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2 classes
Bail Application_247_202004-03-2020116
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 10.06.2019 को उपनिरीक्षक चन्द्रभान <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था रोकथामजुर्म जरायम तलाश वांछित अपराधी व पेन्डिग विवेचना में डाला बाजार में खड़े होकरआपस में बातचीत <नाम> रहे थे कि मुखबिर खास द्वारा सूचना <नाम> कि दो व्यक्तिलक्ष्मण नगर सरकारी दारू भट्ठी के पास ओबरा रोड <नाम> हेरोइन लेकर खड़े है तथाकहीं जाने के फिराक में है। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौके पहुंचा तोपुलिस <नाम> को देखकर दोनों व्यक्ति पीछे मुड़कर ओबरा जाने वाले रोड <नाम> <नाम> तेजकदमों से भागने लगे। पुलिस <नाम> द्वारा घेरकर 20-25 कदमों की दूरी <नाम> समय करीबप्रातः 06.00 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गयातो एक अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 दीपनारायण <नाम> तथा दूसरे व्यक्ति नेअपना नाम <नाम> चेरो पुत्र तपेशी चेरो बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयीतो पहले व्यक्ति के पहने हुए पैन्ट की दाहिनी जेब से एक सफेद पण्नी में 53 ग्रामहेरोइन नाजायज एवं दूसरे व्यक्ति के पहने हुए पैन्ट के दाहिनी जेब से 50 ग्रामनाजायज बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तोअभियुक्तगण नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्दपर कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिलकर मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायजहेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> सेकाफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त एक गरीब आदमी है तथा छोटा मोटा <नाम> करकेअपनी आजिविका चलाता है। कथित घटना से कोई वास्ता व सरोकार नहीं है। अभियुक्त दिनांक 10.06.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। धारा-42 व 50एन0०डी0पी0एस0०एक्ट के प्राविधानों का अनुपालन नहीं किया गया है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रहDigitally signeBail Application/652/2020 -Arvind Chero Vs. State Government 2(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से 50 ग्राम नाजायजहेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0डी0पी0एस०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्तका आपराधिक इतिहास है। डीएसी0आर0बी0 की आख्या के अनुसार अभियुक्त केविरूद्ध इस अपराध से पूर्व अ0सं0 297/10 अन्तर्गत <नाम> 110 दण्ड प्रकिया संहिताथाना चोपन जिला सोनभद्र, का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकताहै । उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के कब्जेसे 50 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा गया है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने काकथन किया गया है तथा कहा गया कि अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्वअ0सं0 297/10 अन्तर्गत <नाम> 110 दण्ड प्रकिया <नाम> थाना चोपन जिला सोनभद्र,का अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के पास से इतनी अधिक <नाम> में हेरोइन कीबरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_68_202001-02-2020542
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्ता का कथन संक्षेप में यह है कि प्रार्थिनी उपरोक्तअपराध में <नाम> 8/21 एन0डी0पी0एस0एक्ट एवं <नाम> 411 भारतीय दण्डसंहिता में माननीय उच्च न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र संख्या 52356/19दाखिल किया था जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 23.01.2020 द्वारा प्रार्थिनी की जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार की जा चुकी है। दौरानविवेचना विवेचक द्वारा <नाम> 403 भारतीय दण्ड <नाम> की बढ़ोत्तरी कीगयी। उपरोक्त अपराध में बढ़ोत्तरी की गयी <नाम> 403 भा0दछस0 का अपराधजमानतीय है। प्रार्थिनी का जमानत मुख्य धाराओं मे माननीय उच्च न्यायालायद्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अतः प्रार्थिनी को उचित जमानत मुचलिका पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र को घोर विरोधकिया गया। ", "अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि अभियुक्ताका मुख्य <नाम> 8/21 एन0डी0पी0एस०0एक्ट एवं <नाम> 411 भा०द0सं0 मेंमाननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा आदेश दिनांक 23.01.2020 कोजमानत स्वीकार की जा चुकी है। <नाम> 403 भा0द0ंस0 दौरान विवेचनाबढ़ौत्तरी की गयी है जो जमानतीय है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह विदित हो रहा है किअभियुक्ता का मुख्य <नाम> 8/21 एन0डी0पी0एस0०एक्ट एवं <नाम> 411भा0द0सं0 में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा आदेश दिनांक 23.01.2020 को जमानत स्वीकार की जा चुकी है। माननीय उच्च न्यायालयइलाहाबाद द्वारा पारित आदेश दिनांक 23.01.2020 का अवलोकन किया,जिससे यह विदित होता है कि कि०मि0 जमानत प्रार्थना पत्र संख्या.2/ 52356/19 <नाम> <नाम> बनाम राज्य अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी०एस0एक्ट एवं <नाम> 411 भा0द0सं0 में जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार की गयीहै । धारा-403 भा०एद0स6० दौरान विवेचना विवेचक द्वारा उक्त अपराध मेंबढ़ोत्तरी की गयी है तथा उक्त <नाम> 403 भा०द0स० जमानतीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1088_201923-09-2019799
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी संदीपकुमार <नाम> ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि आज दिनांक 27.06.2019 को वहमीटिंग करने के लिए गया था। मीटिंग करके कलेक्शन का पैसा लेकर आ रहाथा तो रास्ते में तीन लोग बाइक <नाम> सवार होकर खड़े थे। वे लोग उसे धमकायेऔर बन्दूक गले <नाम> लगाकर जबरदस्ती उसका पैसा छीनकर फरार हो गये। बैगमें रु0 49,860/- था और उसकी बाइक का कागज भी था। तीनों लोग अपाचेब्लू कलर की जिये हुए थे। तीनों लोग एक बाइक <नाम> सवार थे। इस सूचना कआधार <नाम> अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। प्रार्थीको फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोई लूट कारित नहींकी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 07.08.2019 से जिला कारागार में निरुद्धहै। <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> अश्वनी व बजरंगी <नाम> की जमानतस्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी-अभियुक्त की <नाम> <नाम> अभियुक्तगण के हीसमान है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादी का वाहन ओवरटेक करकेवादी को मारा-पीटा गया तथा उसका रुपया छीन लिया गया। प्रार्थी-अभियुक्तके पास से लूटा गया कुछ रुपया भी बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। 9बचाव पक्ष की तरफ से <नाम> अभियुक्तगण <नाम> <नाम> अश्वनीव बजरंगी <नाम> की समतुल्यता चाही गयी है। <नाम> अभियुक्तगण से भिन्नभूमिका प्रार्थी-अभियुक्त की दर्शित नहीं की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_489_202026-05-2020541
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "26.05.2020अभियुक्त मिट्ठू सोनकर की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 06.05.2020 को उप निरीक्षक देवेन्द्र <नाम> <नाम> हमरोहियों के साथलाकडाउन ड्यूटी में भ्रमण करता हुआ एमवीएम स्कूल ब्रहमनगर पहुंचावकि संतनगर की तरफ से आ रहा एक व्यक्ति पुलिस <नाम> को देखकरछिपने का प्रयास किया कि शक होने <नाम> हिकमत अमली से रोक लियागया [रोके गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाममिट्ठू सोनकर पुत्र श्रीराम सोनकर बताया तथा बताया कि उसके पासहेरोइन है। तब नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसके पहनेकैफरी की जेब से सफेद कागज में लिपटा हुआ 20 ग्राम हेरोइननाजयज बरामद हुआ। हेरोइन रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तोनहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर समयकरीब 09.20 बजे हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त कपास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधान का पालन नहीं किया गयाहै। अभियुक्त दिनांक 06.05.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से20 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिकहै। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार2/ —2—से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने सेपुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकताहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से 20 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहागया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन प॒क्ष की ओर सेअभियुक्त के आपराधिक इतिहास के संबध कोई कथन नहीं किया गयाहै। अभियुक्त दिनांक 06.05.2020 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1257_201918-11-2019413
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> सुरक्षाउप निरीक्षक, <नाम> परियोजना, सोनभद्र द्वारा थाने <नाम> सूचना दी गयी कि दिनांक23.10.2019 को सुबह लगभग 3.00 बजे सूचना <नाम> कि कुछ अज्ञात व्यक्तिबीना परियोजना HEMMपM वर्क शाप से कुछ डोजर व ङम्फर क स्केप पार्ट चोरीकरके भाग रहे हैं। इस सूचना <नाम> वादी मय हमराह अमरेश <नाम> के दौड़ाकरचोरों को मय चोरी के <नाम> सहित पकड़ लिया गया। नाम पता पूछने <नाम> एक नेअपना नाम <नाम> उरांव व दूसरे ने अपना नाम <नाम> गौड़ बताया जिनके कब्जेसे परियोजना का चोरी किया गया डोजर व ङम्फर का स्केप पार्दस बरामदहुआ। बरामद चोरी के <नाम> व चोरों को पकड़कर थाना को सुपुर्द <नाम> रहा है। आवश्यक कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि उन्हें रंजिशन व झूठाफंसाया गया है। उन्होनें कोई अपराध नहीं किया है। वह निर्दोष हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा <नाम> तो कोई अपराध किया गया है और <नाम> ही उनके कब्जे सेकोई सामान बरामद किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण के विरुद्ध कोई अपराधनहीं बनता है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण को <नाम> परियोजना के अन्दर घुसकर डोजर व डम्फर केस्केप पार्टस की चोरी करके भागते हुए पकड़ा गया तथा उनके कब्जे से चोरीका पार्दस भी बरामद किया गया । " ], "judge-opinion": [ "ooसुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियोजन द्वारा अभियुक्तगण के कब्जे से डोजर व डङम्फर कसकेप पार्टस के बरामद होने का अभिकथन किया गया है, परन्तु उन पार्टस केनाम का उल्लेख नहीं किया गया है और <नाम> ही उन पार्टस का कोई मूल्य अंकितहै । " ] }
1GRANTED
Bail Application_385_202017-03-202045
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्तगण को परिवाद के मामले में न्यायालय द्वारा उपरोक्त वर्णितअपराध के विचारण <नाम> तलब किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आजतक अंतरिम जमानत <नाम> हैं, उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लियाजा चुका है । ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्तगणको गलत ढंग से अभियुक्त बनाया गया है, उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया है। मुकदमावादिनी ने बिल्कुल फर्जी एवं कपोल कल्पित कथनों के आधार <नाम> परिवाद पत्र प्रस्तुतकिया है। परिवाद पत्र में उल्लिखित कहानी सरासर गलत एवं झूठी है। प्रार्थी/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "संक्षेप में परिवाद पत्र का कथानक इस प्रकार है कि परिवादिनी रामजनीदेवी जोकि अनुसूचित जाति की महिला है, की ओर से विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद पत्रइस कथन के साथ संस्थित किया गया है कि उसके <नाम> शक्तिनगर में मजदूरी काकार्य करता है जिस <नाम> परिवादिनी का भी अक्सर <नाम> <नाम> रहता है। दिनांक 19.02.2015 को जब परिवादिनी अपने <नाम> के साथ शक्तिनगर में थी तभी पड़ोस के रहनेवाले भोलानाथ <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> उर्फ शेरूसेठ तथा दो-तीन अज्ञात लोग परिवादिनी के कमरे के सामने अनावश्यक <नाम> से गंदापानी बहा रहे थे जिसका विरोध करने <नाम> विपक्षीगण ने परिवादिनी तथा उसके <नाम> कोमारे पीटे। आस पास के लोगों के बीच बचाव करने <नाम> छोड़ दिये किन्तु धमकी दिये किजल्द से जल्द वहां से भाग जायें। परिवादिनी अपने मूल पता खैरटिया, थाना ओबरा Bail Application/889/2020 -Bholanath seth and others Vs, State Government 2चली आयी और वहां रहने के दौरान ही दिनांक 25.02.2015 को समय करीब 10 बजेदिन विपक्षीगण उपरोक्त उसे ढळूढ़ते हुए आये और घर <नाम> आते ही परिवादिनी को मांबहन की गालियां देते हुए कहे कि साली रंडी मादरचोद चमाइन की जाति मन बड़ गयाहै, विपक्षीगण की शिकायत थाने <नाम> करती है, सभी विपक्षीगण उसके घर में घुस करउसे डंडा तथा लोहे की राड से मारे पीटे तथा भोलानाथ, <नाम> <नाम> व <नाम> पकाश उफशेरू ने उसका कपड़ा फाड़ <नाम> उसे बेइज्जत किया तथा उसकी <नाम> की सिकड़ी लूटलिये तथा <नाम> से मारने की धमकी दिये। परिवादिनी के परिवाद पत्र <नाम> न्यायालय द्वारासुनवाई करते हुए अभियुक्तगण भोलानाथ <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> तथा <नाम> प्रकाशको उपरोक्त वर्णित अपराध धाराओं में विचारण <नाम> आहूत किया गया। ", "जमानत प्रार्थना पत्र की <नाम> विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> को प्राप्तकरायी गयी। परिवाद पत्र के अनुसार कथित घटना दिनांक 19.02.2015 तथा 25.02.2015 को घटित होना बतायी गयी है तथा धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचितजन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान दिनांक 26.01.2016 से प्रभावी है। इस प्रकार इस प्रकरण में वादिनी मुकदमा को नोटिस <नाम> <नाम> बाध्यकारी नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्ररार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तरको को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि परिवादिनी द्वारापूर्णतया बनावटी एवं कलोप कल्पित तथ्यों के आधार <नाम> यह परिवाद योजित किया गयाहै । अभियुक्तगण एम०जी0एच0 मोहल्ला शक्तिनगर, थाना शक्तिनगर, जनपद सोनभद्र केरहने वाले हैं जबकि कथित घटना खैरटिया, ओबरा, थाना ओबरा, जनपद सोनभद्र में ६टित होना दर्शाया गया है तथा शक्तिनगर से खैरटिया की दूरी लगभग 100 किलोमीटरहै। यह किसी भी प्रकार से सत्य एवं स्वाभाविक नहीं हो सकता है कि 100 किलोमीटरदूर से आये हुए व्यक्ति <नाम> में 10 बजे परिवादिनी के साथ उसके निवास स्थान उसकेगांव में कथित घटना कारित करने के <नाम> सशकुल अपने घर वापस चले जायें। परिवादिनी ने अपने परिवाद में कथित चोरी की घटना <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> द्वाराकारित किया <नाम> कहा गया है जबकि न्यायालय ने इस आधार <नाम> कि शक्तिनगर सेओबरा आकर महिलायें इस प्रकार के घटना को अन्जाम <नाम> सके, सत्य प्रतीत <नाम> होने परउन्हें तलब नहीं किया गया है। अभियुक्तगण द्वारा स्वयं न्यायालय में आत्मसमर्पण कियागया है। परिवादिनी अभियुक्तगण को तलब होने के दिनांक 03.04.2015 के उपरान्तकिसी भी <नाम> <नाम> न्यायालय में हाजिर नहीं हुई है। अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं,अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> का तर्क है कि परिवादिनी ने अपनेबयान अंतर्गत धारा-200द0प्रशसं0 में परिवाद पत्र के कथनों का समर्थन किया है। परिवादिनी की ओर से पेश किये गये साक्षीगण सी0०डब्लू०-1 संतरा <नाम> तथा सी0डब्लू0-2 मिठाई <नाम> ने भी परिवाद पत्र के कथनों का समर्थन किया है। अभियुक्तगण द्वारा अनुसूचित जाति की महिला के साथ मार पीट <नाम> यह घटना कारितकी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग गम्भीर <नाम> क हैं। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा अभियोजनप्रपत्रों से स्पष्ट है कि अभियुक्तगण शक्तिनगर, थाना शक्तिनगर, जनपद सोनभद्र केरहने वाले हैं तथा परिवादिनी रामजनी ग्राम खैरटिया, ओबरा, थाना ओबरा, जनपदसोनभद्र की रहने वाली है। खैरटिया एवं शक्तिनगर के मध्य लगभग 100 किलोमीटर की रहDigitally signeBail Application/889/2020 -Bholanath seth and others Vs, State Government 3दूरी होना बताया गया है। 100 किलोमीटर दूर से आकर <नाम> के 10 बजे अभियुक्तगणपरिवाद पत्र में वर्णित कथित घटना कारित <नाम> परिवादिनी के गांव से वापस चलेजायें, यह स्वाभाविक प्रतीत नहीं होता है। न्यायालय ने भी तलबी के समय महिलाओं केसंबंध में कथित घटना को अस्वाभाविक पाते हुए उन्हें तलब नहीं किया है। मामलापरिवाद <नाम> आधारित है तथा परिवादिनी के एक पक्षीय साक्ष्य के आधार <नाम> अभियुक्तगणको तलब किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_903_201922-08-201948
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारशर्मा ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि वह अपनी मोटरसाइकिल हीरो होण्डा पैशन प्रोसं0 यूएपी0 64 क्यू 0952 से <नाम> डाइग्रो सेण्टर, बढ़ौली चौराहे परअल्ट्रासाउण्ड कराने आया था और अपनी मोटरसाइकिल हास्पिटल के बरामदे मेंखड़ी करके जांच <नाम> रहा था। जांच-दवा के <नाम> जब वह अपनी बाइक लेनेके लिए आया तो उसकी बाइक गायब हो चुकी थी। किसी ने उसका बाईक चुरालिया था जिसकी सूचना 100 नम्बर <नाम> दिया। मौके <नाम> पुलिस पहुंची औरछानबीन किया उस समय 3 बजे <नाम> दिनांक 09.07.2019 हो रहा था। रिपोर्टदर्ज <नाम> आवश्यक कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से फर्जीबरामदगी दिखायी गयी है। प्रार्थी को एक ही <नाम> में दो अपराध संख्याओं मेंअभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त नामजद नहीं है। प्रकरण मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त को चोरी की मोटरसाइकिल के साथ गिरफूतार किया गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "वादी अपना अल्ट्रासाउण्ड कराने के लिए <नाम> डायग्रो सेण्टर केअन्दर गया तथा बाहर आने <नाम> उसकी मोटरसाइकिल चोरी हो गयी । वही2 2मोटरसाइकिल <नाम> <नाम> <नाम> अभियुक्त के कब्जे से बरामद हुई । अपराध गम्भीरप्रकृति का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1561_202008-12-2020172
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "2. अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परलिखित सूचना <नाम> कि दिनांक 23.10.2020 को समय लगभग 11.00 बजे दोपहरउसकी मॉ बटुआ <नाम> उम्र लगभग 65 वर्ष पत्नी लालमन ग्राम-कनहरा टोलाबाड़ी में अपने दामाद <नाम> <नाम> <नाम> के यहां <नाम> <नाम> कार्यकम में गयीथशी। वे लोग <नाम> <नाम> हैं। चारो <नाम> माता-पिता से अलग-अलग अपनी पाहीबनाकर रहते हैं। सभी लोग कभी-कभी <नाम> के लिए जाते रहते हैं। वादी कोआज दिनांक 27.10.2020 को सूचना <नाम> कि एक औरत का शव <नाम> मोड़ केपास जंगल में पड़ा है। इस सूचना <नाम> अपने अन्य भाईयों के साथ घटना स्थलठाकुर मोड़ जंगल ग्राम -कनहरा टोला बाड़ी जब वे लोग पहुंचे और लाश कोदेखा गया तो शव उसकी मॉ बटुआ <नाम> का ही है। उसकी मॉ को किसी नेमारकर हत्या <नाम> दिया। मौके <नाम> जमीन <नाम> खून के धब्बे तथा पत्थर के टुकड़ोंमें भी खून लगा हुआ है। उसने अपने रिश्तेदार <नाम> <नाम> उपरोक्त से जानकारीकिया तो मालूम हुआ कि उनकी मॉ दिनांक 24.10.2020 को <नाम> बजे <नाम> उनकेयहां से कनहरा घर के लिए चली थी। उसकी मॉ का शव मौके <नाम> पड़ा है। सूचना <नाम> रहा है। ", "3. प्रार्थी-अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत कियागया कि प््रार्थी-अभियुक्तगण निर्दोष हैं। उन्होने कोई अपराध नहीं किया है। मृतका बटुआ <नाम> प्रार्थी रामदास की सगी भाभी तथा अभियुक्त पारस <नाम> कीरिश्ते में बड़ी मॉ है। प्रार्थी-अभियुक्तगण को गलत फंसा <नाम> गया है। उनकाकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्तगण आपस में पिता-पुत्र हैं। अभियुक्तगण को जल में रहने से मुकदमें की पैरवी करने वाला कोई नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रदान किये जाने की <नाम> की गयी। ", "Bail Application/1561/2020 -Ramdas Jaysawal Vs. State Government 24. अभियोजन की तरफ से विद्वान प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता(दाण्डिक) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी-अभियुक्तगण आपस में पिता-पुत्र हैं। अभियुक्त रामदास <नाम> केलड़के की मृत्यु करीब दो-तीन वर्ष पूर्व बिमारी के <नाम> हो गयी शी। अभियुक्तरामदास व उसके परिवार को शक था कि बटुआ <नाम> ने <नाम> को भूत करकेमारा है। इसी रंजिश के <नाम> अभियुक्तगण ने बटुआ <नाम> को <नाम> मोड़ जंगलके पास कनहरा जंगल में पत्थर के टुकड़े से सिर कुचल <नाम> उसकी इत्या करदिये और शव को जंगल में छिपा दिया। अभियुक्तगण के निशानेदही <नाम> आलाकत्ल पत्थर व बटुआ <नाम> का झोला तथा लोटा घटना स्थल से कुछ दूरी परबरामद किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभिक्तगण की मृतका कीइत्या कारित करने में स्पष्ट <नाम> से संलिप्तता पायी गयी है। अतः अभियुक्तगणका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने <नाम> बताया। " ], "judge-opinion": [ "5. केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि प््रार्थी-अभियुक्तगण आपस में पिता-पुत्र हैं। केस डायरी के पर्चा नं0-1 में वादी ने कहाहै कि उसको आज दिनांक 27.10.2020 को सूचना <नाम> कि एक औरत का शवठाकुर मोड़ के पास जंगल में पड़ा है। उसकी मो दिनांक 24.10.2020 को समय4.00 बजे <नाम> उनके यहां से कनहरा घर के लिए चली थी। उसके <नाम> आजउसका शव जंगल में मिला। यह भी कहा है कि आज से करीब दो-तीन वर्षपहले उसके चाचा रामदास पुत्र <नाम> <नाम> के लड़के <नाम> उम्र 15 वर्षकी मौत बिमारी से हो गयी थी। तबसे उसके चाचा शांका करते थे कि बटुआ देवीने उनके बेटे को भूत करके मार <नाम> है। तबसे ये उन लोगों से दुश्मनी रखतेहैं। हो सकता है कि इन्होनें ही हत्या की हो। केस डायरी के पर्चा सं0-2 मेंसाक्षी <नाम> जतन <नाम> ने कहा है कि दिनांक 24.10.2020 को जवारी केत्यौहार में शामिल होने गया था। वहां <नाम> उसके चचिया ससुर रामदास, धर्मूसिंह, रामधनी <नाम> साथ में <नाम> <नाम> <नाम> के घर बैठे थे। उस समयदिन के करीब 12.00 बज रहे थे। उस कार्यकम में उसकी सास बटुआ <नाम> भीआयी थी। चचिया ससुर रामदास ने उससे कहा कि तुम्हारी सास बटुआ <नाम> नेभूत करके उसके लड़के <नाम> को मार <नाम> । वह इसको छोड़ेगा नहीं। यह भीकहा है कि उसे पूर्ण विशवास है कि उसकी सास बटुआ <नाम> की हत्या रामदासजायसवाल ने किसी के साथ मिलकर किया है। केस डायरी क पर्चा सं0-3 मेंसाक्षी <नाम> <नाम> पत्नी छविलाल ने कहा है कि दिनांक 27.10.2020 कोउसकी सास बटुआ <नाम> की लाश <नाम> मोड़ जगल कनहरा में जंगल में अन्दरमिली थी। उनकी इत्या <नाम> किसी ने लाश को जंगल में छिपा <नाम> था। उनलोगों की दुश्मनी उसके चचिया ससुर रामदास के परिवार से हैं क्योंकि रामदासका लड़का <नाम> की मौत दो-तीन वर्ष पूर्व बिमारी से हो गयी थी। लेकिनउनका परिवार <नाम> है कि उसके लड़के <नाम> को तुम्हारी सास बटुआ <नाम> नेभूत करक मारा है। रामदास व उसके लड़के पारस <नाम> ने मिलकर उसकीसास को मार डाला है क्योंकि उसकी जेठान <नाम> <नाम> व उसके जेठ <नाम> <नाम> नेइन लोगों को <नाम> मोड़ के जंगल के पास दिनांक 24.10.2020 को घबराहट मेंआते हुए <नाम> है। उसे पूर्ण विशवास है कि उसकी सास की हत्या इन लोगों नेही की है। अभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> आला कत्ल पत्थर व स्टील का Bail Application/1561/2020 -Ramdas Jaysawal Vs. State Government 3लोटा अभियुक्तगण की निशानदेही <नाम> बरामद किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्टके अनुसार मृतका के शरीर <नाम> छः चोटें पायी गयी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मेंमृतका की मृत्यु, मृत्युपूर्व आयी चोटो से उत्पन्न सदमे के <नाम> होना दर्शाया गयाहै। वादी एवं अभियुक्तगण के मध्य भूत को लेकर रंजिश बतायी गयी है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। मामले में आरोप पत्र आ चुका है। 6 जमानत के स्तर <नाम> विवेचक द्वारा संकलित किये गये साक्ष्य कासूक्ष्म विवेचन नहीं करना होता है। मात्र यह देखना होता है कि मामले मेंअभियुक्तगण की संलिप्तता है या नहीं। दौरान विवेचना विवेचक द्वारा जो साक्ष्यसंकलित किया गया है उससे मामले में अभियुक्तगण की संलिप्तता प्रतीत होतीहै। " ] }
0DENIED
Bail Application_895_202018-08-202083
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है :-वादी मुकदमा इकरार हुसैन ने थाना-रॉबर्दसगंज, जिला-सोनभद्र मेंप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय का दर्ज कराया कि अभियुक्त <नाम> जियावन जो किकोल जाति का सदस्य है, ने अपनी जाति को छिपाकर धोखा-धड़ी करते हुए दिनांक10.01.2011 को अपनी जमीन <नाम> <नाम> के पक्ष में तथा दिनांक-21.03.2014को <नाम> <नाम> कुशवाहा के पक्ष में तथा दिनांक 25.05.2016 को रामबुक्ष के पक्षमें एवं दिनांक 25.04.2018 को वादी के पक्ष में विकय किया। तत्पश्चात दिनांक15.05.2018 को अभियुक्त <नाम> जियावन द्वारा अन्य व्यक्तियों के बहकावे में आकरवादी की <नाम> धूमिल करने के लिए मनगढ़ंत एवं झूठा प्रार्थना पत्र पैसा ऐंठने कीनीयत से न्यायालय में प्रस्तुत किया गया और <नाम> में स्वयं को फंसता हुआ देखकरउसकी पैरवी छोड़ दिया। ", "प्रार्थिनी-अभियुक्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करतेहुए कहा गया कि प््रार्थिनी-अभियुक्ता द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। उसेसाजिशन, गलत व फर्जी ढंग से फंसाया गया है। अभियोजन कथानक गलत वबेबुनियाद है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता कथित दस्तावेज बैनामा की हासिया <नाम> है। उसेविकेता की जाति का पता नहीं था। वह अभियुक्ता <नाम> के कहने <नाम> हासियागवाह बन ग्ई क्योंकि <नाम> उसके गांव की व परिचित थी। प्रार्थिनी-अभियुक्ताका कथित बैनामा से कोई लेना-देना नहीं है। <नाम> अभियुक्ता गिरजा <नाम> कीजमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। वह पर्दानसीन महिला हैजिसकी अनुपस्थिति में पुलिस दबिश <नाम> रही है। उसकी गिरफ्तारी से उसकी <नाम> वसामाजिक <नाम> धूमिल होगी। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वहविवेचना व विचारण में सहयोग करेगी तथा जमानत की शर्तों का पालन करेगी। उक्तसमस्त आधारों <नाम> अग्रिम जमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थिनी-अभियुक्ता द्वारा बेइमानीपूर्वक धोखा-धड़ी करके अनुसूचित जाति के सदस्य Bail Application/895/2020 -Panna Devi Vs, State Government 2की जमीन के <नाम> क पक्ष में हुए बैनामे में सारे तथ्य जानते हुए हासिया गवाहके <नाम> में हस्ताक्षर किया गया। अतः प्रार्थिनी-अभियुक्ता की <नाम> एवं मामले कीगम्शीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से स्पष्ट है कि वादी के पक्ष में कियेगये बैनामे के पूर्व भिन्न-भिन्न तिथियों में निष्पादित बैनामों के केतागण की ओर सेकोई भी शिकायत अथवा वाद इस सम्बन्ध में प्रस्तुत किये जाने का कोई विवरणप्रस्तुत नहीं किया गया है। वादी पक्ष को अविधिपूर्ण क्षति कारित करने का कोईविवरण प्रस्तुत नहीं है। केस डायरी के पर्चा संख्या-6 दिनांकित-03.07.2019 मेंअवलोकन बैनामा प्रपत्र में लिखा है कि दिनांक-10.01.2011 को विकेता <नाम> जियावनद्वारा केती <नाम> <नाम> <नाम> के पक्ष में बैनामा किया गया है, जिसके विकेताअनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का नहीं होना अँकित है। " ], "judge-opinion": [ "सुना व अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", " अभियोजन प्रपत्रोंके अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थिनी-अभियुक्ता <नाम> के पक्ष में निष्पादित बैनामेंकी मात्र हासिया <नाम> है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुतनहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_601_201922-06-2019577
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि उसके विद्यालय <नाम> <नाम> कनोरिया <नाम> मंदिर रेनूकूट केपरिसर में चैनल गेट का ताला तोड़कर दिनांक 08.05.2019 की मध्य रात्रिलगभग दो बजे प्लाईवुड दो पीस, केबिल पांच कार्टून बड़ा, होम पाइप आधा इंचएक बण्डल पचास मीटर तथा अन्य छोटे-मोटे सामान भी चोरी हुए हैं। उचितकार्यवाही करने की कूपा की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि प्रार्थी को फर्जीतरीके से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से फर्जी बरामदगीदिखायी गयी है। फर्द बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। घटना कीरिपोर्ट 22 <नाम> विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षीनहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादी क विद्यालय से सामानचोरी <नाम> लिया गया तथा चोरी का सामान प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से बरामदभी किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी के विद्यालय से प्लाईवुड दोपीस, केबिल पांच कार्टून बड़ा, होम पाइप आधा इंच एक बण्डल पचास मीटरचोरी हुआ था जो अभियुक्त के कब्जे से बरामद होना कहा जाता है। अभियुक्तद्वारा उक्त बरामदगी से इंकार किया गया है तथा यह कहा गया है कि उसकेपास से फर्जी बरामदगी दिखाकर केस में फंसाया गया है जबकि बरामदगी काकोई प्रत्यक्ष <नाम> नहीं है और अभियुक्त को फंसाने के लिए 22 <नाम> विलम्बसे यह प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखायी गयी है। अभियुक्त द्वारा कोई आपराधिकइतिहास होने से भी इंकार किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_533_202028-05-2020507
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{ "facts-and-arguments": [ "28.05.2020अभियुक्त सूरज <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 03.04.2020 को प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमरोहियों के साथ करमाबाजार में मौजूद थे कि यहीं <नाम> प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> सिंहप्रभारी स्वाट हमराहियों के साथ मिले। हमलोग आपस में मु0अ0०सं016/20 अन्तर्गत <नाम> 302/34 भा0०द0सं0 के वांछित अभियुक्तों केबारे में बात <नाम> रहे थे कि जरिए मुखबिर सूचना <नाम> किमोटरसाइकिल संख्या- यू०पी0 63एडी/4990 से दो व्यक्ति टिकुरियाकी तरफ से जा रहे है, जिनके पास नाजायज हेरोइन है। इस सूचनापर विश्‍वास <नाम> पुलिस <नाम> टिकुरिया रेलवे फाटक <नाम> आया कि एकमोटरसाइकिल आता दिखायी <नाम> जिसको रोकने का इशारा किया तोउसपर बैठे दो लड़के उतरकर भागने लगे कि हमराही स्वाट वएस०ओ0जी0 की मदद से रेलवे फाटक से 100 मीटर टिकुरिया गांव कीतरफ जाने वाले रास्ते <नाम> समय करीब 11.30 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े व्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम <नाम> पुत्रदेवचन्द्र एवं दूसरे ने अपना नाम सूरज <नाम> पुत्र <नाम> चन्द्रपाल बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो <नाम> के पहने जीन्स पैट केदाहिने जेब से प्लास्टिक की सफेद रंग की पन्नी में 71.5 ग्राम नाजायजहेरोइन एवं दूसरे व्यक्ति सूरज <नाम> पहने जींस के पैट क दाहिने जेबसे प्लास्टिक की सफेद पन्नी में 66.5 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामदहुआ। हेरोइन रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्दमौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द परकराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त कपास से बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी.2/ बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। पुलिस द्वारा धारा-50 एन0डी0पी0एस०एक्ट व अन्यमहत्वपूर्ण प्राविधानों का पालन नही किया गया हैं। अभियुक्त को घर सेबुलाकर थाना लाया गया और फर्जी हेरोइन की बरामदगी दिखाकरचालान <नाम> <नाम> गया । अभियुक्त एक सामाजिक व्यक्ति है। अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 03.05.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से66.5 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं कियाजा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से 66.5 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहागया है, जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। अभियुक्त के पास सेइतनी अधिक <नाम> में हेरोइन की बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्तआपराधिक मनःस्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_835_202005-08-2020146
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है । ", "यह जमानत प्रार्थना पत्र माननीय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र के समक्षदिनांक 09.07.2020 को प्रस्तुत किया गया है तथा माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय केआदेश दिनांकित 28.07.2020 के अनुसार स्थानान्तरित होकर इस न्यायालय में प्राप्त हुआहै। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी वाहनसंख्या-यू०पी065जे0टी0-4727 का चालक है, वह वाहन से फल व चावल, गेहूं इत्यादिसामानों को ढोता है। पुलिस द्वारा प्रार्थी से अवैध धन की मांग की गयी), प्रार्थी द्वारापुलिस को रूपये <नाम> देने के <नाम> उपरोक्त वाहन को फर्जी तरीके से निरूद्ध <नाम> दियागया है। प्रार्थी का उपरोक्त घटना से कोई सरोकार नहीं है। प्रार्थी पूर्णतया निर्दोष हैतथा उसक द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। अत: प्रार्थी को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि दिनांक 27.01.2020 को समय 22.30 बजे उप निरीक्षक शेषनाथ <नाम> अन्य पुलिस कर्मियों के साथदेखभाल <नाम> में व्यस्त थे तभी उन्हें सूचना <नाम> कि मीरजापुर की ओर से एक पिकपवाहन जानवरों को लाद <नाम> आ रही थी तथा उक्त वाहन का चालक नियंत्रण खो दियाऔर करमा बाजार से करीब दो सौ मीटर पश्चिम जानवर लदी पिकप सड़क के उत्तरपटरी के गढ्ढे में जाकर जानवर सहित फंस गयी है। उक्त सूचना <नाम> पुलिस दल मौकेपर पहुंचा तो वाहन चालक तथा उसमें बैठे दो अन्य व्यक्ति भाग गये थे। उक्त वाहन में04 <नाम> गाय व 03 <नाम> बैल लादा गया था। जानवर हांफ रहे थे तथा उनके मुंह सेझाग निकल रहा था। जानवरों को पुलिस व <नाम> के सहयोग से नीचे उतारा गयातथा वाहन पिकप जिसमें रजिस्ट्रेशन नम्बर <नाम> नहीं है तथा उसका चेचिसनम्बर-1MA1ZU21BKK 1190031 तथा इंजन नम्बर- TBK194987 है, कोसुरक्षार्थ थाना परिसर में लाया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार किया गया। फर्द बरामदगी केआधार <नाम> दिनांक 28.01.2020 को थाना करमा <नाम> उपरोक्त वाहन के वाहन चालक तथादो अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध धारा-3/ 5/8 उ0प्र०0 गोवध निवारण Bail Application/l733/2020 -Nathuni Prasad Vs. State Government 2अधिनियम एवं धारा-11 पशु कूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकिया गया तथा दौरान विवेचना प्रार्थी/ अभियुक्त का नाम <नाम> में लाया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी पूर्णतया निर्दोषहै, उसे झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त की मौके से <नाम> तो गिरफूतारी हुई है औरन ही उसके कब्जे से कोई गौवंशीय जानवर बरामद हुआ है। कथित घटना पुलिस द्वाराअपना गुडवर्क दिखाने के लिए बनायी गयी है। संबंधित थाने से अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास पेश नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 08.07.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। प्रार्थी/ अभियुक्तजमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> है, अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त पुलिस द्वारा बरामद की गयी पिकप जिसका चेचिसनम्बर-1MA1ZU21BKK 1190031 तथा इंजन नम्बर- TBK1L94987 है, से07 <नाम> गाय व बैल कूरतापूर्वक गोबध करने के उद्देश्य से ले जा रहा था। ्रार्शी/ अभियुक्त ने स्वयं को उक्त वाहन का चालक बताया है तथा मौके <नाम> वाहन कोछोड़कर भाग गया। अभियुक्त गोबध तस्करी <नाम> गौवंशीय जानवरों का परिवहन करनेजैसे गम्भीर अपराध में संलिप्ता रहा है और यदि उसे जमानत <नाम> <नाम> किया गया तोवह पुनः इसी प्रकार के अपराध की पुनरावृत्ति करेगा। विवेचना के दौरान संकलित कियेगये साक्ष्य के आधार <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध मामला साबित पाया गया है। अभियुक्त जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> नहीं है, अतः प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से प्रस्तुतजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जावे। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प््ार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तरको को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा उपलब्ध केसडायरी व अन्य पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त को ६1टनास्थल <नाम> गिरफूतार नहीं किया गया है और <नाम> ही उसके कब्जे से कोई बरामदगीहोना दर्शाया गया है। अभियुक्त दिनांक 08.07.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। संबंधित थाने से अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास पेश नहीं किया गया है। मामलामजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_349_202103-03-2021461
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था तथा जमानत का कभी दुरूपयोग नहीं किया। प्रार्थीको कोरोना के <नाम> मुकदमे की जानकारी नहीं मिल सकी और <नाम> ही अपनेअधिवक्ता से सम्पर्क हो सका जिसमे प्रार्थी के विरूद्ध दिनांक 04.02.2021 कोअजमानतीय अधिपत्र जारी <नाम> <नाम> गया। प्रार्थी दिनांक 20.02.2021 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी जानबूझकर हाजिर अदालत आने में हिलाहिवाली नहींकिया है और <नाम> ही भविष्य में ऐसा करेगा। प्रार्थी भविष्य में न्यायालय में नियततिथि <नाम> उपस्थित आता रहेगा। अत: जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी । ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत प्रार्थनापत्र संख्या-05,/2004 में पारित आदेश दिनांकित 23.04.2004 द्वारा जमानत पररिहा किया गया था। तदोपरान्त दिनांक 04.02.2021 को सम्मन <नाम> न्यायालय केसमक्ष उपस्थित <नाम> होने के <नाम> उसके विरूद्ध अजमानतीय अधिपत्र जारी कियागया। प्रार्थी दिनांक 20.02.2021 से अजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन में जिलाकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1183_201918-10-2019648
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा सत्यनरायण पुत्र <नाम> <नाम> निवासी ग्राम बेलाव थाना शाहगंज जिला सोनभद्र नेदिनॉक 02.09.2019 को पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र के यहाँ इस कथन के साथप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया कि विपक्षी सूरज पुत्र कल्लू निवासी ग्राम बेलाव जोकि गुण्डा किस्म का व्यक्ति है उसकी नाबालिग बहन पीड़िता १% को बहलाफुसला <नाम> अपहरण करके अपने घर में बन्धक बना लिया है। प्रार्थी ने थानेपर सूचना <नाम> किन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि उसे डाट <नाम> भगादिया गया और झूठे मुकदमें में फसा <नाम> जेल भेजने की बात कही गयी। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। अभियोजन कथानक काल्पनिक तरीके से बना <नाम> फर्जी ढंग से रिपोर्टदर्ज कराया गया है। प्रार्थी ने पीड़िता को बहला फुसला <नाम> अपने घर मेंबन्धक नहीं बनाया है बल्कि पीड़िता प्रार्थी की विवाहिता पत्नी है। पीड़िता नेहिन्दू <नाम> रिवाज के अनुसार प्रार्थी से विवाह किया है और बतौर पत्नी उसकेसाथ है। पीड़िता पूर्ण <नाम> से बालिग है। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। अभियुक्त दिनॉक 06.09.2019 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त 9को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता को शादी काझॉसा देकर उसका व्यपहरण किया गया। तत्पश्चात्‌ अभियुक्त द्वारा नाबालिगपीड़िता के साथ प्रवेशन लैगिक हमला किया गया है। यद्यपि कि पीड़िता द्वारास्वेच्छा से अभियुक्त के साथ उसके घर <नाम> और शादी करने का कथनकिया गया है परन्तु शैक्षणिक प्रमाण पत्र के अनुसार पीड़िता की जन्मतिथि05.11.2002 है अतः पीड़िता के नाबालिग होने के <नाम> उसकी सहमति काकोई महत्व नहीं है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत मामले सेसम्बन्धित अभियोजन प्रपत्रों तथा थाने से प्राप्त आख्या का अवलोकन कियागया । ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट अन्तर्गत धारा-363, 366भारतीय दंण्ड <नाम> में प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध पंजीकृत किया गया है। यद्यपि कि पीड़िता द्वारा अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया संहिता,जो केस डायरी में <नाम> है, में स्वेच्छा से अभियुक्त के साथ <नाम> व शीतलामन्दिर में शादी करना कहा गया है। पीड़िता द्वारा अपनी उम्र स्वयं 17 वर्ष 07माह होना बताया गया है। दौरान विवेचना मजीद बयान में पीड़िता द्वाराअभियुक्त के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने का भी कथन किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र 18 से 19 वर्ष होना उल्लिखित है। जबकिकेस डायरी में पर्चा संख्या-5 में प्राथमिक विद्यालय कपुरा से सत्र 2014 मेंपीड़िता को कक्षा-5 उत्तीर्ण किये जाने का उल्लेख करते हुये विद्यालयीयअभिलेख में उसकी जन्मतिथि 05.11.2002 उल्लिखित किया गया है। स्वयंपीड़िता द्वारा भी अपनी उम्र 17 वर्षं 07 माह बताया गया है। इस प्रकारअभियुक्त <नाम> नाबालिग पीड़िता के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला किये जाने काअभियोग दर्शाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_485_201917-05-2019761
