inputs
stringlengths
800
163k
targets
stringlengths
20
291
template_id
int64
0
34
template_lang
stringclasses
1 value
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: नाइजीरिया में आतंकी संगठन बोको हराम के चार सिलसिलेवार आत्मघाती हमलों में 19 लोगों की मौत हो गई. नाइजीरियाई पुलिस ने बताया कि यह बोको हराम के आठ साल के आतंकवाद की जन्म भूमि मैदुगुरी में पिछले कुछ महीनों में अब तक का सबसे घातक हमला है. बोर्नो प्रांत के पुलिस आयुक्त ने बताया कि मंगलवार रात को हुए हमलों में 23 अन्य लोग घायल हो गए. पुलिस आयुक्त ने कहा कि मृतकों में 12 नागरिक आत्मरक्षा बल के सदस्य हैं. वहीं, 7 अन्य उनकी मौत पर शोक जताने के लिए एकत्रित होने वाले लोग हैं.टिप्पणियां आत्मरक्षा बल के एक प्रवक्ता डैनबैट्टरा बेलो ने बताया कि कम से कम एक आत्मघाती हमलावर महिला थी. उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उनके सहकर्मियों को खासतौर पर उस वक्त निशाना बनाया जब वे ड्यूटी पर तैनात थे. बोको हराम बाजार वाले इलाकों, जांच चौकियों और अन्य जगहों पर हमला करने के लिए लड़कियों और युवतियों का ज्यादा इस्तेमाल करने लगा है. चरमपंथी संगठन से बचकर भागने वाली कुछ युवतियों ने बताया कि लड़कियों को नशीले पदार्थ दिए जाते हैं और आत्मघाती अभियानों पर जाने के लिए मजबूर किया जाता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आत्मरक्षा बल के एक प्रवक्ता डैनबैट्टरा बेलो ने बताया कि कम से कम एक आत्मघाती हमलावर महिला थी. उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उनके सहकर्मियों को खासतौर पर उस वक्त निशाना बनाया जब वे ड्यूटी पर तैनात थे. बोको हराम बाजार वाले इलाकों, जांच चौकियों और अन्य जगहों पर हमला करने के लिए लड़कियों और युवतियों का ज्यादा इस्तेमाल करने लगा है. चरमपंथी संगठन से बचकर भागने वाली कुछ युवतियों ने बताया कि लड़कियों को नशीले पदार्थ दिए जाते हैं और आत्मघाती अभियानों पर जाने के लिए मजबूर किया जाता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह एक सारांश है: बोको हराम नाइजीरिया में एक आतंकवादी संगठन है मैदुगुरी में पिछले कुछ महीनों का यह सबसे घातक हमला है मरने वालों में 12 नागरिक आत्मरक्षा बल के सदस्य हैं
9
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अम्बानी 22.3 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ देश के सबसे धनी व्यक्ति हैं। प्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स की सूची में 48 भारतीय अरबपतियों को शामिल किया गया है, जिसमें सबसे पहला स्थान मुकेश अम्बानी को दिया गया है। देश के सबसे धनी 10 लोगों में सावित्री जिंदल और परिवार (विश्व सूची में 80वें स्थान पर), सुनील मित्तल और परिवार (113वां स्थान), कुमार बिड़ला (116वां स्थान), अनिल अम्बानी (118वां स्थान), दिलीप संघवी (124वां स्थान), शशि और रवि रुइया (133वां स्थान) तथा कुशल पाल सिंह (153वां स्थान) को भी शामिल किया गया है। पिछले साल मुकेश अम्बानी की सम्पत्ति में 4.7 अरब डॉलर की कमी आई, इसके बाद भी वह वह विश्व सूची में 19वें स्थान पर हैं। मेक्सिको के दूरसंचार कारोबारी कार्लोस स्लिम 69 अरब डॉलर सम्पत्ति के साथ लगातार तीसरे साल सूची में पहले स्थान पर हैं। सूची में माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और समाजसेवी 56 वर्षीय बिल गेट्स 61 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। तीसरे स्थान पर हैं बर्कशायर हैथवे के 81 वर्षीय वारेन बफेट हैं। उनकी सम्पत्ति 44 अरब डॉलर है। दुनिया के लगभग एक तिहाई से अधिक अरबपतियों की सम्पत्ति में पिछले साल कमी आई है। इस्पात सम्राट लक्ष्मी मित्तल को दूसरे सबसे धनी भारतीय बताया गया है। उनकी सम्पत्ति में पिछले साल काफी अधिक गिरावट आई। उनकी सम्पत्ति पिछले साल 10.4 अरब डॉलर घटकर 20.7 अरब डॉलर रह गई। पहली बार वह दुनिया के सबसे धनी 10 लोगों के समूह से बाहर चले गए। विश्व सूची में उन्हें 21वां स्थान दिया गया। सूची में 15.9 अरब डॉलर के साथ विप्रो क अध्यक्ष अजीम प्रेमजी 41वें स्थान पर हैं। वह तीसरे सबसे धनी भारतीय हैं।टिप्पणियां इस साल सूची में 1,226 अरबपतियों को शामिल किया गया है और उनकी औसत सम्पत्ति 3.7 अरब डॉलर प्रत्येक है। वर्ष 2011 की सूची में 1,210 अरबपतियों को शामिल किया गया था। सूची में शामिल सभी अरपतियों की कुल सम्पत्ति 4600 अरब डॉलर है। अरपतियों में सबसे अधिक अमेरिका, उसके बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र, उसके बाद यूरोप, अमेरिकी महादेश, मध्यपूर्व तथा अफ्रीका के हैं। सूची में 104 अरबपति महिलाओं को शामिल किया गया है। वालमार्ट की वारिश क्रिस्टी वाल्टन 25.3 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दुनिया की सबसे धनी महिला हैं। विश्व सूची में उन्हें 11वां स्थान मिला है। देश के सबसे धनी 10 लोगों में सावित्री जिंदल और परिवार (विश्व सूची में 80वें स्थान पर), सुनील मित्तल और परिवार (113वां स्थान), कुमार बिड़ला (116वां स्थान), अनिल अम्बानी (118वां स्थान), दिलीप संघवी (124वां स्थान), शशि और रवि रुइया (133वां स्थान) तथा कुशल पाल सिंह (153वां स्थान) को भी शामिल किया गया है। पिछले साल मुकेश अम्बानी की सम्पत्ति में 4.7 अरब डॉलर की कमी आई, इसके बाद भी वह वह विश्व सूची में 19वें स्थान पर हैं। मेक्सिको के दूरसंचार कारोबारी कार्लोस स्लिम 69 अरब डॉलर सम्पत्ति के साथ लगातार तीसरे साल सूची में पहले स्थान पर हैं। सूची में माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और समाजसेवी 56 वर्षीय बिल गेट्स 61 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। तीसरे स्थान पर हैं बर्कशायर हैथवे के 81 वर्षीय वारेन बफेट हैं। उनकी सम्पत्ति 44 अरब डॉलर है। दुनिया के लगभग एक तिहाई से अधिक अरबपतियों की सम्पत्ति में पिछले साल कमी आई है। इस्पात सम्राट लक्ष्मी मित्तल को दूसरे सबसे धनी भारतीय बताया गया है। उनकी सम्पत्ति में पिछले साल काफी अधिक गिरावट आई। उनकी सम्पत्ति पिछले साल 10.4 अरब डॉलर घटकर 20.7 अरब डॉलर रह गई। पहली बार वह दुनिया के सबसे धनी 10 लोगों के समूह से बाहर चले गए। विश्व सूची में उन्हें 21वां स्थान दिया गया। सूची में 15.9 अरब डॉलर के साथ विप्रो क अध्यक्ष अजीम प्रेमजी 41वें स्थान पर हैं। वह तीसरे सबसे धनी भारतीय हैं।टिप्पणियां इस साल सूची में 1,226 अरबपतियों को शामिल किया गया है और उनकी औसत सम्पत्ति 3.7 अरब डॉलर प्रत्येक है। वर्ष 2011 की सूची में 1,210 अरबपतियों को शामिल किया गया था। सूची में शामिल सभी अरपतियों की कुल सम्पत्ति 4600 अरब डॉलर है। अरपतियों में सबसे अधिक अमेरिका, उसके बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र, उसके बाद यूरोप, अमेरिकी महादेश, मध्यपूर्व तथा अफ्रीका के हैं। सूची में 104 अरबपति महिलाओं को शामिल किया गया है। वालमार्ट की वारिश क्रिस्टी वाल्टन 25.3 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दुनिया की सबसे धनी महिला हैं। विश्व सूची में उन्हें 11वां स्थान मिला है। पिछले साल मुकेश अम्बानी की सम्पत्ति में 4.7 अरब डॉलर की कमी आई, इसके बाद भी वह वह विश्व सूची में 19वें स्थान पर हैं। मेक्सिको के दूरसंचार कारोबारी कार्लोस स्लिम 69 अरब डॉलर सम्पत्ति के साथ लगातार तीसरे साल सूची में पहले स्थान पर हैं। सूची में माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और समाजसेवी 56 वर्षीय बिल गेट्स 61 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। तीसरे स्थान पर हैं बर्कशायर हैथवे के 81 वर्षीय वारेन बफेट हैं। उनकी सम्पत्ति 44 अरब डॉलर है। दुनिया के लगभग एक तिहाई से अधिक अरबपतियों की सम्पत्ति में पिछले साल कमी आई है। इस्पात सम्राट लक्ष्मी मित्तल को दूसरे सबसे धनी भारतीय बताया गया है। उनकी सम्पत्ति में पिछले साल काफी अधिक गिरावट आई। उनकी सम्पत्ति पिछले साल 10.4 अरब डॉलर घटकर 20.7 अरब डॉलर रह गई। पहली बार वह दुनिया के सबसे धनी 10 लोगों के समूह से बाहर चले गए। विश्व सूची में उन्हें 21वां स्थान दिया गया। सूची में 15.9 अरब डॉलर के साथ विप्रो क अध्यक्ष अजीम प्रेमजी 41वें स्थान पर हैं। वह तीसरे सबसे धनी भारतीय हैं।टिप्पणियां इस साल सूची में 1,226 अरबपतियों को शामिल किया गया है और उनकी औसत सम्पत्ति 3.7 अरब डॉलर प्रत्येक है। वर्ष 2011 की सूची में 1,210 अरबपतियों को शामिल किया गया था। सूची में शामिल सभी अरपतियों की कुल सम्पत्ति 4600 अरब डॉलर है। अरपतियों में सबसे अधिक अमेरिका, उसके बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र, उसके बाद यूरोप, अमेरिकी महादेश, मध्यपूर्व तथा अफ्रीका के हैं। सूची में 104 अरबपति महिलाओं को शामिल किया गया है। वालमार्ट की वारिश क्रिस्टी वाल्टन 25.3 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दुनिया की सबसे धनी महिला हैं। विश्व सूची में उन्हें 11वां स्थान मिला है। सूची में माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और समाजसेवी 56 वर्षीय बिल गेट्स 61 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। तीसरे स्थान पर हैं बर्कशायर हैथवे के 81 वर्षीय वारेन बफेट हैं। उनकी सम्पत्ति 44 अरब डॉलर है। दुनिया के लगभग एक तिहाई से अधिक अरबपतियों की सम्पत्ति में पिछले साल कमी आई है। इस्पात सम्राट लक्ष्मी मित्तल को दूसरे सबसे धनी भारतीय बताया गया है। उनकी सम्पत्ति में पिछले साल काफी अधिक गिरावट आई। उनकी सम्पत्ति पिछले साल 10.4 अरब डॉलर घटकर 20.7 अरब डॉलर रह गई। पहली बार वह दुनिया के सबसे धनी 10 लोगों के समूह से बाहर चले गए। विश्व सूची में उन्हें 21वां स्थान दिया गया। सूची में 15.9 अरब डॉलर के साथ विप्रो क अध्यक्ष अजीम प्रेमजी 41वें स्थान पर हैं। वह तीसरे सबसे धनी भारतीय हैं।टिप्पणियां इस साल सूची में 1,226 अरबपतियों को शामिल किया गया है और उनकी औसत सम्पत्ति 3.7 अरब डॉलर प्रत्येक है। वर्ष 2011 की सूची में 1,210 अरबपतियों को शामिल किया गया था। सूची में शामिल सभी अरपतियों की कुल सम्पत्ति 4600 अरब डॉलर है। अरपतियों में सबसे अधिक अमेरिका, उसके बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र, उसके बाद यूरोप, अमेरिकी महादेश, मध्यपूर्व तथा अफ्रीका के हैं। सूची में 104 अरबपति महिलाओं को शामिल किया गया है। वालमार्ट की वारिश क्रिस्टी वाल्टन 25.3 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दुनिया की सबसे धनी महिला हैं। विश्व सूची में उन्हें 11वां स्थान मिला है। इस्पात सम्राट लक्ष्मी मित्तल को दूसरे सबसे धनी भारतीय बताया गया है। उनकी सम्पत्ति में पिछले साल काफी अधिक गिरावट आई। उनकी सम्पत्ति पिछले साल 10.4 अरब डॉलर घटकर 20.7 अरब डॉलर रह गई। पहली बार वह दुनिया के सबसे धनी 10 लोगों के समूह से बाहर चले गए। विश्व सूची में उन्हें 21वां स्थान दिया गया। सूची में 15.9 अरब डॉलर के साथ विप्रो क अध्यक्ष अजीम प्रेमजी 41वें स्थान पर हैं। वह तीसरे सबसे धनी भारतीय हैं।टिप्पणियां इस साल सूची में 1,226 अरबपतियों को शामिल किया गया है और उनकी औसत सम्पत्ति 3.7 अरब डॉलर प्रत्येक है। वर्ष 2011 की सूची में 1,210 अरबपतियों को शामिल किया गया था। सूची में शामिल सभी अरपतियों की कुल सम्पत्ति 4600 अरब डॉलर है। अरपतियों में सबसे अधिक अमेरिका, उसके बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र, उसके बाद यूरोप, अमेरिकी महादेश, मध्यपूर्व तथा अफ्रीका के हैं। सूची में 104 अरबपति महिलाओं को शामिल किया गया है। वालमार्ट की वारिश क्रिस्टी वाल्टन 25.3 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दुनिया की सबसे धनी महिला हैं। विश्व सूची में उन्हें 11वां स्थान मिला है। इस साल सूची में 1,226 अरबपतियों को शामिल किया गया है और उनकी औसत सम्पत्ति 3.7 अरब डॉलर प्रत्येक है। वर्ष 2011 की सूची में 1,210 अरबपतियों को शामिल किया गया था। सूची में शामिल सभी अरपतियों की कुल सम्पत्ति 4600 अरब डॉलर है। अरपतियों में सबसे अधिक अमेरिका, उसके बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र, उसके बाद यूरोप, अमेरिकी महादेश, मध्यपूर्व तथा अफ्रीका के हैं। सूची में 104 अरबपति महिलाओं को शामिल किया गया है। वालमार्ट की वारिश क्रिस्टी वाल्टन 25.3 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दुनिया की सबसे धनी महिला हैं। विश्व सूची में उन्हें 11वां स्थान मिला है। सूची में 104 अरबपति महिलाओं को शामिल किया गया है। वालमार्ट की वारिश क्रिस्टी वाल्टन 25.3 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ दुनिया की सबसे धनी महिला हैं। विश्व सूची में उन्हें 11वां स्थान मिला है।
प्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स की सूची में 48 भारतीय अरबपतियों को शामिल किया गया है, जिसमें सबसे पहला स्थान मुकेश अम्बानी को दिया गया है।
1
['hin']
एक सारांश बनाओ: इलाहाबाद से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर एक तीर्थस्‍थान स्थित है. पौराणिक कथाओं के अनुसार वनवास के समय राम, सीता और लक्ष्‍मण को यहीं निषाद राजा यानी मल्‍लाहों के राजा ने आश्रय दिया था. यहां का घाट पर गंदगी भरी है. इस इलाके के सांसद हैं केशव प्रसाद मौर्य जो यूपी बीजेपी के अध्‍यक्ष भी हैं. वहीं विधायक समाजवादी पार्टी से हैं. गांव वाले शिकायत करते हैं कि न तो सांसद महोदय ने और न ही विधायक जी ने यहां से गंदगी साफ करने में कोई रुचि दिखाई है. एक स्‍थानीय गाइड सुरेंद्र निषाद कहते हैं, 'हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निषादों की तारीफ करते हुए कहा था कि देश के लिए निषाद समाज के योगदान को सम्‍मान देने के लिए भारत के एक उपग्रह का नाम नाविक (नैविगेशन विद इंडियन कॉन्‍स्‍टेलेशन) रखा गया है. हम लोगों को और खुशी मिलती अगर पीएम घाटों को भी साफ करवा देते.' इलाहाबाद में हालांकि मतदान संपन्‍न हो चुका है. लेकिन राजनीतिक दलों के लिए लोगों के हितों से जुड़े मुद्दे इतने अप्रासंगिक कहीं भी नहीं रहे जितना पूर्वी उत्तर प्रदेश के इन 17 जिलों में जहां शनिवार को और फिर बुधवार को मतदान होना है. यहां केवल लोगों की जाति का ही महत्‍व है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र में लगभग क्‍लीन स्‍वीप किया था क्‍योंकि यहां अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) की संख्‍या इलाके की कुल जनसंख्‍या का करीब 40 फीसदी है. इनमें यादव भी शामिल हैं जो समाजवादी पार्टी (सपा) का समर्थन करते हैं. इनके अलावा करीब 200 समूह हैं जिन पर एक बार फिर बीजेपी की नजर है.   लेकिन 2017 में मायावती की बीएसपी और मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की सपा के अलावा कुछ अन्‍य जाति आधारित राजनीतिक दल भी मैदान में हैं जो इस वोट बैंक में सेंध लगाने में लगे हैं. गोरखपुर आधारित ऐसा ही एक राजनीतिक दल है निर्बल इंडियन शोषित आम दल (NISHAD), जिसका नेतृत्‍व पूर्व होमियोपैथी डॉक्‍टर संजय निषाद कर रहे हैं. इनका दावा है कि यूपी की आबादी में करीब 2 फीसदी की संख्‍या वाले निषाद समाज का बड़ा हिस्‍सा उनकी पार्टी का समर्थक है. गोरखपुर ग्रामीण सीट, जहां निषाद समाज के करीब एक लाख लोग रहते हैं,  से चुनाव में किस्‍मत आजमा रहे डॉ. निषाद कहते हैं, 'सभी पार्टियों ने केवल हमारा शोषण किया है और हमारे समाज को कोई भी राजनीतिक लाभ नहीं मिला. निषाद विधायकों और सांसदों को शायद ही राज्‍य या केंद्रीय कैबिनेट में प्रतिनिधित्‍व मिलता है. अब हमें हमारा बकाया चाहिए. लेकिन वह कबूल करते हैं कि जब तक यूपी के अति पिछड़ा वर्ग के ज्‍यादातर लोग एक नहीं होते और खुद का मोर्चा नहीं बनाते, वो सत्ता की उम्‍मीद नहीं कर सकते. वह कहते हैं, 'जिसका दल होता है उसका बल होता है.' पिछड़ी जातियों में भी एक स्‍पष्‍ट वर्गीकरण है. प्रजापति, सैनी, बिंद, मौर्य और अन्‍य अति पिछड़े वर्गों समेत निषाद को भी 1980 और 90 के मंडल कमीशन के फायदों से मुख्‍यत: बाहर रखा गया. इन्‍हें मुख्‍यत: आर्थिक रूप से मजबूत पिछड़ी जातियों जैसे यादव, कुर्मी, कोयरी और लोध ने किनारे कर दिया. पड़ोस के बिहार में एमबीसी को यादवों के विरोध के बावजूद राज्‍य की नौकरशाही और पंचायती राज संस्‍थाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है, और ऐसा मुख्‍यत: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दखल की वजह से होता है, जो खुद कुर्मी जाति से आते हैं. यूपी में आरक्षण या सरकारी नीतियों का सबसे ज्‍यादा लाभ जाटवों और यादवों को मिला है. ये वो जातियां हैं जो मायावती या समाजवादी पार्टी को समर्थन देती हैं जिन्‍होंने पिछले करीब 15 वर्षों से बारी-बारी से राज्‍य पर शासन किया है. कुम्‍हार जाति के 30 वर्षीय राजमिस्‍त्री विनय कुमार कहते हैं, 'अगर आप मिर्जापुर के लेबर चौक का चक्‍कर लगाएंगे तो आप पाएंगे कि अधिकांश मजदूर अति पिछड़ा वर्ग से ही आते हैं. किसी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. अब बीजेपी कह रही है, 'अति पिछड़ा वर्ग के लिए हम ही सही पार्टी हैं.' मैंने मोदी जी के लिए वोट दिया था लेकिन मेरी मजदूरी में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.' 2014 के आम चुनाव से पहले राज्‍य में ऊंची जातियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी को अति पिछड़े वर्गों द्वारा महसूस की जा रही उपेक्षा का एहसास हुआ. उसके बाद पार्टी ने जाति आधारित कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया. इनमें ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्‍व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसकी राजभर जाति पर पकड़ है और अपना दल जो कि कुर्मी जाति की पार्टी है जिसकी राज्‍य में करीब 3.5 फीसदी आबादी है और जिसकी प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन बीजेपी का ट्रंप कार्ड पीएम मोदी खुद थे. ओबीसी नेता के रूप में नरेंद्र मोदी (जो तेली जति से आते हैं) को पेश करके और विकास के मजबूत एजेंडे के साथ बीजेपी बिखरे हुए पिछड़े वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही - उसे अति पिछड़ों में करीब 60 फीसदी का जबरदस्‍त समर्थन मिला. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. इलाहाबाद में हालांकि मतदान संपन्‍न हो चुका है. लेकिन राजनीतिक दलों के लिए लोगों के हितों से जुड़े मुद्दे इतने अप्रासंगिक कहीं भी नहीं रहे जितना पूर्वी उत्तर प्रदेश के इन 17 जिलों में जहां शनिवार को और फिर बुधवार को मतदान होना है. यहां केवल लोगों की जाति का ही महत्‍व है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र में लगभग क्‍लीन स्‍वीप किया था क्‍योंकि यहां अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) की संख्‍या इलाके की कुल जनसंख्‍या का करीब 40 फीसदी है. इनमें यादव भी शामिल हैं जो समाजवादी पार्टी (सपा) का समर्थन करते हैं. इनके अलावा करीब 200 समूह हैं जिन पर एक बार फिर बीजेपी की नजर है.   लेकिन 2017 में मायावती की बीएसपी और मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की सपा के अलावा कुछ अन्‍य जाति आधारित राजनीतिक दल भी मैदान में हैं जो इस वोट बैंक में सेंध लगाने में लगे हैं. गोरखपुर आधारित ऐसा ही एक राजनीतिक दल है निर्बल इंडियन शोषित आम दल (NISHAD), जिसका नेतृत्‍व पूर्व होमियोपैथी डॉक्‍टर संजय निषाद कर रहे हैं. इनका दावा है कि यूपी की आबादी में करीब 2 फीसदी की संख्‍या वाले निषाद समाज का बड़ा हिस्‍सा उनकी पार्टी का समर्थक है. गोरखपुर ग्रामीण सीट, जहां निषाद समाज के करीब एक लाख लोग रहते हैं,  से चुनाव में किस्‍मत आजमा रहे डॉ. निषाद कहते हैं, 'सभी पार्टियों ने केवल हमारा शोषण किया है और हमारे समाज को कोई भी राजनीतिक लाभ नहीं मिला. निषाद विधायकों और सांसदों को शायद ही राज्‍य या केंद्रीय कैबिनेट में प्रतिनिधित्‍व मिलता है. अब हमें हमारा बकाया चाहिए. लेकिन वह कबूल करते हैं कि जब तक यूपी के अति पिछड़ा वर्ग के ज्‍यादातर लोग एक नहीं होते और खुद का मोर्चा नहीं बनाते, वो सत्ता की उम्‍मीद नहीं कर सकते. वह कहते हैं, 'जिसका दल होता है उसका बल होता है.' पिछड़ी जातियों में भी एक स्‍पष्‍ट वर्गीकरण है. प्रजापति, सैनी, बिंद, मौर्य और अन्‍य अति पिछड़े वर्गों समेत निषाद को भी 1980 और 90 के मंडल कमीशन के फायदों से मुख्‍यत: बाहर रखा गया. इन्‍हें मुख्‍यत: आर्थिक रूप से मजबूत पिछड़ी जातियों जैसे यादव, कुर्मी, कोयरी और लोध ने किनारे कर दिया. पड़ोस के बिहार में एमबीसी को यादवों के विरोध के बावजूद राज्‍य की नौकरशाही और पंचायती राज संस्‍थाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है, और ऐसा मुख्‍यत: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दखल की वजह से होता है, जो खुद कुर्मी जाति से आते हैं. यूपी में आरक्षण या सरकारी नीतियों का सबसे ज्‍यादा लाभ जाटवों और यादवों को मिला है. ये वो जातियां हैं जो मायावती या समाजवादी पार्टी को समर्थन देती हैं जिन्‍होंने पिछले करीब 15 वर्षों से बारी-बारी से राज्‍य पर शासन किया है. कुम्‍हार जाति के 30 वर्षीय राजमिस्‍त्री विनय कुमार कहते हैं, 'अगर आप मिर्जापुर के लेबर चौक का चक्‍कर लगाएंगे तो आप पाएंगे कि अधिकांश मजदूर अति पिछड़ा वर्ग से ही आते हैं. किसी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. अब बीजेपी कह रही है, 'अति पिछड़ा वर्ग के लिए हम ही सही पार्टी हैं.' मैंने मोदी जी के लिए वोट दिया था लेकिन मेरी मजदूरी में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.' 2014 के आम चुनाव से पहले राज्‍य में ऊंची जातियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी को अति पिछड़े वर्गों द्वारा महसूस की जा रही उपेक्षा का एहसास हुआ. उसके बाद पार्टी ने जाति आधारित कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया. इनमें ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्‍व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसकी राजभर जाति पर पकड़ है और अपना दल जो कि कुर्मी जाति की पार्टी है जिसकी राज्‍य में करीब 3.5 फीसदी आबादी है और जिसकी प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन बीजेपी का ट्रंप कार्ड पीएम मोदी खुद थे. ओबीसी नेता के रूप में नरेंद्र मोदी (जो तेली जति से आते हैं) को पेश करके और विकास के मजबूत एजेंडे के साथ बीजेपी बिखरे हुए पिछड़े वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही - उसे अति पिछड़ों में करीब 60 फीसदी का जबरदस्‍त समर्थन मिला. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र में लगभग क्‍लीन स्‍वीप किया था क्‍योंकि यहां अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) की संख्‍या इलाके की कुल जनसंख्‍या का करीब 40 फीसदी है. इनमें यादव भी शामिल हैं जो समाजवादी पार्टी (सपा) का समर्थन करते हैं. इनके अलावा करीब 200 समूह हैं जिन पर एक बार फिर बीजेपी की नजर है.   लेकिन 2017 में मायावती की बीएसपी और मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की सपा के अलावा कुछ अन्‍य जाति आधारित राजनीतिक दल भी मैदान में हैं जो इस वोट बैंक में सेंध लगाने में लगे हैं. गोरखपुर आधारित ऐसा ही एक राजनीतिक दल है निर्बल इंडियन शोषित आम दल (NISHAD), जिसका नेतृत्‍व पूर्व होमियोपैथी डॉक्‍टर संजय निषाद कर रहे हैं. इनका दावा है कि यूपी की आबादी में करीब 2 फीसदी की संख्‍या वाले निषाद समाज का बड़ा हिस्‍सा उनकी पार्टी का समर्थक है. गोरखपुर ग्रामीण सीट, जहां निषाद समाज के करीब एक लाख लोग रहते हैं,  से चुनाव में किस्‍मत आजमा रहे डॉ. निषाद कहते हैं, 'सभी पार्टियों ने केवल हमारा शोषण किया है और हमारे समाज को कोई भी राजनीतिक लाभ नहीं मिला. निषाद विधायकों और सांसदों को शायद ही राज्‍य या केंद्रीय कैबिनेट में प्रतिनिधित्‍व मिलता है. अब हमें हमारा बकाया चाहिए. लेकिन वह कबूल करते हैं कि जब तक यूपी के अति पिछड़ा वर्ग के ज्‍यादातर लोग एक नहीं होते और खुद का मोर्चा नहीं बनाते, वो सत्ता की उम्‍मीद नहीं कर सकते. वह कहते हैं, 'जिसका दल होता है उसका बल होता है.' पिछड़ी जातियों में भी एक स्‍पष्‍ट वर्गीकरण है. प्रजापति, सैनी, बिंद, मौर्य और अन्‍य अति पिछड़े वर्गों समेत निषाद को भी 1980 और 90 के मंडल कमीशन के फायदों से मुख्‍यत: बाहर रखा गया. इन्‍हें मुख्‍यत: आर्थिक रूप से मजबूत पिछड़ी जातियों जैसे यादव, कुर्मी, कोयरी और लोध ने किनारे कर दिया. पड़ोस के बिहार में एमबीसी को यादवों के विरोध के बावजूद राज्‍य की नौकरशाही और पंचायती राज संस्‍थाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है, और ऐसा मुख्‍यत: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दखल की वजह से होता है, जो खुद कुर्मी जाति से आते हैं. यूपी में आरक्षण या सरकारी नीतियों का सबसे ज्‍यादा लाभ जाटवों और यादवों को मिला है. ये वो जातियां हैं जो मायावती या समाजवादी पार्टी को समर्थन देती हैं जिन्‍होंने पिछले करीब 15 वर्षों से बारी-बारी से राज्‍य पर शासन किया है. कुम्‍हार जाति के 30 वर्षीय राजमिस्‍त्री विनय कुमार कहते हैं, 'अगर आप मिर्जापुर के लेबर चौक का चक्‍कर लगाएंगे तो आप पाएंगे कि अधिकांश मजदूर अति पिछड़ा वर्ग से ही आते हैं. किसी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. अब बीजेपी कह रही है, 'अति पिछड़ा वर्ग के लिए हम ही सही पार्टी हैं.' मैंने मोदी जी के लिए वोट दिया था लेकिन मेरी मजदूरी में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.' 2014 के आम चुनाव से पहले राज्‍य में ऊंची जातियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी को अति पिछड़े वर्गों द्वारा महसूस की जा रही उपेक्षा का एहसास हुआ. उसके बाद पार्टी ने जाति आधारित कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया. इनमें ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्‍व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसकी राजभर जाति पर पकड़ है और अपना दल जो कि कुर्मी जाति की पार्टी है जिसकी राज्‍य में करीब 3.5 फीसदी आबादी है और जिसकी प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन बीजेपी का ट्रंप कार्ड पीएम मोदी खुद थे. ओबीसी नेता के रूप में नरेंद्र मोदी (जो तेली जति से आते हैं) को पेश करके और विकास के मजबूत एजेंडे के साथ बीजेपी बिखरे हुए पिछड़े वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही - उसे अति पिछड़ों में करीब 60 फीसदी का जबरदस्‍त समर्थन मिला. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. गोरखपुर ग्रामीण सीट, जहां निषाद समाज के करीब एक लाख लोग रहते हैं,  से चुनाव में किस्‍मत आजमा रहे डॉ. निषाद कहते हैं, 'सभी पार्टियों ने केवल हमारा शोषण किया है और हमारे समाज को कोई भी राजनीतिक लाभ नहीं मिला. निषाद विधायकों और सांसदों को शायद ही राज्‍य या केंद्रीय कैबिनेट में प्रतिनिधित्‍व मिलता है. अब हमें हमारा बकाया चाहिए. लेकिन वह कबूल करते हैं कि जब तक यूपी के अति पिछड़ा वर्ग के ज्‍यादातर लोग एक नहीं होते और खुद का मोर्चा नहीं बनाते, वो सत्ता की उम्‍मीद नहीं कर सकते. वह कहते हैं, 'जिसका दल होता है उसका बल होता है.' पिछड़ी जातियों में भी एक स्‍पष्‍ट वर्गीकरण है. प्रजापति, सैनी, बिंद, मौर्य और अन्‍य अति पिछड़े वर्गों समेत निषाद को भी 1980 और 90 के मंडल कमीशन के फायदों से मुख्‍यत: बाहर रखा गया. इन्‍हें मुख्‍यत: आर्थिक रूप से मजबूत पिछड़ी जातियों जैसे यादव, कुर्मी, कोयरी और लोध ने किनारे कर दिया. पड़ोस के बिहार में एमबीसी को यादवों के विरोध के बावजूद राज्‍य की नौकरशाही और पंचायती राज संस्‍थाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है, और ऐसा मुख्‍यत: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दखल की वजह से होता है, जो खुद कुर्मी जाति से आते हैं. यूपी में आरक्षण या सरकारी नीतियों का सबसे ज्‍यादा लाभ जाटवों और यादवों को मिला है. ये वो जातियां हैं जो मायावती या समाजवादी पार्टी को समर्थन देती हैं जिन्‍होंने पिछले करीब 15 वर्षों से बारी-बारी से राज्‍य पर शासन किया है. कुम्‍हार जाति के 30 वर्षीय राजमिस्‍त्री विनय कुमार कहते हैं, 'अगर आप मिर्जापुर के लेबर चौक का चक्‍कर लगाएंगे तो आप पाएंगे कि अधिकांश मजदूर अति पिछड़ा वर्ग से ही आते हैं. किसी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. अब बीजेपी कह रही है, 'अति पिछड़ा वर्ग के लिए हम ही सही पार्टी हैं.' मैंने मोदी जी के लिए वोट दिया था लेकिन मेरी मजदूरी में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.' 2014 के आम चुनाव से पहले राज्‍य में ऊंची जातियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी को अति पिछड़े वर्गों द्वारा महसूस की जा रही उपेक्षा का एहसास हुआ. उसके बाद पार्टी ने जाति आधारित कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया. इनमें ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्‍व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसकी राजभर जाति पर पकड़ है और अपना दल जो कि कुर्मी जाति की पार्टी है जिसकी राज्‍य में करीब 3.5 फीसदी आबादी है और जिसकी प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन बीजेपी का ट्रंप कार्ड पीएम मोदी खुद थे. ओबीसी नेता के रूप में नरेंद्र मोदी (जो तेली जति से आते हैं) को पेश करके और विकास के मजबूत एजेंडे के साथ बीजेपी बिखरे हुए पिछड़े वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही - उसे अति पिछड़ों में करीब 60 फीसदी का जबरदस्‍त समर्थन मिला. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. पिछड़ी जातियों में भी एक स्‍पष्‍ट वर्गीकरण है. प्रजापति, सैनी, बिंद, मौर्य और अन्‍य अति पिछड़े वर्गों समेत निषाद को भी 1980 और 90 के मंडल कमीशन के फायदों से मुख्‍यत: बाहर रखा गया. इन्‍हें मुख्‍यत: आर्थिक रूप से मजबूत पिछड़ी जातियों जैसे यादव, कुर्मी, कोयरी और लोध ने किनारे कर दिया. पड़ोस के बिहार में एमबीसी को यादवों के विरोध के बावजूद राज्‍य की नौकरशाही और पंचायती राज संस्‍थाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है, और ऐसा मुख्‍यत: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दखल की वजह से होता है, जो खुद कुर्मी जाति से आते हैं. यूपी में आरक्षण या सरकारी नीतियों का सबसे ज्‍यादा लाभ जाटवों और यादवों को मिला है. ये वो जातियां हैं जो मायावती या समाजवादी पार्टी को समर्थन देती हैं जिन्‍होंने पिछले करीब 15 वर्षों से बारी-बारी से राज्‍य पर शासन किया है. कुम्‍हार जाति के 30 वर्षीय राजमिस्‍त्री विनय कुमार कहते हैं, 'अगर आप मिर्जापुर के लेबर चौक का चक्‍कर लगाएंगे तो आप पाएंगे कि अधिकांश मजदूर अति पिछड़ा वर्ग से ही आते हैं. किसी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. अब बीजेपी कह रही है, 'अति पिछड़ा वर्ग के लिए हम ही सही पार्टी हैं.' मैंने मोदी जी के लिए वोट दिया था लेकिन मेरी मजदूरी में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.' 2014 के आम चुनाव से पहले राज्‍य में ऊंची जातियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी को अति पिछड़े वर्गों द्वारा महसूस की जा रही उपेक्षा का एहसास हुआ. उसके बाद पार्टी ने जाति आधारित कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया. इनमें ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्‍व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसकी राजभर जाति पर पकड़ है और अपना दल जो कि कुर्मी जाति की पार्टी है जिसकी राज्‍य में करीब 3.5 फीसदी आबादी है और जिसकी प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन बीजेपी का ट्रंप कार्ड पीएम मोदी खुद थे. ओबीसी नेता के रूप में नरेंद्र मोदी (जो तेली जति से आते हैं) को पेश करके और विकास के मजबूत एजेंडे के साथ बीजेपी बिखरे हुए पिछड़े वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही - उसे अति पिछड़ों में करीब 60 फीसदी का जबरदस्‍त समर्थन मिला. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. पड़ोस के बिहार में एमबीसी को यादवों के विरोध के बावजूद राज्‍य की नौकरशाही और पंचायती राज संस्‍थाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है, और ऐसा मुख्‍यत: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दखल की वजह से होता है, जो खुद कुर्मी जाति से आते हैं. यूपी में आरक्षण या सरकारी नीतियों का सबसे ज्‍यादा लाभ जाटवों और यादवों को मिला है. ये वो जातियां हैं जो मायावती या समाजवादी पार्टी को समर्थन देती हैं जिन्‍होंने पिछले करीब 15 वर्षों से बारी-बारी से राज्‍य पर शासन किया है. कुम्‍हार जाति के 30 वर्षीय राजमिस्‍त्री विनय कुमार कहते हैं, 'अगर आप मिर्जापुर के लेबर चौक का चक्‍कर लगाएंगे तो आप पाएंगे कि अधिकांश मजदूर अति पिछड़ा वर्ग से ही आते हैं. किसी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. अब बीजेपी कह रही है, 'अति पिछड़ा वर्ग के लिए हम ही सही पार्टी हैं.' मैंने मोदी जी के लिए वोट दिया था लेकिन मेरी मजदूरी में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.' 2014 के आम चुनाव से पहले राज्‍य में ऊंची जातियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी को अति पिछड़े वर्गों द्वारा महसूस की जा रही उपेक्षा का एहसास हुआ. उसके बाद पार्टी ने जाति आधारित कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया. इनमें ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्‍व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसकी राजभर जाति पर पकड़ है और अपना दल जो कि कुर्मी जाति की पार्टी है जिसकी राज्‍य में करीब 3.5 फीसदी आबादी है और जिसकी प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन बीजेपी का ट्रंप कार्ड पीएम मोदी खुद थे. ओबीसी नेता के रूप में नरेंद्र मोदी (जो तेली जति से आते हैं) को पेश करके और विकास के मजबूत एजेंडे के साथ बीजेपी बिखरे हुए पिछड़े वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही - उसे अति पिछड़ों में करीब 60 फीसदी का जबरदस्‍त समर्थन मिला. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. कुम्‍हार जाति के 30 वर्षीय राजमिस्‍त्री विनय कुमार कहते हैं, 'अगर आप मिर्जापुर के लेबर चौक का चक्‍कर लगाएंगे तो आप पाएंगे कि अधिकांश मजदूर अति पिछड़ा वर्ग से ही आते हैं. किसी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. अब बीजेपी कह रही है, 'अति पिछड़ा वर्ग के लिए हम ही सही पार्टी हैं.' मैंने मोदी जी के लिए वोट दिया था लेकिन मेरी मजदूरी में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.' 2014 के आम चुनाव से पहले राज्‍य में ऊंची जातियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी को अति पिछड़े वर्गों द्वारा महसूस की जा रही उपेक्षा का एहसास हुआ. उसके बाद पार्टी ने जाति आधारित कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया. इनमें ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्‍व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसकी राजभर जाति पर पकड़ है और अपना दल जो कि कुर्मी जाति की पार्टी है जिसकी राज्‍य में करीब 3.5 फीसदी आबादी है और जिसकी प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन बीजेपी का ट्रंप कार्ड पीएम मोदी खुद थे. ओबीसी नेता के रूप में नरेंद्र मोदी (जो तेली जति से आते हैं) को पेश करके और विकास के मजबूत एजेंडे के साथ बीजेपी बिखरे हुए पिछड़े वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही - उसे अति पिछड़ों में करीब 60 फीसदी का जबरदस्‍त समर्थन मिला. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. 2014 के आम चुनाव से पहले राज्‍य में ऊंची जातियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी को अति पिछड़े वर्गों द्वारा महसूस की जा रही उपेक्षा का एहसास हुआ. उसके बाद पार्टी ने जाति आधारित कई छोटी पार्टियों से गठबंधन किया. इनमें ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्‍व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसकी राजभर जाति पर पकड़ है और अपना दल जो कि कुर्मी जाति की पार्टी है जिसकी राज्‍य में करीब 3.5 फीसदी आबादी है और जिसकी प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन बीजेपी का ट्रंप कार्ड पीएम मोदी खुद थे. ओबीसी नेता के रूप में नरेंद्र मोदी (जो तेली जति से आते हैं) को पेश करके और विकास के मजबूत एजेंडे के साथ बीजेपी बिखरे हुए पिछड़े वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही - उसे अति पिछड़ों में करीब 60 फीसदी का जबरदस्‍त समर्थन मिला. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. यह पहली बार नहीं था जब बीजेपी ने अति सशक्‍त वोट बैंक के रूप में अति पिछड़ा वर्ग की क्षमता को पहचाना था. 1980 के दशक के आखिर में अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान वह बड़ी संख्‍या में एकजुट हुए थे, लेकिन आंदोलन का नेतृत्‍व ओबीसी नेताओं कल्‍याण सिंह और उमा भारती को दे दिया गया जो लोध जाति के हैं. कल्‍याण सिंह दो बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने, पहली बार 1991 में और फिर 1997 में. धीरे-धीरे राम मंदिर निर्माण आंदोलन कमजोर पड़ गया और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई और पिछड़ी जातियों पर इसकी पकड़ भी ढीली पड़ गई और वो मायावती और समाजवादी पार्टी की तरफ चले गए. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं.इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. एक बार फिर बीजेपी के सामने 2014 के बाद इस वोट बैंक को बनाए रखने की चुनौती है. पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्‍वपूर्ण पद देकर इसकी नींव रखनी शुरू की. जैसे केशव प्रसाद मौर्य जो कि कुशवाहा जाति के हैं और लोकसभा सांसद हैं, को पार्टी ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया. साथ ही पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने समाजावादी पार्टी के कई ओबीसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया तो साथ ही बसपा के भी कई दिग्‍गज पार्टी से जुड़े. इनमें यूपी में बीएसपी में पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं. इस बीच में अखिलेश यादव ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिससे ये जातियां केंद्र सरकार की कल्‍याण योजनाओं और वंचित वर्गों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए योग्‍य हो गईं. बीजेपी अखिलेश के इस कदम का मुकाबला करने के लिए अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षा संस्‍थानों में 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर रही है, वर्तमान में यह अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है. पार्टी ने अति पिछड़ा वर्ग और गैर यादव पिछड़ा वर्ग से करीब 170 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जो इसके विरोधियों की तुलना में कहीं ज्‍यादा हैं.टिप्पणियां लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. लेकिन वाराणसी में कुर्मी जाति के बीच प्रसिद्ध एक हनुमान मंदिर में छोटे किसानों का एक समूह बीजेपी को लेकर सशंकित है. वो कहते हैं, 'हमलोग मोदी को वोट देते अगर वो हमारे बैंक खातों में पैसे डलवा देते ताकि हम नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई कर पाते, इसलिए नहीं कि बीजेपी ने कुर्मी नेता को पार्टी में ऊंचा पद दिया या हमारी जाति के लोगों को ज्‍यादा टिकट दिए. जाति महत्‍वपूर्ण है लेकिन कुछ महत्‍वपूर्ण तात्‍कालिक जरूरतें हैं जो उससे परे हैं.' डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.'जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है. डॉ. निषाद के कार्यालय में एक पूरी दीवार अपने समुदाय के प्रतीकों के लिए समर्पित है जिसमें दो यूरोपीय हस्तियां भी शामिल हैं, 15वीं सदी के नाविक और खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को डी गामा. 'हम एक ही कबीले के हैं.' 'निषादों की तरह इन्‍होंने भी नई दुनिया की खोज करते हुए पानी के जरिए ही जीवनयापन किया और हमें प्रेरित किया है.' जैसे जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, यहां रंगों और जातीय अंकगणित की कोई कमी नहीं है.
