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मन
ईगो (अहम्): यह मन का सचेतन भाग है जो मूल-प्रवृत्ति की इच्छाओं को वास्तविकता के अनुसार नियंत्रित करता है। इस पर सुपर-ईगो (परम अहम् या विवेक) का प्रभाव पड़ता है। इसका आधा भाग सचेतन तथा अचेतन रहता है। इसका प्रमुख कार्य मनुष्य को तनाव या चिंता से बचाना है। फ्रायड की मनोवैज्ञानिक पुत्री एना फ्रायड के अनुसार यह भाग डेढ़ वर्ष की आयु में उत्पन्न हो जाता है जिसका प्रमाण यह है कि इस आयु के बाद बच्चा अपने अंगों को पहचानने लगता है तथा उसमें अहम् भाव (स्वार्थीपन) उत्पन्न हो जाता है।
1
4,608.074941
20231101.hi_191053_17
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%97
वेदांग
(4) लघु का अर्थ है-शीघ्र उपाय। वेदों में अनेक ऐसे शब्द हैं जिनकी जानकारी एक जीवन में सम्भव नहीं है।व्याकरण वह साधन है जिससे समस्त शास्त्रों का ज्ञान हो जाता है।
1
4,598.789455
20231101.hi_11205_6
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%B0
पुष्कर
इन लेखों से पता चलता है कि ई. सन् के आरंभ से या उसके पहले से पुष्कर तीर्थस्थान के लिए विख्यात था। स्वयं पुष्कर में भी कई प्राचीन लेख मिले है जिनमें सबसे प्राचीन लगभग ९२५ ई. सन् का माना जाता है। यह लेख भी पुष्कर से प्राप्त हुआ था और इसका समय १०१० ई. सन् के आसपास माना जाता है।
1
4,597.046801
20231101.hi_37339_7
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%97%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A4%95
गंधक
संयुक्त गंधक सल्फाइड (लोहे सल्फाइड : लौहमाक्षिक, जस्ते के सल्फइड : जिंक ब्लेंड, सीसे के सल्फाईड : गैलीना और ताँबे के सल्फाइड: ताम्रमाक्षिक) और सल्फेट (कैलसियम सल्फेट : जिपसम, बेरियम सल्फेट : बेराइछा, मैग्नीशियम सल्फेट : किसेराइट) के रूपों में पाया जाता है। कुछ झरनों के जलों में हाइड्रोजन सल्फेट मिलता है। समुद्र जल में कैलसियम और मैग्नीशियम के सल्फेट पाए जाते हैं। बाल, ऊन, ऐल्ब्युमिन, लहसुन, सरसों, मुली, करमकल्ला और कुछ प्रोटीन आदि कार्बनिक पदार्थों में गंधक रहता है। भूपृष्ठ की पर्पटी में 0.06 प्रतिशत गंधक विभिन्न रूपों में पाया जाता है।
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4,592.754573
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%A4
यज्ञोपवीत
जिस लड़की को आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करना हो, वह जनेऊ धारण कर सकती है। ब्रह्मचारी तीन और विवाहित छह धागों की जनेऊ पहनता है। यज्ञोपवीत के छह धागों में से तीन धागे स्वयं के और तीन धागे पत्नी के बतलाए गए हैं।जनेऊ का आध्यात्मिक महत्व:जनेऊ में तीन-सूत्र: त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक – देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक – सत्व, रज और तम के प्रतीक होते है। साथ ही ये तीन सूत्र गायत्री मंत्र के तीन चरणों के प्रतीक है तो तीन आश्रमों के प्रतीक भी। जनेऊ के एक-एक तार में तीन-तीन तार होते हैं। अत: कुल तारों की संख्‍या नौ होती है। इनमे एक मुख, दो नासिका, दो आंख, दो कान, मल और मूत्र के दो द्वारा मिलाकर कुल नौ होते हैं। इनका मतलब है – हम मुख से अच्छा बोले और खाएं, आंखों से अच्छा देंखे और कानों से अच्छा सुने। जनेऊ में पांच गांठ लगाई जाती है, इसे प्रवर कहते हैैं जो ब्रह्म, धर्म, अर्ध, काम और मोक्ष का प्रतीक है। ये पांच यज्ञों, पांच ज्ञानेद्रियों और पंच कर्मों के भी प्रतीक है। प्रवर की संख्या १, ३ और ५ होती है।लंबाई: जनेऊ की लंबाई 96 अंगुल होती है क्यूंकि जनेऊ धारण करने वाले को 64 कलाओं और 32 विद्याओं को सीखने का प्रयास करना चाहिए। 32 विद्याएं चार वेद, चार उपवेद, छह अंग, छह दर्शन, तीन सूत्रग्रंथ, नौ अरण्यक मिलाकर होती है। 64 कलाओं में वास्तु निर्माण, व्यंजन कला, चित्रकारी, साहित्य कला, दस्तकारी, भाषा, यंत्र निर्माण, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, दस्तकारी, आभूषण निर्माण, कृषि ज्ञान आदि आती हैं।जनेऊ के लाभ: प्रत्यक्ष लाभ, जो आज के लोग समझते हैं -
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4,565.697406
20231101.hi_51793_4
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B2%E0%A4%B9%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%A8
लहसुन
लहसुन एक दक्षिण यूरोप में उगाई जाने वाली प्रसिद्ध फसल है। भारत में लहसुन की खेती को ज्यादातर राज्यों में की जाती है लेकिन इसकी मुख्य रूप से खेती गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में की जाती है। इसका 50 प्रतिशत से भी ज्यादा उत्पादन गुजरात और मध्यप्रदेश राज्यों में किया जाता है।
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4,565.473615
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%83%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BF
भर्तृहरि
राजा ने वो अमरफल रानी अनंगसेना को दिया। रानी ने वो अमरफल चंद्रचूड़ को दिया। चंद्रचूड़ ने उस अमरफल को लिया और जब वो राजा भर्तहरी को रूपलेखा के यहाँ ले गया। तब राजा जब मदहोश हो गया तब चंद्रचूड़ ने उसके साथ प्यार कर के वो अमरफल रूपलेखा को यह कहकर दे दिया की वो उसको खायेगी तो अमर हो जायेगी और उसका चिरकाल तक यौवन बना रहेगा।
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4,554.842936
20231101.hi_228687_20
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%9F%E0%A5%8B
वीटो
यू.एस. के ज्यादातर राज्यों में एक प्रावधान है जिसके द्वारा विधायी निर्णय पर गवर्नर द्वारा वीटो लगा जा सकता है। इसके अलावा, इनमें अधिकांश राज्य गवर्नर को लाइन-आइटम वीटो का प्रयोग करने की अनुमति देते हैं।
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4,551.854875
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE
मुहावरा
जब मनुष्य प्रबल भावावेश में होते हैं तब उनके मुंह से कुछ अस्पष्ट ध्वनियां निकल जाती हैं जो बाद में किसी एक अर्थ में रूढ़ हो जाती हैं और मुहावरे कहलाने लगती हैं। ऐसे कुछ भावावेशों और उनमें निकली हुई ध्वनियों के आधार पर बने हुए मुहावरों के उदाहरण निम्नांकित हैं :
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4,551.099624
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0
मन्दिर
ब्रह्माजी —ब्रह्माजी की ध्वजा का दण्ड तांबे का व ध्वज पद्मवर्ण का होता है । उस पर कमल (पद्म) का चिह्न अंकित होता है।
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4,549.052344
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE
आसाराम
अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने लड़की की उम्र व जन्मतिथि के संबंध में बताया कि अनुसंधान अधिकारी द्वारा पीड़िता के मात्र जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर सैकंडरी एजुकेशन बोर्ड की अंकतालिका रिकॉर्ड पर ली गई है , परन्तु अनुसंधान अधिकारी द्वारा सैकंडरी एज्यूकेशन बोर्ड में आवेदन पत्र को रिकॉर्ड पर नहीं लिया तथा अभियोजन पक्ष यह भी साबित नहीं कर पाया कि अंकतालिका में जो जन्मतिथि का अंकन है वह किस दस्तावेज के आधार पर किया गया है।
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4,535.946976
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%9A
रंगमंच
1890 ई. तक रंगमंच से चित्रकारी को दूर करने की कोई कल्पना भी न कर सकता था, किंतु आधुनिक रंगमंचों में रंग, कपड़ों, पर्दों और प्रकाश तक ही सीमित रह गया है। रंगमंच की रंगाछुही और सज्जा पूर्णतया लुप्त हो गई है। सादगी और गंभीरता ने उसका स्थान ले लिया है, ताकि दर्शकों का ध्यान बँट न जाए। विद्युत् प्रकाश के नियंत्रण द्वारा रंगमंच में वह प्रभाव उत्पन्न किया जाता है जो कभी चित्रित पर्दों द्वारा किया जाता था। प्रकाश से ही विविध दृश्यों का, उनकी दूरी और निकटता का और उनके प्रकट और लुप्त होने का आभास कराया जाता है।
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4,518.032495
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%95
बिस्मार्क
1871 ई. में एकीकरण के बाद बिस्मार्क ने घोषणा की कि जर्मनी एक सन्तुष्ट राष्ट्र है और वह उपनिवेशवादी प्रसार में कोई रूचि नहीं रखता। इस तरह उसने जर्मनी के विस्तार संबंधी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया। बिस्मार्क को जर्मनी की आन्तरिक समस्याओं से गुजरना पड़ा। इन समस्याओं के समाधान उसने प्रस्तुत किए। किन्तु समस्याओं की जटिलता ने उसे 1890 में त्यागपत्र देने को विवश कर दिया।
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4,517.033592
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%80
शारीरिकी
मानव की विभिन्न प्रजातियों की शरीररचना का जब तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है, तब मानवविज्ञान (Anthropology) का सहारा लिया जाता है। आजकल शरीररचना का अध्ययन सर्वांगी (systemic) विधि से किया जाता है।
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4,512.010105
