं0 की बढोत्तरी की गई । ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसे इस मामले में झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। घटना दिनांक 13.12.2020 कोसमय 17.00 बजे की बताई गयी है, जब कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक19.12.2020 को समय 10.55 बजे को दर्ज कराई गयी है। घटनास्थल से थानामात्र दो किमी0 दूर है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं दर्शाया गया है। उक्तप्रकरण से सम्बच्धित चोरी गयी मोटरसाइकिल अभियुक्त के पास से बरामद नहींहुई है। पुलिस द्वारा फर्जी गिरफ्तारी दर्शित <नाम> उसे इस मुकदमे में अभियुक्तबनाया गया है। अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्तदिनांक 20.12.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी प्रार्थना की गई । ",
"विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करतेहुए कहा गया है कि अभियुक्त <नाम> तथा <नाम> अभियुक्त धर्मेन्द्र से चोरी कियागया वाहन बरामद हुआ है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा संबंधित पत्रावली का परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। दिनांक 13.12.2020 कोसमय 17.00 बजे की घटना की रिपोर्ट दिनांक 19.12.2020 को दर्ज कराई गयीहै। अभियुक्त <नाम> को <नाम> अभियुक्त धर्मेन्द्र के साथ दिनांक 19.12.2020 कोगिरफूतार किया <नाम> बताया गया है। कथित चोरी गयी मोटरसाइकिल <नाम> अभियुक्त धर्मेन्द्र के कब्जे से बरामद होना कहा गया है। अभियुक्त के कब्जे सेबरामदगी नहीं बताई गयी है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्त <नाम> दिनांक 20.12.2020 से जिला कारागार में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3575_202003-11-20201396 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त की ओर से <नाम> <नाम> द्वारा इस आशय का शपथपत्र दियागया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नही है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमा मनोजसिंह द्वारा थाना सिकन्दरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयीकि दिनांक 11.05.2018 को उसके गांव के सुरेपाल ने उसकी भूसे की बुर्जी में आगलगा दी थी जिसकी सूचना उसे 100 नम्बर <नाम> दी तो पुलिस वाले आये और एकदमकल गाड़ी आई थी। सुरेपाल के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की तोसुरेपाल के हौसले बुलन्द हो गए और आज दिनांक 15.05.2018 को सुबह तीन बजेउसके पिताजी खेत <नाम> चारपाई <नाम> लेटे हुए थे तो उसी समय सुरेपाल अपने तीनसाथियों के साथ आया, उसके पिताजी ने उसे टोका तो उसने अपने तमंचे से उसकेपिताजी को <नाम> से मारने की नीयत से फायर किया जिसकी गोली उसके पिताजीके सीधे हाथ, छाती व पेट <नाम> लगी है। पिताजी का इलाज इमरजेंसी में चल रहाहै। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी/ अभियुक्त Bail Application/9649/2020 —-Surepal Singh Vs. UP State 2ने कोई अपराध नही किया है, उसे गांव की पार्टीबंदी की वजह से व वादी द्वारापुलिस से सांठगांठ <नाम> झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त की वादी मुकदमा से प्लाटकी बाबत पूर्व से रंजिश चली आ रहा है, दबाव बनाने <नाम> झूठा मुकदमा लिखायागया है। दिनांक 11.05.18 की घटना किसी अन्य के द्वारा की गयी जो कि अभियुक्तपर <नाम> दी गयी। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्त दिनांक18.05.2020 से जेल में है। अतः प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदनकिया गया। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा कहा गया है कि अभियुक्त द्वारावादी की भूसे की बुर्जी में आग लगाई गयी तथा वादी के पिता को <नाम> से मारनेकी नीयत से तमंचे से फायर <नाम> चोटें कारित की गयीं। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किए जाने की प्रार्थना की गयी। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। प्रथम सूचना रिपोर्टके अनुसार प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा वादी के पिता धनवीर <नाम> <नाम> तमंचे से फायरकिया गया जिससे उसे चोटें कारित हुई । चुटैल धनवीर <नाम> की आघात आख्या केअनुसार उसके शरीर <नाम> फायर आर्म्स की चोटें कारित हुई है। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के <नाम> सुने तथा पत्रावली काअवलोकन किया । ",
" प्रपत्रों के अवलोकनसे यह भी स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> 307 भा०द0सं0 में दर्ज हुई तथाआरोप पत्र में <नाम> 435 भा0द0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त परआरोपित अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_5550_201901-10-20193425 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ रामबाबू पुत्र मानिक चन्द का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थानाध्यक्ष श्रीज्ञानेन्द्र <नाम> <नाम> थाना पिनाहट जिला <नाम> ने दिनांक 07.04.2019 को 18.30 बजेथाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगणश्रीभगवान, उदयभान, वीरभान, छोटू, टीटू उर्फ रघुवीर महेन्द्र <नाम> <नाम> <नाम> उफ शिब्बा,तॉती उर्फ सन्तोष, <नाम> उर्फ सत्यप्रकाश, चुटिया उर्फ <नाम> <नाम> उफ कल्यान सुखदेवी, <नाम> उर्फ रजनियॉँ, के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर श्रीभगवान है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर तथा अलग अलग अपने निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> डकैती जैसे अपराध कारित करते है जिसके <नाम> <नाम> मेंउक्त अभियुक्तगण का भय व आतंक व्याप्त है। अभियुक्तगण भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध को करने केअभ्यस्त अपराधी है । ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणकोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है । ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि प््रार्थी/अभियुक्त निर्दोष एवं निरपराध है उसे रंजिश के <नाम> मुखबिर के कहने <नाम> उक्त मुकदमें में झूँठा फसाया गया है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। वह एक जिम्मेदार मजदूरव्यक्ति है। विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। वह पूर्व सजायाफता नही है और <नाम> हीउसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग 2 है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 256/18 <नाम> 395, 397, 412 भा.द.स. व 15 द.प्रक्ष. थाना-पिनाहट(2) अ०सं0 266/18 <नाम> 25 आर्म्स एक्ट थाना पिनाहट जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया । ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध डकैती करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। --अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के डकैती से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की धारा19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का इस स्तर <नाम> यह समाधाननहीं होता है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_5946_201923-10-20192544 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त की पेरौकार <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित हवै । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 13.02.2019समय 03:57 बजे थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई कि दिनांक13.02.2019 को हमारी कर्मचारीगण के साथ चैंकिग व गश्त में थे कि मुखविरकी सूचना <नाम> दविश दी गई मोटर साईकिल अपाचे <नाम> सवार दो व्यक्तिआते दिखे जिन्हें रोकने का इशारा किया तो वह पुलिस पार्टी को चकमादेकर बडी <नाम> से जे सी बी चौराहे की तरफ भागे। का0 साकिर ने टार्च कीरोशनी डालकर पहचान करते हुए मोटर साईकिल सवार भागने वाले दोनोव्यक्तियों के बारे में चिल्लाते हुए कहा कि ये तो कुख्यात अपराधी मुच्छन वफरहान हैं, पकडों। इस <नाम> पुलिस वाले दो टीमों में बटकर अपनी अपनीगाडियों में सवार होकर मोटर साईकिल <नाम> भाग रहे बदमाशों का पीछा करने लगे। भागते हुए वे <नाम> स्कूल के पास से सुनारी जाने वाले रोड <नाम> मुडकरभागे। कि <नाम> स्कूल की बाउन्डी से करीब 10 <नाम> आगे सुनारी की तरफमोटर साईकिल फिसल जाने से गिर गये तभी उतर <नाम> दोनों को गिरफतार (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5946 2019मोहसीन उफ मुच्छन बनाम राज्यकरने चले तो बदमाशो ने अपने को घिरता देख अपने पास मौजूद हथियारोंसे पुलिस वालों <नाम> <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने लगे। आगे बढे तो एक बदमाश के करहाने की आवाज सुनाई दी। नजदीक जाकर देखातो एक बदमाश घायल हालत में पडा हुआ था। जिसके बाये पैर में घुटने केनीचे खून निकल रहा है जिससके दाये हाथ में लगा तमंचा व वाये हाथमें एक जिन्दा कारतूस .38 बोर बरामद किया गया। पूछने <नाम> उसने अपना नाम मोहिन उफ मुच्छन बताया भागे दूसरे बदमाश की जानकारी करने परफरहान बताया। वादी की तहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमा पंजीकृतहुआ । ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 13.02.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी व उसकी पत्नी होटल में बैठकर खाना खा रहे थे तभीइलाका पुलिस होटल <नाम> आयी और प्रार्थी व उसकी पत्नी को थाने <नाम> लेगयी और वहाँ से उसकी पत्मी को छोड़ <नाम> और प्रार्थी से झूठी बरामदगीदर्शित <नाम> दी। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च र््यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उससे नाजायज तमंचा व कारतूस बरामद किएगए हैं। उपरोक्त आधघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> डीछएस0 <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटना (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-63, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5946, 2019मोहसीन उफ मुच्छन बनाम राज्य दिनाक 12.02.2019 की समय 21:00 बजे की है। प्रार्थी उसके कब्जे से नाजायज <नाम> से तमंचा व कारतूस बरामद होने का आरोप लगाया गया है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनौक 22.10.2019को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी आठ माह से अधिक समय से जिलाकारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जाचुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1123_202112-02-20212474 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा राकी कुमार,अवर अभियन्ता 33/11 के.वी.उपकन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना खेरागढ,आगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक30/ 31-07-2018 की <नाम> में टीम के अन्य सदस्यों के साथ चैकिंग कियेजाने <नाम> अभियुक्त गंगाराम को अवैध <नाम> से विद्युत का उपयोग <नाम> चोरीकरते हुए पाया गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठाफॅसाया गया है तथा एफ.आई.आर. में उसका नाम गलत लिखाया गया है,उसने विद्युत की चोरी नहीं की है, उसके पड़ौसी स्नेहलता ने विद्युत चोरी कीहै। प्रार्थी / अभियुक्त उक्त केस में दिनांक 11.02.2021 से जेल में है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। (2)विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्शी/ अभियुक्त के आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है तथा विभाग द्वारापत्र <नाम> में जारी किया गया है, अत: एतराज है। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> चोरी से विद्युत का उपयोग किये जाने काआरोप है, जिससे प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा इंकार किया गया है। तथा इससंबंध में विभाग द्वारा जारी पत्र की छायाप्रति दाखिल की गयी है, जिसमें पुन:की गयी अवर अभियन्ता की जॉच में उसक द्वारा विद्युत चोरी किया जानानहीं पाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 11.02.2021 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_827_202010-02-20201079 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रबताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त की पत्नी हरमीत कौर का शपथ पत्र प्रस्तुत कियागया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक थाना सिकन्दरा, जिला <नाम> ने दिनांक 27.01.2020 को 14-56 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि दौराने गस्त / भ्रमण अन्दरइलाका <नाम> में निम्न अभियुक्तों के बारे में जानकारी की गयी तो गैंगलीडर <नाम> <नाम> उर्फसंजय कालिया व उसके सदस्य <नाम> <नाम> उर्फ रिन्कू <नाम> उर्फ मनप्रीत के साथ मिलकर भौतिक व आर्थिक <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से चोरी, जुआ, सट्टा, एन.डी.पी.एस, चौथ वसूली <नाम> भा0द0वि0 के अध्याय 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित करके समाज विरोधी कियाकलाप करते हैं तथा इनके भय व आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भीव्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने /रिपोर्ट लिखाने को तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्धथाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करायागया है। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक /अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वहकिसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.953 / 19 धारा-414 भा.द. 2स. थाना-सिकन्दरा, <नाम> (2) अ.सं.808 /19 धारा-3,/4 जुआ अधिनियम थाना न्यूआगरा, <नाम> (3) अ.सं.970 / 19 धारा-386 भा.द.स. थाना-न्यू <नाम> <नाम> के मुकदमेलंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जाने कीप्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया । गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीन उपरोक्तमामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध जुआ कराने, चौथ वसूली करने काअभिकथन है । उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। wel am rae में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर जुआ कराने, चौथवसूली करने के आरोप हैं। ",
"आवेदक »/ अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं उक्त अधिनियम की <नाम> 190) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखतेहुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1503_202117-03-2021959 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त <नाम> के पैरोकार/पिता श्रीविष्णु ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण का इसन्यायालय के अलावा किसी भी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालयप्रयागराज में कोई जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक वादी मुकदमा <नाम> <नाम> के द्वारा थानाशमशाबाद <नाम> दी गयी तहरीर के आधार <नाम> इस प्रकार है कि वह पल्लेदारी का कामकरता है। आज दिनांक 04.02.2021 को वह शमशाबाद से <नाम> करके अपने घर कोआ रहा था, समय करीब <नाम> 6.30 बजे <नाम> को ग्राम लहरा के पास सड़क परअचानक एक मोटरसाईकिल से 3-4 लड़के पीछे से आये और उसकी गाड़ी के सामनेगाड़ी लगायी और उसकी मोटरसाईकिल नं0 यूपी80 एफ0एफ0 4036 प्लेटिना कालेरंग की व उसका मोबाइल की पैड नं<फ़ोन-नंबर> है, लूट <नाम> ले गये। थाने परचचेरे <नाम> <नाम> के माध्यम से रिपोर्ट करायी । ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना शमशाबाद <नाम> अज्ञात के विरूद्धमुकदमा अपराध संख्या 17/2021, <नाम> ३92 भा०दं0सं0 में प्राथमिकी दर्ज की गयी। दौरान विवेचना दिनांक 12.02.2021 को <नाम> अभियुक्तगण के साथ पकड़े जाने परवादी से लूटी गयी प्लेटिना मोटर साइकिल की बरामदगी के आधार <नाम> धारा-411भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। "
],
"judge-opinion": [
" 2प्रार्थी /अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलनकिया गया। ्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है किप्रार्थी / अभियुक्तगण द्वारा कथित अपराध कारित नहीं किया गया है और ना ही उनसेकोई बरामदगी ही हुई है। प्रार्थीगण की शिनाख्त किसी भी मुकदमा वादी से नहींकरायी गयी है। घटना दिनांक 04.02.2011 व 11.02.2011 को कोई जनसाक्षी भी नहींहै तथा दर्शायी गयी बरामदगी प्रार्थी से नहीं हुई है। थाना ताजगंज पुलिस नेप्रार्थी / अभियुक्त को अज्ञात मुकदमों में बरामदगी दिखाते हुए झूठे आरोपित <नाम> दियाहै । प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> मजदूर किस्म का युवक है तथा <नाम> बेलदारी करनेवाला दिहाड़ी मजदूर व्यक्ति है। दिनांक 11.02.2021 को बेलदारी करके से लौटतेसमय दिगनेर चौराहे <नाम> अज्ञात मोटर साइकिल सवारों से लिफूट मांगी थी, मोटरसाइकिल स्लिप हो जाने <नाम> <नाम> मोबाइल के पुलिस वालें सभी लोगों को थाने लेआये और प््रार्थीगण को झूँठे मुकदमों में फॅसा दिया। प्रार्थीगण अनपढ़ व्यक्ति हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण दिनांक 12.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उन्हेंजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण <नाम> सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा से मोटर साइकिल प्लेटिना यूपी080एफ0एफ0 4036 लूटे जाने तथा गिरफ्तार किये जाते समय वादी से छीनी गयी मोटरसाइकिल बरामद होने का आरोप है। प्रार्थी/अभियुक्तगण द्वारा किया गया अपराधअत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अतः उनका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ",
"केस डायरी के अनुसार प्रार्थी /अभियुक्तगण <नाम> <नाम> अभियुक्तगण केसाथ मिलकर वादी मुकदमा से एक मोटर साइकिल प्लेटिना व एक मोबाइल की पैडवाला लूटे जाने का आरोप है। केस डायरी की अनुसार दिनांक 12.02.2021 को सहअभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किये जाते समय जिस मोटरसाइकिल की बरामदगीदिखायी गयी है उसका कोई नंबर केस डायरी में <नाम> नहीं है, प्राप्त केस डायरी मेंन तो अभियुक्तगण की पहचान अथवा शिनाख्त वादी के द्वारा करायी गयी और ना हीघटना का कोई स्वतंत्र <नाम> दर्शाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्टमें नामित नहीं है। बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। इसी फर्द केआधार <नाम> नामित मु0अ0सं0 84/21 के मामले में अभियुक्तगण व सह-अभियुक्तगणकी जमानत समकक्ष न्यायालय से हो चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3804_201901-08-20191106 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"चूंकि इन दोनों जमानत प्रार्थना पत्र की घटना एक ही है, प्रथम सूचनारिपोर्ट भी एक ही है तथा अपराध संख्या भी एक ही है। अतः इनकानिस्तारण एक साथ किया जा रहा है। ",
"आवेदक / अभियुक्त रामलखन उर्फ <नाम> के जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ उसके पिता <नाम> <नाम> तथा आवेदक/ अभियुक्त <नाम> <नाम> केजामनत प्रार्थना पत्र के साथ उसके पिता <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुतकिया गया है, जिनमें कहा गया है कि यह उनका प्रशम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । ",
"अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 29.06.2019 को एस0ओ०महेश <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारीगण केसाथ पतारसी सुरागरसी करते हुये इलाका थाना <नाम> में मामूर थे। मुखबिर सेसूचना <नाम> कि रात को हुई लूट से संबंधित अभियुक्तगण मिढाकुर की तरफसे बरारा आने <नाम> सहारा अण्डरपास से होते हुये लूटी गयी मोटरसाइकिल सेआने वाले हैं। मुखबिर के बताये स्थान <नाम> पहुंचने के थोड़ी देर <नाम> तीनव्यक्ति मोटरसाइकिल <नाम> आते दिखायी दिये, जिनको आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> -2-पकड लिया। पकडे जाने <नाम> मोटरसाइकिल चला रहे व्यक्ति ने अपना नामसुशील पुत्र <नाम> बताया, उसकी जामा तलाशी से एक तमंचा 315बोर व दोजिन्दा कारतूस तथा पेन्ट की बायी जेब से 300/-रूपये बरामद हुये, दूसरे नेअपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> बताया,उसकी जामा तलाशी से एकअदद चाकू तथा पहने पेन्ट की बायी जेब से एक अदद मोबाइल सैमसंग कीपैड रंग <नाम> जिसका आई.एम.ई.आई.नंबर <फ़ोन-नंबर>155 है, <नाम> सिमबरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम रामलखन उर्फ <नाम> <नाम> बताया,उसकी जामा तलाशी से एक अदद चाकू तथा पहने पेन्ट की दाहिनी जेबसे एक अदद मोबाइल वीवो रंग काला जिसका आई.एम.ई.आई.नंबर<फ़ोन-नंबर>1033 व <फ़ोन-नंबर>025 है, <नाम> सिम बरामद हुआ । ",
"बरामद तमंचा, कारतूस, चाकू के संबंध में लाइसेंस व मोटरसाइकिल केकागजात तलब किये गये तो दिखाने में कासिर रहे तथा बताया कि दिनांक20.06.2019 की रात में बरारा गॉव को जाने वाली सडक <नाम> नहर केकिनारे एक व्यक्ति से दो मोबाइल पर्स व यह मोटरसाइकिल छीना था, पर्स में340/-रूपये रखे थे, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड आदि रखे थे, पर्स को सडककिनारे बने बाग के पास फेंक <नाम> था, मोटरसाइकिल पकडी <नाम> जा सक,इसलिये हम लोगों ने मिलकर नगला हट्टी में <नाम> के घर के पास घटनाके अगले <नाम> मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट बदलकर एक फर्जी नंबर प्लेटलगाकर चैसिस व इंजन नंबर को मिटा <नाम> आज हम मोटरसाइकिल बेचने जा रहे थे। अभियुक्तगण से बरामद <नाम> तमंचा, कारतूस, चाकू, मोबाइल कोमौके <नाम> सील सर्व मोहर <नाम> नमूना मोहर बनाकर सडक के पास बने बाग परआये , जहाँ <नाम> द्वारा झाडियों से <नाम> रंग का पर्स उठाकर <नाम> जिसेकब्जे पुलिस में लेकर सील सर्व मोहर <नाम> नमूना मोहर बनाया गया। लूटी गयीमोटरसाइकिल के नंबर का मिलान किया गया तो आर.सी.पर <नाम> इंजननंबर HA1OEREHK37960 में से HिA10 व HK अक्षर मिलान खाते हैं,बाकी घिसे हुये हैं। गिरफूतारशुदा अभियुक्तगण व मोटरसाइकिल को थानेलेकर आये। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 30.06.2019 को अभियुक्तगण सुशील,विष्णु <नाम> रामलखन उर्फ <नाम> <नाम> के विरूद्ध अपराधसंख्या-336,//2019 <नाम> धारा-420 भा०द0सं0 का अभियोग थाना मलपुरा,आगरा <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया -3-है कि आवेदकगण/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इसमामले में झूंठा फॅसाया गया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण से किसी प्रकार कीकोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। आवेदकगण/अभियुक्तगण के विरूद्ध किसी भीतरीके का कोई <नाम> 420 भा०द0सं0 का अपराध नहीं बनता है और ना हीउनके द्वारा किसी तरह की कोई धोखाधडी <नाम> <नाम> प्राप्त किया गया है। इसबरामदगी का कोई चश्मदीद जनसाक्षी नहीं है। आवेदकगण!। अभियुक्तगण कोउपरोक्त मामले में पुलिस द्वारा घर से पकडकर मुल्जिम बनाया गया है। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 30.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है किआवेदकगण/ अभियुक्तगण ने अपने अन्य साथी के साथ मिलकर दिनांक20.06.2019 को बरारा गॉव जाने वाली सडक <नाम> मोटरसाइकिल व अन्यसामान की लूट की और उसके चैसिस नंबर व इंजन नंबर को घिस <नाम> । लूटी गयी उक्त मोटरसाइकिल व अन्य सामान को पुलिस ने अभियुक्तगण केपास से बरामद किया है। इस प्रकार आवेदकगण/ अभियुक्तगण का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"लूट की घटना दिनांक 20.06.2019 की बतायी जाती है और इस मुकदमेमें जो मोटरसाइकिल बरामद की गयी है, वह उसी लूट की घटना की बतायीजाती है, जबकि यह बरामदगी दिनांक 29.06.2019 को की गयी है। बरामदमोटरसाइकिल के इंजन नंबर व चैसिस नंबर जिनको मिटा हुआ होना कहागया है, क संबंध में आर.टी.ओ.कार्यालय की कोई रिपोर्ट नहीं ली गयी है औरइन्ही नंबरों को मिटाने के आधार <नाम> <नाम> 420 भा०द0सं0 का अपराध कारितकिया <नाम> द्वारा अभियोजन कहा जाता है आवेदकगण/अभियुक्तगण ने इसबरामदगी से इंकार किया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण से की गयी इसबरामदगी का कोई स्वतन्त्र जनसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। थाने से जो रिपोर्ट प्राप्त हुई है, उसमेंआवेदक /अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया गया है। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 30.06.2019 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_238_202020-01-20202068 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक » अभियुक्त के पुत्र <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 04.01.2020 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> हमराह पुलिस कर्मचारीगण केसाथ मुखबिर खास की हरियाणा की शराब की सूचना <नाम> ग्राम सिकरारा स्थितसरवन के घर पहुंचे तो एक गाडी सेन््ट्रो नंबर यूपी.80-ए.डब्लू-3829 मेंसरवन बैठकर भाग गया। मकान की तलाशी ली गयी तो उसके मकान से एक पेटी हरियाणा शराब बरामद हुई, खोलकर <नाम> तो उसमें 48 पौवे रखे हैं,उसमें से देशी शराब की बू आ रही है, जिनको कब्जा पुलिस में लिया गया,चार पौवे परीक्षण <नाम> निकाल <नाम> अलग अलग कपडे में रखकर सील मोहर किया गया व नमूना मौहर बनाया गया व फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 04.01.2020 को अभियुकत सरवन केविरूद्ध अपराध संख्या-02 / 2020 <नाम> धारा-420 भा०द0सं० 60(1) आबकारीअधिनियम का अभियोग थाना फतेहाबाद, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफँसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट को साबित करने के लिये फर्जी बरामदगी -2-कर रिपोर्ट दर्ज <नाम> दी गयी है, उपरोक्त सामान इलाका पुलिस द्वारा प्लान्टकिया गया है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व में सजायाफ्ता नहीं है। घटना का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 05.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक /»अभियुक्त केमकान से मुखबिर की सूचना <नाम> 48 पौवे देशी शराब हरियाणा बरामद हुई है,आवेदक / अभियुक्त मौके से भाग गया था। आवेदक / अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"कहा जाता है कि मुखबिर की सूचना <नाम> जब पुलिसआवेदक / अभियुक्त के घर पहुंची तो आवेदक /अभियुक्त कार में बैठकर भागगया, मकान की तलाशी <नाम> मकान से एक पेटी देशी शराब हरियाणा बरामदहुई । ",
