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उनके काम करने की क्षमता बढ़ाने पर भी लगातार नजर रखी जा रही है।
यही वजह है कि रेल और रोड दोनों ही सेक्टर में काम करने की जो average speed थी उसमें काफी बढोतरी हुई है।
पहले रेलवे के electriiction का काम धीमी गति से चलता था।
सरकार ने रेलवे के रूटelectriiction कार्यक्रम को गति दी।
इससे रेल के चलाने के खर्च में कमी आई और देश में ही उपलब्ध बिजली का उपयोग हुआ।
इस कारण से रेलवे द्वारा खरीदी जा रही बिजली के ऊपर भी रेलवे को बचत हो रही है।
पहले बिजली वितरण कंपनियां इसका विरोध करती थीं जिससे रेलवे को उनसे मजबूरन महंगे दाम पर बिजली खरीदनी पड़ती थी।
अब रेलवे कम दाम पर बिजली खरीद सकती है।
पहले power plants और coal की लिन्केज इस तरीके से थी कि अगर प्लांट उत्तर में है तो कोयला मध्य भारत से आएगा और उत्तर या पूर्व भारत से कोयला पश्चिम भारत में जाएगा।
इस कारण power plants को कोयले के ट्रांसपोर्टेशन पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता था और बिजली महंगी होती थी।
हमने कोल लिंकेज का ेशनलाइजेशन किया जिससे ट्रांसपोर्टेशन खर्च और समय दोनों में कमी आई और बिजली सस्ती हुई।
ये दोनों उदाहरण बताते हैं कि ये सरकार tunnel ision नहीं total ision को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है।
जैसे रेलवे ट्रैक के नीचे से सड़क ले जाने के लिए rail ver bridge बनाने के लिए महीनों तक रेलवे से ही permission नहीं मिलती थी।
महीनों तक इसी बात पर माथापच्ची चलती थी कि rail ver bridge का डिजाइन क्या हो।
अब इस सरकार में rail ver bridge के लिए niorm esign बनाई गई है और proposal इस डिजाइन के आधार पर होता है तो तुरंत n दे दी जाती है।
बिजली उपलब्धता देश के आर्थिक विकास की पूंजी है।
जब से हमारी सरकार आई है हम पावर सेक्टर पर होलिस्टिकली काम कर रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं।
46 हजार मेगावॉट की जनरेशन कपैसिटी को जोड़ा गया है।
जनरैशन कपैसिटी करीब 25 प्रतिशत बढ़ी है।
कोयले का ट्रांसपेरेंट रूप से ऑक्शन करना और पावर प्लांट को कोयला उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता रही है।
आज ऐसा कोई थर्मल प्लांट नहीं है जो कोयले की उपलब्धता की दृष्टि से क्रिटिकल हो।
क्रिटिकल यानि कोयले की उपलब्धता 7 दिन से कम की होना।
एक समय बड़ीबड़ी ब्रेकिंग न्यूज चलती थी कि देश में बिजली संकट गहरा गया है पावर प्लांट के पास कोयला खत्म हो रहा है।
पिछली बार कब ये वाली ब्रेकिंग न्यूज चलाई थी आपको याद नहीं होगा।
ये ब्रेकिंग न्यूज अब आपके आर्काइव में पड़ी होगी।
दोस्तों सरकार के पहले दो सालों में 50 हजार सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन बनाई गईं। जबकि 201314 में 16 हजार सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन बनाई गई थीं।
सरकारी बिजली डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को हमारी उदय स्कीम द्वारा एक नया जीवन मिला है।
इन सभी कामों से बिजली की उपलब्धता बढ़ी है और कीमत भी कम हुई है।
आज एक app विद्युत प्रवाह के माध्यम से देखा जा सकता है कि कितनी बिजली कितनी कीमत पर उपलब्ध है।
सरकार lean nergy पर भी जोर दे रही है।
भारत global wind power installed capacity के मामले में विश्व में चौथे नंबर पर पहुंच गया है।
सरकार का जोर बिजली उत्पादन बढ़ाने के साथ ही बिजली की खपत कम करने पर भी है।
