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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा, भाजपा ने कहा- हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच हो
Bihar BJP Minister Vijay Singh Death Case - बीजेपी नेता विजय सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर बीजेपी सरकार पर हमलावर है। पटना में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार पर निशाना
बीजेपी नेता विजय कुमार सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उनकी मौत चोट से नहीं, हार्ट अटैक से हुई है। इस रिपोर्ट को बीजेपी ने गलत बताया है और इस केस की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है। 13 जुलाई को पटना में विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस ने बीजेपी नेताओं पर लाठीचार्ज किया था। इस दौरान जहानाबाद से जिला महामंत्री विजय सिंह की मौत हो गई थी। बीजेपी नेताओं ने दावा किया था कि पुलिस की पिटाई से उनकी मौत हुई है। इसके बाद हंगामा मच गया था। पुलिस ने CCTV खंगाला और जारी करके बताया कि विजय डाकबंगला पहुंचे ही नहीं थे। वे छज्जूबाग में गिरकर बेहोश हुए थे। पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पोस्टमॉर्टम के आदेश दिए थे। इसके बाद पीएमसीएच के तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया था। गुरुवार को टीम ने अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। माैत की वजह जानने के लिए पीएमसीएच की ओर से हिस्टो पैथोलॉजिकल जांच भी हुई थी। इसमें कहा गया है कि विजय कुमार सिंह की माैत दिल की बीमारी और इससे जुड़ी दिक्कतों की वजह से हुई थी न कि लाठीचार्ज से। बीजेपी ने लीपापोती का लगाया आरोप पटना में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार पर निशाना साधा और पूरे मामले पर लीपापोती करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार जो रवैया अपना रही है, वो नहीं चलेगा। उन्होंने पोस्टमॉर्टम के रिकॉर्डिंग के वीडियो की मांग की। कहा- अगर हिम्मत है तो सरकार वीडियो दे। सम्राट चौधरी ने कहा कि लाठीचार्ज की पटना हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच होनी चाहिए। उन्होंने पोस्टमॉर्टम का वीडियो AIIMS भेजने की भी मांग की है। सरकार के खिलाफ सिग्नेचर कैंपेन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने मानवता को शर्मसार किया है। 13 जुलाई को बीजेपी के सांसद, विधायकों और हमारी महिला कार्यकर्ताओं की छाती पर लाठी चलाई गई। इसके खिलाफ में 24 जुलाई से हमारा युवा मोर्चा सभी जिला मुख्यालय और मंडल हेडक्वार्टर पर हस्ताक्षर अभियान चलाएगा। यह 9 अगस्त तक चलेगा। राज्यपाल को मैमोरैंडम भी सौंपा जाएगा। शिक्षक भर्ती पर सरकार अभ्यर्थियों को ठग रही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि 4 लाख 70 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों के समर्थन में विधानसभा मार्च किया गया था। जिन्हें नौकरी देने की बात कर रहें हैं, इन्हें तो पहले ही नौकरी मिली है। इनकी सीधी नियुक्ति कीजिए। कोई बहाना नहीं चलेगा। बिहार में नीतीश की सरकार ठग रही है। नीतीश कुमार बीजेपी की कृपा से सीएम बने। बेंगलुरु में विपक्षी एकता की मीटिंग के दौरान अनस्टेबल पीएम कैंडिडेट का पोस्टर कांग्रेस ने लगाया था। वहीं मणिपुर के मामले पर कहा कि वहां हिंदू मुस्लिम की बात नहीं है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद यह सब हुआ है। पीएम मोदी ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। रिपोर्ट पर सवाल उठाना गलत- जेडीयू पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर बीजेपी के सवाल को जनता दल यूनाइटेड ने गलत ठहराया है। पूर्व शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को चैलेंज नही किया जा सकता है। इसे मानना चाहिए। मौत हार्ट अटैक से हुई है। ये बीजेपी का प्रोपेगैंडा है- आरजेडी बीजेपी के आरोप पर राजद ने कहा है कि बीजेपी प्रोपेगैंडा फैला रही है। राष्ट्रीय जनता दल के विधायक राकेश रौशन ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इंटरनल इंजरी नहीं है। एक्सटर्नल इंजरी भी नहीं। मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है। यदि किसी पर लाठी चलेगी तो निशान होंगे। मौत की वजह कार्डिक अरेस्ट है। यह बात हम सब पहले से कह रहें हैं। ये खबर भी पढ़िए... पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस का लाठीचार्ज:एक नेता की मौत; वाई सिक्योरिटी की मौजूदगी में BJP सांसद को भी पीटा सरकार के खिलाफ बिहार विधानसभा मार्च कर रहे बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस पिटाई में कई नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने दावा किया कि पुलिस की लाठीचार्ज में जहानाबाद के महामंत्री विजय कुमार सिंह की लाठीचार्ज में मौत हो गई। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा समेत कई नेता पार्टी कार्यालय पहुंचे। वहां मृतक बीजेपी कार्यकर्ता को श्रद्धांजलि दी गई। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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रूखे और बेजान होंगे, ढीली चोटी बांधकर सोएं, लौट आएगी चमक
चोटी बांधने से बाल कम टूटते हैं, लेकिन बालों को बार-बार कसकर खींचकर चोटी बनाते हैं, तो बाल झड़ने लग सकते हैं। नए-नए हेयर स्टाइल बनाने से भी बाल टूटते हैं। इसे ट्रैक्शन एलोप्सिया कहते हैं। जो बालों की जड़ों की स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं।
गलत लाइफ स्टाइल की वजह से बाल बेजान हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम अपने बालों का ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखें ताकि बाल स्वस्थ रहें। मानसून में उमस भरी गर्मी की वजह से खूब पसीना निकलता है जो बालों का दुश्मन का है। बालों में पसीना न रहे इसके लिए ज्यादातर महिलाएं अपने बालों को खुला रखती हैं। हालांकि, महिलाओं को यह कशमकश होती है कि वो रात में बाल बांधकर सोएं या खोलकर। बालों की सेहत को बरकरार रखने और उससे जुड़े कुछ देसी नुस्खों के बारे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सिद्धार्थ सिंह से जानते हैं। डॉ सिंह कहते हैं कि बाल खोलकर सोने से बाल टूटने समेत और भी कई समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए बाल बांधकर सोना ही बेहतर है और ये बात तो आपने खुद ही महसूस की होगी कि बाल खोलकर सोने से सुबह तकिए पर ज्यादा बाल होते हैं। और जब बाल बांधकर सोती हैं तो बाल कम टूटते हैं। बालों का रूखापन बढ़ जाता है, दिखते हैं बेजान डॉ सिंह कहते हैं बाल खोलकर सोने से बालों में रूखापन हो जाता है जिससे बाल बेजान से लगते है। क्योंकि बालों की नमी तकिया ले लेता है, जिस वजह से बाल रुखे और बेजान से हो जाते हैं। और सुबह जब सोकर उठते हैं तब तकिए के चारों तरफ बाल टूटे पड़े रहते हैं। इसलिए कोशिश करें कि अपने बाल बांधकर सोएं। रात में सोने से पहले बालों में स्कार्फ बांधें बाल खोलकर सोते हैं तो बाल बेतरतीब तरीके से बिखरे होते हैं। क्योंकि बालों की नमी खत्म हो जाती है और जिसके कारण बाल रूखे हो जाते हैं। इसलिए रात को सोते समय साटन का स्कार्फ बालों में बांधकर सोएं। इससे आपके बाल सुरक्षित रहेंगे। सोने से पहले बालों में करें कंघी, लौट आएगी चमक रात को सोने से पहले बालों में कंघी जरूर करें। ऐसा करने से बाल उलझेंगे नहीं। और जब बाल उलझेंगे ही नहीं तो टूटेंगे भी नहीं। दूसरा फायदा ये है कि कंघी करने से आपके बालों में लगा तेल ऊपर से लेकर नीचे तक पहुंचेगा। जिससे बालों को पूरा पोषण मिलेगा। बालों में कंघी करने के बाद बालों को बांध लें। हफ्ते में दो बार बालों का करें मसाज, ब्लड सर्कुलेशन बढ़े हफ्ते में दो बार बालों में तेल लगाकर मसाज करें। मसाज करके सोने से बालों में चमक और स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे बालों को सभी जरूरी पोषण मिलते हैं। साथ ही तनाव भी कम होता है। बाल झड़ने का एक कारण तनाव भी है। इसलिए बालों की अच्छे से मसाज कीजिए और फिर बालों को अच्छे से बांध लीजिए। बालों को ज्यादा टाइट न बांधें, ढीला रखें रात को बाल बांधकर सोने के कई फायदे हैं। लेकिन बाल बांधते समय इस बात का ध्यान दें कि बालों को ज्यादा टाइट न बाधें। उन्हें ढीला रखें। ताकि आपको सोने में दिक्कत न हो। बाकी ये सब आपकी अपनी इच्छा पर निर्भर है कि आप किस तरह बाल रखकर सोना चाहते हैं। चोटी बांधने से बालों की सेहत सही रहती है बाल खोलकर सोने से नुकसान की वजह से ही बचपन में दादी-नानी हमेशा बालों पर तेल लगाकर चोटी बांधने की नसीहत देती रहती थीं। लेकिन आज के दौर में ज्यादातर लड़कियों को खुले बाल रखना ही पसंद है। जिसका नतीजा बाल टूटते और बेजान होते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि बालों को बांधने से बाल कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत बनते हैं। इससे बालों की जड़ें भी मजबूत होती हैं। आइए जानते हैं बालों को बांधकर रखने के फायदे। कम झड़ते हैं बाल: चोटी बनाकर सोने से बाल कम टूटते और मजबूत बनते हैं। बालों में तेल लगाकर हल्के हाथ से बालों की चोटी बना लें। इससे बाल सुलझे रहेंगे और टूटेंगे नहीं। दो मुंहे बालों से छुटकारा: बालों की चोटी बनाने से दो मुंहे बाल कम हो जाते हैं। चोटी बालों को तेज धूप और धूल मिट्टी से भी बचाने में मदद करती है। चोटी बनाने से लंबे होते हैं बाल: तेल लगाकर चोटी बनाने से बाल जल्दी लंबे होते है। बालों में खिंचाव भी कम होता है। बालों में नमी: चोटी बनाने से बालों में नमी रहती है, जिससे बालों को पोषण मिलता है। बालों को ज्यादा पोषण देने के लिए बादाम और नारियल तेल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। चोटी बनाने से बालों में पोषण बंद हो जाता है, जो बालों की जड़ों को आराम देता है। खबर में आगे बढ़ने से पहले पोल के माध्यम से अपनी राय साझा करते चलिए... खुले बालों में न सोने के वैज्ञानिक कारण रात में बालों को खोलकर सोने से बाल और तकिए के बीच रगड़ होती है, जिससे बाल टूटते हैं। बाल रात में खुले होने पर ये ज्यादा उलझ जाते हैं और उनकी जड़ें कमजोर होने लगती हैं। बाल चेहरे पर भी आते हैं, जिससे नींद में भी परेशानियों के साथ स्किन प्रॉब्लम हो सकती है। अमेरिकन एकेडमी डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पोनीटेल या ब्रेट यानी चोटी को बांधने से बाल कम टूटते हैं, लेकिन बालों को बार-बार कसकर खींचकर चोटी बनाते हैं, तो बाल झड़ने लग सकते हैं। नए-नए हेयर स्टाइल बनाने से भी बाल टूटते हैं। इसे ट्रैक्शन एलोप्सिया कहते हैं। जो बालों की जड़ों की स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं। डिस्क्लेमर: आर्टिकल में दी गई जानकारी महज सलाह है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें।
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बोला- 15 अगस्त को भारतीय दूतावासों पर खालिस्तानी झंडा फहराया जाएगा
Terrorist SFJ Gurpatwant Pannu; Indian Embassy Khalistan Attack | America Canada Australia आतंकवादी समूद सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत को तोड़ने की धमकी दे दी है। आतंकी पन्नू ने इस बार भारतीय दूतावासों को निशाना बनाने व भारत के राजनायकों का नाम लेकर धमकाया है।
सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत को तोड़ने की धमकी दी है। आतंकी पन्नू ने इस बार भारतीय दूतावासों को निशाना बनाने व भारत के राजनायकों का नाम लेकर धमकाया है। वहीं, कुछ दिन पहले पन्नू ने वीडियो जारी कर गृहमंत्री अमित शाह व विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कही थी। आतंकी पन्नू ने वीडियो में धमकी देते हुए कहा कि इस 15 अगस्त को विदेश में भारतीय दूतावासों पर खालिस्तानी झंडा फहराया जाएगा। यह झंडे अमेरिका, कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया के भारतीय दूतावासों पर फहराने के लिए कहा गया है। वहीं पन्नू बार-बार कनाडा के राजनायक संजय कुमार वर्मा, अमेरिका के तरनजीत सिंह संधू और ऑस्ट्रेलिया में मनप्रीत वोहरा को आतंकी निज्जर की हत्या का आरोपी बता कर युवाओं को उकसा रहा है। इतना ही नहीं, उसने अब राजनायकों के नाम लेकर धमकी भी दी है कि यह तीनों SFJ के निशाने पर हैं। विश्व में भारतीय दूतावासों को बंद करवाने की धमकी इस वीडियो में पन्नू बार-बार विदेशों में बने भारतीय दूतावासों को बंद करवाने की धमकी दे रहा है। कुछ दिन पहले उसने वीडियो जारी गृहमंत्री व विदेश मंत्री की विदेश में जानकारी देने वालों को 1.25 लाख डॉलर इनाम देने की भी बात कही थी।
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सेंसेक्स 887 अंक गिरकर 66,684 पर बंद, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक 92% चढ़ा
आईटी कंपनी इंफोसिस के कमजोरी नतीजों के बाद आज शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स करीब 500 अंक नीचे 67,000 के करीब कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी में भी 100 अंकों से ज्यादा की गिरावट है। Sensex 500 falls near 67,000; SBI, Tata Motors up half per cent
IT कंपनी इंफोसिस के कमजोर नतीजों के बाद आज सेंसेक्स 887 अंक नीचे 66,684 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 234 अंक गिरा। ये 19,745 के स्तर पर बंद हुआ। इंडेक्स पर सबसे ज्यादा टूटने वाला शेयर इंफोसिस रहा। ये 8.18% नीचे 1330 के स्तर पर आ गया। निफ्टी IT इंडेक्स सबसे ज्यादा 4.09% टूटा है। इंफोसिस के अलावा HCL, TCS और विप्रो के शेयर करीब 3% नीचे बंद हुए। वहीं LT, SBI, टाटा मोटर्स जैसे शेयरों में तेजी रही। डीमर्जर के बाद आज रिलायंस का शेयर भी 2.57% नीचे 2526 रुपए पर बंद हुआ। 92% चढ़कर बंद हुआ उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक का शेयर 60% ऊपर 40 रुपए पर लिस्ट हुआ। ये 92% चढ़कर 48 रुपए पर बंद हुआ। इसका इश्यू प्राइस 25 रुपए था। IPO के जरिए कंपनी ने 500 करोड़ रुपए जुटाए है। IPO खुलने के 2 घंटे के अंदर ही यह इश्यू पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया था। तिमाही आधार पर इंफोसिस का मुनाफा घटा भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून क्वार्टर में 5,945 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। पिछले साल की इसी अवधि में यह 5,362 करोड़ रुपए रहा था। यानी साल-दर-साल आधार पर इसमें 10.9% की ग्रोथ आई है। वहीं पिछली तिमाही यानी Q4FY23 में मुनाफा 6,134 करोड़ रुपए रहा था। कंपनी की आय तिमाही दर तिमाही आधार पर 34,441 करोड़ रुपए से 10% बढ़कर 37,933 करोड़ रुपए हो गई। वहीं कंपनी ने लगातार दूसरी तिमाही में अपने एम्प्लॉइज की संख्या में 6,940 कर्मचारियों की गिरावट देखी। इस तिमाही में नौकरी छोड़ने की दर यानी एट्रिशन रेट गिरकर 17.3% हो गया। पिछली तिमाही में 3,611 कर्मचारियों की संख्या घटी थी। कल बाजार ने नया ऑलटाइम हाई बनाया था शेयर बाजार ने गुरुवार को नया ऑलटाइम हाई बनाया था। कारोबार के सेंसेक्स ने 67,619 और निफ्टी ने 19,991 का स्तर छुआ था। हालांकि, इसके बाद बाजार थोड़ा नीचे आया और सेंसेक्स 474 अंक बढ़कर 67,571 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी में भी 146 अंकों की तेजी रही। ये 19,979 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में तेजी देखने को मिली। लगातार छठवें दिन बाजार चढ़कर बंद हुआ था। सेक्टोरल इंडेक्स में FMCG, फार्मा और बैंकिंग शेयरों के इंडेक्स 1% से अधिक की तेजी के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ IT, टेक, पावर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयरों में गिरावट रही।
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लोकसभा में मणिपुर को लेकर हंगामा; राजनाथ बोले- हम चर्चा के लिए तैयार
Parliament Monsoon Session 2023 Updates; Follow Lok Sabha Rajya Sabha Satra 2023 Live News, Debates Reports And Latest Updates On Dainik Bhaskar  RJD नेता मनोज कुमार झा सहित कई सांसदों ने नोटिस देकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने की मांग रखी।
संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही कुल 19 मिनट चली फिर इसे 24 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया। सुबह 11 बजे लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया, 'सरकार मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार है। कुछ दल हैं जो सदन चलने नहीं देना चाहते।' वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही कुल 18 मिनट चली फिर इसे भी 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया है। विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में रूल 193 और राज्यसभा में रूल 176 और रूल 267 के तहत नोटिस दिए हैं। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मनिकम टैगोर और राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह और RJD नेता मनोज कुमार झा सहित कई सांसदों ने नोटिस देकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने की मांग रखी। गुरुवार को मानसून सेशन के पहले दिन भी संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर घटना पर हंगामा शुरू कर दिया था। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी। मानसून सत्र के दूसरे दिन मणिपुर हिंसा को लेकर नेताओं के बयान... खड़गे ने ट्विटर पर लिखा, नरेंद्रमोदी जी, आपने कल संसद के अंदर एक बयान नहीं दिया। अगर आप नाराज थे तो कांग्रेस शासित राज्यों के साथ झूठी तुलना करने के बजाय, आप पहले अपने मुख्यमंत्री मणिपुर को बर्खास्त कर सकते थे। - कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्ष चर्चा से बचने और संसदीय कार्यवाही को बाधित करने के लिए कोई न कोई बहाना बनाता रहता है। कुछ लोग अब संसद भवन का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए वे नहीं चाहते कि संसद आगे चले। - केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मैं विपक्ष से अपील करना चाहूंगा कि वे बार-बार अपना रुख न बदलें और राजनीति में शामिल न हों क्योंकि यह महिलाओं की गरिमा से जुड़ा एक बहुत ही संवेदनशील मामला है। मुझे लगता है कि संसद सत्र चलना चाहिए, क्योंकि हम इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। - केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मणिपुर में हिंसा ने हम सभी को झकझोर दिया है। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह नींद से जागें और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करें। पूरा देश जानना चाहता है कि मणिपुर में क्या हो रहा है, सरकार ने क्या किया है? मणिपुर सरकार को बर्खास्त किया जाए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। - आप सांसद राघव चड्ढा केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल लाएगी, सत्र में 17 बैठकें होंगी मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में पेश हो चुके हैं। उन पर चर्चा होगी। सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है। तीन चर्चित बिल जो इस सेशन में पेश होने हैं... 1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस से जुड़े अधिकारों को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था। इसके जरिए केंद्र सरकार नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली CM, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव होंगे। विपक्ष का रुख: दिल्ली को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है। कांग्रेस ने 16 जुलाई को AAP को समर्थन देने की बात कही। वहीं केजरीवाल को बंगाल CM ममता बनर्जी, शरद पवार, केसीआर और उद्वव ठाकरे का साथ पहले ही मिल चुका है। 18 जुलाई को बेंगलुरु में 26 पार्टियों की विपक्षी एकता बैठक भी हुई थी। मायने: अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। 2. डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 इस बार के मानसून सेशन में डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 भी पेश किया जाएगा। हालांकि, इससे पहले अगस्त 2022 में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल तैयार किया गया था, लेकिन IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव द्वारा वापस ले लिया गया था। IT मंत्रालय ने बिल को नए सिरे से तैयार किया, इस बार उसे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल नाम दिया। विपक्ष का रुख: इस साल 12 जून को कोविन ऐप पर डेटा लीक की खबर आई थी। जिसको लेकर विपक्षी नेताओं ने काफी हंगामा किया था। हालांकि, सरकार ने डेटा लीक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर विपक्ष का रुख क्या रहता है, यह सदन की कार्यवाही के दौरान पता चलेगा। मायने: इस बिल के तहत टेलिकॉम कंपनियों से लेकर सोशल मीडिया व अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनियों पर यूजर का डेटा लीक करना प्रतिबंधित हो जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर 250 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसका मकसद देश के नागरिकों की निजी डेटा की सुरक्षा करना है। 3. जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 मानसून सत्र में एक और बिल पास किया जाने वाला है। इसका नाम जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 है। 13 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल को मंजूरी भी दे दी गई।22 दिसंबर 2022 को ये बिल लोकसभा में इंट्रोड्यूस किया गया था, अभी पास होना बाकी है। विपक्ष का रुख: विपक्ष की तरफ से अभी जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 पर कुछ टिप्पणी नहीं की गई है। मायने: सिटिजन्स के डेली रूटीन को आसान बनाने के लिए 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों को या तो खत्म कर दिया जाएगा या उनमें संशोधन कर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की कैटेगरी से हटा दिया जाएगा। इनमें जेल की सजा से जुड़े कई प्रावधान शामिल हैं। इन संशोधनों को लागू किए जाने से मुकदमों का बोझ घटेगा। अब जानिए वो 10 बिल जो पहले पेश हो चुके, मानसून सेशन में चर्चा होगी बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (संसोधन) बिल 2022, जन विश्वास (संसोधन) बिल-2023, मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटीज (संसोधन) बिल 2022, डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल 2019, रिपीलिंग एंड एमेंडमेंट बिल 2022, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एमेंडमेंट बिल, 2023, मीडिएशन बिल 2021, सिनेमेटोग्रॉफ संसोधन बिल 2019, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (तीसरा संशोधन) बिल 2022, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (चौथा संशोधन) बिल 2022 21 बिल जो इस सेशन में पेश किए जाएंगे... विपक्ष के वो 4 मुद्दे जिन पर सरकार को घेरने की तैयारी... 1. दिल्ली पर केंद्र सरकार का अध्यादेश दिल्ली पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के साथ पूरा विपक्ष लामबंद हो गया है। केजरीवाल का कहना है, दिल्ली का अध्यादेश एक प्रयोग है। बाद में इसे बाकी राज्यों में लागू किया जाएगा। वह दिन दूर नहीं, जब पीएम 33 राज्यपालों और LG के माध्यम से सभी राज्य सरकारें चलाएंगे। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इसे लोकतंत्र पर हमला बता चुके हैं। ऐसे में सभी विपक्षी दल एक सुर में इस अध्यादेश का विरोध करेंगे।​ 2. मणिपुर हिंसा पर सवाल मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसक झड़प हो रही है। 77 दिन से जारी हिंसा पर कांग्रेस काफी समय से सरकार को घेरने में लगी है। जयराम रमेश ने 14 जुलाई तो राहुल गांधी ने 15 जुलाई को PM की चुप्पी पर निशाना साधा था। सत्र शुरू होने के एक दिन पहले दो महिलाओं के बिना कपड़ों के सड़क पर घुमाने की घटना का वीडियो वायरल हुआ। इस पर पहले दिन हंगामा भी हुआ है। 3. यूनिफॉर्म सिविल कोड केंद्र ने मानसून सेशन में लाए जा रहे अपने 31 विधेयकों में भले ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को शामिल नहीं किया हो। मगर यह चर्चा का विषय जरूर है। नरेंद्र मोदी ने 27 जून को मध्य प्रदेश में एक जनसभा के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया था। पीएम ने कहा था कि एक घर में दो कानून नहीं चल सकते। जिसके बाद से विपक्ष के लिए यह बड़ा मुद्दा बना हुआ है। 4. राहुल गांधी की सांसदी जाने का मुद्दा मोदी सरनेम केस में 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी। ऐसे में वह संसद सदस्य नहीं होने के कारण मानसून सत्र में बैठ नहीं पाएंगे। पिछले बजट सेशन के बीच में राहुल की सदस्यता गई थी जिसको लेकर कांग्रेस ने सदन में काफी हंगामा किया था। हाल ही में 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने भी राहुल की सजा कम करने से इनकार कर दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट में 21 जुलाई को सुनवाई होनी है। ऐसे में कांग्रेस मानसून सेशन में इसको बहस का मुद्दा बनाएगी। पांच राज्यों में चुनाव से पहले संसद में हंगामे के आसार संसद का इस बार का मानसून सत्र काफी अहम है। अगले कुछ महीनों में देश के पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल इस साल दिसंबर और अगले साल जनवरी में खत्म हो जाएगा। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दल दोनों आगामी चुनावों का बिगुल संसद में बहस के साथ फूंक देंगे। पहली लोकसभा से लेकर 17वीं लोकसभा तक कितने बिल पास हुए....
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ब्लू स्लिट सीक्वेंस साड़ी में आईं नजर, बैग का साइज देख यूजर्स ने उड़ाया मजाक
नोरा फतेही अक्सर अपने ग्लैमरस लुक को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। बीती रात नोरा बॉलीवुड के फेमस डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा के फैशन शो में पहुंचीं, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। वीडियो में नोरा ब्लू साड़ी में नजर आ रही हैं।Blue slit sequence was seen in saree, users made fun of seeing the size of the bag
नोरा फतेही अक्सर अपने ग्लैमरस लुक को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। बीती रात नोरा बॉलीवुड के फेमस डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा के फैशन शो में पहुंचीं, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। वीडियो में नोरा ब्लू साड़ी में नजर आ रही हैं। लेकिन नोरा के लुक से ज्यादा उनके छोटे से बैग ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा। नोरा का ग्लैमरस लुक वीडियो में नोरा ब्लू थाई-हाई स्लिट सीक्वेंस साड़ी में नजर आ रही हैं। इस फ्यूजन साड़ी में नोरा बेहद खूबसूरत लग रही थीं, इसके साथ उन्होंने ब्लू मिनी हैंडबैग ले रखा है। उन्होंने इस दौरान पैपराजी को एक से बढ़कर एक पोज दिए। वीडियो सामने आते ही फैंस ने बैग को लेकर उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। फैंस ने किए ऐसे कमेंट वीडियो पर एक यूजर ने बैग का मजाक उड़ाते हुए कमेंट कर लिखा, 'अरे इतना बड़ा बैग'। दूसरे ने लिखा, 'लगता है छोटे बैग में विमल होगा। बोलो जुबा केसरी।' तीसरे ने लिखा, 'ये बैग में क्या चिल्लर भर के लाई हो बहन'। नोरा फतेही के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स जल्द ही नोरा फतेही साजिद खान की फिल्म 100% में जॉन अब्राहम के साथ दिखाई देंगी। इस फिल्म में रितेश देशमुख और शहनाज भी नजर आएंगे। इसके अलावा नोरा फिल्म मडगांव एक्सप्रेस में भी नजर आएंगी। वहीं कुछ समय पहले ही नोरा का एक म्यूजिक वीडियो 'अच्छा सिला दिया मेरे प्यार का' रिलीज हुआ था, जिसे दर्शकों का खूब प्यार मिला था।
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जत्थेदार के आदेश पर SGPC लिखेगी लेटर; 24 से यूट्यूब पर भी होगी शुरू
Golden temple Gurbani Telecast Dispute; SGPC Letter PTC Channel | Jathedar Raghbir Singh Shri Akal Takht Sahib Orders श्री हरिमंदर साहिब से होने वाला गुरबानी प्रसारण 23 जुलाई के बाद भी निजी चैनल पर दिखाया जा सकता है। अगले आदेशों तक गुरबानी प्रसारित करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) जल्द ही चैनल को खत लिखने वाली है।
श्री हरिमंदिर साहिब से होने वाला गुरबानी प्रसारण 23 जुलाई के बाद भी निजी चैनल पर दिखाया जा सकता है। अगले आदेशों तक गुरबाणी प्रसारित करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) जल्द ही चैनल को खत लिखने वाली है। SGPC यह कदम श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के आदेशों पर उठाने वाली है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- संगत लंबे समय से मांग कर रही थी कि SGPC को अपना चैनल शुरू करना चाहिए। पिछले दिनों SGPC ने अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने का फैसला किया है, जो बहुत खुशी की बात है। लेकिन संगत फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से श्री अकाल तख्त साहिब से मांग कर रही है कि सभी यूट्यूब के माध्यम से दर्शन व कीर्तन सरवन नहीं कर सकतीं। हर जगह इंटरनेट की सुविधा नहीं हर जगह इंटरनेट की सुविधा नहीं है। कई संगत ऐसी हैं जिनके पास न तो स्मार्ट फोन है और न ही स्मार्ट टीवी। जिसके कारण अधिकांश संगत सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन, कीर्तन, गुरबाणी पाठ आदि से वंचित रह जाएंगी। इसलिए SGPC को आदेश दिया है कि वह सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब से यूट्यूब चैनल के साथ-साथ किसी अन्य चैनल के माध्यम से गुरबाणी का प्रसारण जारी रखे ताकि कोई भी गुरबाणी कीर्तन करने और दर्शन करने से वंचित न रहे। विधानसभा में पास बिल नहीं बन पाया एक्ट SGPC और पंजाब सरकार के बीच चल रहे विवाद में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा विधानसभा में पास बिल पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। जिसके बाद अभी तक सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 संशोधन बिल एक एक्ट नहीं बन पाया है। जिसके बाद अब SGPC गुरबाणी प्रसारण अगले आदेशों तक दोबारा निजी चैनल को देने की तैयारी कर रही है। निजी चैनल को लिखा जाएगा खत SGPC जल्द ही निजी चैनल को खत लिखने वाली है। SGPC के जनरल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा है कि SGPC जल्द ही निजी चैनल को खत लिखने वाली है। जिसमें अनुरोध किया जाएगा कि गुरबानी का प्रसारण इसी तरह अगले आदेशों तक प्रसारित किया जाए। ताकि जत्थेदार रघबीर सिंह के आदेश की पालना हो सके। 24 जुलाई को यू-ट्यूब चैनल जनरल सेक्रेटरी ग्रेवाल ने कहा कि SGPC 24 जुलाई से अपना यू-ट्यूब चैनल भी लॉन्च कर देगी। जिस पर हर कोई गुरबानी सुन व देख सकेगा। इसके लिए पाठ भी शुरू कर दिया गया है, जिसका भोग 24 जुलाई को चलाया जाएगा। वहीं, SGPC की तरफ से अपना चैनल शुरू करने के लिए भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए बौडकास्टिंग मिनिस्ट्री को भी लिखा गया है, ताकि सभी फॉर्मेलिटी को पूरा किया जा सके।
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अदरक के बूते फ्रांसीसी सम्राट ने प्रेमिकाओं को रिझाया, दुनिया में इसकी 1600 किस्में
भारतीय घरों की रसोई ऐसी जगह है, जहां खाने को जायकेदार बनाने वाली कोई एक चीज न हो तो उसका विकल्प खोज लिया जाता है। मगर यह भी सच है कि कुछ चीजों का कोई तोड़ नहीं होता। अदरक उन्हीं में से एक है।
भारतीय घरों की रसोई ऐसी जगह है, जहां खाने को जायकेदार बनाने वाली कोई एक चीज न हो तो उसका विकल्प खोज लिया जाता है। मगर यह भी सच है कि कुछ चीजों का कोई तोड़ नहीं होता। अदरक उन्हीं में से एक है। चीन के लोग भले ही सैकड़ों वर्ष से अदरक को पानी में उबालकर दवा के तौर पर पी रहे हैं, लेकिन दुनिया को दूध की चाय में अदरक का स्वाद भारतीयों ने दिया। तभी तो गर्मी और उमस भरे इस मौसम में दाम बढ़ने पर अदरक की चर्चा हर जुबान पर है। दरअसल, हाल के दिनों में मध्य प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा अदरक पैदा करने वाले कर्नाटक में ही इसके दाम 400 रुपए किलो तक पहुंच गए। जबकि, कोल्हापुर मंडी में इसके दाम 220 रुपए किलो तक आ गए थे। ग्रैफिक के जरिए जानिए पिछले दस साल में देश में कब-कब अदरक 200 रुपए किलो के पार पहुंचा: अदरक हल्दी की बहन, जड़ नहीं तना है अदरक जिंगीबेरेसी (Zingiberaceae) फैमिली का फूल वाला पौधा है, जिसकी मेंबर हल्दी भी है। यानी मसालों की दुनिया में अदरक को हल्दी की बहन भी बोल सकते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अदरक जड़ नहीं है, तना है। हल्दी और अदरक दोनों एक ही परिवार के सदस्य हैं तो जाहिर है इनके गुण भी समान हैं। दोनों की तासीर गर्म होती है। इस वजह से जब भी घर में किसी को सर्दी-जुकाम हो तो खाने-पीने वाली चीजों में हल्दी और अदरक की मात्रा बढ़ा दी जाती है। हालांकि, टेस्ट में हल्दी और अदरक दोनों का मिजाज अलग है। हल्दी की इंडियन किचन में मौजूदगी अनिवार्य है। मगर अदरक हमेशा उपलब्ध रहे, यह रसोई घर का शर्तिया नियम नहीं है।हालांकि, अगर किचन में अदरक है तो तय है जायके का मजा दोगुना हो जाएगा। अदरक की लहसुन के साथ शानदार जुगलबंदी अदरक भले ही हल्दी का पारिवारिक सदस्य है, लेकिन उसकी जुगलबंदी लहसुन के साथ अधिक जमती है। खाने-पीने के शौकीन जानते हैं कि अदरक-लहसुन का पेस्ट रहे तो सब्जी बेजोड़ बनती है। मुंबई के मशहूर होटल में शेफ विनय कुमार कहते हैं कि जिन उत्तर भारतीय घरों में मसालेदार और जायकेदार खाना खाया जाता है, उनका किचन अदरक-लहसुन के बिना अधूरा माना जाता है। अदरक-लहसुन ग्रेवी वाले नॉनवेज में बराबरी की हिस्सेदारी निभाते हैं, लेकिन जैसे ही कबाब बनाने या तंदूरी डिश की बात आए तो वहां अदरक का रोल बढ़ जाता है। नॉनवेज डिशेज को अदरक के लच्छे और बारीक कटी हरी मिर्च से गार्निश किया जाता है। रोटी में लिपटे सालन के निवाले में बारीक कटी अदरक जब दांतों के बीच आती है तो नॉनवेज फूड की लज्जत ही अलग हो जाती है। शाक्त संप्रदाय में देवी को बलि की जगह अदरक चढ़ाते हैं आयुर्वेदाचार्य और तंत्र विद्या पर ‘श्रीविद्या चक्रार्चन महायोग-वैज्ञानिक विमर्श एवं विधि’ किताब के लेखक डॉ. आर. अचल ने बताया कि हिंदू धर्म में शाक्त संप्रदाय के लोग देवी पूजा करते हैं। इसमें देवी काली को बलि दी जाती है। हालांकि, जिन परिवारों में बलि का चलन नहीं है, वो अदरक को लहसुन और नमक के साथ देवी को चढ़ाते हैं। यह बलि का प्रतीक है। देवी को चढ़ाने से पहले अदरक का मंत्रों से शोधन किया जाता है। दूध के साथ सूखी अदरक यानी सोंठ के इस्तेमाल से बढ़ेगी इम्यूनिटी डॉ. अचल ने बताया कि अदरक को सुखाकर सोंठ बनाई जाती है। इसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, सोडियम, विटामिन ए और सी, जिंक, फोलेट एसिड, फैटी एसिड होता है। सोंठ को दूध और चाय में इस्तेमाल कर इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है। सर्दी शुरू होने के साथ अदरक खाना शुरू करते हैं, गर्मी में परहेज करें डॉ. अचल कहते हैं कि इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए ही लोगों ने कोरोना महामारी के दौरान अदरक या सोंठ का खूब इस्तेमाल किया, लेकिन अदरक का लगातार इस्तेमाल नुकसानदायक होता है। यही वजह रही कि कोरोना के बाद डॉक्टरों के पास आने वाले बवासीर के मरीजों की संख्या बढ़ गई। अभी इसका कोई आधिकारिक सर्वे सामने नहीं आया है, लेकिन सच है कि बवासीर के मरीज बढ़े हैं। कई ने नाक से ब्लीडिंग की शिकायत की। बेहतर है कि अदरक या सोंठ का खाने में सर्दियों में ही इस्तेमाल करें। डॉ. अचल ने बताया कि भारतीय संस्कृति में सर्दियों में ही अदरक खाने का चलन रहा है। अक्टूबर से सर्दियां शुरू होती हैं यानी आसान लहजे में कहें तो शारदीय नवरात्र से मौसम सर्द होने लगता है। भारत में तभी अदरक खाना शुरू होता रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में मकर संक्रांति पर गुड़-अदरक भी चढ़ाया जाता है। होली के बाद गर्मियां शुरू होती हैं, तब अदरक खाने में इस्तेमाल कम हो जाता है। हालांकि जरूरत के हिसाब से बाकी दिनों के लिए अदरक को सुखाकर रख लिया जाता है, लेकिन आजकल अदरक का पूरे साल इस्तेमाल बढ़ा है। लोग गर्मी के दिनों में भी ‘अदरक वाली चाय’ की डिमांड कर रहे हैं, जबकि यह सेहत के लिहाज से उचित नहीं है। अदरक की चाय से मन तरोताजा, वजह वैज्ञानिक अदरक के चाय में जाते ही चाय पीने वाले जोशीले हो उठते हैं। अदरक की चाय मतलब मन तरोताजा हो उठे। यह अनायास नहीं बल्कि इसकी एक वैज्ञानिक वजह है। अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की 2013 और 2017 में की स्टडीज में बताया गया कि अदरक खाने से बॉडी में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हॉर्मोन बढ़ जाते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति का मिजाज खुशगवार हो जाता है। डॉक्टरी लहजे में कहे तो एंग्जाइटी, डिप्रेशन भी दूर होता है। अदरक से डिमेंशिया, अल्जाइमर जैसी बीमारियों से बचने में भी मदद मिलती है। दुनिया में अदरक की 1600 वैराइटी सैन डिएगो जू वाइल्ड लाइफ एलायंस के मुताबिक, दुनिया भर में अदरक की करीब 1600 वैराइटी पाई जाती हैं। अफ्रीका, एशिया और अमेरिका में ये वैराइटी उगाई जाती हैं। वैसे बता दें कि दुनिया को अदरक भारत ने ही दी और आज भी भारत ही अदरक का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत में सबसे ज्यादा अदरक मध्य प्रदेश में उगाई जाती है। सेंट्रल अफ्रीका में एफ्रामोमम गाइगेंटियम और इंडोनेशिया में एटलिंगेरा पनिसी अदरक की ऐसी वैराइटी हैं जिनके पौधे 20 फीट तक बड़े हो जाते हैं। हालांकि, अदरक की अधिकांश वैराइटी के पौधे 6 फीट तक लंबे होते हैं। खबर से जुड़े इस पोल में अपनी राय दें आमतौर पर भारतीय बाजारों में मिलने वाले अदरक को चाइनीज या इंडियन जिंजर के तौर पर जाना जाता है। यह पूरे एशिया में फूड और ड्रिंक्स में कई तरह से इस्तेमाल होता है। थाई जिंजर इससे अलग होती है। इसका नाम गलांगल है। यह स्वाद में भारतीय अदरक से ज्यादा तीखी होती है और थाई फूड में डाली जाती है। कुछ पहाड़ी पौधों की जड़ को अदरक बताकर बेचा जाता है। इसमें न अदरक के गुण होते हैं और न ही अदरक जैसा स्वाद, लेकिन बाहर से देखने में यह असली अदरक जैसी ही लगती होती है। असली और नकली अदरक में क्या है, जानिए- कभी इंग्लैंड में 1 किलो अदरक के बराबर थीं दो भेड़ जिस अदरक की अभी हम बात कर रहे उसका तेरहवीं-चौदहवीं शताब्दी में इंग्लैंड में रुआब कुछ ऐसा था कि वह भेड़ से भी महंगी हुआ करती थी। करीब 453 ग्राम (1 पाउंड) अदरक की कीमत एक भेड़ के बराबर थी। यानी यहां एक किलो से भी कम अदरक में दो भेड़ मिल जाया करती थीं। चीन को धर्म का पाठ पढ़ाने वाले करते थे अदरक का इस्तेमाल सदियों पुराने भारतीय ग्रंथों से पता चलता है कि अदरक का मूल भारत रहा है। यहीं से बौद्ध भिक्षुओं के जरिए यह चीन पहुंचा। हालांकि, अदरक का पहला व्यवस्थित और लिखित रिकॉर्ड करीब 2500 साल पुराना है। चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस के उपदेशों की किताब ‘एनालेक्ट्स’ में इसका जिक्र मिलता है। इसमें एक जगह बताया गया है कि कन्फ्यूशियस हर रोज अपने खाने और कई लोगों के इलाज में अदरक का इस्तेमाल करते थे। समुद्री यात्राओं में स्किन होती थी खराब, जायके के साथ सेहत रखती दुरुस्त भारत में आने वाले चीन के यात्री फाह्यान ने करीब 1600 साल पहले बताया था कि जब लोग कारोबार करने के इरादे से समुद्री यात्राएं करते तो वो अपने जहाजों में अदरक भी साथ लेकर चलते। ये अदरक को जहाज पर गमलों में उगाते। वजह ये थी कि 6-6 महीने की समुद्री यात्राओं के दौरान खारे पानी और हवा के संपर्क में आने से स्किन खराब हो जाती और शरीर में विटामिन-सी की कमी हो जाती। इससे बचने के लिए जहाज पर उगाई गई अदरक ही काम आती। इसे यात्री उबालकर पीते या अपने खान-पान में सीधे शामिल करते। अदरक ने खानपान में जायका तो बढ़ाया ही, साथ में हाजमा भी दुरुस्त रखा। अदरक से फ्रांसीसी सम्राट प्रेमिकाओं को रिझाता फ्रांस का राजा लुई पंद्रहवां अपनी प्रेमिकाओं को रिझाने के लिए खानपान में अदरक का इस्तेमाल करता था। इसकी तासीर शरीर में गर्मी लाती और खाने का जायका बढ़ाने से मूड भी अच्छा बन जाता। राजा की खानसामा मैडम डु बैरी अक्सर उनकी प्रेमिकाओं को अदरक वाले खानपान ही सर्व करती, ताकि उनका मूड रोमांटिक बना रहे। सदियों से चीन और भारत कर रहे आयुर्वेदिक इस्तेमाल चीनी ग्रंथों में अदरक का औषधि के तौर पर जिक्र मिलता है। चीन में पेट की बीमारियों, बेचैनी, दस्त, हैजा, दांत दर्द, ब्लीडिंग और गठिया के इलाज में अदरक का इस्तेमाल होता है। ग्रैफिक्स: सत्यम परिडा नॉलेज बढ़ाने और जरूरी जानकारी देने वाली ऐसी खबरें लगातार पाने के लिए डीबी ऐप पर 'मेरे पसंदीदा विषय' में 'वुमन' या प्रोफाइल में जाकर जेंडर में 'मिस' सिलेक्ट करें।
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इंसीडेंट शेयर करते हुए बोलीं एक्ट्रेस- ‘डायरेक्टर का व्यवहार मेरे प्रति सख्त था’
Bollywood Actress Radhika Madan Reveals Homi Adajania Yelled At Her In Front Of 250. राधिका मदान हालिया रिलीज वेब सीरीज ‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ में नजर आईं थीं।
राधिका मदान हालिया रिलीज वेब सीरीज ‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ में नजर आईं थीं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने इसकी शूटिंग से जुड़ा एक इंसीडेंट शेयर किया। राधिका ने बताया कि शूटिंग के दौरान डायरेक्टर होमी अदजानिया ने सेट पर 250 लोगों के सामने उन पर चिल्लाया था। इस सीन में राधिका को सिर्फ वॉक करके आना था और एक्सप्रेशन देना था। एक साथ कर रही थीं दो फिल्मों की शूटिंग फिल्म कंपैनियन को दिए एक इंटरव्यू में राधिका ने बताया, ‘मैं एक ही वक्त पर ‘कुत्ते’ और ‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ जैसे प्रोजेक्ट्स की शूटिंग कर रही थी। मैं दिन में जयपुर में शूट करती थी और रात में मुंबई में। इस रुटीन के चलते मैं अक्सर थक जाती थीं। मैं सेट पर रिलेक्स्ड होकर बैठी थी एक दिन ‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ के सेट पर मैं थोड़ा रिलीव्ड थी कि क्याेंकि मुझे सिर्फ एक ही शॉट देना था। मैंने सोचा कि इस सीन को देने के बाद मैं थोड़ा आराम कर लूंगी। यह एक आसान सा शॉट था। मुझे वॉक करते हुए जाना था, बैठना था और एक्सप्रेशन देना था। अचानक आई होमी के चिल्लाने की आवाज सेट पर 250 जूनियर्स मौजूद थे। मैंने सोचा कि इस आसान से शॉट में मुझसे क्या ही गलती होगी? मैंने वॉक करना शुरू किया… कट, साइलेंस और माइक पर होमी ने चिल्लाते हुए बोला- ‘क्या तुम शांता की तरह चलकर नहीं आ सकती हो?’ हालांकि, राधिका को हाेमी की यह बात अच्छी लगी। उनका कहना है कि होमी हर एक डिटेल पर नजर रखते हैं। दूसरे डायरेक्टर्स तो सीन में इस डिटेल पर ध्यान भी नहीं देते, क्याेंकि उन्हें इसमें सिर्फ वॉक करना था। दूसरे कलाकारों के साथ नरमी से पेश आते थे राधिका ने आगे बताया, ‘सेट पर होमी मुझे और डिंपल मैम को हर दिन नए चैलेंज देते थे। वो हम दोनों के साथ काफी सख्त थे और बाकी सभी के साथ बेहद नरम। हो सकता है कि उन्होंने पहले हमारे साथ काम किया हो, इसलिए उन्हें इसकी लिबर्टी थी, लेकिन वो वाकई हमारे साथ बहुत सख्त थे।’ होमी बोले- ‘तुम थकी हुई हो तो वो तुम्हारी प्रॉब्लम है’ इंटरव्यू में राधिका ने यह भी कहा कि वो होमी की डेडिकेशन देखकर इंप्रेस्ड थीं। उन्होंने बताया, ‘होमी ने मुझसे कहा- मैंने इस किरदार को चुना है और वो इस किरदार को ऐसे ही नहीं जाने देंगे। मैं चाहता हूं कि मेरा कैरेक्टर कैमरे पर नजर आए। अगर तुम थकी हुई हो तो वो तुम्हारी प्रॉब्लम है। मैंने नहीं कहा तुमसे कि तुम एक ही वक्त में दो फिल्मों पर काम करो।’ वेब सीरीज ‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ में राधिका के अलावा डिंपल कपाड़िया, नसीरुद्दीन शाह, दीपक डोबरियाल, अंगीरा धर, ईशा तलवार जैसे कलाकार भी नजर आए। इस सीरीज से पहले राधिका, होमी के साथ फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ में काम कर चुकी हैं। फिल्म में उन्होंने इरफान खान की बेटी का रोल प्ले किया था। वहीं होमी, ‘कॉकटेल’ और ‘बीइंग सायरस’ जैसी फिल्में डायरेक्ट करने के लिए जाने जाते हैं।
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18 वैरिएंट और 32 सेफ्टी फीचर्स के साथ मिलेगी SUV, कीमत 10.90 लाख से शरू
Kia Seltos Facelift 2023 Price Update; Features, Mileage And More On Dainik Bhaskar. किआ इंडिया ने भारत में सेल्टोस फेसलिफ्ट के प्राइस अनाउंस्ड कर दिए हैं। मिड साइज SUV की कीमत 10.90 लाख रुपए से शुरू होती हैं, जो 20 लाख रुपए (दोनों एक्स-शोरूम) तक जाती है।
किआ इंडिया ने भारत में सेल्टोस फेसलिफ्ट के प्राइस अनाउंस्ड कर दिए हैं। मिड साइज SUV की कीमत 10.90 लाख रुपए से शुरू होती हैं, जो 20 लाख रुपए (दोनों एक्स-शोरूम) तक जाती है। नई कार 18 वैरिएंट, वॉइस कंट्रोल के साथ पैनोरमिक सनरूफ, एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम लेवल टू (ADAS-2) और 32 से ज्यादा सेफ्टी फीचर्स के साथ आएगी। इसके अलावा कार के एक्सटीरियर डिजाइन और इंटीरियर में कुछ कॉस्मेटिक चेंजेस किए गए हैं। सेल्टोस फेसलिफ्ट को 4 जुलाई को किया था अनवील कंपनी ने सेल्टोस फेसलिफ्ट को 4 जुलाई को अनवील किया था, इसके बाद 14 जुलाई को इसकी बुकिंग शुरू की थी। बायर्स कार को कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन या ऑफलाइन अपने नजदीकी किआ डीलरशिप से 25 हजार रुपए की टोकन मनी देकर बुक कर सकते हैं। किआ इंडिया को नई 2023 सेल्टोस फेसलिफ्ट की पहले ही दिन रिकॉर्ड 13,424 बुकिंग मिली थी। कंपनी ने दावा किया था कि मिड साइज SUV सेगमेंट में किसी भी कार को एक दिन में सबसे ज्यादा बुकिंग मिली है। कंपनी नेन एक बयान में कहा, 'इनमें से 1,973 बुकिंग K-कोड के जरिए की गईं। यह सेल्टोस के मौजूदा ग्राहकों ने हाई-प्रायोरिटी डिलीवरी वाले स्पेशल प्रोग्राम के तहत की गई हैं। 2023 किआ सेल्टोस फेसलिफ्ट प्राइस और वैरिएंट सेल्टोस 1.5L NA पेट्रोल इंजन सेल्टोस 1.5L टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन किआ सेल्टोस 1.5L डीजल 7 सिंगल और 2 डुअल टोन कलर ऑप्शन मिलेंगे कार के साथ 7 सिंगल और 2 डुअल टोन कलर का ऑप्शन मिलेगा। मिड साइज SUV सेगमेंट में इसका मुकाबला मारुति ग्रैंड विटारा, हुंडई क्रेटा, स्कोडा कुशाक, टोयोटा हाइराइडर, फोक्सवैगन टाइगुन, MG एस्टर और अपकमिंग सिट्रोएन C3 एयरक्रॉस से होगा। किया सेल्टोस फेसलिफ्ट में नया क्या सेल्टोस में 18 इंच के डायमंड-कट अलॉय व्हील, डुअल जोन क्लाइमेट कंट्रोल, LED लाइट्स, पावर-एडजस्टेबल वेंटिलेटेड सीटें, वायरलेस चार्जिंग, एंबिएंट लाइटिंग विथ LED साउंड मोड लाइट, एयर प्यूरिफायर, 8-स्पीकर प्रीमियम बोस ऑडियो सिस्टम, 8-इंच हेड-अप डिस्प्ले, 360-डिग्री कैमरा, रेन-सेंसिंग वाइपर, सीक्वेंशियल एलईडी टर्न इंडिकेटर्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक और बहुत कुछ दिया गया है। 2023 किआ सेल्टोस फेसलिफ्ट में 10.25-इंच का एक सीमलेस डुअल डिस्प्ले मिलता है। इसमें टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम और सेंटर कंसोल पर एक फुली डिजिटल TFT इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर शामिल है। किया सेल्टोस फेसलिफ्ट : एक्सटीरियर डिजाइन मौजूदा मॉडल के मुकाबले सेल्टोस फेस्लिफ्ट में काफी चैंजेस किए गए हैं। इसमें LED हेडलैंप, LED टर्न इंडिकेटर्स और टाइगर नोज एक्सेंट में इंटीग्रेटेड LED DRLs को फिर से डिजाइन किया गया है। सेल्टोस फेसलिफ्ट के रियर में न्यू डिजाइन LED कनेक्टेड टेल-लैंप और डुअल एग्जॉस हैं। इसके अलावा नई सेल्टोस के टॉप-स्पेक वैरिएंट में इलेक्ट्रीकली-पावर्ड टेलगेट मिलेगा। किया सेल्टोस फेसलिफ्ट : इंजन ऑप्शन 2023 सेल्टोस में तीन इंजन और पांच ट्रांसमिशन ऑप्शन मिलते हैं। इसमें एक नया 1.5 लीटर का 4 सिलेंडर टर्बो GDI पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 160 PS की पावर और 253 NM का टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन की बात करें तो इस इंजन के साथ 6 स्पीड iMT और 7 स्पीड DCT का ऑप्शन मिलता है। कार के साथ 1.5 लीटर का 4 सिलेंडर एडवांस्ड स्मार्टस्ट्रीम नॉर्मल पेट्रोल इंजन भी दिया गया है, जो 115 PS की पावर और 144 NM का टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन को दो ट्रांसमिशन ऑप्शन 6 स्पीड मैनुअल (6MT) और IVT ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। इसके अलावा 1.5 लीटर का एक 4 सिलेंडर रिफाइंड CRDi VGT डीजल इंजन का ऑप्शन भी दिया गया है। ये इंजन 116 PS की पावर और 250 NM का टॉर्क जनरेट करता है। इसे 6iMT और 6AT गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। 17 ऑटोनोमस लेवल-2 एडवांस्ड फीचर्स सेल्टोस फेसलिफ्ट में 17 ऑटोनोमस लेवल-2 फीचर्स मिलते हैं। इनमें स्मार्ट क्रूज कंट्रोल विथ स्टॉप एंड गो, फ्रंट कॉलिजन वॉर्निंग (FCW), लेन कीप असिस्ट, रियर ब्लाइंड स्पॉट कोलिजन अवॉइडेंस और ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग शामिल हैं। इसके अलावा कार में 6 एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, EBD के साथ ABS, ट्रैक्शन कंट्रोल, हिल-स्टार्ट असिस्ट, हिल-डिसेंट कंट्रोल, चाइल्ड ISOFIX एंकरेज भी मिलेगा।
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चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- सुविधाएं विशेषाधिकार नहीं, ये समाज से अलग करता है
Supreme Court Chief Justice of India (CJI) Dhananjaya Y Chandrachud Latest News अब मामले पर चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने दखल देते हुए ना सिर्फ आपत्ति जताई है, बल्कि सलाह भी दी है। - CJI ने लिखा, प्रोटोकॉल अनुभाग के प्रभारी रजिस्ट्रार द्वारा क्षेत्रीय रेलवे के महाप्रबंधक को 14 जुला
कुछ दिन पहले यात्रा के दौरान ट्रेन के लेट होने पर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज को नाश्ता नहीं मिला था। इस पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल ने रेलवे प्रबंधक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। अब मामले पर चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने दखल देते हुए ना सिर्फ इस पर आपत्ति जताई है, बल्कि सलाह भी दी है। CJI ने सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को 2 पन्ने का चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में कहा कि प्रोटोकॉल जजों का विशेषाधिकार नहीं है। प्रोटोकॉल ऐसा होना चाहिए जिससे आम आदमी को परेशानी ना हो। जजों को मिली प्रोटोकॉल सुविधाओं को उन्हें (जजों को) अपना विशेषाधिकार नहीं मानना चाहिए। ये उन्हें समाज से अलग करता है। रेलवे कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का क्षेत्राधिकार नहीं CJI ने लिखा, प्रोटोकॉल अनुभाग के प्रभारी रजिस्ट्रार की क्षेत्रीय रेलवे के महाप्रबंधक को 14 जुलाई को एक पत्र भेजने की जानकारी मिली है। ये पत्र हाईकोर्ट के एक जज की इच्छा से भेजा गया है, जो अपनी पत्नी के साथ ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। उन्होंने कहा- हाईकोर्ट जज के पास रेलवे कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट का कोई अधिकारी रेलवे कर्मियों से स्पष्टीकरण नहीं मांग सकता। जाहिर है, इस मामले में हाईकोर्ट का अधिकारी, जज के निर्देश का पालन कर रहा था। विशेषाधिकार का प्रयोग बुद्धिमानी से होना चाहिए पत्र में CJI ने कहा, जजों को उपलब्ध कराई गई प्रोटोकॉल सुविधाओं का इस्तेमाल विशेषाधिकार के दावे पर जोर देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ये उन्हें समाज से अलग करता है और ताकत या अधिकार की अभिव्यक्ति के रूप में सामने आता है। न्यायिक अधिकार का विवेकपूर्ण प्रयोग, बेंच के अंदर और बाहर दोनों जगह, न्यायपालिका की विश्वसनीयता और वैधता, समाज के विश्वास को बनाए रखता है। CJI ने लिखा, 'मैं सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस आग्रह के साथ लिख रहा हूं कि वे इन चिंताओं को सभी सहयोगियों के साथ शेयर करें। न्यायपालिका के भीतर आत्मचिंतन और परामर्श जरूरी है। जजों को उपलब्ध कराई जाने वाली प्रोटोकॉल सुविधाओं का उपयोग इस तरह से नहीं किया जाना चाहिए, जिससे दूसरों को असुविधा हो या न्यायपालिका की सार्वजनिक आलोचना हो।' दैनिक भास्कर ने प्रयागराज में कुछ सीनियर एडवोकेट से बात की... हम चीफ जस्टिस के पत्र से बिल्कुल सहमत हैं। सही समय पर आवश्यक मैसेज दिया है CJI ने। मेरा मानना है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को विशेषाधिकार से ज्यादा जन सेवा के बारे में सोचना चाहिए। ये पद विशेषाधिकार के लिए नहीं हैं। चीफ जस्टिस को इस बात का भी संज्ञान लेना चाहिए कि जजों के घर के बाहर सड़क पर जो गार्ड तैनात होते है, उससे भी पब्लिक को काफी दिक्कत होती है। इसे भी हटाने का आदेश देना चाहिए। - राकेश पांडेय, सीनियर एडवोकेट, इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रोटोकॉल को विशेषाधिकार से जोड़ना उचित नहीं है। यह सही है कि न्यायाधीश भी समाज का अंग होता है, किंतु इस घटना को इस नजरिए से देखने की आवश्यकता है कि मूलभूत सुविधा को लेकर जब एक न्यायाधीश के साथ लापरवाही किया जा सकता है, तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा। माननीय मुख्य न्यायाधीश का पत्र न्यायपालिका के अंदर सुचिता स्थापित करने के लिए आवश्यक हो सकता है, किन्तु इतना ही आवश्यक न्यायपालिका की सार्वजनिक छवि को बनाए रखना भी है। न्यायपालिका की आंतरिक आचार-व्यवहार को आंतरिक बनाए रखते हुए अमल में लाया जा सकता है। - अनूप बरनवाल , एडवोकेट, इलाहाबाद हाईकोर्ट अब 23 साल पुराना वो वाकया भी पढ़िए जब जज ने रेलवे स्टेशन की बेंच पर लगाया था कोर्ट ये मामला 8 मार्च 2000 का है। तब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के डिप्टी स्टेशन मैनेजर द्वारा एक एक्सप्रेस ट्रेन की AC टू टायर कोच में सीट देने से इनकार करने पर इशरत मसरूर कुद्दूसी ने प्लेटफॉर्म की बेंच पर ही अपनी कोर्ट लगा ली थी। कुद्दूसी उस समय इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज थे। उन्होंने रेलवे अधिकारी महेंद्र कुमार शर्मा से ट्रेन रोकने के लिए कहा था। इनकार करने पर इसे 'कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट' का मामला माना था। अब आपको वह वाकया पढ़वाते हैं जिसको लेकर CJI ने ये पत्र लिखा है... जज को ट्रेन में नहीं मिला नाश्ता तो भेजा नोटिस: दिल्ली से प्रयागराज जा रहे थे, ट्रेन 3 घंटे लेट थी इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रेन में 'असुविधा' होने पर रेलवे के अफसरों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र भेजकर पूरी घटना के बारे में बताया। साथ ही दोषी अफसरों से स्पष्टीकरण मांगने का आदेश दिया है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट जज जस्टिस गौतम चौधरी अपनी पत्नी के साथ पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से दिल्ली से प्रयागराज की यात्रा कर रहे थे। ट्रेन 3 घंटे लेट थी। ऐसे में जज और उनकी पत्नी को नाश्ता नहीं मिला। इसके बाद, उत्तर मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर को आदेश दिया कि वो संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगें और रिपोर्ट दें। पढ़ें पूरी खबर
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राहुल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस
Rahul Gandhi's Defamation Case; Follow Defamation Case Latest News, Reports and Updates On Dainik Bhaskar मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच सुनवाई करेगी। राहुल ने 15 जुलाई को मामले की अर्जेंट सुनवाई की याचिका लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। इस पर 10 दिनों में जवाब देना होगा। इस मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी। दरअसल, राहुल गांधी ने 2019 में मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था। इसके खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी। सजा के खिलाफ राहुल सूरत सेशन कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने 15 जुलाई को सजा पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। वहीं, पूर्णेश मोदी ने भी कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें सुने बिना फैसला नहीं दिया जाए। राहुल के वकील ने की जल्दी सुनवाई की मांग शुक्रवार को सुनवाई शुरू करने से पहले जस्टिस गवई ने कहा कि उनके पिता कांग्रेस से जुड़े हुए थे और भाई भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। ऐसे में उनके सुनवाई करने से किसी पक्ष को कोई आपत्ति तो नहीं है। इस पर दोनों पक्षों ने कहा कि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है। राहुल के वकील अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से राहुल गांधी एक संसद सत्र में शामिल नहीं हो पाए और मानसून सत्र भी निकला जा रहा है। वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए जल्द ही उपचुनाव भी घोषित किए जा सकते हैं। ऐसे में मामले में जल्दी सुनवाई की जानी चाहिए। सिंघवी ने राहुल के लिए अंतरिम राहत की मांग भी की। इस पर कोर्ट ने कहा कि वे दूसरे पक्ष को सुने बिना अंतरिम राहत नहीं दे सकते। SC से राहत नहीं मिली तो 2031 तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो वे 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल को इस मामले में 23 मार्च 2023 को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। नियम के मुताबिक, सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव लड़ने पर रोक रहती है। ऐसे में 2025 में उनकी सजा पूरी होगी और उसके बाद 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी। गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि केस में राहुल की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने कहा था, 'राहुल के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। इस केस में सजा न्यायोचित और उचित है।' राहुल गांधी पर दर्ज हुए इन मानहानि केस के बारे में भी पढ़िए.... अब जानिए कौन हैं पूर्णेश मोदी
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ssc.nic.in पर करें अप्लाई, 1558 पदों पर भर्ती
मल्टी-टास्किंग स्टाफ (नॉन-टेक्निकल) और हवलदार (सीबीआइसी, सीबीएन) परीक्षा 2023 के लिए आवेदन करने की आज यानी 21 जुलाई 2023 आखिरी तारीख है. इन पदों प 30 जून से आवदेन प्रक्रिया चल रही है. इस भर्ती के तहत कुल 1558 पद भरे जाएंगे. आवेदन से जुड़ी
मल्टी-टास्किंग स्टाफ (नॉन-टेक्निकल) और हवलदार (सीबीआईसी, सीबीएन) परीक्षा 2023 के लिए आवेदन करने की आज यानी 21 जुलाई 2023 आखिरी तारीख है। इन पदों पर 30 जून से आवदेन प्रक्रिया चल रही है। इस भर्ती के तहत 1558 पद भरे जाएंगे। उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट ssc.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं। सितंबर में हो सकती है एग्जाम उम्मीदवारों का सिलेक्शन रिटन एग्जाम और फिजिकल एफिशियंसी टेस्ट के आधार पर किया जाएगा। यह परीक्षा सितंबर में हो सकती है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करते रहें। ऐसे करें आवेदन ऑनलाइन आवेदन
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चक्की पुल डैमेज, बंद किया गया; घग्गर को बांधने की कोशिश नाकामयाब, 7 गांवों के लोग मुसीबत में
Punjab Flood Conditions; Villages Break Contact | Chakki Bridge Pathankot Damaged Sardulgarh Gurdaspur Sri Kartarpur Sahib पंजाब में बाढ़ के हालात काबू में नहीं आ रहे हैं। मालवा के बाद अब माझा भी बाढ़ की चपेट में है। पठानकोट का हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाला चक्की पुल कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है।
पंजाब में बाढ़ के हालात काबू में नहीं आ रहे हैं। मालवा के बाद अब माझा भी बाढ़ की चपेट में है। पठानकोट का हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाला चक्की पुल कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है। दरअसल, पानी के बहाव के कारण इस पुल की नींव को नुकसान पहुंचा है। वहीं करतारपुर कॉरिडोर भी अगले 3 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। अब श्रद्धालु अगले 3 दिन पाकिस्तान में श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए नहीं जा सकेंगे। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर बसा गांव भूंदड़ भी बाढ़ के हालातों से उभर नहीं पा रहा है। सरदूलगढ़ के तहत आने वाले गांव भूंदड़ में घग्गर पर आई दरार को भरने का काम चल रहा है, लेकिन रेत और मिट्‌टी की बोरियां टिक नहीं पा रही हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और सेवा कर रही संस्थाओं को उन्हें जाल उपलब्ध करवाने के लिए कहा है, ताकि बोरियों को एक दूसरे के साथ बांध कर घग्गर के जल बहाव को रोका जा सके। मकौड़ा पत्तन अभी भी पंजाब से कटा रावी दरिया का पानी अभी कंट्रोल में है और बहाव भी सामान्य है, लेकिन इसके बावजूद गांव मकौड़ा पत्तन व आस-पास के 7 गांव गुरदासपुर से कट चुके हैं। वहां अब न तो सड़क मार्ग और न ही पानी के माध्यम से कोई संपर्क हो पा रहा है। आर्मी की नाव गांवों में जाकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमारों को निकाल रही है। फौसा मंडी में लोग पानी से घिरे सरदूलगढ़ के तहत आने वाली फौसा मंडी इस समय टापू बन चुकी है। यह गांव भी पूरी तरह चारों तरफ से पानी से घिर चुका है। किश्ती को आता देख लोग दूर से ही मदद की गुहार लगाते दिखते हैं। आर्मी और NDRF की तरफ से यहां से भी बच्चों व बुजुर्गों को निकाला जा रहा है। 3 दिन के लिए रोकी गई यात्रा बीते दिन कैबिनेट मिनिस्टर कुलदीप धारीवाल भी गुरदासपुर के हालात देखने के लिए डेरा बाबा नानक पहुंचे थे। धारीवाल ने बताया कि फिलहाल यात्रा 3 दिन के लिए रोकी गई है। पाकिस्तान से जोड़ने के लिए जो सड़क बनाई गई है, वह पानी में डूब चुकी है। श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसलिए यह फैसला लिया गया है। यह दूसरी बार है, जब श्री करतारपुर साहिब के लिए यात्रा को रोका गया है। इससे पहले कोरोना के समय लॉकडाउन के बाद इस यात्रा को रोका गया था।