"इस मामले में आवेदक /अभियुकत को मौके से गिरफ्तार नहीं कियागया है। संबंधित थाना पुलिस के द्वारा आवेदक अभियुक्त के घर से मात्र48पौवे देशी शराब बरामद होना दर्शाया गया है। मौके <नाम> काफी भीड इकट्ठाहोना प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> है, किन्तु इस मामले में उक्त बरामदगी काकोई जनसाक्षी नहीं है, थाने से प्राप्त आख्या में उक्त के अलावा अन्य कोईवस्तु बरामद होना नहीं दर्शाया गया है। आवेदक /अभियुकत दिनांक05.01.2020 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2313_202002-09-20203030 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तागण के पेरोकार <नाम> <नाम> तोमरने शपशथ्रपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तागण का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 31.03.2019को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> देवरी रोड़, <नाम> में किराये <नाम> मकान लेकर रहते हैं। मकान <नाम> का किराया दो महीना का उनके ऊपर था, किराये के ऊपर मकान <नाम> से कहा सुनी हो गयी थी। (2) मकान <नाम> <नाम> <नाम> एवं उनकी दो बेटियों <नाम> एवं रेनू ने मिलकर मारपीटकी और फिर उनके ऊपर तेल डालकर जला दिया। समय लगभग 11 या 11.30 रातके दिनांक 29.03.19 को घटना हो गई। उसके दोनों भतीजों कुनाल और बरून केसामने घटना घटित हुई है। इसके <नाम> पुलिस ने उन बच्चों का बयान लिया औरपुलिस ने <नाम> <नाम> को एस0एन0हॉस्पीटल में भर्ती कराया। ",
"वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तागण <नाम> <नाम> <नाम> व रेनू के विरूद्द थानासदर बाजार <नाम> मु0अ0सं0 264, 2019 <नाम> 307 भा०द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> कीगई । ",
"विवेचना के दौरान मृतक की मृत्यु के उपरान्त उक्त अपराध को <नाम> 302भा०द0सं० में तरमीम किया गया। ",
"अभियुक्तागण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया है किअभियुक्तागण निर्दोष हैं, उनको इस प्रकरण में झूंठा नामित किया गया हैं जबकि उनके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया है। यह कथन भी किया गया है कि घटनादिनांक 29.03.2019 की बताई गई है जबकि प्राथमिकी दिनांक 31.03.19 को दर्जकराई गई है, विलम्ब का कोई <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। प्राथमिकी एवं मृतक के बयान के अनुसार मृतक के साथ पहले मारपीट किए <नाम> तदुपरान्त मिट्टी का तेल डालकर जलाना कहा गया हैं किन्तु मृतक की शव विच्छेदन आख्या के अनुसारमृतक के शरीर <नाम> मृत्यु पूर्व की कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं हैं। केवल जली हुई चोटहै। वास्तविकता यह हैं कि मृतक <नाम> <नाम> शराब पीने का आदी था, उसकी शादी नहीं हुई थी, उस <नाम> बहुत कर्ज था तथा कर्ज के दबाब में <नाम> <नाम> के उकसाने <नाम> मृतक <नाम> <नाम> द्वारा स्वंय आग लगाकर आत्महत्या की गई हैं। अभियुक्ता <नाम> <नाम> द्वारा घटना के समय ही 100 नम्बर <नाम> सूचना दी गई थी तथा सूचना के <नाम> पुलिस आई थी और उसी सूचना के आधार <नाम> मुकदमा लिखा गया था। अगर अभियुक्तागण द्वारा मृतक को जलाया जाता तो उनके द्वारा थाने <नाम> सूचना नहीं दीजाती। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया हैं। अभियुक्तागणदिनांक 08.07.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीप्रार्थना की गई । ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तर्कप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्क्तागण के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्ता के साथ मिलकरवादी के <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> के साथ मारपीट <नाम> उसके ऊपर तेल (3)जमानत प्रार्थना पत्र स0: 2313 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 2313 / 2020 डालकर जला <नाम> मृत्यु कारित की गई है। <नाम> अभियुक्ता रेनू <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 05.08.2020 को गुण दोष के आधार परखण्डित किया जा चुका हैं। अभियुक्तागण द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है,अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तागण के विरूद्ध अन्य सहअभियुकतागण के साथ मिलकर वादी के <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> के साथ मारपीट <नाम> उसके ऊपर तेल डालकर जला <नाम> मृत्यु कारित किए जाने काआरोप है। केस डायरी के पर्चा कमांक 08 दिनांकित 31.03.2019 <नाम> मृतक <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> का मृत्युकालिक कथन उल्लिखित किया गया है जिसमें उसने यहकथन किया है कि “जिस मकान में वह किरायेदार है, उसका किराया पिछले दो माह से देना बाकी था, इसको लेकर मकान मालकिन से उसका कई बार वाद विवाद हो गया था। उसने कहा कि पैसा होने <नाम> देगा। इसी बात को लेकर कल रात 11.00 बजे मकान मालकिन तथा उसकी दो लड़कियों ने उसके ऊपर मिट्टी का तेल डालदिया और उसे जला दिया। “मृतक की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतक की मृत्यु का <नाम> जलने से ag ae बताया गया हैं। ",
"इस प्रकार मृतक <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> द्वारा अपने मृत्यु कालिक कथन में मकान मालकिन और उसकी दोनों पुत्रियों द्वारा मिटटी का तेल डालकर आगलगाये जाने का कथन किया है जिससे प्राथमिकी में वर्णित इन तथ्यों की <नाम> होतीहै कि मकान <नाम> <नाम> <नाम> /अभियुकता व उसकी दोनों बेटियों पूनन और रेनू ने मिलकर मृतक <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> के ऊपर तेल डालकर जलायागया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्तागण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया गया। ",
"केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियुक्तागण के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तागण के साथ मिलकर मृतक <नाम> <नाम> के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर उसकी जलाकर हत्या कारित किया <नाम> बताया गया हैं। इस प्रकरण में विवेचना पूर्ण (4)कर आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1823_202116-03-20211045 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी/ अभियुक्त की पैरोकार श्रीमतीमायावती पत्नी <नाम> नारायन <नाम> निवासिनी-ग्राम बधिक, थाना सहपऊ, जिलाहाशरस, जो कि प्र्ार्थी/अभियुक्त की पत्नी है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमेंकथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को उक्त केस में झूंठा फंसाया है व फर्जीमुठभेड़ दिनांक 12.01.2021 को दिखाकर उसको झूंठा फंसा <नाम> है। उक्त प्रकरण मेंथाना पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने की वजह से फर्जी मुठभेड़ दिखाकर उसके ऊपरउक्त केस लगा <नाम> गया है, जबकि उक्त कस की प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह स्पष्टहै कि चोरी करते हुए चोरों के फोटो सी0सी0टी0०वी0 कैमरे में स्पष्ट <नाम> से आये हैं। मगर उक्त सी0०सी0टी०वी0 कैमरे के फोटो से भी उसके फोटो का मिलान नहीं कियागया है, जिससे स्पष्ट हो जाता है कि उसका कोई भी <नाम> देना उक्त केस से नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> स्थित <नाम> रेलवे स्टेशन <नाम> मजदूरी करता है और वहींपर झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहता है। प्रार्थी/ अभियुक्त को दिनांक 08.01.2021 कोपुलिस द्वारा <नाम> स्टेशन <नाम> से गिरफ्तार किया गया था व <नाम> रेलवे स्टेशन Bail Application/3288/2021 -Narayan Dass @ Bablu Vs. UP State 2रोहतक से ही उसको लाया गया था और दिनांक 12.01.2021 को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर उक्त झूंठा केस खोल <नाम> जबकि उक्त केस से कोई भी सम्बन्ध वसरोकार उसका नहीं है। प््ार्थी/अभियुक्त के पास से पुलिस को केवल 3500//-रुपये बरामद हुए, उसके अलावा और कुछ भी पुलिस को उससे बरामद नहींहुआ, जो भी सामान पुलिस द्वारा बरामद दिखाया गया है, उसका उससे कोई भीसम्बन्धा व सरोकार नहीं है और <नाम> ही उसके पास कोई सामान था। प्रार्थी/ अभियुक्तसजायाफूता नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त सम्मानित परिवार का सदस्य है, विश्वसनीयजमानत देने को तत्पर है तथा फरार होने की कोई सम्भावना नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दौरान विचारण <नाम> व अन्य गवाहों को डरायेगा धमकायेगा नहींऔर <नाम> ही दौरान विचारण कोई हस्तक्षेप करेगा, <नाम> ही विचारण को प्रभावित करेगा। माननीय न्यायालय के द्वारा सभी अधिरोपित शर्तों का पूर्णतः पालन करेगा तथा नियतदिनांकों <नाम> व्यक्तिगत <नाम> से उपस्थित रहेगा। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र माननीय न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक12.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है व लोअर कोर्ट द्वारा दिनांक09.02.2021 को जमानत निरस्त <नाम> दी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> उक्त फर्जीमुठभेड़ से पहले अन्य कोई भी केस किसी भी थाने में नहीं है और <नाम> ही वह आदतनअपराधी है। जो सामान पुलिस द्वारा फर्जी <नाम> से बरामद दिखाया गया था, उसकीशिनाख्त पुलिस ने वादी से नहीं करायी है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने कीयाचना की है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक वादी मुकदमा नन्दनलाल द्वारा थाना सदरबाजार <नाम> दी गयी तहरीर के आधार <नाम> इस प्रकार है कि उसकी दुकान “पन्डित जीज्वैलर्स” रोहता चौराहा <नाम> स्थित है। दिनांक 13/14.12.2020 की रात अज्ञातचोरों द्वारा दुकान से <नाम> लगभग 6 किलो व <नाम> 4 तोला (60 ग्राम) चोरी करकले गये हैं। उसकी दुकान में लगे सी०सी0टी०वी0 कैमरे में चोरी करते हुए चोरों काचेहरा स्पष्ट दिखाई <नाम> रहा है। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना सदर बाजार <नाम> अज्ञात केविरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 731//2020, <नाम> 457, 380 भा०दं0सं0 में रिपोर्ट दर्जकी गयी तथा फर्द बरामदगी तथा अभियुक्त की गिरफूतारी व उससे बरामदगी केआधार <नाम> <नाम> 411 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन Bail Application/3288/2021 -Narayan Dass @ Bablu Vs. UP State 3किया गया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/ अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई आपराधिक कृत्यनहीं किया है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है और <नाम> ही बरामदगीका कोई जनसाक्षी है। प्रार्थी/अभियुक्त से कोई बरामदगी भी नहीं दर्शायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भी प्रार्थी / अभियुक्त का कोई नाम नहीं है। वादी मुकदमा द्वाराप्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्र्रार्थी/अभियुक्त दिनांक13.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> अपनेअन्य साथियों के साथ मिलकर वादी मुकदमा की पण्डित <नाम> ज्वैलर्स की दुकान सेलगभग 6 किलो <नाम> व <नाम> 4 तोला (50 ग्राम) चोरी किये जाने का अभियोग हैतथा उक्त चोरी किये गये सामान की बरामदगी भी दर्शायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्तपेशेवर चोर व लूट के गिरोह का सदस्य है। उसके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्यगम्भीर <नाम> का है। अतः उसका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"सुनने, पत्रावली के अवलोकन व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से प्रकट होता है कि मुकदमा अज्ञात में दर्ज कराया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना दिनांक 13.12.2020की <नाम> में किसी समय की दर्शायी गयी है, जबकि इस बारे में थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट दिनांक 14.12.2020 को समय 22.20 बजे विलम्ब से दर्ज करायी है। विलम्बका कोई उचित स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक13.01.2021 से इस मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा विचारणीय है। सह-अभियुक्तगण बिजेन्द्र उर्फ शशि एवं कलुआ कीजमानत दिनांक 01.03.2021 को अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-17, आगराके न्यायालय से एवं सह-अभियुक्त छोटेलाल की जमानत दिनांक 06.03.2021 कोअपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-23, <नाम> के न्यायालय से स्वीकार की जाचुकी हैं । "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_652_202005-02-20201385 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अग्रिम जमानत प््रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त स्वयं ने शपथ पत्रप्रस्तुत किया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 02.02.2020 कोवादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक उमेश चन्द्र त्रिपाठी व अन्य हमराह पुलिस दल द्वारामुखबिर की सूचना <नाम> उसके बताये अनुसार <नाम> का मकान मसानी मंदिर के पास,नगला बूढी थाना न्यू <नाम> जिला <नाम> के अन्तर्गत यकीन होने <नाम> कि अन्दर बैठेसभी लोग ताश के पत्तों से हार-जीत की बाजी लगाकर जुआ खेल रहे हैं, तब पुलिसपार्टी ने एक बारगी दबिश देकर कमरे के अन्दर बैठे दो व्यक्तियों को पकड़ लिया,जबकि अन्य व्यक्ति अफरातफरी व अंधेरे का फायदा उठाकर मकान के पीछे वाले गेटसे <नाम> की ओर भाग गए। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुए जामा तलाशीली गयी तो पहने ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया, जिसकी जामा तलाशी <नाम> पहनेकपड़ों के अलावा कोई अन्य वस्तु बरामद नहीं हुई । दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम मौ0अली बताया, जिसकी जामा तलाशी <नाम> भी पहने कपड़ों के अलावा कोई अन्य वस्तुबरामद नहीं हुई । सामने पड़े फड़ <नाम> 52 ताश के पत्ते तथा कुल 2,900 रूपये बरामदहुए। पकड़े गये अभियुक्तों ने भागने वाले व्यक्तियों के नाम पूछने <नाम> <नाम> ने बतायाकि <नाम> पप्पू व नेता फड़ के रूपये लेकर भाग गये, बाकी अन्य खेलने आये लोगों केनाम हम नहीं जानते। पप्पू पहने अपने घर <नाम> जुआ खिलाता था, लेकिन जब पुलिसउसके घर <नाम> ज्यादा दबिश देने लगी तो अब मैं यहाँ अपने घर <नाम> हुआ खिलानेलगा। बरामद रूपयो व ताश के पत्तो को उसी फड़ के कणड़े में रखकर सिलकर सीलसर्वमुहर <नाम> नमूना मुहर तैयार किया गया तथा फर्द मौके <नाम> उपनिरीक्षक <नाम> कुमारको बोल-बोल <नाम> लिखवायी गयी तथा हमराहीयान की गवाही करायी गयी। ",
"Anticipatory Bail App./2435/2020 —-Pappu Vs. UP State2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प््रार्थनापत्र/शपथपत्र मेंकहा गया कि प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष एवं निपराध है तथा अभियुक्त को उपरोक्तमुकदमें में झूठा फसा <नाम> गया है तथा उक्त मुकदमा अभियुक्त के विरूद्ध दर्जकरवाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त घटना के समय मौके <नाम> नहीं था। पड़ोस की पार्टीबन्दी के <नाम> अभियुक्त <नाम> के कहे अनुसार पुलिस ने उसका झूठा नाम लिखकरअभियुक्त बनाया है। वह अपनी ससुराल गया था। वह जमानत का दुरूपयोग नहींकरेगा। इन्हीं आधारों <नाम> अग्रिम जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> रखतेहुए कहा गया कि अभियुक्त को इस प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। उसका नामगिरफ्तार <नाम> अभियुक्त <नाम> के कहने के आधार <नाम> इस प्रकरण में शामिल कियागया है। अभियुक्त मौके से गिरफूतार नहीं है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुईहै । अभियुक्त को कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अग्रिम जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी । .अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारासह अभियुक्तगण के साथ मिलकर ताश पत्तों के जरिए जुआ खेल रहा था। दबिश केदौरान अभियुक्त मौके से भाग गया। अभियुक्त को यदि अग्रिम जमानत दी जाती है तोवह विवेचना को प्रभावित करने की कोशिश करेगा। यह कहते हुए अग्रिम जमानत्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ",
"यह प्रकरण पुलिस पार्टी द्वारा <नाम> अभियुक्त <नाम> आदि जुआ खेलतेहुए पकडे जाने के साथ शुरू हुआ। गिरफूतार अभियुक्त द्वारा आवेदक / अभियुक्त केसाथ मिलकर जरिए ताश पत्तों के घर के अन्दर जुआ खेलना बताया गया है। अतःअभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है और पुलिस पार्टी द्वारा दबिश देने <नाम> भागगया। प्रथम दृष्ट्या यह समाधान होने का कोई आधार नहीं है कि आवेदक / अभियुक्तके खिलाफ विवेचना असद्भावी <नाम> से की जा रही है। प्रथम सूचना रिपोर्ट से यह भीप्रकट नहीं होता है कि आवेदक / अभियुक्त क विरूद्ध रंजिशन झूठी प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी हो। विवेचना <नाम> प्रचलन में है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3484_201915-07-20191958 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त <नाम> <नाम> के <नाम> <नाम> पाल का शापथ पत्र प्रस्तुत किया गया है,जिसमें कहा गया है कि यह उनका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावाअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाजनक <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि मैं जिला पंचायत सदस्यहूँ, मैं तथा मेरी पत्नी पिछले कई <नाम> से पी0एलणपैलेस होटल में रूके थे। ",
"दिनांक 22.06.2019 को समय करीव 10-15 बजे दो व्यक्तियों ने मेरे कमरा नंबर 404 के दरवाजे को खटखटाया, दरवाजा खोला तो दो अज्ञात व्यक्तियों नेमुझसे पूछा तुम ही <नाम> <नाम> हो, मैने कहा हॉ मैं ही <नाम> <नाम> हूँ। यह कहते ही दोनों लोग जबरदस्ती खींचकर ले जाने का प्रयास करने लगे, तो किसी तरह मैने तथा मेरी पत्नी ने उनको बाहर धक्का देकर अन्दर से कमरा बन्द किया, पाच मिनट <नाम> दोबारा दरवाजा खोलने का प्रयास करने लगे। मैनेतथा मेरे दो साथियों ने होटल के सिक्योरिटी के लोगों की मदद से इन दोनोंलड़को को पकड लिया, नाम पता पूछने <नाम> इन्होने अपना नाम <नाम> <नाम> वपंकज <नाम> बताया। ये पिछले कई दिनों से मेरा पीछा <नाम> रहे थे, ये मुझेबन्धक बनाकर अपहरण करने की फिराक में थे। -2-उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 23.06.20190 को अभियुक्तगण पंकजकुमार व <नाम> बधेल के विरूद्ध अपराध संख्या-360/2019 परधारा-365//511 भा०द0सं0 का अभियोग थाना इरीपर्वत, जिला <नाम> परपंजीकृत किया गया। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गयाहै कि आवेदकगण/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इसमामले में झूंठा फॅसाया गया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण के द्वारा वादी को जबरदस्ती ले जाकर बन्धक बनाने के उद्देश्य से अपहरण करने का प्रयासकरना असम्भव है, क्योंकि होटल में सी.सी.टी.वी.कैमरा लगे होते हैं तथासिक्योरिटी गार्ड होते हैं, ऐसी स्थिति में दो निहत्थे लोग किसी का अपहरणनहीं <नाम> सकते। आवेदक / अभियुक्त <नाम> <नाम> पौधारोपण का कार्य करता है। चूंकि वादी जिला पंचायत का सदस्य है, उसने वादी के <नाम> में पौधा रोपणकराया था, उनका पैसा लेने वह अपने मित्र <नाम> <नाम> के साथ उसके घर गया, घर वालों ने बताया कि होटल में रूका हुआ है, इस बात से वादी नेअपने को अपमानित महसूस <नाम> राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल <नाम> झूंठीरिपोर्ट दर्ज <नाम> दी। तहरीर <नाम> वादी के हस्ताक्षर नही है। आवेदकगण/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 23.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक /अभियुक्तगण केद्वारा वादी मुकदमा को जबरन ले जाने का प्रयास किया गया है तथा शोरमचाने <नाम> सिक्योरिटी वालों के आ जाने <नाम> वह सफल नहीं हो सक। आवेदक / अभियुक्तगण का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का अवलोकन किया। कहा जाता है कि अभियुक्तगण वादी और उसकी पत्नी जो होटलमें रूके थे, का दरवाजा खटखटाये और उन्हें जबरदस्ती खींचकर ले जाने का प्रयास करने लगे, दरवाजा बन्द करने <नाम> पुनः पाँच मिनट <नाम> दोनों आये और दरवाजा खटखटाया, खोलने के प्रयास <नाम> सिक्योरिटी के लोगों द्वारा पकड -3-लिये गये। आवेदकगण / अभियुक्तगण किस <नाम> उनको पकड <नाम> ले जानाचाहते थे, प्रथम सूचना रिपोर्ट में कहीं नहीं दर्शाया गया है। एक होटल जैसे स्थान जहाँ <नाम> सी.सी.टी.वी.कैमरे आदि लगे रहते हैं, दोबारा दरवाजा खुलवाकरले जाने का प्रयास किया <नाम> बताया जाता है। वादी जिला पंचायत कासदस्य बताया गया है, लेकिन आवेदकगण/अभियुक्तगण की उससे क्यादुश्मनी या वे क्यों उन्हें पकड़ <नाम> ले <नाम> चाहते थे, अभियोजन द्वारा कहीं भीस्पष्ट नहीं किया गया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण का कहना है कि वहपौधापोरण काकार्य करते हैं, पैसा लेने उनके बुलाने <नाम> गये थे, अपमानितमहसूस <नाम> गलत रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। आवेदकगण/अभियुक्तगण काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है, वे दिनांक 23.06.2019 से कारागार में निरूद्धहै। वादी मुकदमा फतेहपुर सीकरी के पास का रहने वाला बताया गया है तथाआवेदकगण/ अभियुक्तगण भी इसी जिले क हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5076_201911-09-20194581 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थनापत्र को प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र बताया गया है तथा समर्थन में <नाम> रेनू पत्नी लालबहादुर का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच. ओ. <नाम> प्रवीन <नाम> मान थाना हरीपर्वत जिला <नाम> द्वारा दिनांक 24.08.2019 को समय 21.10 बजे जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> बहादुर, शिवराज, <नाम> <नाम> उफ बाबी <नाम> बबलू <नाम> का एक सुसंगठित गिरोह है, जो अपने साथियों के साथ मिलकर लूट जैसे जघन्य अपराध कारित करते है तथा समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त है। अभियुक्तगण द्वारा भा0दं0सं0 के अध्याय 17 में वर्णित अपराध करते है। ",
"इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोगपंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नही किया है। पुलिस द्वारा गुडवक दिखाने के लिए द्वेष <नाम> से थाना हरीपर्वत में मुकदमा पंजीकृतकराया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार उसके विरूद्ध <नाम> केस लगाये गये है जिनमें उसकी जमानत हो चुकी है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। वह पूर्वसजायाफता नही है और <नाम> ही उसके विरूद्ध कोई केस लम्बित है। उसका यह प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अभियुक्त का कोईपूर्व आपराधिक इतिहास नही है। वह विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। अभियुक्त दिनाक 26. 05.19 .2019 को गिरफतार किया गया और तभी से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्ििय गैगलीडर है। अभियुक्त क विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिलहै, जिसमें उसके विरूद्ध(1) मु०अ0सं0 267 / 2019 अर्न्तगत <नाम> 392, 411 भा०दं0सं0 थाना हरीपर्वत जिला आगरा। 2(2) मु0अ०सं0 241/ 2019 अर्न्तगत <नाम> 393 भा0दं0सं0 थाना हरीपर्वत जिला <नाम> । (3) मु0अ0सं0 271/ 2019 अनन्तगत <नाम> 3/25 आर्म्स एक्ट थाना हरीपर्वत जिला आगरा। (4) मु0अ0सं0 385/ 2019 अनन्तगत <नाम> 392, 411 थाना सिकन्दरा जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर लूट जैसे जघन्य अपराध कारित करने काअभिकथन है । ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"प्रकतिअभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंCcअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर लूट जैसे जघन्य अपराध कारित करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 194) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1240_202015-07-20201224 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त का फुफेरा <नाम> दानवीर सिंहका शपथपत्र संलग्न किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
" 2मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावलीपर उपलब्ध थाने की आख्या, सामान्य दैनिकी, पुलिस प्रपत्र एवं अन्यसामग्री का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता काकथन है कि प्रार्थी/अभियुक्त की उक्त मामले में कोई सहभागिता नहींहै। उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। आवेदक/ अभियुक्त बगलके खेत में कार्य <नाम> रहा था। उसे खेत से पकड़कर मामले में झूठासम्मिलित <नाम> <नाम> गया है। आवेदक / अभियुक्त घटना के समय अपनेखेत <नाम> आलू की खुदाई <नाम> रहा था। पुलिस ने अभियुक्त को प्रकरणमें गवाही देने के लिये कहा तो अभियुक्त के इन्कार करने <नाम> पुलिस ने्रार्थी/ अभियुक्त को प्रकरण में संलिप्त <नाम> दिया। उसका कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। वह दिनांक 06.03.2020 से जेल में निरूद्धहै। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ताने आवेदनपत्र का घोर विरोध करते हुये कहा है कि इस मामले मेंआवेदक अभियुक्त के पास से मिलावटी शराब बरामद हुयी है। अभियुक्तको अन्य साथियों के साथ पुलिस पार्टी द्वारा पकड़ा गया था। आवेदक / अभियुक्त बुलैरो के ड्राइवर की पिछली सीट <नाम> बैठा था तथाबुलैरो की पिछली सीट से 8 पेटियाँ मिलावटी शराब की बरामद हुयी हैंजो स्प्रिट व एल्कोहाँल से मिलाकर बनायी गयी थी। आवेदक / अभियुक्तको अन्य साथियों के साथ नशीली मिलावटी शराब बनाने के उपकरणसहित गिरफतार किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। इन्हींआधारों <नाम> अपर जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा जमानत आवेदन पत्रनिरस्त किये जाने का अनुरोध किया गया है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध फर्द बरामदगी के अनुसार अभियुक्त कोअन्य साथियों के साथ गिरफतार किया गया है। आवेदक / अभियुक्तबुलैरो के चालक की पिछली सीट <नाम> बैठा था। बुलैरो की पिछली सीटसे 8 पेटियां मिलावटी शराब से भरी बरामद हुयी। यह मिलावटीएल्कोहल व स््प्रिट से बनायी गयी थी। नशीली शाराब की पेटियों कोखोलकर <नाम> तो प्रत्येक पेटियों में से 45-45 पौव्वे शराब दो-दोसौ एम.ःएल जिन <नाम> फाइटर ब्राण्ड देशी शराब तीव्र मसालेदार तीव्रता42.08 वी/वी सर सादीलाल डिस्टैलरी एण्ड कैमिकल वर्समुज्जफरनगर उ0प्र0 <नाम> में निर्मित उ0प्र0 में बिकी के लिये <नाम> है,बरामद हुयी। अभियोजन की ओर से कोई अपराधिक इतिहास नहींमंगाया गया है। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध सामग्री से स्पष्ट है कि वर्तमान मामले मेंआवेदक / अभियुक्त के पास से मिलावटी शराब बरामद हुयी है। अभियुक्त को अन्य साथियों के साथ पुलिस पार्टी द्वारा पकड़ा गया था। आवेदक / अभियुक्त बुलैरो में अकेला बैठा था तथा 8 पेटियाँ मिलावटीशराब की अनन्य <नाम> से अभियुक्त के एकल कब्जे से ही बरामद हुयी हैं 3जो स््म्रिट व एल्कोहॉल से मिलाकर बनायी गयी थी। अभियुक्त के कब्जेसे <नाम> <नाम> में मिलावटी शराब बरामद हुयी है। मामले में इतनीअधिक <नाम> में मिलावटी शराब को नियोजित/ प्लांट किया <नाम> सम्भवनहीं है। आवेदक /अभियुक्त को अन्य साथियों के साथ नशीलीमिलावटी शराब बनाने के उपकरण सहित गिरफतार किया गया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा जो जमानत के आधार लिये गये हैं वे विचारणके दौरान के है। वर्तमान मामले में विवेचना उपरान्त प्रथम दृष्टयाअपराध पाये जाने <नाम> आवदेक/अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र भीदाखिल किया जा चुका है। आवेदक/ अभियुक्त से नकली व मिलावटीशराब बरामद हुयी है। आवदेक/ अभियुक्त को अन्य साथियों के साथशराब बनाने के उपकरण सहित गिरफतार किया गया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा किया गया कृत्य राजकीय कोष को क्षतिपहुंचाने का है। आवेदक/ अभियुक्त का मामला नकली शराब कोबनाकर असली क <नाम> में प्रयुक्त करके समाज में अधिक धन प्राप्तकरने का है। वर्तमान प्रकम <नाम> मामले के गुण दोष <नाम> प्रविष्ट कियेबिना आवेदक / अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध गम्भीर <नाम> काप्रतीत होता है। वर्तमान समय में जिस प्रकार से समाज में नकली शराबबनाकर उसे असली के <नाम> में बेचने का व्यापार किया जा रहा है,उससे पीढ़ियां ध्वस्त हो रहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_2094_202123-03-2021683 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में मौ0 अययूब का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा मनीषजोगी द्वारा थाना जी0आर0पी0 कण्ट <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायीगयी कि में आज <नाम> से ट्रेन नं0-02155 हबीबगंज एक्सप्रेस ट्रेन के बी-3 सीटनं0-12 <नाम> निजामुद्दीन दिल्ली के लिए यात्रा <नाम> रहा था, मैं <नाम> रेलवे स्टेशन परचैक किया तो मेरा मोबाइल फोन नहीं मिला, जिसको कोई अनजान व्यक्ति चोरी करक लेगया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथपत्र में कहा गया किउपरोक्त केस में प्रार्थी/अभियुक्त को वादी द्वारा थाना पुलिस से मिलकर झूठा नामजदकर <नाम> जबकि उपरोक्त केस में दर्शायी गयी किसी भी घटना को प्रार्थी / अभियुक्त नेअन्जाम नहीं <नाम> है और <नाम> ही प्रार्थी/अभियुक्त के पास से कोई भी चोरी का सामानबरामद हुआ है। प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्णतः निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद अभियुक्त नहीं है, <नाम> ही प्र्ार्थी/अभियुक्त को घटनास्थल <नाम> गिरफ्तार किया गयाहै। सत्यता यह है कि प््रार्थी/अभियुक्त <नाम> में ताजमहल देखने आया था्रार्शी/ अभियुक्त कैट स्टेशन <नाम> उतरा, प्रार्थी/अभियुक्त के मुंह <नाम> मास्क नहीं लगा था,इसलिए पुलिसकर्मी से कहासुनी हो गयी और इसी कहासुनी के चलते थाना पुलिस नेझूठी कहानी बनाकर प््रार्थी/अभियुक्त को अज्ञात में दर्ज मुकदमें में झूठा फंसा <नाम> गयाहै । प्रार्थी/ अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थी/अभियुक्त की गिरफूतारी काकोई <नाम> का <नाम> नहीं दर्शाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 07.03.2021 से जेलमें निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त की जमानत का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेबलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्ययालयइलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> Bail Application/ 3730/2021 -Mohammad Askar Vs. UP State2की गयी। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। पुलिस द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में झूठे तथ्योंके आधार <नाम> झूठी बरामदगी दिखाकर संलिप्त किया गया है। अभियुक्त से किसी मोबाइलकी बरामदगी नहीं हुई है और <नाम> ही अभियुक्त <नाम> अभियुक्त के साथ पुलिस द्वारा पकड़ागया है। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी कहा गया है कि मोबाइल दिसम्बर,2020 में चोरी करना कहा गया है, जबकि बरामदगी 7 <नाम> 2021 को दिखायी गयी है। इतने लम्बे समय <नाम> मोबाइल को अपने पास रखने का कोई औचित्य भी नहीं है। संपूर्णअभियोजन कथानक असत्य है मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। जमानत दिये जानेकी <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त व <नाम> अभियुक्त कोचोरी की <नाम> बनाते हुए पुलिस द्वारा पकड़ा गया है तथा उससे चोरी किये गयेमोबाइल की बरामदगी भी हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"यह प्रकरण वादी मुकदमा द्वारा अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के साथ शुरू हुआ। पुलिस द्वारा अभियुक्त से मोबाइल कीबरामदगी होना कहा गया है, अभियुक्त किसी भी बरामदगी से इंकार करता है, बरामदगीका कोई स्वतन्त्र <नाम> होना दर्शित नहीं है। अभियुक्त दिनांक 07.03.2021 से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2042_202028-08-20203106 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त की पत्नी <नाम> <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमामान <नाम> सिकरदार ने थाना हाजा <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक17/18.11.2019 की रात को मेरे घर की ऊपरी मंजिल बने कमरे की कुण्डीसहित ताला उखाड़कर कमरे में रखा हुआ सामान चोरी हो गया है, जिसमें मेरा लड़का शिवनरेश रहता है, जो लगभग आठ साल से <नाम> में सपरिवार रहरहा है, जो समय समय <नाम> आते जाते रहते हैं, मैने अपने लड़के को चोरी होनेकी जानकारी दी, फिर उसने बताया कि चेन एक मर्दानी सोने की, मंगलसूत्र-1 सोने का, माथा टीका, कानों के कुण्डल एक जोडी, कानों के बृजमाला,हाफ पेटी चॉदी-1, कान की झुमकी एक जोडी, पाजेब चाँदी की <नाम> जोड़ी,अंगूठी सात सोने की जिसकी कीमत लगभग एक लाख पच्चीस हजार हैं तथा _2-मेरे ही गॉव के अरून <नाम> पुत्र सुघड <नाम> द्वारा मुझे बताया गया कि मेरे घरपर ही चोरी हुई है जो सामान चोरी हुआ है , वह मेरे बडे <नाम> <नाम> <नाम> काहै, जो वर्तमान में बम्बई रहते हैं, उनको अवगत <नाम> <नाम> गया है, वह आयेंगेतभी अपने चोरी के सामान की जानकारी देंगे। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 18.11.2019 को अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध अपराध संख्या-306/2019 <नाम> धारा-457, 380 भा0द0सं0 का अभियोगथाना एत्मादपुर, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना दिनांक09.01.2020 को पुलिस के द्वारा आवेदक/ अभियुक्त के <नाम> अभियुक्तगण कोगिरफतार किया गया जिसमें आवेदक / अभियुक्त का नाम <नाम> में आया तथाउनसे हुई बरामदगी के आधार <नाम> इस मामले में <नाम> 411, 413, 414भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गयी। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठागया है। इस मामले की घटना दिनांक 17.11.2019 की दर्शायी गयी है, जबकिअभियुक्त को दिनांक 09.01.2020 को गिरफ्तार किया गया है तथा उसे सोनेचॉदी के आभूषणों की गलाई का आरोप लगाकर जेल भेज <नाम> गया है, उससेउपरोक्त अपराध से संबंधित सोने चाँदी के जेबरात व नगदी बरामद नही हुई है,ना ही प्रार्थी ने उपरोक्त अपराध में नामित अभियुक्तगण से कोई सोने चाँदी केआभूषण खरीदे हैं, <नाम> गलाये हैं। आवेदक / अभियुक्त को बयान मुलजिम केआधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। उपरोक्त बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहींदर्शाया गया है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, पुलिस के द्वारा उसपर कई मुकदमे लगा दिये गये हैं, जिनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। इस मामले के <नाम> अभियुक्त की जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.01.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानतपर छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक/ अभियुक्त केसह अभियुक्त से चोरी का <नाम> बरामद हुआ है। <नाम> अभियुक्तगण क द्वारा इसेचोरी का <नाम> औने पौने दामों <नाम> बेचा जाता है। आवेदक/ अभियुक्त सहअभियुक्तगण से चोरी की वस्तुएं खरीदता एवं उनको औने पौने दामों में बेचकरमुनाफा कमाता है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। _3-आवेदक / अभियुक्त <नाम> आरोप है कि उसने <नाम> अभियुक्तगण द्वारा चोरीकिये जाने वाले सोने एवं चॉदी के सामान को गलाकर औने पौने दामों मेंबेचकर <नाम> कमाया है, जबकि आवेदक/ अभियुक्त की ओर से इस तथ्य सेइंकार करते हुये कहा गया है । "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध सम्पूर्ण प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किआवेदक / अभियुक्त उक्त चोरी की वारदात को अन्जाम दिये जाने में शामिलनहीं रहा है, बल्कि <नाम> अभियुक्तगण द्वारा अपने इकबालिया बयानों मेंआवेदक / अभियुक्त को चोरी का सामान बेचे जाने का कथन किया गया है औरउनके बयानों के आधार <नाम> आवेदक/अभियुक्त को इस मामले में अभियुक्तबनाया गया है, जबकि आवेदक / अभियुक्त से चोरी का सामान खरीदे जाने केतथ्य से इंकार किया है। अभियोजन की ओर से इस खरीद फरोख्त का कोईस्वतन्त्र <नाम> भी नहीं दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त से चोरी का कोईसामान बरामद होना नहीं बताया गया है। <नाम> अभियुक्तगण से चोरी का <नाम> बरामद होना बताया जाता है। आवेदक के विरूद्ध आरोप पत्र भी आ चुका है। ",
"इस मामले के <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> का जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-1520,/2020 दिनांक 04.08.2020 को अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालयसंख्या-4, <नाम> द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। आवेदक/ अभियुक्त इसमामले में दिनांक 29.01.2020 से जेल में है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2315_202125-03-2021593 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के सगे भांजे <नाम> राहुलका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी <नाम> रवेन्द्र नेथाना <नाम> नगर <नाम> तहरीर इस आशय की प्रस्तुत की कि प्रार्थी रवेन्द्र तथा उसकेदो साथी टिन्कू पुत्र नवाब <नाम> छोटे <नाम> <नाम> पुत्र वन्तीराम निवासीगण पक्कापुरामौजा स्वारा थाना फतेहाबाद, जिला <नाम> आर्मी की भर्ती देखने सन् 2018 में ईगलग्राउण्ड <नाम> कॅट गये थे। वहां <नाम> दो लड़के हाथ में फाइल लिए हुए मिले। इनलड़कों ने प्रार्थी तथा उसके साथियों से कहा कि हमारे लोग आर्मी में अधिकारीहैं। यदि पांच-पांच लाख रूपया खर्च करो तो लुम लोगों को भर्ती <नाम> <नाम> जायेगा,लेकिन भर्ती से पहले 80-80 हजार रूपये देने होंगे। इन लोगों ने अपना नाम अजयकुमार पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> निवासी केवल, थाना इमला, <नाम> तथा <नाम> तौमर पुत्रईश्वर <नाम> निवासी ग्राम हिलवाड़ी थाना वढ़ोत, जिला <नाम> बताया था। प्रार्थी तथा Bail Application/ 4069/2021 —Sunil Tomar Vs. UP State 2उसके साथी इन लोगों के झांसे में आ गये। दिनांक 29.11.2019 को ये लोग योजनाके अनुसार फतेहाबाद आये और भारतीय स्टेट बैंक खैर, अलीगढ़ के खाता सं<फ़ोन-नंबर>5 में रूपया डालने के लिए कहा। <नाम> में पता चला कि यह खाताहोशियार <नाम> का है, जो गैंग लीडर है। इसके पिता का नाम <नाम> <नाम> निवासी गांवमालीपुरा, खैर, अलीगढ़ बताया। ये लोग प्रार्थी के साथ <नाम> सेवक जनसेवा केन्द्रफतेहाबाद, <नाम> <नाम> आये और उसके खाता सं<फ़ोन-नंबर>296 के द्वारा दिनांक 29.11.2019 को आठ बार में मु0 98000, रू0 उनके बताये हुए उपरोक्त खातेमें ट्रांसफर कराये और मु0 42000/रू0 नकद फतेहाबाद में ही उसी <नाम> इन लोगोंने लिए तथा मु0 100000/-रू0 <नाम> आकर बल्केश्वर मन्दिर <नाम> इन लोगों द्वारालिये गये। इस प्रकार कुल दो लाख चालीस हजार रूपये इन लोगों द्वारा एठ लियागया और वापस चले गये। कुछ <नाम> <नाम> इन लोगों ने कहा कि <नाम> से भर्ती <नाम> देते हैं। इन लोगों ने <नाम> बुलाया और इन लोगों ने कार्यालय में बैठकरकुछ लिखापढ़ी की तथा दूसरे <नाम> <नाम> के लिए प्रवेश पत्र दिये जो कूटरचित थेऔर इनके द्वारा फर्जी तैयार किये गये थे। दिनांक 29.12.2019 को <नाम> के लिएइन लोगों द्वारा बुलाया गया और <नाम> में ही एक कमरे में दो कॉपी दी गयीऔर उनके हस्ताक्षर कराकर वापस ले ली। इन लोगों ने कहा कि तुम लोगों की भर्तीहो जायेगी। प्रार्थी तथा उसके साथी इन्तजार करते रहे, फिर इन लोगों ने फोनउठाना ही बन्द <नाम> दिया। शक होने <नाम> छानबीन की तो भर्ती का मामला फर्जीनिकला। इसके <नाम> इन लोगों की तलाशी ली गयी और किसी तरह इन लोगों कोआगरा बुलाया। इन लोगों को <नाम> नगर बिजली घर <नाम> पकड़ा और थाने लेकरआये। इन लोगों द्वारा नौकरी का झांसा देकर धोखा देते हुए दो लाख चालीसहजार रूपये ठगे गये हैं । ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध संख्या-65/2021पर <नाम> 420,467,468,471 भा०दं0सं0 का अभियोग थाना <नाम> नगर, <नाम> परपंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि आवेदक / अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में मुकदमा वादी द्वारा नितांत झूंठा वफर्जी तरीके से फंसाया गया है। अभियुक्त ने उपरोक्त कथित अपराध नहीं किया है,वह बिल्कुल निर्दोष व निरपराध है। आवेदक / अभियुक्त कभी भी <नाम> में मुकदमाउपरोक्त के वादी से नहीं मिला और <नाम> किसी प्रकार की कोई मुलाकात हुई है औरआवेदक / अभियुक्त ने वादी व उसके साथियों से भर्ती करने या कराने के नाम परकभी भी कोई रूपया नहीं लिया। मुकदमा उपरोक्त के वादी द्वारा तथाकथित घटनाके संबंध में खाता सं<फ़ोन-नंबर>5 में पैसा ट्रांसफर करना बताया गया, जबकि Bail Application/4069/2021 -Sunil Tomar Vs. UP State 3उक्त खाता आवेदक/ अभियुक्त का नहीं है और <नाम> ही उक्त खाते के खातेदार सेभी आवेदक / अभियुक्त का कोई भी संबंध व सरोकार नहीं है। आवेदक / अभियुक्तद्वारा वादी मुकदमा व उसके साथियों के साथ कोई भी जालसाजी, कूटरचना वधोखाधड़ी नहीं की गयी है। आवेदक/ अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। अभियुक्त दिनांक 14.03.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध हैं। अतः जमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता ने मौखिक <नाम> प्रस्तुतकरते हुए कथन किया कि अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे मामले में झूंठा फसाया गया है। उसनेकिसी भी प्रकार की कोई धोखाधड़ी नहीं की है। वह दिनांक 14.03.2021 से जिलाकारागार में निरूद्ध हैं। उसे जमानत <नाम> छोड़े जाने का निवेदन किया गया। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये <नाम> प्रस्तुत किया कि अभियुक्त ने अपने <नाम> अभियुक्त के साथ आर्मी भर्ती में नौकरी का झांसा देकर धोखा देते हुए दो लाख चालीस हजार रूपयेठगे हैं तथा कूटरचित दस्तावेज तैयार किये हैं। प्रकरण गंभीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"प्रस्तुत मामले में अभियोजन प्रपत्रं के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्तशातिर किस्म का चालाक व धोखेबाज व्यक्ति है। अभियुक्त प्राथमिकी में नामित है। प्राथमिकी एवं अभियोजन प्रपत्रों के अनुसार अभियुक्त द्वारा अपने <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर आर्मी भर्ती में नौकरी का झांसा देकर धोखा देते हुए दो लाख चालीस हजार रूपये ठगे गये हैं तथा कूटरचित दस्तावेज तैयार किये हैं। प्रार्थी द्वारा अपने <नाम> अभियुक्तहोशियार <नाम> के खाता सं<फ़ोन-नंबर>5 में मु0 98000 /-रू0 ट्रांसफर कराया गया है,इन लोगों द्वारा मु0 42000/-रू0 नकद तथा मु0 100000 /रू0 <नाम> बल्केशवर मन्दिरपर इनके द्वारा लिये गये उक्त धनराशि ट्रांसफर की इटरनेट रसीदें विवेचक द्वारा सी0डी0के साथ संलग्न <नाम> प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त द्वारा मुकदमा वादी <नाम> रवेन्द्र वउसके साथी छोटे <नाम> <नाम> का कूटरचित प्रवेश पत्र आर्मी <नाम> में भाग लेने <नाम> बनायागया है। उक्त कूटरचित प्रवेश पत्र की <नाम> संलग्न सी०डी0 है। अभियुक्त द्वारा भारतीयसेना में चयनित सफल अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट भी कूटरचित ढंग से तैयार की गयी है। उक्त कूटरचित मेरिट लिस्ट संलग्न सी०डी0 है, जिसमें कमांक 5 <नाम> छोटे <नाम> <नाम> वकमांक 7 <नाम> मुकदमा वादी रवेन्द्र का नाम <नाम> है। वादी द्वारा अभियुक्त को पकड़करथाना पुलिस को सौंपा गया है। विवेचना <नाम> प्रारंभिक <नाम> में है। अभियुक्त द्वारा कारितअपराध अत्यंत गंभीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6767_201928-11-20191179 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार राधेश्याम ने शपथपत्रप्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा विपक्षीगण पुष्कर <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> पीतम <नाम> रघुवीर के विरूद्ध मुकदमा कायम कराये जाने हेतुन्यायालय में प्रार्थना पत्र <नाम> 156(3) द0प्रएसं० इस आशय का प्रस्तुत किया गयाउसकी पुत्री <नाम> की शादी दिनांक 16.04.2016 को पुष्कर के साथ हुई थी। शादी में दिये गये दान दहेज से ससुरालीजन संतुष्ट नहीं थे तथा अतिरिक्त दहेज में दोलाख रूपये की मॉग को लेकर उसकी पुत्री के साथ मारपीट <नाम> उसका उत्पीडनकरते थे तथा उसे धमकी दी कि यदि दो लाख रूपये नहीं दिये तो तुम्हारी लड़कीशिवानी को <नाम> से खत्म <नाम> देंगे तथा पुष्कर की दूसरी शादी <नाम> देंगे। उसकी पुत्री <नाम> दिनांक 20.11.2018 की <नाम> से ससुराल से गायब है, उसने जानकारी की तो ससुरालीजन ने कोई जानकारी नहीं दी, उसने सभी जगह पुत्री <नाम> को तलाशकिया, लेकिन वह नहीं मिली। थाना शाहगंज रिपोर्ट लिखाने गया तो उसकी रिपोर्टनहीं लिखी गयी। अतः रिपोर्ट दर्ज कराकर विवेचना के आदेश पारित करने की कृपाकरें । ",
"(2)वादी के प्रार्थना पत्र <नाम> न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन मेंअभियुक्तगण पुष्कर सिह, <नाम> <नाम> <नाम> पीतम <नाम> घोडी वाले व रघुवीर सिंहके विरूद्ध मु0अ0सं0 868 / 2018 <नाम> <नाम> 498ए, 323, 506 भा०द0सं० व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का मुकदमा थाना शाहगंज, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया । दौरान विवेचना मृतका <नाम> का कंकाल बरामद होने <नाम> इस मामले में धारा302, 201 भा0द0सं0० की बढोत्तरी की गयी तथा अभियुक्त को इस मामले में नामितकिया गया। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं है तथा निर्दोष है उसको इस मामले में <नाम> अभियुक्त पुष्कर के बयान के आधार <नाम> झूठाँ फँसाया गया है, जबकि उसके द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि <नाम> अभियुक्तपुष्कर की शादी दिनांक 16.04.2016 को <नाम> के साथ हुई थी। ससुराल में शिवानीका व्यवहार ठीक नहीं था तथा वह लड़ाई झगडा करती थी और चले जाने की धमकीदेती थी। <नाम> अभियुक्त पुष्कर दिल्ली में मेंहदी लगाने का <नाम> करता है। <नाम> केपास मोबाइल था, जिससे वह किसी दूसरे लड़के से बात करती थी। दिनांक 20.11. 2018 को वहीं लड़का उसे लिवाकर ले गया, इसके <नाम> <नाम> वापस नहीं आयी। ",