संक्षिप्त सारांश: जातीय समीकरण वाले 17 जिलों में शनिवार और बुधवार को मतदान गोरखपुर का निर्बल इंडियन शोषित आम दल चुनाव मैदान में निषाद जाति के लोगों की हो सकती है निर्णायक भूमिका
8
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: जानलेवा हमले में पिछले सप्ताह गंभीर रूप से घायल भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह ‘नॉन रिवर्सिबल’ कोमा में चले गए हैं और यहां अस्पताल में डॉक्टर उनकी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उधर, भारतीय उच्चायुक्त ने पाकिस्तानी विदेश सचिव से मुलाकात की और मानवीय एवं सहानुभूति के आधार पर सरबजीत सिंह को तत्काल रिहा करने का पाकिस्तान से आग्रह किया। भारत ने सरबजीत के लिए बेहतर इलाज की मांग करते हुए कहा कि उसे भारत नहीं तो किसी दूसरे देश भेजा जाए। गौरतलब है कि सरकारी सूत्रों ने बताया है कि सरबजीत की हालत जिस तरह से गिर रही है उससे वह ‘दिमागी रूप से मृत’ की हालत में जा सकते हैं। किसी व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को पहुंची क्षति और मस्तिष्क के चेतना स्तर का संकेतक बताने वाले ग्लासगो कोमा स्केल पर सरबजीत की हालत ‘नाजुक स्तर’ तक गिर गई है। उधर, सरबजीत सिंह का परिवार आज पाकिस्तान से भारत लौट आया। सरबजीत के परिजन ने स्वदेश लौटने के बाद कहा कि वे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं से मिलने का प्रयास करेंगे। बहन दलबीर कौर ने मांग की है कि सरबजीत के इलाज में मदद के लिए भारतीय चिकित्सकों को पाकिस्तान बुलाया जाना चाहिए या फिर उसे इलाज के लिए विदेश भेजा जाना चाहिए। भारत लौटकर दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने बार-बार उनसे पूछा कि भारत की सरकार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रही। प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दलबीर ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सरबजीत के मामले में सबसे ज्यादा निराश वह भारत सरकार से हैं। सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि जेल में सरबजीत पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेडिकल की कोई रिपोर्ट नहीं दी। मुझे उनके इलाज पर शक है।टिप्पणियां दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं। उधर, भारतीय उच्चायुक्त ने पाकिस्तानी विदेश सचिव से मुलाकात की और मानवीय एवं सहानुभूति के आधार पर सरबजीत सिंह को तत्काल रिहा करने का पाकिस्तान से आग्रह किया। भारत ने सरबजीत के लिए बेहतर इलाज की मांग करते हुए कहा कि उसे भारत नहीं तो किसी दूसरे देश भेजा जाए। गौरतलब है कि सरकारी सूत्रों ने बताया है कि सरबजीत की हालत जिस तरह से गिर रही है उससे वह ‘दिमागी रूप से मृत’ की हालत में जा सकते हैं। किसी व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को पहुंची क्षति और मस्तिष्क के चेतना स्तर का संकेतक बताने वाले ग्लासगो कोमा स्केल पर सरबजीत की हालत ‘नाजुक स्तर’ तक गिर गई है। उधर, सरबजीत सिंह का परिवार आज पाकिस्तान से भारत लौट आया। सरबजीत के परिजन ने स्वदेश लौटने के बाद कहा कि वे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं से मिलने का प्रयास करेंगे। बहन दलबीर कौर ने मांग की है कि सरबजीत के इलाज में मदद के लिए भारतीय चिकित्सकों को पाकिस्तान बुलाया जाना चाहिए या फिर उसे इलाज के लिए विदेश भेजा जाना चाहिए। भारत लौटकर दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने बार-बार उनसे पूछा कि भारत की सरकार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रही। प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दलबीर ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सरबजीत के मामले में सबसे ज्यादा निराश वह भारत सरकार से हैं। सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि जेल में सरबजीत पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेडिकल की कोई रिपोर्ट नहीं दी। मुझे उनके इलाज पर शक है।टिप्पणियां दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं। गौरतलब है कि सरकारी सूत्रों ने बताया है कि सरबजीत की हालत जिस तरह से गिर रही है उससे वह ‘दिमागी रूप से मृत’ की हालत में जा सकते हैं। किसी व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को पहुंची क्षति और मस्तिष्क के चेतना स्तर का संकेतक बताने वाले ग्लासगो कोमा स्केल पर सरबजीत की हालत ‘नाजुक स्तर’ तक गिर गई है। उधर, सरबजीत सिंह का परिवार आज पाकिस्तान से भारत लौट आया। सरबजीत के परिजन ने स्वदेश लौटने के बाद कहा कि वे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं से मिलने का प्रयास करेंगे। बहन दलबीर कौर ने मांग की है कि सरबजीत के इलाज में मदद के लिए भारतीय चिकित्सकों को पाकिस्तान बुलाया जाना चाहिए या फिर उसे इलाज के लिए विदेश भेजा जाना चाहिए। भारत लौटकर दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने बार-बार उनसे पूछा कि भारत की सरकार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रही। प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दलबीर ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सरबजीत के मामले में सबसे ज्यादा निराश वह भारत सरकार से हैं। सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि जेल में सरबजीत पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेडिकल की कोई रिपोर्ट नहीं दी। मुझे उनके इलाज पर शक है।टिप्पणियां दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं। उधर, सरबजीत सिंह का परिवार आज पाकिस्तान से भारत लौट आया। सरबजीत के परिजन ने स्वदेश लौटने के बाद कहा कि वे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं से मिलने का प्रयास करेंगे। बहन दलबीर कौर ने मांग की है कि सरबजीत के इलाज में मदद के लिए भारतीय चिकित्सकों को पाकिस्तान बुलाया जाना चाहिए या फिर उसे इलाज के लिए विदेश भेजा जाना चाहिए। भारत लौटकर दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने बार-बार उनसे पूछा कि भारत की सरकार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रही। प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दलबीर ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सरबजीत के मामले में सबसे ज्यादा निराश वह भारत सरकार से हैं। सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि जेल में सरबजीत पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेडिकल की कोई रिपोर्ट नहीं दी। मुझे उनके इलाज पर शक है।टिप्पणियां दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं। बहन दलबीर कौर ने मांग की है कि सरबजीत के इलाज में मदद के लिए भारतीय चिकित्सकों को पाकिस्तान बुलाया जाना चाहिए या फिर उसे इलाज के लिए विदेश भेजा जाना चाहिए। भारत लौटकर दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने बार-बार उनसे पूछा कि भारत की सरकार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रही। प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दलबीर ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सरबजीत के मामले में सबसे ज्यादा निराश वह भारत सरकार से हैं। सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि जेल में सरबजीत पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेडिकल की कोई रिपोर्ट नहीं दी। मुझे उनके इलाज पर शक है।टिप्पणियां दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं। भारत लौटकर दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने बार-बार उनसे पूछा कि भारत की सरकार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रही। प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दलबीर ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सरबजीत के मामले में सबसे ज्यादा निराश वह भारत सरकार से हैं। सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि जेल में सरबजीत पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेडिकल की कोई रिपोर्ट नहीं दी। मुझे उनके इलाज पर शक है।टिप्पणियां दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं। कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि जेल में सरबजीत पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेडिकल की कोई रिपोर्ट नहीं दी। मुझे उनके इलाज पर शक है।टिप्पणियां दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं। दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं। 49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।   एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं।
सारांश: भारतीय उच्चायुक्त ने पाकिस्तानी विदेश सचिव से मुलाकात की और मानवीय एवं सहानुभूति के आधार पर सरबजीत सिंह को तत्काल रिहा करने का पाकिस्तान से आग्रह किया।
20
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि विदेशी बैंकों में जमा धन के संबंध में 2011 में फ्रांस की ओर से मिली सूचना की जांच की जा रही है और इस संबंध में आयकर कानून के तहत उचित कार्रवाई शुरू कर दी गई है। स्विट्जरलैंड में खाताधारी कई व्यक्तियों और कंपनियों की सूची फ्रांस ने मुहैया कराई थी। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर यह आरोप लगाया था कि फ्रांस ने 2011 में जो सूची मुहैया कराई थी उस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। वित्त मंत्रालय ने इस मसले पर एक बयान जारी कर कहा कि दी गई सूचना का विश्लेषण किया है और इस संबंध में एक-एक मामले पर कार्रवाई की जाएगी। बयान में कहा गया कि इस संबंध में विदेशी आयकर प्राधिकरण से अधिक जानकारी के लिए संपर्क किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम संगठनों की सूची में दिए गए नामों का खुलासा करने की मांग पर बयान में कहा गया, "फ्रांस की सरकार से मिली जानकारी दोहरे काराधान के तहत गुप्त रखने के प्रावधान से बंधा हुआ है।" मंत्रालय के बयान में इस बात खुलासा नहीं किया गया है कि फ्रांस द्वारा दी गई सूची में कितने लोगों के नाम हैं। केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि स्विटजरलैंड के जेनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक में करीब 700 लोगों के खाते हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत सरकार को फ्रांस की सरकार से जून 2011 में मिली जानकारी कुछ निश्चित बैंक खातों के बारे में है। इसमें निजी और गैर निजी खाते शामिल हैं। "टिप्पणियां बयान में कहा गया कि इन खातों पर उचित कार्रवाई की गई है और आगे की कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की जाएगी जिसमें कर निर्धारण, कर संग्रह और जुर्माना शामिल होगा।   उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर यह आरोप लगाया था कि फ्रांस ने 2011 में जो सूची मुहैया कराई थी उस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। वित्त मंत्रालय ने इस मसले पर एक बयान जारी कर कहा कि दी गई सूचना का विश्लेषण किया है और इस संबंध में एक-एक मामले पर कार्रवाई की जाएगी। बयान में कहा गया कि इस संबंध में विदेशी आयकर प्राधिकरण से अधिक जानकारी के लिए संपर्क किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम संगठनों की सूची में दिए गए नामों का खुलासा करने की मांग पर बयान में कहा गया, "फ्रांस की सरकार से मिली जानकारी दोहरे काराधान के तहत गुप्त रखने के प्रावधान से बंधा हुआ है।" मंत्रालय के बयान में इस बात खुलासा नहीं किया गया है कि फ्रांस द्वारा दी गई सूची में कितने लोगों के नाम हैं। केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि स्विटजरलैंड के जेनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक में करीब 700 लोगों के खाते हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत सरकार को फ्रांस की सरकार से जून 2011 में मिली जानकारी कुछ निश्चित बैंक खातों के बारे में है। इसमें निजी और गैर निजी खाते शामिल हैं। "टिप्पणियां बयान में कहा गया कि इन खातों पर उचित कार्रवाई की गई है और आगे की कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की जाएगी जिसमें कर निर्धारण, कर संग्रह और जुर्माना शामिल होगा।   उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। बयान में कहा गया कि इस संबंध में विदेशी आयकर प्राधिकरण से अधिक जानकारी के लिए संपर्क किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम संगठनों की सूची में दिए गए नामों का खुलासा करने की मांग पर बयान में कहा गया, "फ्रांस की सरकार से मिली जानकारी दोहरे काराधान के तहत गुप्त रखने के प्रावधान से बंधा हुआ है।" मंत्रालय के बयान में इस बात खुलासा नहीं किया गया है कि फ्रांस द्वारा दी गई सूची में कितने लोगों के नाम हैं। केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि स्विटजरलैंड के जेनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक में करीब 700 लोगों के खाते हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत सरकार को फ्रांस की सरकार से जून 2011 में मिली जानकारी कुछ निश्चित बैंक खातों के बारे में है। इसमें निजी और गैर निजी खाते शामिल हैं। "टिप्पणियां बयान में कहा गया कि इन खातों पर उचित कार्रवाई की गई है और आगे की कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की जाएगी जिसमें कर निर्धारण, कर संग्रह और जुर्माना शामिल होगा।   उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम संगठनों की सूची में दिए गए नामों का खुलासा करने की मांग पर बयान में कहा गया, "फ्रांस की सरकार से मिली जानकारी दोहरे काराधान के तहत गुप्त रखने के प्रावधान से बंधा हुआ है।" मंत्रालय के बयान में इस बात खुलासा नहीं किया गया है कि फ्रांस द्वारा दी गई सूची में कितने लोगों के नाम हैं। केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि स्विटजरलैंड के जेनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक में करीब 700 लोगों के खाते हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत सरकार को फ्रांस की सरकार से जून 2011 में मिली जानकारी कुछ निश्चित बैंक खातों के बारे में है। इसमें निजी और गैर निजी खाते शामिल हैं। "टिप्पणियां बयान में कहा गया कि इन खातों पर उचित कार्रवाई की गई है और आगे की कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की जाएगी जिसमें कर निर्धारण, कर संग्रह और जुर्माना शामिल होगा।   उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मंत्रालय के बयान में इस बात खुलासा नहीं किया गया है कि फ्रांस द्वारा दी गई सूची में कितने लोगों के नाम हैं। केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि स्विटजरलैंड के जेनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक में करीब 700 लोगों के खाते हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत सरकार को फ्रांस की सरकार से जून 2011 में मिली जानकारी कुछ निश्चित बैंक खातों के बारे में है। इसमें निजी और गैर निजी खाते शामिल हैं। "टिप्पणियां बयान में कहा गया कि इन खातों पर उचित कार्रवाई की गई है और आगे की कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की जाएगी जिसमें कर निर्धारण, कर संग्रह और जुर्माना शामिल होगा।   उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि स्विटजरलैंड के जेनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक में करीब 700 लोगों के खाते हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत सरकार को फ्रांस की सरकार से जून 2011 में मिली जानकारी कुछ निश्चित बैंक खातों के बारे में है। इसमें निजी और गैर निजी खाते शामिल हैं। "टिप्पणियां बयान में कहा गया कि इन खातों पर उचित कार्रवाई की गई है और आगे की कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की जाएगी जिसमें कर निर्धारण, कर संग्रह और जुर्माना शामिल होगा।   उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत सरकार को फ्रांस की सरकार से जून 2011 में मिली जानकारी कुछ निश्चित बैंक खातों के बारे में है। इसमें निजी और गैर निजी खाते शामिल हैं। "टिप्पणियां बयान में कहा गया कि इन खातों पर उचित कार्रवाई की गई है और आगे की कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की जाएगी जिसमें कर निर्धारण, कर संग्रह और जुर्माना शामिल होगा।   उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। बयान में कहा गया कि इन खातों पर उचित कार्रवाई की गई है और आगे की कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की जाएगी जिसमें कर निर्धारण, कर संग्रह और जुर्माना शामिल होगा।   उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कुछ उद्योगपति और राजनेताओं के स्विटजरलैंड के बैंक में खाता हैं। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिये जिन्होंने भी इन खातों में पैसा जमा कराया है, तथ्यों के अधार पर उनके परिसरों पर छापे मारे जाने चाहिए एवं उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि एचएसबीसी बैंक के शीर्ष अधिकारियों को धन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
संक्षिप्त सारांश: केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि विदेशी बैंकों में जमा धन के संबंध में 2011 में फ्रांस की ओर से मिली सूचना की जांच की जा रही है और इस संबंध में आयकर कानून के तहत उचित कार्रवाई शुरू कर दी गई है। स्विट्जरलैंड में खाताधारी कई व्यक्तियों और कंपनियों की सूची फ
0
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: अमेरिका ने इस बात से खुशी जताई है कि भारत और पाकिस्तान के अधिकारी जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हालात को लेकर अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।टिप्पणियां क्या अमेरिका दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच बातचीत से संतुष्ट है, इस सवाल पर विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, हम यह देखते हुए खुश हैं कि वे उच्च स्तर पर एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। हम सोचते हैं कि यह सही तरीका है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, हमारी समझ है कि नियंत्रण रेखा पर हिंसा पर भारत और पाकिस्तान के बीच उच्चस्तरीय बातचीत के प्रयास जारी रहने चाहिए। विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पाकिस्तान की विदेशमंत्री हिना रब्बानी खार से मुलाकात के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे। हिना वहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल होने पहुंची हैं। समझा जाता है कि जब विदेश विभाग के अधिकारी न्यूयॉर्क में हिना से बातचीत करेंगे तो एलओसी के हालात पर भी चर्चा हो सकती है। क्या अमेरिका दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच बातचीत से संतुष्ट है, इस सवाल पर विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, हम यह देखते हुए खुश हैं कि वे उच्च स्तर पर एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। हम सोचते हैं कि यह सही तरीका है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, हमारी समझ है कि नियंत्रण रेखा पर हिंसा पर भारत और पाकिस्तान के बीच उच्चस्तरीय बातचीत के प्रयास जारी रहने चाहिए। विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पाकिस्तान की विदेशमंत्री हिना रब्बानी खार से मुलाकात के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे। हिना वहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल होने पहुंची हैं। समझा जाता है कि जब विदेश विभाग के अधिकारी न्यूयॉर्क में हिना से बातचीत करेंगे तो एलओसी के हालात पर भी चर्चा हो सकती है। समझा जाता है कि जब विदेश विभाग के अधिकारी न्यूयॉर्क में हिना से बातचीत करेंगे तो एलओसी के हालात पर भी चर्चा हो सकती है।
संक्षिप्त पाठ: अमेरिका ने इस बात से खुशी जताई है कि भारत और पाकिस्तान के अधिकारी जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हालात को लेकर अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
27
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: संसद में कल रेल बजट पेश किया जाएगा। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी इस बार बुलेट ट्रेन की घोषणा कर सकते हैं। 591 किलोमीटर लंबे दिल्ली−जयपुर−जोधपुर रूट की स्टडी करने और इस लाइन पर 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने की घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा दिल्ली−मुंबई रूट पर 200 किलोमीटर की रफ्तार से हाईस्पीड ट्रेन चलाने का ऐलान भी हो सकता है।टिप्पणियां रेल बजट में हादसों को रोकने के लिए रेलवे की सिग्नल और दूरसंचार व्यवस्था को बेहतर बनाने की रुपरेखा भी पेश किए जाने की संभावना है। इसके अलावा कर्नाटक और गुजरात में अत्याधुनिक रेल कोच कारखाना लगाने का प्रस्ताव भी किया जा सकता है। इस बार के बजट में पहले की तुलना में कम नई ट्रेनों की घोषणा हो सकती है। पिछली बार सरकार ने 132 नई ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी लेकिन इस बार रेलवे की सेफ्टी कमेटी नई ट्रेनों की बजाय पुरानी ट्रेनों से ही काम चलाने पर जोर दे रही है। कमेटी का कहना है कि नई ट्रेनें चलाने से रेलवे सुरक्षा प्रभावित है। नॉर्दन रेलवे में कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां हर तीन मिनट में ट्रेन गुजरती है। रेल बजट में हादसों को रोकने के लिए रेलवे की सिग्नल और दूरसंचार व्यवस्था को बेहतर बनाने की रुपरेखा भी पेश किए जाने की संभावना है। इसके अलावा कर्नाटक और गुजरात में अत्याधुनिक रेल कोच कारखाना लगाने का प्रस्ताव भी किया जा सकता है। इस बार के बजट में पहले की तुलना में कम नई ट्रेनों की घोषणा हो सकती है। पिछली बार सरकार ने 132 नई ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी लेकिन इस बार रेलवे की सेफ्टी कमेटी नई ट्रेनों की बजाय पुरानी ट्रेनों से ही काम चलाने पर जोर दे रही है। कमेटी का कहना है कि नई ट्रेनें चलाने से रेलवे सुरक्षा प्रभावित है। नॉर्दन रेलवे में कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां हर तीन मिनट में ट्रेन गुजरती है। इस बार के बजट में पहले की तुलना में कम नई ट्रेनों की घोषणा हो सकती है। पिछली बार सरकार ने 132 नई ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी लेकिन इस बार रेलवे की सेफ्टी कमेटी नई ट्रेनों की बजाय पुरानी ट्रेनों से ही काम चलाने पर जोर दे रही है। कमेटी का कहना है कि नई ट्रेनें चलाने से रेलवे सुरक्षा प्रभावित है। नॉर्दन रेलवे में कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां हर तीन मिनट में ट्रेन गुजरती है।
यह एक सारांश है: 591 किलोमीटर लंबे दिल्ली−जयपुर−जोधपुर रूट की स्टडी करने और इस लाइन पर 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने की घोषणा की जा सकती है।
24
['hin']
एक सारांश बनाओ: पिछले कुछ बरसों से स्वाइन फ्लू की दस्तक स्वास्थ्य सेवाओं को चौकन्ना कर देती है. पिछले दो बरस में तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान लेने वाली यह खतरनाक बीमारी इस साल भी दबे पांव चली आ रही है और जनवरी के पहले तीन हफ्ते में देशभर में इसके 2777 मामले सामने आए हैं और कुल 85 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें अकेले राजस्थान (Swine Flu In Rajasthan) में मरीजों की तादाद 1233 है और मरने वालों का आंकड़ा 49 तक पहुंच चुका है.  स्वाइन फ्लू ( Swine Flu 2019 ) का प्रकोप राजधानी दिल्ली सहित देश के तमाम हिस्सों में बढ़ रहा है. दिल्ली में 20 जनवरी तक इसके कुल 229 मामले दर्ज किए गए. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में इसके मरीजों और मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है, जबकि उसके बाद पंजाब का स्थान है, जहां 90 लोग इसकी चपेट में आए और नौ की मौत हो गई. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में भी बीमारी की आमद दर्ज की गई है.  इस बुखार से 6 गुना बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, हर साल मरते हैं 5 लाख लोग   Sexual Hygiene Tips: हेल्‍दी सेक्‍शुअल लाइफ के लिए ध्यान रखें ये 4 बातें आईडीएसपी के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 14,992 लोग स्वाइन फ्लू के वायरस के शिकार हुए और इनमें से 1,103 की मौत हो गई. उससे पिछले बरस इसका प्रकोप ज्यादा रहा और कुल 38,811 मरीजों में 2,270 को बचाया नहीं जा सका. इस साल भी यह बीमारी दबे पांव चली आ रही है और स्वास्थ्य एजेंसियां इसपर नियंत्रण के तमाम उपाय कर रही हैं. और खबरों के लिए क्लिक करें.   महिलाओं की योनी में क्यों लगानी पड़ती है जाली! क्या होते हैं नुकसान और क्या हैं विकल्प सर्दियों में फटे होंठ अब नहीं करेंगे परेशान, ये देसी नुस्‍खे अपनाकर देखें किडनी स्‍टोन निकालने के ये हैं 5 तरीके, नहीं करानी पड़ेगी सर्जरी प्रोटीन से भरपूर अंडा हेल्‍थ और स्किन को देता है गजब के फायदे Diabetes: ब्‍लड शुगर को कंट्रोल करता है धनिया, जानें धनिए के फायदे खराब डाइजेशन में सुधार लाने के लिए रामबाण हैं ये 6 घरेलू नुस्‍खे
सारांश: दिल्ली में 20 जनवरी तक इसके कुल 229 मामले दर्ज किए गए. आईडीएसपी के अनुसार पिछले साल 14,992 लोग स्वाइन फ्लू के शिकार हुए इस साल भी यह बीमारी दबे पांव चली आ रही है
5
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: इटली की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी ने कहा कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने नौ सैनिकों को यदि देश भारत वापस नहीं भेजता तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह अलग-थलग पड़ जाता। इसी खतरे को देखते हुए नौ सैनिकों को वापस भारत भेजने का निर्णय लिया गया। इस मुद्दे पर सरकार से अहमति के कारण इटली के विदेश मंत्री गिलियो तेरजी पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे के एक दिन बाद बुधवार को संसद में मोंटी ने कहा, "हमारी प्राथमिकता हमारे दो नौ सैनिकों तथा भारत में रह रहे इटली के सभी लोगों की सुरक्षा एवं प्रतिष्ठा थी।" मोंटी ने कहा कि इस मुद्दे पर भारत के साथ विवाद के कारण इटली के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ जाने का खतरा था। उन्होंने कहा कि नौ सैनिकों को वापस भारत भेजने के इटली के फैसले से दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता खुला है, जिससे 'तुरंत समाधान' निकल सकता है। उन्होंने इस मामले को भारत सरकार द्वारा इटली से हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए हुए विवादास्पद समझौते के आर्थिक हितों से जोड़ने की अटकलों को खारिज किया। इटली के अस्थाई विदेशमंत्री के रूप में बुधवार को शपथ लेने वाले मोंटी ने तेरजी के इस्तीफे पर हैरानी जताते हुए यह भी कहा कि उन्होंने इस्तीफे की चेतावनी नहीं दी थी। तेरजी ने मंगलवार को यह कहते हुए इटली के विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था कि अंतरिम सरकार ने उनकी आवाज को अनसुना कर नौ सैनिकों को वापस भारत भेजा। ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज के दो सुरक्षा कर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को आम चुनाव में मतदान करने और परिजनों से मिलने के लिए भेजा गया था। लेकिन अब इटली ने उन्हें वापस भारत भेजने से मना कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था। बाद में हालांकि इटली सरकार ने उनकी वापसी पर सहमति जताई और नौ सैनिक भारत लौटे। इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।टिप्पणियां इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। इस मुद्दे पर सरकार से अहमति के कारण इटली के विदेश मंत्री गिलियो तेरजी पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे के एक दिन बाद बुधवार को संसद में मोंटी ने कहा, "हमारी प्राथमिकता हमारे दो नौ सैनिकों तथा भारत में रह रहे इटली के सभी लोगों की सुरक्षा एवं प्रतिष्ठा थी।" मोंटी ने कहा कि इस मुद्दे पर भारत के साथ विवाद के कारण इटली के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ जाने का खतरा था। उन्होंने कहा कि नौ सैनिकों को वापस भारत भेजने के इटली के फैसले से दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता खुला है, जिससे 'तुरंत समाधान' निकल सकता है। उन्होंने इस मामले को भारत सरकार द्वारा इटली से हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए हुए विवादास्पद समझौते के आर्थिक हितों से जोड़ने की अटकलों को खारिज किया। इटली के अस्थाई विदेशमंत्री के रूप में बुधवार को शपथ लेने वाले मोंटी ने तेरजी के इस्तीफे पर हैरानी जताते हुए यह भी कहा कि उन्होंने इस्तीफे की चेतावनी नहीं दी थी। तेरजी ने मंगलवार को यह कहते हुए इटली के विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था कि अंतरिम सरकार ने उनकी आवाज को अनसुना कर नौ सैनिकों को वापस भारत भेजा। ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज के दो सुरक्षा कर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को आम चुनाव में मतदान करने और परिजनों से मिलने के लिए भेजा गया था। लेकिन अब इटली ने उन्हें वापस भारत भेजने से मना कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था। बाद में हालांकि इटली सरकार ने उनकी वापसी पर सहमति जताई और नौ सैनिक भारत लौटे। इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।टिप्पणियां इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। मोंटी ने कहा कि इस मुद्दे पर भारत के साथ विवाद के कारण इटली के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ जाने का खतरा था। उन्होंने कहा कि नौ सैनिकों को वापस भारत भेजने के इटली के फैसले से दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता खुला है, जिससे 'तुरंत समाधान' निकल सकता है। उन्होंने इस मामले को भारत सरकार द्वारा इटली से हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए हुए विवादास्पद समझौते के आर्थिक हितों से जोड़ने की अटकलों को खारिज किया। इटली के अस्थाई विदेशमंत्री के रूप में बुधवार को शपथ लेने वाले मोंटी ने तेरजी के इस्तीफे पर हैरानी जताते हुए यह भी कहा कि उन्होंने इस्तीफे की चेतावनी नहीं दी थी। तेरजी ने मंगलवार को यह कहते हुए इटली के विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था कि अंतरिम सरकार ने उनकी आवाज को अनसुना कर नौ सैनिकों को वापस भारत भेजा। ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज के दो सुरक्षा कर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को आम चुनाव में मतदान करने और परिजनों से मिलने के लिए भेजा गया था। लेकिन अब इटली ने उन्हें वापस भारत भेजने से मना कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था। बाद में हालांकि इटली सरकार ने उनकी वापसी पर सहमति जताई और नौ सैनिक भारत लौटे। इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।टिप्पणियां इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। उन्होंने इस मामले को भारत सरकार द्वारा इटली से हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए हुए विवादास्पद समझौते के आर्थिक हितों से जोड़ने की अटकलों को खारिज किया। इटली के अस्थाई विदेशमंत्री के रूप में बुधवार को शपथ लेने वाले मोंटी ने तेरजी के इस्तीफे पर हैरानी जताते हुए यह भी कहा कि उन्होंने इस्तीफे की चेतावनी नहीं दी थी। तेरजी ने मंगलवार को यह कहते हुए इटली के विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था कि अंतरिम सरकार ने उनकी आवाज को अनसुना कर नौ सैनिकों को वापस भारत भेजा। ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज के दो सुरक्षा कर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को आम चुनाव में मतदान करने और परिजनों से मिलने के लिए भेजा गया था। लेकिन अब इटली ने उन्हें वापस भारत भेजने से मना कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था। बाद में हालांकि इटली सरकार ने उनकी वापसी पर सहमति जताई और नौ सैनिक भारत लौटे। इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।टिप्पणियां इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। इटली के अस्थाई विदेशमंत्री के रूप में बुधवार को शपथ लेने वाले मोंटी ने तेरजी के इस्तीफे पर हैरानी जताते हुए यह भी कहा कि उन्होंने इस्तीफे की चेतावनी नहीं दी थी। तेरजी ने मंगलवार को यह कहते हुए इटली के विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था कि अंतरिम सरकार ने उनकी आवाज को अनसुना कर नौ सैनिकों को वापस भारत भेजा। ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज के दो सुरक्षा कर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को आम चुनाव में मतदान करने और परिजनों से मिलने के लिए भेजा गया था। लेकिन अब इटली ने उन्हें वापस भारत भेजने से मना कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था। बाद में हालांकि इटली सरकार ने उनकी वापसी पर सहमति जताई और नौ सैनिक भारत लौटे। इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।टिप्पणियां इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। तेरजी ने मंगलवार को यह कहते हुए इटली के विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था कि अंतरिम सरकार ने उनकी आवाज को अनसुना कर नौ सैनिकों को वापस भारत भेजा। ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज के दो सुरक्षा कर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को आम चुनाव में मतदान करने और परिजनों से मिलने के लिए भेजा गया था। लेकिन अब इटली ने उन्हें वापस भारत भेजने से मना कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था। बाद में हालांकि इटली सरकार ने उनकी वापसी पर सहमति जताई और नौ सैनिक भारत लौटे। इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।टिप्पणियां इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज के दो सुरक्षा कर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को आम चुनाव में मतदान करने और परिजनों से मिलने के लिए भेजा गया था। लेकिन अब इटली ने उन्हें वापस भारत भेजने से मना कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था। बाद में हालांकि इटली सरकार ने उनकी वापसी पर सहमति जताई और नौ सैनिक भारत लौटे। इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।टिप्पणियां इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।टिप्पणियां इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। इटली का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी।
संक्षिप्त सारांश: इटली की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी ने कहा कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने नौ सैनिकों को यदि देश भारत वापस नहीं भेजता तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह अलग-थलग पड़ जाता। इसी खतरे को देखते हुए नौ सैनिकों को वापस भारत भेजने का निर्णय लिय
23
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: हिसार में 18 साल की लड़की की उसके हॉस्टल के ही सामने हत्या कर दी गई। वह मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन कोई नहीं आया। हरियाणा के हिसार में एक 18 साल की लड़की की दिन दहाड़े उसके होस्टल के सामने हत्या कर दी गई। सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि वर्षा मदद की गुहार लगाती रही लेकिन वहां मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे। गुरु जंबेश्वर यूनिवर्सिटी की फर्स्ट ईयर में पढ़ने वाली 18 साल की वर्षा को दिन दहाड़े कत्ल कर दिया गया। हत्या होस्टल के ठीक सामने उस वक्त हुई जब वह ऑटो में बैठकर अपने घर रेवाड़ी जा रही थी। उसी वक्त पहले से मौजूद एक युवक ने उसपर हमला कर दिया। हैरानी इस बात की है कि क़ातिल को अपने किए पर जरा भी अफसोस नहीं है।टिप्पणियां वर्षा की हत्या गला काट कर की गई। पुलिस के मुताबिक वर्षा करीब 20 मिनट तक मदद की गुहार लगाती रही लेकिन कैंपस में मौजूद सारे लोग तमाशा देखते रहे। कोई भी मदद के लिए नहीं आया। अगर वक्त रहते मदद मिलती तो जान बच सकती थी। हरियाणा के हिसार में एक 18 साल की लड़की की दिन दहाड़े उसके होस्टल के सामने हत्या कर दी गई। सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि वर्षा मदद की गुहार लगाती रही लेकिन वहां मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे। गुरु जंबेश्वर यूनिवर्सिटी की फर्स्ट ईयर में पढ़ने वाली 18 साल की वर्षा को दिन दहाड़े कत्ल कर दिया गया। हत्या होस्टल के ठीक सामने उस वक्त हुई जब वह ऑटो में बैठकर अपने घर रेवाड़ी जा रही थी। उसी वक्त पहले से मौजूद एक युवक ने उसपर हमला कर दिया। हैरानी इस बात की है कि क़ातिल को अपने किए पर जरा भी अफसोस नहीं है।टिप्पणियां वर्षा की हत्या गला काट कर की गई। पुलिस के मुताबिक वर्षा करीब 20 मिनट तक मदद की गुहार लगाती रही लेकिन कैंपस में मौजूद सारे लोग तमाशा देखते रहे। कोई भी मदद के लिए नहीं आया। अगर वक्त रहते मदद मिलती तो जान बच सकती थी। गुरु जंबेश्वर यूनिवर्सिटी की फर्स्ट ईयर में पढ़ने वाली 18 साल की वर्षा को दिन दहाड़े कत्ल कर दिया गया। हत्या होस्टल के ठीक सामने उस वक्त हुई जब वह ऑटो में बैठकर अपने घर रेवाड़ी जा रही थी। उसी वक्त पहले से मौजूद एक युवक ने उसपर हमला कर दिया। हैरानी इस बात की है कि क़ातिल को अपने किए पर जरा भी अफसोस नहीं है।टिप्पणियां वर्षा की हत्या गला काट कर की गई। पुलिस के मुताबिक वर्षा करीब 20 मिनट तक मदद की गुहार लगाती रही लेकिन कैंपस में मौजूद सारे लोग तमाशा देखते रहे। कोई भी मदद के लिए नहीं आया। अगर वक्त रहते मदद मिलती तो जान बच सकती थी। वर्षा की हत्या गला काट कर की गई। पुलिस के मुताबिक वर्षा करीब 20 मिनट तक मदद की गुहार लगाती रही लेकिन कैंपस में मौजूद सारे लोग तमाशा देखते रहे। कोई भी मदद के लिए नहीं आया। अगर वक्त रहते मदद मिलती तो जान बच सकती थी। अगर वक्त रहते मदद मिलती तो जान बच सकती थी।
संक्षिप्त पाठ: हिसार में 18 साल की लड़की की उसके हॉस्टल के ही सामने हत्या कर दी गई। वह मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन कोई नहीं आया।
27
['hin']
एक सारांश बनाओ: दलित युवकों की पिटाई का विरोध करते हुए गुजरात के दलित लेखक अमृतलाल मकवाना ने राज्य सरकार से उन्हें मिले पुरस्कार को वापस लौटाने की सोमवार को घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन को समुदाय (दलितों) के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। मकवाना ने बताया कि वह बुधवार को अपना पुरस्कार और उसके साथ मिली 25,000 रुपये की राशि अहमदाबाद के जिलाधिकारी को वापस लौटाएंगे। सुरेन्द्रनगर जिले में वाधवान कस्बे के निवासी मकवाना ने कहा, ''गुजरात में ऐसी घटनाएं अक्‍सर हो रही हैं, लेकिन सरकार दलितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है।'' कांग्रेस से जुड़े रहे इस लेखक को गुजरात सरकार ने 2012-13 का 'दासी जीवन श्रेष्ठ दलित साहित्य कृति अवार्ड' दिया था। लेखक को 25,000 रुपये नकद, एक प्रमाणपत्र और शॉल दिया गया था। मकवाना ने कहा, ''गिर सोमनाथ जिले के मोटा समधियाला गांव में जो हुआ वह बहुत भयावह और क्रूर है। दलितों के प्रति ऐसा अत्याचार निंदनीय है और उसने मुझे अंदर तक हिला दिया। दुख की बात है कि ऐसी घटनाएं हमारे आसपास लगातार हो रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''करीब 50 लोग कुछ दलित युवकों की पिटाई करते हैं लेकिन सिर्फ 16 गिरफ्तार होते हैं। बाकि अभी तक आजाद क्यों घूम रहे हैं? मुझे सरकार की मंशा पर संदेह है। मुझे अब सरकार में विश्वास नहीं है। यदि नेताओं के मन में दलितों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है, तो ऐसा पुरस्कार रखने का कोई औचित्य नहीं है।''टिप्पणियां उल्‍लेखनीय है कि गिर सोमनाथ जिले में 11 जुलाई को मृत गाय की खाल उतार रहे कुछ दलित युवकों पर गाय की हत्या का आरोप लगाकर गौ-संरक्षकों ने उनकी पिटाई की थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गुजरात में इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मकवाना ने बताया कि वह बुधवार को अपना पुरस्कार और उसके साथ मिली 25,000 रुपये की राशि अहमदाबाद के जिलाधिकारी को वापस लौटाएंगे। सुरेन्द्रनगर जिले में वाधवान कस्बे के निवासी मकवाना ने कहा, ''गुजरात में ऐसी घटनाएं अक्‍सर हो रही हैं, लेकिन सरकार दलितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है।'' कांग्रेस से जुड़े रहे इस लेखक को गुजरात सरकार ने 2012-13 का 'दासी जीवन श्रेष्ठ दलित साहित्य कृति अवार्ड' दिया था। लेखक को 25,000 रुपये नकद, एक प्रमाणपत्र और शॉल दिया गया था। मकवाना ने कहा, ''गिर सोमनाथ जिले के मोटा समधियाला गांव में जो हुआ वह बहुत भयावह और क्रूर है। दलितों के प्रति ऐसा अत्याचार निंदनीय है और उसने मुझे अंदर तक हिला दिया। दुख की बात है कि ऐसी घटनाएं हमारे आसपास लगातार हो रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''करीब 50 लोग कुछ दलित युवकों की पिटाई करते हैं लेकिन सिर्फ 16 गिरफ्तार होते हैं। बाकि अभी तक आजाद क्यों घूम रहे हैं? मुझे सरकार की मंशा पर संदेह है। मुझे अब सरकार में विश्वास नहीं है। यदि नेताओं के मन में दलितों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है, तो ऐसा पुरस्कार रखने का कोई औचित्य नहीं है।''टिप्पणियां उल्‍लेखनीय है कि गिर सोमनाथ जिले में 11 जुलाई को मृत गाय की खाल उतार रहे कुछ दलित युवकों पर गाय की हत्या का आरोप लगाकर गौ-संरक्षकों ने उनकी पिटाई की थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गुजरात में इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सुरेन्द्रनगर जिले में वाधवान कस्बे के निवासी मकवाना ने कहा, ''गुजरात में ऐसी घटनाएं अक्‍सर हो रही हैं, लेकिन सरकार दलितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है।'' कांग्रेस से जुड़े रहे इस लेखक को गुजरात सरकार ने 2012-13 का 'दासी जीवन श्रेष्ठ दलित साहित्य कृति अवार्ड' दिया था। लेखक को 25,000 रुपये नकद, एक प्रमाणपत्र और शॉल दिया गया था। मकवाना ने कहा, ''गिर सोमनाथ जिले के मोटा समधियाला गांव में जो हुआ वह बहुत भयावह और क्रूर है। दलितों के प्रति ऐसा अत्याचार निंदनीय है और उसने मुझे अंदर तक हिला दिया। दुख की बात है कि ऐसी घटनाएं हमारे आसपास लगातार हो रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''करीब 50 लोग कुछ दलित युवकों की पिटाई करते हैं लेकिन सिर्फ 16 गिरफ्तार होते हैं। बाकि अभी तक आजाद क्यों घूम रहे हैं? मुझे सरकार की मंशा पर संदेह है। मुझे अब सरकार में विश्वास नहीं है। यदि नेताओं के मन में दलितों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है, तो ऐसा पुरस्कार रखने का कोई औचित्य नहीं है।''टिप्पणियां उल्‍लेखनीय है कि गिर सोमनाथ जिले में 11 जुलाई को मृत गाय की खाल उतार रहे कुछ दलित युवकों पर गाय की हत्या का आरोप लगाकर गौ-संरक्षकों ने उनकी पिटाई की थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गुजरात में इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मकवाना ने कहा, ''गिर सोमनाथ जिले के मोटा समधियाला गांव में जो हुआ वह बहुत भयावह और क्रूर है। दलितों के प्रति ऐसा अत्याचार निंदनीय है और उसने मुझे अंदर तक हिला दिया। दुख की बात है कि ऐसी घटनाएं हमारे आसपास लगातार हो रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''करीब 50 लोग कुछ दलित युवकों की पिटाई करते हैं लेकिन सिर्फ 16 गिरफ्तार होते हैं। बाकि अभी तक आजाद क्यों घूम रहे हैं? मुझे सरकार की मंशा पर संदेह है। मुझे अब सरकार में विश्वास नहीं है। यदि नेताओं के मन में दलितों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है, तो ऐसा पुरस्कार रखने का कोई औचित्य नहीं है।''टिप्पणियां उल्‍लेखनीय है कि गिर सोमनाथ जिले में 11 जुलाई को मृत गाय की खाल उतार रहे कुछ दलित युवकों पर गाय की हत्या का आरोप लगाकर गौ-संरक्षकों ने उनकी पिटाई की थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गुजरात में इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, ''करीब 50 लोग कुछ दलित युवकों की पिटाई करते हैं लेकिन सिर्फ 16 गिरफ्तार होते हैं। बाकि अभी तक आजाद क्यों घूम रहे हैं? मुझे सरकार की मंशा पर संदेह है। मुझे अब सरकार में विश्वास नहीं है। यदि नेताओं के मन में दलितों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है, तो ऐसा पुरस्कार रखने का कोई औचित्य नहीं है।''टिप्पणियां उल्‍लेखनीय है कि गिर सोमनाथ जिले में 11 जुलाई को मृत गाय की खाल उतार रहे कुछ दलित युवकों पर गाय की हत्या का आरोप लगाकर गौ-संरक्षकों ने उनकी पिटाई की थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गुजरात में इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उल्‍लेखनीय है कि गिर सोमनाथ जिले में 11 जुलाई को मृत गाय की खाल उतार रहे कुछ दलित युवकों पर गाय की हत्या का आरोप लगाकर गौ-संरक्षकों ने उनकी पिटाई की थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गुजरात में इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दलित लेखक अमृतलाल मकवाना बुधवार को लौटाएंगे पुरस्‍कार गुजरात सरकार ने 2012-13 में दिया था पुरस्‍कार सुरेन्द्रनगर जिले में वाधवान कस्बे के रहने वाले हैं
26
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक मंत्री ने मंगलवार को कहा कि सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को पूर्व पार्टी सदस्य और विधायक बलदेव कुमार (Baldev Kumar) के भारत में राजनीतिक शरण मांगने पर कोई आपत्ति नहीं है. कुमार अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पिछले महीने भारत आए थे. वह इस समय पंजाब के लुधियाना जिले के खन्ना में रह रहे हैं. कुमार ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान इसलिए छोड़ा क्योंकि अल्पसंख्यकों को ‘वहां उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है'.  खैबर पख्तूनख्वा के सूचना मंत्री शौकत अली यूसफजई ने मीडिया से कहा कि कुमार जहां कहीं भी रहना चाहते हैं, उन्हें इसकी आजादी है. कुमार ने तीन वर्ष तक खैबर पख्तूनख्वा के स्वात जिले में पीटीआई अध्यक्ष के तौर पर काम किया था. यूसफजई ने कहा कि कुमार का पीटीआई से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि उन्हें 2013 से 2018 तक खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक रहे सरदार सोरन सिंह की हत्या में कथित भूमिका के चलते पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. इससे पहले कुमार ने लुधियाना में संवाददाताओं से कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता है और वहां मुसलमान तक सुरक्षित नहीं हैं. बता दें, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के एक पूर्व विधायक ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों से उनके अधिकार छीने जाने का आरोप लगाते हुए भारत में शरण मांगी है. बलदेव कुमार ने यह भी आरोप लगाया है कि आतंकवाद को पाकिस्तान में समर्थन मिल रहा है. कुमार ने खन्ना में मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘मैं यहां शरण मांगने आया हूं और (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी साहब से मदद का आग्रह करूंगा.'  यह पूछे जाने पर कि वह अपना देश छोड़कर भारत क्यों आये, कुमार ने कहा, ‘सारी दुनिया देख रही है कि पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति क्या है. हमें (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान) खान साहब से उम्मीद थी कि उनके (सत्ता में) आने के बाद पाकिस्तान की किस्मत बदलेगी.' उन्होंने कहा कि लेकिन वह (इमरान) ऐसा करने में नाकाम रहे. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘खान साहब नये पाकिस्तान की बात कर रहे थे. यद्यपि पुराना पाकिस्तान नये पाकिस्तान से बेहतर था. आप (पाकिस्तान में) स्थिति देख रहे हैं और मैं भी वही देख रहा हूं. एक दिन हमारी सिख लड़की का अपहरण कर लिया गया. ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए.'
सारांश: अल्पसंख्यक नहीं हैं सुरक्षित- बलदेव मोदी सरकार ले कोई फैसला भारत से लगाई शरण की गुहार
20
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: कोलकाता नाइट राइडर्स के सलामी बल्लेबाज मानविंदर बिस्ला ने खराब फॉर्म से जूझ रहे टीम के सभी बल्लेबाजों से एकजुट होकर कप्तान गौतम गंभीर पर दबाव कम करने की अपील की है।टिप्पणियां बिस्ला ने कहा, एक बल्लेबाजी यूनिट के तौर पर हमने गंभीर पर काफी दबाव बना दिया है। हम टूर्नामेंट में अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर सके हैं। कोलकाता की टीम अगले दो मैचों में चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली डेयरडेविल्स से भिड़ेगी। बिस्ला ने कहा, टूर्नामेंट के बाकी मैचों में यदि दूसरे बल्लेबाज फॉर्म में लौटते हैं, तो गंभीर उन्मुक्त होकर खेल सकता है। केकेआर और चेन्नई सुपर किंग्स का जब सामना होगा, तो पिछले साल के फाइनल की यादें ताजा हो जाएगी, जब बिस्ला ने करियर की सर्वश्रेष्ठ 89 रन की पारी खेलकर कोलकाता को जीत दिलाई थी। बिस्ला ने हालांकि कहा कि यह उपलब्धि अतीत की बात है। उन्होंने कहा, वह पिछले साल की बात है, लेकिन अब नया सत्र है। देखते हैं कि रविवार को क्या होता है। बिस्ला ने कहा, एक बल्लेबाजी यूनिट के तौर पर हमने गंभीर पर काफी दबाव बना दिया है। हम टूर्नामेंट में अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर सके हैं। कोलकाता की टीम अगले दो मैचों में चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली डेयरडेविल्स से भिड़ेगी। बिस्ला ने कहा, टूर्नामेंट के बाकी मैचों में यदि दूसरे बल्लेबाज फॉर्म में लौटते हैं, तो गंभीर उन्मुक्त होकर खेल सकता है। केकेआर और चेन्नई सुपर किंग्स का जब सामना होगा, तो पिछले साल के फाइनल की यादें ताजा हो जाएगी, जब बिस्ला ने करियर की सर्वश्रेष्ठ 89 रन की पारी खेलकर कोलकाता को जीत दिलाई थी। बिस्ला ने हालांकि कहा कि यह उपलब्धि अतीत की बात है। उन्होंने कहा, वह पिछले साल की बात है, लेकिन अब नया सत्र है। देखते हैं कि रविवार को क्या होता है। बिस्ला ने कहा, टूर्नामेंट के बाकी मैचों में यदि दूसरे बल्लेबाज फॉर्म में लौटते हैं, तो गंभीर उन्मुक्त होकर खेल सकता है। केकेआर और चेन्नई सुपर किंग्स का जब सामना होगा, तो पिछले साल के फाइनल की यादें ताजा हो जाएगी, जब बिस्ला ने करियर की सर्वश्रेष्ठ 89 रन की पारी खेलकर कोलकाता को जीत दिलाई थी। बिस्ला ने हालांकि कहा कि यह उपलब्धि अतीत की बात है। उन्होंने कहा, वह पिछले साल की बात है, लेकिन अब नया सत्र है। देखते हैं कि रविवार को क्या होता है।
संक्षिप्त पाठ: कोलकाता नाइट राइडर्स के सलामी बल्लेबाज मानविंदर बिस्ला ने खराब फॉर्म से जूझ रहे टीम के सभी बल्लेबाजों से एकजुट होकर कप्तान गौतम गंभीर पर दबाव कम करने की अपील की है।
22
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: बल्‍लेबाज                 देश                  विपक्षी टीम                    गेंद खेलीं                   वर्ष डेविड मिलर           दक्षिण अफ्रीका       बांग्‍लादेश                         35                        2017 रिचर्ड लेवी             दक्षिण अफ्रीका       न्‍यूजीलैंड                         45                        2012 फाफ डु प्‍लेसिस      दक्षिण अफ्रीका       वेस्‍टइंडीज                        46                        2015 केएल राहुल           भारत                  वेस्‍टइंडीज                         46                        2016 एरोन फिंच            ऑस्‍ट्रेलिया            इंग्‍लैंड                              47                        2013 क्रिस गेल              वेस्‍टइंडीज             इंग्‍लैंड                              47                        2016
मिलर ने 36 गेंदों पर सात चौकों और नौ छक्‍कों की मदद से नाबाद 101 रन बनाए मिलर ने हाशिम अमला के साथ मिलकर 79 रन की साझेदारी की शाकिब अल हसन को छोड़कर बांग्‍लादेश के सभी गेंदबाज खासे महंगे साबित हुए
34
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज को आड़े हाथों लिया। स्वराज ने राजघाट पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नृत्य किया था। उमर ने ट्वीटर पर ट्वीट किया कि उनके पिता स्वराज से बेहतर नर्तक हैं। उमर ने मंगलवार को अपराह्न् 3.25 बजे ट्वीट किया, "सुषमा स्वराज का नृत्य करते हुए वीडियो देखने के बाद मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि मेरे पिता सुषमा स्वराज से बेहतर नर्तक हैं।" ज्ञात हो कि जम्मू एवं कश्मीर के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके फारुख अब्दुल्ला को हाल में एक कश्मीरी लोकगीत पर नृत्य करते हुए देखा गया था। एक मिनट का यह वीडियो इतना हिट हुआ था कि फेसबुक साइट पर तमाम दर्शकों ने इसे देखा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ राजघाट पर रविवार को 24 घंटे के सत्याग्रह के दौरान ठुमके लगाए थे। सुषमा के इस नृत्य ने विवाद को जन्म दे दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि स्वराज ने इस कृत्य के जरिए उस स्थल को अपवित्र कर दिया।
जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज को आड़े हाथों लिया।
28
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: दिल्ली हाईकोर्ट धमाके के एक चश्मदीद ने दावा किया है कि धमाका करने वाला हमलावर सफारी सूट पहनकर आया था। पुलिस पूर्वी दिल्ली में रहने वाले इस चश्मदीद के बयान की गंभीरता से जांच कर रही है। 'इंडियन एक्सप्रेस' अखबार में छपी खबर के मुताबिक चश्मदीद ने पुलिस को बताया है कि सफारी सूट पहने एक शख्स पास बनाने वाले काउंटर पर आया। उसने पास बनवाने के लिए लगी पुरुषों और वरिष्ठ नागरिकों की कतारों के बीच ब्रीफकेस रखा और भीड़ में गुम हो गया। चश्मदीद उस समय पुरुषों की कतार में खड़ा था। उसने कि वह काफी हड़बड़ी में था, क्योंकि कतार तोड़कर आगे गया और सीनियर सिटीजन की कतार की ओर बढ़ते हुए अपना ब्रीफकेस उसने बीच में रख दिया। चश्मदीद ने यह जानकारी पुलिस की ओर से जारी स्केच के आधार पर दी है। उसने यह भी बताया कि लावारिस ब्रीफकेस को देखकर लोगों को शक भी हुआ, लेकिन इससे पहले की कुछ हो पाता, धमाका हो गया।
संक्षिप्त सारांश: हाईकोर्ट धमाके के एक चश्मदीद का दावा है कि धमाका करने वाला आतंकी सफारी सूट पहनकर आया था। पुलिस इस बात की गंभीरता से जांच कर रही है।
29
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: मध्य इटली में रविवार को 4.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इससे इमारतें हिल गईं और लोगों में दहशत फैल गई।टिप्पणियां इटली के भूभौतिकी संस्थान के अनुसार भूकंप राजधानी रोम और दक्षिणी शहर नेपल्स के बीच फ्रोंसिनोन में महसूस किया गया जो 10.7 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था । इसमें जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप से आब्रुजो क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया और आपातकालीन सेवाओं को फोन आने लगे। इटली के भूभौतिकी संस्थान के अनुसार भूकंप राजधानी रोम और दक्षिणी शहर नेपल्स के बीच फ्रोंसिनोन में महसूस किया गया जो 10.7 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था । इसमें जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप से आब्रुजो क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया और आपातकालीन सेवाओं को फोन आने लगे। भूकंप से आब्रुजो क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया और आपातकालीन सेवाओं को फोन आने लगे।
यहाँ एक सारांश है:मध्य इटली में रविवार को 4.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इससे इमारतें हिल गईं और लोगों में दहशत फैल गई।
17
['hin']
एक सारांश बनाओ: पुड्डचेरी के 60 वर्षीय मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाला। उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल) परिवारों को 25 किलो चावल मुफ्त देने का आदेश दिया। नई सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन राशि भी 750 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दी। इससे पहले राज निवास में उपराज्यपाल इकबाल सिंह ने ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस (एआईएनआरसी) पार्टी के नेता रंगासामी को पद एवं गोपीयता की शपथ दिलाई। रंगासामी के साथ किसी भी अन्य मंत्री को शपथ नहीं दिलाई गई। दो माह पूर्व गठित एआईएनआरसी पार्टी ने 50 सदस्यीय विधानसभा के लिए ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। रंगासामी दो निर्वाचन क्षेत्रों से विजयी घोषित किए गए थे। आईएनआरसी को 17 में से 15 सीटें मिलीं, जबकि एआईएडीएमके को पांच सीटें मिलीं। गठबंधन की दोनों पार्टियों ने मिलकर 20 सीटें हासिल की। पूर्व कांग्रेस नेता रंगासामी इससे पहले 2001 से लेकर 2008 तक इस केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: पुड्डचेरी के 60 वर्षीय मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने अपना कार्यभार संभाला। उन्होंने बीपीएल परिवारों को 25 किलो चावल मुफ्त देने का आदेश दिया।
32
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जमात-ए-उलमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि असम में डेरा जमाए अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेश के नागरिकों के बच्चों की नागरिकता के मामले में उन्हें भी पक्ष बनाया जाए. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित इस मामले में उनको भी पक्ष बनाया जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है आप उस पीठ के समक्ष अर्जी दाखिल कर पक्ष बनाने की मांग करें. दरअसल अवैध आव्रजकों के भारत में जन्म लेने वाले बच्चों की नागरिकता का मामला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है. सुनवाई के दौरान संविधान पीठ देखेगी कि मौजूदा भारतीय कानून के तहत इन बच्चों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है या नहीं. संविधान पीठ असम में डेरा जमाए बांग्लादेश के अवैध आव्रजकों के बच्चों की स्थितियों पर सुनवाई करेगी. इसके अलावा संविधान पीठ की बड़ी पीठ नागरिकता कानून की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता पर भी विचार करेगी. टिप्पणियां यह भी पढ़ें - घुसपैठ रोकने के लिए बांग्लादेश के साथ भूमि हस्तांतरण समझौता : पीएम नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस मामले में जनवरी 2016 तक असम में नेशनल रेजिस्टर ऑफ सिटीजन बनाने के लिए एक समय सीमा तय करने को भी कह चुका है. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत की एकता और संप्रभुता इसलिए भी खतरे में पड़ गई है क्योंकि पड़ोसी देश से बड़ी तादाद में अवैध आव्रजक आ रहे हैं, जो हमारे प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है आप उस पीठ के समक्ष अर्जी दाखिल कर पक्ष बनाने की मांग करें. दरअसल अवैध आव्रजकों के भारत में जन्म लेने वाले बच्चों की नागरिकता का मामला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है. सुनवाई के दौरान संविधान पीठ देखेगी कि मौजूदा भारतीय कानून के तहत इन बच्चों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है या नहीं. संविधान पीठ असम में डेरा जमाए बांग्लादेश के अवैध आव्रजकों के बच्चों की स्थितियों पर सुनवाई करेगी. इसके अलावा संविधान पीठ की बड़ी पीठ नागरिकता कानून की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता पर भी विचार करेगी. टिप्पणियां यह भी पढ़ें - घुसपैठ रोकने के लिए बांग्लादेश के साथ भूमि हस्तांतरण समझौता : पीएम नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस मामले में जनवरी 2016 तक असम में नेशनल रेजिस्टर ऑफ सिटीजन बनाने के लिए एक समय सीमा तय करने को भी कह चुका है. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत की एकता और संप्रभुता इसलिए भी खतरे में पड़ गई है क्योंकि पड़ोसी देश से बड़ी तादाद में अवैध आव्रजक आ रहे हैं, जो हमारे प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं. दरअसल अवैध आव्रजकों के भारत में जन्म लेने वाले बच्चों की नागरिकता का मामला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है. सुनवाई के दौरान संविधान पीठ देखेगी कि मौजूदा भारतीय कानून के तहत इन बच्चों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है या नहीं. संविधान पीठ असम में डेरा जमाए बांग्लादेश के अवैध आव्रजकों के बच्चों की स्थितियों पर सुनवाई करेगी. इसके अलावा संविधान पीठ की बड़ी पीठ नागरिकता कानून की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता पर भी विचार करेगी. टिप्पणियां यह भी पढ़ें - घुसपैठ रोकने के लिए बांग्लादेश के साथ भूमि हस्तांतरण समझौता : पीएम नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस मामले में जनवरी 2016 तक असम में नेशनल रेजिस्टर ऑफ सिटीजन बनाने के लिए एक समय सीमा तय करने को भी कह चुका है. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत की एकता और संप्रभुता इसलिए भी खतरे में पड़ गई है क्योंकि पड़ोसी देश से बड़ी तादाद में अवैध आव्रजक आ रहे हैं, जो हमारे प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं. संविधान पीठ असम में डेरा जमाए बांग्लादेश के अवैध आव्रजकों के बच्चों की स्थितियों पर सुनवाई करेगी. इसके अलावा संविधान पीठ की बड़ी पीठ नागरिकता कानून की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता पर भी विचार करेगी. टिप्पणियां यह भी पढ़ें - घुसपैठ रोकने के लिए बांग्लादेश के साथ भूमि हस्तांतरण समझौता : पीएम नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस मामले में जनवरी 2016 तक असम में नेशनल रेजिस्टर ऑफ सिटीजन बनाने के लिए एक समय सीमा तय करने को भी कह चुका है. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत की एकता और संप्रभुता इसलिए भी खतरे में पड़ गई है क्योंकि पड़ोसी देश से बड़ी तादाद में अवैध आव्रजक आ रहे हैं, जो हमारे प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं. यह भी पढ़ें - घुसपैठ रोकने के लिए बांग्लादेश के साथ भूमि हस्तांतरण समझौता : पीएम नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस मामले में जनवरी 2016 तक असम में नेशनल रेजिस्टर ऑफ सिटीजन बनाने के लिए एक समय सीमा तय करने को भी कह चुका है. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत की एकता और संप्रभुता इसलिए भी खतरे में पड़ गई है क्योंकि पड़ोसी देश से बड़ी तादाद में अवैध आव्रजक आ रहे हैं, जो हमारे प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस मामले में जनवरी 2016 तक असम में नेशनल रेजिस्टर ऑफ सिटीजन बनाने के लिए एक समय सीमा तय करने को भी कह चुका है. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत की एकता और संप्रभुता इसलिए भी खतरे में पड़ गई है क्योंकि पड़ोसी देश से बड़ी तादाद में अवैध आव्रजक आ रहे हैं, जो हमारे प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं.