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मां के छुए पैर, वीडियो देख फैंस ने की तारीफ
बीती रात मुंबई में फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ​​ने एक इवेंट रखा, जिसमें दीपिका पादुकोण, जान्हवी कपूर, काजोल और करण जौहर समेत कई बड़े सितारे शामिल हुईं। इवेंट में रणवीर सिंह और आलिया भट्ट ने रैंप वॉक किया। इस दौरान एक्टर ने अपने स्वीट जेस्चरMother's feet touched, fans praised after watching the video
बीती रात मुंबई में फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ​​ने एक इवेंट रखा। 'द ब्राइडल कॉउचर' शो में रणवीर सिंह और आलिया भट्ट शोस्टॉपर बने। रणवीर की पत्नी और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण भी रणवीर की मां अंजू भावनानी के साथ शो में शामिल हुईं। इस दौरान एक्टर ने रैंप वॉक के बीच रुक कर अपनी वाइफ दीपिका को किस किया और मां के पैर छुए। इवेंट में दीपिका, जान्हवी कपूर, खुशी कपूर​​​​​, काजोल और करण जौहर समेत कई बड़े सितारे शामिल हुए। रणवीर सिंह ने दीपिका को किया किस वीडियो में रणवीर सिंह शेरवानी और चमचमाती जैकेट में रैंप पर वॉक कर रहे थे। इसी बीच वह अचानक रुके और दीपिका के पास जाकर उनके गाल पर किस किया। इसके बाद रणवीर को अपनी मां के पैर छूते और उनका आशीर्वाद लेते भी देखा गया। फिर उन्होंने दोबारा रैंप वॉक शुरू की। ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है। फैंस ने की तारीफ वीडियो पर फैंस ने कमेंट करते हुए रणवीर के इस जेस्चर की प्रशंसा की है। वीडियो पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'जिस तरह से वह हमेशा अपनी वाइफ से प्यार करते हैं वह मुझे पसंद हैं। वह हमेशा उन्हें देख कर रुक जाते हैं'। दूसरे ने लिखा, 'हर लड़की रणवीर जैसा पति डिजर्व करती हैं'। तो वहीं तीसरे ने लिखा, 'यह आदमी! अपनी पत्नी को स्पेशल महसूस कराने में कभी असफल नहीं होता'।
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कहा- बॉडी कांप रही है; प्रियंका बोलीं- हिंसक खेल में महिलाओं को मोहरा बनाना गलत
Manipur Kuki Women Naked Video Controversy - Bollywood Celebrities Reaction On Manipur Incident. मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वाली घटना से पूरा देश स्तब्ध है। बॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज ने इस घटना पर दुख और रोष व्यक्त किया है
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वाली घटना से पूरा देश स्तब्ध है। कई सेलिब्रिटीज ने इस घटना पर दुख और रोष व्यक्त किया है। प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि परिस्थिति चाहे जो भी हो, महिलाओं को इस हिंसक खेल में मोहरा बनाना ठीक नहीं है। करीना कपूर ने भी घटना पर नाराजगी जाहिर की है। एक्ट्रेस सेलिना जेटली का कहना है कि उन्होंने जब से मणिपुर वाला वीडियो देखा है तब से न कुछ खा पा रही हैं और न ही सो पा रही हैं। सेलिना ने कहा कि उनका शरीर गुस्से के मारे कांप रहा है। सेलिना ने कहा- गुस्से और दर्द से मेरी बॉडी कांप रही है सेलिना ने ट्विटर पर लिखा- जब से मैंने मणिपुर वाला वीडियो देखा है, मैं न सो पा रही हूं और न ही कुछ खा पा रही हूं। गुस्से और दर्द से मेरी बॉडी कांप रही है। वजह चाहे जो भी हो, हिंसा तो हिंसा होती है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक अपराध है। कार्रवाई ऐसी हो कि कोई सपने में भी ऐसा न करे सेलिना ने ट्वीट में लिखा- महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा किसी भी अथॉरिटी की सबसे बड़ी प्रायोरिटी होनी चाहिए। महिलाओं के खिलाफ इतना जघन्य अपराध देखना मुझे अंदर से तोड़ रहा है। मुझे विश्वास है कि सरकार इन अपराधियों के खिलाफ ऐसा एक्शन लेगी जिससे कोई सपने में ऐसा करने की सोच न सके। हम सभी के लिए शर्म की बात- प्रियंका चोपड़ा प्रियंका चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर करते हुए लिखा- अपराध होने के 77 दिन बाद एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस पर कार्रवाई भी नहीं हुई थी। इस पर क्या तर्क दिया जा सकता है। स्थिति या परिस्थिति चाहे जो भी हो, हम महिलाओं को इस खेल में मोहरा नहीं बना सकते। ये सभी के लिए शर्म की बात होनी चाहिए। मणिपुर की महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए। करीना बोलीं- मणिपुर में जो हुआ उससे डिस्टर्ब हूं करीना कपूर ने लिखा- मणिपुर में जो भी हो रहा है, उससे काफी डिस्टर्ब हूं। निंदा करने से कुछ नहीं होगा, जब तक कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न हो। महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराया गया, बलात्कार हुआ मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के एक दिन बाद 4 मई को कांगपोकपी जिले के बी फीनोम गांव के पास हमला हुआ था। इस दौरान भीड़ ने तीन कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया। इस दौरान एक महिला के साथ दिनदहाड़े बलात्कार किया गया।महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराने का एक वीडियो भी बनाया गया। 19 जुलाई, 2023 को ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर ले जाते हुए दिखाया गया है। कई लोगों को उनके साथ-साथ चलते देखा जा सकता है, जबकि अन्य पुरुष परेशान दिख रही महिलाओं को खेतों में खींच रहे हैं। जानिए मणिपुर में हिंसा की मुख्य वजह.. मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतेई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। प्रधानमंत्री बोले- 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया PM मोदी ने घटना पर रोष जाहिर किया है। उन्होंने कहा, 'इस घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है।'
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टॉप लीडर्स को AAP का साथ मंजूर नहीं; बोले- इनके साथ समझौता नहीं हो सकता
Punjab Congress against Indian National Developmental Inclusive Alliance (INDIA) joining hands with Aam Aadmi Party (AAP) कांग्रेस हाईकमान चाहे इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) के अंतर्गत आम आदमी पार्टी (AAP) से हाथ मिला रही है। लेकिन पंजाब कांग्रेस ने AAP को अलायंस में शामिल करने का विरोध कर दिया है।
कांग्रेस हाईकमान ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) में आम आदमी पार्टी (AAP) से हाथ मिला लिया है, लेकिन पंजाब कांग्रेस के नेताओं में इसको लेकर बवाल मचा हुआ है। पंजाब के टॉप कांग्रेसी नेता इसके विरोध में आ गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के AAP के साथ शामिल होने को सिरे से नामंजूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में उनकी AAP सरकार से लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने इस गठबंधन को गलत तक करार दे दिया। बता दें कि भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार के खिलाफ 26 राजनीतिक दलों ने INDIA गठबंधन बनाया है, जिसमें कांग्रेस और AAP भी शामिल हैं। पढ़िए... पंजाब के टॉप कांग्रेसी नेताओं ने क्या कहा राजा वड़िंग बोले- पंजाब में AAP सरकार से समझौता नहीं हो सकता पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने AAP पर अपनी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमने कभी इसकी शिकायत नहीं की, लेकिन अब उन्होंने हमारे डिप्टी CM (पूर्व) ओपी सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। बीमार होने के बाद भी उन्हें जबरन जेल में डाल दिया गया। अगर उन्हें कुछ भी हुआ तो AAP जिम्मेदार होगी। उन्होंने ऐलान कर दिया कि पंजाब में कांग्रेस और AAP के बीच कोई समझौता नहीं हो सकता। विपक्षी दल नेता बाजवा बोले- AAP से गठबंधन नामंजूर पंजाब विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं किया है, न ही वे AAP के साथ किसी गठबंधन के पक्ष में हैं। वे इस पार्टी और इसके नेताओं के खिलाफ हैं। पंजाब BJP प्रधान का तंज- क्या अब कांग्रेस को सरकारी पार्टी कहें पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इसे लेकर कांग्रेस और AAP सरकार के CM भगवंत मान पर निशाना भी साध दिया। जाखड़ ने कांग्रेस से अपना रूख स्पष्ट करने के लिए कहा है। जाखड़ ने पूछा कि क्या वह राज्य में सत्तारूढ़ AAP सरकार की विरोधी है? जाखड़ ने CM भगवंत मान पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस और AAP के बीच समझौते के बाद अब क्या हमें कांग्रेस को सरकारी पार्टी या विपक्षी पार्टी कहना चाहिए?। मजीठिया बोले- कांग्रेस ट्रेजरी बैंच पर बैठे पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया भी कांग्रेस पर तंज कसने में पीछे नहीं रहे। मजीठिया ने कहा कि अब कांग्रेस और AAP का गठबंधन हो चुका है। विधानसभा में कांग्रेस को भी AAP सरकार की तरह ट्रेजरी बैंच पर बैठना चाहिए। वह अब विरोधी नहीं। कांग्रेस को AAP सरकार से मिलकर अब पंजाब के लोगों के मुद्दों को हल करवाना चाहिए। मजीठिया ने स्पीकर को लैटर लिखकर कांग्रेस की विपक्षी दल और प्रताप सिंह बाजवा को विपक्ष के नेता की मान्यता खत्म करने की मांग की।
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भीड़ को रौंदते समय 120 की स्पीड में थी कार, इससे गई 9 की जान; 15 से ज्यादा घायल
गुजरात के अहमदाबाद शहर में बुधवार रात को एक बेकाबू जगुआर कार ने करीब 30 लोगों को रौंद दिया था। इस हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 20 से ज्यादा घायल है्ं। घायलों में 6 की हालत अभी भी200 Meters Of Dead Bodies On ISKCON Bridge, Dead Bodies Were Lying For Two Hours, Police Said 'no One Is Yours', A Father Found His Son Dead
गुजरात के अहमदाबाद शहर में बुधवार रात को एक बेकाबू जगुआर कार ने करीब 30 लोगों को रौंद दिया था। इस हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 15 से ज्यादा घायल हैं। घायलों में 4 की हालत गंभीर है। घायलों का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है। भीड़ ने की थी आरोपी की पिटाई इस हादसे का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कार चला रहे आरोपी तथ्य पटेल यह बात कबूल करते सुना जा सकता है कि हादसे के वक्त उसकी कार की स्पीड 120 की थी। दरअसल, हादसे के बाद भीड़ ने तथ्य पटेल की जमकर पिटाई कर दी थी। इसके बाद उसे भी हॉस्पिटल ले जाया गया था। यहां पर कुछ लोग उससे सवाल करते नजर आ रहे हैं। एक सवाल के जवाब में तथ्य कहता है- 'अरे भाई, मैंने सच में लोगों को नहीं देखा, वरना मैं ब्रेक लगा देता।' आरोपी का पिता रह चुका है गैंगरेप का आरोपी पुलिस को हादसे से जुड़े कई वीडियो मिले हैं। एक वीडियो में कार भीड़ को रौंदते हुए साफतौर पर नजर आ रही है। पुलिस तथ्य पटेल के इस कबूलनामे के वीडियो को भी रिकॉर्ड में रखकर जांच के लिए भेज दिया है। आरोपी तथ्य पटेल को रात को ही पुलिस थाने ले आया गया था, जहां वह बड़े आराम से सवालों का जवाब दे रहा था। उसके चेहरे पर कोई अफसोस नहीं था। तथ्य का पिता भी थाने पहुंच गया था। तथ्य का पिता प्रज्ञेश पटेल गैंगरेप का आरोपी रह चुका है। पुलिस ने प्रज्ञेश को भी हिरासत में ले लिया है। कार में 3 लड़कियां और दो लड़के भी थे तथ्य पटेल की कार में उसके पांच दोस्त (आर्यन पांचाल, शान सागर, श्रेया, धवनी और मालविका पटेल ) भी थे। कार तथ्य ही चला रहा था। पुलिस इनकी भी मेडिकल जांच करवा रही है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जरूरत पड़ने पर इन्हें भी गवाह बनाया जायगा। पूछताछ में पता चला है कि सभी लोग एक कैफे में इकट्ठे हुए थे। बारिश के चलते ब्रिज पर बह रहा था खून हादसे के करीब आधे घंटे बाद हल्की बारिश शुरू हो गई थी। इसके चलते पूरे ब्रिज पर पानी के साथ खून बह रहा था। हादसे के बाद पूरा ब्रिज बंद कर दिया गया था। दैनिक भास्कर की टीम ने यह खौफनाक मंजर आपनी आंखों से देखा। ब्रिज पर 200 मीटर तक लाशें बिखरी पड़ी थीं। किसी का शव कार के बोनट पर था, तो किसी का जमीन पर। किसी के पैर मुड़े हुए थे, तो किसी के शरीर का निचला हिस्सा कुचला हुआ था। कैसे हुआ हादसा रात के करीब 1 बजे थे और बिना नंबर प्लेट वाली एक महिंद्रा थार फुल स्पीड में कर्णावती क्लब से इस्कॉन ओवरब्रिज की ओर जा रही थी। इसी दौरान थार आगे जा रहे एक डंपर में पीछे जा घुसी। इसी हादसे को देखने राहगीरों और आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। रात के करीब 1.10 बजे इसी रोड से एक जगुआर कार ने भीड़ को अपनी चपेट में ले लिया। हादसा इतना भीषण था कि मृतकों व घायलों की लाशें 200 मीटर दूर तक जा गिरी थीं।
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750 करोड़ रुपए में हुई डील, नायका जैसे ब्रांडों को ब्यूटी-पर्सनल केयर मार्केट में मिलेगी टक्कर
डी-मार्ट के फाउंडर राधाकिशन दमानी ने ब्यूटी एवं पर्सनल केयर रिटेल चेन 'हेल्थ एंड ग्लो' का अधिग्रहण किया है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दमानी ने 700-750 करोड़ रुपए में राजन रहेजा और हेमेंद्र कोठारी से बेंगलुरु बेस्ड कंपनी को खरीदा है। 2015
डी-मार्ट के फाउंडर राधाकिशन दमानी ने ब्यूटी एवं पर्सनल केयर रिटेल चेन 'हेल्थ एंड ग्लो' का अधिग्रहण कर लिया है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दमानी ने 700-750 करोड़ रुपए में राजन रहेजा और हेमेंद्र कोठारी से बेंगलुरु बेस्ड इस कंपनी को खरीदा है। 2015 में बॉम्बे स्वदेशी स्टोर्स के बाद यह दमानी का दूसरा बड़ा अधिग्रहण है, जो देश का सबसे पुराना रिटेलर है। इस स्टोर की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक, मनमोहनदास रामजी और बिजनेसमैन JRD टाटा ने की थी। हेल्थ एंड ग्लो के देश में 175 से ज्यादा स्टोर हेल्थ एंड ग्लो का पहला स्टोर 1997 में चेन्नई में खोला गया था। इसके बाद कंपनी बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, कोलकाता, भोपाल, भुवनेश्वर और हैदराबाद सहित अन्य शहरों में 175 से ज्यादा स्टोर खोल चुकी है। नायका सहित अन्य ब्रांडों को मिलेगी टक्कर मार्केट रिसर्च फर्म यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, साल 2023 के लास्ट तक भारत में ब्यूटी एवं पर्सनल केयर का मार्केट कैप 18.3 बिलियन डॉलर यानी 1.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है। दमानी के इस बिजनेस में आने से नायका जैसे ब्रांड को टक्कर मिलेगी। पहली तिमाही में कंपनी को 658.71 करोड़ का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट हुआ डी-मार्ट को चलाने वाली कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड ने पिछले हफ्ते फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 658.71 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 642.89 करोड़ रुपए था। इसके साथ ही कंपनी की कंसोलिडेटेड इनकम 18.2% बढ़कर 11,865.44 करोड़ रही, जो 2023 की पहली तिमाही में 10,594.11 करोड़ रुपए थी। इसके अलावा इस तिमाही में कंपनी ने 3 नए स्टोर खोले हैं। 30 जून तक के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी 327 स्टोर ऑपरेट करती है। 2002 में मुंबई में खुला था डी-मार्ट का पहला स्टोर डी-मार्ट का पहला स्टोर 2002 में मुंबई में खुला था। इससे पहले 1999 में दमानी ने नई मुंबई के नेरूल में 'अपना बाजार' की एक फ्रेंचाइजी की शुरुआत की थी, पर उन्हें यह मॉडल जमा नहीं था।
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PM की डिग्री से जुड़े मामले में दिल्ली CM ने हाईकोर्ट से की है फैसले की समीक्षा की मांग
PM Narendra Modi Degree Case; Follow Arvind Kejriwal Case Latest News, Headlines, Reports On Dainik Bhaskar प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मामले में अरविंद केजरीवाल गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट से अपने 31 मार्च के फैसले की समीक्षा करने की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मामले में अरविंद केजरीवाल गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट से अपने 31 मार्च के फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। इस फैसले में गुजरात हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री से जुड़ी डिटेल्स देने के चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर (CIC) के आदेश को रद्द कर दिया था। जानें क्या है मामला… CM केजरीवाल ने अप्रैल 2016 में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को एक लेटर लिखकर PM मोदी की शैक्षिक योग्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी। उन्होंने लैटर में लिखा कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह के भ्रम को दूर करने के लिए डिग्री को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसके बाद CIC ने गुजरात यूनिवर्सिटी से PM मोदी की MA डिग्री के बारे में केजरीवाल को जानकारी मुहैया कराने को कहा गया था। CIC के इस आदेश को यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने 31 मार्च के अपने फैसले में CIC के इस आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इस समीक्षा याचिका में 25 हजार रुपये के जुर्माने को भी चुनौती दी गई है। तीसरे व्यक्ति को डिग्री देने की बाध्यता नहीं कोर्ट में यूनिवर्सिटी की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे। उन्होंने कोर्ट में कहा था कि केवल इसलिए कि कोई सार्वजनिक पद पर है, उसकी निजी जानकारी नहीं मांगी जानी चाहिए। लोकतंत्र में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि पद पर आसीन व्यक्ति डॉक्टर है या अनपढ़। PM मोदी की डिग्री पहले से पब्लिक डोमेन में है, लेकिन डिग्री के लिए किसी तीसरे व्यक्ति को खुलासा करने के लिए RTI के तहत जानकारी देने की कोई बाध्यता नहीं है। यूनिवर्सिटी को डिग्रियों का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, खासकर तब जब यह कोई जनहित का मामला न हो। उन्होंने कहा कि किसी भी अनुचित मांग को पूरा करने के लिए कोई सूचना नहीं दी जा सकती है। मेहता ने कहा कि मांगी गई जानकारी का प्रधानमंत्री के काम से कोई लेना-देना नहीं है। केजरीवाल बोले- वेबसाइट पर नहीं है प्रधानमंत्री की डिग्री केजरीवाल ने याचिका में कहा- कोर्ट में यूनिवर्सिटी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि PM मोदी की डिग्री गुजरात यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। लेकिन, हमें वेबसाइट पर प्रधानमंत्री की डिग्री नहीं मिली। वहां सिर्फ ऑफिस रजिस्टर की कॉपी उपलब्ध है, जो डिग्री से अलग होती है। 25 हजार के जुर्माने का भी विरोध केजरीवाल ने उनके ऊपर लगाए गए 25 हजार रुपए के जुर्माने का भी विरोध किया है। उन्होंने याचिका में कहा- मैंने डिग्री की जानकारी लेने के लिए कोई एप्लिकेशन नहीं लगाई थी। मैंने CIC के लैटर के जवाब में सिर्फ एक लैटर लिखा था। इस पर CIC ने संज्ञान लेते हुए डिग्री की डिटेल्स देने का आदेश दिया था। फैसला देने वाले जज ही करेंगे याचिका की सुनवाई मामले में गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस बीरेन वैष्णव की सिंगल जज बेंच ने फैसला सुनाया था। केजरीवाल की फैसले पर विचार करने की याचिका पर भी जस्टिस बीरेन वैष्णव ही सुनवाई करेंगे। उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी, वर्तमान के चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर (CIC), तत्कालीन CIC प्रोफेसर एम. श्रीधर आचार्यालु और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है।
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खुलासा करने वाले पत्रकार बोले- खबर से कुछ नहीं हुआ, लड़कियों की फोटो छापे तो हल्ला मचा
1992 Ajmer Rape Case History (Serial Gangrape And Blackmailing) - What is the story behind the blackmail in Ajmer? Farooq Chisti and Nafis Chishti Blackmail Scandal. आरोपियों ने फोटो रील डेवलप होने के लिए जिस लैब में दी, वहीं से न्यूड तस्वीरें लीक हो गईं। न्यूड तस्वीरें देख लैब के कर्मचारियों की नियत बिगड़ गई। उन्हीं के माध्यम से बाजार में तस्वीरें आ गईं।
फिल्म अजमेर 92 आज रिलीज हो रही है। इसकी कहानी देश के सबसे बड़े रेप स्कैंडल पर बेस्ड है, जो राजस्थान के अजमेर में हुआ था। करीब 250 लड़कियों को उनके आपत्तिजनक फोटो और वीडियो से ब्लैकमेल कर महीनों तक रेप किया गया। इस कांड में अजमेर के रसूखदार लोग शामिल थे। जब 1992 में इसका खुलासा हुआ तो पूरा देश सन्न रह गया था। इस स्कैंडल पर सबसे पहले खबर वहां के अखबार दैनिक नवज्योति ने छापी थी, जिसके बाद लोगों को इस घिनौने अपराध के बारे में पता चला। 1992 में दैनिक नवज्योति के चीफ एडिटर दीनबंधु चौधरी थे। एक रिपोर्टर की लाई पहली खबर से ही उन्होंने इस कांड की परतें खोली थीं। अजमेर 92 की रिलीज के मौके पर हमने इस केस के खुलासे के पीछे की कहानी जानने के लिए उन्हीं से बात की। दीनबंधु चौधरी ने हमें बताया कि कैसे एक रिपोर्टर की खबर से इस पूरे कांड का खुलासा हुआ। आइए जानते हैं अजमेर ब्लैकमेलिंग कांड के खुलासे से जुड़ी सारी बातें नवज्योति के चीफ एडिटर दीनबंधु चौधरी से… स्कैंडल के बारे में कब पता चला? 1992 में हमारे एक रिपोर्टर संतोष गुप्ता थे। वो एक खबर लेकर आए और उसे पब्लिश की, लेकिन उस खबर पर किसी का ध्यान नहीं गया, जबकि वो बहुत ही सीरियस खबर थी। फिर वो मेरे पास आए और इस स्कैंडल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मुझे बताया- अजमेर के अनाज मंडी में एक भरोसा लेबोरेटरी थी। वहां पर फिल्म्स के निगेटिव पर काम होता था। उसी लैब के पास मैं खड़ा था तभी एक शख्स आया और 4 रील खरीदी, लेकिन उस रील के बदले उसने चौगुना पैसा दिया। ये देखकर मैं हैरान रह गया और सोचने लगा कि उस रील में क्या खास था? वहां पर मेरे साथ एक दोस्त था, उससे मैंने इसके पीछे की कहानी जाननी चाही। पहले तो उसने मना कर दिया, लेकिन मेरी जिद की वजह से उसने 4 रील मुझे दे दी। जब मैंने वो रील देखी तो उसमें लड़कियों के रेप वीडियोज और फोटोज थीं। जब यह सब मैंने सुना तो रिपोर्टर संतोष से कहा कि वो इसी न्यूड फोटोज को खबर में छाप दें। मैंने ऐसा कदम इसीलिए उठाया क्योंकि ऐसे भयानक स्कैंडल को खत्म करने के लिए ये जरूरी था। हालांकि, फोटोज में जो प्राइवेट पार्ट थे, उन पर हमने काली पट्टी लगाकर बाकी सब छाप दिया था। दूसरे दिन जब ये खबर लोगों के सामने आई, तो जबरदस्त हल्ला मच गया। इस खबर के सामने आते ही बार एसोसिएशन के सारे वकील इकट्ठा हो गए और SP और कलेक्टर के पास पहुंच गए। फिर उन्होंने इस केस में कार्रवाई की मांग की। उनके इस कदम से कानूनी कार्रवाई शुरू हुई। इस स्कैंडल की शुरुआत कहां से हुई? चौधरी कहते हैं, अजमेर में एक श्रीहरि रोड है, जहां पर कोई एक कॉलेज था। एक दिन उस नामी कॉलेज के बाहर से एक लड़की रोती हुई जा रही थी। तभी कुछ रसूखदार लड़के गाड़ी से कहीं जा रहे थे। जब उन्होंने उस रोती हुई लड़की को देखा तो वो उस लड़की के पास गए और रोने का कारण पूछा। इस पर उस लड़की ने बताया कि उसके पास पैसे नहीं हैं, जिस वजह से कॉलेज वाले एडमिट कार्ड नहीं दे रहे। उन लड़कों ने लड़की को ढांढस बधाया और उसकी फीस जमा कर दी। फिर रोज उस लड़की से मिलते रहे। एक दिन उस लड़की को घर छोड़ने के बहाने वैन में बैठा लिया। फिर वो उस लड़की को हटूंडी में अपने फार्म हाउस ले गए और उसके साथ रेप किया। फिर उन्होंने रेप के दौरान ही उसके साथ कई न्यूड तस्वीरें उतारीं। इसके बाद वो उस लड़की को रोज बुलाते और उसका रेप करते थे। किसी को बताने पर फोटोज वायरल करने की धमकी देते। कुछ दिनों बाद उन लड़कों ने कहा कि वो अपनी दोस्त को साथ में लाए। पहले तो उस लड़की ने मना कर दिया, लेकिन फोटो वायरल हो जाने के डर से वो अपनी दोस्त को साथ ले गई। फिर उन लड़कों ने उस लड़की का भी रेप किया। फिर उन्होंने उन दोनों लड़कियों से और लड़कियों को लाने के लिए कहा। ऐसे ही करके बहुत सारी लड़कियां इस जाल में फंसती गईं। खबर पब्लिश करने पर जाने से मारने की धमकी मिली? रात के 12 बजे टेलीफोन आता। वो लोग मुझे ये खबर छापने से मना करते थे। मैं उन लोगों से डरता नहीं था। हर बार उनका कॉल उठाता था और कहता था, कायरों सामने आकर मुझसे बात करो। वो मुझे जान से मारने की धमकी भी देते थे, लेकिन मैं इन सब बातों से डरा नहीं बल्कि अपना काम करता गया। उस वक्त राजस्थान के मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत थे। वो मेरे पिता कप्तान दुर्गा प्रसाद चौधरी के बहुत अच्छे दोस्त थे। उन्होंने मुझे फोन किया और इन खबरों को छापने से मना किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मेरी जान पर बन सकती है। उन्होंने ये सारी बातें मेरी भलाई के लिए कहीं थीं, क्योंकि उन्हें पता था कि मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है। मैंने उनसे कहा- सर थैंक्यू, लेकिन मैं अब अपने कदम पीछे नहीं ले सकता। ये खबरें छपती रहेंगी। फिर उन्होंने SP को फोन किया और मेरे घर दो गनर तैनात करने के आदेश दिए। जब SP गनर लेकर पास आए तो मैंने मना कर दिया। अगर मैं वो सिक्योरिटी ले लेता, तो मुजरिम को लगता कि मैं उन लोगों से डर गया हूं। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं सिक्योरिटी नहीं लेना चाहता, कोई बात नहीं, लेकिन जब भी मैं घर से ऑफिस के लिए जाऊं, तो हमेशा रूट चेंज करके ही जाया करूं। मैंने उनकी ये बात मान ली थी। हालांकि, अभी तक ऐसा दिन नहीं आया था कि किसी ने मुझे नुकसान पहुंचाया हो। बस धमकियां मिलती रहीं। 1992 से नहीं 1990 से हुई थी इस स्कैंडल की शुरुआत इस स्कैंडल की जानकारी लोगों को नवज्योति में खबर छपने के बाद हुई थी, लेकिन इसकी शुरुआत 1990 से हुई थी। द प्रिंट की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली लड़की के रेप के बाद ये स्कैंडल इतनी तेजी से बढ़ा कि इसमें कई स्कूलों और कॉलेज की लड़कियां शिकार हुईं। अधिकतर लड़कियों की उम्र 16-17 साल थी। रेप के बाद उन लड़कियों के वीडियो बनते, फोटो खींचे जाते और उसी के आधार पर उन्हें फिर से रेप के लिए बुलाया जाता था। लड़कियों को धमकी दी जाती थी कि वो अगर इस बात की जानकारी किसी को देंगी तो वो ये फोटोज और वीडियोज लीक कर देंगे। कैसे वीडियोज और फोटोज लीक होने का सिलसिला शुरू हुआ? आरोपियों ने फोटो रील डेवलप होने के लिए जिस लैब में दिए, वहीं से न्यूड तस्वीरें लीक हो गईं। न्यूड तस्वीरें देख लैब के कर्मचारियों की नीयत बिगड़ गई। उन्हीं के माध्यम से बाजार में तस्वीरें आ गईं। मास्टर प्रिंट तो कुछ ही लोगों के पास थे, लेकिन इनकी कॉपियां शहर में सर्कुलेट होने लगीं। ये तस्वीरें जिसके भी हाथ लगीं, उसने भी लड़कियों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इसी बीच एक-एक कर कॉलेज की 6 लड़कियों ने सुसाइड कर लिया। कौन रसूखदार लोग थे इसके पीछे? जांच के बाद अजमेर शहर यूथ कांग्रेस प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट और जॉइंट सेक्रेट्री के साथ-साथ कुछ रईसजादों के नाम सामने आए। केस के मास्टरमाइंड अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती थे। रसूखदारों के नाम सामने आते ही पुलिस मामले को दबाने में लग गई। बात बिगड़ती देख राजस्थान की तत्कालीन भैरोंसिंह शेखावत सरकार ने जांच CID को दे दी। इस केस में कुल 18 लोगों पर आरोप लगे थे। 2 लड़कियों के बयान पर 11 की गिरफ्तारी हुई इसमें कई लड़कियां थीं जो इस गलत काम के बाद ही खुद की पहचान छिपा कर रखना चाहती थीं। इसी वजह से कईयों ने अपने ठिकाने बदल लिए थे, तो कईयों ने अपने नाम। कई लड़कियों के बारे में तो कोई जानकारी भी नहीं है। वो कहां गईं, कुछ भी नहीं पता। पुलिस का उन लड़कियों को पूरा सपोर्ट था, फिर भी डर से कोई भी बयान देने को तैयार नहीं था। बाद में एक NGO ने वायरल फोटोज के जरिए 30 लड़कियों की पहचान की। फिर उनसे इस मसले पर बात की गई। बदनामी के डर की वजह से अधिकतर लोगों ने अपने कदम पीछे खींच लिए। बड़ी मुश्किल के बाद 12 लड़कियां केस दर्ज कराने के लिए राजी हुईं। जब ये बात रसूखदार परिवार को पता चली, तो उन्होंने इन 12 लड़कियों को धमकाना शुरू कर दिया, जिस कारण 10 लड़कियों ने अपने नाम वापस ले लिए। फिर बची हुई 2 लड़कियों ने 16 अपराधियों की पहचान बताई, जिसमें से पुलिस सिर्फ 11 को अरेस्ट कर पाई। इन 18 दोषियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ हरीश दोला (कलर लैब का मैनेजर), फारुख चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस प्रेसिडेंट), नफीस चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट), अनवर चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस जॉइंट सेक्रेटरी), पुरुषोत्तम उर्फ बबली (लैब डेवलपर), इकबाल भाटी, कैलाश सोनी, सलीम चिश्ती, सोहैल गनी, जमीर हुसैन, अल्मास महाराज, इशरत अली, मोइजुल्लाह उर्फ पूतन इलाहाबादी, परवेज अंसारी, नसीम उर्फ टारजन, महेश लोदानी (कलर लैब का मालिक), शम्सू उर्फ माराडोना (ड्राइवर), जऊर चिश्ती (लोकल पॉलिटिशियन)। कोई बुर्के में पकड़ा गया तो कोई विदेश भागा सलीम चिश्ती को लगभग 20 साल बाद 2012 में बुर्के में पकड़ा गया। बाद में वो बेल पर छूट गया। नफीस को लगभग 11 साल बाद 2003 में पकड़ा गया। बाद में वो भी बेल पर छूट कर आ गया। सोहेल गनी चिश्ती ने लगभग 26 साल बाद 15 दिसंबर 2018 को सरेंडर कर दिया। वो भी बेल पर छूट कर आ गया। जमीर हुसैन को एंटीसिपेटरी बेल मिल गई। इकबाल भाटी को लगभग 13 साल बाद 2005 में पकड़ा गया, फिर बेल पर छूट गया। इस मामले में एक आरोपी अल्मास महाराज आज तक फरार है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है। किस हाल में हैं आरोपी इस केस के एक आरोपी पुरुषोत्तम उर्फ बबली ने जमानत पर बाहर आते ही सुसाइड कर लिया। नसीम उर्फ टारजन अंतरिम जमानत मिलने के बाद फरार हो गया। बाद में 2010 में पुलिस के हत्थे चढ़ा। मुख्य आरोपी फारूक चिश्ती को 'सिजोफ्रेनिया' नाम की बीमारी के बाद मानसिक रोगी घोषित कर दिया गया। हालांकि बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि उसने पर्याप्त सजा काट ली, जिसके बाद उसे बरी कर दिया गया। फिलहाल वो अजमेर में है। फिल्म भी विवादों में अजमेर 92 फिल्म इसी स्कैंडल पर आधारित है। मूवी को लेकर मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों और अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने कड़ी आपत्ति जताई है। फिल्म के माध्यम से एक ही कम्युनिटी के लोगों को टारगेट करने का आरोप लगाया है। दरगाह कमेटी की ओर से चेतावनी भी दी गई है कि अजमेर शरीफ दरगाह और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की इमेज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पूरे देश में शांतिपूर्ण विरोध करने की चेतावनी भी दी गई है। अजमेर 92 फिल्म को रिलीज करने से पहले दरगाह कमेटी को फिल्म दिखाने की मांग भी की गई है, जिससे कि विवाद खड़ा ना हो।
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आरिफ ने कहा था- जैसे अतीक-अशरफ मारे गए उसी तरह से भाई-भाभी को मारूंगा
Uttar Pradesh (UP) Prayagraj murder case updates प्रयागराज का करेली इलाका। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे गौसनगर के एक घर में विवाद हो गया। झगड़े जैसी स्थिति हुई तो टीवी पर चल रही कव्वाली की आवाज बढ़ा दी गई।
प्रयागराज का करेली इलाका। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे गौसनगर के एक घर में विवाद हो गया। झगड़े जैसी स्थिति हुई तो टीवी पर चल रही कव्वाली की आवाज बढ़ा दी गई। लड़के ने कुल्हाड़ी उठाई और घरवालों पर हमला कर दिया। भाई किसी तरह से अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर भागा और खुद को कमरे में बंद कर लिया। मां-बहन पर ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया। जितनी बार मारता, उतनी बार अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाता। 5 मिनट के अंदर पूरा घर खून से लाल हो गया। बेदम हो चुकी मां-बहन जमीन पर पड़ी थीं। बाप का सिर फूट चुका था। यह किस्सा कमरे से इस दर्दनाक हत्याकांड को देख रही उस लड़के की भाभी ने बताया। आरिफ ने ऐसा क्यों किया? अचानक किया या फिर प्लानिंग के साथ किया? तेजाब की इतनी बोतलें घर में क्यों थीं? क्या आरिफ की पत्नी मुख्य साजिशकर्ता थी? ऐसे तमाम सवालों को जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम आरिफ के घर पहुंची। आइए सब कुछ शुरू से जानते हैं... तेज आवाज में कव्वाली चलाकर दो लोगों को फरसे से काट दिया दोपहर के करीब 2 बजे होंगे। आरिफ की मां अनीसा बेगम आंगन में बैठी हुई थीं। कानूनगो पद से रिटायर पिता मो. कादिर अपने कमरे में थे। बड़ी बहन निकहत किचन में खाना बना रही थी। भाई मो. आजम और उनकी पत्नी दोनों बच्चों के साथ अपने कमरे में थे। आरिफ अपने कमरे से बाहर आया और मेन गेट पर ताला लगा दिया। किचन में बाहर से कुंडी लगा दी। उसकी भाभी को कुछ आवाज आई। वो बाहर आईं, तो देखा आरिफ ने अपने हाथ में कुल्हाड़ी लेकर गोल गोल घुमा रहा है। उन्हें कुछ शक हुआ, तो अपने पति को बाहर बुलाया। आजम ये देखते ही पत्नी और बेटे अली और भांजे अरमान को कमरे के अंदर ले गए। इतने में आरिफ आया और भाई-भाभी के कमरे के दरवाजों को आगे पीछे करके बंद किया और ताला लगा दिया, ताकि वो अंदर से बंद ना कर पाएं। आरिफ की भाभी बताती हैं कि जब तक हम कुछ समझ पाते, बाहर बहुत तेज से कव्वाली बजने लगी। हमने दरवाजों के बीच की दरार से देखा तो मां नीचे पड़ी थीं। उनके खून बह रहा था। आरिफ ने कुल्हाड़ी उठाई और उनके सिर पर मार दिया। मां की तुरंत मौत हो गई। आवाज सुनकर पिता बाहर आए, तो आरिफ ने उन पर भी हमला कर दिया। उसे लगा कि पिता की भी मौत हो चुकी है। वह किचन की तरफ बढ़ गया। पिता जैसे-तैसे उठे और कमरे को अंदर से बंद कर लिया। उधर, आरिफ किचन में काम कर रही बहन के पास गया। उसके हाथ में कुल्हाड़ी देख बहन उसके सामने गिड़गिड़ाने लगी, लेकिन आरिफ के सिर पर खून सवार था। उसने कुल्हाड़ी उठाई, जोर से अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाया और बहन की गर्दन पर हमला कर दिया। हमला इतना खतरनाक था कि बहन की मौके पर ही मौत हो गई। अपने छोटे बेटे को खिड़की से बाहर फेंक दिया मां और बहन की हत्या और पिता को गंभीर रूप से घायल करने के बाद आरिफ अपने भाई मो. आजम के कमरे की तरफ गया। एक तरफ आरिफ धक्का दे रहा था तो दूसरी तरफ भाई-भाभी ने हाथ फंसाकर दरवाजे पर ताला लगे ताले को पकड़ रखा था। करीब 30 मिनट तक वे दोनों अपनी पूरी ताकत से दरवाजे को पकड़े रहे, ताकि आरिफ अंदर न आ पाए। आरिफ अंदर नहीं जा पाया, तो झल्लाकर कमरे में पड़ी एसिड की बोतल ले आया। उसने घर के सामान पर एसिड डालना शुरू कर दिया। किचन से 15 किलो वाला सिलेंडर खींच कर लाया। उस पर एसिड डाला और आग लगा दी। घर के अंदर आग धू-धू कर जलने लगी। फ्रिज, मीटर, कपड़े, सामान जलने लगा। दूसरी तरफ भाई-भाई कमरे से पड़ोसियों का नाम लेकर जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। कमरे में धुआं भरने लगा, तो आजम और उनकी पत्नी की हिम्मत टूटने लगी। भाभी बताती हैं, हमको लगा कि अब हम नहीं बच पाएंगे। तभी कमरे में एक छोटी खिड़की को तोड़ा। बाहर लोगों की भीड़ लगी थी। हमें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? टूटी हुई खिड़की से हमने अपने छोटे बेटे को बाहर फेंक दिया। बाहर लोगों ने उसे गोद में लेकर पड़ोसी के घर में छुपा दिया। आरिफ ने पुलिस के सामने एसिड पीने का नाटक किया भाभी बताती हैं, थोड़ी ही देर में पूरा घर जलने लगा। हम जिस कमरे में थे वहां भी पूरा धुआं भर गया था। अब लग रहा था कि बचना मुश्किल है। धुएं और एसिड की गंध से दम घुटने लगा था। तभी मेरे बड़े बेटे ने कूलर चला दिया। कूलर ने कमरे के धुएं को बाहर फेंका और हम लोग थोड़ी-सी सांस ले पाए। इसी बीच बाहर खड़े लोगों ने पुलिस को बुला लिया। पहले 5-6 पुलिस वाले आए। जब उन्होंने देखा कि मामला बहुत गंभीर है, तो तीन थानों के पुलिस वाले वहां पहुंच गए। पुलिस को देखकर आरिफ का खून खौल गया। उसने एसिड की बोतल उठाई और पुलिस वालों पर फेंकनी शुरू कर दीं। हादसे में कई पुलिस वालों पर एसिड गिरा। जिन पुलिस वालों के चेहरे पर एसिड पड़ा, उन्हें आसपास के लोगों ने दूध से मुंह धुलवाया। पुलिस ने माइक के जरिए आरिफ से सरेंडर करने की बात कही, लेकिन वह किसी की बात मानने को तैयार नहीं था। वह लगातार एसिड की बोतलें फेंकता रहा। मौके पर जब ज्यादा पुलिस वाले पहुंचे, तो उन्होंने आंसू गैस के गोले दागे। करीब 2 घंटे तक यह सब चलता रहा। आरिफ हाथ में कुल्हाड़ी लेकर ऊपर बालकनी में घूम रहा था। उसे न पुलिस का डर था और न ही उनकी गोलियों का। भाभी बताती हैं, एक बार तो आरिफ बालकनी में आया। उसने एसिड की बोतल ली और पी गया। पुलिस वाले भी ये देखकर चौंक गए, लेकिन आरिफ को कुछ नहीं हुआ। पड़ोसियों का कहना था कि उसने सबको हैरान करने के लिए एसिड की बोतल में पानी भरकर पिया। ऐसा इसलिए, ताकि पुलिस उस पर हमला ना करे। घर में आग लगी थी, मेरे पति बिना कपड़ों के बाहर भागकर आए आरिफ और पुलिस के बीच 2 घंटे तक रस्साकशी चली। अंत में आंसू गैस से आरिफ की आंखें जलने लगी। मौका देखकर पुलिस घर के अंदर घुस गई और आरिफ को पीछे से पकड़ लिया। 6 पुलिस वाले उसका हाथ-पैर पकड़कर भागते हुए बाहर लेकर आए। आरिफ की भाभी बताती हैं कि अब तक हमारे कपड़े भी जलने लगे थे। मेरे पति और बेटे का शरीर जलने लगा, तो उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए। पुलिस ने हमें बाहर निकाला। हम तीनों भागकर घर के बाहर आए। उसने हमें देखते ही कहा, जैसे पुलिस के सामने अतीक और अशरफ को मारा गया था, ऐसे ही तुम दोनों को भी काट डालूंगा। वह बताती हैं कि पुलिस आरिफ को तो ले गई, लेकिन उसके साथ 2 लड़के और थे। पुलिस के आने से पहले दोनों पीछे के दरवाजे से भाग गए। उन्हें हमने और कई मोहल्ले वालों ने देखा भी, लेकिन कोई पहचानता नहीं था। इसलिए वो अभी भी फरार घूम रहे हैं। बाहर शांत रहता, घर में मारपीट करता था आरिफ आरिफ की उम्र करीब 30 साल की है। उसने प्रयागराज के नामी ब्वॉयज कॉलेज से 12वीं की। उसके बाद साल 2013 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से BA किया। बचपन से ही आरिफ पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था। हालांकि, उसके मां बाप चाहते थे कि वह पढ़ेगा, तो सुधर जाएगा। इसलिए उसे अच्छे स्कूल में पढ़ाया। आरिफ की भाभी बताती हैं, 'मेरी शादी को 16 साल हो गए। आज तक कभी आरिफ ने तमीज से बात नहीं की। वह अक्सर घर में मारपीट करता। अपनी मां को कई बार लात-घूसों से मारता था। घर के बाहर उसका आज तक किसी से झगड़ा नहीं हुआ। उसे बस घर के लोगों से दिक्कत थी।' आरिफ को लगता था कि मां बड़े भाई को ज्यादा प्यार करती हैं आरिफ को हमेशा से एक बात खटकती थी। वह यह कि उसके माता-पिता उसके बड़े भाई और भाभी को ज्यादा प्यार करते हैं। उसे लगता था कि वे सारी जायदाद भी उन्हीं के नाम कर देंगे। इसलिए वह हमेशा प्रॉपर्टी के लिए घर में झगड़ा करता था। घरवालों ने बताया कि झगड़े के बाद कई बार मामला पुलिस तक पहुंचा। तब आरिफ माफी मांग लेता था। कुछ दिन तो सब ठीक रहता, फिर दोबारा वही सब शुरू हो जाता था। घर वालों को कभी नहीं लगा कि आरिफ ऐसा कदम उठा सकता है। आरिफ की पत्नी असली मास्टरमाइंड आरिफ की भाभी ने बताया कि प्रॉपर्टी की यही सनक उसके सिर पर सवार हो गई थी। उसे लगा कि सबको खत्म करके वो पूरा घर अपने नाम करवा लेगा इसलिए उसने सबको मारने की साजिश रची। हफ्तों उसने इसकी तैयारी की। कमरे में 500 से ज्यादा एसिड की बोतल इकट्ठा कर लीं। उसी कमरे में वह अपनी पत्नी नौशीन के साथ रहता था। क्या इतनी बोतल उसको नहीं दिखाई दी होंगी? वह बताती हैं कि नौशीन के पिता की नौकरी के दौरान ही मौत हो गई। उनकी जगह पर उसे सरकारी कार्यालय में चपरासी की नौकरी मिली। नौशीन तलाकशुदा थी। आरिफ देखने में अच्छा लगता था, इसलिए उसने शादी कर ली। नौशीन के घर में आते ही परिवार का विवाद और बढ़ गया। वह अक्सर आरिफ को परिवार के खिलाफ भड़काती रहती थी। आरिफ की भाभी का कहना है कि इस डबल मर्डर की असली मास्टरमाइंड नौशीन ही है। उसने आरिफ के साथ मिलकर इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दिया है। फिलहाल, आरिफ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घरवालों ने उसकी पत्नी नौशीन के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया है। परिवार चाहता है कि पत्नी से भी पूछताछ की जाए। जो दो लोग हमले के वक्त घर के पिछले हिस्से से भागे थे उन्हें भी पकड़ा जाए। ये तो थी प्रयागराज के डबल मर्डर की ग्राउंड रिपोर्ट। ऐसी ही और रिपोर्ट्स आप नीचे दिए लिंक पर पढ़ सकते हैं... कौशांबी का पिपरी थाना। एक महिला सिपाही ने पिता से कहा- अपनी बेटी को घर ले जाओगे? पिता ने भरे मन से जवाब दिया- इसने अपनी ही मां को मार दिया, इसे ले जाकर क्या करूंगा? बेटी ने पिता को देखा। पिता ने बेटी को देखा। यह शायद आखिरी मुलाकात हो। पिता ने साइकिल उठाई और घर निकल गए। यहां एक तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र के जरिए इलाज किया। उसके बदले पैसे मांगे फिर जिसका इलाज किया, उसकी पत्नी के शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद पीड़ित की 15 साल की बेटी पर बुरी नजर पड़ी। उसे बहला-फुसलाकर उससे शादी कर ली। फिर दोनों ने मिलकर पत्नी को मार डाला। तांत्रिक की उम्र 45 साल है और उसके 5 बच्चे हैं। दैनिक भास्कर की टीम पीड़ित परिवार के पास पहुंची। थाने गई। मामले को एकदम शुरुआत से जाना। कहानी जितनी बताई जा रही हकीकत उससे अलग है। पढ़ें पूरी कहानी... एक 15 साल की दलित बच्ची जो घर के सामने बनी नाली पर बाथरुम के लिए गई। रात करीब 12 बजे का वक्त था। घर में उस वक्त बच्ची की मां और छोटे भाई-बहन सोए हुए थे। लड़की घर आने लगी तभी एक आदमी आया, उसका मुंह दबाया और घसीटकर एक कमरे में ले गया। उसने लड़की के साथ बदतमीजी करने की कोशिश की। बच्ची बेहोश हो गई। मां ने उसे ढूंढा। वो घर वापस आई। अगले दिन पूरी बात मां को बताई। मां ने पुलिस थाने की कई चक्कर काटे। FIR दर्ज कराई, लेकिन उस आदमी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया तो आरोपी परिवार को धमकियां देता और इनकी बेबसी पर हंसता। कहता था कि तुम हमारा कुछ नहीं कर पाओगी, मैं अभी कुछ भी कर सकता हूं। लड़की 14 दिन तक लड़ती रही, धमकियां बर्दाश्त करती रही। लेकिन आखिर में वो हार गई। उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पढ़ें पूरी कहानी... 23 साल के लड़के आशीष वर्मा की लाश पड़ी है और मां बेबस-बेसुध होकर लोगों को निहार रही है। आशीष का सपना था कि UPSC क्लियर करके मां को प्राउड फील कराएगा। इसके लिए हर महीने 4,400 रुपए खर्च करके ऑनलाइन कोर्स भी ले रखा था, लेकिन कुछ लोगों ने आशीष को मारपीट के एक फर्जी केस में फंसा दिया। रहीमाबाद थाने के तीन सिपाही आशीष को परेशान करने लगे। 6 महीने में करीब 50 बार थाने बुलाया। पैसे मांगे। जिंदगी बर्बाद करने की बात कही। आशीष परेशान हो गया। उसने फांसी लगाकर जान दे दी। सुसाइड नोट में लिखा- पूरा रहीमाबाद थाना भ्रष्ट है। पढ़ें पूरी कहानी...
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महिलाओं से जुड़े अलग-अलग क्राइम के डेली 27 केस आए; छेड़छाड़ और उत्पीड़न के 3,920 केस दर्ज हुए
Delhi Rape Case; Harassment And Violence Against Women मोहन गार्डन में बाइकर्स एक छात्रा का मोबाइल छीन ले गए। संगम विहार में महिला को हथियार दिखाकर पर्स लूट लिया गया। आदर्श नगर में महिला की चेन तोड़ बदमाश फरार हो गए।
मोहन गार्डन में बाइकर्स एक छात्रा का मोबाइल छीन ले गए। संगम विहार में महिला को हथियार दिखाकर पर्स लूट लिया गया। आदर्श नगर में महिला की चेन तोड़ बदमाश फरार हो गए। राजधानी में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। महिलाएं खासकर बदमाशों के निशाने पर हैं। इस साल बीते छह महीने में दुष्कर्म, छेड़छाड़ समेत महिलाओं से जुड़े विभिन्न मामले में रोज औसतन 27 आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं। यही नहीं, हत्या, डकैती, सेंधमारी और चोरी के केस भी इस साल बढ़े हैं। हालांकि, इस साल स्ट्रीट क्राइम के ग्रॉफ में कमी आई है। इसके अलावा, पुलिस का दावा है कि विभिन्न अपराधों में जो केस दर्ज हुए हैं, उनमें ज्यादातर सुलझा लिए गए हैं। बहरहाल, इस बारे में जब दैनिक भास्कर संवाददाता ने दिल्ली पुलिस के अफसरों से सवाल किए तो किसी ने भी जवाब नहीं दिया। 30 जून 2023 तक मर्डर के 266 केस दर्ज हुए पिछले साल की तुलना में इस साल के शुरुआती छह महीने में दुष्कर्म के केस बढ़े हैं। इस साल 1 जनवरी से 30 जून तक दुष्कर्म के 1029 केस दर्ज हुए। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 995 था। वहीं, इस साल 30 जून तक मर्डर के 266 केस सामने आए। पिछले साल इस अवधि में यह आंकड़ा 256 था। सेंधमारी के 3,403 केस हुए, जबकि पिछले साल 30 जून तक 2,636 केस रिपोर्ट हुए थे। चोरी के 85,149 केस दर्ज हुए हैं। झपटमारी और छीना-झपटी के केस इस साल कम दर्ज हुए इस साल 30 जून तक महिलाओं से छेड़छाड़ और विभिन्न तरह के उत्पीड़न के 3920 केस दर्ज हुए, पिछले साल इस अवधि में यह आंकड़ा 4201 था। वहीं, झपटमारी के 3814 और लूट के 779 केस दर्ज हुए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में झपटमारी के 4687 और लूट के 1161 मामले सामने आए थे। अजनबी आरोपी बेहद कम, ज्यादातर दोस्त या जानकार तमाम कोशिशों के बावजूद महिलाओं से जुड़े अपराध रुक नहीं रहे हैं। रोज औसतन छह दुष्कर्म केस दर्ज हो रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादातर ऐसे मामलों में आरोपी पीड़िता का दोस्त, जानकार, रिश्तेदार, ऑफिस में सहकर्मी आदि होते हैं। इन केस में अजनबी आरोपी बेहद कम होते हैं। दैनिक भास्कर संवाददाता ने बढ़ रहे अपराध और इसे काबू किए जाने के पुलिस के प्रयासों के संबंध में स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर सागर प्रीत हुड्‌डा और दीपेंद्र पाठक से सवाल किए, मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। दैनिक भास्कर की ये खास खबरें भी पढ़ें ... 1. मणिपुर...महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वाले दो और आरोपी गिरफ्तार, अब तक चार अरेस्ट मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में दो और आरोपी अरेस्ट किए गए हैं। गुरुवार रात तक चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा- सरकार अपराधियों के लिए मौत की सजा पर विचार कर रही है। पूरी खबर पढ़ें... 2. दिल्ली में नाबालिग लड़की की सड़क पर हत्या, आरोपी गिरफ्तार दिल्ली में लड़की की चाकू से गोदकर हत्या करने वाला आरोपी साहिल (20) पकड़ा गया है। पुलिस ने उसे बुलंदशहर से गिरफ्तार किया है। साहिल के मकान मालिक ने बताया कि उसके पिता का नाम सरफराज है और वह 2 साल से अपने परिवार के साथ बरवाला की जैन कालोनी में रह रहा था। पूरी खबर पढ़ें ...
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बोले- मुझे टेंशन दिया गया..अपनों ने दगा दिया, कई प्रोजेक्ट से निकाला गया
Mohammed Zeeshan Ayyub speaks on Tandav series controversies एक्टर मोहम्मद जीशान अय्यूब वेब सीरीज तांडव के बाद विवादों में आ गए थे। उनके खिलाफ देश के कई हिस्सों में FIR हो गए थे। अब उन्होंने खुलकर इस बारे में अपनी राय रखी है।
एक्टर मोहम्मद जीशान अय्यूब वेब सीरीज 'तांडव' के बाद विवादों में आ गए थे। उनके खिलाफ देश के कई हिस्सों में FIR हुए थे। अब उन्होंने खुलकर इस बारे में अपनी राय रखी है। जीशान ने कहा कि तांडव कॉन्ट्रोवर्सी का असर उनके करियर पर भी पड़ा। उन्हें कुछ प्रोजेक्ट्स से हाथ भी धोना पड़ा। जीशान ने कहा कि उनके पास 6 महीने तक काम नहीं था। दरअसल सीरीज के एक ऐपिसोड में हिंदू देवी-देवताओं को अजीब ढंग से दिखाया गया, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में तांडव के मेकर्स के खिलाफ FIR दर्ज हुई थीं। तांडव को लेकर विवाद क्या था, पहले ये समझिए.. तांडव सीरीज 15 जनवरी 2021 को रिलीज हुई थी। इसके पहले ही ऐपिसोड में आपत्तिजनक सीन थे। पहले ऐपिसोड के 17वें मिनट में हिंदू देवी-देवताओं का रोल कर रहे किरदारों को अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया। इसी तरह पहले ऐपिसोड के 22वें मिनट में जातिगत झगड़ों को उकसाने के लिए कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी सुनने को मिली। इसके अलावा प्रधानमंत्री के पद पर बैठे आदमी को गाली देते और शराब पीते दिखाया गया। इन्हीं सब दृश्यों को लेकर विवाद हुआ था। मुझे प्रताड़ित किया गया, जिन लोगों पर विश्वास किया उन्होंने दगा दिया जीशान अय्यूब ने लल्लनटॉप से बात करते हुए कहा- सभी को पता है कि तांडव के बाद क्या हुआ। हमारे ऊपर केस हुए। मीडिया और सोशल मीडिया ट्रायल हुए। टेंशन दिया गया, प्रताड़ित हुआ। बहुत खराब दिन थे। स्पेशली शुरुआत के 10 से 12 दिन। समय के साथ चीजें बेहतर होती गईं, लेकिन इस घटना ने मुझे एक बात सिखा दी। मैं उन लोगों का नाम लेना नहीं चाहूंगा, लेकिन जिनके ऊपर मैंने विश्वास किया, उन लोगों ने मुझे बीच में दगा दे दिया। मेरे साइन किए हुए प्रोजेक्ट मुझसे छीन लिए गए। लोगों के पास काम मांगने जाना पड़ता था जीशान ने आगे कहा- इस घटना ने मुझे और भी बातें सिखा दीं कि इस इंडस्ट्री में अधिकतर लोग मौका परस्त हैं। बहुत कम लोग ऐसे हैं जिनके अंदर हिम्मत है। पहली बार ऐसा हुआ कि मुझे लोगों के पास काम मांगने जाना पड़ा। मैंने समीर नायर से संपर्क किया। इसके बाद मैं हंसल मेहता के पास गया। उन्होंने मुझे सीरीज 'स्कूप' में कास्ट किया। मैंने जोया अख्तर से भी संपर्क किया था। मैं 6 महीने घर पर बैठा रहा, लेकिन ये मेरे लिए कुछ हद तक सही भी रहा। मैंने इन 6 महीनों में सोच लिया कि अब सिर्फ उन्हीं फिल्मों में काम करूंगा जिसे करके मुझे अच्छा लगेगा। विवाद इतना बढ़ गया कि सैफ अली खान को देनी पड़ी थी सुरक्षा तांडव को लेकर विवाद इतना बढ़ गया था कि एक्टर्स को सुरक्षा भी देनी पड़ गई थी। सीरीज के लीड एक्टर सैफ अली खान के घर के बाहर सुरक्षा बल भी तैनात करने पड़े थे। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में तांडव के मेकर्स के खिलाफ FIR दर्ज हुई थीं। सिर्फ उत्तर प्रदेश में तीन FIR (लखनऊ, शाहजहांपुर और ग्रेटर नोएडा) में दर्ज हुई थीं। इस मामले में सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी सक्रिय हुआ था।
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सिंध में डकैतों से मुकाबला करने के लिए हिंदू बनाएंगे बचाव दल
Pakistan Sindh Hindu Community Armed Protection Plan पाकिस्तान के सिंध प्रांत में डकैत अल्पसंख्यक हिंदुओं और उनके मंदिरों को लगातार निशाना बना रहे हैं।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में डकैत अल्पसंख्यक हिंदुओं और उनके मंदिरों को लगातार निशाना बना रहे हैं। वह भारत में जांच एजेंसियों के रडार पर चल रही सीमा रिंद (सीमा हैदर) का नाम लेकर भी हिंदुओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। पाकिस्तानी सरकार भी इन डकैतों से बचाव के लिए हिंदू समुदाय को पर्याप्त सुरक्षा देने में नाकाम है। इसी कारण पाकिस्तान में पहली बार हिंदू समुदाय अपनी और मंदिरों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बचाव दल बनाने जा रहा है। इससे पहले, खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने प्रांत में सिखों को निशाना बनाए जाने के बाद आत्मरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस दिए जाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, तब सिखों ने उसे ठुकराते हुए कहा था कि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। 600 मंदिरों के लिए सिर्फ 400 पुलिसकर्मी तैनात नाम न छापने की शर्त पर एक हिंदू ने दैनिक भास्कर को बताया कि सरकार हमें और हमारे मंदिरों को सुरक्षा देने में नाकाम है। इसी कारण हम अपनी सुरक्षा के इंतजाम खुद करेंगे। कराची के अलावा भी सिंध में 600 से अधिक मंदिर हैं। सरकार ने केवल 400 पुलिस कर्मियों की तैनाती की है। इसमें भी केवल हिंदू पुलिसवाले ही लगाए हैं। प्रत्येक मंदिर में औसतन एक पुलिस वाला भी नहीं है। इस तरह सरकार से यही संदेश मिल रहा है कि हिंदू अपनी समस्या खुद सुलझाएं।' प्रांतीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ज्ञान चंद इसरानी ने कहा कि इन हमलों के मद्देनजर पूरे प्रांत में हिंदू मंदिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। डकैतों ने दी थी हिन्दू समुदाय पर हमले की धमकी कुछ बदमाशों ने भारतीय के साथ सीमा की शादी को लेकर प्रतिक्रिया में हिंदू समुदाय को धमकी दी थी। मैं डकैतों से कहूंगा कि इस तरह से हिंदुओं को निशाना न बनाएं।' एक अन्य हिंदू नागरिक ने कहा कि हमें तो यह भी शक है कि सरकार हमें पाकिस्तानी मानती भी है या नहीं? उनकी भाषा देखिए, वे डकैतों से अपील कर रहे हैं। क्या होता, अगर डकैतों ने मुस्लिमों पर हमला किया होता। तब भी सरकार अपील करती या उनके सफाए के लिए अभियान चलाती?' इधर, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आग उगलना शुरू कर दिया है। मौलाना फजलुर रहमान की जमीयत उलेमा ए इस्लाम ने मांग की है कि जांच होनी चाहिए कि सीमा ने भारत जाकर हिंदू धर्म क्यों अपनाया। जबरन धर्म परिवर्तन के लिए बदनाम घोटकी और काशमोर के मियां अब्दुल हक उर्फ मियां मिट्ठू ने भी धमकी दी है। उसने कहा कि सिंध के हिंदुओं को सीमा की वापसी के लिए प्रयास करना चाहिए। हम नहीं चाहते कि कुछ उपद्रवी हिंदू मंदिरों और उनके घरों पर हमला करें। उसे ब्रिटिश सरकार ने प्रतिबंधित सूची में रखा हुआ है। मंदिरों पर हमले, खौफ से वहां नहीं जा रहे हिंदू डकैतों ने दहशत फैलाने के लिए सिंध के दो जिलों से 30 से अधिक हिंदुओं काे अगवा किया। साथ ही रॉकेट लॉन्चर से मंदिर पर हमला किया। डकैत धमकी दे रहे हैं कि अगर पाकिस्तानी सरकार सीमा रिंद (सीमा हैदर) को भारत से नहीं लाती है, तो हम और मंदिरों पर हमला करेंगे और हिंदू समुदाय को निशाना बनाएंगे। डैकतों की दहशत से हिंदुओं ने आंदोलन तक रोक दिया है। वे मंदिर भी नहीं जा रहे हैं।
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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं, दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपए प्रति लीटर बिक रहा
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आज यानी 21 जुलाई (शुक्रवार) को कोई बदलाव नहीं हुआ है। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपए लीटर है तो डीजल 89.62 रुपए लीटर के हिसाब से बिक रहा है। No change in the prices of petrol and diesel
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आज यानी 21 जुलाई (शुक्रवार) को कोई बदलाव नहीं हुआ है। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपए लीटर है तो डीजल 89.62 रुपए लीटर के हिसाब से बिक रहा है। वहीं मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपए और डीजल 94.27 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। एक साल से ज्यादा समय से पेट्रोल-डीजल के दाम में बदलाव नहीं हुआ है। एक साल से ज्यादा समय से नहीं बदले पेट्रोल-डीजल के दाम आखिरी बार 21 मई 2022 में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव किया गया था। तब पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क घटाया गया था। इससे पेट्रोल और डीजल के दाम 9.5 रुपए और 7 रुपए कम हो गए थे। हालांकि पिछले महीने 10 जून को पंजाब सरकार ने पेट्रोल वैट दर में करीब 1.08% की बढ़ोतरी की गई है। इससे पेट्रोल प्रति लीटर 92 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया। जबकि डीजल वैट दर में 1.13% बढ़ोतरी होने से यह 90 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया। वहीं जुलाई 2022 में, महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर VAT में 5 रुपए और 3 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी। 16 राज्यों में पेट्रोल 100 के ऊपर देश के 16 राज्यों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के ऊपर है। मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मणिपुर, तेलंगाना, पंजाब, झारखंड, सिक्किम, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के सभी जिलों में पेट्रोल 100 रुपए के ऊपर बिक रहा है। वहीं डीजल भी ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 100 रुपए से ऊपर है। राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल भारत में सबसे महंगा फ्यूल राजस्थान के श्रीगंगानगर में बिक रहा है। यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 113.30 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 98.07 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है। वहीं महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल 109.26 रुपए प्रति लीटर और डीजल 95.66 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं पोर्ट ब्लेयर में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल बिक रहा है। यहां पेट्रोल की कीमत 84.10 रुपए प्रति लीटर और डीजल का भाव 79.74 रुपए प्रति लीटर है। रोजाना सुबह 6 बजे अपडेट होते हैं रेट तेल कंपनियों की ओर से पेट्रोल-डीजल के कीमत और कच्चे तेल के दाम हर दिन सुबह 6 बजे जारी होते हैं। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स, ढुलाई की लागत और डीलर कमीशन शामिल होता है।
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विस्फोट जैसी आवाज आई; भगदड़ की वजह से पुलिस लाइन में कई जवान घायल
Rajasthan Jaipur Earthquake Latest News Updates - राजस्थान की राजधानी जयपुर शुक्रवार को भूकंप से हिल गई। यहां सुबह 4 बजकर 9 मिनट से 4 बजकर 25 मिनट के बीच 3 झटके महसूस किए गए
राजस्थान की राजधानी जयपुर शुक्रवार को भूकंप से हिल गई। यहां सुबह 4 से साढ़े 4 बजे के बीच 22 मिनट के अंतराल में 5 झटके महसूस किए गए। भूकंप से बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पुलिस लाइन में जवानों के बीच ही भगदड़ मच गई, इस दौरान कई जवान घायल हो गए। पुलिस लाइन में पदस्थ अधिकारियों के मुताबिक करीब 15 जवान चोटिल हुए हैं, उन्हें SMS के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया, हालांकि किसी को भी गंभीर चोट नहीं आई है और प्राथमिक उपचार के बाद सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलोजी के अनुसार 5 झटके आए थे। भूकंप का पहला और सबसे बड़ा झटका 4 बजकर 9 मिनट पर आया, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.4 थी। दूसरा झटका 4 बजकर 11 मिनट पर 2.5 की तीव्रता के साथ, तीसरा झटका 4 बजकर 22 मिनट पर 3.1 की तीव्रता से, चौथा झटका 4 बजकर 25 मिनट पर आया, जो 3.4 तीव्रता का था और पांचवा 4 बजकर 31 मिनट पर आया, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.5 रही। स्थानीय लोगों ने बताया कि एक के बाद एक भूकंप के झटके महसूस किए। विस्फोट जैसी आवाज सुनाई दी। लोग डर की वजह से सुबह 4 बजे घरों और अपार्टमेंट्स से बाहर निकल आए। भूकंप के बाद कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी का ट्वीट... ऐसा लगा जैसे जहाज गिर रहा हो मानसरोवर इलाके के शिप्रा पथ स्थित यूनीक प्राइम अपार्टमेंट में रहने वाले गौरव बहादुर थापा ने बताया कि बहुत जोर से बिल्डिंग हिलने की आवाज आई। ऐसा लगा जैसे जहाज गिर रहा है। विद्याधर नगर में रहने वाले बुजुर्ग रामस्वरूप अग्रवाल ने बताया कि जयपुर में इससे पहले भी झटके महसूस किए हैं, लेकिन इतना तेज भूकंप पहली बार महसूस हुआ। पार्क में जाकर बैठे लोग छोटे से अंतराल में पांच बार झटके आने की वजह से लोग सहम गए और आसपास स्थित पार्क व खुले मैदानों में जाकर बैठ गए। वहीं कुछ लोग सड़क पर कुर्सी लगाकर स्थिति सामान्य होने का इंतजार करते रहे। अब जानिए भूकंप क्यों आता है? हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। भूकंप की तीव्रता से उसकी भयावहता समझिए... एक्सपर्ट का दावा- अरावली पर्वतमाला की दरार एक्टिव हुई, आते रहेंगे भूकंप जयपुर जोन-2 और पश्चिमी राजस्थान जोन-3 में आता है। इसमें सामान्य भूकंप के झटके आते हैं। भूगोल के जानकार डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा(दरार) है। यह भ्रंश रेखा राजस्थान के पूर्वी तट से होते हुए धर्मशाला तक जा कर मिलती है। इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भरतपुर इलाके शामिल हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि अरावली पहाड़ में जो दरारे हैं, उनमें हलचल शुरू हो चुकी है। अब ऐसे भूकंप के झटके जयपुर समेत इससे सटे हुए अन्य इलाकों में भी आते रहेंगे। भूकंप कई तरह से आता है, इसे फॉल्ट लाइन भी कहते हैं, ये तीन तरह की होती है... 1. रिवर्स फॉल्ट- भूकंप के दौरान जमीन का एक हिस्सा ऊपर की तरफ उठता है। 2. नॉर्मल फॉल्ट- इस फॉल्ट में जमीन का एक हिस्सा नीचे की तरफ जाता है। 3. स्ट्राइक स्लिप फॉल्ट- टेक्टोनिक प्लेट्स में घर्षण होने की वजह से जमीन का एक हिस्सा आगे या पीछे की तरफ खिसकता है। नीचे दी गई तस्वीर में तीनों ही तरह की दरारों को देख सकते हैं। जयपुर में धरती कांपने और उसके बाद के हालात तस्वीरों में देखिए...