20231101.hi_63389_19
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A5%90
ॐ अर्थात् ओउम् तीन अक्षरों से बना है, जो सर्व विदित है। अ उ म्। "अ" का अर्थ है आर्विभाव या उत्पन्न होना, "उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास, "म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना। ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ में प्रयुक्त "अ" तो सृष्टि के जन्म की ओर इंगित करता है, वहीं "उ" उड़ने का अर्थ देता है, जिसका मतलब है "ऊर्जा" सम्पन्न होना। किसी ऊर्जावान मंदिर या तीर्थस्थल जाने पर वहाँ की अगाध ऊर्जा ग्रहण करने के बाद व्यक्ति स्वप्न में स्वयं को आकाश में उड़ता हुआ देखता है। मौन का महत्व ज्ञानियों ने बताया ही है। अंग्रजी में एक उक्ति है — "साइलेंस इज़ सिल्वर ऍण्ड ऍब्सल्यूट साइलेंस इज़ गोल्ड"। श्री गीता जी में परमेश्वर श्रीकृष्ण ने मौन के महत्व को प्रतिपादित करते हुए स्वयं को मौनका ही पर्याय बताया है —
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4,503.628692
20231101.hi_52879_11
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A5%82
बिच्छू
बिच्छू का परिसंचरण तंत्र सुविकसित होता हैं। इसमें नलिकाकार ऑस्टिएट (ostiate), हृदय, धमनियाँ, शिराएँ और कोटर (sinuses) हैं। रक्त रंगहीन तरल के रूप में नीली छटा से युक्त होता है, जो उसमें घुले हीमोसायनिन रंगद्रव्य के कारण होती है। इसमें असंख्य केंद्रिकित (nucleated) कणिकाएँ होती हैं।
1
4,497.391332
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95
विधायक
विधानसभा को 14 अक्टूबर 2002 को निलंबित कर दिया गया था लेकिन 2003 के विधान सभा चुनावों में चुने गए व्यक्तियों को उत्तरी आयरलैंड एक्ट 2006 के तहत, उत्तरी आयरलैंड की बर्खास्त सरकार की बहाली की शुरुआत के तौर पर फर्स्ट मिनिस्टर तथा डेप्युटी फर्स्ट मिनिस्टर एवं कार्यपालिका के सदस्यों का चयन करने के लिए (25 नवम्बर 2006 से पहले) 15 मई 2006 को एक साथ बुलाया गया। 7 मार्च 2007 को फिर से चुनाव करवाया गया और मई 2007 में विधान सभा को अपनी पूर्ण शक्तियों के साथ बहाल कर दिया गया।
1
4,469.563591
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3
त्वरण
गतिमान वस्तु का तात्क्षणिक त्वरण उसके औसत त्वरण के समान होगा यदि उसके दो समयों (t तथा (t+∆t)) के मध्य का अन्तराल (∆t) अनन्तसूक्ष्म हो। तात्क्षणिक त्वरण समय के एक अनन्तसूक्ष्म अन्तराल पर औसत त्वरण की सीमा है। कलन के सन्दर्भ में, तात्क्षणिक त्वरण समय के सापेक्ष वेग सदिश का अवकलज है:
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4,460.115675
20231101.hi_219354_22
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%88%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%A8
मैराथन
कुछ सुंदर मैराथन रस्ते हैं: स्टीमबोट मैराथन, स्टीमबोट स्प्रिंग्स, कोलोराडो; मेयर्स मैराथन, एंकोरेज, अलास्का; कोना मैराथन, क्याहू/कोना हवाई; सैन फ़्रैंसिस्को मैराथन, कैलिफ़ोर्निया।
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4,427.155697
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%97%E0%A4%A2%E0%A4%BC
मेहरानगढ़
यहां जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के मौसम का है। अक्टूबर से मार्च के के महीनों के बीच यहां का मौसम काफी ठंडा और सुखद रहता है। इस मौसम में आप पूरे किले को एक्सप्लोर कर सकते हैं। किला घूमने के लिए आप सर्दियों के मौसम में सुबह के समय जाएँ। यह किला सुबह 9:00 बजे पर्यटकों के लिए खोला जाता। आप दो या तीन घंटे एक किले में बिताने के बाद यहां के पास के पर्यटन स्थलों पर जा सकते हैं।
1
4,424.289007
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%AD%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF
रामभद्राचार्य
श्रीरामभक्तिसर्वस्वम् – १०० श्लोकों में रचित संस्कृत काव्य जिसमें रामभक्ति का सार वर्णित है। त्रिवेणी धाम, जयपुर द्वारा प्रकाशित।
1
4,423.842315
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B8
भास
महाकवि भास की नाट्य़ श्रृंखला में चारुदत्त को अन्तिम कड़ी माना जाता है। इसकी कथावस्तु चार अंकों में विभाजित है। शूद्रक के प्रसिद्ध प्रकरण ‘‘मृच्छकटिक’’ का आधार यही माना जाता है। इसमें कवि ने दरिद्र चारूदत्त एवं वेश्या वसन्तसेना की प्रणय-कथा का वर्णन किया है। एक अन्य पात्र शकार है जो प्रतिनायक के रूप में है। प्रेम के आदर्श की सामाजिक प्रस्तुति इसमें दृष्टव्य है।
1
4,398.295858
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0
भाषा-परिवार
४ व्याकरणगत समानता- भाषा के वर्गीकरण का व्याकरणिक आधार सबसे अधिक प्रामाणिक होता है। क्योंकि भाषा का अनुशासन करने के कारण यह जल्दी बदलता नहीं है। व्याकरण की समानता के अन्तर्गत धातु, धातु में प्रत्यय लगाकर शब्द-निर्माण, शब्दों से पदों की रचना प्रक्रिया तथा वाक्यों में पद-विन्यास के नियम आदि की समानता का निर्धारण आवश्यक है।
1
4,385.459881
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%9A%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF
ब्रह्मचर्य
योगसुत्र (२/३८) के अनुसार - ब्रह्मचर्य प्रतिष्ठायां वीर्यलाभः । अर्थात् ब्रह्मचर्य के धारण करने से वीर्य यानि बल की प्राप्ति होती है। अष्टांग योग का पहला अंग यम है। इस में अहिंसा , सत्य , अस्तेय , ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह यह पाँच यम बताए गए हैं ।
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4,385.349421
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A5%8B%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE
कम्बोडिया
पुराने अरब पर्यटकों ने कंबोज को हिंदू देश के नाम से ठीक ही अभिहित किया। कंबुज की राजभाषा प्राचीन काल में संस्कृत थी, उसका स्थान धीरे-धीरे बौद्ध धर्म के प्रचार के कारण पाली ने ले लिया और आज भी यह धार्मिक क्षेत्र में यहाँ की मुख्य भाषा बनी हुई है। कंबुज भाषा में संस्कृत के हजारों शब्द अपने कंबुजी या ख्मेर रूप में आज भी पाए जाते हैं (जैसे-तेप्‌दा = देवता, शात्स = शासन, सुओर = स्वर्ग, फीमेअन = विमान)। ख्‌मेर लिपि दक्षिणी भारत की पल्लव और पूर्वी चालुक्य लिपियों के मेल से बनी है। कंबोज की वास्तुकला, मूर्तिकला तथा चित्रकला पर भारतीय प्रभाव स्पष्ट है। अंग्कोरथोम का बेयोन मंदिर दक्षिण भारत के मंदिरों से बहुत मिलता-जुलता है। इसके शिखर में भी भारतीय मंदिरों के शिखरों की स्पष्ट झलक मिलती है। इस मंदिर और ऐलोरा के कैलास मंदिर के कलातत्व, विशेषत: मूर्तिकारी तथा आलेख्य विषयों और दृश्यों में अद्भुत साम्य है।
1
4,382.22793
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%A8
पेनिसिलिन
उपोत्पाद एल-लाइसिन, होमोसाइट्रेट का उत्पादन रोकता है, इसलिए पेनिसिलिन उत्पादन में बहिर्जनित लाइसिन की मौजूदगी को टालना चाहिए।
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4,371.755888
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AF
दत्तात्रेय
एक बार ब्रह्मा ब्रह्मलोक में ध्यान में लीन थे की तभी भगवान शंकर वहां पधारे वे ब्रह्मा का ध्यान टूटने का इंतजार करने लगे किन्तु ब्रह्मदेव ने अपने नेत्र नहीं खोले भगवान शिव की शांति का बांध टूटने लगा उन्होंने अपने डमरू से भी ब्रह्मदेव को जगाने का प्रयास किया किन्तु उनका ध्यान ही नहीं टूटा भगवान ब्रह्मा की जब आखें खुली तब उन्होंने शिवजी से माफ़ी मांगी किन्तु शिवजी को शांत नहीं कर सके उन्होंने भगवान सत्यनारायण का ध्यान किया जिससे भगवान विष्णु ने उनके क्रोध को शांत किया किन्तु उनका अंश आधे से ज्यादा नष्ट हो चुका था | तब देवी अनुसूया ने जब तीनों में से दो शिशु अर्थात् चंद्रदेव और दुर्वासा को जन्म दिया ( दुर्वासा सबसे बड़े और चंद्रमा दूसरे स्थान के पुत्र थे ) जब तीसरे शिशु ( अर्थात् दतात्रेय ) का जन्म नहीं हुआ किन्तु अनुसूया को प्रसव पीड़ा होती रही तब ब्रह्मा जी और शिवजी को सारी बात समझ आ गई तब उन्होंने अपने कुछ अंश भेजे जिससे दतात्रेय के गर्भ में ही तीन सिर और छ: भुजाएँ हो गई |
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4,365.70938
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE
फोबिया
फोबिया की बीमारी अन्य डरों से किस प्रकार अलग है? इसकी सबसे बड़ी विशेषता है व्यक्ति की चिन्ता, घबराहट और परेशानी यह जानकर भी कम नहीं होती कि दूसरे लोगो के लिए वही परिस्थिति खतरनाक नहीं है। यह डर सामने दिखने वाले खतरे से बहुत ज्यादा होते हैं। व्यक्ति को यह पता रहता है कि उसके डर का कोई तार्किक आधार नहीं है फिर भी वह उसे नियंत्रित नही कर पाता। इस कारण उसकी परेशानी और बढ़ जाती है।
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4,364.529699
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%A4%E0%A4%BE
श्यानता
