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---|---|---|---|
Bail Application_139_202026-02-2020205 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर कथन कियागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी के वाहनको गलत ढंग से चालान <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी वाहन <नाम> है। प्रार्थी का काईआपराधिक इतिहास नहीं है। मामले में <नाम> अभियुक्त की जमानत माननीय न्यायालयसे पूर्व में हो चुकी है। मामला प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। उक्त आधारपर आवेदक / अभियुक्त द्वारा जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 30.01.2020 कोसमय करीब 12.30 बजे उपखनिज के परिवहन के सम्बन्ध में कार्यालय लोढ़ी टोलप्लाजा के पास जाच की गयी, जिसमें दौरान जॉच पाया गया कि वाहन संख्या-यूपी.64 एटी 8556 <नाम> 27 घनमीटर गिट्टी लदा हुआ था। वाहन चालक से उपखनिजपरिवहन के सम्बन्ध में अभिवहन प्रपत्र प्रस्तुत करने को कहा गया तो वाहन चालकखनिज के परिवहन क सम्बन्ध कोई भी अभिवहन पास प्रस्तुत <नाम> <नाम> सका। इसप्रकार <नाम> परिवहन प्रपत्र/अभिवहन पास के चोरी-छिपे उपखनिज लोड करअवैध <नाम> से परिवहन किया जा रहा था। उक्त आधार <नाम> वाहन चालक <नाम> केविरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथनकिया गया है कि अभियुक्त की संलिप्तता <नाम> अभियुक्त से अलग है। अभियुक्तवाहन चालक है और वाहन के पकड़े जाने के समय अभियुक्त ही वाहन का संचालनकर रहा था। अभियुक्त ने उक्त अपराध क माध्यम से राजकीय धन की क्षति कारितकी है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्टहै कि अभियुक्त वाहन चालक है और उपखनिज की ओवर लोडिग करते हुए ट्रक लेजा रहा था। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त का नाम दर्ज नहीं है। <नाम> अभियुक्तवाहन <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> की जमानत प्रार्थना पत्र माननीय जनपद न्यायाधीश द्वारा दिनांक 21.11.2019 को स्वीकार किया जा चुका है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1281_201920-11-2019394 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी द्वारा थाने परसूचना दी गयी कि दिनांक 03.11.2019 को समय 1.00 पी.एम. <नाम> चौकी इंचार्जडाला के साथ आकस्मिक निरीक्षण के समय चौकी डाला के पास रोड सेपरिवहन करते समय वाहन संख्या-यू0पी0 64 ए टी 4042 द्वारा 4 घन मीटर उपखनिज गिट्टी परिवहन करते समय पकड़ा गया। वाहन चालक द्वारा कोईएम.एम. 11 वैध प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। इस प्रकार चोरी किये गयेउपखनिज का अवैध खनन/ परिवहन उत्तर प्रदेश उपखनिज <नाम> नियमावली1963 के नियम 3,57,70 एवं <नाम> व खनिज <नाम> का विनियमन अधिनियम1957 की <नाम> 4,21 तथा भारतीय दण्ड <नाम> के सुसंगत धाराओं के तहतदण्डनीय अपराध है। अतः वाहन सं0-यू०पी0 64 ए टी 4042 के वाहन <नाम> वचालक के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> आवश्यक कार्यवाही की जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्र्रार्थी-अभियुक्त वाहनका चालक है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। उसका कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी को घटना स्थल से नहीं पकड़ा गया है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा अवैध रुप से खनिज सम्पदा की चोरी करके परिवहन कियाजा रहा था। "
],
"judge-opinion": [
" ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"बचाव पक्ष द्वारा तर्क <नाम> गया कि प्रश्नगत वाहन <नाम> कुल 4 घनमीटर गिट्टी लदे होने का अभिकथन है जबकि 4 घन मीटर गिट्टी लेकर कोईवाहन यदि कहीं जायेगा तो उसके तेल का भी खर्चा नहीं निकलेगा। ऐसी दशामें कथानक पूर्णतया असत्य है। अभियुक्त को पुलिस द्वारा जान-बूझकर अकारणफंसाया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1052_201912-09-2019941 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने थाने परसूचना <नाम> कि उसका मकान गोरारी गांव में आर्यन स्कूल के पीछे स्थित है। वह एवं उसके <नाम> दिनांक 06.08.2019 को जरूरी कार्य <नाम> दिल्ली गये थे तथामकान में कोई नहीं था। आज दिनांक 12.08.2019 को दोपहर 3.30 बजे वापसअपने मकान <नाम> आये। वहां आने <नाम> पाया कि उसके मकान क मेन गेट सेलेकर अन्दर के सारे कमरे क ताले टूटे थे तथा अन्दर लगी आलमारी क सारेकमरों क ताले टूटे थे । <नाम> कीमती सामान, गहने, साड़ियां, बर्तन, गैससिलेण्डर व 40-50 हजार नगदी , इंडक्शान चूल्हा, पीतल के बर्तन आदि सामानचोरी हो गये थे। निवेदन है कि चोरी का पता लगाकर उनका सामान वापसकराया जाय तथा उसे आस-पास के लोगों के द्वारा संदिग्ध लोगों <नाम> शक है। राहुल, आर्यन, मोनू उर्फ <नाम> व <नाम> से पूछताछ की जाय व सख्त कार्यवाहीकी जाय। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कियागया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेसाजिशन फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। घटना से उसकाकोई वास्ता-सरोकार नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है और नही उसके कब्जे से कोई बरामदगी हुई है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारापरीक्षणीय है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी कोमौके से गिरफूतार नहीं किया गया है। 9अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादिनी के घर में घुसकरदिन-दहाड़े चोरी <नाम> ली गयी । अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त <नाम> <नाम> की गिरफूतारी <नाम> उसके कब्जे से मात्ररु0 120/- बरामद हुआ है। जिस रु0 120/- को उसने चोरी का बताया है,इसके अतिरिक्त अभियुक्त के कब्जे से अन्य कोई बरामदगी नहीं है, <नाम> हीअभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास ही पुलिस द्वारा बताया गया है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_114_202027-02-2020180 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"27.02.2020अभियुक्त मेराज उफ मन्नू की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था नियत तारीख परन आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया हैं । अभियुक्तरोजी रोटी के चक्कर में बाहर चला गया था। अभियुक्त द्वारा जानबूझकर गलतीनहीं किया है। अभियुक्त द्वारा दिनांक 23.01.2020 को स्वंय न्यायालय में आत्मसमर्पणकर न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त घर का अकेलाकमाने वाला व्यक्ति है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> कीगयी है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। नियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त केविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त द्वारा दिनांक 23.01.2020 को स्वय आत्मसमर्पण <नाम> न्यायिक अभिरक्षा में जेल में निरूद्ध है। अभियुक्तरोजी रोटी के चक्कर में बाहर चला गया था। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरणकी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने सेपुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जामनतीय वारण्ट जारी कियागया। कोर्ट मुहर्रिर के अनुसार अभियुक्त इस मुकदमें में दिनांक 23.01.2020 से जेल Bail Application/426/2020 -State Government Vs. Maraj @manuu 2में निरूद्ध है। इस प्रकरण में अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1019_201907-09-2019973 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 27.08.2019को उप निरीक्षक देवेन्द्र <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ देखभालक्षेत्र व कस्बा गस्त में मामूर थे तो मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि कंजड़ बस्तीमें एक महिला बड़े पैमाने <नाम> कच्ची शराब बनाकर बेच रही है और शराब कोअधिक नशीला बनाने के लिए उसमें नौसादर व यूरिया का अपमिश्रण करकेशराब बनाती है। इस सूचना <नाम> महिला उप निरीक्षक <नाम> <नाम> को तलबकिया गया। मुखबिर व हमराहियान को लेकर कंजड़ <नाम> आया। मुखबिर द्वारागली की तरफ इशारा करके बताया गया कि गली के अन्दर जो महिला खड़ी है,वही है। पुलिस वाले जब गली के अन्दर जाने लगे तो अपनी तरफ आते देखउक्त महिला घर के अन्दर घुसकर एक प्लास्टिक के बड़े झोले में दो लीटर कीप्लास्टिक की 6 बोतलें तथा बायें हाथ में कपड़े का एक झोला लेकर घर केअन्दर भागने लगी। दौड़ाकर महिला उप निरीक्षक की मदद से कंजड़ <नाम> मेंही 5.00 बजे सुबह पकड़ लिया गया। नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नामनिर्मला पत्नी महेन्द्र कंजड़ बताया। <नाम> के दाहिने हाथ में लिये गये प्लास्टिकके झोले से दो-दो लीटर की 6 बोतले कच्ची शराब तथा बायें हाथ में लिये गयेकपड़े के झोले से लगभग दो सौ ग्राम नौसादर व पांच सौ ग्राम यूरिया बरामदकी गयी। इस आधार <नाम> अभियुक्ता के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ",
"अभियुक्ता की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसे फर्जीढंग से फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थिनी के पास से..2 2कोई नाजायज पदार्थ की बरामदगी नहीं हुई है, <नाम> ही प््रार्थिनी कच्ची शराबबनाकर बेचती है। प्रार्थिनी- अभियुक्ता के कब्जे से कुछ भी बरामद नहीं कियागया है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता के कब्जे से फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है। घटनाका कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थिनी-अभियुक्ता के कब्जे से दो-दो लीटर के 6 बोतलों में कच्ची शराब व दोसौ ग्राम नौसादर व पांच सौ ग्राम यूरिया बरामद किया गया है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता द्वारा कच्ची शराब को तीव्र बनाने के लिए नोसादर व यूरिया मिलायागया था। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"<नाम> विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट <नाम> <नाम> प्राप्त नहीं हुई हैजिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि शराब में कोई मिलावट की गयी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_639_201925-06-2019566 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि आज दिनांक 30.03.2019 को समय लगभग 5:30 बजे सुबहउनके पिता स्व0 डा० <नाम> <नाम> मार्निंग वाक करते हुए वन विभग, छपका केरास्ते अपनी पुत्री <नाम> <नाम> के घर की तरफ जा रहे थे तो तीन अज्ञात लोगमोटरसाइकिल से आये और उनके पिता की गोली मारकर हत्या <नाम> दिये। उनकेपिता घर में बताये थे कि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य जटाशंकर <नाम> पाण्डेयउन्हें <नाम> से मारने की धमकी <नाम> करते थे। रिपोर्ट दर्ज <नाम> कानूनी कार्यवाहीकी जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। प्रार्थी को फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त की कोईदुश्मनी मृतक अथवा मृतक के परिवार से नहीं थी। प्रार्थी-अभियुक्त का घटना सेकोई वास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त को घटना से लगभग 18 दिनबाद गिरफूतार किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त के निशानदेही <नाम> कोई हथियारबरामद नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा किसी <नाम> के समक्षन्यायिकेत्तर संस्वीकृति भी नहीं की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त मोबाइल क माध्यम से अन्य अभियुक्तगण के सम्पक में था। प्रार्थी-अभियुक्त को अन्य अभियुक्तगण के साथ रुपये का लेन-देन करते समयगिरफतार किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतक की रेकी की जा रही थी। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। अपराध कारित करने में्रार्थी-अभियुक्त द्वारा अहम <नाम> निभायी गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत मामले में अभियुक्त श्यामबाबू के फोन नं<फ़ोन-नंबर>की काल डिटेल भी दाखिल की गयी है जिसके अनुसार यह स्पष्ट है कि यहअभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के सकिय सम्पक में था। यह सही है कि यदि —_ 2 —_वार्तालाप की कोई रिकार्डिंग नहीं है तथा किसी अभियुक्त से फोन <नाम> बातचीतकरना उपलब्ध नहीं है लेकिन यदि सम्पूर्ण परिस्थितियां यह प्रदर्शित <नाम> रही होंकि किसी अभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित किया गया है तो सी0 डी0 आर0एक महत्वपूर्ण सम्पोषक साक्ष्य होगा। ",
"पुलिस द्वारा दिनांक 11.04.2019 को अभियुक्तगण जटाशंकर देवपाण्डेय, <नाम> उर्फ पाली, श्यामबाबू कुन्दन, काजू <नाम> व <नाम> को रुपये कालेन-देन करते हुए गिरफतार किया गया था जिसमें इस अभियुक्त के पास सेप्रस्तुत केस से सम्बन्धित कोई ऐसी वस्तु बरामद नहीं हुई थी जिससे यह कहाजा सके कि इस अभियुक्त द्वारा मृतक <नाम> <नाम> की हत्या की गयी हो परन्तुरुपये के लेन-देन के समय इस अभियुक्त का अन्य अभियुक्त के साथ उपस्थितहोना, इस अभियुक्त के कब्जे से भी तमंचा व कारतूस की बरामदगी होना तथाइस अभियुक्त द्वारा स्वीकार करना कि इसने मृतक के सम्बन्ध में रेकी किया है,इन तथ्यों के साथ सी0डी0आर० एक महत्वपूर्ण साक्ष्य हो जाता है। ",
"मामला गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_11_202010-01-2020711 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> <नाम> ने दिनांक-05.08.2017 को 20.15 बजे थाना-रॉबर्द्सगंज में इस आशय कीप्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> कराई कि दिनांक-05.08.2017 को 18.30 बजेउसका छोटा <नाम> <नाम> <नाम> कुछ <नाम> से रेलवे कासिंग की तरफ जा रहा था कि <नाम> स्कूल के सामने पहले से घात लगाये अभियुक्तगण शुभमसोनी, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> कुन्दन व विक्की अपने 5-6 साथियों केसाथ उसके <नाम> <नाम> दिनो को रोक <नाम> जातिसूचक गालियां देते हुएलाठी-डंडों से मारपीट <नाम> चोटें पहुंचाये जिससे उसका <नाम> गिर गया औरउसके सिर में 3 जगह चोटें लगने से सर फट गया। पीछे से आ रहे <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> ने बीच-बचाव किया। सूचना <नाम> वादी घटना स्थल <नाम> पहुंचा और अपने <नाम> को लेकर थाना-राँबर्ट््सगंज जाकर उक्त घटना की तहरीर दी जिसके आधार <नाम> थाना-रॉबर्टसगंज द्वारा उक्त मामले की _o_प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया तथा विवेचनोपरांत आरोप पत्र न्यायालयप्रेषित किया गया। ",
"जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई <नाम> धारा-15ए अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अनुसार वादी मुकदमाको नोटिस जारी किया गया तथा वादी मुकदमा <नाम> नोटिस जारी होने केउपरांत भी वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ है। "
],
"judge-opinion": [
"जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वानज्येष्ठ अभियोजन <नाम> के तकौ को सुना गया है तथा समस्त प्रपत्रों कासम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट वादी मुकदमा द्वारा अत्यंत बढ़ा-चढ़ा <नाम> दर्ज कराई गई है। विवेचना केउपरांत प्रेषित आरोप पत्र में भी कई व्यक्तियों की नामजदगी झूंटी <नाम> गईहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार लगभग 11-12 व्यक्तियों द्वारा वादी केभाई के साथ मारपीट किया <नाम> कहा गया है, परंतु उसके शरीर <नाम> मात्रसाधारण चोटें आई हैं। अभियुक्त घटना के समय छात्र था। तथ्यों को बढ़ा- <नाम> <नाम> पेश करते हुए मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अतः प्राथी/अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ",
"विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को का खंडन करतेहुए कहा गया है कि अनुसूचित जाति का होने के आधार <नाम> ही प्रार्थी/ अभियुक्त ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वादी मुकदमा के भाईप्रभाकर <नाम> के साथ मारपीट की गई है। पीड़ित के शरीर <नाम> अनेकां चोटेंपाई गई हैं। आधार जमानत पर्याप्त नहीं है। जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिये जाने <नाम> है। अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जावे। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अनुसार पीड़ित <नाम> <नाम> <नाम> केचिकित्सीय परीक्षण में उसके शरीर <नाम> साधारण चोटें <नाम> गई हैं। प्रकरणहमउम्र के विद्यार्थियों के मध्य कहा-सुनी व साधारण मारपीट से संबंधितप्रतीत होता है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1454_201903-01-2020767 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमाकलावती पत्नी <नाम> पप्पू निवासी ग्राम कटौली थाना दुद्धी जिला सोनभद्र नेदिनॉक 10.09.2019 को कोतवाली दुद्धी जिला सोनभद्र में इस कथन के साथलिखित तहरीर <नाम> कि दिनाक 05.09.2019 को समय करीब 04:00 बजेसायं उसकी नाबालिग पुत्री पीड़िता इलाहाबाद बैंक शाखा अमवार से अपनापासबुक लेने गयी थी और घर नहीं आयी। उसके द्वारा सगे सम्बन्धी के यहाँपता किया गया किन्तु उसकी पुत्री का पता नहीं चला। अचानक उसे पताचला कि नवरंगी उफ टिकू पुत्र <नाम> उफ छोटे निवासी रजखड़ थाना दुद्धीजिला सोनभद्र भी दो <नाम> से घर से गायब है। जिसको घर से भागने तथाभगाने में <नाम> पुत्र त्रिभुवन द्वारा रू0 700/-देकर उसकी पुत्री को गायबकरा <नाम> गया है। प्रार्थिनी जब <नाम> उफ छोटे के घर गयी तो वे उसेगाली गलौज व धमकी देते हुये भगा दिये। ",
