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यह एक लेख है: सनसनीखेज शीना बोरा हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शनिवार को एक विशेष अदालत को बताया कि मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पति और पूर्व मीडिया उद्यमी पीटर मुखर्जी को अपनी बेटी की 24 अप्रैल, 2012 को हुई हत्या के बारे में बताया था। एजेंसी ने पीटर मुखर्जी की जमानत याचिका पर जवाब देते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एचएस महाजन से कहा, इंद्राणी ने स्वीकार किया है कि उसने 24 अप्रैल, 2012 को शीना की हत्या के बारे में पीटर को बताया था। सीबीआई ने कहा, इंद्राणी ने पिछले वर्ष 15 दिसम्बर को सीबीआई के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते हुए यह स्वीकार किया है। एजेंसी ने पीटर की जमानत का विरोध किया, जिसे पिछले वर्ष नवम्बर में इस मामले में गिरफ्तार किया गया। हत्या की साजिश में शामिल होने के आधार पर पीटर को गिरफ्तार किया गया। पीटर पर यह भी आरोप है कि उसने अपने बेटे और शीना के मंगेतर से शीना के लापता होने की सूचना को छिपाया। सीबीआई ने कहा, पीटर मुख्य आरोपी और अपनी पत्नी इंद्राणी के संपर्क में शीना की हत्या के दिन से ही था और अगले दिन उसके शव को फेंके जाने तक उसके संपर्क में रहा। सीबीआई ने कहा, वह भी साजिश का हिस्सा था और इस तथ्य (शीना की हत्या) को अपने बेटे राहुल मुखर्जी से छिपाया। एजेंसी ने अदालत को यह भी सूचित किया कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर वह गौर कर रही है और जांच अब भी जारी है। अदालत ने 30 जनवरी तक पीटर की जमानत याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया। इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना की जमानत याचिका पर भी सीबीआई 30 जनवरी को जवाब दे सकती है। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि इंद्राणी की इस याचिका पर भी जवाब दे, जिसमें उसने सरकारी जेजे अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट मांगा है।टिप्पणियां अपने वकील कुशल मोर के माध्यम से दायर जमानत याचिका में पीटर ने कहा है कि सीबीआई उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई है, जबकि वह उसे 11 दिनों की हिरासत में रख चुकी है और उसका साइको एनालिसिस और पोलीग्राफ जांच भी करा चुकी है। पीटर ने इन आरोपों से भी इनकार किया है कि शीना के बारे में उसने अपने बेटे राहुल को गुमराह किया। जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि पीटर 23 अप्रैल से 26 अप्रैल 2012 तक ब्रिटेन में विधि (इंद्राणी और खन्ना की बेटी) के साथ था। पीटर ने कहा कि उसके और इंद्राणी के बीच महज फोन कॉल से साजिश होने का पता नहीं चलता है। एजेंसी ने पीटर मुखर्जी की जमानत याचिका पर जवाब देते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एचएस महाजन से कहा, इंद्राणी ने स्वीकार किया है कि उसने 24 अप्रैल, 2012 को शीना की हत्या के बारे में पीटर को बताया था। सीबीआई ने कहा, इंद्राणी ने पिछले वर्ष 15 दिसम्बर को सीबीआई के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते हुए यह स्वीकार किया है। एजेंसी ने पीटर की जमानत का विरोध किया, जिसे पिछले वर्ष नवम्बर में इस मामले में गिरफ्तार किया गया। हत्या की साजिश में शामिल होने के आधार पर पीटर को गिरफ्तार किया गया। पीटर पर यह भी आरोप है कि उसने अपने बेटे और शीना के मंगेतर से शीना के लापता होने की सूचना को छिपाया। सीबीआई ने कहा, पीटर मुख्य आरोपी और अपनी पत्नी इंद्राणी के संपर्क में शीना की हत्या के दिन से ही था और अगले दिन उसके शव को फेंके जाने तक उसके संपर्क में रहा। सीबीआई ने कहा, वह भी साजिश का हिस्सा था और इस तथ्य (शीना की हत्या) को अपने बेटे राहुल मुखर्जी से छिपाया। एजेंसी ने अदालत को यह भी सूचित किया कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर वह गौर कर रही है और जांच अब भी जारी है। अदालत ने 30 जनवरी तक पीटर की जमानत याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया। इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना की जमानत याचिका पर भी सीबीआई 30 जनवरी को जवाब दे सकती है। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि इंद्राणी की इस याचिका पर भी जवाब दे, जिसमें उसने सरकारी जेजे अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट मांगा है।टिप्पणियां अपने वकील कुशल मोर के माध्यम से दायर जमानत याचिका में पीटर ने कहा है कि सीबीआई उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई है, जबकि वह उसे 11 दिनों की हिरासत में रख चुकी है और उसका साइको एनालिसिस और पोलीग्राफ जांच भी करा चुकी है। पीटर ने इन आरोपों से भी इनकार किया है कि शीना के बारे में उसने अपने बेटे राहुल को गुमराह किया। जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि पीटर 23 अप्रैल से 26 अप्रैल 2012 तक ब्रिटेन में विधि (इंद्राणी और खन्ना की बेटी) के साथ था। पीटर ने कहा कि उसके और इंद्राणी के बीच महज फोन कॉल से साजिश होने का पता नहीं चलता है। एजेंसी ने पीटर की जमानत का विरोध किया, जिसे पिछले वर्ष नवम्बर में इस मामले में गिरफ्तार किया गया। हत्या की साजिश में शामिल होने के आधार पर पीटर को गिरफ्तार किया गया। पीटर पर यह भी आरोप है कि उसने अपने बेटे और शीना के मंगेतर से शीना के लापता होने की सूचना को छिपाया। सीबीआई ने कहा, पीटर मुख्य आरोपी और अपनी पत्नी इंद्राणी के संपर्क में शीना की हत्या के दिन से ही था और अगले दिन उसके शव को फेंके जाने तक उसके संपर्क में रहा। सीबीआई ने कहा, वह भी साजिश का हिस्सा था और इस तथ्य (शीना की हत्या) को अपने बेटे राहुल मुखर्जी से छिपाया। एजेंसी ने अदालत को यह भी सूचित किया कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर वह गौर कर रही है और जांच अब भी जारी है। अदालत ने 30 जनवरी तक पीटर की जमानत याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया। इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना की जमानत याचिका पर भी सीबीआई 30 जनवरी को जवाब दे सकती है। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि इंद्राणी की इस याचिका पर भी जवाब दे, जिसमें उसने सरकारी जेजे अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट मांगा है।टिप्पणियां अपने वकील कुशल मोर के माध्यम से दायर जमानत याचिका में पीटर ने कहा है कि सीबीआई उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई है, जबकि वह उसे 11 दिनों की हिरासत में रख चुकी है और उसका साइको एनालिसिस और पोलीग्राफ जांच भी करा चुकी है। पीटर ने इन आरोपों से भी इनकार किया है कि शीना के बारे में उसने अपने बेटे राहुल को गुमराह किया। जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि पीटर 23 अप्रैल से 26 अप्रैल 2012 तक ब्रिटेन में विधि (इंद्राणी और खन्ना की बेटी) के साथ था। पीटर ने कहा कि उसके और इंद्राणी के बीच महज फोन कॉल से साजिश होने का पता नहीं चलता है। सीबीआई ने कहा, पीटर मुख्य आरोपी और अपनी पत्नी इंद्राणी के संपर्क में शीना की हत्या के दिन से ही था और अगले दिन उसके शव को फेंके जाने तक उसके संपर्क में रहा। सीबीआई ने कहा, वह भी साजिश का हिस्सा था और इस तथ्य (शीना की हत्या) को अपने बेटे राहुल मुखर्जी से छिपाया। एजेंसी ने अदालत को यह भी सूचित किया कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर वह गौर कर रही है और जांच अब भी जारी है। अदालत ने 30 जनवरी तक पीटर की जमानत याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया। इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना की जमानत याचिका पर भी सीबीआई 30 जनवरी को जवाब दे सकती है। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि इंद्राणी की इस याचिका पर भी जवाब दे, जिसमें उसने सरकारी जेजे अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट मांगा है।टिप्पणियां अपने वकील कुशल मोर के माध्यम से दायर जमानत याचिका में पीटर ने कहा है कि सीबीआई उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई है, जबकि वह उसे 11 दिनों की हिरासत में रख चुकी है और उसका साइको एनालिसिस और पोलीग्राफ जांच भी करा चुकी है। पीटर ने इन आरोपों से भी इनकार किया है कि शीना के बारे में उसने अपने बेटे राहुल को गुमराह किया। जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि पीटर 23 अप्रैल से 26 अप्रैल 2012 तक ब्रिटेन में विधि (इंद्राणी और खन्ना की बेटी) के साथ था। पीटर ने कहा कि उसके और इंद्राणी के बीच महज फोन कॉल से साजिश होने का पता नहीं चलता है। इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना की जमानत याचिका पर भी सीबीआई 30 जनवरी को जवाब दे सकती है। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि इंद्राणी की इस याचिका पर भी जवाब दे, जिसमें उसने सरकारी जेजे अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट मांगा है।टिप्पणियां अपने वकील कुशल मोर के माध्यम से दायर जमानत याचिका में पीटर ने कहा है कि सीबीआई उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई है, जबकि वह उसे 11 दिनों की हिरासत में रख चुकी है और उसका साइको एनालिसिस और पोलीग्राफ जांच भी करा चुकी है। पीटर ने इन आरोपों से भी इनकार किया है कि शीना के बारे में उसने अपने बेटे राहुल को गुमराह किया। जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि पीटर 23 अप्रैल से 26 अप्रैल 2012 तक ब्रिटेन में विधि (इंद्राणी और खन्ना की बेटी) के साथ था। पीटर ने कहा कि उसके और इंद्राणी के बीच महज फोन कॉल से साजिश होने का पता नहीं चलता है। अपने वकील कुशल मोर के माध्यम से दायर जमानत याचिका में पीटर ने कहा है कि सीबीआई उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई है, जबकि वह उसे 11 दिनों की हिरासत में रख चुकी है और उसका साइको एनालिसिस और पोलीग्राफ जांच भी करा चुकी है। पीटर ने इन आरोपों से भी इनकार किया है कि शीना के बारे में उसने अपने बेटे राहुल को गुमराह किया। जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि पीटर 23 अप्रैल से 26 अप्रैल 2012 तक ब्रिटेन में विधि (इंद्राणी और खन्ना की बेटी) के साथ था। पीटर ने कहा कि उसके और इंद्राणी के बीच महज फोन कॉल से साजिश होने का पता नहीं चलता है। जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि पीटर 23 अप्रैल से 26 अप्रैल 2012 तक ब्रिटेन में विधि (इंद्राणी और खन्ना की बेटी) के साथ था। पीटर ने कहा कि उसके और इंद्राणी के बीच महज फोन कॉल से साजिश होने का पता नहीं चलता है।
हर साल मार्च-अप्रैल माह के खत्म होते ही अलग-अलग कॉलेजों, संस्थानों और विश्वविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया की शुरुआत होती है. 12वीं की परीक्षाएं देने वाले तमाम स्टूडेंट्स कॉलेज जाने की तैयारी में लग जाते हैं. जाहिर है कि इन कॉलेजों में दाखिले के लिए कई डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि इन कोर्सेस में दाखिले के लिए भारत के मुख्य शहरों में कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स रखने होंगे. दिल्ली में कॉलेज में एडमिशन ले रहे हैं तो... जन्म प्रमाण पत्र (ओरिजिनल + 2 अटेस्टेड फोटोकॉपी) 10वीं क्लास की मार्क शीट (ओरिजिनल + 3 अटेस्टेड फोटोकॉपी) 12वीं क्लास की मार्क शीट (ओरिजिनल + 3 अटेस्टेड फोटोकॉपी) चरित्र प्रमाण पत्र (6 माह से पुराना न हो) क्वालिफाइंग परीक्षा पास करने वाले संस्थान के हेड द्वारा या किसी गजेटेड ऑफिसर द्वारा सत्यापित (अटेस्टेड) व स्वहस्ताक्षरित (सेल्फ अटेस्टेड) ओबीसी (क्रीमी लेयर के अलावा) सर्टिफिकेट स्कूल/कॉलेज से ट्रांसफर सर्टिफिकेट और बोर्ड/विश्वविद्यालय से माइग्रेशन सर्टिफिकेट दो पासपोर्ट साइस स्वसत्यापित तस्वीरें लेटेस्ट आय प्रमाण पत्र (संबंधित अथॉरिटी द्वारा माता-पिता की आय पर बनाए गए आय प्रमाण पत्र). इसके अलावा अलग-अलग जाति समुदाय से जुड़े होने पर जाति प्रमाण पत्र मुंबई की तरफ एडमिशन ले रहे हैं तो... जन्म प्रमाण पत्र (ओरिजिनल + 2 अटेस्टेड फोटोकॉपी) 10वीं क्लास की मार्क शीट (ओरिजिनल + 3 अटेस्टेड फोटोकॉपी) 12वीं क्लास की मार्क शीट (ओरिजिनल + 3 अटेस्टेड फोटोकॉपी) स्कूल/कॉलेज लीविंग सर्टिफिकेट राशन कार्ड (ओरिजिनल + 2 अटेस्टेड फोटोकॉपी) पांच पासपोर्ट साइज तस्वीरें दो आईडी कार्ड साइज तस्वीरें पासपोर्ट की अटेस्टेड कॉपी (अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट्स के लिए) प्रोविजनल मार्क शीट (यदि आपके पास अब तक ओरिजिनल नहीं है) ट्रांसफर सर्टिफिकेट और पिछली मार्क शीट (उनके लिए जो डिग्री प्रोग्राम के पहले साल पूरे होने पर कॉलेज बदलना चाहते हैं) जाति प्रमाण पत्र (वे स्टूडेंट जो एससी/एसटी/ओबीसी कोटे के तहत अप्लाई कर रहे हैं) माइग्रेशन सर्टिफिकेट (दूसरे राज्यों के स्टू़डेंट्स के लिए) गैप सर्टिफिकेट ( स्टांप पेपर पर) ऐसे केस में जब पढ़ाई में गैप हुआ हो. नोट: अलग-अलग कॉलेजों में कई बार अलग-अलग जरूरतें भी होती हैं. ऐसे में संबंधित कॉलेज व कोर्स में अप्लाई करने से पहले वहां का प्रोस्पेक्टस अच्छी तरह देख लें.
दुर्जन साल मध्य काल में खुखरागढ़ के नागवंशी राजा थे। नागवंशी सिंहासन पर आसीन होने के तुरंत बाद, उन्होंने मुगलों से सारे सम्बन्ध तोड़ दीये। दुर्जन सल का स्वतंत्र रवैया और हिरा पाने कि सम्भावना में जहाँगीर ने दुर्जन साल के खिलाफ अभियान का आदेश देता है। दुर्जन साल को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उनसे हीरे ले लिए जाते। उनको ग्वालियर की जेल भेज दिया जाता है, वे 12 साल जेल में रहते हैं। असली हीरे की पहचान करने के अपने कौशल के कारण, जहाँगीर उनहें 1627 में रिहा कर देते हैं। लौटने के बाद वे अपनी राजधानी खुखरा से (नवरतनगड़)डोईसागड़ स्थानांतरित करते हैं। वहां वे किले का निर्माण कराते हैं, जिसे गुमला में नवरतनगड़ के नाम से भी जाना जाता है। सन्दर्भ झारखंड
यह एक लेख है: टेरेसा मे ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला, जिससे वह मार्गरेट थैचर के बाद प्रधानमंत्री बनने वाली दूसरी महिला हो गई हैं। टेरेसा ने ब्रेग्जिट के बाद दुनिया में ब्रिटेन के लिए 'साहसिक एवं नई सकारात्मक भूमिका' निभाने का संकल्प लिया है। बकिंघम पैलेस में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के साथ मुलाकात के बाद थेरेसा (59) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का प्रभार लिया। वह अपने पति फिलिप मे के साथ मीडिया को संबोधित करने डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचीं, जहां से उनके पूर्ववर्ती डेविड कैमरन सिर्फ एक घंटे पहले विदा हुए थे। प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा, 'डेविड कैमरन को मैं एक महान, आधुनिक प्रधानमंत्री मानती हूं... उन्होंने एक राष्ट्र की सरकार का नेतृत्व किया और उसी भावना से मैं नेतृत्व करने की योजना बना रही हूं।' उन्होंने यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए ब्रिटेन के जनमत संग्रह का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे समक्ष बड़े राष्ट्रीय बदलाव की चुनौती है... हम चुनौती का सामना करेंगे और साथ मिलकर बेहतर ब्रिटेन का निर्माण करेंगे।' उन्होंने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के बीच एकता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि वह ईयू से निकलने की चुनौती से निपटेंगी और 'दुनिया में ब्रिटेन के लिए साहसिक एवं नई सकारात्मक भूमिका तैयार करेंगी।' बेहद खरी बातें करने वाली इस नेता ने ऐसे वक्त में पद संभाला है, जब ब्रेग्जिट वोट के कारण प्रधानमंत्री पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर थीं। वह 1979 से 1990 तक इस पद पर रहीं। 'ब्रेग्जिट का अर्थ ब्रेग्जिट है' यह वादा करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी की 59-वर्षीय नेता के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम एक ऐसी टीम का गठन करना है, जो यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों पर बातचीत करने की चुनौती से निपट सके। थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।टिप्पणियां टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बकिंघम पैलेस में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के साथ मुलाकात के बाद थेरेसा (59) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का प्रभार लिया। वह अपने पति फिलिप मे के साथ मीडिया को संबोधित करने डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचीं, जहां से उनके पूर्ववर्ती डेविड कैमरन सिर्फ एक घंटे पहले विदा हुए थे। प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा, 'डेविड कैमरन को मैं एक महान, आधुनिक प्रधानमंत्री मानती हूं... उन्होंने एक राष्ट्र की सरकार का नेतृत्व किया और उसी भावना से मैं नेतृत्व करने की योजना बना रही हूं।' उन्होंने यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए ब्रिटेन के जनमत संग्रह का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे समक्ष बड़े राष्ट्रीय बदलाव की चुनौती है... हम चुनौती का सामना करेंगे और साथ मिलकर बेहतर ब्रिटेन का निर्माण करेंगे।' उन्होंने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के बीच एकता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि वह ईयू से निकलने की चुनौती से निपटेंगी और 'दुनिया में ब्रिटेन के लिए साहसिक एवं नई सकारात्मक भूमिका तैयार करेंगी।' बेहद खरी बातें करने वाली इस नेता ने ऐसे वक्त में पद संभाला है, जब ब्रेग्जिट वोट के कारण प्रधानमंत्री पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर थीं। वह 1979 से 1990 तक इस पद पर रहीं। 'ब्रेग्जिट का अर्थ ब्रेग्जिट है' यह वादा करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी की 59-वर्षीय नेता के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम एक ऐसी टीम का गठन करना है, जो यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों पर बातचीत करने की चुनौती से निपट सके। थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।टिप्पणियां टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा, 'डेविड कैमरन को मैं एक महान, आधुनिक प्रधानमंत्री मानती हूं... उन्होंने एक राष्ट्र की सरकार का नेतृत्व किया और उसी भावना से मैं नेतृत्व करने की योजना बना रही हूं।' उन्होंने यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए ब्रिटेन के जनमत संग्रह का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे समक्ष बड़े राष्ट्रीय बदलाव की चुनौती है... हम चुनौती का सामना करेंगे और साथ मिलकर बेहतर ब्रिटेन का निर्माण करेंगे।' उन्होंने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के बीच एकता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि वह ईयू से निकलने की चुनौती से निपटेंगी और 'दुनिया में ब्रिटेन के लिए साहसिक एवं नई सकारात्मक भूमिका तैयार करेंगी।' बेहद खरी बातें करने वाली इस नेता ने ऐसे वक्त में पद संभाला है, जब ब्रेग्जिट वोट के कारण प्रधानमंत्री पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर थीं। वह 1979 से 1990 तक इस पद पर रहीं। 'ब्रेग्जिट का अर्थ ब्रेग्जिट है' यह वादा करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी की 59-वर्षीय नेता के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम एक ऐसी टीम का गठन करना है, जो यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों पर बातचीत करने की चुनौती से निपट सके। थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।टिप्पणियां टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के बीच एकता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि वह ईयू से निकलने की चुनौती से निपटेंगी और 'दुनिया में ब्रिटेन के लिए साहसिक एवं नई सकारात्मक भूमिका तैयार करेंगी।' बेहद खरी बातें करने वाली इस नेता ने ऐसे वक्त में पद संभाला है, जब ब्रेग्जिट वोट के कारण प्रधानमंत्री पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर थीं। वह 1979 से 1990 तक इस पद पर रहीं। 'ब्रेग्जिट का अर्थ ब्रेग्जिट है' यह वादा करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी की 59-वर्षीय नेता के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम एक ऐसी टीम का गठन करना है, जो यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों पर बातचीत करने की चुनौती से निपट सके। थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।टिप्पणियां टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बेहद खरी बातें करने वाली इस नेता ने ऐसे वक्त में पद संभाला है, जब ब्रेग्जिट वोट के कारण प्रधानमंत्री पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर थीं। वह 1979 से 1990 तक इस पद पर रहीं। 'ब्रेग्जिट का अर्थ ब्रेग्जिट है' यह वादा करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी की 59-वर्षीय नेता के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम एक ऐसी टीम का गठन करना है, जो यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों पर बातचीत करने की चुनौती से निपट सके। थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।टिप्पणियां टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) 'ब्रेग्जिट का अर्थ ब्रेग्जिट है' यह वादा करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी की 59-वर्षीय नेता के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम एक ऐसी टीम का गठन करना है, जो यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों पर बातचीत करने की चुनौती से निपट सके। थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।टिप्पणियां टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।टिप्पणियां टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ये शायद अब तक का पहला ऐसा एनकाउंटर होगा जिसमें पुलिस और आतंकवादी दोनों तरफ सो गोलियां चलीं लेकिन तीन पुलिसवाले जख्मी चाकू से हुए. भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सिमी के आठ आतंकवादियों के एनकाउंटर से पहले और एनकाउंटर के बाद की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ गईं हैं जो सवाल खड़े कर ही हैं. एनकाउंटर से सिर्फ 15 मिनट पहले की तस्वीरों में ईंटखेड़ी की पहाड़ी पर खड़े पहले पांच और फिर छह वही आतंकवादी नजर आए जो भोपाल सेंट्रल जेल से भागे थे. पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर इन सभी को चारों तरफ से घेर लिया. पहाड़ी पर दूर खड़े सारे आतंकवादी बेहद इत्मीनान से खाली हाथ खड़े थे. उनके पास कोई हथियार नहीं थे. पुलिस को देखकर भी वो भाग नहीं बल्कि वहीं रहे. फिर 15 मिनट बाद आठों को ढेर कर दिया गया. एनकाउंटर पर पुलिस का बयान रात को सवा तीन बजे जेल के अंदर जेल प्रशासन को खबर मिली कि सिमी से जुड़े आठ आतंकवादी जेल से भाग निकले हैं. भागने से पहले एक हेड कांस्टेबल का गला भी काट डाला. भोपाल लोकल पुलिस, सीटीजी और एसटीएफ की टीमें ठीक इसी जगह उन आठों आतंकवादियों को ढेर कर देती हैं जो आठ घंटे पहले ही जेल तोड़कर भागे थे. इस एनकाउंटर के बाद भोपाल पुलिस एक चौंकाने वाला बयान दिया. बकौल पुलिस आठों आतंकवादी आत्मरक्षा के दौरान मारे गए. क्योंकि पुलिस टीम को देखते ही उन्होंने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं. हथियार का मामला गंभीर अब सवाल ये है कि जेल से भागे आठ आतंकवादी एनकाउंटर में मारे गए. फिर जेल से बाहर निकलते ही अगले आठ घंटे के दौरान उनके पास हथियार कहां से आ गए? क्या हथियारों का इंतजाम उन्होंने पहले से कर रखा था? हथियार वो जेल से ही लेकर आए थे? क्योंकि अगर जेल में ही उनके पास हथियार होते तो वो हेड कांस्टेबल का गला काटने के लिए स्टील की प्लेट या गिलास काटकर धारधार हथियार नहीं बनाते. यानी साफ है कि अगर उनके पास हथियार था तो वो उन्हें जेल के बाहर मिला. लेकिन हथियार उन्हें जेल से बाहर आते ही किसने दिया? ईंटखेड़ी में जिस पहाड़ी के करीब ये एनकाउंटर हुआ वहां से आगे कोई रास्ता ही नहीं जाता. यहां से सिर्फ आप कूदकर ही नीचे जा सकते हैं और पहाड़ी से कूदने का मतलब सीधे मौत है. अब सवाल ये है कि जेल से भगने के बाद शहर छोड़ने की बजाए आठों आतंकवादी एक डेड एंड जगह पर रुककर पुलिस का इंतजार क्यों कर रहे थे? आठों आतंकी अलग-अलग बैरकों में बंद थे बैन संगठन सिमी यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया की छात्र इकाई से जुड़े यही वो आठों आतंकवादी हैं जो पुलिस एनकाउंटर में मारे गए. इन आठों पर देश के कई शहरों में बम धमाकों और दूसरे संगीन इल्जाम थे. मामला अभी अदालत में चल रहा है. लिहाजा आठों अंडरट्रायल यानी विचाराधीन कैदी के तौर पर हाई सिक्यूरिटी वाली भोपाल सेंट्रल जेल में बंद थे.जेल के अंदर आठों एक साथ नहीं थे. बल्कि इन्हें अलग-अलग बैरकों में रखा गया था. जेल प्रशासन के मुताबिक ये आठों दीवाली वाली रात करीब 12 बजे से दो बजे के दरम्यान जेल से भागेथे. कंबल और चादर की रस्सी बनाकर फांदी दीवार जेल प्रशासन का कहना है कि आठों ने जेल से भागने के लिए जेल की बीस फीट ऊंची दीवार को कंबल और चादर की रस्सी बना कर पार किया. भागने के दौरान उन्होंने एक हेड कांस्टेबल की गला रेत क हत्या कर दी. सवाल ये कि बीस फीट ऊंची दीवार को कंबल और चादर की रस्सी बनाकर दूसरे सिरे पर उसे कैसे अटकाया होगा. भोपाल सेंट्रल जेल से जो आठ आतंकवादी भागे और फिर एनकाउंटर में मरे गए उनमें से तीन 2013 में मध्य प्रदेश के ही खंडवा जेल से भी फरार हो चुके थे. हालांकि तब 12 घंटे के अंदर उन्हें दोबारा पकड़ लिया गया था. उसी हादसे के बाद से सिमी से जुड़े ज्यादातर आतंकवादियों को भोपाल सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया था.
हम उन्हें प्यार करते हैं. फिर नफरत करते हैं. और फिर प्यार करने लगते हैं. सबसे लोकप्रि‍य और सबसे ज्यादा चर्चित भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं ही ऐसे. टीम की हार हो या जीत, धोनी शांत ही रहते हैं. तभी तो कहलाते हैं कैप्टन कूल. सिर्फ इतना ही नहीं और भी कई बातें हैं, जो उन्हें एक अलग ही लीग में रखती हैं. पेश हैं धोनी के जन्‍मदिन पर कुछ दिलचस्‍प बातें. 10. सबसे ज्यादा व्यक्तिगत आयकर चुकाने वालों में से एक: पिछले दो वर्षों से झारखंड राज्य के वे सबसे बड़े आयकरदाता हैं और देश के प्रमुख लोगों में से एक. 2013 में उन्होंने 12 करोड़ रुपए आयकर के रूप में चुकाए. छह करोड़ सितंबर में और छह करोड़ दिसंबर में. 9. दूसरे सबसे बड़े ब्रांड एम्बेसेडर: वे इस समय 20 बड़े ब्रांड का विज्ञापन कर रहे हैं. इसमें रीबॉक, पेप्सी के प्रॉडक्ट शामिल हैं. वे शाहरुख खान के बाद सबसे ज्यादा विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटी हैं. शाहरुख के पास 21 ब्रांड हैं. 8. दुनिया में सबसे ज्यादा पैसा पाने वाले क्रिकेटर: 2012 में फोर्ब्स पत्रिका ने धोनी को सबसे अमीर क्रिकेटर बताया. रईसी के मामले में वे दुनिया के टॉप 100 एथलीट में से 31वें स्थान पर थे. इंग्लैंड के फुटबॉलर रूनी, एथलीट उसैन बोल्ट, टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच से कहीं आगे. इस सूची में सचिन का स्थान 78वां था. 2013 में इसी पत्रिका ने धोनी को इस सूची में 16वां स्थान दिया. उनकी सालाना कमाई 190 करोड़ रुपए बताई गई. 7. बाईक, एसयूवी और कुत्तों के जबरदस्त फैन : धोनी के पास 23 बाइक्स हैं. हार्ले डेविडसन से लेकर डुकाटी तक. इस कलेक्शन में सबसे ताजा है कॉन्फेडरेट एक्स132 हेलकैट बाइक. ये बाइक पूरे दक्षिण-पूर्वी एशिया में अकेले उन्हीं के पास है. कारों में उनके पास हमर एच2, ऑडी क्यू7 हैं. वे सिर्फ इनका कलेक्शन ही नहीं करते, रांची में अक्सर उन्हें इसकी सवारी करते देखा जा सकता है. सिर्फ गाड़ियां ही उनकी पसंदीदा नहीं, उनके दो पालतू कुत्ते लैब्रेडोर 'जारा' और एल्शेशियन 'सैम' के फोटो वे कई बार ट्वीट कर चुके हैं. 6. लव-मैरिज: अपनी बचपन की दोस्त साक्षी के साथ. दोनों रांची के डीएवी स्कूल में पढ़ा करते थे. दो साल के अफेयर के बाद उन्होंने 2010 में अपने एक दोस्त के देहरादून स्थित फार्म हाउस पर सगाई और फिर अगले ही दिन शादी की. अचानक हुई इस शादी से उनके फैन चौंक गए थे. 5. हेलिकॉप्टर शॉट: ये शॉट धोनी के ही नाम है. उन्होंने ही इसे इजाद किया. पैर के पास गिरती बॉल पर वे जबरदस्त प्रहार करते हैं, अपने बल्ले को हेलिकॉप्टर के पंखें की तरह घुमाकर. वे बताते हैं कि वे इस शॉट को अपने क्रिकेट के शुरुआती दौर से खेलते आ रहे हैं. हालांकि वे कहते हैं कि यह शॉट जितना आसान दिखता है, उतना है नहीं. जरा भी चूक होने पर पैर या पंजा चोट खा सकता है. 4. लंबे बाल छोटे क्यों किए? ये सभी जानते हैं कि कभी धोनी के बाल काफी बड़े हुआ करते थे, लेकिन उन्होंने उसे कटवा लिया. हालांकि ऐसा न करने की गुजारिश पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने खुले तौर पर की थी. धोनी ने इस बारे में एक बार कहा था कि उन्होंने ऐसा बॉलीवुड स्टार जॉन अब्राहम की तरह दिखने के लिए किया. बाद में उन्होंने बताया कि ऐसा उन्होंने पत्नी साक्षी के कहने पर किया. 3. सर्वकालिक सफल भारतीय कप्तान: उन्होंने अपने क्रिकेट करिअर में कई रिकॉर्ड तोड़े. वे 22 टेस्ट जीतकर सौरव गांगुली से ऊपर भारत के सबसे सफल कप्तान कहलाए. सौरव ने भी उन्हें भारत का सबसे सफल कप्तान बताया. वे एकदिवसीय मैचों के मामले में भारत के सबसे सफल कप्तान हैं. 2. क्रिकेट में ज्यादा रुचि नहीं: शुरुआत में धोनी क्रिकेट को लेकर ज्यादा सीरियस नहीं थे. उनका मन बैडमिंटन और फुटबॉल में ज्यादा लगता था. वे इन खेलों की क्लब और जिलास्तरीय टीम में सेलेक्ट भी हुए. वे गोलकीपिंग किया करते थे. उन्हें उनके कोच ने एक मैच में क्रिकेट खेलने के लिए भेज दिया, जबकि वे इस खेल के बारे में कुछ जानते भी नहीं थे. लेकिन उनकी विकेट कीपिंग ने कई लोगों को आकर्षित किया. 1. एक टिकट कलेक्टर की नौकरी: 1998 में धोनी बिहार की अंडर-19 क्रिकेट टीम का हिस्सा थे. उनकी टीम पंजाब के खिलाफ हार गई, लेकिन उनका प्रदर्शन सराहा गया. इसी के आधार पर उन्हें बिहार रणजी टीम में शामिल कर लिया गया. इसी दौरान उन्हें रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी मिली और खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर पोस्टिंग. परिवार की मदद के लिए उन्होंने 2001 से 2003 तक यह नौकरी की. 2003 और 2004 में उनकी अच्छी परफॉर्मेंस के चलते वे इंडिया-ए टीम में और उसके बाद इंडिया टीम में. आगे जो है, सब मिसाल है, सबकी जुबां पर.
