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दैनिक जागरण वाले कल खंडन छापेंगे और जिसे मृतक बताया उसके दीर्घायु की कामना करेंगे | No. 1 Indian Media News Portal दैनिक जागरण वाले कल खंडन छापेंगे और जिसे मृतक बताया उसके दीर्घायु की कामना करेंगे जी हां, इस तरह के घनघोर अपराध जागरण वाले करते रहते हैं पर इनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि इनकी चमड़ी बहुत मोटी है, पैसे का अंबार है, सत्ता में सिर पैर जोड़कर सरकार हैं… सो, इनकी अराजकता कायम है, अराजकता जारी है… बरेली से सूचना है कि दैनिक जागरण ने एक जिंदा आदमी को मार दिया. जब परिजन आपत्ति करने जागरण आफिस पहुंचे तो वहां संपादक प्रबंधक ने कल खंडन छापने और दीर्घायु कामना प्रकाशित करने की बात कह कर सबको संतुष्ट करने की कोशिश की. पीलीभीत में कल बस दुर्घटना हुई. सात लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए. सबने सही खबर छापी लेकिन दैनिक जागरण ने एक घायल को भी मरा घोषित करते हुए मरने वालों की संख्या आठ प्रकाशित कर दी. घायल के परिजनों ने दैनिक जागरण आफिस पहुंचकर इस तरह की घटिया हरकत पर और जिंदा आदमी को मरा बताने वाली खबर पर सख्त आपत्ति की. परिजनों के प्रबल विरोध से जागरण वालों के हाथ पांव फूल गए. सीजीएम एएन सिंह ने माफी मांगी और कहा कि कल खंडन छापेंगे हम लोग. जिसको आज मरा बताया है, उसकी दीर्घायु की कामना करेंगे. तरह तरह से समझाए जाने के बाद परिजन वहां से लौट आए और अब कल के अखबार की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उधर, घायल को मरा पढ़ने के बाद घायल के परिचित उसके घर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंच रहे हैं. पर जब उन्हें हकीकत बताया जा रहा है तो वे जागरण को कोस रहे हैं.
2020/08/13 05:57:57
https://www.bhadas4media.com/old1/%E0%A4%A6%E0%A5%88%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A4%A3-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%B2-%E0%A4%96%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%A8-%E0%A4%9B/
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Loksabha Election 2019 Bihar Cm Nitish Kumar Trusts Ashok Chaudhary And Narendra Singh Congress Bjp Jdu | मिशन 2019: दलबदलू नेताओं के भरोसे नीतीश कुमार! - Firstpost Hindi दूसरी पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल होने वाले नेताओं पर पार्टी प्रमुख न सिर्फ भरोसा कर रहे हैं बल्कि उन्हें अहम जिम्मेदारी भी सौंप रहे हैं Updated On: Mar 21, 2018 07:10 PM IST बिहार के सीएम नीतीश कुमार 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी में तन, मन और धन से लग गए है. चुनाव को लेकर वह बेहद गंभीर हैं. तभी तो पुरानी रंजिश को ताक पर रखकर भूतकाल में गाली देने वालों के साथ भी गलबहिंया कर रहे हैं. दूसरी तरफ मालदारों को राज्य सभा में भेजने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं. हाल के दिनों में जनता दल यू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दो दमदार नेताओं को अपने राजनीतिक कुटिया में एंट्री दी है. इनमें एक ताजा-ताजा बागी हैं तो दूसरे अनुभवी दलबदलू. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इन दोनों के जनता दल यू में आने से नीतीश कुमार को यकीनन चुनावी फायदा मिलेगा. वैसे ये दोनों नेता भूतकाल में पानी पी-पीकर अपने अंदाज में नीतीश कुमार को खूब आल्हा-बिरहा सुनाते रहते थे. लेकिन राजनीति में 'जिसे हम भूलना चाहें वो अक्सर याद आते हैं' वाली सेंटीमेंट कतई फायदेमंद नहीं होती है. आखिर कौन हैं ये दो चेहरे? पहले महारथी हैं अशोक चौधरी. कभी गर्व से कहते थे कि 'I am a Khandani devotee of Gandhi family.' इनको कांग्रेस पार्टी ने हर वो चीज दी जिसकी इन्होंने मांग की. इसके साथ ही मंत्री और अध्यक्ष पद भी मिला जो बहुत कम होता है. विधायक बनाए गए. पता नहीं क्या वजह रही कि नाराज होकर कोप भवन में चले गए. वहां से निकलते ही पलटी मारकर 'नीतीशम शरणम गच्छामि' हो गए. सियासी चौपाल से छनकर आ रही खबरों पर अगर थोड़ा-बहुत विश्वास किया जाए तो दलित समाज से आने वाले अशोक चौधरी को जनता दल यू का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वर्तमान अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की भी इच्छा है कि उन्हें इस पद से मुक्त किया जाए. उनकी उम्र और शरीर दोनों अब संगठन का बोझ उठाने में असमर्थ हैं. चुनावी गणित के हिसाब से भी दलित को सांगठनिक सिंहासन पर बैठाना फायदेमंद रहेगा. अभी दल के दो पुराने दलित नेता उदय नारायण चैधरी और श्याम रजक भीतर ही भीतर नीतीश कुमार से नाराज हैं. अफवाह ये भी है कि दोनों दलित नेता कभी भी अपने मकान में लालटेन टांग लेंगे. इस बात की भनक नीतीश कुमार को भी है. एक कहावत है, 'नए जब दोस्त मिलते हैं, पुराने छूट जाते हैं.' सौ बात की एक बात है कि अशोक चौधरी में संगठन को मजबूत बनाने का जबरदस्त हुनर है. चुनावी साल में ऐसे ही धुरंधरों की जरूरत होती है. कौन हैं दूसरे नेता? चुपचाप पल्टी मारने वाले दूसरे नेता हैं पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह. जमुई के नरेंद्र सिंह खांटी लोहियावादी और जयप्रकाश के विचारधारा को मानने वाले हैं. जेपी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में इनकी गिनती होती है. जनता पार्टी से राजनीतिक उबटन लगाते हुए नरेंद्र सिंह ने पहली बार पार्टी बदली और कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस से नाता तोड़कर जनता दल फिर आरजेडी उसके बाद लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) फिर जेडीयू से जुड़े. फिर जेडीयू से अलग होकर हम पार्टी और अभी 19 मार्च को हम पार्टी के एक धड़े के साथ जेडीयू में वापसी करते हुए कहा कि 'अब मैं अपने असली घर आ गया हूं.' कहते हैं कि नरेंद्र सिंह को जनता दल में दोबारा एंट्री करवाने में बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की अहम भूमिका रही है. चर्चा है कि ललन सिंह इस बार फिर मुंगेर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. नरेंद्र सिंह का प्रभाव इस क्षेत्र के राजपूत मतदाताओं पर है जो ललन सिंह को काम देगा. एक अफवाह ये भी है कि जवानी के दिनों से ही नरेंद्र सिंह का दिल लोकसभा में जाना जाता है. लिहाजा बांका लोकसभा क्षेत्र से नरेंद्र सिंह जेडीयू से उम्मीदवार बन सकते हैं. बताया जाता है कि इनके आने से कम से कम 3 लोकसभा क्षेत्रों में एक समाज के बीच जेडीयू की पकड़ मजबूत होगी. बांका के वर्तमान आरजेडी सांसद जय प्रकाश यादव और विधायक विजय प्रकाश के एकतरफा वर्चस्व को कड़ी चुनौती मिलेगी. कयास लगाया जा रहा था कि छवि को लेकर घोर सावधान सीएम नीतीश कुमार इस बार विटामिन की जगह कैप्सूल में सत्तू भरकर करोड़ों कमाने वाले को दिल्ली नहीं भेजेंगे. पर जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार धन के सवाल पर कोइ रिस्क नहीं उठाना चाहते हैं. 'कई नेताओं की तरह उनको अपने निजी हित के लिए मनी नहीं चाहिए. लेकिन चुनाव में लक्ष्मी की उपयोगिता से कैसे इनकार किया जा सकता है.' Tags: 2019 के लोकसभा चुनावashok chaudharyJDUNarendra singhnitish kumarअशोक चौधरीजेडीयूनरेंद्र सिंहनीतीश कुमार
2020/04/02 06:22:02
https://hindi.firstpost.com/politics/loksabha-election-2019-bihar-cm-nitish-kumar-trusts-ashok-chaudhary-and-narendra-singh-congress-bjp-jdu-98107.html
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मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में, लचीलापन को एक नकारात्मक और दर्दनाक स्थिति में सकारात्मक रूप से अनुकूलित करने की व्यक्ति की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। कई विशेषज्ञों के अनुसार, लचीलापन एक ऐसी क्षमता है जो मानव स्वभाव की है लेकिन वह हमेशा सक्रिय नहीं होती है और सक्रिय होने पर भी हमेशा सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते हैं। वास्तव में, एक व्यक्ति की लचीलापन विभिन्न कारकों, व्यक्तिगत, सामाजिक और संबंधपरक से प्रभावित होती है। यह अंतर समझा सकता है, उदाहरण के लिए, क्योंकि दर्दनाक स्थितियों और मजबूत तनाव में, कुछ व्यक्ति नकारात्मक दीर्घकालिक प्रभावों के बिना इससे बाहर निकलने का प्रबंधन करते हैं, जबकि अन्य दर्दनाक घटना से दबाव में "आत्महत्या" करते हैं, कुछ मामलों में यह सच हो रहा है और उनकी अपनी मनोचिकित्सा। मनोवैज्ञानिक लचीलापन क्या है? वर्षों से, मनोवैज्ञानिक लचीलापन के लिए जिम्मेदार परिभाषाएं अलग हैं। किसी भी मामले में, मनोवैज्ञानिक लचीलेपन का वर्णन करना संभव है क्योंकि मानव बहुत ही तनावपूर्ण और / या दर्दनाक घटना से सफलतापूर्वक निपटने की क्षमता है जो नकारात्मक भावनाओं को पैदा करता है और दुख का कारण बनता है, इस स्थिति में सवाल से पहले की स्थिति में वापस आ जाता है और प्रबलित हो जाता है यदि परिवर्तित भी नहीं हुआ है । दूसरे शब्दों में, मनोवैज्ञानिक लचीलापन को विशेष रूप से नकारात्मक और दर्दनाक घटनाओं का सामना करने के बाद आपके जीवन में सकारात्मक तरीके से सामना करने, विरोध करने और पुनर्गठित करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। प्रतिरोधकता को प्रतिरोध के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए, अर्थात्, किसी व्यक्ति की प्रतिरोध करने की क्षमता के साथ - इसलिए विरोध करने के लिए, अनुकूलन के लिए नहीं - विशेष कारकों के लिए, हालांकि हमेशा नकारात्मक प्रकृति का या अन्यथा सामान्यता की स्थितियों को परेशान करने में सक्षम। नकारात्मक घटनाओं के प्रकार नकारात्मक और दर्दनाक घटनाएं जो जीवन के दौरान व्यक्ति पर दबाव डाल सकती हैं, वे कई गुना अधिक हैं। एक वयस्क के जीवन को बाधित करने वाली नकारात्मक घटनाओं के बीच, हम याद करते हैं: पति या पत्नी या किसी करीबी परिवार की मृत्यु; तलाक या अलगाव; गंभीर बीमारियों की शुरुआत; काम का नुकसान और कारावास। दर्दनाक घटनाओं में से जो युवा लोगों और बच्चों के जीवन को बाधित कर सकते हैं, हम इसके बजाय पाते हैं: एक या दोनों माता-पिता की मृत्यु; भाई या बहन की मौत; माता-पिता का तलाक; एक माता-पिता का झुकाव; अपने ही परिवार से निष्कासन; गंभीर विकृति या जन्मजात विकृति की उपस्थिति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। बेशक, ऊपर उल्लिखित कुछ ऐसी स्थितियां हैं जो वयस्कों और बच्चों के जीवन पर गंभीर तनाव और नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं, क्योंकि दर्दनाक घटनाएं जो किसी व्यक्ति की शांति को परेशान कर सकती हैं, वे कई हैं और सामाजिक संदर्भ के आधार पर भी भिन्न हो सकती हैं। यह कहाँ रहता है। किसी भी मामले में, लचीला व्यक्ति उपरोक्त स्थितियों से निपटने की ताकत खोजने में सक्षम हैं, विजेता और कभी-कभी सुधार भी करते हैं। लचीला व्यक्ति लचीला व्यक्ति कौन हैं? लचीला व्यक्ति वे हैं जो कठिनाइयों और दर्दनाक घटनाओं का सामना करते हैं - हार नहीं मानते हैं, लेकिन इसके विपरीत, जाने की ताकत पाते हैं और नकारात्मक घटना को सीखने के स्रोत में बदलने में सक्षम होते हैं जो उन्हें हासिल करने की अनुमति देता है। किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उपयोगी कौशल । लचीलापन का तंत्र हर इंसान में मौजूद होता है और इसे किसी के द्वारा भी लागू किया जा सकता है। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति संभावित रूप से एक लचीला व्यक्ति है। हालांकि, हर कोई लचीलापन को व्यवहार में लाने में सक्षम नहीं है और, भले ही बाद वाले को कार्रवाई करनी थी, यह नहीं कहा जाता है कि प्राप्त परिणाम सकारात्मक हैं और सुधार के हैं। कारक जो एक व्यक्ति की लचीला प्रतिक्रिया को प्रभावित करते हैं व्यवहार में लचीलापन लाने की क्षमता व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होती है क्योंकि यह विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है। अधिक सटीक रूप से, एक नकारात्मक और दर्दनाक घटना के बाद एक लचीला प्रतिक्रिया विकसित करने की संभावना नीचे वर्णित कारकों की उपस्थिति से निकटता से संबंधित है। ये ऐसे लक्षण हैं जो व्यक्ति के पास होते हैं जो आघात या तनावपूर्ण घटना को सफलतापूर्वक दूर करने के लिए काम आ सकते हैं। अधिक विस्तार से, एक लचीला व्यक्ति आमतौर पर इसके साथ संपन्न होता है: आशावाद : एक आशावादी व्यक्ति नकारात्मक घटनाओं और उससे उत्पन्न समस्याओं की व्याख्या करता है जो इसे कुछ क्षणभंगुर के रूप में प्राप्त करते हैं, जो अनिवार्य रूप से जीवन का हिस्सा बनाते हैं। आशावादी व्यक्ति का यह रवैया समस्याओं को कम करने के प्रयास के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए। आत्म-सम्मान । समस्याओं को हल करने की क्षमता । सेंस ऑफ ह्यूमर : हास्य को जीवन की दर्दनाक घटनाओं का उपहास करने के प्रयास के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए, लेकिन नकारात्मक घटनाओं से एक निश्चित दूरी बनाए रखने की प्रवृत्ति और उनसे उत्पन्न होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक आकर्षकता के रूप में समझा जाना चाहिए। हास्य हमें दर्दनाक घटना के साथ जुड़े भावनाओं को फिर से बनाने की अनुमति देता है, संचार की सुविधा और दूसरों के साथ नकारात्मक घटना को साझा करता है। नकल की रणनीतियाँ : ये अनुकूली मनोवैज्ञानिक तंत्र हैं जिन्हें समस्याओं और तनाव से निपटने के लिए अभ्यास में लाया जाता है। सहानुभूति । लचीलापन न केवल उस व्यक्ति और विशेषताओं पर निर्भर करता है, जो उसके पास है, बल्कि उस सामाजिक संदर्भ से भी प्रभावित होता है , जिससे वह संबंधित है। विशेष रूप से, व्यक्तियों को उनके सामाजिक संदर्भ में अच्छी तरह से एकीकृत किया गया है और / या जो इसे पर्याप्त समर्थन प्राप्त करते हैं उनके पास प्रतिकूल घटनाओं को सफलतापूर्वक समाप्त करने का एक बड़ा मौका है। संबंधपरक कारक व्यक्तिगत और सामाजिक कारकों पर भरोसा करने के अलावा, लचीलापन का विकास भी व्यक्ति द्वारा इंटरव्यू किए गए संबंधों की गुणवत्ता से संबंधित है, दोनों नकारात्मक और दर्दनाक घटना से पहले और बाद में। स्थापित संबंधों की गुणवत्ता के अलावा, परिवार और दोस्तों द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता - व्यावहारिक और भावनात्मक - भी लचीला प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण है। लचीलापन तंत्र के कार्यान्वयन में, बच्चों को अधिक सुविधा होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि आमतौर पर, वे वयस्कों की तुलना में गहरे बदलाव और अनुकूलन को लागू करने में सक्षम होते हैं, जो अक्सर अतीत के अनुभवों के अपने सामान और पर्यावरण और उनके आसपास के लोगों के गर्भाधान से बाधित होते हैं। इसके समर्थन में, कई मनोवैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि जो बच्चे हिंसक आघात के शिकार होते हैं, वे स्वस्थ व्यक्तित्व और स्थिर रिश्तों के साथ-साथ स्कूल और काम की सफलताओं के साथ जीवन जीने और विकसित करने और विकसित करने और विकसित होने में सक्षम होते हैं। लचीलापन कैसे अभ्यास किया जाता है? जैसा कि उल्लेख किया गया है, लचीलापन के तंत्र प्रत्येक व्यक्ति में मौजूद हैं, भले ही वे व्यक्ति के जीवन में विकसित और विकसित हो रहे विभिन्न बाहरी कारकों (रिश्तों और सामाजिक संदर्भ) से प्रभावित हो सकते हैं। यदि बचपन में लचीलापन एक सहज व्यवहार हो जाता है, तो वयस्कता में इसे व्यक्ति के दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग बन जाना चाहिए। हालांकि, लचीलापन लागू करने की क्षमता उस अवधारणा पर बहुत कुछ निर्भर करती है जो व्यक्तियों के पास स्वयं, दुनिया और आसपास के लोगों के लिए है। वास्तव में, अगर कुछ लोगों के लिए नकारात्मक घटनाओं की प्रतिक्रिया लचीला लगभग स्वचालित रूप से सक्रिय हो जाती है, तो अन्य व्यक्तियों के लिए आत्मसम्मान की कमी ("मैं एक विफलता हूँ", "नहीं" के कारण लचीलापन के तंत्र को व्यवहार में नहीं लाया जाता है) मैं सफल होता हूं ", आदि), विचार के कारण किसी के पास अन्य (" अन्य सफल होते हैं और मैं नहीं करता ", " अन्य बेहतर होते हैं ", आदि) और आसपास के वातावरण की अवधारणा के कारण, अक्सर एक खतरनाक जगह के रूप में देखा, अप्रत्याशित और नुकसान और समस्याओं से भरा है। इसलिए, लचीलापन लागू करने के लिए , दूसरों के और दुनिया के लोगों के गर्भाधान को बदलना आवश्यक है। इसका मतलब यह नहीं है कि अधिकता से लेना - और शायद भोलेपन - आशावादी रवैये के साथ, लेकिन इसका मतलब है एक यथार्थवादी रवैया बनाए रखना जो हमें सचेत तरीके से वास्तविकता के अनुकूल होने की अनुमति देता है। इस अनुकूलन को इस तरह से किया जाना चाहिए कि नकारात्मक और दर्दनाक घटनाओं का फायदा उठाने के अवसरों पर विचार किया जा सके और जिससे उनकी खुद की वृद्धि के लिए उपयोगी संकेत मिलें और अपने जीवन को बेहतर बनाया जा सके और न कि उन खतरों के तहत जो वे आत्महत्या करते हैं। कुछ उद्योग विशेषज्ञ लचीलापन को बढ़ावा देने के लिए माइंडफुलनेस (अंग्रेजी जागरूकता से ) के अभ्यास की सलाह देते हैं। इस अभ्यास में वर्तमान में ध्यान केंद्रित करने और अपने विचारों से खुद को "अलग" करने की क्षमता विकसित करना शामिल है, उन्हें जज किए बिना उनका अवलोकन करना, लेकिन केवल उनके लिए विचार करना कि वे क्या हैं, अर्थात स्वयं के दिमाग के उत्पाद। इस संबंध में, यह ध्यान रखना बहुत ही रोचक है कि बौद्ध धर्म में इस्तेमाल की जाने वाली ध्यान तकनीकों से ध्यान का अभ्यास होता है। किसी भी मामले में, जो अब तक कहा गया है, इसके बावजूद यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि विकास और लचीलापन के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक हस्तक्षेप व्यक्ति से व्यक्ति तक अलग-अलग हो सकते हैं, क्योंकि वे उस स्थिति, पर्यावरण और सामाजिक संदर्भ से निकटता से संबंधित हैं जिसमें एक रहता है। एक निश्चित प्रकार की नकारात्मक घटना को दूर करने के लिए आवश्यक कौशल और कारक, वास्तव में, एक अन्य प्रकार की नकारात्मक घटना (उदाहरण के लिए, एक ट्यूमर का निदान और प्राकृतिक तबाही) को दूर करने के लिए आवश्यक से भिन्न हो सकते हैं। अन्य प्रकार की लचीलापन अन्य क्षेत्रों और क्षेत्रों में लचीलापन लचीलापन शब्द का उपयोग मनोविज्ञान से भिन्न क्षेत्रों और डोमेन में भी किया जाता है। वास्तव में, हम लचीलापन की भी बात करते हैं: जीव विज्ञान : इस संदर्भ में, इस शब्द का उपयोग जीवित जीवों की क्षमता को इंगित करने के लिए किया जाता है ताकि वे क्षति के बाद खुद को ठीक कर सकें। पारिस्थितिकी : इस क्षेत्र में, लचीलापन की अवधारणा के साथ हम एक पारिस्थितिक प्रणाली की क्षमता को इंगित करना चाहते हैं कि संशोधन या गड़बड़ी के बाद प्रारंभिक अवस्था में वापस आ सकते हैं। कम्प्यूटिंग : इस मामले में, लचीलापन एक प्रणाली की क्षमता का उपयोग करने की शर्तों के अनुकूल होने और पहनने के लिए इस तरह से विरोध करने के लिए प्रदान की गई सेवाओं में निरंतरता की अनुमति देता है। सामग्री प्रौद्योगिकी : इस संदर्भ में, लचीलापन एक विशिष्ट सामग्री की क्षमता को इंगित करता है जो एक विशिष्ट प्रभाव परीक्षण के साथ निर्धारित, गतिशील विराम का विरोध करता है। समाजशास्त्र : समाजशास्त्रीय क्षेत्र में, लचीलापन की अवधारणा समुदायों को संदर्भित करती है। विस्तार से, हम उन समुदायों को इंगित करने के लिए लचीला समुदायों के बारे में बात करते हैं, जो दर्दनाक घटनाओं (उदाहरण के लिए, प्राकृतिक आपदाओं, हमलों, युद्धों, आदि) के परिणामस्वरूप बलों और संसाधनों को न केवल पुनर्प्राप्त करने के लिए, बल्कि उन्हें शुरू करने के लिए भी जीवित रहते हैं। नई वृद्धि। ऊपर उल्लिखित वे कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें लचीलापन की अवधारणा का उपयोग किया जाता है। जैसा कि देखा जा सकता है, उपरोक्त क्षेत्रों की विविधता के बावजूद, लचीलापन फिर भी इस मामले पर निर्भर करते हुए, प्रतिक्रिया करने और सामना करने की क्षमता या नकारात्मक स्थिति का सामना करने की क्षमता के रूप में समझा जाता है, और फिर उसी गड़बड़ी से पहले या प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाता है शुरू करने की तुलना में बेहतर स्थिति में पहुंचें।
2020/06/04 13:51:32
https://hi.fashionbeautytopics.com/81640-resilience-what-is-it-meaning-in-psychology-and-how-to-put-it-in-practice-by-i.randi
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लड़के-लड़कियां हुक्के का शौक फरमाते हुए गिरफ्तार - Bhaskar Crime Home Unlabelled लड़के-लड़कियां हुक्के का शौक फरमाते हुए गिरफ्तार लड़के-लड़कियां हुक्के का शौक फरमाते हुए गिरफ्तार भोपाल/ देर रात के एक हुक्का लाउंज में करीब एक दर्जन से अधिक लड़के-लड़कियां हुक्के का शौक फरमाते हुए गिरफ्तार किए गए हैं। यह रईसजादे किस्म के युवक-युवतियां अय्याशी की शक्ल में पकड़े गए हैं। इस खबर को सार्वजनिक रूप से डीआईजी भोपाल द्वारा जारी किया गया है। इनके द्वारा कोरोना काल खासतौर से लॉकडाउन के नियमों का किस तरह से उलंघन किया जा रहा था, उनकी धज्जियां उड़ाई जा रही थी। तस्वीरों में इसे साफ देखा जा सकता है। कोरोना काल में जहां एक तरफ पुलिस ने और प्रशासन ने लोगों को कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन घोषित किया है,तो वहीं दूसरी ओर आदत से मजबूर युवा-युवतियां बाज़ नहीं आ रहे हैं। पकड़े गए युवक-युवतियों द्वारा ना ही मास्क लगाया गया चेहरे पर, ना ही किसी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जा रही थी। पकड़े जाने के बाद जरूर इन्होंने अपनी पहचान के लिए चेहरा छिपाने में चेहरे पर रुमाल और दुपट्टा डाला, लेकिन जिस हालात में यह पुलिस द्वारा पकड़े गए उस वक्त किसी भी तरह के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था,बेहद आपत्तिजनक था , बल्कि आम दिनों की तरह हुक्का लाउंज में महफिल सजी हुई थी। अब,जब तेजी से वायरल हुई है तस्वीरें और खबर, तो लोग इन हालातों को देखकर दांतों तले अंगुलियां दबा रहे हैं। इस तरह के नौजवान, गैरजिम्मेदार युवक-युवतियों पर लोगों का आक्रोश भी फूट रहा है कि यदि यही हाल रहा, तो कोरोना वायरस की चेन टूटना, तो दूर बल्कि और तेजी से फैलाव होगा। जो कि बेहद चिंताजनक होगा, और इसके बाद कोरोना बढ़ने के जिम्मेदार इसी तरह के लोग होंगे, जिनकी वजह से हालात बदतर हो रहे हैं। बहरहाल पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया है, लेकिन देखना यह होगा यदि यह रसूखदारों के घरों के बच्चे होंगे, तो क्या पुलिस इन पर कड़ी कार्रवाई करेगी या फिर पीछे के दरवाजे से इन्हें बाहर कर देगी।
2022/07/02 01:55:11
https://www.crimebhaskar.in/2020/07/blog-post_937.html
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आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने यह पहल की है ताकि 2019 के लोकसभा चुनावों में सब मिलकर एनडीए सरकार को हटा सकें. देवगौड़ा और कुमारस्वामी से मिलकर वह आगे की रणनीति तय कर रहे हैं. कर्नाटक उपचुनावों में बीजेपी की हार के बाद विपक्ष में सरगर्मियां बढ़ गई हैं. कर्नाटक लोकसभा उपचुनावों में तीन में दो और विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में दोनों सीटें कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) यानी JDS के खाते में आई हैं.नायडू ने कहा कि कर्नाटक में उपचुनाव के नतीजों ने एक उदाहरण पेश किया है. इन नतीजों से साफ है कि बीजेपी मजबूत गठबंधन के सामने टिक नहीं पाएगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र शिव विधानसभा से विधायक हैं, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनकी नाराजगी जग जाहिर है पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता जसवंत सिंह के विधायक बेटे मानवेंद्र सिंह बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होंगे. मानवेंद्र ने 2013 का विधानसभा चुनाव बीेजपी के टिकट पर बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से लड़ा और जीता था. मानवेंद्र ने पिछले ही महीने बाड़मेर में स्वाभिमान रैली की और 'कमल का फूल, बड़ी भूल' कहते हुए बीेजेपी से अलग होने की घोषणा की थी. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि मानवेंद्र के पार्टी में आने का फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा क्योंकि इससे राजपूत मतदाताओं के वोट पार्टी को मिलेंगे. वहीं बीजेपी के अनुसार यह मानवेंद्र सिंह का 'राजनीतिक रूप से गलत फैसला' है और इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, राजपूत मतदाता पार्टी के साथ ही रहेंगे . राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सचिन पायलट ने बताया, 'मानवेंद्र सिंह बुधवार को नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल होंगे.' उन्होंने कहा कि मानवेंद्र के आने से कांग्रेस और मजबूत होगी. कांग्रेस नेता ने कहा, 'बीजेपी छोड़कर जाने वालों की लंबी सूची है और पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए कि यह क्यों हो रहा है. हम मानवेंद्र सिंह का स्वागत कर रहे हैं और इससे कांग्रेस और मजबूत होगी.' वहीं बीजेपी का कहना है कि मानवेंद्र के इस कदम का पश्चिमी राजस्थान में पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं होगा. संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा,' मानवेंद्र सिंह का यह राजनीतिक रूप से गलत फैसला है जिसका पार्टी पर कोई असर नहीं होगा. राजपूत मतदाता बीजेपी के साथ रहे हैं और बीजेपी के ही साथ रहेंगे.' राठौड़ ने कहा कि मानवेंद्र को यह फैसला करने से पहले सोचना चाहिए था. इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि कांग्रेस में उनके साथ बड़ा धोखा हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि राजपूत बीजेपी के पारंपरिक मतदाता रहे हैं और मानवेंद्र के जाने से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. राजपूत वोट केवल बीजेपी के साथ ही रहेंगे. कांग्रेस के बाड़मेर जिला अध्यक्ष फतेह खान ने कहा कि राजपूत समुदाय बीजेपी से खुश नहीं था और मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में आने से पार्टी के लिए जीत की राह और मजबूत होगी. उन्होंने कहा,' राजपूतों की बड़ी संख्या में वोट हैं जो वसुंधरा राजे सरकार से नाखुश चल रहे थे. मानवेंद्र के आने से कांग्रेस को फायदा होगा.' पश्चिमी राजस्थान में अनेक सीटों पर राजपूत मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते आ रहे हैं . दूसरी ओर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मानवेंद्र के आने से राजपूतों के साथ साथ राजपुरोहित, चारण व प्रजापत मतदाताओं का समर्थन भी कांग्रेस को मिल सकता है. बाड़मेर के शिव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार मानवेन्द्र सिंह ने 2013 के विधानसभा चुनाव में 31 हजार 425 मतों के अंतर से जीत हांसिल की थी. बल्लेबाजों के बाद गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन के दम पर पाकिस्तान ने आॅस्ट्रेलिया को दूसरे मैच के चौथे दिन की 373 रन के बड़े अंतर से हराकर सीरीज दो टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से अपने नाम कर ली है. पाकिस्तान की यह रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत है. संयोग से उसने चार साल पहले आॅस्ट्रेलिया को इसी मैदान पर 356 रन से हराया था जो अब तक उसकी सबसे बड़ी जीत थी. सीरीज का पहला मैच ड्रॉ रहा था, इसके बाद दूसरे मैच में पाकिस्तानी गेंदबाजों ने पहले मैच की तरह आॅस्ट्रेलिया टीम को ड्रॉ करवाने का कोई मौका तक नहीं दिया. पाकिस्तान के पहले पारी में 282 रन के जवाब में आॅस्ट्रेलिया की पहली पारी में 145 रन पर ही सिमट गई थी. इसके बाद पाकिस्तान ने 400 रन पर अपनी दूसरी पारी घोषित की. जीत के लिए मिले 500 रन से अधिक लक्ष्य के नीचे आॅस्ट्रेलियाई टीम दब गई और मोहम्मद अब्बास ने पहली पारी की ही तरह दूसरी पारी में कमाल करते हुए मेहमान टीम को 164 रन पर समेट दिया. मोहम्मद अब्बास ने दोनों पारियों ने कुल 10 विकेट लिए. चौथे दिन की शुरुआत आॅस्ट्रेलिया ने एक विकेट पर 47 रन से आगे खेलते हुए की, लेकिन पहला सेशन होने तक आॅस्ट्रेलिया ने 155 रन पर सात विकेट गंवा दिए थे. चोटिल उस्मान ख्वाजा की जगह पारी का आगाज करने आए मार्श के रूप में टीम को तीसरे दिन ही पहला झटका लग गया था,इसके बाद फिंच ने ट्रेविस हेड के साथ मिलकर पारी को संभालना चाहा और दूसरे विकेट के लिए 61 रन जोड़े, लेकिन अब्बास ने हेड को अपना शिकार बनाकर इस जोड़ी को तोड़ा. अब्बास ने दूसरे मैच में 95 रन देकर कुल 10 विकेट लिए. पहली पारी में 33 रन देकर पांच विकेट और दूसरी पारी में 62 रन देकर पांच विकेट लिए. अब्बास ने अपने करियर में पहली बार मैच में दस विकेट लेने का कारनामा किया. वह यूएई में एक टेस्ट मैच में दस विकेट लेने वाले पहले तेज गेंदबाज भी बने. दूसरी पारी में आॅस्ट्रेलिया टीम को पहले झटके से उबारने के लिए फिंच ने ट्रेविस हेड के साथ मिलकर पारी को संभालना चाहा और दूसरे विकेट के लिए 61 रन जोड़े, लेकिन अब्बास ने हेड को अपना शिकार बनाकर इस जोड़ी को तोड़ा. मार्नस लाहबूशेन ने (43), ट्रेविस हेड ने (36), फिंच ने (31), टिम पेन (0 ) और मिचेल स्टार्क (28) को अपना शिकार बनाया. रूस की ओर से आया नया बयान अमेरिका के साथ पहले ही तनावपूर्ण हो चुके संबंधों में और ज्‍यादा तनाव ला सकता है। रूस ने उत्‍तर कोरिया और यहां क... रूस की ओर से आया नया बयान अमेरिका के साथ पहले ही तनावपूर्ण हो चुके संबंधों में और ज्‍यादा तनाव ला सकता है। रूस ने उत्‍तर कोरिया और यहां के शासक किम जोंग उन के रुख में आए बदलाव का श्रेय खुद लिया है। मॉस्‍को ने इस पूरे मामले में अमेरिका की भूमिका को श्रेय देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि चीन और रूस के संयुक्‍त प्रयासों का ही नतीजा है कि आज नॉर्थ कोरिया इतना आगे बढ़ पाया है। एक रूसी सांसद की ओर से इस पूरे मसले पर बयान दिया है।वहीं दक्षिण कोरिया ने इसे ‘‘परमाणु निरस्त्रीकरण’’ की दिशा में एक ‘‘सार्थक प्रगति’’ बताते हुए उत्तर कोरिया की सराहना की. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा, ‘‘उत्तर कोरिया का निर्णय परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में एक सार्थक प्रगति है , जैसा विश्व चाहता है. ’’उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने अपने परमाणु एवं लंबी दूरी वाले मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम रोक दिए हैं और वह परमाणु परीक्षण स्थलों को बंद करने पर विचार कर रहा है. उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच नए सिरे से परमाणु वार्ता होने की घोषणा के बाद यह ऐलान किया गया है. हालांकि, उत्तर कोरिया की तरफ से की गई इस घोषणा में उसके परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर इच्छुक होने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है. उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु बल को लेकर आश्वासन जाहिर किया है, जिसके कथित थर्मोन्यूक्लियर वारहेड का जमीन के नीचे और तीन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का हवा में परीक्षण करने के बाद किम जोंग - उन ने इसके नवंबर में पूरा होने की घोषणा की थी.
OSCAR-2019
Nashik नासिक में कोरोना का कहर, लेकिन कोविड केंद्रों और अस्पतालों में ओस, क्यों? महाराष्ट्र न्यूज़ डेस्क नासिक में कोरोना ने सचमुच कहर बरपा रखा है. पिछले तीन दिनों को देखें तो 2284 कोरोनावायरस के मरीज मिले हैं। जिला सामान्य अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक 4 लाख 5 हजार 735 कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है. वर्तमान में 5 हजार 344 मरीजों का इलाज चल रहा है। साथ ही अब तक 8 हजार 765 मरीजों की मौत हो चुकी है। शहर में आज 3955 मरीज कोरोना से संक्रमित हैं, जिनमें से सिर्फ 231 मरीजों का ही इन अस्पतालों में इलाज चल रहा है. तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए नासिक नगर निगम रोजाना 3000 टेस्ट कर रहा है। आंकड़ों के मुताबिक शहर में हुए कुल टेस्ट में से प्रभावित होने वालों की संख्या 20.86 फीसदी है. टीवी9 मराठी के प्रतिनिधि से बात करते हुए प्रशांत थेटे ने यह बात कही है. हालांकि, किसी को आश्चर्य हो सकता है कि नासिक के निवासियों ने कोविड केंद्रों और अस्पतालों से मुंह क्यों मोड़ लिया है। यही हम जानने की कोशिश करेंगे।
2022/01/24 14:51:40
https://samacharnama.com/city/nashik/nashik-corona-havoc-in-nashik-but-dew-in-kovid-centers-and/cid6217094.htm
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Startup India Kya Hai? Benefits of Startup India in Hindi Entrepreneurship Benefits of Startup India Kya Hai? Hi friends! क्या आपको पता है कि Startup India Kya Hai? आज के समय में जहाँ अधिकतम लोग अपना खुद का व्यापार शुरू करना चाहते हैं, entrepreneur बनना चाहते हैं; शायद आप भी यह जानते होंगे कि Startup Kya Hota Hai? अगर आपको यह भी नहीं पता कि स्टार्ट-अप कंपनी क्या होता है? तो आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है. आज मैं आपसे इसी विषय पर बात करूँगा कि Startup India Kya Hai? Startup Company Kya Hai? फ्रेंड्स, सबसे पहले हम यह जानते हैं कि एक स्टार्ट-अप क्या होता है? साहित्यिक अर्थ की बात करें, तो नवोन्मेष, नवाचार से मिलता-जुलता शब्द है स्टार्ट-अप. अंग्रेजी में इसका मतलब है – अचानक उदय होना, उगना, आगे बढ़ना वगैरह. इस अर्थ में नए किस्म के कारोबार में जुडी नयी कंपनियों को startup company कहते हैं. India me Startups ki Shuruaat Kaise Hui? भारत में e-retail से जुडी ज्यादातर नयी कंपनियां स्टार्ट-अप हैं. इनके मालिक और प्रबंधक नए हैं. यह शब्द बीसवीं सदी के अंतिम वर्षों में Dot-Com (.com) Boom और Bubble के वक़्त ज्यादा लोकप्रिय हुआ. इन कंपनियों के साथ विफलता और सफलता का भारी उतार-चढ़ाव और जोखिम भी जुड़ा है. इसके साथ ही इन्टरनेट की नयी तकनीक का इस्तेमाल भी जुड़ा है. भारत में यह नया चलन है. अमेरिका में छात्र कारोबार शुरू करने के बारे में सोचता है. भारत में अभी तक नौजवान नौकरी को वरीयता देते हैं, लेकिन अब स्थितियां थोड़ी बदल रही हैं. अब आते हैं अपने मुख्य मुद्दे पर कि आखिर ये Startup India Kya Hai? तो मैं आपको बता दूँ कि Startup India भारत सरकार की एक पहल है, एक स्कीम है, एक योजना है, जिसका 15 अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले से अपने भाषण में उल्लेख किया था. यह 16 जनवरी, 2016 को शुरू हुआ. Startup India Yojana मुख्यतः निम्न तीन बिन्दुओं पर काम करता है: सरलीकरण और सहायता आर्थिक सहयोग और प्रोत्साहन उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी. इस पहल के साथ-साथ इस बात का प्रयास भी हो रहा है कि ऐसी गतिविधियाँ रोकी जाएँ, जो उद्यमियों की राह में रोड़े अटकाती हैं. मसलन, लाइसेंस, भूमि अधिग्रहण की अनुमति, पर्यावरणीय स्वीकृत वगैरह. सरकार ने नए आईडिया के साथ कारोबार शुरू करनेवालों के लिए 'Startup India Standup India' का नारा दिया है. वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि स्टार्टअप के लिए अब एक नया टीवी चैनल भी शुरू किया जाएगा, जिससे भावी उद्यमीयों को आसानी से जानकारी मिल सके. Benefits of Startup India in Hindi Startup India Kya Hai? इसके बारे में तो आपको पता चल ही गया होगा. अब हम जानते हैं कि सरकार के इस Startup India Yojana ke Phayde Kya Hai? इसके तहत स्टार्टअप के लिए self-certification आधारित compliance होगा. Patent Application Fees में 80%की छूट मिलेगी. सरकार देशभर में incubation center खोलेगी. तीन साल तक स्टार्टअप का कोई inspection नहीं किया जाएगा. Share Market Value से ऊपर के इन्वेस्टमेंट पर टैक्स में छूट मिलेगी. लाभ होने पर भी तीन साल तक स्टार्टअप को आयकर में छूट मिलेगी. प्रमुख शहरों में पेटेंट के लिए consultation की फ्री व्यवस्था की जाएगी. Fast Exit Policy बनायी जायेगी. Capital Gain Tax की छूट मिलेगी. तो ये कुछ महत्वपूर्ण फायदें हैं Startup India Scheme के, इनमें से जो सबसे बढ़िया लाभ मुझे लगा कि अब सरकार द्वारा 10 हजार करोड़ रूपए का फण्ड बनाया जाएगा, जिसमें से प्रत्येक साल 2500 करोड़ रूपए का फण्ड startups को मिलेगा. Conlusion: Startup India Kya Hai? तो फ्रेंड्स! बस यही है Full Information of Startup India in Hindi. मुझे आशा है कि आपको यह आर्टिकल Startup India Kya Hai? अच्छा लगा होगा. और अब आपको यह भी अच्छे-से पता चल गया होगा कि Startup Company Kya Hota Hai? Entrepreneurship की राह में कदम रखने वाले युवा उद्यमियों के लिए Startup India Kya Hai? इससे सम्बंधित अगर आपके मन में किसी भी तरह का कोई सवाल हो, तो निचे Comment कर जरुर बताएं. अगर आप इसी तरह का और Business Blogs in Hindi पढना चाहते हैं, तो आप हमें follow कर सकते हैं.
2020/07/07 04:01:10
https://mnhemant.com/startup-india-kya-hai/
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पार्टी विरोधी गतिविधियों पर सपा नेतृत्व सख्त, करीबियों को किया बर्खास्त > News85.in पार्टी विरोधी गतिविधियों पर सपा नेतृत्व सख्त, करीबियों को किया बर्खास्त पार्टी विरोधी काम और खींचतान पर समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने सख्त रुख अपना लिया है। पार्टी ने शुक्रवार को सुनील यादव 'साजन', आनंद भदौरिया, रामेश्वर यादव के बेटे सुबोध यादव को बर्खास्त कर दिया है। कैबिनेट मंत्री पंडित सिंह को कड़ी चेतावनी दी गई है। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इस बात की पुष्टि की है। समाजवादी पार्टी ने करीबियों और चहेतों को बर्खास्त किया है.सुनील यादव और आनंद भदौरिया अखिलेश यादव के चहेते बताए जाते हैं। भदौरिया लखीमपुर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके है तो सुनील यादव दर्जा प्राप्त मंत्री रह चुके हैं। दोनों अखिलेश यादव की कोर टीम के मेंबर थे। रामेश्वर यादव भी सपा नेतृत्व के करीबी रहे हैं। बागी सुबोध यादव का पंचायत चुनावो में सीओ के साथ गली-गलौज का ऑडियो रिलीज हुआ था। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कई जिलो में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों का विरोध किया जा रहा है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव तक इसकी शिकायतें पहुंच रहीं थीं। माना जा रहा है कि इन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर सभी जिला इकाइयों को संदेश देने की कोशिश की गई है। सपा ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट चेतावनी दी है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ काम करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी दी गई है वे अगर चुनाव नहीं जिता पाएंगे तो उनकी कुर्सी भी खतरे में पड़ सकती है।
2021/10/27 04:46:30
https://news85.in/%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%80-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%A7%E0%A5%80-%E0%A4%97%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82/
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16 killed due to flyover crash in Varanasi ,वाराणसी में फ्लाईओवर गिरने से 16 की मौत वाराणसी में फ्लाईओवर गिरने से 16 की मौत Last updated: 16-05-2018 16:56:15 PM उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंगलवार को फ्लाईओवर गिरने की खबर आई है. इस निर्माणधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर गया है. इस घटना में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है. इसके साथ ही इस घटना में कई मजदूरों के घायल होने की खबर है. घायल लोगों को जिला अस्पताल में भारती करा दिया गया है. घटना की सूचना मिलते ही राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य घटनास्थक पर पहुँच गये. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जिला प्रशासन को लोगों को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया है. मौके पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल की टीम पहुंची और राहत व बचाव का कार्य शुरू किया. फ्लाईओवर के टूटे खंबे से उसके नीचे कई वाहन और लोगों के दबने की खबर थी. वाराणसी जिला प्रशासन के अधिकारीयों के मुताबिक कैंट रेलवे स्टेशन के पास कई महीनों से बन रहा ओवरब्रिज का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार शाम को अचानक गिर पड़ा. अधिकारीयों के अनुसार फ्लाईओवर के जमीन पर गिरते ही लगभग 50 लोग मलबे में दब गये थे.मलबे क एनिचे लोगों के दबे होने से मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका थी.