"पुष्कर ने इसकी सूचना अपने ससुरालीजन को दी तो उन्होने पुष्कर को झूंठे मुकदमे मेंफसाने की धमकी देते हुये न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत <नाम> दिया। वास्तविकता यह है कि प्रार्थी / अभियुक्त अपने नाना का इलाज एस.एन.मेडीकलअस्पताल में <नाम> रहा था, उसकी मोटर साइकिल पुलिस वालों ने पकड ली थी, तब उसने पुष्कर को बताया कि मेरी मोटर साइकिल को छुडवा दो, उसी काल डिटेल के आधार <नाम> पुलिस द्वारा उसको उपरोक्त मुकदमे में झूंठा फँसा <नाम> है। अभियुक्त दिनांक 03.11.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्र है। अत: जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गई । ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहागया है कि आवेदक / अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्त पुष्कर के साथ मिलकर मृतका <नाम> को नींद की गोलियाँ खिलाने के <नाम> उसकी हत्या <नाम> हत्या के साक्ष्यको विलुप्त किया गया है। <नाम> अभियुकत पुष्कर की निशांदेही <नाम> मृतका <नाम> काअधजला शव (खोपड़ी) पुलिस के द्वारा बरामद किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारितअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की प्रार्थनाकी गयी है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक अभियुक्त के विरूद्द अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी की पुत्री को अतिरिक्त दहेज के लिए प्रताड़ितकरते हुए उसकी हत्या <नाम> हत्या के साक्ष्य को विलुप्त किए जाने का आरोप है। ",
"<नाम> अभियुक्त पुष्कर की निशांदेही <नाम> मृतका का अधजला शव (खोपड़ी) बरामद होना दर्शित है तथा मृतका की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार, मृतका की मृत्यु का <नाम> जानने <नाम> मृतका की खोपड़ी को <नाम> विज्ञान प्रयोगशाला भेजा <नाम> बतायागया है। "
],
"judge-opinion": [
" (3)जमानत प्रार्थना पत्र स0: 6767 “2019 प्रार्थना पत्र सं0: 6767 / 2019मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार पीड़िता <नाम> का पता <नाम> चलने <नाम> <नाम> अभियकत पुष्कर <नाम> द्वारा पूछताछ के दौरान विवेचक के समक्ष कथन किया गयाहै कि उसकी शादी दिनांक 16.04.2019 को <नाम> के साथ हुई थी। <नाम> काफीदेर <नाम> फोन <नाम> बात करती रहती थी, उसके व उसकी माँ के द्वारा <नाम> करने <नाम> झगड़ा फसाद शुरू <नाम> देती थी। शादी के दो साल हो गये थे, उसके कोई बच्चा भीनहीं हो रहा था। वह उस <नाम> किसी अन्य लड़की से अवैध सम्बन्ध होने का आरोपलगाती रहती थी। वह <नाम> से बहुत परेशान हो गया था, इसी <नाम> वह दिल्लीचला गया था। उसने अपनी परेशानियों को अपने मामा रघुवीर के लड़के वीरेन्द्र को बताया तो उसने कहा कि कब <नाम> इस तरह से परेशान रहोगें, इसके तो कोई बच्चाभी नहीं हो रहा है तथा इसके माता पिता ने कोई दहेज भी नहीं <नाम> है, इसे ठिकानेलगा दो, और इसकी लाश को छुपाने की जगह तलाश <नाम> लो। दिनांक 19.11.2018 की रात लगभग 41 बजे के आसपास वीरेन्द्र उसके घर <नाम> आया तब वह तथा वीरेन्द्रतथा उसकी माँ <नाम> <नाम> ने मकान के अन्दर पीछे की तरफ जाकर आपस मेंबातचीत की, वीरेन्द्र ने कहा कि <नाम> के खाने में कुछ नशे की चीज खिला देना,इसके <नाम> वीरेन्द्र दूसरे <नाम> आने की कहकर चला गया। उसने नींद की दो गोलीपीस <नाम> <नाम> के खाने में मिला दी। जब वीरेन्द्र आया तब <नाम> <नाम> गहरी नींदमें सो रही थी। उसने व वीरेन्द्र ने नाइलोन की रस्सी से <नाम> का <नाम> कसा तो वह चिललाई, इसके <नाम> वह <नाम> <नाम> चढ़ गया तथा उसका मुँह दबा <नाम> फिरउसने व वीरेन्द्र ने उसी रस्सी से <नाम> का <नाम> घोंट <नाम> उसको मार <नाम> तथाशिवानी के शव को तिरपाल में बॉँध लिया। वह मोटर साइकिल <नाम> आगे बैठ गया तथा वीरेन्द्र ने उसके शव को उठा <नाम> मोटर साइकिल <नाम> रखना चाहा तो वह नहींरख पाया तब उसकी माँ <नाम> ने उसको सहारा देकर शव को सहीं तरह से मोटर साइकिल <नाम> रखवाया। वीरेन्द्र शव को पकड़ <नाम> बैठ गया। उसने अपनी माँ से घर मेंप्लास्टिक की दो लीटर की बोतल में रखा मिट्टी का तेल मँगाया, जो कि उसकी माँलेकर आई तथा उसने मिट्टी के तेल की कटटी वीरेन्द्र को <नाम> दी। इसके <नाम> वह (4)लैदर पार्क की पुलिया के पास आये तथा उन दोनों ने <नाम> के शव को उठाकरपुलिया के अन्दर ले जाकर उस <नाम> [मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी एवं बोतलव माचिस को वहीं फेंक दिया। इसके <नाम> वह लोग घर आ गये। ",
"केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार आवेदक अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्त के साथ मिलकर वादी की पुत्री <नाम> की हत्या में सम्मिलित होना एवंहत्या के साक्ष्य को विलुप्त किया <नाम> बताया गया है। इस प्रकरण में विवेचना अभीप्रचलित है तथा उक्त अपराध गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_471_202018-01-20202157 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से उसकेभतीजे <नाम> चन्द के शपथपत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में प्रकरण क तथ्य इस प्रकार है कि दि 10.03.2011को थाना ताजगंज <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एक्जीक्यूटिव टी.पी.एल. द्वारा इसआशय की तहरीर दी गयी कि दि0 10.02.2011 को एल.वी. लाईन से अवैधतारो को जोड़कर अभियुक्त अवैध <नाम> से बिजली चोरी <नाम> रहा था। ",
"आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है किवादी द्वारा पुलिस से मिलकर उसे झूँठा फंसा <नाम> है। जबकि उसने दर्शायीगयी किसी घटना को अन्जाम नही <नाम> है और <नाम> ऐसी घटना कारित हुईहै। जब उसे पुलिस नेयिरफतार किया तब उसे केस की जानकारी हुई । ",
"उसने विद्युत विभाग में विद्युत बिल 12000/-रूपये रसीद सं0 ए-3747097दिनाक 18.01.2020 के माध्यम से तथा शमन शुल्क 18000/-रूपये रसीदसं0 ए-3747098 दिनौकित 18.01.2020 के माध्यम से जमा <नाम> <नाम> हूरसीदों की छायाप्रति संलग्न है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्यकोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अतः जमानत <नाम> (2)रिहा किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के विद्धान अधघिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रकरण घरेलूविधा का है। राजस्व निर्धारण व शमन शुल्क की रसीद की छायाप्रति संलग्नहै। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_15_202011-02-20201020 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता व पैरोकार पंचमसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा आकाशकजरिया द्वारा थाने <नाम> सूचना इस आशय की दी गयी कि दिनोक 29.01.19को वह अपना इंटरव्यू देकर लखनउ से आया था। समय करीब 02:30 बजे <नाम> वाटर वर्क्स चौराहा <नाम> उतर <नाम> <नाम> जाने के लिए बस का इंतजारकर रहा था तथी एक इण्डिका कार आयी उसमें <नाम> लोग सवार थे। उसे शी <नाम> की आवाज लगाकर कार में बैठा लिया और खंदौली ले गए। ",
"इसी बीच उसका डेबिट कार्ड, केडिट कार्ड, मोबाइल चोरी <नाम> लिया तथाउससे पिन पूछकर खाते से 13,500/- रूपए निकाल लिए और उसे कार सेउतार दिया। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के साथ लूटपाट की गयीहै। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। Bail Application 15/2020 —Mukesh Vs. UP State 2प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 18.02.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी से घटना सेसंबंधित कोई वस्तु बरामद नहीं की गयी है। प्रार्थी का कोई अपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है । ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 29.01.2019 की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनाक30.01.2019 को दर्ज करायी गयी है। अभियोजन कथानक के अमुसार प्रार्थीपर वादी मुकदसा के साथ लूटपाट किए जाने का आरोप है। पत्रावली केअवलोकन से दर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनाक 17.02.2019 को पुलिसपार्टी द्वारा अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया है तथा उसके कब्जे से एकतमंचा, दो मोबाइल व मु0. 25,400/- रूपए बरामद किया <नाम> दर्शितकिया गया है। अभियोजन द्वारा उक्त बरामद रूपयों में से 2,500/- रूपएप्रश्नगत घटना से संबंधित होना बताए गए हैं। प्रार्थी लगभग एक वर्ष सेजिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय मेंप्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_7380_201923-12-201963 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में राजवीरसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसके अनुसार अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रर्थना पत्र है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमाउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 09.12.19 को जब हमराही आरक्षीगण के साथसमय 00:09 बजे रेलवे स्टेशन <नाम> कँट <नाम> प्लेटफार्म चेकिंग में मामूर थे कि जरियेमुखबिर खास सूचना <नाम> कि झॉसी की ओर जाने वाले प्लेटफार्म <नाम> एक व्यक्तिमोबाईल बेंचने की बातें <नाम> रहा है, जिस <नाम> विशवास <नाम> मय मुखबिर उक्त स्थानपर वादी मय पुलिस <नाम> के पहुँचा तो उसे समय करीब 03:10 बजे प्लेटफार्म संख्या4/5 <नाम> पकड़ लिया नाम पता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो अपना नामसुनील उर्फ भूरी <नाम> बताया एवं उसकी जामा तलाशी से एक अदद चाकू तथा पैंटके दाहिनी जेब से दो अदद मोबाईल सैमसंग एवं एक एम0आई0 मोबाइल बरामदहुआ, मोबाईलों व चाकू क प्रपत्र दिखाने में अभियुक्त असफल रहा। अभियुक्त ने उक्तमोबाइलों को चोरी का होना बताया। अभियुक्त को <नाम> गिरफतारी बताते हुये मयमाल मुकदमा के गिरफतार किया गया तथा <नाम> मुकदमा को सील सर्वमोहर करनमूना मोहर बनाया गया तथा फर्द बिजली व टार्च की <नाम> में वादी उ0निरीक्षकद्वारा तैयार <नाम> उस <नाम> संबंधित के हस्ताक्षर कराये गये तथा फर्द की नकलअभियुक्त को दी गयी । ",
"्रार्शी/अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प््रार्थी/ अभियुक्त को 2 उपरोक्त मुकदमें में गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूठा फंसाया गया है जबकि उसनेकोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराध कारितनहीं किया है तथा मामले में उसे झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त जिला कारागार मेंदिनांक 09.12.2019 से निरूद्ध है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नही है। यह भीकथन किया गया है कि वह झॉसी जा रहा था कि ट्रेन <नाम> चढ़ते समय एक सादेवर्दी वाले पुलिस से धक्का मुक्की में कहा सुनी हो गयी जिससे उसने अपने अन्यसाथियों को बुलाकर झूठे केस में फंसा दिया। अभियुक्त प्रार्थी की जमानत स्वीकारकिये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर जमानत आवेदन का विरोध करते हुए विद्वानसहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फो0० द्वारा निवेदन किया गया है कि इस मामले में्रार्थी/ अभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है। प्रार्थी/ अभियुक्तका मामला जमानत <नाम> नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जाय। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने उभयपक्ष को सुना एवम् सुसंगत प्रपत्रों का सम्यक <नाम> सेपरिशीलन किया। ",
"पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से विदित होताहै कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। घटना मेंचोरी गयी मोबाईल के संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज होना दर्शित नहीं किया गया है,सम्बन्धित थाना पुलिस द्वारा अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहींकिया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2100_202119-03-2021873 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त की मांमायादेवी का शपथ पत्र संलग्न किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा इस आशय की रिपोर्ट थाना सिकन्दरापर दर्ज करायी गयी कि दिनांक 09.03.2021 को मय हमराही देखरेखशांति व्यवस्था रोकथाम जुर्म मामूर थे। कारगिल पैटोल पम्प <नाम> आयेतभी सूचना <नाम> कि साइब कुछ चोर लूट करने के इरादे सेशास्त्रीपुरम गोलचक्कर की तरफ सुनारी चौराहे की ओर जा रहे हैं यदि जल्दी की जाए तो पकडे जा सकते हैं। तभी सुनारी चौराहे <नाम> बैरियर डालकर सडक किनारे आड में खडे होकर इंतजार करने लगे कुछसमय <नाम> तीन अलग अलग मोटरसाइकिलों <नाम> कुछ लोग आतेदिखायी दिये। तभी हम लोगों को देखकर चिल्लाये कि पुलिस वाले है। मारो सालों को। तभी आवश्यक <नाम> प्रयोग करके अभियुक्तगण को घेरलिया पकडे गये अभियुक्त ने अपना नाम <नाम> पुत्र शैलेन्द्र बताया। 2उसके दाहिने हाथ से एक देशी तमंचा 315 बोर बरामद हुआ तथा एकजिंदा कारतूस बरामद हुआ तथा पहनी पेंट की दाहिनी जेब से 70रूपयेव एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ। ",
"आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि आवेदक/ अभियुक्त निर्दोषहै। उन्हें पुलिस ने झूठे मुकदमे में फंसाया है। इस मामले में कोई भीव्यक्ति चुटहिल नहीं है। आवेदक / अभियुक्त के पास से कोई तमंचा,सरिया, सब्बल व चोरी की मोटरसाइकिल बरामद नहीं हुर्ई है। घटनास्थल का कोई भी चश्मदीद <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त को पुलिस द्वारा एक साथ कई मुकदमे प्लांट करके झूठा फंसाकर जेलभेज <नाम> है। आवेदक/ अभियुक्त के इन्हीं आधारों <नाम> जमानत कोस्वीकार किए जाने का अनुरोध किया गया है। ",
"अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान अभियोजनअधिकारी ने जमानत आवेदन पत्र का प्रबल विरोध किया है और कथनकिया है कि आवेदक / अभियुक्त के पास से एक देशी तमंचा 315 बोरबरामद हुआ तथा एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ तथा पहनी पेंट कीदाहिनी जेब से 70रूपये व एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ। विद्वानअभियोजन <नाम> का कथन है कि इस मामले में पुलिसकर्मियों परफायर किया गया है। विद्वान अधिवक्ता का कथन है किआवेदक / अभियुक्त का कृत्य अत्यंत गंभीर <नाम> का है। विद्वानअधिवक्ता ने इन्हीं आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने काअनुरोध किया गया है। ",
"मैंने आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता तथा अभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली परउपलब्ध समस्त सामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह प्रकट होता हैकि उक्त मामला पुलिस मुटभेड का मामला है। आवेदक / अभियुक्त परपुलिसकर्मियों <नाम> आग्नेयास्त्र से फायर किए जाने का अभियोग है परंतुकोई भी आग्नेयास्त्र की चोटों की चिकित्सीय आख्या अभियोजन द्वारादाखिल नहीं की गयी है। समस्त गवाहान पुलिस वाले हैं उन्हें डरायेधमकाये जाने का काई अभियोग नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का कोई 3आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 09.03.2021से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व हैं। इस मामले का निकट भविष्यमें विचारण समाप्त होने की कोई <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्तविचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्तजमानत देने <नाम> तत्पर हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1784_202021-08-2020166 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की मॉ विमलेश <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र हैइसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को इसमुकदमे में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। पुलिस पार्टी द्वारागुडवर्क दिखाने के लिये अभियुक्त को फर्जी संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। गिरफ्तारी वबरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 27.07.2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। अतः अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त तथा उसके साथियों को पकड़े जाने <नाम> उनकेपास से चोरी की मोटरसाइकिल व एक्टिवा बरामद हुयी है। अतः आवेदक / अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये । "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान् अधिवक्ता तथा विद्वान् सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्क सुने तथा केसडायरी का अवलोकन किया। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5394_201925-09-20193662 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ सोवरन <नाम> पुत्र परसराम का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> मणिकान्त <नाम> थाना जगनेर जिला <नाम> ने दिनांक 30.01.2019 को 14.05 बजे थाना <नाम> जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की आंकित करायी कि अभियुक्तगण बन्टू उर्फ रामकुमार, <नाम> <नाम> उफ पप्पू जीतू <नाम> उफ भूपेन्द्र, रामऔतार, <नाम> <नाम> व <नाम> के द्वारा एक संगठितगैग बना लिया है जिसका गैगलीडर बन्टू उर्फ रामकुमार है जो अपने सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> फिरौती <नाम> अपहरण जेसे जघन्य अपराध कारितकरते है । ",
"अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है इनके विरूद्ध कोई व्यक्ति रिपोर्ट दर्ज कराने व गवाही देने को तैयार नही होता । इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त केस में झूँठा फसाया गया है जबकि उसने कोई अपराध कारित नही किया है। अभियुक्त पूर्व सजायाफता नही है। उसका यहप्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। ",
"वह खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उसने कोई समाज विरोधी कार्य नही किया है। पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के उददेश्य से झूँठा फसा <नाम> है। वह किसी गैग कासदस्य नही है <नाम> ही किसी समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त है। अभियुक्त दिनॉक 18.03. 2019 से ऱ्यायिक अभिरक्षा में है। अतः उसें जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 175/18 धारा-364ए, भा.द.सं. थाना-जगनेर जिला आगरा। 2(2) अ.सं. 178/18 धारा-307, भा.द.सं. थाना-जगनेर जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर फिरौती <नाम> अपहरण करने का अभिकथनहै। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंCcअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर फिरौती <नाम> अपहरण करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसकेअपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1422_202103-03-20211577 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी /अभियुक्त के पैरोकार नईमपुत्र हाजी लतीफउद्दीन, निवासी-21/38, पुल छिंगामोदी, लोहामण्डी, थानालोहामण्डी, जिला <नाम> जो कि प्रार्थी/अभियुक्त का पिता है, ने शपथपत्र प्रस्तुतकिया है, जिसमें कशन किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोईअपराध कारित नहीं किया है, महज पुलिस ने अपना गुडवर्क दिखाने के लिए व तंग व परेशान करने की नियत से उपरोक्त मुकदमा में झूंठा फंसा <नाम> है। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त सीधा सादा व्यक्ति है तथा मेहनत मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। उपरोक्त मुकदमा अज्ञात में दर्ज हुआ था, वहनामजद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट लगभग 10 घण्टा देरी से दर्ज हुई है, देरी काकोई भी <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में कोई भी Bail Application/2683/2021 -Shahid Vs. UP State 2स्वतंत्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 27.11.2020 की है औरउसको दिनांक 15.01.2021 को दोपहर करीब 2 बजे पुलिस घर से उठाकर ले गयी और करीब साढ़े <नाम> माह <नाम> उसको उपरोक्त मुदकमे में झूठी बरामदगी दर्शाते हुएझूंठा चालान <नाम> दिया। उक्त मुकदमे से सम्बन्धित उससे कोई भी बरामदगी नहींदर्शायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त से थाना हाजा पुलिस द्वारा अवैध धन की मांग की गयी, मांग <नाम> <नाम> होने की वजह से उसको उपरोक्त मुकदमा में झूंठा चालान करदिया। प्रथम सूचना रिपोर्ट में नहीं दर्शाया गया है कि किस अभियुक्त द्वारा फायरकिया गया है। पुलिस द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> मु0अ0सं0 764/2019, <नाम> 506,279, 337, 379, 411 भा०दं0सं0, थाना सिकन्दरा, <नाम> व मु०अ0सं0 640 / 2020,धारा 379, 411 भा0दं0सं0, थाना सिकन्दरा, <नाम> व मु०अ0सं0 660/2020, धारा379, 411 भा0दं0सं0, थाना सिकन्दरा, <नाम> से जमानत स्वीकृत हो चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 17.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। ्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तका जमानत प्रार्थनापत्र अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 17.02.2021 को खारिज किया जाचुका है। प्रार्थी/अभियुक्त अपनी उचित एवं विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व में सजायाफूता नहीं है। जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जानेकी <नाम> की है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक वादी मुकदमा कलुआ द्वारा थाना अछनेरापर दी गयी तहरीर के आधार <नाम> इस प्रकार है कि वह नई कालोनी इण्डियनओवरसीज बैंक के सामने कसबा किरावली थाना अछनेरा <नाम> का मूल निवासी है। उसकी लड़की की शादी कल होनी थी, तो वह और उसका पूरा परिवार शादी मेंव्यस्त था। उसकी 5 भैंसे जो घर क अन्दर बंधी हुई थी, जिनको दिनांक 27.11.2020को समय करीब 2.30 ए०एम0 <नाम> अज्ञात चोरों द्वारा केन्टर में लाद <नाम> ले गये हैं,जिनमें से एक भैंस बंधी रह गयी है। <नाम> भैंसों को ले गये हैं। <नाम> भैंसों में से 2 भैंसेदूध <नाम> रही थी व 2 भैंसे <नाम> दूध की पडिया थी। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना अछनेरा <नाम> अज्ञात केविरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 4592020, <नाम> 380 भा0०दं0सं0 में रिपोर्ट दर्ज कीगयी तथा फर्द बरामदगी तथा अभियुक्त की गिरफ्तारी व उससे बरामदगी के आधारपर <नाम> 411 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी । ",