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 12.02.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ शान्तीव्यवस्था में सेण्ट जेवियर्स स्कूल के पास मौजूद थे तो वहां स्वाट टीम के उपनिरीक्षक अरशद खां हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ उपस्थित मिले । सभीलोग आपस में वार्ता <नाम> रहे थे तो समय लगभग 12.45 बजे <नाम> मुखबिरखास द्वारा सूचना दी गयी कि दो शातिर अपराधी चोरी की मोटरसाइकिल केसाथ मोहल्ला हर्ष नगर नेहरू पार्क गेट के सामने मौजूद हैं। इस सूचना परदूरभाष से अन्य उप निरीक्षक व पुलिस कर्मचारियों को बुलवाया गया तथा नेहरूपार्क से पहले सरकारी वाहन छोड़कर आगे बढ़ा गया तो मुखबिर के इशारे परनेहरू पार्क के सामने दो मोटरसाइकिल <नाम> दो व्यक्तियों को <नाम> गया । सभीलोग आगे बढ़े तो एक व्यक्ति मोटरसाइकिल छोड़कर उत्तर <नाम> की ओर भागाजिसके पीछे उप निरीक्षक अरशद खां व पुलिस कर्मचारी भागे तथा वादी द्वारादूसरी मोटरसाइकिल <नाम> बैठे व्यक्ति को समय लगभग 13.00 बजे <नाम> पकड़लिया गया। इसी मध्य उप निरीक्षक अरशद खां द्वारा बताया गया कि भागनेवाला व्यक्ति पकड़ा नहीं जा सकता है किन्तु उसे पहचाना गया है उसका नामपप्पू <नाम> है। पकड़े गये व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपनानाम <नाम> <नाम> बताया तथा उसके कब्जे से बरामद मोटरसाइकिल सं0-यू०पी070 डीई 8801 का कागजात मांगा गया तो उसने बताया कि इस गाड़ी को वहतथा पप्पू <नाम> थाना हण्डिया जिला इलाहाबाद से चुराये थे तथा पास हीखड़ी टी0वी0एस स्पोर्ट के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि राबर्दसगंज सेही वे दोनों चुराये हैं। <नाम> <नाम> की निशानदेही <नाम> <नाम> अदद चोरी कीमोटरसाइकिले बरामद की गयी है। पूछताछ <नाम> बताया कि पप्पू कन्नौजियाइलाहाबाद, मिर्जापुर व सोनभद्र से गाड़िया चोरी करके बेचने के लिए लाया था। मोटरसाइकिलों की बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमापंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोईमोटरसाइकिल बरामद नहीं की गयी है और <नाम> ही वह मौके से गिरफ्तार हुआहै । प्रार्थी-अभियुक्त के द्वारा कोई कूटरचना नहीं की गयी है। घटना का कोईस्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। शिनाख्त की कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। सहअभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनांक 23.03.2019 कोस्वीकार की जा चुकी है। ", "—2—अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर मोटरसाइकिलों की चोरी करताहै तथा वाहनों का नम्बर प्लेट बदलकर बेच देता है। प्रार्थी-अभियुक्त कामोटरसाइकिल चोरी करने का एक गिरोह है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "फर्द बरामदगी के अनुसार प्रार्थी-अभियुक्त को मौके से गिरफ्तारनहीं किया गया है और <नाम> ही उसके कब्जे से कोई मोटरसाइकिल बरामद कीगयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। <नाम> अभियुक्त <नाम> यादवकी जमानत इसी न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_871_202014-08-202095
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थना पत्र में किये गये कथन क समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनॉक 09.01.2020 को वादी मुकदमाउप निरीक्षक <नाम> <नाम> अपने हमराहीगण के साथ <नाम> की देख-भाल व शान्ति व्यवस्था तथावांछित की तलाश में मामूर थे। उसी समय जरिये खास सूचना <नाम> कि एक <नाम> नम्बर कीपिकअप <नाम> कुछ गोवंश लाद <नाम> आ रहे हैं जो बिहार जायेगी। इस सूचना <नाम> विशवास करकेपुलिस वाले ग्राम तेनुआ नहर के पास पिकअप के आने का इन्तजार करने लगे। कुछ देर बादनहर पकड़ <नाम> आ रही पिकअप को पुलिस द्वारा रूकने का इशारा किया गया तो पुलिसवालों को देख <नाम> उक्त पिकअप को खड़ी <नाम> जंगल की तरफ भागते हुये तीन व्यक्तियोंकमशः <नाम> चालक व खलासी नाम पता अज्ञात को पकड़ने का प्रयास किया गया किन्तुतीनों व्यक्ति जंगल की तरफ भाग गये। पिकअप के ऊपर लगे त्रिपाल को खोल <नाम> देखागया तो उसमें 06 <नाम> गोवंश ठूस-ठूस <नाम> भरा गया था तथा एक दूसरे का पैर व गर्दनबेरहमी से बाधे गये थे जो छटपटा रहे थे। उन्हें पिकअप से उतारा गया और पशु चिकित्सकको बुला <नाम> गोवंश का दवा इलाज कराया गया। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्र्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मामले में झूठे कथनों के आधार <नाम> अभियुक्तबनाया गया है। प्रार्थी निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी उपरोक्तमुकदमा में नामजद अभियुक्त नहीं है। प्रार्थी की मौके <नाम> गिरफ्तारी नहीं हुई है और <नाम> हीप्रार्थी के पास से किसी पशु की बरामदगी हुई है। बरामदशुदा कथित गोवंश से प्रार्थी का कोईवास्ता सरोकार नहीं है। कथित बरामदगी का कोई जन <नाम> नहीं है। <नाम> अभियुक्त चन्द्रिकायादव को अग्रिम जमानत दिनाक 03.03.2020 को प्रदान की गयी है तथा <नाम> अभियुक्तबबुन्दर <नाम> की अग्रिम जमानत न्यायालय द्वारा दिनॉक 18.06.2020 को स्वीकार की गयी है। पुलिस चौकी इन्चार्ज सरईगढ़, थाना रायपुर जिला सोनभद्र <नाम> <नाम> द्वारा प्रार्थी से कईबार नाजायज पैसे की मॉग की गयी थी जिसकी शिकायत प्रार्थना पत्र उच्चाधिकारियों को दीगयी उसी रंजिश वश प्रार्थी को उक्त मामले में गलत ढंग से अभियुक्त कायम किया गया है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "ह2इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह तकं प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तों के साथमिल <नाम> एक पिकअप वाहन में गोवंश को लाद <नाम> उनका वध करने <नाम> बिहार ले जाया जारहा था। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) क तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत प्रकरण में सम्बन्धित थाना रायपुर जिला सोनभद्र की प्रस्तरवार जबाबदाखिल की गयी है जिसके दफा-7 में स्पष्ट <नाम> से यह कथन किया गया है किआवेदक / अभियुक्त एक शातिर अपराधी, गौ तस्कर व मनबढ़ किस्म का व्यक्ति है जिसकाआम जनमानस में भय व्याप्त है तथा जंगल के पास रहने के <नाम> भौगोलिक स्थिति काफायदा उठा <नाम> जंगल में भाग जाता है। थाने की उक्त आख्या में प्रार्थी/अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होना बताया गया है जिसमें कुल 06 मुकदमों के विवरण का उल्लेखकिया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथपिकअप में गोवंश को निर्दयता पूर्वक लाद <नाम> उन्हें बिहार ले <नाम> बताया गया है। इससन्दर्भ में यह उल्लिखित करना भी समीचीन प्रतीत होता है कि प्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(४) दंण्ड प्रकिया <नाम> के दृष्टिगत ऐसा कोई तथ्य न्यायालय के समक्ष्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से उपस्थापित नहीं किया गया है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जासके कि प्रार्थी को गिरफूतार <नाम> <नाम> क्षति पहुँचाने या उसे अपमानित करने के उद्देश्य सेअभियोग लिखाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_840_202006-08-2020138
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "बनामउत्तर प्रदेश राज्य । मुकदमा अपराध संख्या-432/ 2020,धारा-384, 427, 323, 504, 506 भारतीय दंण्डसंहिता । थाना-राबर्टसगंज, जिला सोनभद्र । आदेशयह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त धर्मेन्द्र <नाम> द्वारा मुकदमाअपराध संख्या-432/2020, अन्तर्गत धारा-384, 427, 323, 504, 506 भारतीय दंण्ड संहिता,थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र क मामले में प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थना पत्र में किये गयेकथन के समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा <नाम> <नाम> पत्नीस्व0 बसन्त <नाम> <नाम> निवासी रेलवे फाटक वार्ड नं0-16 राबर्टसगंज जिला सोनभद्र नेदिनाक 17.06.2020 को कोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसका लड़का <नाम> <नाम> <नाम> इलेक्ट्रानिक सामानों कादुकान खोला है। उसके घर के सामने रहने वाले <नाम> <नाम> उर्फ देवेन्द्र <नाम> पुत्रराजेश <नाम> अक्सर प्रार्थिनी की बहू को टेलीफोन करके धमकाया करता है और उसकी बहूसे बीस हजार रूपये ले चुका है तथा धमकी देता है कि अगर पैसा नहीं दोगी तो झूठे आरोपलगा <नाम> नौकरी से निकलवा देगा। दिनांक 16.06.2020 को 05:00 बजे सायं वह तथा उसकेलड़के ने इस बारे में पूछा तो वह भद्दी-भददी गाली देने लगा और उसका <नाम> उसकीदुकान में आकर डंडे से एल०ई0डी0 टी०वी0 32 इंच एवं अन्य इलेक्ट्रानिक सामान तोड़ दियातथा उसके लड़के को मारा और <नाम> से मारने की धमकी दिया। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है। उपरोक्तप्रकरण में प्रार्थी का नाम गलत ढंग से लाया गया है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थी कानाम दर्ज नहीं है। अभियोजन कथानक गलत एवं झूठा है। प्रार्थी ने कोई अपराध कारित नहींकिया है और <नाम> ही वादिनी मुकदमा के साथ मार-पीट किया है और <नाम> ही गाली <नाम> वजान से मारने की धमकी देते हुये कोई नुकसान किया है। प्रार्थी ने कभी भी पैसे की कोईमॉग नहीं किया है। प्रार्थी के विरूद्ध उपरोक्त धाराओं का अपराध नहीं बनता है। अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्र्ार्थी/अभियुक्त द्वारा अन्य लोगों के साथमिल <नाम> वादिनी मुकदमा एवं उसके लड़के को गाली <नाम> व <नाम> से मारने की धमकी देतेहुये मारा-पीटा गया तथा उसके डंडे से उसकी दुकान में रखे गये एल०ई0डी0 टी0वी0 एवं ह2अन्य इलेक्ट्रानिक सामानों को तोड़ <नाम> गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) क तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत प्रकरण में वादिनी मुकदमा द्वारा विवेचना के दौरान अपने बयान में प्रथमसूचना रिपोर्ट में अन्तर्निहित तथ्यों का समर्थन करते हुये यह बयान <नाम> है कि <नाम> अभियुक्तदीपक उर्फ देवेन्द्र <नाम> व उसका <नाम> धर्मेन्द्र <नाम> (प्रार्थी / अभियुक्त) वादिनी की दुकानके सामने आकर अपने हाथ में लिये डंडे से एल0ई०डी0 टी0वी0 32 इंच एवं अन्य इलेक्ट्रानिकसामानों को तोड़ <नाम> एवं <नाम> करने <नाम> वादिनी क पुत्र को मारा-पीटा। " ] }
0DENIED
Bail Application_1071_201924-09-2019788
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 15.01.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ वांछित अभियुक्तवारण्टी पेण्डिग विवेचना, देखभाल <नाम> व चेकिंग वाहन /॑व्यक्ति मेंमामूर था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि एक व्यक्ति रेलवेस्टेशन की तरफ से गांजा लेकर आने वाला है। इस सूचना <नाम> विशवासकरके पुलिस <नाम> गैस एजेन्सी के बगल में बने चर्च के पास दीवार कीआड़ में छिपकर आने वाले व्यक्ति का इन्तजार करने लगे कि रेलवेस्टेशन की तरफ से आने वाले व्यक्ति को और नजदीक आने <नाम> चर्चके सामने एक बारगी दबिश देकर समय करीब 08.35 बजे पकड़ लियागया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया ता उसने अपने नामजितेन्द्र <नाम> <नाम> उफ काजू पुत्र रामराज बताया। नियमानुसारजामा तलाशी ली गयी तो उसके बाए हाथ में लिए प्लास्टिक के झोलेमें दो किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को कारणगिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। पुलिस द्वाराअभियुक्त को फर्जी तौर <नाम> गांजा की बरामदगी दिखाकर चालान करदिया गया। अभियुक्त दिनांक 15.01.2019 से जिला कारागार में निरूद्धहै। पुलिस द्वारा <नाम> 50 एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधानों काअनुपालन नहीं किया गया है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नहीहै। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", ".2/ —2—राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से दो किलोग्रामनाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधानों का सही प्रकार से पालनकिया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। अभियुक्त केविरूद्ध इस अपराध से पूर्व थाना पिपरी में अ0सं0 384/15 अन्तर्गतधारा 8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट एवं मु0अ0सं0 18/16 अन्तर्गतधारा-8/21 एन0डी0पी0एस0एक्ट का अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से दो किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथा कहा गया किअभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्व थाना पिपरी में अ0सं0 384/15अन्तर्गत <नाम> 8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट एवं मु0अ0सं0 18/16अन्तर्गत धारा-8/21 एन0०डी0पी0एस0एक्ट का मुकदमा पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में मुकदमा पंजीकृत होने के आधार परअभियुक्त आपराधिक मन:स्थिति का व्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1328_201920-01-2020669
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> प्रकाशसोनी दिनांक-02.10.2018 को लगभग 2.30 बजे से 03.00 बजे अपरान्ह के मध्यअपनी गाड़ी संख्या-यूपी.67के/1683 <नाम> रंग की <नाम> पल्सर 150 सी.सी.धंधरौल बांध के पास खड़ी करके अपनी पत्नी के साथ डेम धूमने आया था। तभीकिसी अज्ञात व्यक्ति ने उसकी बाइक चुरा ली। वादी ने उक्त घटना की सूचनाथाना-रामपुर बरकोनिया में दी जिसके आधार <नाम> अ.सं.-23,/2018 अंतर्गत धारा-379 भा.दं.सं. का मामला अज्ञात अभियुक्त क विरूद्ध पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना दिनांक-12.02.2019 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> ने हमराहीपुलिस कर्मचारियों के साथ समय लगभग 13.00 बजे <नाम> में नेहरू पार्क,रॉबर्दसगंज, सोनभद्र के पास से प्रार्थी-अभियुक्त को मोटर साइकिल सहित पकड़लिया गया तथा <नाम> अभियुक्त भागने में सफल रहा। उप निरीक्षक अरशद खांद्वारा बताया गया कि भागने वाला व्यक्ति पकड़ा नहीं जा सका है किन्तु उसेपहचाना गया है उसका नाम पप्पू <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे सेबरामद मोटरसाइकिल संख्या-यू.पी. 70 डी ई 8801 का कागजात मांगा गया तोउसने बताया कि इस गाड़ी को वह तथा पप्पू <नाम> थाना हण्डिया जिलाइलाहाबाद से चुराये थे तथा पास ही खड़ी टी.वी.एस. स्पोर्ट के बारे में पूछा गयातो उसने बताया कि राबर्टदसगंज से ही वे दोनों चुराये हैं। <नाम> <नाम> कीनिशानदेही <नाम> <नाम> अदद चोरी की मोटरसाइकिले बरामद की गयी है। पूछताछपर बताया कि पप्पू <नाम> इलाहाबाद, मिर्जापुर व सोनभद्र से गाड़िया चोरीकरके बेचने के लिए लाया था। मोटरसाइकिलों की बरामदगी के आधार परअभियुक्त क विरुद्ध प्रकरण में धारा-411 भा.दं.सं. की बृद्धि की गई । ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त कोगलत तरीके से नामित किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है, <नाम> ही मौके से गिरफूतार कियागया है, <नाम> ही उसके कब्जे से कथित मोटर साइकिल की बरामदगी हुई है। पुलिस ने रंजिशन दौरान विवेचना प्रार्थी-अभियुक्त को नामित किया है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर मोटरसाइकिलों की चोरी करकबेचता है। प्रार्थी-अभियुक्त का मोटरसाइकिल चोरी करने का एक गिरोह है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। घटना काकोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। इस प्रकरण से संबंधित चोरी की मोटर साइकिल —2—असं.-89/2019 अंतर्गत धारा-41, 411, 419, 420, 467, 468, 471 भा.दं.सं. मेंथाना-रॉबर्दसगंज की पुलिस द्वारा बरामद की गई है तथा उस प्रकरण मेंअभियुक्त की जमानत हो चुकी है। <नाम> अभियुक्त पप्पू कनौजिया की जमानतस्वीकार की जा चुकी है। प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_621_202010-06-2020396
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है । जमानत प्रार्थना पत्र में कथन किया गया है कि थाना स्थानीय द्वारा उसेगलत तरीके से <नाम> बूझ <नाम> अभियुक्त बना <नाम> गया है। प्रार्थी निर्दोष है, उसकाकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। ्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि दिनांक 28.05.2020को उप निरीक्षक चन्द्रभान <नाम> अन्य पुलिस कर्मियों के साथ चौकी डाला के अन्तर्गतक्वारंटीन हुए प्रवासी मजदूरों की चेकिंग <नाम> रहे थे तभी जरिए मुखबिर उन्हें सूचनामिली कि एक व्यक्ति जो सेक्टर-सी चौराहा चूड़ी गली डाला के पास हिरोइन लेकरखड़ा है। मुखबिर की बातों <नाम> विशवास करके पुलिस दल मौके <नाम> पहुंचा तो एकव्यक्ति पुलिस वालों को देखकर डर गया तथा पीछे मुड़कर कजरहट ग्राम में जानेवाले रास्ते <नाम> भागने लगा। उक्त व्यक्ति को समय 15.40 बजे पुलिस दल द्वारा पकड़लिया गया। नाम पता पूछने <नाम> उक्त व्यक्ति ने अपना नाम मिथिलेश <नाम> बतायातथा भागने का <नाम> पूछने <नाम> बताया कि उसके पास हिरोइन है, इसी डर से वहभाग रहा था। उक्त व्यक्ति की जामा तलाशी लेने <नाम> उसके द्वारा पहिने हुए पैण्ट कदाहिनी जेब से एक सफेद पन्नी में हिरोइन जेसा पदार्थ बरामद किया गया जिसकावजन करने <नाम> उसकी <नाम> 100 ग्राम पायी गयी। हिरोइन रखने का लाइसेंस मांगागया तो वह नहीं दिखा सका। फर्द बरामदगी मौके <नाम> तैयार की गयी तथाबरामदशुदा हिरोइन को सील मुहर किया गया। दौरान गिरफूतारी व बरामदगी माननीयसर्वोच्च न्यायालय व मानवाधिकार आयोग के आदेशों व निर्देशों का पालन किया गया। जनता के काफी लोग मौके <नाम> आ गये, उनसे गवाही करने के लिए कहा गया तोलोग हट-बढ़ गये। अभियुक्त को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया तथा फर्द बरामदगी हDate: 2020.06.10Reason: DocumeBail Application/1262/2020 -Mithilesh kumar Vs. State Government 2के आधार <नाम> उसके विरूद्ध दिनांक 28.05.2020 को समय 17.40 बजे थाना चोपन परमु०अ०सं0-129,/ 2020 धारा-8/21 स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियमके अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा समस्त पुलिस प्रपत्रों काअवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्तको मामले में झूठा फंसाया गया है, उसके कब्जे से कोई नाजायज हिरोइन बरामदनहीं हुई है। पुलिस द्वारा उसे कुरदहवा नाला में नहाते समय पकड़ा गया तथा उसकेपास से फर्जी बरामदगी दिखाकर उसे अभियुक्त बना <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्तजमानत <नाम> <नाम> किए जाने <नाम> है, अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त के कब्जे से 100 ग्राम नाजायज हिरोइन बरामद हुई हैजिसे प्रार्थी /अभियुक्त कस्बे में बेचकर धनार्जन करता है तथा उसके इस कृत्य सेनौजवान लड़कों का भविष्य खराब हो रहा है। अभियुक्त के कब्जे से 100 ग्रामनाजायज हिरोइन बरामद हुआ है जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। यदि अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहते हुएपुनः इसी प्रकार का अपराध कारित करेगा। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी। ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने एवं अभियोजनप्रपत्रों एवं थाने से प्राप्त आख्या के आधार <नाम> विदित होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त केकब्जे से 100 ग्राम नाजायज हिरोइन बरामद होना कहा गया है। गिरफूतारी केसमय धारा-50 व 51 स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियम का अनुपालनकिया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_277_202122-02-2021624
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि दिनांक 15.06.2020को वादी मुकदमा की बड़ी लड़की उम्र करीब 15 वर्ष <नाम> को करीब 5.30 बजे घर सेपश्चिम <नाम> में नाला में <नाम> लेने गयी थी, परन्तु वापस नहीं आयी। कुछ देर बादपरिवार वाले उसे ढूढने लगे तो नाले से आगे झाड़ी में उसकी लड़की करीब 8.00 बजेरात में मिली। वह झाड़ी में दर्द से कराह रही थी। कह रही थी कि हाय माई गईलपरान। उसका लड़का उमेश उसका <नाम> रामलाल, रामदास, रामनाश पास पहुँच करपीड़िता से पूछे तो बताया कि गांव का सियाराम <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> जबरदस्ती उसकेसाथ बलात्कार किया है और धमकी <नाम> कि किसी से कहोगी तो <नाम> से खत्म करदेगा। उसके <नाम> उसके परिवार वाले पीड़िता को लेकर घर आये तथा लड़के को साथलेकर थाना <नाम> सूचना दिये। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत के बावत्‌ मुख्य <नाम> से यहतक प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त को झँठे कथनों <नाम> फर्जी फॅँसाया गया है। अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। अभियुक्त पढ़ने वाला छात्र है। अभियुक्त केपिता व वादी मुकदमा के बीच जमीनी विवाद को लेकर कहा सुनी हुई थी। इसी बातको लेकर वादी मुकदमा ने धमकी <नाम> था कि तुम्हारे लड़के को ऐसे मुकदमें मेंफंसाउगा कि <नाम> बर्बाद हो जायेगा। वादी मुकदमा व अभियुक्त एक ही गांव मेंपड़ोसी है। अभियोजन कथानक काल्पनिक कहानी <नाम> आधारित है। प्रथम सूचना रिपोर्टकथित घटना के दूसरे <नाम> लिखायी गयी है। घटना का कोई चश्मदीद <नाम> नहीं है। अभियुक्त दिनाक 16.06.2020 से राजकीय सम्प्रेक्षण गृह मीरजापुर में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा अग्रिम जमानत का प्रबलविरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा कीनाबालिग पुत्री के साथ जबरजस्ती बलात्कार कारित किया गया है। पीड़िता अनुसूचितजाति एवं अनुसूचित जनजाति की सदस्या है। अभियुक्त के विरूद्ध गम्भीर अभियोग है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । चिक एफ.आई.आर. के अनुसार अभियुक्त क विरूद्ध अभियोजन का यह अभियोग Bail Application 277/2021 -Siyaram Yadav Vs. State Government 2है कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री/ पीड़िता के साथ जब वहअपने घर के पश्चिम <नाम> में <नाम> लेने <नाम> गयी थी, तभी पकड़ <नाम> उसे झाड़ी में लेजाकर उसके साथ जबरजस्ती बलात्कार कारित किया। पीड़िता ने अभियोजन कथानकका समर्थन अपने बयान अंधारा-161,164 दण्ड प्रकिया <नाम> में किया है। दौरानविवेचना पीड़िता अनुसूचित जाति की सदस्या होना पायी गयी तथा विवेचक द्वारापीड़िता के <नाम> प्रमाण पत्र के आधार <नाम> पीड़िता की उम्र 12 वर्ष से कम की होने कातथ्य केस डायरी में उल्लिखित किया है। मामले में विवेचक द्वारा अभियुक्त के विरूद्धपर्याप्त साक्ष्य पाते हुये आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_221_202012-03-202061
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी/ अभियुक्तगण मामले मेंआज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> हैं, उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा मेंलिया जा चुका है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण नेकोई अपराध नहीं किया है, उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनाया गया हैं, प्रार्थीगण निर्दोषहैं। प्रार्थी /अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादिनी मुकदमासुमन <नाम> अनुसूचित जाति की महिला है। प्रार्थिनी संकठा <नाम> इण्टर कालेज बगौरा,शिवपुर, सोनभद्र में हाईस्कूल व इण्टर <नाम> पढ़ी है। प्रार्थिनी जब स्कूल में पढ़ रही थी तबउसके साथ <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> भी पढ़ता था। उक्त <नाम> <नाम> वादिनी को बहलाफुसला <नाम> शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने लगा तथा वादिनीउससे शादी की बात करती तो वह टाल-मटोल करता। वादिनी के गांव के बगल बगौरानिवासी हरिनरायन जिसके यहां <नाम> <नाम> के पिता बढ़ई का कार्य करते थे, भी उसकासहयोग करते थे। दिनांक 25.06.2018 को उक्त <नाम> <नाम> वादिनी के साथ शादी करनेके बहाने राबर्दसगंज ले आया तथा सादे स्टाम्प <नाम> उससे हस्ताक्षर बनवा लिया औरवादिनी को लेकर अपने मामा के यहां ग्राम बेलाही में एक सप्ताह रहा। उसके <नाम> रामगढ़में किराये का मकान लेकर दो माह <नाम> रहा फिर अपनी मौसी के घर दो <नाम> रहा तथाउसके उपरान्त राजस्थान में एक माह <नाम> रहा। जब वादिनी उससे शादी करने के लिएकहती तो उसे बेच देने की धमकी <नाम> तथा उसके उपरान्त वादिनी को लेकर वहअपने घर गया तो उसके माता पिता कमश: <नाम> एवं <नाम> <नाम> ने उसे जातिसूचकशब्दों का प्रयोग करते हुए गालियां दी तथा दिनांक 28.11.2018 को उसे मार पीट <नाम> घरसे निकाल दिये। वादिनी के तहरीर के आधार <नाम> थाना पन्नूगंज <नाम> अभियुक्तगण केविरूद्ध मु0अ0सं0-60,/2019, धारा-366, 376, 323, 504, 506, 120बी भा0दंसं0 व रहReason: DocumeBail Application/616/2020 -Shiv Kumar Vs. State Government 2धारा-३(2)(\\-^) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। <नाम> विवेचना अभियुक्तागण शिवकुमार तथा <नाम> के विरूद्ध धारा-504 भा0दं0सं0 एवं धारा-3(2)(\\/-^) अनुसूचित जातिएवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत आरोप पत्र प्रेषितकिया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के अनुसार वादिनी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। पीड़िता / वादिनीमुकदमा अपने विद्वान अधिवक्ता के साथ उपस्थित हुई है। ", "प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-504 भा0दं0सं0 एवं धारा-3(2)(\\-^) अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत आरोप पत्र प्रेषित कियागया है। अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं। प्रार्थी/अभियुक्तगण जमानत पाने के अधिकारीहैं, अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> तथा वादिनी मुकदमा के विद्वानअधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है तथा कहा गया है किअभियुक्तगण के विरूद्ध अनुसूचित जाति की लड़की को अपमानित करने का अभियोग है। अतः अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> <नाम> किया जावे। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान <नाम> अभियोजनअधिकारी तथा वादिनी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथापत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवकतागण के तर्को को सुनने तथा पत्रावली केअवलोकन से स्पष्ट है कि प्रकरण में प्रार्थी /अभियुक्तगण शिवकुमार तथा <नाम> के विरूद्धधारा-504 भा०दं0सं0 एवं धारा-3(2)(\\-^) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट एवंपीड़िता के बयान अंतर्गत धारा-164दं0प्र०सं० में प्रार्थी / अभियुक्तगण <नाम> <नाम> तथापार्वती द्वारा अपने घर में पीड़िता के आने <नाम> गाली गलौज <नाम> अपमानित करने का कथनकिया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_874_201906-08-2019138
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादीनिरीक्षक / कार्य <नाम> <नाम> केन्द्रीय औद्यागित सुरक्षा <नाम> इकाई, एस एसटी पी एस, शक्तिनगर द्वारा थाने <नाम> लिखित सूचना दी गयी कि दिनांक22.10.2017 को समय लगभग 19.30 बजे संयन्त्र के <नाम> गेट <नाम> शयाम कार्तिक,एनटीपीसी कर्मचारी सं0-10364 की गाड़ी सं0-यू०पी0 64 एए 0010 जिसमेंसंजय <नाम> सुपरवाइजर, तिरंगा कांस्ट्रक्शान भी मौजूद थे, रूटीन चेकिंग हेतुजब कार की डिग्गी को कर्तव्य <नाम> तैनात प्र०आ0०,/ जीडी जुनैद अहमद <नाम> वआरक्षक / जीडी <नाम> सिह द्वारा खुलवाया गया तो गाड़ी के पीछे डिग्गी में एकपोर्टेबल बेल्डिंग मशीन जिसका नम्बर EASB origo a'c-150 India Ltd.IFC/EN60974-1EN50199, एक इलेक्ट्रिक बोर्ड जिसके साथ लगभग 07मीटर केबिल पाया गया। इसकी जानकारी <नाम> प्रभारी स0उनि/ कर्य सत्यवीरसिंह को दी गयी । जब उनसे उक्त सामान संयन्त्र के बाहर ले जाने <नाम> गेटपास क बारे में पूछा गया तो वह गेट पास प्रस्तुत नहीं <नाम> सके। पूछताछ करनेपर पता चला कि <नाम> <नाम> ए.टी.पी.सी. कर्मचारी सं0- 10364 एवं संजयतिवारी, सुपरवाइजर तिरंगा कन्स्ट्रक्शन लगभग सात हजार रुपये कीमत कीपोर्टेबल बेल्डिंग मशीन संयन्त्र के अन्दर से यूनिट नं0-5 से चोरी के इरादे सेगाड़ी की डिग्गी में छिपाकर बाहर ले जा रहे थे। बरामद सामान का विवरणसीजर लिस्ट में उल्लिखित किया गया है। अतः उपर्युक्त दर्शाये गये व्यक्तियों केविरूद्ध कार्यवाही की जाय। ", "oo्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प््रार्थी-अभियुक्त कोवादी के साजिश में <नाम> बरामद <नाम> पकड़ लिया गया। प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कथित अपराध नहीं कियागया है। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त एन.टी.पी.सी. का कर्मचारी है। चेकिंग के दौरान प्रार्थी-अभियुक्तकी गाड़ी सं0-यू0पी0 64 ए ए 0010 को चेक किया गया तो गाड़ी की डिग्गी सेपोर्टेबल बेल्डिंग मशीन व एक इलेक्ट्रिक बोर्ड लगभग सात मीटर केबिल के साथबरामद किया गया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा उक्त सामान संयन्त्र से चोरी करके लेजाया जा रहा था। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियोजन द्वारा कहा गया है कि एन.टी.पी.सी. संयन्त्र के गेटपर रूटीन चेकिंग <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की गाड़ी की डिग्गी चेक की गयीतो पाया गया कि डिग्गी में पोर्टेबल बेल्डिंग मशीन एवं एक इलेक्ट्रिक बोर्डजिसके साथ सात मीटर केबिल थी, बरामद हुई । पता करने <नाम> यह पता चलाकि यह लगभग सात हजार रुपये की कीमत की पोर्टेबल बेल्डिंग मशीन संयन्त्रके अन्दर से यूनिट नं0- 5 से चोरी के इरादे से गाड़ी की डिग्गी में छिपाकरबाहर ले जाया जा रहा था। घटना दिनांक 22.10.2017 के समय लगभग 19.30बजे <नाम> की बतायी गयी है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 03.11.2017 कोदर्ज करायी गयी है। ", "बचाव पक्ष का यह <नाम> है कि कोई वस्तु बरामद नहीं की गयी हैक्योंकि यदि उसके कब्जे से कोई वस्तु बरामद की गयी होती तो केन्द्रीयऔद्योगिक सुरक्षा <नाम> इकाई के जवानों द्वारा बरामद हुए सामान के साथ-साथअभियुक्त को भी गिरफूतार किया जाता तथा उसे तथा <नाम> के साथ प्रथमसूचना रिपोर्ट के साथ थाने <नाम> सुपुर्द किया जाता। ", "उल्लेखनीय है कि अभियुक्त को <नाम> तो गिरफ्तार किया गया औरन ही थाने को सुपुर्द किया गया। मौके <नाम> सीजर मेमो तैयार किया गया है जिसपर सीनियर मैनेजर <नाम> <नाम> उप निरीक्षक <नाम> <नाम> एवं अभियुक्तश्याम <नाम> का भी इस्ताक्षर है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध कागज सं0०- ३-अ/15से यह प्रतीत होता है कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा <नाम> के इंटेलिजेंसमैनुअल-2000 के अनुसार विभागीय कार्यवाही <नाम> प्रबन्धन में वरिष्ठ <नाम> कोअभियुक्त को सौपें जाने <नाम> कार्यवाही किये जाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकराने में विलम्ब किया जा सकता है तथा विभागीय कार्यवाही होने <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज कराया <नाम> टाला जा सकता है। ", "पत्रावली में कागज सं0-3अ/14 भी संलग्न है जिसके अनुसारसीनियर मैनेजर <नाम> <नाम> द्वारा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा <नाम> के कमाण्डेंटको यह पत्र लिखा गया था कि उनके स्तर से आन्तरिक जांच कर्मचारी केविरूद्ध की जायेगी । अतः इस अभियुक्त को इसकी कार सहित मैनेजमेंट को सौप..3 3दिया गया था, परन्तु दिनांक 22.10.2017 से दिनांक 03.11.2017 <नाम> जब कोईकार्यवाही विभाग द्वारा नहीं की गयी तब प्रस्तुत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायीगयी। इस प्रकार प्रशम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज कराये जाने का पर्याप्तस्पष्टीकरण पत्रावली में उपलब्ध है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
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Bail Application_167_202019-02-2020270
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा इन्तियाज पुत्रइदिदश, निवासी ग्राम अमउड़, पोस्ट जमगॉव, थाना शाहगंज जिला सोनभद्र नेदिनॉक 14.02.2019 को पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र के यहाँ इस कथन के साथप्रार्थना पत्र <नाम> कि उसकी पुत्री पीड़िता उम्र 14 वर्ष दिनॉक 06.02.2019 कोजूनियर हाई स्कूल जमगॉव गयी थी। रास्ते में ही सोनू पुत्र मुन्ना खॉ, निवासीशाहगंज उसकी पुत्री को बहला फुसला <नाम> अपने साथियों के साथ भगा ले गया। उसकी पुत्री अपने साथ रू0 30,000/-(तीस हजार रूपये) तथा कुछ जेवरात भी लेगयी है जिसकी सूचना प्रार्थी ने दिनॉक 08.02.2019 को थाना शाहगंज में <नाम> थालेकिन किसी प्रकार की कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी। प्रार्थी की पुत्रीनाबालिग है, उसे डर है कि उसकी पुत्री के साथ किसी प्रकार की घटना <नाम> होजाय। अतः थाना शाहगंज में मुकदमा पंजीकृत <नाम> उसकी पुत्री की बरामदगीकराये जाने की <नाम> की गयी है। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी को उपरोक्त मुकदमा में गलत आरोप लगा <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। अभियोजन कथानक पूर्णतया असत्य है। पीड़िता अपने घर से अकेले दिल्ली गयी Bail Application/502/2020 -Sumit Pal Vs. State Government 2और वहाँ <नाम> एक प्राइवेट कम्पनी में <नाम> करने लगी। उसी कम्पनी में प्रार्थी सेउसकी दोस्ती हुई । पीड़िता के प्रस्ताव <नाम> प्रार्थी ने उससे शादी किया और दोनोंसुखमय पारिवारिक <नाम> व्यतीत करने लगे। दोनों के नुत्फे से दो माह की बच्चीभी है। प्रार्थी/अभियुक्त, पीड़िता को भगा <नाम> नहीं ले गया था। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनॉक 02.02.2020 से कारागार में निरूद्धहै। मेडिकल रिपोर्ट से पीड़िता बालिग है। पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गतधारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में अपनी उम्र 21 वर्ष बताया है। प्रथम सूचना रिपोर्टमं प्रार्थी नामित नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुत कियागया है कि अभियुक्त द्वारा अन्य व्यक्तियों के सहयोग से नाबालिग पीड़िता काव्यपहरण <नाम> उसके साथ बलात्संग किया गया है जिसके परिणाम <नाम> पीड़िताको एक बच्ची भी है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथा अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न केस डायरीआदि का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-161 व 164 दंण्डप्रकिया <नाम> के आधार <नाम> प्रार्थी को अभियुक्त बनाया गया है। पीड़िता ने अपनेबयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में अपनी उम्र 21 वर्ष बतायी है तथायह कथन किया है कि दिनॉक 06.02.2019 को वह अपने घर से अकेले गयी थी,उसने घर वालों को नहीं बताया था। उसकी दोस्ती <नाम> पाल से हो गयी औरउसे <नाम> से शादी <नाम> ली। उसने <नाम> से शादी अपनी मर्जी से की थी उसेकिसी ने भगाया नहीं है। उसकी दो माह की बेटी है। वह अपने <नाम> के साथदिल्ली में रह रही है। केस डायरी के साथ प्राथमिक विद्यालय <नाम> खुर्द, विकासक्षेत्र घोरावल जनपद सोनभद्र द्वारा जारी पीड़िता के कक्षा-5 का प्रगति रिपोर्टप्रस्तुत किया गया है जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि 07.07.2006 <नाम> है। इससम्बन्ध में उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा जारी प्रमाण पत्र भी केस डायरी मेंसंलग्न है जिसकी <नाम> प्रधानाध्यापक द्वारा केस डायरी के पर्चा नं0-26 <नाम> दियेगये बयान से भी होता है। विद्यालय के प्रमाण पत्र में पीड़िता की जन्मतिथि 07.07.2006 <नाम> है। जिसके अनुसार पीड़िता घटना के समय नाबालिग दर्शित होती है। नाबालिग पीड़िता के साथ अभियुक्त द्वारा शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किया गया हैजो बलात्संग की श्रेणी में आता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_494_202015-05-2020618
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "15.05.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 21.03.2020 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> त्रिपाठी हमराहियों के साथ रोकथाम अपराध तलाश वांछितपेण्डिग विवेचना मं हिन्दुआरी पुलिस चौकी <नाम> मौजूद थे कि जरिए मुखबिर खाससूचना <नाम> कि एक व्यक्ति कुसी पुलिया के पास गुमटी रखकर नाजायज तरीके सेगांजा बेचता है। इस सूचना <नाम> विश्‍वास <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचकर उक्तगुमटी एवं उसमे बैठे व्यक्ति को घेर लिया गया। गुमटी में बैठे व्यक्ति का नाम पतापूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र किशुन <नाम> बताया। नियमानुसारजामा तलाशी ली गयी तो गुमटी के अन्दर एक सफेद रंग के प्लास्टिक के झोले मेंदो किलो पांच सौ ग्राम गांजा नाजयज बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्रमांगा गया तो नहीं दिखा सका । अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफ्तारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित क हस्ताक्षरफर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यकमात्रा से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 21.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त क कनब्जे सेदो किलो 500 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिकहै। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन Bail Application/1043/2020 -GANESH Vs, State Government 2किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से दो किलो 500 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्पमात्रा से अधिक है। अभियुक्त दिनांक 21.03.2020 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_758_202006-07-2020227
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 04.06.2020 को प्रभारी निरीक्षककमलेश पाल मय हमराह देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था लाकडाउन कोरोना महामारीके मददेनजर लाकडाउन को पूर्ण <नाम> से <नाम> पूर्वक सफल बनाते हुए कसबा वैनी मेंमौजूद था कि गोवध/गोवंश की तस्करी के अपराध में लिप्त अपराधियों <नाम> अंकुशलगाने <नाम> भ्रमणशील रहकर सुरागरसी पतारसी <नाम> रहा था तो ज्ञात हुआ कि गैगलीडर <नाम> <नाम> उर्फ झंगटू जो शांतिर किस्म का गोवश का तस्कर है तथा गायएवं गोवश को बेरहमी से बांधकर वाहनों से एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त को परिवहनकरता है। वह अपने सहयोगी दुर्जन <नाम> फिरोज खलीफा <नाम> <नाम> के साथमिलकर सुसगठित गिरोह बनाकर गोवंश की तस्करी जेसे अपराध में सकिय रहते है। जो भा०द0वि0 के अध्याय 17 में वर्णित अपराधों को करने के अभ्यस्त अपराधी है। इसके व इसके सहयोगी साथी द्वारा किए जा रहे गोवध/गोवश तस्करी जैसे संगीनअपराध एवं समाज विरोधी करिया कलापो के <नाम> समाज का कोई व्यक्ति इनकेविरूद्ध मुकदमा लिखाने तथा गवाही देने का साहस नहीं <नाम> पा रहा है। गैग लीडरअनिल <नाम> उर्फ झगटू व गिरोह के सदस्यों दुर्जन यादव,फिरोज खलीफा एवंजगदीश <नाम> के विरूद्ध थाना स्थानीय <नाम> मु0अ0सं0-68/19 अन्तर्गतधारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरता अधिनियम एवंमु0अ0सं0- 21/19 अन्तर्गत धारा-4/25 आयुध अधिनियम पंजीकृत है। गैंगलीडर एवं गैग के सदस्यों के आपराधिक गतिविधियों <नाम> प्रभावी नियंत्रण <नाम> उप्र.गिरोहबन्द और समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम की <नाम> ३(1) केअन्तर्गत कार्यवाही किया <नाम> आवश्यक है। <नाम> स्वंतंत्र घुमना समाज हित मेंअच्छा नहीं है। अभियुक्तगण के विरूद्ध गैग चार्ट जिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा अनुमोदितहोकर प्राप्त हो चुका है। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णितअभियोग पंजीकूत कराया गया । ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसे Bail Application/l569/2020 -Anil prajapati Vs. State Government 2अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं0-68//19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11पशु कूरता अधिनियम एवं मु0अ0सं0- 21/19 अन्तर्गत धारा-4 /25 आयुध अधिनियमथाना रायपुर जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त क विरूद्ध उपरोक्तमुकदमा के अतिरिक्त अन्य कोई अपराध पंजीकृत नहीं है। उपरोक्त अपराध मेंअभियुक्त जमानत <नाम> है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहींहै। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबीलाभ अर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त क विरूद्ध अभ्यस्त: अपराधी एवंथाना <नाम> में भय दहशत एवं आतंक क संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त कविरूद्ध पुशओओं के गोवध <नाम> उनके तस्करी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गयाहैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं0-68//19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11पशु कूरता अधिनियम एवं मु0अ0सं0- 21/19 अन्तर्गत धारा-4 /25 आयुध अधिनियमथाना रायपुर जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त अपने गैग के सदस्योंके साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारित करते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुन: अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्णसम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> सेइन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत का घोरविरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0सं0-68,/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवंधारा 11 पशु कूरता अधिनियम एवं मु0अ0सं0- 21/19 अन्तर्गत धारा-4/25 आयुधअधिनियम थाना रायपुर जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसारअभियुक्त संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त गैग के सदस्यों के साथमिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारित करना कथित कियागया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_617_202004-06-2020430