देश में अब तक लगभग 22 करोड़ बल्ब बांटे जा चुके हैं।
इससे बिजली की खपत में कमी आई है प्रदूषण में कमी आई है और लोगों को 11 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की अनुमानित बचत हो रही है।
साथियों देश भर की ढाई लाख पंयाचतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए 2011 में काम शुरू किया गया था।
लेकिन 2011 से 2014 के बीच सिर्फ 59 ग्राम पंचायतों तक ही ऑप्टिकल फाइबर केबल डाली गई थी।
इस रफ्तार से ढाई लाख पंचायतें कब जुडतीं आप अंदाजा लगे सकते हैं।
सरकार ने प्रक्रिया में जरूरी बदलाव किए जो समस्याएं थीं उन्हें दूर करने का mechanism तैयार किया।
पिछले ढाई वर्षों में 76 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा चुका है।
साथ ही अब हर ग्राम पंचायत में wii hotspot देने की व्यवस्था की जा रही है ताकि गांव के लोगों को आसानी से ये सुविधा मिल सके।
ये भी ध्यान दिया जा रहा है कि स्कूल अस्पताल पुलिस स्टेशन तक भी ये सुविधा पहुंचे।
साधन वहीं हैं संसाधन वही हैं लेकिन काम करने का तरीका बदल रहा है रफ्तार बढ़ रही है।
2014 से पहले एक कंपनी को incorporate करने में 15 दिन लगते थे अब सिर्फ 24 घंटे लगते हैं।
पहले income ta reund आने में महीनों लग जाते थे अब कुछ हफ्ते में आ जाता है।
पहले पासपोर्ट बनने में भी कई महीने लग जाते थे अब एक हफ्ते में पासपोर्ट आपके घर पर होता है।
सरकार देश के किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से काम कर रही है।
इसके लिए बीज से लेकर बाजार तक सरकार हर स्तर पर किसान के साथ खड़ी है।
किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज दिए जा रहे हैं हर खेत तक पानी देने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की गई है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ऐसे रिस्क कवर किए गए हैं जो पहले नहीं होते थे।
इसके अलावा किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड दिए जा रहे हैं यूरिया की किल्लत अब पुरानी बात हो गई है।
किसानों को अपनी फसल का उचित दाम मिले इसके लिए enam योजना के तहत देशभर की 580 से ज्यादा मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है।
स्टोरेज और सप्लाई चेन को मजबूत किया जा रहा है।
दोस्तों हेल्थ सेक्टर में भी हर स्तर पर काम किया जा रहा है। बच्चों का टीकाकरण गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रीवेन्टिव हेल्थकेयर स्वच्छता इन सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लागू की गई हैं।
एक रोडमैप तैयार किया गया है जिससे healthcare system को देश के हर नागरिक के लिए ऐक्सेसेबल बनाया जाएगा।
सरकार इस कोशिश में हैं कि आने वाले समय में देश की gp का कम से कम ढाई प्रतिशत स्वास्थ्य पर ही खर्च हो।
आज देश में 70 प्रतिशत से ज्यादा medical evices और euipment विदेश से आता है।
अब प्रयास है कि make in india के तहत local मैनुफेक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाए ताकि इलाज और सस्ता हो।
दोस्तों सरकार का जोर social इनफ्रास्टकचर पर भी है।
हमारी सरकार दिव्यांग जनों के लिए सेवा भाव से काम कर रही है।
देशभर में लगभग 5 हजार कैंप लगाकर 6 लाख से ज्यादा दिव्यांगों को आवश्यक सहायता उपकरण दिए गए हैं।
ये कैंप गिनीज बुक तक में दर्ज हो रहे हैं।