संक्षिप्त सारांश: सुप्रीम कोर्ट ने कहा पीठ के समक्ष अर्जी दाखिल कर पक्ष बनाने की मांग करें अवैध आव्रजकों के भारत में जन्म लेने वाले बच्चों की नागरिकता का सवाल संविधान पीठ नागरिकता कानून की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता पर विचार करेगी
29
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को केंद्र की राजग सरकार पर पश्चिम बंगाल में 500 रुपये के नए नोट नहीं जारी कर इस राज्य के साथ भेदभावपूर्ण राजनीति करने का आरोप लगाया एवं कहा कि अन्य राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने के बाद अगली कार्ययोजना तय करेंगी. ममता बनर्जी ने कहा, "उन्होंने राजस्थान को 500 रुपये के नोट भेजे हैं, लेकिन वे पश्चिम बंगाल को 500 रुपये के नोट नहीं भेज रहे हैं. केंद्र सरकार सही ढंग से कार्य करने में पूरी तरह विफल रही है. ग्रामीण भारत मर रहा है, वह कार्ड नहीं इस्तेमाल करता. वे क्या करेंगे? पूरा ग्रामीण भारत चीख रहा है, किसान चीख रहे हैं. यदि खाना ही उपलब्ध नहीं होगा, तो लोग खाएंगे क्या? प्लास्टिक?? ’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बड़े पुराने नोटों का चलन बंद होने के कारण राज्य में तीन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. उन्होंने केंद्र सरकार के इस अनुरोध पर ऐतराज करने पर उच्चतम न्यायालय की सराहना की कि वह यह निर्देश दे कि शीर्ष अदालत के सिवा कोई भी अदालत नोटबंदी की अधिसूचना पर याचिकाएं नहीं सुन सकती. ममता आज कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय गईं और वहां की क्षेत्रीय निदेशक रेखा वारियर से भेंट के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "मैंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी बैंकों एवं एटीएम पर नकदी उपलब्ध हो. आम लोगों को परेशानियां नहीं होनी चाहिएं. उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए. यह मत कहिए कि हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि 'कोशिश' अनिश्चित शब्द है. यह लापरवाही एवं अक्षमता को ढाल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मैं आपको दोष नहीं दे रही. आप कहां से नोट देंगे, यदि केंद्र ने दिया ही नहीं है." वह पार्टी नेताओं के साथ आरबीआई कार्यालय के आसपास स्थित एटीएम पर भी गईं और उन्होंने लोगों से बातचीत की.टिप्पणियां उन्होंने कहा, "लोग अपने बचत खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे. उन्हें रोका जा रहा है. क्या उनका पैसा सुरक्षित है? देश जानना चाहता है." अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद से नोटबंदी के फैसले को तीन दिन में अंदर वापस लेने का आह्वान कर चुकीं ममता ने कहा, "तीन दिन की समयसीमा बीत जाने के बाद मैं अन्य राजनीतिक दलों से बात करूंगी एवं अगली कार्य योजना तय करूंगी."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ममता बनर्जी ने कहा, "उन्होंने राजस्थान को 500 रुपये के नोट भेजे हैं, लेकिन वे पश्चिम बंगाल को 500 रुपये के नोट नहीं भेज रहे हैं. केंद्र सरकार सही ढंग से कार्य करने में पूरी तरह विफल रही है. ग्रामीण भारत मर रहा है, वह कार्ड नहीं इस्तेमाल करता. वे क्या करेंगे? पूरा ग्रामीण भारत चीख रहा है, किसान चीख रहे हैं. यदि खाना ही उपलब्ध नहीं होगा, तो लोग खाएंगे क्या? प्लास्टिक?? ’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बड़े पुराने नोटों का चलन बंद होने के कारण राज्य में तीन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. उन्होंने केंद्र सरकार के इस अनुरोध पर ऐतराज करने पर उच्चतम न्यायालय की सराहना की कि वह यह निर्देश दे कि शीर्ष अदालत के सिवा कोई भी अदालत नोटबंदी की अधिसूचना पर याचिकाएं नहीं सुन सकती. ममता आज कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय गईं और वहां की क्षेत्रीय निदेशक रेखा वारियर से भेंट के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "मैंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी बैंकों एवं एटीएम पर नकदी उपलब्ध हो. आम लोगों को परेशानियां नहीं होनी चाहिएं. उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए. यह मत कहिए कि हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि 'कोशिश' अनिश्चित शब्द है. यह लापरवाही एवं अक्षमता को ढाल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मैं आपको दोष नहीं दे रही. आप कहां से नोट देंगे, यदि केंद्र ने दिया ही नहीं है." वह पार्टी नेताओं के साथ आरबीआई कार्यालय के आसपास स्थित एटीएम पर भी गईं और उन्होंने लोगों से बातचीत की.टिप्पणियां उन्होंने कहा, "लोग अपने बचत खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे. उन्हें रोका जा रहा है. क्या उनका पैसा सुरक्षित है? देश जानना चाहता है." अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद से नोटबंदी के फैसले को तीन दिन में अंदर वापस लेने का आह्वान कर चुकीं ममता ने कहा, "तीन दिन की समयसीमा बीत जाने के बाद मैं अन्य राजनीतिक दलों से बात करूंगी एवं अगली कार्य योजना तय करूंगी."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने केंद्र सरकार के इस अनुरोध पर ऐतराज करने पर उच्चतम न्यायालय की सराहना की कि वह यह निर्देश दे कि शीर्ष अदालत के सिवा कोई भी अदालत नोटबंदी की अधिसूचना पर याचिकाएं नहीं सुन सकती. ममता आज कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय गईं और वहां की क्षेत्रीय निदेशक रेखा वारियर से भेंट के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "मैंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी बैंकों एवं एटीएम पर नकदी उपलब्ध हो. आम लोगों को परेशानियां नहीं होनी चाहिएं. उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए. यह मत कहिए कि हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि 'कोशिश' अनिश्चित शब्द है. यह लापरवाही एवं अक्षमता को ढाल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मैं आपको दोष नहीं दे रही. आप कहां से नोट देंगे, यदि केंद्र ने दिया ही नहीं है." वह पार्टी नेताओं के साथ आरबीआई कार्यालय के आसपास स्थित एटीएम पर भी गईं और उन्होंने लोगों से बातचीत की.टिप्पणियां उन्होंने कहा, "लोग अपने बचत खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे. उन्हें रोका जा रहा है. क्या उनका पैसा सुरक्षित है? देश जानना चाहता है." अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद से नोटबंदी के फैसले को तीन दिन में अंदर वापस लेने का आह्वान कर चुकीं ममता ने कहा, "तीन दिन की समयसीमा बीत जाने के बाद मैं अन्य राजनीतिक दलों से बात करूंगी एवं अगली कार्य योजना तय करूंगी."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ममता आज कोलकाता में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय गईं और वहां की क्षेत्रीय निदेशक रेखा वारियर से भेंट के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "मैंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी बैंकों एवं एटीएम पर नकदी उपलब्ध हो. आम लोगों को परेशानियां नहीं होनी चाहिएं. उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए. यह मत कहिए कि हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि 'कोशिश' अनिश्चित शब्द है. यह लापरवाही एवं अक्षमता को ढाल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मैं आपको दोष नहीं दे रही. आप कहां से नोट देंगे, यदि केंद्र ने दिया ही नहीं है." वह पार्टी नेताओं के साथ आरबीआई कार्यालय के आसपास स्थित एटीएम पर भी गईं और उन्होंने लोगों से बातचीत की.टिप्पणियां उन्होंने कहा, "लोग अपने बचत खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे. उन्हें रोका जा रहा है. क्या उनका पैसा सुरक्षित है? देश जानना चाहता है." अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद से नोटबंदी के फैसले को तीन दिन में अंदर वापस लेने का आह्वान कर चुकीं ममता ने कहा, "तीन दिन की समयसीमा बीत जाने के बाद मैं अन्य राजनीतिक दलों से बात करूंगी एवं अगली कार्य योजना तय करूंगी."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) यह मत कहिए कि हम कोशिश कर रहे हैं क्योंकि 'कोशिश' अनिश्चित शब्द है. यह लापरवाही एवं अक्षमता को ढाल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मैं आपको दोष नहीं दे रही. आप कहां से नोट देंगे, यदि केंद्र ने दिया ही नहीं है." वह पार्टी नेताओं के साथ आरबीआई कार्यालय के आसपास स्थित एटीएम पर भी गईं और उन्होंने लोगों से बातचीत की.टिप्पणियां उन्होंने कहा, "लोग अपने बचत खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे. उन्हें रोका जा रहा है. क्या उनका पैसा सुरक्षित है? देश जानना चाहता है." अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद से नोटबंदी के फैसले को तीन दिन में अंदर वापस लेने का आह्वान कर चुकीं ममता ने कहा, "तीन दिन की समयसीमा बीत जाने के बाद मैं अन्य राजनीतिक दलों से बात करूंगी एवं अगली कार्य योजना तय करूंगी."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, "लोग अपने बचत खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे. उन्हें रोका जा रहा है. क्या उनका पैसा सुरक्षित है? देश जानना चाहता है." अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद से नोटबंदी के फैसले को तीन दिन में अंदर वापस लेने का आह्वान कर चुकीं ममता ने कहा, "तीन दिन की समयसीमा बीत जाने के बाद मैं अन्य राजनीतिक दलों से बात करूंगी एवं अगली कार्य योजना तय करूंगी."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त पाठ: ममता बनर्जी ने लगाया राज्य के साथ भेदभावपूर्ण राजनीति करने का आरोप ममता बोलीं, अन्य दलों के साथ बातचीत के बाद अगली कार्ययोजना तय करेंगी नोटबंदी से राज्य में तीन लोग की मौत का किया दावा
27
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: ग्रेटर नोएडा पुलिस ने वाहन चोरों के ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसे बीए में पढ़ने वाला स्टूडेंट ऑपरेट कर रहा था. इस गैंग में वाहन चोरी करने वाले 7 नाबालिग बच्चों के साथ गैंग के सरगना समेत चार बदमाश पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 9 मोटरसाइकिल सहित एक स्कूटी एक मोटर साइकिल की चेचिस भी बरामद की है. बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है जबकि नाबालिक चोरों को जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया है. पुलिस की गिरफ्त खड़े प्रिंस, अंकित, लोकेश और राहुल शातिर किस्म के वाहन चोर है. प्रिंस इस गिरोह का सागना है जो दादरी के ही एक कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रहा है. प्रिंस ने अंकित, लोकेश और राहुल के साथ मिल कर गैंग बनाया. इसके बाद इस गैंग में नाबालिक बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने गैंग में शामिल कर लिया और उसके बाद नाबालिग बच्चों के माध्यम से मोटरसाइकिल चोरी की वारदातों को अंजाम देने लगा. प्रिंस का मानना था की ये मासूम बच्चे अगर चोरी करते समय पकड़े भी जाते आसानी से छूट जाते थे.  इस गैंग ने एक माह 11 मोटरसाइकिल चोरी व स्कूटी चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया. जिसके चलते दादरी पुलिस लगातार हो रही चोरी की वारदातों के पड़े से परेशान होकर चेकिंग अभियान चलाई हुई थी इस दौरान प्रिंस और लोकेश को पकड़ लिया. इनसे गहन पूछताछ से इस गैंग का खुलासा हुआ और चोरी की मोटरसाइकिल चोरी व स्कूटी बरामद हो गई. पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों में लोकेश की अहम भूमिका होती थी. प्रिंस और राहुल चोरी की मोटरसाइकिल लोकेश की दुकान पर भेज दिया करते थे. जिसका बाइक रिपेयरिंग का वर्कशॉप है. जहां से वह इन मोटरसाइकिलों को 22 सौ रुपये से लेकर 5 हजार रुपए में बेच दिया करता था. अगर कोई मोटरसाइकिल बिक नहीं पाती थी तो उसके सामान को खोल कर दूसरे मोटरसाइकिल में लगा दिया करता था. पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि इस गैंग में शामिल सात नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हे पुलिस ने पकड़ा है. बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि नाबालिग चोरों को जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.
बीए का स्टूडेंट चलाता था गिरोह बच्चों से करवाता था चोरी पुलिस ने यूं दबोचा
34
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: लोकसभा में मंगलवार को चीन और पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखाओं का उल्लंघन करने और भारतीय सैनिकों की हत्या किए जाने पर गहरा रोष जताते हुए इन दोनों देशों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने की मांग की गई। शून्यकाल में सपा के मुलायम सिंह यादव ने यह मुद्दा उठाते हुए आगाह किया कि चीन की तरफ से देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा है और उस पर यकीन नहीं किया जा सकता क्योंकि वह बार-बार धोखा देता आया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भी आज एक बार फिर कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर भारत के पांच जवानों की हत्या करने का दुस्साहस किया। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों नियंत्रण रेखा पर हमले कर रहे हैं। मुलायम ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच भारत के खिलाफ सांठ-गांठ हो सकती है या नहीं, इस बारे में रक्षामंत्री को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों ही हमारी सीमा पर घात लगाए बैठे हैं तो हमको पूरा सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि चीन हमला करने की पूरी तैयारी कर रहा है और वह हिंदुस्तान पर हमला करेगा। उसने पूरा नक्शा बना लिया है और हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के कुछ हिस्सों पर भी उसकी नजर है। सपा नेता ने कहा कि चीन ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में 19 किलोमीटर भीतर घुसकर शिविर लगाए थे। उन्होंने कहा कि ठीक है कि वे वापस गए हैं लेकिन उस क्षेत्र को पूरी तरह समझ कर गए हैं कि वहां कैसे आना है और क्या करना है। उन्होंने कहा कि देश पहले भी चीन से धोखा खा चुका है और 1962 में उसने भारत पर हमला किया जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को इतना सदमा हुआ कि वह उसे सह नहीं पाए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षामंत्री एके एंटनी से मुखातिब होते हुए कहा कि वे चीन पर भरोसा नहीं करें। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। शून्यकाल में सपा के मुलायम सिंह यादव ने यह मुद्दा उठाते हुए आगाह किया कि चीन की तरफ से देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा है और उस पर यकीन नहीं किया जा सकता क्योंकि वह बार-बार धोखा देता आया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भी आज एक बार फिर कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर भारत के पांच जवानों की हत्या करने का दुस्साहस किया। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों नियंत्रण रेखा पर हमले कर रहे हैं। मुलायम ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच भारत के खिलाफ सांठ-गांठ हो सकती है या नहीं, इस बारे में रक्षामंत्री को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों ही हमारी सीमा पर घात लगाए बैठे हैं तो हमको पूरा सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि चीन हमला करने की पूरी तैयारी कर रहा है और वह हिंदुस्तान पर हमला करेगा। उसने पूरा नक्शा बना लिया है और हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के कुछ हिस्सों पर भी उसकी नजर है। सपा नेता ने कहा कि चीन ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में 19 किलोमीटर भीतर घुसकर शिविर लगाए थे। उन्होंने कहा कि ठीक है कि वे वापस गए हैं लेकिन उस क्षेत्र को पूरी तरह समझ कर गए हैं कि वहां कैसे आना है और क्या करना है। उन्होंने कहा कि देश पहले भी चीन से धोखा खा चुका है और 1962 में उसने भारत पर हमला किया जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को इतना सदमा हुआ कि वह उसे सह नहीं पाए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षामंत्री एके एंटनी से मुखातिब होते हुए कहा कि वे चीन पर भरोसा नहीं करें। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भी आज एक बार फिर कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर भारत के पांच जवानों की हत्या करने का दुस्साहस किया। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों नियंत्रण रेखा पर हमले कर रहे हैं। मुलायम ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच भारत के खिलाफ सांठ-गांठ हो सकती है या नहीं, इस बारे में रक्षामंत्री को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों ही हमारी सीमा पर घात लगाए बैठे हैं तो हमको पूरा सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि चीन हमला करने की पूरी तैयारी कर रहा है और वह हिंदुस्तान पर हमला करेगा। उसने पूरा नक्शा बना लिया है और हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के कुछ हिस्सों पर भी उसकी नजर है। सपा नेता ने कहा कि चीन ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में 19 किलोमीटर भीतर घुसकर शिविर लगाए थे। उन्होंने कहा कि ठीक है कि वे वापस गए हैं लेकिन उस क्षेत्र को पूरी तरह समझ कर गए हैं कि वहां कैसे आना है और क्या करना है। उन्होंने कहा कि देश पहले भी चीन से धोखा खा चुका है और 1962 में उसने भारत पर हमला किया जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को इतना सदमा हुआ कि वह उसे सह नहीं पाए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षामंत्री एके एंटनी से मुखातिब होते हुए कहा कि वे चीन पर भरोसा नहीं करें। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। मुलायम ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच भारत के खिलाफ सांठ-गांठ हो सकती है या नहीं, इस बारे में रक्षामंत्री को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों ही हमारी सीमा पर घात लगाए बैठे हैं तो हमको पूरा सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि चीन हमला करने की पूरी तैयारी कर रहा है और वह हिंदुस्तान पर हमला करेगा। उसने पूरा नक्शा बना लिया है और हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के कुछ हिस्सों पर भी उसकी नजर है। सपा नेता ने कहा कि चीन ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में 19 किलोमीटर भीतर घुसकर शिविर लगाए थे। उन्होंने कहा कि ठीक है कि वे वापस गए हैं लेकिन उस क्षेत्र को पूरी तरह समझ कर गए हैं कि वहां कैसे आना है और क्या करना है। उन्होंने कहा कि देश पहले भी चीन से धोखा खा चुका है और 1962 में उसने भारत पर हमला किया जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को इतना सदमा हुआ कि वह उसे सह नहीं पाए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षामंत्री एके एंटनी से मुखातिब होते हुए कहा कि वे चीन पर भरोसा नहीं करें। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। उन्होंने दावा किया कि चीन हमला करने की पूरी तैयारी कर रहा है और वह हिंदुस्तान पर हमला करेगा। उसने पूरा नक्शा बना लिया है और हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के कुछ हिस्सों पर भी उसकी नजर है। सपा नेता ने कहा कि चीन ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में 19 किलोमीटर भीतर घुसकर शिविर लगाए थे। उन्होंने कहा कि ठीक है कि वे वापस गए हैं लेकिन उस क्षेत्र को पूरी तरह समझ कर गए हैं कि वहां कैसे आना है और क्या करना है। उन्होंने कहा कि देश पहले भी चीन से धोखा खा चुका है और 1962 में उसने भारत पर हमला किया जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को इतना सदमा हुआ कि वह उसे सह नहीं पाए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षामंत्री एके एंटनी से मुखातिब होते हुए कहा कि वे चीन पर भरोसा नहीं करें। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। सपा नेता ने कहा कि चीन ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में 19 किलोमीटर भीतर घुसकर शिविर लगाए थे। उन्होंने कहा कि ठीक है कि वे वापस गए हैं लेकिन उस क्षेत्र को पूरी तरह समझ कर गए हैं कि वहां कैसे आना है और क्या करना है। उन्होंने कहा कि देश पहले भी चीन से धोखा खा चुका है और 1962 में उसने भारत पर हमला किया जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को इतना सदमा हुआ कि वह उसे सह नहीं पाए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षामंत्री एके एंटनी से मुखातिब होते हुए कहा कि वे चीन पर भरोसा नहीं करें। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। उन्होंने कहा कि देश पहले भी चीन से धोखा खा चुका है और 1962 में उसने भारत पर हमला किया जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को इतना सदमा हुआ कि वह उसे सह नहीं पाए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षामंत्री एके एंटनी से मुखातिब होते हुए कहा कि वे चीन पर भरोसा नहीं करें। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षामंत्री एके एंटनी से मुखातिब होते हुए कहा कि वे चीन पर भरोसा नहीं करें। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। मुलायम ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सरगना हाफिज सईद जब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा करने आया था तो भारत को उसी समय सतर्क हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत जैसे विशाल देश का डर नहीं है।  बांग्लादेश के अलग होने को वह भुला नहीं पा रहा है और इसके चलते वह भारत से नाराज है। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस कश्मीर ने देश का इतना साथ दिया, उसे वह क्या दे रही है। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। मुलायम ने कहा कि कश्मीर में न रोजगार है, न आवागमन के लिए अच्छी सडकें हैं, न बिजली है, न पानी है। उन्होंने कश्मीरियों को सुविधाएं देने की जोरदार मांग की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। तिब्बत के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादियों की शुरू से राय रही है कि तिब्बत भारत का पहरेदार है लेकिन उसे भी चीन के हवाले कर दिया गया।टिप्पणियां सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि ऐसा करने में भाजपा भी शामिल रही है और इसके लिए अकेले कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा भी दोषी है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की। इस बीच केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया जा सकता है। बस जरूरत है, सबको एक रहने की।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: शून्यकाल में सपा के मुलायम सिंह यादव ने यह मुद्दा उठाते हुए आगाह किया कि चीन की तरफ से देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा है और उस पर यकीन नहीं किया जा सकता क्योंकि वह बार-बार धोखा देता आया है।
11
['hin']
एक सारांश बनाओ: अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठनों पर ड्रोन हमले रोकने का व्हाइट हाउस का कोई इरादा नहीं है। इस बयान के बाद पाक और अमेरिका के बीच कूटनीतिक तनाव फिर तेज़ होने के आसार हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यदि सीआईए के ड्रोन विमानों की नजर में कोई संदिग्ध आतंकवादी नजर आता है तो उस पर हमला किया जायेगा। यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने पाकिस्तानी संसद द्वारा इन हमलों के खात्मे के लिये अपील को नजरंदाज किया है।टिप्पणियां हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इस बार हालात दूसरे हैं । अब पाकिस्तान सरकार और कमजोर स्थिति में है। अब जब वह अमेरिकी कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से निंदा करता है तो उसे शांति से बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में पिछले साल रे डेविस प्रकरण और ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में पाये जाने जैसे अन्य घटनाक्रम के बाद खटास आई थी। नवंबर में जब अमेरिकी सेना ने 24 पाक सैनिकों को मार गिराया था तो दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गये। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यदि सीआईए के ड्रोन विमानों की नजर में कोई संदिग्ध आतंकवादी नजर आता है तो उस पर हमला किया जायेगा। यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने पाकिस्तानी संसद द्वारा इन हमलों के खात्मे के लिये अपील को नजरंदाज किया है।टिप्पणियां हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इस बार हालात दूसरे हैं । अब पाकिस्तान सरकार और कमजोर स्थिति में है। अब जब वह अमेरिकी कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से निंदा करता है तो उसे शांति से बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में पिछले साल रे डेविस प्रकरण और ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में पाये जाने जैसे अन्य घटनाक्रम के बाद खटास आई थी। नवंबर में जब अमेरिकी सेना ने 24 पाक सैनिकों को मार गिराया था तो दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गये। यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने पाकिस्तानी संसद द्वारा इन हमलों के खात्मे के लिये अपील को नजरंदाज किया है।टिप्पणियां हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इस बार हालात दूसरे हैं । अब पाकिस्तान सरकार और कमजोर स्थिति में है। अब जब वह अमेरिकी कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से निंदा करता है तो उसे शांति से बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में पिछले साल रे डेविस प्रकरण और ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में पाये जाने जैसे अन्य घटनाक्रम के बाद खटास आई थी। नवंबर में जब अमेरिकी सेना ने 24 पाक सैनिकों को मार गिराया था तो दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गये। हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इस बार हालात दूसरे हैं । अब पाकिस्तान सरकार और कमजोर स्थिति में है। अब जब वह अमेरिकी कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से निंदा करता है तो उसे शांति से बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में पिछले साल रे डेविस प्रकरण और ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में पाये जाने जैसे अन्य घटनाक्रम के बाद खटास आई थी। नवंबर में जब अमेरिकी सेना ने 24 पाक सैनिकों को मार गिराया था तो दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गये। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में पिछले साल रे डेविस प्रकरण और ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में पाये जाने जैसे अन्य घटनाक्रम के बाद खटास आई थी। नवंबर में जब अमेरिकी सेना ने 24 पाक सैनिकों को मार गिराया था तो दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गये।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठनों पर ड्रोन हमले रोकने का व्हाइट हाउस का कोई इरादा नहीं है।
26
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: पूर्व कप्तान कुमार संगकारा (नाबाद 61) और दिग्गज बल्लेबाज माहेला जयवर्धने (नाबाद 31) की उम्दा पारियों की बदौलत श्रीलंका क्रिकेट टीम ने आस्ट्रेलिया के साथ सिंहली स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर जारी तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन शनिवार का खेल खत्म होने तक अपनी पहली पारी में दो विकेट के नुकसान पर 166 रन बना लिए हैं। अपने टेस्ट करियर का 36वां अर्द्धशतक लगाने वाले संगकारा ने 125 गेंदों का सामना करते हुए नौ चौके लगाए हैं जबकि माहेला ने 83 गेंदों पर पांच बार गेंद को सीमा रेखा के बाहर भेजा है। दोनों बल्लेबाज तीसरे विकेट के लिए अब तक 69 रनों की साझेदारी कर चुके हैं। श्रीलंका ने 65 ओवर बल्लेबाजी की है। श्रीलंका ने पारी की शुरुआत करने आए लाहिरू थिरिमान्ने और थरंगा पारानाविताना के विकेट गंवाए हैं। लाहिरू 28 रन बनाकर पीटर सिडल की गेंद पर बोल्ड हुए। लाहिरू ने 80 गेंदों का सामना करते हुए दो चौके लगाए। लाहिरू का विकेट 56 रन के कुल योग पर गिरा। पारानाविताना का विकेट 97 रन के कुल योग पर गिरा। पारानाविताना ने 102 गेंदों का सामना करते हुए पांच चौके लगाए। लोहारू के साथ पहले विकेट के लिए 56 रन और फिर संगकारा के साथ दूसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पहली पारी की तुलना में मेजबान टीम अभी भी 150 रन पीछे है जबकि उसके आठ विकेट सुरक्षित हैं। इससे पहले, अपने करियर का 15वां शतक लगाने वाले अनुभवी बल्लेबाज माइकल हसी (118) की उम्दा पारी की बदौलत आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 316 रन बनाए। मैच के पहले दिन 63 रनों पर नाबाद लौटने वाले हसी ने 157 गेंदों पर इस श्रृंखला में अपना दूसरा शतक पूरा किया। हसी ने 178 गेंदों का सामना करते हुए 17 चौके और दो छक्के लगाए। उन्होंने पहले दिन अपने साथ नाबाद लौटने वाले विकेट कीपर बल्लेबाज ब्रैड हेडिन (35) के साथ छठे विकेट के लिए 75 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। आस्ट्रेलियाई टीम ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक पांच विकेट पर 235 रन बनाए थे। श्रीलंका की ओर से अपना पहला टेस्ट खेल रहे शामिंदा इरांगा ने चार विकेट लिए जबकि चनाका वेलेगेदारा को तीन और सुरंग लोकमल को दो सफलता मिली। इरांगा ने हसी और हैडिन को आउट किया जबकि वेलेगेदारा ने मिशेल जानसन (8), पीटर सिडल (0) और ट्रेंट कोपलैंड (1) को चलता किया। इससे पहले, मैच के प्रथम दिन आस्ट्रेलिया की ओर से शान मार्श ने 81 रनों की बहुमूल्य पारी खेली थी। मार्श और पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग (48) ने तीसरे विकेट के लिए 79 रन जोड़कर टीम को अच्छा सहारा दिया। पोंटिग ने अपनी 91 गेंदों की पारी में छह चौके लगाए जबकि अपने करियर का पहला अर्धशतक लगाने वाले मार्श ने 207 गेंदों पर सात चौके लगाए। मार्श ने पालेकेले में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में पोंटिंग की गैरमौजूदगी में 141 रनों की शानदार पारी खेली थी। वह मार्श का पहला टेस्ट मैच था। पोंटिग अपने बच्चे के जन्म के कारण दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेल सके थे। तीन मैचों की इस श्रृंखला में मेहमान टीम ने 1-0 की बढ़त बना रखी है। उसने गॉल में खेला गया पहला टेस्ट मैच 125 रनों के अंतर से जीता था जबकि पालेकेले में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच बराबरी पर छूटा था।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: श्रीलंका ने आस्ट्रेलिया के साथ जारी तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन खेल खत्म होने तक अपनी पहली पारी में दो विकेट के नुकसान पर 166 रन बना लिए।
11
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: पूरा भारत टीम इंडिया की क्रिकेट विश्व कप की ऐतिहासिक जीत के खुमार में सराबोर हो गया है और खिलाड़ियों पर पूरे देश से बधाइयों और पुरस्कारों की बरसात जारी है। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टीम की श्रीलंका पर रोमांचक छह विकेट की जीत के बाद शनिवार रात 10.49 पर पूरा देश अभूतपूर्व जश्न में सराबोर हो गया, जिसने 28 वर्ष के अंतराल के बाद विश्व कप क्रिकेट फिर जीत लिया। इसके बाद मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भावनाओं से भरे उद्गार भी उभरने लगे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी टीम इंडिया की जबर्दस्त जीत के बाद दिल्ली की सड़कों पर निकलीं और सैकड़ों उत्साही प्रशंसकों के साथ जीत के जश्न में शामिल हुईं। व्यस्त आईटीओ चौराहे के पास बहादुरशाह जफर मार्ग पर रात करीब 11 बजे जैसे ही सोनिया गांधी की गाड़ी पहुंची, वहां उपस्थित लोगों ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया और तिरंगा लहराया। सोनिया ने प्रशंसकों से हाथ मिलाया। वहां उपस्थित लोगों ने जोरदार ढंग से सोनिया गांधी के साथ जीत का जश्न मनाया। उन्होंने प्रशंसकों से कहा कि भारतीय टीम ने विश्व कप जीत कर वास्तव में हमें गौरवान्वित किया है। प्रशंसकों ने इंडिया इंडिया.. और वंदे मातरम का जयघोष किया। विशेष सुरक्षा बल की सुरक्षा में आई सोनिया करीब 20 मिनट आईटीओ पर रुकी और उसके बाद दिल्ली गेट की ओर रवाना हो गईं। दिल्ली के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक आईटीओ पर जबर्दस्त जाम लग गया। इस समाचार को सुनने के बाद कई क्षेत्रों से लोग आईटीओ की ओर आ गए जिसके कारण जाम की स्थिति और भी गंभीर हो गई। सोनिया ने टीम को बधाई देते हुए कहा, टीम इंडिया को मेरी हार्दिक बधाई। आपने देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी इस स्वर्णिम जीत को याद रखेगी। भारतीय कप्तान धोनी को भेजे संदेश में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा, सफलता का सफर लम्बा और कठिन रहा। आपकी टीम हर स्तर पर कसौटी पर खरी उतरी। प्रतिभा ने कहा, समर्पण, इस मार्ग पर आगे बढ़ने और नेतृत्व प्रदान करने की इच्छा से अंतत: युवाओं का प्रतिभाशाली समूह तैयार हुआ और वरिष्ठ खिलाड़ियों के अनुभव और टीम के कोच एवं कर्मचारियों के कठिन परिश्रम से भारत विश्व चैम्पियन बना। आप सब सही मायने में एक अरब से अधिक भारतीय लोगों के धन्यवाद के पात्र हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने टीम इंडिया को बधाई देते हुए कहा, मैं भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई देने में देश के साथ हूं। धोनी और टीम इंडिया का प्रयास रंग लाया है। इन्होंने दुनिया को दिखाया है कि भारत क्रिकेट के खेल में सिरमौर है। असम में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली लौटने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शाम छह बजे से टीवी पर क्रिकेट मैच का आनंद लिया। उन्होंने कहा, भारतीय क्रिकेटरों ने जबर्दस्त टीम भावना का प्रदर्शन किया है, उनकी एकाग्रता और दक्षता के कारण विश्व कप में जीत हासिल हुई जिसके वह हकदार थे। सिंह ने कहा, टीम इंडिया ने हमें गौरवान्वित किया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भारतीय कप्तान धोनी को 2 करोड़, जबकि टीम इंडिया में शामिल दिल्ली के चार खिलाड़ियों को 1-1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। दिल्ली सरकार के अधिकारी ने कहा, मुख्यमंत्री ने 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार देकर भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सम्मानित करने का फैसला किया है। साथ ही यह भी फैसला किया गया है कि 28 बरस बाद विश्व कप जीतने के लिए वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, विराट कोहली और आशीष नेहरा को 1-1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने विजेता टीम के प्रत्येक सदस्य को बेंगलुरु विकास परिषद से रिहायशी प्लॉट देने की घोषणा की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरयाल निशंक ने धोनी और तेंदुलकर को मसूरी में एक रिहायशी प्लॉट या घर देने का वादा किया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में धोनी के नाम पर एक स्टेडियम बनाया जाएगा। गुजरात सरकार ने यूसुफ पठान और मुनाफ पटेल को एकलव्य पुरस्कार देने की घोषणा की, जिसकी पुरस्कार राशि एक लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र है। महान गायिका लता मंगेशकर, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित नेने सहित कई बॉलीवुड हस्तियों ने भारतीय टीम को बधाई दी।
यह एक सारांश है: कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टीम की श्रीलंका पर रोमांचक छह विकेट से जीत के बाद से पूरा देश अभूतपूर्व जश्न में सराबोर है।
9
['hin']
एक सारांश बनाओ: जापान परमाणु नियामक प्राधिकरण (एनआरए) ने बुधवार को फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से रिसे रेडियोधर्मी जल के कारण खतरे के स्तर को बढ़ाने की घोषणा की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार एनआरए ने कहा कि 'इटरनेशनल न्यूक्लियर एंड रेडियोलॉजिकल इवेंट स्केल' (आईएनईएस) के मानक पर वर्तमान दुर्घटना का स्तर तीन के बराबर है। इसका अर्थ है कि घटना गंभीर है और स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। मार्च 2011 में एक भूकंप के बाद संयंत्र पर खतरे का स्तर सात कर दिया गया था जो खतरे का सर्वाधिक स्तर है और 1986 में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र दुर्घटना के खतरे के बराबर है।टिप्पणियां संयंत्र की संचालक कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने स्वीकार किया कि 300 टन रेडियोएक्टिव जल स्टील के भंडारण टंकियों से रिसकर समुद्र में चला गया है। वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि टंकियों से रिसाव की घटना स्वयं में स्तर तीन के बराबर की घटना है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार एनआरए ने कहा कि 'इटरनेशनल न्यूक्लियर एंड रेडियोलॉजिकल इवेंट स्केल' (आईएनईएस) के मानक पर वर्तमान दुर्घटना का स्तर तीन के बराबर है। इसका अर्थ है कि घटना गंभीर है और स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। मार्च 2011 में एक भूकंप के बाद संयंत्र पर खतरे का स्तर सात कर दिया गया था जो खतरे का सर्वाधिक स्तर है और 1986 में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र दुर्घटना के खतरे के बराबर है।टिप्पणियां संयंत्र की संचालक कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने स्वीकार किया कि 300 टन रेडियोएक्टिव जल स्टील के भंडारण टंकियों से रिसकर समुद्र में चला गया है। वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि टंकियों से रिसाव की घटना स्वयं में स्तर तीन के बराबर की घटना है। मार्च 2011 में एक भूकंप के बाद संयंत्र पर खतरे का स्तर सात कर दिया गया था जो खतरे का सर्वाधिक स्तर है और 1986 में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र दुर्घटना के खतरे के बराबर है।टिप्पणियां संयंत्र की संचालक कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने स्वीकार किया कि 300 टन रेडियोएक्टिव जल स्टील के भंडारण टंकियों से रिसकर समुद्र में चला गया है। वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि टंकियों से रिसाव की घटना स्वयं में स्तर तीन के बराबर की घटना है। संयंत्र की संचालक कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने स्वीकार किया कि 300 टन रेडियोएक्टिव जल स्टील के भंडारण टंकियों से रिसकर समुद्र में चला गया है। वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि टंकियों से रिसाव की घटना स्वयं में स्तर तीन के बराबर की घटना है। वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि टंकियों से रिसाव की घटना स्वयं में स्तर तीन के बराबर की घटना है।
सारांश: जापान परमाणु नियामक प्राधिकरण (एनआरए) ने बुधवार को फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से रिसे रेडियोधर्मी जल के कारण खतरे के स्तर को बढ़ाने की घोषणा की है।
5
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: जम्मू कश्मीर के पीरपंजाल इलाक़े में पाकिस्तान ने फिर सीज़फ़ायर तोड़ा. राजौरी के बालाकोट और मेंढर सेक्टर में एलओसी पार से फ़ायरिंग हुई है. भारतीय सुरक्षाबलों ने इस फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया है. पाक की ओर से अचानक की गई फायरिंग में भारतीय सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया है जबकि एक अन्य के घायल होने की खबर है. इससे पहले खबर थी कि दीवाली की रात जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से कुछ एक जगहों को छोड़कर ज्यादातर इलाकों में गोलाबारी न के बराबर हुई. रविवार की रात करीब 8 बजे आरएसपुरा सेक्टर में पाक रेंजर्स ने दो जगहों पर छोटे हथियार से वही सुचेतगढ़ में मोर्टार से फायर किया. हीरानगर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी की गई. इसके बाद सरहद पर रात भर शांति बनी रही. इसके बावजूद सरहद पर रहने वाले लोगों के मन में डर कायम है. डर की वजह से मारे ज्यादातर लोग घर लौटने को तैयार नहीं है. 50 हजार से ज्यादा लोग ने सुरक्षित जगहों पर शरण ले ली है. इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपने रिश्तेदार के घऱ पर डेरा डाला है या फिर सरकारी कैंपों में चले गए हैं. सीमा पर गांव के सैकड़ों स्कूल बंद कर दिए गए ताकि बच्चे सुरक्षित रहें. पाक की ओर से गोलाबारी कब लोगों को निशाना बना ले कहा नहीं जा सकता है. अभी तक पाक की ओर से हुई गोलाबारी से 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. सैकड़ों के घर तबाह हो गए हैं.टिप्पणियां कई मवेशी भी फायरिंग की चपेट में आ गए हैं और फसल का नुकसान हुआ है सो अलग. लोगों का कहना है कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे तब तक सारे लोग अपने घऱ नहीं लौटेंगे. हालांकि कई घरों में अपने सामान और मवेशी की हिफाजत के लिए लोग घर छोड़कर नहीं गए हैं, लेकिन उनकी भी जान अटकी हुई है कि पता नहीं कब वे पाक गोलाबारी में निशाना बन जाए.   इससे पहले खबर थी कि दीवाली की रात जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से कुछ एक जगहों को छोड़कर ज्यादातर इलाकों में गोलाबारी न के बराबर हुई. रविवार की रात करीब 8 बजे आरएसपुरा सेक्टर में पाक रेंजर्स ने दो जगहों पर छोटे हथियार से वही सुचेतगढ़ में मोर्टार से फायर किया. हीरानगर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी की गई. इसके बाद सरहद पर रात भर शांति बनी रही. इसके बावजूद सरहद पर रहने वाले लोगों के मन में डर कायम है. डर की वजह से मारे ज्यादातर लोग घर लौटने को तैयार नहीं है. 50 हजार से ज्यादा लोग ने सुरक्षित जगहों पर शरण ले ली है. इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपने रिश्तेदार के घऱ पर डेरा डाला है या फिर सरकारी कैंपों में चले गए हैं. सीमा पर गांव के सैकड़ों स्कूल बंद कर दिए गए ताकि बच्चे सुरक्षित रहें. पाक की ओर से गोलाबारी कब लोगों को निशाना बना ले कहा नहीं जा सकता है. अभी तक पाक की ओर से हुई गोलाबारी से 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. सैकड़ों के घर तबाह हो गए हैं.टिप्पणियां कई मवेशी भी फायरिंग की चपेट में आ गए हैं और फसल का नुकसान हुआ है सो अलग. लोगों का कहना है कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे तब तक सारे लोग अपने घऱ नहीं लौटेंगे. हालांकि कई घरों में अपने सामान और मवेशी की हिफाजत के लिए लोग घर छोड़कर नहीं गए हैं, लेकिन उनकी भी जान अटकी हुई है कि पता नहीं कब वे पाक गोलाबारी में निशाना बन जाए.   रविवार की रात करीब 8 बजे आरएसपुरा सेक्टर में पाक रेंजर्स ने दो जगहों पर छोटे हथियार से वही सुचेतगढ़ में मोर्टार से फायर किया. हीरानगर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी की गई. इसके बाद सरहद पर रात भर शांति बनी रही. इसके बावजूद सरहद पर रहने वाले लोगों के मन में डर कायम है. डर की वजह से मारे ज्यादातर लोग घर लौटने को तैयार नहीं है. 50 हजार से ज्यादा लोग ने सुरक्षित जगहों पर शरण ले ली है. इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपने रिश्तेदार के घऱ पर डेरा डाला है या फिर सरकारी कैंपों में चले गए हैं. सीमा पर गांव के सैकड़ों स्कूल बंद कर दिए गए ताकि बच्चे सुरक्षित रहें. पाक की ओर से गोलाबारी कब लोगों को निशाना बना ले कहा नहीं जा सकता है. अभी तक पाक की ओर से हुई गोलाबारी से 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. सैकड़ों के घर तबाह हो गए हैं.टिप्पणियां कई मवेशी भी फायरिंग की चपेट में आ गए हैं और फसल का नुकसान हुआ है सो अलग. लोगों का कहना है कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे तब तक सारे लोग अपने घऱ नहीं लौटेंगे. हालांकि कई घरों में अपने सामान और मवेशी की हिफाजत के लिए लोग घर छोड़कर नहीं गए हैं, लेकिन उनकी भी जान अटकी हुई है कि पता नहीं कब वे पाक गोलाबारी में निशाना बन जाए.   इसके बावजूद सरहद पर रहने वाले लोगों के मन में डर कायम है. डर की वजह से मारे ज्यादातर लोग घर लौटने को तैयार नहीं है. 50 हजार से ज्यादा लोग ने सुरक्षित जगहों पर शरण ले ली है. इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपने रिश्तेदार के घऱ पर डेरा डाला है या फिर सरकारी कैंपों में चले गए हैं. सीमा पर गांव के सैकड़ों स्कूल बंद कर दिए गए ताकि बच्चे सुरक्षित रहें. पाक की ओर से गोलाबारी कब लोगों को निशाना बना ले कहा नहीं जा सकता है. अभी तक पाक की ओर से हुई गोलाबारी से 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. सैकड़ों के घर तबाह हो गए हैं.टिप्पणियां कई मवेशी भी फायरिंग की चपेट में आ गए हैं और फसल का नुकसान हुआ है सो अलग. लोगों का कहना है कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे तब तक सारे लोग अपने घऱ नहीं लौटेंगे. हालांकि कई घरों में अपने सामान और मवेशी की हिफाजत के लिए लोग घर छोड़कर नहीं गए हैं, लेकिन उनकी भी जान अटकी हुई है कि पता नहीं कब वे पाक गोलाबारी में निशाना बन जाए.   पाक की ओर से गोलाबारी कब लोगों को निशाना बना ले कहा नहीं जा सकता है. अभी तक पाक की ओर से हुई गोलाबारी से 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. सैकड़ों के घर तबाह हो गए हैं.टिप्पणियां कई मवेशी भी फायरिंग की चपेट में आ गए हैं और फसल का नुकसान हुआ है सो अलग. लोगों का कहना है कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे तब तक सारे लोग अपने घऱ नहीं लौटेंगे. हालांकि कई घरों में अपने सामान और मवेशी की हिफाजत के लिए लोग घर छोड़कर नहीं गए हैं, लेकिन उनकी भी जान अटकी हुई है कि पता नहीं कब वे पाक गोलाबारी में निशाना बन जाए.   कई मवेशी भी फायरिंग की चपेट में आ गए हैं और फसल का नुकसान हुआ है सो अलग. लोगों का कहना है कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे तब तक सारे लोग अपने घऱ नहीं लौटेंगे. हालांकि कई घरों में अपने सामान और मवेशी की हिफाजत के लिए लोग घर छोड़कर नहीं गए हैं, लेकिन उनकी भी जान अटकी हुई है कि पता नहीं कब वे पाक गोलाबारी में निशाना बन जाए.
यह एक सारांश है: सरहद पर रहने वाले लोगों के मन में डर कायम है डर की वजह से ज्यादातर लोग घर लौटने को तैयार नहीं है. सीमा पर गांव के सैकड़ों स्कूल बंद कर दिए गए ताकि बच्चे सुरक्षित रहें.