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन Bail Application/2683/2021 -Shahid Vs. UP State 3किया गया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/ अभियुक्त को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई आपराधिक कृत्यनहीं किया है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त सेकोई भैंसों की बरामदगी भी नहीं दर्शायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भी्रार्थी/अभियुक्त का कोई नाम नहीं है। वादी मुकदमा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञातमें दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 17.01.2021 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> अपनेअन्य साथियों के साथ मिलकर वादी मुकदमा के घर से <नाम> भैंसे चोरी <नाम> लिये जानेतथा प्रार्थी / अभियुक्त की स्वयं की निशानदेही <नाम> उसके कब्जे से मामले से सम्बन्धितबरामदगी भी दर्शायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्त पेशेवर चोर व लूट के गिरोह कासदस्य है तथा आदतन अपराधी है। उसके द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य गम्भीरप्रकृति का है। अतः उसका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तपर यह आरोप है कि उसके द्वारा भैंसे चोरी करने का अपराध कारित किया गया है। मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी हैं, प्रार्थी / अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं कियागया है और <नाम> ही उसे किसी ने भैंस चुराते हुए <नाम> है। बरामदगी का <नाम> काकोई स्वतंत्र व्यक्ति <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अन्य मामलों मु0अ0सं0 660, 2020,धारा 379, 411 भा0दं0सं0, थाना सिकन्दरा, मु0अ0सं0 764 /2019, <नाम> 506, 337,279, 379, 411 भा०दं0सं0, थाना सिकन्दरा, मु0अ0सं0 640,/2020, <नाम> 379, 411भा०दं0सं0, थाना सिकन्दरा, मु०अ0सं0 22/2021, <नाम> 379, 411 भा०दं0सं0, थानासदर, मु0अ0सं0 442/2020, <नाम> 380, 411 भा०द॑0सं0, थाना मलपुरा व मु0अ0०सं015/2021, <नाम> 380, 411 भा०दं0सं0, थाना मलपुरा में पूर्व में भिन्न-भिन्नन्यायालयों द्वारा जमानत स्वीकार की जा चुकी हैं। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वाराविचारणीय है। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 17.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है । "
]
} | 1GRANTED
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Bail Application_2863_201901-06-20193392 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ अभियुक्त कीपत्नी <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> एस. ओ. थाना बरहन जिला <नाम> ने दिनांक 08.02.2019 को 18-35 बजे थाना <नाम> जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि दौरान जॉच ज्ञात हुआ कि अभियुक्तगैंग लीडर <नाम> शओरोतिया उर्फ <नाम> <नाम> अपने <नाम> अभियुक्त नीटू शार्मा उफ नीतू <नाम> केसाथ मिलकर एक संगठित गिरोह बना लिया है, जो <नाम> के लोगों के विरूद्धअपराध घटित करके आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिये <नाम> में भय एवं आतंक व्याप्तकरके अवैध धन अर्जित <नाम> अपराध गठित <नाम> भारतीय दण्ड विधान के अध्याय 17 केअंतर्गत अपराध कारित करते हैं। आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भयव आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनकेविरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोईअपराध नहीं किया है, उसे रंजिश के <नाम> झूंठा फॅसाया गया है। प्रार्थी /अभियुक्त गैंगचार्टमें दर्शाये गये लूट के मामलों नामजद नहीं है और ना ही उससे कोई बरामदगी है। आवेदक / अभियुक्त पूर्व सजा याफूता नहीं है। प्र्रार्थी/अभियुक्त पिछले कई महीनों सेकारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.256/18 धारा-392 भा.द.स.थाचा-बरहन, <नाम> (2) अ.स.301/18 धारा-394 भा.द.स. थाना-बरहन, <नाम> 2(3) अ.सं.308,//18 धारा-392 भा.द.स. थाना-बरहन, <नाम> (4) अ.सं.३14 /18 धारा-394भा.द.स. थाना-बरहन, <नाम> (5) अ.सं.325/18 धारा-307 पुमु0/भा.द.स. 12द0प्र०अधि0 थाना-बरहन, <नाम> (6) अ.सं.326/18 धारा-3/25 आयुध अधिनियम केमुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त कियेजाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल छः उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट एवं <नाम> से मारने का प्रयास करनेका अभिकथन है । ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"अभियुक्त की ओर से दाखिल शपथ पत्र में, उसके विरूद्ध गैंगचार्ट में दर्शायेगये जिन मुकदमों के आधार <नाम> गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की गयी है, उनमें जमानतस्वीकार होने के संबंध में कोई कथन नहीं किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त अपने गैंग कागैंगलीडर है, उस <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकर लूट एवं <नाम> से मारने का प्रयासकरने के आरोप है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवं उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत पररहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4330_201903-08-20191035 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> गुप्तापुत्र <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> पॉण्डेय थाना ताजगंज जिला <नाम> ने दिनांक 04.04.2019 को 18.51 बजेथाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगणओमपकाश प्रजापतिव मन्नू <नाम> के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडरओमप्रकाश <नाम> है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिकलाभ प्राप्त करने <नाम> मोबाईल चोरी /छिनेटी, लूटपाट जैसे जघन्य अपराध कारित करते हैऔर समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त है। ",
"अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ",
"आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणकोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्रमें तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को पुलिस द्वारा अफसरो को बेहतरकारगुजारी दिखाने के लिए अभियुक्त बनाया गया है। उसने कोई अपराध कारित नही कियाहै। वह पूर्णत: निर्दोष है। वह किसी संगठित गिरोह का सदस्य नही है <नाम> ही उसने संगठितअपराधियों के साथ मिलकर आर्थिक <नाम> <नाम> अपराध किया है <नाम> ही वह किसी गिरोह को चलाता है। गैगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में उसकी जमानत हो चुकी है। प्रार्थी/ अभियुक्तसे कोई बरामदगी नही दर्शायी गयी है। अभियुक्त सीधा सादा शान्तिप्रिय व्यक्ति है तथामेहनत मजदूरी करके अपने परिवार की <नाम> चलाता है। अभियुक्त का यह प्रथम 2जमानत प्रार्थनापत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अभियुक्त का इन मामलों के अलावा कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नही है। वह अपनीउचित एवं विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। वह दिनॉक 29.07.2019 से कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 1053/18 <नाम> 392, 411 भा.द.सं. थाना-फतेहाबाद जिला <नाम> । ",
"2-अ.सं. 1060/18 <नाम> 41/102 द.प्र.सं. 411, भा.द.सं.व 15 द-प्रक्ष. थाना-फतेहाबादजिला <नाम> । ",
"के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। ",
"गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर मोबाईल चोरी, लूटपाट जैसेजघन्य अपराध करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होनेका प्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी प्रकृतिएवं अभियुक्त के मोबाईल चोरी, लूटपाट जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधितअपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखतेहुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_3659_201916-08-2019538 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त माता व पैरोकार श्रीसतीलज्जा के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा धर्मेन्द्रकुशवाह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयीकि दिनोक 13.02.2019 को समय करीब 07:20 बजे वह अपनी पत्नी के साथमोटर संख्या-यू0पी0 80/ई0ए0 5642 से अपने रिश्तेदारी से अपने गोववापस जा रहा था। जैसे ही वह नगला भरी से रेलवे पुल के पास पहुँचे तो पीछे से मोटरसाईकिल <नाम> सवार तीन लोगों ने उसकी मोटरसाईकिल धक्कादेकर <नाम> दी जिससे वह गिर गया। तब उन तीनों लड़कों ने उसकी पत्नीके कानों की झुमकी, गले की चेन, मनचली जिसमें सोने के तीन लोकेट पड़ेथे तथा उनका पर्स, जिसमें 6-7 हजार रूपए थे, छीनकर ले गए। दो लोगोंके पास तमंचे थे। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा व उसकी पत्मी के साथलूटपाट की गयी है। प्रार्थी से बरामदगी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> सिंहकमला एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3659, 2019राहुल बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 10.04.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी को पुलिस घर से पूछताछ के बहाने घर से ले गयी थी। प्रार्थी से लूट से संबंधित कोई रकम बरामद नहीं हुई है। प्रथम सूचना रिपोर्टअज्ञात में दर्ज करायी गयी है। बरामद दर्शाए गए रूपए प्रार्थी के स्वयं के हैं। प्रार्थी दिनाक 10.04.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 13.02.2019 की समय 19:20 बजे की है। प्रार्थी <नाम> सह-अभियुक्तगणके साथ मिलकर वादी व उसकी पत्नी के साथ लूटपाट करने का आरोप है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी को घटना के लगभग दो माह <नाम> दिनक09.04.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफूतार कियाजाना तथा उसके कब्जे से नशीला पाउडर तथा 5,000/- रूपए व3500 / ~ रूपए, कुल 8,500/- रूपए बरामद किया <नाम> दर्शित किया गयाहै। अभियोजन की ओर से उक्त बरामद 3,500/- रूपए इसी अपराध सेसंबंधित होने का कथन किया गया है। प्रार्थी <नाम> माह से अधिक समय सेजिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त फरहान की जमानत इसन्यायालय द्वारा दिनाक 14.08.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। मामले मेंआरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1277_202024-07-2020912 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारकिताबसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है । ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमातपेन्द्रसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयी कि दिनाक 04.03.2020 को समय 7:30 बजे वह अबन्तीबाई चौराहे की तरफ सेअपने रूम बाग कॉलोनी साइकिल से जा रहा था। साइकिल <नाम> पीछे मेरा रूमपार्टनर <नाम> पुत्र बहादुर बैठा हुआ था। जब हम <नाम> <नाम> हॉस्पीटल केसामने पहुँचे तो पीछे से एक मोटरसाइकिल नं0 यू9पी0 80सीएन 2641 फैशन प्रो सवार दो व्यक्तियों ने उसके हाथ से मोबाइल छीनने का प्रयास किया। उसका मोबझइल पकडकर उसे खींचते रहे और उसके मोबाइल को छुड़ाने का प्रयास करतेरहे और वे गिर गये तब अभियुक्तगण अम्बेडकर चौराहा की तरफ भाग गये। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं कियाहै, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 06.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। ",
"घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। उपरोक्त घटना में किसी प्रकार की लूट किया <नाम> नहीं बताया गया है केवल मोबाइल की लूट का प्रयास किया जानाबताया है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रEक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1277 / 2020योगेश बनाम राज्यपत्र अन्य किसी भी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के मोबाइल को लूटने का प्रयास किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गसी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि मामले में घटनादिनांक 04.03.2020 के समय 19:30 बजे के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट उसीदिन समय 20:10 बजे दो अज्ञात के विरूद्व दर्ज करायी गयी है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी / अभियुक्त नामजद नहीं है। मौके सेपकडा नहीं गया है। मोबाइल के लूटने के प्रयास का अभियोग है। प्रार्थी दिनांक 06.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी काकोई अपराधिक इतिहास भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5111_201918-09-20193981 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के पित्ता व पैरोकारसोविन खाँ के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> इस आशय की तहरीर दी गई कि वादी ट्रेन नं0 12404 <नाम> इलाहाबाद से <नाम> आ रहा था कोचसं0 एस-5 में सीट नं0 68 <नाम> बैठा था। जब गाडी <नाम> स्टेशन पहुँच रहीशो तभी कोई अज्ञात व्यक्ति 10:10 पीएम <नाम> वादी के हाथ से वादी कामोबाइल सैमसन जे-7 मैक्स में सिम नं<फ़ोन-नंबर> था चलती गाड़ी सेछीन <नाम> भाग गया। वादी की तहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमापंजीकृत हुआ। ",
"प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5111/2019सोहिल उर्फ सरकारी बनाम राज्यगया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 11.07.2018 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब सेदर्ज करायी गयी है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादीमुकदमा से लूट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> कुलदीप <नाम> कटाराएवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी को दिनाक10.07.2018 को सह-अभियुक्तगण के साथ गिरफूतार किया गया है। प्रार्थी केकब्जे से इस प्रकरण से संबंधित कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं और <नाम> ही उसे मौके से गिरफ्तारकिया गया है। प्रार्थी इस प्रकरण में एक वर्ष से अधिक समय से जिलाकारागार में निरूद्ध है। सामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जाचुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4506_201920-08-2019407 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ टीकम <नाम> उफ पप्पूपुत्र छीतर <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> प्रभारी निरीक्षक थाना अछनेरा जिला <नाम> ने दिनांक 12.07.19 को 21.50 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण शौकीन उफ पगला शाहरूख उर्फ इमरान, <नाम> मोनवीर उर्फ गटटा, सोहित उफ॑ लीलू के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसकागैंग लीडर शौकीन उफ पगला है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिकलाम प्राप्त करने <नाम> लूट, वाहन चोरी, एव अवैध हथियार रखने जैसे जघन्य अपराध करते है औरसमाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त है । ",
"अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, 17,में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ",
"इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देना तो दूर अपितु अभियोग पंजीकृत कराने को तैयार नही होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनकेविरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्रOगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 केअंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ",
"अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध कारितनही किया गया है। उसे गलत तथ्यों के आधार <नाम> झूँठा फंसा <नाम> है। वह पूर्व सजायाफता नहीहै उसके विरूद्ध पुलिस ने सभी मुकदमे गलत तथ्यों के आधार <नाम> दर्शये है। अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के सभी तथ्य असत्य व मनगढंत है जो वादी ने गैगचार्ट के आधार <नाम> लिखाये है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। अभियुक्त इन्टर का छात्र है तथावर्तमान में अध्ययनरत है। वह किसी अपराध में संलिप्त नही रहा है और भविष्य में भी संलिप्त नहीरहेगा। अधिक <नाम> जेल में रहने से उसकी <नाम> अधूरी रह जायेगी। अतः उसे जमानत <नाम> रिहाकिया जाये। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह 2 सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिलहै, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 118/19 धारा-414, 420, 467, 468, 471, भा.द.सं. थाना-अछनेरा जिला <नाम> । ",
"(2(3(4) अ.सं. 107/19 धारा-379, 411 भा.द.सं. थाना-अछनेरा जिला <नाम> । ",
")) असं. 120/19 धारा-4/25 आर्म्स एक्ट थाना-अछनेरा जिला <नाम> । ) अ.सं. 33/19 धारा-379, 411 भा.द.सं. थाना-अछनेरा जिला आगरा। )के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल <नाम> उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर वाहन चोरी, एव अवैध हथियार रखने जैसेजघन्य अपराध करते है और समाज विरोधी <नाम> कलाप करने का अभिकथन है। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ",
"जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ",
"अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर वाहन चोरी, एव अवैध हथियार रखने जैसे जघन्य अपराधऔर समाज विरोधी किया कलाप करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है किअभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने कीसम्भावना नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1918_202019-08-2020280 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त के मामा <नाम> कुलश्रेष्ठका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमादीपक <नाम> <नाम> ने मुख्य न्यायिक मजि0, <नाम> के न्यायालय में <नाम> 156(3) द0प्रoसं0 के अतर्गत प्रार्थना पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि्रार्थी/वादी <नाम> <नाम> मीडिया प्राएलि0 नामक ई-पेपर स्थित 3/217बैंकहाउस ओमेक्स <नाम> के पीछे, थाना न्यू <नाम> में <नाम> हजार रूपये प्रतिमाहकी नौकरी <नाम> रहा था, जिसके डायरेक्टर रजत कुलश्रेष्ठ पुत्र अम्बरीशकुलश्रेष्ठ, <नाम> कुलश्रेष्ठ पत्नी रजत कुलश्रेष्ठ, अम्बरीश कुलश्रेष्ठ पुत्र स्व0शम्भूदयाल कुश्रेष्ठ निवासीगण उपरोक्त ने योजनाबद्ध तरीके से प्रार्थी व कंपनीके कर्मचारियों से कहा कि आपका वेतन बैंक के माध्यम से <नाम> जायेगा,इसलिये हमारी कंपनी के द्वारा आप लोग बैंक खाते खुलवाने एवं केडिट बनवानेके लिये पहचान पत्र फोटो आदि जमा कराने के लिये कहा, जिस <नाम> पहचानपत्र, फोटो, इण्डियन ओवरसीज बैंक, <नाम> प्लेस शाखा <नाम> के खालीचैक एवं खाली स्टाम्प पेपर आदि प्रपत्रों को लेकर रख लिया और कहा कितुम्हारा <नाम> स्वीकृत नहीं हुआ तथा मॉगने <नाम> प्रपत्र नहीं दिये और ना ही पासबुक व चैक बुक उसे मिली। इसी दौरान विभिन्न बैंक कर्मियों की <नाम> <नाम> -2-से योजनाबद्ध तरीके से षडयन्त्र के तहत प्रार्थी का नाम कदलकर फर्जीदस्तावेज तैयार <नाम> उक्त रजत कुलश्रेष्ठ, अम्बरीश कुलश्रेष्ठ व शालिनीकुलश्रेष्ठ द्वारा बैंक आफ इण्डिया रामबाग से आठ लाख रूपये, स्टेट बैंक आफपटियाला <नाम> प्लेस से <नाम> लाख रूपये, यूनियन बैंक आफ इण्डिया <नाम> प्लेस, <नाम> से <नाम> लाख रूपये कार <नाम> स्वीकृत <नाम> लिया और प्रार्थी कोइस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गयी तथा <नाम> की उक्त धनराशि सीधे जे.आर. ऑटोमोटिव कंपनी के खाता संख्या <फ़ोन-नंबर>92 में बैंककर्मचारियों द्वारा ट्रान्सफर <नाम> ली गई, <नाम> में उक्त धनराशि को रजतकुलश्रेष्ठ व <नाम> कुलश्रेष्ठ द्वारा अपने खाते में जे.आर.ऑटोमोटिव कंपनी सेस्थानान्तरित करवा लिया गया और कोई गाडी नहीं खरीदी, बल्कि गाडियों कीखरीद के फर्जी दस्तावेज व रजिस्ट्रेशन आदि तैयार <नाम> संबंधित बैंक में दाखिलकर दिये गये और दो वर्ष <नाम> कार <नाम> चुपचाप चुकाते रहे, लेकिन नोटबंदीके <नाम> उक्त बैंक की किश्ते नहीं भरी गयी, जिसके <नाम> बैंक द्वारा प्रार्थीको फोन काल आने और किश्त जमा <नाम> होने की सूचना मिलने <नाम> अपने साथहुये धोखे एवं ठगी की जानकारी हुई । रजत कुलश्रेष्ठ से संपर्क करने परउसने कहा कि मैने तुम्हारा <नाम> खतम <नाम> <नाम> है , दो अन्य <नाम> भीदिसम्बर 2016 <नाम> समाप्त <नाम> दूंगा, लेकिन <नाम> का पैसा जमा नहीं कियाऔर गाली गलौज देकर उसको धमकाया तथा <नाम> से मरवाने की धमकी दी। उक्त लोगों ने प्रार्थी से लिये प्रपत्रों से उपरोक्त बैंक कर्मचारियों की <नाम> भगतसे एक षडयन्त्र के तहत कूटरचना करते हुये <नाम> <नाम> को हड़प <नाम> लिया। ",
"उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 27.03.2019 को अभियुक्तगण रजतकुलश्रेष्ठ, <नाम> कुलश्रेष्ठ, अम्बरीश कुलश्रेष्ठ, बैंक कर्मचारीगण बैंक आफइण्डिया, स्टेट बैंक आफ <नाम> यूनियन बैक आफ इण्डिया के विरूद्धअपराध संख्या 238/2019 <नाम> धारा-420, 467, 468, 471, 120बी, 504, 506भा0द0सं0 का अभियोग थाना र््यू <नाम> <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में एकषडयन्त्र के तहत झूंठा फॅसाया गया है। वास्तविकता यह है कि वादी ने अपने नाम से एक कार <नाम> स्वीकृत कराये थे तथा वादी द्वारा ही स्वयं कार <नाम> कीकिश्त स्वयं जमा की गयी है तथा वादी उक्त लाभान्श भी लगातार प्राप्त करतारहा, जब कार <नाम> की किश्त वादी द्वारा जमा नहीं <नाम> पाया, तबप्रार्थी / अभियुक्त <नाम> दवाव बनाया कि आपके कहने <नाम> मैने गाडी खरीदी है, -3-अब मैं आगे इन गाडियों की किस्त जमा करने में असमर्थ <नाम> आप ही स्वयंकिश्त जमा करो। आवेदक /अभियुक्त के द्वारा वादी का कोई भी प्रपत्रकूटरचित दस्तावेज तैयार नहीं किया है और ना ही उसका कहीं प्रयोग किया है। वादी द्वारा स्वयं बैंक में जाकर कार <नाम> स्वीकृत कराया गया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 25.05.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानतपर छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक/ अभियुक्तके द्वारा वादी मुकदमा को अपने यहाँ नौकरी <नाम> रखा गया, तथाउसकी सैलरी बैंक के माध्यम से देने के बहाने वादी के पहचान पत्र, फोटोआदि दस्तावेज प्राप्त <नाम> लिये और उन दस्तावेजों में कूटरचना <नाम> विभिन्नबैंकों से वादी के नाम से फर्जी <नाम> प्राप्त किये। आवेदक/ अभियुक्त काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"अभियोजन कथानक के मुताबिक वादी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> दसहजार रूपये प्रतिमाह <नाम> नौकरी कंपनी में करता था, जिसके डायरेक्टरआवेदक / अभियुक्त व अन्य लोग हैं, उनके द्वारा यह कहने <नाम> कि आप लोगोंको वेतन बैंक के माध्यम से <नाम> जाएगा, बैंक खाते खुलवाने के लिये पहचानपत्र फोटो आदि प्रपत्र जमा <नाम> लिये और <नाम> में उसी आधार <नाम> नामबदलकर व अन्य दस्तावेज लगाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्शाये गये तथ्यों केअनुसार <नाम> लिये गये, बैंक में किश्त <नाम> जाने <नाम> बैंक द्वारा प्रार्थी को फोनआना और कित <नाम> जमा होने की सूचना <नाम> उसे अपने साथ हुये धोखे एवंठगी की जानकारी हुई । ",
"उपरोक्त प्रकार से आवेदक / अभियुक्त के द्वारा वादी मुकदमा का नामबदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार <नाम> <नाम> <नाम> कहा गया है, यही नहींआवेदक / अभियुक्त द्वारा जे.आर.ओटोमोटिव कंपनी से कोई गाड़ी नहीं खरीदीगयी, बल्कि उसकी खरीद के फर्जी दस्तावेज तैयार <नाम> बैंक में दाखिल करनाबताया गया है। थाने की आख्या में आवेदक/ अभियुक्त का इसी प्रकार काआपराधिक इतिहास दर्शाया गया है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) मु0अ0सं0-371//2017 <नाम> 420, 467, 468, 471 भा०द0सं0 थाना न्यू <नाम> -4-(2)मु०अ०सं0-539/ 2017 <नाम> 420, 467, 468, 471 भा0द0सं0 थाना न्यू आगरा(3)मु०अ0सं0-145/2018 <नाम> 420, 467, 468, 471 भा०द0०सं0 थाना न्यू आगरा(4)मु0अ0सं0-860 / 2018 <नाम> 420, 467, 468, 471 भा०द0०सं0 थाना न्यू आगरा(5) मु०अ०सं0०-285 /2017 <नाम> 420, 467, 468, 471 भा0०द0सं0 थानाएत्माद्दौला, (6)मु0अ०सं0-178,/2018 <नाम> 420, 467, 468, 471 भा०द0सं0थाना हरीपर्वत (7)मु0अ0सं0-61/2018 <नाम> 420, 467, 468, 471 भा0द0सं0थाना लोहामण्डी (8)मु0अ0सं0-778/2015 <नाम> 420, 406, 504, 506 भा0द0सं०थाना ताजगंज (9)मु0अ0सं0-145,/2018 <नाम> 420, 467, 468, 471, 120बीभा०द0सं0 थाना न्यू <नाम> (10) मु0अ0सं0-238/2019 <नाम> 420, 467, 468,471, 120बी, 506 भा०द0सं0 थाना न्यू <नाम> (11)मु0अ0सं0-231//2019 धारा420, 467, 468, 471, 120बी, 504, 506 भा0०द0सं0 के मामले दर्ज हैं। ",