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त की ओर से यह आधार लिया गया है कि अभियोजन द्वारा 90दिन बीतने के उपरान्त 91वां <नाम> दिनांक 19.05.2020 को आरोप पत्र न्यायालय मेंप्रस्तुत किया गया है, जिसकी जानकारी प्रार्थी / अभियुक्त को दिनांक 20.05.2020 कोन्यायालय आने के उपरान्त हुई । विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा बताया गया किप्रार्थी / अभियुक्त की प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र इस न्यायालय द्वारा दिनांक 22.05.2020को अं०धारा- 376, 308, 511, 338, 504, 506 भा0दं0सं0 व धारा-7/8 लैंगिकअपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, व ३2) अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, थाना-चोपन, जनपद-सोनभद्र मेंनिरस्त किया जा चुका है। प्रार्थी द्वारा प्रथम डिफाल्ट प्रार्थना पत्र <नाम> 376, 308, 511,338, 504, 506 भा०दं0सं0 व 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम2012 व ३(2)५ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम में दाखिल किया गया था जो कि इस न्यायालय द्वारा दिनांक 22.05.2020को निरस्त किया जा चुका है। प्रार्थी द्वारा द्वितीय डिफाल्ट प्रार्थना पत्र अंणधारा-376,308, 511, 338, 504, 506 भा०दं0सं0 एवं 18 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षणअधिनियम 2012, व ३(2)४ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम में दाखिल किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना एवं मामले में प्रस्तुत पत्रावली का अवलोकन किया। Bail Application/617/2020 -suraj kumar pandey Vs. State Government 2द्वितीय डिफाल्ट जमानत प्रार्थना में प्रार्थी द्वारा न्यायालय से निवेदनकिया गया है कि नियमानुसार 90 <नाम> के अन्दर आरोप पत्र न्यायालय प्रस्तुत नहींकिया गया। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को द्वितीय डिफाल्ट जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> रिहाकिया जाये। इस न्यायालय द्वारा पूर्व में प्रथम डिफाल्ट (atघt०\"y Ba1]) <नाम> 376,308, 511, 338, 504, 506 भा०दं0सं0 व 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षणअधिनियम 2012 व ३3(2)\\ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम में खारिज इस आधार <नाम> किया गया है कि प्राथी/अभियुक्त नेडिफाल्ट जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 20.05.2020 को दाखिल किया है, जबकिविवेचनाधिकारी द्वारा आरोप पत्र दिनांक 19.05.2020 को ही दाखिल किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_472_201908-05-2019816
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 08.04.2019को उ0नि0 हरिशंकर <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मियों के साथ देखभाल <नाम> वशांति व्यवस्था व तलाश वांछित में मामूर थे कि जरिए मुखबिर खास सूचना मिलीकि एक गाड़ी डी.सी.एम. जिस <नाम> अमूल दूध सफेद रंग की बन्द पन्नुगंज कीतरफ से गोवंश लादकर आ रही है, जो बिहार जाएगी । इस सूचना <नाम> विशवासकर पुलिस कर्मचारीगण थाना गेट के सामने रोड <नाम> खड़ा होकर उक्त वाहनडी.सी.एम. के आने का इंतजार करने लगे। कुछ देर <नाम> वैनी की तरफ से एकडी.सी.एम., जिसके उपर अमूल दूध लिखा है, आती दिखाई दी थी तो सभीपुलिस वाले रोड़ के किनारे खड़े होकर उसे रूकने का इशारा किया तो चालकने पुलिस वालों को <नाम> से मारने की नियत से गाड़ी की स्टेयरिंग दाहिने तरफमोड़ दिया। पुलिस वाले अपनी <नाम> बचाकर रोड़ के नीचे कूद गये। डी.सी.एम.चालक ने गाड़ी <नाम> रफूतार से खलियारी बाजार की तरफ भगाने लगा तबपुलिस वाले अपनी-अपनी मोटरसाईकिल से उक्त वाहन का पीछा किये तो खुर्दगांव के सामने <नाम> <नाम> बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान के सामने एक ट्रकरोड़ <नाम> खड़ा होकर गिट्टी उतार रहा था, जिससे रोड़ वहां <नाम> बन्द थी। डी.सी.एम. चालक ने रोड़ बन्द देख गाड़ी खड़ा <नाम> गेट खोल <नाम> भागने का प्रयासकिया, जिसे हिकमत अमली से घेरकर व चालक सीट के बगल में बैठे एकव्यक्ति दोनों को पकड़ लिया गया। चालक का नाम पूछा गया तो उसने अपनानाम इस्तखार अली तथा अपने को वाहन <नाम> बताया तथा चालक सीट के बायेतरफ बैठे व्यक्ति का नाम पूछा गया तो उसने अपना नाम साहबे आलम बताया । पकड़े गये व्यक्ति की जमा तलाशी ली गयी तो चालक इस्तखार अली के पहने हुए पैंट क बायें जेब से व साहबे आलम के दाहिने जेब से एक अदद नजायजचाकू बरामद हुआ तथा चालक उपर्युक्त से भागने का <नाम> पूछा गया तो बतायाकि मेरी डी.सी.एम. कटेनर में 14 <नाम> बैल (गोवंश) लदा है, जिसको वघ हेतुबिहार ले जा रहे हैं, पकड़े जाने के डर से भाग रहे थे। नजायज चाकू केसम्बन्ध में पूछा गया तो बताया कि हम लोग अपनी सुरक्षा के रखे हैं। नजायजचाकू के सम्बन्ध में कागजात मांगा गया तो दिखाने से काशीर रहें। डी.सी.एम.कंटेनर का पिछला दरवाजा खोल <नाम> <नाम> गया तो 14 राशिफल ठुस-ठुस करभरे थे तथा एक दूसरे का पैर <नाम> व गर्दन बेरहमी से बाधे गये थे तथा बाधेबैल आपस में छटपटा रहे थे। इस आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमापंजीकृत किया गया। ", "प्रार्थी-अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> किया गया कि्रार्थीगण को फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थीगण ने कोई अपराध नहीं कियाहै। प्रार्थीगण के वाहन से किसी पुलिस कर्मचारी को कोई चोट नहीं आयी है। ्रार्थी-अभियुक्तगण के विरूद्ध <नाम> 307 भा०दं0सं0 का अपराध नहीं बनता है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। कथित <नाम> से गोवंश उत्तर प्रदेश की <नाम> में हीबरामद हुए हैं। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण के कब्जे से 14 <नाम> गोवंश बरामद हुए हैं जिन्हें प्रार्थी-अभियुक्तगण बिहार गोवध करने के लिए ले जा रहे थे। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "यद्यपि कि अभियुक्तगण द्वारा दिये गये तर्क पर्याप्त प्रतीत नहीं होतेहैं परन्तु उत्तर प्रदेश की <नाम> के अन्तर्गत गोवंश का अभिवहन प्रतिबंधित नहीं हैतथा <नाम> 11 पशु कूरता अधिनियम के अपराध जमानतीय हैं। जहां <नाम> धारा307 भा0दं0सं0 के अपराध का प्रश्‍न है, प्रस्तुत मामले में किसी को भी चोट नहींआयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1150_201910-10-2019710
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 15.06.2019को समय लगभग 23.30 रपट नं0-51 <नाम> उप निरीक्षक रामकृत <नाम> हमराहीपुलिस कर्मचारियों के साथ देखभाल <नाम> व वाहन चेकिंग व गस्त में मामूर होकरकरकी माइनर <नाम> मौजूद थे तो सूचना <नाम> कि एक पिक-अप जो मिर्जापुर सेजानवर लादकर आ रही थी तथा हिन्दुआरी की तरफ से भूसा लदा ट्रैक्टरमिर्जापुर की तरफ जा रहा था। पिक-अप चालक अपना नियंत्रण खो <नाम> औरभरुहा माइनर के पास भूसा लदा ट्रैक्टर की ट्राली में टक्कर मार <नाम> जिससेपिक-अप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी। सूचना <नाम> पुलिस कर्मचारी मौके <नाम> पहुंचेतो पिक-अप चालक व उसमें बैठे दो अन्य व्यक्ति पिकअप से उतरकर भागगये। पिक-अप के पीछे <नाम> व हरे रंग के प्लास्टिक के कार्टून बंधे थे जोखाली थे। कार्टून हटाकर <नाम> गया तो पांच <नाम> बैल कूरतापूर्वक एक दूसरे कोरस्सियों के सहारे उनके हाथ, पैर व गर्दन बांध <नाम> लादा गया था। लादे गयेजानवरों के मुँह से झाग आ रहा था। बरामद पशुओं की फर्द तैयार की गयी एवंफर्द के आधार <नाम> मुकदमा दर्ज किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै । प्रार्थी-अभियुक्त कोई वाहन नहीं चलाता है। प्रार्थी को गलत तरीके सेअभ्यक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त का किसी दुर्घटना या वाहन से कोई सम्बन्ध नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्तके पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। ्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 01.10.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। ", "ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा पांच <नाम> पशुओं को कूरता पूर्वक बांधकर उन्हें काटने हेतुवाहन से ले जाया जा रहा था। प्ररार्थी-अभियुक्त बिहार राज्य का निवासी है। यदि प्रार्थी-अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> गया तो वह विचारण मेंसहयोग नहीं करेगा। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "जिस स्थान <नाम> गोवंशां को बरामद किया <नाम> कहा जाता है वहबिहार राज्य की <नाम> से काफी दूर है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता किउत्तर प्रदेश राज्य की <नाम> से बाहर पशुओं का परिवहन किया जा रहा था। ्रार्थी-अभियुक्त दिनांक दिनांक 01.10.2019 से जिला कारागार में निरुद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1195_201931-10-2019525
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 17.08.2019 एवं 18.08.2019 की <नाम> में कुछ लोग पीछेसे दिवाल फादकर घर में घुसकर उसके लडके का मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> व<फ़ोन-नंबर>6 व पर्स जिसमें नकद रु0 11,500/-, पैन कार्ड, आधार कार्ड,ए.टी.एम. व डी.एल. था। लड़की की पर्स में रु0 2400/-, हेडफोन एवं वीवो मीचार्जर, उसका पर्स जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, पत्नी का आधार कार्ड, पैनकार्ड एवं कुछ नकद था। एलईडी टी.वी व कालेज का <नाम> जिसमें सरकारीकागजात के साथ-साथ शाम्भूनाथ प्रा०आई०टी0आई, परासपानी, <नाम> डाला कालेटर पैड एवं केशवराम महाविद्यालय का लेटर पैड, मुहर, पैन ड्राइव एवं दोनोंकालेज का दो <नाम> की फीस कलेक्शन दिनांक 16.08.2019 एवं 17.08.2019 जोनकद कैश के <नाम> में रु0 30,000/- है। कालेज <नाम> में ही उसकीमोटरसाइकिल जिसका नं0-यू०पी0 64 ए ई 0065 का पंजीयन, बीमा एवं सेललेटर के कागजात थे। उसकी खुद की दो मोबाइल एवं चार्जर के साथ जिसकानम्बर कमशः <फ़ोन-नंबर> जियो मोबाइल एवं <फ़ोन-नंबर> माइको मैक्स को भीसाथ ले गये। ॥0॥९\" 8% का (mobile model) IMEI (1)<फ़ोन-नंबर>795,IMEI(2) <फ़ोन-नंबर>1800 Jio Phone क IMEI<फ़ोन-नंबर>611 । प्रार्थी शमभूनाथ प्रा०आई०टी०आई0०, परासपानी कोटा,डाला का प्रधानाचार्य होने के <नाम> प्रत्येक दो-दो <नाम> का पूरा कैश कलेक्शनको ले जाकर प्रबन्धक <नाम> को देता है। घटना के <नाम> शनिवार होने के कारण...2 ooप्रबन्धक <नाम> से मुलाकात नहीं <नाम> सका जिससे संस्थान का पूरा कैश उसकेपास पड़ा रहा। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> सामान वापस दिलाने में मदद करें। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेगलत तरीके से फंसाया गया है। <नाम> <नाम> बताये प्रार्थी-अभियुक्त का चालानकर <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अपराधमजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रर्थी-अभियुक्त दिनांक 14.10.2019 सेजिला कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर वादी के घर में घुसकर उसकासामान, रुपया एवं मोबाइल चुरा लिया । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अभियोजन पक्षद्वारा प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं बताया गया है। अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं बतायी गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_755_202004-07-2020244
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा अलाउद्दीन हवारी पुत्रगफार हवारी, निवासी ग्राम डिघुल पोस्ट बाघाडू थाना दुद्धी जिला सोनभद्र ने दिनॉक20.01.2019 को थाना दुद्धी जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकराया कि वर्ष 2012 में वह तथा नन्दलाल पुत्र दशरथ, चन्द्रमणी <नाम> पुत्र घुरा साव आदिबहुत से लोग ऑसम इन्फा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड वाराणसी जिसकी सेक्टर कार्यालय लुसलीनिकेतन कसबा दुद्धी में था, उसमे एजेन्ट क <नाम> में <नाम> करके लोगों का पैसा जमा करायाथा। इस कम्पनी ने कुछ दिनों <नाम> ग्राहकां का पैसा <नाम> रही थी लेकिन वर्ष 2016 से किसी कापैसा वापस नहीं <नाम> रही है। इस कम्पनी के <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र शिवलाल <नाम> निवासीग्राम भिटारी, थाना लोहता जिला वाराणसी व डायरेक्टर <नाम> <नाम> पुत्र सन्तलाल निवासीग्राम कुआरी खुर्द, थाना बड़ागॉव जिला वाराणसी व रविन्द्र <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> वर्मानिवासी आर0/ओ0- 57 बेनीपुर खुर्द थाना आयर जिला वाराणसी तथा सहायक के <नाम> मेंधर्मेन्द्र <नाम> <नाम> पुत्र प्रभू <नाम> <नाम> निवासी ग्राम व पोस्ट फुलवरिया, थाना कैन्टवाराणसी व <नाम> <नाम> मौर्या पुत्र मेवा <नाम> मौर्या निवासी जंगलपुर थाना गोपीगंज जिलाभदोही मिल <नाम> <नाम> करते थे। कम्पनी में पैसा जमा होने के <नाम> भी उक्त लोगों द्वाराग्राहकों का पैसा वापस नहीं किया जा रहा है। पता करने <नाम> ज्ञात हुआ कि इन लोगों नेगलत तरीके से फर्जी कम्पनी बना <नाम> धोखाधड़ी करके लोगों का पैसा हड़प लिया और मॉगनेपर पैसा देने में आनाकानी <नाम> रहे हैं। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त दिनाक 13.06.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में है। अभियोजनकथानक गलत एवं बेबुनियाद है। प्रार्थी बेरोजगार था इसलिये उक्त कम्पनी के <नाम> कृष्णकुमार के यहाँ नौकर के <नाम> में <नाम> करता था। कथित घटना से प्रार्थी का कोई वास्तासरोकार नहीं है। वादी के साथ कुछ लोग मिल <नाम> कम्पनी <नाम> <नाम> <नाम> तथाडायरेक्टर <नाम> <नाम> को पैसा देते थे या नहीं इसकी जानकारी प्रार्थी को नहीं होती थी। ", "ह2 वादी मुकदमा द्वारा प्रार्थी के खिलाफ गलत मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रार्थी का <नाम> केपैसा से कोई वास्ता सरोकार नहीं है और <नाम> ही प्रार्थी ने कोई <नाम> लिया है। प्रार्थी उक्तकम्पनी में रजिस्टर्ड <नाम> से किसी पद <नाम> कार्यरत नहीं था। प्रार्थी के विरूद्ध उपरोक्त धाराओंका कोई अपराध नहीं बनता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधारपर अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा अन्य लोगों के साथ मिल <नाम> गलत तरीके से ऑसमइन्फा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड वाराणसी के नाम से फर्जी कम्पनी बनाया गया। जिसका सेक्टरकार्यालय तुसली निकेतन कस्बा दुद्धी में स्थित था। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा उक्त कम्पनी मेंसहायक के <नाम> में कार्यरत रहते हुये ग्राहकों का पैसा जमा कराया गया और <नाम> मेंधोखाधड़ी करक ग्राहकों का पैसा हड़प लिया गया। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। प्रस्तुत मामले में प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा स्वयं इस बात की स्वीकारोक्ति की गयीहै कि वह प्रश्‍नगत कम्पनी ऑसम (^A%९5०९) इन्फा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड में सहायक के रूपमें कार्यरत था। मामले में केस डायरी तलब की गयी जिसके अवलोकन से यह विदित होता हैकि प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध अन्य जनपदों में भी उक्त कम्पनी द्वारा छल किये जाने केसम्बन्ध में मामला दर्ज है। " ] }
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Bail Application_910_201916-08-201993
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि आज दिनांक 30.03.2019 को समय लगभग 5.30 बजे सुबहउसके पिता स्व0 डा0 <नाम> <नाम> मार्निग वाक करते हुए वन विभाग छपका केरास्ते अपनी पुत्री <नाम> <नाम> के घर की तरफ जा रहे थे तो तीन अज्ञात लोगमोटरसइकिल से आये ओर उसके पिता की गोली मारकर हत्या <नाम> दिये। उसकेपिता घर में बताये थे कि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य जटाशंकर <नाम> पाण्डेयउन्हें <नाम> से मारने की धमकी <नाम> करते थे। निवेदन है कि प्रार्थी की रिपोर्टलिखकर कानूनी कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रार्थी-अभियुक्त का <नाम> अभियुक्तगण जटाशंकर <नाम> <नाम> व <नाम> शर्मासे कोई वास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से फर्जी तमंचा कीबरामदगी दिखायी गयी है। प्रार्थी को <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> के बयान परआरोपित किया गया है। घटना के काफी समय <नाम> प्ररार्थी-अभियुक्त को अपराधमें संलिप्त किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं कियागया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतक की रेकी घटना से पूर्व तथा घटना के <नाम> की गयीथी । घटना वाले <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा ही अभियुक्तगण काजू <नाम> व नागेन्द्रसिंह को घटना स्थल से मोटरसाइकिल <नाम> बैठाकर ले जाया गया था। साक्षीगण..2 ooद्वारा प्रार्थी-अभियुक्त को घटना स्थल <नाम> <नाम> गया है। अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त कुन्दन सोनकर की <नाम> घटना केपूर्व मृतक के मार्निग वाक के समय स्थान आदि की रेकी करने की है तथा घटनाके <नाम> घटना के पश्चात वास्तविक शूटरों को मोटरसाइकिल से लेकर भागने कीहै। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
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Bail Application_772_201915-07-2019328
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने दिनांक19.02.2019 को थाने <नाम> सूचना <नाम> कि वह आवास सं0-तृतीय 797 अनपरातापीय परियोजना कालोनी में निवास करता है। दिनांक 16.02.2019 की सायंकाललगभग 7:00 बजे अपने आवास के सामने अपनी मोटरसाइकिल (हीरो होण्डाग्लेमर ब्लैक ग्रे कलर) सं0 यूपी0 65 ए जेड 1900 जो वादी के <नाम> श्रीउमाशंकर <नाम> के नाम <नाम> पंजीकृत है, को पावर हाउस से आकर खड़ा कियाथा। सायंकाल लगभग 8.00 बजे वादी ने बाहर <नाम> तो मोटरसाइकिल नहीं थी। वादी अपने सहयोगियों के साथ मोटरसाइकिल की काफी खोज-बीन की परन्तुमोटरसाइकिल का <नाम> <नाम> कुछ पता नहीं चल पाया है। अनुरोध किया है किमोटरसाइकिल चोरी की प्राथमिकी दर्ज करने की कूपा की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रार्थी-अभियुक्त मजदूर है प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोई मोटरसाइकिल बरामद नहीं की गयी है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्ररार्थी-अभियुक्त दिनांक19.04.2019 से कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त को चोरी की मोटरसाइकिल के साथ गिरफूतार किया गया। ्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से वादी की चोरी की गयी मोटरसाइकिल के साथ-साथ गांजा भी बरामद किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का आपराधिक इतिहासहै। प्रार्थी-अभियुक्त मोटरसाइकिल चोरी करके उन्हें बेचने का अभ्यस्त है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "यह सही है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> 379 भा0०दं0सं0 कअन्तर्गत अज्ञात अभियुक्त के नाम दर्ज करायी गयी है परन्तु उक्त मोटरसाइकिलअभियुक्त के कब्जे से बरामद हुई है। वादी द्वारा उक्त मोटरसाइकिल अपनेआवास के सामने खड़ी की गयी थी जहां से चोरी हुई । ", "—_ 2 —_अभियुक्त के कब्जे से उक्त मोटरसाइकिल के साथ-साथ गांजा भीबरामद किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध पूर्व में ही एक अन्य मामला भी दर्जकिया गया है जो डकैती से सम्बन्धित है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि अभियुक्त इसी प्रकारके अपराध करने का अभ्यस्त है। ", "अभियुक्त का आपराधिक इतिहास तथा प्रस्तुत मामले को एक साथमिलाकर देखने से यह प्रतीत होता है कि यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिया गया तो वह इसी प्रकार क मामलों में पुनः संलिप्त हो जायेगा। अपराधगम्भीर गम्भीर <नाम> का है। " ] }
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Bail Application_60_202001-02-2020541
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 15.01.2020को उप निरीक्षक चन्द्रशेखर <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> शांतिव्यवस्था में महरीकला से होते हुए मेंझरोट मोड़ <नाम> पहुंचा कि एकव्यक्ति अपने हाथ में प्लास्टिक का सफेद रंग का झोला लेकर खड़ा थाकि पुलिस <नाम> को देखकर भागने लगा कि शक होने <नाम> पुलिसबल द्वारा 25-30 <नाम> दौड़ाकर पहाड़ी के पास समय करीब 06.00 बजेपकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसनेअपना नाम बृजकुमार <नाम> पुत्र प्रभुनाथ <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिएप्लास्टिक के झोले में एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतःअभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके परलिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर वफर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल करमुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा धारा-50एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधान का पालन नहींकिया गया है। अभियुक्त दिनांक 15.01.2020 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कनब्जे से2 —2—एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0एपी0एस०एक्ट क प्राविधानों कासही प्रकार से पालन किया गया है। डी0सी०आर0बी0 रिपोर्ट के अनुसारअभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने <नाम> उसके पुनः उक्त अपराध में संलिप्त होने कीसम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से एक किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होनाकहा गया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन द्वारा अभियुक्तके आपराधिक इतिहास के संबध में कोई कथन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 15.01.2020 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1084_201901-10-2019752
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> गनेशपाल पुत्र रामरूप, निवासी ग्राम जरहाँ टोला दिघुल, थाना बीजपुर जिलासोनभद्र ने दिनाक 09.05.2019 को पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र के यहाँ इसकथन के साथ प्रार्थना पत्र <नाम> कि दिनॉक 01.05.2019 को वह अपनी बेटीसुशीला को पहुँचाने उसके ससुराल गया था तथा उसकी पत्नी घर के बगलमं बकरी चराने गयी थी। उसकी नाबालिग बेटी पीड़िता उम्र 10 वर्ष तथादूसरी बेटी पीड़िता उम्र 18 वर्ष दोनों घर में अकेली थी। मौका पाकर उसकेगाँव का <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> तथा <नाम> <नाम> पुत्र सत्य <नाम> दोनोंएक <नाम> होकर उसके घर में घुस गये और अन्दर से दरवाजा बन्द करकेउसकी दोनों बेटियों के साथ बारी-बारी से बलात्कार किया। उसकी बेटियाचिल्लाना चाही तो उच्हें <नाम> से मारने की धमकी देकर चुप <नाम> दिये। उसकी पत्नी घर पहुँची और दरवाजा खोलवाने के लिये आवाज लगायी तोइन्द्र <नाम> और <नाम> <नाम> दरवाजा खोल <नाम> बाहर निकले और उसकीपत्नी को धक्का देकर भाग गये। उसकी पत्नी घर के अन्दर पहुँची तो उसकीनाबालिग बेटी चारपाई <नाम> अचेत पड़ी थी और दूसरी बेटी जमीन <नाम> बैठ कररो रही थी, पूछने <नाम> बतायी कि <नाम> <नाम> और <नाम> <नाम> ने बारी-बारी से-...2 9उन लोगों के साथ बलात्कार किया है और किसी को <नाम> बताने की धमकीदिये हैं । ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी को गलत तरीके से झूठा मुल्जिम बनाया गया है उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। अभियोजन कथानक असत्य, मनगढ़न्त एवं <नाम> है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रथम सूचनारिपोर्ट और पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> परस्परविरोधाभासी हैं जो मामले के संदिग्ध बनाते हैं। गॉँव की राजनीति व विवादके <नाम> साजिश करक प्रार्थी को रंजिशन फसाया गया है। अभियोजनकथानक चिकित्सीय साक्ष्य से समर्थित नहीं है। अभियुक्त दिनॉक 03.07.2019से जेल में निरूद्ध है। यह भी कथन किया गया है कि <नाम> अभियुक्त बालकुमार को घटना में संलिप्त <नाम> पाते हुये तथा उस <नाम> उसे रायगढ़, महाराष्ट्रमें होने के तथ्य <नाम> उसके विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी है । ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह तकप्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> नाबालिग पीड़िता के साथबलात्संग किये जाने का अभियोग है। विवेचना के उपरान्त अभियुक्त केविरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। विवेचक द्वारा नामित सहअभियुक्त <नाम> <नाम> को काल डिटेल के आधार <नाम> आरोपित नहीं किया गयाहै, यह साक्ष्य का विषय है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत मामले से सम्बन्धितपत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट वादी मुकदमा <नाम> गनेश पालद्वारा लिखाया गया है। घटना दिनॉक 01.05.2019 की समय 02:00 बजे दिनकी बतायी गयी है जिसमें यह कहा गया है कि वादी की नाबालिग पुत्रीपीड़िता उम्र 10 वर्ष तथा दूसरी पुत्री पीड़िता उम्र 18 वर्ष घर में थी। अभियुक्त <नाम> <नाम> तथा <नाम> <नाम> एक <नाम> होकर वादी के घर में घुसकर उसकी दोनों लड़कियों के साथ जबरन बारी-बारी से बलात्कार किये। इस सम्बन्ध में प्रार्थी / अभियुक्त एवं <नाम> <नाम> के विरूद्ध मुकदमा अपराध-...3 जमानत प्रार्थना पत्र स॒ख्या-1084 / 2019, प्रार्थना पत्र संख्या-1084 / 2019,3संख्या-57 / 2019 अन्तर्गत धारा-376, 452, 506 भारतीय दंण्ड <नाम> एवंधारा-3/4 लैंगिके अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 पंजीकृतकिया गया है। " ] }
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Bail Application_491_201909-05-2019808
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि पीड़िता ने थाने परसूचना <नाम> कि पीड़िता के चाचा <नाम> <नाम> का लड़का लालबाबू पीड़िता कोबहला-फुसलाकर ले गया था । दोनों व्यक्तियों के घर वालों को थाने <नाम> लायागया, जहां <नाम> दोनों पक्ष के लोगों के बीच जिन्दगी भर रखने यानी पत्नी बनाकरले गया। यहां से <नाम> निगाही रिश्तेदारों के पास ले जाकर रखा था। वहां परखाना-कपड़ा देने के लिए कहकर 15 <नाम> <नाम> ठीक से रखा। इसके <नाम> दूसरेलड़कों को घर में शराब पीकर लाता था और <नाम> था कि जाओ इन लोगों केसाथ सोओगी तो पैसा मिलेगा। बात <नाम> <नाम> <नाम> उसे मारकर घर से बाहर भगादिया। पीड़िता को <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> सूरज पुत्र <नाम> <नाम> पुत्रअशोक ने डेरा <नाम> जाकर <नाम> में मारकर फेक दिये थे। होश आने <नाम> पीड़ितानिगाही शापिंग जाकर फोन करके घर वालों तथा <नाम> को बुलाकर घर आयीतथा पांच हजार रूपया, मोबाइल, एक नग मंगलसूत्र, एक <नाम> कान काझुमका छीनकर भगा दिये। इस सूचना के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्धमुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रार्थी एवं वादिनी का घर सटा हुआ है। अक्सर झगड़ा व मनमुटाव होतारहता है। उसी रंजिश के <नाम> द्वेषवश झूठा फंसा दिया। घटना का कोईप्रत्यक्षदर्शी <नाम> नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> तो वादिनी को बहलाया-फुसलाया गया है और <नाम> ही उसे मारा-पीटा गया है, <नाम> ही वादिनी का जेवरातव अन्य सामान छीना गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता का चचेरा <नाम> है। पीड़िता घटना के समय अवयस्क थी,को प्रार्थी-अभियुक्त बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। <नाम> में दोनों पक्षों कमध्य पीड़िता को पत्नी के <नाम> में रखने के लिए सुलह-समझौता हुआ। प्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता को <नाम> ले गया जहां <नाम> पीड़िता को दूसरो लड़कों के साथसोने के लिए दबाव बनाने लगा। पीड़िता द्वारा <नाम> करने <नाम> उसका जेवरात व —_ 2 —_अन्य सामान छीन लिया तथा उसे मारा-पीटा। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीरअपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यूक परिशीलन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त लालबाबू द्वारा पीड़िता को घर सेबहला-फुसलाकर ले जाकर गलत <नाम> करने तथा करवाने एवं मारने-पीटने काअभिकथन किया गया है। उल्लेखनीय है कि अभियुक्त पीड़िता का चचेरा <नाम> है। ", "<नाम> 164 दं0प्रoसं0 के बयान में भी पीड़िता ने यह अभिकथितकिया है कि लालबाबू उसे बहला-फुसलाकर घर से अपने रिश्तेदार म्योरपुरके यहां ले जाकर रखा था। पत्रावली <नाम> उपलब्ध साक्ष्यों एवं <नाम> <नाम> प्रमाणपत्र के आधार <नाम> पीड़िता <नाम> अवयस्क है। ऐसी <नाम> में माता-पिता कीअनुमति के <नाम> माता-पिता की संरक्षकता से पीड़िता का अपहरण कियाजाना एवं उसके साथ विवाह किया <नाम> गम्भीर अपराध है। " ] }
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Bail Application_1032_202005-09-2020939
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 13.08.2020 को प्रभारीनिरीक्षक <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> व विवेचना में मामूर था कि ज्ञात हुआकि <नाम> धरिकार व <नाम> धरिकार व <नाम> धरिकार व धनपति धरिकार व लवकुशधरिकार व <नाम> <नाम> का एक संगठित गिरोह है। जिसका सरगना <नाम> धरिकारहै, जो आपस में मिलकर व <नाम> धरिकार के नेतृत्व में अपने गैंग के साथ आर्थिकभौतिक दुनियाबी <नाम> के लिए सेंध लगाकर चोरी करने व भा0द0वि0 के अध्याय 17में वर्णित अपराधों को करने के अभ्यस्त: अपराधी है। <नाम> आम जनमानस में भय वआतंक व्याप्त है। इनके विरूद्ध मु0अ०सं0०-22/20 अन्तर्गत धारा-380,411,413भा0द0सं0 व मु०अ0सं0-67/20 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा0द0सं0 वमु0अ0सं०- 116/19 अन्तर्गत <नाम> 457,380,411 भा0द0सं0 एवमु०अ०सं0-142/19 अन्तर्गत धारा-380,411 भा0द0सं0 थाना घोरावल में पंजीकृत है । इस गैंग के आतंक व भय से <नाम> का कोई भी व्यक्ति उनके विरूद्ध मुकदमालिखाने व गवाही देने <नाम> साहस नहीं करता है। उक्त लोगों द्वारा सेंध लगाकर चोरीकरने का अपराध करते है। गैंग लीडर <नाम> धरिकार व सदस्यगण <नाम> धरिकार,सुनील धरिकार धनपति धरिकार, लवकुश धरिकार व <नाम> <नाम> का गैंग चार्टपुलिस अधीक्षक व जिला मजिस्देट सोनभद्र द्वारा अनुमोदित होकर प्राप्त हो चुका है। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत करायागया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है किअभियुक्तगण को रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उन्होने कोई अपराध नहीं किया हैन ही ऐसे अपराधों में कभी लिप्त रहे हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्तगण केविरूद्ध मु0अ0सं0-22/20 अन्तर्गत धारा-380,411,413 भा0द0सं0 वमु०अ०सं0-67,/20 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा0द0सं0 व मु0अ0सं0- 116/19अन्तर्गत <नाम> 457,380,411 भा०द0सं0 एव मु0अ0सं0-142/19 अन्तर्गतधारा-380,411 भा०द0सं0 थाना घोरावल जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्तगण का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। <नाम> धरिकार नेअभियुक्त <नाम> के पिता को गोली से मारा था जिससे उसके विरूद्ध थाना घोरावलमें मु0अ०सं0-66,/20 अन्तर्गत धारा-323,504,506,147,148,149,307 भा0०द0सं0 दर्जहै। उसी दुश्मनी के चलते <नाम> धरिकार ने अपने चोरी में नाजायज ढंग सेअभियुक्तगण का नाम बताकर शामिल <नाम> <नाम> उसी आधार <नाम> अभियुक्तगण कोअभियुक्त बना <नाम> गया तथा <नाम> धरिकार के कब्जे से बरामद <नाम> कोअभियुक्तगण के कब्जे से बरामदगी दिखाकर अभियुक्त बना <नाम> गया है। गैंग चार्टमें सभी मुकदमों में अभियुक्त गण के नाम से कोई मुकदमा पंजीकूत नहीं है <नाम> हीअभियुक्तगण चोरी करते हुए पकड़े गए है। अभियुक्तगण का <नाम> धरिकार से कोईसंबंध नहीं है। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और <नाम> हीअभियुक्तगण गैंग बनाकर चोरी करते है। अभियुक्तगण <नाम> अपराध कारित किए हीदिनांक 30.05.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्तगण के विरूद्धमुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने काकोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्तगण क विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में 'भयदहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतपर मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्तगणके विरूद्ध चोरी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्तगण एकसंगठित गिरोह का गैग सक्िय सदस्य है। अभियुक्तगण के विरूद्धमु0अ0सं०-22/20 अन्तर्गत धारा-380,411,413 भा०द0सं0 व मु0अ0सं0-67 / 20अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा०द0सं0 व मु0अ0सं0- 116/19 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा०द0सं0 एव मु0अ0सं0०-142/19 अन्तर्गत धारा-380,411 भा0द0सं0थाना घोरावल जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्तगण अपने गैगलीडर एवं अन्य साथियों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीरअपराध कारित करते है। अभियुक्तगण के जमानत <नाम> छूटने से उसक पुन: अपराधिककूत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> सेप्रभावित करने की <नाम> से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णितआधारों <नाम> जमानत का घोर विरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ " Bail Application/2148/2020 -Luvkush Dharikar Vs. State Government 2मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्तगणके विरूद्ध मु0अ0सं0-22,/20 अन्तर्गत धारा-380,411,413 भा0द0सं0 वमु0अ0सं0-67 /20 अन्तर्गत धारा-457,380,411 भा०द0सं0 व मु0अ0सं0०- 116/19अन्तर्गत <नाम> 457,380,411 भा०द0सं0 एव मु0अ0सं0-142/19 अन्तर्गतधारा-380,411 भा०द0सं0 थाना घोरावल जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्तगण संगठित गिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्तगण गैग के लीडर एवं गैग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवंभौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_547_201929-05-2019694
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण न्यायालय के आदेश दिनांक-20.05.2019 से अन्तरिम जमानत <नाम> है तथा नियमित जमानत प्रार्थना पत्र परसुनवाई के लिए न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर आत्मसमर्पण किये है। अभियोजन कथानक के अनुसार मुकदमा वादिनी का लड़काओमप्रकाश <नाम> के यहाँ कार्य करता था, 12 बजे <नाम> खाना खाने घरआया मय श्यामा <नाम> का खेत अधिया <नाम> जोता-बोया था। बोझ ढ़ो रहाथा। घटना दिनाक-26.11.17 करीब 3 बजे <नाम> की है छोटू व <नाम> खेतपर आये। वादिनी व उसका लड़का खाना खा रहे थे। खाने के <नाम> लड़केले गये <नाम> <नाम> लगाकर लौटकर आये और भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगेऔर विरोध करने <नाम> वादिनी व उसके <नाम> को मारने लगे जिससे काफीचोटें आयी । जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है किअभियोग में प्रार्थीगण / अभियुक्तगण को बिल्कुल गलत अभियुक्त बनायागया हैपप्रार्थीगण ने कोई भी अपराध नहीं किया है। कथित घटनादिनांक-26.11.07 समय 15.00 बजे <नाम> की कही गयी है। उसकी प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनांक-08.06.18 को समय 12.27 बजे थाना राबर्टसगंज मेंलगभग साढ़े छः माह <नाम> दर्ज करायी गई। विलम्ब का यथोचित कारणनहीं बताया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दूषित है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगणवादिनी अथवा उसके <नाम> को दिनाक-26.11.2017 को समय 3 बजे गालीगलौज नहीं <नाम> <नाम> तो मारा पीटा। वादिनी के लड़के <नाम> को प्र्रार्थीगणके पिता <नाम> ने कर्ज के <नाम> में मु-10,000/-रू. उक्त घटना के 6 माहपूर्व <नाम> था जिसका तकादा किया, जिससे रंज होकर फर्जी मुकदमावादिनी ने लिखवा दिया। उनका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। अतःप्रार्थीगण को जमानत/ मुचलिका <नाम> <नाम> किया जाय। ", "—2—अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुयेकथन किया गया कि अभियुक्तगण <नाम> मुकदमा वादिनी व उसके <नाम> कोजाति सूचक <नाम> का प्रयोग करते हुए गाली <नाम> देना व मार पीट करनेका गंभीर आरोप है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्का को सुना तथा केस डायरी व प्रथम सूचनारिपोर्ट आदि संबंधित प्रपत्रों व पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। वादिनी मुकदमा फुल <नाम> व्यक्तिगत <नाम> से न्यायालय उपस्थित है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक-26.11.2017समय करीब 15 बजे की है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक-08.06.2018 कोसमय 12.27 बजे पंजीकूत हुआ है। मेडिकल रिपोर्ट फुल <नाम> दिनाक-28.11.17 समय 2.45पी.एम. की है। चोटें की अवधि दो <नाम> पूरानी बतायी गयीहै। सभी चोटें साधारण <नाम> की है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार छोटूउफ <नाम> व <नाम> त्रिपाठी ने मुकदमा वादिनी व उसके <नाम> मारा पीटाहै। लेकिन वादिनी के <नाम> का कोई मेडिकल रिपोर्ट नहीं है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण छोटू उफ <नाम> व <नाम> त्रिपाठी का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_1102_201923-09-2019800
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी अंशुमानश्रीवास्तव ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसकी <नाम> नगर मेन रोड <नाम> टायर कीदुकान है। वह अपनी दुकान प्रत्येक <नाम> की भांति <नाम> 6 बजे बन्द करके अपनेघर चला गया। जब सुबह लगभग 6 बजे दुकान <नाम> आया तो <नाम> कि उसकीदुकान का शटर तोड़कर रात में ही अज्ञात चोर द्वारा टायर की चोरी <नाम> लियागया है। यह घटना दिनांक 24/25.09.2018 की <नाम> की है। चोरी गये टायरोंकी सूची अलग से मिलान करने के <नाम> देगा। प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखकरउचित कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का घटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त केकब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। <नाम> अभियुक्तगण के बयान के आधार परप्रार्थी को अभियुक्त बनाया गया है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार कीजा चुकी है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण वादी के टायर की दुकान से टायरों की चोरी <नाम> ली गयी। चोरी का टायर अभियुक्त के कब्जे से बरामद किया गया है। अभियुक्तगणसामानों की चोरी करके उनका व्यापार करने के अभ्यस्त हैं। अपराध गम्भीरप्रकृति का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ooबचाव पक्ष द्वारा अन्य अभियुक्त की समतुल्यता चाही गयी है। सह अभियुक्तगण के द्वारा बताये जाने के आधार <नाम> प्रार्थी को अभियुक्त बनायागया है। ", "उक्त तर्को को दृष्टिगत रखते हुए गुण-दोष <नाम> <नाम> कोईअभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्त को समतुल्यता के आधार <नाम> जमानतपर <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_826_202006-08-2020137
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कशथनानुसार दिनांक-18.03.2020 को वादी राकेशकुशवाहा का एक <नाम> पहिया वाहन संख्या-यू.पी.64 ए बी/8107 महिन्द्रा टी.यू.वी.300 को वादी का चालक अब्दुल कलाम समय 5.30 बजे किराये <नाम> 3 लोगों कोशक्तिनगर से और एक व्यक्ति को बैढ़न से लेकर बभनी के लिये निकला। रास्ते मेंजरहां <नाम> मंदिर के पास चालक ने लघुशंका के लिये वाहन को रोका तो उसीसमय वाहन में बैठे व्यक्तियों ने चालक को चाकू दिखाकर गाड़ी से नीचे उतारकर वाहन लेकर फरार हो गये। घटना का समय रात 09 बजे होना बताया गयाहै। ", "प्रार्थी-अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करतेहुए कहा गया कि प्रस्तुत मामले में उसे साजिशन फंसाया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट में विलंब है। प्रार्थी-अभियुक्त को घटना स्थल से गिरफूतार नहीं किया गयाहै। प्रार्थी-अभियुक्त की किसी <नाम> का उल्लेख प्राथिमिकी में <नाम> नहीं है। घटना में प्रयुक्त चाकू की बरामदगी नहीं हुई है। प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीयहै। समान रोल के अभियुक्त <नाम> <नाम> साकेत की जमानत माननीय उच्चन्यायालय द्वारा स्वीकृत हो चुकी है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक-01.04.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। उक्त समस्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने कीयाचना की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी)द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि वादी का चालक <नाम> 5.30 बजेशक्तिनगर स्टैंड <नाम> गाड़ी लेकर खड़ा था, जहां <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> अन्यसह अभियुक्तगण श्रीदेव व <नाम> के साथ जाकर रू.2,500/- में गाड़ी को बभनीके लिये तय किया। उसके <नाम> जब चालक वाहन लेकर चला तो रास्ते में उन्होंनेवाहन <नाम> एक व्यक्ति <नाम> को बैठा लिया। जरहां मंदिर के पास जब चालक नेलघुशंका के लिये गाड़ी रोकी तो उन्होंने चालक को चाकू दिखाकर नीचे उतारदिया और गाड़ी लेकर फरार हो गये। दौरान विवेचना पुलिस द्वारा प्रार्थी-अभियुक्तके कब्जे से उक्त वाहन को फर्जी नंबर प्लेट लगाकर अन्यत्र बेचने के लिये लेजाते हुए बरामद किया। अतः मामले की गम्भीरता को देखते हुए जमानत प्रार्थना Bail Application/826/2020 -Dinesh Rajak @ Golu Vs. State Government 2पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना व पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया। ", "पत्रावली के परिशीलन से प्रकट होता है कि प्रार्थी-अभियुक्त यद्यपिप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है परंतु वाहन चालक गाड़ी संख्या-यूपी.64 एबी/8107 टी.यू.वी. 300 महिन्द्रा गाड़ी के चालक अब्दुल कलाम ने विवेचक केसमक्ष यह कथन किया है कि दिनांक-18.03.2020 को 5.30 बजे वह शक्तिनगरस्टैंड <नाम> गाड़ी लेकर खड़ा था, तभी अभियुक्तगण श्रीदेव, <नाम> व <नाम> वहांआये और बभनी जाने के लिये रू.2,500/- किराये <नाम> उसके वाहन को तयकिया और तीनों लोग गाड़ी में बैठकर बैढ़न (गनिरयारी) पहुंचे जहां एक अन्यअभियुक्त <नाम> को उन्होंने गाड़ी में बैठा लिया और बीजपुर जाकर पप्पू होटल केपास उन लोगों ने गाड़ी रूकवाई और पप्पू होटल <नाम> नाश्ता किया तथा होटल केबगल स्थित शराब की दुकान से शराब ली और फिर आगे रास्ते में जंगल मेंउन्होंने गाड़ी रोकने के लिये कहा परंतु सुनसान स्थान होने के <नाम> उसने गाड़ीरोकने से <नाम> <नाम> <नाम> तथा जरहां मंदिर के पास ढलान <नाम> उसने लघुशंकाकरने के लिये गाड़ी रोकी, तभी उसमें बैठे व्यक्तियों ने उसे चाकू दिखाकर गाड़ीसे नीचे उतार <नाम> और गाड़ी छीनकर भाग गये। दौरान विवेचना विवेचक द्वारावाहन चालक के बयान के पश्चात पप्पू के होटल स्थित बीजपुर के सी.सी.टी.वी.फुटेज को एकत्रित किया गया तथा होटल के <नाम> <नाम> <नाम> का बयानविवेचक द्वारा <नाम> किया गया है जिसमें उसने अभियुक्तगण की हुलिया क बारेमें विवेचक को विवरण बताया है। विवेचना के अनुकम में मुखबिर की सूचना केआधार <नाम> दिनांक-30.03.2020 को दौरान वाहन चेकिंग पुलिस <नाम> द्वारा कथितलूटे गये वाहन को, जिसमें नंबर प्लेट बदला हुआ था, को रोका गया और्रार्थी-अभियुक्त एवं अन्य <नाम> अभियुक्तगण को उक्त वाहन से गिरफूतार कियागया तथा विवेचक ने ड्राइवर को मौके <नाम> आहुत किया गया, जिसने अभियुक्तगणकी पहचान की, जिनके कब्जे से उक्त वाहन बरामद किया गया, जिन्होंने पुलिसके समक्ष यह कथन किया कि वे उक्त वाहन को अन्यत्र विकय <नाम> ले जा रहे थे। पुलिस द्वारा अभियुक्तगण की कॉल डिटेल भी एकत्रित की गई, जिसमें उन्होंनेभिन्न-भिन्न तिथियों में आपस में एक-दूसरे से कई बार वार्ता की तथाअभियुक्तगण द्वारा विवेचक को दिये गये कथन में उक्त लूट की <नाम> के बारे मेंभी बताया है। जहां <नाम> <नाम> अभियुक्त की जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारास्वीकृत होने का प्रश्‍न है, यह जमानत का आधार नहीं हो सकता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1333_202031-10-2020439