2
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: शीतकालीन सत्र के शुरुआती चार दिन भारी हंगामे का सबब बने मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का मुद्दा अगले हफ्ते संसद में फिर छाया रहेगा और दोनों ही सदनों में इस मुद्दे पर ‘शक्ति परीक्षण’ होगा। राज्यसभा ने तय किया कि इस मुद्दे पर छह और सात दिसंबर को चर्चा होगी। यह चर्चा मत विभाजन वाले नियम के तहत हो रही है। लोकसभा में चार और पांच दिसंबर को चर्चा तय है। निचले सदन में भी चर्चा के बाद मत विभाजन होगा। संप्रग के महत्वपूर्ण समर्थक दल सपा ने इस मुद्दे पर मिले जुले संकेत दिए हैं। अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या वह अगले सप्ताह मत विभाजन में सरकार के पक्ष में मतदान करेगी। राज्यसभा में सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा है कि उच्च सदन में यदि सरकार यह मुद्दा लाती है तो हम एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। रामगोपाल के बयान के कुछ ही घंटे बाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं दिखाई। उधर, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन संसद में इस मुद्दे पर होने वाले शक्ति प्रदर्शन में सफल रहेगा।टिप्पणियां माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम सरकार के एफडीआई फैसले के खिलाफ हमारे साथ संसद के बाहर संघर्ष करने वाले सभी राजनीतिक दलों और जनता से अपील करेंगे कि वे देशहित में संसद के भीतर भी समर्थन करें। इस बीच, भाजपा को यकीन है कि वाम दल, राजग के घटक जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के अलावा असम गण परिषद, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, इनेलोद, तृणमूल कांग्रेस, बीपीएफ, झामुमो और कुछ निर्दलीय सदस्य एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। राज्यसभा ने तय किया कि इस मुद्दे पर छह और सात दिसंबर को चर्चा होगी। यह चर्चा मत विभाजन वाले नियम के तहत हो रही है। लोकसभा में चार और पांच दिसंबर को चर्चा तय है। निचले सदन में भी चर्चा के बाद मत विभाजन होगा। संप्रग के महत्वपूर्ण समर्थक दल सपा ने इस मुद्दे पर मिले जुले संकेत दिए हैं। अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या वह अगले सप्ताह मत विभाजन में सरकार के पक्ष में मतदान करेगी। राज्यसभा में सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा है कि उच्च सदन में यदि सरकार यह मुद्दा लाती है तो हम एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। रामगोपाल के बयान के कुछ ही घंटे बाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं दिखाई। उधर, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन संसद में इस मुद्दे पर होने वाले शक्ति प्रदर्शन में सफल रहेगा।टिप्पणियां माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम सरकार के एफडीआई फैसले के खिलाफ हमारे साथ संसद के बाहर संघर्ष करने वाले सभी राजनीतिक दलों और जनता से अपील करेंगे कि वे देशहित में संसद के भीतर भी समर्थन करें। इस बीच, भाजपा को यकीन है कि वाम दल, राजग के घटक जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के अलावा असम गण परिषद, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, इनेलोद, तृणमूल कांग्रेस, बीपीएफ, झामुमो और कुछ निर्दलीय सदस्य एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। संप्रग के महत्वपूर्ण समर्थक दल सपा ने इस मुद्दे पर मिले जुले संकेत दिए हैं। अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या वह अगले सप्ताह मत विभाजन में सरकार के पक्ष में मतदान करेगी। राज्यसभा में सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा है कि उच्च सदन में यदि सरकार यह मुद्दा लाती है तो हम एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। रामगोपाल के बयान के कुछ ही घंटे बाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं दिखाई। उधर, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन संसद में इस मुद्दे पर होने वाले शक्ति प्रदर्शन में सफल रहेगा।टिप्पणियां माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम सरकार के एफडीआई फैसले के खिलाफ हमारे साथ संसद के बाहर संघर्ष करने वाले सभी राजनीतिक दलों और जनता से अपील करेंगे कि वे देशहित में संसद के भीतर भी समर्थन करें। इस बीच, भाजपा को यकीन है कि वाम दल, राजग के घटक जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के अलावा असम गण परिषद, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, इनेलोद, तृणमूल कांग्रेस, बीपीएफ, झामुमो और कुछ निर्दलीय सदस्य एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। राज्यसभा में सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा है कि उच्च सदन में यदि सरकार यह मुद्दा लाती है तो हम एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। रामगोपाल के बयान के कुछ ही घंटे बाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं दिखाई। उधर, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन संसद में इस मुद्दे पर होने वाले शक्ति प्रदर्शन में सफल रहेगा।टिप्पणियां माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम सरकार के एफडीआई फैसले के खिलाफ हमारे साथ संसद के बाहर संघर्ष करने वाले सभी राजनीतिक दलों और जनता से अपील करेंगे कि वे देशहित में संसद के भीतर भी समर्थन करें। इस बीच, भाजपा को यकीन है कि वाम दल, राजग के घटक जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के अलावा असम गण परिषद, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, इनेलोद, तृणमूल कांग्रेस, बीपीएफ, झामुमो और कुछ निर्दलीय सदस्य एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। रामगोपाल के बयान के कुछ ही घंटे बाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं दिखाई। उधर, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन संसद में इस मुद्दे पर होने वाले शक्ति प्रदर्शन में सफल रहेगा।टिप्पणियां माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम सरकार के एफडीआई फैसले के खिलाफ हमारे साथ संसद के बाहर संघर्ष करने वाले सभी राजनीतिक दलों और जनता से अपील करेंगे कि वे देशहित में संसद के भीतर भी समर्थन करें। इस बीच, भाजपा को यकीन है कि वाम दल, राजग के घटक जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के अलावा असम गण परिषद, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, इनेलोद, तृणमूल कांग्रेस, बीपीएफ, झामुमो और कुछ निर्दलीय सदस्य एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। उधर, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन संसद में इस मुद्दे पर होने वाले शक्ति प्रदर्शन में सफल रहेगा।टिप्पणियां माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम सरकार के एफडीआई फैसले के खिलाफ हमारे साथ संसद के बाहर संघर्ष करने वाले सभी राजनीतिक दलों और जनता से अपील करेंगे कि वे देशहित में संसद के भीतर भी समर्थन करें। इस बीच, भाजपा को यकीन है कि वाम दल, राजग के घटक जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के अलावा असम गण परिषद, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, इनेलोद, तृणमूल कांग्रेस, बीपीएफ, झामुमो और कुछ निर्दलीय सदस्य एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम सरकार के एफडीआई फैसले के खिलाफ हमारे साथ संसद के बाहर संघर्ष करने वाले सभी राजनीतिक दलों और जनता से अपील करेंगे कि वे देशहित में संसद के भीतर भी समर्थन करें। इस बीच, भाजपा को यकीन है कि वाम दल, राजग के घटक जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के अलावा असम गण परिषद, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, इनेलोद, तृणमूल कांग्रेस, बीपीएफ, झामुमो और कुछ निर्दलीय सदस्य एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे। इस बीच, भाजपा को यकीन है कि वाम दल, राजग के घटक जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के अलावा असम गण परिषद, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, इनेलोद, तृणमूल कांग्रेस, बीपीएफ, झामुमो और कुछ निर्दलीय सदस्य एफडीआई के खिलाफ मतदान करेंगे।
शीतकालीन सत्र के शुरुआती चार दिन भारी हंगामे का सबब बने मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का मुद्दा अगले हफ्ते संसद में फिर छाया रहेगा और दोनों ही सदनों में इस मुद्दे पर ‘शक्ति परीक्षण’ होगा।
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अमेरिका में गिरफ्तार डेविड कोलमैन हेडली ने शिकागो कोर्ट में बयान दिया है कि बाल ठाकरे और उद्धव ठाकरे को मारने का प्लान था। इस सिलसिले में हेडली ने शिवसेना नेता राजा राम रेगे से मुलाकात की थी। 26 नवम्बर 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले के सहआरोपी एवं मुम्बई स्थित शिवसेना मुख्यालय की टोह लेने वाले डेविड हेडली ने शिकागो की अदालत को बताया कि शिवसेना एक आतंकवादी संगठन है। शिकागो की अदालत में मुम्बई हमले के सहआरोपी तहव्वुर राणा के खिलाफ सुनवाई शुरू हो गई है और अभियोजन पक्ष का मुख्य गवाह हेडली गवाही कोर्ट में गवाही दे रहा है। हेडली ने अदालत को बताया कि उसने मुम्बई के प्रवेश बिंदुओं के बारे में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के अपने आकाओं को जानकारी कैसे दी।दूसरी ओर, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम हेडली से नहीं डरते, ऐसे कई हेडली देखे हैं।'  उन्होंने कहा, 'कांग्रेसी सरकार की बदौलत ऐसे हालात बनते हैं। मेरे शिवसैनिक मेरी सुरक्षा के लिए काफी हैं। हमारी भूमिका राष्ट्रहित में ली गई है और हम उस पर बने रहेंगे।हेडली ने राणा, आईएसआई के मेजर इकबाल और लश्कर-ए-तैयबा के साजिद को भेजे कई ईमेल के बारे में पूछा जिसका उद्देश्य इस बात की पुष्टि करना था कि राणा और वह दोनों पाकिस्तान स्थित लोगों के साथ सीधे संपर्क में थे।
यहाँ एक सारांश है:अमेरिका में गिरफ्तार डेविड कोलमैन हेडली ने शिकागो कोर्ट में बयान दिया है कि बाल ठाकरे और उद्धव ठाकरे को मारने का प्लान था।
4
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: मुंबई सटे काशीमीरा इलाके में आईपीएल मैच पर सट्टा लगाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ठाणे ग्रामीण पुलिस के विशेष दल ने सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तारी की है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 76,610 रुपये और सट्टे के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ उपकरण और साहित्य भी बरामद किया है. पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ठाणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉक्टर महेश पाटिल ने इलाके में बढ़ रही अपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष दल का गठन किया है, जो ठाणे ग्रामीण  क्षेत्र में चलने वाली अवैध गतिविधियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है. टिप्पणियां शनिवार रात  पुलिस उप अधीक्षक नकुल न्यामणे के नेतृत्व में विशेष दल ने  काशीमीरा के शिवानी गेस्ट हाऊस के रूम नंबर 212 में छापा मारा. वहां गुजरात लायन्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच चल रहे मैच पर लगाया जा रहा था. पुलिस ने मौके पर मौजूद 37 साल के मोहम्मद अफजल खान और 31 साल के विजय दिलीप कुरील को गिरफ्तार किया जबकि उसके तीन साथी भागने में कामयाब रहे. पुलिस ने आरोपियों के पास से सट्टा खेलने में इस्तेमाल होने वाले सामान सहित 76,610 रुपये नकद भी जब्त किया है और बाकी के फरार आरोपियों की तलाश कर रही है. ( काशीमीरा से राजा मयाल का इनपुट ) पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ठाणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉक्टर महेश पाटिल ने इलाके में बढ़ रही अपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष दल का गठन किया है, जो ठाणे ग्रामीण  क्षेत्र में चलने वाली अवैध गतिविधियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है. टिप्पणियां शनिवार रात  पुलिस उप अधीक्षक नकुल न्यामणे के नेतृत्व में विशेष दल ने  काशीमीरा के शिवानी गेस्ट हाऊस के रूम नंबर 212 में छापा मारा. वहां गुजरात लायन्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच चल रहे मैच पर लगाया जा रहा था. पुलिस ने मौके पर मौजूद 37 साल के मोहम्मद अफजल खान और 31 साल के विजय दिलीप कुरील को गिरफ्तार किया जबकि उसके तीन साथी भागने में कामयाब रहे. पुलिस ने आरोपियों के पास से सट्टा खेलने में इस्तेमाल होने वाले सामान सहित 76,610 रुपये नकद भी जब्त किया है और बाकी के फरार आरोपियों की तलाश कर रही है. ( काशीमीरा से राजा मयाल का इनपुट ) शनिवार रात  पुलिस उप अधीक्षक नकुल न्यामणे के नेतृत्व में विशेष दल ने  काशीमीरा के शिवानी गेस्ट हाऊस के रूम नंबर 212 में छापा मारा. वहां गुजरात लायन्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच चल रहे मैच पर लगाया जा रहा था. पुलिस ने मौके पर मौजूद 37 साल के मोहम्मद अफजल खान और 31 साल के विजय दिलीप कुरील को गिरफ्तार किया जबकि उसके तीन साथी भागने में कामयाब रहे. पुलिस ने आरोपियों के पास से सट्टा खेलने में इस्तेमाल होने वाले सामान सहित 76,610 रुपये नकद भी जब्त किया है और बाकी के फरार आरोपियों की तलाश कर रही है. ( काशीमीरा से राजा मयाल का इनपुट ) पुलिस ने आरोपियों के पास से सट्टा खेलने में इस्तेमाल होने वाले सामान सहित 76,610 रुपये नकद भी जब्त किया है और बाकी के फरार आरोपियों की तलाश कर रही है. ( काशीमीरा से राजा मयाल का इनपुट )
यह एक सारांश है: मुंबई के काशीमीरा इलाके में सट्टेबाजी कर रहे थे आरोपी आईपीएल मैचों के दौरान बढ़ जाती है सट्टेबाजी की घटनाएं गिरफ्तार सट्टेबाजों से बरामद हुए 76,610 रुपये नकद
16
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: इंडोनेशिया में माउंट करांगेटंग ज्वालामुखी में विस्फोट की चेतावनी जारी करने के दूसरे दिन शनिवार को 600 लोगों को अस्थायी शिविरों में ले जाया गया। समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक सियाऊ द्वीप में स्थित इस ज्वालामुखी से शुक्रवार को लावा और धुआं निकलना शुरू हुआ। इसके बाद अधिकारियों ने इसकी ढलान पर बसे तीन गांवों को खाली कराने का आदेश जारी किया। इंडोनेशिया के ज्वालामुखी विशेषज्ञ सुरोनो ने कहा कि शनिवार को भी लावा निकलता रहा, हालांकि अब तक किसी के मरने की खबर नहीं है। सुरोनो ने कहा कि 582 लोगों को अस्थायी शरणार्थी शिविर में ले जाया गया है। करांगेटंग इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में से एक है। पिछले साल अगस्त में हुए ज्वालामुखी विस्फोट में चार लोग मारे गए थे। इंडोनेशिया प्रशांत महासागर में स्थित अग्निवलय (रिंग ऑफ फायर) पर स्थित है। अग्निवलय में नियमित रूप से भूकम्प और ज्वालामुखी विस्फोट की घटना देखने को मिलती है। पिछले साल अक्टूबर-नवम्बर में जावा द्वीप पर मेरापी ज्वालामुखी में हुए कई विस्फोटों में 300 से अधिक लोग मारे गए थे।
इंडोनेशिया में माउंट करांगेटंग ज्वालामुखी में विस्फोट की चेतावनी जारी करने के दूसरे दिन शनिवार को 600 लोगों को अस्थायी शिविरों में ले जाया गया।
6
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: ब्रिटेन में अपने परिवार के साथ यहां छुट्टियां बिताने आई 17 वर्षीय एक किशोरी लापता हो गई तथा पुलिस ने जनता से उसके बारे में सूचना देने की अपील की है। ईमान शाह को ब्रिटेन में अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के बाद 10 जून की शाम स्वदेश रवाना होना था। लेकिन वह उस समय अपनी मां से बिछड़ गई जब वे ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर खरीदारी कर रही थीं। उसके बाद से उसे नहीं देखा गया है।टिप्पणियां मेट्रोपालिटन पुलिस ने एक अपील में कहा, ‘‘गुमशुदगी समझ से बाहर है और अधिकारी उसका जल्द से जल्द पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ अपील में कहा गया है, ‘‘ईमान पांच फुट और तीन इंच लंबी है। वह छरहरी है और उसके बाल भूरे रंग के हैं। जब उसे आखिरी बार देखा गया तो उसने काले रंग की मानचेस्टर यूनाइटेड की लोगो वाली जैकेट और भूरे रंग की पैंट पहन रखी थी।’’ शाह परिवार ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट के पास मार्बल आर्क स्थित पांच सितारा मैरियट होटल में ठहरा हुआ है। ईमान के लापता होने पर उसके परिवार के सदस्य उसकी तलाश में भागकर होटल गए लेकिन वह वहां भी नहीं मिली। ईमान शाह को ब्रिटेन में अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के बाद 10 जून की शाम स्वदेश रवाना होना था। लेकिन वह उस समय अपनी मां से बिछड़ गई जब वे ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर खरीदारी कर रही थीं। उसके बाद से उसे नहीं देखा गया है।टिप्पणियां मेट्रोपालिटन पुलिस ने एक अपील में कहा, ‘‘गुमशुदगी समझ से बाहर है और अधिकारी उसका जल्द से जल्द पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ अपील में कहा गया है, ‘‘ईमान पांच फुट और तीन इंच लंबी है। वह छरहरी है और उसके बाल भूरे रंग के हैं। जब उसे आखिरी बार देखा गया तो उसने काले रंग की मानचेस्टर यूनाइटेड की लोगो वाली जैकेट और भूरे रंग की पैंट पहन रखी थी।’’ शाह परिवार ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट के पास मार्बल आर्क स्थित पांच सितारा मैरियट होटल में ठहरा हुआ है। ईमान के लापता होने पर उसके परिवार के सदस्य उसकी तलाश में भागकर होटल गए लेकिन वह वहां भी नहीं मिली। मेट्रोपालिटन पुलिस ने एक अपील में कहा, ‘‘गुमशुदगी समझ से बाहर है और अधिकारी उसका जल्द से जल्द पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ अपील में कहा गया है, ‘‘ईमान पांच फुट और तीन इंच लंबी है। वह छरहरी है और उसके बाल भूरे रंग के हैं। जब उसे आखिरी बार देखा गया तो उसने काले रंग की मानचेस्टर यूनाइटेड की लोगो वाली जैकेट और भूरे रंग की पैंट पहन रखी थी।’’ शाह परिवार ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट के पास मार्बल आर्क स्थित पांच सितारा मैरियट होटल में ठहरा हुआ है। ईमान के लापता होने पर उसके परिवार के सदस्य उसकी तलाश में भागकर होटल गए लेकिन वह वहां भी नहीं मिली। शाह परिवार ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट के पास मार्बल आर्क स्थित पांच सितारा मैरियट होटल में ठहरा हुआ है। ईमान के लापता होने पर उसके परिवार के सदस्य उसकी तलाश में भागकर होटल गए लेकिन वह वहां भी नहीं मिली।
ईमान शाह को ब्रिटेन में अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के बाद 10 जून की शाम स्वदेश रवाना होना था। लेकिन वह उस समय अपनी मां से बिछड़ गई जब वे ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर खरीदारी कर रही थीं। उसके बाद से उसे नहीं देखा गया है।
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: अभिनेत्री माधुरी दीक्षित का कहना है कि उनके पति और दोनों बच्चे अच्छा नृत्य करते हैं। माधुरी ने कहा, मेरे बच्चों को डांस करना पसंद है। वे बस मस्ती के लिए अपने तरीके से डांस करते हैं। वे बॉलीवुड गानों पर थिरकते रहते हैं, यहां तक कि मेरे पति भी अच्छा डांस कर लेते हैं। हालांकि उन्होंने डांस सीखा नहीं है। माधुरी ने 'धक धक करने लगा', 'एक दो तीन', 'हमको आज कल है', 'चने के खेत में', 'दीदी तेरा देवर दीवाना', 'चोली के पीछे', 'मेरा पिया घर आया' और 'मार डाला' जैसे गीतों पर डांस कर दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया था। इस डांस क्वीन ने अब तक कायम अपनी आकर्षक काया का रहस्य उजागर करते हुए कहा कि वह विशेष तरह के 'डांसरसाइज' के जरिये खुद को फिट रखती हैं।टिप्पणियां खुद को फिट रखने के लिए जिम और ट्रेडमिल से उब चुके लोगों को माधुरी विशेष 'डांसरसाइज' के जरिये काया चुस्त दुरूस्त रखने के तरीके बताएंगी। उन्होंने अपनी ऑनलाइन डांस एकैडमी के जरिये इस नए मॉड्यूल को उतारा है। वह 'डांसरसाइज' नाम की नई अवधारणा लेकर आई हैं, जिसे उनकी ऑनलाइन एकैडमी के जरिये सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा, डांस आपके शरीर, मन और आत्मा के लिए होता है। यह (डांस) खुद में व्यायाम का एक अच्छा तरीका है। 'डांसरसाइज' के जरिये लोग एक ही समय में एक्सरसाइज के साथ डांस का भी आनंद उठा सकते हैं। माधुरी ने 'धक धक करने लगा', 'एक दो तीन', 'हमको आज कल है', 'चने के खेत में', 'दीदी तेरा देवर दीवाना', 'चोली के पीछे', 'मेरा पिया घर आया' और 'मार डाला' जैसे गीतों पर डांस कर दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया था। इस डांस क्वीन ने अब तक कायम अपनी आकर्षक काया का रहस्य उजागर करते हुए कहा कि वह विशेष तरह के 'डांसरसाइज' के जरिये खुद को फिट रखती हैं।टिप्पणियां खुद को फिट रखने के लिए जिम और ट्रेडमिल से उब चुके लोगों को माधुरी विशेष 'डांसरसाइज' के जरिये काया चुस्त दुरूस्त रखने के तरीके बताएंगी। उन्होंने अपनी ऑनलाइन डांस एकैडमी के जरिये इस नए मॉड्यूल को उतारा है। वह 'डांसरसाइज' नाम की नई अवधारणा लेकर आई हैं, जिसे उनकी ऑनलाइन एकैडमी के जरिये सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा, डांस आपके शरीर, मन और आत्मा के लिए होता है। यह (डांस) खुद में व्यायाम का एक अच्छा तरीका है। 'डांसरसाइज' के जरिये लोग एक ही समय में एक्सरसाइज के साथ डांस का भी आनंद उठा सकते हैं। खुद को फिट रखने के लिए जिम और ट्रेडमिल से उब चुके लोगों को माधुरी विशेष 'डांसरसाइज' के जरिये काया चुस्त दुरूस्त रखने के तरीके बताएंगी। उन्होंने अपनी ऑनलाइन डांस एकैडमी के जरिये इस नए मॉड्यूल को उतारा है। वह 'डांसरसाइज' नाम की नई अवधारणा लेकर आई हैं, जिसे उनकी ऑनलाइन एकैडमी के जरिये सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा, डांस आपके शरीर, मन और आत्मा के लिए होता है। यह (डांस) खुद में व्यायाम का एक अच्छा तरीका है। 'डांसरसाइज' के जरिये लोग एक ही समय में एक्सरसाइज के साथ डांस का भी आनंद उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, डांस आपके शरीर, मन और आत्मा के लिए होता है। यह (डांस) खुद में व्यायाम का एक अच्छा तरीका है। 'डांसरसाइज' के जरिये लोग एक ही समय में एक्सरसाइज के साथ डांस का भी आनंद उठा सकते हैं।
संक्षिप्त सारांश: माधुरी ने कहा, मेरे बच्चे बस मस्ती के लिए अपने तरीके से डांस करते हैं। ...यहां तक कि मेरे पति भी अच्छा डांस कर लेते हैं, हालांकि उन्होंने डांस सीखा नहीं है।
0
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: अमेरिका के एक अधिकारी ने वॉशिंगटन में कहा कि रासायनिक हमले से रक्षा करने वाले 7.5 करोड़ डॉलर मूल्य के कपड़ों की भारत को बिक्री किया जाना बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को दर्शाता है. ये कपड़े जैविक, रासायनिक एवं परमाणु युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों को रक्षा प्रदान करेंगे .   अधिकारी ने कहा कि पेंटागन ने ज्वाइंट सर्विस लाइटवेट इंटीग्रेटेड सूट टेक्नोलॉजी (जेएसएलआईएसटी) की बिक्री के बारे में पहली बार कांग्रेस को सूचित किया है. ये रक्षात्मक कपड़े भारतीय सैनिकों को किसी भी तरह के रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु युद्ध के दौरान सुरक्षा प्रदान करेंगे.जेएसएलआईटी कपड़ों में सूट, बूट और दस्ताने शामिल हैं. इन्हें प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे तक पहनकर रखा जा सकता है.   जेएसएलआईएसटी में सूट, पतलून की जोड़ी, दस्तानों की जोड़ी, बूट की जोड़ी और एनबीसी बैग की 38,034 यूनिट (प्रत्येक) हैं. इसके साथ ही 854 एप्रन, 854 वैकल्पिक एप्रन, 9,509 क्विक डोफ हूड्स और 114,102 एम..61 फिल्टर शामिल हैं.समूचे पैकेज में 38,034 एम 50 सामान्य उद्देश्य वाले मास्क भी शामिल हैं.   विदेश विभाग के एक अधिकारी ने पीटीटाई-भाषा से कहा, ‘यह पहला उदाहरण है जब सीबीआरएन रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु  सहायता उपकरण बिक्री के बारे में कांग्रेस को सूचित किया जा रहा है.'   यह उल्लेख करते हुए कि भारत के साथ रक्षा भागीदारी विश्व में ‘हमारे सर्वाधिक एवं सबसे तेजी से बढ़ते’ संबंधों में शामिल है, अधिकारी ने कहा कि दस साल पहले दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार असल में नगण्य था. पिछले कुछ वषरें में अमेरिका ने भारत को 10 अरब डॉलर से अधिक की रक्षा बिक्री पर हस्ताक्षर किए हैं.   विदेश विभाग के अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘11 मई 2017 को हमारे द्वारा की गई भारत सरकार को सीबीआरएन सहायता उपकरण की संभावित विदेश सैन्य बिक्री की घोषणा इस बारे में एक और सबूत है.' ट्रंप प्रशासन द्वारा यह पहली बड़ी विदेश सैन्य बिक्री है और इसके द्वारा पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन द्वारा भारत को बढ़ा रक्षा भागीदार बनाए जाने को बरकरार रखा गया है.
सारांश: जेएसएलआईटी कपड़ों में सूट, बूट और दस्ताने शामिल हैं इन्हें प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे तक पहनकर रखा जा सकता है समूचे पैकेज में 38,034 एम..50 सामान्य उद्देश्य वाले मास्क भी शामिल हैं
31
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: एक अमेरिकी महिला टीचर जो गर्मी की छुट्टियों के दौरान पहली बार भारत आई थी, उसके साथ दिल्‍ली के होटल में कथित रूप से गैंगरेप किया गया. अब 9 महीने बाद वह अपना बयान दर्ज करवाने और आरोपियों की पहचान करने फिर  भारत आई है. 25 वर्षीय अमेरिकी टीचर ने अप्रैल के महीने में भारत घूमने के लिए एक टूर पैकेज लिया था. महिला टीचर का आरोप है कि उसके टूर गाइड ने पानी की बोतल में कोई नशीला पदार्थ मिला दिया था और उसके बाद होटल के कर्मचारियों के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया. महिला ने NDTV को बताया, 'मैं निर्धारित टूर पर आई थी और मुझे सीधे कनॉट प्‍लेस स्थित पांच सितारा होटल ले जाया गया. शुरुआती दो दिनों में मुझे नशीला पदार्थ खिला दिया गया और टूर कंपनी के दो कर्मचारियों और होटल के दो कर्मचारियों ने मेरे साथ बलात्‍कार किया. इन लोगों के चेहरे मैं पहचानती हूं.' महिला ने तब कोई केस दर्ज नहीं कराया जब वो भारत में थी बल्कि अपने घर पेंसिलवेनिया लौटने के बाद अमेरिका आधारित एक गैरलाभकारी संस्‍था के जरिए उसने मामला दर्ज कराया. उसने बताया कि अमेरिका में रहकर भारत में केस दर्ज कराना बहुत मुश्किल था. शुक्रवार को दर्ज कराए गए बयान में महिला ने अपने आरोप दोहराए. महिला ने बताया, 'मेरे लिए घटना को याद करना मुश्किल था. मुझे याद नहीं कि मैंने टूर एजेंसी का कोई अच्‍छा फीडबैक लिखा. मैंने अपनी यादाश्‍त दुरुस्‍त की और तीन महीने बाद जुलाई के अंत में मैंने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया. टूर एजेंसी और होटल की पहली प्रतिक्रिया थी कि वो हैरान हैं. लेकिन उनकी इस बात का पता लगाने में कोई दिलचस्‍पी नहीं थी कि ये सब क्‍यों हुआ और इसके लिए जिम्‍मेदार कौन हैं. वो तो बस अपनी छवि के लिए चिंतित थे. महिला ने बताया कि ये उसके परिवार और दोस्‍तों का समर्थन ही था जिसके चलते उसने केस दर्ज कराया. शिक्षिका ने बताया कि उसने एक एनजीओ से संपर्क किया जिसने अमेरिकी दूतावास तक ये बात पहुंचाई और मेरा शिकायती पत्र दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर को भेजा. लेकिन अक्‍टूबर में पत्र लिखने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में करीब डेढ़ महीने की देरी हुई. दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया. पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.टिप्पणियां महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' 25 वर्षीय अमेरिकी टीचर ने अप्रैल के महीने में भारत घूमने के लिए एक टूर पैकेज लिया था. महिला टीचर का आरोप है कि उसके टूर गाइड ने पानी की बोतल में कोई नशीला पदार्थ मिला दिया था और उसके बाद होटल के कर्मचारियों के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया. महिला ने NDTV को बताया, 'मैं निर्धारित टूर पर आई थी और मुझे सीधे कनॉट प्‍लेस स्थित पांच सितारा होटल ले जाया गया. शुरुआती दो दिनों में मुझे नशीला पदार्थ खिला दिया गया और टूर कंपनी के दो कर्मचारियों और होटल के दो कर्मचारियों ने मेरे साथ बलात्‍कार किया. इन लोगों के चेहरे मैं पहचानती हूं.' महिला ने तब कोई केस दर्ज नहीं कराया जब वो भारत में थी बल्कि अपने घर पेंसिलवेनिया लौटने के बाद अमेरिका आधारित एक गैरलाभकारी संस्‍था के जरिए उसने मामला दर्ज कराया. उसने बताया कि अमेरिका में रहकर भारत में केस दर्ज कराना बहुत मुश्किल था. शुक्रवार को दर्ज कराए गए बयान में महिला ने अपने आरोप दोहराए. महिला ने बताया, 'मेरे लिए घटना को याद करना मुश्किल था. मुझे याद नहीं कि मैंने टूर एजेंसी का कोई अच्‍छा फीडबैक लिखा. मैंने अपनी यादाश्‍त दुरुस्‍त की और तीन महीने बाद जुलाई के अंत में मैंने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया. टूर एजेंसी और होटल की पहली प्रतिक्रिया थी कि वो हैरान हैं. लेकिन उनकी इस बात का पता लगाने में कोई दिलचस्‍पी नहीं थी कि ये सब क्‍यों हुआ और इसके लिए जिम्‍मेदार कौन हैं. वो तो बस अपनी छवि के लिए चिंतित थे. महिला ने बताया कि ये उसके परिवार और दोस्‍तों का समर्थन ही था जिसके चलते उसने केस दर्ज कराया. शिक्षिका ने बताया कि उसने एक एनजीओ से संपर्क किया जिसने अमेरिकी दूतावास तक ये बात पहुंचाई और मेरा शिकायती पत्र दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर को भेजा. लेकिन अक्‍टूबर में पत्र लिखने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में करीब डेढ़ महीने की देरी हुई. दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया. पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.टिप्पणियां महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' महिला ने NDTV को बताया, 'मैं निर्धारित टूर पर आई थी और मुझे सीधे कनॉट प्‍लेस स्थित पांच सितारा होटल ले जाया गया. शुरुआती दो दिनों में मुझे नशीला पदार्थ खिला दिया गया और टूर कंपनी के दो कर्मचारियों और होटल के दो कर्मचारियों ने मेरे साथ बलात्‍कार किया. इन लोगों के चेहरे मैं पहचानती हूं.' महिला ने तब कोई केस दर्ज नहीं कराया जब वो भारत में थी बल्कि अपने घर पेंसिलवेनिया लौटने के बाद अमेरिका आधारित एक गैरलाभकारी संस्‍था के जरिए उसने मामला दर्ज कराया. उसने बताया कि अमेरिका में रहकर भारत में केस दर्ज कराना बहुत मुश्किल था. शुक्रवार को दर्ज कराए गए बयान में महिला ने अपने आरोप दोहराए. महिला ने बताया, 'मेरे लिए घटना को याद करना मुश्किल था. मुझे याद नहीं कि मैंने टूर एजेंसी का कोई अच्‍छा फीडबैक लिखा. मैंने अपनी यादाश्‍त दुरुस्‍त की और तीन महीने बाद जुलाई के अंत में मैंने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया. टूर एजेंसी और होटल की पहली प्रतिक्रिया थी कि वो हैरान हैं. लेकिन उनकी इस बात का पता लगाने में कोई दिलचस्‍पी नहीं थी कि ये सब क्‍यों हुआ और इसके लिए जिम्‍मेदार कौन हैं. वो तो बस अपनी छवि के लिए चिंतित थे. महिला ने बताया कि ये उसके परिवार और दोस्‍तों का समर्थन ही था जिसके चलते उसने केस दर्ज कराया. शिक्षिका ने बताया कि उसने एक एनजीओ से संपर्क किया जिसने अमेरिकी दूतावास तक ये बात पहुंचाई और मेरा शिकायती पत्र दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर को भेजा. लेकिन अक्‍टूबर में पत्र लिखने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में करीब डेढ़ महीने की देरी हुई. दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया. पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.टिप्पणियां महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' महिला ने तब कोई केस दर्ज नहीं कराया जब वो भारत में थी बल्कि अपने घर पेंसिलवेनिया लौटने के बाद अमेरिका आधारित एक गैरलाभकारी संस्‍था के जरिए उसने मामला दर्ज कराया. उसने बताया कि अमेरिका में रहकर भारत में केस दर्ज कराना बहुत मुश्किल था. शुक्रवार को दर्ज कराए गए बयान में महिला ने अपने आरोप दोहराए. महिला ने बताया, 'मेरे लिए घटना को याद करना मुश्किल था. मुझे याद नहीं कि मैंने टूर एजेंसी का कोई अच्‍छा फीडबैक लिखा. मैंने अपनी यादाश्‍त दुरुस्‍त की और तीन महीने बाद जुलाई के अंत में मैंने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया. टूर एजेंसी और होटल की पहली प्रतिक्रिया थी कि वो हैरान हैं. लेकिन उनकी इस बात का पता लगाने में कोई दिलचस्‍पी नहीं थी कि ये सब क्‍यों हुआ और इसके लिए जिम्‍मेदार कौन हैं. वो तो बस अपनी छवि के लिए चिंतित थे. महिला ने बताया कि ये उसके परिवार और दोस्‍तों का समर्थन ही था जिसके चलते उसने केस दर्ज कराया. शिक्षिका ने बताया कि उसने एक एनजीओ से संपर्क किया जिसने अमेरिकी दूतावास तक ये बात पहुंचाई और मेरा शिकायती पत्र दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर को भेजा. लेकिन अक्‍टूबर में पत्र लिखने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में करीब डेढ़ महीने की देरी हुई. दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया. पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.टिप्पणियां महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' महिला ने बताया, 'मेरे लिए घटना को याद करना मुश्किल था. मुझे याद नहीं कि मैंने टूर एजेंसी का कोई अच्‍छा फीडबैक लिखा. मैंने अपनी यादाश्‍त दुरुस्‍त की और तीन महीने बाद जुलाई के अंत में मैंने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया. टूर एजेंसी और होटल की पहली प्रतिक्रिया थी कि वो हैरान हैं. लेकिन उनकी इस बात का पता लगाने में कोई दिलचस्‍पी नहीं थी कि ये सब क्‍यों हुआ और इसके लिए जिम्‍मेदार कौन हैं. वो तो बस अपनी छवि के लिए चिंतित थे. महिला ने बताया कि ये उसके परिवार और दोस्‍तों का समर्थन ही था जिसके चलते उसने केस दर्ज कराया. शिक्षिका ने बताया कि उसने एक एनजीओ से संपर्क किया जिसने अमेरिकी दूतावास तक ये बात पहुंचाई और मेरा शिकायती पत्र दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर को भेजा. लेकिन अक्‍टूबर में पत्र लिखने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में करीब डेढ़ महीने की देरी हुई. दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया. पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.टिप्पणियां महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' महिला ने बताया कि ये उसके परिवार और दोस्‍तों का समर्थन ही था जिसके चलते उसने केस दर्ज कराया. शिक्षिका ने बताया कि उसने एक एनजीओ से संपर्क किया जिसने अमेरिकी दूतावास तक ये बात पहुंचाई और मेरा शिकायती पत्र दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर को भेजा. लेकिन अक्‍टूबर में पत्र लिखने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में करीब डेढ़ महीने की देरी हुई. दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया. पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.टिप्पणियां महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि एनजीओ - अमेरिकन ओवरसीज डोमेस्टिक क्राइसिस वायलेंस सेंटर के नाम की वजह से वो भ्रमित हो गई और उसने शिकायत को घरेलू हिंसा का मामला समझकर वूमेंस सेल को भेज दिया. नवंबर में जब वूमेंस सेल ने शिकायत वापस भेज दी तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई और एनजीओ से महिला का बयान मांगा गया. बाद में आरोपियों की पहचान के लिए महिला को भारत आने को कहा गया. पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.टिप्पणियां महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' पुलिस ने मामले में अब तक टूर गाइड और होटल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जब शिकायतकर्ता आरोपियों की पहचान कर लेगी तभी मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.टिप्पणियां महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' महिला ने बताया, 'इसमें महीनों लग गए. केस दर्ज कराने की प्रक्रिया बहुत ही निराशाजनक है, दिल्‍ली पुलिस जिस तरह से मामले को देख रही है, उसे लेकर मैं आश्‍वस्‍त नहीं हूं. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं और मुझे इंसाफ चाहिए, और मुझे पता है कि इन लोगों ने कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ भी ऐसा किया होगा.' सिर्फ दिल्‍ली में ही इस वर्ष 1900 से ज्‍यादा बलात्‍कार के मामले दर्ज किए गए हैं. महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.' महिला ने बताया, 'जब में भारत आई थी तो बहुत उत्‍साहित थी. यह मेरा सपना था. मैं अब भी एक देश के रूप में भारत को पसंद करती हूं. पर इस देश में बलात्‍कार और हिंसा जैसी समस्‍याओं का होना गंभीर मसला है.'
संक्षिप्त पाठ: दिल्ली के एक होटल में उसके साथ कथित गैंगरेप हुआ था महिला ने कहा- आरोपियों के चेहरे मैं पहचानती हूं पुलिस ने टूर गाइड और होटल कर्मियों समेत 11 लोगों से पूछताछ की है
13
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: ब्राजील के उत्तरी प्रांत पारा में एक जेल के अंदर सोमवार को दो गुटो में हिंसा में 57 कैदियों की मौत हो की खबर है. प्रशासन ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के अनुसार प्रांत की राजधानी बेलेम से लगभग 850 किलोमीटर दूर स्थित अल्टामीरा में जेल में लगभग पांच घंटों तक हिंसा जारी रही. घटना की जानकारी मिलने के बाद विभिन्न सरकारी एजेंसियों के संयुक्त प्रयास के बाद आरोपियों पर काबू पाया गया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना में 16 के सर धड़ से अलग हो गए. वहीं, आरोपी गुट द्वारा एक सेल में आग लगाने के कारण 41 लोगों की मौत दम घुटने से हो गई. प्रांतीय जेल तंत्र के प्रमुख जारबास वास्कॉनसेलॉस ने संवाददाताओं को बताया कि यह संघर्ष दूसरे गुट का सफाया करने के लिए किया गया था. यह एक स्थानीय हमला था. हमलावरों ने सेल में प्रवेश किया, कैदियों को मारा और बाद में कमरे में आग लगा दी. वहीं, जेल प्रबंधन ने कहा कि जेल के एक हिस्से में कैदी जैसे ही नाश्ते के लिए बैठे, दूसरी सेल से आए हमलावरों ने जबरदस्ती घुस कर देशी हथियारों से अपने दुश्मनों पर हमला कर दिया. हमले के दौरान बंधक बनाए गए दो कर्मियों को बाद में सुरक्षित रिहा कर दिया गया. वहीं दो अन्य लोगों को घायलावस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कुछ कैदियों के रिश्तेदारों ने अल्टामीरा में प्रदर्शन कर एक धड़े का स्थानांतरण करने की मांग की थी, जिससे विवाद से बचा जा सके. गौरतलब है कि ब्राजील की जेल में इस तरह का यह कोई पहला खूनी संघर्ष नहीं है. इससे पहले इसी साल मई में सिन्हुआ के अनुसार, मनाउस शहर में एनीसिया जोबिम जेल परिसर में रविवार (27 मई) को मुलाकात के समय अंदर कैदियों में लड़ाई हो गई थी, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी. कैदी या तो एक-दूसरे की गला दबाकर हत्या कर रहे थे या एक-दूसरे पर टूथब्रश से हमला कर रहे थे.प्रशासन ने शव मिलने की सूचना दी थी. ये 42 शव सिर्फ एनीसिया जोबिम जेल में ही नहीं, बल्कि मानाउस में तीन अन्य जेलों में भी मिले. एप्पल में नौकरी पाने के लिए शख्स ने हैक कर ली कंपनी, मिली ऐसी सज़ा... जेल प्रशासनिक सचिवालय ने कहा था कि स्थिति अब नियंत्रण में है.अब तक वार्डन के घायल होने या कैदियों के भागने की सूचना नहीं है. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, ब्राजील में जेलों में दंगे, हत्याएं और सामूहिक रूप से कैदियों का भागना आम है. अंतर्राष्ट्रीय संगठन इसे दुनिया में सबसे बुरा और सबसे ज्यादा हिंसक कहते हैं. सबसे ज्यादा कैदियों के मामले में ब्राजील दुनिया में तीसरे स्थान पर है. यहां लगभग सात लाख कैदी हैं जो जेलों की क्षमता से लगभग दोगुने हैं.
ब्राजील की जेल में खूनी संघर्ष 14 लोगों के सर को धड़ से अलग किया गया आरोपियों ने कमरे में भी लगाई आग
6
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: महाराष्ट्र विधानसभा परिसर के भीतर एक पुलिसकर्मी की पिटाई करने के मामले में वसई के विधायक क्षितिज ठाकुर, मनसे विधायक राम कदम और 14 अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिसकर्मी तेज गति से चल रही विधायक की कार का चालान काटना चाहता था जिसके कारण विधायकों ने उसकी पिटाई कर दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘वर्ली थाने से संबद्ध सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी की शिकायत के आधार पर मरीन ड्राइव पुलिस थाने में विधायक क्षितिज ठाकुर, मनसे विधायक राम कदम और करीब 14 अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।’ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहित की धाराओं 143, 341, 353, 504, 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले के अन्य आरोपियों के नाम अभी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपे जाने की संभावना है। मुंबई पुलिस की यह शाखा सामान्य तौर पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े मामलों या गंभीर मामलों की जांच करती है। इससे पहले, इसके चलते राज्य विधानसभा सदन पांच बार कार्यवाही स्थगन का साक्षी बना। सभी पार्टियों के नाराज विधायकों ने पुलिसकर्मी के निलंबन की मांग की और आगाह किया कि उसके निलंबन के बगैर सदन की कार्यवाही नहीं चल सकती।टिप्पणियां वर्ली पुलिस थाने से जुड़े सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी ने मंगलवार को कथित रूप से बांद्रा-वर्ली सीलिंक पर ठाकुर के वाहन को उस वक्त रोका था जब विधायक विधानसभा सत्र में शरीक होने के लिए जा रहे थे। ठाकुर को कथित रूप से जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उनका वाहन गतिसीमा पार कर गया था। इस मुद्दे पर विधायक और पुलिसकर्मी के बीच कहा-सुनी हो गई जिसके दौरान पुलिसकर्मी ने कथित रूप से ठाकुर के साथ दुर्व्‍यवहार किया। राज्य विधानसभा में वसई का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर ने प्रश्नकाल के बाद सदन में सूर्यवंशी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने विधानसभा में अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पुलिसकर्मी ने किस तरह उनके साथ ‘दुर्व्‍यवहार’ किया। पुलिसकर्मी तेज गति से चल रही विधायक की कार का चालान काटना चाहता था जिसके कारण विधायकों ने उसकी पिटाई कर दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘वर्ली थाने से संबद्ध सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी की शिकायत के आधार पर मरीन ड्राइव पुलिस थाने में विधायक क्षितिज ठाकुर, मनसे विधायक राम कदम और करीब 14 अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।’ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहित की धाराओं 143, 341, 353, 504, 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले के अन्य आरोपियों के नाम अभी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपे जाने की संभावना है। मुंबई पुलिस की यह शाखा सामान्य तौर पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े मामलों या गंभीर मामलों की जांच करती है। इससे पहले, इसके चलते राज्य विधानसभा सदन पांच बार कार्यवाही स्थगन का साक्षी बना। सभी पार्टियों के नाराज विधायकों ने पुलिसकर्मी के निलंबन की मांग की और आगाह किया कि उसके निलंबन के बगैर सदन की कार्यवाही नहीं चल सकती।टिप्पणियां वर्ली पुलिस थाने से जुड़े सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी ने मंगलवार को कथित रूप से बांद्रा-वर्ली सीलिंक पर ठाकुर के वाहन को उस वक्त रोका था जब विधायक विधानसभा सत्र में शरीक होने के लिए जा रहे थे। ठाकुर को कथित रूप से जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उनका वाहन गतिसीमा पार कर गया था। इस मुद्दे पर विधायक और पुलिसकर्मी के बीच कहा-सुनी हो गई जिसके दौरान पुलिसकर्मी ने कथित रूप से ठाकुर के साथ दुर्व्‍यवहार किया। राज्य विधानसभा में वसई का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर ने प्रश्नकाल के बाद सदन में सूर्यवंशी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने विधानसभा में अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पुलिसकर्मी ने किस तरह उनके साथ ‘दुर्व्‍यवहार’ किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘वर्ली थाने से संबद्ध सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी की शिकायत के आधार पर मरीन ड्राइव पुलिस थाने में विधायक क्षितिज ठाकुर, मनसे विधायक राम कदम और करीब 14 अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।’ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहित की धाराओं 143, 341, 353, 504, 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले के अन्य आरोपियों के नाम अभी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपे जाने की संभावना है। मुंबई पुलिस की यह शाखा सामान्य तौर पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े मामलों या गंभीर मामलों की जांच करती है। इससे पहले, इसके चलते राज्य विधानसभा सदन पांच बार कार्यवाही स्थगन का साक्षी बना। सभी पार्टियों के नाराज विधायकों ने पुलिसकर्मी के निलंबन की मांग की और आगाह किया कि उसके निलंबन के बगैर सदन की कार्यवाही नहीं चल सकती।टिप्पणियां वर्ली पुलिस थाने से जुड़े सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी ने मंगलवार को कथित रूप से बांद्रा-वर्ली सीलिंक पर ठाकुर के वाहन को उस वक्त रोका था जब विधायक विधानसभा सत्र में शरीक होने के लिए जा रहे थे। ठाकुर को कथित रूप से जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उनका वाहन गतिसीमा पार कर गया था। इस मुद्दे पर विधायक और पुलिसकर्मी के बीच कहा-सुनी हो गई जिसके दौरान पुलिसकर्मी ने कथित रूप से ठाकुर के साथ दुर्व्‍यवहार किया। राज्य विधानसभा में वसई का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर ने प्रश्नकाल के बाद सदन में सूर्यवंशी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने विधानसभा में अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पुलिसकर्मी ने किस तरह उनके साथ ‘दुर्व्‍यवहार’ किया। इस मामले के अन्य आरोपियों के नाम अभी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपे जाने की संभावना है। मुंबई पुलिस की यह शाखा सामान्य तौर पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े मामलों या गंभीर मामलों की जांच करती है। इससे पहले, इसके चलते राज्य विधानसभा सदन पांच बार कार्यवाही स्थगन का साक्षी बना। सभी पार्टियों के नाराज विधायकों ने पुलिसकर्मी के निलंबन की मांग की और आगाह किया कि उसके निलंबन के बगैर सदन की कार्यवाही नहीं चल सकती।टिप्पणियां वर्ली पुलिस थाने से जुड़े सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी ने मंगलवार को कथित रूप से बांद्रा-वर्ली सीलिंक पर ठाकुर के वाहन को उस वक्त रोका था जब विधायक विधानसभा सत्र में शरीक होने के लिए जा रहे थे। ठाकुर को कथित रूप से जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उनका वाहन गतिसीमा पार कर गया था। इस मुद्दे पर विधायक और पुलिसकर्मी के बीच कहा-सुनी हो गई जिसके दौरान पुलिसकर्मी ने कथित रूप से ठाकुर के साथ दुर्व्‍यवहार किया। राज्य विधानसभा में वसई का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर ने प्रश्नकाल के बाद सदन में सूर्यवंशी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने विधानसभा में अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पुलिसकर्मी ने किस तरह उनके साथ ‘दुर्व्‍यवहार’ किया। इससे पहले, इसके चलते राज्य विधानसभा सदन पांच बार कार्यवाही स्थगन का साक्षी बना। सभी पार्टियों के नाराज विधायकों ने पुलिसकर्मी के निलंबन की मांग की और आगाह किया कि उसके निलंबन के बगैर सदन की कार्यवाही नहीं चल सकती।टिप्पणियां वर्ली पुलिस थाने से जुड़े सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी ने मंगलवार को कथित रूप से बांद्रा-वर्ली सीलिंक पर ठाकुर के वाहन को उस वक्त रोका था जब विधायक विधानसभा सत्र में शरीक होने के लिए जा रहे थे। ठाकुर को कथित रूप से जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उनका वाहन गतिसीमा पार कर गया था। इस मुद्दे पर विधायक और पुलिसकर्मी के बीच कहा-सुनी हो गई जिसके दौरान पुलिसकर्मी ने कथित रूप से ठाकुर के साथ दुर्व्‍यवहार किया। राज्य विधानसभा में वसई का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर ने प्रश्नकाल के बाद सदन में सूर्यवंशी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने विधानसभा में अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पुलिसकर्मी ने किस तरह उनके साथ ‘दुर्व्‍यवहार’ किया। वर्ली पुलिस थाने से जुड़े सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सूर्यवंशी ने मंगलवार को कथित रूप से बांद्रा-वर्ली सीलिंक पर ठाकुर के वाहन को उस वक्त रोका था जब विधायक विधानसभा सत्र में शरीक होने के लिए जा रहे थे। ठाकुर को कथित रूप से जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उनका वाहन गतिसीमा पार कर गया था। इस मुद्दे पर विधायक और पुलिसकर्मी के बीच कहा-सुनी हो गई जिसके दौरान पुलिसकर्मी ने कथित रूप से ठाकुर के साथ दुर्व्‍यवहार किया। राज्य विधानसभा में वसई का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर ने प्रश्नकाल के बाद सदन में सूर्यवंशी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने विधानसभा में अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पुलिसकर्मी ने किस तरह उनके साथ ‘दुर्व्‍यवहार’ किया। ठाकुर को कथित रूप से जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उनका वाहन गतिसीमा पार कर गया था। इस मुद्दे पर विधायक और पुलिसकर्मी के बीच कहा-सुनी हो गई जिसके दौरान पुलिसकर्मी ने कथित रूप से ठाकुर के साथ दुर्व्‍यवहार किया। राज्य विधानसभा में वसई का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर ने प्रश्नकाल के बाद सदन में सूर्यवंशी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने विधानसभा में अपने साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पुलिसकर्मी ने किस तरह उनके साथ ‘दुर्व्‍यवहार’ किया।
संक्षिप्त सारांश: महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों के एक समूह ने साथी विधायक क्षितिज ठाकुर के साथ ‘दुर्व्‍यवहार’ करने वाले एक पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी जिसके बाद सदन की कार्यवाही ठप पड़ गई।
0
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: सुपरस्टार प्रभास (Prabhas) की फिल्म 'साहो (Saaho)' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बड़े पैमाने पर धमाकेदार रहा है.  फिल्म के हिंदी वर्जन की कमाई 160 करोड़ के करीब पहुंच गई है. ऐसे में सोर्स ने प्रभास की बढ़ती हुई फीस को लेकर एक खुलासा किया है. अगर सोर्स पर भरोसा किया जाए, तो उनके मुताबिक अब प्रभास फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर बन गए हैं. प्रभास की फैन फॉलोइंग ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया है जहां सुपरस्टार को फिल्म के लिए एक बड़ी राशि दी गयी है और साथ ही बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी प्रत्येक दिन के साथ बुलंदियां छू रहा है. यह मुनाफा बहुत बड़ा है और इसलिए उनकी फीस भी अधिक है.  एक करीबी सूत्र ने बताया, 'प्रभास (Prabhas) ने अपने करियर में साहो (Saaho) के साथ एक बड़ी सफलता को चिह्नित किया है, जहां उनका मुनाफा पहले से भी अधिक है. उस तरह के बड़े बजट और प्रत्येक गुजरते दिन के साथ बढ़ रहे बॉक्स ऑफिस आंकड़ो के साथ, केवल कल्पना ही की जा सकती है कि प्रभास को अपनी परफॉर्मेंस फीस के तौर पर क्या मिला है. शायद, वह अब इंडस्ट्री में सबसे अधिक फीस लेने वाले अभिनेता हैं.' अनुमान लगाए तो, प्रोडक्शन हाउस ने साहो (Saaho) के लिए डिजिटल सैटेलाइट और म्यूजिक राइट्स 130 करोड़ रुपए में बेचे थे. देशभर में साहो के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को देखते हुए, कहना गलत नहीं होगा कि यह एक ब्लॉकबस्टर फिल्म बनकर उभरी है. प्रभास की फैन फॉलोइंग का एक नमूना फिल्म 'साहो' के साथ भी देखने मिला, फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन इस बात को साबित करता है कि प्रभास सही मायनों में एक पैन इंडिया सुपरस्टार हैं.
'साहो' की सफलता के बाद प्रभास बने सबसे महंगे एक्टर सोर्स ने किया खुलासा बॉक्स पर जमकर कमाई कर रही है 'साहो'
1
['hin']
एक सारांश बनाओ: भारत ने बुधवार को कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सभी विवादों का समाधान अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक होना चाहिए। साथ ही उसने क्षेत्र में बहुपक्षीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। भारत ने ये बातें रक्षा मंत्री एके एंटनी और उनके अमेरिकी समकक्ष लियोन पेनेटा के बीच बुधवार को हुई एक करीब घंटे की चर्चा के बाद कही। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने कहा, "एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं के सम्बंध में एंटनी ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय जल में सभी के लिए स्वतंत्र आवाजाही का समर्थन करता है। साथ ही उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सम्बंधित पक्ष अपने विवादों का समाधान अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार करे।"टिप्पणियां प्रवक्ता ने कहा, "एंटनी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बहुपक्षीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच जारी द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने इस पर सहमति जताई कि आपसी हित एवं चिंताओं के क्षेत्र में द्विपक्षीय सम्बंधों को विस्तार देने के कई अवसर हैं।" पेनेटा ने भारत को आश्वस्त किया कि अमेरिकी सरकार प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित एवं साझा करने के लिए कदम उठाएगी। भारत ने ये बातें रक्षा मंत्री एके एंटनी और उनके अमेरिकी समकक्ष लियोन पेनेटा के बीच बुधवार को हुई एक करीब घंटे की चर्चा के बाद कही। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने कहा, "एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं के सम्बंध में एंटनी ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय जल में सभी के लिए स्वतंत्र आवाजाही का समर्थन करता है। साथ ही उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सम्बंधित पक्ष अपने विवादों का समाधान अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार करे।"टिप्पणियां प्रवक्ता ने कहा, "एंटनी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बहुपक्षीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच जारी द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने इस पर सहमति जताई कि आपसी हित एवं चिंताओं के क्षेत्र में द्विपक्षीय सम्बंधों को विस्तार देने के कई अवसर हैं।" पेनेटा ने भारत को आश्वस्त किया कि अमेरिकी सरकार प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित एवं साझा करने के लिए कदम उठाएगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने कहा, "एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं के सम्बंध में एंटनी ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय जल में सभी के लिए स्वतंत्र आवाजाही का समर्थन करता है। साथ ही उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सम्बंधित पक्ष अपने विवादों का समाधान अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार करे।"टिप्पणियां प्रवक्ता ने कहा, "एंटनी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बहुपक्षीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच जारी द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने इस पर सहमति जताई कि आपसी हित एवं चिंताओं के क्षेत्र में द्विपक्षीय सम्बंधों को विस्तार देने के कई अवसर हैं।" पेनेटा ने भारत को आश्वस्त किया कि अमेरिकी सरकार प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित एवं साझा करने के लिए कदम उठाएगी। प्रवक्ता ने कहा, "एंटनी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बहुपक्षीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच जारी द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने इस पर सहमति जताई कि आपसी हित एवं चिंताओं के क्षेत्र में द्विपक्षीय सम्बंधों को विस्तार देने के कई अवसर हैं।" पेनेटा ने भारत को आश्वस्त किया कि अमेरिकी सरकार प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित एवं साझा करने के लिए कदम उठाएगी। पेनेटा ने भारत को आश्वस्त किया कि अमेरिकी सरकार प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित एवं साझा करने के लिए कदम उठाएगी।
भारत ने बुधवार को कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सभी विवादों का समाधान अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक होना चाहिए। साथ ही उसने क्षेत्र में बहुपक्षीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
26
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: आयुष्मान खुराना  (Ayushmann Khurrana) इन दिनों अपनी फिल्म  'आर्टिकल 15'  (Article 15) की तैयारी में लगे हुए हैं. ये फिल्म जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की यह फिल्म पूरी तरह जातिगत भेदभाव जैसी सामाजिक समस्याओं पर आधारित है. इस फिल्म में आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) एक ऐसे पुलिस अधिकारी की भूमिका अदा कर रहे हैं, जो समाज में बदलाव लाने का लक्ष्य रखता है. आयुष्मान खुराना की फिल्म  'आर्टिकल 15'  (Article 15) का ट्रेलर तो पहले ही रिलीज हो चुका है. लेकिन अब इसका एक नया गाना 'शुरु करें क्या' (Shuru Karein Kya) यूट्यूब पर रिलीज हुआ है. रिलीज होते ही ये गाना यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है.   देखें वीडियो: बॉलीवुड को एक के बाद एक हिट फिल्में देने वाले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म 'आर्टिकल 15' के नए गाने में समाज में फैले भेदभाव, महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे अत्याचार को बखूबी दर्शाया गया है. 'आर्टिकल 15' का ये गाना 'शुरु करें क्या' (Shuru karein kya) को रैपर स्लो चीता (Slow Cheeta), डी एम सी (Dee M C), काम भारी (Kaam Bhaari) और स्पीटफायर (Spitfire) ने गाया है. इस गाने का म्युजिक बेहद ही आकर्षक है. बता दें कि फिल्म 'आर्टिकल 15'  (Article 15) को अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने डायरेक्ट किया है, साथ ही इसका प्रोडक्शन जी स्टूडियो (Zee Studio) के बैनर तले हुआ है. 'आर्टिकल 15' 28 जून, 2019 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इस फिल्म में आयुष्मान खुराना के अलावा ईशा तलवार (Isha Talwar), एम नसार, मनोज पाहवा, सयानी गुप्ता, कुमुद मिश्रा और मोहम्मद जीशान अय्यूब भी नजर आएंगे. इस फिल्म में आयुष्मान दमदार किरदार में नजर आने वाले हैं.