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रोहित शर्मा के बतौर ओपनर सबसे तेज 2 हजार रन; देखिए टॉप रिकॉर्ड्स
India vs West Indies Test Record Kohli Returns with 87 Runs, Breaks Records! भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जा रहा है। यह दोनों टीमों के बीच 100वां टेस्ट भी है।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जा रहा है। यह दोनों टीमों के बीच 100वां टेस्ट भी है। अपना 500वां इंटरनेशनल मुकाबला खेल रहे कोहली 87 रन बनाकर नॉट आउट लौटे। वह इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले 5वें बैटर बन गए। उन्होंने जैक कैलिस को पीछे छोड़ा। कोहली के अलावा युवा यशस्वी जायसवाल और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने पहले दिन एक-एक रिकॉर्ड बनाया। मैच के ऐसे ही टॉप-4 रिकॉर्ड्स आगे स्टोरी में हम जानेंगे... 1. इंटरनेशनल क्रिकेट के टॉप-5 स्कोरर में शामिल हुए विराट विराट कोहली दूसरे टेस्ट के पहले दिन 87 रन बनाकर नॉट आउट रहे। इस पारी के साथ उनके इंटरनेशनल क्रिकेट में 25,548 रन पूरे हो गए हैं। वह इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैटर्स में 5वें नंबर पर पहुंच गए। उन्होंने साउथ अफ्रीका के दिग्गज ऑलराउंडर जैक कैलिस को पीछे छोड़ा। कैलिस के नाम 519 मैच में 25,534 रन हैं। कोहली से आगे चौथे नंबर पर श्रीलंका के महेला जयवर्धने हैं, उनके नाम 652 मैच में 25,957 रन हैं। सचिन तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है, उन्होंने 34,357 रन बनाए हैं। 2. रोहित के बतौर ओपनर 2 हजार टेस्ट रन पूरे, भारतीयों में सबसे तेज रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट में बतौर ओपनर 2 हजार रन पूरे हो गए। वह 40 पारियों में ही इस मुकाम तक पहुंच गए। सबसे कम पारियों में ऐसा करने वाले भारतीय ओपनर्स में रोहित ने राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग की बराबरी की। दोनों ही बैटर्स ने 40-40 पारियों में ओपनिंग करते हुए 2000 रन पूरे किए थे। 3. 500 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले 10वें खिलाड़ी बने कोहली भारत के बैटर विराट कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच शुरू होते ही अनोखा मुकाम हासिल किया। वह तीनों फॉर्मेट मिलाकर 500 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले दुनिया के 10वें खिलाड़ी बने। कोहली ने 111 टेस्ट के अलावा 274 वनडे और 115 टी-20 भी खेले हैं। विराट से पहले 6 बैटर्स और 3 ऑलराउडंर्स ही 500 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेल सके। 4. शुरुआती 2 पारियों में भारत के तीसरे टॉप स्कोरर बने यशस्वी युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल टेस्ट की शुरुआती दो पारियों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ियों में तीसरे नंबर पर पहुंच गए। उन्होंने पहले टेस्ट में 171 रन बनाए थे और अब दूसरी पारी में 57 रन बनाकर आउट हुए। इस तरह उनके शुरुआती 2 पारियों में 228 रन हो गए। शुरुआती 2 पारियों में यशस्वी से ज्यादा रन भारत से सौरव गांगुली (267 रन) और रोहित शर्मा (288 रन) ही बना सके। इस मामले में यशस्वी ने शिखर धवन (210 रन), पृथ्वी शॉ (204 रन), सुरेश रैना (182 रन) और राहुल द्रविड़ (179 रन) को पीछे छोड़ा। भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट की ये खबरें भी पढ़ें... दूसरे टेस्ट के पहले दिन भारत ने 288 रन बनाए टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट की पहली पारी में मजबूत शुरुआत की है। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने चार विकेट पर 288 रन बना लिए हैं। 500वां इंटरनेशनल मुकाबला खेल रहे विराट कोहली ने अर्धशतकीय पारी खेली, वह 87 रन बनाकर नॉट आउट रहे। उनके साथ रवींद्र जडेजा 36 रन बनाकर नॉट आउट रहे। पढ़ें पूरी खबर... यशस्वी को जीवनदान, एथनाज ने टपकाया आसान कैच भारत-वेस्टइंडीज 100वें टेस्ट का पहला दिन रोमांच से भरा रहा। इस दिन टीम इंडिया की ओर से यशस्वी जायसवाल, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की आकर्षक बल्लेबाजी देखने को मिली, तो वारिकन और गेब्रियल जैसे कैरेबियाई गेंदबाजों ने रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे के स्टंप्स भी बिखेरे। साथ ही करियर का 500वां इंटरनेशनल मुकाबला खेल रहे विराट कोहली ने कमाल की कवर ड्राइव लगाई। पढ़ें पूरी खबर...
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60% महिलाएं चूल्हे पर बनाती हैं खाना, घर में मोबाइल-टीवी तक नहीं
NITI Aayog Multidimensional Poverty Index - Rajasthan Poverty In Kota, Pratapgarh. केंद्र और राज्य की सरकारों के विकास के तमाम दावों के बावजूद राजस्थान में अब भी 60 प्रतिशत आबादी बिना गैस सिलेंडर चूल्हे पर रोटी बना रही है।
केंद्र और राज्य की सरकारों के विकास के तमाम दावों के बावजूद राजस्थान में अब भी 60 प्रतिशत आबादी बिना गैस सिलेंडर चूल्हे पर रोटी बना रही है। 34 प्रतिशत आबादी को पूरा पोषण नहीं मिल पा रहा। वहीं लाखों लोगों के पास पीने का पानी, बिजली और यहां तक कि रेडियो, मोबाइल या टीवी तक नहीं है। हालांकि पिछले 5 साल में 1 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। सबसे कम गरीब कोटा में हैं, इसके बाद राजधानी जयपुर में। ये खुलासा हाल ही में आई नीति आयोग की मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स रिपोर्ट में हुआ है। भास्कर ने इस रिपोर्ट में राजस्थान में गरीबी, पोषण, मृत्यु दर, हेल्थ, पढ़ाई, स्कूल अटेंडेंस, सेनिटेशन, पानी-बिजली, हाउसिंग को लेकर आए सर्वे की पड़ताल की। पढ़िए, इस रिपोर्ट में… राजस्थान में अब भी 15% से ज्यादा आबादी गरीब इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान में अब भी 15.31 प्रतिशत लोग गरीब हैं। हालांकि, 2015-16 में हुए नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के अनुसार राजस्थान में 28.86 प्रतिशत लोग गरीब थे। वर्तमान सर्वे में ये 13.55 प्रतिशत घटकर 15.31 प्रतिशत हो गए हैं। शहरों के मुकाबले राजस्थान के ग्रामीण इलाकों से गरीबी ज्यादा घटी है। चार साल में जहां ग्रामीण इलाकों में 34.53 प्रतिशत के मुकाबले गरीबी घटकर 18.62 प्रतिशत रह गई है। अगर शहरी क्षेत्र की बात करें तो 11.21 प्रतिशत के मुकाबले यह घटकर 4.54 प्रतिशत हो गई है।नीति आयोग की इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि इन चार साल में 1 करोड़ 8 लाख 16 हजार 230 लोग गरीबी से बाहर आए हैं। ये पूरे देश में यूपी, बिहार और एमपी के बाद सर्वाधिक है। शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान सबसे आगे राजस्थान में अब सिर्फ 10.06 प्रतिशत परिवार ही ऐसे रह गए हैं जिनमें परिवार के किसी सदस्य ने प्राइमरी तक की पढ़ाई नहीं की है। 2015-16 में यह आंकड़ा 17.09 प्रतिशत था। पूरे देश में इस मामले में सबसे ज्यादा सुधार राजस्थान ने किया है। वहीं बैंक या पोस्ट ऑफिस में अकाउंट के मामले में भी राजस्थान तमाम बड़े राज्यों में सबसे आगे है। राजस्थान में अब सिर्फ 2.18 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जिनके परिवार में से किसी भी सदस्य का बैंक या पोस्ट ऑफिस में अकाउंट नहीं है। इन मामलों में पिछड़े राजस्थान में अब भी 34.09 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनका परिवार पूर्ण रूप से पोषित नहीं है। वहीं राजस्थान के 60 प्रतिशत से ज्यादा घरों में आज भी सिलेंडर नहीं है। वहां आज भी चूल्हे पर खाना बनता है। इसके अलावा 29 प्रतिशत से ज्यादा परिवार ऐसे हैं जहां आज भी घर का एक्सक्लूसिव टॉयलेट नहीं है। वहीं 10 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा 45 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास राजस्थान में अब भी पक्के मकान नहीं हैं। वहीं 10 प्रतिशत से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिनके पास संपत्ति के नाम पर कुछ नहीं हैं। 5 साल में घटे 1 करोड़ गरीब राजस्थान में 5 साल में 1 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आ गए। 2015-16 में 28.68 प्रतिशत लोग गरीब थे। जबकि 2019-21 के सर्वे में 15.31 प्रतिशत लोग गरीब रहे। इस दौरान 1 करोड़ 8 लाख 16 हजार 230 लोग गरीबी से बाहर आ गए। राजस्थान देश की कुल आबादी का 5.82 प्रतिशत हिस्सा शेयर करता है। राजस्थान के अलावा यूपी से 3.42 करोड़, बिहार से 2.25 करोड़, एमपी से 1.35 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए। प्रतापगढ़ सबसे गरीब जिला, कोटा में सबसे कम गरीब राजस्थान में सबसे ज्यादा गरीबी प्रतापगढ़ जिले में है। यहां 29.68 प्रतिशत लोग अब भी गरीब हैं। वहीं इसके बाद बांसवाड़ा दूसरे और धौलपुर तीसरा सबसे गरीब जिला है। राजस्थान में कोटा ऐसा जिला है जहां सबसे कम 5.59 प्रतिशत लोग ही गरीब हैं। वहीं उसके बाद जयपुर का नंबर आता है। यहां 7.40 प्रतिशत गरीब हैं। उदयपुर-बाड़मेर से सबसे ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए पिछले सर्वे के मुकाबले देखें तो उदयपुर जिले से सबसे ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए। उदयपुर से 33.08 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर आए। वहीं बाड़मेर से 32.90 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर आए। वहीं सबसे कम झुंझुनू से 3.44 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर निकले। वहीं बीकानेर से भी सिर्फ 4.51 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर निकले। पोषण : राजस्थान की 34 प्रतिशत आबादी अल्पपोषित राजस्थान की फिलहाल 34.09 प्रतिशत आबादी को पूर्ण पोषण नहीं मिल रहा है। पिछले हेल्थ सर्वे में ये संख्या 42.62 प्रतिशत थी। अब ताजा सर्वे के मुताबिक 8.53 प्रतिशत आबादी इससे बाहर आ गई है। राजस्थान इस मामले में देश में 8वें नंबर पर है। मृत्यु दर : राजस्थान में 18 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 2.12 प्रतिशत राजस्थान में यह मृत्यु दर 2.14 प्रतिशत है। पिछले सर्वे के मुकाबले इसमें 0.81 प्रतिशत की कमी आई है। राजस्थान इस मामले में देश में सातवां सबसे प्रभावित राज्य है। पिछले सर्वे में यह 2.95 प्रतिशत थी। इस मामले में बिहार सबसे आगे है। यहां 4.14 प्रतिशत मृत्यु दर है। मैटरनल हेल्थ : 21.17 प्रतिशत महिलाओं को डिलीवरी के बाद हैल्थकेयर नहीं राजस्थान में 21.17 प्रतिशत महिलाओं को प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद प्रॉपर हेल्थ केयर नहीं मिल पाता है। पिछले सर्वे में यह दर 26.33 प्रतिशत थी। इसमें 5.16 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इस मामले में भी बिहार सबसे प्रभावित राज्य है। वहां यह दर 37.21 प्रतिशत है। राजस्थान इस मामले में नौवां सबसे प्रभावित राज्य है। इस सर्वे में सबसे टॉप में बिहार गैस सिलेंडर : 60.56 प्रतिशत घरों में चूल्हे से बन रही रोटी राजस्थान में 60.56 प्रतिशत घरों में गैस सिलेंडर नहीं है। पिछले सर्वे में यह आंकड़ा 69.44 प्रतिशत था। राजस्थान इस मामले में आठवां सबसे प्रभावित राज्य है। इस मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित झारखंड है। वहां अब भी 69.12 प्रतिशत घरों में सिलेंडर नहीं है। पढ़ाई : 10 प्रतिशत परिवार ऐसे जिनका एक भी सदस्य प्राइमरी नहीं पढ़ा राजस्थान में 10.06 प्रतिशत परिवार अब भी ऐसे हैं जिन्होंने प्राइमरी तक की पढ़ाई नहीं की। पिछले सर्वे में यह आंकड़ा 17.09 प्रतिशत था। राजस्थान इस मामले में 15वां सबसे प्रभावित राज्य है। हालांकि राजस्थान इस मामले में सबसे ज्यादा सुधार करने वाला राज्य है। पिछले सर्वे के मुकाबले इसमें 7.03 प्रतिशत की कमी है। यहां भी बिहार सबसे प्रभावित राज्य है। बिहार के 22.29 प्रतिशत परिवार में एक भी व्यक्ति ने प्राइमरी की पढ़ाई नहीं की। स्कूल अटेंडेंस : 13-14 साल के 4.25 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जाते, राजस्थान ने सबसे ज्यादा सुधार किया राजस्थान में 4.25 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जहां 13-14 साल की उम्र तक या 8वीं कक्षा में पहुंचने की उम्र तक कोई बच्चा स्कूल ही नहीं जाता है। इस मामले में राजस्थान 13वीं रैंक पर है। पिछले सर्वे में यह दर 8.48 प्रतिशत थी। इस मामले में उत्तर प्रदेश सबसे प्रभावित राज्य है। वहां सबसे ज्यादा 10.91 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जहां 13-14 साल तक की उम्र तक भी कोई पढ़ाई नहीं कर रहा। सेनिटेशन : 29.03 प्रतिशत घरों में टॉयलेट ही नहीं राजस्थान ने सेनिटेशन में काफी सुधार किया है। अब राजस्थान में 29.03 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जिनके पास टॉयलेट नहीं हैं। हालांकि पिछले सर्वे तक ऐसे परिवारों की संख्या 53.90 प्रतिशत थी। इस मामले में भी सबसे खराब स्थिति बिहार की ही है। बिहार के 50.78 प्रतिशत घरों में अब भी टॉयलेट नहीं है। पीने का पानी : 10.24 प्रतिशत परिवारों को 30 मिनट चलने पर भी साफ पानी नहीं राजस्थान में 10.24 प्रतिशत परिवारों के पास अब भी पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है। पिछले सर्वे में यह संख्या 19.18 प्रतिशत थी। इसमें राजस्थान देश का नौवां सबसे प्रभावित राज्य है इसमें सबसे प्रभावित राज्य मणिपुर है। जहां 26.77 प्रतिशत लोगों को पीने का साफ पानी नहीं। बिजली : अब सिर्फ 1.86 प्रतिशत परिवारों में ही बिजली नहीं राजस्थान में अब सिर्फ 1.86 प्रतिशत परिवारों में ही बिजली नहीं है। पिछले सर्वे में यह आंकड़ा 8.73 प्रतिशत था। इस मामले में सबसे पिछड़ा राज्य यूपी है जहां 9.16 प्रतिशत परिवारों में बिजली नहीं है। बैंक अकाउंट : बड़े राज्यों में सबसे आगे राजस्थान, लगभग 98 प्रतिशत के पास बैंक अकाउंट राजस्थान में सिर्फ 2.18 प्रतिशत परिवार ही ऐसे हैं जिनके पास कोई बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट नहीं है। राजस्थान में पिछले सर्वे में यह आंकड़ा 4.03 प्रतिशत था। इस मामले में राजस्थान से बेहतर सिर्फ केंद्रशासित प्रदेश और छोटा राज्य हिमाचल प्रदेश है। हाउसिंग : 45 प्रतिशत परिवारों के पास पक्के मकान नहीं राजस्थान में 45.73 प्रतिशत परिवारों के पास पक्का मकान नहीं है। जबकि पिछले सर्वे में यह आंकड़ा 35.55 प्रतिशत था। इस मामले में सबसे प्रभावित स्टेट मणिपुर है। मणिपुर में 75.50 प्रतिशत परिवारों के पास घर नहीं है। असेट ओनरशिप : 10.77 प्रतिशत परिवारों के पास खुद का रेडियो तक नहीं राजस्थान में ऐसे 10.77 प्रतिशत परिवार हैं जिनके पास खुद का रेडियो, टीवी या फोन तक नहीं है। पिछले सर्वे में ऐसे 20.50 प्रतिशत लोग थे। सबसे खराब स्थिति मेघालय की है। जहां 37.07 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं। राजस्थान इस मामले में 14वीं रैंक पर है।
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अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा; जानिए मैरिटल रेप केस की पूरी कहानी
Supreme Court On Marital Rape Cases - Follow Marital rape Definition, Laws, and Relevance in India On Dainik Bhaskar. पति का अपनी पत्नी से जबरदस्ती संबंध बनाना रेप है या नहीं? अब सुप्रीम अदालत में इस मामले में फैसला होना है। 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप के मामले में सुनवाई की बात कही है
पति का अपनी पत्नी से जबरदस्ती संबंध बनाना रेप है या नहीं? ये अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। 19 जुलाई यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप के मामले में सुनवाई की बात कही है। भारत दुनिया के उन 49 देशों में शामिल है, जहां पत्नी से रेप करने वाले पति को समाज के साथ कानून भी दोषी नहीं मानता है। केंद्र सरकार मैरिटल रेप को अपराध मानने के पक्ष में नहीं है। सरकार का मानना है कि इससे विवाह सिस्टम कमजोर होगा। भास्कर एक्सप्लेनर में जानते हैं कि मैरिटल रेप क्या होता है, भारत में इस पर क्या कानून है और सुप्रीम कोर्ट में किन मामलों में सुनवाई होनी है? दो हाईकोर्ट के फैसलों और कई याचिकाओं पर होनी है सुनवाई मैरिटल रेप से जुड़े मामले में दिल्ली और कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके अलावा मैरिटल रेप को IPC की धारा 375 में शामिल नहीं करने पर भी सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुई हैं। इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की लिस्टिंग की है। दिल्ली हाईकोर्ट का मामला: इसी साल 19 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में मैरिटल रेप का मामला पहुंचा था। जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने इस मामले की विस्तृत सुनवाई की थी, लेकिन पिछले साल 11 मई 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने अलग-अलग फैसला दिया था। जस्टिस राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार के अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया था। वहीं, जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि IPC के तहत अपवाद असंवैधानिक नहीं है और एक समझदार अंतर पर आधारित है। कर्नाटक हाईकोर्ट का मामला: 23 मार्च 2023 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने पति पर लगाए गए रेप के आरोपों को समाप्त करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में IPC की धारा 375 में दिए गए अपवाद को मानने से इनकार कर दिया। कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने इस मामले में कहा था कि तथ्यों के आधार पर इस तरह के यौन हमले/दुष्कर्म के लिए पति को पूरी छूट नहीं दी जा सकती है। मैरिटल रेप क्या है और भारत में इस पर क्या कानून हैं? बिना पत्नी की इजाजत के पति द्वारा जबरन सेक्स संबंध बनाने को मैरिटल रेप कहा जाता है। मैरिटल रेप को पत्नी के खिलाफ एक तरह की घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न माना जाता है। भारत में मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना जाता है। पिछले कुछ सालों के दौरान मैरिटल रेप को अपराध बनाने वाले कानून बनाने की मांग तेज हुई है। दिल्ली हाईकोर्ट 2015 से ही इस मामले पर कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर कोई कानून बनाने से पहले एक व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है, क्योंकि ये समाज पर गहरा प्रभाव डालेगा। भारत में मैरिटल रेप पर कानून: रेप को दंडनीय अपराध घोषित करने वाले इंडियन पीनल कोड यानी IPC की धारा 375 के (अपवाद-2) के मुताबिक मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना गया है। इस अपवाद के अनुसार यदि कोई पुरुष अपनी पत्नी से सेक्स संबंध बनाता है और अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं है, तो इसे रेप नहीं माना जाएगा। यानी भारत में अगर पति अपनी पत्नी की सहमति या बिना सहमति के सेक्स संबंध बनाता है और पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं है, तो उसे रेप नहीं माना जाता है। इसका ये भी मतलब है कि पति अगर जबरन सेक्स संबंध बनाए तो भी वह अपराध और रेप नहीं माना जाएगा। रेप को लेकर क्या कहता है भारतीय कानून किसी पुरुष द्वारा महिला के साथ जबरन सेक्स संबंध बनाने को IPC की धारा 375 के अनुसार रेप माना जाता है। रेप को परिभाषित करने के लिए IPC की धारा 375 में 6 वजहें बताई गई हैं: ऊपर बताई गई वजहों में से कोई भी भारत में शादी के बाद सेक्स संबंधों पर लागू नहीं होती है। यानी पति पत्नी से उसकी मर्जी के बिना या जबरन सेक्स संबंध बना सकता है और ऐसा करना अपराध नहीं है। रेप कानून से जुड़ी IPC की धारा 375 से अपवाद हटाने के लिए 4 तरह के तर्क दिए जा रहे हैं… 1. मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानना एक तरह से संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत दिए जाने वाला समानता, गरिमा पूर्ण जीवन, व्यक्ति के सम्मान और सेक्शुअल-पर्सनल जीवन में स्वतंत्रता के अधिकारों के खिलाफ है। 2. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानना एक तरह से विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच एक वर्गीकरण करता है। इस तरह IPC की धारा 375 में अपवाद वाला हिस्सा एक विवाहित महिला से यौन गतिविधि के लिए सहमति देने का अधिकार छीन लेता है। 3. याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया है कि IPC में यह प्रावधान संविधान लागू होने से पहले जोड़ा गया था, ऐसे में अब इसकी जरूरत नहीं है। 4. 2012 में 23 वर्षीय महिला के साथ दिल्ली में हुए गैंगरेप के बाद आपराधिक कानून सुधार के लिए जे एस वर्मा समिति बनाई गई थी। 2013 में इस समिति ने मैरिटल रेप को IPC की धारा 375 के अपवाद से हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने तब इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया था। मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानने के पीछे 2 तरह की बातें हैं… 1. स्थायी सहमति: जब कोई महिला एक पुरुष से शादी करती है तो वह एक तरह से अपने पति को संबंध बनाने के लिए स्थायी सहमति देती है, जिससे वह मुकर नहीं सकती है। औपनिवेशिक काल से चले आ रहे इस तरह के विचार इस पर आधारित हैं कि एक महिला अपने पति की 'संपत्ति' है। 2. सेक्स की अपेक्षा: एक महिला से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपने पति की यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए बाध्य है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि विवाह का मुख्य उद्देश्य बच्चा पैदा करना है। यही वजह है कि महिला अपने पति से संबंध बनाने की बात से इनकार नहीं कर सकती है। मैरिटल रेप को अपराध मानने से इनकार कर चुकी है भारत सरकार 2016 में मोदी सरकार ने मैरिटल रेप के विचार को खारिज कर दिया था। सरकार ने कहा था कि देश में अशिक्षा, गरीबी, ढेरों सामाजिक रीति-रिवाजों, मूल्यों, धार्मिक विश्वासों और विवाह को एक संस्कार के रूप में मानने की समाज की मानसिकता जैसे विभिन्न कारणों से इसे भारतीय संदर्भ में लागू नहीं किया जा सकता है। 2017 में, सरकार ने IPC की धारा 375 के मैरिटल रेप को अपराध न मानने के कानूनी अपवाद को हटाने का विरोध किया था। सरकार ने तर्क दिया था कि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने से विवाह की संस्था अस्थिर हो जाएगी और इसका इस्तेमाल पत्नियों द्वारा अपने पतियों को सजा देने के लिए किया जाएगा। केंद्र ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में मैरिटल रेप पर चल रही सुनवाई के दौरान कहा कि केवल इसलिए कि अन्य देशों ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित कर दिया है, भारत को भी ऐसा करने की जरूरत नहीं है। 19वीं सदी में इंग्लैंड के कानून ने माना कि मैरिटल रेप होता है जोनाथन हेरिंग की किताब फैमिली लॉ (2014) के मुताबिक, ऐतिहासिक रूप से दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में ये धारणा थी कि पति पत्नी का रेप नहीं कर सकता, क्योंकि पत्नी को पति की संपत्ति माना जाता था। 20वीं सदी तक अमेरिका और इंग्लैंड के कानून मानते थे कि शादी के बाद पत्नी के अधिकार पति के अधिकारों में समाहित हो जाते हैं। 19वीं सदी की शुरुआत में नारीवादी आंदोलनों के उदय के साथ ही इस विचार ने भी जन्म लिया कि शादी के बाद पति-पत्नी के सेक्स संबंधों में महिलाओं की सहमति का अधिकार उनका मौलिक अधिकार है। भास्कर एक्सप्लेनर की ये खबरें भी पढ़ें... 1. क्या है अल-नीनो जो मानसून पर बनेगा संकट:कई राज्यों में सूखे की आशंका; हिंद महासागर की ठंडी हवाओं से मिलेगी राहत मानसून आते ही दो शब्द अक्सर चर्चा में आ जाते हैं- ला-नीनो और अल-नीनो। स्पेनिश भाषा के ये शब्द इस बार भी सुनाई दे रहे हैं। 8 जून को केरल में मानसून की पहली बारिश हुई और उसी दिन अमेरिकी एजेंसी NOAA यानी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि प्रशांत महासागर में अल-नीनो आ गया। भारत में इसे बुरी खबर मानकर चर्चा शुरू हो गई। ऐसे में आज भास्कर एक्सप्लेनर में जानते हैं कि ये अल-नीनो है क्या, इसमें ला-नीनो से अलग क्या है और भारत के लिए ये बुरी खबर क्यों है? पूरी खबर यहां पढ़ें 2. मानसून के बूते भारत सदियों तक नंबर वन इकोनॉमी रहा:इसी वजह से हम गुलाम बने, आखिर इतना ताकतवर मानसून बना कैसे मानसून ने भारत को अंग्रेजों का गुलाम बनाया। अमेरिका और चीन छोड़िए, मानसून के बूते भारत सदियों तक दुनिया की नंबर वन इकोनॉमी रहा। मानसून ही सरकार का बहीखाता चलाता है। चौंकिए मत, ये सच है। मानसून ताकतवर है ही, पर कैसे…? आज मंडे मेगा स्टोरी में सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं इस सवाल का जवाब… पूरी खबर यहां पढ़ें
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IIT मद्रास में पढ़ी, 21 साल से पढ़ा रही, अब तंजानिया में संभालूंगी आईआईटी की कमान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास अक्टूबर 2023 में तंजानिया के जांजीबार में पहला अंतरराष्ट्रीय कैंपस खोलने जा रहा है। इस कैंपस की डायरेक्टर-इन-चार्ज की कमान प्रीति अघालयम संभालेंगी।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास अक्टूबर 2023 में तंजानिया के जांजीबार में पहला अंतरराष्ट्रीय कैंपस खोलने जा रहा है। इस कैंपस की डायरेक्टर-इन-चार्ज की कमान प्रीति अघालयम संभालेंगी। वह न केवल आईआईटी जांजीबार की पहली महिला डायरेक्टर-इन-चार्ज हैं बल्कि आईआईटी की ही पहली महिला डायरेक्टर-इन-चार्ज हैं। कर्नाटक के मैसूर में जन्मीं प्रीति अघालयम का आईआईटी मद्रास से पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने 1995 में यहीं से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की थी। अब वह 21 साल से प्रोफेसर हैं। 'ये मैं हूं' में जानिए प्रोफेसर प्रीति अघालयम का सफल सफर: पापा, दादा और मां को देख प्रोफेसर बनने का सोचा मुझे बचपन से साइंस में दिलचस्पी रही है। पापा केमिस्ट्री के प्रोफेसर रहे हैं। दादाजी भी एकेडमिक्स से जुड़े रहे। वह राइटर रहे हैं। उन्हें देख मैंने भी एक किताब लिखी। पापा को टीचिंग बहुत पसंद रही है। जब मैं हाईस्कूल में थी तब मां ने 45 की उम्र में पीएचडी की। मां की मेहनत को देख मैं बहुत प्रभावित हुई। मैंने इन सभी लोगों से प्रोफेसर बनने की प्रेरणा ली। मैं बचपन में ही तय कर चुकी थी कि मुझे साइंटिस्ट या प्रोफेसर बनना है। मैंने अपना फोकस इसी फील्ड पर रखा। मेरा मानना है कि अगर दिमाग पहले से ही क्लीयर हो तो लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है। किताबें बचपन से ही मेरी दोस्त रहीं। JEE में आई रैंक तो सबने कहा-बेटी को IIT भेजो 12वीं के बाद जब JEE में रैंक मिली तो मैं केमिकल इंजीनियरिंग करना चाहती थी। JEE में रैंक का मतलब है, आईआईटी में जाने का पूरा मौका है। मेरे पेरेंट्स ने काफी लोगों से इस बारे में बात की और सभी ने इसे सुनहरा अवसर बताया। पेरेंट्स ने 1991 में मुझे चेन्नई भेज दिया। आईआईटी मद्रास से जब मैं केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक कर रही थी तो मुझे बहुत मजा आया। यहां का माहौल, अच्छी फैकल्टी और एजुकेशन क्वालिटी वर्ल्ड क्लास है। शायद इसलिए मैं 21 साल से पढ़ा रही हूं। पीएचडी करना आसान नहीं है मैंने 2000 में यूनिवर्सिटी ऑफ मैसेचुसेट्स से पीएचडी की। पीएचडी में एडमिशन लेने के 1 साल बाद ही मेरी शादी हो गई। पीएचडी करना एक जबरदस्त जिम्मेदारी और मेहनत से भरा टास्क है। इसमें बहुत समय लगता है। कई बार मन में आता है कि रिसर्च खत्म ही नहीं हो रही। हम क्या कर रहे हैं? रिसर्च में यह भी नहीं पता होता कि जिन सवालों के जवाब हम तलाश कर रहे हैं, वह मिलेंगे भी या नहीं। एग्जाम देने के मुकाबले रिसर्च बहुत मुश्किल है। मैंने भी ऐसा ही महसूस किया लेकिन सफलता कई साल की गई मेहनत और थकान को खुशियों में बदल देती है। करियर की शुरुआत में हुई बेटी मैंने आईआईटी बॉम्बे में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर करियर ही शुरू किया, तभी मेरी बेटी हो गई। मुझे बच्चों को पढ़ाने की प्रैक्टिस तो थी लेकिन न्यू मॉम की प्रैक्टिस नहीं। यह मेरे लिए बहुत बड़ा चैलेंज था। मुझे लगता है कि करियर के साथ बेबी को संभालना किसी भी मां के लिए आसान नहीं होता। लेकिन मैं खुद को बहुत लकी मानती हूं कि मुझे हमेशा अपने हस्बैंड और फैमिली का सपोर्ट मिला। केमिकल इंजीनियरिंग में बढ़ानी है महिलाओं की संख्या आईआईटी मद्रास में कई इनोवेशन होते हैं। हमने 2 साल तक जेंडर एडवांसमेंट पर गहराई में जाकर रिसर्च की। मैं इसमें नोडल ऑफिसर बनी। इसका लक्ष्य अकैडमिक्स में लड़के-लड़कियों की एक जैसी भागीदारी थी। दरअसल केमिकल इंजीनियरिंग में लड़कियों की संख्या बहुत कम है। जब मैं पीएचडी कर रही थी तब 15 लोगों में 2-3 लड़कियां ही थीं। आज भी इस फील्ड का यही हाल है। मुझे लगता है कि इस फील्ड में महिलाएं भी अधिक संख्या में होनी चाहिए। हमारी सोसाइटी एक जैसी नहीं है इसलिए हम महिला रिसर्च स्कॉलर की सुविधाओं के बारे में सोच रहे हैं। केमिकल इंजीनियरिंग के बारे में लोगों की गलत धारणा समाज में यह धारणा है कि केमिकल इंजीनियरिंग मैकेनिकल इंजीनियरिंग की तरह है। इसमें लड़कियों का कोई काम नहीं है। यह कोर्स लड़कियों के लिए ठीक नहीं, इस फील्ड में नौकरियां नहीं हैं। जबकि यह सोच गलत है। इस सब्जेक्ट में भी रोजगार के कई अवसर हैं। इसमें रिसर्च, अकैडेमिक, इंडस्ट्रियल जॉब्स के साथ-साथ एंटरप्रिन्योरशिप करके आगे बढ़ने के कई सुनहरे अवसर हैं। अब लोग खुद केमिकल इंजीनियरिंग कर अपनी कंपनी सेटअप कर रहे हैं। समाज जो भी सोचे लेकिन लड़कियों को खुद पर भरोसा होना चाहिए। उन्हें अपनी काबिलियत पर शक नहीं होना चाहिए। वह इतनी काबिल हैं कि केमिकल इंजीनियरिंग कर आगे बढ़ सकती हैं। आगे बढ़ने से पहले पोल के जरिए बताएं अपनी राय: महिलाओं के लिए अब बढ़ रही सुविधाएं आईआईटी मद्रास में 67 विभाग हैं और 650 फैकल्टी रिसर्च कर रही हैं। महिलाएं भी इनका हिस्सा बन सकती हैं। इसके लिए महिलाओं के बीच जागरूकता बेहद जरूरी है। अब महिलाओं के लिए रोजगार के अच्छे अवसर हैं और सुविधाएं भी। महिलाओं को इस फील्ड में मोटिवेट करने के लिए हम अवॉर्ड देते हैं। उनकी रिसर्च की सराहना की जाती है। पीएचडी करने के दौरान अगर किसी महिला को बेबी होता है तो उन्हें 6 महीने की मैटरनिटी लीव भी मिलती है। उन्हें एक्स्ट्रा टाइम देने का साथ-साथ 6 महीने का स्टाइपन भी देते हैं। जबकि पीएचडी में 5 साल के बाद स्टाइपन देना बंद हो जाता है। महिलाएं पीएचडी में आगे आएं और अपनी रिसर्च पूरी करें, इसलिए हमने यह कदम उठाए हैं। आईआईटी जांजीबार को रिप्रेजेंट करना एक चैलेंज अक्टूबर से जांजीबार में 2 कोर्स शुरू किए जाएंगे। एक डायरेक्टर होने के नाते मेरे लिए काफी चैलेंज हैं। इस कैंपस को 1 साल के लिए नहीं, हजारों सालों के लिए आगे लेकर जाना है। मैं वहां आईआईटी मद्रास को रिप्रेजेंट करूंगी तो दबाव तो है ही। वहां फैकल्टी बनाना, कैंपस तैयार करना, उसमें स्टूडेंट्स की रहने की व्यवस्था करना, स्टूडेंट्स को एडमिशन के लिए चुनना… सब मैनेज करना होगा। समय कम है, काम ज्यादा और जिम्मेदारी बहुत बड़ी। वहां एक क्लासरूम में कई देशों के स्टूडेंट शामिल होंगे। उन्हें बेस्ट क्वालिटी की एजुकेशन देनी है। इसलिए बहुत स्मार्ट तरीके से काम करना होगा। बेटी की डिग्री कोई छीन नहीं सकता चूंकि मैं प्रोफेसर हूं इसलिए कई लोग मुझसे अपनी बेटी की एजुकेशन से जुड़ी सलाह लेते हैं। मेरी सभी पेरेंट्स को एक सलाह है कि अपनी बेटियों को पढ़ाएं और उन्हें काबिल बनाएं क्योंकि आपकी बेटी की डिग्री एक ऐसी चीज है जो उससे कोई नहीं छीन सकता। बेटियां किसी की नकल करने या किसी को फॉलो करने के लिए नहीं बनीं। वो अपनी काबिलियत तलाशें, अपना लक्ष्य खुद बनाएं और उसे हासिल करें। हर लड़की को पता होना चाहिए कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या गलत। मुझे खुशी है कि आज की लड़कियां बहुत बहादुर हैं। वह खुद ही पेरेंट्स को बोल देती हैं कि हमें आगे पढ़ना है। अभी शादी नहीं करनी।
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अब तक चार अरेस्ट; चुराचांदपुर में प्रदर्शन जारी, सुप्रीम कोर्ट बोला- सरकार एक्शन ले
Manipur Women Paraded Naked Video Reaction;मणिपुर में भीड़ ने दो महिलाओं को नग्न कर सड़क पर घुमाया। घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई।
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में दो और आरोपी अरेस्ट किए गए हैं। गुरुवार रात तक चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा- सरकार अपराधियों के लिए मौत की सजा पर विचार कर रही है। इससे पहले सुबह पहले एक आरोपी को सुबह और एक को शाम के वक्त गिरफ्तार किया गया था। यह घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके कुछ लोग ले जा रहे हैं। उनसे अश्लील हरकतें कर रहे हैं। घटना के विरोध में गुरुवार सुबह मणिपुर के चुराचांदपुर में प्रदर्शन शुरू हो गया। हजारों लोगों ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो देखकर हम बहुत परेशान हुए हैं। हम सरकार को वक्त देते हैं कि वो कदम उठाए। अगर वहां कुछ नहीं हुआ तो हम कदम उठाएंगे। वहीं, PM मोदी ने कहा कि इस घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। मणिपुर पुलिस ने किडनैपिंग, गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बाकियों की तलाश जारी है। मणिपुर CM एन बीरेन सिंह ने कहा है कि हम सभी आरोपियों की मौत की सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री बोले- मेरा दिल पीड़ा और क्रोध से भरा है PM मोदी ने कहा, 'मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है। ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है।' उन्होंने कहा- 'मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें। माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं। हिंदुस्तान के किसी भी कोने या किसी भी राज्य में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है।' SC बोला- यह संविधान का सबसे घृणित अपमान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। CJI ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। मणिपुर के वायरल वीडियो पर बयान... एक और वीडियो वायरल, इसमें मैतेई लोगों की हत्या का दावा महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कई लोगों के शव दिखाई दे रहे हैं। पोस्ट करने वाले शख्स ने दावा किया है कि ये वीडियो जून का है, जब कुकी समुदाय ने सुगनू इलाके के आसपास मैतेई गांवों में लोगों की हत्या की थी। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो की पुलिस ने अभी तक पुष्टि नहीं की है। वीडियो शेयर करने वाले ने देश के तमाम मीडिया हाउस, केंद्रीय मंत्रियों और मणिपुर के मुख्यमंत्री को भी टैग किया है। फेसबुक-ट्विटर पर वीडियो शेयर करने पर रोक न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार ने फेसबुक-ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्वस्त्र महिला की वीडियो को शेयर न करने का आदेश दिया है। आदेश का उल्लंघन होने पर केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ एक्शन ले सकती है। ​​​​​​ मामले की FIR में क्या है... पुलिस बोली- आरोपियों की तलाश जारी मणिपुर पुलिस ने बताया- वीडियो में भीड़ महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करती दिख रही है। महिलाएं रो रही हैं और भीड़ से गुहार लगा रही हैं। नांगपोक साकमई पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है, मामले की जांच की जा रही है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। 4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह... मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इम्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए। मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया। नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं। मणिपुर से जुड़ी भास्कर की ये एक्सक्लूसिव खबरें भी पढ़ें... ‘कुकी नजर आया तो गोली मार दूंगा’...पार्ट-1:मणिपुर के गांवों में बनीं विलेज फोर्स, बूढ़े-जवान राइफल लेकर बंकर में तैनात 29 जून की सुबह थी, हम होटल से इंफाल एयरपोर्ट के लिए निकल रहे थे। फोन बजा, कॉल एन बोबी सिंह का था। वे शायद दौड़कर कहीं जा रहे थे, हांफती आवाज में कहने लगे, ‘कुकी मिलिटेंट ने हमला कर दिया है, बंदूक लेकर मैं भी जा रहा हूं।’ फिर फोन डिस्कनेक्ट हो गया। पढ़ें पूरी खबर... कुकी के बंकर में हैंडमेड M17 मशीनगन...पार्ट-2:कमांडर बोला- मैतेई मिलिटेंट के लिए बनाए, CM हमारे बारे में झूठ बोलना बंद करें मणिपुर के कांगपोपकी जिले में है साइकुल कस्बा। 26 जून को जब हम यहां पहुंचे, तो इलाके के लोकल कुकी लीडर हमें इंफाल बॉर्डर पर मौजूद बंकर दिखाने ले गए। रास्ते में लगातार बंदूक लटकाकर घूमते लोग मिलते रहे। बंकर, बंदूकें, लड़ाके सब कुछ बिल्कुल मैतेई आबादी वाले सिंगदा गांव जैसे थे, जहां हम साइकुल आने से पहले गए थे। पढ़ें पूरी खबर... मणिपुर हिंसा के 2 महीनों के 10 चुनिंदा फोटोज: हाथ में बंदूक लिए खड़े दिखे युवा; गाड़ियों की चेकिंग कर रही महिलाएं मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा की मुख्य वजह हाईकोर्ट का एक आदेश है। इस आदेश में मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य के मैतेई समुदाय को ST का दर्जा देने की सिफारिश की थी। इस आदेश के विरोध में कुकी समुदाय ने 3 मई को एक मार्च बुलाया गया था। इसी मार्च के साथ राज्य में हिंसा की शुरुआत हुई थी। मणिपुर हिंसा से जुड़े 10 चुनिंदा फोटोज देखें… मणिपुर CM बोले- हिंसा प्री-प्लांड:इस्तीफे की पेशकश पर कहा- PM और गृहमंत्री के पुतले जलाए गए, मैं दुखी था मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वे लोगों के बर्ताव से दुखी थे। मणिपुर में 2 महीने से जारी हिंसा के बीच बीरेन सिंह ने शुक्रवार यानी 30 जून को इस्तीफा देने की बात सोची। इसके लिए वे राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने वाले थे। हालांकि बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें...
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गेब्रियल ने रहाणे को बोल्ड किया, स्टंप 4 मीटर दूर जा गिरा; टॉप मोमेंट्स
India vs West Indies (IND vs WI) 2nd Test Match Moments Update, Follow India Vs West Indies Latest Photos and Video Updates on Dainik Bhaskar. भारतीय टीम के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे फिर फ्लॉप रहे और 8 रन बनाकर वापस लौट गए। उन्हें वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज शैनन गेब्रियल ने 51वें ओवर की चौथी बॉल पर बोल्ड किया।
भारत-वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज में आखिरी टेस्ट का पहला दिन रोमांच से भरा रहा। यह दोनों टीमों के बीच खेला गया 100वां टेस्ट भी है। दिन के खेल में भारतीय ओपनर यशस्वी जायसवाल को जीवनदान मिला, एलीक एथनाज ने उनका आसान सा मौका गंवाया। तेज गेंदबाज शैनन गेब्रियल ने टीम इंडिया के उप कप्तान अंजिक्य रहाणे के स्टंप्स बिखेर दिए। गेंद इतनी तेज थी कि स्टंप हवा में घूमते हुए 4 मीटर दूर जमीन पर जा गिरा। ​पहले दिन के ऐसे ही टॉप मोमेंट्स इस स्टोरी में हम जानेंगे... 1. लंच से ठीक पहले जायसवाल को जीवनदान पहला सेशन खत्म होने में कुछ ही ओवर बचे थे, तभी भारतीय ओपनर यशस्वी जायसवाल को जीवनदान मिला। 26वें ओवर की पांचवीं गेंद जेसन होल्डर ने फुल लेंथ फेंकी। यशस्वी इस पर ड्राइव करने गए, लेकिन बॉल बैट का बाहरी किनारा लेकर फर्स्ट स्लिप की दिशा में चली गई। जहां मौजूद एलीक एथनाज ने कैच करने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके हाथ से छिटक गई। जीवनदान के समय यशस्वी 52 रन पर बैटिंग कर रहे थे। हालांकि वह जीवनदान का फायदा नहीं उठा सके और 57 रन के स्कोर पर होल्डर का ही शिकार हुए। वह दूसरे सेशन में 32वें ओवर में आउट हुए। 2. गेब्रियल ने रहाणे को बोल्ड किया, स्टंप 4 मीटर दूर जा कर गिरा भारतीय टीम के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे फिर फ्लॉप रहे और 8 रन बनाकर वापस लौट गए। उन्हें वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज शैनन गेब्रियल ने 51वें ओवर की चौथी बॉल पर बोल्ड किया। रहाणे ऑफ स्टंप की इस बॉल को बैकफुट पर खेलना चाहते थे, लेकिन बॉल उनके बैट के किनारे से लगकर स्टंप की ओर चली गई। गेब्रियल की बॉल इतनी तेज थी कि स्टंप करीब 4 मीटर दूर हवा में घूमते हुए जमीन पर जा गिरा। 3. फैंस को पसंद आई कोहली की कवर ड्राइव करियर का 500वां इंटरनेशनल मुकाबला खेल रहे विराट कोहली ने 30वां टेस्ट अर्धशतक जमाया। वे 29वें शतक से 13 रन दूर हैं। 87 रन की पारी के दौरान विराट कोहली ने शानदार कवर ड्राइव लगाई, जिसे सोशल मीडिया पर फैंस खूब पसंद कर रहे हैं। 57वें ओवर में कोहली 23 रन के स्कोर पर बैटिंग कर रहे थे। तभी केमार रोच ने फुलर लेंथ बॉल फेंकी, जिसे कोहली ने बेहतरीन फुटवॉर्क दिखाते कवर्स की दिशा में बाउंड्री के लिए खेल दिया। 4. अश्विन ने दी मुकेश कुमार को डेब्यू कैप दूसरे टेस्ट में भारत की टीम में एक बदलाव हुआ। शार्दूल ठाकुर की जगह तेज गेंदबाज मुकेश कुमार को डेब्यू करने का मौका दिया गया। उन्हें उन्हें रविचंद्रन अश्विन ने डेब्यू कैप दिया। सीरीज के पहले मुकाबले में यशस्वी जायसवाल और ईशान किशन ने भी डेब्यू किया था। 5. लारा ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को मोमेंटो दिया 100वें टेस्ट के मौके पर वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के प्रेसिडेंट किशोर शैलो और दिग्गज बैटर ब्रायन लारा ने कप्तान रोहित शर्मा को शील्ड दी। यह शील्ड भारत और वेस्टइंडीज के बीच 100वां टेस्ट खेले जाने पर दोनों टीम के कप्तानों को दी गई। भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट की ये खबरें भी पढ़ें... दूसरे टेस्ट के पहले दिन भारत ने 288 रन बनाए टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट की पहली पारी में मजबूत शुरुआत की है। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने चार विकेट पर 288 रन बना लिए हैं। 500वां इंटरनेशनल मुकाबला खेल रहे विराट कोहली ने अर्धशतकीय पारी खेली, वह 87 रन बनाकर नॉटआउट रहे। उनके साथ रवींद्र जडेजा 36 रन बनाकर नॉटआउट रहे। पढ़ें पूरी खबर... कोहली सबसे ज्यादा इंटरनेशनल रन बनाने वाले 5वें बैटर बने भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जा रहा है। यह दोनों टीमों के बीच 100वां टेस्ट भी है। अपना 500वां इंटरनेशनल मुकाबला खेल रहे कोहली 87 रन बनाकर नॉटआउट लौटे। वह इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले 5वें बैटर बन गए। उन्होंने जैक कैलिस को पीछे छोड़ा। पढ़ें पूरी खबर...