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनांक 11.05.2020 कोचौकी सरईगढ़, थाना रायपुर से उप निरीक्षक <नाम> <नाम> अन्य पुलिस कर्मियोंके साथ गोटीबांध बैरियर <नाम> मौजूद थे कि समय करीब 05.45 बजे शामको एक मोटर साइकिल <नाम> तीन व्यक्ति सवार होकर नौगढ़ की तरफ से आयेऔर बैरियर के पास से गुजरे, उस समय मोटर साइकिल उपेन्द्र <नाम> चलारहा था तथा बीच में दुर्जन <नाम> बैठा था तथा पीछे मंटू <नाम> बैठा था। बैरियर से कुछ आगे जाने के <नाम> अपनी मोटर साइकिल को रोक करदुर्जन <नाम> व मंटू <नाम> पुलिस वालों को मां बहन की गालियां देने लगे तथाकहने लगे कि उन्हें ड्यूटी कराना सिखायेंगे तथा <नाम> से मारने की धमकियांदिये, मौके <नाम> अफरा तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। पुलिस द्वारा घटना कीसूचना चौकी प्रभारी को दी गयी, जब <नाम> वह मौके <नाम> पहुंचे तब <नाम> तीनोंव्यक्ति जंगल की ओर भाग गये। वादी मुकदमा की लिखित तहरीर के आधारपर अभियुक्तगणों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य रूपसे यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, प्रार्थी निर्दोष है। पुलिस चौकी इन्चार्ज <नाम> <नाम> प्रार्थी से कई बारनाजायज पैसे की मांग की गयी जिसकी शिकायत प्रार्थी के घर वालों के द्वाराउच्चाधिकारियों को दी गयी, उसी शिकायती प्रार्थना पत्र के <नाम> पुलिस चौकीइन्चार्ज <नाम> <नाम> द्वारा प्रार्थी से रंजिश <नाम> जाने लगी और उसी रंजिश के 2कारण प्रार्थी /अभियुक्त को फर्जी तरीके से फसाया गया है। कथित घटनासार्वजनिक बैरियर गोटी बांध के पास की बतायी गयी है लेकिन कोई स्वतंत्रसाक्षी होने का उल्लेख नहीं किया गया है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ मिलकरड्यूटी <नाम> तैनात पुलिस पार्टी को मां-बहन की गालियां एवं <नाम> से मारनेकी धमकी दी गयी है। अभियुक्त के उक्त कृत्य से मौके <नाम> तथा आस-पासभय व आतंक का माहौल व्याप्त हो गया। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गयाहै तथा प्रार्थी/ अभियुक्त को अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ जिस मोटर साइकिलसे <नाम> कहा गया है, उस मोटर साइकिल का नम्बर प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंउल्लिखित नहीं किया गया है। अन्य <नाम> अभियुक्त उपेन्द्र <नाम> <नाम> कीजमानत दिनांक 14.08.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। इस अभियुक्त कारोल, अन्य <नाम> अभियुक्त के समान बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_220_202110-02-2021735
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करकथन किया है कि अभियुक्त मजदूरी करने <नाम> चला गया था। नियत <नाम> परउसके अधिवक्ता द्वारा हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, किन्तु न्यायालयद्वारा हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र <नाम> लेते हुए अभियुक्त को व्यक्तिगत <नाम> से हाजिर होनेके लिए कहा गया और उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत <नाम> <नाम> गया। गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत होने की जानकारी होने <नाम> वह अविलम्ब ट्रेन पकड़ करस्वयं न्यायालय उपस्थित हुआ। उसने कोई लापरवाही नहीं किया है। लॉक डाउन होनेके <नाम> साधन <नाम> चलने <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नहीं हो सका था। उसकेछोटे-छोटे बच्चे व पत्नी <नाम> में किराये के कमरे <नाम> रहते हैं। उसके जेल में बनेरहने से उसके परिवार के समक्ष भुखमरी उत्पन्न हो जायेगी। प्रार्थी/अभियुक्त नेजानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। प्रार्थी/अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्धहै। प्रार्थी द्वारा न्यायालय के जमानत के शर्तो का भविष्य में पालन करेगा। उक्त आधारपर उचित मुचलिका <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की। ", "विद्वान विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कथन किया कि प््रार्थी/ अभियुक्त द्वारा अपनी नियमित जमानत केशर्तो का उल्लंघन किया गया है। जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि मामले में अभियुक्त की जमानतमाननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा आदेश दिनांक 10.04.2015 को किमिनल हDigitally signeBail Application 220/2021 -Ramgati Bharti Vs. State Government 2मिस्ले. <नाम> अप्लीकेशन संख्या-12142,/2015, रामगति <नाम> बनाम स्टेट आफ यू.पी. एवं अन्य में विभिन्न शार्तो के अधीन स्वीकार की गयी है। माननीय उच्चन्यायालय द्वारा अपने जमानत आदेश में अभियुक्त को <नाम> किसी पर्याप्त <नाम> केन्यायालय से अनुपस्थित <नाम> रहने आदि की शर्तों के साथ प्रकरण को आठ माह मेंनिस्तारित किये जाने का निर्देश जारी किया गया है। पत्रावली के अवलोकन से ज्ञातहोता है कि अभियुक्त दिनांक 08.01.2020 के उपरांत न्यायालय व्यक्तिगत <नाम> सेउपस्थित नहीं आया, जब कि पत्रावली में साक्ष्य की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांतधारा-313 दण्ड प्रकिया <नाम> के स्तर <नाम> नये तथ्य की जानकारी होने के उपरांतन्यायालय द्वारा संशोधित आरोप विरचित किये जाने हेलु पत्रावली नियत की गयी है। अभियुक्त के आचरण से मामले के निस्तारण में विलम्ब कारित हुआ है। " ] }
0DENIED
Bail Application_661_202009-06-2020409
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थना पत्र में किये गयेकथन के समर्थन में शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा शिवम्‌ <नाम> ने दिनांक 24.04.2020 को थाना-राबर्टसगंज, जिला सोनभद्र में इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायाकि दिनांक-23.04.2020 को सायं करीब 05 बजे प्रार्थी अपने बहनोई सूरज <नाम> के साथ अपनेघर से बाजार राबर्टसगंज दवा लेने जा रहा कि उसी समय पुरानी रंजिश को लेकर सोनूयादव पुत्र सियाराम <नाम> व मिथलेश <नाम> पुत्र गुराई <नाम> व शुभम्‌ <नाम> पुत्र श्यामनरायण यादव,छोटक <नाम> पुत्र गुड्डू <नाम> धनेशर <नाम> पुत्र छोटू <नाम> घनश्याम यादवपुत्र मुराहू व गुलपत्ति पत्नी सियाराम <नाम> व अन्य सियाराम के ललकारने <नाम> <नाम> सभीग्रामवासी पकरी लाठी-डण्डा लेकर गाली गलौज देते हुए प्रार्थी व प्रार्थी के बहनोई को मारनेपीटने लगे। प्रार्थी के शोर <नाम> सत्यदेव <नाम> आये तो सभी उ्हें भी बुरी तरह से लाठी-डण्डेसे मारे। गांव घर के लोगों के बीच बचाव करने <नाम> <नाम> से मारने की धमकी देते हुए भागगये। सत्यदेव <नाम> की हालत गम्भीर होने के <नाम> उन्हें बी.एच.यू, वाराणसी भेज <नाम> गया। ", "प्रार्थी की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है किप्रार्थी निर्दोष है तथा कोई अपराध नहीं किया है। सत्य घटना यह है कि प्रार्थी के लड़के वशिवम्‌ से कबड्डी के खेल में झगड़ा होने <नाम> लोगों द्वारा बीच बचाव <नाम> <नाम> गया। इसीरंजिश के <नाम> दिनांक-23.04.2020 को सायं 5.30 बजे <नाम> बहादुर व अन्य प्रार्थी के घरपर चढ़ आये और लाठी-डण्डे, ईट-पत्थर से प्रार्थी के पिता मुराहू व अन्य को मारे पीटेजिसके संबंध में प्रार्थी ने <नाम> बहादुर व अन्य के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया है। अपने बचाव में अभियोगी ने यह झूठा अभियोग कायम किया है। प्रार्थी का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानतका प्रबल विरोध किया गया तथा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि दौरान विवेचना मजरूबसत्यदेव <नाम> के सिर में आयी गम्भीर चोट के दृष्टिगत मामले में धारा-308 भारतीय दण्ड ह2संहिता की <नाम> की गयी। प्रार्थी को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने <नाम> विवेचना में कोई सहयोगन किये जाने तथा साक्षीगण को डराने व धमकाने की प्रबल सम्भावना है। अभियुक्त कोदिनांक-05.06.2020 को गिरफूतार किया गया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "वादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा भी जमानत का प्रबल विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी व वादी के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्को कोसुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा बहस के कम में बलपूर्वक यह कथन किया गया किप्रार्थी सियाराम <नाम> द्वारा भी वर्तमान घटना के संबंध में मुकदमा अपराध संख्यासंख्या-303/ 2020, अन्तर्गत धारा-147,323,504,506 भारतीय दण्ड <नाम> थाना- राबर्टसगंज,जनपद-सोनभद्र में दिनांक-23.04.2020 को घटित घटना के संबंध में दिनांक-24.04.2020 कोअभियुक्तगण शिवबहादुर व अन्य के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया गया है। उक्तआधार <नाम> प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह <नाम> कि प्रश्‍नगत घटना में उभय पक्षों को समानप्रकृति की चोटें आयीं हैं, जमानत के लिए कोई आधार प्रकट नहीं करता। केस डायरी केअवलोकन से यह प्रकट होता है कि सभी मजरूब व अन्य साक्षीगण ने समान <नाम> से प्रार्थी कीप्रश्‍नगत घटना में संलिप्तता की <नाम> की है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1282_201927-11-2019318
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी ने थाने <नाम> सूचना <नाम> किदिनांक 16.12.2019 को समय लगभग 2 बजे रात घर से उसकी लड़की लघुशंकाकरने गयी थी। वे लोग घर <नाम> सोये थे। वह काफी देर <नाम> भी घर वापस नहींआयी। वे लोग हर सम्भावित स्थानों <नाम> नात- रिश्तेदारी व अगल-बगल तलाशकिया <नाम> कोई पता नहीं लगा। उन लोगों के शोर <नाम> लोग किस्म-किस्म केबात करते रहे। बहुत लोग बाहर आ गये। अब <नाम> अपनी लड़की की तलाशकरता रहा। कहीं कोई पता नहीं चल रहा है। लड़की का नाम <नाम> व उम्र 18वर्ष है। उसकी रिपोर्ट लिखकर उसकी मदद की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। उसने पीड़िता को उसके घर से बहला-फुसलाकरभगाया नही है। प्रार्थी-अभियुक्त को शंका के आधार <नाम> पकड़कर चालान कियागया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता को उसके <नाम> पूर्ण संरक्षकता से बहला-फुसलाकरअपहृत <नाम> लिया। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियोजन के अनुसार पीड़िता अवस्क है। उसका विधिपूर्णसंरक्षकता से अपहरण किया गया है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का आधार पर्याप्त नहीं है। ", "इसके प्रतिकूल बचाव पक्ष द्वारा कहा गया है कि पीड़िता नेअभियुक्त के साथ अपने मन से जाने का अभिकथन किया है तथा स्पष्ट शब्दों मेंकहा है कि अभियुक्त उसे भगाकर नहीं ले गया था बल्कि वह अपनी इच्छा सेगयी थी। अभियुक्त ने पीड़िता के साथ कोई बुरा <नाम> भी नहीं किया है। प्रथम..2 —_ 2 —_सूचना रिपोर्ट के अनुसार भी रात में पीड़िता लघुशंका के लिए उठी थी । बहुततलाशने <नाम> भी वह प्राप्त नहीं हुई । " ] }
1GRANTED
Bail Application_357_202120-03-2021262
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{ "facts-and-arguments": [ "मामले से सन्दर्भित मूल पत्रावली न्यायालय के समक्ष पेश की गयी,जिसके अवलोकन से ज्ञात होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से दिनांक 24.02.2021 को अजमानतीय अधिपत्र निरस्तीकरण <नाम> प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया जिसे न्यायालय द्वारा निरस्त <नाम> <नाम> गया। ", "प्रार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किनियत <नाम> <नाम> अनुपस्थित होने के <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध दिनांक 07.06.2016को अजमानतीय अधिपत्र जारी हो गया। प्रार्थी अपने अधिवक्ता को सूचना देकरमजदूरी करने बाहर चला गया परन्तु प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा हाजिरी माफीप्रार्थना पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही अजमानतीयअधिपत्र जारी होने की सूचना प्रार्थी को <नाम> गया। जानकारी होने <नाम> प्रार्थीस्वयं न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया। विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी तर्ककिया गया कि प्रार्थी के मां हुदय-रोगी है तथा उसकी तबीयत प्रायः खराब होनेके <नाम> प्रार्थी नियत <नाम> <नाम> अनुपस्थित होता रहा। प्रार्थी कई दिनों से जिलाकारागार में निरूद्ध है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की याचनाकी गयी। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का प्रबल विरोध किया गयातथा यह कथन किया गया कि अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या1561/2009 अन्तर्गत <नाम> 8/20 एन0डी0पी0एस०एक्ट एवं मुकदमा अपराधसंख्या-531/2013 एन0०डी0पी0एस0एक्ट पंजीकृत है। ऐसी स्थिति में अभियुक्त 2की आपराधिक प्रवृति को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने योग्यहै। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान विशेष लोक अभियोजकके तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया। ", "संदर्भित पत्रावली विशेष परीक्षण संख्या-39/201 धारा-147,323,504,506,427 भा०दं0सं० एवं धारा-3(1)(10)अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989 थाना-राबर्टसगंज,,जनपद सोनभद्र के आदेशपत्रक दिनांकित 07.06.2016 के अवलोकन से विदित होता है कि पत्रावली आरोपविरचन <नाम> नियत थी किन्तु प्रार्थी /अभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> उसकेविरूद्ध अजमानतीय अधिपत्र जारी करने का आदेश किया गया। दिनांक 07.06.2016 से प््रार्थी/अभियुक्त फरार चलता रहा तथा दिनांक 24.02.2021 कोन्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर प्रार्थना पत्र,कागज संख्या-8०ख/ 1,प्रस्तुतकिया, जिसे न्यायालय द्वारा जमानत का घोर दुरूपयोग मानते हुए निरस्त करदिया गया। इसके अतिरिक्त अभियोजन की ओर से प्ररार्थी/ अभियुक्त के विरूद्धप्रस्तुत आपराधिक इतिहास के अवलोकन से ज्ञात होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध फरार रहने की अवधि के दौरान वर्ष 2009 एवं 2013 में स्वापकऔषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम के अन्तर्गत दो आपराधिक मामलेपंजीकृत हैं जो अभियुक्त के आपराधिक मानसिकता का द्योतक है। " ] }
0DENIED
Bail Application_774_201909-07-2019466
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 26.02.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्रएवं रोकथाम जुर्म जरायम में <नाम> द्वार तिराहे से एमजीआर रोड होतेहुए अवध पेट्रोल पम्प की तरफ जा रहे थे कि गुरूद्वारा से कुछ पहलेदो आदमी उधर से आते दिखायी दिए। पुलिस वाले कुछ नजदीक पहूंचेकि पुलिस <नाम> को एकाएक देखते ही रूके और मुड़कर गुरूद्वारा कीतरफ <नाम> कदमों से जाने लगे। शक होने <नाम> रोका टोका गया तोभागने का प्रयास किए कि पुलिस <नाम> की मदद से 15-20 <नाम> जातेजाते समय करीब 20.00 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों कानाम पता पूछा गया तो एक अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> एवंदूसरे ने अपना नाम रघुनन्दन पनिका पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> पनिकाबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो <नाम> <नाम> के पहनरेपैण्ट की दाहिने जेब से प्लास्टिक की पन्नी में 21 ग्राम नाजायजहेरोइन एवं रघुनन्दन पनिका के पहने लोअर के दाहिने जेब से प्लास्टिककी पन्नी में 19 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण कोकारण गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकरपढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द कीनकल अभियुक्तगण को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल करमुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। उसकेपास से कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पाससे बरामद हेरोइन वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। पुलिस द्वारा <नाम> 50 एन0डी0पी0एस०एक्ट के प्राविधानका अनुपालन नही किया गया है। अभियुक्त दिनांक 26.02.2019 सेजेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", ".2/ —2—राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से19 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार सेपालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने का कथनकिया गया है। अभियुक्त का इस मुकदमे क पूर्व थाना शक्तिनगर मेंमु०अ0ंसं0 126/15 अन्तर्गत <नाम> 13 जी0एक्ट का अभियोग पंजीकृतहै। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से 19 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद की गयी है, जो वाणिज्यकमात्रा से काफी कम है। अभियुक्त दिनांक 26.02.2019 से जेल मेंनिरूद्ध है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त का आपराधिकइतिहास होने का कथन किया गया है। उपरोक्त आपराधिक इतिहासके अवलोकन से स्पष्ट है कि पूर्व मे पंजीकृत अपराध की प्रकृति,प्रस्तुत अपराध की <नाम> से भिन्न है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1245_201914-11-2019444
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी राजेश्वरप्रसाद <नाम> ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसके गांव का ही बिहारी <नाम> दोमाह पहले उनकी भैंस खरीदने के लिए आया था जो भैंस का व्यापार करता है। उनको पूरा विश्‍वास है कि आज दिनांक 18/19.10.2019 को <नाम> लगभग1.00 बजे बिहारी <नाम> ने ही उनकी भेंस को गायब <नाम> <नाम> है। उनकी भैंसघर के बाहर द्वार(सहन) <नाम> पेड़ के नीचे खूंटे में बंधी थी। साथ में आस-पास भीउनकी भैंस बंधी थी जिसमें से केवल एक भैंस की चोरी हुई है। रिपोर्ट लिखकरकानूनी कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसे केवल शंका के आधार <नाम> फंसाया गया है। उसके पास से चोरी कीकोई भैंस बरामद नहीं की गयी है और <नाम> ही चोरी करते हुए अथवा भैंस ले जानेहेतु किसी ने <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा वादी के सहन में बंधी एक भैंस को घटना की <नाम> कोरात्रि में चुरा लिया । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "सन्देह के आधार <नाम> अभियुक्त को प्रस्तुत मामले में भैंस की चोरीके लिए नामजद किया गया है, परन्तु अभियुक्त के कब्जे से भैंस बरामद नहीं कीगयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_442_202014-05-2020626
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{ "facts-and-arguments": [ "14.05.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त रोजीरोटी के सिलसिले में बाहर कमाने चले जाने के <नाम> नियत <नाम> को न्यायालय मेंहाजिर नहीं आ सका जिससे उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी ने जानबूझकर कोई लापरवाही नही किया है। प्रार्थी दिनांक 17.03.2020 सेजेल में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त रोजी रोटी के सिलसिले में बाहर चलागया था और वह नियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिर नहीं आ सका। जिससेअभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त दिनांक 17.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त इस मुकदमें मेंपूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के हाजिर <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी किया गया। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 17.03.2020 सेजेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_888_202018-08-202082
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि :-वादी मुकदमा हेड कां0 <नाम> <नाम> <नाम> ने दिनाक 25.07.2020 को थानाओबरा जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनाक25.07.2020 को वह हमराही कां0 सुदीप <नाम> के साथ हाजा थाना से प्रस्थान <नाम> बबुन्दरयादव पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> निवासी ग्राम पनारी टोला अदराकूदर, थाना ओबरा जिलासोनभद्र क प्रार्थना पत्र बावत पैसे के लेन -देन को लेकर मारने-पीटने के सम्बन्ध में जाँचहेतु डैम रेलवे स्टेशन के पास सेक्टर नम्बर-10 में समय करीब 11:40 बजे गया तो प्रार्थनापत्र में <नाम> घटना सत्य पायी गयी। इस सम्बन्ध में पुलिस वाले विपक्षीगण लालचन्द्र यादव,इन्द्रदेव <नाम> उर्फ शिवधनी <नाम> व सिरल्ली <नाम> पुत्रगण रामनिहोर <नाम> निवासीगणओबरा डैम रेलवे स्टेशन के सामने ओबरा, थाना ओबरा जिला सोनभद्र के घर पहुँचे तो वेलोग घटना के बावत पूछने <नाम> एक <नाम> होकर कार्य <नाम> में बाधा पहुँचाते हुये <नाम> सेमारने की नियत से पुलिस वालों <नाम> पत्थर से हमलावर हो गये और पत्थर चलाने लगे जिससेउसके सिर व हाथ में गम्भीर चोट लगी तथा कां0 सुदीप <नाम> का भी सिर फट गया। वादीद्वारा थाने <नाम> फोन करने <नाम> प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> अन्य पुलिस कर्मचारीगण केसाथ मौके <नाम> पहुँचे और घायल पुलिस कर्मचारीगण को मेडिकल <नाम> गाड़ी से सी0एच0सी0चोपन ले गये जहाँ <नाम> वादी मुकदमा के सिर <नाम> 06 टॉके और कां0 सुदीप <नाम> को 03 टॉकलगे हैं । ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। दिनाक 25.07.2020को समय लगभग 11:30 बजे <नाम> थाना ओबरा के दो सिपाही प्रार्थी के घर आये और बोले किबबुन्दर <नाम> के शिकायत <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत है और थानाध्यक्ष ने बुलायाहै । प्रार्थी ने थाने <नाम> <नाम> को जाने की बात कहा तो पुलिस वाले गालियाँ देने लगे। प्रार्थी द्वारा गाली देने से <नाम> करने <नाम> दोनों सिपाही उसे मारने लगे तथा घर में घुस करमहिलाओं को बेइज्जत करने लगे। इसी दौरान एक सिपाही गिर गया जिससे उन्हें मामूलीचोटें आयी। दूसरे सिपाही के फोन करने <नाम> थानाध्यक्ष फोर्स के साथ प्रार्थी के घर आये औरमहिलाओं को मारे-पीटे तथा प्रार्थी को थाने <नाम> ले जाकर उपरोक्त अभियोग में चालान करदिया गया। प्रार्थी निर्दोष है उसने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी दिनाक 26.07.2020 से ik2जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारायह तर्क प्रस्तुत किया गया कि पुलिस कर्मचारीगण जो कि शिकायती प्रार्थना की जाच हेतुअभियुक्त के घर गये थे उन <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिल करजान से मारने की नियत से पत्थर चलाया गया जिससे पुलिस कर्मचारी गम्भीर <नाम> से घायलहो गये। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) क तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनाक 25.07.2020समय 11:40 बजे की है और प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनॉक 25.07.2020 को समय 13:30 बजेपंजीकृत हुआ है जबकि घटना स्थल से थाने की दूरी मात्र 03 किलो मीटर बतायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी/ अभियुक्त लालचन्द्र <नाम> एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा एकराय होकर वादी मुकदमा एवं उसके हमराही कां0 सुदीप <नाम> को सरकारी कार्य में बाधापहुँचाते हुये <नाम> से मारने की नियत से उन <नाम> पत्थर से हमला किया गया। वादी मुकदमाकी मेडिकल रिपोर्ट पत्रावली में संलग्न है जिसमें कुल <नाम> चोटें <नाम> <नाम> है। चोटसंख्या-1ए एवं 2ए साधारण <नाम> की <नाम> हैं। चोट संख्या-1बी एवं 2बी के लिये एक्सरेकी सलाह दी गयी है लेकिन कोई एक्सरे रिपोर्ट नहीं है। चोट संख्या-1ए सिर के पीछे 6%0.5से०मी0 मसल्स <नाम> <नाम> है। चोट संख्या-1बी दाहिने हाथ के अगूँठे एवं चोट संख्या-2बीबाये हाथ के कलाई <नाम> <नाम> <नाम> है। इसी प्रकार कां0 सुदीप <नाम> को कुल दो चोटें आनाअंकित है और दोनों चोटें साधारण <नाम> की हैं। प्रार्थी/अभियुक्त लालचन्द्र <नाम> दिनाक26.07.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_439_202011-05-2020650
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{ "facts-and-arguments": [ "11.05.2020अभियुक्त मुरारी बंशल की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था प्रार्थी गरीबव्यक्ति है तथा मुकदमा उपरोक्त में नियत <नाम> की जानकारी <नाम> होने के <नाम> प्रार्थीनियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिर नहीं आ सका और उसके विरूद्ध गैर जमानतीयवारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी ने जानबुझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। प्रत्येकनियत <नाम> <नाम> हाजिर आता रहेगा। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। नियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त केविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त गरीब व्यक्ति है। उसेनियत <नाम> की जानकारी नहीं हो पायी। अभियुक्त दिनांक 28.02.2020 सें जेल मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त ने जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय मेंउपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना सेइन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जामनतीय वारण्ट जारी कियागया। कोर्ट मुहर्रिर के अनुसार अभियुक्त इस मुकदमें में दिनांक 28.02.2020 से जेलमें निरूद्ध है। इस प्रकरण में अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_398_202116-03-2021327
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादी मुकदमा सुबाष पालद्वारा प्रार्थना पत्र थाना बीजपुर में इस कथन के साथ <नाम> कि दिनांक 12.08.2018 कोदोपहर दो बजे उसके गांव का <नाम> बैगा पुत्र बिहारी बैगा, निवासी डोडहर, टोलाबेलहवा, थाना-बीजपुर, सोनभद्र ने उसकी लड़की उम्र 11 वर्ष जो कक्षा-5 में पढ़ती है,को घर <नाम> गाना सुनाने के बहाने बुलाकर अपने घर कमरे में ले जाकर बिस्तर परलिटाकर दरवाजा अन्दर से बन्द <नाम> बलात्कार किया तथा लड़की दर्द से चिल्लानेलगी तो गमछा से मुँह बांध दिया। यह बात उसकी लड़की ने अपनी मॉ भगवन्ती देवीको रोते हुए बतायी तथा उसके <नाम> वह शोर <नाम> सुनकर घर <नाम> आया तो उसकीपत्नी भगवन्ती ने उसे सारी बात बतायी कि उसकी लड़की घर <नाम> पड़ी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत के बावत्‌ मुख्य <नाम> से यह तकप्रस्तुत किया गया कि उसे गलत फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। वादी मुकदमा द्वारा अपने बयान में यह कहा गया है कि तहरीर में क्या लिखा था, वहपढ़ा नहीं था। उसकी शादी हुए 25 साल हो गया। शादी के 2-3 साल <नाम> बच्चापैदा हुआ, जिसका नाम पंचम है। पंचम के साल भर <नाम> एक लड़की पैदा हुई,जिसका नाम बाबी है। बाबी के एक साल <नाम> पीड़िता पैदा हुई है। वह लड़की कीजन्मतिथि नहीं बता सकता, क्योंकि लड़की की उम्र 18 वर्ष से ऊपर है। एफ.आई.आर.में लिखी गयी सभी बातें पूर्ण <नाम> से असत्य व मनगढंत है। पीड़िता द्वारा अपने बयानमें यह कहा गया है कि घटना के <नाम> के बारह बजे की है और पिता द्वारा यह कहाजाता है कि घटना का समय दो बजे की है। पीड़िता द्वारा यह कहा जाता है कि वहअपने बैल को <नाम> पिला रही थी, तो <नाम> द्वारा यह कहा गया कि तुम्हारी चाचीसोई है, उसे जगा दो और पिता द्वारा कहा जाता है कि गाना सुनाने के लिए बुलायाथा। दोनों की बात एक दूसरे से नहीं मिलती। मुल्जिम की पत्नी से पीड़िता की माताका झगड़ा हुआ था। भगवन्ती द्वारा यह कहा जाता है कि <नाम> बैगा के घर से वहअपने लड़की को लेने गयी थी तो लड़की दरवाजा खोलकर बाहर निकली थी। ", "Bail Application 398/2021 -Basanti Devi Vs. State Government 2सुबास द्वारा यह कहा जाता है कि हम, मेरी पत्नी व पीड़िता थाना गये थे, मगरजगवन्ती यानि पीड़िता की मॉ द्वारा कहा जाता है कि वह, उसके <नाम> व तीनों बच्चेथाना गये थे, इसलिए सारी घटना की बात एक दूसरे से नहीं मिलती है। पीड़िता द्वाराअपने बयान अं.धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> में कहा गया है कि <नाम> बैगा घर मेंजाने के <नाम> दरवाजा अन्दर से बन्द किया, तब वह चिल्लाने लगी। आवाज सुनकरचाची यानि <नाम> बैगा की पत्नी आ गयी और दरवाजा पीटने लगी, जब <नाम> द्वारादरवाजा नहीं खोला गया तो उसकी मम्मी व चाची द्वारा दरवाजा तोड़ <नाम> गया औरसंतोष ससुराल भाग गया, तो बलात्कार को पीड़िता द्वारा नहीं गया गया। <नाम> मेंसमझाने बुझाने <नाम> पुरानी रंजिश के <नाम> उसे फंसाया गया है, जो गलत है। डॉ०गीता जैसवार द्वारा पीड़िता के गुप्तांग परीक्षण में हाइमन झिल्ली फटी पायी गयी। पीड़िता के शरीर <नाम> कोई चोट नहीं पायी। यहाँ <नाम> कि शुकाणु परीक्षण में भी रेप काहोना नहीं पाया गया। पीड़िता के पूरे शरीर <नाम> कोई <नाम> चोट नहीं थी तथा जब किघटना कारित होने के 24 घण्टे के अन्दर जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण करायागया था। <नाम> द्वारा यह बताया गया कि पीड़िता के खेलने कूदने व साइकिलचलाने से भी हाइमन झिल्ली फट सकती है। मामले में कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। वहजेल में निरूद्ध है। उसके परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा अग्रिम जमानत का प्रबलविरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि उपरोक्त अभियुक्त ने वादी मुकदमा कीनाबालिग पुत्री जिसकी उम्र 11 वर्ष थी, के बहला फुसला <नाम> गाना सुनाने का प्रलोभनदेते हुए अपने घर में बुलाकर दरवाजा बन्द <नाम> बलात्कार कारित किया गया है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अंधारा-161,164 दण्ड प्रकिया <नाम> व न्यायालय में दियेगये बयान में अभियोजन कथानक का पूर्ण समर्थन किया है। मामले में अभियुक्त केविरूद्ध विवेचक द्वारा पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने <नाम> विचारण <नाम> आरोप पत्र भी प्रेषितकिया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध गम्भीर अभियोग है। उक्त आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से अभियुक्त <नाम> मुख्यतः यह आक्षेप है किअभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री जिसकी उम्र 11 वर्ष थी, को गानासुनाने की बात कह <नाम> उसे अपने घर में बुलाया और घर का दरवाजा अन्दर से बन्दकर वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री के साथ उसकी इच्छा के विरूद्ध बलात्कारकारित किया। मामले में विवेचनोपरांत विवेचक द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्तधाराओं में आरोप पत्र भी प्रेषित किया गया। न्यायालय द्वारा आरोप विरचन के उपरांतमामले में अभियोजन की ओर से तथ्य के वादी मुकदमा व पीड़िता को परीक्षित भीकराया जा चुका है। अभियुक्त द्वारा जमानत का आधार अभियोजन की ओर से परीक्षितकराये गये साक्षियों के बयान में आयी विसंगतियों को बनाया है। इस स्तर परअभियोजन के साक्ष्य का विश्लेषण नहीं किया <नाम> है, बल्कि जमानत के स्तर <नाम> यहदेखा <नाम> होता कि क्या अभियुक्त कथित घटना को कारित करने में संलिप्त रहाअथवा नहीं । मामले में पीड़िता द्वारा अपने बयान अंधारा-161,164 दं प्रसं. व न्यायालयमें दिये गये बयान में अभियुक्त की संलिप्तता जाहिर की है। मामले में अभियुक्त द्वारावादी मुकदमा के नाबालिग पुत्री के साथ लेगिंक हमला कारित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_22_202020-01-2020661
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.12.2019 कोउपनिरीक्षक सत्यराम <नाम> मय इमराहियों देखभाल <नाम> चेकिंग संदिग्धव्यक्ति व वाहन डोरिया तिराहा <नाम> मौजूद था कि जरिए मुखबिर खाससूचना <नाम> कि एक बोलेरो पिकअप जिस <नाम> गोवंश लादकर वध हेतुबिहार जा रही है जिसमें वाहन <नाम> व चालक व खलासी मौजूद है। पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंच <नाम> उक्त वाहन का इन्तजार <नाम> रहे थे किथोड़ी देर <नाम> एक वाहन जिस का नम्बर यू0पी0 63एटी /5336 आते हुएदिखायी <नाम> जिसे रोकने का प्रयास किया जो भागने लगा कि उसकापिछला बाया चक्का पन्चर हो गया और उसमे बैठे व्यक्ति भागने लगे किपुलिस की वाहन को देखकर 400 मीटर पहले उक्त गाड़ी को छोड़करआमडीह गांव में भागने लगे। तीनों व्यक्तियों का पीछा किया गया परन्तु वेनहीं मिले। उक्त वाहन का ढाला खोल <नाम> <नाम> गया तो उसमे पांच गोवशको निर्दयता पूर्वक बांध <नाम> लिटाया गया था। जिसके अन्दर एक बैल मृतपाया गया। <नाम> गोवश को कब्जा पुलिस में लिया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि अभियुक्तबिल्कुल निर्दोष है तथा फर्जी ढंग से फसाया गया है। अभियुक्त के पास सेकोई बरामदगी नही हुई हैं। फर्द बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त जेल में निरूद्ध है। अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नही है। अभियुक्त का <नाम> तो उक्त वाहन सेऔर <नाम> ही बरामद गोवश से कोई वास्ता सरोकार है। उपरोक्त आधारों परजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर पांच <नाम> गोवशनिर्दयता पूर्वक व कूरता पूर्वक वाहन बोलेरो पिकअप संख्या 63एटी / 5336.2/ में बांध <नाम> लिटाया गया था और उन्हे वध <नाम> बिहार ले जाया जा रहा था। जिसे उक्त गोवश को उक्त वाहन सहित पकड़ लिया गया। उक्त वाहन मेंवाहन <नाम> चालक एवं खलासी बैठै थे जो उक्त वाहन से भाग गए। उपरोक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह विदित हो रहा है किअभियुक्त एवं अन्य अभियुक्त द्वारा 05 अदद गोवध को बिहार वध <नाम> लेजाते समय आमडीह गांव के मोड़ <नाम> थाना रायपुर जिला सोनभद्र मेंप्रश्‍नगत वाहन को पकड गया तथा उसमे बैठे तीन व्यक्ति भाग गए। पकड़ेगए गाय-बैलों का कोई मेडिकल प्रमाण पत्र प्रस्तुत नही किया गया है,जिससे यह दर्शित हो कि पशुओं के साथ अभियुक्त एवं सह-अभियुक्त द्वाराकोई कूरता का व्यवहार किया गया। अभियुक्त से कब्जे से पशुओं का कोईमारने पीटने का कोई उपकरण आदि की बरामदगी भी नही हुई है। धारा-11 पशु कूरता निवारण अधिनियम एक जमानतीय अपराध है। अपराधमजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। मामले की <नाम> एवं परिस्थितियों को ध्यान मेरखते हुए मामले के गुण दोष <नाम> कोई टिप्पणी किए <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने का पर्याप्त आधार है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1375_202028-10-2020464
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथनानुसार दिनांक-01.09.2020 को 08 बजे रात्रिप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> मय हमराहियान <नाम> गश्त के दौरान मुखबिर कीसूचना <नाम> करनवाह गांव तिराहा मेन रोड <नाम> पहुंचे जहां एक इनोवा गाड़ीनंबर-एच.आर. 38 वाई /4184 आती दिखाई दी जिसे रूकने का इशारा करने परवह पुलिस <नाम> को देखकर भागने का प्रयास किया जिसे घेर <नाम> मौके <नाम> हीपकड़ लिया गया। नाम पता पूछने <नाम> चालक ने अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> वदूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। जामातलाशी में आवेदक के कब्जे से एकअदद देशी तमंचा 12 बोर व उसके पैंट की दाहिनी जेब से 2 अदद जिन्दाकारतूस 12 बोर व पैंट की पिछली जेब से रू.400/- बरामद हुआ तथा दूसरेव्यक्ति के कब्जे से एक अदद देशी तमंचा 303 बोर व एक अदद जिन्दा कारतूस303 बोर व पैंट की पिछली जेब से रू.300/- बरामद हुआ। गाड़ी की तलाशीलेने <नाम> उसमें कुल 9 बोरियों में कुल 01 कुन्टल, 67 कि.ग्रा. 100 ग्राम गांजाबरामद हुआ जिसको रखने का वे कोई अधिकार पत्र नहीं दिखा सके तथाबरामद गांजा उड़ीसा विकय <नाम> ले <नाम> बताये। बरामद गांजे की प्रत्येक बोरीसे 100-100 ग्राम गांजा निकालकर तथा तमंचा व कारतूसों को नियमानुसारसील-मोहर <नाम> नमूना मोहर तैयार <नाम> फर्द मौके <नाम> लिख, पढ़, सुनाकरसर्वसंबंधित के हस्ताक्षर कराकर, फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकरमाल-मुल्जिमान को मय वाहन थाने दाखिल <नाम> मुकदमा पंजीकृत कराया गया। ", "प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करते हुएकहा गया है कि प्रस्तुत मामले में उसे पुलिस द्वारा जानबूझकर फर्जी तरीके सेसंलिप्त <नाम> <नाम> गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। गांजे से उसकाकोई वास्ता-सरोकार नहीं है। वह कथित घटना स्थल से <नाम> पकड़ा गया, नउसके कब्जे से कोई बरामदगी हुई है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। उसकी तलाशी किसी मजिस्ट्रेट के द्वारा नहीं कराई गई है। वह दिनांक- 201.09.2020 से कारागार में निरूद्ध है। उक्त समस्त आधारों <नाम> जमानत प्रदानकरने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान प्रभारी जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से 01 कुन्टल, 67 कि.ग्रा. 100 ग्राम अवैध गांजा बरामद कियागया है, जिसका उसके पास कोई अधिकार पत्र नहीं था। अतः मामले कीगम्भीरता व प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से भारी <नाम> में गांजा की बरामदगी कोदेखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से स्पष्ट है कि प्रार्थी-अभियुक्त कीगिरफूतारी के समय उसके कब्जे से 01 कुन्टल, 67 कि.ग्रा. 100 ग्राम गांजाबरामद होना कहा जाता है, जो वाणिज्यिक <नाम> की श्रेणी में आता है। फर्दबरामदगी के अनुसार आवेदक व <नाम> अभियुक्तगण द्वारा कथित गांजा उड़ीसाप्रांत में विकय <नाम> ले <नाम> स्वीकार किया गया है। इस प्रकार स्पष्ट है किआवेदक गांजा तस्कर है जिसे जमानत <नाम> <नाम> करने से वह पुनः समान प्रकृतिके अपराध में संलिप्त होगा। " ] }
0DENIED
Bail Application_1093_201926-09-2019772
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी शिवधर राम,तहसीलदार न्यायिक, तहसील (सदर) राबर्दसगंज, सोनभद्र द्वारा दिनांक 08.04.2010 को सूचना दी गयी कि तहसील राबर्टसगंज, सोनभद्र में सूखा राहत( कृषिनिवेश अनुदान) क अन्तर्गत प्रभावित कूषकों को वितरण <नाम> रु0 5,01,24000/-की धनराशि जिला मुख्यालय से प्राप्त हुई थी जो राबर्दसगंज स्थित भारतीय स्टेटबैंक की मुख्य शाखा में तहसीलदार सदर के खाता सं<फ़ोन-नंबर>4 में जमाकी गयी थी। उक्त खाते से भुगतान पत्रक प्राप्त करने के उपरान्त यह तथ्यसंज्ञान में आया कि चेक सं0-920846 से रु0 7,00,000/ (रुपये सात लाख) वचेक सं0- 920944 से रु0 8,00,000/-(रुपये आठ लाख) का भुगतान राजेन्द्रनाथ द्वारा प्राप्त किया गया है। प्रश्‍नगत चेक वर्ष 2007-08 में जारी चेक बुकसं0-920801 से 920850 से प्राप्त किया गया है जो तात्कालिक समय सिखारीराम, राजस्व निरीक्षक, कोन को प्राप्त करायी गयी थी। वितरणोंपरान्त प्रस्तुत चेकबुक के विवरण से स्पष्ट है कि चेक सं0-920801 से चेक सं0-920821 <नाम> काविवरण <नाम> है। भुगतान प्राप्त तीनों चेकों का विवरण <नाम> नही है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इन अवशेष बचे तीनों चेकों का प्रयोग रजिस्ट्रारकानूनगो, <नाम> <नाम> <नाम> तहसील सदर एवं सिखारी <नाम> राजस्व निरीक्षक,कोन, रविन्द्र <नाम> नाम पता अज्ञात तथा शाखा प्रबन्धक, भारतीय स्टेट बैंक ,राबर्दसगंज की <नाम> <नाम> से कुल रु0 28,00,000/-(रुपये अट्ठाइस लाख )आहरित किये गये हैं जो शासकीय धन क दुर्विनियोग की श्रेणी में आता है। प्रश्‍नगत प्रकरण में प्रथम दृष्टया <नाम> पाये गये उपर्युक्त चारों व्यक्तियों के विरुद्ध..2 9सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प््रार्थी-अभियुक्त द्वाराकोई अपराध नहीं किया गया है। घटना से उसका कोई वास्ता-सरोकार नहीं है । प्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त क विरुद्धकोई ठोस एवं सम्पुष्ट साक्ष्य <नाम> होने के बावजूद उसे घर से बुलाकर गिरफूतारकर जेल भेज <नाम> गया । प्र्रार्थी-अभियुक्त के पास से <नाम> तो किसी चेक कीबरामदगी हुई है और <नाम> ही उसके पास से विवादित सूखा राहत का धन मिलनेका कोई साक्ष्य ही दृष्टिगोचर हुआ है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर सूखा राहत कोष के चेकोंको षड्यंत्र के तहत अनाधिकृत <नाम> से प्राप्त करके उनमें फर्जी व कूटरचनाकरके बैंक के माध्यम से सरकारी धन का गबन <नाम> लिया गया। अपराध गम्भीरप्रकृति का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "इस अभियुक्त <नाम> <नाम> मिश्र का अपराध इतना ही बतायागया है कि इसकी बहुत लम्बी-लम्बी बातें <नाम> अभियुक्त रविन्द्र <नाम> से हुई है। इस अभियुक्त का दूसरा अपराध यह बताया गया है कि जब अभियुक्त रविन्द्रनाथ ने चेक <नाम> बैंक में से पैसा निकाला तो उस चेक <नाम> वही फोन नम्बरअंकित किया है जो फोन नम्बर इस अभियुक्त <नाम> <नाम> मिश्र का है। ", "अभियोजन पक्ष का ऐसा कोई केस नहीं है कि इस अभियुक्तराजेन्द्र <नाम> मिश्र ने पैसा निकाला हो या चेक <नाम> इसके हस्तलेख में फोननम्बर लिखा हो या इसने प्राप्तकर्ता क रुप में हस्ताक्षर किया हो। प्रस्तुत मामलेमें जो नामित अभियुक्तगण हैं उनकी गिरफूतारी माननीय उच्च न्यायालय द्वाराआरोप पत्र दाखिल किये जाने <नाम> स्थगित <नाम> दी गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_868_201908-08-2019127