अस्पतालों में रेलवे स्टेशन पर बस स्टैंड पर सरकारी दफ्तरों में चढ़ते या उतरते वक्त दिव्यांग जनों की मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए सुगम्य भारत अभियान चलाया जा रहा है।
सरकारी नौकरी में उनके लिए आरक्षण भी 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है।
दिव्यांगों के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कानून में भी बदलाव किया गया है।
देशभर में दिव्यांगों की एक ही common sign language विकसित की जा रही है।
दोस्तों सवा सौ करोड़ लोगों का हमारा देश संसाधनों से भरा हुआ है सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है।
2022 देश जब आज़ादी के 75वें वर्ष में पहुचेगा तब क्या हम सब मिल कर महात्मा गाधी सरदार पटेल बाबासाहेब अंबेडकर और स्वराज्य के लिए अपना जीवन देने वाले अनगिनत वीरों के सपनों के भारत को साकार कर सकते है
हम में से प्रत्येक संकल्प ले परिवार हो संगठन हो इकाइयों हो आने वाले पाच साल पूरा देश संकल्पित होकर नये भारत न्यू इंडिया के सपने को साकार करने में जुट जाए।
सपना भी आपका संकल्प भी समय भी आपका समर्पण भी आपका और सिद्धि भी आपकी।
न्यू इंडिया सपनों से हकीक़त की ओर बढ़ता भारत।
न्यू इंडिया जहां उपकार नहीं अवसर होंगे न्यू इंडिया की नींव का मंत्र सभी को अवसर सभी को प्रोत्साहन न्यू इंडिया नयी संभावनाओं नये अवसरों का भारत।
न्यू इंडिया लहराते खेत मुस्कुराते किसानों का भारत।
न्यू इंडिया आपके हमारे स्वाभिमान का भारत।
रक्षा मंत्रालय सीनियर मिशन लीडर्स (एसएमएल) का मानेकशॉ केंद्र में प्रशिक्षण सीनियर मिशन लीडर्स (एसएमएल) कोर्स की शुरूआत 2005 में हुई थी। यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सर्वोच्च मान्यता प्राप्त कोर्स है।
विदेश मंत्रालय के तहत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) मौजूदा कोर्स का 20 से 30 मार्च 2017 तक आयोजन कर रहा है।
इस कोर्स का उद्देश्य प्रभावी योजना के बारे में वरिष्ठ नेतृत्व की क्षमता को मजबूत बनाना और एकीकृत शांति सहायता परिचालनों को आयोजित करना है।
यह शांति और सुरक्षा तथा संयुक्त राष्ट्र मिशनों में उनके सामने आ रही चुनौतियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है।
इस कोर्स में उच्च पदों पर तैनात सैन्य अधिकारी (ब्रिगेडियर और उससे ऊपर) तथा उनके समतुल्य पुलिस और प्रशासन (देशों के राजदूतों सहित) अधिकारी भाग ले रहे हैं।
18 देशों के 25 प्रतिभागी इस कोर्स में भाग ले रहे हैं। इसके अलावा 21 संयुक्त राष्ट्र अधिकारी वरिष्ठ सलाहकार सुविधा प्रदाता इस कोर्स के आयोजन में भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र को लेफ्टिनेंट जनरल जे एस चीमा डीसीओएएस (आईएस एण्ड टी) ने संबोधित किया। इसके बाद शांति स्थापना परिचालन विभाग के निदेशक श्री जैक क्रिस्टोफाइड्स ने अपना संबोधन दिया।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) सुश्री प्रीति सरन मुख्य अतिथि थी। उन्होंने सत्र के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित किया।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 22032017 को 4944 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही रुपये के संदर्भ में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 22 मार्च 2017 को बढ़कर 323755 रुपये प्रति बैरल हो गई जबकि 20 मार्च 2017 को यह 330030 रुपये प्रति बैरल था।
रूपया 22 मार्च 2017 को कमजोर होकर 6549 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर बंद हुआ।
