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जहां भी हम कर रहे हैं, हर जगह हम दुः खी oohs और aahs दिलेर सुनते हैं। कभी कभी तो यह और भी कर सकते हैं की सूचना नहीं है क्योंकि यह रूप में दुर्घटना से अगर ऐसा होता। लेकिन अन्य स्थितियों में, राज्यों के ऐसे अभिव्यक्तियों बहुत आवेश में व्यक्त किया। और, जैसा कि वे कहते हैं, और बूढ़ी औरत proruha है, दादी बेंच पर बैठे है, लेकिन जब आप अचानक कमर पर तुला खड़े होने के लिए कोशिश करते हैं और सांस छोड़ता हैः "। ओह ओह, ओह,, कोक्सीक्स फिर से बीमार था" या मोटी साथी चल रहा यह भावना है, ठोकर खाई और फिर gasped, पकड़कर उसके पैर की हड्डी उखड़ गई। और, इन कराह रही लोगों को देखने के बाद, सवाल मन में आता हैः "लेकिन, शायद, न केवल दर्द, अवसाद और क्रोध से, इन बांटे जाने से झटकेदार साँस, लेकिन यह भी अन्य भावनात्मक राज्यों पर? "। कौन एक कहानी नहीं पढ़ा है और बच्चों के लिए कार्टून नहीं लग "ओह, और आह"? किसी ने पूछ सकते हैं, हर कोई दो पड़ोसियों है, जो जीवन और सीमा शुल्क के माध्यम से एक दूसरे से अलग याद रखता है। एक उल्लासपूर्ण और आशावादी और अन्य निराशावादी पीड़ित। तो, यह कहानी से पता चलता है कि, आखा के विपरीत, ओह सामान्य का प्रतीक हैः - हताशा के राज्य - "ओह, नहीं जीवन और कठिन परिश्रम है। " - नकारात्मक रवैया - "ओह, इतनी मेहनत से एक घोड़े की तरह हल। " - अफ़सोस की बात है और आक्रोश शोकपूर्ण - ओह, कैसे थक मुझे क्या करना "। - उदासी, निराशा और खेद - "। ओह, दिल में दुख की बात" - दुः ख, संकट और पीड़ा - "। ओह, हाय मुझे दुः ख है" लेकिन हमेशा नहीं moans इसलिए दुखी हैं। कभी कभी ये विस्मय जैसे चुटकुले में इस्तेमाल कियाः "छोटे (मृत) ओह ओह, ओह, अच्छी तरह से मैं बहरा नहीं हूँ" . . . और कुछ मामलों में प्रशंसा मेंः "ओह, कितना प्यारा" हां, यह खुशी और आश्चर्य oohs अक्सर फूटना, लेकिन वे काफी एक अलग स्वर स्पष्ट कर रहे हैं, और सब मज़ा देः - ओह, कितना अच्छा ठीक है मटर। - ओह, यह अच्छा पाउडर है। - ओह ओह, ओह, है, और क्या सुंदर है! - ओह, कल बुरा था, और क्या यह आज स्वस्थ है। - ओह, और vkusnetsky पाई। - ओह, कैसे अच्छा, तो क्या! oohs भी जो डांटना कर सकते हैं का पीछाः "ओह, Alyosha और शरारती ओह, इस Zinka ओह, और बच्चों के . . . " एक और बात - प्यार का दर्द महसूस कर से "। ओह, मेरा दिल दुखता है ऊह, प्यार भाट। " यह उल्लेखनीय है कि ओखा की आहें और सर्दियों में छेद है, जहां स्विमसूट में लोगों तापमान ठंड में कूद में गिर गयी है। इसके अलावा स्पोर्ट्स हॉल, जहां भारोत्तोलक लोहे की छड़ उठाते हैं और एक सौ किलोग्राम से अधिक छाती पर ले जा रही है, हिंसक साँस छोड़ते मेंः "ओह"। जम्पर्स और दूसरे स्थान, पहलवानों, और जटिल अभ्यास के प्रदर्शन के दौरान उनके लिए महत्वपूर्ण क्षणों में फिगर स्केटिंग का मालिक अचानक ओह एक ज़ोर से दे सकते हैं। लेकिन सभी अपने लंबे जीवन में आम आदमी उह, उह, उह के रूप में गूँज उठता है, कि, अगर आप उन सब को गिनती, आप दस साल की कुल मिलता है।
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मध्यप्रदेश में हिमाद्री सिंह और नरेंद्र सिंह मारावी की शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल दोनों के दोनों अलग-अलग पार्टी के युवा नेता हैं। ऐसे में आने वाले वक्त में कांग्रेस का युवा चेहरा जब बीजेपी नेता की बहू बनने वाली है तो चर्चा होना आम ही है। हिमाद्री सिंह कांग्रेस की तरफ से पिछले साल उपचुनाव भी लड़ी थीं। अब उनकी शादी नरेंद्र सिंह ने तय हो गई है जो कि 2009 में हिमाद्री की मां के खिलाफ चुनाव लड़े और हार गए थे। हिमाद्री कांग्रेस का युवा चेहरा हैं। उनके माता-पिता (दलजीत सिंह और राजेश नंदनी सिंह) दोनों कांग्रेसी थे। उनके पिता का काफी पहले निधन हो गया था। वहीं पिछले साल उनकी मां भी चल बसीं। हिमाद्री बीजेपी के उम्मीदवार ज्ञान सिंह के खिलाफ चुनाव जीत ना सकीं लेकिन उन्होंने अच्छी चुनौती दी थी। वहीं 2009 में नरेंद्र सिंह राजेश नंदनी (हिमाद्री की मां) के खिलाफ लड़े लेकिन 13,415 वोटों से हार गए। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए नरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उनकी शादी ऐसे होगी। नरेंद्र के मुताबिक, यह अरेंज मैरेज है। नरेंद्र से पूछा गया कि उनको हिमाद्री के कांग्रेस के लिए काम करने से कोई दिक्कत नहीं है? इसपर नरेंद्र ने कहा कि उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और आने वाले वक्त में दोनों में से कोई भी पार्टी नहीं बदलेगा। हिमाद्री कांग्रेस और नरेंद्र बीजेपी में ही रहेंगे। दोनों ने आठ जून को सगाई की थी। 23 नवंबर को उनकी शादी है। हिमाद्री की उम्र 28 साल है उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीजी किया है। वहीं नरेंद्र सिंह 39 साल के हैं और उन्होंने इंजीनियर की पढ़ाई की है। नरेंद्र सिंह का कहना है कि मैं एक बीजेपी कार्यकर्ता हूं और अपनी पूरी जिंदगी ऐसे ही बितऊंगा। वहीं हिमाद्री ने कहा कि मैंने बचपन से कांग्रेस पार्टी को अपने इर्द-गिर्द देखा है। यह पूरी तरह से एक अरेंज मैरिज है और हमारी शादीशुदा जिंदगी में कभी भी राजनीति बीच में नहीं आएगी।
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नई दिल्ली. सुस्त अर्थव्यवस्था के बीच वित्त वर्ष 2020 में एफएमसीजी सेक्टर में 9 फीसदी तक की ग्रोथ हो सकती है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Rating Agency CRISIL) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है. ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas) में बढ़ती खरीद और मांग की वजह से वित्त वर्ष 2021 में एफएमसीजी सेक्टर (FMCG Sector) की ग्रोथ 11 फीसदी तक पहुंच सकती है. यह सेक्टर करीब 4 लाख करोड़ रुपये का है. क्रिसिल की इस रिपोर्ट के मुताबिक, फार्म इनकम (Farm Income) बढ़ने का असर मार्च से अप्रैल महीने में दिखने लगेगा, जब ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ेगी. इस वजह से एफएसजी सेक्टर में रिकवरी देखने को मिल सकती है. क्रिसिल का यह अनुमान ऐसे समय पर आ रहा है, जब पूरे देश में खपत में भारी गिरावट आई है. खपत में इस भारी कमी की वजह से ही जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. इस साल अच्छी बारिश की वजह से पिछले साल के मुकाबले स्टोरेज में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं, खरीफ फसलों में 8 फीसदी का इजाफा हुआ है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खपत और मांग (Consumption and Demand) बढ़ेगी. क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने बताया, 'ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार द्वारा अधिक खर्च से ग्रामीण इनकम को फायदा पहुंचेगा. इससे एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ेगी. ' उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की मांग में 8 फीसदी तक इजाफा हो सकता है. हालांकि, सभी कंपनियों के लिए यह इजाफा एक समान नहीं होगा. इस रिपोर्ट में 57 कंपनियों को चुना गया था, जिनके एफएमसीजी इंडस्ट्री का करीब 50 फीसदी रेवेन्यू आता है. इस इंडस्ट्री के कुल रेवेन्यू का 50 फीसदी हिस्सा पैकेज्ड फूड सेगमेंट से आता है और चालू वित्त वर्ष के दौरान इसमें भी 10 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिल सकता है. वित्त वर्ष 2021 के लिए यह अनुमान 12 फीसदी तक हो सकता है. कुल रेवेन्यू में एक तिहाई हिस्सेदारी रखने वाला पर्सनल एंड होम केयर प्रोडक्ट्स का ग्रोथ में इस साल 6 से 7 फीसदी तक बढ़ेगा. वहीं, अगले वित्त वर्ष के दौरान इसमें 8 - 9 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है. .
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नई दिल्ली : पाकिस्तानी गोलीबारी, आतंकवाद और पत्थरबाज से जहां इस समय पूरा कश्मीर जल रहा हैं. वहीं इन सबके बीच अब कश्मीर में भारत माता की जय के नारे भी लगने लगे हैं. हमेशा आजादी की मांग करने वाला कश्मीर अब भरता माता की जयकार से गूंज रहा हैं. कश्मीर की हवा मानो रमजान के पाक माह के ख़त्म होते ही बदली सी नजर आने लगी हैं. यहां के किश्तवाड़ा से हाल ही में एक वीडियो सामने आया हैं. जिसमे कई लोग आजादी से उलट नारों के बीच भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं. 'भारत माता की जय' के नारे लगने का यह वीडियो किश्तवाड़ा का हैं. लेकिन फ़िलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह वायरल वीडियो कब का या किस तारीख का हैं. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वीडियो में स्थानीय लोगों के साथ भारतीय सेना के जवान भी नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि हाल ही में कश्मीर में दो बड़े हत्याकांड के मामले सामने आए थे. इन दोनों ही हत्याकांड को आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. पहले तो कुछ आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी. वहीं इसके बाद कश्मीर के एक पत्रकार शुजात बुखारी को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना के बाद से ही पूरा कश्मीर आतंकवादियों के खिलाफ जमकर आग उगल रहा हैं. इन बड़ी घटनाओं से हर कश्मीरी नागरिक आक्रोश और नाराजगी के माहौल में हैं.
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नई दिल्ली : फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) अक्सर खबरों का हिस्सा बने रहते हैं. उनका कोई ना कोई वीडियो या फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल होता रहता है. लेकिन आज निर्देशक ने खुद एक पोस्ट शेयर कर हंगामा मचा दिया है. आज सुबह उन्होंने अभिनेत्री अप्सरा रानी के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की है, जिसके चलते वो फिर से नेटिजन्स के निशाने पर आ गए हैं. लोग उन्हें लगातार ट्रोल कर रहे हैं. इससे पहले भी फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा को अभिनेत्री आशु रेड्डी के साथ एक तस्वीर शेयर करने पर काफी लताड़ा गया था, लेकिन उन्होंने इन चीजों की परवाह किए बगैर एक बार फिर से एक तस्वीर साझा की है. उनकी लेटेस्ट ट्वीट में उन्हें एक क्लिक के लिए अप्सरा के साथ पोज देते हुए देखा जा सकता है. तस्वीर में, जहां अप्सरा को लेपर्ड प्रिंट्स वाले कपड़े पहने देखा जा सकता है, वहीं राम को शर्ट और डेनिम लुक में देखा जा सकता है. आपको बता दें कि उन्होंने पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन भी दिया है जिसमें लिखा है कि, 'मैं और @अप्सरा रानी प्रसाद मल्टीप्लेक्स स्क्रीन 5 में सुबह 8.45 बजे का डेंजरस शो देखने के लिए रास्ते में हैं.' हाल ही में, फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने अभिनेत्री आशु रेड्डी के साथ उनकी नवीनतम रिलीज फिल्म 'खतरा डेंजरस' के हिस्से के रूप में खुलकर बातचीत की थी. बातचीत के दौरान उन्होंने एक्ट्रेस का शुक्रिया भी अदा किया था. जानकारी के लिए बता दें कि राम गोपाल वर्मा को सत्या, रोजा, सरकार जैसी दमदार फिल्मों के लिए जाने जाते हैं. उनकी कुछ फिल्मों को दर्शकों का काफी प्यार मिला है. बता दें कि फिल्म'खतरा डेंजरस' (Khatra Dangerous) 9 दिसंबर यानी आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में लेस्बियन रोमांस को दिखाया गया है, जिसमें काफी ज्यादा रोमांटिक सींस डाले गए हैं. फिल्म 'खतरा डेंजरस'देश की पहली लेस्बियन फिल्म है, इसमें साउथ फिल्मों की पॉपुलर अदाकारा अप्सरा रानी और नैना गांगुली अहम रोल निभाते हुए नजर आएंगी. खबरों के अनुसार, यह फिल्म राम गोपाल वर्मा की सबसे कॉन्ट्रोवर्शियल फिल्मों में से एक होने वाली है. हालांकि इस बात का अनुमान आज लगाना काफी मुश्किल है कि फिल्म को दर्शकों का कितना रिस्पॉन्स मिलता है.
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झारखंड के खूंटी जिले में 12 आदिवासी बच्चों के ईसाई धर्मान्तरण की खबर है। इस घटना पर जिला प्रशासन ने जांच करवा कर जरूरी कार्रवाई करने की घोषणा की है। वहीं केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है। घटना 22 मई 2022 की बताई जा रही है। जिन एक दर्जन बच्चों के धर्म परिवर्तन कर लेने का दावा किया जा रहा है वो मुंडा समुदाय से हैं। जिन नाबालिगों का धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप है उसमें लडके और लडकियां दोनों शामिल हैं। खूँटी झारखंड में जनजातीय नाबालिग बच्चों के धर्मांतरण किए जाने के मामले की शिकायत मिली है,उसका परीक्षण कर उचित कार्यवाही की जाएगी। टीओआय के अनुसार घटना गांवव कमडा की है जो खूंटी के तपकारा थानाक्षेत्र में आता है। धर्मान्तरण का आरोप रोमन कैथोलिक चर्च पर है जो उसी गांवव में स्थित है। खूंटी के एसडीओ सैय्यद रियाज़ अहमद ने टीओआय को बताया है कि, ग्रामीणों के एक समूह ने 21 मई को शिकायत देते हुए ऐसे किसी घटना की आशंका जताई थी। हालांकि उसके आगे उन्होंने कुछ बताने से खुद के अधिकार न होना कह कर मना कर दिया। वहीं जिला प्रशासन ने शनिवार (4 जून 2022) को इस घटना की जांच शुरू कर दी है। झारखंड के खूंटी में 12 नाबालिगों का Eसाई धर्मांतरण गैंग ने धर्म परिवर्तन करा दिया। विरोध में सड़क पर उतरे ग्रामीण, गांव वालों ने पंचायत कर कहा, प्रशासन ऐसी घटनाओं पर रोक लगाए। वहीं पांचजन्य के अनुसार कमड़ा गांवव के रेड़ा मुंडा ने आरोप लगाया है कि, झारखंड में धर्मान्तरण विरोधी कानून होने के बाद भी अवैध ढंग से धर्म परिवर्तन करवाए जा रहे हैं। रेड़ा मुंडा ने सरकार से धर्म परिवर्तन करने वालों को जनजाति के नाम पर मिल रही सहूलियतों से वंचित करने की माँग की है। रेडा मुंडा ने धर्म परिवर्तन करवाने वाले चर्च पर कानूनी कार्रवाई की माँग की है। रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिन पहले 'सरना धर्म सोतो समिति' ने एक बैठक करके हो रहे धर्मान्तरण पर नाराजगी जताई थी। इस दौरान धर्म परिवर्तन को संस्कृति ध्वस्त करने का षड़यंत्र करार दिया गया था। धर्मान्तरण के खिलाफ नाराजगी जताते हुए गांवव के दुलार मुंडा ने ऐसी हरकतों को किसी भी हाल में सहन न किए जाने का बयान भी दिया था।
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रोहतास न्यूज़ः कोचस थाना क्षेत्र के लहेरी गांव के समीप एन एच-30 के डायवर्सन पर बाइक फिसलने से एक परीक्षार्थी नीचे गिर पड़ी. इस बीच विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहे एक ट्रक ने उसे रौंद दिया. जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच को आधा घंटा तक जाम रखा. कोचस थानाध्यक्ष अमोद कुमार ने बताया कि भानस ओपी क्षेत्र के अकोंढ़ा निवासी शशि भूषण सिंह की 23 वर्षीया पत्नी आराधना देवी अपने देवर रविरंजन सिंह के साथ बाइक से परसथुआं स्थित गिरीश नारायण मिश्रा कॉलेज में बीए पार्ट-1 की परीक्षा देने जा रही थी. इसी बीच एनएच-30 पर लहेरी गांव के समीप बने डायवर्सन पर पानी छिड़काव की वजह से उसकी बाइक फिसल गई. जिससे महिला नीचे गिर गई. बाइक के विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहे एक ट्रक ने महिला को कुचल दिया. जबकि इस घटना में उसका देवर बाल-बाल बच गया. जिसे हल्की चोटे आई. जिसे पीएचसी में भर्ती कराया है. घटना के बाद चालक ट्रक लेकर फरार हो गया. उन्होंने बताया कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया. इस बीच मृतक के परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए और उन्होंने सड़क जाम कर यातायात बाधित कर दिया. सूचना पर पहुंचे बीडीओ व थानाध्यक्ष ने मृतक के परिजनों को समझा कर आधा घंटा बाद जाम को समाप्त करा दिया. उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया. वहीं महिला की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर सुनकर अकोढ़ा गांव में मातम छा गया. परिजनों के अनुसार मृतका की 15 माह की बच्ची है जो घर पर थी. घटना की खबर से घर मे कोहराम मच गया है. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.
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Mutual Funds Investment: हमेशा करियर की शुरुआत में SIP करने की सलाह दी जाती है. लेकिन, अगर कोई उस वक्त SIP नहीं कर पाया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसका लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता. Money Making Idea: करोड़पति (Crorepati) भला कौन नहीं बनना चाहता है? लेकिन करोड़पति बनना इतना आसान भी तो नहीं है. धैर्य और संयम के साथ बचत और निवेश जरूरी है. जरूरी है कि निवेश सही जगह किया जाए. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर कुछ सिस्टमेटिक ढंग से निवेश (Systematic investment) किए जाएं तो ये लक्ष्य हासिल करना बहुत मुश्किल भी नहीं है. अब सवाल ये आता है कि आखिर शुरुआत कैसे की जाए? सबसे बेसिक बात है, सही समय पर सही निवेश करना. करोड़पति (how to become Crorepati) बनने के लिए थोड़ा धैर्य रखना होगा. हालांकि बहुत लंबा इंतजार नहीं करना है, केवल 15 साल के लिए निवेश कर सकते हैं. आमतौर पर ज्यादातर टैक्स और इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के पास ऐसे सवाल आते रहते हैं कि अमीर कैसे बनें(How to become rich)? हालांकि, निवेशकों के लिए इसका जवाब वही है- 'म्यूचुअल फंड सही है'. क्या SIP रहेगा बेस्ट? एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आपके लिए म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर (Mutal Fund Calculator) बेहद जरूरी है. क्योंकि, यही आपको बताता है कि किस उम्र में आप कितना निवेश (Money Making Idea) करने पर आपका टारगेट पूरा हो सकता है. हालांकि, ज्यादा उम्र में आपको ज्यादा पैसे भी जमा करने पड़ सकते हैं. इसके लिए SIP बेहतर इंस्ट्रूमेंट है. SIP में अगर आप बड़े अमाउंट के साथ शुरुआत करते हैं तो मैच्योरिटी के समय आपके पास बड़ा फंड तैयार हो जाएगा. 1 करोड़ का फंड तैयार करने के लिए लंबी अवधि में निवेश करना जरूरी होगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबी अवधि यानि 10 साल से ऊपर के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश सबसे बढ़िया तरीका है. ऐसे म्यूचुअल फंड SIP (Mutual Fund SIP) में निवेशकों को 12 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है. हमेशा करियर की शुरुआत में SIP करने की सलाह दी जाती है. लेकिन, अगर कोई उस वक्त SIP नहीं कर पाया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसका लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता. रिटायरमेंट से 10-15 साल पहले भी SIP शुरू की जा सकती है. हालांकि, उस वक्त निवेश अमाउंट बड़ा होना चाहिए. मान लिया जाए कि अगर आपने 15 साल में 1 करोड़ का फंड तैयार करने का लक्ष्य रखा है और इस पर 12 फीसदी के रिटर्न की उम्मीद है. तो ऐसे में म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर (Mutual Fund Calculator) के हिसाब से हर महीनेआपको SIP में 20,017 रुपए का निवेश करना होगा. इस तरह 15 साल में आप 36,03,060 रुपए निवेश करेंगे और रिटर्न के साथ आपके पास एक करोड़ रुपए का फंड तैयार होगा. जैसा कि आपने लक्ष्य रखा था. (Money 9) (डिस्क्लेमरः म्यूचुअल फंड में निवेश मार्केट रिस्क का विषय है. इसके लिए सोच-विचार कर निर्णय लेना या फिर विशेषज्ञ से सलाह लेना ज्यादा श्रेयस्कर है.)
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मोरना भोकरहेड़ी इंटर कॉलेज में शिक्षक ने कक्षा आठ के छात्र की पिटाई कर दी। परिजनों ने छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया। नाराज छात्रों ने स्कूल के गेट पर हंगामा किया। पुलिस ने छात्रों को समझा बुझाकर शांत किया। इंटर कॉलेज में बृहस्पतिवार को आठवीं कक्षा के छात्र सुहैल की शिक्षक ने पिटाई कर दी, जिस पर उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन छात्र को लेकर भोपा सीएचसी पहुंचे छात्र को गंभीर हालत के चलते उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। परिजनों ने आरोपी अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। नाराज छात्रों ने स्कूल के गेट पर हंगामा किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्रों को समझाया। प्रधानाचार्य कैप्टन प्रवीण चौधरी ने बताया कि वह बृहस्पतिवार को तहसील स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए नंगला मंदौड़ गए हुए थे। मोबाइल पर प्रकरण की जानकारी मिली है। छात्र कक्षा में डेस्क की कर आवाज कर रहा था। कक्षा में पढ़ा रहे अध्यापक ने छात्र को शरारत करने से रोका, इसके बाद पिटाई का मामला सामने आया है। वह मामले का पता करा रहे हैं। भोपा प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. मुकीम अहमद खान ने बताया कि छात्र को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया है।
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आखिरकार टीम अन्ना के दबाव में अन्ना जी ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर ही दी. विगत वर्षभर से देश उनके आंदोलन को समर्थन कर रहा है. सब की अन्ना जी से अपेक्षाएं भी बहुत हैं. जब पिछली बार मुंबई का आंदोलन फेल हुआ तो जन में निराशा भी साफ़ देखी गयी. क्या इस तरह आंदोलन समाप्ति की घोषणा उस् जन मानस की भावना पर कुठाराघात नहीं है? एक सफल और एक असफल आंदोलन के बाद अन्ना पुनः टीम के साथ अनशन पर बैठे तो जन समुदाय कुछ देरी से ही सही उपस्थित तो हुआ ही. सबके मन में यही संकल्प था की इस बार आंदोलन को असफल नहीं होने देना है. किन्तु ये क्या अन्ना खुद ही अपने आंदोलन को असफल कर दिया. आखिर हुआ क्या? देश के कुछ शायद २५ साफ़ छवि के जाने पहचाने नामों ने अन्नाजी से अपील की. वे अनशन का मार्ग छोड़कर राजनीति में आजाये. इस मांग पत्र या सुझाव पत्र के पढ़े जाने के कुछ समय बाद ही अन्ना और टीम ने फैसला ले लिया की वे राजनीति में आयेंगे. क्या इतना बड़ा फैसला इतनी जल्दी संभव था? क्यों अन्ना जी ने उन महानुभावों से अपील नहीं की यह कि वे सलाह देने से बेहतर है कि आंदोलन में शामिल हो कर आंदोलन को आगे बढाएं? जब एक एक करके उनके जैसे नाम मंच पर आयेंगे तो सरकार को झुकना ही पडेगा. किन्तु ऐसा नहीं हुआ. आंदोलन विफल क्यों हुआ? रणनीतिकारों से कहीं ना कहीं चूक हुई है. यदि राजनीति में आने का इरादा था ही तब आंदोलन शुरू करने से पहले ही इस बात के संकेत दिए जाने थे. क्या टीम अन्ना नहीं जानती थी की इस बार सरकार जो कि लोकपाल पर कार्यवाही शुरू कर चुकी है कुछ और करने कि स्थिति में है ही नहीं. यदि फिरभी उन पर दबाव बनाना है तो टीम अन्ना को एक जगह एकत्रित होने से बेहतर होता कि वे अलग अलग सभी राज्यों में जाते और अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर और अधिक दबाव बनाते? मगर ऐसा हुआ नहीं. आंदोलन के दौरान कि घटनाओं पर हम नजर डालें तो हमने देखा कि पहले दूसरे दिन जन समुदाय उस तरह नहीं जुटा जिसकी आवश्यकता थी. सरकार के दबाव में आये टीवी रिपोर्टर घूम घूम कर खाली पड़े मैदान के द्रश्य दिखाते रहे. अन्ना समर्थक जन समुदाय यह देखकर जंतर मंतर कि तरफ दौड़ पड़ा तब तक अन्ना भी अनशन पर बैठने कि तैयारी कर चुके थे. सरकारी दबाब और शान्ति भूषण के बयान के सहारे टीवी कैमरे मैदान से गायब हो गए. जैसे ही अन्ना ने राजनीति में आने कि घोषणा की वैसे ही टीवी कैमरे पुनः सक्रीय हो गए. टीवी पर पोल. टीवी पर जोरशोर से राजनीति या आंदोलन के लिए पोल शुरू हो गया. एक बड़े प्रतिशत के साथ यह बताया गया कि सभी चाहते हैं कि अन्ना राजनीति में आयें. जबकि हकीकत यह थी कि कोई अन्ना समर्थक नहीं चाहता था कि अन्ना राजनीति में आयें. फिर किसने राजनीति के लिए वोट किया? जिसने भी राजनीति के लिए वोट किया यकीनन वह अन्ना समर्थक नहीं था. तीन घंटे में राजनीति में आने का फैसला और टीवी पर राजनीति में आने के लिए वोट दोनों के पीछे अन्ना टीम के ही कुछ लोगों का सरकार के साथ मिलकर किया गया षडयंत्र है. जिसमे अन्ना उलझ कर रह गए हैं. यदि यह पूर्व नियोजित होता तो अवश्य ही अन्ना इसका खुलासा करते क्योंकि अन्ना ने सदा ही कहा है कि कथनी और करनी को एक रखना है. यह कोई पूर्व नियोजित फैसला नहीं है यह एक षडयंत्र है जिसमे अन्ना बुरी तरह फंस गए हैं. सारा जनमानस जो अन्ना के पीछे खडा था पूरी तरह बिखर गया है. अब जिस राजनितिक दल का गठन अन्ना करेंगे उसको उन लोगों का समर्थन हासिल होगा इसमें भी शक है. आज कि परिस्थिति देखकर लगता है इसमें अधिकाँश लोग किसी भी पक्ष को बोट नहीं करेंगे. इसका पूरा लाभ कांग्रेस को ही मिलेगा. राजनीति में सफलता के लिए जयप्रकाश नारायण जी द्वारा चलाये आंदोलन कि तरह सफलता प्राप्त करना कोई आसान खेल नहीं है. फिरभी अन्ना यदि ऐसा जादू करने में कामयाब होते हैं तो ही वे सत्ता के करीब पहुँच सकते हैं अन्य कोई मार्ग नहीं है.
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खरगोन। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जारी हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान यहां 'आओ बनाएं मध्यप्रदेश' कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम के लिए उत्कृष्ट स्कूल मैदान को तैयार किया जा रहा है। शनिवार को यहां नगर पालिका द्वारा सफाई की गई। मैदान को समतल करने का काम किया जा रहा है। इसी स्थान पर मंच व अन्य व्यवस्थाएं भी की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ ही जिले के प्रभारी मंत्री विजय शाह सहित विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। उत्कृष्ट मैदान शहर के मध्य में होने से यहां सभा होने पर यातायात प्रभावित होने की संभावना भी है। सभास्थल तक पहुंचने वाले लोगों के वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था को लेकर भी जद्दोजहद की जा रही है। उत्कृष्ट मैदान जाने के लिए तिलक पथ से दो मुख्य द्वार है। इधर एमजी रोड से भी एक छोटा रास्ता उत्कृष्ट मैदान में जाता है। पार्किंग को लेकर अनाज मंडी में व्यवस्था करने का विचार भी किया जा रहा है। उत्कृष्ट मैदान से सटी अनाज मंडी की दीवार तोड़कर बिस्टान रोड से सीधे आवाजाही का मार्ग बनाने के लिए भी योजना प्रस्तावित है। इस सभा को लेकर राजनीतिक तौर पर भी चर्चाएं जारी हैं। विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला बड़ा आयोजन है जहां मुख्यमंत्री आएंगे। इसके पूर्व चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने मेला मैदान पर जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान जनता को संबोधित किया था। उस वक्त तमाम नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ माहौल बनाया था। अब यह देखना है कि इस सभा में राजनीतिक तौर पर कितना माहौल बनता है जबकि लोकसभा चुनाव सामने है और इस जिले में खेमे से तीन सीटें भाजपा गंवा चुकी है।
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बिलाासपुर। Bilaspur News: बलरामपुर जिले के सेमरसोत अभयारण्य क्षेत्र में अवैध इमारती के परिवहन पर रोक तथा वनोपज के अवैध कारोबार पर रोक के लिए चलाए जा रहे धरपकड़ अभियान के बीच वनरक्षक के शासकीय आवास से भारी मात्रा में अवैध इमारती लकड़ी जब्ती की कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई से वन कर्मचारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। ग्रामीणों ने क्षेत्र में पदस्थ वन कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाया है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। बलरामपुर सेमरसोत अभयारण्य क्षेत्र के गेमरेंज कदौरा के अंतर्गत झलरिया बीट के वनरक्षक के शासकीय आवास से 12 नग चौखट एवं सात नग पटरा ग्रामीणों की सूचना पर छापा मारकर रेंजर द्वारा जप्त किया गया। वनरक्षक के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई वन विभाग के द्वारा की जा रही है। झलरिया बीट में पदस्थ वनरक्षक राजेश राम द्वारा इमारती लकड़ी का अवैध तरीके से संग्रहण की शिकायत लगातार सामने आ रही थी। उसके शासकीय क्वार्टर में 12 नग चौखट एवं सात नग पटरा छिपा कर रखा गया था जिसकी जानकारी जब ग्रामीणों को लगी तो उनके द्वारा इसकी सूचना सेमरसोत गेम रेंजर कदौरा वीरेंद्र पांडेय को दी। ग्रामीणों से मिली सूचना को गंभीरता से लेते हुए रेंजर वीरेंद्र पांडेय के नेतृत्व में वन अमला मंगलवार की रात नौ बजे वनरक्षक राजेश राम के शासकीय क्वार्टर में छापा मारा जहां से पटरा व चौखट बरामद किया गया। इस संबंध में रेंजर वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। इमारती लकड़ी के अवैध कारोबार को लेकर उन्होंने कहा कि वन रक्षक के खिलाफ भी विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है। निलंबन के लिए वन मंडलाधिकारी से अनुशंसा भी किया गया है।
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9 अक्टूबर, 2017 को नई दिल्ली में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा भागीदार गैर-सरकारी संगठनों के साथ पहले सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन का विषय 'महिलाओं और बच्चों के लिए नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करना- चुनौतियां और समाधान'। इस सम्मेलन का उद्घाटन महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी द्वारा किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार भी सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे। इस एक दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य देश में भागीदार गैर-सरकारी संगठनों को विभिन्न महिला एवं बाल विकास योजनाओं को लागू करने के लिए संवेदनशील बनाना और परस्पर अपने अनुभवों एवं विचारों का आदान-प्रदान करना है। सम्मेलन में महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए जमीनी स्तर पर आने वाली चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश भर से दो सौ पचास गैर-सरकारी संगठनों, संबंधित मंत्रालयों और विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन में निम्नलिखित मुख्य विषयों पर विचार किया जाएगा : महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध की रोकथाम और उनका कल्याण सुनिश्चित करना केवल एक संवैधानिक प्रतिबद्धता ही नहीं है, बल्कि स्वाभाविक उन्नति और विकास के लिए भी आवश्यक है। महिलाओं और बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के मध्यस्थता स्तर बनाएं हैं और उन्हें सहज न्याय प्रदान करने के लिए विधायी और संस्थागत सहायक तंत्र तैयार किए हैं। इसी तरह मंत्रालय द्वारा बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भी उपाय किए गए हैं। महिला और बाल विकास के क्षेत्र में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों की सुविधा के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय विभिन्न स्तरों पर कई गैर-सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी कर रहा है। इस सम्मेलन के अपेक्षित निष्कर्ष हैं - सेवा वितरण प्रणाली ढांचे में जमीनी स्तर पर विद्यमान समस्याएं और खामियां निश्चित करना; सम्मेलन में रचनात्मक नीति निर्माण और कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए की गई चर्चा के मूल्यांकन के आधार पर उपाय करना और महिला सशक्तिकरण और बाल रक्षा और सुरक्षा की सिफारिशों के लिए इन संगठनों की भागीदारी बढ़ाना।
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सामान्य तौर पर, यह सवाल हैः एक बच्चे के लिए एक खिलौना चुनने के लिए, आम बात है, क्योंकि आप चाहते हैं कि किसी बच्चे को इसे प्यार करना चाहिए और न ही अपने खिलौने को फेंक दिया जाए लेकिन, फिर, अपने बच्चे के लिए एक खिलौना चुनने के तरीके, कई कारकों पर निर्भर करता है, उन्हें नीचे चर्चा की जाती है खिलौने का चुनाव निम्न से प्रभावित होता हैः हाल ही में लोकप्रिय ऑनलाइन खिलौना स्टोरकहाँ एक उचित मूल्य आप गुणवत्ता बात खरीद सकते हैं। लेकिन वहाँ कुछ नुकसान कर रहे हैंः आप खिलौना नहीं छू सकते हैं, आप जब तक अपनी चुनी उत्पाद प्रदान इंतजार करना। आम तौर पर स्थानों पर जहां आप एक बच्चे के लिए एक खिलौना खरीद सकते हैंबहुत ज्यादा है, लेकिन उनमें से सभी सुरक्षित नहीं हैं आपको विशेष स्टोर में खिलौने की ज़रूरत है या उन्हें ऑनलाइन ऑर्डर दें किसी भी मामले में यह एक कम कीमत के बावजूद एक बच्चे के लिए या क्रॉसिंग के लिए इस्तेमाल किया खिलौना खरीदने के लायक नहीं है एक खिलौने की खरीद के लिए पैसा बचाना, भविष्य में आपके लिए यह एक विलापनीय मोड़ हो सकता है। सबसे पहले जब आप की जरूरत है एक खिलौना चुननेइसकी गुणवत्ता पर ध्यान दें, यह ठोस, अच्छी तरह सिलेटेड होना चाहिए और सभी विवरण दृढ़ रूप से संलग्न होना चाहिए ताकि यह बच्चे के हाथों में नहीं टूट सके। यदि यह नरम खिलौने का सवाल है, तो आप इसे अपने हाथों में पकड़ के बाद, खिलौने से कोई बाल और फर नहीं होना चाहिए। कुछ सेकंड में एक खिलौना न चुनें,केवल उपस्थिति में हमें इसे सभी पक्षों, घूमना, मोड़ से गौर करने की जरूरत है, लेबल देखें, जहां से आप सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आपको लेबल और खिलौने की देखभाल करने की आवश्यकता है। एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खिलौने चुनने के लिए विशेष देखभाल की जानी चाहिए। उन्हें छोटा नहीं होना चाहिए, उन्हें तेज कोनों और छोटे विवरण नहीं होना चाहिए। बेशक, एक बच्चे से एक खिलौना खरीदना चाहिएप्रसन्न होने के लिए, और इसलिए आपको इसे खरीदने की ज़रूरत है, जो आपके बच्चे के बारे में रुचि रखने वाले और भावुक है। अगर वह कार्टून "फिक्टिकी" को पसंद करता है, तो सुनिश्चित करने के लिए कि वह पापुस या नोलिक के आंकड़े से खुश होंगे।
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हैं। उसके हृदय में उच्च विचार उत्पन्न नहीं होते । जो हवा हमारे मकानोमे चलती है वह बहुत ही छोटी चीज मालूम होती है, क्योकि न हम उसको देख सकते है और न उसके विपयमे अधिक जानते है; परंतु यदि हमारे मकानों में काफी साफ हवा न आवे तो हमें अपनी मूर्खता और असावधानीके कारण जरूर तकलीफ उठानी पड़ेगी । जरासा कूड़ा करकट भले ही मालूम न हो, हमारे मकानोंकी खिड़कियाँ चाहे बंद रहें या खुलीं इसमें कोई भेद भले ही मालूम न हो, परन्तु इनका बहुत ही बुरा परिणाम होता है । कूडे करकटसे अथवा ताजी हवाके न आनेसे बुखारको घरमें आते ढेर नहीं लगती और एक दफा आने पर उससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है। इस कारण जरासी बदबू अथवा जरासी खराब हवा भी बड़ी हानिकर है । गरज यह कि घरमें जितने काम होते हैं, यद्यपि वे सव छोटे छोटे मालूम होते है, परन्तु उनका परिणाम बहुत बड़ा होता है । अतएव उनकी ओर हमारा पूरा पूरा ध्यान होना बहुत ही जरूरी है । पिन कितनी छोटी चीज है परन्तु यदि वह ठीक तौरसे न लगाई जाय तो उससे लगानेवालेकी मूर्खता और फूहड़पन माठ्म हो जायगा । ऐसे मनुष्वकी कभी इज्जत नहीं हो सकती। एक पुरुषका विवाह होनेवाला था। एक दिन उसने अपनी होनहार स्त्रीको बाल खोले हुए और बिना पिन लगाये हुए अपने कमरे में घुसने देख लिया । त उनी दिनमें उसके दिल में यह बात जम गई कि यह स्त्री की बेपरवाह है-सका छोटी छोटी चीजोंकी तरफ व्व्याल नहीं है । इन विवाह करना कठापि उचित नहीं है । उसने सबको एक ही समय पर अपनी दूकान पर बुलाया और हर एकको एक एक पैसेकी नमककी पुडिया बनाने को कहा । जब सब बना चुके, तो सौदागरने तमाम पैकटोंको अपनी मेज पर रक्खा और उनमेसे उस आदमीको पसंद किया जिसने सबसे उमदा पैकट बनाया था । उसने इस जरासे कामसे ही उनकी योग्यताका पता लगा लिया छोटी छोटी चीजोकी बेपरवाही से बड़ी बड़ी हानियाँ हो चुकी है और बड़े बड़े काम फेल हो गये है । जहाजकी तलीमे जरासा छेद होजानेसे पानी उसमें भर जाता है और लाखों रुपयेका जहाज दमके दममे डूब जाता है । अगरेजी कहावत है कि घोडेके पैरमे नालके न होनेसे उसका पैर टूट गया, पैर टूटनेसे घोड़ा गिर पड़ा, घोड़ेके गिरनेसे सरदार गिर गया, सरदारके गिरते ही शत्रुने उसको पकड़ लिया और मार डाला, सरदारके मारे जानेसे सारी सेना तितर बितर हो गई । देखिए जरासी लोहेकी नालके न होनेसे कितनी बड़ी हानि हुई ! इसके सिवाय प्रायः लोग कहा करते है कि अजी रहने भी दीजिए, यह ही काफी होगा, क्यों फिजूल झगड़ेमे पड़ते हो । उनका यह कहना बड़ा हानिकर है। ऐसा कहनेसे कितने ही घर जलकर राख हो गये, कितने ही आदमी बिगड गये, कितने ही जहाज डूब गये - जिनकी कोई संख्या नहीं । ऐसा कहना : सरासर भूल है । यह असफलताका मूल कारण है । हमको चाहिए कि ' इससे काम चल जायगा ' ऐसे शब्द कभी न कहे । इस बातकी कोशिश करें कि वही काम करे जो सबसे उत्तम और उपयोगी हो । हमारा जरासा आलस हमारे सारे कामको बिगाड़ देता है । कभी कभी जरासी बेपरवाहीके कारण हमे सैकड़ो रुपयोका घाटा उठाना पड़ता है । हमारे साथ बोर्डिंगमे एक महाशय रहा करते थे । वे सदा इस बातकी शिकायत किया करते थे कि हमारे कमरेमेसे न जाने कौन हमारी चीजे चुरा ले जाता है। उन्होने बहुत कुछ खोज की, परन्तु कुछ भी पता नहीं चला । सबने उन्हें यह सलाह दी कि तुम एक बड़ा लोहेका संदूक लाकर उसमे अपना सारा जरूरी सामान रक्खा करो । बेचारोने उसी रोज १० ) रु० की लागतका एक सन्दूक मँगाया । यह तो किया मगर उसके लिए एक रुपयेका ताला मँगानेका आलस कर ही गये । नतीजा यह हुआ कि उसी चोरने मौका पाकर उनका माल फिर निकाल लिया । उनके जरासे आलसने देखिए कितना नुकसान पहुँचाया ! इसी तरह बहुत से लोग चाबियोंको बेपरवाही से इधर उधर डाल देते है और जब कोई नौकर वगैरह मौका देखकर उनका माल निकाल भागता है तो हाथ मल मल कर पछताते है । हमारे जीवनमे प्रतिदिन ही ऐसी घटनाये हुआ करती है । जिस घरमें छोटी छोटी चीजोकी कदर नहीं की जाती - उनको सावधानी से नियत स्थान पर सुरक्षित नहीं रक्खा जाता, समझ लो कि उस घरका अन्त आनेवाला है । धनवान् वही हो सकता है जो परिश्रमी है । परिश्रमी पुरुष कभी किसी चीजकी बेकदरी नहीं करता । छोटी छोटी चीजोंकी भी पूरी पूरी रक्षा करता है । देखने में कोई चीज कितनी ही छोटी क्यों न हो, परन्तु उसकी ओर हमें उतना ही ध्यान देना जरूरी है जितना बड़ी चीजकी तरफ । उदाहरण के लिए एक पैसेको लीजिए । देखने में यह एक जरासे ताँबेका टुकड़ा है परंतु यह कितना उपयोगी है, कितनी चीजें इससे खरीद सकते है और इसको ठीक तौरसे खर्च करनेसे हमे कितना आनंद प्राप्त हो सकता है । एक एक पैसेसे रुपया हो जाता है । यदि हम पैसोंकी बेकदरी करें, एक इधर एक उधर फेंक दें, एककी सिगरेट पील एककी जरासी शराब चख ले, तो हमारी सारी आमदनी यो ही उड़ जायगी । परंतु यदि हम एक एक पैसेको उचित रीतिसे खर्च करे कुछको सेविंग बेकमे जमा करें, और कुछको बीमा कम्पनीमे लगावे तो बिना किसी कठिनाईके हमारी सब जरूरते पूरी हो जायँगी और हमको किसी प्रकारकी चिन्ता न होगी । थोड़ा थोड़ा बचानेसे बहुत जमा हो जाता है । दाने दानेसे ढेर हो जाता है । एक एक तिनकेसे गठ्ठा बन जाता है । पैसे पैसेसे रुपया हो जाता है। एक एक पैसा बचानेसे रुपये बच जाते है । रुपयेसे सुख, शान्ति, और स्वतंत्रता प्राप्त होती है, परंतु स्मरण रहे कि पैसा ईमानदारीसे कमाना चाहिए । ईमानदारीका कमाया हुआ एक पैसा दूसरेके दिये हुए रुपयेसे अच्छा है। जो आदमी पैसेका उपयोग नहीं जानता वह सदा दूसरोका मुँह ताकता रहता है। उसकी स्त्री और बच्चे टुकड़े टुकड़ेको तरसते रहते है । परन्तु जो पैसेको उत्तम रीतिसे खर्च करता है, वह सदा आनंदमे मग्न रहता है। उसकी स्त्री और बच्चे अच्छा खाते, अच्छा पहनते और अच्छी शिक्षा पाते है । वे कभी भूख, प्यास और गर्मी सर्दीके दुःख नहीं सहते । अचानक आपत्तिके समय वह कभी भयभीत नहीं होता । नौकरी छूट जाय अथवा बीमारी आजाय तो वह व्याकुल नहीं होता । अतएव पैसा देखने में चाहे जरासा मालूम हो, परन्तु उसकी शक्ति बहुत जियादह है। पैसोकी रक्षा करनेसे रुपयेकी रक्षा होती है । इंग्लै डमें ऐसी अनेक सोसायटिया है कि जिनमें केवल एक पैसा प्रति दिन जमा करनेसे बड़ी बड़ी रकमे मिलती है । जैसे यदि कोई आदमी जिसकी उम्र २० वर्षकी है ६० वर्षकी अवस्था तक एक एक पैसा प्रति दिन जमा करता रहे, तो उसके मरने पर उसके कुटुम्बियोको २०० छोटी छोटी चीजें । रु० के लगभग मिल जायेंगे चाहे वह कल ही क्यों न मर जाय । जिसकी आयु १५ वर्षकी हो यदि वह जीवन पर्यंत एक पैसा दिया करे तो उसके मरने पर उसकी औलादको ४०० रु० मिल जायेंगे । यदि कोई आदमी अपने बच्चेके पैदा होनेके दिनसे एक पैसा रोज दिया करे तो १४ वे वर्पमे उसे ८५ रु० मिल जायँगे । यदि कोई आदमी अपने बच्चेके पैदा होनेके दिनसे एक आना रोज दिया करे तो २१ वर्षकी उमरमें उसे ६८५ ) रु० मिल जायेंगे । यदि कोई व्यक्ति - चाहे स्त्री हो चाहे पुरुप - २५ वर्षकी उमरसे एक आना दिया करे तो जीवनपर्यंत जब कभी बीमार पड़ेगा, उसे वीमारीकी हालतमे १) रोज मिलता रहेगा । पैसेमे इतनी शक्ति है । देखिए, एक एक पैसेसे ' सहायक फंड' कितना काम कर रहे है । एक एक पैसा लेकर सैकड़ों रु० देते है, फिर भी खूब लाभ उठाते हैं । भारतवर्ष में भी ऐसे फंडोंके खुलनेकी जरूरत है । पैसेकी तरह ही मिनिट और सेकंडको समझो; एक सेकंड मी कभी व्यर्थ न खोज । जरूरतके वक्त एक सेकंड ही बड़ा काम देता है । जरा उस वक्तका अनुमान करो कि जब तुम्हें कहीं रेडमें बैठ कर जाना है और तुम उस समय स्टेशन पर पहुँचते हो; जब गार्डने सीटी दे दी और हरी झंडी दिखला दी है। बस, एक सेकंड में गाडी चलनेवाली है। यदि उस समय एक सेकंडकी देर करते हो तो तुम गाड़ीने नहीं बैठ सकते । समय वा अमूल्य है। जो समय नष्ट हो जाता है वह कभी फिर नहीं आसकता। क्या पैसा और क्या कंड संसार में कोई वस्तु नी व्यर्थ नहीं है । छोटांसे छोटी चीज भी कामकी है । चाहे कितनी ही छोटी चीज हो परन्तु जरूरत के वक्त न होनेसे बड़ी तकलीफ होती है । मान लो कि हमारे गलेका बटन टूट गया । हमको कचहरी जाना है । परन्तु हमको सुई नहीं मिलती । न जाने हमने उसे कहाँ रख दी है । देखिए, सुई कितनी जरासी चीज है । परन्तु इसके भी न होनेसे ऐसे वक्तमे कितनी तकलीफ होती है । अथवा हमने दियासलाईको कहीं