"9अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि अभियोजन कथानक गलत एवं बेबुनियाद है। वादिनीद्वारा प्रार्थी को मात्र रंजिश वश फसाया गया है। वादिनी मुकदमा अपनी पुत्रीका विवाह प्रार्थी से करना चाहती थी, प्रार्थी द्वारा इन्कार करने <नाम> उसकेविरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं कियाहै। कथित घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को प्रथम सूचना रिपोर्ट मे नामितकिया गया है। अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता का व्यपहरण करके उसकेसाथ बलात्संग किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ",
"प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्तपर वादिनी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को बहला फुसला <नाम> व्यपहरण करनेऔर उसके साथ प्रवेशन लैंगिक हमला किये जाने का अभियोग दर्शाया गयाहै। दौरान विवेचना संकलित साक्ष्य के आधार <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध आरोपपत्र भी प्रेषित किया जा चुका है। दौरान विवेचना पीड़िता द्वारा भी यह तथ्यरखा गया है कि प्राथी/अभियुक्त उसे बहला फुसला <नाम> दिल्ली ले गयाजहाँ <नाम> उसने उसके साथ उसकी इच्छा के विरूद्ध गलत <नाम> किया था। विद्यालय अभिलेख के अनुसार पीड़िता को घटना के समय 16 वर्ष से कमउम्र का होना भी दर्शाया गया है। मामला नाबालिग पीड़िता को बहला फुसलाकर व्यपहरण करने तथा उसके साथ प्रवेशन लैंगिक हमला किये जाने केअपराध से सम्बन्धित है। अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> किया जाता हैतो उसके द्वारा साक्ष्य को प्रभावित करने की भी सम्भावना है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_739_202001-07-2020295 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"01.07.2020अभियुक्त <नाम> पासवान उफ बोल्टा की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 16.02.2020 को प्रभारी निरीक्षकअंजनी <नाम> <नाम> मय हमराह के देखभाल <नाम> चेकिग संदिग्ध व्यक्ति व अपराधी मेंमामूर था कि चिल्काटाड में <नाम> के लोगो द्वारा दबी जुबान से बताया गया किअशोक पासवान उर्फ बोल्टा का एक संगठित आपराधिक गिरोह है। इस गिरोह मेंइसके अतिरिक्त प्रेमनाथ टुडू , सोनू <नाम> <नाम> मुण्डा सकिय सदस्य है। इस गिरोहका गैगलीडर <नाम> पासवान है। यह गैग अपने तथा अपने साथियों के आर्थिकभौतिक एवं दुनियाबी <नाम> को अर्जित करने के लिए भा0द0वि0 के अध्याय 17 में वर्णितअपराधों के करने के अभ्यस्तः अपराधी है। <नाम> थाना स्थानीय एवं आस पास केशानो क्षेत्रों की <नाम> का काफी भय एवं आतंक है। इनके भय एवं आतंक से जनताके सीधे साधे लोग इनके विरूद्ध रिपोर्ट लिखाने व गवाही देने का साहस भी नहीं करतेहै। थाना स्थानीय के अभिलेखों के अवलोकन से इस गैग के गैग लीडर अशोकपासवान के विरूद्ध मु0अ0सं0-52/19 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा0०द0वि0,मु0अ0सं0- 806/07 अन्तर्गत धारा-3/5 ई0टी0 एक्ट व ३(2)लो०सणक्षति निवारणअधिनियम एवं मु0अ0सं0-801//08 अन्तर्गत धारा-3/5 ई0टी0 एक्ट तव3(2)लो०सणक्षति निवारण अधिनियम पंजीकृत है। इस गैंग के सकिय सदस्य <नाम> नाथटुडू के विरूद्ध मु0अ0सं0-52/19 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा०द0वि०, अभियुक्तसोनू <नाम> क विरूद्ध मु0अ0सं0-52/19 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा0द0वि0, एवमु0अ0सं0-477//13 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा0द0सं0 एवं अभियुक्त शिवा मुण्डाके विरूद्ध मु0अ0सं0-52/19 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा०द0वि0 का अभियोगपंजीकृत है। इस प्रकार स्पष्ट है कि अभियुक्तगण मिलकर भिन्न भिन्न स्थानो एवभिन्न भिन्न समय अपने तथा अपने गैंग के सदस्यों के आर्थिक एवंदुनियाबी <नाम> केलिए विभिन्न अपराधो 'को करते है। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्तवर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया। ",
"जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त रहDigitally signeBail Application/l499/2020 -Ashok paswan Vs. State Government 2को रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसेअपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्धमु०अ०सं0-52,/19 अन्तर्गत धारा-457,380,411भा०द0वि0, मु०अ0सं0-806,/07 अन्तर्गतधारा-3/5 ई0टी0 एक्ट व ३(2)लो०सणक्षति निवारण अधिनियम एवं मु0अ0सं0-801/08 अन्तर्गत धारा-3/5 ई०टी0 एक्ट व 3(2)लो0सएक्षति निवारण अधिनियमथाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त अपराध मेंअभियुक्त की जमानत स्वीकार किया जा चुका है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमाउपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्यनहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> मे भय दहशत एवंआतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त कियेजाने की प्रार्थना की गई है। ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध विजली से संबंधित सामानों की चोरी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्धमु०अ०सं0-52,/19 अन्तर्गत धारा-457,380,411भा०द0वि0, मु०अ०सं0-806,/07 अन्तर्गतधारा-3/5 ई0टी0 एक्ट व ३(2)लो०सणक्षति निवारण अधिनियम एवं मु0अ0सं0-801/08 अन्तर्गत धारा-3/5 ई०टी0 एक्ट व 3(2)लो0सएक्षति निवारण अधिनियमथाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त अन्यअभियुक्तगण के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराधकारित करता है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यो मेंलिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करनेकी <नाम> से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानतका घोर विरोध किया गया है । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0सं०-52/19 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा0द0वि0,मु0अ0सं0-806,//07 अन्तर्गत धारा-3/5 ई0टी0 एक्ट व ३(2)लो०सणक्षति निवारणअधिनियम एवं मु0अ0सं0-801//08 अन्तर्गत धारा-3/5 ई0टी0 एक्ट तव३(2)लो०स0क्षति निवारण अधिनियम थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र का अभियोगपंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीरअपराध कारित करना कथित किया गया है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1410_201919-12-201938 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"19.12.2019आदेशयह जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त अयोध्या गोड़ की ओर सेप्रस्तुत किया गया है, जो वारण्ट <नाम> जिला कारागार में निरूद्ध है। सक्षेप में प्राथी/ अभियुक्त का कथन है कि अभियुक्त मजदूरकिस्म का व्यक्ति है। वह दिल्ली में रहकर मजदूरी का कार्य करता है। इसलिए वह नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं आ सका। जिसकारण उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया तथा वहवर्तमान में जेल में है। अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। उक्त पत्रावली मेंआरोप विरचित किया जा चुका है। पत्रावली साक्ष्य के स्तर <नाम> विचाराधीनहै। अभियुक्त जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त उचितजमानत मुचलिका देने को तैयार है। उपरोक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन की ओर से जमानत का घोर विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा जमानत का घोर दुरूपयोग किया गयाहै। अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> मामले का विचारण समयसे नहीं हो पा रहा है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाय । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को सुना तथा पत्रावली का सम्यकअवलोकन किया । पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केनियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिर <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी किया गया है। अभियुक्त द्वारा कथन किया गया हैकि अभियुक्त कमाने <नाम> दिल्ली चला गया था और नियत <नाम> परन्यायालय हाजिर नहीं आ सका। अभियुक्त जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1127_201917-10-2019658 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 15.05.2019 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथदेखभाल <नाम> मतदान कन्द्र लोकसभा सामान्य निर्वाचन वर्ष 2019 मेंग्राम इकदीरी व छिपिया में भ्रमणशील था कि ग्राम छिपिया में जनताके लोग आपस में चर्चा <नाम> रहे थे कि <नाम> खरवार पुत्र भजावनखरवार अपने सहयोगी मोहरसाय पुत्र सुक्खन खरवार के साश एकआपराधिक गिरोह बना लिया है। सजंय खरवार अपने तथा अपने गैंगके सदस्यों के आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए भा0द0वि0.के अध्याय16 एवं 22 में वर्णित अपराध कारित करने में अभ्यस्त है। <नाम> खरवारने अपने साथी मोहरसाय के साथ मिल <नाम> दिनांक 14.03.2019 कोअपने गांव के ही <नाम> खरवार पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> की धारदारहथियार कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर निर्मम हत्या <नाम> दी थीं जिसकेसंबंध में थाना बभनी में मु0अ0सं0 44/19 अन्तर्गत <नाम> 302/34भा०द0सं0 का अभियोग पंजीकृत किया गया है। <नाम> के लोग यहभी चर्चा <नाम> रहे थे कि <नाम> भय एवं आतंक समाज में इस कदरव्याप्त है कि कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध मुकमा लिखवाने अथवागवाही देने का साहस नहीं <नाम> पाता है। <नाम> खरवार तथा उसकासाथी मोहरसाय द्वारा <नाम> खरवार को कई बार <नाम> से मारनेका प्रयास किया गया था परन्तु भागीरथी। ने उनके उपर मुकदमालिखवाने की हिम्मत नहीं <नाम> पाया था। गांव के ही छोटे <नाम> हरिजनपुत्र स्व0 <नाम> <नाम> के घर में छिपकर अपनी <नाम> बचायी थी। इसकी सूचना भी <नाम> ने पुलिस को नहीं दी थी। <नाम> खरवारऔर उसका साथी काफी दबंग किस्म के अपराधी है। इसका <नाम> बच्चालाल खरवार भी एक शातिर एवं दबंग अपराधी है। <नाम> खरवार केदबंगई के <नाम> <नाम> ही बच्चा <नाम> खरवार ने <नाम> के रिश्ते मेंआयी नाबालिग लड़की को उसने घर के सामने से अपने कन्धे परदुस्साहसपूर्वक उठाकर 100 मीटर दूर अरहर के खेत में जबरनबलात्कार किया था। इसी केस में बच्चा <नाम> खरवार जेल में है। इससमय तो <नाम> खरवार मोहरसाय जेल में है। पूरा गांव में <नाम> है। अगर छूटकर आ गए तो पूरा गांव तबाह <नाम> देगा। ग्रामीणों की बातसत्य है गैंग लीडर <नाम> खरवार अपने गैंग के संकिय सदस्य2/ —2—मोहरसाय के साथ मिलकर भा0द0सं0 के अध्याय 17 व 22 मेंवर्णितअपराधों को करने के अभ्यस्त: अपराधी है। <नाम> स्वच्छन्द समाज मेंरहना ठीक नहीं है। इनके विरूद्ध गैंग चार्ट जिलाधिकारी द्वाराअनुमोदित किया जा चुका है। गैंग लीडर <नाम> खरवार तथा सदस्यमोहरसाय के विरूद्ध धारा-३(1) उ0 प्र0 गिरोहबन्द एवं समाजविरोधी किया कलाप निवारण अधिनियम 1986 का अभियोग पंजीकृतकिया गया। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्धअभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ",
"जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से अभियुक्तगण के विद्वानअधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तगण कोफर्जी फंसाया गया है। उन्होने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसेअपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैंग चार्ट में अभियुक्तगण केविरूद्ध एक मुकदमा मु0अ0सं0 44/2019 अन्तर्गत <नाम> 302/34भा०द0सं0 थाना बभनी जिला सोनभद्र का उल्लेख किया गया है। उक्त मुकदमें में अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार की जा चुकी है। उक्त मुकदमे में अभियुक्तगण को झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त काअन्य कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्तगण क विरूद्ध भारतीय दण्ड <नाम> का गम्भीर मामले दर्शायागया हैं। अभियुक्तगण एक संगठित गिरोह का सकिय गैग लीडर एवंसदस्य है और आर्थिक एवं भौतिक <नाम> लेने के लिए गम्भीरअपराधिक कृत्य करते है। अभियुक्तगण के जमानत <नाम> छूटने सेउनके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> से भीइन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_154_202024-02-2020247 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर से कथनकिया गया है कि यह प््रार्थी/अभियुक्त की प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी / अभियुक्त को झूँठा फंसा <नाम> गया है। अभियुक्त का नाम सहअभियुक्तगणसफिक खॉ, सीयाराम और दददु <नाम> के बयान को लेकर <नाम> किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त शिक्षित बेरोजगार है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 28.01.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। थाना पुलिस द्वारा प्रार्थी को फर्जी एवं साजिशन अभियुक्तबना <नाम> चालान <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त मामले में <नाम> अभियुक्तों को नही जानता है और <नाम> ही उक्त <नाम> का व्यवसाय करता है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की याचनाकी गयी । ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि अभियुक्त द्वारा चोरी करने का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियोजन <नाम> द्वारा यह भी कथन किया गया है कि अभियुक्त को यदिजमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह अपराध की पुनरावृत्ति <नाम> सकता है। अतःअभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि रिलायन्स जियो इन्फोकामलिमिटेड को प्रदेश में 4 <नाम> ब्राडबैण्ड वायरलाइन/ वायरलेस एक्सेस सर्विस प्रदानकिये जाने <नाम> दुरसंचार मंत्रालय <नाम> <नाम> द्वारा लाइसेन्स जारी किया गया,जिसके अन्तर्गत एन.टी.पी.सी. पावर प्लाण्ट अनपरा <नाम> 4 <नाम> मोबाइल टावर स्थापितहै। उपरोक्त स्थल <नाम> तैनात टेक्निशियन <नाम> <नाम> द्वारा सूचना दी गयी किदिनांक 07.08.2019 को अज्ञात चोरों द्वारा BATT PACK 24 CELL VRLA LEAD 48V300AH 01, BATTERY RECHARGEABLE 12V 88/90AH 01, RRH POWER CABLEWITH JONHOA CONNECTOR 60M 06 CBL ELEC N ARM L1 KV CU PVC IC6MM2 25 की चोरी <नाम> लिया गया। उक्त चोरी के सम्बन्ध में 100 नम्बर डायल भीकिया गया था। उक्त आधार <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के तर्को और पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है किरिलायन्स जियो इन्फोकाम लिमिटेड को प्रदेश में 4 <नाम> ब्राडबैण्डवायरलाइन/ वायरलेस एक्सेस सर्विस प्रदान किये जाने <नाम> दुरसंचार मंत्रालय भारतसरकार द्वारा लाइसेन्स जारी किया गया, जिसक अन्तर्गत एन.टी.पी.सी. पावर प्लाण्टअनपरा <नाम> 4 <नाम> मोबाइल टावर स्थापित है। उपरोक्त स्थल <नाम> तैनात टेक्निशियनआलोक <नाम> द्वारा सूचना दी गयी कि दिनांक 07.08.2019 को अज्ञात चोरों द्वारा BATT PACK 24 CELL VRLA LEAD 48V 300AH 01, BATTERY RECHARGEABLE12V 88/90AH 01, RRH POWER CABLE WITH JONHOA CONNECTOR 60M 06CBL ELEC N ARM 1.1 KV CU PVC 1C 6MM2 25 की चोरी <नाम> लिया गया। अभियुक्त का नाम सहअभियुक्तगण के बयान में आया है। तीन बैटरी तीनअभियुक्त एक मोटरसाइकिल <नाम> ले जाते हुए पकड़े गये, जिसकी कोई शिनाख्तबैटरी के नम्बर से नहीं करायी गयी अपितु रंग के आधार <नाम> करायी गयी। अभियुक्तजिला कारागार में दिनांक 28.01.2020 से निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_622_202019-06-2020353 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"19.06.2020अभियुक्त अवशेष <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 23.02.2020 को उप निरीक्षक सर्वानन्द <नाम> हमरोहियों के साथ देखभाल क्षेत्ररोकथाम जुर्म जरायम में एटीपीपी कालोनी अनपरा में मौजूद था किमुखबिर खास ने बताया कि एक व्यक्ति एटीपीपी कालोनी अनपरा में हीअम्बेडकर पार्क के पास एक झोले में नाजायज गाजा लेकर खड़ा है। किसी का इन्तजार <नाम> रहा है। इस सूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस बलमौके <नाम> पहुंचकर मौके <नाम> ही घेरकर अम्बेडकर पार्क गेट के सामनेसड़क के किनारे समय करीब 09.40 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम अवशेष <नाम> मिश्रपुत्र <नाम> <नाम> मिश्र बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तोउसके दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिक के झोले के अन्दर अखबारी कागजमें लिपटा हुआ दो किलो 200 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतःअभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके परलिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर वफर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल करमुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से दिखायी गयी गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गयाहै। अभियुक्त दिनांक 23.02.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ",