संक्षिप्त पाठ: 'आर्टिकल 15' का नया गाना रिलीज अलग अंदाज में दिखे आयुष्मान खुराना बार-बार देखा जा रहा वीडियो
22
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: हर साल एक गांव को गोद लेने की योजना में कुछ ही सांसद अब तक गांव को गोद ले पाये हैं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे साल में दूसरे गांव को गोद लिया। गौरतलब है कि सांसद के गांव को गोद लेने पर विकास के लिये अलग से कोई फंड की व्यवस्था नहीं है।  लिहाजा एजेंसियां और दूसरी संस्थायें विकास में मदद कर रही हैं पर उनके काम से गांव वाले संतुष्ट नहीं है। यह नाराजगी प्रधानमंत्री के अपने गोद लिये गांव नागेपुर में भी दिखाई पड़ती है। प्रधानमंत्री के गोद लिये गांव नागेपुर में जब आप अंदर जायजा लेने जायेंगे तो जमीन पर धराशाई  प्लास्टिक का डिब्बा नज़र आयेगा जो दरअसल शौचालय है। यह डिब्बा यहां लगने के लिये आया था पर तेज आंधी में टिक नहीं  सका। ऐसे कई शौचालय गांव में गिरे नज़र आयेगे, पर बहुत से  खड़े भी थे और काम भी कर रहे थे लेकिन उसकी अपनी कमियां  भी हैं। सबसे बड़ी समस्या उसके सोकपिट को लेकर है, जो सीट के नीचे ही आठ फीट गढ्ढे का बना है। शौचालय की जमीन भी प्लास्टिक की है जो भारी वजन से दबती है और नीचे सोकपिट का गढ्ढा है। लिहाजा लोग डरते हैं कि कहीं टूट गया और गिर गये तो जान ही चली जायेगी।  इसे और स्पष्ट रूप से गांव की महिला नियासी बताती है कि " इसमें यही परेशानी है कि इसमे कौन दम है, आदमी बैठे तो नीचे गिर जाएगा तेज हवा चलेगा तो ये गिर जायेगा। हमके ईंटा के चाही एक ही दीजिये पर ठीक दीजिये..।' प्लास्टिक के इस शौचालय में खामियां तो हैं ही,  ये इसलिए भी इन्हें रास नहीं आ रहा है क्योंकि पहले ये गांव लोहिया ग्राम था और उसमे ईंट के पक्के शौचालय बने हैं। लोहिया ग्राम होने की वजह से यहां विकास पहले से हुआ पर उसमे भी दलित लोग वंचित रह गये थे। पीएम ने जब गांव को गोद लिया तो आस जगी पर इस बार इन्हें आंबेडकर की मूर्ति और पार्क तो मिला पर अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं मिल पाई, जिसकी ये शिकायत करते नज़र आते हैं। दलित बस्ती  के राम चरण कहते हैं " यहां पर कुछ ऐसे काम हुए हैं कि शौचालय बना तो अन्य बिरादारी को मिला। हरिजन बिरादरी को एक भी नहीं मिला। कुछ रोड बने है जो मतलब है कि सामने पड़ा है कच्चा, वो नहीं बना ये दुबारा बन गई।हमारे यहां एक पार्क बना। बाकी पानी की समस्या है। बीजेपी के लोग आते हैं कहते हैं पर नहीं हुआ।टिप्पणियां ऐसा नहीं कि इस गांव में कुछ नहीं हुआ। पीएम के गोद लेने के बाद आंगनबाड़ी के लिये नन्द घर बना, बस स्टेंड बना, बैठने के लिये बेंच लगीं और सबसे बड़ा काम एक 15 किलोवॉट का सोलर प्लांट लगा जिससे 25 घरों में बिजली मिल रही है। लेकिन 25 सौ आबादी वाले इस गांव में राजभर, पटेल  दलित बिरादरी ज़्यादा है, जिनका मुख्य व्यवसाय बुनकरी है। कभी 500 घरों में करघे से नई नई साड़ी शक्ल अख्तियार करती थी पर आज सिर्फ 75 घरों में बमुश्किल करघा ज़िंदा है। ज़्यादातर कारीगर मजदूरी कर गुजर बसर को मजबूर हैं। लिहाजा प्रधानमंत्री से इनकी पहली मांग अपने पुश्तैनी धंधे को ज़िंदा करने की है।   इन कमियों के बावजूद भी एक अच्छी बात ये है कि देश के सांसद जहां अभी तक अपने गोद लिये गांव में काम नहीं करा पा रहे हैं और बहुतों ने तो गोद लिया भी नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री का ये प्रयास सराहनीय तो है पर जिस तरह संस्थाएं काम को अंजाम दे रही है वह संतोष जनक नहीं है। इस पर प्रधानमंत्री को ध्यान देना चाहिये तब कहीं उनका मंसूबा पूरा हो पायेगा।  वैसे भी प्रधानमंत्री जिस गांव को गोद लेते हैं, वहां लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती है। जो काम हो रहा है वो इनकी उम्मीद से भी नीचे है। ऐसे में लोगों को कुछ नाराजगी भी है और सलाह भी दे रहे है कि एक काम करें पर ठोस करें।  अब देखने वाली बात ये हैं कि इनकी ये सलाह प्रधानमंत्री के सलाहकारों तक पहुंचती है या नहीं....। प्रधानमंत्री के गोद लिये गांव नागेपुर में जब आप अंदर जायजा लेने जायेंगे तो जमीन पर धराशाई  प्लास्टिक का डिब्बा नज़र आयेगा जो दरअसल शौचालय है। यह डिब्बा यहां लगने के लिये आया था पर तेज आंधी में टिक नहीं  सका। ऐसे कई शौचालय गांव में गिरे नज़र आयेगे, पर बहुत से  खड़े भी थे और काम भी कर रहे थे लेकिन उसकी अपनी कमियां  भी हैं। सबसे बड़ी समस्या उसके सोकपिट को लेकर है, जो सीट के नीचे ही आठ फीट गढ्ढे का बना है। शौचालय की जमीन भी प्लास्टिक की है जो भारी वजन से दबती है और नीचे सोकपिट का गढ्ढा है। लिहाजा लोग डरते हैं कि कहीं टूट गया और गिर गये तो जान ही चली जायेगी।  इसे और स्पष्ट रूप से गांव की महिला नियासी बताती है कि " इसमें यही परेशानी है कि इसमे कौन दम है, आदमी बैठे तो नीचे गिर जाएगा तेज हवा चलेगा तो ये गिर जायेगा। हमके ईंटा के चाही एक ही दीजिये पर ठीक दीजिये..।' प्लास्टिक के इस शौचालय में खामियां तो हैं ही,  ये इसलिए भी इन्हें रास नहीं आ रहा है क्योंकि पहले ये गांव लोहिया ग्राम था और उसमे ईंट के पक्के शौचालय बने हैं। लोहिया ग्राम होने की वजह से यहां विकास पहले से हुआ पर उसमे भी दलित लोग वंचित रह गये थे। पीएम ने जब गांव को गोद लिया तो आस जगी पर इस बार इन्हें आंबेडकर की मूर्ति और पार्क तो मिला पर अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं मिल पाई, जिसकी ये शिकायत करते नज़र आते हैं। दलित बस्ती  के राम चरण कहते हैं " यहां पर कुछ ऐसे काम हुए हैं कि शौचालय बना तो अन्य बिरादारी को मिला। हरिजन बिरादरी को एक भी नहीं मिला। कुछ रोड बने है जो मतलब है कि सामने पड़ा है कच्चा, वो नहीं बना ये दुबारा बन गई।हमारे यहां एक पार्क बना। बाकी पानी की समस्या है। बीजेपी के लोग आते हैं कहते हैं पर नहीं हुआ।टिप्पणियां ऐसा नहीं कि इस गांव में कुछ नहीं हुआ। पीएम के गोद लेने के बाद आंगनबाड़ी के लिये नन्द घर बना, बस स्टेंड बना, बैठने के लिये बेंच लगीं और सबसे बड़ा काम एक 15 किलोवॉट का सोलर प्लांट लगा जिससे 25 घरों में बिजली मिल रही है। लेकिन 25 सौ आबादी वाले इस गांव में राजभर, पटेल  दलित बिरादरी ज़्यादा है, जिनका मुख्य व्यवसाय बुनकरी है। कभी 500 घरों में करघे से नई नई साड़ी शक्ल अख्तियार करती थी पर आज सिर्फ 75 घरों में बमुश्किल करघा ज़िंदा है। ज़्यादातर कारीगर मजदूरी कर गुजर बसर को मजबूर हैं। लिहाजा प्रधानमंत्री से इनकी पहली मांग अपने पुश्तैनी धंधे को ज़िंदा करने की है।   इन कमियों के बावजूद भी एक अच्छी बात ये है कि देश के सांसद जहां अभी तक अपने गोद लिये गांव में काम नहीं करा पा रहे हैं और बहुतों ने तो गोद लिया भी नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री का ये प्रयास सराहनीय तो है पर जिस तरह संस्थाएं काम को अंजाम दे रही है वह संतोष जनक नहीं है। इस पर प्रधानमंत्री को ध्यान देना चाहिये तब कहीं उनका मंसूबा पूरा हो पायेगा।  वैसे भी प्रधानमंत्री जिस गांव को गोद लेते हैं, वहां लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती है। जो काम हो रहा है वो इनकी उम्मीद से भी नीचे है। ऐसे में लोगों को कुछ नाराजगी भी है और सलाह भी दे रहे है कि एक काम करें पर ठोस करें।  अब देखने वाली बात ये हैं कि इनकी ये सलाह प्रधानमंत्री के सलाहकारों तक पहुंचती है या नहीं....। सबसे बड़ी समस्या उसके सोकपिट को लेकर है, जो सीट के नीचे ही आठ फीट गढ्ढे का बना है। शौचालय की जमीन भी प्लास्टिक की है जो भारी वजन से दबती है और नीचे सोकपिट का गढ्ढा है। लिहाजा लोग डरते हैं कि कहीं टूट गया और गिर गये तो जान ही चली जायेगी।  इसे और स्पष्ट रूप से गांव की महिला नियासी बताती है कि " इसमें यही परेशानी है कि इसमे कौन दम है, आदमी बैठे तो नीचे गिर जाएगा तेज हवा चलेगा तो ये गिर जायेगा। हमके ईंटा के चाही एक ही दीजिये पर ठीक दीजिये..।' प्लास्टिक के इस शौचालय में खामियां तो हैं ही,  ये इसलिए भी इन्हें रास नहीं आ रहा है क्योंकि पहले ये गांव लोहिया ग्राम था और उसमे ईंट के पक्के शौचालय बने हैं। लोहिया ग्राम होने की वजह से यहां विकास पहले से हुआ पर उसमे भी दलित लोग वंचित रह गये थे। पीएम ने जब गांव को गोद लिया तो आस जगी पर इस बार इन्हें आंबेडकर की मूर्ति और पार्क तो मिला पर अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं मिल पाई, जिसकी ये शिकायत करते नज़र आते हैं। दलित बस्ती  के राम चरण कहते हैं " यहां पर कुछ ऐसे काम हुए हैं कि शौचालय बना तो अन्य बिरादारी को मिला। हरिजन बिरादरी को एक भी नहीं मिला। कुछ रोड बने है जो मतलब है कि सामने पड़ा है कच्चा, वो नहीं बना ये दुबारा बन गई।हमारे यहां एक पार्क बना। बाकी पानी की समस्या है। बीजेपी के लोग आते हैं कहते हैं पर नहीं हुआ।टिप्पणियां ऐसा नहीं कि इस गांव में कुछ नहीं हुआ। पीएम के गोद लेने के बाद आंगनबाड़ी के लिये नन्द घर बना, बस स्टेंड बना, बैठने के लिये बेंच लगीं और सबसे बड़ा काम एक 15 किलोवॉट का सोलर प्लांट लगा जिससे 25 घरों में बिजली मिल रही है। लेकिन 25 सौ आबादी वाले इस गांव में राजभर, पटेल  दलित बिरादरी ज़्यादा है, जिनका मुख्य व्यवसाय बुनकरी है। कभी 500 घरों में करघे से नई नई साड़ी शक्ल अख्तियार करती थी पर आज सिर्फ 75 घरों में बमुश्किल करघा ज़िंदा है। ज़्यादातर कारीगर मजदूरी कर गुजर बसर को मजबूर हैं। लिहाजा प्रधानमंत्री से इनकी पहली मांग अपने पुश्तैनी धंधे को ज़िंदा करने की है।   इन कमियों के बावजूद भी एक अच्छी बात ये है कि देश के सांसद जहां अभी तक अपने गोद लिये गांव में काम नहीं करा पा रहे हैं और बहुतों ने तो गोद लिया भी नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री का ये प्रयास सराहनीय तो है पर जिस तरह संस्थाएं काम को अंजाम दे रही है वह संतोष जनक नहीं है। इस पर प्रधानमंत्री को ध्यान देना चाहिये तब कहीं उनका मंसूबा पूरा हो पायेगा।  वैसे भी प्रधानमंत्री जिस गांव को गोद लेते हैं, वहां लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती है। जो काम हो रहा है वो इनकी उम्मीद से भी नीचे है। ऐसे में लोगों को कुछ नाराजगी भी है और सलाह भी दे रहे है कि एक काम करें पर ठोस करें।  अब देखने वाली बात ये हैं कि इनकी ये सलाह प्रधानमंत्री के सलाहकारों तक पहुंचती है या नहीं....। प्लास्टिक के इस शौचालय में खामियां तो हैं ही,  ये इसलिए भी इन्हें रास नहीं आ रहा है क्योंकि पहले ये गांव लोहिया ग्राम था और उसमे ईंट के पक्के शौचालय बने हैं। लोहिया ग्राम होने की वजह से यहां विकास पहले से हुआ पर उसमे भी दलित लोग वंचित रह गये थे। पीएम ने जब गांव को गोद लिया तो आस जगी पर इस बार इन्हें आंबेडकर की मूर्ति और पार्क तो मिला पर अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं मिल पाई, जिसकी ये शिकायत करते नज़र आते हैं। दलित बस्ती  के राम चरण कहते हैं " यहां पर कुछ ऐसे काम हुए हैं कि शौचालय बना तो अन्य बिरादारी को मिला। हरिजन बिरादरी को एक भी नहीं मिला। कुछ रोड बने है जो मतलब है कि सामने पड़ा है कच्चा, वो नहीं बना ये दुबारा बन गई।हमारे यहां एक पार्क बना। बाकी पानी की समस्या है। बीजेपी के लोग आते हैं कहते हैं पर नहीं हुआ।टिप्पणियां ऐसा नहीं कि इस गांव में कुछ नहीं हुआ। पीएम के गोद लेने के बाद आंगनबाड़ी के लिये नन्द घर बना, बस स्टेंड बना, बैठने के लिये बेंच लगीं और सबसे बड़ा काम एक 15 किलोवॉट का सोलर प्लांट लगा जिससे 25 घरों में बिजली मिल रही है। लेकिन 25 सौ आबादी वाले इस गांव में राजभर, पटेल  दलित बिरादरी ज़्यादा है, जिनका मुख्य व्यवसाय बुनकरी है। कभी 500 घरों में करघे से नई नई साड़ी शक्ल अख्तियार करती थी पर आज सिर्फ 75 घरों में बमुश्किल करघा ज़िंदा है। ज़्यादातर कारीगर मजदूरी कर गुजर बसर को मजबूर हैं। लिहाजा प्रधानमंत्री से इनकी पहली मांग अपने पुश्तैनी धंधे को ज़िंदा करने की है।   इन कमियों के बावजूद भी एक अच्छी बात ये है कि देश के सांसद जहां अभी तक अपने गोद लिये गांव में काम नहीं करा पा रहे हैं और बहुतों ने तो गोद लिया भी नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री का ये प्रयास सराहनीय तो है पर जिस तरह संस्थाएं काम को अंजाम दे रही है वह संतोष जनक नहीं है। इस पर प्रधानमंत्री को ध्यान देना चाहिये तब कहीं उनका मंसूबा पूरा हो पायेगा।  वैसे भी प्रधानमंत्री जिस गांव को गोद लेते हैं, वहां लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती है। जो काम हो रहा है वो इनकी उम्मीद से भी नीचे है। ऐसे में लोगों को कुछ नाराजगी भी है और सलाह भी दे रहे है कि एक काम करें पर ठोस करें।  अब देखने वाली बात ये हैं कि इनकी ये सलाह प्रधानमंत्री के सलाहकारों तक पहुंचती है या नहीं....। ऐसा नहीं कि इस गांव में कुछ नहीं हुआ। पीएम के गोद लेने के बाद आंगनबाड़ी के लिये नन्द घर बना, बस स्टेंड बना, बैठने के लिये बेंच लगीं और सबसे बड़ा काम एक 15 किलोवॉट का सोलर प्लांट लगा जिससे 25 घरों में बिजली मिल रही है। लेकिन 25 सौ आबादी वाले इस गांव में राजभर, पटेल  दलित बिरादरी ज़्यादा है, जिनका मुख्य व्यवसाय बुनकरी है। कभी 500 घरों में करघे से नई नई साड़ी शक्ल अख्तियार करती थी पर आज सिर्फ 75 घरों में बमुश्किल करघा ज़िंदा है। ज़्यादातर कारीगर मजदूरी कर गुजर बसर को मजबूर हैं। लिहाजा प्रधानमंत्री से इनकी पहली मांग अपने पुश्तैनी धंधे को ज़िंदा करने की है।   इन कमियों के बावजूद भी एक अच्छी बात ये है कि देश के सांसद जहां अभी तक अपने गोद लिये गांव में काम नहीं करा पा रहे हैं और बहुतों ने तो गोद लिया भी नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री का ये प्रयास सराहनीय तो है पर जिस तरह संस्थाएं काम को अंजाम दे रही है वह संतोष जनक नहीं है। इस पर प्रधानमंत्री को ध्यान देना चाहिये तब कहीं उनका मंसूबा पूरा हो पायेगा।  वैसे भी प्रधानमंत्री जिस गांव को गोद लेते हैं, वहां लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती है। जो काम हो रहा है वो इनकी उम्मीद से भी नीचे है। ऐसे में लोगों को कुछ नाराजगी भी है और सलाह भी दे रहे है कि एक काम करें पर ठोस करें।  अब देखने वाली बात ये हैं कि इनकी ये सलाह प्रधानमंत्री के सलाहकारों तक पहुंचती है या नहीं....। इन कमियों के बावजूद भी एक अच्छी बात ये है कि देश के सांसद जहां अभी तक अपने गोद लिये गांव में काम नहीं करा पा रहे हैं और बहुतों ने तो गोद लिया भी नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री का ये प्रयास सराहनीय तो है पर जिस तरह संस्थाएं काम को अंजाम दे रही है वह संतोष जनक नहीं है। इस पर प्रधानमंत्री को ध्यान देना चाहिये तब कहीं उनका मंसूबा पूरा हो पायेगा।  वैसे भी प्रधानमंत्री जिस गांव को गोद लेते हैं, वहां लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती है। जो काम हो रहा है वो इनकी उम्मीद से भी नीचे है। ऐसे में लोगों को कुछ नाराजगी भी है और सलाह भी दे रहे है कि एक काम करें पर ठोस करें।  अब देखने वाली बात ये हैं कि इनकी ये सलाह प्रधानमंत्री के सलाहकारों तक पहुंचती है या नहीं....।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: नागेपुर में जमीन पर धराशाई नजर आयेगा 'प्लास्टिक का डिब्बा' गांव में पहले हुए विकास में भी वंचित रह गए थे दलित बस स्‍टेंड, नन्‍द घर और सोलर प्लांट लगाने जैसे काम हुए हैं
19
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और ‘नवाब पटौदी’ सैफ अली खान तथा अभिनेत्री करीना कपूर की शादी इस वर्ष अक्टूबर में होगी तथा इससे जुड़े कार्यक्रम दिल्ली और मुंबई में होंगे। सैफ की मां और अपने जमाने की चर्चित अभिनेत्री शर्मिला टैगोर उर्फ आयशा बेगम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनके बेटे सैफ और करीना की शादी इस वर्ष अक्टूबर में होगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भोपाल एवं हरियाणा में शादी का कोई समारोह नहीं होगा और ये कार्यक्रम मुंबई एवं दिल्ली में होंगे। शादी की तैयारी शुरू कर दी गई हैं। औकाफ-ए-शाही के संचालन के लिए बनाई गई कमेटी की एक बैठक के बाद पूर्व नवाब पटौदी स्वर्गीय मंसूर अली खान की पत्नी आयशा उर्फ शर्मिला ने घोषणा की कि कि मक्का शरीफ की रूबात (धर्मशाला) में अब भोपाल निवासी फहीम रिजवी को नाजिर (व्यवस्थापक) का ओहदा दिया गया है, जो औकाफ-ए-शाही की मुतवल्ली (संरक्षक) एवं उनकी बेटी सबा अली खान को सहयोग करेंगे। शर्मिला ने कहा कि पूर्व रियासत भोपाल के सभी हाजियों को अगले साल से रूबात में ठहरने की जगह मिलेगी, क्योंकि एक और रूबात खरीदने की तैयारी औकाफ-ए-शाही ने की है। इस बैठक की अध्यक्षता शर्मिला ने ही की। बैठक में प्रमुख मुद्दा यही था कि शहर काजी सहित सभी लोगों ने रूबात का नाजिर किसी भोपाल निवासी को बनाने की मांग की थी। सउदी कानून के मुताबिक नाजिर का पद सिर्फ मुतवल्ली को दिया जा सकता है, इसलिए रिजवी इंतजाम के लिए नियुक्त किए गए हैं। टिप्पणियां बैठक में यह भी बताया गया कि सउदी सरकार ने एक रूबात अधिग्रहीत कर उसका मुआवजा लगभग 470 लाख रियाल औकाफ-ए-शाही को दिया है, जो सुरक्षित है, जबकि इस साल होने वाले हज के बाद मौजूदा रूबात का अधिग्रहण भी हो जाएगा। दोनो रूबात का मुआवजा इतना होगा कि एक ऐसी रूबात खरीदी जा सकती है, जिसमें लगभग एक हजार हाजियों को सुविधाएं दी जा सकें। इसके अलावा औकाफ-ए-शाही रमजान के दौरान होने वाले उमरा में भी लोगों को रूबात की सुविधा देने पर विचार कर रहा है। इस बारे में कमेटी का गठन हो चुका है और वह औकाफ की नीतियों पर कार्रवाई करेगी। सैफ की मां और अपने जमाने की चर्चित अभिनेत्री शर्मिला टैगोर उर्फ आयशा बेगम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनके बेटे सैफ और करीना की शादी इस वर्ष अक्टूबर में होगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भोपाल एवं हरियाणा में शादी का कोई समारोह नहीं होगा और ये कार्यक्रम मुंबई एवं दिल्ली में होंगे। शादी की तैयारी शुरू कर दी गई हैं। औकाफ-ए-शाही के संचालन के लिए बनाई गई कमेटी की एक बैठक के बाद पूर्व नवाब पटौदी स्वर्गीय मंसूर अली खान की पत्नी आयशा उर्फ शर्मिला ने घोषणा की कि कि मक्का शरीफ की रूबात (धर्मशाला) में अब भोपाल निवासी फहीम रिजवी को नाजिर (व्यवस्थापक) का ओहदा दिया गया है, जो औकाफ-ए-शाही की मुतवल्ली (संरक्षक) एवं उनकी बेटी सबा अली खान को सहयोग करेंगे। शर्मिला ने कहा कि पूर्व रियासत भोपाल के सभी हाजियों को अगले साल से रूबात में ठहरने की जगह मिलेगी, क्योंकि एक और रूबात खरीदने की तैयारी औकाफ-ए-शाही ने की है। इस बैठक की अध्यक्षता शर्मिला ने ही की। बैठक में प्रमुख मुद्दा यही था कि शहर काजी सहित सभी लोगों ने रूबात का नाजिर किसी भोपाल निवासी को बनाने की मांग की थी। सउदी कानून के मुताबिक नाजिर का पद सिर्फ मुतवल्ली को दिया जा सकता है, इसलिए रिजवी इंतजाम के लिए नियुक्त किए गए हैं। टिप्पणियां बैठक में यह भी बताया गया कि सउदी सरकार ने एक रूबात अधिग्रहीत कर उसका मुआवजा लगभग 470 लाख रियाल औकाफ-ए-शाही को दिया है, जो सुरक्षित है, जबकि इस साल होने वाले हज के बाद मौजूदा रूबात का अधिग्रहण भी हो जाएगा। दोनो रूबात का मुआवजा इतना होगा कि एक ऐसी रूबात खरीदी जा सकती है, जिसमें लगभग एक हजार हाजियों को सुविधाएं दी जा सकें। इसके अलावा औकाफ-ए-शाही रमजान के दौरान होने वाले उमरा में भी लोगों को रूबात की सुविधा देने पर विचार कर रहा है। इस बारे में कमेटी का गठन हो चुका है और वह औकाफ की नीतियों पर कार्रवाई करेगी। औकाफ-ए-शाही के संचालन के लिए बनाई गई कमेटी की एक बैठक के बाद पूर्व नवाब पटौदी स्वर्गीय मंसूर अली खान की पत्नी आयशा उर्फ शर्मिला ने घोषणा की कि कि मक्का शरीफ की रूबात (धर्मशाला) में अब भोपाल निवासी फहीम रिजवी को नाजिर (व्यवस्थापक) का ओहदा दिया गया है, जो औकाफ-ए-शाही की मुतवल्ली (संरक्षक) एवं उनकी बेटी सबा अली खान को सहयोग करेंगे। शर्मिला ने कहा कि पूर्व रियासत भोपाल के सभी हाजियों को अगले साल से रूबात में ठहरने की जगह मिलेगी, क्योंकि एक और रूबात खरीदने की तैयारी औकाफ-ए-शाही ने की है। इस बैठक की अध्यक्षता शर्मिला ने ही की। बैठक में प्रमुख मुद्दा यही था कि शहर काजी सहित सभी लोगों ने रूबात का नाजिर किसी भोपाल निवासी को बनाने की मांग की थी। सउदी कानून के मुताबिक नाजिर का पद सिर्फ मुतवल्ली को दिया जा सकता है, इसलिए रिजवी इंतजाम के लिए नियुक्त किए गए हैं। टिप्पणियां बैठक में यह भी बताया गया कि सउदी सरकार ने एक रूबात अधिग्रहीत कर उसका मुआवजा लगभग 470 लाख रियाल औकाफ-ए-शाही को दिया है, जो सुरक्षित है, जबकि इस साल होने वाले हज के बाद मौजूदा रूबात का अधिग्रहण भी हो जाएगा। दोनो रूबात का मुआवजा इतना होगा कि एक ऐसी रूबात खरीदी जा सकती है, जिसमें लगभग एक हजार हाजियों को सुविधाएं दी जा सकें। इसके अलावा औकाफ-ए-शाही रमजान के दौरान होने वाले उमरा में भी लोगों को रूबात की सुविधा देने पर विचार कर रहा है। इस बारे में कमेटी का गठन हो चुका है और वह औकाफ की नीतियों पर कार्रवाई करेगी। शर्मिला ने कहा कि पूर्व रियासत भोपाल के सभी हाजियों को अगले साल से रूबात में ठहरने की जगह मिलेगी, क्योंकि एक और रूबात खरीदने की तैयारी औकाफ-ए-शाही ने की है। इस बैठक की अध्यक्षता शर्मिला ने ही की। बैठक में प्रमुख मुद्दा यही था कि शहर काजी सहित सभी लोगों ने रूबात का नाजिर किसी भोपाल निवासी को बनाने की मांग की थी। सउदी कानून के मुताबिक नाजिर का पद सिर्फ मुतवल्ली को दिया जा सकता है, इसलिए रिजवी इंतजाम के लिए नियुक्त किए गए हैं। टिप्पणियां बैठक में यह भी बताया गया कि सउदी सरकार ने एक रूबात अधिग्रहीत कर उसका मुआवजा लगभग 470 लाख रियाल औकाफ-ए-शाही को दिया है, जो सुरक्षित है, जबकि इस साल होने वाले हज के बाद मौजूदा रूबात का अधिग्रहण भी हो जाएगा। दोनो रूबात का मुआवजा इतना होगा कि एक ऐसी रूबात खरीदी जा सकती है, जिसमें लगभग एक हजार हाजियों को सुविधाएं दी जा सकें। इसके अलावा औकाफ-ए-शाही रमजान के दौरान होने वाले उमरा में भी लोगों को रूबात की सुविधा देने पर विचार कर रहा है। इस बारे में कमेटी का गठन हो चुका है और वह औकाफ की नीतियों पर कार्रवाई करेगी। बैठक में यह भी बताया गया कि सउदी सरकार ने एक रूबात अधिग्रहीत कर उसका मुआवजा लगभग 470 लाख रियाल औकाफ-ए-शाही को दिया है, जो सुरक्षित है, जबकि इस साल होने वाले हज के बाद मौजूदा रूबात का अधिग्रहण भी हो जाएगा। दोनो रूबात का मुआवजा इतना होगा कि एक ऐसी रूबात खरीदी जा सकती है, जिसमें लगभग एक हजार हाजियों को सुविधाएं दी जा सकें। इसके अलावा औकाफ-ए-शाही रमजान के दौरान होने वाले उमरा में भी लोगों को रूबात की सुविधा देने पर विचार कर रहा है। इस बारे में कमेटी का गठन हो चुका है और वह औकाफ की नीतियों पर कार्रवाई करेगी। इसके अलावा औकाफ-ए-शाही रमजान के दौरान होने वाले उमरा में भी लोगों को रूबात की सुविधा देने पर विचार कर रहा है। इस बारे में कमेटी का गठन हो चुका है और वह औकाफ की नीतियों पर कार्रवाई करेगी।
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और ‘नवाब पटौदी’ सैफ अली खान तथा अभिनेत्री करीना कपूर की शादी इस वर्ष अक्टूबर में होगी तथा इससे जुड़े कार्यक्रम दिल्ली और मुंबई में होंगे।
34
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबाआई) की एक विशेष अदालत ने राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के सहयोगी शेखर देवरुखकर और व्यवसायी बीनू नानू को शनिवार को 19 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इन दोनों पर करोड़ रुपये की धांधली के आरोप हैं। अदालत ने शेखर की जमानत अर्जी को खारिज कर दी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा, "शेखर और नानू को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है।" सीबीआई ने अपनी अर्जी में कहा है कि ऐसे में जबकि राष्ट्रमंडल खेलों में अनियमितता के आरोपों की जांच चल रही है, आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज देना चाहिए। नानू मेरोफार्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जीएल इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं। इस कम्पनी को टेंट, पोर्टेबल टॉयलेट, सुरक्षा फेंसिंग, लकड़ी के साजो-सामान, लेड बोर्ड, फ्लोरिंग, जेनरेटर, केबल, वातानुकूलन, रोशनी और अन्य तरह के कामों से जुड़े उपकरण मुहैया कराने का काम दिया गया था। शेखर को 11 फरवरी को पुणे से गिरफ्तार किया गया था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया था। 12 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसे पांच दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में भेजा था। 17 फरवरी को सीबीआई ने पेशी के दौरान शेखर की हिरासत अवधि दो दिनों तक बढ़ाने का आवेदन किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। गौरतलब है कि पिछले साल तीन से 14 अक्टूबर के दौरान दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में भारी पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप लगते रहे हैं। सरकार ने 24 जनवरी को कलमाडी और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट को बर्खास्त कर दिया था। भनोट और कलमाड़ी के एक अन्य करीबी वीके वर्मा को सीबीआई ने बीते महीने गिरफ्तार किया था। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। दोनों पर एक अरब रुपये के करार में अनियमितता बरतने का आरोप है। सीबीआई ने इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति से जुड़े तीन अधिकारियों टीएस दरबारी, संजय महेंद्रु और एम. जयचंद्रन को गिरफ्तार किया था। इस सम्बंध में सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल नहीं करने के कारण बाद में तीनों अधिकारियों को जमानत मिल गई।
सीबाआई की एक विशेष अदालत ने कलमाड़ी के सहयोगी शेखर देवरुखकर और व्यवसायी बीनू नानू को 19 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
1
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: विश्व भारती के एक स्कूल में 11 साल की बच्ची को गीला बिस्तर चाटकर साफ करने की सजा को स्वामी अग्निवेश जायज ठहरा रहे हैं। कभी बंधुआ मजदूरों को लेकर काम करने वाले अग्निवेश का यह बयान कुछ ज्यादा ही चौंकाने वाला है। अग्निवेश का कहना है कि इस मामले को बहुत तूल नहीं देना चाहिए। उनकी दलील है कि इस बच्ची को अगर गीला बिस्तर चाटने की सजा दी गई, तो यह कोई बड़ी बात नहीं, क्योंकि आयुर्वेद में मूत्रपान बाकायदा इलाज की तरह आजमाया जाता है। अग्निवेश का कहना है कि वार्डन ने बच्ची को हाथ−पांव बांधकर इस काम के लिए मजबूर नहीं किया।टिप्पणियां उधर, पांचवीं कक्षा की इस छात्रा को कथित तौर पर अपना ही मूत्र पीने के लिए मजबूर करने की घटना के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें घटना का तथ्यात्मक विवरण दिया गया है। इस घटना के सामने आने के बाद से लोगों में नाराजगी देखने को मिली। मामले में बिस्तर गीला करने के लिए बच्ची को कथित तौर पर ऐसी अमानवीय सजा देने की आरोपी हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। गौरतलब है कि विश्व भारती विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है और इसके कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं। अग्निवेश का कहना है कि इस मामले को बहुत तूल नहीं देना चाहिए। उनकी दलील है कि इस बच्ची को अगर गीला बिस्तर चाटने की सजा दी गई, तो यह कोई बड़ी बात नहीं, क्योंकि आयुर्वेद में मूत्रपान बाकायदा इलाज की तरह आजमाया जाता है। अग्निवेश का कहना है कि वार्डन ने बच्ची को हाथ−पांव बांधकर इस काम के लिए मजबूर नहीं किया।टिप्पणियां उधर, पांचवीं कक्षा की इस छात्रा को कथित तौर पर अपना ही मूत्र पीने के लिए मजबूर करने की घटना के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें घटना का तथ्यात्मक विवरण दिया गया है। इस घटना के सामने आने के बाद से लोगों में नाराजगी देखने को मिली। मामले में बिस्तर गीला करने के लिए बच्ची को कथित तौर पर ऐसी अमानवीय सजा देने की आरोपी हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। गौरतलब है कि विश्व भारती विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है और इसके कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं। उधर, पांचवीं कक्षा की इस छात्रा को कथित तौर पर अपना ही मूत्र पीने के लिए मजबूर करने की घटना के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें घटना का तथ्यात्मक विवरण दिया गया है। इस घटना के सामने आने के बाद से लोगों में नाराजगी देखने को मिली। मामले में बिस्तर गीला करने के लिए बच्ची को कथित तौर पर ऐसी अमानवीय सजा देने की आरोपी हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। गौरतलब है कि विश्व भारती विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है और इसके कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं। इस घटना के सामने आने के बाद से लोगों में नाराजगी देखने को मिली। मामले में बिस्तर गीला करने के लिए बच्ची को कथित तौर पर ऐसी अमानवीय सजा देने की आरोपी हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। गौरतलब है कि विश्व भारती विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है और इसके कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं।
यह एक सारांश है: विश्व भारती के एक स्कूल में एक बच्ची को गीला बिस्तर चाटकर साफ करने की सजा को अग्निवेश जायज ठहरा रहे हैं। उनकी दलील है कि आयुर्वेद में मूत्रपान बाकायदा इलाज की तरह आजमाया जाता है।
16
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: आतंकवादी संगठन अल कायदा ने मुस्लिमों से ओसामा बिन लादेन की मौत का बदला लेने का आह्वान करते हुए कहा है कि अमेरिकियों को अल कायदा प्रमुख को मारने के राष्ट्रपति बराक ओबामा के निर्णय की कीमत चुकानी होगी। गुप्तचर निगरानी सेवा एसआईटीई ने बताया कि अल कायदा का ऑनलाइन प्रचार करने वाले अल फजर मीडिया केंद्र ने कहा कि लादेन को मारना एक बड़ी भूल और गंभीर पाप था तथा ओबामा के इस कदम ने अमेरिकी नागरिकों के लिए बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। यह संदेश अमेरिका स्थित एसआईटीई की ओर से उपलब्ध कराया गया है, जिसमें अल फजर मीडिया केंद्र का बयान लादेन की लंबी प्रशंसा से शुरू होता है। अल कायदा प्रमुख लादेन को अमेरिकी बलों ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान के ऐबटाबाद में एक अभियान में मार दिया था।  बयान में कहा गया है, दबाव और कष्टों के बावजूद वह (ओसामा बिन लादेन) हमेशा खुश रहता था। उसे अल्लाह की जीत और उनके सहयोग का पूरा भरोसा था। उसने इस लड़ाई में पीछे हटने अथवा झुकने की बजाय अपने जेहाद को आगे बढ़ाने और शहादत देने का फैसला किया। इसमें अमेरिकी नागरिकों से अमेरिकी बलों के हाथों लादेन की मौत का जिक्र करते हुए कहा गया है, हम उम्मा (वैश्विक मुस्लिम समुदाय) हैं, जो इस अन्याय पर खामोश नहीं रहेंगे, इसलिए आज के बाद हमें दोष मत देना। संदेश में कहा गया है, आप सभी ने ओबामा का चुनाव किया है, इसलिए इसकी कीमत भी आपको ही चुकानी होगी। ओबामा सुरक्षा बलों की सुरक्षा में है, लेकिन आप सभी को हमसे कौन बचाएगा। अल कायदा प्रमुख के मारे जाने के बाद उसके शव को अरब सागर में गर्क (डुबो) कर दिया गया था, जिसे लेकर लादेन के पुत्रों ने नाराजगी जाहिर की थी। बयान में कुछ ऐसे ही भाव जाहिर करते हुए कहा गया है, हम अमेरिकियों को शेख का शव छूने अथवा उसके साथ गलत बर्ताव करने के प्रति आगाह करते हैं। शव को उनके परिवार को सौंपा जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर आप अपने लिए खुद विपत्तियों को निमंत्रण देंगे। अल फजर ने कहा है, जेहाद के शेख एवं इस्लाम के शेर की मौत का बदला इस तरह लेना जरूरी है, जिससे अमेरिकी इस खुशी को भूल जाएं और खून के आंसू रोयें। हम प्रत्येक मुजाहिद मुस्लिम का आह्वान करते हैं कि यदि मौका है तो उसे न गंवाये। अमेरिकियों की हत्या या उनकी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के लिए किसी से सलाह न लें।
संक्षिप्त पाठ: अल कायदा ने लादेन की मौत का बदला लेने का आह्वान करते हुए कहा कि अमेरिकियों को लादेन को मारने के ओबामा के निर्णय की कीमत चुकानी होगी।
22
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: सीबीआई को स्वायत्तता बनाने के लिए मंत्रिसमूह गठित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने मंत्रिसमूह का गठन किया है। वित्तमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह का गठन किया गया है। इसके अलावा इसमें गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कानूनमंत्री कपिल सिब्बल, विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद और पीएमओ में राज्यमंत्री नारायण सामी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की स्वायत्तता की बात कही थी। कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को क़ानून बनाने के लिए कहा था।टिप्पणियां सूत्र बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिसमूह से स्पष्ट कहा है कि इस काम के लिए उनके पास ज्यादा समय नहीं है। जल्द से जल्द सलाह कर कानून बनाने की कवायद आरंभ कर दी जाए। बता दें कि कोर्ट सीबीआई की जांच में केंद्र सरकार के दखल की बात कही थी। जिसे सीबीआई ने हलफनामा देकर स्वीकार भी किया था। कोयला घोटाला के संबंध में हो रही जांच में आंच खुद पीएम मनमोहन सिंह तक पहुंच रही है। वित्तमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह का गठन किया गया है। इसके अलावा इसमें गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कानूनमंत्री कपिल सिब्बल, विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद और पीएमओ में राज्यमंत्री नारायण सामी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की स्वायत्तता की बात कही थी। कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को क़ानून बनाने के लिए कहा था।टिप्पणियां सूत्र बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिसमूह से स्पष्ट कहा है कि इस काम के लिए उनके पास ज्यादा समय नहीं है। जल्द से जल्द सलाह कर कानून बनाने की कवायद आरंभ कर दी जाए। बता दें कि कोर्ट सीबीआई की जांच में केंद्र सरकार के दखल की बात कही थी। जिसे सीबीआई ने हलफनामा देकर स्वीकार भी किया था। कोयला घोटाला के संबंध में हो रही जांच में आंच खुद पीएम मनमोहन सिंह तक पहुंच रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की स्वायत्तता की बात कही थी। कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को क़ानून बनाने के लिए कहा था।टिप्पणियां सूत्र बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिसमूह से स्पष्ट कहा है कि इस काम के लिए उनके पास ज्यादा समय नहीं है। जल्द से जल्द सलाह कर कानून बनाने की कवायद आरंभ कर दी जाए। बता दें कि कोर्ट सीबीआई की जांच में केंद्र सरकार के दखल की बात कही थी। जिसे सीबीआई ने हलफनामा देकर स्वीकार भी किया था। कोयला घोटाला के संबंध में हो रही जांच में आंच खुद पीएम मनमोहन सिंह तक पहुंच रही है। सूत्र बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिसमूह से स्पष्ट कहा है कि इस काम के लिए उनके पास ज्यादा समय नहीं है। जल्द से जल्द सलाह कर कानून बनाने की कवायद आरंभ कर दी जाए। बता दें कि कोर्ट सीबीआई की जांच में केंद्र सरकार के दखल की बात कही थी। जिसे सीबीआई ने हलफनामा देकर स्वीकार भी किया था। कोयला घोटाला के संबंध में हो रही जांच में आंच खुद पीएम मनमोहन सिंह तक पहुंच रही है। बता दें कि कोर्ट सीबीआई की जांच में केंद्र सरकार के दखल की बात कही थी। जिसे सीबीआई ने हलफनामा देकर स्वीकार भी किया था। कोयला घोटाला के संबंध में हो रही जांच में आंच खुद पीएम मनमोहन सिंह तक पहुंच रही है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: वित्तमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह का गठन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की स्वायत्तता की बात कही थी। कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को क़ानून बनाने के लिए कहा था।
3
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: पाकिस्तान के कुख्यात परमाणु वैज्ञानिक एक्यू खान ने कहा है कि उनके देश का परमाणु कार्यक्रम 10 वर्ष से निर्बाध रूप से जारी है और यूरेनियम संवर्धन प्रक्रिया भी प्रगति पर है। रविवार को समाचार पत्र 'डॉन' में प्रकाशित साक्षात्कार में खान ने कहा है, "यद्यपि 10 वर्ष से मैं परमाणु कार्यक्रम से नहीं जुड़ा हूं, लेकिन मुझे पता है कि वह निर्बाध गति से जारी है और यूरेनियम संवर्धन प्रक्रिया प्रगति पर है।" खान ने कहा कि यद्यपि वह नए परमाणु हथियारों को अंतिम रूप नहीं दे रहे हैं, लेकिन सामग्री तैयार की जा रही है और जरूरत पड़ने पर उसे जोड़ा जा सकता है। खान ने जनवरी 2004 में स्वीकार किया था कि उन्होंने लीबिया, ईरान और उत्तर कोरिया को गुप्त परमाणु तकनीक बेची थी। खान पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम के प्रवर्तक रहे हैं। तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पांच फरवरी, 2004 को घोषणा की थी कि उन्होंने खान को माफ कर दिया है। खान को पाकिस्तान में व्यापक तौर पर एक राष्ट्रीय नायक के रूप में देखा जाता है। वर्ष 2000 में अमेरिका ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि उसने उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक के बदले परमाणु हथियार तकनीक उपलब्ध कराई है। एक वर्ष बाद ही पाकिस्तान सरकार ने घोषणा की कि उसने खान को खान रिसर्च लैबोरेटरीज के प्रमुख पद से बर्खास्त कर दिया है। परमाणु सम्पत्तियों की सुरक्षा पर एक सवाल के जवाब में खान ने कहा कि तालिबान या कोई भी बाहरी ताकत इसपर कब्जा नहीं कर सकती, क्योंकि इसकी प्रणाली उच्च सुरक्षित है, जिसमें लगातार सुधार किया गया है। खान ने कहा कि परमाणु हथियार एक स्थान पर नहीं रखे गए हैं और बहुत कम लोग उसके स्थान के बारे में जानते हैं। उन्होंने कहा, "जो लोग परमाणु शस्त्रागार के ठिकाने के बारे में जानते हैं, आप ऐसे लोगों को उंगलियों पर गिन सकते हैं।" खान ने कहा है, "ये हथियार सुरंगों और सुरक्षित स्थानों में रखे गए हैं, जहां चंद लोगों को छोड़कर कोई भी नहीं पहुंच सकता।"
पाकिस्तान के कुख्यात परमाणु वैज्ञानिक एक्यू खान ने कहा है कि उनके देश का परमाणु कार्यक्रम 10 वर्ष से निर्बाध रूप से जारी है।
1
['hin']
एक सारांश बनाओ: वेबसाइट पर आपत्तिजनक कंटेन्ट्स को लेकर निचली अदालत की ओर जारी समन के खिलाफ गूगल और फेसबुक की याचिकाओं पर आज दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई के दौरान गूगल और फेसबुक ने कहा था कि वेबसाइट्स पर यूजर्स की ओर से पोस्ट किए गए कंटेन्ट्स पर उनका कोई कंट्रोल नहीं है इसलिए एक ऐसी चीज के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है जिस पर उनका कोई कंट्रोल ही नहीं है। साथ ही गूगल और फेसबुक की भारतीय इकाइयों का यह भी कहना है कि वह मूल कंपनी की सिर्फ सहायक हैं इसलिए मूल कंपनी के कामों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। पिछली सुनवाई के दौरान गूगल और फेसबुक ने कहा था कि वेबसाइट्स पर यूजर्स की ओर से पोस्ट किए गए कंटेन्ट्स पर उनका कोई कंट्रोल नहीं है इसलिए एक ऐसी चीज के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है जिस पर उनका कोई कंट्रोल ही नहीं है। साथ ही गूगल और फेसबुक की भारतीय इकाइयों का यह भी कहना है कि वह मूल कंपनी की सिर्फ सहायक हैं इसलिए मूल कंपनी के कामों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
सारांश: वेबसाइट पर आपत्तिजनक कंटेन्ट्स को लेकर निचली अदालत की ओर जारी समन के खिलाफ गूगल और फेसबुक की याचिकाओं पर आज दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा।
5
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: दोहरे बम विस्फोट से दहल उठे शहर के व्यस्त दिलसुखनगर इलाके में स्थितियां पहले की तरह सामान्य हो रही है। दुकानें और सड़क किनारे में लगने वाली खाने-पीने की दुकानों में फिर से कामकाज शुरू हो गया है।टिप्पणियां बस स्टैंड के करीब आतंकी हमले के दो दिन बाद यातायात भी आज सामान्य हो गया और कारोबारी प्रतिष्ठान भी खुल गए हैं। दिलसुखनगर में काफी शैक्षिक संस्थान, कोचिंग सेंटर, सरकारी दफ्तर, कई मॉल और कई वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हैं। धमाकों के बाद से इलाके में भय का माहौल है। एक निजी कंपनी के कर्मचारी कृष्णा प्रसाद ने कहा, लेकिन, जिंदगी चल रही है। इस तरह की चीजें फिर नहीं होनी चाहिए। बहरहाल, सरकारी उस्मानिया अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि घायलों में कुछ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बस स्टैंड के करीब आतंकी हमले के दो दिन बाद यातायात भी आज सामान्य हो गया और कारोबारी प्रतिष्ठान भी खुल गए हैं। दिलसुखनगर में काफी शैक्षिक संस्थान, कोचिंग सेंटर, सरकारी दफ्तर, कई मॉल और कई वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हैं। धमाकों के बाद से इलाके में भय का माहौल है। एक निजी कंपनी के कर्मचारी कृष्णा प्रसाद ने कहा, लेकिन, जिंदगी चल रही है। इस तरह की चीजें फिर नहीं होनी चाहिए। बहरहाल, सरकारी उस्मानिया अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि घायलों में कुछ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। एक निजी कंपनी के कर्मचारी कृष्णा प्रसाद ने कहा, लेकिन, जिंदगी चल रही है। इस तरह की चीजें फिर नहीं होनी चाहिए। बहरहाल, सरकारी उस्मानिया अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि घायलों में कुछ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: दोहरे बम विस्फोट से दहल उठे शहर के व्यस्त दिलसुखनगर इलाके में स्थितियां पहले की तरह सामान्य हो रही है। दुकानें और सड़क किनारे में लगने वाली खाने-पीने की दुकानों में फिर से कामकाज शुरू हो गया है।
3
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: देश के पूर्वोत्तर हिस्से में रविवार सुबह भूकम्प के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 5.8 मापी गई। अधिकारियों ने बताया कि किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।टिप्पणियां क्षेत्रीय भूकम्प विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकम्प का केंद्र नागालैंड के फेक जिले में था। भूकम्प के झटके नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में महसूस किए गए। भारत का पूर्वोत्तर हिस्सा दुनिया का छठा भूकम्प की आशंका वाला प्रमुख क्षेत्र माना जाता है। वर्ष 1897 में यहां आए 8.7 की तीव्रता वाले भूकम्प में 1,600 से ज्यादा लोग मारे गए थे। क्षेत्रीय भूकम्प विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकम्प का केंद्र नागालैंड के फेक जिले में था। भूकम्प के झटके नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में महसूस किए गए। भारत का पूर्वोत्तर हिस्सा दुनिया का छठा भूकम्प की आशंका वाला प्रमुख क्षेत्र माना जाता है। वर्ष 1897 में यहां आए 8.7 की तीव्रता वाले भूकम्प में 1,600 से ज्यादा लोग मारे गए थे। वर्ष 1897 में यहां आए 8.7 की तीव्रता वाले भूकम्प में 1,600 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
संक्षिप्त पाठ: देश के पूर्वोत्तर हिस्से में रविवार सुबह भूकम्प के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 5.8 मापी गई। अधिकारियों ने बताया कि किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
13
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: लश्कर-ए-तय्यबा के सदस्य डेविड कोलमन हेडली की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका में एजेंसियों ने महसूस किया कि गोरी चमड़ी वाले लोग भी आतंकवाद में संलिप्त हो सकते हैं. यह बात हेडली पर किताब लिखने वाले एक पत्रकार ने कही. हेडली 26 नवंबर को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले की साजिश में संलिप्त था.टिप्पणियां डेनिश पत्रकार और ‘ए माइंड ऑफ ए टेररिस्ट’ के लेखक करण सोरेनसन ने टाइम्स लिटफेस्ट में यह बात कही. यह पुस्तक हेडली पर लिखी गई है. सुरक्षा विशेषज्ञ मारूफ रजा ने संवाद सत्र का संचालन किया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हेडली 26 नवंबर को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले की साजिश में संलिप्त था.टिप्पणियां डेनिश पत्रकार और ‘ए माइंड ऑफ ए टेररिस्ट’ के लेखक करण सोरेनसन ने टाइम्स लिटफेस्ट में यह बात कही. यह पुस्तक हेडली पर लिखी गई है. सुरक्षा विशेषज्ञ मारूफ रजा ने संवाद सत्र का संचालन किया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) डेनिश पत्रकार और ‘ए माइंड ऑफ ए टेररिस्ट’ के लेखक करण सोरेनसन ने टाइम्स लिटफेस्ट में यह बात कही. यह पुस्तक हेडली पर लिखी गई है. सुरक्षा विशेषज्ञ मारूफ रजा ने संवाद सत्र का संचालन किया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त पाठ: यह बात हेडली पर किताब लिखने वाले एक पत्रकार ने कही. हेडली 26 नवंबर को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले की साजिश में संलिप्त था. लेखक करण सोरेनसन ने टाइम्स लिटफेस्ट में यह बात कही.