वेपरवाहीसे रख दी । आधीरातको जब सब सो रहे हैं, हमे कुछ डर मालूम हुआ । परन्तु दियासलाईके न होनेसे हम लेम्प नहीं जला सकते । इस वक्त रुपये काम नहीं आसकते । क्योकि बाजार बंद है, सब जगह अंधेरा हो रहा ह, हर कोई सो रहा है। विना दियासलाईके लेम्प नहीं जल सकता; परन्तु दियासलाई मिलती नहीं । इस समयके कष्टका कोई पार नहीं । यदि एक रुपयेमे भी एक सलाई मिल जाय, तो हम सहर्ष ले लें। अतएव हमे किसी चीजको भी तुच्छ न समझना चाहिए । प्रत्ये-कको सावधनीसे नियत स्थान पर रखना चाहिए और उसका सदुपयोग करना चाहिए । दसवाँ अध्याय । ( विद्वानों के वाक्य । ) श्रमसे धन उत्पन्न होता है, मितव्ययसे वढता है और सावधानीसे सुरक्षित रहता है । जो मनुष्य अपने कार्यको श्रमसे करता है, किंतु सावधानीसे नहीं करता वह एक हाथसे कमाता है और दूसरे हाथसे फेंक देता है । धनसंचय करना हमारे अधिकारमें है। हमारी आमदनी इतनी अधिक अवश्य है कि यदि हम बुद्धिपूर्वक व्यय करें और संयमका अभ्यास करें तो बहुत जल्द धनवान् बन सकते हैं । कभी कठिन से कठिन मार्गद्वारा ही सफलता प्राप्त होती है । मी अपने सेवकोकी बुरी आदतोंको बहुत कुछ सुधार सकता है । उनमे दूरदर्शिता और मितव्ययता पैदा कर सकता है। यद्यपि मजूर कारीगर यह नहीं चाहते कि कोई उनका संरक्षक हो, परन्तु यदि उनकी कोई सहायता करे तो इसमें उन्हें कोई शंका भी नहीं होती । यह हम पिछले अध्यायों में दिखला ही चुके हैं कि पृथक् पृथक् व्यक्ति भी बहुत कुछ कर सकते हैं । मितव्ययताका अभ्यास करके अपनी आमदनीमेसे थोड़ा थोड़ा जरूरतके लिए वचा सकते हैं, परन्तु ऐसा करनेके लिए उन्हें उत्साह, सहायता और सहानुभूतिकी आवश्यकता है । यह मालिकोंका काम है कि वे अपने नौकरोकी वढती और लाभका सदैव खयाल रक्खें और उनके साथ जहाँ तक हो सके प्रेम और सहानुभूतिका व्यवहार करे । इसमें उनका खर्च कुछ नहीं होता, किंतु लाभ बहुत जियादह होता है । जिस नौकरके साथ इस प्रकारका वर्तवि किया जाता है वह अपने मालिकके लिए प्राण तक देने के लिए तैयार रहता है। नौकर प्रायः कमसमझ हुआ करते हैं। शिक्षाके अभावमे उनमें विचारशक्ति नहीं होती, वे अपने हानि लाभको नहीं देख सकते। जहाँ चाहे खर्च कर डालते हैं। मालिकको चाहिए कि सदा इस बातका खयाल रखा कि मेरा नौकर सिगरेट तो नहीं पीता, शराबकी नहीपर तो नहीं जाता, इधर उधर वाहियात तो नहीं फिरता और फिजूल खच तो नहीं करता । यदि वह ऐसा करता है तो उसे इस तरह मना करना चाहिए कि जिससे उसके अंतरंगमें मालिककी ओरसे भय अथवा अरुचि पैदा न हो जाय, किंतु प्रेम तथा प्रतिष्ठाका अंकुर जम जाय । उन्हे संयम और दूरदर्शिताका अभ्यास कराने के लिए उनके लिए सेविंग बेक और उनके बच्चो के लिए पैसाबेक खोलने चाहिए, संशोधक सभाये स्थापित करनी चाहिए और समय समय पर लेखों और व्याख्यानोद्वारा उनको रुपयेका सदुपयोग बतलाना चाहिए, जिससे वे अपनी मजूरीको व्यर्थ न खो दे । जिस कारखानेका मालिक नोकरोके साथ ऐसा वर्ताव करता है, उसका कारखाना सदा उन्नति करता जाता है। क्योकि कारखानेकी उन्नति नौकरोके हाथमे होती है । उस कारखानेके नौकर औरोकी अपेक्षा कम मजूरी लेते है और अधिक काम करते है। उनको अपने मालिकसे एक तरहका प्रेम हो जाता है और वे कारखानेको अपना निजी काम समझने लगते है । उनमे कभी हड़ताल वगैरहका नाम भी सुनाई नहीं देता । इग्लैड आदि देशोमे ऐसे अनेक उदाहरण मिलेगे, परन्तु भारतवर्षमे इस समय ऐसे उदाहरणोंकी बहुत कमी है । यहाॅ स्वामी और सेवकका कोई सम्बन्ध ही नहीं मालूम होता । स्वामीको अपनी धुन है, सेवकको अपनी लगन है । न स्त्रार्माको सेवकसे सहानुभूति है और न सेवकको स्वामी से प्रेम या प्रीति है । हरएकको अपनी फिक्र है । मालिक चाहता है कि जितना हो सके और जवतक हो सके इससे काम ले लॅ चार पैसेका काम एक पैसेमे करा लॅ । नौकर चाहता है कि जितनी जल्दी हो सके इसकी बेगारसे अपना पीछा छुड़ा लूँ और एक पैसेकी मजूरीके चार पैसे ले लूँ । चाहे नौकर - भूखके मारे मर रहा हो, उसे खॉसी जुकाम बुखार हो रहा हो, परन्तु मालिक उसे छोड़ना नहीं चाहता । और चाहे कितना ही जरूरी काम क्यो न हो, नौकर उसे करना नहीं चाहता । गरज यह कि यहाँ मालिक और नौकरके बीचमे कोई सम्बन्ध नहीं । इस सम्बन्धके न होनेसे हमारे कार्योंमे बड़ी बाधा पहुँचती है । हर रोज नये नये झगड़े देखनेमे आते है । स्वामी सेवकका सम्बन्ध केवल रुपयेका हो न होना, चाहिए, दोनोमे पारस्परिक प्रेम और सहानुभूति होना जरूरी है। अपने कुटुम्बियोसे प्यार करो, अपने पड़ेसियोसे प्यार करो, अपने जातिवालोसे प्यार करो, अपने देशवासियोसे प्यार करो, मनुष्य मात्रसे प्यार करो और प्राणी मात्र से प्यार करो । इस तरह हमे क्रम क्रमसे प्यारकी सामीको बढ़ाना चाहिए । नौकर चाहे कितने ही उद्दंड हो पर वे मालिकके अधीन होते है; मालिकका उन पर बहुत कुछ अधिकार होता है । मालिकका काम है कि जहाँ तक हो सके उनका सुधार करे । सदा उनके अभीष्ट पर दृष्टि रक्खें। इंग्लैडमे बहुतसी कम्पनियोंने अपने नौकरोके लिए रातके स्कूल, दिनके स्कूल, पुस्तकालय, औषधालय, बेक आदि खोल रक्खे है और उनके रहनेके लिए वहीं कारखानों के पास ही मकान बना दिये है । एक कम्पनीमे काम करनेवाले सब लोग प्रायः एक जगह रहते है और वहीं एक गाँव सा बसा लेते है। उनकी जरूरतोको पूरा करनेके लिए हरएक चीजकी दूकाने खोल दी गई है जिनसे उन्हें लागतके दाम पर शहरसे कहीं सस्ता और अच्छा माल मिलता है । वहाँके रहनेवालो मे धीरे धीरे आपसमे खान-पान और विवाहसम्बन्ध भी हो जाते है और वे सदा दुःख-सुखमे एक दूसरेको सहायता करते है । भारतमें भी रेलवे कम्पनियाँ अपने आदमियोके साथ प्रायः ऐसा ही व्यवहार करती है । हरएक स्टेशन पर रहनेके मकान बने होते स्थान स्थान पर रेलवे अस्पताल खुले हैं, जहाँ बिना किसी फीसके इलाज किया जाता है और दबाई भी विना मूल्य दी जाती है । कम्पनीकी ओरसे प्रावीडेट फंड होता है जिसमे समस्त कर्मचरियोंका रुपया धीरे धीरे जमा होता है । बड़े बड़े शहरोंमे रेलवे स्कूल भी खुले हुए है । रेलवे कम्पनियोके समान अन्य कम्पनियोको भी अपने आदमियोका खयाल रखना चाहिए और जहाँ तक बन सके उनकी शारीरिक, मानासिक और आत्मिक शक्तियोको बढाते रहना चाहिए । जिन कारखानोंमे केवल शारीरिक काम लिया जाता है उनके स्वामियोको चाहिए कि अपने सेवकोंके लिए रातकी पाठशाला और पुस्तकालय भी खोल दे, तथा समय समय पर उनके लिए व्याख्यानोंका भी प्रबन्ध कर दे कि जिससे उन्हें मानसिक और आत्मिक उन्नति करनेका भी अवसर मिले । इसी तरह पृथक् पृथक् व्यक्तिको अपने अपने नौकरकी भी दशा सुधारनी योग्य है । बहुधा देखने में आता है कि हमारे घरोमें जो नौकर काम करते है उनमे चुरट पीने, झूठ बोलने, मैला रहने और चोरी करनेकी बुरी आदते होती है । उनकी देखादेखी हमारे वालक भी बिगड़ जाते है । यदि हमें नौकरोकी भलाईका खयाल न हो तो न सही, परन्तु अपने बालकोकी भलाईका खयाल तो अवश्य होना चाहिए । इसी खयालसे ही उनकी बुरी आदतोंको छुड़ाना चाहिए । इसके अतिरिक्त उनको कुछ शिक्षा भी देनी जरूरी है । इसके लिए सबसे अच्छा उपाय यह है कि एक मोहल्लेके आदमी मिलकर उनके किए रातका स्कूल खोल दे जिसमे उनको एक एक दो दो घंटे रोज पढाया जाय । धीरे धीरे वे पढना लिखना सीख जायेंगे और बहुत 'कुछ उन्नति कर सकेंगे। उनके वेतनमेसे एक आना रुपया काटकर तथा आध आना रुपया अपने पाससे मिलाकर किसी वेकमे उनके नामसे अपनी मार्फत जमा करते रहना चाहिए। जब उनके पास थोड़ासा रुपया जमा हो जाय, तब वह किसी व्यापार आदिमे लगा दिया जाय, अथवा उससे किसी कम्पनीका एकाध हिस्सा खरीदवा दिया जाय । ऐसा करनेसे उनकी पूँजा धीरे धीरे बढ़ती जायगी और उनकी दशा बहुत कुछ सुधर जायगी । उनके विचार उच्च हो जावेगे और उनसे 'देशको बड़ा लाभ पहुँचेगा । नौकरोकी दशा सुधारने के लिए एक बातकी और जरूरत है और वह यह कि उनको घृणाकी दृष्टिसे नहीं देखना चाहिए । यद्यपि वे आपके नौकर है, आपके अधीन है पर इस कारणसे उन्हे तुच्छ समझना ठीक नहीं है । नौकर तो शायद आप भी हो । अंतर केवल इतना है कि आप अधिक वेतन पाते है और वे बेचारे थोड़ा । नौकर होनेकी दृष्टिसे दोनो बराबर है । जिस तरह एक १०० ) मासिक वेतन पानेवाला बाबू यह पसंद नहीं करता कि उसका अफसर उसे गाली दे, मारे अथवा दिक करे, इसी तरह जिस नौकरको आप ७ ) रु० मासिक देते है वह भी यह पसंद नहीं कर सकता कि आप उसे 'बे' 'तू' करके बोले अथवा हर समय डाँटे-डपटें और मारे । अपनी जान सबको प्यारी है। आत्मगौरवका विचार प्रत्यक व्यक्तिके हृदयमे होना आवश्यक है । यदि ७ ) रु० मासिकका नौकर गाली सुनना पसंद नहीं करता तो इससे यह न समझ लेना चाहिए कि वह पाजी अथवा धूर्त है। नहीं, उसे अपनी इज्जतका खयाल है । वह अपनेको और नीच बनाना पसन्द नहीं करता । जब तक यह भाव मनुष्योंके हृदयमे न आयगा वे उन्नति नहीं कर सकते । अतएव यदि आप देशके सच्चे शुभचिन्तक है, और साथ में यह इच्छा रखते है कि आपका काम ठीक ही चलता रहे तो आपको नौकरों के साथ चाहे वे कितने ही छोटे दर्जेके हों और उनका वेतन कितना ही न्यून हो उत्तम रीतसे व्यवहार करना चाहिए । उनके सुख दुखका पूरा पूरा खयाल रखना चाहिए । उनको अपना दास और गुलाम न समझना चाहिए, किंतु अपना सहायक और रक्षक समझना चाहिए । उनको भूलकर भी गाली-गलोज न देना चाहिए उनकी भूलोको उसी तरह क्षमा करना चाहिए जिस तरह आप अपने अधिकारियोसे अपनी भूलोंकी क्षमाकी आशा रखते है । परन्तु हाँ, यह जरूर है कि उन्हें इतनी स्वतंत्रता न दे देनी चाहिए कि जिससे वे मुँहलगा हो जायँ । आवश्यकता से अधिक किसीसे भी बातचीत नहीं करना चाहिए । फिजूल बातोके करनेसे नौकर तो नौकर घरके आदमी भी खराब हो जाते है और फिर पीछेसे उनका सुधारना कठिन हो जाता है। नौकरोको उनकी जिम्मेदारियोका पूरा पूरा बोध करा दो और उनके हृदय मे इस बातको जमा दो कि आप उनके सच्चे शुभचिंतक है । ग्यारहवाँ अध्याय । कर्ज कभी मत लो, सदा हिसाबसे खर्च करो । कर्ज लेकर खर्च करनेसे मनुष्यका गौरव कभी नहीं बढ़ता । यसे अधिक व्यय करनेको अपव्यय कहते है। जितनी आय हो वह सबकी सब खर्च कर देनेको भी अपव्यय कहते है । अमितव्यय, व्यर्थव्यय आदि इसीके पर्यायवाची नाम है। अपव्ययके कारण यह देश दिनो दिन निर्धन होता जाता है । यह एक ऐसी बुरी आदत है कि इसमे फँस कर लखपतीको भी भिखारी होते देर नहीं लगती। भारतमे केवल धनिक पुरुप ही अपव्ययी नहीं होते, किंतु साधारण स्थितिके मनुष्य भी विवाहादिमें हजारो रुपये कर्ज लेकर खर्च कर डालते है । जहाँ देखो वहाँ फिजूलखर्चीकी ही चर्चा है । इस फिजूलखर्चीने हजारो घरोका सत्यानाश कर दिया, लाखोंको पैसे पैसेका भिखारी बना दिया । जो कभी सेठ साहूकार कहलाते थे, जिनके घर कभी हाथी घोड़े बँधे थे, जिनकी कभी बँधी बँधती थी और खुली खुलती थी, आज उन्हींकी संतान टुकड़े टुकड़ेको तरसती है और मेरे तुम्हारे आगे हाथ पसारती फिरती है । यह आदत घटती नहीं, दिनो दिन बढ़ती ही जाती है । गाँवके आदमी शहरवालोकी देखादेखी करते जाते है और फिजूलखर्चीमे ही अपना गौरव समझते है । इंग्लैंड आदि पश्चिमी देशोंमे तो केवल कपड़े और फेशन वगैरहमे ही फिजूलखर्ची होती है, किन्तु भारतवर्षमे जियादहतर विवाह - शादियोमे, उत्सवोमे, मेले - प्रतिष्ठाओ में, जन्म-मरण में और धनिकोके नानाप्रकारके भोगविलासोमे होती है । गरीबसे गरीब भी अपने बेटे-बेटी की शादीमे कर्ज लेकर खर्च करना जरूरी समझता है । गाँठमें चाहे कौड़ी न हो और न भविष्यमे होनेकी आशा हो, किन्तु शादीके खर्चके लिए वह जेवर बेच देता है - घर दूकान तक गिरवी रख देता है । इसमे ही वह अपना गौरव समझता है । चाहे कुछ हो, परन्तु भाई बन्धुओं और जाति बिरादरीमे सिर नीचा न हो । अमुक व्यक्तिने अपने लड़केकी शादीमें ५,००० रु० खर्च किये, मुझे भी उतना ही खर्च करना जरूरी है; नहीं तो लोग क्या कहेगे ? बिरादरीमे नाक कट जायगी, इस विचारने ही हमको अमितव्ययी बना रक्खा है । दैनिकचर्यामे भी हमारा सदा यही विचार रहा करता है कि किसी तरह हम दूसरोसे कम न समझे जावे । लोग हमारा उतना ही आदर करे जितना दूसरोंका करते है और हमारे पास उतनी ही इष्ट सामग्री हो जितनी दूसरोंके पास है। इन्हीं वस्तुओंके संग्रह करनेमे हम अपनी सारी आमदनी खर्च कर डालते है । कभी कभी जरासी चीजके लिए भी कर्ज तक लेते नहीं डरते । न जाने हमारे अंदर यह बुरा विचार कबसे पैदा हो गया है कि जैसा दूसरे करें वैसा हम भी करे । यदि हमारा दूसरा भाई घोड़े - गाडी रखता है, बहुतसे नौकर रखता है, बड़े बढिया मकानमे रहता है, प्रतिदिन नये नये कपड़े बदलता है, अच्छे अच्छे खाने खाता है और दूसरोंको खिलाता है तो हमे भी ऐसा ही करना चाहिए - तब ही हमारी बात रहेगी । परन्तु यह कभी नहीं विचारते कि इतना खर्च करनेकी हमारी शक्ति भी है या नहीं; उसकी आमदनीके बराबर हमारी आमदनी भी है या नहीं । दूसरोंके समान हम प्रतिष्ठा पाना तो जरूरी समझते है किन्तु उसके कारणो और साधनो पर कभी विचार नहीं करते । चाहे हम कितने ही निर्धन हो, चाहे हमारी आमदानी कितनी ही थोड़ी हो, चाहे हम अपनी आमदनीसे कुटुम्बका अच्छी तरह पालन भी न कर सकते हो परन्तु हम संसारमे अपनेको अमीर ही दिखलाना चाहते है । लोग यह कदापि न जानें कि हम गरीब है, इसीको हम अपने जीवनका उद्देश्य समझते है । इस दिखलावेके लिए ही हम कर्ज लेकर विलायती दूकानोंके बने हुए सूट पहनते है, यार-दोस्तोको अच्छे अच्छे खाने खिलाते है और कमी पैदल चलना पसद नहीं करते । परन्तु जब कर्ज बढ़ जाता है, बाप-दादाका जमा किया हुआ माल खतम हो जाता है, बेकमे पैसा नहीं रहता, घर दूकान दूसरेकी हो
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बिहारः पुलिस ने हादसे के शिकार हुए तीनों लोगों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और दुर्घटनाग्रस्त ऑटो को सड़क से हटाकर यातायात को बहाल कराया। पटनाः बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को घटी एक ह्रदयविदारक घटना में ऑटो में सवार तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र के महावीर कैंसर अस्पताल के पास हुई, जहां चलती ऑटो पर ताड़ का पेड़ गिर गया। जिसकी वजह से ऑटो चालक सहित तीन यात्रियों की मौत हो गई। ऑटो पर कुल 7 लोग सवार थे। इनमें चार का इलाज बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा है। हादसे की खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि यात्रियों से भरी ऑटो जा रही थी, तभी ताड़ का पेड़ ऑटो पर ही गिर गया। जिसकी वजह से ऑटो क्षतिग्रस्त हो गया और ऑटो में सवार यात्री उसमें दब गए और तीन की मौत हो गई। जबकि कई अन्य यात्री घायल हो गए। बीच सड़क पर हुए इस हादसे के बाद सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने हादसे के शिकार हुए तीनों लोगों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और दुर्घटनाग्रस्त ऑटो को सड़क से हटाकर यातायात को बहाल कराया। कहा जा रहा है कि ऑटो सवार लोग किसी मरीज का इलाज कराने के लिए पटना लेकर आए थे। मरीज को डॉक्टर से दिखाने के बाद सभी लोग वापस घर लौट रहे थे। इसी दौरान महावीर कैंसर संस्थान के पास ताड़ का पेड़ ऑटो पर गिर गया।
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Agra News: दिवाली की आतिशबाजी के बाद बिगड़ी हवा की सेहत में सुधार नहीं हुआ है. यहां तक कि स्मॉग के कारण ताजमहल का दीदार भी मुश्किल हो गया है. ताजनगरी आगरा की आबोहवा भी खतरनाक स्तर पर बनी हुई है. जहरीली गैसों के कारण शहर में स्मॉग की चादर बिछी है. रविवार को भी ताजमहल के चारों तरफ स्मॉग की चादर दिखी. इससे ताजमहल देखने आए पर्यटकों को मायूसी हुई. प्रदूषण और धुंध के कारण शनिवार को ताजमहल को देखने के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ी. हालात ऐसे हुए कि सुबह में रेड सैंड स्टोन प्लेटफार्म से ताज नजर नहीं आया. रविवार को भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनी रही. दोपहर में धूप निकलने के बाद स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ. सैलानियों की मानें तो सेंट्रल टैंक से ही ताजमहल को देखने में मदद मिली. शाम में ताजमहल के हालात जस के तस हो गए. ताजनगरी में प्रदूषण का आंकड़ा खतरनाक स्थिति में बना हुआ है. शनिवार के बाद रविवार को भी आगरा रेड जोन में बना रहा. पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक तेज हवा चलने पर या तापमान बढ़ने के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में सुधार हो सकता है. इसके लिए निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के साथ ही ट्रैफिक जाम से मुक्ति, सड़कों की धूल कम करने के लिए पानी का छिड़काव करने की जरुरत है. स्मॉग की चादर ओढ़े ताजमहल के लिए अच्छी खबर भी है. कोरोना काल में ताज को देखने के लिए रिकॉर्ड सैलानी पहुंच रहे हैं. शनिवार को दिनभर 32,076 सैलानियों ने ताजमहल को देखा. स्मॉग के बावजूद सैलानियों में ताजमहल देखने का उत्साह कम नहीं हुआ है. रविवार को सुबह से ही ताजमहल देखने के लिए सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी. दोपहर में सुबह से ज्यादा सैलानी ताजमहल देखने आए.
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कानपुरः आपने लोगों को देवी-देवताओं की आरती उतारते हुए तो कई बार देखा होगा लेकिन यूपी के कानपुर में एक अलग ही नजारा देखने को मिला. कैश की किल्लत से परेशान लोगों ने घंटाघर चौक पर खाली एटीएम की आरती उतारी, जय एटीएम देवा. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जिसमें दिखाई दे रहा है कि 'नो कैश' बोर्ड लगे एटीएम के सामने लोग फूलों और आरती से सजी थाली लिए हुए हैं. कैश की कमी से परेशान व्यापारियों ने कैश की किल्लत दूर करो का नारा भी लगाया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार व्यापारियों का कहना है कि रुपये की कमी से चलते उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से देश के कई हिस्सों में एटीएम में कैश न होने से परेशानी बढ़ गई है. एटीएम खाली होने की वजह से रोजमर्रा की चीजों पर भी असर पढ़ रहा है. गौरतरलब है कि कैश की किल्लत पर सख्त हुई सरकार ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि एक दिन के भीतर 80 प्रतिशत ATM में पैसा डालें. सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय के बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को नकदी संकट की स्थिति का जायजा लिया था. आला अधिकारियों के साथ बैठक के बाद निर्देश दिए गए कि जिन पांच-छह राज्यों में एटीएम में नकदी उपलब्ध नहीं है, वहां एक दिन के भीतर 80 फीसद एटीएम में नकदी उपलब्ध कराई जाए. ATM में कैश न होने पर बोले अखिलेश यादव- केंद्र के इशारे पर तो नहीं हो रही जमाखोरी?
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वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका। श्रीलंका और पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश तीसरा दक्षिण एशियाई देश बना है, जिसे आईएमएफ के दरवाजे पर जाना पड़ा है। अमेरिका के नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 17 करोड़ आबादी वाले इस युवा देश के लिए दुनिया में आती मंदी से खुद को बचाए रखना संभव नहीं हुआ। आईएमएफ। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) बांग्लादेश को 4. 5 बिलियन डॉलर का कर्ज देने के लिए सहमत हो गया है। इसके लिए दोनों पक्षों में स्टाफ लेवल (कर्मचारी स्तर का) समझौता हो गया है। लेकिन इसके साथ ही विशेषज्ञों के बीच ये चर्चा छिड़ गई है कि आखिर बांग्लादेश को कर्ज लेने की नौबत क्यों आई? अभी कुछ समय पहले तक बांग्लादेश को विकास संबंधी कामयाबी के करिश्मे के रूप में देखा जाता था। इस कहानी ने कैसे कड़वा मोड़ ले लिया, जानकार यह सवाल उठा रहे हैं। पांच दशक पहले अस्तित्व में आए बांग्लादेश को विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में 'विकास की प्रेरणादायक कहानी' बताया था। उसने कहा था कि वस्त्र उद्योग की कामयाबी ने बांग्लादेश को उस आर्थिक स्थिति में पहुंचाया, जिससे वह करोड़ों को लोगों को गरीबी रेखा के ऊपर ला सका। खासकर बांग्लादेश के महिला कामगारों की सफलता उल्लेखनीय रही। इस दौरान बांग्लादेश में जीवन प्रत्याशा में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि नवजात शिशुओं की मृत्यु के मामलों में 90 प्रतिशत की गिरावट आई। अभी पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा था कि बांग्लादेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) जल्द ही डेनमार्क और सिंगापुर से ज्यादा हो जाएगा। प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में वह पहले ही भारत से आगे निकल चुका है। विश्लेषकों के मुताबिक अपनी इन्हीं सफलताओं के कारण बांग्लादेश दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा था। लेकिन अब उसकी ये तमाम कामयाबियां खतरे में हैं। वैश्विक परिस्थितियों की उस पर जोरदार मार पड़ी है। इसी वजह से उसे आईएमएफ के आगे हाथ फैलाना पड़ा। इस तरह श्रीलंका और पाकिस्तान के बाद वह तीसरा दक्षिण एशियाई देश बना है, जिसे आईएमएफ के दरवाजे पर जाना पड़ा है। अमेरिका के नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 17 करोड़ आबादी वाले इस युवा देश के लिए दुनिया में आती मंदी से खुद को बचाए रखना संभव नहीं हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा की महंगाई के कारण वह भी कई दूसरे देशों की तरह विदेशी मुद्रा की कमी का शिकार हो गया। बांग्लादेश के आर्थिक विशेषज्ञों ने कहा है कि देश के वस्त्र उद्योग पर पहली मार कोरोना महामारी की पड़ी। उस दौरान लॉकडाउन के कारण कम से कम तीन महीने कारखाने बंद रहे। इससे दस लाख लोगों की नौकरी चली गई। आमदनी ना होने के कारण उनके परिजन भुखमरी का शिकार होने लगे। अभी महामारी से राहत मिलने की शुरुआत हुई ही थी कि यूक्रेन युद्ध ने हालात बिगाड़ दिए। मजदूर संगठन- बांग्लादेश गारमेंट वर्कर्स सोलिडॉरिटी की अध्यक्ष तस्लीमा अख्तर के मुताबिक अब कर्मचारियों को ज्यादा समय काम करने के बावजूद ओवरटाइम नहीं मिल रहा है। इस कारण मौजूदा महंगाई के बीच उनके लिए गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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स्थापित परंपरा में ज्यादातर लोगमान लें कि गैर मादक बियर एक हानिरहित पेय है। यह सड़क पर चलने वाले ड्राइवरों, गर्भवती महिलाओं, नर्सिंग माताओं द्वारा नशे में है। इसके अलावा, जो अस्थायी रूप से इस पेय पर अल्कोहल नहीं पी सकते हैं। उदाहरण के लिए, एंटीवायरल या जीवाणुरोधी दवाओं का कोर्स करते समय। लेकिन यदि आप गैर मादक बीयर पीते हैं तो क्या होगा, आपको अलग करने की जरूरत है। यह पता लगाना कि क्या गैर-मादक बियर पीना संभव हैस्टीयरिंग व्हील, ध्यान दें कि इसमें अभी भी लगभग 0.5% है। शायद एक गिलास या 1 बोतल कल्याण और प्रतिक्रिया को प्रभावित नहीं करती है, लेकिन एक और महत्वपूर्ण राशि किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह भी समझना फायदेमंद है कि गैर मादक बियरकेवल अल्कोहल से अलग है जिसमें यह डबल निस्पंदन से गुजरता है। यही है, शरीर पर नकारात्मक प्रभाव बनी हुई है। बीयर उत्साह में सबसे आम जटिलताओं में हृदय की दीवारों की मोटाई और इसकी गुहाओं की चौड़ाई, माइटोकॉन्ड्रिया में कमी, कार्डियक मांसपेशियों पर नेक्रोटिक क्षेत्रों की उपस्थिति होती है। इसके अलावा, किसी भी बियर में फाइटोस्ट्रोजेन होते हैं। इस प्रकार के पेय पदार्थों के प्रशंसकों पर मादा प्रकार के दौरान निश्चित रूप से स्थगित होना शुरू हो जाता है। झुंड और कमर की मात्रा में वृद्धि, स्तन ग्रंथियों, और श्रोणि व्यापक हो जाता है। बेशक, कई लोग इस सवाल के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैंमात्रा, चाहे पहिया पर गैर मादक बियर का उपयोग करना संभव हो। लेकिन सोचें, शराब और अन्य नशीले पदार्थों के उपयोग के खिलाफ लड़ाई से निपटने वाले संगठन, इस पेय की आलोचना करते हैं। यह सिरदर्द और मतली का कारण बन सकता है। इसके अलावा, कई लोग हैं, जो की वजह से पीते हैंकुछ परिस्थितियों में गैर-अल्कोहल बियर, वे ध्यान देते हैं कि उनके पास शराब के लिए एक अनूठा आकर्षण है। लेकिन पुरुषों के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक है। शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह विपरीत लिंग के प्रति रुचि को कमजोर करता है, साथ ही साथ सामान्य रूप से नशीली बीयर भी। क्या यह जोखिम के लायक है? मत भूलो कि गैर-अल्कोहल बीयर में भी हैशराब। यदि सामान्य स्थिति में इसकी सघनता 3-6% है, तो "हल्के" संस्करण में यह लगभग 0.5% है। लेकिन किण्वन के परिणामस्वरूप प्राप्त किण्वित दूध उत्पादों में अल्कोहल भी मौजूद होता है। यदि आप तुरंत बाद श्वासनली में मर जाते हैंइस पेय को पीएं, तो यह 0.0 पीपीएम से अधिक दिखा सकता है। यह इस तथ्य के कारण है कि शराब के वाष्प मुंह में रहते हैं, उनके पास गायब होने का समय नहीं है। लेकिन एकाग्रता 10 मिनट के बाद कम हो जाती है। लेकिन याद रखें, जितनी अधिक मात्रा में शराब का सेवन किया जाता है, उतना ही अधिक समय तक इंतजार करना वांछनीय है। किसी भी मामले में, यहां तक कि कार चलाते समय बीयर "0" पीना भी इसके लायक नहीं है। शराब परीक्षण आपको यह सुनिश्चित करने के लिए कहने की अनुमति देता है कि क्या आप एक गैर-अल्कोहल बीयर के बाद ड्राइव कर सकते हैं। उसकी मदद से, आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति किस समय तक बिल्कुल शांत हो जाता है। यह निर्धारित करने के लिए कि शरीर कैसे प्रभावित होता हैइन या अन्य पेय, एक उपयुक्त प्रयोग करना आवश्यक है। इन उद्देश्यों के लिए, आपको "हल्के" बीयर (0.5 और 0.34% अल्कोहल की एक निर्दिष्ट एकाग्रता के साथ), सेब का रस, क्वास और कौमिस के 2 प्रकारों की आवश्यकता होगी। उत्पादकों के अनुसार, बाद के, में 3% अल्कोहल होता है। प्रयोग में 5 लोग शामिल थे, उनमें से पेय को बेतरतीब ढंग से वितरित किया जाता है। अध्ययन शुरू करने से पहले, सभी की पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए जांच की जाती है। पीने के लिए यह पता लगाने के लिएगैर-मादक बीयर ड्राइविंग, दो प्रतिभागियों ने 0.5 और 0.34% की एकाग्रता के साथ इस पेय का 1 एल पिया। इसके अलावा प्रयोग के दौरान, तीसरे व्यक्ति ने 0.5 लीटर कौमिस, चौथा 0.5 लीटर सेब का रस और पांचवा, 0.7 लीटर प्री-कर्व खरीदा। पीने के 10 मिनट बाद माप लिया गया।ये पेय। जैसा कि अपेक्षित था, जिन्होंने क्वास और रस पिया, वे बिल्कुल शांत रहे। लेकिन यहां तक कि उन प्रतिभागियों में से जिन्हें 1 लीटर बीयर और 0.5 लीटर कौमिस का सेवन करना था, शराब परीक्षण में 0 पीपीएम दिखाया गया। लेकिन इस अनुभव को समाप्त करने के लिए इसके लायक नहीं है। वास्तव में, बहुत से लोग ड्राइविंग करते समय "हल्के" बीयर के साथ अपनी प्यास बुझाना पसंद करते हैं। इसलिए, गैर-अल्कोहल बीयर के तुरंत बाद ड्राइव करना कितना सुरक्षित है, इस तथ्य को अलग से पता लगाना सार्थक है। आप यह सत्यापित करने के लिए एक साधारण प्रयोग कर सकते हैं कि क्या प्रतिक्रिया और समन्वय बिगड़ जाएगा। प्रयोग की शुद्धता और मूल्यांकन के लिए कि क्यापहिया पर गैर-अल्कोहल बीयर पीने से, उनके पेय समाप्त करने के तुरंत बाद विषयों की स्थिति की जाँच की गई। जो रस और क्वास पर भरोसा करते थे वे शांत रहते थे। यह काफी अपेक्षित था। एक व्यक्ति जिसने कुल 2 लीटर बीयर पी है0.34% की अल्कोहल सांद्रता के साथ, गैस विश्लेषक ने 0.09 पीपीएम दिखाया। नशे की डिग्री द्वारा दूसरे स्थान पर वह प्रतिभागी था जिसे 0.5% अल्कोहल की मात्रा के साथ 2 लीटर बीयर पीना था। गैस विश्लेषक ने 0.11 पीपीएम दिखाया। सबसे ज्यादा नशे में कोमिस प्रेमी था। उनकी गवाही बाकी लोगों से काफी अलग थी। इस किण्वित दूध पेय की एक पूरी लीटर पीने के बाद, किण्वन के परिणामस्वरूप, वह नशे में निकला। अल्कोहल परीक्षण से पता चला है कि समय-सीमा समाप्त वाष्पों में 1.05 पीपीएम होता है। प्रयोग के दौरान यह पाया गया कियहां तक कि लगभग गैर-मादक पेय पीने के लिए ड्राइविंग की प्रक्रिया इसके लायक नहीं है। आखिरकार, गैस विश्लेषक दिखा सकता है कि आपने कुछ पिया है। इसके अलावा, यह संभावना है कि निरीक्षक गंध सुनेंगे और आपको परीक्षा में उत्तीर्ण करने की पेशकश करेंगे। शायद वह दिखाएगा कि आप शांत हैं, लेकिन कोई भी खोए हुए समय को नहीं लौटाएगा और तंत्रिका कोशिकाओं को नष्ट कर देगा। केवल प्रयोग करने वालों के लिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण हैक्या शराब पीते समय गैर-मादक बीयर पीना संभव है, लेकिन यह भी जब यह शरीर से गायब हो जाता है। इसलिए, अध्ययन के अंतिम चरण को आधे घंटे के बाद भी आयोजित किया गया था। नतीजतन, यह पता चला कि जो लोग गैस-विश्लेषक के अनुसार गैर-अल्कोहल बीयर पीते थे, उन्होंने तोड़फोड़ की, लेकिन कौमिस का सेवन करने वाला व्यक्ति थोड़ा "शराबी" बना रहा। डिवाइस ने 0.15 पीपीएम दिखाया। एक नार्कोलॉजिस्ट इस बात की पुष्टि करेगा कि नैदानिक तस्वीर नशे के हल्के चरण के विवरण को फिट करती है। गैस विश्लेषक द्वारा कहा जाता है कि एक हल्की डिग्री0.2-1.2 पीपीएम दिखाता है। ध्यान दें कि जो आदमी कौमी पिया था वह लगभग इस मानदंड की ऊपरी सीमा पर था। लेकिन जो लोग बीयर पीते थे, थोड़ा नहीं पहुंचे। लेकिन ध्यान रखें कि सूक्ष्म लोगों के लिए डेटा भिन्न हो सकते हैं, क्योंकि हल्के नशे की स्थिति को प्राप्त करने के लिए उन्हें कम शराब की आवश्यकता होती है। औसत डिग्री में परिणामों से संकेत मिलता है1.2-2.2 पीपीएम। जब पता चला 2.7 पीपीएम एक मजबूत डिग्री की बात करते हैं। 4.7 पीपीएम तक की दरों पर भारी नशा गवाह। यदि वे और भी अधिक हैं, तो मृत्यु का खतरा है। सभी शुरू होने से पहले प्रयोग की शुद्धता के लिएप्रतिभागियों की जाँच की गई, दवा उपचार विशेषज्ञ को यह सुनिश्चित करना था कि वे बिल्कुल शांत थे। इसके अलावा, प्रयोगों के दौरान, लोगों को धूम्रपान करने और खाने के लिए मना किया गया था। आखिरकार, यह ज्ञात है कि गैस विश्लेषक निकोटीन के लिए नकारात्मक प्रतिक्रिया करता है। प्रतिभागियों की स्थिति का आकलन करने के लिए इस्तेमाल किया गया थाएक अल्कोहल परीक्षण जो कि हवा में मौजूद वाष्प की मात्रा का आकलन करता है। उन्हें एक स्वतंत्र मादक चिकित्सक द्वारा भी जांचा गया था। उन्होंने प्रत्येक की स्थिति का मूल्यांकन किया और स्थापित विधियों के अनुसार सजगता की जाँच की। वैसे, उन मामलों में भी जहां गैस विश्लेषक0.09 और 0.11 पीपीएम दिखाया, डॉक्टर विषयों की स्थिति से असंतुष्ट थे। सर्वेक्षण के परिणामों और प्रतिक्रिया की दर पर नशा करने वाले व्यक्ति ने नशे के हल्के चरण का निदान किया। उन्होंने भाषण, उपस्थिति, श्लेष्म झिल्ली की स्थिति और त्वचा, नाड़ी, श्वसन दर, चाल, कंपन, प्रकाश की विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया। बचाव कैसे करें? आप सामान्य स्थिति का उपयोग करके अपनी स्थिति देख सकते हैंश्वास। अब इसे आसान खरीदें। ऐसा उपकरण आपको यह निर्धारित करने में मदद करेगा कि क्या आप पहिया के पीछे निकल सकते हैं, चाहे सभी शराब गायब हो गए हों। यहां तक कि अगर आप दावत के ठीक बाद सवारी करने के समर्थक नहीं हैं, तो यह उपकरण सुबह आपके लिए उपयोगी हो सकता है। सुप्रभात के पेय के बाद सभी को बहुत अच्छा लग रहा है। यह अन्य चीजों के अलावा, गैर-अनुभवी शराब के संपर्क में आने के कारण हो सकता है। क्या मैं पहिया के पीछे मिल सकता हूं? तदनुसार, ऐसे ड्राइवर कम हो जाते हैंप्रतिक्रिया, वे असावधान हो जाते हैं और पहिया के पीछे बिखर जाते हैं। इसके अलावा, यदि आप साधारण मादक पेय पदार्थों से जल्दी से नशे में हो जाते हैं, तो इस तथ्य के लिए तैयार रहें कि आप गैर-मादक बीयर की बोतल से भी बदलाव महसूस करेंगे।
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Posted On: उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त सरकारी विज्ञापनों में सामग्री के नियमन से संबंधित समिति (सीसीआरजीए) ने दिल्ली सरकार के एक विज्ञापन पर दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) सरकार को एक नोटिस जारी किया है, जो 16 जुलाई, 2020 को समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था। समिति ने दिल्ली सरकार के विज्ञापन पर सोशल मीडिया में उठाए गए कुछ बिंदुओं पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें मुंबई के समाचार पत्रों में दिल्ली सरकार द्वारा जारी विज्ञापनों के प्रकाशन की आवश्यकता पर सवाल खड़े किए गए थे और संकेत किया गया था कि इस विज्ञापन का उद्देश्य सिर्फ राजनीतक संदेश देना है। एक पृष्ठ का यह विज्ञापन शिक्षा विभाग एवं सूचना एवं प्रचार निदेशालय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा प्रकाशित किया गया था। इन दिशानिर्देशों को देखते हुए, दिल्ली सरकार को नोटिस मिलने के बाद इस मुद्दे पर समिति के पास अपनी टिप्पणियां जमा करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है : - उल्लिखित विज्ञापन के प्रकाशन से सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ा। - प्रकाशित किए गए विज्ञापन और विशेष रूप से दिल्ली के अलावा अन्य संस्करणों में प्रकाशन का उद्देश्य। - इस विज्ञापन से कैसे माननीय उच्चतम न्यायालय के राजनीतिक शख्सियतों के महिमागान से बचने के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं होता है। - प्रकाशनों के नामों के साथ और उनके संस्करणों के साथ संबंधित विज्ञापन की मीडिया योजना के बारे में भी बताया जा सकता है। गौरतलब है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के 13 मई, 2015 के दिशानिर्देशों के तहत भारत सरकार ने 6 अप्रैल, 2016 को तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था, जिसमें सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स में सरकार द्वारा वित्तपोषित विज्ञापनों की सामग्री के नियमन को देखने के लिए ऐसे लोग शामिल किए गए थे जो "स्पष्ट रूप से तटस्थ और निष्पक्ष हों और अपने संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो।" समिति को उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर आम जनता से मिली शिकायतों के निस्तारण और उपयुक्त सिफारिशें करने का अधिकार है। समिति उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के किसी प्रकार के उल्लंघन/ विचलन का स्वतः संज्ञान ले सकती है और सुधारात्मक कदमों का भी सुझाव दे सकती है। वर्तमान में भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ओम प्रकाश रावत सीसीआरजीए की अध्यक्षता कर रहे हैं और एशियन फेडरेशन ऑफ एडवर्टाइजमेंट एसोसिएशंस से जुड़े और आईएए के पूर्व अध्यक्ष श्री रमेश नारायण तथा प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य डॉ. अशोक कुमार टंडन समिति में सदस्य हैं।
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भारत की जनजातिय तथा संस्थाएँ ड) पलायन-विवाह (Marriage by elopement ) (ब) प्रक्षिप्त- विवाह (Marriage by Intrusion ) (क) परीक्ष्य-विवाह (Probationary marriage ) --कई जातियों में लड़का कुछ दिन सड़की के पिता के घर जाकर रहता है। की आपस में मिलने की रहती है। अगर कई दिन रहने के बाद लड़का अमन करे कि दोनों की प्रकृति मिलती है तब से शादी कर लेते है नहीं तो सड़का लड़की के पिता को कुछ मुयाबिया बेकर चला जाता है। कुड़ी जाति में यह प्रया पायी जाती है। इस प्रकार के विवाह को 'परोक्य' कहा जाता है (ब) परीक्षा विवाह (Marriage by trial) --कई जातियों में लड़के के बाहू-बल चातुरी आदि की परीक्षा लेकर उसके साथ लड़की का विवाह किया जाता है। अपने यहाँ इस प्रकार की परीक्षा के लिए स्वयंबर रचे जाते थे। रामचन्द्र की न बहुव तोड़ा पर मर्जुन नची मती की मां को बाँचा था। भीलों में होली के दिनों में एक बुझ पर नारियल तबार डॉन दिया जाता है। इस के चारों तरफ पाँच की कड़क घेरा बना कर मानती है उनके पि पुरुषों का एक दूसरा घेराबाता है। को भी चाहे लड़कियों के घेरे को चीर कर बुल पर बढ़ सकता है। लड़कियों के घेरे को को कोई भी पीने का साहस करता है उसे मारती है तो है है काटती है परन्तु को इन सब को पार कर ऊपर बढ़ जाता है, उसे इन सड़कों में से का अधिकार होता है। ब्रिटिश पापना की आपबाब जाति में एक बलम बड़े होकर निशाना लगाने की कहने की परीक्षा की जाती है। आदिवासी बन बातियों में शारीरिक बल तथा चारी का बाजीविका के लिए बहुत अधिक महत्व था इसलिए इस प्रकार की परीक्षाओं का होना स्वाभाविक भी है। (य) अपहरण विवाह (Marringe by capture) नामवशास्त्रियों के कपनानुसार 'अपहरभ-विवाह' विवाह के क्षेत्र में मनुष्य की सबसे पहल थी। माविकास का मानव पद्धप्रिय था। जब किसी जाति के लोम दूसरी जाति पर हमला बोलते थे तो उसकी स्त्रियों को हर लाते थे। इह या तो मार या उनसे विवाह कर लेते थे। जिन लोगों में स्त्रियों की कमी होती है वे बैसे अम्य वस्तुओं के लिए सह-मार करते है वैसे स्त्रियों का हरण करने के लिए भी -मार करते हैं। भारत में विधान की बाराजों के कारण स्त्रियों का अपहरण संवैधानिक हो गया है, परन्तु कोई समय का बद कई बादिवासी जनजातियों में स्त्रो प्राप्त करने का यही एक सामन था। माया जाति के लोप तो दर स्त्रियों के कारण उन पर हमले न हो इसलिए लड़कियों को ही मार दिया करते थे। तपा ही लोप में अब भी स्त्रियों का अपहरण किया जाता है नाँपों में दो माता-पिता की अनुमति से कम्या का अपहरण होता है। देर तक अविवाहित ना इनमें ठीक नहीं समझा जाता इसलिए बब इनकी अनुमति से ही कम्पा का अपहरण होता है, तब विद्या के तौर पर ये इस अपहरण का विरोध करते हैं दिवा
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अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात आए हैं। यहां वह राज्य के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में एयरपोर्ट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्य मुख्यालय 'कमलम' तक 9 किमी लंबा रोड शो कर रहे हैं। इस रोड शो में लाखों भाजपा प्रतिनिधि और समर्थक हिस्सा ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि, प्रधानमंत्री के इस शो में 50 मंच बनाए गए हैं, जिसमें लगभग 4 लाख समर्थक जुटे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा आज 4 राज्यों के चुनाव में अपनी जीत का जश्न मना रही है। वहीं, यह पार्टी अब गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज का कार्यक्रम अगले चुनाव को ध्यान में रखकर ही आयोजित किया गया है। गुजरात में उनके 11 और 12 मार्च को कार्यक्रम हैं। मोदी अभी गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में एयरपोर्ट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्य मुख्यालय 'कमलम' तक 9 किमी लंबा रोड शो कर रहे हैं। उनका स्वागत करने के लिए सड़क के दोनों और भीड़ है। कोरोना काल के बाद यह पहला मौका है, जब मोदी गुजरात में किसी बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि, यहां 50 मंच बनाए गए हैं, वहीं सड़क के दोनों और भीड़ है। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी 12 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। उनकी अगुवाई में भाजपा ने एक-दो राज्यों को छोड़कर सभी के चुनाव जीते। गुजरात में भाजपा लगातार कई बार सत्ता में रही है। अब यहां इसी साल फिर चुनाव होने हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि, प्रधानमंत्री मोदी आज 'कमलम' में गुजरात के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद शाम को सरपंच सम्मेलन में मौजूद रहेंगे, जिसमें करीब 1. 50 लाख लोग शामिल होंगे।
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डाउन पेमेंट (Down Payment) : कर्जदाता प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य (LTV) का सिर्फ 80% लोन देते हैं . बाकी पैसे यानी डाउन पेमेंट (Down Payment) का इंतजाम आपको खुद करना होगा. गारंटी (Guarantee): कुछ मामलों मेंकर्ज देने वाला बैंक का संसथान किसी प्रॉपर्टी या कार की गारंटी देने के लिए कह सकते हैं. आप लोन नहीं चुकाएंगे तो कर्जदाता प्रॉपर्टी या कार पर कब्जा कर सकता है. लोन के लिए बैंक को कभी भी कोई गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए . क्रेडिट यूज(Credit Use): यदि आपके नाम पर ज्यादा लोन खाते चल रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में होम लोन के लिए आपका आवेदन मंजूर होने की संभावना कम हो जाएगी. पेमेंट हिस्ट्री(Payment History): आपकी क्रेडिट(Credit) और पेमेंट हिस्ट्री (Payment History) बताती है कि आपने पहले देनदारियां कैसे संभाली थी और आप कर्ज चुकाने में कितने सक्षम हैं. क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर आपका क्रेडिट स्कोर तैयार किया जाता है. आय (income): आपको कितना होम लोन मिलेगा, यह बहुत हद तक आपकी आय (income) पर निर्भर करता है. आय जितनी अधिक होगी, बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी उतनी ही ज्यादा रकम बतौर होम लोन देने के लिए तैयार होगी. कार्ड एप्लीकेशन (Card Application): कुछ बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां एक साथ कई नए Credit Card के लिए आवेदन करने को आपके वित्तीय संकट में होने का इशारा मानती हैं. हालांकि, कई कर्जदाता मोर्टगेज लोन(Mortgage Loan), कार लोन (Car Loan) या एजुकेशन लोन(Education loan) के लिए किए गए आवेदनों की चिंता नहीं करते हैं. डॉक्यूमेंटेशन (Documentation): कर्जदाता आपकी बचत और सेवानिवृत्ति खातों को सत्यापित करने के लिए आपके हालिया पेमेंट की रसीदें चाहते हैं. बैंक का हामीदारी विभाग किसी विसंगति या अंतराल को स्पष्ट करने के लिए भी आपसे संपर्क कर सकता है. निवास(Address Proof) : यदि आप मकान लेने से पहले किराएदार थे, तो कर्जदाता आपके पिछले मकान मालिक से संपर्क की जानकारी मांगेंगे. यदि आपने संपत्ति बंधक रखी है, तो वे पेमेंट हिस्ट्री भी बारीकी से देखेंगे. आयु (Age): होम लोन लेने की आपकी पात्रता एक निश्चित अवधि के लिए आंकी जाती है जिसे कार्यकाल कहा जाता है. कार्यकाल यानी लोन कितने समय के लिए मिलेगा, यह आपकी उम्र और एक निश्चित अवधि में लोन चुकाने की आपकी क्षमता से तय होता है.