मान लीजिए कि, कोई द्रव, जैसे पानी, किसी वृत्तीय छेद की संकीर्ण नली से होकर गुजर रहा है। यदि पानी धारारेखी गति से संकीर्ण नली से होकर प्रवाहित हो रहा है तथा नली के किसी अनुप्रस्थ परिच्छेद के ऊपर दबाव एक समान हो और द्रव की वह परत जो नली की गोलीय दीवार के संपर्क में हो एवं प्रयोगात्मक रूप से स्थिर हो, तो पानी का श्यानतागुणांक नीचे दिए हुए संबंध द्वारा निकाला जा सकता है :
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4,347.474614
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE
आजीविका
आप एक दवाइयों की दुकान चला सकते हैं या फिर एक दर्जी का काम कर सकते हैं। यदि एक व्यक्ति कोई आर्थिक क्रिया करता है तथा स्वयं ही इसका प्रबंधन करता है तो इसे स्वरोजगार कहते हैं। हर इलाके में आप छोटे-छोटे स्टोर, मरम्मत करने वाली दुकानें अथवा सेवा प्रदान करने वाली इकाइयां देखते हैं। इन प्रतिष्ठानों का एक ही व्यक्ति स्वामी होता है तथा वही उनका प्रबंधन करता है। कभी-कभी एक या दो व्यक्तियों को वह अपने सहायक के रूप में रख लेता है। किराना भंडार, स्टेशनरी की दुकान, किताब की दुकान, दवा घर, दर्जी की दुकान, नाई की दुकान, टेलीफोन बूथ, ब्यूटी पार्लर, बिजली, साइकिल आदि की मरम्मत की दुकानें स्वरोजगार आधारित क्रियाओं के उदाहरण हैं। इन भंडारों अथवा दुकानों के स्वामी प्रबन्ध्क क्रय-विक्रय क्रियाओं अथवा सेवा कार्यों से आय अर्जित करते हैं जो उनकी जीविका का साधन है। यदि उनकी आय व्यय से कम होती है तो उन्हें हानि होती है, जिसे उन्हें ही वहन करना होता है।
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4,333.91826
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चिकित्सा
इसमें तात्कालिक या स्थितिक निदान, प्राथमिक उपचार, चिकित्सा-क्षेत्र-निर्धारण, छुतहे रोगियों का पृथक्करण इत्यादि हैं।
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4,330.989497
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%B6
सारांश
किसी पाठ की सामग्री में भी सार और निस्सार बात में अंतर किया जा सकता है। जो बातें महत्त्व की होती हैं, उन्हें हम स्वीकार कर
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4,324.555363
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पितृमेध
सपिण्डरहित ब्राह्मण के मृत शरीर को ढोने वाले की पराशरमाधवीय ने बड़ी प्रशंसा की है और कहा है कि जो व्यक्ति मृत ब्राह्मण के शरीर को ढोता है, वह प्रत्येक पग पर एक-एक यज्ञ के सम्पादन का फल पाता है ऐसा कहना गलत है मानव जीवन एक समान और केवल पानी में डुबकी लेने और प्राणायाम करने से ही पवित्र हो जाता है। मनुस्मृति का कथन है कि जो व्यक्ति किसी सपिण्डरहित व्यक्ति के शव को प्रेमवश ढोता है, वह तीन दिनों के उपरान्त ही अशौचरहित हो जाता है। आदिपुराण को उद्धृत करते हुए हारलता ने लिखा है कि यदि कोई क्षत्रिय या वैश्य किसी दरिद्र ब्राह्मण या क्षत्रिय (जिसने सब कुछ खो दिया हो) के या दरिद्र वैश्य के शव को ढोता है, वह बड़ा यश एवं पुण्य पाता है और स्नान के उपरान्त ही पवित्र हो जाता है। सामान्यत: आज भी (विशेषत: ग्रामों में) एक ही जाति के लोग शव को ढोते हैं या साथ जाते हैं और वस्त्रसहित स्नान करने के पश्चात् पवित्र मान लिये जाते हैं। कुछ मध्यकाल की टीकाओं, यथा मिताक्षरा ने जाति-संकीर्णता की भावना से प्रेरित होकर व्यवस्था दी है कि "यदि कोई व्यक्ति प्रेमवश शव ढोता है, मृत के परिवार में भोजन करता है और वहीं रह जाता है तो वह दस दिनों तक अशौच में रहता है। यह नियम तभी लागू होता है, जब कि शव को ढोने वाला मृत की जाति का रहता है। यदि ब्राह्मण किसी मृत शूद्र के शव को ढोता है, तो वह एक मास तक अपवित्र रहता है, किन्तु यदि कोई शूद्र किसी मृत ब्राह्मण के शव को ढोता है तो वह दस दिनों तक अशौच में रहता है।" कूर्म पुराण ने व्यवस्था दी है कि यदि कोई ब्राह्मण किसी मृत ब्राह्मण के शव को शुल्क लेकर ढोता है या किसी अन्य स्वार्थ के लिए ऐसा करता है तो वह दस दिनों तक अपवित्र (अशौच) में रहता है और इसी प्रकार कोई क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र ऐसा करता है तो क्रम से 12, 15 एवं 30 दिनों तक अपवित्र रहता है।
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4,320.591614
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पेरियार
युवाओं के लिए कांग्रेस द्वारा संचालित प्रशिक्षण शिविर में एक ब्राह्मण प्रशिक्षक द्वारा गैर-ब्राह्मण छात्रों के प्रति भेदभाव बरतते देख उनके मन में कांग्रेस के प्रति विरक्ति आ गई। उन्होने कांग्रेस के नेताओं के समक्ष दलितों तथा पीड़ितों के लिए आरक्षण का प्रस्ताव भी रखा जिसे मंजूरी नहीं मिल सकी। अंततः उन्होने कांग्रेस छोड़ दिया। दलितों के समर्थन में १९२५ में उन्होने एक आंदोलन भी चलाया। सोवियत रूस के दौरे पर जाने पर उन्हें साम्यवाद की सफलता ने बहुत प्रभावित किया। वापस आकर उन्होने आर्थिक नीति को साम्यवादी बनाने की घोषणा की। पर बाद में अपना विचार बदल लिया।
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4,308.877549
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अहिल्या
राम और लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिलापुरी के वन उपवन आदि देखने के लिये निकले तो उन्होंने एक उपवन में एक निर्जन स्थान देखा। राम बोले, "भगवन्! यह स्थान देखने में तो आश्रम जैसा दिखाई देता है किन्तु क्या कारण है कि यहाँ कोई ऋषि या मुनि दिखाई नहीं देते?"
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4,307.524151
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मूल्य-निर्धारण
बाज़ार स्तर पर मूल्य-निर्धारण, तुलनात्मक प्रतिस्पर्धी उत्पादों के साथ उत्पाद के मूल्य अंतर की तुलना में क़ीमत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करता है।
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4,297.30838
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A4%BE
कोटा
कोटा की ख़ास पहचान यहां के कोचिंग संस्थान हैं। कोटा को भारत की "कोचिंग राजधानी" भी कहा जाता है। हर साल इस शहर में लाखों विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए आते हैं। पिछले कुछ सालों में कोटा एक प्रसिद्ध कोचिंग नगरी के रूप में उभरा है। शहर का शैक्षणिक क्षेत्र यहां की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है। यहां कई कोचिंग संस्थान है जो विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे कि IIT और NEET की तैयारी करवाते हैं।
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4,291.851058
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वराहावतार
एक बार सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार (ये चारों सनकादि ऋषि कहलाते हैं और देवताओं के पूर्वज माने जाते हैं) सम्पूर्ण लोकों से विरक्त होकर चित्त की शान्ति के लिये भगवान विष्णु के दर्शन करने हेतु उनके बैकुण्ठ लोक में गये। बैकुण्ठ के द्वार पर जय और विजय नाम के दो द्वारपाल पहरा दिया करते थे। जय और विजय ने इन सनकादिक ऋषियों को द्वार पर ही रोक लिया और बैकुण्ठ लोक के भीतर जाने से मना करने लगे।
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4,282.047334
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%B6
पेचिश
यकृत विद्रधि के अतिरिक्त इस रोग से उत्पन्न होनेवाले अन्य उपद्रवों में आंत्रछिद्रण (intestinal perforation) तथा अवरोध (obstruction), कोथ (gangrene), मूत्राशयशोथ हैं। इस रोग से बचने के लिये समस्त खाद्य एवं पेय पदार्थो को मक्खियों से दूर रखना चाहिए। जिस व्यक्ति के मल से इस रोग की पुटिया निकलती है, उस व्यक्ति को रसोइए का कार्य नहीं करना चाहिए जब तक मल के द्वारा रक्त एवं श्लेष्मा का निकलना बंद न हो जाय। रोगी को बार्ली का सेवन कराना चाहिए। जब श्लेष्मा का निकलना बंद हो जाय तब उसे पतला साबूदाना, अरारोट, चावल, दही इत्यादि का सेवन करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त ऐल्बुमिन जल भी देते हैं।
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4,275.358646
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%98%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2
मेघवाल
राजस्थान में इनके मुख्य आराध्य बाबा रामदेवजी हैं जिनकी वेदवापूनम (अगस्त - सितम्बर) के दौरान पूजा की जाती है। मेघवाल धार्मिक नेता गोकुलदास ने अपनी वर्ष 1982 की पुस्तक ‘मेघवाल इतिहास’, जो मेघवालों के लिए सम्मान और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार का प्रयास है और जो मेघवाल समुदाय के इतिहास का पुनर्निर्माण करती है, में दावा किया है कि स्वामी रामदेव स्वयं मेघवाल थे। गाँव के मन्दिरों में चामुंडा माता की प्रतिदिन पूजा की जाती है। विवाह के अवसर पर बंकरमाता को पूजा जाता है। डालीबाई एक मेघवाल देवी है जिसकी पूजा रामदेव के साथ-साथ की जाती है। भारत के जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल, हरियाणा राज्यों में पूर्वजपूजा (एक प्रकार का श्राद्ध) की जाती है। जम्मू-कश्मीर में डेरे-डेरियों पर पूर्वजों की वार्षिक पूजा प्रचलित है। कुछ मेघवार पीर पिथोरो की पूजा करते हैं जिसका मन्दिर मीरपुर खास के पास पिथोरो गाँव में है।