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी फिरोज अलीने दिनांक 06.04.2019 को थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 22.03.2019 को वहअपने मित्र. <नाम> <नाम> की मोटरसाइकिल सं0- एम एच 14 BU 7691स्प्लेण्डर प्लस जरूरी <नाम> से लिया था और उसी <नाम> समय करीब 6.00 बजेशाम पटना रोड <नाम> बजरंगी शैलून में दाढ़ी बनवा रहा था तो सड़क <नाम> वाहनआ जाने के <नाम> मार्ग में मोटरसाइकिल के <नाम> अवरोध आता देख सैलून कपास खड़े व्यक्ति को जिसे वह पहचानता है लेकिन नाम नहीं जानता, को गाड़ीहटाने <नाम> चाभी <नाम> और वह अपरिचित व्यक्ति मोटरसाइकिल लेकर भाग गया। अब <नाम> वापस नहीं आया है जिसका उसने काफी पता किया लेकिन कोईजानकारी नहीं हो सकी। सूचना <नाम> रहा है। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै । प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। काफी समय बादमोटरसाइकिल बरामद हो जाने के उपरान्त प्रार्थी को नाजायज तरीके सेअभियुक्त बना <नाम> गया। प्रार्थी-अभियुक्त का प्रश्‍नगत वाहन से कोई वास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दो माह से कारागार में निरूद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किवादी द्वारा कथित मोटरसाइकिल को सड़क से हटाने के लिए प्रार्थी-अभियुक्तको चाभी दी गयी तो प््रार्थी-अभियुक्त मोटरसाइकिल लेकर भाग गया। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से प्रश्‍नगत मोटरसाइकिल बरामद की गयी है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "2सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "कथानक के अनुसार वादी द्वारा स्वयं ही अभियुक्त कोमोटरसाइकिल की चाभी मोटरसाइकिल को रास्ते से हटाने के लिए दी गयी थीलेकिन वह मोटरसाइकिल लेकर भाग गया तथा घटना के 2 माह 18 <नाम> बादउसको मोटरसाइकिल के साथ पकड़ा गया जबकि उसके कब्जे से तीन किलोसौ ग्राम गांजा भी बरामद हुआ। अभियुक्त का कृत्य गम्भीर <नाम> का प्रतीतहोता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_676_202016-06-2020375
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्तगण की ओर कथनकिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। माननीयउच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष <नाम> तो किसी अन्य न्यायालय के समक्ष कोईजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है और <नाम> ही विचाराधीन है। प्रार्शीगण/ अभियुक्तगण द्वारा यह भी कथन किया गया है कि दिनांक 26.01.2020 कोखनिज विभाग द्वारा अवैध वसूली की जा रही थी। पैसे <नाम> देने के <नाम> थानाम्योरपुर द्वारा प्रार्थीगण के वाहन को सीज <नाम> <नाम> गया। घटना के समय वाहनचालक से कोई कागजात नहीं मॉगा गया था जबकि प्रार्थी के वाहन से सम्बन्धितसभी कागजात रजिस्ट्रेशन, इनश्योरेन्स, परमिट, फिटनेस, एवं वाहन <नाम> लदेउपखनिज बालू / मोरंग से सम्बन्धित एमएम-11 व ड्राइविंग लाइसेन्स आदि वैध थें। प्रार्शीगण/ अभियुक्तगण निर्दोष है, उन्हें फर्जी फंसाया गया है। घटना का कोई स्वतंत्रसाक्षी नहीं है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ्रार्थीगण/अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद अभियुक्त नहीं है। प्रार्शीगण / अभियुक्तगण दिनांक 13.05.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। इसप्रकार उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजक कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 26.01.2020 कोसमय 9.06 पी0एम0 <नाम> लिलासी मोड रोड <नाम> उपखनिजों का अवैधपरिवहन / निर्धारित <नाम> से अधिक परिवहन के मामले में वाहन संख्या-यूपी. 64 एच4627 की जाच की गयी। जाँच के दौरान पाया गया कि उक्त वाहन <नाम> 21.00 हReason: Docume 0,Bail Application/676/2020 -Devnath Yadav Vs. State Government 2घएमी0 उपखनिज बालू /मौरम लोड था। वाहन <नाम> लदे उपखनिज बालू /मौरम केसम्बन्ध में चालक द्वारा इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र संख्या-<फ़ोन-नंबर> दिनांकित 26.01.2020 प्रस्तुत किया गया, जिसकी जाच करने <नाम> पाया गया कि उक्त इलेक्ट्रानिकप्रवेश पत्र 17.75 घ0मी0 बालू /मौरम के परिवहन जनपद-वाराणसी <नाम> दिनांक 26.01.2020 को समय 8.34 ए०एम0 बजे निर्गत की गयी थी, जो दिनांक 26.01.2020समय 07.00 पी0एम0 <नाम> ही परिवहन हेलु वैध था। इस प्रकार इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्रमें <नाम> <नाम> से अधिक उपखनिज बालू /मौरम लोड <नाम> चोरी-छिपे उपखनिजबालू / मौरम का परिवहन किया जा रहा था। इस प्रकार वाहन चालक, वाहन स्वामीविरूद्ध सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि प्रार्थीगण/ अभियुक्तगणद्वारा अवैध / निर्धारित <नाम> से अधिक उपखनिज का परिवहन किया जा रहा था तथाजॉच के दौरान वाहन <नाम> लदे उपखनिज के सम्बन्ध में कोई परिवहन प्रपत्र नहींदिखाया गया। अभियुक्त ने उक्त अपराध के माध्यम से राजकीय धन की क्षति कारितकी है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्टहै कि प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के वाहन से सम्बन्धि कागजात व खनन एवं परिवहनहेतु निर्गत प्रमाण पत्र वैध हैं, जिसका विरोध अपर जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा नहीं किया गया है। सिफ इलेक्ट्रानिक प्रवेश पत्र में <नाम> <नाम> सेअधिक उपखनिज वाहन <नाम> लदे होना पाया गया है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्शीगण/ अभियुक्तगण दिनांक 13.05.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_111_202025-02-2020222
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्तगण को परिवाद के मामले में न्यायालय द्वारा उपरोक्त वर्णितअपराध के विचारण <नाम> तलब किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण इस मामले में पूर्व सेअंतरिम जमानत <नाम> हैं, उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया जाचुका है । ", "प्रार्थी /अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के साथ माननीय उच्चन्यायालय, इलाहाबाद द्वारा प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा-482 संख्या-45080 सन्‌ 2019अभिषेक व 03 अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में पारित आदेश दिनांकित 09.12.2019 की सत्यापित <नाम> भी दाखिल किया गया है। ", "प्रस्तुत मामले का सारांश इस प्रकार है कि परिवादी <नाम> जो किअनुसूचित जन जाति का व्यक्ति है, ने विपक्षीगण <नाम> सत्य नरायन, इसलावती, अशोकयादव तथा <नाम> <नाम> के विरूद्ध एक परिवाद पत्र इस कथन के साथ प्रस्तुत किया गयाहै कि घटना दिनांक 03.07.2018 समय लगभग 08 बजे सुबह की है। परिवादी की लड़कीपूजा हैण्ड पम्प से <नाम> ले रही थी तभी उसके गांव का विपक्षी <नाम> जबरिया कीउसकी बाल्टी हटाकर <नाम> लेने लगा तथा परिवादी की लड़की की बाल्टी उठाकर फेंकदिया तथा उसे मारने पीटने लगा। शोर <नाम> सुनकर परिवादी तथा अन्य विपक्षीगण भीमौके <नाम> आ गये। सभी विपक्षीगण ने परिवादी तथा उसकी पुत्री को साली माधर चोद गोड़जाति की गालियां देते हुए उन्हें मारे पीटे तथा <नाम> से मारने की धमकी दिये। परिवादी केपरिवाद पत्र सुनवाई के उपरान्त न्यायालय द्वारा तलबी आदेश पारित किया गया जिसमेंअभियुक्तगण उपरोक्त को उपरोक्त अपराध के विचारण <नाम> तलब किया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के अनुसार परिवादी को नोटिस जारी किया गया है। परिवादी के विद्वानअधिवक्ता उपस्थित हुए हैं । ", "प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि अभियुक्तगण कोपूर्व में इस न्यायालय द्वारा अन्तरिम जमानत <नाम> <नाम> किया गया था। अभियुक्त सत्यनारायण की अचानक तबियत खराब होने के <नाम> वह न्यायालय में उपस्थित नहीं होसका जिसके परिणामस्वरूप अभियुक्तगण की ओर से प्रस्तुत प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रन्यायालय द्वारा गुण-दोष के अभाव में अनुपस्थिति में खारिज किया गया था। अतःप्रार्थी / अभियुक्तगण का यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी / अभियुक्तगण पूर्णतयानिर्दोष हैं। परिवादी ने अपने बयान अंतर्गत धारा-200 द॑0प्रसं0 में परिवादी की बेटी पूजाके साथ कथित मार पीट की घटना <नाम> के साथ होना बताया है। धारा-200दं0प्र०सं0में परिवादी ने प्रार्थी /अभियुक्तगण का किसी भी <नाम> का कोई उल्लेख नहीं किया है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत एक पक्षीय साक्ष्य के आधार <नाम> अभियुक्तगण को तलब कियागया है। मामला परिवाद <नाम> आधारित है। अत: उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> तथा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वाराजमानत प्रार्थना पत्र <नाम> आपत्ति करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण अत्यन्त ही मनबढ़किस्म के व्यक्ति हैं। परिवादी के विरूद्ध अभियुक्ता इसलावती <नाम> द्वारा धारा-156(3)द0प्र०सं0 में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्तगण <नाम> सम्मन का तामीला होने केउपरान्त उन्होंने परिवादी व उसके परिवार के सदस्यों को गाली गलौज करते हुए दिनांक07.08.2019 को धमकी दी गयी है जिसके संबंध में परिवादी ने पुलिस अधीक्षक सोनभद्र कोपत्र भी प्रेषित किया है। यदि अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वहपरिवादी <नाम> दबाव डाल सकते हैं। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त <नाम> अभियुक्तगण कोकारागार भेजने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान <नाम> अभियोजनअधिकारी तथा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली हReason: Docume धBail Application/421/2020 -satanrayan Vs. State Government 2 <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा परिवादसंख्या-04 सन्‌ 2018 की पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/ अभियुक्तगण कोपरिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद एवं एक पक्षीय साक्ष्य के आधार <नाम> तलब किया गयाहै। धारा-200 दं0प्रश्‍सं0 के बयान में परिवादी ने अभियुक्तगण के किसी भी <नाम> काउल्लेख नहीं किया है तथा कथित मार पीट अभियुक्त <नाम> के साथ होना बतायी गयीहै। चिकित्सीय परीक्षण आख्या में मजरूबों के शरीर <नाम> साधारण चोटें <नाम> बताया गयाहै। परिवादी एवं अभियुक्तगण एक ही गांव के रहने वाले हैं। मामला परिवाद <नाम> आधारितहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_929_201921-08-201959
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी <नाम> देवीने दिनांक 22.12.2017 को थाने <नाम> लिखित सूचना <नाम> कि वह अपनी मॉसिलवन्ती <नाम> उम्र 55 वर्ष पत्नी स्व0 <नाम> के साथ टोला गर्डयाबथान ग्रामनिगाई, थाना-कोन में अपने <नाम> के साथ रहती थी। उसका <नाम> <नाम> खरवारपुत्र चन्द्रिका, निवासी कोसलीवार, थाना-खरौंधी, जिला गढ़वा, झारखण्ड उसकेऊपर बराबर शक करता था तथा उससे हमेशा झगड़ा करता था। कल दिनांक21.12.2017 की रात में उससे झगड़ा किया और उसे मारने के लिए टांगी लेकरदौड़ाया तो वह भाग गयी। उसकी माँ बचाने के लिए आयी तो उसे टंगारी सेगर्दन <नाम> मार <नाम> उसकी गर्दन कट गयी जिससे चारपाई <नाम> गिर गयी औरउसकी मृत्यु हो गयी। वह डर की वजह से जंगल भाग गयी। सुबह होने परआकर <नाम> तो उसकी माँ की लाश चारपाई <नाम> पड़ी है। वह रोने लगी तथाआस-पास के लोगों को उसके <नाम> द्वारा उसकी मॉ को टंगारी से मारकर मृत्युकर देने की बात बतायी। उसके <नाम> वह थाने <नाम> सूचना देने आयी है। आवश्यक कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसकेद्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का काई आपराधिकइतिहास नहीं है। उसके कोई विरुद्ध अपराध नहीं बनता है। वास्तविकता यह हैकि प्रार्थी की पत्नी <नाम> <नाम> स्वतंत्र विचार की महिला है तथा प्रार्थी की गैरमौजदूगी में उसके घर कई लोगों का आना-जाना था जिसका विरोध प्रार्थी वप्रार्थी की पत्नी <नाम> <नाम> की मॉ सिलवन्ती <नाम> करती थी जिससे सुनीताप्रार्थी व अपनी मॉ सिलवन्ती से नाराज रहती थी। मौका पाकर <नाम> ने घटनाको अन्जाम <नाम> । ", "ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त वादिनी <नाम> शक करता था तथा उसी शक को लेकर वादिनी सेवह झगड़ा करता था। घटना के <नाम> भी प्ररार्थी-अभियुक्त वादिनी से झगड़ा कियातथा उसे कुल्हाड़ी से मारने के लिए दौड़ाया। तो वह भाग गयी। इसी बीचमृतका बचाने आयी तो मृतका के गर्दन <नाम> कुल्हाड़ी से वार <नाम> <नाम> जिससेमृतका की गर्दन कट गयी और उसकी मृत्यु हो गयी। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में भले ही वादिनी ने कुल्हाड़ी से वादिनी की मॉ कीगर्दन <नाम> वार करते हुए <नाम> <नाम> हो परन्तु कुल्हाड़ी लेकर अभियुक्त द्वारा स्वयंको दौड़ाते हुए <नाम> था तथा वादिनी भाग गयी तथा उसके सामने उसकी मॉ आगयी । दूसरे <नाम> प्रातः वादिनी की मॉ की गर्दन कटी हुई लाश <नाम> तो स्पष्टहो रहा है कि अभियुक्त ने ही मृतका की गर्दन <नाम> कुल्हाड़ी से वार किया था। ", "इतना ही नही अभियुक्त की निशानदेही <नाम> प्रश्‍नगत कुल्हाड़ी भीबरामद हो चुकी है। मामला गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1616_202015-12-2020117
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "उसकी नाबालिग पुत्री <नाम> जो <नाम> 10 की छात्रा है तथा महाराष्ट्रमें उसके <नाम> के साथ रहकर पढाई करती है। लाक डाउन के <नाम> उसकी पुत्री घरआयी है तथा घुवास <नाम> में रह रही है। उसके घर के पास मुल्जिमान नाजायज गोलबनाकर अक्सर वे लोग उसे व उसकी पुत्री को घर से निकलने <नाम> गलत नियत सेपीछा करते हैं तथा भद्दे-भद्दे इशारे करते हैं। लैंगिक टिप्पणी भी करते हैं तथाउसके घर के सामने गुण्डई करते हैं। दिनांक 14.09.2020 को सुबह 8:45 बजेआवेदकगण उसके घर के सामने गोल बनाकर इकट्ठा थे तथा उसकी पुत्री कोअश्लील इशारे से अश्लीलता <नाम> रहे थे । वादिनी ने <नाम> किया तो <नाम> चौहानउसका हाथ पकड़ लिये तो विमलेश <नाम> मौके <नाम> आ गये । <नाम> <नाम> केललकारने <नाम> सभी लोग सामान्य आशय के साथ मिलकर लात-मुक्का, लाठी-डण्डा सेउसे मारे-पीटे तथा साड़ी खींच दिये। वादिनी के शोर मचाने <नाम> काफी लोग आ गयेतथा बीच-बचाव किये। वे लोग जाते समय कोई कार्यवाही करने <नाम> उसे व उसकीपुत्री को <नाम> से मार डालने की धमकी दिये। वादिनी उसी <नाम> घटना की सूचना दीजिस <नाम> मेडिकल मुआइना कराकर आने के लिए कहा गया। वादिनी का मेडिकल Bail Application/l616/2020 -Ajay kumar chauhan Vs. State Government 2सरकारी अस्पताल में हुआ जिसमें चोटां का विवरण मौजूद था परन्तु उसकी प्रथमसूचना रिपोर्ट नहीं लिखी गयी तथा उसके <नाम> व घर वालों के खिलाफ धारा107/116 की कार्यवाही <नाम> दी गयी। वे लोग आदतन अपराधी हैं । उनका एकनाजायज गोल है। वादिनी उन लोगों के कृत्य से काफी भयभीत है। उसे जान-मालकी धमकी लगातार <नाम> रहे हैं किन्तु आज <नाम> कोई कार्यवाही नहीं की गयी। वादिनी वउसकी पुत्री डरे-सहमें हैं। पुलिस कार्यवाही <नाम> होने <नाम> वादिनी ने न्यायालय में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया जिस <नाम> पारित आदेश के अनुपालन में प्राथिमिकी दर्ज की गई। ", "3. आवेदकगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि उन्हें झूंठा व रंजिशननामित किया गया है। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र. <नाम> 438(6) दण्ड प्रकिया <नाम> से बाधित नहीं है। अभियोजन कथानक गलत वबेबुनियाद है। वादिनी व आवेदकगण सगे पट्टीदार हैं और उनके मध्य जमीन सम्बन्धीविवाद चल रहा है। आवेदक विमलेश घटना के पूर्व दिनांक 03.08.2017 को मार-पीटकरने के सम्बन्ध में वादिनी के चचेरे ससुर रामलाल, देवर नारद व <नाम> के विरूद्धएन0सी०0आर0 लिखाया गया है जिसके <नाम> वादिनी व उसके परिवार के लोग रंजिशरखते थे और इसी रंजिश के <नाम> आवेदकगण के विरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज करायागया है। आवेदकगण सम्मानित व शान्तिप्रिय व्यक्ति हैं। उनका कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। वह विवेचना में पूर्ण सहयोग करेगें। अतः उक्त आधारों परआवेदकगण को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "4. विद्वान प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिक के द्वारा अग्रिम जमानतका विरोध करते हुए यह कहा गया कि आवेदकगण द्वारा वादिनी की अवयस्क पुत्रीपीड़िता को अश्लील इशारे करके अश्लीलता की ग्ई। वादिनी के <नाम> करने परआवेदक <नाम> <नाम> ने उसका हाथ पकड़ लिया। आवेदक <नाम> <नाम> केललकारने <नाम> अन्य आवेदकगण ने मिलकर वादिनी को लात, मुक्का, लाठी-डंडा सेमारा-पीटा व उसकी <नाम> भंग करने के आशय से उसकी साड़ी खींच दी। उसकेशोर <नाम> काफी लोग आ गये और बीच-बचाव किये तथा आवेदकगण वादिनी व उसकीपुत्री को <नाम> से मारने की धमकी देते हुए चले गये। मामला गंभीर <नाम> का है। अग्रिम जमानत <नाम> दी जावे। " ], "judge-opinion": [ "5. उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा केस डायरीव प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन का अवलोकन किया। वादिनी ने अपने बयानधारा 161 दं0प्रoसं0 में कथन किया है कि निंक 14.09.2020 को समय लगभग 8.00बजे आवेदक <नाम> उसके दरवाजे <नाम> बैठता है। उसने <नाम> को <नाम> किया किउसके दरवाजे <नाम> मत बैठो किन्तु वह मानता नहीं था। उसकी लड़की बाहरआती-जाती है। <नाम> की निगाह उसकी लड़की <नाम> रहती है। लडकी डरकर कहनेलगी कि <नाम> उसे गलत निगाह से देखता है। वादिनी <नाम> के घर उसकेमम्मी-पापा से कहा कि <नाम> को <नाम> <नाम> दीजिये। वह अपने घर आ गयी । वहगाली <नाम> रहा था। वह अपने घर गया और लाठी-डण्डा से उसके <नाम> <नाम> गौतम,विमलेश <नाम> व <नाम> मिलकर मार-पीट करने लगे। उसकी साड़ी पकड़कर खींचनेलगे। पीड़िता <नाम> <नाम> द्वारा वादिनी के कथन का समर्थन किया गया हैतथा यह भी कथन किया गया है कि वह अपनी मम्मी को बचाने गयी तो उसे भीमारने-पीटने लगे। वह ट्यूशन करने जाती है तो <नाम> धमकी देता है कि वह तुम्हेउठवा देगा। ", "Bail Application/l616/2020 -Ajay kumar chauhan Vs. State Government 36 आवेदकगण द्वारा वादिनी की पुत्री के लैंगिक उत्पीड़न किया गया एवंवादिनी को विवस्त्र करने के आशय से उसकी साड़ी को खींची गयी है तथा वादिनीकी पुत्री जब ट्यूशन पढ़ने जाती थी तो आवेदक <नाम> उसका पीछा करके धमकीदेता था कि वह उसको उठवा देगा। आवेदकगण द्वारा विधिविरूद्ध जमाव करकेसामान्य आशय से वादिनी को लात-मुक्का व लाठी-डण्डा से मार-पीटकर चोटेंपहुंचायी गयी। मामला स्त्री की <नाम> भंग करने से संबंधित है और ऐसे मामले गंभीरप्रकृति के होते हैं तथा ऐसे मामले में अग्रिम जमानत देने से समाज में गलत संदेशजायेगा । ", "7. पत्रावली <नाम> ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह प्रमाणित हो सके किप्रार्थीगण को गिरफूतार कराकर उन्हें क्षति पहुंचाने या अपमानित करने के उद्देश्य सेअभियोग लगाया गया हो। जहां <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र के पैरा-6 (छः) में किये गयेकथन का प्रश्‍न है, उसमें वादिनी मुकदमा या उसकी पुत्री <नाम> या वादिनी का पतिपक्षकार मुकदमा नहीं थे। " ] }
0DENIED
Bail Application_232_202112-02-2021697
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "12.02.2021अभियुक्त <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> अवतार <नाम> निवासी करहिया थानाविन्ढमगंज, जिला सोनभद्र की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गयाहै। ", "अभियुक्त का कथन है कि अभियुक्त मुकदमा उपरोक्त में जमानत परथा। अभियुक्त पैर से अपाहिज है। लाठी छड़ी के सहारे चलता है। अभियुक्त गरीबव्यक्ति है। दुर्घटना होने के <नाम> अभियुक्त का पैर खराब हो गया , जिस कारणवह खाट <नाम> पड़ा रहा तथा दूसरो के सहारे अपनी नित्य करिया करता था। जिसकारण अभियुक्त नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नही आ पाया और अभियुक्त केविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त जानबूझकर कोई गलती नहींकिया है। भविष्य में नियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिर आएगा। अभियुक्त दिनांक 04.02.2021 से जिला कारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। अभियुक्त अपाहिज होने के कारणबिना सहारा के नित्य किया में काफी परेशानी होती है। अभियुक्त उक्त प्रकरण में नतो गैग लीडर है और <नाम> ही कोई धन उपार्जन किया और <नाम> ही आर्थिक भौतिक एवंदुनियाबी <नाम> ही लिया है। अभियुक्त शांतिप्रिय व्यक्ति है। समाज में सम्मान के साथरहता है। <नाम> चारे का निर्वहन करता है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त प्रकरण उपरोक्त में पूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त का दुर्घटना में पैरखराब हो गया है जिससे वह अपाहिज हो गया है तथा नित्य किया दूसरो के सहारेकरता है। जिस <नाम> वह नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं आ सका औरउसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्तन्यायालय हाजिर होने में कोई जानबूझकर लापरवाही नहीं किया है। भविष्य मेंअभियुक्त न्यायालय प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित आएगा किसी प्रकार का कोईहीला हवाली नहीं करेगा। अभियुक्त दिनांक 04.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्धहै। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> Bail Application/232/2021 -Suresh Yadav Vs. State Government 2प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। यदिअभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जाता है तो इस बात की <नाम> सम्भावना है कि उसकेद्वारा साक्षियों को प्रभावित किया जाएगा तथा प्रकरण के निराकरण में विलम्ब कारितहोगा। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त नियत तिथिको न्यायालय उपस्थित नहीं आ सका। जिससे अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीयवारण्ट निर्गत किया गया है। अभियुक्त द्वारा कथन किया गया है कि अभियुक्त कादुर्घटना में पैर खराब हो गया और वह अपाहिज हो गया। दूसरो के सहारे नित्यकिया करता है। अभियुक्त द्वारा यह भी कहा गया कि वह जानबूझकर न्यायालयउपस्थित आने में कोई लापरवाही नहीं किया है। वह भविष्य में प्रत्येक नियत तिथिपर न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1332_201904-12-2019283
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 14.11.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> त्रिपाठी हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ <नाम> मेंथा कि मुखबिर की सूचना <नाम> उरमौरा स्थित <नाम> <नाम> के घर पहुंचा जहांदेखा कि 2 व्यक्ति बरामदे में ईट की भट्ठी <नाम> शराब बना रहे हैं। पुलिसकर्मियों को देखकर एक व्यक्ति बरामदे के पीछे से भाग गया तथा दूसरे व्यक्तिको घेरकर पकड़ लिया गया। पकड़े गये व्यक्ति से नाम पता पूछा गया तो उसनेअपना नाम <नाम> <नाम> बताया तथा भागे हुए दूसरे व्यक्ति का नाम मंजूर खांबताया। मौके <नाम> <नाम> गया तो ईट के चूल्हे <नाम> लकड़ी जलाकर चूल्हे <नाम> टीनरखकर पाइप लगाकर प्लास्टिक की पिपिया में शराब इकट्ठी की जा रही है। भट्ठी के पास एक छोटे से डिब्बे में लहन <नाम> थी तथा 20-20 लीटर की 2जरीकेन व 10 लीटर की 1 जरीकेन <नाम> थी जिनमें शराब भरी है। पास में हीयूरिया व नौसादर भी रखा हुआ था। पकड़े गये <नाम> <नाम> से पूछने <नाम> उसनेबताया कि शराब में यूरिया व नौसादर मिला देते हैं जिससे उसकी तीब्रता बढ़जाती है। शराब बनाने व बेचने का अधिकार पत्र मांगा तो दिखाने में असमर्थरहा। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौकेपर लिख, पढ़, सुनाकर सर्व संबंधित के हस्ताक्षर कराकर व फर्द की नकलमुल्जिम को देकर, सभी <नाम> के नमूने को सर्व मुहर <नाम> भट्ठी, लहन, यूरिया,नौसादर को मौके <नाम> नष्ट <नाम> माल-मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमापंजीकृत कराया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तको फर्जी ढंग से फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। उसने कोई अपराधनहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत व बेबुनियाद है। बरामदगी कीकार्यवाही फर्जी है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ अवैध <नाम> से अपमिश्रित शराबविकय <नाम> बनाया जा रहा था। अपराध गंभीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ " 2सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त द्वारा यह तर्कं <नाम> गया है कि उसके पास से कोईबरामदगी नहीं हुई है, इसीलिये प्रस्तुत मामले में कोई जन <नाम> नामित नहींकिया गया है। बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया है कि पत्रावली में कोईविधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट नहीं है, इसलिये यह नहीं कहा जा सकता हैकि जो बरामदगी अभियुक्त के कब्जे से दिखाई गई है, वह प्रथमत: शराब है तथाद्वितीयतः मानव उपयोग के लिये अपायकर व अनुपयुक्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_487_202119-03-2021281
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "19.03.2021अभियुक्त <नाम> <नाम> पुत्र लक्षिमन निवासी बरबसपुर थानापन्नूगंज जिला सोनभद्र की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। ", "अभियुक्त का कथन है कि अभियुक्त मुकदमा उपरोक्त मेंजमानत <नाम> रहा है। दौरान विचारण महज नासमझी में नियत <नाम> परअभियुक्त उपस्थित नहीं हो सका, जिससे अभियुक्त के विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त द्वारा न्यायालय में उपस्थितहोकर सही तथ्यों को अवगत कराते हुए वारण्ट निरस्त करने कीयाचना की गयी। जो दिनांक 15.03.2021 को निरस्त हो गया। अभियुक्त जानबूझकर न्यायालय उपस्थित होने में कोई हीला हवालीनहीं किया है। भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित आता रहेगा। अभियुक्त गरीब व्यक्ति है। किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपनातथा अपने परिवार का भरण पोषण करता है। अभियुक्त के पिता कीमृत्यु हो चुकी है। अभियुक्त की बृद्ध मां है जो बीमार रहती है। अभियुक्त के जेल में रहने से बृद्ध मां का देखभाल करने वाला कोईनहीं है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> कीगयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोकअभियोजक के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखागया कि अभियुक्त प्रकरण उपरोक्त में पूर्व में जमानत <नाम> था। मुकदमाउपरोक्त में <नाम> की जानकारी नहीं हो सकी जिस <नाम> अभियुक्त केविरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट का आदेश निर्गत करदिया गयां। अभियुक्त द्वारा स्वंय न्यायालय में उपस्थित होकर गेरजमानतीय वारण्ट निरस्त करने <नाम> प्रार्थना पत्र <नाम> गया जिसेन्यायालय द्वारा निरस्त <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त न्यायालय हाजिरहोने में कोई जानबूझकर लापरवाही नहीं किया है। भविष्य में अभियुक्त Bail Application/487/2021 -Shankar Patel Vs. State Government 2न्यायालय प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित आएगा किसी प्रकार काकोई हीला हवाली नहीं करेगा। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारायह कहा गया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थितन होने के <नाम> प्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अनुपस्थित होने कीसम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। यदि अभियुक्त को जमानतपर छोड़ा जाता है तो इस बात की <नाम> सम्भावना है कि उसके द्वारासाक्षियों को प्रभावित किया जाएगा तथा प्रकरण के निराकरण में विलम्बकारित होगा। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केनियत <नाम> <नाम> उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त बृद्ध माता है। उनको कोईदेखने वाला नहीं है। अभियुक्त द्वारा कथन किया गया है कि उसेमुकदमा उपरोक्त में नियत <नाम> की जानकारी नही हो पायी जिसकारण वह नियत <नाम> को न्यायालय उपस्थित नही आ सकां। अभियुक्त द्वारा यह भी कहा गया कि वह जानबूझकर न्यायालयउपस्थित आने में कोई लापरवाही नहीं किया है। वह भविष्य में प्रत्येकनियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित आता रहेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_918_202019-08-202074
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "संक्षेप में अभियोजन कथनानक इस प्रकार है कि -दिनांक-19.12.2019 को पुलिस <नाम> द्वारा मुखबिर की सूचनापर समय 09.00 बजे प्रार्थी-अभियुक्त शल्लू <नाम> को <नाम> अभियुक्त बदामअंसारी के साथ गिरफ्तार किया गया। प्रार्थी-अभियुक्त की जामातलाशी परउसके कब्जे से 5 लीटर अवैध अपमिश्रित शराब, 100 ग्राम नौसादर व 500ग्राम यूरिया तथा उसकी जेब से एक सौ तीस रूपये बरामद हुए। फर्द मौकेपर लिख, पढ़, सुनाकर सर्व संबंधित के हस्ताक्षर कराये गये तथा फर्द कीनकल अभियुक्त को देकर माल-मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> उपर्युक्त वर्णितप्रकरण पंजीकृत कराया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुतकरते हुए कहा गया है कि प्रस्तुत मामले में उसे फंसाया गया है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। उसे घर से उठाकर प्रस्तुत प्रकरण में नामित कियागया है, जबकि वह <नाम> कथित समय व स्थान <नाम> गिरफ्तार किया गया, <नाम> हीउसके कब्जे से कोई बरामदगी हुई है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। वह काफी समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त समस्त आधारों परजमानत प्रदान करने की <नाम> की गई है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्त के कब्जे से 5 लीटर अवैध अपमिश्रित शराब, 100 ग्राम नौसादर व500 ग्राम यूरिया बरामद की गई है। उक्त समस्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना Bail Application/918/2020 -Sallu Kumar Vs. State Governmentपत्र निरस्त करने की प्रार्थना की गई है। " ], "judge-opinion": [ "सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से स्पष्ट है कि कथितगिरफूतारी /बरामदगी का कोई जन <नाम> नहीं है। कथित शराब के अपायकरहोने क संबंध में <नाम> विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट <नाम> <नाम> प्राप्त नहीं हुईहै। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। वहदिनांक-19.12.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_155_202024-02-2020248
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर से कथनकिया गया है कि यह प््रार्थी/अभियुक्त की प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी / अभियुक्त को झूँठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त शिक्षित बेरोजगार है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 28.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। थाना पुलिसद्वारा प्रार्थी को फर्जी एवं साजिशन अभियुक्त बना <नाम> चालान <नाम> <नाम> गया है। ्रार्थी/ अभियुक्त मामले में <नाम> अभियुक्तों को <नाम> ही जानता है और <नाम> ही उक्त प्रकृतिका व्यवसाय करता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधारपर जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि अभियुक्त <नाम> चोरी करने तथा चोरी की सामान को बेचने काआरोप है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियोजन <नाम> द्वारा यह भी कथनकिया गया है कि अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह अपराध कीपुनरावृत्ति <नाम> सकता है। अतः अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.12.2019 को समयकरीब 4 बजे <नाम> टेक्निशियन विरेन्द्र <नाम> द्वारा बताया गया कि एन.टी.पी.सी.-1,जिसकी इन्डस आई.डी. 1244468 है, वहाँ <नाम> लगे बैट्री की चोरी हो गया और मात्र2 सेल बचा है। टावर में लगे सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ किया गया, जिसने बतायाकि एक चाभी बैट्री/सेल्टर की टेक्निशियन विरेन्द्र <नाम> के पास रहती है और एकउसके पास रहती है। जाँच करने <नाम> पाया गया कि मेन गेट व सेल्टर का ताला बन्दएवं सुरक्षित था। दिनांक 24.11.2019 को इसी तरह की चोरी का अंजाम <नाम> गयाजो पूरे 24 सेल की चोरी हुआ था। उक्त आधार <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यहस्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अभियुक्त विरेन्द्र <नाम> टेक्निशियन तथा अभियुक्तबड़ेलाल गार्ड के विरूद्ध अन्तर्गत धारा-406 भा.दं.सं. में दर्ज किया गया था औरप्रथम सूचना रिपोर्ट में उल्लिखित है कि टावर में लगे बैट़ी बैंक/ सेल्टर की एकचाभी टेव्निशियर विरेन्द्र <नाम> के पास रहती थी तथा दुसरी बड़ेलाल गार्ड के पासरहती थी और जॉच करने से मेन गेट व सेल्टर का ताला बन्द एवं सुरक्षित पायागया था। अभियुक्त को दिनांक 06.01.2020 को सुबह 10.30 बजे उपनिरीक्षक द्वारा मुखबीर की सूचना <नाम> पकड़ा गया। मुखबीर ने सूचना दी थी कि जिन बैटरियों कीउपनिरीक्षक तलाश <नाम> रहें है, उन बैटरियों के साथ तीन लोग एक मोटरसाइकिलपर तीनों बैटरियॉँ लाद <नाम> आ रहें हैं। अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। घटनाका कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_313_202007-03-202069
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथनानुसार वादी <नाम> ने थाने <नाम> सूचना <नाम> किदिनांक 03.08.2019 को समय लगभग 2 बजे <नाम> जब वादी <नाम> अपने घर सेरघुनाथपुर, थाना-रामपुर बरकोनिया आ रहा था। अचानक धंधरौल बन्धे के पासबारिस होने लगी। वह बाइक खड़ा करके स्वयं <नाम> में आ गया, तभी उसकी मोटरसाइकिल नंबर-यू0पी0 64 एच 5337 कोई अज्ञात व्यक्ति ले गया जिसकी खोजबीनकरने <नाम> कहीं पता नहीं चला। ", "प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करते हुए कहागया है कि उसे झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में वह नामित नहीं है। सह अभियुक्त सुलवन्त मौर्या द्वारा पुलिस के समक्ष दिये गये कथन के आधार परउसका नाम <नाम> में आया है। वह मौके से गिरफ्तार नहीं हुआ है। उसके कनब्जेसे कोई बरामदगी नहीं हुई है। <नाम> अभियुक्त सुलवन्त मौर्या की जमानत पूर्व मेंस्वीकार हो चुकी है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा वह काफी समयसे जिला कारागार में निरुद्ध है। उक्त समस्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करनेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त एवंसह अभियुक्त सुलवन्त मौर्या द्वारा वादी की मोटर साइकिल की चोरी की गई। इससंबंध में अ.सं-494 /2019 के अंतर्गत <नाम> अभियुक्त सुलवन्त मौर्या को पुलिस द्वारापकड़ा गया जिसमें उनके कब्जे से एक मोटर साइकिल इस मामले से संबंधित Bail Application/313/2020 -Sohan Chamaar alias Satish Vs. State Government 2बरामद हुई। <नाम> अभियुक्त सुलवन्त मौर्या द्वारा पुलिस के समक्ष दिये गये बयान केआधार <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त का नाम <नाम> में आया है। अतः मामले की गम्भीरता व्रार्थी-अभियुक्त की <नाम> को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से ज्ञात है कि प््रार्थी-अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। उसको मौके से गिरफतार नहीं किया गया है। अन्यअ.सं.-494/2019 के अंतर्गत गिरफूतार किये गये <नाम> अभियुक्त सुलवन्त मौर्या द्वारापुलिस के समक्ष दिये गये बयान के आधार <नाम> प्रार्थी- अभियुक्त का नाम <नाम> मेंआया है। प्र्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से वाहन की बरामदगी नहीं हुई है। सहअभियुक्त सुलवन्त मौर्य की जमानत दिनांक-07.11.2019 को तत्कालीन सत्रन्यायाधीश, सोनभनद्र द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी-अभियुक्त की <नाम> सहअभियुक्तगण से गुरूतर होना नहीं बताया गया है। प््ार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। वह काफी समय से जेल में निरूद्धहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_367_202123-04-20211
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "23.04.2021प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> हरिजन पुत्र <नाम> उफ छबिनाथ,निवासी-नन्दना, थाना-रायपुर, जनपद-सोनभद की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 31.01.2021 को प्रभारीनिरीक्षक हेमन्त <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> शाति व्यवस्था डियूटी व अन्यदीगर कार्य <नाम> में थाना <नाम> के वैनी बाजार में मामूर होकर गोवध/ गोवशतस्करी के अपराध में लिप्त अपराधियों में अकुश लगाने <नाम> भ्रमणशील थे, तो ज्ञातहुआ कि गैग लीडर शेर मोहम्मद स्व0 आस मोहम्मद निवासी रऊता थाना अधौराजिला <नाम> \"बिहार” जो शातिर किस्म का गौवश तस्करी करता है तथा बेरहमी सेबांधकर वाहनों से एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त को परिवहन करता है। यह अपनेसहयोगी साथी महेन्द्र <नाम> पुत्र स्व0 लालराम निवासी दुल्हरपुर थाना रायपुर जिलासोनभद्र व <नाम> <नाम> हरिजन पुत्र स्व0 <नाम> हरिजन निवासी ग्राम नन्दना थानारायपुर सोनभद्र के साथ मिलकर सुसंगठित गिरोह बनाकर गोवश की तस्करी जैसेअपराध में सकिय रहते है। जो भा०द0वि0 क अध्याय-17 में वर्णित अपराधों को करनेमें अभ्यस्तः अपराधी है। इसके व इसके सहयोगी साथी द्वारा किए जा रहेगोवध/ गोवश तस्करी जैसे संगीन अपराध एवं समाज विरोधी करियाकलापों के कारणसमाज का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध मुकदमा लिखाने एवं गवाही देने का साहस नहीकर पा रहा है। गैग लीडर शेर मोहम्मद एवं गिरोह के सदस्य महेन्द्र <नाम> एवं <नाम> हरिजन उपरोक्त के विरूद्ध थाना स्थानीय में मु0अ0स0-31/19धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा-11 पशु कूरता अधिनियमपंजीकृत हैं जिसमें साक्ष्य के आधार <नाम> आरोप पत्र दिनाक 30.06.2019 को संबधितन्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। <नाम> स्वतंत्र घूमना समाज हित में अच्छानहीं है। इस गिरोह के गैग लीडर व सदस्यों क विरूद्ध आपराधिक गतिविधियों परप्रभावी नियंत्रण <नाम> उ0प्र० गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारणअधिनियम की <नाम> ३3(1) क अन्तर्गत कार्यवाही किया <नाम> आवश्यक है। अभियुक्तगण के विरूद्ध गैंग चार्ट जिला मजिस्देट सोनभद्र द्वारा अनुमोदित किया जाचुका है। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृतकराया गया। " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य क पक्ष से विद्वान विशेषलोक अभियोजक के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। Bail Application/367/2021 -jai Prakash Harizan Vs. State of U.P. 2जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त कोरंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधोंमें कभी लिप्त रहा है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त क विरूद्धमु0अ0स0-31//19 धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा-11 पशु कूरताअधिनियम पंजीकृत है। अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त मुकदमा के अतिरिक्त अन्य कोईअपराध पंजीकृत नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध मात्र मु0अ0सं०-31/19 अन्तर्गतधारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कियागया है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्तके विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जितकरने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्त: अपराधी एवं थाना <नाम> मेंभय दहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त किसी गैंग के गैगलीडर या सक्िय सदस्यनहीं है। पुलिस द्वारा जो भी कार्यवाही अभियुक्त के विरूद्ध की गयी है वह बेबुनियादएवं आधारहीन है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगई है । ", "<नाम> अभियुक्त शेर मोहम्मद एवं महेन्द्र <नाम> के जमानत प्रार्थना पत्र कीसुनवाई की <नाम> 01.03.2021 को गैंगचार्ट क प्रस्तावक <नाम> हेमन्द्र <नाम> सिंहउपस्थित थे। उनके द्वारा यह स्पष्टीकरण <नाम> गया कि गैंगचार्ट में धारा-11 पशुकूरता अधिनियम लिपिकीय त्रूृटि से सहबन <नाम> हो गया है। इसी प्रकार उपस्थितपुलिस क्षेत्राधिकारी सदर, सोनभद्र <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा भी यह स्पष्टीकरण दियागया कि उनके समक्ष जो भी सामग्री गैंगचार्ट के प्रस्तावक द्वारा प्रस्तुत किया गयाथा, उसी के आधार <नाम> उनके द्वारा गैंगचार्ट को संस्तुती <नाम> अग्रसारित की गयी थी। ", "गैगचार्ट <नाम> अन्तिम संस्तुति पुलिस अधीक्षक सोनभद्र द्वारा की जाती हैतथा जब <नाम> जिलाधिकारी गैगचार्ट का अनुमोदन नहीं <नाम> देते है तब <नाम> उ0प्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अधीन प्रथम सूचनारिपोर्ट <नाम> नहीं की जा सकती है। इस प्रकरण में दिनांक 25.01.2021 को पुलिसअधीक्षक सोनभद्र द्वारा गैगचार्ट सस्तुति की गयी है तथा जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र केद्वारा दिनांक 29.01.2021 को गैगचार्ट अभियुक्तगण शेर मोहम्मद, महेन्द्र <नाम> एवंजय <नाम> हरिजन के विरूद्ध अनुमोदित किया गया है। गैगचार्ट की संस्तुति एवंअनुमोदन में वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मिलित करने का उद्देश्य यह है कि किसीभी व्यक्ति के विरूद्ध गैगेस्टर क प्राविधानों का दुरूपयोग <नाम> किया जाय। इसप्रकरण के केस डायरी के साथ मुकदमा अपराध संख्या-31/19 में न्यायालय मेंप्रेषित आरोप पत्र की <नाम> संलग्न है। जिसके अवलोकन से स्पष्ट है कि उक्त तीनोंअभियुक्तगण के विरूद्ध मात्र <नाम> 3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम में आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है। ", "दौरान बहस विशेष लोक अभियोजक द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किगोवध निवारण अधिनियम उप्र. की धारा-3/5ए//8 में प्रस्तुत आरोप पत्र के आधारपर भी गैंगेस्टर की कार्यवाही की जा सकती है। जहाँ <नाम> विशेष लोक अभियोजकके उपरोक्त तर्क का प्रश्‍न है, तो यहाँ <नाम> यह विचारणीय प्रश्‍न नहीं है कि किसआधार <नाम> गैंगेस्टर की कार्यवाही की जा सकती है। बल्कि विचारणीय प्रश्‍न यह हैकि धारा-11 पशु कूरता अधिनियम के अधीन तीनों अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोपपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि उक्त <नाम> का उल्लेख गैंगचार्ट में किया गयाहै, जिसको पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र द्वारा अंतिम <नाम> संस्तुति किया गया है औरजिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट, सोनभद्र द्वारा अनुमोदित किया गया है। स्पष्ट है किगैंगचार्ट के अन्तिम संस्तुति कर्ता <नाम> एवं अनुमोदन कर्ता <नाम> द्वारा यांत्रिकरूप से गैंगचार्ट की संस्तुती एवं अनुमोदन किया गया है तथा उप्र. गिरोहबन्द औरसमाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा-3(1) में दिनांक 31.01.2021को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी है, जिसके तथ्यों में अभियुक्तगण का मु'अ.सं-31/2019, अंधारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा-11 पशु कूरताअधिनियम का आधार बनाया गया है। जबकि वास्तव में धारा-11 पशु कूरता Bail Application/367/2021 -jai Prakash Harizan Vs. State of U.P. 3अधिनियम का उल्लेख मु.अ.सं-31/2019 के आरोप पत्र में नहीं है। यहाँ यह तथ्यउल्लेखनीय है कि केवल न्यायसंगत विचारण ही किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं है,बल्कि न्यायसंगत विचारण के लिये निष्पक्ष अनुसंधान भी अभियुक्त का अधिकार है। ्रार्शी/अभियुक्त का मु.अ.सं.-31/2019 के अलावा अन्य कोई भी आपराधिकइतिहास अवगत नहीं कराया गया है। ", "मामले के समस्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं इस तथ्य को दृष्टिगत रखतेहुये की अभियुक्तगण शेर मोहम्मद व महेन्द्र <नाम> की जमानत पूर्व में दिनांक 01.03.2021 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> हरिजन की भूमिकाशेर मोहम्मद एवं महेन्द्र <नाम> से अलग नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> हरिजनसमानता के आधार <नाम> जमानत पाने का <नाम> है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_915_202019-08-202073