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NALANDA: बिहार के नालंदा के रहने वाले सोनू की मदद के लिए अब बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सोनू सूद आगे आ गए हैं। उन्होंने सोनू का एडमीशन आइडियल इंटरनेशन पब्लिक स्कूल बिहटा में कराया है, जो पटना से कुछ ही दूरी पर स्थित है। आपको याद होगा कि इस 11 साल के सोनू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने बेबाक अंदाज में बातचीत की थी। उन्होंने अपनी शिक्षा को लेकर सीएम नीतीश के आगे झोली फैलाई थी और कहा था कि मेरे पिता जी शराब पीने में पैसे ख़त्म कर देते हैं। मेरे पास पढ़ने लिखने की व्यवस्था नहीं है। मैं बड़ा होकर आईएएस बनना चाहता हूं, लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ाया नहीं जाता है। सोनू का मुख्यमंत्री से बातचीत का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया था, जिसके बाद अलग-अलग पार्टी के नेता सोनू से मिलने नालंदा पहुंचे थे। भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने सोनू का एडमीशन नवोदय विधालय में कराने की बात कही थी। उन्होंने बच्चे के अकाउंट में हर महीने दो हज़ार रूपये भी देने का वादा किया। इसके बाद बुधवार को जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव भी सोनू से मिलने पहुंचे और उसे 50, 000 रूपये की मदद की। राजद नेता और हसनपुर के विधायक तेज प्रताप यादव ने भी एलआर पाठशाला खोलने की जानकारी दी थी। अब बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने सोनू का एडमिशन आइडियल इंटरनेशन पब्लिक स्कूल बिहटा में करा दिया है। यहां वह हॉस्टल में रहकर आराम से पढ़ाई कर सकेगा। सोनू सूद ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर लिखा है, सोनू ने सोनू की सुन ली भाई, स्कूल का बस्ता बांधिए, आपकी पूरी शिक्षा और हॉस्टल की व्यवस्था हो गयी है। IDEAL INTERNATIONAL PUBLIC SCHOOL BIHTA (PATNA)
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पाकिस्तान के वकीलों का कहना है कि उनकी यूनिफॉर्म को किसी और को पहनने की इजाजत न दी जाए. पाकिस्तान में कम से कम तीन बार काउंसिल ने वेटर्स की ओर से 'वकीलों की यूनिफॉर्म' पहनने पर ऐतराज जारी किया गया है. वकीलों के इस रवैए पर सोशल मीडिया पर यूजर्स की ओर से चुटीले कमेंट किए जा रहे हैं. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब बार काउंसिल, इस्लामाबाद बार काउंसिल और बलूचिस्तान बार काउंसिल ने अपने बयानों में कहा है कि वेटर्स को ऐसे पहनावे की इजाजत न दी जाए. पाकिस्तान के अधिकतर हिस्सों में वेटर्स काला सूट और सफेद कमीज पहनते हैं. लेकिन आम लोग भी शादी समारोहों, दफ्तर और अन्य जगहों पर ऐसी ड्रेस में दिखते हैं. अगर पाकिस्तान के वकीलों की बात मान कर काले सूट, सफेद कमीज और काली टाई को उनके लिए ही रिजर्व कर दिया जाता है तो अन्य कोई भी व्यक्ति इस ड्रेस में नहीं दिख सकेगा. चिट्ठी में चीफ सेक्रेटरी, पंजाब से आग्रह किया गया है कि वे सभी जिलों को सर्कुलर जारी करें कि अगर किसी भी होटल या इवेंट हॉल का स्टाफ ऐसी यूनिफॉर्म पहन रहा है तो तत्काल उसे बदले. सोशल मीडिया पर वकीलों की इस मांग को लेकर कई यूजर्स ने सवाल उठाए हैं. तैमूर मलिक @taimur_malik ने बलूचिस्तान बार काउंसिल, पंजाब बार काउंसिल और इस्लामाबाद बार काउंसिल की चिट्ठियों का हवाला देते हुए सवाल किया है कि क्या हम वकील इस तरह से किसी को ड्रेस कोड के लिए फरमान सुना सकते हैं. वकीलों के फरमान पर चुटकी लेते हुए @J_Sukhra ने ट्वीट किया कि मुझे ताज्जुब है कि इन्हें अभी तक मेमो मिला या नहीं. @TehminaKhaled ने ट्वीट किया कि तो हमें वकीलों की यूनिफॉर्म को ही बदल देना देना चाहिए. उनके प्रोफेशन में ब्लैक एंड व्हाइट का कंसेप्ट अब नहीं बचा है. @miansamiuddin ने ट्वीट किया- उन्हें हॉलिवुड सेलेब्रिटीज को भी नोटिस जारी करना चाहिए जो ऑस्कर अवार्ड्स में वकीलों की यूनिफॉर्म पहनते हैं.
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गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्य के गवर्नर आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफा देने के बाद विजय रुपाणी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ये परंपरा रही है कि समय के साथ साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व भी बदलते रहते हैं. उन्होंने कहा कि ये हमारी पार्टी की विशेषता है कि जो दायित्व पार्टी द्वारा दिया जाता है पूरे मनोयोग से पार्टी कार्यकर्ता उसका निर्वहन करते हैं. रुपाणी के इस्तीफे के बाद पार्टी के राज्य प्रभारी भूपेंद्र यादव पार्टी के बड़े नेताओं से मिल रहे हैं. विधायक दल की बैठक की संभावना सोमवार को जताई जा रही है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक सूचना नहीं जारी की गई है. उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक विधायक दल की बैठक के बारे समय तय कर लिया जाएगा. जानकारों का ये भी दावा है कि इस नेतृत्व परिवर्तन से राज्य में बीजेपी की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि पार्टी किसी और को कमान सौंप कर अपनी रणनीति को और धार देगी. सीआर पाटिल का नाम कुछ लोग जरूर चर्चा में ला रहे हैं लेकिन इन्हें संगठन के मजबूत स्तंभ के तौर पर देखा जाता है. गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाड़ेजा की छवि भी अच्छी मानी जाती है और उनके समर्थक उन्हें भी एक दावेदार बता रहे हैं, मोदी जी और अमित शाह के विश्वासपात्र हैं, लिहाजा माना जा रहा है कि वे अपनी ओर से कोई प्रयास नहीं करेंगे और शीर्ष नेतृत्व के निर्देशोें का पालन ही करेंगे. विजय रुपाणी ने इस दौरान गुजरात की जनता का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, "मैं गुजरात की जनता के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं कि विगत पांच वर्षो में हुए उपचुनाव या स्थानीय निकाय के चुनाव पार्टी और सरकार को गुजरात की जनता का अभूतपूर्व समर्थन, सहयोग और विश्वास मिला है. गुजरात की जनता का विश्वास भारतीय जनता पार्टी की ताकत भी बनी है और मेरे लिए लगातार जनहित में काम करते रहने की ऊर्जा भी उससे मिली है. .
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पायल घोष ने ऋचा चड्ढा से माफी मांगने से किया साफ इनकार, बोली 'मैंने कुछ गलत नहीं किया...' पायल घोष ने ऋचा चड्ढा से माफी मांगने से इनकार कर दिया है। बॉलीवुड अदाकारा पायल घोष ने कुछ समय पहले ही डायरेक्टर अनुराग कश्यप पर सेक्सुअल हैरसमेंट के आरोप लगाए थे। जिसके बाद से ही पायल घोष लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। अनुराग कश्यप के अलावा पायल घोष ने और भी कई अदाकाराओं के लेकर बयान दिया था। इन अभिनेत्रियों में एक नाम ऋचा चड्ढा का भी है। पायल घोष के इस बयान ने नाराज होकर ऋचा चड्ढा ने कुछ समय पहले ही अदाकारा के खिलाफ 1.1 करोड़ का मानहानी का मुकदमा दायर किया था। बीते दिन ही खबर आई थी कि पायल घोष, ऋचा चड्ढा पर लगाए सभी आरोपों को वापस लेने के लिए तैयार हो गई हैं। इस बात का खुलासा पायल घोष के वकील ने किया था। पायल घोष के वकील ने बीते दिन हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा था उनकी क्लाइंट ऋचा चड्ढा से साफी मांगने के लिए राजी हो गई हैं। इसी बीच पायल घोष ने एक नया बयान दे कर विवाद खड़ा कर दिया है। पायल घोष ने ऋचा चड्ढा से माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है। कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया के जरिए पायल घोष ने इस बात की जानकारी दी है। ट्वीट करते हुए पायल घोष ने लिखा, 'मैं किसी से भी माफी नहीं मांगने वाली हूं। मैं अब तक किसी के भी बारे में कोई लगत बात नहीं कही है। मैंने केवल वो बात बोली है जो अनुराग कश्यप ने मुझे बताई थी। माफ कीजिए लेकिन मैं किसी से भी सॉरी नहीं कहने वाली हूं।' गौरतलब है कि अनुराग कश्यप पर सेक्सुअल हैरसमेंट के आरोप लगाने के बाद पायल घोष कई सितारों के निशाने पर आ गई थीं। इस दौरान पायल घोष और ऋचा चड्ढा के बीच जबरदस्त जबानी जंग देखने को मिली थी। जिसके बाद अब पायल घोष ने ऋचा चड्ढा से माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि दो अदाकाराओं की ये लड़ाई कितना आगे तक जाएगी। बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें...बॉलीवुड लाइफ हिन्दी के फेसबुक पेज, ट्विटर पेज, ताजा गॉसिप के लिए हमें Facebook Messenger पर फॉलो करें।
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है कि यह किस प्रकार का पदार्थ है ? कितना लम्बा चोड़ा, तिकोन, अणु या विभु, स्थिर या गतिशील, किस प्रकार का रंग रूप, कहां इसको स्थिति है, मध्यम परिणामी है या नहीं ? तव उसी पदार्थ सम्बन्धी ऊहापोह होता है। उस पदार्थ के अतिरिक्त मन अन्यत्र नहीं जाता; क्योंकि यह रजः प्रधान समाधि है । 'क्रिया शीलं रजः ।' रजोगुण में किया हो प्रधान है। यह रजस् का लक्षण किया गया है। यदि इसी को सम्प्रज्ञात समाधि कह दिया जाये, तो कोई आपत्ति नहीं; क्योंकि सम्प्रज्ञात संविकल्प समाधि में शब्द ओर ज्ञान बना रहता है, अतः एव इस रजस-प्रधान में भी किया ही मुख्य है और वह किया पदार्थ के प्रत्यक्ष कराने में मुख्य रहती है । सत्य प्रधान समाधि तीसरी समाधि सत्व प्रधान है। इसमें केवल ध्येयाकार-वृत्ति रहती है। पदार्थ है । ' ( है है ) - इस प्रकार का ध्यान बना रहता है । उस ध्येयाकार-वस्तु में मन के निरन्तर लगे रहने से विशेष आनन्द की उपलब्धि होती है । इस अवस्था में पदार्थ सम्बन्धी विज्ञान में किसी प्रकार का तर्क-वितक नहीं होता । केवल ध्येयाकार वृत्ति ही बनी रहती है। यहां आनन्द की जो उपलब्धि होती है, उसी को उपनिषद् ने यों लिखा है'न शक्यते वर्णयितु' गिरा तदा स्त्रयं तद् अन्तः करणेन गृह्यते ।। "उस का आनन्द वाणी वर्णन नहीं कर सकती, क्योंकि वह स्वयं अन्तःकरण से अनुभव होता है । " ऐसा आनन्द सत्य प्रधान समाधि में हो होता है।"
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२ - अंगद रावण - संवाद १-३. करहाट-सोना । जीव - वृहस्पति । अनेस - दुष्ट, शत्रु ७-८ देवदूखण देवताओं का शत्रु, रावण । चिकारि- खेल हो में, सहज हो । त्रिकूट - जिस पर्वत पर लंका वसी थी। असोकवसोहि अशोक-बाटिका को । सोक दयो उजाड़ कर ६-१२. ईस - राम । लोकेंस-दिग्पाल । स्यों सहित । द्वितछत्रंपृथ्वी के क्षत्रिय । हैहयराज सहस्रार्जुन । धनु -रेख - लक्ष्मण द्वारा बनाई हुई । बानर - अर्थात् हनुमान । जराइ-जरी-जड़ने की चीजों से जड़ी हुई । १३-१४. चपि-दबकर । वादि-व्यर्थ । प्रशस्ति - प्रशंसा । चेटक इंन्द्रजाल । तज्यो - धनुष ने तनिक भी भूमि नहीं छोड़ी, जरा भी नहीं हिला । चिर चेरिन - बुढ़िया दासियों ने । १५. हन्――दनुमान । आठहुँ - राम, लक्ष्मण, सुप्रीव, जाम्बवन्त, नील, सुषेण, हनुमान, विभीपण । १७. बिलगु-बुरा । १६. सम - जो न शत्रु है न मित्र । नूत- नयी । अभिलाखअभिलाखहू इच्छा करें । २१-२३. सिवा-सियार । नरै- बिहारी - नरकगामी । छपानाथ - चन्द्रमा । सका - भिश्ती, पानी ढोने वाले । सोखो - अग्नि । महादण्डवारी - भैरव । २४. पेट चढ्यो- पेट में परमात्मा । पढ्यो-नाम लिया । चित्त में अभिमान से भरा है। आया । पलका,- पलंग । सो वह रह्यो चढ़ि चित्त-चित्त में चढ़ा है, २६-३२. घाघ-जादूगर, इन्द्रजाली । भगर - इन्द्रजाल । रिखिबार-अहिल्या । द्विजनाते- तुम वाह्मण हो इसलिये । श्रम नुसी ई० -- भूमिः
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ब्रिटिश अनुसंधान और विश्लेषण संगठन क्लार्कसन रिसर्च द्वारा दिए गए एक बयान में बताया गया कि वर्ष की पहली छमाही में प्राप्त ऑर्डर के मामले में चीनी जहाज निर्माता दुनिया में पहले स्थान पर हैं। क्लार्कसन रिसर्च के डेटा से पता चला है कि वर्ष की पहली छमाही में, दुनिया भर में जहाज ऑर्डरों की कुल संख्या 678 थी, जिनमें से चीनी जहाज निर्माताओं को 428 ऑर्डर प्राप्त हुए। दूसरी ओर, चीन को जून में 71 जहाज ऑर्डर मिले, यह संख्या दुनिया की कुल संख्या का 80 प्रतिशत थी। 2022 में, चीन विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर था, जिसके पास उत्पादन और प्राप्त ऑर्डर दोनों के मामले में सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी। चाइना नेशनल शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ने घोषणा की कि 2022 में देश के शिपयार्डों में किया गया उत्पादन पिछले साल 37,86 मिलियन टन टन तक पहुंच गया, जो कुल विश्व उत्पादन का 47,3 प्रतिशत है। नए आदेशों के लिए, जो जहाज निर्माण उद्योग का एक और महत्वपूर्ण संकेतक है; ये, 2022 में, टनेज में 45,52 मिलियन टन तक पहुंच गए और वैश्विक बाजार में 55,2 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त की। पिछले वर्ष की तुलना में 105,57 प्रतिशत की वृद्धि के अनुरूप सेक्टर के लंबित ऑर्डर का टन 10,2 मिलियन टन था। यह विश्व बाजार के 49% के बराबर है।
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प्रयागराजः काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर के तौर पर 10 दिनों का समय मंगलवार को दिया। जवाबी हलफनामा दाखिल करने की यह अनुमति विधि सेवा समिति के पास 10,000 रुपये का भुगतान करने की शर्त के साथ दी गई। यह राशि सुनवाई की अगली तारीख 31 अक्टूबर, 2022 को या इससे पहले जमा की जानी आवश्यक है। अदालत ने कहा, "चूंकि यह दीवानी वाद वाराणसी की दीवानी अदालत में 1991 से लंबित है, न्याय हित में अंतिम अवसर के तौर पर 10 दिनों का समय जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए इस शर्त के साथ दिया जाता है कि विधि सेवा समिति के पास 10,000 रुपये जमा किया जाएगा। " इससे पूर्व, 28 सितंबर को उच्च न्यायालय ने वाराणसी की अदालत के उस आदेश पर 31 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी थी जिसमें एएसआई को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद जोकि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति है, ने वाराणसी की जिला अदालत में 1991 में दायर मूल वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। मूल वाद में उस स्थान पर जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है, प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर को बहाल करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने इस वाद में दावा किया है कि उक्त मस्जिद, मंदिर का हिस्सा है।
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खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने शनिवार को कहा कि इस साल के एशियाई खेलों (Asian Games 2022) में भारत की भागीदारी पर फैसला कोविड-19 के मामलों से जूझ रहे मेजबान देश चीन से प्रतिक्रिया मिलने के बाद लिया जाएगा. चीन शंघाई और बीजिंग में कोविड-19 (Coronavirus) के मामलों को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहा है. देश के वित्तीय केंद्र शंघाई में लगभग एक महीने से लॉकडाउन (लोगों के बाहर निकलने पर प्रतिबंध) लगा है, जबकि बीजिंग में इस महामारी के मामले बढ़ने के बाद और अधिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. इस तरह की बातें भी सामने आ रही कि 10 से 25 सितंबर तक होने वाले हांगझोऊ एशियाई खेलों को महामारी के कारण स्थगित कर दिया जाएगा. ठाकुर ने यहां एक कार्यक्रम के इतर कहा, वहां (चीन में) क्या स्थिति है और मेजबान देश स्थिति के बारे में क्या कह रहा है, यह महत्वपूर्ण है. अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, इसमें भाग लेने वाले अन्य सभी देश भी चर्चा कर रहे हैं और कुछ समय में भारत भी फैसला करेगा, लेकिन इससे पहले मेजबान देश को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि वे क्या सोच रहे हैं और इसके लिए कितने तैयार हैं. चीन में महामारी के कारण कई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन रद्द कर दिए गए थे, लेकिन बीजिंग शीतकालीन ओलिंपिक और पैरालिंपिक 2022 खेलों का आयोजन कोविड-19 के सख्त दिशानिर्देशों के तहत जैव सुरक्षित माहौल में हुआ. खेल मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय महासंघ की मान्यता समाप्त करने के बाद इस साल के एशियाई खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए भारत के जूडो खिलाड़ियों के लिए पांच करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है. मंत्रालय ने फरवरी 2022 में नये सिरे से चुनाव कराने के विफल रहने के बाद 22 अप्रैल को भारतीय जूडो महासंघ की मान्यता रद्द कर दी थी. महासंघ के मान्यता के रद्द होने के बाद 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों की तैयारी कर रहे जूडो खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई. मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने हालांकि देश के पूर्व दिग्गज जूडो खिलाड़ियों की एक समिति का गठन किया।.यह समिति एशियाई खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए एक महीने तक चलने वाले राष्ट्रीय तैयारी शिविर का आयोजन करेगी जो एक मई से शुरू होगा. साइ के एक बयान के अनुसार 112 एथलीट इस शिविर का हिस्सा होंगे.
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इस प्रकार कानूनी बारीकी की आड लेकर भीष्म ने प्रश्न का उत्तर देने का साहस न किया । तब द्रौपदी ने सभा की ओर देखकर कहा - "और जो कौरव सभा में बैठे है, वे मेरे प्रश्न का उत्तर दे ।" भीम का क्रोध विलाप करती हुई असहाय द्रौपदी से दु शासन ने फिर कुछ अप्रिय और कठोर वचन कहे । इस पर भीम से न रहा गया । उसने क्रोध से युधिष्ठिर की ओर देखते हुए कहा - "हे युधिष्ठिर, कितव लोगो की भी बन्धकी स्त्रिया होती है, उन पर भी दया की जाती है। कोई उन्हे दाव पर नही रख देता । अनेक राजा जो धन - रत्न उपहार मे लाये थे, उन्हे, राज्य और अपने आपको भी तुम दाव पर रख हार गए । इसका मुझे क्रोध नही, क्योकि तुम सबके मालिक थे, लेकिन द्रौपदी को तुमने दाव पर रखा, यह सचमुच वडी ज्यादती है । हे सहदेव, जल्दी अग्नि ले आओ, मै इस राजा की दोनो भुजाओ को, जिससे इमने द्रौपदी को दाव पर रखा है, जला डालू इस पर अर्जुन ने कहा - "हे भीम, पहले कभी ऐसे वचन तुम्हारे मुह से नही सुने । क्या तुम्हारी धर्म में पूजा-बुद्धि जाती रही ? बडे भाई का इस प्रकार उल्लघन ठीक नही ।" भीमसेन ने उत्तर दिया-- "हे अर्जुन, क्या कहते हो ? मै इसे अपना पुरुषार्थ समझूगा, यदि मै आज धधकती आग में इसकी दोनो भुजाए जला डालू विकर्ण का साहस इस स्थिति मे धृतराष्ट्र के पुत्र विकर्ण ने कहा - "हे राजा लोग, द्रौपदी न जो प्रश्न पूछा है, उसका उत्तर देना चाहिए । इस 'तू-तू मैं-मै' से क्या लाभ ? भीष्म और धृतराष्ट्र दोनो कुरुओ में वृद्ध है । वे क्यो कुछ नही कहते ? विदुर भी महामति है । द्रोण और कृप दोनो ही ब्राह्मण और आचार्य होकर इस प्रश्न का उत्तर क्यो नही देते ? और भी जो राजा एकत्र है, वे काम-क्रोध को छोडकर बतावें कि कौन-सा पक्ष ठीक है ।' विकर्ण के इस प्रकार कहने पर भी सभासदो में से कोई टस से मस न हुआ । इस पर क्रोध से मुट्ठी भीचते हुए विकर्ण ने स्वय ही कहा - "आप लोग प्रश्न का उत्तर दे या न दें, मैं जो न्याय्य समझता हू उसे कहूगा -- राजाओ के चार व्यसन है -- शिकार, शराब, जूआ और व्यभिचार । जो इनमें आसक्त है, वह धर्म को छोडकर ही फिर किसी कार्य में प्रवृत्त होता है । ऐसा व्यक्ति जो कार्य करे, उसका प्रमाण नही माना जा सकता । ( सभा० ६१।२१ ) "इस युधिष्ठिर ने जुए के व्यसन मे डूबकर द्रौपदी को दाव पर लगाया, अतएव यह मान्य नही हो सकता । दूसरी बात यह कि जब यह स्वयं अपनेको हार चुका था तब इसे द्रौपदी को दाव पर रखने का अधिकार कहा रह गया ? इस प्रकार विचार करके मेरा दृढ मत है कि द्रौप विजित नही हुई ।" इतना सुनना था कि सभा के सदस्यो मे हर्ष की लहर दौड गई । सब लोग विकर्ण की प्रशसा और शकुनि की निन्दा करने लगे । किन्तु कर्ण क्रोध से आगबबूला हो गया । उसने विकर्ण का हाथ पकडकर कहा--"अरे, तू बडा खोटा है । जहासे जन्म लिया उसीका नाश करता है । द्रौपदी के बारबार पूछने पर भी उसके पति तो कुछ नही कहते । मैं समझता हू, उनकी राय में भी द्रौपदी धर्म से जीती गई । यह तेरा लडकपन है, जो सभा के बीच मे बूढो की-सी बाते करता है । तू धर्म को ठीक नही जानता । द्रौपदी कैसे अविजित रही, जब युधिष्ठिर ने अपना सर्वस्व दाव पर रख दिया था ? द्रौपदी भी सर्वस्व के अन्तर्गत है । जब नाम लेकर द्रौपदी को दाव पर रखा तब बता वह अविजित कैसे रही ? और यदि उसका सभा मे लाया जाना अधर्म हो तो सुन । स्त्रियो का एक पति होता है, यह तो अनेक की है । इसके सभा मे ले आने से क्या हो गया ? ओ दु शासन, यह विकर्ण बडे बोल बोल रहा है । तुम उठो, पाण्डवो के और द्रौपदी के भी वस्त्रो को उतार लो।" यह सुनकर पाचो भाइयो ने अपनी पगडी और उत्तरीय स्वय उतारकर रख दिये । तब दु शासन सभा के बीच में बलपूर्वक द्रौपदी का वस्त्र खीचने लगा । चारो ओर से अनाथ हुई द्रौपदी ने मन मे भगवान् का स्मरण किया - "है पर आपत्नियों में तुम्ही अभय देनेवाले हो । है लोको के पितामह, ना तुम नहीं जानते, मैं विम पराभव को प्राप्त हो गई हू' हे महात्मन्, तुम हो, मेरी ला करो।" प्रोपरी के चमन के भीतर से अनेक प्रकार के और वस्त्र प्रकट होने लगे सभा में बना अम्बार लग गया । द्रौपदी की रक्षा कैसे हुई ? प्रम में यह कहना आवश्यक है कि जिस समय दु शासन ने द्रौपदी गौचना आरम्भ किया, उस समय द्रोपदी ने जो कृष्ण से प्रार्थना की, प्राग महाभारत पूना-रण में प्रक्षिप्त होने के कारण पाद-टिप्पणी में ना गया है कि अधिकाम्नलिखित प्रतियों के प्रमाण से ऐसा पहा है। उनमें सन्देह नहीं कि उस अतिदीन और करण स्थिति में अनाया दीदी ने अवश्य ही धर्मगय नारायण का स्मरण किया गा। गोई भी मानव ऐसी स्थिति में यही कर सकता है। उसके उत्तर में मरिया है, उसके विवाद में कोई रन नहीं। यह ने-जाने और धार्मिक आस्था पर है। अवश्य ही उग समय जो दीहा था, उससे बार अनर्थ को कपना सम्भव नहीं । हो कोई गया है तो उनकी अभिव्यक्ति ऐसे अवसर पर नाउ अभिव्यक्ति वह चमत्कार है, जिसके द्वारा हार से बढ गया कि उगी लज्जा बच गई, किन्तु प्रत्यक्ष न भी हो तो भी ईश्वर, केनगाहै, वह विवाद में अबाध रहती है । जितना भी अनाचार बरे वृष्टि का गन्य अन्नतोगला ।अपने अनानार से उसे डिसा वा मिटा नही न समय के लिए शुरुना देती है, नमे सही माती है। जगन में मनुष्यों द्वारा नियं "पानीदमयी अनुभूति यह भी मानवीय यी प्राप्ति है। दुगरना भी गाय मादेना है।शार युधिष्ठिर द्वारा आचार का उल्लघन इस सर्वनाश का कारण हुआ, यह भी तो धर्म के दुर्घर्ष नियम की चरितार्थता है । भीम की प्रतिज्ञा जिस समय दु शासन द्रौपदी का वस्त्र खीचने के लिए उद्यत हुआ, उस समय सारी सभा विक्षुब्ध हो उठी और चारो ओर शोर-गुल मच गया । भीम ने क्रोध से दात पीसते हुए चिल्लाकर कहा- "मै प्रतिज्ञा करता हू कि इस पापी दुशासन की छाती फाडकर उसका रक्तपान करूगा । यदि ऐसा न करू तो मुझे सद्गति न मिले । " सभा में चारो ओर से लोग दु शासन को धिक्कारने लगे और वह लज्जित होकर बैठ गया । सब लोग धृतराष्ट्र की निन्दा करते हुए कहने लगे - "क्यो नही द्रौपदी के प्रश्न का उत्तर दिया जाता ?" धर्मज्ञ विदुर का भाषण इस पर सभासदो को रोककर धर्मज्ञ विदुर ने कहा - "हे सभासदो, द्रौपदी अपना प्रश्न कहकर अनाथ की तरह रो रही है और आप लोग उत्तर नही देते, यह धर्म की बडी हानि है । दुखी जन अग्नि से जलते हुए की भाति सभा में आता है । सभ्य लोग सत्य और धर्म का जल छिड़ककर उसे शान्त करते है । विकर्ण ने अपनी बुद्धि के अनुसार उत्तर दिया है, आप लोग भी यथामति उत्तर दे । सभा में जाकर और धर्मदर्शी बनकर जो प्रश्न का उत्तर नही देता, वह अनृत का भागी होता है । अधर्म के बाणो से बिंधा हुआ धर्म जब सभा में पहुचता है, तब वे बाण उसके शरीर को नही कोचते, वे सभासदो के शरीरो को कोचने लगते है । अतएव कृष्णा के प्रश्न का उत्तर सभासद लोग दें।" द्रौपदी की स्पष्टोक्ति विदुर की बात सुनकर भी कोई राजा न बोला । कर्ण ने दुशासन से कहा - "दासी द्रौपदी को घर ले जाओ।" दु शासन उसे खीचकर ले जाने लगा, तब द्रौपदी ने कहा - "इस सभा में आने पर मुझे जो करना चाहिए था, वह मैने पहले नही किया, क्योकि मैं घबराई हुई थी । अब मै कुरु- ससद्
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निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने की योजना? हमारे पास आपके लिए शीर्ष कॉलेजों की एक सूची है। इसकी स्थापना 1953 में हुई थी। हर साल, 30 से अधिक देशों के छात्र कॉलेज से दाखिला लेते हैं और स्नातक करते हैं। इसकी स्थापना 1953 में हुई थी। हर साल, 30 से अधिक देशों के छात्र कॉलेज से दाखिला लेते हैं और स्नातक करते हैं। इसकी स्थापना 1963 में हुई थी। इसमें सुपर-स्पेशियलिटी विभागों सहित सभी चिकित्सा और शल्य चिकित्सा विभागों के लिए 1350 बिस्तरों वाला एक अत्याधुनिक अस्पताल शामिल है। यह 125 एकड़ भूमि में फैले 3. 33 मिलियन वर्ग फुट से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ देश की सबसे बड़ी चिकित्सा सुविधाओं में से एक है। 1894 में जब यह महिलाओं के लिए खोला गया तो यह एशिया का पहला मेडिकल स्कूल था। यह मैसूर में उच्च शिक्षा का विश्वविद्यालय स्तर का संस्थान है। इसकी स्थापना 2008 में हुई थी और यह JSS महाविद्यापीठ का हिस्सा है। यह 1979 में स्थापित किया गया था। कॉलेज सभी विशिष्टताओं में एमबीबीएस, एमडी और एमएस डिग्री प्रदान करता है। इसकी स्थापना 1996 में पुणे में हुई थी। कॉलेज एमबीबीएस, एमडी, आदि सहित विभिन्न चिकित्सा विषयों में यूजी, स्नातक और डॉक्टरेट डिग्री कार्यक्रम प्रदान करता है। एक पायनियर अखबार के सर्वेक्षण के अनुसार, यह 5 सितारों के साथ भारत के शीर्ष तीन निजी विश्वविद्यालयों में स्थान पर है। यह देश का पहला ग्रामीण मेडिकल कॉलेज है। यह 1998 से महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (MUHS), नासिक से संबद्ध है।
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महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी शिवसेना राकांपा और कांग्रेस के पास एक-एक उम्मीदवार को अलग-अलग निर्वाचित कराने के लिए वोट हैं लेकिन एक साथ वे संसद के उच्च सदन के लिए एक और उम्मीदवार चुन सकते हैं। संभाजी छत्रपति का राज्यसभा कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ। मुंबई,पीटीआइ। शिवसेना ने सोमवार को भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस पर पूर्व सांसद संभाजी छत्रपति को घेरने का आरोप लगाया है। जो शिवसेना द्वारा निर्दलीय के रूप में उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने से इनकार करने के बाद राज्यसभा चुनाव की दौड़ से हट गए थे। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, जो शिवसेना के भी प्रमुख हैं, अपने शब्द से पीछे नहीं हटे है। घटिया राजनीति का आरोप लगते हुए शिवसेना ने कहा, हमने हमेशा छत्रपति के परिवार का सम्मान किया है। सीएम उद्धव ठाकरे अपनी बात से पीछे नहीं हटे। यह सब भाजपा की घटिया राजनीति है। अलग से पत्रकारों से बात करते हुए, शिवसेना सांसद संजय राउत ने भाजपा पर राज्य की छह सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के बाद खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगाया। राउत ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने संभाजी छत्रपति को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की है। भाजपा के पास अपने दम पर दो सीटें जीतने के लिए पर्याप्त वोट हैं। महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास एक-एक उम्मीदवार को अलग-अलग निर्वाचित कराने के लिए वोट हैं, लेकिन एक साथ वे संसद के उच्च सदन के लिए एक और उम्मीदवार चुन सकते हैं। इस अंकगणित के आधार पर, शिवसेना ने चुनाव में दो उम्मीदवारों-संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है। राजा शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी छत्रपति का राज्यसभा कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ। उन्होंने घोषणा की थी कि वह आगामी चुनाव एक निर्दलीय के रूप में लड़ेंगे और उन्होंने शिवसेना से समर्थन भी मांगा था। शिवसेना ने कहा था कि अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं तो वह उनका समर्थन करेगी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। बाद में, चुनाव की दौड़ से अपनी वापसी की घोषणा करते हुए, संभाजी छत्रपति ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर अपनी बात नहीं रखने का आरोप लगाया था। हालांकि, शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संभाजी के पिता शाहू छत्रपति महाराज ने कहा कि यह दावा करना गलत है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी बात नहीं रखी। उन्होंने संभाजी छत्रपति के निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना में फडणवीस की भूमिका का भी संकेत दिया। शिवसेना ने फडणवीस के इस दावे को मजाक करार दिया कि पवार ने शुरू में संभाजी छत्रपति को समर्थन देने की घोषणा की और फिर मुंह मोड़ लिया। फडणवीस ने दावा किया था कि पवार को इस बार पता था कि उनकी पार्टी को शिवसेना को दूसरी सीट के लिए अपने अतिरिक्त वोट देने होंगे। फिर भी, उन्होंने संभाजीराजे को गुमराह किया। लेकिन, सामना ने फडणवीस के आरोप का खंडन किया और कहा, इसके बजाय, भाजपा ने संभाजी छत्रपति को घेरने की कोशिश की। फडणवीस ने संभाजी छत्रपति को कभी कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि पार्टी वरिष्ठों से सलाह मशविरा करने के बाद इस पर विचार करेगी। शिवसेना ने दावा किया कि संभाजी छत्रपति छठी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के जाल में फंस गए है। शिवसेना ने आगे दावा किया, यह भाजपा की एक पुरानी चाल है, उन्होंने कहा कि भाजपा ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के मुद्दे पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे को घेरने की भी कोशिश की। मनसे प्रमुख को अयोध्या जाने के लिए कहा गया, लेकिन तत्कालीन भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने उनके दौरे का विरोध किया। पार्टी ने कहा, सिर्फ शिवसेना को बदनाम करने के लिए, भाजपा ने (संभाजी छत्रपति को शामिल करते हुए) प्रकरण को खराब मोड़ दिया है। बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा था कि आगामी राज्यसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम में पूर्व सांसद संभाजी छत्रपति को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है। संभाजी ने राजनीतिक दलों से अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन मांगा है,जिसका फायदा सभी राजनीतिक दल उठाने की कोशिश कर रहे है। बता दें कि मराठा महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति संभाजी ने पिछले सप्ताह शिवसेना से संपर्क किया था और राज्यसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी के लिए उसका समर्थन मांगा था। शिवसेना ने पूर्व सांसद को पार्टी में शामिल होने की शर्त पर समर्थन का आश्वासन दिया था, लेकिन संभाजी ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। जिसके बाद से अन्य राजनीतिक दलों ने भी छत्रपति संभाजी को अपनी पार्टी में शामिल करने की जद्दोजहद जारी थी। लेकिन 27 मई को शिवाजी महाराज के वंशज और प्रख्यात मराठा नेता संभाजी छत्रपति ने आगामी राज्यसभा चुनावों की दौड़ से खुद को अलग कर लिया था।
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Rewa To Prayagraj New Rail Line: मध्यप्रदेश के रीवा से प्रयागराज के बीच सीधे रेल संपर्क की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। प्रयागराज जिले के मेजा रोड स्टेशन से मांडा, कोरांव होते हुए रीवा तक नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। जिसके लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है। एनसीआर की ओर रेलवे बोर्ड को भेजे गए एक पत्र में इस लाइन के सर्वे करने का प्रस्ताव है। जिससे लोगों द्वारा अब यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि जल्द ही रेलवे इस प्रस्ताव को अमली जामा पहन सकता है। अभी रेल मार्ग से प्रयागराज जाने के लिए 227 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। क्योंकि सतना होकर ही ट्रेन द्वारा प्रयागराज से रीवा और रीवा से प्रयागराज पहुंचा जा सकता है। रीवा से सतना इसके बाद प्रयागराज आने-जाने में जहां लोगों को पैसे अधिक खर्च करने पड़ते हैं तो वहीं समय की भी बर्बादी होती है। फिलहाल इस मार्ग पर प्रयागराज से एकमात्र ट्रेन आनंदविहार-रीवा सुपरफास्ट है। यहां से यह ट्रेन सुबह 6.10 बजे रवाना होती है जो 11.10 बजे रीवा रेलवे स्टेशन पहुंचती है। जबकि सड़क मार्ग से प्रयागराज से रीवा की दूरी तकरीबन 130 किलोमीटर है। यदि रेलवे द्वारा प्रस्ताव को हरी झंडी दी जाती है तो लोगों का रीवा से प्रयागराज का सफर काफी आसान हो जाएगा। प्रयागराज से रीवा तक के रेल सफर को छोटा करने की पहल प्रारंभ कर दी गई है। इसको लेकर रेलवे बोर्ड के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है कि मेजा रोड अथवा मांडा रेलवे स्टेशन से कोरांव होते हुए रीवा तक नई रेल लाइन बिछाई जाए। इस संबंध में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र की सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने भी उत्तर-मध्य रेलवे प्रशासन को पूर्व में पत्र भेजकर कोरांव होते हुए रीवा तक नई रेल लाइन बिछाने की बात कही है। यहां पर यह बता दें कि अभी प्रयागराज में कोरांव एकमात्र ऐसी विधानसभा है जो रेलवे लाइन से अछूती है। सांसद डॉ. रीता बहुगुणा द्वारा एनसीआर को प्रस्ताव भेजा गया है। जिसमें उत्तर-मध्य रेलवे प्रशासन द्वारा रेलवे बोर्ड को पत्र भेजकर रीवा तक लाइन बिछाने के लिए सर्वे की स्वीकृति मांगी है। रेलवे अफसरों का कहना है कि बोर्ड द्वारा यह स्वीकृति दी जा सकती है। इस संबंध में डॉ. बहुगुणा के मुताबिक यदि रीवा तक नई लाइन बिछाई जाती है तो प्रयागराज से उसकी दूरी काफी कम हो जाएगी। इसके साथ ही लोगों को रेल मार्ग से प्रयागराज आने और जाने के लिए सतना के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। समय के साथ ही धन दोनों की भी बचत हो सकेगी।
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Supertech Developer Goes In To Insolvency: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत सुपरटेक के लिए इन-सॉल्वेंसी रेज्योलूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) हितेश गोयल को नियुक्त किया है। शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलों को को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने सुपरटेक को इनसॉल्वेंसी में डाल दिया है। दिल्ली-एनसीआर स्थित बड़ी रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के साथ अपने घर की बुकिंग करा चुके होम बायर्स को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, डेवलपर जिसकी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में कई बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं, वो 25 मार्च को दिवालिया हो गई है। बता दें कि सुपरटेक पर यूनियन बैंक का काफी कर्ज बकाया है। हालांकि, इसकी कितना कर्ज है इसकी जानकारी रिपोर्ट में नहीं दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज लौटाने पर कंपनी के बार-बार डिफॉल्ट करने की वजह से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की दिल्ली बेंच के पास सुपरटेक के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की याचिका दायर की थी। इस याचिका को एनसीएलटी ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुपरटेक की जो योजनाएं दिल्ली-एनसीआर में चल रही है वो अधूरी हैं और उनमें अपने घर बुक करा चुके लोगों की कमाई का बड़ा हिस्सा लगा हुआ है। ऐसे में अब जब सुपरटेक के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तो इससे करीब 25 हजार घर खरीदारों को बड़ा झटका लगा है। इन लोगों ने सुपरटेक की विभिन्न परियोजनाओं में अपने घर बुक किए हुए हैं और उन्हें अब तक कब्जा नहीं दिया गया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत सुपरटेक के लिए इन-सॉल्वेंसी रेज्योलूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) हितेश गोयल को नियुक्त किया है। गौरतलब है कि इस पूरे मामले में सुनवाई के बाद एनसीएलटी ने बीती 17 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। रिपोर्ट में बताया गया कि शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलों को को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने सुपरटेक को इनसॉल्वेंसी में डाल दिया है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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कांग्रेस विधायक ममता देवी को जिस मामले में सजा हुई, वो रामगढ़ के गोला प्रखंड स्थित इनलैंड पावर लिमिटेड (आईपीएल) फैक्ट्री से जुड़ा है। आईपीएल कंपनी के खिलाफ नागरिक चेतना मंच गोला के बैनर तले कई दिनों से आंदोलन चलाया जा रहा था। 20 अगस्त 2016 को भी आईपीएल फैक्ट्री के मुख्य गेट को जाम कर प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद तय हुआ कि 29 अगस्त को आंदोलनकारियों और प्रबंधन के बीच वार्ता होगी। लेकिन विवाद नहीं सुलझ पाया। 29 अगस्त को 2016 को गोलीकांड के पहले प्रदर्शनकारी एकजुट होकर कंपनी परिसर में ही वार्ता करना चाह रहे थे। वहीं जिला प्रशासन ने अंचल कार्यालय में बातचीत के लिए तैयारी कर रखी थी। सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक अधिकारियों और आंदोलनकारियों में वार्ता को लेकर रजामंदी नहीं बन पायी। जिसके बाद धरना-प्रदर्शन उग्र आंदोलन में बदल गया। आईपीएल फैक्ट्री के बाहर बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी। वहीं प्रबंधन और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की व्यवस्था की गई थी। सुबह दस बजे से शाम 4 बजे तक बातचीत की कोशिश के बीच सहमति नहीं पाने के बाद शाम में आंदोलनकारी उग्र हो गए। प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री प्रबंधन और प्रशासन पर सांठगांठ का आरोप लगाया। इस बीच उग्र भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज और टीयर गैस का प्रयोग किया गया। इसके बावजूद भीड़ नहीं हटने पर हवाई फायरिंग की गई। जिसके बाद पुलिस की ओर से कई राउंड फायरिंग की गयी। जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई और 8 अन्य लोग घायल हो गए। विधायक ममता देवी को अलग-अलग धाराओं में 5 साल की सजा सुनाई गई है। ममता देवी को धारा 148 में दो साल, 332 में दो साल, धारा 333 में 2 साल और 307 में पांच साल सजा मिली है। कोर्ट के फैसले के मद्देनजर बड़ी संख्या में ममता देवी के समर्थक और परिजन अदालत परिसर पहुंचे थे। परिजन ममता देवी के नवजात बच्चे के साथ कोर्ट पहुंचे थे। इसे देखकर सभी की आंखें नम हो रही थी। वहीं कोर्ट की पूरी कार्रवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। 8 दिसंबर को विशेष कोर्ट ने ममता देवी और अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया था। जिसके बाद ममता देवी को उसी दिन हजारीबाग जेल भेज दिया गया था। कांग्रेस विधायक ममता देवी को हजारीबाग एमपी-एमएलए कोर्ट से 5 साल की सजा मिलने के बाद अब उपचुनाव होना तय हो गया है। इस सीट पर लंबे समय तक आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी का कब्जा रहा था। लेकिन मई 2019 में उनके गिरिडीह से सांसद निर्वाचित हो जाने के बाद दिसंबर 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता देवी को चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में ममता देवी ने चुनाव में जीत हासिल की। अब उपचुनाव में राजनीतिक परिस्थिति किस तरह से बदलेगी, इसका खुलासा आने वाले समय में ही हो पाएगा।
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित हैदराबाद के परेड ग्राउंड मेँ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा मडिगा आरक्षण पोराटा समिति (एमआरपीएस) के सदस्यों पर शारीरिक हमला करते देखा गया। एमआरपीएस सदस्य कथित तौर पर पीएम मोदी को अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण की मांग को पूरा करने के उनके आश्वासन की याद दिलाते हुए तख्तियां पकड़े हुए थे, जो मडिगा और अन्य एससी समुदायों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। इस हमले की कई सोशल मीडिया यूजर्स ने निंदा की थी। मंडा कृष्णा मडिगा के नेतृत्व में एक राजनीतिक संगठन एमआरपीएस ने 20 से अधिक वर्षों से तेलुगु राज्यों में अनुसूचित जाति के उप-वर्गीकरण के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया है, जिसमें अनुसूचित जाति समुदायों के लिए न्याय की मांग की गई है। मंडा कृष्णा मडिगा ने इससे पहले 2 और 3 जुलाई को भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान आंदोलन की चेतावनी दी थी, यदि केंद्र सरकार राज्य में अनुसूचित जाति के उप-वर्गीकरण के लिए इससे पहले कदम उठाने में विफल रही। एमआरपीएस ने 3 जुलाई को हैदराबाद के इंदिरा पार्क में एक रैली का आयोजन किया. एमआरपीएस के प्रदर्शनकारियों ने हाईटेक्स में भी सड़क जाम करने की कोशिश की, जहां भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। परिणामस्वरूप कई एमआरपीएस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। परेड ग्राउंड में 'विजय संकल्प सभा' शीर्षक से विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने अगले साल के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी कैडर तैयार करने की कोशिश करते हुए कहा कि तेलंगाना के लोग 'डबल इंजन ग्रोथ' के लिए तरस रहे हैं और कहा कि यह होगा राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर पूरा होगा। 'डबल इंजन' सरकार या विकास मोदी और भाजपा द्वारा केंद्र सरकार की मदद से भाजपा शासित राज्यों में प्रगति का एक संदर्भ है।
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प्रयागराज। जार्जटाउन थाना क्षेत्र में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित कर्मचारी कॉलोनी में रविवार को कमरे में वार्ड ब्वाय का शव पाया गया। उसकी गला रेत कर हत्या (murder) की गई है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। जार्जटाउन थाना क्षेत्र के अल्लापुर निवासी पंकज पटेल (40) चिकित्सालय में वार्ड ब्वाय के पद पर कार्यरत था। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज कार्यालय से सम्बद्ध था। कुछ माह पूर्व मेडिकल कॉलेज कर्मचारी कालोनी में परिवार के साथ रहने आया था। होली मनाने के लिए पंकज की पत्नी अपने बच्चों के साथ मायके गयी थी। जबकि वह अकेले कॉलोनी में था। रविवार सुबह पड़ोस को कमरे से दुर्गंध आने की वजह से पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कमरा खुलवाया तो पंकज का शव पड़ा मिला। उसके गले पर धारदार हथियार से वार किया गया है। पुलिस ने घटनास्थल से वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया। पुलिस ने जांच के बाद शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधीक्षक नगर दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। परिवार से तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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Pushpa 2 Update: खबरें आ रही हैं कि पुष्पा 2 के निर्देशक फिल्म के अब तक शूट हुए हिस्से से संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे में वह नए सिरे से शूटिंग करना चाह रहे हैं. इसके लिए उन्होंने थोड़ा अतिरिक्त समय लिया है. नतीजा यह कि पुष्पा का सीक्वल 2023 में सिनेमाघरों में नहीं आएगा. फैन्स का इंतजार लंबा हो सकता है. Allu Arjun: दिसंबर 2021 में जब अल्लू अर्जुन स्टारर पुष्पा पूरे देश में रिलीज की गई थी तो किसी को अंदाजा नहीं था कि यह कितना बड़ा धमाल मचाने वाली है. मूल तेलुगु में बनी फिल्म ने साउथ में तो कमाल किया ही, लेकिन हिंदी के दर्शकों को भी सिनेमा हॉल तक खींचने में कामयाब रही. फिल्म प्रेमियों ने इसे खूब प्यार दिया और इसने हिंदी में 100 करोड़ से ऊपर का बिजनेस किया. इस भारी भरकम सफलता के बाद निर्माताओं ने फिल्म का सीक्वल की योजना बनाई. लेकिन अब फैन्स के लिए एक निराश करने वाली खबर आ रही है. पुष्पा 2 की गिनती उन फिल्मों में है, जिनका सबसे ज्यादा इंतजार हो रहा है. लेकिन ताजा चर्चाओं की मानें तो फैंस को उम्मीद से ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है. खबर है कि फिल्म की शूटिंग रोक दी गई है. साउथ से आ रही खबरों के मुताबिक, फिल्म का एक हिस्सा विशाखापट्टनम में शूट किया गया था और वह शेड्यूल खत्म होन के बाद अभी तक शूटिंग फिर से शुरू नहीं हुई. कहा जा रहा है कि निर्देशक सुकुमार उस शूट हुए हिस्से से फिलहाल पुष्पा 2 के टीजर पर काम कर रहे हैं और इसे अल्लू अर्जुन के जन्मदिन पर अप्रैल में रिलीज किया जाएगा. जबकि कुछ मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सुकुमार उस कंटेंट से असंतुष्ट हैं, जो अब तक शूट हुआ है. निर्देशक चाहते हैं कि अब तक जो कुछ भी शूट किया गया है, उसे नए सिरे से शूट किया जाए. सूत्रों का कहना है कि पुष्पा जिस तरह से एक ब्रांड फिल्म बन गई है, उसके बाद निर्माता-निर्देशक जरा भी जोखिम नहीं लेना चाहते. नए सिरे से दृश्यों पर काम हो रहा है. इस बीच ऐसी भी खबरें आई हैं कि हिंदी में फिल्म की लोकप्रियता देखते हुए किसी बॉलीवुड स्टार को पुष्पा 2 से जोड़ा जाए. बताया जा रहा है कि फिल्म की शूटिंग में अब करीब तीन महीने का गैप आ सकता है. ऐसे में निर्माता-निर्देशक ने फिल्म के प्रमुख सितारों से कह दिया है कि इस बीच चाहें तो अन्य फिल्मों की शूटिंग कर सकते हैं. खबर है कि पुष्पा की लीड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना अब उन दो फिल्मों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिन्हें उन्होंने हाल में साइन किया था. सूत्र कह रहे हैं कि पुष्पा 2 अब 2023 में रिलीज नहीं होगी. इसकी नई रिलीज डेट 2024 में आएगी.