"उपरोक्त प्रकार से आवेदक / अभियुक्त के द्वारा धोखाधड़ी करके विभिन्नकूटरचित दस्तावेज तैयार करना बताया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1538_202106-03-20211399 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा मुन्नालाल द्वारा इस आशय की तहरीर थाना डौकी, <नाम> <नाम> दी गयी कि दिनांक13//14.02.2021 को <नाम> में अज्ञात समय <नाम> उसकी पुत्री पीड़िता उम्र 14 वर्ष कोआकाश पुत्र पप्पू बहला फुसलाकर भगा ले गया है। वह कल से अब <नाम> अपनीपुत्री को खोजता रहा, कोई सुराग नहीं मिला है। ्रार्थी/ अभियुक्त उपरोक्त कस में झूठा फंसा <नाम> गया है, उसनेकोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंजो तथ्य कहे गये है, वह कतई गलत बेवुनियाद व मनगढ़न्त हैं। प्रथम सूचनारिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है, देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गयाहै। वास्तव में प्रार्थी/अभियुक्त पीड़िता को <नाम> तो ले गया और <नाम> ही उसके साथबलात्कार किया। प्रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से पीड़िता बरामद नहीं हुयी है। रंजिशवश प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त केस में झूठा फंसा <नाम> गया है। कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। वास्तव में पीड़िता बालिग है और उसकी उम्र Bail Application/2870/ 2021 —Aakash Vs. UP State218 साल से अधिक है। प्रार्थी/अभियुक्त क विरूद्ध उपरोक्त धाराओं में कोईमुकदमा नहीं बनता है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 19.02.2021 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन किया गया। ",
"अभियोजन की आर से विद्वान ए.डी.जी.सी. (फौजदारी) द्वारा जमानतका विरोध किया गया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी कीनाबालिग पुत्री पीड़िता को बहला फुसला <नाम> ले जाकर उसके साथ जबरनबलात्कार किया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिजकिया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तरक सुने तथा प्रपत्रों काअवलोकन किया। ",
"केस डायरी व पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रस्तुतप्रकरण में शैक्षिक प्रमाण पत्रों में पीड़िता की जन्मतिथि 10.02.2005 <नाम> हैजिसके अनुसार उसकी आयु 16 वर्ष दर्शाई गयी है। पीड़िता द्वारा अपने बयानअन्तर्गत <नाम> 164 द0प्रoसं0 में अपनी उम्र 15 वर्ष बतायी है तथा कथन किया हैकि रेशमा व पप्पी उसके घर से सामने रहती थी, उसकी दोस्त थी, वह आकाशको जानती है, उसके घर से सामने सुअर को दाना डालने आता था, रेशमा वपप्पी ने उसके <नाम> के साथ पैशन प्रो <नाम> जबरदस्ती बैठा <नाम> टाइम नहीदेखा था। वह घर के बाहर इन दोनों लड़कियों के बुलाने <नाम> आयी थी, उसनेचिल्लाने की कोशिश नही की थी, सड़क <नाम> घर से दूर मोटर साइकिल <नाम> बैठायाथा, सड़क <नाम> बाहर वाला कोई नही था। रात का लगभग साढे 12-1 बज रहाहोगा। वह घर से कुछ नही कहकर निकली थी। <नाम> में ही <नाम> उसे कहींलेकर गया था। पांच <नाम> साथ रही थी, शारीरिक सम्बन्ध बने थे, उसकी मर्जी केबिना बने थे। घर में दिनांक 17.02.2021 को आ गयी थी, टॉयलेट करने गये थेवह लौटा तो वह बाहर आ गयी, पुलिस को बता <नाम> था, उसका रेप हुआ है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अन्तर्गत <नाम> 164 में <नाम> 161 द0प्रoसं0 के बयानों कासमर्थन किया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। प्रस्तुत प्रकरण मेंअभियुक्त के विरूद्ध नाबालिग पीड़िता को बहलाफुसला <नाम> उसके विधिक संरक्षककी संरक्षता से ले जाने, जबरन बलात्कार करने का कथन किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित कृत्य गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1900_202115-03-20211121 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> दीवानसिंह का शपथ पत्र संलग्नकिया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार हैं कि निरीक्षक श्रीअरविंद <नाम> <नाम> मय हमराही दिनांक 28.02.2020 समय 12:20 बजे अभियुक्त उग्रसेन को जिला कारागार से बाहर निकालकर बाहर सुरक्षा कीदृष्टि से हथकड़ी रस्सी लगाकर चल दिये तब उग्रसेन ने बताया कि जिस बोलेरो गाडी के बारे में बताया था वह उसने चम्बल की डांग जो उसके गांवके आसपास है उधर ले चलो आपको गाड़ी बरामद <नाम> दुँगा। तब ग्प्रम गजपुरा होते हुए कुआखेडा होते हुए जंगल में कच्चे रास्ते होते हुए पहाडीडांग से आगे आकर अभियुक्त द्वारा गाडी रूकवाने का इशारा किया तथागाडी रूकवाकर नीचे उतरकर बताया कि इधर ही पत्थरों में गाडी छिपायी थी। जैसे ही 100 मीटर चले तब बताया कि <नाम> यही वह बोलेरो गाडी हैजिससे अपने साथियों के साथ मिलकर अकरम का अपहरण किया था तथातमंचा गाड़ी में ही ड्राईवर सीट के नीचे छिपा <नाम> था। गाडी में घुसकरसीट के नीचे से तमंचा अपने हाथ से निकालकर देते हुए बताया कि यहीवह तमंचा है जिसे हम लोगों ने अपहरण के दौरान वकील को डरायाधमकाया था। तमंचा 315 बोर का था जिसको खोलकर <नाम> गया तो तमंचेकी बैरल से एक जिंदा कारतूस 315 बोर फंसा था। आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ताने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि आवेदक/ अभियुक्त निर्दोष है। उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा कोईअपराध नहीं किया गया है। आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से किसी भी प्रकारकी बरामदगी नहीं हुई है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 29.02.2020 से जिलाकारागार में निरूद्व है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किएजाने का अनुरोध किया गया है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त की निशानदेही <नाम> ही बोलेरो गाडीसे एक अदद देशी तमंचा 315 बोर बरामद हुआ है। अपराध गंभीर प्रकृतिका है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी । ",
"मैंने आवेदक/ अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता तथा अभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्तसामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किआवेदक / अभियुक्त के पास से एक अदद तमंचा देशी 315 बोर तथा एकजिंदा कारतूस बरामद हुआ हैं। आवेदक / अभियुक्त की मु0अ०सं0 68/2020अंतर्गत <नाम> 364ए,420,467,468,471,120बी0 भा०दंएसं0 में जमानत माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद से स्वीकृत की जा चुकी है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 29.02.2020 से जिला कारागार में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4334_202018-12-2020194 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प््रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र कर्मवीर की ओर से उसकी मांश्रीमती <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> <नाम> आयु लगभग 45 वर्ष का इस आशयका प्रस्तुत किया गया है कि वह अभियुक्त की मां व पैरवीकार है। प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्र्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोईभी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में कोई जमानत प््रार्थनापत्रविचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी शिवशंकर नेदिनांक 28.08.2019 को थाना बरहन <नाम> इस आशय का तहरीरी प्रार्थना पत्रदिया गया कि दिनांक 26.08.2019 को 12:30 बजे लगभग मेरी पुत्री कुमारीसपना, आयु लगभग 19 वर्ष को कर्मवीर <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> जाटव, निवासी Bail Application No.-4334/2020Karmveer Vs. State2.ग्राम सल्लगढ़ी, थाना बरहन, जिला <नाम> बहला-फुसलाकर ले गया है। मेरीपुत्री अपने साथ दो जोड़ी कुंडल सोने के, एक करधनी <नाम> की, 250ग्रामकी एक <नाम> <नाम> की, 25 हजार रूपये नगदी ले गयी है। उपरोक्तकर्मवीर का मो0नं<फ़ोन-नंबर> है, उपरोक्त के पिता का मो0नं<फ़ोन-नंबर> है, जिसे पता है कि कर्मवीर कहां है, इसकी साजिश है। वादीने उपरोक्त के पिता से कहासुनी की तो उल्टी-सीधी बाते कहनें लगाउपरोक्त के पिता भी घर से गायब है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि घटनादिनांक 26.08.2019 लगभग 12:30 की बतायी गयी है, जबकि थाने <नाम> घटनाके संबंध में तहरीर दिनांक 28.08.2019 <नाम> दी की गयी है, दो <नाम> केविलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नहीं है। प्राथमिकी, <नाम> 161दं0प्र०सं0, <नाम> 164 द॑0प्रएसं0 व मजीदबयान में घोर विरोधाभाष है, जो स्वयं घटना की सत्यता <नाम> प्रश्नचिन्ह लगाताहै। प्रार्थी/अभियुक्त एक पढ़ने वाला छात्र है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही उन्हें पूर्व में किसी न्यायालय द्वारादोषसिद्ध किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 16.12.2020 से कारागारमें निरूद्ध है। इस प्रकार प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी प्रार्थना की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष के अनुसार अपराध गंभीर <नाम> का है तथा जमानतपर अवमुक्ति की <नाम> में प्रार्थी अभियुक्त द्वारा जमानत के दुरूपयोग कीप्रबल <नाम> है अतः प्रार्थी/ अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिक द्वारा जमानतका घोर विरोध करते हुए कथन किया गया कि पीड़िता अवयस्क है, जिसेअभियुक्त अपने साथ भगा <नाम> ले गया तथा अभियुक्त द्वारा उसके साथदुष्कर्म किया गया। <नाम> 161द॑0प्रoसं0, <नाम> 164दं0प्रसं0 व मजीद बयान मेंभिन्नता का <नाम> <नाम> 161दं0प्रoसं०, <नाम> 164द0प्रoसं0 के बयान के समयपीड़िता का अभियुक्त क प्रभाव में होना है जबकि सुपुर्दगी के बाद,माता-पिता के संरक्षण में आने के <नाम> पीड़िता द्वारा अपने साथ हुए दुष्कर्मके संबंध में अपने मजीद बयान में बताया गया। अतः प्रार्थी/ अभियुक्त का Bail Application No.-4334/2020Karmveer Vs. State3.जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा परिशीलन किया। ",
"उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि पीड़िता अवयस्क है,जिसकी <नाम> मेडिकल व स्थानांतरण प्रमाण पत्र से होती है, जिसमें पीड़िताकी जन्मतिथि 15.06.2004 उल्लिखित है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ताके द्वारा तर्क <नाम> गया कि पीड़िता द्वारा <नाम> 161 दं0प्रएसं व <नाम> 164दं0प्रणसं0 के बयान में स्वेच्छा से अभियुक्त के साथ <नाम> बताया गया है,यदि यह मान भी लिया जाए तब भी पीड़िता के अवयस्क होने के दृष्टिगत,उसके द्वारा दी गयी कोई भी सहमति, <नाम> की दृष्टि में, <नाम> नहीं होगीतथा उसके साथ बनाए गए संबंध बलात्कार की श्रेणी में आएंगे। जहांतक <नाम> 161द॑0प्र0सं0, <नाम> 164दं0प्रणसं० व मजीद बयान में भिन्नता काप्रश्न है यह उल्लेखनीय है कि पीड़िता व अभियुक्त के आर्य समाज मंदिर मेंशादी करने व 12 <नाम> उसके साथ रहने का कथन है ऐसी परिस्थिति में यहस्वाभाविक है कि पीड़िता द्वारा अभियुक्त के प्रभाव अथवा भय से ही धारा161दं0प्र0सं0 व <नाम> 164दं0प्रoसं0 का बयान <नाम> गया हो, जबकि सुपुर्दगीके <नाम> माता-पिता के संरक्षण में आने के <नाम> पीड़िता द्वारा अपने साथ हुएदुष्कर्म के संबंध में अपने मजीद बयान में बताया गया। अभियुक्त दिनांक 16.12.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_594_202005-03-2020260 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त क पेरोकार उसपाल <नाम> नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित हैं कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र हैं, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहींहैं । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी वीरपाल <नाम> द्वारा दिनांक 27.03.19को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसकी पुत्री <नाम> की शादी दिनांक15.12.18 को <नाम> के साथ हिन्दू <नाम> रिवाज के अनुसार सम्पन्न हुई थी जिसमें उसने अपनी हैसियत के अनुसार <नाम> घरेलू सामान आदि <नाम> था, शादीमें कुल आठ लाख रूपये खर्च किए थे। उसकी बेटी का पूर्व <नाम> गौरवपाल सिंहजो कि एल०आई०सी०0 धौलपुर हाऊस में नौकरी करते थे, <नाम> की मृत्यु के बादउसकी पुत्री को एल०आई०सी० में मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिल गई थी, इससमय सेवारत थी। <नाम> की मृत्यु के <नाम> उसने अपनी बेटी की शादी <नाम> केसाथ की थी। उसकी पुत्री का <नाम> दहेज लोभी व्यक्ति है। शादी के <नाम> से ही उसकी पुत्री का <नाम> <नाम> ससुर पुरूषोत्तम, सास <नाम> पिस्ता तथा तईयाससुर-जगदीश, शादी में दिये गये सामान से खुश नहीं हुए तथा बेटी <नाम> दवाबबनाने लगे कि जो उसे सम्पत्ति पूर्व <नाम> से <नाम> है, उसे उनके नाम <नाम> दो,दवाब में आकर उसकी बेटी ने <नाम> को दो एल०आई०सी० की पॉलिसी केअलावा सर्विस में नौमिनी भी बना <नाम> लेकिन फिर भी ससुरालीजन खुश नहीं हुए, कहते थे कि दो साल से नौकरी <नाम> रही है, काफी रूपया अपने मां-बाप को देकर आई है, उनसे दो साल का <नाम> रूपया लाकर दे। उसकी बेटी ने होली परउसको एवं अपनी मां को बताया। उसने अपनी बेटी के ससुरालीजन को काफी समझाया था लेकिन ये लोग अपनी जिद <नाम> अड़े रहे। दिनांक 24.03.19 को रात्रिके 10.00 बजे उसको सूचना <नाम> कि उसकी पुत्री का एक्सीडेन्ट हो गया है,सूचना <नाम> जब वह अपने साथी <नाम> गंगाराम, नाहरसिंह को लेकर गांव अटूसपहुंचा तो पता चला कि उसकी बेटी मर चुकी है तथा शव को पोस्टमार्टम के लियेभेज <नाम> गया है। उसने जब घटनास्थल का पता किया तो मालूम हुआ कि जहां <नाम> एक्सीडेन्ट होना बताया गया है, उस नहर वाली पटरी <नाम> कोई वाहन नहीं चलता, <नाम> उस पटरी <नाम> <नाम> <नाम> होता है। उसकी बेटी की सम्पत्ति को हड़पनेतथा नौकरी प्राप्त करने तथा अतिरिक्त दहेज <नाम> मिल पाने के <नाम> हत्या <नाम> एक झूठी एक्सीडेन्ट की कहानी बनाई है और जल्दी-जल्दी दाह संस्कार भीउनकी मर्जी के खिलाफ <नाम> <नाम> है। उसको पूर्ण विशवास है कि उसकी बेटी कीहत्या इन सब ससुरालीजन ने मिलकर <नाम> दी है। ",
"वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण <नाम> पुरूषोत्तम, <नाम> पिस्ता व <नाम> के विरूद्व थाना सिकन्दरा, जिला-आगरा <नाम> मु0अ0सं0 228, 2019अन्तर्गत <नाम> 498ए व ३०4बी भा०दंएसं0 व धारा-3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम मेंप्राथमिकी <नाम> की गई। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त मृतका का <नाम> हैं तथा निर्दोष हैं, उसको इस प्रकरण में झूंठा फसाया गया है जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया हैं। यह भी कथनकिया गया कि उसके द्वारा अपनी पत्नी को अतिरिक्त दहेज के लिए कभी भीप्रताड़ित नहीं किया गया और <नाम> ही उसकी हत्या की गई हैं। वास्तविकता यह हैकि उसकी पत्नी की मृत्यु एक्सीडेण्ट में हुई हैं, वादी द्वारा धन के लालच में यहझूंठी प्राथमिकी आंकित कराई गई हैं। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया हैं। अभियुक्त दिनांक 29.03.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द जमानत प्राथना पत्र स0: 594 / 2020 प्रार्थना पत्र सं: 594 / 2020हैं, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तकप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त मृतका का <नाम> हैं तथा प्राथमिकी में नामित हैं। अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर अपनी पत्नी कोअतिरिक्त दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया तथा उसकी हत्या <नाम> दी गई। सहअभियुक्तगण पुरूषोत्तम एवं <नाम> पिस्ता का जमानत प्रार्थना पत्र प्रथम अपर सत्रन्यायाधीश, <नाम> द्वारा गुण दोष के आधार <नाम> खण्डित किया जा चुका हैं। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का हैं, अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगणके साथ मिलकर अपनी पत्नी/वादी की पुत्री <नाम> को अतिरिक्त दहेज के लिएप्रताड़ित किए जाने तथा उसकी हत्या कारित किए जाने का आरोप हैं। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिकके तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"मैंने केस डायरी में <नाम> गवाहान चन्द्रवीर <नाम> वीरपाल <नाम> आदि कबयान, पंचायतनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अवलोकन से प्रकट होता है कि मृतका <नाम> को खोपड़ी में 6सेमी. % 3 से.मी. लैसरेटेड वून्ड की चोट <नाम> गई। फर्द बरामदगी आला कत्ल दोपत्थर खून आलूदा के सम्यक परिशीलन से प्रकट होता है कि <नाम> ने जुर्म स्वीकार करते हुए पत्थर से मृतका-तारा के सिर <नाम> मारना और पत्थरों को घटनास्थल के पास अखबार में लपेटकर छिपाना बताया और पुलिस ने उसकीबरामदगी की। मृतका-तारा की मां इन्द्रादेवी ने तथा मृतका के मायके पक्ष के लोगों ने अपने बयानों में स्पष्ट <नाम> से कहा है कि अभियुक्तगण व मृतका के पतिमृतका से और रूपया लाने के लिये कहते थे और सब ने रूपयों के लालच में उसकी हत्या योजनाबद्ध तरीके से <नाम> दी है। न्यायालय के मत में मृतका की मृत्युशादी के लगभग साढ़े तीन माह के अन्दर हो गई। अभियुक्त की निशांदेही परहत्या में प्रयुक्त किये गये पत्थरों को बरामद किया गया हैं। मृतका के मायके-पक्ष वालों के बयानों से प्रकट होता है कि अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण शादी में दिये गये सामान से खुश नहीं थे और सम्पत्ति के लालच के <नाम> मृतका <नाम> दवाब डालते थे। न्यायालय के मत में मृतका की मृत्यु शादी के 07 वर्ष के अन्दरअस्वाभाविक परिस्थिति में हुई है। उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का हैं। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6522_201915-11-20191743 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थिया/अभियुक्ता की पुत्री व पैरोकारकुमारी <नाम> <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार दिनोक 10.05.2012को <नाम> 10:00 बजे परिवादी की माँ व रिश्तेदार उमाकान्त चारदीवारी केअन्दर सो रहे थे तभी हाकिम <नाम> संजू <नाम> <नाम> <नाम> प्यारेलाल,उर्मिला <नाम> पप्पू <नाम> तथा दो अन्य व्यक्ति आए। सभी क हाथों में लाठी, कट्टा, सब्बल व रायफल थी और आकर परिवादी की चाहरदीवारी को तोड़नेलगे। परिवादी ने तोड़ने से <नाम> किया तो सभी लोग आग बबूला हो गए औरशोर सचाने <नाम> <नाम> से मारने की धमकी दी। परिवादी के कमरें में रखे 25कट्टे सीमेंट व एक सिलेण्डर, एक गैस चूल्हा, खाने के बर्तन, एक चारपायीलोहे की तथा 05 हजार रूपए और परिवादी की माँ के कुण्डल छीन लिएतथा सीमेंट आदि भरकर वाहन में ले गए। ",
"प्रार्थिया/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> सिंहपरिहार, परिवादी के विद्वान अधिवक्ता <नाम> बिजेन्द्र <नाम> <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6522/2019श्रीमती <नाम> <नाम> बनाम राज्यका सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"प्रार्थिया/ अभियुक्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराधनहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थिया द्वारा स्वयं न्यायालय के समक्षआत्मसमर्पण किया गया है। घटना का कोई निष्पक्ष <नाम> नही है। प्रस्तुतप्रकरण में विवेचक द्वारा अंतिम आख्या लगा दी गयी थी परन्तु वादी द्वाराविरोध याचिका डालकर पुन: विवेचना कराए जाने के आदेश जारी कराए गएथे जिसमें प्रार्थिया को सह-अभियुक्ता बनाया गया है। सह-अभियुक्त संजूकी जमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। उपरोक्त आघारोंपर प्रार्थिया/ अभियुक्ता को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयीहै। ",
"परिवादी के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजन अधिकारीश्री वंशराज <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किअभियुक्ता द्वारा अन्य के साथ मिलकर परिवादी के साथ हथियारों के <नाम> <नाम> लूटपाट कारित की गयी है उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 10.05.2012 की है। प्रार्थिया <नाम> अन्य के साथ मिलकर परिवादी केसाथ लूटपाट कारित करने का आरोप लगाया गया है। मामला परिवाद पत्रआधारित है । प्रार्थिया को न्यायालय द्वारा विचारण <नाम> आइूत किया गया है। ",
"्रार्थिया द्वारा स्वयं न्यायालय के समक्ष आत्मसर्मपण किया गया है। प्रार्थियालगभग 05 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। इस प्रकरण के अतिरिक्तअभियोजन की ओर से प्रार्थिया का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहींकिया गया है। सह-अभियुक्त संजू की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक25.10.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थिया की मामले में भूमिकासह-अभियुक्त संजू के समान है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3504_202004-11-20201339 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में <नाम> की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन कियागया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प््ार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वगरा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे षड्यंत्र के तहत झूठा फंसाया गयाहै। अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और <नाम> ही वह समाज विरोधी क्रियाकलाप मेंसंलिप्त हैं। मुअ0सं० 9702018 अन््तगत <नाम> 392,411 भा0दं0सं0 थाना न्यू आगराके मामले में अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 21.10.2020 सेकारागार में है। अतएव अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि थाना प्रभारी <नाम> कुमारपाण्डेय द्वारा इस आशय की रिपोर्ट थाना न्यू <नाम> <नाम> दर्ज कराई गयी कि गैंगलीडर <नाम> <नाम> द्वारा <नाम> <नाम> के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बनालिया है, जो सामूहिक <नाम> से लोक व्यवस्था को अस्त व्यस्त करने व अपने तथाअपने साथियों के लिए अनुचित आर्थिक, भौतिक <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य सेथाना <नाम> में लूटपाट जैसे अपराध कारित <नाम> समाज विरोधी <नाम> कलापों मेंसंलिप्त है। अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्ध - मु0अ०सं0 970/2018अर्न्तगत <नाम> 392,411 भा०दं०सं0 थाना न्यू <नाम> पंजीकृत है। ",
"वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना न्यू <नाम> <नाम> <नाम> मु0अ0सं०532 / 2019 अर्न्तगत <नाम> 2/3 गैंगस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ। Bail Application/ 9501/2020 -UP State Vs. Sunil Kumar urf Lukman Singh 2विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध करते हुये कहा गयाहै कि अभियुक्त आदतन अपराधी है तथा गैंग का लीडर है। अभियुक्तगण का एकसंगठित गिरोह है, जो लूट आदि <नाम> अवैध <नाम> से धनोपार्जन करता है। अभियुक्तके विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है। अतः अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहससुनी व पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया। ",
"उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता है और (ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहांन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोईअपराध करने की सम्भावना नहीं है। ",