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4,268.946942
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A5%80%E0%A4%A8
कैफ़ीन
पहले इस्तेमाल होने वाले क्लोरीनेटेड व एरोमेटिक विलायकों की तुलना में एथिल एसीटेट जैसे कार्बनिक विलायक कम स्वास्थ्य व पर्यावरणीय जोखिम उपस्थित करते हैं। प्रयुक्त कॉफी बागान से प्राप्त ट्राइग्लिसराइड तेल का इस्तेमाल एक अन्य पद्धति है।
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4,252.655577
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%80
सूक्ष्मजैविकी
सूक्ष्म जीवी अनेक प्रकार के होते हैं जिनमें जीवाणु प्रमुख हैं। जीवाणु एक एककोशिकीय जीव है। इसका आकार कुछ मिलीमीटर तक ही होता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त-चक्राकार से लेकर छड़ आदि के आकार की हो सकती है। ये प्रोकैरियोटिक, कोशिका भित्तियुक्त, एककोशकीय सरल जीव हैं जो प्रायः सर्वत्र पाये जाते है। ये पृथ्वी पर मिट्टी में, अम्लीय गर्म जल-धाराओं में, नाभिकीय पदार्थों में, जल में, भू-पपड़ी में, यहाँ तक की कार्बनिक पदार्थों में तथा पौधौं एवं जन्तुओं के शरीर के भीतर भी पाये जाते हैं। साधारणतः एक ग्राम मिट्टी में ४ करोड़ जीवाणु कोष तथा १ मिलीलीटर जल में १० लाख जीवाणु पाए जाते हैं। संपूर्ण पृथ्वी पर अनुमानतः लगभग ५X१०३० जीवाणु पाए जाते हैं। जो संसार के बायोमास का एक बहुत बड़ा भाग है। ये कई तत्वों के चक्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, जैसे कि वायुमंडल के लिए नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में। हाँलाकि बहुत सारे वंश के जीवाणुओं का श्रेणी विभाजन भी नहीं हुआ है तथापि लगभग आधों की किसी न किसी जाति को प्रयोगशाला में उगाया जा चुका है। जीवाणुओं का अध्ययन बैक्टिरियोलोजी के अन्तर्गत किया जाता है जो सूक्ष्मजैविकी की ही एक शाखा है।
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4,234.336767
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मिर्ज़ापुर
विन्ध्याचल के पूर्व में स्थित तारकेश्‍वर महादेव का जिक्र पुराण में भी किया गया है। मंदिर के समीप एक कुण्ड स्थित है। माना जाता है कि तराक नामक असुर ने मंदिर के समीप एक कुण्ड खोदा था। भगवान शिव ने ही तारक का वध किया था। इसलिए उन्हें तारकेश्‍वर महादेव भी कहा जाता है। कुण्ड के समीप काफी सारे शिवलिंग स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने तारकेश्‍वर के पश्चिम दिशा की ओर एक कुण्ड और भगवान शिव के मंदिर का निर्माण किया था। इसके अतिरिक्त, ऐसा भी कहा जाता है कि तारकेश्‍वर में देवी लक्ष्मी निवास करती हैं। देवी लक्ष्मी यहां अन्य रूप में देवी सरस्वती के साथ वैष्णवी रूप में रहती है।
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4,232.928662
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%96%E0%A4%B0%E0%A4%A3-2
पोखरण-2
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और विपक्ष के नेता बेनजीर भुट्टो द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तीव्र दबाव का सामना करना पड़ा था। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने परमाणु परीक्षण कार्यक्रम को अधिकृत किया और पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (PAEC) ने कोडनेम 'चगाई' के तहत 28 मई 1998 को 'चगाई-1' तथा 30 मई 1998 को 'चगाई-2' परमाणु परीक्षण किए। चगाई और खरं परीक्षण स्थल पर भारत के अंतिम परीक्षण के पंद्रह दिनों बाद छह भूमिगत परमाणु परीक्षण आयोजित किए। परीक्षण का कुल प्रतिफल 40 कि. टन होने की सूचना दी गई थी। (कोडनेम देखें: चगाई-1)
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4,231.563964
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE
मल्टीमीडिया
व्यापार में - व्यापारी विज्ञापन के लिये मल्टीमीडिया का प्रयोग करते हैं। जिससे विज्ञापन के जरिए व्यापार में काफी लाभ होता है।
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4,227.428688
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%A1%E0%A4%BE
अण्डा
अंडों की संख्या जब पूरी हो जाती है, तब उनका सेना प्रारंभ होता हैं। पक्षी बड़ी लगन और तत्परता से अंडे सेते हैं, अपने पंखों से उन्हें गरम रखते तथा उनकी रक्षा करते हैं :
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4,207.805253
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%A8
देहरादून
देहरादून अपनी पहाडीयों और ढलानो के साथ-साथ साईकिलिंग का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। चारों ओर पर्वतो और हरियाली से घिरा होने के कारण यहाँ साईकिलिंग करना बहुत सुखद है। लीची देहरादून का पर्यायवाची है क्योंकि यह स्वादिष्ट फल चुनिँदा जलवायु में ही उगता है। देहरादून देश के उन जगहों में से एक है जहाँ लीची उगती है। लीची के अतिरिक्त देहरादून के चारों ओर बेर, नाशपत्ती, अमरूद्ध और आम के पेड है। जो नगर की बनावट को घेरे हुये है। ये सारी चीजे घाटी के आकर्षण में वृद्धि करती है। यदि आप मई माह या जून के शुरू की गर्मियों में भ्रमण के लिये जाओ तो आप इन फलों को केवल देखोगें ही नही बल्कि खरीदोंगे भी। बासमती चावल की लोकप्रियता देहरादून या भारत में ही नही बल्कि विदेशो में भी है। एक समय अंग्रेज भी देहरादून में रहते थे और वे नगर पर अपना प्रभाव छोड गयें। उदाहरण के रूप में देहरादून की बैकरीज (बिस्कुट आदि) आज भी यहाँ प्रसिद्ध है। उस समय के अंग्रेजो ने यहाँ के स्थानीय स्टाफ को सेंकना (बनाना) सीखाया। यह निपुणता बहुत अच्छी सिद्ध हुई तथा यह निपुणता अगली संतति सन्तान में भी आयी। फिर भी देहरादून के रहने वालो के लिये यहाँ के स्थानीय रस्क, केक, होट क्रोस बन्स, पेस्टिज और कुकीज मित्रों के लिये सामान्य उपहार है, कोई भी ऐसी नही बनाता जैसे देहरादून में बनती है।
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4,195.926727
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%B0
विदुर
अजातशत्रु युधिष्ठिर के इन वचनों को सुन कर विदुर जी ने उन्हें सभी तीर्थों का वर्णन सुनाया, किन्तु यदुवंश के विनाश का वर्णन को न कहना ही उचित समझा। वे जानते थे कि यदुवंश के विनाश का वर्णन सुन कर युधिष्ठिर को अत्यन्त क्लेश होगा और वे पाण्डवों को दुखी नहीं देख सकते थे। कुछ दिनों तक विदुर जी प्रसन्नता पूर्वक हस्तिनापुर में रहे।
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4,183.579195
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A5%8C%E0%A4%B0
लाहौर
लाहौर के उत्तर-पश्चिम किनारे में स्थित यह किला यहां का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। किले के भीतर शीश महल, आलमगीर गेट, नौलखा पेवेलियन और मोती मस्जिद देखी जा सकती है। यह किला 1400 फीट लंबा और 1115 फीट चौड़ा है। यूनेस्को ने 1981 में इसे विश्वदाय धरोहरों सूची में शामिल किया है। माना जाता है कि इस किले को 1560 ई. में अकबर ने बनवाया था। आलमगीर दरवाजे से किले में प्रवेश किया जाता है जिसे 1618 में जहांगीर ने बनवाया था। दीवाने आम और दीवाने खास किले के मुख्य आकर्षण हैं।
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4,180.584039
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%81%E0%A4%9A%E0%A5%80
राँची
टैगोर पहाड़ी की गिनती रांची के प्रमुख पर्यटक स्थलों में की जाती है। यह पर्यटकों के बीच बेहतरीन पर्यटक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। उन्हें पहाड़ी पर आकर बहुत अच्छा लगता है क्योंकि इस पहाड़ी से पूरे रांची के मनोहारी दृश्य देखे जा सकते हैं। पहाड़ी पर पत्थरों से बने शांतिधाम को भी देखा जा सकता है। इसका निर्माण गुरूदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के बड़े भाई ने कराया था।
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4,177.935989
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%B2%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE
बलराम
बलराम का जन्म यदूकुल में हुआ। कंस ने अपनी प्रिय बहन देवकी का विवाह यदुवंशी वसुदेव से विधिपुर्वक कराया।
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4,176.674817
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%AC%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BC
तरबूज़
कुछ का दावा है कि यह मोटापे और मधुमेह को भी रोकने का कार्य करता है। अर्जीनाइन नाइट्रिक ऑक्साइड को बढावा देता है, जिससे रक्त धमनियों को आराम मिलता है। एक भारतीय-अमरीकी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि तरबूज़ वायग्रा-जैसा असर भी पैदा करता है। टेक्सास के फ्रुट एंड वेजीटेबल इम्प्रूवमेंट सेंटर के वैज्ञानिक डॉ भिमु पाटिल के अनुसार, "जितना हम तरबूज़ के बारे में शोध करते जाते हैं, उतना ही और अधिक जान पाते हैं। यह फल गुणो की खान है और शरीर के लिए वरदान स्वरूप है। तरबूज़ में सिट्रुलिन नामक न्यूट्रिन होता है जो शरीर में जाने के बाद अर्जीनाइन में बदल जाता है। अर्जीनाइन एक एम्यूनो इसिड होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है और खून का परिभ्रमण सुदृढ रखता है।