".2/ राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेदो किलो 200 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0एपी0एस0एक्ट क प्राविधानों कासही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहींकिया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से दो किलो 200 ग्राम नाजायज गांजा बरामद होनाकहा गया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर सेअभियुक्त के आपराधिक इतिहास के संबध में कोई कथन नहीं कियागया है। अभियुक्त दिनांक 23.02.2020 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1367_201918-12-201946 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 24.11.2019को उप निरीक्षक अवधेश <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्ररात्रि गस्त व तलाश वाछित अपराधी में ग्राम परसौना टोला खड़िया मेंमौजूद था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि अवधेश मास्टर केघर जाने वाले तिराहे <नाम> एक व्यक्ति नाजायज गांजा लेकर आने वालाहै। इस सूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची तथा देखाकि थोड़ी दूरी <नाम> एक व्यक्ति हाथ में झोला लेकर आता हुआ दिखायीदिया कि घेरमारकर उसे समय करीब 06.45 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नामपता पूछा गया तो उसने अपना नाम राजेशकुमार पुत्र <नाम> बहादुर बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयीतो दाहिने हाथ में लिए झोले में पन्नी के अन्दर अखबारी कागज मेंलिपटा हुआ दो किलो दो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआगांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतःअभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके परलिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर वफर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल करमुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। पुलिसद्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का अनुपालन नही किया गयाहै। फर्जी बरामदगी दिखाकर अभियुक्त का चालान <नाम> दियागया। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त दिनांक 24.11.2019 से जेल मेंनिरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"2 राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जेसे दो किलो दो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्पमात्रा से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने <नाम> उसके पुनः उक्त अपराध में संलिप्त होने की सम्भावना सेइन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से दो किलो दो सौ ग्राम गांजा बरामद होना कहागया है। जो वाणिज्यक <नाम> से कम है। डीएसी0आर0बी0 रिपोर्ट केअनुसार अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1192_201925-10-2019557 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि आज दिनांक 18.09.2019 को समय 10 बजे <नाम> विकासपरियोजना <नाम> म्योरपुर <नाम> बाबूलाल पुत्र स्व0 बालकिशुन द्वारा जरियेदूरभाष से सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम लौबन्द ब्लाक म्योरपुर में <नाम> बाबूलाल गुप्तापुत्र <नाम> विश्वनाथ साह के घर में पोषाहार की बोरी <नाम> दुद्धी लिखा हुआ पोषाहाररखा हुआ है। उक्त सूचना <नाम> <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> दुद्धी श्रीहुदयनरायन पुत्र स्व0 रामधनी ने जिला कार्यकम <नाम> सोनभद्र को अवगतकराते हुए ग्राम लौबन्द में करीब 11:30 बजे पहुंचने <नाम> पाया कि बाबूलाल गुप्ताकी पत्नी फुलवसिया <नाम> जो मौके <नाम> उपस्थित थी, के घर में 124 खाली बोरीपरियोजना दुद्धी पायी गयी तथा 4 बोरी का विवरण गभर्वती व धात्रीक <नाम> मीठादलिया 25 बोरी, नमकीन दलिया 01 बोरी, प्रामिक्स लड्डे 10 बोरी, 6 माह से 3वर्ष के बच्चों हेलु विनिंग फूड 30 बोरी, मीठा दलिया 33 बोरी, 3-6 वर्ष के बच्चोंहेतु मीठा दलिया 67 बोरी, लड्डू प्रीमिक्स 8 बोरी, <नाम> बालिकायें हेलु मीठादलिया 2 बोरी, प्रीमिक्स लड्डू 2 बोरी कुल खाली 124 बोरी पोषाहार से भरीबोरी का वितरण 3-6 वर्ष के बच्चों <नाम> मार्निग स्नैक 1 बोरी, गर्भवती व धात्रिकहेतु प्रीमिक्स लड्डू 3 बोरी(20 पैकेट बोरी) कुल भरी बोरी 4 मौके <नाम> उपस्थितमकान मालकिन <नाम> फुलवसिया <नाम> पत्नी बाबूलाल <नाम> द्वारा बताया गयाकि <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र श्रीकिशुन निवासी, बरवाटोला आरंगपानी थाना-म्योरपुर..2 ooजिला-सोनभद्र द्वारा गाड़ी नं0_ यूएपी0 64 टी 8862 द्वारा 25 बोरी पोषाहारपुनः उसी गाड़ी से <नाम> किशुन रौनियार पुत्र रामस्वारथ द्वारा 130 बोरी पोषाहाररखा गया था। उक्त पोषाहार आदि फूलोर मिल के प्रतिनिधि <नाम> <नाम> पुत्रविजय शांकर द्वारा <नाम> <नाम> परियोजना,दुद्धी के गोदाम से <नाम> सत्यम कुमारपुत्र <नाम> <नाम> <नाम> कनिष्ठ सहायक के द्वारा पोषाहार <नाम> एवं वितरण का कर्मकिया जाता हैं, से प्राप्त किया है। शासनादेशानुसार फर्म प्रतिनिधि को पोषाहारपरियोजना से प्राप्त <नाम> आंगनबाड़ी केन्द्रो <नाम> पहुंचाकर <नाम> रसीद कोकार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश प्राप्त है। बोरियों <नाम> शासनानुसार कोडिंगनहीं की गयी है जो खाली पैकेट प्राप्त हुए हैं उसका विवरण निम्नवत है। 7 माहसे 3 वर्ष के बच्ची के विनिंग के 255 फटे बैकेट मीठा दलिया 58 पैकेट, गर्भवतीऔर धात्रिक के प्रीमिक्स लड्डू के 39 पैकेट, <नाम> बालिका क प्रीमिक्स लड्डू37 पैकेट, 3-6 वर्ष के बच्चों के प्रीमिक्स लड्डू 136 पैकेट, <नाम> दलिया 4पैकेट, कुल फटे पैकेटों की संख्या 529 <नाम> बरामदगी के समय जिला कार्यकमअधिकारी, सोनभद्र <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> अपर सांख्यिकी <नाम> <नाम> विकासश्री विकान्त <नाम> <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> दुद्धी, <नाम> <नाम> नरायन,बाल <नाम> परियोजना <नाम> बभनी <नाम> शैलाश <नाम> <नाम> <नाम> अधिकारीम्योरपुर <नाम> बाबूलाल की उपस्थिति में बरामद <नाम> को मोके <नाम> सिल <नाम> सर्वमुहर <नाम> नमूना मुहर तैयार किया गया जिसमें अभियुक्तगण <नाम> <नाम> श्रीकिशुन रौनियार, <नाम> <नाम> के विरुद्ध कार्यवाही करें। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रार्थी-अभियुक्त को गलत तरीके से नामित किया गया है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> फूलोर मिल प्राइवेट लिमिटेडद्वारा नियुक्त फर्म प्रतिनिधि है। फर्म को <नाम> ढुलाई <नाम> अनुबन्ध मिला हुआ है। उसे <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> कार्यालय से गोदाम से कुल 143आंगनबाड़ी केन्द्रों <नाम> पोषाहार <नाम> <नाम> परियोजना, दुद्धी से प्राप्त किया थातथा अनुबन्धित वाहनों से 143 आंगनबाड़ी कन््द्रों से <नाम> रसीद प्राप्त करविभाग में जमा <नाम> <नाम> था। उसके कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह सरकारी कर्मचारी नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किजिस मकान से पोषाहार की बरामदगी हुई है, उस मकान में प्रार्थी-अभियुक्तद्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर पोषाहार को रखा जा रहा था तथाअवैध <नाम> से काला-बाजारी की जा रही थी। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। यह अभियुक्त आदत्यि फूलोर मिल, <नाम> के प्रतिनिधि के रूपमें <नाम> <नाम> परियोजना, दुद्धी के गोदाम से <नाम> पोषाहार ले जाकर प्रत्येकआंगनबाड़ी केन्द्रों <नाम> पहुंचाता था । <नाम> पोषाहार जो गोदाम से निर्गत होता था,यदि उन <नाम> कोडिंग नहीं होती थी तो उन्हें क्यों प्राप्त करता था । इतना हीनहीं कस डायरी में <नाम> फुलवन्ती, आंगनबाड़ी सहायिका द्वारा यह बयान दिया...3 3गया कि पहले उनके <नाम> <नाम> पोषाहार 17 से 21 बोरी आता था जबकि अबपोषाहार लगभग 7-8 बोरी आता है, जबकि उनके कन्द्र <नाम> 18 से 25 बच्चे हैं। इतना ही नहीं इस <नाम> के अनुसार पोषाहार पहले पिक-अप गाड़ी से आता थाऔर अब टैम्पो से आने लगा है। ",
"इसका तात्पर्य यह हुआ कि इस अभियुक्त <नाम> <नाम> को जबगोदाम से <नाम> पोषाहार आंगनबाड़ी केन्द्रों <नाम> पहुंचाने के लिए <नाम> जाता था तोयह आंगनबाड़ी केन्द्रों <नाम> पहुंचाने के बजाय उनका दुर्विनियोग करके अन्यअभियुक्तगण के मध्यम से यह बाबूलाल <नाम> के मकान में बनाये गये अवैधगोदाम में पहुंचाता था। ",
"अभियुक्त द्वारा पोषाहार आपूर्ति का विवरण दाखिल किया गया हैलेकिन इन विवरणों <नाम> जिन लोगों के हस्ताक्षर हैं, वह सभी लोग अभियुक्त हैंऔर उन्हीं की दुरभिसंघि से यह रैकेट चल रहा था। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1113_202018-09-2020827 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"18.09.2020अभियुक्त <नाम> डोम पुत्र <नाम> डोम निवासी से0नं0०-04 बैंक के पीछेझोपड़ी थाना ओबरा जिला सोनभद्र की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। ",
"अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्तमजदूरी करने बाहर चला गया था, जिस <नाम> नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थितनहीं आ सका और <नाम> ही अपने अधिवक्ता को ही सूचित <नाम> सका। जिससे अभियुक्तके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त ने जानबूझकर कोईलापरवाही नही किया है। अभियुक्त गरीब व मजदूर व्यक्ति है। अभियुक्त मजदूरीकरता है। प्रार्थी दिनांक 05.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। <नाम> के सिलसिले में बाहर चला गया था। जिससे अभियुक्त को नियत <नाम> की जानकारी नहीं हो पायी और नियत <नाम> कोन्यायालय में हाजिर नहीं आ सका जिससे उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारीहो गया। प्रार्थी ने जानबूझकर कोई लापरवाही नही किया है। प्रार्थी दिनांक 05.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरणकी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने सेपुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त इस मुकदमें मेंपूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के हाजिर <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर मBail Application/2328/2020 -Vishnu dom Vs. State Government 2जमानतीय वारण्ट जारी किया गया। कोर्ट मुहर्रिर की आख्यानुसार अभियुक्त इसप्रकरण में दिनांक 05.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1117_201927-09-2019769 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। उसका मुकदमान्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र में विचाराधीन था। न्यायालयरिक्त होने के <नाम> वह मजदूरी करने बाहर चला गया । वह अपने अधिवक्तासे सम्पर्क नहीं <नाम> सका। न्यायालय रिक्त होने के <नाम> पत्रावली स्थानान्तरितहोकर माननीय न्यायालय में आ गयी । पत्रावली के स्थानान्तरण की जानकारीउसे नहीं हो पायी और उसके विरुद्ध दिनांक 17.05.2019 को गैर जमानतीयअधिपत्र जारी <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्त ने जानबूझकर लापरवाही नहींकिया है। वह मजदूर व्यक्ति है। जमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> वह प्रत्येक नियततिथि <नाम> न्यायालय में उपस्थित होता रहेगा। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त जान-बूझकर नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहाहै जिससे मुकदमें के निस्तारण में विलम्ब हो रहा है। ",
"अभियुक्त को पूर्व में दिनांक 06.03.2013 के आदेश से जमानत पररिहा किया गया था। परन्तु अभियुक्त द्वारा जमानत आदेश का उल्लंघन कियागया जिससे उसके विरुद्ध वारण्ट प्रेषित किया गया तथा अभियुक्त न्यायिकअभिरक्षा में दिनांक 20.09.2019 से निरुद्ध है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
" पत्रावली का अवलोकन करने सेस्पष्ट है कि अभियुक्त क विरुद्ध विगत <नाम> <नाम> पूर्व से गैर जमानतीय अधिपत्रप्रेषित किया गया था। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_864_201901-08-2019173 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"आदेशप्रार्थीगण /अभियुक्तगण मुन्ना <नाम> <नाम> व बलवन्त कीजमानत प्रार्थना पत्र इस आशय का <नाम> गया कि वे मजदूरी करने बाहरचले गये थे जिस <नाम> वे न्यायालय की नियत <नाम> <नाम> उपस्थित नहीं होसके और उनके विरूद्व न्यायालय द्वारा वारण्ट हो गया । अभियुक्तगण /प्रार्थीगण वारण्ट <नाम> दिनाक-31.07.19 से जिला कारागार में निरूद्व है। वेपूर्व में जमानत <नाम> थे। अतः जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थीगण/अभियुक्तगण वारण्ट <नाम> दिनांक-31.07.2019 से जिला कारागार में निरूद्वहै। उनकी की ओर से कहा गया है कि पूर्व में वे जमानत <नाम> थे। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_762_201909-07-2019465 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा कमलेशपासवान पुत्र <नाम> सनेही निवासी ग्राम व पोस्ट तरॉवा थाना राबर्टसगंज जिलासोनभद्र ने दिनॉक 01.05.2019 को थाना रायपुर जिला सोनभद्र में इस कथनके साथ लिखित तहरीर <नाम> गया कि उसकी ससुराल ग्राम किरहुलियाअन्तर्गत थाना पन्नूगंज में है। दिनॉक 29.04.2019 को उसके साले के लड़केसुनील की शादी थी और बारात ग्राम विजवार थाना रायपुर गयी थी। उसशादी में उसकी पुत्री पीड़िता उम्र करीब 15 वर्ष भी गयी थी। उसकी पुत्रीपीड़िता को रिस्तेदार धर्मू पुत्र बेचन पासवान निवासी चकौली, थाना घोरावलजिला सोनभद्र तथा <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> पासवान निवासी भड़कना थानापन्नूगंज जिला सोनभद्र ने बोलेरो में बैठा <नाम> वैनी बाजार कोल्ड ड्रिंग पिलानेले गये थे। कोल्ड ड्रिंग पिला <नाम> जब बोलेरो से वापस बारात में आने लगे तोवे लोग उसकी पुत्री के साथ गाड़ी में ही बारी-बारी से बलात्कार किये। पुन:बलात्कार करने की नियत से उसे बकुलघट्टा जंगल में ले गये तब उसकीपुत्री किसी तरह उनके चंगुल से छुट <नाम> जंगल में छिप गयी। अगले <नाम> 9सुबह उसके पास पहुँचा तो उसे आप बीती बतायी । ",
"अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमा में गलतमुल्जिम बनाया गया है, प्रार्थी निर्दोष है। अभियोजन कथानक असत्य एवंबनावटी है। पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से अधिक है जिसे छिपा <नाम> उसकी उम्र15 वर्ष दर्शाया गया है। अतः प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध धारा-5(जी)/ 6लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध नहीं बनताहै। चिकित्सीय आख्या में पीड़िता के शरीर <नाम> कोई चोट नहीं पायी गयी हैतथा पीड़िता के साथ बलात्कार की घटना होना भी नहीं पाया गया है। अतःअभियुक्त के विरूद्ध धारा-376डी भारतीय दंण्ड <नाम> का अपराध नहीं बनताहै। जहाँ <नाम> घटना स्थल प्रदर्शित किया गया है वहाँ गाड़ी में बलात्कार कीघटना होना सम्भव नहीं है। प्रार्थी पीड़िता का सगा रिस्तेदार है। अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह कथन कियागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिल <नाम> पीड़िता कोकोल्ड ड्रिंक पिलाने के बहाने ले जाकर उसके साथ बलात्संग किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट पीड़िता के पिता द्वारा <नाम> कराया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्त द्वारा शादीसमारोह में से पीड़िता को कोल्ड ड्रिंक पिलाने के बहाने बोलेरो से जाकर उसकेसाथ बलात्संग किये जाने का अभियोग है। पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गतधारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> जो केस डायरी में <नाम> है उसमें यह कथनकिया है कि प्रार्थी/अभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्त ने उसे ठण्डई पिलाया उसकेबाद उसे चक्कर आने लगा, पूछने <नाम> बताये कि इसमें शराब मिलाया है। उसके <नाम> दोनों ने उसके साथ बुरा <नाम> किया और बकुलचट्टा जंगल मेंछोड़ दिया। विवेचना के उपरान्त प्रस्तुत मामले में आरोप पत्र अभियुक्तगण केविरूद्ध प्रस्तुत किया जा चुका है। प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> पीड़िता को नशीलापदार्थ पिला <नाम> उसके साथ बलात्संग करने का अभियोग है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_129_202012-02-2020351 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रामविलास पुत्ररामऔतार निवासी-भवानीपुर,थाना-राबर्टसगंज, जिला सोनभद्र ने दिनांक 12.01.2020 को थाना-राबर्टसगंज, जिला सोनभद्र में इस कथन के साथलिखित तहरीर <नाम> कि उसकी पुत्री/पीड़िता,उम्र करीब 17 वर्ष, <नाम> 10की छात्रा को दिनांक-20.12.2019 को पड़ोसी <नाम> <नाम> बहला-फुसलाकरशादी का झांसा देकर, अपने घर में बुलाकर बलात्कार किया। जिसकीसूचना 112 नंबर <नाम> पुलिस को देने <नाम> पुलिस आयी और पीड़िता को प्रमोदके कब्जे से छुड़ाई तथा <नाम> <नाम> व उसके पिता को पकड़कर थानेलायी। थाने <नाम> <नाम> <नाम> अपनी गलती मानकर प्रार्थी की लड़की सेशादी करने की बात कहने लगा जिस <नाम> थाने <नाम> <नाम> <नाम> व उसकेपिता को छोड़ <नाम> गया तथा शादी के लिए नियत <नाम> 25.12.2019 कोप्रमोद <नाम> व उसके पिता पीड़िता को गाली गलौज देते हुए शादी करने से 2 इन्कार <नाम> दिये तथा थाने <नाम> शिकायत करने <नाम> <नाम> से मारने की धमकीदिये । ",
"अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तक॑ किया गया कि नाली के विवादको लेकर वादी मुकदमा द्वारा झूठी शिकायत करने <नाम> प्रार्थी व उसकेपरिवार को थाने <नाम> बुलाया गया औरा आरोप झूठा पाने <नाम> प्रार्थी वउसके घर वालों को छोड़ <नाम> गया। प्रार्थी दिनांक-12.01.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट काफी विलम्ब से दर्ज करायीगयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं पीड़िता के बयान से प्रार्थी के विरूद्धउपरोक्त धाराओं का अपराध नहीं बनता है। पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गतधारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में वादी के काफी दबाव में बयान <नाम> हैतथा पीड़िता की उम्र 18 वर्ष है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। साथ ही पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया संहिताकी ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित कराया गया और <नाम> पूर्वक यह तर्कप्रस्तुत किया गया कि पीड़िता ने अपना <नाम> का वर्ष 2002 बताया है जबकिआधार कार्ड में 01.01.2000 होना कहा है। पीड़िता स्वयं मुकदमा लड़ना नहींचाहती थी तथा प्रार्थी से शादी करना चाहती थी। उक्त तथ्यों के आधार परएवं अभियुक्त की न्यायिक हिरासत की अवधि को देखते हुये जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता को बहला फुसला करबलात्संग किया गया है। पीड़िता के नाबालिग होने के <नाम> उसकी सहमतिका कोई महत्व नहीं है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथा अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ",
"प्रस्तुत मामले में पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है किपीड़िता नाबालिग लड़की है। यद्यपि कि पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गतधारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में यह कथन किया है कि वह मुकदमालड़ना नहीं चाहती है तथा <नाम> से शादी करना चाहती है। चूँकि पीड़ितानाबालिग की श्रेणी में आती है। इस सम्बन्ध में <नाम> का यह सुस्थापितसिद्धान्त है कि अवयस्क पीड़िता की सहमति का कोई महत्व नहीं है। अत:अभियुक्त का यह तरक कि पीड़िता ने धारा-164 दण्ड प्रकियाय <नाम> मेंजो भी बयान किया गया है वह अपने पिता के दबाव में किया है, इस परजमानत के स्तर <नाम> निष्कर्ष <नाम> <नाम> न्यायोचित नहीं होगा। मामलानाबालिग पीड़िता को बहला फुसला <नाम> उसके साथ प्रवेशन लैंगिक हमला 3किये जाने के अपराध से सम्बन्धित है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_479_202123-03-2021240 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"23.03.2021अभियुक्त <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी कुडिया टोला औड़ीउर्मिला स्कूल के पीछे अनपरा थाना अनपरा जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 18.11.2019 को उपनिरीक्षक छोटू <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> में मामूर होकर अनपरा मोड़ <नाम> मौजूदथा कि जरिए मुखविर खास सूचना <नाम> कि पजाब नेशनल बैक के सामने औड़ीमोड़ मुख्य मार्ग के बाए किनारे <नाम> एक व्यक्ति नाजायज गांजा लिए सवारी काइन्तजार <नाम> रहा है। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचा तोएक व्यक्ति दाहिने हाथ मे प्लास्टिक का झोला लिए हुए खड़ा था जो पुलिस <नाम> कोदेखकर सकपका गया और पीछे मुड़कर दुरासनी मंदिर के तरफ भागने लगा किशक होने <नाम> पुलिस <नाम> द्वारा 25-30 <नाम> जाते जाते दौड़कर घेर <नाम> समय करीब07.35 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसनेअपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी कुडिया टोला औड़ी उर्मिलास्कूल के पीछे अनपरा थाना अनपरा जिला सोनभद्र बताया। नियमानुसार तलाशीलेने <नाम> अभियुक्त क दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिक के झोले के अन्दर एक किलो सौग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित क हस्ताक्षरफर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गाजा बरामद नहीं हुआ है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> दियागया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस द्वाराएन0०डी0पी0एस०एक्ट व अन्य महत्वपूर्ण प्राविधानों का पालन नही किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्त एक गरीब व्यक्ति है तथाछोटा मोटा <नाम> करक अपनी आजीविका चलाता है। अभियुक्त दिनाक 18.11.2019से जिला कारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना Bail Application/479/2021 -Ajay Bharti Vs. State Government 2पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के पास से एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है,जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन०डी0पी०एस0०एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेसे पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि <नाम> अभियुक्त ककब्जे से एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोवाणिज्यिक <नाम> से काफी कम है। अभियोजन की ओर से अभियुक्त के अपराधिकइतिहास के संबध में लिखित कथन <नाम> गया है कि अभियुक्त एक आपराधिककिस्म का आदमी है इनक द्वारा पूर्व में भी अपराध कारित किया जा चुका है, जोसंलग्न रिपोर्ट किया जा रहा है। सी0सी०टी0एन0एस0 रिपोर्ट में तीन अपराध कमसंख्या-105/19, 141/18 एवं 221/19 का उल्लेख है। जिसमें से अभियुक्तअजय <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> का नाम केवल एक मात्र मुकदमा अपराधसंख्या-221/19 में दिखायी गयी है। जो कि यही प्रकरण है। <नाम> दो मुकदमाअपराध संख्या में अभियुक्त का नाम <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> है। इससेप्रतीत होता है कि अभियोजन जमानत पत्रों <नाम> लिखित कथन प्रस्तुत करते समयउपेक्षापूर्ण तरीके से कार्य <नाम> रहा है और॒॑ इस प्रकरण के अभियुक्त <नाम> भारतीकेवल एक मात्र मुकदमा लम्बित होने के बावजूद भी लिखित कथन में यह असत्यकथन किया गया है कि अभियुक्त एक आपराधिक किस्म का आदमी है इनके द्वारापूर्व में भी अपराध कारित किया जा चुका है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1120_201903-10-2019748 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 19.09.2019 को 12.49 बजेदिन <नाम> शैलास <नाम> <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> बभनी द्वारा दूरभाष सेअवगत कराया गया कि <नाम> खण्ड, बभनी के ग्राम सभा बभनी के सुदेश्वरपुत्र <नाम> प्यारे के घर में <नाम> <नाम> परियोजना, म्योरपुर से सम्बन्धित पुष्टाहाररखा हुआ है। तदोपरान्त मौके <नाम> वादी बाबूलाल , <नाम> <नाम> परियोजनाअधिकारी, बभनी द्वारा विभागीय अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ मौके परपुष्टाहार को बरामद किया। प्रथम सूचना रिपोर्ट में उल्लिखित पुष्टाहार को कब्जेमें लिया गया । उक्त पुष्टाहार ढुलाई वाहन से आगनबाड़ी केन्द्रों <नाम> पहुंचानेका कार्य <नाम> <नाम> द्वारा किया गया था। पुष्टाहार की बोरियों <नाम> भण्डारसहायक <नाम> चन्द्र <नाम> द्वारा आंगनबाड़ी <नाम> का कोड <नाम> <नाम> किये जानेके <नाम> यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उक्त जब्त पुष्टाहार किस आंगनबाड़ीकेन्द्र का है। अतः स्पष्ट है कि उक्त पुष्टाहार अनाधिकृत <नाम> से अपने घर मेंरखने के <नाम> सुदेशवर व ढुलाईकर्ता <नाम> <नाम> एवं भण्डार सहायक / प्रधानसहायक <नाम> चन्द्र <नाम> प्रथम दृष्टया पुष्टाहार की बोरियों <नाम> कोड <नाम> नकरने के <नाम> उक्त अवैधानिक घटना घटित हुई है। आर्थिक <नाम> की नियतसे खाद्यान्न की चोरी करने की नियत से छत्तीसगढ़ में बेचने की सूचना थी। आंगनबाड़ी कार्यकत्री व आपूर्तिकर्ता द्वारा अमानत में खयानत किये जाने कीनियत से इस प्रकार का अवैधानिक कार्य किया गया है। मुल्जिम व <नाम> लायाहै । इनके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> विवेचना करते हुए आवश्यककार्यवाही की जाय। ",
"2्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेरंजिशवश फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोई भी <नाम> पुष्टाहार नहींरखा गया था । प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। ्रार्थी-अभियुक्त <नाम> तो आपूर्तिकर्ता है, <नाम> ही वह विभागीय कर्मचारी है और <नाम> हीउसके कब्जे से <नाम> पुष्टाहार बरामद हुआ है। वास्तविकता यह है कि्रार्थी-अभियुक्त द्वारा अपने मकान को प्रतिमाह पांच सौ रुपये किराये <नाम> गल्लारखने <नाम> श्रीकिशुन पुत्र <नाम> स्वारथ निवासी-बरवाटोला आरंगपानी,थाना-म्योरपुर को <नाम> 2019 में <नाम> गया था। उक्त कमरे की देख-रेख वसंचालन श्रीकिशुन द्वारा ही किया जाता था। प्रार्थी-अभियुक्त का उक्त कमरे सेकिसी प्रकार का कोई सम्बन्ध नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त द्वारा ब्लाक म्योरपुर के गोदाम से <नाम> पुष्टाहार का वितरणआंगनबाड़ी केन्द्रों <नाम> किया जाता था लेकिन उसक द्वारा अनुचित आर्थिक लाभहेतु आंगनबाड़ी केन््द्रो <नाम> <नाम> ले जाकर <नाम> अभियुक्त के माध्यम से ऊचे दामों परछत्तीसगढ़ बेचा जा रहा था। प्रार्थी-अभियुक्त के घर से <नाम> पुष्टाहार कीबोरियां बरामद की गयी हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत मामला पुलिस द्वारा की जा रही त्रुटिपूर्ण विवेचना काज्वलंत उदाहरण है। ",
"शासन द्वारा <नाम> पुष्टाहार <नाम> जो पुष्टाहार वितरण <नाम> आंगनबाड़ीकेन्द्रों <नाम> प्रेषित किया जाता है उनमें से कुछ बोरियां लोगों द्वारा आंगनबाड़ीकेन्द्रों <नाम> <नाम> भेजकर उन्हें छत्तीसगढ़ विकय <नाम> भेज <नाम> जाता है। इसी कममें अभियुक्त सुदेश्वर द्वारा न्यायालय के समक्ष जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया है। ",
"अभियुक्त सुदेशवर द्वारा न्यायालय के समक्ष एक किरायेदारी काइकरारनामा दाखिल किया गया है जो नोटरी <नाम> प्रेमचन्द <नाम> , तहसील दुद्धी ,जिला-सोनभद्र द्वारा सत्यापित किया गया है। इसे पचास रुपये के गैर न्यायिकस्टैम्प पेपर <नाम> तैयार किया गया है। इस किरायेदारी इकरारनामा के अनुसारसुदेश्वर पुत्र <नाम> प्यारे से श्रीकिशुन पुत्र <नाम> स्वारथ ने 10%20 मीटर लम्बाई-चौड़ाई का एक कमरा पांच सौ रुपये प्रतिमाह की <नाम> से किराये <नाम> लिया हैजिसमें वह गल्ला गोदाम बनाना चाहता था। इस मकान को किराये <नाम> लेने केलिए श्रीकिशुन द्वारा सुदेशवर को पांच हजार रुपया अग्रिम भुगतान भी <नाम> दियागया है। ",
"अभियुक्त सुदेशवर के अनुसार प्रस्तुत केस की घटना के एक दिनपूर्व श्रीकिशुन को <नाम> पुष्टाहार के सामानों के साथ अन्य मामले में गिरफूतारकिया जा चुका था। अभियुक्त द्वारा अपने को निर्दोष बताते हुए यह अभिकथनकिया गया है कि उसके घर में श्रीकिशुन ने जो कमरा किराये <नाम> लिया है उसमेंबरामदशुदा <नाम> मुकदमाती उसके द्वारा स्टोर करके रखा गया रहा होगा। बरामदशुदा <नाम> मुकदमाती से अभियुक्त का कोई सम्बन्ध नहीं है। ",
"..3 3जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुनवाई के समय थाना बभनी के इंस्पेक्टरमौजूद थे। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) एवं मेरे द्वारा भी उनसे इसबिन्दु <नाम> जांच करने के लिए कहा गया कि इस बिन्दु <नाम> विवेचना करकेन्यायालय को अवगत करावें कि क्या अभियुक्त सुदेश्वर द्वारा वास्तव में कोईकमरा श्रीकिशुन को किराये <नाम> <नाम> गया है जिसमें से <नाम> मुकदमाती बरामदहुआ है। इस बिन्दु <नाम> प्रभारी निरीक्षक, थाना- बभनी द्वारा अन्यमनस्कता एवंउदासीनता प्रदर्शित की गयी। ",
"निश्चित रुप से यदि इस अभियुक्त सुदेशवर द्वारा यह कूट रचितकिरायेदारी वाला कागज न्यायालय के समक्ष दाखिल किया गया तो अभियुक्तसुदेशवर के विरुद्ध एक अन्य मामला दर्ज होना चाहिए और यदि अभियुक्तसुदेश््वर द्वारा श्रीकिशुन क पक्ष में कोई कमरा किरायेदारी <नाम> <नाम> गया है औरकिरायेदारी के कमरे से <नाम> मुकदमाती बरामद हुआ है तो श्रीकिशुन को बतौरअभियुक्त नामित करके विवेचना होनी चाहिए। पुलिस की उदासीनता दुःखदप्रतीत हो रही है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_608_202018-06-2020363 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"18.06.2020अभियुक्त शमशाद अहमद की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ",
"अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 19.04.2020 को उप निरीक्षक कृष्णावतार <नाम> हमरोहियों के साथ देखभालक्षेत्र कस्बा ओबरा तलाश वांछित अभियुक्त व कोरोना वायरस केसकमण की रोकथाम व लाकडाउन का पालन कराने में <नाम> पाठकचौराहे के पास खड़ा था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि दोव्यक्ति नई <नाम> शांती नगर ओबरा ब्रिज के पास बैठे है। किसीमोटरसाइकिल वाले का इन्तजार <नाम> रहे है। उनके पास नाजायज गांजाहै। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुचकर बैठेदोनों व्यक्तियों को समय करीब 07.50 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम शिवकुमारयादव उर्फ पखण्डू पुत्र बुधिराम <नाम> एवं दूसरे ने अपना नाम शमशादअहमद पुत्र स्व0 मो0 रफीक बताया। नियमानुसार जामा तलाशी लीगयी तो अभियुक्त शिवकुमार <नाम> उफ पखण्डू के दाहिने हाथ में लिएझोले में दो किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा एवं अभियुक्त शमशादअहमद के दाहिने हाथ में लिए झोले में दो किलो नाजायज गांजाबरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखासके । अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफ्तारी बताकर हिरासत मेंलेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षरफर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर मालमुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से दिखायी गयी गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट के प्राविधान का पालन नहीं किया गया2 है। अभियुक्त दिनांक 19.04.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ",
"राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेदो किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> सेअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास बतायागया है तथा इस मुकदमें से पूर्व मु0अ0सं0 94/19 अन्तर्गतधारा-8/21 एन0डी0पी0एस0०एक्ट थाना ओबरा जिला सोनभद्र में अंकितहै । अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्तहोने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से दो किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहागया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन प॒क्ष की ओर सेअभियुक्त के आपराधिक इतिहास बताया गया है तथा तथा इस मुकदमेंसे पूर्व मु0अ0सं0 94/19 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी0एस०एक्टथाना ओबरा जिला सोनभद्र में <नाम> है। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व मेंमुकदमा पंजीकृत होने के आधार <नाम> अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति कीव्यक्ति प्रतीत होता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_115_202028-01-2020592 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"28.01.2020यह जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से प्रस्तुतकिया गया है, जो वारण्ट <नाम> जिला कारागार में निरूद्ध है। ",