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता एवं गांधीवादी विचारक अण्णा हजारे जन लोकपाल विधेयक लागू कराने एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन को साकार रूप देने की मुहिम वाराणसी से शुरू करेंगे। इसके लिए वह 29 अप्रैल को वाराणसी आएंगे। पूर्व केन्द्रीय सूचना आयुक्त ओम प्रकाश केजरीवाल ने पराड़कर स्मृति भवन में बुधवार को बताया कि हजारे अपने निकट सहयोगियों किरण बेदी स्वामी अग्निवेश व अरविंद केजरीवाल आदि के साथ 29 अप्रैल को अपराह्न वाराणसी पहुंचेंगे और नदेसर स्थित कटिंग मेमोरियल इंटर कालेज प्रांगण में शाम को एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे। केजरीवाल ने बताया कि यह सार्वजनिक सभा इंडिया अंगेस्ट करप्शन के बैनर तले आयोजित की जा रही है और इसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।
इतिहास के पन्‍नों में 30 मार्च के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुईं, जिनमें अमेरिका के राष्ट्रपति रीगन को गोली लगना और राजस्थान राज्य की स्थापना प्रमुख है. 1981 अमेरिका के राष्ट्रपति रीगन होटल के पास से गुजर रहे थे, उसी दौरान ताबड़तोड़ छह गोलियां चल गईं.<झ>1982 नासा के अंतरिक्ष यान कोलंबिया ने एसटीएस-3 मिशन पूरा कर पृथ्वी पर वापसी की. 1949 राजस्थान राज्य की स्थापना हुई और जयपुर को उसकी राजधानी बनाया गया. 1992 सत्यजित रे को मानद ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2002 प्रसिद्ध संगीतकार आनंद बख्शी का निधन. 2005 मशहूर कार्टूनिस्ट और लेखक ओ वी विजयन का निधन. 2006 ब्रिटेन में आतंकवाद निरोधक कानून प्रभाव में आया. 1949: राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को परंपरागत मंगोलियाई समारोह में हिस्सा लिया। इस समारोह का आयोजन प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में किया गया था। इस मौके पर मोदी परंपरागत मंगोलियाई परिधान पहने थे। उन्होंने मंगोलिया की सोला टोपी भी पहनी थी। मंगोलिया के प्रधानमंत्री चिमद सेखानबिलग के साथ समारोह में शिरकत करने वाले मोदी ने आत्मविश्वास के साथ तीरंदाजी में भी हाथ आजमाया। इस दौरान, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित सेखानबिलग और अन्य मोदी को ध्यान से देखते रहे और मुस्कराकर तालियां बजाई। इसके बाद सेखानबिलग ने भी तीरंदाजी में हाथ आजमाया। इस परंपरागत समारोह में खेले जाने वाले तीन खेलों में से एक तीरंदाजी भी है, जबकि दो अन्य खेल कुश्ती और घुड़सवारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'अभी पूरा नहीं हुआ है। मंगोलिया के प्रधानमंत्री सेखानबिलग ने भी निशाना लगाया।' मोदी और मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने उलान बटोर से 25 किलोमीटर दूर चिंगीसिन खुरे कैंप में कुश्ती, तीरंदाजी और घुड़सवारी के खेल देखे। सेखानबिलग ने मोदी को मंगोलियाई घोड़ा 'कंटक' भेंट में दिया। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, 'मंगोलिया की तरफ से एक भेंट, 'कंटक'।' इसके बाद मोदी और सेखानबिलग ने शिविर के मध्य में चर्चा की।टिप्पणियां स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेखानबिलग मिनी नादम समारोह के दौरान गहन चर्चा कर रहे हैं।' नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है। इस मौके पर मोदी परंपरागत मंगोलियाई परिधान पहने थे। उन्होंने मंगोलिया की सोला टोपी भी पहनी थी। मंगोलिया के प्रधानमंत्री चिमद सेखानबिलग के साथ समारोह में शिरकत करने वाले मोदी ने आत्मविश्वास के साथ तीरंदाजी में भी हाथ आजमाया। इस दौरान, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित सेखानबिलग और अन्य मोदी को ध्यान से देखते रहे और मुस्कराकर तालियां बजाई। इसके बाद सेखानबिलग ने भी तीरंदाजी में हाथ आजमाया। इस परंपरागत समारोह में खेले जाने वाले तीन खेलों में से एक तीरंदाजी भी है, जबकि दो अन्य खेल कुश्ती और घुड़सवारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'अभी पूरा नहीं हुआ है। मंगोलिया के प्रधानमंत्री सेखानबिलग ने भी निशाना लगाया।' मोदी और मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने उलान बटोर से 25 किलोमीटर दूर चिंगीसिन खुरे कैंप में कुश्ती, तीरंदाजी और घुड़सवारी के खेल देखे। सेखानबिलग ने मोदी को मंगोलियाई घोड़ा 'कंटक' भेंट में दिया। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, 'मंगोलिया की तरफ से एक भेंट, 'कंटक'।' इसके बाद मोदी और सेखानबिलग ने शिविर के मध्य में चर्चा की।टिप्पणियां स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेखानबिलग मिनी नादम समारोह के दौरान गहन चर्चा कर रहे हैं।' नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है। इस दौरान, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित सेखानबिलग और अन्य मोदी को ध्यान से देखते रहे और मुस्कराकर तालियां बजाई। इसके बाद सेखानबिलग ने भी तीरंदाजी में हाथ आजमाया। इस परंपरागत समारोह में खेले जाने वाले तीन खेलों में से एक तीरंदाजी भी है, जबकि दो अन्य खेल कुश्ती और घुड़सवारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'अभी पूरा नहीं हुआ है। मंगोलिया के प्रधानमंत्री सेखानबिलग ने भी निशाना लगाया।' मोदी और मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने उलान बटोर से 25 किलोमीटर दूर चिंगीसिन खुरे कैंप में कुश्ती, तीरंदाजी और घुड़सवारी के खेल देखे। सेखानबिलग ने मोदी को मंगोलियाई घोड़ा 'कंटक' भेंट में दिया। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, 'मंगोलिया की तरफ से एक भेंट, 'कंटक'।' इसके बाद मोदी और सेखानबिलग ने शिविर के मध्य में चर्चा की।टिप्पणियां स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेखानबिलग मिनी नादम समारोह के दौरान गहन चर्चा कर रहे हैं।' नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है। इस परंपरागत समारोह में खेले जाने वाले तीन खेलों में से एक तीरंदाजी भी है, जबकि दो अन्य खेल कुश्ती और घुड़सवारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'अभी पूरा नहीं हुआ है। मंगोलिया के प्रधानमंत्री सेखानबिलग ने भी निशाना लगाया।' मोदी और मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने उलान बटोर से 25 किलोमीटर दूर चिंगीसिन खुरे कैंप में कुश्ती, तीरंदाजी और घुड़सवारी के खेल देखे। सेखानबिलग ने मोदी को मंगोलियाई घोड़ा 'कंटक' भेंट में दिया। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, 'मंगोलिया की तरफ से एक भेंट, 'कंटक'।' इसके बाद मोदी और सेखानबिलग ने शिविर के मध्य में चर्चा की।टिप्पणियां स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेखानबिलग मिनी नादम समारोह के दौरान गहन चर्चा कर रहे हैं।' नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'अभी पूरा नहीं हुआ है। मंगोलिया के प्रधानमंत्री सेखानबिलग ने भी निशाना लगाया।' मोदी और मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने उलान बटोर से 25 किलोमीटर दूर चिंगीसिन खुरे कैंप में कुश्ती, तीरंदाजी और घुड़सवारी के खेल देखे। सेखानबिलग ने मोदी को मंगोलियाई घोड़ा 'कंटक' भेंट में दिया। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, 'मंगोलिया की तरफ से एक भेंट, 'कंटक'।' इसके बाद मोदी और सेखानबिलग ने शिविर के मध्य में चर्चा की।टिप्पणियां स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेखानबिलग मिनी नादम समारोह के दौरान गहन चर्चा कर रहे हैं।' नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है। मोदी और मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने उलान बटोर से 25 किलोमीटर दूर चिंगीसिन खुरे कैंप में कुश्ती, तीरंदाजी और घुड़सवारी के खेल देखे। सेखानबिलग ने मोदी को मंगोलियाई घोड़ा 'कंटक' भेंट में दिया। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, 'मंगोलिया की तरफ से एक भेंट, 'कंटक'।' इसके बाद मोदी और सेखानबिलग ने शिविर के मध्य में चर्चा की।टिप्पणियां स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेखानबिलग मिनी नादम समारोह के दौरान गहन चर्चा कर रहे हैं।' नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है। सेखानबिलग ने मोदी को मंगोलियाई घोड़ा 'कंटक' भेंट में दिया। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, 'मंगोलिया की तरफ से एक भेंट, 'कंटक'।' इसके बाद मोदी और सेखानबिलग ने शिविर के मध्य में चर्चा की।टिप्पणियां स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेखानबिलग मिनी नादम समारोह के दौरान गहन चर्चा कर रहे हैं।' नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है। स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और सेखानबिलग मिनी नादम समारोह के दौरान गहन चर्चा कर रहे हैं।' नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है। नादम मंगोलिया का सबसे बड़ा समारोह है और इसका आयोजन हर साल गर्मी के मध्य में किया जाता है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की है।
इस्लामी साहित्य इस्लाम के दृष्टिकोण से अथवा इस्लामी परिप्रेक्ष्यों के बारे में लिखा गया साहित्य है। यह किसी भी भाषा में लिखा गया हो सकता है। सुरुआती अध्ययनों में अरबी और फ़ारसी में इस्लाम के बारे में लिखा गया साहित्य ही इस्लामी साहित्य माना जाता था, बाद में इसे विस्तृत अवधारणा के रूप में देखा गया और गैर-मुस्लिम लेखकों द्वारा लिखा गया साहित्य भी इसमें शामिल किया जाता है। इसके लिए एक शब्द "अदब" भी है, हालाँकि अब इस शब्द का प्रयोग "साहित्य" के लिए होने लगा है। हाल में इस्लामी साहित्य के उपन्यासीकरण (अन्य माध्यमों में उपलब्ध सामग्री का उपन्यासों द्वारा प्रस्तुतीकरण) पर भी अध्ययन हुए हैं। और राष्ट्रवाद जैसी राजनीतिक अवधारणाओं के साथ संगतता के बिन्दुओं पर भी अध्ययन हुआ है। सन्दर्भ और पढ़ने हेतु: बाहरी कड़ियाँ एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित इस्लामी साहित्य (कैटलॉग श्रेणी) ब्रिटैनिका एनसाइक्लोपीडिया पर इस्लामी साहित श्रेणी साहित्य साहित्य
डीयू की दाखिला कमेटी ने 12वीं की स्ट्रीम बदलकर अन्य स्ट्रीम की सीट देने का नियम लागू किया है. इस नए नियम के तहत अगर छात्र 12वीं में पढ़ी स्ट्रीम बदलकर बीए या बीकॉम प्रोग्राम की सीट पाना चाहता है तो उसे सीट तो मिल जाएगी. लेकिन बेस्ट फोर के पांच फीसदी तक अंक कम हो जाएंगे. कटऑफ के बाद कॉलेज अपने स्तर पर छात्रों के बेस्ट फोर के नंबरों की गिनती करेंगे. ये कॉलेजों पर निर्भर होगा कि वे इस व्यवस्था में पांच फीसदी कटौती का नियम लागू करते हैं या दो फीसदी या तीन फीसदी का. इस बाबत निर्णय लेने के लिए कॉलेज स्वतंत्र होंगे. यह नियम सिर्फ बीए और बीकॉम प्रोग्राम के दाखिले के लिए है. ऑनर्स में दाखिले का नियम इसके तहत यदि कोई छात्र ऐसे विषय में ऑनर्स (स्नातक) कोर्स पढ़ना चाहता है जो विषय उसने 12वीं में नहीं पढ़ा है तो उसके 12वीं के अंकों में 2.5 फीसदी अंक कम हो जाएंगे. साइंस का छात्र बीए राजनीति विज्ञान ऑनर्स में दाखिला ले सकता है. अंक कम हो जाएंगे.  ध्यान रहे कि ऑनर्स के इस नियम में स्ट्रीम के भीतर या स्ट्रीम के बाहर जाकर कोर्स का चुनाव किया जा सकता है.
दो सप्ताह पहले दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई युवती की सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो जाने से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में भी शोक छा गया. यहां के दर्जनों संगठनों ने 'दामिनी' की मौत पर नए साल का जश्न नहीं मनाने का निर्णय लिया है. रविवार को कई दर्जन छात्राएं व महिलाएं भीषण ठंड में जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचीं. उन्होंने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. बैनर पर लिखा था- 'हम जुल्म की शिकार हैं शिकारी यह समाज है'. प्रदर्शन में युग्मा ग्राम विकास समिति सहित कई संगठन भी शामिल हुए. इन संगठनों ने नए साल पर कोई कार्यक्रम न करने का निर्णय लिया. प्रदर्शनकारी युवतियों ने कहा कि जो घटना राजधानी दिल्ली में हुई है उस तरह की घटना देश, प्रदेश व जनपद में न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएं. छात्राओं ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में महिलाओं व छात्राओं को उचित सुरक्षा देने, नगर में रात के समय पुलिस गश्त बढ़ाने तथा महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करने की मांग की. प्रदर्शन में शामिल पूजा, ममता, काजल, शहजादी खान, शकुंतला, सोमकली, रेखा रानी, बलबीरी, फूलमती, कमलेश व सत्यवीरी ने ज्ञापन में दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग भी की. उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि महिलाओं के प्रति पुलिस का रवैया सकारात्मक होना चाहिए. यहां के शिवचौक के समीप स्थित तुलसी पार्क में शक्ति दल व युग्मा ग्राम विकास समिति सहित विभिन्न संगठनों की ओर से 'दामिनी' की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ किया गया.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: देश में फिलहाल एड्स के महज दो प्रतिशत मामले पुरुषों के बीच असुरक्षित यौन संबंधों के चलते सामने आते हैं लेकिन समाज की परंपरागत यौन अभिरुचियों में हो रहे बदलाव के मद्देनजर जानकारों ने चेताया है कि एड्स के फैलाव को बढ़ने से रोकने के लिए समलैंगिक समुदाय को अधिक जागरूक बनाने की जरूरत है. इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर मनोहर भंडारी ने आज ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘यह वैज्ञानिक तौर पर स्थापित तथ्य है कि कंडोम पहने बिना समलैंगिक संबंध बनाने वाले पुरुषों में एड्स का खतरा कहीं ज्यादा होता है. समाज में समलैंगिक रुझान में इजाफे के चलते एड्स का खतरा भी बढ़ सकता है. लिहाजा खासकर पुरुष समलैंगिकों में एड्स के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि इस रोग के फैलाव को रोका जा सके.’ एड्स विषय के 61 वर्षीय अध्येता ने कहा, ‘दो पुरुषों के बीच यौन क्रिया के वक्त संकरे गुदा द्वार या मल मार्ग को पहुंचने वाली चोट उनमें एड्स संक्रमण के खतरे को कई गुना बढ़ा सकती है.’ उधर, समलैंगिक, उभयलिंगी और किन्नर (एलजीबीटी) समुदाय के अधिकारों के लिए सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और किन्नर अखाड़े के प्रमुख लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि असुरक्षित यौन संबंधों के चलते एड्स के फैलाव को लेकर केवल इस तबके पर उंगली नहीं उठाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में एलजीबीटी समुदाय को कई भेदभावों का सामना करना पड़ता है. लेकिन एचआईवी संक्रमण किसी भी लैंगिक रुझान वाले व्यक्तियों से भेदभाव नहीं करता. जो भी व्यक्ति असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाएगा, उसे एड्स का खतरा होगा. यहां इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह पुरुष है या महिला, समलैंगिक है या उभयलिंगी अथवा किन्नर.’ मिजोरम में 1990 से अब तक एचआईवी एड्स से 1,300 लोगों की मौतटिप्पणियां ‘इंडिया एचआईवी एस्टिमेशन 2015 रिपोर्ट’ में जताए अनुमान के मुताबिक देश में 21.17 लाख लोग एड्स के साथ जी रहे हैं. इन मरीजों में करीब 59 प्रतिशत पुरुष हैं. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) की रणनीतिक सूचना प्रबंधन प्रणाली (एसआईएमएस) के वर्ष 2015.16 के आंकड़े बताते हैं कि देश में विपरीत लिंग वाले व्यक्तियों के असुरक्षित यौन संबंधों के चलते एड्स के 87 प्रतिशत मामले सामने आए, जबकि पुरुषों के बीच असुरक्षित सेक्स इस बीमारी के दो प्रतिशत संक्रमण के लिए जिम्मेदार साबित हुआ.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर मनोहर भंडारी ने आज ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘यह वैज्ञानिक तौर पर स्थापित तथ्य है कि कंडोम पहने बिना समलैंगिक संबंध बनाने वाले पुरुषों में एड्स का खतरा कहीं ज्यादा होता है. समाज में समलैंगिक रुझान में इजाफे के चलते एड्स का खतरा भी बढ़ सकता है. लिहाजा खासकर पुरुष समलैंगिकों में एड्स के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि इस रोग के फैलाव को रोका जा सके.’ एड्स विषय के 61 वर्षीय अध्येता ने कहा, ‘दो पुरुषों के बीच यौन क्रिया के वक्त संकरे गुदा द्वार या मल मार्ग को पहुंचने वाली चोट उनमें एड्स संक्रमण के खतरे को कई गुना बढ़ा सकती है.’ उधर, समलैंगिक, उभयलिंगी और किन्नर (एलजीबीटी) समुदाय के अधिकारों के लिए सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और किन्नर अखाड़े के प्रमुख लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि असुरक्षित यौन संबंधों के चलते एड्स के फैलाव को लेकर केवल इस तबके पर उंगली नहीं उठाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में एलजीबीटी समुदाय को कई भेदभावों का सामना करना पड़ता है. लेकिन एचआईवी संक्रमण किसी भी लैंगिक रुझान वाले व्यक्तियों से भेदभाव नहीं करता. जो भी व्यक्ति असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाएगा, उसे एड्स का खतरा होगा. यहां इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह पुरुष है या महिला, समलैंगिक है या उभयलिंगी अथवा किन्नर.’ मिजोरम में 1990 से अब तक एचआईवी एड्स से 1,300 लोगों की मौतटिप्पणियां ‘इंडिया एचआईवी एस्टिमेशन 2015 रिपोर्ट’ में जताए अनुमान के मुताबिक देश में 21.17 लाख लोग एड्स के साथ जी रहे हैं. इन मरीजों में करीब 59 प्रतिशत पुरुष हैं. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) की रणनीतिक सूचना प्रबंधन प्रणाली (एसआईएमएस) के वर्ष 2015.16 के आंकड़े बताते हैं कि देश में विपरीत लिंग वाले व्यक्तियों के असुरक्षित यौन संबंधों के चलते एड्स के 87 प्रतिशत मामले सामने आए, जबकि पुरुषों के बीच असुरक्षित सेक्स इस बीमारी के दो प्रतिशत संक्रमण के लिए जिम्मेदार साबित हुआ.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उधर, समलैंगिक, उभयलिंगी और किन्नर (एलजीबीटी) समुदाय के अधिकारों के लिए सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और किन्नर अखाड़े के प्रमुख लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि असुरक्षित यौन संबंधों के चलते एड्स के फैलाव को लेकर केवल इस तबके पर उंगली नहीं उठाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में एलजीबीटी समुदाय को कई भेदभावों का सामना करना पड़ता है. लेकिन एचआईवी संक्रमण किसी भी लैंगिक रुझान वाले व्यक्तियों से भेदभाव नहीं करता. जो भी व्यक्ति असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाएगा, उसे एड्स का खतरा होगा. यहां इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह पुरुष है या महिला, समलैंगिक है या उभयलिंगी अथवा किन्नर.’ मिजोरम में 1990 से अब तक एचआईवी एड्स से 1,300 लोगों की मौतटिप्पणियां ‘इंडिया एचआईवी एस्टिमेशन 2015 रिपोर्ट’ में जताए अनुमान के मुताबिक देश में 21.17 लाख लोग एड्स के साथ जी रहे हैं. इन मरीजों में करीब 59 प्रतिशत पुरुष हैं. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) की रणनीतिक सूचना प्रबंधन प्रणाली (एसआईएमएस) के वर्ष 2015.16 के आंकड़े बताते हैं कि देश में विपरीत लिंग वाले व्यक्तियों के असुरक्षित यौन संबंधों के चलते एड्स के 87 प्रतिशत मामले सामने आए, जबकि पुरुषों के बीच असुरक्षित सेक्स इस बीमारी के दो प्रतिशत संक्रमण के लिए जिम्मेदार साबित हुआ.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मिजोरम में 1990 से अब तक एचआईवी एड्स से 1,300 लोगों की मौतटिप्पणियां ‘इंडिया एचआईवी एस्टिमेशन 2015 रिपोर्ट’ में जताए अनुमान के मुताबिक देश में 21.17 लाख लोग एड्स के साथ जी रहे हैं. इन मरीजों में करीब 59 प्रतिशत पुरुष हैं. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) की रणनीतिक सूचना प्रबंधन प्रणाली (एसआईएमएस) के वर्ष 2015.16 के आंकड़े बताते हैं कि देश में विपरीत लिंग वाले व्यक्तियों के असुरक्षित यौन संबंधों के चलते एड्स के 87 प्रतिशत मामले सामने आए, जबकि पुरुषों के बीच असुरक्षित सेक्स इस बीमारी के दो प्रतिशत संक्रमण के लिए जिम्मेदार साबित हुआ.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ‘इंडिया एचआईवी एस्टिमेशन 2015 रिपोर्ट’ में जताए अनुमान के मुताबिक देश में 21.17 लाख लोग एड्स के साथ जी रहे हैं. इन मरीजों में करीब 59 प्रतिशत पुरुष हैं. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) की रणनीतिक सूचना प्रबंधन प्रणाली (एसआईएमएस) के वर्ष 2015.16 के आंकड़े बताते हैं कि देश में विपरीत लिंग वाले व्यक्तियों के असुरक्षित यौन संबंधों के चलते एड्स के 87 प्रतिशत मामले सामने आए, जबकि पुरुषों के बीच असुरक्षित सेक्स इस बीमारी के दो प्रतिशत संक्रमण के लिए जिम्मेदार साबित हुआ.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महाप्रास्थानिक पर्व में कोई उपपर्व नहीं और मात्र ३ अध्याय हैं। बाहरी कडियाँ वेद-पुराण - यहाँ चारों वेद एवं दस से अधिक पुराण हिन्दी अर्थ सहित उपलब्ध हैं। पुराणों को यहाँ सुना भी जा सकता है। महर्षि प्रबंधन विश्वविद्यालय-यहाँ सम्पूर्ण वैदिक साहित्य संस्कृत में उपलब्ध है। ज्ञानामृतम् - वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदि पर सम्यक जानकारी वेद एवं वेदांग - आर्य समाज, जामनगर के जालघर पर सभी वेद एवं उनके भाष्य दिये हुए हैं। जिनका उदेश्य है - वेद प्रचार वेद-विद्या_डॉट_कॉम १७
हाल ही में, वियतनाम ने अपने तट के निकट के क्षेत्र में स्पेन के रेपसोल द्वारा संचालित तेल की अन्वेषण परियोजना निलंबित कर दी थी. इस इलाके पर चीन अपना दावा करता है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्ली में शनिवार को आयोजित इंडिया टुडे के माइंड रॉक्स इवेंट में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी की राजनीति को सांप्रदायिक बताया. उन्होंने बीजेपी नेताओं के इस बयान पर जवाब दिया जिसमें कहा गया था कि पिछली सपा सरकार में मुआवजे सिर्फ मुस्लिमों को ही मिलते थे. अखिलेश यादव ने कहा, 'मैंने कहा कि यूपी का चुनाव सांप्रदायिकता के साथ लड़ा गया था. बीजेपी के नेताओं ने कहा था कि हिंदुओं की मौत पर कुछ नहीं होता है, मुस्लिमों की मौत पर 50 लाख की मदद की जाती है.' सपा पर जातिवादी पार्टी होने के आरोप लगते रहे हैं. बीजेपी अक्सर इस मुद्दे पर सपा को घेरती रही है. इस आरोप के जवाब में अखिलेश ने कहा, 2019 में ऐसा नहीं होगा. अब हमने उनका फॉर्मूला उन्हीं पर लगा दिया है. अब वो नहीं जीत पाएंगे, इसलिए हार रहे हैं. अगर हम गठजोड़ करें तो कहा जाता है कि जातिवादी लोग हैं, बीजेपी करे तो उसे सोशल इंजीनियरिंग कहा जाता है. इस सोशल इंजीनियरिंग की हिंदी क्या होती है. बीजेपी के लोग मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, हम उन्हें मुद्दों से नहीं भटकने देना चाहते हैं. यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में सपा की हार हुई थी. उस चुनाव में कांग्रेस और सपा का गठबंधन था. गठबंधन के लिए राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों ने गंभीरता से कदम बढ़ाए थे. हालांकि दोनों पार्टियों को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. भावी चुनावों में क्या दोनों पार्टियां फिर एकसाथ आएंगी? इसके जवाब में अखिलेश ने कहा कि राहुल जी से हमारी अच्छी दोस्ती थी. मैं उस चुनाव (असेंबली चुनाव) की बात कर रहा हूं. तब बीजेपी के लोग घबरा गए थे. मैं उस तरह का नौजवान हूं कि एक बार दोस्ती कर लेता हूं तो फिर कभी नहीं छोड़ता हूं.
बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान 50 साल के हो गए हैं। इस 50वीं सालगिरह को ख़ास तरीके से मनाया जा रहा है। आमिर की पत्नी किरण इस जन्मदिन को तीन दिनों तक सेलीब्रेट कर रही हैं, जिसमें उनके ख़ास और करीबी लोग शामिल होंगे। आमिर का आज यानी 14 मार्च को जन्म दिन है, मगर उनके 50वें जन्मदिन मानाने की शुरुआत एक दिन पहले ही हो गई क्योंकि आमिर को मुम्बई से बाहर जाना था। आमिर ने जन्मदिन से एक दिन पहले मीडिया के साथ जश्न मनाया। केक काटा, फोटो खिंचवाए और सबका शुक्रिया अदा करते हुवे कहा कि आप सब मेरे जन्म दिन को ख़ास बनाते हैं और मुझे कुछ स्पेशल होने का अहसास दिलाते हैं। इसके लिए आप सबका दिल से शुक्रिया। आमिर ने अपने लंबे फिल्मी सफ़र को याद किया और कहा कि सफ़र आसान नहीं रहा, लेकिन खुशकिस्मत हूं कि जो करना चाहता था वही किया और सबकी दुआओं का नतीजा है कि कामयाबी मिली। इसके लिए कड़ी मेहनत भी की। मीडिया के साथ जन्मदिन मनाने के बाद आमिर मुम्बई से निकालकर पुणे के लिए निकल पड़े जहां उनकी पत्नी ने जन्मदिन की पार्टी का आयोजन किया है। आमिर ने बताया कि किरण ने कुछ सरप्राइज पार्टी का आयोजन किया है। ख़बरों के अनुसार, किरण ने मुम्बई से सटे लोनावला में एक रिसॉर्ट बुक किया है, जहां तीन दिन का जश्न होना है। यहां करीबी रिश्तेदार और ख़ास लीगों को दावत दी गई है। ज़ाहिर है आमिर 50 के हुए हैं इसलिए यह ख़ास जन्मदिन ख़ास तरीके से मनाया जाना ही था, क्योंकि अब ऐसे जन्म दिन कुछ अलग तरीकों से मनाये जाते हैं। 70वें जन्मदिन पर अमिताभ बच्चन ने पूरे बॉलीवुड को दावत दी थी और बहुत बड़ा जश्न मना था। करण जोहर ने अपने 40वें जन्मदिन को भी कुछ ऐसे ही मनाया था और करीब-करीब पूरा बॉलीवुड इस जश्न में शरीक हुआ था। अब बारी आमिर की...
करीना कपूर खान का प्रेग्नेंसी सुक सबको बहुत पसंद आ रहा है. ब्रेग्नेंट होने पर जहां औरतें खुद को मोटी समझने लगती हैं और बाहर जाने में झिझकती हैं, वहीं करीना प्रेंग्नेंसी में अपने बेबी बंप को और स्टाइल से दिखा रही हैं. बेबो भले ही उनकी प्रेग्नेंसी को बड़ा मुद्दा बनाने के लिए मीडिया से नाराज हों लेकिन वो अपनी प्रेग्नेंसी का मजा पूरा ले रही हैं और आए दिन वो अपनी गर्ल गैंग के साथ दिख जाती हैं. हाल ही में करीना को करिश्मा कपूर और अपनी बेस्ट-फ्रेंड अमृता अरोड़ा के साथ बांद्रा में देखा गया. करीना ने लॉन्ग ड्रेस पहना था और तीनों ने अपने शेड्स के साथ परफेक्ट पोज दिया. करीना ही नहीं करिश्मा और अमृता भी काफी अच्छी लग रही थीं. बता दें, करीना दिसंबर में अपने पहले बच्चे को जन्म देंगी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व नेहरू-गांधी परिवार के किसी अहम सदस्य के पास होना पार्टी के लिए महत्वूपर्ण है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पार्टी सोनिया गांधी के कमान संभालने पर शीघ्र ही अपना रुतबा फिर हासिल करेगी. उन्होंने एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘मेरी तरह हजारों कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता महसूस करते हैं कि पार्टी का नेतृत्व नेहरू-गांधी परिवार के किसी अहम सदस्य के पास होना पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है.'   खुर्शीद ने कार्यक्रम के बाद कहा, ‘मैं समझता हूं कि बाहरी व्यक्ति हमें यह आदेश नहीं दे कि हमारा नेता कौन हो या हमें किस तरह के नेता की जरूरत है.' सोनिया गांधी (72) कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त की गयी है. महज 20 महीने पहले उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी के पक्ष में यह पद छोड़ा था, लेकिन राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी प्रमुख बने रहने से इनकार कर दिया.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर (सीआईसी) में एडमिशन के लिए 29 जून से आवेदन शुरू होंगे. स्टूडेंट्स फॉर्म 28 जुलाई तक भर सकते हैं. सीआईसी से आप दो ग्रेजुएट लेवल के कोर्सेज, बीटेक और बीए (ऑनर्स) ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस कर सकते हैं. सीआईसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनोवेशन सेंटर में एडमिशन लेने के लिए पहले डीयू के किसी कॉलेज में एडमिशन लेना होगा. बीए (ऑनर्स) कोर्स के लिए डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में एडमिशन पाने वाले स्टूडेंट्स भी योग्य होंगे. इसके लिए 10-11 जून को ओपन डेज का आयोजन किया जा रहा है. फॉर्म सीआईसी की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं।
राज्य का लौह-खनन उद्योग 1880 के दशक में वर्मिलियन रेंज और मेसाबी रेंज में और 20वीं सदी की शुरुआत में कुयुना रेंज में लोहे की खोज के साथ स्थापित किया गया था। अयस्क को रेल द्वारा डुलुथ और टू हारबर्स तक भेजा गया, फिर जहाजों पर लादा गया और ग्रेट लेक्स के ऊपर पूर्व की ओर ले जाया गया। औद्योगिक विकास और विनिर्माण के बढ़ने के कारण 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में आबादी धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर स्थानांतरित हो गई। फिर भी, खेती प्रचलित रही। मिनेसोटा की अर्थव्यवस्था महामंदी से बुरी तरह प्रभावित हुई, जिसके परिणामस्वरूप किसानों के लिए कीमतें कम हो गईं, लौह खनिकों के बीच छंटनी और श्रमिक अशांति हुई। प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण, पश्चिमी मिनेसोटा और डकोटा 1931 से 1935 तक सूखे की चपेट में रहे। न्यू डील कार्यक्रमों ने कुछ आर्थिक बदलाव प्रदान किए। नागरिक संरक्षण कोर और राज्य भर के अन्य कार्यक्रमों ने भारतीयों के लिए उनके आरक्षण पर कुछ नौकरियां स्थापित कीं, और 1934 के भारतीय पुनर्गठन अधिनियम ने जनजातियों को स्व-शासन की एक व्यवस्था प्रदान की। इसने मूल निवासियों को राज्य के भीतर एक बड़ी आवाज प्रदान की, और आदिवासी रीति-रिवाजों के लिए अधिक सम्मान को बढ़ावा दिया क्योंकि धार्मिक समारोहों और मूल भाषाओं को अब दबाया नहीं गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, औद्योगिक विकास तेज हो गया। नई तकनीक ने सूअरों और मवेशियों के लिए फीडलॉट के स्वचालन, डेयरी फार्मों में मशीन से दूध निकालने और बड़ी इमारतों में मुर्गियों को पालने के माध्यम से कृषि उत्पादकता में वृद्धि की। मकई और गेहूं के संकरण के साथ रोपण अधिक विशिष्ट हो गया और ट्रैक्टर और कंबाइन जैसी कृषि मशीनरी का उपयोग आदर्श बन गया। मिनेसोटा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नॉर्मन बोरलॉग ने हरित क्रांति के हिस्से के रूप में इन विकासों में योगदान दिया। युद्धोपरांत आवास की बढ़ती मांग और सुविधाजनक परिवहन के कारण उपनगरीय विकास में तेजी आई। बदले में, बढ़ी हुई गतिशीलता ने अधिक विशिष्ट नौकरियों को सक्षम किया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद मिनेसोटा प्रौद्योगिकी का केंद्र बन गया। यूनाइटेड स्टेट्स नेवी के लिए कंप्यूटर विकसित करने के लिए 1946 में इंजीनियरिंग रिसर्च एसोसिएट्स का गठन किया गया था। बाद में इसका रेमिंगटन रैंड में विलय हो गया और फिर स्पेरी रैंड बन गया। विलियम नॉरिस ने कंट्रोल डेटा कॉरपोरेशन (सीडीसी) बनाने के लिए 1957 में स्पेरी छोड़ दिया। क्रे रिसर्च का गठन तब हुआ जब सेमुर क्रे ने अपनी कंपनी बनाने के लिए सीडीसी छोड़ दिया। चिकित्सा उपकरण निर्माता मेडट्रॉनिक ने भी 1949 में ट्विन सिटीज़ में व्यवसाय शुरू किया।
यह एक लेख है: व्हाइट हेड्स और ब्‍लैक हेड्स हटाने के लिए आपको लोग जाने कितने तरह के उपाय बता देंगे. पार्लर वाली तो जाने कौन-कौन सी ट्रीटमेंट और पैकेज आपके सामने रखेगी. अगर आप चाहती हैं कि काम सस्ते में बने तो रुख करें अपने किचन का...  Weight Loss: जितना मन करें खाएं, नहीं होगा वेट गेन, ये हैं Negative Calorie फूड  Weight Loss: विटामिन सी से भरपूर ये आहार करेंगे बैली फैट को बर्न... Blackheads removal mask: ब्लैकहेड्स हटाने के के घरेलू उपाय और फेसपैक  व्हाइट हेड्स और ब्‍लैक हेड्स से निजात पाने के लिए एक कटोरी में दो चम्मच दही लें. इसमें इसकी आधी मात्रा में कॉफी पाउडर मिला लें और अब बेसन डाल कर अच्छे से घोल लें. जितनी भी गांठें बनी हों उन्हें हटा लें. इस पैक को चेहरे पर लगाएं. एक मिनट के बाद हल्की मसाद करें. इससे व्हाइट हेड्स और ब्लैकहेड्स दोनों ही दूर होंगे. हड्डियां होंगी मजबूत, त्वचा बनेगी खूबसूरत और उतरेगा हैंगओवर... खजूर के 10 फायदे   Natural Aphrodisiacs, Boost Libido: यौन शक्ति बढ़ाने के काम आएंगे ये 4 फूड
बीजेपी 2019 से पहले अब चुनावी मोड में आ चुकी है और सरकार अपनी नीतियों को प्रचारित करने में लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बीच एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में तमाम मोर्चों पर सरकार की सफलता और भविष्य की योजनाओं का खाका पेश किया. पीएम मोदी ने रोजगार, अर्थव्यवस्था, कारोबार और किसानों के मुद्दे पर सवालों के जवाब दिए हैं. पढ़ें, सात मुद्दों पर पीएम ने कैसे अपनी सरकार का पक्ष रखा है. 1- कॉर्पोरेट सेक्टर को मौका देने पर- कॉर्पोरेट सेक्टर भारत के विकास में मदद कर सकता है. उदाहरण के तौर पर कृषि के क्षेत्र में कॉर्पोरेट सेक्टर की उपस्थिति काफी कम है. हम इस क्षेत्र में बदलाव कर सकते हैं. रक्षा क्षेत्र में भारतीय एंटरप्राइज और एफडीआई की जरूरत है. 2- बैंकों के मर्जर पर पीएम ने कहा - हमारी सरकार से पहले सिर्फ मर्जर की बात होती थी, हमने इस दिशा में काम किया है. हमने पांच बैंकों का मर्जर किया है. 3- निजीकरण से पीछे हटने पर- निजीकरण से घबराने के आरोप सरासर गलत हैं. हमने अहम विनिवेश किए हैं. हमने कैबिनेट स्तर पर न केवल एअर इंडिया बल्कि घाटे में जा रहे दूसरी पब्लिक सेक्टर यूनिट को बेचने का रास्ता साफ कर दिया था. बस हम इन्हें घाटे में नहीं बेचना चाहते. 4- मिनिमम गवर्नेंट पर- लोगों को सरकारों पर भरोसा कम करना चाहिए. सरकार को मौके उपलब्ध कराने चाहिए. इसके लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और लालफीताशाही को कम किया गया है. 5- अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर- जिस वक्त हमारी सरकार ने सत्ता संभाली थी तब अर्थव्यवस्था की हालत बेहत खराब थी. यूपीए सरकार के समय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ओर से दिए गए बजट के आंकड़े भी शक के दायरे में थे. चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के बारे में कभी सही बयान नहीं दिया लेकिन बीजेपी सरकार ने कभी आंकड़ों पर राजनीति नहीं की क्योंकि इनसे देश की जनता को कई और झटके लग सकते थे. 6- नौकरियों की नहीं, आंकड़ों की कमी पर- सरकार ने बीते 4 साल के भीतर रोजगार के कई नए मौके दिए हैं लेकिन आंकड़ों की कमी की वजह से विपक्ष सरकार को घेरने का अवसर पा लेता है. सरकार ने सड़क परिवहन, रेलवे, एयरलाइंस और कई तरह के बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में विकास किया है और इसी वजह से रोजगार के पर्याप्त मौकों में भी बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल 70 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं हैं और गरीबी भी घटी, लेकिन क्या बगैर नौकरियां पैदा किए हुए ऐसा मुमकिन था. 7- किसानों के हितों पर- हमने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया है. इसके लिए सरकार के पास 4 सूत्रीय रणनीति भी है. इसमें लागत में कमी, उत्पादन में बढ़ोतरी, फसल के बाद का नुकसान के अलावा आय ने नए रास्ते खोजने जैसे उपाय शामिल हैं. अगर आप सरकार की नीतियों को बारीकी देखेंगे तो उनमें बीज से बाजार तक किसानों की मदद के लिए कदम उठाए गए हैं.
यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना घटाने पर और अधिक राज्यों के विचार करने के बीच सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस बारे में कानूनी राय मांगी है कि क्या संशोधित कानून में तय न्यूनतम जुर्माने को राज्य घटा सकते हैं. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. गुजरात और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों ने जुर्माने की राशि घटाने की पहले ही घोषणा कर दी है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार जुर्माना घटाने पर विचार कर रही है. मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे विपक्षी दल शासित राज्यों ने भी नया कानून लागू करने से इनकार किया है. दरअसल, एक सितंबर से मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद से यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस द्वारा वाहन चालकों से भारी जुर्माना वसूलने की खबरें सुर्खियों में रही हैं. सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में 52 गलतियां सुधारीं  इस संबंध में एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हमने विधि मंत्रालय के कानून विभाग से इस बारे में राय मांगी है कि क्या राज्यों को संशोधित अधिनियम के तहत निर्धारित न्यूनतम जुर्माने को घटाने का अधिकार है.'' अधिकारी ने कहा कि राज्यों द्वारा जुर्माने को घटाये जाने की खबरों के बाद विधि मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगने वाला पत्र बुधवार को भेजा गया था.  उन्होंने कहा, ‘‘विधि मंत्रालय से स्पष्टीकरण (इस बारे में) मिल जाने पर हम उनके जवाब के आधार पर उपयुक्त कदम उठाएंगे.'' IB समेत कई सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का प्रमोशन, पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने दी मंजूरी  अधिकारी ने कहा कि संशोधित कानून के तहत जहां यातायात नियम उल्लंघन के लिए ‘‘इतने तक जुर्माना'' का जिक्र है, राज्य जुर्माने के बारे में फैसला कर सकते हैं लेकिन जहां यह निर्धारित (फिक्स्ड) जुर्माना है, वहां प्रावधान के मुताबिक जुर्माना नहीं घटाया जा सकता. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जुर्माने में वृद्धि का बचाव करते हुए कहा है कि यह राजस्व अर्जित करने के लिए नहीं, बल्कि लोगों की बेशकीमती जान बचाने के लिए है. गौरतलब है कि भारत में हर साल करीब पांच लाख सड़क हादसे होते हैं जिनमें लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है और अन्य तीन लाख अपंग हो जाते हैं.
शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) को एक्टिंग के साथ-साथ स्पोर्ट्स में काफी दिलचस्पी है. शाहरुख खान को क्रिकेट से इतना प्यार है कि उन्होंने दो क्रिकेट टीम भी खरीद रखी हैं. एक्टर की 'कोलकाता नाइट राइ़डर्स (Kolkata Knight Riders)' क्रिकेट टीम भारतीय प्रीमियर लीग में खेलती है तो वहीं उनकी दूसरी टीम 'ट्रिनबागो नाइट राइडर्स (Trinbago Knight Riders)' कैरेबियन प्रीमियर लीग में खेलती है. हाल ही में 'ट्रिनबागो नाइट राइडर्स' ने तीन बड़े मैचों में जीत हासिल की. इस जीत का जश्न मनाने के लिए शाहरुख और उनकी टीम क्रूज पर इंजॉय करती नजर आए. The energetic dance steps of Baadshah of Bollywood - King Khan at the caribbean cruise party will surely serve us all the perfect dance goals pic.twitter.com/0IpkcCGmRR Disco mein jab yeh gaana bajega, on the floor aana padega King Khan and DJ Bravo on the floor dancing to the Lungi Dance, and the energy doesn't seem to constrain at anything At the TKR Cruise party. pic.twitter.com/fj9Qu4B8cV King Khan is all smiles after the three big victories of @TKRiders at home and the players are totally in celebration mood at the cruise party pic.twitter.com/6H18gHNF1H हाल ही में पार्टी के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ड्वेन ब्रावो (Dwayne Bravo) के साथ अपने सुपरहिट सॉन्ग 'लुंगी डांस (Lungi Dance)' पर झूमते नजर आ रहे हैं. शाहरुख खान के इस वीडियो को उनके फैन क्लब ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है. शाहरुख और उनकी टीम के डांस का ये वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है.  The champions DJ Bravo and King Khan dancing to Lungi Dance at the Carribean cruise party after the 3 big wins of TKR. pic.twitter.com/bz9cUtU2qo Champions DJ Bravo and SRK dancing in the cruise party at the #LandOfTheChampions is the best thing ever ???? pic.twitter.com/ozNGD6ZuTb वहीं अगर वर्क फ्रंट की बात करें तो शाहरुख खान  (Shah Rukh Khan) ने कुछ दिनों पहले आई हॉलीवुड फिल्म 'द लायन किंग (The Lion King)' में हिंदी डबिंग की थी. इस फिल्म में उन्होंने जहां 'मुफासा' के किरदार के लिए आवाज दी थी, तो वहीं उनके बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) ने इस फिल्म में 'सिंबा' के लिए अपनी आवाज दी थी. इसके अलावा शाहरुख खान फिल्मों से दूर रहने के बाद भी एक्टिंग की दुनिया से दूर नहीं हैं. क्योंकि हाल ही में नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'बार्ड ऑफ ब्लड (Bard Of Blood)' का प्रोडक्शन किंग खान के प्रोडक्शन हाउस 'रेड चिली' के बैनर तले ही किया गया है.
सलमान खान ने मंगलवार को रेस 3 की ट्रेलर लॉन्च किया. उन्होंने अपनी इस फिल्म को हर लिहाज से कंपलीट बताया. सलमान ने कहा कि इसमें एक्शन ही नहीं, म्यूजिक, स्टोरी, सस्पेंस सब कुछ है. रेस 3 के अलावा सलमान ने अपनी फिल्म ट्यूबलाइट पर भी बात की, जो कि बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई थी. सलमान ने कहा, टयूबलाइट ने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजनेस किया था, लेकिन इसके बावजूद यदि मीडिया इसे डिजास्टर मानती है तो वे कुछ कर नहीं सकते. सलमान ने कहा कि उन्होंने इस फिल्म से भी पैसा बनाया और जिनके पैसे देने थे, सबको पैसे दे भी दिये थे. सलमान की रेस 3 का ट्रेलर लॉन्च, एक घंटे में 4 लाख से ज्यादा व्यू सलमान ने रेस 3 की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा ये उन्हें धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की फिल्मों की याद दिलाती है. लोग जब इन स्टार्स की फिल्में देखने जाते थे तो ब्रेक में भी तालियां बजाते थे और कहते थे कि पैसा वसूल फिल्म है. रेस 3 15 जून को रिलीज होगी. इसे रेमो डिसूजा ने डायरेक्ट किया है. खबरों की माने तो रिलीज से पहले ही को-प्रोड्यूसर रमेश तौरानी ने फिल्म को 190 करोड़ रुपये में बेच दी है. पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक, इरॉस ने फिल्म को खरीदने के लिए  प्रोड्यूसर्स को 190 करोड़ रुपये का ऑफर दिया थे. इसमें 160 करोड़ रुपये वर्ल्डवाइड डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स के लिए मिनिमम गारंटी अमाउंट है. इस फिल्म के प्रोड्यूसर सलमान खान और रमेश तौरानी हैं.
एसोचैम (ASSOCHAM) और एनईसी (NEC) के एक अध्ययन में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मांग इनके घरेलू उत्पादों से अधिक होगी. इससे 2020 तक 300 अरब डॉलर सालाना के इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का आयात करना पड़ेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मांग में होगी जबरदस्त उछाल एसोचैम और एनईसी के रिपोर्ट के अनुसार भारत में इलेक्ट्रोनिक्स उत्पादों की कुल मांग 2020 तक 41 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर सीएजीआरी के साथ 400 अरब डालर हो जाएगी. बता दें की सीएजीआर कंपाउडिंग के प्रभाव को भी ध्यान में रखता है. वहीं घरेलू उत्पादन में 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है. मध्यम वर्गीय परिवारों के खर्च योग्य आय बढ़ेंगे एसोचैम और एनईसी के अध्ययन के अनुसार मध्यम वर्गीय परिवारों के घर भारत में खर्च योग्य आय बढ़ेगा. इस आय के बढ़ने के साथ ही टीवी, मोबाइल फोन और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मांग बढ़ेगी. इस अध्ययन में कहा गया है, भारत को विनिर्माण हब बनाने के केंद्र सरकार के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए घरेलू उत्पादन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. जिससे की बाहरी सामान का आयात कम से कम करने की जरूरत पड़े. भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर बाजार 2015 में 8.6 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़कर 75 अरब डॉलर हो गया. भारत का कुल इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर उत्पादन 2014-15 में अनुमानित 32.46 अरब डॉलर रहा था.
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (संक्षिप्त नाम : एनसीबीसी) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में एक भारतीय संवैधानिक निकाय हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338बी के तहत इसे एक संवैधानिक निकाय बनाने के लिए संविधान में इसका गठन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था। संवैधानिक प्रावधान 1992 के इंद्रा साहनी मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह सुरक्षा और लाभ के उद्देश्य से विभिन्न पिछड़े वर्गों के समावेशन और बहिष्करण पर विचार करने तथा जाँच एवं सिफारिश के लिये एक स्थायी निकाय का गठन करे। इन निर्देशों के अनुपालन में संसद् ने वर्ष 1993 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम पारित किया और एनसीबीसी का गठन किया। संघटन अनुच्छेद 338बी के अनुसार :— आयोग में पाँच सदस्य होते हैं जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा तीन अन्य सदस्य शामिल हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एवं उसके मुहरयुक्त आदेश द्वारा होती है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों के पद की सेवा शर्तें तथा कार्यकाल का निर्धारण राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। कार्य और शक्ति आयोग नौकरी में आरक्षण के उद्देश्य से पिछड़ें वर्ग के रूप में अधिसूचित समुदायों की सूची में शामिल करने पर विचार किया। एनसीबीसी अधिनियम, 1993 की धारा 9(1) के अनुसार केंद्र सरकार के सलाह के पर राज्यों ने भी इस आयोग का गठन किया। 24 जुलाई 2014 तक दो हजार से अधिक समूहों को ओबीसी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और साथ ही राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया। अनुच्छेद 338बी (5) के अनुसार आयोग का यह कर्तव्य निम्नलिखित हैं।— सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों और सुरक्षा उपायों से वंचित करने के संबंध में विशिष्ट शिकायतों की जाँच करना। शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में भाग लेना और सलाह देना। संघ और किसी राज्य के तहत उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना। आरक्षित वर्ग के विकाश को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष वार्षिक रिपोर्ट पेश करना। संदर्भ भारत में आरक्षण 1993 में स्थापित सरकारी एजेंसियाँ
बिहार के मुजफ्फरपुर में दहला देने वाली घटना घटी है. एक स्कूल बिल्डिंग में तेज रफ्तार वाहन के घुस जाने से 9 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 24 अन्य स्टूडेंट घायल हो गए. यह सभी प्राथमिक विद्यालय के छात्र हैं, जो छुट्टी होने के बाद घर जा रहे थे. एक अनियंत्रित बलेरो सभी छात्रों को रौंदते हुए गड्ढे मे गिर गयी. घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या मे परिजन और ग्रामीण मेडिकल कॉलेज पहुंचे हुए हैं. नगर डीएसपी, एसडीओ सहित कई अधिकारी घटना की जानकारी मिलने पर अस्पताल पहुंचे. मुजफ्फरपुर के मीरपुर प्रखंड में अनियंत्रित बोलेरो स्कूल के अंदर घुस गई और उसके स्टूडेंट्स को कुचल डाला. घटना आज दोपहर बाद की है. पुलिस ने बताया कि घटना अहियापुर के झपहां गांव में स्थित एक स्कूल की है. घायल बच्चों को एसकेएमसीएच अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. #Bihar : Nine students dead, 24 injured after a vehicle rammed into a school building in Muzaffarpur — ANI (@ANI) February 24, 2018
मध्य प्रदेश को बिजली आपूर्ति में सक्षम बनाने के लिए एक नई तरह की योजना बनाई जा रही है. राज्य के रीवा और सतना जिले की नगरपालिका तथा नगर पंचायतों से निकलने वाले कचरे से बिजली बनाने की एक कार्य-योजना बनाई गई है. इस योजना के माध्यम से जहां एक तरफ कचरे से बिजली बनाई जाएगी, वहीं उसी के माध्यम से जैविक खाद भी बनाई जाएगी. राज्य के ऊर्जा तथा जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रविवार को संयंत्र लगने वाले स्थल का निरीक्षण किया. संयंत्र की स्थापना के लिए सतना जिले के रामपुर बघेलान में 50 एकड़ अनुपयोगी बंजर जमीन का चयन किया गया. शुक्ल ने कहा,'प्रदेश को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कड़ी में यह संयंत्र उपयोगी होगा. संयंत्र के लिए चयनित भूमि में रीवा तथा सतना से कचरा लाया जाएगा.' उन्होंने कहा,'संयंत्र से कचरे से बिजली उत्पादन के साथ ही जैविक खाद का निर्माण भी होगा और स्थानीय निकायों के स्वच्छता अभियान को भी सफलता मिलेगी.' ऊर्जा मंत्री शुक्ल ने बताया कि कई स्थानों का कचरा बिजली उत्पादन के लिए संकलित कर क्लस्टर आधारित योजना के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाई जा रही है. इनपुट: IANS
{{ज्ञानसन्दूक व्यक्ति |name = चार्मी कौर |image = Charmee.jpg |caption = |birth_name = चार्मी कौर |birth_date = |birth_place = वसाई, मुम्बई, भारत | nationality = भारतीय |death_date = |death_place = |othername = |occupation = अभिनेत्री |yearsactive = 2002–वर्तमान |spouse = |domesticpartner = |website = |height = 5'5}} चार्मी कौर (जन्म:17 मई 1987) भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है जो मुख्यत तेलुगू सिनेमा में काम करती है। चार्मी का जन्म एक सिख परिवार में मुम्बई में हुआ था। 13 साल की उम्र में उन्होनें नी तोडू कावली नाम की तेलुगू फ़िल्म से अपना फ़िल्मी करियर शुरु किया था। उनकी पहली सफल फ़िल्म कट्टूचेमबकम् नाम की मलयालम फ़िल्म थी। तभी से वो कई सफल दक्षिण भारतीय फ़िल्मों में काम कर चुकी है। उनकी पहली हिन्दी फ़िल्म बुड्ढा होगा तेरा बाप थी, उसके बाद वो ज़िला गाज़ियाबाद में दिखी। चार्मी ने आर राजकुमार'' में कैमियो भी किया था। उन्होनें कई अभिनेत्रीयों की तेलुगू डबिंग भी करी है जैसे-काजल अग्रवाल। चुनिंदा फ़िल्में इन्हें भी देखें शाज़ान पद्मसी सामन्था रूथ प्रभु पूनम कौर रागिनी द्विवेदी तृषा कृष्णन तमन्ना भाटिया सन्दर्भ जीवित लोग पंजाबी लोग भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री भारतीय अभिनेत्री तेलुगू अभिनेत्री तमिल अभिनेत्री 1987 में जन्मे लोग हिन्दी अभिनेत्री मलयालम अभिनेत्री
अभिनेता इरफ़ान इन दिनों कॅरिअर में एक दिलचस्प जद्दोजहद से गुजर रहे हैं. 2013 उन्हें अब तक सबसे ज्यादा शोहरत दिलाने वाला साल साबित हुआ है. पानसिंह तोमर के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. लाइफ ऑफ पाइ की दुनिया भर में धूम रही. उनके अभिनय वाली फिल्म द लंचबॉक्स ने मई में विश्व के सबसे प्रतिष्ठित कांस फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों की खास पसंद वाला अवार्ड हासिल किया. दुनिया भर के फिल्म संस्थानों, आयोजनों में उनसे बात-मुलाकात के सत्र हो रहे हैं. ट्विटर पर उनके डेढ़ लाख से ज्यादा फॉलोअर्स में बुद्धिजीवियों की अच्छी-खासी जमात है. इन उपलब्धियों पर बैठकर थोड़ा खुश होने की बजाए वे लंचबॉक्स को ऑस्कर की दौड़ में पहुंचाने की कोशिश में जी-जान से जुट गए हैं. बिना किसी झिझक और संकोच के. फिल्म इसी 20 सितंबर को रिलीज हो रही है. पिछले साल पान सिंह तोमर को भारत से ऑफिशियल एंट्री न बनाए जाने की बात उनके जेहन में है. सो वे बेहद चौकन्ना हैं. पिछले पखवाड़े दिल्ली के सीरीफोर्ट सभागार में फिल्म की खास स्क्रीनिंग के मौके पर उन्होंने दिल की बात कह भी दीः बाकी दुनिया के मुकाबले भारत में यह फिल्म पहले रिलीज करनी पड़ रही है क्योंकि ऑस्कर की विदेशी फिल्मों की श्रेणी में देश विशेष में सितंबर तक ही रिलीज फिल्मों पर विचार किया जाता है. पर अभिनय और पॉपुलरिटी के तमाम चालू फंडों से दूर रहते आए इरफान के लिए अब ऑस्कर की मारामारी क्यों? ‘‘देखिए, जब हिंदुस्तान की फिल्म उस स्तर पर एक्नॉलेज होती है तो यह सिर्फ उस फिल्म के लिए नहीं, पूरी जनरेशन के लिए इंस्पिरेशन होता है.’’ उन्हें पता है कि भारत से ऑफिशियल एंट्री न बनने पर फिल्म की दौड़ खत्म हो जाएगी. मजमून दिल को छूने पर ही वे फिल्म के सहनिर्माता बने थे. अब दुनिया भर के फिल्मोत्सवों में दर्शकों की प्रतिक्रिया देखने के बाद लंचबॉक्स के पकवानों पर उनका भरोसा और भी बढ़ गया है. ऐसे में वे कोई चूक नहीं रहने देना चाहते. निर्देशक रितेश बत्रा की यह पहली फिल्म खुद ही अपनी संभावनाओं का पता देती है. एक छोटे-से किस्से की परतें धीरे-धीरे खुलती हैं और दर्शक को अपनी लपेट में लेने लगती हैं. मुंबई में दशकों से नौकरीपेशा लोगों का लंच ऑफिस पहुंचाते आ रहे डिब्बा वालों के काम से जोड़कर इस फिल्म में एक प्रेम कहानी बुनी गई है. इरफान के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी और निमरत हांडा तीनों अपने खालिस अभिनय के बूते, त्रासदियों से भरी इस प्रेम कथा को यादगार बनाकर छोड़ते हैं. इरफान की मितव्ययिता तो देखते ही बनती है. प्रवासी भारतीय लेखक सलमान रुश्दी ने भी इसे एक उत्सव में देखने के बाद ट्वीट कियाः ‘‘अरसे बाद एक उम्दा भारतीय फिल्म आई. ऑस्कर में विदेशी फिल्मों की कैटेगरी में यह तगड़ी दावेदार होगी.’’ यह भी दिलचस्प है कि फिलहाल इरफान के पास कोई फिल्म नहीं है. और वे बेफिक्र हैं. लंचबॉक्स  को छोड़ दें तो बातचीत और पूरी देहभाषा में वह बेफिक्री साफ नजर आती है. गलाकाट स्पर्धा वाली सिनेमा इंडस्ट्री में भी जैसे ध्यान में मुस्कराता बैठा कोई बौद्ध भिक्षु. जैसे उनके लिए अब कोई कर्म नहीं, जो है बस लीला है. मजाक में पूछिए कि समाधि की दशा में तो नहीं पहुंच गए? वे पूरी गंभीरता से जवाब देने लगते हैः ‘‘उस ओर बढ़ रहा हूं.’’ तभी उनके अंदर के अभिनेता ने कैथरीन बिगेलो के ऑस्कर विजेता होने की रत्ती भी परवाह न करते हुए पिछले साल ज़ीरो डार्क थर्टी  ठुकरा दी. और ‘पर्याप्त समय न होने’ की वजह से क्रिस्टोफर नोलन जैसे बड़े फिल्मकार की फिल्म छोड़ दी. हां, कहानी भा गई तो दोस्त ब्रिटिश निर्देशक आसिफ कपाडिया की ओर से भेजी कटिंग फॉर स्टोन की स्क्रिप्ट में डूब-उतरा रहे हैं. भारतीय मूल के अब्राहम वर्गीज के इसी नाम के उपन्यास का खूबसूरत स्क्रीनप्ले स्कॉट टीम्स ने लिखा है. इसके अलावा दो और कहानियों को वे फाइनल टच देने में लगे हैं. लेकिन एक क्लासिक पर वे कुर्बान हैं और उसे परदे पर लाने का फैसला कर चुके हैं. हालांकि उस बारे में अंतिम फैसला हो जाने तक वे कुछ भी उगलने को तैयार नहीं. उन्हें उकसाइएः अलग तरह का काम बहुत कर लिया. अब ‘बड़े’ अभिनेताओं से दो-दो हाथ करेंगे? जवाबः ‘‘मैं अपने तरह की कहानियां कर रहा हूं, टकराव की गुंजाइश नहीं.’’ लेकिन उनका कोई फैन होटल में टकरा जाए, रास्ता रोककर तारीफ करने लगे तो वे पूरी नरमी के साथ कहते हैः ‘‘मेरी नई फिल्म जरूर देखिएगा, लंचबॉक्स.’’
बैडमिंटन के पुरुष वर्ग में भारत के के.श्रीकांत भले ही चीन की 'दीवार' लिन डेन से पार नहीं पा सके, लेकिन मैच में संघर्ष क्षमता का परिचय देते हुए वे खेलप्रेमियों के दिल जीतने में सफल रहे. पहला गेम आसानी से हारने के बाद जब लग रहा था कि चीनी शटलर मैच को आसानी से कब्‍जे में कर लेगा तभी श्रीकांत ने अपने खेल का स्‍तर ऊपर उठाया और दूसरा गेम जीत लिया. तीसरे गेम में भी दोनों खिलाड़ि‍यों के बीच संघर्ष हुआ. एक समय श्रीकांत मामूली बढ़त भी लिए हुए थे लेकिन अपनी पूरी क्षमता को दांव पर लगाते हुए लिन डेन ने मैच अपने नाम कर लिया. श्रीकांत भले ही पदक की होड़ से बाहर हो गए हों, लेकिन सर्वकालीन श्रेष्‍ठ खिलाड़ि‍यों में से एक डेन को संघर्ष के लिए मजबूर कर उन्‍होंने बैडमिंटन में भारत की बढ़ती ताकत का अहसास करा दिया है.  टिप्पणियां श्रीकांत बचपन से ही जुझारू खिलाड़ी रहे हैं. उनकी इस क्षमता के कायल मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर भी हैं. ज्‍यादा लोगों को जानकारी नहीं होगी कि क्रिकेट के अलावा सचिन टेबलटेनिस और बैडमिंटन भी बखूबी खेलते हैं. सचिन तेंदुलकर के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए श्रीकांत ने मीडिया को बताया था कि ' सचिन सर का मैं बचपन से फैन रहा हूं। सचिन मेरे अंकल के घर आए थे जो उनके दोस्त हैं. टीम इंडिया के इस महान बल्‍लेबाज से मेरी मुलाकात वहीं हुई थी. मुझे थोड़ी देर तक सचिन से बात करने का मौका मिला था, इस दौरान उन्‍होंने मेरा हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि मैं एक दिन नंबर 1 जरूर बनूंगा.' 23 वर्षीय श्रीकांत मूल रूप से आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से हैं. उनके पिता केवीएस कृष्णा किसान हैं. श्रीकांत ने बैडमिंटन की शुरुआत डबल्‍स मुकाबले खेलकर की थी. बैडमिंटन में भारत के सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़ि‍यों में से एक गोपीचंद के कहने पर उन्‍होंने सिंगल्‍स मुकाबले खेलने शुरू किए और देखते हुए देखते भारत के शीर्ष शटलरों में शुमार हो गए. श्रीकांत की प्रतिभा को निखारने में गोपीचंद का अहम योगदान रहा है. गोपी की अकादमी में ही वे अभ्‍यास करते हैं. वैसे श्रीकांत ही क्‍या, गोपीचंद भारत के इस दौर के ज्‍यादातर खिलाड़ि‍यों के मार्गदर्शक और आदर्श हैं. श्रीकांत भले ही पदक की होड़ से बाहर हो गए हों, लेकिन सर्वकालीन श्रेष्‍ठ खिलाड़ि‍यों में से एक डेन को संघर्ष के लिए मजबूर कर उन्‍होंने बैडमिंटन में भारत की बढ़ती ताकत का अहसास करा दिया है.  टिप्पणियां श्रीकांत बचपन से ही जुझारू खिलाड़ी रहे हैं. उनकी इस क्षमता के कायल मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर भी हैं. ज्‍यादा लोगों को जानकारी नहीं होगी कि क्रिकेट के अलावा सचिन टेबलटेनिस और बैडमिंटन भी बखूबी खेलते हैं. सचिन तेंदुलकर के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए श्रीकांत ने मीडिया को बताया था कि ' सचिन सर का मैं बचपन से फैन रहा हूं। सचिन मेरे अंकल के घर आए थे जो उनके दोस्त हैं. टीम इंडिया के इस महान बल्‍लेबाज से मेरी मुलाकात वहीं हुई थी. मुझे थोड़ी देर तक सचिन से बात करने का मौका मिला था, इस दौरान उन्‍होंने मेरा हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि मैं एक दिन नंबर 1 जरूर बनूंगा.' 23 वर्षीय श्रीकांत मूल रूप से आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से हैं. उनके पिता केवीएस कृष्णा किसान हैं. श्रीकांत ने बैडमिंटन की शुरुआत डबल्‍स मुकाबले खेलकर की थी. बैडमिंटन में भारत के सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़ि‍यों में से एक गोपीचंद के कहने पर उन्‍होंने सिंगल्‍स मुकाबले खेलने शुरू किए और देखते हुए देखते भारत के शीर्ष शटलरों में शुमार हो गए. श्रीकांत की प्रतिभा को निखारने में गोपीचंद का अहम योगदान रहा है. गोपी की अकादमी में ही वे अभ्‍यास करते हैं. वैसे श्रीकांत ही क्‍या, गोपीचंद भारत के इस दौर के ज्‍यादातर खिलाड़ि‍यों के मार्गदर्शक और आदर्श हैं. श्रीकांत बचपन से ही जुझारू खिलाड़ी रहे हैं. उनकी इस क्षमता के कायल मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर भी हैं. ज्‍यादा लोगों को जानकारी नहीं होगी कि क्रिकेट के अलावा सचिन टेबलटेनिस और बैडमिंटन भी बखूबी खेलते हैं. सचिन तेंदुलकर के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए श्रीकांत ने मीडिया को बताया था कि ' सचिन सर का मैं बचपन से फैन रहा हूं। सचिन मेरे अंकल के घर आए थे जो उनके दोस्त हैं. टीम इंडिया के इस महान बल्‍लेबाज से मेरी मुलाकात वहीं हुई थी. मुझे थोड़ी देर तक सचिन से बात करने का मौका मिला था, इस दौरान उन्‍होंने मेरा हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि मैं एक दिन नंबर 1 जरूर बनूंगा.' 23 वर्षीय श्रीकांत मूल रूप से आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से हैं. उनके पिता केवीएस कृष्णा किसान हैं. श्रीकांत ने बैडमिंटन की शुरुआत डबल्‍स मुकाबले खेलकर की थी. बैडमिंटन में भारत के सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़ि‍यों में से एक गोपीचंद के कहने पर उन्‍होंने सिंगल्‍स मुकाबले खेलने शुरू किए और देखते हुए देखते भारत के शीर्ष शटलरों में शुमार हो गए. श्रीकांत की प्रतिभा को निखारने में गोपीचंद का अहम योगदान रहा है. गोपी की अकादमी में ही वे अभ्‍यास करते हैं. वैसे श्रीकांत ही क्‍या, गोपीचंद भारत के इस दौर के ज्‍यादातर खिलाड़ि‍यों के मार्गदर्शक और आदर्श हैं. 23 वर्षीय श्रीकांत मूल रूप से आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से हैं. उनके पिता केवीएस कृष्णा किसान हैं. श्रीकांत ने बैडमिंटन की शुरुआत डबल्‍स मुकाबले खेलकर की थी. बैडमिंटन में भारत के सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़ि‍यों में से एक गोपीचंद के कहने पर उन्‍होंने सिंगल्‍स मुकाबले खेलने शुरू किए और देखते हुए देखते भारत के शीर्ष शटलरों में शुमार हो गए. श्रीकांत की प्रतिभा को निखारने में गोपीचंद का अहम योगदान रहा है. गोपी की अकादमी में ही वे अभ्‍यास करते हैं. वैसे श्रीकांत ही क्‍या, गोपीचंद भारत के इस दौर के ज्‍यादातर खिलाड़ि‍यों के मार्गदर्शक और आदर्श हैं.
ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली पहली अफ्रीकी महिला पहलवान होने का गौरव हासिल करने वाली ट्यूनीशिया की मारवा अमरी ने कहा कि रियो में उनका सामना साक्षी मलिक से नहीं हो पाया लेकिन वह प्रो कुश्ती लीग में इस भारतीय पहलवान को हराकर खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश करेंगी. दोनों ही पहलवानों को रियो ओलंपिक में कांस्य पदक मिले थे.टिप्पणियां मारवा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘उन्होंने साक्षी की कई कुश्तियों की वीडियो देखी हैं और वह उनके सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों से भली भांति वाकिफ हैं.’ उन्होंने कहा कि उनके वीडियो देखकर उन्हें साक्षी की कुश्ती को बारीकी से देखने का मौका मिला है और इसके लिए उन्होंने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. वहीं साक्षी मलिक भी इन दिनों रोहतक में कड़े अभ्‍यास में जुटी हैं.मारवा रविवार को चरखी दादरी में गीता फोगट की शादी में बतौर मेहमान शामिल होंगी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मारवा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘उन्होंने साक्षी की कई कुश्तियों की वीडियो देखी हैं और वह उनके सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों से भली भांति वाकिफ हैं.’ उन्होंने कहा कि उनके वीडियो देखकर उन्हें साक्षी की कुश्ती को बारीकी से देखने का मौका मिला है और इसके लिए उन्होंने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. वहीं साक्षी मलिक भी इन दिनों रोहतक में कड़े अभ्‍यास में जुटी हैं.मारवा रविवार को चरखी दादरी में गीता फोगट की शादी में बतौर मेहमान शामिल होंगी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राजस्थान के नागौर जिले में एक पाइप से एक महिला को बेरहमी से पीटने का ममला सामने आया है. सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में कुछ लोग महिला को पाइप से मारते और उसे अल्लाह, जय श्री राम और जय हनुमान बोलने के लिए मजबूर करते दिख रहे हैं. SHOCKING: Men thrash a mentally-challenged woman with a pipe in Rajasthan's Nagaur, forced to say "Allah", "Jai Shri Ram" & "Jai Hanuman". pic.twitter.com/EhlnaVkhxd — ANI (@ANI_news) June 16, 2017 ये है पूरा मामला ये घटना नागौर के कला नादा गांव में एक हाईवे की है,  जहां दो लोग मिलकर एक महिला को पाइप से पीट रहे हैं और महिला दर्द से चिल्ला रही है. वो लोग उसे पीट कर अल्लाह, जय श्री राम और जय हनुमान बोलने के लिए मजबूर कर रहे थे. वो लोग उसके पैरो और पीठ पर मार रहे थे. बता दें कि किसी व्यक्ति ने मोबाइल में इसका वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. सोशल मीडिया पर इस घटना की काफी आलोचना हुई. पुलिस ने किया आरोपियों को किया गिरफ्तार नागौर के डीएसपी ओम प्रकाश गौतम ने बताया कि यह 13 जून की घटना है. पुलिस स्टेशन प्रभारी पुरानामल मीणा ने कहा कि दोनों व्यक्ति प्रकाश और श्रवण मेघवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. वीडियो वायरल करने वाले शक्स की पहचान में जुटी पुलिस साथ ही उन्होंने कहा कि हम उस व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जिसने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वहीं पुलिस अधिकारी ने कहा कि वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा कि महिला मानसिक रूप से कमजोर है, इसी वजह से वह सही तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे पा रही है.
तमाम बंगाली, हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, मराठी और कन्नड़ फिल्मों में काम कर चुकीं पूर्व एक्ट्रेस-राजनेता मुनमुन सेन ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट में शिरकत की. यहां बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने जब कनेक्टिविटी से पहले उनके लिए उनका स्टारडम काम कर जाता था. मुनमुन से पूछा गया कि आपके पोस्टर्स वेस्ट बंगाल के तकरीबन हर छोटे-बड़े गांव में मिल जाते हैं, जब आप लोगों से मिलती हैं तो क्या पहले स्टारडम काम करता है या आपकी कनेक्टिविटी? मुनमुन ने कहा, "मैं बहुत ईमानदारी से जवाब दूंगी कि पहले स्टारडम काम करता है और बाद में कनेक्टिविटी." बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर मूनमून ने सीपीएम के कद्दावर नेता और 9 बार सांसद रहे वासुदेव आचार्य को बाकुड़ा लोकसभा सीट पर पटखनी दी थी. मुनमुन ने जब पूछा गया कि एक राजसी परिवार से होने पर कैसा महसूस होता है? उनका जवाब था, "यह सिर्फ मेरी मां के बारे में नहीं है. यह सुनीति देवी के बारे में है (केशव चंद्र सेन की बेटी). इसके अलावा यह महारानी गायत्री देवी के बारे में है और भी तमाम महिलाओं के बारे में है जो अपने बचपन से राजसी माहौल को जीती रही हैं." मुनमुन ने "फिल्म फैमिली फेम : टू जेनरेशन ऑफ़ स्टारडम" सेशन में सवालों का जवाब देते हुए ये बातें कहीं. मुनमुन ने कहा, "आपके लिए सभी दरवाजे खुले होते हैं. आप गर्मियों के मौसम में एक मिठाई की दुकान में जाकर कहते हैं कि आपको गुड़ चाहिए और आपको गुड़ दिया जाता है. भले ही इसे उन्होंने सर्दियों के लिए बचा कर रखा हो. तो बस हर चीज तुरंत और मनमाफिक मिल जाया करती थी."