"अभियुक्त <नाम> <नाम> उर्फ लुकमान गैंग का लीडर होना कहा गया है। गैंगचार्ट के अनुसार उसके विरुद्ध अपने सार्थी के साथ मिलकर लूट आदि <नाम> अवैधरूप से धन प्राप्त करने एवं आर्थिक क्षति पहुंचाये जाने का आरोप है। गैंग चार्टमें एक अभियोग पंजीकृत होना दर्शित किया गया है। आवेदक / अभियुक्त के विरुद्धगैंग चार्ट में दर्शये गये मुकदमे, उनकी <नाम> अपराध की गम्भीरता एवं उत्तर प्रदेशगिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की <नाम> 19(4) मेंवर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिया <नाम> न्यायसंगत नहीं है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4179_202017-12-2020206 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक अभियुक्त के <नाम> वीरपाल काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी के अनुसार दिनांक 30.11.2020को एस.ओ.कुलदीप <नाम> मय उप निरीक्षक <नाम> <नाम> व हमराह पुलिसकर्मचारीगण देखरेख शान्ति व्यवस्था, तलाश वांछित अपराधी अन्दर इलाकाथाना हाजा में मामूर थे, जब गस्त करते हुये टैम्पो स्टेण्ड बरहन के पास पहुंचेतो जरिये मुखबिर चोरी करने वाले लोगो के होने की सूचना <नाम> मुखबिर केबताये स्थान राष्ट्रीय इण्टर कालेज के पास एत्मादपुर बरहन रोड मुखवारतिराहे <नाम> नगला ताज को जाने वाली रोड <नाम> आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> पकड़लिया, जिनमें से एक ने अपना नाम <नाम> उर्फ धर्मेन्द्र पुत्र <नाम> <नाम> बताया,जामा तलाशी से दाहिने हाथ में पकडा एक अदद तमनन्वचा देशी 315बोर वपहनी पैन्ट की दाहिनी जेब से 02 जिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद हुये। दूसरेने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया, इसकी जामा तलाशी से -2-पहनी पैन्ट की दाहिनी फैट में उरसा हुआ एक अदद तमनन्चा देशी 12बोर वपहनी पैंट की दाहिनी जेब से 02 कारतूस जिन्दा 12बोर बरामद हुये, सड़क परपडी मोटरसाइकिल को उठाकर <नाम> गयातो एक अपाचे सफेद रंग जिसकीनंबर प्लेट <नाम> यू पी.82-ए.सी.--6703 इंजन नंबर-0&£<फ़ोन-नंबर> चैसिसनंबर-॥06341(£45£2£14827 पड़ा हुआ है। मोटरसाइकिल के कागज तलबकिये गये तो दोनों ने एक साथ बताया कि हम लोग घटना के समयमोटरसाइकिल में नंबर प्लेट बदल <नाम> घटना को अचन्जाम देते हैं,मोटरसाइकिल <नाम> फर्जी नंबर पड़ा है, जो चोरी की है, जिसे मैने दिनांक22 / 23-11-2020 को 2-3 बजे के बीच मेहनत नगर, थाना सोडाला, जिलाजयपुर राजस्थान से चोरी किया था, जिसे हम अपराध में प्रयोग करते हैं। मोटरसाइकिल को कब्जे पुलिस लिया गया तथा अभियुकतगण को हिरासत में लिया गया। अभियुकतगण से बरामद तमन््चा कारतूस अलग अलग कपडे मेंरखकर सील सर्व मौहर <नाम> नमूना मौहर तैयार किया गया, फर्द मौके <नाम> एस.ओ. द्वारा उप निरीक्षक <नाम> <नाम> से लैपटाप <नाम> टाइप करायी गयी। ",
"उपरोक्त फर्द बरामदगी के आधार <नाम> दिनांक 01.12.2020 कोअभियुकतगण <नाम> उर्फ धर्मेन्द्र व <नाम> <नाम> के विरूद्ध अपराधसंख्या-212 // 2020 <नाम> धारा-420, 398, 401, 414, 411 भा0द0सं0 व 41 /102द0प्रएसं) का अभियोग थाना बरहन, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में झूंठाफँसाया गया है। वास्तविकता यह है कि आवेदक » अभियुक्त मुख्सर पंजाब मेंशराब फैक्ट्री में नौकरी करता है, दीपावली <नाम> अपने घर <नाम> आयाहुआ था, दिनांक 30.11.2020 को <नाम> उर्फ धर्मेन्द्र के फोन को लेने उसकीमोटरसाइकिल नंबर यूपी.83-ए.एच.-7485 से मितावली जा रहा था, रास्ते मेंमोटरसाइकिल सूअर से टकरा जाने <नाम> वहाँ मौजूद लोगों से विवाद हो गया,उन्होने पुलिस बुला ली और झूंठे मुकदमे में फँसा दिया। मोटरसाइकिल किसीमामले से संबंधित नहीं है, घटनास्थल भीड भाड वाली जगह है, किन्तु जनताका कोई <नाम> नही दर्शाया गया है। आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से घटना सेसंबंधित कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। आवेदक /अभियुकत का कोई पूर्वआपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक /अभियुक्त दिनांक 01.12.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः: जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। 3.राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि पुलिस के द्वाराआवेदक / अभियुक्त को इसके एक अन्य साथी के साथ चोरी की <नाम> बनातेहुये पकड़ा गया है तथा आवेदक अभियुक्त से व <नाम> अभियुक्त से तमंचाकारतूस, चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुई है, उक्त मोटरसाइकिल का नंबरबदलकर यह वारदातों को अन्जाम देते थे। आवेदक / अभियुक्त का अपराधगम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचनाकी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"फर्द बरामदगी के अनुसार आवेदक »/अभियुक्त को <नाम> अभियुक्त केसाथ चोरी की <नाम> बनाते हुये गिरफ्तार किया <नाम> तथा चोरी कीमोटरसाइकिल व 12बोर का अवैध तमन्वचा बरामद होना बताया गया है। ",
"मोटरसाइकिल बरामदगी के संबंध में अभियोजन की ओर से कहा गयाहै कि उक्त मोटरसाइकिल चोरी की रिपोर्ट थाना सोडाला, <नाम> राजस्थान मेंदर्ज हुई है, इस रिपोर्ट की <नाम> दाखिल करते हुये कहा है कि यह वही चोरीकी मोटरसाइकिल है। उक्त रिपोर्ट में आवेदक /अभियुक्त नामजद नहीं है। पुलिस के द्वारा उक्त मोटरसाइकिल की <नाम> बरामदगी दर्शायी गयी है। ",
"पुलिस के द्वारा <नाम> <नाम> उक्त मोटरसाइकिल की शनाख्त उसके पंजीकृत <नाम> से कराया <नाम> नहीं बताया है। ",
"आवेदक / अभियुक्त से की गयी उपरोक्त बरामदगी ops wasसाक्षी नहीं दर्शाया गया है। पुलिस के द्वारा थाना की जो आख्या प्रस्तुत कीगयी है, उसमें आवेदक /अभियुक्कत का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास होना नहींदर्शाया गया है। आवेदक » अभियुक्त दिनांक 01.12.2020 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1499_202028-07-2020840 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त क पेरोकार <नाम> <नाम> ने शपथपत्रप्रस्तुत किया हैं, जिसमें वर्णित हैं कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र हैं। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में लम्बित नहीं हैं । ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया रूपकला <नाम> द्वारा दिनांक 10.02.2018को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसके पिताजी <नाम> दिनांक09.02.2018 को <नाम> साढ़े सात बजे घर से स्कूटर लेकर कहीं गये थे, एक फोन आया था, फिर वह रात में नहीं लौटे। सुबह उसके पास फोन आया कि रात में किसी समयअज्ञात लोगों द्वारा उसके पिताजी की हत्या <नाम> उनके शव को जऊपुरा के जंगल मेंसड़क किनारे डाल <नाम> था। (2) वादिया की तहरीर में अज्ञात में थाना सिकन्दरा <नाम> मु0अ०सं0 129/2018 धारा302 भा0द0सं० में प्राथमिकी <नाम> की गई। ",
"विवेचना के दौरान अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण का नाम <नाम> में आने परअभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण को इस प्रकरण में नामित किया गया। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है तथा निर्दोष है, उसको इस प्रकरण में गाँव कीपार्टीबन्दी का <नाम> उठाते हुए फर्जी <नाम> से संलिप्त किया गया है। जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त के विरूद्व उक्त अपराधकारित किए जाने के सम्बन्ध में कोई भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है तथा कथितघटना का कोई हेतुक भी नहीं बताया गया है। अभियुक्त के कब्जे से अथवा अभियुक्त की निशांदेही <नाम> उक्त अपराध से सम्बन्धित कोई भी बरामदगी नहीं है। कथित घटनाका कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। अभियुक्त जिला कारागार, <नाम> मेंनिरूद्व है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने को प्रार्थना की गई। ",
"विद्वान शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तकप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरषडयन्त्र के तहत वादिया के पिता की हत्या की गई है। <नाम> अभियुक्तगण शैलेन्द्र, पुष्पेन्द्र एवं कमलकिशोर के जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय द्वारा गुण दोष केआधार <नाम> खण्डित किए जा चुके है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> काहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्व अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर षडयन्त्र के तहत वादिया के पिता <नाम> की हत्या किए जाने काआरोप है। ",
"वादिया द्वारा विवेचक को दिए गये अपने मजीद बयान 161 द0प्र0सं0 में कथनकिया गया है कि उसके पिताजी की जमीन का विवाद उसके ही गाव क पुष्पेन्द्र केसाथ चल रहा था। उसके पिताजी द्वारा पहले उसे इस जमीन के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया था, पिताजी की हत्या के <नाम> वह अपने पिता की हत्या करने वालों की जानकारी करने में लगातार लगी रही तब उसको मालूम पड़ा कि उसके पिताजी की (3)जमानत प्रार्थना पत्र स॒0: 1499 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 1499 / 2020 जमीन की वसीयत पुष्पेन्द्र के द्वारा बहला फुसलाकर तथा शराब के नशे में अपने नामकरा ली थी। <नाम> <नाम> जो कि <नाम> रूपकला का <नाम> है, क द्वारा भी अपने बयान 161 द0प्रoसं0 में कथन किया गया है कि उसके द्वारा गॉव में जानकारी की गई तो पता चला कि पुष्पेन्द्र का रूपकला के पिता <नाम> के साथ जमीन की वसीयत व पैसों के लेन-देन को लेकर आपस में विवाद चल रहा था। कुछ समय पहले उसने पुष्पन्द्र, डाक्टर कमलकिशोर व दो अन्य लोगों को तालाब के पास <नाम> के समय अंधेरे में शराब के नशे में यह कहते हुए सुना था कि \"हमने <नाम> की हत्या <नाम> दी है, दो अन्य लोग जो इनके पास बैठे थे, उनका नाम आपस में शैलेन्द्र व गोविन्द ले रहेथे” । ",
"मृतक की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतक की मृत्यु का <नाम> शॉक,हैमरेज एवं एन्टीमार्टम इन्जरी बताया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को वर्चुअल न्यायालय के माध्यम से सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ",
"केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार विवेचना के दौरान यह तथ्य भी <नाम> में आया है कि अभियुक्त पुष्पेन्द्र का मृतक <नाम> से जमीन व पैसो के लेन-देन का विवाद था, पुष्पेन्द्र के द्वारा <नाम> को बहला फुसलाकर शराब के नशे में अपने नाम जमीन की वसीयत <नाम> ली थी तथा अभियुक्त <नाम> किशोर पहले भी हत्या के मुकदमें में जेल जा चुका है, शैलेन्द्र, गोविन्द व फौजी शातिर किस्म के अपराधी है जो भाड़े <नाम> हत्या करने का <नाम> करते है। अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्तगण के कहने <नाम> भाड़े <नाम> अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादियाके पिता की हत्या किया <नाम> बताया गया है एवं तथाकथित घटना का हेतुक जमीनी विवाद बताया गया है। उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_6276_201911-11-20191926 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> सरन का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीअनिल कामार के द्वारा दिनांक 28.10.2019 को समय 17.01 बजे थाने <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि- दिनांक 27.10.2019 कोवह अपने घर से निकला तो रास्ते में <नाम> भरा हुआ था। उसने <नाम> को लेकरमुकेश से कहा तो <नाम> गाली-गलौज करते हुए जातिसूचक <नाम> बोलने लगा। प्रार्थी ने विरोध किया तो प्रार्थी को <नाम> पुत्र दफेदार, दफेदार पुत्र उम्मेद सिंह,जितेन्द्र पुत्र शैलेन्द्र, पुष्पेन्द्र पुत्र <नाम> <नाम> हरिमोहन पुत्र शान्ति <नाम> ने प्रार्थी कोजमीन <नाम> डालकर लात-जूतों से मारा ओर कहा कि अगर तूने शिकायत की तोगाँव में नहीं रहने देगें और ज्यादा कुछ कार्यवाही की तो <नाम> से हाथ भी धोबैठेगा । ",
"प्रार्थी, अभियुक्तमण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्कप्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण को झूठा फसाया गया है, कोईअपराध कारित नहीं किया। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्टअत्यन्त विलम्ब से दर्ज कराई है। कोई ऐसी चोट नहीं है जो गम्भीर हो। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नही है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं,जमानत <नाम> दी जाये। ",
"वादी को नोटिस जारी की गई। वह उपस्थित भी आया। आपत्ति भीप्रस्तुत की गई। अभियोजन की ओर से विद्वान सहा0 जिला शासकीय अधिवक्ताफौजदारी की ओर से जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत कियागया है कि जातिसूचक <नाम> कहकर वादी को अपामनित किया गया है औरमारपीट की गई । अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"—2—केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि दिनांक 27.10.2019की घटना के सबंध में 18.10.2019 को समय 05.00 बजे <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज कराई गई है। इसके विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट में मात्र जातिसूचक <नाम> बोलना और गाली-गलौज करने का कथनकिया गया है, किन शब्दों का प्रयोग किया गया। यह स्पष्ट नही किया गया है। जोआघात प्रतिवेदन <नाम> कामार का प्रस्तुत किया गया है। उसमें भी मात्र साधारणचोटें ही दिखाई गई है। एक्सरे रिपोर्ट में कोई फैक्चर आदि नहीं दिखाया गया है। अभियुक्तगण की ओर से यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त दफेदार सिंह70 वर्षय बृद्ध व्यक्ति है जो चलने-फिरने में असमर्थ है। <नाम> 40 वर्ष का है तथासरकारी <नाम> में कार्यरत है तथा शान्तिप्रिय व्यक्ति है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3178_201921-06-20192948 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्रके समर्थन में हरिओम पुत्र जहॉन <नाम> निवासी-गांव वरना, थाना फतेहाबाद, जिलाआगरा का शपथ पपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसके अनुसार प्रार्थ / अभियुक्तका यह प्रथम जमानत आवेदन है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी रविन्द्र <नाम> द्वारादिनाक 28.07.2017 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी कि उसने अपनीपुत्री पिंकी की शादी करीब पॉच वर्ष पूर्व विजयभान के साथ की थी। शादी में करीब4 लाख रूपये का दहेज भी <नाम> था। कुछ समय <नाम> सब कुछ ठीक चल रहा था,इसी बीच उसकी पुत्री के दो पुत्रियां हुई थी, जिनकी उम्र डेढ वर्ष व छोटी पुत्री 9माह की है। शादी के कुछ समय <नाम> पिंकी को अपने <नाम> विजयभान के एकमहिला से अवैध सम्बन्ध होने का पता चला तो पिंकी ने इसका विरोध किया, इसीबात को लेकर आये <नाम> घर में झगड़ा होने लगा तथा पिंकी के <नाम> ने पिंकी केसाथ मारपीट करना शुरू <नाम> <नाम> तथा पिंकी को धमकी दी कि अगर अपने पितासे 5 लाख रूपये लाकर देगी तो वह उस महिला से अपने सम्बन्ध खत्म <नाम> लेगा। 2लोक लाज के <नाम> उसकी पुत्री अपने <नाम> के जुल्मों को सहती रही। दिनांक 17.07.2017 को <नाम> करीब 2 बजे पिंकी के <नाम> विजयभान, ससुर <नाम> <नाम> सासइन्द्रीय <नाम> ननद <नाम> <नाम> <नाम> व देवर हरिओम ने एकत्रित होकर पिंकी केऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। पिंकी की चीख पुकार सुनकर आसपड़ोस के लोग आ गये तथा उन लोगों ने पिंकी को अधजली अवस्था में जमीन परपड़ा <नाम> एवं स्थिति को देखते हुए पुलिस को सूचना दी । पिंकी के ससुरालीजन नेपिंकी को <नाम> <नाम> मैमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती <नाम> <नाम> तथा फिर सभी वहांसे फरार हो गये। ",
"प्रार्थी,/ अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्कप्रस्तुत किया गया कि आरोप पत्र <नाम> 306 भा.द.स. में प्रेषित किया गया है। उक्तकेस में प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा कोई दहेज की मांग करना नहीं बताया है और <नाम> हीप्रताड़ित किया <नाम> अभियोजन साक्ष्य में आया है। प्रार्थी / अभियुक्त के अनुसारजमानत स्वीकार हो चुकी है। उसकी संशोधित धाराओं में जमानत स्वीकार होनान्यायहित में उचित होगा। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 15.02.2018 से जिला कारागार,आगरा में निरूद्ध है। सहअभियुकत <नाम> इन्द्री <नाम> व जहान <नाम> की जमानत होचुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त का केस समान है। प्रार्थी / अभियुक्त अपनी उचित एवंविश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। उक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन कियागया कि प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त का अ0धारा-306 भा.द.स. में जमानत प्रार्थनापत्रदिनांक 25.04.2018 जनपद न्यायाधीश द्वारा निरस्त किया जा चुका है, किन्तुविवेचना के उपरान्त अत्यन्त ही गम्भीर <नाम> 498ए, 304बी, 302 भा0द0सं० व 4दहेज प्रतिषेध अधिनियम में आरोप पत्र प्रेषित किया गया तथा उक्त धाराओं मेंआरोप भी विरचित किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में जब <नाम> 306 भादद.स. मेंप्रार्थी ,/, अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जा चुका है, तब ऐसी स्थितिइन अत्यन्त गम्भीर धाराओं में प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत प्रदान किया जानान्यायोचित नहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयीहै। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का परिशीलन किया। ",
"पत्रावली के परिशीलन से स्पष्ट है कि स्वीकार्य <नाम> सेप्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दहेज उत्पीड़न तथा दहेज की मांग, 3जान से मारने की धमकी व मारपीट इत्यादि के सन्दर्भ में योजित की गयी थी, बादमें पीड़िता <नाम> पिंकी की मृत्यु हो जाने के उपरान्त मृतका के पतिप्रार्थी,, अभियुक्त विजयभान <नाम> व अन्य अभियुक्तगण के विरूद्ध विवेचक द्वाराथारा 306 भा.द.सः के अपराध में आरोप पत्र प्रेषित किया गया था। प्रस्तुतप्रकरण में जब पत्रावली इस न्यायालय के समक्ष आरोप विरचन <नाम> प्रस्तुत हुईतो इस न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण विजयभान <नाम> जहॉन <नाम> व इन्द्रीदेवीउर्फ fast edt के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (दाण्डिक) की विस्तृत बहस सुनकर तथा अभियोजन प्रपत्रोंका सघनता से परिशीलन करने के उपरान्त तथा विशेष <नाम> से पत्रावली परउपलब्ध मृतका पिंकी <नाम> का मृत्यु पूर्व बयान कागज संख्या 6क का परिशीलनकरने <नाम> उपरोक्त वर्णित अभियुकतगण के विरूद्ध दिनांक 17.10.2018 को धारा498ए, 304बी / 34, विकल्प में <नाम> 302,/34 भा.द.स. व 4 दहेज प्रतिषेधअधिनियम में आरोप विरचित किया गया और उक्त के <नाम> में हीप्रार्थी / अभियुक्त का अभिरक्षा वारण्ट परिवर्तित किया गया। ",
"इस न्यायालय द्वारा उपरोक्त परिस्थितियों के दृष्टिगत एक विस्तृतआदेश दिनांकित 26.10.2018 पारित करते हुए समस्त अभियुक्तगण से उक्तआदेश के अनुकम में विधिसम्मत कार्यवाही करने <नाम> <नाम> की गयी। यह बिन्दुभी उल्लेखनीय है कि उक्त के पश्चात अभियुक्तगण की ओर से एक प्रार्थनापत्रकागज संख्या 10ख बावत अपास्त किये जाने आदेश दिनांक 17.10.2018 प्रस्तुतकिया गया जिसे इस न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनांकित 22.11.2018के द्वारा निरस्त किया गया। ",
"उक्त कार्यवाही के उपरान्त प्रार्थी ,/ अभियुक्त विजयभान <नाम> कीओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र अन्तर्गत <नाम> 498, 304बी / 34, 302, 34, भा.द.स. व 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम दिनांकित 12.06.2019 को योजित कियागया। उक्त जमानत प्रार्थनापत्र सुनवाई <नाम> दिनांक 17.06.2019 को माननीयसत्र न्यायाथीश महोदय, <नाम> द्वारा इस न्यायालय को अन्तरित किया गया। ",
"दिनांक 17.06.2019 को अधोहस्ताक्षरी के अवकाश <नाम> होने के <नाम> जमानतप्रार्थनापत्र सुनवाई <नाम> 21.06.2019 को पेश हुआ । ",
"प्रस्तुत प्रकरण में जो सबसे महत्वपूर्ण अभिलेख पत्रावली परउपलब्ध है, वह मृतका पिंकी <नाम> का मृत्यु पूर्व बयान कागज संख्या 6क है। जिसमें मृतका पिंकी <नाम> ने अपने मृत्यु से पूर्व यह स्पष्ट <नाम> से बयान <नाम> हैकि घटना की <नाम> को उसके <नाम> (प्रार्थी / अभियुक्त), सास, ननदो सरिता,विनीता व <नाम> ने मिलकर मिट्टी का तेल छिड़ककर उस <नाम> आग लगा दी 4और किसी ने भी उसे नहीं बचाया। पीड़िता ने यह भी अपने बयान में अंकितकिया है कि अभियुकतगण ने उसे अगले <नाम> एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती रखाऔर उन लोगों ने उसका मृत्यु पूर्व बयान नहीं होने दिया। पत्रावली <नाम> मृतकाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी उपलब्ध है, जिसके अनुसार भी मृतका का मृत्यु पूर्वकारण सेप्टीसेमिक शॉक एज st Roce ऑफ एन््टीमार्टम बर्न इन्जरी बतायागया है। प्रार्थी / अभियुक्त का नाम विशिष्ट <नाम> से मृतका पिंकी के मृत्यु पूर्वबयान तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_4962_201919-09-20193923 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"इसप्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के <नाम> डोरीलाल का शपथ पत्र प्रस्तुत कियागया हे, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रशम जमानत प्रार्थना पत्र है,इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ",
"अभियोजन कथानक एवं फर्द बरामदगी / प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारदिनांक 23.08.2019 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> हमराह पुलिस कर्मचारीगण के साथ मुखबिर की नकली शराब बनाये जाने की सूचना <नाम> <नाम> एक्सप्रेस वे के पुल के नीचे खडगपुर गट्टपुरा के जाने वाले रास्ते <नाम> झोपड़ी के पासपहुंचकर <नाम> कि दो लड़के शाराब क पौवों में लेंबिल लगा रहे हैं। पुलिसवालों को देखकर एक लड़का भाग गया, जो पकड में नहीं आया, मौके परपकडे गये लड़के ने अपना नाम बन्टू <नाम> बताया, इसके पास झोपडी में से60 पौवे हरियाणा मार्का जिन <नाम> केजी रोमियों का लेबिल हटाकर फाइटरलेबिल लगा रहे थे व 50 रैपर फाइटर देशी शराब व एक पालीथिन में यूरियाबरामद हुआ, पूछताछ में उसने बताया कि भागने वाले का नाम <नाम> पुत्ररामप्रकाश था, हम दोनों हरियाणा की शराब लाकर उसका नशा बढाने के लियेयूरिया मिलाकर यूएपी0 में बिकने वाली शराब का फाइटर का लेबिल लगाकरफायदा कमाने के लिये 35 रूपये के पौवे को 75 रूपये में बेच देते हैं। अभियुक्त को हिरासत में लिया गया तथा बरामद <नाम> को मौके <नाम> सील सर्वमुहर <नाम> नमूना मुहर तैयार किया गया तथा मौके <नाम> फर्द तैयार की गयी। उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 23.08.2019 को अभियुक्तगण बन्टूनिषाद व <नाम> के विरूद्ध अपराध संख्या-357,/2019 <नाम> धारा-60, 63आबकारी अधिनियम व 272, 273, 420 भा0द0सं0 का अभियोग थाना -2-फतेहाबाद, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ",
"आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में रंजिश केकारण झूंठा फॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त की गिरफ्तार व बरामदगीका कोई स्वतन्त्र <नाम> होना नहीं बताया गया है, उसके कब्जे से कथित शराबबरामद नहीं हुई है, झूंठी बरामदगी दिखाई गई है, उसका कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 24.08.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त अपनेसाथी के साथ हरियाणा से लायी गयी शराब को अधिक नशेदार बनाने के लियेउसमें यूरिया मिलाकर अधिक दाम <नाम> बेचने का कार्य करते हैं। पुलिस क द्वाराउनको यूरिया सहित पकडा गया है और 60 शराब के पौवे बरामद किये हैं। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ",
"कहा जाता है कि आवेदक/ अभियुक्त हरियाणा प्रान्त से लायी गयीशराब में यूरिया मिलाकर उसे अधिक दामों <नाम> विकय करते हैं। पुलिस क द्वाराआवेदक / अभियुक्त के पास से 60 पौवे व यूरिया आदि सामान भी बरामदकिया है । ",
"इस मामले में आवेदक / अभियुक्त की गिरफूतार व उससे बरामद शराबके पौवे का कोई <नाम> का <नाम> नहीं है। आवेदक/ अभियुक्त से बरामदपदार्थ यूरिया है, इसकी कोई जॉच रिपोर्ट पत्रावली <नाम> नहीं है। आवेदक /अभियक्त के द्वारा कौन <नाम> लेबिल, किस कंपनी के लेबिल लगाये जारहे थे, इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया है। दो व्यक्तियों के पास से60पौवो की बरामदगी बतायी जाती है, जिसमें से एक व्यक्ति को मौके से भागजाना बताया गया है तथा आवेदक / अभियुक्त को मौके से पकडा <नाम> बतायागया है। ",