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "19.08.2020अभियुक्त रविन्द्र <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 01.08.2020 को उपनिरीक्षक योगेन्द्र <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> रोकथाम जुर्म जरायमएवं त्योहार बकरीद को सकुशल सम्पन्न कराने <नाम> भ्रमणशील रहकर जेसे हीशीतला चौक <नाम> पहुंचा कि मुखबिर खास मिला एवं बताया कि एक मोटरसाइकिलकी डिग्गी में नाजायज गांजा लेकर घोरावल की ओर से राबर्टसगज कस्बे में आनेवाला है। इस सूचना <नाम> विश्‍वास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंची कि एकव्यक्ति <नाम> चौक ओवरब्रिज के पास पहुंचा कि उसको रूकने का इशारा कियागया तो वह आदमी मोटरसाइकिल चण्डी तिराहे की ओर घुमाकर भागना चाहा किवहीं <नाम> एक बारगी हिकमत अमली से रोक लिया गया। पकड़े ग्रए व्यक्ति का नामपता पूछा गया तो उसने अपना नाम रविन्द्र <नाम> विश्‍वकर्मा पुत्र स्व0 रामअधीनविश्वकर्मा बताया तथा मोटरसाइकिल की डिग्गी में गांजा होना बताया। नियमानुसारडिग्गी को खोलकर <नाम> गया तो एक सफेद प्लास्टिक के झोले में एक किलो पांचसौ नाजायज गांजा बरामद हुआ। अभियुक्त को <नाम> बताकर समय करीब 10.30बजे पुलिस हिरासत में लिया गया। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तोनहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकरफर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के इस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर वफर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमाकायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजावाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास Bail Application/1880/2020 -Ravindra kumar vishvakarma Vs. State Government 2नहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं कियागया है। अभियुक्त दिनांक 01.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त केआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआहै जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस०एक्ट केप्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त काआपराधिक इतिहास बताया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध इस मुकदमें से पूर्वमु०अ०सं0 69/18 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0द0सं0 थाना चोपन जिला सोनभद्र मेंपंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होनेके सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त के विरूद्ध दर्शाए गएआपराधिक इतिहास एन0डी0पी0एस0एक्ट से संबंधित नहीं है। अभियुक्त दिनांक 01.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_509_201927-05-2019718
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि क्षेत्रीय वनाधिकारी,मांची रेंज, सोनभद्र प्रभाग, सोनभद्र द्वारा थाने <नाम> सूचना दी गयी कि वन क्षेत्रअधिकारी, मांची को जरिये मोबाइल सूचना प्राप्त हुई कि पड़री वन <नाम> सेविजयकान्त <नाम> व लक्ष्मीकान्त <नाम> पुत्रगण रामलली कुछ अज्ञात लोगों केसाथ जंगल से ट्रैक्टर द्वारा पत्थर ले जा रहे थे। वह अपने रेंज स्टाफ राजेन्द्रप्रसाद <नाम> व0द0, <नाम> <नाम> व0र0 व <नाम> <नाम> <नाम> व0र0 तथा मोहनराम, व0र0 के साथ पड़री जंगल अपने सरकारी वाहन बोलेरो सं0-यू०पी0 64जी0306 से पडरी जंगल आया तो <नाम> कि एक ट्रैक्टर <नाम> पत्थर लाद रहे है। उनलोगों की गाड़ी को आता देखकर ट्रैक्टर चालक नाम पता अज्ञात ट्रैक्टर लेकरभागा तो उन लोगों ने पीछा करते हुए पड़री जंगल में ही पकड़ लिया औरट्रैक्टर <नाम> <नाम> राम,व0र0 को बैठाकर उसी ट्रैक्टर के चालक से ट्रैक्टर को रेंजकार्यालय, मांची चलने के लिए कहा गया। ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर लेकर रलुआगांव के पास पहुंचा तो तीन मोटरसाइकिल से जिसका नम्बर कमश: यूएपी064 ए एफ 3182 हीरो, यू०पी0 65 बी आर 7896 पैशन व यूएपी0 64 ए एफ 3327हीरो डीलक्स से लक्ष्मीकान्त <नाम> व विजयकान्त <नाम> अपने पांच-छ: अज्ञातसाथियों के साथ ट्रैक्टर को आगे से रोक लिये और कहे कि मारो सालों कोबचकर जिन्दा <नाम> जाने पाये और वन रक्षक <नाम> <नाम> <नाम> जानलेना हमला करतेहुए लाठी-डण्डों से मारने लगे जिससे उनकी मौके <नाम> ही मृत्यु हो गयी। वेलोग सरकारी गाड़ी की तरफ दौड़े व <नाम> से मारने की नियत से प्रहार करनेलगे जिससे <नाम> पुकार वन रक्षक को चोट आयी और सरकारी वाहन कोक्षतिग्रस्त <नाम> दिये। घटना दिनांक 15.03.2019 की <नाम> लगभग 9 बजे की है। उन लोगों के शोर मचाने <नाम> सभी लोग अपनी-अपनी मोटरसाइकिल व ट्रैक्टरको छोड़कर <नाम> से मारने की धमकी देते हुए भाग गये। मौके <नाम> <नाम> <नाम> केशव को लेकर <नाम> <नाम> <नाम> वन दरोगा के साथ राजकीय अस्पताल लोढ़ीभेज <नाम> गया और ट्रैक्टर व तीनों मोटरसाइकिल को लेकर अपने साथ <नाम> 9कुमार व <नाम> पुकार के साथ आये हैं। सूचना <नाम> रहा है। आवश्यक कार्यवाहीकरने की कूपा की जाय। उन लोगों द्वारा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए एकवन रक्षक की हत्या <नाम> दी गयी व एक वन रक्षक को गम्भीर चोट पहुंचायीगयी। इस आधार <नाम> अभियुक्तगण क विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि उसे फर्जी ढंग सेफंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है । प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नही है। प्रार्थी-अभियुक्त का अपराध से कोई सम्बन्ध नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब सेदर्ज करायी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त नामजद अभियुक्तगण के साथ मिलकर एक सरकारी कर्मचारीकी लाठी-डण्डाँ से मार-पीटकर हत्या कारित की गयी है। चश्मदीद <नाम> नेअपने बयान अन्तर्गत <नाम> 161 दं0प्र०सं0 में कहा है कि प्रार्थी-अभियुक्त व उसकेसाथी ट्रैक्टर <नाम> बैठे <नाम> <नाम> के ऊपर लाठी-डण्डा से हमला <नाम> दिया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचायी गयी । प्रार्थी-अभियुक्त कीअपराध कारित में स्पष्ट <नाम> से संलिप्तता पायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारागम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत केस के वादी वन क्षेत्राधिकारी हैं जिनकी आंख के सामनेप्रस्तुत केस से सम्बन्धित घटना घटित हुई है। यह सही है कि प्रथम सूचनारिपोर्ट में इस अभियुक्त का नाम नहीं है लेकिन जब वादी का बयान अन्तर्गतधारा 161 दंएप्रशसं0 दर्ज किया गया तो वादी द्वारा वन रक्षक <नाम> <नाम> कोमारने-पीटने में <नाम> हरिजन पुत्र स्व0 <नाम> सकल, निवासी ग्राम-पड़री टोलासहपुरवा, थाना-रायपुर, जिला-सोनभद्र की भी संलिप्तता बताया। ", "एक सरकारी कर्मचारी के द्वारा अपने कार्य निष्पादन मेंअभियुक्त एवं उसके साथियों क द्वारा मार-पीटकर हत्या <नाम> दी गयी तथासरकारी कार्य में बाधा पहुंचायी गयी। यह बहुत ही गम्भीर अपराध है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1564_202003-12-2020212
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार से है कि वादी मुकदमा द्वाराथाना <नाम> लिखित तहरीर इस कथन के साथ <नाम> कि उसकी नाबालिग पुत्री जिसकीउम्र 14 वर्ष है, को अभियुक्त द्वारा बहला फुसला <नाम> दिनांक 01.09.2020 को अगवाकर लिया है। उसकी पुत्री को जल्द से जल्द अभियुक्त चन्दन के कब्जे से मुक्तकराया जावे। उक्त लिखित तहरीर के आधार <नाम> थाना <नाम> अभियुक्त चन्दन पनिका कविरूद्ध मु.अ.सं.-593/ 2020, अं.धारा-363,366 भा.दं.सं. पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचनामामले में विवेचक द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध धारा-376 भा.दं.सं. व धारा-3/ 4पॉक्सो एक्ट की बढ़ोत्तरी की गयी। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अग्रिम जमानत के बावत्‌ मुख्य <नाम> से यहतक प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त को मामले में झूँठा व रंजिशन फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में <नाम> सभी बातें गलत एवं बनावटी है। वादी मुकदमा कीलड़की को बहलाया फुसलाया नहीं गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायीगयी है। विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। पीड़िता बालिग है। पीड़िता की बरामदगी अभियुक्त के कब्जे से नहीं हुई है। पीड़िता के बयानअं.धारा-164 दं.प्र.सं. के आधार <नाम> मामले में धारा-376 भा.दं.सं. व 3/ 4 पॉक्सो एक्टका कोई अपराध नहीं बनता है। पीड़िता के बयान अंधारा-161 व 164 दंप्र.सं. मेंविरोधाभास है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रअं.धारा-438 द॑प्र.सं. की उपधारा-6 से बाधित नहीं है। जमानत <नाम> छूटने के उपरांतअग्रिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं करेगा। विवेचक द्वारा बुलाये जाने परउपस्थित रहेगा और विवेचना में सहयोग करेगा। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत पररिहा किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा अग्रिम जमानत का प्रबलविरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता केसाथ गम्भीर अपराध कारित किया गया है। शैक्षिक प्रमाण पत्र के अनुसार पीड़िता कीजन्मतिथि 05.09.2003 है, जिससे यह स्पष्ट है कि कथित घटना के दिनांक को पीड़िता हDigitally signeBail Application No,1564/2020 -State Vs. Chandan Panika 2नाबालिग थी। अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को बहला फुसला करअपाहरण <नाम> उसके साथ बलात्कार कारित किया गया है। अभियुक्त विवेचना में भीसहयोग नहीं <नाम> रहा है तथा वह फरार चल रहा है। यदि अभियुक्त को अग्रिमजमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> जावेगा तो वह गवाहों को प्रभाविक <नाम> सकता है तथा पुन:अपराध की ओर अग्रसर होगा। अभियुक्त क विरूद्ध गम्भीर अभियोग है। अभियुक्त नेन्यायालय के समक्ष तथ्यों को छिपा <नाम> अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गयाहै। अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत मामले में पूर्व में भी जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1459/2020 प्रस्तुत किया था, जो दिनांक 21.11.2020 को निरस्त की गयी है। उक्त आधारपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "चिक एफ.आई.आर. के अनुसार अभियुक्त क विरूद्ध अभियोजन का यह अभियोगहै कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री/ पीड़िता को बहला फुसलाकर भगा ले गया और पीड़िता के साथ अभियुक्त ने शारीरक सम्बन्ध स्थापित किया। पीड़िता के उम्र के सम्बन्ध में अभियोजन द्वारा पीड़िता का शैक्षिक प्रमाण पत्र काउल्लेख केस डायरी में किया गया है, जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि 05.09.2003उल्लिखित है। शैक्षिक प्रमाण पत्र के अनुसार मामले की पीड़िता की उम्र कथित घटनाके दिनांक को 18 वर्ष से कम पायी जाती है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अं.धारा-164दंप्रसं. में यह स्पष्ट कथन किया है कि-”' मेरे और चन्दन के बीच इस दौरानशारीरिक सम्बन्ध बना“। कथित घटना के समय पीड़िता जो कि नाबालिग थी और वहशारीरिक सम्बन्ध स्थापित किये जाने <नाम> स्वेच्छया सहमति देने <नाम> समर्थ नहीं थी। मामले की विवेचना <नाम> प्रचलित है। थाना से प्राप्त आख्या के अनुसार अभियुक्तविवेचना में सहयोग नहीं <नाम> रहा है और वह फरार चल रहा है। इसके अतिरिक्तअभियुक्त द्वारा न्यायालय के समक्ष इस तथ्य को छिपाया है कि उसके द्वारा पूर्व में भीजमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1459/ 2020 योजित किया गया था, जो दिनांक 21.11.2020 को न्यायालय द्वारा अभियुक्त के नॉट-प्रेस किये जाने के आधार <नाम> निरस्त करदिया गया है। मामले में अभियुक्त को मिथ्या फंसाये जाने का कोई <नाम> अभियुक्तकी ओर से दर्शित नहीं किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1702_202024-12-202011
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधार लियागया है कि वह उपरोक्त मुकदमे में दिनांक 02.06.2011 से जमानत <नाम> है। आरोप पत्रन्यायालय में आने के <नाम> प्रार्थी हर तिथियों <नाम> आता रहा, कभी कोई लापरवाही नहीं कियाहै। दिनांक 24.11.2020 को प्रार्थी बुखार से पीड़ित होने के <नाम> अदालत नहीं आ सकाजिसके <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी किया गया। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत मुचलिका <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> रहा है। अभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> उसके विरूद्ध दिनांक 24.11.2020 को गैर जमानतीअधिपत्र जारी किया गया, जिसके निष्पादन में पुलिस द्वारा उसे गिरफूतार <नाम> दिनांक 19.12.20220 को न्यायालय में पेश किया गया। जिसे न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुये जिला कारागार,गुरमा सोनभद्र भेजा गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_456_202012-05-2020644
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "12.05.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 23.02.2020 को उपनिरीक्षक कृष्णावतार <नाम> हमरोहियों के साथ देखभाल <नाम> कसबा ओबरा व तलाशवांछित अपराधी में व्यस्त था तथा चुड़ी गली से होते हुए पुल के नीचे से सेक्टर10 की ओर जा रहा था। कि रेलवे स्टेशन की तरफ से तीन व्यक्ति अपने अपने हाथमें प्लास्टिक का झोला लिए आते दिखायी दिए तथा पुलिस <नाम> को देखकर पीछेमुड़कर भागने लगे कि शक होने <नाम> दौड़ाकर 60-70 <नाम> की री <नाम> समय करीब07.00 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्तियों का नाम पता पूछा गया तो एक नेअपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> <नाम> दूसरे ने अपना नाम धर्मेन्द्रकुमार <नाम> पुत्र अमरजीत <नाम> तथा तीसरे ने अपना नाम वीरेन्द्र <नाम> <नाम> पुत्रस्व0 गामा <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली यी तो <नाम> <नाम> केझोले से एक किलो 700 ग्राम धर्मेन्द्र के झोले से एक किलो 800 ग्राम एवं वीरेन्द्रप्रताप <नाम> के झोले से एक किलो 800 ग्राम गांजा नाजयज बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतः अभियुक्तगण कोकारण गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकरसर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्तगण को देकरमाल मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यकमात्रा से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 23.02.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मBail Application/977/2020 Vijay kumar Rawat Vs. State Government 2(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त क कनब्जे सेएक किलो 700 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिकहै। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालनकिया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो 700 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियुक्त दिनांक 23.02.2020 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_479_201910-05-2019801
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक-21.02.2019 को करीब 5 बजे <नाम> वादिनी <नाम> <नाम> का एकलौता पुत्र <नाम> कुमारसब्जी लेने के लिये जाने को तैयार हुआ, उसी समय किसी ने फोन <नाम> उसे बुलाया । तब वादिनी का पुत्र उस व्यक्ति से मिलकर सब्जी लेकर आने की बात कहकर गया,किन्तु उसके <नाम> घर नहीं आया। दिनांक-24.02.2019 की रात 10 बजे <नाम> कुमारके ससुर विरेन्द्र <नाम> द्वारा फोन <नाम> बताया गया कि सुकूत अनुमान घाटी में कोईव्यक्ति मृत पड़ा है। उक्त सूचना <नाम> वादिनी के गांव-घर के लोग व रिश्तेदार जाकरदेखे कि शव विदिड़ पड़ा था तथा सिर कटकर अलग फेंका गया था। शरीर <नाम> काफीचोटें थीं तथा ज्वलनशील पदार्थ से शरीर का कुछ भाग जला हुआ था। शव के शरीरपर चड्ढी, गंजी तथा उसके दाहिने पैर के पंजे के ऊपर कटे के निशान व सीने परबाल के निशान से उसकी पहंचान की गई कि वह वादिनी का पुत्र <नाम> <नाम> है। वादिनी द्वारा संदेह किया गया कि उसके पुत्र को साजिश के तहत बुलाकर हत्या करदी गई है। वादिनी द्वारा पुत्र का कियाकर्म करने के पश्चात उक्त घटना की टाइपशुदातहरीर थाना-रॉबर्ट्सगंज में दी गई जिसके आधार <नाम> अज्ञात अभियुक्त के विरुद्धमुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "प्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प््रार्थी-अभियुक्त को बिनाकिसी ठोस आधार के पुलिस द्वारा विवेचना में नामित किया गया है। अभियोजनकथानक गलत है। मृतक <नाम> <नाम> रिश्ते में प्रार्थी-अभियुक्त का भान्जा है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> तो उसकी हत्या की गई है, <नाम> ही वह हत्या के षड्यंत्र मेंसामिल था। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में पंजीकृत कराई गई है । प्रार्थी-अभियुक्त कामृतक की पत्नी <नाम> किरन <नाम> से <नाम> तो कोई अवैध संबंध था, <नाम> ही उनसेमिलकर कथित घटना को अंजाम <नाम> गया था। प्रार्थी- अभियुक्त का मृतक संतोषपटेल की हत्या से कोई लेना-देना नहीं है। विवेचना से यह भी स्पष्ट नहीं है किमृतक <नाम> <नाम> की किस स्थान <नाम> व किस हथियार से हत्या की गई थी औरकिस साधन से उसका शव अहरौरा पहाड़ी <नाम> पहुंचाया गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता द्वारा मृतक <नाम> <नाम> को फोन करके बुलाकर अपनी गाड़ीसे ले जाकर उसकी निर्मम हत्या की गई है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया। ", "ee 2......2बचाव पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया है कि जिस शव को संतोषकुमार का शव कहा जा रहा है, उस शव का सिर शरीर से अलग <नाम> <नाम> गयाथा तथा अलग पड़ा हुआ था। सिर एवं चेहरा भी पहंचान <नाम> नहीं बचा था। मृतक की पहचान चड्ढी, गंजी एवं पैर में पूर्व के चोट के निशान के आधार परकी गई थी, जो कि पर्याप्त नहीं कही जा सकती है तथा मृतक के शव काडी.एन.ए. टेस्ट भी नहीं कराया गया है, जिसके आधार <नाम> यह कहा जा सके किबरामदशुदा शव मृतक <नाम> <नाम> का ही है। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तप्रभात प्रियदर्शी <नाम> उफ मोनू <नाम> का अवैध संबंध उसकी मामी से रहा हैऔर इस अवैध संबंध को उसके मामा मृतक <नाम> <नाम> ने स्वयं <नाम> भी है, तोमृतक इस अभियुक्त के साथ कदापि उसकी कार में यात्रा <नाम> करता। बचावपक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट अत्यंत विलंब से दर्जकराई गई है। अतः बचाव पक्ष द्वारा अभियोजन केस को असत्य कहा गया है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया है कि मृतक की पहचानचड्डी, गंजी एवं पैर में पूर्व के चोट के निशान के आधार <नाम> मृतक कीमां नेकिया था। अतः उस <नाम> संदेह नहीं किया जा सकता है। ", "जहां <नाम> अभियुक्त के मृतक <नाम> <नाम> की पत्नी से अवैध संबंधका प्रश्‍न है ? इस संबंध में विवेचक द्वारा एकत्रित किये गये साक्ष्यों को सिद्धकेस के <नाम> में नहीं <नाम> जा सकता है, परन्तु बचाव पक्ष के इस तर्क कि अवैधसंबंधों की जानकारी होने <नाम> भी मृतक द्वारा क्यों अभियुक्त मोनू <नाम> से कोईसंबंध रखा गया, इस संबंध में अभियोजन पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया है किमृतक की मां बृद्ध है। उसके दवा-इलाज के लिये मृतक को दूसरों की मदद कीआवशकता पड़ती थी। इसलिये विवशता में ही सही, मृतक ने प्रस्तुत अभियुक्त कीमदद ली होगी और इसीलिये उसकी कार से वह बनारस आता-जाता था। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा केस डायरी का उल्लेख करते हुए अंतिम बारमृतक का अभियुक्तगण मोनू व संग्राम के साथ देखे जाने की <नाम> की है। उसकेबाद मृतक को कभी जीवित नहीं <नाम> गया। इसके अतिरिक्त घटना की तिथिपर अभियुक्तगण के फोन की लोकेशन लाश बरामद होने के स्थान के पास पाईंगई है । ", "इस प्रकार अभियोजन द्वारा <नाम> देकर कहा गया है कि सभीपरिस्थितियां अभियुक्त क द्वारा ही प्रस्तुत केस की घटना कारित करने को इंगितकरती हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_143_202004-02-2020503
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन कियागया है कि अभियोजन कथानक सरासर गलत एवं मनगढ़ंत तथ्यों <नाम> आधारित है। प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे गलत तथ्यों के आधार <नाम> नामजद कियागया है। वादिनी मुकदमा जो मृतका की मां है, मृतका को मानसिक <नाम> से प्रताड़ितकरती थी, क्योंकि वह मृतका को प्रार्थी/अभियुक्त के साथ नहीं रहने देना चाहती थी। वादिनी प्रार्थी से अवैध तरीके से पैसा वसूलती थी जब मृतका वादिनी को ऐसा करनेसे <नाम> करती थी तो वह प्रार्थी को फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी भी देती थी। वादिनी के इस कृत्य से मृतका मानसिक <नाम> से परेशान थी। प्रार्थी और मृतकाएक-दूसरे से <नाम> करते थे जिसका वादिनी विरोध करती थशी। कथित घटना के समयप्रार्थी घर <नाम> नहीं था। प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्टकाफी बिलम्ब से दर्ज करायी गयी है। अतः प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन कथानक का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनीमुकदमा <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> बहादुर जोकि ग्राम जूड़ी, थाना राबर्टदसगंज, जनपदसोनभद्र की रहने वाली है, ने अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्ध संबंधित थानाराबर्दसगंज को मुकदमा पंजीकृत <नाम> <नाम> अनुरूप विवेचना के आदेश निर्गत किएजाने के आशय से एक प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा-156(3) दं0प्र०सं0 इस कथन के साथप्रस्तुत किया था कि वह अनुसूचित (चमार) जाति की महिला है। उसने अपनी लड़कीसुमन की शादी <नाम> सन्‌ 2017 में <नाम> निवासी <नाम> थाना घोरावल के साश कियाथा, <नाम> को एक लड़का भी था। <नाम> विदा होकर वादिनी के घर आयी तथा सुनीलतिवारी भी उसके घर आता-जाता था। <नाम> <नाम> उसकी पुत्री <नाम> को बहला Bail Application/275/2020 -Sunil Tiwari Vs. State Government 2फुसला <नाम> शादी करने के लिए घर से भगा ले गया। दोनों लोगों को पकड़ करकोतवाली <नाम> ले आया गया तो <नाम> ने भी <नाम> <नाम> के साथ रहने की बातकही । <नाम> <नाम> <नाम> को लेकर घर चला गया तथा साथ-साथ रहने लगे । सुमनजब <नाम> <नाम> से शादी करने को कहती तो वह <नाम> को मारता पीटता था। सुमन ने मार पीट की बात वादिनी को फोन <नाम> बताया था। दिनांक 08.07.2019 कोसुनील <नाम> ने वादिनी की पुत्री <नाम> की हत्या <नाम> दी जिसकी सूचना वादिनी कोदिनांक 09.07.2019 को सुबह गांव के लोगों द्वारा मिली। न्यायालय द्वारा पारित आदेशके अनुपालन में थाना राबर्दसगंज, जनपद सोनभद्र <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> केविरूद्ध दिनांक 19.11.2019 को मु0अ0सं0-778/2019, धारा-302, ३23 भा0दं0सं0 वधारा-3 (2)(४) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना इस मामले मेंधारा-302, 323 भा0०दं0सं0 का विलोप करते हुए मामले को धारा-306 भा0दं0सं0 मेंतरमीम किया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वादिनी मुकदमा <नाम> <नाम> को जमानत प्रार्थना पत्रकी सुनवाई <नाम> नोटिस भेजा गया परन्तु उसक द्वारा नोटिस लेने से इन्कार किया गयाहै। इन्कारिया के आधार <नाम> नोटिस की तामीला पर्याप्त हो चुका है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> क तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी/ अभियुक्तपूर्णतया निर्दोष है, उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। वादिनीमुकदमा द्वारा केवल पूर्व की रंजिशवश अभियुक्त के विरूद्ध धारा-156(3) दं0प्रoसं0 मेंप्रार्थना पत्र प्रस्तुत <नाम> मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त मृतकासुमन से अत्यधिक <नाम> करता था तथा वह प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार ही मृतकाके साथ पति-पत्नी के <नाम> में सुखी वैवाहिक <नाम> व्यतीत <नाम> रहे थे। वादिनी इसबात से नाराज थी कि उसकी पुत्री ने उसकी इच्छा के विरूद्ध प्रार्थी/ अभियुक्त केसाथ रहने का निर्णय लिया था। इसी <नाम> यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। भारतीयसंविधान द्वारा प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को अपनी इच्छा से अपना साथी चुनने काअधिकार प्राप्त है परन्तु अभियुक्त एवं वादिनी की पुत्री <नाम> अलग-अलग जाति काहोने के आधार <नाम> वादिनी द्वारा अभियुक्त क विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त जमानत प्राप्त करने का <नाम> है, अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि वादिनी मुकदमा जो अनुसूचित (चमार) जाति की महिला है, की पूर्व सेविवाहित पुत्री <नाम> को अभियुक्त ने केवल उसका शारीरिक इस्तेमाल करने केउद्देश्य से उसे बहला फुसला <नाम> अपने पास रख लिया तथा जब अभियुक्त काउससे मन भर गया तो उससे शादी किये <नाम> ही उसके साथ मार पीट <नाम> उसेमानसिक <नाम> से इतना अधिक प्रताड़ित <नाम> <नाम> कि उसने आत्महत्या कारित करली। पुलिस द्वारा विवेचना के उपरान्त प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> <नाम> के विरूद्धधारा-306 भा०दं0सं0 व धारा-3 (2)(\\) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम में आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। अभियुक्त द्वाराअनुसूचित जाति की पूर्व से विवाहित महिला को उसका शारीरिक इस्तेमाल करने के उङ्कDigitally signeBail Application/275/2020 -Sunil Tiwari Vs. State Government 3 उद्देश्य से बहला फुसला <नाम> अपने पास रखा है तथा उसे आत्महत्या कारित करने केलिए दुष्प्रेरित <नाम> गम्भीर अपराध कारित किया गया है। अतः अभियुक्त को जमानत परछोड़े जाने का घोर विरोध किया गया है। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को के आधार <नाम> तथा प्रथमसूचना रिपोर्ट व पुलिस द्वारा प्रेषित कस डायरी के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है किवादिनी मुकदमा की मृतका पुत्री <नाम> की शादी पूर्व में सन्‌ 2017 में <नाम> नाम केव्यक्ति से हो चुकी थी तथा उसके पास एक लड़का भी था। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारामृतका <नाम> के साथ सम्पर्क बढ़ाते हुए उसे बहला फुसला <नाम> इस प्रकार प्रभावितकिया गया कि वह पूर्व से विवाहित होते हुए भी अभियुक्त के साथ रहने लगी। ्रार्शी/ अभियुक्त द्वारा अपने जमानत प्रार्थना पत्र में यह स्वयं कहा गया है कि मृतकाउसी के साथ रहती थी तथा उसकी मृत्यु अभियुक्त के घर <नाम> ही हुई है। अभियुक्त द्वएरा मृतका की मृत्यु की कोई सूचना उसकी मां (वादिनी मुकदमा) को नहीं दी गयीबल्कि स्वयं ही उसक द्वारा पोस्ट मार्टम कराने के लिए मृत शरीर को जिला अस्पतालले जाया गया है। वादिनी मुकदमा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में कहा गया है कि दिनांक08.07.2019 को समय 04 बजे <नाम> को <नाम> द्वारा मोबाइल फोन से वादिनी को सूचितकिया गया कि अभियुक्त ने उसे मारा पीटा था, वह थाने <नाम> गयी थी परन्तु कोईकार्यवाही नहीं हुई । अभियुक्त द्वारा मार पीट किए जाने व मृतका को मानसिक <नाम> सेप्रताड़ित किए जाने के परिणामस्वरूप उसके द्वारा आत्महत्या कारित किया <नाम> दर्शितकिया गया है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में मृतका के शरीर <नाम> उसके गर्दन <नाम> सामने कीओर 33 सें0मी0 एवं पीछे की ओर गांठ लगाने के गैप सहित 15 सेंमी0 का गले में फदेका निशान (लिगेचर माक) होना पाया गया है। " ] }
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Bail Application_565_201904-06-2019648
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने दिनांक17.03.2019 को थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 21.02.2019 को समय लगभग5.00 बजे सायंकाल उसका एक मात्र पुत्र <नाम> <नाम> घर से सब्जी लेने केलिए बिच्छी पड़ाव <नाम> जाने के लिए तैयार हुआ था। उसी समय किसी ने फोनपर बुलाया । प्रार्थिनी के पुत्र ने उस व्यक्ति से मिलकर सब्जी लेकर आने की बातकहकर गया, तब से उसका पुत्र घर नहीं आया। दिनांक 24.02.2019 की रात10.00 बजे <नाम> <नाम> के ससुर विरेन्द्र <नाम> द्वारा फोन से बताया गया किसुकृत हनुमान घाटी में कोई व्यक्ति मृत पड़ा है। उक्त सूचना <नाम> प्रार्थिनी,गांव-घर व रिश्तेदारान जाकर देखे। शव विदिड़ पड़ा था तथा सिर कटकर फेकागया था। शारीर <नाम> काफी चोटें थी व किसी ज्वलनशील पदार्थ से शरीर का कुछभाग जला हुआ था। शरीर <नाम> चड्ढी व गंजी तथा उसके दाहिने पैर के पंजे केऊपर कटे का निशान था जो प््रार्थिनी के बेटे क पैर में पूर्व के चोट के निशानथे। उपरोक्त सभी निशान व पहचान से मालूम हुआ कि प्रार्थिनी का ही पुत्रसंतोष <नाम> है और घटना स्थल से घर-परिवार के लोगों द्वारा 100 नम्बर फोनपर पुलिस आयी। थाना अहरौरा की फोर्स भी आ गयी । पंचनामा के पश्चात शवपोस्टमार्टम के लिए <नाम> ले गयी। पोस्टमार्टम के पश्चात शव को परिवार केलोगों को <नाम> <नाम> गया। उसे पूरा सन्देह है कि एक साजिश के तहत उसके पुत्रको बुलाकर हत्या <नाम> दी गयी। प्रार्थिनी के पुत्र का मो0नं<फ़ोन-नंबर> है। किया कर्म के उपरान्त प्ररार्थिनी प्रार्थना पत्र <नाम> रही। है। उचित कार्यवाही कीजाय। ", "प्रार्थिनी-अभियुक्ता की ओर से कहा गया है कि वह निर्दोष है। उसे साजिश व रंजिश के तहत फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं कियाहै । प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्रजनसाक्षी नहीं है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। 9अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थिनी-अभियुक्ता मृतक की पत्नी है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता का सम्बन्ध अभियुक्तमोनू <नाम> से था। मृतक ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था । इसी <नाम> से प्रार्थिनी-अभियुक्ता साजिश करके अन्य अभियुक्तगण से मृतक कीहत्या करवा दी। मृतक की हत्या कराने में प्रार्थिनी-अभियुक्ता द्वारा अहम भूमिकानिभायी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अपराध कारित करने मेंप्रार्थिनी-अभियुक्ता की संलिप्तता स्पष्ट रुप से पायी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "आवेदिका मृतक की पत्नी है तथा इसको मृतक की हत्या काप्रायोजक बताया गया है। अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया है कि आवेदिका काचाल-चलन संदिग्ध था तथा मृतक का सगा भांजा मोनू <नाम> आवेदिका के पासआता-जाता था तथा मृतक द्वारा आवेदिका तथा मोनू <नाम> को आपत्तिजनकहालत में पकड़ा भी गया था। इसी से मृतक को रास्ते से हटाने के उद्देश्य सेअभियुक्त मोनू <नाम> आदि द्वारा आवेदिका से दुरिभसंधि करके मृतक की हत्याकी गयी है। ", "बचाव पक्ष द्वारा एक तर्क यह <नाम> गया है कि आवेदिका के नामआज <नाम> कोई मोबाइल नम्बर नहीं है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता किकिसी मोबाइल नम्बर से आवेदिका से अभियुक्तगण की बात हुई हो, परन्तुअभियोजन पक्ष द्वारा यह कहा गया है कि अभियुक्त मोनू <नाम> द्वारा हीआवेदिका को मोबाइल नम्बर की व्यवस्था करके <नाम> गया था। ", "पुलिस द्वारा अपने विवेचना में भी यह पाया गया कि मृतक संतोषपटेल के घर <नाम> प्रचलित मोबाइल नंम्बर- <फ़ोन-नंबर> जिसका उल्लेख मृतकसंतोष <नाम> द्वारा मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> को लेते समय अल्टरनेट नम्बर केरूप में की गयी है। इस मोबाइल नम्बर का अधिकतर प्रयोग मृतक की पत्नीअभियुक्ता द्वारा किया जाता था। इस नम्बर की सी0डी0आर०0 के विश्लेषण सेपाया गया कि मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> व दूसरा <फ़ोन-नंबर> <नाम> अधिकतरवार्ता की गयी है जिससे विवेचनाधिकारी ने यह निष्कर्ष निकाला कि मोनू एवंकिरन <नाम> <नाम> के मध्य आपस में बातचीत होती थी और गहरा सम्बन्ध था। मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> जो मृतक द्वारा प्रयोग किया जाता था वह दिनांक19.02.2019 को बन्द पाया गया। परन्तु इस नम्बर की आई.एम.ई.आई.संख्यामें एक नया नम्बर मोबाइल नं<फ़ोन-नंबर> प्रयोग किया गया है जो किअभियुक्त मोनू <नाम> द्वारा दिनांक 10.02.2019 को कय करके किरन <नाम> कोप्रेमपूर्वक <नाम> गया था। इस मोबाइल नम्बर <फ़ोन-नंबर> के विश्लेषण से ज्ञातहुआ कि उक्त मोबाइल नम्बर मोनू <नाम> के मोबाइल नम्बर <फ़ोन-नंबर> एवं<फ़ोन-नंबर> <नाम> वार्ता की गयी है तथा इसका लोकेशन हिन्दुआरी टावर पायागया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उक्त मोबाइल नम्बर का प्रयोग किरनपटेल अभियुक्ता द्वारा किया जा रहा था तथा घटना वाले <नाम> भी दिनांक21.02.2019 को अभियुक्ता लगातार देर <नाम> <नाम> मोनू <नाम> के मोबाइल नम्बर- <फ़ोन-नंबर> <नाम> वार्ता की गयी है। उल्लेखनीय है कि पुलिस द्वारासी0डी0आर0 न्यायालय के समक्ष दाखिल की गयी है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध उक्त अभिलेखों के आधार <नाम> यह स्पष्ट हैकि आवेदिका किरन <नाम> <नाम> अभियुक्त मोनू <नाम> के निरन्तर सम्प में थीतथा घटना के पूर्व एवं घटना के <नाम> भी वह मोनू <नाम> क सम्पक में रही तथाअपने <नाम> की हत्या कराने में इसकी सकिय <नाम> प्रतीत होती है। " ] }
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Bail Application_665_202010-07-2020196
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{ "facts-and-arguments": [ "बनामउत्तर प्रदेश राज्य । मुकदमा अपराध संख्या-65/ 2020,धारा-452, 323, 506 भारतीय दंण्ड संहिता। थाना-ओबरा, जिला सोनभद्र । आदेशयह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थिनी /अभियुक्ता <नाम> <नाम> द्वारा मुकदमाअपराध संख्या-65/2020, अन्तर्गत धारा-452, 323, 506 भारतीय दंण्ड <नाम> थाना ओबरा,जिला सोनभद्र के मामले में प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थना पत्र में किये गये कथन के समर्थनमें शपथ पत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा <नाम> <नाम> <नाम> पत्नीधीरज <नाम> निवासी न्यू कालोनी ओबरा, सोनभद्र ने दिनॉक 29.05.2020 को थाना ओबरा जिलासोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि दिनाक 28.05.2020 कोदोपहर 03:10 बजे वह अपने आवास <नाम> शी। उसी समय <नाम> <नाम> पुत्र रामानन्द <नाम> अपनीपत्नी <नाम> <नाम> और लड़की तथा अपने साले के साथ उसके घर में घुस <नाम> उसे औरउसके परिवार को <नाम> से मारने की धमकी दिये तथा पूरे परिवार को मारे- पीटे। आये दिनउसके परिवार को फोन से धमकी देते रहते हैं। वह और उसका परिवार डर <नाम> <नाम> रहा है। ", "्रार्थिनी / अभियुक्ता की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थिनी की यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थिनी को गलततरीके से साजिशन मुल्जिम बनाते हुये प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। अभियोजनकथानक असत्य, मनगढ़न्त एवं <नाम> है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्जकरायी गयी है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। प्रथम सूचना रिपोर्ट सेधारा-452 भारतीय दंण्ड <नाम> का कोई मामला नहीं बनता है। प्रार्थिनी के <नाम> वादिनीमुकदमा के <नाम> धीरज <नाम> के साथ कारोबार करते रहे हैं। किन्लु <नाम> <नाम> और धीरज रायद्वारा आज <नाम> कोई हिसाब-किताब नहीं किया गया। दिनाक 28.05.2020 को प्रार्थिनी अंजूराय से हिसाब-किताब पूछने तथा अपने 10 प्रतिशत हिस्से के बावत उनके घर जाकरबात-चीत की जिस <नाम> <नाम> <नाम> व उनके <नाम> धीरज <नाम> गाली-गुप्ता व धमकियाँ दी थी,जिसके बावत थाना ओबरा, जिला सोनभद्र में उसके <नाम> ने उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्टसंख्या-64 /2020 दर्ज कराया है। इसलिये उन्होंने साजिश करके प्रार्थिनी व उसके पति,लड़की व <नाम> <नाम> उपरोक्त मुकदमा गलत ढंग से कायम कराया है। अभियोजन कथानकचिकित्सीय अभिसाक्ष्यों से समर्थित नहीं है। किसी व्यक्ति अथवा वादिनी को कोई चोट नहीं हैऔर <नाम> ही उसके साथ कोई मार-पीट की गयी थी। अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। उक्त आधार <नाम> प्रार्थिनी/अभियुक्ता को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी है। ", "उङ्क2इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहतर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थिनी/अभियुक्ता द्वारा अन्य व्यक्तियों के साथ वादिनी मुकदमाके घर में घुस <नाम> उसे और उसके परिवार को मारे-पीटे तथा <नाम> से मारने की धमकी दियागया। यदि अभियुक्ता की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह वादिनीमुकदमा एवं अभियोजन साक्ष्य को प्रभावित करेगी। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थिनी / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले के प्रकरण दैनिकी के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि दौरानविवेचना मामले के सभी अभियुक्तगण से विवेचक द्वारा पूछ-तॉछ की गयी, परन्तु इस दौरानकिसी अभियुक्तगण का हिरासत में <नाम> लिये जाने के तथ्य से यह स्पष्ट है कि प्रार्थिनी व सहअभियुक्तगण के पास यह विशवास करने का कोई <नाम> उपलब्ध नहीं था कि उनको प्रश्‍नगतअपराध के किये जाने के अभियोग में गिरफूतार किया जा सकता है। साथ ही यह तथ्य भीन्यायालय के समक्ष अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत किया गया है कि प्रस्तुत मामले में प्रार्थिनी वसह अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोप पत्र संख्या-69/2020 दिनाक 09.06.2020 को सम्बन्धितन्यायालय में प्रेषित है। ऐसी स्थिति में प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारणीय नहीं है। " ] }
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Bail Application_1427_201903-01-2020762