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नासा ने खर्च किए 2 लाख करोड़; अमेरिकी नेवी अफसर ने ही मिशन पर सवाल उठाए
NASA Moon Mission Apollo 11 History - Follow Apollo 11 Landing Photos, Videos And Interesting Facts On Dainik Bhaskar. अमेरिक की स्पेस एजेंसी नासा ने इतिहास रचा था। अपोलो मून मिशन के तहत पहली बार किसी इंसान ने चांद पर कदम रखा था। नील आर्मस्ट्रॉन्ग वो पहले एस्ट्रोनॉट थे
20 जुलाई 1969, ये वो तारीख है जब अमेरिक की स्पेस एजेंसी नासा ने इतिहास रचा था। अपोलो मून मिशन के तहत पहली बार किसी इंसान ने चांद पर कदम रखा था। नील आर्मस्ट्रॉन्ग वो पहले एस्ट्रोनॉट थे जिन्होंने चांद पर पहुंचने के साथ ही इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा दिया। उनके बाद उनके साथी बज एल्ड्रिन चांद पर उतरे थे। इस स्पेस मिशन में तब 25 अरब डॉलर, यानी आज के मुताबिक करीब 2 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए थे। अमेरिका में 29 जुलाई 1958 को नासा का गठन हुआ था और इसके 11 साल बाद ही स्पेस एजेंसी ने कीर्तिमान रच दिया। इसी के साथ स्पेस वॉर में अमेरिका ने दूसरे सभी देशों को पीछे छोड़ दिया। अपोलो-11 मिशन को मिलाकर अब तक कुल 12 बार लोग चांद पर पहुंच चुके हैं। हालांकि, कई थ्योरीज ऐसी भी हैं, जिनके मुताबिक, नासा का मशहूर अपोलो मिशन एक बहुत बड़ा झूठ था। रूस की रोसकोमोज स्पेस एजेंसी के पूर्व चीफ दिमित्री रोगोजिन ने इसी साल मई में कहा था कि अब तक इस बात के पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं हैं कि अमेरिका कभी चांद पर पहुंचा भी था। नासा के अपोलो स्पेस मिशन के 54 साल पूरे होने पर जानिए मून लैंडिंग की पूरी कहानी और क्या है इसको झूठा साबित करने वाले दावे… दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिका-सोवियत संघ में शुरू हुआ स्पेस वॉर 1950 के बाद से ही दुनिया की दो ताकतवर शक्तियों अमेरिका और सोवियत संघ के बीच स्पेस वॉर छिड़ चुकी थी। सोवियत संघ ने लूना मिशन के जरिए अंतरिक्ष में अपनी दखलअंदाजी बढ़ानी शुरू की। जनवरी 1966 में लूना-9 ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड किया। ऐसा करने वाला वो पहला स्पेसक्राफ्ट था। उधर, अमेरिका भी अब तक स्पेस में कई स्पेसक्राफ्ट भेज चुका था। 1962 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी घोषणा कर चुके थे कि 60 के दशक के अंत तक अमेरिका चांद पर इंसान को भेजेगा। कैनेडी की इस घोषणा के बाद नासा मिशन की तैयारियों में लग गया। एक कठिन ट्रेनिंग के बाद नील आर्मस्ट्रॉन्ग, बज एल्ड्रिन और माइकल कॉलिंस को इस मिशन के लिए चुना गया। कैनेडी स्पेस सेंटर की आग में 3 एस्ट्रोनॉट्स की मौत 5 साल बाद टेस्टिंग के लिए 1966 में नासा ने अनमैन्ड स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा, लेकिन इसके अगले साल ही कैनेडी स्पेस सेंटर में भीषण आग लग गई और 3 एस्ट्रोनॉट की मौत हो गई। इसके बाद भी नासा अपने मिशन में जुटा रहा। 16 जुलाई को शुरू हुआ अपोलो-11 मिशन आखिरकार 16 जुलाई 1969 में अपोलो-11 स्पेसक्राफ्ट में नील आर्मस्ट्रॉन्ग, बज एल्ड्रिन और माइकल कॉलिंस को कैनेडी स्पेस सेंटर से चांद के सफर पर भेजा गया। अमेरिकी समयानुसार सुबह 9 बजकर 32 मिनट पर अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से अपोलो-11 ने उड़ान भरी। नासा के मुताबिक, करीब 65 करोड़ लोगों ने इस नजारे को टीवी पर देखा। 76 घंटे में स्पेसक्राफ्ट 2 लाख 40 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर चुका था। 19 जुलाई को स्पेसक्राफ्ट चांद के ऑर्बिट में पहुंच गया। अगले दिन नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज एल्ड्रिन ईगल मॉड्यूल के जरिए स्पेसक्राफ्ट से अलग हो गए और चांद की सतह पर जाने की तैयारी करने लगे। उनके मॉड्यूल में केवल 30 सेकेंड का ईंधन ही बचा था और अभी भी दोनों चांद की सतह से दूर थे। चांद की सतह पर पड़ा इंसान का पहला कदम दुनियाभर के लोगों की धड़कनें बढ़ने लगीं थीं। 20 जुलाई को शाम 4 बजकर 17 मिनट पर स्पेस सेंटर में वैज्ञानिकों को नील आर्मस्ट्रांग की तरफ से एक मैसेज मिला। इस मैसेज में आर्मस्ट्रांग ने कहा, ‘हम लैंड कर चुके हैं।’ इसी के साथ पूरा अमेरिका खुशी से झूम उठा। चांद की सतह पर कदम रखते हुए आर्मस्ट्रांग ने कहा, 'एक इंसान के लिए यह एक छोटा कदम है, लेकिन सम्पूर्ण मानव जाति के लिए एक बड़ी छलांग है।' इसके कुछ देर बाद एल्ड्रिन भी चांद की सतह पर उतरे। दोनों वहां करीब ढाई घंटे रहे। उन्होंने चांद की सतह पर अमेरिका का झंडा भी लगाया। इसके बाद कुछ फोटो खींचे और रिसर्च के लिए सतह से मिट्टी इकट्ठी की। धरती पर लौटना बड़ा टास्क अब अपोलो-11 के लिए अगला टास्क था वापस धरती पर आना। स्पेस कैप्सूल को बहुत ही सटीक एंगल पर पृथ्वी के एटमॉस्फियर में दाखिल होना था। जब कोई चीज 24,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से वायुमंडल से टकराती है, तो इससे एक भयानक आग का गोला बनता है। ऐसे में चैंलेंज ये था कि अगर उनकी स्पीड ज्यादा होगी, तो स्पेसक्राफ्ट तेजी से हीट-अप होकर जल जाएगा। वहीं अगर उनकी स्पीड बहुत कम हुई तो स्पेसक्राफ्ट वायुमंडल से बाहर निकल जाएगा। तीन मिनट के कम्युनिकेशन ब्लैकआउट के बाद, आर्मस्ट्रॉन्ग ने एक सफल एन्ट्री का सिग्नल दिया। हिस्ट्री डॉट कॉम के मुताबिक अपोलो 11 मिशन लॉन्च के ठीक आठ दिन, तीन घंटे, 18 मिनट और 35 सेकंड के बाद प्रशांत महासागर में स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग के साथ खत्म हुआ था। ये तो हो गई अपोलो मिशन की बात… लेकिन क्या ऐसा सच में हुआ था? 2019 के एक सर्वे के मुताबिक अमेरिका में 6% लोग अब भी ऐसे हैं जो पूरी तरह से इस बात पर यकीन करते हैं कि मून लैंडिंग को लेकर अमेरिका के सारे दावे झूठे हैं। वहीं इसके अलावा भी करीब 5% लोग कुछ हद तक इस बात पर यकीन करते हैं। मून मिशन पूरा होने के अगले साल से ही इसे झुठलाने का सिलसिला शुरू वॉइस ऑफ अमेरिका के मुताबिक, चांद पर इंसान के कदम रखने के 1 साल बाद ही इन बातों को भी अफवाह मिलने लगी थी कि नासा का अपोलो मून मिशन झूठ था। 1970 में हुए सर्वे के मुताबिक, उस वक्त करीब 30% अमेरिकी ऐसे थे जो अपोलो-11 की पूरी कहानी को झूठा मानते थे। इसके बाद 1976 में अमेरिकी नेवी के पूर्व अफसर और नासा के मून मिशन का हिस्सा रहे बिल केसिंग ने एक किताब पब्लिश की, जिसका नाम था ‘वी नेवर वेंट टु द मून- अमेरिकाज थर्टी बिलियन डॉलर स्विंडल।’ अपनी इस किताब में केसिंग ने उन तमाम थ्योरी का जिक्र किया था, जिससे अमेरिका का मून मिशन झूठा साबित होता है। हालांकि, किताब सामने आने के बाद अमेरिका सहित कई बड़े देशों के साइंटिस्ट्स ने इन थ्योरीज को खारिज करते हुए इनकी काउंटर-थ्योरी भी बताईं। केसिंग उस कंपनी में बतौर टेक्निकल राइटर काम करते थे, जिसने नासा के अपोलो मिशन के रॉकेट सैटर्न वी के लिए इंजन बनाया था। नासा की मून लैंडिंग असल में हॉलीवुड डॉयरेक्टर की फिल्म? वॉइस ऑफ अमेरिका के मुताबिक, मून लैंडिंग की कॉन्सपिरेसी थ्योरी के तहत ये भी कहा जाता है कि मशहूर हॉलीवुड डायरेक्टर स्टैनले क्यूब्रेक ने नासा के लिए मून लैंडिंग को एरिया 51 में फिल्माया था। एरिया 51 अमेरिका नेवादा में एयर फोर्स का एक क्लासिफाईड बेस है। दरअसल, स्टैनले क्यूब्रेक को हॉलीवुड के बेस्ट डायरेक्टर में से एक माना जाता है। उन्होंने 1969 में चांद पर इंसान के कदम पड़ने से ठीक एक साल पहले 1968 में 2001- अ स्पेस ऑडिसी नाम की फिल्म बनाई थी, जिसमें स्पेस और चांद से जुड़े कई सीन फिल्माए गए थे। इससे साबित होता है कि उस वक्त हॉलीवुड के पास इस तरह के सीन फिल्माने की तकनीक मौजूद थी।
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25 जुलाई तक करें अप्लाई, 78 हजार तक मिलेगी सैलरी
Bank of Maharashtra Recruitment 2023 Notification - बैंकिंग सेक्टर में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने राजस्थान समेत देशभर 400 पदों पर वैकेंसी निकाली है
बैंकिंग सेक्टर में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने राजस्थान समेत देशभर 400 पदों पर वैकेंसी निकाली है। जिसके तहत ऑफिसर स्केल-2 के 300 और ऑफिसर स्केल-3 के 100 पदों पर भर्तियां की जाएगी। जिसमें शामिल होने के लिए 38 साल तक की उम्र के उम्मीदवार बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ऑफिशियल वेबसाइट bankofmaharashtra.in पर जाकर 25 जुलाई तक ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे। सैलरी बैंक ऑफ महाराष्ट्र में निकली वैकेंसी में सिलेक्ट होने पर उम्मीदवार को हर महीने 48,170 रुपए से लेकर 78,230 रुपए तक सैलरी दी जाएगी। सिलेक्शन प्रोसेस सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में में निकली वैकेंसी में उम्मीदवारों का सिलेक्शन रिटन टेस्ट के बाद इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा। रिटन टेस्ट ऑब्जेक्टिव टाइप होगी। योग्यता भर्ती प्रक्रिया में आवेदन के लिए उम्मीदवारों का किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पास होना जरूरी है। एज लिमिट भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों की उम्र 25 साल से कम 38 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। हालांकि आरक्षित वर्गों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाएगी। फीस आवेदन करने वाले जनरल, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के कैंडिडेट्स को आवेदन शुल्क के तौर पर 1180 रुपए का भुगतान करना होगा। जबकि, एससी, एसटी और दिव्यांग कैटेगरी के कैंडिडेट्स को केवल 118 रुपए फीस देनी होगी। ऐसे करें अप्लाई आवेदन करने से पहले ऑफिशियल नोटिफिकेशन जरूर पढ़े.. नोट - हर दिन की तरह आज फिर से हम आपके लिए एक नई नौकरी की जानकारी लेकर आए है। अगर लगता है कि इससे आपके भाई-दोस्त या फिर रिश्तेदार की जरूरत पूरी होती है। तो उन्हें यह जरूर भेजें। ताकि भविष्य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में यह आपके और आपके दोस्त और रिश्तेदारों के लिए फायदेमंद साबित हों। नौकरी के साथ ही देश दुनिया से जुड़ी तमाम खबरों के जानने के लिए पढ़ते रहे दैनिक भास्कर डिजिटल। अब 10वीं-12वीं-ग्रेजुएट बेरोजगारों के लिए नौकरियों की भरमार : अगर आप जॉबलेस हैं और जयपुर में नौकरी ढूंढ रहे हैं तो भास्कर ऐप बनेगा आपका मददगार। हर महीने की 10 हजार से लेकर 25 हजार की सैलरी मिलेगी। जयपुर शहर में बैंक, कॉर्पोरेट ऑफिस, डिलीवरी बॉय से लेकर कोई भी नौकरी चाहिए तो भास्कर पर खोजें अपनी पसंदीदा जॉब। (यहां क्लिक कर जॉब देखें)
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कॉन्स्टेबल और क्लर्क के पदों पर अप्लाई करने की लास्ट डेज आज
Sarkari Naukri 2023 Latest Sarkari Job Alert (21st July 2023) - सरकारी नौकरी की तलाश में जुटे युवाओं के लिए हम फिर से 5 लेटेस्ट सरकारी नौकरियों की जानकारी के साथ हाजिर हैं। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने कंप्यूटर ऑपरेटर के 583 पदों पर वैकेंसी निकाली है।
सरकारी नौकरी की तलाश में जुटे युवाओं के लिए हम फिर से 5 लेटेस्ट सरकारी नौकरियों की जानकारी के साथ हाजिर हैं। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने कंप्यूटर ऑपरेटर के 583 पदों पर वैकेंसी निकाली है। जिसके तहत 512 पदों पर नॉन टीएसपी जबकि 71 पदों पर टीएसपी क्षेत्र में पोस्टिंग दी जाएगी। फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 10 अगस्त 2023 है। चंडीगढ़ पुलिस विभाग ने सीधी भर्ती के अंतर्गत ग्रुप सी के सहायक उप निरीक्षक (कार्यकारी) पदों पर भर्ती निकाली है। 44 अस्थायी पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की आज यानी 21 जुलाई आखिरी तारीख है। UPSSSC में ऑडिटर और असिस्टेंट अकाउंटेंट के 530 पदों पर वैकेंसी निकली है। सिलेक्शन होने पर 20 हजार से 92 हजार रुपए महीना सैलरी मिलेगी। पावर ग्रिड में एक साल के लिए विभिन्न ट्रेड में अप्रेंटिस का मौका है। सिलेक्शन होने पर 13500 रुपए से लेकर 17500 रुपए मिलेंगे। फार्म भरने की आखिर तारीख 31 जुलाई है। IBPS ने क्लर्क के 4045 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है। सिलेक्शन होने पर 19 हजार से 47 हजार रुपए महीना सैलरी मिलेगी। फॉर्म अप्लाई करने की लास्ट डेट आज यानी 21 जुलाई है। आपने यहां पांच नौकरियों के बारे में जाना। आपके मन में कुछ सवाल होंगे। इसलिए आप दिए गए वेबसाइट के जरिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन को जरूर देखें। बाकी जिन नौकरियों के बारे में बताया गया है अगर लगता है कि इससे आपके भाई-दोस्त या फिर रिश्तेदार की जरूरत पूरी होती है तो उन्हें यह जरूर भेजें। आखिर में हम 10 लेटेस्ट करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब दे रहे हैं। इन्हें रोज देखिए। हो सके तो सेव करते जाएं। ताकि आगामी परीक्षाओं में यह आपके लिए फायदेमंद साबित हों।
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कहा- सरकार नहीं तो हम एक्शन लेंगे; राजस्थान में शव रखकर प्रदर्शन किया तो जेल
Dainik Bhaskar Morning News and Latest Headlines; Here are today's top stories for you On Dainik Bhaskar. मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया, एक गिरफ्तार:सुप्रीम कोर्ट बोला - बृजभूषण को शर्तों के साथ रेगुलर बेल मिली: बिना परमिशन देश नहीं छोड़ सकेंगे - राजस्थान में डेड बॉडी के साथ प्रदर्शन करने पर 5 साल की सजा
नमस्कार, कल की बड़ी खबर मणिपुर गैंगरेप केस की रही। इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना की गूंज सड़क, संसद और सुप्रीम कोर्ट तक सुनाई दी। जिस सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों कानून व्यवस्था को चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी बताया था, उसे भी कहना पड़ा कि अगर सरकार कुछ नहीं करेगी तो हम कदम उठाएंगे। हम आपको इस संवेदनशील मामले से जुड़ी अहम जानकारियां भी देंगे...। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. मणिपुर...महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार; PM बोले- किसी गुनहगार को बख्शेंगे नहीं मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और गैंगरेप के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य सरकार इन्हें फांसी की सजा दिलाने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार कोई कदम नहीं उठाती है, तो हम एक्शन लेंगे। अदालत ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। ये खबर अहम क्यों है: घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई थी, जिसका वीडियो बुधवार को वायरल हुआ। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में 142 लोगों की मौत हो चुकी है। 5,995 मामले दर्ज किए गए हैं। 6 हजार से ज्यादा लोग हिरासत में हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई है। करीब 60 हजार लोग बेघर हो चुके हैं। राज्य की कुल आबादी में मैतेई की हिस्सेदारी 53% और कुकी समुदाय की हिस्सेदारी 30% है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. राजस्थान में शव रखकर प्रदर्शन करने पर 5 साल तक जेल; नेताओं पर भी होगा एक्शन राजस्थान में डेड बॉडी रखकर विरोध प्रदर्शन करने वालों को 2 से लेकर 5 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। विधानसभा में इससे जुड़ा एक बिल पास हुआ है। इसके मुताबिक, अगर परिजन डेड बॉडी लेने से मना करते हैं तो उन्हें एक साल की सजा हो सकती है। अगर कोई नेता या गैर-परिजन शव का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन में करेंगे तो उन्हें भी 5 साल तक सजा हो सकती है। ये खबर अहम क्यों है: भाजपा ने इसे जनता की आवाज दबाने वाला कानून बताया है। इनका कहना है कि जब भारी अन्याय होता है तभी परिवार मजबूरन ऐसा करता है। सरकार न्याय दिलाने की बजाय सजा दिलवा रही है। उधर सरकार का तर्क दिया है कि डेड बॉडी रखकर धरना देने और नौकरी-पैसों की मांग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। साल 2019 से 2023 तक ऐसे 306 मामले सामने आ चुके हैं। कानून नहीं लाते तो यह आंकड़ा और बढ़ता रहता। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. कर्नाटक के डिप्टी CM देश के सबसे अमीर MLA; भाजपा के निर्मल धारा सबसे गरीब एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक की रिपोर्ट (ADR) के आंकड़ों के मुताबिक, कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार देश के सबसे अमीर विधायक हैं। दूसरे और तीसरे नंबर के सबसे धनी विधायक भी कर्नाटक के ही हैं। टॉप 10 अमीर विधायकों में से 4 कांग्रेस के हैं और तीन भाजपा के हैं। देश के 20 सबसे अमीर विधायकों में से 12 कर्नाटक से हैं। अरुणाचल के 59 में से 4 विधायक अरबपति हैं। ये खबर अहम क्यों है: ADR और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने सभी राज्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 4001 विधायकों के चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी के आधार पर ये रिपोर्ट पेश की है। 4001 में से 1,777 यानी 44% विधायकों के ऊपर क्रिमिनल केसेस दर्ज हैं। इनमें 1,136 यानी 26% के के खिलाफ अपहरण, हत्या या हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... 4. बृजभूषण को यौन शोषण केस में सशर्त जमानत मिली; बिना परमिशन देश नहीं छोड़ सकेंगे दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और BJP सासंद बृजभूषण सिंह को सशर्त जमानत दी है। अदालत ने कहा कि बृजभूषण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं या गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। वे कोर्ट की अनुमति के बिना देश भी नहीं छोड़ेंगे। ये खबर अहम क्यों है: बृजभूषण पर 6 महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। पीड़ित पक्ष के वकील ने जमानत दिए जाने को लेकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि सांसद राजनीतिक तौर पर ताकतवर हैं और गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। लिहाजा उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। पूरी खबर यहां पढ़ें... 5. महाराष्ट्र के रायगढ़ में लैंडस्लाइड, 16 की मौत; गुजरात के 6 जिलों में NDRF की तैनाती महाराष्ट्र के रायगढ़ में लैंडस्लाइड हुआ। पहाड़ी का बड़ा हिस्सा गिरने से 48 घर तबाह हो गए। इसमें 16 लोगों की मौत हो गई। 120 से ज्यादा लोग अभी भी मलबे में दबे हैं। वहीं भारी बारिश की वजह से गुजरात में 6 जिलों में NDRF की तैनाती की गई है। हरियाणा के 12 जिले बाढ़ प्रभावित हैं। जम्मू-कश्मीर की रावी नदी में 2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पंजाब के 3 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। ये खबर अहम क्यों है: महाराष्ट्र के रायगढ़ में लगातार हो रही बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा है। इसे आज फिर शुरू किया जाएगा। मौके पर राज्य के CM एकनाथ शिंदे भी पहुंचे। रायगढ़ जिले में 6 में से 3 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ से हरियाणा को अब तक 500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 6. रोहित शर्मा के 2 साल में सबसे ज्यादा 6 डोप टेस्ट हुए; कोहली-हार्दिक का एक बार भी नहीं भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा को दो साल में 6 बार डोप टेस्ट का सामना करना पड़ा। दो साल में वह सबसे ज्यादा डोप टेस्ट कराने वाले क्रिकेटर हैं। रोहित के यह टेस्ट मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई और संयुक्त अरब अमीरात में हुए हैं। इस दौरान कोहली-पांड्या समेत 12 खिलाड़ियों का कोई टेस्ट नहीं हुआ। ये खबर अहम क्यों है: वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 और 2022 में सिर्फ 114 क्रिकेटर्स के डोप टेस्ट हुए थे। भारतीय क्रिकेटर्स डोप टेस्ट के मामले में दूसरे देशों से काफी पीछे हैं। UK ने साल 2021 में 96 तो ऑस्ट्रेलिया ने 69 क्रिकेटर्स के टेस्ट किए। वहीं भारत में यह संख्या 12 थी। पूरी खबर यहां पढ़ें... 7. भारत-US मिलकर बनाएंगे लॉन्ग रेंज वेपन्स; इससे चीन को काउंटर करने में मदद मिलेगी भारत और अमेरिका साथ मिलकर लॉन्ग रेंज वेपन्स बनाने के प्रपोजल पर विचार कर रहे हैं। इन हथियारों का इस्तेमाल LAC पर चीन को काउंटर करने में किया जाएगा। ये जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने दी है। दोनों देशों के बीच लंबी दूरी तक वार करने वाली तोपें और बख्तरबंद गाड़ियां बनाने का मसौदा PM मोदी के अमेरिका दौरे से पहले तैयार हुआ था। ये खबर अहम क्यों है: साथ मिलकर लॉन्ग रेंज वेपन्स बनाने की डील फाइनल होने पर हमें रणनीतिक तौर फायदा होगा। इससे चीन बॉर्डर पर हथियारों की जरूरतें पूरी होंगी। भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख में 3 साल से अधिक समय से टकराव की स्थिति में हैं। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें... आज का कार्टून By मंसूर नकवी... कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… अब खबर हटके... दुनिया के पहले सांस लेने वाले रोबोट का आविष्कार; 60 डिग्री टेम्परेचर में हुआ टेस्ट साइंटिस्ट्स ने दुनिया का पहला ऐसा रोबोट बनाया है जो सांस लेता है। इतना ही नहीं इसे पसीना भी आता है और ये ठंडे टेम्प्रेचर में कांपता भी है। इंसानी शरीर गर्म हवाओं से कैसे निपटता है, इसे स्टडी करने के लिए ये रोबोट बनाया गया है। इसे बनाने वाले साइंटिस्ट जेनी वैनोस ने कहा कि हीटवेव से निपटने के उपाय ढूंढने के लिए हम किसी इंसान पर एक्सपेरिमेंट नहीं कर सकते। इस लिए रोबोट पर एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है। रोबोट को 60 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले कमरे में रखा गया और उसका सामना गर्म हवाओं और सोलर रेडिएशन से करवाया गया। पढ़ें पूरी खबर... भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
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चीन में केक खाने पर मां ने तेल पिलाकर उल्टी कराई; अब भारत में बच्चों को पीटने पर जेल
चीन के सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स मासूम बच्ची को दूसरे माले की बालकनी से लटकाए हुए दिख रहा है। बालकनी से उल्टी लटकी बच्ची चीख-चीखकर रहम की गुहार लगाती दिख रही है।
चीन के सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स मासूम बच्ची को दूसरे माले की बालकनी से लटकाए हुए दिख रहा है। बालकनी से उल्टी लटकी बच्ची चीख-चीखकर रहम की गुहार लगाती दिख रही है; लेकिन वह शख्स काफी देर तक बच्ची को ऐसे ही लटकाए रहता है। ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो में दिख रहा शख्स उस बच्ची का पिता है और वह उसे बिस्तर पर सू-सू करने की सजा दे रहा है। बच्ची मात्र 2 साल की है। जिस वक्त वह शख्स अपनी बच्ची को यह खौफनाक सजा दे रहा था, नीचे मौजूद पड़ोसी उससे बच्ची को छोड़ने की गुहार लगाते रहे। लेकिन उस शख्स ने सबको अनसुना कर दिया। इसी बीच एक पड़ोसी ने उसका वीडियो बना लिया। वीडियो वायरल होने के बाद चीनी प्रशासन उस बेरहम पिता पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। उल्टा लटकाकर सवाल पूछता रहा बेरहम पिता वायरल वीडियो में पिता अपनी बच्ची के पैरों को पकड़कर उसे उल्टा लटकाता दिख रहा है। साथ ही वह बच्ची को आगे से बिस्तर की जगह बाथरुम जाकर यूरिन पास करने की हिदायत भी देता है। बच्ची के चिखने-चिल्लाने और पड़ोसियों की हिदायत के बावजूद वह शख्स बच्ची को 2 से 3 मिनट तक बालकनी से लटकाए रखता है। दूसरे माले की बालकनी से नीचे जमीन की ऊंचाई काफी थी। ऐसे में अगर बच्ची शख्स की पकड़ से छूटती तो बड़ी दुर्घटना घट सकती था। महिला संगठन ने पिता को लगाई फटकार, बच्ची की काउंसिलिंग की वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इससे खिलाफ काफी गुस्सा देखा गया। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘वीचैट’ पर एक यूजर ने लिखा कि ‘यह शख्स जानवर है और इसे पिता कहलाने का हक नहीं।’ सोशल मीडिया पर तेज विरोध को देखते हुए स्थानीय महिला संगठन ने घर जाकर आरोपी पिता को डांट लगाई। साथ ही डरी-सहमी बच्ची की काउंसिलिंग भी कराई जा रही है। दूसरी ओर, चीनी प्रशासन भी आरोपी पिता पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। चीन के समाज में बच्चों को संस्कार के नाम पर सख्त अनुशासन में रखा जाता है। चाहे मामला परिवार का हो, स्कूल का या खेल का। खबर में आगे बढ़ने से पहले पोल के माध्यम से अपनी राय साझा करते चलें... मां ने केक खाने पर तेल पिलाया, कहीं पूरी रात टीवी देखने की सजा चीन में बच्चों को कठिन सजा देने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जून में एक मां ने अपने 10 साल के बेटे को अजीबोगरीब सजा दी थी। वह मां अपने बेटे को एथलीट बनाना चाहती थी। इसके लिए उसने बच्चे के लिए सख्त डाइट प्लान भी बना रखा था। लेकिन एक दिन बच्चे ने स्कूल की एक पार्टी में केक का एक टुकड़ा खा लिया। घर लौटने पर उसने यह बात अपनी मां को बताई तो मां के गुस्से का ठिकाना नहीं रहा। मां ने बच्चे को तिल, नारियल और जैतून का तेल पिलाया। वह बच्चे को तब तक तेल पिलाती रही; जबतक कि बच्चे ने उल्टी करके केक उगल नहीं दिया। इसी तरह पिछले साल नवंबर में सेंट्रल चाइना में एक बच्चे को रात भर टीवी के सामने बैठने की सजा दी गई थी। दरअसल, बच्चे के मां-बाप उसके ज्यादा टीवी देखने की आदत से परेशान थे। ऐसे में उन्होंने बच्चे को पूरी रात जागकर टीवी देखने की सजा दी। चीन में बच्चों को सख्त सजा की परंपरा, नई पीढ़ी करती है विरोध चीन में ‘कुंग फू’ जैसे पारंपरिक मार्शल आर्ट की शिक्षा आश्रमों में रहकर ली जाती थी। इस दौरान माना जाता था कि बच्चा जितना ज्यादा दर्द झेलेगा, वह उतना मजबूत और बहादुर बनेगा। यह वजह है कि चीनी परिवारों में आज भी छोटी-छोटी गलतियों के लिए बच्चों को सख्त सजा देने का चलन है। मार्शल आर्ट पर बनने वाली हॉलीवुड की फिल्मों में भी ‘कुंग फू’ स्टूडेंट्स को लोहे के सरिए से दागकर या गर्म तेल से जलाकर सजा देने के चलन को दिखाया जाता है। हालांकि चीन की यंग जेनरेशन इस सोच की चुनौती देती दिख रही है। जब भी चीन में ऐसी किसी सजा की खबर आती है, चीनी युवा इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हैं। वैसे भारत और चीन से उलट दुनिया के कई देशों ने बच्चों को पालने को लेकर काफी कड़े नियम बनाए हुए हैं। इन देशों में बच्चों से दुर्व्यवहार करने पर माता-पिता को सजा हो सकती है। नॉर्वे में बच्चे को डांटने-धमकाने पर हो सकती है जेल भारत और चीन जैसे एशियाई देशों में बच्चों को डांटना, पीटना और गलती से रोकने के लिए धमकाना काफी नॉर्मल माना जाता है। इसे परवरिश के हिस्से के रूप में देखते हैं। लेकिन नॉर्वे जैसे कई पश्चिमी देशों में ऐसा करना अपराध है। इसके लिए मां-बाप को जेल जाने या जुर्माना भरने की सजा भी हो सकती है। डांटने पर भारतीय दंपती से ली गई बच्चे की कस्टडी पिछले साल नॉर्वे में एक भारतीय दंपती से उसके बच्चे की कस्टडी ले ली गई थी। बच्चे को चाइल्ड केयर होम भेज दिया गया और मां-बाप पर मुकदमा दर्ज हुआ। दरअसल, उस भारतीय दंपती पर अपने बच्चे को डांटने का आरोप था। नॉर्वे के कानून में इसे मां-बाप की नाकामी के बतौर देखा गया। नॉर्वे के कड़े कानून और भारतीय मां-बाप की आदत पर बनी फिल्म अभी कुछ दिन पहले ही ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ नाम की फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म में नॉर्वे में रहने वाले एक भारतीय दंपती की कहानी दिखाई गई; जिसमें नॉर्वे की सरकार उसके दो बच्चों की कस्टडी ले लेती है। उनपर आरोप थे कि वह अपने बच्चों की परवरिश ठीक तरीके से नहीं कर रहे। रानी चटर्जी और नीना गुप्ता जैसे बड़े स्टार्स ने इस फिल्म में काम किया था। फिल्म के रिलीज होने के बाद भारत में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्रायडेन ने इस फिल्म को प्रोपैगैंडा बताया था। उनका कहना था कि मिसेज चटर्जी से उनके बच्चे को दो देशों के सांस्कृतिक अंतर की वजह से नहीं, बल्कि उनकी कमियों की वजह से अलग किया गया था। भारत में बच्चे को पीटने पर जेजे एक्ट से 6 महीने की सजा सुप्रीम कोर्ट के वकील निपुण सक्सेना के मुताबिक भारत में बच्चों को मारने-पीटने पर पेरेंट्स के खिलाफ जेजे (जुवेनाइल जस्टिस) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है। इसमें दोषी पाए जाने पर 6 महीने तक की सजा का प्रावधान है। लेकिन आमतौर पर मारने-पीटने या डांटने पर देश में किसी मां-बाप पर मुकदमा दर्ज नहीं होता। हां, बच्चे को चोट पहुंचने की स्थिति में आईपीसी की धारा 324, 325 और 326 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। ये नियम सिर्फ बच्चों के लिए नहीं है। इसके तहत किसी भी एज ग्रुप के इंसान के खिलाफ हुए हिंसा का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
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17 अगस्त तक मेष, वृष और वृश्चिक राशि वाले लोगों की तरक्की का समय; सिंह और मीन राशि वाले संभलकर रहें
Surya Rashi Parivartan (Sun Transit In Cancer) 2023; Rashifal Of Astrological Predictions For Kark, Sagittarius, Capricorn, Gemini, Scorpio And other zodiac signs, 17 जुलाई को सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में आ गया है। सूर्य के इस राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर होगा। जिससे कुछ लोगों को नौकरी और बिजनेस में फायदा होगा।
17 जुलाई को सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में आ गया है। सूर्य के इस राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर होगा। जिससे कुछ लोगों को नौकरी और बिजनेस में फायदा होगा। वही, कुछ लोगों के विवाद बढ़ सकते हैं और धन हानि भी होने की आशंका रहेगी। 23 जुलाई तक सूर्य, कर्क राशि में 6 डिग्री तक ही चलेगा। जिससे सूर्य मृत अवस्था में रहेगा। इस कारण सूर्य का शुभ और अशुभ असर कम ही होगा। लेकिन धीरे-धीरे असर बढ़ेगा। सूर्य के राशि बदलने से मेष, वृष, मिथुन, तुला, वृश्चिक और कुंभ राशि वाले लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा। इन 6 राशियों के लोगों की तरक्की और फायदे के योग बनेंगे। सिंह, धनु, और मीन राशि वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इन 3 राशि वालों को नौकरी और बिजनेस में संभलकर रहना होगा। वहीं कर्क, कन्या और मकर राशि वाले लोगों के लिए समय सामान्य रहेगा। 12 राशियों का डिटेल राशिफल... (ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र, पुरी के मुताबिक) मेष: समाज और कार्यक्षैत्र में सम्मान बढ़ेगा। राजनीति से जुड़े लोगों के लिए अच्छा समय है। नौकरी और बिजनेस में उन्नति के योग बन रहे हैं। धन लाभ भी हो सकता है। सरकारी नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छा समय है। सरकारी कामों में आ रही रुकावटें दूर हो सकती हैं। माता और खुद की सेहत को लेकर संभलकर रहना होगा। वृष: हर तरह से तरक्की वाला वाला समय है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। प्रॉपर्टी और व्हीकल से जुड़ा सुख और बढ़ सकता है। नौकरी और बिजनेस में सम्मान बढ़ेगा। इनकम बढ़ेगी। स्टूडेंट्स के लिए भी अच्छा समय है। कॉम्पिटीशन एग्जाम में सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। पूरा फायदा मिलेगा। छोटे भाई बहनों से मदद मिलेगी। मिथुन: नया बिजनेस शुरू करने के लिए अच्छा समय है। निजी जीवन सुखद रहेगा। पराक्रम बढ़ेगा। धन लाभ के योग हैं। स्टूडेंट्स को सफलता मिल सकती है। दांपत्य जीवन भी अच्छा रहेगा। अनचाही स्थितियां खत्म होंगी। पैतृक संपत्ति से जुड़े विवादों खत्म होंगे और उनमें जीत भी मिलने के योग हैं। कर्क: सरकारी नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छा समय है। धन लाभ के योग हैं। सेविंग भी बढ़ेगी। राजनीति से जुड़े लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा, लेकिन नया बिजनेस शुरू करने के लिए समय ठीक नहीं है। सेहत के मामले में संभलकर रहना होगा। आपके व्यवहार में अहंकार आने से विरोधी बढ़ सकते हैं। इससे बचना होगा। दांपत्य जीवन में विवाद होगा। सिंह: नौकरी और बिजनेस के लिए समय ठीक नहीं है। नौकरीपेशा लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। नौकरी से जुड़ी बुरी खबर मिल सकती है। ट्रांसफर होने के योग हैं। राजनीति से जुड़े लोग सोच-समझकर बोलें वरना परेशानी में पड़ सकते हैं। यात्रा सावधानी से करें। फालतू खर्चा और नुकसान हो सकता है। सेहत को लेकर चिंता बढ़ेगी। विवादों से बचें। पूरी तरह सावधान रहना होगा। कन्या: इस राशि के लोग नौकरी में किसी तरह का बदलाव करने का मन बना रहे हैं तो इसके लिए अच्छा समय है। आर्थिक मामलों में समय अच्छा है। फायदा होने के योग हैं। बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो अच्छा समय है। सफलता मिलेगी। स्टूडेंट्स के लिए भी अच्छा समय है, लेकिन लव लाइफ और सेहत के मामले में सावधानी रखें। अहंकार बढ़ने से विवाद होने की आशंका है। तुला: नौकरी और बिजनेस में बड़ा बदलाव करना चाहते हैं तो अच्छा समय है। अनुभवी लोगों से मदद मिलेगी। जोखिम भरे फैसलों में सफलता मिलने के योग हैं। बिजनेस करने वालों के लिए उन्नति वाला समय है। समाज में सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ेगा। तनाव से छुटकारा मिलेगा। माता पिता की सेहत का ध्यान रखें। वृश्चिक: बहुत अच्छा समय है। नौकरी और बिजनेस में तरक्की मिल सकती है। उत्साह बना रहेगा। कार्यक्षैत्र में सम्मान भी मिल सकता है। विदेश यात्रा के साथ ही और विदेश से धन लाभ होने के भी योग बन रहे हैं। किस्मत का साथ और परिवार वालों की मदद मिलेगी। पैतृक संपत्ति से जुड़ा कोई विवाद है तो उससे राहत मिल सकती है। पिता की सेहत को लेकर सावधान रहें। धनु: सेहत के लिए अच्छा समय नहीं है। ब्लड प्रेशर और हार्ट पेशेंट हैं तो खास ध्यान रखना होगा। परिवार वालों से मनमुटाव की स्थिति बन सकती है। जीवनसाथी से भी मतभेद हो सकते हैं। सोच-समझकर बोलें। पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद होने की पूरी आशंका है। पार्टनरशिप के बिजनेस में दिक्कतें बढ़ सकती हैं। किस्मत का साथ भी कम मिल पाएगा। अचाानक धन हानि के योग बनेंगे। आमदनी में गिरावट हो सकती है। आर्थिक नजरिये से समय ठीक नहीं है। नया बिजनेस शुरू न करें। मकर: नौकरी या बिजनेस में कुछ नया करने की सोच रहे हैं तो इसके लिए अच्छा समय है, लेकिन अहंकार से बचना होगा। बिना सोचे समझे न बोलें। अधिक दिखावा न करें। दूसरों का अपमाान न करें। गुस्से पर काबू रखें, वरना घर में क्लेश हो सकता है। दांपत्य जीवन में भी परेशानी हो सकती है। जीवनसाथी से विवाद के योग बन रहे हैं। कोई बुरी खबर मिल सकती है। किसी गलती से सामाजिक में आपकी इमेज खराब हो सकती है। कुंभ: नौकरीपेशा, बिजनेस करने वाले और स्टूडेंट्स के लिए अच्छा समय है। बिजनेस करने वालों को सफलता मिल सकती है। नया बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो कर सकते हैं, लेकिन पार्टनरशिप में बहुत सावधान रहना होगा। साहस और पराक्रम बढ़ेगा। अचानक फायदा होने के योग हैं। कोर्ट संबंधी मामलों में जीत मिल सकती है, लेकिन खर्चा भी बढ़ सकता है। जोड़ों का दर्द और सेहत संबंधी परेशानी हो सकती है। जीवनासाथी की सेहत को लेकर भी परेशानी हो सकती है। मीन: हर मामले में संभलकर रहना होगा। नौकरी और बिजनेस में बनते हुए कामों में देरी हो सकती है। विवाद की भी आशंका है। खर्चा और दौड़-भाग बढ़ सकती है। फैसले लेने में गड़बड़ी हो सकती है। अहंकार बढ़ सकता है। सोच-समझकर बोलना होगा। प्रेम संबंधों में विवाद होने की आशंका है। मानसिक और शारीरिक परेशानी बढ़ सकती है। खानपान पर पूरी तरह नियंत्रण रखें।
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जीवन की हर अवस्था में ये एक काम जरूर करें
Acharya Swami Avdheshanand Giri Maharaj Ji Life Lessons स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र / जीवन की हर अवस्था में ये एक काम जरूर करें।
सबके जीवन में दोनों तरह का समय आता है। अच्छा भी और बुरा भी। अच्छा समय दिन के उजाले की तरह होता है, बुरा समय रात के अंधेरे की तरह। हमें दोनों से ही गुजरना पड़ता है। आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए जीवन की हर अवस्था में ये एक काम जरूर करें। आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
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गणेशजी, शिवजी और लक्ष्मी-विष्णु की एक साथ करें पूजा, श्रीकृष्ण को तुलसी के साथ लगाएं माखन-मिश्री का भोग
शुक्रवार, 21 जुलाई को सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इस दिन पूजा-पाठ के नजरिए से कई शुभ योग बन रहे हैं। 21 जुलाई को सावन, अधिक मास, चतुर्थी और शुक्रवार का संयोग है। Worship to lord Ganeshji, Shivji and Lakshmi-Vishnu together on ganesh chaturthi, offer Makhan-Mishri to Shri Krishna with Tulsi
शुक्रवार, 21 जुलाई को सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इस दिन पूजा-पाठ के नजरिए से कई शुभ योग बन रहे हैं। 21 जुलाई को सावन, अधिक मास, चतुर्थी और शुक्रवार का संयोग है। इन योगों में गणेश जी, शिव जी, लक्ष्मी-विष्णु के साथ ही शुक्र ग्रह की भी पूजा करें। भगवान विष्णु के अवतार बाल गोपाल को माखन-मिश्री का भोग लगाएं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सावन शिव जी का प्रिय महीना है, अधिक मास में विष्णु जी की पूजा की जाती है, चतुर्थी पर गणेश जी के लिए व्रत-उपवास किया जाता है और शुक्रवार को शुक्र ग्रह के लिए पूजन कर्म किए जाते हैं। 21 जुलाई को ये सभी शुभ काम करेंगे तो पुण्य लाभ मिलेगा और साथ ही कुंडली के ग्रह दोष भी शांत हो सकते हैं। शुक्रवार का कारक ग्रह है शुक्र ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं। इनमें राहु-केतु छाया ग्रह ग्रह हैं। शेष 7 ग्रह सप्ताह के सातों दिनों के कारक ग्रह हैं। सूर्य रविवार का, चंद्र सोमवार का, मंगल मंगलवार का, बुध बुधवार का, गुरु गुरुवार का, शुक्र शुक्रवार का और शनि शनिवार का कारक ग्रह है। ग्रहों के अनुसार अलग-अलग दिनों में पूजा की जाए तो कुंडली के दोषों का असर कम हो सकता है। शुक्रवार और चतुर्थी योग में शुक्र के लिए दूध का दान करें। शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं। ऐसे कर सकते हैं गणेश पूजा चतुर्थी तिथि पर गणेश प्रतिमा स्थापित करें। गणेश जी को स्नान कराएं। जनेऊ पहनाएं। अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। वस्त्र, चावल चढ़ाकर फूलों से श्रृंगार करें। श्री गणेशाय नम: मंत्र का जप करते हुए दूर्वा चढ़ाएं। मोदक और लड्डू का भोग लगाएं। कर्पूर जलाएं। धूप-दीप से आरती करें। पूजा के अंत भगवान से क्षमा याचना करें। अन्य भक्तों को प्रसाद बांटें और खुद भी लें। सावन अधिक मास और चतुर्थी के योग में ये शुभ काम भी करें शिवलिंग का अभिषेक करें। जल, दूध और पंचामृत चढ़ाएं। बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, जनेऊ आदि चीजें चढ़ाएं। चंदन से तिलक लगाएं। फूलों से श्रृंगार करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। महालक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा एक साथ करें। विष्णु-लक्ष्मी की प्रतिमा का अभिषेक करें। वस्त्र अर्पित करें, हार-फूल से श्रृंगार करें। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा में विष्णु जी के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप कर सकते हैं। शिव जी के अंशावतार हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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दिखावे के लिए महंगे कपड़े नहीं पहनना चाहिए, कपड़ों की उपयोगिता दिखावे के लिए नहीं, हमारे शरीर के लिए होनी चाहिए
संत कबीर के जीवन से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिनमें जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र छिपे हैं। अगर इन सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं।
संत कबीर के जीवन से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिनमें जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र छिपे हैं। अगर इन सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। जानिए कबीर दास जी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा, जिसमें कपड़ों से जुड़ी सीख दी गई है। संत कबीर रोज अपने शिष्यों को और अन्य लोगों को उपदेश दिया करते थे। कबीर जी के उपदेश सुनने एक धनी व्यक्ति भी आता था। धनी व्यक्ति कबीर दास जी से बहुत प्रभावित था। एक दिन उस धनी व्यक्ति ने देखा कि कबीर दास जी जो कुर्ता पहनते हैं, वह बहुत पुराना हो गया और कुर्ता बहुत ही सामान्य कपड़े से बना था। अगले दिन धनी व्यक्ति एक मूल्यवान कुर्ता लेकर पहुंचा और कबीर दास को उपहार में दे दिया। कुर्ता मखमल से बना था। बाहर की ओर से कुर्ता मखमली था और अंदर की ओर उसमें सामान्य कपड़ा लगा था। धनी व्यक्ति ने सोचा था कि अब कबीर दास जी उसका दिया हुआ कुर्ता पहनेंगे। अगले दिन जब वह व्यक्ति फिर से कबीर दास जी के पास पहुंचा तो उसने देखा कि कबीर जी उल्टा कुर्ता पहना है। दरअसल, कबीर दास जी ने कुर्ते का मलमल वाला हिस्सा अंदर की ओर था और बाहर सामान्य कपड़ा दिख रहा था। उस धनी व्यक्ति ने कबीर जी से पूछा कि ये आपने क्या किया? आपने तो कुर्ता उल्टा पहना है? कबीर जी ने वहां बैठे लोगों से कहा कि ये मूल्यवान कुर्ता इन सज्जन ने ही उपहार में दिया है। सभी लोगों ने भी कबीर दास जी से पूछा कि कुर्ता मूल्यवान है तो आपने इसे उल्टा क्यों पहना है? कबीर जी ने कहा कि ये कुर्ता देखकर मैंने सोचा कि मखमल शरीर को स्पर्श होगा तो शरीर को ज्यादा बेहतर लगेगा, क्योंकि ये कपड़ा तो शरीर के लिए ही हैं। दिखाने के लिए तो साधारण हिस्सा ही काफी है। दूसरों को हमारे कपड़ों से क्या लेना-देना? संत कबीर ने सभी को संदेश दिया कि कपड़े दिखावे के लिए नहीं पहनना चाहिए। कपड़ों की उपयोगिता हमारे शरीर के लिए है, दूसरों को दिखाने के लिए नहीं। अगर हम सिर्फ प्रदर्शन के लिए महंगे कपड़े पहनेंगे तो लोगों के बीच आपसी भेदभाव बढ़ेगा। कपड़े सिर्फ दिखावे के लिए होंगे तो कपड़े अपनी गरीमा भी खो सकते हैं। इसलिए कपड़ों के संबंध में दिखावा करने से बचना चाहिए।
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खुश रहने के सूत्र हमारे ही भीतर समाए हुए हैं
कई बार धनाढ्य लोग कहते हैं कि इन दिनों तंगी चल रही है। उनकी तंगी भी ऐसी रहती है जिस पर लाखों गरीब कुर्बान। इसी कारण अमीर लोग अलग-अलग ढंग से चर्चा में बने ही रहते हैं। धन भाग्य ही नहीं अवसर भी है। अगरPt. Vijayshankar Mehta's column - The formula to be happy lies within us
कई बार धनाढ्य लोग कहते हैं कि इन दिनों तंगी चल रही है। उनकी तंगी भी ऐसी रहती है जिस पर लाखों गरीब कुर्बान। इसी कारण अमीर लोग अलग-अलग ढंग से चर्चा में बने ही रहते हैं। धन भाग्य ही नहीं अवसर भी है। अगर आप कम धन में अधिक धनी होने का आभास चाहते हैं, तो एक सरल तरीका है दान करना। दान में चार बातें आती हैं- संतोष, ईश्वर-स्मरण, त्याग और सेवा। इन चारों से उपजती है खुशी। दान और खुशी का गहरा संबंध है। पश्चिमी देशों और हमारे भारत में दान में अंतर है। वहां दान, धन और कर का एडजस्टमेंट होता है। हालांकि इसकी झलक अब भारत में भी दिख रही है। लेकिन हमारी संस्कृति में दान आचार, व्यवहार और संस्कार है। आपके पास दौलत कम है या ज्यादा, इससे फर्क नहीं पड़ता। बस दान की वृत्ति बनाए रखें। जो खुश हैं, वो अमीर हैं। खुश रहने के सूत्र हमारे भीतर समाए हैं। हमारे अलावा न हमें कोई खुश कर सकता है, न ही दुखी। हम दूसरों में खुशी न ढूंढें, वरना उधार में मिला सुख बहुत जल्दी दुख में बदलता है।
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विपक्षी गठबंधन को ‘इंडिया’ कहना बेहतरीन आइडिया है
office@derek.in मैंने एडवरटाइजिंग की दुनिया में एक कॉपीराइटर की हैसियत से आठ वर्षों (1984-1991) तक काम किया है। इन वर्षों की हाईलाइट थी एड-गुरु डेविड ओग्लिवी के साथ कोलकाता में बिताए गए चार दिन। मैं उनका बड़ा प्रशंसक हूं और उनके द्वारा मुझे दी गईDerek O'Brien's column: Calling the opposition alliance 'India' is a great idea
मैंने एडवरटाइजिंग की दुनिया में एक कॉपीराइटर की हैसियत से आठ वर्षों (1984-1991) तक काम किया है। इन वर्षों की हाईलाइट थी एड-गुरु डेविड ओग्लिवी के साथ कोलकाता में बिताए गए चार दिन। मैं उनका बड़ा प्रशंसक हूं और उनके द्वारा मुझे दी गई अनेकानेक सीखों में से मुझे सबसे प्रिय यह थी- ‘अगर आपके कम्युनिकेशन में कोई बिग आइडिया निहित नहीं है तो वह उसी तरह से लोगों के सिर के ऊपर से गुजर जाएगा, जैसे अंधेरी रात में कोई जहाज चुपचाप ही निकल जाता है!’ बेंगलुरु समिट में मिले राजनीतिक दलों के नेतागण भी अपने गठबंधन के लिए केवल एक नाम की तलाश नहीं कर रहे थे। वे एक बिग आइडिया की खोज कर रहे थे। और उन्हें वह मिल गया- ‘इंडिया!’ इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव एलायंस। अब इसमें ‘जीतेगा भारत’ की टैगलाइन और जोड़ दें और हमारे पास एक ब्लॉकबस्टर विचार है! नए गठबंधन को अपने नाम के माध्यम से बहुत सारे प्रबुद्ध विचारों को प्रस्तुत करना था, जैसे राष्ट्रीय, विकासशील, समावेशी, लोकतांत्रिक, देशभक्त, प्रगतिशील। और सबसे बड़ी चुनौती थी इन तमाम भारी विचारों को एक सरल और यादगार रूप में प्रस्तुत करना। सशक्त और रचनात्मक कम्युनिकेशन की सबसे बड़ी चुनौती होती है, एक रचनात्मक-छलांग लेना। दूसरे शब्दों में एक ऐसा विचार प्रस्तुत करना, जो बौद्धिक भी हो और दिलों को भी छूता हो। ‘इंडिया’ शीर्षक ठीक यही करता है। एड और मार्केटिंग की दुनिया की किंवदंती लियो बर्नेट का कहना है कि कम्युनिकेशन की तमाम प्रभावी मौलिकताओं का रहस्य नए और ट्रिकी शब्दों या छवियों की रचना करने में नहीं है, बल्कि जाने-पहचाने शब्दों और छवियों को नए परिप्रेक्ष्यों में प्रस्तुत करने में है। ‘इंडिया (जीतेगा भारत)’ के साथ ठीक यही किया गया है। बेंगलुरु में इसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया और उसे बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली है। इसने तुरंत ही लोगों से कनेक्ट किया है। बीते कुछ दशकों में गढ़े गए कुछ बेहतरीन एक्रोनिम वैसे थे, जिन्होंने अपने अभिप्रायों को सफलतापूर्वक व्यक्त किया है। इनमें से मेरे कुछ पसंदीदा हैं- पेटा (पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स), यूनिसेफ (यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रंस इमर्जेंसी फंड, जिसे अब यूएन चिल्ड्रंस फंड कर दिया गया है) और आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशंस)। सुर्खियों में शुमार होने वाले चमकीले एक्रोनिम्स समय-समय पर रचे जाते रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी अपनी बहुत सारी योजनाओं के लिए ऐसे कई शीर्षक रचे हैं, जैसे नमस्ते, दर्पण, हृदय, मिष्टी, प्रसाद, निधि, प्रगति, सेतु, प्रणाम। लेकिन इनमें से ऐसे कितने हैं, जिन्हें आप गूगल-सर्च किए बिना पहचान सकते हैं? लेकिन ‘इंडिया (जीतेगा भारत)’ की बात और है। यह ऊर्जावान और समकालीन है। इसे 360 डिग्री कम्युनिकेशन में सहज तरीके से रूपांतरित किया जा सकता है। यह प्रिंट से लेकर सोशल मीडिया, संगीत से लेकर विजुअल्स, संसद से लेकर सड़क तक- हर जगह सम्प्रेषित होता है। इसके बैनरतले एक ताकतवर चुनाव अभियान निर्मित होने जा रहा है। ‘जीतेगा भारत’ की टैगलाइन भी देश की हर भाषा में सरलतापूर्वक अनूदित की जा सकती है। लेकिन इस स्तम्भकार को अभी ज्यादा खुलासे नहीं करना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि प्रतिस्पर्धियों को रणनीति और उसके क्रियान्वयन की भनक लग जाए! वैसे अगर प्रतिस्पर्धा की बात करें तो हम कुछ विशेष कर रहे हैं या नहीं, यह जानने का पहला तरीका है प्रतिद्वंद्वियों की प्रतिक्रियाओं को परखना। जब से ‘इंडिया’ नाम सार्वजनिक हुआ है, आप देख सकते हैं कि भाजपा ने इस पर कैसी प्रतिक्रिया की है। सबसे पहले उन्होंने इस विचार का मखौल उड़ाया। फिर वे इसकी तुलना में कुछ बेढंगे शीर्षक रचने लगे। कीजिए, कीजिए, और रिएक्ट कीजिए, आपके प्रतिस्पर्धी आपसे ठीक यही तो चाहते हैं! जून में विपक्षी पार्टियां पटना में मिली थीं। जुलाई में बेंगलुरु में मिलीं। मुम्बई में होने जा रही तीसरी समिट से पहले ‘इंडिया’ गठबंधन की पार्टियां संसद के मानसून सत्र के दौरान और उसके बाद भी एकजुट होकर काम करती रहेंगी। ‘इंडिया’ केवल एक शीर्षक नहीं है। वह क्या है, इसके बारे में आपको आने वाले सप्ताहों और महीनों में और बेहतर जानकारी मिल जाएगी। (ये लेखक के अपने विचार हैं। इस लेख के सहायक-शोधकर्ता आयुष्मान डे हैं)
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अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड को एक बार देख ले यूरोप!
पलकी शर्मा मैनेजिंग एडिटर FirstPost twitter : @palkisu पिछले सप्ताह यूरोपियन संसद ने एक बहस आयोजित की। यह पूरे महाद्वीप को परेशान कर देने वाले जलवायु-संकट पर नहीं थी। न ही यह बढ़ते इस्लामोफोबिया पर थी। न ही यूक्रेन में युद्ध या जीवनयापन की बढ़तीPalki Sharma's column - Europe should take a look at its human rights record!
पिछले सप्ताह यूरोपियन संसद ने एक बहस आयोजित की। यह पूरे महाद्वीप को परेशान कर देने वाले जलवायु-संकट पर नहीं थी। न ही यह बढ़ते इस्लामोफोबिया पर थी। न ही यूक्रेन में युद्ध या जीवनयापन की बढ़ती लागत पर। बहस मणिपुर के लिए आयोजित की गई थी! अव्वल तो यह बहुत उलझन में डालने वाला था, क्योंकि मणिपुर में हो रही हिंसा से यूरोप का कोई सम्बंध नहीं है। भारत कहता है यह उसका अंदरूनी मामला है। इसके बावजूद यूरोपियनों को जाने क्या सूझी, जो वो यह मान बैठे कि मणिपुर-संकट को उनकी तवज्जो की दरकार है। लगभग छह संसदीय समूहों ने इस बहस और प्रस्ताव का आयोजन किया था। यह कार्यक्रम कुलजमा 20 मिनटों में निबट गया। महज इतने ही समय में उन्होंने दशकों से चले आ रहे संघर्ष को समझ लिया। जाहिर है, वो लोग इस मामले की जटिलताओं में समझने में दिलचस्पी नहीं रखते थे, बल्कि उनका फोकस भारत को अपमानित और बदनाम करने पर था। उनके भाषणों की तीन मुख्य थीम थीं- एक, मणिपुर को बड़ी समस्या का लक्षण बताते हुए भारतीय लोकतंत्र को पतनशील करार देना, दो, इसे ईसाइयों के विरुद्ध एक साम्प्रदायिक-युद्ध के रूप में चित्रित करना, और तीन, भारत और उसके प्रधानमंत्री की छवि पर दाग लगाना। उनके प्रहार प्रत्यक्ष, प्रायोजित और निजी थे। भारत ने इस तथाकथित डिबेट को खारिज कर दिया। लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इसका उलटा भी होगा? यानी भारत की संसद फ्रांस के दंगों या डच सरकार के पतन पर बहस करेगी? वैसे वह बहुत ही बेढंगी बात होगी, लेकिन तब बहस के लिए विषयों की कमी नहीं रहने वाली है। क्योंकि यूरोप का खुद का मानवाधिकार-रिकॉर्ड कोई बहुत उजला नहीं है। इस सप्ताह का ही हाल देख लें। उन्होंने प्रवासियों को दूर रखने के लिए बाउंसर्स की नियुक्ति की। इक्के-दुक्के लोगों की नहीं, बल्कि एक पूरे देश की! उत्तरी अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया वो मुल्क है, जहां यूरोप जाने वाले प्रवासी एकत्र होते हैं। अगर आप ट्यूनीशिया से नाव पकड़कर इटली जाएं तो यह केवल 600 किलोमीटर का फासला होगा। यही कारण है कि उस पार जाने के लिए अफ्रीकी यहां एकजुट होते हैं। यूरोप इस पर रोक लगाना चाहता है। इसलिए उसने ट्यूनीशिया से एक डील साइन की है। यूरोपियन यूनियन इसे ‘कॉम्प्रिहेन्सिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ कह रहा है, लेकिन वास्तव में यह किसी ‘बाउंसर’ को नौकरी पर रखने की तरह है। ट्यूनीशिया प्रवासियों के प्रवेश को रोकेगा, बदले में यूरोप उसकी मदद के लिए एक अरब डॉलर देगा। दूसरे शब्दों में यूरोप प्रवासियों को अपने से दूर रखने के लिए ट्यूनीशिया को पैसे दे रहा है। यूरोप खुद प्रवासियों को घेरकर उन्हें वापस भेजने के काम में अपने हाथ गंदे नहीं करना चाहता, क्योंकि तब वह मानवाधिकारों का उल्लंघन कहलाएगा। इसलिए उन्होंने अपने इस काम को ‘आउटसोर्स’ कर दिया है। अपने बचाव में यूरोप कह सकता है कि वह प्रवासियों को अपने से दूर नहीं कर रहा है, बल्कि वह उन लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है, जिनकी तस्करी या ट्रैफिकिंग की जाती है। लेकिन सच्चाई किसी से छुपी नहीं है। दरअसल, मुख्य समस्या नस्ल से जुड़ी है। क्योंकि यूक्रेन से आने वाले गोरे शरणार्थियों को स्वीकार करने में यूरोप को कोई समस्या नहीं थी। लगभग 80 लाख यूक्रेनी शरणार्थियों को आज यूरोपियन यूनियन में पंजीकृत किया जा चुका है। इतने सारे लोग महज 500 दिनों में यूरोप चले आए थे। जबकि इटली से मिली रिपोर्टों के मुताबिक अफ्रीका से विगत छह महीने में 75 हजार शरणार्थी ही आए हैं। ठीक है, यूरोप को इन लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने का पूरा हक है, क्योंकि वे आखिरकार अवैध प्रवासी हैं। समस्या है इस काम की आउटसोर्सिंग करना। यह यूरोप के पाखंड को उजागर करता है। एक तरफ वे गोरों के प्रवेश का स्वागत करते हैं, दूसरी तरफ अश्वेतों को रोकने के लिए पैसे चुकाते हैं। और इस कार्य के लिए एक तानाशाही नेता का सशक्तीकरण करते हैं! क्योंकि ट्यूनीशिया केवल कागज पर ही एक लोकतांत्रिक देश है। उसके राष्ट्रपति ने अपने आलोचकों को जेल भेज दिया है और संसद की शक्तियों को बाधित कर दिया है। दो साल पहले यूरोपियन यूनियन ने इन्हीं ट्यूनीशियाई नेता पर अपने देशवासियों की स्वतंत्रता को बाधित करने का आरोप लगाया था। लेकिन अब उन्हें उनकी जरूरत महसूस होने लगी है। कल्पना करें अगर किसी एशियाई या लातीन अमरीकी देश ने ऐसा किया होता तो? (ये लेखिका के अपने विचार हैं)
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कॉन्स्टेबल और क्लर्क के पदों पर अप्लाई करने की लास्ट डेट आज
Sarkari Naukri 2023 Latest Sarkari Job Alert (21 July 2023) - Government Jobs Latest Govt Jobs Vacancies Eligibility And Selection Process Latest Details राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने कंप्यूटर ऑपरेटर के 583 पदों पर वैकेंसी निकाली है। जिसके तहत 512 पदों पर नॉन टीएसपी जबकि 71
सरकारी नौकरी की तलाश में जुटे युवाओं के लिए हम फिर से 5 लेटेस्ट सरकारी नौकरियों की जानकारी के साथ हाजिर हैं। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने कंप्यूटर ऑपरेटर के 583 पदों पर वैकेंसी निकाली है। जिसके तहत 512 पदों पर नॉन टीएसपी जबकि 71 पदों पर टीएसपी क्षेत्र में पोस्टिंग दी जाएगी। फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 10 अगस्त 2023 है। चंडीगढ़ पुलिस विभाग ने सीधी भर्ती के अंतर्गत ग्रुप सी के सहायक उप निरीक्षक (कार्यकारी) पदों पर भर्ती निकाली है। 44 अस्थायी पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की आज यानी 21 जुलाई आखिरी तारीख है। UPSSSC में ऑडिटर और असिस्टेंट अकाउंटेंट के 530 पदों पर वैकेंसी निकली है। सिलेक्शन होने पर 20 हजार से 92 हजार रुपए महीना सैलरी मिलेगी। पावर ग्रिड में एक साल के लिए विभिन्न ट्रेडों में अप्रेंटिस का मौका है। सिलेक्शन होने पर 13500 रुपए से लेकर 17500 रुपए मिलेंगे। फार्म भरने की आखिर तारीख 31 जुलाई है। IBPS ने क्लर्क के 4045 पदों पर भर्ती का नोटीफिकेशन जारी किया है। सिलेक्शन होने पर 19 हजार से 47 हजार रुपए महीना सैलरी मिलेगी। फॉर्म अप्लाई करने की लास्ट डेट आज यानी 21 जुलाई है। आपने यहां पांच नौकरियों के बारे में जाना। आपके मन में कुछ सवाल होंगे। इसलिए आप दिए गए वेबसाइट के जरिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन को जरूर देखें। बाकी जिन नौकरियों के बारे में बताया गया है अगर लगता है कि इससे आपके भाई-दोस्त या फिर रिश्तेदार की जरूरत पूरी होती है तो उन्हें यह जरूर भेजें। आखिर में हम 10 लेटेस्ट करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब दे रहे हैं। इन्हें रोज देखिए। हो सके तो सेव करते जाएं। ताकि आगामी परीक्षाओं में यह आपके लिए फायदेमंद साबित हों।
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डायमंड हब में 3000 करोड़ की आलीशान बिल्डिंग, इंडियन आर्किटेक्चर की पूरी दुनिया में चर्चा
Gujarat Surat Diamond Bourse - Follow Largest Office Building [Surat Diamond Bourse] Photos, Office Price, Architect And Facts On Dainik Bhaskar. गुजरात के सूरत में बनी ये चमचमाती इमारत इस वक्त पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रही है. ये पूरे विश्व में अब तक की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग है
गुजरात के सूरत में बनी एक आलीशान इमारत इस वक्त पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रही है। ये पूरे विश्व में अब तक की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग है। पीएम मोदी 21 नवंबर को इसका उद्घाटन करेंगे। खास बात ये है कि सूरत की इस इमारत के बनने से पहले सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग का दर्जा अमेरिकी रक्षा विभाग के पेंटागन को हासिल था। आज स्पॉटलाइट में बात भारत की इसी खास इमारत की। ऊपर दिए गए फोटो पर क्लिक करें और देखें वीडियो...
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यह रोग फैलने की प्रोसेस समझता है, फिर इम्यून सिस्टम उससे लड़ने का प्लान बनाता है
Immune System Boost With Card-8 इम्यून सिस्टम हमें कोविड-19 जैसी कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि इम्यून सिस्टम काम कैसे करता है। इसके पीछे CARD-8 नाम का सेंसर है।
इम्यून सिस्टम हमें कोविड-19 जैसी कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि इम्यून सिस्टम काम कैसे करता है। इसके पीछे CARD-8 नाम का सेंसर है। ये इम्यून सिस्टम के लिए काफी अहम है। CARD-8 इंफेक्शन या वायरस का पता लगाने और इससे लड़ने में इम्यून सिस्टम की मदद करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुई रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है। पहले होती है वायरस की पहचान फिर CARD8 काम शुरू करता है रिसर्च में कहा गया कि इम्यूनोलॉजिकल रिस्पोंस (प्रतिरक्षात्मक प्रतिक्रिया) को ट्रिगर करने के लिए मानव शरीर पहले बीमारी फैलाने वाले वायरस (पैथोजिन) की पहचान करता है। हालांकि ये कैसे होता है, इसके बारे में रिसर्च में नहीं बताया गया। पैथोजिन की पहचान होने के बाद CARD-8 काम शुरू करता है। CARD-8 अलग-अलग वायरस पर किस तरह से रिएक्ट करता है, यह जानने के लिए रिसर्चर्स ने मानव कोशिकाओं पर स्टडी की। CARD-8 के जेनेटिक लक्षण जानने के लिए यह स्टडी स्तनधारियों और इंसानों पर भी की गई। CARD-8 तीन तरह के वायरस का पता लगा सकते हैं रिसर्चर्स ने कहा- CARD-8 कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ इम्यून रिस्पोंस के लिए जरुरी है। इसमें कम से कम तीन तरह के वायरस का पता लगाने की क्षमता है। इन वायरस के नाम कोरोनाविरिडे, पिकोर्नाविरिडे और रेट्रोविरिडे हैं। इनमें इंसानों में खतरनाक रोग फैलाने वाले वायरस भी शामिल हैं। स्टडी के मुताबिक, CARD-8 उन RNA वायरस का भी पता लगा सकता है, जो खुद को तेजी से बदलते हैं या जिनमें खुद को मजबूत करने की कैपेसिटी है। स्टडी से यह भी पता चला है कि अलग-अलग स्पीशीज और इंसानों के बीच रोग फैलने की प्रोसेस के बारे में पता लगाने के लिए CARD-8 सीक्वेंस भी अलग-अलग होते हैं। ये खबर भी पढ़ें... इम्युन रेजीलेंस की वजह से बार-बार बीमार पड़ते हैं लोग: इस सिस्टम के कमजोर होने से शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता देर-सबेर बीमारी हम सबका दरवाजा खटखटाती है, लेकिन कुछ लोगों पर इसका असर नहीं दिखता, कुछ ऐसे भी होते हैं, जो अक्सर बीमार पड़ते-रहते हैं। पहली बार इसकी सटीक वजहों का पता चला है। नेचर में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक इसके लिए हमारे शरीर में मौजूद ‘प्रतिरक्षा लचीलापन’ सिस्टम जिम्मेदार है। पढ़ें पूरी खबर...
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कार, बस और ट्रक के लिए अलग लेन, ओवरटेक के लिए अलग; हेलिकॉप्टर उतारने की सुविधा भी
Delhi Mumbai Expressway MP Section - मैं एक सड़क पर ड्राइव कर रहा हूं। ये इतनी शानदार है, जैसे कोई थ्री-डी गेम की सड़क हो। स्पीडो मीटर 150 के पार है। दोनों ओर दीवारें हैं।
मैं एक सड़क पर ड्राइव कर रहा हूं। ये इतनी शानदार है, जैसे कोई थ्री-डी गेम की सड़क हो। स्पीडो मीटर 150 के पार है। दोनों ओर दीवारें हैं। अचानक कोई वाहन या जानवर नहीं आ सकता। शार्प कट हैं, कोई गड्‌ढा नहीं है, आसपास जबरदस्त ग्रीनरी। जैसे ही मेरे पास से क्रॉस कर रही एक गाड़ी ने हार्न बजाया तो मेरा सपना टूटता है। ये सपना नहीं सच है, मैं अपने आपको रतलाम जिले की एक सड़क पर पाता हूं। वर्चुअल लाइफ की ये सड़क रियल में बन चुकी है। मप्र में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत 8 लेन का एक्सप्रेस वे बनकर तैयार है। इसके चालू होते ही दिल्ली से मुंबई की 1,386 किमी की दूरी 12 घंटे की रह जाएगी। मध्यप्रदेश से गुजर रहे 244 किमी की दूरी केवल दो घंटे में तय होगी। इसका मतलब ये नहीं कि आप मनमर्जी से कार दौड़ाएंगे। ओवर स्पीड में गाड़ी चलाते ही सड़कों पर लगे कैमरे चालान बना देंगे। इर एक्सप्रेस-वे के हर 50 किमी पर वर्ल्ड क्लास यात्री सेंटर है। यहां खाने-पीने से लेकर पेट्रोल पंप, EV चार्जिंग स्टेशन मिलेगा। चाहें तो हेलिकॉप्टर भी उतार सकते हैं, हर यात्री सेंटर पर आपको हेलिपैड भी मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई के आखिरी या अगस्त के पहले सप्ताह में इसका लोकार्पण कर सकते हैं। दैनिक भास्कर टीम ने इस सड़क का 244 किलोमीटर का सफर किया। जाना कि क्या सच में यहां 160 की रफ्तार से कार दौड़ाई जा सकती है। क्यों इसे सपनों की सड़क कहा जा रहा है? दिल्ली से राजस्थान के दौसा तक 247 किमी एक्सप्रेस वे पर 12 फरवरी से वाहनों की आवाजाही चालू हो चुकी है। इस एक्सप्रेस वे से राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों की दूरी 80 से 150 किमी घट जाएगी। टोल प्लाजा से ही एंट्री-एग्जिट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की खूबियों को जानने के लिए भास्कर टीम भोपाल से 350 किमी दूर रतलाम पहुंची। यहां इसलिए क्योंकि मध्यप्रदेश में यह एक्सप्रेस वे रतलाम सहित तीन जिलों से गुजर रहा है। एक्सप्रेस वे का सेंटर पॉइंट रतलाम ही है। यहां से दिल्ली और मुंबई की दूरी लगभग समान है। रतलाम से 12 किमी दूर धामनोद से इस एक्सप्रेस वे पर जाने की कनेक्टिविटी है। एक्सप्रेस-वे पर इस कनेक्टिविटी रोड को MP06 नाम दिया गया है। मतलब, MP में ये एंट्री-एग्जिट का छठा पॉइंट है। धामनोद में टोल प्लाजा भी बना है, जो एक्सप्रेस वे से 50 मीटर की दूरी पर है। टोल प्लाजा से ही वाहनों की एक्सप्रेस वे पर एंट्री और एग्जिट हो सकेगी। हमने भी यहीं से एंट्री की। इस पर चलने के लिए आपको टोल टैक्स चुकाना होगा, लेकिन इसकी गणना आखिरी में एक्सप्रेस वे से उतरने वाले टोल पर दूरी के हिसाब से होगी। टोल एग्जिट वाले प्लाजा पर फास्ट टैग से कटेगा। जहां गडकरी ने ट्रायल लिया, वहां दैनिक भास्कर ने लिया स्पीड टेस्ट सबसे पहले दैनिक भास्कर टीम ने राजस्थान-MP सीमा के ढाबला से गुजरात सीमा से सटे झाबुआ स्थित अनास नदी की 244 किमी की दूरी नापी। दैनिक भास्कर ने इस एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा उपायों और प्रोजेक्ट डायरेक्टर रवि गुप्ता की अनुमति से 160 किमी की स्पीड का ट्रायल भी लिया। इस स्पीड में भी हम लोगों को जरा भी झटका नहीं लगा। इसी स्पीड पर केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी ट्रायल लिया था। एक्सप्रेस वे पर 160 की स्पीड से गाड़ी चलाई जा सकती है, लेकिन सुरक्षा दृष्टि से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है। एक्सप्रेस वे शानदार है, लेकिन 8 लेन पर चलने के कुछ नियम भी हैं। ऐसा इसलिए, ताकि आप सुरक्षित घर पहुंच सकें। 8 लेन के इस एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ चार-चार लेन बनाए गए हैं। तीन लेन तीन तरह के वाहनों के लिए हैं। ट्रक और भारी वाहनों के लिए 80 की स्पीड, बस के लिए 100 और कार सहित अन्य लग्जरी वाहनों के लिए 120 की स्पीड के लिए अलग लेन है। चौथी लेन ओवर टेक के लिए रहेगी। इसके अलावा कुछ किलोमीटर पर इससे कनेक्टेट स्टॉपिंग स्पॉट बनाए गए हैं, जहां खराब होने वाले वाहन खड़े रह सकेंगे। MP में 7 स्थानों पर कर सकते हैं एंट्री-एग्जिट MP में 244 किमी की सड़क पर कुल 7 एंट्री-एग्जिट टोल प्लाजा पॉइंट बनाए गए हैं। इसे MP 01 से MP07 नाम दिया गया है। इसके माध्यम से आप इस एक्सप्रेस वे पर एंट्री और एग्जिट कर सकते हैं। पहला पॉइंट मंदसौर जिले में और सातवां झाबुआ जिले में है। एक्सप्रेस-वे की वे 3 बातें, जो पहली बार देश में किसी रोड पर हो रही हैं... 【 1 】 दूरी के हिसाब से लगेगा टोल टैक्स 8 लेन के इस एक्सप्रेस वे पर तय की गई दूरी के हिसाब से ही टोल टैक्स देना होगा। अभी फोर लेन पर प्रति किमी औसतन 1.40 रुपए की दर से टोल देना पड़ता है, लेकिन एक्सप्रेस वे पर टोल की दर महंगी रहेगी। यहां कार और अन्य वाहनों को प्रति किमी 2 रुपए से लेकर 2.20 रुपए की दर से टोल देना होगा। ट्रक-बस के लिए 7 रुपए के लगभग टोल लगेगा। अभी टोल की दरें निर्धारित होनी हैं। एक्सप्रेस वे पर कहीं भी टोल प्लाजा नहीं होगा। एक्सप्रेस वे के किनारे एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर टोल प्लाजा बने हैं। एंट्री के समय एक स्लिप मिलेगी और कैमरे नंबर कैप्चर कर लेंगे। इसके बाद जब आप एग्जिट होंगे, वहां जितना आप चले हैं, उतना कैलक्युलेट होकर टोल आएगा। यह अपने आप फास्ट टैग से कट जाएगा। 【 2 】पहला एक्सप्रेस वे, जिसकी सुरक्षा करेगी SISF देश का पहला एक्सप्रेस वे होगा, जिसकी सुरक्षा राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (SISF) के जवान 24 घंटे करेंगे। एक्सप्रेस वे के MP सेक्शन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रवि गुप्ता ने बताया कि इसके लिए SISF से बल की मांग की गई है। बीते 9 मई को SISF की टीम ने मेरे साथ एक्सप्रेस वे का निरीक्षण भी किया था। लोकार्पण से पहले इस एक्सप्रेस वे पर वाहन की आवाजाही शुरू कर दी गई थी। जावरा और झाबुआ क्षेत्र में बदमाशों ने कई वाहनों पर पथराव कर लूट की थी। इसके बाद इस एक्सप्रेस वे पर आवागमन रोक दिया गया है। सुरक्षा को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने SISF की सुरक्षा लगाने का निर्णय लिया है। रतलाम से झाबुआ रूट पर फोर्स का 24 घंटे लगातार मूवमेंट रहेगा। 【 3 】हर 50 किमी पर पेट्रोल पंप और EV चार्जिंग स्टेशन एक्सप्रेस वे में हर 50 किमी की दूरी पर बने यात्री सुविधा केंद्र होगा। यहां होटल, ATM, फूड कोर्ट, बर्गर किंग, सबवे, मैक डोनाल्ड आदि जैसे सिंगल-ब्रांड फूड स्टोर, खुदरा दुकानों, पेट्रोल पंप स्टेशन, चार्जिंग स्टेशन होगा। वाहन में खराबी होने पर मेंटेनेंस सेंटर भी होगा। दूसरे चरण में दिल्ली से मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक लेन भी बनाया जाना प्रपोज्ड है। एक्सप्रेस-वे की 3 खासियत, जो किसी और हाईवे या एक्सप्रेस वे पर नहीं मिलेंगी... 【 खासियत 1 】पूरे रास्ते 360 डिग्री घूमने वाले कैमरे करेंगे निगरानी इस एक्सप्रेस पर 244 किलोमीटर के रास्ते में 360 डिग्री मूवमेंट करने वाले नाइट विजन कैमरे लगे हैं। इनके अलावा, वाहनों के नंबर को रीड करने वाले NPR (नंबर प्लेट रीडिंग) कैमरे भी लगे हैं। सभी कैमरे सोलर पैनल से चलेंगे। कैमरों के लिए हर 50 किमी की दूरी पर बने यात्री सुविधा केंद्र और रतलाम में बने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के ऑफिस में कंट्रोल सेंटर हैं। सभी कैमरों की कनेक्टिविटी कंट्रोल रूम से है। झाबुआ वाले हिस्से में कैमरे को नुकसान पहुंचाने की आशंका को देखते हुए उन्हें जाली से कवर किया गया है। 【 खासियत 2 】ग्रीन जोन में पौधों की सिंचाई ऑटोमैटिक ड्रिप इरिगेशन से 100 मीटर चौड़े इस एक्सप्रेस वे के सेंटर में 20 मीटर एरिया को ग्रीन जोन बनाया गया है। इस ग्रीन जोन के सेंटर में बड़े पौधे और अगल-बगल छोटे पौधे रोपे गए हैं। पौधे न सूखें, इसके लिए हर 5 किमी की दूरी पर ऑटोमैटिक ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाए हैं। ये पूरा सिस्टम भी सोलर एनर्जी से चलेगा। यहां एक-एक हजार लीटर के चार-चार टैंक रखे गए हैं। दोनों तरफ ढाई-ढाई किमी के एरिया वाले पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन की पाइप लाइन बिछाई गई है। टंकी में पानी भरने से लेकर पौधों की सिंचाई तक सब कुछ ऑटोमैटिक रहेगा। 【 खासियत 3 】यदि 120 से ज्यादा की स्पीड हुई तो कटेगा चालान मुंबई दिल्ली एक्सप्रेस वे पर अधिकतम 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार निर्धारित की गई है। बस के लिए 100, तो ट्रक और दूसरे लोडिंग वाहनों के लिए 80 की रफ्तार तय की गई है। एक्सप्रेस वे पर बैलगाड़ी, ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर, बाइक जैसे वाहनों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। ऐसा करने पर इन वाहनों पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। इस एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीड में वाहन चलाते ही चालान कट जाएगा। फोटो सहित ये चालान वाहन रजिस्ट्रेशन एड्रेस पर पहुंच जाएगा। इसके अलावा चालान की राशि फास्ट टैग से काटने की तैयारी चल रही है। सात राज्य में कहां कितने किमी का है एक्सप्रेस वे, कब तक होगा तैयार ऊंट-बैलगाड़ी से किया सर्वे, पहाड़ काटकर निकाला रास्ता NHAI के MP सेक्शन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रवि गुप्ता ने बताया कि 244 किमी में हर किमी पर कैमरे लगे हैं। चालान के लिए व्हीकल डिडक्शन सिस्टम लगे हैं। जावरा में कंट्रोल सिस्टम है। यहां के सारे टोल कनेक्टेड रहेंगे। कैमरे से जो भी डिडक्शन होगा, उस स्थान पर कंट्रोल सिस्टम से एम्बुलेंस, क्रेन, पेट्रोल व्हीकल रिस्पॉन्स टाइम में पहुंच जाएगा। गुप्ता ने बताया कि जहां एक्सप्रेस वे बना है, वहां पर पहले खेत, जंगल, पहाड़ थे। जब इन एरियाज में सर्वे करने जाते थे, तो हमें ऊंट, बैलगाड़ी में बैठकर जाना पड़ता था, क्योंकि कई जगहों पर कार नहीं जा पाती थी। किसानों से जमीन अधिग्रहण का कठिन काम करना था। यहां प्रति बीघा 4.50 लाख रुपए दिए गए हैं। जैसे ही, जनवरी 2020 में एक्सप्रेस वे का काम शुरू हुआ, कोविड के चलते लॉकडाउन लग गया। बावजूद इसके एक्सप्रेस वे का काम नहीं रुका।
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1,400 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति; दूसरे और तीसरे नंबर पर भी कर्नाटक के MLA
With Rs 1,400 crore assets, DK Shivakumar is India's richest MLA, देश के सबसे अमीर विधायक के पास 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, जबकि पश्चिम बंगाल के एक विधायक के नाम पर 2,000 रुपये भी नहीं हैं
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार देश के सबसे अमीर विधायक हैं। उनके पास 1,400 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। दूसरे और तीसरे नंबर के सबसे धनी विधायक भी कर्नाटक के ही हैं। दूसरे नंबर पर कर्नाटक के ही निर्दलीय विधायक केएच पुट्टास्वामी गौड़ा हैं। उनके पास 1,267 करोड़ रुपए की संपत्ति है। तीसरे नंबर पर कर्नाटक की ही कांग्रेस विधायक प्रिया कृष्णा हैं, जिनके पास 1,156 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है। सबसे कम संपत्ति वाले विधायक पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायक निर्मल कुमार धारा हैं, जिनकी कुल घोषित संपत्ति सिर्फ 1,700 रुपए है। उनके बाद ओडिशा से निर्दलीय विधायक मकरंदा मुदुली हैं, जिनकी संपत्ति 15,000 रुपए है। फिर पंजाब से आम आदमी पार्टी के नरिंदर पाल सिंह सावना हैं, जिनकी संपत्ति 18,370 रुपए है। यह आंकड़े एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक की रिपोर्ट (ADR) ने जारी किए हैं। टॉप टेन अमीर विधायकों में 4 कांग्रेस और 3 भाजपा के सबसे अमीर विधायकों में से चार कांग्रेस के हैं और तीन भाजपा के हैं। देश के 20 सबसे अमीर विधायकों में से 12 कर्नाटक से हैं। अरुणाचल प्रदेश के 59 में से 4 विधायक अरबपति हैं। डीके बोले- सबसे अमीर नहीं, पर गरीब भी नहीं हूं अपनी संपत्ति के बारे में पूछे जाने पर डीके शिवकुमार ने कहा- मैं सबसे अमीर नहीं हूं, लेकिन गरीब भी नहीं हूं। ये ऐसी संपत्तियां हैं जो मैंने लंबी अवधि में हासिल की हैं। कांग्रेस बोली- डीके व्यापारी हैं, इसमें गलत क्या है कांग्रेस के विधायक रिजवान अरशद ने कहा- डीके शिवकुमार व्यवसायी हैं। और इसमें गलत क्या है? भाजपा विधायकों को भी देखें, खासकर खनन घोटालों के आरोपियों को। कर्नाटक भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को अमीर लोगों से प्यार है। जर्नादन रेड्‌डी 23वें नंबर पर सबसे अमीर विधायकों की सूची में 23वें नंबर पर खनन कारोबारी गली जनार्दन रेड्डी हैं। रेड्‌डी पहले भाजपा का हिस्सा थे। उन्होंने पिछले साल अपनी पार्टी बनाई थी। उनकी अधिकांश संपत्ति उनकी पत्नी अरुणा लक्ष्मी के नाम पर है। दैनिक भास्कर की ये खबरें भी पढ़ें... सिद्धारमैया कैबिनेट के 9 मंत्री करोड़पति, सब पर क्रिमिनल केस 20 मई को कर्नाटक में सिद्धारमैया कैबिनेट में शपथ लेने वाले सभी 9 मंत्रियों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। सबसे ज्यादा 19 केस डिप्टी CM डीके शिवकुमार पर और 13 केस मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर दर्ज हैं। इतना ही नहीं, ये सभी मंत्री करोड़पति भी हैं। पूरी खबर पढ़ें ... MP में कांग्रेस विधायकों की तुलना में भाजपा विधायकों की प्रॉपर्टी तेजी से बढ़ी एक बार फिर मध्यप्रदेश की राजनीति में धन-बल चर्चा में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ की प्रॉपर्टी पर सवाल खड़ा किया तो कमलनाथ ने भी पलटवार किया। पूछा- शिवराज बताएं कि मेरी कौन सी कंपनी है?​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें...