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4,173.11506
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A5%88%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%AF
नैमिषारण्य
काशीविश्वनाथ मंदिर - चक्रतीर्थ ललिता देवी मार्ग से आधा किलोमीटर की दूरी पर एक प्राचीन शिवधाम है जहाँ के बारे में मान्यता है कि सावन मास में एक माह तक यहां निरन्तर दर्शन करने से सारे कार्य सिद्ध होते हैं , नैमिष स्थित काशी तीर्थ के निकट स्थित भोले बाबा का पवित्र धाम काशीविश्वनाथ मंदिर स्थित है , यहाँ की महिमा ऐसी है कि जो व्यक्ति वाराणसी जाकर बाबा काशीविश्वनाथ के दर्शन न कर सके उसे यहाँ दर्शन करने से पूरा फल मिलता है ये बेहद प्राचीन मंदिर सहसा ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है , इस मन्दिर प्रबन्धक पं पुरुषोत्तम शास्त्री बताते है कि जब देवताओं ने महर्षि दधीचि से उनकी अस्थियां दान करने का निवेदन किया तो दधीचि ऋषि ने मनुष्य योनि से मुक्ति के लिए सभी तीर्थों और देवस्थलों के दर्शन करने का देवताओं से आग्रह किया । जिस पर देवराज इंद्र ने नैमिष तीर्थ में सभी देवो व तीर्थो को आमन्त्रित किया । सभी ने नैमिष की चौरासी कोसीय परिक्रमा में अपना स्थान ग्रहण किया। जिनके दर्शन और पूजन से महर्षि दधीचि को मोक्ष मिला और उनकी अस्थियों से परम् शक्तिशाली वज्र शक्ति का निर्माण हुआ एवं दुष्ट वृत्तासुर का वध हुआ । इसी क्रम में चक्रतीर्थ के पूर्व में स्थित काशी क्षेत्र में काशीकुण्ड के निकट द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख प्रभु काशी विश्वनाथ जी का आगमन हुआ है उनके स्वरूप की प्रतिकृति यहाँ आज भी विद्यमान है मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन पूजन से वाराणसी के काशी विश्वनाथ के समकक्ष पुण्य अर्जित होता है ये शिवालय चिरकाल से यहाँ आने वाले शिवभक्तो की आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है । इसके अलावा इस स्थान पर मां अन्नपूर्णा देवी का भी मंदिर है जो वाराणसी में अन्नपूर्णा दर्शन के समान ही फल प्रदान करता है ।
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4,152.717994
20231101.hi_31824_12
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AE
ज़ुकाम
नियमित रूप से हाथ धोने से ज़ुकाम के विषाणुओं के संचरण को कम किया जा सकता है। यह बच्चों के बीच सबसे अधिक प्रभावी है। यह ज्ञात नहीं है कि सामान्य रूप से हाथ धोने के दौरान वायरसरोधी या बैक्टीरियारोधी पदार्थों के प्रयोग से हाथ धोने के लाभ बढ़ते हैं या नहीं संक्रमित लोगों के आसपास रहने के दौरान मास्क पहनना लाभकारी होता है। यह निर्धारित करने के लिए पर्याप्त प्रमाण नहीं है कि अधिक शारीरिक और सामाजिक दूरी बनाना इसमें लाभकारी है या नहीं। ज़िंक अनुपूरण, किसी व्यक्ति में ज़ुकाम होने की आवृ्ति कम करने में प्रभावी हो सकता है। नियमित तौर पर लिया जाने वाला विटामिन सी पूरक सामान्य ज़ुकाम की गंभीरता या जोखिम को कम नहीं करता है। विटामिन सी ज़ुकाम की अवधि को कम कर सकता है।
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4,151.430307
20231101.hi_11676_19
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE
महिला
शाकल्य देवी महाराज अश्वपति की पत्नी थीं। एक बार अश्वपति महाराज ने ऋषियों से कहा कि मैं राष्ट्र में कन्याओं का भी निर्वाचन चाहता हूं। देश में ऐसी कौन महान वेदों की विदुषी है जो देवकन्याओं को वेदों की शिक्षा प्रदान करे। ऋषियों ने बताया कि आपकी पत्नी से बढ़कर वेदों की विदुषी और कोई नहीं है। तो राजा ने अपनी पत्नी शाकल्य देवी को वनवास दे दिया, ताकि वे वनों में रहकर कन्याओं के गुरुकुल स्थापित करें, आश्रम बनाएं और उसमें देश की कन्याएं शिक्षा पाएं। उन्होंने ऐसा ही किया। शाकल्य देवी ऐसी पहली विदुषी हैं, जिन्होंने कन्याओं के लिए शिक्षणालय स्थापित किए थे।
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4,133.952432
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जयललिता
तमिल सिनेमा में उन्होंने जाने माने निर्देशक श्रीधर की फिल्म 'वेन्नीरादई' से अपना करियर शुरू किया और लगभग 300 फिल्मों में काम किया। उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगु, कन्नड़, अँग्रेजी और हिन्दी फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने धर्मेंद्र सहित कई अभिनेताओं के साथ काम किया, किन्तु उनकी ज्यादातर फिल्में शिवाजी गणेशन और एमजी रामचंद्रन के साथ ही आईं।
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4,105.409159
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टीकाकरण
CDC.gov - 'National Immunization Program: leading the way to healthy lives', US Centers for Disease Control (CDC information on vaccinations)
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4,104.937619
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2
दल-बदल
(१) सरकार के अस्थायी होने का खतरा अर्थात् बार-बार चुनाव करवाना पड़ेगा जो कि यह गम्भीर समस्या बन जायेगी इसके लिए संसदीय शासन न हो कर बल्कि अध्यक्षीय शासन करना पड़ेगा ।
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4,103.409834
20231101.hi_56890_5
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%AD
जीभ
जीभ के अग्रभाग के नीचे का सब-लिंगुअल क्षेत्र ऐसा स्थान होता है, जहां ओरल म्यूकोसा काफी पतला होता है तथा जिसपर शिराओं की जालिका बिछी होती हैं। यह शरीर के कुछ प्रकार के उपचारों का आरंभ-स्थान होता है। सब-लिंगुअल रूट को ओरल कैविटी के उच्च वस्कुलर गुण का लाभ मिलता है तथा यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नली में न जाकर कार्डियो-वस्कुलर प्रणाली के उपचार के त्वरित कार्य की अनुमति देता है। एंजाइना पेक्टोरिस, सीने के दर्द के रोगियों में नाइट्रोग्लिसरीन देने का यह एकमात्र (I.V. ऐड्मिनिस्ट्रेशन के अलावा) आसान तथा प्रभावशाली तरीका है। यदि गोली निगली जाती है, तो उपचार को यकृत के विसंदूषण प्रक्रिया द्वारा निरस्त कर दिया जाता है।
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4,102.394858
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समकालीन
पोस्ट कम्युनिस्ट अवधि में, रूसी संघ एक स्वतंत्र देश बन गया। पन्द्रह गणराज्यों में, जिनसे मिलकर सोवियत संध की स्थापना हुई थी, रूस 60% जीडीपी के लिए जिम्मेदार तथा सोवियत संघ की पूरी जनसंख्या का आधा होने के साथ सबसे बड़ा था। कम्युनिस्ट पार्टी तथा सोवियत सेना पर भी रूसियों का प्रभुत्व था। रूस को सोवियत संघ के कूटनीतिक मामलों में उततराधिकारी राज्य के रूप में व्यापक रूप में स्वीकृति हासिल थी तथा इसने यूएसएसआर की स्थायी सदस्यता तथा यूएन सुरक्षा परिषद में वीटो प्राप्त किया था; देखिए रूस एवं संयुक्त राष्ट्र . रूस में राजनौतिक संस्कृति एवं सामाजिक संरचना की बहुत सारी चीजें अपनी जारसाही और सोवियत अतीत के साथ आज भी जारी है।
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4,101.908625
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मंगोलिया
मंगोलिया में सैंकडों छोटे-बड़े विहार हैं। प्रत्येक विहार में अनेक लामा निवास करते हैं तथा अध्ययन-अध्यापन व धर्मप्रचार का कार्य करते हैं। गांडुड़, प्रमुख विहारों में से एक है। यह आज भी दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। गांडुड़ का अर्थ है तुषित विहार। विहार के द्वार पर विहार का संस्कृत नाम ‘‘तुषितः महायानद्वीपः’’ मोटे अक्षरों में लिखा गया है। यह चारों ओर से शंख, चक्र व आदि चित्रों से अलंकृत है। प्रवेश-द्वार पर दो सिंह बने हैं जो विहार के रक्षक के रूप में सुशोभित हैं। प्रांगण में प्रवेश करते ही मुख्यद्वार पर धर्मचक्र और दोनों ओर दो शान्तमुख मृग बने हैं। ऐसा ही मृगदाव का चित्र भारत में सारनाथ में दृष्टिगोचर होता है। चारों ओर की भित्तियों पर अनेक सुन्दर चित्र हैं। भगवान बुद्ध की अनेक भावमुद्राओं तथा आचार्यों के चित्र। छतों की अत्यन्त सुन्दर चित्रकारी आपको आश्चर्यचकित कर देगी।
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4,090.812889
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
समीकरण
सामान्यतः दोनों पक्षों का कोई फलन निकालने पर भी समीकरण सत्य बना रहता है। किन्तु इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि कोई वाह्य हल (extraneous solutions) न आ जाय।
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4,090.653067
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%A4%E0%A4%BE
आध्यात्मिकता
हेन, डेविड. "क्रिस्चियनिटी एंड ट्रेडिशनल लकोटा / डकोटा स्पिरिचुएलिटी: ए जेम्सियन इंटरप्रिटेशन." मैकनीज़ समीक्षा 35 (1997): 128-38.