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उत्तरप्रदेश : उत्तरप्रदेश के फतेहपुर में एक दबंग ने रेप में असफल होने पर नाबालिग की बुरी तरह पिटाई कर दी और उसे जंगल में फेंककर फरार होने लगा. उसकी हरकत पर नजर पड़ने पर लोगों ने उसको पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. नाबालिग को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. जानकारी के मुताबिक, जिले के मलवा थाना क्षेत्र के दीवानीपुर गांव की रहने वाली नाबालिग छात्रा अपनी सहेलियों के साथ खेत पर गई थी. इसी दौरान पास में काम करने वाले एक युवक समीर ने उसको जबरन पकड़ लिया. झाड़ियों में ले जाकर उसके साथ रेप करने की कोशिश करने लगा. बाकी लड़कियों ने गांव में जाकर शोर मचा दिया. इधर आरोपी ने छात्रा के साथ रेप करने का प्रयास किया और असफल होने पर उसकी बुरी तरह पिटाई कर उसे अधमरा कर दिया. इसके बाद लोगों को अपनी तरफ आता देख वहां से भागने लगा. लेकिन लोगों ने इसी बीच उसे पकड़ कर पिटाई के बाद पुलिस के हवाले कर दिया. वही घायल छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डिप्टी एसपी समर बहादुर सिंह के मुताबिक आरोपी हिरासत में हैं. छात्रा के परिजनों की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है. इस मामले में जांच की जा रही है.
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नयी दिल्लीः India TV-VMR (Votersmood Research) के एक्ज़िट पोल सर्वे के अनुसार गुजरात विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार हैं. एक्ज़िट पोल सर्वे में बीजेपी को कुल 182 सीटों में से 113 सीटें मिलती नज़र आ रही हैं जबकि कांग्रेस 66 सीटें जीत सकती हैं. बाक़ी तीन सीटें अन्य, यानी कांग्रेस की सहयोगी भारतीय ट्राइबल पार्टी और दो निर्दलीय को जाती दिख रही हैं. किसको कितनी सीटें मिल सकती हैं? एक्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी को 108-118 और कांग्रेस को 61-71 रेंज में सीटें मिलने का अनुमान है. वोट प्रतिशत के हिसाब से देखा जाय तो बीजेपी को 48, कांग्रेस को 41 और अन्य को 11 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 116 और कांग्रेस को 60 सीटें मिली थीं. अन्य के हिस्से में छह सीटें गईं थीं. VMR ने गुजरात के चारों सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में 792 मतदान केंद्रों पर 6000 लोगों से बात की. इस दौरान शहरी और ग्रामीण इलाकों में हर आयु-वर्ग और पुरुष-महिलाओं से बात की गई. ये एक्ज़िट पोल पहले और दूसरे दौर के मतदान के हैं. एक्ज़िट पोल के नतीजों में तीन प्रतिशत का उतार-चढ़ाव हो सकता है. कहां किसका पलड़ा भारीः एक्ज़िट पोल के अनुसार, क्षेत्रवार देखा जाए तो बीजेपी को उत्तर गुजरात में 33 सीटें (30-36 रैंज), कच्छ-सौराष्ट्र में 28 सीटें (25-31 रैंज), मध्य गुजरात में 25 सीटें (23-27 रैंज) और दक्षिण गुजरात में 27 सीटें (24-30 रैंज) मिलने का अनुमान है. इस तरह से बीजेपी को 113 सीटें मिलती नज़र आ रही हैं. दूसरी तरफ़ कांग्रेस को कच्छ-सौराष्ट्र में 26 सीटें (23-29 रैंज), उत्तर गुजरात में 19 सीटें (17-21 रैंज), मध्य गुजरात में 14 सीटें (12-16 रैंज) और दक्षिण गुजरात में सिर्फ़ 7 सीटें (6-8 रैंज) मिलती दिख रही हैं. कुल मिलाकर अगर एक्ज़िट पोल सही साबित होते हैं तो कांग्रेस को 66 सीटें मिलेंगी. अन्य को दक्षिण, उत्तर और मध्य गुजरात में एक-एक सीट मिल सकती है. वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को दक्षिण गुजरात में 50, मध्य गुजरात में 47, उत्तर गुजारत में 48 और कच्छ-सौराष्ट्र में 46 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को कच्छ-सौराष्ट्र में 45, उत्तर गुजरात में 41, मध्य गुजरात में 40 और दक्षिण गुजरात में 38 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. कांग्रेस के पक्ष में कच्छ-सौराष्ट्र में आठ प्रतिशत तथा उत्तर और दक्षिण गुजरात में एक-एक प्रतिशत वोट का पॉजिटिव स्विंग हुआ है. दूसरी तरफ़ बीजेपी को जहां उत्तर और दक्षिण गुजरात में दो-दो प्रतिशत का नेगेटिव स्विंग से नुकसान हो रहा है वहीं मध्य गुजरात तथा कच्छ-सौराष्ट्र में एक-एक प्रतिशत वोट का पॉजिटिव स्विंग होता दिख रहा है.
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साउथ से लेकर बॉलीवुड इंडस्ट्री तक अपनी एक्टिंग का हुनर दिखा चुके मशहूर अभिनेता धनुष आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। धनुष को सबसे ज्यादा सफलता उनके गाने 'कोलावेरी डी' से हासिल हुई। इस गाने के बाद वह रातों-रात सुपरस्टार बन गए। आज धनुष फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम है लेकिन एक ऐसा भी दौर था जब वह एक्टिंग से दूर भागते थे और उन्हें शेफ बनना था। लेकिन फिल्मी दुनिया में उन्हें मजबूरी में कदम रखना पड़ा। आज धनुष अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें. . बता दें, 28 जुलाई 1983 को तमिलनाडु के चेन्नई में धनुष का जन्म मशहूर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर कस्तूरी राजा के घर हुआ। आज धनुष 39 साल के हो गए हैं। धनुष अपने डायलॉग डिलीवरी के लिए साउथ इंडस्ट्री से लेकर हिंदी सिनेमा तक मशहूर है। लेकिन वह एक्टिंग करने से ज्यादा खाना बनाने के शौकीन थे और इसलिए वह आगे चलकर शेफ बनना चाहते थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, ऐसे में वह बड़े सुपरस्टार बन कर उभरे। दरअसल, धनुष का जन्म निर्देशकों के परिवार में हुआ और अपने परिवार के दबाव के कारण वह फिल्मी दुनिया में आ गए। साल 2002 में धनुष ने अपने पिता के निर्देशन में बनी फिल्म 'थुल्लुवाधो इलमाई' से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह करीब 47 फिल्मों में नजर आए जिसमें उनके एक्टिंग को खूब सराहा गया। हाल ही में धनुष हॉलीवुड दुनिया में भी कदम रख चुके हैं। धनुष एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ-साथ मशहूर राइटर, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और प्लेबैक सिंगर है। बता दें, धनुष ने अपने करियर में 4 नेशनल अवॉर्ड नाम किए हैं। इसके अलावा उन्हें अपने गाने 'कोलावेरी डी' के लिए भी यूट्यूब की तरफ से गोल्डन अवॉर्ड मिल चुका है। बता दे धनुष ने साउथ इंडस्ट्री के सुपरस्टार रजनीकांत की बेटी ऐश्वर्या से शादी रचाई थी। धनुष और ऐश्वर्या पहली नजर में एक दूसरे को दिल दे बैठे थे। ऐसे में साल 2004 में इन दोनों की शादी हुई, लेकिन इसी साल 17 जनवरी को इन दोनों ने तलाक ले लिया। एक रिपोर्ट की माने तो साल 2019 से ही धनुष और ऐश्वर्या के बीच अनबन होने लगी थी। कहा जाता है कि धनुष अपने काम में काफी व्यस्त रहा करते थे और वह ऐश्वर्या को टाइम नहीं दे पाते थे जिसके चलते ऐश्वर्या नाराज हो जाती थी। इसके अलावा धनुष को लेकर यह भी कहा जाता था कि धनुष का अपनी को-स्टार के साथ अफेयर रहा जिसके चलते इनके रिश्ते में कड़वाहट पैदा हो गई थी। हालाँकि असल सच्चाई कोई नहीं जानता।
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By: ABP Live । Updated at : 30 Oct 2022 02:57 PM (IST) India vs South Africa, KL Rahul: टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन जारी है. टीम ने सुपर-12 के ग्रुप ए के अपने दोनों मुकाबले जीत कर 4 अंकों के साथ प्वाइंट्स टेबर पर पहले स्थान पर मौजूद है. टीम इंडिया अबतक बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग हर डिपार्टमेंट में काफी अच्छा कर रही है. हालांकि टीम के लिए एक बड़ी चिंता केएल राहुल की फॉर्म है. केएल राहुल का बल्ला अबतक टी20 वर्ल्ड कप में नहीं चल सका है. हालांकि फैंस को पूरी उम्मीद है कि राहुल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फिर से फॉर्म में वापस लौटेंगे. ऐसे में उनका दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बैटिंग के आंकड़े को देखकर कहा जा रहा है. भारतीय स्टार ओपनर लोकेश राहुल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2 इंटरनेशनल टी20 मैच खेले हैं. इन दोनों मैचों में उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी करते हुए (51) और (57) अर्धशतक लगाए हैं. राहुल को अफ्रीका के खिलाफ बल्लेबाजी करना काफी पसंद भी आता है. इन आंकड़ों को देखते हुए ही फैंस को पूरी उम्मीद है कि वह पर्थ में होने वाले मुकाबले में अपनी फॉर्म को वापस पा लेंगे. राहुल टीम इंडिया के लिए टी20 वर्ल्ड कप में अबतक दोनों मुकाबले खेल चुके हैं. जिसमें पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 4 रन बनाए थे. वहीं दूसरे मैच में नीदरलैंड्स के खिलाफ वह सिर्फ 9 रन बनाकर आउट हो गए थे. केएल राहुल आज पर्थ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उतरते के साथ ही अपना 200वां टी20 मुकाबला खेलेंगे. राहुल आईपीएल और इंटरनेशनल टी20 मैचों को लगाकर अभीतक 199 टी20 मैच अपने करियर में खेल चुके हैं. पर्थ में अफ्रीका के खिलाफ उतरते के साथ ही वह अपना 200वां मुकाबला खेल लेंगे. ऐसे में राहुल के लिए यह मुकाबला काफी स्पेशल होगा औऱ वह इस मैच से फॉर्म में वापसी करना चाहेंगे. यह भी पढ़ेंः आखिर क्यों ढह रहा है बॉलीवुड, बड़े-बड़े स्टारों की चमक हो चुकी है फीकी? Bigg Boss OTT 2 Written Update 12 July 2023: 'मिसेस सचदेव' सुनकर भड़क गईं फलक नाज, जिया ने जद हदीद को दिया धोखा?
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मीरपुर (बांग्लादेश), 29 जुलाई । बांग्लादेश के खिलाफ दूसरा टेस्ट खेलने से पहले साउथ अफ्रीकी टीम के तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल ने कहा है कि वह पहले टेस्ट में अपनी सर्वोच्च वर्ल्ड वरीयता के अनुरूप नहीं खेल पाए, लेकिन दूसरे टेस्ट साउथ अफ्रीकी टीम दिखाएगी कि वह दुनिया में नंबर-1 क्यों हैं। मोर्कल के हवाले से कहा, "हमारे लिए अपने प्रदर्शन में सुधार लाने का समय आ गया है और यह दिखाने का समय आ गया है कि हम क्यों दुनिया में नंबर-1 हैं।" चटगांव टेस्ट आखिरी के दो दिनों तक बारिश के कारण बिना किसी परिणाम के समाप्त हुआ, हालांकि बांग्लादेशी टीम शेष तीन दिनों के खेल में साउथ अफ्रीका पर दबाव बनाने में सफल रही थी। मोर्कल ने कहा, "हमें सिर्फ 20 विकेट हासिल करने की जरूरत है, चाहे वे स्टंपिंग से मिलें चाहे यॉर्कर से। हम उनकी बल्लेबाजी क्रम की नए सिरे से समीक्षा करेंगे और बिल्कुल नई रणनीति के साथ उतरेंगे।" उन्होंने आगे कहा, "हम खुश हैं। मौसम खुल जाने से होटल के कमरे में बंद-बंद रहने की बोरियत से निजात मिली है। दूसरे टेस्ट में खेलने को लेकर बेताब हूं और मैदान पर उतरने के लिए साउथ अफ्रीका के 11 खिलाड़ी भूखे हैं।"
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Faridabad/Alive News : राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा में आज विद्यालय की प्राचार्या नीलम कौशिक ने प्रार्थना सभा में संगीतमय भजन गायन और पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। विद्यालय के अंग्रेजी प्रवक्ता रविंदर कुमार मनचंदा ने बताया की इन दोनों प्रतियोगितायों में लगभग 180 बच्चों ने भाग लिया जिनमें से पंद्रह बहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को राष्ट्रीय विद्यार्थी सेवा संघ के सहयोग से पारितोषिक देकर सम्मानित किया। राष्ट्रीय विद्यार्थी सेवा संघ के राम गुप्ता, प्राचार्या नीलम कौशिक,रविंदर कुमार मनचंदा, रेनू शर्मा, शांति , रूपकिशोर , देशराज , संजय यादव, विनोद अग्रवाल , अंजना बाला , यशा, अनीता और किरण ने छात्रा शीतल , कीर्ति, रिमझिम, साक्षी , रेनू वोहरा, निशा सहित सभी पंद्रह छात्राओं को पुरस्कार दे कर हौंसला अफजाई की। प्राचार्या नीलम कौशिक ने इन सभी बच्चों को राष्ट्रीय विद्यार्थी सेवा संघ द्वारा अगले दौर की प्रतोयोगिता में सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने राष्ट्रीय विद्यार्थी सेवा संघ के राम गुप्ता का और सभी पदाधिकारियों का ऐसे सुंदर आयोजन के लिए व् बच्चों को पुरस्कृत करने के लिए आभार व्यक्त किया।
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मुंबई के ज्वैलर्स द्वारा तैयार की गई इस अंगूठी पर 50,097 से ज्यादा हीरे जड़े गए है। इसकी डिजाइन भी बाकी अंगूठी से काफी अलग है। चलिए जानें इस अंगूठी के बारे में कुछ खास बातें। हीरे की अंगूठी तो आपने देखी ही होगी लेकिन क्या आपने कभी 50,097 से ज्यादा हीरे वाली अंगूठी देखी है। अगर नहीं तो बता दें कि मुंबई के एक ज्वैलर्स ने बीते दिन एक बेहद खास अंगूठी तैयार की है। इस अंगूठी में 50,097 से ज्यादा हीरे जड़े हैं। थोड़ी देर के लिए इस बात पर यकीन करना मुश्किल होगा लेकिन यह सच है। आमतौर पर रिंग में एक डायमंड जड़ा होता है और यह अपनी चमक से उंगली की शोभा बढ़ा देता है लेकिन यह रिंग कोई आम अंगूठी नहीं है। इस रिंग को मार्च में तैयार किया गया था। ऐसे में अब इस जौहरी का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो चुका है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की प्रेस रिलीज के अनुसार, यह कारनामा एचके डिजाइन और हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। कंपनी की वेबसाइट पर जारी किए गए स्टेटमेंट के अनुसार, फाउंडर घनश्याम ढोलकिया ने कहा, "मैं गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से मान्यता के लिए बहुत आभारी हूं"। अंगूठी की डिजाइन नॉर्मल अंगूठी की तरह नहीं है। यह अंगूठी पूरी तरह से रिसाइकल मैटेरियलसे बनाई गई है। इस अंगूठी के कुल 8 भाग हैं जिनमें पंखुड़ियों की 4 परतें, लेग, 2 हीरे की डिस्क और तितली शामिल हैं। तितली के कारण यह अंगूठी काफी खूबसूरत है। सोने की इस अंगूठी का वजन 460. 55 ग्राम है और इसमें 130. 19 कैरेट का हीरा जड़ा है। इस अंगूठी की कीमत 6. 42 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसे यूटिएरिया रिंग नाम दिया गया है। यह रिंग कोई आम रिंग नहीं है। इसे बनाने में काफी समय लगा है। डिजाइनरों और वर्करों को इस रिंग को तैयार करने में करीब नौ महीने लगे हैं। इसका डिजाइन कंप्यूटर से तैयार करने में चार महीने लगे हैं। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकती हैं कि यह रिंग कितना खास होगा। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ। आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
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दीर्घागम के दो-तीन सूत्रों का अनुवाद आज से बीस वर्ष पहले - मैंने किया था । उस समय चीन-भाषा और साहित्य की ओर बढ़ने का मेरा ख्याल था । मेरा ज्ञान उस समय पाँच सौरों ( शब्दसंकेतों ) से अधिक नहीं था, लेकिन उसी समय लंका में चीनी विद्वान् वाड़ मो-लम मेरे साथ रहते थे । हम दोनों में विद्या-विनिमय करते थे । उन्हें वड़ी प्रसन्नता होती, यदि हमारे संयुक्त परिश्रम का फल इस 'महापरिनिर्वाण सूत्र' को उन्होंने प्रकाशित देखा होता । थोड़े ही दिनों बाद क्षयरोग से हुलकर मरने की जगह उन्होंने लंका के समुद्र में डूब कर प्रण दे दिया । अपना चौद्ध विचारकों की देन ईसा की दूसरी शताब्दी के महान् आचार्य नागार्जुन मंगलाचरण के लिये कुछ भी न कह अपने ग्रंथ विग्रह व्यावर्त्तनी के अन्त में कहते हैं--- यः शून्यतां प्रतीत्यसमुत्पादं मध्यमां प्रतिपदमे कार्याम् । निजगाद प्रणमामि तमप्रतिमसंबुद्धम् ॥७२॥ (जिसने शून्यता, प्रतीत्यसमुत्पाद्, एकार्थ मध्यमा प्रतिपद् को कहा, उस अप्रतिम बुद्ध को मैं प्रणाम करता हूँ । ) नागार्जुन शून्यवाद और माध्यमिक बौद्ध दर्शन के मूल-याचार्य माने जाते हैं । वह जानते थे कि शून्यता, प्रतीत्यसमुत्पाद, मध्यमा प्रतिपद् ये मौलिक विचार बुद्ध की देन हैं । बुद्ध के निर्वाण हुये ढाई हजार वर्ष बीते । इस बीच की पहली सत्रह शताब्दियों में भारत में चौद्ध विचार धारा प्रवल रही। इसी समय सारिपुत्त, ( ई० पू० ५०० ) सारावासी ( ई० पू० ४०० ) नोग्गलिपुत्त तिस्स (ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी), नागसेन (ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी), श्योष (ईसवी पहली शताब्दी) मातृचेट (ईसवी पहली शताब्दी), नागार्जुन (ईसवी दूसरी शताब्दी), श्रसँग (ईसवी चौथी शताब्दी), धनुवन्धु (इसवी चौथी शताब्दी), दिग्नाग (ईसवी पांचवीं शताब्दी), धर्मकीर्ति (६०० ई० ).. प्रज्ञाकरगुप्त (सातवीं शताब्दी), शान्तरक्षित (आठवीं शताब्दी), कमलशील (नवीं शताब्दी), जितारि (दसवीं शताब्दी) रत्नाकर शान्ति ( ग्यारहवीं शताब्दी), शाक्य श्रीभद्र (बारहवीं शताब्दी) जैसे महान् दार्शनिक पैदा हुये । भारत से बाहर चीन, जापान, सुवर्णद्वीप, तिब्बत, मंगोलिया ने भी बहुत से उच्च कोटि के बौद्ध विचारक पैदा किये । यह खेद की बात है कि भारतीय और बृहत् भारतीय विचारकों के विचारों का क्रमवद्ध इतिहास अभी किसी भाषा में नहीं लिखा गया । शून्यता का ही नामद भी है । बुद्ध ने जब आत्मा ही से इन्कार कर दिया तो परमात्मा या ईश्वर की बात ही क्या ? बुद्ध महान् थे । हमारे देश ने वैसे महान् दूसरे व्यक्ति को नहीं पैदा किया । उनके विचारों से पूर्णतया सहमत न होते हुए भी हम उनके प्रति श्रद्धा रख सकते हैं, लेकिन जिन विचारकों को उन्होंने प्रकट किया, उनसे उलटी बात उनके मत्थे मढ़नी बुरी बात है । यदि ऐसा न जान कर किया जाये तो यह है और उसे क्या कहना चाहिये । २ मई (१९५६) की राज्यसभा में डा० अम्बेडकर कुछ बोल रहे थे । पार्लियामेन्ट के किसी सदस्य ने कह दिया - "आपकी आत्मा को भगवान बचाये ।" इस पर अम्बेडकर ने कहा - "मेरे पास आत्मा नहीं है। मैं बौद्ध हूँ । मेरी आत्मा की शान्ति के लिये प्रार्थना करने को किसी को कष्ट करने की जरुरत नहीं। मैं ईश्वर को नहीं मानता, आत्मा को नहीं मानता ।" अम्बेडकर अध्ययनशील और विचारशील पुरुष हैं । उनके सभी राजनीतिक विचारों से सहमत होने की जरूरत - नहीं है पर उनकी योग्यता और देश के सबसे अधिक उत्पीड़ित जनता के लिये उनकी सेवाओं से इनकार नहीं किया जा सकता । उन्होंने अपने को अनीश्वरवादी और प्रात्मवादी वौद्ध घोषित किया तो यह वौद्ध विचारधारा का अच्छी तरह करके ही । पर, उसके तीन दिन बाद (५ मई के ) " हिदुस्तान स्टैण्डर्ड" में उसके
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बाॅलीवुड एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर मासी और एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरे के बारे में तो हर कोई जानता है। वह हाल ही में द कपिल शर्मा के शो में आईं थी। बता दें कि श्रद्धा कपूर की छोटी मासी तेजस्विनी कोल्हापुरे के बारे में बेहद कम कम लोगों को पता होगी कि तेजस्विनी कोल्हापुरे पेशे से एक एक्ट्रेस और मॉडल हैं। तेजस्विनी कोल्हापुरे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। हाल ही में उन्होंने अपने इंस्टा पर कुछ बिंदास तस्वीरें शेयर की हैं जिन्हें देख आपके पसीने छूट जाएंगे। 40 साल कि तेजस्विनी कोल्हापुरे का जन्म 1 जनवरी 1980 में हुआ था। तेजस्विनी ने हाल ही में कुछ बेहद हॉट तस्वीरें शेयर की हैं जो साल 2012 की हैं। तस्वीरों में एक्ट्रेस बिकिनी ने नजर आ रही है। ब्लैक एंड व्हाइट इन तस्वीरोंमें उनका दिलकश अंदाज देखने वाला है। मुंबई के महाराष्ट्र में पैदा हुईं तेजस्विनी का एक और तगड़ा कनेक्शन यह है कि वह लता मंगेशकर की भांजी लगती हैं। तेजस्विनी पहले एयरलाइन कंपनी में काम करती थीं। बाद में मॉडलिंग करते हुए फिल्मों की ओर रुख किया। मॉडलिंग और फिल्मों में आने से पहले तेजस्विनी ने टीवी की दुनिया में कदम रखा था। सतीश कौशिक के निर्देशन में बने टीवी सीरियल 'मुझे चांद चाहिए' से तेजस्विनी ने टीवी पर डेब्यू किया। मॉडलिंग और फिल्मों में आने से पहले तेजस्विनी ने टीवी की दुनिया में कदम रखा था। सतीश कौशिक के निर्देशन में बने टीवी सीरियल 'मुझे चांद चाहिए' से तेजस्विनी ने टीवी पर डेब्यू किया। फिल्मों की बात करें तो तेजस्विनी ने अनुराग कश्यप की फिल्म 'पांच' साइन की। फिल्म बनी तो जरूर, लेकिन थिएटर में रिलीज नहीं हो सकी। फिल्म में दिखाए हिंसा और भाषा पर तब खूब शोर मचा हालांकि यह फिल्म ऑनलाइन कुछ प्लेटफॉर्म्स पर जरूर है। साल 2013 में अनुराग कश्यप की ही फिल्म 'अगली' में भी तेजस्विनी नजर आईं। इसमें उन्होंने एक डिप्रेस्डऔरत का किरदार निभाया था जो शराब के नशे में डूबी रहती थी। हालांकि, एक सच यह भी है कि अपने अब तक के करियर में तेजस्विनी ने 10 से अधिक फिल्मों में छोटे-बड़े रोल किए हैं, लेकिन उनका एक्टिंग करियर इतना अच्छा नहीं था। पर्सनल लाइफ की बात करें तो तेजस्विनी कोल्हापुरे शादीशुदा हैं। तेजस्विनी कोल्हापुरे ने पंकज सारस्वत से शादी की है। कपल की एक बेटी भी है।
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सोशल एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा को कुछ शर्तों के साथ केरल हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. कोच्चि पुलिस ने रेहाना फातिमा को उनके घर से गिरफ्तार किया था. रेहाना पर फेसबुक पोस्ट के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप हैं. बता दें कि भारी विरोध के बावजूद रेहाना ने केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी. रेहाना फातिमा पर आरोप है कि उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए अयप्पा भक्तों की भावनाओं को नुकसान पहुंचाया था. इस संबंध में कोच्चि के पथानामथिट्टा थाने में शिकायत दर्ज की गई थी. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को रेहाना फातिमा को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया. रेहाना को 295 ए के तहत गिरफ्तार किया गया है. रेहाना फातिमा इसी साल मार्च में भी सुर्खियों में रही थीं. कोझीकोड के एक प्रोफेसर के बयान के विरोध में ऐसा हुआ था. उस प्रोफेसर ने कहा था कि महिलाओं को अपने तरबूज जैसे स्तनों को ढंककर रखना चाहिए. इसके विरोध में रेहाना ने एक फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी, जिसमें वे अपने स्तनों को तरबूज से ढंके हुए थीं. इस फोटो को शेयर करने के बाद कुछ ही घंटों में फेसबुक ने इसे रेहाना को ट्रोल किए जाने और धमकी दिए जाने के चलते हटा दिया था. रेहाना अय्यनथोल पुलीकली टीम, जो कि पारंपरिक टाइगर डांस करती है, की अकेली महिला सदस्य भी रह चुकी हैं. यह डांस केवल पुरुष दल करता है. तब उन्होंने मनोरमा से बात में कहा था, "वे ऐसी जगह परफॉर्म करना चाहती हैं जहां पुरुषों का बोलबाला हो. " 2014 में उन्होंने केरल में मोरल पुलिसिंग के खिलाफ चल रहे किस ऑफ लव कैंपेन में भी हिस्सा लिया था. उनके पार्टनर, फिल्मकार मनोज के श्रीधर ने किस करते हुए एक क्लिप फेसबुक पर शेयर भी की थी. .
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बेस्ट प्रशासन मुंबई हवाईअड्डे से दक्षिण मुंबई और ठाणे(South mumbai nto thane best premium bus service) के लिए मोबाइल ऐप आधारित सीट आरक्षण की सुविधा के साथ एक प्रीमियम बस सेवा शुरू करने पर विचार कर रहा है। इस रूट के लिए टेस्टिंग की जा रही है। वर्तमान में, ठाणे-बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स मार्ग पर चलने वाली प्रीमियम बस सेवा को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। पीक आवर्स के दौरान बेस्ट बसों की भीड़भाड़, बसों की अनुपलब्धता आदि को ध्यान में रखते हुए, बेस्ट ने दिसंबर से ठाणे - बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स - बांद्रा स्टेशन के बीच मोबाइल ऐप आधारित सीट आरक्षण के साथ एक इलेक्ट्रिक वातानुकूलित प्रीमियम बस सेवा शुरू की। 12. बेस्ट ने ठाणे-बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के लिए 205 रुपये, बांद्रा स्टेशन से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स तक एक तरफ की यात्रा के लिए 50 रुपये आरक्षित किए हैं। यात्री 'चलो मोबाइल एप'(Chalo mobile app) के जरिए इस बस में सीट रिजर्व करा सकते हैं। इस बस के रूट, अपेक्षित समय, उस रूट पर और कितनी बस सेवाएं उपलब्ध होंगी, इसकी जानकारी एप पर उपलब्ध है। ठाणे - बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स प्रीमियम बस सेवा हर आधे घंटे में सुबह 7 बजे से 8.30 बजे तक उपलब्ध है, जबकि बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स - ठाणे सेवा हर आधे घंटे में शाम 5.30 बजे से शाम 7 बजे तक उपलब्ध है। इन सेवाओं को यात्रियों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। फिलहाल दोनों रूटों पर रोजाना 900 यात्री इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। ठाणे-पवई-ठाणे और खारघर-बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के नियोजित रूट पर जल्द ही बस सेवाएं शुरू हो जाएंगी। जनवरी के अंत तक 20 और प्रीमियम बसें सेवा में आ जाएंगी।
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HPBOSE HP Board 10th Result 2023: हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HPBOSE) की ओर से कक्षा 10वीं का रिजल्ट जारी हो गया है. वेबसाइट hpbose.org पर मार्कशीट चेक करें. Himachal Pradesh Board 10th Result 2023: हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HPBOSE) की ओर से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जारी हो गया है. इस साल हिमाचल बोर्ड 10वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र ऑफिशियल वेबसाइट hpbose.org पर जाकर रिजल्ट चेक कर सकते हैं. बता दें कि इस साल Himachal Board 10वीं में कुल 89.7 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं. हिमाचल बोर्ड 10वीं का रिजल्ट जारी हो गया है. इस साल 10वीं में कुल 91,440 छात्र शामिल हुए थे, जिनमें से 81,732 पास हुए हैं. कुल छात्रों का पास प्रतिशत 89.7 फीसदी रहा है. सभी छात्र ऑफिशियल वेबसाइट पर नीचे बताए स्टेप्स से रिजल्ट चेक कर सकते हैं. - रिजल्ट चेक करने के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट hpbose.org पर जाएं. - वेबसाइट की होम पेज पर HP Board Results 2023 के लिंक पर क्लिक करें. - इसके बाद Check 10th Result 2023 के लिंक पर जाना होगा. - अगले पेज पर रोल नंबर डालकर Submit के लिंक पर जाएं. - रिजल्ट स्क्रीन पर आ जाएगा. - रिजल्ट चेक करने के बाद प्रिंट ले लें. HP Board 10 Result 2023 Declared यहां डायरेक्ट लिंक से चेक करें. Himachal Board 10वीं की परीक्षा में कुल्लू जिले के स्नॉवर वैली पब्लिक स्कूल बजौरा की छात्रा मानवी ने टॉप किया है. मानवी को 99.14 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं. वहीं, दूसरे स्थान पर हमीरपुर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा दीक्षा कथयाल का नाम है. दीक्षा को 99 फीसदी नंबर मिले हैं. हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की तरफ से कक्षा 10वीं की परीक्षा का आयोजन दो टर्म में हुआ था. दूसरे टर्म का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. इस साल 10वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र अपनी ऑनलाइन मार्कशीट की मदद से अगली कक्षा में दाखिला ले सकते हैं.
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मेषः विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। वृषभः मातहतों का सहयोग मिलेगा। पूजा. पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। मिथुनः पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। कर्कः निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। घर. बाहर सुख. शांति बने रहेंगे। मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें। सिंहः मित्रों के साथ समय अच्घ्छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। कार्य सफल रहेंगे। कन्याः बेवजह लोगों से कहासुनी हो सकती है। दुरूखद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। तुलाः नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन. देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। वृश्चिकः मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। धनुः नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मकरः व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। कुंभः प्रतिष्ठा बढ़ोतरी होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। मीनः व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे।
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इंडिया न्यूज़, OTT News : ओटीटी प्लेटफॉर्म दर्शकों के लिए एंटरटेनमेंट के नए माध्यम बन गए हैं। बता दें कि इस प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम हुुई वेब सीरीज नए कॉंसेप्ट पर होती है। ऐसे में दर्शकों को भी सीरीज के अगले सीजन का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। बता दें कि ऐसी ही एक सीरीज चर्चा में है हंसल मेहता की स्कैमः 2003। इससे पहले हंसल मेहता ने स्कैमः 1992 में हर्षद मेहता का करीब 500 करोड़ का स्कैम दिखाया था। हंसल मेहता 'स्कैमः 1992' के बाद अपनी अगली वेब सीरीज 'स्कैमः 2003' लेकर हाजिर हो गए हैं। सीरीज का एक टीजर रिलीज कर दिया गया है। इसमें करीब 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की कहानी दिखाई जाएगी। माना जा रहा था कि हंसल की इस सीरीज में प्रतीक गांधी लौट सकते हैं। लेकिन टीजर से साफ हो गया है प्रतीक गांधी नहीं बल्कि गगन देव रियार को तेलगी के रोल के लिए चुना गया है। हंसल मेहता इस सीरीज को डायरेक्ट कर रहे हैं और स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी को स्टूडियोनेक्स्ट के सहयोग से अप्लॉज एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित किया जायेगा। करीब एक महीना पहले स्कैमः 2003 की शूटिंग शुरू हो गई थी। अब इस टीजर ने हंसल मेहता की नई सीरीज की एक्साइटमेंट बढ़ा दी है। बता दें कि यह कहानी साल 2003 में स्टैंप घोटाले पर है। इस घोटाले का आरोपी अब्दुल करीम तेलगी था। इस घोटाले को जर्नलिस्ट संजय सिंह ने उजागर किया था और उन्हीं की किताब 'रिपोर्टर की डायरी' के आधार पर ये बेस सीरीज बनाई जा रही है। करीम के खिलाफ पहला केस साल 1991 में दर्ज हुआ था। लेकिन कुछ हुआ नहीं। बाद में साल 2001 में करीम को गिरफ्तार किया गया और फिर धीरे धीरे सारे कच्चे चिट्ठे खुले। साल 2007 में करीम को सजा सुनाई गई लेकिन 2017 में मल्टी आॅर्गन फेलियर के चलते करीम की मौत हो गई।
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कोरोना के चलते केरल सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में लॉकडाउन लागू कर दिया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच 8 मई से 16 मई तक के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया है। केरल के सीएम पिनराई विजयन ने ट्विटर पर ऐलान किया है कि " कोरोना की दूसरी लहर के चलते राज्य में 8 मई से 16 मई की सुबह 6 बजे तक पूरे केरल राज्य में लॉकडाउन होगा "। केरल में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच राज्य सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों और सरकारी अधिकारियों की तैनाती कर कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ उपायों को मजबूत करने का फैसला किया है। ताकी कैस तैसे कर कोरोना संक्रमण को राज्य में रोका जा सकें। बता दें कि राज्य में कोविड-19 के 41,953 नए मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्थिति को गंभीर करार दिया है। सीएम विजयन ने कहा कि " राज्य बहुत गंभीर स्थिति से गुजर रहा है और कोविड-19 बहुत तेजी से फैल रहा है। जांच में संक्रमण दर भी कम नहीं हो रही है। इन परिस्थितियों में हमें कठोर पाबंदियों की सख्त जरूरत है, यही कारण है कि राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है "। विजयन ने कहा कि लॉकडाउन में राज्य सरकार की एजेंसियों और राजनीतिक दलों के अलावा निजी एजेंसियों को भी राहत कार्य में काम करने की अनुमति दी जाएगी।
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कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ही एक बयान को लेकर सोमवार (24 फरवरी) को विपक्ष पर निशाना साधा है। सिंधिया ने कहा है कि विपक्ष को मेरे लिए लड़ने की आवश्यकता नहीं है, मैं अपने लिए लड़ने में सक्षम हूं। दरअसल, हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पार्टी के मैनिफेस्टो में किए गए वादों को लेकर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश सरकार, पार्टी के मैनिफेस्टो में किये गये वादों को पूरा नहीं करेगी, तो जनसेवक होने के नाते उन्हें पूरा करवाने के लिए 'मुझे सड़क पर उतरना ही होगा। वहीं, आज (24 फरवरी) पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और सिंधिया गुना में बंद कमरे में मुलाकात करने वाले हैं। दोनों के बीच सर्किट हाउस में वार्ता होगी। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह सिंधिया ने मध्यप्रदेश के कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों के मामले पर कहा था कि यदि कांग्रेस सरकार अपने वादो पूरे नहीं करेगी तो वह सड़क पर उतरेंगे। इस पर सीएम कमलनाथ ने कहा था कि अगर सिंधिया सड़क पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं। इसके बाद कमलनाथ सरकार के कुछ मंत्रियों ने कहा था कि मैनिफेस्टो के वादे पांच वर्ष के लिए हैं और सरकार बने अभी एक साल ही बीता है।
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'खाने वालों; पितृशक्ति और मातृशक्ति की हिंसा करने वालों; अण्डों तथा नवजात या छोटे २ पशु-पक्षियों के खाने वालों के नाश करने की आज्ञा दी है । (घ ) क्षुधे यो गां विकृन्तन्तं भिक्षमाण उपतिष्ठति ॥ यजु० ३० । १८ ॥ अर्थः - गौ काटी जा रही हो और उस समय जो गो-मांस की भिक्षा के लिये वहां आ उपस्थित हो, उसे क्षुधा का दण्ड देना चाहिये । अर्थात् उसे भूखा रहने की सजा देनी चाहिये । यह मन्त्र यजुर्वेद के ३० वें अध्याय का है । इस अध्याय में एक पूर्ण राष्ट्र का तथा यत्किंचित् दण्डिनीति का भी वर्णन है । इसी दण्डनीति के सिलसिले में "क्षुधादण्ड" का भी विधान है। इसी ३० वें अध्याय के निम्न लिखित प्रमाण के आधार पर यह प्रतीत होता है कि गोघाती को प्रारणदण्ड देना चाहिये यह राजकीय धर्म है । यथाःअन्तकाष गोघातम् ॥ यजु० ३० । १८ । इसलिये गोघाती को तो "प्राणदण्ड"; और जो स्वयं गोधाती तो नहीं, परन्तु गौ को कटती हुई देख कर मांस की भिक्षा के लिये उपस्थित होता है, उसे " क्षुधादण्ड" देना चाहिये, यह यहां अभिप्राय है । परन्तु उस मनुष्य को - जो कि गौ का घात तो नहीं करता, और न गौ का मांस ही खाता है, परन्तु चर्मकार होने के कारण गौ का चमड़ा उतारना चाहता है - कोई दण्ड न मिलना चाहिये । ३ क्षुधा निवृत्ति के साधन धानादि अन्न हैं, मांस नहीं का नहीं"- इसके स्पष्टीकरण के लिये, निम्न लिखित मन्त्रों पर विचार किया जाता है। यथा- - ( क ) गोमिष्टरेमामतिं दुरेवां यवेन वा क्षुधं पुरुहूत विश्वे । वयं राजसु प्रथमा धनान्यरिष्टासो बृजनीभिर्जग्रेम' ॥ अथर्व 9 १० ७ । ५० १७॥ " वेदों में, क्षुधा की निवृत्ति के लिये धान आदि, अन्नों तथा दुग्ध आदि पदार्थों का ही विधान है, मास अर्थः-हे पुरुहूत प्रभो ! हम सब, दुर्व्यवहार की उत्पादक श्रमति ( कुबुद्धि और बुद्धि की न्यूनता ) को, गौओं के दूध आदि के सेवन से दूर करें। हम के • सब जौ आदि अन्नों के द्वारा क्षुधा को दूर करें । इस प्रकार हम सब रोग रहित हों। तथा हम सच, सेनाओं के द्वारा, राजाओं के खजानों को जीतें या लूटें । इस मन्त्र में चार निर्देश हैं । ( १ ) पहला निर्देश यह कि गौ के दूध आदि पदार्थ अमति अर्थात् कुमति के नाशक तथा सद्बुद्धि के वर्धक हैं"। ( २ ) दूसरा निर्देश यह कि "विश्वे" अर्थात् हम सब, अपनी क्षुधा की निवृत्ति जौ आदि नों द्वारा करें" । इस निर्देश में 'विश्वे' शब्द पर विशेष ध्यान देना चाहिये । विश्वे का अर्थ है "सब" । अतः इस निर्देश द्वारा सभी मनुष्यों के प्रति यह वैदिक आज्ञा है कि वे अपनी क्षुधा की निवृत्ति, जौ आदि अन्नों द्वारा ही करें, मांस द्वारा नहीं । ( ३ ) तीसरा निर्देश यह कि "इस प्रकार गौ के दूध आदि सात्विक पदार्थों तथा जौ आदि अन्नों के सेवन से हम सब रोग रहित हों"। सम्भव है कि शाकभोजी तथा दुग्धाहारियों में रोगों की सम्भावना कम हो । ( ४ ) चौथा निर्देश यह है कि "हम सब, सेनाओं ( १ ) बृजन = बल; निघं० अ० २, खं० ९ ॥ तथा " मध्योदात्तं तु बृजनं वर्त्तते बलयुद्धयोः " ( माधवः ) ।
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी और बेटे के स्वामित्व वाली कंपनियों से संबंधित एक इमारत में दो ऑफिस अटैच कर लिए हैं. यह कार्रवाई मुंबई के अंधेरी इलाके में की गई. वो परिसर दो कंपनियों के नाम से है, जिनमें जिंदल कंबाइन्स प्राइवेट लिमिटेड और ऑरलैंडो ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम हैं. इन कंपनियों में सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रीति श्रॉफ और बेटे राज श्रॉफ प्रमुख शेयरधारक हैं. यह मामला यस बैंक से लिए गए फर्जी ऋण से संबंधित है. इसमें पीएमसी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी सारंग और राकेश वधावन भी हैं, जो एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) के प्रमोटर थे. इस मामले को मैकस्टार पीएमसी बैंक घोटाले के रूप में भी जाना जाता है. प्रवर्तन निदेशालय के एक ट्वीट में कहा "ईडी ने राज श्रॉफ और उनकी पत्नी से संबंधित 35. 48 करोड़ रुपये के वाणिज्यिक संपत्तियों को कुर्क किया है. राज श्रॉफ और उनकी पत्नी मैसर्स जिंदल कंबाइन प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स ऑरलैंडो ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं. यह कार्रवाई बैंक धोखाधड़ी मामले में पीएमएलए के अंतर्गत की गई है. दोनों वाणिज्यिक परिसर अंधेरी पूर्व के प्रमुख स्थान में कलडोनिया भवन में स्थित हैं. जिसे एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) द्वारा विकसित किया गया था. और एक अन्य कंपनी ने मैकस्टार नामक अपनी संयुक्त उद्यम वाली सहायक कंपनी के जरिए इसे विकसित किया था. सूत्रों के अनुसार दोनों कार्यालयों को बाजार मूल्य के पचास प्रतिशत से अधिक की भारी छूट पर खरीदा गया था. उनमें से एक कार्यालय ऑरलैंडो ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर 30 मार्च, 2016 को खरीदी गई थी. तब उसकी कीमत लगभग 20 करोड़ थी, जबकि उसके लिए केवल 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. इसी तरह से दूसरा कार्यालय 2014 में इससे पहले खरीदा गया था. उसे जिंदल कंबाइनों कंपनी के नाम से खरीदा गया था. उस संपत्ति की कीमत उस वक्त 15 करोड़ रुपये से अधिक थी. लेकिन कंपनी के शेयरधारकों ने उसके लिए लगभग 9. 3 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारियों ने पिछले दो महीनों में तीन बार राज श्रॉफ का बयान दर्ज किया था. सूत्रों के अनुसार श्रॉफ ने कहा था कि पूरा भुगतान मैकस्टार को नहीं किया गया था, क्योंकि डेवलपर्स ने कमिटमेंट पूरे नहीं किए थे. इसी मामले में पिछले महीने ईडी की टीम ने पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन जयेंद्र ठाकुर उर्फ भाई ठाकुर और विधायक हितेंद्र ठाकुर के परिवार से जुड़े सदस्यों के स्वामित्व वाली वीवा ग्रुप की 34. 36 करोड़ रुपये की दो कार्यालय संपत्ति भी अटैच की थी. ये संपत्ति अंधेरी पूर्व में उसी केडोनिया भवन में स्थित हैं, जिसका निर्माण और विकास HDIL (हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की सहायक फर्म मैकस्टार ने किया था.