2019/02/18 12:09:31
http://www.newstimesindia.com/newsdetail/16-killed-due-to-flyover-crash-in-Varanasi%0A/9181.html
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विराट कोहली सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, जो रूट से तुलना गलत: पीटरसन Thursday, November 03, 2016-9:15 PM नई दिल्ली : इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन का मानना है कि जो रूट और विराट कोहली के बीच तुलना करना उचित नहीं है क्योंकि भारतीय टेस्ट कप्तान आंकड़ों के मामले में यार्कशर के बल्लेबाज से मीलों आगे है। बेहतरीन फार्म में चल रहे कोहली की अक्सर इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट से तुलना की जाती है जिसके बारे में पीटरसन का कहना है कि यह उचित तुलना नहीं है। पीटरसन ने 'द क्रिकेटर' पत्रिका से कहा, ''कोहली बेहतरीन बल्लेबाज है। वह हमेशा चुनौती के लिए तैयार रहता है। रूट के आंकड़े अच्छे हैं लेकिन जो की तुलना विराट से करना अनुचित है क्योंकि विराट के आंकड़े बेजोड़ हैं। '' उन्होंने कहा, ''वह इतना आक्रामक होकर खेलता है कि कभी कभी लगता है कि क्या वह गंभीर है। जिस तरह से वह अपनी टीम के लिए बड़ी पारियां खेलता है वह अद्भुत है। '' कोहली का एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में लक्ष्य का पीछा करते हुए औसत 60 से ऊपर है। इस संदर्भ में पीटरसन ने कहा, ''मैंने टीवी खोला और उसे धर्मशाला में (न्यूजीलैंड के खिलाफ) नाबाद 85 रन बनाते हुए देखा। यह शानदार पारी थी। उसके पास स्ट्राइक रोटेट करने और गेंद को सीमा रेखा तक पहुंचाने की अद्भुत क्षमता है। '' इंग्लैंड को अब भारत के खिलाफ रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और अमित मिश्रा की स्पिन त्रिमूर्ति से जूझना होगा। अश्विन ने हाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की 3-0 से जीत में 27 विकेट लिए थे। पीटरसन ने कहा, ''अश्विन अच्छा गेंदबाज है। वह अपने वैरीएशन का बहुत अच्छा उपयोग करता है। वह हमेशा आक्रमण पर ध्यान देता है। जब मैं उसके खिलाफ खेला तो मैंने उसका दूसरा समझ लिया और इसलिए मुझे दिक्कत नहीं हुई लेकिन यदि इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने दूसरा नहीं समझा तो उन्हें परेशानी होगी। कम उछाल से चुनौती और बढ़ जाएगी लेकिन भारत में खेलने पर यह चुनौती का हिस्सा होता है।'' उन्होंने कहा, ''बल्लेबाज को भारत में गेंद को सीमा तक पहुंचाने के विकल्प ढूंढने पड़ते हैं। यह स्ट्राइक रोटेट करने और और क्षेत्ररक्षण के आकलन से जुड़ा है। मुझे भारत में खेलने में दिक्कत नहीं हुई। मैंने यहां खेलने का आनंद उठाया। मैंने यहां काफी शतक बनाए हैं। '' भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच नौ नवंबर से राजकोट में खेला जाएगा।
2017/10/16 22:17:42
http://www.punjabkesari.in/sports/news/batsman-virat-kohli-534805
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"कालो" राजस्थान की एक चुड़ैल का रहस्य क्या है? जानिए - Natural News कुलभाटा के बर्बाद होने का कारण एक कालो(kaalo) नाम की चुड़ैल को माना जाता है। कहा जाता है कि इस चुड़ैल ने गाँव में अपना आतंक फैला रखा था। ये चुड़ैल कुलभाटा के जवान लड़कियों को मार कर उसकी बलि चढ़ाती थी जिससे वो अमर हो जाये। इसी के कारण गाँव वालो ने अपनी लड़कियों को घर से बहार निकलने से मना कर दिया। लेकिन फिर भी गाँव वाले इस चुड़ैल से परेशान थे। तब इन लोगो ने किसी ओझा को बुला कर उस चुड़ैल को पकड़ा और उसको उसी रेतीले रेगिस्थान में दफना दिया। लेकिन असली मुसीबत अब शुरू होने वाली थी। कालो को मारकर दफ़नाने के बाद भी वो गाँव में वापस आगई। और इस बार वो ज्यादा ख़ौफ़नाक हो गयी थी जिसको कोई नहीं मार सकता था। और इसने गाँव वालों से अपना बदला निकलना शुरू कर दिया। उसी की डर से गांव वालों ने एक ही दिन में पूरा कुलभाटा खली कर दिया और वहाँ से रवाना हो गए। इसी कहानी पर 2010 में एक फिल्म निकली गयी जिसका नाम 'कालो' ही रखा गया। जिसमें कुछ लोग एक बस में सफर कर रहे होते है और कुलभाटा की तरफ चल पड़ते है। जिससे कालो चुड़ैल एक एक करके सबको मारने लगती है।
2022/06/27 23:55:03
https://naturalnews.co.in/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%8B-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%8F%E0%A4%95-%E0%A4%9A%E0%A5%81%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%88/
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7th Pay Commission: Big gift to lakhs of pensioners, DR hike order issued, Pension will increase this much in April with arrears | लाखों पेंशनरों के लिए खुशखबरी, महंगाई राहत में इजाफा, जानें कितनी बढ़कर मिलेगी पेंशन | 7th CPC Today Home देश लाखों पेंशनरों के लिए खुशखबरी, महंगाई राहत में इजाफा, जानें कितनी बढ़कर... लाखों पेंशनरों के लिए खुशखबरी, महंगाई राहत में इजाफा, जानें कितनी बढ़कर मिलेगी पेंशन केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशनभोगियों का महंगाई राहत (Dearness Relief - DR) 1 जनवरी 2022 से 3% बढ़ाकर 34% कर दिया गया है। नई दिल्ली, डेस्क डेस्क। 7th Pay Commission: केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों की तरह केन्द्रीय पेंशनरों को भी मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। मोदी सरकार ने पेंशनरों और फैमिली पेंशनरों के महंगाई राहत को रिवाइज किया है, इसके बाद पेंशनरों की महंगाई राहत 31% से बढ़कर 34% हो गई है।यह 1 जनवरी 2022 से लागू होगा। इस संबंध में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने आदेश जारी कर दिया है । यह भी पढ़े.. MP TET पेपर लीक मामला: व्हिसल ब्‍लोअर डॉ. आनंद राय दिल्‍ली से गिरफ्तार पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Department of Pension & Pensioners Welfare) ने बताया कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशनभोगियों का महंगाई राहत (Dearness Relief – DR) 1 जनवरी 2022 से 3% बढ़ाकर 34% कर दिया गया है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने ट्वीट के जरिये इसकी जानकारी दी।पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग ने ट्वीट किया कि DoPPW ने 01.01.2022 से केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को देय मंहगाई राहत को मूल पेंशन/पारिवारिक पेंशन की मौजूदा दर 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 प्रतिशत करने के आदेश 05.04.2022 को जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक, केंद्र सरकार सहित केंद्र सरकार के पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगी पीएसयू/स्वायत्त निकायों में एब्जोर्बी पेंशनर्स जिनके संबंध में इस विभाग के कार्यालय ज्ञापन संख्या 4/34/2002-पी एंड पीडब्ल्यू (डी) खंड ढ्ढढ्ढ दिनांक 23.06.201 7 के तहत आदेश जारी किए गए हैं, ताकि 15 साल की कम्यूटेशन अवधि की समाप्ति के बाद पूर्ण पेंशन की बहाली हो सके।वही सशस्त्र सेना पेंशनभोगियों और नागरिक पेंशनभोगियों को रक्षा सेवा अनुमानों से भुगतान किया गया।इसमें अखिल भारतीय सेवा पेंशनभोगी, रेलवे पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगी, पेंशनभोगी जो अनंतिम पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। यह भी पढ़े.. कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, 2022 में वेतन में होगी 8 से 12% तक वृद्धि! सैलरी में आएगा बंपर उछाल वही बर्मा/पाकिस्तान से विस्थापित सरकारी पेंशनभोगियों के बर्मा नागरिक पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगी और पेंशनभोगी/परिवार, जिनके संबंध में इस विभाग के दिनांक 11.09.2017 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 23/3/2008-पी एंड पीडब्लू (बी) के तहत आदेश जारी किए गए हैं।पेंशनभोगी पोर्टल की वेबसाइट के अनुसार डीआर को आम तौर पर मार्च और सितंबर के महीनों के दौरान साल में दो बार बढ़ाया जाता है। DoPPW has issued orders on 05.04.2022 for enhancing the Dearness Relief admissible to Central Government pensioners/family pensioners from the existing rate of 31% to 34% of the basic pension/family pension w.e.f 01.01.2022. @DrJitendraSingh @DARPG_GoI @DoPTGoI @PIB_India pic.twitter.com/6ENzxKGcNn — DOPPW_India (@DOPPW_India) April 6, 2022 Previous articleजल्द भरे जाएंगे रिक्त पद, PM Modi ने सचिवों को दिए निर्देश, रोजगार सृजन पर कई अहम बात
2022/05/18 10:09:09
https://mpbreakingnews.in/national/7th-pay-commission-big-gift-to-pensioners-dr-hike-again-pension-will-increase-so-much-from-april-mpk/
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पुंछ में LOC के पास जंगल में लगी भीषण आग, घुसपैठियों के लिए बनाई गई कई बारूदी सुरंगों में हुआ विस्फोट | several landmine explosions after forest fire at loc in Poonch - Hindi Oneindia जम्मू कश्मीर में ग्रामीणों ने लश्कर के दो आतंकियों को बंधक बनाया 3 min ago तमंचे चलाने वाले हाथ अब 'खादी' बुनकर 'बापू' के 'सपनों को कर रहे साकार 16 min ago जमीन विवाद के चलते आदिवासी महिला को डीजल डालकर जिंदा जलाया 25 min ago Assam Flood : 27 जिलों के 22 लाख से अधिक लोग प्रभावित, दो महीने में 174 मौतें | Updated: Wednesday, May 18, 2022, 22:16 [IST] श्रीनगर, मई 18। जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में एलओसी के पास जंगल में बुधवार को भीषण आग लग गई। आग लगने की घटना के बाद कई बारूदी सुरंग में भी विस्फोट हुए, जिसकी वजह से आग और बढ़ गई। आधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है और बताया है कि यह आग सोमवार से शुरू हुई थी, जो बुधवार को भारतीय सीमा तक आ गई और मेंढर सेक्टर में आग की वजह से आधा दर्जन बारूदी सुरंगों में विस्फोट हो गया। घुसपैठियों के लिए तैयार की थी बारूदी सुरंग आपको बता दें कि मेंढर सेक्टर में एलओसी के पास यह बारूदी सुरंगें घुसपैठियों के लिए तैयार की गई थी। घुसपैठिए जब इन सुरंगों से गुजरते हैं तो विस्फोट होता है, जिसमें वो मारे जाते हैं। फॉरेस्टर कनार हुसैन शाह ने कहा है कि जंगल की आग पिछले तीन दिनों से भड़क रही है, हम सेना के साथ मिलकर आग पर काबू पा रहे हैं। आग पर काबू पा लिया गया था लेकिन आज सुबह यह दरमशाल ब्लॉक में शुरू हुई और तेज हवाओं के कारण आग फिर से फैल गई। आज फिर ली गई सेना की मदद हुसैन शाह ने बताया कि बुधवार को जब आग तेजी से फैलने लगी तो सेना की फिर से मदद ली गई और फिर आग पर काबू पा लिया। हालांकि इस दौरान आग सीमावर्ती गांव तक पहुंच गई थी। अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि राजौरी जिले में सीमा के पास सुंदरबंदी क्षेत्र में एक और भीषण आग लग गई जो कि नजदीकी वन क्षेत्रों में फैल गई। ये भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर: बांदीपोरा में टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 7 गिरफ्तार
2022/07/03 08:06:23
https://hindi.oneindia.com/news/jammu-and-kashmir/several-landmine-explosions-after-forest-fire-at-loc-in-poonch-681424.html?ref_source=OI-HI&ref_medium=Desktop&ref_campaign=Left_Include_Sticky
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भारत-पाक सीमा पर करोड़ों की हेरोइन बरामद Jaihindustannews - भारत-पाक सीमा पर करोड़ों की हेरोइन बरामद चंडीगढ़। भारत-पाकिस्तान सीमा पर फिरोजपुर में बीएसएफ ने उस पार से करोड़ों की हेरोइन बरामद की है। पकड़ी गई हेरोइन की कीमत करोड़ों रुपये है। जानकारी के अनुसार, अल सुबह बीएसएफ-32 बटालियन के जवान चेक पोस्ट ममबोके के पास गश्त दौरान मौजूद थे, उसी समय बीएसएफ के जवानों ने उस पार कुछ हलचल होने की आशंका पाई। बीएसएफ ने जब गंभीरता से देखा तो कुछ पाकिस्तानी तस्कर सीमा पर इस ओर आगे बढ़ रहे थे। बीएसएफ के जवानों ने उन्हें ललकारते हुए फायरिंग की तो पाकिस्तानी तस्कर तीन पैकेट (1 किलो,200 ग्राम) हेरोइन वहीं पर छोडक़र अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गये। बीएसएफ जवानों द्वारा जांच जारी है।
2022/06/29 00:35:23
https://jaihindustannews.com/crores-heroin-recovered-on-indo-pak-border/
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Anjali Rawat SSC Stenographer: पौड़ी गढ़वाल की अंजलि रावत ने कर्मचारी चयन आयोग स्टेनोग्राफर ग्रेड डी... उत्तराखंड के गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा आंचल का अमेजॉन में चयन By SunilOctober 18, 2022 Uttarakhand Anchal Devrani Amazon: 80 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड में इंटर्नशिप के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कंपनी अमेज़न...
2022-11-28T15:19:52Z
https://devbhoomidarshan17.com/category/uttarakhand-bulletin/pauri-garhwal/
OSCAR-2301
समुद्री सफाई अभियान 'ओशियन क्लीनअप' का हुआ शुभारम्भ Home यूपीएससी / पीएससी एमपी पीएससी समुद्री सफाई अभियान 'ओशियन क्लीनअप' का हुआ शुभारम्भ समुद्री सफाई अभियान 'ओशियन क्लीनअप' का हुआ शुभारम्भ विश्व भर में समुद्रों से प्रदूषण हटाने तथा समुद्रों की सफाई करने के लिए अब तक का सबसे बड़ा अभियान 'ओशियन क्लीनअप' कैलिफ़ोर्निया से आरंभ किया गया है। इसका उद्देश्य समुद्र से प्लास्टिक तथा अन्य कचरा निकालना एवं समुद्र को प्रदूषित होने से बचाना है। इस अभियान की शुरुआत करने वाले बोयान स्लाट नामक 24 वर्षीय युवा हैं। उनके अभियान को विश्व भर के वैज्ञानिकों ने समर्थन दिया। छह वर्ष तक इस प्रोजेक्ट पर काम करने के बाद इसे 08 सितंबर 2018 को लॉन्च किया गया है। इस अभियान के तहत समुद्र में 'यू' आकार का 2,000 फुट का कलेक्शन सिस्टम डाला गया है जिसकी मदद से पानी में मिले कचरे को अलग किया जाता है। इस अभियान के तहत सबसे पहले कैलिफॉर्निया से हवाई तक लगभग 6,00,000 किलोमीटर के क्षेत्र में समुद्री क्षेत्र को साफ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अभियान का लक्ष्य है कि हर साल समुद्र से करीब 50 टन कचरा साफ किया जा सके। अनुमानित क्षेत्र 1.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर अर्थात टेक्सास के आकार से दोगुना अथवा फ्रांस के आकार का तीन गुना है। इस क्षेत्र में 80 हज़ार टन प्लास्टिक कचरा होने का अनुमान है जो कि 500 जंबो जेट विमानों के वजन के समान है। यही नहीं समुद्र से निकाले जाने के बाद उन प्लास्टिक के कचरों को रिसाइकल करने की भी योजना बनाई गई है। तरीका? बोयान स्लाट और उनकी टीम ने पैसिव ड्रिफ्टिंग सिस्टम नाम से एक विधि तैयार की है जिसमें पानी की सतह पर 600 मीटर लंबा एक फ्लोटर लगाया गया है। इसमें तीन मीटर गहराई तक एक जाल लगाया गया है जिस पर समुद्री किनारों से आने वाला कचरा एकत्रित होता है। जैसे-जैसे इस फ्लोटर के साथ कचरा जमा होता जाता है, यह 'यू' आकार में आता रहता है। कचरा एकत्रित हो जाने पर इसे समुद्री जहाज के साथ बांध कर किनारे तक लाया जा सकता है। इसमें प्राप्त हुए प्लास्टिक कचरे को रीसायकल करके उसे पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। बोयान स्लाट कौन है? बोयान स्लाट डच का नागरिक है। बोयान जब सिर्फ 18 साल के थे तभी उन्होंने द ओशियन क्लीनअप नामक संस्था की शुरुआत की थी। बोयान अब से आठ साल पहले जब 16 साल के थे तब उन्होंने समुद्र मार्ग से ग्रीस की यात्रा की और उस दौरान वे समुद्र में प्लास्टिक कचरे के अम्बार देख कर हैरान हुए। बोयान ने ग्रीस जाने के दौरान समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक देखी तो इस अभियान पर काम करने का निर्णय लिया।
2019/04/19 17:23:48
https://pratiyogitasetu.com/current-affairs/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%85%E0%A4%AD%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%93%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%AF/3971/
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गर्मियों के मौसम में नींबू भी एक ऐसा फल है जो कई औषधियों गुणों का खजाना है. आइए जानते हैं नींबू से होने वाले सेहतमंद फायदे विस्तार में. स्वस्थ शरीर के लिए हमारी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना बहुत जरूरी है, क्योंकि किसी भी बाहरी वातावरण, प्रदूषण या संक्रमण से लड़ने के लिए यदि आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है तो आप बहुत जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे. यदि आप अपने आहार में नींबू का उपयोग करते हैं तो यह आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, क्योंकि नींबू के अंदर सबसे अधिक मात्रा में विटामिन C पाया जाता है जो एक शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट है और एक इम्यून बूस्टर के रूप में जाना जाता है. गलत लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हमारे शरीर पर अतिरिक्त चर्बी का भार धीरे-धीरे बढ़ने लगता है, जिससे हमारा वजन भी बढ़ता है और हम भदे दिखने लगते है.
2021-02-24T23:57:34Z
https://www.kalchhinatimes.in/2020/05/blog-post_83.html
OSCAR-2109
पीएम मोदी का 70 वां जन्मदिन "सांप्रदायिक सद्भाव / राष्ट्रीय एकता दिवस" ​​के रूप में मनाया जाएगा – Siasat Daily Categories: Featured NewsEditorial पीएम मोदी का 70 वां जन्मदिन "सांप्रदायिक सद्भाव / राष्ट्रीय एकता दिवस" ​​के रूप में मनाया जाएगा भारत के प्रधान मंत्री और वैश्विक शांतिदूत श्री नरेंद्र मोदी की 17 सितंबर, 2020, I, को, MANUU और मुस्लिम समुदाय की ओर से, की जन्मशती के शुभ अवसर पर, मैं दिल और आत्मा की अपनी भावनाओं से अवगत कराता हूं कि इस अवसर को मनाया जाए। "सम्प्रदाय सौहाद दिवस" (सांप्रदायिक सद्भाव / राष्ट्रीय एकता दिवस) के कारण देश और दुनिया के सभी सामाजिक-धार्मिक वर्गों के बीच विश्व स्तर पर सबसे अधिक पूजनीय राजनेता बनने के लिए उनकी व्यापक स्वीकृति है। जब पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को "बाल दिवस" ​​के रूप में मनाया जा सकता है और डॉ। एस राधाकृष्णन के जन्मदिन को "शिक्षक दिवस" ​​के रूप में मनाया जा सकता है, तो पीएम मोदी के जन्मदिन को "कम्युनिटी हार्मनी दिवस" ​​के रूप में क्यों नहीं मनाया जा सकता है? बख्त एक सवाल पूछता है। श्री नरेन्द्र मोदी ने साबित कर दिया है कि मुस्लिम देशों के बीच, वे सभी सात नेताओं के रूप में दुनिया के सबसे लोकप्रिय होने के लिए होते हैं, उन्होंने भारतीय प्रधान मंत्री को अपने सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया है जो भारतीय मुसलमानों के लिए गर्व की बात है। यह 17 मार्च 2016 को भारत में अंतर्राष्ट्रीय, "विश्व सूफी सम्मेलन" आयोजित करने का श्रेय श्री मोदी को जाता है। जबकि दुबई ने पहले हिंदू मंदिर का निर्माण किया, सऊदी अरब ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान "रामायण" का अरबी अनुवाद प्रकाशित किया। बार-बार, प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समुदाय के बारे में कहा, "मैं चाहता हूं कि मुसलमान एक हाथ में पवित्र कुरान और दूसरे में कंप्यूटर रखें।" एक अन्य मौके पर उन्होंने कहा, "मुसलमान हमारे बेटे और बेटियों की तरह हैं और हम दूसरों के साथ बराबरी का व्यवहार करना चाहते हैं।" मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन, भारत की प्रगति और सुरक्षा के लिए कोविद -19 से स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करने वाले सभी धार्मिक महत्व के स्थानों का विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं। चांसलर, मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद मोबाइल: 9810933050 This post was last modified on September 17, 2020 11:30 am कोविड-19: महाराष्ट्र पुलिस में लगातार बढ़ रहे हैं संक्रमण! महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण का केस थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र पुलिस के बीच पिछले 24 घंटों… कोविड-19: भारत में संक्रमित लोगों की संख्या 75 लाख के पार! भारत में कोरोनोवायरस के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। देश में पिछले 24 घंटों में 55,722 नए मामलों…
2020/10/20 01:04:39
https://hindi.siasat.com/news/pm-modis-70th-birthday-be-celebrated-communal-harmony-national-integration-day-1222004/amp/
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ऋषिकेश – बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में भारतीय संविधान के शिल्पी व भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया। ​ ​ ​ गुरुवार को बाबा साहेब के चित्र पर श्रद्धासुमन कर उन्हें स्मरण किया गया। काबीना अग्रवाल ने कहा कि बाबा साहेब एक युग दुष्टा थे। जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ऐसे समतामूलक समाज की स्थापना को समर्पित किया। जिसका लक्ष्य देश की उन्नति, सर्वजन कल्याण हो। कहा कि बाबा साहेब शोषितो और वंचितों के अधिकारों की मुखर आवाज़ थे। उन्होंने देश को ऐसा संविधान भेंट किया। जो आज भी हमारा सर्वश्रेष्ठ मार्ग दर्शक है। उनका जीवन हमारे लिए सदैव प्रेरणा स्रोत रहेगा। अग्रवाल ने कहा कि देश में जातिवाद समाप्त हो, सभी को सामाजिक समानता के अवसर उपलब्ध हो, यह बाबा साहब का सपना था। आज आवश्यकता है उनके संघर्षों एवं विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपना जीवन दलित, शोषित, उपेक्षित और कमजोर वर्गों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों का आह्ववान किया कि वे बाबा साहेब के आदर्शों का अनुसरण कर समानता और समरसता पर आधारित शोषण मुक्त समाज बनाने में अपना सक्रिय योगदान दें।इस मौके पर पूर्व दायित्व धारी संदीप गुप्ता, अमर खत्री, अम्बर गुरु, अमन कुकरेती, जगावार सिंह, मधुसूदन अग्रवाल, शिव भट्ट, खुमेंद्र आदि मौजूद रहे।
2022-11-30T17:21:00Z
https://www.dainikyognagarinews.com/archives/32007
OSCAR-2301
cholesterol Hindi News | Latest Hindi News | punjabkesari.in 02 JULSATURDAY2022 1:35:42 PM 40 नहीं 20 की उम्र में भी बढ़ सकता है 'Cholesterol', इन संकेतों से करें पहचान हमारे शरीर में मोम या वसा की तरह एक तरल पदार्थ होता है। यही कोलेस्ट्रॉल व लिपिड कहलाता है। साथ ही शरीर में गुड़ व बैड 2 तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं। Women Health: कब बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल, देसी नुस्खों से करें कंट्रोल दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक का जोखिम 45 की उम्र के बाद अधिक होता है लेकिन युवावस्था में ही कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखना ताउम्र स्वस्थ रहने के लिए काफी जरूरी... कोलेस्ट्रोल बढ़ने पर शरीर देता है ये 8 संकेत, युवाओं में सबसे अधिक देखे जा रहे लक्षण कोलेस्ट्रॉल होना शरीर में बहुत सामान्य सी बात है लेकिन अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो इससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल आपको दिल का रोगी बना सकता है तो वहीं दूसरी ओर इससे आपको बहुत सारी बीमारियों के होने का खतरा भी हो जाता है। इसलिए इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। अगर आपका कोल तेजी से बढ़ रही है हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या, कंट्रोल करने के लिए डाइट में शामिल करें ये पांच फूड्स आज के दौर में लोग अपने काम काज में इतना व्यस्त हो गए हैं कि उनकी पूरी जीवन शैली ही बदल गई है। रोजाना किसी तरह की शारीरिक गतिविधि न करना और घर पर यां आफिस में हर वक्त बैठे रहना , अच्छा खान-पान न मिलना इत्यादि से कोलेस्ट्रॉल की समस्या बहुत पैदा हो रही हैं। कई रिसर्च के मुताबिक यह पाया गया हैं कि दुन आंखों पर पड़े सफेद निशान कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संंकेत, इन तरीकों से पाएं छुटकारा आपने अक्सर लोगों की आंखों के आसपास पपड़ीदार परत जमी हुई देखी होगी। इसके कारण आंखों के पास सफेद निशान पड़ने लगते हैं। इसे साफ करने व हटाने के लिए लोग क्रीम व अलग-अलग घरेलू नुस्खों को अपनाते हैं। मगर फिर भी कोई खास फायदा नहीं मिल पाता है। दरअसल, आंखों के इर्द- गिर्द जमा ये परत शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अखरोट खाने से नहीं बढ़ेगा कोलेस्ट्रॉल, बस जान लें सही तरीका ब्लड में कोलेस्ट्रॉल अधिक बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकना अपने आप में एक चैलेंज है। ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने पर डॉक्टर भी सबसे पहले खानपान में परहेज करने की सलाह देते है दिल की बीमारियों का सीधा कनैक्शन कोलेस्ट्रॉल से है। कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए जरूरी है लेकिन अगर यह बढ़ जाए तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ा देता है। हमारे शरीर में गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल दोनों ही पाए जाते हैं। जिसे आप अपनी डाइट के जरिए बैलेंस में रख सकते हैं। आज के इस पैकेज में हम खून में जमा बैड कोलेस्ट्रॉल बाहर निकालने में मदद करेंगी प्रोटीन से भरपूर ये चीजें शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से आजकल कई लोग परेशान हैं। इसके पीछे कारण अनहैल्दी चीजों का सेवन और सुस्त जीवनशैली है। यह एक मोम जैसा पदार्थ होता है, जो खून की नसों में जमने लगता है। एक्सपर्ट अनुसार, कोलेस्ट्रॉल अच्छा (गुड) व बुरा (बैड) दो तरह का होता है। आर्टरीज में ब्लॉकेज नहीं होने देगा यह आयुर्वेदिक काढ़ा, कोलेस्ट्रॉल भी होगा कंट्रोल शरीर में कोलेस्ट्रोल का होना सामान्य बात है लेकिन इसका स्तर सामान्य से अधिक हो जाए तो दिल के रोग और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है। वहीं, बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण धमनियों में प्लाक भी जमा हो जाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। मेडिकल भाषा में इसे आर्टरी ब्लॉकेज भी कहते हैं, जो व्यक्त आंखों के ऊपर पपड़ीदार त्वचा या सफेद दाने नजर आ रही है तो यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है। ज्यादातर नाक, गालों व आंखों के नीचे या आसपास से सफेद दाने नजर आते हैं जो देखने में काफी भद्दे लगते हैं। वहीं, समय रहते अगर इसका ना करवाया जाए तो यह हमेशा के लिए रह जाते हैं। आंखों के ऊपर जमा द आपने देखा कि कुछ लोगों की आंखों के आस-पास सफेद निशान, परत यानि टैग जमा होते हैं। ऐसा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने की वजह से होता है, जिसे जैंथेलाज्मा... दही हमारी सेहत के लिए अत्याधिक लाभदायक है। दही में मौजूद कैल्शियम हड्डियों को जहां मजबूत बनाता है वहीं दही का नियमित रूप से सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी की समस्या भी दूर रहती है, लेकिन इसी बीच आपको बता दें कि कुछ लोगों के लिए दही का सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। अगर हर दिन दही का ऑफिस लाइफ को आसान बनाएंगे ये टिप्स, दिल और दिमाग दोनों रहेंगे स्वस्थ आजकल व्यक्ति के पास पैसा और जरुरत की सभी चीजें मौजूद हैं। मगर कहीं न कहीं इन सबको पाने के पीछे इंसान अपनी सेहत के साथ ... सेहत से जुड़ी कोई भी परेशानी होने पर कड़वी दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। इससे शरीर को तो आराम मिल जाता है...
2022/07/02 08:05:44
https://nari.punjabkesari.in/tags/cholesterol
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Coronavirus Current News: Coronavirus का खौफ पहली बार प्रधानमंत्री होली समारोह पर नहीं होंगे शामिल HomehealthCoronavirus Current News: Coronavirus का खौफ पहली बार प्रधानमंत्री होली समारोह पर नहीं होंगे शामिल India Media World March 03, 2020 नोएडा में कोरोना वायरस का मामला आया सामने है 6 रिपोर्ट नेगेटिव कोच्चि लग्जरी क्रूज शिप में 459 यात्रियों की स्क्रीनिंग हुई। भारत सरकार ने ईरान इटली दक्षिण कोरिया और जापान का वीजा भी किया रद्द। भारत सरकार इटली से हुए विमान के यात्रियों की पूरी जा जांच कर सकती है क्योंकि वही से आए हुए विमान में 1 यात्री कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया। Coronavirus का खौफ न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे संसार में फैला हुआ है कोरोना वायरस से सभी परेशान और डरे हुए हैं ऐसे में कल एक नोएडा में के स्कूल मैं एक बच्चे को कोरोना वायरस से संक्रमित बताया गया था उसके साथ साथ छह लोगों की भी रिपोर्ट सामने आई है जो कि नेगेटिव है वहीं इटली से आए हुए 15 सैलानियों को रोने वाली से पीड़ित हैं लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि वह सब कोरोना वायरस पॉजिटिव है या नहीं करुण रस की बात करें तो चीन में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 2981 हो गया है। Coronavirus Current News भारत सरकार ने अभी एक बड़ा फैसला लिया है उन्होंने इटली इरानी दक्षिणी कोरिया जापान के नागरिकों का वीजा रद्द करा दिया है। Coronavirus Current News कोरोना वायरस को देखते हुए भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है होली के समारोह में वह नहीं होंगे शामिल क्योंकि भीड़भाड़ से बचना चाहिए और वह नागरिक को दे रहे हैं इसी बीच का उदाहरण जितना भी हो सके आप भीड़भाड़ से बचें जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है की दुनिया के विशेषज्ञों ने करोना वायरस के प्रसार से बचने के लिए किसी भी समारोह में भाग न लेने का सलाह दी है जिसको मैं ध्यान में रखते हुए इस वर्ष होली समारोह पर कोई भी होली मिलन कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला नहीं कर रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को बताते हुए यह उदाहरण दिया है कि भारत में जितने भी नागरिक हैं वह किसी भी समारोह में शामिल ना हो भीड़भाड़ से बचें इससे हम कोरोना वायरस से बच सकते हैं और दुनिया को इससे बचा सकते हैं।इसके अलावा भारत सरकार ने लोगों को यह सलाह दी है कि वह भारत हमें ही रहे विदेशों की यात्रा करने से बचें सरकार ने इस इस संदेश को टीवी और एसएम के द्वारा लोगों तक पहुंचाया राष्ट्रीय के राजधानी में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया है दिल्ली सरकार ने भी इस पर कड़ा एक्शन लिए हैं सरकार ने चिकित्सालय कर्मचारियों के रोगियों और अन्य लोगों को 300000 से अधिक एन 95 मास्क की व्यवस्था की है और 230 बिस्तरों की । इसके अलावा कोरोना वायरस का खतरा भारत में अभी भी मंडरा रहा है कोच्चि में आए हुए इटालियन क्रूज शिप कोस्टा विक्टोरिया के कुल 459 यात्रियों की जांच जारी है Coronavirus Current News घबराने की बात यह है कि रूस में भारतीय यात्रियों की संख्या 305 है क्रोना पायरस के प्रकोप को देखते हुए महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि मंगलवार तक 551 विमानों में कुल 65621 छात्रों मुंबई हाईवे अड्डे पर जांच की है इसमें 401 यात्री कोरोना वायरस प्रवाह क्षेत्र से आए थेरुला देने वाली बात यह है कि 152 यात्रियों में लक्षण पाए गए हैं जिन्हें जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी पुणे में भेज दिया गया है। तेलंगाना की बात करें तो वहीं पर तेलंगाना में कीटाणु नाशक छिड़काव किया गया है जहां कोरोना वायरस से एक संक्रमित व्यक्ति रहता था इस इलाके में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कीटाणु नाशक दवाइयों का उपयोग किया गया है और छिड़काव का एक नया कदम उठाया गया है। कल नोएडा में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के चक्कर में आने से लगभग 6 लोगों को टेस्ट के नतीजे नेगेटिव आए हैं लेकिन उनमें 14 दिनों के लिए घर से ना निकले का आदेश मिला है अगर उनमें लक्षण दिखते हैं तो उन्हें दोबारा टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा अभी के के लिए उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इसके अलावा इटली से आए हुए 21 यात्रियों को दिल्ली में आईटीबीपी के आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया है कि वहां पर भी एक कोरोना वायरस संगीत मामला सामने आया है लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है उसकी जांच की जा रही है हो सकता है उसकी नेगेटिव रिपोर्ट आए। जयपुर में इटली से आए हुए एक यात्री को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था जिसे सर्दी खासी जुकाम था लेकिन दोबारा उसकी जांच होने पर उसके नेगेटिव होने का बात सामने आई है लेकिन कुछ दिन बाद उसकी टेस्ट हुई तो उसमें तीसरी बार वह कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है और उसे करोना ग्रसित घोषित कर दिया है।
2020/09/29 05:11:57
https://www.indiamediaworld.in/2020/03/coronavirus-current-news-now.html
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Home Faridabad NCR शरद फाउंडेशन ने भी निभाया कोरोना वारियर्स के रूप में अपना रोल Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : फरीदाबाद की पुरानी और प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था शरद फाउंडेशन ने अपने सामाजिक कार्यों की लकीर को महामारी कोरोना के दौरान और लंबा खींच दिया। संस्थान ने सरकार द्वारा घोषित लॉक डाउन से लेकर अब तक सैकड़ों गरीब परिवारों , प्रवासी मजदूरों को सूखे राशन के साथ साथ , फूड पैकेट्स का भी खूब वितरण किया , उसके अलावा संस्था ने महामारी से बचाव के लिए मास्क, सैनीटाईजर्स आदि भी जनता में वितरित किए । संस्था यूं तो गरीबी असहाय महिलाओं के लिए एक साल से " मासिक अन्न वितरण कार्यक्रम " के माध्यम से हर महीने एक हजार रूपए की राशन किट वितरित कर रही है। ज्ञात रहे शरद फाउंडेशन पिछले दस वर्षों से भी अधिक समय से शिक्षा, कौशल विकास, पर्यावरण, स्वास्थ्य ( योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा ) सामाजिक जनचेतना , महिला अधिकार , आदि कई विधाओं में कार्य कर रहा है। पिछले दो सालों से संस्था शिक्षक एक सृजक कार्यक्रम के माध्यम से राजकीय विद्यालय के उन अध्यापकों को भी अवॉर्ड दे रही है जिनका रिज़ल्ट शत प्रतिशत आता है। यह कार्यक्रम बड़े स्तर पर आयोजित होता है। अभी पिछले दिनों कोरोना महामारी में किए गए कार्यों के लिए उन्हें फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता द्वारा एक सम्मान कार्यक्रम में कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित भी किया गया। शरद फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ हेमलता शर्मा ने बताया कि संस्था अपने सामाजिक सरोकारों के लिए हमेशा तत्पर रहेगी , उन्होंने इस अवसर पर अपनी समस्त टीम का आभार जताया और सेवा में तत्पर सदस्यों एडवोकेट आशा अरोड़ा एवं श्रीमती शिनू जैन का उन्होंने विशेष धन्यवाद किया। Previous articleइस ईद में सभी लॉक डाउन की बंदिशों का भी रखें ख्याल : प्रोफेसर वसीम Next articleइनसो फरीदाबाद ने एसडीएम अमित कुमार को शिक्षामंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन जनगणना एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है : उपायुक्त यशपाल Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 20 फरवरी जनगणना कार्य निदेशालय, हरियाणा के दिशा-निर्देशानुसार जिला स्तर पर जनगणना-2021 के संबध मे लघु सचिवालय के... Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 22 फरवरी। पूर्णत: विधिवत महाशिवरात्रि का त्योहार कंत दर्शन दरबार, सेक्टर-46 में शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया।...
2021/02/24 17:35:09
http://hindustanabtak.com/sharad-foundation-also-played-its-role-as-corona-warriors/
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Chandrashekhar Azad Ravan | Farmers Protest | Bharat Bandh | Home » यूपी पुलिस ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को लिया हिरासत में किसान आंदोलन में हिस्सा लेने जा रहे भीम आर्मी चीफ को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर(Chandrashekhar Azad Ravan) किसानों का साथ दे रहे थे भारत बंद आंदोलन में जिसके चलते यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। चंद्रशेखर के साथ-साथ यूपी पुलिस ने गाजियाबाद से राष्ट्रीय लोकदल के नेता इंदरजीत सिंह को भी हिरासत में ले लिया है। चंद्रशेखर इंद्रजीत सिंह को पुलिस ने तब हिरासत में लिया जब वह भारत बंद आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे। भारत बंद आंदोलन को देखते हुए यूपी पुलिस(Uttar Pradesh Police) ने सभी शहरी इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। भारत बंद आंदोलन को किस का समर्थन मिला भारत बंद को लेकर समाजवादी पार्टी(Samajwadi Party) के लोग रविंद्रपुरी के नाराम बाबा के आश्रम से लंका तक किसान यात्रा निकालना चाह रहे थे। उसी समय वहां पुलिस भारी मात्रा में पहुंची और इस आंदोलन को रोक दिया गया। पुलिस का पूरा इंतजाम किया था कि कोई भी आयोजन स्थल तक ना बहुत सके। जोर जबरदस्ती से पहुंचने वाले लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गुरदास मान ने हाल ही में अपने टि्वटर हैंडल पर किसानों के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा "किसान जिंदाबाद थे और हमेशा रहेंगे"। किसान आंदोलन के चलते सभी किसानों ने आज भारत बंद रखने का आह्वान किया है। इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान शामिल है। ऑल इंडिया किसान संघर्ष को ऑर्डिनेशन कमिटी के तहत भारत बंद(Bharat Bandh) में देशभर के 400 किसान संगठन जुड़े हुए हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत और भी कई राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया है। यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ-साथ शिवपाल यादव की पार्टी और चंद्रशेखर रावण(Chandrashekhar Azad Ravan) की पार्टी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।
2021/09/18 10:50:54
https://hindi.rapidleaks.com/india/up-police-detained-bhim-army-chief-chandrashekhar/
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IIT मंडी ने एफपीओ की स्थापना के लिए नाबार्ड के साथ किया समझौता | Current Affairs Adda247 in Hindi | करेंट अफेयर्स पढ़ें हिंदी में किसान उत्पादक संगठन:- किसान उत्पादक संगठन मूल रूप से किसानों का एक समूह है, जो संगठन में शेयरधारकों सदस्य होते हैं। यह एक पंजीकृत निकाय होता है जो कृषि उपज से संबंधित व्यापारिक गतिविधियों को देखता है और सदस्य किसानों के लाभ के लिए भी कार्य करता है। एनाब्लिंग वीमेन ऑफ़ कामंद (EWOK):- एनाब्लिंग वीमेन ऑफ़ कामंद, आईआईटी मंडी महिला केंद्र द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसे मंडी की 5 पंचायतों कटौला, कटिंडी, नवलया, बथेरी और कामंद में छोटे उद्यमों को स्थापित करने में ग्रामीण महिलाओं की मदद और उन्हें मंडी में उचित मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और जानकारी देने में मदद करने के लिए शुरू की गई है।इस त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार, IIT मंडी और EWOK सोसायटी किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना के लिए समूहों की पहचान करेगी, एफपीओ को स्थापित करने और पंजीकरण करने में सहायता, सहित व्यवसाय विकास योजना बनाने के एफपीओ के सीईओ और निदेशक मंडल को प्रशिक्षित और उनके ऋण को बढ़ाने में मदद करेगी।
2021/10/18 13:53:52
https://hindicurrentaffairs.adda247.com/2020/03/iit-mandi-signs-deal-with-nabard-for.html
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मुंबई से जाते हुए ट्रोल हुईं आराध्या पर कांस में मां ऐश्वर्या के साथ दिल खोलकर हुआ स्वागत | Aishwarya rai bachchan and family get warm welcome in cannes मुंबई से जाते हुए ट्रोल हुईं आराध्या पर कांस में मां ऐश्वर्या के साथ दिल खोलकर हुआ स्वागत Updated May 18, 2022, 16:22 IST credit © instagram/aishwaryaraibachchan_arb ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन अपनी बेटी आराध्या बच्चन के साथ कल मुंबई से फ़्रांस के लिए निकले थे। ऐश्वर्या कांस रेड कार्पेट पर वॉक करने वाली हैं। जब बच्चन परिवार के ये तीनों सदस्य फ़्रांस जाने के लिए मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचे थे तो आराध्या को खूब ट्रोल किया गया था। आराध्या के बालों को लेकर खूब बातें की गई थीं। © zoomnews दरअसल आराध्या के हेयर स्टाइल को लेकर नेटिजंस उन्हें ट्रोल कर रहे थे। ट्रोल्स का मानना था कि आराध्या अब बड़ी हो गई हैं और उनको अब एक नया हेयरस्टाइल मिलना चाहिए। लेकिन मुंबई से जाते हुए जहां आराध्या को खूब ट्रोल किया गया था वहीं फ़्रांस में ऐसा नहीं हुआ है। वहां उनकी मां के साथ आराध्या का शानदार स्वागत हुआ है। इस समय आराध्या के हाथों में सुंदर सा गुलदस्ता नजर आ रहा है। जिसको देखकर समझ आ रहा है कि ऐश्वर्या के पूरे परिवार का शानदार स्वागत कांस में हुआ है। इस दौरान ऐश्वर्या की ब्लैक ड्रेस की खूब तारीफ हुई है। खास बात ये है कि ऐश्वर्या ने इसी ड्रेस में ट्रेवल किया था। वो मुंबई से इसी ड्रेस में कांस पहुंची हैं लेकिन फिर भी इतनी फ्रेश लग रही थीं मानो अभी बस तैयार हुई हैं। ऐश ने ब्लैक लॉन्ग कोट पहना हुआ था। जिसमें सिल्वर कलर की स्ट्रिप और सितारे बने हुए थे। ऐश्वर्या ने इस लॉन्ग कोट के अंदर शिमरी ब्लैक टी शर्ट पहनी हुई थी और बलिक जींस भी। लेकिन पूरे आउटफिट में उनका लॉन्ग कोट काफी सुंदर था। इस दौरान आराध्या ने गुलाबी रंग की ही स्वेट टीशर्ट और जींस पहनी थी। जबकि अभिषेक बच्चन ने नीले रंग की स्वेट टीशर्ट पहनी थी। लेकिन कांस पहुंचकर उन्हें अपने होटल रूम में पहुंचने की जल्दी थी। इसलिए जब ऐश्वर्या और आराध्या पोज दे रहे थे तब अभिषेक होटल के अंदर जाते नजर आ रहे हैं। बता दें, ऐश्वर्या कांस का हिस्सा बनने वाली पहली इंडियन हैं। उन्होंने कांस जाना साल 2002 में शुरू किया था। वो आराध्या के जन्म के बाद से सिर्फ रेड कार्पेट पर शिरकत ही करती आई हैं।
2022/06/27 12:24:27
https://www.mensxp.com/hindi/entertainment/bollywood/107780-aishwarya-rai-bachchan-and-family-get-warm-welcome-in-cannes.html
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित खेल गांव पब्लिक स्कूल ने ऑनलाइन प्रवेश के लिए आवेदन जारी किया गया हैं, जिसमें प्री नर्सरी से कक्षा 12 में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। जो उम्मीदवार केपीएस प्रयागराज में प्रवेश लेना चाहते हैं। वे नीचे दिये गये लिंक से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसे आवेदन करने की आखिरी तारीख 07/07/2021 तक है। जनरल और ओबीसी के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन फीस शून्य रुपये और SC/ST के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन फीस शून्य रूपये रखी गयी है। 1. KPS Allahabad Khel Gaon School Admission Online Form 2021 – Overview KPS Allahabad Khel Gaon School Admission Online Form 2021 – Overview आवेेेदन की शुरुआत जून 2021 आवेदन शुल्क भुगतान करने की आख़िरी तिथि 07/07/2021 एडमिशन योग्यता प्री नर्सरी से कक्षा 12 प्री नर्सरी: आयु 2 वर्ष 6 माह से ज्यादा। पाठ्यक्रम: पिछले स्कूल का प्रमाण पत्र होना। ◆पिछले स्कूल की TC. ◆यूआईडीएआई आधार कार्ड। ◆अधिक जानकारी के लिए स्कूल से संपर्क करें। Khel Gaon Public School Prayagraj Online Form 2021 के लिए उम्मीदवार जून 2021 से 07/07/2021 के बीच आवेदन कर सकते हैं।