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NIA ने कहा- केरल के धर्मस्थल और नेताओं पर हमले की प्लानिंग थी, 4 जगह छापामारी हुई
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को केरल में ISIS के एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया। यह मॉड्यूल पूजा स्थलों और कुछ समुदायों के नेताओं पर हमले करने की फिराक में था। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि
ISIS के एक आतंकी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को तमिलनाडु से अरेस्ट किया। NIA प्रवक्ता ने बताया कि ये केरल के धर्म स्थल और कुछ समुदायों के नेताओं पर हमले की प्लानिंग कर रहा था। NIA से इनपुट मिलने के बाद केरल में राज्य की पुलिस ने चार जगह छापामारी भी की। NIA प्रवक्ता ने कहा कि ISIS मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए त्रिशूर में तीन और पलक्कड़ में एक जगह छापा मारा गया। मॉड्यूल के लोग टोही मिशन चला रहे थे और आतंकवादी हमलों की साजिश रच रहे थे। इससे पहले, मंगलवार को भी NIA ने एक आरोपी आशिफ उर्फ ​​मैथिल अकाथ कोदायिल अशरफ को ट्रैक किया और तमिलनाडु के सत्यमंगलम के पास उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। अगले दिन (19 जुलाई), आशिफ के साथ-साथ सैयद नबील अहमद, त्रिशूर के शियास टीएस और पलक्कड़ के रईस के घरों की तलाशी ली, यहां से डिजिटल डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। आतंकी हमलों के लिए पैसा जमा कर रहे थे पकड़ा गया आरोपी आशिफ ISIS की गतिविधियों को बढ़ावा देने, डकैती और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर आतंकवादी हमलों के लिए पैसा जमा करने में लगा था। NIA ने बताया कि ये केरल में कुछ समुदायों के पूजा स्थलों, नेताओं और कुछ प्रमुख स्थानों की रेकी कर चुके थे। इनका उद्देश्य राज्य में आतंक फैलाना और सांप्रदायिक टकराव पैदा करना था। आतंकियों के पकड़े जाने से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें: बेंगलुरु से 5 संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, धमाके का प्लान था:पुणे से जयपुर ब्लास्ट के दो साजिशकर्ता और मोतीहारी से PFI का एक टेररिस्ट अरेस्ट कर्नाटक समेत तीन राज्यों से बुधवार को 8 आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं। सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) ने बुधवार को बेंगलुरु से 5 संदिग्ध आतंकी पकड़े। ये आतंकी बेंगलुरु में धमाका करने की योजना बना रहे थे। पढ़ें पूरी खबर... एनआईए कोर्ट में पेश किया गया फैयाज अंसारी: न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल, आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी की लोहरदगा से हुई गिरफ्तारी झारखंड के लोहरदगा से गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के आतंकी फैयाल अंसारी को एनआईए रांची की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। आज उसे लोहरदगा के न्यू रोड एरिया से गिरफ्तार किया गया। इंटेलिजेंस ब्यूरो, नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी और दिल्ली पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर गिरफ्तार किया है। पढ़ें पूरी खबर...
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देशभर में चावल की बढ़ती कीमतों को कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया
India Government Stops Non-Basmati White Rice Export सरकार ने नॉन-बासमती व्हाइट राइस (सफेद चावल) के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है। इस बात की जानकारी सरकार ने आज यानी 20 जुलाई (गुरुवार) को एक नोटिफिकेशन जारी कर दी है।
सरकार ने नॉन-बासमती व्हाइट राइस (सफेद चावल) के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है। इस बात की जानकारी सरकार ने आज यानी 20 जुलाई (गुरुवार) को एक नोटिफिकेशन जारी कर दी है। देश में चावल की कीमत में तेजी को रोकने और डोमेस्टिक सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। कुछ शर्तों के साथ चावल के एक्सपोर्ट को अनुमति दी जाएगी डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने नोटिफिकेशन में यह भी बताया है कि कुछ शर्तों के साथ चावल के एक्सपोर्ट को अनुमति दी जाएगी। अगर नोटिफिकेशन से पहले जहाजों में चावल की लोडिंग शुरू हो गई है तो उसके एक्सपोर्ट की अनुमति होगी। साथ ही उन मामलों में भी चावल के एक्सपोर्ट की अनुमति होगी, जहां सरकार ने दूसरे देशों को इसकी इजाजत दे रखी है। पिछले 10 दिन में देशभर में चावल की कीमत 20% बढ़ी सरकार ने इन देशों की फूड सिक्योरिटी की जरूरतों को देखते हुए इस तरह की अनुमति दी है। देश में पिछले कुछ समय से खाने-पीने की चीजों की कीमत में काफी तेजी आई है। गेहूं, चावल, दूध और सब्जियों की कीमत तेजी से बढ़ी हैं। पिछले 10 दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। मॉनसून की बारिश में कमी के कारण धान और दलहन की बुवाई का रकबा (जमीन/भूमि/खेत का क्षेत्रफल) घटा है। 14 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ की बुवाई 2% कम हुई है। धान का रकबा 6.1% और दलहन का 13.3% है। इसकी वजह यह है कि पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम बारिश हुई है। भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर पश्चिम बंगाल धान का बड़ा उत्पादक है, जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक में देश का 50% से भी ज्यादा दलहन होता है। दलहन और धान की बुवाई के लिए अगले 2 हफ्ते काफी अहम हैं। भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे हुए चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी। साथ ही दूसरी तरह के कई चावल के एक्सपोर्ट पर 20% ड्यूटी लगाई गई थी। देश में धान का उत्पादन करने वाले राज्यों में बारिश सही ढंग से नहीं हुई इससे पहले ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सरकार चावल की अधिकांश किस्मों के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है। इससे देश का 80% चावल का एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है। इससे देश में तो चावल की कीमत में गिरावट आएगी, लेकिन दुनियाभर में चावल की कीमत बढ़ सकती है। पिछले दस दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20% तेजी आई है। इसकी वजह यह है कि देश में धान का उत्पादन करने वाले राज्यों में बारिश सही ढंग से नहीं हुई है।
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प्रताप बोले- मेरे भतीजे ने तोड़फोड़ नहीं मदद की, बीजेपी बोली- प्रदेश में जंगलराज
जयपुर के होटल काउंटी में तोड़फोड़ करने के मामलें में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि किसी का भतीजा या रिश्तेदार होना गुनाह नहीं हैं। मेरे भतीजे हर्षदीप सिंह ने कोई तोड़फोड़ नहीं की। उसने तो उलटा मदद की। होटल मालिक पूरे मामलें में राजनीति कर रहा हैं।
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के भतीजे हर्षदीप सिंह खाचरियावास के होटल में तोड़फोड़ करने के मामले में प्रदेश की सियासत गरमा गई है। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मेरे भतीजे ने कोई तोड़फोड़ नहीं की। उसने तो मदद की है। किसी का भतीजा या रिश्तेदार होना गुनाह नहीं है। खाचरियावस ने कहाए पूरे मामले में होटल मालिक बीजेपी वालों के भरोसे राजनीति कर रहा है। वहीं इस मामलें में बीजेपी का कहना है कि प्रदेश में जगंलराज है। जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिखाई नहीं देता है। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा, ट्वीट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश भर में फैला यह जंगलराज आपको विचलित नहीं करता है। वहीं केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने घटना के बाद दिए प्रताप सिंह खाचरियावास के बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा कि राजस्थान की कानून-व्यवस्था के हर मुद्दे पर बोलना जरूरी क्यों है? ये प्रताप सिंह खाचरियावास के इस बयान से समझा जा सकता है। मेरे भतीजे का तो सम्मान होना चाहिए खाचरियावास ने कहा कि मेरे भतीजे का तो सम्मान होना चाहिए। उसने एक साइको युवक से महिला को बचाया। होटल में एक साइको युवक ने पहले महिला से छेड़छाड़ की। महिला के पति ने विरोध किया तो युवक ने चाकू निकाल लिया। मेरे भतीजे व अन्य लोगों ने उस युवक को काबू में करने की कोशिश की। जबकि होटल स्टॉफ ने युवक को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। इससे वहां मौजूद पब्लिक ने गुस्से में आकर होटल में तोड़फोड़ कर दी। मेरा भतीजा किसी भी वीडियो में तोड़फोड़ करते हुए नज़र नहीं आ रहा है। वो डांस करते हुए जरूर नज़र आ रहा है। क्लब में जाएगा तो डांस ही करेगा। भजन तो करने गया नहीं था। खाचरियावास ने कहा कि मैंने इस पूरे मामले में अपने प्रभाव का कोई इस्तेमाल नहीं किया। मैने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा। जिससे मामले की जांच हो जाएगी। खाचरियावास ने कहा कि होटल के किसी स्टॉफ के साथ अगर मारपीट हुई होती तो उनका मेडिकल होता। लेकिन होटल के किसी स्टॉफ को खरोंच तक नहीं आई। लेकिन यह होटल मालिक बेइमान है। इसे पता लग गया कि यह प्रताप सिंह खाचरियावास का भतीजा है। तो उसने पूरे मामले को ही घुमा दिया जबकि यह मामला उस महिला व चाकू निकालने वाले युवक के बीच का है। बीजेपी ने किया पलटवार प्रताप सिंह के बयान पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने पलटवार किया है। गजेन्द्र सिंह ने खाचरियावास के बयान का एक हिस्सा ट्वीट करते हुए लिखा। राजस्थान की कानून-व्यवस्था के हर मुद्दे पर बोलना जरूरी क्यों है? ये प्रताप सिंह खाचरियावास के इस बयान से समझा जा सकता है। जब सरकार का मंत्री ही कहे कि क्लबों में रोज तोड़फोड़ होती है, छोटी मोटी तोड़फोड़ कर दी, एक ने चाकू निकाल लिया, तीन लोगों का मामला था। वे भूल गए कि तीन लोगों में एक महिला भी थी!! इस सरकार को महिलाओं से क्या बैर है पता नहीं? महिला के सामने चाकू निकाला जाना मामूली घटना साबित की जा रही है। हो सकता है इस पर भी महिलाओं का मजाक बनाया जाए, जैसे विधानसभा में दुष्कर्म को मर्दानगी से जोड़कर बनाया गया था। क्लब में हुई यही घटना अगर कांग्रेस के मुख्यालय में हुई होती, मंत्री महोदय क्या तब भी यही बयान देते? वहीं केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने होटल मालिक का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- गहलोत जी, अगर नींद टूट गई हो तो इस होटल मालिक की भी पीड़ा सुन लीजिए! सुनिए, कैसे आपके सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के भतीजे ने जयपुर स्थित होटल में बिल मांगे जाने पर तोड़-फोड़, मार-पीट व अभद्रता का व्यवहार किया। प्रदेश भर में फैला यह जंगलराज आपको विचलित नहीं करता? होटल मालिक ने लगाए तोड़फोड़ के आऱोप जयपुर के वैशाली नगर स्थित होटल काउंटी के मालिक अभिमन्यु सिंह ने मामला दर्ज कराया है कि खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के भतीजे हर्षदीप सिंह खाचरियावास ने उनके होटल में तोड़फोड़ की। होटल मालिक की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। होटल मालिक अभिमन्यु सिंह ने बताया- मंगलवार देर रात करीब 10.30 बजे हर्षदीप सिंह खाचरियावास कुछ दोस्तों के साथ होटल में आया। इस दौरान हर्षदीप और उसके साथियों की होटल के एक गेस्ट के साथ कुछ कहासुनी हो गई। इसके बाद गेस्ट अपने रूम में चला गया। हर्षदीप ने होटल स्टाफ से गेस्ट का रूम नम्बर मांगा। होटल स्टाफ ने गेस्ट की प्राइवेसी को देखते हुए जानकारी नहीं दी। इसके बाद हर्षदीप ने होटल में तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। होटल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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शहद भी खराब होता है, मसालों की लाइफ बस सालभर, तकिया-गद्दे, जूते भी होते एक्सपायर
क्या शहद सच में एक्सपायर नहीं होता? दूध की थैली कितने हफ्ते तक फ्रिज में रख सकते हैं? अक्सर लोग इन सवालों से जूझते मिल जाते हैं। लेकिन, सिर्फ खाने-पीने की चीजें और दवाएं ही नहीं, बल्कि जूते, तकिया-गद्दे और गैजेट्स तक एक्सपायर होते हैं
क्या शहद सच में एक्सपायर नहीं होता? दूध का पाउच कितने हफ्ते तक फ्रिज में रख सकते हैं? अक्सर लोग इन सवालों से जूझते मिल जाते हैं। लेकिन, इनमें से अधिकतर लोगों को यह नहीं पता कि सिर्फ खाने-पीने की चीजें और दवाएं, मेकअप का सामान ही नहीं, बल्कि जूते, बिस्तर और गैजेट्स तक एक्सपायर होते हैं। यहां तक कि कंडोम की भी एक्सपायरी डेट होती है। इस डेट के बाद इन चीजों का इस्तेमाल करना भारी पड़ सकता है। एक्सपायरी डेट से पहले भी खराब हो सकता है कंडोम कुछ समय पहले एक फिल्म आई, 'कहानी रबर बैंड की', जिसमें दिखाया गया कि कपल संबंध बनाते हैं, लेकिन कंडोम यूज करने के बाद भी पत्नी प्रेग्नेंट हो जाती है। पति-पत्नी कंडोम बनाने वाली कंपनी पर केस कर देते हैं। बाद में पता चलता है कि कंडोम एक्सपायर हो चुका था, जिसकी वजह से यह गड़बड़ी हुई। फिल्म की तरह ही असल जिंदगी में भी अधिकतर लोगों को नहीं पता होता कि कंडोम भी एक्सपायर होता है। इस फिल्म को बनाने की एक वजह ऐसे लोगों को जागरूक करना भी था। डॉक्टर बताते हैं कि आमतौर पर कंडोम की एक्सपायरी डेट 2 से 5 साल तक होती है। लेकिन, गर्मी और धूप लगने पर वह एक्सपायरी डेट से पहले भी खराब हो सकता है। ऐसे कंडोम संबंध बनाते वक्त फट सकते हैं। उसमें यूज किए गए स्पर्मीसाइड जैसे केमिकल का भी असर खत्म हो जाता है। जिससे गर्भ ठहरने के साथ ही सेक्शुअली फैलने वाली बीमारियां हो सकती हैं। बात 'एक्सपायरी डेट' की हो रही है, तो केमिकल लोचा यहां भी असर दिखाता है... शहद के पैकेट पर 'बेस्ट बिफोर' और दूध पर 'यूज बाय डेट' क्यों? खाने-पीने की चीजें एक वक्त के बाद खराब होने लगती हैं। इनमें से कुछ की क्वॉलिटी पर असर पड़ता है, तो कुछ जहरीली हो जाती हैं। इसलिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने पैकेजिंग पर 'एक्सपायरी डेट', 'बेस्ट बिफोर' और 'यूज बाय डेट' लिखने के निर्देश दिए हैं। शहद के बारे में जानने से पहले इनमें अंतर समझें: बेस्ट बिफोर डेट: इस तारीख से पहले तो प्रोडक्ट की क्वॉलिटी बढ़िया रहेगी, लेकिन इसके बाद उसके स्वाद, गंध और पोषक तत्वों में कमी आ सकती है। जिस चीज की "बेस्ट बिफोर डेट" बीत गई, उसे इस्तेमाल तो कर सकते हैं, लेकिन अच्छी तरह से जांच-परखकर। फ्रोजन फूड के पैकेट पर यही तारीख होती है। एक्सपायरी या यूज बाय डेट: अगर किसी चीज पर इन दोनों में से कोई डेट पड़ी है, तो उस तारीख तक प्रोडक्ट यूज कर लें, उसके बाद इस्तेमाल करना सेफ नहीं है। फिर भले ही वह अच्छा दिख रहा हो। यह तारीख दूध, ब्रेड जैसी जल्दी खराब होने वाली चीजों के पैकेट पर लिखी जाती हैं। शहद कभी खराब नहीं होता? इंसान साढ़े 5 हजार साल से शहद खा रहा है। इजिप्ट के प्राचीन पिरामिड में भी शहद मिला। आयुर्वेद में भी इसके ढेरों गुण बताए गए हैं। कहते हैं कि शहद कभी खराब नहीं होता, उसकी कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। लेकिन, अगर यह सच है तो फिर शहद के डब्बे पर 'बेस्ट बिफोर डेट' क्यों लिखी जाती है? इसकी वजह बताई दिल्ली में जनरल फिजिशियन डॉ. एस. एन. डंगवाल ने। वह कहते हैं कि यह सच है कि शुद्ध शहद को ठीक से रखा जाए तो वह जल्दी खराब नहीं होता। उसमें 80 फीसदी शुगर और सिर्फ 18 फीसदी नमी होती है। शहद के ऐसे गुणों की वजह से उसमें बैक्टीरिया नहीं पनप पाते। लेकिन, आजकल शुद्ध शहद मिलना मुश्किल है। बाजार में मिलावटी शहद की भरमार है। कंपनियां भी प्रिजर्वेटिव और प्रोसेस्ड शहद बेच रही हैं, जो एक वक्त के बाद खराब होने लगता है। इसीलिए शहद के पैकेट पर 'बेस्ट बिफोर' की तारीख डाली जाती है, एक्सपायरी डेट नहीं। यानी, उस तारीख तक शहद की क्वॉलिटी अच्छी रहेगी। उसके बाद कोई गारंटी नहीं। दूध का पाउच फ्रीजर में जमाकर रखना कितना सही? बहुत से लोग एक बार में दूध के कई पाउच ले आते हैं, फिर उसे फ्रीजर में रख देते हैं, जहां वह जम जाता है। फिर इसे हफ्तों तक इस्तेमाल करते रहते हैं। वह सोचते हैं कि दूध फटा नहीं, तो अच्छा है। लेकिन, यह मिथ है। पॉश्चराज्ड दूध की शेल्फ लाइफ 2-3 दिन ही होती है। इसीलिए उसके पाउच पर 'यूज बाय' वाली तारीख डाली जाती है। दूध के पाउच को बिना खोले तुरंत फ्रीजर में जमा देने से उसे 4-5 दिन तक तो रख सकते हैं, लेकिन उससे ज्यादा नहीं। फ्रीजर साफ हो, उसमें दूध के साथ मछली, मीट और ऐसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए, जिससे बैक्टीरिया के इंफेक्शन का खतरा हो। जमे दूध को पिघलाने के लिए बाहर कमरे या गर्म पानी में न रखें। इससे वह तुरंत खराब होने लगेगा। उसे फ्रीजर से निकाल कर रेफ्रिजरेटर के अंदर ही रख दें, वह पिघल जाएगा। हालांकि, फ्रीजर में जमाने के बाद भी दूध के खराब न होने की गारंटी नहीं ली जा सकती। सामान को खराब होने से बचाने और खराब हो चुकी चीजों से खुद बचने के लिए इन टिप्स का रखें ख्याल: हर साल बदलें सब्जी काटने वाला बोर्ड आजकल अधिकतर घरों में लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड पर सब्जियां काटी जाती हैं। बोर्ड पर चाकू के कट लगने से दरारें बनने लगती हैं। जिसमें ई-कोलाई जैसे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो डायरिया, दस्त और कई दूसरी बीमारियों की वजह बनते हैं। 500 किमी दौड़ने के बाद जूते और 6 महीने में मोजे हो जाते हैं एक्सपायर अगर आप रोज रनिंग करते हैं, तो 6 महीने या फिर 500 किमी दौड़ने के बाद जूते बदल दें। क्योंकि, इसके बाद जूतों का कुशन खराब होने लगता है। वे ढीले पड़ जाते हैं। जिससे जोड़ों पर ज्यादा जोर पड़ता है। इसी तरह, पैरों और प्राइवेट पार्ट्स को हेल्दी रखना है, तो मोजे और इनरवियर भी 6 महीने से ज्यादा नहीं इस्तेमाल करने चाहिए। पुराने होने पर ये घिसने लगते हैं, उनपर दाग पड़ जाते हैं, जिससे त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। एक से दो साल में तकिया और 5 साल में गद्दे होते खराब तकिया और गद्दे पर त्चचा से निकलने वाला ऑयल, डेड स्किन, बाल, धूल और गंदगी जमती जाती है। उनमें बैक्टीरिया भी पनपने लगते हैं। जिससे स्किन एलर्जी का खतरा पैदा हो जाता है। पुराने पड़ने पर ये सख्त होने लगते हैं, जिससे शरीर में अकड़न और दर्द होने लगता है। इसलिए ज्यादा पुराने गद्दे-तकिया न इस्तेमाल करें। बाथरूम में यूज होने वाली 4 चीजें, जिनकी एक्सपायरी डेट लोग नहीं जानते 1. टूथब्रश: लोग इस कदर टूथब्रश घिसते हैं कि कई बार तो उसके आधे ब्रिसल्स ही गायब हो जाते हैं, जबकि ही 3 महीने में टूथब्रश बदल देना चाहिए। इसके बाद वह दांतों को नुकसान पहुंचाने लगता है। 2. डिस्पोजेबेल रेजर: लोग टूथब्रश की तरह ही रेजर भी जमकर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, ऐसे रेजर 5 बार से ज्यादा यूज नहीं करने चाहिए, क्योंकि इनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और ब्लेड की धार खत्म होने लगती है। जिससे संक्रमण हो सकता है। 3. तौलिया: एक साल यूज करने के बाद तौलिया घिसने लगते हैं। उनमें नमी बनी रहती है और धोने के बाद भी गंध आती है। इस गंध का मतलब है कि तौलिये में बैक्टीरिया डेरा जमा चुके हैं, जिसे तुरंत बदल देना ही बेहतर है। 4. लूफा: इसे हर हफ्ते बदल देना चाहिए। नहाने के दौरान लूफा में डेड स्किन और गंदगी जमती जाती है और जो जर्म्स के लिए खाद-पानी का काम करती है। एक्सपायर दवाएं जानलेवा, कॉस्मेटिक्स से खराब हो सकती है स्किन डॉ. डंगवाल बताते हैं कि दवाओं और कॉस्मेटिक्स पर एक्सपायरी डेट पड़ी रहती है। उसके बाद उन्हें इस्तेमाल करने का मतलब है जान खतरे में डालना। एक्सपायर हो चुकी दवाएं खाने के घातक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। यहां तक कि लिवर-किडनी फेल होने से जान तक जा सकती है। इसी तरह, सैनिटाइजर, सनस्क्रीन, लिपस्टिक, मस्कारा और मॉइश्चराइजर भी एक्सपायर होने के बाद एलर्जी, इंफेक्शन और स्किन से जुड़ी दूसरी गंभीर समस्याओं की वजह बन सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और गैजेट्स भी होते हैं एक्सपायर इलेक्ट्रॉनिक आइटम और गैजेट्स भी एक्सपायर होते हैं। इनमें इस्तेमाल हुए मेटल, प्लास्टिक समय के साथ खराब होती जाती है। इसी वजह से इनकी पैकेजिंग पर मैन्युफैक्चरिंग डेट डालनी जरूरी है। पुराने कंप्यूटर, मोबाइल से लेकर घरों में लगे उपकरण या तो यूज करने बंद कर देने चाहिए या फिर मैकेनिक से उनकी मरम्मत करा लेनी चाहिए। वायरिंग में यूज हुए तार गलने लगते हैं। जिससे करंट और आग का खतरा बना रहता है। मोबाइल की बैटरी फट सकती है। चलते-चलते स्टोरी से जुड़े इस पोल पर अपनी राय भी साझा करते जाएं...
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सिरसा में घग्गर डेंजर लेवल से ऊपर; फतेहाबाद में शहर की तरफ बढ़ रहा पानी
हरियाणा में भारी बारिश होने को लेकर फिर मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी कर दिया है। 4 जिलों पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है। बाढ़ ग्रस्त इलाकों में अब कोई बीमारी या महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
हरियाणा में कल 5 जिलों में बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक पंचकूला, करनाल, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र और कैथल जिलों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने की आशंका है। राज्य के दक्षिण और दक्षिण पूर्व जिलों के साथ पश्चिम और दक्षिण पश्चिम जिलों में भी मध्यम से हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। सिरसा में पंजाब-हरियाणा के भाईचारे की तस्वीर नजर आई है। यहां कालांवाली के पास मत्तड़ गांव के पास घग्गर नदी का बांध कमजोर हो गया। जिसके बाद दोनों राज्यों के किसानों ने मिलकर इसे मजबूत किया। वहीं राज्य के 2 जिलों में बाढ़ से हालात सुधरे नहीं हैं। सिरसा में घग्गर नदी का जलस्तर लगातार 50 हजार क्यूसेक से ऊपर चल रहा है। ऐसे में सिरसा, रानियां, ऐलनाबाद के साथ-साथ 49 गांव खतरे में है। अब रंगोई नाले ने भी इस खतरे को बढ़ा दिया है। पिछले 24 घंटे में रंगोई नाला छह जगह से टूट चुका है। गांव सिंकदरपुर के पास रंगोई नाला टूटने के बाद नेशनल हाईवे के साथ पानी लग चुका है। वहीं फतेहाबाद से भी पानी अब सिरसा के गांव में पहुंचने के आसार हैं। ऐसे में 10 गांव प्रशासन ने रडार पर रखे हैं। फतेहाबाद में आई बाढ़ का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। आज तड़के पानी ने रतिया रोड से होते हुए हांसपुर की तरफ जाने वाले रोड को भी कवर कर लिया। वहीं रात को ही रतिया रोड फ्लाई ओवर के नीचे खेतों में पानी निकासी के लिए बनाए साइफन से शहर की तरफ पानी लीकेज हो गई। वहीं करनाल में यमुना उफान पर है। नबीपुर और खराजपुर में यमुना से कटाव जारी है। राहत की बात है कि लालूपुरा में अभी तक कटाव नियंत्रण में है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में बीमारियों से निपटने के मेडिकल टीमें पहुंच रही हैं। यहां देखिए बाढ़ से जुड़े अपडेट्स... दिल्ली से बसों का संचालन शुरू दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब फिर से पंजाब, हरियाणा की रोडवेज बसों की सेवा दिल्ली कश्मीरी गेट बस अड्‌डा तक शुरू हो गई है। कश्मीरी गेट बस अड्डा (ISBT) आम लोगों के लिए आज से खुलने जा रहा है। बीते दिनों भारी बारिश और जलभराव के कारण आवाजाही बंद कर दी गई थी। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप लगाए हालांकि सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। अभी तक 605 मेडिकल कैंप सरकार की ओर से संचालित किए जा रहे हैं। सूबे के 12 जिले अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, पलवल और फरीदाबाद में बाढ़ आई है। सरकार इसकी घोषणा कर चुकी है। किस जिले में बाढ़ से कितना नुकसान 12 जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सूची जारी कर दी गई है, जिसके अनुसार अंबाला में सबसे ज्यादा 315 जगहों, कुरूक्षेत्र में 298 जगहों और यमुनानगर में 221 जगहों पर बाढ़ आई है। कैथल जिले में 128 जगहों, फतेहाबाद में 94 जगहों और पंचकूला में 84 जगहों पर बाढ़ ने नुकसान पहुंचाया है। करनाल जिले में 66, फरीदाबाद में 54, पलवल में 32, सोनीपत में 25, सिरसा में 23 और पानीपत में 14 स्थान बाढ़ से प्रभावित घोषित किए गए हैं। 5 दिनों की बारिश ने मचाई तबाही मानसून सीजन में 8 से 12 जुलाई के दौरान राज्य में 110MM बारिश हुई, जो सामान्य 28.4MM का 387 प्रतिशत है। यमुनानगर में सामान्य बारिश 32.8MM, कुरूक्षेत्र में 32.9MM, पंचकूला में 53MM और अंबाला में 58.5MM होती थी, जबकि इस बार इन चारों जिलों में क्रमशः सामान्य बारिश का 842, 814, 699, 514 प्रतिशत बारिश हुई है। पड़ोसी राज्यों- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भी अत्यधिक भारी वर्षा हुई है। इससे राज्य में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और सामान्य स्थिति बिगड़ गई।
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25 जुलाई तक करें अप्लाई, 26 से 27 जुलाई तक मिलेगा करेक्शन का मौका
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (NCET) 2023 के लिए आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट ncet.samarth.ac.in पर 25 जुलाई 11:30 बजे तक आवेदन कर सकते हैं। एप्लीकेशन फीस जनरल : 1200 रुपये ओबीसी (NCL), ईडब्ल्यूएस : 1000
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (NCET) 2023 के लिए आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट ncet.samarth.ac.in पर 25 जुलाई 11:30 बजे तक आवेदन कर सकते हैं। एप्लीकेशन फीस जनरल : 1200 रुपये ओबीसी (NCL), ईडब्ल्यूएस : 1000 रुपये एससी, एसटी, पीडब्ल्यूबीडी, थर्ड जेंडर : 650 रुपये 26 से 27 जुलाई तक आवेदन में सुधार एनसीईटी 2023 एप्लीकेशन फॉर्म भरते समय अगर किसी उम्मीदवार से कोई गलती हो जाती है तो वे उसमें करेक्शन कर सकते हैं। करेक्शन पैनल 26 से 27 जुलाई 2023 तक ओपन रहेगा। आवेदन करते समय किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए उम्मीदवार कॉन्टेक्ट नंबर 011-40759000/ 011 – 69227700 या ई-मेल ncet@nta.ac.in के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। इस परीक्षा का महत्व देशभर में नई शिक्षा नीति के तहत नेशनल कॉमन एंट्रेस टेस्ट की शुरुआत की गई है। इस टेस्ट के माध्यम से 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) में एडमिशन दिया जायेगा। एप्लीकेशन फॉर्म का डायरेक्ट लिंक
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नुकसान से बचना चाहते हैं तो मिथुन राशि के लोग संयम बनाए रखें, सिंह राशि के लोग काम की गति बढ़ाएं
शुक्रवार, 21 जुलाई को मेष राशि के लोगों की सेहत संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। मिथुन राशि के लोग नुकसान से बचना चाहते हैं तो संयम से काम लें। सिंह राशि के लोग काम की गति बढ़ाएंगे, काम जल्दी पूरे हो सकते हैं। Friday, 21 July Tarot rashifal in hindi, shukrawar ka rashifal, Daily horoscope in hindi, Gemini horoscope, Leo rashifal
शुक्रवार, 21 जुलाई को मेष राशि के लोगों की सेहत संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। मिथुन राशि के लोग नुकसान से बचना चाहते हैं तो संयम से काम लें। सिंह राशि के लोग काम की गति बढ़ाएंगे, काम जल्दी पूरे हो सकते हैं। टैरो कार्ड रीडर प्रणिता देशमुख से जानिए सभी 12 राशि के लोगों के लिए दिन कैसा रह सकता है... मेष - FOUR OF SWORDS सेहत संबंधी चिंता हो सकती है, इस कारण काम बिगड़ सकता है। काम को ध्यान में रखकर योजना बनाएं। क्षमता से अधिक किसी भी काम की जिम्मेदारी न लें। परिवार के लोगों के साथ विवाद हो सकते हैं, लेकिन आपके विचारों के कारण नकारात्मकता न बढ़े, इस बात का भी ध्यान रखें। करियर : काम की रुकावट दूर हो सकती हैं। फल की चिंता न करते हुए प्रयत्न जारी रखें। लव : रिलेशनशिप की वजह से चिंता हो सकती है। पार्टनर को इस बात की जानकारी जरूर दें। हेल्थ : नींद संबंधी समस्या बढ़ने की संभावना है। सेहत पर ध्यान दें। लकी कलर : ग्रे लकी नंबर : 3 वृषभ - PAGE OF CUPS अचानक कोई काम आगे बढ़ेगा। अवसरों का फायदा जरूर उठाएं। पैसों से संबंधित छोटे-मोटे स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। फिलहाल अपने काम से जुड़ी छोटी बातों पर भी ध्यान दें। उधार पैसों के कारण समस्या न हो, इस बात की सतर्कता रखें। करियर : उच्च शिक्षा से संबंधित किए प्रयत्न सफल होंगे, अपनी योजनाओं को अमल में लाने में वक्त लग सकता है। लव : पार्टनर के व्यवहार में सुधार होगा। हेल्थ : पेट दर्द की समस्या हो सकती है। लकी कलर : सफेद लकी नंबर : 1 मिथुन - THREE OF WANDS हर एक काम में संयम रखें। कोई निर्णय को लेने से पहले सोच-विचार करके आगे बढ़ें। दूसरों की बातों पर विचार करके निर्णय न लें। जिस काम के लिए आप गहराई से विचार करते हैं, उससे जुड़े लोगों के साथ चर्चा करके आगे बढ़ें। डर निकालकर आगे बढ़ते रहें। आपको सफलता मिल सकती है। करियर : करियर संबंधी चिंता को दूर करने के लिए परिचित व्यक्ति से मदद मिल सकती है। लव : लव रिलेशनशिप में बदलाव आएगा। निर्णय कठिन लगेगा, लेकिन आपके जीवन को सकारात्मकता और स्थिरता मिलेगी। हेल्थ : पेट संबंधी इन्फेक्शन बढ़ने की संभावना है। मसालेदार खाने का सेवन न करें। लकी कलर : लाल लकी नंबर : 7 कर्क - NINE OF SWORDS आपकी हर एक समस्या का समाधान होगा, खुद को सकारात्मक बनाए रखें। हालात का अवलोकन करते हुए खुद में बदलाव करने की कोशिश करें। आपकी सोच में सकारात्मक बदलाव हो सकता है, जिससे अपने विचारों को वास्तविकता का रूप देना संभव होगा। वर्तमान हालात को देखकर खुद को नकारात्मक न बनाएं। अपेक्षा के अनुसार बदलाव जल्द होंगे। करियर : अपने काम की तुलना अन्य लोगों के साथ करके खुद को निराश न बनाएं। लव : रिलेशनशिप संबंधी चिंता और तनाव बना रहेगा। हेल्थ : सर्दी-खांसी की तकलीफ हो सकती है। लकी कलर : पीला लकी नंबर : 2 सिंह - FOUR OF WANDS काम की गति को बढ़ाने की कोशिश करें। बड़े निर्णय को आसानी से अमल में लाया जाएगा। पैसों के कारण जो बातें अटकी हुई हैं, वह आगे बढ़ने लगेंगी। बड़ा लाभ हो सकता है। जिन लोगों की प्रॉपर्टी खरीदारी की इच्छा है, उन्हें अपेक्षा के अनुसार प्रॉपर्टी प्राप्त होगी। परिवार संबंधी चिंता दूर हो सकती है। करियर : काम की जगह बढोतरी प्राप्त होगी। नई जिम्मेदारी की वजह से आर्थिक आवक भी बढ़ सकती है। लव : विवाह से जुड़े निर्णय सही तरीके से लिए जाएंगे, इस कारण परिवार में खुशी का वातावरण रहेगा। हेल्थ : दांत संबंधी तकलीफ को नजरअंदाज न करें। लकी कलर : हरा लकी नंबर : 4 कन्या - TEN OF CUPS परिवार के लोगों के साथ वक्त बिताने की वजह से प्रसन्नता मिलेगी। जिन लोगों के साथ दूरियां होती हैं, वह दूर होंगी और एक-दूसरे का साथ देकर समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करेंगे। मित्रों के साथ बिताए हुए वक्त की वजह से अशांति दूर हो सकती है। इस कारण काम को बेहतर तरीके से करने का उत्साह बना रहेगा। करियर : करियर से जुड़ा कोई निर्णय लेने से पहले अपने लाभ पर भी ध्यान दें। लव : रिलेशनशिप सुधरेगा। इस कारण परिवार के संबंध सुधरेंगे। हेल्थ : बच्चों की सेहत की चिंता हो सकती है। लकी कलर : गुलाबी लकी नंबर : 5 तुला - THREE OF CUPS जरूरत से अधिक खर्च हो सकता है। मौज-मस्ती पर अधिक ध्यान देने की वजह से शुरुआत में तो आनंद प्राप्त होगा, लेकिन जल्दी ही आपको खुद की गलतियों का एहसास होगा। हर एक काम पर ध्यान देना होगा। आपके द्वारा ली गई रिस्क की वजह से किसी का नुकसान न हो, इस बात की सतर्कता रखें। करियर : नौकरी पेशा लोगों के वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है। लव : पार्टनर के लिए आपकी जो जिम्मेदारियां हैं, उन पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। हेल्थ : सेहत बिगड़ने की संभावना है। लकी कलर : ऑरेंज लकी नंबर : 6 वृश्चिक - QUEEN OF WANDS निर्णय को अमल में लाने की आवश्यकता है। आपके लिए अन्य लोगों का व्यवहार कठोर बनता हुआ नजर आ रहा है। अपने पक्ष को सही तरीके से समझाने की कोशिश करें। आपको अपेक्षा के अनुसार लाभ प्राप्त होगा। मानसिक रूप से जो बातें तकलीफदायक हैं। उनमें थोड़ा बदलाव होगा। फिर भी जिन बातों के लिए आप जिद बनाए रखते हैं, उनमें बदलाव लाने की कोशिश करें। करियर : मार्केटिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों को टारगेट पूरा करने का मौका मिलेगा। काम पर ध्यान देते रहें। लव : पार्टनर का हर एक काम आपकी मर्जी के अनुसार हो, इस बात की जिद न रखें। हेल्थ : कंधे में जकड़न हो सकती है। लकी कलर : नीला लकी नंबर : 9 धनु - FIVE OF CUPS निराशा दूर करने का रास्ता मिलेगा। पुरानी बातें भूलकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। नए अवसरों पर ध्यान दें। अकेलापन दूर होगा। आपकी संगत में बदलाव होगा। नए लोगों के साथ जुड़ने की वजह से प्रसन्नता मिलेगी, साथ में नई बातें सीखने का मौका प्राप्त हो सकता है। करियर : काम पर ध्यान दें। महत्वपूर्ण अवसर जल्दी ही प्राप्त होंगे। लव : पार्टनर के द्वारा बोली गई बातों पर गहराई से विचार करके निर्णय लें। हेल्थ : शरीर में इंफेक्शन होने की संभावना है। लकी कलर : लाल लकी नंबर : 8 मकर - FIVE OF SWORDS अपने काम में रुचि बढ़ेगी। कठिन कामों पर ध्यान देने से निराशा हो सकती है। जो बातें आसानी से आगे बढ़ रही हैं, उन पर ध्यान दें और खुद को प्रेरित रखें। अनेक लोगों से प्राप्त हो रहे विरोध की वजह से चिंता होगी। सही लोगों का साथ आपको वक्त के अनुसार मिलता रहेगा। करियर : काम की जगह बढ़ते हुए कंपटीशन की वजह से एक-दूसरे के लिए नाराजगी बढ़ सकती है। लव : पार्टनर के बीच अहंकार हो सकता है। हेल्थ : बदलते वातावरण का असर सेहत पर न हो, इस बात की सतर्कता रखें। लकी कलर : पर्पल लकी नंबर : 2 कुंभ - THE CHARIOT किसी महत्वपूर्ण जानकारी की वजह से रुके हुए काम आगे बढ़ने लगेंगे। किस्मत का साथ प्राप्त होगा। व्यर्थ बातों की वजह से अवसर नजरअंदाज करने की गलती न करें। जिस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपके द्वारा प्रयत्न किए जा रहे हैं, उससे संबंधित खुशखबरी जल्दी ही मिलेगी। करियर : एक से अधिक आर्थिक स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। लव : विवाह के लिए योग्य साथी का चुनाव हो सकता है। हेल्थ : पेट संबंधी इन्फेक्शन बढ़ने से सेहत बिगड़ सकती है। लकी कलर : गुलाबी लकी नंबर : 1 मीन - TEN OF PENTACLES परिवार के लोगों के साथ आपकी समस्या बढ़ सकती है। अकेलेपन की वजह से नई गलतियां होने की संभावना है। परिस्थिति को जितनी कठिन समझ रहे हैं, बातें उतनी जटिल नहीं होंगी। प्रभावशाली लोगों का साथ आसानी से प्राप्त होगा। करियर : काम की क्वालिटी के साथ समझौता न करें, इस बात का ध्यान रखें। लव : परिवार के लोगों के बीच चल रहे विवाद का असर आपके रिलेशनशिप पर न हो, इस बात का ध्यान रखें। हेल्थ : थकान और कमजोरी हो सकती है। लकी कलर : नीला लकी नंबर : 5
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8 अगस्त से करें आवेदन, 7 सितंबर लास्ट डेट
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने 26,001 शिक्षकों के पदों पर भर्ती निकाली है। इन पदों पर आवेदन की प्रक्रिया 08 अगस्त, 2023 से शुरू होगी। उम्मीदवारों को 07 सितंबर, 2023 तक का मौका दिया जाएगा। इन पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति झारखंड प्रारंभिक शिक्षक
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने 26,001 शिक्षकों के पदों पर भर्ती निकाली है। इन पदों पर आवेदन 08 अगस्त, 2023 से शुरू होंगे। उम्मीदवारों को 07 सितंबर, 2023 तक का मौका दिया जाएगा। उम्मीदवारों की नियुक्ति झारखंड प्रारंभिक शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 के माध्यम से होगी। इन पदों के लिए परीक्षा सीबीटी मोड में आयोजित की जाएगी। एजुकेशनल क्वालिफिकेशन एज लिमिट इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की उम्र 21 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उम्र की गिनती 1 अगस्त 2023 से की जाएगी। जबकि अधिकतम उम्र सीमा की गिनती एक अगस्त 2019 से होगी। हालांकि, आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को सरकार के नियमानुसार छूट मिलेगी। एप्लीकेशन फीस उम्मीदवारों को एप्लीकेशन फीस 100 रुपये देना होगी। वहीं, झारखंड के एससी व एसटी उम्मीदवारों के लिए 50 रुपये फीस तय की गई है। ऐसे करें आवेदन ऑफिशियल वेबसाइट ऑफिशियल नोटिफिकेशन
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एक बार और कक्षा बढ़ाने के बाद ये चांद की तरफ निकलेगा, 23 अगस्त को चांद पर उतरेगा लैंडर
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chandrayaan 3 Latest Developments Update. Follow Live Coverage of ISRO Chandrayaan 3 Launch, Latest News, Photos, Videos On D ainik Bhaskar इसरो के वैज्ञानिकों ने गुरुवार को चंद्रयान-3 की चौथी ऑर्बिट रेजिंग प्रोसेस सक्सेसफुली पूरी की। चंद्रयान अब 71351 Km x 233 Km की ऑर्बिट में है।
इसरो के वैज्ञानिकों ने गुरुवार को चंद्रयान-3 की चौथी ऑर्बिट रेजिंग प्रोसेस सक्सेसफुली पूरी की। चंद्रयान अब 71351 Km x 233 Km की ऑर्बिट में है। इसका मतलब है कि चंद्रयान ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है, जिसकी पृथ्वी से सबसे कम दूरी 233 Km और सबसे ज्यादा दूरी 71351 Km है। इससे पहले 18 जुलाई को ऑर्बिट 51400 km x 228 km किया गया था। ऑर्बिट बढ़ाने के लिए पांचवी और आखिरी अर्थ बाउंड इंजन फायरिंग 25 जुलाई 2023 को दोपहर 2 से 3 बजे के बीच प्लान की गई है। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि स्लिंग शॉट के जरिए पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। 5 तारीख को चंद्रमा की ग्रैविटी स्पेसक्राफ्ट को कैप्चर करेगी। 23 तारीख को ये चंद्रमा पर लैंड करेगा। चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा। अब तक का चंद्रयान-3 का सफर... अब चंद्रयान मिशन से जुड़े 4 जरूरी सवालों के जवाब... 1. इस मिशन से भारत को क्या हासिल होगा? इसरो के एक्स साइंटिस्ट मनीष पुरोहित कहते हैं कि इस मिशन के जरिए भारत दुनिया को बताना चाहता है कि उसके पास चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को वहां चलाने की काबिलियत है। इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ेगा जो कॉमर्शियल बिजनेस बढ़ाने में मदद करेगा। भारत ने अपने हेवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM3-M4 से चंद्रयान को लॉन्च किया है। इस व्हीकल की काबिलियत भारत पहले ही दुनिया को दिखा चुका है। बीते दिनों अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की कंपनी 'ब्लू ओरिजिन' ने इसरो के LVM3 रॉकेट के इस्तेमाल में अपना इंटरेस्ट दिखाया था। ब्लू ओरिजिन LVM3 का इस्तेमाल कॉमर्शियल और टूरिज्म पर्पज के लिए करना चाहता है। LVM3 के जरिए ब्लू ओरिजिन अपने क्रू कैप्सूल को प्लान्ड लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) स्पेस स्टेशन तक ले जाएगा। 2. साउथ पोल पर ही मिशन क्यों भेजा जा रहा? चंद्रमा के पोलर रीजन दूसरे रीजन्स से काफी अलग हैं। यहां कई हिस्से ऐसे हैं जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती और तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक चला जाता है। ऐसे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां बर्फ के फॉर्म में अभी भी पानी मौजूद हो सकता है। भारत के 2008 के चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का संकेत दिया था। इस मिशन की लैंडिंग साइट चंद्रयान-2 जैसी ही है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 70 डिग्री अक्षांश पर। लेकिन इस बार एरिया बढ़ाया गया है। चंद्रयान-2 में लैंडिंग साइट 500 मीटर X 500 मीटर थी। अब, लैंडिंग साइट 4 किमी X 2.5 किमी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला स्पेसक्राफ्ट बन जाएगा। चंद्रमा पर उतरने वाले पिछले सभी स्पेसक्राफ्ट भूमध्यरेखीय क्षेत्र में, चंद्र भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में कुछ डिग्री अक्षांश पर उतरे हैं। 3. इस बार लैंडर में 5 की जगह 4 इंजन क्यों? इस बार लैंडर में चारों कोनों पर लगे चार इंजन (थ्रस्टर) तो हैं, लेकिन पिछली बार बीचो-बीच लगा पांचवां इंजन हटा दिया गया है। फाइनल लैंडिंग दो इंजन की मदद से ही होगी, ताकि दो इंजन आपातकालीन स्थिति में काम कर सकें। चंद्रयान 2 मिशन में आखिरी समय में पांचवां इंजन जोड़ा गया था। इंजन इसलिए हटाया गया है, ताकि ज्यादा फ्यूल साथ ले जाया जा सके। 4. 14 दिन का ही मिशन क्यों होगा? मनीष पुरोहित ने बताया कि चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। जब यहां रात होती है तो तापमान -100 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो जाता है। चंद्रयान के लैंडर और रोवर अपने सोलर पैनल्स से पावर जनरेशन करेंगे। इसलिए वो 14 दिन तो पावर जनरेट कर लेंगे, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे। भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा अगर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिली यानी मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और रूस दोनों के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने से पहले कई स्पेस क्राफ्ट क्रैश हुए थे। चीन 2013 में चांग'ई-3 मिशन के साथ अपने पहले प्रयास में सफल होने वाला एकमात्र देश है। ग्राफिक्स: कुणाल शर्मा
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अब 25 को सुनाया जाएगा, पूर्व मंत्री गोपाल कांडा पर रेप का आरोप; छोड़नी पड़ी थी कुर्सी
हरियाणा के बहुचर्चित गीतिका सुसाइड केस में आज फैसला आएगा। पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा के खिलाफ दुष्कर्म केस में आज राउज एवेन्यु कोर्ट फैसला सुना सकती है।
हरियाणा के बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में गुरुवार को फैसला नहीं सुनाया गया। अब हरियाणा के पूर्व गृह राज्यमंत्री और इस वक्त सिरसा से हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) विधायक गोपाल कांडा के खिलाफ रेप केस में राउज एवेन्यू कोर्ट 25 जुलाई को फैसला सुनाएगी। इस केस में सिरसा के गोपाल कांडा मुख्य आरोपी हैं, जबकि MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रही अरुणा चड्‌ढा भी आरोपी हैं। कांडा इस मामले में 18 महीने जेल में रह चुके हैं। वहीं कोर्ट का फैसला विधायक गोपाल कांडा का राजनीतिक भविष्य तय करेगा, यदि उन्हें दोषी ठहराया जाता है तो उनका विधायक का पद जा सकता है। 4 पॉइंट में जानिए, गीतिका-गोपाल कांडा मामला 1. जूतों की दुकान से नेता बने गोपाल कांडा गोपाल कांडा की सिरसा में रेडियो रिपेयर की छोटी सी दुकान थी। कांडा ने इसे बढ़ाकर जूते-चप्पल की दुकान खोली। दुकान चल पड़ी तो जूता फैक्ट्री खोल ली। इसके बाद राजनीति में पहचान बनानी शुरू कर दी। कांडा ने रियल एस्टेट का कारोबार करना भी शुरू कर दिया। 2. पिता के नाम पर एयरलाइंस कंपनी खोली गोपाल कांडा ने फिर 2008 में पिता मुरलीधर लेखा राम के नाम पर गुड़गांव से MDLR एयरलाइंस की शुरुआत की। हालांकि बाद में कुछ विवाद होने पर इसे बंद कर दिया। इस दौरान कांडा की करीब 40 दूसरी कंपनियां चलती रहीं। 3. लड़कियों को भर्ती करना शुरू किया इन्हीं कंपनियों में गोपाल कांडा ने लड़कियों को भर्ती करना शुरू कर दिया। छोटी उम्र की लड़कियों को बड़े पद देने शुरू कर दिए। इन्हीं में दिल्ली की लड़की गीतिका भी शामिल थी। गीतिका को पहले इंटरव्यू के बाद सीधे केबिन क्रू का अपॉइंटमेंट लेटर दे दिया गया। 6 महीने बाद गीतिका 18 साल की हुई तो उसे एयरहोस्टेस बना दिया गया। 4. 3 साल में ट्रेनी से डायरेक्टर बनी गीतिका इसके बाद गीतिका की तरक्की इतनी तेजी से हुई कि 3 साल में वह ट्रेनी से गोपाल कांडा की कंपनी में डायरेक्टर बन गई। इसके पीछे गोपाल कांडा को माना जाता है। हालांकि दोनों के बीच अचानक कोई बात हुई तो गीतिका ने कांडा की कंपनी छोड़ दी। उसने दुबई में नौकरी करनी शुरू कर दी। अचानक उसे दिल्ली आने को मजबूर किया गया। गीतिका ने सुसाइड नोट छोड़ा गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने घर में सुसाइड कर लिया। उसने गले में फंदा लगाया था। पुलिस को गीतिका के घर से सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने सुसाइड के लिए गोपाल कांडा और MDLR की मैनेजर अरूणा चड्‌ढा को जिम्मेदार ठहराया। गीतिका ने लिखा कि मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं। मेरा विश्वास टूट गया है। मेरे साथ धोखा किया गया। गोपाल कांडा और अरूणा चड्ढा ने मेरा विश्वास तोड़ा। केस दर्ज होने के बाद कांडा को छोड़नी पड़ी थी कुर्सी गीतिका सुसाइड केस में आरोपी गोपाल कांडा तब हरियाणा की CM भूपेंद्र हुड्‌डा की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। गोपाल कांडा ने निर्दलियों के साथ मिलकर हुड्‌डा सरकार को समर्थन दिया था। बदले में हुड्‌डा सरकार में उन्हें गृह राज्यमंत्री का पद मिला। गीतिका सुसाइड कांड में नाम आने के बाद गोपाल को अपना मंत्री पद छोड़ना पड़ा और उन्हें तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। अब भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे गोपाल कांडा सिरसा से हलोपा के विधायक गोपाल कांडा मौजूदा समय में हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं। उनके भाई गोविंद कांडा भाजपा में है और ऐलनाबाद से पार्टी की टिकट पर उप-चुनाव लड़ चुके हैं। गोपाल कांडा की हलोपा NDA गठबंधन में शामिल है।
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कमरू नाला में 27 गाड़ियां बही, कोटखाई में कार पर पत्थर गिरने से एक की मौत, NH-5 बंद
हिमाचल प्रदेश को इतनी तबाही के बाद भी राहत मिलने के आसार नहीं हैं। आगे भी 5-6 दिन तक बारिश होती रहेगी। 4 दिन मौसम काफी खराब रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के मैदानी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में आगामी 23 जुलाई तक तेज बारिश का येलो अलर्ट दिया है।
हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान भारी बारिश से खूब तबाही हुई है। किन्नौर में बीती रात हैवी रेनफॉल से कमरू नाला में बाढ़ आ गई। इससे 27 गाड़ियां नाले में पानी के तेज बहाव में बह गई। 10 घ्राट, 12 बागवानों के सेब बगीचे को भी नुकसान हुआ है। भारी बारिश के बाद झाखड़ी के ब्रौनी खड्ड में NH-5 भी पांच घंटे तक बंद हो गया। ठियोग के शिलारू में भी लैंडस्लाइड के बाद NH दोपहर तक अवरुद्ध रहा। किन्नौर के ही सांगला, शिमला जिले के रामपुर और रोहड़ू के कई क्षेत्रों में भी भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। किन्नौर और रामपुर में भारी बारिश के बाद सतलुज नदी का जल स्तर भी काफी बढ़ गया है। प्रदेश में अगले चार-पांच दिन भी बारिश से राहत के आसार नहीं हैं। उधर, कोटखाई में कार पर पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक घायल है। मृतक की पहचान बालकृष्ण (52) पुत्र निवासी धार खनेटी के तौर पर हुई है।​​​​​​​ पिछले 24 घंटे में बारिश ने कहर बरपाया पहाड़ों पर इस मानसून में नॉर्मल से 132 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। पिछले 24 घंटे के दौरान भी भारी बारिश ने खूब कहर बरपाया है। चंबा और कुल्लू जिले में फ्लैश फ्लड में बहने से 2 लोगों की मौत हो गई। चंबा के भटियात क्षेत्र में लोहाली खड्ड पार करते समय कथेट पंचायत के गोथरा गांव निवासी 57 वर्षीय व्यास देव की मौत हो गई। कुल्लू के बंजार की तलाड़ी खड्ड में नेपाली मूल का 50 वर्षीय कांचा बहादुर भी पानी के तेज बहाव में बह गया। चंबा में भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड में 70 से ज्यादा प्राइवेट व सरकारी बसें फंस गईं। 23 जुलाई तक मौसम का यलो अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के मैदानी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में आगामी 23 जुलाई तक बारिश का यलो अलर्ट दिया है। इस दौरान कुछ क्षेत्रों भारी बारिश या बादल फटने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। वहीं राज्य सरकार ने इसे देखते हुए जनता को उफनते हुए नदी-नालों, लैंडस्लाइड क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है। इस संदर्भ में एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। हेलिकॉप्टर से पहुंचाई खाद्य सामग्री प्रदेश के सबसे ज्यादा आपदा प्रभावित कुल्लू जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर के जरिए खाद्य सामग्री पहुंचाई गई, क्योंकि आज बंजार सब डिवीजन के दूरस्थ गाड़पारली पंचायत में सड़क कनेक्टिविटी पूरी तरह से कटी हुई है। ठियोग-कोटखाई के स्कूल 22 तक बंद बारिश के अलर्ट और सड़कों की हालत को देखते हुए ठियोग, कुमारसैन, जुब्बल व कोटखाई सब डिवीजन के सभी सरकारी व निजी स्कूल 22 जुलाई तक बंद किए दिए हैं। राज्य सरकार ने सभी SDM को छुट्टियों तय करने के लिए अधिकृत कर रखा है। वहीं कुल्लू जिले के आनी में भी स्कूल बंद कर दिए है। 735 सड़कें बंद, 780 से ज्यादा रूट ठप प्रदेश में पिछले सप्ताह की भारी बारिश के बाद 735 सड़कें 10 दिन से बंद पड़ी हैं। इससे 780 से ज्यादा रूट्स पर बस सेवाएं एक सप्ताह से ठप हैं। लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क मार्ग बंद होने से सेब ढुलाई पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।​​​​​​ 4,808 करोड़ की संपत्ति तबाह प्रदेश में 4,808 करोड़ रुपए से ज्यादा की सरकारी व निजी संपत्ति भारी बारिश से तबाह हो गई है। अकेले जल शक्ति विभाग की 1,440 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग की 1,521 करोड़ और बिजली बोर्ड की 1,451 करोड़ रुपए की संपत्ति बर्बाद हुई है। 138 लोगों की जा चुकी जान प्रदेश में मौजूदा मानसून सीजन के दौरान 138 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 38 लोगों की जान लैंड स्लाइड व फ्लैश फ्लड के कारण हुई है। 12 लोग अभी भी लापता हैं।
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भाजपा के ही पूर्व MLA की शिकायत पर नोटिस, PUDA प्रॉपर्टी कम रेट पर बेचने के आरोप
Manpreet Badal Vigilance Inquiry; Bathinda Property Dispute | Congress Ex- Minister BJP पंजाब के पूर्व फाइनांस मिनिस्टर मनप्रीत बादल अब विजिलेंस विभाग की रडार पर आ गए हैं। उन्हें विजिलेंस ने नोटिस भेजा है और सोमवार को पेश होने के लिए कहा गया है।
पंजाब के पूर्व फाइनांस मिनिस्टर मनप्रीत बादल अब विजिलेंस विभाग की रडार पर आ गए हैं। उन्हें विजिलेंस ने नोटिस भेजा है और सोमवार को पेश होने के लिए कहा है। खास बात है कि भाजपा जॉइन कर चुके मनप्रीत बादल के खिलाफ विजिलेंस की यह कार्रवाई BJP के ही पूर्व विधायक की शिकायत पर की गई है। मनप्रीत बादल के खिलाफ पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने शिकायत दी थी। यह मामला बठिंडा की प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ है। जिसके बाद विजिलेंस ने मनप्रीत बादल को पूरे डॉक्यूमेंट्स के साथ सोमवार को पेश होने के लिए कहा है। उन पर PUDA की प्रॉपर्टी को कम रेट में बेचने के आरोप लगे थे। यह पहली शिकायत नहीं है, जिसमें सिंगला द्वार मनप्रीत की शिकायत विजिलेंस को की गई है। टेंडर घोटाले के भी लगाए थे आरोप इससे पहले सिंगला ने कहा था कि अगर विजिलेंस विभाग उन्हें बुलाता है तो वह पूरे तथ्यों के साथ जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस टेंडर घोटाले में खजाने से करोड़ों रुपए की लूट हुई थी। इतना बड़ा गबन करने वाले नेताओं का पर्दाफाश करना जरूरी है। एक सवाल के जवाब में सरूप सिंगला ने कहा था कि अगर विजिलेंस विभाग मनप्रीत बादल और उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करता है तो वे धरना-प्रदर्शन के अलावा कोर्ट की मदद लेने से भी नहीं हिचकेंगे।
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पुलिस ने अपने वकील का नाम दिया; आरोपी के खिलाफ 640 पेज की चार्जशीट दाखिल
Sakshi Murder Case: Trial Begins Today, Accused Sahil Faces 30 Years in Jail. Follow Shahbad Dairy Latest News, Analysis and Updates दिल्ली के साक्षी मर्डर केस में आज रोहिणी कोर्ट में सुनवाई होगी। दिल्ली पुलिस ने 28 जून को आरोपी साहिल के खिलाफ 640 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी
दिल्ली के साक्षी मर्डर केस में आज रोहिणी कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उनकी तरफ से अतुल श्रीवास्तव यह केस लड़ेंगे। कोर्ट की फास्ट ट्रैक स्पेशल जज (POSCO) ऋचा गुसाईं सोलंकी ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तारीख तय की है। इससे पहले, पुलिस ने 28 जून को आरोपी साहिल के खिलाफ 640 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। जिस पर कोर्ट ने 1 जुलाई को संज्ञान लिया था। पुलिस ने चार्जशीट में क्या बताया... दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा था कि साक्षी और साहिल एक-दूसरे को पहले से ही जानते थे। 27 मई को आरोपी साहिल और साक्षी के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ, तो साहिल ने उससे बदला लेने का फैसला किया। 28 मई को जब साक्षी कम्युनिटी टॉयलेट की ओर जा रही थी, तभी साहिल ने उस पर चाकू से हमला कर दिया। चार्जशीट में आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट, POCSO की धारा 12, आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 354-ए (यौन उत्पीड़न के लिए सजा), 509 (महिला के अपमान के इरादे से इशारा करना, कमेंट करना) और एससी-एसटी एक्ट भी जोड़े गए थे। मजिस्ट्रेट अदालत 1 जुलाई को चार्जशीट पर संज्ञान ले सकती है। पूरी वारदात सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई थी घटना के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि साहिल चाकू से कई बार लड़की पर वार कर रहा है। लड़की घायल होकर जमीन पर गिर पड़ती है, इसके बाद भी आरोपी उस पर वार करता रहता है। आरोपी लड़की को एक लात मारता है फिर एक बड़ा पत्थर उठाकर उसके सिर पर पटक देता है। पुलिस ने चार्जशीट में बताया- मामले की जांच में पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल हुआ चाकू, आरोपी के कपड़े, जूते बरामद कर लिए थे। सबूत के तौर पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, वॉयस सैंपल और बायोलॉजिकल सबूत इकट्ठे किए थे। पुलिस ने 14 बायोलॉजिकल एग्जिबिट, एक केमिकल एग्जिबिट, 4 फिजिक्स एग्जिबिट और एक साइबर एग्जिबिट एफएसएल रोहिणी भेजे थे। इसके बाद जांच एजेंसी को सौंप दी गई, जिसके चलते केस में काफी मदद मिली। आरोपी ने नाबालिग पर चाकू से 20 से ज्यादा वार किए थे, उसके शव पर 34 से ज्यादा जख्म मिले हैं। साहिल एसी और फ्रिज का मैकेनिक है साहिल के मकान मालिक ने बताया कि उसके पिता का नाम सरफराज है और वह 2 साल से अपने परिवार के साथ बरवाला की जैन कालोनी में रह रहा था। साहिल फ्रिज और एसी सुधारने का काम करता था। पुलिस ने 29 मई को आरोपी को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के पास से गिरफ्तार किया था। साहिल और नाबालिग 3 साल से रिलेशनशिप में थे मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि लड़की ने हाथ पर एक दूसरे लड़के के नाम का टैटू बनवाया था। वो पहले प्रवीण नाम के लड़के से रिलेशनशिप थी। दोनों का ब्रेकअप एक साल पहले हुआ। इसके बाद वह साहिल के साथ रिलेशनशिप में आई। कुछ समय पहले लड़की फिर से प्रवीण से बात करने लगी थी। साहिल ने हत्या करने से 4 दिन पहले साक्षी को धमकी दी थी कि वो किसी लड़के से बात न करें, लेकिन वो नहीं मानी। बीते दिनों लड़की ने खिलौने वाले बंदूक से साहिल को डराया था। उसने पुलिस में शिकायत करने की चेतावनी दी थी। साक्षी के पिता को भी साहिल के बारे में पता था साक्षी के पिता ने पुलिस को बताया था- मेरी लड़की की पिछले करीब 1 साल से साहिल नाम के लड़के से दोस्ती थी। साहिल दिल्ली की बरवाला जैन कॉलोनी का रहने वाला है। बेटी अक्सर हमारे सामने साहिल का जिक्र करती थी। हम उसे समझाते थे कि बेटा अभी तू छोटी है, तेरी पढ़ने-लिखने की उम्र है। इस पर वो हमसे नाराज होकर अपनी दोस्त नीतू के पास चली जाती थी। साक्षी मर्डर केस से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़ें... क्या एक्स-बॉयफ्रेंड का मैसेज बना साक्षी के मर्डर की वजह साक्षी मर्डर केस की जांच में हत्या की वजह लव ट्रायंगल सामने आया था। इस कहानी में कुल चार किरदार हैं, साक्षी, उसकी दोस्त नीतू, साहिल और प्रवीण, जिसे लड़की का एक्स बॉयफ्रेंड बताया गया। प्रवीण ने साक्षी को एक मैसेज किया था, जिसकी जानकारी साहिल को थी। क्या यही मैसेज साक्षी की हत्या की वजह बना, पढ़िए पूरी खबर...