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4,089.278652
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%88%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%AE
पोटैशियम
यदि पोटैशियम को अधिक ऑक्सीजन के वातावरण में जलाया जाय, तो नारंगी रंग का ठोस पोटैशियम डाऑक्साइड बनता है। यह अत्यंत सक्रिय यौगिक है और जल से क्रिया कर ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन परऑक्साइड दोनों मुक्त करता है। यह अनेक तत्वों का ऑक्सीकरण तीव्र गति से करता है।
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4,084.623287
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%83%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A4%95%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A5%8D
मृच्छकटिकम्
छठा अंक (प्रवहणविपर्यय) : सुबह चारुदत्त पुष्पकरण्डक उद्यान में घूमने जाता है, वसन्तसेना के लिए गाड़ी तैयार रखने का आदेष देकर ताकि वह उसमें उद्यान तक यात्रा कर सके। यहीं वसन्तसेना चारुदत्त के पुत्र रोहसेन को यह जिद करते देखती है कि वह मिट्टी की गाड़ी से नहीं स्वर्ण-शकटिका (सोने की गाड़ी) से खेलना चाहता है। वसन्तसेना सारे आभूषाण मिट्टी की गाड़ी में रखकर कहती है कि इससे सोने की गाड़ी बना लेना। वसन्तसेना चारुदत्त से उद्यान में भेंट करने निकलती है, पर भूल से उसी स्थान पर खड़ी शाकार की गाड़ी में बैठ जाती है। उधर कारागार तोड़कर, रक्षक को मारकर निकल भागा ग्वाले का बेटा आर्यक, बचाव के लिए चारुदत्त के वाहन में चढ़ जाता है। रास्ते में दो पुलिस के सिपाही- वीरक और चन्दनक वाहन देखते भी हैं, पर उनमें से एक आर्यक को रक्षा करने का वचन देकर जाने देता है।
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4,071.46776
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%95
सूजाक
अव्यक्त सिफलिस को रोग के लक्षणों के बिना संक्रमण के सेरोलॉजिक साक्ष्य द्वारा परिभाषित किया जाता है। अमरीका में इसे शीघ्र (early) (द्वितीयक सिफलिस के बाद 1  वर्ष से पहले) या विलम्बित (late) (द्वितीयक सिफलिस के 1 वर्ष से अधिक बाद) के रूप में भी जाना जाता है। यूनाइटेड किंगडम शीघ्र (early) और विलम्बित (late) अव्यक्त सिफलिस के लिये दो वर्ष का कट-ऑफ का उपयोग करता है। शीघ्र (early) अव्यक्त सिफलिस में लक्षणों का पतन हो सकता है। विलम्बित (late) अव्यक्त सिफलिस अलाक्षणिक है और शीघ्र (early) अव्यक्त सिफलिस जितना संक्रामक भी नहीं है।
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4,062.527985
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B6%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A4%97%E0%A4%B0
कुशीनगर
कुशीनगर उत्तरी भारत का एक प्राचीन नगर है जो मल्ल गण की राजधानी था। दीघनिकाय में इस नगर को 'कुशीनारा' कहा गया है (दीघनिकाय २।१६५)। इसके पूर्व इसका नाम 'कुशावती' था। कुशीनारा के निकट एक सरिता 'हिरञ्ञ्वाती' (हिरण्यवती) का बहना बताया गया है। इसी के किनारे मल्लों का शाल वन था। यह नदी आज की छोटी गंडक है जो बड़ी गंडक से लगभग १२ किलोमीटर पश्चिम बहती है और सरयू में आकर मिलती है। बुद्ध को कुशीनगर से राजगृह जाते हुए ककुत्था नदी को पार करना पड़ा था। आजकल इसे बरही नदी कहते हैं और यह कुशीनगर से 12 किमी की दूरी पर बहती है।
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4,058.362774
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%80
कुर्मी
उस समय के रिकॉर्ड बताते हैं कि पश्चिमी बिहार के भीतर, कुर्मियों ने सत्तारूढ़ उज्जैनिया राजपूतों के साथ गठबंधन किया था। 1712 में मुगलों के खिलाफ विद्रोह करने पर कुर्मी समुदाय के कई नेताओं ने उज्जैनिया राजा कुंवर धीर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी थी। उनके विद्रोह में शामिल होने वाले कुर्मी समुदाय के नेताओं में नीमा सीमा रावत और ढाका रावत शामिल थे।18 वीं शताब्दी की शुरुआत में मुगल शासन के लगातार जारी रहने के साथ, भारतीय उपमहाद्वीप के भीतरी इलाकों के निवासी, जिनमें से कई सशस्त्र और खानाबदोश थे, वे अक्सर बसे हुए क्षेत्रों में दिखाई देने लगे और शहरवासियों और कृषकों के साथ मेलजोल करने लगे।
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4,051.202647
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सर्पगन्धा
जड़ का रस अथवा अर्क उच्च-रक्तचाप की बहुमूल्य औषधि है। जड़ों के अर्क का उपयोग फोड़े-फुन्सियों (pimples & boils) के उपचार में भी होता है। जड़ों का अर्क प्रसव पीड़ा के दौरान बच्चे के जन्म को सुलभ बनाने हेतु (बच्चेदानी के संकुचन को बढ़ाने के लिए) दिया जाता है। जड़ों के अर्क का प्रयोग हिस्टीरीया (hysteria) तथा मिर्गी (epilepsy) के उपचार में भी होता है। इसके अतिरिक्त, घबराहट तथा पागलपन (insanity) के उपचार में भी सर्पगंधा की जड़ों का प्रयोग किया जाता है।
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4,040.64699
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0
भरतपुर
भरतपुर राष्ट्रीय उद्यान केवलादेव घना के नाम से भी जाना जाता है। केवलादेव नाम भगवान शिव को समर्पित मंदिर से लिया गया है जो इस उद्यान के बीच में स्थित है। घना नाम घने वनों की ओर संकेत करता है जो एक समय इस उद्यान को घेरे हुए था। यहाँ करीब ३७५ प्रजातियों के पक्षी पाये जाते हैं जिनमें यहाँ रहने वाले और प्रवासी पक्षी शामिल हैं। यहाँ भारत के अन्य भागों से तो पक्षी आते ही हैं साथ ही यूरोप, साइबेरिया, चीन, तिब्बत आदि जगहों से भी प्रवासी पक्षी आते हैं। पक्षियों के अलावा साम्भर, चीतल, नीलगाय आदि पशु भी यहाँ पाये जाते हैं।
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4,038.542012
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9F%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%A1%E0%A5%8B%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%9F%E0%A4%BE
टेरिडोफाइटा
5. लेपिडोडेंड्रैलीज (Lepidodendrales) के केवल फॉसिल मिले हैं। पुराजीवकल्प (Paleozoic cra) में इनका बाहुल्य था। संभवत: ये नीचे, गीले स्थानों पर होते थे और इनकी जड़ें पानी में डूबी रहती थीं। ये नौ से लेकर 12 मीटर तक ऊँचे और एक से लेकर दो मीटर व्यास तक के होते थे। बड़े पेड़ों के अतिरिक्त इनके छोटे छोटे पौधे भी होते थे। इनके अनेक पौधों का अब तक अध्ययन किया गया है।
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4,036.904842
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6
मानवतावाद
"मानवतावाद (ह्यूमनिज्म)" शब्द के अनेक अर्थ हैं। 1806 के आसपास जर्मन स्कूलों द्वारा पेश किये गए पारंपरिक पाठ्यक्रमों की व्याख्या के लिए ह्युमानिस्मस का इस्तेमाल किया गया था और 1836 में "ह्यूमनिज्म " को इस अर्थ में अंग्रेजी को प्रदान किया गया था। 1856 में महान जर्मन इतिहासकार और भाषाविद जॉर्ज वोइट ने ह्यूमनिज्म का इस्तेमाल पुनर्जागरण संबंधी मानवतावाद की व्याख्या के लिए किया था, यह आंदोलन पारंपरिक शिक्षा को पुनर्जीवित करने के लिए इतालवी पुनर्जागरण के दौरान खूब फला-फूला था, जिसमें इसके इस्तेमाल को कई देशों, विशेषकर इटली में इतिहासकारों के बीच व्यापक स्वीकृति मिली थी। "ह्युमनिस्ट" शब्द का ऐतिहासिक और साहित्यिक प्रयोग 15वीं सदी के इतालवी शब्द युमनिस्ता से निकला है जिसका अर्थ पारंपरिक ग्रीक और इतालवी साहित्य का एक शिक्षक या विद्वान और इसके पीछे का नैतिक दर्शन है।
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4,034.132424
20231101.hi_832348_34
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%A6%E0%A4%AE
आदम
जब फ़रिश्तों को ख़बर हुई तो वो इस औरत को देखने आये और कहा ऐ आदम! इसका नाम क्या है? आदम अलैहिस्सलाम ने जवाब दिया- “हव्वा” इन्होंने फिर पूछा- “ये नाम क्यों रखा? कहा- "इसलिए की यह “हइ” यानि ज़िंदा इन्सान से पैदा की गई।”
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4,029.030169
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE
लोककथा
विभिन्न प्रकार के दैविक एवं प्राकृतिक प्रकोपों का भय दिखाकर श्रोताओं को धर्म तथा कर्तव्यपालन के पथ पर ले आना भी बहुत सी लोककथाओं का लक्ष्य होता है। सारी सृष्टि उस समय एक धरातल पर उतर आती है जब सभी जीव-जंतुओ की भाषा एक हो जाती है। कहीं मनुष्य पशु से बात करता है तो कहीं पशु पक्षी से। सब एक दूसरे के दु:ख-सुख में समीप दिखाई पड़ते हैं। लोकगीतों की भाँति लोककथाएँ भी किसी सीमा को स्वीकार नहीं करतीं। अंचलों की बात तो जाने दीजिए ये कथाएँ देशों और महाद्वीपों की सीमाएँ भी पार कर गई हैं। इन कथाओं की विशेषता यह भी है कि ये मानव जीवन के सभी पहलुओं से संपर्क रखती हैं। इधर लोककथाओं के जो संग्रह हुए हैं उनमें तो बहुत ही थोड़ी कथाएँ आ पाई हैं। भले ही हम उनके संरक्षण की बात करें परंतु अपनी विशेषताओं के कारण ही श्रुति एवं स्मृति के आधार पर जीवन प्राप्त करनेवाली ये कथाएँ युगों से चली आ रही हैं। ये कथाएँ मुख्य रूप से तीन शैलियों में कही जाती हैं। प्रथम गद्य शैली; इस प्रकार में पूरी कथा सरल एवं आंचलिक बोली में गद्य में कही जाती है। द्वितीय गद्य पद्य मय कथाएँ - इन्हें चंपू शैली की कथा कहा जा सकता है। ऐसी कथाओं में प्राय: मार्मिक स्थलों पर पद्य रचना मिलती हैं। तीसरे प्रकार की कथाओं में पद्य गद्य के स्थान पर एक प्रवाह सा होता है। यह प्रवाह श्रोताओं पर अच्छा असर डालता है किंतु इस में द्वितीय प्रकार की कथाओं के पद्यों की भाँति गेयता नहीं होती, जैसे :
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4,020.366815