2022/05/19 15:36:04
https://sarkarialert.net/khel-gaon-public-school-prayagraj-online-form-2021/
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IOS11 और Xcode9 को अपडेट करने के बाद समस्याएं !! "com.google.Maps.LabelingBehavior", "टीआईसी रीड स्टेटस" मैंने अपने फोन और एक्सकोड को हालिया अपडेट में अपडेट किया है और मुझे कई चेतावनियां मिल रही हैं। पहले एक 2017-09-21 00:23:15.669466+0100 The Kallos[12068:1279021] TIC Read Status [1:0x0]: 1:57 है और वहा ios xcode google-maps google-maps-api-3 ios9 2017-09-20 10गर्मी 4उत्तर अनुकूलित मॉडल लोड करने में विफल - GoogleMaps SDK IOS मुझे कोकोपोड्स से Google मानचित्र एसडीके इंस्टॉल करने के बाद यह त्रुटि मिल रही है। CoreData: annotation: Failed to load optimized model at path '/Users/nabeel/Library/Developer/CoreSimulator/Devices/9 ios google-maps sdk swift4 xcode9.1 2017-11-11 8गर्मी 1उत्तर यूआई पृष्ठभूमि पर बुलाया एपीआई com.google.Maps.LabelingBehavior थ्रेड XCode 9 के उन्नयन के बाद मैं suddently निम्न चेतावनी मिल जब मैं अपने अनुप्रयोग चलाने: Main Thread Checker: UI API called on a background thread: -[UIApplication applicationState] PID: 15473, TI ios swift google-maps 2017-09-25 6गर्मी 1उत्तर Google मानचित्र के मार्कर से AJAX अनुरोध पर क्लिक करने के बाद मानचित्र लोड करें हाय मुझे मार्कर पर क्लिक करने के बाद एक नया नक्शा बनाने के बारे में समस्या आ रही है। - मैं मार्कर के क्लिक करने पर इस साथ ठीक हूँ मैं एक javascript jquery codeigniter google-maps 2017-10-02 5गर्मी 1उत्तर मानचित्र को स्थानांतरित करते समय मैं मार्कर अपडेट कैसे कर सकता हूं? मैं अल्गोलिया की इंस्टेंटशर्च एंड्रॉइड लाइब्रेरी का उपयोग कर रहा हूं। यह मेरा क्वेरी है: searcher.setQuery(new Query().setAroundLatLngViaIP(true).setAroundRadius(5000)). लेकिन जब मैं नक्शा ले जाने, android google-maps algolia 2017-10-07 6गर्मी 1उत्तर जारी करना गूगल मैप्स एपीआई 9 मैं अपने अनुप्रयोग में एक दृश्य में एक नक्शे के सेट करने के लिए कोशिश कर रहा हूँ और मैं इस समस्या को मिला: CoreData: एनोटेशन: पथ पर अनुकूलित मॉडल लोड करने में विफल '/ var/कंटेनर/बंडल/एप्लिकेशन/35C61A4 swift xcode google-maps core-data cocoapods 2017-10-08 5गर्मी 1उत्तर पेजर को देखने के लिए नक्शा ओवरलैप लेआउट कैसे बनाएं मेरे पास नक्शादृश्य युक्त घोंसला है, नक्शादृश्य को छोड़कर मुझे लगता है कि सभी विचार ओवरलैपिंग हैं। मेरे पास एक रीसाइक्लिंगव्यू भी है .. जो कट लेआउट के नीचे प्रदर्शित होता है, लेकिन इसमें नक्शा नहीं है android google-maps android-layout 2017-10-13 7गर्मी 4उत्तर कोणीय 2 में एएमएम-मार्कर में एचटीएमएल कैसे जोड़ें? मुझे agm map के साथ कोणीय 2 में मानचित्र मार्कर को अनुकूलित करने का एक तरीका चाहिए। वाहन ट्रैकिंग एप्लिकेशन में मुझे लाइव ट्रैकिंग घटक में एजीएम-मार्कर के माध्यम से वर्तमान में वाहन की स्थिति प्रदर्शि angular google-maps typescript google-maps-api-3 google-maps-markers 2017-10-21 5गर्मी 2उत्तर Google मानचित्र API - पता जावास्क्रिप्ट द्वारा मार्कर जोड़ें मेरे पास पते वाले स्थानों का डेटाबेस है और मैं Google मानचित्र पर मार्कर जोड़ना चाहता हूं। यह केवल डिफ़ॉल्ट मार्कर दिखाता है, ऐसा लगता है जैसे geocoder.geocode() कुछ भी नहीं करता javascript google-maps google-maps-api-3 geocoding 2017-10-21 8गर्मी 2उत्तर Google मानचित्र जावास्क्रिप्ट एपीआई झुकाव दृश्य www.google.com/maps पर एक से अलग है मैंने देखा है कि google.com/maps सेवा पर खोले गए कुछ स्थान tilt: 45 का उपयोग करके Google Maps Javascript API 3 का उपयोग करके उत्पन्न एक ही दृश्य से पूरी तरह अलग दिखते हैं। उदाहरण नक्शा
2022-12-09T23:52:21Z
http://hi.voidcc.com/tag/google-maps
OSCAR-2301
Gwalior Times Live Gwalior ग्वालियर टाइम्स लाइव: जनपद पंचायत डबरा में रोजगार मेले का हुआ आयोजन जनपद पंचायत डबरा में रोजगार मेले का हुआ आयोजन दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत आजीविका मिशन द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री शिवम वर्मा के मार्गदर्शन में रोजगार मेले का आयोजन किया गया। संकुल स्तरीय रोजगार मेला जनपद पंचायत डबरा में लगाया गया। मेले में एलआईसी डबरा, जमुना ऑटो मालनपुर ग्वालियर, बाल्वो आईसार प्रा. लि. इंदौर, एसईएल सीहोर एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (सीपेट) एवं अमेजिंग सिक्यूरिटी प्रा.लि. के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डबरा ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 128 युवाओं ने उपस्थित होकर पंजीयन कराया। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना में 3 – 6 माह के प्रशिक्षण उपरांत 12 हजार से 16 हजार रूपए मासिक वेतन पर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इस मौके पर जिला पंचायत के एडिशनल सीईओ डॉ. विजय दुबे एवं जनपद सीईओ डबरा मध्यप्रदेश-डे राज्य आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक (कौशल उन्नयन एवं रोजगार) श्रीमती जसविंदर कौर एवं श्रीमती ममता कुशवाह आदि उपस्थित थे।
2022/06/26 11:41:04
https://www.gwaliortimes.in/2020/12/blog-post_54.html
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केंद्र सरकार ने जीएसटी राजस्व संग्रह और प्रशासन को बढ़ाने के उपायों का सुझाव देने के लिए अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है। पैनल के संदर्भ की शर्तों में माल और सेवा कर (जीएसटी) में प्रणालीगत बदलाव से संबंधित सुझाव देना शामिल है, जिसमें दुरुपयोग और स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के उपायों को रोकने के लिए चेक और बैलेंस शामिल हैं।
2021-03-02T21:05:56Z
https://livetoday.online/%E0%A4%B2%E0%A4%96%E0%A4%A8%E0%A4%8A-%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A4%97%E0%A5%88%E0%A4%B0/31651
OSCAR-2109
"बाजार पोर्टफोलियो आम लोगों के लिए रेशम पहनने के नियम थे, लेकिन सूती के बारे में कोई नियम नहीं थे."। यही है, एक महीना, एक मेहनती समीक्षक 500 - 2,500 रूबल से कमा सकता है। लीवरेज से तात्पर्य उस राशि से है जो ब्रोकर आपको एक व्यापार में प्रवेश करने के लिए उधार देता है। यह मार्जिन के विपरीत है जिसका मतलब है कि ब्रोकर को न्यूनतम राशि की आवश्यकता होती है जो आपको एक व्यापार में प्रवेश करने से पहले निवेश करना चाहिए। ऊपर हमारे उदाहरण का उपयोग करते हुए, क्योंकि 100 शेयरों को खरीदने के लिए $ 3346 के पूंजी परिव्यय की आवश्यकता होती है, 5% के मार्जिन के साथ, आप $ 167.30 का निवेश करेंगे, जबकि ब्रोकर "ऋण" आपको शेष $ 3178.70। जनधन खाता ऑनलाइन खुलवाने का तरीका जानिए, मिलेंगे ढेरों फाएदे। प्रत्येक पीड़ित के जीवन या स्वास्थ्य को बाजार पोर्टफोलियो नुकसान के मामले में 160,000 रूबल तक प्रत्येक पीड़ित के वाहन या संपत्ति को यांत्रिक क्षति के लिए 400,000 रूबल तक प्रत्येक पीड़ित के जीवन या स्वास्थ्य को नुकसान के मामले में 500,000 रूबल तक। उतना महान जितना SendinBlue ईमेल विपणन और स्वचालन सुविधाओं के लिए सही समाधान की तलाश में कंपनियों के लिए हो सकता है - यह सभी के लिए सही नहीं है। इस उपकरण में आपकी कंपनी के लिए सही संख्या में ईमेल उपलब्ध नहीं हो सकते हैं, या आपको अपने ऑप्ट-इन बाजार पोर्टफोलियो पृष्ठों के लिए अधिक HTML और CSS अनुकूलन के साथ कुछ की आवश्यकता हो सकती है। अच्छी खबर? SendinBlue के बहुत सारे विकल्प हैं जिन्हें आप इसके बजाय आज़मा सकते हैं। यहाँ हमारे पसंदीदा में से कुछ हैं।
2021/01/21 07:42:56
https://idreaming.site/kat-25/page-668922.html
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पूनम पांडे ने चार्जशीट से बचने पर लॉकअप में उतारी टीशर्ट - Matribhumisamachar बुधवार , मई 18 2022 | 10:03:06 PM Home / ब्रेकिंग न्यूज़ / पूनम पांडे ने चार्जशीट से बचने पर लॉकअप में उतारी टीशर्ट पूनम पांडे ने चार्जशीट से बचने पर लॉकअप में उतारी टीशर्ट Matribhumi Samachar April 7, 2022 ब्रेकिंग न्यूज़ मुंबई (मा.स.स.). 'लॉकअप' कंटेस्टेंट पूनम पांडे ने हाल में ही कंगना रनौत के शो में वादा किया था कि अगर वह इस हफ्ते नॉमिनेशन से बच गईं तो वह इस जेल में कहर बरपाएंगी। तो इस हफ्ते पूनम पांडे के लिए खूब वोटों की बरतास हुई तो उन्होंने शो में लाइव कैमरे पर आकर टी-शर्ट उतारने का वादा किया था और बीते एपिसोड उन्होंने अपना वादा पूरा भी किया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। अपना वादा निभाते हुए लाइव कैमरे के सामने पूनम पांडे टॉप उतार दिया। वह शो में अपने वादे को निभाते हुए सफेद टीशर्ट उतार देती हैं और फिर झट से दोबारा पहन भी लेती हैं। वह कहती हैं कि 'वह इस शो के रूल्स को तोड़ना नहीं चाहती हैं। बस वह अपना वादा निभाने के लिए ऐसा कर रही हैं।' वह कहती हैं कि 'इस शो को हर ऐज का दर्शक देखता है तो वह कुछ भी ऐसा नहीं करेंगी जो शो के खिलाफ हो। बस वह अपना प्रॉमिस निभाना चाहती हैं लेकिन इस मामले में किसी भी तरह की सीमा नहीं लांघना चाहती हैं।' लॉकअप के बीते एपिसोड में शो की होस्ट कंगना रनौत ने बताया कि इस हफ्ते सबसे कम वोट पायल रोहतगी को मिले जबकि निशा रावल शो से इविक्ट हो गईं। बीते हफ्ते सबसे ज्यादा वोट पूनम पांडे को मिले और वह शो से बच गईं। जबकि पिछले हफ्ते पूनम पांडे बाल बाल बची थीं। यही वजह है कि पूनम पांडे ने अपने फैंस से कहा था कि अगर वह चार्जशीट से बच गईं तो वह टॉपलेस होंगी।
2022/05/18 16:33:07
https://matribhumisamachar.com/2022/07/04/44636/
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Harshdeep Kaur Attends Neeti Mohan Baby Shower | हर्षदीप कौर नीति मोहन की गोद भराई में हुईं शामिल सिंगर हर्षदीप कौर ने बेस्ट फ्रेंड नीति मोहन की गोद भराई रस्म की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। आइए आपको दिखाते हैं। Tags: Neeti Mohan Harshdeep Kaur Neeti Mohan Baby Shower By Vidushi Gupta Last Updated: May 16, 2021 | 01:56:02 IST पॉपुलर सिंगर हर्षदीप कौर (Harshdeep Kaur) ने अपनी BFF व सिंगर नीति मोहन (Neeti Mohan) और उनके हसबैंड निहार पांड्या के वर्चुअल बेबी शॉवर की एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है। इसके साथ ही हर्षदीप ने नीति और निहार के बेबी को जल्द देखने की एक्साइटमेंट भी जाहिर की है। पहले ये जान लीजिए कि, नीति मोहन ने निहार पांड्या से 15 फरवरी, 2019 को हैदराबाद के फलकनुमा पैलेस में शादी रचाई थी। शादी के 2 साल बाद 15 फरवरी 2021 को कपल ने सोशल मीडिया पर जल्द पेरेंट्स बनने की गुड न्यूज एक पोस्ट के जरिए फैंस को दी थी। नीति ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर कुछ तस्वीरें शेयर की थीं, जिसमें वो येलो एंड व्हाइट शर्ट ड्रेस में बेबी बंप फ्लॉन्ट करते हुए नजर आ रही हैं। वहीं, निहार ने पिंक शर्ट और ब्लू डेनिम पहनी हुई है। इन फोटोज को शेयर करते हुए नीति ने लिखा था, "1+1=3 होने वाले मॉमी और डैडी। इस चीज को अनाउंस करने के लिए हमारी दूसरी एनिवर्सरी से बेहतर दिन क्या हो सकता है!!!" जगदीप जाफरी ने मुंबई की सड़कों पर बेचे थे कंघे, की थी 3 शाद‍ियां, कुछ ऐसी है पर्सनल लाइफ अब आपको दिखाते हैं हर्षदीप कौर का वो पोस्ट। दरअसल, 15 मई 2021 को हर्षदीप ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल की स्टोरी पर BFF नीति मोहन के वर्चुअल बेबी शॉवर का स्क्रीनशॉट शेयर किया। इस तस्वीर में नीति काफी गॉर्जियस लग रही हैं। हम फ्रेम में निहार पांड्या और नीति की बहन शक्ति मोहन को भी देख सकते हैं। तस्वीर में हर्षदीप के चेहरे की स्माइल बता रही है कि, उन्हें कपल के आने वाले बेबी को देखने की कितनी एक्साइटमेंट है। इसके साथ ही नीति ने अपनी पिंक कलर की ड्रेस से सारी लाइमलाइट अपनी ओर खींच ली है, वहीं निहार ब्लू शर्ट में डैपर लग रहे हैं। इस तस्वीर पर हर्षदीप ने लिखा है, "बेबी पांड्या से मिलने का इंतजार नहीं कर सकती हूं @neetimohan18 @nihaarpandya।" हर्षदीप कौर की गोद भराई की तस्वीर इससे पहले, 27 फरवरी 2021 को नीति मोहन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी बेस्ट फ्रेंड हर्षदीप कौर की 'गोद भराई रस्म' की एक तस्वीर शेयर की थी। इस तस्वीर में, प्रेग्नेंट नीति मोहन प्रेग्नेंट हर्षदीप के गाल पर किस करती हुई देखी जा सकती हैं। फोटो में हर्षदीप जहां पिंक फ्लोरल आउटफिट में बेहद खूबसूरत लग रही हैं, वहीं नीति को येलो स्ट्रेप्ड आउटफिट में देखा जा सकता है। इस दौरान दोनों के चेहरे पर प्रेग्नेंसी ग्लो साफ नजर आ रहा है। इस पोस्ट को शेयर करते हुए नीति मोहन ने अपने कैप्शन में लिखा था, 'बेबी शावर सही तरीके से पूरा हुआ। अब #babykaur और #babysingh के लिए उलटी गिनती शुरू @harshdeepkaurmusic @mankeet_singh।' फिलहाल, हर्षदीप कौर 3 मार्च 2021 को अपने बेबी बॉय हुनर सिंह की मां बन चुकी हैं और अपने मदरहुड के फेज को एन्जॉय कर रही हैं। फिलहाल, हर्षदीप की तरह फैंस भी नीति मोहन के होने वाले बेबी की झलक पाने का इंतजार कर रहे हैं। तो आपको सिंगर द्वारा शेयर की गई फोटो कैसी लगी? हमें कमेंट में जरूर बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।
2021/06/15 15:08:47
https://hindi.bollywoodshaadis.com/articles/harshdeep-kaur-attends-neeti-mohan-baby-shower-4802?utm_source=website&utm_medium=mid-related&utm_campaign=tracker
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गुरूग्राम: 'लिव ग्रीन-थिंक ग्रीन' नामक अभियान की शुरुआत | delhiNCRnews.in ); गुरूग्राम: 'लिव ग्रीन-थिंक ग्रीन' नामक अभियान की शुरुआत गुरुग्राम के उपायुक्त ने लघु सचिवालय स्थित सभागार में अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने-2 कार्यालयों में रखने के लिए ये पौधे भेंट किए और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया। इस अभियान के तहत 500 छोटे पौधे तथा 100 गमले कंपनी ने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकारी विभागों में दिए ताकि वे पर्यावरण के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को भली प्रकार से समझ सकें अब जिला प्रशासन लघु सचिवालय में आने वाले लोगों का स्वागत 'हरे भरे पौधों से' से करेगा। इस मुहिम की शुरूआत गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने लघु सचिवालय में अधिकारियों व कर्मचारियों को 600 इन हाऊस पौधे बांटकर की। 'लिव ग्रीन-थिंक ग्रीन' नाम से चलाए गए इस अभियान को सफल बनाने में युनाइटेड-वे व करियर नामक कंपनी द्वारा विशेष रूप से सहयोग दिया जा रहा है जिसके प्रथम चरण को उपायुक्त ने अपने कर-कमलों से शुरू किया। गुरुग्राम के उपायुक्त ने लघु सचिवालय स्थित सभागार में अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने-2 कार्यालयों में रखने के लिए ये पौधे भेंट किए और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया। इस अभियान के तहत 500 छोटे पौधे तथा 100 गमले कंपनी ने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकारी विभागों में दिए ताकि वे पर्यावरण के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को भली प्रकार से समझ सकें। उन्होंने इस अवसर पर अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई तथा प्लेज कार्ड पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त आर के सिंह ने उपस्थित लोगों से सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने उपस्थित लोगों को सौलर ऊर्जा के फायदों के बारे में बताया और कहा कि सौर ऊर्जा को लेकर सरकार द्वारा बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही है जिन पर सब्सिडी भी दी जा रही है। उन्होंने लोगों से इन योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। आयोजित कार्यक्रम में वैरिजटा, विक्टोरिया, एरेसा पॉल्म, अगलोनेमा, मनी प्लांट तथा बैंबू आदि इन हाऊस प्लांट वितरित किए गए। इन पौधों की खासियत यह है कि कमरा बंद करने के बाद भी यह प्लांट ऑक्सीजन पैदा करता है। ये पौधे लगाने से वायु प्रदूषण कम होता है और हवा स्वच्छ होती है। ये पौधे देखने में काफी सुंदर है जिससे ये कमरे की सुंदरता को बढ़ाते हैं। ये हवा में ऑक्सीजन के फ्लो को बेहतर करते हैं। यदि स्वास्थ्य की बात की जाए तो ये स्ट्रैस को दूर करते है और व्यक्ति को तनावमुक्त बनाते हैं। इन पौधों से व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मनी प्लांट हवा में फिल्टर करके घर में आक्सीजन प्रवाह में वृद्धि करता है। युनाइटेड-वे दिल्ली गवर्निंग बॉडी के सदस्य सराज अजमत चौधरी ने बताया कि वातावरण को स्वच्छ व निर्मल बनाने के उद्द्ेश्य से 'लिव ग्रीन-थिंक ग्रीन' अभियान की शुरूआत की गई है जिसका थीम 'केयर फार एयर' रखा गया है। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम एक हैपनिंग जिला है जहां पर्यावरण में बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। इसी दिशा में गुरुग्राम जिला प्रशासन के साथ मिलकर ग्रीन एनवायरमेंट की पहल शुरू की गई । उन्होंने इस अवसर पर गुरुग्राम जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में युनाईटेड वे कंपनी से पलविका अहलावत इस अभियान के दूसरे चरण में आरडब्ल्यूए, कॉलेज, स्कूल आदि के साथ मिलकर कम्युनिटी बेस्ड कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जा सके। इसके अलावा, कंपनी द्वारा विभिन्न स्थानों पर पर्यावरण संरक्षण संबंधी डिस्पले बोर्ड लगाए जाने की भी योजना है। कार्यक्रम में कैरियर कंपनी से मार्केटिंग डायरेक्टर फारूख मदान ने भी अपने विचार रखे।
2019/05/23 14:59:41
http://delhincrnews.in/2018/05/19/%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%B5-%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%A5%E0%A4%BF%E0%A4%82/
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भारत में WeWork करेगा अगले महीनें तक करीब 100 कर्मचारियों की छंटनी | TechSamvad इस कोरोना महामारी की वज़ह से न सिर्फ जन जीवन अस्तव्यस्त हुआ है बल्कि लोगों पर अब अपनी नौकरी जाने का भी खतरा मंडराने लगा है। एक एक करके कई सारी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है। अब इसी कड़ी में अगला नंबर WeWork India का है। Embassy Group स्वामित्व वाली कंपनी WeWork India, जो की Co-working की मुख्य धारा है ने यह ऐलान किया कि अगले जून के महीने से वह कुल 500 कर्मचारियों में लगभग 20 प्रतिशत कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगी। सूत्रों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह कोरोना महामारी की वजह से कारोबार पर बुरा असर बताया जा रहा है। WeWork के सीईओ करण विरवानी ने कहा कि हमलोगों ने अपने कर्मचारियों को बातचीत कर के इसकी जानकारी दे दी है। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि इस फ़ैसले के बाद से लगभग 100 कर्मचारी इससे प्रभावित होने वाले है। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर आई है कि कंपनी नोटिस के अवधि का सम्मान करते हुए कर्मचारियों के लिए विशेष पैकेज की भी सुविधा प्रदान करेगा। कंपनी ने यह भी ऐलान किया कि इस साल के अंत तक कर्मचारियों की चिकित्सा बीमा जारी रखेगी और अपने Co-Working केंद्रों को अपने जीवनकाल में दो महीने तक मुफ़्त में इस्तेमाल कर सकते है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने मुख्य व्यवसाय को आधार मानकर अपनी टीम की ताकत को अनुकूलित और नियोजित किया है, क्योंकि हम भारत में अपनी दीर्घकालिक व्यापार रणनीति को क्रियान्वित करना जारी रखना चाहते और 2021 की शुरुआत तक हम इस व्यापार को और बड़ा करने के साथ साथ फायदेमंद बनाने का लक्ष्य रखते हैं। हमने अपने व्यवसाय की प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए कुछ कार्यों और शर्तों के साथ इसे सदस्य केंद्रित दृष्टिकोण प्रदान करने का लक्ष्य बनाया है। अपने पत्र में विरवानी ने लिखा कि बीते हुए कुछ महीनों में कंपनी को काफी दिक्कतें आयी है। उन्होंने यह भी कहा कि हमलोगों का पहला लक्ष्य है कि अभी तत्काल कारोबार की कीमत और निवेश में कमी लेना साथ ही साथ मौजूद इमारतों से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में आमदनी करना। इसके लिए हमलोगों को कंपनी में मूलभूत परिवर्तन लाकर कारोबार की रणनीति पर केन्द्रित करना होगा। WeWork India पूरे भारत में 34 जगहों पर क़रीब 57,000 डेस्क उपलब्ध है। इनमें दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद आदि स्थान प्रमुख है। प्रति माह करीब ₹5000 से लेकर ₹40,000 तक के डेस्क उपलब्ध है। इस कोरोना महामारी की वजह से पिछले कुछ सालों में तेज़ी से अपने कारोबार को बढ़ाने वाले Co-working सेगमेंट को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। फ्रीलांसिंग, स्टार्टअप आदि जैसे उभरते हुए व्यवसाय इससे काफी प्रभावित हुई है। हर सेक्टर पर बुरा मार देखने को मिल रहा है।
2020/06/01 09:06:06
https://techsamvad.com/wework-india-to-layoff-around-100-employees-in-the-month-of-june/
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इस शिव मंदिर में आज भी आते हैं महाभारत के अश्वत्थामा – JanSandesh फीचर डेस्क। यूपी में देवरिया जिले के मझौलीराज के निकट हिरण्यावती नदी के तट पर स्थित पौराणिक दीर्घेश्वरनाथ मंदिर में मन्नत पूरी होने की आशा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं का हर दिन तांता लगा रहता है। इस मंदिर में वैसे तो पूरे वर्षभर भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन शिवरात्रि, श्रावण मास और अधिकमास में मन्नत पूरी होने की आस लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ती है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां शिवलिंग स्वयंभू है। अधिकमास में यहां एक महीने मेला जैसा रहता है। लोगों की मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां अपनी मन्नत मांगता है, वह पूरी जरूर होती है। यहां पूजा-अर्चना करने वाले की मन्नत पूरी होने के साथ ही उसकी उम्र भी लंबी हो जाती है तथा उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। ऐसी भी मान्यता है कि यहां प्रतिदिन चिरंजीवी अश्वत्थामा पूजा-अर्चना करने आते हैं। मंदिर के महंत जगन्नाथ दास ने बताया कि मस्तक के घाव के कारण अश्वत्थामा आज भी तड़पते और इधर-उधर भटकते हैं। भगवान शिव द्वारा भक्तों को दीर्घायु का आशीर्वाद दिए जाने के कारण इस मंदिर को दीर्घेश्वरनाथ महादेव के नाम से जाना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अश्वत्थामा इस मंदिर में रात के तीसरे पहर में आते हैं तथा भगवान शिव की पूजा करके चले जाते हैं। सुबह जब मंदिर का द्वार खोला जाता है तो यहां पर सारी पूजन-सामग्री शिवलिंग पर चढ़ी मिलती है।
2022/01/17 05:06:48
https://www.jansandesh.com/archives/1936
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37 seconds ago अखिलेश यादव- SP Chief Akhilesh yadav corona deaths in 24 districts of UP in 9 months 43 times more than Yogi government figures upas 12 mins ago Supreme Court judges abstained from hearing the petitions of Mamata Banerjee 23 mins ago सुहाना खान फिट रहने के लिए जिम में घंटों बहाती हैं पसीना, लेटेस्ट सेल्फी में टोन्ड बॉडी की फ्लॉन्ट 28 mins ago FD धारकों के लिए बड़ी खबर, अगर यहां लगाया है पैसा तो मिल सकती है 966 करोड़ के फंड को मंजूरी, जानें क्या है प्लान? 29 mins ago Mehbooba Mufti, Farooq Abdullah and Md Tarigami will attend the all-party meeting called by PM Narendra Modi | PM Modi के साथ बैठक में शामिल होंगे फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती 36 mins ago पंजाब की तरह ही कई और राज्‍य भी बढ़ा रहे कांग्रेस की मुसीबत, कैसे सुधरेंगे पार्टी के हालात 46 mins ago देश में कैसे बढ़ा कोरोना टीकाकरण? क्‍या तीसरी लहर के खिलाफ मजबूत होगी स्थिति? जानिये 57 mins ago मानसून की रफ्तार पड़ी धीमी, दिल्‍ली और आसपास के राज्‍यों में बारिश में होगी देरी नई दिल्ली: एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस ब्रॉडबैंड कंपनी Starlink ने भले ही भारत (India) में प्री-बुकिंग के लिए अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं, लेकिन कंपनी के लिए आगे की राह आसान नहीं है. देश की रेगुलेटरी बॉडीज का कहना है कि कंपनी ने दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है, जिसके चलते ब्रॉडबैंड की प्री-बुकिंग तब तक के लिए बंद की जा सकती है, जब तक उसे अधिकारियों से हरी झंडी नहीं मिल जाती. बता दें कि Starlink को भारत में साल 2022 में लॉन्च किया जाना है. SpaceX के पास नहीं है अनुमति ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF) ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से कहा है कि स्टारलिंक को उपग्रह इंटरनेट सेवाओं के बीटा संस्करण को बेचने से रोका जाए. वहीं, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार,अमेजन, फेसबुक, ह्यूजेस, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग निकाय के अध्यक्ष टी.वी. रामचंद्रन (T.V. Ramachandran) ने कहा है कि एलन मस्क की कंपनी SpaceX के पास भारत में इस तरह की सर्विस पेश करने की अनुमति नहीं है. रामचंद्रन ने यह भी बताया कि उन्होंने निकायों को मौजूदा नीति और नियामक मानदंडों के फेयर कॉम्पिटिशन और पालन के लिए हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Starlink के पास भारत में अपना ग्राउंड या अर्थ स्टेशन नहीं है. साथ ही इसरो और दूरसंचार विभाग (DoT) से देश में बीटा संस्करण देने के लिए सैटेलाइट फ्रिक्वेंसी ऑथराइजेशन भी नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, Starlink मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है, जिसमें यह कहा गया है कि कम्यूनिकेशन सर्विसेज के टेस्टिंग फेज के दौरान सर्विस को कमर्शियल लॉन्च नहीं किया जा सकता है. यह है Company की योजना Starlink को भारत में प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध कराया गया है. इसके लिए 99 डॉलर यानी करीब 7,200 रुपये का भुगतान करना होगा, जो पूरी तरह से रिफंडेबल है. हालांकि, कंपनी ने यह भी कहा था कि सर्विस 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर यूजर्स के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. कंपनी की योजना 2022 में सैटेलाइट के जरिये भारतीय यूजर्स को इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की है. यह अभी बीटा-टेस्टिंग चरण में है. function fillElementWithAd($el, slotCode, size, targeting){ googletag.cmd.push(function() { googletag.pubads().display(slotCode, size, $el); }); } var maindiv = false; var dis = 0; var fbcontainer=""; var fbid = ''; var ci = 1; var adcount = 0; var pl = $("#star877348 > div.field-name-body > div.field-items > div.field-item").children('p').length; if(pl>3){ $("#star877348 > div.field-name-body > div.field-items > div.field-item").children('p').each(function(i, n){ ci = parseInt(i) + 1; t=this; var htm = $(this).html(); if((i+1)%3==0 && (i+1)>2 && $(this).html().length>20 && ci<3){ if(adcount == 2){ $(' ').insertAfter(t); } adcount++; }else if(adcount>=3){ return false; } }); } var fb_script=document.createElement('script'); fb_script.text= "(function(d, s, id) {var js, fjs = d.getElementsByTagName(s)[0];if (d.getElementById(id)) return;js = d.createElement(s); js.id = id;js.src="https://connect.facebook.net/en_GB/sdk.js#xfbml=1&version=v2.9";fjs.parentNode.insertBefore(js, fjs);}(document, 'script', 'facebook-jssdk'));"; var fmain = $(".sr877348"); var fdiv = '
2021/06/22 07:49:46
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अजहर के आतंकी घोषित न होने पर संरा पर भारत ने निशाना साधा – VisharadTimes.com संयुक्त राष्ट्र। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के प्रयास में चीन की ओर से फिर अवरोध पैदा किए जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों और उनके नेताओं को आतंकवादी घोषित करने के संदर्भ में अनिर्णय की स्थिति में रहने को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर निशाना साधते हुए उसे ह्यअनुत्तरदायीह्ण करार दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा से कहा कि 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद इस मुख्य इकाई का मकसद शांति एवं सुरक्षा बरकरार रखने का था लेकिन यह हमारे समय की जरूरतों को लेकर कई तरह से अनुत्तरदायी बन चुकी है और अपने समक्ष खड़ी चुनौतियों से निपटने में निष्प्रभावी है। चीन का नाम लिए बगैर अकबरूद्दीन ने अजहर के खिलाफ भारत के प्रयास पर बीजिंग की ओर से तकनीकी रोक लगाए जाने का हवाला दिया और कहा कि सुरक्षा परिषद ने इसी सोच-विचार में छह महीने लगा दिए कि क्या उन संगठनों के नेताओं को प्रतिबंधित करना है जिनको उसने खुद आतंकी इकाइयां घोषित किया था उन्होंने कहा कि इसके बाद वह फैसला नहीं करती। वह इस मुद्दे पर आगे विचार के लिए तीन महीने का समय और देती है। किसी को भी सिर्फ यह जानने के लिए नौ महीने के बेसब्री से प्रतीक्षा करनी पड़ती है कि क्या परिषद ने इस एकमात्र मुद्दे पर फैसला किया या नहीं। इससे पहले भी भारत भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति पर निशाना साध चुका है। पुलिस और भाजपाइयों में झड़प, एक की मौत August 13, 2016 visharadtimes बलिया। उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के नरही क्षेत्र में शुक्रवार देर रात गौ तस्करी के मामले में पुलिस की गिरफ्तारी को लेकर भड़के भाजपा विधायक के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने शनिवार को यहां बताया […]
2018/06/24 15:07:37
http://visharadtimes.com/%E0%A4%85%E0%A4%9C%E0%A4%B9%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%86%E0%A4%A4%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%98%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%A8-%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A5%87/
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कुएं | SEE LATEST NEWS Tag: कुएं सूख गईं 4500 नदियां और गायब हो गए 20 लाख तालाब, कुएं, झील देशभर में पिछले 10 सालों में करीब 30 फीसदी नदियां सूख चुकी हैं। वहीं पिछले 70 सालों में 30 लाख में से 20 लाख तालाब, कुएं, पोखर, झील आदि पूरी तरह खत्म हो चुके हैं। ग्राउंड वाटर (भूजल) की स्थिति भी बेहद खराब है। देश के कई राज्यों में कुछ जगह 40 मीटर तक ग्राउंड वाटर लेवल नीचे जा चुका है। ये बातें चेन्नई में पानी की भीषण किल्लत को देखते हुए देशभर में पानी की स्थिति पर की गई भास्कर की पड़ताल में सामने आई है। गौरतलब है कि हाल ही में नीति आयोग की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि वर्ष 2030 तक लगभग 40% लोगों की पहुंच पीने के पानी तक खत्म हो जाएगी। जलपुरुष के नाम से मशहूर और मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता राजेंद्र सिंह ने भास्कर को बताया कि देशभर में 10 साल पहले कुल 15 हजार के करीब नदियां थीं। इस दौरान करीब 30 फीसदी नदियां यानी साढ़े चार हजार के करीब सूख गई हैं, ये केवल बारिश के दिनों में ही नई दिल्ली (शरद पाण्डेय).देशभर में पिछले 10 सालों में करीब 30 फीसदी नदियां सूख चुकी हैं। वहीं पिछले 70 सालों में 30 लाख में से 20 लाख तालाब, कुएं, पोखर, झील आदि पूरी तरह खत्म हो चुके हैं। ग्राउंड वाॅटर (भूजल) की स्थिति भी बेहद खराब है।देश के कई राज्यों में कुछ जगह 40 मीटर तक ग्राउंड वाॅॅटर लेवल नीचे जा चुका है। ये बातें चेन्नई में पानी की भीषण किल्लत को देखते हुए देशभर में पानी की स्थिति पर की गई भास्कर की पड़ताल में सामने आई है। गौरतलब है कि हाल ही में नीति आयोग की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि वर्ष 2030 तक लगभग 40% लोगों की पहुंच पीने के पानी तक खत्म हो जाएगी।जलपुरुष के नाम से मशहूर और मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता राजेंद्र सिंह ने भास्कर को बताया कि देशभर में 10 साल पहले कुल 15 हजार के करीब नदियां थीं। इस दौरान करीब 30 फीसदी नदियां यानी साढ़े चार हजार के करीब सूख गई हैं, ये केव शादी के 40 दिन बाद फंदे पर लटकी मिली पत्नी पति ने भी घर से 3 किमी दूर कुएं में कूद जान दी लक्ष्मणगढ़/सीकर | बैरास बासनी गांव में शादी के 40 दिन बाद दंपती की मौत हो गई। विवाहिता बुधवार रात घर की छत पर बने चौबारे में फंदे से लटकी मिली। पत्नी को फंदे से लटके देखा तो पति बाइक लेकर घर से निकल गया और घर से 3 किमी दूर कुएं में कूदकर जान दे दी। कुएं के पास बाइक, मोबाइल, चप्पल व अन्य सामान पड़ा हुआ मिला। देर रात कुएं में से शव निकाला गया। गुरुवार को दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी के अनुसार सुमित्रा पुत्री चिमन सिंह की शादी 17 मई को योगेश पुत्र सुभाष के साथ हुई थी। बुधवार रात को नौ बजे सुमित्रा खाना खाकर चौबारे में चली गई। परिवार के अन्य लोग नीचे ही थे। कुछ देर के बाद योगेश ऊपर गया तो उसने सुमित्रा को फंदे से लटकते हुए देखा। योगेश घबराकर नीचे आ गया। उसने परिवार में किसी को कुछ नहीं बताया। भाई से बाइक की चाबी लेकर बोला कि मुकुंदगढ रोड़ पर बासनी स किसान कुएं में गिरा, बचाने कूदे दाे बच्चों की भी माैत गाेगुंदा (उदयपुर).उदयपुर जिले में सायरा पंचायत समिति के सेमड़ गांव में किसान और उसके दाे बच्चाें की डूबने से मौत हो गई। सायरा थाना के एएसआई शांतिलाल भट्ट ने बताया कि सेमड़ में एक ही परिवार के तीन जनाें की मौत हो गई।सेमड़ निवासी हमेरसिंह 40 पुत्र फतहसिंह राजपूत सिंदुरिया फला खेत में मक्का खुदाई के लिए गया हुआ था। पास के कुएं से पानी निकालते समय पैर फिसलने से हमेरसिंह कुएं में गिर गया। यह देखकर हमेरसिंह का पुत्र शिवसिंह 7 और पुत्री सिनुकुंवर 12 पिता को बचाने कुएं में कूदे, जिससे तीनों की कुएं में डूबने से मौत हाे गई। ग्रामीणों की सूचना पर सायरा पुलिस सेमड़ पहुंची। शव को बाहर निकालकर सायरा पीएचसी में पोस्टमार्टम किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today farmer and two children drowning in well बाड़मेर: बेटे की चाहत में पांच बेटियाें के साथ कुएं में कूदी मां, सभी की मौत बाड़मेर/चाैहटन.बाड़मेर जिले की चौहटन तहसील में बेटे की चाहत में एक मां ने पांच बेटियों के साथ टांके (कुएं) में कूदकर आत्महत्या कर ली। इससे सभी 6 जनों की मौत हो गई। घटना बुधवार शाम चौहटन थाने के बावड़ी कला गांव की है।पुलिस के अनुसार राणाराम जाट निवासी बावड़ी कल्ला पास के ही स्कूल में थर्ड ग्रेड शिक्षक हैं। 20 साल पहले उनकी वनू देवी (38) से शादी हुई। दोनों की पांच बेटियां संतोष (13), ममता (11), मैना (9), हंसा (5) व हेमलता (3) हुई। बेटा नहीं होने के कारण वनू अक्सर परेशान रहती थी। बुधवार को जब राणाराम ड्यूटी पर गएथे,तो वनू ने पहले पांचों बेटियां को टांके में डाल दिया। इसके बाद खुद भी टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली।पुलिस ने मौके पर पहुंचकरशवों को बाहर निकाला।पढ़ने में होशियार थी बेटियांबेटा नहीं होने से खिन्न महिला ने पांच बेटियों को मौत के घाट तो सुला दिया लेकिन यह नहीं सोचा खुले बोरवेल, बिजली की नंगी तारें, खुले कुएं व खुले गड्ढे ढंकने की हिदायत डीसी घनश्याम थोरी ने जिले के शहरी व ग्रामीण लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए विभिन्न विभागों पर आधारित टीमों का गठन कर आदेश जारी किए हैं। टीमें अपने-अपने क्षेत्र में खुले व प्रयोग न किए जाने वाले बोरवेल, खुले बिजली के बॉक्स-नंगी तारे, प्रयोग न किए जाने वाले कुएं, बिना ढक्कन वाले सीवरेज और खुल पड़े बड़े गड्ढो संबंधी जांच करेगी। किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा। उन्होंने हिदायत दी है कि शहरों व गांवों के लोगों को जागरूक किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी कोई भी समस्या सामने आने पर तुरंत प्रशासन के ध्यान में लाए। उन्होंने बताया कि यदि किसी के भी ध्यान में ऐसा मामला आता है तो वह तुरंत इसकी जानकारी मोबाइल नंबर 84274-43888 पर दे ताकि संबधित विभाग के जरिए मामला हल किया जाए सके। खुले बोरवेल की जानकारी देने के लिए पंजाब सरकार द्वारा जारी किए गए न बोर करवाने को खोदे 22 फीट के कुएं में गिरा ढाई साल का बच्चा, आई गंभीर चोटें पठानकोट.संगरूर में खुले बोरवेल में गिरने से बच्चा फतेहवीर की मौत के बाद भी सबक नहीं लिया है। अब पठानकोटकीड़ीगंडियाल में ढाई साल का बच्चा बोर करवाने के लिए खोदे 22 फीट गहरे कुएं में गिर गया। पता तब चला, जब उसके बड़े भाई ने घर पहुंचकर परिवार वालों को बताया। बोर करवाने वाले ने रस्सी के सहारे नीचे उतरकरएक घंटे बाद बच्चे को बाहर निकाला। बच्चे की जांघ की दो जगह से हडि्डयां टूट गई। वहीं शरीर व सिर पर अंदरूनी चोटें आई हैं।यह घटना गुरुवार रात की है। कीड़ी गंडियाल के मैरा निवासी पिता बिट्टू ने बताया कि वह देर शाम काम से घर लौटा तो उसने अपने छोटे बेटे प्रदीप व 7 वर्षीय बड़े बेटे गोरू को 10 रुपए दिए। दोनों बेटे 10 रुपए लेकर बाहर खाने-पीने का सामान लेने चले गए। कीड़ी गंडियाल के मैरा निवासी माऊ नामक व्यक्ति ने बोर करवाने के लिए 4 बाय 4 का 22 फीट गहरा कुआं खोदा हुआ था और उसे बल्लियों से ढक कुएं में उतरे एक ही परिवार के दो लोगों की मौत, एक की हालत गंभीर चरखी दादरी.गांव कलाली में बंद पड़े एक 70 फुट गहरे कुएं में उतरे एक ही परिवार को दो लोगों की जहरीली गैस की वजह से मौत हो गई तथा एक सदस्य की हालत गंभीर है। पुलिस ने बयान दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी है।गांव कलाली निवासी 48 वर्षीय बलवान कुएं से पाइप निकालने के लिए उतरा।कुएं में उतरने के कुछ देर बाद बलवान ने भाई जोगी राम को दम घुटने की बात कही। इस पर वो भी कुएं में उतर गया। जब कुछ देर तक दोनों बाहर नहीं आए तो बाहर खड़ा 18 साल का भतीजा सुमित भी कुएं में उतर गया। इसके बाद तीनों कुएं से बाहर नहीं निकल पाए।कुएं के बाहर मौजूद ग्रामीणों ने इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी। करीब आधे घंटे बाद मौके पर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस पहुंची। ग्रामीणों ने तीनों को कुएं से बाहर निकाला, जिन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने जोगीराम और सुमित को मृत घोषित कर दिया।वहीं बलवान की ह उपमुख्यमंत्री पायलट ने प्रदेश का दौरा कर सुनी लोगों की समस्याएं, किसान के कुएं पर किया रात्रि विश्राम इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इन दिनों प्रदेश के दौरे पर है। इस दौरान वो लोगों से मुलाकत कर उनसे उनकी समस्याएं जानने की कोशिश कर रहे है। पायलट ने रविवार को उदयपुर, सिरोही, जालोर, पाली में लोगों से मुलाकात की। उपमुख्यमंत्री पायलट ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए कर दिया ये बड़ा वादा, अधिकारियों को दिए निर्देश इसके बाद शाम को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट जालोर जिले के काछेला गांव पहुंचे और यहीं उन्होंने एक किसान के कुएं पर रात्रि विश्राम किया। पायलट के रात्रि विश्राम के लिए कूलर वाली झोपड़ी बनाई गई थी। राजस्थान विधानसभा का सत्र 27 जून से हो सकता है शुरू, सरकार करेगी पूर्ण बजट पेश खबरों की माने तो कृषि फॉर्म हाउस पर ही पायलट और अफसरों के रूकने और खाने की व्यवस्था की गई। इससे पहले वह रानीवाड़ा पहुंचे थे, जहां की पंचायत समिति परिसर में समीक्षा बैठक ली। इसके बाद ड दो दिन तक कुएं में पड़ा रहा शख्स, जानें फिर क्या हुआ वारंगल इलाके में शख्स दो पहिया वाहन से जा ही रहा था कि वह कुएं में गिर गया और मदद की गुहार लगाता रहा। इसके बाद स्थानीय लोगों ने उसकी जान बचाई। Jagran Hindi News - news:national समाना|पब्लिक स्कूल की सुपर मार्किट वाली रोड पर सीवरेज डालने बारिश से भगता में गौशाला का लेंटर गिरा, 35 गायों की मौत तिलक ब्रिज जाने वाली ट्रेन 21 जुलाई तक रहेगी प्रभावित Super 30 team Hrithik Roshan, Anand Kumar, Vikas Bahl meet Deputy Chief Minister Sushil Kumar Modi in Patna
2019/07/17 08:41:56
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Choose Language Choose Language Chinese Simplified Chinese Traditional Albanian Arabic Belarusian Bengali Bulgarian Cambodian Croatian Czech English Esperanto Filipino French German Greek Hausa Hebrew Hindi Hungarian Indonesian Italian Japanese Korean Laos Malay Mongol Myanmar Nepal Persian Polish Portuguese Pushtu Romanian Russian Serbian Sinhalese Spanish Swahili Tamil Thai Turkish Ukrainian Urdu Vietnamese बच्चों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ने दें 2022-11-19 17:07:46 शेयर हर साल 20 नवंबर को पूरे दुनिया में विश्व बाल दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर में बच्चों के सामंजस्य को मजबूत करने, जागरूकता को बढ़ाने और बच्चों के कल्याण में सुधार करने के लिए के लिये विश्व बाल दिवस वर्ष 1954 में स्थापित हुआ। वर्ष 1959 और वर्ष 1989 में 20 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा और बाल अधिकारों पर सम्मेलन (यूएनसीआरसी) को अपनाया था। यूएनसीआरसी बच्चों के अधिकारों की एक अंतरराष्ट्रीय विज्ञप्ति है, जिस पर दुनिया भर के 196 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं और इसकी पुष्टि की है। इसमें 54 लेख शामिल हैं जिसमें बच्चों के जीवन के सभी पहलू शामिल हैं, जिसमें गैर-भेदभाव, बच्चे के सर्वोत्तम हित और सुनवाई का अधिकार शामिल है। यह शिक्षा को एक बुनियादी अधिकार के रूप में मान्यता देता है। प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। फिर भी दुनिया भर में लाखों बच्चे केवल उनके जन्म के देश, लिंग या पर्यावरण के कारण समान अवसरों से वंचित हैं। गरीबी बच्चों को असमान रूप से प्रभावित करती है। दुनिया भर में हर छह में से एक बच्चा अत्यधिक गरीबी में रहता है और प्रति दिन उनके जीवन यापन का खर्च 1.9 डॉलर से कम है। उनके परिवार उनके विकास के लिए बुनियादी चिकित्सा देखभाल और आवश्यक पोषण मुश्किल से प्रदान कर सकते हैं। वर्ष 2019 में पांच साल से कम उम्र के थेडिस्प्लेसिया से पीड़ित बच्चों की कुल संख्या 14.9 करोड़ थी। दुनिया के कई हिस्सों में नामांकन दर में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन पूरे दुनिया में 17.5 करोड़ से अधिक बच्चों को अभी भी पूर्व-प्राथमिक शिक्षा का अवसर नहीं मिला और वे शुरू से ही गहरी असमानता में जी रहे हैं। महामारी और लंबे समय तक चलने वाले सशस्त्र संघर्ष इस समस्या को आगे बढ़ा रहे हैं। साल 2022 में विश्व बाल दिवस का विषय हर बच्चे के लिए समावेशन रखा गया है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपील की कि बच्चों के बेहतर विकास के लिए यह उनकी सबसे बड़ी इच्छा है। शी चिनफिंग द्वारा की गयी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि "जनता की भलाई को बढ़ाएं और जनता के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करें", "पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता की बुनियादी राष्ट्रीय नीति का पालन करें और महिलाओं व बच्चों के वैध अधिकारों व हितों की रक्षा करें" और "जनता को संतुष्ट करने वाली शिक्षा चलाएं"। यह पूरी तरह से दर्शाता है कि सीपीसी महिलाओं और बच्चों के कार्यों से जुड़ी है। चीन बच्चों के स्वस्थ और सर्वांगीण विकास के लिए एक मजबूत गारंटी प्रदान करता है। चीन हमेशा ही बच्चों को प्राथमिकता के रूप में मनाने के सिद्धांत का पालन करता है और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने का हर संभव प्रयास करता है। विशेष रूप से पिछले दस वर्षों में, चीन में बच्चों के विकास कार्यों ने ऐतिहासिक नई उपलब्धियां हासिल की हैं। चीन में बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी व नीतिगत प्रणाली में आगे सुधार किया गया है और बच्चों की देखभाल के लिए पूरे समाज स्तर पर तंत्र में आगे सुधार किया गया है। मनुष्य एक साझा भविष्य वाला समुदाय है। पर्यावरणीय प्रभावों को खत्म करने, सभी बच्चों के स्वस्थ विकास को बढ़ाने और उन्हें अपने बचपन का आनंद लेने की अनुमति देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बच्चों को प्राथमिकता के रूप में मनाने के सिद्धांत को पूरी तरह से लागू करना चाहिए, बच्चों के प्राथमिकता विकास को बढ़ाने के लिए संस्थागत प्रणाली की स्थापना व सुधार करना चाहिए, बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूकता को लगातार बढ़ाना चाहिए। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बच्चों पर प्राकृतिक पर्यावरण व रहन-सहन के माहौल के प्रभावों पर ध्यान देना चाहिए, बच्चों के अनुकूल शहरों व समुदायों के निर्माण को आगे बढाना चाहिए, और बच्चों के जीवित और सामाजिक वातावरण में लगातार सुधार करना चाहिए। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वैश्विक विकास पहलों का सक्रिय कार्यान्वयन करना, यूएनसीआरसी का ईमानदारी से पालन करना, बच्चों के विकास से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों को लागू करना और वैश्विक बाल कार्यों के विकास को बढ़ाना चाहिए। उम्मीद है कि सभी लोग हाथ मिलाकर हर बच्चे के लिए हर अधिकार का अहसास कर सकेंगे और एक साथ अधिक समावेशी, टिकाऊ व बच्चों के अनुकूल सामाजिक वातावरण बन पाएगा।