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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया. (एएनआई फाइल फोटो) नई दिल्ली. दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया को ईडी की पांच दिन की रिमांड में भेज दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी 7 दिन की रिमांड की मांग की थी. अब सिसोदिया को 22 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा. सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि उन्हें लंबे वक्त तक बिठाकर रखा जाता है जबकि पूछताछ सिर्फ एक से डेढ़ घंटे की जाती है. स्पेशल सीबीआई जज एम. के. नागपाल कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सिसोदिया की रिमांड की जरूरत है. उन्होंने बताया कि दिल्ली आबकारी विभाग के आलोक श्रीवास्तव से सिसोदिया का आमना-सामना कराया गया है. मनीष सिसोदिया के वकील ने पूछा, 'ईडी को बताना चाहिए कि अब तक क्या जांच की गई है? ' ईडी के जांच अधिकारी के निर्देश पर ईडी के वकील ने मनीष के वकील के तर्क का विरोध किया और कहा कि रोज 5 से 6 घंटे पूछताछ की जा रही है. सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई के द्वारा एफआईआर दर्ज करने के कुछ दिन के भीतर अगस्त 2022 में ईसीआईआर दर्ज किया गया, कम्प्यूटर को ज़ब्त कर उसकी जांच की गई और अब दूसरी एजेंसी उसी प्रक्रिया को दोहराना चाहती है. सिसोदिया के वकील ने ईडी की रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया और कहा कि क्या ईडी सीबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है. ईडी ने कहा कि दो लोगों को 18 और 19 मार्च को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है. जांच एजेंसी ने बताया कि जो ईमेल और मोबाइल डेटा मिला है, उसी के बारे में आमना-सामना करवाना है. इस पर कोर्ट ने कहा कि ईमेल जैसा डाटा का कंफ्रंट तो आप जेल में भी करवा सकते हैं. इसके जवाब में ईडी ने कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, अगर अभी हिरासत नहीं मिली, तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी और आरोपी की पूछताछ सीसीटीवी की निगरानी में कराई जा रही है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया. दिल्ली में वर्ष 2021-22 के लिए बनाई गई और अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति को तैयार करने और इसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 26 फरवरी को गिरफ्तार किये जाने के बाद सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. . 200 रुपये से कम प्लान में लंबी वैलिडिटी, डेटा-कॉल सबकुछ, जिसने सुना वो रिचार्ज कराने दौड़ पड़ा! वो एक्टर जिसकी 'दस्तक' से, हिलने लगी थी अमिताभ बच्चन-दिलीप कुमार की 'दीवार', कैसे कहलाए 'एक्टर्स का रोल मॉडल'
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चुनार तहसील क्षेत्र के ग्राम धौहा व आस पास के गाँव में पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाने से ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। गर्मी का मौसम आते ही पानी का जलस्तर जमीन से काफी हद तक छोड़ देता है, ऐसे में लोगों के पानी पीने का सहारा हैंडपम्प व कुआं ही होता है। गर्मी की शुरुआत होते ही गांव में लगे हुए अधिकांशत हैंडपंप व कुएं पानी अपना जलस्तर छोड़ना शुरू कर देते हैं। धौहा के ग्राम के प्रधान ने ऊपर पहाड़ पर बने आयरन फैक्टरी में चुनार शहर से टैंकर के जरिए पानी ले जाया जा रहा है, ग्रामीणों को पानी की किल्लत देखते हुए टैंकर के पानी को ग्रामीणों ने रुकवा लिया। बताया कि गर्मी शुरूवात होते ही चुनार तहसील के अंतर्गत पहाड़ पर कई गांव बसे है जिसमे बड़ागांव,धौहा , बीजुरही नुनौटी, सक्तेशगढ़, में पानी का जलस्तर गर्मी के दिनों में काफी नीचे चला जाता है इससे हैंडपंप पानी देना बंद कर देते हैं, ग्रामीणों को पानी पीने के लिए भी भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। वहीं गांव के बाहर में स्थित शांति गोपाल आयरन फैक्ट्री में चुनार नगर से टैंकर से पानी मंगाया जा रहा है गांव के प्रधान ने आयरन फैक्ट्री के टैंकर को रोककर ग्रामीणों में पानी दिलवा दिया। तब जाकर कहीं ग्रामीणों के पेयजल समस्या का समाधान हो पाया। ग्रामीणों के पेयजल के संबंध में ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर से टैंकर से आपूर्ति कराए जाने की मांग किया है, मांग करने वाले ग्राम प्रधान धौहा सत्य नारायण पाल ,बाराडीह ग्राम प्रधान दूधनाथ , बड़ागांव प्रधान वीरेंद्र कुमार के साथ ग्रामीणजन शिव सेवक पांडेय, रामचंद्र पाल, रामाश्रय पांडेय राजेश कुमार, विजय कुमार पाल, राम नारायण, परशुराम, शिव सेवक इत्यादि शामिल थे। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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"स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते" की कहावत के अनुसार राजा का सम्मान केवल अपने देश में होता है और विद्वान् का देश-विदेश सभी मे । सेठ साहब की स्थिति अपने नगर में राजा के ही समान है। इसलिये उसका पूर्व सम्मान हुआ, उस पर किसी को कुछ भी श्राश्चर्य नहीं होना चाहिये, किन्तु ग्राश्चर्य उस सम्मान के लिये ग्रवश्य है, जो ग्रापने अपने नगर और इन्दौर के बाहर अन्य राज्यों और देशों में सर्वत्र प्राप्त किया। कहते हैं कि कुछ विदेशी व्यापारी श्रापको देखने के लिये केवल इसलिये थाये कि वे उस सफल व्यापारी के दर्शन करना चाहते थे, जिसके हाथों में उस समय देश-विदेश के सभी बाजार खेला करते थे । आपको 'विद्वान्' नही कहा जा सकता । अंग्रेजी की श्राप दो पोथियां भी नही पढो हैं और हिन्दी में भी आपने ऐसी कोई ऊंची परीक्षा पास नहीं की है । एक ज्योतिषी ने श्रापके सम्बन्ध में यह ठीक ही भविष्यवाणी की थी कि "विद्याहीनो महाज्ञानी महाभक्ति, प्रचण्डवानशक्तिः कीर्तियोग विशालाक्षी चन्द्रवरमहामुने र्देवं भोगावली । " फिर उसने कहा था कि 'देशे विदेशे कीर्निर्विख्यातोभुविमण्डले ।" ज्योतिषी की यह भविष्यवाणी पक्षरशः सत्य सिद्ध हुई है। निस्सन्देह, सेठ साहब ने अपने समय की भावना के अनुसार राजधर्म का यथावत् पालन किया । राना में प्रगाव निष्टा और भक्ति रखने वाले राजभक्तो मे श्रापकी गणना की जाती रही है। यथावसर राजभक्ति का प्रदर्शन भी ग्राप करते ही रहे हैं। लेकिन, इसका यह अभिप्राय नहीं है कि ग्राप में लोकसेवा और देशसेवा की भावना नहीं है । लोकसेवा का भी कोई अवसर थापने हाथ से जाने नहीं दिया। इसी लिये राज और लोक दोनो ही दृष्टियो से आपने यह सम्मान व मान्यता प्राप्त की, जो किन्ही साधारण व्यक्तियों को ही प्राप्त होती है। उसका उपार्जन या सम्पादन भी अपने सहस्र हायो से किया है। आपका जीवन इस कथन की भी साक्षी है कि"नरपतिहितकर्ता द्वेष्यता याति लोके, जनपदहितकर्ता त्यज्यते पाथिवेन्द्र । इति महति विरोधे वर्तमाने समाने, नृपतिजनपढाना दुर्लभः कार्यकर्ता ॥" सम्मान प्राप्त करके आपने यह सिद्ध कर दिया कि दोनों के हित का सम्पादन समान रूप से किस प्रकार किया जा सकता है ? पापकी राजभक्ति का अर्थ झूठी चापलूसी या स्वार्धपूर्ण खुशामद नहीं है। इन्दौर में ऐसे कितने ही असर याये, जब अपनी जनता के लिये राज और राजकीय अधिकारियों के साथ भी जुक गये पर राज्य ने जय लोकहित में युद्ध टील की, तब आप स्वय उसमे जुट गरे । राज्य के प्रति "हितं मन हारी च दुर्लभं वचः" की नीति से काम लेने में भी प्रापको संकोच न
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रारा-वर्णन इसी परम्परा के अन्तर्गत आता है। इन पुराणों में राम विषee saat समानता है कि कतिपय बही लोक सभी में मिलते हैं । 'तावार्यमाणा' से प्रारंभ होने वाला श्लोक तीनों पुराणों में प्राप्त होता है। रास की मूलवस्तु उक्त पहले दोनों ग्रंथो में ही उपलब्ध हो जाती है जिसका विकास शेष तीनों पुराणों में क्रमशः होता गया है। इस परम्परा में राधा जैसी किसी गोधी विशेष का स्पष्ट उल्लेख न करके समस्त गोपी समूह के साथ कृष्ण के रासरमण का वर्णन किया जाता है। भास ले कतिपय गोपियो तथा बलराम का नाम अवश्य दिया है किन्तु राधा के अभाव मे अततः उनका रास वर्णन इस परम्परा से बहुत पृथक नहीं है क्योंकि ब्रह्मपुराण तथा विष्णुपुराण में भी 'सहरामेण' से बलराम की उपस्थिति का संकेत किया गया है । ब्रह्मपुराण मे गोपियों के नाम लेने की बात भी है पर नाम नही दिये हैं। रास-वर्णन को यह परम्परा गुजराती और व्रजभाषा दोनो के कृष्ण-काव्य मे व्यक्त हुई है किन्तु बलराम की उपस्थिति का उल्लेख कहीं नहीं मिलता । ब्रजभाषा में केवल नंददास को रासपचाव्यायी में ही उसके पूर्णतया भागवत पर आधारित होने के कारण इसका शुद्ध परिपालन हुआ है किन्तु गुजराती में अनेक कवियों द्वारा विशुद्ध गोपी कृष्ण रास का वर्णन हुआ है जिनमे भीम, केशवदास, सत, प्रेमानंद, माधवदास, शिवदास तथा रत्नेश्वर आदि के नाम अग्रगण्य है । नयर्षिने भी यद्यपि गोपी कृष्ण रास का ही वर्णन किया है तथापि अन्य कई कारणों से उनका 'फागु' इस परम्परा का काव्य सिद्ध नहीं होता । नरसी का समस्त रास वर्णन यद्यपि इस परम्परा में नहीं आता तथापि अनेक पदों मे उन्होंने गोपी कृष्ण रास का वर्णन किया है। इसी प्रकार व्रजभाषा में भी कुछ - परम्परानुसारी कवियों ने जहाँ पर भागवत का आधार लिया है वहाँ गोपी-कृष्ण रास का भी वर्णन मिल जाता है। परन्तु सूर जैसे राधा-रास का वर्णन करने वाले कवियों के काव्य में पद ऐसे अपवाद स्वरूप ही प्रतीत होते हैं । राधा-कृष्ण-गोपी रास--- ब्रह्मवैवर्त पुराण के द्वारा भागवत की 'अनयाराधितोतून' से व्यजित गोपोविशेष का राधा के रूप में स्पष्टीकरण तथा उसमें पाये जाने वाले राधामाधव के सखियों से युक्त विशद रास से ही संभवतः इस राधा-कृष्ण गोपी रास की परम्परा का प्रारंभ होता है। ब्रह्मवैवर्त के बाद राधामाधव से संयुक्त इस रास परकाश का विविध रूपों में विकास हुआ जिसका एक प्रमाण गीतगोविन्द है। परन्तु जयदेव ने राधा को रास से सम्बद्ध करते हुए भी गोपीब्रज लीला कृष्ण रास के वर्गन में उन्हें पूर्ण पात्रता प्रदान नही की। 'ललितलवंगलता' वाले गीत में सखी राधा को ही 'नृत्यतियुत्रतिजनेनयम का वर्णन सुनाती है अतएव राधा की पाका प्रश्न ही नहीं उठता। गुजराती और व्रज दोनो ही भाषाओं के कवियों ने इस परम्परा का अनुसरण किया है किन्तु इस अनुसरण के भी कई स्तर है। पहला स्तर वह है जिसमें रास का समस्त वर्णन लगभग भागवत के ही अनुसार किया है केवल गोपी विशेष के स्थान पर तथा एका अन्य स्थल पर राधा का उल्लेख कर दिया गया है। गुजराती के दशमस्कधकार लक्ष्मीदास की 'रामपंचाध्यायी जो भालण के दाम रकध में प्रक्षिप्त है, इसी स्तर की रचना है उन्होंने राधा का उल्लेख दो स्थलो पर किया है।" 'हरिरस' के रचयिता परमानंद ने भी रास में राधा को ऐसा ही स्थान दिया है । यद्यपि उनका उल्लेख लक्ष्मीदास की अपेक्षा अधिक मागोपाग है। उससे राधा की मूर्छा का भी वर्णन है जिसका आधार ब्रह्मवैवर्त पुराण है। प्रेमानद ९९७ ने रास- वर्णन तो भागवत के ही आधार पर किया है परन्तु केवल एक स्थल पर राधा का कर दिया है 'रावा भक्ति तो अवतार' ( श्रीम० भा०, पृ २९५ ) । ब्रजभाषा के कवियों द्वारा राम में राधा का पूर्ण स्वीकार हुआ है अत इस प्रकार की आशिक स्वीकृति का कोई उदाहरण उसमें प्राप्त नहीं होता। राम-वर्णन का दूसरा स्तर उन कवियों के शव्य में व्यक्त हुआ है जिन्होंने राधाकृष्ण के युगल रूप को सम्पूर्ण रास में स्थान दिया है और विभिन्न प्रसंगों में स्थल स्थल पर राधा के अस्तित्व का प्रमाण दिया है। इस कोटि में गुजराती और ब्रजभाषा के बहुत से कवियो का रास- वर्णन आ जाता है। गुजराती में नरसो और वासमदास तथा ब्रजभाषा में लगभग सभी साम्प्रदायिक कवियों ने इस प्रकार का रास वर्णन किया है । ९८ वासणदास के राम-वर्णन में अन्य अनेक विभेद होने के कारण उसे पूर्णतया इसी स्तर में स्वीकार नहीं किया जा सकता । इस विषय में विशेष परिचय 'विशिष्ट राम वर्णन' शीर्षक के अंतर्गत दिया जायगा । 'राधा-कृष्ण-गोपीरास वर्णन के तीसरे स्तर में कवियों ने राधा-कृष्ण सम्बन्धी कतिपय नवीन प्रसगो का समावेश किया है जैसे राधाकृष्ण विवाह, राधा की नथनी और हार का खो जाना । राम के अन्तर्गत विवाह का वर्णन ब्रजभाषा में सूरदास, दास आदि के काव्य में मिलता है, गुजराती में नरसी के 'असंतना पदो' में इसका संकेत है परन्तु विस्तृत वर्णन नहीं है । बजभाषा में इसके विरुद्ध आभूषम खोने का प्रसंग उपलब्ध नहीं होता। राधाकृष्ण विवाह का मूल स्रोन भी वास्तव मे ब्रह्मवैवर्त पुराण ही है किन्तु उसमें विवाह रास के पूर्व होता है । " सूर ने रास के अन्तर्गत ही विवाह की कल्पना की है। यह शरद निशि की लग्न तथा मुरली ध्वनि से गोपियों के न्योते जाने के प्रसग से स्पष्ट है जिसका ब्रह्मवैवर्त के विवाहवर्णन से कोई सीधा सम्बन्ध नही । ध्रुवदास ने 'मंडलसभातिगार' में पहले विवाह का वर्णन किया है फिर रास का । १०१ वनविहारलीला ने पुन विवाह का सर्वागीण निरूपण मिलता है जिसमें गठजोरा, दुधाभानी के वाद 'रैनि सुहाग' का भी वर्णन है किन्तु रास से उसका कोई सम्बन्ध प्रतीत नहीं होता। राधावल्लभीय गौडीय हरिदासी तथा निम्बार्क सम्प्रदाय के कवियो द्वारा राधा-कृष्ण का वर्णन 'दम्पति' अथवा 'दूलह दुलहिनी' के रूप में विशेष रूप से प्राप्त होता है फलत रास प्रसग में विवाह-वर्णन का उतना आग्रह नहीं मिलता । रास में अधिकतर राधाकृष्ण दम्पति के रूप में ही चित्रित किये गये है जैसा द्वितीय स्तर के राधा-कृष्णगोपीरास वर्णन से स्पष्ट गुजराती में नरसी मेहता ने कई स्थलों पर राधा-कृष्ण के विवाह का चित्रण किया है किन्तु रास से उसका निश्चित सम्बन्ध सिद्ध नहीं होता । एक स्थल पर रास के ही अन्तर्गत राधा के विवाहित रूप का संकेत मिलता है। किन्तु शेष स्थलो पर विवाह वर्णन स्वतंत्र रूप से किया गया है। भालण, केशवदास, प्रेमानद आदि अन्य किमी गुजराती कवि ने राधाकृष्ण विवाह का वर्णन ही नही किया है अत. रास के प्रसंग से उसके सम्बन्धित होने का कोई प्रश्न नहीं उठता । भालण एक स्थान पर एक गोपी के मुख से, जो कदाचित् राधा ही है, कृष्ण को सदा के लिए अविवाहित कहलाते है - लोक विषे लपट थयो रे, तारो विवाह न मळे वेद रे । --द० स्क०, पृ० १४७ रास-क्रीडा के समय राधा के हार अथवा नथनी के खोये जाने का वर्णन गुजराती में तो अवश्य मिलता है२०४ पर ब्रजभाषा के किसी कवि ने एसा वर्णन नही प्रस्तुत किया। सूर ने केवल राधा की माला के टूट कर गिरने का ही उल्लेख किया है - दरकि कचुकी तरकि माला रही वरणी जाइ । राधा-कृष्ण रास - - ब्रह्मवैवर्त पुराण के कृष्णजन्म खड के ५२वे अध्याय के अन्तर्गत राधाकृष्ण के एकान्त रास का भी वर्णन मिलता है और इसे राधामाधव
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चंबा-डीसी विवेक भाटिया ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन व कर्फ्यू के दौरान लोगों को रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं की घर-द्वार पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन की ओर से चंबा होम डिलीवरी ऐप तैयार की गई है। इस ऐप में चिन्हित दुकानों से कोई भी व्यक्ति रोजमर्रा जरूरत की वस्तुओं की लिस्ट डालकर सामान मंगवा सकता है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में यह व्यवस्था चंबा शहर में लागू की गई है। इसके बाद जिला के अन्य हिस्सों में भी लोगों को यह सुविधा उपलब्ध करवा दी जाएगी। वह बुधवार को परिधि गृह परिसर के प्रांगण में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्लयूर में कोरोना वायरस संक्रमित जमाती की चपेट में आए लोगों के टेस्ट नेगटिव आने के बावजूद क्षेत्र की तेरह पंचायतों में पांबदी यथावत रहेगी। उन्होंने कहा कि इन पंचायतों में लोगों के घरों से बाहर निकलने पर मनाही के अलावा दुकानें भी आगामी आदेशों तक बंद रहेंगी। उन्होंने दोहराया कि इन पंचायतों में रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं की आपूर्ति प्रशासन की ओर से सुनिश्चित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दस से बारह अप्रैल तक आयोजित होने वाले ऐतिहासिक सूही माता मेले को लेकर रणनीति तय की जा रही है। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू के बीच सीमांत क्षेत्रों से जिला चंबा में दाखिल होने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है। धारा 144 का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। डीसी ने कहा कि एंबुलेंस के माध्यम से गैर कानूनी तरीके से लोगों की आवाजाही न हो इसको लेकर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। जिले के सीमांत क्षेत्रों में स्थापित तीन बफर क्वारंटाइन सेंटरों में पांच सौ से अधिक लोगों की निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बीते दो दिनों से बफर क्वारंटाइन में कोई भी व्यक्ति जिले में दाखिल नहीं हुआ है। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपस्वाल, सहायक आयुक्त उपायुक्त राम प्रसाद और एसडीएम चंबा शिवम प्रताप सिंह भी मौजूद रहे।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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भारतीय क्रिकेट टीम अपने पूरे जोश और आत्मविश्वास के साथ ऑस्ट्रेलिया के दौरे के लिए रवाना होने वाली है। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में एक लंबे दौरे के लिए जा रही है जहां भारत को कंगारू टीम के खिलाफ 3 मैचों की टी-20 सीरीज, 4 मैचों की टेस्ट सीरीज और 3 मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है। भारतीय टीम अगले साल ऑस्ट्रेलिया के दौरे को खत्म करेगी लेकिन भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे को खत्म करने के साथ ही वहीं से न्यूजीलैंड के दौरे पर रवाना हो जाएगी। भारतीय टीम को न्यूजीलैंड में विश्व कप से पहले एक अहम दौरा करना है जहां भारतीय टीम टेस्ट सीरीज तो नहीं लेकिन सीमित ओवर में टी-20 और वनडे सीरीज दोनों खेलेगी। न्यूजीलैंड की टीम भले ही अपनी सरजमीं पर विराट कोहली एंड कंपनी का सामना करेगी, लेकिन वो अच्छे से जानते हैं कि मौजूदा समय में विश्व की सबसे बेहतरीन टीम भारत से निपटना इतना आसान नहीं होने वाला है। तभी तो न्यूजीलैंड के मुख्य कोच माइक हेसन ने इस बात को लेकर अपनी राय व्यक्त की है और साथ ही माइक हेसन ने कह दिया है कि अगर विराट कोहली को आउट करना है तो वो 10 या 15 गेंदों के अंदर आउट करना होगा। माइक हेसन ने कहा कि सबसे मुख्य बात ये है कि अगर आप विराट कोहली को 10-15 गेंदों में ही विराट कोहली को आउट कर करना होगा जिस समय वो अपनी पारी को बढ़ाने के लिए कुछ जोखिम उठा सकते हैं। जिससे हमें अवसर प्रदान होगा। आप ये कैसे करते हैं ये तो सतह पर निर्भर करेगा। लेकिन, अगर हमें कोई मैजिक फॉर्मूला मिला तो ये पूरी दुनिया में फैस जाएगा। आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो तो प्लीज इसे लाइक करें। अपने दोस्तों तक इस खबर को सबसे पहले पहुंचाने के लिए शेयर करें। साथ ही कोई सुझाव देना चाहे तो प्लीज कमेंट करें। अगर आपने हमारा पेज अब तक लाइक नहीं किया हो तो कृपया इसे लाइक करें, जिससे लेटेस्ट अपडेट आपको हम जल्दी पहुंचा सके।
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कपिल शर्मा और उनकी टीम के लिए अच्छी खबर। कपिल के लिए प्रतिद्वंद्वि कृष्णा अभिषेक की चुनौती आने वाले दिनों में लगभग खत्म हो सकती है। खबर है कि कलर्स चैनल आने वाले दिनों में से कृष्णा के दो कॉमेडी शो (कॉमेडी नाइट्स लाइव और कॉमेडी नाइट्स बचाओ) में से किसी एक को खत्म कर सकता है या प्रसारण समय बदल सकता है। ऐसे में द कपिल शर्मा शो के सामने हफ्ते में एक दिन ही कृष्णा का कोई शो रहेगा। इस संबंध में कलर्स जल्द ही कोई फैसला लेगा। सूत्रों का कहना है कि शनिवार को प्रसारित होने वाले कृष्णा अभिषेक, भारती सिंह, श्रृति सेठ और अदा खान के कॉमेडी नाइट्स बचाओ के हटने के ज्यादा मौके हैं। इसकी जगह महीने के अंत से रात को 10 बजे झलक दिखला जा को लाने की तैयारी है। जबकि रविवार को कृष्णा का शो (लाइव) बचा रह सकता है। वैसे अभी चैनल ने अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक दोनों सीरियलों का काम फिलहाल पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के हिसाब से चल रहा है। जानकारों का कहना है कि आम तौर पर ज्यादातर सितारे कॉमेडी नाइट्स बचाओ में आने से बचते हैं क्योंकि वहां उन्हें अपमानित होने का डर रहता है। शो का फॉरमेट ऐसा है कि इसमें मेहमान की खिल्ली उड़ाई जाती है। अतः लाइव के बचे रहने के ज्यादा मौके हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि कलर्स कॉमेडी नाइट्स बचाओ को हफ्ते में बीच में किसी दिन ला सकता। उल्लेखनीय है कि कलर्स पर अनिल कपूर का शो भी आने को तैयार है। वह शनिवार-रविवार की रात नौ बजे प्रसारित होगा। झलक को उसकी जगह नहीं दी जा सकती। अंततः चैनल के पास शनिवार-रविवार को रात 10 बजे का समय बचता है, जिसमें से तय है कि गाज कृष्णा के किसी एक शो पर गिरेगी।
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वडोदराः गुजरात के वडोदरा में भगवान गणेश की शोभायात्रा के दौरान दो समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान लोगों ने पथराव भी किया। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने सोमवार देर रात हुई झड़प के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि, पथराव में कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि वडोदरा सिटी पुलिस थाने में दोनों समुदाय के लोगों के खिलाफ दंगा करने और गैरकानूनी तरीके से जमा होने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मांडवी इलाके में पानीगेट दरवाजे से रात करीब 11 बजकर 15 मिनट पर शोभायात्रा गुजर रही थी। तभी अचानक किसी मुद्दे पर दोनों समुदाय के लोगों में कहासुनी हो गई। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव करना शुरू कर दिया। इस दौरान एक धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार पर लगा शीशा टूट गया। अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा-143 (गैरकानूनी तरीके से जमा होना), 147 (दंगा), 336 (मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 295 (पूजा स्थल को अपवित्र करना) सहित विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि इलाके में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में लगातार गश्त की जा रही है। संयुक्त पुलिस आयुक्त चिराग कोराडिया ने संवाददाताओं को बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। अपराध शाखा घटना की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण है और हम लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील करते हैं।
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नई दिल्लीः मोबाइल निर्माता कंपनी शाओमी इसी महीने Mi Mix 3 स्मार्टफोन को लॉन्च करेगी. शाओमी के अध्यक्ष लिन बिन ने एमआई मिक्स 3 के डिजाइन की पुष्टि की थी. इसी साल अगस्त में बिन ने चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट वीबो पर एमआई मिक्स 3 का फोटो पोस्ट कर एेलान किया था कि फोन अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फोन का डिजाइन एमआई मिक्स 2 और एमआई मिक्स 2एस से अलग होगा. लॉन्चिंग के वक्त एमआई मिक्स 2 की भारत में कीमत 35,999 रुपये थी और इन दिनों यह 28,999 रुपये में मिल रहा है. भारत में एमआई मिक्स 3 की कीमत करीब 40 हजार रुपये हो सकती है. बताया जा रहा है कि यह 6 जीबी और 256जीबी स्टोरेज वाले मॉडल की कीमत हो सकती है. एमआई मिक्स 3 का डिस्प्ले 6 इंच से ज्यादा का होगा और एक्पेक्ट रेश्यो 19:19 का. इस फोन पर यूजर को शानदार मल्टीमीडिया एक्सपीरियंस मिलेगा. एमआई मिक्स 2 से इतर एमआई मिक्स 3 का फ्रंट कैमरा स्लाइडर के पीछे होगा और यह उस वक्त बाहर आएगा, जब आप कैमरा एेप को खोलेंगे. हालांकि शाओमी ने फिलहाल यह साफ नहीं किया है कि स्लाइडर किस तरह काम करेगा. लेकिन यह ओप्पो फाइंड एक्स के फ्रंट कैमरे के जैसा ही होगा. कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एमआई मिक्स 3 में इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर होगा. लेकिन चर्चा यह भी है कि शाओमी बाकी फोन की तरह पीछे ही फिंगर प्रिंट सेंसर दे सकता है. बात कैमरे की करें तो फोन ड्यूल-कैमरा सिस्टम होगा. कहा रहा है कि फोन में 12MP और 12MP का बैक कैमरा हो सकता है. वहीं यह भी मालूम चला है कि फोन में 12 एमपी सेकेंड्री कैमरा हो सकता है ,जिसमें टेलेफोनो लेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है. फोन क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 845 प्रोसेसर पर चलेगा और रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दो रैम वैरिएंट्स और एक स्टोरेज वैरिएंट के साथ आ सकता है. बेस वैरिएंट में 6जीबी रैम और 256जीबी स्टोरेज हो सकता है. जबकि टॉप-एंड मॉडल 8जीबी और 256जीबी इंटरनल स्टोरेज से लैस हो सकता है.
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जैसे- -मोम का गोला सूर्य के ताप से पिचल जाता है, वैसे ही उन चारों में से एक व्यक्ति ऐसी आलोचना सुन धर्म से विरक्त हो गया । शेष तीन व्यक्ति आलोचना करने वालो को उत्तर देकर अपने-अपने घर चले गए। घर मे माता-पिता के सम्मुख धर्म की चर्चा की तो उन्होंने कठोर शब्दो में अपने पुत्रो को उपालंभ दिया और कहा ---अपनी-अपनी स्त्री को लेकर हमारे घर से चले जाओ ! तीनो मे से एक घबरा गया । अपनी माता से कहा- तू मेरे जन्म की दाता है, तुझे छोड मैं साधुओं के पास नही जाऊंगा । सूर्य के ताप से न पिघलने वाला लाख का गोला अग्नि के ताप से पिघल गया । शेष दो व्यक्ति अपने माता-पिता के पास दृढ रह, घबराए नही। फिर दोनो अपनी-अपनी पत्नी के पास गए । पत्नी उनकी बात सुन बौखला उठी। डराते हुए पति को कहा - लो, सभालो अपने बच्चे और यह लो अपना घर । मैं तो कुएं में गिरकर मर जाऊगी। मुझ से ये बच्चे नही मभाले जाते। पत्नी के ये शब्द सुन दो मे से एक घबरा गया और सोचाअगर यह मर जाएगी तो सगे-संबधियो मे अच्छी नहीं लगेगी। इसलिए नारी से घबराकर धर्म से विरक्त हो गया। वह उठना-बैठना आदि सारा कार्य स्त्री के आदेश से करने लगा। सूर्य और अग्नि के ताप से न पिघलने वाला काष्ठ का गोला अग्नि में जलकर राख हो गया । 'मैं जहर खाकर मर जाऊंगी. फिर देखूगी तुम आनंद से कैसे रहोगे' - स्त्री के द्वारा ऐसा डराने पर भी चौथा व्यक्ति डरा नही । वह् अपने विचार में दृढ रहा और उसे करारा जवाब देता गया। मिट्टी का गोला अग्नि मे ज्यो-ज्यों तपता है त्यो त्यो लाल होता जाता है। लोहे का गोला गुरु. त्रपु का गोला गुरुतर, ताम्बे का गोला गुरुतम और सोसे का गोला अत्यन्त गुरु होता है । इसी प्रकार सवेदना, सरकार या कर्म के भार की दृष्टि से कुछ पुरुष गुरु, कुछ पुरुष गुरुतर, कुछ पुरुष गुरुतम और कुछ पुरुष अत्यन्त गुरु होते हैं । स्नेह भार की दृष्टि से भी इसकी व्याख्या की जा सकती है। पिता के प्रति स्नेहभार गुरु, माता के प्रति गुरुतर, पुत्र के प्रति गुरुतम और पत्नी के प्रति अत्यन्त गुरु होता है ।" प्रस्तुत सूत्र की व्याख्या गुण या मूल्य की दृष्टि से की जा सकती है। चादी का गोला अल्प गुण या अल्प मूल्यवाला होता है। सोने का गोला अधिक गुण या अधिक मूल्यवाला होता है। रत्न का गोला अधिकतर गुण या अधिकतर मूल्यवाला होता है। वज्ररत्न (होरे) का गोला अधिकतम गुण या अधिकतम मूल्यवाला होता है। इसी प्रकार समृद्धि, गुण या जीवनमूल्यों की दृष्टि से पुरुषों में भी तरतमता होती है । जिस मनुष्य की बुद्धि निर्मल होती है, वह चादी के गोले के समान होता है। जिस मनुष्य मे बुद्धि और आचार दोनो की चमक होती है, वह सोने के गोले के समान होता है । जिस मनुष्य मे बुद्धि, आचार और पराक्रम तीनों होते हैं वह रत्न के गोले के समान होता है । जिस मनुष्य में बुद्धि, आचार, पराक्रम और सहानुभूति चारो होते हैं, वह वज्ररत्न के गोले के समान होता है। बसिपत की धार तेज होती है। वह छेद्य वस्तु को तुरत छेद डालता है। जो पुरुष स्नेह-पाश को तुरंत छेद डालता है, उसकी तुलना अरिपन से की गई है। जैसे धन्य में अपनी पत्नी के एक वचन से प्रेरित हो तुरंत स्नेह-बंध छेद डाला।
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POYD बोड्रम प्रतिनिधि और बोड्रियम होटल और एसपीए के महाप्रबंधक यिजिट गिरगिन ने कहा कि बोडरम में होटल और सेवा की गुणवत्ता के बावजूद, सुविधाओं ने अगस्त में 70 प्रतिशत क्षमता के साथ सेवा प्रदान की। यह देखते हुए कि बोडरम मिलास हवाई अड्डे और वाहन प्रवेश और निकास द्वार, जो शहर को पोषण देते हैं, पिछले साल की तुलना में कम हो गए, गिरगिन ने कहा कि जून-अगस्त में पर्यटकों की संख्या, जिसे उच्च सीजन कहा जाता है, पिछले वर्ष की तुलना में कम हो गई। यिगिट गिरगिन ने बताया कि बोडरम, जो एक पर्यटन शहर है, का उल्लेख पर्यटन की तुलना में रियल एस्टेट क्षेत्र में इसके विकास के लिए अधिक किया जाता है। बोडरम, जिसे एक पर्यटन शहर के रूप में जाना जाना चाहिए, अपनी ऊंची अचल संपत्ति की कीमतों के कारण लोकप्रिय हो गया है। रियल एस्टेट निवेशकों की निगाहें बोडरम पर टिक गईं। मुझे यह सही नहीं लगता कि एक पर्यटन स्कूल वाला शहर इतनी सारी गैर-पर्यटन गतिविधियों से जुड़ा हो। बोडरम के लोकोमोटिव क्षेत्र में पर्यटन और संबंधित व्यवसाय शामिल थे। वर्तमान में, द्वितीयक आवास किराये या दैनिक किराये के मकान सिस्टम में अपंजीकृत के रूप में पंजीकृत हैं। शहर में भीड़ है. इसे ट्रैफिक से समझ सकते हैं. लेकिन दुर्भाग्य से हम वांछित आर्थिक गतिशीलता नहीं देख पा रहे हैं।" उसने कहा।
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श्रद्धा हत्याकांड में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, श्रद्धा की हत्या का आरोपी आफताब रोज उसी कमरे में सोता था, जहां उसने श्रद्धा की हत्या कर शव को टुकड़ों में काटा था। फ्रिज में रखने के बाद वह उसका चेहरा देखता था। आफताब ने शरीर के अंगों को ठिकाने लगाने के बाद फ्रिज की सफाई की थी। वह करीब 18 दिनों तक युवती के शव के टुकड़ों के साथ रहा। हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपी फ्रिज से खाने-पीने का सामान भी निकालता था और उसमें रखता था। पुलिस ने आरोपी की पहचान मुंबई निवासी आफताब अमीन पूनावाला (28) के रूप में की है, जिसे मृतका श्रद्धा के पिता की शिकायत के आधार पर शनिवार को पकड़ा गया और उसे पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। वहीं मृतका की पहचान मुंबई की रहने वाली श्रद्धा वाकर (27) के रूप में हुई है। श्रद्धा के पिता विकास मदान वाकर (59) ने आठ नवंबर को अपनी बेटी के अपहरण का मामला दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी कि वह महाराष्ट्र के पालघर में रहते हैं। उनकी 26 साल की बेटी श्रद्धा मुंबई के मलाड में एक कॉल सेंटर में काम करती थी जहां उसकी आफताब से मुलाकात हुई। दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों लिव-इन में रहने लगे। जब दोनों के प्रेम प्रसंग की जानकारी परिजनों को लगी तो उन्होंने विरोध किया। इसके बाद दोनों अचानक मुंबई छोड़ दिल्ली में आकर रहने लगे। सोशल मीडिया से बेटी से जुड़े होने की वजह से पता चला कि दोनों दिल्ली के महरौली के छतरपुर में रहने लगे थे। हालांकि युवती के परिजन उससे सोशल मीडिया से जुड़े थे। सोशल मीडिया के जरिए ही उसका हाल-चाल लेते रहते थे। मई के बाद बेटी से संपर्क नहीं हुआ। इस पर परिजन चिंतित हो गए। आठ नवंबर को परिजन सीधे दिल्ली के छतरपुर में उस जगह पहुंचे जहां बेटी किराये के फ्लैट में रहती थी। लेकिन फ्लैट में ताला लगा मिला। विकास ने यहां से सीधे महरौली थाने में शिकायत दर्ज कराई। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से दिल्ली पुलिस आफताब की तलाश में जुट गई। इसके बाद पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर आफताब को धर दबोचा। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि श्रद्धा उस पर लगातार शादी का दबाव बना रही थी, जिसको लेकर उनके बीच में अक्सर झगड़ा होना शुरू हो गया था।
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क्वींसटाउन, 14 फरवरी ( भाषा ) पहले मैच में शर्मनाक हार के बाद उजागर हुई कमजोरियों को दूर करके भारतीय महिला क्रिकेट टीम मंगलवार को यहां दूसरे एक दिवसीय मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण में बेहतर प्रदर्शन के इरादे से उतरेगी । शनिवार को पहले वनडे में भारत ने किसी भी विभाग में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया । न्यूजीलैंड ने 275 रन का पहाड़ खड़ा कर डाला लेकिन जवाब में कप्तान मिताली राज को छोड़कर कोई बल्लेबाज नहीं चला । भारतीय टीम 213 रन पर आउट हो गई और 62 रन से मैच हार गई। मिताली ने 59 और यस्तिका भाटिया ने 41 रन बनाये । उपकप्तान हरमनप्रीत कौर का खराब फॉर्म जारी रहा जो 22 गेंद में 10 रन ही बना सकी । न्यूजीलैंड के लिये जेस केर ने 35 रन देकर चार विकेट लिये । सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना की कमी टीम को खली जो पृथकवास की अवधि बढाये जाने के कारण पहला मैच नहीं खेल सकी । रेणुका सिंह और मेघना सिंह भी पहले मैच से बाहर रही । मंधाना और मेघना दूसरा मैच भी नहीं खेल सकेंगी जबकि रेणुका पृथकवास से बाहर है । पहले वनडे में एक समय भारत का स्कोर दो विकेट पर 105 रन था जो छह विकेट पर 165 रन हो गया । न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया । मिताली और हरमनप्रीत दोनों को 33वें ओवर में जेस केर ने आउट किया । इसके बाद से भारत की हार दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ हो गई थी । इससे पहले भारतीय गेंदबाज भी कोई कमाल नहीं कर सके और न्यूजीलैंड ने 275 रन बना डाले । सूजी बेट्स को 13 के स्कोर पर राजेश्वरी गायकवाड़ ने प्वाइंट में जीवनदान दिया और बेट्स ने बाद में शतक बना डाला । पहले मैच में हरमनप्रीत को छोड़कर भारत की सभी गेंदबाजों दीप्ति शर्मा, पूजा वस्त्राकर, झूलन गोस्वामी और गायकवाड़ ने विकेट लिये । टीमें : भारत : मिताली राज ( कप्तान ), हरमनप्रीत कौर, शेफाली वर्मा, यस्तिका भाटिया, दीप्ति शर्मा, रिचा घोष, स्नेह राणा, झूलन गोस्वामी, पूजा वस्त्राकर, तानिया भाटिया, राजेश्वरी गायकवाड़, पूनम यादव, सिमरन दिल बहादुर । न्यूजीलैंड : सोफी डेवाइन ( कप्तान ), एमी सैटर्थवेट, सूजी बेट्स, लौरेन डाउन, मैडी ग्रीन, ब्रूक हालीडे, हेली जेनसेन, फ्रान जोनास, जेस केर, मेली केर, फ्रेंकी मैके, रोसमेरी मायर, केटी मार्टिन, हन्ना रोव, ली ताहुहू । मैच का समय : 3. 30 से । (इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है। )
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में आज शाम 6 बजे फेरबदल किया जाएगा. नए मंत्रिमंडल में करीब 17 से 22 मंत्री शपथ ले सकते हैं. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया और असम के पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल का नई कैबिनेट में शामिल होना तय माना जा रहा है. हालांकि 6 मंत्रियों को हटाए जाने की भी संभावना है. लेकिन अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि किन मंत्रियों से विभाग छिने जा सकते हैं. वहीं कैबिनेट विस्तार से पहले कई नेता पीएम मोदी के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे हैं. अभी तक नारायण राणे और बीजेपी महासचिव भुपेंद्र यादव पीएम मोदी से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंच चुके हैं. वहीं अनुराग ठाकुर और मिनाक्षी लेखी भी प्रधानमंत्री आवास में पहुंच चुकी हैं. इनके अलावा पशुपति पारस भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए पीएम आवास पर पहुंच चुके हैं. गौरतलब है कि एलजेपी के नेता चिराग पासवान के विरोध के बाद भी पशुपति पारस को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है. गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे भी पीएम मोदी से मिलने के लिए उनके आवास पहुंच चुके हैं. बता दें कि प्रीतम मुंडे को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उन्हें कौन से मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है. मोदी मंत्रिमंडल में अनुराग ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए वह भी पीएम आवास पहुंच चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जो नए चेहरे पीएम आवास पहुंचे हैं उन्हें मंत्रीपद दिया जा सकता है. उत्तराखंड से अजय भट्ट को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. अजय भट्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंच गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जो नेता पीएम से मिलने उनके आवास पर गए हैं उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं.