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारसिंह ने दिनांक-03.12.2019 को 16.30 बजे थाना-अनपरा <नाम> इस आशय कीतहरीर दी कि वह गाड़ी संख्या-यूपी.64एटी/2654 का <नाम> है। दिनांक-02.12.2019 को शायं करीब 6.15 बजे गाड़ी डिबुलगंज, अनपरा में बालू गिराकरवापस बैढ़न आ रही थी कि लैंको गेट के सामने मेन रोड <नाम> <नाम> <नाम> वविरेन्द्र <नाम> तथा एक व्यक्ति अज्ञात सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी वाहन के आगेलगाकर वाहन रोक लिये और उसके चालक <नाम> <नाम> कुशवाहा से गाड़ी कीचाभी, मोबाइल व चौबीस हजार रुपया नकद छीन लिये तथा गाड़ी लेकर चलेगये। चूँकि उक्त लोग वादी के रिश्तेदार हैं, इस <नाम> वह प्रयास करता रहा किउक्त लोग उसकी गाड़ी, मोबाइल व रुपया <नाम> दें लेकिन उनक द्वारा यह धमकीदी गई कि गाड़ी नहीं देंगे, जो उखाड़ना हो, उखाड़ लो। वादी की उक्त आशयकी तहरीर <नाम> थाना-अनपरा में अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उर्फ मोनू, विरेन्द्र सिंहव एक अज्ञात के विरुद्ध अ.सं.-226/2019 अंतर्गत <नाम> ३92, 506 भा.द॑.सं. मेंप्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत <नाम> यह आधार प्रस्तुत कियागया कि वह निर्दोष है। उसे झूंठा, रंजिशन, हैरान, परेशान करने के लिये दौरानविवेचना फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक झूठा, गलत, <नाम> काल्पनिक व बनावटी है। प्रार्थी-अभियुक्त के पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थी-अभियुक्त से दिखाई गईबरामदगी फर्जी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट साजिशन विलंब से दर्ज कराई गई है। प्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक-07.12.2019 से कारागार मेंनिरुद्ध है। 2्रार्थी-अभियुक्त की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया है किअभियुक्त <नाम> <नाम> उफ मोनू क पिता <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक-23.08.2017को अपनी खेती <नाम> <नाम> को बेचकर प्रश्‍नगत वाहन संख्या-यूपी.64एटी / 2654को कय किया गया। चूँकि वादी मुकदमा अभियुक्त का सगा रिश्तेदार है, जैसाकि प्रशम सूचना रिपोर्ट में भी वादी द्वारा कहा गया है। इसी विशवास परअभियुक्त ने प्रश्‍नगत वाहन वादी के नाम <नाम> दिया। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1443//2019 के साथ संलग्न कागज संख्या-7ख/14 के अवलोकन से स्पष्टहै कि कथित तौर <नाम> लूटे गये वाहन के टायर आदि भी <नाम> <नाम> द्वाराबदलवाये गये हैं। उक्त जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कागज संख्या-7ख/15 लगायत 7ख/43 के अवलोकन से स्पष्ट है कि वाहन से संबंधित भाड़ाआदि का कार्य अभियुक्त <नाम> <नाम> द्वारा ही कराया जा रहा है। यह भी तर्कप्रस्तुत किया गया कि प्रश्‍नगत वाहन का संचालन <नाम> <नाम> द्वारा ही करायाजा रहा है। वादी मुकदमा तथा अभियुक्त के बीच लेनदेन का विवाद होने केकारण वादी मुकदमा द्वारा यह मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। ", "इसके विपरीत विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी द्वाराखंडन में यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के विरुद्ध वादीमुकदमा के वाहन को सार्वजनिक मार्ग <नाम> सूर्यास्त के उपरांत शायं लगभग 6.15बजे लूट कारित करने का अभियोग है। लूटी गई ट्रक, मोबाइल व रुपयाअभियुक्तगण के कब्जे से बरामद हुआ है। अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़ेजाने का आधार पर्याप्त नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुनने एवं केस डायरी केअवलोकन से विदित होता है कि प्रश्‍नगत वाहन संख्या-यूपी.64एटी / 2654 सेमाल ढुलाई आदि का कार्य अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उफ विरेन्द्र <नाम> व दीपकसिंह उफ मोनू द्वारा किया जा रहा था व उनके नाम से ली गई डिलीवरी केमाध्यम से उक्त कार्य किया <नाम> प्रतीत होता है। प्रश्‍नगत वाहन के टायर आदिभी अभियुक्त <नाम> <नाम> उफ मोनू के नाम से कय किये गये हैं जिसका उल्लेखकेस डायरी के पर्चा नंबर-3 में किया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक-07.12.2019 से जिला कारागार में निरुद्धहैं । प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_831_202031-07-2020168
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "31.07.2020अभियुक्त विजेन्द्र की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 06.07.2020 को उप निरीक्षक <नाम> राय॒ हमराहियों के साथ कसबा शाहगजमें मराची मोड़ <नाम> मौजूद थे कि जरिए मुखबिर सूचना <नाम> कि मराचीमोड़ <नाम> बालडीह मोड़ के पास एक व्यक्ति नाजायज गांजा लेकर खड़ाहै। इस सूचना <नाम> विश्‍वास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचा तो वहव्यक्ति <नाम> कदमों से खेत की ओर भागने लगा कि दौड़ाकर करीब60-70 <नाम> जाते जाते समय करीब 07.10 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति से नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम विजेन्द्रपुत्र सरपंच बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसकेदाहिने हाथ में लिए सफेद प्लास्टिक के झोले में 2.100 किलोग्रामनाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गयातो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधितके हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकरमाल मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से दिखायी गयी गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिसबल द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गयाहै। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यहकहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से दो किलो सौ ग्राम नाजायजगांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गयाहै । अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त.2/ —2—होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से दो किलो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होनाकहा गया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर सेअभियुक्त के विरूद्ध कोई आपराधिक इतिहास दर्शित नहीं किया गयाहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_764_201910-07-2019448
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 02.07.2019को उप निरीक्षक वेकटेश <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्ररोकथाम अपराध, चेकिंग संदिग्ध वाहन/ व्यक्ति में शीतला चौक परमौजूद था एक मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति चण्डी तिराहे की तरफसे चौक की तरफ आ रहा था तथा पुलिस के पास आने <नाम> एकाएकगाड़ी को रोककर हड़बड़ी में गाड़ी मोड़ने लगा कि संदिग्ध प्रतीत होनेपर पुलिस <नाम> की मदद से चालक मय वाहन को समय करीब 08.00बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नामपता पूछा गया तोउसने अपना नाम कयामुद्दीन पुत्र रोजीद अहमद बताया। नियमानुसारजामा तलाशी ली गयी तो उसके पहने पैण्ट के दाहिने जेब से पीलीपन्नी में 15 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ। हेरोइन रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को कारणगिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़करसुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकलअभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्ता निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त कँसर रोगसे पीड़ित है। अभियुक्त क मुंह में कैसर है इसलिए केवल दूध एवं जूसही पी सकता है। अभियुक्त का इलाज एपेक्स अस्पताल वाराणसी मेंचल रहा है तथा आपरेशन होना है। बीमार के बारे में अभियुक्तचिकित्सीय प्रपत्र दाखिल किया है। अभियुक्ता का कोई आपराधिकइतिहास नही है। अभियुक्त को घर से उठाकर पुलिस द्वारा फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> है। अभियुक्त दिनांक 02.07.2019से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से2 —2—15 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से काफीअधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सहीप्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्ता का आपराधिक इतिहास है। अभियुक्त का मुकदमा उपरोक्त क पूर्व थाना ओबरा में पांच अभियोगपंजीकृत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से 15 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद की गयी है, जो अल्प <नाम> सेअधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त का आपराधिक इतिहासहोने का कथन किया गया है तथा कहा गया कि अभियुक्त क विरूद्धइस मामले से पूर्व थाना ओबरा में पांच मुकदमा पंजीकृत है। अभियुक्त द्वारा उक्त तथ्य को अपने जमानत प्रार्थना पत्र में छिपाया गयाहै। " ] }
0DENIED
Bail Application_161_202027-02-2020182
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "27.02.2020अभियुक्त महेन्द्र <नाम> की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था नियत तारीख परन आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया हैं । अभियुक्तमजदूरी करने बाहर चला गया था। अभियुक्त द्वारा जानबूझकर गलती नहीं कियाहै। अभियुक्त द्वारा दिनांक 20.12.2019 को गैर जमानतीय वारण्ट निरस्त करने हेतुप्रार्थना पत्र निरस्त <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त दिनांक 20.12.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तपूर्व मे जमानत <नाम> था। नियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त द्वारा गैर जमानतीय वारण्ट निरस्तकिए जाने का प्रार्थना पत्र दिनांक 20.12.2019 को निरस्त <नाम> <नाम> गया औरअभियुक्त उसी <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरणकी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने सेपुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जामनतीय वारण्ट जारी कियागया। कोर्ट मुहर्रिर के अनुसार अभियुक्त इस मुकदमें में दिनांक 20.12.2019 से जेल Bail Application/504/2020 -Mahendra Bharti Vs. State Government 2में निरूद्ध है। इस प्रकरण में अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1426_201919-12-201944
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने दिनांक01.12.2019 को थाने <नाम> सूचना <नाम> कि घटना आज दिनांक 01.12.2019 कोसमय करीब 8 बजे <नाम> की है। उसकी दादी <नाम> नबाबी <नाम> पत्नी स्व0रामपति उम्र करीब 70 वर्ष जो काफी दिनों से बीमार चल रही है, घर में अकेलीथी। उसके ही गांव का लड़का <नाम> किशुन पुत्र रघुनाथ घर में घुस <नाम> उसकीदादी को अकेले पाकर उसके साथ बलात्कार <नाम> <नाम> । <नाम> <नाम> किशुन कोपकड़कर घर <नाम> रखे है। उसकी दादी नबाबी <नाम> की तबियत <नाम> किशुन केकृत्य से और अधिक खराब हो गयी है। उसकी दादी घर <नाम> मौजूद हैं। घटनाकी सूचना <नाम> रहा है। आवश्यक कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त शादी-शुदा है तथा एक बच्चे कापिता है। प्रार्थी-अभियुक्त के पिता की जमीन व वादी की जमीन आपस में सटीहुई है। डाढ़-मेढ़ काटने को लेकर कई बार विवाद भी हुआ था। इसी विवाद <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त को फंसा <नाम> गया। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षीनहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किपीड़िता लकवा रोग से पीड़ित है जिसके साथ प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा घर मेंघुसकर बलात्कार किया गया। प्रार्थी-अभियुक्त को वादी द्वारा स्वयं घटना स्थलपर ही पकड़ लिया गया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। 9बचाव पक्ष द्वारा यह <नाम> <नाम> गया कि उसे पट्टीदारी कीरंजिशवश गलत तौर <नाम> फंसा <नाम> गया है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया कि अभियुक्त को घटना स्थल परही पीड़िता के परिवारीजनों द्वारा पकड़ लिया गया था । अतः प्रस्तुत मामले मेंसन्देह की कोई गुंजाइश नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी कहा गया कि अभियुक्त के शरीर परदो अदद चोटें भी दृष्टिगोचर हो रही है जो कि निश्चित <नाम> से अभियोजन पक्षके लोगों द्वारा कोध के आवेश में अभियुक्त के ऊपर कारित <नाम> दी गयी होगी। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी कहा गया है कि प्रस्तुत मामला विरलसे विरलतम श्रेणी के मानसिक विकृतता की श्रेणी का अपराध है जिसमें कि एक27 वर्षीय युवक द्वारा अपनी दादी के उम्र की 70 वर्षीय महिला के साथबलात्कार किया गया है। विशेष करके जो महिला लकवा रोग से ग्रसित होने केकारण बिस्तर <नाम> पड़ी हुई थी तथा अपना बचाव करने में भी असमर्थ थी। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी कहा गया है कि पीड़िता के अन्तर्वस्त्रतथा अभियुक्त के अन्तर्वस्त्र कब्जे में ले लिये गये हैं तथा <नाम> विज्ञानप्रयोगशाला जांच <नाम> प्रेषित किया जा चुका है। पीड़िता ने धारा-164 दं0प्र०सं०के बयान में भी घटना की <नाम> की है। " ] }
0DENIED
Bail Application_522_201915-05-2019772
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा अनवर अलीपुत्र स्व0 मकबूल अली, निवासी मण्डी गेट के पीछे कांशीराम आवास डी0ए0वी0स्कूल के पास राबर्टसगंज जिला सोनभद्र ने दिनॉक 01.01.2019 को समाधानदिवस में जिलाधिकारी, सोनभद्र के यहाँ इस कथन के साथ प्रार्थना पत्र दियाकि उसकी पुत्री पीड़िता उम्र 13 वर्ष को <नाम> सोनकर पुत्र रामफल, निवासीबभनौली चण्डी होटल के पास, थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र ने बहलाफुसला <नाम> कहीं ले गया है। उसे विशवास है कि वह उसकी पुत्री पीड़िता कोबाहर कहीं बेच <नाम> है। प्रार्थी कई बार थाना तथा पुलिस अधीक्षक, सोनभद्रको सूचना <नाम> किन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। वादी मुकदमा द्वारा उसे साजिश के तहत फर्जी एवं मनगढ़न्त तरीके से फसादिया गया है। प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत,मनगढ़न्त, कपोल कल्पित एवं सत्यता से परे है। प्रार्थी को गॉव घर की 9पार्टीबन्दी के के जरिये फसाया गया है। कथित घटना से उसका कोई वास्तासरोकार नहीं है। पीड़िता के बयान से प्रार्थी के ऊपर किसी प्रकार का शादीहेतु दबाव देने तथा बलात्कार का आरोप नहीं लगाया गया है। प्रार्थी ने पीड़िताके साथ <नाम> तो विवाह किया है और <नाम> ही उसके साथ रहा है। पीड़िता केबयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> से प्रार्थी के विरूद्ध कोई अपराधनहीं बनता है। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र लगभग 16-17 वर्ष दिखायीगयी है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी दिनॉक03.02.2019 से कारागार में निरूद्ध है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया है किघटना दिनॉक 29.11.2018 का होना बताया गया है जिसके सम्बन्ध में वादीमुकदमा द्वारा मात्र गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करयी गयी है। दिनॉक02.01.2019 को पीड़िता को बरामद किया <नाम> बताया गया है परन्तु पीड़िताको अभियुक्त के कब्जे से बरामद नहीं किया गया है। बरामदगी के उपरान्तपीड़िता ने यह भी बयान <नाम> है कि वह अभियुक्त के साथ अपनी मर्जी सेगयी थी और शादी भी <नाम> ली है। पीड़िता अपने माता-पिता के प्रताड़ना केकारण अभियुक्त के साथ गयी थी। अभियुक्त द्वारा उसे बहला फुसला <नाम> नहींले जाया गया और <नाम> ही उसके साथ कोई बलात्संग या प्रवेशन लैंगिक हमलाकिया गया है। चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट से भी बलात्संग की <नाम> नहीं होतीहै। पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से अधिक है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि पीड़िता का पिता घटना का चक्षुदर्शी <नाम> नहीं है इसलियेउसके द्वारा प्रारम्भ में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। विवेचना से यहपाया गया कि अभियुक्त द्वारा ही पीड़िता को बहला फुसला <नाम> उसके साथविवाह किये जाने <नाम> ले जाया गया। अभियुक्त की ओर से भी यह कहा गयाहै कि पीड़िता उसके साथ गयी थी। चूँकि घटना की <नाम> <नाम> पीड़ितानाबालिग थी अत: ऐसे अपराध के सम्बन्ध में उसकी सहमति का कोई महत्वनहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी है । " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "वादी मुकदमा अनवर अली द्वारा दिनाक 01.01.2019 को दिये गयेतहरीर के आधार <नाम> मुकदमा अपराध संख्या-03/2019 प्रार्थी/ अभियुक्त केविरूद्ध अन्तर्गत धारा-363 भारतीय दंण्ड <नाम> में थाना राबर्टसगंज में 3पंजीकृत किया गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी /अभियुक्त द्वारावादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री उम्र लगभग 13 वर्ष को बहला फुसला <नाम> लेजाने और उसे बेच दिये जाने का तथ्य रखा गया है। विवेचना से यह तथ्य भीदर्शाया गया है कि पीड़िता को दिनाक 11.01.2019 को पुलिस द्वारा बरामदकिया गया। यद्यपि कि दौरान विवेचना पीडिता द्वारा यह कथन किया गया हैकि वह दिनॉक 29.11.2018 को पिता द्वारा मारने-पीटने के <नाम> घर सेनिकली थी। रास्ते में <नाम> सोनकर उसे मिला तो वह उसके साथ अपनी मर्जीसे वाराणसी गयी और एक महीने <नाम> उसके साथ रही तथा अभियुक्त से शादीकरने की बात भी बतायी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1048_202010-09-2020873
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "10.09.2020अभियुक्त निलेश <नाम> पुत्र रामपति <नाम> निवासी सेक्टरनं0०-10 नई <नाम> थाना ओबरा जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 29.06.2020 को उपनिरीक्षक कृष्णावतार <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> कसबा ओबरा भ्रमणशीलथा। <नाम> चौराहे से होते हुए डायमण्ड होटल की तरफ जा रहे थे कि अण्डरग्राउन्ड रेलवे पुलिया की तरफ से एक व्यक्ति आता दिखायी <नाम> जिसके हाथ मेंप्लास्टिक का झोला था। पुलिस <नाम> को देखकर पीछे मुङड़कर भागने लगा किबदमाश होने का शक होने <नाम> आवाज देकर रूकने को कहा तो नहीं रूका। तोपुलिस <नाम> दौड़ाकर रेलवे पुलिया के आगे पक्की सड़क तिराहे <नाम> समय करीब 11.00 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपनानाम निलेश <नाम> पुत्र रामपति <नाम> बताया। नियमानुसार जामा तलाशीली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिक के झोले में एक किलो 850 ग्रामनाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहींदिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्दमौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द पर॒ कराकर व फर्दकी नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजावाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं कियागया है। अभियुक्त अल्पआयु का युवा विद्यार्थी एवं स्नातक का छात्र है। अभियुक्तदिनांक 29.06.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> Bail Application/2187/2020 -Nilesh kannaujia Vs. State Government 2जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो 850 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है,जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन०डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेसे पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो 850 ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोवाणिज्यिक <नाम> से काफी कम है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त के विरूद्धकोई आपराधिक इतिहास होने का कथन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 29.06.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_955_202024-08-202036
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 10.07.2020 को प्रभारी निरीक्षकराजेश <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> रोकथाम जुर्म जरायम व चेकिंग संदिग्धव्यक्ति वाहन आदि में ग्राम गिधिया में मौजूद था कि ज्ञात हुआ कि मुमताज अलीका एक सकिय गिरोह है। इस गिरोह के नूर मुहम्मद <नाम> <नाम> <नाम> उर्फप्रतीश, नितीश <नाम> <नाम> सकिय सदस्य है। मुमताज अली इस गिरोह कालीडर है। जो थाने का हिस्द्रीशीटर है। यह गिरोह/ गैंग अपने तथा अपने गैग केअलग अलग एवं एक साथ मिलकर चोरी व अवैध असलहो को रखने जैसे गम्भीरअपराध कारित करते है। समाज के लोगों को <नाम> धमका <नाम> एवं मार पीट <नाम> दहशतफेलाते है। इस गैंग द्वारा चोरी की कई घटनाओं को अंजाम <नाम> गया हैं। यह गैंगभा०द0सं0 के अध्याय 16,17 व 22 में वर्णित अपराधों को करने के अभ्यस्तः अपराधी है। इस गैंग का समाज में भय एवं आतंक व्याप्त है। दिनांक 21.01.2020 को इस गैंग द्वाराचोरी के अनेक इलेक्टानिक सामानो को ले जाते समय गिरफूतार करने के लिए ६ोराबन्दी की गयी थी तो गैंग लीडर भागने में सफल रहा । जबकि अन्य तीनोंसदस्यगण चोरी इलेक्ड्रानिक्स सामानों मानिटर,लैपटाप, प्रिटिंग मशीन कैमरा की बोर्ड वचार्जर आदि अन्य उपकरणों के साथ एक बोलेरो से बरामद करते हुए गिरफ्तार कियागया था। गैग लीडर मुमताज अली की गिरफूतारी दिनांक 24.06.2020 को कीगयी । चोरी की इन घटनाओं से गिधिया व चेरवाडीह तथा आस पास के कचनरवा कोनव रामगढ़ के क्षेत्रों में काफी दिनों <नाम> दहशत का माहौल बना रहा। इस गैंग के भयएवं आतंक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध थाने में मुकदमालिखवाने या न्यायालय में गवाही देने का साहस नहीं <नाम> पाता है। इस गैंग कास्वछन्द रहना समाज के हित में ठीक नहीं है। अभियुक्तगण के विरूद्ध गैग चार्टजिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा अनुमोदित होकर प्राप्त हो चुका है। अतः वादी द्वाराअभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसे Bail Application/1970/2020 -nitish kumar Vs. State Government 2अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं०-02//20 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0द0वि0, एवं मु०अ0सं0 -88/19अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0सं0 थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त दोनों मामलों में अभियुक्त की जमानत माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वरा स्वीकृत की जा चुकी है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकारनहीं है। अभियुक्त क विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक वदुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तःअपराधी एवं थाना <नाम> में भय दहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध चोरी से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोहका गैग सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0ंसं०-02/20 अन्तर्गतधारा-379,411 भा०द0वि0, एवं मु0अ०सं0-88/19 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0द0सं०थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त अपने गैग लीडर एवंअन्य साथियों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारितकरते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होनेकी पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने कीसंभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत काघोर विरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0ंसं0-02/20 अन्तर्गत धारा-379,411 भा0०द0वि0, एवं मु0अ0सं0-88/19अन्तर्गत धारा-379,411 भा०द0सं0 थाना कोन जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्त गैगके लीडर एवं गैग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिएगम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
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Bail Application_1413_202012-11-2020332
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक का सारांश यह है कि शिकायतकर्ता <नाम> <नाम> कीओर से दिनांक 16.10.2020 को थाना-राबर्टसगंज, जनपद सोनभद्र <नाम> इस आशयकी लिखित तहरीर दाखिल की गयी कि प्रार्थी जाति का हरिजन है तथा दिनांक15,//16.10.2020 की रात समय करीब 12 बजे उसके पिता खेत में <नाम> लगानेगये थे कि उसके गांव के वितेन्द्र वियार एवं तीन अन्य लोग, जिन्हें उसके पितानहीं पहचान पाये,जान मारने की नीयत से उसके पिता को कुल्हाड़ी से गर्दन परमारने लगे,गम्भीर <नाम> से घायल <नाम> दिये तथा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करतेहुए गाली दिये तथा उ्हें जिन्दा नहीं छोड़ने का कथन किये तथा उन्हें मृतसमझकर चले गये। वादी मुकदमा की उक्त लिखित तहरीर के आधार परप्रार्थी / अभियुक्त क विरूद्ध थाना राबर्टसगंज <नाम> मु0अ0सं0-695,/2020, धारा-307,504 भा० दं0सं0 व धारा-3(2)(४) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण)अधिनियम,1989 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क किया गया कि प्रस्तुतमामले में वादी मुकदमा चक्षुदर्शी <नाम> नहीं है बल्कि सुनी-सुनाई बात के आधारपर उसक द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कराया गया है। अग्रेतर यह भी तककिया गया कि वादी मुकदमा द्वारा अपनी तहरीर में कुल्हाड़ी से वार किये जाने काउल्लेख किया गया है जबकि आहत के गर्दन <नाम> आई चोट कुल्हाड़ी से आनासम्भव प्रतीत नहीं होता है तथा उक्त चोट <नाम> 307 भारतीय दण्ड <नाम> मेंप्रावधानित अपराध की श्रेणी में नहीं लाया जा सकता। साथ विद्वान अधिवक्ता द्वाराआहत के बयान की ओर न्यायालय का ध्यान आकृष्ट कराते हुए यह <नाम> कियागया कि आहत का यह बयान कि उसकी आंखों को बन्द करने के उपरान्त उसकेगले को किसी धारदार हथियार से काट <नाम> गया, अभियोजन का उत्तर चिंतनप्रतीत होता है। यहां <नाम> कि आहत के बयान से अभियुक्त की पहचान स्थापित 2नहीं किया जा सकता है। अतः यह निवेदन किया गया कि प्रार्थी को जमानत पररिहा किये जाने का पर्याप्त आधार है एवं जमानत प्रार्थना पत्र न्यायहित में स्वीकारकिया <नाम> आवश्यक है। ", "वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता एवं विशेष लोक अभियोजक द्वारा एकस्वर में जमानत का घोर विरोध किया गया। ", "अभियोजन द्वारा यह तर्क किया गया कि प्रार्थी एवं पीड़ित के एक ही गांवके निवासीगण होने के <नाम> प्रार्थी को उसके आवाज से पहचान लेनाआहत / पीड़ित के लिए असम्भव नहीं था एवं स्वयं आहत द्वारा अपने बयानअन्तर्गत <नाम> 161 दण्ड प्रकिया <नाम> में स्पष्ट <नाम> से यह कहा <नाम> कि उसकेगर्दन को प्रार्थी एवं सह-अभियुक्तगण द्वारा घारदार हथियार से काटा गया, अपनेआप में प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज किये जाने <नाम> पर्याप्त है। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा वादी मुकदमा के विद्वानअधिवक्ता व विशेष लोक अभियोजक के तर्को को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रोंका परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने एवं पत्रावली केअवलोकन से यह प्रतीत होता है कि आहत ने प्रकरण दैनिकी संख्या-5 मेंस्पष्ट <नाम> से अपने बयान अन्तर्गत <नाम> 161 दण्ड प्रकिया <नाम> में कहा है किधारदार हथियार से प्रार्थी एवं सह-अभियुक्तगण द्वारा पीड़ित की गर्दन काटी गयीतथा जिस मर्म स्थल <नाम> अभिकथित उपहति पहुंचाई गयी है उसके अवलोकनसे यह प्रतीत होता है कि आहत को तत्काल उचित इलाज नहीं दिये जाने परउसके निधन होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। जहां <नाम> प्रार्थीकी पहचान स्थापित किये जाने का प्रश्‍न है तो पीड़ित द्वारा स्वयं के सह-ग्रामीणप्रार्थी को उसके आवाज से पहचाना <नाम> कहीं से अप्राकृतिक प्रतीत नहीं होता। " ] }
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Bail Application_789_202010-07-2020199
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "10.07.2020प्रार्थी / अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> एवं <नाम> <नाम> उफगौरी द्वारा यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा पीड़िता ने दिनांक 22.06.2020 को थाना दुद्धी जिला सोनभद्र में लिखित तहरीर <नाम> कि दिनांक 21.06.2020 कोवह अपने लड़के जुनैद एक वर्ष को अपने साथ लेकर पुराने घर कलकल्ली बहरा से अपने ६रर डुमरडीहा पैदल जा रही थी कि समय लगभग आठ बजे <नाम> लकडबन्धा पुलिया से पहलेदो लड़के मोटरसाइकिल से मिले। उसे अकेली देखकर दोनों लड़के मोटरसाइकिल से उतरकर उसे पकड़कर जबरदस्ती पुलिया के नीचे ले जाकर बारी बारी बलात्कार किए । दोनोंलड़के जब उसे पकड़े तो वह शोर मचाने लगी तो उसके मुंह में कपड़ा ठूस दिए औरजान से मारने की धमकी दिए। बलात्कार के <नाम> उसे वहीं छोड़ <नाम> भाग गए। किसी प्रकारवह अपने घर पहुंचकर परिजनों को आप बीती बतायी। <नाम> में पता चला कि दोनों लड़केगौरी <नाम> उफ <नाम> व दूसरा लड़का <नाम> उफ <नाम> <नाम> थे। उपरोक्त आधार परथाना दुद्धी में अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उफ <नाम> एवं <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> केविरूद्ध धारा-376डी,506 भा०द0सं0 में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अभियुक्तगणपूर्णरूपेण निर्दोष है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्तगण को चन्ददुश्मनान की साजिश में आकर पीड़िता ने फर्जी फंसा <नाम> है। अभियुक्तगण का उक्तघटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्तगण की पहचान घटनास्थल <नाम> नहींकिया गया बल्कि <नाम> में सोच समझकर एक साजिश के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित किया गया है। घटना रात आठ बजे की कही जाती है। घटना के समय काफीअंधेरा होने के <नाम> सूरत शिनाख्त सम्भव नही था। क्योंकि घटना के समय पहचानके लिए <नाम> का कोई स्रोत घटनास्थल <नाम> मौजूद नहीं था। प्रथम सूचना रिपोर्टलगभग 18 घण्टे बिलम्ब से पंजीकृत करायी गयी हैं। विलम्ब को कोई स्पष्टीकरणनहीं <नाम> गया है। अतः उपरोक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े जानेकी <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा कहा गया है कि पीड़िता जब दिनांक21.06.2020 को वह अपने लड़के जुनैद एक वर्ष को अपने साथ लेकर पुराने घर कलकल्लीबहरा से अपने घर डुमरड़ीहा पैदल जा रही थी कि समय लगभग आठ बजे <नाम> लकडबन्धापुलिया से पहले अभियुक्तगण जो मोटरसाइकिल से थे, उतरकर पीड़िता को पकड़कर Bail Application/l610/2020 -Vishal Kumar @ Amit Rawat Vs. State Government 2 जबरदस्ती पुलिया के नीचे ले जाकर बारी बारी पीड़िता के इच्छा के विरूद्ध बलात्कार किए । जब पीड़िता शोर मचाने लगी तो उसके मुंह में कपड़ा ठूस दिए और <नाम> से मारने कीधमकी दिए तथा बलात्कार के <नाम> उसे वहीं छोड़ <नाम> भाग गए। पीड़िता के बयानअन्तर्गत <नाम> 164दण्ड प्रकिया <नाम> में अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ बलात्कारका जिक है। जहां <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से <नाम> किए जाने का प्रश्‍न हैतो पीड़िता किसी प्रकार उसी रात अपने घर गयी तथा अपने परिजनों का सारी बातबतायी। तब अगले <नाम> परिवार वालों के साथ थाने जाकर अभियुक्तग के विरूद्धप्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी गयी। अभियुक्तगण के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाएजाने के उपरान्त विवेचक द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। अत: उपरोक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रो के अवलोकन से विदित होता है कि घटना के दिनजब पीड़िता अपने लड़के जुनैद एक वर्ष को अपने साथ लेकर पुराने घर कलकल्ली बहरासे अपने घर डुमरडीहा पैदल जा रही थी कि समय लगभग आठ बजे <नाम> लकडबन्धापुलिया से पहले अभियुक्तगण जो मोटरसाइकिल से थे, उतरकर पीड़िता को पकड़करजबरदस्ती पुलिया के नीचे ले जाकर बारी बारी पीड़िता के इच्छा के विरूद्ध बलात्संग किएजाने का कथन किया गया है तथा जब पीड़िता शोर मचाने लगी तो उसके मुंह में कपड़ाठूस दिए जाने और <नाम> से मारने की धमकी दिए जाने तथा बलात्कार के <नाम> उसे वहींछोड़ <नाम> भाग <नाम> कहा गया है। पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दण्डप्रकिया <नाम> में भी अभियुक्त एवं एक अन्य द्वारा पीड़िता के इच्छा के विरूद्धबलात्संग करने का जिक है। जहां <नाम> प्रथम सूचना विलम्ब से दर्ज कराने का प्रश्‍न हैतो पीड़िता घटनास्थल से उसी रात किसी तरह अपने घर पहुंची तथा घटना के संबधमें सारी बात बतायी। अगले <नाम> दिनांक 22.06.2020 को परिवार वालों के साथ थानेजाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी गयी, जो स्वाभाविक है। अभियुक्तगण द्वारापीड़िता के साथ सामूहिक <नाम> से उसकी इच्छा के विरूद्ध जघन्य अपराध कारित कियागया है। अभियुक्त गण के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
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Bail Application_128_202020-02-2020251
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण को उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया जाचुका है । ", "जमानत प्रार्थना पत्र के साथ माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वाराकिमिनल अपील संख्या-5537 सन्‌ 2019 फूल <नाम> व दो अन्य बनाम स्टेट ऑफ यू0पी0 वअन्य में पारित आदेश दिनांकित 09.09.2019 की सत्यापित <नाम> दाखिल किया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण नेकोई अपराध नहीं किया है, उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनाया गया हैं, प्रार्थीगण निर्दोषहैं। प्रार्थी /अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "इस मामले का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी <नाम> विलासजोकि अनुसूचित जाति का व्यक्ति है, ने विपक्षीगण/अभियुक्तगण के विरूद्ध परिवाद पत्रइस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि घटना दिनांक 08.11.2015 समय 03 बजे <नाम> कीहै। परिवादी त्रिस्तरीय जिला पंचायत में शाहगंज <नाम> के जिला पंचायत सदस्य हेतुप्रत्याशी रहा है जिसका चुनाव दिनांक 03.11.2015 को सम्पन्न हो चुका था। परिवादी रास्तेमें एक चाय, समोसे की दुकान <नाम> गया, वहीं <नाम> अभियुक्तगण आ गये तथा चुनाव कीबात को लेकर परिवादी को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गालियां दिये एवं मारेपीटे तथा <नाम> से मारने की धमकी दिये तथा उसे बन्धक बना लिये और दो घण्टे केउपरान्त उसे छोड़ा गया। परिवादी की ओर से दाखिल परिवाद पत्र <नाम> न्यायालय द्वारासुनवाई उपरान्त अभियुक्तगण को उपरोक्त वर्णित धाराओं में विचारण <नाम> तलब किया गयाहै। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के अनुसार परिवादी को नोटिस जारी किया गया है। परिवादी की ओर से oeE -Bail Application/242/2020 -Fool Singh Vs. State Government 2विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुए । " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी /अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, परिवादी के विद्वानअधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथापत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि कथित घटनादिनांक 08.11.2015 को घटित होना बतायी गयी है। प्रार्थी /अभियुक्तगण को धारा-३(1)धअनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में तलब कियागया है जबकि यह प्रावधान वर्ष 2016 के संशोधन द्वारा जोड़ा गया है । प्रार्थी / अभियुक्तगणको परिवादी के एक पक्षीय साक्ष्य के आधार <नाम> तलब किया गया है। प्रार्थना पत्र में कियेगये कथन तथा पुलिस अधीक्षक को प्रेषित प्रार्थना पत्र 3अ/6 में किये गये कथनविरोधाभासी हैं। चिकित्सीय परीक्षण आख्या में चोटहिल के शरीर <नाम> दर्शित सभी चोटेंबनावटी हैं। प्रार्थी /अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं तथा यह परिवाद परिवादी को जिलापंचायत सदस्य <नाम> वोट <नाम> दिये जाने <नाम> उनसे बदला लेने की <नाम> से दर्ज कराया गयाहै। अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं, अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> तथा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वाराउक्त तर्को के खण्डन में कहा गया है कि परिवादी गरीब आदमी है, उसे सार्वजनिक स्थानपर केवल इस आधार <नाम> कि वह जिला पंचायत सदस्य <नाम> चुनाव लड़ा था, जातिसूचकशब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया गया है तथा उसके साथ मार पीट की गयी एवंउसे निरूद्ध रखा गया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग अत्यन्तगम्भीर <नाम> का है, उन्होंने अनुसूचित जाति के निरीह व्यक्ति के साथ अपराध कारितकिया है। अभियुक्तगण जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> नहीं हैं, अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा परिवाद पत्र मेंकिये गये कथनों एवं प्रस्तुत अभिलेखों से स्पष्ट है कि अभियुक्तगण को परिवादी के कथनोंएवं उसकी ओर से पेश किये गये एक पक्षीय साक्ष्य के आधार <नाम> तलब किया गया है। परिवादी ने स्वयं अपने परिवाद पत्र में कहा है कि उसके द्वारा जिला पंचायत सदस्य काचुनाव लड़ा गया है। अभियुक्तगण को पूर्व में अन्तरिम जमानत <नाम> <नाम> किया गया था। अंतरिम जमानत <नाम> छूटने के उपरान्त उनके द्वारा अंतरिम जमानत का दुरूपयोग नहींकिया गया है। मामला परिवाद <नाम> आधारित है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_956_201924-08-201942
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> सिंहप्राधानाध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय, शिवखरी, रॉबर्ट्सगंज, सोनभद्रद्वारा दिनांक-16.08.2019 को 1145 बजे थाना-राॉबर्ट्सगंज में इसआशय की तहरीर थाना-रॉबर्ट्सगंज <नाम> दी गई कि दिनांक-14.08.2019 को रविवार व बकरीद अवकाश के <नाम> प्रात: 7.40 बजेवह विद्यालय पहुंचा तो पता चला कि प्राथमिक विद्यालय, शिवखरी केऑफिस का ताला तोड़ <नाम> गया है और अंदर देखने <नाम> पता चलाकि इसमें से एम.डी.एम. निर्माण का गैस चूल्हा व 02 सिलेण्डर <नाम> मेंचोरी हो गया है। इसकी सूचना आसपास के लोगों व ग्राम <नाम> कोदी गई तथा खण्ड <नाम> <नाम> रॉबर्ट्सगंज से निर्देश प्राप्त करप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जा रहा है। निवेदन किया गया कि प्राथमिकविद्यालय, शिवखरी की उक्त सामग्री को बरामद कराने की <नाम> कीजाये जिससे एम.डी.एम. का कार्य सुचारू <नाम> से हो सके। वादी कीउक्त आशय की तहरीर <नाम> थाना-राँबर्टद्सगंज, जनपद-सोनभद्र में मु.अ.सं.-513//2019 अंतर्गत धारा-380 भा.दं.सं. अज्ञात अभियुक्त केविरुद्ध पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना अभियुक्तगण के कब्जे सेउक्त चोरी का <नाम> बरामद होने के पश्चात प्रकरण को धारा-457,380, 411 भा.दं.सं. में पंजीकृत किया गया। ", "— 2 —बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता ने जमानत प्रार्थना पत्रमय शपथ पत्र के माध्यम से अपने <नाम> में कहा कि विवेचना के दौरानथाना-रॉबर्ट्सगंज की पुलिस ने प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण को पूछताछके लिये थाना-राॉबर्ट्सगंज <नाम> बुलाया और थाने <नाम> ही फर्जीबरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। प्रार्थीगण/ अभियक्तगणने <नाम> तो चोरी की है, <नाम> प्रार्थीगण/ अभियक्तगण के कब्जे से कोईचोरी का सामान बरामद हुआ है। प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण को फर्जीनामित किया गया है। प्रार्थीगण /अभियुक्तगण का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। ", "बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को खण्डित करतेहुए अभियोजन पक्ष की तरफ से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) <नाम> <नाम> जियावन <नाम> <नाम> ने थाने की आख्या के आधारपर अपने <नाम> में कहा कि प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के कब्जे से चोरीका <नाम> बरामद हुआ है। अपराध गंभीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र खण्डित किया जाय। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियोजन पक्ष की तरफ सेविद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) <नाम> <नाम> जियावनसिंह <नाम> एवं बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता <नाम> बुद्धिराम को सुनातथा पत्रावली का अवलोकन किया । ", "सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया । ", "प्रस्तुत मामले में एम.डी.एम. का चूल्हा एवं गैस सिलेण्डरचोरी होने की प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक-14.08.2019 को चोरी होनेके बावत दिनांक-16.08.2019 को आज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध दर्जकराई गई थी। ", "उक्त एम.डी.एम. का गैस चूल्हा तथा सिलेण्डरअभियुक्तगण अभियुक्तगण के कब्जे से दिनांक-17.08.2019 को पुलिसद्वारा बरामद किया गया है। अभियुक्तगण द्वारा वादी से अथवा पुलिससे कोई दुश्मनी नहीं बताई गई है। जबकि उक्त बरामद सिलेण्डर वचूल्हे को अभियुक्तगण अपना भी नहीं कहते हैं। " ] }
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Bail Application_1441_202011-11-2020344