2022-12-02T09:33:17Z
https://hindi.cri.cn/2022/11/19/ARTIqswiMHzEIV9q6GIXlj9l221119.shtml
OSCAR-2301
Nitish Kumar's district ranks 13th in distributing masks, Banka came out at the forefront, but Gaya owes 3 crore 64 lakhs to the Jeevika Didis | बांका निकला सबसे आगे तो कैमूर सबसे पीछे, गया जिले पर जीविका दीदीयों का 3 करोड़ 64 लाख बकाया - Dainik Bhaskar Nitish Kumar's District Ranks 13th In Distributing Masks, Banka Came Out At The Forefront, But Gaya Owes 3 Crore 64 Lakhs To The Jeevika Didis मास्क बांटने में CM का जिला 13वें स्थान पर:बांका निकला सबसे आगे तो कैमूर सबसे पीछे, गया जिले पर जीविका दीदीयों का 3 करोड़ 64 लाख बकाया कोरोना की रोकथाम के लिए पंचायतों में मास्क बांटने में बिहार का बांका जिला सबसे आगे निकल गया है। पंचायती राज विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक बांका में हर गांव में औसत 15882 मास्क बांटे गए हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिला इस मामले में 13 वें स्थान पर है। वहां 9283 मास्क हर गांव में बांटे गए हैं। सभी जिलों से विभाग को भेजी गई रिपोर्ट सभी जिलों से पंचायती राज विभाग को भेजे गए आंकड़ों की रिपोर्ट के मुताबिक बांका की 185 पंचायतों में सबसे अधिक मास्क वितरण किया गया है, लेकिन कैमूर में 149 पंचायतों में औसत महज 149 मास्क ही बांटे गए हैं। बांका के बाद कटिहार में 14937, भागलपुर में 14148 , पूर्णिया में 12967, पं चंपारण में 12619, वैशाली में 12089 , समस्तीपुर में 11961 और सुपौल में 11545 मास्क औसतन हर पंचायत में बांटे गए हैं। कैमूर के साथ ही गोपालगंज में भी कम मास्क बांटे गए हैं। यहां की 234 पंचायतों में औसतन 1400 मास्क बांटे गए हैं। जीविका के 35 हजार से अधिक मास्क मिले खराब सरकार की तरफ से जारी किए गए निर्देश में ग्राम पंचायतों को जीविका संपोषित ग्राम संगठन, संकुल संघ और खादी भंडार से मास्क खरीदने के निर्देश दिए गए थे। आपूर्ति में कमी होने पर स्थानीय स्तर पर भी निर्माण करवाने के लिए कहा गया था। यही वजह है कि सबसे अधिक मास्क की खरीददारी जीविका से की गई है। 8386 पंचायतों में 6 करोड़ 86 लाख 20 हजार मास्क बांटे गए, जिनमें 4 करोड़ 93 लाख 50 हजार मास्क जीविका से खरीदे गए। जीविका की तरफ से उपलब्ध कराए मास्क में 35 हजार मास्क खराबी के कारण वापस कर दिए गए। सबसे अधिक 4551 मास्क पूर्वी चंपारण में, 3000 वैशाली में और 2500 भागलपुर में खराब मिले। 10 करोड़ जीविका का बकाया, गया का सबसे अधिक बकाया सरकार के निर्देश के अनुसार सभी परिवारों को छह-छह मास्क दिए जाने थे। इन मास्क की कीमत GST सहित 15 रुपए तय की गई थी। जीविका की तरफ से पूरे प्रदेश में 74 करोड़ के मास्क पंचायतों को उलपब्ध कराए गए हैं। इसमें 10 करोड़ 18 लाख 98 हजार की राशि का अबतक जीविका को भुगतान नहीं हुआ है। सबसे अधिक गया में 3 करोड़ 64 लाख, वैशाली में 1 करोड़ 36 लाख, अररिया 1 करोड़ 56 लाख जीविका दीदीयों का बकाया है। गंगा में बहा दानापुर पीपा पुल: आंधी-तूफान के बाद दो टुकड़ों में टूट गया पुल, 7 पंचायतों का संपर्क भंग, नाव से आ-जा रहे लोग कोरोना से अनाथ हुई राधा को मिली मां की गोद: 8 साल की बच्ची पिता की मौत के बाद अनाथ की तरह पहुंच गई थी बालिकागृह, 32 दिन बाद मिला मां का साथ पप्पू यादव अभी बाहर नहीं आएंगे: 32 साल पुराने अपहरण केस में सेशन कोर्ट ने जमानत नहीं दी; अब हाईकोर्ट ही रास्ता, लेकिन वहां 20 जून तक छुट्‌टी बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ेगा: इतिहास में पहली बार वार्ड सदस्य, सरपंच, मुखिया का काम परामर्शी समिति करेगी; 16 जून से लागू होगी नई व्यवस्था
2022/01/17 15:48:21
https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/nitish-kumars-district-ranks-13th-in-distributing-masks-banka-came-out-at-the-forefront-128548642.html?ref=inbound_More_News
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PNB Housing hits higher circuit as PNB asks it to restructure Carlyle deal - Hindi News Update PNB Housing hits higher circuit as PNB asks it to restructure Carlyle deal July 8, 2021 July 8, 2021 Hindi News Update पंजाब नेशनल बैंक, पीएनबी हाउसिंग, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस शेयर, प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण, शेयर बाजार, सेबी नई दिल्ली: गुरुवार के शुरुआती कारोबार में शेयरों के ऊपरी सर्किट में हिट के बाद इसके प्रमोटर ने इसे कार्लाइल समूह के साथ प्रस्तावित सौदे के पुनर्गठन पर विचार करने के लिए कहा। हाउसिंग फाइनेंसर ने यह भी कहा कि वह अंतिम निर्णय लेने से पहले इस मुद्दे पर प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश का इंतजार करेगी। अमेरिका स्थित कार्लाइल समूह ने हाउसिंग फाइनेंसर में 4,000 रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव रखा है। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के शेयर गुरुवार को इसकी दैनिक सर्किट सीमा 5 प्रतिशत बढ़कर 720.55 रुपये हो गए। इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक बीएसई सेंसेक्स 50 अंक या 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,004.88 पर कारोबार कर रहा था। बुधवार को यह 686.25 रुपये पर बंद हुआ। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने कहा कि उसे 4 जुलाई को पीएनबी से एक पत्र मिला और उसके बाद कंपनी के बोर्ड की बैठक 5 और 6 जुलाई, 2021 को हुई। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, "पीएनबी के पत्र ने पीएनबी के निदेशक मंडल द्वारा 3 जुलाई, 2021 को हुई बैठक में लिए गए निर्णय से अवगत कराया था।" पीएनबी हाउसिंग ने साल 2021 में अब तक निवेशकों का पैसा दोगुना कर दिया है। हालांकि, हाउसिंग फाइनेंस फर्म ने पिछले एक महीने में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की है। सेबी ने कंपनी से 4,000 करोड़ रुपये के प्रेफरेंस शेयरों के इश्यू प्राइस का पुनर्मूल्यांकन करने और प्रस्तावित निवेशकों को 390 रुपये प्रति पीस पर वारंट जारी करने को कहा था। इस सौदे की घोषणा 31 मई, 2021 को की गई थी। हालांकि, कंपनी ने सेबी के पत्र के बाद प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) का रुख किया था। मामले की सुनवाई सोमवार 12 जुलाई को होनी है। ← Sensex, Nifty Commerce On Flat; IT Shares Outperform Forward Of TCS Earnings Zomato IPO: When will it open, IPO value, retail quota, what number of shares are you able to bid for, allotment standing →
2021/09/27 17:31:50
https://hindinewsupdate.com/pnb-housing-hits-higher-circuit-as-pnb-asks-it-to-restructure-carlyle-deal/
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अगर आप के पास एक बुटीक है तो आप मल्टी-टास्किंग की एहमियत को ज़रूर समझते होंगे | एक सक्सेसफुल फैशन स्टोर के सेल्स बढ़ने के लिए आप की शॉप दुसरे बड़े ब्रैंड स्टोर्स और लोकल बुटीकस से अलग होनी चाहिए | चलिए जानते है बुटीक मैनेजमेंट ट्रैनिंग सेंटर पर सिखाए जाने वाले ऐसे 5 टिप्स जिस से आपका बिज़नेस हो सकता है सक्सेसफुल | लोकल इवेंट्स में पार्ट लीजिए अपनी कम्युनिटी के लोकल इवेंट्स का हिस्सा बनिए और अपनी जान पहचान बढ़ाइए | जब आप लोगों से अच्छे रिलेशन्स बनाएंगे, आप के कॉन्टेक्ट्स बढ़ेंगे और यह लोग आप की शॉप से खरीदना ज़रूर चाहेंगे | सोशल मीडिया पर एक्टिव रहिए आज कल हर कोई सोशल मीडिया यूज़ कर रहा है | आप की बुटीक को इंटरनेट की मदद से पॉपुलर कीजिए और अपने सेल्स बढ़ाइए | जहाँ बुटीक मैनेजमेंट ट्रैनिंग दी जाती है, वहाँ सोशल मीडिया को बिज़नेस के लिए यूज़ करना भी सिखाया जाता है | सही एम्प्लाइज चुनिए आपकी बुटीक के लिए सही एम्प्लाइज चुन्ना बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है | एक सही सेल्स पर्सन वही होता है जो अपने कस्टमर्स की ज़रुरत और इंटरेस्ट को समझ सके | अपनी शॉप पर सही लोगो को रखें और अपने सेल्स बढाए | कस्टमर्स के लिए ऑफर्स रखें ऑफर्स किसे पसंद नहीं होते? जहाँ भी ऑफर्स होते है वहाँ कस्टमर्स तो होते ही है | आपकी शॉप पर सेल रखने से आपके कस्टमर्स बढ़ सकते है | बुटीक मैनेजमेंट ऑनलाइन क्लासेस की मदद से आप को इस बारे में आईडिया मिल सकता है | अपने कस्टमर्स से फीडबैक लीजिए कस्टमर फीडबैक आपकी बुटीक के लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है | ऐसे करने से आप अपने कस्टमर्स के सटिस्फैक्शन के बारे में जान सकते है और यह आपके बिज़नेस को इम्प्रूव करने में मदद कर सकता है | एक बुटीक चलाने के लिए कई चीज़ों को ध्यान में रखना पढता है | Hamstech ऑनलाइन के बुटीक मैनेजमेंट कोर्स में एनरोल कीजिए और सीखिए अपने बिज़नेस को सक्सेस्फुल्ली चलाने के कई यूनिक और इंटरेस्टिंग तरीकें |
2020/02/17 06:18:41
https://www.hamstechonline.com/blog/5-must-know-methods-to-make-your-boutique-business-a-success-2/
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पैदल शैली में बदलाव की सहायता से मनोदशा में बदलाव हाल ही में प्रकाशित एक नए शोध के अनुसार व्यक्ति के चलने की शैली को देख कर कई लक्षणों का पता लगाया है। ऊर्जावान तेज़ चाल से खुशी का पता चलता है। आत्मविश्वास की गुणवत्ता फैले चरणों से प्रदर्शित होता है तो लम्बे चरणों से दोस्तों से आगे जाने को बताता है। भारी कदम के साथ टहलने, हर चीज़ पर दबाव डालने के द्वारा व्यक्ति के हठ का पता चलता है। उदास और दु: खी व्यक्तियों द्वारा धीरे-धीरे अपने पैर पीछे से घसीटता हुये चलना देखा गया हैं। कैट वॉक प्रदर्शन चाल है जो सामन्यतया फैशन प्रदर्शनियों ,मे दिखायी देता है। सर झुकाकर चलना यह प्रदर्शित करता है कि व्यक्ति अच्छी मन:स्थिति में नहीं है और एक व्यक्ति जो सर उठा कर चलता है यह प्रदर्शित करता है कि व्यक्ति अच्छी मन:स्थिति में है। पैदल चलने की शैली मन को कैसे प्रभावित करती है? जर्नल ऑफ बिहेवियर थेरेपी एंड एक्स्पेरिमेंटल साइकियाट्री में प्रकाशित एक अद्यतन अध्ययन की रिपोर्ट में यह उद्घाटित किया गया है कि मनोदशा एक व्यक्ति की चाल पर पर्याप्त प्रभाव डालती है। शोधकर्ताओं ने एक व्यक्ति के चलने की शैली की विशेषताओं का पता लगाया है, लेकिन कहा जा सकता है कि व्यक्ति की चलने की शैली भी उसकी मनोदशा को बदल सकते हैं। यदि एक व्यक्ति खुशी की मनोदशा वाली चाल चलने की शैली को अपनाता है तो वह जल्द ही उसी मनोदशा में आ जायेगा। खराब मनोदशा के अध्ययन को जिन लोगों के ऊपर प्रयोग करके प्राप्त किया गया है उनमें शामिल हैं उदास शैली में चलना, हाथों को कम हिलाकर चलना, कंधों को झुका कर चलना है। चलने की शैली में कोई नई बात नहीं है, लेकिन चलने की शैली से मनोदशा में बदलाव को देखना आश्चर्यजनक है। तख्तियों को, जिस पर लिखा था खूबसूरत, डर और चिंतित जैसे शब्द लिखे गए थे, दिखाने के बाद ट्रेडमिल पर चलने के लिए कहा गया था। व्यक्तियों की चाल और मुद्रा को बिना उनके जानकारी के मापा गया था। उन्हें निर्देशित चाल पर चलने के लिये कहा गया था जैसा कि टीम चाहती थी। इसके बाद उनसे उन शब्दों को लिखने के लिये कहा गया जिन्हें उन्होंने देखा था। । यह तर्क सुनिश्चित संकेत था कि जो लोग उदास चलने की शैली में थे उन्होंने उदास मनोदशा को विकसित कर लिया था। यह भी पता लगाया गया था कि मनोदशा किस प्रकार स्मृति को प्रभावित करती है। अवसादग्रस्त लोगों को प्राय: उदासी वाली घटनायें याद रहती है और उन्ही यादों को याद करता है जो उन्हें उदास करता है। यह तरीका अवसादग्रस्त रोगियों का उपचार करने में उपयोग किया जा सकता है। अध्ययन उन प्रश्नों को भी शामिल करता है जो उन रहस्यों को खोलने का काम करता है की मस्तिष्क संवेदनशील उत्तेजनाओं को सूचना में कैसे परिवर्तित करता है और मानवशैली को कम्प्यूटर में पुन: बनाया जाय। रिपोर्ट यह भी बतलाता है कि सामजिक पशु जैसे मानव समाज अन्य लोगों को देखने में समय व्यतीत करता है जैसे चेहरे की मुद्रायें, शारीरिक भाषा और सलीका। मनुष्य के जैविक संरचना को समझकर और अपने स्वयं की गतियों से प्राप्त सूचनाओं के द्वारा बेहतर कृत्रिम बुद्धिमत्ता को विकसित करने के लिये, लोग शोधकर्ताओं की सहायता कर सकते हैं।
2021/12/04 19:14:47
https://www.wahhindi.com/changing-of-walking-style-brings-change-in-ones-mood/
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पुनर्नवा: October 2009 समीक्षक- गिरीश पंकज अंगरेज़ी साहित्य और उसकी प्रभावोत्पादकता से किसे इंकार हो सकता है। भारतीय समाज के ऊपर अगरेज़ी साहित्य एक दबाव की तरह भी विद्यमान रहा है। साहित्य न भी रहा हो, पर एक भाषा तो रही है। मजबूरी में ही सही, अंगरेज़ी जीवन का हिस्सा बनती चली गयी। भाषा या भाषा को हथियार बनाकर हमें गुलाम बनाने वाली प्रकृतियों की बात न भी करें तो अंगरेज़ी साहित्य का अपना मूल्य है। इस भाषा के साहित्य में कुछ बात तो है कि इसकी हस्ती अब तक नहीं मिट पायी है। हालत यह है कि धीरे-धीरे भारत में भी अंगरेज़ी साहित्य रचने वालों की तादाद बढ़ी है। हिंदी लेखकों में भी लिखने, छपने और अनूदित होने की ललक बढ़ी है। यह शायद वैश्विक होने के अहसास का ही एक हिस्सा है। अंगरेज़ी की श्रेष्ठ कविताएँ बरबस अपनी ओर खींचती है। यही कारण है कि हिंदी का अंगरेज़ी पढ़ा-लिखा लेखक समाज उससे बहुत जल्दी प्रभावित भी होता रहा है। अनेक हिंदी साहित्कारों की कविताएँ अंगरेज़ी के कवियों की छापाओं से ग्रस्त दीखती हैं। यह हिंदी कवियों की कमजोरी हो सकती है, लेकिन निर्विवाद रूप से अंगरेज़ी की श्रेष्ठता का प्रमाण तो है ही। ऐसी श्रेष्ठ कविताओं का एक संकलन प्रकाशित होकर हिंदी के पाठकों तक पहुँचा है। अनुवादक कुलदीप सलिल के संपादन में "अंगरेज़ी की श्रेष्ठ कवि और उनकी श्रेष्ठ कविताएँ" नामक इस पुस्तक में अगरेज़ी के महत्वपूर्ण कवियों की रचनाओं के अनुवाद प्रस्तुत किए गए हैं। कुलदीप सलिल की अनेक अनूदित कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही है। वे दक्ष अनुवादक हैं। उनके अनुवाद अनुवाद जैसे नहीं लगते। समझ में आते हैं। (जबकि समकालीन हिंदी कविताएँ अनुवाद-सरीखी लगती हैं और समझ में भी नहीं आतीं) कुलदीप जी ने भूमिका में एक महत्वपूर्ण बात कही है कि "अनुवादक का कवि होना भी जरूरी है" सचमुच कवि ही मूल कविता की ध्वन्यात्मकता को, लयता को, उसकी समस्त प्रभविष्णुता को गहराई से समझ सकता है। कविता की ध्वनि, कविता का प्रवाह और कविता की आत्मा को एक कवि ही बेहतर समझ सकता है। अंगरेज़ी का जानकार कविता का मशीनी अनुवाद करेगा, मगर कवि उसी कविता का आत्मिक अनुवाद करेगा। अनुवाद अनुवाद न लगे, वह अनुरचना (यानी ट्रांस्क्रिएशन) लगे तभी उसकी सार्थकता है। तभी उसकी पठनीयता है। और उपादेयता भी। अनुवाद एक तरह से पुनर्सर्जना भी है। इसलिए कहा जा सकता है कि ये अनुवाद नहीं आसां, बस इतना समझ लीजे। भाव की गहराई है और डूब के जाना है। कुलदीप सलिल ने डूबकर अनुवाद किया है। समीक्षा पुस्तक में जिन अठारह कवियों का चयन किया गया है उनमें विलियम शेक्सपियर, बेन जान्सन, जॉन मिल्टन, विलियम वर्डसवर्थ, पीबी शेली, जॉन कीट्स, राबर्ट ब्राउनिंग, विलियम बटलर गेट्स, राबर्ट फ्रॉस्ट, टी.एस.एलविट जैसे वैश्विक रूप से बेहद लोकप्रिय कवि शामिल हैं। जॉन डन, एलेक्जैंडर पोप, विलियम ब्लैक एस.टी.कॉलरिज, एल्फ्रेड टेनीसन, मैथ्यू अर्नाल्ड, एमिली डिकिन्सन और डब्ल्यू. एच. ऑडेन भी कम नहीं हैं। अनुवादक ने इन कवियों का सारगर्भित परिचय दिया है। कवियों की मूल रचनाएँ भी दी हैं। इन कविताओं को पढ़ते हुए साफ समझ में आता है कि उस दौर की अंगरेज़ी भाषा और वर्तमान दौर की अंगरेज़ी में कितने परिवर्तन हुए हैं। भाषा को हमारे यहाँ बहता नीर कहा गया है। नीर अपने साथ अनेक उपयोगी चीजें बहाकर लाता है। अनुवादक ने ठीक किया है कि उस वक्त जो भाषा थी, शब्द की जो स्पेलिंग प्रचलित थी, उसे जस का तस रख दिया है। इससे अंगरेज़ी साहित्य में रुचि रखने वाले पाठकों एवं विद्यार्थियों को भाषा के क्रमिक विकास एवं परिवर्तन होने की सहज प्रवृत्ति का पता चलेगा। मेरे जैसे पाठकों को भी अच्छा लगेगा जिन्होंने बहुत ज्यादा अंगरेज़ी कविताएँ नहीं पढ़ी हैं। शेक्सपियर की मशहूर पंक्ति "दुनिया एक मंच है और हम सब कठपुतली" से हिंदी समाज भी परिचित है। बहुतों को पता भी नहीं कि यह कथन शेक्सपियर का है। अनुवादक ने शेक्सपियर के "आल द वर्ल्ड'स ए स्टेज" का हिंदी अनुवाद "सारी दुनिया एक मंच है" करते हुए कुछ इस तरह अनुवाद किया है कि "सारी दुनिया एक मंच है, नर नारी अभिनेता/ सात अवस्थाएँ जीवन की/ सात अंकों के नाटक में/ अपना-अपना खेल दिखा हर इनसान चला जाता है" इस भावभूमि पर एक फिल्मी गीत भी कभी लिखा गया था। अनुवाद से बेहतर था यह कि "रंगमंच है दुनिया सारी/ हर इंसां अभिनेता है/ अपना-अपना अभिनय करके/ हर कोई चल देता है"। कुलदीप सलिल ने भी अनुवाद में मेहनत की है, अगर वह इन्हें और करीने से छंदबद्ध कर सकते तो अनुवाद का लालित्य द्विगुणित हो जाता। फिर भी तमाम अनुवाद बाँधने की ताकत रखते हैं। पंद्रहवीं शताब्दी के कवि हों या उन्नीसवीं शताब्दी के, मानवीय संवेदनाएँ विरासत के रूप में ही स्थानांतरित होती दिखती है। भाषा भले ही परिवर्तित होती गयी, भावनाएँ वहीं हैं। परिदृश्य बदला है, लेकिन प्रवृत्तियाँ जस की तस हैं। संग्रह की रचनाओं को पढ़ते हुए हम अंगरेज़ी कविता के क्रमिक विकास, उसके चिंतन से भी परिचित होते चलते हैं। कविताओं में प्रयुक्त मुहावरे बदलते हैं और दृश्य बंध भी। विषयवस्तु भी परिवर्तित होती चलती है। जॉन डन या जॉन मिल्टन अपने दौर में (यानी पाँच सौ साल पहले) अगर मौत या आँखों की ज्योति चले जाने पर ईश्वर से प्रश्न करते हैं तो बीसवीं शताब्दी के आते-आते डब्ल्यू.एच. ऑडेन का मनुष्य रेडियो, टेलीफोन, फ्रिज, कार के साथ आधुनिक आदमी बन जाता है। लेकिन वह प्रेम गीत जरूर गाता है। संग्रह की कविताएँ पढ़कर हिंदी का पाठक सहज भाव से तुलनात्मक अध्ययन पर भी विवश हो जाता है। इस कृति के बहाने अंगरेज़ी और हिंदी कविता का तुलनात्मक अध्ययन का मौका भी मिलता है। समझ में आ जाता है कि अंगरेज़ी कविता किस भाव-भूमि पर खड़ी है और हिंदी का काव्यकौशल कहाँ है। हिंदी का पाठक महसूस करता है कि हिंदी की उस दौर की कविता अंगरेज़ी कविताओं से काफी आगे रही है। आज स्थिति उलट है। जो भी हो, कुलदीप सलिल के चयन की तारीफ करनी पड़ती है। चालीस-पैंतालीस साल से अनुवाद कर्म में रत कुलदीप जी ने हिंदी के पाठकों को अनमोल तोहफा दिया है। इस कृति के बहाने अंगरेज़ी साहित्य का सत्व सामने आ जाता है। और पता चलता है कि सोच का मानवीय चेहरा कितना भावुक है। उसके चिंतन के औजार क्या हैं। यह संग्रह अंगरेज़ी और श्रेष्ठ कविताओं की तलाश के लिए व्याकुल करता है। कृति - अंगरेज़ी के श्रेष्ठ कवि अनुवादक - कुलदीप सलिल प्रकाशक - राजपाल एंड सन्स, कश्मीरी गेट, दिल्ली मूल्य - 190/- Posted by mass communication department at 1:34 PM 3 comments: आज भूमंडलीकरण के दौर में हिन्दी पत्रकारिता की चुनौतियां न सिर्फ बढ़ गई हैं वरन उनके संदर्भ भी बदल गए हैं। पत्रकारिता के सामाजिक उत्तरदायित्व जैसी बातों पर सवालिया निशान हैं तो उसकी नैसर्गिक सैद्धांतिकता भी कठघरे में है। वैश्वीकरण और नई प्रौद्योगिकी के घालमेल से एक ऐसा वातावरण बना है जिससे कई सवाल पैदा हुए हैं। इनके वाजिब व ठोस उत्तरों की तलाश कई स्तरों पर जारी है। वैश्वीकरण व बाजारवाद की इन चुनौतियों ने हिन्दी पत्रकारिता को कैसे और कितना प्रभावित किया है इसका अध्ययन किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। समूची भारतीय पत्रकारिता के संदर्भ में बात करने के पहले इसे तीन हिस्सों में समझने की जरूरत है। पहली अंग्रेजी पत्रकारिता, दूसरी हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं के बड़े अखबारों की पत्रकारिता और तीसरी नितांत क्षेत्रीय अखबारों की पत्रकारिता। पहली, अंग्रेजी की पत्रकारिता तो बाजारवाद की हवा को आंधी में बदलने में सहायक ही बनी है, और कमोवेश इसने सारे नैतिक मूल्यों व सामाजिक सरोकारों को शीर्षासन करा दिया है। दूसरी श्रेणी में आने वाले हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं के बहुसंस्करणीय अखबार हैं। वे भी बाजारवादी हो हल्ले में अंग्रेजी पत्रकारिता के ही अनुगामी बने हुए हैं। उनकी स्वयं की कोई पहचान नहीं है और वे इस संघर्ष में कहीं 'लोक' से जुड़े नहीं दिखते। तीसरी श्रेणी में आने वाले क्षेत्रीय अखबार हैं, जो अपनी दयनीयता के नाते न तो खास अपील रखते हैं न ही उनमें कोई आंदोलनकारी-परिवर्तनकारी भूमिका निभाने की इच्छा शेष है। यानि मुख्यधारा की पत्रकारिता ने चाहे-अनचाहे बाजार की ताकतों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है। बढ़ती उपभोक्तावादी संस्कृति, चैनलों पर अपसंस्कृति परोसने की होड़, बढ़ती सौन्दर्य प्रतियोगिताएं, जीवन में हासिल करने के बजाए हथियाने का बढ़ता चिंतन, भाषा के रूप में अंग्रेजी का वर्चस्ववाद, असंतुलित विकास और असमान शिक्षा का ढांचा कुछ ऐसी चुनौतियां हैं जिनसे हम रोजाना टकरा रहे हैं और समाज में गैर बराबरी की खाई बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही मूल्यहीनता के संकट अलग हैं। भारत की दुनिया के सात बड़े बाजारों में एक होना एक संकट को और बढ़ाता है। दुनिया की सारी कम्पनियां इस बाजार पर कब्जा जमाने कुछ भी करने पर आमादा हैं। असंतुलित विकास भी इसी व्यवस्था की नई देन है। शायद इसलिए अर्थशास्त्री प्रो. ब्रम्हानंद मानते है कि आने वाले वर्षों में 'स्टेट बनाम मार्केट' (राज्य बनाम बाजार) का गंभीर टकराव होगा। सो विकसित राज्यों व बाजारवादी व्यवस्था से लाभान्वित हुए राज्यों औसे आंध्र, कनोटक, गुजरात, महाराष्ट्र के खिलाफ अविकसित राज्यों का एक स्वाभाविक संघर्ष शुरू हो गया है। प्रो. ब्रम्हानंद के मुताबिक ''उदारीकरण के बाद स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, सार्वजनिक यातायात, शिक्षा हर जगह दोहरी व्यवस्था कायम हो गई है। एक व्यवस्था निजीकरण से जुड़ी है, जहां उपभोक्ताओं के पास समृद्धि है और 'निजीकरण' से लाभ लेने की क्षमता भी। दूसरी ओर व्यवस्था, सार्वजनिक क्षेत्र की सुविधाओं से जुड़ी हैं, जहां निवेश के लिए सरकार के पास जैसा नहीं है पर करोड़ों लोग इससे जुड़े हैं। केन्द्र की नीतियों से भी भेदभाव प्रायोजित हो रहा है। बीमारू राज्य और बीमारू होते जा रहे हैं।'' ये संकट देश के भी हैं और पत्रकारिता के भी। दुर्भाग्य है बीमारू राज्यों के अधिकांश क्षेत्रों में बोले जानी वाली भाषा हिन्दी है। अंग्रेजी के मुकाबले उसकी दयनीयता तो जाहिर है ही परन्तु सूचना की भाषा बनने की दिषा में भी हिन्दी बहुत पीछे है। साहित्य-संस्कृति, कविता-कहानी के क्षेत्रों में शिखर को छूने के बावजूद ज्ञान-विज्ञान के विविध अनुशासनों पर हिन्दी में बहुत कम काम हुआ है। विज्ञान, प्रबंधन, प्रौद्योगिकी, उच्च वाणिज्य, उद्योग आदि क्षेत्रों में हिन्दी बेचारी साबित हुई है, जबकि यह युग सत्य है कि आज के दौर में जब तक भाषा बहुआयामी अभिव्यक्ति व विशेष सूचना की भाषा न बने उसे सीमा से अधिक महत्व नहीं मिल सकता। वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश की मानें तो - ''हिन्दी को आज देश, काल, परिस्थितियों के अनुरूप सूचना की सम्पन्न भाषा बनाना जरूरी है। आज की हिन्दी पत्रकारिता के लिए यही सीमा ही सबसे बड़ी चुनौती है। बाजारवाद की चुनौतियों के खिलाफ हिन्दी पत्रकारिता का यह सृजनात्मक उत्तर होगा। आधुनिक राजसत्ता, तंत्र, बाजारवाद, विश्वग्राम की सही अंदरूनी तस्वीर लोगों तक पहुंचे, यह सायास कोशिश हो। इसके अंतर्विरोध-कुरूपता को हिन्दी या भाषाई पाठक जानें, यह प्रयास हो। यह काम अंग्रेजी प्रेस नहीं कर सकता। अंग्रेजी की नकल कर रहे भाषाई अखबार भी नहीं कर सकते, क्योंकि ये सभी माडर्न सिस्टम की उपज हैं। यही बाजारवाद इनका शक्तिस्रोत हैं।'' अंग्रेजी के वर्चस्ववाद के खिलाफ हिन्दी एवं भारतीय भाषाओं की शक्ति को जगाए व पहचाने बिना अंधेरा और बढ़ता जाएगा। अंग्रेजी अखबार इस लूटतंत्र के हिस्सेदार बने हैं तो मुख्यधारा की हिन्दी-भाषाई पत्रकारिता उनकी छोड़ी जूठी पत्तलें चाट रही हैं। हिन्दी की ताकत सिर्फ सिनेमा में दिखती है, जबकि यह भी बाजार का हिस्सा है। सच कहें तो हिन्दी सिर्फ मनोरंजन और वोट मांगने की भाषा बनकर रह गयी है। बाजारवाद में मुक्त बेचने वाले हाते हैं - खरीदने वाले नहीं। हमारा पाठक यहीं ठगा जा रहा है। उसे जो कुछ यह कहकर पढ़ाया जा रहा है कि यह तुम्हारी पंसद है - दरअसल वह उसकी पसंद नहीं होती। जिस तरह एक ओर बाजार इच्छा सृजन कर रहा है, आपकी जरूरतें बढ़ी हैं और नाजायज चीजें हमारी जिन्दगी में जगह बना रही हैं। अखबार भी बाजार के इस षडयंत्र का हिस्सा बन गया है। सो पाठक केन्द्र में नहीं है, विज्ञापनदाता को मदद करने वाला 'संदेश' केन्द्र में है। हमने कहा - 'वसुधैव कुटुम्बकम' पूरा विश्व एक परिवार है। 'विश्वग्राम' कहता है - 'पूरा विश्व एक बाजार है।' जाहिर है चुनौती कठिन है। विज्ञापन दाता 'कंटेंट' को नियंत्रित करने की भूमिका में आ गया है - यह दुर्भाग्य का क्षण है। आज हालात यह है कि पाठक ही यह तय नहीं करते कि उन्हें कौन सा अखबार पढ़ना है, अखबार ही यह भी तय कर रहे हैं कि हमें किस पाठक के साथ रहना है। कई अंग्रेजी अखबार इसी भूमिका का काम कर रहे हैं। हिन्दी व भारतीय भाषाओं के अखबारों के सामने यह चुनौती है कि वे अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करें। वे यह सोचें कि क्या वे सूचना देने, शिक्षित करने और मनोरंजन करने के अपने बुनियादी धर्म का निर्वाह करते हुए कुछ 'विशिष्ठ' कर सकते हैं? क्या हमने अपने प्रस्थान बिन्दु से नाता तोड़ लिया है, क्या हम जनोन्मुखी और सरोकारी पत्रकारिता से हाथ जोड़ लेंगे। देह और भोग (बाडी एंड प्लेजर) की पत्रकारिता के पिछलग्गू बन जाएंगे? अपने समाज जीवन को प्रभावित करने वाले सवालों से मुंह चुराएंगे? उदारीकरण के नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा तक नहीं करेंगे। अपने पाठकों तक सांस्कृतिक पतन की सूचनाएं नहीं देंगे? क्या हम यह नहीं बताएंगे कि मैक्सिकों का यह हाल क्यों हुआ? थाईलैंड की वेश्यावृत्ति का बाजावाद से क्या नाता है? पत्रकारिता सार्थक भूमिका के निर्वहन में हमारे आड़े कौन आ रहा है? हमारे एकता-अखंडता क्या पश्चिमी सांचों की बुनावट पर कायम रह सकेगी? सुविधाओं एवं सुखों के नाम पर क्या हम आत्म-समर्पण कर देंगे? ऐसे तमाम सवाल पत्रकारिता के सामने खड़े हैं। उनके उत्तर भी हमें पता है लेकिन 'बाजावाद' की चकाचैंध में हमें कुछ सूझता नहीं। इसके बावजूद रास्ता यही है कि हम अपने कठघरों से बाहर आकर बुनियादी सवालों से जूझें। हवा के खिलाफ खड़े होने का साहस पालें। हिन्दी पत्रकारिता की ऐतिहासिक भावभूमि हमें यही प्रेरणा देती है। यही प्रस्थान बिन्दु हमें जड़ों से जोड़ेगा और 'वैकल्पिक पत्रकारिता' की राह भी बनाएगा। Posted by mass communication department at 1:15 PM No comments: Posted by mass communication department at 5:47 PM No comments: 04 अगस्त, 1969, गंज बासौद(म.प्र.) उसने अपनी जेब में इतने अहंकार से हाथ डाला कि उस पल मुझे लगा काश! किसी के पास जेब न होती तो कितना अछ्छा होता आख़िर क्यों हो किसी के पास जेब? मैं एक यूटोपिया में प्रवेश करने जा रही हू`ं बंजारा खानबदोश जिप्सी नो मेंस लैण्ड अपने इस यूटोपिया में बिना जेब के हूँ मैं खालीपन मुझे अच्छा लगता है जेब के खालीपन के तो कहने ही क्या... क्यों बढ़ा रही हूँ बात को इतना कहना चाहिए कभी-कभी कलेजे को चीरती सीधी-सच्ची दो टूक बात Posted by mass communication department at 1:40 PM 2 comments: कौन चतुर चालाक है और कौन मासूम, सब कह देता आपका, अपना ड्राइंगरूम।। साँसों का चुकने लगा, खाता और हिसाब, पढी न पूरी जंदगी, पढते रहे किताब।। पढते अपना नाम ही, लिखते अपना नाम, हम अपने ही इस कदर, अब हो गए गुलाम।। सुबह नहीं अपनी रही, रही न अपनी शाम, ओवरटाइम जो मिला, किया काम, बस काम।। सुबह सुबह माथा गरम, कंधे पर वैताल, लहर उठाए किस तरह, उम्मीदों का ताल।। थकने की क्या बात हो, जीना हमें जहान, कंधे पर सामान है, पाँव पाँव प्रस्थान।। दिल में है दरियादिली, पर खाली है जेब, बिन घुँघरू कैसे बजे, खुशियों की पाजेब।। मरहम पट्टी संग रखें, संग रखें रूमाल, सपने ही अब आपको, करने लगे हलाल।। है उडान की जद मगर, बिछा हुआ है जाल, कैसे कोई हल करे, इतना बडा सवाल।। झुलसा अपनी आग में, राहत का सामान, बादल भागे छोडकर, जलता हुआ मकान।। आने को आती नहीं, कभी साँच को आँच, सपने है ताजा लहू, सपने टूटा काँच।। Posted by mass communication department at 12:50 PM 1 comment: छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस ( 1 नवंबर पर विशेष) छत्तीस गढ़ों से संगठित जनपद छत्तीसगढ़ । लोकधर्मी जीवन संस्कारों से अपनी ज़मीन और आसमान रचता छत्तीसगढ़। भले ही राजनैतिक भूगोल में उसकी अस्मितावान और गतिमान उपस्थिति को मात्र आठ वर्ष हुए हैं, पर सच तो यही है कि अपने सांस्कृतिक हस्तक्षेप की सुदीर्घ परंपरा से वह साहित्य के राष्ट्रीय क्षितिज में ध्रुवतारा की तरह स्थायी चमक के साथ जाना-पहचाना जाता है । यदि उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि से हिंदी संस्कृति के सूरज उगते रहे हैं तो छत्तीसगढ़ ने भी निरंतर ऐसे-ऐसे चाँद-सितारों की चमक दी है जिससे अपसंस्कृति के कृष्णपक्ष को मुँह चुराना पड़ा है ।जनपदीय भाषा- छत्तीसगढ़ी के प्रति तमाम श्रद्धाओं और संभ्रमों के बाद यदि हिंदी के व्यापक वृत में छत्तीसगढ़ धनवान बना रहा है तो इसमें उस छत्तीसगढ़िया संस्कार की भी भूमिका भी रेखांकित होती है जिसकी मनोवैज्ञानिक उत्प्रेरणा के बल पर आज छत्तीसगढ़ सांवैधानिक राज्य के रूप में है । कहने का आशय यही कि ब्रज, अवधी आदि लोकभाषाओं की तरह उसने भी हिंदी को संपुष्ट किया है । कहने का आशय यह भी कि लोकभाषाओं के विरोध में न तो राष्ट्रीय हिंदी रही है न ही छत्तीसगढ़ की हिंदी । इस वक्त यह कहना भी ज़रूरी होगा कि छत्तीसगढ़ की असली पहचान उसकी सांस्कृतिक अस्मिता है, जिसमें भाषायी तौर पर हिंदी और सहयोगी छत्तीसगढ़ी दोनों की सांस्कृतिक उद्यमों, सक्रियताओं, प्रभावों और संघर्षों को याद किया ही जाना चाहिए। - अध्यक्षः जनसंचार विभाग माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, प्रेस काम्पलेक्स, एमपी नगर, भोपाल (मप्र) Posted by mass communication department at 12:32 PM No comments: दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। Posted by mass communication department at 12:44 PM 1 comment: Posted by mass communication department at 12:42 PM No comments: ज्यादातर लोग रोज जो काम करते हैं, उनकी सूची बनाकर रखते हैं और उम्मीद करते हैं कि ज्यादातर काम हो जाएंगे। बेशक, सूची बनाने में कोई हर्ज नहीं, बल्कि इससे तो आप अपने कार्यों की एक सीमा भी निर्धारित कर लेते हैं। पर इसमें इस बात का ध्यान रखें कि रोजमर्रा के रूटीन काम या फालतू के कामों के कारण इस लिस्ट की दुर्गति न हो। हर काम पूरा हो कर हमारा जीना आसान कर देता है। लेकिन कुछ काम ऐसे हैं, जैसे खरीदारी-जो कभी पूरे नहीं हो पाएंगे यदि आप उनकी लिस्ट बनाकर अपने सामने न रखें। खरीदारी के पूर्व पूरी लिस्ट बनाना जरूरी होता है नहीं तो चूक जाने पर आपको दोबारा भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। परंतु एक सत्य यह भी है कि जीवन में कोई असीमित समय उपलब्ध नहीं होता। हमें तय कर लेना चाहिए कि क्या करना जरूरी है और क्या जरूरी नहीं है तथा क्या काम हमें दूसरों के जरिए करवाना है। उदाहरण के लिए निमंत्रणों की बात को ही लीजिए। कुछ लोग निमंत्रण भेजने में बड़े पटु होते हैं, और जिससे कभी कदा मिले हो, उसको भी निमंत्रण भेज देते हैं। इस संदर्भ में यह जरूरी नहीं कि हर जगह आप जाएं ही। अपनी प्राथमिकताएं निश्चित करना आवश्यक है। यदि कहीं जाना जरूरी हो या कोई घनिष्ठ आपको बुलाएं तभी जाएं। पिछले हफ्ते ही एक उद्योगपति के घर गार्डन पार्टी में जाने का मुझे निमंत्रण प्राप्त हुआ। उन श्रीमान जी से मैं दो तीन बार जरूर मिला था परंतु 'हैलो हाय!Ó से ज्यादा कभी कोई बात नहीं हुई, वहां पहुंचने में दो घंटे आने-जाने में, एक घंटा लंच से पूर्व पीने-पिलाने में लगते। मैंने तुरंत निर्णय किया कि वहां न जाने से न सिर्फ चार घंटों की ही बचत होगी, वरण इस समय को ज्यादा सकारात्मक रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। अत: मैंने यथोचित कारण के साथ एक विनम्र ई-मेल उनको भेज दिया। इससे न सिर्फ लगभग पूरा दिन बचा वरण दो घंटे की कार यात्रा से होने वाली थकान से भी मुक्ति मिली। इसी बचे हुए समय में मैं यह लेख लिख रहा हूं। ज्यादातर लोगों में इतनी शराफत नहीं होती कि अपने न आ सकने का खेद समय रहते ही प्रकट कर दें, जिससे मेजबान को सहूलियत रहे। जब कुछ दिन पश्चात उन्हीं सज्जन से मुलाकात हुई तो उन्होंने मेरे दिन लंच पर न आ सकने की सूचना यथासमय देन के लिए मुझे धन्यवाद भी दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ मैं ही था जिसने यथासमय आने की मना कर दी वर्ना पच्चीस और संभावित मेहमान थे, जो न आए, न उन्होंने कोई नहीं आने की सूचना ही दी। सिर्फ वे ही काम या वस्तुएं अपनी सूची में रखें, जिनका आपके जीवन और कार्यक्षेत्र में महत्व हो। आप चाहें, तो एक ऐसी सूची भी बना सकते हैं, जिसमें उन काम या चीजों के बारे में उल्लेख हो जो आपको नहीं करना है। वरन दूसरों को करना है- चाहे एक मंडल या समूह के रूप में या धन-भूगतान के आधार पर भी। यदि हर काम आप खुद ही करने की कोशिश करेंगे- जैसा कई लोग करते भी हैं- तो आप स्वंय को पागल कर लेंगे। आप यदि दो सूची रखें, तो ज्यादा अच्छा रहे। एक करने वाले कामों की और दूसरी 'विजय तालिकाÓ इस दूसरी तालिका के काम जब आप पूरे करेंगे तब उपलब्धि की खुशी महसूस करेंगे। इस विजय तालिका के काम एक दो दिन के नहीं होंगे, वरन उनको लगातार करना पड़ेगा और रोज करना पड़ेगा। यही वह तालिका होगी, जो आपको सही माने में संतुष्टि देगी। इस लिस्ट या सूची में उन उपलब्धियों का जरूर जिक्र करें, जो आपने बहुत ही परेशानियों के बावजूद प्राप्त की है। इससे आपको अपनी आंतरिक योग्यताओं पर भरोसा कायम होगा। जो आपके पास हैं। इसके बाद आप एक और लिस्ट बनाएं उन महत्वपूर्ण कार्यों की जो अभी पूरा होने से रह गए हैं। यदि हम सफलता चाहते हैं, तो हमें वह तरीके अख्तियार करने होंगे, जिनके द्वारा आप शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त कर सकें और समस्याओं को सुलझाने में निष्णात हो सकें। आपके ये गुण आप में नेतृत्व की क्षमता पैदा करेंगे। और दूसरों को प्रेरणा प्रदान करेंगे। आपमें इनसे नेतृत्व का गुण भी आएगा। इसके लिए सबसे अच्छा है कि आप दिमाग खुला रखें और दकियानूसी होने से बचें। सही निर्णय के लिए आपको उन सभी घटकों का ख्याल रखना चाहिए, जो परिवर्तनीय हैं। छोटी से छोटी चीजों से भी बड़ा फर्क पड़ सकता है। विजय और पराजय को रेखांकित करने वाली रेखा बेहद सूक्ष्म होती है। सभी लोग एक से तो नहीं होते। उनके सोच विचार में काफी फर्क रहता है। एक ने कोई परियोजना प्रारंभ की और उनको वह पूरा करके ही चैन लेगा। जब कि कोई दूसरा उसको शुरू करने के बारे में सोच विचार ही करता रहेगा। हो सकता है कि उन दोनों के बीच समय का फर्क कुछ मिनटों का ही हो। परंतु जो आदमी अपना काम ठीक-ठाक खत्म कर लेता है, उसकी तीव्रता उस आदमी से थोड़ा अधिक ही रहेगी- चाहे दूसरा भी अपना काम पूरा कर ले। सर्वप्रथम आने वाले और दूसरे स्थान पर आने के अंको में बहुत कम फर्क रहता है। परंतु सारी मान्यता उसी को मिलती है, जो प्रथम आता है चाहे उसका एक अंक ही ज्यादा हो। घुड़दौड़ में यही होता है। जिसमें जीतने वाला घोड़ा दूसरे नंबर पर आने वाले घोड़े से दस पंद्रह गुणा ज्यादा कमाता है। जब हम अपना सर्वोत्तम प्रकट करेंगे तभी सर्वोत्तम रहेंगे। हर सफलता के पीछे आपकी मेहनत ही रहती है। ईश्वर हर जीव-जन्तु के लिए भोजन उपलब्ध कराता है, पर उसको प्राप्त करने के लिए यत्न करना जरूरी है। ईश्वर किसी एक के घर में खाना फेंक कर नहीं जाता। आप यदि भाग्य पर विश्वास करते हैं, तो जरूर करें- पर यह याद रखिए कि आप उतने ही भाग्यशाली सिद्ध होंगे, जितना काम करेंगे। कई लोग अवसर गंवा बैठते हैं, क्योंकि अवसर कड़ी मेहनत की पोशाक में सामने आते हैं और इसके लिए कोई पतली गली वाला आसान रास्ता नहीं है। (लेखक सी.बी.आई के पूर्व निदेशक हैं) साभार : डायमंड बुक्स Posted by mass communication department at 12:41 PM No comments: The editors of broadcast media announce the setting up of a body to strengthen the values of objective and fair broadcast journalism and to protect and promote the freedom of expression. The editors of television channels feel there is a need to evolve healthy norms, promote training of professional journalists at all levels, ensure dissemination of credible and constructive news content and to protect the right to freedom of expression, whenever threatened. In pursuit of the above mentioned aims and objects we announce the setting up of a broadcast editors' organization under the name of Broadcast Editors' Association (BEA). The office-bearers of the BEA are as follows: Shazi Zaman (Star News) President Arnab Goswami (Times Now) Vice-President Pankaj Pachauri (NDTV) Vice-President N K Singh (ETV) General Secretary Sudhir Chaudhary (Live India) Treasurer Ashutosh (IBN-7), Vinay Tewari (CNN-IBN), Satish K Singh (ZEE TV), Ajit Anjum (News-24), Vinod Kapri (India TV), Sanjay Bragta (Sahara TV) and Pranjal Sharma (UTV). The BEA will soon develop its own website so as to make direct media-public interaction possible. It will hold seminars and other modes of two-way interaction to receive feedback from civil society organizations and decision-makers in public domain. नईदिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय टीवी पर दिखाए जाने वाले एडल्ट कंटेंट वाले प्रोग्रामों के मद्देनजर पैरंटल लॉक जैसी व्यवस्था पर विचार कर रहा है। मुमकिन है कि ऐसे प्रोग्रामों के लिए अलग से वक्त भी तय कर दिया जाए। ऐसा टीवी पर प्रसारित होने वाली सामग्री के लिए अपनी आचार संहिता को मजबूत बनाने के लिहाज से किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ये दोनों प्रस्ताव सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी की इंडियन ब्रॉड कास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के प्रतिनिधियों के साथ ताजा मुलाकात के दौरान स‌ामने आए। अंबिका सोनी का मानना है कि ये मानदंड जब दुनिया भर में लागू हैं तो इन्हें भारत में भी लागू किया जाना चाहिए। इन प्रस्तावों को आखिरी रूप देने पर मंत्रालय और प्रसारकों के बीच अब भी विचार-विमर्श जारी है। विभिन्न पहलुओं पर दोनों पक्षों के बीच आम सहमति बनने में अभी कुछ वक्त लगेगा। मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने कहा कि ज्यादातर भारतीय परिवारों में अब भी एक ही टेलीविजन सेट है जहां बुजुर्ग सदस्य भी हैं। मंत्री का मानना है कि इस तरह का प्रावधान उनके लिए टेलीविजन देखने को सुखद अनुभव बनाने में मददगार होगा। मंत्रालय ने प्रसारकों को सुझाव दिया है कि इस तरह की व्यवस्था के तहत माता-पिता उन कुछ चैनलों को बंद करने में सक्षम हो सकेंगे जिसे वह किसी खास उम्र के अपने बच्चों के देखने के लायक नहीं मानते। मंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि एडल्ट टीवी प्रोग्रामों के लिए रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक का वक्त तय कर दिया जाए।
2018/07/22 06:46:16
http://masscommdept.blogspot.com/2009/10/
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पंढरपुर : अजित पवार के 'इस' बात से भाजपा परेशान - पुणे समाचार पंढरपुर : पंढरपुर मंगलवेढ़ा उपचुनाव का प्रचार जोरों पर है, ऐसे में चुनाव प्रचार और बैठकों के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस जोर लगाती नजर आ रही है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार उस निर्वाचन क्षेत्र में कई सभाएं कर रहे हैं। कल अजित पवार पंढरपुर में दिन भर सभा करने के बाद रात में कई क्षेत्रों के लोगों के साथ बातचीत की। इस निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी का प्रभुत्व होने के बावजूद अजित पवार उस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ संवाद साध रहे हैं। वहीं धनगर समाज के कई नेता और प्रमुख कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। पवार ने कहा कि राष्ट्रवादी आपके साथ खड़ी है। उन्होंने यह अपील भी की है। यह चुनाव महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठा का माना जा रहा है। उस समय पवार ने पालक मंत्री दत्तात्रय भरणे को साथ में लेकर पहली बार धनगर समाज के नेता आदित्य फत्तेपुरकर के आवास पर उनसे मुलाकात की। इसके बाद पवार ने मनसे के राज्य समन्वयक और शैडो सहकार मंत्री दिलीप धोत्रे के घर गए और उनके साथ ही कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की। पवार के इन बैठकों और मुलाकातों का सिलसिला जारी है। पंढरपुर के भाजपा कार्यवाहक समूह की नगराध्यक्षा साधना भोसले के साथ अजीत पवार की मुलाकात से भाजपा में चर्चा उफान पर है। साधना भोसले भाजपा के चिन्ह पर चुनकर आई है। उनके पति और पूर्व उप नगराध्यक्ष नागेश भोसले ने विरोध करते हुए अपनी उम्मीदवारी दर्ज की थी। लेकिन उन्हे उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी इसलिए वे नाराज थे। इसी का फायदा उठाकर पवार ने साधना भोसले से मुलाकात की। इस तरह की चर्चा शुरू है। इस बीच अजित पवार ने किसी भी परिस्थिति में चुनाव जीतने के लिए चुनावी सभा की लाइन लगा दी है। रात में हुई मुलाकात की वजह से भाजपा के सामने संकट दिख रहा है। हालांकि भाजपा के विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने अभी तक अभियान में हिस्सा नहीं लिया है। साथ ही अजित पवार 9 अप्रैल यानी कि आज मंगलवेढा में प्रचार कर रहे हैं, उससे भाजपा की परेशानी बढ़ती हुई नजर आ रही है। ajit pawarBJPChief Minister Ajit Pawarelection campaignNationalist CongresspandharpurPandharpur Mangalveda by-electionअजित पवार