"सक्षेप में प्राथी/अभियुक्त का कथन है कि अभियुक्त पूर्व में जमानतपर था। मुकदमा उपरोक्त में दिनांक 17.01.2020 नियत थी। प्रार्थी रोजी रोजगार केसिलसिले में विगत दो माह से बाहर चला गया था। प्रार्थी के पूर्व अधिवक्ता द्वाराप्रार्थी को नियत <नाम> की जानकारी नहीं दी गयी जिससे प्रार्थी के विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त दिनाक 20.01.2020 से जेल में निरूद्धहै। अभियुक्त द्वारा न्यायालय में उपस्थित होने में जानबूझकर कोई लापरवाही नहींकिया है। अभियुक्त भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित आतारहेगा। अभियुक्त उचित जमानत मुचलिका देने को तैयार है। उपरोक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन की ओर से जमानत का घोर विरोध करते हुए कथन कियागया कि अभियुक्त द्वारा जमानत का घोर दुरूपयोग किया गया है। अभियुक्त केनियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> मामले का विचारण समय से नहीं हो पा रहा है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाय । "
],
"judge-opinion": [
"मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजन अधिकारीको सुना तथा पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। ",
"पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त दिनांक 20.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त के उपस्थित <नाम> होने के कारणन्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट जारी किया गया है। अभियुक्त द्वारा कहा गयाकि वह पूर्व में जमानत <नाम> था। गरीब व्यक्ति है। कमाने बाहर चला गया था। इसकारण नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आ सका। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_534_202029-05-2020494 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"29.05.2020अभियुक्त जैनुल की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 25.01.2020को प्रभारी निरीक्षक मिथिलेश <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभालक्षेत्र <नाम> व्यवस्था ड्यूटी <नाम> में मौजूद था कि जरिए मुखबिर सूचनामिली कि दो व्यक्ति नाजायज गाजा के साथ ईदगाह के पास नईबाजार से विरधी जाने वाली सड़क <नाम> मौजूद है। इस सूचना परविशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचकर दोनों व्यक्तियों को घेरलिए । पुलिस <नाम> को अचानक अपने पास देखकर वे दोनों भागना चाहेकि भाग नहीं पाए। नाम पता पूछा गया तो एक अपना नाम अनिलकुमार पुत्र रमाशंकर एवं दूसरे ने अपना नाम जेनुल पुत्र रजिउद्दीनबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो <नाम> <नाम> के बाएहाथ में लिए सफेद रग क झोले में अखबारी कागज में लिपटा हुआ पांचकिलोग्राम नाजायज गांजा एवं दूसरे व्यक्ति जैनुल के दाहिने हाथ मेंलिए झोले में अखबारी कागज में लिपटा हुआ पांच किलोग्राम नाजायजगांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तोअभियुक्तगण नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्वसंबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगणको देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम करायागया। ",
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त दिनांक 25.01.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेपांच किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> सेकाफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों.2/ का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिकइतिहास है। डी0सी0आर0बी0 की आख्या के अनुसार अभियुक्त कविरूद्ध इस अपराध से पूर्व 1:-अ0सं0 186/19 अन्तर्गत <नाम> 3/25आयुध अधिनियम 2:- मु0अ0सं0 407/19 अन्तर्गत धारा-323,504भा०द0 स0 एवं 3:- मु0अ0ंसं0 872/19 अन्तर्गत धारा-41,411,419,420,467,468,471 भा०द0स0 थाना राबर्दसगंज जिला सोनभद्र, का अभियोगपंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराधमें लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है तथासमाज <नाम> गलत प्रभाव पड़ने की सम्भावना है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से पांच किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहागया है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर सेअभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथाकहा गया कि अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्व 1:-अ0सं0186/19 अन्तर्गत <नाम> 3/25 आयुध अधिनियम 2: मु0अ0सं०407/19 अन्तर्गत धारा-323,504 भा०द0 स6 एवं 3- मु०अ0सं0872/19 अन्तर्गत धारा-41,411,419,420,467, 468,471 भा०द0स0 थानाराबर्दसगंज जिला सोनभद्र, का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त केविरूद्ध पूर्व में मुकदमा पंजीकृत होने के आधार <नाम> एवं अभियुक्त केपास से इतनी अधिक <नाम> में गांजा की बरामदगी के आधार परअभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_179_202118-02-2021649 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादिनीमुकदमा कस्तुरा पत्नी परसोत्तम, निवासिनी मुङड़िलाडीह, घोरावल, सोनभद्र द्वारा लिखिततहरीर थाना घोरावल में दिनांक 12.01.2021 को इस कथन के साथ <नाम> कि दिनांक24.12.2020 को उसकी लड़की घर से बाजार गयी, परन्तु <नाम> <नाम> घर वापस नहींआयी। उसने <नाम> <नाम> अपने स्तर से खोजबीन तलाश नाते रिस्तेदारी में किया, परन्तुकुछ पता नहीं चल सका। वादिनी की लिखित तहरीर के आधार <नाम> थाना हाजा <नाम> मु.अ.सं.-02/ 2021, अं.धारा-363 भारतीय दण्ड <नाम> विरूद्ध अज्ञात पंजीकृत हुआ। ",
"अभियुक्त की ओर से जमानत के बावत् यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किमामले में उसे फर्जी फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसका कथितघटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। मामले के वास्तविक तथ्य यह है कि कस्तुराकी देवरानी <नाम> <नाम> के <नाम> अभियुक्त के घर के बगल में बतौर किरायेदार है औरवहीं <नाम> <नाम> <नाम> व उसके <नाम> रह <नाम> <नाम> धंधा करते हैं तथा <नाम> <नाम> वउसके <नाम> से <नाम> भरने को लेकर विवाद हो गया था और <नाम> भरने को लेकरअभियुक्त से <नाम> <नाम> व उसके <नाम> रंजिश रखते हैं तथा उक्त रंजिश को लेकरकस्तुरा की पुत्री शिवकुमारी को मोहरा बनाकर गलत व फर्जी तथा साजिश के तहतपुलिस को अपने साजिश में लेकर विवेचना के दौरान अभियुक्त बना <नाम> गया है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> आवेदिका/ अभियुक्ता कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ",
"अभियोजन की ओर से विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज) द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि मामले में अभियुक्त द्वारा मामले के अन्यअभियुक्तों से षडयंत्र <नाम> वादिनी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को शादी करने केप्रयोजन से बहला फुसला <नाम> उसे उसके विधिक संरक्षक की संरक्षकता से पृथक करतेहुए राजस्थान बुलाकर नाबालिग पीड़िता से शादी की गयी है। अभियुक्त द्वारा पीड़िताके साथ लैंगिक हमला कारित किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गयाअभियोग गम्भीर <नाम> का है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने Bail Application 179/2021 -State Vs. Sundar lal Sen urf nanhuram sen 2की मांग की गयी। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ",
"केस डायरी के अवलोकन से यह तथ्य ज्ञात होता है कि मामले में वादिनीमुकदमा की पुत्री जो कि मामले की पीड़िता है, की उम्र के संदर्भ में विवेचक द्वाराउसके विद्यालयी अभिलेख के अनुसार उसकी जन्मतिथि 08.10.2008 होना पाया है। इसप्रकार पीड़िता के विद्यालयी अभिलेख में <नाम> जन्मतिथि के अनुसार घटना की तिथिको दृष्टिगत रखते हुए पीड़िता की उम्र की गणना की जाय, तो मामले में पीड़िताकथित घटना के दिनांक को 12 वर्ष 02 माह 16 <नाम> की पायी जाती है। विवेचक द्वारादौरान विवेचना यह साक्ष्य संकलित किया है कि घटना के दिनांक 24.12.2020 कोनिर्मला जो कि पीड़िता की पड़ोस की भाभी है, ने पीड़िता को राबर्टदसगंज ले आयी। डाला की रहने वाली बसन्ती भी साथ में थी। पीड़िता एवं बसन्ती सीधे राजस्थान चलेगये। राजस्थान में <नाम> एवं बसन्ती ने पीड़िता की शादी <नाम> से करवा दिया,लेकिन मांग में सिन्दूर <नाम> ने डाला। <नाम> ने <नाम> से 1,50,000/-रू. भीलिया। बसन्ती ने कितना रूपया लिया, पीड़िता को नहीं मालूम। अभियुक्त <नाम> लालसैन ने अपने बयान अं.धारा-161 दण्ड प्रकिया <नाम> में यह कथन किया है कि वहपीड़िता के साथ शादी <नाम> ली थी। उसकी शादी <नाम> व बसन्ती ने राजस्थान मेंआकर कराया था। मामले में विवेचक द्वारा एकत्रित किये गये साक्ष्य से इस स्तरपर यह तथ्य प्रकट होता है कि अभियुक्त द्वारा मामले के अन्य अभियुक्तों से षड़यंत्रकर वादिनी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को बहला फुसला <नाम> उसे उसके विधिकसंरक्षक की संरक्षकता से पृथक करते हुए विवाह करने <नाम> विलुब्ध किया गया है औरअभियुक्त <नाम> <नाम> ने मामले के अन्य अभियुक्तों को रूपया प्रदत्त करते हुए वादिनीमुकदमा की नाबालिग पुत्री से शादी किया है। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गयाअभियोग गम्भीर <नाम> का है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1044_202019-09-2020801 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादी मुकदमाहीरालाल बैगा पुत्र रामलाल बैगा निवासी डड़िहरा थाना म्योरपुर, सोनभद्र ने थाना म्योरपुरपर इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी लड़की रामकुमारी उम्रलगभग 17 वर्ष, दिनांक 07.08.2020 को दोपहर में अपने भांजी सोमरिया के साथ म्योरपुरबाजार कराने आयी थी। म्योरपुर से वापस एक पिकअप से घर आ रही थी कि समयलगभग 03 बजे डड़िहरा मोड़ रासपहरी के पास पिकअप <नाम> बैठे <नाम> पुत्र अज्ञातउसकी पुत्री को भगाकर कहीं ले गया है। काफी खोजबीन किया किन्तु उसकी पुत्री कहींनहीं <नाम> । ",
"धारा-15-क(5) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अनुपालन में वादी मुकदमा को नोटिस निर्गत किये जाने <नाम> वादीमुकदमा द्वारा अपने विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुए हैं। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कथन किया गया कि प्रस्तुतजमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी को झूठे एवं मनगढ़न्ततथ्यों के आधार <नाम> फर्जी तरीके से अभियुक्त बनाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्बसे दर्ज करायी गयी है, जो मनगढ़त तथ्यों <नाम> आधारित है। उसने कोई अपराध कारित नहींकिया है। विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> पूर्वक यह तर्क किया गया है कि अभिकथितपीड़िता द्वारा अन्तर्गत धारा-164 दं0प्र०सं0 में <नाम> कराये गये बयान के अवलोकन से यहस्पष्ट है कि प्रार्थी किसी प्रकार पीड़िता की इच्छा के विरूद्ध उसे कहीं नहीं ले गया थाअपिलु पीड़िता स्वयं अपनी इच्छा से प्रार्थी के साथ प्रयागराज गयी थी। उक्त तथ्य केआलोक में अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> एवं उनका सहयोग करते हुए वादी कीओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र का घोर विरोध कियागया एवं तर्क किया गया कि पीडिता अन्तर्गत धारा-363 भा०दं0सं0 के गठन <नाम> पीड़िता केसहमति की कोई <नाम> नहीं है, क्योंकि प्रश्नगत अपराध पीड़िता के वैधानिक संरक्षक केविरूद्ध कारित किया गया है। उक्त के <नाम> में प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/ अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता, वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता तथाविद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> क तर्को को सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ",
"2उभय पक्ष के विद्वान अघिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रस्तुत प्रकरण में प्रार्थी/ अभियुक्तपर वादी मुकदमा की पुत्री का उसक <नाम> पूर्ण संरक्षक की <नाम> के <नाम> व्यपहरण कियेजाने एवं अपहृत पीड़िता को विवाह आदि करने <नाम> विवश करने का आरोप है। पत्रावलीपर उपलब्ध प्रकरण दैनिकी संख्या-03 में <नाम> पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-161दं0प्रणसं० के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि पीड़िता एवं प्रार्थी में घटना के पूर्व से हीदोस्ती थी एवं उसी दोस्ती के कम में दिनांक 07.08.2020 को प्रार्थी के कहने <नाम> पीड़िताउसके साथ उसके घर प्रयागराज चली गयी। उक्त बयान में पीड़िता द्वारा यह अभिकथनकिया गया है कि “हम दोनों आपस में प्यार करते हैं तथा साथ में ही <नाम> बिताना चाहतेहैँ' । प्रकरण दैनिकी संख्या-04 में <नाम> पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-164 द॑0प्र०सं0 केविवरण के अवलोकन से स्पष्ट है कि पीड़िता द्वारा अपने 161 दं0प्रसं0 के बयान के संगतही बयान <नाम> है एवं यह भी कहा गया है कि \"में अपनी इच्छा से <नाम> के साथप्रयागराज गयी थी और <नाम> <नाम> <नाम> उसके घर में ही रही। <नाम> <नाम> <नाम> शादी नहींकिया है और <नाम> ही मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाया है <नाम> ने मेरे साथ कोई जोरजबरदस्ती नहीं किया है'। प्रकरण दैनिकी संख्या-02 में <नाम> पीड़िता के विद्यालय केअध्यापक के बयान के विवरण से यह प्रकट होता है कि पीड़िता के विद्यालय के अभिलेखके अनुसार उसकी जन्मतिथि 08.05.2003 है अर्थात् प्रश्नगत घटना के <नाम> पीड़िता की आयु17 वर्ष से अधिक है स्वयं पीड़िता द्वारा अर्न्तगत धारा-161 व 164 दं0प्रश्सं0 के बयानमें यह अभिकथन किया <नाम> की वह स्वयं अपनी इच्छा से प्राथी के साथ उसके घरप्रयागराज गयी थी एवं उसके पिता द्वारा प्रार्थी के विरूद्ध स्थानीय थाने <नाम> मुकदमा दर्जकराये जाने के तथ्य का <नाम> होने <नाम> उसका प्रार्थी के साथ अपने गृह जनपद सोनभद्रआना, प्रथम दृष्टया उसके परिपक्त व्यवहार का द्योतक है। घटना के <नाम> पीड़िता की आयुव पीड़िता के व्यवहार से यह प्रकट होता है कि पीड़िता <नाम> की आयु प्राप्त <नाम> चुकी एवंव्यस्कका है जो स्वयं के अच्छाई व बुराई को समझ सकने में समर्थ है। अतः प्रस्तुत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने <नाम> पर्याप्त आधार है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1366_202004-11-2020407 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्थी/ अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है । ",
"जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी को फर्जी ढंग सेअभियुक्त बनाया गया है प्रार्थी ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी निर्दोषहै। अभियोजन कथानक को सरासर झूठा एवं मनगढंत तथ्यों <नाम> आधारित बतायाहै । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 24.09.2020 से जेल में है। उक्त आधार <नाम> जमानतपर <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन कथानक का सारांश यह है कि वादिनी मुकदमा <नाम> पत्नीबबलू <नाम> निवासी बसवा, थाना करमा, जनपद सोनभद्र की ओर से दिनांक 01.08.2020 को थाना करमा <नाम> इस आशय की लिखित तहरीर दाखिल की गयी किदिनांक 31.07.2020 को समय करीब 03.30 बजे <नाम> में उसके <नाम> <नाम> पुत्रस्व0 सिताराम, निवासी वेलौड़ी वंगला, थाना पन्नूगंज, जनपद सोनभद्र वादिनीमुकदमा को लेने उसके घर बोलेरो से आये थे। उसी समय बाइक सवार एकव्यक्ति जा रहा था तथा वह गाय को धक्का मार <नाम> भाग गया। घटना केकराहीकी है। विपक्षी लकी <नाम> जो विरेन्द्र <नाम> के घर रहता है व <नाम> केशारी पुत्रओमप्रकाश <नाम> निवासी केकराही इसी बात को लेकर दोनों व्यक्तियों ने वादिनीमुकदमा के <नाम> को हाँकी से मारने पीटने लगे जिससे उसके <नाम> को पैर-हाथ मेंचोटें आई हैं। वादिनी मुकदमा की लिखित तहरीर के आधार <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तके विरूद्ध थाना करमा <नाम> मु0अ0सं0-65 सन् 2020 धारा-323 भा0दं0सं0 व धारा-३(1)(द)(ध) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। <नाम> विवेचना विवेचक द्वाराप्रस्तुत मामले में धारा-504, 506, 341 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। ",