जबकि 21 मार्च 2017 को यह 6531 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर था।
201718 के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट बढ़ा कर 419548 करोड़ रूपए कर दिया गया है।
श्री नकवी ने कहा कि बजट में बढ़ोतरी से अल्पसंख्यकों के सामाजिकआर्थिकशैक्षिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी।
श्री नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा देने के साथ ही उनके कौशल विकास पर भी जोर दे रही है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मुहैया कराये जा सके।
श्री नकवी ने कहा कि इस बार के बजट में से 2600 करोड़ रूपए से ज्यादा विभिन्न स्कालरशिप फ़ेलोशिप और कौशल विकास की योजनाओं जैसे सीखो और कमाओ नई मंजिलनई रौशनी उस्ताद गरीब नवाज़ कौशल विकास केंद्र बेगम हजरत महल स्कॉलरशिप पर खर्च किये जाने का प्रावधान है।
श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के हुनर को बढ़ावा देने उन्हें देशविदेश के बाजार मुहैय्या कराने के लिए उस्ताद योजना के तहत 22 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (msp) के लिए पिछले बार से 141 करोड़ रूपए अधिक बढ़ाकर इस बार के बजट में 1200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा एमएसडीपी के तहत 650 करोड़ रूपए शैक्षिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर खर्च किये गए हैं।
पिछले 6 महीनों में लगभग 262 करोड़ की लागत से लगभग 200 सद्भाव मंडप और 16 गुरुकुल प्रकार के आवासीय स्कूलों को स्वीकृति दी गई है।
साथ ही हम जो मदरसें मुख्यधारा की शिक्षा भी दे रहे हैं उन्हें भी मदद दे रहे हैं।
इसके अलावा 12वी पांच वर्षीय योजना में एमएसडीपी में विभिन्न राज्यों को लगभग 5300 करोड़ रूपए स्वीकृत किये गए।
हुनर हाट इस प्रदर्शनी में पहली बार हस्तशिल्प और हथकरघा के बेजोड़ नमूनों जैसे मकराना संगमरमर के उत्पाद सीकर से बंधेज राजस्थान से मोजरी तेलंगाना से बंजारा कढ़ाई अलीगढ़ से हाथ से बने ताले और डोर हैंडल नागालैंड के कोकून डेकोरेटिव प्रोडक्ट और मिजोरम के पारंपरिक शिल्प को प्रदर्शित किया जायेगा।
13 राज्यों के व्यंजन विशेषज्ञों द्वारा तरहतरह के लजीज व्यंजनों को लाया जा रहा है। इन व्यंजनों में लखनऊ का अवधी मुगलई राजस्थान से दाल बाटी चूरमा एवं थाली पश्चिम बंगाल से संदेश एवं रसगुल्ला केरल से मालाबारी फूड बिहार का लिट्टी चोखा आदि शामिल हैं।
श्री नकवी ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि पिछले साल नवम्बर में प्रगति मैदान में लगाए गए पहले हुनर हाट की तरह ही इस बार बाबा खड़क सिंह मार्ग कनॉट प्लेस पर लग रहे हुनर हाट को भी कामयाबी मिलेगी।
ख़ास बात यह भी है कि इस बार बजट को अपने निर्धारित समय से करीब एक माह पूर्व फरवरी माह की शुरुआत में ही पेश किया गया है।
वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारा एजेंडा जनता के जीवन की गुणवत्ता में आमूल परिवर्तन लाने के लिए प्रशासन की गुणवत्ता में परिवर्तन हेतू टीईसी इंडिया अर्थात ट्रांसफॉर्म एनर्जाइज़ एवं क्लीन इंडिया पर केन्द्रित रहेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य समाज के विभिन्न तबकों विशेषकर युवाओं एवं कमज़ोर वर्गों में शक्ति का संचार करना और देश में भ्रष्टाचार काला धन और अपारदर्शी राजनीतिक वित्तपोषण की बुराइयों को समाप्त करना है।