2021/05/18 05:25:16
https://www.punesamachar.com/pandharpur-bjp-upset-over-ajit-pawars-this-thing/
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एक फवेलदा के साथ सेक्स जो पैसे देने के लिए पसंद करता है, कुतिया कार्ड का एक छोटा सा हिस्सा है। इस वीडियो में बिल्ली गुदा सेक्स कर रही है जो उस आदमी के साथ बहुत स्वादिष्ट है जिसने इसके लिए बहुत भुगतान किया है। सींग का कुतिया उसे प्यार से ऐसा करने के लिए कहता है, क्योंकि कूज़िन्हो अभी भी बहुत तंग है, इसे कुछ बार इस्तेमाल किया गया था। छोटे फूहड़ के अनुरोध में भाग लेने के बाद, रास्कल ने अपनी उंगलियों को अपने गधे में फेंकना शुरू कर दिया और उसे बहुत आराम से छोड़ दिया, फिर एक मोटी पिका के साथ पाउंड शुरू कर दिया।
OSCAR-2019
New Delhi: आर्थिक सुस्ती और चौतरफा दबाव के बीच माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की बुधवार को अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर विचार किया जा सकता है. जीएसटी की मौजूदा दर व्यवस्था के तहत उम्मीद से कम राजस्व प्राप्ति के चलते कर ढांचे में बदलाव को लेकर चर्चा तेज हुई है. राजस्व प्राप्ति कम होने से राज्यों को क्षतिपूर्ति भुगतान में विलंब हो रहा है. जीएसटी प्राप्ति में कमी की भरपाई करने के लिये जीएसटी दर और उपकर में वृद्धि किये जाने के सुझाव दिये गये हैं. जीएसटी दरों में बढ़ोतरी के संकेत पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने हालांकि, उपकर की दरों में किसी प्रकार की वृद्धि किये जाने का विरोध किया है. राज्य सरकार का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच उपभोक्ता के साथ साथ उद्योगों को भी कामकाज में दबाव का सामना करना पड़ रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने जीएसटी और उपकर की दरों की समीक्षा के बारे में सुझाव मांगे हैं. राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिए परिषद ने विभिन्न सामानों पर दरों की समीक्षा करने, उल्टे कर ढांचे को ठीक करने के लिये दरों को तर्कसंगत बनाने, राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के लिये वर्तमान में लागू किये जा रहे उपायों के अलावा अन्य अनुपालन उपायों के बारे में सुझाव मांगे हैं. प. बंगाल सरकार ने लिखी चिट्ठी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे एक पत्र में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रां ने कहा है कि राज्यों को जीएसटी परिषद से पत्र प्राप्त हुआ है. इसमें उनसे राजस्व संग्रह बढ़ाने के बारे में सुझाव मांगे गये हैं. इसमें कहा गया है कि जिन सामानों को जीएसटी से छूट दी गई है उन्हें कर के दायरे में लाने समेत राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिये सुझाव मांगे गये हैं. मित्रा ने पत्र में लिखा है, ‘‘यह बहुत खतरनाक स्थिति है. हमें ऐसे समय जब उद्योग और उपभोक्ता दोनों ही काफी परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं जब मांग और कारोबार में वृद्धि के बिना ही मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका बनी हुई है ऐसे समय में कर ढांचे में किसी भी तरह का बदलाव करना अथवा कोई नया उपकर लगाने ठीक नहीं होगा. हमें इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिये.’’ खुदरा मुद्रास्फीति तीन साल में सबसे अधिक रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सहित कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने ऐसी आशंका जताई है कि भारत सुस्त आर्थिक वृद्धि और ऊंची मुद्रास्फीति के दौर में पहुंच रहा है. ऐसी स्थिति बन रही है जहां आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती जारी रहने के बावजूद मुद्रास्फीति में तेजी का रुख बन रहा है. खाद्य उत्पादों के बढ़ते दाम की वजह से नवंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति तीन साल के उच्चस्तर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई. दूसरी तरफ औद्योगिक उत्पादन लगातार तीसरे माह घटता हुआ अक्टूबर में 3.8 प्रतिशत घट गया. इससे अर्थव्यवसथा में एक तरफ जहां सुस्ती दिख रही है वहीं दूसरी तरफ मुद्रास्फीति सिर उठा रही है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि छह साल के निम्न स्तर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई. अमित मित्रा ने कहा, ‘‘दरें बढ़ाने और नये कर लगाने अथवा उपकर बढ़ाने के बजाय जीएसटी परिषद को उद्योगों को राहत पहुंचाने के तौर तरीके तलाशने चाहिये ताकि ये क्षेत्र मौजूदा संकट से उबर सकें. अतिरिक्त कर राजस्व जुटाने का समाधान कर की दरों में छेड़छाड़ करने से नहीं बल्कि कर अपवंचना और धोखाधड़ी पकड़ने के उपायों से होगा.’’ बहरहाल, राज्यों की उन्हें राजस्व क्षतिपूर्ति भुगतान में हो रहे विलंब की शिकायतों के बाद सोमवार को केन्द्र सरकार ने कुल 35,298 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को जारी कर दी है. देश में जीएसटी व्यवसथा एक जुलाई 2017 को लागू हुई थी. जीएसटी लागू करते समय केन्द्र ने राज्यों को उनके राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई करने का आश्वासन दिया था. @Newswing Send an email 18/12/2019 1 Facebook Twitter WhatsApp Telegram Share via Email Print Share Facebook Twitter WhatsApp Telegram Share via Email @Newswing Read Next Court News 05/12/2022 जबरन धर्म परिवर्तन को सुप्रीम कोर्ट ने बताया संविधान के खिलाफ, 12 दिसंबर को अगली सुनवाई Court News 05/12/2022 लखीमपुर हिंसा: आशीष मिश्र पर मंगलवार को तय किए जाएंगे आरोप Court News 05/12/2022 Supreme Court: ईडब्लूएस कोटा के फ़ैसले के ख़िलाफ़ डीएमके ने पुनर्विचार याचिका दायर की Court News 05/12/2022 ताज महल से जुड़े ‘ग़लत तथ्य’ इतिहास की किताबों से हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार Bihar 05/12/2022 लालू प्रसाद यादव का किडनी ट्रांसप्लांट सफल, तेजस्वी ने शेयर किया वीडियो Court News 05/12/2022 बीजेपी नेता ब्रह्मानंद नेताम 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नेताम को झारखंड हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, पीड़क कार्रवाई पर रोक, 16 जनवरी को अगली सुनवाई
2022-12-05T16:53:42Z
https://newswing.com/gst-council-meeting-today-amidst-economic-slowdown-major-decisions-may-be-taken/150116/
OSCAR-2301
मॉरीशस जिसे बिहारियों से स्वर्ग बना डाला : एस एम् मासूम - हमारा जौनपुर हमारा गौरव हमारी पहचान मॉरीशस जिसे बिहारियों से स्वर्ग बना डाला : एस एम् मासूम - हमारा जौनपुर हमारा गौरव हमारी पहचान Home > FEATURED > मॉरीशस जिसे बिहारियों से स्वर्ग बना डाला : एस एम् मासूम सच ही कहा था नरसिंह राव ने जब हम अपनी संस्कृति भूल जायेंगे, तो उसके पार्ट-पुरजे कल मॉरीशस से ही मिलेंगे | कभी नरसिंह राव से सुना था की "जब हम अपनी संस्कृति भूल जायेंगे, तो उसके पार्ट-पुरजे कल मॉरीशस से ही मिलेंगे" लेकिन उस समय यह बात मेरी समझ में नहीं आई थी की कैसे यह संभव है की मारीशस देश जहां अंग्रेजी के साथ फ़्रांसीसी भाषा का बोलबाला है और मॉरीशियन क्रेयोल भाषा का इस्तेमाल बोलचाल में अधिक हुआ करता है वो देश भारतीय सस्कृति को संजो के रख सकेगा | दो वर्ष पहले जब मेरी मुलाक़ात भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन मारीशस की चेयर मैन डा सरिता बुधु से जौनपुर में हुयी और उन्होंने मुझे हिंदी भाषा में जौनपुर के इतिहास को विश्व तक पहुंचाने के लिए सम्मानित किया तो मुझे भी उस समय नरसिंह राव के शब्द याद आ गए और मैंने उनके साथ काफी समय बिताया और शहर में घुमते हुए अंत में ज्योति सिन्हा जी के घर में बैठ के इस विषय में विस्तार में चर्चा हुयी जिसमे उनका बिहार के प्रति और भोजपुरी भाषा के प्रति प्रेम झलक रहा था और अपनी भारतीय पहचान खोजने की ख्वाहिश को मैंने उनसे बात चीत में आया | इसी बात चीत के दौरान मुझे एक भोजपुरी गीत याद आ गया "पनिया के जहाज से पलटनिया बन अइहा पिया" और समझ में आया की यह केवल एक गीत ही नहीं बल्कि भोजपुरी इलाके का दर्द है | इस वर्ष मेरे जौनपुर ना होने के करान डा सरिता बुधु से मुलाक़ात तो नहीं हो सकी लेकिन उनका भोजपुरी प्रेम और उनके दिल का दर्द उनकी बातचीत में झलक रहा था और इसी के साथ साथ उनकी ख़ुशी अपने पुरखों के गाव उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का दरामपुर जा के आने की झलक रही थी | डा सरिता बुधु के पुरखे कभी इसी गाँव में रहते थे और आज भी डा सरिता बुधु के खानदान के लोग रहते हैं जिनसे मिलने वो आयीं थी | डा0 सरिता ने साफ कहा कि मारीशस का भारत से खून का रिश्ता है। मरीशस में बसने वाले जौनपुर, गोरखपुर, फैजाबाद, आजमगढ़, बलिया, देवरिया, वाराणसी समेत पूर्वाचंल के अन्य जनपदो के लोग ही है। मेरी तरह हजारो लोग अपने पूर्वजो का मूल गांव तलास रहे है। डा0 सरिता ने यह भी बताया कि हम लोग मारीशस में भारत की सभ्यता, संस्कृति ,कला को सजोकर रखी हूं। खासकर भोजपुर भाषा को। आने वाली पीढ़ी के लिए 125 स्कूल खोला गया है। अगले वर्ष मारीशस का 50 वीं वर्ष गांठ है। इस मौके पर करीब 150 स्कूल की स्थापना किया जायेगा। भारत में फिल्म निर्माताओ द्वारा भोजपुर भाषा की गंदी फिल्म बनाकर अश्लीलता फैलाने के सवाल पर वे गम्भीर हो गयी। उन्होने कहा कि ऐसा नही करना चाहिए भोजपुरी भाषा में समाजिक व परिवारिक फिल्म बनाकर समाज को एक अच्छा संदेश देना चाहिए। जब मारीशस सन् 1968 में आज़ाद हुआ तो वहाँ रोज़गार के अवसर तलाशने बिहार और आस पास के इलाके से बहुत से लोग गए जिन्होंने शुरू के दौर में गरीबी के दिन वहाँ बीते लेकिन धीरे धीरे तरक्की करते गए और आज उनके पुराने घर का छाजन जो गन्ने के पत्तों का होता था आज कंक्रीट का हो गया है | वहाँ के लोग आज भी भारत के आने गाँव की बातें यहाँ के लोगों को याद करते अपनी भोजपुरी सभ्यता और संस्कृति को संजोये हुए हैं | भारतीय संस्कृति पूरी तरह आज भी मारीशस में जीवंत है| आज भी यहाँ बड़े बूढों का घरों में दबदबा रहता है और पश्चिमी सभ्यता को घरों में आने से रोका जाता है और यही करान है की आज भी यहाँ संयुक्त परिवार की व्यवस्था कायम है और आपको कहीं भी वृद्धाश्रम देखने को नहीं मिलेंगे | आज भी गाँधी की तसवीरें घरों में लगाय बड़े बूढों का पैर छु के आशीर्वाद लेते और घरों में हल्दी, बैंगन, प्याज, लहसुन, चावल, टमाटर, कोहड़ा, लौकी, भिंडी, पपीता, लीची, नींबू की सब्जी खाते और भारतीय त्योहारों को मनाते ६५% से अधिक भारतीय आपको मारीशस में मिल जायेंगे जो अभी भी पश्चिमी सभ्यता से अछूता है | आज भारत में वो पहले वाला बिहार देखने को नहीं मिलता लेकिन मारीशस में आप को वही पुरानी भारतीय संस्कृति देखने को मिल जायगी | सच हो कहा था नरसिंह राव ने जब हम अपनी संस्कृति भूल जायेंगे, तो उसके पार्ट-पुरजे कल मॉरीशस से ही मिलेंगे | .. लेखक एस एम् मासूम Posted by S.M.Masoom at 8:00 pm Item Reviewed: मॉरीशस जिसे बिहारियों से स्वर्ग बना डाला : एस एम् मासूम Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
2022/06/30 00:42:42
https://www.hamarajaunpur.com/2017/12/blog-post_26.html
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दोपहर ३ बजे से ६ बजे तक मंदिर या विद्यालय प्रांगण में दंत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता था| यह कार्यक्रम जलगांव के इन्डियन डेन्टल एसोसिएशन के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित किया गया| जिसमें विभिन्न गॉंव के लगभग ६०० बच्चों ने भाग लिया और उन्हें टूथपेस्ट, ब्रश के साथ-साथ चॉकलेट ड्रिंक भी उपलब्ध कराया गया| दंत चिकित्सा शिविर में बच्चों को अपने दॉंत को कैसे स्वच्छ एवं स्वस्थ रखा जाए उसके उपाय बताये गये|
OSCAR-2019
Naphazoline + Pheniramine : नाफाजोलिन + फेनिरामिन क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां | हैलो स्वास्थ्य अपडेट डेट मई 29, 2020 . 5 मिनट में पढ़ें नाफाजोलिन + फेनिरामिन (Naphazoline + Pheniramine) का उपयोग किसके लिए किया जाता है? नाफाजोलिन + फेनिरामिन (Naphazoline + Pheniramine) का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए? नाफाजोलिन + फेनिरामिन (Naphazoline + Pheniramine) के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं? कौन सी दवाएं नाफाजोलिन + फेनिरामिन (Naphazoline + Pheniramine) के साथ इंटरैक्शन कर सकती हैं? नाफाजोलिन + फेनिरामिन दवा अस्थायी रूप से आंखों की लालिमा, खुजली, सूजन और आमतौर पर होने वाली एलर्जी के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है। नाफाजोलिन एक सर्दी-खांसी की दवा है। यह दवाओं के एक वर्ग से संबंधित है जिसे सिंपैथोमाइमैटिक एमाइन कहा जाता है। यह आंख में खून की नसों को अस्थायी रूप से सिकोड़ने का काम करता है। फेनिरामिन एक एंटीहिस्टमन है। यह एलर्जी के लक्षण पैदा करने वाले कुछ प्राकृतिक पदार्थों (हिस्टामाइन) को अवरुद्ध करने का काम करता है। ध्यान रखें कि लेंस पहनने के कारण आंखों में होने वाली लालिमा और जलन के इलाज के लिए इस दवा का उपयोग न करें। मैं नाफाजोलिन + फेनिरामिन (Naphazoline + Pheniramine) का उपयोग कैसे करूं? आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने से पहले अपने हाथों को साफ करें। किसी भी तरह की गंदगी से बचने के लिए ड्रॉपर टिप को न छुएं ना ही इसे अपनी आंख या किसी अन्य सतह को छूने दें। अगर आंखों में लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो आई ड्रॉप डालने से पहले आंखों से कॉन्टैकट लेंस बाहर निकाल लें। आई ड्रॉप डालने के 10 मिनट बाद ही लेंस को पहनें। अगर आपकी आंखों में लालिमा के लक्षण दिखाई दें, तो लेंस न लगाएं और तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ड्रॉपर का इस्तेमाल करने से पहले, उत्पाद की सावधानीपूर्वक जांच करें। अगर ड्रॉपर के रंग में कोई परिवर्तन दिखाई दे तो उसका इस्तेमाल न करें। इसे बच्चों या पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें। अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों के अनुसार या दिन में चार बार ड्रॉपर का इस्तेमाल करें। आंखों में बूंदें डालने के लिए पहले अपने सिर को पीछे की तरफ से नीचे की ओर थोड़ा झुकाएं और आंखों की निचली पलकों को खींचें। अब ड्रॉपर को सीधे आंख के ऊपर लाएं और एक बूंद आंख में डालें। अब आंखों को एक से दो मिनट के लिए बंद करें। इसी तरह अब दूसरी आंख में भी ड्रॉप डालें। ध्यान रखें कि आंखों में ड्रॉपर डालने के बाद आंखों को मसलें या रगड़ें नहीं। ड्रॉपर को धोएं नहीं। इस्तेमाल के बाद ड्रॉपर के ढक्कन को कस कर बंद कर दें। अगर आप किसी अन्य प्रकार की आंखों की दवा (जैसे, ड्रॉप्स या मलहम) का उपयोग कर रहे हैं, तो इन इन्य दवाओं को यूज करने से पहले कम से कम 5 मिनट तक रुकें। आंखों में मलहम लगाने से पहले ड्रॉपर का इस्तेमाल करें ताकि, उनकी बूंदें आंखों में प्रवेश कर सकें। ध्यान रखें कि इस प्रकार की दवा के अधिक इस्तेमाल से आंखों की लालिमा बढ़ सकती है। अगर ऐसा होता है, तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताएं। एक बार में 3 से 4 दिनों के लिए इस दवा का उपयोग न करें। अगर आपकी स्थिति 72 घंटों के बाद जिस भी तरह का बदलाव होता है उसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं। मैं नाफाजोलिन + फेनिरामिन (Naphazoline + Pheniramine) को कैसे स्टोर करूं? नाफाजोलिन + फेनिरामिन को स्टोर करने के लिए कमरे का तापमान सबसे उचित स्थान होता है। इसे सीधे धूप या नमी के प्रभाव में न रखें। दवा को सुरक्षित बनाए रखने के लिए इसे फ्रिज या बाथरूम में न रखें। ड्रॉपर के अलग-अलग ब्रांड हो सकते हैं। जिनके रख रखाव के लिए भी अलग-अलग दिशा निर्देश हो सकते हैं। इसलिए दवा के पैक पर दी गई जानकारी को सावधानीपूर्वक पढ़ें। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दवा को बच्चों और पालतू जानवरों से दूर रखें। बिना निर्देश के नाफाजोलिन + फेनिरामिन को टॉयलेट या किसी नाले में न फेकें। अगर यह एक्सपायर हो चुका है या इसका इस्तेमाल नहीं करना है तो इसका इस्तेमाल न करें। इसकी अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। और पढ़ेंः Amlodipine : एम्लोडीपिन क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां अगर आपको नाफाजोलिन या फेनिरामिन से एलर्जी है, तो इस दवा का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर को बताएं। इस दवा में बेंजालोनियम क्लोराइड जैसे तत्व हो सकते हैं, जिससे एलर्जी या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने फार्मासिस्ट से बात करें। अगर आपको निम्न में से कोई एक भी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट से परामर्श करें: डायबिटीज, ग्लूकोमा, हृदय की समस्याएं (जैसे, दिल का दौरा, सीने में दर्द), हाई ब्लड प्रेशर, आंखों में संक्रमण या चोट, ओवरएक्टिव थायरॉयड (हाइपरथायरायडिज्म) या यूरिन पास करने में कठिनाई। ड्रॉपर का इस्तेमाल करने के बाद कुछ समय तक आंखों से धुंधला दिखाई दे सकता है, इसलिए गाड़ी न चलाएं ना ही ऐसा कोई काम करें जिसमें मशीनरी का इस्तेमाल होता हो। बिना डॉक्टर के परामर्श के ड्रॉपर का इस्तेमाल 6 साल के कम उम्र के बच्चों के लिए न करें। प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसके इस्तेमाल करने से महिलाओं को किस तरह की परेशानियां हो सकती है इसके बारे में अभी कोई खास जानकारी नहीं है। ऐसे में इसके इस्तेमाल से पहले हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें। अगर आप प्रेग्नेंसी के दिनों में इसका उपयोग करना चाहती हैं तो अपने डॉक्टर की देख रेख में ही करें। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार, इसकी गर्भावस्था जोखिम श्रेणी सी है। और पढ़ेंः Amlodipine + Olmesartan : एम्लोडीपिन + ओल्मेसार्टन क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां आंखों में चुभने, लाल होना, पुतलियां चौड़ी होना या धुंधली दृष्टि हो सकती है। अगर इनमें से कोई भी प्रभाव लगातार बना रहता है या बिगड़ जाता है, तो अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट को तुरंत बताएं। अगर आपके डॉक्टर ने आपको इस दवा का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया है, तो याद रखें कि डॉक्टर ने इसका फैसला आपके लिए इस दवा के लाभ और साइड इफेक्ट के जोखिमों की तुलना के बाद ही किया होगा। इस दवा का उपयोग करने वाले कई लोगों पर गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। अपने डॉक्टर को तुरंत बताएं अगर इनमें से किसी की भी संभावना नहीं है लेकिन, यदि ये गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं: कंपकंपी, दिल की धड़कन तेज होना, सिरदर्द, पसीना, कमजोरी, घबराहट। अगर इनमें से कोई भी दुर्लभ लेकिन बहुत गंभीर साइड इफेक्ट होता है, तो इस दवा का उपयोग करना बंद कर दें और अपने डॉक्टर को तुरंत बताएं: आंखों में दर्द, लालिमा, खुजली, आंखों में या आसपास सूजन, दृष्टि समस्याएं। इस दवा से बहुत ही गंभीर एलर्जी होने के खतरे बहुत कम है। हालांकि, अगर आपको निम्न से किसी भी गंभीर एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल चिकित्सा की तलाश करेंः दाने, खुजली, सूजन (चेहरे, जीभ, गले की), चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी। हर कोई इन दुष्प्रभावों का अनुभव नहीं करता है। इसके अलावा ऊपर बताए गए दुष्प्रभावों को अलावा भी अगर किसी तरह के लक्षण दिखाई दें तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। और पढ़ेंः Ampicillin and salbactam : एम्पीसिलिन और सलबैक्टम क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां अगर आप वर्तमान में किसी भी दवा, हर्बल या सीधे काउंटर से मिलने वाली उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं। जैसे, MAO इनहिबिटर्स (आइसोकारबॉक्साजिड, लाइनजोलिड, मेथिलीन ब्लू, मोकोब्लेमाइड, फेनलेजिन, प्रोकैबजिन, रासगिलीन, सेलेजिलिन, ट्रानिलसिप्रोमाइन), हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां (जैसे, गुआनेथिडीन, बीटा ब्लॉकर्स जैसे मेटोपोलोल), एंटीडिप्रेसेंट (जैसे, वेनालाफैक्सिन, टीसीए जैसे एमिट्रिप्टिलाइन)। नाफाजोलिन + फेनिरामिन उन दवाओं के साथ इंटरैक्शन कर सकता है जो आप वर्तमान में ले रहे हैं, जो आपकी दवा के लिए जोखिम का कारण भी बन सकती है। साथ ही उनके काम करने की प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है। किसी भी संभावित दवा के साथ होने वाले जोखिम से बचने के लिए उन सभी दवाओं के बारे में अपने डॉक्टर को बताएं जिनका इस्तेमाल आप करते हैं। अपनी सुरक्षा के लिए, अपने चिकित्सक की स्वीकृति के बिना किसी भी दवाओं की खुराक को शुरू, बंद या परिवर्तित न करें। क्या भोजन या एल्कोहॉल के साथ नाफाजोलिन + फेनिरामिन (Naphazoline + Pheniramine) इंटरैक्शन कर सकती हैं? नाफाजोलिन + फेनिरामिन का सेवन आपके भोजन और एल्कोहॉल के साथ क्रिया कर सकता है। यह इंटरैक्शन आपकी स्वास्थ्य स्थिति को खराब कर सकता है। इसलिए आप अपने डॉक्टर को अपनी वर्तमान स्वास्थ्य संबंधित सभी स्थितियों के बारे में जरूर बता दें। क्या स्वास्थ्य स्थिति नाफाजोलिन + फेनिरामिन (Naphazoline + Pheniramine) के साथ इंटरैक्शन कर सकती है? नाफाजोलिन + फेनिरामिन का सेवन आपकी स्वास्थ्य स्थिति के साथ क्रिया कर सकती है। यह इंटरैक्शन आपकी स्वास्थ्य स्थिति को खराब कर सकती है। इसलिए आप अपने डॉक्टर को अपनी वर्तमान स्वास्थ्य संबंधित सभी स्थितियों के बारे में जरूर बताएं। और पढ़ेंः Aphrodisiac : ऐफ्रडिजीऐक क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स सावधानियां Pantakind DSR: पेंटाकाइंड डीएसआर क्या है? जानिए इसके उपयोग, डोज और सावधानियां Augmentin 625- ऑगमेंटिन 625 क्या है? जानें इसके उपयोग, साइड इफेक्ट और सावधानियां मॉक्सिप आई ड्रॉप की जानकारी in hindi, दवा के साइड इफेक्ट क्या है, मॉक्सिफ्लॉक्सासिन (Moxifloxacin) दवा किस काम में आती है, रिएक्शन, उपयोग, Moxicip Eye Drop
2020/10/28 00:03:24
https://helloswasthya.com/dawaai-aur-jadi-booti/dawaai/naphazoline-pheniramine/
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City will look like an impenetrable fort in the safety of CM सीएम की सुरक्षा में अभेद्य दुर्ग सरीखा दिखेगा शहर जागरण संवाददाता, जौनपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम लेकर प्रशासनिक स्तर से पूरी तैयारी कर ली गई है। सुरक्षा के लिए जनपद के अलावा पूर्वांचल के कई जनपदों से भारी फोर्स मंगाई गई है, जिन्हें जनपद के फोर्स के साथ चप्पे-चप्पे पर तैनात किया जाएगा। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सुरक्षा को लेकर कोई चूक न हो को लेकर गंभीर प्रशासन ने शहर में कार्यक्रम स्थल के कुछ किमी को अभेद्य दुर्ग की सरीखा बनाने की योजना तैयार किया है, जो उनके आने के आधे घंटे पहले और आधे बाद तक दिखेगा। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि वाराणसी, मीरजापुर, लखनऊ, आजमगढ़ की ओर जाने वाले वाहनों को कई किमी पहले ही रोक लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में किसी प्रकार से खलल और सुरक्षा को लेकर चूक न हो को लेकर आलाधिकारी तैयारी किए हैं। सीएम के एक घंटे पांच मिनट के कार्यक्रम को लेकर जबर्दस्त तैयारी की गई है। वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, मऊ सहित कई जनपदों से करीब एक हजार फोर्स की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा जनपद के सभी थानों की पूरी फोर्स तैनात कर दी गई है। पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड स्थल से लेकर सीएम के मंच तक 19 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। इसके अलावा जनपद सहित गैर जनपद से आए उच्चाधिकारी मानीट¨रग करेंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सीएम के आगमन को देखते हुए सुबह नौ-साढ़े नौ बजे से लेकर साढ़े ग्यारह बजे तक सवारी और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया जाएगा। हालांकि यह कार्य परिस्थितियों को देखते हुए किया जाएगा। शहर में 12 स्थानों पर नाकेबंदी शहर के अंदर 12 स्थानों पर नाकेबंदी की गई है। इसके लिए मंगलवार की देर रात तक बैरियर लगाने का काम चला। अधिकारियों के मुताबिक पालीटेक्निक चौराहा, वाजिदपुर तिराहा, लाइन बाजार तिराहा, पुलिस लाइन-अनुपम गली, वन विहार रोड़, जेसीज चौराहा, टीडी कालेज दक्षिणी गेट, मतापुर रेलवे क्रा¨सग आदि स्थान शामिल हैं। यहां खड़े होंगे वाहन कार्यक्रम में शामिल होने वालों के वाहन खड़े कराने के स्थान जगह-जगह निर्धारित किए गए हैं। इनमें ज्यादातर वाहनों को बीआरपी इंटर कालेज के मैदान, जेसीज चौराहे के पास पार्क और वाजिदपुर स्थित माल के समीप खड़ा कराया जाएगा। सपा और कांग्रेसियों पर विशेष नजर इन दिनों विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करने वाले सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर विशेष नजर रखी जाएगी। खुफिया तंत्र भी खासकर इन दलों के लोगों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। इसके आलावा टीडी कालेज के छात्रों पर नजर रखी जाएगी, क्योंकि इनका आरोप है कि गत दिनों प्राचार्य ने एक छात्र की पिटाई कर दिया था, जिसे लेकर वे पूर्व में प्रदर्शन कर चुके हैं, हालांकि पिटाई से कालेज प्रशासन ने इंकार कर दिया है। देर रात तक चली चे¨कग जिला मजिस्ट्रेट अर¨वद मलप्पा बंगारी, एसपी दिनेश पाल ¨सह सहित गैर जनपद से आए अन्य अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लिया। ब्रि¨फग के बाद अधिकारियों ने रिहर्सल भी कराया। इसके बाद पुलिस और मजिस्ट्रेट शहर के होटलों, रेस्टोरेंटों, सरायो, ढाबों, रोडवेज, रेलवे स्टेशनों के अलावा चौराहों पर वाहन चे¨कग किया। भगवा रंग में तैयार किया गया मंच मंच को भगवा रंग में तैयार किया गया है। मंच पर 10-12 कुर्सियां लगाने की तैयारी है। संभावना जताई जा रही है कि आयोजक के अलावा मंत्री, सांसद, विधायक, भाजपा के कुछ विशेष पदाधिकारी ही मंच पर रहेंगे।
2019/02/20 21:51:52
https://m.jagran.com/lite/uttar-pradesh/jaunpur-city-will-look-like-an-impenetrable-fort-in-the-safety-of-cm-18419977.html
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बिजनेस स्टैंडर्ड - बिहार में नए आईटी पार्क का रास्ता साफ बिहार में नए आईटी पार्क का रास्ता साफ बीएस संवाददाता / पटना October 23, 2018 बिहार सरकार ने राज्य में नए आईटी पार्क के लिए रास्ता साफ कर दिया है। इस बाबत राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण की इजाजत दे दी है। सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में दो फीसदी के इजाफे का ऐलान किया है। राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में कुल 26 फैसले लिए गए। बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया, 'बिहार सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते को 9 फीसदी करने का ऐलान किया है, जो पहले 7 फीसदी था। यह इजाफा एक जुलाई से लागू होगा। इस फैसले से राज्य सरकार के खजाने पर 419 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।' राज्य सरकार के मुताबिक इस फैसले से करीब 2.5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और करीब 3 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। राज्य सरकार ने केंद्र की तर्ज पर अब 25 वर्ष से ज्यादा उम्र की अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा आश्रित बेटियों को भी पारिवारिक पेंशन का लाभ देने का फैसला लिया है। इसके अलावा बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र अगले महीने 26 से 30 नवंबर तक चलेगा। वहीं, राज्य सरकार ने बिहटा में प्रस्तावित आईटी पार्क के लिए भी अपनी मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार ने सूचना प्रावैधिकी विभाग को 33 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके लिए राज्य सरकार ने 38.39 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। इस आईटी पार्क में राज्य सरकार ने देश-विदेश की दिग्गज आईटी कंपनियों को आमंत्रित करने का फैसला किया है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस परियोजना से राज्य में इस क्षेत्र में रोजगार के मौके पैदा होंगे। राज्य सरकार ने एक अनोखे फैसले के तहत मोटरसाइकिल पर सवार अग्निशमन दल को अपनी मंजूरी दे दी है। इन मोटरसाइकिलों के जरिये तंग गलियों और इलाकों में आग बुझाने में मदद मिलेगी।
2019/06/16 03:08:01
https://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=152792
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नई दिल्ली, जेएनएन। New Motor vehicle Act 2019: दिल्ली-NCR, यूपी, हरियाणा, राजस्थान समेत पूरे देश में एक सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट-2019 के लागू होने के बाद से चालान को लेकर अजब-गजब मामले सामने आ रहे हैं। रविवार को खुलासा हुआ था कि दिल्ली के एक शख्स का यूपी में चालान कट गया, जबकि वह यूपी गया ही नहीं था। अब इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में अब एक नए मामले में ट्रैफिक नियम के उल्लंघन पर दिल्ली पुलिस ने एक स्कूटी सवार लड़की को रोको तो उसने कहा- 'चालान कटा तो दे दूंगी जान'। इस बाबत एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है और यह पूरा मामला शनिवार का बताया जा रहा है। वहीं, लंबी बहस के बाद और आगे से ऐसा न करने की हिदायत के साथ पुलिस द्वारा लड़की को जाने देने की बात सामने आ रही है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने के बाद यह स्कूटी सवार लड़की चालान काटने पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को हेलमेट फेंक कर मारने और खुद जान देने की धमकी दे रही है। वीडियो के मुताबिक, यह लड़की गुस्से में अपना हेल्मेट भी सड़क पर फेंक देती है और रो-रो कर आत्महत्या करने की धमकी देती है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की मानें तो हम नियमों के तहत ही उस लड़की के स्कूटी का चालान काट रहे थे। दरअसल, वह लड़की जो स्कूटी चला रही थी उसकी नंबर प्लेट तो टूटी ही थी और उसका हेलमेट भी टूटा-फूटा था। हेलमेट में बेल्ट तक नहीं था, जिससे वह उसे पहन सके। इसी के साथ वह फोन पर भी बात कर रही थी। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जैसे पुलिस स्कूटी का चालान काटने के लिए गाड़ी साइड लगाने के लिए कहती है कि लड़की तेज आवाज में बहस करने लगती है। इस दौरान बहस करते-करते वह भागने की भी कोशिश करती है। लड़की बराबर इस जुगाड़ में थी वो किसी तरह स्कूटी को वहां से निकाल ले जाए। हालांकि, पुलिसकर्मी उसकी स्कूटी के आगे खड़े हो गए और उसे रोकने की कोशिश की। इस दौरान वह ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से लगातार बहस करती रही। गौरतलब है कि 1 सितंबर से देश में नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है। इसके बाद से नए नियम के मुताबिक, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर काफी ज्यादा जुर्माना लग रहा है। दिल्ली में एक ट्रक का 2 लाख 500 रुपये का चालान हो चुका है, तो हरियाणा के रेवाड़ी में 1.16 लाख रुपये का चालान हुआ है। रविवार को एक अन्य मामले में दिल्ली के रहने वाले सार्क देब ने यूपी ट्रैफिक पुलिस (Uttar Pradesh Traffic Police) की अजब चूक की तरफ इशारा किया था। सार्क देब के मुताबिक, यूपी पुलिस ने उनकी ऑल्टो कार (Alto Car) का चालान इसलिए कर दिया, क्योंकि वह 144 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाई जा रही थी, जबकि सच्चाई यह है कि ऑल्टो कार इस गति से चलाई ही नहीं जा सकती है।
2021-03-08T21:20:38Z
https://www.krishakjagat.org/national-news/meeting-of-agricultural-ministers-of-g-20-countries-dealing-with-covid-19
OSCAR-2109
these cheap stocks may give over 50 percent return | 50 रुपए से सस्ते 5 स्टॉक्स में होगी कमाई, मिल सकता है 57% तक रिटर्न नई दिल्ली. निवेश के बेहतर विकल्पों में शेयर बाजार भी शामिल है, बस इसके बारे में अच्छी समझ होनी जरूरी है। शेयर बाजार में आप बेहद कम निवेश में अच्छा मुनाफा पा सकते हैं, वह भी कम अवधि में। पिछले कुछ ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। निफ्टी जहां पहली बार 11,600 के पार होने में कामयाब हुआ है। वहीं सेंसेक्स ने 38,400 के स्तर को छुआ है। आगे भी मार्केट में रैली जारी रहने की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में सही शेयरों में निवेश कर आप भी इसका फायदा उठा सकते हैं। हमने5 शेयर चुने हैं जो 50 रुपए से कम कीमत के हैं और आगे अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि निवेशकों को अपनी रकम एक स्टॉक में न रखकर कई स्टॉक्स में लगानी चाहिए। इसका मतलब है कि निवेशक छोटी यूनिट कॉस्ट के बेहतर स्टॉक्स में निवेश करें। 50 रुपए के कम के इन सभी स्टॉक्स में निवेशक बेहद छोटी रकम के साथ निवेश कर सकते हैं और कई स्टॉक्स का एक बेहतर पोर्टफोलियो तैयार कर सकते हैं। इससे न केवल उनका जोखिम कम हो जाएगा। साथ ही स्टॉक्स में ग्रोथ का फायदा भी मिलेगा। रिटेल सेक्‍टर की बड़ी कंपनी फ्यूचर कंज्‍यूमर (FCL) का वित्त वर्ष 2019 के पहले क्वार्टर में नेट सेल्स सालाना आधार पर 26.9 फीसदी बढ़कर 840 करोड़ रुपए रहा। वहीं सालाना आधार पर EBITDA 133.4 फीसदी बढ़कर 20.1 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी को पहले क्वार्टर में 6.1 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। हालांकि कंपनी का सेगमेंटल पॉरफॉर्मेंस बेहतर रहा। सालाना आधार पर फ्रूट एंड वेजीटेबल पोर्टफोलिया 67 फीसदी, प्रोसेस्ड फूड्स पोर्टफोलियो 33 फीसदी और होम एंड पर्सनल केयर पोर्टफोलियो 40 फीसदी बढ़ा है। ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने 69 रुपए का टारगेट दिया है। करंट प्राइस से 57 फीसदी रिटर्न मिल सकता है। ब्रोकरज हाउस कोटक सिक्युरिटीज ने वैस्कॉन इंजीनियर्स में निवेश की सलाह दी है। ब्रोकिंग फर्म का कहना है कि रियल्टी कंपनी का बिजनेस सेगमेंट्स पॉजिटिव है। कंपनी को नए प्रोजेक्ट्स कटवी, फॉरेस्ट एज में सेल्स बुकिंग बढ़ने की उम्मीद है। स्ट्रॉन्ग ईपीसी ऑर्डर बुक से ईपीसी सेगमेंट में कंपनी का रेवेन्यू बढ़ेगा। कोटक सिक्युरिटीज ने स्टॉक में 48 रुपए का टारगेट दिया है। करंट प्राइस से इसमें 55 फीसदी रिटर्न मिल सकता है। मार्केट एक्सपर्ट सचिन सर्वदे ने ट्रांसपोर्टेशन-लॉजिस्टिक सेक्टर की कंपनी कॉरपोरेट कुरियर एंड कार्गो में निवेश की सलाह दी है। कंपनी की शुरुआत 1986 में हुई थी। महाराष्ट्र की कंपनी दिसंबर 1994 में पब्लिक इश्यू लेकर आई थी। मार्च 2018 को समाप्त हुए क्वार्टर में कंपनी ने नो नेट प्रॉफिट/लॉस रिपोर्ट पेश किया था। वहीं इस दौरान कंपनी की बिक्री 77.50 फीसदी गिरी थी। सचिन ने टेक्निकल चार्ट के आधार पर स्टॉक में 37 रुपए का लक्ष्य दिया है। करंट प्राइस से स्टॉक में आगे 39 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में पॉलिथीन पर बैन लगाए जाने से पेपर कंपनियों का आउटलुक बेहतर हुआ है। वहीं पैकेजिंग इंडस्ट्रीज से डिमांड बढ़ने से पेपर्स को सपोर्ट मिला है। वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में पेपर कंपनियों के नतीजे बेहतर रहे हैं। इसलिए इसमें निवेश का मौका बना है। ट्रेडस्विफ्ट ब्रोकिंग के डायरेक्टर संदीप जैन ने ओरिएंट पेपर में 55 रुपए का टारगेट दिया है। करंट प्राइस से स्टॉक में 25 फीसदी रिटर्न मिल सकता है। MIRC इलेक्ट्रॉनिक्स कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस हैं। कंपनी का डिसप्ले बिजनेस में अभी 4 फीसदी मार्केट शेयर है। कंपनी अगले 2 साल में इसे बढ़ाकर 8 से 10 फीसदी करने पर फोकस है। कंपनी के पूरे भारत में 4000 डीलर हैं और संख्‍या लगातार बढ़ रही है। ब्रोकिंग फर्म कोटक सिक्युरिटीज भारत में कंज्यूमर डुरेबल्स डिमांड ग्रोथ को ले पॉजिटिव है। कंपनी आगे चलकर बेहतर नंबर पेश कर सकती है। ब्रोकिंग फर्म ने इसमें 32 रुपए का टारगेट दिया है। करंट प्राइस से 15 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है।
OSCAR-2019
अक्षरम् - विकिपीडिया अक्षरम्‌, भाषा, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में कार्यरत एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। यह लगभग 6 वर्ष से देश-विदेश में हिंदी के प्रवर्धन और साहित्य के प्रकाशन का कार्य कर रही है। यू॰के॰ हिंदी समिति, यू॰के॰, के सहयोग से अक्षरम्‌ गत 4 वर्षों से 'हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता' का आयोजन कर रही है, जिसके अंतर्गत हर वर्ष प्रतियोगिता के विजयी हिंदी के 10 विद्यार्थियों को पुरस्कार स्वरूप दो सप्ताह की भारत यात्र का पैकेज दिया जाता है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (विदेश मंत्रालय, भारत सरकार), साहित्य अकादमी आदि संस्थाओं के सहयोग से अक्षरम्‌ गत 4 वर्षों से प्रवासी कवि सम्मेलन, प्रवासी उत्सव आदि का आयोजन कर रही है, जिसमें हिंदी के ज्वलंत विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है, महत्त्वपूर्ण सिफ़ारिशें की जाती हैं और नाटक, रचना पाठ, कवि-सम्मेलन, आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और हिंदी सेवी सम्मान दिया जाता है। इन उत्सवों में भारतीय मनीषियों के अलावा अमेरिका, कनाडा, यू॰के॰ और अन्य अनेक देशों से साहित्यकार, शिक्षक और हिंदी-कम भाग लेते हैं। इसके अलावा, अक्षरम्‌ प्रायः प्रति माह संगोष्ठियों का आयोजन करती है, जिनमें महत्त्वपूर्ण कृतियों का लोकार्पण, ताज़ा विषयों पर चर्चा और साहित्यकारों और मनीषियों से साक्षात्कार इत्यादि शामिल हैं। अक्षरम्‌ पिछले 5 वर्षों से हिन्दी साहित्य की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के रूप में अपन पत्रिका 'अक्षरम्‌ संगोष्ठी' का प्रकाशन नियमित रूप से कर रही है और साथ ही सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर एक मासिक पत्रिका 'प्रवासी टुडे' भी प्रकाशित कर रही है, जो प्रवासी भारतीयों को भारत की गतिविधियों की जानकारी देती है। १. अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी उत्सव जैसे कार्यक्रमों से हिन्दी को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करना। २. हिन्दी को 'हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता' जैसे आयोजनों से नई पीढ़ी तक ले जाना। ३. ज्ञान-विज्ञान के विविध् क्षेत्रों में हिन्दी को ले जाना। ४. अन्य भारतीय व विदेशी भाषाओं के साथ संबाद व विमर्श। ५. सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हिन्दी का प्रचार-प्रसार। ६. वैश्विक स्तर पर हिन्दी की नेटवर्र्किंग। ७. हिन्दी-साहित्य, संस्कृति, शिक्षण के क्षेत्र में अक्षरम्‌ संगोष्ठी, प्रवासी टुडे जैसी पत्रिकाओं के माध्यम से स्तरीय साहित्य का प्रचार-प्रसार।
2020/08/14 00:13:45
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%8D
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Union Budget 2021: वित्त मंत्रालय में हुई हलवा सेरेमनी, जानें बजट से पहले क्यों होता है ये समारोह - The Financial Express Halwa Ceremony ahead Budget 2021: नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में स्थित केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्यालय में शनिवार को पारंपरिक हलवा सेरेमनी हुई. FE OnlineUpdated: Jan 23, 2021 5:50 PM नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में स्थित केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्यालय में शनिवार को पारंपरिक हलवा सेरेमनी हुई. (Image: Finance Ministry Twitter) Halwa Ceremony ahead Budget 2021: नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में स्थित केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्यालय में शनिवार को पारंपरिक हलवा सेरेमनी हुई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनराग ठाकुर भी इस सेरेमनी में शामिल हुए. सेरेमनी से केंद्र सरकार के बजट दस्तावेज की प्रिंटिंग की प्रक्रिया शुरू होती है, लेकिन 2021-22 का केंद्रीय बजट पहली बार 1 फरवरी को पेपरलेस फॉर्म में होगा. यह परंपरा कई साल पुरानी है, जिसमें एक बड़ी कढ़ाई में मीठी डिश को तैयार किया जाता है और मंत्रालय के पूरे स्टाफ को परोसा जाता है. इस मौके पर, सीतारमण ने केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है. इससे सांसद और आम नागरिक भी आसानी से मुफ्त में बजट को एक्सेस कर सकेंगे. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि मोबाइल ऐप की मदद से 14 केंद्रीय बजट के दस्तावेजों का पूरा एक्सेस मिलता है जिसमें सालाना वित्तीय स्टेमेंट (जिसे आम तौर पर बजट कहते हैं), डिमांड फॉर ग्रांट, फाइनेंस बिल आदि शामिल हैं. कोरोना के कारण प्रिंट नहीं होगा बजट और इकोनॉमिक सर्वे इकोनॉमिक सर्वे को सदन में 29 जनवरी को पेश किया जाएगा. मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जानकारी दी कि बजट सत्र का पहला हिस्सा 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा और दूसरा हिस्सा 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा. राज्यसभा सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक और लोकसभा शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक चलेगी. सभी सांसदों से बजट सत्र से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने का अनुरोध किया गया है. यह भी पढ़ें- मेक इन इंडिया के बाद देश में R&D पर फोकस करे सरकार- सर्वे बजट तक कर्मियों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं हलवा सेरेमनी शुरू होने के बाद उन सभी कर्मियों को, जो बजट बनाने की प्रक्रिया के हिस्सा हैं, उन्हें नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रहना होता है. इन सभी लोगों को तब तक वहां रहना होता है, जब तक वित्त मंत्री सदन में बजट न पेश कर दें. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि सालाना बजट पेश होने से पहले उससे जुड़ी कोई बात सार्वजिनक न हो जाए. बजट प्रिंट होने, सील होने और बजट के दिन इसे पेश होने तक वित्त मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी बेसमेंट में ही रहते हैं.