"वादी मुकदमा को धारा-15-क(5) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम क प्रावधानों के अनुसार जमानत प्रार्थना पत्र कीसुनवाई <नाम> नोटिस जारी किया गया है। नोटिस तामीला के उपरान्त वादिनी मयविद्वान अधिवक्ता उपस्थित आये। "
],
"judge-opinion": [
"्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवंपरिशीलन किया गया। ्रार्थी/ अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्तपूर्णतया निर्दोष है। प्रार्थी/अभियुक्त ने किसी भी व्यक्ति के साथ कोई मार-पीटनहीं की गयी है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_831_201905-08-2019142 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परलिखित सूचना <नाम> कि आज दिनांक 30.03.3019 को समय लगभग 5.30 बजेसुबह उसके पिता स्व0 डा० <नाम> <नाम> मार्निग वाक करते हुए वन विभागछपका के रास्ते अपनी पुत्री <नाम> <नाम> के घर की तरफ जा रहे थे तो तीनअज्ञात लोग मोटरसाइकिल से आये और उसके पिता की गोली मारकर हत्या करदिये। उसके पिता घर में बताये थे कि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य जटाशंकरदेव <नाम> उन्हें <नाम> से मारने की धमकी <नाम> करते थे। रिपोर्ट दर्ज करकानूनी कार्यवाही की जाय। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। ्रार्थी-अभियुक्त को साजिशन फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का घटना सेकोई सम्बन्ध नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त की मृतक से किसी प्रकार की कोई दुश्मनीनहीं रही है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर मृतक की गोली मारकरइत्या कारित की गयी है। सी0डी0आर0 से स्पष्ट है कि प्रार्थी-अभियुक्त की सहअभियुक्तगण से कई तिथियों में घटना को अंजाम दिये जाने के सम्बन्ध मेंबातचीत हुई है। प्रार्थी-अभियुक्त की अपराध कारित करने में संलिप्तता पायीगयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"..2 ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत केस में अभियोजन पक्ष की तरफ से कोई सीधा साक्ष्य इसबिन्दु <नाम> प्रस्तुत नहीं किया गया है कि अभियुक्त काजू <नाम> द्वारा मृतक कीइत्या की गयी है परन्तु पत्रावली <नाम> उपलब्ध सी0डी0आर० तथा केस डायरी मेंमंहगू <नाम> एवं <नाम> <नाम> के बयानों का सम्यक् अवलोकन करने से यह प्रतीतहोता है कि इस हत्या में अभियुक्त काजू <नाम> की महत्वपूर्ण <नाम> रही है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_909_201921-08-201957 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 21.07.2019 को वह अपने मायके मुक्खा खड़िया गयीथी । उसके पिता बचनू व माता परिवार सहित उन लोगों से मिलने के लिएबुलाये थे। वह अपने <नाम> नेपाली व लड़की चन्दा के साथ करीब 11 बजे पहुंची । सब परिवार वाले मिलकर चाय-पानी <नाम> रहे थे। उसकी लड़की चन्दा समयलगभग 12 बजे घर से बाहर निकली । लगभग आधे घण्टे <नाम> घर वापस नहींआयी तो उसकी वे लोग खोजबीन करने लगे। जब वह नहीं <नाम> तो अपने घरकी तरफ लौट रहे थे तो कुछ लोग बताये कि <नाम> पुत्र पन्नू उर्फ पन्नालाल जोउनके गांव का रहने वाला है, उसी के साथ उनकी लड़की गयी है। उसकीलड़की की उम्र 15 वर्ष है। उचित कार्यवाही की जाय । ",
"्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्तगणनिर्दोष हैं। उनका मुकदमें से किसी प्रकार का कोई वास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थीगण मजदूरी करके अपना <नाम> यापन करते हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा वादिनी की लड़की जो अवयस्क है, का अपहरण उसकेमाता-पिता के संरक्षकता से <नाम> लिया गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"प्रस्तुत मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट, बयान अन्तर्गत धारा-161द॑ं0प्र०सं0 एवं बयान पीड़िता अन्तर्गत धारा-164 दं0प्रणसं0 का सम्यक् अवलोकन..2 ooकिया। इससे यह प्रतीत होता है कि पीड़िता स्वेच्छा से अभियुक्त के साथ गयीथी। यह सही है कि पीड़िता अवयस्क है। उसकी अपनी कोई इच्छा नहीं होसकती है लेकिन पीड़िता को उसके सरंक्षक की इच्छा क विरुद्ध संरक्षक कीअभिरक्षा से नहीं भगाया गया है बल्कि वह स्वयं ही भाग <नाम> अभियुक्तगण केपास गयी है। ",
"उक्त परिस्थितियों में गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये्रार्थी-अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_39_202014-01-2020696 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्शी/ अभियुक्त की ओर से यह कथन किया गया है कि प्रार्थी व वादीमुकदमा <नाम> <नाम> पड़ोसी हैं तथा वादी के घर के पीछे आम का पेड़ लगा हैजिसकी <नाम> प्रार्थी के खेत में लटकी है और <नाम> कार्य करने में दिक्कत होती थीजिसे वादी को काटने के लिए कहा गया तो मार पीट <नाम> आमादा हो गये औरवादी एवं उसके परिजन उसी रंजिश वश प्रार्थी के घर में घुस <नाम> प्रार्थी तथा उसकेभाई को मारने पीटने लगे जिसके बावत प्रार्थी के <नाम> <नाम> <नाम> ने एन0सी0आर0दर्ज कराया था। प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन कथानक का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> आदिवासी पुत्र मुराली ने दिनांक 28.07.2017 को एक लिखिततहरीर संबंधित थाना राबर्दसगंज <नाम> इस आशय का <नाम> कि दिनांक 28.07.2017को समय 17 बजे उसके पड़ोसी <नाम> हलुवाई तथा <नाम> <नाम> जिनसे उसकीपुरानी रंजिश चली आ रही है, ने वादी मुकदमा को गाली <नाम> देते हुए लाठी डंडे सेमारा पीटा तथा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली <नाम> दिये तथा जानसे मारने की धमकी दिये। वादी के लिखित तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण केविरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। ",
"धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वादी/पीड़ित पक्ष को नोटिस जारीकिया गया परन्तु वादी मुकदमा की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा प््ार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ",
"्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि मामला कास केससे संबंधित है। अभियुक्त द्वारा भी वादी मुकदमा के विरूद्ध एन0सी0आर0संख्या-225/2017 पंजीकृत करायी गयी थी जिसमें न्यायालय के आदेश दिनांकित31.08.2017 के अनुकम में विवेचना प्रचलित है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 24.12.2019से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रकरण में आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। चोटहिल <नाम> <नाम> को मार पीट किए जाने का प्रथम सूचना रिपोर्ट में कोई 2उल्लेख नहीं किया गया है बल्कि उसको चोट <नाम> बताया गया है। अभियुक्त केनिरूद्ध रहने की अवधि एवं मामले का कास केस होने के आधार <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने का आधार पर्याप्त है। अतः उसे जमानत <नाम> रिहाकिया जावे। ",
"विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा <नाम> <नाम> जोकि अनुसूचित जनजाति का है तथा उसकी चाची <नाम> <नाम> के साथ मार पीट <नाम> <नाम> <नाम> कीअंगुली की हड्डी तोड़कर गम्भीर अपराध कारित किया गया है । प्रार्थी/ अभियुक्त काजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण क तर्को को सुनने तथा अभियोजनप्रपत्रों के आधार <नाम> स्पष्ट है कि अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जाचुका है। अभियुक्त दिनांक 24.12.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। जमानतप्रार्थना पत्र के साथ संलग्न प्रपत्र संख्या-6क/9 व 6क/10 के आधार <नाम> स्पष्टहोता है कि प्रार्थी/अभियुक्त के <नाम> अभियुक्त सर्वेश उर्फ <नाम> द्वारा एन0सी0आर0संख्या-225/2017 <नाम> आदि के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है जिसमें न्यायालय केआदेश दिनांकित 31.08.2017 के अनुसार विवेचना प्रचलित है। मामला कास केस सेसंबंधित होना प्रतीत होता है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_876_201908-08-2019128 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"फर्द बरामदगी के अनुसार दिनांक 09.05.2019 को पुलिसकर्मचारियों द्वारा प्रार्थी-अभियुक्त को अन्य अभियुक्तों के साथ चोरी की योजनाबनाते समय गिरफूतार किया गया जिसके कब्जे से एक अदद देशी तमंचा 315बोर व दो अदद जिन्दा कारतूस 315 बरामद किया गया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायीगयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त को अन्य अभियुक्तों के साथ चोरी की <नाम> बनाते हुएगिरफ्तार किया गया है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"अभियुक्त को चोरी की <नाम> बनाते समय गिरफ्तार किया गयाथा। जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि उसका कोई आपराधिक इतिहासनहीं है तथा वह दिनांक 10.05.2019 से कारागार में निरूद्ध है। <नाम> अभियुक्तगणजमानत <नाम> <नाम> हो चुके हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_490_202016-05-2020609 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"16.05.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। उपरोक्त जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई वर्चुअल न्यायालय द्वारा कीगयी । अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.05.2020 को उपनिरीक्षक अवधेश <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> एवं <नाम> 144 केअनुपालन व कोरोना वायरस के दृष्टिगत लाकडाउन के तहत <नाम> भ्रमण करता हुआलोढ़ी अस्पताल के पास उप निरीक्षक मो0अरशद हमराहियों के साथ मिले तथा आपसमें विचार विमर्श <नाम> रहे थे कि मुखबिर खास ने सूचना <नाम> कि छपका पावर हाउसके पास पहाड़ी के बीच कुछ हेरोइन तस्कर हेरोइन का बटवारा <नाम> बेच रहे है। इससूचना <नाम> विशवास <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचकर पहाड़ी के बीच में बैठे चारोंव्यक्तियों को छिपते छिपाते घेर <नाम> मौके <नाम> ही समय करीब 11.30 बजे पकड़ लियागया। पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम मंजूर पुत्रकरीमुल्ला, दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> तीसरे नेअपना नाम रिजवान पुत्र एनुलहुदा एवं चौथे ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र रामराजसिंह <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो मंजूर के पास से 31ग्राम,संतोष <नाम> <नाम> के पास से 30 ग्राम, रिजवान के पास से 24 ग्राम एवं आकाशपटेल के पास से 20 ग्राम हेरोइन नाजायज बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकारपत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्दपर कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिलकर मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसक द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजहेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> सेकाफी कम है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस <नाम> द्वारा Bail Application/l041/2020 -santosh kumar yadav Vs. State Government 2एन0०डी0पी0एस०एक्ट के प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक01.05.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। ",
"राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी)द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 30 ग्राम नाजायज गाजा बरामदहुआ है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0एपी0एस0०एक्टके प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिकइतिहास है। सबंधित थाने की आख्या के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध इस मुकदमें सेपूर्व थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में 1:-मु0अ०सं0-793/14 अन्तर्गतधारा-302भा0द0सं0, 2:-मु०अ०स०-395/15 अन्तर्गत धारा-8/ 20एन0डी0पी0एस0०एक्ट,3:-एन0सी०आर0नं 57/15 अन्तर्गत धारा-504,506 भा0०द0सं०,4:-एन0सी०आर0०नं0-244 /16 अन्तर्गत धारा-504,506 भा०द0सं0, 5:-मु०अ0सं०-1061/16 अन्तर्गत धारा-3(1) गैगेस्टर एक्ट,6:-मु०अ0सं०-909,/ 16अन्तर्गतधारा-392,411भा0द0सं0,7:-मु0अ0सं0-913,//16 अन्तर्गतधारा-3/25 आ0अधि०, 8:-मु0अ०सं0-912/16 अन्तर्गत धारा-307 भा0द0सं0, 9:-मु0अ0सं0-797/16 अन्तर्गत <नाम> ३(1) गैगेस्टर एक्ट, 10-मु0अ0सं0-690/17अन्तर्गत धारा-3/25 आ0०अधि०,11:-मु०अ०सं0-691,/17अन्तर्गत धारा-10गुण्डा एक्ट,12:-मु0अ०सं०-358,/17 अन्तर्गतधारा-गैगेस्टर एक्ट, 13:-मु0अ0सं0- 703/15अन्तर्गत धारा-379,411 भा0०द0सं0,14:-मु0अ0सं0-574/15 अन्तर्गत <नाम> ३(1)गैगेस्टर एक्ट, 15:-मु0अ0सं0-350/18 अन्तर्गत धारा-323,504,506 भा०द0सं0 काअभियोग पंजीकूत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध मेंलिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है तथा समाज <नाम> गलतप्रभाव पड़ने की सम्भावना है। कोविड-19 की गम्भीर प्रकोप के बावजूद अभियुक्त द्वरा गम्भीर आपराधिक कार्य किया जा रहा है। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> करदेने से उसके द्वारा अपराध में पुनः लिप्त होने से की सम्भावना से इन्कार नहीं कियाजा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ",
"अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे 30 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा गया है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने काकथन किया गया है तथा कहा गया कि अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्व थानाराबर्दसगज जिला सोनभद्र में 1:-मु0अ०सं0-793,/14 अन्तर्गत धारा-302भा0द0सं0,2:-मु०अ०सं0-395/15 अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट 3:-एन०सी०आरण०नं57/15 अन्तर्गत धारा-504,506 भा०द0सं0, 4:-एन0सी०आर0०नं0-244/16 अन्तर्गतधारा-504,506 भा०द0सं0, 5:-मु0अ0सं0- 1061/16 अन्तर्गत धारा-3(1) गैगेस्टर एक्ट,6:-मु०अ0सं०-909,/ 16अन्तर्गतधारा-392,411भा0द0सं0,7:-मु0अ0सं0-913,//16 अन्तर्गतधारा-3/25 आ0अधि०, 8:-मु0अ०सं0-912/16 अन्तर्गत धारा-307 भा0द0सं0, 9:-मु0अ0सं0-797/16 अन्तर्गत <नाम> ३(1) गैगेस्टर एक्ट, 10-मु0अ0सं0-690/17अन्तर्गत धारा-3/25 आ0०अधि०,11:-मु०अ०सं0-691,/17अन्तर्गत धारा-10गुण्डा एक्ट,12:-मु0अ०सं०-358,/17 अन्तर्गतधारा-गैगेस्टर एक्ट, 13:-मु0अ0सं0- 703/15अन्तर्गत धारा-379,411 भा0०द0सं0,14:-मु0अ0सं0-574/15 अन्तर्गत <नाम> ३(1)गैगेस्टर एक्ट, 15:-मु0अ0सं0-350/18 अन्तर्गत धारा-323,504,506 भा०द0सं0 काअभियोग पंजीकूत है। अभियुक्त के पास से बरामद हेरोइन की <नाम> एवं अभियुक्त केविरूद्ध पूर्व में पंजीकृत मुकदमों के आधार <नाम> अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति काव्यक्ति प्रतीत होता है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_304_202028-02-2020171 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा चन्द्र प्रकाशपाण्डेय, प्रभारी निरीक्षक घोरावल, सोनभद्र द्वारा दिनॉक 01.08.2019 को थानाघोरावल जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायागया कि वे अपने अन्य हमराहीगण के साथ मुकदमा अपराध संख्या-78/2019अन्तर्गत धारा-34, 147, 148, 149, 307, 302 भारतीय दंण्ड <नाम> एवं धारा-3(2)(5) एस०सी०एस0०टी0 एक्ट, थाना घोरावल,सोनभद्र के मामले में अभियुक्तगणकी सुरागरसी-पतारसी में मामूर थे। प्रात: करीब 07:00 बजे जरिये टेलीफोनसूचना प्राप्त हुई कि कुछ लोगों द्वारा खुटहा बाईपास के सामने राबर्टसगंज-घोरावल व घोरावल-मड़िहान मार्ग को बल्ली, ईट व पत्थर से अवरूद्ध करदिया गया है। इस सूचना <नाम> वे मय हमराह खुटहा बाइपास की ओर प्रस्थानकिये तथा कार्यालय को अधिक फोर्स खुटहा बाईपास भेजने के लिये आदेशितकिया एवं जरिये आर0टी0 सेट चौकी कसबा घोरावल को फोर्स के साथ पहुँचनेके लिये बताया गया। खुटहाँ बाईपास पहुँचने <नाम> <नाम> कि 100-150 आदमियोंद्वारा राबर्टसगंज-घोरावल मार्ग को बल्ली-पत्थर रख <नाम> जाम किया गया थाऔर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये जा रहे थे। पुलिस पाटी द्वारा वार्ताके कम में जाम करने वाले राजाराम विश्वकर्मा, <नाम> <नाम> बबलू विश्वकर्मा,राजेन्द्र उफ मुन्ना <नाम> आदि लोगों के साथ दिनॉक 29, 30.07.2019 कीघटना जिसमें मृतक परमवीर <नाम> पुत्र राजाराम का शव गाड़ी नं0 यू०पी0640टी0-3312 के कैरियर से गमछे से लटका हुआ मिला था उसी घटना <नाम> मृतक के परिजनों से तहरीर मॉगी जा रही थी लेकिन तहरीर <नाम> देकर वेलोग पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करने लगे और कुल्हाड़ी से काट डालने कीधमकी दी जाने लगी। ",
"अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी /अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी /अभियुक्तगण को झूठा रंजिश वश फॅसाया गया है, प्रार्थीगण निर्दोषहैं। प्रार्थीगण द्वारा <नाम> तो बास, बल्ली, ईट पत्थर रख <नाम> सड़क जाम किया-..3 3गया और <नाम> ही सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किया गया है। प्रार्थीगण परलगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं। प्रार्थीगण द्वारा माननीय उच्च न्यायालय,इलाहाबाद में किमिनल अपील अन्तर्गत धारा-482 संख्या-17410/ 2020दाखिल किया गया था जिसे माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा दिनाक14.01.2020 को निस्तारित करते हुये 45 <नाम> के अन्दर आत्मसमर्पण करने परप्रार्थीगण के जमानत प्रार्थना पत्र का निस्तारण किये जाने का आदेश <नाम> गयाहै। उपरोक्त आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रार्थीगणआत्मसमर्पण <नाम> न्यायिक अभिरक्षा में हैं। अभियुक्तगण का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्राथी/अभियुक्त द्वारा ईट-पत्थार लगा <नाम> राबर्टसगंज-घोरावल मार्ग को अवरूद्ध किया गया था तथा पुलिस प्रशासन के विरूद्ध नारेलगाये जा रहे थे। अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ",
"प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्तगण को नामितकिया गया है। माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा अप्लीकेशन अन्तर्गत482 संख्या-1741/ 2020 <नाम> <नाम> एवं 31 अन्य बनाम स्टेट आफ यू०पी0 एवंअन्य में पारित आदेश दिनाक 14.01.2020 के अनुसार प्रार्थी /अभियुक्तगण द्वाराजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाने <नाम> उसका निस्तारण शीघ्रता के साथकिये जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्तगणराजाराम एवं <नाम> <नाम> जिन <नाम> कथित <नाम> से यह अभियोग लगाया गया हैकि उनके पुत्र परमवीर की हत्या के सम्बन्ध में उक्त अभियुक्तगण अन्य सहअभियुक्तों के साथ स्थानीय पुलिस से कार्यवाही किये जाने की मॉग करने केकम में राबर्टसगंज-घोरावल मार्ग को अवरोधित किया गया था। प्रस्तुत मामलेमें मुख्य अभियुक्त राजाराम <नाम> व <नाम> <नाम> की जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या 235/2020 में पारित आदेश दिनॉक 19.02.2020 से हो चुका है। प्रार्थी /अभियुक्तगण की <नाम> मुख्य अभियुक्त से भिन्न प्रतीत नहीं होती है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1253_201911-11-2019466 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा श्रीमतीपार्वती <नाम> पत्नी अरूण <नाम> <नाम> निवासी बभनगरवाँ, थाना पन्नूगंज जनपदसोनभद्र ने दिनाक 18.09.2019 को थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र में इसकथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि वह अपनी परचून कीदुकान <नाम> चली गयी थी। उसकी लड़की पीड़िता को बुखार आ रहा था औरवह घर <नाम> अकेली थी। उसे अकेला पाकर विष्णू <नाम> <नाम> उफ शुभम पुत्रभरत <नाम> उफ छोटई, निवासी बभनगरवाँ, थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र नेउसकी लड़की के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और शोर मचाने <नाम> धमकीदिया कि अगर किसी से यह बात बताओगी तो तुम्हारे <नाम> को <नाम> से मारदेंगे। जब वह घर जाकर देखी तो उसकी लड़की बेहोश हालत में पड़ी थी। वह तुरन्त 102 नम्बर से तियारा अस्पताल ले गयी जहाँ <नाम> डाक्टर नेराबर्टसगंज के लिये रेफर <नाम> <नाम> क्योंकि ब्लीडिंग हो रही थी। उसे लेकरवह राबर्टसगंज गयी तो वहाँ से डाक्टर ने वाराणसी के लिये रेफर <नाम> दियातो उसे गोल्डेन हास्पिटल वाराणसी ले गयी। होश आने के <नाम> लड़की नेआप बीती बातें उसे बतायी। उसकी लड़की की उम्र 13 वर्ष है जो कक्षा-6 में 9पढ़ती है। ",
"अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्राथी/अभियुक्त को फर्जी ढंग से अभियुक्त बनायागया है । प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियोजनकथानक गलत एवं बेबुनियाद तथा भ्रामक व मनगढ़न्त है। वादिनी द्वारा प्रथमसूचना रिपोर्ट में घटना की तारीख का कोई जिक नहीं किया गया है। पीड़िताद्वारा भी अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> में घटना कीतारीख नहीं बताया गया है। पारिवारिक रंजिश वश सोची समझी चाल केतहत प्रार्थी को फसाया गया है। प्रार्थी घटना के <नाम> स्कूल गया था और पूरेदिन स्कूल में उपस्थित रहा। प्रार्थी के विरूद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि घटना के समय पीड़िता की उम्र लगभग 13 वर्षपायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा एकांत में पीड़िता के साथ प्रवेशन लैंगिकहमला किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में भी पीड़िता क लेबिया मेजोरा मेंस्वेलिंग तथा हाइमन रप्वर्ड एवं खून मौजूद होने का उल्लेख है। साथ ही यहभी <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े <नाम> वहगवाहों <नाम> दबाव बना सकता है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत मामले सेसम्बन्धित अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ",
"प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट पीड़िता की माता वादिनीमुकदमा द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त को नामित करते हुये पंजीकृत कराया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादिनी की पुत्री को घर में अकेला पाकरप्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा उसके साथ दुष्कर्म किये जाने का अभियोग दर्शायागया है। कथित पीड़िता का मेडिकल रिपोर्ट जो केस डायरी के साथ संलग्नहै उसमें भी लेबिया मेजोरा के दोनों तरफ स्वेलिंग तथा रक्त श्राव मौजूदहोना उल्लिखित किया गया है। शैक्षणिक अभिलेख में कथित पीड़िता कीजन्मतिथि 17.09.2007 <नाम> है। दौरान विवेचना स्वयं पीड़िता द्वारा भीप्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा उसके साथ घर में घुस <नाम> बुरा <नाम> करने का कथनकिया गया है। जहाँतक अभियुक्त की ओर से यह तर्क रखा गया है कि प्रथम-...3 जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1253/2019,3सूचना रिपोर्ट एवं कथित पीड़िता के कथन में घटना की <नाम> का स्पष्टउल्लेख नहीं है तथा अभियुक्त घटना के <नाम> स्कूल गया था। इस <नाम> विचारकरें तो यह साक्ष्य का विषय है। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1338_201922-11-2019366 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। नियत <नाम> 12.09.2019 को वह रोजगार के सिलसिले में दिल्ली चला गया जहां <नाम> वह पीलियारोग से पीड़ित हो गया। नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित <नाम> होने के कारणउसके विरुद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र जारी <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्तन्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागर में निरुद्ध है। वह जान-बूझकर न्यायालयउपस्थित नहीं आया बल्कि बीमारी के <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नहीं आसका । प्रार्थी जमानत <नाम> <नाम> होने के उपरान्त प्रत्येक <नाम> <नाम> न्यायालय मेंउपस्थित होगा तथा विचारण में सहयोग करेगा । ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त जानबूझकर नियत तिथियों <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आ रहाहै। प्रार्थी-अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के <नाम> मुकदमे केनिस्तारण में विलम्ब हो रहा है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"्रार्थी-अभियुक्त गैर जमानतीय अधिपत्र के आधार <नाम> जिलाकारागार में निरुद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_476_201904-05-2019838 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियुक्त का कथन संक्षेप में यह है कि प्रार्थी उक्त मामलेमें पूर्व मे जमानत <नाम> था। प्रार्थी गरीब व्यक्ति है। प्रार्थी अपनी माता जीकी गम्भीर बीमारी के <नाम> लगभग एक वर्ष से दवा इलाज में परेशानथा और इसी दौरान प्रार्थी के माता <नाम> की मृत्यु हो गयी। इसी दौरानप्रार्थी के पिता भी कँसर से पीडित हो गए। दवा इलाज मे प्रार्थी परेशानरहने लगा। इसी बीच रोड दुर्घटना हो गयी तथा प्रार्थी स्वंय के इलाजमें परेशान रहा। उक्त परेशानियों के <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नहीआ सका और प्रार्थी के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी द्वारा कोई जानबूझकर लापरवाही नही किया गया है। प्रार्थी जेलमे निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा अपने पिता की बीमारी के संबध मेंचिकित्सीय प्रपत्र दाखिल किया गया है। उपरोक्त आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि मुकदमा उपरोक्त में नियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> होने के कारणअभियुक्त क विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी उक्तमामले में पूर्व मे जमानत <नाम> था। प्रार्थी गरीब व्यक्ति है। प्रार्थी अपनीमाता <नाम> की गम्भीर बीमारी के <नाम> लगभग एक वर्ष से दवा इलाजमें परेशान था और इसी दौरान प्रार्थी के माता <नाम> की मृत्यु हो गयी। इसी दौरान प्रार्थी के पिता भी कँसर से पीडित हो गए। दवा इलाज मेप्रार्थी परेशान रहने लगा। इसी बीच रोड दुर्घटना हो गयी तथा प्रार्थीस्वंय के इलाज में परेशान रहा। उक्त परेशानियों के <नाम> वहन्यायालय उपस्थित नही आ सका और प्रार्थी के विरूद्ध गैर जमानतीयवारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी द्वारा कोई जानबूझकर लापरवाही नहीकिया गया है। प्रार्थी जेल मे निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारायह कहा गया कि अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> जानबूझकर उपस्थित नहीआया जिससे मुकदमा उपरोक्त की कार्यवाही आगे नही बढ़ पा रही है। अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जाता है कि पुन:अभियुक्त के न्यायालय में उपस्थित <नाम> आने की सम्भावना से इन्कार नहीकिया जा सकता हैं उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। ",
".2/ —2—पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि नियत तिथि24.01.2019 को न्यायालय उपस्थित <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त कविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया। अभियुक्त पूर्व मेंजमानत <नाम> था। अभियुक्त द्वारा कहा गया कि वहपिताजीकीबीमारी के <नाम> दवा इलाज कराने में परेशान रहा, इस <नाम> वहनियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नही आ सका। अभियुक्त की ओरसे अपने पिता <नाम> की बीमारी के संबध में चिकित्सीय प्रपत्र दाखिलकिया गया है। अभियुक्त जेल में निरूद्ध है। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_1119_202007-10-2020613 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"2 संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है दिनांक-27.07.2020को करीब 1.30 बजे <नाम> वादी महेन्दर <नाम> के चाचा मूनीब, चचेरा <नाम> छोटेलाल व <नाम> योगेन्द्र खेत <नाम> <नाम> <नाम> रहे थे। तभी राधेश्याम उर्फ <नाम> पप्पूबहादूर, बिन्दू आकर गाली-गलौज देते हुए लाठी-डंडा से मारपीट <नाम> चोटेंपहुंचाये व <नाम> से मारने की धमकी देते हुए चले गये। मारपीट में वादी केपरिवार वालों को काफी चोटें आई तथा दौरान उपचार मुनीब की मृत्यु हो गई। ",
"3. आवेदकगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि उन्हें गलततारीके से साजिशन नामित किया गया है। अभियोजन कथानक असत्य, मनगढ़ंतव <नाम> है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में उनका कोई विशिष्ट रोल दर्शित नहीं हैतथा मारपीट का कोई हेतुक दर्शित नहीं है। उनके मारने से मृतक मुनीब कीमृत्यु नहीं हुई है। उनके कब्जे से आला कत्ल आदि की बरामदगी नहीं की गईहै। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ",
"4. विद्वान प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिक के द्वारा जमानतका विरोध करते हुए यह कहा गया कि आवेदकगण द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगणके साथ वादी पक्ष <नाम> हमला <नाम> उन्हें भद्दी-भद्दी गाली-गलौज व <नाम> सेमारने की धमकी देते हुए लाठी, डंडे से गंभीर चोटें पहुंचाई गई हैं जिससे मुनीबकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। मामला गंभीर <नाम> का है। जमानत <नाम> दीजावे, जबकि यह स्वीकार किया गया कि आवेदकगण का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। "
],
"judge-opinion": [
"5 उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा केसडायरी व अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि वर्तमान मामले मेंअभियुक्त पक्ष क राधेश्याम के द्वारा थाना-रामपुर बरकोनिया में असं.-23 दिनांक-27.07.2020 को समय 14.55 बजे यह प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कराई गईहै कि <नाम> के लगभग 02 बजे उसके अरहर के खेत में गांव के छोटे <नाम> पुत्र Bail Application/l119/2020 -Lal bahadur Vs. State Government 2मुनिब <नाम> महेन्द्र, जोगेन्द्र व रमेश पुत्रगण सोमारू <नाम> बैल चरा रहे थे। जबमना किया तो ये लोग भद्दी-भद्दी गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडा सेमारने-पीटने लगे जिससे बाबी <नाम> व राधेश्याम दोनों को चोटें आई औरतदोपरांत वर्तमान वादी पक्ष की ओर से 15.05 बजे अ.सं-24 <नाम> यह रिपोर्टपंजीकृत कराई गई है कि मुनीब, छोटे <नाम> व योगेन्द्र खेत में कार्य <नाम> रहे थे। नक्शा-नजरी के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि घटना स्थल <नाम> सेवकयादव के खेत के दक्षिण की ओर का है और उसके नीचे बटाई <नाम> <नाम> विन्दूअरहर व उर्द बोये हुए दर्शाये गये हैं तथा उसके दक्षिण में वादी पक्ष का धानका खेत दर्शाया गया है। वादी पक्ष के आरोप के अनुसार घटना का कोई कारणअंकित नहीं किया गया है, जबकि अभियुक्त पक्ष ने कहा है कि वादी पक्ष के बैलउनके खेत में चर रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनर॒सार मृतक के सिर <नाम> एकचोट <नाम> गई है और दोनों पैराइटल बोन व दाहिनी टैम्पोरल बोन का फैक्चरपाया गया है, जो कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार एक सीधी <नाम> में तीनोंहड्डियों <नाम> है। मृतक को जो लाठी मारना बताया गया है, वह विवेचक केअनुसार राधेश्याम द्वारा मारी गई है और उसी की निशानदेही <नाम> बरामद कराईगई है। अभियोजन पक्ष की ओर से पंचायतनामा के आधार <नाम> यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि मृतक के पूरे सिर में अस्पताली पट्टी व गले में अस्पतालीपट्टी बंधी हुई थी व बांये हाथ में कोहनी व कलाई के बीच अस्पताली पट्टीबंधी हुई थी। उसके आधार <नाम> मृतक को अनेकों चोटें <नाम> दर्शित किया गयाहै, किन्तु पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अन्य कोई चोट मृतक के सिर <नाम> नहीं <नाम> गई हैऔर इस <नाम> इस स्तर <नाम> यह उपधारणा नहीं की जा सकती है कि मृतक कोएक यही चोट भी प्रथम दृष्टया राधेश्याम के द्वारा काफी <नाम> से कारित की गईशीं, जिससे मृतक को चोटें <नाम> और एक सीधी <नाम> में सिर की 3 हड्डियों काटूटना प्रकट होता है। दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे <नाम> आरोप लगाये गये हैं। "
]
} | 1GRANTED
|
Bail Application_102_202014-02-2020322 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओरकथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी / अभियुक्त वाहन संख्या-यूपी. 51एटी 3242 का वास्तविक चालकहै। प्रार्थी / अभियुक्त को थाना राबर्ट्सगंज की पुलिस द्वारा <नाम> अधिकारीकी साजिश में अवैध ढंग से निरूद्ध <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त केवाहन की सभी कागजात व खनन एवं परिवहन <नाम> निर्गत सभी प्रमाण पत्रवैध हें। प्राथी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं हैं। उक्त आधारपर प्रार्थी / अभियुक्त ने अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीहै। ",
"अभियोजक कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक26.01.2020 को समय 9.30 बजे उपजिलाधिकारी सदर एवं <नाम> अधिकारीकी <नाम> टीम अवैध/ निर्धारित <नाम> से अधिक उपखनिज परिवहन कीजॉच <नाम> रही थी। जॉच के दौरान पाया गया कि वाहन संख्यायूपी. 51 एटी 3242 <नाम> 16.68 घ0मी0 बालू /मौरम लोड था। वाहन परलदे उपखनिज बालू /मौरम के सम्बन्ध में चालक द्वारा इलेक्ट्रानिक प्रवेशपत्र-<फ़ोन-नंबर> दिनांकित 25.01.2020 प्रस्तुत किया, जिसमें पाया गया कि16.68 घ0मी0 बालू /मौरम के परिवहन जनपद सिद्धार्थनगर <नाम> दिनांक25.01.2020 समय 1.27 बजे निर्गत किया गया था, जो दिनांक 26.01.2020समय 11.50 बजे <नाम> ही परिवहन <नाम> वैध था। जॉच के समय उक्तइलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र की वैधता समाप्त हो चुकी थी। ",