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादिया की पुत्री /पीड़िता दसवी <नाम> की छात्रा है। जिसकी जन्मतिथि 07.03.2005 है। दिनांक 01.11.2020 को <नाम> करीब 7.00 बजे के लगभग उसकी बेटी चौराहे से सामान लेकर घर आरही थी, घर के पास गली में अंधेरा था, उसी समय राजा पुत्र जहीर, निवासी खड़ियाबाजार ने उसकी पुत्री को पकड़ <नाम> उसे खीचते हुए छेड़छाड़ <नाम> एकान्त में चलकरकपड़े उतारने <नाम> विवश करने लगा, तभी पीड़िता चिल्लाने लगी। आवाज सुनकर वादीऔर वादी की पत्नी <नाम> <नाम> वहाँ पहुँचे तो राजा वादी की पुत्री को छोड़ <नाम> भागगया। अभियुक्त ने वादी की पुत्री को पिछले एक साल से परेशान <नाम> रहा है। वादीकी पुत्री/ पीड़िता इस घटना से काफी तनावग्रस्त हो गयी है। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत के बावत्‌ यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रथमसूचना रिपोर्ट में <नाम> सभी तथ्य गलत एवं बनावटी है। अभियुक्त ने कत्तई वादी कीपुत्री के साथ छेड़छाड़ नहीं किया है और <नाम> ही कभी परेशान किया है। लगाये गयेसभी आरोप गलत एवं बनावटी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में विलम्ब का कोई स्पष्टीकरणनहीं <नाम> गया है। घटना <नाम> 7.00 बजे की चौराहे के पास की बतायी जा रही है,लेकिन घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। पीड़िता के बयान अं.धारा-161 व 164 दं.प्रसं. में काफी विरोधाभास है। अभियुक्त राजनीति में सकिय रहता है। पंचायत चुनावनजदीक है। विरोधियों द्वारा राजनीतिक <नाम> देने के उद्देश्य से झूँठा अभियोगपंजीकृत कराया गया है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार परजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत का विरोध किया गयातथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को एकान्तमें पाकर उसे कपड़ा उतारने <नाम> विवश किया गया है तथा वादी मुकदमा की पुत्रीनाबालिग है। अभियुक्त के उक्त कृत्य से वादी मुकदमा की पुत्री तनावग्रस्त हो गयी। नाबालिग के साथ इस तरह का कृत्य किये जाने से उसके मनासिक <नाम> तनावग्रस्त हDigitally signeBail Application 1441/ 20290 Raja Vs. State Government 2हो <नाम> स्वाभाविक है। मामले में <नाम> विवेचना प्रचलित है। स्वयं अभियुक्त का कहनाहै कि वह राजनीति में सकिय है। ऐसे में अभियुक्त के जमानत <नाम> <नाम> होने परसाक्षियों को भयप्रद किया जा सकता है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त का जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "चिक एफ.आई.आर. के अनुसार अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्रीको एकान्त में कपड़ा उतारने <नाम> विवश किये जाने का कथन किया गया है। पीड़िताने बयान अं.धारा-161 व 164 द॑.प्रसं. में अभियुक्त द्वारा कपड़ा उतारने <नाम> विवश कियेजाने का कथन किया गया है। दौरान विवेचना विवेचक द्वारा पीड़िता के उम्र के सम्बन्धमें उसका शैक्षिक प्रपत्र प्राप्त किया गया है, जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि 12.07.2005अंकित है। इस प्रकार घटना की <नाम> को पीड़िता 16 वर्ष से कम नाबालिग है। जहाँतक प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से लिखाये जाने का प्रश्‍न है, तो लैंगिक हमला सेसम्बन्धित आपराधिक मामलों में इस तुच्छ <नाम> के विलम्ब का कोई महत्व नहीं होता। अभियुक्त के विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीर <नाम> का है। " ] }
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Bail Application_988_201902-09-20191029
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अतः उक्त दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों को समेकित करतेहुए एक साथ निस्तारित किया जा रहा है। ", "प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> मालवीय उर्फ चंकी की तरफ से जमानतप्रार्थना पत्र सं0०- 988,/2019 एवं प्ररार्थी-अभियुक्तगण सन्नी <नाम> <नाम> वशुभम <नाम> की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र सं०- 991/2019 पृथक-पृथकरुप से अ0सं0- 186/2019, अन्तर्गत <नाम> 452, 386, 323, 504, 506, 171,419, 420, 471 भ0दं0सं0 , थाना-चोपन, जिला- सोनभद्र क प्रकरण में जमानतपर मुक्त किये जाने <नाम> प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुद्रिका प्रसादमिश्रा ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि वह चोपन थाना <नाम> के प्रीतनगर में एस्सारपेट्रोल पम्प <नाम> मैनेजर के पद <नाम> नौकरी करता है। दिनांक 14.08.2019 को 8:50पी0एम0 <नाम> <नाम> मालवीय उर्फ चंकी मालवीय अपने कुछ साथियों के साथपेट्रोल पम्प <नाम> <नाम> पहिया वाहन से आये और जबरदस्ती <नाम> पैसे के डीजलमांगने लगे। वादी ने असमर्थता व्यक्त की, जिस <नाम> वह वहां से वापस चला..2 ooगया। थोड़ी देर <नाम> अपने कुछ अन्य साथियों के साथ जिनका नाम-पता अज्ञातहै, वापस आया और उसे गाली-गलौज देते हुए आफिस से घसीटकर बाहरनिकाले और लाठी-डण्डा व राड से हमला <नाम> दिये । वह रोने लगा, लेकिन वेतब <नाम> मारते रहे जब <नाम> वह लहुलुहान होकर जमीन <नाम> गिर नहीं पड़ा। शोरसुनकर पास-पड़ोस के लोग मौके <नाम> आये तब <नाम> <नाम> से मारने की धमकीदेकर मौके से फरार हो गये। समस्त घटनाकम सी0०सी0टी0०वी0 कमरे में रिकार्डहोगा। निवेदन किया है कि उचित कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्तगणनिर्दोष हैं। उन्होनें कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारान तो वादी को मारा-पीटा गया है और <नाम> ही <नाम> पैसे का पेट्रोल की मांग कीगयी। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रकरणमजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है । ", "अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहागया कि प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> मालवीय द्वारा कुछ अन्य लोगों के साथएस्सार पेट्रोल पम्प <नाम> <नाम> पैसा के डीजल की मांग की गयी तो वादी नेडीजल देने से इंकार <नाम> <नाम> तो प्र्रार्थी-अभियुक्त वापस चला आया। पुनःप्रार्थी- अभियुक्त <नाम> अभियुक्तगण के साथ पेट्रोल पम्प <नाम> आया और पेट्रोलपम्प के केबिन से वादी को घसीटकर लाठी-डण्डा व राड से मारा-पीटा गयाजिससे वादी को गम्भीर चोटें आयी। अपराध गम्भीर <नाम> का है । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्तगण द्वारा पेट्रोल पम्प से मुफूत में पेट्रोल की <नाम> कीगयी जिसको पूरा <नाम> करने <नाम> उसके 55 वर्षीय मैनेजर को उसके केबिन में सेघसीटकर मारा-पीटा गया जिससे उसे सात अदद चोटें आयी। अभियुक्तगणद्वारा जिस वाहन में तेल भराया <नाम> था उस वाहन <नाम> <नाम> <नाम> लिखवायागया था, साथ ही उस <नाम> राष्ट्रीय चिन्ह भी लगा हुआ है। <नाम> घटनासी०सी0टी०वी0 कैमरे में रिकार्ड हो चुकी है। अभियुक्तगण का कृत्य बहुत हीदुःसाहसपूर्ण एवं गम्भीर <नाम> का है। उक्त अभियुक्तगण में से अभियुक्तअविनाश मालवीय उर्फ चंकी का 10 मामलों में आपराधिक इतिहास भी है जिसमेंसे कुछ मामले बहुत ही गम्भीर <नाम> के हैं। " ] }
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Bail Application_588_202005-06-2020427
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्तगण इस मामले में जिला कारागार में निरूद्ध हैं। अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गयाहै कि वे दिनांक 15.03.2020 को बोलोरो वाहन संख्या-यू०पी0 67एन-0124 से थानाइलाका <नाम> रायपुर में अपने पारिवारिक विवाह प्रस्तावित दिनांक 20.03.2020 कानिमंत्रण कार्ड देने आये थे। प्ररार्थीगण को गैर प्रान्त का होने के <नाम> फर्जीबरामदगी के आधार <नाम> विभिन्न तरह के फर्जी मुकदमों में योजित <नाम> <नाम> गया। ्रार्थीगण का किसी गैंग से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थीगण पूर्णतया निर्दोष हैं। अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि दिनांक 12.05.2020 को प्रभारीनिरीक्षक <नाम> पाल थाना रायपुर, जनपद सोनभद्र अन्य पुलिस <नाम> के साथखलियारी बाजार में मौजूद थे, उन्हें ज्ञात हुआ कि गैंग लीडर <नाम> कुरेशी जोशातिर किस्म का गोवंश का तस्करी करता है तथा बेरहमी से बांधकर वाहनों से एकप्रान्त से दूसरे प्रान्त को परिवहन करता है तथा अपने सहयोगी साथियों सरफराजतथा अरमान के साथ मिलकर सुसंगठित गिरोह बनाकर गोवंश की तस्करी जैसेअपराध में सकिय रहते हैं। इन लोगों के द्वारा किये जा रहे गोवध/ गोवंश तस्करीजैसे संगीन अपराध एवं समाज विरोधी करिया कलापों के <नाम> समाज का कोईव्यक्ति इनके विरूद्ध मुकदमा लिखाने तथा गवाही देने का साहस नहीं <नाम> पा रहाहै। गैंग लीडर <नाम> कुरैशी व गिरोह के सदस्य सरफराज व अरमान के विरूद्धथाना रायपुर <नाम> मु0अ0सं0-02,/2020 धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियमव धारा-11 पशु कूरता निवारण अधिनियम पंजीकृत है जिसमें आरोप पत्र प्रेषित कियाजा चुका है तथा इनके विरूद्ध मु0अ0सं0-12,/2020 धारा-3/25 आयुध अधिनियम,मु0अ०सं0-10/2020 धरा-3/25 आयुध अधिनियम व मु0अ०सं0-11 / 2020धारा-4/25 आयुध अधिनियम का भी अभियोग पंजीकृत है। इस गिरोह के गैंग 2लीडर व सदस्य के विरूद्ध पंजीकृत अपराध <नाम> गैंग चार्ट विधिक <नाम> सेजिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा अनुमोदित किया गया है। उपरोक्त वर्णित कथनों केआधार <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तगण के विरूद्ध मु0अ0सं0-17,/ 2020, उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द व समाज विरोधी किया कलाप निवारण अधिनियम 1986 की धारा-3(1) केअन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प््रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूवक सुना गया तथा समस्त अभियोजन प्रपत्रोंका अवलोकन किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अभियुक्तगणअरमान कुरैशी व शरफराज <नाम> अन्य राज्य बिहार के रहने वाले हैं तथा अभियुक्तगुलाब कुरेशी जनपद मीरजापुर का रहने वाला है। प्रार्थी/अभियुक्तगण अपनीरिश्तेदारी में निमंत्रण देने के लिए आये थे उन्हें पुलिस द्वारा <नाम> किसी <नाम> केगिरफतार <नाम> लिया गया है जिसकी सूचना पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को व डॉयल-112 <नाम> दी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं तथा जो भी गैंग चार्टदर्शाया गया है, वह पूर्णतया असत्य है। राजनैतिक दल बन्दी के <नाम> अभियुक्तगणको निर्दोष होते हुए भी इस अपराध में फंसाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्तगण जमानतपर छूटने के उपरान्त किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त नहीं रहेंगे। ्रार्थी/अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़े जाने का आधार पर्याप्त है। अतः उन्हेंजमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण का गैंग है जो जनपद मीरजापुर एवं बिहार राज्य केरहने वाले व्यक्तियों से मिलकर अवैध कियाकलापों में संलिप्त रहते हुए तथा संगीनअपराध करने के उद्देश्य से संगठित हुए हैं। अभियुक्तगण के विरूद्ध कोई भी व्यक्तिगवाही देने का साहस नहीं <नाम> पा रहा है। अभियुक्तगण गोवध <नाम> गोवंशीय जानवरोंको अवैध तरीके से ले जाते हैं तथा उनका धनार्जन <नाम> अवैध ढंग से वध करतेहुए धनार्जन <नाम> आपराधिक कियाकलापों में संलिप्त रहते हैं। अभियुक्तगण क विरूद्धलगाया गया अभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। प्रार्थी /अभियुक्तगण को जमानतपर छोड़े जाने का आधार पर्याप्त नहीं है, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियाजावे। ", "उभय पक्ष क तर्को एवं अभियोजन प्रपत्रों के आधार <नाम> यह विदितहोता है कि प्रार्थी /अभियुक्तगण जो गैर जनपद एवं गैर राज्य के रहने वाले हैं, द्वाराजनपद सोनभद्र में धनार्जन <नाम> अवैध कियाकलापों में संलिप्त रहते हुए तथा इनकेभय व आतंक के <नाम> लोगों द्वारा इनके खिलाफ मुकदमा लिखाने व गवाही देने सेडरने के कथन किये गये हैं। गैंगचार्ट के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्ध मु0अ0सं0-02/ 2020 धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा-11 पशु कूरतानिवारण अधिनियम एवं अभियुक्त <नाम> कुरैशी के विरूद्ध मु0अ0सं0-12/ 2020धारा-3/25 आयुध अधिनियम, अभियुक्त शरफराज के विरूद्ध मु0अ0सं0 10/2020धरा-3/25 आयुध अधिनियम तथा अभियुक्त अरमान के विरूद्ध मु0अ0सं011/2020 धारा-4/25 आयुध अधिनियम पंजीकृत होना बताया गया है। अभियुक्तगण के विरूद्ध धनार्जन के उद्देश्य से अवैध तरीके से पशु तस्करी करतेहुए समाज विरोधी कियाकलापों में संलिप्त होने का कथन किया गया है। प्रार्थी / 3अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाया गया अभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। " ] }
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Bail Application_768_201918-07-2019292
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "परिवाद पत्र के अनुसार परिवादिनी की शादी प्रार्थी-अभियुक्त रामप्रताप के साथ <नाम> वर्ष पूर्व हुई थी। माह <नाम> 2007 से परिवादिनी का <नाम> रामप्रताप मारता-पीटता व गाली-गलौज देता था। कोई संतान पैदा <नाम> होने केकारण बांझपन होने का ताना देता था। शराब के नशे में आकर परिवादिनी कोमार-पीटकर घर से निर्वस्त्र <नाम> निकाल <नाम> जिसकी सूचना थाने <नाम> दियातथा वह अपने मायके चली आयी। दिनांक 20.05.2007 को परिवादिनी के सास,ससुर, देवर चचिया सास मिलकर लात-घूसा व लाठी-डण्डा से मार-पीटकर घरसे निकाल दिये और दहेज में <नाम> हजार रुपया व सोने की सिकड़ी की मांगकरने लगे। दहेज की मांग पूरा <नाम> होने के <नाम> उसके जेवरात छीनकर घर सेनिकाल दिये जिसकी सूचना उसने पुलिस अधीक्षक को <नाम> किन्तु कोईकार्यवाही नहीं हुई । ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त ने पीड़िता से कोई दहेज की मांग नहीं किया और नही उसे मारा-पीटा, <नाम> ही उसे घर निकाला। प्रार्थी-अभियुक्त ने दूसरी शादी नहींकिया है। प्रार्थी व परिवादिनी के मध्य गांव-घर में वर्ष 2010 में ही सुलह-समझौता हो गया था। उसके पश्चात परिवादिनी गांव महलपुर में बालम <नाम> केसाथ दूसरी शादी करके वर्ष 2011 से रह रही है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त परिवादिनी का <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा अन्य अभियुक्तों केसाथ मिलकर परवादिनी से दहेज में <नाम> हजार रुपया व सोने की सिकड़ी कीमांग की जा रही थी। दहेज <नाम> देने <नाम> परिवादिनी को मार-पीटकर प्रताड़िताकिया जाता था उसे घर से निकाल दिया। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त को धारा-494, 498ए भा0दं0सं0 वधारा-4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम क अन्तर्गत विचारण <नाम> तलब किया गया है। ", "..2 —_ 2 —_अन्य अभियुक्तगण न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करके जमानत <नाम> <नाम> होचुके हैं। इस अभियुक्त का अपराध अन्य अभियुक्तगण से किंचित भिन्न हो सकताहै क्योंकि इसी के द्वारा दूसरा विवाह करने का अभिकथशन किया गया है परन्तुमौखिक साक्ष्य के अतिरिक्त अन्य कोई साक्ष्य इस प्रकार प्रस्तुत नहीं किया गयाहै जिससे यह कहा जा सके कि इस अभियुक्त ने दूसरा विवाह किया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_734_201918-07-2019290
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि उनकी लड़की <नाम> <नाम> की उम्र 22 वर्ष थी। वह विनोदकेवट से प्यार करती थी। <नाम> केवट उनके घर विगत दो वर्षां से आता-जाताथा। इसका उसे एतराज नहीं था। वह अपनी लड़की की शादी भी <नाम> केवटसे ही करना चाहता था। दिनांक 25.04.2019 को <नाम> केवट सायंकाल 8.00बजे वादी के घर आया । <नाम> में उसके घर <नाम> ही रूका। समय लगभग 4.00बजे भोर में उनकी लड़की <नाम> व <नाम> केवट <नाम> उसे बताये कहीं चलेगये। वह अपनी लड़की <नाम> <नाम> के मो0नं0०- <फ़ोन-नंबर> व <नाम> केवटके मो0नं<फ़ोन-नंबर> / <फ़ोन-नंबर> <नाम> काल करता रहा लेकिन कोई भीमोबाइल उठाया नहीं था। दिनांक 13.06.2019 को उसके घर से लगभग 100मीटर पश्चिम <नाम> में जंगल, झाड़ियों में उनकी लड़की का कपड़ा, घड़ी,खोपड़ी, <नाम> व हङ्डियां पड़ी <नाम> जिसकी सूचना उसके द्वारा थाने <नाम> दीगयी। सूचना पाकर मौके <नाम> आयी पुलिस द्वारा <नाम> के बिखरे शव को कब्जामें लेकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही करायी गयी। पता लगाने <नाम> आज उसे पताचला कि <नाम> केवट ने ही उनकी लड़की <नाम> <नाम> की हत्या <नाम> लाशको वही झाड़ियों में छिपाकर गुजरात भाग गया था। यह भी पता चला कि विनोदकेवट तीन-चार <नाम> से अपने घर आया हुआ है। एक रोज वह अनपरा भी आयाथा। ऐसी बात की उसे जानकारी हुई है। वादी ज्यादा-पढ़ा लिखा नहीं है। प्रार्थना पत्र बोल-बोलकर दूसरे से लिखवाकर थाने लेकर आया है। सूचना देरहा है। मुकदमा लिखकर आवश्यक कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्त कोरंजिशन झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। वह निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त का घटना से कोई सम्बन्ध नहीं है। प्रार्थी-..2 —_ 2 —_अभियुक्त <नाम> तो वादी की लड़की को भगाया है और <नाम> ही उसकी हत्या करकेलाश को छिपाया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट काफी विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि बरामदशुदा हड्डी, खोपड़ी मृतका <नाम> की हीहै। सन्देह के आधार <नाम> प्र्रार्थी-अभियुक्त को नामजद किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त मृतका से प्यार करता था तथा जिस <नाम> मृतका की इत्या हुईउस <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त मृतका के साथ वादी के घर में था तथा प्रार्थी-अभियुक्त मृतका को साथ लेकर भोर में चला गया तथा उसकी हत्या करके शवको छिपाकर भाग गया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। अपराध कारित करने में प्रार्थी-अभियुक्त की संलिप्तता पायी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "घटना की <नाम> 25.04.2019 की <नाम> 8.00 बजे अभियुक्त का वादीके घर <नाम> कहा गया है तथा रात में रूकना कहा गया है। यह काल डिटेलरिपोर्ट से प्रमाणित हो रहा है जिसके अनुसार मृतका तथा अभियुक्त की20 बजकर 18 मिनट 31 सेकेंड <नाम> बात हुई है। उसके <नाम> मृतका कीअभियुक्त से उस <नाम> कोई वार्ता नहीं हुई। पुन: दिनांक 26.04.2019 को प्रातः5:21 बजे मृतका के फोन से किसी अन्य व्यक्ति को फोन किया गया है। इसकेबाद अन्य नम्बरों से मृतका के नम्बर <नाम> फोन मिलाया गया है। परन्तु कोई वार्तानहीं हो सकी है। पुनः मृतका के फोन से दिनांक 16.05.2019 को एवं दिनांक17.05.2019 को अभियुक्त ने अपने पिता से बात किया है। इसी प्रकार अभियुक्तने दिनांक 19.05.2019 को मृतका के ही मोबाइल से अपने पिता से व अपनेजीजा से बात किया है। इससे यह प्रतीत हो रहा है कि या तो अभियुक्त नेमृतका की हत्या करके उसका मोबाइल अपने पास रखा था अथवा स्वयं मृतकाको ही मोबाइल सहित अपने साथ रखकर मृतका के मोबाइल से अपने पिता एवंअपने <नाम> से बात करता था अन्यथा इस बात का कोई औचित्य नहीं होसकता है कि मृतका यदि अभियुक्त के साथ <नाम> रही हो तो वह अभियुक्त के पिताअथवा अभियुक्त के <नाम> से बात करती। इसका तात्पर्य यह हुआ कि मृतकाअथवा मृतका सहित उसका मोबाइल उक्त तिथियों <नाम> अभियुक्त के पास था। ", "मृतका के पिता द्वारा झाड़ियों में से मृतका का कपड़ा, घड़ी आदिपहचानी गयी है जिस स्थान <नाम> किसी लड़की का कंकाल पड़ा हुआ मिला था,भले ही पत्रावली में कोई डी0एन0ए० रिपोर्ट नहीं है, परन्लु उस स्थान <नाम> मृतकाके कपड़े एवं घड़ी आदि का बरामद होना यह प्रदर्शित करता है कि वह मृतकाकी ही लाश थी तथा मृतका मोबाइल सहित अभियुक्त के कब्जे में घटना के पूर्वशी । " ] }
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Bail Application_111_202028-01-2020591
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्शी/ अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में सुपुर्द किए जाने <नाम> उच्हें न्यायिकअभिरक्षा में लिया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण को झूठा फंसाया गया है, प्रार्थीगण निर्दोष हैं। प्रार्थी/ अभियुक्तगण नेअभियोगी मुकदमा व उसके <नाम> तथा कथित बारमती को मारा पीटा नहीं है। ्रार्थीगण अभियुक्ता मुन्नी <नाम> के परिवार के हैं। मुन्नी <नाम> के कयशुदा <नाम> परअभियोगिनी मुकदमा व उसके <नाम> छेदी जबरदस्ती काबिज हो रहे थे जिसके बावतमुन्नी <नाम> ने न्यायालय में सिविल वाद दाखिल किया है। गैस एजेंसी के मालिकअरविन्द <नाम> ने मुन्नी <नाम> के साथ उसके घर में बलात्कार किया था जिसकामुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। कथित चोटहिल बारमती व उसके <नाम> छेदी से्रार्थीगण की पुरानी रंजिश चली आ रही है। प्रार्थी/अभियुक्तगण का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादिनीसच्चा गैस एजेंसी खलियारी <नाम> अपने <नाम> <नाम> खरवार के साथ बतौर कर्मचारीकाम करती है और वहीं एजेंसी <नाम> रहती भी है। दिनांक 23.01.2019 को सुबहलगभग 06 बजे मुन्नी <नाम> अपने <नाम> <नाम> अपने बच्चों तथा अपने <नाम> मुन्ना एवंअपने ससुर रामाज्ञा के साथ आयी और वादिनी व उसके <नाम> को खरवार नीच जातिका कहते हुए मां-बहन की गालियां देते हुए हमलावर हो गये, दोनों <नाम> ब्लेड वधारदार हसिया से <नाम> लेवा हमला किया गया है, पास में खड़ी बारमती ने जबछुड़ाने का प्रयास किया तो उस <नाम> भी यह लोग हमलावर हो गये तथा उसके शरीरपर भी चोटें आयी। वादिनी ने घटना की सूचना थाना रायपुर, जनपद सोनभद्र परदिया जिसके आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध दिनांक 2301.2019 कोमु0अ०सं०-04 / 2019, धारा-147, 323, 324, 504, 506 भा0दं0सं0 व धारा-3(2)(V-A) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियमपंजीकृत किया गया। ", "वादिनी मुकदमा को धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जमानत प्रार्थना पत्र की...22सुनवाई <नाम> नोटिस जारी किया गया है। वादिनी मुकदमा की ओर से उसके विद्वानअधिवक्ता उपस्थित हुए । " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> तथा वादिनी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता के तरको को थैर्यपूर्वकसुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवंपरिशीलन किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अभियुक्तगणपूर्णतया निर्दोष हैं। वादिनी मुकदमा सहोदरी व उसका <नाम> को कथित तौर <नाम> जिसगैस एजेंसी <नाम> नोकरी करना बताया गया है, उसके <नाम> से प्रार्थी /अभियुक्तगणव उसके परिवार का काफी समय से जमीनी विवाद चल रहा है जिसके संबंध मेंअनेकों सिविल व फौजदारी वाद पूर्व से लम्बित है। प्रार्थी/अभियुक्तगण पूर्णतयानिर्दोष हैं, केवल गैस एजेंसी के <नाम> प््रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध चल रहेसिविल वादों में दबाव बनाने के उद्देश्य से बनावटी चोटें दर्शित करते हुए प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। अभियुक्तगण क अन्तरिम जमानत <नाम> छोड़े जानेके उपरान्त वह प्रत्येक नियत <नाम> न्यायालय में हाजिर हुए हैं। अतः अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण द्वारा अपने अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकरवादिनी मुकदमा व उसके <नाम> जो अनुसूचित जन जाति के खरवार जाति क हैं,उनके साथ मार पीट <नाम> उन्हें चोटें पहुंचायी गयी है। प्रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्धलगाये गये अभियोग गम्भीर <नाम> के हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गयेअभियोग गम्भीर <नाम> का होना बताते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के आधार <नाम> यह स्पष्ट है कि कथित मार पीट की घटनामें 05 व्यक्तियों को अभियुक्त के <नाम> में नामित किया गया है। चोटहिल मंगला,सहोदरी व बारमती के शरीर <नाम> आई हुई कथित चोटें अत्यन्त साधारण एवं सतहीप्रकृति की हैं। <नाम> अभियुक्ता मुन्नी <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व मेंस्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी/अभियुक्तगण को पूर्व में अन्तरिम जमानत <नाम> रिहाकिया गया था। अन्तरिम जमानत <नाम> छूटने के उपरान्त उनके द्वारा अन्तरिम जमानतकी शर्तों का दुरूपयोग नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1301_201904-12-2019281
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी इमरानअहमद उफ मुन्ना ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि वादी की लगभग 30-40 वर्षासे एल.आई.सी. ऑफिस के बगल में मुन्ना गैरेज वर्कशॉप के नाम से दुकान है। विगत एक वर्ष पूर्व वादी की दुकान के बगल में रहने वाले अभियुक्तगण इन्द्रबहादुर, <नाम> बहादुर <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> से उक्त दुकान के बावतमुकदमा न्यायालय सिविल जज सी.डि.,एफ.टी.सी.,सोनभद्र में चल रहा है जिसमेंवादी के पक्ष में आदेश भी हुआ है और <नाम> द्वारा मौका मुआइना <नाम> रिपोर्ट भीलगाई गई है। वादी कुछ दिनों से अपने इलाज <नाम> ओबरा से बाहर गया हुआथा। आने के <नाम> <नाम> कि अभियुक्तगण द्वारा <नाम> दुकान तोड़कर उसमें रखासारा सामान गायब <नाम> <नाम> गया है और <नाम> दुकान तोड़कर गायब <नाम> दी गईहै। दुकान में नगर पंचायत, ओबरा क ट्रैक्टर का पूरा इंजन व अन्य काफीसामान, जो बनने के लिये आया था, वह मौके से गायब <नाम> <नाम> गया है। अभियुक्तगण द्वारा वादी की अपूर्णनीय क्षति की गई है। वादी द्वारा निवेदन कियागया कि आवश्यक कार्यवाही करने की कूपा की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वादी से विवादितजायदाद के बावत सिविल कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है। प्रार्थी-अभियुक्तआराजी निजाई व उसमें स्थित मकान के <नाम> व काबिज हैं। उक्त मकान मेंकोई मुन्ना गैरेज वकंशाप की दुकान नहीं है। वादी का विवादित जायदाद सेकोई संबंध नहीं है, <नाम> ही उसका कोई स्वामित्व या आधिपत्य है। वादी द्वाराप्रार्थी अभियुक्त को परेशान करने के लिये पुलिस की साजिश में झूंठा मुकदमाकायम <नाम> <नाम> गया है और उसमें धारा-411 भा.दं.सं. की बढ़ोत्तरी <नाम> दी गईहै। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोई सामान बरामद नहीं हुआ है। पुलिसकार्यवाही झूंटी व साजिशपूर्ण है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी की दुकान तोड़करउसमें रखा <नाम> सामान चुरा लिये हैं जो उसके कब्जे से बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ " 2सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त <नाम> <नाम> के कब्जे से पुलिस द्वारा 15 अदद मोटरपार्टस बरामद होने की बात कही गई है, परन्तु यह नहीं कहा गया है कि जो 15अदद मोटर पार्टस उसके कब्जे से बरामद हुए हैं, वह उसी ट्रक्टर क पार्टस हैं,जो ट्रैक्टर नगर पंचायत, ओबरा का बनने के लिये आया था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_862_202017-08-202089
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि :-दिनाक 09.01.2020 को वादी मुकदमा उप निरीक्षक <नाम> <नाम> अपनेइमराहीगण के साथ <नाम> की देख-भाल व शान्ति व्यवस्था तथा वांछित की तलाश में मामूर थे। उसी समय जरिये खास सूचना <नाम> कि एक <नाम> नम्बर की पिकअप <नाम> कुछ गोवंश लादकर आ रहे हैं जो बिहार जायेंगे। इस सूचना <नाम> विशवास करके वादी मुकदमा मय हमराहीग्राम तेनुआ नहर के पास खड़ा होकर उक्त पिकअप का इन्तजार करने लगे। कुछ देर बादतेनुआ नहर पकड़ <नाम> आ रही उक्त पिकअप को पुलिस द्वारा रूकने का इशारा किया गयातो पुलिस वालों को देख <नाम> पिकअप खड़ी करके जंगल की तरफ भागते हुये तीनों व्यक्तियोंमालिक, चालक व खलासी नाम पता अज्ञात को पकड़ने का प्रयास किया गया परन्तु तीनोंव्यक्ति जंगल की तरफ भाग गये। उक्त पिकअप <नाम> बधे तिरपाल को खोल <नाम> <नाम> गया तोउसमें 06 <नाम> गोवंश ठूस-ठूस <नाम> भरा गया था तथा एक दूसरे का पैर व गर्दन बेरहमी सेबॉधे गये थे और वे छटपटा रहे थे। पशु चिकित्सक को बुला <नाम> गोवंश का दवा इलाजकराया गया। दौरान बरामदगी <नाम> को लोग आ गये थे परन्तु गवाही के नाम <नाम> हट-बढ़गये । ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी को उपरोक्तअपराध में झूठा आरोप लगा <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी निर्दोष है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत है। प्रार्थी/अभियुक्त के पास से कोईबरामदगी नहीं हुई है और <नाम> ही घटना के समय प्रार्थी को गिरफतार किया गया है और <नाम> हीघटना कारित होते समय प्रार्थी को किसी स्वतंत्र <नाम> ने <नाम> है। दिनाक 12.07.2020 कोपुलिस वाले प्रार्थी को घर से ले जाकर चालान <नाम> दिये। प्रार्थी लगभग 16 <नाम> से जेल मेंनिरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारायह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ मिल करपिकअप वाहन में गोवंश को बेरहमी से लाद <नाम> वध <नाम> बिहार ले जाया जा रहा था। ह2अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) क तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनाक 09.01.2020समय 09:30 बजे की है एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनाक 09.01.2020 को समय 12:25 बजेपंजीकृत हुआ है जबकि घटना स्थल से थाने की दूरी 03 किलो मीटर बतायी गयी है। घटनाकी प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रश्‍नगत वाहन के चालक, <नाम> व खलासी नाम पता अज्ञात के रूपमें दर्ज है। प्रार्थी/अभियुक्त मौके से गिरफूतार नहीं हुआ है। <नाम> अभियुक्त चन्द्रिका यादववाहन <नाम> के बयान में आया है कि वह वाहन संख्या यू०पी0 67९0टी०-3882 महेन्द्रापिकअप का <नाम> है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1373_201919-12-201937
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परदिनांक 16.11.2019 को सूचना <नाम> कि उसके बड़े <नाम> <नाम> किशोर दूबे उम्र45 वर्ष वर्तमान में <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> के <नाम> रोड़लाइंस ट्रांसपोर्ट, रेनूकूट में कार्य करते थे। शार्मा पेट्रोल पम्प के सामने सियारामसिंह के मकान में किराये <नाम> रह रहे थे। दिनांक 15.11.2019 <नाम> शुकवार कीरात लगभग 10.00 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। जांच करआवश्यक कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसका गलत तरीके से चालान किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त की मृतक सेकोई रंजिश नहीं थी और <नाम> ही प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा मृतक को मारा-पीटा गयाहै। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त ने पुरानी रंजिश को लेकर <नाम> होटल <नाम> खाना खाने के दौराननिर्दयतापूर्वक सड़क <नाम> बार-बार मृतक के सिर को टकरा <नाम> जिसके कारणमृतक को गम्भीर चोटें आयी और इलाज <नाम> ले जाते समय मृतक की मृत्यु होगयी । घटना को गवाहान द्वारा <नाम> गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट आज्ञात में दर्जकरायी गयी है। यदि अभियुक्त द्वारा घटना कारित की गयी होती तो निश्चत रुपसे प्रथम सूचना रिपोर्ट में ही नामित किया जाता । 2अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया है कि जिस होटल में खाना खानेके लिए मृतक गया था उसक कर्मियों द्वारा घटना की <नाम> करते हुए कहा गयाहै कि अभियुक्त होटल में आया तथा मृतक से कहा-सुनी करने लगा तथा मृतकको खींचकर होटल के बाहर ले जाकर सड़क <नाम> पटक <नाम> मृतक के सिर कोसड़क <नाम> कई बार पटका। जब किसी तरह होटल कर्मचारियों द्वारा छुड़ाया गयातथा मृतक को लाकर होटल के बेंच <नाम> बैठाया गया। कुछ देर <नाम> मृतक नेमनोज को फोन किया और <नाम> सहारा देकर मृतक को ले गये । उसके कुछही देर <नाम> मृतक की मृत्यु हो गयी । <नाम> ने अपने बयान में कहा है कि वहदूबे <नाम> को उनके कमरे <नाम> छोड़ने गया था तो वह बोले कि उन्हें चक्कर आरहा है। इतने में वह दरवाजे <नाम> गिर गये और बेहोश हो गये जिसकी सूचनाट्रांसपोर्ट के <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> को <नाम> तो वह तुरन्त गाड़ी से आयेऔर दूबे <नाम> को लेकर हिण्डालको अस्पताल जा रहे थे कि रास्ते में दूबे <नाम> मृत्युहो गयी । ", "इस प्रकार पत्रावली <नाम> जितने भी गवाहान विवेचनाधिकारी केसमक्ष परीक्षित हुए हैं, सभी ने अभियुक्त कृष्णदेव <नाम> के द्वारा ही मृतक कोपटक <नाम> उसके सिर को जमीन में टकराने का अभिकथन किया है तथापोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार भी सिर में आयी चोट के <नाम> ही <नाम> किशोरदूबे की मृत्यु हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_511_202022-05-2020554
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त द्वारा अतिरिक्त जमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 20.05.2020 कोदाखिल किया गया। जिसमें न्यायालय से आरोप पत्र 60 <नाम> व्यतित होने के उपरान्तदाखिल किया जाने <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त अपनेमूल जमानत प्रार्थना पत्र में यह निवेदन किया है कि अभियोजन कथानक झूठा एवंमनगढंत है। प्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है जबकि सत्यता यह है किप्रार्थी के पिता सीमेंट फैक्ट्री डाला में बतौर गार्ड नौकरी करते है और प्रार्थी के पिता द्वगरा अभियोगी का सपरिवार फैक्ट्री का समान चोरी करते हुये रगें हाथ पकड़ लियागया था। जिससे अभियोगी सपरिवार से नाराज हो गये और इस कारणप्रार्थी / अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> गया। प्रार्थी / अभियुक्त को दिनांक 19.02.2020से जिला कारागार में निरूद्व है। शासकीय अधिवक्ता द्वारा जमानत का पुरजोर विरोधकिया गया एवं कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा पूर्व में अभियुक्त द्वारा इसन्यायालय में जूवेनाइल घोषित करने <नाम> प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसेन्यायालय द्वारा खारिज <नाम> जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड में प्रार्थना पत्र दाखिल करने कोकहा गया था। किन्तु अभियुक्त द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र इस न्यायालय में पुनः प्रस्तुतकिया गया। सहायक शासकीय अधिवक्ता द्वारा मूल जमानत प्रार्थना के विरोध मेंआख्या प्रस्तुत की गयी है, जिसमें यह कथन किया गया है कि आवेदक अभियुक्त कोगिरफूतार करने के उपरान्त दिनांक 05.04.2020 को 60 दिवस के अन्दर ही संकलित Bail Application/l090/2020 -Suraj kumar Pandey Vs. State Government 2साक्ष्यों के आधार <नाम> आरोप पत्र संख्या-54 प्रेषित किया गया है। यह उल्लेखनीय होगामाह <नाम> में 24.03.2020 से पूरे <नाम> वर्ष में वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव कोदृष्टिगत रखते हुये माननीय न्यायालय के बन्द होने की वजह से उक्त आरोप पत्रमाननीय न्यायालय में प्रेषित नहीं किया जा सका। आवेदक अभियुक्त के विरूद्धप्राथमिक विवेचक उपनिरीक्षक <नाम> चन्द्रभान द्वारा दिनांक 18.03.2020 को इस अभियोग में पीड़िता का जाति प्रमाण पत्र के आधार <नाम> <नाम> ३(2)\\ अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम क बढ़ोत्तरी <नाम> दी गयी थी। आरोप पत्र निर्धारित अवधि किता किये गये है लेकिन लॉकडाउन की वजह सेन्यायालय के बन्द होने के <नाम> आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित नहीं किया जा सका। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थिनी की बेटी उम्र 16 वर्ष जो सुबह07 बजे शौच के लिए बाहर नाला के तरफ गयी थी और वहां <नाम> अभियुक्त पहले से ६गात लगाये बैठा प्ररार्थिनी की बेटी से जबदस्ती करने लगा और उसका इज्जत लुटनाचाहा, प्रार्थिनी की बेटी अपना बचाव <नाम> रही थी और उसे जोर से धक्का <नाम> तो वहप्रार्थिनी की बेटी को पत्थर से उसके सिर <नाम> कई बार प्रहार किया जिससे उसकेशरीर <नाम> काफी गम्भीर चोटें आयी और उसका सिर कई जगह से फट चुका है तथाउसे भद्दी-भद्‌दी गालिया भी <नाम> गया जब शोर मचाया तो <नाम> से मारने की धमकीदेते हुए भाग गया। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना एवं मामले में प्रस्तुत पत्रावली का अवलोकन किया। ", "कार्यालय रिपोर्ट के अनुसार विवेचनाधिकारी द्वारा न्यायालय में आरोप पत्रदिनांक 19.05.2020 को दाखिल <नाम> <नाम> गया जबकि प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारासांविधिक जमानत याचिका (Statutory bail application) दिनांक 20.05.2020को इस आशय के साथ प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त 19.02.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है ओर 60 <नाम> यानी 02 माह के अन्दर आरोप पत्र दाखिल होजाना चाहिये था। अतः अभियुक्त को दं0प्रoसं0 की <नाम> 167 (2) के परन्तुक कालाभ <नाम> <नाम> चाहिये। माननीय सर्वोच न्यायालय द्वारा हिरेन्द्र <नाम> <नाम> अन्यबनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र (1994) 4 एस0सी0सी0० 602 में यह अवधारित किया गया हैकि- “Right which ensures to and is enforceable by theaccused only from the time of default till the filing of thechallan and it does not survive or remain enforceable on thechallan being filed.\" प्रस्तुत मामले में अभियुक्त द्वारा सांवधिक जमानत(Statutory bail application) 20.05.2020 को दाखिल किया है जबकि आरोपपत्र विवेचनाधिकारी द्वारा 19.05.2020 को दाखिल किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_118_202027-01-2020609
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा बैजनाथपुत्र किशुन, निवासी ग्राम खचार, कोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र नेदिनॉक 01.06.2019 को कोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इस कथनके साथ लिखित तहरीर <नाम> कि दिनॉक 26.05.2019 को समय करीब06-07 बजे <नाम> उसके गॉव के <नाम> पुत्र मुन्ना तथा मन्नी पुत्र बबुन्दरमिट्टी का तेल लेने गये थे। उसी समय प्रार्थी के लड़के पीड़ित उम्र 12 वर्षको भी अपने साथ सगड़ी <नाम> ले गये थे। वापसी में मन्नी ब्रहम <नाम> परचूनकी दुकान <नाम> उतर गया और <नाम> उसके लड़के को अकड़हवा पोखरा परले जाकर जबरदस्ती दुष्कर्म किया और कहा कि किसी को मत बताना नहींतो <नाम> से मार देंगे । अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> लगाये गये आरोप गलत एवं बेबुनियाद है। प्रार्थी...2 9निर्दोष है तथा दिनाक 26.11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन कथानक मनगढ़न्त एवं बनावटी है। दिनॉक 26.05.2019 को प्रर्थीकी मुलाकात पीड़ित से नहीं हुई थी और <नाम> ही इस प्रकार का कोई दुष्कर्महुआ था। घटना का कोई चश्मदीद <नाम> नहीं है। घटना की प्रथम सूचनारिपोर्ट काफी विलम्ब से दर्ज कराया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़ित केसाथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी है । " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त को नामितकिया गया है। दौरान विवेचना पीड़ित ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-164दंण्ड प्रकिया <नाम> जो संलग्न केस डायरी के पर्चा संख्या-8 में <नाम> हैउसमें यह कथन किया है कि <नाम> को 07:00 बजे <नाम> उसके साथअकड़हवा पोखरा <नाम> चड्ढी अण्डर <नाम> उतार <नाम> गलत <नाम> किया । घरपर आकर वह सारी बात माँ को बताया था। प्रस्तुत मामले में पीड़ितनाबालिग है। मामले में विवेचना के उपरान्त प्ररार्थी/अभियुक्त के विरूद्धआरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। मामला लैंगिक अपराधों से बालकां कासंरक्षण अधिनियम, 2012 से सम्बन्धित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_354_202123-03-2021234
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले से सन्दर्भित मूल पत्रावली न्यायालय के समक्ष पेश की गयी, जिसकेअवलोकन से ज्ञात होता है कि अभियुक्त अजमानतीय अधिपत्र के निष्पादन मेंदिनांक 21.02.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ], "judge-opinion": [ "प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेषलोक अभियोजक को सुना एवं संदर्भित पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली का अवलोकन किया। ", "प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क किया गया कि प्रार्थी रोजी-रोटीके वजह से मजदूरी करने बाहर चला गया था जिससे हाजिर अदालत नहीं आसका और नहीं अपने अधिवक्ता को सूचित <नाम> सका। प्रार्थी का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी दिनांक 21.02.2021 से जिला कारागार में बन्द है। भविष्यमे प्रार्थी पप्रत्येक <नाम> <नाम> उपस्थित होता रहेगा। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> रिहाकिये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रबल विरोधकरते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त के लम्बी अवधि <नाम> फरार होने केकारण प्रस्तुत मामले में <नाम> <नाम> आरोप विरचित नहीं हुआ है। उक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी। ", "इस मामले से सन्दर्भित मूल अभिलेख के अवलोकन से यह प्रकट होता हैकि प्रार्थी एवं उसके सह-अभियुक्तगण के विरूद्ध आदेश दिनांक 04.11.2019 द्वाराअजमानतीय अधिपत्र निर्गत किये जाने का आदेश पारित किया गया जिसकेनिरस्तीकरण <नाम> अभियुक्त की ओर से दिनांक 24.02.2021 को प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया जिसे जमानत के दुरूपयोग की अवधि के दृष्टिगत निरस्त <नाम> दियागया। कोर्ट मोहर्रिर की आख्यानुसार अभियुक्त दिनांक 21.02.2021 से जिला 2कारागार में निरूद्ध है। प्र्ार्थी/अभियुक्त को पूर्व में जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-42//2009 में पारित आदेश दिनांकित 16.06.2009 द्वारा जमानत <नाम> रिहाकिया गया था। संबंधित थाना की आख्यानुसार प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध इसमामले के अतिरिक्त अन्य काई आपराधिक इतिहास नहीं है। मामले में <नाम> आरोपविरचित नहीं हुआ है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_913_202014-08-2020102
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "14.08.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> की ओर से यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था प्रार्थी कमानेखाने की गरज से सूरत चला गया तथा नियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिर <नाम> आनेके <नाम> उसक विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत हो गया। प्रार्थी गरीब आदमी हैउसके छोटे छोटे बच्चे है। देखभाल करने वाला कोई नहीं है। प्रार्थी ने जानबुझकरकोई लापरवाही नहीं किया है। प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> हाजिर आता रहेगा। अतःजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरणकी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने सेपुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। नियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त केविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त ने जानबूझकर कोईलापरवाही नहीं किया है। अभियुक्त दिनांक 27.02.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जामनतीय वारण्ट जारी कियागया। कोर्ट मुहर्रिर के अनुसार अभियुक्त इस मुकदमें में दिनांक 27.02.2020 से जेलमें निरूद्ध है। इस प्रकरण में अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। " ] }
1GRANTED