22
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को फैसला लेना होगा कि खराब फार्म से जूझ रहे वीरेंद्र सहवाग से ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला में पारी की शुरुआत कराई जाए या किसी और को मौका दिया जाए। द्रविड़ ने कहा, मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं और प्रबंधन को तय करना होगा कि वे दक्षिण अफ्रीका में वीरू से ही पारी की शुरुआत कराएंगे या नहीं। उन्होंने कहा, वीरू अगर अपने फार्म में है तो किसी भी टीम के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है, लेकिन वह उतना अच्छा खेल नहीं पा रहा है। पिछले दो या तीन साल में विदेश दौरे पर भी उसने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने कहा, यदि उन्हें लगता है कि दक्षिण अफ्रीका में सहवाग से पारी की शुरुआत कराई जानी चाहिए तो ठीक है। ऐसे में उसे मौका दिया जा सकता है ताकि उसका आत्मविश्वास लौटे। भारत ने भले ही ऑस्ट्रेलिया को पहले दो टेस्ट में हराया हो, लेकिन सहवाग और मुरली विजय के बीच साझेदारी से 11, 16 और 17 रन ही बन सके। विजय ने हैदराबाद में 167 रन बनाये, लेकिन सहवाग तीन पारियों में सिर्फ 27 रन बना सके।टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी दो टेस्ट के बाद भारत को साल के आखिर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला से पहले कोई टेस्ट नहीं खेलना है। द्रविड़ का मानना है कि किसी युवा सलामी बल्लेबाजों को सीधे विदेश में उतारने से पहले घरेलू हालात में एक मौका दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले किसी दूसरे सलामी बल्लेबाज को घरेलू हालात में कम से कम दो टेस्ट खेलने का मौका दिया जाना चाहिए। द्रविड़ ने एक वेबसाइट से कहा, किसी युवा बल्लेबाज को सीधे दक्षिण अफ्रीका जाकर स्टेन, फिलांडर, मोर्कल के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कहना ज्यादती होगी। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को सहवाग को निचले क्रम पर उतारने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि वे आगे की सोचे तो सहवाग को मध्यक्रम में उतारा जा सकता है। द्रविड़ ने कहा, कभी मौका बनेगा तो वीरू मध्यक्रम की कमान संभाल सकता है, क्योंकि उसके पास अपार अनुभव है। मसलन सचिन के संन्यास लेने के बाद। यह भी एक विकल्प हो सकता है। द्रविड़ ने कहा, मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं और प्रबंधन को तय करना होगा कि वे दक्षिण अफ्रीका में वीरू से ही पारी की शुरुआत कराएंगे या नहीं। उन्होंने कहा, वीरू अगर अपने फार्म में है तो किसी भी टीम के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है, लेकिन वह उतना अच्छा खेल नहीं पा रहा है। पिछले दो या तीन साल में विदेश दौरे पर भी उसने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने कहा, यदि उन्हें लगता है कि दक्षिण अफ्रीका में सहवाग से पारी की शुरुआत कराई जानी चाहिए तो ठीक है। ऐसे में उसे मौका दिया जा सकता है ताकि उसका आत्मविश्वास लौटे। भारत ने भले ही ऑस्ट्रेलिया को पहले दो टेस्ट में हराया हो, लेकिन सहवाग और मुरली विजय के बीच साझेदारी से 11, 16 और 17 रन ही बन सके। विजय ने हैदराबाद में 167 रन बनाये, लेकिन सहवाग तीन पारियों में सिर्फ 27 रन बना सके।टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी दो टेस्ट के बाद भारत को साल के आखिर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला से पहले कोई टेस्ट नहीं खेलना है। द्रविड़ का मानना है कि किसी युवा सलामी बल्लेबाजों को सीधे विदेश में उतारने से पहले घरेलू हालात में एक मौका दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले किसी दूसरे सलामी बल्लेबाज को घरेलू हालात में कम से कम दो टेस्ट खेलने का मौका दिया जाना चाहिए। द्रविड़ ने एक वेबसाइट से कहा, किसी युवा बल्लेबाज को सीधे दक्षिण अफ्रीका जाकर स्टेन, फिलांडर, मोर्कल के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कहना ज्यादती होगी। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को सहवाग को निचले क्रम पर उतारने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि वे आगे की सोचे तो सहवाग को मध्यक्रम में उतारा जा सकता है। द्रविड़ ने कहा, कभी मौका बनेगा तो वीरू मध्यक्रम की कमान संभाल सकता है, क्योंकि उसके पास अपार अनुभव है। मसलन सचिन के संन्यास लेने के बाद। यह भी एक विकल्प हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी दो टेस्ट के बाद भारत को साल के आखिर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला से पहले कोई टेस्ट नहीं खेलना है। द्रविड़ का मानना है कि किसी युवा सलामी बल्लेबाजों को सीधे विदेश में उतारने से पहले घरेलू हालात में एक मौका दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले किसी दूसरे सलामी बल्लेबाज को घरेलू हालात में कम से कम दो टेस्ट खेलने का मौका दिया जाना चाहिए। द्रविड़ ने एक वेबसाइट से कहा, किसी युवा बल्लेबाज को सीधे दक्षिण अफ्रीका जाकर स्टेन, फिलांडर, मोर्कल के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कहना ज्यादती होगी। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को सहवाग को निचले क्रम पर उतारने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि वे आगे की सोचे तो सहवाग को मध्यक्रम में उतारा जा सकता है। द्रविड़ ने कहा, कभी मौका बनेगा तो वीरू मध्यक्रम की कमान संभाल सकता है, क्योंकि उसके पास अपार अनुभव है। मसलन सचिन के संन्यास लेने के बाद। यह भी एक विकल्प हो सकता है। द्रविड़ ने एक वेबसाइट से कहा, किसी युवा बल्लेबाज को सीधे दक्षिण अफ्रीका जाकर स्टेन, फिलांडर, मोर्कल के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कहना ज्यादती होगी। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को सहवाग को निचले क्रम पर उतारने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि वे आगे की सोचे तो सहवाग को मध्यक्रम में उतारा जा सकता है। द्रविड़ ने कहा, कभी मौका बनेगा तो वीरू मध्यक्रम की कमान संभाल सकता है, क्योंकि उसके पास अपार अनुभव है। मसलन सचिन के संन्यास लेने के बाद। यह भी एक विकल्प हो सकता है।
यह एक सारांश है: भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को फैसला लेना होगा कि खराब फार्म से जूझ रहे वीरेंद्र सहवाग से ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला में पारी की शुरुआत कराई जाए या किसी और को मौका दिया जाए।
16
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: हर रोज चीज़ के दो टुकड़े खाने से मधुमेह से बचा जा सकता है। एक नये अध्ययन में यह बात कही गई है। हालांकि वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देशों में कहा जाता है कि दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करना चाहिए लेकिन इस नए अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से चीज़ खाने से मधुमेह की बीमारी को होने से रोका जा सकता है। मधुमेह की बीमारी अक्सर अधिक मोटापे की वजह से होती है। डेली मेल की खबर के अनुसार ब्रिटेन और नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि हर रोज चीज़ के दो टुकड़े खाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा 12 प्रतिशत कम हो जाता है। मधुमेह से हृद्यघात, दौरा, अंधापन, तंत्रिका समस्याएं जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ब्रिटेन समेत आठ यूरोपीय देशों के 16,800 स्वस्थ वयस्कों और टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित 12,400 मरीजों को शामिल किया था। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने हर रोज कम से कम 55 ग्राम चीज़ खाया था :लगभग दो टुकड़े: उनमें टाइप 2 मधुमेह के होने की संभावना 12 प्रतिशत कम थी। इसी तरह हर रोज 55 ग्राम दही खाने वाले लोगों में भी टाइप 2 मधुमेह की संभावना इतनी ही कम पाई गई।टिप्पणियां सालों तक कहा जाता रहा है कि दुग्ध उत्पादों के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इनमें संतृप्त वसा का ऊंचा स्तर होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन आधारित शोधकर्ता डॉक्टर इयेन फ्रेम ने कहा, ‘‘हम स्वस्थ खानपान पर जोर देते हैं, ऐसा खाना जिसमें नमक और वासा का स्तर कम हो, लेकिन इनसे बचने के लिए दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करने की मान्यता को यह अध्ययन झुठलाता है। डेली मेल की खबर के अनुसार ब्रिटेन और नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि हर रोज चीज़ के दो टुकड़े खाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा 12 प्रतिशत कम हो जाता है। मधुमेह से हृद्यघात, दौरा, अंधापन, तंत्रिका समस्याएं जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ब्रिटेन समेत आठ यूरोपीय देशों के 16,800 स्वस्थ वयस्कों और टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित 12,400 मरीजों को शामिल किया था। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने हर रोज कम से कम 55 ग्राम चीज़ खाया था :लगभग दो टुकड़े: उनमें टाइप 2 मधुमेह के होने की संभावना 12 प्रतिशत कम थी। इसी तरह हर रोज 55 ग्राम दही खाने वाले लोगों में भी टाइप 2 मधुमेह की संभावना इतनी ही कम पाई गई।टिप्पणियां सालों तक कहा जाता रहा है कि दुग्ध उत्पादों के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इनमें संतृप्त वसा का ऊंचा स्तर होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन आधारित शोधकर्ता डॉक्टर इयेन फ्रेम ने कहा, ‘‘हम स्वस्थ खानपान पर जोर देते हैं, ऐसा खाना जिसमें नमक और वासा का स्तर कम हो, लेकिन इनसे बचने के लिए दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करने की मान्यता को यह अध्ययन झुठलाता है। मधुमेह से हृद्यघात, दौरा, अंधापन, तंत्रिका समस्याएं जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ब्रिटेन समेत आठ यूरोपीय देशों के 16,800 स्वस्थ वयस्कों और टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित 12,400 मरीजों को शामिल किया था। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने हर रोज कम से कम 55 ग्राम चीज़ खाया था :लगभग दो टुकड़े: उनमें टाइप 2 मधुमेह के होने की संभावना 12 प्रतिशत कम थी। इसी तरह हर रोज 55 ग्राम दही खाने वाले लोगों में भी टाइप 2 मधुमेह की संभावना इतनी ही कम पाई गई।टिप्पणियां सालों तक कहा जाता रहा है कि दुग्ध उत्पादों के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इनमें संतृप्त वसा का ऊंचा स्तर होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन आधारित शोधकर्ता डॉक्टर इयेन फ्रेम ने कहा, ‘‘हम स्वस्थ खानपान पर जोर देते हैं, ऐसा खाना जिसमें नमक और वासा का स्तर कम हो, लेकिन इनसे बचने के लिए दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करने की मान्यता को यह अध्ययन झुठलाता है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ब्रिटेन समेत आठ यूरोपीय देशों के 16,800 स्वस्थ वयस्कों और टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित 12,400 मरीजों को शामिल किया था। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने हर रोज कम से कम 55 ग्राम चीज़ खाया था :लगभग दो टुकड़े: उनमें टाइप 2 मधुमेह के होने की संभावना 12 प्रतिशत कम थी। इसी तरह हर रोज 55 ग्राम दही खाने वाले लोगों में भी टाइप 2 मधुमेह की संभावना इतनी ही कम पाई गई।टिप्पणियां सालों तक कहा जाता रहा है कि दुग्ध उत्पादों के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इनमें संतृप्त वसा का ऊंचा स्तर होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन आधारित शोधकर्ता डॉक्टर इयेन फ्रेम ने कहा, ‘‘हम स्वस्थ खानपान पर जोर देते हैं, ऐसा खाना जिसमें नमक और वासा का स्तर कम हो, लेकिन इनसे बचने के लिए दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करने की मान्यता को यह अध्ययन झुठलाता है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने हर रोज कम से कम 55 ग्राम चीज़ खाया था :लगभग दो टुकड़े: उनमें टाइप 2 मधुमेह के होने की संभावना 12 प्रतिशत कम थी। इसी तरह हर रोज 55 ग्राम दही खाने वाले लोगों में भी टाइप 2 मधुमेह की संभावना इतनी ही कम पाई गई।टिप्पणियां सालों तक कहा जाता रहा है कि दुग्ध उत्पादों के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इनमें संतृप्त वसा का ऊंचा स्तर होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन आधारित शोधकर्ता डॉक्टर इयेन फ्रेम ने कहा, ‘‘हम स्वस्थ खानपान पर जोर देते हैं, ऐसा खाना जिसमें नमक और वासा का स्तर कम हो, लेकिन इनसे बचने के लिए दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करने की मान्यता को यह अध्ययन झुठलाता है। सालों तक कहा जाता रहा है कि दुग्ध उत्पादों के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इनमें संतृप्त वसा का ऊंचा स्तर होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन आधारित शोधकर्ता डॉक्टर इयेन फ्रेम ने कहा, ‘‘हम स्वस्थ खानपान पर जोर देते हैं, ऐसा खाना जिसमें नमक और वासा का स्तर कम हो, लेकिन इनसे बचने के लिए दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करने की मान्यता को यह अध्ययन झुठलाता है। ब्रिटेन आधारित शोधकर्ता डॉक्टर इयेन फ्रेम ने कहा, ‘‘हम स्वस्थ खानपान पर जोर देते हैं, ऐसा खाना जिसमें नमक और वासा का स्तर कम हो, लेकिन इनसे बचने के लिए दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करने की मान्यता को यह अध्ययन झुठलाता है।
यह एक सारांश है: वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देशों में कहा जाता है कि दुग्ध उत्पादों का कम सेवन करना चाहिए लेकिन इस नए अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से चीज़ खाने से मधुमेह की बीमारी को होने से रोका जा सकता है।
24
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: वीरप्पा मोइली ने कहा कि वह उनके सुधार एजेंडे के खिलाफ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा चलाए गए अभियान का शिकार हुए हैं और अन्य मंत्रालयों के 'पापों' के लिए उन्हें सूली पर नहीं चढ़ाया जा सकता। मोइली को विधि मंत्रालय से हटाकर कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय दिया गया है और इस बदलाव से वे साफ रूप से खिन्न नजर आ रहे थे। उल्लेखनीय है कि 2जी घोटाला, काला धन तथा सलवा जुडूम सहित कई मामलों में सरकार को न्यायपालिका की आलोचना के वार झेलने पड़े हैं। इसकी ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि यह सम्बद्ध मंत्रालयों की गलती थी और इसका दोष गलत ढंग से उनके मंत्रालय पर डाला जा रहा है। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल में उनकी उपेक्षा नहीं हुई है। उनके लिए नया पद एक चुनौती है जिसे वे अवसर में बदल लेंगे। मोइली ने मंत्रिमंडल में बदलाव के बाद संवाददाताओं के एक सवाल पर कहा, 'स्वार्थी तत्वों ने अभियान चलाया था। वे जानते थे कि सुधारों से हर कोई खुश नहीं है, जिसमें मैं कुछ नहीं कर सकता। यह तो मुझे देश हित में करना ही था।' साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन मामलों में वे विफल रहे उनमें कमी संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय की थी। इसका उनके मंत्रालय से कोई लेना-देना नहीं है, हम तो न्यायालय में सरकार का चेहरा मात्र हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर विभिन्न मुद्दों का जिक्र नहीं किया लेकिन उनका इशारा 2जी घोटाला, कालाधन और सलवा जुडूम मामले में न्यायालय के समक्ष सरकार की किरकिरी को लेकर था। उन्होंने कहा, दूसरे मंत्रालयों के गलत कामों के लिये विधि मंत्रालय को दोष नहीं दिया जा सकता। मोइली ने कहा कि उन्होंने विधि मंत्रालय में सुधारों के अनेक कदम उठाए हैं और 21,000 करोड़ रुपये की योजनाओं पर काम चल रहा है।
मोइली को विधि मंत्रालय से हटाकर कारपोरेट कार्य मंत्रालय दिया गया है और इस बदलाव से वे साफ रूप से खिन्न नजर आ रहे थे।
6
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अधिकांश तौर पर कम मेकअप में साधारण-सी दिखने वाली एक सामान्य लड़की के रूप में अपनी नायिकाओं को प्रस्तुत किया है। अंगप्रदर्शन, भावनाओं का अतिशय प्रयोग और आइटम गीतों से वह दूर रहे हैं। वह कहते हैं कि वह अंग प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन महिलाओं के शोषण के विरुद्ध मजबूत विचार रखते हैं। वर्तमान में अश्लील आइटम गानों के चलन के बारे में मेहरा ने कहा, मैं, इसमें कोई कला नहीं देखता हूं। यहां सिन्धु नदी के तट पर मेहरा ने कहा, मैं अंग प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हूं। अगर यह कहानी का हिस्सा हो तो जरूर करें। हमारा शरीर खूबसूरत है, लेकिन पैसे के लिए शोषण और दर्शकों एवं समाज को गुदगुदाने के लिए..।" वह यहां लद्दाख इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव के दूसरे संस्करण के लिए आए हुए थे। 50 वर्षीय मेहरा ने कहा, फिल्मकार और कलाकार समाज का एक अंग हैं। उन्हें विषयाश्रित बनाने की कोई वजह नहीं है। मेरे ख्याल से इसके पीछे सिर्फ ग्लैमर की लालसा होती है। इनको हतोत्साहित किया जाना चाहिए। टिप्पणियां चाहे मेहरा की 'रंग दे बसंती' की सोहा हों या 'दिल्ली-6' की सोनम कपूर, सभी भावपूर्ण किरदारों में थीं, इनमें अंगप्रदर्शन नहीं था। जबकि, 'भाग मिल्खा भाग' में अभिनेत्री द्वारा किया गया अंग प्रदर्शन व कामुक गीत प्रभाव छोड़ने के लिए था। यह तथ्य वह अपनी बात से साबित कर चुके हैं। उन्होंने कहा, जो चल रहा है सिनेमा उसी को दिखाता है। लेकिन मैं कहूंगा कि सही ढंग से नहीं दिखाता। मेहरा के मुताबिक, दर्शकों को इसके विरुद्ध एक कदम आगे आना चाहिए। वर्तमान में अश्लील आइटम गानों के चलन के बारे में मेहरा ने कहा, मैं, इसमें कोई कला नहीं देखता हूं। यहां सिन्धु नदी के तट पर मेहरा ने कहा, मैं अंग प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हूं। अगर यह कहानी का हिस्सा हो तो जरूर करें। हमारा शरीर खूबसूरत है, लेकिन पैसे के लिए शोषण और दर्शकों एवं समाज को गुदगुदाने के लिए..।" वह यहां लद्दाख इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव के दूसरे संस्करण के लिए आए हुए थे। 50 वर्षीय मेहरा ने कहा, फिल्मकार और कलाकार समाज का एक अंग हैं। उन्हें विषयाश्रित बनाने की कोई वजह नहीं है। मेरे ख्याल से इसके पीछे सिर्फ ग्लैमर की लालसा होती है। इनको हतोत्साहित किया जाना चाहिए। टिप्पणियां चाहे मेहरा की 'रंग दे बसंती' की सोहा हों या 'दिल्ली-6' की सोनम कपूर, सभी भावपूर्ण किरदारों में थीं, इनमें अंगप्रदर्शन नहीं था। जबकि, 'भाग मिल्खा भाग' में अभिनेत्री द्वारा किया गया अंग प्रदर्शन व कामुक गीत प्रभाव छोड़ने के लिए था। यह तथ्य वह अपनी बात से साबित कर चुके हैं। उन्होंने कहा, जो चल रहा है सिनेमा उसी को दिखाता है। लेकिन मैं कहूंगा कि सही ढंग से नहीं दिखाता। मेहरा के मुताबिक, दर्शकों को इसके विरुद्ध एक कदम आगे आना चाहिए। यहां सिन्धु नदी के तट पर मेहरा ने कहा, मैं अंग प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हूं। अगर यह कहानी का हिस्सा हो तो जरूर करें। हमारा शरीर खूबसूरत है, लेकिन पैसे के लिए शोषण और दर्शकों एवं समाज को गुदगुदाने के लिए..।" वह यहां लद्दाख इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव के दूसरे संस्करण के लिए आए हुए थे। 50 वर्षीय मेहरा ने कहा, फिल्मकार और कलाकार समाज का एक अंग हैं। उन्हें विषयाश्रित बनाने की कोई वजह नहीं है। मेरे ख्याल से इसके पीछे सिर्फ ग्लैमर की लालसा होती है। इनको हतोत्साहित किया जाना चाहिए। टिप्पणियां चाहे मेहरा की 'रंग दे बसंती' की सोहा हों या 'दिल्ली-6' की सोनम कपूर, सभी भावपूर्ण किरदारों में थीं, इनमें अंगप्रदर्शन नहीं था। जबकि, 'भाग मिल्खा भाग' में अभिनेत्री द्वारा किया गया अंग प्रदर्शन व कामुक गीत प्रभाव छोड़ने के लिए था। यह तथ्य वह अपनी बात से साबित कर चुके हैं। उन्होंने कहा, जो चल रहा है सिनेमा उसी को दिखाता है। लेकिन मैं कहूंगा कि सही ढंग से नहीं दिखाता। मेहरा के मुताबिक, दर्शकों को इसके विरुद्ध एक कदम आगे आना चाहिए। 50 वर्षीय मेहरा ने कहा, फिल्मकार और कलाकार समाज का एक अंग हैं। उन्हें विषयाश्रित बनाने की कोई वजह नहीं है। मेरे ख्याल से इसके पीछे सिर्फ ग्लैमर की लालसा होती है। इनको हतोत्साहित किया जाना चाहिए। टिप्पणियां चाहे मेहरा की 'रंग दे बसंती' की सोहा हों या 'दिल्ली-6' की सोनम कपूर, सभी भावपूर्ण किरदारों में थीं, इनमें अंगप्रदर्शन नहीं था। जबकि, 'भाग मिल्खा भाग' में अभिनेत्री द्वारा किया गया अंग प्रदर्शन व कामुक गीत प्रभाव छोड़ने के लिए था। यह तथ्य वह अपनी बात से साबित कर चुके हैं। उन्होंने कहा, जो चल रहा है सिनेमा उसी को दिखाता है। लेकिन मैं कहूंगा कि सही ढंग से नहीं दिखाता। मेहरा के मुताबिक, दर्शकों को इसके विरुद्ध एक कदम आगे आना चाहिए। चाहे मेहरा की 'रंग दे बसंती' की सोहा हों या 'दिल्ली-6' की सोनम कपूर, सभी भावपूर्ण किरदारों में थीं, इनमें अंगप्रदर्शन नहीं था। जबकि, 'भाग मिल्खा भाग' में अभिनेत्री द्वारा किया गया अंग प्रदर्शन व कामुक गीत प्रभाव छोड़ने के लिए था। यह तथ्य वह अपनी बात से साबित कर चुके हैं। उन्होंने कहा, जो चल रहा है सिनेमा उसी को दिखाता है। लेकिन मैं कहूंगा कि सही ढंग से नहीं दिखाता। मेहरा के मुताबिक, दर्शकों को इसके विरुद्ध एक कदम आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा, जो चल रहा है सिनेमा उसी को दिखाता है। लेकिन मैं कहूंगा कि सही ढंग से नहीं दिखाता। मेहरा के मुताबिक, दर्शकों को इसके विरुद्ध एक कदम आगे आना चाहिए।
यह एक सारांश है: फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अधिकांश तौर पर कम मेकअप में साधारण-सी दिखने वाली एक सामान्य लड़की के रूप में अपनी नायिकाओं को प्रस्तुत किया है।
2
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: जम्मू-कश्मीर में यूरोपियन यूनियन के सांसदों के दौरे का आज दूसरा और आख़िरी दिन है. न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में कुछ सांसदों ने माना कि कश्मीर में कुछ तनाव है लेकिन साथ ही उम्मीद जताई कि सरकार इससे निपट लेगी. एक सांसद ने आतंकियों को कश्मीर की समस्या बताया. सांसदों का ये भी कहना था कि जब उन्हें आने की इजाज़त दी गई तो देश के विपक्षी सांसदों को भी आने की इजाज़त मिलनी चाहिए. इससे पहले ये दौरा सवालों में आ गया जब 27 में से चार सांसद कश्मीर नहीं गए. कश्मीर के कई नेताओं ने शिकायत की, कि उन्हें इस समूह से मिलने नहीं दिया गया. वहीं कश्मीर नहीं जाने वाले सांसदों की शिकायत थी कि उन्हें हालात समझने की खुली छूट नहीं दी जा रही थी. सवाल इस पर भी उठ रहा है कि इन सांसदों में ज़्यादातर दक्षिणपंथी रुझान वाले हैं.  NDTV को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक़ वीसिट यानी विमिंज इकनॉमिक ऐंड सोशल थिंक टैंक  NGO से मादी शर्मा ने ईमेल भेजकर EU सांसदों को घाटी के दौरे का न्योता दिया था. वहीं आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इन सांसदों ने कहा है कि उनका भारत की आंतरिक राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है और वे इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं. हमें आतंकवादियों द्वारा की जा रही हैं हत्याओं पर दुख हो रहा है. हम यहां तथ्यों को जानने आए हैं. सांसदों ने कश्मीर की जनता से कहा कि वे उनके दोस्त हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति आपकी समस्या हो सकती है लेकिन आतंकवाद सबकी समस्या है. उन्होंने कहा कि वे यहां कश्मीरियों की समस्याओं को समझने आए हैं.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: EU सांसदों के दौरे का आज दूसरा दिन सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की खुद को बताया दोस्त
25
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं, और वे ट्विटर के जरिये अपने फैन्स के साथ लगातार जुड़े भी रहते हैं. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सोशल मीडिया पर कई बड़ी हस्तियों के साथ मुखातिब होते हैं, और उनकी ये सार्वजनिक बातचीत चर्चा में भी आती है. कुछ दिन पहले 'बिग बी' को लेकर आनंद महिंद्रा और अमिताभ बच्चन की बातचीत को काफी पसंद किया गया था. लेकिन अब अमिताभ बच्चन ने एक ट्वीट करके मदद की गुहार लगाई है. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने मदद की ये गुहार एक खोई हुई चीज के लिए लगाई है.  अरे भैया मदद कीजिए । अभी मैंने जब 'संचय जल बेहतर कल ' अभियान के लिए एक video बना के उसे प्रकाशित किया था यहाँ , एक सज्जन Ef ने कुछ अपनी तरफ़ से दो शब्द लिखे थे , वो मिल नहीं रहे मुझे ।। कृपा उसे फिर से लिख दीजिए : शायद कुछ ऐसा लिखा था ,, की धरती जब संचालित करेगी जल etc ,, अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया हैः 'अरे भैया मदद कीजिए. अभी मैंने जब 'संचय जल बेहतर कल ' अभियान के लिए एक video बना के उसे प्रकाशित किया था यहां, एक सज्जन Ef ने कुछ अपनी तरफ से दो शब्द लिखे थे, वो मिल नहीं रहे मुझे. कृपा उसे फिर से लिख दीजिए: शायद कुछ ऐसा लिखा था कि 'धरती जब संचालित करेगी जल' etc.' इस तरह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपने ट्विटर परिवार से मदद मांगी है और इस कोट को वापस मांगा है. वैसे भी अमिताभ बच्चन लगातार सामाजिक सरोकारों के साथ भी जुड़े रहते हैं. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) इन दिनों अपनी अगली फिल्म 'गुलाबो सिताबो' फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं. इसके अलावा अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की आने वाली फिल्मों में 'झुंड' में भी है.
अमिताभ बच्चन का ट्वीट हुआ वायरल खोई हुई चीज को ढूंढने के लिए मांगी है मदद 'गुलाबो सिताबो' है अगली फिल्म
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अक्षय कुमार एक बार फिर अपने मन की बात लेकर आए हैं. अक्षय कुमार ने देश की सरहदों पर शहीद होने वाले जवानों के परिवारों के लिए कुछ करने की ठानी है और अपने इस काम में वह आम लोगों को भी हिस्‍सा बनाना चाहते हैं. मंगलवार शाम को अक्षय कुमार ने एक बार फिर एक वीडियो अपलोड किया और लोगों को 26 जनवरी के मोके पर देश के शहीदों के परिवारों को एक नायाब तोहफा देने का आइडिया दिया. हाल ही में अक्षय कुमार ने बेंगलुरू में महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ पर भी एक करारा संदेश दिया था जिसे सोशल मीडिया में काफी सराहना मिली. अक्षय कुमार ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किए गए अपने इस वीडियों में लोगों के साथ एक 'आइडिया' शेयर किया है. अक्षय कुमार ने इस वीडियो को पोस्‍ट करते हुए लिखा है, ' यहां मैं उन लोगों के लिए खड़ा हो रहा हूं, जिनका ठीक रहना मेरे लिए सच में मायने रखता है और मैं यह जानना चाहता हूं कि क्‍या यह आपके लिए भी उतना ही मायने रखता है.' लगभग 5 मिनट के इस वीडियो में अक्षय कुमार ने कहा, 'दो दिन बाद 25 जनवरी है तो सोचा आपसे एक आइडिया शेयर करूं. सरहदों पर ड्यूटी करते हुए शहीद होने वाले जवानों को हमारी सरकार मुआवजा देती है, जो अच्‍छी बात है. यह काम सरकारें करती हा रही हैं. लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी तरफ से भी इन शहीद परिवारों की मदद करना चाहते हैं. लेकिन ऐसे परिवारों तक पहुंचना, उनका पता ढूंढना आम लोगों के लिए काफी मुश्किल होता है.' अक्षय ने कहा, 'मैं एक पब्लिक फिगर हूं और मेरे लिए यह पता ढूंढना आसान है लेकिन ऐसे कई लोग हैं जो दिल से इन शहीद परिवारों की मदद करना चाहते हैं. अक्षय ने कहा, 'क्‍यों न ऐसा करें कि ऐसे लोगों और इन शहीदों के परिवारों को एक साथ एक जगह मिला दें. एक ऐसी वेबसाइट या मोबाइल एैप लॉन्‍च किया जाए जहां आप इन परिवारों की सीधे मदद कर सकें.' अक्षय ने यह भी कहा कि यह सीधे मेरे दिमाग से निकला आइडिया है. हो सकता है यह बिलकुल बेकार आइडिया हो या फिर बहुत ही हिट हो यह आप मुझे बताएं. अक्षय ने कहा, 'अगर कोई इंडियन आर्म फोर्स का जवान ड्यूटी करते हुए शहीद हो, तो उसके परिवार के नजदीकी रिश्‍तेदार जैसे माता, पिता या पत्‍नी का वेरिफाइड बैंक अकाउंट नंबर इस वेबसाइट पर डाला जाएगा और जो भी लोग चाहें वो सीधे इस अकाउंट में मदद की राशि भेज सकें. ताकि वह परिवार जिनकी रोजी रोटी इस जवान के चलते चल रही थी, उन्‍हें कुछ मदद मिल सके. ऐसे में वह अफसरों या कहीं चक्‍कर काटे ही उन्‍हें आर्थिक मदद मिल सके.' अक्षय ने कहा कि आप चाहे 100 रुपये दें या 500 यह आपकी मर्जी और क्षमता पर निर्भर होगा. साथ ही यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी.टिप्पणियां अक्षय ने यह भी कहा कि जैसे ही किसी शहीद के अकाउंट में 15 लाख रुपये तक की रकम पहुंच जाएगी, वह अकाउंट नंबर इस वेबसाइट से हट दिया जाएगा. अक्षय ने लोगों से अपने इस आइडिया पर उनकी राय मांगी है. अक्षय ने कहा कि अगर यह आइडिया आपको अच्‍छा लगता है तो इस वेबसाइट या एप को बनाने का सारा खर्च वह खुद उठाएंगे. अक्षय कुमार बॉलीवुड के उन सितारों में से हैं जो अपने दिल की बात कहने या किसी भी अच्‍छे काम को करने से पहले सोचते नहीं हैं. चाहे सड़क पर कचरा फेंकने वाले किसी व्‍यक्ति को उसकी इस हरकत के लिए सबक सिखाना हो या फिर बेंगलुरू में नए साल पर महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना हो, अक्षय कुमार हमेशा जोरदार तरीके से अपनी बात रखते आए हैं. बता दें कि अक्षय जल्‍द ही फिल्‍म 'जॉली एलएलबी 2' में नजर आने वाले हैं. लगभग 5 मिनट के इस वीडियो में अक्षय कुमार ने कहा, 'दो दिन बाद 25 जनवरी है तो सोचा आपसे एक आइडिया शेयर करूं. सरहदों पर ड्यूटी करते हुए शहीद होने वाले जवानों को हमारी सरकार मुआवजा देती है, जो अच्‍छी बात है. यह काम सरकारें करती हा रही हैं. लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी तरफ से भी इन शहीद परिवारों की मदद करना चाहते हैं. लेकिन ऐसे परिवारों तक पहुंचना, उनका पता ढूंढना आम लोगों के लिए काफी मुश्किल होता है.' अक्षय ने कहा, 'मैं एक पब्लिक फिगर हूं और मेरे लिए यह पता ढूंढना आसान है लेकिन ऐसे कई लोग हैं जो दिल से इन शहीद परिवारों की मदद करना चाहते हैं. अक्षय ने कहा, 'क्‍यों न ऐसा करें कि ऐसे लोगों और इन शहीदों के परिवारों को एक साथ एक जगह मिला दें. एक ऐसी वेबसाइट या मोबाइल एैप लॉन्‍च किया जाए जहां आप इन परिवारों की सीधे मदद कर सकें.' अक्षय ने यह भी कहा कि यह सीधे मेरे दिमाग से निकला आइडिया है. हो सकता है यह बिलकुल बेकार आइडिया हो या फिर बहुत ही हिट हो यह आप मुझे बताएं. अक्षय ने कहा, 'अगर कोई इंडियन आर्म फोर्स का जवान ड्यूटी करते हुए शहीद हो, तो उसके परिवार के नजदीकी रिश्‍तेदार जैसे माता, पिता या पत्‍नी का वेरिफाइड बैंक अकाउंट नंबर इस वेबसाइट पर डाला जाएगा और जो भी लोग चाहें वो सीधे इस अकाउंट में मदद की राशि भेज सकें. ताकि वह परिवार जिनकी रोजी रोटी इस जवान के चलते चल रही थी, उन्‍हें कुछ मदद मिल सके. ऐसे में वह अफसरों या कहीं चक्‍कर काटे ही उन्‍हें आर्थिक मदद मिल सके.' अक्षय ने कहा कि आप चाहे 100 रुपये दें या 500 यह आपकी मर्जी और क्षमता पर निर्भर होगा. साथ ही यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी.टिप्पणियां अक्षय ने यह भी कहा कि जैसे ही किसी शहीद के अकाउंट में 15 लाख रुपये तक की रकम पहुंच जाएगी, वह अकाउंट नंबर इस वेबसाइट से हट दिया जाएगा. अक्षय ने लोगों से अपने इस आइडिया पर उनकी राय मांगी है. अक्षय ने कहा कि अगर यह आइडिया आपको अच्‍छा लगता है तो इस वेबसाइट या एप को बनाने का सारा खर्च वह खुद उठाएंगे. अक्षय कुमार बॉलीवुड के उन सितारों में से हैं जो अपने दिल की बात कहने या किसी भी अच्‍छे काम को करने से पहले सोचते नहीं हैं. चाहे सड़क पर कचरा फेंकने वाले किसी व्‍यक्ति को उसकी इस हरकत के लिए सबक सिखाना हो या फिर बेंगलुरू में नए साल पर महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना हो, अक्षय कुमार हमेशा जोरदार तरीके से अपनी बात रखते आए हैं. बता दें कि अक्षय जल्‍द ही फिल्‍म 'जॉली एलएलबी 2' में नजर आने वाले हैं. अक्षय ने कहा, 'क्‍यों न ऐसा करें कि ऐसे लोगों और इन शहीदों के परिवारों को एक साथ एक जगह मिला दें. एक ऐसी वेबसाइट या मोबाइल एैप लॉन्‍च किया जाए जहां आप इन परिवारों की सीधे मदद कर सकें.' अक्षय ने यह भी कहा कि यह सीधे मेरे दिमाग से निकला आइडिया है. हो सकता है यह बिलकुल बेकार आइडिया हो या फिर बहुत ही हिट हो यह आप मुझे बताएं. अक्षय ने कहा, 'अगर कोई इंडियन आर्म फोर्स का जवान ड्यूटी करते हुए शहीद हो, तो उसके परिवार के नजदीकी रिश्‍तेदार जैसे माता, पिता या पत्‍नी का वेरिफाइड बैंक अकाउंट नंबर इस वेबसाइट पर डाला जाएगा और जो भी लोग चाहें वो सीधे इस अकाउंट में मदद की राशि भेज सकें. ताकि वह परिवार जिनकी रोजी रोटी इस जवान के चलते चल रही थी, उन्‍हें कुछ मदद मिल सके. ऐसे में वह अफसरों या कहीं चक्‍कर काटे ही उन्‍हें आर्थिक मदद मिल सके.' अक्षय ने कहा कि आप चाहे 100 रुपये दें या 500 यह आपकी मर्जी और क्षमता पर निर्भर होगा. साथ ही यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी.टिप्पणियां अक्षय ने यह भी कहा कि जैसे ही किसी शहीद के अकाउंट में 15 लाख रुपये तक की रकम पहुंच जाएगी, वह अकाउंट नंबर इस वेबसाइट से हट दिया जाएगा. अक्षय ने लोगों से अपने इस आइडिया पर उनकी राय मांगी है. अक्षय ने कहा कि अगर यह आइडिया आपको अच्‍छा लगता है तो इस वेबसाइट या एप को बनाने का सारा खर्च वह खुद उठाएंगे. अक्षय कुमार बॉलीवुड के उन सितारों में से हैं जो अपने दिल की बात कहने या किसी भी अच्‍छे काम को करने से पहले सोचते नहीं हैं. चाहे सड़क पर कचरा फेंकने वाले किसी व्‍यक्ति को उसकी इस हरकत के लिए सबक सिखाना हो या फिर बेंगलुरू में नए साल पर महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना हो, अक्षय कुमार हमेशा जोरदार तरीके से अपनी बात रखते आए हैं. बता दें कि अक्षय जल्‍द ही फिल्‍म 'जॉली एलएलबी 2' में नजर आने वाले हैं. अक्षय ने कहा, 'अगर कोई इंडियन आर्म फोर्स का जवान ड्यूटी करते हुए शहीद हो, तो उसके परिवार के नजदीकी रिश्‍तेदार जैसे माता, पिता या पत्‍नी का वेरिफाइड बैंक अकाउंट नंबर इस वेबसाइट पर डाला जाएगा और जो भी लोग चाहें वो सीधे इस अकाउंट में मदद की राशि भेज सकें. ताकि वह परिवार जिनकी रोजी रोटी इस जवान के चलते चल रही थी, उन्‍हें कुछ मदद मिल सके. ऐसे में वह अफसरों या कहीं चक्‍कर काटे ही उन्‍हें आर्थिक मदद मिल सके.' अक्षय ने कहा कि आप चाहे 100 रुपये दें या 500 यह आपकी मर्जी और क्षमता पर निर्भर होगा. साथ ही यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी.टिप्पणियां अक्षय ने यह भी कहा कि जैसे ही किसी शहीद के अकाउंट में 15 लाख रुपये तक की रकम पहुंच जाएगी, वह अकाउंट नंबर इस वेबसाइट से हट दिया जाएगा. अक्षय ने लोगों से अपने इस आइडिया पर उनकी राय मांगी है. अक्षय ने कहा कि अगर यह आइडिया आपको अच्‍छा लगता है तो इस वेबसाइट या एप को बनाने का सारा खर्च वह खुद उठाएंगे. अक्षय कुमार बॉलीवुड के उन सितारों में से हैं जो अपने दिल की बात कहने या किसी भी अच्‍छे काम को करने से पहले सोचते नहीं हैं. चाहे सड़क पर कचरा फेंकने वाले किसी व्‍यक्ति को उसकी इस हरकत के लिए सबक सिखाना हो या फिर बेंगलुरू में नए साल पर महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना हो, अक्षय कुमार हमेशा जोरदार तरीके से अपनी बात रखते आए हैं. बता दें कि अक्षय जल्‍द ही फिल्‍म 'जॉली एलएलबी 2' में नजर आने वाले हैं. अक्षय ने यह भी कहा कि जैसे ही किसी शहीद के अकाउंट में 15 लाख रुपये तक की रकम पहुंच जाएगी, वह अकाउंट नंबर इस वेबसाइट से हट दिया जाएगा. अक्षय ने लोगों से अपने इस आइडिया पर उनकी राय मांगी है. अक्षय ने कहा कि अगर यह आइडिया आपको अच्‍छा लगता है तो इस वेबसाइट या एप को बनाने का सारा खर्च वह खुद उठाएंगे. अक्षय कुमार बॉलीवुड के उन सितारों में से हैं जो अपने दिल की बात कहने या किसी भी अच्‍छे काम को करने से पहले सोचते नहीं हैं. चाहे सड़क पर कचरा फेंकने वाले किसी व्‍यक्ति को उसकी इस हरकत के लिए सबक सिखाना हो या फिर बेंगलुरू में नए साल पर महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना हो, अक्षय कुमार हमेशा जोरदार तरीके से अपनी बात रखते आए हैं. बता दें कि अक्षय जल्‍द ही फिल्‍म 'जॉली एलएलबी 2' में नजर आने वाले हैं. अक्षय कुमार बॉलीवुड के उन सितारों में से हैं जो अपने दिल की बात कहने या किसी भी अच्‍छे काम को करने से पहले सोचते नहीं हैं. चाहे सड़क पर कचरा फेंकने वाले किसी व्‍यक्ति को उसकी इस हरकत के लिए सबक सिखाना हो या फिर बेंगलुरू में नए साल पर महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना हो, अक्षय कुमार हमेशा जोरदार तरीके से अपनी बात रखते आए हैं. बता दें कि अक्षय जल्‍द ही फिल्‍म 'जॉली एलएलबी 2' में नजर आने वाले हैं.
संक्षिप्त सारांश: अक्षय कुमार बनाएंगे एक वेबसाइट, जिससे सीधे शहीदों के परिवारों की मदद किसी भी शहीद के रिश्‍तेदार के बैंक अकाउंट में 15 लाख रुपये तक की मदद अक्षय ने कहा, 'मैं खुद वेबसाइट या एैप बनाने का खर्च'
29
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और मासूम बेटे की हत्या कर दी। रोहिणी सैक्टर−22 में रहने वाले नितिन ने खुद ही पुलिस को फोन करके इस हत्याकांड की सूचना दी और अपना जुर्म कबूल किया। अपनी शादी की सालगिरह की रात ने उसने पत्नी श्वेता और चार साल के बेटे शिवम को जहर देकर मार डाला लेकिन श्वेता के घरवालों ने इस हत्याकांड में किसी और हाथ होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि तीन साल पहले एक एक्सीडेंट के बाद नितिन के दोनों पैरों में लकवा मार गया। इसके बाद उसे बीमे के 21 लाख रुपये मिले जिसे उसने फिक्स्ड डिपॉजिट करके अपनी पत्नी और बेटे को नॉमिनी बनाया था फिर वह उनकी हत्या क्यों करेगा? फिलहाल पुलिस ऐसे तमाम सवालों को ध्यान में रखकर इस हत्याकांड की जांच कर रही है। उनका कहना है कि तीन साल पहले एक एक्सीडेंट के बाद नितिन के दोनों पैरों में लकवा मार गया। इसके बाद उसे बीमे के 21 लाख रुपये मिले जिसे उसने फिक्स्ड डिपॉजिट करके अपनी पत्नी और बेटे को नॉमिनी बनाया था फिर वह उनकी हत्या क्यों करेगा? फिलहाल पुलिस ऐसे तमाम सवालों को ध्यान में रखकर इस हत्याकांड की जांच कर रही है।
यह एक सारांश है: दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और मासूम बेटे की हत्या कर दी। पति ने खुद इस हत्याकांड की सूचना पुलिस को दी।
16
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव अपनी नई रणनीति की घोषणा रविवार सुबह करेंगे। उनका तीन दिवसीय अनशन शनिवार शाम खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती, लेकिन उन्हें आंदोलन का तरीका बदलना होगा। स्वामी रामदेव ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नौ अगस्त को अनशन शुरू किया था। वह विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने, प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित करने और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) व निर्वाचन आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं। रामदेव ने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा, "हमारे सिद्धांत नहीं बदलेंगे, लेकिन समय के अनुसार हमारी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत है। नई रणनीति की घोषणा रविवार सुबह की जाएगी।" उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर यदि एक ईमानदार व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज फहराए तो इससे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उन्होंने कहा, "यदि एक स्वच्छ छवि वाला व्यक्ति तिरंगा फहराए, तो देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। लेकिन यदि कुछ बेईमान व्यक्ति तिरंगा फहराएंगे तो यह लज्जास्पद होगा। यह कैसे हो सकता है कि आपके हाथों में तिरंगा हो और आपके दिल में नहीं हो।" बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में लगातार तीसरे दिन भी अपना अनशन पूरे हौले के साथ जारी रखा। इसमें उनके 10,000 समर्थकों ने भी भाग लिया। कालेधन के खिलाफ उनके आंदोलन के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए दूर-दूर से लोग आए।     बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचे 45 वर्षीय एक दर्जी रुस्तम अली ने कहा, "मैंने ईद के लिए अपनी दुकान बंद कर दी और साइकिल से 11 दिन में यहां पहुंचा हूं।" उन्होंने बताया कि साइकिल से यात्रा करने के पीछे उनका मकसद था रास्ते में लोगों से मिलते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की समस्या के प्रति जागरूक करना। आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। उनका तीन दिवसीय अनशन शनिवार शाम खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती, लेकिन उन्हें आंदोलन का तरीका बदलना होगा। स्वामी रामदेव ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नौ अगस्त को अनशन शुरू किया था। वह विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने, प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित करने और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) व निर्वाचन आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं। रामदेव ने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा, "हमारे सिद्धांत नहीं बदलेंगे, लेकिन समय के अनुसार हमारी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत है। नई रणनीति की घोषणा रविवार सुबह की जाएगी।" उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर यदि एक ईमानदार व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज फहराए तो इससे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उन्होंने कहा, "यदि एक स्वच्छ छवि वाला व्यक्ति तिरंगा फहराए, तो देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। लेकिन यदि कुछ बेईमान व्यक्ति तिरंगा फहराएंगे तो यह लज्जास्पद होगा। यह कैसे हो सकता है कि आपके हाथों में तिरंगा हो और आपके दिल में नहीं हो।" बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में लगातार तीसरे दिन भी अपना अनशन पूरे हौले के साथ जारी रखा। इसमें उनके 10,000 समर्थकों ने भी भाग लिया। कालेधन के खिलाफ उनके आंदोलन के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए दूर-दूर से लोग आए।     बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचे 45 वर्षीय एक दर्जी रुस्तम अली ने कहा, "मैंने ईद के लिए अपनी दुकान बंद कर दी और साइकिल से 11 दिन में यहां पहुंचा हूं।" उन्होंने बताया कि साइकिल से यात्रा करने के पीछे उनका मकसद था रास्ते में लोगों से मिलते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की समस्या के प्रति जागरूक करना। आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। स्वामी रामदेव ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नौ अगस्त को अनशन शुरू किया था। वह विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने, प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित करने और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) व निर्वाचन आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं। रामदेव ने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा, "हमारे सिद्धांत नहीं बदलेंगे, लेकिन समय के अनुसार हमारी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत है। नई रणनीति की घोषणा रविवार सुबह की जाएगी।" उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर यदि एक ईमानदार व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज फहराए तो इससे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उन्होंने कहा, "यदि एक स्वच्छ छवि वाला व्यक्ति तिरंगा फहराए, तो देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। लेकिन यदि कुछ बेईमान व्यक्ति तिरंगा फहराएंगे तो यह लज्जास्पद होगा। यह कैसे हो सकता है कि आपके हाथों में तिरंगा हो और आपके दिल में नहीं हो।" बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में लगातार तीसरे दिन भी अपना अनशन पूरे हौले के साथ जारी रखा। इसमें उनके 10,000 समर्थकों ने भी भाग लिया। कालेधन के खिलाफ उनके आंदोलन के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए दूर-दूर से लोग आए।     बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचे 45 वर्षीय एक दर्जी रुस्तम अली ने कहा, "मैंने ईद के लिए अपनी दुकान बंद कर दी और साइकिल से 11 दिन में यहां पहुंचा हूं।" उन्होंने बताया कि साइकिल से यात्रा करने के पीछे उनका मकसद था रास्ते में लोगों से मिलते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की समस्या के प्रति जागरूक करना। आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। रामदेव ने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा, "हमारे सिद्धांत नहीं बदलेंगे, लेकिन समय के अनुसार हमारी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत है। नई रणनीति की घोषणा रविवार सुबह की जाएगी।" उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर यदि एक ईमानदार व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज फहराए तो इससे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उन्होंने कहा, "यदि एक स्वच्छ छवि वाला व्यक्ति तिरंगा फहराए, तो देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। लेकिन यदि कुछ बेईमान व्यक्ति तिरंगा फहराएंगे तो यह लज्जास्पद होगा। यह कैसे हो सकता है कि आपके हाथों में तिरंगा हो और आपके दिल में नहीं हो।" बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में लगातार तीसरे दिन भी अपना अनशन पूरे हौले के साथ जारी रखा। इसमें उनके 10,000 समर्थकों ने भी भाग लिया। कालेधन के खिलाफ उनके आंदोलन के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए दूर-दूर से लोग आए।     बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचे 45 वर्षीय एक दर्जी रुस्तम अली ने कहा, "मैंने ईद के लिए अपनी दुकान बंद कर दी और साइकिल से 11 दिन में यहां पहुंचा हूं।" उन्होंने बताया कि साइकिल से यात्रा करने के पीछे उनका मकसद था रास्ते में लोगों से मिलते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की समस्या के प्रति जागरूक करना। आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में लगातार तीसरे दिन भी अपना अनशन पूरे हौले के साथ जारी रखा। इसमें उनके 10,000 समर्थकों ने भी भाग लिया। कालेधन के खिलाफ उनके आंदोलन के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए दूर-दूर से लोग आए।     बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचे 45 वर्षीय एक दर्जी रुस्तम अली ने कहा, "मैंने ईद के लिए अपनी दुकान बंद कर दी और साइकिल से 11 दिन में यहां पहुंचा हूं।" उन्होंने बताया कि साइकिल से यात्रा करने के पीछे उनका मकसद था रास्ते में लोगों से मिलते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की समस्या के प्रति जागरूक करना। आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। कालेधन के खिलाफ उनके आंदोलन के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए दूर-दूर से लोग आए।     बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचे 45 वर्षीय एक दर्जी रुस्तम अली ने कहा, "मैंने ईद के लिए अपनी दुकान बंद कर दी और साइकिल से 11 दिन में यहां पहुंचा हूं।" उन्होंने बताया कि साइकिल से यात्रा करने के पीछे उनका मकसद था रास्ते में लोगों से मिलते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की समस्या के प्रति जागरूक करना। आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचे 45 वर्षीय एक दर्जी रुस्तम अली ने कहा, "मैंने ईद के लिए अपनी दुकान बंद कर दी और साइकिल से 11 दिन में यहां पहुंचा हूं।" उन्होंने बताया कि साइकिल से यात्रा करने के पीछे उनका मकसद था रास्ते में लोगों से मिलते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की समस्या के प्रति जागरूक करना। आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।टिप्पणियां कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।" बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे। बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे।
यहाँ एक सारांश है:कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव अपनी नई रणनीति की घोषणा रविवार सुबह करेंगे।
12
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: कप्तान स्टीव स्मिथ के 17वें टेस्ट शतक की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने वर्षा से बुरी तरह प्रभावित रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में आज यहां पाकिस्तान पर 22 रन की मामूली बढ़त बना ली. स्मिथ ने इस साल में चौथा टेस्ट शतक लगाया. इससे पहले चाय से ठीक पूर्व मौसम बिगड़ने से चौथे दिन का खेल रोकना पड़ा और उसके बाद खेल हो ही नहीं सका.टिप्पणियां मैच के चौथे दिन स्‍टंप्‍स के समय स्मिथ 100 रन बनाकर और मिशेल स्टार्क सात रन पर खेल रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट पर 465 रन बना लिए हैं. अब आखिरी दिन बचा है और मैच का नतीजा निकलने की कोई सूरत नहीं दिख रही. इसके साथ ही स्मिथ ने लगातार तीसरे वर्ष एक साल के भीतर 1000 टेस्ट रन पूरे कर लिए. इस साल उनके 67.60 की औसत से 1040 रन हो गए हैं. उन्होंने 168 गेंद की अपनी पारी में नाबाद 100 रन बनाए. उस्मान ख्वाजा सुबह अपने शतक से तीन रन से चूक गए. वह अपने कल के स्कोर 95 रन में दो ही रन जोड़ सके और पांचवें ओवर में वहाब रियाज की गेंद पर विकेटकीपर सरफराज अहमद को कैच दे बैठे. इससे पहले ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने आज सुबह दो विकेट पर 278 रन से आगे खेलना प्रारंभ किया और जल्‍द ही ख्‍वाजा का विकेट गंवा दिया. लेकिन इसके बाद स्मिथ और हैंड्सकोब की जोड़ी ने लंबे समय तक पाकिस्‍तानी टीम को कामयाबी से वंचित रखा. इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 92 की साझेदारी की. ऑस्‍ट्रेलिया को चौथा झटका हैंड्सकोंब (54) के रूप में गिरा जो तेज गेंदबाज सोहेल के शिकार बने. इसके बाद मेजबान टीम ने निक मेडिसन (22) और मैथ्‍यू वेड (9) के विकेट गंवाए. कप्‍तान स्मिथ ने अपना शतक 168 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से पूरा किया. मैच के चौथे दिन स्‍टंप्‍स के समय स्मिथ 100 रन बनाकर और मिशेल स्टार्क सात रन पर खेल रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट पर 465 रन बना लिए हैं. अब आखिरी दिन बचा है और मैच का नतीजा निकलने की कोई सूरत नहीं दिख रही. इसके साथ ही स्मिथ ने लगातार तीसरे वर्ष एक साल के भीतर 1000 टेस्ट रन पूरे कर लिए. इस साल उनके 67.60 की औसत से 1040 रन हो गए हैं. उन्होंने 168 गेंद की अपनी पारी में नाबाद 100 रन बनाए. उस्मान ख्वाजा सुबह अपने शतक से तीन रन से चूक गए. वह अपने कल के स्कोर 95 रन में दो ही रन जोड़ सके और पांचवें ओवर में वहाब रियाज की गेंद पर विकेटकीपर सरफराज अहमद को कैच दे बैठे. इससे पहले ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने आज सुबह दो विकेट पर 278 रन से आगे खेलना प्रारंभ किया और जल्‍द ही ख्‍वाजा का विकेट गंवा दिया. लेकिन इसके बाद स्मिथ और हैंड्सकोब की जोड़ी ने लंबे समय तक पाकिस्‍तानी टीम को कामयाबी से वंचित रखा. इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 92 की साझेदारी की. ऑस्‍ट्रेलिया को चौथा झटका हैंड्सकोंब (54) के रूप में गिरा जो तेज गेंदबाज सोहेल के शिकार बने. इसके बाद मेजबान टीम ने निक मेडिसन (22) और मैथ्‍यू वेड (9) के विकेट गंवाए. कप्‍तान स्मिथ ने अपना शतक 168 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से पूरा किया. इससे पहले ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने आज सुबह दो विकेट पर 278 रन से आगे खेलना प्रारंभ किया और जल्‍द ही ख्‍वाजा का विकेट गंवा दिया. लेकिन इसके बाद स्मिथ और हैंड्सकोब की जोड़ी ने लंबे समय तक पाकिस्‍तानी टीम को कामयाबी से वंचित रखा. इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 92 की साझेदारी की. ऑस्‍ट्रेलिया को चौथा झटका हैंड्सकोंब (54) के रूप में गिरा जो तेज गेंदबाज सोहेल के शिकार बने. इसके बाद मेजबान टीम ने निक मेडिसन (22) और मैथ्‍यू वेड (9) के विकेट गंवाए. कप्‍तान स्मिथ ने अपना शतक 168 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से पूरा किया.