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कंपनी का दावा- सनरूफ के साथ यह सबसे किफायती प्रीमियम हैचबैक, शुरुआती कीमत ₹6.89 लाख
टाटा मोटर्स ने गुरुवार, 20 जुलाई को अल्ट्रोज के दो नए वैरिएंट लॉन्च कर दिए हैं। हैचबैक सेगमेंट में कंपनी ने अल्ट्रोज XM को 6.89 लाख और अल्ट्रोज XM(S) को 7.34 लाख रुपए की इंट्रोडक्टरी कीमत पर मार्केट में उतारा है। दोनों कीमतें दिल्ली एक्स
टाटा मोटर्स ने गुरुवार, 20 जुलाई को अल्ट्रोज के दो नए वैरिएंट लॉन्च कर दिए हैं। हैचबैक सेगमेंट में कंपनी ने अल्ट्रोज XM को 6.89 लाख और अल्ट्रोज XM(S) को 7.34 लाख रुपए की इंट्रोडक्टरी कीमत पर मार्केट में उतारा है। दोनों कीमतें दिल्ली एक्स शोरूम की हैं। कंपनी ने दावा किया है कि नया XM(S) वैरिएंट सनरूफ के साथ अल्ट्रोज का सबसे किफायती प्रीमियम हैचबैक कार है। दोनों वैरिएंट में 1.2 लीटर का रेवोट्रॉन पेट्रोल इंजन दिया गया है, जिसमें मैनुअल मिलेगा। अल्ट्रोज XM और XM(S) : फीचर्स कंपनी ने दोनों वैरिएंट में स्टीयरिंग-माउंटेड कंट्रोल्स, ड्राइवर सीट हाईट एडजस्टर, इलेक्ट्रिकली एडजेस्टेबल ORVMs, R16 फुल व्हील कवर और प्रीमियम लुक वाला डैशबोर्ड दिया है। इसके साथ ही अल्ट्रोज XM(S) वैरिएंट में इलेक्ट्रिक सनरूफ दिया गया है, जो अल्ट्रोज XM वैरिएंट में नहीं मिलेगा। इसके अलावा टाटा मोटर्स के एसेसरीज कैटलॉग से कस्टमर्स अपनी पसंद का इंफोटेनमेंट सिस्टम सेलेक्ट करके लगवा सकते हैं। इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि अल्ट्रोज के सभी मैनुअल पेट्रोल वेरिएंट्स में स्टैंडर्ड फीचर के तौर पर 4 पावर विंडो और रिमोट कीलैस एंट्री फीचर दिया जाएगा। अल्ट्रोज XM और XM(S) : इंजन और गियरबॉक्स दोनों वैरिएंट में कंपनी ने मैनुअल गियरबॉक्स के साथ 1.2 लीटर का रेवोट्रॉन पेट्रोल इंजन दिया है। यह इंजन 6000 rpm पर 84.88bhp का पावर और 3300 rpm पर 113 Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है।
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ट्रेडमिल पर करंट लगा, जिम संचालक गिरफ्तार
Delhi RohiniGym Treadmill Case दिल्ली के रोहिणी इलाके में जिम के अंदर वर्कआउट करते हुए एक इंजीनियर की मौत हो गई। ट्रेडमिल में करंट फैलने से यह हादसा हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक
दिल्ली के रोहिणी इलाके में जिम के अंदर वर्कआउट करते हुए एक इंजीनियर की मौत हो गई। ट्रेडमिल में करंट फैलने से यह हादसा हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना मंगलवार सुबह करीब 7.15 बजे की है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। वहीं, जिम संचालक अनुभव दुग्गल को लापरवाही से जुड़ी धाराओं के तहत​​​​​ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। मामले में तकनीकी जांच के लिए एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है। माता-पिता का इकलौता बेटा था पुलिस ने बताया कि मृतक का नाम सक्षम था। वो 24 साल का था और पेश से इंजीनियर था। सक्षम अपने परिवार के साथ दिव्य ज्योति अपार्टमैंट सेक्टर-19 रोहिणी में रहता था। वो अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वो गुरुग्राम की एक मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करता था और रोहिणी सेक्टर-15 के एक जिम में वर्कआउट करता था। दोस्त ने बताई आंखोंदेखी घटना के दौरान सक्षम का दोस्त केशव भी वहां मौजूद था। केशव ने पुलिस को आंखोदेखी बताई। उसने कहा- सक्षम एक ट्रेडमिल पर रनिंग करने के बाद रेस्ट करने के लिए ट्रेडमिल नंबर दो और तीन के बीच बैठ गया था। अचानक वो पीछे की ओर गिर गया। जब मैंने सक्षम को उठाने के लिए उसका हाथ पकड़ा तो मुझे करंट लगा। तब पता चला कि सक्षम को करंट लग रहा है। तुरंत ट्रेडमिल का स्विच बंद किया और लोगों की मदद से उसे उठाकर CPR दिया गया। शरीर में कोई हरकत नहीं होने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ट्रेडमिल के मेटल पार्ट में करंट आ रहा था हादसे के बाद जांच के लिए क्राइम और FSL की टीम रोहिणी सेक्टर-15 में जिम्प्लेक्स फिटनेस जोन नाम से चल रहे जिम में पहुंची। जांच के बाद FSL की टीम ने पुलिस को बताया कि ट्रेडमिल के मेटल पार्ट में करंट आ रहा है। उसके पास से जा रहा एक तार शॉर्ट है, जो मेटल से टच हो रहा था, जिसके कारण यह हादसा हुआ। पुलिस ने जिम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी जब्त कर लिया है। उनके मुताबिक, फुटेज में नजर आ रहा है कि सक्षम वर्कआउट करने के बाद जैसे ही ट्रेडमिल पर बैठते हैं, उन्हें करंट लग जाता है। जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है। जिम में हादसे से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... जिम में 24 साल के कांस्टेबल की हार्ट-अटैक से मौत, पुशअप्स के बाद सीने में दर्द हुआ​ ​​​​​​हैदराबाद की एक जिम में वर्कआउट के दौरान पुलिस कांस्टेबल की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक की पहचान 24 साल के विशाल के रूप में हुई। घटना का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है, जिसमें विशाल पुशअप्स करता नजर आ रहा है। पूरी खबर पढ़ें...
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30 दिन की पैरोल, सुनारिया जेल से निकला, बरनावा डेरे में रहेगा; ढाई साल में 7वीं बार बाहर
सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम आज जेल से बाहर आ सकता है। उसकी पैरोल को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। करीब 30 दिन की पैरोल मिलने की चर्चा है।
सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिल गई है। गुरुवार शाम पांच बजे राम रहीम सुनारिया जेल से निकलकर यूपी के बागपत के लिए रवाना हो गया। उसे सिरसा डेरे में जाने की इजाजत नहीं है। इससे पहले उसके लिए सिरसा से घोड़े और गाय पहुंचाए गए हैं और वहां पर सुरक्षा बढ़ाई गई। राम रहीम का 15 अगस्त को जन्म दिन है, इसलिए सजा मिलने के बाद वह पहली बार जेल से बाहर अपना जन्म दिन प्रेमियों के बीच मनाएगा। राम रहीम को इसी साल जनवरी में 40 दिन की पैरोल मिली थी। कैद के 30 महीने में राम रहीम की यह 7वीं पैरोल है। बाढ़ पीड़ितों के लिए दुआ मांगते की वीडियो वायरल हुई वहीं राम रहीम की बुधवार रात को एक वीडियो वायरल हुई। इस वीडियो में राम रहीम बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भगवान से दुआ मांग रहा है और डेरा प्रेमियों से राहत कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील कर रहा है। हालांकि, यह वीडियो राम रहीम की पिछली पैरोल की है। उस समय वह बागपत में गया था, तब असम में बाढ़ आई हुई थी। वीडियो वायरल होने के बाद डेरा प्रेमियों के प्रबंधन के पास फोन पहुंचने शुरू हो गए हैं। तब डेरा प्रबंधन ने उन्हें सूचित किया कि यह पिछला वीडियो नहीं है। डेरा प्रवक्ता जितेंद्र इंसां का कहना है कि यह वीडियो पुरानी है। पैरोल से जुड़े राम रहीम के विवाद राम रहीम को फरवरी 2022 में जब पैरोल मिली तो पंजाब और यूपी में विधानसभा चुनाव थे। तब भी सरकार के इस फैसले को लेकर विवाद हुआ था। जिस पर सरकार को सफाई देनी पड़ी थी। मंत्री और सांसद भी होते हैं नतमस्तक राम रहीम की पैरोल पर बाहर आते ही भाजपा नेता कतार में लगकर आशीर्वाद लेते हैं। हरियाणा सरकार के मंत्री समेत सांसद और कई भाजपा नेता राम रहीम के दरबार में नतमस्तक हो चुके हैं। इसमें हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार और CM के पूर्व राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी, हिसार निगम के मेयर गौतम सरदाना, पानीपत की मेयर अवनीत कौर आदि आशीर्वाद ले चुके हैं। तिरंगा पैटर्न बोतल पर विवाद राम रहीम ने पिछली पैरोल के दौरान ऑर्गेनिक सब्जियों के टिप्स देते समय तिरंगा पैटर्न की बोतल यूज की। इसे यूज करके नीचे फेंक देता है। जिस पर विवाद हुआ था। जिसके बाद उसने खुद ही सफाई देता हुए कहा था ये तिरंगा नहीं है, केवल रंग है। राम रहीम की पैरोल से जुड़ी खबरें पढ़ें... हनीप्रीत के 1 मिलियन इंस्टाग्राम फॉलोअर्स पर सेलिब्रेशन:राम रहीम का हाथ पकड़कर केक काटा; बोली- आप न होते तो जिंदगी इतनी खूबसूरत न होती डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत के इंस्टाग्राम पर एक मिलियन फॉलोअर हो गए हैं। राम रहीम और हनीप्रीत ने यूपी के बरनावा आश्रम में इस मौके को सेलिब्रेट किया। दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर केक काटा। राम रहीम ने हनीप्रीत को केक खिलाया (पूरी खबर पढ़ें) पैरोल पर छूटे राम रहीम ने तलवार से केक काटा:5 घंटे ऑनलाइन सत्संग किया; CM के OSD, भाजपा के MP-MLA भी जुड़े सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम पैरोल पर बाहर आते ही सुर्खियां बटोरने लगा। राम रहीम ने सोमवार को तलवार से केक काटा। मौका था डेरे के दूसरे संत शाह सतनाम के जन्मदिन का। उसी को राम रहीम ने अपनी गद्दी सौंपी थी। केक काटने का वीडियो बागपत स्थित बरनावा डेरे का है (पूरी खबर पढ़ें)
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सिंगरौली जाना था, उज्जैन पहुंच गया युवक; रेलवे अधिकारी बोले-कहीं भी ट्रेन नहीं रोक सकते
Bhopal-Ujjain Vande Bharat Express Train - भोपाल स्टेशन पर खड़ी वंदे भारत ट्रेने में वॉशरूम जाना एक युवक को भारी पड़ गया। युवक को जुर्माने के 1020 रुपए चुकाने पड़े। इतना ही नहीं, उसे भोपाल से जाना सिंगरौली था
भोपाल रेलवे स्टेशन पर खड़ी वंदे भारत ट्रेन के वॉशरूम में जाना एक युवक को भारी पड़ गया। युवक को जुर्माने के 1020 रुपए देने पड़े। इतना ही नहीं, उसे भोपाल से सिंगरौली जाना था, लेकिन वो उज्जैन पहुंच गया। घटना 15 जुलाई की है। सिंगरौली के रहने वाले अब्दुल कादिर परिवार सहित हैदराबाद से आने वाली दक्षिण एक्सप्रेस से शाम करीब 5.30 बजे भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर उतरे। यहां से उन्हें ट्रेन से सिंगरौली जाना था। 4 नंबर प्लेटफॉर्म पर इंदौर जाने वाली वंदे भारत ट्रेन खड़ी थी। अब्दुल टॉयलेट यूज करने वंदे भारत ट्रेन में चढ़ गए। वे अंदर घुसे ही थे कि ट्रेन के दरवाजे लॉक हो गए। एक मिनट बाद ट्रेन इंदौर के लिए रवाना हो गई। अब्दुल ने ट्रेन के स्टाफ को अपने बारे में बताया। उनकी तमाम मिन्नतों के बाद भी ट्रेन नहीं रुकी। उज्जैन आने पर ट्रेन रुकी तो वे उतरे। उन्हें 200 किमी का सफर कर वापस भोपाल आना पड़ा। पत्नी और बेटे को तेज बुखार था, स्टेशन पर सोते रहे अब्दुल कादिर ने बताया कि ट्रेन को रोकने के लिए टिकट चैकिंग स्टाफ के अलावा ट्रेन में मौजूद आरपीएफ से भी रिक्वेस्ट की, मगर किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। मैं पेनल्टी तक भरने को तैयार था। उन्होंने बताया कि उन्हें ब्लड प्रेशर रहता है, जिसके चलते बार-बार वॉशरूम जाना पड़ता है। अब्दुल के मुताबिक उस समय उनकी वाइफ और बेटे को तेज बुखार भी था। उन्होंने सभी से रिक्वेस्ट की, मगर किसी ने नहीं सुनी। वे दोनों रात भर स्टेशन पर अकेले पड़े रहे। अब्दुल का कहना है कि इमरजेंसी में तो प्लेन लैंड हो जाता है, मगर यहां ऐसा होना ठीक नहीं। इसके बाद उन्हें 1020 रुपए का जुर्माना भी देना पड़ा। अब्दुल ने कहा- घटना दो दिन पुरानी है। पत्नी और बेटे की तबीयत ठीक होने के बाद इस घटना को सोशल मीडिया के जरिए जिम्मेदारों तक पहुंचाने की कोशिश की है। यात्री ने कहा- मेरे लिए मानसिक प्रताड़ना अब्दुल कादिर का कहना है "निर्धारित समय से पंद्रह मिनट पहले ही उज्जैन पहुंचाने का कोई मतलब नहीं है। वंदे भारत ट्रेन में इमरजेंसी सिस्टम न होने की वजह से आर्थिक नुकसान और मानसिक प्रताड़ना पूरे परिवार को झेलना पड़ी। जहां कहीं भी जान माल की हानि होने की आशंका हो वहां पर सुरक्षात्मक दृष्टि से इमरजेंसी सिस्टम तो जरूर होना चाहिए। इस मामले में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन को ऐसे कहीं भी नहीं रोका जा सकता है। यात्री की गलती है, क्योंकि वह उस ट्रेन में चढ़ा जिसका टिकट उनके पास नहीं था। इमरजेंसी के लिए वंदे भारत पैसेंजर होना जरूरी भोपाल रेल मंडल की सीनियर डीसीएम रश्मि बघेल ने बताया कि रेलवे ने हर स्टेशन एवं प्लेटफॉर्म पर शौचालय बनाएं हैं। किसी भी ट्रेन में टॉयलेट के लिए नहीं चढ़ सकते। इमरजेंसी में ट्रेन रोकने जैसी स्थिति तब होती है जब यात्री उसी ट्रेन का पैसेंजर हो। ऐसे चलते हुए किसी भी ट्रेन में चढ़कर वॉशरूम यूज करना कहीं भी एक्सेप्टेबल नहीं है।
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पापा ने 7 लाख कर्ज लेकर सिखाई स्केटिंग, इसी साल NEET भी किया पास
सृष्टि धर्मेंद्र शर्मा नागपुर के एक छोटे से गांव वैगांव की रहनेवाली हैं। साढ़े तीन साल की उम्र से ही स्केटिंग कर रहीं। 19 साल की उम्र में अब तक छह बार गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया है।
मैं सृष्टि धर्मेंद्र शर्मा नागपुर के एक छोटे से गांव वैगांव की रहनेवाली हूं। जब मैं साढ़े तीन साल की थी, तब से ही पैरों में पहिए लग गए। बच्चे इस उम्र में चलना सीखते हैं और मैं स्केटिंग पर अठखेलियां करने लगी। 19 साल की हूं। स्केटिंग प्रोफेशनली शुरू करने से लेकर अब तक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 7 बार अपना नाम दर्ज करा चुकी हूं। यानी हर बार मैंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड बनाया। 5 जुलाई 2023 को एक बार फिर से गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराया है। दुनिया की पहली आइस लिंबो स्केटर हूं। यहां तक की जर्नी का एक ही मूल मंत्र है कि दुनिया में कुछ ऐसा कर जाओ कि लोग कहें कि ऐसा तो पहले कभी नहीं देखा, न ही सुना। दैनिक भास्कर के ये मैं हूं में कई वुमन पर्सनैलिटी के बारे में आपने पढ़ा है, आज मेरी कहानी जानिए। हारमोनियम सिखाने के लिए टीचर के पास ले गए हम दो बहनें हैं। बड़ी बहन का नाम सिद्धी है। मेरे पापा धर्मेंद्र बालकेश्वर शर्मा ड्राइवर हैं। नागपुर के उमरेड़ कोल माइंस में वो वर्षों से गाड़ी चलाते रहे। अभी वो प्रमोट होकर सुपरवाइजर हो गए हैं। हम दोनों बहनें जीवन में कुछ करें, इसका सपना उन्होंने देखा। बहन सिद्धी और मुझे हारमोनियम सिखाने के लिए म्यूजिक टीचर के पास ले गए। लेकिन किसी कारण से टीचर ने हारमोनियम सिखाने से मना कर दिया। तब पापा ने हमें कुछ और सिखाने का सोचा। खबर में आगे बढ़ने से पहले एक पोल में अपनी राय साझा करते चलें- बहन को स्केटिंग करता देख मेरे भी पैर चलने लगते जब म्यूजिक में बात नहीं बनी तो पापा को किसी ने सलाह दी कि बेटी को स्केटिंग सिखाओ। तब मेरी उम्र महज साढ़े तीन साल और दीदी 6 साल की रही होगी। पापा उसे सुबह 6 बजे स्केटिंग एकेडमी ले जाते और वहीं से ड्यूटी पर चले जाते। बाद में पीछे से मम्मी मुझे लेकर एकेडमी पहुंचतीं। वहां जब दीदी स्केटिंग खत्म कर लेतीं तब मैं उसके स्केटिंग रोलर को पैरों में बांध कर खड़े होने की कोशिश करती। एकेडमी के इंस्ट्रक्टर ने देखा तो उसने कहा कि इस बच्ची को भी स्केटिंग में दे दीजिए, फीस की चिंता न करिए। तब पापा को झिझक थी कि नन्हें पैरों में स्केटिंग कैसे फिट होगी। स्केटिंग रोलर का ही वजन डेढ़ किलो के लगभग होता है। पापा यह सोचकर परेशान थे कि छोटी बच्ची के पैर इतना वजन कैसे संभालेंगे। लेकिन मैं कुछ ही समय में स्केटिंग करने लगी। पहली स्केटिंग रेस से बाहर हुई, दूसरी में लाई गोल्ड 2009 में जब मैं 5 साल की थी तब पहली बार स्केटिंग चैंपियनशिप में भाग लिया। लेकिन तब स्पीड इतनी कम थी कि आर्गेनाइजर्स ने रिंग में से ही मुझे बाहर निकाल दिया। छोटी थी पर मैंने दिल पर ले लिया। फिर मैंने खूब मेहनत करनी शुरू की। कुछ समय बाद जब दूसरी रेस हुई, मैंने इसमें गोल्ड जीता। ईश्वर का शुक्र है तब से लेकर अब तक मेडलों की बरसात हो रही है। 2012 में पहली बार लिंबो स्केटिंग की शुरुआत की आठ साल की उम्र में मैंने पहली बार टीवी पर किसी एथलीट को लिंबो स्केटिंग करते देखा। तब मैंने पापा को कहा कि मुझे भी लिंबो स्केटिंग करनी है। पापा ने कहा कि करो, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। तब से मैंने लिंबो स्केटिंग करना शुरू किया। इसके लिए मैंने कड़़ी मेहनत की। शरीर को लचीला बनाने के लिए योग करना शुरु किया। अगस्त 2013 में मैंने सबसे लंबी लिंबो स्केटिंग की। 3016 मीटर लंबी लिंबो स्केटिंग कर मैंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद 10 मीटर से अधिक की लिंबो स्केटिंग में भी रिकॉर्ड बनाने शुरु किए। इसमें 16.5 सेमी की हाइट में मेरा रिकॉर्ड बना। 2015 में 25 मीटर से अधिक की लिंबो स्केटिंग में भी मैंने नए कीर्तिमान बनाए। तीसरे और अंतिम प्रयास में मैंने 17 सेंटीमीटर की हाइट को भी पार किया। साथ ही मैंने सबसे कम समय में भी लिंबो स्केटिंग करने का भी रिकॉर्ड बनाया है। एक-एक मीटर की दूरी पर रखे 10 पोल को मैंने पहले 2.062 सेकेंड, फिर 1.755 सेकेंड, 1.747 सेकेंड और 1.720 सेकेंड में पूरा किया। नाक से ब्लीडिंग होती, लोग पापा से बोलते-बेटी से ये क्या करा रहे उमरेड़ से नागपुर सिटी की दूरी एक घंटे की है। हर दिन सुबह 5.30 बजे बस से स्कूल के लिए निकलती और 7 बजे स्कूल पहुंचती। 3 बजे छुट्‌टी होती तब भी स्कूल से घर 5 बजे ही आ पाती। फिर 2 घंटे स्केटिंग की कोचिंग के लिए जाना। कोचिंग से लौटकर पढ़ाई करना। कई बार शरीर थककर चूर हो जाता। नाक से खून आने लगता। स्केटिंग के दौरान चोट भी लगती। लोग पापा से कहते कि बेटी से यह क्या करवा रहे हो, लेकिन मेरे मन में यही रहा कि रुकना नहीं है। दाहिने पैर में चोट लगी तो रोलर हॉकी में आ गई प्रैक्टिस के दौरान ही मेरे दाहिने पैर में चोट लग गई। चार स्टिचेज लगे। डॉक्टरों ने कहा कि कुछ समय के लिए स्केटिंग बंद कर देना चाहिए। तब डॉक्टर की सलाह पर लिंबो स्केटिंग बंद कर दी लेकिन रोलर हॉकी खेलने लगी। छह महीने की प्रैक्टिस के बाद मैंने 25वीं महाराष्ट्र रोलर स्केटिंग हॉकी चैंपियनशिप में भाग लिया और ब्रॉन्ज मेडल जीता और अगले ही साल 26वीं चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमा लिया और पहली बार नेशनल चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया। इसी टूर्नामेंट के दौरान जम्मू-कश्मीर टीम के कोच ने मुझे 180 डिग्री पर स्ट्रेच करते देखा तो आइस लिंबो स्केटिंग करने की सलाह दी। यह मेरे लिए चैलेंज रहा कि दुनिया में पहले किसी ने आइस लिंबो स्केटिंग नहीं की थी। आइस पर लिंबो स्केटिंग करना आसान नहीं है। मुझे पता चला कि दिल्ली के पास गुरुग्राम में इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। पापा मुझे लेकर गुरुग्राम के एम्बिएंस मॉल गए। वहां मैंने आइस स्केटिंग की ट्रेनिंग ली। तब 10 मीटर के आइस स्केटिंग के लिए 20 सेंटीमीटर हाइट की बाधा रखी गई थी। लेकिन मैं इसे पार नहीं कर सकी। कारण रोलर स्केट के ब्लेड्स थे। सांता क्लॉज की बग्घी को देखकर मम्मी ने ब्लेड्स के डिजाइन बनाए आइस स्केटिंग के लिए खास तरह के ब्लेड्स की जरूरत थी। तब मेरी मम्मी ने सांता क्लॉज की बग्घी देखकर आइस स्केटिंग के ब्लेड्स का डिजाइन तैयार किया। पापा ने बाजार से प्लेट्स खरीदकर खुद से ही स्केट्स के ब्लडे्स बनाए। इसे लेकर दोबारा गुरुग्राम गए। वहां हमारे पैशन को देखकर स्केटिंग एकेडमी के संचालक ने काफी सपोर्ट किया। करीब डेढ़ महीने तक हमारे रहने, खाने-पीने की व्यवस्था की। आइस स्केटिंग के लिए स्पेशल शूज दिए। दुनिया की पहली आइस लिंबो स्केटर बनी आइस स्केटिंग में कैसे ग्लाइड करना है यह मैंने गुरुग्राम में सीखा। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए मैंने फिर प्रयास किया। मेरे लिए 10 मीटर में 20 सेंटी मीटर का टारगेट दिया गया था। मैंने 17.78 सेंटीमीटर में ही इस बाधा को पार किया और इस तरह दुनिया की पहली आइस लिंबो स्केटर बन गई। रात-रात भर पढ़ाई, NEET में 516 मार्क्स मैंने खेल के साथ अपनी पढ़ाई को भी जारी रखा। नागपुर के वर्द्धमान नगर के सेंटर पॉइंट स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। 12वीं में भी मुझे 86% मार्क्स मिले। 7वीं से लेकर 12वीं तक स्कूल ने मेरी पढ़ाई का सारा खर्च उठाया। इसमें प्रिंसिपल सुमति वेणुगोपालन ने काफी सपोर्ट किया। स्केटिंग मेरा पैशन है लेकिन मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं। अभी हाल में NEET के रिजल्ट में मुझे 516 मार्क्स मिले हैं। बिना किसी कोचिंग के मैंने रात-रातभर जागकर पढ़ाई की है। मुझे स्केटिंग कराने के लिए पापा ने लिया 7 लाख रुपए का कर्ज स्केटिंग में बहुत पैसे खर्च होते हैं। चैंपियनशिप के लिए हमें स्पॉन्सरशिप नहीं मिली। तब पापा ने गेम्स में पार्टिसिपेट कराने के लिए 7 लाख रुपए से अधिक कर्ज लिया। पापा इतना नहीं कमा पाते कि वो इस गेम के सभी खर्च उठा सकें। मम्मी हाउसवाइफ हैं। आज भी पापा कर्ज की ईएमआई चुका रहे हैं। अलर्ट नहीं रहे तो गंभीर चोट लग सकती है रोलर स्केटिंग करते समय सावधानी रखनी जरूरी है। कलाई मुड़ने, टखने और कंधे में चोट लगने का रिस्क होता है। कई बार दूसरे स्केटर से टक्कर हो सकती है या ग्लाइड करते समय कंट्रोल नहीं रहा तो सीरियस इंजरी हो सकती है।
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दो हफ्ते तक चले थे पैसे; फिल्म में एक्स्ट्रा एक्टर के तौर पर किया था काम
Naseeruddin Shah 73rd Birthday - Recalls Earning Rs 7.50 for First Film Role. नसीरुद्दीन शाह आज अपना 73 वां जन्मदिन मना रहे हैं। 2012 में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी पहली कमाई का जिक्र किया था। नसीरुद्दीन ने बताया कि 1967 में फिल्म अमन में काम करने
नसीरुद्दीन शाह आज अपना 73 वां जन्मदिन मना रहे हैं। 2012 में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी पहली कमाई का जिक्र किया था। नसीरुद्दीन ने बताया कि 1967 में फिल्म अमन में काम करने के लिए उन्हें 7.50 रुपए मिले थे। ये पैसे दो हफ्ते तक चले थे। नसीरुद्दीन उस वक्त सिर्फ 16 साल के थे। दरअसल इस फिल्म के लीड एक्टर राजेंद्र कुमार थे। फिल्म के लास्ट सीन में उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था। नसीर उनके पीछे गंभीर मुद्रा में खड़े थे। फिल्म में नसीर एक्स्ट्रा एक्टर के तौर पर नजर आए थे। 14 साल की उम्र में स्कूल में ड्रामा करते थे नसीरुद्दीन शाह एक्टर कैसे बने। Rediff के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा- मैं स्कूल में ड्रामा किया करता था। एक बार मैं किसी क्लास में फेल हो गया। पिता ने मुझे दूसरे स्कूल में डाल दिया। वहां मुझे चार अच्छे दोस्त मिले। वहां मैंने क्राउड के सामने मर्चेंट ऑफ वेनिस का एक शो किया। उस वक्त 14 साल उम्र रही होगी। मैंने उसी वक्त डिसाइड कर लिया कि मुझे लाइफ में आगे क्या करना है। अचानक मेरे मार्क्स भी अच्छे आने लगे। स्कूल की क्रिकेट टीम में सिलेक्शन भी हो गया। एक्स्ट्रा कलाकार के तौर पर मिल गई फिल्म नसीरुद्दीन की सफर की शुरुआत उस वक्त हुई जब उन्हें 16 साल की उम्र में ही फिल्म में काम मिल गया। हालांकि इस फिल्म में वे एक्स्ट्रा कलाकार के रूप में शामिल हुए थे, लेकिन इससे क्या फर्क पड़ने वाला है। उन्होंने कहा- मोहन कुमार ने फिल्म अमन बनाई। फिल्म के लास्ट सीन में राजेंद्र कुमार को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था। मैं उनके ठीक पीछे बहुत गंभीर मुद्रा में खड़ा था। उस सीन के लिए मुझे 7.50 रुपए मिले थे। कौन जानता था कि इस फिल्म में एक्स्ट्रा एक्टर के तौर पर नजर आने वाले नसीरुद्दीन शाह एक दिन इतने बड़े कलाकार बनेंगे। विवादों के साथ भी चोली दामन का साथ रहा है नसीरुद्दीन आज कितने सफल एक्टर हैं, इस पर कोई संदेह नहीं है। हालांकि उनका विवादों के साथ भी चोली दामन का साथ रहा है। उनके कई स्टेटमेंट ऐसे हैं जिसकी वजह के वे ट्रोलर्स के निशानों पर रहे। उन्होंने हाल ही में मुगलों को लेकर एक बयान दिया था, जिस पर विवाद हो गया था। मुगलों को आक्रमणकारी और विनाशकारी बताए जाने पर नसीर ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा, 'मुगल यहां लूटपाट करने नहीं आए थे। वे इसे अपना घर बनाने के लिए यहां आए थे और उन्होंने वही किया। उनके योगदान को कैसे भूला जा सकता है। हम लाल किले को इतने सम्मान के नजरिए से क्यों देखते हैं जबकि बनवाया तो उसे एक मुगल ने ही था। हमें बार-बार उन्हें बदनाम नहीं करना चाहिए। भाषा को लेकर दिए स्टेटमेंट पर बॉर्डर पार से हुआ विरोध अपनी सीरीज ताज डिवाइडेड बाय ब्लड का प्रमोशन करते वक्त नसीरुद्दीन ने कहा था कि पाकिस्तान में पहले की तुलना में अब सिंधी नहीं बोली जाती। नसीर ने कहा कि पाकिस्तान में बलूची भाषा है, बारी भाषा है, सिरैकी और पश्तो भी है। लेकिन अब वहां सिंधी भाषा नहीं बोली जाती। नसीर की ये बात पाकिस्तान के कुछ एक्टर्स को नागवार गुजरी। पाकिस्तान के कुछ कलाकारों ने सोशल मीडिया पर नसीर का जमकर विरोध किया। मामला बढ़ने पर एक्टर ने माफी मांग ली। नसीर ने कहा- मुझे गलत जानकारी थी और इसके लिए मै पाकिस्तान में रहने वाले सभी सिंधी लोगों से माफी मांगता हूं। हालांकि मुझसे गलती हुई है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप मुझे इसके लिए सूली पर चढ़ा देंगे। मुझे कई सालों तक बुद्धिमान समझा गया, लेकिन अब मुझे फर्जी बुद्धिजीवी और दिखावा करना वाला इंसान समझा जा रहा है। खैर ये भी ठीक है।
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साल-दर-साल आधार पर बढ़कर 5,945 करोड़ हुआ, इस तिमाही में 6,940 कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी
भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून क्वार्टर में 5,945 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। पिछले साल की इसी अवधि में यह 5,362 करोड़ रुपए रहा था। IT company Infosys Q1 Results Live
भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून क्वार्टर में 5,945 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। पिछले साल की इसी अवधि में यह 5,362 करोड़ रुपए रहा था। यानी साल-दर-साल आधार पर इसमें 10.9% की ग्रोथ आई है। वहीं पिछली तिमाही यानी Q4FY23 में मुनाफा 6,134 करोड़ रुपए रहा था। कंपनी की आय तिमाही दर तिमाही आधार पर 34,441 करोड़ रुपए से 10% बढ़कर 37,933 करोड़ रुपए हो गई। वहीं कंपनी ने लगातार दूसरी तिमाही में अपने एम्प्लॉइज की संख्या में 6,940 कर्मचारियों की गिरावट देखी। इस तिमाही में नौकरी छोड़ने की दर यानी एट्रीशन रेट गिरकर 17.3% हो गया। पिछली तिमाही में 3,611 कर्मचारियों की संख्या घटी थी। इंफोसिस के शेयर 2.2% गिरकर बंद रिजल्ट जारी करने से पहले निफ्टी 50 इंडेक्स पर इंफोसिस के शेयरों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। स्टॉक 2.2% गिरकर 1,442.75 रुपए पर बंद हुआ। वहीं बीते एक महीने में इंफोसिस का शेयर 10% से ज्यादा चढ़ा है। उधर, कंपनी के CEO सलिल पारेख ने बताया कि कंपनी ग्राहकों के लिए 80 जेनरेटिव AI प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
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नो मेकअप लुक आईं नजर, सादगी देख फैंस कर रहे तारीफ
रश्मिका मंदाना को नेशनल क्रश के नाम से भी जाना जाता है। उनकी सादगी की फैंस अक्सर प्रशंसा करते हैं। हाल ही में एक्ट्रेस को मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया, जिसका एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में रश्मिका नो मेकअप लुक में नजरNo makeup look seen, fans are praising the simplicity
रश्मिका मंदाना को नेशनल क्रश के नाम से भी जाना जाता है। उनकी सादगी की फैंस अक्सर प्रशंसा करते हैं। हाल ही में एक्ट्रेस को मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया, जिसका एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में रश्मिका नो मेकअप लुक में नजर आईं, जिसे देख फैंस एक बार फिर उनकी सराहना कर रहे हैं। कैजुअल लुक में आईं नजर एयरपोर्ट पर रश्मिका काफी सिंपल लुक में दिखाई दीं। उन्होंने ब्राउन कार्गो पैंट के साथ व्हाइट क्रॉप टॉप पहना हुआ हैं। इस लुक को उन्होंने ब्लू चेक शर्ट के साथ कैरी किया हुआ है। बिना मेकअप के रश्मिका काफी क्यूट लग रही हैं। एयरपोर्ट से बाहर निकलते वक्त वह स्माइल करते हुए पैपराजी को पोज दे रही हैं। फैंस ने की सादगी की तारीफ सोशल मीडिया पर फैंस को रश्मिका का ये अंदाज काफी पसंद आया हैं। वीडियो पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'नेचुरल ब्यूटी'। दूसरे यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'हे भगवान! मुझे लगता है कि ये एकमात्र ऐसी एक्ट्रेस हैं जो बिना मेकअप के अच्छी दिखती हैं'। तीसरे ने लिखा, 'कितनी क्यूट हैं'। एनिमल में नजर आएंगी रश्मिका रश्मिका ने हाल ही में फिल्म एनिमल की शूटिंग पूरी कर ली है। संदीप रेड्डी वांगा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में रणबीर कपूर, बॉबी देओल और अनिल कपूर भी मुख्य भूमिका में हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह फिल्म 11 दिसंबर को विक्की कौशल की सैम बहादुर के साथ टकराएगी। एनिमल पहले 11 अगस्त को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसे दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा रश्मिका जल्द ही ‘पुष्पा 2’ में भी दिखाई देंगी। फिल्म में रश्मिका, अल्लू अर्जुन और फहाद के साथ जगदीश प्रताप भंडारी, सुनील और राव रमेश भी नजर आएंगे। यह फिल्म 2021 में रिलीज हुई फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ का सीक्वल है। ‘पुष्पा: द रूल’ के राइटर-डायरेक्टर सुकुमार हैं।
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पहली बार आधी मेंबर्स महिलाएं; नगालैंड की पहली महिला राज्यसभा सांसद को भी मिली जगह
BJDRajya Sabha Vice Chairman Panel List Update - पैनल के 8 सदस्यों में से 4 महिलाएं हैं। पैनल में एथलीट पीटी. उषा, भाजपा सांसद एस फांगनोन कोन्याक, NCP सांसद फौजिया खान और BJD सांसद सुलाता देव को जगह दी गई है।
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के उपसभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राज्यसभा के वाइस-चेयरपर्सन का पैनल बनाया। पहली बार पैनल में आधी मेंबर्स महिलाएं हैं। 8 सदस्यों के पैनल में 4 महिला सांसदों- पीटी. उषा, भाजपा सांसद एस फांगनोन कोन्याक, NCP सांसद फौजिया खान और BJD सांसद सुलाता देव को जगह दी गई है। इन चारों महिला सांसदों का राज्यसभा में यह पहला कार्यकाल है। फांगनोन कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा में आने वाली पहली महिला हैं। अलग-अलग पार्टियों से हैं चारों पुरुष सदस्य नए वाइस-चेयरपर्सन का यह पैनल 17 जुलाई से लागू हो चुका है। पैनल में YSR कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी, भाजपा के घनश्याम तिवारी, TMC के सुखेंदु शेखर राय और कांग्रेस के एल. हनुमंथैया को भी जगह मिली है। सभापति के न होने पर सदन चलाते हैं वाइस-चेयरपर्सन राज्यसभा के नियमों के मुताबिक, सभापति को पैनल में सांसदों को नॉमिनेट करना होता है। सभापति या उपसभापति के न होने पर इनमें से एक वाइस-चेयरपर्सन सदन को चला सकता है। देश के उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति होते हैं। पूरी तरह डिजिटल हुई राज्यसभा राज्यसभा गुरुवार से पूरी तरह डिजिटल हो गई है। उपसभापति जगदीप धनखड़ सभी कामों के लिए टैबलेट का इस्तेमाल करेंगे। सदन की कार्यवाही की जानकारी भी टैबलेट पर ही रखेंगे। मानसून सत्र से जुड़ी यह खास खबर भी पढ़ें.... केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल लाएगी, सत्र में 17 बैठकें होंगी संसद का मानसून सत्र आज सुबह 11 बजे से शुरू हो गया। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही कल दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में पेश हो चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें...
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नाबालिग की पिटाई और टॉर्चर किया था; एक दिन पहले दिल्ली में भीड़ ने की पिटाई
Delhi Dwarka Child Labour Case - इंडिगो और विस्तारा एयरलाइंस ने 10 साल की बच्ची को पीटने और टॉर्चर करने वाले पति-पत्नी को नौकरी से निकाल दिया है। आरोपी पति विस्तारा एयरलाइन में काम करता था, वहीं पत्नी इंडिगो में पायलट थी।
इंडिगो और विस्तारा एयरलाइंस ने 10 साल की बच्ची को पीटने और टॉर्चर करने वाले पति-पत्नी को नौकरी से निकाल दिया है। आरोपी पति विस्तारा एयरलाइन में काम करता था, वहीं पत्नी इंडिगो में पायलट थी। विस्तारा एयरलाइंस ने कहा कि हम किसी तरह से हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं। हमारे पास कर्मचारी की शिकायत आई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। दरअसल, दिल्ली के द्वारका इलाके में रहने वाले कपल पर आरोप लगा था कि उन्होंने 10 साल की बच्ची से घर के काम कराए और उसे टॉर्चर किया। बुधवार को भीड़ ने की थी दोनों की पिटाई बुधवार को भीड़ ने कपल की जमकर पिटाई भी कर दी थी। घटना का वीडियो भी सामने आया था। वीडियो की शुरुआत में भीड़ कपल से बहस करती हुई दिखती है। महिला पायलट हाथ जोड़कर माफी मांगती है, लेकिन कुछ देर बाद भीड़ महिला पायलट को बाहर खींच लेती है और थप्पड़ मारने लगती है। महिला का पति उसे बचाने की कोशिश करता है, लेकिन भीड़ उसे भी पीटती है। पति-पत्नी को पुलिस ने किया गिरफ्तार मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने नाबालिग लड़की का मेडिकल एग्जामिनेशन कराया था। इसमें लड़की के शरीर पर चोट और जलने के कई निशान मिले। द्वारका DCP एम हर्षा वर्धन ने बताया कि कपल के खिलाफ IPC की धारा 323 (मारपीट करना), 324 (गंभीर चोट पहुंचाना), 342 (गलत तरीके से किसी को बंधक बनाना) और चाइल्ड लेबर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार को कोर्ट ने पायलट के पति को 2 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, बच्ची की काउंसलिंग की गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कपल ने दो महीने पहले एक 10 साल की लड़की को घर के काम करने के लिए रखा था। बुधवार को लड़की की एक रिश्तेदार ने उसके हाथ पर चोट के निशान देखे थे। इसके बाद स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि वे लड़की को पीटते हैं और कपल की पिटाई कर दी। लड़कियों के साथ अत्याचार से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... 13 साल की बच्ची को कपल ने गर्म चिमटे से दागा: डंडे से पीटते थे, डस्टबिन में फेंका खाना खाने पर मजबूर किया हरियाणा के गुरुग्राम में 13 साल की बच्ची को एक कपल ने काम पर रखा, फिर उस पर बेइंतहा जुल्म किए। उसके शरीर को गर्म चिमटे से दागा और डंडों से पीटा। उसे कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया। नाबालिग डस्टबिन से खाना उठाकर अपना पेट भरती थी। गुरुग्राम पुलिस ने बच्ची को उनके चंगुल से छुड़ाया और आरोपी कपल को गिरफ्तार किया। पूरी खबर पढ़ें... रिटायर्ड IAS की पत्नी ने दिव्यांग को 8 साल कैद में रखा: गर्म तवे से जलाया और रॉड से पीटा झारखंड में पिछले साल अगस्त में 29 साल की आदिवासी दिव्यांग से दरिंदगी का मामला सामने आया था। उसे रिटायर्ड IAS ऑफिसर महेश्वर पात्रा की पत्नी और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा ने 8 साल से घर में कैद करके रखा था। पीड़िता ने बताया कि उसे भरपेट खाना नहीं दिया जाता था। रॉड से पीटा जाता था और गर्म तवे से जलाया जाता था। पूरी खबर पढ़ें...
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सेंसेक्स 67,619 और निफ्टी 19,991 पर पहुंचा, रिलायंस फाइनेंशियल के शेयर की कीमत 261 रुपए तय
BSE NSE Sensex Today, Stock Market Latest Updates आज शेयर बाजार में फ्लैट कारोबार देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स 25 अंक गिरकर 67,074 के स्तर पर खुला। निफ्टी में सिर्फ 2 अंकों की कमजोरी रही
शेयर बाजार ने आज फिर आज फिर नया ऑलटाइम हाई बनाया है। सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान 67,619 और निफ्टी ने 19,991 का स्तर छुआ। हालांकि इसके बाद बाजार थोड़ा नीचे आया और सेंसेक्स 474 अंक बढ़कर 67,571 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 146 अंकों की तेजी रही। ये 19,979 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में तेजी और 8 में गिरावट देखने को मिली। लगातार छठवें दिन बाजार चढ़कर बंद हुआ है। सेक्टोरल इंडेक्स में FMCG, फार्मा और बैंकिंग शेयरों के इंडेक्स 1% से अधिक की तेजी के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ आईटी, टेक, पावर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयरों में गिरावट रही। पहली तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 11% बढ़ा भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 5,945 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। पिछले साल की इसी अवधि में यह 5,362 करोड़ रुपए रहा था। यानी इसमें 11% की बढ़ोतरी हुई है। पहली तिमाही में कंपनी की आय 37,933 करोड़ रुपए रही है। रिलायंस का फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस अलग हुआ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड यानी RIL का फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस 'जियो फाइनेंशियल सर्विसेज' आज (20 जुलाई) को अपनी मूल कंपनी से अलग हो गया। डिमर्जर के बाद प्राइस डिस्कवरी मैकेनिज्म के तहत जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर का भाव 261.85 रुपए तय हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज NSE पर सुबह 10 बजे 2580 रुपए प्रति शेयर पर सेटल हुआ, जो कल 2,841.85 प्रति शेयर पर था। इसी हिसाब से जियो फाइनेंशियल का रेट तय हुआ है। 2,841.85 रुपए में से 2580 घटाने पर होता है 261.85 रुपए। संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू संसद का मानसून सेशन आज से शुरू हो रहा है। यह 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। जिसमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में पेश हो चुके। उन पर चर्चा होगी। सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है। कल भी बनाया था ऑलटाइम हाई इससे पहले शेयर बाजार ने कल यानी 19 जुलाई को भी ऑलटाइम हाई बनाया था। तब सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान 67,171 और निफ्टी ने 19,851 का स्तर छुआ था। हालांकि इसके बाद बाजार थोड़ा नीचे आया और सेंसेक्स 302 अंक बढ़कर 67,097 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 83 अंकों की तेजी रही। ये 19,833 के स्तर पर बंद हुआ था।
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DERC अध्यक्ष पर कहा- दोनों मिलकर एक जज चुनें, दिल्ली सरकार-LG का जवाब आम सहमति नहीं बनीं
Supreme Court hearing update; DERC Chairman appointment review and Centre Ordinance  कोर्ट तय करेगा कि इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं। इसके अलावा DERC चेयरमैन की नियुक्ति पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के सेवा अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को पांच जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया है। अब जल्द ही संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई शुरू करेगी।​ DERC अध्यक्ष की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या आप दोनों एक जज को नहीं चुन सकते? दिल्ली सरकार और LG ने जवाब दिया कि वे आम सहमति बनाने में विफल रहे हैं। कोर्ट ने कहा था- संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं मामला केंद्र सरकार ने दिल्ली अध्यादेश के जरिए अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए थे। दिल्ली सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। इस पर CJI चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा- हम यह मामला पांच जजों के संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं। फिर संविधान पीठ तय करेगा कि क्या केंद्र इस तरह संशोधन कर सकता है या नहीं? केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा कि संविधान का आर्टिकल 246(4) संसद को भारत के किसी भी हिस्से के लिए और किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता है जो किसी राज्य में शामिल नहीं है। कोर्ट बोला- DERC चेयरमैन का नाम मिलकर तय करें उप-राज्यपाल विनय सक्सेना ने 21 जून को उमेश कुमार को DERC का चेयरमैन नियुक्त किया था। 4 जुलाई को इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उमेश कुमार की शपथ ग्रहण पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने पिछली सुनवाई में कहा था कि दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल वीके सक्सेना मिलकर DERC के चेयरमैन का नाम तय करें। कोर्ट ने कहा- LG और मुख्यमंत्री दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं। इन लोगों को लड़ाई-झगड़े से ऊपर उठना चाहिए। दोनों साथ बैठें और DERC के चेयरमैन का नाम तय कर हमें बताएं। केंद्र ने अध्यादेश के जरिए पलटा था सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। केंद्र सरकार ने 19 मई को एक अध्यादेश लाकर इस फैसले को पलट दिया था। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। केजरीवाल सरकार ने 30 जून को कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती दी थी। मामले में पहली सुनवाई 4 जुलाई को हुई थी, तब कोर्ट ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था। अध्यादेश क्या होता है? जब संसद या विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा हो तो केंद्र और राज्य सरकार तात्कालिक जरूरतों के आधार पर राष्ट्रपति या राज्यपाल की अनुमति से अध्यादेश जारी करती हैं। इसमें संसद/विधानसभा द्वारा पारित कानून जैसी शक्तियां होती हैं। अध्यादेश को छह महीने के अंदर संसद या राज्य विधानसभा के अगले सत्र में सदन में पेश करना अनिवार्य होता है। अगर सदन उस विधेयक को पारित कर दे तो यह कानून बन जाता है। जबकि तय समय में सदन से पारित नहीं होने पर यह समाप्त हो जाता है। हालांकि सरकार एक ही अध्यादेश को बार-बार भी जारी कर सकती है। केंद्र के अध्यादेश से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें... दिल्ली सरकार की सलाह पर काम करेंगे LG, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अफसरों पर सरकार का कंट्रोल ना हो तो वो जिम्मेदार नहीं रहेंगे सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। कोर्ट ने कहा- दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। 5 जजों की संविधान पीठ ने एक राय से कहा- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे। पढ़ें पूरी खबर... दिल्ली सरकार के अधिकारों पर केंद्र का अध्यादेश जारी, ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल के पास ही रहेंगे केंद्र सरकार ने 19 जून को दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस से जुड़े अधिकारों को लेकर एक अध्यादेश जारी किया। इसके जरिए केंद्र सरकार नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली CM, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव होंगे। ये अथॉरिटी ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस जैसे मैटर्स में फैसले लेगी और LG को सिफारिशें भेजेंगी। पढ़ें पूरी खबर... CM केजरीवाल को एमके स्टालिन का भी समर्थन मिला, तमिलनाडु CM बोले- हम अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात की थी। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद स्टालिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हमने आज दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा की। यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। पढ़ें पूरी खबर...