अली अहमद हुसैन खान (21 मार्च, 1939 - 16 मार्च, 2016), भारत के एक शहनाई वादक थे। उनका जन्म कोलकाता में हुआ था। वे उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ के बाद शहनाई वादक के तौर पर सबसे ज्यादा मशहूर रहे। उन्होंने वर्ष 1973 में दूरदर्शन के उद्घाटन कार्यक्रम में शहनाई बजाई थी। वर्ष 2012 में पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें ‘बंगभूषण अवार्ड’ से सम्मानित किया था। वे आइटीसी संगीत रिसर्च अकादमी कोलकाता में पढ़ाते भी थे। इन्हें भी देखें भारतीय संगीत हिंदुस्तानी संगीत सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक जालस्थल उस्ताद अली अहमद हुसैन खान 1939 में जन्मे लोग २०१६ में निधन संगीत भारतीय मुस्लिम
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को बड़ा झटका लगा है. उनकी पार्टी से चार राज्यसभा सांसदों ने टीडीपी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. जो टीडीपी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं, उनमें राज्यसभा सांसद सीएम रमेश, टीजी वेंटकेश, जी मोहन राव और वाईएस चौधरी शामिल हैं. इन चारों सांसदों ने राज्यसभा में टीडीपी के भारतीय जनता पार्टी में विलय का प्रस्ताव पास किया और इसकी जानकारी राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को दी. राज्यसभा में टीडीपी के कुल 6 सांसद थे, लेकिन अब सिर्फ दो ही बचे हैं. बीजेपी में शामिल होने वाले टीडीपी के इन सांसदों पर दलबदल कानून नहीं लागू होगा. इसकी वजह यह है कि दलबदल कानून किसी सदन में एक पार्टी के दो तिहाई सदस्यों को अपनी पार्टी का दूसरी पार्टी में विलय करने का अधिकार देता है. लिहाजा ये चारों राज्यसभा के सदस्य बने रहेंगे. TDP MPs of Rajya Sabha- YS Chowdary, CM Ramesh, TG Venkatesh, join BJP in presence of BJP Working President JP Nadda. TDP Rajya Sabha MP GM Rao to formally join later as he is unwell. pic.twitter.com/IU6ximVYtd — ANI (@ANI) June 20, 2019 टीडीपी के इन सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की. बीजेपी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इनको पार्टी में शामिल कराया. टीडीपी के इन चार राज्यसभा सांसद बीजेपी में उस समय शामिल हुए हैं, जब टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू अपने परिवार के साथ विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं. वहीं, टीडीपी अध्यक्ष एन  चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'हमने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और राज्य के हित के लिए बीजेपी से लड़ाई लड़ी. हमने सूबे को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्रीय मंत्री पद तक को छोड़ दिया. हम टीडीपी को कमजोर करने की बीजेपी की कोशिश की निंदा करते हैं. टीडीपी में संकट कोई नया नहीं है. पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निराश होने की जरूरत नहीं है.' आपको बता दें कि बीजेपी के पास मौजूदा आंध्र प्रदेश में विधानसभा में कोई भी विधायक नहीं है, जबकि पिछली विधानसभा में भाजपा को पांच सीटें मिली थी. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का टीडीपी के साथ गठबंधन था. जबकि इस बार हुए चुनाव में टीडीपी ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था. ऐसे में चंद्रबाबू नायडू के विदेश दौरे से लौटने के बाद आंध्र प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है. चुनावों में TDP को मिली हार हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में टीडीपी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. पार्टी आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में महज 3 ही सीटें जीत पाई, जबकि वाईएसआर कांग्रेस ने 22 सीटों पर कब्जा किया. वहीं विधानसभा चुनावों में टीडीपी ने प्रदेश की 175 सीटों में से महज 23 सीटें ही जीतीं. सबसे ज्यादा सीटें 151 वाईएसआर कांग्रेस के खाते में आईं. जनसेना पार्टी ने एक सीट पर कब्जा किया.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के मसले पर नया हलफनामा दाखिल किया है. बोर्ड ने कोर्ट से कहा है कि काजियों को इस संबंध में एडवायजरी जारी की जाएगी कि वह निकाह के वक्त दुल्हों को तीन तलाक का रास्ता नहीं अपनाने की सलाह दें. इसके साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने न्यायालय में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि तीन तलाक शरीयत के तहत अवांछनीय परंपरा है. निकाहनामे में इसकी अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं होना चाहिए. हलफनामे में इस बात का भी जिक्र है निकाहनामे में लड़की के कहने पर ये शर्त शामिल करवाने का ऑप्शन हो कि उसको तीन तलाक नहीं दिया जा सकता. लोगों को जागरूक करने के लिए बोर्ड सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से तीन तलाक के बारे में बताया जाएगा. हलफनामे के सचिव मोहम्मद फजर्लुरहीम के अनुसार, निकाह कराते समय, निकाह कराने वाला व्यक्ति दूल्हे को सलाह देगा कि मतभेद के कारण तलाक की स्थिति उत्पन्न होने पर वह एक ही बार में तीन तलाक नहीं देगा, क्योंकि शरीयत में यह अवांछनीय परंपरा है. तीन तलाक की परंपरा को अलग रखेगा पति हलफनामे में कहा गया है कि निकाह कराते वक्त, निकाह कराने वाला व्यक्ति दूल्हा और दुल्हन दोनों को निकाहनामे में यह शर्त शामिल करने की सलाह देगा कि उसके पति द्वारा एक ही बार में तीन तलाक की परंपरा को अलग रखा जाएगा. मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हलफनामे का अवलोकन करेगी. गर्मी की छुट्टियों के दौरान हुई सुनवाई इस संविधान पीठ ने 18 मई को ही तीन तलाक के मुद्दे पर सुनवाई पूरी की है. मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक की परपंरा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर संविधान पीठ ने केन्द्र सरकार, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और ऑल इंडिया मुस्लिम वुमेन पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य पक्षों की दलीलों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान छह दिन सुना था.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: रंगभेद विरोधी मुहिम के प्रणेता एवं दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को शुक्रवार देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर है। राष्ट्रपति जैकब जूमा के कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा, पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के फेफड़ों में पिछले कुछ दिनों में फिर से संक्रमण हो गया है। उनकी हालत कल देर रात करीब डढ़े बजे बिगड़ गई और उन्हें प्रिटोरिया के अस्पताल ले जाया गया।टिप्पणियां नोबेल पुरस्कार से सम्मानित 96-वर्षीय मंडेला को हालिया कुछ महीनों में कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ सालों से गिरता जा रहा है। राष्ट्रपति कार्यालय ने मीडिया और लोगों से मंडेला और उनके परिवार की निजता का सम्मान करने की अपील करते हुए कहा, राष्ट्रपति जूमा सरकार और राष्ट्र की ओर से मंडेला के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की कामना करते हैं। इससे पहले, मार्च में मंडेला को फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंडेला काफी समय से फेफड़ों में संक्रमण से पीड़ित हैं। वह रोबेन द्वीप पर जब राजनीतिक कैदी थे, तभी उन्हें यह समस्या हुई थी। मंडेला को कारावास में क्षय रोग हो गया था। मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति हैं। वह 1994 से 1999 तक देश के राष्ट्रपति रहे। उन्हें रंगभेद की नीति के खिलाफ और लोकतंत्र के लिए संघर्ष का नेतृत्व करने के कारण राष्ट्रपिता माना जाता है। राष्ट्रपति जैकब जूमा के कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा, पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के फेफड़ों में पिछले कुछ दिनों में फिर से संक्रमण हो गया है। उनकी हालत कल देर रात करीब डढ़े बजे बिगड़ गई और उन्हें प्रिटोरिया के अस्पताल ले जाया गया।टिप्पणियां नोबेल पुरस्कार से सम्मानित 96-वर्षीय मंडेला को हालिया कुछ महीनों में कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ सालों से गिरता जा रहा है। राष्ट्रपति कार्यालय ने मीडिया और लोगों से मंडेला और उनके परिवार की निजता का सम्मान करने की अपील करते हुए कहा, राष्ट्रपति जूमा सरकार और राष्ट्र की ओर से मंडेला के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की कामना करते हैं। इससे पहले, मार्च में मंडेला को फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंडेला काफी समय से फेफड़ों में संक्रमण से पीड़ित हैं। वह रोबेन द्वीप पर जब राजनीतिक कैदी थे, तभी उन्हें यह समस्या हुई थी। मंडेला को कारावास में क्षय रोग हो गया था। मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति हैं। वह 1994 से 1999 तक देश के राष्ट्रपति रहे। उन्हें रंगभेद की नीति के खिलाफ और लोकतंत्र के लिए संघर्ष का नेतृत्व करने के कारण राष्ट्रपिता माना जाता है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित 96-वर्षीय मंडेला को हालिया कुछ महीनों में कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ सालों से गिरता जा रहा है। राष्ट्रपति कार्यालय ने मीडिया और लोगों से मंडेला और उनके परिवार की निजता का सम्मान करने की अपील करते हुए कहा, राष्ट्रपति जूमा सरकार और राष्ट्र की ओर से मंडेला के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की कामना करते हैं। इससे पहले, मार्च में मंडेला को फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंडेला काफी समय से फेफड़ों में संक्रमण से पीड़ित हैं। वह रोबेन द्वीप पर जब राजनीतिक कैदी थे, तभी उन्हें यह समस्या हुई थी। मंडेला को कारावास में क्षय रोग हो गया था। मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति हैं। वह 1994 से 1999 तक देश के राष्ट्रपति रहे। उन्हें रंगभेद की नीति के खिलाफ और लोकतंत्र के लिए संघर्ष का नेतृत्व करने के कारण राष्ट्रपिता माना जाता है। इससे पहले, मार्च में मंडेला को फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंडेला काफी समय से फेफड़ों में संक्रमण से पीड़ित हैं। वह रोबेन द्वीप पर जब राजनीतिक कैदी थे, तभी उन्हें यह समस्या हुई थी। मंडेला को कारावास में क्षय रोग हो गया था। मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति हैं। वह 1994 से 1999 तक देश के राष्ट्रपति रहे। उन्हें रंगभेद की नीति के खिलाफ और लोकतंत्र के लिए संघर्ष का नेतृत्व करने के कारण राष्ट्रपिता माना जाता है।
छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने राज्य की 50 हजार खेतिहर मजदूरों को मुफ्त में बरसाती देने का फैसला किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मंगलवार शाम रायपुर के कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में छत्‍तीसगढ़ की 50 हजार खेतिहर मजदूर महिलाओं को चालू खरीफ मौसम से ही नि:शुल्क बरसातियां देने की योजना का शुभारंभ किया. अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से मजदूर महिलाओं को बरसाती देने का फैसला किया है. बरसातियों का उपयोग राज्य की अत्योदय राशन कार्ड धारी परिवारों की महिलाओं द्वारा खेतों में रोपा-बियासी सहित अन्य किसानी के कामों के दौरान बारिश से बचने के लिए किया जा सकेगा. बरसातियां ग्रामीण महिला सशक्तिकरण योजना के तहत बांटी जा रही है. राज्य के कृषि मंत्री चन्द्रशेखर साहू ने बताया कि इस योजना के पहले चरण में प्रदेश के 10 विकासखंडों की अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों की 50 हजार महिलाओं को नि:शुल्क बरसातियां दी जाएंगी. साहू ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के आठ जिलों के दस विकासखंडों में इस योजना को लागू किया जा रहा है. रायपुर जिले में अभनपुर, गरियाबंद और देवभोग, धमतरी जिले में नगरी-सिहावा, बस्तर जिले में बस्तर, कबीरधाम जिले में कवर्धा, राजनांदगांव जिले में राजनांदगांव, महासमुंद जिले में सरायपाली, बिलासपुर जिले में बिल्हा और सरगुजा जिले में भटगांव विकासखंडों में यह योजना मंगलवार से शुरू हो गई है. योजना के तहत अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों की 50 हजार महिलाओं को नि:शुल्क बरसाती दी जाएगी. कृषि मंत्री ने बताया कि छत्‍तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड ने इस योजना के लिए वर्ष 2010-11 के बजट में दो करोड़ रूपए का प्रावधान किया है. योजना में शामिल किए गए सभी 10 विकासखंडों में संबंधित जिले के मंडी अध्यक्षों और सदस्यों की अनुशंसा पर 10-10 अतिरिक्त महिलाओं को भी नि:शुल्क बरसाती वितरित की जाएगी.
बॉलीवुड में अजय देवगन तीनों खानों के अलावा उन कुछ चुनिंदा स्टारों में एक हैं, जो पिछले 20 वर्ष से लीड हीरो बने हुए हैं, लेकिन देवगन (41) का कहना है कि वे शीर्ष पांच स्टारों की दौड़ में कभी शामिल नहीं रहे. उनके अनुसार अनवरतता और प्रतिभा ज्यादा महत्वपूर्ण है. देवगन ने कहा, ‘‘शीर्ष पांच स्थान लोगों के मूड के अनुसार बदलते रहते हैं. यह अनवरतता है जो बहुत मायने रखता है और कलाकार को सभी प्रकार की भूमिकाएं करने को इच्छुक रहना चाहिए.’’ बड़े पर्दे पर भगत सिंह जैसी गंभीर भूमिका से लेकर लडकियों पर डोरे डालने की भूमिकाएं तक करने वाले तथा दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले देवगन कहते हैं कि वह किसी से भी अपनी तुलना नहीं करवाना चाहते. हास्य फिल्म ‘अतिथि तुम कब जोओगे’ के बाद देवगन प्रकाश झा के राजनीतिक ड्रामा ‘राजनीति’ में नजर आए. अब उनकी अगली फिल्म ‘वंस अपॉन ए टाईम इन मुम्बई’ आने वाली है जबकि साल के अंत तक वह सामाजिक एक्शन थ्रिलर ‘आक्रोश’, हास्य फिल्म ‘गोलमाल 3’ तथा एनिमेशन फिल्म ‘टूनपुर का सुपरहीरो’ में नजर आएंगे.उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कई फिल्में की है और इस वर्ष भी रुझान बदल रहा है. इस वर्ष मेरी कई फिल्में रिलीज हो रही हैं. मुझे उम्मीद है कि ये फिल्में चलेंगी. फिल्म उद्योग में मेरी जो स्थिति है उससे मैं खुश हूं.’’ निर्माता और निर्देशक की असफल पारी खेलने वाले देवगन तर्कसंगत बजट में फिल्म बनाकर चीजों को नियंत्रण में रखने में विश्वास करते हैं. वे कहते हैं, ‘‘हर पटकथा एक बजट के साथ आता है. आजकल हम कहते हैं कि फिल्में विफल हो रही हैं. यह पूरी तरह सच नहीं है. फिल्में विफल नहीं होती है, बल्कि यह बजट है जो विफल होता है.’’
दिल्ली के अमन विहार इलाके में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. इंसानियत को तार-तार करने वाली यह वारदात उस वक्त हुई जब एक युवक घर में घुसा हुआ था और लोगों ने बिना पूछताछ किए चोर समझकर राजेश नाम के युवक की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी. अमन विहार इलाके में महेंद्र नाम के व्यक्ति के घर युवक को देखा गया. बताया जाता है कि सुबह करीब पांच बजे महेंद्र के घर में कोई घुसा. परिवार के शोर मचाने पर युवक भागा. स्थानीय लोगों ने युवक को पकड़ लिया और फिर खम्भे से बांधकर जमकर पिटाई की. पुलिस मौके पर पहुंची और घायल युवक को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान राजेश की अस्पताल में मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने रामलाल, महेंद्र और सुनील को गिराफ्तारी कर लिया. मृतक राजेश के परिवार का आरोप है कि करीब 1 महीने पहले दिवाली में हुए झगड़े के बाद ही राजेश को कई बार धमकियां दी जा रही थीं. परिवार का आरोप है कि महेंद्र नाम का व्यक्ति राजेश को जान से मारने की धमकी कई बार दे चुका था. क्योंकि राजेश चाकूबाजी के एक मामले में गवाह था. पिता का आरोप है कि राजेश घर में शराब लेने के लिए गया था और वही उसके साथ इस वारदात को अंजाम दे दिया गया जो कि एक सोची-समझी साजिश है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया और लगातार पूछताछ जारी है. साथ ही मृतक राजेश के एक साथी पर भी पुलिस ने घर में घुसने और छोरी में नाकाम कोशिश की धाराओं में मामला दर्ज किया है. कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस लगातार इलाके में पूछताछ कर रही है.
जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा कि सभी निजी और सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गयी है.' अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, जहां खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुना बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.  इसके अलावा किसी अहम फैसले की संभावना के बीच जम्मू में भी सोमवार सुबह 6 बजे से धारा 144 लागू करने का फैसला लिया गया है. सुषमा चौहान ने कहा कि 5 अगस्त सुबह 6 बजे से धारा 144 लागू हो जाएगी जो अगले आदेश तक जारी रहेगी. अधिकारियों के अनुसार शहर में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, हवाई अड्डे, केंद्र सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे अहम प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. शहर में आने वाली सड़कों पर बैरीकेड लगाए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की. घंटे भर चली इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गॉबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच ताजा झड़प हुई.
यह एक लेख है: क्या आप आपना 'फ्रीडम 251' बुक करा पाए? अगर नहीं करा पाए तो आपके लिए निराश करने वाली खबर ये है कि विवादों में फंसी कंपनी रिंगिंग बेल्स ने शनिवार से इस सबसे सस्ते स्मार्टफोन की बुकिंग रोक दी है। कंपनी ने भारी मांग होने का हवाला देते हुए बुकिंग रोकी है। दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ने बुकिंग बंद करने की घोषणा करते हुए कहा, 'हम आपकी जबर्दस्त प्रतिक्रिया और विश्वास के लिए आभारी हैं। हमने जितने ऑर्डर की उम्मीद की थी, आंकड़ा उससे कहीं अधिक है और इसीलिए हम अब पहले चरण में बुकिंग बंद कर रहे हैं।' वेबसाइट पर जारी नोटिस के अनुसार, 'हम इसकी सराहना करते हैं और यह स्वीकार करते हैं कि हम सभी की मांग को पूरा नहीं कर पाए हैं, लेकिन निश्चित रूप से अगले चरण में आपको सेवा देने के लिए हम उत्सुक रहेंगे।' कंपनी ने कहा कि उसे पहले दिन 3.70 करोड़ पंजीकरण तथा दूसरे दिन 2.47 करोड़ पंजीकरण (रात 7.49 तक) प्राप्त हुए हैं। सबसे सस्ता फोन कहा जाने वाला फ्रीडम-251 विभिन्न कारणों से वैश्विक स्तर पर सुखिर्यों में है। आरोप है कि कंपनी ने जो फोन दिखाया है, यह प्रतिद्वंद्वी कंपनी एडकॉम का हैंडसेट है। साथ ही हैंडसेट पर चिन्ह हैं, वे वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल से मिलते-जुलते हैं। रिंगिंग बेल्स के अध्यक्ष अशोक चड्ढ़ा ने स्पष्ट किया, 'वह एक नमूना या प्रोटोटाइप हैंडसेट दिखाना चाहते थे कि कंपनी का हैंडसेट कैसा होगा, यह उनका अंतिम उत्पाद नहीं है।' उन्होंने कहा, 'समय की कमी और यह देखते हुए कि इसे सीमित लोगों को नमूने के तौर पर दिया जाएगा, हमने कदम उठाया है। हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि जो अंतिम 'फ्रीडम 251' होगा, वह भारत में विनिर्मित (एसेंबल) होगा और इसी तरह का होगा। उसमें कोई बदलाव नहीं होगा।' मोबाइल उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कंपनी के खिलाफ दूरसंचार मंत्रालय को शिकायत की और मामले की तह तक जाने का अनुरोध किया। मंत्रालय ने रिंगिंग बेल्स से बिना बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणपत्र के 'फ्रीडम 251' मोबाइल फोन पेश किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से कंपनी की विश्वसनीयता का पता लगाने को कहा है।टिप्पणियां इसके अलावा कंपनी उत्पाद शुल्क एवं आयकर विभागों की जांच के घेरे में आ गई। जांच एजेंसियां कंपनी के वित्तीय ढांचे को देख रही हैं और उसके पंजीकरण दस्तावेजों की पड़ताल कर रहीं हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) वेबसाइट पर जारी नोटिस के अनुसार, 'हम इसकी सराहना करते हैं और यह स्वीकार करते हैं कि हम सभी की मांग को पूरा नहीं कर पाए हैं, लेकिन निश्चित रूप से अगले चरण में आपको सेवा देने के लिए हम उत्सुक रहेंगे।' कंपनी ने कहा कि उसे पहले दिन 3.70 करोड़ पंजीकरण तथा दूसरे दिन 2.47 करोड़ पंजीकरण (रात 7.49 तक) प्राप्त हुए हैं। सबसे सस्ता फोन कहा जाने वाला फ्रीडम-251 विभिन्न कारणों से वैश्विक स्तर पर सुखिर्यों में है। आरोप है कि कंपनी ने जो फोन दिखाया है, यह प्रतिद्वंद्वी कंपनी एडकॉम का हैंडसेट है। साथ ही हैंडसेट पर चिन्ह हैं, वे वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल से मिलते-जुलते हैं। रिंगिंग बेल्स के अध्यक्ष अशोक चड्ढ़ा ने स्पष्ट किया, 'वह एक नमूना या प्रोटोटाइप हैंडसेट दिखाना चाहते थे कि कंपनी का हैंडसेट कैसा होगा, यह उनका अंतिम उत्पाद नहीं है।' उन्होंने कहा, 'समय की कमी और यह देखते हुए कि इसे सीमित लोगों को नमूने के तौर पर दिया जाएगा, हमने कदम उठाया है। हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि जो अंतिम 'फ्रीडम 251' होगा, वह भारत में विनिर्मित (एसेंबल) होगा और इसी तरह का होगा। उसमें कोई बदलाव नहीं होगा।' मोबाइल उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कंपनी के खिलाफ दूरसंचार मंत्रालय को शिकायत की और मामले की तह तक जाने का अनुरोध किया। मंत्रालय ने रिंगिंग बेल्स से बिना बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणपत्र के 'फ्रीडम 251' मोबाइल फोन पेश किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से कंपनी की विश्वसनीयता का पता लगाने को कहा है।टिप्पणियां इसके अलावा कंपनी उत्पाद शुल्क एवं आयकर विभागों की जांच के घेरे में आ गई। जांच एजेंसियां कंपनी के वित्तीय ढांचे को देख रही हैं और उसके पंजीकरण दस्तावेजों की पड़ताल कर रहीं हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) सबसे सस्ता फोन कहा जाने वाला फ्रीडम-251 विभिन्न कारणों से वैश्विक स्तर पर सुखिर्यों में है। आरोप है कि कंपनी ने जो फोन दिखाया है, यह प्रतिद्वंद्वी कंपनी एडकॉम का हैंडसेट है। साथ ही हैंडसेट पर चिन्ह हैं, वे वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल से मिलते-जुलते हैं। रिंगिंग बेल्स के अध्यक्ष अशोक चड्ढ़ा ने स्पष्ट किया, 'वह एक नमूना या प्रोटोटाइप हैंडसेट दिखाना चाहते थे कि कंपनी का हैंडसेट कैसा होगा, यह उनका अंतिम उत्पाद नहीं है।' उन्होंने कहा, 'समय की कमी और यह देखते हुए कि इसे सीमित लोगों को नमूने के तौर पर दिया जाएगा, हमने कदम उठाया है। हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि जो अंतिम 'फ्रीडम 251' होगा, वह भारत में विनिर्मित (एसेंबल) होगा और इसी तरह का होगा। उसमें कोई बदलाव नहीं होगा।' मोबाइल उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कंपनी के खिलाफ दूरसंचार मंत्रालय को शिकायत की और मामले की तह तक जाने का अनुरोध किया। मंत्रालय ने रिंगिंग बेल्स से बिना बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणपत्र के 'फ्रीडम 251' मोबाइल फोन पेश किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से कंपनी की विश्वसनीयता का पता लगाने को कहा है।टिप्पणियां इसके अलावा कंपनी उत्पाद शुल्क एवं आयकर विभागों की जांच के घेरे में आ गई। जांच एजेंसियां कंपनी के वित्तीय ढांचे को देख रही हैं और उसके पंजीकरण दस्तावेजों की पड़ताल कर रहीं हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) रिंगिंग बेल्स के अध्यक्ष अशोक चड्ढ़ा ने स्पष्ट किया, 'वह एक नमूना या प्रोटोटाइप हैंडसेट दिखाना चाहते थे कि कंपनी का हैंडसेट कैसा होगा, यह उनका अंतिम उत्पाद नहीं है।' उन्होंने कहा, 'समय की कमी और यह देखते हुए कि इसे सीमित लोगों को नमूने के तौर पर दिया जाएगा, हमने कदम उठाया है। हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि जो अंतिम 'फ्रीडम 251' होगा, वह भारत में विनिर्मित (एसेंबल) होगा और इसी तरह का होगा। उसमें कोई बदलाव नहीं होगा।' मोबाइल उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कंपनी के खिलाफ दूरसंचार मंत्रालय को शिकायत की और मामले की तह तक जाने का अनुरोध किया। मंत्रालय ने रिंगिंग बेल्स से बिना बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणपत्र के 'फ्रीडम 251' मोबाइल फोन पेश किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से कंपनी की विश्वसनीयता का पता लगाने को कहा है।टिप्पणियां इसके अलावा कंपनी उत्पाद शुल्क एवं आयकर विभागों की जांच के घेरे में आ गई। जांच एजेंसियां कंपनी के वित्तीय ढांचे को देख रही हैं और उसके पंजीकरण दस्तावेजों की पड़ताल कर रहीं हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) मोबाइल उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कंपनी के खिलाफ दूरसंचार मंत्रालय को शिकायत की और मामले की तह तक जाने का अनुरोध किया। मंत्रालय ने रिंगिंग बेल्स से बिना बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणपत्र के 'फ्रीडम 251' मोबाइल फोन पेश किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से कंपनी की विश्वसनीयता का पता लगाने को कहा है।टिप्पणियां इसके अलावा कंपनी उत्पाद शुल्क एवं आयकर विभागों की जांच के घेरे में आ गई। जांच एजेंसियां कंपनी के वित्तीय ढांचे को देख रही हैं और उसके पंजीकरण दस्तावेजों की पड़ताल कर रहीं हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) इसके अलावा कंपनी उत्पाद शुल्क एवं आयकर विभागों की जांच के घेरे में आ गई। जांच एजेंसियां कंपनी के वित्तीय ढांचे को देख रही हैं और उसके पंजीकरण दस्तावेजों की पड़ताल कर रहीं हैं।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
यह एक लेख है: नए साल में आई सबसे बुरी खबर यानी दिग्‍गज अभिनेता ओमपुरी के निधन से बॉलीवुड सदमे में है. लेकिन इस दु:खद घटना में सस्‍पेंस लगातार बढ़ता जा रहा है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार पुलिस को अभी तक ओम पुरी का मोबाइल नहीं मिला है जो एक अहम सुराग हो सकता है. हालांकि ओम पुरी 6 जनवरी 2017 को दुनिया से अलविदा कह गए और उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी लेकिन उनकी मौत के 5 दिन बाद भी पुलिस को अभी तक उनका मोबाइल नहीं मिला है. पुलिस के लिए मोबाइल का मिलना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे उन्हें अपनी जांच में काफी मदद मिलेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'ओम पुरी का फोन उनकी पत्नी नंदिता पुरी के पास है. लेकिन अभी ओम पुरी के अंतिम संस्कार के कामों में व्‍यस्‍‍त होने की वजह से पुलिस उनसे सही समय पर फोन लेगी. पुलिस मोबाइल के जरिए ये पता करना चाहती है कि अपने आखिरी समय पर ओम पुरी ने किससे बात की थी. बता दें कि मौत के बाद ओम पुरी के सिर में चोट लगी थी और उनके शरीर के पास खून भी पाया गया. इसी के बात उनके निधन पर कई अटकलें लगाई जा रही हैं.   जानकारी के अनुसार ओम पुरी के शरीर को पोस्‍टमार्टम के लिए मुंबई बीएमसी के कूपर अस्‍पताल भेजा गया है. पुलिस अभी फॉरेंसिक और हिस्‍टोपैथोलोजी रिपोर्ट का इंताजर कर रही है, ताकि मौत की असली वजह पता चल पाए. इसके साथ ही पुलिस ओम पुरी के रिश्तेदारों और घर के पास रह रहे लोगों से पूछताछ भी कर रही है.मुफलिसी का एक दौर ऐसा भी था जब ओमुपरी एक्‍टर नहीं बल्कि रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे...टिप्पणियां मीडिया में आई रिपोर्ट्स की मानें तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक ओम पुरी का लीवर सिकुड़ा था. जिससे ये माना जा रहा है कि उन्हें शराब पीने की वजह से ही हॉर्ट अटैक आया है. हालांकि इससे पहले जो रिपोर्ट आई थी उसके अनुसार उनके सिर पर गंभीर चोट लगी थी. हाल ही में उनकी दोनों पत्‍नियों द्वारा मुंबई में दो अलग-अलग जगह शोक सभाओं का आयोजन किया था. ओम पुरी की पहली पत्‍नी सीमा कपूर हैं जो एक्‍टर अनु कपूर की बहन हैं, जबकि दूसरी पत्‍नी नंदिता पुरी हैं.   मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'ओम पुरी का फोन उनकी पत्नी नंदिता पुरी के पास है. लेकिन अभी ओम पुरी के अंतिम संस्कार के कामों में व्‍यस्‍‍त होने की वजह से पुलिस उनसे सही समय पर फोन लेगी. पुलिस मोबाइल के जरिए ये पता करना चाहती है कि अपने आखिरी समय पर ओम पुरी ने किससे बात की थी. बता दें कि मौत के बाद ओम पुरी के सिर में चोट लगी थी और उनके शरीर के पास खून भी पाया गया. इसी के बात उनके निधन पर कई अटकलें लगाई जा रही हैं.   जानकारी के अनुसार ओम पुरी के शरीर को पोस्‍टमार्टम के लिए मुंबई बीएमसी के कूपर अस्‍पताल भेजा गया है. पुलिस अभी फॉरेंसिक और हिस्‍टोपैथोलोजी रिपोर्ट का इंताजर कर रही है, ताकि मौत की असली वजह पता चल पाए. इसके साथ ही पुलिस ओम पुरी के रिश्तेदारों और घर के पास रह रहे लोगों से पूछताछ भी कर रही है.मुफलिसी का एक दौर ऐसा भी था जब ओमुपरी एक्‍टर नहीं बल्कि रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे...टिप्पणियां मीडिया में आई रिपोर्ट्स की मानें तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक ओम पुरी का लीवर सिकुड़ा था. जिससे ये माना जा रहा है कि उन्हें शराब पीने की वजह से ही हॉर्ट अटैक आया है. हालांकि इससे पहले जो रिपोर्ट आई थी उसके अनुसार उनके सिर पर गंभीर चोट लगी थी. हाल ही में उनकी दोनों पत्‍नियों द्वारा मुंबई में दो अलग-अलग जगह शोक सभाओं का आयोजन किया था. ओम पुरी की पहली पत्‍नी सीमा कपूर हैं जो एक्‍टर अनु कपूर की बहन हैं, जबकि दूसरी पत्‍नी नंदिता पुरी हैं.   मुफलिसी का एक दौर ऐसा भी था जब ओमुपरी एक्‍टर नहीं बल्कि रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे...टिप्पणियां मीडिया में आई रिपोर्ट्स की मानें तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक ओम पुरी का लीवर सिकुड़ा था. जिससे ये माना जा रहा है कि उन्हें शराब पीने की वजह से ही हॉर्ट अटैक आया है. हालांकि इससे पहले जो रिपोर्ट आई थी उसके अनुसार उनके सिर पर गंभीर चोट लगी थी. हाल ही में उनकी दोनों पत्‍नियों द्वारा मुंबई में दो अलग-अलग जगह शोक सभाओं का आयोजन किया था. ओम पुरी की पहली पत्‍नी सीमा कपूर हैं जो एक्‍टर अनु कपूर की बहन हैं, जबकि दूसरी पत्‍नी नंदिता पुरी हैं.   मीडिया में आई रिपोर्ट्स की मानें तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक ओम पुरी का लीवर सिकुड़ा था. जिससे ये माना जा रहा है कि उन्हें शराब पीने की वजह से ही हॉर्ट अटैक आया है. हालांकि इससे पहले जो रिपोर्ट आई थी उसके अनुसार उनके सिर पर गंभीर चोट लगी थी. हाल ही में उनकी दोनों पत्‍नियों द्वारा मुंबई में दो अलग-अलग जगह शोक सभाओं का आयोजन किया था. ओम पुरी की पहली पत्‍नी सीमा कपूर हैं जो एक्‍टर अनु कपूर की बहन हैं, जबकि दूसरी पत्‍नी नंदिता पुरी हैं.
लेख: जम्मू-कश्मीर में युवक की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर FIR दर्ज न करने पर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट की अवमानना कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट का कहना है कि फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. साथ ही शुक्रवार को जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिया है. जम्मू-कश्मीर सरकार ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले युवक की मौत के मामले में हत्या की FIR दर्ज करने को कहा गया है.टिप्पणियां इसमें DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वालों को आरोपी बनाया गया है. आदेश पर कारवाई न करने पर  मजिस्ट्रेट ने अदालत की अवमानना का मामला भी शुरू किया है. निचली अदालत ने यह भी कहा था कि मामले की जांच DSP स्तर के अफसर से कराई जाए. दरअसल युवक शब्बीर अहमद मीर के पिता ने शिकायत दी थी कि10 जुलाई को DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वाले उसके घर पहुंचे. पहले शब्बीर की मां से मारपीट की और फिर शब्बीर की दो गोलियां मारकर हत्या कर दी. इस शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने 18 जुलाई को SSP को हत्या की FIR दर्ज कर DSP स्तर के अफसर से जांच कराने के आदेश जारी किए. पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कुछ गलत नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कहा है कि मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जरूरत से ज्यादा जल्दबाजी दिखाई. जिस दिन शिकायत मिली, उसी दिन FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए. जम्मू-कश्मीर सरकार ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले युवक की मौत के मामले में हत्या की FIR दर्ज करने को कहा गया है.टिप्पणियां इसमें DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वालों को आरोपी बनाया गया है. आदेश पर कारवाई न करने पर  मजिस्ट्रेट ने अदालत की अवमानना का मामला भी शुरू किया है. निचली अदालत ने यह भी कहा था कि मामले की जांच DSP स्तर के अफसर से कराई जाए. दरअसल युवक शब्बीर अहमद मीर के पिता ने शिकायत दी थी कि10 जुलाई को DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वाले उसके घर पहुंचे. पहले शब्बीर की मां से मारपीट की और फिर शब्बीर की दो गोलियां मारकर हत्या कर दी. इस शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने 18 जुलाई को SSP को हत्या की FIR दर्ज कर DSP स्तर के अफसर से जांच कराने के आदेश जारी किए. पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कुछ गलत नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कहा है कि मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जरूरत से ज्यादा जल्दबाजी दिखाई. जिस दिन शिकायत मिली, उसी दिन FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए. इसमें DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वालों को आरोपी बनाया गया है. आदेश पर कारवाई न करने पर  मजिस्ट्रेट ने अदालत की अवमानना का मामला भी शुरू किया है. निचली अदालत ने यह भी कहा था कि मामले की जांच DSP स्तर के अफसर से कराई जाए. दरअसल युवक शब्बीर अहमद मीर के पिता ने शिकायत दी थी कि10 जुलाई को DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वाले उसके घर पहुंचे. पहले शब्बीर की मां से मारपीट की और फिर शब्बीर की दो गोलियां मारकर हत्या कर दी. इस शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने 18 जुलाई को SSP को हत्या की FIR दर्ज कर DSP स्तर के अफसर से जांच कराने के आदेश जारी किए. पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कुछ गलत नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कहा है कि मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जरूरत से ज्यादा जल्दबाजी दिखाई. जिस दिन शिकायत मिली, उसी दिन FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए. दरअसल युवक शब्बीर अहमद मीर के पिता ने शिकायत दी थी कि10 जुलाई को DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वाले उसके घर पहुंचे. पहले शब्बीर की मां से मारपीट की और फिर शब्बीर की दो गोलियां मारकर हत्या कर दी. इस शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने 18 जुलाई को SSP को हत्या की FIR दर्ज कर DSP स्तर के अफसर से जांच कराने के आदेश जारी किए. पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कुछ गलत नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कहा है कि मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जरूरत से ज्यादा जल्दबाजी दिखाई. जिस दिन शिकायत मिली, उसी दिन FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए.
रुश्दी की चार बार शादी हुई। अपनी पहली पत्नी क्लेरिस्सा लुआर्ड से वे 1976 से 1987 तक विवाहित रहे जिससे उन्हें एक बेटा जफ़र हुआ। उनकी दूसरी पत्नी अमेरिकी उपन्यासकार मारिआन विगिंस थीं; उन दोनों का विवाह 1988 को और तलाक़ 1993 में हुआ। उनकी तीसरी पत्नी, 1997 से 2004 तक, एलिजाबेथ वेस्ट थीं; उनका एक बेटा, मिलन है। 2004 में उन्होंने भारतीय अमेरिकी अभिनेत्री और सुपर मॉडल पद्मा लक्ष्मी, अमेरिकी रिएलिटी टेलिविज़न कार्यक्रम टॉप शेफ़ की मेजबान, से विवाह किया। शादी 2 जुलाई 2007 को टूट गया और लक्ष्मी ने इंगित किया कि उन्होंने ख़ुद विवाह समाप्त करना चाहा था। 2008 में, बॉलीवुड प्रेस ने भारतीय मॉडल रिया सेन के साथ उनका प्रेम संबंध जोड़ा, जिसके वे अन्यथा एक दोस्त थे। उनकी दोस्ती के बारे में मीडिया की अटकलबाज़ी के उत्तर में, उसने (रिया) सिर्फ इतना कहा "मुझे लगता है कि जब आप सलमान रुश्दी हैं, तो आप ज़रूर उन लोगों से ऊब जाते हैं जो हमेशा आपसे साहित्य के बारे में बात करना चाहते हैं।"
अभिनेता आमिर खान का आने वाली फिल्म 'पीके' अभी से ही विवादों में घिर गई है. बॉलीवुड स्टार आमिर खान और एक दैनिक अखबार के खिलाफ शुक्रवार को कानपुर के एक अदालत में याचिका दायर की गई है. ये याचिका एक वकील के द्वारा दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि आमिर की फिल्म के पोस्टर में अश्लीलता दिखाई गई है जिससे यौन हिंसा और अश्लीलता को बढ़ावा मिलेगा. याचिका में आमिर खान के अलावा एक दैनिक अखबार के खिलाफ भी शिकायत की गई है. इस अखबार ने 'पीके' के पोस्टर को छापा था. गौरतलब है कि गुरुवार को आमिर खान की आने वाली फिल्म 'पीके' को पोस्टर जारी किया गया था जिसमें आमिर की न्यूड तस्वीर छपी थी. तस्वीर में आमिर ने अपने शरीर को सिर्फ एक ट्रांजिस्टर से ढका हुआ है. राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बन रही ये फिल्म 19 दिसंबर को रिलीज होगी.
बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेन्द्र मोदी के कपड़े धोने वाले चांद अब्दुल सलाम धोबी उनके प्रधान मंत्री बनने की कामना कर रहा है. वह चाहता है कि चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाए तोकि उसे गोधरा में मकान बनाने के लिए प्लॉट मिले. यह खबर एक अंग्रेजी अखबार ने दी है. चांद ने 2009 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी. उसके बाद उसने प्लॉट के लिए आवेदन किया. मोदी ने अधिकारियों से खास तौर से कहकर उसे बुलवाया था. उस मुलाकात के बाद ही गरीबी में दिन गुजार रहे चांद ने प्लॉट की मांग की. 1970 के दशक में जब मोदी गोधरा में संघ के प्रचारक के रूप में जब रहते थे तो उस समय चांद के कपड़े इस्तरी किया करते थे. 76 वर्षीय चांद के भतीजे अब उस लॉन्ड्री का काम देखते हैं. वह लॉन्ड्री काजीवाड़ क्षेत्र में है जहां आरएसएस का कार्यालय भी है. चांद के पास दो दस्तावेद हैं उनके मुताबिक जिला प्रशासन ने लिलेसारा पंचायत में उसके लिए एक प्लॉट तय किया है. यह जगह गोधरा के बाहरी क्षेत्र में है. लेकिन इसमें समस्या यह है कि 20,000 रुपये से ज्यादा के किसी प्लॉट को देने के लिए राज्य सरकार की अनुमति चाहिए. इस प्लॉट की कीमत 2,58,800 रुपये है. इसके लिए एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा चुका है. अब चांद को इतने पैसों की व्यवस्था करनी होगी. लेकिन अगर राज्य सरकार चाहे तो वह यह राशि माफ कर सकती है. चांद ने बताया कि अधिकारियों ने उससे कहा था कि इसमें कुछ छूट दी जा सकती है लेकिन चुनाव अचार संहिता लागू हो जाने से काम रुक गया है. चांद दुआ कर रहा है कि मोदी प्रधान मंत्री बन जाएं. उसका कहना है कि वह उसके बाद मोदी से दिल्ली में मिलेगा.
लारूंग गार बौद्ध एकेडमी, चिनी: 喇荣五明佛学院) सन् १९८० में, तिब्बती बौद्ध विद्वान खनपो जिगमेद फुनछोगस् द्वारा स्थापित एक ञिङमा साम्प्रदायिक तिब्बती बौद्ध विद्यापीठ है। यह विद्यालय सेरता काउंटी, गरजे, सिचुआन प्रांत में स्थित है। इस शैक्षिक संस्थान उद्देश्य तिब्बती बौद्ध धर्म में एक दुनियावी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए और, सन १९६६-७६ की चिनिया सांस्कृतिक क्रांति द्वारा किया गया विनाशकारी प्रभाव का ध्यान में लेकर तिब्बती बौद्ध छात्रवृत्ति नवीकरण के जरूरत को पूरा करने के लिए किया गया है। इसके दूरस्थ स्थान के बावजूद, यह दुनिया में तिब्बती बौद्ध अध्ययन के लिए सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली केन्द्रों में से एक है, यह की छात्रों का संख्या में १०,००० से अधिक भिक्षुओं, भिक्षुणियों है। बीजिंग. चीन के चेंगदू से करीब 600 किमी दूर यह स्कूल 1980 में एक इमारत में शुरू हुआ था। अब फैलकर कस्बे में बदल गया है। कस्बे का निर्माण सिर्फ दान से हुआ है। नाम है लारुंग गार बुद्धिस्ट एकेडमी। यह दुनिया का सबसे बड़ा रिहायशी बौद्ध विद्यालय है। यहां पर तिब्बत के पारंपरिक बौद्ध शिक्षा का अध्ययन करने के लिए कई देशों से बच्चे आते हैं। यहां सभी घरों के रंग लाल और भूरे हैं। लड़के-लड़कियों के रहने वाले इलाकों को सड़कों से बांटा गया है। बुद्धिस्ट एकेडमी के कुछ तथ्य 40,000 छात्र रहते हैं यहां पर 12,500 फीट ऊंचाई पर बसा है टीवी देखना यहां पर बैन है, लेकिन स्मार्टफोन की अनुमति है ज्यादातर बच्चों के पास सेकंड हैंड आईफोन जरूर मिल जाएगा सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ Larung Ngarig Buddhist Academy - About us - International Buddhist Association (with Prospective Student Registration link) बौद्ध तीर्थ स्थल बौद्ध धर्म
करदाताओं के साथ ईमेल के जरिए कम्युनिकेशन को प्रामाणिकता देने के लिए वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे ऐसे पत्रों और नोटिस में उनके ईमेल और आधिकारिक फोन नंबरों का जिक्र अनिवार्य तौर पर करें. जानकारी के मुताबिक राजस्व सचिव हसमुख अधिया के निर्देश पर इस संबंध में कुछ समय पहले आधिकारिक आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के मुताबिक अब से सीबीडीटी, इसके निदेशालय और क्षेत्रीय कार्यालय समेत राजस्व विभाग के कोई भी अधिकारी करदाताओं को जारी किए जाने वाले किसी भी नोटिस या पत्र में ईमेल और दफ्तर का फोन नंबर, अधिकारी का हस्ताक्षर अवश्य होना चाहिए ताकि करदाताओं की सुविधा के लिए विभाग के साथ इलेक्ट्रॉनिक आधार पर संवाद कायम किया जा सके. आदेश में कहा गया,‘सभी से आग्रह है कि कृपया यह सुनिश्चित करें कि उक्त आदेश का सख्ती से पालन हो.’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहल इलेक्ट्रॉनिक संवाद को प्रामाणिकता प्रदान करने के लिए की गई है क्योंकि कई बार ऐसे संवादों की नकल या करदाताओं की गैर कानूनी तरीके से जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाती है. उन्होंने कहा ‘संदेह की स्थिति में करदाता या प्राप्तकर्ता आयकर विभाग या आकलन अधिकारी द्वारा भेजे जाने वाले नोटिस या पत्र की प्रामाणिकता जांच सकते हैं. आयकर विभाग की यह सुरक्षित और विश्वसनीय ई-संवाद की कोशिश है.' आयकर विभाग ने हाल ही में करदाताओं का आकलन ईमेल के आधार पर करने की पायलट परियोजना की शुरुआत की थी. यह शुरुआत कुछ ही शहरों में की गई है.
भारतीय टेनिस स्‍टार सानिया मिर्जा ने पाकिस्‍तान में रहने वाले अपने फैन्‍स को स्‍वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं. उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा है कि उनके पाकिस्‍तानी फैन्‍स को उनकी 'इंडियन भाभी' की ओर से बधाई और प्‍यार. बता दें कि पाकिस्‍तान 14 अगस्‍त को अपना स्‍वतंत्रता दिवस मनाता है. मां बनने वाली हैं सानिया, फैंस को खास अंदाज में दी खुशखबरी सानिया ने ट्विटर पर लिखा, 'मेरे पाकिस्‍तानी दोस्‍त और प्रशंसकों को स्‍वतंत्रता दिवस की बधाई. इंडियन भाभी की ओर से शुभकामनाएं और प्‍यार.' इतना ही नहीं, सानिया ने एक यूजर को सबक सि‍खाते हुए साफ किया कि उनका स्‍वतंत्रता दिवस कब है. सानिया ने लिखा, "जी नहीं, मेरा और मेरे देश का स्‍वतंत्रता दिवस कल है, और मेरे हस्‍बैंड और उनके देश का आज. उम्‍मीद है कि आपका कंफ्यूजन दूर हो गया होगा? वैसे आपका कब है? क्‍योंकि आप बहुत कंफ्यूज लगते हो." Happy Independence Day to my Pakistani fans and friends !! best wishes and love from your Indian Bhabi 🙏🏽 — Sania Mirza (@MirzaSania) August 14, 2018 Jee nahi.. mera aur mere country ka Independence Day kal hai, aur mere husband aur unnki country ka aaj!! Hope your confusion is cleared !!Waise aapka kab hai?? Since you seem very confused .. https://t.co/JAmyorH0dV — Sania Mirza (@MirzaSania) August 14, 2018 Awee.. calm down!! Don’t take the wishes ‘if you don’t need them’ also remember when I asked for your opinion on my life ??? Yuppp- me neither !!!! 🤔 peace out ✌🏽 https://t.co/K34trJBihx — Sania Mirza (@MirzaSania) August 14, 2018 सानिया के इस ट्वीट का उनके कई पाकिस्‍तानी फॉलोअर्स ने विरोध भी किया. एक पाकिस्‍तानी यूजर ने लिखा कि उन्‍हें सानिया की शुभकामनाओं की जरूरत नहीं है. ये किस तरह की शादी है.  उन्‍हें वसीम अकरम की पत्‍नी की तरह पाकिस्‍तान आकर रहना चाहिए. इसका जवाब देते हुए सानिया ने लिखा, 'शांत रहिए. यदि आपको शुभकामनाओं की जरूरत नहीं है तो मत लीजिए, याद कीजिए मैंने कब आपको अपनी लाइफ पर राय देने को कहा था?' क्यों खास है प्रेग्नेंट सानिया मिर्जा की Due Date? किया खुलासा एक अन्‍य ने लिखा, 'आप अपने इस कमेंट से पाकिस्‍तान का समर्थन बिल्‍कुल भी नहीं कर रही हैं.' एक यूजर ने लिखा 'दोनों देशों को सपोर्ट करना अजीब है. पाकिस्‍तान आओ और अपने देश काे सपोर्ट करो.'   दूसरी ओर भारतीय यूजर्स ने सानिया को लिखा कि उन्‍हें हमारे दुश्‍मन मुल्‍क को स्‍वतंत्रता दिवस की बधाई देने की कोई जरूरत नहीं है. बता दें कि सानिया मिर्जा ने 2010 में पाकिस्‍तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी की थी. सानिया जल्‍द मां बनने वाली हैं. वे इस समय अपने प्रेग्नेंसी पीरियड को एंजॉय कर रही हैं. सानिया ने HT brunch मैगजीन के लिए शूट करवाया है. इस मैगजीन की कवर गर्ल बनीं सानिया की ये तस्वीर सोशल मीडिया में छाई हुई है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से घाटी में छह महीने तक जारी रही हिंसा के दौरान हुई नागरिकों की मौत की जिम्मेदारी लेने को कहा. विधानसभा अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता ने विपक्ष द्वारा पेश किए गए स्थगन प्रस्ताव को मंजूर कर लिया, जिसके बाद नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी में 2008 से 2010 के बीच भी हिंसा जारी रही थी, लेकिन 'तब हमने इसके लिए विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था.' उन्होंने विधानसभा में कहा, 2010 से 2016 की स्थिति की तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, हमने उस स्थिति के लिए पाकिस्तान या विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था. 2010 में मैंने अपने अधिकारियों को दोष नहीं दिया था. उन्होंने कहा, हमसे गलतियां हुईं और मैंने स्थिति को संभालने के दौरान गलतियां होने को स्वीकार किया था. उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा, आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. उमर ने कहा, क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया? उमर ने कहा कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रशासन की नाकामी और करीब 100 नागरिकों की मौत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के स्थान पर इसकी जिम्मेदारी खुद स्वीकार करनी चाहिए.टिप्पणियां इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सोमवार को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा. इससे पहले विपक्ष ने घाटी में अशांति के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान डाला. सत्ता पक्ष के यह कहने के बाद कि उन्हें अशांति पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने विधानसभा में कहा, 2010 से 2016 की स्थिति की तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, हमने उस स्थिति के लिए पाकिस्तान या विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था. 2010 में मैंने अपने अधिकारियों को दोष नहीं दिया था. उन्होंने कहा, हमसे गलतियां हुईं और मैंने स्थिति को संभालने के दौरान गलतियां होने को स्वीकार किया था. उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा, आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. उमर ने कहा, क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया? उमर ने कहा कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रशासन की नाकामी और करीब 100 नागरिकों की मौत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के स्थान पर इसकी जिम्मेदारी खुद स्वीकार करनी चाहिए.टिप्पणियां इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सोमवार को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा. इससे पहले विपक्ष ने घाटी में अशांति के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान डाला. सत्ता पक्ष के यह कहने के बाद कि उन्हें अशांति पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा, आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. उमर ने कहा, क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया? उमर ने कहा कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रशासन की नाकामी और करीब 100 नागरिकों की मौत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के स्थान पर इसकी जिम्मेदारी खुद स्वीकार करनी चाहिए.टिप्पणियां इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सोमवार को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा. इससे पहले विपक्ष ने घाटी में अशांति के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान डाला. सत्ता पक्ष के यह कहने के बाद कि उन्हें अशांति पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उमर ने कहा कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रशासन की नाकामी और करीब 100 नागरिकों की मौत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के स्थान पर इसकी जिम्मेदारी खुद स्वीकार करनी चाहिए.टिप्पणियां इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सोमवार को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा. इससे पहले विपक्ष ने घाटी में अशांति के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान डाला. सत्ता पक्ष के यह कहने के बाद कि उन्हें अशांति पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रशासन की नाकामी और करीब 100 नागरिकों की मौत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के स्थान पर इसकी जिम्मेदारी खुद स्वीकार करनी चाहिए.टिप्पणियां इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सोमवार को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा. इससे पहले विपक्ष ने घाटी में अशांति के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान डाला. सत्ता पक्ष के यह कहने के बाद कि उन्हें अशांति पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सोमवार को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के दौरान राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा. इससे पहले विपक्ष ने घाटी में अशांति के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान डाला. सत्ता पक्ष के यह कहने के बाद कि उन्हें अशांति पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति दी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्ली के सदर बाज़ार थाने के सामने बीच सड़क पर एक युवक को चाकुओं से गोद कर मार डाला गया। मृतक का नाम दीपक है और वो इसी इलाके में एक बैग फैक्ट्री में काम करता था। परिजनों का कहना है कि शुक्रवार रात को दीपक के कुछ दोस्त उसे बाहर ले गए और फिर उसे थाने के सामने चाकुओं से गोदकर मार डाला। परिवार का आरोप है कि पुलिस थाने के सामने होने के बावजूद किसी ने दीपक को नहीं बचाया। परिजनों का कहना है कि शुक्रवार रात को दीपक के कुछ दोस्त उसे बाहर ले गए और फिर उसे थाने के सामने चाकुओं से गोदकर मार डाला। परिवार का आरोप है कि पुलिस थाने के सामने होने के बावजूद किसी ने दीपक को नहीं बचाया।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक सरकारी हाई स्कूल के छात्रों ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी की 'परीक्षा पर चर्चा' के प्रसारण के दौरान उन्हें बाहर घोड़ों के अस्तबल में बैठने को मजबूर किया गया. घटना कुल्लू के चेष्ठा ग्राम पंचायत की है, जहां स्कूल प्रबंधक ने शुक्रवार को अपने घर पर ही पीएम की चर्चा का प्रसारण दिखाने की व्यवस्था की थी. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार शुक्रवार शाम कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर के यहां कुछ छात्रों ने शिकायत की उन्हें मेहरचंद नामक टीचर ने उस कमरे से बाहर जाने को कहां, जहां टीवी पर प्रसारण दिखाया जा रहा था. दलित छात्रों को बाहर उस स्थान पर बैठने को कहा गया, जहां घोड़े रखे जाते हैं. यही नहीं यह चेतावनी भी दी गई, कि वे वहीं बैठे रहें और कार्यक्रम के बीच में छोड़कर नहीं जाना है. छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनसे स्कूल के मिड डे मील कार्यक्रम में भी जातिगत भेदभाव किया जाता है. उन्होंने शिकायत में लिखा है, 'अनुसूचित जाति के छात्रों को अलग बैठने को कहा जाता है. हेडमास्टर भी इस पर कुछ नहीं कहते. हमें अस्पृश्यता का शिकार होना पड़ता है.' इस घटना का एक कथि‍त वीडियो क्लिप सामने आने के बाद एक स्थानीय संगठन अनुसूचित जाति कल्याण संघ ने स्कूल के हेडमास्टर राजन भारद्वाज और कुल्लू में शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जगदीश पठानिया के यहां शिकायत दर्ज की है. संगठन के एक सदस्य ने कहा कि प्रधानाचार्य राजन भारद्वाज ने इस घटना की पुष्ट‍ि की है और माफी मांगी है. उन्होंने यह आश्वासन दिया है कि आगे ऐसा नहीं होगा. लेकिन इतने से बात नहीं बनने वाली. राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी कहा है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार ने स्थानीय प्रशासन से घटना की रिपोर्ट मांगी है. घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जिन्हें अगले दो दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है.
राधाबाई सुबरायण एक भारतीय राजनीतिज्ञ , महिला अधिकार कार्यकर्ता और समाज सुधारक थीं। ये भारत कि पहली महिला सान्सद थी उन्होंने अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के एक सदस्य के रूप में भी काम किया। १९३० में राधाबाई सुबरायण ने भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व लंदन में [[प्रथम गोल मेज सम्मेलन]] में बेगम शाह नवाज के सा थ किया। उन्होंने सेकंड रौंद टैबल कोन्फेरेंस में भी भाग लिया था। इसी के साथ साथ उन्होंने महि लाओं के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग भी की। सन्दर्भ १९६० में निधन राजनीतिज्ञ समाज सुधारक 1891 में जन्मे लोग
विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी का वेतन पैकेज पिछले वित्त वर्ष में 63 प्रतिशत घटकर 1,21,853 डॉलर (करीब 79 लाख रुपये) रहा. उन्हें पिछले वित्त वर्ष में कोई कमीशन नहीं दिया गया. प्रेमजी ने इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में 3,27,993 डॉलर (करीब 2.17 करोड़ रुपये) का पैकेज प्राप्त किया था. अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार प्रेमजी के 2016-17 के पैकेज में 66,464 डॉलर वेतन तथा भत्ता तथा 41,742 डॉलर अन्य भत्ते शामिल थे. इसके अलावा 13,647 डॉलर दीर्घकालीन पैकेज (कंपनी का उनके भविष्य निधि और पेंशन कोष में योगदान) था.टिप्पणियां दस्तावेज के अनुसार 31 मार्च, 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में अजीम प्रेमजी का कमीशन शून्य था. वर्ष 2015-16 में प्रेमजी को 1,39,634 डॉलर कमीशन के रूप में मिले थे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार प्रेमजी के 2016-17 के पैकेज में 66,464 डॉलर वेतन तथा भत्ता तथा 41,742 डॉलर अन्य भत्ते शामिल थे. इसके अलावा 13,647 डॉलर दीर्घकालीन पैकेज (कंपनी का उनके भविष्य निधि और पेंशन कोष में योगदान) था.टिप्पणियां दस्तावेज के अनुसार 31 मार्च, 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में अजीम प्रेमजी का कमीशन शून्य था. वर्ष 2015-16 में प्रेमजी को 1,39,634 डॉलर कमीशन के रूप में मिले थे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दस्तावेज के अनुसार 31 मार्च, 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में अजीम प्रेमजी का कमीशन शून्य था. वर्ष 2015-16 में प्रेमजी को 1,39,634 डॉलर कमीशन के रूप में मिले थे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मुस्लिम महिलाओं के प्रति नाइंसाफ को लेकर निशाना साधा है. दरअसल पीएम मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं के हक और न्याय को लेकर की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि 'मिस्टर पीएम आपका बिल (तीन तलाक बिल) संविधान के मौलिक अधिकारों और महिलाओं के खिलाफ है, आप अपने वैचारिक संगठनों रोक पाने में अक्षम हैं जिनकी वजह से गाय के नाम पर मुस्लिम महिलाओं ने अपने पति और बेटों खोए हैं. क्या आप अखलाक और पहलू खान की पत्नी, जुनैद की मां के साथ खड़े हैं. ' Mr PM your bill is Against the Constitution Fundamental RTs &Women ,you are not able to stop your ideological organisations who are making Muslim Women loose their husbands,sons in the name of COW will you stand with Akhlaq& Pahlu khan wife ,JUNAID Mother,PM Wt abt Deserted wifes https://t.co/YHSDABN5fQ — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 26, 2018 बता दें कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा था कि तीन तलाक बिल लोकसभा से पास हो गया है लेकिन राज्यसभा से पास नहीं हो पाया. लेकिन वे मुस्लिम महिलाओं को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है और वे सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें न्याय मिले. उल्लेखनीय है कि मन की बात कार्यक्रम के  47वें संस्करण में पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को रक्षाबन्धन एवं जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं दी. प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में केरल में आई त्रासदी को करते हुए वहां के लोगों को विश्वास दिलाया कि उनके साथ पूरे देश के लोग खड़े हैं. पीएम मोदी ने कहा कि जीवन की जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन वे शोक-संतप्त परिवारों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि सवा-सौ करोड़ भारतीय दुःख की इस घड़ी में उनके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़े हैं.
अखिल भारतीय स्तर पर खुद को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने फैसला किया है कि वह दक्षिणी राज्यों में और सबसे महत्वपूर्ण जम्मू एवं कश्मीर में और अधिक शाखाएं लगाना शुरू करेगा. झांसी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चल रही बैठक में उन क्षेत्रों में प्रवेश करने का निर्णय लिया गया जहां इसकी मजबूत उपस्थिति नहीं है. यह स्पष्ट दिख रहा है कि संघ का प्रयास आने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दक्षिणी राज्यों जैसे कर्नाटक, तमिलनाडु और यहां तक की केरल में भी अपनी गतिविधि बढ़ाने पर रहेगा. एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी ने कहा कि हम इन राज्यों में शाखा खोल रहे हैं ताकि यहां समर्थन हासिल कर सकें. हम उस जनसंख्या तक भी पहुंच बढ़ाना चाहते हैं, जो हिंदी भाषी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम इन राज्यों में भाषा अवरोधों को तोड़ने और इनमें शाखा की संख्या बढ़ाने के बाबत अपने स्वयंसेवकों का उपयोग करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं. संघ उन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए जमीन तैयार करना चाहता है, जहां पार्टी अभी तक सरकार बनाने और अपनी राजनीतिक उपस्थिति स्थापित करने में सक्षम नहीं हो पाई है. दिलचस्प बात यह है कि आरएसएस की भावी तैयारी की सूची में कश्मीर का स्थान बहुत ऊपर है जबकि यहां हिंदू आबादी बहुत कम है. पदाधिकारी ने कहा कि यह हिंदुओं के बारे में नहीं है, यह राष्ट्रवाद के बारे में है. हम स्थानीय कश्मीरी आबादी तक पहुंचना चाहते हैं और उन्हें बताना चाहते हैं कि वे हमारे हैं. राष्ट्रवाद किसी भी धर्म से बड़ा है और हम इस अवधारणा का उपयोग विशेष रूप से युवाओं के साथ जुड़ने के लिए करेंगे.
मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी कांग्रेस ने गुरुवार को फसलों की एमएसपी पर अनोखे अंदाज में विरोध जताया. कांग्रेस सांसदों में एमएसपी को किसानों के साथ धोखा बताते हुए अंजुरी (हथेलियों) में अनाज लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया. मॉनसून सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस सांसदों ने मोदी सरकार से एमएसपी पर फसल खरीदने का प्रबंध करने की मांग की. सांसदों ने एमएसपी को मोदी सरकार का किसानों के साथ धोखा बताया. अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी कांग्रेस इस समय कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती. इसी वजह से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में गन्ना के समर्थन मूल्य को लेकर प्रदर्शन किया. कांग्रेस के इस प्रदर्शन में कई अन्य पार्टियों के नेता भी शामिल हुए. बुधवार को ही मोदी सरकार ने फसल की कीमत में बढ़ोतरी का फैसला किया है. मोदी कैबिनेट ने गन्ने की कीमत में 20 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया है. मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद गन्ना कीमत 255 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 275 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई है. इस फैसले से करीब 83 हजार करोड़ रुपये किसानों के पास पहुंचेगा. बता दें कि मोदी सरकार खुद को किसानों की हिमायती होने का दावा करती रही है. जबकि विपक्ष मोदी सरकार पर बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाती रही है. ऐसे में मोदी सरकार ने हाल ही में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद अब मोदी कैबिनेट ने गन्ने के रेट में 20 रुपये की वृद्धि की है.
झारखंड में आज प्रचार करेंगे नरेंद्र मोदी जेएमएम के गढ़ में प्रधानमंत्री की जनसभा दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हेमंत सोरेन झारखंड के चुनावी समर में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुमका में रैली है. दुमका को शिबू सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का दुर्ग माना जाता है. इसी क्षेत्र की दो सीटों से जेएमएम नेता और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं. इसीलिए बीजेपी ने झामुमो को उसके घर में ही घेरने की योजना बनाई है. इसी रणनीति के तहत पीएम मोदी की आज दुमका में रैली है. हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें यहां पर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का समर्थन भी हासिल है. आखिरी चरण का प्रचार झारखंड की चुनावी जंग अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है. सोमवार को चौथे चरण का मतदान है. पांचवें चरण का मतदान 20 दिसंबर को है. इसी चरण के लिए पीएम मोदी झारखंड में चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं. दुमका में करीब लगभग 2 बजे पीएम की रैली होगी. रैली को लेकर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के प्रभारी और रांची सांसद संजय सेठ के साथ तैयारियों की समीक्षा की. एसपीजी समेत पुलिस के अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा का जायजा लिया है. 20 दिसंबर को 16 सीटों पर मतदान झारखंड में पांचवें और अंतिम चरण का चुनाव 20 दिसंबर को है. इस दिन संथाल परगना की 16 सीटों पर मतदान होना है. दुमका की इस रैली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेंगे. इन सीटों में दुमका, जामा, शिकारीपाड़ा, जरमुंडी, नाला, जामताड़ा, पोड़ैयाहाट, महेशपुर और सारठ शामिल हैं. हेमंत सोरेन के लिए चुनौती 2014 में भी मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन ने दो सीटों- दुमका और बरहेट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. तब मोदी लहर में हेमंत सोरेन अपनी सीटिंग सीट दुमका से चुनाव हार गए थे. उन्हें शिकस्त दी थी बीजेपी की नेता लुईस मरांडी ने. हालांकि, बरहेट सीट से वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जेएमएम को शिकस्त दी थी. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुनील सोरेन ने जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन को 47,590 वोटों से हरा कर इतिहास रचा था. इस बार हेमंत एक बार फिर से दो सीटों से मैदान में है. दुमका सीट पर उनका मुकाबला एक बार फिर से लुईस मरांडी से है. जबकि बरहेट सीट से बीजेपी ने सिमोन मालतो को कैंडिडेट बनाया है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लाखों लोगों और खास तौर पर मुसलमानों के साथ कथित ठगी करने से जुड़े आई-मोनेट्री एडवाइजरी (IMA) पोंजी घोटाले में दो आरोपियों के खिलाफ बेंगलुरु की अदालत में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. एजेंसी द्वारा दाखिल किए गए पूरक पत्र के बारे में एक अधिकारियों ने बताया कि इस घोटाले में निवेशकों को कई गुना अधिक रकम वापसी का वादा कर निवेश करने के लिए प्रलोभन दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मोहम्मद हनीफ और खलीमुल्ला जमाल के खिलाफ एक विशेष अदालत में हाल ही में आरोपपत्र दाखिल किया है. उन पर मंसूर खान द्वारा लाई गई IMA की योजनाओं में निवेश के लिए लोगों को प्रलोभन देने का आरोप है. बता दें कि खान वर्तमान में हिरासत में है. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में जांच एजेंसी द्वारा दाखिल यह दूसरा आरोपपत्र है. उन्होंने बताया कि शिवाजी नगर मदरसा में मौलवी हनीफ और कोलार जिले में उर्दू शिक्षक जमाल ने अपने सर्मथकों के बीच IMA की योजनाएं प्रचारित की थी. इसके एवज में उन्हें कंपनी ने कथित तौर पर भुगतान किया था.
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) से राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने संसद की अखंडता को खतरे में बताया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद का मजाक बनाकर रख दिया है. तृणमूल सांसद ने ट्वीट कर इस मामले पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, 'अब तक इस सेशन में 30 सिटिंग्स हो चुकी हैं. इस दौरान 14 बिल कानून बन गए हैं, जिन्हें दोनों सदनों से पास कर दिया गया है. इन 14 विधेयकों में से एक भी बिल को जांच के लिए नहीं भेजा गया. बीजेपी इस तथ्य को बिल्कुल नकार नहीं सकती. हमें संसद की अखंडता को लेकर लड़ाई लड़नी होगी. ट्वीट में डेरेक ओ ब्रायन ने एक ग्राफिक्स भी पोस्ट किया. इसमें उन्होंने बताया कि किस लोकसभा में कितने बिलों को जांच के लिए भेजा गया. इस ग्राफिक्स के मुताबिक 14वीं लोकसभा (2004-2009) में 60 प्रतिशत बिलों को जांच के लिए भेजा गया. 15वीं लोकसभा में इस आंकड़े में बढ़ोतरी हुई. 2009-2014 में 71 प्रतिशत बिलों को जांच के लिए भेजा गया. 30 sittings in this session. In this period, 14 Bills have become Acts, passed by both Houses. (See graphic). ZERO of the 14 have been sent for Parliamentary scrutiny. No amount of spin doctoring by BJP can change this #Fact We will fight to save the intergrity of #Parliament pic.twitter.com/7YqcJH663Y — Derek O'Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন (@derekobrienmp) July 28, 2019 ZERO Bills have gone for scrutiny in #Parliament A dubious record. Democracy is being smothered. Our appeal to improve quality of legislation, ignored. Excerpt from my speech for Trinamool on RTI Bill #ParliamentSession #ConstructiveOpposition pic.twitter.com/CbjOXMJZZX — Derek O'Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন (@derekobrienmp) July 26, 2019 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद बिलों को जांच के लिए भेजे जाने में गिरावट आई. 16वीं लोकसभा (2014-2019) में सिर्फ 26 प्रतिशत बिल ही जांच के लिए भेजे गए. जबकि 17वीं लोकसभा (2019-2024) में अब तक 14 बिल पास हो चुके हैं और एक को भी जांच के लिए नहीं भेजा गया. इससे पहले भी आरटीआई बिल पर बहस के दौरान डेरेक ओ ब्रायन ने यही बात कही थी. ट्वीट कर उन्होंने लिखा था, एक भी बिल को जांच के लिए नहीं भेजा गया. यह एक संदिग्ध रिकॉर्ड है. लोकतंत्र को कुचला जा रहा है. कानून की गुणवत्ता में सुधार करने की हमारी अपील को अनदेखा कर दिया गया.
प्रताड़ित, अपमानित या घर से बेदखल करने की धमकियों से पीड़ित महिलाएं अपनी नजदी‍की महिला संगठनों से मदद प्राप्त कर सकती हैं. लेकिन इसी तरह की प्रताड़ना से पीड़ित पुरुष आखिर क्या करें. महिलाओं अपनी गरिमा एवं गौरव पर किए गए हमले का मुकाबला करने के लिए प्रताड़ित पुरुष अब एकजुट होकर अपने लिए समान अधिकारों की मांग को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं. पुरुष अधिकार संघ (एमआरए) के अध्यक्ष अतीत राजपाड़ा ने कहा, ‘भारतीय न्यायपालिका घरेलू हिंसा अधीनियम (2005) के तहत प्रत्येक विवाहित महिला को पति के र्दुव्‍यवहार से सुरक्षा प्रदान करती है. लेकिन हर बार सिर्फ महिलाएं ही ऐसी प्रताड़ना की शिकार नहीं होती हैं. यह कानून ऐसी ही प्रताड़ना के शिकार पुरुषों की रक्षा करने में असफल है.’ राजपाड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक आठ मिनट पर एक पुरुष वैवाहिक या आर्थिक दबाव की वजह से आत्महत्या कर लेता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस समाज में पुरुषों का पालन पोषण इस तरह से हुआ है जहां वे किसी से मदद नहीं मांग सकते, न शिकायत कर सकते हैं और न ही अपनी कमजोरी दिखा सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनके एनजीओ में नए घरेलू हिंसा कानून से पीड़ित पुरुषों के प्रतिदिन आठ से नौ फोन आते हैं. राजपाड़ा ने ऐसे एक मामले का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली के रहने वाले एक प्राथमिक शिक्षक सुनील (बदला हुआ नाम) को अपनी शादी के चार वर्ष बाद अपने ही स्कूल में पढ़ाने वाली एक शिक्षिका के साथ प्रेम हो गया और दोनों के बीच सहमति से शारीरिक संबंध भी रहा. वह शिक्षिका विवाहित थी और जब उसके पति को इस प्रेम प्रसंग का पता चला, तो वह इससे मुकर गई और सुनील पर बलात्कार करने का आरोप लगा दिया. इसके चलते उसे 218 दिनों तक जेल में रहना पड़ा. अब वह जमानत पर रिहा है और इस मामले में अदालती लड़ाई लड़ रहा है. एमआरए के महासचिव स्वरूप सरकार कहते हैं, ‘हम बस इस तरह के मामलों की निष्पक्ष सुनवाई चाहते हैं, जिसमें सिर्फ पुरुषों को ही दोषी नहीं घोषित किया जाए. इसके साथ ही अगर कोई महिला भी इसमें दोषी पाई जाए तो उसे भी पुरुष के समान ही सजा दी जाए.’
ब्लैक बेल्ट, मास्टर ब्लैक बेल्ट के अधीन सिक्स सिग्मा की कार्य -प्रणाली को विशेष परियोजनाओं पर लागू करने के लिए कार्य करते हैं। वे सिक्स सिग्मा के लिए अपना 100% समय समर्पित करते हैं। वे मुख्यतः सिक्स सिग्मा परियोजना के निष्पादन पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि चैंपियन और मास्टर ब्लैक बेल्ट, सिक्स सिग्मा की परियोजनाओं/कार्य को पहचानने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक आर्थिक विकास को लेकर दुनिया को आगाह किया है. IMF ने दुनिया भर की सरकारों को सचेत करते हुए आर्थिक विकास उम्मीद से कम रहने पर उठने वाले संकट का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है. IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लगार्ड ने दुबई में आयोजित विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में कहा, 'हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था देख रहे हैं जो अनुमान से भी कम रफ्तार से वृद्धि कर रही है.' आईएमएफ ने पिछले महीने ही इस साल की वैश्विक आर्थिक विकास दर का पूर्वानुमान 3.7 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया था. लगार्ड ने उन कारकों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने की वजह बताया, जिन्हें वह अर्थव्यवस्था के ऊपर मंडराने वाले 'चार बादल' बताती रही हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि तूफान कभी भी उठ सकता है. उन्होंने कहा कि इन जोखिमों में व्यापारिक तनाव और शुल्क बढ़ना, राजकोषीय स्थिति में सख्ती, ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्चितता और चीन की अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने की रफ्तार तेज होना शामिल है. उन्होंने कहा कि विश्व की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच जारी शुल्क युद्ध का वैश्विक असर दिखने लगा है. IMF चीफ ने सरकारों को संरक्षणवाद से बचने की सलाह देते हुए कहा, 'हमें इस बारे में कोई अंदाजा नहीं है कि यह किस तरह खत्म होने वाला है और क्या यह व्यापार, भरोसा और बाजार पर असर दिखाने की शुरुआत कर चुका है?' लगार्ड ने कर्ज की बढ़ती लागत को भी जोखिम बताया. उन्होंने कहा, 'जब इतने सारे बादल छाये हों तो तूफान शुरू होने के लिए बिजली की एक चमक काफी है.'