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नई दिल्ली : दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व लोकसभा संसद रहे सज्जन कुमार को हाल ही में उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद अब दिल्ली में कांग्रेस पार्टी कि मुश्किलें बढ़ती हुई नज़र आ रही है. जबकि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावो की तैयारी में लगे हुए है. ऐसे में पार्टी के दिग्गज नेता के जाने का असर दिल्ली में कांग्रेस पार्टी पर खासा पड़ सकता है. क्योंकि दिल्ली में कुल 7 में से 3 लोकसभा सीटों पर सज्जन कुमार का काफी प्रभाव रहा है. ऐसे में पार्टी को इसका कोई विकल्प फिलहल नहीं दिखाई दे रहा है. यदि राजनीतिक जानकारों की माने तो सज्जन कुमार का जिन तीन लोकसभा सीटों पर दबदबा था वो दक्षिणी,पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की तीन लोकसभा सीटें है. इन तीनो सीटों की 24 विधानसभा सीटों पर उनका दबदबा रहा है. लेकिन अब सिक्ख विरोधी दंगो के आरोपों के चलते और उनको उम्रकैद की सजा होने के बाद अब उनका राजनितिक सफर लगभग ख़त्म ही है. ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी के सामने समस्या उनके विकल्प को लेकर हो रही है. वहीँ दूसरी ओर जाट एवं गुर्जर समाज के कई नेता ऐसे है जो यहाँ अपने आपकी दावेदारी प्रस्तुत करने में लगे हुए है. पर इन सभी में सज्जन कुमार जैसा कोई नजर नहीं आ रहा है. दूसरी ओर खबर यह भी आ रही है कि पार्टी पूर्व मंत्री और विधानसभा स्पीकर डॉ. योगानंद को इस बार आजमा सकती है. अब देखना ये भी काफी दिलचस्प होगा की राहुल गाँधी इस पर क्या फैसला लेते है? इस पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को थी सेक्स की लत, खुद से छोटे लड़को संग बनाती थी संबंध! आतंकवाद के खिलाफ किया गया ये वादा मोदी सरकार ने किया पूरा!
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन(एनएसयूआई) के पदाधिकारियों ने प्रवासियों को शहर से दूर क्वारंटाइन करने, अपने निजी वाहनों से आने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन के स्थान पर संस्थागत क्वारंटाइन करने की मांग की है। इसके साथ ही केवी स्कूल में तीन महीने की फीस एक साथ नहीं लिए जाने की मांग भी डीएम से की है। मंगलवार को डीएम को दिए गए ज्ञापन में कांग्रेस व एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने कहा कि शहर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे है ऐसे में प्रवासियों को शहर से दूर स्थानों पर क्वारंटाइन किया जाना चाहिए। जिससे स्थानीय लोग इस महामारी की चपेट में आने से बच सकेंगे। उन्होंने निजी वाहनों से आ रहे लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन करने की मांग डीएम से की। इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि केवी स्कूल द्वारा 3 महीने की फीस एक साथ ली जा रही है लेकिन कई अभिभावक एक साथ फीस भरने में असमर्थ है। उन्होंने एक साथ 3 महीने की फीस नहीं लिए जाने को लेकर भी डीएम से आवश्यक कदम उठाने की मांग की। डीएम से मिलने वालों में कांग्रेस प्रदेश सचिव सरिता नेगी , कार्यकारी नगर अध्यक्ष अनूप कण्डारी , जिला महामंत्री विनोद नेगी, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष गौरव सागर, सेवादल नगर अध्यक्ष युद्धवीर सिंह रावत, जिला सचिव अजय राणा, छात्रसंघ अध्यक्ष आस्कर रावत आदि थे ।
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नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को छह राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में आतंकवाद-नशीले पदार्थ तस्करों-गैंगस्टरों के गठजोड़ के मामलों में 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की. आतंकवाद रोधी एजेंसी ने राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर तड़के ही परिसरों और संदिग्धों से जुड़े अन्य स्थानों पर छापेमारी की. जानकारी के मुताबिक छापेमारी अभी भी जारी है. अधिकारियों के मुताबिक, एनआईए ने पिछले साल तीन मामले दर्ज किए थे, जिनमें आरोप लगाया गया था कि आतंकवादी संगठन और विदेश में मौजूद उनके समर्थक लक्षित हत्याओं और हिंसक आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने के लिए भारत के उत्तरी राज्यों में सक्रिय संगठित आपराधिक गिरोहों के सदस्यों के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह भी सामने आया था कि आतंकवादियों, नशीले पदार्थों के तस्करों और माफियाओं का नेटवर्क अवैध हथियारों तथा गोला-बारूद का निर्माण एवं आपूर्ति करने वाले एक व्यापक अंतरराज्यीय गिरोह के माध्यम से सीमा पार हथियारों, विस्फोटकों और आईईडी सहित अन्य आतंकवादी साजोसामान की तस्करी में सक्रिय है. अधिकारियों के अनुसार, एनआईए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत विभिन्न आपराधिक गिरोहों के 19 सदस्यों, दो हथियार आपूर्तिकर्ताओं और नेटवर्क से जुड़े एक फाइनेंसर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. कहां कितने ठिकानों पर छापेमारी? दिल्ली -NCR: 32 जगह NIA की रेड जारी है. उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़, बरेली और लखीमपुर में छापे मारे गए हैं. राजस्थानः 18 जगह पर NIA ने रेड डाली है. मध्य प्रदेशः 2 जगह NIA छापेमारी कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआईए ने कुछ दिन पहले ही 19 नेताओं और विभिन्न संगठित आपराधिक गिरोहों के सदस्यों, दो हथियार आपूर्तिकर्ताओं और नेटवर्क से जुड़े एक बड़े फाइनेंसर को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) के तहत गिरफ्तार किया है.
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अगस्त 15, नई दिल्ली (CRICKETNMORE): ओवल में खेले गए सीरीज के चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को मात देकर सीरीज को 2-2 की बराबरी पर खत्म किया। इस मैच में जीत के साथ पाकिस्तान ने आईसीसी टेस्ट टीम रैकिंग में अपना तीसरा स्थान बरकरार रखा है। लेकिन उसके पास सीरीज के खत्म होने के बाद भी टेस्ट में पहली बार नंबर 1 की कुर्सी पर काबिज होने का मौका है। लेकिन इसके लिए उसे ऑस्ट्रेलिया औऱ श्रीलंका के बीच कोलंबो में चल रहे तीसरे टेस्ट मैच औऱ 18 अगस्त से भारत औऱ वेस्टइंडीज के बीच पोर्ट ऑफ स्पेन में होने वाले चौथे टेस्ट मैच के नतीजों के इंतजार करना पड़ेगा। मनोज तिवारी की वाइफ को इस बेहद ही सेक्सी और बोल्ड अंदाज में शायद ही आपने देखा होगा। अगर श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया को मौजूदा सीरीज में 2-0 या 3-0 से हरा देती है तो पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया को रैंकिंग में पछाड़ देगा। लेकिन उसके लिए भारत और वेस्टइंडीज के बीच हो रही सीरीज का अंत 2-0 या फिर 2-1 से होता है। जिसके बाद वह 2003 में आईसीसी रैकिंग शुरू होने के बाद पाकिस्तान की टीम पहली बार टेस्ट में टॉप कर सकती है। धोनी ने खोला श्रीसंत के बारे में ये सनसनीखेज राज जिसे जानकर आपको लगेगा झटका। लेकिन अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम कोलंबो टेस्ट में मेजबान को मात दे देती है तो पाकिस्तान औऱ ऑस्ट्रेलिया के 111 अंक हो जाएंगे। लेकिन दशमलव की गणना में स्टीव स्मिथ की टीम मिस्बाह की टीम से आगे रहेगी। इसी के साथ अगर कैरेबियाई टीम भारत के खिलाफ आखिरी टेस्ट जीतने या फिर ड्रॉ कराने में कामयाब रहता है, तो ऑस्ट्रेलियन टीम नंबर 1 बनी रहेगी। लेकिन अगर कोहली की सेना चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज को हरा देती है तो वह 2009 के बाद दूसरी बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग नंबर वन टीम बन सकती है। ऑस्ट्रेलिया के लिए नंबर 1 बनने के लिएः ऑस्ट्रेलिया को कोलंबो टेस्ट जीतना होगा और वेस्ट इंडीज को पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट जीतना या ड्रॉ कराना होगा। पाकिस्तान के लिए नंबर 1 बनने के लिएः श्रीलंका और वेस्टइंडीज को अपने-अपने टेस्ट जीतने या फिर ड्रॉ कराने होंगे।
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जनता से रिश्ता बेवङेस्क । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये दीपक मिट्टी के दीपक से श्रेष्ठ माने जाते हैं। सवाल ये है कि जब बाजार में मिट्टी के दीपक आसानी से उपलब्ध हैं तो लोग आटे के दीपक क्यों बनाते हैं। इससे जुड़ी कुछ खास बातें इस प्रकार हैं. 1. वास्तव में आटे के दीपक का प्रयोग किसी बहुत बड़ी कामना की पूर्ति के लिए किया जाता है। 2. अन्य दीपक की तुलना में आटे के दीप को शुभ और पवित्र माना गया है। मां अन्नपूर्णा का आशीष इस दीप को स्वतः ही मिल जाता है। 3. आटे के दीपक मुख्य रूप से हनुमानजी और काली माता के मंदिरों में लगाए जाते हैं। इन दीपकों का उपोयग तांत्रिक क्रियाओं में भी किया जाता है। 4. कर्ज से मुक्ति, शीघ्र विवाह, नौकरी, बीमारी, संतान प्राप्ति, खुद का घर, गृह कलह, पति-पत्नी में विवाद आदि समस्याओं के निवारण के लिए आटे के दीप संकल्प के अनुसार जलाए जाते हैं। 5. ये दीप घटती और बढ़ती संख्या में लगाए जाते हैं। एक दीप से शुरुआत कर उसे 11 तक ले जाया जाता है। जैसे संकल्प के पहले दिन 1 फिर 2, 3, ,4 , 5 और 11 तक दीप जलाने के बाद 10, 9, 8, 7 ऐसे फिर घटते क्रम में दीप लगाए जाते हैं। 6. धन से संबंधित उपायों में आटे में हल्दी मिला कर गुंथा जाता है और हाथों से उसे दीप का आकार दिया जाता है। फिर उसमें घी या तेल डाल कर बत्ती सुलगाई जाती है। 7. अगर दीप की संख्या पूरी होने से पहले ही कामना पूरी हो जाए तो क्रम को खंडित नहीं करना चाहिए। संकल्प में माने गए दीप पूरे जलाएं। 8. किसी भी अच्छे दिन, अच्छे वार के शुभ मुहूर्त और चौघड़िया में दीप जलाने का प्रण लिया जा सकता है। हर दीप के साथ कामना अवश्य बोलें।
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मध्य प्रदेश का मौसम सामान्य है। तापमान में हल्की गिरावट रही। उत्तर से आने वाली हवाएं असर दिखा रही हैं। हालांकि एक पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने की संभावना है, जो फिर से तापमान में उछाल ले आएगा। प्रदेश में सबसे गर्म खरगोन रहा। नौगांव पचमढ़ी से भी ठंडा दर्ज किया गया। मौसम केंद्र की रिपोर्ट बता रही है कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश का मौसम शुष्क रहा। न्यूनतम तापमानों में भोपाल, ग्वालियर व रीवा संभागों के जिलों में काफी गिरे तथा शेष संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। जबलपुर एवं उज्जैन संभागों के जिलों में सामान्य से ज्यादा रहा। मौसम विभाग के आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश के कुछ हिस्सों में हुई बारिश से तापमान में गिरावट रही। दिन और रात दोनों तापमान गिरे हैं। प्रदेश में सबसे गर्म खरगोन रहा। खरगोन में 34, खंडवा में 32. 1, राजगढ़-दमोह में 31. 5, नर्मदापुरम में 31. 1, उज्जैन में 31, गुना में 30. 8, मंडला में 30. 6, धार-रतलाम-रीवा में 30. 4, भोपाल में 30. 3, सागर में 30. 1 ग्वालियर-नौगांव-सतना में 30 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान में भी गिरावट रही। कहीं साढ़े तीन डिग्री तक पारा लुढ़का है। प्रदेश में सबसे ठंडा नौगांव रहा। नौगांव में 11. 7, रायसेन में 12. 6, उमरिया में 13, दतिया में 13. 1, ग्वालियर में 13. 2, पचमढ़ी में 13. 5, रीवा में 13. 6, खरगोन में 13. 8 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिक बता रहे हैं कि हवाओं का रुख उत्तरी होता जा रहा है। देश के ऊपरी हिस्से में हुई बर्फबारी के बाद उस तरफ से बर्फीली हवा आने लगी है जो तापमान गिरा रही है। मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाला कोई सिस्टम फिलहाल एक्टिव नहीं है। जानकारों की मानें तो अगले 24 घंटे में एक नया पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो सकता है। बादल छाएंगे और हल्की बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है। इसके कारण 14 से 15 नवंबर के बीच तापमान में बढ़ोतरी होगी, जिससे ठंड में गिरावट आएगी।
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हमको तनिक भी पता नहीं होता, किंतु वह निश्चयरूप से अनेक गोत्पादक जीवाणुओं को जो उसके भीतर प्रवेश करते है, नाश करके अपनो रक्षा करता है । यदि हम अपने शरीर की पूर्णतया परीक्षा करवावें, तो हमको मालूम होगा कि हमारे शरीर के प्रत्येक भाग में कितने रोगों को उत्पन्न करनेवाले जीवाणु रहते हैं। हमारे मुंह हा में कम से कम छ प्रकार के जीवाणु सदा उपस्थित रहते हैं। हमारे ऋत्रियों में इन जीवाणुओं का एक बहुत बड़ा उद्यान है, जहाँ यह गणित जीवाणु रात-दिन उत्पन्न हुआ करते हैं। हमारे चर्म पर कितने जावाणु रहते हैं । किंतु तो भी हम रोगों से मुक्त रहते हैं। शरीर को साधारण शक्तियाँ उनको नाश करके हमको स्वस्थ रखतो हैं । हम उसी समय रोगी होते हैं जब प्राकृतिक नियमों का पूर्ण उल्लंघन करते हैं और प्रकृति हम 7 जो बात चाहती है उसमे विरुद्ध कर्म करते हैं। प्रकृति हमको श्वास द्वारा शुद्ध वायु भीतर लेने के लिये आदेश करती है। किंतु यदि हम कमरों के सब किवाड़ बद करके उसमें ढोवा जलाकर वारह-बारह घंटे उसके भीतर रहेंगे, तो प्रकृति अवश्य ही हमको ताड़ना करेगो । प्रकृति ने भोजन हमारे शरीर को उचित कार्य योग्य अवस्था में रखने के लिये दिया है। और पाचन संस्थान की भी इसीलिये रचना की है कि वह भोजन के पदार्थों को पचाकर हमारे शरीर की शक्तियों को बनाए रखे । यदि हम इस नियम की अवहेलना करके केवल स्वाद के लिये उचित-अनुचित का विचार छोडकर अपने जीवन को भोजन हो के लिये वना ले तो फिर प्रेकृति हमको जो सज्ञा दे उसके लिये उसको दोष देना अनुचित 1 शरीर सदा सब प्रकार को व्याधियों से अपने को सुरक्षित रखता है। केवल उसो समय, जब हमारे कर्म प्रति को सोमा
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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(ज) किसी नृप का आना तथा उसे दीक्षा देना । (क ) सूरज सैन को घोड़ा, वस्त्र आदि देना तथा सूर के भाई का प्रसन्न होइन घोड़ा बांध लेना किन्तु पीधा के यहां उस जोड़े का दिखलाई देना । (य) सूरज के भाई का बनजारों से पीपा जी को ही बैल का व्यापारी बतलाना, बनजारों के आ जाने पर पीण जी का निमंत्रित साधुओं को बैल वतताना तथा बनजारों का प्रसन्न होकर सालुओं को बहुत सा वस्त्र वांटना । (ट) पीपा जी की स्त्री का किसी विषयी वर्णिक से रात्रि के समय आने की प्रतिज्ञा पर सामान लाने, पीपा जी द्वारा वहां पहुंचाये जाने तथा उस वणिक कारा क्षमा याचना की वार्ता कही गयी है । (ठ) चार विषयी साधु वेष धारियों द्वारा सीता को सिंह रूप में फुफकारती हुई पाना । (ड) एक विषयी साधु को सीता का सर्वत्र दिखलाई पड़ना तथा उसका क्षमा याचना करना । (ढ) सूरज सेन के यहां आना, उनके हृदय की बात बतलाना तथा उनकी बाँझ स्त्री के सामने सिंह रूप में दिखलाई पड़ना । (ण) तेली का खोया हुआ बैल घर पर देखना । (त) किसी गूजरी को उस दिन के पूजे का समस्त धन दान कर देना । (द) (१) श्री रंग के यहां जाना, मानसी सेवा ही में माला पहनाना । (२) श्रीरंग तथा पीपा जी से वार्तालाप, श्री पीपा द्वारा किसी मरे हुए बैल का उल्लेख, जो उनके पहले जन्म से सम्बन्धित था । ( ३ ) पुत्र को प्रेत द्वारा डराने पर उद्धार का वृत्तान्त । (४) पीपा जी का किसी कंडा बीनने वाली का बुलाना, उसे देखकर श्रीरंग जी का अप्रसन्न होना, पीपा जी द्वारा उसे भक्ति का मार्ग बतलाकर, कंठी, माला आदि देना, यह देखकर घरवालों द्वारा बाहर निकलवाना तथा उस स्त्री की भक्ति देखकर, श्रीरंग का प्रभावित होना T टीका ४० ३१४,५ में केवल गणना की गई है । अतः इन्हें तुलनीय अंशों में 108 में ५० स० नहीं लिखा गया है । ८२री वार्ता टीका ₹१७-१८ में अलग से लिखी गई है । (थ) देवी की उपासना करने पर पीपा द्वारा भोग लगाने पर देवी का प्रसाद न पाना, उस ब्राह्मण द्वारा गाड़ी भरा न होते देखकर पीपा का मोहर भरा थैला देना तथा चोरों का उनसे क्षमा याचना करना । (घ) किसी ब्राह्मण को वैष्णव वेष में जाने पर उसे उसकी कन्या के लिये बहुत सा द्रव्य सूरसैन से दिलवाना । (न) ढोडे में कीर्तन करने पर सब धन मिला हुआ किसी ब्राह्मण को देना । (अ) हत्यारे के हाथ का भोजन सबको खिलाना । (आ) अकाल पड़ने पर "टोंडे" में किसी वनिये से कर्ज लेना, समय के पहले मांगने पर उसका लिखा हुआ कागुन कोरा दिखलाई पड़ना । (इ) किसी तेलिन के राम राम कहने पर उसके पति का जी उठना (ई) पांच स्थानी से एक ही बार निमंत्रण आने पर सब जगह शरीर शारण कर जाना । शुभाना । दोनो ग्रंथों की वार्ताओं में साम्य इतना अलिक है कि कई स्थलों में शब्द साम्य के साथ साथ वाक्य साम्य की पाया जाता है । नीचे लिखे साध्य के स्थल ध्यान देने योग्य हैं (उ) टोंडे में कीर्तन करते समय चंदा जलने पर वहीं हाथ से पीपा पूजै आदि भवानी, देवी नगर को की रानी । लयो पन देवी सेवा, रंग चढ़यौ भारियै । अरथ राति सोवत के जागा, उठि बैठे तव रोवन लागा । सोयो निशि, रोयो देखि, सुपनो बेहाल आति । तब देवी की जू उपकारा । जातै पीपा उतरै पारा ।। नगर बनारसी रामानंदू । ताके तनमन बहुत अनंदू ।। सो गुरु करहु बतावह भगती । + पूछपी हरि पाइने को भगजब देवी कही वैसेड़ी रामानंद गुरु करि प्रभु पाइये ।
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मुझे फिल्में देखना बहुत पंसद है और मेरी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट में हॉरर मूवी सबसे ऊपर आती है। अब तक मैंने बॉलीवुड, हॉलीवुड, टॉलीवुड की कई हॉरर फिल्में देखी हैं और इन सभी फिल्मों को देखने के बाद इनमें मुझे एक समानता नज़र आई। वह यह कि हॉरर फिल्मों में सिर्फ अभिनेत्रियों को ही क्यों भूत बनाया जाता है? पूरी फिल्म की कहानी की रचना ऐसे की जाती है कि भूत सिर्फ अभिनेत्रियां ही बनती हैं। वे अपना बदला लेती हैं, बदला लेने में भी उसका मेन फोकस सिर्फ मेल एक्टर ही होते हैं। ऐसी फिल्मों की लिस्ट भी काफी बड़ी है जिसमें महिला भूत है और अपने बदले का शिकार वे पुरुषों को बनाती हैं। उदाहरण के तौर पर साल 1988 में आई 'वीराना' फिल्म जिसमें फिल्म की हीरोइन चुड़ैल बनकर कई मर्दों को अपनी 'खूबसूरती' के जाल में फंसाकर उनके साथ संबंध बनाकर उन्हें मार डालती है। लाज़मी था कि फिल्म काफी डरावनी साबित हुई और बॉक्स ऑफिस पर चली भी। इसी तरहस साल 2013 में निर्देशक कन्नन अय्यर ने फिल्म बनाई 'एक थी डायन। ' फिल्म की कहानी में दिखाया गया कि बचपन की सुनाई भूत ,पिशाच, डायन की कहानी बच्चों के मनोविज्ञान पर क्या असर डालती है। वह बच्चा उम्र भर सभी औरतों को डायन मानता है। इस फिल्म में इमरान हाशमी ने अपनी दूसरी मां को डायन के रूप में देखा। फिल्म में कलकी जो विदेशी महिला के रोल में हैं उनको इमरान ने डायन समझा। पूरी फिल्म में इमरान ने सभी महिलाओं को डायन समझकर उनको उसी नज़रिए से देखा। इसी कड़ी में साल 2018 में फिल्म आई 'स्त्री 'जो एक हॉरर कॉमेडी के रूप में बॉक्स ऑफिस पर उतरी। फिल्म की कहानी में एक चुड़ैल है जो रात के समय मर्दों को गायब कर देती है उसे ही 'स्त्री' का नाम दिया गया। हाल फिलहाल में मूवी आई 'रूही' जिसका नाम एक लड़की के नाम पर रखा गया और फिल्म की मुख्य किरदार पर एक चुड़ैल का साया है। चुड़ैल भी कोई आम नहीं ऐसी चुड़ैल जिसके पैर उल्टे हैं। 'मुड़ियापैरी' नाम की इस चुड़ैल की ख्वाहिश होती है शादी करना। जो कुंवारी लड़कियों के शरीर में घुसकर शादी करती है। एक नहीं ऐसी दर्जनों फिल्में हैं जिसमें सिर्फ महिलाएं चुड़ैल, भूत, डायन के रोल में हैं और लोगों ने इन फिल्मों को बेहद पसंद भी किया है। हॉरर फिल्मों में मुझे एक समानता हमेशा नज़र आई कि हॉरर मूवीज़ में सिर्फ अभिनेत्रियों को ही क्यों भूत बनाया जाता है? पूरी फिल्म की कहानी की रचना ऐसे की जाती है कि भूत सिर्फ अभिनेत्रियां ही बनती हैं। वे अपना बदला लेती हैं, बदला लेने में भी उसका मेन फोकस सिर्फ मेल एक्टर ही होते हैं। ऐसी फिल्मों की लिस्ट भी काफी बड़ी है जिसमें महिला भूत है और अपने बदले का शिकार वे पुरुष को बनाती हैं। बॉलीवुड की हॉरर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जब आती हैं तो अधिकतर सुपर-डुपर हिट साबित होती हैं। लोग बड़े चाव से इन फिल्मों को देखते हैं। लोगों के बीच इसका खुमार ऐसा चढ़ता है कि कई फिल्मों के डायलॉग या सीन सालों तक लोगों की जुबान पर और यादों में तरोताज़ा रहते हैं। डरावनी फिल्मों में मशहूर 'वीराना' फिल्म जिसमें चुड़ैल बनी जैस्मिन के बाथटब में नहाते हुए बेहद डरावना सीन को आज तक याद किया जाता है। इस फिल्म को दुनिया के नजरिए से न देखकर नारीवादी चश्मे से देखा जाए तो नज़र आती है वह पितृसत्तात्मक सोच जिसमें कोई आम महिला हो या चुड़ैल उसका चित्रण मेल गेज़ से ही किया जाता है। फिल्म 'एक थी डायन ' जिसमें डायन की पहचान है वह औरत जो बेहद खूबसूरत है और उसकी शक्ति का राज है उसके लंबे बाल जिसे काटकर उस पर जीत हासिल की जा सकती है। 'एक थी डायन' मूवी निसंदेह औरतों के खिलाफ डायन प्रथा को बढ़ावा देती है। डायन बताकर हत्या करने के कई केस हर साल सामने आते हैं। ऐसे में बड़े पर्दे पर एक थी डायन जैसी फिल्मों का आना मानो सोने पर सुहागा हो सुंदर स्त्री जो अपनी इच्छा से लंबे बाल रखती है, अकेली रहती है वह स्त्री पितृसत्तात्मक की सोच के ढांचे में फिट नहीं बैठती जिसका नतीजा है उसे डायन बता देना। फिल्म में यह साबित किया जाता है कि स्त्री के लंबे बाल, उसकी सुंदरता डायन होने की पहचान है। और पढ़ें : बॉलीवुड का दोहरापन : टिप-टिप बरसा पानी के रीमेक में अक्षय हो सकते हैं तो रवीना क्यों नहीं? 'स्त्री' नाम के शीर्षक पर बनी फिल्म एक हॉरर कॉमेडी के तौर पर सिनेमाघरों में आई जिसके 'ओ स्त्री कल आना', 'वह स्त्री है कुछ भी कर सकती है' जैसे डायलॉग मशहूर हो गए। फिल्म में दिखाया गया कि स्त्री एक डायन है जो सिर्फ मर्दों को गायब करती है वह भी बिना कपड़ों के। पिछली फिल्म की तरह यहां भी स्त्री की आड़ में पितृसत्तात्म सोच नज़र आती है। असल समाज में मर्दों द्वारा औरतों को कई कारणों से जबरन गायब किया जाता है लेकिन मूवी में इसके उलट 'स्त्री' को डायन बताकर यह काम उससे करवाया जाता है। औरतों के खिलाफ हिंसा, अपराध के कई ऐसे केस सामने आते हैं जहां उनके साथ यौन हिंसा, अपहरण और एसिड अटैक जैसी घटनाएं होती हैं। इसके विपरीत 'रूही' फिल्म में चुड़ैल की शक्ल देकर एक औरत से ऐसा करवाया जाता है जहां चुड़ैल एक जीते-जागते इंसान से शादी करना चाहती है ताकि वह तथाकथित चुड़ैल अपना वैवाहिक जीवन जी सके। कहा जाता है कि सिनेमा समाज को देखकर सीखता है और समाज सिनेमा को देखकर। इस बात में बहुत हद तक सच्चाई भी है। हमारे समाज में महिलाओं के खिलाफ कई पितृसत्तात्मक प्रथाएं सदियों से चली आ रही हैं। पितृसत्तात्मक समाज के खोखले अंधविश्वास और क्रूर सोच की बलि चढ़ी इन औरतों को जब उन्हें शारीरिक रूप से मर्द बांध नहीं पाए तब एक नया पैंतरा अपनाया गया 'अंधविश्वास' का। अंधविश्वास का समाज पर असर ऐसा है कि औरतों को डायन, पिशाच ,चुड़ैल आदि न जाने कितने ही नामों से संबोधित किया जाने लगा। इतिहास में कोई पुख्ता प्रमाण तो नहीं मिलता कि औरतों को भूत, पिशाच, डायन, चुड़ैल समझने की प्रथा कब शुरू हुई लेकिन महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने के लिए बेहतरीन हथियार यह सारे शब्द साबित हुए। इस अंधविश्वास का कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं है लेकिन महिलाओं के खिलाफ़ इसे एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। समय-समय पर ऐसी खबरें आती हैं कि औरतों को डायन-चुड़ैल बताकर उनकी हत्या कर दी जाती है। अगर आंकड़ों की तरफ नज़र डालें तो राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि साल 1991 से लेकर 2010 तक पूरे देश में 1700 महिलाओं को डायन करार देकर उनकी हत्या कर दी गई। साल 2010 से 2014 तक 2290 औरतों की हत्या डायन बताकर कर दी गई। आपको बता दें कि यह आंकड़े केवल हत्या के हैं। इस अंधविश्वास के नाम पर औरतों को प्रताड़ित और शोषित करने के आंकड़ों की संख्या और अधिक है। अगर हम डायन, चुड़ैल बताकर की गई हत्याओं के वजह का पता लगाएं तो ज्यादातर मामलों में उन महिलाओं के खिलाफ़ ऐसा किया गया जो अकेली रहती हैं या जिनके पति की मृत्यु हो गई है, जो अपने परिवार की मुखिया बन खुद अपने परिवार की देखभाल करती हैं इन औरतों की संपत्ति को हथियाने की लालच में इन्हें डायन घोषित कर इनकी हत्या कर दी जाती है। कई मामलों में औरतों पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर भी उनकी हत्या कर दी जाती है। यहां स्पष्ट रूप से पितृसत्तात्मक सोच का ढांचा नजर आता है जो महिलाओं को अकेले आगे बढ़ता देख नहीं सकता और डायन प्रथा की आड़ में महिलाओं की हत्या कर पितृसत्तात्मक समाज अपना वर्चस्व साबित करता है। ऐसी तमाम फिल्में हैं जो औरतों के खिलाफ डायन, चुड़ैल जैसे शब्दों के पीछे छिपे अत्याचार को और बढ़ावा देती हैं जिसमें पितृसत्तात्मक समाज की झलक नजर आती है। पितृसत्तात्मक समाज और सिनेमा में औरतों के खिलाफ़ ऐसी सोच कब बदलेगी इस पर तो कोई अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता पर फिलहाल लगातार ऐसी फिल्मों को हिट कर कहीं न कहीं इन अत्याचारों पर हम अपनी सहमति ज़रूर ज़ाहिर करते हैं।
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उचित है किन्तु जिन-जिन दोषों में हम सहज ही पतित हो में जाते हैं - नीचे गिर पड़ते हैं उन्हें निर्मूल करने की हमें दृढ़ चेष्टा करनी चाहिए । भीतर-बाहर दोनों की भलिभाँति परीक्षा करके हमें आत्म-शासन करना चाहिए क्योंकि धार्मिक उन्नति के लिए दोनों ही आवश्यक हैं । यदि तू सर्वदा आत्मपरीक्षा नहीं कर पाता है तो प्रतिदिन एकबार, प्रातः या सायंकाल में, तो अवश्य ही आत्म-दर्शन में प्रवृत्त हो । प्रातःकाल सत्संकल्प कर और संध्या समय अपनी परीक्षा करके देख कि दिन भर मन, वचन और कर्म का तूने कैसा उपयोग किया है । तुझे मालूम पड़ेगा कि तूने मनुष्य और ईश्वर दोनों के प्रति अनेकये हैं। शैतान के विकट आक्रमण से अपनी आत्मा की रक्षा करने के लिए वीर की भाँति कमर कसकर खड़ा हो । स्वाद का त्याग कर; इससे रक्त-मांस ( शरीर ) की कुप्रवृत्तियों का सहज ही तू शासन कर सकेगा । कभी वेकार मत बैठ । अध्ययन, लेखन, प्रार्थना, ध्यान या किसी मंगल-कर्म में सदा ही लगा रह । नित्य के शारीरिक व्यायामादि विवेकपूर्वक कर । क्योंकि सबके लिए एक ही विधि लाभदायक नहीं हो सकती, एक के लिए जो उपयुक्त है वही दूसरे के लिए अनुपयुक्त है । जीवन की नित्य साधना में जो विषय गुप्त है अथवा जो सबके लिए उचित नहीं है, उन्हें प्रकाश्यरूप से न कर क्योंकि गुप्त
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T20 वर्ल्ड कप में भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की जीत से कॉन्ग्रेस की नेशनल मीडिया कॉर्डिनेटर राधिका खेरा फूली नहीं समा रहीं। कल 152 के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए पाकिस्तान ने 10 विकेट से जीत हासिल की, ऐसे में राधिका खेरा ने सोशल मीडिया पर न केवल अपनी खुशी दिखाई बल्कि भारत की हार को भक्तों की हार करार दे दिया। अपने अगले ट्वीट में राधिका खेरा ने मिर्ची और आग के इमोजी ट्वीट किए। राधिका की यदि सोशल मीडिया प्रोफाइल पर जाएँ तो पता चलता है कि वो साल 2020 में विधायकी का चुनाव लड़ चुकी हैं और कॉन्ग्रेस पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव और सोशल मीडिया प्रमुख रह चुकी हैं। बता दें कि राधिका से पहले सोशल मीडिया पर कई अन्य लोगों ने भी भारतीय क्रिकेट टीम के हारने पर खूब ठहाके लगाए थे। इसका कारण यही था कि T20 विश्व कप में भारत ने अपने पहले मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों हार झेली। भारत और पाकिस्तान के बीच T20 विश्व कप के महामुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 152 रनों का लक्ष्य दिया था। भारत के विपरीत, पाकिस्तान की शुरुआत अच्छी थी और पहले दो ओवरों में ही सलामी बल्लेबाज कप्तान बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान की जोड़ी ने 18 रन ठोक दिए थे। इसके बाद अंतिम परिणाम भी पाकिस्तान के खाते में ही रहे।
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Rishi Sunak Net Worth in Hindi: ये दिवाली भारतीयों के लिए ख़ास रही, क्योंकि दो साल बाद पूरी आज़ादी के साथ भारतीयों ने अपने परिवार वालों के संग दिवाली का उत्सव मनाया और साथ ही दो ख़ुशख़बरी देश के आंगन में आईं. एक T20 World Cup में पाकिस्तान पर भारत की दमदार जीत और दूसरी भारतीय मूल के ऋषि सुनक का ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करना. ये अपने आप में गर्व की बात है कि भारतीय पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहे हैं. आइये, इस ख़ास लेख में ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं कि वो कितने पढ़े-लिखे हैं और कितनी है ऋषि सुनक की कुल संपत्ति. आपको जानकर गर्व होगा कि विश्व में भारत ही एकमात्र देश है, जिसके मूल के 30 से ज़्यादा देशों पर राज कर चुके हैं या कर रहे हैं. वहीं, इस कड़ी में ऋषि सुनक का भी नाम जुड़ गया है. ऋषि सुनक एशियाई मूल के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया है. BBC की मानें, तो ऋषि सुनक ब्रिटेन की राजनीति में बहुत तेज़ी से आगे आए हैं. 2015 में जब वो 35 साल के थे उन्होंने पहली बार संसद चुनाव पर अपनी जीत दर्ज की. वहीं, मात्र 7 वर्षों में उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद भी ग्रहण कर लिया. वो भारत मूल के साथ-साथ एशियाई मूल के पहले व्यक्ति हैं जो ब्रितानी पीएम के पद पर पहुंचा है. Rishi Sunak Family in Hindi: ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथंप्टन (इंग्लैंड) में हुआ था, लेकिन उनकी जड़ें पंजाब से जुड़ी हैं. Tribuneindia के अनुसार, ऋषि सुनक के दादा रामदास सुनक Gujranwala (जो अब पाकिस्तान में है) से 1935 में नैरोबी (Kenya) चले गए थे. रामदास और सुहाग रानी के छह बच्चे थे, तीन बेटे और तीन बेटियां. वहीं, उनकी दादी सुहाग रानी सुनक 1937 में अपने पति के साथ केन्या जाने से पहले अपनी सास के साथ गुजरांवाला से पहले दिल्ली आई थीं. ऋषि सुनक के पिता यशवीर सुनक का जन्म 1949 में नैरोबी में हुआ था. वो 1966 में लिवरपूल पहुंचे और यूनिवर्सिटी ऑफ़ लिवरपूल में मेडिसिन की पढ़ाई करने चले गए. यशवीर ने 1977 में लीसेस्टर (England) में उषा से शादी की. तीन साल बाद 1980 में साउथेम्प्टन में ऋषि सुनक का जन्म हुआ. Rishi Sunak Education in Hindi: ऋषि सुनक ने कई स्कूलों और कॉलेजों से शिक्षा ग्रहण की है. उन्होंने इंग्लैंड के Romsey शहर के Stroud School से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की. अपनी क्लास में वो हेड बॉय थे. इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के Winchester College में दाख़िला लिया. यहां उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ आज़ादी का सही मतलब और ख़ुद को मोटिवेट करने का तरीक़ा सीखा. इसके बाद वो आगे की पढ़ाई यानी ग्रेजुएशन के लिए University of Oxford आ गए. उन्होंने वहां लिंकन कॉलेज (ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के कॉलेजों में से एक) में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया. 2001 में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद, 2004 तक सुनक ने Goldman Sachs नाम की कंपनी के लिए एक विश्लेषक के रूप में काम किया. फिर, उन्होंने प्रतिष्ठित Fulbright scholarship के तहत Stanford University से मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन किया. वहीं, ऋषि सुनक (Rishi Sunak Net Worth in Hindi) को ब्रिटेन के चुनिंदा अमीरों में गिना जाता है. BBC के अनुसार, ऋषि सुनक ब्रिटेन के सबसे अमीर फुटबॉल प्लेयर Paul Pogba से क़रीब 10 गुना ज़्यादा अमीर हैं. The Sunday Times की वर्ष 2022 के अमीरों की सूची में Paul Pogba को ब्रिटेन का सबसे अमीर फुटबॉलर कहा गया है, जिनकी कुल संपत्ति 77 मिलियन पाउंड है. वहीं, ऋषि सुनक के साथ-साथ उनकी पत्नि अक्षता मूर्ति (Rishi Sunak Wife in Hindi) भी ब्रिटेन की सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हैं. जानकर हैरानी होगी कि वो infosys कंपनी के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की बेटी हैं. दोनों ही ब्रिटेन के 250 सबसे अमीर लोगों में शामिल हैं. दोनों की संपत्ति क़रीब 730 मिलियन पाउंड है. ऋषि सनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति, 750 मिलियन पाउंड (Rishi Sunak Net Worth in Hindi) की संयुक्त संपत्ति के साथ 222वें नंबर पर हैं.