संक्षिप्त पाठ: पाकिस्‍तान पर 22 रन की बढ़त बना चुका है ऑस्‍ट्रेलिया स्मिथ ने लगातार तीसरी बार साल में 1000 रन पूरे किए बारिश की बाधा के कारण मैच का ड्रॉ होना लगभग तय
13
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: कुमार संगकारा के शानदार 90 रन और एंजेलो मैथ्यूज के चार विकेट के दम पर श्रीलंका ने वेस्टइंडीज को त्रिकोणीय एक-दिवसीय क्रिकेट शृंखला के वर्षाबाधित मैच में डकवर्थ लुईस प्रणाली के आधार पर 39 रन से हरा दिया। श्रीलंका संगकारा की उम्दा बल्लेबाजी से निर्धारित 41 ओवरों में आठ विकेट पर 219 रन बनाने में सफल रहा। संगकारा ने दो दिन तक खिंची अपनी पारी में 95 गेंदों पर नाबाद 90 रन बनाए जिसमें छह चौके और एक छक्का शामिल थे। उनके अलावा कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने 30 रन का योगदान दिया। रोच ने 27 रन देकर चार और जैसन होल्डर ने 50 रन देकर दो विकेट लिये। वेस्टइंडीज 41 ओवर में 230 रन के संशोधित लक्ष्य के जवाब में 190 रन ही बना सका। लैंडल सिमंस (67) और डेरेन ब्रावो (70) के अर्द्धशतकों के बावजूद कैरेबियाई टीम जीत दर्ज नहीं कर सकी। वेस्टइंडीज ने हालांकि श्रीलंका को बोनस अंक नहीं लेने दिया। एक समय पर वेस्टइंडीज के चार विकेट 8.2 ओवर में 31 रन पर उखड़ गए थे। शमिदा ईरांगा और लसित मलिंगा ने क्रमश: तीन और दो विकेट लिये। इस जीत के बाद श्रीलंका तीन मैचों में नौ अंक के साथ शीर्ष पर पहुंच गया है लेकिन उसका फाइनल में पहुंचना तय नहीं है क्योंकि वेस्टइंडीज के भी चार मैचों में नौ अंक हैं। अब सभी की नजरें श्रीलंका और भारत के बीच आज होने वाले निर्णायक मैच पर लगी होंगी। भारत को इस मैच में श्रीलंका पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करके बोनस अंक भी लेना होगा। लगातार बारिश के कारण रविवार को मैच बीच में रोक देना पड़ा था। रिजर्व दिन में भी सुबह बारिश की वजह मैच समय पर शुरू नहीं हो पाया। मैच लगभग दो घंटे की देरी से शुरू हुआ जिसके कारण ओवरों की संख्या घटाकर 45 ओवर प्रति टीम कर दी गई। बीच में जब श्रीलंका 32 ओवर में चार विकेट पर 122 रन बनाए थे तभी बारिश आ गई। इसके बाद खेल शुरू होने पर ओवरों की संख्या घटाकर 41 करनी पड़ी। श्रीलंका ने कल उपुल थरंगा, माहेला जयवर्धने और दिनेश चंदीमल के विकेट जल्दी गंवाने के कारण 19 ओवर में तीन विकेट पर 60 रन बनाए थे। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी और उसके बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी। संगकारा ने 11 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाते हुए डेरेन सैमी पर 22वें ओवर में चौका लगाया। इस तरह से लगभग 19 ओवर के बाद गेंद ने सीमा रेखा के दर्शन किए। वेस्टइंडीज को दिन की पहली सफलता मलरेन सैमुअल्स ने दिलाई। उनकी उठती हुई गेंद तिरिमाने के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तिरिमाने अपने कल के स्कोर में केवल दस रन जोड़ पाए। संगकारा और तिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। नए बल्लेबाज मैथ्यूज ने सैमुअल्स के अगले ओवर में स्क्वायर लेग पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। श्रीलंका संगकारा की उम्दा बल्लेबाजी से निर्धारित 41 ओवरों में आठ विकेट पर 219 रन बनाने में सफल रहा। संगकारा ने दो दिन तक खिंची अपनी पारी में 95 गेंदों पर नाबाद 90 रन बनाए जिसमें छह चौके और एक छक्का शामिल थे। उनके अलावा कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने 30 रन का योगदान दिया। रोच ने 27 रन देकर चार और जैसन होल्डर ने 50 रन देकर दो विकेट लिये। वेस्टइंडीज 41 ओवर में 230 रन के संशोधित लक्ष्य के जवाब में 190 रन ही बना सका। लैंडल सिमंस (67) और डेरेन ब्रावो (70) के अर्द्धशतकों के बावजूद कैरेबियाई टीम जीत दर्ज नहीं कर सकी। वेस्टइंडीज ने हालांकि श्रीलंका को बोनस अंक नहीं लेने दिया। एक समय पर वेस्टइंडीज के चार विकेट 8.2 ओवर में 31 रन पर उखड़ गए थे। शमिदा ईरांगा और लसित मलिंगा ने क्रमश: तीन और दो विकेट लिये। इस जीत के बाद श्रीलंका तीन मैचों में नौ अंक के साथ शीर्ष पर पहुंच गया है लेकिन उसका फाइनल में पहुंचना तय नहीं है क्योंकि वेस्टइंडीज के भी चार मैचों में नौ अंक हैं। अब सभी की नजरें श्रीलंका और भारत के बीच आज होने वाले निर्णायक मैच पर लगी होंगी। भारत को इस मैच में श्रीलंका पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करके बोनस अंक भी लेना होगा। लगातार बारिश के कारण रविवार को मैच बीच में रोक देना पड़ा था। रिजर्व दिन में भी सुबह बारिश की वजह मैच समय पर शुरू नहीं हो पाया। मैच लगभग दो घंटे की देरी से शुरू हुआ जिसके कारण ओवरों की संख्या घटाकर 45 ओवर प्रति टीम कर दी गई। बीच में जब श्रीलंका 32 ओवर में चार विकेट पर 122 रन बनाए थे तभी बारिश आ गई। इसके बाद खेल शुरू होने पर ओवरों की संख्या घटाकर 41 करनी पड़ी। श्रीलंका ने कल उपुल थरंगा, माहेला जयवर्धने और दिनेश चंदीमल के विकेट जल्दी गंवाने के कारण 19 ओवर में तीन विकेट पर 60 रन बनाए थे। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी और उसके बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी। संगकारा ने 11 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाते हुए डेरेन सैमी पर 22वें ओवर में चौका लगाया। इस तरह से लगभग 19 ओवर के बाद गेंद ने सीमा रेखा के दर्शन किए। वेस्टइंडीज को दिन की पहली सफलता मलरेन सैमुअल्स ने दिलाई। उनकी उठती हुई गेंद तिरिमाने के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तिरिमाने अपने कल के स्कोर में केवल दस रन जोड़ पाए। संगकारा और तिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। नए बल्लेबाज मैथ्यूज ने सैमुअल्स के अगले ओवर में स्क्वायर लेग पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। वेस्टइंडीज 41 ओवर में 230 रन के संशोधित लक्ष्य के जवाब में 190 रन ही बना सका। लैंडल सिमंस (67) और डेरेन ब्रावो (70) के अर्द्धशतकों के बावजूद कैरेबियाई टीम जीत दर्ज नहीं कर सकी। वेस्टइंडीज ने हालांकि श्रीलंका को बोनस अंक नहीं लेने दिया। एक समय पर वेस्टइंडीज के चार विकेट 8.2 ओवर में 31 रन पर उखड़ गए थे। शमिदा ईरांगा और लसित मलिंगा ने क्रमश: तीन और दो विकेट लिये। इस जीत के बाद श्रीलंका तीन मैचों में नौ अंक के साथ शीर्ष पर पहुंच गया है लेकिन उसका फाइनल में पहुंचना तय नहीं है क्योंकि वेस्टइंडीज के भी चार मैचों में नौ अंक हैं। अब सभी की नजरें श्रीलंका और भारत के बीच आज होने वाले निर्णायक मैच पर लगी होंगी। भारत को इस मैच में श्रीलंका पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करके बोनस अंक भी लेना होगा। लगातार बारिश के कारण रविवार को मैच बीच में रोक देना पड़ा था। रिजर्व दिन में भी सुबह बारिश की वजह मैच समय पर शुरू नहीं हो पाया। मैच लगभग दो घंटे की देरी से शुरू हुआ जिसके कारण ओवरों की संख्या घटाकर 45 ओवर प्रति टीम कर दी गई। बीच में जब श्रीलंका 32 ओवर में चार विकेट पर 122 रन बनाए थे तभी बारिश आ गई। इसके बाद खेल शुरू होने पर ओवरों की संख्या घटाकर 41 करनी पड़ी। श्रीलंका ने कल उपुल थरंगा, माहेला जयवर्धने और दिनेश चंदीमल के विकेट जल्दी गंवाने के कारण 19 ओवर में तीन विकेट पर 60 रन बनाए थे। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी और उसके बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी। संगकारा ने 11 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाते हुए डेरेन सैमी पर 22वें ओवर में चौका लगाया। इस तरह से लगभग 19 ओवर के बाद गेंद ने सीमा रेखा के दर्शन किए। वेस्टइंडीज को दिन की पहली सफलता मलरेन सैमुअल्स ने दिलाई। उनकी उठती हुई गेंद तिरिमाने के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तिरिमाने अपने कल के स्कोर में केवल दस रन जोड़ पाए। संगकारा और तिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। नए बल्लेबाज मैथ्यूज ने सैमुअल्स के अगले ओवर में स्क्वायर लेग पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। एक समय पर वेस्टइंडीज के चार विकेट 8.2 ओवर में 31 रन पर उखड़ गए थे। शमिदा ईरांगा और लसित मलिंगा ने क्रमश: तीन और दो विकेट लिये। इस जीत के बाद श्रीलंका तीन मैचों में नौ अंक के साथ शीर्ष पर पहुंच गया है लेकिन उसका फाइनल में पहुंचना तय नहीं है क्योंकि वेस्टइंडीज के भी चार मैचों में नौ अंक हैं। अब सभी की नजरें श्रीलंका और भारत के बीच आज होने वाले निर्णायक मैच पर लगी होंगी। भारत को इस मैच में श्रीलंका पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करके बोनस अंक भी लेना होगा। लगातार बारिश के कारण रविवार को मैच बीच में रोक देना पड़ा था। रिजर्व दिन में भी सुबह बारिश की वजह मैच समय पर शुरू नहीं हो पाया। मैच लगभग दो घंटे की देरी से शुरू हुआ जिसके कारण ओवरों की संख्या घटाकर 45 ओवर प्रति टीम कर दी गई। बीच में जब श्रीलंका 32 ओवर में चार विकेट पर 122 रन बनाए थे तभी बारिश आ गई। इसके बाद खेल शुरू होने पर ओवरों की संख्या घटाकर 41 करनी पड़ी। श्रीलंका ने कल उपुल थरंगा, माहेला जयवर्धने और दिनेश चंदीमल के विकेट जल्दी गंवाने के कारण 19 ओवर में तीन विकेट पर 60 रन बनाए थे। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी और उसके बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी। संगकारा ने 11 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाते हुए डेरेन सैमी पर 22वें ओवर में चौका लगाया। इस तरह से लगभग 19 ओवर के बाद गेंद ने सीमा रेखा के दर्शन किए। वेस्टइंडीज को दिन की पहली सफलता मलरेन सैमुअल्स ने दिलाई। उनकी उठती हुई गेंद तिरिमाने के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तिरिमाने अपने कल के स्कोर में केवल दस रन जोड़ पाए। संगकारा और तिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। नए बल्लेबाज मैथ्यूज ने सैमुअल्स के अगले ओवर में स्क्वायर लेग पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। अब सभी की नजरें श्रीलंका और भारत के बीच आज होने वाले निर्णायक मैच पर लगी होंगी। भारत को इस मैच में श्रीलंका पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करके बोनस अंक भी लेना होगा। लगातार बारिश के कारण रविवार को मैच बीच में रोक देना पड़ा था। रिजर्व दिन में भी सुबह बारिश की वजह मैच समय पर शुरू नहीं हो पाया। मैच लगभग दो घंटे की देरी से शुरू हुआ जिसके कारण ओवरों की संख्या घटाकर 45 ओवर प्रति टीम कर दी गई। बीच में जब श्रीलंका 32 ओवर में चार विकेट पर 122 रन बनाए थे तभी बारिश आ गई। इसके बाद खेल शुरू होने पर ओवरों की संख्या घटाकर 41 करनी पड़ी। श्रीलंका ने कल उपुल थरंगा, माहेला जयवर्धने और दिनेश चंदीमल के विकेट जल्दी गंवाने के कारण 19 ओवर में तीन विकेट पर 60 रन बनाए थे। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी और उसके बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी। संगकारा ने 11 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाते हुए डेरेन सैमी पर 22वें ओवर में चौका लगाया। इस तरह से लगभग 19 ओवर के बाद गेंद ने सीमा रेखा के दर्शन किए। वेस्टइंडीज को दिन की पहली सफलता मलरेन सैमुअल्स ने दिलाई। उनकी उठती हुई गेंद तिरिमाने के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तिरिमाने अपने कल के स्कोर में केवल दस रन जोड़ पाए। संगकारा और तिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। नए बल्लेबाज मैथ्यूज ने सैमुअल्स के अगले ओवर में स्क्वायर लेग पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। लगातार बारिश के कारण रविवार को मैच बीच में रोक देना पड़ा था। रिजर्व दिन में भी सुबह बारिश की वजह मैच समय पर शुरू नहीं हो पाया। मैच लगभग दो घंटे की देरी से शुरू हुआ जिसके कारण ओवरों की संख्या घटाकर 45 ओवर प्रति टीम कर दी गई। बीच में जब श्रीलंका 32 ओवर में चार विकेट पर 122 रन बनाए थे तभी बारिश आ गई। इसके बाद खेल शुरू होने पर ओवरों की संख्या घटाकर 41 करनी पड़ी। श्रीलंका ने कल उपुल थरंगा, माहेला जयवर्धने और दिनेश चंदीमल के विकेट जल्दी गंवाने के कारण 19 ओवर में तीन विकेट पर 60 रन बनाए थे। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी और उसके बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी। संगकारा ने 11 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाते हुए डेरेन सैमी पर 22वें ओवर में चौका लगाया। इस तरह से लगभग 19 ओवर के बाद गेंद ने सीमा रेखा के दर्शन किए। वेस्टइंडीज को दिन की पहली सफलता मलरेन सैमुअल्स ने दिलाई। उनकी उठती हुई गेंद तिरिमाने के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तिरिमाने अपने कल के स्कोर में केवल दस रन जोड़ पाए। संगकारा और तिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। नए बल्लेबाज मैथ्यूज ने सैमुअल्स के अगले ओवर में स्क्वायर लेग पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। श्रीलंका ने कल उपुल थरंगा, माहेला जयवर्धने और दिनेश चंदीमल के विकेट जल्दी गंवाने के कारण 19 ओवर में तीन विकेट पर 60 रन बनाए थे। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी और उसके बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी। संगकारा ने 11 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाते हुए डेरेन सैमी पर 22वें ओवर में चौका लगाया। इस तरह से लगभग 19 ओवर के बाद गेंद ने सीमा रेखा के दर्शन किए। वेस्टइंडीज को दिन की पहली सफलता मलरेन सैमुअल्स ने दिलाई। उनकी उठती हुई गेंद तिरिमाने के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तिरिमाने अपने कल के स्कोर में केवल दस रन जोड़ पाए। संगकारा और तिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। नए बल्लेबाज मैथ्यूज ने सैमुअल्स के अगले ओवर में स्क्वायर लेग पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। वेस्टइंडीज को दिन की पहली सफलता मलरेन सैमुअल्स ने दिलाई। उनकी उठती हुई गेंद तिरिमाने के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तिरिमाने अपने कल के स्कोर में केवल दस रन जोड़ पाए। संगकारा और तिरिमाने ने चौथे विकेट के लिए 64 रन की साझेदारी की। नए बल्लेबाज मैथ्यूज ने सैमुअल्स के अगले ओवर में स्क्वायर लेग पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। बारिश के कारण आधे घंटे तक खेल नहीं हो पाया। इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो मैथ्यूज ने अपने तीखे तेवर बरकरार रखे। उन्होंने जैसन होल्डर पर चौका और सैमुअल्स पर लांग आन पर छक्का लगाया।टिप्पणियां नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। नए बल्लेबाज जीवन मेंडिस (8) ने आते ही दो चौके लगाए, लेकिन रोच के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर अंपायर निजेल लांग ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। मेंडिस इससे खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं हो रहा था कि गेंद उनके दस्ताने से लगकर गयी थी या नहीं। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था। संगकारा ने वनडे क्रिकेट में अपना 76वां अर्द्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में टिनो बेस्ट का स्वागत छक्के और चौके से किया। उन्होंने पोलार्ड पर चौका जड़ा जिससे टीम का स्कोर 200 रन पार कर गया। नुवान कुलशेखरा (14) ने होल्डर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमाने से पहले अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगाया। संगकारा आखिर तक क्रीज पर टिके रहे। वेस्टइंडीज ने 31 अतिरिक्त रन दिए जो संगकारा के बाद दूसरा बड़ा स्कोर था।
संक्षिप्त सारांश: वेस्टइंडीज 41 ओवर में 230 रन के संशोधित लक्ष्य के जवाब में 190 रन ही बना सका। लैंडल सिमंस (67) और डेरेन ब्रावो (70) के अर्द्धशतकों के बावजूद कैरेबियाई टीम जीत दर्ज नहीं कर सकी। वेस्टइंडीज ने हालांकि श्रीलंका को बोनस अंक नहीं लेने दिया।
29
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Omprakash Chautala) की राष्ट्रीय राजधानी में 1.94 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. INLD के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ सीबीआई भी जांच कर रही है. जांच एजेंसी के अनुसार, धनशोधन रोकथाम अधिनियम-2002 के तहत संपत्ति (जमीन और एक फॉर्म हाउस) को जब्त किया गया है. ईडी ने इससे पहले ओमप्रकाश चौटाला की 4.15 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. ईडी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई सीबीआई की एफआईआर और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम,1988 के तहत ओमप्रकाश चौटाला, अभय चौटाला और अजय चौटाला के विरुद्ध दर्ज आरोप-पत्र के आधार पर की है. एजेंसी ने कहा, "सीबीआई की जांच से खुलासा हुआ कि ओमप्रकाश चौटाला ने 24 मई 1993 और 31 मई 2006 के बीच आय के ज्ञात स्रोत से छह करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति अर्जित की थी." ( इनपुट आईएएनएस से)
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: आय के ज्ञात स्रोत से छह करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति अर्जित की धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई सीबीआई की एफआईआर और आईपीसी के तहत की कार्रवाई
25
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर इलाके में बकरी चोरी को लेकर हुई गोलीबारी में एक परिवार के चार सदस्यों सहित पांच लोगों की जान चली गई। समाचार एजेंसी आनलाइन के मुताबिक, दौगदारा इलाके में बुधवार को दो गुटों के बीच गोलीबारी हुई।टिप्पणियां जानकारी के अनुसार, शेरबाज गुट के लोग हया गुल गुर्जर के घर गए और उन पर अपनी बकरी चोरी करने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की। लेकिन शेरबाज गुट के लोगों पर गोली चला दी गई, जिसके बाद उन्होंने भी गोली चलाई। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में गुर्जर तथा उनके परिवार के चार लोग घटनास्थल पर ही मारे गए, जबकि शेरबाज समूह से बदर मुनीर नामक व्यक्ति मारा गया। इस मामले में दो व्यक्तियों, उमर मुहम्मद और जुम्मा को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार, शेरबाज गुट के लोग हया गुल गुर्जर के घर गए और उन पर अपनी बकरी चोरी करने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की। लेकिन शेरबाज गुट के लोगों पर गोली चला दी गई, जिसके बाद उन्होंने भी गोली चलाई। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में गुर्जर तथा उनके परिवार के चार लोग घटनास्थल पर ही मारे गए, जबकि शेरबाज समूह से बदर मुनीर नामक व्यक्ति मारा गया। इस मामले में दो व्यक्तियों, उमर मुहम्मद और जुम्मा को गिरफ्तार किया गया है। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में गुर्जर तथा उनके परिवार के चार लोग घटनास्थल पर ही मारे गए, जबकि शेरबाज समूह से बदर मुनीर नामक व्यक्ति मारा गया। इस मामले में दो व्यक्तियों, उमर मुहम्मद और जुम्मा को गिरफ्तार किया गया है।
संक्षिप्त सारांश: पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर इलाके में बकरी चोरी को लेकर हुई गोलीबारी में एक परिवार के चार सदस्यों सहित पांच लोगों की जान चली गई।
10
['hin']
एक सारांश बनाओ: तृणमूल कांग्रेस से सांसद मिथुन चक्रवर्ती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. तृणमूल के नेता डेरेन ओ ब्रायन ने कहा कि इस्तीफे के बावजूद मिथुन चक्रवर्ती से संबंध बने रहेंगे. हम उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं.टिप्पणियां तृणमूल कांग्रेस के मुताबिक, मिथुन ने स्वास्थ्य कारणों की वजह से इस्तीफा दिया है. वैसे मिथुन राज्यसभा में कई बार पत्र देकर छुट्टी की मांग कर चुके थे. गौरतलब है कि शारदा घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी. उनकी जगह किसे सांसद बनाया जाएगा अभी तक यह तय नहीं है. तृणमूल कांग्रेस के मुताबिक, मिथुन ने स्वास्थ्य कारणों की वजह से इस्तीफा दिया है. वैसे मिथुन राज्यसभा में कई बार पत्र देकर छुट्टी की मांग कर चुके थे. गौरतलब है कि शारदा घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी. उनकी जगह किसे सांसद बनाया जाएगा अभी तक यह तय नहीं है. गौरतलब है कि शारदा घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी. उनकी जगह किसे सांसद बनाया जाएगा अभी तक यह तय नहीं है.
सारांश: मिथुन ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा तृणमूल ने खराब स्वास्थ्य बताई वजह शारदा घोटाले में भी आ चुका है नाम
5
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: जम्मू और कश्मीर में जारी अशांति के बीच राज्य के राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रबंधन पर साल 2000 में दी गई एक रिपोर्ट का कार्यान्वयन न होने पर नाराजगी जताई है. दिल्ली में होमलैंड सिक्योरिटी के एक कार्यक्रम में वोहरा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रबंधन कोई आम कार्य नहीं है, इसके लिए ज्यादा और समर्पित ढंग से ध्यान देने की जरूरत है. वोहरा ने कहा कि साल 2000 में राष्ट्रीय सुरक्षा समीक्षा रिपोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक विशेष कार्यबल के गठन की अनुशंसा की गई थी जिसमें आईएएस या आईपीएस ही नहीं बल्कि नियमित सुरक्षा बलों के साथ आईआईटी, आईआईएम, बैंकिग और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों की तकनीक के जानकार और वैज्ञानिक भी शामिल हों. वोहरा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में, जहां छद्म युद्ध और सीमा पार से घुसपैठ जैसी समस्याएं हैं, वहां बेहतरीन सीमा प्रबंधन की जरूरत है. राज्य में सालों से जारी आतंकियों से निपटने के लिए विशेष सुरक्षा बलों की जरूरत है.टिप्पणियां उन्होंने कहा कि मंत्रियों के समूह ने इस रिपोर्ट को स्वीकार भी किया था लेकिन उसके बाद उसका कुछ नहीं हुआ. वोहरा ने कहा कि साल 2012 के बाद देश में 4 सफल फिदाईन हमले हुए हैं. चाहे सीमा चौकियों के बीच की दूरी या आपसी संचार की बात हो या रात में देख सकने वाले उपकरणों की, हमारी सीमा पर कई क्षेत्रों में कमियां रही हैं. उन्होंने कहा कि वे यह बातें बार-बार उठाते रहे हैं. वोहरा ने कहा कि चुस्त सीमा प्रबंधन के लिए आम जनों की भागीदारी जरूरी है. बेहतर सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए यह  भी जरूरी है कि हर कोई सुरक्षा के कामकाज को गंभीरता से समझे और इसको सम्मान दे. वोहरा ने कहा कि साल 2000 में राष्ट्रीय सुरक्षा समीक्षा रिपोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक विशेष कार्यबल के गठन की अनुशंसा की गई थी जिसमें आईएएस या आईपीएस ही नहीं बल्कि नियमित सुरक्षा बलों के साथ आईआईटी, आईआईएम, बैंकिग और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों की तकनीक के जानकार और वैज्ञानिक भी शामिल हों. वोहरा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में, जहां छद्म युद्ध और सीमा पार से घुसपैठ जैसी समस्याएं हैं, वहां बेहतरीन सीमा प्रबंधन की जरूरत है. राज्य में सालों से जारी आतंकियों से निपटने के लिए विशेष सुरक्षा बलों की जरूरत है.टिप्पणियां उन्होंने कहा कि मंत्रियों के समूह ने इस रिपोर्ट को स्वीकार भी किया था लेकिन उसके बाद उसका कुछ नहीं हुआ. वोहरा ने कहा कि साल 2012 के बाद देश में 4 सफल फिदाईन हमले हुए हैं. चाहे सीमा चौकियों के बीच की दूरी या आपसी संचार की बात हो या रात में देख सकने वाले उपकरणों की, हमारी सीमा पर कई क्षेत्रों में कमियां रही हैं. उन्होंने कहा कि वे यह बातें बार-बार उठाते रहे हैं. वोहरा ने कहा कि चुस्त सीमा प्रबंधन के लिए आम जनों की भागीदारी जरूरी है. बेहतर सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए यह  भी जरूरी है कि हर कोई सुरक्षा के कामकाज को गंभीरता से समझे और इसको सम्मान दे. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के समूह ने इस रिपोर्ट को स्वीकार भी किया था लेकिन उसके बाद उसका कुछ नहीं हुआ. वोहरा ने कहा कि साल 2012 के बाद देश में 4 सफल फिदाईन हमले हुए हैं. चाहे सीमा चौकियों के बीच की दूरी या आपसी संचार की बात हो या रात में देख सकने वाले उपकरणों की, हमारी सीमा पर कई क्षेत्रों में कमियां रही हैं. उन्होंने कहा कि वे यह बातें बार-बार उठाते रहे हैं. वोहरा ने कहा कि चुस्त सीमा प्रबंधन के लिए आम जनों की भागीदारी जरूरी है. बेहतर सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए यह  भी जरूरी है कि हर कोई सुरक्षा के कामकाज को गंभीरता से समझे और इसको सम्मान दे. वोहरा ने कहा कि चुस्त सीमा प्रबंधन के लिए आम जनों की भागीदारी जरूरी है. बेहतर सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए यह  भी जरूरी है कि हर कोई सुरक्षा के कामकाज को गंभीरता से समझे और इसको सम्मान दे.
सारांश: साल 2000 में दी गई एक रिपोर्ट का कार्यान्वयन नहीं हुआ विशेष कार्यबल के गठन की अनुशंसा की गई थी चुस्त सीमा प्रबंधन के लिए आम जनों की भागीदारी जरूरी
20
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: दुनिया की सबसे छोटे कद की महिला ज्योति आमगे सरकार से सुरक्षा की मांग की है. ज्योति ने पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार से सुरक्षा की मांग की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवा चुकीं ज्योति अमगे सरकार से अपने लिये सुरक्षा की मांग की है. ज्योति का कहना है कि कुछ लोग उसे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. बिग बॉस के सीजन तीन में हिस्सा ले चुकीं ज्योति का कहना है कि उसे सुरक्षा की जरूरत है. नागपुर की रहने वाली 25 वर्षीय ज्योति आमगे की छोटी काया ही अब इनकी पहचान है. ज्योति 61.95 सेंटीमीटर की है. यानी करीब 24.7 इंच. ज्योति हॉलीवुड में फिल्मों में नाम कमाना चाहती हैं. वह हॉलीवुड फिल्म लेग जिंडो में काम कर चुकी हैं. इसके अलावा वह अमेरिकन हॉरर स्टोरी में काम कर चुकी हैं। इन दोनों रोल में उन्हें काफी प्रशंसा मिल चुकी है. टिप्पणियां पिछले दिनों ज्योति ने सलमान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की इच्छा जताई थीं. 2009 से लगातार ज्योति गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपनी छोटी काया के लिए नाम दर्ज करा रही हैं. शुरुआत में वह लंबाई नहीं बढ़ने के चलते काफी चिंतित रहती थी. स्कूल और घर के आसपास लोग उसका मजाक उड़ाते थे. अब लोग उससे मिलने आते हैं.  ज्योति का मानना है कि उसकी इसी सफलता के चलते कुछ लोग उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. ज्योति का कहना है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उनके जैसे छोटे कद के लोगों की पढ़ाई का खर्च उठाएं. ज्योति हॉलीवुड में फिल्मों में नाम कमाना चाहती हैं. वह हॉलीवुड फिल्म लेग जिंडो में काम कर चुकी हैं. इसके अलावा वह अमेरिकन हॉरर स्टोरी में काम कर चुकी हैं। इन दोनों रोल में उन्हें काफी प्रशंसा मिल चुकी है. टिप्पणियां पिछले दिनों ज्योति ने सलमान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की इच्छा जताई थीं. 2009 से लगातार ज्योति गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपनी छोटी काया के लिए नाम दर्ज करा रही हैं. शुरुआत में वह लंबाई नहीं बढ़ने के चलते काफी चिंतित रहती थी. स्कूल और घर के आसपास लोग उसका मजाक उड़ाते थे. अब लोग उससे मिलने आते हैं.  ज्योति का मानना है कि उसकी इसी सफलता के चलते कुछ लोग उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. ज्योति का कहना है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उनके जैसे छोटे कद के लोगों की पढ़ाई का खर्च उठाएं. पिछले दिनों ज्योति ने सलमान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की इच्छा जताई थीं. 2009 से लगातार ज्योति गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपनी छोटी काया के लिए नाम दर्ज करा रही हैं. शुरुआत में वह लंबाई नहीं बढ़ने के चलते काफी चिंतित रहती थी. स्कूल और घर के आसपास लोग उसका मजाक उड़ाते थे. अब लोग उससे मिलने आते हैं.  ज्योति का मानना है कि उसकी इसी सफलता के चलते कुछ लोग उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. ज्योति का कहना है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उनके जैसे छोटे कद के लोगों की पढ़ाई का खर्च उठाएं. ज्योति का मानना है कि उसकी इसी सफलता के चलते कुछ लोग उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. ज्योति का कहना है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उनके जैसे छोटे कद के लोगों की पढ़ाई का खर्च उठाएं.
संक्षिप्त सारांश: दुनिया की सबसे छोटी महिला ज्योति आमगे नागपुर में रहती हैं हॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुकी हैं ज्योति आमगे ज्योति आमगे ने कहा, उनकी प्रसिद्धि के चलते उन्हें है खतरा
23
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: जेवर हवाईअड्डे के विकास का अनुबंध देने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को शुक्रवार को चुना गया. इसके लिए जारी अंतराष्ट्रीय निविदा में इस कंपनी ने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) और अडाणी एंटरप्राइजेज और एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड जैसी कंपनी में पीछे छोड़ दिया. स्विट्जरलैंड की कंपनी ने राजस्व में हिस्सेदारी के मामले में प्रति यात्री सबसे ऊंची बोली लगायी है. तैयार होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा.  अधिकारियों ने बताया कि स्विट्जरलैंड की कंपनी ने प्रति यात्री सबसे ऊंची बोली लगायी है. परियोजना के नोडाल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने कहा कि जेवर हवाईअड्डा या नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जब पूरी तरह विकसित हो जाएगा तो यह 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा.  इसकी अनुमानित लागत 29,560 करोड़ रुपये आंकी गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने इसके लिए सबसे अधिक बोली लगायी थी.'' जेवर हवाईअड्डा के लिए 30 मई को अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी की थी. इस हवाईअड्डा के प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक एजेंसी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) गठित की है.  दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बनने वाला यह तीसरा हवाईअड्डा पूरी तरह से नए सिरे से विकसित (ग्रीनफील्ड) किया जाएगा. इससे पहले दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और गाजियाबाद में हिंडन हवाईअड्डा मौजूद है.  अधिकारी ने बताया कि पूरी तरह बनकर तैयार होने के बाद नायल पर छह से आठ हवाई पट्टियां होंगी जो देश में अब तक किसी हवाई अड्डे की तुलना में सबसे अधिक होंगी. पहले चरण में हवाईअड्डे का विकास 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जाएगा. इस पर 4,588 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. इसके 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.
यह एक सारांश है: दिल्‍ली के पास देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी करेगी एयरपोर्ट का निर्माण ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को शुक्रवार को अनुबंध देने के लिए चुना गया
9
['hin']
एक सारांश बनाओ: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं व धार्मिक गुरुओं की सलाह मानते हुए उन्होंने मंदिर में शपथ लेने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गुप्तचर के माध्यम से उनसे उनके (येदियुरप्पा) व उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा न करने के लिए समझौता करने का प्रयास किया था। इसके बाद येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी को चुनौती दी थी कि यदि वह सच बोल रहे हैं तो भगवान मंजूनाथ के मंदिर में कसम खाएं। येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "मैं 'आणे-प्रमाणा' (भगवान के सामने शपथ) करने नहीं जा रहा हूं। क्योंकि पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी और कई धार्मिक नेताओं ने मुझे ऐसा न करने की सलाह दी थी।" उन्होंने कहा, "मैं कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया के खिलाफ मानहानि का दावा ठोकूंगा। उन्होंने मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।" भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने शुक्रवार को येदियुरप्पा को राजनीतिक लड़ाई धार्मिक स्थलों पर न लड़ने की सलाह दी थी। गडकरी ने कहा था, "येदियुरप्पा को अपनी लड़ाई राजनीतिक व कानूनी तरीके से लड़ना चाहिए। ऐसे मामलों में धार्मिक स्थलों को शामिल नहीं करना चाहिए।" कई धार्मिक नेताओं ने भी येदियुरप्पा की इस चुनौती की आलोचना की थी। इसके बाद येदियुरप्पा ने संकेत दिए थे कि वह अपनी इस योजना को रद्द कर सकते हैं और उन्होंने ऐसा ही किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं व धार्मिक गुरुओं की सलाह मानते हुए उन्होंने मंदिर में शपथ लेने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है।
26
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: दिल्ली में आए दिन वीआईपी मूवमेंट के कारण लगने वाले ट्रैफिक जाम पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को कानूनी नोटिस मिला है। यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिश साल्वे ने भेजा है। साल्वे ने नोटिस में वीआईपी मूवमेंट के कारण लगने वाले ट्रैफिक जाम पर सवाल उठाए हैं। साल्वे ने नोटिस में कहा है कि वह शनिवार तक इस पर लगाम लगाएं या कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। हरीश साल्वे ने लिखा है कि दिल्ली पुलिस नागरिकों को मिले संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। पुलिस का अंग्रेजों के समय का रवैया बदला नहीं है केवल अधिकारी बदल गए हैं।टिप्पणियां ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं है लेकिन वीआईपी मूवमेंट के लिए सैकड़ों ट्रैफिक पुलिस के लोग होते हैं। यात्रियों को परेशानी होती है और मजबूरी में उनका पेट्रोल डीजल भी बरबाद होता है जिससे प्रदूषण बढ़ता है। साल्वे ने नोटिस में वीआईपी मूवमेंट के कारण लगने वाले ट्रैफिक जाम पर सवाल उठाए हैं। साल्वे ने नोटिस में कहा है कि वह शनिवार तक इस पर लगाम लगाएं या कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। हरीश साल्वे ने लिखा है कि दिल्ली पुलिस नागरिकों को मिले संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। पुलिस का अंग्रेजों के समय का रवैया बदला नहीं है केवल अधिकारी बदल गए हैं।टिप्पणियां ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं है लेकिन वीआईपी मूवमेंट के लिए सैकड़ों ट्रैफिक पुलिस के लोग होते हैं। यात्रियों को परेशानी होती है और मजबूरी में उनका पेट्रोल डीजल भी बरबाद होता है जिससे प्रदूषण बढ़ता है। हरीश साल्वे ने लिखा है कि दिल्ली पुलिस नागरिकों को मिले संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। पुलिस का अंग्रेजों के समय का रवैया बदला नहीं है केवल अधिकारी बदल गए हैं।टिप्पणियां ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं है लेकिन वीआईपी मूवमेंट के लिए सैकड़ों ट्रैफिक पुलिस के लोग होते हैं। यात्रियों को परेशानी होती है और मजबूरी में उनका पेट्रोल डीजल भी बरबाद होता है जिससे प्रदूषण बढ़ता है। ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं है लेकिन वीआईपी मूवमेंट के लिए सैकड़ों ट्रैफिक पुलिस के लोग होते हैं। यात्रियों को परेशानी होती है और मजबूरी में उनका पेट्रोल डीजल भी बरबाद होता है जिससे प्रदूषण बढ़ता है। यात्रियों को परेशानी होती है और मजबूरी में उनका पेट्रोल डीजल भी बरबाद होता है जिससे प्रदूषण बढ़ता है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: दिल्ली में आए दिन वीआईपी मूवमेंट के कारण लगने वाले ट्रैफिक जाम पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को कानूनी नोटिस मिला है। यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिश साल्वे ने भेजा है।
3
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: महाराष्ट्र में सरकार बनाने की खींचतान के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य में सरकार बनाने को लेकर एक बड़ा दिया है. उन्होंने कहा कि चीजों को लेकर हमारा विजन क्लियर है. हम सिर्फ सरकार बनाने के लिए ही काम नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस और उससे जुड़ी हुई संस्थाएं राष्ट्र निर्माण के लिए काम करती रही हैं. हालांकि आपको बता दें कि नीतिन गडकरी सीधे तौर पर महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने आगे कहा कि हमारे लिए विचारधारा बेहद जरूरी है लेकिन उससे ज्यादा जरूरी व्यक्तिगत संबंध भी हैं. इससे पहले नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर कहा था कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है. कभी-कभी लगता है कि आप मैच हार रहे हैं लेकिन नतीजे बिल्कुल इसके विपरीत आते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह महाराष्ट्र (Maharashtra) की तुलना में दिल्ली की राजनीति से अधिक संबंधित हैं. नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)  ने यह बात महाराष्ट्र आने के बाद की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कही. बता दें कि शिवसेना ने महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ अपना वर्षों पुराना नाता तोड़ दिया है और वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की जुगत में है.  हालांकि नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)  ने इस बात से इनकार किया कि एक गैर बीजेपी सरकार के आने से फडणवीस द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हमारे लोकतंत्र में सरकारें बदलती हैं लेकिन प्रोजेक्ट्स बिना किसी समस्या के चलते रहते हैं. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसकी सरकार आती है. यह सकारात्मक नीतियों और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाएगा जो पहले ही लॉन्च किए जा चुके हैं.' नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)  ने इस बाबत कुछ कहने से इनकार कर दिया कि आखिर में राज्य में कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी. उन्होंने कहा कि यह गलत व्यक्ति के सामने किया गया सवाल है. जो लोग सरकार बनाने की योजना बना रहे हैं वह इस सवाल का जवाब देने के लिए बेहतर स्थिति में हैं.
महाराष्ट्र में चल रही सियासी गतिरोध पर गडकरी का बड़ा बयान इशारों ही इशारों में सरकार गठन को लेकर दिए बड़े संकेत कहा- राजनीति में क्रिकेट की तरह कुछ भी हो सकता है
28
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: कुछ दिन पहले राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद शीला दीक्षित ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया था. बता दें कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के 15 साल के शासन को समाप्त किया था. बता दें कि आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ के लिए विपक्षी दलों का कांग्रेस पर दबाव है. आम आदमी पार्टी भी गठबंधन के लिए उत्सुक रही है.  इससे पहले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने उम्मीद जताई कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी दिल्ली की सभीसीटें जीतेगी. 'मेरा बूथ, मेरा गौरव' सम्मेलन में शीला ने कहा, ''बहुत जल्द दिल्ली में लोकसभा चुनाव होने जा रहा है और आशा करती हूं कि हम सातों सीटें जीतेंगे.' उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कहा, 'हम आपको इस देश का नेता देखना चाहते हैं. अगर हमें अच्छा और बढ़ता हुआ हिंदुस्तान चाहिए तो यह सिर्फ राहुल गांधी के नेतृत्व से ही संभव है.' पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में 'लोकतंत्र की हत्या' करने वाले लोगों के खिलाफ लड़ाई है और हम इस लड़ाई को जीतेंगे. कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने मंच से राहुल गांधी की मौजूदगी में कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं होना चाहिए. गौरतलब है कि दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होगा और 23 मई को नतीजे आएंगे.
दिल्ली में कांग्रेस-आप का नहीं होगा गठबंधन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया ऐलान 'आप' नेताओं के आग्रह के बाद राहुल ने कही यह बात
6
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Polls 2019) में दिल्ली की सातों सीट पर जीत की आस लगाई बीजेपी पूर्वी दिल्ली की सीट को लेकर परेशान नजर आ रही है. पूर्वी दिल्ली से अपने ‘सेलेब्रिटी' उम्मीदवार गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के चुनाव प्रचार अभियान के ‘खराब'प्रबंधन को लेकर परेशान भाजपा नेतृत्व ने पार्टी के उपाध्यक्ष श्याम जाजू को पूर्व क्रिकेटर के राजनीति में पदार्पण को मजबूती देने का जिम्मा सौंपा है. बीजेपी को ऐसा लग रहा है कि गौतम गंभीर को राजनीतिक प्रबंधन में मजबूती देने की जरूरत है, तभी वह इस सीट को निकाल पाएंगे.  भारतीय जनता पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा कि राजनीति में नए गंभीर दांवपेंच सीख रहे हैं लेकिन वह अपने प्रचार अभियान के लिए स्थानीय भाजपा नेताओं से मिल रहे समर्थन पर ही ज्यादा निर्भर हैं और स्थानीय नेताओं का समर्थन भी उम्मीद के मुताबिक नहीं है.  उन्होंने कहा, ‘जाजू को गंभीर का चुनाव प्रचार अभियान चलाने के लिए तैनात किया गया है... उन्होंने स्थानीय पार्टी नेताओं के साथ बैठकें करके और पूर्वी दिल्ली के प्रत्याशी की मीडिया टीम में कुछ बदलाव करके तत्काल प्रभाव से कार्यभार संभाल लिया है.' जाजू पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रभारी हैं.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: गौतम गंभीर का प्रचार प्रबंधन नहीं नजर आ रहा मजबूत. बीजेपी ने मदद के लिए श्याम जाजू को भेजा. पूर्वी दिल्ली से बीजेपी उम्मीदवार हैं गौतम गंभीर.
11
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: सलमान खान अपनी फिटनेस के लिए तो जाने ही जाते हैं. कई बार सलमान खान को मुंबई की सड़कों पर साइकिल चलाते हुए भी देखा गया है. लेकिन मंगलवार को मुंबई की सड़क पर लोग तब अचानक चौंक गए जब सुपरस्‍टार 'दबंग' खान उन्‍हें सड़क पर पैदल चलते हुए नजर आ गए. सलमान को यूं सड़क पर चलता देख कई फैन्‍स उनके पास आ गए. ऐसे में बांद्रा के महबूब स्‍टूडियो से घर के लिए पैदल निकल पड़े. सलमान खान को ऑटो रिक्‍शा करना पड़ा गया. यह पहली बार नहीं है, जब सलमान ऑटो रिक्‍शा पर सवार नजर आए हैं. इससे पहले भी वह ऐसा कर चुके हैं.टिप्पणियां दरअसल मंगलवार को सलमान खान मुम्बई के बांद्रा स्थित मेहबूब स्टूडियो में अपनी आने वाली फिल्म 'ट्यूबलाइट' के प्रमोशन के लिए पहुंचे थे. यहां सलमान के साथ उनके भाई सोहेल भी नजर आए थे. इंटरव्यू के बाद सलमान फिल्ममेकर रमेश तौरानी के साथ पैदल चलते हुए मेहबूब स्टूडियो से अपने घर गैलेक्सी अपार्टमेंट की तरफ चल निकले.   प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ पैदल घर के लिए निकले सलमान खान. लेकिन सड़क पर चलते सलमान को देख एक मां अपने बच्‍चे के साथ उनके पास पहुंच गईं और फोटो खिंचवाने लगी. इसी बीच वहां भीड़ बढ़नी शुरू हो गई.   सलमान को सड़क पर चलता देख उनके फैन्‍स ने भीड़ लगा दी. आनन-फानन में सलमान ने पास ही खड़े एक रिक्शा चालक को बुलाया और गैलेक्सी अपार्टमेंट चलने को कहा. इसके बाद सलमान खान प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ रिक्शा में बैठ कर अपने घर चले गए.   बता दें कि ईद पर सलमान की फिल्म 'ट्यूबलाइट' रिलीज होने वाली है और इस फिल्‍म में सलमान खान के साथ उनके भाई सोहेल खान नजर आने वाले हैं. यह निर्देशक कबीर खान के साथ सलमान की तीसरी फिल्म है. इससे पहले यह जोड़ी 'एक था टाइगर' (2012) और 'बजरंगी भाईजान' (2015) जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुकी है. दरअसल मंगलवार को सलमान खान मुम्बई के बांद्रा स्थित मेहबूब स्टूडियो में अपनी आने वाली फिल्म 'ट्यूबलाइट' के प्रमोशन के लिए पहुंचे थे. यहां सलमान के साथ उनके भाई सोहेल भी नजर आए थे. इंटरव्यू के बाद सलमान फिल्ममेकर रमेश तौरानी के साथ पैदल चलते हुए मेहबूब स्टूडियो से अपने घर गैलेक्सी अपार्टमेंट की तरफ चल निकले.   प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ पैदल घर के लिए निकले सलमान खान. लेकिन सड़क पर चलते सलमान को देख एक मां अपने बच्‍चे के साथ उनके पास पहुंच गईं और फोटो खिंचवाने लगी. इसी बीच वहां भीड़ बढ़नी शुरू हो गई.   सलमान को सड़क पर चलता देख उनके फैन्‍स ने भीड़ लगा दी. आनन-फानन में सलमान ने पास ही खड़े एक रिक्शा चालक को बुलाया और गैलेक्सी अपार्टमेंट चलने को कहा. इसके बाद सलमान खान प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ रिक्शा में बैठ कर अपने घर चले गए.   बता दें कि ईद पर सलमान की फिल्म 'ट्यूबलाइट' रिलीज होने वाली है और इस फिल्‍म में सलमान खान के साथ उनके भाई सोहेल खान नजर आने वाले हैं. यह निर्देशक कबीर खान के साथ सलमान की तीसरी फिल्म है. इससे पहले यह जोड़ी 'एक था टाइगर' (2012) और 'बजरंगी भाईजान' (2015) जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुकी है. लेकिन सड़क पर चलते सलमान को देख एक मां अपने बच्‍चे के साथ उनके पास पहुंच गईं और फोटो खिंचवाने लगी. इसी बीच वहां भीड़ बढ़नी शुरू हो गई.   सलमान को सड़क पर चलता देख उनके फैन्‍स ने भीड़ लगा दी. आनन-फानन में सलमान ने पास ही खड़े एक रिक्शा चालक को बुलाया और गैलेक्सी अपार्टमेंट चलने को कहा. इसके बाद सलमान खान प्रोड्यूसर रमेश तौरानी के साथ रिक्शा में बैठ कर अपने घर चले गए.   बता दें कि ईद पर सलमान की फिल्म 'ट्यूबलाइट' रिलीज होने वाली है और इस फिल्‍म में सलमान खान के साथ उनके भाई सोहेल खान नजर आने वाले हैं. यह निर्देशक कबीर खान के साथ सलमान की तीसरी फिल्म है. इससे पहले यह जोड़ी 'एक था टाइगर' (2012) और 'बजरंगी भाईजान' (2015) जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुकी है. सलमान को सड़क पर चलता देख उनके फैन्‍स ने भीड़ लगा दी.