साहित्य, संगीत, कला और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अपनी अनूठी प्रतिभा का परिचय देने वाले नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ऐसे मानवतावादी विचारक थे जिन्हें प्रकृति का सानिध्य काफी पसंद था. उनका मानना था कि छात्रों को प्रकृति के सानिध्य में शिक्षा हासिल करनी चाहिए. अपनी इसी सोच को ध्यान में रखकर उन्होंने शांतिनिकेतन की स्थापना की थी. टैगोर दुनिया के संभवत: एकमात्र ऐसे कवि हैं जिनकी रचनाओं को दो देशों ने अपना राष्ट्रगान बनाया. बचपन से कुशाग्र बुद्धि के रवींद्रनाथ ने देश और विदेशी साहित्य, दर्शन, संस्कृति आदि को अपने अंदर समाहित कर लिया था और वह मानवता को विशेष महत्व देते थे. इसकी भलक उनकी रचनाओं में भी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होती है. साहित्य के क्षेत्र में उन्होंने अपूर्व योगदान दिया और उनकी रचना "गीतांजलि" के लिए उन्हें साहित्य के नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. समीक्षकों के अनुसार उनकी कृति "गोरा" कई मायनों में अद्भुत रचना है. इस उपन्यास में ब्रिटिश कालीन भारत का जिक्र है. राष्ट्रीयता और मानवता की चर्चा के साथ पारंपरिक हिन्दू समाज और ब्रह्म समाज पर बहस के साथ विभिन्न प्रचलित समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है. चर्चित रचनाकार महीप सिंह के अनुसार गोरा बेहतरीन कृति है जिसमें अंग्रेज दंपत्ति की संतान हिन्दू परिवार में पलती है. उसके माता पिता नहीं हैं और उसे नहीं मालूम है कि वह ईसाई है. वास्तविकता की जानकारी मिलने पर वह परेशान हो जाता है और इसके साथ ही उसके विचार में व्यापक बदलाव आ जाता है. भारत पाकिस्तान विभाजन पर केंद्रित ‘‘पानी और पुल ’’ जैसी चर्चित कहानी लिखने वाले महीप सिंह के अनुसार यह अपने समय को दर्शाने वाली बेहतरीन कृति है जिसमें धर्म, समाज जैसे मुद्दों से ज्यादा मानवीय संबंधों पर जोर दिया गया है. गोरा हिंदू, ईसाई आदि बातों को व्यर्थ मानते हुए मानवीय संबंधों को महत्वपूर्ण मानने लगता है. गुरदेव सही मायनों में विश्वकवि होने की योग्यता रखते हैं. उनके काव्य के मानवतावाद ने उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलायी. टैगोर की रचनाएं बांग्ला साहित्य में नयी बहार लेकर आयी. उन्होंने एक दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे. इन रचनाओं में चोखेर बाली, घरे बाहिरे, गोरा आदि शामिल हैं. उनके उपन्यासों में मध्यम वर्गीय समाज विशेष रूप से उभर कर सामने आया है. रवींद्रनाथ टैगोर की कविताओं में उनकी रचनात्मक प्रतिभा मुखर हुई है. उनकी कविताओं में प्रकृति से अध्यात्मवाद तक के विभिन्न विषयों को बखूबी उकेरा गया है. साहित्य की शायद ही कोई विधा हो जिनमें उनकी रचना नहीं हों. उन्होंने कविता, गीत, कहानी, उपन्यास, नाटक आदि सभी में अपने सशक्त लेखन का परिचय दिया. उनकी कई कृतियों का अंग्रेजी में भी अनुवाद किया गया. अंग्रेजी अनुवाद के बाद पूरा विश्व उनकी प्रतिभा से परिचित हुआ. सात मई 1861 को जोड़ासांको में पैदा हुए रवींद्रनाथ के नाटक भी अनोखे हैं. वे नाटक सांकेतिक हैं. बचपन से ही रवींद्रनाथ की विलक्षण प्रतिभा का आभास लोगों को होने लगा था. उन्होंने पहली कविता सिर्फ आठ साल में लिखी और केवल 16 साल की उम्र में उनकी पहली लघुकथा प्रकाशित हुयी थी. उन्होंने दो हजार से अधिक गीतों की रचना की. रवींद्र संगीत बांग्ला संस्कृति का अभिन्न अंग बन गया है. हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत से प्रभावित उनके गीत मानवीय भावनाओं के विभिन्न रंग पेश करते हैं. गुरूदेव बाद के दिनों में चित्र भी बनाने लगे थे. रवींद्रनाथ ने अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, चीन सहित दर्जनों देशों की यात्राएं की थी. सात अगस्त 1941 को उनका देहावसान हो गया.
यह एक लेख है: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में दुनिया के विभिन्न हिस्सों के बेहतरीन थिएटर स्कूलों का समागम 19 से 25 अक्टूबर के बीच होने जा रहा है. इस सम्मेलन में बांग्लादेश, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर और थाईलैंड सहित दस देशों के 14 नाट्य स्कूल हिस्सा लेंगे. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दुनिया भर के नाट्य विद्यालयों के 9वें एशिया-पेसिफिक ब्यूरो (एपीबी) सम्मेलन की मेजबानी करेगा. इन विद्यालयों के प्रतिनिधि एवं छात्र एशिया पेसिफिक क्षेत्र के नाट्य विद्यालयों के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए एनएसडी के परिसर में जुटेंगे. इस आयोजन में 20 देशों का प्रतिनिधित्व होगा. सम्मेलन में इन देशों के पर्यवेक्षक, शिक्षक और छात्र भी शामिल होंगे. सम्मेलन के इस साल के संस्करण का मुख्य विषय है- 'समकालीन मंचीय संस्कृति में एशिया की क्षमता.' सम्मेलन के दौरान एशिया में समकालीन मंचीय संस्कृति तथा इसमें सामग्री, स्वरूप एवं शैली के संदर्भ में योगदान देने वाले परंपरावाद, आधुनिकीकरण और अन्य कारकों के विभिन्न तत्वों की समीक्षा होगी. इसमें हिस्सा लेने वाले स्कूल मंचीय प्रदर्शनों तथा इसके तकनीकी पहलुओं में विभिन्न सांस्कृतिक बारीकियों का पता लगाएंगे तथा इन पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे. यह महोत्सव छात्रों एवं संकाय (फैकल्टी) दोनों के लिए एक दुर्लभ अवसर है. इस आयोजन में महोत्सव प्रदर्शन, निर्देशकों की बैठक, संवाद सत्र एवं कार्यशालाएं होंगी. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो वामन केंद्रे ने कहा कि "यह एक और अवसर है, जहां एशिया पेसिफिक ब्यूरो के स्कूल एक-दूसरे के समक्ष अपनी क्षमता को प्रदर्शित कर सकेंगे तथा एक-दूसरे के साथ अपने अनुभवों को साझा कर सकेंगे. यह एनएसडी के लिए भी एक ऐसा मंच है जहां समृद्ध भारतीय रंगमंचीय विरासत को प्रदर्शित किया जाए तथा दुनिया के समक्ष समकालीन तथा परंपरागत रंगमंचीय विविधता को दिखाया जाए."टिप्पणियां एक सप्ताह तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान प्रतिभागी कार्यशाला में, संकाय सदस्यों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों, अभ्यास सत्रों तथा अन्य कार्यक्रमों के जरिए अपने विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इन विद्यालयों के प्रतिनिधि एवं छात्र एशिया पेसिफिक क्षेत्र के नाट्य विद्यालयों के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए एनएसडी के परिसर में जुटेंगे. इस आयोजन में 20 देशों का प्रतिनिधित्व होगा. सम्मेलन में इन देशों के पर्यवेक्षक, शिक्षक और छात्र भी शामिल होंगे. सम्मेलन के इस साल के संस्करण का मुख्य विषय है- 'समकालीन मंचीय संस्कृति में एशिया की क्षमता.' सम्मेलन के दौरान एशिया में समकालीन मंचीय संस्कृति तथा इसमें सामग्री, स्वरूप एवं शैली के संदर्भ में योगदान देने वाले परंपरावाद, आधुनिकीकरण और अन्य कारकों के विभिन्न तत्वों की समीक्षा होगी. इसमें हिस्सा लेने वाले स्कूल मंचीय प्रदर्शनों तथा इसके तकनीकी पहलुओं में विभिन्न सांस्कृतिक बारीकियों का पता लगाएंगे तथा इन पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे. यह महोत्सव छात्रों एवं संकाय (फैकल्टी) दोनों के लिए एक दुर्लभ अवसर है. इस आयोजन में महोत्सव प्रदर्शन, निर्देशकों की बैठक, संवाद सत्र एवं कार्यशालाएं होंगी. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो वामन केंद्रे ने कहा कि "यह एक और अवसर है, जहां एशिया पेसिफिक ब्यूरो के स्कूल एक-दूसरे के समक्ष अपनी क्षमता को प्रदर्शित कर सकेंगे तथा एक-दूसरे के साथ अपने अनुभवों को साझा कर सकेंगे. यह एनएसडी के लिए भी एक ऐसा मंच है जहां समृद्ध भारतीय रंगमंचीय विरासत को प्रदर्शित किया जाए तथा दुनिया के समक्ष समकालीन तथा परंपरागत रंगमंचीय विविधता को दिखाया जाए."टिप्पणियां एक सप्ताह तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान प्रतिभागी कार्यशाला में, संकाय सदस्यों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों, अभ्यास सत्रों तथा अन्य कार्यक्रमों के जरिए अपने विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सम्मेलन के दौरान एशिया में समकालीन मंचीय संस्कृति तथा इसमें सामग्री, स्वरूप एवं शैली के संदर्भ में योगदान देने वाले परंपरावाद, आधुनिकीकरण और अन्य कारकों के विभिन्न तत्वों की समीक्षा होगी. इसमें हिस्सा लेने वाले स्कूल मंचीय प्रदर्शनों तथा इसके तकनीकी पहलुओं में विभिन्न सांस्कृतिक बारीकियों का पता लगाएंगे तथा इन पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे. यह महोत्सव छात्रों एवं संकाय (फैकल्टी) दोनों के लिए एक दुर्लभ अवसर है. इस आयोजन में महोत्सव प्रदर्शन, निर्देशकों की बैठक, संवाद सत्र एवं कार्यशालाएं होंगी. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो वामन केंद्रे ने कहा कि "यह एक और अवसर है, जहां एशिया पेसिफिक ब्यूरो के स्कूल एक-दूसरे के समक्ष अपनी क्षमता को प्रदर्शित कर सकेंगे तथा एक-दूसरे के साथ अपने अनुभवों को साझा कर सकेंगे. यह एनएसडी के लिए भी एक ऐसा मंच है जहां समृद्ध भारतीय रंगमंचीय विरासत को प्रदर्शित किया जाए तथा दुनिया के समक्ष समकालीन तथा परंपरागत रंगमंचीय विविधता को दिखाया जाए."टिप्पणियां एक सप्ताह तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान प्रतिभागी कार्यशाला में, संकाय सदस्यों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों, अभ्यास सत्रों तथा अन्य कार्यक्रमों के जरिए अपने विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) यह महोत्सव छात्रों एवं संकाय (फैकल्टी) दोनों के लिए एक दुर्लभ अवसर है. इस आयोजन में महोत्सव प्रदर्शन, निर्देशकों की बैठक, संवाद सत्र एवं कार्यशालाएं होंगी. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो वामन केंद्रे ने कहा कि "यह एक और अवसर है, जहां एशिया पेसिफिक ब्यूरो के स्कूल एक-दूसरे के समक्ष अपनी क्षमता को प्रदर्शित कर सकेंगे तथा एक-दूसरे के साथ अपने अनुभवों को साझा कर सकेंगे. यह एनएसडी के लिए भी एक ऐसा मंच है जहां समृद्ध भारतीय रंगमंचीय विरासत को प्रदर्शित किया जाए तथा दुनिया के समक्ष समकालीन तथा परंपरागत रंगमंचीय विविधता को दिखाया जाए."टिप्पणियां एक सप्ताह तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान प्रतिभागी कार्यशाला में, संकाय सदस्यों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों, अभ्यास सत्रों तथा अन्य कार्यक्रमों के जरिए अपने विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो वामन केंद्रे ने कहा कि "यह एक और अवसर है, जहां एशिया पेसिफिक ब्यूरो के स्कूल एक-दूसरे के समक्ष अपनी क्षमता को प्रदर्शित कर सकेंगे तथा एक-दूसरे के साथ अपने अनुभवों को साझा कर सकेंगे. यह एनएसडी के लिए भी एक ऐसा मंच है जहां समृद्ध भारतीय रंगमंचीय विरासत को प्रदर्शित किया जाए तथा दुनिया के समक्ष समकालीन तथा परंपरागत रंगमंचीय विविधता को दिखाया जाए."टिप्पणियां एक सप्ताह तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान प्रतिभागी कार्यशाला में, संकाय सदस्यों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों, अभ्यास सत्रों तथा अन्य कार्यक्रमों के जरिए अपने विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एक सप्ताह तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान प्रतिभागी कार्यशाला में, संकाय सदस्यों द्वारा दी जाने वाली प्रस्तुतियों, अभ्यास सत्रों तथा अन्य कार्यक्रमों के जरिए अपने विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लगातार सात दिन सात रात पढ़ाकर नया इतिहास रचने वाले एक निजी विश्वविद्यालय के शिक्षक अरविंद मिश्रा की उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड ने दर्ज कर लिया है. ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय की प्रेस नोट के अनुसार मैकेनिकल इंजीनियरिंग के शिक्षक मिश्रा को इस बात की जानकारी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड की टीम ने ई मेल के जरिए दी. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले मिश्रा ने पिछले महीने लगातार 139 घंटे 42 मिनट 56 सेकेंड पढ़ाकर पोलैंड के इरोल मुझावाजी का 120 घंटे लगातार पढ़ाने का रिकॉर्ड तोड़ा था. मिश्रा की इस शानदार उपलब्धि के लिये विश्वविद्यालय ने उन्हें एक लाख रुपये और वक्त से पहले पदोन्नति देकर सम्मानित किया है.
पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि उनके देश की मुंबई हमला मामले के छह संदिग्धों के खिलाफ सुनवाई कर रही एक अदालत में अर्जी दाखिल करने की योजना है, ताकि एक आयोग का गठन किया जा सके जो अहम गवाहों और अधिकारियों के बयान दर्ज करने भारत जा सके. मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि हम अदालत से सिफारिश करेंगे कि आयोग का गठन किया जाये. यह आयोग (भारत)  जायेगा और गवाहों के बयान दर्ज करेगा. इनमें कसाब का बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी शामिल रहेंगे. नवंबर 2008 में मुंबई में हुए हमलों के दौरान गिरफ्त में आये एकमात्र आतंकवादी को मुंबई की एक अदालत दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुना चुकी है. भारत ने कसाब को आतंकवाद निरोधी अदालत में गवाही के लिये भेजने के पाकिस्तान के अनुरोध को ठुकरा दिया है. पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत में लश्कर के कमांडर जकीउर रहमान लखवी और जरार शाह सहित सात संदिग्धों के मामले की सुनवाई चल रही है. भारत ने संकेत दिये हैं कि कसाब का इकबालिया बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गवाही दे सकते हैं.
यह एक लेख है: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों चार दिवसीय भारत दौरे पर हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ आज संयुक्त वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति मैक्रों और उनके प्रतिनिधि मंडल का स्वागत करता हूं. पिछले साल आपने पेरिस में गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया था. आज मुझे प्रसन्नता है कि भारत की धरती पर मुझे आपका स्वागत करने का मौका मिला. पीएम मोदी ने फ्रांस और भारत के रिश्तों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम दो विविधतापूर्ण देशों के नेता ही नहीं हैं, बल्कि हम दो समृद्ध विरासतों के उत्तराधिकारी वाले नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि 18वीं सदी से लकर आज तक पंचतंत्र की कहानियों के जरिये, वेद के जरिये, फ्रांसिसी विचारकों ने भारत की आत्मा में घुसकर देखा. फ्रांस के कई विचारकों ने भारत को सराहा है. फ्रांस के विचारकों का भारत से गहरा नाता रहा है. उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में हमारे जवानों ने बलिदानी दी थी.  पीएम मोदी ने कहा कि हमारी यह मुलाकात दो नेताओं की मुलाकात नहीं, बल्कि दो सभ्यताओं का संगम है. आज वैश्विक चुनौतियों से लड़ने के लिए अगर दुनिया का कोई दो देश कंधे से कंधा मिलाकर चल सकता है तो वह हम दो देश ही हैं. ' उन्होंने कहा कि हमारे सेनाओं के सभी अंगों के बीच नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास होता है. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस के मेक इन इंडिया के सहयोगा का स्वागत करता हूं. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस हमारा बहुत बड़ा सहयोगी है. हम दोनों देश चाहते हैं कि हमारे युवा एक-दूसरे के देश को जानें और समझें. इसलिए इस दिशा में हमने दो समझौतों पर हस्ताक्षर किया है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि हम मानते हैं हमारे द्विपक्षीय संबंध के उज्ज्वल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयाम पीपल टू पीपल संबंध हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-इमैनुअल मैक्रों की वार्ता के बाद भारत और फ्रांस ने सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा सहितअन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने वाले14 समझौते किये.   पीएम मोदी ने फ्रांस और भारत के रिश्तों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम दो विविधतापूर्ण देशों के नेता ही नहीं हैं, बल्कि हम दो समृद्ध विरासतों के उत्तराधिकारी वाले नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि 18वीं सदी से लकर आज तक पंचतंत्र की कहानियों के जरिये, वेद के जरिये, फ्रांसिसी विचारकों ने भारत की आत्मा में घुसकर देखा. फ्रांस के कई विचारकों ने भारत को सराहा है. फ्रांस के विचारकों का भारत से गहरा नाता रहा है. उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में हमारे जवानों ने बलिदानी दी थी.  पीएम मोदी ने कहा कि हमारी यह मुलाकात दो नेताओं की मुलाकात नहीं, बल्कि दो सभ्यताओं का संगम है. आज वैश्विक चुनौतियों से लड़ने के लिए अगर दुनिया का कोई दो देश कंधे से कंधा मिलाकर चल सकता है तो वह हम दो देश ही हैं. ' उन्होंने कहा कि हमारे सेनाओं के सभी अंगों के बीच नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास होता है. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस के मेक इन इंडिया के सहयोगा का स्वागत करता हूं. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस हमारा बहुत बड़ा सहयोगी है. हम दोनों देश चाहते हैं कि हमारे युवा एक-दूसरे के देश को जानें और समझें. इसलिए इस दिशा में हमने दो समझौतों पर हस्ताक्षर किया है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि हम मानते हैं हमारे द्विपक्षीय संबंध के उज्ज्वल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयाम पीपल टू पीपल संबंध हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-इमैनुअल मैक्रों की वार्ता के बाद भारत और फ्रांस ने सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा सहितअन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने वाले14 समझौते किये.   पीएम मोदी ने कहा कि हमारी यह मुलाकात दो नेताओं की मुलाकात नहीं, बल्कि दो सभ्यताओं का संगम है. आज वैश्विक चुनौतियों से लड़ने के लिए अगर दुनिया का कोई दो देश कंधे से कंधा मिलाकर चल सकता है तो वह हम दो देश ही हैं. ' उन्होंने कहा कि हमारे सेनाओं के सभी अंगों के बीच नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास होता है. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस के मेक इन इंडिया के सहयोगा का स्वागत करता हूं. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस हमारा बहुत बड़ा सहयोगी है. हम दोनों देश चाहते हैं कि हमारे युवा एक-दूसरे के देश को जानें और समझें. इसलिए इस दिशा में हमने दो समझौतों पर हस्ताक्षर किया है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि हम मानते हैं हमारे द्विपक्षीय संबंध के उज्ज्वल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयाम पीपल टू पीपल संबंध हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-इमैनुअल मैक्रों की वार्ता के बाद भारत और फ्रांस ने सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा सहितअन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने वाले14 समझौते किये.   उन्होंने कहा कि हमारे सेनाओं के सभी अंगों के बीच नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास होता है. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस के मेक इन इंडिया के सहयोगा का स्वागत करता हूं. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस हमारा बहुत बड़ा सहयोगी है. हम दोनों देश चाहते हैं कि हमारे युवा एक-दूसरे के देश को जानें और समझें. इसलिए इस दिशा में हमने दो समझौतों पर हस्ताक्षर किया है. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि हम मानते हैं हमारे द्विपक्षीय संबंध के उज्ज्वल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयाम पीपल टू पीपल संबंध हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-इमैनुअल मैक्रों की वार्ता के बाद भारत और फ्रांस ने सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा सहितअन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने वाले14 समझौते किये.   उन्होंने कहा कि हम मानते हैं हमारे द्विपक्षीय संबंध के उज्ज्वल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयाम पीपल टू पीपल संबंध हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-इमैनुअल मैक्रों की वार्ता के बाद भारत और फ्रांस ने सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा सहितअन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने वाले14 समझौते किये.
केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की हिटलर से तुलना की. उन्‍होंने कहा कि जिस तरह इस तानाशाह ने अपनों की ही हत्या करवाकर सत्ता हासिल की इसी तरह मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करके सत्ता हथियाने की जुगत कर रहे हैं. वर्मा ने फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी उषा मौर्या के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में कहा कि मोदी गोधरा कांड को लेकर पूरे गुजरात में नरसंहार कराने के आरोपी बनाए गए हैं. इसी वजह से अमेरिका ने उन्हें अपने यहां आने का वीजा नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि जिस तरह हिटलर ने अपने ही लोगों को मरवाकर सत्ता हासिल की थी, उसी तरह मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगाकर प्रधानमंत्री बनने की जुगत में हैं. वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मुसलमानों को पाकिस्तान जाने के लिए मजबूर किया और स्वतंत्र भारत की घोषणा के बाद हुए साम्प्रदायिक दंगों में संघ का खासतौर पर हाथ रहा. उन्होंने कहा कि देश की 20 फीसद मुस्लिम आबादी कांग्रेस पर पूरी तरह विश्वास करती है. गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी को प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने से रोकने के लिए कांग्रेस के पक्ष में वोट देगी.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: चीन ने पाकिस्तान को किसी भी विदेशी 'आक्रमण' की स्थिति में उसका समर्थन करने का भरोसा दिलाया है और कश्मीर मुद्दे पर उसके रुख का भी समर्थन किया है. डॉन अखबार की खबर के मुताबिक बीजिंग ने अपने शीर्ष राजनयिक की पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ के साथ एक मुलाकात में उसे इस संदेश से अवगत कराया. पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में लाहौर में चीन के महावाणिज्य दूत यू बोरेन ने कहा, 'किसी भी (विदेशी) आक्रमण की स्थिति में हमारा देश पाकिस्तान को पूरा समर्थन देगा.' यू के हवाले से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'कश्मीर मुद्दे पर हम पाकिस्तान के साथ हैं. भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर में बेकसूर कश्मीरियों पर अत्याचार का कोई औचित्य नहीं है और कश्मीर मुद्दा कश्मीरियों की आकांक्षाओं के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए.' जम्मू कश्मीर में उरी स्थित सेना के एक ठिकाने पर 18 सितबर की आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ रहा है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि उसने अपनी संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर दिया है. यू ने शहबाज को 65वें जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए उनसे मुलाकात की. उन्होंने कश्मीर में बन रही स्थिति और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत विभिन्न परियोजनाओं के बारे में उनके साथ चर्चा की.टिप्पणियां गौरतलब है कि सीपीईसी का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है. भारत ने इस परियोजना को लेकर ऐतराज जताया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) डॉन अखबार की खबर के मुताबिक बीजिंग ने अपने शीर्ष राजनयिक की पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ के साथ एक मुलाकात में उसे इस संदेश से अवगत कराया. पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में लाहौर में चीन के महावाणिज्य दूत यू बोरेन ने कहा, 'किसी भी (विदेशी) आक्रमण की स्थिति में हमारा देश पाकिस्तान को पूरा समर्थन देगा.' यू के हवाले से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'कश्मीर मुद्दे पर हम पाकिस्तान के साथ हैं. भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर में बेकसूर कश्मीरियों पर अत्याचार का कोई औचित्य नहीं है और कश्मीर मुद्दा कश्मीरियों की आकांक्षाओं के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए.' जम्मू कश्मीर में उरी स्थित सेना के एक ठिकाने पर 18 सितबर की आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ रहा है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि उसने अपनी संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर दिया है. यू ने शहबाज को 65वें जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए उनसे मुलाकात की. उन्होंने कश्मीर में बन रही स्थिति और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत विभिन्न परियोजनाओं के बारे में उनके साथ चर्चा की.टिप्पणियां गौरतलब है कि सीपीईसी का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है. भारत ने इस परियोजना को लेकर ऐतराज जताया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में लाहौर में चीन के महावाणिज्य दूत यू बोरेन ने कहा, 'किसी भी (विदेशी) आक्रमण की स्थिति में हमारा देश पाकिस्तान को पूरा समर्थन देगा.' यू के हवाले से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'कश्मीर मुद्दे पर हम पाकिस्तान के साथ हैं. भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर में बेकसूर कश्मीरियों पर अत्याचार का कोई औचित्य नहीं है और कश्मीर मुद्दा कश्मीरियों की आकांक्षाओं के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए.' जम्मू कश्मीर में उरी स्थित सेना के एक ठिकाने पर 18 सितबर की आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ रहा है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि उसने अपनी संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर दिया है. यू ने शहबाज को 65वें जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए उनसे मुलाकात की. उन्होंने कश्मीर में बन रही स्थिति और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत विभिन्न परियोजनाओं के बारे में उनके साथ चर्चा की.टिप्पणियां गौरतलब है कि सीपीईसी का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है. भारत ने इस परियोजना को लेकर ऐतराज जताया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जम्मू कश्मीर में उरी स्थित सेना के एक ठिकाने पर 18 सितबर की आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ रहा है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि उसने अपनी संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर दिया है. यू ने शहबाज को 65वें जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए उनसे मुलाकात की. उन्होंने कश्मीर में बन रही स्थिति और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत विभिन्न परियोजनाओं के बारे में उनके साथ चर्चा की.टिप्पणियां गौरतलब है कि सीपीईसी का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है. भारत ने इस परियोजना को लेकर ऐतराज जताया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) यू ने शहबाज को 65वें जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए उनसे मुलाकात की. उन्होंने कश्मीर में बन रही स्थिति और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत विभिन्न परियोजनाओं के बारे में उनके साथ चर्चा की.टिप्पणियां गौरतलब है कि सीपीईसी का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है. भारत ने इस परियोजना को लेकर ऐतराज जताया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) गौरतलब है कि सीपीईसी का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है. भारत ने इस परियोजना को लेकर ऐतराज जताया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बंगाल के कुछ हिस्सों में रविवार दिन में भूकंप आने की खबर है. रिपोर्ट के मुताबिक बांकुरा जिले के कई हिस्सों में 10.39 मिनट पर 4.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. अब तक प्राप्त सूचना के मुताबिक भूकंप में किसी अप्रिय घटना की कोई जानकारी नहीं मिली है. बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र बिंदु बांकुरा ही था जिसके चलते बंगाल से लेकर बिहार और झारखंड के कई इलाकों में झटके महसूस किए गए. IMD-Earthquake: An earthquake with a magnitude of 4.8 on the Richter Scale hit Bankura, West Bengal today at 10:39 AM. — ANI (@ANI) May 26, 2019 भूकंप का असर बंगाल के पड़ोसी राज्य बिहार और झारखंड में भी देखा गया. झारखंड में 3 घंटे के अंदर दो बार झटके आए जिससे लोगों में दहशत फैल गई. यही हाल बिहार में भी रहा जहां भागलपुर, बांका और मधेपुरा में झटके महसूस किए गए. इन दोनों राज्यों में आए भूकंप के बाद लोग घरों से बाहर आ गए और सुरक्षित जगह की ओर भागने लगे. झारखंड में रांची, गिरिडीह, धनबाद और दुमका जिले के कई इलाकों में झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता काफी कम होने के कारण किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन लोगों को एहतियात बरतने के लिए कहा गया है. इससे पहले रविवार सुबह में अंडमान निकोबार में भी भूकंप के झटके आए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 थी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक शनिवार सुबह में भी अंडमान में भूकंप आया था. इसकी तीव्रता 5.0 रही थी. पिछले कुछ दिनों में अंडमान के कई इलाकों में बार-बार भूकंप के झटके आए हैं. बिहार और झारखंड में आए भूकंप का केंद्र बिंदु बंगाल के बांकुरा में था. बांकुरा में भूकंप का सेंटर धरती से नीचे 10 किमी की गहराई में था. हालांकि अंडमान और बिहार-झारखंड समेत बंगाल में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है.
दिल्ली विश्विद्यालय से राजधानी के दो बड़े सदफरजंग अस्पताल के वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और राममनोहर लोहिया अस्पताल के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) जुड़ने जा रहे हैं. डीयू की एकेडमिक कॉउंसिल ने इन मेडिकल कॉलेजों के डीयू से जुड़ने का रास्ता भी साफ कर दिया है. अभी तक यह दोनों ही मेडिकल कॉलेज दिल्ली सरकार की गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध थे, लेकिन अब इन दोनों मेडिकल कॉलेज की सम्बद्धता आईपी यूनिवर्सिटी से खत्म कर दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध की जाएगी. इन दो मेडिकल कॉलेजों के डीयू से जुड़ने के बाद डीयू में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 6 हो जायेगी. डीयू से अभी तक यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज और लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज ही जुड़े थे. हालांकि सफदरजंग अस्पताल के स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर दोनों मेडिकल कॉलेजों के स्थानांतरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है. एसोसिएशन का तर्क है कि इस फैसले से मेडिकल में सीटें कम हो जाएंगी, साथ ही प्रदेश कोटे की आरक्षित सीटें भी खत्म हो जाएंगी. दूसरी तरफ इस संबंध में केंद्र सरकार से डीयू के पास निर्देश भी भेजे जा चुके हैं. इन दोनों मेडिकल कॉलेजों को डीयू से जोड़ने की सिफारिश 8 अक्टूबर 2015 को की गई थी. लिहाजा अब 2016 और इसके बाद इन मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई करने वालो स्टूडेंट्स को डीयू की डिग्री मिलेगी. डीयू सूत्रों के मुताबिक आगामी एग्जीक्यूटिव कॉउंसिल की मीटिंग में भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जायेगी. डीयू की एकेडमिक कॉउंसिल की मीटिंग में स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म के प्रस्ताव को भी सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. अब जल्द ही डीयू में स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म के तीन सेंटर खुलेंगे.
30 साल की उम्र में भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के आरोप को लेकर छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा है कि वो इस उम्र में अपनी रिसर्च कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो ने 35 साल की उम्र में एमए की पढ़ाई की थी. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 में 'दि यंग टर्क्स- दि फ्यूचर ऑफ आइडेंटिटी पॉलिटिक्स' सेशन के दौरान उन्होंने कहा कि मोदी जी ने 35 साल की उम्र में एमए की पढ़ाई की थी, मैं तो 30 की उम्र में कम से कम पीएचडी तो कर रहा हूं. कॉन्क्लेव के इस सत्र में कन्हैया कुमार, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल,  JNU की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद, BJYM के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज रोहित चहल और लेखिका व स्तंभकार शुभ्रस्था ने हिस्सा लिया था. इस दौरान कन्हैया कुमार और हार्दिक पटेल ने कई मुद्दों पर बात की. केंद्र में बीजेपी सरकार का लगातार विरोध कर रहे कन्हैया कुमार और शेहला राशिद पर आरोप लगाया जा रहा था कि वो करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल करके लगातार पढ़ाई कर रहे हैं. इस पर शेहला ने कहा, 'हम लोग भी टैक्स देते हैं. हमारे देश की स्कूलिंग ऐसी है. एमफिल करने तक 26 या इससे ज्यादा उम्र हो जाती है. हमारे यहां कहा जाता है कि जानने, सीखने, ज्ञान की कोई उम्र नहीं होती है, लेकिन आज जो सरकार है, वह ज्ञान के खिलाफ काम कर रही है. इनके मंत्री कहते हैं कि डार्विन की थ्योरी गलत है. इनके मिनिस्टर कहते हैं कि इतिहास बदल दो.' इंडिया टुडे कॉन्क्लेव: JNU में कब खत्म होगी कन्हैया कुमार- शेहला रशीद की पढ़ाई? पढ़ें जवाब कन्हैया कुमार ने कहा, 'ये लोग व्यक्तिगत हमले इसीलिए करते हैं, क्योंकि उनके पास कहने को कुछ नहीं है. आप हमसे यह पूछ रहे हैं कि हम 30 साल तक पढ़ाई क्यों कर रहे हैं, हमारे पीएम ने 35 साल में एमए किया है, मैं तो 30 साल में पीएचडी कर रहा हूं.' इस सत्र में राजनीति की नई पीढ़ी के योगदान पर चर्चा की गई. हार्दिक ने कहा कि सरकार स्कूल की शिक्षा को मौलिक अधिकार में रखती है लेकिन इसके बावजूद देशभर में स्कूलों की फीस लाखों रुपये में पहुंच चुकी है. क्या शिक्षा का मौलिक अधिकार इस ऊंची फीस पर मिलेगा? इस दौरान कन्हैया से राहुल ने पूछा कि क्या सिर्फ किसी एक जाति के लिए आरक्षण मांगना उचित है. इस सवाल पर कन्हैया ने कहा कि उनकी भी पहचान कई तरीकों से है. रोहित चहल ने कहा कि बीजेपी अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को आगे लाने की बात करती है.
भारत-चीन करेंगे एंटी टेरर एक्सरसाइज़ दिसंबर, 2019 में होगा साझा अभ्यास 11 अक्टूबर को भारत आ रहे हैं जिनपिंग पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त चीन दौरे पर हैं, लेकिन इसी बीच खबर आई है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को भारत पहुंच रहे हैं. भारत और चीन के बीच शुक्रवार-शनिवार को दूसरी इन्फॉर्मल समिट होगी, इस बैठक का कोई एजेंडा तो नहीं होगा लेकिन सभी मसलों बात भी होगी. चीन ने अब आतंकवाद के मोर्चे पर भारत का साथ देने की भी ठान ली है. भारत-चीन दोनों ही इसी दिसंबर में एंटी-टेरर एक्सरसाइज़ कर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की होने वाली इस इन्फॉर्मल बैठक में आतंकवाद पर खुलकर बात होगी. भारत की ओर से चीन के सामने आतंकवाद, टेरर फंडिंग, उसका सोर्स और आतंक का समर्थन समेत कई मुद्दे उठाए जाएंगे. जाहिर है कि भारत की ओर से हर बार पाकिस्तानी समर्थित आतंकवाद की पोल खोली जाती है. Sources: India and China to jointly hold anti-terror exercise in December 2019. — ANI (@ANI) October 9, 2019 अब दिसंबर में भारत और चीन की सेनाएं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए साथ में एक्सरसाइज़ करेंगे. पाकिस्तान की नीति पर जोर का झटका! गौरतलब है कि बीते कुछ समय से चीन पाकिस्तान का हर मसले पर साथ दे रहा है, फिर चाहे वह मसूद अजहर को बचाना हो या फिर हाल ही में जम्मू-कश्मीर का विवाद ही क्यों ना हो. चीन ने कई बार पाकिस्तान का साथ दिया है, कई बार उसे बचाया भी है. लेकिन अब जब चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर बढ़ रही है तो एक बार फिर चीन को भारत की याद आ रही है. क्या भारत-चीन के बीच होगा समझौता? हालांकि, ये भी बात सामने आ रही है कि इस दौरे पर कोई आधिकारिक समझौता नहीं होगा. भारत और चीन के बीच होने वाली ये बैठक इन्फॉर्मल है जिस तरह 2018 में वुहान में हुई थी. इस बैठक के दौरान दोनों देश के नेता बिना किसी एजेंडे के किसी भी मसले पर बात करेंगे.