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A0%E0%A5%8B%E0%A4%B8
ठोस
अधिकतर ठोस पदार्थ क्रिस्टलीय प्रकृति के होते हैं। उदाहरण के लिए सभी धात्विक तत्व; जैसे- लोहा, ताँबा और चाँदी; अधात्विक तत्व; जैसे-सल्फर, फॉसफोरस और आयोडीन एवं यौगिक जैसे सोडियम क्लोराइड, जिंक सल्पाइड और नेप्थेलीन क्रिस्टलीय ठोस हैं।
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3,999.114626
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A3
निर्माण
तकनीकी और विशेष व्यवसायों में और अधिक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, क्योंकि वहां और अधिक तकनीकी ज्ञान की जरूरत होती है। इन व्यवसायों भी और अधिक कानूनी जिम्मेदारी होती है। शैक्षिक आवश्यकताओं की एक रूपरेखा के साथ मुख्य करियर की एक छोटी सूची नीचे दी जा रही हैं:
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3,991.953122
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8
बिलीरुबिन
2 महीने से कम आयु के शिशुओं में सल्‍फ़ोनामाइड निषिद्ध हैं (अपवाद है जब टोक्सोप्लाज़मोसिज़ के उपचार में पैरिमीथामाइन के साथ प्रयुक्त होता है) क्योंकि वे विसंयुग्मित बिलीरुबिन वृद्धि करते हैं जिससे केर्निक्टेरस हो सकता है। (स्रोत: http://www.merck.com/mmpe/sec14/ch170/ch170n.html?qt=kernicterus&alt=sh#sec14-ch170-ch170n-404f)
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3,989.298863
20231101.hi_17815_4
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE%E0%A4%B0
क्षार
धातुओं के ऑक्साइड और हाइड्राॅक्साइड क्षारक होते हैं। क्षार धातुओं के ऑक्साइड जल में शीघ्र घुल जाते हैं। कुछ धातुओं के ऑक्साइड जल में कम विलेय होते हैं और कुछ धातुओं के ऑक्साइड जल में ज़रा भी विलेय नहीं हैं। कुछ अधातुओं के हाइड्राइड, जैसे नाइट्रोजन और फाॅस्फोरस के हाइड्राइड (क्रमश: अमोनिया और फाॅस्फीन) भी भस्म होते हैं।
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3,989.159463
20231101.hi_928_37
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%B8%E0%A5%89%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A5%8D%E0%A4%9F
माइक्रोसॉफ़्ट
जब Microsoft ने सार्वजनिक किया और 1986 में अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) लॉन्च की, तो स्टॉक की शुरुआती कीमत $ 21 थी; कारोबारी दिन के बाद, मूल्य $ 27.75 पर बंद हुआ। जुलाई 2010 तक, कंपनी के नौ स्टॉक विभाजन के साथ, किसी भी आईपीओ शेयरों को 288 से गुणा किया जाएगा; अगर कोई आज आईपीओ खरीदता है, तो स्प्लिट्स और अन्य कारकों को देखते हुए, इसकी कीमत लगभग 9 सेंट होगी। [१६]: २३५-२३६ [१२६] [१२]] १ ९९९ में स्टॉक की कीमत लगभग $ ११ ९ ($ ६०.९ २,) पर पहुंच गई, जिसके लिए समायोजन किया गया। विभाजन)। [128] कंपनी ने 16 जनवरी, 2003 को लाभांश की पेशकश शुरू की, जिसके बाद वित्त वर्ष के लिए प्रति शेयर आठ सेंट शुरू हुआ और उसके बाद आने वाले वर्ष में प्रति शेयर सोलह सेंट का लाभांश था, जो 2005 में वार्षिक तिमाही से बढ़कर आठ सेंट प्रति शेयर था। तिमाही और वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए प्रति शेयर तीन डॉलर का एक विशेष भुगतान। [१२]] [१२ ९] हालांकि कंपनी ने बाद में लाभांश भुगतान में वृद्धि की थी, माइक्रोसॉफ्ट के स्टोक की कीमत
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3,989.154469
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A5%80
स्पेक्ट्रोस्कोपी
स्पेक्ट्रोलेखी की उपयोगिता दो बातों पर निर्भर करती है। पहली उसकी परिक्षेपण क्षमता और दूसरी विभेदन क्षमता (Resolving power) है। किसी स्पेक्ट्रोलेखी में परिक्षेपक संयंत्र से निकलने पर विभिन्न तरंगदैर्घ्य की रश्मियाँ एक दूसरी से जितना ही अधिक पृथक् हो जाती हैं उस स्पेक्ट्रोलेखी की परिक्षेपण क्षमता उतना ही अधिक होती है। इसी प्रकार दो अत्यंत समीपवर्ती तरंगदैर्घ्य की रेखाओं को एक दूसरी से ठीक ठीक अलग दिखाने की क्षमता को विभेदनक्षमता कहते हैं। यदि किसी स्पेक्ट्रम में दो ऐसी रेखाएँ ली जाएँ जिनमें एक का तरंगदैर्घ्य और दूसरी का + हो तो अधिक विभेदनक्षमतावाले स्पेक्ट्रोलेखी में दोनों रेखाएँ एक दूसरी से अलग दिखाई देती हैं किंतु कम विभेदक स्पेक्ट्रोलेखी में दोनों मिलकर केवल एक ही रेखा दिखाई पड़ती है। विभेदनक्षमता को निम्नलिखित अनुपात द्वारा व्यक्त किया जाता है।
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3,986.102532
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%A7%E0%A4%A8
पशुधन
ऐतिहासिक रूप से पशु पालन भौतिक संस्कृति के खानाबदोश अथवा चारागाही सम्बन्धी रूप का भाग है। विश्व के कुछ भागों में ऊंटों अथवा रेनडियर के झुंडों को रखना निष्क्रिय कृषि से सम्बंधित नहीं होता है। कैलिफोर्निया की सियेरा नेवाडा पर्वत श्रृंखला में पशुओं के झुंडों का ट्रांसह्यूमेंस रूप अभी भी प्रचलन में है, जिसमें मवेशियों, भेड़ों अथवा बकरियों को मौसम परिवर्तन होने के साथ ही सर्दियों में चराई के लिए कम ऊंचाई की घाटियों में तथा वसंत व गर्मियों में चराई के लिए अल्पाइन क्षेत्र के पर्वत आधारों में ले जाने की परम्परा है। मवेशियों को पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका व कनाडा, अर्जेंटीना के पाम्पस तथा विश्व के अन्य प्रेरी व स्टेपी क्षेत्रों में खुले क्षेत्र में पालने का प्रचलन है।
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3,983.186727
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उपनिवेश
उपनिवेशों की स्थापना ने विभिन्न समयों एवं क्षेत्रों में विभिन्न रूप धारण किए हैं। फिनीशियाइयों द्वारा भूमध्यसागर के तटवर्ती भागों में स्थापित उपनिवेश अपनी मातृभूति के व्यापारकेंद्रों के रूप में कार्य करते थे। विभिन्न ग्रीक समुदायों को उपनिवेश की स्थापना करने के लिए आर्थिक समस्याओं ने बाध्य किया जो अब, एथेंस के उपननिवेशों को छोड़कर, मातृभूमि से स्वतंत्र थे। रोम ने साम्राज्यरक्षा के लिए अपने नागरिकों के छोटे-छोटे उपनिवेशों की स्थापना विजित विदेशियों के बीच की थी। दक्षिण पूर्वी एशिया के भूभाग भारतीय बस्तियों से भरे पड़े थे, किंतु हिंदेशिया ऐस क्षेत्र, जो किसी समय बृहद् भारत के अंग थे, मातृभूमि स्वतंत्र थे।
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3,977.796555
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%B0
गाजर
त्वचा के लिए गुणकारी गाजर : गाजर में एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को झुर्रियों, पिगमेंटेशन व महीन रेखाओं से बचाने में मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध शोध के मुताबिक, गाजर में बीटा-कैरोटिन होता है, जो त्वचा को मुक्त कणों व सूरज की हानिकारक किरणों से बचा सकता है ।
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3,973.451448
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अस्पृश्यता
इन की स्त्रिया और बड़े बूड़ों को राज्य द्वारा उठा लिया जाता और बागियों को राज्य के सामने हतियार डालने पर मजबूर किया जाता । वही बागी अन्य बागियों के साथ मिल जनक्रांतियों की रचना करते और हर सत्ता पलट के बाद वे पुनः मुख्य धार का हिस्सा बनते ।
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3,968.433754
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अगस्त्य
दक्षिण भारत में अगस्त्य तमिल भाषा के आद्य वैय्याकरण हैं। यह कवि शूद्र जाति में उत्पन्न हुए थे इसलिए यह 'शूद्र वैयाकरण' के नाम से प्रसिद्ध हैं। यह ऋषि अगस्त्य के ही अवतार माने जाते हैं। ग्रंथकार के नाम परुनका यह व्याकरण 'अगस्त्य व्याकरण' के नाम से प्रख्यात है। तमिल विद्वानों का कहना है कि यह ग्रंथ पाणिनि की अष्टाध्यायी के समान ही मान्य, प्राचीन तथा स्वतंत्र कृति है जिससे ग्रंथकार की शास्त्रीय विद्वता का पूर्ण परिचय उपलब्ध होता है।
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3,964.702598
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कादम्बरी
जहां तक कथानक का सम्बन्ध है, बाणभट्ट बृहत्कथा के ऋणी हैं। सोमदेव द्वारा रचित बृहत्कथा के संस्कृत संस्करण में उपलब्ध सोमदेव एवं कमरन्द्रिका की कथा चन्द्रापीड एवं कादम्बरी की कथा से साम्य रखती हैं। परन्तु शुकनास का चरित्र-चित्रण वैशम्पायन तथा महाश्वेता की प्रेमकथा इत्यादि बाण की कल्पना है। कथानक के आविष्कार के लिए बाण को यश प्राप्त नहीं हुआ बल्कि उदात्त चरित्र-चित्रण, विविध वर्णन, मानवीय भावों के चित्रण तथा प्रकृति सौन्दर्य के कारण ही बाण को कवियों में उच्च स्थान की प्राप्ति हुई है।
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3,955.260613
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रेखाचित्र
एक जटिल आकार के निर्माण के समय जैसे एक मानव आकृति, यह सुविधाजनक होता है कि शुरुआत में स्वरूप को आरंभिक आकारों के एक सेट से दर्शाया जाए. लगभग किसी भी रूप को घन, क्षेत्र, बेलन और शंकु के कुछ संयोजन के द्वारा दर्शाया जा सकता है। एक बार ये बुनियादी आकार जब एक स्वरूप में इकट्ठे कर दिए जाते हैं, तो आरेखण को एक अधिक सटीक और साफ़ रूप में परिष्कृत किया जा सकता है। आरंभिक आकृतियों की रेखाओं को अंतिम आकार द्वारा हटा और प्रतिस्थापित कर दिया जाता है। अंतर्निहित निर्माण का आरेखण, प्रतिनिधित्ववादी कला के लिए एक बुनियादी कौशल है और यह कई किताबों और स्कूलों में पढ़ाया जाता है, क्योंकि इसका सही आवेदन अधिकांश छोटे विवरणों की अनिश्चितताओं का समाधान कर देगा और अंतिम छवि को आत्म-स्थिर बना देगा.