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गांव में पहलवान का स्वागत; बजरंग-विनेश को छूट पर नाराज, बोलीं- सबको मिले मौका
जॉर्डन में हुई अंडर 20 एशियन चैंपियनशिप कुश्ती प्रतियोगिता में रोहतक जिले के मोखरा गांव की रहने वाली नीतिका ने 59 किलोग्राम भार वर्ग में उज्बेकिस्तान की पहलवान को हराकर गोल्ड मेडल जीता और देश का मान बढ़ाया। अपनी इस जीत के बाद घर लौटने पर उसका भव्य स्वागत किया गया।
जॉर्डन में हुई अंडर-20 एशियन चैंपियनशिप कुश्ती प्रतियोगिता में रोहतक जिले के मोखरा गांव की रहने वाली नीतिका ने 59 किलोग्राम भार वर्ग में उज्बेकिस्तान की पहलवान को हराकर गोल्ड मेडल जीता। गुरुवार को नीतिका का घर लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। नीतिका ने अपनी इस जीत का श्रेय अपने कोच, परिवार और अपनी मेहनत को दिया। इस बीच वह विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को ट्रायल में दी गई छूट पर नाखुश दिखीं। उनका कहना है कि सभी को बराबर मौका मिलना चाहिए। कोच भी बोले एडहॉक कमेटी का फैसला गलत है और यह खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ने वाला है। नीतिका का कहना है कि जो बच्चे चार पांच साल से प्रैक्टिस कर ओलिंपिक में मेडल जीतने का सपना देखते हैं, उनके लिए यह फैसला हताशा भरा है। सभी पहलवानों को बराबर का मौका मिलना चाहिए और ट्रायल लेने के बाद ही किसी भी चैंपियनशिप के लिए खिलाड़ी का चयन होना चाहिए। जो फैसला बजरंग पूनिया व विनेश फोगाट के लिए दिया गया है वह सरासर गलत है। उनका कहना है कि आज वे अपनी इस जीत को लेकर काफी खुश हैं और अब विश्व चैंपियनशिप तथा ओलिंपिक के लिए अपनी तैयारियां करेंगी। अंडर-20 एशियन चैम्पियनशिप नीतिका के कोच अपनी शागिर्द के गोल्ड मेडल जीतने पर काफी खुश हैं। लेकिन विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को ट्रायल में दी गई छूट को लेकर वे काफी नाराज भी हैं। उनका कहना है कि यह जूनियर खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ने वाला फैसला है। सभी को बराबर का हक मिलना चाहिए और जो ट्रायल में जीतकर जाए उसके साथ पूरा देश खड़ा होता है। इसलिए वे अपील करते हैं कि इस फैसले को बदला जाए। ताकि जूनियर खिलाड़ियों को भी मौका मिल सके। पिता दयानंद ने कहा कि उनकी तीन बेटियां ही हैं और उन्होंने कभी ये नहीं माना कि उनका कोई बेटा नहीं है और बेटियों को बेटों की तरह पाला है। आज उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया जो वह पहलवान रहते हुए नहीं कर पाए थे। उन्हें उम्मीद है कि उनकी बेटी का भविष्य में भी ऐसे ही प्रदर्शन करे।
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8 करोड़ इन्फ्लुएंसर्स, 1.5 लाख लोग कर रहे कमाई; एडिक्ट बच्चे का 5 सेकेंड में ही ध्यान भंग
India's Biggest Instagram Influencer Market: दिसंबर 2021 में 10वीं का एक स्टूडेंट रील बनाते हुए फांसी के फंदे से लटक गया। दरअसल, इंदौर का रहने वाला छात्र अपने दोस्तों के साथ एक खास ट्रेंड पर रील बना रहा था।
दिसंबर 2021 में 10वीं का एक स्टूडेंट रील बनाते हुए फांसी के फंदे से लटक गया। दरअसल, इंदौर का रहने वाला छात्र अपने दोस्तों के साथ एक खास ट्रेंड पर रील बना रहा था। फिल्मी सीन की नकल वाले इस ट्रेंड में प्रेमिका की याद में हीरो को फांसी के फंदे से लटकते हुए दिखाया जाना था। वह स्टूडेंट भी ऐसा ही करना चाह रहा था। इसके लिए उसने दोस्तों के साथ मिलकर असली फंदा तैयार किया, नीचे कुर्सी लगाई और गम भरे रुंआसे चेहरे के साथ रील बनाने की शुरुआत हुई। लेकिन तभी उस स्टूडेंट के पैरों के नीचे से कुर्सी फिसल गई और वह फांसी के फंदे से झूल गया। तड़पकर थोड़ी देर बाद वह शांत हो गया। दोस्तों ने इसे भी रील का हिस्सा समझा। काफी देर तक जब उसने कोई हरकत नहीं की; तो दोस्त उसे उसी हालत में छोड़कर भाग गए। स्टूडेंट की जान जा चुकी थी। यह समस्या सिर्फ बड़े शहरों में रहने वाली युवा पीढ़ी की नहीं है। इस साल की शुरुआत में बिहार के खगड़िया में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली। 32 साल की एक महिला अपने सास-ससुर के साथ रहती थी। उसके पति बाहर मजदूरी करते थे। एक दिन अकेले में वह इंस्टाग्राम के इसी ट्रेंड पर फांसी के फंदे से लटकने की रील बना रही थी। उसने अपने पांव के नीचे ईंटें लगा रखी थी, लेकिन ऐन वक्त पर ईंटें भरभरा कर गिर गईं और महिला फांसी के फंदे से झूल गई। सास-ससुर जब घर लौटे तो फंदे से लटकी बहू और सामने ट्राइपॉड पर लगा फोन मिला। फोन में उसके तड़पने का वीडियो भी रिकॉर्ड हुआ था। कुछ दिन पहले केदारनाथ मंदिर में शिवलिंग के ऊपर नोट उड़ा रही एक लड़की की रील भी वायरल हुई थी। जिसके बाद मंदिर में फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी को ही बैन कर दिया गया। रील है दर्द तो इसकी दवा भी ‘रील’ रील की समस्या जानकर अगर इसकी लत से बाहर निकलने की सोच रहे हैं तो हो सकता है कि इसके लिए भी रील की शरण में ही जाना पड़े। इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे वीडियो प्लेटफॉर्म पर हजारों ऐसी रील मौजूद हैं; जिसमें ‘रील’ की लत से छुटकारा पाने के नुस्खे बताए गए हैं। कई नामी साइकोलॉजिस्ट भी रील बनाकर ही लोगों को इस बारे में सलाह दे रहे हैं। बन गई कंटेंट क्रिएटर और इन्फ्लुएंसर्स की हसीन दुनिया मौजूदा वक्त में रील बनाने वाले लोग खुद को कंटेंट क्रिएटर और इन्फ्लुएंसर्स कहलाना पसंद करते हैं। शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म भी उन्हें इसी रूप में प्रमोट करते हैं। कई शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म दावा करते हैं कि उनके यहां ‘कंटेंट क्रिएटर्स’ अच्छी कमाई कर रहे हैं, तो कई ऐसे भी हैं जो सिर्फ लोगों तक पहुंचने और शोहरत के लिए ऐसा करते हैं। कई प्राइवेट सोशल मीडिया अकाउंट से भी रील पोस्ट की जाती हैं। इनका मकसद पैसे या फेम कमाना नहीं, बल्कि अपने दोस्तों तक अपनी बात पहुंचाना होता है। देश में 8 करोड़ कंटेंट क्रिएटर्स, सिर्फ 1.5 लाख कर पाते हैं कमाई ‘कलारी कैपिटल’ की एक स्टडी के मुताबिक देश में फिलहाल 8 करोड़ लोग प्रोफेशनल कंटेंट क्रिएटर्स हैं। यानी वे इसी को अपना करियर और कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं। ये 8 करोड़ लोग ऑनलाइट कंटेंट बनाकर दौलत और शोहरत कमाने में लगे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। स्टडी के मुताबिक 8 करोड़ कंटेंट क्रिएटर्स में से सिर्फ 1.5 लाख लोग ही कमाई कर पाते हैं। उनमें से भी अधिकतर की कमाई महज कुछ हजार रुपए महीने ही है। इन 8 करोड़ कंटेंट क्रिएटर्स में से 1% से भी कम ऐसे हैं, जिनके फॉलोअर्स की संख्या 10 लाख से ज्यादा है। इनकी कमाई लाखों-करोड़ों में है। ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स की कमाई का बड़ा हिस्सा उन मेगा इन्फ्लुएंसर्स को मिल रहा है, जिनके फॉलोअर्स 10 लाख या इससे ज्यादा हैं। खबर में आगे बढ़ने से पहले पोल के माध्यम से अपनी राय साझा करते चलें... हर दिन 2.5 घंटे फोन पर एंटरटेनमेंट, पौन घंटे सिर्फ रील ‘रेडसीर स्ट्रैटजी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर स्मार्टफोन यूजर औसतन 2.5 घंटे एंटरटेनमेंट के लिए मोबाइल स्क्रीन स्क्रॉल करता है। इस दौरान लगभग 40 मिनट का समय सिर्फ रील देखने में जाता है। जेनरेशन Z यानी 1995 के बाद जन्म लेने वाली पीढ़ी में शॉर्ट वीडियो ‘रील’ देखने का औसत 1 घंटे से भी ज्यादा का है। जबकि रील की लत से परेशान लोग 5 से 6 घंटे तक रील देख लेते हैं। इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी ‘मेटा’ के मुताबिक ऐप पर आने वाले लोग अपना 20% समय शॉर्ट वीडियो यानी रील्स देखने में बिताते हैं। जबकि इंस्टाग्राम की शुरुआत एक फोटो शेयरिंग ऐप के बतौर की गई थी और इसका रील वर्जन भी 2020 में ही आया। रील्स एडिक्ट बच्चों का बिगड़ जाता है कॉग्निटिव फंक्शन, याद नहीं रहती चीजें साइकोलॉजिस्ट डॉ. सौम्या निगम बताती हैं कि बच्चों के दिमाग पर रील्स का असर खतरनाक होता है। डॉ. सौम्या के मुताबिक रील्स देखने से बच्चों का ‘अटेंशन स्पैन’ तेजी से कम होता है। जिसकी वजह से वे भुलक्कड़ हो जाते हैं और उनकी सीखने की रफ्तार भी धीमी हो जाती है। दरअसल, ‘अटेंशन स्पैन’ वह समय है, जितनी देर कोई शख्स बिना भटकाव किसी भी काम में ध्यान लगा पाता है। सामान्य स्थिति में अटेंशन स्पैन 12-15 सेकेंड होता है, लेकिन हर दिन 4-5 घंटे शॉर्ट वीडियोज देखने वाले बच्चों का अटेंशन स्पैन घटकर 5 सेकेंड ही रह जाता है। कई रिसर्च के मुताबिक साल 2000 के आसपास बच्चों का औसत अटेंशन स्पैन 12 सेकेंड था, जो अब घटकर 8 सेकेंड रह गया है, लेकिन ज्यादा रील्स देखने वाले बच्चों का अटेंशन स्पैन 8 सेकेंड से भी कम होता है। इसको इस तरह समझा जा सकता है कि गणित के किसी सवाल को हल करते हुए एक नॉर्मल बच्चे का दिमाग 12 सेकेंड तक कुछ और नहीं सोचेगा। जबकि रील्स देखने वाले बच्चे के दिमाग में हर 5 सेकेंड के बाद एक नया ख्याल आएगा और उसका ध्यान सवाल से दूर हो जाएगा। डॉ. सौम्या बताती हैं कि शॉर्ट वीडियोज ने बच्चों के दिमाग को भी शॉर्ट टेंपर्ड बना दिया है; वे सबकुछ जल्दी चाहते हैं। किसी चीज के लिए इंतजार नहीं करना चाहते। इसका नेगेटिव असर उनके सीखने और याद करने की क्षमता पर भी पड़ता है। रील्स का नशा सेल्फ ऑब्सेसिव डिसऑर्डर ‘सेल्फाइटिस’ रील्स देखने के अलावा इसे बनाने की भी लत हो सकती है। साइकोलॉजिस्ट डॉ. सौम्या के मुताबिक फेम और लाइक-कमेंट के लिए रील बनाने वाले सेल्फ ऑब्सेसिव डिसऑर्डर यानी ‘सेल्फाइटिस’ का शिकार हो सकते हैं। इस तरह के मेंटल डिसऑर्डर का शिकार व्यक्ति सिर्फ अपने बारे में सोचता है। उसे लगता है कि लोगों को उसके बारे में और जानना चाहिए। लोगों को उसकी तारीफ भी करनी चाहिए। इसलिए लोग खूब सारी रील्स बनाने लगते हैं। लाइक-कमेंट के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं, लेकिन जब उन्हें ‘लाइक्स’ नहीं मिलते, तो उनके मन में असंतोष पनपने लगता है जो उन्हें धीरे-धीरे डिप्रेशन की ओर ले जाता है। ऐसा रील ऐप, जिसे देश के लिए माना गया खतरनाक, लगा प्रतिबंध साल 2019-20 में चीन का ऐप टिकटॉक दुनिया भर में सबसे बड़े रील प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा। देश में कुछ महीनों के भीतर ही इसे 61.1 करोड़ बार डाउनलोड किया गया। यह संख्या चीन से भी ज्यादा थी। देश में टिकटॉक के एक्टिव यूजर्स की संख्या भी 20 करोड़ पार कर गई। लॉकडाउन के दौरान इस ऐप ने युवा पीढ़ी को तेजी से आकर्षित किया और इसी दौर में युवाओं को रील का चस्का लगा, लेकिन इसके कंटेंट और चीन के मूल का होने की वजह से इसे शक की निगाह से देखा गया। मद्रास हाईकोर्ट ने इस ऐप को पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देने वाला माना और इसके डाउनलोडिंग पर रोक लगा दी। बाद में भारत सरकार ने देश की सुरक्षा को देखते हुए इस ऐप को पूरी तरह से बैन कर दिया। भारत के बाद कई यूरोपीय देशों में भी इस ऐप पर पूरी तरह से या आंशिक प्रतिबंध लगे। रील ने दिए नए-नए स्टार, इनकी शोहरत बॉलीवुड से कम नहीं आज के वक्त में पुनीत सुपरस्टार और सोफिया अंसारी जैसे लोग किसी पहचान के मोहताज नहीं। पुनीत सुपरस्टार तो अभी फेमस रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ का हिस्सा बनकर आए हैं, लेकिन इनमें से किसी ने कोई फिल्म नहीं की और न ही गाने गाए। पुनीत अपनी अजीबो-गरीब फनी हरकतों के साथ तो सोफिया अपने बोल्ड अंदाज में शॉर्ट वीडियो बनाती हैं। दोनों के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं और उन्हें करोड़ों व्यूज मिलते हैं। दुनियादारी से हारे युवाओं का सहारा बन रही है रील रील्स के होने वाले तमाम नुकसान के बीच यह युवाओं का सहारा बनकर भी उभरी है। पढ़ाई और करियर के बोझ तले दबे युवा इसे एक इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म के रूप में देखते हैं। बिहार के समस्तीपुर जिले की रहने वाली स्तुति आनंद की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। 23 साल की स्तुति मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करती थीं। लेकिन कई कोशिशों के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली। अवसाद और उदासी के बीच स्तुति ने सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएशन का काम शुरू किया। 23 साल की स्तुति कभी सास तो कभी नदद-भाभी या टीचर के रूप में चुटीले वीडियोज बनाने लगी। आज इंस्टाग्राम पर उनके 7 लाख फॉलोअर्स हैं। उनके वीडियोज के व्यूज करोड़ों में पहुंच जाते हैं। आज स्तुति को डॉक्टर बन पाने का मलाल नहीं है। वह कंटेंट क्रिएटर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कहलाना पसंद करती हैं। लाइक्स के लिए अपने निजी पलों को दिखाने से नहीं हिचकते स्तुति की तरह हजारों लड़कियों ने ऑनलाइन कटेंट क्रिएशन से अपनी पहचान बनाई है। इसमें से काफी लड़कियां छोटे शहरों और गांवों से भी आती हैं। एक्टिंग, डांसिंग, सिंगिंग से लेकर कुकिंग, ट्रैवल ब्लॉगिंग, पेरेंटिंग और अध्यात्म का ज्ञान देने के लिए भी रील्स बनाई जाने लगी हैं। आजकल रील के जरिए पेरेंटिंग और रिलेशनशिप ट्रेंड्स दिखाने का भी चलन बढ़ा है और यह काफी पसंद भी की जा रही हैं। खबर से जुड़े पोल में अपनी राय दें सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की बॉलीवुड को चुनौती एक दौर था जब बॉलीवुड में जगह बनाने के लिए खानदान से लेकर बैंक बैलेंस और आपसी रिश्ते मायने रखते थे। नए एक्टर-सिंगर सालों पसीना बहाते, तब जाकर उन्हें पहचान मिलती, लेकिन आज एक वीडियो के वायरल भर होने से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स स्टार का तमगा हासिल कर लेते हैं। ऐसा सिर्फ वे ही नहीं कहते, बल्कि दुनिया भी ऐसा मानने लगी है। पहले बड़े-बड़े ब्रांड अपने प्रचार के लिए बड़े स्टार के भरोसे रहा करते थे, लेकिन मौजूदा वक्त में सोशल मीडिया पर रील्स के जरिए ये इन्फ्लुएंसर्स प्रोडक्ट प्रमोशन भी करने लगे हैं। कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां रील मॉडल से अपना प्रमोशन करवाती हैं तो कुकिंग रील बनाने वाले इन्फ्लुएंसर्स मसालों का विज्ञापन लेते हैं। इसी तरह ट्रैवलिंग वाली रील्स में ट्रैवलिंग एजेंसियों के ऐड दिख जाते हैं। यानी ब्रांड्स अपने प्रमोशन के लिए अब सिर्फ बॉलीवुड के बड़े स्टार्स के भरोसे नहीं हैं। कोविड में इंस्टा पर हर दिन बनती थी 60 लाख रील्स फेसबुक और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी मेटा की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के दौरान 2021 में देश में रोज तकरीबन 60 लाख रील्स बन रही थीं। इसी डेटा के अनुसार यह बताया गया कि इंडियन रील मेकर्स डांस, एंटरटेनमेंट, कॉमेडी और लिप-सिंक कर सबसे ज्यादा रील्स बनाना पसंद करते हैं। रील्स में खो रही है रियल लाइफ, सोसाइटी पर असर सोशियोलॉजी रिसर्चर डॉ. रुचिका चौधरी बताती हैं कि मौजूदा वक्त में रियल लाइफ रील में खोती जा रही है। पहले भी किताब, सिनेमा और गाने जैसे माध्यम सोसाइटी पर अपना असर छोड़ते रहे हैं, लेकिन इनमें से किसी की भी पहुंच रील जितनी सहज, आसान और सस्ती नहीं रही और न ही इनमें कभी आम आदमी को अपना टेलैंट दिखाने का मौका मिला। 5 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक आज रील को पसंद कर रहे हैं और इसे बनाकर अपना हुनर और शौक भी दिखा रहे हैं। सोसाइटी पर इसका असर काफी गहरा है। लेकिन फिल्मों, किताबों और दूसरे मीडियम की तरह इस पर निगरानी न के बराबर है। यही वजह है कि अक्सर रील्स प्लेटफॉर्म्स पर पोर्नोग्राफी, चाइल्ड अब्यूज और हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं। कुल मिलकर देखें तो रील अब हमारी रियल लाइफ का हिस्सा बन चुकी है। किसी की मजेदार रील देखकर मूड अच्छा हो जाता है तो कितने ही रील्स में लोगों को अपना दुख-दर्द और खुशी दिखाई देती है जिससे देखने वालों का दिल हल्का हो जाता है। पढ़ाई, मनोरंजन और दुनिया भर की जानकारी का जरिया रील्स बनी हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि कभी-कभी रील्स की वजह से अश्लीलता, हिंसा और भाषा के भद्देपन की बाढ़ आती भी दिखती है। ऐसे में रील्स बनाने वालों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने कंटेंट में सावधानी और समझदारी बरतें, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। खासतौर पर पेरेंट्स अपने बच्चों को बुरा असर डालने वाली रील्स से दूर रखें और इस बात का भी ध्यान रखें कि उनके बच्चे क्या रील्स बना रहे हैं क्योंकि ऐसा न हो कि उनका बच्चा अटेंशन स्पैन की कमी की चपेट में आ जाए। ग्राफिक्स: सत्यम परिडा नॉलेज बढ़ाने और जरूरी जानकारी देने वाली ऐसी खबरें लगातार पाने के लिए डीबी ऐप पर 'मेरे पसंदीदा विषय' में 'वुमन' या प्रोफाइल में जाकर जेंडर में 'मिस' सिलेक्ट करें।
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पुरानी है कोठे-कानून की लड़ाई; अमेरिका में कोर्ट से खुलवाया ताला-लंदन में चकमा देकर कई साल चलाया
हाल ही में डच राजधानी एम्स्टर्डम की जान कहे जाने वाले 'रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट' को शहर से बाहर बसाने की कवायद तेज हो गई है। दुनिया में वेश्यालयों का इतिहास सुमेरिया सभ्यता तक जाता है।
डच राजधानी एम्स्टर्डम में वेश्यालय को शहर से बाहर करने के लिए वहां पर विवाद छिड़ा हुआ है। इस रेड लाइट एरिया को शहर की जान कहा जाता है और स्थानीय लोग इसे यहां से हटाने का विरोध कर रहे हैं। तीन महीने पहले अप्रैल 2023 में, एम्स्टर्डम काउंसिल ने रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट को एमस्टर्डम से बाहर ले जाने को हरी झंडी दी थी। ‘डे वॉलन’ नाम का रेड लाइट एरिया शहर के सबसे बड़े टूरिस्ट प्लेस के रूप में जाना जाता है। पूरे यूरोप से आती हैं सेक्स वर्कर, एक शाम की कमाई 20 हजार सूरज ढलते ही ‘डे वॉलन’ लाल रोशनी में नहा उठता है। यहां 400 से भी ज्यादा कमरों वाला वेश्यालय है। यहां 75 फीसदी सेक्सवर्कर यूरोप के गरीब देशों से पैसा कमाने के लिए आती हैं। आमतौर पर सेक्सवर्कर एक रात में करीब 20 हजार रुपए कमा लेती है। इस समय एम्स्टर्डम में 7 हजार से ज्यादा सेक्सवर्कर हैं। 800 साल पुराना है वेश्यालय, इसे हटाने से गुस्सा हैं लोग रेड लाइट एरिया को हटाने का जिम्मा एम्स्टर्डम की मेयर फेमके हलसेमा ने लिया है। उनके इस कदम का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि वह इसे अपनी राजनीति में नाक की लड़ाई का सवाल बना चुकी हैं। 13वीं सदी से एम्स्टर्डम का हिस्सा रहा रेड लाइट एरिया करीब 800 साल पुराना है। यह शहर के बीचोबीच करीब 6 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। वेश्यालय की ऐसी मार्केटिंग: 10 लाख आबादी वाले शहर में आए 1.8 करोड़ टूरिस्ट फिलहाल स्थानीय लोगों को यह डर भी लग रहा है कि वेश्यालय को हटाने के बाद उनका नंबर आएगा। इस तरह यह मामला स्थानीय लोगों, यहां के प्रशासन और सेक्स वर्कर्स के बीच विवाद का मुद्दा बना हुआ है। 2008 में फेमके से पहले रहे मेयर ने रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट का नाम बदलकर ‘डे वॉलन’ (De Wallen) कर दिया था। इसके बाद इसे टूरिज्म के नजरिए से ग्लोबल ब्रांड के रूप में पेश किया गया। इसमें इतनी ज्यादा सफलता मिली कि टूरिस्ट की संख्या दिन पर दिन बढ़ने लगी। पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि एम्स्टर्डम में 1.8 करोड़ टूरिस्ट आए थे। जबकि इस शहर की कुल आबादी 10 लाख से भी कम है। 4000 साल से दुनिया में वेश्यालय, पहला इराक में बना था माना जाता है कि दुनिया में सबसे पहला वेश्यालय 4000 साल पहले खुला था। यह सुमेरिया में बना था। सुमेरियाई सभ्यता आज के इराक का हिस्सा थी। उस दौर में वेश्यालय शहर से थोड़ी दूर ऐसी जगह हुआ करते थे जहां पैसे के बदले सेक्स वर्कर्स की सर्विस मिलती थी। दुनिया में पहले पेशे की शुरुआत करने वाले वेश्यालयों को समाज और कानूनों से लंबी लड़नी पड़ी है। दुनिया के अलग-अलग देशों में वहां के कानून के हिसाब से कहीं इनको मंजूरी मिलती तो कहीं विवाद होता रहा। टैक्स चोरी के आरोप में बंद हुआ दुनिया का सबसे बदनाम वेश्यालय अमेरिकी प्रांत नेवादा के रेनो में 'मस्टैंग रेंच' पूरे देश में जाना-पहचाना वेश्यालय रहा। यह वेश्यालय 20वीं सदी में खोला गया था और वेश्यावृत्ति के गैरकानूनी होने के बावजूद यह खुलेआम ऑपरेट करता था। इसलिए इसका नाम काफी तेजी से अमेरिका और और दूसरे देशों तक भी फैल गया। अमेरिका में इसे बंद करने के लिए बहुत लोगों ने कोशिश की। इस पर कई मुकदमे दायर हुए, लेकिन यह हर कानूनी लड़ाई जीतता रहा। आखिरकार 1999 में इसे टैक्स चोरी के आरोप में बंद कर दिया गया। अमेरिकी अधिकारियों ने वेश्यालय बंद किया तो कोर्ट जाकर ताला खुलवाया इसी तरह अमेरिका के सबसे पुराने वेश्यालयों में से एक 'द चिकन रैंच' भी था। 'द चिकन रैंच' टेक्सस में खुला और देश के सबसे पुराने वेश्यालयों में से एक था। 1970 के दशक में इस वेश्यालय और इसके ऑपरेटर्स पर टेक्सस के अखबार ने खबरों की सीरीज छापी। इस वजह से 'द चिकन रैंच' का नाम देश भर के लोग जानने लगे। इन खबरों से मजबूर होकर टेक्सस के अधिकारियों को इस वेश्यालय के खिलाफ जांच शुरू करनी पड़ी और 1973 में इसे बंद कर दिया गया। लेकिन इस वेश्यालय ने हार नहीं मानी और अदालत जाकर अपने दरवाजे लोगों के लिए फिर से खोल दिए। हालांकि 1977 में इसे बंद करने के लिए राज्य के कानून में बदलाव किया गया, तब जाकर इस पर ताला लगा। खबर से जुड़े इस पोल में अपनी राय दें लंदन के होटल में पुलिस को चकमा देकर कई साल चलाया लग्जरी वेश्यालय इंग्लैंड में 19वीं सदी के अंत और विक्टोरियाई काल में एक महिला ने लंदन के फ्रेंकलिन होटल में एक लग्जरी वेश्यालय खोला। फैनी जॉनसन इस वेश्यालय को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर चलाया करती। कई साल तक सरकारी महकमों को इस बारे में कानोकान खबर नहीं हुई। लेकिन मुखबिरी के चलते इसे 1881 में बंद कर दिया गया और फैनी को गिरफ्तार कर लिया गया। कई साल तक मुकदमे जीतकर लंदन में चलता रहा वेश्यालय डॉलीज इसी तरह लंदन के सोहो में एक और मशहूर वेश्यालय डॉलीज (Dolly's) था। यह 1930 में खोला गया था। डॉलीज पर सरकारी अफसरों की शुरू से तिरछी नजर थी। वे इस इलाके में वेश्यालय को बंद करना चाहते थे। इसलिए डॉलीज पर कई कानूनों के उल्लंघन के आरोप लगे। इन आरोपों के बाद डॉलीज पर कोर्ट में कई साल मुकदमे चले। लेकिन कई दशकों तक यह वेश्यालय मुकदमे जीतकर अपने आप को बचाने में सफल रहा। इतने विवादों के बावजूद डॉलीज सोहो की कलरफुल लाइफ का अहम हिस्सा बना रहा। 1980 के दशक में ही अधिकारियों ने इसे बंद करने में सफलता हासिल की। देश के सबसे ताकतवर लोग आते थे, अपराधियों से सांठगांठ के आरोप में हुआ बंद नीदरलैंड्स के एम्सटर्डम का जाना-माना वेश्यालय याब युम (Yab Yum) 40 साल तक चलता रहा। यह अपनी खास सजावट और मेहमान नवाजी के लिए जाना जाता था। इसके क्लाइंट में देश के सबसे ताकतवर लोग शामिल थे। 15 साल पहले 2008 में इस पर ऑर्गनाइज्ड क्राइम को बढ़ावा देने का आरोप लगा और इसे बंद कर दिया गया। वेश्यालय बंद होने के बाद इसकी खूबसूरत इमारत को पहले म्यूजियम बनाया गया और बाद में एक लग्जरी होटल में बदल दिया गया। भुतहा इमारत के लिए फेमस था पेरिस का वेश्यालय, हर तबके से आते थे ग्राहक फ्रांस की राजधानी पेरिस में मौजूद कैफे एल एन्फर 19वीं सदी का जाना-माना वेश्यालय था। यह अपनी डरावनी इमारत, अलग किस्म की थीम और सजावट के लिए जाना जाता था। यहां हर तबके से ग्राहक आया करते। यहां होने वाले विवादों के कारण अधिकारियों पर इसे बंद करने का दबाव पड़ने लगा। इस पर कई कानूनी केस लाद दिए गए। इसे बंद करने का काफी विरोध हुआ और अदालत जाकर इस वेश्यालय ने अपने आपको बचाने की कोशिश की। कुछ साल तक ऐसा हुआ भी, लेकिन आखिरकार इस पर ताला लग गया। एक्टर से नेता तक थे क्लाइंट, सजा काटने के बाद अमेरिका चली गई वेश्यालय की मालकिन मैडम क्लाउडेज 20वीं सदी का पेरिस का महंगा वेश्यालय था। इसके क्लाइंट की लिस्ट में एक्टर से लेकर नेता तक सभी शामिल थे। इसकी मालकिन को इसे चलाने के लिए कई कानूनी पचड़ों का पार करना पड़ा। मैडम क्लाउडेज होटल की मालकिन को 1977 में कर चोरी और वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जेल की सजा काटने के बाद वह अमेरिका चली गई। अमेरिका आकर उसने अपना आलीशान जीवन जीना जारी रखा। यहां भी वह हमेशा मीडिया की लाइमलाइट में बनी रही।
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धरने में 3 विधानसभा प्रत्याशी ही पहुंचे; नहीं आने वालों से मांगा जाएगा जवाब
प्रदेश बीजेपी में गुटबाज़ी व धड़ों की चर्चा होना तो आम बात हैं। लेकिन कभी भी सार्वजनिक मंच से यह तस्वीर साफ तरीके से दिखाई नहीं दी। लेकिन इसके उलट जयपुर शहर बीजेपी की गुटबाजी व नेताओं के आपसी मतभेद सार्वजनिक मंचों से साफ दिखाई देने लगा हैं।
प्रदेश बीजेपी में अंदरखाने चल रही गुटबाजी की चर्चाओं का बाजार गरम रहा हो लेकिन, कभी भी इसकी झलक सार्वजनिक मंच पर नजर नहीं आई। हालांकि, पिछले कुछ आयोजनों में जरूर तनातनी देखी गई लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश स्तर के नेताओं ने एक साथ मंच साझा कर इन अफवाहों को हवा नहीं लगने दी। लेकिन, अब चुनावी माहौल के करीब आते ही जयपुर शहर बीजेपी की गुटबाजी व नेताओं के आपसी मतभेद सार्वजनिक मंचों से साफ दिखाई देने लगे हैं। दरअसल, बुधवार शाम जयपुर शहर बीजेपी की ओर से ‘नहीं सहेगा राजस्थान अभियान’ के तहत गांधी सर्किल पर आयोजित धरने में बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को आमंत्रित किया गया था। लेकिन धरने में नाम मात्र के कार्यकर्ता पहुंचे और नाम मात्र के ही नेता। इस अभियान की लॉन्चिंग 16 जुलाई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर के बीलवा गांव से की थी। अभियान के तहत प्रदेशभर में 15 दिनों तक कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन आयोजित होंगे। इन लोगों को बुलाया गया था धरने में शहर बीजेपी की ओर से आयोजित धरने में जयपुर शहर की 9 विधानसभा सीटों के बीजेपी विधायकों व बीजेपी प्रत्याशियों को बुलाया गया था। इसके साथ ही शहर बीजेपी के सभी पदाधिकारियों व अन्य कार्यकर्ताओं को बैठक में शामिल होना था। लेकिन बैठक में केवल 3 विधानसभा प्रत्याशी ही धरने में पहुंचे। इनमें आदर्श नगर से अशोक परनामी, सिविल लाइन से अरूण चतुर्वेदी और झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत ही धरने में पहुंचे। धरने में जयपुर शहर का एक भी विधायक नहीं पहुंचा। धरने में जयपुर शहर के सांसद रामचरण बोहरा भी शामिल हुए। ये लोग नहीं पहुंचे धरने में धरने में नहीं पहुंचने वाले नेताओं में सांगानेर से विधायक अशोक लाहौटी, विद्याधर नगर से विधायक नरपत सिंह राजवी और मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ शामिल हैं। विधायक कालीचरण सराफ के विधानसभा क्षेत्र में ही धरना था। लेकिन उसके बाद भी वह धरना स्थल पर नहीं पहुंचे। इसके अलावा हवामहल से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक सुरेंद्र पारीक, किशनपोल से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता व बगरू से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक कैलाश वर्मा भी धरने में शामिल नहीं हुए। वहीं शहर बीजेपी में करीब 19 पदाधिकारी हैं। इसमें से भी 5 से 6 पदाधिकारी धरने में शामिल नहीं हुए। इनमें महामंत्री अजय पारीक व महामंत्री कुलवंत सिंह सहित कई अन्य पदाधिकारी ऐसे हैं जो धरने में शामिल नहीं हो सके। जयपुर शहर में बीजेपी की स्थिति कमजोर चुनावों के लिहाज से बीजेपी शहर में मजबूत मानी जाती है। लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों में शहर की 9 सीटों में से 6 सीटें बीजेपी हार गई थी। केवल 3 सीटों पर ही बीजेपी के विधायक जीते थे। हारने वाली सीटों में हवामहल, सिविल लाइन, किशनपोल, आदर्श नगर, बगरू व झोटवाड़ा शामिल हैं। बीजेपी प्रत्याशी केवल सांगानेर, विद्याधर नगर और मालवीय नगर में ही जीत पाए थे। नहीं आने वालों से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण विधायकों को लेकर जिला अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि विधानसभा चल रही है। इसलिए विधायक नहीं आ सके। लेकिन जब उन्हें बताया गया कि विधानसभा 6 बजकर 7 मिनट पर स्थगित हो गई थी। वहीं धरना करीब 7:15 तक चला है। तब इसका वे जवाब नहीं दे पाए। वहीं पूर्व विधायक व पदाधिकारियों को लेकर उन्होंने कहा कि ये लोग कहीं ना कहीं व्यस्त होंगे। हमने धरने की सूचना सभी को दे दी थी। उन्होंने कहा कि धरने में नहीं आने वालों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
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यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल लेटेस्ट न्यूज स्टोरीज लिखेगा
Google AI testing Genesis; How are AI-generated news stories produced by Google's Genesis AI? गूगल अपने नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोडक्ट 'जेनेसिस' की टेस्टिंग कर रहा है। यह AI टूल रिलेवेंट इंफॉर्मेशन और करेंट इवेंट्स को प्रोसेस कर लेटेस्ट न्यूज स्टोरीज जनरेट कर सकता है
गूगल अपने नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोडक्ट 'जेनेसिस' की टेस्टिंग कर रहा है। यह AI टूल रिलेवेंट इंफॉर्मेशन और करेंट इवेंट्स को प्रोसेस कर लेटेस्ट न्यूज स्टोरीज जनरेट कर सकता है। गूगल अपने इस नए टूल को द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट और न्यूज कॉर्प जैसे न्यूज ऑर्गेनाइजेशन के सामने प्रेजेंट भी कर चुका है। क्या है जेनेसिस AI? जेनेसिस AI एक राइटिंग असिस्टेंट है। जिसका उद्देश्य जर्नलिस्टों की मदद करना और उनके काम को आसान और सुव्यवस्थित करना है। जिससे रिपोर्टरों को टफ टास्क पर फोकस करने के लिए ज्यादा समय मिल सके। गूगल इस टेक्नोलॉजी को पब्लिशिंग इंडस्ट्री को जेनरेटिव AI से जुड़े नुकसान से दूर रखने की दिशा में एक जिम्मेदार कदम के रूप में देख रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, जेनेसिस एक वर्किंग नेम है और अभी इस टूल का नाम फाइनल नहीं किया गया है। गूगल के स्पोक्सपर्सन का क्या कहना है? गूगल स्पोक्सपर्सन जेन क्राइडर ने इस टूल को लेकर कहा कि इस टूल का उद्देश्य केवल पत्रकारों के काम को आसान बनाना है। यह टूल पत्रकारों की जगह लेने के लिए नहीं बनाया गया है और न ही यह पत्रकारों की जगह ले सकता है। इवेंट की रिपोर्टिंग, आर्टिकल क्रिएट करना और तथ्यों की जांच करने जैसे काम पत्रकारों तक ही सीमित हैं। यह टूल पत्रकारों को केवल राइटिंग स्टाइल देने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह टूल पत्रकारों को खबरों के लिए हेडलाइन भी सजेस्ट करेगा। जर्नलिस्टिक इंटीग्रिटी को प्रभावित कर सकता है यह AI टूल द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल पिच के समय मौजूद कुछ अधिकारियों ने जेनेसिस AI के संभावित प्रभावों के बारे में चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एक्यूरेट और आर्टफुल न्यूज स्टोरीज को तैयार करने में ह्यूमन एफर्ट्स की वैल्यू पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि यह AI टूल जर्नलिस्टिक इंटीग्रिटी को प्रभावित कर सकता है। AI को लेकर अभी यह चिंताएं बनी रहती हैं न्यूज-राइटिंग AI में गूगल की एंट्री ने जर्नलिज्म के फ्यूचर को आकार देने में टेक्नोलॉजी के रोल के बारे में चल रही बहस में एक नया आयाम जोड़ा है। दुनिया भर के न्यूज ऑर्गेनाइजेशन अभी अपने न्यूजरूम में AI का जिम्मेदारी से यूज करने के सवाल से जूझ रहे हैं। इसके अलावा एक्युरेसी से समझौता और गलत सूचना फैलाने का सवाल भी नई टेक्नोलॉजी का एक साइड-इफेक्ट है। गूगल के अपने चैटबॉट बार्ड को इस साल की शुरुआत में अपने पहले प्रेजेंटेशंस के दौरान बड़ी फेक्चुअल मिस्टेक्स करते देखा गया था। जबकि, अब चैटबॉट और बड़े लैंग्वेज मॉडल्स बेहतर हो रहे हैं। वहीं AI-रिटन टेक्स्ट की पहचान करने के लिए टूल की कमी AI इंडस्ट्री के सामने एक और लिमिटेशन है। जेनेसिस AI टेस्टिंग फेज में है और इसके संभावित प्रभाव पूरी इंडस्ट्री में चर्चा को बढ़ावा देंगे। हालांकि, अभी AI में न्यूज जनरेशन को बढ़ाने की क्षमता, ह्यूमन-रिटन स्टोरीज की तुलना में AI-जनरेटेड कंटेंट की एक्युरेसी और क्रेडिबिलिटी के बारे में चिंता बनी रहती है।
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इंस्टाग्राम पर लिखा- उसे मेरी मौत से खुशी होगी तो चलो उसे खुश करते हैं
Rajasthan Rajsamand Suicide Case - Young Man Killed Himself By Jumping From Elevated. एक तरफा प्यार में 22 साल के युवक ने एलिवेटेड पुलिया से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। खुदकुशी से पहले उसने रील बनाकर पोस्ट की और स्टेटस शेयर किया- उसे मेरी मौत से खुशी होगी तो उसे खुश रहने दो।
एक तरफा प्यार में 22 साल के युवक ने एलिवेटेड पुलिया से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। खुदकुशी से पहले उसने रील बनाकर इंस्टाग्राम पोस्ट की और स्टेटस शेयर किया- उसे मेरी मौत से खुशी होगी तो उसे खुश रहने दो। सुसाइड के दौरान बाजार में मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बना लिया। घटना राजसमंद के नाथद्वारा थाना क्षेत्र के NH-8 की बुधवार शाम की है। मुंह पर रूमाल बांधा और कूद गया पुलिस ने बताया कि पीपरड़ा नवा कुआं निवासी श्रवण सिंह उदयपुर के उदियापोल स्थित नटराज रेस्टोरेंट में काम करता था। मंगलवार को वह यह कहकर उदयपुर से निकला था कि घर पर काम है। इसके बाद वह दोपहर करीब 3 बजकर 48 पर उदयपुर-राजसमंद हाईवे पर नाथद्वारा में आइकॉनिक गेट के सामने एलिवेटेड पुलिया पर पहुंचा। यहां करीब 18 मिनट तक वह टहलता रहा। बार-बार पुलिया के किनारे खड़ा होकर ऊंचाई को देखता। इसके कुछ देर बाद ही वह पुलिया की दीवार पर चढ़ा और मुंह पर रूमाल बांधा। दीवार पर खड़े होकर दोनों हाथ फैलाए और चंद सेकेंड में ही वह पुलिया से नीचे गिर गया। पुलिया के नीचे खड़े लोग वीडियो बना रहे थे। पुलिया से वह सर्विस रोड पर गिरा। सुसाइड से पहले सोशल मीडिया पर शेयर की पोस्ट युवक ने सुसाइड से पहले सोशल मीडिया पर शायरी लिखी थी। बताया जा रहा है कि अफेयर के चलते वह परेशान था। उसने लिखा था- उसे मेरी मौत से खुशी होगी...तो चलो फिर उसे खुश करते हैं। इतना ही नहीं पुलिया से कूदने से पहले उसने एक सॉन्ग के साथ रील बनाकर पोस्ट की थी। नटराज रेस्टोरेंट के मैनेजर मयंक ने बताया कि युवक 4 सालों से उसके रेस्टोरेंट पर ही रोटी बनाने का काम करता था। श्रवण का बड़ा भाई भी इसी रेस्टोरेंट में काम करता है। ट्रॉमा सेंटर की बिजली हुई गुल लोग युवक को ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे थे। डॉक्टरों ने युवक का प्राथमिक उपचार शुरू किया तो बिजली गुल हो गई। मोबाइल टाॅर्च की रोशनी में इलाज करने का प्रयास किया। 5 मिनट बाद युवक की मौत हो गई।
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दिल्ली-राजस्थान, यूपी समेत कई शहरों में बिक्री जारी, तीसरी बार घटाई कीमतें
नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED) और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) ने आज (20 जुलाई) से 70 रुपए प्रति किलो टमाटर बेचना शुरू कर दिया है। इसके लिए बुधवार को कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट (DOCA) ने NAFED और NCCF को ₹70/किलो
नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED) और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) ने आज (20 जुलाई) से 70 रुपए प्रति किलो टमाटर बेचना शुरू कर दिया है। इसके लिए बुधवार को कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट (DOCA) ने NAFED और NCCF को निर्देश दिए थे। सरकार ने 14 जुलाई को टमाटर की बढ़ती कीमतों कम करने का प्लान लागू था। इस प्लान के तहत NCCF और NAFED ने 90 रुपए प्रति किलो की दर से टमाटर बेचना शुरू किया था। इसके बाद सरकार ने 16 जुलाई को टमाटर की कीमत 10 रुपए प्रति किलो कम करते हुए 80 रुपए कर दिया था। वहीं, अब एक बार फिर टमाटर की कीमत को कम किया गया है। NCCF ने टमाटर की बिक्री के फोटोज शेयर किए... 10 जुलाई तक NAFED-NCCF ने 391 मीट्रिक टन टमाटर खरीदे सरकार के आदेश के बाद दोनों एजेंसियों ने 120-130 प्रति किलो के रेट से टमाटर खरीद कर कम कीमत में बिक्री शुरू की थी। 10 जुलाई तक NAFED और NCCF ने टोटल 391 मीट्रिक टन टमाटर खरीदा था। यह टमाटर दिल्ली-NCR, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रमुख केंद्रों के जरिए बेचे जा रहे हैं। NCCF के मैनेजिंग डायरेक्टर एनीस जोसेफ ने बताया था कि इससे होने वाले नुकसान को केंद्र सरकार उठाएगी। दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों का कुल उत्पादन में लगभग 60% योगदान टमाटर का उत्पादन लगभग हर राज्य में होता है। वहीं दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों का देश के कुल उत्पादन में लगभग 60% योगदान होता है। इन क्षेत्रों में हुए ज्यादा उत्पादन का उपयोग भारत के अन्य हिस्सों में टमाटर की निरंतर सप्लाई को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। बीते 3 सालों में भी दिखा बारिश में टमाटर के दाम बढ़ने का ट्रेंड बीते तीन सालों में भी बारिश में टमाटर के दामों में बढ़ोतरी का ट्रेंड दिखा है। पिछले साल यानी 2022 के जून में टमाटर के दाम 60-70 रुपए किलो तक पहुंच गए थे। इससे पहले 2021 में दाम 100 रुपए और 2020 में दाम 70-80 रुपए प्रति किलो के करीब पहुंच गए थे। चीन के बाद भारत सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश भारत है। ये करीब 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ करीब 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है। चीन 5.6 करोड़ टन उत्पादन के साथ टॉप पर है। भारत में साल 2021-22 में 2 करोड़ टन से ज्यादा टमाटर का उत्पादन हुआ था। यहां मुख्य तौर पर दो तरह के टमाटर उगाए जाते हैं। हाइब्रिड और लोकल। मध्य प्रदेश देश में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। इसके बाद सर्वाधिक टमाटर उगाने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात हैं।
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समीर वानखेड़े से जुड़े मामले में पूछताछ होगी; आर्यन खान के साथ हुई थी मुनमुन की गिरफ्तारी
NCB Ex-Zone Officer Samir Wankhede Corruption Case - CBI summons fashion model Munmun Dhamecha. आर्यन खान के साथ क्रूजशिप पर गिरफ्तारी हुई थी। 2021 में NCB के पूर्व जोनल अधिकारी रहे समीर वानखेड़े ने एक क्रूजशिप से आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को ड्रग्स ले
CBI ने समीर वानखेड़े के खिलाफ जांच में पूछताछ के लिए फैशन मॉडल मुनमुन धमीचा को समन भेजा है। मुनमुन धमीचा वहीं महिला हैं, जिसकी आर्यन खान के साथ क्रूजशिप पर गिरफ्तारी हुई थी। 2021 में NCB के पूर्व जोनल अधिकारी रहे समीर वानखेड़े ने एक क्रूजशिप से आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमीचा को ड्रग्स लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में इस केस में खुद समीर वानखेड़े फंस गए। समीर पर आर्यन को छोड़ने के बदले पैसे लेने का आरोप है। उनके ऊपर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने आर्यन खान केस की जांच अपने सीनियर अधिकारियों को संज्ञान में लिए बिना की। मुनमुन की दोस्त के पास ड्रग्स मिला था, बावजूद NCB ने उसे छोड़ा मुनमुन धमीचा के साथ उनकी एक रूम मेट सौम्या सिंह भी NCB की गिरफ्त में आई थीं। उनके बैग से एक रोलिंग पेपर (ड्रग्स) भी बरामद हुआ था। हालांकि NCB ने उन्हें छोड़ दिया था। अब CBI को आशंका है कि ड्रग्स मिलने के बावजूद सौम्या को कैसे रिलीज कर दिया गया। हो सकता है कि उन्हें छोड़ने के एवज में कुछ सेटलमेंट हुआ हो। इन्हीं सब सवालों का जवाब पाने के लिए CBI ने मुनमुन को समन भेजा है। CBI आज यानी गुरुवार को मुनमुन का स्टेटमेंट रिकॉर्ड करेगी। मुनमुन ने एक समान कार्रवाई करने की अपील की थी मुनमुन धमीचा ने मई में स्पेशल कोर्ट का रुख किया था। मुनमुन ने कोर्ट से अपील की थी, उन्हें इस केस से डिस्चार्ज कर दिया जाए। उनका कहना था कि जिस तरह आर्यन को क्लिन चिट मिल गई, ठीक उनके साथ भी समान व्यवहार किया जाए। मुनमुन के मुताबिक, उन्हें इस केस में बिना किसी मतलब के आरोपी बना दिया गया। 'आर्यन के साथ जो हुआ वो पहले से एक सेटअप था' टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेलिजेंस ऑफिसर आशीष रंजन प्रसाद ने बताया कि आर्यन खान के साथ जो भी हुआ, वो एक सेटअप था। आशीष रंजन प्रसाद ने खुलासा करते हुए कहा कि समीर वानखेड़े ने गवाहों को पहले ही रेड (क्रूजशिप) वाली जगह भेज दिया था। आशीष ने आशंका जताई कि समीर पहले से ही गवाहों को जानते थे। आर्यन की गिरफ्तारी ये दर्शाता है कि यह केस पहले ही सुनियोजित था। समीर वानखेड़े पर CBI का आरोप- आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ मांगे CBI के केस में समीर पर आरोप लगा है कि उन्होंने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपए की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने केपी गोसावी नाम के एक शख्स को जिम्मेदारी दी थी। केपी गोसावी वही शख्स है, जिसने NCB की गिरफ्त में रहे आर्यन खान के साथ सेल्फी ली थी। CBI के मुताबिक, केपी गोसावी का NCB से कोई ताल्लुकात नहीं है। आर्यन को छोड़ने के लिए 18 करोड़ रुपए में मामला फिक्स हुआ था CBI की FIR में लिखा गया है कि समीर वानखेड़े ने केपी गोसावी और उसके सहयोगी डिसूजा को पूरी छूट दी कि वे आर्यन के घर वालों से 25 करोड़ रुपए निकलवा सकें। बाद में ये अमाउंट 18 करोड़ रुपए पर आकर फिक्स हुआ। गोसावी और डिसूजा दोनों ने मिलकर 50 लाख रुपए का कमीशन भी लिया था लेकिन बाद में अमाउंट का एक हिस्सा लौटा दिया गया। बता दें कि CBI ने NCB के पूर्व चीफ समीर वानखेड़े के घर 12 मई दिन शुक्रवार को छापा मारा। एजेंसी ने इनके मुंबई, दिल्ली, रांची और कानपुर में कुल 29 ठिकानों पर छापेमारी की। पूरा केस केस समझने के लिए ये टाइमलाइन पढ़िए.. अब समीर वानखेड़े के बारे में पढ़िए ..
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2 की मौत, नार्वे टीम के होटल के पास हुई फायरिंग; टूर्नामेंट पर असर नहीं
New Zealand Auckland Shooting - 2 Killed, 6 Injured. न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में गुरुवार को विमन्स फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने से कुछ घंटे पहले गोलीबारी हुई। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई।एक कंस्ट्रक्शन साइट पर हुई घटना में पुलिसकर्मी सहित करीब 6 लोग घायल हुए
न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में गुरुवार को विमन्स फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने से कुछ घंटे पहले गोलीबारी हुई। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई। फायरिंग में पुलिसकर्मी सहित 6 लोग घायल हुए। BBC के मुताबिक, फायरिंग करने वाले व्यक्ति की भी मौत हो गई। PM क्रिस हिपकिंस ने कहा कि यह आतंकी हमला नहीं है। उन्होंने कहा- ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे से जुड़ा मामला नहीं है। टूर्नामेंट योजना के अनुसार शुरू होगा। रॉयटर्स के मुताबिक, गोलीबारी उस होटल के पास हुई जहां नॉर्वे के खिलाड़ियों को ठहराया गया है। कई खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर सलामती की जानकारी दी है। शूटिंग के बाद टूर्नामेंट से जुड़ा फैन ईवेंट कैंसिल फायरिंग के बाद शहर में होने वाले एक फैन ईवेंट को कैंसिल कर दिया गया। इटली की टीम की ट्रेनिंग में देरी हुई, क्योंकि खिलाड़ियों को कुछ समय तक होटल से बाहर नहीं निकलने के आदेश मिले थे। अमेरिकी दूतावास ने अपने खिलाड़ियों के सकुशल होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा- वर्ल्ड कप की ओपनिंग सेरेमनी में प्रेसिडेंशियल डेलिगेशन का नेतृत्व करने वाले उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के पति डगलस एम्हॉफ सभी खिलाड़ियों के साथ सुरक्षित हैं। फीफा ने कहा- हमें पूरे मामले के बारे में बताया गया है। इसका टूर्नामेंट के शेड्यूल पर असर नहीं पडे़गा। ओपनिंग मैच रात में अपने शेड्यूल के हिसाब से ही शुरू होगा। शूटर के पास थी शॉट गन रॉयटर्स के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि शूटर के पास पंप एक्शन शॉट गन थी। उन्हें बिल्डिंग में गोली चलने की खबर मिली थी। इसका बाद पुलिस की टीम वहां पहुंची तो शूटर लिफ्ट एरिया में चला गया। इसके बाद आरोपी ने कई गोलियां चलाईं और थोड़ी देर बाद वहां से उसका शव बरामद हुआ। आरोपी की उम्र 24 साल के आसपास बताई जा रही है। फिलहाल बिल्डिंग के कुछ दूर तक इलाके में भारी पुलिसबल तैनात है। 20 अगस्त तक चलेगा टूर्नामेंट, नॉर्वे-न्यूजीलैंड के बीच ओपनिंग मैच ऑकलैंड में गुरुवार से नौंवां महिला फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने वाला है। इसकी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड कर रहे हैं। टूर्नामेंट के लिए शहर में हजारों खिलाड़ी मौजूद हैं। न्यूजीलैंड की महिला फुटबॉल टीम गुरुवार शाम 7 बजे (लोकल समय के मुताबिक) नॉर्वे के खिलाफ शहर के ईडन पार्क में टूर्नामेंट की शुरुआत करेगी। इस बार कुल 32 टीमें फीफा वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही हैं। इस मेगा इवेंट का खिताबी मुकाबला 20 अगस्त को सिडनी ओलंपिक स्टेडियम में खेला जाएगा। ये पहली बार है जब 2 देश मिलकर महिला फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहे हैं। टूर्नामेंट में कुल 10 स्टेडियम में 64 मैच खेले जाएंगे। इस बार प्राइज मनी 900 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑस्ट्रेलिया के 6 स्टेडियम सिडनी, मेलबर्न, पर्थ, ब्रिस्बेन और एडिलेड और न्यूजीलैंड के 4 स्टेडियम ऑकलैंड, वेलिंगटन, डुनेडिन और हैमिल्टन में मैच खेले जाएंगे। पिछले 2 बार से अमेरिका की टीम खिताब जीतती आई है। उसने सबसे ज्यादा 4 बार खिताब जीता है। इस बार टीम की नजर हैट्रिक पर होगी। इस बार प्राइज मनी 110 मिलियन डॉलर, यानी 900 करोड़ रुपए से ज्यादा रखी गई है, जिसे सभी टीमों में बांटा जाएगा। खिताब जीतने वाली टीम को ट्रॉफी के साथ 86 करोड़ रुपए की इनामी राशि मिलेगी।
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अब दोस्तों के साथ पासवर्ड शेयर नहीं कर सकेंगे, जून तिमाही में 59 लाख नए यूजर्स जुड़े
OTT प्लेटफॉर्म 'नेटफ्लिक्स' ने भारत में पासवर्ड शेयरिंग पर रोक लगा दी है। इसके बाद अब नेटफ्लिक्स यूजर्स दूसरों के साथ अपने अकाउंट का पासवर्ड शेयर नहीं कर सकेंगे। हालांकि, यूजर्स अभी भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ OTT प्लेटफॉर्म का पासवर्ड शेयर कर
OTT प्लेटफॉर्म 'नेटफ्लिक्स' ने भारत में आज (20 जुलाई) से पासवर्ड शेयरिंग पर रोक लगा दी है। अब नेटफ्लिक्स यूजर्स अपने दोस्तों के साथ अपने अकाउंट का पासवर्ड शेयर नहीं कर सकेंगे। हालांकि, यूजर्स अभी भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ OTT प्लेटफॉर्म का पासवर्ड शेयर कर सकते हैं। कंपनी ने बताया कि उसने आज से ऐसे मौजूदा यूजर्स को मेल भेजना शुरू किया है, जो पहले से दूसरों के साथ पासवर्ड शेयर कर रहे हैं। इससे पहले कंपनी ने मई महीने में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रिया, सिंगापुर, मैक्सिको सहित 100 से अधिक देशों में पासवर्ड शेयरिंग पर रोक लगा दी थी। अकाउंट शेयरिंग से यूजर नहीं बढ़ रहे थे इससे पहले नेटफ्लिक्स के प्रोडक्ट इनोवेशन डायरेक्ट चेंगई लॉन्ग ने कहा था कि उनके मेंबर्स नेटफ्लिक्स की फिल्म और टीवी शो को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। इतना ज्यादा कि वे उन्हें ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। लेकिन, दोस्तों के बीच अकाउंट शेयरिंग के चलते ज्यादा मेंबर्स नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन नहीं लेते हैं। इससे यूजर्स नहीं बढ़ते और कंपनी को घाटा होता है। अकाउंट एक्टीविटी जरिए नेटफ्लिक्स पासवर्ड शेयरिंग के बारे में पता लगाता है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेटफ्लिक्स यूजर्स के डिवाइस के IP एड्रेस, डिवाइस ID और अकाउंट एक्टीविटी के जरिए पता लगाता है कि उसके अकाउंट का पासवर्ड शेयर किया गया है या नहीं। जून तिमाही में नेटफ्लिक्स से 59 लाख नए यूजर्स जुड़े भारत से पहले नेटफ्लिक्स ने जिन देशों में पासवर्ड शेयरिंग पर रोक लगाई थी उससे कंपनी को काफी फायदा हुआ है। नेटफ्लिक्स ने बताया है कि जून तिमाही में प्लेटफॉर्म में 59 लाख नए यूजर्स जुड़े हैं। इसके साथ ही अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 3% बढ़कर 819 करोड़ डॉलर और नेट इनकम 3% बढ़कर 149 करोड़ डॉलर पहुंच गया है। इसके साथ ही कंपनी ने अनुमान लगाया है कि अगली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू तेजी से बढ़ेगा। नेटफ्लिक्स पर हमेशा कुछ न कुछ अच्छा मिलेगा नेटफ्लिक्स ने कहा, 'हमारे यूजर्स के पास एंटरटेनमेंट के कई ऑप्शन है, इसलिए हम लगातार नई मूवी और स्पेशल टीवी शोज में इनवेस्ट कर रहे हैं। चाहे आपकी पसंद, मूड, लैंग्वेज कुछ भी हो और आप किसी के साथ भी देख रहे हों, नेटफ्लिक्स पर देखने के लिए हमेशा कुछ न कुछ अच्छा मिलेगा।'
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कुरान जलाने का विरोध; भारत ने इस मुद्दे पर दिया था पाकिस्तान का साथ
Sweden Quran Burning Controversy, Follow Controversial Quran Burning Protest In Sweden Latest News, Reports and Updates On Dainik Bhaskar. इराक में गुरुवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी बगदाद में स्वीडन की ऐंबैसी में घुस गए और वहां आग लगी दी। वे स्वीडन में कुरान के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन का विरोध कर रहे थे।
इराक में गुरुवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी बगदाद में स्वीडन की एंबेसी में घुस गए और वहां आग लगी दी। वे स्वीडन में कुरान के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन का विरोध कर रहे थे। रॉयटर्स के मुताबिक, घटना में स्वीडिश एंबेसी के किसी भी स्टाफ को नुकसान नहीं पहुंचा है। इराक के विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा- सरकार ने सिक्योरिटी फोर्सेज को एंबेसी की रक्षा करने और प्रदर्शन को लेकर जांच के निर्देश दिए हैं। शिया धर्मगुरु मुक्तदा सद्र के समर्थकों ने गुरुवार को प्रदर्शन की घोषणा की थी। वो कुछ हफ्तों के अंदर ही स्वीडन में दूसरी बार कुरान जलाने की प्लानिंग का विरोध कर रहे थे। इराक के दूतावास के बाहर कुरान और झंडा जलाने की दी थी इजाजत स्वीडन की न्यूज एजेंसी TT के मुताबिक, बुधवार को पुलिस ने स्टॉकहोम में इराकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन की इजाजत दी थी। एप्लिकेशन में बताया गया था कि 2 प्रदर्शनकारी एंबेसी के बाहर कुरान और इराक का झंडा जलाएंगे। इनमें से एक शख्स वही था जिसने जून में एक मस्जिद के बाहर कुरान जलाई थी। सोशल मीडिया पर एंबेसी में प्रदर्शन और फिर आग लगाने से जुड़ा कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। टेलीग्राम चैनल वन बगदाद के मुताबिक, बुधवार देर रात करीब 1 बजे प्रदर्शनकारी दूतावास के सामने जमा होने लगते हैं। इसके बाद धर्मगुरु सद्र और कुरान के समर्थन में नारे लगाते हैं। इसके बाद वो एंबेसी में आग लगा देते हैं। प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें देखिए... सद्र ने स्वीडिश ऐंबैस्डर को हटाने की मांग की थी वीडियोज में एंबेसी कॉम्प्लेक्स में एक बिल्डिंग के ऊपर धुआं उठता नजर आ रहा है। हालांकि, उस वक्त बिल्डिंग में कोई मौजूद था या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिली है। पिछले महीने सद्र ने स्वीडन के खिलाफ प्रदर्शन की अपील की थी। उन्होंने मस्जिद के बाहर कुरान जलाने संबंधी प्रदर्शन के बाद स्वीडिश ऐंबैस्डर को हटाने की मांग की थी। इसके बाद अब तक 2 बार एंबेसी के बाहर बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं। दूसरी तरफ स्वीडन की पुलिस ने कुरान जलाने वाले शख्स के खिलाफ एक धर्म को टारगेट करने के आरोप में केस दर्ज किया था। एक न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में इस शख्स ने बताया था कि वो इराक का रिफ्यूजी है और कुरान को बैन करवाना चाहता है। सऊदी अरब, तुर्किये, और UAE जैसे देशों ने किया विरोध इसके अलावा, कई मुस्लिम देश जैसे तुर्किये, UAE, पाकिस्तान, सऊदी अरब, मोरक्को सहित अमेरिका ने भी कुरान जलाने का विरोध किया था। हालांकि, अमेरिका ने स्वीडन सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने प्रदर्शन की परमिशन इसलिए दी क्योंकि सबको अभिव्यक्ति की आजादी का हक है। भारत ने भी UN की ह्यूमन राइट्स काउंसिल में इस मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन किया था। ईद-अल-अजहा पर प्रदर्शनकारी ने कुरान जलाई थी स्वीडन में ईद-अल-अजहा के मौके पर स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक शख्स ने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया था। इसके लिए उसे स्वीडिश सरकार से परमिशन मिली थी। CNN के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी। इस प्रोटेस्ट में सिर्फ एक ही व्यक्ति अपने ट्रांसलेटर के साथ शामिल हुआ था। इससे पहले साल की शुरुआत में भी स्वीडन में तुर्किये की दूतावास के बाहर कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया था और कुरान जला दी थी। इसका तुर्किये की राजधानी अंकारा में जमकर विरोध हुआ था। लोगों ने स्वीडन के दूतावास के बाहर प्रदर्शन करते हुए उनके झंडे को जला दिया था। अप्रैल में स्वीडन की कोर्ट ने कुरान जलाने पर रोक हटाई थी स्वीडन पुलिस ने फरवरी में इराक के दूतावास के बाहर कुरान जलाकर प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी थी। पुलिस का कहना था कि इससे सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है। एक एंटी-NATO समूह पर भी कुरान की प्रति जलाने पर बैन लगाया गया था, लेकिन इस साल अप्रैल में कोर्ट ने इस बैन को हटा दिया था। कोर्ट ने कहा कि देश के संविधान के तहत लोगों के पास एकजुट होकर प्रदर्शन करने का अधिकार है। अदालत ने यह कहकर इन प्रदर्शनों को मंजूरी दी है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी है। खबर पढ़ने के बाद पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दे सकते हैं...
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15 लोग घायल; ट्रक-थार की टक्कर के बाद भीड़ जमा हुई थी
Gujarat Ahmedabad Road Accident - 9 Crushed By Jaguar Car On Iskcon Bridge. गुजरात के अहमदाबाद में इस्कॉन ब्रिज पर बुधवार की देर रात एक जगुआर कार ने करीब 25 लोगों को रौंद दिया। 9 लोगों की मौत हो गई और 15 जख्मी हो गए
गुजरात के अहमदाबाद में इस्कॉन ब्रिज पर बुधवार की देर रात एक जगुआर कार ने करीब 25 लोगों को रौंद दिया। 9 लोगों की मौत हो गई और 15 जख्मी हो गए। मरने वालों में एक पुलिस कॉन्स्टेबल और एक होमगॉर्ड जवान भी शामिल है। टक्कर इतनी जोरदार थी कि लोग 30 फीट दूर तक जा गिरे। पुलिस के मुताबिक, ओवरब्रिज पर एक महिंद्रा थार कार एक डंपर से पीछे से टकरा गई। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा थी। तभी राजपथ क्लब की ओर से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही जगुआर ने भीड़ को कुचल दिया। मृतकों में बोटाद और सुरेंद्रनगर के युवक शामिल हैं। 6 की मौके पर ही मौत हो गई ट्रैफिक विभाग के ACP एसजे मोदी ने दिव्य भास्कर को बताया कि इस घटना में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि अन्य को इलाज के लिए सोला सिविल ले जाया गया है। इस हादसे में जगुआर का ड्राइवर भी जख्मी हो गया। उसे सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाज के बाद उसे गिरफ्तार किया जाएगा। 18-19 साल का लड़का चला रहा था कार शुरुआती जानकारी के मुताबिक, जगुआर कार को तथ्य पटेल चला रहा था। उसकी उम्र लगभग 18-19 साल है। तथ्य के पिता प्रग्येश पटेल गैंगरेप के एक मामले में आरोपी रह चुके हैं। घटना के बाद से आरोपी ड्राइवर का पूरा परिवार गायब है। पुलिस ने बताया कि जगुआर में एक दूसरा लड़का और एक लड़की भी सवार थी। इनके बारे में ज्यादा जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। घटनास्थल पर मौजूद गुस्साए लोगों ने इनके साथ मारपीट भी की। हालांकि, कुछ लोगों ने इन्हें बचाया और अस्पताल भेज दिया। ड्राइवर के अलावा दोनों लोग मौके से गायब हो गए। मृतकों के परिजनों को मिलेगा 4 लाख मुआवजा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। घायल हुए लोगों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। हादसे से जुड़ी ये तस्वीरें भी देखिए... ये खबर भी पढ़ें... मंत्री के काफिले की जीप ने एंबुलेंस को टक्कर मारी:एंबुलेंस पलट गई फिर कुछ दूर घिसटी केरल में शिक्षा मंत्री के काफिले में चल रही पुलिस की जीप ने गुरुवार को चौराहे पर एक एम्बुलेंस को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही एम्बुलेंस पलट गई। हादसे में मरीज समेत तीन लोग घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों ने एम्बुलेंस में सवार लोगों को बाहर निकाला। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें... कार ने सड़क पर बैठे व्यक्ति को रौंदा, VIDEO:कई मीटर तक घसीटते हुए ले गई...मौत; BJP विधायक का रिश्तेदार चला रहा था गाड़ी उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में कार ने सड़क पर बैठे व्यक्ति को रौंद दिया। इतना ही नहीं, कार ने उसको कुछ दूर तक घसीटा। इस हादसे में उस व्यक्ति की मौत हो गई। घटनास्थल पर बर्थडे पार्टी के दौरान वीडियो बना रहे कुछ लड़कों के मोबाइल में ये लाइव हादसा रिकॉर्ड हो गया। पूरी खबर यहां पढ़ें...
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अक्टूबर में एग्जाम, इस साल 38 लाख से अधिक आवेदन आने की उम्मीद
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन जिसे यूपीएसएसएससी के नाम से जाना जाता है प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश राज्य में प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) का आयोजन करता है। जो भी उम्मीदवार इस भर्ती में भाग लेते हैं वे उत्तर प्रदेश राज्य में होने वाली समूह 'सी' और
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन (यूपीएसएसएससी) हर वर्ष उत्तर प्रदेश राज्य में प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) का आयोजन करता है। जो भी उम्मीदवार इस भर्ती में भाग लेते हैं, वे उत्तर प्रदेश राज्य में होने वाली समूह 'सी' और 'बी' पदों की भर्तियों में भाग ले सकते हैं। इस साल जल्द ही यूपी पीईटी परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। पीईटी की परीक्षा अक्टूबर 2023 में होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वर्ष PET के लिए करीब 38 लाख से अधिक आवेदन आ सकते हैं। इस भर्ती से जुड़ी अधिक जानकारी उत्तर प्रदेश सबऑर्डिनेट सर्विसेस सिलेक्शन कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट upsssc.gov.in पर मिल सकती है। एजुकेशनल क्वालिफिकेशन उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं/ 12वीं या भारत में लॉ यूनिवर्सिटी/संस्थान से कोई भी उच्च शिक्षा ली हो। एज लिमिट उम्मीदवारों की मिनमम एज 18 वर्ष और मैक्सिमम एज 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऊपरी आयु सीमा नियमानुसार छूट दी जाएगी।
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60 हजार के करीब पहुंचा सोना, चांदी साढ़े 75 हजार रुपए के पार निकली
आज यानी गुरुवार (20 जुलाई) को सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के मुताबिक, आज सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने के दाम 543 रुपए चढ़कर 59,329 रुपए प्रति 10 ग्राम
आज यानी गुरुवार (20 जुलाई) को सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के मुताबिक, आज सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने के दाम 152 रुपए चढ़कर 59,908 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए हैं। वहीं 22 कैरेट सोने की कीमत 54,876 रुपए हो गई है। कैरेट के हिसाब से सोने की कीमत साढ़े 75 हजार के पार हुई चांदी IBJA की वेबसाइट के अनुसार आज चांदी की कीमत में भी बड़ी बढ़त देखने को मिली है। ये 187 रुपए महंगी होकर 75,686 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। इससे पहले बुधवार को ये 75,499 रुपए पर थी। इस महीने सोने में रही तेजी इस महीने यानी जुलाई में अब तक सोने में बढ़त देखने को मिली है। इस महीने की शुरुआत यानी 3 जुलाई (1 और 2 जुलाई को मार्केट बंद था) को ये 58,139 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था, जो अब 59,908 रुपए पर है। यानी इसके दाम में 1,769 रुपए की तेजी आई है। साल के आखिर तक 62 हजार तक जा सकता है सोना IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता कहते हैं कि आने वाले दिनों में सोने की कीमत में फिर बढ़त देखने को मिल सकती है। अनुज गुप्ता के अनुसार साल के आखिर तक सोना फिर 62 हजार तक जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ने तोड़े सारे रिकॉर्ड सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की जून में जारी साल की पहली सीरीज ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अब तक की सबसे ऊंची कीमत 5,926 रुपए प्रति ग्राम के बावजूद रिकॉर्ड 77.69 लाख यूनिट (1 यूनिट में 1 ग्राम) गोल्ड बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन हुआ। यानी वर्चुअल तरीके से लोगों ने 7.77 टन सोने में निवेश किया। कीमत के लिहाज से इस सीरीज में 4,604 करोड़ रुपए का गोल्ड बॉन्ड बिका। इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 की पांचवीं सीरीज में सबसे ज्यादा 63.5 लाख यूनिट गोल्ड बॉन्ड सब्सक्राइब हुए थे।
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इसका सेंसर हीटवेव से बचने के तरीके बताएगा; 60 डिग्री टेम्परेचर में हुआ टेस्ट
Scientists create the world's first outdoor walking manikin that sweats, shivers and breathes like a human साइंटिस्ट्स ने दुनिया का पहला ऐसा रोबोट बनाया है जिसे पसीना आता है। इतनी ही नहीं ये ठंडे टेम्प्रेचर में कांपता भी है और सांस भी लेता है। साइंटिस्ट्स के मुताबिक, इंसानी शरीर गर्म हवाओं से कैसे निपटता है, इसे स्टडी करने के लिए ये
साइंटिस्ट्स ने दुनिया का पहला ऐसा रोबोट बनाया है जिसे पसीना आता है। इतनी ही नहीं ये ठंडे टेम्प्रेचर में कांपता भी है और सांस भी लेता है। साइंटिस्ट्स के मुताबिक, इंसानी शरीर गर्म हवाओं से कैसे निपटता है, इसे स्टडी करने के लिए ये रोबोट बनाया गया है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने ह्यूमन बॉडी के थर्मल फंक्शन को समझने के लिए एक ऐसा मेनिक्विन (पुतले) को रीडिजाइन किया जिसे स्पोर्ट्स क्लोदिंग कंपनी इस्तेमाल करती हैं। इसका नाम ANDI रखा गया। रोबोट ANDI को पसीना आए, इसका टेम्प्रेचर पता चल सके इसलिए इसमें 35 जगहों पर सिंथेटिक पोर्स और हीट फ्ल्क्स सेंसर लगाए गए। इस रोबोट के जरिए इंसानों पर हो रहे क्लाइमेट चेंज के असर को भी स्टडी किया जा सकता है। टेस्टिंग के लिए हीट चेंबर में रखा गया साइंटिस्ट जेनी वैनोस ने कहा- लोग हीटवेव से परेशान हैं। इससे निपटने के उपाय ढूंढने के लिए हम किसी इंसान पर एक्सपेरिमेंट नहीं कर सकते। इंसान कितना गर्म तापमान सह सकता है, ये जानने के लिए हम उसे धूप में या गर्म कमरे में नहीं रख सकते। इससे उसकी जान को खतरा हो सकता है। इसलिए हमने ANDI को तैयार किया। ANDI की टेस्टिंग और इस पर स्टडी करने के लिए इसे हीट चेंबर में रखा गया। उन्होंने कहा- हीट चेंबर को हम 'वॉर्म रूम' कह रहे हैं। यहां का तापमान 60 डिग्री सेल्सियस (140 डिग्री फारेनहाइट) रखा गया। इस रूम में ANDI का सामना गर्म हवाओं और सोलर रेडिएशन से करवाया गया। काम कैसे करता है ANDI... ANDI को हाई टेम्परेचर में रखने के बाद इसमें होने वाले बदलावों से जुड़ा डेटा कलेक्ट किया जाता है। इसमें लगे सेंसर्स हीट, सोलर रेडिएशन के संपर्क में आते ही बॉडी में होने वाले रिएक्शन्स को रिकॉर्ड करते हैं। रोबोट के हर पार्ट में चैनल लगे हैं, ये इस मशीन यानी रोबोट के अलग-अलग हिस्सों को ऑपरेशन यानी काम करने के लिए कनेक्ट करते हैं। यही वो चैनल्स या पार्ट्स हैं जिनके जरिए पसीना आता है। दरअसल, इस रोबोट का एक अंदरूनी हिस्सा ऐसा भी है, जहां पानी है। जब चैनल्स हीटअप यानी गर्म होते हैं तो यही पानी पसीने में तब्दील हो जाता है। साइंटिस्ट्स के मुताबिक- रोबोट को जब एक स्पेशल फैब्रिक (कपड़े) में लपेटा गया तो इस फैब्रिक ने पसीना सोख लिया। इससे रोबोट के टेम्परेचर में बदलाव आए और ये काफी हद तक ठंडा हो गया। ANDI में मॉडिफिकेशन हो सकते हैं लोगों की गर्मी को सहने की क्षमता अलग-अलग होती है। ANDI को इस तरह से तैयार किया गया है कि वो वजन, उम्र के आधार पर अलग-अलग लोगों के मुताबिक गर्मी के असर पर रिएक्ट कर सके। यानी ये रोबोट एक डायबेटिक और नॉर्मल इंसान के थर्मल फंक्शन के बीच फर्क पहचान सकता है। साइंटिस्ट अंकित जोशी ने कहा- ANDI में मॉडिफिकेशन किए जा सकते हैं। इसकी सैटिंग्स अलग-अलग लोगों के वजन-उम्र के मुताबिक बदली जा सकती है। इसी तरह 'वॉर्म रूम ' का टेम्प्रेचर भी बदला जा सकता है। ह्यूमनॉयड रोबोट का विकास बढ़ रहा इंसानों जैसे रोबोट यानी ह्यूमनॉयड रोबोट के विकास में विज्ञान एक पायदान और चढ़ गया है। ब्रिटेन की रोबोटिक्स कंपनी इंजीनियर्ड आर्ट्स ने ऐसा ह्यूमनॉयड रोबोट बनाया है, जो हमसे बात कर सकते हैं। ये हमारा काम करेंगे। हमारे बीच रहेंगे। कंपनी के मालिक जैक्सन कहते हैं- इन ह्यूमनॉयड रोबोट्स की आंखों में कैमरा लगा है। हम इन्हें एनिमेशन के जरिए इंसानों जैसा चेहरा देने की कोशिश कर रहे हैं, जो भावनाएं व्यक्त कर सकें। इस फीमेल रोबोट को अमेका नाम दिया गया है। अमेका अभी चल नहीं सकती। इसके पैर तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन ये अलग-अलग लोगों से बात करने में सक्षम है। जैक्सन कहते हैं, ये बुजुर्गों की साथी बन सकती है। हमेशा उनके साथ रह सकती है। उन्हें उनकी जरूरत की चीजें याद दिला सकती है, जैसे उनके पसंदीदा टीवी पर कार्यक्रम का समय होने पर उन्हें बता सकती है। ये रोबोट आंख मिलाकर बात कर सकेगी। उनके साथ साथी की तरह व्यवहार करेगी। वे कभी इससे किसी बात के लिए बोर भी नहीं होंगे। इन्हें शतरंज जैसे खेल भी सिखाए जाएंगे, लेकिन उतना ही कि उन्हें हराना संभव हो। ह्यूमनॉयड रोबोट के बिजनेस में कई बड़ी कंपनियां भी उतर रही हैं। ये खबर भी पढ़ें... रोबोट अब महसूस भी करेंगे, नई टेक्नोलॉजी से डेवलप होगी टच करने की क्षमता, जानिए दुनिया में क्या बदलेगा? एक नया अविष्कार हुआ है। ऐसे रोबोट का अविष्कार, जिसके बिल्कुल इंसान की तरह हाथ होंगे। जिसमें बाल भी होंगे और सेंस भी। इसकी खासियत है कि ये बाल, विभिन्न स्तर की सेंसिटिविटी के बारे में बता देंगे। जैसे टच की गई चीज के सरफेस के बारे में। इसके अलावा काफी कुछ है, जिसमें बदलाव हो सकता है। पढ़ें पूरी खबर...