अमेरिका में निर्वासित जीवन बिता रहे तुर्की के धर्मगुरु फतुल्ला गुलेन ने आशंका जताई है कि ऐसा भी हो सकता है कि तुर्की में शुक्रवार रात हुई तख्तापलट की कोशिश का तानाबाना खुद राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ही बुना हो। एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्य में सेयलॉर्सबर्ग स्थित अपने आवास से जारी बयान में गुलेन ने कहा, 'इसकी संभावना है कि तख्तापलट के प्रयास फर्जी हों।' उन्होंने तुर्की में तख्तापलट की कोशिश में अपनी किसी भी संलिप्तता से इनकार किया, जिसमें 160 लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर 1990 के दशक में इसके (तख्तापलट) भुक्तभोगी रहे हैं और इसकी वजह से उन्होंने बहुत पीड़ा झेली। इससे पहले तुर्की सरकार ने तख्तापलट की कोशिश को विफल किए जाने की घोषणा करते हुए इसकी साजिश का आरोप गुलेन पर लगाया था और कहा था कि विद्रोही सैनिकों के गुट को पेन्सिलवेनिया से आदेश मिल रहे थे। तुर्की सरकार ने अमेरिका से उन्हें 'वापस भेजने' के लिए भी कहा है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने शनिवार को अमेरिका से गुलेन को संरक्षण नहीं देने का आग्रह किया था। लेकिन, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने दावा किया कि उनके देश को तुर्की की ओर से न तो प्रत्यर्पण के लिए कोई आवेदन मिला है और न ही घटना में गुलेन की संलिप्तता को लेकर कोई ठोस सबूत दिए गए हैं।टिप्पणियां गुलेन साल 2013 से ही अमेरिका में स्व-निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। कभी अपने साथी रहे गुलेन पर राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपनी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके बाद से ही तुर्की सरकार ने धर्मगुरु को सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है और न्यायिक सुनवाई के लिए उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्य में सेयलॉर्सबर्ग स्थित अपने आवास से जारी बयान में गुलेन ने कहा, 'इसकी संभावना है कि तख्तापलट के प्रयास फर्जी हों।' उन्होंने तुर्की में तख्तापलट की कोशिश में अपनी किसी भी संलिप्तता से इनकार किया, जिसमें 160 लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर 1990 के दशक में इसके (तख्तापलट) भुक्तभोगी रहे हैं और इसकी वजह से उन्होंने बहुत पीड़ा झेली। इससे पहले तुर्की सरकार ने तख्तापलट की कोशिश को विफल किए जाने की घोषणा करते हुए इसकी साजिश का आरोप गुलेन पर लगाया था और कहा था कि विद्रोही सैनिकों के गुट को पेन्सिलवेनिया से आदेश मिल रहे थे। तुर्की सरकार ने अमेरिका से उन्हें 'वापस भेजने' के लिए भी कहा है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने शनिवार को अमेरिका से गुलेन को संरक्षण नहीं देने का आग्रह किया था। लेकिन, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने दावा किया कि उनके देश को तुर्की की ओर से न तो प्रत्यर्पण के लिए कोई आवेदन मिला है और न ही घटना में गुलेन की संलिप्तता को लेकर कोई ठोस सबूत दिए गए हैं।टिप्पणियां गुलेन साल 2013 से ही अमेरिका में स्व-निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। कभी अपने साथी रहे गुलेन पर राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपनी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके बाद से ही तुर्की सरकार ने धर्मगुरु को सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है और न्यायिक सुनवाई के लिए उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने तुर्की में तख्तापलट की कोशिश में अपनी किसी भी संलिप्तता से इनकार किया, जिसमें 160 लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर 1990 के दशक में इसके (तख्तापलट) भुक्तभोगी रहे हैं और इसकी वजह से उन्होंने बहुत पीड़ा झेली। इससे पहले तुर्की सरकार ने तख्तापलट की कोशिश को विफल किए जाने की घोषणा करते हुए इसकी साजिश का आरोप गुलेन पर लगाया था और कहा था कि विद्रोही सैनिकों के गुट को पेन्सिलवेनिया से आदेश मिल रहे थे। तुर्की सरकार ने अमेरिका से उन्हें 'वापस भेजने' के लिए भी कहा है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने शनिवार को अमेरिका से गुलेन को संरक्षण नहीं देने का आग्रह किया था। लेकिन, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने दावा किया कि उनके देश को तुर्की की ओर से न तो प्रत्यर्पण के लिए कोई आवेदन मिला है और न ही घटना में गुलेन की संलिप्तता को लेकर कोई ठोस सबूत दिए गए हैं।टिप्पणियां गुलेन साल 2013 से ही अमेरिका में स्व-निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। कभी अपने साथी रहे गुलेन पर राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपनी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके बाद से ही तुर्की सरकार ने धर्मगुरु को सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है और न्यायिक सुनवाई के लिए उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इससे पहले तुर्की सरकार ने तख्तापलट की कोशिश को विफल किए जाने की घोषणा करते हुए इसकी साजिश का आरोप गुलेन पर लगाया था और कहा था कि विद्रोही सैनिकों के गुट को पेन्सिलवेनिया से आदेश मिल रहे थे। तुर्की सरकार ने अमेरिका से उन्हें 'वापस भेजने' के लिए भी कहा है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने शनिवार को अमेरिका से गुलेन को संरक्षण नहीं देने का आग्रह किया था। लेकिन, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने दावा किया कि उनके देश को तुर्की की ओर से न तो प्रत्यर्पण के लिए कोई आवेदन मिला है और न ही घटना में गुलेन की संलिप्तता को लेकर कोई ठोस सबूत दिए गए हैं।टिप्पणियां गुलेन साल 2013 से ही अमेरिका में स्व-निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। कभी अपने साथी रहे गुलेन पर राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपनी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके बाद से ही तुर्की सरकार ने धर्मगुरु को सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है और न्यायिक सुनवाई के लिए उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) तुर्की सरकार ने अमेरिका से उन्हें 'वापस भेजने' के लिए भी कहा है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने शनिवार को अमेरिका से गुलेन को संरक्षण नहीं देने का आग्रह किया था। लेकिन, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने दावा किया कि उनके देश को तुर्की की ओर से न तो प्रत्यर्पण के लिए कोई आवेदन मिला है और न ही घटना में गुलेन की संलिप्तता को लेकर कोई ठोस सबूत दिए गए हैं।टिप्पणियां गुलेन साल 2013 से ही अमेरिका में स्व-निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। कभी अपने साथी रहे गुलेन पर राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपनी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके बाद से ही तुर्की सरकार ने धर्मगुरु को सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है और न्यायिक सुनवाई के लिए उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) गुलेन साल 2013 से ही अमेरिका में स्व-निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। कभी अपने साथी रहे गुलेन पर राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपनी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके बाद से ही तुर्की सरकार ने धर्मगुरु को सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है और न्यायिक सुनवाई के लिए उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सात नंबर का तनीषा मुखर्जी की लव लाइफ से कुछ अलग ही कनेक्शन नजर आ रहा है. 'बिग बॉस 7' में जब वह आईं तो अरमान कोहली से उनके इश्क के चर्चे हुए. और अब जब 'खतरों के खिलाड़ी 7' में दिख रही हैं तो सिद्धार्थ शुक्ला के साथ उनकी नजदीकियां चर्चा का विषय बन गई हैं. वैसे शो की शूटिंग अब लगभग पूरी हो चुकी है. इसके बाद भी दोनों का मिलना-जुलना बरकरार है. हाल ही में 'नील एंड निकी' स्टार को 'बालिका वधू' में एक अहम रोल निभाने वाले एक्टर के साथ कॉफी शॉप में काफी घुलमिल कर बातें करते देखा गया. बताया जा रहा है कि अपनी बातों में दोनों इतने मग्न थे कि उन्हें आसपास के लोगों का ध्यान भी नहीं था. वे साथ में बेहद खुश दिख रहे थे. हाल ही में इस शो का प्रसारण शुरू हुआ है. तो अब इस शो में इन दोनों स्टार्स की ऑन स्क्रीन कैमिस्ट्री को देखना और भी खास होगा.
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिला महिला अस्पताल में एक बच्ची को पैदा होने मात्र 6 मिनट बाद ही अपना अहम पहचान पत्र 'आधार' क्रमांक मिल गया है.बच्ची का नाम भावना संतोष जाधव है. भावना के माता-पिता ने रविवार को बच्ची के जन्म के बाद आधार कार्ड के लिए पंजीकरण कराया. पंजीकरण के मात्र छह मिनट के अंदर उन्हें आधार कार्ड मिल गया. ये जन्म के महज़ कुछ मिनट के अंदर अहम पहचान पत्र मिलने का दुर्लभ मामलों में एक है. जिलाधिकारी राधाकृष्ण गामे ने बताया कि बच्ची रविवार को दोपहर 12 बजकर तीन मिनट पर पैदा हुई है और 12 बजकर नौ मिनट पर उसके माता-पिता को उसका ऑनलाइन जन्मप्रमाणपत्र और आधार क्रमांक मिला. गौरवशाली पल उन्होंने कहा, 'ये उस्मानाबाद के लिए गौरवशाली पल है. हम जल्द ही सभी बच्चों को आधार के लिए पंजीकृत करेंगे. साथ ही उन्हें उनके माता-पिता के आधार कार्ड से जोड़ेंगे.' 1300 बच्चों को आधार क्रमांक हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉ एकनाथ माले ने बताया कि मां-बच्ची दोनों ठीक हैं. उनका दावा है कि पिछले एक साल में इस अस्पताल में पैदा हुए लगभग 1300 बच्चों को आधार क्रमांक मिला है.
एवियन फ्लू की स्थिति की निगरानी के लिए केंद्र की ओर से बनाई गई समिति ने आज कहा कि पिछले 24 घंटे में दिल्ली और ग्वालियर के चिड़ियाघर में पक्षियों की मौत नहीं हुई है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को स्वास्थ्य अलर्ट जारी कर बर्ड फ्लू बीमारी को फैलने से रोकने के लिए मानव-पक्षी संपर्क को कम से कम करने को कहा. एवियन फ्लू के हालात की निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी ने आज अपनी समीक्षा में कहा कि पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने चिड़ियाघर का दौरा किया और नमूने एकत्र किए. समिति ने कहा कि पिछले 24 घंटे में नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान और डियर पार्क तथा ग्वालियर के चिड़ियाघर से पक्षियों की मौत की कोई खबर नहीं मिली है.टिप्पणियां एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'ग्वालियर के चिड़ियाघर में पेंटेट स्टॉर्क्‍स (सारस) के रह रहे पेलिकन (एक प्रकार का बड़ा बत्तख) पक्षियों को अलग रखा गया है और सभी का स्वास्थ्य अच्छा है. ग्वालियर चिड़ियाघर के दूसरे पक्षियों के नमूने भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में भेजे गए हैं. उनकी रिपोर्ट आनी बाकी है'. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एवियन फ्लू के हालात की निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी ने आज अपनी समीक्षा में कहा कि पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने चिड़ियाघर का दौरा किया और नमूने एकत्र किए. समिति ने कहा कि पिछले 24 घंटे में नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान और डियर पार्क तथा ग्वालियर के चिड़ियाघर से पक्षियों की मौत की कोई खबर नहीं मिली है.टिप्पणियां एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'ग्वालियर के चिड़ियाघर में पेंटेट स्टॉर्क्‍स (सारस) के रह रहे पेलिकन (एक प्रकार का बड़ा बत्तख) पक्षियों को अलग रखा गया है और सभी का स्वास्थ्य अच्छा है. ग्वालियर चिड़ियाघर के दूसरे पक्षियों के नमूने भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में भेजे गए हैं. उनकी रिपोर्ट आनी बाकी है'. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) समिति ने कहा कि पिछले 24 घंटे में नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान और डियर पार्क तथा ग्वालियर के चिड़ियाघर से पक्षियों की मौत की कोई खबर नहीं मिली है.टिप्पणियां एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'ग्वालियर के चिड़ियाघर में पेंटेट स्टॉर्क्‍स (सारस) के रह रहे पेलिकन (एक प्रकार का बड़ा बत्तख) पक्षियों को अलग रखा गया है और सभी का स्वास्थ्य अच्छा है. ग्वालियर चिड़ियाघर के दूसरे पक्षियों के नमूने भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में भेजे गए हैं. उनकी रिपोर्ट आनी बाकी है'. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'ग्वालियर के चिड़ियाघर में पेंटेट स्टॉर्क्‍स (सारस) के रह रहे पेलिकन (एक प्रकार का बड़ा बत्तख) पक्षियों को अलग रखा गया है और सभी का स्वास्थ्य अच्छा है. ग्वालियर चिड़ियाघर के दूसरे पक्षियों के नमूने भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में भेजे गए हैं. उनकी रिपोर्ट आनी बाकी है'. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह एक लेख है: अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने आज कहा कि अधिकारियों की शीर्ष प्राथमिकता शराब कारोबारी विजय माल्या को वापस भारत लाना और उनकी संपत्तियों, जिनमें ज्यादातर विदेशों में है, का खुलासा करना है। उन्होंने कहा कि माल्या अगर भारत वापस नहीं आते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी, जैसा कि आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के मामले में किया गया था। उन्होंने कहा कि एक लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद ही माल्या से 9,000 करोड़ रुपये वसूलने की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।टिप्पणियां रोहतगी ने एक निजी न्यूज चैनल से कहा, 'पहला विकल्प तो यह है कि उन्हें हाजिर होने को कहा जाए और यदि वह नहीं आते हैं तो हम उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। एक बार उनका पासपोर्ट रद्द हो गया तो तकनीकी तौर पर किसी व्यक्ति को कहीं और रहने का अधिकार नहीं रह जाता। ऐसे में वह व्यक्ति जिस देश में रहता है, वह देश उसे अपने यहां से निकाल कर उस देश में जाने को मजबूर कर देता है जहां से वह आया होता है।' उन्होंने कहा, 'ललित मोदी के मामले में पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया हुई थी, लेकिन उसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।' अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए पता चला कि माल्या को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, क्योंकि भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि माल्या अगर भारत वापस नहीं आते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी, जैसा कि आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के मामले में किया गया था। उन्होंने कहा कि एक लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद ही माल्या से 9,000 करोड़ रुपये वसूलने की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।टिप्पणियां रोहतगी ने एक निजी न्यूज चैनल से कहा, 'पहला विकल्प तो यह है कि उन्हें हाजिर होने को कहा जाए और यदि वह नहीं आते हैं तो हम उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। एक बार उनका पासपोर्ट रद्द हो गया तो तकनीकी तौर पर किसी व्यक्ति को कहीं और रहने का अधिकार नहीं रह जाता। ऐसे में वह व्यक्ति जिस देश में रहता है, वह देश उसे अपने यहां से निकाल कर उस देश में जाने को मजबूर कर देता है जहां से वह आया होता है।' उन्होंने कहा, 'ललित मोदी के मामले में पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया हुई थी, लेकिन उसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।' अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए पता चला कि माल्या को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, क्योंकि भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि एक लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद ही माल्या से 9,000 करोड़ रुपये वसूलने की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।टिप्पणियां रोहतगी ने एक निजी न्यूज चैनल से कहा, 'पहला विकल्प तो यह है कि उन्हें हाजिर होने को कहा जाए और यदि वह नहीं आते हैं तो हम उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। एक बार उनका पासपोर्ट रद्द हो गया तो तकनीकी तौर पर किसी व्यक्ति को कहीं और रहने का अधिकार नहीं रह जाता। ऐसे में वह व्यक्ति जिस देश में रहता है, वह देश उसे अपने यहां से निकाल कर उस देश में जाने को मजबूर कर देता है जहां से वह आया होता है।' उन्होंने कहा, 'ललित मोदी के मामले में पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया हुई थी, लेकिन उसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।' अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए पता चला कि माल्या को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, क्योंकि भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत कर रखे हैं। रोहतगी ने एक निजी न्यूज चैनल से कहा, 'पहला विकल्प तो यह है कि उन्हें हाजिर होने को कहा जाए और यदि वह नहीं आते हैं तो हम उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। एक बार उनका पासपोर्ट रद्द हो गया तो तकनीकी तौर पर किसी व्यक्ति को कहीं और रहने का अधिकार नहीं रह जाता। ऐसे में वह व्यक्ति जिस देश में रहता है, वह देश उसे अपने यहां से निकाल कर उस देश में जाने को मजबूर कर देता है जहां से वह आया होता है।' उन्होंने कहा, 'ललित मोदी के मामले में पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया हुई थी, लेकिन उसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।' अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए पता चला कि माल्या को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, क्योंकि भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत कर रखे हैं। उन्होंने कहा, 'ललित मोदी के मामले में पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया हुई थी, लेकिन उसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।' अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए पता चला कि माल्या को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, क्योंकि भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत कर रखे हैं।
कुवैत सिटी (अरबी: مدينة الكويت, लिप्यांतरण: मदीनत-अल-कुवैत) कुवैत की राजधानी होने के साथ-साथ यहां का सबसे बड़ा शहर भी है। इसे कुवैत का हृदय भी कहा जाता है। इसी शहर में संसद भवन तथा अधिकांश सरकारी ऑफिस हैं। देश की राजनीतिक राजधानी होने के साथ-साथ इसे देश की सांस्‍कृतिक और आर्थिक राजधानी भी माना जाता है। इसकी अनुमानित जनसँख्या नगरीय सीमा में ६३,६०० (२००६) है और महानगरीय क्षेत्र में २३.८ लाख। नगर का क्षेत्रफल २०० वर्ग किलोमीटर है। यह नगर फ़ारस की खाड़ी के तट पर स्थित है और कुवैत की संसद (मजलिस अल-उम्मा), अधिकांश सरकारी कार्यालय, कुवैत की बहुत सी बड़ी कंपनियों और निकायों के मुख्यालय यहाँ स्थित हैं। निर्विवाद रूप से ये कुवैत का राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है। इसके साथ ही यह अरब जगत का एक महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल भी है। लिबरेशन टॉवर, कुवैत टॉवर, नेशनल म्‍यूजियम, फैलाका द्वीप, इंटरटेनमेंट सिटी, साइंस एंड नेचुरल हिस्‍ट्री म्‍यूजियम, लिबरेशन स्‍मारक, साइंटिफिक सेंटर, तारिक रजाब म्‍यूजियम, बयात अल- बदीर, जूलॉजिकल पार्क, संगीतमय फव्‍वारा आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं। प्रमुख आकर्षण लिबरेशन टॉवर यह टॉवर कुवैत की मुक्‍ित तथा उसके पुनरुत्‍थान का प्रतीक है। यह विश्‍व के सबसे ऊंचे टॉवरों में से एक है। यह टॉवर 372 मीटर ऊंचा है। लिबरेशन टॉवर एफिल टॉवर से 40 मीटर ज्‍यादा ऊंचा है। इस टॉवर को यह नाम इराकी कब्‍जे से मुक्‍ित के बाद दिया गया। यह इमारत सिरेमिक टाइल से बना हुआ है। कुवैत टॉवर यह कुवैत सिटी के प्रमुख दर्शनीय स्‍थलों में से एक है। यह टॉवर दशमन में अरब सागर के तट पर सिटी सेंटर के पूर्व में स्थित है। यह टॉवर 187 मीटर ऊंचा है। नेशनल म्‍यूजियम यह म्‍यूजियम नेशनल एसेंबली के नजदीक स्थित है। इस म्‍यूजियम परिसर में चार भवन तथा एक तारामंडल है। नेशनल म्‍यूजियम में इस्‍लामिक कला के अल सबाह शैली का सुंदर संग्रह है। इसके अतिरिक्‍त इसमें अरबी शैली की हस्‍तशिल्‍पों का भी अदभूत संग्रह है। इस म्‍यूजियम में इस्‍लामिक शैली की वस्‍तुओं को भी प्रदर्शन के लिए रखा गया है। नेशनल म्‍यूजियम को इराकी आक्रमणकारियों ने जला दिया था। फैलाका द्वीप 12 किलोमीटर लंबा और 6 किलोमीटर चौड़ा यह द्वीप कुवैत सिटी सेंटर से 20 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है। यह कुवैत का एक प्रमुख पुरातात्विक स्‍थल है। इस द्वीप का संबंध कांस्‍य युग से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि उस समय यहां पर मनुष्‍यो का निवास था। इसी द्वीप पर ग्रीक आक्रमणकारियों ने अपनी बस्‍ती बसाई थी। यहां पर एक प्राचीन मंदिर के अवशेष भी देखे जा सकते हैं। इंटरटेनमेंट सिटी यह कुवैत सिटी से 20 किलोमीटर दूर दोहा में स्थित है। यह विश्‍व के प्रमुख मनोरंजन केंद्रों में से एक है। यहां मनोरंजन का पूरा बंदोबस्‍त है। यह सिटी अरब वर्ल्‍ड, फ्यूचर वर्ल्‍ड तथा इंटरनेशनल वर्ल्‍ड पर तीन भागों में बंटा हुआ है। इसकी देख-भाल के. टी. ई. सी. करता है। विज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय यह साइंस एंड नेचुरल हिस्‍ट्री म्‍यूजियम अब्‍दुल्‍लाह मुबारक गली में स्थित है। इस म्‍यूजियम में प्राकृतिक इतिहास, तेल उद्योग, उड्यन उद्योग, वनस्‍पति शास्‍त्र, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स तथा अंतरिक्ष से संबंधित वस्‍तुओं को प्रदर्शित किया गया है। यह म्‍यूजियम शनिवार से लेकर बुधवार तक सुबह और शाम को खुला रहता है। लिबरेशन स्‍मारक यह स्‍माकर कुरेन हाउसिंग क्षेत्र में स्थित है। यह क्षेत्र इराक और कुवैत के बीच हुए युद्ध का गवाह है। अब इस क्षेत्र को स्‍मारक के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। इस स्‍मारक में इस युद्ध से संबंधित वस्‍तुओं को प्रदर्शनी के लिए रखा गया है। इसके अलावा इस स्‍मारक में इराकी आधिपत्‍य को चित्रों के माध्‍यम से प्रदर्शित किया गया है। साइंटिफिक सेंटर यह मध्‍य-पूर्व का सबसे बड़ा एक्‍वेरियम है। इसका निर्माण कुवैत फाउंडेशन ने करवाया है। इस एक्‍वेरियम में समुद्री जीवों तथा समुद्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधों को प्रदर्शित किया गया है। तारिक रजाब म्‍यूजियम यह एक रजाब परिवार का निजी म्‍यूजियम है। इस म्‍यूजियम का निर्माण कार्य 1950 के दशक में आरंभ हुआ था। इसें 1980 में लोगों के लिए खोल दिया गया। यह म्‍यूजियम दो भागों में बंटा हुआ है। इसमें मिट्टी के बर्तन, सुलेखन, धातु शिल्‍प, लकड़ी का हस्‍तशिल्‍प, हाथी की वस्‍तु, कांच का सामान आदि को देखा जा सकता है। इस म्‍यूजियम की दीवारों पर कुरान उकेरा हुआ है। म्‍यूजियम के दूसरे भाग में इस्‍लामिक शैली के आभूषणों, कपड़ों आदि को प्रदर्शन के लिए रखा गया है। बयात अल बदीर: यह एक पुराना भवन है, जो अल-सादू भवन के निकट स्थित है। इस इमारत का निर्माण 1838 ई. से 1848 ई. के बीच हुआ था। जूलॉजिकल पार्क यह पार्क एयरपोर्ट के नज‍दीक ओमारिया में है। यह पार्क 180000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इस पार्क में जानवरों के 65 प्रकार, पक्षियों के 129 प्रकार तथा 5 प्रकार के रेंगने वाले जीव देखे जा सकते हैं। संगीतमय फव्‍वारा यह फव्‍वारा रिंग रोड 1 पर आईस स्‍केटिंग रिंक के पास स्थित है। यहां प्रत्‍येक शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक संगीतमय फव्‍वारा का शो दिखाया जाता है। इसके अलावा यहां कुवैत साइंस क्‍लब, सादु हाउस, मस्जिदें, पार्क, आर्ट आदि भी देखा जा सकता है। आवागमन कुवैत जाने के लिए सबसे अच्‍छा मार्ग वायु मार्ग है। कुवैत सिटी में कुवैत अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा विश्‍व के प्रमुख देशों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। भगिनी शहर यह सूची कुवैत सिटी के भगिनी शहरों की है: अंकारा, तुर्की ट्यूनिस, ट्यूनीशिया बेरूत, लेबनान इस्फहान, ईरान शिराज़, ईरान सराजेवो, बोस्निया एवं हर्ज़ेगोविना अस्साल्त, जॉर्डन फ्रैंकफर्ट, जर्मनी बाहरी कड़ियाँ Kuwait City at "goruma" सन्दर्भ एशिया में राजधानियाँ
सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक नन्हा बच्चा सिंगिंग शो में अपने गाने से बड़े-बड़े सिंगरों को भी हैरान कर रहा है. इस बच्चे के गाने को देख सारे जज खड़े होकर ताली बजाने पर मजबूर हो गए. हालांकि, यह वीडियो थोड़ा पुराना है, लेकिन यह खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है यह बच्चा आमिर खान के सुपरहिट सॉन्ग 'आती क्या खंडाला' (Aati Kya Khandala) को इतने बेहतरीन ढंग से गा रहा है कि शो पर मौजूद सभी लोग हैरान रह गए. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि स्टेज पर इस बच्चे के साथ एक लड़की भी है और दोनों ही इस गाने से धूम मचा रहे हैं. यह वीडियो सारेगामापा लिटिल चैंप्स का है. इस मौके पर अर्जुन कपूर भी नजर आ रहे हैं. इस बच्चे की मासूमियत पर हर कोई फिदा नजर आ रहा है. इस वीडियो पर रिएक्शन की भरमार आ गई है. 'आती क्या खंडाला' (Aati Kya Khandala) सॉन्ग आमिर खान की सुपरहिट फिल्म 'गुलाम'  का गाना है. इस फिल्म में आमिर खान के साथ रानी मुखर्जी ने शानदार अभिनय का जलवा बिखेरा था. यह सॉन्ग काफी मशहूर हुआ था और लोगों की जुबां पर आज तक यह गाना चढ़ा हुआ है. कुल मिलाकर इस बच्चे ने अपनी सिंगिंग से धमाल मचा दिया है.
स्क्वायर एनिक्स लिमिटेड (), जो कि स्क्वायर एनिक्स यूरोप () के रूप में कारोबार कर रही है, पूरी तरह स्क्वायर एनिक्स के स्वामित्व वाली ब्रिटिश वीडियो गेम सॉफ्टवेयर प्रकाशक है। स्क्वायर एनिक्स यूरोप, मूल रूप से अब बंद एडोस पीएलसी थी, जब यह एडोस समूह कंपनियों की नियंत्रक कंपनी थी, यूनाइटेड किंगडम वीडियो गेम प्रकाशक एडोस इंटरएक्टिव सहित। 22 अप्रैल 2009 को प्रभाव में आए स्क्वायर एनिक्स द्वारा सफल अधिग्रहण के बाद, एडोस के शेयर आधिकारिक तौर पर 21 अप्रैल 2009 को अधिग्रहण से एक दिन पहले खत्म कर दिये गए। नाम एडोस पीएलसी, एडोस समूह के इस पुनर्गठन के बाद इस्तेमाल किया जाना समाप्त हो गया। जिसके उपरांत सभी पिछले स्क्वायर एनिक्स और एडोस इंटरएक्टिव के तहत प्रकाशित किया गई एडोस संपत्तियाँ स्क्वायर एनिक्स यूरोप का एक भाग बन गए। सन्दर्भ वीडियो गेम प्रकाशक
एक अदभुत और दुर्लभ जानकारी मिली है. बिग बॉस की प्रतियोगी डियांड्रा ने कहा है कि किस करने से कोई प्रेग्नेंट नहीं हो जाता. दरअसल बिग बॉस से बाहर होने के बाद डियांड्रा ने यह बात कही. दर्शकों की वोटिंग में कम वोट मिलने के कारण उन्हें घर छोड़ना पड़ा है. इस अनोखे सफर पर डियांड्रा ने अपनी बातें कहीं. जब उनसे पूछा गया कि इस बार का विजेता कौन होगा तो उन्होंने कहा, देखिए यह बता पाना तो बहुत मुश्किल है, क्योंकि घर के अंदर सभी एक से बढ़कर एक हैं.' गौरतलब है कि इस बीच अफवाह उड़ी कि डियांड्रा प्रेग्नेंट हैं, इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ किस करने से कोई प्रेग्नेंट नहीं हो जाता, हां मेरी तबीयत जरूर थोड़ी खराब थी लेकिन यह सब अफवाह है इस पर ध्यान मत दीजिए. बिग बॉस के अनुभव पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि घर में मेरा अनुभव शानदार रहा, पहली बार ऐसा हुआ है कि सलमान ने किसी घर छोड़ने वाले को इतना प्रोत्साहित किया है. वैसे डियांड्रा बिग बॉस बनने कि प्रबल दावेदार थी, लेकिन बिग बॉस की परंपरा के अनुसार ऐसा कम ही होता है कि दावेदार ही जीत जाए, अक्सर चौंकाने वाले विजेता देने वाले बिग बॉस में देखते हैं इस बार क्या होता है.
टेस्ट श्रृंखला में करारी शिकस्त झेलने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम विश्व चैम्पियन के रुतबे को बरकरार रखने के इरादे से त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के पहले मुकाबले में रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर उतरेगी। श्रृंखला में भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा तीसरी टीम श्रीलंका की है जो पिछले विश्व कप की उपविजेता है। इस प्रकार चार वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला में तीनों टीमें आपस में भिड़ेंगी। इससे पहले, वर्ष 2008 में भारत, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका की टीमों के बीच त्रिकोणीय श्रृंखला खेली गई थी। भारतीय टीम शुक्रवार को खेले गए श्रृंखला के दूसरे और अंतिम ट्वेंटी-20 मुकाबले को जीतकर श्रृंखला 1-1 की बराबरी करने में सफल रही थी। इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया था वह सराहनीय था। श्रृंखला के पहले मुकाबले में एक बार फिर सबकी नजरें अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पर होगी जो अपने 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक से एक कदम की दूरी पर हैं। हरफनमौला रवींद्र जडेजा, पार्थिव पटेल, सुरेश रैना, इरफान पठान, प्रवीण कुमार, और मनोज तिवारी के जुड़ने से भारतीय टीम मजबूत हुई है। ये सभी खिलाड़ी टेस्ट श्रृंखला के हिस्सा नहीं थे। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय टीम में अनुभव और युवा जोश का मिश्रण है। भारत के पास तेज गेंदबाजी में उमेश यादव, आर. विनय कुमार, प्रवीण और जहीर खान के रूप में चौकड़ी है जबकि रविचंद्रन अश्विन और राहुल शर्मा के रूप में दो विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय रैंकिंग में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है जबकि चार बार की पूर्व विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। यदि मेजबान टीम रविवार को खेले जाने वाले मुकाबले में भारत को हरा देती है तो भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का नुकसान होगा जबकि यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराती है तो ऑस्ट्रेलिया के दो रेटिंग अंक कम हो जाएंगे व भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का फायदा होगा। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। श्रृंखला में भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा तीसरी टीम श्रीलंका की है जो पिछले विश्व कप की उपविजेता है। इस प्रकार चार वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला में तीनों टीमें आपस में भिड़ेंगी। इससे पहले, वर्ष 2008 में भारत, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका की टीमों के बीच त्रिकोणीय श्रृंखला खेली गई थी। भारतीय टीम शुक्रवार को खेले गए श्रृंखला के दूसरे और अंतिम ट्वेंटी-20 मुकाबले को जीतकर श्रृंखला 1-1 की बराबरी करने में सफल रही थी। इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया था वह सराहनीय था। श्रृंखला के पहले मुकाबले में एक बार फिर सबकी नजरें अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पर होगी जो अपने 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक से एक कदम की दूरी पर हैं। हरफनमौला रवींद्र जडेजा, पार्थिव पटेल, सुरेश रैना, इरफान पठान, प्रवीण कुमार, और मनोज तिवारी के जुड़ने से भारतीय टीम मजबूत हुई है। ये सभी खिलाड़ी टेस्ट श्रृंखला के हिस्सा नहीं थे। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय टीम में अनुभव और युवा जोश का मिश्रण है। भारत के पास तेज गेंदबाजी में उमेश यादव, आर. विनय कुमार, प्रवीण और जहीर खान के रूप में चौकड़ी है जबकि रविचंद्रन अश्विन और राहुल शर्मा के रूप में दो विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय रैंकिंग में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है जबकि चार बार की पूर्व विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। यदि मेजबान टीम रविवार को खेले जाने वाले मुकाबले में भारत को हरा देती है तो भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का नुकसान होगा जबकि यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराती है तो ऑस्ट्रेलिया के दो रेटिंग अंक कम हो जाएंगे व भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का फायदा होगा। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। इससे पहले, वर्ष 2008 में भारत, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका की टीमों के बीच त्रिकोणीय श्रृंखला खेली गई थी। भारतीय टीम शुक्रवार को खेले गए श्रृंखला के दूसरे और अंतिम ट्वेंटी-20 मुकाबले को जीतकर श्रृंखला 1-1 की बराबरी करने में सफल रही थी। इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया था वह सराहनीय था। श्रृंखला के पहले मुकाबले में एक बार फिर सबकी नजरें अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पर होगी जो अपने 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक से एक कदम की दूरी पर हैं। हरफनमौला रवींद्र जडेजा, पार्थिव पटेल, सुरेश रैना, इरफान पठान, प्रवीण कुमार, और मनोज तिवारी के जुड़ने से भारतीय टीम मजबूत हुई है। ये सभी खिलाड़ी टेस्ट श्रृंखला के हिस्सा नहीं थे। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय टीम में अनुभव और युवा जोश का मिश्रण है। भारत के पास तेज गेंदबाजी में उमेश यादव, आर. विनय कुमार, प्रवीण और जहीर खान के रूप में चौकड़ी है जबकि रविचंद्रन अश्विन और राहुल शर्मा के रूप में दो विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय रैंकिंग में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है जबकि चार बार की पूर्व विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। यदि मेजबान टीम रविवार को खेले जाने वाले मुकाबले में भारत को हरा देती है तो भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का नुकसान होगा जबकि यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराती है तो ऑस्ट्रेलिया के दो रेटिंग अंक कम हो जाएंगे व भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का फायदा होगा। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। भारतीय टीम शुक्रवार को खेले गए श्रृंखला के दूसरे और अंतिम ट्वेंटी-20 मुकाबले को जीतकर श्रृंखला 1-1 की बराबरी करने में सफल रही थी। इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया था वह सराहनीय था। श्रृंखला के पहले मुकाबले में एक बार फिर सबकी नजरें अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पर होगी जो अपने 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक से एक कदम की दूरी पर हैं। हरफनमौला रवींद्र जडेजा, पार्थिव पटेल, सुरेश रैना, इरफान पठान, प्रवीण कुमार, और मनोज तिवारी के जुड़ने से भारतीय टीम मजबूत हुई है। ये सभी खिलाड़ी टेस्ट श्रृंखला के हिस्सा नहीं थे। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय टीम में अनुभव और युवा जोश का मिश्रण है। भारत के पास तेज गेंदबाजी में उमेश यादव, आर. विनय कुमार, प्रवीण और जहीर खान के रूप में चौकड़ी है जबकि रविचंद्रन अश्विन और राहुल शर्मा के रूप में दो विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय रैंकिंग में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है जबकि चार बार की पूर्व विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। यदि मेजबान टीम रविवार को खेले जाने वाले मुकाबले में भारत को हरा देती है तो भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का नुकसान होगा जबकि यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराती है तो ऑस्ट्रेलिया के दो रेटिंग अंक कम हो जाएंगे व भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का फायदा होगा। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। श्रृंखला के पहले मुकाबले में एक बार फिर सबकी नजरें अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पर होगी जो अपने 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक से एक कदम की दूरी पर हैं। हरफनमौला रवींद्र जडेजा, पार्थिव पटेल, सुरेश रैना, इरफान पठान, प्रवीण कुमार, और मनोज तिवारी के जुड़ने से भारतीय टीम मजबूत हुई है। ये सभी खिलाड़ी टेस्ट श्रृंखला के हिस्सा नहीं थे। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय टीम में अनुभव और युवा जोश का मिश्रण है। भारत के पास तेज गेंदबाजी में उमेश यादव, आर. विनय कुमार, प्रवीण और जहीर खान के रूप में चौकड़ी है जबकि रविचंद्रन अश्विन और राहुल शर्मा के रूप में दो विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय रैंकिंग में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है जबकि चार बार की पूर्व विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। यदि मेजबान टीम रविवार को खेले जाने वाले मुकाबले में भारत को हरा देती है तो भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का नुकसान होगा जबकि यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराती है तो ऑस्ट्रेलिया के दो रेटिंग अंक कम हो जाएंगे व भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का फायदा होगा। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय टीम में अनुभव और युवा जोश का मिश्रण है। भारत के पास तेज गेंदबाजी में उमेश यादव, आर. विनय कुमार, प्रवीण और जहीर खान के रूप में चौकड़ी है जबकि रविचंद्रन अश्विन और राहुल शर्मा के रूप में दो विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय रैंकिंग में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है जबकि चार बार की पूर्व विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। यदि मेजबान टीम रविवार को खेले जाने वाले मुकाबले में भारत को हरा देती है तो भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का नुकसान होगा जबकि यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराती है तो ऑस्ट्रेलिया के दो रेटिंग अंक कम हो जाएंगे व भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का फायदा होगा। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय रैंकिंग में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है जबकि चार बार की पूर्व विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। यदि मेजबान टीम रविवार को खेले जाने वाले मुकाबले में भारत को हरा देती है तो भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का नुकसान होगा जबकि यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराती है तो ऑस्ट्रेलिया के दो रेटिंग अंक कम हो जाएंगे व भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का फायदा होगा। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। यदि मेजबान टीम रविवार को खेले जाने वाले मुकाबले में भारत को हरा देती है तो भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का नुकसान होगा जबकि यदि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराती है तो ऑस्ट्रेलिया के दो रेटिंग अंक कम हो जाएंगे व भारतीय टीम को एक रेटिंग अंक का फायदा होगा। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। इसके अलावा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद श्रीलंका से भी अपना मुकाबला हार जाती है तो इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के 131 रेटिंग अंक हो जाएंगे जबकि श्रीलंका के 113 रेटिंग अंक हो जाएंगे और भारतीय टीम 115 अंक के साथ तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के 130 और भारत के 117 रेटिंग अंक हैं, जबकि श्रीलंका 111 रेटिंग अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना मानते हैं कि दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में अपने शानदार प्रदर्शन, खासकर क्षेत्ररक्षण की मदद से उनकी टीम ने यह संदेश दिया है कि वह एकदिवसीय मैचों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। रैना ने कहा कि ट्वेंटी-20 की जीत उनकी टीम के लिए बदलाव की साक्षी बन सकती है। रैना ने कहा, "हमने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 मुकाबले के दौरान यही देखा। हमारा क्षेत्ररक्षण बेहद अच्छा था। थ्रो पूरी तरह सटीक थे। हर किसी ने अपने स्तर के साथ न्याय किया। हमारी बल्लेबाजी भी स्तरीय रही। हम इस प्रदर्शन को आगे बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।" रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। रैना ने कहा कि एकदिवसीय मैचों के परिणाम निश्चित तौर पर अलग होंगे। बकौल रैना, "एकदिवसीय क्रिकेट बिल्कुल भिन्न होता है। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं और इसका फायदा 50 ओवर के खेल में जरूर मिलेगा। हमारे कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो एकदिवसीय विशेषज्ञ के तौर पर जाने-जाते हैं। ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"टिप्पणियां दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। दूसरी ओर, माइकल क्लार्क की कप्तानी में भारतीय टीम को टेस्ट श्रृंखला में 4-0 से मात देने वाली मेजबान टीम के खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है। क्लार्क ने इस श्रृंखला में अपनी टीम को पसंदीदा बताया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में हरफनमौला डेनियल क्रिस्टियन, पीटर फॉरेस्ट, मिशेल मार्श, मिशेल स्टार्क और मैथ्यू वेड के रूप में युवा खिलाड़ी हैं जो छाप छोड़ने को बेताब हैं। अनुभवी ब्रेट ली के टीम में शामिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है।
एवरीडे सेक्सिज्म, 2014, साइमन एंड शूस्टर आईएसबीएन 1471131572
भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तानी नागरिकों को मेडिकल वीजा से संबंधित एक आरटीआई का जवाब देने से इनकार कर दिया है. जवाब न देने के पीछे भारत-पाकिस्तान के संबंध खराब होने की दुहाई दी गई है. आरटीआई से पूछे ये दो सवाल मुंबई निवासी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 15 नवंबर 2017 को आरटीआई के जरिए विदेश मंत्रालय से दो सवाल पूछे थे. पहला सवाल था कि 10 मई 2017 से 1 दिसंबर 2017 के दौरान कितने पाकिस्तानी नागरिकों को मेडिकल वीजा दिया गया और इसमें से कितनों को सलाहकार सरताज अज़ीज़ की सिफारिश थी? दूसरे सवाल में मौजूदा वीजा पॉलिसी में बदलाव की जानकारी मांगी गई थी. सवाल के जवाब में दिया विचित्र तर्क इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने गलगली द्वारा मांगी गई जानकारी ख़ारिज करते हुए विचित्र तर्क दिया कि मेडिकल वीजा की जानकारी देने पर भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी संबंध बिगड़ सकते हैं. गलगली ने प्रथम अपील दायर करते ही उनका आवेदन भारतीय उच्चायोग, इस्लामाबाद को भेज दिया था. भारतीय उच्चायोग, इस्लामाबाद में द्वितीय राजकीय सचिव अविनाश कुमार सिंह ने अनिल गलगली की जानकारी को ख़ारिज करते हुए विचित्र तर्क दिया. उन्होंने तर्क दिया कि मेडिकल वीजा की जानकारी सार्वजनिक करने से भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंध बिगड़ेंगे. पिछले साल मेडिकल वीजा पर बदले थे नियम दरअसल भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंध अत्यधिक बिगड़ने पर पिछले साल मई में विदेश मंत्रालय ने मेडिकल वीजा के लिए नए नियम बनाए थे. इसके मुताबिक भारत में इलाज के लिए पाकिस्तानी नागरिकों को सिर्फ उसी स्थिति में मेडिकल वीजा दिया जाएगा, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अज़ीज़ की सिफारिश होगी. 380 पाक नागरिकों को दिया मेडिकल वीजा अनिल गलगली की आरटीआई में पूछे गए पहले सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय के विदेश विभाग ने बताया कि 380 पाकिस्तानी नागरिकों मेडिकल वीजा दिया गया है. दूसरे सवाल पर भारत सरकार ने सरकारी पॉलिसी में किसी भी तरह का बदलाव न करने की जानकारी दी. सरताज अज़ीज़ की सिफारिश पर कितने लोगों को मेडिकल वीजा दिया गया, इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया गया. समझ से परे है तर्क आरटीआई के इस जवाब पर अनिल गलगली ने कहा कि मैंने जो जानकारी मांगी थी, उससे भारत-पाकिस्तान के संबंध कैसे बिगड़ेंगे, यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि पॉलिसी सरकार ने खुद बनाई है. लिहाजा मैं उम्मीद करता हूं कि इन आंकडों को सरकार को खुद ही सार्वजनिक करे. भारत और पाकिस्तान के संबंध पूर्व में कभी भी बेहतर नहीं थे. ऐसे में मेरी आरटीआई का जवाब देने से संबंध बिगड़ने का तर्क बेतुका है.
विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने मुंबई पर आतंकवादी हमले के दौरान पकड़े गए एकमात्र जीवित पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब को तुरंत फांसी पर लटकाने की मांग शनिवार को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा करने की कोई जल्दी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में अपनी लोकतांत्रिक न्यायिक प्रक्रिया का पालन करेगा. यह पूछे जाने पर कि दूसरों के लिए मिसाल कायम करते हुए भारत ने कसाब को क्यों नहीं तुरंत फांसी पर लटकाया? थरूर ने कहा, 'हम ऐसा कुछ भी करने की जल्दबाजी में नहीं हैं, क्योंकि वह सूचना का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है.' थरूर ने कहा, 'यहां एक लोकतांत्रिक न्यायिक प्रक्रिया है और हम उसका पालन करेगे.' गौरतलब है कि मुंबई पर 26/11 हमले के दौरान जीवित पकड़ा गया एकमात्र आतंकी कसाब शुक्रवार को न्यायालय के सामने दिए गए अपने बयान से पलट गया. उधर, इस मामले में शिकागो में पकड़े गए डेविड हेडली के गायब हुए वीजा के बारे में केंद्र सरकार ने कहा कि शिकागो स्थित भारतीय महावाणिज्य दूत ने अमेरिका में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी डेविड कोलमैन हेडली केवीजा संबंधी दस्तावेज तलाश लिए हैं और भारत में उसकी गतिविधियों के बारे में पता लगाने की कोशिशें जारी है. विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर ने शनिवार को हेडली के वीजा संबंधी दस्तावेज के बारे में कहा, ''हां, दस्तावेज मिल गए हैं. उनकी जांच हो रही है.' थरूर ने कहा, 'हमारे लिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि उसने भारत में क्या किया था. इस संबंध में जांच जारी है.' गौरतलब है कि थरूर ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा था कि तहव्वुर राणा के दस्तावेज मिल गये हैं और हेडली के दस्तावेज तलाशे जा रहे हैं. दूसरी ओर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने कहा था कि यह कहना कि वीजा संबंधी दस्तावेज गायब हो गए, ठीक नहीं है. इस संबंध में सभी जानकारियां जांच एजेंसियों कोदी जा रही हैं. प्रवक्ता ने कहा था कि राणा और हेडली को 18 जुलाई 2007 और तीन मार्च 2006 को वीजा जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि राणा को 31 अक्टूबर 2008 को एक वर्ष का वाणिज्यिक वीजा भी जारी किया गया था. गुरुवार को संसद में भी हेडली का मुद्दा उछाला गया था. विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण देने की मांग की थी.
यह एक लेख है: Realme 3 Pro को इस महीने ही भारत में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। आधिकारिक तौर पर लॉन्च किए जाने से पहले रियलमी ब्रांड के सीईओ माधव शेठ ने नए फोन का टीज़र ज़ारी किया है। कंपनी के अधिकारी ने Realme 3 Pro के कैमरे से ली गईं चुनिंदा तस्वीरों को साझा किया है। बीते महीने ही Realme ने इस फोन को मार्केट में Redmi Note 7 Pro के चुनौती के तौर पर उतारने का ऐलान किया था। संभवतः इसी बहाने कंपनी फोन में 48 मेगापिक्सल कैमरा सेंसर होने की ओर इशारा भी दे रही थी। माधव शेठ ने तीन Realme 3 Pro के तीन कैमरा सैंपल अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किए हैं। एक में सेल्फी कैमरे का दम दिखाया गया है, जबकि बाकी दो में रियर कैमरा सेटअप का। ये तस्वीरें EXIF डेटा और रिजॉल्यूशन के साथ नहीं आती हैं। इस आधार पर फोन में इस्तेमाल किए गए हार्डवेयर का पता नहीं चल पाया है। हालांकि, इनमें से एक तस्वीर प्राइमरी कैमरे में एचडीआर सपोर्ट होने की इशारा देती है। एक और तस्वीर यही इशारा देती है कि सेल्फी कैमरे का रिजॉल्यूशन 13 मेगापिक्सल से ज़्यादा हो सकता है। इतने रिजॉल्यूशन वाला कैमरा Redmi Note 7 Pro का भी हिस्सा है। याद रहे कि Realme ने बीते महीने भारत में रियलमी 3 को लॉन्च करते वक्त Realme 3 Pro के बारे में जानकारी दी थी। नए फोन को रेडमी नोट 7 प्रो की चुनौती के तौर पर उतारे जाने की बात की गई थी। इसे महीने के आखिर तक लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। आधिकारिक ऐलान के दौरान Realme 3 Pro में 48 मेगापिक्सल प्राइमरी कैमरा होने का दावा किया गया था। Redmi Note 7 Pro को चुनौती देने के मकसद से इस फोन में 25 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिए जाने की खबर है।
दिल्ली मेट्रो के प्रमुख ई. श्रीधरन ने एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन का अचानक निरीक्षण किया और ट्रेनों के बीच 20 मिनट के अंतर, स्टेशनों पर खाने-पीने की सुविधाएं नहीं होने जैसे मुद्दों पर वह निराश दिखाई दिये. श्रीधरन ने सुबह दो घंटे तक इस कारिडोर के स्टेशनों का निरीक्षण किया और कनॉट प्लेस को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ने वाली इस महत्वाकांक्षी लाइन पर ट्रेनों के बीच समय कम करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि विमान से यात्रा करने वाले लोगों को सुविधा हो. एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन केवल 18 मिनट में यात्रियों को कनॉट प्लेस से आईजीआई हवाईअड्डे तक पहुंचाती है. इसे 23 फरवरी को जनता के लिए शुरू किया गया था और तब से औसतन 7000 से कुछ ही ज्यादा यात्री रोजाना इस सेवा का लाभ ले रहे हैं. दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि श्रीधरन ने इस लाइन के उद्घाटन के बाद पहली बार निरीक्षण के लिए दौरा किया और नयी दिल्ली स्टेशन पर ट्रेन में सवार हुए. उन्होंने इस मार्ग के अंतिम स्टेशन द्वारका सेक्टर-21 तक यात्रा की और ट्रेनों के बीच के समय, उचित उद्घोषणाओं की कमी आदि अनेक चीजों की ओर इशारा किया. एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन केवल 18 मिनट में यात्रियों को कनॉट प्लेस से आईजीआई हवाईअड्डे तक पहुंचाती है. इसे 23 फरवरी को जनता के लिए शुरू किया गया था और तब से औसतन 7000 से कुछ ही ज्यादा यात्री रोजाना इस सेवा का लाभ ले रहे हैं. श्रीधरन इस परिपथ के सभी परिचालन स्टेशनों पर उतरे और निजी तौर पर यात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का मुआयना किया. इस लाइन पर छह स्टेशनों में से केवल चार पर संचालन हो रहा है जिनमें नई दिल्ली, शिवाजी स्टेडियम, आईजीआई हवाई अड्डा और द्वारका सेक्टर-21 हैं. मार्ग के दो अन्य स्टेशन धौला कुंआ और दिल्ली एयरो सिटी पर परिचालन अगले महीने शुरू होने की संभावना है. दयाल ने कहा कि मेट्रो प्रमुख इस लाइन पर ट्रेनों के बीच मौजूदा 20 मिनट के अंतर से निराश थे और उन्होंने ट्रेनों के बीच समय को कम करने पर जोर दिया. फिलहाल इस कॉरिडोर पर सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक 20 मिनट के अंतर से छह ट्रेनें दौड़ती हैं.
यह एक लेख है: रेलवे ग्रुप डी (RRB, RRC Group D) के 1 लाख से ज्यादा पदों पर भर्तियां कर रहा है. कई उम्मीदवारों का एप्लीकेशन रिजेक्ट हुआ है. जिन उम्मीदवारों के एप्लीकेशन फॉर्म रिजेक्ट हुए हैं, उन्हें एक और मौका मिल सकता है. दरहसल, रेलवे ग्रुप डी (RRB Group D) के लाखों उम्मीदवार अपना एप्लीकेशन फॉर्म रिजेक्ट (RRC Application Reject) होने के कारण परेशान हैं. रेलवे के तर्क है कि उम्मीदवारों के फॉर्म इनवैलिड फोटो और साइन के चलते रिजेक्ट किए गए हैं. वहीं, उम्मीदवारों का दावा है कि उनकी फोटो बिल्कुल सही है इसके बावजूद रेलवे ने उसे इनवैलिड बताकर एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया. इस मुद्दे को लेकर NDTV ने एक बार फिर रेलवे के अधिकारी से इस पर बात की. हमने उनसे पूछा कि उम्मीदवारों की समस्या का समाधान कब तक हो पाएगा. इस पर रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) के वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, ''रेलवे के रीजनल बोर्ड्स को उम्मीदवारों के कई ईमेल मिले हैं. कई उम्मीदवारों की शिकायतें मिली हैं. देश भर से करीब 4000 उम्मीदवारों ने रीजनल बोर्ड्स के पास ईमेल के माध्यम से शिकायत की है. जबकि करीब 4 लाख उम्मीदवारों के एप्लीकेशन फॉर्म रिजेक्ट किए गए हैं. शिकायतों की संख्या अभी 4000 है, उम्मीदवार 31 जुलाई यानी आज तक अपनी शिकायत भेज सकते हैं. शिकायतों की जांच के सवाल पर अधिकारी ने कहा, ''रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा 1 अगस्त से देश भर से आई सभी शिकायतों की जांच की जाएगी. बोर्ड को शिकायतों की जांच करने में एक सप्ताह का समय लग सकता है. अगर शिकायतों की संख्या ज्यादा हुई तो और भी समय लग सकता है.'' RRB NTPC Admit Card: अभी नहीं जारी होगा एनटीपीसी परीक्षा का एडमिट कार्ड, ये है वजह यह पूछे जाने पर कि क्या उम्मीदवारों को फोटो और साइन ठीक करने का मौका मिलेगा या नहीं, इस पर उन्होंने कहा, ''जांच के बाद ही रेलवे को यह पता चल पाएगा कि गलती रेलवे की है या उम्मीदवारों की. अगर रेलवे की तरह से कोई गलती पाई जाती है तो रेलवे उम्मीदवारों को एप्लीकेशन में सुधार करने के लिए मॉडिफिकेशन लिंक देगा.'' अधिकारी ने यह भी बताया कि इस साल ग्रुप डी के लिए रेलवे को 1 करोड़ 15 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. कुल मिलाकर रेलवे ने यह साफ कर दिया है कि 1 अगस्त से शिकायतों की जांच होगी और रेलवे की गलती होने पर मॉडिफिकेशन लिंक एक्टिव किया जाएगा. हालांकि इस प्रक्रिया में 10-15 दिन का समय लगने की संभावना है.  गौरतलब है कि उम्मीदवारों ने एनडीटीवी को बताया था कि उनके एप्लीकेशन फॉर्म में जो फोटो लगी है उस फोटो का इस्तेमाल वे दूसरी परीक्षाओं के एप्लीकेशन फॉर्म को भरने में भी कर चुके हैं. जहां दूसरे फॉर्म आसानी से स्वीकार्य हो गए वहीं रेलवे ने ग्रुप डी का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया. उम्मीदवार चाहते हैं कि रेलवे एप्लीकेशन फॉर्म को मोडीफाई करने का लिंक एक्टिव करे.
पूरे देश में चुनाव की गरमी जोर पकड़ चुकी है, हर सीट पर वोटों का गुणा-भाग चल रहा है, तो वहीं हजारों उम्मीदवार संसद में अपनी सीट पक्की करने के लिए अपने अपने इलाकों में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं. चुनाव में कौन जीतता है और कौन दूसरे नम्‍बर पर रहता है, इस बात के अलावा जो बात लोगों को दिलचस्‍प लगती है वह है कि कितने प्रत्‍याशी अपनी जमानत बचा सके. यदि प्रत्‍याशी अपनी जमानत बचा लेते हैं तो यह भी उनके लिए गर्व की बात होती है, जबकि जमानत के जब्‍त होने को अक्‍सर अपमानजनक समझा जाता है. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार यदि प्रत्‍याशी मतदान के कुल वैध मतों के कम से कम छठे भाग के बराबर मत प्राप्‍त करने में विफल रहता है तो उसकी जमानत की राशि सरकारी खजाने में जमा हो जाती है, लेकिन पिछले आम चुनावों के आंकड़ों को देखें तो हाल के चुनावों में चुनावी मैदान में मतदाताओँ ने तकरीबन 90 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत जब्त करवा दी. 1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव में लगभग 40 प्रतिशत यानी 1874 उम्‍मीदवारों में से 745 प्रत्‍याशियों की जमानत जब्‍त हो गई. तब से लगभग सभी लोकसभा चुनावों में जमानत के जब्‍त होने की संख्‍या बढ़ती गई. जमानत जब्‍त होने वालों की संख्‍या 1996 में हुए 11वीं लोकसभा के चुनावों में सबसे अधिक रही. उस समय 13952 प्रत्‍याशियों में से 12688 प्रत्‍याशियों यानी 91 प्रतिशत उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई. इस चुनाव में लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले उम्‍मीदवारों की संख्‍या भी सबसे अधिक थी. इस संदर्भ में 2009 में हुआ पिछला लोकसभा चुनाव भी प्रत्‍याशियों के लिए अधिक अच्‍छा नहीं रहा. इसमें भी 85 प्रतिशत प्रत्‍याशियों की जमानतें जब्‍त हो गईं. प्रतिशत की दृष्टि से जमानत जब्‍त होने के मामलों में 1996 के चुनावों में 91 प्रतिशत और 1991 के चुनावों में 86 प्रतिशत के बाद जमानत जब्‍त होने वालों का यह तीसरा सबसे बड़ा चुनाव था. 1951-52 में हुए पहले चुनावों में राष्‍ट्रीय दलों के 1217 उम्‍मीदवारों में से 344 यानी 28 प्रतिशत प्रत्‍‍याशियों की जमानतें जब्‍त हुई. 1957 में हुए अगले चुनावों में स्थिति में सुधार हुआ. इस समय 919 प्रत्‍याशियों में से केवल 130 प्रत्‍याशियों मतलब 14 प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्‍त हुई. 1977 के आम चुनावों में राष्‍ट्रीय दलों का निष्‍पादन सर्वोत्‍तम रहा. इन चुनावों में 1060 प्रत्‍याशियों में से केवल 100 प्रत्‍याशी अर्थात 9 प्रतिशत की जमानत जब्‍त हुई. तुलनात्‍मक तरीके से 2009 का आम चुनाव राष्‍ट्रीय पार्टियों के प्रत्‍याशियों के लिए उतने अच्‍छे नहीं रहे, क्‍योंकि इसमें लगभग हर दूसरे प्रत्‍याशी की जमानत जब्‍त हो गई. 2009 में राष्‍ट्रीय दलों के 1623 प्रत्‍याशियों में से 779 उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई. राष्‍ट्रीय दलों के प्रत्‍याशियों की स्थिति 11वीं लोकसभा के चुनावों में सबसे अधिक खराब रही. यहां 1817 प्रत्‍याशियों में से 897 यानी 49 प्रतिशत प्रत्‍याशियों की जमानतें जब्‍त हो गईं. जमानत भले ही जब्त हो, लेकिन जमानत का जब्‍त होना चुनाव लड़ने में बाधक नहीं रहा है, क्योंकि चुनाव लड़ने वालों की संख्या हर चुनाव में अमूमन बढ़ ही रही है. जानकार इसको लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं.
यह लेख है: मेघालय पुलिस के एक बटालियन के एक प्रशिक्षक को दो नए भर्ती हवलदारों पर अपने साथी प्रशिक्षुओं का पेशाब पीने के लिए दबाव बनाने के बाद नौकरी से हटा दिया गया है। पश्चिमी गारो हिल्स जिले में गोराग्रे में द्वितीय मेघालय पुलिस बटालियन में रविवार को यह घटना हुई। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि सामुदायिक रसोई में दोपहर के खाने के समय दोनों हवलदारों एक अन्य नवनियुक्त हवलदार से झगड़ा हो गया था।टिप्पणियां प्रशिक्षक ने कथित तौर पर तीनों हवलदारों से बोतलों में पेशाब करने के लिए कहा और फिर उन दोनों हवलदारों पर उसे पीने के लिए दबाव बनाया। रात के समय 600 हवलदारों के सामने यह घटना हुई। मेघालय पुलिस अधिकारियों ने घटना का संज्ञान लेते हुए प्रशिक्षक को उसके पद से हटा दिया है और उससे इस घटना के सम्बंध में स्पष्टीकरण मांगा है। द्वितीय मेघालय पुलिस बटालियन के कमांडेंट एन राजामाथानंदन ने बताया, इस तरह की सजा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वह उन्हें अतिरिक्त अभ्यास की सजा दे सकते थे। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पश्चिमी गारो हिल्स जिले में गोराग्रे में द्वितीय मेघालय पुलिस बटालियन में रविवार को यह घटना हुई। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि सामुदायिक रसोई में दोपहर के खाने के समय दोनों हवलदारों एक अन्य नवनियुक्त हवलदार से झगड़ा हो गया था।टिप्पणियां प्रशिक्षक ने कथित तौर पर तीनों हवलदारों से बोतलों में पेशाब करने के लिए कहा और फिर उन दोनों हवलदारों पर उसे पीने के लिए दबाव बनाया। रात के समय 600 हवलदारों के सामने यह घटना हुई। मेघालय पुलिस अधिकारियों ने घटना का संज्ञान लेते हुए प्रशिक्षक को उसके पद से हटा दिया है और उससे इस घटना के सम्बंध में स्पष्टीकरण मांगा है। द्वितीय मेघालय पुलिस बटालियन के कमांडेंट एन राजामाथानंदन ने बताया, इस तरह की सजा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वह उन्हें अतिरिक्त अभ्यास की सजा दे सकते थे। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रशिक्षक ने कथित तौर पर तीनों हवलदारों से बोतलों में पेशाब करने के लिए कहा और फिर उन दोनों हवलदारों पर उसे पीने के लिए दबाव बनाया। रात के समय 600 हवलदारों के सामने यह घटना हुई। मेघालय पुलिस अधिकारियों ने घटना का संज्ञान लेते हुए प्रशिक्षक को उसके पद से हटा दिया है और उससे इस घटना के सम्बंध में स्पष्टीकरण मांगा है। द्वितीय मेघालय पुलिस बटालियन के कमांडेंट एन राजामाथानंदन ने बताया, इस तरह की सजा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वह उन्हें अतिरिक्त अभ्यास की सजा दे सकते थे। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मेघालय पुलिस अधिकारियों ने घटना का संज्ञान लेते हुए प्रशिक्षक को उसके पद से हटा दिया है और उससे इस घटना के सम्बंध में स्पष्टीकरण मांगा है। द्वितीय मेघालय पुलिस बटालियन के कमांडेंट एन राजामाथानंदन ने बताया, इस तरह की सजा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वह उन्हें अतिरिक्त अभ्यास की सजा दे सकते थे। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए सबकुछ करेंगे. लालू ने कहा, 'जब तक मेरे शरीर में जान है, मैं मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनने दूंगा.' बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू ने शपथ ली है कि 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों को तथा समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करेंगे. उन्होंने सवाल किया, 'एक ऐसा राजनीतिज्ञ जो दो समुदायों में घृणा उत्पन्न करता हो तथा 2002 में गुजरात में हजारों लोगों की मौत का जिम्मेदार रहा हो, भला भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है?.' लालू ने जोर देते हुए कहा कि चूंकि मोदी को पूरे भारत का समर्थन नहीं है, इसलिए उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता.
जम्मू−कश्मीर में शुक्रवार को चार जगह हुए हमलों के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ है इस बात के पुख्ता सबूत भारत को मिले हैं। एनडीटीवी से खास बातचीत में लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने कहा कि हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। मारे गए आतंकियों के पास से जो फूड पैकेट और हथियार बरामद किए गए हैं, सब पाकिस्तान में बने हैं। एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त से बातचीत में आर्मी कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार में शामिल तत्वों की मदद के बिना वहां के नॉन स्टेट एक्टर के लिए इस तरह के हमले करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आंतकियों से बरामद सारी चीजे़ नई हैं। फूड पैकेट पर जिस कंपनी की मुहर है वह पाकिस्तान की है और पैकिंग नवंबर 2014 की है। इसके अलावा आतंकियों से जो हथियार मिले हैं वे शाहीन कंपनी में बने हैं। सबकुछ सामने है और इसमें शक का सवाल ही नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि आतंकियों को अगर पाकिस्तान से निर्देश मिले थे, तो क्या इसमें वह स्टेट एक्टर की बात कर रहे हैं या वहां के नॉन स्टेट एक्टर्स की। तो इसके जवाब में साहा ने कहा, जब हम कहते हैं कि ऊपर से निर्देश है तो एलओसी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिस वजह से ये कार्रवाई की गई हो। तो इससे साफ़ है कि ऊपर से इस तरह के हमले करने का निर्देश दिया गया। ऊपर से क्या उनका मतबल सेना, आईएसआई या हाफिज सईद जैसे तत्वों से हैं? इस सवाल के जवाब में साहा ने कहा, एक के बिना दूसरी चीज़ें नहीं हो सकती है। इन सबमें मिली भगत है। किसकी भूमिका क्या होती है ये उस वक्त तय होता है। बहुत सारी गतिविधियां हो रही हैं।
लार्ड लिटन भारत का वाइसराय था। वे ई.स. १८७६-१८८० तक भारतके वायसरॉय रहे. लिटन साम्राज्यवादी सोच का था.उसको ब्रिटिश भारत का सबसे अधिक प्रतिक्रियावादी गवर्नर जनरल माना गया है। उसका उद्देश्य उभरती भारतीय राष्ट्रवाद की भावना का दमन करना था.भारत में ब्रिटिशसत्ता को मजबूत करने के लिए उसने यहां की जनता पर अन्याय, अत्याचार किए.१८५७ के विद्रोव के बाद इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया ने भारतीयों को आश्वासन दिया था कि वो भर्तियोकी और उनके हितों की रक्षा करेंगी परंतु ब्रिटिश शासन ने रानी विक्टोरिया के इस आश्वासन को अपने पैरोतले रोंद दिया. १८७६ से १८८० तक भारतीय जनतापर अन्याय और अत्याचार की उच्चंक गठा.१८७६ से १८७८ तक भारत में भीषण सूखा पड़ा था. भारतिय जनता पीड़ा में थी लेकिन वाइसरॉय लिटनने इस सूखे की समस्या पर कुछ कड़े कदम नहीं उठाए,जनता की मदत नहीं की कोई उपाय योजना नहीं की, दिल्ली में राजशाही दरबार भराकर लिटन ने सारा आर्थिक बोजा भारतीयों पर डाला. परिचय वह अप्रैल, १८७६ में वाइसरॉय होकर भारत आया और सन् १८८० तक इस पद पर काम करता रहा। लिटन के वाइसरॉय नियक्त होने पर बहुत लोगों को आश्चर्य हो रहा था क्योंकि उसे शासन का कोई विशेष अनुभव नहीं था, यद्यपि अपनी नीतिज्ञता का पचिय वह कई बार दे चुका था। वह अंग्रेजी भाषा का अच्छा विद्वान् था। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बीकंसफ़ील्ड ने लिटन को मध्य एशिया की जटिल समस्या को सुलझाने के लिए विशेष रूप से भारत भेजा था। सन् १८७७ में लिटन ने दिल्ली में एक विशाल दरबार किया जिसमें विक्टोरिया को 'भारत की साम्राज्ञी' घोषित किया गया। इसी समय दक्षिण में भीषण अकाल था जिसमें लाखों व्यक्ति भूखों मर गए। पश्चिमोत्तर प्रांत तथा मध्य प्रांत में भी खाद्यान्न की कमी थी। भारतीयों के इस दारुण दु:ख को दूर करने के लिए लिटन ने कुछ प्रयत्न अवश्य किया पर ऐसे कष्ट के समय दिल्ली दरबार में लाखों रुपया उड़ाना तथा अन्नंद मनाना लोगों को पंसद नहीं आया। इसके अतिरिक्त, सरकार की नीति से भारतीय जनता असंतुष्ट थी। भारतीय समाचापत्रों में सरकार की कटु आलोचना हो रही थी। सन् १८७८ में लिटन ने वर्नाक्युलर-प्रेस-ऐक्ट पास कर दिया जिसके द्वारा देशी भाषाओं में प्रकाशित होनेवाले समाचारपत्रों पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए गए और उनकी स्वतंत्रता छिन गई। मध्य एशिया की समस्या सुलझने के बजाय और उलझ गई। लिटन ने जिस नीति से काम लिया उसका फल हुआ सन् १८७८ का द्वितीय अफ़गानन युद्ध। युद्ध के फलस्वरूप अफ़गानिस्तान छिन्न भिन्न हो गया। लिटन की अफ़गान नीति की हर तरफ से तीव्र आलोचना की गई। उसका मुख्य आलोचक ग्लैड्सटन था जो बाद में प्रधानमंत्री हो गया, तभी लिटन को अपना पद छोड़ना पड़ा। लिटन के कार्य वाईसरॉय लीटन के भारतीयों पर किए गए अन्न्याय और अत्याचार के प्रसंग- *१८७६ से १८७८ तक भारत में भीषण सूखा पड़ा था. उसपर लिटन ने कोई उपाययोजना नहीं की, उसने दिल्ली में राजशाही दरबार भराकर इस सूखे के नुुकसान का आर्थिकबोझ भारतीयों पर डाला . लिटनने आई.सी.एस. (इंडियन सिविल सर्विसेज) इस परीक्षा वयो मर्यादा को २१ से १९ पर लाया, इतिहासकारों का मानना है कि यह उसने भारतीय इस परीक्षा में पास ना हो सके इस हेतु करवाया था. उसके (१) उसने प्रथम दिल्ली दरबार का आयोजन जनवरी 1877 मे करवाया था और इसमे महारानी विक्टोरिया को भारत साम्राज्ञी की उपाधि दी गई थी। इस दरबार के आयोजन मे जम कर फिजूलखर्च हुआ था जबकि भारत की जनता अकाल से मर रही थी इसके आयोजन से भारत मे जन चेतना आई। (२) वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1878- ये अधिनियम भारतीय प्रेस पर कड़े नियंत्रण हेतु बना था और इसके प्रावधान भेदभाव पूर्ण थे इंग्लिश और भारतीय भाषाओं के पत्रों मे भेदभाव किया गया था। भारत की प्रेस ब्रिटिश नीति की कड़ी आलोचक थी उस पर काबू करना इस अधिनियम का लक्ष्य था। (३) शस्त्र एक्ट 1878- भारतीय लोगों को शस्त्र रखने बेचने से रोका गया इस हेतु उनके पास अनुमति पत्र होना आवश्यक था लेकिन ये एक्ट अंग्रेजो, अंग्लो इंडियन आदि पर लागू नहीं होता था, इसलिए यह एक रंगभेदी क़ानून था। (४) वैधानिक नागरिक सेवा अधिनियम- 1833- का बना यह अधिनियम भारत के सभी निवासियों सभी पदों का पात्र मानता था लेकिन अंग्रेज नहीं चाहते थे की भारतीय उच्च पदों पर आसीन हों, इसलिए इसकी परीक्षा लंदन में होती थी और इसकी पात्रता के लिए प्रतिभागी की अधिकतम आयु २१ वर्ष थी, लेकिन लॉर्ड लिटन ने इसको घटाकर १९ वर्ष कर दिया जिस कारण भारत मे बहुत असंतोष फैल गया था। (५) लिटन ने अफगान युद्ध किए जिनमे भारत को धन हानि हुई थी। (6) वित्तिय सुधार- वित्तिय विकेंद्रीकरण के सन्दर्भ में भी लार्ड लिटन के द्वारा कुछ महत्वपुर्ण कार्य किये गए । उसने लार्ड मेयो द्वारा प्रारम्भ की गयी वितीय विकेंद्रीकरण की नीति को आगे बढ़ाने का कार्य किया। भारत के गवर्नर जनरल
धरने पर बैठे दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर कभी उनकी साथी रहीं किरण बेदी ने हमला बोला है. पिछले दिनों बीजेपी के पीएम उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी की तारीफ करने वाली बेदी ने कहा है कि दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बेलगाम हो गई है. बेदी ने धरने पर बैठे केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि सड़क चलने के लिए होती है, धरने के लिए नहीं. बेदी ने केजरीवाल और उनके मंत्रियों के धरने पर कहा, 'ऐसे तो नहीं होता है. सड़कों पर चला जाता है. सड़कों पर पेट्रोलिंग होती है.' गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस के तीन अफसरों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे अरविंद केजरीवाल रेल भवन के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं. बेदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट भी किए. उन्‍होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता टीवी के जरिये लोकप्रियता हासिल करने के मकसद से धरना-प्रदर्शन पर बैठे हैं. अब दिल्‍ली की जनता को एहसास हो गया होगा कि उनका वोट बेकार हो गया. उन्‍होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में एक्टिविज्‍म और गवर्नेंस में अंतर होता है. दिल्‍ली की सरकार गवर्नेंस की जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रही है. AAP के नेता अपनी गिरफ्तारी के लिए पुलिस से टकराव के मूड में हैं. नीचे पढ़ें, केजरीवाल और उनकी सरकार पर निशाना साधते बेदी के कुछ ट्विट्स... AAdmi Party is getting its regular supply of live Television!(Oxygen)Wondering if Delhi voter has realised by now if they wasted their vote? — Kiran Bedi (@thekiranbedi) January 20, 2014 Pol-Leadership of Delhi appears to be itching to move out of responsibility of governance!Perhaps want confrontation with police for arrest! — Kiran Bedi (@thekiranbedi) January 20, 2014 Delhi is under unruly political leadership!.Who r they listening to? Are they doing what they think is the only way to govern or survive? — Kiran Bedi (@thekiranbedi) January 20, 2014 In public life there's a difference betw Activism (Television+) and Governance(Vision+)In life some do move up frm school>college>university — Kiran Bedi (@thekiranbedi) January 20, 2014