"2% —2—इस प्रकार परिवहन प्रपत्र की वैधता अवधि समाप्त होने केउपरान्त भी उपखनिजों की चोरी-छिपे अवैध परिवहन किया जा रहा था। उक्त आधार <नाम> वाहन चालक <नाम> के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकी गयी । ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा अग्रिम जमानत का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि यदि अभियुक्त को अग्रिम जमानत पररिहा किया गया तो अभियुक्त गवाहों को प्रभावित किये जाने तथा विवेचनामं सहयोग <नाम> करने की प्रबल सम्भावना है तथा अभियुक्त ने उक्त अपराधके माध्यम से राजकीय धन की क्षति कारित की है। उक्त आधार <नाम> अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। "
],
"judge-opinion": [
"उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यहस्पष्ट है कि दिनांक 26.01.2020 को अभियुक्त को घटनास्थल परजिलाधिकारी सदर तथा <नाम> <नाम> सोनभद्र की <नाम> टीम द्वारावाहन संख्या-यू.पी. 51 एटी 3242 <नाम> अवैध <नाम> से लदे बालू /मौरम कोपकड़ा गया, जिसकी जाँच करने <नाम> पाया गया कि इलेक्टानिक प्रवेश पत्रकी वैधता अवधि समाप्त हो चुकी है। अतः इस स्तर <नाम> यह स्पष्ट है किअभियुक्त / प्रार्थी ने अवैध <नाम> से बालू /मौरम ले जा रहे थे। "
]
} | 0DENIED
|
Bail Application_1396_202004-11-2020415 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"यह जमानत प्रार्थना पत्र माननीय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र के आदेशदिनांकित 04.11.2020 के द्वारा स्थानान्तरित होकर इस न्यायालय में प्राप्त हुआ है। ",
"्रार्थी/अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथनकिया गया है कि वे गरीब, अनपढ़ व मजदूर व्यक्ति हैं तथा मजदूरी करके अपना वअपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। प्रार्थीगण घर से बाहर दूर मजदूरी केसिलसिले में चले गये थे तथा नियत <नाम> <नाम> अनभिज्ञता वश अपने अधिवक्ता कोन तो सूचित <नाम> पाये और <नाम> ही न्यायालय उपस्थित आ सके जिस <नाम> उनकेविरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थीगण ने <नाम> बूझकर किसी प्रकारकी लापरवाही नहीं की है तथा दिनांक 21.10.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं । प्रार्थीगण जमानत एवं मुचलिका देने को तैयार हैं। अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> कियाजावे। ",
"्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है किप्रार्थी /अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में पूर्व से जमानत <नाम> थे तथा वह गरीब मजदूरव्यक्ति हैं और रोजी रोजगार के सिलसिले में बाहर चले गये थे जिस <नाम> नियततिथि <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आ सके और उनके विरूद्ध गैर जमानती वारण्टजारी हो गया है। प्रार्थी/ अभियुक्तगण दिनांक 21.10.2020 से वारण्ट <नाम> कारागार मेंनिरूद्ध हैं। प्रार्थी /अभियुक्तगण जमानत <नाम> <नाम> किए जाने <नाम> हैं, अतः उ्हेंजमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ",
"विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्तगण हReason: Docume fBail Application/2900/2020 -Mathura Vs. State Government 2की अनुपस्थिति के <नाम> उनके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी किया गया हैजिसके निष्पादन में संबंधित थाना की पुलिस द्वारा उन्हें गिरफूतार किया गया हैतथा जेल भेजा गया है। अभियुक्तगण द्वारा जमानत का दुरूपयोग किया गया हैजिस <नाम> मामले की कार्यवाही बाधित हुई है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जावे। "
],
"judge-opinion": [
"मेरे द्वारा प््रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा सत्र परीक्षण संख्या-209सन् 2013 की पत्रावली का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ",
"उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने एवं पत्रावली केअवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण एवं अन्य <नाम> अभियुक्तगण केविरूद्ध पुलिस थाना कोन, जनपद सोनभद्र द्वारा मुअ0सं0 -224/ 2012, धारा-323,325, 504, 506, 308 भा०दं0सं0 के अंतर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया गया है तथामाननीय प्रभारी सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र के आदेश दिनांकित 18.02.2013 के द्वारा्रार्थी/अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किया गया था। जमानत <नाम> छूटने केउपरान्त अभियुक्त बटुरी दिनांक 11.01.2019 से तथा अभियुक्त <नाम> दिनांक 26.09.2019 से लगातार अनुपस्थित चल रहे थे जिस <नाम> उनक विरूद्ध गैर जमानतीवारण्ट जारी किया गया जिसके निष्पादन में संबंधित थाने की पुलिस द्वारा दिनांक21.10.2020 को उन्हें गिरफूतार किया गया है तथा उन्हें जेल भेजा गया है। ्रार्थी/अभियुक्तगण द्वारा अपनी अनुपस्थिति का <नाम> स्वयं की गरीबी तथा रोजीरोजगार के सिलसिले में घर से बाहर चले <नाम> बताया गया है। प्रार्थी /अभियुक्तगण के पूर्व के जमानतनामे एवं प्रतिभू निरस्त नहीं किये गये हैं। "
]
} | 1GRANTED
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Bail Application_865_202017-08-202090 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि :-दिनाक 23.07.2020 को वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> अपनेहमराहीगण के साथ <नाम> की देख-भाल व वाहन चेकिंग में सतौहा मोड़ <नाम> मौजूद थे। उसीसमय जरिये मुखबिर सूचना <नाम> कि सतौहा गाव में चैतू के घर <नाम> कुछ लोग कच्चीमिलावटी शाराब बेच रहे हैं। इस सूचना <नाम> विशवास करके मुखबिर मय हमराही व महिलाआरक्षी को साथ लेकर मौके <नाम> पहुँचा गया। मुखबिर को इशारे से घर बता <नाम> इट जाने केबाद पुलिस वाले दबिश देकर मौके से दो महिला व एक पुरूष को पकड़ लिया। मौके सेजरीकैन में कच्ची शराब व अलग-अलग पुड़िया में नौसादर, यूरिया बरामद किया गया। नामपता पूछने <नाम> एक ने अपना नाम बसन्ती <नाम> पत्नी <नाम> दूसरे ने <नाम> पत्नी ओमकारतथा तीसरे ने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> पता उपरोक्त बताया। जरीकैन में <नाम> कच्चीशराब के बारे में यह बताया कि वे लोग इसे बेच <नाम> अपने परिवार का खर्चा चलाते हैं औरकच्ची शराब की तीव्रता बढ़ाने के लिये नौसादर व यूरिया मिलाते हैं। पकड़े गये व्यक्तियों सेकच्ची शराब रखने व बेचने का अधिकार पत्र मॉगा गया तो वे नहीं दिखा सके थे। बरामदनौसादर के थैले का वजन करीब दो-दो सौग्राम व यूरिया के थैले का वजन करीब पॉच-पॉचसौ ग्राम पाया गया था। दौरान गिरफतारी <नाम> के तमाम व्यक्ति इकट्ठा हो गये थे जोगवाही के नाम <नाम> हट-बढ़ गये। ",
"अभियुक्त / अभियुक्तागण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि उनका का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियुक्त /अभियुक्तागण ने कोई अपराध नहीं किया है उन्हें फर्जी बरामदगी के आधार <नाम> फसाया गयाहै । प्रार्थीगण निर्दोष हैं उनके कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थिनी <नाम> का आठमाह का बच्चा है जो उसके साथ जेल में है। प्रार्थिनीगण को थाना घोरावल की पुलिस द्वाराघर से पकड़ <नाम> ले जाकर फर्जी मुकदमें में चालान किया गया है। अभियुक्त / अभियुक्तागण 2का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त / अभियुक्तागण को जमानतपर <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ",
"अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारायह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त / अभियुक्तागण को पुलिस द्वारा मुखबिर की सूचनापर गिरफूतार किया गया है। उनके कब्जे से मौके <नाम> अवैध कच्ची शराब तथा शराब बनाने केसामान बरामद हुये हैं। अभियुक्त / अभियुक्तागण द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। "
],
"judge-opinion": [
"प्रार्थीगण/अभियुक्तागण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन कियागया। ",
"प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनाक 23.07.2020 समय 16:20 बजे कीहै जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनॉक 23.07.2020 को समय 17:55 बजे <नाम> किया गया है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के पास से दो जरीकैन में रखे गये 50-50 लीटर कच्ची शराब एवं400 ग्राम नौसादर तथा एक किलो ग्राम यूरिया बरामद हुआ है। वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षकबृजेश <नाम> उप निरीक्षक <नाम> चरन <नाम> कां0 <नाम> <नाम> <नाम> व कां0 <नाम> <नाम> नेविवेचक को दिये गये बयान में प्रथम सूचना रिपोर्ट का समर्थन किया है। ",
"दौरान विवेचना विवेचक द्वारा अभियुक्ता <नाम> का बयान <नाम> किया गया हैजिसके बयान में यह उल्लिखित है कि \"में, बसन्ती व बसन्ती का लड़का <नाम> तीनों मिल करजंगल में कच्ची शराब बनाते हैं और शराब में नोसादर व यूरिया को मिलाते हैं। जिससे शराबज्यादा नशीली हो जाय। शराब बना <नाम> हमलोग मिलावटी शराब को मेरे घर से बेचते हैं। बेचने के <नाम> आपस में पैसा बाँट लेते हैं। ”' इसी प्रकार का कथन विवेचक द्वारा अभियुक्ताबसन्ती एवं अभियुक्त <नाम> के बयानों में भी उल्लेख किया गया है। दौरान विवेचनाविवेचक द्वारा प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के पास से बनी हुई कच्ची शाराब में अपमिश्रित करने केलिये सामग्री नौसादर एवं यूरिया के सम्बन्ध में भी साक्ष्य संकलित किया गया है। "
]
} | 0DENIED
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Bail Application_5_202004-02-2020507 | sonbhadra | {
"facts-and-arguments": [
"अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने <नाम> सूचनादिया कि आज दिनांक 18.09.2019 को समय 10 बजे <नाम> <नाम> परियोजनाअधिकारी, म्योरपुर <नाम> बाबूलाल पुत्र स्व0 बालकिशुन द्वारा जरिये दूरभाष से सूचनाप्राप्त हुई कि ग्राम लौबन्द ब्लाक म्योरपुर में <नाम> बाबूलाल <नाम> पुत्र <नाम> विश्वनाथसाह के घर में पोषाहार की बोरी <नाम> दुद्धी लिखा हुआ पोषाहार रखा हुआ है। उक्तसूचना <नाम> <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> दुद्धी <नाम> हुदयनरायन पुत्र स्व0रामधनी ने जिला कार्यकम <नाम> सोनभद्र को अवगत कराते हुए ग्राम लौबन्दमें करीब 11:30 बजे पहुंचने <नाम> पाया कि बाबूलाल <नाम> की पत्नी फुलवसिया देवीजो मौके <नाम> उपस्थित थी, के घर में 124 खाली बोरी परियोजना दुद्धी पायी गयीतथा 4 बोरी का विवरण गभर्वती व धात्रीक <नाम> मीठा दलिया 25 बोरी, नमकीनदलिया 01 बोरी, प्रामिक्स लड्डे 10 बोरी, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों <नाम> विनिंगफूड 30 बोरी, मीठा दलिया 33 बोरी, 3-6 वर्ष के बच्चों <नाम> मीठा दलिया 67 बोरी,लड्डू प्रीमिक्स 8 बोरी, <नाम> बालिकायें <नाम> मीठा दलिया 2 बोरी, प्रीमिक्स लड्डू2 बोरी कुल खाली 124 बोरी पोषाहार से भरी बोरी का वितरण 3-6 वर्ष के बच्चोंहेतु मार्निग स्नैक 1 बोरी, गर्भवती व धात्रिक <नाम> प्रीमिक्स लड्डू 3 बोरी(20 पैकेटबोरी) कुल भरी बोरी 4 मौके <नाम> उपस्थित मकान मालकिन <नाम> फुलवसिया देवीपत्नी बाबूलाल <नाम> द्वारा बताया गया कि <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र श्रीकिशुननिवासी, बरवाटोला आरंगपानी थाना-म्योरपुर, जिला-सोनभद्र द्वारा गाड़ीनं0-यू0पी0 64 टी 8862 द्वारा 25 बोरी पोषाहार पुनः उसी गाड़ी से <नाम> किशुनरौनियार पुत्र रामस्वारथ द्वारा 130 बोरी पोषाहार रखा गया था। उक्त पोषाहारआदि फूलोर मिल क प्रतिनिधि <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> द्वारा <नाम> <नाम> 2परियोजना,दुद्धी के गोदाम से <नाम> सत्यम <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> कनिष्ठसहायक क द्वारा पोषाहार <नाम> एवं वितरण का कर्म किया जाता हैं, से प्राप्त कियाहै। शासनादेशानुसार फर्म प्रतिनिधि को पोषाहार परियोजना से प्राप्त करआंगनबाड़ी केन्द्रो <नाम> पहुंचाकर <नाम> रसीद को कार्यालय में उपलब्ध कराने कानिर्देश प्राप्त है। बोरियों <नाम> शासनानुसार कोडिंग नहीं की गयी है जो खाली पैकेटप्राप्त हुए हैं उसका विवरण निम्नवत है। 7 माह से 3 वर्ष के बच्ची के विनिंग के255 फटे बैकेट मीठा दलिया 58 पैकेट, गर्भवती और धात्रिक क प्रीमिक्स लड्डू के39 पैकेट, <नाम> बालिका के प्रीमिक्स लड्डू 37 पैकेट, 3-6 वर्ष के बच्चों केप्रीमिक्स लड्डू 136 पैकेट, <नाम> दलिया 4 पैकेट, कुल फटे पैकेटों की संख्या 529माल बरामदगी के समय जिला कार्यकम <नाम> सोनभद्र <नाम> <नाम> <नाम> सिंह,अपर सांख्यिकी <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> विकान्त <नाम> <नाम> <नाम> परियोजनाअधिकारी, दुद्धी, <नाम> <नाम> नरायन, <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> बभनी श्रीशेलाश <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> म्योरपुर <नाम> बाबूलाल की उपस्थिति में बरामदमाल को मौके <नाम> सील <नाम> सर्व मुहर <नाम> नमूना मुहर तैयार किया गया जिसमेंअभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> किशुन रौनियार, <नाम> <नाम> के विरुद्ध कार्यवाहीकरें। ",
"प्रार्थिनी की ओर से कहा गया कि प््रार्थिनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामितनहीं है और <नाम> ही प््रार्थिनी के कब्जे से अथवा प्रार्थिनी के निशानदेही <नाम> कोईपोषाहार बरामद हुआ है तथा पोषाहार प्रार्थिनी की अभिरक्षा में नहीं रखे जाते हैंऔर <नाम> दिये जाते हैं। प्रार्थिनी के विरूद्ध ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि प्रार्थिनी द्वाराकिसी अनाधिकृत व्यक्ति को पुष्टाहार की आपूर्ति कराया गया अथवा ऐसे किसीआपूर्ति में प्रार्थिनी की साजिश थी। प्रार्थिनी मात्र ब्लाक स्ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रके लिए निकासी /वितरण की <नाम> बनती है। <नाम> <नाम> परियोजना अधिकारीके ब्लाक के कार्यालय से कई मुख्य सेविकाएं जुड़ी हुई हैं और कोई विशिष्ट कन््द्रचिन्हित नहीं किया गया है, जिस <नाम> प्रार्थिनी का पर्यवेक्षण हो,जिसकी वजह सेप्रार्थिनी <नाम> कोई आरोप लगाया जा सके। प्रार्थिनी द्वारा कोई अपराध कारित नहींकिया गया है। पुलिस द्वारा गिरफतार करक प्रताड़ित किये जाने की <नाम> आशंकाहै । प्रार्थिनी 58 वर्ष की बुजुर्ग महिला है। प्रार्थिनी के फरार होने की कोई सम्भावनानहीं है। ",
"अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थिनी एकजिम्मेदार पद <नाम> कार्यरत है। प्रार्थिनी की पुष्टाहार वितरण में अहम <नाम> रहीहै। मुख्य सेविका के पद <नाम> रहते हुए प्रार्थिनी ने शासनादेश के अनुसार अपनेकर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया है बल्कि पुष्टाहार की कालाबाजारी में सहअभियुक्तों का साथ <नाम> है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
],
"judge-opinion": [
"सुना तथा पत्रावली का सम्यक् परिशीलन किया। ",
"केस डायरी का अवलोकन किया। यह उल्लेखनीय है कि प्रश्नगत प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज होने के उपरान्त विभागीय जांच जिला कार्यकम अधिकारी,सोनभद्र द्वारा सम्पादित किया गया। उक्त विभागीय जांच आख्या के अवलोकन सेप्रश्नगत पोषाहार वितरण में हुए अनियमितता में प्रार्थिनी की संलिप्तता भी पायीगयी है। प्र्रार्थिनी मुख्य सेविका,बाल <नाम> परियोजना,दुद्धी में कार्यरत है। परियोजना के लाभार्थियों में पोषाहार वितरण में मुख्य सेविका की भूमिकाशासनादेश संख्या-19/2017/1405/60-2-17-2/1(38) /17दिनांकित 29 मई,2017 के अनुच्छेद 1.6 में <नाम> है। जिसमें पोषाहार के वितरण का अंकन वितरण 3पंजिका में तिथिवार <नाम> सहित किया <नाम> तथा वितरण पंजिका में संबंधित मुख्यसेविका, <नाम> <नाम> परियोजना <नाम> तथा आंगन बाड़ी कार्यकत्री द्वारापोषाहार वितरण के समय हस्ताक्षर अवश्य किया <नाम> प्रावधानित है। साथ हीशासनादेश संख्या-2902 /60-2-18-2/1(116) /17 दिनांकित 08 <नाम> 2018के अनुच्छेद 14 में यह प्रावधानित है कि मुख्य सेविका, <नाम> <नाम> परियोजनाअधिकारी व जिला कार्यकम <नाम> का दायित्व होगा कि वितरण की हर तिथिपर केन्द्रों का स्वयं भ्रमण / निरीक्षण करक पुष्टाहार वितरण का सत्यापन करेंगे। ",
"उक्त शासनादेशों के <नाम> में यह प्रतीत होता है कि प्रार्थिनी द्वारा अपनेपदीय कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। "
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} | 0DENIED
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