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Posted On: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 35 यूट्यूब आधारित समाचार चैनल और 2 वेबसाइट को ब्ल़ॉक करने का आदेश जारी किया है, जो डिजिटल मीडिया पर समन्वित रूप से भारत विरोधी फर्जी खबरें फैलाने में लिप्त थे। मंत्रालय द्वारा ब्लॉक किए गए यूट्यूब खातों के कुल सब्सक्राइबरों की संख्या 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा थी और उनके वीडियोज के व्यूज 130 करोड़ थे। इसके अलावा, सरकार ने इंटरनेट पर भारत विरोधी दुष्प्रचार करने में शामिल होने पर दो इंस्टाग्राम अकाउंट और एक फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 16 के अंतर्गत पांच अलग-अलग आदेश जारी करके, मंत्रालय ने इन सोशल मीडिया खातों और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। भारत की खुफिया एजेंसियां इन सोशल मीडिया खातों और वेबसाइटों की लगातार निगरानी कर रही थीं और उन्होंने उन पर तत्काल कार्रवाई के लिए मंत्रालय को सूचना दी। मंत्रालय द्वारा ब्लॉक किए गए 35 खाते पाकिस्तान से परिचालित हो रहे थे और इनकी चार समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क के रूप में पहचान की गई थी। इनमें 14 यूट्यूब चैनल चलाने वाला अपनी दुनिया नेटवर्क और 13 यूट्यूब चैनल चलाने वाला ताल्हा फिल्म्स नेटवर्क शामिल थे। चार चैनलों का एक सेट और दो अन्य चैनलों का सेट भी एक दूसरे के मिलकर काम कर रहे थे। इन सभी नेटवर्क का एक मात्र लक्ष्य भारतीय दर्शकों के बीच फर्जी खबरों का प्रसार था। एक नेटवर्क के हिस्से के रूप में काम करने वाले चैनल समान हैशटैग और एक जैसी सम्पादन शैली का इस्तेमाल करते थे। साथ ही ये समान लोगों द्वारा संचालित थे और एक दूसरे को प्रोत्साहन देते थे। कुछ यूट्यूब चैनलों का संचालन पाकिस्तानी टीवी न्यूज चैनलों के एंकरों द्वारा किया जा रहा था। मंत्रालय द्वारा ब्लॉक किए गए यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और अन्य सोशल मीडिया खातों को पाकिस्तान द्वारा भारत से जुड़ी संवेदनशील विषयों से जुड़ी फर्जी भारत विरोधी खबरों को फैलाने में किया जा रहा था। इसमें भारतीय सेना, जम्मू और कश्मीर एवं भारत के दूसरे देशों के साथ विदेश संबंध जैसे विषय शामिल थे। यह देखने में आया कि पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के निधन के संबंध में यूट्यूब चैनलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर फर्जी खबरें फैलाई गईं। इन यूट्यूब चैनलों ने पांच राज्यों के आगामी चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए भी कंटेंट पोस्ट करना शुरू कर दिया था। इन चैनलों ने अलगाववाद को बढ़ावा देने, भारत को धर्म के आधार पर बांटने और भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए कंटेंट फैलाया। ऐसी जानकारी से दर्शकों को देश की सार्वजनिक व्यवस्था को विपरीत प्रभाव डालने वाले अपराधों को उकसावा मिलने की आशंका थी। हाल की कार्रवाई से पहले सरकार ने दिसंबर, 2021 में 20 यूट्यूब चैनलों और 2 वेबसाइटों को ब्लॉक किया था। उस समय पहली बार भारत विरोधी फर्जी खबरों के नेटवर्क के खिलाफ आईटी नियम, 2021 के तहत मिली आपात शक्तियों का इस्तेमाल किया गया था। खुफिया एजेंसियां और मंत्रालय भारत में व्यापक सूचना परिदृश्य को सुरक्षित रखने के क्रम में मिलकर काम करते हैं।
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जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग कर दी गई है। यह कदम राज्यपाल सत्यापाल मलिक ने तब उठाया, जब पीडीपी और सज्जाद लोन के सरकार बनाने के दावे कर दिए। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक चौंकाने वाले फैसले में जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया। राज्य में सियासी घटनाक्रम जितनी तेजी से बदला उससे सब हैरान हैं। पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती द्वारा चिट्ठी लिखने के कुछ देर बाद ही गवर्नर सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का शासनादेश जारी कर दिया। बुधवार शाम में ही पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश करने की बात कही थी। और उनके दावा पेश किए जाने के तंुरंत बाद ही सज्जाद गनी लोन ने भाजपा समेत पीडीपी के 18 विधायकों का समर्थन होने का दावा करते हुए सरकार बनाने का दावा भी पेश किया था। महबूबा मुफ्ती ने दावा पेश करने के पत्र को शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि इसे राजभवन भेजने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि जल्द ही आपसे (गवर्नर) मुलाकात होगी। गवर्नर को भेजे पत्र में महबूबा ने लिखा था कि जैसा कि आपको पता है पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी राज्य की विधानसभा में 29 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। आपको मीडिया रिपोर्टों से पता चल गया होगा कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रैंस ने राज्य में सरकार बनाने के लिए हमारी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है। महबूबा ने आगे लिखा था कि नैशनल कान्फ्रैंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 सदस्य हैं और ऐसे में कुल संख्या 56 हो जाती है। चूंकि मैं श्रीनगर में हूं, तत्काल आपसे मुलाकात करना संभव नहीं है और इसलिए यह आपको सूचना देने के लिए है कि हम आपकी सुविधानुसार जल्द ही राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए मिलना चाहते हैं। हालांकि राज्य में तीन राजनीतिक दलों द्वारा मिलकर सरकार बनाए जाने की कवायद के बीच चर्चा यह भी गर्म थी कि राज्यपाल केंद्र के इशारों पर विधानसभा को भंग कर सकते हैं। और अंततः हुआ भी वही है। पीडीपी ने राज्यपाल आफिस में फैक्स भेजा था, इस फैक्स में 56 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया था। राज्य में सरकार बनाने की भाजपा की कोशिशों को झटका देते हुए पीडीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया था। वहीं उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस इस महागठबंधन को बाहर से समर्थन दे रही थी। इस दावे के साथ ही सज्जाद गनी लोन ने भी सरकार बनाने का दवा किया था। इससे पहले दिन में खबर आई थी कि पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। जम्मू कश्मीर में नई सरकार के गठन को लेकर महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), उमर अबदुल्ला की अध्यक्षता वाली नेश्नल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस साथ आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य की सियासत में धुर विरोधी मानी जाने वाली एनसी और पीडीपी ने भाजपा को रोकने के लिए साथ आने का फैसला किया है। सूत्रों ने साथ ही बताया कि तीनों दलों की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए अल्ताफ बुखारी के नाम पर सहमति बनी थी। जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल 89 सीटें हैं। मार्च 2015 में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार बनी थी। तब मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद बने थे, उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती सीएम बनीं थीं। इस साल 16 जून को पीडीपी-भाजपा गठबंधन से भाजपा अलग हो गई थी। जिसके बाद से यहां राज्यपाल शासन लगा हुआ है। 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे। इसे और अधिक बढ़ाया नहीं जा सकता है। 19 दिसंबर तक यदि कोई पार्टी सरकार बनाने पर सहमत नहीं होती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लाया जा सकता है।
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गगन बावा, गुरदासपुरः देशव्यापी कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। इसलिए जिला प्रशासन की ओर से कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए लाखों रुपए खर्चे जा रहे हैं। सरकार की ओर से दिन-रात टीकाकरण में लगी टीमों को उचित मेहनताना देने के दावे भी किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत के अनुसार सेहत विभाग के अधिकारियों की ओर से आशा वर्कर और फैसिलिटेटर्स को कुछ नहीं दिया जा रहा। आशा वर्कर एवं फैसिलिटेटर यूनियन की प्रधान बलविंदर कौर अलीशेर और महासचिव गुरविंदर कौर ने बताया कि सेहत विभाग की ओर से बजट की कमी का बहाना बनाकर पिछले दो माह से कोई भी मान भत्ता नहीं दिया गया है। सेहत विभाग की ओर से कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए टीकाकरण टीम सदस्य को 100 रुपए खुराक भत्ता व 90 रुपए कोरोना वैक्सीन लाने और वापस सब सेंटर पर जमा करवाने के लिए देने के पत्र जारी किए गए हैं। वर्करों में रोष है कि डीसी गुरदासपुर के ध्यान में कई बार मामला लाने के बावजूद उन्हें यह मेहनताना नहीं दिया जा रहा। संगठन ने आरोप लगाया कि आशा फैसिलिटेटर से कोरोना टीकाकरण का काम लेने के बावजूद भी कोई मान भत्ता नहीं दिया जाता। ब्लॉक स्तर पर कोरोना महामारी फतेह फंड जारी न होने के कारण उन्हें आर्थिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। उधर संगठन की प्रेस सचिव आंचल मट्टू बटाला ने बताया कि धार्मिक व सामाजिक छुट्टियों के दौरान भी वर्करों को काम करने के लिए विवश किया जाता है। यहां तक कि वर्करों को अचानक छुट्टी, प्रसूता छुट्टी और कोई मेडिकल छुट्टी नहीं दी जाती। इसलिए संगठन की ओर से सिविल सर्जन के साथ 9 अगस्त को मीटिंग कर वर्करों की समस्याएं हल करने पर बल दिया जाएगा। अगर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता तो मंगलवार से संघर्ष शुरू किया जाएगा। संगठन की जिला नेता रजनी, कांता देवी, गुरविंदर कौर, कुलबीर कौर, निशा, हरजीत कौर, मोनिका आदि ने बताया कि मंगलवार को सभी ब्लॉकों में वर्कर और फैसिलिटेटर की ओर से पंजाब सरकार के पुतले फुके जायेंगे। संगठन के मुख्य सलाहकार अमरजीत शास्त्री ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से मान भत्ता कॉन्ट्रैक्ट मुलाजिम मोर्चा की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। आशा वर्करों और फैसिलिटेटर को साधारण मजदूरों के समान मेहनताना तक नहीं दिया जा रहा, जिससे उनमें रोष है। संगठन की ओर से 13 अगस्त को साझा मुलायम फ्रंट के तहत तहसील स्तर पर होने वाली रैलियों में शामिल होने की घोषणा की गई ।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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यस्य वर्णाश्रमाचारः गुप्तहस्तस्थपुष्पवत् । गलितस्स्वयमेवात्र विदेहो मुक्त एव सः ॥ १५ ॥ सज्जनः पूजिते देहे दुर्जनेः पीडितेऽपि वा । मुखदुःखे न यस्य स्तो विदेहो मुक्त एव सः ॥ १६ ॥ सोते हुए मनुष्य के हाथ के पुष्पके समान जिसके वर्ण और श्राश्रमों के चारही श्राप यहीं छूट जाते हैं, वहीं विदेहमुक्त है • ॥१५॥ जनों द्वारा देहका पूजन होनेपर जिसे सुख नहीं होता और दुर्जनों द्वारा देह का पीड़न होने पर जिसे दुःख नहीं होता, वही विदेहमुक्त है ॥ १६ ॥ जिसकी चेष्टा चालक के, उन्मचके और पिशाच आदिके ● पर्मनीनराया है, वेदमाग और प्रारम्भ अनेक जन्मों के कर्मराशि जो चित्त में रूप से रहते हैं, जन्म में जो नये कर्म संग्रह होते जाते हैं, वे किय माय कराते है और उसमें से जो पर्म आगेर बीज से पति की दशा में पति होकर देते हैं, वे प्रारू पहाते हैं। पहले दोनों कर्म बीजदशा में रहते हैं और प्रारम्भ कर्म हो जाता है। तत्वज्ञान के उदय होतेही जन ज्ञानी जान जाता है कि मैं अन्तःमरण या द्रा प्रामा हूँ तो लतः ही पन्तःपत्य में रहा हुआ संचित वर्म वहीं रह जाता है यहाको बन्धन नहीं करता। जब मानी जमवासना का नारा कर देता है तो नये किमारी बांधने में असमर्थ होते है। परन्तु पति को प्राप्त हुए प्रारब्ध कर्म में करने के लिये जर को जो रहना पड़ता है, उसी दशा का नाम जीवन्मुक्ति है। इस दशा में शधारी होकर वह शूलरूप में दिखाई देता है उसकार रूपधारी हैं, मनोनाश हो जाने से वह नष्ट चित्त बहाता है और मनोनाश हो जाने से चावल्परहित होकर वह प्रायचायल्यरहित कहा जा सकता है । इसी जीवन्मुक्त दशा केही अन्धकारने दो स्वतन्न लक्षग्य किये हैं। पहली दशा में उसको अपने शरीर के प्रति विचार रहता है और दूसरी विदेहमकदशा में उसको शरीर का भान नहीं रहता। पहली दशा जीवन्मुक्ती कहती है और प्रन्थकार के मतानुसार दूसरी दशा विदेहमुक्तकी कहाती है । तात्पर्य यह है कि ज्ञान के उदय से वासनाशय और मनौनाश हो जाता है उस समय स्वतः ही चात्मज्ञानी महापुरुष सन बन्धनों से छूटकर शुक्र हो जाता है। इसी दशा की प्रथमावस्था को अन्धकार ने जीवन्मुकदशा और दूसरी अवस्था को विदेहमुकदशा करके वर्णन किया है। वास्तव में दोनों दशाएँ एही हैं, केवल आगे पीछे का भेद है। जीवन्त दशा में अन्यकार के लक्षणानुसार अन्तःकरण को च्यानदशा का बीच बीच में बना रहना पाया जाता है और अन्यकार विदेहमुक्त उस दशा को कहते हैं कि जब उनमें व्युत्थानदशा होती ही नहीं और सदा अद्वैत दृष्टेि, चंद्वैत भावना, और चंद्वैत रसात्मिका अवस्था उनमे प्रविधिम बनी रहती है। इसके लक्षण आगे कड़े जाते हैं । UNDS F बालोन्मत्तपिशाचादिचर्यावान्योगिनां वरः । सर्वतापविनिर्मुक्तो विदेहो मुक्त एव सः ॥ १७ ॥ इदंभावविहीनो योऽस्त्यहंभावविवर्जितः । तत्त्वंभावविहीनश्च विदेहो मुक्त एव सः ॥ १८ ॥ ब्राह्मणः क्षत्रियो वैश्यश्शूद्रश्चेति भिदामतिः । न जायते कदाप्यत्र विदेहो मुक्त एव सः ॥ १६ ॥ यथा बधिरमूकान्धपढादयः स्थिताः । तथा निरिन्द्रियो विद्वान्विदेहो मुक्त एव सः ॥ २० ॥ व्यवहारदशा यस्य नैव भाति कदाचन । जाग्रदादिविनिर्मुक्को विदेहो मुक्त एव सः ॥ २१ ॥ द्रष्टदर्शन दृश्यादिभेदः प्रातीतिकोऽपि वा । यस्य नोदेति पूर्णात्मा विदेहो मुक्त एव सः ॥ २२ ॥ समान हो, जो सब प्रकार के तापों से छुटकारा पा गया हो, वही श्रेष्ठ योगी विदेहमुक्त है ॥१७॥ जो 'इदं' (यह) 'अहं' (मैं) और 'तत्त्वं' (वह तुम) इन भावों से रहित हो, वही विदेहमुक्त है ॥ १८ ॥ ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र इनमें जिसकी कभी भेदबुद्धि नहीं होती, वही विदेहमुक्त है ॥ १६ ॥ जिस प्रकार बहिरे, गूंगे, अन्धे, पशु और नपुंसक होते हैं, उसी प्रकार जो विद्वान् इन्द्रियरहित हो गया हो, वही विदेह मुक्त है ।।२०।। जिसे व्यवहार सम्बन्धी दशा अनुभव में नहीं आती और जो जाग्रत, स्वप्न तथा सुषुप्ति इन तीनों अवमुक्त हो, वही विदेहमुक्त है ॥ २१ ॥ द्रष्टा ( देखने वाला ) दर्शन देखना ) दृश्य ( देखने की वस्तु ) इन भेदों की प्रतीति भी जिसमें उत्पन्न नहीं होती, वही पूर्णात्मा विदेहमुक्त है ॥ २२ ॥
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वह दिन थे जब सभी चीअरलीडरों ने कुछ राह-रह सिस बूम बाह के किनारे से नेतृत्व किया था। आज, उत्साह एक खेल का ही कुछ है, जिसमें टीम के नेताओं ने कभी भी अधिक रचनात्मक चीयर्स, मंत्र और चिल्लाने के लिए अपनी टीमों का मार्गदर्शन किया- और उनके साथ चलने के लिए कदम-सभी प्रशंसकों को आग लगाने और खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए डिजाइन किए गए। दुनिया भर के चीअरलीडर ने नीचे अपने पसंदीदा प्रस्तुत किए। बस अपने स्कूल, टीम और शुभंकर का नाम बदलें- और जाओ, जाओ, जाओ! सूर्य के नीचे अरे हे (1 क्लैप) आपके लिए (2 क्लैप्स) क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि आपकी टीम नंबर 2 है? हम सबसे अच्छे हैं (क्लैप) हम हरा नहीं सकते (क्लैप) आपकी हार के लिए (क्लैप) जाओ लाल भंडार (आपकी टीम शुभंकर) लाल भंडार जाओ! नीचे उतरना होगा (क्लैप) अपने हाथों को दबाएं (क्लैप क्लैप क्लैप) अपने पैरों को दबाओ (stomp stomp stomp) अपने हाथों को दबाएं (क्लैप क्लैप क्लैप) अपने पैरों को दबाओ (stomp stomp stomp) हम हॉक्स हैं जो हरा नहीं सकते! (जितनी बार चाहें दोहराएं) (तीन बार दोहराएं) चलो चलें (रोकें रोकें) डब्ल्यूपीएस, टीम जाओ (तीन बार दोहराएं) (दोहराने) इसे टक्कर दें (एक बार गूंजें) इसे सेट करें (एक बार गूंजें) इसे टक्कर मारो, इसे सेट करें, इसे नीचे बढ़ाएं (एक बार गूंजें) "मैं" कर्ल कि "सी" टोरी, टोरी (एक बार दोहराएं) और अपने शरीर को स्विंग करने के लिए (तीन बार दोहराना)
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इसका एकपना कैसे जाना जाय। अलग रहकर भी अगर एकपना माना जाय तो मिन्नपना कहाँ स्वीकार किया जायगा ? शंका-सब पदार्थ में सूक्ष्मरूप ब्रह्मके अङ्ग विद्यमान है उनमें सब पदार्थ जुड़े हुए हैं । जिससे जुड़ा है वह उससे ही जुड़ा अन्य से जुड़ा करता है । यदि पहला पक्ष स्वीकार है तो जब सूर्यादिक गमन करते हैं तब जिन सूक्ष्म असे वे जुड़े हैं वे भी गमन करते होंगे और वे सूक्ष्म अबिना स्थूल से जुड़े हैं वे भी गमन करते होंगे इस तरह संपूर्ण लोक अस्थिर हो जायगा, जैसे शरीरका एक अङ्ग खींचने पर मारा शरीर खिंच जाता है वैसे ही एक पदार्थ के गमन करने पर संपूर्ण पदार्थोंका गमन होजायगा पर होता नहीं। अगर दूसरा पक्ष स्वीकार किया जायगा तो अङ्ग टूटनेसे भिन्नपना हो जायगा एकपना कैसे रहेगा । इसलिये संपूर्ण लोकके एक पनेको ब्रह्म मानना भ्रम ही है। पांचवा प्रकार यह है कि पहले कोई पदार्थ एक था, बादमें अनेक हुआ फिर एक होयगा इसलिये एक है। जैसे जल एक था बरतनोंमें अलग होगया मिलने पर फिर एक होजायगा । अथवा जैसे सोनेका डला एक था वह कंकरण कुण्डलारूप हुआ मिलकर फिर सोनेका एक डला होगा। वैसे ही ब्रह्म एक था पहुआ फिर मिलकर एक रूप हो जायगा इसलिये । इस प्रकार यदि एकत्व माना जायगा तो ब्रह्म जब अनेक रूप हुआ तब जुड़ा रहा था या अलग होगया था। अगर जुड़ा कहा जायगा तो पहला दोष ज्यों-त्यों है अगर अलग हुआ कहा जायगा तो उस समय एकत्व नहीं रहा। जल, स्वर्णादिकका मिन्न होकर जो एक होना कहा जाता है वह तो एक जाति की अपेक्षा है. लेकिन यहाँ सब पदार्थों की कोई एजत नहीं. कोई चेतन को इत्यादि है उनको एक जाति कैसे कह सकते हैं ? तथा जाति अपेक्षा एकत्व मानना कल्पना मात्र है यह पहले कहा ही है। पहले एक था पीछे भिन्न हुआ तो जैसे एक पत्र आदि फूटकर टुकड़े टुकड़े होजाता है वैसे ही ब्रह्म खण्ड खण्ड होगया। जब वे एक हुए तो उनका स्वरूप भिन्न भिन्न रहा या एक होगया । यदि भिन्न भिन्न रहा तो से मत्र भिन्न ही कहलाये। यदि एक होगया है हो जायगा और चेतन होजाएगा और वस्तुको एक वस्तु हुई तो कभं एक वस्तु अनेक वस्तु कहना होगा। फिर अनादि अनन्त एक ब्रह्म है यह नहीं कहा जा सकता। यदि यह कहा जायगा कि लोकरचना हो या न हो ब्रह्म जैसेका तैसा रहता है इसलिये वह अनादि अनन्त है प्रश्न यह होता है कि लोकमें पृथ्वी जल दिक वस्तुएं अलग नवीन उत्पन्न हुई हैं या ब्रह्म ही इन स्वरूप हुआ है। अगर अलग नवीन उत्पन्न हुए है तो यह अलग हुआ ब्रह्म अलग रहा सर्वव्यापीत ब्रह्म न कहलाया । अगर ब्रह्म हां इन स्वरूपहुआ तो कभी लांक हुआ कमी ब्रह्म हुआ जैसे का तैसा कहाँ रहा ? अगर ऐसी मान्यता है कि सारा ब्रह्म. लोक स्वरूप नहीं होता उसका कोई अंश होता है जैसे समुद्र का विन्दु विपरूप होने पर भने हा स्थूल दृष्टिसं उसका अन्यथापना न जाना जाय लेकिन सून्म दृष्टि से एक विन्दुकी अपेक्षा समुद्रमे अन्यथपना जाता है वैसे ही ब्रह्मका एक अंश भिन्न होकर जब लोकरूप हुआ तब स्थूल विचार से उसका अन्यथ पन भले ही न जाना जाय परन्तु सूक्ष्म वि बारसे एक अपेक्षा उसमें अन्यथापन हुआ ही क्योंकि वह अन्यथापन और तो केसीके हुआ नहीं ब्रह्म ही हुआ । इसलिये ब्रह्मको सर्वरूप मानना भ्रम है। छटा प्रकार यह है कि जैसे आकाश सर्वव्यापां है वैसे ब्रह्म भी सवत्र्य पा है तब इसका अर्थ यह हुआ कि आकाशकी की तरह ब्रह्म भी उतना ही बड़ा है और घटपटादि में [[काश जैसे रहता है वैसे ब्रह्म भी उनमें रहता है लेकिन जैसे शटरकाशको एक नहीं कह सकत वैसे ही ब्रह्म और लोक को भी एक नहीं कहा जा जकता। दूसरी बात यह है कि आकाश का तो लक्षरण सर्वत्र दिखाई देता है इसलिये उसका सब जगह सद्भव माना जा सकता है लेकिन ब्रह्मका लक्षण सब जगह नहीं दिग्बाई देता इसलिये इसका सद्भाव से मना जा सकता है ? इस तरह विचार करने पर किसी भी तरह एक ब्रह्म संभव नहीं होता । सम्पूर्ण पदार्थ भिन्न भिन्न ही मालूम पड़ते हैं। यहाँ प्रतिवाद का कहना है कि पदार्थ है तं सब एक ही लेकिन भ्रमस वे एक मालूम नही पड़त। इसमें युक्ति देना भी ठीक नहीं है क्योंकि ब्रह्मका स्वरूप युत्ति गम्य नहीं है वचन अगोचर है एक भी है अनेक भी है.. जुदा भी है मिला भी है उसकी महिमा ही ऐसी है। परन्तु उसका यह कहना ठीक नहीं है क्योंकि उसे और सबको जो प्रत्यक्ष प्रतिभनित होता है उसे वह भ्रम कहता है और युक्ति से अनुमान करो तो कहता है कि सच्चा स्वरूप मुक्तिगम्य नहीं है वचन अगोचर हैं परन्तु जब वह वचन अगोचर है तो उसका निर्णय कैसे हो " यह कहना कि ब्रह्म एक भी है अनेक भी है जुड़ा भा है मिला भी है तब ठीक होता जब किन किन अपेक्ष से ऐसा है ? यह बताया जाता । अन्यथा वह पागलोंका प्रल. प है। कहा जाता है कि ब्रह्मके पहले ऐसी इच्छा हुई कि एकोऽहं
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३६) स्वयं को सर्वाधिक प्रामाणिक, पारदर्शक व बेबाक बताने की शेखी हर कोई बघारता है, जबकि वास्तविकता एकदम अलग ही होती है। अन्य लोगों के साथ तो ठीक, खुद अपने परिवार या अपने जीवनसाथी के साथ भी दिल की भावनाओं को स्पष्ट रूप से स्वीकारने वाले मुश्किल से ही मिलते हैं। सूर्यास्त के पश्चात् किसी गैर की रेशमी जुल्फों के साथ खेलने वाले की हरकतें पाप कही जाएंगी या नहीं, इस मुद्दे को एक तरफ रख दें। व्यवसाय, नौकरी, मित्रों आदि के साथ या फिर अन्य जगहों पर किये जाने वाले छोटे-बड़े पाप कई बार सूक्ष्म होते हैं, इसके बावजूद उनके प्रभाव दूरगामी होते हैं। मनुष्य के सौभाग्य से चित्रगुप्त की खाताबही दूर यमराज के दरबार में है अन्यथा छोटे-बड़े प्रत्येक गुनाह की सजा पृथ्वी पर ही देने का यदि भगवान को सूझे तो साढ़े पाँच अरब की आबादी वाली इस धरती पर निर्दोष लोग तो उंगलियों पर ही गिने जा सकेंगे। हालांकि इन पापों के बारे में लिखा-पढ़ा तो बहुत जाता है, लेकिन बारी जब उसपर अमल करने की आती है, तो अच्छे-अच्छों की नैया डूब जाती है। ३८) सर्वाधिक दयनीय प्राणी वह व्यक्ति है, जो पक्षियों और जीवों को गुलाम बनाकर खुश होता है। इस धरती के समस्त प्राणियों के भरण-पोषण का भार प्रकृति खुद अपने कंधों पर उठाये हुए है। चींटी को अन्न के एक कण के लिए या हाथी को मन भर की खुराक के लिए कुछ नहीं करना पड़ता। लेकिन इंसान को दो जून की रोटी के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है। वृक्षों को अपने आहार के लिए मनुष्य की तरह नाइन टू फाइव अॉफिस में अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज करानी पड़ती। मनुष्य वास्तव में गुलाम है अपने कर्मों, अपनी असीम अपेक्षाओं व महत्त्वाकांक्षाओं का। व्यक्ति यदि भौतिक सुखों के पीछे दौड़ना बन्द कर दे, तो उसकी नब्बे प्रतिशत समस्याओं का निवारण हो जाए। मस्तिष्क का यदि विस्तार नहीं होता और बुद्धि नामक बड़प्पन वाली चीज न होती, तो इंसान भी आज गुलाम नहीं होता। सच तो यह है कि आज हम बुद्धि होते हुए भी बुद्धिहीन हो गए हैं। हम स्वयं को द ग्रेट समझने लगे हैं। लेकिन जिस क्षण सृष्टि का चक्र हिसाब मांगेगा, तब इंसान की खैर नहीं है। प्रकृति के प्रिय बनने के लिए हमें अभी से ही इस सत्य को सीने से चिपकाकर जीना सीख लेना चाहिए। ३९) स्वतन्त्रता का सही अर्थ यदि हमने समझा होता तो हमारे देश की स्थिति कहीं बेहतर होती। हमारे लिए आजादी का अर्थ है, राजनेताओं को जी भरकर गालियाँ देना, ईमानदारी की बातें करना, आचरण में ठगी, बेफिक्र होकर जीना आदि। कलेजे पर हाथ रखकर अपनी अंतरात्मा से एक सवाल करें कि आज तक मैंने अपने देश के लिए क्या किया? साथ ही यह भी विचार करें कि यदि हमारा देश भी इरान या इराक जैसा सख्त होता, तो हमारा क्या हाल होता? दरअसल अनियंत्रित स्वतन्त्रता अमृत के बजाय विषतुल्य होती है। बहरहाल, आजादी के इक्यावन वर्षों में हम जो समझ विकसित नहीं कर पाये, उसे अब विकसित करना है। हमें ऐसा कुछ करना है, जिसका लाभ हमें भले ही न मिले, लेकिन आने वाली पीढ़ियाँ दुनिया के समक्ष अपना सिर गर्व से ऊँचा कर सके। भारतीय व्यक्ति को देखकर कोई विदेशी नाक-भौं न सिकोड़े, इतना परिवर्तन तो हमें लाना ही है। खुमारी से बड़ी कोई आजादी नहीं है। मेरा भारत महान बोलना तो बहुत आसान है, लेकिन देश की महानता में अपना योगदान दर्ज कराना बहुत कठिन है। ४०) मेहनत के बाद भी जब अपेक्षित फल प्राप्त नहीं होता, तो नसीब पर गुस्सा आना लाजिमी है। दुनिया का नियम वास्तव में विचित्र है। कुछ अयोग्य व्यक्तियों को हर कदम पर सुख-सुविधाएँ प्राप्त होती हैं तो कुछ लोग सुख-चैन के एक पल के लिए भी तरसते रहते हैं। कुदरत की इस अजीबो-गरीब हरकत को उचित किस तरह कहा जा सकता है? लेकिन यह सत्य भी किस प्रकार भुलाया जा सकता है कि इंसान के हाथ में कुदरत की चाल को बदलने की शक्ति नहीं है? मेहनत और उससे प्राप्त फल की तुलना करने की सबमें सदा से एक खराब आदत रही है। मैंने इतना-इतना किया और बदले में मुझे मुठ्ठी भर ही मिल पाया, इस प्रकार की ईर्ष्या करने पर अंत में स्वयं को दुःखी ही होना पड़ता है। दो सम्भावनाएँ हैं। एक तो यह कि आपमें योग्यता ही सामान्य हो तो आपको फल सामान्य ही मिलेगा और दूसरी सम्भावना यह है कि आपकी योग्यता आपके फल की तुलना में बहुत अधिक हो। नसीब में गोल-गोल घूमना हो तो घूमते तो रहना ही पड़ेगा। योग्यता के अनुपात में फल प्राप्त करने के लिए और तकदीर की चाल बदलने के लिए भाग्य के चक्र को घूमता हुआ ही रखें। किसे मालूम है कि किस शुभ घड़ी में आपकी बारी आ जाए और गोल-गोल घूम रही किस्मत सब प्रकार के विघ्नों को पार कर और रुकावटों की कीलों को तोड़कर दौड़ने लगे। तकदीर की गाड़ी चाहे गोल घूमती रहे, उसकी गति कम न करें, परिवर्तन आपकी बाट जोहते हुए कहीं खड़ा होकर प्रतीक्षा कर रहा है। ४१) सुन्दर चेहरे का मोह सभी को होता है। अन्यथा क्या वैसे ही इतने सब पाउडर, लिपस्टिक, फेसवॉश, साबुन और ऐसे ही दर्जनों प्रकार के सौंदर्य पदार्थों की विक्री होती है। यदि कोई यह कहे कि इस दुनिया में मैं सबसे अधिक प्रेम अपनी पत्नी या प्रेयसी को अथवा पति या प्रियतम को करता/करती हूँ, तो उसे सौ प्रतिशत झूठ ही समजे। प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वयं के रूप-रंग के प्रति-सर्वाधिक प्रेम होता है। दुनिया के किसी बौद्धिक ने आज तक मनुष्य की इस मानसिकता का गहन अध्ययन क्यों नहीं किया है? स्वयं के प्रति इतना ध्यान देने पर इंसान समग्र विश्व को क्यों भूल जाता है? रंगभेद या रक्तभेद की हमारी नीतियों के सम्बन्ध में पुनर्विचार करने का वक्त हमें सतत चेतावनी देता रहता है, लेकिन फिर भी इस बात को हम अधिक महत्त्व नहीं देते हैं। वैज्ञानिक प्रगति व विश्व के असाधारण विकास के पश्चात् भी मानव का संकुचित मन स्वस्थ रूप से विकसित हो सके, वह कार्य होना अभी शेष है। आज के युवा इस प्रगति को प्राप्त करने के लिए यदि निश्चय करें तो भविष्य में बहुत कुछ बदल सकता है। पहले के लोगों ने जो नीति-नियम बनाए थे, उसमें से श्रेष्ठ का वचन कर युवाओं को संकुचितता में सुधार लाते हुए समाज की काया पलट करने की अदम्य इच्छा रखने की खास जरूरत है। अब क्या होगा, इस प्रकार की व्यर्थ बातें करने के स्थान पर अब सबको क्या करना चाहिए, इस प्रकार की विचारोत्तेजक वातें होनी चाहिए। इस प्रकार की बातें करने के लिए आगे कौन आएगा? छोड़ो यार, अब और नया नेता कहाँ खड़ा करेंगे? चलो हम स्वयं ही नेतृत्व अपने हाथ में ले लेते हैं। ४२) कुछ बिगड़ जाए, तब किस्मत को व ईश्वर को दोष देने वाले बहुत मिल जाते हैं। सबको दे-देकर निहाल कर देने वाले ईश्वर ने मुझपर ही करुणादृष्टि क्यों नहीं डाली, इस प्रकार के विचित्र सवाल तब व्यक्ति के मन में बार-बार उभरते रहते हैं। तब क्या ईश्वर की करुणा में भी वास्तव में पक्षपात जैसा कुछ होता है? उत्तर है नहीं। ईश्वर कभी भी किसी पर भी नाराज नहीं होता है और न ही किसी के लिए कोई अलग या विशेष सॉफ्ट कॉर्नर होता है। हकीकत यह है कि हम सब एक अनोखी (दूसरों से भिन्न) तकदीर लेकर अवतरित होते हैं। इस तकदीर का तना-बाना तो हमारे कर्मों से ही निश्चित होता है। एक ही दिन एक हजार घरों में टेलीविजन सेट खरीदें जाते हैं और उनमें से मात्र कुछ प्रतिशत में ही टेलीविजन सेट बिना किसी परेशानी के चलते रहते हैं। ऐसा क्यों होता है? वस्तु तो ठीक है, लेकिन उसका उपयोग करने वाले यदि ठीक नहीं हो, तो फिर ऐसा ही होगा न...? तकदीर नामक साधन भी इतना ही सोफिस्टिकेटेड है। टेलीविजन सेट की जरूरत घर में होती है अच्छे दुरूस्त तकदीर की जरूरत जीवन में होती है। ईमानदारी व स्वच्छता से व्यवस्थित रूप से यदि जीने की तैयारी हो तो तकदीर से चोट खाने का मौका मुश्किल से ही कभी आएगा। आज की अपनी अच्छी-बुरी दशा के बीज भूतकाल में हमने ही कहीं बोए होंगे। ठीक है, लेकिन अब आगे क्या? भविष्य के तकदीर के बीज तो अभी बोने बाकी हैं। करुणा करने वाले को दोष क्यों दे रहे हो? आज से नेक रास्ते पर चलने का संकल्प लें। जिससे भविष्य में कभी ईश्वर से शिकायत करने की स्थिति निर्मित न हो। ४३) लोभ की कोई सीमा नहीं होती या उसका अंत नहीं होता, ऐसे कहने वाले को मानव मन के बारे में ठीक से समझ लेना चाहिए। जो स्वयं को सौ प्रतिशत संतुष्ट मानते हैं, ऐसे व्यक्ति भी जीवन में हजारों बार ईश्वर का स्मरण कर उनके सम्मुख छोटी-बड़ी मांगें प्रस्तुत करते रहते हैं। बस, इतना दे दे, फिर कुछ नहीं मांगूँगा, प्रभु। ऐसा कहकर हम ईश्वर को बार-बार ठगते रहते हैं। एक-दो इच्छा पूरी हुई और हम फिर ईश्वर के दरवाजे पर पठानी ब्याज की वसूली के लिए खड़े हो जाते हैं। हमारी समस्त इच्छाएँ मूल रूप से मन की उर्वर जमीन में जन्म लेती हैं। पृथ्वी के अन्य लाखों प्राणियों को ईश्वर ने मानव जैसा मन नहीं दिया, वह एक दृष्टि से अच्छा ही है, अन्यथा समस्त सृष्टि ही असंतुलित हो गई होती। विचार करने की शक्ति रखने वाले जीव इंसान ने सृष्टि की जो अवदशा अपने अकेले हाथों से की है, तब यदि चींटी, हाथी, वाघ, चिड़िया, साबर आदि को भी यदि मन होता तो सृष्टि की कैसी दुर्दशा होती। मनुष्य ने इस विचार करने की शक्ति का भयंकर रूप से नाजायज लाभ उठाया है। करुणा करने वाले से हम सदैव कुछ कुछ मांगते ही रहते हैं। कुछ देने के बारे में तो सोचते भी नहीं हैं। हमेशा ईश्वर के पास खाली कटोरा लेकर पहुँच जाते हैं, उसकी अपेक्षा यदि हम उनसे ऐसा मन मांगे, जो उनसे किसी प्रकार की मांग नहीं करें, तब क्या हो? बाय द वे, इस मांग का सरल अर्थ यही है न कि मन पर नियंत्रण होना चाहिए? चलो लालच पर विराम लगाकर प्रयत्न करें कि जीवन व्यवहार की गाड़ी सरल व सहज गति में दौड़ती रहे। ४४) बच्चों के लिए स्कूल में नये वर्ष के प्रारम्भिक दिन कुछ ऊब लिए होते हैं। लम्बी छुट्टियों में जी भर मौज मनाने के पश्चात् बालकों को पुस्तकों के ढेर और विषयों के भवर में घिरने की इच्छा न हो यह पूरी तरह सहज है। नया बैट्समैन जब बैटिंग करने के लिए मैदान पर आता है, तब सेट होने के लिए कुछ गेंद वह धीरे-धीरे ही खेलता है, उसी प्रकार बच्चे भी स्कूल के शुरुआती दिनों में ऊब अनुभव करते हैं। बाद में बैट्समैन की तरह बच्चे भी सेट हो जाते हैं। किसी भी शैक्षणिक वर्ष में बालकों को उनके माता-पिता से दो स्तरों पर विशेष ध्यान मिलना चाहिए। प्रथम तो नये शैक्षणिक वर्ष के शुरु होने के प्रारम्भिक दिनों में और उसके पश्चात् वार्षिक परीक्षा के समय। अपना बालक नयी कक्षा में, नये वातावरण में, नये मित्र-समूह में किस प्रकार की इच्छाएँ रखता है, इसका प्रत्येक माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए। इस दुनिया में शिक्षण से अधिक बेहतर कुछ भी नहीं है और व्यक्ति के विकास में उसकी शाला के शिक्षकों का योगदान सर्वाधिक होता है। विनोबा भावे का मानना था कि सफल शिक्षण ही सफल जीवन की बुनियाद होती है। अपनी शैक्षणिक प्रवृत्तियों के दौरान बालक जब नयी कक्षा में प्रवेश करे, तब उसके मन में उत्पन्न होने वाली शंकाओं, असमंजसताओं व अड़चनों को दूर कर उसे नये वातावरण में सुन्दर ढंग से स्थापित करने का काम उनके माता-पिता ही कर सकते हैं। बालक के स्कूल की शुल्क तो सभी माता-पिता जमा कर देते हैं, लेकिन जो पालक बालक के मित्र बनकर उनके साथ उनकी बातों में भी हिस्सेदारी करे, वही सच्चे माता-पिता हैं। ४५) हर इंसान इच्छाओं का एवरेस्ट लेकर जीता है। रुपया, बंगला, गाड़ी, सोना-चाँदी सब कुछ चाहिए। सपने होने चाहिए आँखों में, जीवन में। जो व्यक्ति सपने नहीं देखता है, वह कभी भी सपनों का साकार करने का प्रयत्न नहीं करता है। लेकिन सपने देखने के बाद उनकी पूर्ति के लिए भी वैसे भी सभी लोग कहाँ प्रयत्न करते हैं। इच्छाओं की नाव का होना और उस नाव को कोशिशों के जल में दौड़ाकर मंजिल तक पहुँचाना दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं। शायर ने ऊपर की पंक्तियों में बताया है कि इच्छाओं की नाव होने के बावजूद आँख के सामने तो खाली तालाब ही है। ऐसे खाली तालाब वाली निराशाओं से घिर जाना व्यवहारिक जीवन में असहनीय है। इन पंक्तियों के आगे शायर ने जो कहा है, उसका अर्थ है - "बताओ इस कछुएपन का अब क्या होगा? तेज हवाएँ चारों ओर से चल रही हैं।" पूरी दुनिया तेज गति से दौड़ रही है। आपको ही दुनिया के साथ ताल से ताल मिलाना है। खाली तालाब जैसी स्थिति हो तब भी लड़ना है और इच्छाओं की नाव को दौड़ाना है। याद रखें, प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए पर्याप्त अवसर मिलते हैं। बहुत कम लोग अपने अवसरों को उनकी मंजिल तक या अंजाम तक पहुँचा पाते हैं। आपको भी इन कुछ भाग्यशाली व्यक्तियों की सूची में अपनी मेहनत व कोशिशों से अपना नाम दर्ज करवाना है। ४६) जिसने गुब्बारे का आविष्कार किया है, उस व्यक्ति ने इसकी प्रेरणा निश्चित रूप से इंसान के स्वभाव से ही ली होगी। कोई छोटी सफलता मिले या चापलूसी के बल पर किस्मत से कोई काम यदि पूरा हो जाए तो वही हमें गदगद करने के लिए पर्याप्त है। जिंदगी में कितनी बार घोटाले हो गए, कितनी बार ढीले पड़ यह याद रखना कोई भी पसंद नहीं करता है। गाँधीजी की आत्मकथा को सत्रह बार पढ़ने वाले व्यक्ति के मन में स्वयं के असत्य के प्रयोगों को करने का साहस नहीं जुटा पाता है। फूल जान या डींगे हाँकना ये रूढ़ि प्रयोग हम दूसरों पर थोप सकते हैं, लेकिन स्वयं की जाँच करना हमें पसंद नहीं है। कीचड़ से छलाछल भरे तालाब में कौन डुबकी लगाना पसंद करेगा? जो लोग तुम्हारी खुशामद करने से ही फारिग नहीं हो पाते, वे लोग तुम्हारा हित नहीं चाहते हैं। खुशामद व निष्कपट अभिप्राय के बीच जो भेद है, उस भेद को पहचानने की शक्ति विकसित करना बहुत महत्त्वपूर्ण है। तेजाब फिल्म में गुलस्ता चाय वाले (अनु कपूर) को बहला-फुसलाकर मुफ्त में चाय पीने व बिस्किट खाने वाले पात्रों के बारे में आप जानते हैं? आप स्वयं को इस विषचक्र में से बाहर आने का कार्य करना है। आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक, मानसिक और ऐसे ही मोर्चों पर उत्पन्न मिसमैच को दूर करने के लिए फूलणजी को हमें अंदर से ही निष्कासित करना है। ४७) जो काम हाथ में लिया है, उसे पूरा करने के लिए यदि हम एकाग्रता नहीं दर्शाते हैं, तो हमारा काम व्यवस्थित रूप से पूरा नहीं हो सकेगा। कई व्यक्तियों के अपने स्वानुभव होते हैं कि उनके काम पूरे नहीं हो पाते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह एक प्रेरणाप्रद प्रसंग है, एक व्यक्ति मछली पकड़ रहा था। दत्तात्रय अवधूत ने उससे पूछा - "गाँव की ओर जाने वाला रास्ता कौन-सा है?" ठीक उसी समय उस मछुआरे के काँटे में मछली फंसने ही वाली थी। उसने अवधूत को कोई जवाब नहीं दिया और अपना समग्र ध्यान मछली को फंसाने पर ही केन्द्रित रखा। जैसे ही मछली काँटे में फंस गई, वैसे ही मानो वह तंद्रा में से जागा, उसने अवधूतजी से पूछा - "आप कुछ कह रहे थे?" अवधूतजी तो उन कुछ उपेक्षा के क्षणों से चकित हो गए। उन्होंने उस व्यक्ति से कहा - "भाई, तुम तो मेरे गुरु हो। अपनी एकाग्रता से तुमने मेरी आँखें खोल दी है। अब मैं जब परमात्मा के ध्यान में बैठूँगा, तब तक अन्य किसी काम में अपने चित्त को नहीं लगाऊँगा, जब तक कि मेरी साधना पूरी नहीं हो जाती है।" अपने कामों में व अपने कर्तव्यों में जब तक इस प्रकार की एकाग्रता नहीं आती है, तब तक हमें श्रेष्ठ परिणाम की अपेक्षा रखने का कोई अधिकार नहीं है। अपने काम अपेक्षित ढंग से पूरे हों, उसके लिए मछली पकड़ने वाले व्यक्ति से प्राप्त एकाग्रता की सीख को ध्यान में रखना है। ४८) घर में लगी दीवार-घड़ी या हाथ पर बंधी कलाई-घड़ी कभी बन्द भी पड़ सकती है, लेकिन प्रकृति की घड़ी की चाल कभी भी बन्द नहीं पड़ती है। समय एक समान चलता रहता है, लेकिन एक समान समय नसीब में किसी को मिलता नहीं है। जिंदगी सुन्दर अवसर जैसी लगे, ऐसी स्थिति जिंदगी में बहुत कम आता है। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं हे कि सिर पर हाथ रखकर बैठे रहें और जीवन का आनन्द ही न लें। यह सही है कि खुशी के व आनन्द के दौर जिंदगी के मीठे फल होते हैं, लेकिन ये फल कब उगते हैं? जब तक मिट्टी में पौधा नहीं रोपेंगे, पौधे को पानी नहीं देंगे और उसकी जतन करने की तकलीफ सहन नहीं करेंगे, तब तक पौधे पर फल नहीं आएंगे। दुःख व सुख का आना-जाना जीवन की एक सहज प्रक्रिया है और इसमें सब अनुकूल चल रहा हो, उसके पश्चात् एकाएक यदि विकट समय आ जाए तो, तब अच्छे-अच्छे चौड़ी छाती वाले भी आघात अनुभव करते हैं। ऐसे आघात में से जो व्यक्ति जल्दी से जल्दी बाहर आ जाता है, वह निश्चित ही समझदार होता है। शेष लोग अपना जीव चिन्तानगरी में रखते हैं। चिन्ता को अपने दिमाग पर छा जाने की छूट क्यों दे देते हो? नौका डुबो देने की विपरीत मति वाले समुद्र के जैसी जिंदगी के साथ यदि लड़ना हो तो आजीवन लड़ाकू बने रहें। समुद्र में व जीवन में एक फर्क है। समुद्र कभी-कभी आक्रामक होता है और जीवन कभी कभी रीझता है और जो यह राह देखता है कि जीवन तब रीझे, उसे ही मीठे फल चखने को मिलते हैं। ४९) यदि हम पच्चीस से लेकर पचास तक के वर्षों को विस्तार से गौर करें तो हम पाएंगे न जाने कितने ही कहे जाने वाले मित्रों को हमने अपना सर्वस्व मानने की भूल की थी। अच्छे और सच्चे मित्र तथा कहे जाने वाले मित्र में गंगाजल और सादे पानी जितना अंतर होता है। सादे पानी से पंद्रह-बीस दिनों में दुर्गंध आने लगती है, जबकि गंगाजल को वर्षों तक संग्रहित किया जा सकता है। वैसे दिखने में दोनों जल एक जैसे दिखाई देते हैं। तो फिर अच्छे मित्र की क्या पहचान है? एक-दो व्यक्ति के साथ मित्रता हो जाए, फिर कुछ समय तक मित्रता जारी रहने के पश्चात् स्वमूल्यांकन करना चाहिए। सादे पानी से जिस प्रकार कुछ समय के बाद दुर्गंध आने लगती है, उसी प्रकार खराब मित्र के प्रति कुछ समय के पश्चात्, उसमें भी कुछ कमी व अधूरेपन की भावना की सम्भावना होने लगती है। मित्रता में यदि अपनेपन की भावना नहीं पनपे तो समय पर सावधान हो जाएँ और हाँ मित्रता की गाड़ी को घसीटा नहीं जा सकता और न ही उसे घसीटा जाना चाहिए और साथ ही हमदर्द मित्र की मित्रता का पूरी उम्र जतन करें, गंगाजल की तरह। ५०) कम से कम पिछली दो सदियों से यह स्थिति है। सम्बन्धित समय में जी रहे लोगों ने अपने समय के समाज को, सामाजिक व्यवस्था को व रीति-रिवाजों को गालियाँ दी हैं। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसा लगा है कि समाज की समस्त बुराइयाँ अब असीम हो गई हैं। यह मान सकते हैं कि प्रत्येक दिन के पूरा होने के बाद कलियुग ने थोड़े और खराब रंग बिखेरे होंगे। परन्तु इन बुराइयों की आलोचना करने से मेरा या आपका फर्ज पूरा नहीं हो जाता है। यह इसलिए होता है कि हम सब मात्र वर्तमान में ही जीते हैं। न तो भूतकाल से कोई सीख लेने की हमारी इच्छा होती है और न ही भविष्य के लिए कुछ करने की तमन्ना होती है। पूरी तरह स्वार्थ से भरे हम पामर लोग अपनी इस जड़ बुद्धि से समाज को गाली ही देते रहे हैं। बाय द वे। यह समाज है क्या? यह समाज कैसे व कहाँ से बना है? सत्य का यह चेहरा आप ठीक से समझ सकेंगे। आपको इतना खराब विश्व मिला, इस प्रकार की छाती पीटना बन्द करो। सही दिशा में विचार करने वाला समाज सही भविष्य की ओर आगे बढ़ सकेगा और हम सबको सिद्ध करना है कि हम सब सही दिशा के मुसाफिर हैं।