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3,945.774874
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A5%82%E0%A4%A4%E0%A4%BE
जूता
चमकाना: विशेष रूप से चमड़े के जूतों और बूट की सुरक्षा के लिए, जल रोधन (कुछ सीमा तक) और रंग-रूप के लिए।
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3,940.754484
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A5%80
पाबूजी
पाबूजी के दैवीयकरण के समान, देवल माता को दैवीय गुणों से युक्त वर्णित किया गया है, जिनमें से एक चारण के रूप में उनकी पहचान है, और अंततः आदि देवी, हिंगलाज का अवतार है। वह राजस्थान, सिंध, गुजरात और यहां तक कि बलूचिस्तान सहित 'रेगिस्तान' क्षेत्र के बहुमुखी चारण समुदाय के समान कई भूमिकाएं निभाती हैं।
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3,939.502948
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गर्भस्राव
इस नुकसान के बाद दूसरों का भावनात्मक समर्थन बहुत महत्वपूर्ण होता है। जिन लोगों ने गर्भस्राव का अनुभव नहीं किया है, उन लोगों के लिए यह समझना बेहद मुश्किल है कि ऐसे दौर में इंसान क्या महसूस करता है और उन पर क्या गुजरती है और सहानुभूति प्रकट करना बहुत मुश्किल होता है। यह अभिभावक के उबरने की अवास्तविक उम्मीदों को जन्म दे सकता है। किसी भी बातचीत में वे शायद ही अब गर्भावस्था और गर्भस्राव का उल्लेख करते हैं क्योंकि यह मुद्दा बहुत दर्दनाक होता है। इसकी वजह से महिला खुद को विशेष रूप से कटा हुआ महसूस कर सकती है। चिकित्सकों द्वारा अनुपयुक्त या असंवेदनशील प्रतिक्रियाओं की वजह से उनका दुख और आघात और बढ़ सकता है, इस वजह से अधिकतर मामलों में एक मानक कोड इस्तेमाल करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है।
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3,936.795761
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE
सत्ता
सत्ता की अवधारणा पर विचार करने के लिए ज़रूरी है कि उसके मार्क्सवादी, उत्तर-आधुनिक, नारीवादी आयामों और हान्ना अरेंड्ट द्वारा प्रतिपादित सत्ता की वैकल्पिक धारणा पर भी ग़ौर कर लिया जाए।
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3,923.267405
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दादूदयाल
उस समय देश मे मुसलमानो और अंग्रेजों का शासन था इनके अत्याचारों से हिन्दुओं की बड़ी दुर्दशा थी! ऐसे कठिन समय में हृदयराम जी ने आवश्यकता समझी कि देश एवं धर्म रक्षार्थ संतो को शस्त्र धारण करने चाहिये, उन्होने सर्वप्रथम अपने शिष्यों को शस्त्र चालन सिखाकर वि० सं० १८१२ में दादूपंथी संतों की नागा सेना स्थापित की।
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3,922.487341
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ज्ञानमीमांसा
प्रत्येक धारणा सत्य होने का दावा करती है। परन्तु मीमांसा इस दावे को उचित जाँच के बिना स्वीकार नहीं कर सकता। हम अभी इन धारणाओं की परीक्षा करेंगे, परन्तु पहले ज्ञान के स्वरूप पर कुछ कहना आवश्यक है।
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3,908.643266
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0
वस्त्र
एक फ्लेक्सिबल सामग्री है जिसमें कृत्रिम फायबर धागे का समावेश रहता है। लंबे धागे का उत्पादन करने के लिए ऊन, फ्लेक्स, सूती अथवा अन्य कच्चे तंतु कपाट्या से तैयार किए जाते हैं। कपडे बुनना, क्रॉसिंग, गाठना, बुनाई, टॅटिंग, फेलिंग, ब्रेडिंग करके कपडा तैयार किया जाता है।
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3,903.180351
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%8D
श्रीरामरक्षास्तोत्रम्
शुभ कार्य करनेवाला जो भक्त भक्ति एवं श्रद्धाके साथ रामबलसे संयुक्त होकर इस स्तोत्रका पाठ करता हैं, वह दीर्घायु, सुखी, पुत्रवान, विजयी और विनयशील हो जाता हैं।
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3,883.950985
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%88
वाई-फ़ाई
वाई-फाई के विभिन्न संस्करणों को विभिन्न IEEE 802.11 प्रोटोकॉल मानकों द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है, जिसमें विभिन्न रेडियो प्रौद्योगिकियां रेंज, रेडियो बैंड और गति को निर्धारित करती हैं। वाई-फाई सबसे अधिक 2.4 गीगाहर्ट्ज़ (12 सेमी) यूएचएफ और 5 गीगाहर्ट्ज़ (6 सेमी) एसएचएफ आईएसएम रेडियो बैंड का उपयोग करता है; ये बैंड कई चैनलों में विभाजित हैं। प्रत्येक चैनल को कई नेटवर्क द्वारा समय-साझा किया जा सकता है। ये तरंग दैर्ध्य लाइन-ऑफ़-विज़न के लिए सबसे अच्छा काम करते हैं। कई सामान्य सामग्रियां उन्हें अवशोषित या प्रतिबिंबित करती हैं, जो आगे सीमा को सीमित करती हैं, लेकिन भीड़ भरे वातावरण में विभिन्न नेटवर्क के बीच हस्तक्षेप को कम करने में मदद कर सकती हैं। करीब सीमा पर, उपयुक्त हार्डवेयर पर चलने वाले वाई-फाई के कुछ संस्करण, 1 से अधिक Gbit/s (प्रति सेकंड गीगाबिट) की गति प्राप्त कर सकते हैं।
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3,874.370209
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A1%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%A1
डायोड
1930 के दशक के मध्य में बेल प्रयोगशाला के शोधकर्ताओं ने पाया कि क्रिस्टल डिटेक्टर का उपयोग माइक्रोवेव प्रौद्योगिकी में किया जा सकता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय बिन्दु-सम्पर्क डायोड (point-contact diodes या crystal rectifiers or crystal diodes) का विकास हुआ जिसका उपयोग राडार में हुआ। १९५० के दशक के आरम्भ में जंक्शन डायोड का विकास हुआ।
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3,864.828497
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A4%B0
किंगफिशर
तीनों परिवारों में एल्सिडिनिडी अन्य दो परिवारों पर आधारित हैं। अमेरिका में पायी जाने वाली कुछ प्रजातियाँ, जो सभी सेरीलिडी परिवार से हैं, यह बताती हैं कि पश्चिमी गोलार्द्ध में इनकी छिटपुट मौजूदगी केवल दो मूल नयी बस्तियाँ बनाने वाली प्रजातियों के परिणाम स्वरुप है। यह परिवार प्राचीन युग में सबसे अधिक हाल ही में मिओसिन या प्लिओसीन में विविधतापूर्ण तरीके से अपेक्षाकृत हैल्सियोनिडी से विभाजित हुआ है।
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3,864.390091
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%95
कोणार्क
इस मंदिर का निर्माण गंग वंश के प्रतापी नरेश नरर्सिह देव (प्रथम) (1238-64 ई.) ने अपने एक विजय के स्मारक स्वरूप कराया था। इसके निर्माण में 1200 स्थपति 12 वर्ष तक निरंतर लगे रहे। अबुल फजल ने अपने आइने-अकबरी में लिखा है कि इस मंदिर में उड़ीसा राज्य के बारह वर्ष की समुची आय लगी थी। उनका यह भी कहना है कि यह मंदिर नवीं शती ई. में बना था, उस समय उसे केसरी वंश के किसी नरेश ने निर्माण कराया था। बाद में नरसिंह देव ने उसको नवीन रूप दिया। इस मंदिर के आस पास बहुत दूर तक किसी पर्वत के चिन्ह नहीं हैं, ऐसी अवस्था में इस विशालकाय मंदिर के निर्माण के लिये पत्थर कहाँ से और कैसे लाए गए यह एक अनुत्तरित जिज्ञासा है।
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3,845.208131
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कुमारसंभवम्
दूसरे सर्ग में इन्द्र आदि सभी देवता तारकासुर के अत्याचारों से त्रस्त होकर ब्रह्माजी के पास जाकर अपनी कष्ट-कथा सुनाते है तथा प्रार्थना करते हैं कि आप ही तारकासुर का दमन कर सकते हैं। ब्रह्माजी अपनी विविशता प्रकट करते हैं कि मेरे ही वरदान से वह इतना शक्तिशाली हुआ है, मैं स्वयं उसका संहार नहीं कर सकता। वे देवताओं को उपाय बताते हैं कि शिव का यदि पार्वती से विवाह हो जाए तो इस युगल से उत्पन्न पुत्र तारकासुर को नष्ट कर सकता है। शिव का वीर्य धारण करने की क्षमता पार्वती के अतिरिक्त किसी में नहीं है। इसलिए आप लोग कोई ऐसा उपाय करें, जिससे तपस्या में तल्लीन शिव का मन पार्वती में अनुरक्त हो। ब्रह्मा जी के इस परामर्श के पश्चात् इन्द्र कामदेव को स्मरण करते हैं। कामदेव के देवराज इन्द्र के सम्मुख उपस्थित होने के साथ ही सर्ग की समाप्ति होती है।
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3,836.565605