"थाने से जो आख्या प्राप्त हुई है, उसमें आवेदक / अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास होना नहीं दर्शाया गया है। दो व्यक्तियों से मात्र 60 पौवो -3-की बरामदगी दर्शायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 24.08.2019 से जेलमें है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4747_201931-08-20194954 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार <नाम> राजपूत नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मुकदमें में झूठा फॅसाया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त न्यायालय से जमानत <नाम> था तथा जमानत के <नाम> वह न्यायालय मेंउपस्थित आया है। तदुपरान्त उसके अधिवक्ता द्वारा यह कह <नाम> गया कि जब भी आवश्यकता होगी, वह उसको सूचना करके बुलवा लेगें, इसलिए वह मजदूरी करने <नाम> से बाहर चला गया था। अभियुक्त <नाम> न्यायालय द्वारा जारी किसी भी प्रोसेसकी कोई तामील नहीं है, बल्कि <नाम> अभियुक्त द्वारा उसके पिता को वारण्ट कीजानकारी दी गई तब उसके द्वारा स्वंय न्यायालय में आत्मसपर्मण किया गया है। ",
"अभियुक्त के द्वारा जानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की गई है। अब वह प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में हाजिर रहेगा। अभियुक्त दिनांक 19.08.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। अतः जमानत <नाम> मुक्त किए जाने की याचनाकी गई । (2)विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त इस मामले में न्यायालय सेजमानत <नाम> था तथा जमानत के <नाम> अभियुक्त न्यायालय में हाजिर आया है, तदुपरान्त दिनांक 23.08.2018 को अभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> उसके विरूद्व गैर जमानतीवारण्ट जारी किए जाने का आदेश पारित किया गया है। अभियुक्त द्वारा यह आधारलिया गया है कि वह <नाम> के सिलसिले में बाहर चला गया था, उसको नियत दिनांककी कोई जानकारी नहीं मिल सकी, इसलिए वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका, उसके द्वारा जानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की गईं है। अब वह प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में हाजिर रहेगा। अभियुक्त दिनांक 19.08.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2592_202011-09-20202765 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में <नाम> रामवती का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथन है कि उसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी के पास से चोरी का कोई भी सामान बरामद नहीं हुआ है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 10.01.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में काई प्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गयाहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि <नाम> आश्रम में दान पेटी का ताला तोड़कर अज्ञात चोर चोरी <नाम> ले गये। आये <नाम> आश्रम में शराब पीते हैं। <नाम> <नाम> करके वापस चले जाते हैं तो <नाम> को शराबी एवं असामाजिक तत्वोंने मंदिर की दान पेटी का ताला तोड़कर लगभग 15 हजार रूपये ले गये। हीरालाल <नाम> व ईश्वरदास सुबह मन्दिर में सफाई करने आये तो दान पेटी का ताला टूटा हुआ मिला, जिसके बाद100 नंबर <नाम> पुलिस कन्ट्रोल <नाम> <नाम> सूचना दी तथा पुलिस मौके <नाम> आयी। आये <नाम> मंदिर में पेशाब करते हैं तथा शराब पीते हैं। अतः असामाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करनेका निवेदन किया । Bail Application/7561/2020 —-Sahab Singh Vs. UP State 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। प्रार्थी/ अभियुक्त के पास से घटना से संबंधित कोई भी वस्तु बरामद नहीं हुयी है तथा बरामदगी का कोई भी स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। उक्त मामले में आरोपपत्र माननीय अधीनस्थ न्यायालय में आ चुका है। मामला आज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध लिखाया गया हैतथा पत्रावली में दिनांक 08.10.2020 नियत है। वादी द्वारा अपनी रिपोर्ट में प्रार्थी से बरामदगी होना नहीं बताया गया है। वादी के अनुसार पेटी में ताला लगा हुआ बताया गया है तो वादी को यह कैसे पता कि पेटी में 15 हजार रूपये थे। पुलिस द्वारा दिनांक 09.01.2020 को मु0अ0सं० 05/2020 थाना शमशाबाद, <नाम> में गिरफ्तारी दिखाकर प्रार्थी के ही 11 हजार रूपयों को बरामद दिखाकर फर्जी फसाया गया है। मु0अ0सं0 05/2020 थाना शमशाबाद, <नाम> मु0अ0सं०308/ 2019 थाना फतेहपुर सीकरी, <नाम> मु0अ0सं0 ३345/2019 थाना बाह, <नाम> मु0अ0सं0443/ 2019 थाना डौकी <नाम> मु0अ0सं0 328/2019 थाना फतेहाबाद, <नाम> एवं मु0अ0सं0436/ 2019 थाना फतेहपुर सीकरी <नाम> आदि में प्राथी/ अभियुक्त की जमानत स्वीकार की जाचुकी है। प्राथी/ अभियुक्त दिनांक 08.01.2020 को <नाम> सामान खरीदने के लिए आ रहा था,रास्ते में पुलिस ने रोक लिया और दो दिनों <नाम> थाने में निरूद्ध रखा। सहअभियुक्तगण कोइधर-उधर से पकड़कर एवं झूठी बरामदगी दिखाकर फसा <नाम> जबकि प्राथी/ अभियुक्त किसी भी सहअभियुक्तगण को <नाम> तो जानता है और ना ही पहचानता है। प्राथी/ अभियुक्त किसी चोरगैंग का सदस्य नहीं है और <नाम> ही चोरी का <नाम> रखता है और <नाम> ही चोरों की मदद करता है। प्राथी / अभियुक्त को मात्र गुडवर्क दिखाने के लिए फसा <नाम> गया है। प्राथी/ अभियुक्त का पूर्वमें कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> ही सजायाफ्ता है। प्राथी/ अभियुक्त की जमानत अवरन्यायालय द्वारा दिनांक 25.08.2020 को खारिज <नाम> दी गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) द्वारा <नाम> प्रस्तुत करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का अनुरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसड़ायरी का परिशीलन किया । ",
"प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि एफ0आई०आर0० में घटना की <नाम> तथासमय दर्ज नहीं है। एफ0आई0आर0 अज्ञात में दर्ज है। आरोपपत्र के अनुसार अभियुक्त से कोईबरामदगी नहीं हुयी है। अभियुक्त के पूर्व दोष <नाम> का कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वाराप्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 03.03.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_5683_201922-10-20192594 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> व पेरौकार मनोजगौड़ के शपथ पत्र से समर्थित है। ",
"संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया मुकदमाश्रीमती <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि वह दिनोक 15.07.2017 को अपनी माँ के घर से अपनी मॉंके साथ बाजार जा रही शी कि सायं करीब 04:00 बजे सावन कटरा में मुनीरहेयर ड्रेसर की दुकान के सामने पहुँची कि अचानक पीछे से एक ग्रे कलरकी अपाचे मोटरसाईकिल <नाम> सवार तीन अज्ञात व्यक्ति आए जिनमें से किसीने पीछे से झपट्टा मारकर उसके गले से चेन तोड़कर ले गए। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी बी वारण्ट के माध्यम से दिनाक 09.10.2017 से (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5683 2019अक्षय उर्फ <नाम> गौड़ बनाम राज्यजिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी एण्सी0 का कारीगर है। पुलिस द्वारा प्रार्थी को बार बार झूठे मुकदमों मेंसंलितप्त किया जाता है। इसी कम में सह-अभियुक्त के बयान के आधार परप्रार्थी को मामले में संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी के पास से इस मामलेकी चेन बरामद नहीं हुई है। अन्य अभियुक्तों की जमातन न्यायालय से होचुकी है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानतप्रार्थना पत्र अन्य किसी ऱ्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा सह-अभियुक्त केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूटपाट की गयी है। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 15.07.2017 की समय 16:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथमिलकर वादिया मुकदमा के साथ लूटपाट किए जाने का आरोप लगाया गयाहै । प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्तगणफरहान व सोनू खाँन के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गयाहै। प्रार्थी बी वारण्ट <नाम> तलब होकर दिनाक 10.10.2017 से इस प्रकरण में जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी की निशानदेही <नाम> इस प्रकरण सेसंबंधित कोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। प्रार्थी दो वर्ष से अधिकसमय से जिला करागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय मेंप्रेषित किया जा चुका है। सह-अभियुक्तगण फरहान व सोनू खॉन कीजमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_2450_202102-04-2021383 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन मेंप्रमोद <नाम> उर्फ पप्पू का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थाना हरीपर्वत,आगरा <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 10.03.2020 को समय करीब12.30 बजे उसके घर में घुसकर लक्की <नाम> करन तथा पप्पू <नाम> ने आकर चाकू सेउसके साथ मारपीट की, उसके हाथ में काफी चोट लगी है। जाते समय उसे <नाम> सेमारने की धमकी देकर भाग गये। ",
"वादी की तहरीर <नाम> थाना हरीपर्वत, <नाम> <नाम> अभियोग मु0अ0सं0 110/2020अन्तर्गत <नाम> 452,324,506 भा०दं0सं0 पंजीकृत किया गया। Bail Application/4201/2021 -Pramod Verma ® Pappu Vs. UP State 2अभियुक्तगण द्वारा अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में कथन किया गया है किअभियुक्तगण द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। वादी ने पुलिस एवं डाक्टरसे मिलकर झूठी कहानी बताकर मेडिकल बनाया है। वादी शराब पीने का आदी है तथाशराब पीकर गिरने के <नाम> उसे चोट आई है। घटना का कोई चश्मदीद <नाम> नहींहै। अभियुक्तगण को गिरफ्तार करने <नाम> पुलिस लगातार दविश <नाम> रही है। अभियुक्तगण को भय है कि पुलिस उनको गिरफूतार <नाम> लेगी। अतः अभियुक्तगण काअग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार करते हुए अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने केआदेश पारित किये जायें । "
],
"judge-opinion": [
"अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारीतथा अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा अभिलेखों का परिशीलन किया। अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित हैं। केस डायरी के पर्चा संख्या-1 मेंविवेचक द्वारा वादी <नाम> <नाम> <नाम> का बयान <नाम> किया गया है, जिसने अपनेबयान में कहा है कि दिनांक 10.03.2020 को समय करीब 12.30 बजे दोपहर लक्कीवर्मा, करन तथा उनके पिता पप्पू <नाम> उसके घर में घुस आये तथा उसके घर मेंआकर चाकू से उसके साथ मारपीट की। उसके हाथ में काफी चोट लगी है। जातेसमय उसे जानसे मारने की धमकी देकर भाग गये। केस डायरी के पर्चा संख्या-1 में ही विवेचक द्वारा वादी की पत्नी <नाम> वर्मातथा पुत्र <नाम> <नाम> का बयान <नाम> किया गया है, जिसमें उन्होंने वादी के बयान कासमर्थन किया है। पत्रावली <नाम> चुटहिल <नाम> की चिकित्सकीय परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध है, जिसमेंचुटहिल को <नाम> चोटें <नाम> दर्शित किया गया है, जिनमें एक चोट धारदार हथियार कीदांयी भुजा <नाम> <नाम> गयी है। विवेचना के उपरान्त अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुकाहै । पत्रावली <नाम> उपलब्ध आदेशिका के परिशीलन से विदित होता है कि अभियुक्तगणपर आदेशिका की तामील पर्याप्त होने <नाम> भी अभियुक्तगण न्यायालय में उपस्थित नहींहुए हैं। आदेशपत्र दिनांकित 18.03.2021 के अनुसार आदेशिका जारी होने <नाम> भीअभियुक्तगण हाजिर नहीं हुए हैं तथा उनकी अनुपस्थिति में वाद का निस्तारण संभवनहीं है एवं अभियुक्तगण के विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र निर्गत किये जाने काआदेश पारित किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1923_201904-06-20193302 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"समर्थन में स्वंय का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा उपनिरीक्षक मूलचन्द द्वारा दिनांक 01.06.2011 को यह कथन करते हुएप्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनाक 01.06.2011 को जब वह इमारीकर्मचारीगण के साथ देखरेख शान्ति व्यवस्था रोड गइत में थे कि मुखविर कीसूचना <नाम> अभियुक्तगण के साथ अभियुक्त सईद को भी गिरफतार किया गया। जामा तलाशी में अभियुक्त सईद के कब्जे से एक अदद चाकू बरामद हुआ। पूछताछ में अभियुक्तगण ने बताया कि उनका एक सकिय गिरोह है जो आटो मेंघूमकर सवारियों को बिठा लेता है और सवारियों के साश नाजायज असलाह सेभय करके लूट करता है। वादी द्वारा दी गई तहरीर के आधार <नाम> थाने परमुकदमा पंजीकृत हुआ। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को पत्रावली के अन्तरण होने <नाम> पत्रावली कीजानकारी नहीं हो सकी। जिस <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका। अभियुक्त के द्वारा जानबूझ <नाम> कोई गलती नहीं की है। भविष्य में नियत तिथियोंपर उपस्थित आता रहेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध किया। "
],
"judge-opinion": [
"मैंने प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान लोक 2अभियोजक को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व मेंजमानत <नाम> था। उसके अनुपस्थित होने <नाम> अभियुक्त क विरूद्ध गैर जमानतीयअधिपत्र निर्गत किये गये। अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि अग्रिमनियत दिनांकों <नाम> उपस्थित होता रहेगा। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_4005_202009-12-2020702 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त <नाम> उर्फ राजकुमारअभिरक्षा में, <नाम> स्थित जिला कारागार में दिनांक 10.10.2020 से निरुद्ध है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी सोनू ने थाने में प्राथमिकी दर्जकरायी कि दिनांक 08.10.20 को <नाम> में उसकी गाड़ी ईको यू0पी0 80 डी आर 0936घर के बाहर खड़ी थी उसी <नाम> में अज्ञात चोरों द्वारा उसकी बाहर खड़ी गाड़ी कासाईलेन्सर चोरी <नाम> लिया गया। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> देते हुएशपथपत्र में यह कथन किया गया है कि अभियुक्त ने उपरोक्त कथित अपराध नहींकिया है, वादी मुकदमा द्वारा असत्य आरोप लगाकर उसे झूठा फसाया गया है। उसकेद्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, <नाम> ही कोई साक्ष्य उपलब्ध है और <नाम> ही घटनाका कोई स्वतंत्र <नाम> है। अभियुक्त कारागार में दिनांक 10.10.2020 से निरूद्ध है। इस प्रकार अभियुक्त द्वारा दौरान विचारण जमानत <नाम> अवमुक्त करने <नाम> आदेशपारित करने की प्रार्थना की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तशातिर अपराधी है उसके विरूद्ध चोरी का मामला दर्ज है। यदि अभियुक्त को जमानतपर छोड़ा जाता है तो उसे पुनः किसी प्रकरण के अपराध में संलिप्त होगा तथाजमानत की शर्तों का दुरूपयोग करते हुए फरार हो जाएगा। "
],
"judge-opinion": [
"सुना व जमानत प्रार्थनापत्र एवं उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"प्रस्तुत मामले में जमानत प्रार्थनापत्र एवं पुलिस प्रपत्रों के परिशीलन सेयह स्पष्ट है कि दिनांक 10.10.2020 को अभियुक्त को चेकिंग के दौरान गिरफतार 2किया गया था। उक्त मामले में <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> की जमानत स्वीकारकी जा चुकी है इसके अतिरिक्त अभियुक्त <नाम> उर्फ <नाम> की जमानत दो अन्यमामलों में स्वीकार की जा चुकी है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है अतःविवेचना के उपरांत ही प्रथमदृष्टया दायित्व निर्धारण संभव है। दौरान विवेचना, प्रकरणके गुण-दोष <नाम> मत व्यक्त किए <नाम> तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत रखते हुयेजमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त प्रतीत होता है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_3656_201917-07-20191817 | agra | {
"facts-and-arguments": [
"आवेदक »/ अभियुक्त रामसेवक, अपराध संख्या-42 / 2019 अन्तर्गत धारा-498ए, 304बी भा०दं0सं० व धारा-3,/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम थाना-सैंयाजिला-आगरा में अभियुक्त है। ",
"जमानत प्रार्थनापत्र में यह अभिकथन है कि आवेदक / अभियुक्त नेकोई अपराध कारित नहीं किया है, उसे तंग व परेशान करने की नीयत से झूठाफंसाया गया है। संलग्न शपथपत्र में वर्णित तथ्यों के आधार परआवेदक / अभियुक्त अपनी जमानत चाहता है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 15.03.19 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आवेदक / अभियुक्त समाज का प्रतिष्ठितव्यक्ति है और अपनी उचित व विश्वसनीय जमानत दाखिल करने के लिए तैयारहै। ",
"<नाम> करन <नाम> <नाम> जो आवेदक » अभियुक्त का पैरोकार है औरमामले के तथ्यों से परिचित है, द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करते हुए कहा गया है किआवेदक » अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे तंग व परेशान करने कीनीयत से झूठा फंसाया गया है। आवेदक /अभियुकत का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय एवं माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आगे अभियोजन कथानक का संक्षिप्त: वर्णन कियागया है। तत्पश्चात् कहा गया है कि पुलिस को अभियुक्तगण ने इस घटना कीसूचना दी थी, घटना की सूचना <नाम> पुलिस ने घटनास्थल <नाम> आकर शव को फन्दे से उतारकर पंचायतनामा की कार्यवाही पूर्ण <नाम> शव को पोस्टमार्टम <नाम> भेज <नाम> —2—था। अभियुक्तगण द्वारा मृतका के घर वालों को सर्वप्रथम सूचना देने के उपरान्तपुलिस को सूचना दी तथा मृतका के परिजनों के आने के <नाम> उनके सामने पंचायतनामे की कार्यवाही पूर्ण की गई तथा इसके <नाम> मृतका का पोस्टमार्टम के उपरान्त उसका दाह संस्कार उसके ससुराल ग्राम दनकशा में उभय पक्षों की मर्जीसे किया गया एवं लाश को मुखाग्नि देवर <नाम> द्वारा दी गई। मृतका के परिजन एवं ससुरालीजन के मध्य दाह संस्कार की प्रतिकिया <नाम> किसी प्रकार काकोई मनमुटाव नहीं था। इसी <नाम> घटना की रिपोर्ट इस समय <नाम> नहीं कीगई। पोस्टमार्टम के <नाम> वादी ने मृतका के बेटे को अपने साथ ले जाने की जिदकी, अभियुक्तगण के यह कहने <नाम> कि यह उनका खून है, यह हमारा वंश चलायेगा, बेटे को नहीं देंगे। इसी बात से क्षुब्ध होकर दवाब बनाने के उद्देश्य सेसोची समझी रणनीति के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कराई गई है। मृतका के मायके वालों ने बयानों में दहेज में कार मांगने के सम्बन्ध में बयान <नाम> है। इसके अतिरिक्त विवेचना में जो अन्य गवाहों के बयान <नाम> किये गये हैंजिसमें <नाम> <नाम> व <नाम> ने अपने बयानों में कहा है कि उन्हे घटना कीजानकारी है और मृतका ने गृह क्लेश से तंग आकर आत्म हत्या <नाम> ली है। फर्दबरामदशुदा रस्सी से स्पष्ट है कि यह आत्म हत्या का मुकदमा है जिसकी पुष्टिपोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने अपने बयानों में व वीडियो क्लीपिंग से की है। सह अभियुक्त रामदयाल की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है। समानता के आधार <नाम> आवेदक » अभियुक्त भी जमानत पाने का अधिकारीहै। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक »/ अभियुक्तसमाज का प्रतिष्ठित व्यक्ति है और अपनी उचित व विश्वसनीय जमानत देने कोतैयार है। अत: जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ",
"विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त मृतका का <नाम> है औरअभियुक्त द्वारा अन्य परिवारीजन के साथ मिलकर दहेज की मांग की जाती थी। मृतका की मृत्यु शादी के 07 वर्ष के अंदर हुई है तथा अस्वाभाविक मृत्यु ससुरालमें हुई है। अभियुक्त मृतका के साथ ही रहता था। अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जाये । ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्यक परिशीलन से स्पष्ट होता है कि वादीमुकदमा कैलाशी द्वारा दिनांक 12.03.2019 को प्रस्तुत तहरीर के अनुसार \"मेरीलड़की <नाम> की शादी दिनांक 28.11.47 को रामसेवक के साथ हिन्दू <नाम> रिवाजके अनुसार सम्पन्न हुई थी। उक्त शादी में मैंने व मेरे परिजनों ने अपनी हैसियतसे ज्यादा दहेज <नाम> था, पांच लाख इक्यावन हजार रूपया नकद, एक भैंस, एक मोटरसाइकिल अपाचे व दो लाख का फर्नीचर व जेवरात के <नाम> में 05 तोला <नाम> 3व 500 ग्राम <नाम> दी थी लेकिन शादी में दिये गये दहेज से <नाम> के ससुरालीजनरामसेवक, रामदयाल, <नाम> व <नाम> खुश नहीं हुए तथा शादी के कुछ समयबाद ही ये लोग <नाम> से अतिरिक्त दहेज के <नाम> में एक कार की मांग करने लगेतथ इसी मांग को लेकर परेशान करने लगे। यह बात <नाम> ने मुझे बताई तो मैंने भी अपने समाज के लोगों को साथ लेकर ससुरालीजन से कहा कि कार के लियेमेरे पास धन नहीं है लेकिन यह लोग नहीं माने। इसी दौरान <नाम> ने एक पुत्र कोजन्म दिया। पुत्र के <नाम> के <नाम> से ही यह लोग <नाम> के साथ रोजाना आये दिनमारपीट करने लगे तथा कहने लगे कि यदि <नाम> ने अपने पिता से कार नहींमंगाई तो किसी <नाम> किसी <नाम> हम उसे मार देंगे तथा 11.03.19 को मेरी लड़कीप्रीति की हत्या <नाम> दी जिसकी सूचना मुझे किसी ने समय करीब 02.00 बजे फौनपर दी थी। सूचना <नाम> मैं पहुंच गया तो गांव के वहां <नाम> लोगों ने बताया कि इन्हीलोगों ने <नाम> की दहेज की खातिर हत्या <नाम> दी है। मैं अपनी लड़की कापोस्टमार्टम कराने में व्यस्त था, अब रिपोर्ट करने आया हूं। <नाम> के परिवारीजन के विरूद्ध कार्यवाही करने की <नाम> करें। 'वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण रामसेवक,रामदयाल, <नाम> व <नाम> के विरुद्र थाना सैंया जिला <नाम> <नाम> मु0अ0सं042 / 2019 अन्तर्गत धारा-498ए, 304बी भा0दं0सं0० व धारा-3/4 दहेज प्रतिषेधअधिनियम में प्राथमिकी <नाम> की गई । ",
"इस मामले की सूचना थाने <नाम> दिनांक 12.03.2019 को समय 19.09बजे दर्ज हुई है तथा घटना दिनोक 11.03.2019 को समय 2 बजे की दर्शायी गयीहै। "
],
"judge-opinion": [
"अपराध संख्या-42 / 2019दिनांक 17.07.2019 आवेदक / अभियुक्त रामसेवक के जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> उसकेविद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौ0) को सुना गया तथा थाने से प्राप्त आख्या एवं संबंधित पत्रावली का सम्यकपरिशीलन किया । ",
"मैंने केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया। ",
"पंचायतनामे से प्रकट होता है कि मृतका ने फंदा लगाकर आत्महत्याकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से प्रकट होता है कि मृतका की मृत्यु हैंगिंग सेश्वांसारोध के <नाम> हुई है। मृतका की आयु लगभग 20 वर्ष दर्शायी गयी है। ",
"मैंने वादी मुकदमा-कैलाशी के बयान अंतर्गत धारा-161 द0प्र0सं0का सम्यक परिशीलन किया जिसने वही तथ्य कहे हैं जो तहरीर में आये हैं। आगे यह कहा है कि जब वादी ने पूछताछ की तो अभियुक्त व अन्य घटना स्थलसे हट गये और किसी ने उचित जवाब नहीं दिया। ",
"मृतका की मां के बयान से प्रकट होता है कि अभियुक्त व अन्य दहेज की मांग को लेकर मृतका को परेशान करते थे तथा मानसिक एवं शारीरिकउत्पीड़न करते थे और अभियुक्त पक्ष को समझाया गया कि वह अतिरिक्त दहेजकी व्यवस्था नहीं <नाम> सकते। ",
"मृतका के <नाम> <नाम> व अन्य परिवारीजन के बयानों से भी इसी प्रकार के तथ्य प्रकट होते हैं । ",
"मृतका के एक पुत्र भी पैदा हुआ था। ऐसी स्थिति में सामान्य परिस्थितिमें कोई महिला एक पुत्र होने के <नाम> आत्महत्या <नाम> ले, यह कम सम्भाव्य प्रतीतहोता है। मृतका की शादी दिनाक 28.11.2017 को हुई है और उसकी मृत्यु दिनोक11.03.2019 को हुई है। इस प्रकार करीब डेढ वर्ष के अंदर मृतका की मृत्यु हुईऔर इस दौरान उसके एक पुत्र भी पैदा हुआ। मृत्यु सात वर्ष के अंदर हुई है और अस्वाभाविक मृत्यु हुई है। मृतका ने आत्म हत्या क्यों कि यह बचाव पक्ष को स्पष्ट करना था परन्तु इस सम्बन्ध में कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण अभियुक्त-पक्ष से नहींआया है। अभियुक्त मामले में नामजद है तथा मृतका का <नाम> है। <नाम> अभियुक्त रामदयाल की जमानत याचिका सत्र न्यायालय के स्तर से दिनांक 20.04.19 कोनिरस्त की जा चुकी है। "
]
} | 0DENIED
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