2021/03/08 01:14:00
https://www.financialexpress.com/hindi/budget/halwa-ceremony-ahead-budget-2021-finance-minister-nirmala-sitharaman-to-host-halwa-ceremony-ahead-budget/2177020/
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कठपुतली सरकारें जो कुलीन वर्ग के आगे बिक चुकी हैं, वे इस सभ्यता को नष्ट करने के लिए जो कुछ भी कर सकती हैं, कर रही हैं। फिर भी, उन्हें यह समझना होगा कि उन्हें यह मुश्किल लग रहा है क्योंकि लाखों लोग जाग रहे हैं, क्योंकि वे एक झूठी चिकित्सा आपातकाल और एक महामारी का सामना कर रहे हैं जो किसी भी तरह से वास्तविकता नहीं लग रही है। उन्होंने जो कुछ किया है, वह भय-आधारित मनोविकृति पैदा करता है, जिससे मानवता में आर्थिक और मनोवैज्ञानिक अस्थिरता पैदा होती है। इस अवास्तविकता में हमारे ऊपर लगाए जा रहे प्रायोगिक वैक्सीन में निहित जोखिम शामिल हैं। यह न तो सुरक्षित है और न ही प्रभावी है और वास्तव में, इसका उपयोग जनसंख्या को कम करने के उपकरण के रूप में किया जा रहा है। दुनिया भर के चिकित्सकों, आनुवंशिकीविदों के विशेषज्ञ वायरोलॉजिस्ट और इम्यूनोलॉजिस्ट की भारी संख्या, जो इस चिकित्सा अत्याचार के सामने नहीं बिके हैं, इस तथ्य को उजागर कर रहे हैं कि यह गंभीर ऑटोइम्यून विकार, अंग की विफलता, हमारे DNA में परिवर्तन और सामूहिक मृत्यु का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें नैनो पार्टिकल्स शामिल हैं ताकि हम स्वास्थ्य-आधारित बहुराष्ट्रीय कंपनियों की संपत्ति बन जाएँ और सिद्धांतों या आंतरिक मूल्यों से रहित रोबोट ऑटोमेटोन में बदल जाएँ।
2021-03-02T11:08:00Z
https://hindi.latestly.com/agency-news/iit-council-constitutes-four-working-groups-on-issues-related-to-national-education-policy-r-809893.html
OSCAR-2109
World News In Hindi: दुनिया का पहला चालक रहित, शून्य उत्सर्जन मालवाहक जहाज नॉर्वे में रवाना होगा » News World Today World News In Hindi: दुनिया का पहला चालक रहित, शून्य उत्सर्जन मालवाहक जहाज नॉर्वे में रवाना होगा यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो जहाज साल के अंत से पहले दो नॉर्वेजियन शहरों के बीच अपनी पहली यात्रा करेगा, जिसमें कोई चालक दल नहीं होगा। इसके बजाय, इसकी गतिविधियों की निगरानी तीन तटवर्ती डेटा नियंत्रण केंद्रों से की जाएगी। यह पहला स्वायत्त जहाज नहीं है – फिनलैंड में लॉन्च किया गया एक स्वायत्त नौका 2018 – लेकिन यह पहला पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कंटेनर जहाज है, इसके निर्माताओं का कहना है। रासायनिक कंपनी यारा इंटरनेशनल द्वारा विकसित, यारा बिर्कलैंड को नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जो हैं जहरीले प्रदूषक और ग्रीनहाउस गैसें, और कार्बन डाइऑक्साइड, साथ ही माल को सड़कों से दूर समुद्र की ओर ले जाना। शिपिंग उद्योग वर्तमान में इसके लिए जिम्मेदार है 2.5% और 3% के बीच अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के अनुसार, वैश्विक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन। नॉर्वे की लगभग सारी बिजली किसके द्वारा उत्पन्न होती है पनबिजली शक्ति, जिसे आम तौर पर बहुत अधिक माना जाता है कम जीवाश्म ईंधन जलाने की तुलना में कार्बन उत्सर्जन, हालांकि यह अभी भी पैदा करता है ग्रीन हाउस गैसें. पहली बार 2017 में अवधारणा की गई थी, जहाज को प्रौद्योगिकी फर्म कोंग्सबर्ग मैरीटाइम और शिपबिल्डर वार्ड के साथ साझेदारी में बनाया गया था। 103 कंटेनरों को ले जाने में सक्षम और शीर्ष गति के साथ १३ समुद्री मीलनार्वे के पोर्सग्रुन में यारा के कारखाने के संयंत्र प्रबंधक जॉन स्लेटेन के अनुसार, यह 7 मेगावाट की बैटरी का उपयोग करेगा, जिसमें "एक इलेक्ट्रिक कार की क्षमता का लगभग एक हजार गुना" होगा। उनका कहना है कि यह "तट के साथ कंटेनर बंदरगाहों के लिए नौकायन करने से पहले और फिर एक वर्ष में 40,000 ट्रक यात्रा की जगह फिर से वापस आने से पहले" क्वायसाइड पर चार्ज किया जाएगा। पारंपरिक मालवाहक जहाजों की तुलना में एक हरियाली विकल्प प्रदान करने के साथ-साथ, स्लेटन का कहना है कि चालक दल रहित होने का मतलब है कि इसे संचालित करना अधिक लागत प्रभावी होगा। प्रारंभ में, जहाज को लोड करने और उतारने के लिए मनुष्यों की आवश्यकता होगी, लेकिन स्लेटन के अनुसार, जहाज को बर्थिंग और अनबर्थिंग सहित सभी लोडिंग, डिस्चार्जिंग और मूरिंग ऑपरेशन भी अंततः स्वायत्त तकनीक का उपयोग करके संचालित होंगे। इसमें स्वायत्त क्रेन और स्ट्रैडल कैरियर विकसित करना शामिल होगा – वाहन जो कंटेनरों को जहाजों पर रखते हैं। Yara Birkeland को मूल रूप से पिछले साल पाल स्थापित करने के लिए स्लेट किया गया था, लेकिन कोविड -19 महामारी ने लॉजिस्टिक चुनौतियों के साथ मिलकर इसके लॉन्च में देरी की। "हमने शुरुआत में इसके दायरे को कम करके आंका और समानांतर में बहुत सारी गतिविधियों के साथ शुरुआत की," स्लेटन कहते हैं। प्रोजेक्ट को फास्ट ट्रैक से अधिक चरण-दर-चरण दृष्टिकोण में स्थानांतरित करने के बाद, स्लेटन को उम्मीद है कि जहाज इस साल हेरोया शहर से ब्रेविक तक अपना पहला कंटेनर परिवहन करेगा। इस परियोजना को पहली बार देश के जलमार्गों को नेविगेट करने के लिए एक स्वायत्त जहाज की अनुमति देने के लिए नॉर्वेजियन समुद्री अधिकारियों के साथ मिलकर विकसित किए जाने वाले नियमों की भी आवश्यकता है। कंटेनर से वाणिज्यिक तक नीदरलैंड में डेल्फ़्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी में एक समुद्री और परिवहन प्रौद्योगिकी प्रोफेसर रूडी नेगेनबॉर्न का कहना है कि यारा बिर्कलैंड जैसे पूरी तरह से स्वायत्त जहाज भविष्य हैं। लेकिन वह कहते हैं कि वाणिज्यिक लंबी समुद्री यात्राओं के लिए स्वायत्त जहाजों का उपयोग करने से पहले कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि बड़े बंदरगाहों में यातायात को नेविगेट करना (अपेक्षाकृत शांत अंतर्देशीय बंदरगाहों के विपरीत यारा बिर्कलैंड के लिए रवाना होगा) एक बड़ी बाधा हो सकती है। "किसी बिंदु पर, इन जहाजों को एक-दूसरे के साथ बातचीत शुरू करनी होगी ताकि वे सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकें और ऐसे रास्ते बना सकें जो परस्पर विरोधी न हों," वे कहते हैं। नेगेनबॉर्न कहते हैं कि रखरखाव जांच करने के लिए जहाज पर चालक दल के बिना, स्वायत्त जहाजों को समस्याओं का पता लगाने और उन्हें ठीक करने, या मानव सहायता के लिए कॉल करने की क्षमता के साथ अंतर्निहित आत्म-निदान प्रणालियों की आवश्यकता होगी। तकनीकी मुद्दों के अलावा, उनका कहना है कि देशों के बीच यात्रा करते समय कानूनी निहितार्थ भी हैं। "यारा बिर्कलैंड नॉर्वेजियन तट के साथ संचालित होता है, लेकिन अगर यह आगे बढ़ता है, तो यह अन्य क्षेत्रीय क्षेत्रों का सामना कर सकता है, शायद अलग-अलग नियमों और विनियमों को पूरा करने की आवश्यकता है," नेगेनबॉर्न कहते हैं। "अगर कुछ गलत होता है तो कौन जिम्मेदार होगा?" हालांकि यारा इंटरनेशनल की अपने संचालन में और अधिक स्वायत्त जहाजों को जोड़ने की कोई योजना नहीं है, स्लेटन का कहना है कि हम भविष्य में वाणिज्यिक जहाजों पर उपयोग की जाने वाली एआई तकनीक के अधिक तत्वों को देख सकते हैं। "विदेशी जहाजों पर शायद एक कदम बहुत दूर है, लेकिन मुझे लगता है कि तत्वों का उपयोग आज पहले से ही शिपिंग में किया जा रहा है जब यह मूरिंग और यात्रा की बात आती है," वे कहते हैं। "मुझे लगता है कि हम और अधिक आंशिक रूप से स्वायत्त तत्वों को जोड़ते हुए देखेंगे।" Previous articleNews Trends In India: ENG बनाम IND, तीसरा टेस्ट दिन 1 लाइव क्रिकेट स्कोर अपडेट: विराट कोहली और सह श्रृंखला में 2-0 से ऊपर जाने के लिए तैयार हैं – फ़र्स्टक्रिकेट न्यूज़, फ़र्स्टपोस्ट Next articleIndia National News: नारायण राणे 2001 से गिरफ्तार होने वाले '3 क्लब' में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री
2021/10/26 19:00:48
https://newswt24.com/2021/08/25/world-news-in-hindi-%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%95-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%BF/
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रायपुर। कोरोना वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश में आज 265 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है.और 195 मरीज स्वस्थ होने के उपरांत आज डिस्चार्ज/रिकवर्ड हुए। वही 3 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हुई है. अब जंगलराज पार्ट-2 शुरू, राजनीतिक और प्रशासनिक अराजकता के उत्सव में मशगूल प्रदेश सरकार नागरिक सुरक्षा के मोर्चे पर पूरी तरह नाकारा : भाजपा
2021-02-28T18:38:30Z
https://chhattisgarhcrimes.in/265-new-corona-patients-in-chhattisgarh-3-dead/
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Bobby Deol Post Birthday Wishes For Son Aryaman | Bollywood Home » बॉबी देओल ने शेयर की बेटे आर्यमान की तस्वीर, तो फैन्स ने कर दी इनसे तुलना Bobby Deol Post Birthday Wishes For Son Aryaman: बॉलीवुड अभिनेता बॉबी देओल ने अपने बेटे आर्यमान की तीन तस्वीरें सोशल मीडिया में उनके बर्थडे के मौके पर शेयर की हैं और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। आर्यमान, जिन्होंने कि अब तक बॉलीवुड में अपने कदम नहीं रखे हैं, उनकी फोटो को देखकर बहुत से लोग उनकी तुलना उनके दादा और प्रख्यात अभिनेता धर्मेंद्र(Dharmendra) से कर रहे हैं। तो वहीं बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो उन्हें लिटिल टॉम क्रूज़ बता रहे हैं। बॉबी देओल ने डाला यह पोस्ट(Bobby Deol Post Birthday Wishes For Son Aryaman) बॉबी देओल(Bobby Deol) ने दरअसल एक पोस्ट डाला है, जिसमें उन्होंने आर्यमान की तीन तस्वीरें पोस्ट की हैं। साथ ही उन्होंने लिखा, हैप्पी बर्थडे माय एंजेल। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि आर्यमान अपने पिता बॉबी देओल को किसी में गले लगा रहे हैं, तो किसी में उन्हें किस कर रहे हैं। बॉबी देओल(Bobby Deol) के इस पोस्ट के सामने आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सेलिब्रिटीज से लेकर बॉबी देओल के फैंस तक उन्हें बधाई दे रहे हैं। इन्हीं तस्वीरों में आर्यमान के लुक्स को देखकर फैंस उनकी बड़ी तारीफ कर रहे हैं। इसी दौरान बहुत से फैंस ने कहा है कि वे बिल्कुल अपने दादा धर्मेंद्र की तरह दिखते हैं, तो वहीं बहुत से लोगों ने यह भी कहा है कि वे लिटिल टॉम क्रूज के जैसे नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि आर्यमान न्यूयॉर्क में रहकर बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल लगे लॉकडाउन से पहले वे भारत लौट आए थे। पिता बॉबी देओल का कहना है कि फिलहाल तो उनके बेटे आर्यमान अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि एक दिन आर्यमान भी एक्टिंग के क्षेत्र में जरूर उतरेंगे।
2021/10/24 12:18:34
https://hindi.rapidleaks.com/entertainment-news/bollywood/bobby-deol-post-birthday-wishes-for-son-aryaman/
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पीएम मोदी के 'मन की बात': अयोध्या मामले पर इलाहाबाद HC का फैसला याद करें | PM Narendra Modi's Mann Ki Baat on Diwali | Hindi News, देश Oct 27, 2019, 11:39 AM IST नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज दिवाली (Diwali) के दिन देशवासियों के साथ 'मन की बात' (Mann Ki Baat) की. पीएम मोदी ने देशवासियों को दीवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्सव, हम सबके जीवन में एक नई चेतना को जगाने वाला पर्व होता है, #दीवाली में तो खासतौर पर कुछ-न-कुछ नया खरीदना, बाजार से कुछ लाना हर परिवार में कम-अधिक मात्रा में होता ही होता है. मैंने एक बार कहा था कि हम कोशिश करें -लोकल चीजों को खरीदें. इसके साथ ही अपने संदेश में पीएम मोदी ने गुरुनानक देव, सरदार पटेल, इंदिरा गाधी और राम मंदिर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को याद किया. राम मंदिर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का दिन याद करें पीएम मोदी ने कहा, 'सितम्बर 2010 में जब राम जन्मभूमि पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. जरा उन दिनों को याद कीजिये. भांति-भांति के कितने लोग मैदान में आ गये थे. कैसे-कैसे इंट्रस्ट ग्रुप उस परिस्थितियों का अपने-अपने तरीके से फ़ायदा उठाने के लिए खेल रहे थे. कुछ बयानबाजों ने, बड़बोलों ने सिर्फ और सिर्फ खुद को चमकाने के इरादे से न जाने क्या-क्या बोल दिया था, हमें सब याद है. लेकिन ये सब, पांच दिन, सात दिन, दस दिन, चलता रहा, लेकिन, जैसा ही फैसला आया, एक आनंददायक, आश्चर्यजनक बदलाव देश ने महसूस किया.... ....सितम्बर 2010 में जब राम जन्मभूमि पर फैसला आया तब सरकार ने, राजनैतिक दलों ने, सामाजिक संगठनों ने, सिविल सोसाइटी ने, सभी सम्प्रदायों के प्रतिनिधियों ने, साधु-संतों ने बहुत ही संतुलित और संयमित बयान दिए. मुझे वो दिन बराबर याद है. जब भी उस दिन को याद करता हूं मन को खुशी होती है. न्यायपालिका की गरिमा को बहुत ही गौरवपूर्ण रूप से सम्मान दिया और कहीं पर भी गर्माहट का, तनाव का माहौल नहीं बनने दिया. एकता का स्वर, देश को, कितनी बड़ी ताकत देता है उसका यह उदाहरण है.' इंदिरा गांधी को भी किया याद पीएम मोदी ने मन की बात में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, '31 अक्टूबर, हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा जी की हत्या भी उस दिन हुई थी. देश को एक बहुत बड़ा सदमा लगा था. मैं आज उनको भी श्रद्दांजलि देता हूं.' रन फॉर यूनिटी में लें हिस्सा 2014 से हर साल 31 अक्तूबर को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' मनाया जाता है . यह दिन, हमें, अपने देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा की हर कीमत पर रक्षा करने का सन्देश देता है. 31 अक्तूबर को, हर बार की तरह रन फॉर यूनिटी का आयोजन भी किया जा रहा है. मैराथन को लेकर के एक शौक और जूनून देखने को मिल रहा है. रन फॉर यूनिटी भी तो ऐसा ही प्रोविजन है. यहां दौड़ना, फिट इंडिया के भाव को चरितार्थ भी करते हैं, साथ-साथ, एक भारत श्रेष्ठ भारत, ये उद्देश्य से भी हम जुड़ जाते हैं. आप जिस भी शहर में रहते हों, वहां #RunForUnity के बारे में पता कर सकते हैं. इसके लिए एक पोर्टल लॉन्च किया गया है http://runforunity.gov.in . मुझे उम्मीद है कि आप सब 31 अक्तूबर को ज़रूर दौड़ेगें - भारत की एकता के लिए, ख़ुद की फिटनेस के लिये भी. लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को किया याद पीएम मोदी ने कहा, '31 अक्तूबर, भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती का है जो देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले महानायक थे. सरदार साहब की कार्यशैली के विषय में जब पढ़ते हैं, सुनते हैं, तो पता चलता है कि उनकी प्लानिंग कितनी जबरदस्त होती थी.. भारत के प्रथम गृहमंत्री के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने, रियासतों को, एक करने का ऐतिहासिक काम किया. एक तरफ उनकी नज़र हैदराबाद, जूनागढ़ और अन्य राज्यों पर केन्द्रित थी वहीं उनका ध्यान दूर-सुदूर दक्षिण में लक्षद्वीप पर भी था. लक्षद्वीप कुछ द्वीपों का समूह है. 1947 में भारत विभाजन के तुरंत बाद हमारे पड़ोसी की नज़र लक्षद्वीप पर थी और उसने अपने झंडे के साथ जहाज भेजा था. सरदार पटेल ने बगैर समय गंवाये, तुरंत, कठोर कार्यवाही शुरू कर दी. सरदार साहब की याद में बना 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' देश और दुनिया को समर्पित किया गया था. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. अमेरिका में स्थित 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से भी ऊंचाई में दोगुनी है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास कैक्टस, बटरफ्लाई गार्डन, जंगल सफारी, चिल्ड्रन न्यूट्रीशन पार्क, एकता नर्सरी ऐसे अनेक आकर्षण के केंद्र लगातार विकसित होते चले जा रहे हैं और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है और लोगों को रोज़गार के नए अवसर भी मिल रहे हैं. टूरिजम उद्योग के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक अध्ययन का विषय हो सकता है. हम सब इसके साक्षी हैं कि कैसे 1 साल के भीतर एक स्थान, विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित होता है. बहुत बड़ी आर्थिक विकास हो रही है. सरकार भी अपनी भूमिका निभा रही है. गुरु नानक देव जी को किया नमन पीएम मोदी ने कहा, 'मेरे प्यारे देशवासियो, 12 नवंबर, 2019 यह वो दिन है, जिस दिन दुनिया भर में, श्री #गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाया जाएगा. गुरुनानक देव जी का प्रभाव भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है. श्री गुरुनानकदेव जी, सेवा को हमेशा सर्वोपरि रखा. गुरुनानकदेव जी मानते थे कि निस्वार्थ भाव से किए गए सेवा कार्य की कोई क़ीमत नहीं हो सकती. वे छुआ-छूत जैसे सामाजिक बुराई के खिलाफ मजबूती के साथ खड़े रहे. गुरु नानक देव जी तिब्बत भी गये, जहां के लोगों ने, उन्हें, 'गुरु' माना. वे उज्बेकिस्तान में भी पूजनीय हैं. अपनी एक उदासी के दौरान, उन्होंने, बड़े पैमाने पर इस्लामिक देशों की भी यात्रा की, जिसमें, सऊदी अरब, इराक और अफगानिस्तान भी शामिल हैं..... ....अभी कुछ दिन पहले ही, करीब 85 देशों के राजदूत, दिल्ली से अमृतसर गये थे. वहां राजदूतों ने #GoldenTemple के दर्शन तो किये ही, उन्हें, सिख परम्परा और संस्कृति के बारे में भी जानने का अवसर मिला. इसके बाद कई राजदूतों ने सोशल पर वहां की तस्वीरें साझा की. मेरी कामना है कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर हमें उनके विचारों और आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की और अधिक प्रेरणा दें . एक बार फिर मैं शीश झुकाकर गुरु नानक देव जी को नमन करता हूं.' नारी शक्ति को समर्पित की दिवाली पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, पिछली '#मन_की_बात' में हमने तय किया था कि इस #दीपावली पर कुछ अलग करेंगे. मैंने कहा था, आइये, हम सभी इस दीपावली पर भारत की नारी शक्ति और उनकी उपलब्धियों को मनाएं, यानी भारत की लक्ष्मी का सम्मान करें. सोशल मीडियो पर अनगिनत प्रेरणा देने वाली कहानियों का अम्बार लग गया. ट्विटर पर एक्टिव रहने वाली गीतिका स्वामी का कहना है कि उनके लिये मेजर खुशबू कंवर #BharatKiLaxmi है जो बस कंडक्टर की बेटी है.उन्होंने #AssamRifles की ऑल वुमन टुकड़ी का नेतृत्व किया था. #BharatKiLaxmi की ऐसी अनेक कहानियां लोगों ने शेयर की हैं. आप जरुर पढ़िये, प्रेरणा लीजिये और खुद भी ऐसा ही कुछ अपने आस-पास से शेयर कीजिये और मेरा, भारत की इन सभी लक्ष्मियों को आदरपूर्वक नमन है. सुप्रसिद्ध कवयित्री #सांचीहोनम्मा ने 17वीं शताब्दी में, कन्नड़ भाषा में, एक कविता लिखी थी. वो भाव, वो शब्द, भारत की हर लक्ष्मी की बात कर रहे हैं. हमारी बेटियां, हमारा गौरव हैं और इन बेटियों के महात्मय से ही, हमारे समाज की, एक मजबूत पहचान है और उसका उज्ज्वल भविष्य है. पीएम मोदी ने कहा, साथियों, दुनिया में फेस्टिवल टूरिजम का अपना ही आकर्षण है . हमारा भारत, जो कंट्री ऑफ फेस्टिवल है, उसमें #FestivalTourism की भी अपार संभावनाएं हैं. हमारा प्रयास होना चाहिये कि हम त्योहारों का प्रसार करें. हमारे यहां हर राज्य, क्षेत्र के अपने-अपने इतने विभिन्न उत्सव होते हैं – दूसरे देशों के लोगों की तो इनमें बहुत दिलचस्पी होती है. इसलिए, भारत में #FestivalTourism बढ़ाने में, देश के बाहर रहने वाले भारतीयों की भूमिका भी बहुत अहम है. सबसे पहले पीएम मोदी ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए एक श्लोक पढ़ा. इस श्लोक में कहा है – प्रकाश जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर के आता है, जो, विपरीत बुद्धि का नाश करके, सदबुद्धि दिखाता है. ऐसी दिव्यज्योति को मेरा नमन. इस #दीपावली को याद रखने के लिए इससे बेहतर विचार और क्या हो सकता है: PM @narendramodi #MannKiBaat #PMonAIR pic.twitter.com/F80xQK5yxU — आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) October 27, 2019 इससे पहले पीएम मोदी ने 29 सितंबर को रेडियो पर 'मन की बात' की थी. पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में एक अनोखी गतिविधि 'प्लॉगिंग' का जिक्र किया था. जोगिंग करते समय कूड़ा उठाकर इक्ट्ठा करने को 'प्लॉगिंग' कहा जाता है.
2020/12/03 01:32:07
https://zeenews.india.com/hindi/india/pm-narendra-modis-mann-ki-baat-on-diwali/589924
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बहुत कम लोगों को पता होगा कि जब देश को आजादी मिली थी, तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सबसे पहले कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी को अब खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि इसका गठन आजादी के आंदोलन के लिए एक संगठन के रूप में हुआ था। हालांकि कांग्रेस को खत्म तो नहीं किया गया, लेकिन बार-बार इस बात की चर्चा जरूर होती रही। सवाल ये भी उठते रहे कि आखिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ऐसा क्यों कहा था? आज आजादी के छह दशक से ज्यादा गुजर जाने के बाद फिर से वही बातें मुझे दोबारा याद आ रही हैं। इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ यह है कि जिस कांग्रेस ने देश की आजादी के लिए सब कुछ किया। सैकड़ों हजारों नेताओं ने अपनी कुर्बानी दी। देश को एक नई राह दिखाई, उस कांग्रेस को आज अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, उस कांग्रेस के सर्वेसर्वा को आज न सिर्फ देशभक्ति की दुहाई देनी पड़ रही है, बल्कि कई बारगी देशद्रोह के रास्ते पर खड़ा होते हुए भी दिखना पड़ रहा है। सीधे-सीधे कुछ उदाहरण के जरिए अपनी बात रख रहा हूं।
2021-03-08T18:08:43Z
https://theindiandaily.in/7591/%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%9B%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%B2-%E0%A4%8F%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE/
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⁄ Nothing but old pension accepted पुरानी पेंशन के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं By: Inextlive | Updated Date: Fri, 29 Oct 2021 00:48:49 (IST) कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पेंशनर अधिकार मंच प्रयागराज के बैनर तले गुरुवार को हजारों की संख्या में पत्थर गिरिजाघर के नजदीक स्थल पर धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने पुरान पेंशन बहाली के साथ 11 सूत्रीय मांगों को सरकार के सामने रखा. उन्होंने कहा कि अगर मांगे नही मानी गई तो 30 नवंबर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ को जाम कर दिया जाएगा. प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने भाजपा सरकार की कथनी और करनी में अंतर को इंगित किया। उन्होंने कहा कि सरकार के सांसद और विधायक चार चार पेंशन ले रहे हें और वहीं पर कर्मचारियों को 40 साल सेवा करने के बाद भी पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है। नवीन पेंशन जुआ पर निर्भर है शेयर आधारित पेंशन दिया जाना कहां तक उचित है। सरकार में न रहते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुरानी पेंशन की वकालत की थी लेकिन सरकार बनने के बाद वह भूल गए। असुरक्षित है कर्मचारियों का बुढ़ापा मंच द्वारा शासन को प्रेषित मांग में प्रमुख रूप से पुरानी पेंशन बहाली बुढ़ापे की लाठी और सार्थकता पर चर्चा की गई। कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी सरकार के द्वारा नहीं दिया जा रहा है जिससे उनका बुढ़ापा असुरक्षित है 11 सूत्री मांग पत्र पर सदस्यों का ध्यान आकृष्ट किया गया जिसमें प्रमुख रुप से। संविदा कर्मचारी आशा आंगनबाड़ी शिक्षामित्र आंगनवाड़ी सहायिका आदि को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने तथा जब तक राज्य कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाता है तब तक न्यूनतम वेतन 18000 दिए जाने की बात की गई। अंत में निर्णय लिया गया कि मांग नही मानने पर 30 नवंबर को लखनऊ के इको गार्डन पार्क में लाखों की संख्या में कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारी धरना देंगे। धरना समाप्त होने पर एडीएम सिटी मदन कुमार ने मंच पर आकर मांग पत्र लिया। अंत में अध्यक्ष जी भाषण करते हुए श्री देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव मंच के अध्यक्ष ने सभी कर्मचारी एवं पदाधिकारियों का आभार प्रकट करते हुए धरने का समापन किया गया और आंदोलन में सहभागिता के लिए अपील की गई। इन्होंने आंदोलन को दिया धार प्रदर्शन के दौरान मंच के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, संयोजक अजय कुमार भारती, राग विराग त्रिपाठी, मनोज शर्मा, विनोद द्विवेदी, मोहित इंजीनियर बीके पांडे, प्रदीप कुमार सिंह, इंजीनियर शिव शंकर सिंह, जितेंद्र चतुर्वेदी, सतीश कुमार सिंह, सेख कुतुबुद्दीन, वसीम अहमद, अनुज कुमार पांडे, रामसुमेर मंगला प्रसाद पांडे, रामकृष्ण मिश्र, प्रमिल श्रीवास्तव, राजकुमार आदि उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी सहित अन्य वक्ताओं ने मंच को संबंधित किया। देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने आभारप्रकट किया। संचालन मंच के महासचिव विनोद पांडे ने किया। मंच से लेखपाल संघ प्रयागराज के अध्यक्ष व पेंशनर्स मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजकुमार सागर ने कहा कि इस विशाल धरने से सरकार की नींद टूटेगी। उन्होंने कहा कि लेखपाल संवर्ग आंदोलित हुआ वोटर लिस्ट, ग्रामीण योजनाएं, विकास कार्य आदि बाधित हो जाएंगे। उप मंत्री अवनीश पांडे ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा हैं। संघ से अनूप श्रीवास्तव, केके सिन्हा, मो। वारिस आदि उपस्थित रहे।
2021/12/05 02:45:33
https://www.inextlive.com/uttar-pradesh/allahabad/nothing-but-old-pension-accepted-1635448785
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priyanka chopra cannes: बालकनी में पति निक संग पिज्जा का मजा लेती दिखीं Priyanka Chopra - priyanka chopra enjoys pizza with husband nick jonas | Navbharat Times priyanka chopra enjoys pizza with husband nick jonas नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 20 May 2019, 09:56:35 AM IST प्रियंका चोपड़ा उन ऐक्ट्रेसेस में से एक हैं जो फूड को काफी इंजॉय करती हैं। कान फिल्म फेस्टिवल के दौरान भी वह खाने से दूर नहीं रह सकीं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक ब्लैक ऐंड वाइट तस्वीर शेयर की है जिसमें वह पिज्जा का मजा लेती दिखाई दे रही हैं। वैसे इस दौरान के कुछ और फोटोज भी सामने आए हैं जिसमें उनके पति निक भी पिज्जा खाते हुए नजर आ रहे हैं। फोटोज में निक और प्रियंका अपने रेड कार्पेट अपियरेंस के लिए मैचिंग वाइट कलर ड्रेसेज में तैयार नजर आ रहे हैं। प्रियंका ने जहां खूबसूरत वाइट गाउन पहना था तो वहीं निक वाइट सूट पहने दिखे। अपने होटेल रूम की बालकनी में प्रियंका जब नजारे का मजा लेने आईं तो नीचे मौजूद पपराजी ने उनकी तस्वीरें लेना शुरू कर दी। इसी बीच निक भी वहां प्लेट में पिज्जा लिए पहुंच गए। प्रियंका की नजर कैमरे पर पड़ी तो उन्होंने भी पिज्जा उठाया और उसका मजा लेने के साथ ही स्लाइस को लेकर मजेदार पोज देने लगीं, जिन्हें कैमरापर्सन भी कैद करने से नहीं चूके। बता दें कि, कान फिल्म फेस्टिवल में प्रियंका चोपड़ा पहली बार शरीक हुई हैं। पहले दिन से ही वह रेड कार्पेट पर बेहद शानदार लुक में नजर आई थीं, जिसके बाद से उनका हर स्टाइल बेहद गॉरजस रहा। देखिए, Cannes में प्रियंका चोपड़ा का बोल्ड अवतार कान फिल्म फेस्टिवल में प्रियंका चोपड़ा का स्टाइलिश और सेक्सी अंदाज भले ही कुछ लोगों को न भाया हो, लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि प्रियंका स्टाइल और फैशन में एक्सपेरिमेंट करने से नहीं कतरातीं। कुछ ऐसा ही नजारा हाल ही में फिर देखने को मिला जब प्रियंका पति निक के साथ एक मैगजीन की आफ्टर पार्टी में शामिल हुईं। इस पार्टी में प्रियंका ने हाई-स्लिट शिमरिंग ड्रेस पहनी थी जिसमें डीप नेकलाइन थी। इस बेहद बोल्ड और रिवीलिंग ड्रेस में प्रियंका काफी सेक्सी लग रही थीं। निक की निगाहें भी अपनी बीवी से हट नहीं रही थीं। पूरी पार्टी के दौरान वह प्रियंका को ही देखते रहे। उन्हें एक्सप्रेशन वाकई देखने लायक थे। लेकिन ऐसा लग रहा था कि इस बेहद रिवीलिंग ड्रेस में प्रियंका कुछ असहज महसूस कर रही थीं। ऐसा ही एक क्षण कैमरे के कैद हो गया जब वह अपनी ड्रेस संभालती दिखीं। चाहे कोई कुछ भी कहे लेकिन मानना पड़ेगा कि प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस ने कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी स्टाइलिश अपियरेंस से सभी का दिल जीत लिया है। एक से एक स्टाइलिश आउटफिट्स में कान के रेड कार्पेट पर जलवे दिखाने के बाद प्रियंका और निक ने शनिवार यानी 18 मई को वाइट कलर के आउटफिट्स में रेड कार्पेट वॉक किया। वाइट कलर के गाउन में प्रियंका किसी राजकुमारी से कम नहीं लग रही थीं, जबकि उनके राजकुमार यानी निक प्रियंका के पीछे खड़े थे और छाता पकड़ा हुआ था। (सभी फोटो: Instagram) Web Title priyanka chopra enjoys pizza with husband nick jonas(News in Hindifrom Navbharat Times , TIL Network) और जानें:प्रियंका चोपड़ा कान फिल्म फेस्टिवलप्रियंका चोपड़ानिक जोनसPriyanka Chopra pizzaPriyanka Chopra nick jonas cannesPriyanka Chopra Jonaspriyanka chopra cannesPriyanka Chopramovie masti Newsmovie masti News in Hindimovie masti Latest Newsmovie masti Headlinesफिल्मी खबरें समाचार
2019/07/17 22:06:42
https://navbharattimes.indiatimes.com/movie-masti/news-from-bollywood/priyanka-chopra-enjoys-pizza-with-husband-nick-jonas/articleshow/69406562.cms
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प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए समय का प्रबंधन बहुत ही जरुरी है | बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्नों पर आधारित परीक्षा में समय प्रबंधन अहम होता है | बहुत से अभ्यर्थियों ने हमें comment किया था की समय के अभाव में मेरा साधारण -से-साधारण प्रश्न छुट गया | परीक्षा के दौरान समय को कैसे मैनेज करें इत्यादी |इसी को ध्यान में रखते हुए आज के इस लेख में हम आपको बताएगे 'How To Manage Time In Competitive Exam ' के माध्यम से परीक्षा के दौरान समय को कैसे बचाएं का विस्तृत जानकारी दी गई है | जिसे आप सभी निचे दिए लेख के माध्यम से विस्तार से पढ़े. Railway Group D Kaise Krack Kare प्रतियोगी परीक्षाओं में टाइम मैनेज करना बहुत ही आवश्यक है | How To Manage Time In Competitive Exam ? परीक्षा के दौरान अक्सर ऐसा होता है कि समय के अभाव में साधारण-से-साधारण प्रश्न छुट जाता है क्योंकि उस प्रश्न को हम देख ही नहीं पाते है और समय समाप्त हो जाता है | आप किसी भी प्रश्न में उलझे नहीं, यदि प्रश्न नहीं आ रहा है तो बिना समय गवाएं उसे छोड़कर अगला प्रश्न देखें | सबसे पहले साधारण प्रश्न को हल करते हुए अंतिम प्रश्न तक पहुंचे | जो प्रश्न थोड़ा सा कठिन है और हल करने में समय अधिक लगेगा, उसे Next & Review पर click करके आगे बढ़ते हुए साधारण प्रश्नों को हल करें | इसके बाद जो प्रश्न आप Review के लिए Tick किये है उसे हल करें | इस तरह आप अधिक-से-अधिक प्रश्न हल कर सकते है | Online टेस्ट जरुर दें : Time Manage करने के लिए क्या करें इन दिनों अधिकतर परीक्षा ऑनलाइन कराई जा रही है, इसलिए ऑनलाइन टेस्ट देना बहुत जरुरी है | प्रतिदिन कम-से-कम एक ऑनलाइन टेस्ट जरुर दें | इससे आपका speed और Accuracy दोनों में सुधार होगा | ऑनलाइन परीक्षा के लिए अभ्यर्थी को परीक्षा की तैयारी के दौरान से ही गति बनाकर रखें, क्योंकि 60 मिनट में 75 से 100 प्रश्नों का उत्तर देना होता है | समय प्रबंधन और गति हेतु सबसे अच्छा तरीका है कि पहले बिना समय देखें प्रश्नों को हल करें, फिर अभ्यास होने के बाद समय-सीमा के अन्दर प्रश्नों को हल करें | Science and Technology Notes free Download exam me time manage kaise kareHow To Manage Time In Competitive ExamHow to manage time in examhow to manage time in exam hallpariksha me time ko manage kaise karetime management in hinditime management kaise karetips to crack competitive exams
2021/07/25 02:45:21
https://sarkarijobhelp.com/how-to-manage-time-in-competitive-exam/
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Donald Trump Gets The Spotlight For His 2024 Speech, But Networks Vary In Coverage And Cutaways – Deadline Skip to content Top Menu December 1, 2022 About Us Contact Us Privacy Policy Disclaimer Terms NewsBD71 Tips On Daily Life Home Life Guide Recruitment Margot Robbie Web Stories Search for: Main Menu Entertainment Donald Trump Gets The Spotlight For His 2024 Speech, But Networks Vary In Coverage And Cutaways – Deadline November 15, 2022 - by krishna - Leave a Comment Donald Trump Gets The Spotlight For His 2024 Speech, But Networks Vary In Coverage And Cutaways – Deadline डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को अपने राष्ट्रपति पद की घोषणा के भाषण के लिए मीडिया का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन नेटवर्क इस बात से भिन्न थे कि वे इस घटना से कैसे संपर्क करते हैं, इसके कुछ हिस्सों को लेते हैं और दूसरों को काटते हैं। कवरेज शायद इस बात की झलक पेश करता है कि ट्रम्प को कैसे कवर किया जाएगा क्योंकि वह अपनी तीसरी राष्ट्रपति बोली शुरू करते हैं। सीएनएन ने मार-ए-लागो के भाषण के 20 मिनट से अधिक पर कब्जा कर लिया क्योंकि ट्रम्प ने आधिकारिक घोषणा की। एंडरसन कूपर ने 2020 के चुनावी चक्र के दौरान डैनियल डील के साथ तथ्य-जांच की। नेटवर्क ने अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में भाषण के लिए और अधिक तैयार किया, पिछले घंटों में इसका पूर्वावलोकन किया, जिसमें बॉब वुडवर्ड और कार्ल बर्नस्टीन के साथ कूपर का साक्षात्कार और एबीसी न्यूज ‘जोनाथन कार्ल के साथ एरिन बर्नेट शामिल थे। साक्षात्कार, जो दो ट्रम्प पुस्तकों के लेखक थे। भाषण को कवर करने के लिए मार-ए-लागो। इसमें एक खाली लेक्चर के सामने मेहमानों से भरे मार-ए-लागो बॉलरूम के शॉट्स भी दिखाए गए थे। फॉक्स न्यूज ने उस दौरान ट्रंप के ज्यादातर भाषणों को कवर किया था। हंटी और उसके हिस्से इंग्राहम कोणजैसे ही हम एक घंटे के निशान तक पहुँचते हैं, अलग-अलग क्षणों में कटौती करें। जब ट्रम्प ने “एंजेला” के बारे में बात करना शुरू किया, जिसका अर्थ है कि पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, हैनिटी अपनी चमकदार समीक्षाओं के लिए माइक हुकाबी और पैट हेगसेथ के पास गई। हुकाबी ने कहा कि ट्रम्प “अपराजेय” होंगे यदि वह संदेश पर बने रहे जैसा कि उन्होंने भाषण में किया था। हेगसेथ ने जीओपी दावेदारों के संभावित क्षेत्र में “एकमात्र मूल” होने की बात कही। अन्य रूपर्ट मर्डोक आउटलेट्स, जैसे न्यूयॉर्क पोस्ट और वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा पेश की गई सकारात्मक टिप्पणियों के विपरीत, जिन्होंने मध्यावधि नुकसान के मद्देनजर ट्रम्प की आलोचना की है। मानो इसे ट्रम्प की जीत में बदलने की कोशिश कर रहे हों, मोनिका क्राउली ने बाद में इंग्राहम को बताया कि यह उल्लेखनीय था कि जिस रात ट्रम्प राष्ट्रपति पद की दौड़ में कूदे थे, एक मीडिया आउटलेट ने भविष्यवाणी की थी कि GOP सदन में बहुमत जीतेगी। आउटलेट निर्णय डेस्क मुख्यालय था, और बहुमत बहुत पतला होगा। एमएसएनबीसी अधिकांश भाषणों के माध्यम से एलेक्स वैगनर और उनके विश्लेषकों के साथ अटका रहा, समय में गिरावट और दूसरों पर एक स्प्लिट-स्क्रीन सुविधा। ब्रॉडकास्ट नेटवर्क के स्ट्रीमिंग चैनलों ने भाषण को कवर किया, लेकिन इसे पूरा नहीं किया, विश्लेषण का विकल्प चुना। न्यूज नेशन ने भाषण दिया, लेकिन खत्म होने से पहले ही काट दिया। सभी नेटवर्क गहन जांच के दायरे में होंगे, खासकर अगर रिपब्लिकन प्राइमरी में उम्मीदवारों का एक बड़ा क्षेत्र है। 2016 में, अन्य उम्मीदवारों पर ट्रम्प रैलियों के कवरेज के लिए CNN की आलोचना की गई थी, जबकि NBC स्टेशनों को पूर्व के बाद अन्य GOP उम्मीदवारों को एयरटाइम देने के लिए मजबूर किया गया था। सेलिब्रिटी अपरेंटिस सतारा को मेजबानी के लिए आमंत्रित किया गया था। शनीवारी रात्री लाईव. तब सीबीएस के प्रमुख लेस मूनवेस ने प्रसिद्ध रूप से कहा कि ट्रम्प का अभियान “अमेरिका के लिए अच्छा नहीं हो सकता” लेकिन यह “सीबीएस के लिए बहुत अच्छा था।” सीएनएन ने संकेत दिया है कि वह इस बार एक अलग दृष्टिकोण अपनाएगा, पिछले चक्रों के ट्रम्प-ए-राम में उतरने के बजाय, उनके समाचार मूल्य के लिए घटनाओं का वजन करेगा, और अन्य नेटवर्क में उनमें से अधिकांश एक अधिक सतर्क शैली को दर्शाते हैं, राष्ट्रपति दावेदार अपनी जिम्मेदारी से अधिक नहीं करते हैं। समाचार अभी भी ट्रम्प पर वजन करेगा क्योंकि वह संघीय जांच के केंद्र में है, 6 जनवरी की समिति की रिपोर्ट और 2024 के क्षेत्र में पहले प्रमुख उम्मीदवार हैं। और रैंकिंग के तमाशे को कमांड करने की उनकी क्षमता को देखते हुए – रॉन डीसांटिस के साथ पहली बहस की कल्पना करें – ट्रम्प के लिए प्रलोभन पास होने के लिए बहुत अच्छा हो सकता है।
2022-12-04T10:53:34Z
https://newsbd71.com/donald-trump-gets-the-spotlight-for-his-2024-speech-but-networks-vary-in-coverage-and-cutaways-deadline/
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रेलवे भर्ती: डेढ़ लाख खाली पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा से जुड़ी अफवाह दिल बैठा देगी! - Fact Check: Viral clipping of a newspaper claiming railway has cancelled its exam scheduled from December 15 is misleading. ओमomlallantop@gmail.comसितंबर 22, 2020 11:43 AM सोशल मीडिया पर देश में बेरोजगारी की चर्चा के बीच कई तरह के दावे वायरल हो रहे हैं. रेलवे की नौकरियों से जुड़ा ऐसा ही एक दावा वायरल है. सोशल मीडिया यूज़र्स हिंदुस्तान अख़बार की एक क्लिपिंग शेयर कर रहे हैं जिसमें 1 लाख 40 हज़ार से ज्यादा रिक्त पद भरे जाने की बात लिखी हुई है. फेसबुक यूज़र Vikram meena jaganpura ने वायरल क्लिपिंग शेयर करते हुए लिखा है- "रेलवे परीक्षा रद्द" रेलवे परीक्षा रदद् Posted by Vikram meena jaganpura on Sunday, 20 September 2020 वॉट्सऐप पर भी ये क्लिप वायरल हो रही है. वॉट्सऐप पर वायरल क्लिपिंग 'दी लल्लनटॉप' की पड़ताल में वायरल क्लिपिंग भ्रामक निकली. रेलवे ने 15 दिसम्बर से होने वाली परीक्षा रद्द नहीं की है. वायरल क्लिपिंग में ख़बर की पहली लाइन में ही लिखा है- "रेलवे 1 लाख 40 हज़ार से ज्यादा रिक्त पदों को भरने के लिए 15 दिसम्बर के बाद परीक्षा आयोजित कराएगा." ये लाइन ऊपर लिखी हेडिंग को सही नहीं ठहराती है. कीवर्ड्स के जरिये सर्च करने पर हिंदुस्तान अख़बार की वायरल क्लिपिंग हमें बेसिक शिक्षा डॉट कॉमवेबसाइट पर 6 सितंबर 2020 को छपी एक रिपोर्ट में मिली. इस क्लिपिंग में सिर्फ़ ख़बर की हेडिंग वायरल हो रही क्लिपिंग से अलग है. ख़बर की हेडिंग है- "रेलवे में खाली पदों पर 15 दिसम्बर के बाद परीक्षा." हमें हिंदुस्तान अख़बार की वेबसाइट पर पूरी ख़बर मिली. ख़बर के मुताबिक रेल मंत्री पीयूष गोयल के वीडियो ट्वीट में रेलवे भर्ती बोर्ड के CEO और चेयरमैन वीके यादव ने बताया- "कुल 1,40,640 रिक्तियां हैं जो एनटीपीसी के तहत भरी जा रही हैं. आइसोलेटेड एंड मिनिस्ट्रियल कैटगरी और लेवल-1 के लिए 2019 में आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी. इन पदों के लिए लिए अभ्यर्थियों से 1 से 31 मार्च 2019 तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे. हमने आवेदन पत्रों की जांच कर ली है लेकिन कोरोना वायरस के कारण परीक्षाएं नहीं करा पाए हैं. सभी तीन कैटेगरी के लिए परीक्षाएं 15 दिसंबर के बाद शुरू की जाएंगी. जल्द ही परीक्षा का पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा." ट्विटर पर हमें रेल मंत्री पीयूष गोयल का ट्वीट भी मिला. (आर्काइव लिंक) हमें 6 सितंबर 2020 की इकोनॉमिक टाइम्स की भी एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट की हेडिंग में लिखा है "15 दिसम्बर से तीन श्रेणियों में 1.40 लाख पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी रेलवे" रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 1 लाख 40 हज़ार पदों के लिए कुल 2 करोड़ 40 लाख से ज्यादा आवेदन आए. पदों में 35, 208 गार्ड, ऑफिस क्लर्क, कमर्शियल क्लर्क वगैरह, 1663 आइसोलेटेड एंड मिनिस्टीरियल जैसे स्टेनो, टीचर वगैरह और 1 लाख 3 हज़ार 769 लेवल वन की खाली पद जैसे ट्रैक मेंटेनेंस पाइंट्समैन वगैरह शामिल है. (आर्काइव लिंक) 'दी हिन्दू'अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक भी रेलवे 15 दिसम्बर 2020 से भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. (आर्काइव लिंक) साफ़ है कि रेलवे ने 15 दिसम्बर से होने वाली परीक्षा रद्द नहीं की है. 1 लाख 40 हज़ार से ज्यादा पदों के लिए 15 दिसम्बर 2020 के बाद परीक्षा होगी. हमारी पड़ताल में वायरल दावा ग़लत निकला. रेलवे भर्ती परीक्षा 15 दिसम्बर के बाद शुरू होगी. ये खब़र पब्लिश होने तक, रेलवे की ओर से परीक्षा का आयोजन करवाया जा रहा है . हिंदुस्तान अख़बार की ऑरिजनल क्लिपिंग से छेड़छाड़ कर ये अफ़वाह फैलाई गई है.