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करने में समर्थ हो जाती है। केसर तथां गुलाल से उनके मुख को रंगित कर, पीताम्बर से उनका हाथ बाँध बिलकुल विवश बना देती है, पगों में महावर रचाकर वे उनका सखी वेष बनाने का प्रयास करती है । इस वर्णन में वह सरस अभिव्यंजना है, जिसके अनुभव के लिए प्रत्येक भक्त लालायित रहता है। उनकी प्रेमाभिव्यक्ति में नारी की ओर से रतिभाव की ही सजगता नहीं है, आकर्षरगजन्य सुग्धता भी है । व्रजभाषा की माधुरी अलंकार विहीन भी साधारणतः सुन्दर है । राधावल्लभ सम्प्रदाय की होने के कारण उनके प्रिया सखी उपनाम के कारण उनके पुरुष होने की आशंका होती है, परन्तु उनके मुख्य नाम बख्त कुँबर का प्रयोग इस आशंका को निर्मूल सिद्ध कर देता है। राधावल्लभी साधु जिस अवस्था को केवल कल्पनामात्र कर सकते थे, नारी होने के कारण वह उनकी स्वानुभूति थी । बनोठनी जी नागरीवास की रक्षिता थीं। उनमें स्वकीया प्रेम के गाम्भीर्य का प्रभाव तो है ही, परकीया भावना की तीव्रता का भी प्रभाव है, केवल प्रेम की ಇಲ್ಲಿ 'खलताओं का चित्रण प्रधान है । प्रियासखी के दाम्पत्य प्रेम के चित्ररण में उनके विवाहित जीवन के सार्दव की छाया में राधावल्लभ सम्प्रदाय की सरसता धुली हुई ज्ञात होती है। कृष्ण तथा राधा की लीलाओं का काम अंश ही उनके आकर्षण का तत्त्व नहीं है, किशोर-किशोरी सुलभ चपलता, चन्चलता तथा भावजन्य क्रीड़ाओ पर भी उनको अनुरागमयी दृष्टि पड़ी है। इस हस्तलिखित प्रति का प्रकाशन राधावलभीय साहित्य के इतिहास में नारी द्वारा रचित एक मुख्य पृष्ठ जोड़ने के लिए आवश्यक हूँ । सुन्दर कुँ बरिबाई-सुन्दर कुंवरबाई का जन्म कालिक सुदी ६, सम्वत् .१७६१ में दिल्ली में हुआ था। इनके पिता कृष्णगढ़ के राठौर राजा राजसिंह तथा माता रानी ब्रांकावती थी, जिनका उल्लेख पहले किया जा चुका है। इनकी बाल्यावस्था में ही इनके पिता राजसंह का देहान्त सम्वत् १८०५ में हो गया, जिसके कारण कृष्णगढ़ के राजवंश में अनेक पारिवारिक तथा राजनीतिक झगड़े खड़े हो गये, इस कारण विवाह योग्य अवस्था प्राप्त कर लेने पर भी उनका विवाह न हो सका तथा वे ३१ वर्ष की आयु तक अविवाहित रहीं । सं० १८१२ में उनके भतीजे महाराज सरदारसिंह ने उनका विवाह रूपनगर के खीची वंश के राजकुमार बलवन्तसिंह के साथ कर दिया, परन्तु उनका जन्म तो मानो राजनीतिक विषमताओं के चक्र में पिसने के लिए ही हुआ था। पितगृह में तो उनके भाइयों के बीच पारम्परिक वैमनस्य चल हो रहा था, पति भी सिंधिया सरदारों द्वारा पराजित करके बन्दी बना लिये गये तथा राघवगढ़ का किला संधिया के अधिकार में चला गया। अंत में जयपुर, जोधपुर तथा अपने कुटुम्बियों खींची सरदार शेरसिंह की सहायता से रायगढ़ फिर उनके हाथ में या गया । सुन्दर कुँवनि के सम्बन्ध में अधिकांश बातों का पूर्ण निश्चय नहीं मिलता। पति की पराजय के पश्चात् ऐसा अनुमान किया जाता है कि कदाचित् वे सलैमाबाद चली गई हों क्योंकि वहीं उनके कुल का गुरुद्वारा था। उनकी मृत्यु तिथि भो अनिश्चित है। उनके अन्तिम ग्रंथ का रचनाकाल सं० १८५३ है, जबकि उनकी अवस्था लगभग ६३ वर्ष की हो गई थी। इसके पश्चात् ही इनकी मृत्यु किमी वर्ष में हुई होगी। सुन्दर कुँवर के वंशजों को काव्य-प्रतिभा का वरदान प्राप्त था, सुन्दर कुँवर की भी यह प्रतिभा जन्मजात् थी, जो माँ तथा भ्राताओं की भक्ति तथा आस्था का सम्बल पाकर विकास की ओर अग्रसर हुई । उनका वंचित नारी-हृदय लौकिक क्षेत्र में कामनाओं के निष्क्रमरण के प्रभाव में काव्य-रचना द्वारा ही भावनाओं की अभिव्यक्ति प्राप्त कर सन्तोष अनुभव करने का प्रयास करने लगा । इनकी रचनाओं का उल्लेख प्रायः सभी खोज-ग्रंथों तथा राजस्थानी साहित्य के इतिहास ग्रंथों में उपलब्ध है। इनके द्वारा रचित ग्यारह ग्रंथ प्राप्त है, जिनका संक्षिप्त उल्लेख इस प्रकार है१. नेह निधि - इस पुस्तक में वृन्दावन में हुई कृष्ण तथा राधा की विलासकीड़ाओं का वर्णन है। इसका रचनाकाल सम्बत् २०१७ माना जाता है । २. राम रहस्य --- इस काव्य ग्रंथ का विषय राम की श्रादर्श लीलाओं का वर्णन है। इसकी रचना-तिथि कार्तिक शुक्ल ६, गुरुवार, सम्वत् १८५३ है। प्रारम्भ में दिये हुए दोहे तथा सर्वधे में वरिंगत राम-कथा द्वारा इस ग्रंथ के वर्ण्य विषध, शैली तथा भाषा इत्यादि के विषय में निष्कर्ष निकाला जा सकता है --- श्री रघुपति सिय चरन को. करि निज उर में धार । मति सम जस वरनन करत जो दायक फल चार ।। श्याम सरूप अनूपम अंग अनंगहू तो सम नाहि लखायो । सोहत है कच कुंचित और दृग पंकज से धनु भौंह लजायो ।। जा गुन गान और ध्यान करै, नर सोई धरा मह धन्य कहायो । जीवन ताको जाहि या मति नाहि सिय वर आयो । ओमती सुन्दर कुँवर के अधिक ग्रंथ राधा-कृष्ण की लीलानों पर लिखे गये । राधा-कृष्ण सम्बन्धी ग्रंथों में मंगलाचरण में कृष्ण तथा राधा की वन्दना है, पर इस ग्रंथ का प्रारम्भ 'श्रीमते रामानुजाय नमः । अथ राम रहस्य ग्रंथ लिष्यते' से होता है । २. संकेत यगलं- इसमें राधा-कृष्ण के विनोद का वर्णन है। इसका रचना१७६ काल सम्वत् १८३० है । इस ग्रंथ के वर्ण्य विषय तथा भाषा-शैली इत्यादि के आभाल के लिए निम्नलिखित उद्धरण पर्याप्त होगा - श्री वृषभान सुता मनमोहन, जीवन प्रारण पियारी । चन्द्रमुखी सु निहारन प्रातुर, चातुर वित्त चकोर बिहारी ।। जा पद पंकज के अलि लोचन स्याम के लोभित सोभित भारी । सर्न हाँ हूँ जिन चरनन के प्रिय नेह नवेल सदा मतवारी ।। ग्रंथ की रचयित्री तथा रचनाकाल इत्यादि का परिचय वे इन शब्दों देती है - संवत् यहि नवदून सत अरु तीमा को साल । सोरह से पंचानने पंचानवे माघ मास सुभकाल ।। सायन पुण्य तिथि अष्टमी बासर मंगलबार । पुस्तक कोन्हौं कृष्पगढ़ पूरण कृपा मुरार ॥ ४. गोपी महात्म्य - इस ग्रंथ में गोपियों तथा कृष्ण की लीलामों का वर्णन है । इसकी रचना स्कन्द पुराण के कथानक के आधार पर हुई है। ग्रंथ के प्रारम्भ में इस बात का स्पष्ट उल्लेख उन्होंने कर दिया हैश्री राधावल्लभो जयति । अथ श्री सद्भागवत । गोपी महात्म्य स्कन्ध पुराण मध्ये श्लोके अर्थकार भाषा कथन लिख्यते । इस ग्रंथ का रचनाकाल उन्हीं के शब्दों में इस प्रकार है---- सम्वत् है नवदून से छयालीस उपरंत । सत्रह से एकादसम साकै जान गनंत ॥ इस ग्रंथ में गोपियों तथा कृष्ण की साधारण मानवी लीलानों का ही वर्णन नहीं है, वर्ण्य विषय की दार्शनिक पृष्ठभूमि के प्रति भी लेखिका काफी जागरूक है; कृष्ण की लीलाओं के साधारण रूप में अन्तनिहित उनका नैसर्गिक पक्ष काफी स्पष्ट है--- राधा रसरण ग्रज जीवन, बन्दौं जिन पद कंज रज, वृन्दा विपिन सुथान ॥ महाधीर कलि तम हरन, भक्त मुक्त हित बैन । श्री वृन्दावन मम प्रभु बन्दौ जिन पद रैन ॥ ५. रस पुंज- इस ग्रंथ में राधा तथा कृष्ण के प्रेम तथा रस का वर्णन है । राधा-कृष्ण की सिद्धि आनन्ददायिनी शक्ति है। कृष्णबह्म के तीक हैं, अपनी लीलाओं का विस्तार वे प्रधान रूप से राधा तथा सहायक रूप से गोपियों के द्वारा करती है ।
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कनेक्टिकट की स्थिति कनेक्टिकट पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य के न्यू इंग्लैंड क्षेत्र में दक्षिणी राज्य है। कनेक्टिकट की सीमा पूर्व में रोड आइलैंड, मैसाचुसेट्स उत्तर में, पश्चिम में न्यूयॉर्क और दक्षिण में लांग आईलैंड साउंड से है। इसकी राजधानी हार्टफ़ोर्ड है। राज्य का नाम कनेक्टिकट नदी के नाम पर रखा गया है, जो कि एक प्रमुख अमेरिकी नदी है जो राज्य को लगभग दो भागों में बांटती है। कनेक्टिकट संयुक्त राज्य में क्षेत्र के हिसाब से तीसरा सबसे छोटा राज्य है। आबादी में 29वां और जनसंख्या घनत्व के मामले में यह राज्य चौथा स्थान रखता है। यह संयुक्त राज्य की संघीय सरकार के विकास में प्रभावशाली था। दक्षिणी और पश्चिमी कनेक्टिकट (राज्य की अधिकांश जनसंख्या के साथ) न्यू यॉर्क महानगरीय क्षेत्र का हिस्सा है; जिसे ट्राई स्टेट एरिया के रूप में व्यापक रूप से जाना जाता है। कनेक्टिकट में पहले बसने वाले यूरोपीय लोग डच थे। प्रारंभ में कनेक्टिकट का आधा क्षेत्र डच कॉलोनी न्यू नीदरलैंड का हिस्सा था। 1630 के दशक में इंग्लैंड द्वारा पहली बड़ी बस्तियों की स्थापना की गई। मैसाचुसेट्स बे कॉलनी ने कनेक्टिकट कॉलोनी की स्थापना की; यह कॉलोनी उन तेरह कालोनियों में से एक थी जिसने अमेरिकी क्रांति में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था। 2010 की जनगणना के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में, कनेक्टिकट की उच्चतम प्रति व्यक्ति आय है, मानव विकास सूचकांक (0.962) है और साथ ही सर्वाधिक औसत घरेलू आय है। . 30 संबंधोंः डेमोक्रैटिक पार्टी (संयुक्त राज्य), तेरह उपनिवेश, नताली पोर्टमैन, निर्वाचक मण्डल (संयुक्त राज्य), न्यू इंग्लैंड, न्यूयॉर्क, नॉरवॉक, कनेक्टिकट, पन्ना, पाइलट पेन टेनिस, पिशाच, पूर्वी समय मंडल, पॉल न्युमैन, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, रोड आइलैण्ड, सारा पॉलिन, संयुक्त राज्य, स्टैमफर्ड, कनेक्टिकट, स्वास्थ्य सेवा, हार्टफ़ोर्ड, हेलेन केलर, ज़िप कोड, जायफल, जाजमऊ, जेरॉक्स, गिलमोर गर्ल्स, ग्रीनविच, कनेक्टिकट, इवान लेंडल, अमेरिकी राज्य, अज़ीम प्रेमजी। डेमोक्रैटिक पार्टी (संयुक्त राज्य) डेमोक्रैटिक पार्टी अमेरिका के प्रमुख दो राजनितिक दलो में से एक हैं। यह दल आमतौर पर बड़ी सरकार, समाज को नियंत्रित करने में, समाज के भीतर और मुख्य रूप से निम्न वर्गों के लोगों को लाभ और सेवाएं मुहैया कराने के लिए सरकार की बड़ी भूमिका के पक्ष में हैं। आधुनिक डेमोक्रेटिक पार्टी 1828 के आसपास स्थापित की गयी थी, पार्टी ने अमेरिका को 15 राष्ट्रपति दिये हैं। सबसे पहले 1829-1837 में सेवा वाले एंड्र्यू जैकसन थे। अमेरिका के हाल ही का राष्ट्रपति बराक ओबामा जो 2009 से कार्यरत है इसी पार्टी से है। . तेरह उपनिवेश (इस नक़्शे में गाढ़े गुलाबी रंग वाले क्षेत्र) तेरह उपनिवेश (अंग्रेज़ीः Thirteen Colonies) वे ब्रिटिश उपनिवेश थे जो पूर्वी उत्तर अमेरिका के अंध महासागर के तट पर सन् 1607 से 1733 तक स्थापित किये गए। इन उपनिवेशों ने 1776 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता का ऐलान किया और केवल उपनिवेश न रहकर संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य बन गए। यही वजह है के आधुनिक अमेरिकी ध्वज में 13 लाल और सफ़ेद धारियाँ हैं और मूल अमेरिकी झंडे में 13 तारे थे। . नताली पोर्टमैन (נטלי פורטמן, जन्म नताली हर्शलैग, 9 जून 1981) एक इज़रायली अमेरिकी अभिनेत्री हैं। 1994 की स्वतंत्र फ़िल्म लीयॉन (संयुक्त राज्य अमेरिका में द प्रोफेशनल के नाम से जाना जाता है) में निभाई गई भूमिका उनकी पहली भूमिका थी। "स्टार वॉर्स" की तीन कड़ियों में पदमे अमिडाला की भूमिका निभाने के बाद उन्हें व्यापक प्रसिद्धि प्राप्त हुई। पोर्टमैन, जिन्होंने कहा है "मैं एक फ़िल्म स्टार की अपेक्षा स्मार्ट होती," ने स्टार वॉर्स फ़िल्मों में काम करने के दौरान हार्वर्ड कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की। सन् 2001 में, पोर्टमैन ने मेरील स्ट्रीप, केविन क्लीन और फिलिप सेमूर हॉफमैन के साथ चेक्होव के द सीगल के न्यूयॉर्क शहर के पब्लिक थिएटर के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया। 2005 में, पोर्टमैन को ड्रामा क्लोज़र में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के रूप में एक गोल्डन ग्लोब अवार्ड प्राप्त हुआ। मई 2008 में, उन्होंने 61वें वार्षिक कान फ़िल्म समारोह के जूरी के सबसे कम उम्र वाले सदस्य के रूप में काम किया। पोर्टमैन के निर्देशन में बनी पहली फ़िल्म, ईव, ने 2008 में 65वें वेनिस अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह के शॉर्ट्स प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। . निर्वाचक मण्डल (संयुक्त राज्य) संयुक्त राज्य निर्वाचक मण्डल या संयुक्त राज्य इलेक्टोरल कॉलेज वह निकाय हैं, जो हर चार साल में, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करती हैं। संयुक्त राज्य के नागरिक प्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति को नहीं चुनती; इसके बजाय, वे निर्वाचकों को चुनती हैं, जो विशिष्ट उम्मीदवारों को मतदान करने की प्रतिज्ञा लेते हैं। . न्यू इंग्लैंड क्षेत्र वाले राज्य न्यू इंग्लैंड (New England) संयुक्त राज्य अमेरिका का एक भौगोलिक क्षेत्र है जिसमें पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य के छह राज्य शामिल हैंः मेन, वरमॉण्ट, न्यू हैम्पशायर, मैसाचुसेट्स, रोड आइलैंड और कनेक्टिकट। यह न्यूयॉर्क से पश्चिम और दक्षिण में सीमा रखता है और कनाडाई प्रान्तों न्यू ब्रंसविक और क्यूबेक से क्रमशः उत्तर-पूर्व और उत्तर में। मैसाचुसेट्स की राजधानी बोस्टन, न्यू इंग्लैंड का सबसे बड़ा शहर है। 1620 में पहले अंग्रेज लोग मैसाचुसेट्स में बसना शुरू हुए थे। 18वीं शताब्दी के अंत में, न्यू इंग्लैंड कॉलोनियों के राजनीतिक नेताओं ने नए कर लागू करने के ब्रिटेन के प्रयासों के प्रति प्रतिरोध शुरू किया। इस टकराव ने 1775 में अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध की पहली लड़ाई और वसंत 1776 में इस क्षेत्र से ब्रिटिश अधिकारियों के निष्कासन का नेतृत्व किया। संयुक्त राज्य अमेरिका में गुलामी को खत्म करने के लिए इस क्षेत्र ने आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई। यह अमेरिका का पहला क्षेत्र भी था जिसमें औद्योगिक क्रांति का बदलाव हुआ। न्यू इंग्लैंड की भौगोलिक भूगोल विविध है। दक्षिणपूर्व न्यू इंग्लैंड संकीर्ण तटीय मैदान है, जबकि पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में एपलाशियन पर्वतमाला के उत्तरी छोर के चोटियों का प्रभुत्व है। 2010 में, न्यू इंग्लैंड की आबादी 1,44,44,865 थी। मैसाचुसेट्स सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जबकि वरमोंट कम से कम आबादी वाले राज्य है। श्वेत अमेरिकी कुल जनसंख्या के 83.4% हैं। अंग्रेज़ी घर पर बोली जाने वाली सबसे आम भाषा है। 81.3% निवासी घर पर केवल अंग्रेज़ी ही बोलते हैं। 2015 तक, न्यू इंग्लैंड की जीडीपी 953.9 अरब डॉलर थी। . यह लेख न्यूयॉर्क प्रांत के बारे में है। शहर के लिए देखे - न्यूयॉर्क शहर, अन्य विकल्प के लिए देखे न्यूयॉर्क (बहुविकल्पी) न्यूयॉर्क (New York) पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका में एक राज्य है। न्यूयॉर्क उन तेरह उपनिवेश में से एक था जिसने संयुक्त राज्य का गठन किया था। राज्य के सबसे बड़े शहर न्यूयॉर्क शहर, में राज्य की 40% से अधिक आबादी रहती हैं। राज्य की दो-तिहाई जनसंख्या न्यू यॉर्क महानगरीय क्षेत्र में रहती है, और करीब 40% लोग लांग आईलैंड में रहते हैं। राज्य और शहर का नाम 17 वीं सदी के ड्यूक ऑफ यॉर्क यानी के इंग्लैंड के भावी राजा जेम्स द्वितीय के ऊपर रखा गया है। न्यूयॉर्क शहर संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और एक वैश्विक शहर है। न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय है। इसे दुनिया के सांस्कृतिक, वित्तीय और मीडिया राजधानी के रूप में वर्णित किया गया है और साथ ही यह दुनिया का आर्थिक रूप से सबसे शक्तिशाली शहर है। अन्य बड़े शहर हैं बफ़ेलो, रोचेस्टर, योंकर्स, और सिरैक्यूज़, जबकि राज्य की राजधानी अल्बानी है। राज्य की सीमा न्यू जर्सी और पेन्सिलवेनिया से दक्षिण में और कनेक्टिकट, मैसाचुसेट्स और वरमॉण्ट से पूर्व में लगती है। न्यूयार्क में यूरोपीय लोगों के आगमन से पहले कई सौ वर्षों तक अल्गोनक्वियन और इरक़ुओअन बोलने वाले मूल अमेरिकी जनजातियां बसी हुई थी। आने वाले पहले यूरोपीय लोग फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों थे। 1609 में इस क्षेत्र पर डच के लिए हेनरी हडसन द्वारा दावा किया गया, जिन्होंने एक न्यू नीदरलैंड नाम से कॉलोनी बसाई। 1664 में इंग्लैंड ने डच से कॉलोनी लेकर उस पर का कब्जा कर लिया। 2016 के अनुमान के मुताबिक राज्य की जनसंख्या 1,97,45,289 हैं। इस हिसाब से इसका सभी राज्यों में चौथा स्थान हुआ। क्षेत्र के मामले में इसका स्थान 27वां है। लगभग 70% जनता सिर्फ अंग्रेजी बोलती है, 15% स्पेनी, 3% चीनी, बाकी अन्य। श्रेणीःसंयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य. नॉरवॉक फेअरफील्ड काउंटी, कनेक्टिकट, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक शहर है। सन २००६ की जनगढना के मुताबिक इसकी जनसंख्या 84,437 है जो जनसंख्या के अनुसार कनेक्टिकट में इसे ६ठा स्थान प्रदान करता है। यह शहर अंतर्राजीय मार्ग 95 के Exit 13 से 16 के बीच में बसा हुआ है। इस शहर को भी उत्तरी पूर्वी अमरीका के बेहतरीन परिवहन की सुविधा उपलब्ध है। यह शहर न्यूयॉर्क शहर से उत्तरी मेट्रो (मेट्रो नौ्र्थ) के द्वारा जुड़ा हुआ है। . पन्ना, बेरिल (Be3Al2(SiO3)6) नामक खनिज का एक प्रकार है जो हरे रंग का होता है और जिसे क्रोमियम और कभी-कभी वैनेडियम की मात्रा से पहचाना जाता है।हर्ल्बट, कॉर्नेलियस एस. पाइलट पेन टेनिस (1990 से १९९८ के बीच में वोल्वो इंटरनेशनल) एक व्यावसायिक टेनिस स्पर्धा है जो प्रति वर्ष न्यू हेवन, कनेक्टीकट में आयोजित होती है। यह प्रतियोगिता वर्ष के आखिरी ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता अमेरिकी ओपन के ठीक पहले आयोजित की जाती है। . फिलिप बर्न-जोन्स द्वारा पिशाच, 1897 पिशाच कल्पित प्राणी है जो जीवित प्राणियों के जीवन-सार खाकर जीवित रहते हैं आमतौर पर उनका खून पीकर. पूर्वी समय मंडल ('Eastern Time Zone (ET)) संयुक्त राज्य अमेरिका के सत्रह पूर्वी राज्यों, पूर्वी कनाडा के कुछ हिस्सों और मेक्सिको के क़्विनताना रू राज्य, मध्य अमेरिका में पनामा और कैरिबियाई द्वीपों में इस्तेमाल होने वाला समय मंडल है। वो क्षेत्र जो पूर्वी मानक समय (EST) का इस्तेमाल करते हैं यूटीसी से पांच घंटे पीछे होते हैं। पूर्वी दिवालोक समय (EDT), जब बसंत ऋतु और गर्मियों में दिवालोक बचत समय का इस्तेमाल करते हैं तब यूटीसी से चार घंटे पीछे होते हैं। . पॉल लियोनार्ड न्युमैन (26 जनवरी 1925 - 26 सितंबर 2008) एक अमेरिकी अभिनेता, फिल्म निर्देशक, उद्यमी, मानवतावादी और ऑटो रेसिंग के शौक़ीन व्यक्ति थे। उन्होंने कई पुरस्कार जीते, जिनमें 1986 की मार्टिन स्कौर्सेसे की फिल्म द कलर ऑफ मनी में उनके अभिनय के लिए दिया गया सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अकादमी पुरस्कार और आठ अन्य नामांकन, तीन गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, एक बाफ्टा (BAFTA) पुरस्कार, एक स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड पुरस्कार, एक कान फिल्म समारोह पुरस्कार, एक एमी पुरस्कार और कई मानद पुरस्कार शामिल थे। उन्होंने स्पोर्ट्स कार क्लब ऑफ अमेरिका की रोड रेसिंग में एक ड्राइवर के रूप में कई राष्ट्रीय चैंपियनशिप भी जीते और उनकी रेसिंग टीमों ने ओपन व्हील इंडीकार रेसिंग में कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की। न्युमैन अपनी खुद की एक फ़ूड कंपनी के सह-संस्थापक भी थे, जहां से उन्होंने अपने समस्त कर पश्चात लाभ एवं रॉयल्टी चैरिटी को दान कर दिया। Newman's Own.com. मैरीलैंड राज्य एक अमेरिकी राज्य है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य अटलांटिक क्षेत्र में स्थित है, यह वर्जीनिया, पश्चिम वर्जीनिया की सीमा से लगा है और इसके दक्षिण और पश्चिम में कोलंबिया जिला, इसके उत्तर में पेंसिल्वेनिया और पूर्व में डेलावेयर है। कुल क्षेत्र के मामले में मैरीलैंड यूरोप के बेल्जियम देश के समकक्ष है। अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के अनुसार अन्य राज्यों की तुलना में मैरीलैंड की घरेलू औसत आय सबसे अधिक है, 2006 में इसने नई जर्सी को पीछे छोड़ दिया; मैरीलैंड की औसत घरेलू आय 2007 में 68,080 डॉलर थी। 2009 में, मैरीलैंड ने 2008 के अपने 70,545 डॉलर की सबसे अधिक औसत आय के कारण अमेरिकी राज्यों में तीसरी बार लगातार प्रथम स्थान प्राप्त किया। मैरीलैंड ऐसा सातवां राज्य है जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान को अंगीकार किया और इसके तीन उपनाम पड़े, ओल्ड लाइन स्टेट, फ्री स्टेट और चेसापिक बे स्टेट नाम का भी कभी-कभी इस्तेमाल होता है। मैरीलैंड जीवन विज्ञान अनुसंधान और विकास का एक गठजोड़ है, जहां 350 से अधिक जैव प्रौद्योगिकी कंपनियां स्थित हैं, जो संयुक्त राज्य में इस क्षेत्र में मैरीलैंड को तीसरा सबसे बड़ा गठजोड़ बनाती हैं। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी, यूनिवर्सिटी सिस्टम ऑफ मैरीलैंड एक से अधिक परिसर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलॉजी(NIST), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (NIMH), फेडरल फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA), हावर्ड हजेज मेडिकल इंस्टीट्यूट, केलेरा जीनोमिक्स कंपनी, ह्यूमन जीनोम साइंसेस (HGS), जे. क्रेग वेंटर इंस्टीट्यूट और हाल ही में अस्ट्रज़ेनेका द्वारा खरीदी गयी मेडीम्यून सहित अनुसंधान और विकास में दिलचस्पी रखने वाले संस्थान और एजेंसियां मैरीलैंड में स्थित हैं। . मासेचुसेट्स, (Massachusetts) संयुक्त राज्य अमरीका का एक राज्य है। मैसाचुसेट्स पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यू इंग्लैंड क्षेत्र में एक राज्य है। यह पश्चिम में न्यूयॉर्क से उत्तर में रोड आइलैंड और कनेक्टिकट दक्षिण में, वरमोंट और न्यू हैम्पशायर सीमान्त है। मैसाचुसेट्स भूमि क्षेत्र द्वारा 7 वां सबसे छोटा राज्य है, लेकिन 14 वीं सबसे अधिक आबादी वाला और 3 सबसे घनी 50 राज्यों के बसा। यह छह न्यू इंग्लैंड राज्यों में से सबसे अधिक आबादी वाला है और प्रति व्यक्ति देश की छठी सबसे ऊंची सकल घरेलू उत्पाद है। पूर्व में ग्रेटर बोस्टन क्षेत्र और पश्चिम में स्प्रिंगफील्ड महानगरीय क्षेत्रः राज्य के लिए दो अलग-अलग महानगरीय क्षेत्र हैं। लगभग 'मैसाचुसेट्स आबादी का दो तिहाई वर्तमान में ग्रेटर बोस्टन में रहती है। मैसाचुसेट्स अमेरिकी इतिहास में एक ऐतिहासिक, महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और वाणिज्यिक भूमिका निभाई है। प्लायमाउथ तीर्थयात्री, मेफ्लावर के यात्रियों द्वारा 1620 में स्थापित किया गया न्यू इंग्लैंड में पहली कॉलोनी, का स्थल था। 1636 में स्थापित किया गया हार्वर्ड विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका में उच्च शिक्षा की सबसे पुरानी संस्था है। 18 वीं सदी में, बोस्टन आंदोलन के लिए "लिबर्टी की पालना" के रूप में जाना जाने लगा। शहर अमेरिकी क्रांति के लिए केंद्र था। जिसकी वजह से संयुक्त राज्य अमेरिका ग्रेट ब्रिटेन से आजादी मिली। 19 वीं सदी में, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल का ओलंपिक खेल क्रमशः स्प्रिंगफील्ड और Holyoke के पश्चिमी मैसाचुसेट्स शहरों में आविष्कार किया गया। श्रेणीःमैसाचूसिट्स श्रेणीःसंयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य. अमेरिका में स्थिति रोड आइलैंड (Rhode Island), आधिकारिक तौर पर स्टेट ऑफ़ रोड आइलैंड एंड प्रोविडेंस प्लांटेशन्स, पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य के न्यू इंग्लैंड क्षेत्र में एक राज्य है। रोड आइलैंड को कनेक्टिकट द्वारा पश्चिम में, मैसाचुसेट्स द्वारा उत्तर और पूर्व में और दाक्षिण में अटलांटिक महासागर ने घेर रखा है। 4 मई 1776 को रोड आइलैंड का उपनिवेश ब्रिटिश क्राउन के प्रति अपनी निष्ठा का त्याग करने वाला तेरह उपनिवेश में से पहला था। लेकिन वो 29 मई, 1790 पर संयुक्त राज्य संविधान को अपनाने वाला आखिरी राज्य था। रोड आइलैंड सभी पचास राज्यों में क्षेत्र में सबसे छोटा है। लेकिन वो आठवां सबसे कम आबादी वाला राज्य है और जनसंख्या घनत्व के मामले में उसका दूसरा स्थान आता है (न्यू जर्सी पहला है)। 2016 के अनुमान के मुताबिक राज्य की जनसंख्या 10,56,426 हैं। प्रॉविडेंस राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। . सारा लुईस पॉलिन (पूर्वकुलनाम - हीथ; जन्म - 11 फ़रवरी 1964) एक अमेरिकी राजनेत्री, लेखिका, वक्ता और राजनीतिक समाचारों की भाष्यकार हैं जो अलास्का की गवर्नर निर्वाचित होने वाली अब तक की सबसे युवा व्यक्ति और पहली महिला थी। उन्होंने 2006 से 2009 में इस्तीफ़ा देने तक गवर्नर के रूप में अपनी सेवा प्रदान की। अगस्त 2008 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के प्रार्थी जॉन मैककेन द्वारा उसी वर्ष के राष्ट्रपति पद के चुनाव में उनके साथी उम्मीदवार के रूप में चुनी जाने वाली पॉलिन एक बहुमत पार्टी के राष्ट्रीय टिकट की पहली अलास्कन उमीदवार के साथ-साथ रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उप-राष्ट्रपति पद की पहली महिला उम्मीदवार थी। 3 जुलाई 2009 को पॉलिन ने घोषणा की कि वह गवर्नर के रूप में फिर से निर्वाचित होने की मांग नहीं करेगी और साथ में यह भी कहा कि अपने कार्यकाल के पूरे होने से अठारह महीने पहले 26 जुलाई 2009 को प्रभावी रूप से इस्तीफ़ा देने वाली है। उन्होंने नैतिकता की शिकायतों का उदाहरण प्रस्तुत किया जिसे जॉन मैककेन की साथी उम्मीदवार के रूप में उनके चुने जाने के बाद दायर किया गया था जो उनकी इस्तीफ़ा के कई कारणों में से एक कारण था, उन्होंने कहा कि राज्य का शासन-कार्य करने की उनकी क्षमता पर इस परिणामी जांच-पड़ताल का काफी असर पड़ा था। 2008 में मैककेन-पॉलिन टिकट की हार से पहले यह अटकलबाज़ी शुरू हो गई थी कि वह रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से 2012 में राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए खड़ी होगी। फरवरी 2010 में उन्होंने अपने बयान में कहा कि वह इसकी सम्भावना का विकल्प खुला रखेंगी. संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands. स्टैमफर्ड फेअरफील्ड काउंटी, कनेक्टिकट, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक शहर है। सन २००५ की जनगढना के मुताबिक इसकी जनसंख्या 120,045 है। इस शहर का संदेश "The City That Works" - शहर जो काम करता है। यह शहर अंतर्राजीय मार्ग 95 के Exit 5 से 8 के बीच में बसा हुआ है। इस शहर को भी उत्तरी पूर्वी अमरीका के बेहतरीन परिवहन की सुविधा उपलब्ध है। यह शहर न्यूयॉर्क शहर से उत्तरी मेट्रो (मेट्रो नौर्थ) के द्वारा जुड़ा हुआ है। न्यूयॉर्क का सबर्बन शहर होने की वज़ह से काफी लोग रहते यहाँ हैं और काम न्यूयॉर्क शहर में करते हैं। इसके पड़ोसी शहर नॉरवॉक, ग्रीनविच है। स्टैमफर्ड में वित्तीय कंपनी यू बी एस का मुख्यालय है। साथ ही, पर्द्यू, ज़ीरौक्स के भी यहाँ पर कार्यालय हैं। . स्वास्थ्य सेवा या हेल्थकेयर का अर्थ बीमारी की रोकथाम और उपचार करना है। स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा, दन्त चिकित्सा, नर्सिंग और स्वास्थ्य से सम्बंधित पेशेवरों द्वारा प्रदान की जाती है। स्वास्थय सेवा तक पहुँच देशों, समूहों और व्यक्तियों के अनुसार बदलती रहती है। इसपर उस जगह की स्वास्थय नीतियों, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों का गहरा प्रभाव पडता है। हर देश में जनता को स्वास्थय लाभ पहुँचाने हेतु विभिन्न नीतियों का निर्माण किया जाता है। . हार्टफ़ोर्ट नगर का ध्वज 200px हार्टफोर्ड संयुक्त राज्य अमेरिका के कनेक्टिकट राज्य की राजधानी है। नगर का कुल क्षेत्रफल ४६.५ किमी२ है और कुल जनसंख्या है लगभग १,२४,००० (२००३), जिसमें से ३८% अफ़्रीकी अमेरिकी हैं। कुल जनसंख्या का लगभग ३०% निर्धनता सीमा से नीचे है। यह ध्यान देने वाली बात है कि कनेक्टिकट राज्य की औसत आय सबसे अधिक है, लेकिन इसकी राजधानी अपेक्षाकृत निर्धन है। यह इसलिए क्योंकि यह अपेक्षाकृत पुराना नगर है और इसलिए इसका क्षेत्रफल छोटा है जिसमें धनवान उपनगरीय क्षेत्र सम्मिलित नहीं हैं। वृहदतर हॉर्टफ़ोर्ट की जनसंख्या ११,८८,८४१ (२००६) है। यह नगर कनेक्टिकट नदी के किनारे पर राज्य के मध्य भाग में स्थित है, नदी के विसर्जन स्थल से ७० किलोमीटर दूर लॉंग आइलैण्ड साउण्ड पर। यह प्रशासन, बीमा, वित्त, न्यायप्रणाली और शिक्षा का एक केन्द्र है। इसे विश्व की बीमा राजधानी भी कहा जाता है। श्रेणीःअमेरिका के राज्यों की राजधानियां श्रेणीःअमेरिका के नगर. हेलेन एडम्स केलर (27 जून 1880 - 1 जून 1968) एक अमेरिकी लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता और आचार्य थीं। वह कला स्नातक की उपाधि अर्जित करने वाली पहली बधिर और दृष्टिहीन थी। ऐनी सुलेवन के प्रशिक्षण में ६ वर्ष की अवस्था से शुरु हुए ४९ वर्षों के साथ में हेलेन सक्रियता और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँची। ऐनी और हेलेन की चमत्कार लगने वाले कहानी ने अनेक फिल्मकारों को आकर्षित किया। हिंदी में २००५ में संजय लीला भंसाली ने इसी कथानक को आधार बनाकर थोड़ा परिवर्तन करते हुए ब्लैक फिल्म बनाई। बेहतरीन लेखिका केलर अपनी रचनाओं में युद्ध विरोधी के रूप में नजर आतीं हैं। समाजवादी दल के एक सदस्य के रूप में उन्होंने अमेरिकी और दुनिया भर के श्रमिकों और महिलाओं के मताधिकार, श्रम अधिकारों, समाजवाद और कट्टरपंथी शक्तियों के खिलाफ अभियान चलाया। . ज़िप कोड (अंग्रेज़ीः ZIP codes) संयुक्त राज्य डाक सेवा (USPS या यू.ऍस.पी.ऍस.) द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले डाक कोड हैं जो 1963 से उपयोग में हैं। अंग्रेजी का ज़िप ZIP एक आदिवर्णिक शब्द है जिसका पूर्ण रूप है Zone Improvement Plan और यह इसलिए चुना गया था ताकि डाक अधिक कुशलतापूर्वक विभिन्न डाक पतो तक पहुँचाई जा सके। यह आधारभूत रूप से पाँच अंकीय संख्या होता है। 1983 में एक और विस्तारित ZIP+4 कोड लाया गया था जिसमें ज़िप कोड के पाँच अंक, एक समास चिह्न, और चार अतिरिक्त अंक होते हैं (जैसे 02201-1020 बॉस्टन के नगर हॉल का ज़िप+4 कोड है) जिससे और अधिक विशिष्ट स्थान का पता लगाना सरल होता है। यू.ऍस.पी.ऍस. गोवा में मिरिस्टिका फ्रेग्रंस वृक्ष वृक्ष पर जायफल (केरल) जायफल (वानस्पतिक नामः Myristica fragrans; संस्कृतः जातीफल) एक सदाबहार वृक्ष है जो इण्डोनेशिया के मोलुकास द्वीप (Moluccas) का देशज है। इससे दो मसाले प्राप्त होते हैं - जायफल (nutmeg) तथा जावित्री (mace)। यह चीन, ताइवान, मलेशिया, ग्रेनाडा, केरल, श्रीलंका, और दक्षिणी अमेरिका में खूब पैदा होता है। मिरिस्टिका नामक वृक्ष से जायफल तथा जावित्री प्राप्त होती है। मिरिस्टका की अनेक जातियाँ हैं परंतु व्यापारिक जायफल अधिकांश मिरिस्टिका फ्रैग्रैंस से ही प्राप्त होता है। मिरिस्टिका प्रजाति की लगभग ८० जातियाँ हैं, जो भारत, आस्ट्रेलिया तथा प्रशंत महासागर के द्वीपों में उपलब्ध हैं। यह पृथग्लिंगी (डायोशियस, dioecious) वृक्ष है। इसके पुष्प छोटे, गुच्छेदार तथा कक्षस्थ (एक्सिलरी, axillary) होते हैं। मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। यह बीज चारों ओर से बीजोपांग (aril) द्वारा ढँका रहता है। यही बीजोपांग व्यापारिक महत्व का पदार्थ जावित्री है। इस वृक्ष का फल छोटी नाशपाती के रूप का १ इंच से डेढ़ इंच तक लंबा, हल्के लाल या पीले रंग का गूदेदा होता है। परिपक्व होने पर फल दो खंडों में फट जाता है और भीतर सिंदूरी रंग का बीजोपांग या जावित्री दिखाई देने लगती है। जावित्री के भीतर गुठली होती है, जिसके काष्ठवत् खोल को तोड़ने पर भीतर जायफल (nutmeg) प्राप्त होता है। जायफल तथा जावित्री व्यापार के लिये मुख्यतः पूर्वी ईस्ट इंडीज से प्राप्त होता हैं। जायफल का वृक्ष समुद्रतट से ४००-५०० फुट तक की ऊँचाई पर उष्णकटिबंध की गरम तथा नम घाटियों में पैदा होता है। इसकी सफलता के लिये जल-निकास-युक्त गहरी तथा उर्वरा दूमट मिट्टी उपयुक्त है। इसके वृक्ष ६-७ वर्ष की आयु प्राप्त होने पर फूलते-फलते हैं। फूल लगने के पहले नर या मादा वृक्ष का पहचाना कठिन होता है। ग्रैनाडा (वेस्ट इंडीज) में साधारणतः नर तथा मादावृक्ष ३ः १ के अनुपात में पाए जाते हैं जमैका के वनस्पति उद्यान में जायफल के छोटे पौधों पर मादावृक्ष की टहनी कलम करके मादा वृक्ष की संख्यावृद्धि में सफलता प्राप्त की गई है। . जाजमऊ कानपुर के निकट एक उप-महानगर है। यह गंगा नदी तट पर स्थित है। जाजमऊ एक औद्योगिक उपनगर है। यह सबसे पुराना क्षेत्र में बसे जगह के रूप में माना जाता है। मुख्य उद्योग चमड़ा उद्योग है। यह सबसे बड़ा चमड़ा उत्पादक नगर है। इस कारण इसे कानपुर का चमड़ा नगर कहा जाता है। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा की गयी खुदाई में १२००-१३०० शताब्दी के बर्तन, कलाकृतिया भी मिली है। इन्हें वर्तमान में कानपुर संग्रहालय में रखा गया है। . ज़ेरॉक्स कार्पोरेशन एक फॉर्चून ५०० वैश्विक डॉक्युमेंट प्रबंधन कंपनी है। इसकी स्थापना १९०६ में हुई थी। कंपनी बहुत प्रकार के रंगीन व श्वेत-श्याम प्रिंटर, बहुप्रकार्य प्रणालियां, फोटोकापियर मशीनें, डिजिटल मुद्रण मशीनें व संबंधित कन्सल्टिंग सेवाएं देती है। कंपनी का मुख्यालय नोरवाक, कनेक्टिकट में है।), . गिलमोर गर्ल्स एमी शेर्मन-पलाडिनो द्वारा बनाई गई एक अमेरिकी हास्य नाटक श्रृंखला थी, जिसमें लॉरेन ग्राहम और एलेक्सिस ब्लेडेल ने अभिनय किया था। 5 अक्टूबर 2000 को द डब्लयू बी (The WB) पर श्रृंखला ने अपनी शुरुआत की और अपने सातवें सत्र में सी डब्ल्यू (CW) पर प्रसारित होकर 15 मई 2007 को इसकी समाप्ति हुई. ग्रीनविच, कनेक्टिकट फेअरफील्ड काउंटी, कनेक्टिकट, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक शहर है। . श्रेणीःटेनिस खिलाड़ी श्रेणीःपुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणीःटेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता. अमेरिकी राज्य संयुक्त राज्य अमेरिका के घटक एक राजनीतिक इकाई है। कुल मिलाकर 50 राज्य हैं जो एक-दूसरे के साथ मिलकर बंधे हुए हैं। प्रत्येक राज्य एक परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र के ऊपर प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र रखता है और संयुक्त राज्य संघीय सरकार के साथ अपनी संप्रभुता को साझा करता है। प्रत्येक राज्य और संघीय सरकार के बीच साझा संप्रभुता के कारण अमेरिका के लोग संघीय सरकार और वे राज्य जिसमें वे रहते हैं, दोनों के नागरिक हैं। राज्य नागरिकता और निवास में लचीलापन हैं और राज्यों के बीच आवागमन के लिए कोई भी सरकारी मंजूरी आवश्यक नहीं है। चार राज्य अपने पूर्ण अधिकारिक नामों में राज्य के बजाय राष्ट्रमंडल शब्द का उपयोग करते हैं। राज्यों को काउंटियों या काउंटी-समकक्ष में विभाजित किया गया है। जिसे कुछ स्थानीय सरकारी अधिकार सौंपें जाते है। काउंटी या काउंटी-समतुल्य संरचना हर राज्य में व्यापक रूप से बदलती हैं। राज्य सरकारों को अपने व्यक्तिगत संविधानों के माध्यम से लोगों (प्रत्येक संबंधित राज्य) द्वारा सत्ता आवंटित की जाती हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के तहत राज्यों के पास कई शक्तियां और अधिकार हैं; विशेषकर संविधान संशोधन को अनुमोदन देना। ऐतिहासिक रूप से, स्थानीय कानून प्रवर्तन, सार्वजनिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, अंतर्निहित वाणिज्यों का विनियमन और स्थानीय परिवहन एव अवसंरचना के कार्यों को मुख्य रूप से राज्य की बुनियादी जिम्मेदारियों में से एक माना जाता है। समय के साथ सामान्य प्रवृत्ति केन्द्रीकरण और निगमन की ओर रही है और अब संघीय सरकार पहले की तुलना में बहुत बड़ी भूमिका राज्य के संचालन में निभा रही है। राज्यों के अधिकार पर एक सतत बहस चल रही है जो संघीय सरकार और व्यक्तियों के अधिकार के संबंध में राज्यों की शक्तियों और संप्रभुता की सीमा और प्रकृति से संबंधित है। संघीय कांग्रेस में राज्यों और उनके निवासियों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। अमेरिकी कांग्रेस में द्विसदनीयता प्रणाली के तहत दो सदन होते हैंः सीनेट और हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव। प्रत्येक राज्य का सीनेट में दो सीनेटरों द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है और हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव में कम से कम एक प्रतिनिधि द्वारा। प्रत्येक राज्य निर्वाचक मण्डल में वोट करने के लिए कई मतदाताओं का चयन करने का भी हकदार है, जो कि संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति का चुनाव करता है। संघ में नए राज्यों को स्वीकार करने का अधिकार संविधान ने कांग्रेस को प्रदान किया है। 1776 में संयुक्त राज्य की स्थापना के बाद से राज्यों की संख्या मूल 13 से बढ़कर 50 हो गई है। अलास्का और हवाई जिन्हें 1959 में स्वीकार किया गया था, सबसे नए राज्य हैं। संविधान इस बात पर खामोश है कि क्या राज्यों के पास संघ से निकलने (अलग होना) की शक्ति है। गृह युद्ध के तुरंत बाद, अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने यह माना कि कोई राज्य एकतरफा निर्णय लेकर ऐसा नहीं कर सकता। . अजीम हाशिम प्रेमजी (24 जुलाई 1945) का जन्म एक भारतीय है व्यापार के व्यवसायी के अध्यक्ष कौन है और परोपकारी विप्रो लिमिटेड सॉफ्टवेयर उद्योग में भारतीय नेताओं में से एक के रूप में उभरने के लिए विविधीकरण और विकास के चार दशकों के माध्यम से कंपनी का मार्गदर्शन,.
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उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम द्वारा विदेश यात्रा के लिये शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराये गये दस करोड़ रुपए लौटाने के लिये दायर उनका आवेदन बुधवार को खारिज कर दिया। कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कई आपराधिक मामलों की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कार्ति का आवेदन अस्वीकार करते हुये उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र (शिवगंगा) पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी। पीठ कार्ति चिदंबरम के आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने विदेश जाने के लिए न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा कराये गये दस करोड़ रुपए वापस दिलाने का अनुरोध किया था। कार्ति ने दावा किया था कि उन्होंने कर्ज पर यह रकम ली थी और वह इस पर ब्याज दे रहे हैं। शीर्ष अदालत ने इससे पहले जनवरी में भी कार्ति को दस करोड़ रुपए न्यायालय में जमा कराने के बाद विदेश जाने की अनुमति दी थी। न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर कार्ति को लिखित आश्वासन दाखिल करने का निर्देश दिया था कि वह भारत लौटेंगे और जांच में सहयोग करेंगे। जांच एजेन्सी का कहना था कि कार्ति चिदंबरम पिछले छह महीने में 51 दिन विदेश में रहे हैं और वह जांच में सहयोग करने की बजाय इसमें विलंब करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कई आपराधिक मामलों की जांच कर रही है और इसमें आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित मामला भी शामिल है। यह मंजूरी उस वक्त् दी गयी थी जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
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नयी दिल्ली, 24 दिसंबर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्डा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके कार्यालय में तोड़फोड़ की और उन्हें तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने को लेकर चेतावनी दी। बहरहाल, भाजपा ने इसका खंडन करते हुए आरोप लगाया कि हमला आम आदमी पार्टी (आप) ने खुद कराया है। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए चड्ढा ने आरोप लगाया कि 'भाजपा के गुंडों' ने उन्हें यह कहकर धमकाया कि अगर आप किसानों का समर्थन करना बंद नहीं करती है तो आप के अन्य नेताओं के खिलाफ भी इसी तरह के हमले होंगे। उन्होंने आरोप लगाया, "भाजपा के गुंडों ने कार्यालय को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया। मेरे केबिन के सामने, भाजपा (के कार्यकर्ताओं) ने मुझे यह कहकर धमकाया कि वे मुझे सबक सिखाने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने यह कहते हुए धमकी दी कि आप और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार किसानों के साथ खड़े हैं और आपको यह बंद करना चाहिए। " केजरीवाल ने ट्वीट किया, " यह बेहद शर्मनाक है। भाजपा समझ ले कि आम आदमी पार्टी और मेरी सरकार पूरी तरह से अंतिम सांस तक किसानों के साथ है। इस तरह के कायरना हमलों से हम नहीं डरते। मेरी सभी कार्यकर्ताओं से अपील है कि भाजपा के इस तरह के हमलों से उत्तेजित ना हों, संयम बरतें और पूरी तरह से किसानों का साथ दें। " पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान, केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। आप उनका समर्थन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला दिल्ली पुलिस की मदद से किया गया है। चड्ढा ने पत्रकारों से कहा, " अन्यथा गुंडे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में कैसे हमला कर सकते हैं। भाजपा ने योजना बनाकर और दिल्ली पुलिस की मदद से यह हमला किया है और उसका मकसद स्पष्ट है कि वे अरविंद केजरीवाल और हम सबको धमकाना चाहते हैं ताकि हम किसानों का समर्थन नहीं करें। " उन्होंने दावा किया कि गुंडे मुख्य द्वार से अंदर आए और जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सेल पहुंचे जहां उन्होंने दफ्तर में तोड़फोड़ की। उन्होंने कहा, " उन्होंने स्वागत कक्ष से लेकर मेरे कक्ष तक दरवाजे, खिड़कियां, बेंचों को तोड़ दिया और पूरे कार्यालय को तहस-नहस कर दिया। भाजपा के गुंडों ने हमारे प्रिंटर, कंप्यूटर और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं को नष्ट कर दिया। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर भी तोड़ दी, जो मेरे चैंबर में लगाई गई थी। उन्होंने मेरे कर्मचारियों को धमकी दी है और उनके साथ मारपीट की है। " बहरहाल, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, " जल बोर्ड के कार्यालय से करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। " चड्ढा ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार के, प्रदर्शनकारी किसानों को कैद रखने के लिए दिल्ली के स्टेडियम को जेल नहीं बनाने के निर्णय का, हवाला देकर "भाजपा के गुंडों" ने उन्हें धमकाया। विधायक ने कहा, " उन्होंने यह भी कहा कि आप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों का पालन करना चाहिए वरना आप के नेताओं पर ऐसे हिंसक हमले होते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जैसा कि मैं पंजाब का नया सह-प्रभारी बन गया हूं, मुझे किसान मुद्दे पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए और उनकी मांगों का समर्थन नहीं करना चाहिए। " उन्होंने कहा कि आप भाजपा की धमकियों और हमलों से नहीं डरने वाली है। उन्होंने कहा, " आप के सदस्य अपनी आखिरी सांस तक किसान विरोधी कानूनों का विरोध करेंगे। भाजपा हम पर जितना चाहे हमले कर सकती है और हमें धमकी दे सकती है लेकिन हम डरेंगे नहीं। हम किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे। भाजपा आप नेताओं की हत्या कर सकती है लेकिन हम किसानों को अपना पूरा समर्थन देंगे। " इस बीच प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता वीरेंद्र बब्बर ने आरोप लगाया कि आप ने खुद इस हमले की योजना बनाई और अब भगवा दल को जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने प्रदेश भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है लेकिन वे इन हथकंडों से डरने वाले नहीं हैं। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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