सलमान महबूब स्‍टूडियो में अपनी फिल्‍म 'ट्यूबलाइट' का प्रमोशन करने पहुंचे अपनी गाड़ी छोड़ पैदल ही घर के लिए निकल गए थे सलमान खान फैन्‍स की भीड़ से घिरे सलमान खान को अचानक करना पड़ा ऑटो
6
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: इराकी पुलिस ने बताया कि देश के उत्तरी क्षेत्र स्थित एक शहर में विस्फोटों से लदी एक मोटरसाइकिल में धमाका होने से छह कुर्दिश खुफिया अधिकारियों की मौत हो गई।टिप्पणियां आज के हमले में तुज खोरमातो में गश्त कर रहे कुर्दिश खुफिया दल के पास एक मोटरसाइकिल में धमाका हुआ। पुलिस ने बताया कि धमाके में दो खुफिया अधिकारियों सहित पांच अन्य लोग घायल हो गए। समीप के एक अस्पताल के एक चिकित्साकर्मी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर हताहत हुए लोगों की पुष्टि की। देश में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 115 लोगों की जान गई थी। आज के हमले में तुज खोरमातो में गश्त कर रहे कुर्दिश खुफिया दल के पास एक मोटरसाइकिल में धमाका हुआ। पुलिस ने बताया कि धमाके में दो खुफिया अधिकारियों सहित पांच अन्य लोग घायल हो गए। समीप के एक अस्पताल के एक चिकित्साकर्मी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर हताहत हुए लोगों की पुष्टि की। देश में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 115 लोगों की जान गई थी। समीप के एक अस्पताल के एक चिकित्साकर्मी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर हताहत हुए लोगों की पुष्टि की। देश में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 115 लोगों की जान गई थी।
संक्षिप्त सारांश: इराकी पुलिस ने बताया कि देश के उत्तरी क्षेत्र स्थित एक शहर में विस्फोटों से लदी एक मोटरसाइकिल में धमाका होने से छह कुर्दिश खुफिया अधिकारियों की मौत हो गई।
0
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: इस समय सेना ने तर्क दिया कि देश में राजनीतिक स्तर पर इस्लाम के ज्यादा प्रयोग होने लगा है। सेना के जनरल इस्माइल हक्कल करादेल ने सरकार के प्रमुख नेकमेट्टिन एर्बाकन को कुछ निर्देश दिए। इसमें कई धार्मिक स्कूलों को बंद करने, यूनिवर्सिटी में सिर पर टोपी पहनने पर रोक लगाने के लिए कहा। इसके बाद सेना के दबाव में प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। एक अंतरिम सरकार बनाई और सेना ने 1998 में वेल्फेयर पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया। इसी साल एर्दोगान जो उस समय इस्तांबुल के मेयर थे, को जेल में भेज दिया गया था, साथ ही पांच सालों के लिए उनके राजनीति करने पर भी रोक लगा दी गई थी। यह सजा उन्हें पब्लिक के बीच में एक इस्लामिक कविता पढ़ने के लिए दी गई थी। 1999 में फिर चुनाव हुए। 2014 में एर्दोगान देश के राष्ट्रपति चुने गए थे। इसी साल एर्दोगान जो उस समय इस्तांबुल के मेयर थे, को जेल में भेज दिया गया था, साथ ही पांच सालों के लिए उनके राजनीति करने पर भी रोक लगा दी गई थी। यह सजा उन्हें पब्लिक के बीच में एक इस्लामिक कविता पढ़ने के लिए दी गई थी। 1999 में फिर चुनाव हुए। 2014 में एर्दोगान देश के राष्ट्रपति चुने गए थे।
सारांश: 20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में इस कोशिश के पहले भी ऐसी कोशिशें हो चुकी थीं सेक्युलरिज्म बनाए रखने के लिए सेना अपनी भूमिका की बात कहती है इससे पहले चार बार हो चुका है सैन्य तख्तापलट
33
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: बंबई स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में एशियाई क्षेत्र में फंडों और खुदरा ग्राहकों की लिवाली बरकरार रहने के कारण 61 अंकों की तेजी दर्ज हुई।टिप्पणियां स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में तेजी के बीच तीस शेयरों वाले सूचकांक में 61.25 अंक या 0.43 फीसदी की तेजी दर्ज हुई। सूचकांक में पिछले तीन सत्रों में करीब 437 अंकों की तेजी दर्ज हुई। इधर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 16.75 अंक या 0.31 फीसदी चढ़कर 5,373.45 के स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद बीच एशियाई क्षेत्रा में आई तेजी और फंडों व खुदरा निवेशकों की लिवाली जारी रही, जिससे कारोबारी रुख मजबूत रहा। स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में तेजी के बीच तीस शेयरों वाले सूचकांक में 61.25 अंक या 0.43 फीसदी की तेजी दर्ज हुई। सूचकांक में पिछले तीन सत्रों में करीब 437 अंकों की तेजी दर्ज हुई। इधर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 16.75 अंक या 0.31 फीसदी चढ़कर 5,373.45 के स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद बीच एशियाई क्षेत्रा में आई तेजी और फंडों व खुदरा निवेशकों की लिवाली जारी रही, जिससे कारोबारी रुख मजबूत रहा। अमेरिका द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद बीच एशियाई क्षेत्रा में आई तेजी और फंडों व खुदरा निवेशकों की लिवाली जारी रही, जिससे कारोबारी रुख मजबूत रहा।
यह एक सारांश है: बंबई स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में एशियाई क्षेत्र में फंडों और खुदरा ग्राहकों की लिवाली बरकरार रहने के कारण 61 अंकों की तेजी दर्ज हुई।
24
['hin']
एक सारांश बनाओ: दुनिया भर में रमजान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इस साल 27 मई से 24 जून तक रमजान होने की बात कही जा रही है. विविधता में एकता वाले देश भारत में रमजान के कई रंग देखने को मिलते हैं. रोजा, इफ्तार और सहरी पर हर शहरों की अपनी परंपराओं का असर दिखता है. ऐसे में हम आपको मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से जुड़ी रमजान की एक अनोखी परंपरा से रूबरू करा रहे हैं. रायसेन स्थित मस्जिद में पारंपरिक तोप से गोले दागकर लोगों को चांद दिखने की सूचना दी जाती है. चांद का दीदार करने के बाद शहर के काजी मस्जिदों से बारूदी गोले दागते हैं, जिसकी आवाज सुनकर लोग समझ जाते हैं कि अगले दिन से रोजा रखना है. इतना ही नहीं पूरे रमजान में मस्जिद से गोले दागे जाते हैं, जिसकी आवाज सुनकर लोग सहरी और इफ्तार का वक्त जान पाते हैं. टिप्पणियां मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार मस्जिद कमिटी ने रमजान के लिए खास तरह के गोले मंगवाए हैं. इन्हें दागे जाने पर रंगीन धुंए निकलेंगे. मसाजिद कमेटी के प्रभारी सेकेट्री यासिर अराफात के हवाले से बताया जा रहा है कि भोपाल के अलावा सीहोर व रायसेन जिलों की मस्जिदों में ये गोले भेजने का जिम्मा मसाजिद कमेटी के पास है. कमेटी भोपाल की 50, सीहोर में 30 व रायसेन जिले में 20 मस्जिदों को गोले भेजती है.  रमजान पर हर मस्जिद को करीब 60 गोले दिए जाते हैं. माहे रमजान में दागे जाने वाले गोले का खर्च मसाजिद कमेटी उठाती है. रमजान में इसे चलाने के लिए स्थानीय डीएम से खासतौर से लाइसेंस लिया जाता है. बताया जाता है कि रायसेन के किले में रखे पुराने तोप से ही सारे गोले दागे जाते हैं. इस तोप में आग के सहारे गोले दागे जाते हैं. तोप का मुंह आसमान की तरफ रखा जाता है ताकि किसी को नुकसान न हो. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार मस्जिद कमिटी ने रमजान के लिए खास तरह के गोले मंगवाए हैं. इन्हें दागे जाने पर रंगीन धुंए निकलेंगे. मसाजिद कमेटी के प्रभारी सेकेट्री यासिर अराफात के हवाले से बताया जा रहा है कि भोपाल के अलावा सीहोर व रायसेन जिलों की मस्जिदों में ये गोले भेजने का जिम्मा मसाजिद कमेटी के पास है. कमेटी भोपाल की 50, सीहोर में 30 व रायसेन जिले में 20 मस्जिदों को गोले भेजती है.  रमजान पर हर मस्जिद को करीब 60 गोले दिए जाते हैं. माहे रमजान में दागे जाने वाले गोले का खर्च मसाजिद कमेटी उठाती है. रमजान में इसे चलाने के लिए स्थानीय डीएम से खासतौर से लाइसेंस लिया जाता है. बताया जाता है कि रायसेन के किले में रखे पुराने तोप से ही सारे गोले दागे जाते हैं. इस तोप में आग के सहारे गोले दागे जाते हैं. तोप का मुंह आसमान की तरफ रखा जाता है ताकि किसी को नुकसान न हो. माहे रमजान में दागे जाने वाले गोले का खर्च मसाजिद कमेटी उठाती है. रमजान में इसे चलाने के लिए स्थानीय डीएम से खासतौर से लाइसेंस लिया जाता है. बताया जाता है कि रायसेन के किले में रखे पुराने तोप से ही सारे गोले दागे जाते हैं. इस तोप में आग के सहारे गोले दागे जाते हैं. तोप का मुंह आसमान की तरफ रखा जाता है ताकि किसी को नुकसान न हो.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: मध्य प्रदेश में रमजान पर इफ्तार-सहरी का वक्त बताने का है अनोखा तरीका मस्जिदों से तोप से गोले दागकर बताया जाता है इफ्तार-सहरी का समय इस साल रंगीन धुंआ निकलने वाले दागे जाएंगे गोले
32
['hin']
एक सारांश बनाओ: अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों ने बीसीसीआई द्वारा कुछ फोटो एजेंसियों पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हुई टेस्ट क्रिकेट शृंखला का बहिष्कार करने का फैसला किया। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों थामसन रायटर्स, एएफपी और एपी ने दौरे की रिपोर्ट और तस्वीरें जारी नहीं करने का फैसला किया है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय एजेंसी द प्रेस एसोसिएशन भी फोटो जारी नहीं करेगी। न्यूज मीडिया कोयलिशन (एनएमसी) द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया संगठनों के समूह एनएमसी ने कहा, गैट्टी इमेज, एक्शन इमेज और दो भारतीय फोटो एजेंसियों को रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसयों ने इस दौरे की तस्वीरें और रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है। इसने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा फोटो एजेंसियों पर रोक लगाए जाने के मायने हैं कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को प्रेस फोटोग्राफरों से इस शृंखला की बहुत कम तस्वीरें मिल सकेंगी। इसने आगे कहा, आमतौर पर एजेंसियां अपनी कवरेज के तहत हजारों तस्वीरें जारी करती हैं, जो क्रिकेटप्रेमियों और उत्साही प्रायोजकों के आनंद के लिए होती हैं। बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया। टिप्पणियां लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों थामसन रायटर्स, एएफपी और एपी ने दौरे की रिपोर्ट और तस्वीरें जारी नहीं करने का फैसला किया है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय एजेंसी द प्रेस एसोसिएशन भी फोटो जारी नहीं करेगी। न्यूज मीडिया कोयलिशन (एनएमसी) द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया संगठनों के समूह एनएमसी ने कहा, गैट्टी इमेज, एक्शन इमेज और दो भारतीय फोटो एजेंसियों को रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसयों ने इस दौरे की तस्वीरें और रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है। इसने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा फोटो एजेंसियों पर रोक लगाए जाने के मायने हैं कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को प्रेस फोटोग्राफरों से इस शृंखला की बहुत कम तस्वीरें मिल सकेंगी। इसने आगे कहा, आमतौर पर एजेंसियां अपनी कवरेज के तहत हजारों तस्वीरें जारी करती हैं, जो क्रिकेटप्रेमियों और उत्साही प्रायोजकों के आनंद के लिए होती हैं। बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया। टिप्पणियां लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया संगठनों के समूह एनएमसी ने कहा, गैट्टी इमेज, एक्शन इमेज और दो भारतीय फोटो एजेंसियों को रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसयों ने इस दौरे की तस्वीरें और रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है। इसने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा फोटो एजेंसियों पर रोक लगाए जाने के मायने हैं कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को प्रेस फोटोग्राफरों से इस शृंखला की बहुत कम तस्वीरें मिल सकेंगी। इसने आगे कहा, आमतौर पर एजेंसियां अपनी कवरेज के तहत हजारों तस्वीरें जारी करती हैं, जो क्रिकेटप्रेमियों और उत्साही प्रायोजकों के आनंद के लिए होती हैं। बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया। टिप्पणियां लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया। टिप्पणियां लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं। एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं।
संक्षिप्त पाठ: अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों ने बीसीसीआई द्वारा कुछ फोटो एजेंसियों पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हुई टेस्ट क्रिकेट शृंखला का बहिष्कार करने का फैसला किया।
30
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इन्फोसिस ने 31 मार्च 2012 को समाप्त चौथी तिमाही में 27.4 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,316 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। इन्फोसिस ने बीएसई को सूचित किया है कि जनवरी-मार्च 2010-11 में यह मुनाफा 1,818 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही दर तिमाही के आधार पर कंपनी के शुद्ध लाभ में हालांकि 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आमदनी 22 प्रतिशत बढ़कर 8,852 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल 7,250 करोड़ रुपये रही थी। इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा है, ‘‘आय में कमी के साथ हमारे लिए काफी कठिन तिमाही रही। वैश्विक मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव उद्योग के लिए चुनौती बना रहेगा।’’ कंपनी ने आने वाले समय में चुनौतियों के प्रति आगाह किया है। कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 21.88 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 8,316 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया जो पिछले वित्त वर्ष में 6,823 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य वित्त वर्ष में कंपनी की आय 22.66 प्रतिशत बढ़कर 33,734 करोड़ रुपये हो गई। टिप्पणियां इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। इन्फोसिस ने बीएसई को सूचित किया है कि जनवरी-मार्च 2010-11 में यह मुनाफा 1,818 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही दर तिमाही के आधार पर कंपनी के शुद्ध लाभ में हालांकि 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आमदनी 22 प्रतिशत बढ़कर 8,852 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल 7,250 करोड़ रुपये रही थी। इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा है, ‘‘आय में कमी के साथ हमारे लिए काफी कठिन तिमाही रही। वैश्विक मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव उद्योग के लिए चुनौती बना रहेगा।’’ कंपनी ने आने वाले समय में चुनौतियों के प्रति आगाह किया है। कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 21.88 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 8,316 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया जो पिछले वित्त वर्ष में 6,823 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य वित्त वर्ष में कंपनी की आय 22.66 प्रतिशत बढ़कर 33,734 करोड़ रुपये हो गई। टिप्पणियां इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आमदनी 22 प्रतिशत बढ़कर 8,852 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल 7,250 करोड़ रुपये रही थी। इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी बालाकृष्णन ने कहा है, ‘‘आय में कमी के साथ हमारे लिए काफी कठिन तिमाही रही। वैश्विक मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव उद्योग के लिए चुनौती बना रहेगा।’’ कंपनी ने आने वाले समय में चुनौतियों के प्रति आगाह किया है। कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 21.88 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 8,316 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया जो पिछले वित्त वर्ष में 6,823 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य वित्त वर्ष में कंपनी की आय 22.66 प्रतिशत बढ़कर 33,734 करोड़ रुपये हो गई। टिप्पणियां इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 21.88 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 8,316 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया जो पिछले वित्त वर्ष में 6,823 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य वित्त वर्ष में कंपनी की आय 22.66 प्रतिशत बढ़कर 33,734 करोड़ रुपये हो गई। टिप्पणियां इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। इसी तरह 31 मार्च 2012 तक कंपनी के पास 20,968 करोड़ रुपये की नकदी थी। आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 52 नए ग्राहक जोड़े। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में गोल्डमैन सॉक्स, बीटी ग्रुप, बीपी पीएलसी शामिल हैं। उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 1.49 लाख से अधिक हो ई। चौथी तिमाही में इसमें 4,906 की शुद्ध वृद्धि हुई। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं। कंपनी के निदेशक मंडल ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 22 रपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इसके अलावा दस रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश भी गई है। इन्फोसिस के बीपीओ परिचालन के दस साल पूरे हो रहे हैं।
इन्फोसिस ने 31 मार्च 2012 को समाप्त चौथी तिमाही में 27.4 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,316 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
34
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: रीयल एस्टेट कंपनी यूनिटेक का 30 सितंबर को समाप्त चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 46.80 प्रतिशत घटकर 49.19 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में उसने 92.46 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था। तिमाही के दौरान कंपनी की एकीकृत शुद्ध आय 20.54 फीसदी घटकर 539.83 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में 679.35 करोड़ रुपये थी। 30 सितंबर तक यूनिटेक पर कुल 5,566 करोड़ रुपये का कर्ज था। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में उसने 92.46 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था। तिमाही के दौरान कंपनी की एकीकृत शुद्ध आय 20.54 फीसदी घटकर 539.83 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में 679.35 करोड़ रुपये थी। 30 सितंबर तक यूनिटेक पर कुल 5,566 करोड़ रुपये का कर्ज था।
संक्षिप्त सारांश: रीयल एस्टेट कंपनी यूनिटेक का 30 सितंबर को समाप्त चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 46.80 प्रतिशत घटकर 49.19 करोड़ रुपये रहा है।
10
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: राजस्थान में गत शुक्रवार को संपन्न हुए निकाय चुनाव के परिणाम रविवार को घोषित कर दिए गए. नतीजों के अनुसार कांग्रेस ने 37 में से 19 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि बीजेपी को 10 सीटों पर संतोष करना पड़ा. 6 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे, जबकि दो सीटें बहुजन समाज पार्टी ने जीतीं. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नतीजों के अनुसार राजस्थान में 6 जिलों की सात नगरपालिका, सात वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य और 17 जिलों की 24 पंचायत समिति सदस्यों का उपचुनाव गत 5 अगस्त को हुआ एवं रविवार को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए गए. आयोग के अनुसार 6 जिलों के जिला परिषद सदस्यों के उपचुनाव में कांग्रेस ने 4 और बीजेपी तथा बसपा ने 1-1 सीट पर विजय हासिल की है. 24 पंचायत समिति के पंचायत सदस्यों के उपचुनाव में 13 सीटों पर कांग्रेस विजयी रही, जबकि बीजेपी ने 7 सीटों पर, निर्दलीयों ने 3, और बसपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज की. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज के उपचुनाव में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नतीजों के अनुसार राजस्थान में 6 जिलों की सात नगरपालिका, सात वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य और 17 जिलों की 24 पंचायत समिति सदस्यों का उपचुनाव गत 5 अगस्त को हुआ एवं रविवार को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए गए. आयोग के अनुसार 6 जिलों के जिला परिषद सदस्यों के उपचुनाव में कांग्रेस ने 4 और बीजेपी तथा बसपा ने 1-1 सीट पर विजय हासिल की है. 24 पंचायत समिति के पंचायत सदस्यों के उपचुनाव में 13 सीटों पर कांग्रेस विजयी रही, जबकि बीजेपी ने 7 सीटों पर, निर्दलीयों ने 3, और बसपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज की. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज के उपचुनाव में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आयोग के अनुसार 6 जिलों के जिला परिषद सदस्यों के उपचुनाव में कांग्रेस ने 4 और बीजेपी तथा बसपा ने 1-1 सीट पर विजय हासिल की है. 24 पंचायत समिति के पंचायत सदस्यों के उपचुनाव में 13 सीटों पर कांग्रेस विजयी रही, जबकि बीजेपी ने 7 सीटों पर, निर्दलीयों ने 3, और बसपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज की. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज के उपचुनाव में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज के उपचुनाव में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि यह जनादेश प्रदेशभर के विभिन्न जिलों का है, जिसमें शहरी और ग्रामीण आबादी का मत शामिल है, जो बताता है कि प्रदेश के गांवों और शहरों में बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: कांग्रेस ने 37 में से 19 सीटों पर जीत दर्ज की बीजेपी के खाते में सिर्फ 10 सीटें गईं बीजेपी के प्रति जनता में भारी असंतोष : सचिन पायलट
0
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त नकदी है, जो 30 दिसंबर के बाद भी उपलब्ध रहेगी. लेकिन क्या नोटबंदी के ऐलान वाले दिन यानी 8 नवंबर को भी हालात ऐसे ही थे? हकीकत में उस दिन नए नोटों का अनुपात रद्द किए गए नोटों की तुलना में एक-चौथाई से कम यानी सिर्फ 24.11% ही था. यही नहीं सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक उस दिन आरबीआई के पास 500 का एक भी नया नोट नहीं था.   वित्तमंत्री ने कहा है कि  "पूरी तैयारी के साथ यह फैसला लिया गया था. नोटबंदी की घोषणा के बाद एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ, जिस दिन आरबीआई ने बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से पर्याप्त धन की आपूर्ति न की हो." लेकिन जो आंकड़े आए हैं उन्हें देखकर लगता है कि नोटबंदी के दौरान बैंक और एटीएम के बाहर लंबी कतार का जिम्मेदार रिजर्व बैंक भी है. आरटीआई से मिले दस्तावेजों के मुताबिक 8 नवंबर को भारतीय रिजर्व बैंक के पास 10, 20, 50, 100, 500 और 1000 रुपए के कुल 23,93,753.39 करोड़ के नोट उपलब्ध थे, जिसमें 500 रुपये का एक भी नया नोट रिजर्व बैंक में मौजूद नहीं था. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के मुताबिक जो पुराना स्टॉक था उसमें करीब 24 लाख करोड़ रुपये की करेंसी उपलब्ध थी जिसमें 500-1000 रुपये के नोटों की कीमत 21 लाख करोड़ थी जिसकी वजह से लोगों की बहुत तकलीफ हुई. रद्दी नोटों के ऐवज़ में 2000 के नए छपे नोटों का मूल्य 4.95 लाख करोड़ था. यानी कहीं न कहीं लगभग डेढ़ महीने बाद भी अगर कतार छोटी नहीं हो रही तो उसकी बड़ी वजह बदइंतजामी भी है. आरटीआई से मिले आंकड़ों से साफ है कि अर्थव्यवस्था को लेकर इतना बड़ा कदम उठाने से पहले न तो पूरी स्थिति का आकलन किया गया और न ही समुचित उपाय. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के मुताबिक जो पुराना स्टॉक था उसमें करीब 24 लाख करोड़ रुपये की करेंसी उपलब्ध थी जिसमें 500-1000 रुपये के नोटों की कीमत 21 लाख करोड़ थी जिसकी वजह से लोगों की बहुत तकलीफ हुई. रद्दी नोटों के ऐवज़ में 2000 के नए छपे नोटों का मूल्य 4.95 लाख करोड़ था. यानी कहीं न कहीं लगभग डेढ़ महीने बाद भी अगर कतार छोटी नहीं हो रही तो उसकी बड़ी वजह बदइंतजामी भी है. आरटीआई से मिले आंकड़ों से साफ है कि अर्थव्यवस्था को लेकर इतना बड़ा कदम उठाने से पहले न तो पूरी स्थिति का आकलन किया गया और न ही समुचित उपाय.
सारांश: उस दिन आरबीआई के पास 500 का एक भी नया नोट नहीं था वहीं वित्तमंत्री ने कहा-पूरी तैयारी से लिया गया फैसला कतार छोटी न होने की वजह बदइंतजामी
20
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: ठीक किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी की तरह असल जिंदगी में भी बेहद नाटकीय रूप से 60 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला 28 साल के अंतराल के बाद गुरुवार को अपनी दो बेटियों से मिली। यह मिलन हैदराबाद पुलिस (दक्षिण क्षेत्र) के डीसीपी सत्यनारायण और हैदराबाद की कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिए संभव हो पाया। हैदराबाद के संतोष नगर की रहने वाली नाजिया बेगम का निकाह पुराने शहर में काजी के दफ्तर में संयुक्त अरब अमीरात के रहने वाले राशिद ईद ओबैद रिफक मासमारी से 1981 में हुआ था। पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार, शादी के बाद अपने पति के साथ संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा सूबे में चार साल रहने के दौरान नाजिया को दो बेटियां आयशा राशिद ईद ओबैद उर्फ कनू राशिद और फातिमा राशिद ईद ओबैद हुईं।टिप्पणियां बहरहाल, राशिद ने नाजिया को तलाक दे दिया जिसके बाद वह अपनी बेटियों के बगैर भारत वापस लौट आई और अब 28 साल बाद आयशा और फातिमा इसी साल जनवरी में अपनी मां को ढूंढती हुईं हैदराबाद आई थीं जहां उन्होंने सत्यनारायण से मदद के लिए सम्पर्क किया। जिसे अंतत: पुलिस ने ढूंढ निकाला। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हैदराबाद के संतोष नगर की रहने वाली नाजिया बेगम का निकाह पुराने शहर में काजी के दफ्तर में संयुक्त अरब अमीरात के रहने वाले राशिद ईद ओबैद रिफक मासमारी से 1981 में हुआ था। पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार, शादी के बाद अपने पति के साथ संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा सूबे में चार साल रहने के दौरान नाजिया को दो बेटियां आयशा राशिद ईद ओबैद उर्फ कनू राशिद और फातिमा राशिद ईद ओबैद हुईं।टिप्पणियां बहरहाल, राशिद ने नाजिया को तलाक दे दिया जिसके बाद वह अपनी बेटियों के बगैर भारत वापस लौट आई और अब 28 साल बाद आयशा और फातिमा इसी साल जनवरी में अपनी मां को ढूंढती हुईं हैदराबाद आई थीं जहां उन्होंने सत्यनारायण से मदद के लिए सम्पर्क किया। जिसे अंतत: पुलिस ने ढूंढ निकाला। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार, शादी के बाद अपने पति के साथ संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा सूबे में चार साल रहने के दौरान नाजिया को दो बेटियां आयशा राशिद ईद ओबैद उर्फ कनू राशिद और फातिमा राशिद ईद ओबैद हुईं।टिप्पणियां बहरहाल, राशिद ने नाजिया को तलाक दे दिया जिसके बाद वह अपनी बेटियों के बगैर भारत वापस लौट आई और अब 28 साल बाद आयशा और फातिमा इसी साल जनवरी में अपनी मां को ढूंढती हुईं हैदराबाद आई थीं जहां उन्होंने सत्यनारायण से मदद के लिए सम्पर्क किया। जिसे अंतत: पुलिस ने ढूंढ निकाला। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बहरहाल, राशिद ने नाजिया को तलाक दे दिया जिसके बाद वह अपनी बेटियों के बगैर भारत वापस लौट आई और अब 28 साल बाद आयशा और फातिमा इसी साल जनवरी में अपनी मां को ढूंढती हुईं हैदराबाद आई थीं जहां उन्होंने सत्यनारायण से मदद के लिए सम्पर्क किया। जिसे अंतत: पुलिस ने ढूंढ निकाला। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
1981 में महिला की अरब अमीरात में रहने वाले व्यक्ति से हुई थी शादी। शादी के बाद चार साल पति के साथ रहने के दौरान महिला की दो बेटियां हुईं। पति से तलाक के बाद बेटियों को वहीं छोड़ हैदराबाद वापस आ गई थी महिला।
6
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग तथा आनंद विभाग को शामिल करते हुए नवगठित होने जा रहे इस प्रस्तावित अध्यात्म विभाग में धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व संचालनालय, तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण ,मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालनालय और राज्य आनंद संस्थान समाहित होंगे।@JansamparkMP आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डॉ. विजय लक्ष्मी साधो को संस्कृति, चिकित्सा शिक्षा तथा आयुष विभाग का दायित्व सौंपा है. सज्जन सिंह वर्मा को लोक निर्माण तथा पर्यावरण विभाग आवंटित किए गए है. हुकुम सिंह कराड़ा जल संसाधन विभाग का दायित्व सम्भालेंगे. डॉ. गोविन्द सिंह को साहकारिता विभाग तथा संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि बाला बच्चन को गृह तथा जेल विभाग सौंपा गया है वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी संबद्ध रहेंगे.  मंत्रिमंडल में आरिफ अकील को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग आवंटित किये गये है. बृजेन्द्र सिंह राठौर को वाणिज्य कर विभाग सौंपा गया है. मंत्रिमंडल में शामिल एकमात्र निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को खनिज साधन विभाग आवंटित किया गया है. लाखन सिंह यादव को पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग का दायित्व सम्भालेंगे. तुलसी सिलावट लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनाये गये है. गोविन्द सिंह राजपूत राजस्व तथा परिवहन विभाग का दायित्व सम्भालेंगे.  इमरती देवी को महिला एवं बाल विकास विभाग आवंटित किया गया है. ओमकार सिंह मरकाम जनजातीय कार्य विभाग, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग मंत्री होंगे. प्रभुराम चौधरी स्कूल शिक्षा मंत्री बनाये गये है. प्रियव्रत सिंह को ऊर्जा विभाग आवंटित किया गया है. सुखदेव पांसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री होंगे. उमंग सिंघार वन मंत्री बनाये गये है. हर्ष यादव को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग तथा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग आवंटित किया गया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री होंगे. जीतू पटवारी को खेल एवं युवा कल्याण तथा उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया है.  कमलेश्वर पटेल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री बनाये गये है तथा लखन घनघोरिया सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग तथा अनुसूचित जाति कल्याण का दायित्व सम्भालेंगे. महेन्द्र सिंह सिसोदिया श्रम मंत्री होंगे. पी.सी. शर्मा विधि एवं विधायी कार्य विभाग के मंत्री बनाये गये है वे मुख्यमंत्री से भी संबद्ध रहेंगे. प्रद्यूम्न सिंह तोमर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री होंगे. पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के छोटे भाई सचिन सुभाष यादव को किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का दायित्व सौंपा गया है. सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल को नर्मदा घाटी विकास विभाग तथा पर्यटन विभाग आवंटित किये गये है और तरूण भनोट को वित्त विभाग तथा योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग सौंपा गया है.
यहाँ एक सारांश है:112 पेज के घोषणा पत्र में किया था वादा कई मंत्रालयों का किया जाएगा विलय देश में पहली बार बना था खुशहाल मंत्रालय
17
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: उधर, महाराष्ट्र से खबर है कि सरकार नग़द में तनख्वाह के पक्ष में नहीं है. सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह उनके बैंक अकाउंट में ही जमा होगी. सरकार ने नग़द में तनख्वाह देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. बता दें कि महाराष्ट्र में 14 लाख सरकारी कर्मचारी हैं. तनख्वाह के रूप में सरकार को साढ़े सात हजार करोड़ रुनग़द में देने होते. बता दें कि सातवें वेतन आयोग में कथित अनियमितताओं से लड़ने के लिए बने केंद्रीय कर्मचारियों के संयुक्त संघ एनसीजेसीएम ने सरकार से मांग की थी कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को नंवबर और दिसंबर का वेतन नकद दिया जाए. सरकार ने इस मांग पर गौर किया और जरूरी आदेश जारी कर दिए. 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी के बारे में एनसीजेसीएम के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने बताया था कि देश के हालात को देखते हुए पीएम मोदी और कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर यह मांग की गई.टिप्पणियां अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे. बता दें कि सातवें वेतन आयोग में कथित अनियमितताओं से लड़ने के लिए बने केंद्रीय कर्मचारियों के संयुक्त संघ एनसीजेसीएम ने सरकार से मांग की थी कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को नंवबर और दिसंबर का वेतन नकद दिया जाए. सरकार ने इस मांग पर गौर किया और जरूरी आदेश जारी कर दिए. 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी के बारे में एनसीजेसीएम के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने बताया था कि देश के हालात को देखते हुए पीएम मोदी और कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर यह मांग की गई.टिप्पणियां अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे. 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी के बारे में एनसीजेसीएम के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने बताया था कि देश के हालात को देखते हुए पीएम मोदी और कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर यह मांग की गई.टिप्पणियां अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे. अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे. संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे.
संक्षिप्त पाठ: नोटबंदी के बाद सरकार की तैयारी नाकाफी साबित हुई है. देश के आम नागरिक इस नोटबंदी से परेशान हैं सरकारी कर्मचारी और पेंशनरों को भी इसी समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है.
27
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में बलात्कार की त्रासदी झेल रही एक बच्ची की विडम्बना जाहिर करती एक घटना में उस लड़की को स्कूल में दाखिला सिर्फ इसलिए नहीं दिया गया, क्योंकि उसकी जिन्दगी पर किसी की ज्यादती का ‘दाग’ लगा हुआ है और उसकी मौजूदगी से स्कूल का माहौल ‘खराब’ होगा। जिले के शेरकोट थाना क्षेत्र स्थित हाफिजाबाद बिहारीपुर गांव में गत अप्रैल माह में चार युवकों की हवस का शिकार हुई एक नाबालिग लड़की को ग्रामीणों के दबाव के चलते स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया। उस जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक खालिद हुसैन ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने बलात्कार पीड़ित उस लड़की को स्कूल में दाखिला दिया तो वे अपने बच्चों का स्कूल से नाम कटवा देंगे।टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों ने पंचायत की थी, जिसमें यह आमराय बनी थी कि बलात्कार पीड़ित लड़की को दाखिला देने से स्कूल का माहौल खराब होगा और उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। पंचायत के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखित चेतावनी जारी की गई थी। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। जिले के शेरकोट थाना क्षेत्र स्थित हाफिजाबाद बिहारीपुर गांव में गत अप्रैल माह में चार युवकों की हवस का शिकार हुई एक नाबालिग लड़की को ग्रामीणों के दबाव के चलते स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया। उस जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक खालिद हुसैन ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने बलात्कार पीड़ित उस लड़की को स्कूल में दाखिला दिया तो वे अपने बच्चों का स्कूल से नाम कटवा देंगे।टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों ने पंचायत की थी, जिसमें यह आमराय बनी थी कि बलात्कार पीड़ित लड़की को दाखिला देने से स्कूल का माहौल खराब होगा और उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। पंचायत के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखित चेतावनी जारी की गई थी। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। उस जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक खालिद हुसैन ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने बलात्कार पीड़ित उस लड़की को स्कूल में दाखिला दिया तो वे अपने बच्चों का स्कूल से नाम कटवा देंगे।टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों ने पंचायत की थी, जिसमें यह आमराय बनी थी कि बलात्कार पीड़ित लड़की को दाखिला देने से स्कूल का माहौल खराब होगा और उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। पंचायत के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखित चेतावनी जारी की गई थी। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों ने पंचायत की थी, जिसमें यह आमराय बनी थी कि बलात्कार पीड़ित लड़की को दाखिला देने से स्कूल का माहौल खराब होगा और उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। पंचायत के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक को लिखित चेतावनी जारी की गई थी। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। इस बारे में संबंधित तहसील के उप-जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बलात्कार पीड़ित लड़की को स्कूल में दाखिला देने से इनकार किया जाना गंभीर अपराध है और इसके दोषी सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: बिजनौर जिले में चार युवकों की हवस का शिकार हुई एक नाबालिग लड़की को ग्रामीणों के दबाव के चलते स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया।
11
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: एक बिल्ली के चलते इंग्लैंड की पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. न्यूपोर्ट ओरेगन पुलिस को सूचना मिली कि शहर के एक पेड़ पर एक संदिग्ध राइफल लेकर पोजिशन लिए हुए है. यह खबर मिलते ही पुलिस पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंची. यहां आकर जब नजदीक से देखा तो पता चला कि यह संदिग्ध कोई इंसान नहीं, बल्कि बिल्ली है. यह बिल्ली राइफल लेकर पेड़ पर चढ़ गई थी. वह राइफल को इस तरह से पकड़े हुई थी मानों वह पूरी तरीके से ट्रेंड हो. मिरर की खबर के मुताबिक सफेद और काले रंग की यह बिल्ली अपने पंजे में राइफल को दबाए पत्तों के बीच में बैठी थी. Newport Oregon Police Department ने इस तस्वीर को फेसबुक पर पोस्ट किया है.टिप्पणियां पुलिस ने बताया, स्थानीय न्यूज स्टेशन (KATU) ने बिल्ली के इस पोज की तस्वीर लेकर पुलिस को भेजा था. इसके बाद पुलिस ने इलाके के लोगों को सतर्क कर दिया गया. 25 अप्रैल को पोस्ट किए गए इस तस्वीर को अब तक 3,164  लोग शेयर कर चुके हैं. पहली नजर में अगर आप भी इस तस्वीर को देखेंगे तो शायद घबरा जाएं. यह बिल्ली जिस तरह से अपने पंजों में राइफल को लिए हुए है, ऐसा लग रहा है मानो उसे किसी ने ट्रेनिंग दी हो. मालूम हो कि बाज के जरिए पहले भी दुश्मनों पर बम गिराने की घटनाएं होती रही हैं. पुलिस ने बताया, स्थानीय न्यूज स्टेशन (KATU) ने बिल्ली के इस पोज की तस्वीर लेकर पुलिस को भेजा था. इसके बाद पुलिस ने इलाके के लोगों को सतर्क कर दिया गया. 25 अप्रैल को पोस्ट किए गए इस तस्वीर को अब तक 3,164  लोग शेयर कर चुके हैं. पहली नजर में अगर आप भी इस तस्वीर को देखेंगे तो शायद घबरा जाएं. यह बिल्ली जिस तरह से अपने पंजों में राइफल को लिए हुए है, ऐसा लग रहा है मानो उसे किसी ने ट्रेनिंग दी हो. मालूम हो कि बाज के जरिए पहले भी दुश्मनों पर बम गिराने की घटनाएं होती रही हैं. 25 अप्रैल को पोस्ट किए गए इस तस्वीर को अब तक 3,164  लोग शेयर कर चुके हैं. पहली नजर में अगर आप भी इस तस्वीर को देखेंगे तो शायद घबरा जाएं. यह बिल्ली जिस तरह से अपने पंजों में राइफल को लिए हुए है, ऐसा लग रहा है मानो उसे किसी ने ट्रेनिंग दी हो. मालूम हो कि बाज के जरिए पहले भी दुश्मनों पर बम गिराने की घटनाएं होती रही हैं.
यहाँ एक सारांश है:इंग्लैंड के न्यूपोर्ट ओरेगन में राइफल लेकर पेड़ पर चढ़ी बिल्ली न्यूपोर्ट ओरेगन पुलिस को सूचना मिलते ही हाथ-पांव फूले पुलिस ने फेसबुक पर शेयर की यह तस्वीर
18
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: ब्लू व्हेल गेम का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. मदुरई के रहने वाले 73 साल के एडवोकेट पोन्नियम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि कोर्ट जानलेवा ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाए. पोन्नियम ने अपनी याचिका में कहा है कि ब्लू व्हेल गेम को लेकर अलग-अलग अदालतों में मुकदमे चल रहे हैं लेकिन अभी तक इस पर रोक नही लग पाई है. जिसकी वजह से बच्चों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पढ़ें: खूनी खेल 'ब्लू व्हेल चैलेंज' के बचने के लिए ले सकते हैं हेल्पलाइन की मदद पोन्नियम ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि कोर्ट सभी राज्य सरकारों को आदेश दे कि वे लोगों के बीच इस खेल को लेकर सामाजिक जागरुकता फैलाएं. पढ़ें: रोते हुए बोली ब्लू व्हेल गेम की शिकार लड़की, मैं झील में नहीं कूदी तो मेरी मम्मी मर जाएगीटिप्पणियां एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. पढ़ें: खूनी खेल 'ब्लू व्हेल चैलेंज' के बचने के लिए ले सकते हैं हेल्पलाइन की मदद पोन्नियम ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि कोर्ट सभी राज्य सरकारों को आदेश दे कि वे लोगों के बीच इस खेल को लेकर सामाजिक जागरुकता फैलाएं. पढ़ें: रोते हुए बोली ब्लू व्हेल गेम की शिकार लड़की, मैं झील में नहीं कूदी तो मेरी मम्मी मर जाएगीटिप्पणियां एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. पोन्नियम ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि कोर्ट सभी राज्य सरकारों को आदेश दे कि वे लोगों के बीच इस खेल को लेकर सामाजिक जागरुकता फैलाएं. पढ़ें: रोते हुए बोली ब्लू व्हेल गेम की शिकार लड़की, मैं झील में नहीं कूदी तो मेरी मम्मी मर जाएगीटिप्पणियां एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. पढ़ें: रोते हुए बोली ब्लू व्हेल गेम की शिकार लड़की, मैं झील में नहीं कूदी तो मेरी मम्मी मर जाएगीटिप्पणियां एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. एक ऐसा ही मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है जिसमें ब्लू व्हेल गेम पर रोक लगाने की मांग की गई है. गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए. इस गेम के ऑनलाइन लिंक को गूगल, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से हटाने के लिए मांग भी की गई है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है. ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में कुछ चैलेंज को पूरा करने के टास्क दिए जाते हैं जिसमें अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड जैसा चैलेंज दिया जाता है.
तमिलनाडु के वकील ने सुप्रीम कोर्ट ने दायर की अपील दिल्ली हाईकोर्ट में भी लंबित है गेम पर रोक का मामला बढ़ता ही जा रहा है देश में इस खूनी खेल का असर
28
['hin']
एक सारांश बनाओ: दक्षिण-पश्चिम कोलंबिया के एंडीज पर्वत क्षेत्र में में 7.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। अमेरिकी जिओलॉजिकल सर्वे का कहना है कि कोलंबिया के शहर ला वेगा के करीब 20 किलोमीटर पूर्व में अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शाम चार बजकर 31 मिनट पर भूकंप आया।टिप्पणियां कोलंबिया में भी नेशनल सिस्मोलॉजीकल नेटवर्क ने भी इसी तीव्रता के भूकंप की पुष्टि करते हुए कहा है कि भूकंप का केन्द्र 169 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के बाद कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई है। अभी जानमाल के नुकसान की भी कोई खबर नहीं है। अमेरिकी जिओलॉजिकल सर्वे का कहना है कि कोलंबिया के शहर ला वेगा के करीब 20 किलोमीटर पूर्व में अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शाम चार बजकर 31 मिनट पर भूकंप आया।टिप्पणियां कोलंबिया में भी नेशनल सिस्मोलॉजीकल नेटवर्क ने भी इसी तीव्रता के भूकंप की पुष्टि करते हुए कहा है कि भूकंप का केन्द्र 169 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के बाद कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई है। अभी जानमाल के नुकसान की भी कोई खबर नहीं है। कोलंबिया में भी नेशनल सिस्मोलॉजीकल नेटवर्क ने भी इसी तीव्रता के भूकंप की पुष्टि करते हुए कहा है कि भूकंप का केन्द्र 169 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के बाद कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई है। अभी जानमाल के नुकसान की भी कोई खबर नहीं है। भूकंप के बाद कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई है। अभी जानमाल के नुकसान की भी कोई खबर नहीं है।
संक्षिप्त सारांश: अमेरिकी जिओलॉजिकल सर्वे का कहना है कि कोलंबिया के शहर ला वेगा के करीब 20 किलोमीटर पूर्व में अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शाम चार बजकर 31 मिनट पर भूकंप आया।
8
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से इस मुद्दे पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द बनाए रखने को कहा. इस बारे में सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद की एक बैठक में पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा कि देश में सौहार्द बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है. उन्होंने इस मुद्दे पर अनावश्यक बयानबाजी से बचने को कहा. गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले में इससे पहले अपना फैसला सुना सकता है. वहीं मंत्रिपरिषद की बैठक में मोदी ने जोर देते हुए कहा कि फैसले को हार-जीत के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. बता दें, पीएम मोदी के इस बयान से पहले सत्तारूढ़ भाजपा ने भी अपने कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं से राम मंदिर मुद्दे पर भावनात्मक या उकसाने वाले बयान देने से बचने के लिए कहा था. पार्टी ने शांति कायम रखने के लिए अपने सांसदों से अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में जाने को भी कहा था. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने भी कुछ दिन पहले अपने स्वयंसेवकों से इसी तरह की अपील की थी. संघ के शीर्ष नेतृत्व ने ‘प्रचारकों' की हालिया बैठक में कहा था कि अगर राम मंदिर का फैसला उनके पक्ष में आया, तो वे ना ही कोई जश्न मनाएं और ना ही जुलूस निकालें. बता दें, संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरूओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और उस दौरान इस बात पर ज़ोर दिया गया कि शीर्ष न्यायालय का फैसला चाहे जो भी हो न तो कोई "जूनूनी जश्न" होना चाहिए और न ही "हार का हंगामा हो." केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर यह बैठक हुई थी.
संक्षिप्त पाठ: अनावश्यक बयान देने से बचने बचें मंत्री मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम मोदी ने सौहार्द बनाए रखने को कहा 17 तारीख से पहले आ सकता है फैसला
27
['hin']
एक सारांश बनाओ: रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) आज सुप्रीम कोर्ट पहुंची। प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज शीघ्र सुनवाई के लिए इस याचिका का उल्लेख किया गया। खंडपीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति हो गई और इसे सुनवाई हेतु एक ‘‘उचित पीठ’’ के समक्ष 24 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में मुकदमे का सामना कर रही रिलायंस टेलीकॉम लि. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था। निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज शीघ्र सुनवाई के लिए इस याचिका का उल्लेख किया गया। खंडपीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति हो गई और इसे सुनवाई हेतु एक ‘‘उचित पीठ’’ के समक्ष 24 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में मुकदमे का सामना कर रही रिलायंस टेलीकॉम लि. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था। निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में मुकदमे का सामना कर रही रिलायंस टेलीकॉम लि. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था। निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरूरी है, क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है।टिप्पणियां आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है। रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: रिलायंस टेलीकॉम लि. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था।
32
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: अर्जेन्टीना के कार्डिनल जॉर्ज मारियो बरगोगलियो को रोमन कैथोलिक ईसाई समुदाय के नए पोप के रूप में चुना गया है। मारियो कैथोलिक चर्च के पोप चुने जाने वाले पहले लैटिन अमेरिकी नागरिक व 266वें पोप हैं। उन्हे पोप फ्रांसिस प्रथम के नाम से बुलाया जाएगा। बुधवार की रात नए पोप के पद के लिए हुए मतदान के परिणाम के बाद ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप 76-वर्षीय मारियो ने सिस्टीन चैपल की बाल्कनी में आकर सेंट पीटर्स स्क्वायर पर एकत्र भीड़ का अभिवादन किया, आशीर्वाद दिया और उनसे अपने लिए प्रार्थना करने को कहा। इससे पहले सिस्टीन चैपल की चिमनी से निकलने वाले सफेद धुएं और चर्च की घंटी ने नया पोप चुने की सूचना दी। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, मारियो पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के उत्तराधिकारी के रूप में पोप के पद के लिए चुने गए हैं। कैथोलिक समुदाय के सर्वप्रमुख धर्मगुरु के पद पर पहुंचने वाले वह पहले येसुसमाजी हैं।टिप्पणियां नए पोप के पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद कार्डिनल मारियो ने ट्विटर पर लिखा, "पोप चुना जाना मेरे लिए खुशी की बात है, पोप फ्रांसिस प्रथम।" वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे। बुधवार की रात नए पोप के पद के लिए हुए मतदान के परिणाम के बाद ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप 76-वर्षीय मारियो ने सिस्टीन चैपल की बाल्कनी में आकर सेंट पीटर्स स्क्वायर पर एकत्र भीड़ का अभिवादन किया, आशीर्वाद दिया और उनसे अपने लिए प्रार्थना करने को कहा। इससे पहले सिस्टीन चैपल की चिमनी से निकलने वाले सफेद धुएं और चर्च की घंटी ने नया पोप चुने की सूचना दी। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, मारियो पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के उत्तराधिकारी के रूप में पोप के पद के लिए चुने गए हैं। कैथोलिक समुदाय के सर्वप्रमुख धर्मगुरु के पद पर पहुंचने वाले वह पहले येसुसमाजी हैं।टिप्पणियां नए पोप के पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद कार्डिनल मारियो ने ट्विटर पर लिखा, "पोप चुना जाना मेरे लिए खुशी की बात है, पोप फ्रांसिस प्रथम।" वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे। इससे पहले सिस्टीन चैपल की चिमनी से निकलने वाले सफेद धुएं और चर्च की घंटी ने नया पोप चुने की सूचना दी। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, मारियो पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के उत्तराधिकारी के रूप में पोप के पद के लिए चुने गए हैं। कैथोलिक समुदाय के सर्वप्रमुख धर्मगुरु के पद पर पहुंचने वाले वह पहले येसुसमाजी हैं।टिप्पणियां नए पोप के पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद कार्डिनल मारियो ने ट्विटर पर लिखा, "पोप चुना जाना मेरे लिए खुशी की बात है, पोप फ्रांसिस प्रथम।" वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे। नए पोप के पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद कार्डिनल मारियो ने ट्विटर पर लिखा, "पोप चुना जाना मेरे लिए खुशी की बात है, पोप फ्रांसिस प्रथम।" वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे। वर्ष 2005 में जब बेनेडिक्ट 16वें को पोप चुना गया था, तब बरगोगलियो दूसरे स्थान पर रहे थे। पोप फ्रांसिस प्रथम ने अपना जीवन अर्जेंटीना में गुजारा है, जहां वह विभिन्न चर्चों की देख-रेख करते रहे।
संक्षिप्त पाठ: मारियो कैथोलिक चर्च के पोप चुने जाने वाले पहले लैटिन अमेरिकी नागरिक व 266वें पोप हैं। उन्हे पोप फ्रांसिस प्रथम के नाम से बुलाया जाएगा।
27
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: असम में हुए दंगों के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से दो लोगों की मौत हो गई और कम से कम 16 लोग घायल हो गए जबकि प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के वैन समेत वाहनों में आग लगा दी और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई। असम की हिंसा और पड़ोसी म्यांमार में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित हमलों की निंदा के लिए शहर के एक संगठन रजा अकादमी के आह्वान पर दोपहर में बड़ी संख्या में लोग दक्षिण-मुंबई स्थित आजाद मैदान में इकट्ठा हो गए।टिप्पणियां आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक हुड़दंग मचाने लगे। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई। असम की हिंसा और पड़ोसी म्यांमार में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित हमलों की निंदा के लिए शहर के एक संगठन रजा अकादमी के आह्वान पर दोपहर में बड़ी संख्या में लोग दक्षिण-मुंबई स्थित आजाद मैदान में इकट्ठा हो गए।टिप्पणियां आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक हुड़दंग मचाने लगे। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है। असम की हिंसा और पड़ोसी म्यांमार में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित हमलों की निंदा के लिए शहर के एक संगठन रजा अकादमी के आह्वान पर दोपहर में बड़ी संख्या में लोग दक्षिण-मुंबई स्थित आजाद मैदान में इकट्ठा हो गए।टिप्पणियां आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक हुड़दंग मचाने लगे। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है। आजाद मैदान में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रदर्शनकारी अचानक हुड़दंग मचाने लगे। उन्होंने वाहनों को आग लगा दी। बसों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और लाठी चार्ज किया। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है। आजाद मैदान मुंबई नगर निगम के मुख्यालय और सीएसटी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। इस घटना के बाद इलाका खाली हो गया जबकि पुलिस ने इलाके को घेर लिया और सड़कों पर गश्त लगा रही है।
असम में हुए दंगों के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से दो लोगों की मौत हो गई और कम से कम 16 लोग घायल हो गए जबकि प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के वैन समेत वाहनों में आग लगा दी और पत्थर फेंके।
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाने की घटनाओं में शामिल 43 लोगों की पुलिस ने शिनाख्त कर ली है और करीब दो दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है. ये बातें उस हलफनामे में दर्ज हैं, जो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाईकोर्ट को सौंपा है. इस हलफनामे में ये भी लिखा गया है कि स्कूलों में परीक्षा तय समय यानी 14 नवंबर से शुरू होगी और इसके लिए सभी इंतजाम किए जा चुके हैं. वैसे शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर में एक स्कूल को जला दिया गया. यानी बीते दो महीनों में जब 30 से ज़्यादा स्कूल जल गए, तब राज्य प्रशासन हरकत में आया है. बताया जा रहा है कि इस मामले में अब तक दो दर्जन लोग गिरफ़्तार भी किए गए हैं. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 14 नवंबर से होने वाले इम्तिहानों की तैयारी कर ली है. संवेदनशील इलाकों में उन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सुरक्षा दी जाएगी. कई स्कूलों में पुलिस पेट्रोलिंग के जरिये सुरक्षा की निगरानी होगी. यही नहीं गांव समितियों और मोहल्ला कमेटियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने इलाके के स्कूलों का ख्याल रखें.टिप्पणियां प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा. वैसे शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर में एक स्कूल को जला दिया गया. यानी बीते दो महीनों में जब 30 से ज़्यादा स्कूल जल गए, तब राज्य प्रशासन हरकत में आया है. बताया जा रहा है कि इस मामले में अब तक दो दर्जन लोग गिरफ़्तार भी किए गए हैं. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 14 नवंबर से होने वाले इम्तिहानों की तैयारी कर ली है. संवेदनशील इलाकों में उन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सुरक्षा दी जाएगी. कई स्कूलों में पुलिस पेट्रोलिंग के जरिये सुरक्षा की निगरानी होगी. यही नहीं गांव समितियों और मोहल्ला कमेटियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने इलाके के स्कूलों का ख्याल रखें.टिप्पणियां प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 14 नवंबर से होने वाले इम्तिहानों की तैयारी कर ली है. संवेदनशील इलाकों में उन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सुरक्षा दी जाएगी. कई स्कूलों में पुलिस पेट्रोलिंग के जरिये सुरक्षा की निगरानी होगी. यही नहीं गांव समितियों और मोहल्ला कमेटियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने इलाके के स्कूलों का ख्याल रखें.टिप्पणियां प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा. प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा. वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा.
संक्षिप्त सारांश: स्कूलों को जलाने के मामलों में पुलिस ने 43 लोगों की शिनाख्त की है संवेदनशील इलाकों में स्कूलों को विशेष सुरक्षा दी जाएगी गांव समितियां, मोहल्ला कमेटियां भी इलाके के स्कूलों का रखेंगे ख्याल
0
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: कार खरीदने के इच्छुक लोगों को अगले साल से अधिक कीमत देने के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि कार कंपनियों ने दाम बढ़ाने का फैसला किया है। मारुति सुजुकी इंडिया ने इस दिशा में सबसे पहले कदम उठाया है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने कहा कि वह अपनी कारों की कीमत 20,000 रुपये तक बढ़ाएगी। टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि वह भी अपनी सभी कारों की कीमत एक से दो फीसदी तक बढ़ाएगी। अन्य कंपनियां होंडा कार्स इंडिया और फोक्सवैगन इंडिया ने कहा कि वे भी ऐसी पहल पर विचार कर रही हैं, लेकिन इससे जुड़ी बारीकियों को अभी अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। कंपनियों ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर उनके मार्जिन पर बढ़ रहे दबाव के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने कहा कि वह अपनी कारों की कीमत 20,000 रुपये तक बढ़ाएगी। टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि वह भी अपनी सभी कारों की कीमत एक से दो फीसदी तक बढ़ाएगी। अन्य कंपनियां होंडा कार्स इंडिया और फोक्सवैगन इंडिया ने कहा कि वे भी ऐसी पहल पर विचार कर रही हैं, लेकिन इससे जुड़ी बारीकियों को अभी अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। कंपनियों ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर उनके मार्जिन पर बढ़ रहे दबाव के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। अन्य कंपनियां होंडा कार्स इंडिया और फोक्सवैगन इंडिया ने कहा कि वे भी ऐसी पहल पर विचार कर रही हैं, लेकिन इससे जुड़ी बारीकियों को अभी अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। कंपनियों ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर उनके मार्जिन पर बढ़ रहे दबाव के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। कंपनियों ने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर उनके मार्जिन पर बढ़ रहे दबाव के कारण ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) मयंक परीख ने कहा, हमारी कारों की कीमत बढ़ेगी। बढ़ोतरी कारों के मॉडल पर निर्भर करेगी, लेकिन यह 20,000 रुपये तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण मार्जिन पर दबाव के मद्देनजर यह पहल की गई है। कंपनी फिलहाल मारुति 800 से लेकर आयातित कार किजाशी तक 2.09 लाख रुपये से लेकर 17.52 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। टिप्पणियां टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। टोयोटा किलरेस्कर मोटर ने कहा कि 1 जनवरी से वह अपनी कारों की कीमत में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी। टीकेएम 4.44 लाख रुपये की एटियोस लिवा से लेकर 99.27 लाख रुपये तक की लैंड क्रूजर बेचती है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है। होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा कि वह कारों की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी इस पर विचार किया जा रहा है।
संक्षिप्त सारांश: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा कि रुपये में उतार-चढ़ाव से मार्जिन पर दबाव के कारण वह अगले महीने से अपनी सभी तरह की कारों की कीमत बढ़ाएगी। यह वृद्धि 20,000 रुपये तक हो सकती है।
23
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अपने संगठन में अनियमितता होने के आरोपों का सामना कर रहीं टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने जनलोकपाल आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही आलोचना से व्यथित होकर कहा है कि अगर लगे तो हममें से कुछ को फांसी पर चढ़ा दीजिए। खुद को आमंत्रित करने वाले संस्थानों से अधिक यात्रा खर्च लेने के आरोपों का सामना कर रहीं किरण ने कहा, हजारे पक्ष के लगभग हर सदस्य को बदनाम करने की प्रवृत्ति बन गई है। उन्होंने कहा कि हजारे जनलोकपाल विधेयक को संसद में पारित कराने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ मतदाताओं को जागरुक बनाते हुए राष्ट्रहित की आवाज उठाने की कीमत चुका रहा है। किरण के अलावा अरविंद केजरीवाल पर स्वामी अग्निवेश ने हजारे के आंदोलन में मिली दानराशि के संबंध में अनियमितता बरतने के आरोप लगाए हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि इससे यही बात रेखांकित होती है कि हमें संसद के शीतकालीन सत्र पर ध्यान केंद्रित रखने और जनलोकपाल विधेयक का पारित होना सुनिश्चित कराने की जरूरत है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, इसके बाद अगर लगे तो हममें से कुछ को फांसी पर चढ़ा दीजिए। अगर गरीबों के लिए बचत करने के मेरे तरीके गलत हैं, तो मुझे दंड मिलना चाहिए। वही लोकपाल मुझे दंडित करेगा। जानबूझकर दूसरी ओर ध्यान बंटाया जा रहा है।
संक्षिप्त सारांश: किरण बेदी ने जनलोकपाल आंदोलन से जुड़े लोगों की लगातार आलोचना से व्यथित होकर कहा कि अगर लगे तो हममें से कुछ को फांसी पर चढ़ा दीजिए।
29
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: विश्व के सर्वोच्च वरीयता प्राप्त सर्बियाई टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविक के लिए वर्ष 2011 अविस्मरणीय रहा। जोकोविक ने हर लिहाज से इस वर्ष खुद को टेनिस का 'किंग' साबित किया। जोकोविक ने मौजूदा वर्ष में चार में से तीन ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए। इसके अलावा उन्होंने पांच मास्टर्स खिताब जीते और विश्व के सर्वोच्च खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। मौजूदा वर्ष जोकोविक के लिए बेहतरीन रहा। इस दौरान उनका जीत-हार का रिकॉर्ड 70-6 रहा। इस वर्ष उन्होंने कुल 12.6 मीलियन डॉलर की कमाई की। इतना सबकुछ हासिल करने के बाद जोकोविक को मौजूदा टेनिस का 'किंग' कहा जाए तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी। वर्ष की शुरुआत में जोकोविक ने वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन जीतने के बाद सत्र के चारों मास्टर्स खिताब अपने नाम किए जिनमें इंडियन वेल्स और मेड्रिड ओपन टूर्नामेंट शामिल हैं। इन सभी खिताबी मुकाबलों में जोकोविक ने विश्व के दूसरे नम्बर के खिलाड़ी राफेल नडाल को मात दी। मौजूदा वर्ष में फ्रेंच ओपन ग्रैंड स्लैम के सेमीफाइनल में जोकोविक को 16 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर के हाथों हार झेलनी पड़ी। बावजूद इसके जोकोविक के आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं आई और उन्होंने फिर से जीत की राह पकड़ ली। जोकोविक ने विम्बलडन में नडाल को हराकर मौजूदा सत्र में दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब हासिल किया। इसके बाद उन्होंने ऑल इंग्लैंड क्लब का खिताब जीतकर आठ वर्ष से चले आ रहे फेडरर और नडाल की बादशाहत को खत्म किया। वर्ष के अंतिम ग्रैंड स्लैम अमेरिकी ओपन के फाइनल में जोकोविक ने नडाल को हराकर मौजूदा सत्र में तीसरा ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किया। जोकोविक पिछले चार वर्ष से टेनिस सत्र का समापन रैंकिंग में तीसरे स्थान पर रहकर कर रहे थे।  समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने जोकोविक के हवाले से लिखा है, "टेनिस के मानस पटल पर पिछले पांच वर्ष से दो खिलाड़ियों का राज रहा। दोनों खिलाड़ियों ने इस दौरान कई बड़े टूर्नामेंट जीते। कभी-कभी मुझे इससे निराशा होती थी।"
यह एक सारांश है: सर्बियाई टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविक के लिए वर्ष 2011 अविस्मरणीय रहा। जोकोविक ने हर लिहाज से इस वर्ष खुद को टेनिस का 'किंग' साबित किया।
2
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: A post shared by Akshay Kumar (@akshaykumar) on Mar 18, 2019 at 6:26am PDT   अक्षय कुमार (Akshay Kumar) के इस वीडियो को 20 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. उन्होंने इस वीडियो को सोमवार को इंस्टाग्राम पर शेयर किया था. अक्षय कुमार इस दौरान लालकिला भी गए और वहां भी उन्होंने फोटो खींचवाई. अक्षय ने इस तस्वीर को भी इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी' (Kesari) 21 मार्च को रिलीज होगी. इस फिल्म में उनके साथ अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) भी हैं     बता दें कि फिल्म केसरी युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी एक खूबसूरत प्रेम कहानी है. 'केसरी' वर्ष 1897 के सारागढ़ी युद्ध के इर्दगिर्द घूमती है, जिसमें 21 सिखों की सेना ने 10,000 अफगानों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. फिल्म में परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की पत्नी का किरदार निभा रही हैं.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: अक्षय कुमार फिल्म 'केसरी' के प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे अक्षय कुमार का वीडियो हुआ वायरल अक्षय को देखने जुटी लोगों की भारी भीड़
25
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने पाकिस्तान की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि इस टीम ने स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण को पीछे छोड़ते हुए साबित किया है कि उसे खुद पर गर्व है। श्रीलंका को शनिवार रात ग्रुप-ए के नजदीकी मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों 11 रन से हार झेलनी पड़ी थी। संगकारा ने कहा कि इस मैच में पाकिस्तानी टीम काफी मजबूत साबित हुई। संगकारा ने कहा, उनकी (पाकिस्तान) मजबूत टीम है। उन्होंने साबित किया कि उन्हें खुद पर गर्व है और मुझे लगता है कि उन्होंने शानदार क्रिकेट खेली। श्रीलंकाई कप्तान ने कहा कि उनकी टीम ने पास आए मौकों का फायदा नहीं उठाया, जिसकी वजह से हार झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा, हम कुछ महत्वपूर्ण क्षणों को अपने हक में नहीं बदल सके। संगकारा ने कहा, शोएब (अख्तर) का महेला और (शाहिद) अफरीदी का दिलशान का विकेट लेना मैच के निर्णायक क्षण थे। इसके बाद चमारा सिल्वा थोड़ा धीमा खेले, लेकिन अंत में जाकर उन्होंने लय हासिल की। कनाडा के खिलाफ पहले मुकाबले में पांच विकेट लेने वाले अफरीदी ने इस मैच में भी चार विकेट झटके।
यहाँ एक सारांश है:श्रीलंका के कप्तान ने पाकिस्तान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस टीम ने स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण को पीछे छोड़ते हुए साबित किया है कि उसे खुद पर गर्व है।
17
['hin']