2020/10/28 11:17:36
https://www.thelallantop.com/factcheck/fact-check-viral-clipping-of-a-newspaper-claiming-railway-has-cancelled-its-exam-scheduled-from-december-15-is-misleading/
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डॉ पुष्पलता का व्यंग्य - नींबू मुर्दाबाद, संतरा मुसम्मी जिंदाबाद - The Purvai होम व्यंग्य डॉ पुष्पलता का व्यंग्य – नींबू मुर्दाबाद, संतरा मुसम्मी जिंदाबाद जब कोई सामने झुकता है तो सोचते हैं हम कुछ भी तो नहीं हैं। जब कोई सामने तनता है तो सोचते हैं, तुम हो क्या ? बन्दर को मिली हल्दी की गांठ पंसारी बन बैठा। ऐसा इसलिए होता है कि झुकने, तनने वाले दोनों में ही ईश्वर का नूर है और ईश्वर को तनना, ऐंठना पसंद नहीं। आँधी में तनने, ऐंठने वाले पेड़ टूट जाते हैं। जड़ें उखड़ जाती हैं। धराशायी हो जाते हैं। लचीले झुकने वाले सभी छोटे-बड़े पेड़ बचे रहते हैं। आदमी के भाव भी नींबू-टमाटर की तरह हैं, उठते हैं तो लोग कमेंट मारते हैं, भाई इसकी न पूछो, आजकल आसमान पर बैठ गया है। नींबू आसमान पर बैठा तो लोगों ने खरीदना बंद कर दिया। देखना बंद कर दिया। कुछ लोग खरीदकर चुटकले बनाने लगे। सस्ते बनो तो नालियों में मिलते हैं। दुकानों पर टँगते हैं। सड़क पर गिरे, पड़े, कुचले मिलते हैं। पड़े-पड़े सूख जाते हैं। सामान्य भाव रहें तो कोई गरीब हो या अमीर, मध्य वर्ग हो या उच्च वर्ग सब सस्ता समझ चबा जाते हैं, फेंकते रहते हैं। न अपर क्लास छोड़ती है न लोवर यहाँ तक कि मध्य वर्ग भी अपने इस वर्ग की जान के पीछे हाथ धोकर पड़ जाता है। दे शिकंजी दे सूप, सड़ा-सड़ा कर डस्टबीन में डालते हैं। नींबू की तरह हमारे अधिकतर वरिष्ठ भी आसमान पर जा बैठे हैं। वे केवल अमीरों के लिए सुलभ हैं। अमीरी का अपना अलग व्याकरण है। अमीर कैसे बने ये बात मायने नहीं रखती। कुछ खानदान दत्त अमीर हैं। कुछ फादर-मदर दत्त अमीर हैं। कुछ मित्र-यार-रिश्ते दत्त अमीर हैं तो कुछ रुपया दत्त या सत्ता दत्त अमीर हैं। साहित्य दत्त अमीर केवल वहीं हैं जिन्हें माँ शारदे ने गोद में बैठाकर दुनिया को ईर्ष्या की आग में झुलसा डाला हो। जिन्हें देखकर सारे बच्चे कह रहे हों हम क्या सौतेले हैं। वैसे ऐसे लाडलों को सबकी उपेक्षाएँ झेलनी पड़ती हैं। सीनियर- जूनियर सब उनका बहिष्कार कर डालते हैं। बात नींबू की थी। दाम बढ़ने पर नींबू की तरह वरिष्ठ भी कहते हैं, हाँ हूँ खट्टा, मुझे खाते ही क्यों हो? उन्हें लाख समझाओ कि जब तुम पेड़ पर थे, कच्चे थे, तुम्हें कोई सूँघता भी नहीं था मगर उन्हें कोई फर्क न पड़ेगा। खैर लोग इतना खट्टा, बौना, घमंडी नींबू खाने के बजाय मीठा सुंदर बड़ा संतरा क्यों न खाएं। न वह इतराता है न वह आसमान पर बैठा है। बैठ भी जाये तो खाकर कुछ पेट तो भरे मजा तो आये। दिल बाग-बाग तो हो। सो मित्रो नींबू हम सब की पहुँच से बाहर है इस खड़ूस का बहिष्कार कर सह्रदयता से भरपूर वरिष्ठ संतरों मुसम्मियों की तरफ ध्यान दो। संतरा भगवा नहीं कभी किसी दूसरे अर्थ में ले लो। उसका रंग रूप ही भगवा लगता है। वह निरा सज्जन, मानवीयता, पौष्टिकता, विटामिन सी से भरपूर ग्रेट फल है। उसे खाकर उल्टी भी नहीं आती। एसिड भी नहीं बनता। नन्हे मुन्ने बच्चे की तरह छोटे साहित्यकार भी उसके एसेंस से बनी रसना पर लट्टू रहते हैं। ये जान में जान डाल देता है खाते ही। हमारे अच्छे वरिष्ठ जनों की तरह। सो सब एक साथ बोलो नींबू मुर्दाबाद संतरा मुसम्मी जिंदाबाद। सवाल ये है उन ठिगने, बौने, खट्टे नींबूओं को आसमान पर चढ़ाया किसने है।
2022/05/21 10:10:16
https://www.thepurvai.com/a-satire-by-dr-pushplata/
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गंजा विदेशी दो युवा लड़कियों सेक्सी फिल्म हिंदी फुल ऊपर उठाया कॉलेज गहरे गले घर का बना भाड़ में जाओ फेशियल भारतीय मुखमैथुन लड़की सेक्सी पत्नी सेक्सी पीओवी सेक्सी फिल्म हिंदी फुल परदेशी के लिए एक सार्वजनिक स्थान में गोता लगाने का फैसला किया और गलती से दो पतली खाल पर गिर गया, जो बेवकूफ जा रहा करने के लिए कोई आपत्ति नहीं दिखाई. मैं उसे बुलाया और गाँठ बेवकूफ समूह को उसके साथ चला गया. जबकि व्यक्ति उसके मुंह में अंग प्राप्त है, लोगों को दूसरी लड़की के गीला बिल्ली के लिए हस्तमैथुन सेक्सी फिल्म हिंदी फुल और फिर प्रत्येक बारी में भून ।
2021/02/28 01:28:17
https://cached4.cyou/video/127/%E0%A4%97-%E0%A4%9C-%E0%A4%B5-%E0%A4%A6-%E0%A4%B6-%E0%A4%A6-%E0%A4%AF-%E0%A4%B5-%E0%A4%B2%E0%A4%A1-%E0%A4%95-%E0%A4%AF-%E0%A4%B8-%E0%A4%95-%E0%A4%B8-%E0%A4%AB-%E0%A4%B2-%E0%A4%AE-%E0%A4%B9-%E0%A4%A6-%E0%A4%AB-%E0%A4%B2-%E0%A4%8A%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%89%E0%A4%A0-%E0%A4%AF-
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Guna: सिंधिया के चहेते कलेक्टर ने ढंकवाए सीएम शिवराज चौहान के पोस्टर, सीएम के आने के पहले खुद कर डाला लोकार्पण- Hum Samvet MP ByPoll 2020: शुक्रवार को सीएम का गुना जिले की बमोरी में था दौरा, सीएम के आने से पहले सिंधिया के चहेते ने खुद ही कर दिया लोकार्पण और भूमिपूजन Updated: Sep-25, 2020, 09:23 PM IST गुना। मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर तमाम नेता जहां लगातार रैलियां कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश से लगातार अजीबोगरीब खबरें आ रही है। हालिया मामला गुना जिले के बमोरी का है जहां शुक्रवार को सीएम शिवराज का दौरा था। लेकिन दौरे से पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के चहेते माने जाने वाले कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने सरेआम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंच पर लगी तस्वीरों को ढंकवा दिया। इतना ही नहीं तय कार्यक्रम के अनुसार क्षेत्र में जो भी भूमिपूजन और लोकार्पण के कार्य सीएम द्वारा होने थे उन्हें सीएम के आने से पहले खुद ही कर डाला। दरअसल, सीएम का यह दौरा पूर्व से ही प्रस्तावित था और इस बाबत बमोरी में एक बड़ा सा मंच लगवाया गया था। मंच पर सीएम और पीएम के बड़े-बड़े फ़ोटो लगे थे और बेहद सुंदर तरीके से मंच की फूलों से साजो-सज्जा की गई थी। सीएम के बमोरी पहुंचने से पहले बीजेपो नेता और कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी थी और मंच से स्थानीय नेता अपना भाषण दे रहे थे। इसी बीच अचानक जिला कलेक्टर ने लोगों को तब चौंका दिया जब वह नाटकीय रूप से मंच के पीछे लगे पोस्टर को उजले कपड़े से ढंकवा दिया। इसके बाद उन्होंने सीएम के प्रस्तावित भूमिपूजन और लोकार्पण के कार्यस्थलों से सभी प्रशासनिक अधिकारियों को जाने का आदेश देकर खुद ही उन सब का लोकार्पण भी कर डाला। और पढ़ें: MP By Poll 2020 सिंधिया और शिवराज चौहान के कार्यक्रम में खाली रह गई कुर्सियां दरअसल, उसी दौरान चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की पत्रकार वार्ता शुरू होने वाली थी और मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात की चर्चाएं थी कि आज ही मध्यप्रदेश चुनाव की तारीखों का ऐलान के साथ प्रदेश में आचारसंहिता लागू हो जाएंगे। बता दें कि चुनाव आचार संहिता के दौरान किसी भी प्रकार के सरकारी कार्यक्रम में राजनीतिक पोस्टर, बैनर्स और लोकार्पण कार्यों पर पूर्ण पाबंदी होती है। गुना कलेक्टर ने आचार संहिता लगने के भय से प्रेस कांफ्रेंस सुने बिना नाटकीय रूप से सारे काम कर डाले।
2020/10/27 06:56:40
https://www.humsamvet.com/mp-info/guna-scindias-favorite-collector-covered-shivrajs-posters-before-his-arrival-6363
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भाई ने रिक्शा चलाकर पढ़ाया और एमपीपीएससी की टॉपर बन गईं वसीमा शेख, अब डिप्टी कलेक्टर बनकर करेंगी गांव का नाम रोशन Homeनारी सम्बंधितभाई ने रिक्शा चलाकर पढ़ाया और एमपीपीएससी की टॉपर बन गईं वसीमा शेख, अब डिप्टी कलेक्टर बनकर करेंगी गांव का नाम रोशन महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन (एमपीएससी) में महिला टॉपर्स की लिस्ट में तीसरा स्थान पाने वाली वसीमा शेख अब डिप्टी कलेक्टर बनेंगी। फिलहाल सेल्स टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर काम कर रहीं वसीमा ने अपनी पढ़ाई पूरी करने में तमाम तकलीफें देखीं। उनके परिवार ने पढ़ाई पर जोर दिया और आज नतीजा है कि वह टॉपर्स की लिस्ट में शामिल हुई हैं। पिता मानसिक रूप से बीमार हैं वसीमा की पढ़ाई के लिए रिक्शा चलाने वाले उनके भाई खुद भी एमपीएससी की तैयारी कर चुके हैं। नांदेड़ के सांगवी नाम के छोटे से गांव की रहने वाली वसीमा के पिता मानसिक रूप से बीमार हैं। मां दूसरों के खेत में काम करके घर चलाती थीं। वसीमा के भाई पैसों की कमी के चलते एमपीएससी की परीक्षा नहीं दे पाए। गांव में पैदल पढ़ने जाती थीं वसीमा अपनी कामयाबी का सारा श्रेय भाई और मां को देती हैं। उन्होंने कहा कि अगर भाई मुझे नहीं पढ़ाते तो मैं इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती। मां ने बहुत मेहनत की। वसीमा नांदेड़ से लगभग 5 किलोमीटर दूर जोशी सख वी नामक गांव में पैदल पढ़ने जाती थीं। अमीरी-गरीबी कोई मायने नहीं रखती वसीमा 4 बहनों और 2 भाइयों में चौथे नंबर की हैं। वसीमा का एक अन्य भाई आर्टिफिशियल ज्वेलरी की छोटी-सी दुकान चलाता है। वसीमा कहती हैं कि अगर आपको कुछ बनना है, तो अमीरी-गरीबी कोई मायने नहीं रखती। मीडिएटर बनना चाहती हूं वसीमा शेख बताती हैं 'मैंने अपने आसपास, परिवार में और अपने इलाके में गरीबी और तकलीफ को बहुत पास से देखा है। एक तरफ सरकार और उसके साधन थे, दूसरी तरफ गरीब जनता। बीच में एक मीडिएटर की जरूरत थी, मैं वही मीडिएटर बनना चाहती हूं।' परिवार में पहली ग्रेजुएट वसीमा ने 2018 में भी एमपीएससी की परीक्षा पास की थी। Bhai taught by driving a rickshaw and Wasima Sheikh became the topper of MPPSC, now she will illuminate the name of village by becoming deputy collector
2020/12/05 01:58:17
https://www.raambaanilaj.com/2020/06/blog-post_615.html
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Up Police Constable Result 2018| Uppbpb.Gov.In| यूपी पुलिस कॉन्सटेबल रिजल्ट जारी हुए UP Police Constable Result 2018, uppbpb.gov.in पर करे चेक. UP Police Constable Recruitment Result out: इस यूपी पुलिस में कॉन्सटेबल के लिए करीब 42 हजार पदों पर भर्ती होने वाली है। इसके लिए लिखित परीक्षाएं 25 और 26 अक्टूबर को आयोजित की गई थी। By मेघना वर्मा | Follow | Published: December 4, 2018 03:50 PM2018-12-04T15:50:49+5:30 | Updated: December 4, 2018 03:50 PM2018-12-04T15:50:49+5:30 UP Police Constable Result 2018 के रिजल्ट जारी कर दिए गए है। जिन भी आवेदकों ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड यानी UPPBPB के सिवल पुलिस और पीएसी में कॉन्सटेबल के पदों के लिए परिक्षाएं दी थी वो अपना रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। परीक्षार्थी अपना रिजल्ट uppbpb.gov.in पर जाकर देख सकते हैं। दोपहर 2 बजे जारी किए गए इस रिजल्ट को आज चेक कर सकते हैं। लिखित परीक्षा में पास होने वाले आवेदकों को शारीरिक मानक परीक्षण में भाग लेने का मौका मिलेगा। आपको बता दें ये मानक परीक्षण पांच दिसंबर को होने हैं। इस यूपी पुलिस में कॉन्सटेबल के लिए करीब 42 हजार पदों पर भर्ती होने वाली है। इसके लिए लिखित परीक्षाएं 25 और 26 अक्टूबर को आयोजित की गई थी। 2 शिफ्ट में ये परीक्षा आयोजित की गई थी। ये परीक्षा 16 जिलों के 482 केन्द्रों में हुई थी। 1. सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की वेबसाइट uppbpb.gov.in पर जाएं। 2. अब साइट पर लिखे रिजल्ट के लिंक पर क्लिक करें। 3. अब मांगी गई जानकरी फिलअप करें। 4. आपका रिजल्ट आपकी स्क्रीन पर आ जाएगा। UP Police Constable Result 2018 results have been released. All the applicants who gave exam for the post of Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board ie Civil Police and PAC of UPPBPB, can visit their result official website. Web Title: uppbpb.gov.in up police constable recruitment result 2018 check the result at uppbpb.gov.in up policeउत्तर प्रदेश UP में RSS कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, चुनाव में बीजेपी के साथ बेहतर तालमेल बैठाने की थी जिम्मेदारी होली पर हुड़दंग करने वालों से कड़ाई से निपटेगी यूपी पुलिस, प्रशासन ने किए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम UPPCS Toppers Interview: कांस्टेबल श्याम बाबू के SDM बनने की कहानी, इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल यूपी: ATS ने पुलिस भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गिरोह के सरगना सहित 6 को किया गिरफ्तार, ऐसे कराते थे नकल
2019/04/21 12:56:19
https://www.lokmatnews.in/education/uppbpbgovin-up-police-constable-recruitment-result-2018-check-the-result-at-uppbpbgovin/
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चेयरमैन ने अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार व उनकी रोकथाम के लिये मिटिंग की - AbTakNews चेयरमैन ने अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार व उनकी रोकथाम के लिये मिटिंग की dushyanttyagi 5:49:00 PM 0 Comment Ballabgarh crime Faridabad Haryana फरीदाबाद 14 सितबर। राष्ट्रीय अनूसूचित जाति आयोग के चेयरमैन प्रो. राम शंकर कमेरिया ने आयोग के वाईस चेयरमैन तथा आयोग के अधिकारियों के साथ फरीदाबाद जिला का दौरा किया। इसके दौरान जहां उनहोंने 6 जिलेा में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अनुसूचित से सम्बंधित सरकारी योजनाओं व अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचार व उनकी रोकथाम बारे मिटिंग की। वही सर्किट हाऊस में दलित समाज के प्रबुद्ध लोगों व संस्थाओ के प्रतिनिधियो से मुलाकात की। इस मुलाकात में डा. बी.आर.अम्बेडकर एजुकेशन सोसायटी फरीदाबाद के चेयरमैन व दलित अधिकार मंच के महासचिव श्री ओ.पी.धामा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पहली बार दलित समाज के महापुरूषो की जयन्तियां राज्य सरकार के द्वारा प्रत्येक मुख्यालय पर मनाई गयी जिससे दलित समाज का सम्मान बडा है। धामा ने यह भी कहा कि सरकार के द्वारा कई कल्याणकारी योजनाये चलाई जा रही है। इनकी योजनाओं की मासिक समीक्षा जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यखता में की जाये जिससे दलित समाज का प्रबुद्ध व इन योजनाओं की समझ रखने वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाये। धामा ने आयोग को यह भी बताया कि जब सरकार ने भर्तियो पर इन्टरव्यू प्रथा समाप्त कर दी है तो दलित समाज के बच्चो के लिए प्रत्येक उपमण्डल स्तर पर केाचिंग सेन्टर खोले जाये ताकि दलित समाज के बच्चे भी प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर सके। धामा ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में एक डा. अम्बेडकर भवन व छात्रावास बनाया जाये। इसके साथ साथ सरकारी स्कूलों में दलित बच्चो को मिलने वाली छात्रवृति, किताबो, स्टेशनरी व वर्दी की अनुदान राशि समय पर मिलना सुनिश्चित किया जाये तथा कृष्णानगर व रामनगर स्लम बस्तियो में मिडिल स्तर के सरकारी स्कूल खोले जाये। धामा ने स्लम पुर्नवास की चर्चा करते हुए कहा कि फरीदाबाद में लगभग 5000 मकान पिछले लगभग 10 साल से खाली पडे है जिन्हे सरकार ने बनवाये थे जिन पर लगभग 200-300 करोड रूपये खर्च हुए थे। इन मकानो को पात्र लोगो केा तुंरत अलाट किया जाये। चेयमैन महोदय ने इन सारी बातों को ध्यान से सुनने के बाद श्री धामा से कहा कि वह इन सब योजनाओं बारे लिखकर आयोग में आये ताकि इन पर गहराई से विचार विमर्श किया जाये। बेठक के दौरान गुडगांव व फरीदाबाद के मण्डल आयुक्त डा. डी सुरेश, उपायुक्त समीरपाल सरो, पुलिस आयुक्त डा. हनीफ कुरेशी, अतिरिक्त उपायुक्त जितेन्द्र दहिया व जिले के सभी आला अधिकारी भी उपस्थित थे।
2018/05/24 04:24:35
http://www.abtaknews.com/2017/09/blog-post_831.html
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वसंत में कार से यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा स्पेनिश शहर | यात्रा समाचार वसंत में कार से यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा स्पेनिश शहर यात्रा समाचार | 30/04/2021 11:06 | पर्यटन स्थल इस तथ्य का लाभ उठाएं कि ठंड धीरे-धीरे गायब हो रही है और तापमान एक में जाकर गर्म हो रहा है सुखद छुट्टी बिताने के लिए स्पेन के 6 सबसे अच्छे शहर इस वसंत में। तथा… हमारी कार के साथ यात्रा करने से बेहतर क्या है? हम शामिल करते हैं छत की सलाखें हमारे वाहन और साहसिक कार्य के लिए! क्या आप इस मौसम के लिए शीर्ष शहरों की खोज करने के लिए तैयार हैं? पढ़ते रहिये! 1 मैड्रिड 2 वल दे बोई, लेलीडा 3 एलिकांटे, बेनिडॉर्म 4 वालेंसिया 5 कोर्डोबा और इसके संरक्षक मई में 6 सेविला हां बिल्कुल। मैड्रिड एक आकर्षक शहर है। यदि आप एक गर्म शहर से आते हैं, तो यह सर्दियों में बहुत ठंडा हो सकता है, और यदि आप एक ठंडे शहर से आते हैं तो गर्मियों में बहुत गर्म हो सकते हैं। हालांकि, यह वसंत में पुनर्जन्म और खिलता है। सूरज, पहले से ही गर्म, आमंत्रित करता है चुपचाप अपनी आकर्षक सड़कों और पत्तेदार पार्कों में टहलें. वसंत में, आप के माध्यम से टहलने ले जा सकते हैं पार्के डेल बुएन रेटिरो (झील पर एक नाव किराए पर), पार्के जुआन कार्लोस I या मैड्रिड रियो के माध्यम से एक बाइक की सवारी करें। और अगर आपको चलने में मन नहीं लगता है, तो हम सुझाव देते हैं कि आप अच्छे मौसम का लाभ उठाने के लिए या अपनी कार में मार्ग का अनुसरण करने के लिए खुली पर्यटक बस में शहर की यात्रा बुक करें: सबसे किफायती और आरामदायक विकल्प! और क्यों नहीं केबल कार पर जाओ और ऊपर से स्पेनिश राजधानी की प्रशंसा करते हैं, जबकि आप गर्मियों की सूरज की पहली किरणों में स्नान करते हैं? यदि यह बाहर बहुत गर्म नहीं है, तो आप हमेशा कर सकते हैं रॉयल पैलेस और अल्मुडेना कैथेड्रल का दौरा करें। वल दे बोई, लेलीडा स्पेनिश भूगोल की विविधता यह तय करना मुश्किल बनाती है कि सबसे अच्छा गंतव्य कौन सा है। हालाँकि, हम चुनते हैं pyrenees क्योंकि वसंत में अभी भी सबसे ऊंची चोटियों पर बर्फ है, घाटियों में हरे रंग का कुरकुरा पानी है और चारों तरफ से पानी की बौछारें होती हैं, जिससे नदियाँ ताक़त के साथ बह सकती हैं। किसी भी प्रकार का फिल्टर आवश्यक नहीं है क्योंकि खेत वाइल्डफ्लावर से जलते हैं, सूरज दिखाई देता है और आकाश वास्तव में नीला है। दिन लंबा हो जाता है, और एक बहुत ही सुखद वातावरण बनाने के लिए सब कुछ एक साथ आता है। हमने भी आनंद लिया पत्थर के घरों के साथ छोटे गाँवखिड़कियों में इसकी टाइलें और फ्लावरपॉट, साथ ही कई कर्व्स और थोड़ी ट्रैफिक वाली गलियों में स्लेट। एलिकांटे, बेनिडॉर्म Benidorm की यात्रा के लिए वसंत एक उत्कृष्ट समय है। हालांकि कई लोग दावा करते हैं अन्यथा, सच्चाई यह है कि यह सूरज और समुद्र तट से अधिक है। बेनिडोर्म का एक बहुत पुराना शहर है, जिसमें कई बार हैं वे स्पेन भर से तपस परोसते हैं और छतों पर एक शानदार वातावरण के साथ। तपस क्षेत्र के अलावा, बेनिडोर्म में विभिन्न प्रकार के रेस्तरां हैं जो सेवा करते हैं अंतरराष्ट्रीय रसोई दुनिया के लगभग हर कोने से। आप मिरादोर डी बेनिडोर्म भी जा सकते हैं, जो शहर के प्रतीकों में से एक है और दो समुद्र तटों को जोड़ता है। इस दृष्टिकोण से आप सूर्यास्त और सूर्योदय के शानदार दृश्य का आनंद ले सकते हैं. वालेंसिया हमें एक धूप जलवायु के साथ स्वागत करता है, भरा हुआ इंतजार कर रहे छतों और सबसे अच्छा पेल्लास जो स्पेन की पेशकश कर सकता है, बाहरी तालिकाओं पर ताज़ा तैयार किया जा सकता है। गर्मियों में इतने सारे लोग नहीं होंगे, इसलिए तट के साथ चलने के लिए हमारे पास समुद्र तट होगा और शायद एक आइसक्रीम खाएं. हम जा सकते हैं कला के शहर, शहर के चारों ओर चलो, जाओ जार्डिन बोटानिको… और भी बहुत कुछ! कोर्डोबा और इसके संरक्षक मई में कोर्डोबा मई में स्पेन में अपने गंतव्य पार और आँगन, दरवाजे और खिलने वाले नारंगी पेड़ों के साथ देखना चाहिए। वर्ष के किसी भी महीने की तुलना में, शहर प्रकाश और रंग में नहाया हुआ है। इसके अलावा, इस महीने के दौरान लोकप्रिय मेयस्टिक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, और कई निजी घर सार्वजनिक रूप से अपने पेटीज खोलते हैं, फूलों से भरा, विवरण और सावधानीपूर्वक ध्यान देने वाले हर व्यक्ति के लिए। विश्व प्रसिद्ध मस्जिद-कैथेड्रल तुम्हें अवाक छोड़ दूंगा, और यहूदी क्वार्टर में टहलें, सराय में तपस का स्वाद चखें और शहर के कुछ छिपे हुए रत्नों की खोज करें, जैसे कि वियाना पैलेस और अल्कज़ार गार्डन, यह एक वास्तविक आनंद है। इतिहास के सदियों के साथ एक पीछे-पीछे शहर और एक विविध सांस्कृतिक मिश्रण जो निराश नहीं करेगा। सेविला यह साल के इस समय एक अद्भुत गंतव्य है अप्रैल मेले के लिए, जो अंडालूसी मेलों में से एक है जो वसंत तक रहता है। कई पर्यटक अपनी सड़कों को सजाने वाले फूलों के लिए अपने वसंत के पलायन के लिए अंडालूसी राजधानी का चयन करते हैं अपने लोगों के उत्सव का माहौल और क्षेत्र की सुंदरता। भेंट Flamenco Seville में दिखाई देता है यह आवश्यक गतिविधियों में से एक है, स्मारकों के माध्यम से चलने के साथ, एक घोड़े की नाल वाली गाड़ी में सवारी करना और स्थानीय गैस्ट्रोनॉमी का स्वाद लेना है। कुछ ही दिनों में आप शहर के बारे में सब कुछ जान पाएंगे। वसंत में सेविले के लिए एक सप्ताहांत की यात्रा आपको शहर के प्यार में पड़ जाएगी और आपको वर्ष के किसी भी समय वापस लौटना चाहेगी। अब आप जानते हैं कि आपको किन स्पेनिश शहरों का दौरा करना है। आप अपनी सड़क यात्रा कहाँ से शुरू करने जा रहे हैं? याद रखें कि आपको कोविद -19 आपातकाल द्वारा लगाए गए नियमों के अनुकूल होना होगा। प्रत्येक समुदाय के नियमों के बारे में जानें और यात्रा का आनंद लें। लेख का पूरा रास्ता: यात्रा समाचार » पर्यटन स्थल » वसंत में कार से यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा स्पेनिश शहर
2021/05/17 04:07:04
https://www.actualidadviajes.com/hi/%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F-%E0%A4%B8%E0%A4%AC%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%85%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B6-%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%B0/
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कोई भी ‘व्‍यापारी’ जिनके पास आयकर अधिनियम- 1961 के तहत स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन नंबर ) है या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित ऐसे अन्‍य दस्‍तावेज रखने वालों को किसानों अथवा व्‍यापार क्षेत्र में अन्‍य व्‍यापारियों के साथ राज्‍य एपीएमसी अधिनियम में विनिर्दिष्‍ट किसी भी अनुसूचित किसानी उपज का व्‍यापार कर सकते हैं। यह अध्यादेश किसानों के व्यापार से संबंधित है जैसे कि खाद्य पदार्थों, गेहूं, चावल या अन्य मोटे अनाज, दालें, खाद्य तिलहन, तेल, सब्जियां, फल, नट, मसाले, गन्ना और मुर्गी पालन, गोटर्री के उत्पाद सहितअनाज मछली और डेयरी अपने प्राकृतिक या प्रसंस्कृत रूप में मानवउपभोग के लिए अभिप्रेत है, मवेशियों के चारे सहित तेल केक औरअन्य संकेंद्रित, कच्चे कपास चाहे गिने या अनजाने, कपास के बीजऔर कच्चे जूट किसान उत्पादक संगठन, कृषि सहकारी समिति, केंद्र व राज्यसरकारकी योजनाओं में पदोन्नत किसानों के समूह स्वचालित रूप से व्यापारक्षेत्र में व्यापार करने के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं। व्‍यापार क्षेत्र में अनुसूचित किसान उपज वाले किसानों के साथ लेन-देन करने वाला प्रत्‍येक व्‍यापारी उसी दिन या अधिकतम तीन कार्य दिवसों में भुगतान करेगा यदि प्रक्रियात्‍मक रूप से आवश्‍यक भुगतान की रसीद का उल्‍लेख उस रसीद के अधीन हो तो उसी दिन किसानों को दिया जाएगा। कोई भी व्‍यक्‍ति (वैयक्‍तिक के अलावा), जिनके पास आयकर अधिनियम- 1961 के तहत आवंटित स्‍थायी खाता संख्‍या (अथवा केन्‍द्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्‍ट इस तरह के अन्‍य दस्‍तावेज) अथवा किसी एफपीओ अथवा कृषि सहकारी समिति, व्‍यापार क्षेत्र में अनुसूचित किसान उपज में अंत:राज्‍य एवं अंतरराज्‍यीय व्‍यापार के लिए इलेक्‍ट्रानिक व्‍यापार एवं लेन-देन प्‍लेटफार्म की स्‍थापना और/अथवा संचालन कर सकता है। ऐसे व्‍यक्‍ति जो इलेक्‍ट्रॉनिक व्‍यापार एवं लेन-देन प्‍लेटफार्म की स्‍थापना और/अथवा संचालन करने वाला उचित व्‍यापार पद्धतियों जैसे व्‍यापार का माध्‍यम, शुल्‍क, अन्‍य प्‍लेटफार्म के साथ अंतर-संचालन सहित तकनीकी मानदंड, किसानों को समय पर भुगतान,लॉजिस्‍टिक व्‍यवस्‍थापन, गुणवत्‍ता आकलन, संचालन प्‍लेटफार्म के स्‍थान पर स्‍थानीय भाषा में सूचना का प्रसार के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर कार्यान्‍वयन करेगा। कोई भी मण्‍डी शुल्‍क अथवा उपकर या कर जो भी नाम राज्‍य एपीएमसी अधिनियम के तहत विनिर्दिष्‍ट किया जाता है, को व्‍यापार क्षेत्र में अनुसूचित किसान उपज में व्‍यापार एवं वाणिज्‍य के लिए किसी भी किसान अथवा व्‍यापारियों या इलेक्‍ट्रॉनिक व्‍यापार एवं लेन-देन प्‍लेटफार्म पर नहीं लिया जाएगा। उपखंड मजिस्‍ट्रेट द्वारा गठित किए जाने वाले सुलह बोर्ड के सुलह के माध्‍यम से किसानों के विवाद का निपटान किया जाएगा, जिसके विफल होने पर पीड़ित पक्ष विवाद के निपटान के लिए एसडीएम से संपर्क कर सकता है। उपखंड मजिस्‍ट्रेट/अधिकारी विवाद की राशि,दंड की वसूली के लिए आदेश दे सकता है और व्‍यापारी के लिए अनुसूचित किसान उपज के व्‍यापार/वाणिज्‍य के लिए ऐसी अवधि के लिए व्‍यापार को प्रतिबंधित करने वाला आदेश पारित कर सकते है,जैसा उचित समझा जाए। इसके विरुद्ध अपील समाहर्ता या अपर समाहर्ता के पास होगी। उपमंडल प्राधिकारी अथवा अपील प्राधिकारी के आदेश में सिविल अदालत के निर्णय समतुल्‍य शक्‍ति होगी। कृषि विपणन सलाहकार, विपणन और निरीक्षण निदेशालय (डीएमआई), भारत सरकार या राज्‍य सरकार के परामर्श के एक अधिकारी जिन्‍हें संबंधित राज्‍य सरकार के परामर्श से केन्‍द्र सरकर द्वारा ऐसी शक्‍तियां दी जाती है, को अपनी अथवा याचिका अथवा किसी सरकार से संदर्भ के आधार पर इलेक्‍ट्रॉनिक व्‍यापार एवं लेन-देन प्‍लेटफार्म के माध्‍यम से किसी भी उल्‍लंघन का संज्ञान ले सकते हैं और किसानों के देय राशि की वसूली, दंड देना और/अथवा ऐसी अवधि के प्‍लेटफार्म का संचालन करने का अधिकार को निलंबित करने का अधिकार होगा जो उचित हो। केन्‍द्र सरकार के पास नियमावली बनाने की शक्‍ति होती है। कोई भी मुकदमा अथवा कार्यवाही सिविल न्‍यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं होगा। यह अध्यादेश राज्‍य एपीएमसी अधिनियम या लागू कोई अन्‍य विधान पर अधिभावी प्रभाव होगा। केन्‍द्र सरकार मूल्‍य सूचना और मण्‍डी आसूचना प्रणाली और प्रसार फ्रेमवर्क विकसित करने के लिए केंद्रीय सरकारी संगठन को निदेश दे सकते हैं। यह अध्‍यादेश स्‍टॉक एक्‍सचेंजों और क्‍लियरिंग कार्पोरेशनों पर लागू नहीं होगा जो प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम- 1956 के तहत मान्‍यता प्राप्‍त है। Share सम्बंधित खबर: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों के लिये सुरक्षा कवच किसानों को समय पर भुगतान नहीं होने पर मण्डी सचिव को शो कॉज… देवास जिले में प्राकृतिक खेती पर किसानों को दिया प्रशिक्षण किसानों को मृदा स्वास्थ्य की जानकारी दी कानकुण्ड में प्राकृतिक खेती पर किसानों को दिया प्रशिक्षण दो गांवों में किसानों को दिया प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण Advertisements Share This Post: आपको यह भी पसंद आ सकता हैं सोयाबीन मंडी रेट (17 सितम्बर 2022 के अनुसार); खातेगांव मंडी में रहा 5700 अधिकतम रेट September 17, 2022 September 17, 2022 देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के मंडी रेट और आवक (24 मार्च 2022 के अनुसार) March 25, 2022 March 25, 2022 गेंहू रिकॉर्ड बनाने की राह पर December 30, 2019 April 23, 2020 देश की प्रमुख मंडियों में मक्का के मंडी रेट और आवक (24 नवंबर 2021 के अनुसार) November 25, 2021 November 25, 2021 आज का सरसों मंडी रेट (19 अक्टूबर 2022 के अनुसार) October 19, 2022 October 19, 2022 देश में 9 करोड़ हेक्टेयर से अधिक हुई बोनी August 9, 2022 August 9, 2022 Leave a Reply Cancel reply Your email address will not be published. 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2022-12-10T09:45:36Z
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Monsoon and other winds in India | भारत में मानसून एवं अन्य पवने - Various Colours Of Rajasthan - राजस्थान के विविध रंग Home » Geography of India » भारत में मानसून » राजस्थान का भूगोल » सामान्य ज्ञान » Monsoon and other winds in India | भारत में मानसून एवं अन्य पवने Monsoon and other winds in India | भारत में मानसून एवं अन्य पवने 5/16/2019 10:36:00 pm भारत में मानसून Monsoon and other winds in India- हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- ''कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है।'' मानसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। मानसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मानसून आता है।.जब ये हवाएं ठंडे से गर्म क्षेत्रों की तरफ प्रवाहित होती हैं तो उनमें नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण वर्षा होती है। मानसून से अभिप्राय ऐसी जलवायु से है, जिसमें ऋतु के अनुसार पवनों की दिशा में उत्क्रमण हो जाता है। भारत की जलवायु उष्ण मानसूनी है, जो दक्षिणी एवं दक्षिणी-पूर्वी एशिया में पाई जाती है। अंग्रेज़ी शब्द मानसून पुर्तगाली शब्द 'मॉन्सैओ' से निकला है, जिसका मूल उद्गम अरबी शब्द मॉवसिम (मौसम) से आया है। भारत में मानसून का कारण (Causes of monsoon in India)- भारत में वर्षा ऋतु का काल जून-सितंबर के मध्य रहता है। जून माह में सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ रही होती हैं, जिसके कारण पश्चिमी मैदानी भागों में पवन गर्म होकर ऊपर उठ जाती है तथा कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है। यह कम दबाव का क्षेत्र इतना प्रबल होता है कि इस कम दबाव क्षेत्र को भरने के लिए दक्षिणी गोलार्द्ध की व्यापारिक पवनें भूमध्य रेखा पार कर भारतीय उपमहाद्वीप की ओर बढ़ती हैं तो पृथ्वी की गति के कारण इनकी दिशा में परिवर्तन हो जाता है तथा ये दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहने लगती हैं। इसी कारण जून-सितम्बर के मध्य होने वाली वर्षा को ''दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा Southwest Monsoon Rain'' कहते हैं। मानसून पवने व्यापारिक पवनों के विपरीत परिवर्तनशील होती हैं। दक्षिणी गोलार्द्ध की व्यापारिक पवनों का उद्गम स्थल समुद्र में होता हैं। जब ये पवनें भारतीय उपमाहद्वीप में प्रवेश करती हैं तो अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से नमी प्राप्त कर लेती है। मानसूनी पवनें भारतीय सागरों में मई माह के अंत में प्रवेश करती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून Southwest Monsoon सर्वप्रथम लगभग 1 जून के आसपास केरल तट पर वर्षा करता है तथा इसके बाद महीने भर में पूरे भारत में वर्षा होने लगती है, जबकि अरब सागर से आने वाले मानसून उत्तर की ओर बढ़ते हुए 10 जून तक बंबई पहुंच जाता हैं। भारतीय उपमहाद्वीप की स्थलाकृति के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून निम्नलिखित दो शाखाओं में विभक्त हो जाता है – अरब सागर शाखा, बंगाल की खाड़ी शाखा। मानसून की अरब सागर शाखा Arabian Sea branch of monsoon- यह शाखा भारत के पश्चिमी तट व पश्चिमी घाट महाराष्ट्र, गुजरात व मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में वर्षा करती है। पंजाब में आकर यह मानसून बंगाल की खाड़ी से आने वाले मानसून की शाखा से मिल जाता है। यह पश्चिम घाटों पर भारी वर्षा करती है, परंतु दक्कन के पश्चिमी घाट के दृष्टि-छाया प्रदेश में होने के कारण इन क्षेत्रों में अल्प वर्षा हो पाती है। इसी प्रकार गुजरात व राजस्थान में पर्वत अवरोधों के अभाव के कारण वर्षा कम हो पाती है। अधिक शक्तिशाली है अरब सागर मानसून Arabian monsoon is more powerful - दक्षिण-पश्चिम मानसून की दोनों शाखाओं में अरब सागर शाखा अधिक शक्तिशाली है और यह शाखा बंगाल की खाड़ी की शाखा की अपेक्षा लगभग तीन गुना अधिक वर्षा करती है, जिसके कारण यह हैं कि, बंगाल की खाड़ी मानसून शाखा का एक ही भाग भारत में प्रवेश करता है जबकि इसका दूसरा भाग म्यांमार व थाईलैण्ड की ओर मुड़ जाता है। अरब सागर मानसून की उत्तरी शाखा, गुजरात, कच्छ की खाड़ी व राजस्थान से प्रवेश करती है। यहाँ पर्वतीय अवरोध न होने के कारण इन क्षेत्रों में यह शाखा ही वर्षा करती है तथा सीधे उत्तर-पश्चिम की पर्वतमालाओं से टकराकर जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा करती है। मैदानी भागों की ओर लौटते समय नमी की मात्रा कम होती है, अतः लौटती पवनों के द्वारा राजस्थान में अल्प वर्षा होती है। मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा Monsoon Branch of Bay of Bengal - मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा उत्तर दिशा में बंगाल, बांग्लादेश व म्यांमार की ओर बढ़ती है। म्यांमार की ओर बढ़ती मानसून पवनों का एक भाग आराकान पहाड़ियों से टकराकर भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश में आता है। यह शाखा हिमालय पर्वतमाला के समांतर बढ़ते हुए गंगा के मैदान में वर्षा करती हैं। हिमालय पर्वतमाला मानसूनी पवनों को पार जाने से रोकती हैं व संपूर्ण गंगा बेसिन में वर्षा होती है। उत्तर व उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने वाली यह शाखा उत्तर-पूर्वी भारत में भारी वर्षा करती है। मेघालय में तथा गारो, खासी व जयंतिया पहाड़ियों की पनुमा स्थाकृति की रचना करती है, जिसके कारण यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है। विश्व में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान चेरापूंजी (वर्तमान में मासिनराम) इन्हीं पहाड़ियों में स्थित है। शरद ऋतु व लौटता दक्षिण-पश्चिम मानसून (मानसून के निवर्तन की ऋतु) - शरद ऋतु उष्ण बरसाती मौसम से शुष्क व शीत मौसम के मध्य संक्रमण का काल है। शरद ऋतु का आरंभ सितंबर मध्य में होता है। यह वह समय है जब दक्षिण-पश्चिम मानसून लौटता है। मानसून के पीछे हटने या लौट जाने को मानसून का निवर्तन कहा जाता है। अक्तूबर और नवंबर के महीनों को मानसून के निवर्तन की ऋतु कहा जाता है। सितंबर के अंत में सूर्य के दक्षिणायन होने की स्थिति में गंगा के मैदान पर स्थित निम्न वायुदाब की द्रोणी भी दक्षिण की ओर खिसकना आरंभ कर देती है। इससे दक्षिण-पश्चिमी मानसून कमजोर पड़ने लगता है। मानसून सितंबर के पहले सप्ताह में पश्चिमी राजस्थान से लौटता है। इस महीने के अंत तक मानसून राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी गंगा मैदान तथा मध्यवर्ती उच्चभूमियों से लौट चुकी होती है। अक्तूबर के आरंभ में बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों में स्थित हो जाता है तथा नवंबर के शुरू में यह कर्नाटक और तमिलनाडु की ओर बढ़ जाता है। दिसंबर के मध्य तक निम्न वायुदाब का वेंफद्र प्रायद्वीप से पूरी तरह से हट चुका होता है। मानसून के निवर्तन की ऋतु में आकाश स्वच्छ हो जाता है और तापमान बढ़ने लगता है। जमीन में अभी भी नमी होती है। उच्च तापमान और आर्द्रता की दशाओं से मौसम कष्टकारी हो जाता है। आमतौर पर इसे 'कार्तिक मास की ऊष्मा' या ''अक्टूबर हीट'' कहा जाता है। मानसून के लौटने पर प्रारंभ में तापमान बढ़ता है, परंतु उसके उपरांत तापमान कम होने लगता है। अक्तूबर माह के उत्तरार्ध में तापमान तेजी से गिरने लगता है। तापमान में यह गिरावट उत्तरी भारत में विशेष तौर पर देखी जाती है। मानसून के निवर्तन की ऋतु में मौसम उत्तरी भारत में सूखा होता है, जबकि प्रायद्वीप के पूर्वी भागों में वर्षा होती है। यहाँ अक्तूबर और नवंबर वर्ष के सबसे अधिक वर्षा वाले महीने होते हैं। इस ऋतु की व्यापक वर्षा का संबंध चक्रवातीय अवदाबों के मार्गों से है, जो अंडमान समुद्र में पैदा होते हैं और दक्षिणी प्रायद्वीप के पूर्वी तट को पार करते हैं। ये उष्ण कटिबंधीय चक्रवात अत्यंत विनाशकारी होते हैं। गोदावरी, कृष्णा और अन्य नदियों के घने बसे डेल्टाई प्रदेश इन तूफानों के शिकार बनते हैं। हर साल चक्रवातों से यहाँ आपदा आती है। कुछ चक्रवातीय तूफान पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और म्यांमार के तट से भी टकराते हैं। कोरोमंडल तट पर होने वाली अधिकांश वर्षा इन्हीं अवदाबों और चक्रवातों से प्राप्त होती है। ऐसे चक्रवातीय तूपफान अरब सागर में कम उठते हैं। तापमान में कमी का कारण यह है कि इस अवधि में सूर्य की किरणे कर्क रेखा से भमूध्य रेखा की ओर गमन कर जाती है व सितबंर में सूर्य की किरणे भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती है। साथ ही उत्तर भारत के मैदानों में कम दबाव का क्षेत्र इतना प्रबल नहीं रहता कि वह मानसूनी पवनों को आकर्षित कर सकें। सितंबर मध्य तक मानसूनी पवनें पंजाब तक वर्षा करती हैं। मध्य अक्टूबर तक मध्य भारत में व नवंबर के आरम्भिक सप्ताहों में दक्षिण भारत तक मानसून पवनो वर्षा कर पाती हैं और इस प्रकार भारतीय उपमहाद्वीप से मानसून की विदाई नवंबर अंत तक हो जाती है। यह विदाई चरणबद्ध होती है इसीलिए इसे ''लौटता दक्षिण-पश्चिम मानसून'' या मानसून का निवर्तन कहते है। शरद ऋतु में बंगाल की खाड़ी से चक्रवात उठते हैं जो भारत व बांग्लादेश में भयंकर तबाही मचाते हैं। चक्रवातों के कारण पूर्वी तटों पर भारी वर्षा होती है। मानसून में विच्छेद Break in monsoon- दक्षिण-पश्चिम मानसून काल में एक बार कुछ दिनों तक वर्षा होने के बाद यदि एक-दो या कई सप्ताह तक वर्षा न हो तो इसे मानसून विच्छेद कहा जाता है। ये विच्छेद विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न कारणों से होते हैं, जो निम्नलिखित हैं: 1. उत्तरी भारत के विशाल मैदान में मानसून का विच्छेद उष्ण कटिबंधी चक्रवातों की संख्या कम हो जाने से और अंतःउष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति में बदलाव आने से होता है। 2. पश्चिमी तट पर मानसून विच्छेद तब होता है जब आर्द्र पवनें तट के समानांतर बहने लगें। 3. राजस्थान में मानसून विच्छेद तब होता है, जब वायुमंडल के निम्न स्तरों पर तापमान की विलोमता वर्षा करने वाली आर्द्र पवनों को ऊपर उठने से रोक देती है। मानसून वर्षा की विशेषताएँ Characteristics of Monsoon rainfall - दक्षिण-पश्चिमी मानसून से प्राप्त होने वाली वर्षा मौसमी है, जो जून से सितंबर के दौरान होती है। मानसून वर्षा मुख्य रूप से उच्चावच अथवा भूआकृति द्वारा नियंत्रित होती है। उदाहरण के तौर पर-पश्चिमी घाट की पवनाभिमुखी ढाल 250 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज करती है। इसी प्रकार उत्तर-पूर्वी राज्यों में होने वाली भारी वर्षा के लिए भी वहाँ की पहाड़ियाँ और पूर्वी हिमालय जिम्मेदार है। समुद्र से बढ़ती दूरी के साथ मानसून वर्षा में घटने की प्रवृत्ति पायी जाती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून अवधि में कोलकाता में 119 से.मी., पटना में 105 से.मी., इलाहाबाद में 76 से.मी. तथा दिल्ली में 56 से.मी. वर्षा होती है। किसी एक समय में मानसून वर्षा कुछ दिनों के आर्द्र दौरों में आती है। इन गीले दौरों में कुछ सूखे अंतराल भी आते हैं, जिन्हें विभंग या विच्छेद कहा जाता है। वर्षा के इन विच्छेदों का संबंध उन चक्रवातीय अवदाबों से है, जो बंगाल की खाड़ी के शीर्ष पर बनते हैं और मुख्य भूमि में प्रवेश कर जाते हैं। इन अवदाबों की बारंबारता और गहनता के अतिरिक्त इनके द्वारा अपनाए गए मार्ग भी वर्षा के स्थानिक विवरण को निर्धारित करते हैं। ग्रीष्मकालीन वर्षा मूसलाधार होती है, जिससे बहुत-सा पानी बह जाता है और मिट्टी का अपरदन होता है। भारत की कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्था में मानसून का अत्यधिक महत्त्व है, क्योंकि देश में होने वाली कुल वर्षा का तीन-चौथाई भाग दक्षिण-पश्चिमी मानसून की ऋतु में प्राप्त होता है। मानसून वर्षा का स्थानिक वितरण भी असमान है, जो 12 से.मी. से 250 से.मी. से अधिक वर्षा के रूप में पाया जाता है। कई बार पूरे देश में या इसके एक भाग में वर्षा का आरंभ काफी देर से होता है। कई बार वर्षा सामान्य समय से पहले समाप्त हो जाती है। इससे खड़ी फसलों को तो नुकसान पहुँचता ही है तथा शीतकालीन फसलों को बोने में भी कठिनाई आती है। भारत में वर्षा का वितरण Rainfall distribution in India- भारत में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 125 सेंटीमीटर है, लेकिन इसमें क्षेत्रीय विभिन्नताएँ पाई जाती हैं। 1. अधिक वर्षा वाले क्षेत्र - अधिक वर्षा पश्चिमी तट, पश्चिमी घाट, उत्तर-पूर्व के उप-हिमालयी क्षेत्र तथा मेघालय की पहाड़ियों पर होती है। यहाँ वर्षा 200 सेंटीमीटर से अधिक होती है। खासी और जयंतिया पहाड़ियों के कुछ भागों में वर्षा 100 सेंटीमीटर से भी अधिक होती है। ब्रह्मपुत्र घाटी तथा निकटवर्ती पहाड़ियों पर वर्षा 200 सेंटीमीटर से भी कम होती है। 2. मध्यम वर्षा के क्षेत्र - गुजरात के दक्षिणी भाग, पूर्वी तमिलनाडु, ओडिशा सहित उत्तर-पूर्वी प्रायद्वीप, झारखंड, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, उपहिमालय के साथ संलग्न गंगा का उत्तरी मैदान, कछार घाटी और मणिपुर में वर्षा 100 से 200 सेंटीमीटर के बीच होती है। 3. न्यून वर्षा के क्षेत्र - पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू व कश्मीर, पूर्वी राजस्थान, गुजरात तथा दक्कन के पठार पर वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर के बीच होती है। 4. अपर्याप्त वर्षा के क्षेत्र- प्रायद्वीप के कुछ भागों विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में, लद्दाख और पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर भागों में 50 सेंटीमीटर से कम वर्षा होती है। हिमपात हिमालयी क्षेत्रों तक सीमित रहता है। मानसून और भारत का आर्थिक जीवन Monsoon and India's Economic Life - मानसून वह धुरी है जिस पर समस्त भारत का जीवन-चक्र घूमता है, क्योंकि भारत की 64 प्रतिशत जनता भरण-पोषण के लिए खेती पर निर्भर करती है, जो मुख्यतः दक्षिण-पश्चिमी मानसून पर आधारित है। हिमालयी प्रदेशों के अतिरिक्त शेष भारत में वर्ष भर यथेष्ट गर्मी रहती हैए जिससे सारा साल खेती की जा सकती है। मानसून जलवायु की क्षेत्रीय विभिन्नता नाना प्रकार की फसलों को उगाने में सहायक है। वर्षा की परिवर्तनीयता देश के कुछ भागों में सूखा अथवा बाढ़ का कारण बनती है। भारत में कृषि की समृद्धि वर्षा के सही समय पर आने तथा उसके पर्याप्त वितरित होने पर निर्भर करती है। यदि वर्षा नहीं होती तो कृषि पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ सिंचाई के साधन विकसित नहीं हैं। मानसून का अचानक प्रस्फोट देश के व्यापक क्षेत्रों में मृदा अपरदन की समस्या उत्पन्न कर देता है। उत्तर भारत में शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों द्वारा होने वाली शीतकालीन वर्षा रबी की फसलों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है। भारत की जलवायु की क्षेत्रीय विभिन्नता भोजन, वस्त्र और आवासों की विविधता में उजागर होती है। ग्रीष्म ऋतु में मानसून पूर्व की वर्षा प्राप्त होती है जो भारत को औसत वार्षिक वर्षा का लगभग 10% होती है। विभिन्न भागो में इस वर्षा को अलग-अलग स्थानीय नाम है। आम्र वर्षा (Mango Shower) :- ग्रीष्म ऋतु के खत्म होते-होते पूर्व मानसून बौछारें पड़ती हैं, जो केरल में यह एक आम बात है। स्थानीय तौर पर इस तूफानी वर्षा को आम्र वर्षा कहा जाता है, क्योंकि यह आमों को जल्दी पकने में सहायता देती हैं। कर्नाटक में इसे काॅफी वर्षा (Coffee shower) एवं चेरी ब्लाॅसम कहा जाता है। फूलों वाली बौछार Flower shower- इस वर्षा से केरल व निकटवर्ती कहवा उत्पादक क्षेत्रों में कहवा के फूल खिलने लगते हैं। काल बैसाखी Kal Baishakhi:- असम और पश्चिम बंगाल में बैसाख के महीने में शाम को चलने वाली ये भयंकर व विनाशकारी वर्षायुक्त पवनें हैं। इनकी कुख्यात प्रकृति का अंदाजा इनके स्थानीय नाम काल बैसाखी Kal Baishakhi से लगाया जा सकता है, जिसका अर्थ है- बैसाख के महीने में आने वाली तबाही। चाय, पटसन व चावल के लिए ये पवने अच्छी हैं। असम में इन तूफानों को 'बारदोलेली छीड़ा' अथवा 'चाय वर्षा' (Tea Shower) कहा जाता है। लू (LOO) :- राजस्थान के रेगिस्तानी, मैदानी व मैदानी इलाकों, उत्तरी मैदान में पंजाब से लेकर बिहार तक चलने वाली ये शुष्क, गर्म व पीड़ादायक पवनें हैं। दिल्ली और पटना के बीच इनकी तीव्रता अधिक होती है। एल-निनो और भारतीय मानसून - एल-निनो एक जटिल मौसम तंत्र है, जो हर पाँच या दस साल बाद प्रकट होता रहता है। इस के कारण संसार के विभिन्न भागों में सूखा, बाढ़ और मौसम की चरम अवस्थाएँ आती हैं। इस तंत्र में महासागरीय और वायुमंडलीय परिघटनाएँ शामिल होती हैं। पूर्वी प्रशांत महासागर में, यह पेरू के तट के निकट उष्ण समुद्री धारा के रूप में प्रकट होता है। इससे भारत सहित अनेक स्थानों का मौसम प्रभावित होता है। एल-निनो भूमध्यरेखीय उष्ण समुद्री धारा का विस्तार मात्र है, जो अस्थायी रूप से ठंडी पेरूवियन अथवा हम्बोल्ट धारा पर प्रतिस्थापित हो जाती है। यह धारा पेरू तट के जल का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा देती है। इसके निम्नलिखित परिणाम होते हैं । 1. भूमध्यरेखीय वायुमंडलीय परिसंचरण में विकृति 2. समुद्री जल के वाष्पन में अनियमितता 3. प्लवक की मात्रा में कमी, जिससे समुद्र में मछलियों की संख्या का घट जाना। एल-निनो का शाब्दिक अर्थ 'बालक ईसा' है, क्योंकि यह धारा दिसंबर के महीने में क्रिसमस के आस-पास नजर आती है। पेरू (दक्षिणी गोलार्द्ध) में दिसंबर गर्मी का महीना होता है। भारत में मानसून की लंबी अवधि के पूर्वानुमान के लिए एल-निनो का उपयोग होता है। सन् 1990-1991 में एल-निनो का प्रचंड रूप देखने को मिला था। इसके कारण देश के अधिकतर भागों में मानसून के आगमन में 5 से 12 दिनों की देरी हो गई थी।