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गांधी जी कहते थे संविधान का डस्टबिन, इसमें शराब बंदी भी शामिल
Uniform Civil Code Fundamental Rights vs Directive Principles; What Role UCC Plays in DPSP ? All You Need To Know. संविधान के भाग-4 में आर्टिकल 36 से 51 तक डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स के प्रावधान हैं। इन्हीं में आर्टिकल 44 है, जो सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाने की बात करता है
सीरीज के पिछले ऐपिसोड में हमने संविधान सभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर हुई बहस को जाना। ज्यादातर मुस्लिम सदस्य इसके खिलाफ थे, जबकि अंबेडकर और केएम मुंशी जैसे लोग इसके पक्ष में थे। इसके बावजूद यूनिफॉर्म सिविल कोड को उस हिस्से में डाल दिया गया, जिसे गांधी जी संविधान का डस्टबिन कहते थे। आज के ऐपिसोड में जानेंगे क्या हैं राज्य के नीति निदेशक तत्व या डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ स्टेट पॉलिसी। इसमें UCC के अलावा और कौन-सी जरूरी बातें और अधिकार शामिल किए गए हैं और क्या इन्हें लागू करना जरूरी है... राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत के नाम में ही इसका मतलब छुपा है। ये सरकार को दिशा दिखाने वाली ऐसी बातें हैं, जिन्हें पॉलिसी बनाते वक्त ध्यान रखना चाहिए। संविधान के भाग-4 में आर्टिकल 36 से 51 तक डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स के प्रावधान हैं। इन्हीं में आर्टिकल 44 है, जो सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाने की बात करता है। यहां ये ध्यान रखना जरूरी है कि डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स में लिखी बातें राज्य व्यवस्था की एक आदर्श स्थिति है। सरकारें या नागरिक इसका पालन करने के लिए मोटिवेट किए जा सकते हैं। ऐसा करने के लिए वो बाध्य नहीं हैं। ये कोई ऐसा अधिकार नहीं हैं, जिनके लिए कोर्ट में अपील की जा सके। डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स के बारे में ये भी कहा जाता है कि संविधान में अलग-अलग तरह की विचारधाराओं का समावेश करने के लिए भी इन प्रावधानों को शामिल किया गया है। वैचारिक स्रोत और उद्देश्यों के आधार पर डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स को 3 भागों में बांटा जा सकता है। हम कुछ प्रमुख बातें पेश कर रहे हैं... 1. समाजवादी सिद्धांतों पर आधारित प्रावधान अनुच्छेद 38: राज्य आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करेगा और सभी को कमाई के बराबर मौके देने का प्रयास करेगा। अनुच्छेद 39: सभी नागरिकों को आजीविका के पर्याप्त साधन का अधिकार। कुछ लोगों के हाथ में ही सारी दौलत न हो। पुरुषों और महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन मिले। बाल मजदूरी न हो... राज्य ऐसा करने का प्रयास करेगा। अनुच्छेद 41: पढ़ाई, काम, बेरोजगारी, बुढ़ापा, बीमारी और विकलांगता के मामले में सार्वजनिक सहायता के अधिकार के अधिकार सुनिश्चित हों। अनुच्छेद 42: काम के लिए उचित मानवीय स्थितियों और मैटरनिटी लीव के लिए प्रावधान का प्रयास। अनुच्छेद 43: राज्य सभी श्रमिकों को एक जीवन निर्वाह योग्य मजदूरी और उचित जीवन स्तर सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। अनुच्छेद 47: सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिये पोषण के स्तर और लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना 2. गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित प्रावधान अनुच्छेद 40: राज्य ग्राम पंचायतों को स्वशासन की इकाइयों के रूप में संगठित करने के लिये कदम उठाएगा। अनुच्छेद 43: राज्य ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत या सहकारी आधार पर कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा। अनुच्छेद 46: जनता के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देगा। अनुच्छेद 47: राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिये कदम उठाएगा और इस दौरान स्वास्थ्य के लिये हानिकारक नशीले पेय और दवाओं के सेवन पर रोक लगाएगा। अनुच्छेद 48: गायों, बछड़ों और अन्य दुधारू पशुओं के वध पर रोक लगाने और उनकी नस्लों में सुधार करने के लिये प्रयास करेगा। 3. उदार बौद्धिक सिद्धांतों पर आधारित प्रावधान अनुच्छेद 44: राज्य भारत के क्षेत्र के माध्यम से नागरिकों के लिये एक यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का प्रयास करेगा। अनुच्छेद 45: छह वर्ष की आयु पूरी करने तक सभी बच्चों के लिये बचपन की देखभाल और शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करेगा। अनुच्छेद 48: आधुनिक और वैज्ञानिक तर्ज पर कृषि और पशुपालन को व्यवस्थित करने का प्रयास करेगा। अनुच्छेद 48A: पर्यावरण की रक्षा, देश के वन और वन्य जीवन की रक्षा करने का प्रयास। अनुच्छेद 49: राज्य हर स्मारक, कलात्मक रूप से महत्त्वपूर्ण या ऐतिहासिक स्थान की रक्षा करेगा। अनुच्छेद 50: राज्य की लोक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करने के लिये कदम उठाएगा। अनुच्छेद 51: राज्य अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा स्थापित करने का प्रयास करेगा। डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स में दी गई बहुत सारी बातें लागू की जा चुकी हैं, लेकिन कई बातें ऐसी हैं जिन्हें अभी तक नहीं छुआ गया है। जैसे- प्राथमिक शिक्षा को अनुच्छेद 21A के तहत एक मौलिक अधिकार बना दिया, जबकि शराब बंदी की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नीति निदेशक तत्व आमतौर पर मौलिक अधिकारों का समर्थन ही करते हैं, लेकिन कई बार ये आमने-सामने भी आ जाते हैं। यूनिफॉर्म सिविल कोड सीरीज का संवैधानिक हिस्सा खत्म हुआ। फिलहाल एक अल्पविराम ले रहे हैं। इसकी चर्चा दोबारा शुरू होने पर या इससे जुड़े अन्य पहलुओं की स्टोरी लेकर आएंगे... यूनिफॉर्म सिविल कोड सीरीज के पुराने एपिसोड... 1. यूनिफॉर्म सिविल कोड सीरीज, पार्ट-1:क्या मुस्लिम निकाह छोड़ सात फेरे लेने लगेंगे; UCC हमारी पर्सनल लाइफ में कितना दखल देगा 2. यूनिफॉर्म सिविल कोड सीरीज, पार्ट-2:हिंदू अनगिनत शादियां कर सकते थे, इस्लाम में मौखिक तलाक हो जाता था; कैसे बदले पर्सनल लॉ 3. यूनिफॉर्म सिविल कोड सीरीज, पार्ट-3:अंबेडकर चाहते थे शादी भी UCC में आए, ज्यादातर मुस्लिम सदस्यों ने जोरदार विरोध किया
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मैदान सामान्य से छोटा होता है, इंग्लैंड में इसके 600+ क्लब; अगस्त में वर्ल्ड कप होगा
फुटबॉल के बारे में सोचते हुए हम अक्सर भागते-दौड़ते खिलाड़ियों की कल्पना करते हैं। हालांकि, इंग्लैंड में ईजाद हुए नए किस्म के फुटबॉल ने लोगों का नजरिया बदल दिया है। साल 2011 में इंग्लैंड में वॉकिंग फुटबॉल नाम के खेल की शुरुआत हुई। फुटबॉल सेWalking Football Running is Illegal England 600 Plus Clubs
फुटबॉल के बारे में सोचते हुए हम अक्सर भागते-दौड़ते खिलाड़ियों की कल्पना करते हैं। हालांकि, इंग्लैंड में ईजाद हुए नए किस्म के फुटबॉल ने लोगों का नजरिया बदल दिया है। साल 2011 में इंग्लैंड में वॉकिंग फुटबॉल नाम के खेल की शुरुआत हुई। फुटबॉल से अलग होकर भी ये खेल पूरी तरह फुटबॉल से जुदा नहीं है। वॉकिंग फुटबॉल में खिलाड़ियों को जीतने के लिए भागना नहीं होता है, बल्कि वो पूरे गेम के दौरान चलते हुए फुटबॉल खेलते हैं। दौड़ नहीं सकते थे तो वॉकिंग फुटबॉल शुरू की गैरी क्लार्क 7 साल की उम्र से फुटबॉल खेल रहे थे। 48 साल की उम्र में उन्हें घुटने का ऑपरेशन करवाना पड़ा। डॉक्टर से फुटबॉल में वापसी की बात करते हुए उन्हें पता चला कि वो अब कभी फुटबॉल नहीं खेल पाएंगे। हालांकि, अब वो वॉकिंग फुटबॉल खेल रहे हैं। इंग्लैंड में 600 से ज्यादा क्लब वॉकिंग फुटबॉल के अकेले इंग्लैंड में ही 600+ क्लब हैं। इसके नियम के अनुसार, कोई भी खिलाड़ी मैच के दौरान भाग नहीं सकता और न ही जॉगिंग कर सकता है। पूरे मैच के दौरान उनका एक पैर जमीन पर रहना आवश्यक है। इसका मैदान भी सामान्य मैदान से छोटा होता है। इस खेल से खिलाड़ियों ने कई किलो वजन घटाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 हफ्ते वॉकिंग फुटबॉल खेलने से वृद्ध खिलाड़ियों में बॉडी मास और बॉडी फैट कम हुआ है। अगस्त में होगा वॉकिंग फुटबॉल का 'वर्ल्ड नेशंस कप' इंग्लैंड में अगले महीने अगस्त में वॉकिंग फुटबॉल का 'वर्ल्ड नेशंस कप' होगा। डर्बी शहर के सैंट जॉर्ज पार्क स्टेडियम में सभी मैच खेले जाएंगे। टूर्नामेंट में 40 टीमें हिस्सा लेंगी। 20 टीमें 50 से ज्यादा उम्र सीमा वाले ग्रुप और 20 टीमें 60 से ज्यादा उम्र सीमा वाले ग्रुप में रहेंगी। शेड्यूल अब तक जारी नहीं किया गया। टूर्नामेंट के लिए देशों के रजिस्ट्रेशन FIWFA की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी है। हर देश दोनों एज ग्रुप कैटेगरी में एक-एक टीम ही उतार सकता है। अब तक 40 देशों ने टूर्नामेंट के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है। ये देश क्वालिफायर स्टेज पार कर मुख्य टूर्नामेंट में उतरेंगे।
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गैंगवार होने का खतरा बताया; CCTV कैमरे लगवाने की अपील, संगरूर जेल में बंद 38 मामलों का आरोपी
पंजाब की जेल में बंद गैंगस्टर कौशल को पुलिस के एनकाउंटर अब जेल में गैंगवार होने का खतरा सताने लगा है। कौशल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और जेलों के अंदर CCTV कैमरे लगाने की अपील की है।
पंजाब की जेल में बंद गैंगस्टर कौशल को पुलिस के एनकाउंटर अब जेल में गैंगवार होने का खतरा सताने लगा है। कौशल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और जेलों के अंदर CCTV कैमरे लगाने की अपील की है। फिलहाल कौशल संगरूर जेल में बंद है और उस पर तकरीबन 38 मामले दर्ज हैं। मिली जानकारी के अनुसार, गैंगस्टर कौशल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने गैंगस्टर कौशल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को एक महीने में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कह दिया है। इस मामले में पंजाब के अलावा हरियाणा और चंडीगढ़ को भी पार्टी बनाया गया है। कैमरे लगाने का काम जारी सुनवाई में चंडीगढ़ और हरियाणा में पुलिस स्टेशनों और चौकियों के प्रवेश और निकासी पॉइंट्स पर CCTV कैमरे लगाने की बात कही गई है। वहीं पंजाब सरकार का कहना है कि कैमरे लगाने का काम चल रहा है, जो जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। एक महीने में स्टेटस रिपोर्ट देने के आदेश मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस आलोक जैन ने पंजाब सरकार को एक महीने में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। गैंगस्टर कौशल ने याचिका में कहा कि उसके खिलाफ 38 मामले दर्ज हैं। वह संगरूर जेल में बंद है और आशंका है कि पूछताछ के लिए ले जाते समय उसका एनकाउंटर कर दिया जाएगा।
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भारतीय पासपोर्ट 80वें स्थान पर, दुनिया में चौथा सबसे कमजोर पासपोर्ट पाकिस्तान का
World's Most Powerful Passport List and  India Passport Ranking; Which country has the most powerful passport सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे पावरफुल पासपोर्ट बन गया है। यानी इस देश के नागरिक वीजा के बिना ही 192 देशों में ट्रैवल कर सकते हैं।
सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे पावरफुल पासपोर्ट बन गया है। यानी इस देश के नागरिक वीजा के बिना ही 192 देशों में ट्रैवल कर सकते हैं। पासपोर्ट रैंकिंग जारी करने वाले ऑर्गनाइजेशन हेनली एंड पार्टनर्स ने 2023 के लिए हेनली पासपोर्ट इंडेक्स जारी किया है। रैंकिंग में भारत 80वें स्थान पर जा पहुंचा है। पिछले साल भारत का स्थान 87वां था। भारतीय नागरिक 57 देशों में वीजा फ्री ट्रैवल कर सकते हैं। वहीं, पाकिस्तानी पासपोर्ट की रैंकिंग 100वीं हैं। पाकिस्तानी नागरिक सिर्फ 33 देशों में ही वीजा फ्री ट्रैवल कर सकते हैं। जापान फिसलकर तीसरे स्थान पर पहुंचा दूसरे स्थान पर जर्मनी, इटली और स्पेन रहे। यहां के नागरिक बिना वीजा 190 देशों की यात्रा कर सकते हैं। वहीं, पिछले 5 सालों से सबसे पावरफुल पासपोर्ट के पहले पायदान पर बरकार जापान फिसलकर इस साल तीसरे नंबर पर पहुंच गया। साउथ कोरिया, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्रांस, लक्समबर्ग और स्वीडन भी तीसरे स्थान पर हैं। रैंकिंग में अमेरिका का पासपोर्ट 8वें और ब्रिटेन का पासपोर्ट चौथे स्थान पर है। कैसे तय होती है रैंकिंग साल में दो बार यह रैंकिंग जारी की जाती है। पहली बार जनवरी और दूसरे बार जुलाई में इंडेक्स जारी किए जाते हैं। हेनली पासपोर्ट वीजा इंडेक्स की वेबसाइट के मुताबिक- पूरे साल रियलटाइम डेटा अपडेट किया जाता है। वीजा पॉलिसी में बदलाव भी ध्यान में रखे जाते हैं। डेटा इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) से लिया जाता है। रैंकिंग इस आधार पर तय की जाती है कि किसी देश का पासपोर्ट होल्डर कितने दूसरे देशों में बिना पूर्व वीजा (prior visa) हासिल किए यात्रा कर सकता है। इसके लिए उसे पहले से वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी।
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वो बोला- ‘तू क्या चुकाएगा? जा तुझे दान दिया’, मनोज बाजपेयी ने शेयर किया किस्सा
Manoj Bajpayee shared his Struggling days story, एक्टर मनोज बाजपेयी आज जो कुछ भी हैं अपने टैलेंट और मेहनत के दम पर हैं। उन्होंने बिहार के एक छोटे से टाउन से मुंबई तक का सफर तय किया है। हालिया इंटरव्यू में मनोज ने अपने उस दौर को याद किया जब उनके पास
एक्टर मनोज बाजपेयी आज जो कुछ भी हैं अपने टेलेंट और मेहनत के दम पर हैं। उन्होंने बिहार के एक छोटे से टाउन से मुंबई तक का सफर तय किया है। हालिया इंटरव्यू में मनोज ने अपने उस दौर को याद किया जब उनके पास पैसे नहीं होते थे। मनोज ने बताया 12वीं के एग्जाम देने के बाद उनके पास कोई फ्यूचर प्लान नहीं था। जब एक दोस्त ने उन्हें बताया कि वो दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने जा रहा है तो मनोज ने भी उसके साथ जाने की इच्छा जाहिर की। जब मनोज ने अपने इस दोस्त से मात्र 50 रुपए उधार मांगे तो इस दोस्त ने मनोज की बेइज्जती कर दी। बाद में इसी दोस्त ने मनोज को पैसे तो दिए पर यह कहते हुए कि ‘तू क्या चुकाए जा तुझे दान दिया।’ नहीं पता था कि दिल्ली जाने के लिए टिकट रिजर्वेशन होती है इस किस्से का जिक्र करते हुए मनोज ने कहा, ‘मेरा एक बचपन का दोस्त 12वीं के बाद दिल्ली जा रहा था। वो बोला कि उसे दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल जाएगा। मैंने बोला- मुझे भी साथ ले चल। उसने पूछ- तेरे पास पैसे हैं? मैंने कहा- पता नहीं, पापा कितने पैसे देंगे।’ मनोज ने बताया कि उस वक्त तक वो इतने भोले थे कि उन्हें यह भी नहीं पता था कि दिल्ली जाने के लिए टिकट रिजर्वेशन की जरूरत पड़ती है। मदद मांगी तो हंसने लगा दोस्त मनोज के दोस्त ने बताया कि दिल्ली की टिकट 50 रुपए की होती है पर मनोज के पास इतने पैसे थे नहीं। उन्होंने अपने दोस्त से कहा कि वो अभी उनके टिकट के लिए पैसे दे दे। वो उसे बाद में लौटा देंगे। यह सुनकर उनका दोस्त हंसने लगा। मनोज ने आगे कहा, ‘इसके बाद उस दोस्त ने मुझसे बोला- तू क्या चुकाएगा? जा समझ ले मैंने तुझे दान कर दिया।’ एक्टर के मुताबिक उस दिन उन्हें दिल्ली आने के लिए दक्षिणा के तौर पर 50 रुपए का लोन मिला था। तीन बार रिजेक्ट होने के बाद सुसाइड करना चाहते थे मनोज 17 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए थे। कॉलेज में पढ़ते हुए उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन के लिए अप्लाय किया। तीन बार रिजेक्ट होने के बाद वो सुसाइड करना चाहते थे। बाद में उन्होंने रघुबीर यादव की सलाह पर बैरी जॉन की वर्कशॉप अटैंड की। चौथी बार जब मनोज ने NSD के लिए अप्लाय किया तो वहां उन्हें टीचर की पोजिशन ऑफर हुई। इंडस्ट्री में मनोज को पहला ब्रेक शेखर कपूर ने फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ से दिया। हालांकि, मनोज को असल पहचान रामगोपाल वर्मा की ‘सत्या’ से मिली। इस फिल्म के बाद उनकी गिनती बड़े एक्टर्स में होने लगी।
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बॉस की गलत बात में भी बोलते हां, इससे आपको कई नुकसान
People Pleaser Symptoms Expalined; How to Identify the Signs of People-Pleasing Behavior जब कोई किसी काम का करने को कहे, तो तुरंत हां न बोलें। सोचने के लिए कुछ समय की मांग करें। किसी काम में आपको फायदा नहीं है या एनर्जी खराब हो रही, तो न कहने की आदत बनाएं। हर काम के लिए हां बोलना बहुत बार मुसीबत में डाल सकता है।
पीपल प्लीजर। आपने यह शब्द सुना है। इस शब्द का इस्तेमाल ज्यादातर ऑफिस में लोगों को करते देखा भी होगा। हमारे आपके एक-दो रिश्तेदार भी इसी कैटेगरी में आते हैं। क्या है इसका मतलब। कहीं यह कोई बीमारी तो नहीं। इससे कोई फायदा है या नुकसान। यह सब आज जानेंगे जरूरत की खबर में। सवाल: पीपल प्लीजर क्या होता है? जवाब: इस शब्द का इस्तेमाल ज्यादातर उन लोगों के लिए किया जाता है जो लोगों को खुश करने में लगे रहते हैं। पीपल प्लीजर के चक्कर में फंसा व्यक्ति दूसरों को हर समय कंफर्ट देने में लगा रहता है। ऐसा व्यक्ति भले ही खुद खुश न हो, पर उसे इस बात की चिंता लगी रहती है कि दूसरे उससे खुश रहें। इसलिए वह उनकी हां में हां मिलाते हैं। सवाल: तो पीपल प्लीजर यानी हां में हां मिलाने या जी हुजूरी करने में क्या कोई नुकसान होता है? जवाब: शुरू-शुरू में आपको लगेगा कि इसमें बुराई ही क्या है। पर आगे चलकर कई बार आपकी राय या मत सामने वाले से नहीं मिलता है और मजबूरी में आपको उसे खुश करना पड़ता है। इससे आपके वर्क प्लेस पर भी आगे चलकर कई दिक्कतें होने लगती हैं और आपके कॉन्फिडेंस और काबिलियत पर भी असर पड़ सकता है। इससे होने वाले नुकसान नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं। सवाल: पीपल प्लीजर समस्या क्यों बन जाती है? जवाब: दरअसल में ऐसे लोग शुरुआत में दूसरों की बातों में हां में हां मिलाकर अच्छा फील करते और करवाते हैं। वो लोग अपने कलीग के सुविधा अनुसार काम करने लगते हैं और आगे जाकर ये उनके लिए मेंटल प्रेशर बन जाता है। इसके बाद से ही समस्या शुरू होती है। उनके निजी जीवन में इसका असर पड़ने लगता है। सवाल: व्यक्ति सामने वाले को खुश करने के लिए क्यों हां में हां मिलाता है? जवाब: ये सिचुएशन तब पैदा होती है जब किसी व्यक्ति को लगता है कि लोग उसे पसंद नहीं करेंगे, उससे बात नहीं करेंगे, उसे अपने ग्रुप में शामिल नहीं करेंगे। तो इस डर से पीपल प्लेजर डेवलेप होता है। व्यक्ति सोचता है कि शुरू-शुरू में हां में हां मिला लेते हैं, जिससे हमें भी लोग पूछेंगे। सवाल: लोगों को खुश करने की आदत से कैसे फ्री हों? जवाब: लोगों को खुश करने की आदत को तोड़ना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ शॉर्ट टर्म टैक्टिक्स हैं, जिनसे इस आदत से फ्री हो सकते हैं। छोटी शुरुआत करें: शुरुआत करने के लिए, एक समय में एक ही जरूरत को पूरा करने की कोशिश करें। टालना: जब कोई किसी काम का करने को कहे, तो तुरंत हां न बोलें। सोचने के लिए कुछ समय की मांग करें। टाइम लिमिट तय करना: किसी चीज के लिए हाँ कहते समय, शेड्यूल तय करने के लिए किसी और का इंतजार करने के बजाय एक लिमिटेड टाइम डिसाइड करें। न बोलने की प्रैक्टिस करें: किसी काम में आपको फायदा नहीं है या एनर्जी खराब हो रही, तो न कहने की आदत बनाएं। हर काम के लिए हां बोलना बहुत बार मुसीबत में डाल सकता है। लक्ष्य और प्रायोरिटी तय करें: आप अपना समय कहां बिताना चाहते हैं। आप किसकी मदद करना चाहते हैं? आप कौन से लक्ष्य को पूरा करना चाहते हैं, इन बातों पर गौर करें। सारी जिम्मेदारी खुद न लें: हर काम की जिम्मेदारी खुद न लें। टीम में, ऑफिस में और भी कर्मचारी हैं, जिनकी काम पूरा करने की जिम्मेदारी बनती हैं। एक्सपर्ट: डॉ. प्रीतेश गौतम, साइकोलॉजिस्ट, निर्वाण क्लिनिक, भोपाल अब जरूरत की कुछ और खबरें पढ़िए... 1. बारिश में घर में नहीं आएंगे कीड़े:काटने पर लगाएं बर्फ और सिरका; नमक-हल्दी से भागेंगी चीटियां 2. बारिश में बढ़ता अस्थमा का रिस्क:बच्चों में पहचानें लक्षण, इनहेलर के कम डोज से मिलेगा ज्यादा फायदा
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केंद्र से मिलेगा स्पेशल रिलीफ फंड; अगले साल विधानसभा-लोकसभा चुनाव से पहले मदद देगी सरकार
हरियाणा में 12 जिलों को सरकार ने बाढ़ ग्रस्त घोषित कर दिया है। इसके मायने क्या हैं? ये हम आपको बताते हैं। सबसे पहले इसका फायदा यह होगा कि केंद्र सरकार ऐसे राज्य को स्पेशल रिलीफ फंड देगा। इससे राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक मदद देने में आसानी होगी।
हरियाणा सरकार ने इतिहास में पहली बार 22 में से 12 जिलों में बाढ़ की घोषणा कर दी है। आखिर अचानक सरकार ने ऐसा कदम क्यों उठाया, क्योंकि दूसरे राज्यों ने अभी ऐसा नहीं किया, इसको लेकर सबके मन में सवाल हैं। इसका जवाब ये है कि बाढ़ घोषित करने से हरियाणा सरकार को जल्दी केंद्र सरकार से स्पेशल रिलीफ फंड मिलेगा। हरियाणा में अगले साल विधानसभा चुनाव और उससे पहले लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार बाढ़ का दर्द तब तक लोगों के अंदर नहीं रहने देना चाहती। स्पेशल रिलीफ फंड मिला तो बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक मदद मिलेगी। किसानों को फसलों का मुआवजा मिलेगा और सरकार टूटी सड़कों को भी जल्दी ठीक करवा सकेगी। बाढ़ से हरियाणा को अब तक 500 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। बाढ़ रोकने को स्टडी भी कराएगी सरकार सरकार अब हरियाणा में बाढ़ को लेकर स्टडी भी कराएगी। इसमें देखा जाएगा कि नदियों का पानी आबादी तक कैसे पहुंचा?। पंचकूला में कौशल्या डैम से चट्‌टाने घग्गर नदी तक कैसे पहुंची, इसकी जांच होगी। बाढ़ से जो सड़कें टूट गई हैं उसकी मरम्मत के लिए कमेटी का गठन कर टेंडर किए जाएंगे। जहां सड़कों में बारिश के पानी से कटाव हुआ है वहां स्थायी पुलियां बनाई जाएंगी। इसके साथ ही पुराने बांधों को मजबूत करने के लिए बजट राशि बढ़ाई जाएगी। हरियाणा को अब तक कितना नुकसान हरियाणा सरकार के प्राथमिक आंकलन में सूबे को 500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। केंद्र से राहत के तौर पर अभी तक 216 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, लेकिन अधिक नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से नुकसान की प्राथमिक रिपोर्ट तैयार की गई है, जो केंद्र की सहायता राशि से कहीं अधिक है। ऐसे में सरकार की ओर से राज्य के 22 जिलों में से 12 जिलों को बाढ़ ग्रस्त घोषित किया गया है। पहले भी बन चुके हैं ऐसे हालात हरियाणा में बाढ़ से पहले भी ऐसे हालात बन चुके हैं। 1973-74 में भी पहाड़ों की बारिश से राज्य में बाढ़ की स्थिति बन चुकी है। इसके बाद 1978, 1995 और 2006 में भी बाढ़ की स्थिति बनी है। इस दौरान भी राज्य को काफी नुकसान हो चुका है, लेकिन इस बार हालात काफी खराब हो गए, इसको देखते हुए सरकार को पहली बार बाढ़ग्रस्त घोषित करने का फैसला लेना पड़ा। ये जिले बाढ़ग्रस्त घोषित हरियाणा के अंबाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पंचकुला, पानीपत, पलवल, सोनीपत, सिरसा और यमुनानगर को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। 1353 गांवों और 4 म्यूनिसिपल इलाके बारिश व बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
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क्या सोचकर रखा नाम, BJP के खिलाफ कैसे होगा इस्तेमाल
Opposition Alliance INDIA Formation Reasons Explained; What is the story behind the name - , Indian National Developmental Inclusive Alliance ममता ने कहा, 'NDA क्या आप INDIA को चुनौती दे सकते हैं? बीजेपी क्या आप INDIA को चुनौती दे सकते हैं?
दिसंबर 2021 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, 'UPA क्या है? कोई UPA नहीं है।' डेढ़ साल बाद 18 जुलाई 2023 को विपक्ष की बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा, 'सारा फोकस, सारी पब्लिसिटी, सारा कैंपेन, सारे प्रोग्राम्स INDIA के बैनर तले होंगे। यदि कोई इसे चुनौती दे सकता है, तो देकर दिखाए।' ये दो बयान UPA यानी यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलायंस से INDIA यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस बनने की कहानी कह रहे हैं। मंगलवार को 26 विपक्षी दलों ने मिलकर इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस बनाया है, जिसका शॉर्ट फॉर्म INDIA है। भास्कर एक्सप्लेनर में UPA के बिखरने और INDIA के बनने की इनसाइड स्टोरी जानेंगे। साथ ही ये भी जानेंगे कि BJP के खिलाफ विपक्ष इस नाम का कैसे इस्तेमाल करेगा… UPA कैसे बना था? साल 2004 की बात है। लोकसभा चुनावों में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस यानी NDA की हार होती है। BJP को सिर्फ 138 सीटें मिलती हैं। कांग्रेस 145 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी। वहीं 43 सीटें जीतकर लेफ्ट किंगमेकर बना। BJP को सत्ता से बाहर रखने के लिए सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस मुख्य भूमिका में आ गई। अनुभवी कम्युनिस्ट नेता और CPM के महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत कांग्रेस के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को एक साथ लाने में जुट गए। इसके बाद 14 दलों ने कांग्रेस को समर्थन दिया। गठबंधन के नाम के लिए यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी UPA पहली पसंद नहीं था। बैठक में शामिल लोगों ने बताया कि शुरुआती नाम 'यूनाइटेड सेक्युलर अलायंस' या 'प्रोग्रेसिव सेक्युलर अलायंस' सुझाया गया था। हालांकि, उस वक्त के DMK प्रमुख एम करुणानिधि ने 16 मई 2004 को एक बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि तमिल में सेक्युलर शब्द का अर्थ गैर धार्मिक होता है। इसके बाद उन्होंने प्रोग्रेसिव अलायंस नाम सुझाया। यहीं से यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी UPA की नींव पड़ी। सभी ने इस नाम को स्वीकार कर लिया। 22 मई 2004 को मनमोहन सिंह ने UPA सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। मंत्रिपद की शपथ लेने वालों में NCP प्रमुख पवार, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान, झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन, TRS प्रमुख के चंद्रशेखर राव, DMK के टी आर बालू, दयानिधि मारन, ए राजा और PMK प्रमुख एस रामदास के बेटे अंबुमणि रामदास शामिल थे। आखिर किन वजहों से UPA बिखर गया? 2006 में UPA को पहला झटका लगा। तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर के चंद्रशेखर राव UPA से अलग हो गए। 2007 में MDMK के वाइको ने साथ छोड़ दिया। सबसे बड़ा झटका 2008 में लगा। अमेरिका से परमाणु डील को लेकर 4 लेफ्ट पार्टियों ने UPA से अपना समर्थन वापस ले लिया। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 206 सीटें जीतती है और UPA एक बार फिर से सत्ता में वापसी करती है। हालांकि, इस बार UPA में सिर्फ 5 पार्टियां ही थीं। इनमें तृणमूल कांग्रेस, NCP, DMK, नेशनल कॉन्फ्रेंस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग यानी IUML शामिल थीं। हालांकि, बाद में राजद, सपा और बसपा ने भी UPA को समर्थन दिया, लेकिन 2010 में राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के विरोध में राजद ने समर्थन वापस ले लिया। 2012 में दो बड़ी पार्टियों तृणमूल और DMK भी UPA से अलग हो गईं। इसी साल कई और छोटी पार्टियां भी UPA से अलग हो गईं। 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का सफाया हो गया। कांग्रेस ने अब तक की सबसे कम 44 सीटें जीतीं। हालांकि, कांग्रेस गठबंधन को अभी भी UPA के रूप में जाना जाता था, लेकिन तकनीकी रूप से कहा जाए तो 2014 के बाद कोई UPA नहीं था। UPA में शामिल रही ज्यादातर पार्टियों से कांग्रेस के संबंध खराब हो चुके थे। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि आजकल वे आम तौर पर विपक्षी दलों के लिए समान विचारधारा वाले दल शब्द का उपयोग करते हैं। दिसंबर 2021 में सत्तारूढ़ BJP के खिलाफ सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर देते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि 'UPA क्या है? कोई UPA नहीं है।' यानी यह सीधा संकेत था कि अब UPA का कोई अस्तित्व नहीं है और अब एक नए गठबंधन का समय है। दूसरी ओर नाम बदलना कांग्रेस का UPA की छवि से बाहर निकलना भी हो सकता है। इसकी वजह है UPA की छवि भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से खराब हो गई थी। मोदी समेत BJP के दूसरे नेता अक्सर वंशवाद की राजनीति और भ्रष्टाचार को लेकर UPA का मजाक उड़ाते हैं। हाल ही में BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने UPA की आलोचना करते हुए कहा था कि U का मतलब उत्पीड़न, P का मतलब पक्षपात और A का मतलब अत्याचार से है। BJP विरोधी विपक्षी दल INDIA नाम तक कैसे पहुंचे? 26 विपक्षी दलों की दूसरी बैठक सोमवार को बेंगलुरु में शुरू हुई। बताया जा रहा है कि गठबंधन के लिए INDIA नाम का सुझाव सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिया था। हालांकि, वह चाहते थे कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इसे मंजूरी दिलाएं। बताया जाता है कि वह INDIA नाम पर आसानी से सहमत हो गईं। उन्होंने केवल यह सुझाव दिया कि N का मतलब नेशनल के बजाय न्यू होना चाहिए। फिर इस बात पर अनौपचारिक चर्चा हुई कि क्या D अक्षर का मतलब डेमोक्रेटिक होना चाहिए या डेवलपमेंटल। जानकार बताते हैं कि विपक्षी दलों के कुछ नेता सोमवार रात को डिनर के बाद चर्चा करने और वार्ता के बाद जारी किए जाने वाले संयुक्त बयान या 'सामूहिक संकल्प' को अंतिम रूप देने के लिए बैठे। बैठक आधी रात के बाद भी चली। इस दौरान यह भी तय हुआ कि मंगलवार को बैठक में ममता बनर्जी INDIA नाम का प्रपोजल रखेंगी। पहले से तय प्लान के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने बयान से बैठक की शुरुआत की। इसके बाद तृणमूल प्रमुख ममता ने विपक्षी गठबंधन के लिए INDIA नाम का प्रस्ताव दिया। बिहार के मुख्यमंत्री और JDU प्रमुख नीतीश कुमार ने पूछा कि किसी राजनीतिक गठबंधन का नाम INDIA कैसे रखा जा सकता है। वामपंथी नेता सीताराम येचुरी, डी राजा और जी देवराजन ने भी इस नाम पर हैरानी जताई। इसके बाद येचुरी ने V (victory) फॉर इंडिया या We फॉर इंडिया नाम सुझाया। हालांकि, कई नेताओं को यह चुनावी नारे जैसा लगा। इस दौरान दिल्ली के CM और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गठबंधन का नाम देने से ज्यादा महत्वपूर्ण सीट-शेयरिंग फॉर्मूला तय करना है। येचुरी ने भी तर्क दिया कि सीट-शेयरिंग मुख्य मुद्दा है। उन्होंने केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों का उदाहरण दिया, जहां कांग्रेस और लेफ्ट प्रमुख प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि कांग्रेस कितनी उदार हो सकती है। इसके बाद एक बार फिर खड़गे और राहुल दोनों ने बैठक में कहा कि 2024 में गठबंधन की जीत की स्थिति में कांग्रेस को प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा नहीं है। राहुल ने कहा कि पार्टी यथासंभव अन्य दलों को समायोजित करने के लिए तैयार है। गठबंधन का नाम तय करने के लिए सबसे ज्यादा जोर तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस का था। दोनों ही पार्टियां चाहती थीं कि बैठक में ही गठबंधन के नाम पर मुहर लग जाए। लास्ट में बोलते हुए राहुल ने पूरे जोश के साथ INDIA नाम का समर्थन किया। उनका तर्क था कि विपक्ष आसानी से INDIA बनाम NDA का नैरेटिव बना सकता है। साथ ही लोगों को बताया जा सकता है कि नरेंद्र मोदी INDIA के खिलाफ हैं और जो लोग BJP के खिलाफ हैं वे INDIA के साथ हैं। उद्धव ठाकरे ने सुझाव दिया कि नाम के साथ एक हिंदी टैगलाइन होनी चाहिए, जिस पर काम किया जा रहा है। बैठक के दौरान कुछ अन्य नाम भी सामने आए। जैसे पीपुल्स अलायंस फॉर इंडिया और प्रोग्रेसिव पीपुल्स अलायंस। PDP की महबूबा मुफ्ती ने राहुल की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता की ओर इशारा करते हुए 'भारत जोड़ो अलायंस' नाम का सुझाव दिया। BJP के खिलाफ विपक्ष इस नाम का कैसे इस्तेमाल करेगा बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, 'NDA क्या आप INDIA को चुनौती दे सकते हैं? BJP क्या आप INDIA को चुनौती दे सकते हैं? अन्य लोग क्या आप INDIA को चुनौती दे सकते हैं?' उन्होंने आगे कहा- 'सारा फोकस, सारी पब्लिसिटी, सारा कैंपेन, सारे प्रोग्राम्स INDIA के बैनर तले होंगे। यदि कोई इसे चुनौती दे सकता है, तो देकर दिखाए।' राहुल ने कहा कि लड़ाई अब दो राजनीतिक दलों या विपक्ष और BJP के बीच नहीं है, बल्कि देश की आवाज के लिए है जिसे खामोशी से कुचला जा रहा है। लड़ाई भारत के विचार के लिए है। इसीलिए हम इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव यानी INDIA नाम के साथ आए हैं। लड़ाई NDA और INDIA, उनकी विचारधारा और INDIA के बीच है। आप जानते हैं कि जब कोई INDIA के खिलाफ खड़ा होता है तो कौन जीतता है? पॉलिटिकल एक्सपर्ट राशिद किदवई कहते हैं कि पटना में विपक्षी दलों की पहली मीटिंग के बाद काफी असमंजस की स्थिति थी। ऐसे में बेंगलुरु की बैठक में गठबंधन का नाम तय हो जाना बड़ा अचीवमेंट है। देखा जाए तो देश में इस समय दो फ्रंट हैं। सत्ता में शामिल NDA और विपक्षी दल INDIA। हालांकि, दोनों खेमों में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर आत्मविश्वास की कमी है। एक खेमे ने 26 दल जमा किए तो दूसरे ने उसी दिन 38 दल जुटा लिए। अगर मोदी सब पर भारी वाली बात है तो ऐसा करने की जरूरत क्या है?
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पढ़ाई छुड़वाई, बाथरूम में CCTV लगवाया; चाकू से अपना नाम मेरे हाथों पर लिखना चाहा
What is the story of the Bhopal Raksha Struggle? Why does her husband doubt her character?" Follow Dainik Bhaskar Blackboard For More Interesting Stories.ब्लैकबोर्ड सीरीज की कहानी इस बार ऐसी ही महिलाओं पर जो शादी के बाद अपनी पढ़ाई या जॉब पति के शक की वजह से कर नहीं पाई।
दोपहर के करीब बारह बजे हैं। भोपाल के आसमां में काले घने बादल छाए हैं। मैं रक्षा से मिलने पहुंची हूं। दूर से मुस्कुराती पूनम (बदला हुआ नाम) मेरे पास आकर बैठती हैं। क्या हुआ था आपके साथ? बस ये पूछने भर की देरी थी। पूनम बोल पड़ीं- ‘पति ने पहले मेरा खुद ही कॉलेज में एडमिशन करवाया। फिर पढ़ाई छुड़वा दी। किसी मर्द से बात करती तो कहने लगता कि ये तेरा खसम है, जो उससे बात कर रही है। एक साल तक कैद रखा। पूरे घर में कैमरे लगवा दिए। बाथरूम में भी। धमकी देता कि अगर कहीं शिकायत की तो तेरा वीडियो वायरल कर दूंगा।’ बेटी पढ़ाएं, बीबी नहीं, पति पढ़इले बीबी धोखा दे गईले! जब से SDM ज्योति मौर्या का मामला आया तब से इस तरह की लाइनें सोशल मीडिया पर दिख रही हैं। खबरें भी आ रही थीं कि पतियों ने पत्नियों की पढ़ाई छुड़वा दी, यह सोचकर कि वो भी उन्हें धोखा न दे दें। इस बार की ब्लैकबोर्ड सीरीज की कहानी उन महिलाओं पर जिनके पति ने उनकी पढ़ाई-लिखाई इसलिए बंद करा दी क्योंकि उन्हें लगता है कि पत्नी पढ़ गईं तो उन्हें छोड़ देगी। पति के शक की वजह से इन महिलाओं की जिंदगी बदतर हो गई। मैं मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी ही महिलाओं की तलाश में निकली। मैं यह भी जानना चाहती थी कि मेरे जन्मस्थल उत्तर प्रदेश से यहां की महिलाओं की स्थिति कितनी अलग है। भोपाल में ही मेरी मुलाकात 32 साल की पूनम से हुई। 12वीं में पढ़ती थीं पूनम, जब उनकी शादी हो गई। राजेश (बदला हुआ नाम) जब उनसे मिलने आए तब पूनम ने साफ कह दिया था कि आगे की पढ़ाई जारी रखूंगी। अगर यह शर्त मंजूर हो तभी शादी करना। राजेश फौरन शर्त मान गए और रक्षा उनकी दुल्हनिया बन गई। पूनम कहती हैं, ‘2010 में मेरी शादी हुई थी। मुझे भरोसा था कि पति आगे की पढ़ाई और जॉब के लिए मना नहीं करेंगे। वो खुद भी पढ़े-लिखे हैं। एक मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करते थे। मेरा भरोसा उन्होंने टूटने भी नहीं दिया। शादी के पहले साल में ही उन्होंने ग्रेजुएशन करने के लिए कॉलेज में एडमिशन दिला दिया। मैं भी खुशी-खुशी घर का काम, कॉलेज की पढ़ाई सब मैनेज करने लगी।’ मैंने बीच में ही टोका- मतलब पति आपके समझदार थे। जो कहा वो सब पूरा किया। पूनम कहती हैं,’नहीं मैडम जी। आप जो कह रही हैं, वैसा बिल्कुल नहीं था। मुश्किल से मैं फर्स्ट ईयर की पढ़ाई पूरी कर पाई थी। वो मुझ पर शक करने लगे। उन्हें लगने लगा कि पढ़ाई के बहाने मैं घूमती-फिरती हूं। वो हर वक्त मुझ पर नजर रखने लगे। एक दिन तो उन्होंने सारी हदें पार कर दी। मेरे चरित्र पर ही सवाल उठा दिया। उस दिन मैं बहुत रोई, उन्हें समझाया भी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उनका शक दिन पर दिन गहराता चला गया। भाई से भी फोन पर बात करना दुश्वार हो गया।’ एक सांस में पूनम अपनी सारी बातें कह गईं। उनकी आंखों में आंसू थे और बाहर बारिश शुरू हो गई थी। पूनम अपने शरीर पर कुछ निशान दिखाती हैं। सारे निशान उनके पति के नाखूनों के हैं। उसके हाथ में जो आता उसी से मार देता। शक के चक्कर में एक बार तो सिर पर डंडे से इतना जोर से मारा कि एक हफ्ते तक मेरी याद्दाश्त ही धुंधली हो गई थी। पेट पर भी जानबूझकर लात से मारता, ताकि मेरे अंदरूनी हिस्से में चोट लगे। चाकू-छुरी जो हाथ में आता चला देता। पूनम को पढ़ना था, जीवन में कुछ करना था। खुद कार चलाकर दफ्तर जाना था, लेकिन पति के शक की बीमारी ने उनके जीवन को ही बदल दिया। सपनों को पीछे की तरफ धकेल दिया। पूनम मुझे बताती हैं कि दिन तो फिर भी कट जाता था। उनके ऑफिस से आने के बाद क्या होगा यह सोचकर रोज वो कांप जाती थींं। कहती हैं, ‘वो अक्सर कहता था कि पढ़-लिख कर क्या करेगी। मैं कमा कर ला रहा हूं। तुम बस घर में रहकर मेरी सेवा करो। शाम के 5-6 बजते ही मैं डरने लगती थी। सोचती थी कि अब वो आएगा। कहीं चीनी उसे कम लगी तो मुझ पर गर्म चाय फेंकेगा। नमक कम हो गया तो बच्चों के सामने खाना फेंक देगा और सोते वक्त जबरदस्ती करेगा।’ मुझसे मिलने के बाद पूनम कमरे से बाहर जा रही थीं। अब जाते हुए वो एक ऐसी औरत हैं, जिसे अपने सपनों को पूरा करने में 10 साल की देरी हो गई है। देर ही सही वो अब अपने मनचाहे और आजाद रास्ते पर थी। पूनम से मिलने के बाद मैं ममता से मिलती हूं। ममता जिस NGO में एक दिन अपनी फरियाद लेकर आईं थीं, वहीं अब दूसरी औरतों की फरियाद सुनती हैं। ममता आकर मेरे सामने बैठती हैं। उनकी बड़ी-बड़ी आंखों की गहराई में छिपी उदासी कोई भी देख सकता है। पता नहीं क्यों, मैंने सीधे उनसे यह सवाल कर दिया कि बड़ा होकर क्या बनेंगी, कभी सोचा था आपने इस बारे में? ममता कहती हैं, ‘मुझे पुलिसवाली बनना था। खूब मन लगाकर पढ़ती थी। इस बीच पापा गुजर गए। 2005 में घरवालों ने शादी कर दी।’ इसका मतलब पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई आपकी? ममता कहने लगी, ‘सगाई के दिन खुद सास ने आकर वादा किया था कि तुमको आगे पढ़ाएंगे। जैसे ही शादी के बाद मेरे घर का पता बदला, मेरी दुनिया ही बदल गई। लगा जैसे किसी ने नर्क में लाकर पटक दिया हो। सास ने कभी आगे पढ़ाई का जिक्र नहीं किया। कॉलेज तो दूर की बात है, मैं घर के चौखट के बाहर की दुनिया भी नहीं देख पाती थी।’ क्या पति ने भी साथ नहीं दिया? मैंने पूछा ममता ने बताया- ’शादी के कुछ दिन बाद ही पति मेरे कैरेक्टर पर शक करने लगा। कहने लगा कि पढ़ाई के लिए बाहर गई तो दूसरे आदमियों से बात करोगी। मैं मना करती तो एक दिन अपने हाथ में मेरा हाथ लिया और कलाई पर चाकू से अपना नाम लिखने लगा। मैं डर गई, रोने लगी। वो बात-बात पर गाली देने लगा। एक दिन थप्पड़ मारा। वो दिन था जब हाथ उठा तो कभी बंद नहीं हुआ, जब तक उस घर से निकल नहीं गई।’ ममता अपने शरीर पर चोट के कुछ निशान दिखाती हैं। कहती हैं, ‘पति ने ऐसे जख्म दिए कि हर रोज भुलाने की कोशिश करती हूं फिर भी भूल नहीं पाती। आप देखो, मैं कानों में झुमके पहनती थी। एक दिन मारते-मारते कान खींच दिया। झुमके को सहारा देने वाला कान का हिस्सा ही अब नहीं रहा। पेट पर भी उसने चाकू मारा था, उसके निशान भी हैं।’ ममता के 4 बच्चे हैं। तीन लड़कियां और एक लड़का। कहती हैं जब पति मेरे कैरेक्टर पर शक कर मेरा साथ अत्याचार कर रहा था तब मेरी बड़ी लड़की 15-16 साल की थी। मेरे साथ बच्चों को भी मारता था।’ आपने पूछा नहीं कि मैं आगे पढ़ना ही तो चाहती हूं, इसमें क्या गलत है? ममता कहती हैं, ‘कैसे कहती। शुरुआत में तो कह भी पाती थी। साल दर साल उसका डर इतना बढ़ता गया कि मैं उसके सामने मुंह तक नहीं खोल पाती थी। एक रात उसने मेरा फोन छीन लिया और मेरे साथ बड़ी बेटी को मारने लगा। बेटी घर से निकली और बस स्टैंड चली गई। वहां पुलिस वैन पेट्रोलिंग कर रही थी। अकेले उसे रोते हुए देखा तो उसे थाने लेकर गई। वहां मेरी लड़की ने पुलिस को सब बताया। लड़की जब घर वापस आई तो उसकी और मेरी दोनों की पिटाई हुई। वो कहने लगा कि तुमने लड़की को महिला थाने शिकायत करने के लिए भेजा था। बेटी डरने वाली नहीं थी। उसने दूसरे दिन सुबह पुलिस वालों को फोन पर सारी बातें बता दीं। पति गिरफ्तार हुआ। उसके बाद मैंने घर छोड़ दिया और NGO के साथ जुड़ गई। ममता से मिलने के बाद मेरा अगला पड़ाव भोपाल का बैरसिया था। यहां 37 साल की कला से मुलाकात हुई। कला के हालात रक्षा और ममता से थोड़े अलग हैं। पति पढ़ा-लिखा तो है, लेकिन कला अनपढ़ हैं। कला का पति उसे घर खर्च नहीं देता था। जब भी पैसे मांगती गाली देता। रोजाना मार-पीट और किचकिच से बचने और खुद का खर्च चलाने के लिए कुक का काम करने लगी। कला कहती हैं, ‘मैं उसकी तरह पढ़ी-लिखी नहीं थी। वो मुझे अनपढ़ होने का ताना अक्सर देता रहता है। मैंने उससे कई बार कहा कि मुझे पढ़ा दो। इस बात का वो कभी जवाब नहीं देता। मैंने सोचा घर में रहती हूं इसलिए इसे लगता है कि किसी काम की नहीं। जब कमाने लगूंगी तो उसकी भी मदद होगी और घर में पैसे के साथ शांति आएगी। मैंने पूछा- इसका मतलब सब कुछ ठीक हो गया? कला झट से मना करती हैं, 'नहीं! उसने कभी काम पर जाने से तो मना नहीं किया, लेकिन बाहर किसी से भी बात करती तो कहता, क्या बात कर रही थी उससे? यहां तक कि मैं अपने दामाद से उसके सामने बात करती तो वो मुझ पर शक करता। शक का कीड़ा बहुत खतरनाक होता है। इसको मारने की दवाई भी नहीं है। अक्सर मारपीट के बाद रात में घर से बाहर निकाल देता। ऐसी कितनी ही रातें मैंने अपने ही घर के बाहर के चौखट पर बिताई हैं।' कला ये सारी बातें कह रही हैं और मेरी नजर उनके मंगलसूत्र पर पड़ती है। मैं उनसे पूछती हूं- इतना सब कुछ होने के बाद भी आप पति के साथ ही रहती हैं? कला मुंह से कुछ नहीं कहतीं। पत्थर सी नजरों से ऐसे सारी बातें बता जाती हैं, मानों उन्हें अपनी आपबीती से फर्क पड़ना बंद हो गया हो। कुछ सेकेंड बाद कहती हैं- ‘मेरा कसूर इतना था कि मैं घर से बाहर काम करने जाती। घर पर कोई मेहमान आ जाए, उनसे हंस कर दो-चार बातें कर लूं। उस दिन मेरी शामत आ जाती थी। कहने लगता क्यों हंस कर बात कर रही थी। काम पर बाहर जाते वक्त वो मेरा फोन ले लेता है। किससे बात हुई। वो रोजाना चेक करता था कि किसका मैसेज आया है। कुछ दिनों तक यह सिलसिला चला। मैं इन सब से इतनी तंग आ गई कि मोबाइल रखना छोड़ दिया। किसी से तो बात करने पर शक नहीं करता है? कला बिना सेकेंड की देरी से जवाब देती हैं। उसका सीधा कहना है किसी आदमी से बात मत करो। किसी औरत से बात करने पर भी उसे यह डर सताता है कि मैं उसके बारे में सच न बता दूं। अपनी बेटी की तरफ इशारा करते हुए कला कहती हैं कि उसकी वजह से मेरे बच्चे भी सही से पढ़ नहीं पा रहे। बेटी 6 साल की हो गई है, लेकिन स्कूल नहीं जा सकी है। इतना कहकर कला बेटी को लेकर बाहर निकल जाती हैं। आखिर में मुलाकात हुई सखी सेंटर की कोऑर्डिनेटर शिवानी से। शिवानी पिछले 7 सालों से ऐसी औरतों के लिए काम कर रही हैं। आपके मुताबिक आखिर क्या वजह है कि एक औरत जब काम या पढ़ने के लिए बाहर जाती है तो पति उनके चरित्र पर शक करने लगते हैं? कहती हैं, ‘पितृसत्तात्मक समाज में औरत को कंट्रोल करने की चाहत की वजह से ऐसा होता है। पति अपनी पत्नियों को काबू में रखना चाहते हैं। दोस्त और आस-पड़ोस क्या, रिश्तेदारों से बात करने पर भी उन्हें दिक्कत होती है। घर के अंदर लाखों महिलाएं इस हैवानियत की शिकार हैं। क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2021 के आंकड़ों के मुताबिक 1 लाख से भी ज्यादा महिलाएं पति या परिवार की हिंसा की शिकार हैं और यह आंकड़ा साल 2020 से 15.3% ज्यादा है।' अगले गुरुवार, 27 जुलाई को ब्लैकबोर्ड सीरीज में पढ़िए- ......................................................................................... जब देश आजाद हुआ, हम गुलाम बन गए भारतीय होते हुए भी हमें 24 साल पाकिस्तानी और 44 साल बांग्लादेशी बनाकर रखा। 68 साल तक हमें पढ़ने नहीं दिया, अस्पताल नहीं जाने दिया गया। दिल्ली, कोलकाता तो छोड़िए हम गांव की दहलीज के बाहर पैर नहीं रख पाए। सड़क, बिजली, राशन हर चीज से महरूम रहे। यहां तक कि मोबाइल खरीदने के लिए भी दूसरे को बाप बनाना पड़ा। ऊपर से पुलिस की लाठी, जेल और देशद्रोही का ठप्पा।
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न एग्जाम, न इंटरव्यू फिर भी 22 रसूखदारों को मिली बड़ी कुर्सी, कई दागदार
Rajasthan RPSC Recruitment Scam 2023; Follow Rajasthan Exams Controversies Latest News, Reports and Updates On Dainik Bhaskar (दैनिक भास्कर) हाल ही में राजस्थान राज्य घुमंतु जाति समुदाय बोर्ड के पूर्व चेयरमैन और कांग्रेसी नेता गोपाल केसावत को नौकरी लगवाने के नाम पर रिश्वत लेते पकड़ा गया।
हाल ही में राजस्थान राज्य घुमंतू जाति समुदाय बोर्ड के पूर्व चेयरमैन और कांग्रेसी नेता गोपाल केसावत को नौकरी लगवाने के नाम पर रिश्वत लेते पकड़ा गया। इससे पहले पेपरलीक केस में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों ही नियुक्तियों के पीछे वजह विशेष योग्यता नहीं, राजनीतिक रसूख थी। दरअसल, राजस्थान सरकार के अधीन कई ऐसे बोर्ड, आयोग, निगम, मंडल, कमीशन, अथॉरिटी हैं, जिनके चेयरमैन या सदस्य बनने के लिए कोई तय नियम नहीं है। अगर आपके पास राजनीतिक रसूख और संपर्क है तो न केवल नियुक्ति पा सकते हैं, बल्कि कैबिनेट मंत्री या राज्य मंत्री का दर्जा, सरकारी बंगला, नौकर, ड्राइवर, वेतन, पेंशन आदि का सुख भी प्राप्त कर सकते हैं। सरकार चाहे जिसे बिना विज्ञापन जारी किए, बिना इंटरव्यू प्रक्रिया अपनाए या बिना किसी विशेष शैक्षणिक-प्रशासनिक योग्यताओं के केवल तीन आधार (भारत का नागरिक हो, स्नातक हो और मनोरोगी या जेल में सजायाफ्ता कैदी नहीं हो) पर चेयरमैन या सदस्य नियुक्त कर सकती है। भास्कर ने बोर्ड-आयोगों में हुई नियुक्तियों की स्टडी की, एक्सपट्‌र्स से बात कर समझने की कोशिश की कि क्यों उठते हैं इन नियुक्तियों पर सवाल और क्या हो सकता है समाधान… इनकी नियुक्तियों पर उठ रहे सवाल… आरपीएससी के चेयरमैन को बुलावा भेज चुकी है ईडी आरपीएससी के चेयरमैन संजय श्रोत्रिय को पेपरलीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुलावा भेजा था। इस मामले की जांच ईडी कर रही है। साधारण अफसर से आरपीएससी सदस्य बना कटारा, अब जेल में आरपीएससी के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा को पेपरलीक मामले में गिरफ्तार किया गया। फिलहाल जेल में है। सरकार ने उन्हें बर्खास्त करने की फाइल राष्ट्रपति को भेजी हुई है। ईडी कटारा से जेल में भी पूछताछ कर चुकी है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट यह मांग कर चुके हैं कि किस की सिफारिश पर कटारा को आरपीएससी में सदस्य नियुक्त किया गया था, उसका नाम सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार कटारा को कांग्रेस के दक्षिण राजस्थान से आने वाले एक विधायक का करीबी माना जाता है। केसावत को बनाया था घुमंतू जाति बोर्ड का चेयरमैन, अब रिश्वत लेते पकड़ा गया राजस्थान राज्य घुमंतू जाति समुदाय बोर्ड का पूर्व चेयरमैन और कांग्रेस नेता गोपाल केसावत को नौकरी लगवाने और आरपीएससी की ईओ परीक्षा में शामिल युवाओं को पास कराने के नाम पर रिश्वत लेते एसीबी ने पकड़ा। केसावत को पिछली बार कांग्रेस सरकार (2008-2013) ने घुमंतू बोर्ड का चेयरमैनबनाया था। जारोली कांग्रेस से जुड़े राजीव गांधी स्टडी सर्किल के सदस्य रहे हैं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन रहे डीपी जारोली कांग्रेस से जुड़े राजीव गांधी स्टडी सर्किल संगठन से कई सालों से जुड़े हुए रहे हैं। जारोली से पहले इसी संगठन के सक्रिय पदाधिकारी रहे डॉ. सुभाष गर्ग को कांग्रेस सरकार ने (2008-2013) में बोर्ड का चेयरमैन बनाया था। गर्ग अब इंडियन नेशनल लोक दल से भरतपुर से विधायक और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री हैं। एक प्रोफेसर को बार-बार मिलता है पद, नेता प्रतिपक्ष ने भी उठाया सवाल कांग्रेस से जुड़े राजीव गांधी स्टडी सर्किल की सलाहकार समिति के सदस्य प्रो. बीएम शर्मा को कांग्रेस की सरकार में एक बार कोटा विश्वविद्यालय का कुलपति, एक बार आरपीएससी का चेयरमैन बनाया गया था। हाल ही में 17 जुलाई-2023 को विधानसभा में महात्मा गांधी सोशल स्टडीज सेंटर का विधेयक पारित हुआ। विधेयक पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी कहा कि प्रो. शर्मा को सरकार जबरदस्त काबिल आदमी मानती है। विधानसभा की कार्यवाही के अनुसार राठौड़ ने कहा था कि प्रो. शर्मा ने ही जोधपुर विवि में 154 शिक्षकों की भर्ती को क्लीनचिट देने का काम किया था, जिसका प्रसाद सरकार ने उन्हें दिया है। कांग्रेस नेता आरटीडीसी के चेयरमैन, पुत्री सूचना आयोग में आयुक्त कांग्रेस नेता रणदीप धनखड़ को कांग्रेस सरकार (2008-2013) ने राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) का चेयरमैन बनाया था। वे कांग्रेस संगठन में पदाधिकारी रहे हैं। अब कांग्रेस सरकार (2018-2023) ने उनकी पुत्री शीतल धनखड़ को राजस्थान सूचना आयोग में आयुक्त बनाया गया है। धनखड़ राजस्थान के जाने-माने राजनीतिक परिवार के सदस्य हैं। नेता एक, नियुक्तियां तीन और विधायक का टिकट भी राजीव अरोड़ा सक्रिय कांग्रेस नेता हैं। जब साल 1998 में कांग्रेस की सरकार बनी तब उन्हें आरटीडीसी का चेयरमैन बनाया गया। उसके बाद उन्हें साल 2008 में सरकार बनने पर राजस्थान फाउंडेशन का चेयरमैन बनाया गया। इसके बाद जब साल 2018 में फिर से कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें राजस्थान लघु उद्योग निगम का चेयरमैन बनाया गया है। वे वर्तमान में इसी पद पर हैं। इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मालवीय नगर (जयपुर) से विधायक का टिकट भी दिया था, हालांकि वे चुनाव हार गए। कांग्रेस ने 22 ब्यूराेक्रेट्स को दी आयोगों में जिम्मेदारी संवैधानिक बोर्ड आयोग में नियुक्तियां देने के लिए कोई तय नियम या प्रक्रिया नहीं होने के चलते वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पिछले चार सालों में एक के बाद एक 22 रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट को विभिन्न बोर्ड,आयोगों में चेयरमैन, सचिव या सदस्य नियुक्त किया है। ऐसा केवल इसलिए हो पाया है क्योंकि ये अधिकारी लंबे अर्से तक सरकार के भीतर, राजनेताओं के साथ काम करते हैं, तो उनके रसूखात सबसे मजबूत बनते हैं। भाजपा सरकार भी नियुक्तियां देने में पीछे नहीं थी भाजपा सरकार (2003-2008 और 2013-2018) के बीच वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं। उनके कार्यकाल में रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट सी. आर. चौधरी को आरपीएससी का चेयरमैन बनाया गया। चौधरी ने चेयरमैनशिप के बाद नागौर से भाजपा के टिकट पर सांसद (2014-2019) का चुनाव लड़ा और जीते। वर्तमान में वे भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी टीम में हैं। इसी तरह रमेश गर्ग और श्याम सुंदर शर्मा धौलपुर और झालावाड़ जिलों से भाजपा के राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उन्हें भी चेयरमैन बनाया गया था। इनके अलावा दिव्या सिंह को सदस्य बनाया गया था। दिव्या भाजपा के टिकट पर डीग (भरतपुर) से विधायक रहीं। वे वर्तमान कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की पत्नी हैं। केसावत के साथ आरपीएससी के दो सदस्यों की भूमिका की जांच की मांग बेरोजगार युवाओं के नेता उपेन यादव ने सरकार से मांग की है कि गोपाल केसावत को तो एसीबी ने पकड़ लिया, लेकिन शिकायत में आरपीएससी के दो और सदस्यों का भी नाम सामने आ रहा है। ऐसे में एसीबी को उनकी भूमिका की भी जांच करनी चाहिए। यादव के अनुसार इस पूरे मामले में यह खुलासा होना ही चाहिए कि किस की किस से क्या बातें हुईं और क्या जान-पहचान संबंधित सदस्यों और लोगों के बीच में है। एक्सपट्‌र्स ने बताया क्या हो सकते हैं रास्ते केंद्र ने बनाए हैं सख्त नियम केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग, चुनाव आयोग, सतर्कता आयोग, सूचना आयोग जैसे शीर्ष प्रशासनिक-संवैधानिक महत्व के बोर्ड-आयोगों में चयन के लिए सख्त कानून, नियम व योग्यताएं तय की हुई हैं। इन सभी का निर्णय हर आयोग के संदर्भ में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष (लोकसभा), मुख्य न्यायाधीश के स्तर पर गठित विशेष कमेटियां करती हैं। हर एक सदस्य को वीटो पावर दिया जाता है। चयन के लिए सामने आने वाले नामों से जब किसी को तय किया जाता है, तो कमेटी के किसी एक सदस्य की आपत्ति भी आ जाए तो फिर संबंधित व्यक्ति का चयन नहीं होता है। ऐसे ही संघ लोक सेवा आयोग में दस साल का कार्यानुभव (सरकारी कार्यक्षेत्र में) होना जरूरी होता है। राजस्थान में राज्य लोक सेवा आयोग में यह आवश्यक नहीं है। सरकार चाहे तो किसी राजनीतिक कार्यकर्ता, किसी वकील, किसी पत्रकार, किसी सामाजिक कार्यकर्ता, किसी पुलिस अधिकारी या किसी भी अन्य व्यक्ति को चेयरमैन या सदस्य बना सकती है। केवल सूचना आयोग के लिए कमेटी, उसमें भी वीटो पावर नहीं राजस्थान में केवल सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त व सदस्य नियुक्त करने के लिए कमेटी बनी हुई है और विज्ञापन भी जारी किया जाता है। कमेटी में मुख्यमंत्री खुद शामिल होते हैं। उनके अलावा एक कैबिनेट मंत्री और नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। आयुक्त के लिए तय होने वाले नाम को अगर नेता प्रतिपक्ष मना भी कर दें तो उससे संबंधित नाम को तय होने से रोका नहीं जा सकता। केंद्र सरकार के स्तर पर कमेटियों में हर सदस्य को पूरी तरह से वीटो पावर होता है। राजस्थान में शेष बोर्ड आयोग आदि में सरकार चाहे जिसे बिना विज्ञापन जारी किए, बिना साक्षात्कार प्रक्रिया अपनाए या बिना किसी विशेष शैक्षणिक-प्रशासनिक योग्यताओं के केवल तीन आधार (भारत का नागरिक हो, स्नातक हो और मनोरोगी या जेल में सजायाफ्ता कैदी नहीं हो) पर चेयरमैन या सदस्य नियुक्त कर सकती है। सरकार का एकाधिकार खत्म हो गोरखपुर और जोधपुर विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति प्रो. पी. सी. त्रिवेदी ने बताया कि किसी भी सार्वजनिक महत्व के पद के लिए नियुक्तियों के नियम स्पष्ट रूप से बनाए जाएं और उनके चयन के लिए विज्ञापन भी जारी किए जाएं। सरकार का एकाधिकार और विशेषाधिकार चयन प्रक्रिया के संदर्भ में तुरंत खत्म होना चाहिए, अन्यथा संवैधानिक आयोगों का राजनीतिकरण कभी रोका नहीं जा सकेगा। केन्द्र की तरह राज्य सरकार भी करे पहल राजनीतिक टिप्पणीकार वेद माथुर ने भास्कर को बताया कि बैंकों ने अपने बोर्ड के चेयरमैन को तय करने के लिए व्यापक आधार पर कमेटियां तय कर दी हैं। केंद्र सरकार भी ऐसा कर चुकी है। केंद्र में प्रधानमंत्री भी चाहें तो केवल अपनी ही पसंद के आधार पर किसी को किसी संवैधानिक आयोग में ऊंचा पद नहीं दे सकते। जबकि राज्यों में मुख्यमंत्री या बड़े राजनेताओं से नजदीकी के चलते ब्यूरोक्रेट, राजनीतिक कार्यकर्ता ऐसे पदों पर काबिज होते जा रहे हैं। ब्यूरोक्रेट्स हो या कोई और नियम तय हों सेवानिवृत्त आईएएस अफसर एके सिंह का कहना है कि ब्यूरोक्रेट का चयन आजकल हर बोर्ड-आयोग आदि में किया जा रहा है। जब वे सेवा में होते हैं, तब उनके संबंध सरकार में राजनेताओं से बनते ही हैं। ऐसे में उनका चयन आसानी से सेवानिवृत्ति के बाद हो सकता है। इस पर रोक के लिए बस इतना किया जाना चाहिए कि नियम स्पष्ट रूप से तय हों, विज्ञापन जारी हों (गुपचुप चयन नहीं हो) और फाइनल चयन कोई उच्च स्तरीय कमेटी ही करें।