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August 20, 2018 September 6, 2018 Daya Shankar 5 Comments about vitamins, benefits of all vitamins in hindi, in hindi, list of vitamin deficiency diseases in hindi, mycurehealth.com, pathology knowledge, vitamin a, vitamin a kya hai, vitamin b complex, Vitamin B1 (Thiamine), Vitamin B12 (Cobalamin), Vitamin B2 (Riboflavin), Vitamin B3 (Niacin), Vitamin B5 (Pantothenic acid), Vitamin B6 (Pyridoxine), Vitamin B9 (Folic acid), vitamin C, vitamin chart in hindi language, vitamin E, vitamin e ki jankari, Vitamin H (Biotin, vitamin in hindi meaning, vitamin K, vitamin k in hindi language, vitamin k naam, vitamin kitne prakar ke hote hai in hindi, vitamin list in hindi pdf, vitamins in hindi chart, कार्य एवं कमी से होने वाले रोग all vitamin chart in hindi, सभी विटामिन के स्रोत 28,082 total views विटामिन्स के नाम, प्रकार और फायदे (types and benefits of vitamins) 2. विटामिन बी कॉम्प्लेक्स: विटामिन बी का मुख्य काम हमारी पाचनक्रिया को स्वस्थ रखना है। इस विटामिन की कमी से पेट संबंधी परेशानियाँ जैसे भूख न लगना, दस्त आदि हो सकते हैं। नसों में सूजन और बेरी-बेरी रोग की संभावना भी हो जाती है। मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं और पैरालिसिस या हार्टफेल भी हो सकता है। विटामिन बी-1 या थायमीन विटामिन बी-3 नियासिन या निकोटिनिक अम्ल विटामिन बी-2 (रिबोफ्लेविन) विटामिन बी-5 (पेंटोथेनिक एसिड) विटामिन बी-6 (पाइरीडोक्सिन) विटामिन बी-12 (बायोटिन या कोबालमिन्स) 3. विटामिन-सी (एस्कार्बिक अम्ल) 4. विटामिन डी (कोलेकेल्सिफ़ेराल) (विटामिन डी के वारे मे विस्तार मे जानने के लिए) 5. विटामिन ई (अल्फा टोकोफेरल) 6. विटामिन 'के' इपोथायरायडिज्म के क्या-क्या लक्षण होते हैं? ट्रोपोनिन टेस्ट से क्या पता चलता है? विडिओ देखने के लिए यहां क्लिक करें… थाइरोइड एंटी बॉडीज टेस्ट विडिओ के लिए यहां क्लिक करें। मानव शरीर मे 13 तरह के विटामिन्स होते है विटामिन्स ए, बी, सी, डी, ई, के इत्यादि विटामिन्स बी कॉम्प्लेक्स मे 6 तरह के विटामिन्स शामिल हैं। विटामिन्स भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जबकि शरीर को इनसे ऊर्जा (कैलोरी) नहीं मिलती लेकिन ये शरीर की मेटाबोलिस्म की क्रियाओं का नियमन करते हैं और शरीर के विकास मे सहायक होते हैं। इसके अलावा ये पोषक तत्वों की कमी से शरीर को बचाते हैं। इनके कमी से मानव शरीर मे कई गम्भीर बीमारियाँ हो सकती हैं। इसलिए भोजन मे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेटस और वसा के साथ ही विभिन्न तरह के विटामिन्स का होना भी बहुत जरूरी है। कार्य- इसे रेटिनाल भी कहते हैं इस विटामिन का काम शरीर की त्वचा, बाल, नाखून, दाँत, , मांसपेशियाँ , मसूड़ो और हड्डी को ताकत देना है ब्लड में कैल्शियम का संतुलन भी इसी विटामिन से होता है। कमी के कारण होने वाले रोग- रतौंधी, जीरो आपथेलमिया, गरीब घर के बच्चों मे कुपोषण का कारण इत्यादि इसी की कमी से होते हैं । स्रोत- यह दूध, घी, मक्खन, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गाजर, टमाटर इत्यादि मे पाया जाता है। इसमे कई तरह के विटामिन्स शामिल हैं जैसे विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7, बी9 और विटामिन बी 12 हैं। जो हमारे शरीर के लिए अत्यन्त आवश्यक होते हैं। इनका संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है। कार्य- ह्रदय एवं शरीर की तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ और सक्षम रखना। कमी के कारण रोग- विटामिन बी-1 की कमी के कारण बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है। स्रोत- ताजे फल, सब्जियाँ विशेषकर हरी सब्जियाँ। कार्य- त्वचा एवं मस्तिक की कोशिकाओं का पोषण। कमी के कारण होने वाले रोग- त्वचा एवं मुँह मे छाले, बुद्धि की कमी इत्यादि। स्रोत- यह माँस, खमीर, चोकरयुक्त आटा, काफी-बीन, मटर इत्यादि मे पाया जाता है। कार्य- ये विटामिन आँख एवं त्वचा की कोशिकाओं का विकास करती है और रक्त उत्पादन मे सहायक होती है। कमी से होने वाले रोग- मुँह, ओंठो के किनारों पर छाले और खून की कमी होना। स्रोत-अंकुरित अनाज, माँस, पनीर इत्यादि। कार्य- तनाव कम करने वाला,स्वस्थ हृदय के लिए,स्टेमिना बढ़ाता है और खून की कमी को दूर रखने मे सहायक होता है। कमी से होने वाले रोग-अस्थमा, ऑस्टियोअर्थराइटिस, पार्किसंस रोग, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम और खून की कमी होना। स्रोत- विटामिन B 5 मशरूम, स्ट्राबेरी, बादाम, शक्करकंद, दुग्ध उत्पाद, फिश, एवोकाडो में प्रचुर मात्र में पाया जाता है कार्य- तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं का पोषण,और रक्त उत्पादन मे भी सहायक होती है ये विटामिन। कमी के कारण होने वाले रोग– न्यूराइटिस, डर्मेटोटाइटिस और खून की कमी। स्रोत- यह छिलके सहित अनाज, फलीयुक्ति सब्जियाँ, केला इत्यादि। कार्य- यह रक्त उत्पादन मे प्रमुख भूमिका निभाता हैं। कमी के कारण होने वाले रोग- रक्ताल्पता (अनीमिया) स्रोत- यह माँस, मछ्ली, अंडों एवं हरी सब्जियों तथा फलों मे पाया जाता है। कार्य-एस्कार्बिक ऐसिड के नाम से मशहूर विटामिन सी शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर की इम्यूनिटी की भी रक्षा करता है।और मसूड़ो को स्वस्थ रखने मे सहायक होता है। कमी से होने वाले रोग- विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग की संभावना हो जाती है जिसके कारण शरीर में हर समय थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, जोड़ों में दर्द, मसूड़ों से खून आने और पैरों में लाल निशान जैसी परेशानियाँ हो जाती हैं। इसके अलावा शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाने से छोटी-छोटी बीमारियाँ और खांसी, जुकाम, मुंह के रोग, दाँत व त्वचा के रोग, पेट में अल्सर आदि परेशानियाँ हो सकती हैं। स्रोत-आंवले के साथ ही यह कुछ फलों और सब्जियों में भी विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। संतरा, अन्नानास, अनार, आम आदि जैसे फल और नींबू, शकरकंद, मूली, बैंगन और प्याज जैसी सब्जियों में भी यह पाया जाता है। कार्य- हड्डियों का विकास और देखभाल करना। कमी से होने वाले रोग- बच्चों मे रिकेट्स और बड़ों मे आस्टोमलेशिया। स्रोत- सूर्य की किरणें, मछली का तेल,अंडा, दूध इत्यादि। कार्य- स्वास्थ्य यौन जीवन के लिए जरूरी, मधुमेह के रोगियों मे रोग की जटिलताओं से बचाव। कमी से होने वाले रोग- नपुंसकता, बाँझपन, पिंडलियों मे दर्द इत्यादि। स्रोत- चोकर, वनस्पति तेल, मेवे,गाजर इत्यादि। कार्य- यह कुछ ऐसे विशेष पदार्थों को उत्पन्न करता है, जो रक्त जमाने मे सहायक होते हैं। कमी से होने वाले रोग- विटामिन के की कमी से मस्तिष्क एवं आंतों मे रक्तस्राव, चोट लगने पर खून का जल्दी बंद न होना। स्रोत- यह आंतों में उपस्थित जीवाणुओं द्वारा भी उत्पन्न किया जाता है, इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों से प्राप्त होता है। ← पीलिया या हेपेटाइटिस "ए" के लक्षण, कारण, टेस्ट और उपचार मलेरिया के लक्षण कारण इलाज दवा और उपचार → March 4, 2020 March 4, 2020 Daya Shankar 0 April 16, 2020 June 30, 2020 Daya Shankar 0 5 thoughts on "विटामिन के प्रमुख कार्य, प्रकार, स्रोत एवं कमी से होने वाले रोगो की जानकारी" Pingback: मलेरिया के लक्षण कारण इलाज दवा और उपचार – mycurehealth period it accepted create it again. 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Home » National News » Punjab » पाक दौरे के बाद बड़े विवाद में घिरे नवजोत सिंह सिद्धू, खालिस्‍तानी आतंकी गोपाल चावला के साथ फोटो वायरल Pranjul Mishra | अंतिम अपडेट: Thursday 29th November, 2018 11:13:32 AM चंडीगढ़ : फायर ब्रांड नेता अौर पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर अपने पाकिस्‍तान दौरे को लेकर विवाद में आ गए हैं। वह खालिस्‍तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला के साथ नजर आए हैं और चावला के साथ उनकी फोटो साेशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह फोटो चावला नाम से बने फेसबुक वॉल पर नजर आ रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्‍तान के करतारपुर में कॉरिडोर के शिलान्‍यास समारोह में भाग लेने वहां गए थे। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप पुरी भी शामिल हुए थे। बुधवार को आयोजित समारोह में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाक में बनने वाले कॉरिडोर के हिस्‍से का शिलान्‍यास किया था। इस समारोह में खालिस्‍तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला के भी नजर अाने से विवाद पैदा हो गया है। इसके बाद वीरवार को चावला की नवजाेत सिंह सिद्धू के साथ फोटो वायरल होने पर सनसनी फैल गई। गाेपाल सिंह चावला के नाम से बने फेसबुक अकाउंट पर डाली गई फोटो में सिद्धू के साथ चावला नजर आ रहा है। इसमें चावला के हवाले से लिखा गया है- ' विथ सिद्धू पा जी'। इस फोटो के वायरल होने के बाद विवाद पैदा हो गया है। अभी सिद्धू की ओर से इस पर कुछ नहीं कहा गया है और इस फोटो की सत्‍यता के बारे में भी कोई पुष्टि नहीं हो रही है, लेकिन इस पर बवाल होना तय लग रहा है। बता दें कि सिद्धू पाकिस्‍तान के अपने पिछले दौरे के समय पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने के कारण निशाने पर आ गए थे। सिद्धू पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में गए थे और उसी दौरान वह बाजवा से गले मिले थे। इस पर उनकी काफी किरकिरी हुई थी। वह इस बार पाकिस्‍तान गए तो उनसे इस बारे में पाकिस्‍तानी मीडिया ने भी सवाल किया था। इसके जवाब में सिद्धू ने फिर विवादित बात कह दी। उन्‍होंने कहाकि जनरल बाजवा से गले मिलना रॉफेल डील जैसा तो नहीं था। अमन की बात करने वाले पाकिस्तान का असली चेहरा बुधवार को उस समय सामने आ गया जब श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा कॉरिडोर के शिलान्‍यास समारोह में खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला दिखा। इस दौरान चावला ने पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से हाथ भी मिलाया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि चावला आइएसआइ के लिए सक्रिय रूप से काम करता है। चावला का नाम इसी महीने अमृतसर के अदलीवाल में निरंकारी भवन पर आतंकी हमले की साजिश में नाम आया था। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 22 लोग जख्मी हुए थे। गोपाल सिंह चावला पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का महासचिव है और उसे 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। 21 व 22 नवंबर को भारतीय उच्चायोग के राजनयिक अधिकारियों के साथ गुरुद्वारा ननकाना साहिब में बदसुलूकी में भी चावला का नाम सामने आया था। चावला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ व लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद के साथ मिलकर पंजाब में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है। इनकी भी तलाश हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी (पाकिस्तान), गुरुजिंदर सिंह उर्फ शास्त्री (इटली), गुरुशरणबीर सिंह उर्फ गुरुशरण सिंह वालिया उर्फ पहलवान (ब्रिटेन), गुरुजंट सिंह ढिल्लों (ऑस्ट्रेलिया) भी सुरक्षा एजेंसियों को तलाश है। जहां लगे खालिस्तानी नारे, वहां भारत के नेता क्यों बैठे रहे: प्रो. चावला प्रदेश की पूर्व सेहतमंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए किए गए प्रयासों पर खुशी व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि खालिस्तानी आतंकी नेता गोपाल सिंह चावला भी उसी मंच पर मौजूद था जिस मंच पर भारत के दो केंद्रीय मंत्री और पंजाब के केबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे। उन्होंने कहा कि गोपाल सिंह चावला न केवल मंच पर मौजूद था बल्कि वह खालिस्तान की बात करते हुए खालिस्तान के नारे भी लगवा रहा था। उन्होंने कहा कि शर्म की बात है कि गोपाल सिंह चावला ने बाजवा का हाथ थामकर अपनी छाती पर लगाया। मानों वह उनसे सुरक्षा मांग रहा हो। प्रोफेसर चावला ने कहा कि ऐसे में अच्छा होता हमारे ये तीनों नेता केवल गुरु घर में प्रणाम करके गोपाल सिंह चावला की उपस्थिति का विरोध दर्ज करवाते और वहां से उठकर चले आते। उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि न तो इन तीनों नेताओं में से किसी ने गोपाल सिंह चावला की उपस्थिति का विरोध जताया और न ही खालिस्तानी नारों के विरोध में एक भी शब्द कहा। केंद्र सरकार को इस मामले का कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। # Gopal chawla upload photo with Navjot singh sidhu on social media, # Khalistani terrorist Gopal Chawla, # Navjot singh sidhu in pakistan, # Navjot singh sidhu with Khalistani terrorist Gopal chawla, # Punjab news, # Punjab politics, # करतारपुर, # खालिस्‍तानी आतंकी गोपाल चावला के साथ नवाजोत सिंह सिद्धू, # नवजाेत सिंह सिद्धू की गोपाल चावला के साथ फोटो, # नवजोत सिंह सिद्धू, # पंजाब समाचार, # पाकिस्‍तान, # बादल, # हरदीप पुरी, # हरसिमरत कौर, सिद्धू Punjab No Comments » « उत्तर प्रदेश: आखिर क्यों सीएम योगी आदित्यनाथ पिछले एक महीने में 20 दिन रहे प्रदेश से बाहर? (Previous News)
2019/03/20 05:53:05
https://www.aajabhi.com/national-news/punjab/navjot-singh-sidhu-photo-viral-with-khalistani-terrorist-gopal-chawla/
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भागलपुर में प्रेमी जोड़े ने घर से भागकर रचाई शादी, परिजनों पर जान से मारने की धमकी देने का लगाया आरोप 11-Jun-2022 10:02 PM BHAGALPUR : सुलतानगंज प्रखंड के बाथ थाना क्षेत्र के करहरिया गांव मे प्रेमी जोड़े ने घर से भागकर शादी कर ली। लेकिन उन्होंने लडकी पक्ष के लोगों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इस मामले मे लडकी जुली कुमारी ने विडियों वायरल कर बताया हैं कि मैं अपने मरजी से गांव के ही रोहित कुमार ठाकुर पिता शंकर ठाकुर से शादी रचाई हैं। मेरी माता किरण देवी पिता रंजीत ठाकुर के द्वारा हमारे पति रोहित कुमार ठाकुर के साथ शादी का विरोध किया जा रहा है। इसको लेकर लडकी पक्ष की किरण देवी ने बाथ थाने मे आवेदन देकर बेटी को शादी की नियत से अपहरण कर लेने का आरोप लगाया हैं। जबकी नवविवाहिता जुली कुमारी ने विडियों वायरल कर कहा हैं कि मे अपने मरजी से शादी गांव के युवक रोहित कुमार से की हैं। इसको लेकर रोहित कुमार ठाकुर ने बताया कि लडकी पक्ष के चचेरा भाई पियूष कुमार ठाकुर पिता संजय ठाकुर दोनों पिता पुत्र मिलकर घर में घुसकर मारपीट करते हुए जान मारने की धमकी दी हैं। साथ ही कहा कि हमारी बेटी को घर लाकर दो नहीं तो तुम्हारे बेटी को घर से उठा कर ले जायेंगे। जबकि नवविवाहिता ने अपने मर्जी से शादी का विडियों वायरल कर बाथ थानाध्यक्ष मनीष कुमार से न्याय और सुरक्षा का गुहार लगाया हैं।
2022/06/28 14:55:52
https://news4nation.com/news/lover-couple-ran-away-from-home-and-got-married-in-bhagalpur-137067
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मुहांसों के लिए आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic Remedies for Pimples - Hindi Nuskhe युवाओं, किशोरों और यहां तक ​​कि वयस्कों में भी मुँहासे को आम समस्या माना जाता है। यद्यपि कई कॉस्मेटिक रासायनिक आधारित फॉर्मूलेशन मुहांसों के इलाज में प्रभावी होने का दावा करते हैं, लेकिन इसके के लिए आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग करना सबसे सुरक्षित है। यह ध्यान में रखते हुए कि आपकी त्वचा पहले से ही त्वचा विकारों से पीड़ित है, हो सकता है कि आप असुरक्षित रसायनों के उपयोग से समस्या को बढ़ाना न चाहें। ताजा मेथी की पत्तियां: ताजा मेथी की पत्तियों और पानी का पेस्ट बनाएं। इसे अपने चेहरे पर लगाएं और रातोंरात छोड़ दें। अगले दिन धो लें। ब्लैकहेड के इलाज के लिए यह एक प्रभावी उपाय भी हो सकता है। गुलाब जल और नींबू: एक भाग के टुकड़े के साथ एक भाग गुलाब पानी मिलाएं और मुँहासे पर लगाएं । आपको इसे लगभग आधे घंटे तक छोड़ना होगा और धोना होगा। अंतर तुरंत दिखाई देगा। ड्रमस्टिक पत्तियां (Mooringa): ड्रमस्टिक पत्तियां और फली को मुहांसों के आयुर्वेदिक उपचार में भी प्रभावी माना जाता है। उन्हें एक साथ पीसकर पेस्ट बनाने के लिए उन्हें एक हिस्से के नींबू के रस के साथ मिलाएं। निरंतर परिणामों के निरंतर आधार पर प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं । पपीता: यदि आपके मुहांसों ने दर्दनाक सूजन विकसित की है, तो सबसे अच्छा उपाय कच्चे पपीता के फल का रस निकालना है। रस निष्कर्षण के लिए लुगदी बनाते समय आपको त्वचा और बीज रखने की जरूरत है। एक बार रस निकालने के बाद, तत्काल राहत के लिए इन्हें मुंह पर लगाएं । तिल पेस्ट: यदि आपके मुहासे खुजली करते हैं, तो आपको तिल के बीज और पानी का पेस्ट बनाना होगा और फिर इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाना होगा। यह खुजली के मुंह, चकत्ते के साथ-साथ एलर्जी के इलाज के लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। मूंगफली का तेल: शुद्ध मूंगफली के बराबर मात्रा के साथ एक चूने के ताजा निचोड़ा हुआ रस मिलाएं। दृश्यमान मुंह और मुँहासे के निशान पर लगाएं । यह concoction ब्लैकहेड का इलाज करने के लिए भी उपयुक्त है। टमाटर: एक पके हुए टमाटर लें और इसे लुगदी लें। इसे अपने चेहरे पर लगाएं । उल्लेखनीय और दृश्यमान प्रभाव के लिए 15 मिनट के बाद धो लें। आलू: एक आलू काट लें और प्रभावित क्षेत्र पर लागू करें। यह मुहांसों के निशान के लिए आयुर्वेदिक इलाज के लिए एक निश्चित शॉट विकल्प है। यह त्वचा के सभी प्रकार के दोष , व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड और सभी प्रकार के चकत्ते का भी ख्याल रखता है । दूध और नींबू का रस: उबले हुए दूध और नींबू के रस के मिश्रण के साथ अपना चेहरा धोएं, अगर आपके मुँहासे, टूटी हुई त्वचा, चकत्ते या ब्लैकहेड विकसित हैं। दालचीनी और शहद: कुछ दालचीनी पाउडर प्राप्त करें और इसे चिकनी पेस्ट के लिए शहद के बराबर हिस्से के साथ मिलाएं। इस पेस्ट को रात भर चेहरे के प्रभावित क्षेत्रों में लगाएं । टकसाल का रस: टकसाल का रस त्वचा के लिए एक उत्कृष्ट एंटीसेप्टिक लोशन है। पिम्पल्स से संक्रमण को रोकने के लिए इसे लगाएं । आप इसे एक्जिमा और चकत्ते जैसी कई अन्य त्वचा रोगों केलिए एक प्रभावी उपाय के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। मुंह के लिए आयुर्वेदिक उपचार से संबंधित ये सरल लेकिन प्रभावी विकल्प निश्चित रूप से बड़े पैमाने पर अंतर बनाएंगे।
2019/02/22 01:07:20
http://www.hindinuskhe.in/ayurvedic-remedies-pimples/
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चीन सक्रिय कार्बन उत्पादन एम निर्माता और आपूर्तिकर्ता और फैक्टरी Shandong Hengyi kaifeng Machinery Co.,Ltd [Shandong,China] व्यवसाय प्रकार:उत्पादक मुख्य बाजार: अफ्रीका , एशिया , मध्य पूर्व , दुनिया भर , पूर्वी यूरोप , उत्तरी यूरोप निर्यातक:41% - 50% प्रमाणपत्र:ISO9001 सक्रिय कार्बन उत्पादन उपकरण सक्रिय कार्बन उपकरण का समर्थन आटा मशीन सहायक आटा मशीन उपकरण सक्रिय कार्बन उत्पादन एम - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से (सक्रिय कार्बन उत्पादन एम के लिए कुल 24 उत्पादों) एक-चरण सक्रियण फर्नेस सामग्री को एक बार ऑपरेशन में डाल दिया जाता है, जो समय और प्रयास को बचाता है और कम निवेश बचाता है। यह जल वाष्प और ग्रिप गैस के सक्रियण की सक्रियण विधि का एक प्रकार है। यह ईंधन और लंबे समय तक सेवा जीवन के बिना यांत्रिक स्वचालन का एहसास कर सकता है, इसलिए इसका उपयोग अंतर्राष्ट्रीय दानेदार सक्रिय... रोटरी सक्रियण भट्टियां Thermcraft से रोटरी फर्नेस अनुप्रयोग एक नमूने में इलेक्ट्रॉनों की संख्या को कम करने के लिए गर्मी उपचार की एक सीमा होती है, जो एक रोटरी भट्ठी में ऑक्सीकरण सहित किया जा सकता है। कैल्सीनेशन रोटरी भट्टियों का एक लोकप्रिय अनुप्रयोग है, जो थर्मल अपघटन को प्रेरित करने की प्रक्रिया है। थर्मक्राफ्ट से रोटरी कार्बोनाइजेशन फर्नेस थर्मक्राफ्ट... उत्पादन लाइन मक्का आटा पिसाई मशीन डबल रोलर्स गेहूं का आटा चक्की मिलिंग मशीन 80 टन प्रति दिन आटा पीसने की मशीन FMFQ (S) डबल मिल गेहूं / मक्का के आटे की प्रोसेसिंग लाइन में मैनुअल कंट्रोल डबल रोलर मिल मुख्य उपकरण है। यह सटीक संचालन और टूथ सिंक्रोनस बेल्ट ड्राइव के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल रोलर गैप समायोजन तंत्र को गोद लेती है ताकि एन डी लो मेंटेनेंस के... सक्रिय रोलर बेल्ट कन्वेयर / रोलर डायवर्टर सक्रिय कार्बन संदेश उपकरण कन्वेयर चलने वाले पहियों से सुसज्जित है और इसे पूरी मशीन द्वारा स्थानांतरित किया जा सकता है। संदेश देने की प्रवृत्ति को वास्तविक आवश्यकताओं के अनुसार समायोजित किया जा सकता है। अधिकतम झुकाव कोण 22 डिग्री है। लफ़िंग तंत्र को मैन्युअल रूप से समायोजित किया जा सकता है या इलेक्ट्रिक पावर द्वारा... आटा डस्टिंग मशीन : TXFY फ्लोटिंग कार्बन सेपरेटर धूल से पतली गुच्छे को अलग करने के लिए कार्बन और एयरफ्लो के विभिन्न गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करता है। इसमें कॉम्पैक्ट संरचना और डी-डस्टिंग की उच्च दक्षता है। इसके अलावा, कंपनी डस्ट रिम कलेक्टर, इंपल्स डस्ट कलेक्टर, बैग-टाइप डस्ट रिमूवर मशीन सहित धूल हटाने वाले उपकरण बेचती... बिक्री के लिए चावल की भूसी जलकर कोयला सक्रिय कार्बन भट्ठी आजकल चूरा से लकड़ी का कोयला बनाना कोई समस्या नहीं है। क्योंकि हम लकड़ी का कोयला बनाने की मशीनों की मदद से चूरा का कोयला प्राप्त कर सकते हैं । बायोमास का कार्बोनाइजेशन क्या... उन्नत धुआं सक्रिय कार्बन भट्ठी बिक्री के लिए फ्लोटिंग कार्बन सेपरेटर उपकरण लकड़ी का कोयला कार्बन स्टोव / जलकर कोयला भट्ठी निरंतर जलकर कोयला भट्ठी सतत जलकर कोयला भट्ठी उच्च उपज लकड़ी का कोयला बनाने की मशीन है। कच्चे माल को छोटे टुकड़ों (0-4 सेमी) में कुचल दिया जाना चाहिए। उनमें से नमी 20% से कम होनी चाहिए। फिर हम उन्हें जलकर कोयला भट्ठी में खिला सकते हैं। निरंतर जलकर कोयला भट्ठी की विशेषताएं 1. गैस गैसीफायर और शोधन प्रणाली के साथ मशीन... निरंतर लकड़ी का कोयला उत्पादन लाइन सक्रिय कार्बन स्टोव परिचय आज के लोकप्रिय उत्पादन प्रसंस्करण विधियों जैसे कि फॉस्फोरिक एसिड, जस्ता क्लोराइड, लकड़ी सक्रिय कार्बन को अपनाने से गुणवत्ता वाले कच्चे माल से बनाया जाता है: ईंधन लकड़ी, लकड़ी के चिप्स, आड़ू, नारियल के खोल, राष्ट्रीय मानक के अनुसार। इस प्रकार की उन्नत तकनीक के कारण, लकड़ी की सक्रिय कार्बन, छिद्र संरचना और विशिष्ट... नारियल के गोले चारकोल कार्बोनाइजेशन स्टोव सक्रिय कार्बन इस CE अनुमोदित कोकोनट भूसी कार्बोनाइजेशन ओवन को सर्वोत्तम मूल्य के साथ पर्यावरणीय गैसीकरण कार्बनीकरण उपकरण भी कहा जाता है, का उपयोग बायोमास पाउडर को उच्च तापमान के तहत प्राकृतिक चारकोल धूल प्राप्त करने के लिए किया जाता है। कच्चे माल... भारत में सक्रिय कार्बन बनाने वाले स्टोव की कीमत चूरा से चारकोल बनाना बायोमास का कार्बनकरण बायोमास का कार्बोनाइजेशन क्या है? बायोमास का कार्बोनाइजेशन एक अपशिष्ट उपचार प्रौद्योगिकी है, हम लकड़ी के चिप्स, नारियल के गोले, चावल की भूसी, पौधों के डंठल, गोले आदि का उपयोग कच्चे माल के रूप में [उच्च तापमान पाइरोलिसिस गैसों और वाष्प, सल्फर उत्सर्जन] की प्रक्रिया से लकड़ी का कोयला बनाने के लिए कर सकते हैं। कार्बन... निरंतर चावल की भूसी सक्रिय कार्बन भट्टियां निरंतर चावल की भूसी सक्रिय कार्बन भट्टियां चावल की भूसी सक्रिय कार्बन भट्टियों का परिचय 1. इस जलकर कोयला भट्ठी बायोमास के लिए लकड़ी का कोयला में संसाधित करने के लिए एक आदर्श उपकरण है। 2. कच्चा माल: लकड़ी के चिप्स, चूरा, लकड़ी के लॉग, बांस, नारियल के खोल, आदि। 3. इसकी तर्कसंगत संरचना के कारण, भट्ठी को केवल गर्मी की खपत... सक्रिय कार्बन बनाने की मशीन गर्म बेच लकड़ी का कोयला बनाने वाली स्टोव मशीनें सक्रिय कार्बन बनाने की मशीन निरंतर है और ईको-फ्रेंडली कार्बोनाइजेशन भट्ठी का उपयोग चूरा, चावल की भूसी, मूंगफली के गोले, पौधे के डंठल, छाल और अन्य लकड़ी के सामान (आकार 15 मिमी के भीतर) के लिए किया जाता है, जिसमें उच्च तापमान शुष्क आसवन, कोई ऑक्सीजन कार्बोनाइजेशन... सक्रिय कार्बन सुखाने के उपकरण सक्रिय कार्बन सुखाने उपकरण प्रदर्शन विशेषताओं रोटरी ड्रायर में मशीनीकरण और बड़ी उत्पादन क्षमता होती है। सिलेंडर के माध्यम से द्रव का प्रतिरोध छोटा है, और फ़ंक्शन की खपत कम है। भौतिक गुणों के लिए मजबूत अनुकूलनशीलता। स्थिर संचालन, कम परिचालन लागत और सुखाने वाले उत्पादों की अच्छी एकरूपता। सुखाने का ताप स्रोत: यह मशीन... सक्रिय कार्बन सक्रियण भट्टी रोटरी सक्रिय फर्नेस: रोटरी सक्रिय कार्बन सक्रियण भट्टी, निरंतर खिला, निरंतर निर्वहन, सुपरहीट स्टीम समान रूप से भट्ठी को वितरित किया जाता है, कार्बन कणों के साथ प्रतिक्रिया करता है, जल गैस उत्पन्न करता है, कार्बन छेद और टार दहन हटाने के अंतराल के माध्यम से 800-900 तक जलता हुआ वातावरण प्राप्त करने के लिए। छेद बनाने और... सक्रिय कार्बन सुखाने उपकरण सुखाने भट्ठी यांत्रिक निर्जलीकरण के बाद उच्च तापमान और उच्च गति वाली गर्म हवा की धारा में मैला या पाउडर सामग्री सूखने के लिए सक्रिय कार्बन सुखाने वाली भट्टी उपयुक्त है, ताकि बिखरे हुए दानेदार सुखाने वाले उत्पादों को प्राप्त किया जा सके, जो कि रासायनिक उद्योग, दवा, भोजन, डाईस्टफ में व्यापक रूप से उपयोग किया जा सकता है। , प्लास्टिक... सक्रियण कार्बन सुखाने उपकरण भट्ठी सुखाने सक्रिय कार्बन सुखाने के उपकरण सुखाने की भट्ठी का उपयोग मुख्य रूप से खनिज प्रसंस्करण, भवन निर्माण सामग्री, धातु विज्ञान, रासायनिक उद्योग और अन्य विभागों में कुछ नमी या दानेदार पदार्थों को सुखाने के लिए किया जाता है। ड्रायर में सामग्रियों के लिए मजबूत अनुकूलन क्षमता है, सभी प्रकार की सामग्रियों को सूखा सकता है, और उपकरण... सक्रिय कार्बन कच्चा माल कुचल उपकरण सक्रिय कार्बन क्रशिंग उपकरण FMFQ (S) डबल मिल विशेष विवरण मॉडल fmfq (s) आटा डबल मिल 1, डबल रोलर मिल है 2, पूर्ण संयंत्र के मुख्य भाग के रूप में उपयोग किया जाता... बेल्ट संदेश उपकरण सक्रिय कार्बन कन्वेयर सक्रिय कार्बन संदेश उपकरण मोबाइल बेल्ट कन्वेयर, बेल्ट की चौड़ाई मुख्य रूप से 500, 650, 800 मिमी, विशेष विनिर्देशों को अलग से डिजाइन किया जा सकता है, बेल्ट कन्वेयर एक सतत कन्वेयर है थोक सामग्री या तैयार माल परिवहन उपकरण के साथ, कॉम्पैक्ट संरचना, विश्वसनीय प्रदर्शन, बड़ी क्षमता, उच्च उत्पादन दक्षता, आसान संचालन और अन्य... सक्रिय कार्बन सामग्री पैकेजिंग उपकरण सक्रिय कार्बन पैकेजिंग उपकरण LCS श्रृंखला कंप्यूटर स्वचालित मात्रात्मक पैकिंग मशीन मुख्य रूप से सक्रिय कार्बन के क्षेत्र में पाउडर या छोटे दानेदार सामग्री की मात्रात्मक पैकिंग के लिए उपयोग किया जाता है। उच्च माप सटीकता, तेजी से पैकिंग की गति, स्थिर प्रदर्शन, एलसीडी स्क्रीन, ऑपरेशन बेहद सरल है: उन्नत प्रौद्योगिकी,... सक्रिय कार्बन पैकेजिंग उपकरण LCS स्वचालित पैकेजिंग स्केल मुख्य प्रदर्शन विशेषताएं: यह उत्पाद सक्रिय कार्बन कणिकाओं की मात्रात्मक पैकिंग के लिए उपयुक्त है। यह उत्पाद हमारी कंपनी द्वारा देश और विदेश में नई तकनीक के साथ विकसित और निर्मित किया गया है। इसमें उच्च स्वचालन और अच्छी स्थिरता की विशेषताएं हैं। LCS श्रृंखला... सक्रिय कार्बन बड़े धूल हटाने: सक्रिय कार्बन Dedusting उपकरण टीबीएलएम श्रृंखला पल्स क्लॉथ सिलिंडर डस्ट कलेक्टर एक उन्नत नए प्रकार का बैग प्रकार धूल कलेक्टर है, जिसमें छोटी मात्रा और अच्छी धूल हटाने का प्रभाव होता है। लंबे समय से, इस उत्पाद को व्यापक रूप से सक्रिय कार्बन उत्पादन, भोजन, अनाज, आटा प्रसंस्करण, चावल...
2021/01/16 14:28:04
http://hi.xhykf.com/dp-%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%A8-%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%A8-%E0%A4%8F%E0%A4%AE.html
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कभी बॉस से बदला लेने की बात मन में आई? - BBC News हिंदी कभी बॉस से बदला लेने की बात मन में आई? एंजेला हेंशाल बीबीसी कैपिटल https://www.bbc.com/hindi/international/2015/03/150325_vert_cap_revenge_rotten_boss_pk हम में से कई लोग साथ करियर में कम से कम एक बार तो ऐसा हुआ है कि हम अपने बॉस को ख़ासा नापसंद करते हों. बॉस यदि सभी के सामने बुरा या रूड कमेंट कर दे तो ख़ास गुस्सा आ जाता है. ऐसी सूरत में कई लोग बॉस के बारे में रोष भरी प्रतिक्रिया भी जताते हैं. लेकिन कुछ तो ऐसे भी होते हैं जो अपने बॉस से बदला लेने की ठान लेते हैं ! बीबीसी कैपिटल ने सवाल-जवाब की साइट क्योरा से बॉस से बदला लेने की कुछ कहानियों के बारे में जानकारी मांगी. कुछ लोगों ने बहुत ही दिलचस्प जवाब भेजे. दुनिया की कम से कम बड़ी कंपनियों में तो अब प्रबंधन समझ गया है कि अधिकारियों को अपने नीचे काम करने वाले कर्मचारियों से सम्मान के साथ पेश आना चाहिए. बॉस का भाषण हुआ उलटा-पुलटा कैलिफोर्निया की एक बड़ी फार्मेसी कंपनी में काम करने वाल ग्रेग एल एलस्टन का उदाहरण दिलचस्प है. (पढ़ें- दफ़्तर में कब चिल्लाना सही होता है?) इमेज कॉपीरइट Warner Bros Rex Features उनके यहां एक ऐसा शख्स प्रेसीडेंट बनकर आए जो सार्वजनिक तौर बहुत खराब वक्ता था, लेकिन उसके काम में शामिल था कि वो 500 कर्मचारियों को संबोधित करे. हालाँकि बॉस पब्लिक स्पीकिंग यानी भाषण देते से बहुत घबराता था. एक बार कई कार्ड्स पर लिखे अपने भाषण को बॉस ने सहायक को दिया और कुछ साहस जुटाने के लिए एक-दो ड्रिंक्स लेने चला गया. सहायक ने ग़लती से या जानबूझकर कार्ड्स का सीक्वेंस बदल दिया. एलस्टन के अनुसार, "बॉस ने अपने भाषण के कार्ड्स लिए और स्टेज पर चढ़ गए. थोड़ा सा असर तो नशे का भी था. उन्होंने बोलना शुरु किया और सभी कर्मचारियों की नज़र उन पर होने से थोड़ा असहज होने के कारण, ये नहीं समझ पाए कि जो वो बोल रहे हैं, उसमें पिछली बात का अगली बात से कोई तालमेल, जुड़ाव है ही नहीं." एलस्टन ने बताया, "बॉस मंच पर चढ़े हुए कार्ड्स में लिखा भाषण पढ़े चले जा रहे थे लेकिन इस बात का उन्हें एहसास नहीं हो रहा था कि भाषण का कोई मतलब नहीं निकल रहा है. जल्द ही उनकी विदाई हो गई." 'भाग्य ने ही बदला ले लिया' स्कूल में पढ़ने के दौरान जमार जॉनसन को नज़दीक की एक सैंडविच शॉप में नौकरी मिली लेकिन सुपरवाइजर को ख़ुश करना तो जैसे बहुत ही टेढ़ी ख़ीर थी. जॉनसन के बनाए सैंडविच में वो खामियां निकालता था, ग्राहकों से बातचीत में कितना समय लगाया, इसका भी हिसाब करता था और बार-बार पूछता रहता था - 'ये सैंडविच कैसे बनाओगे, वो कैसे बनाओगे.' (पढ़ें- हाथ-पांव नहीं फिर भी सफलता के शिखर पर) उसने जॉनसन को कैश रजिस्टर छूने से मना कर रखा था. एक दिन जब जॉनसन ने कॉलेज में नामांकन के लिए आवेदन किया तो सुपरवाइजर ने उसे नौकरी से निकालने की धमकी दे डाली. आख़िर में तंग आकर जॉनसन ने काम करना बंद कर दिया, लेकिन ये प्रतिज्ञा ती कि वह एक दिन बदला ज़रूर लेगा. जॉनसन ने बताया, "कई साल बाद 2010 में मैं अपने पुराने नियोक्ता की दुकान के पड़ोस में गया हुआ था. ऐसे में मैंने सैंडविच शॉप पर जाने का फ़ैसला किया. हैरानी से, वो व्यक्ति मुझे वहाँ मिल गया, जिसने मेरी ज़िंदगी को नरक बना दिया था." (पढ़ें- बॉस से बदला, प्रोफाइल डेटिंग साइट पर चढ़ाया) जॉनसन कहते हैं, "उसने मुझे तुरंत पहचान लिया. लेकिन वह अपनी उम्र से कहीं ज्यादा बूढ़ा नज़र आ रहा था. मुझे लगा कि उसने इन सालों में अपने जीवन में काफी कुछ झेला है." जॉनसन आगे बताते हैं, "हमने आपस में बातचीत की और उसने मेरा सैंडविच बनाया. खाना खत्म होने के बादे मैं जल्दी से उसे गुडबॉय कहता हुआ निकल आया. मैंने चाहते हुए भी उसे कुछ नहीं कहा क्योंकि मुझे लगा कि भाग्य और कर्म ने ही उसके साथ इतना बुरा किया है कि मुझे अपना मुंह बंद ही रखना चाहिए." जैसे कुदरत ने ही, जॉनसर के हिस्से का बदला ले लिया हो ! 'टॉर्चर' करने वालों पर किताब लिख डाली न्ययॉर्क के मैनहैटन में एबी डियाज़ ने कई टॉप रेस्त्रां में काम किया जहाँ वीआईपी कस्टमर आया करते थे. अपने चार साल के काम के दौरान उन्होंने ख़ासी 'यातनाएँ' सहीं क्योंकि कर्मचारी के लिए मैनेजमेंट और कस्टमर दोनों को ख़ुश रखना उस इंडस्ट्री का जैसे पहला नियम होता है. जब यातना भरे अनुभव उन्होंने विस्तार से किताब में लिख डाले तो जैसे तूफ़ान खड़ा हो गया. किताब के छपने और बिकने के बाद उनके नियोक्ता ने अब कर्मचारियों से गोपनीयता संबंधी अनुबंध पर हस्ताक्षर कराना शुरु कर दिया है. डियाज़़ ठहाका लगाते हुए कहती हैं, "चाहे जो भी करें....किताब पढ़ने वाले और अन्य लोग मुझे अब भी ख़ासी संख्या में प्रशंसा भरे पत्र और थैंक यू नोट भेजते रहते हैं." (क्योरा की नीति के अनुसार जवाब देने वालों के असल नाम दिए जाते हैं. गुणवत्ता और वैधता की जांच के लिए क्योरा उन विशेषज्ञों से उनके क्षेत्र के कुछ सवाल पूछता है.)
2018/06/19 12:40:15
https://www.bbc.com/hindi/international/2015/03/150325_vert_cap_revenge_rotten_boss_pk
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नई दिल्लीदेश के जाने माने उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने एक बार फिर 4जी डाउनलोड स्पीड में अपनी बादशाहत बरकरार रखी है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ट्राई
2022-11-28T12:36:10Z
https://www.instantkhabar.com/item/tag/4g-speed
OSCAR-2301
शेयर सूचकांक सुरक्षा बाजार की डायनैमिकल राज्य का सूचक है. इसके पिछले मूल्यों के वर्तमान मूल्य सूचकांक की तुलना करके यह बाजार व्यवहार अनुमान लगाने के लिए संभव है, इसकी प्रतिक्रिया में व्यापक आर्थिक स्थिति और कॉर्पोरेट घटनाक्रम (मेरगेर्स, अक्क़ुइसिशन्स, आदि.) में परिवर्तन करने के लिए। इसके बाद, अवधि K (14) और अवधि D (3) के साथ-साथ उनके रंग और मोटाई चुनें। इसके बाद, अति खरीद और अतिबिक्री की सेटिंग्स समायोजित करें। इस उदाहरण में, मैं इन्हें 80 और 30 पर बने रहने दूंगा। आखिर में लागू करें बटन पर क्लिक करें। खाता खोलने की प्रक्रिया में केवल 5 मिनट से कम समय लगता है. आप अपने नाम, ईमेल और फ़ोन नंबर से शुरुआत कर सकते हैं. उसके बाद, आप को खाता पोर्टल तक पहुँच प्राप्त करें। FinmaxFX एक पूरी तरह से विनियमित विदेशी मुद्रा ब्रोकर है इसलिए कंपनी को अपने लाभ को वापस लेने से पहले आपके व्यक्ति के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इंटरनेट के इस्तेमाल से होटल, पर्यटन स्थलों और पर्यटन उद्योगों को भी फ़ायदा हुआ है। यह लोगों को यात्रा करने और नई-नई जगह तलाशने के लिए प्रोत्साहित करता है तथा पर्यटन उद्योग को भी ऊंचाइयों पर ले गया है। ब्लॉकचेन परिसंपत्तियों को स्थानांतरित करने और इसके बारे में रिकॉर्ड रखने से संबंधित है। एक परिसंपत्ति मूल्य का कुछ भी है। एक मूल्य जो एक मालिक से दूसरे को ब्लॉकचेन पर स्थानांतरित किया जाता है, उसे टोकन के रूप में दर्शाया जा सकता वेब टर्मिनल वेबट्रेडर है। इन टोकन में प्रत्येक को नाम मिला- cryptocurrency। इनमें से पहला और सबसे प्रसिद्ध बिटकॉइन है। "मनोविज्ञान की लड़ाई" (टीएनटी चैनल) में प्रतिभागी इस बारे में बात करते हैं कि कार्यक्रम की शूटिंग कैसे हुई और क्या मृत्यु पर जीवन है। आशा कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की एक टीम अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को जागरूक करने और उन्हें सामाजिक भेद के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए आएगी ताकि उन्हें किसी भी संभावित संक्रमण से बचाया जा सके। हम विंडोज़ में प्रेजेंटेशन स्ट्रक्चर को आकार देने में सक्षम हैं, अब यह आवश्यक सामग्री (टेक्स्ट, ग्राफिक ऑब्जेक्ट्स) से भरने, संक्रमण बनाने और इसे आंखों के लिए सुंदर और सुखद बनाने का समय है। वेब टर्मिनल वेबट्रेडर साझा असीमित -5.95-year बिलिंग के लिए कम से कम $ 3 प्रति माह, वार्षिक बिलिंग के लिए $ 6.95, या मासिक बिलिंग के लिए $ 10.95 एक महीने की लागत पर, यह योजना असीमित ईमेल, मुफ्त एसएसएल प्रमाणपत्र, फास्ट एसएसडी स्टोरेज, पूर्व-स्थापित वर्डप्रेस, असीमित यातायात, मुफ्त डोमेन पंजीकरण (XNUMX-वर्ष और वार्षिक बिलिंग के लिए) का लाभ उठाती है, और यह असीमित संख्या में वर्डप्रेस साइटों का समर्थन करती है। परंतु आधुनिक व्यापार में सब कुछ अंतर्निहित सॉफ्टवेयर द्वारा तय किया गया है। वास्तव में, इसका मतलब है एक अच्छे इंटरनेट कनेक्शन के साथ कंप्यूटर या लैपटॉप की उपस्थिति। अतिरिक्त विश्वसनीयता के लिए, एक निर्बाध बिजली की आपूर्ति स्थापित की जा सकती है। और भी सुविधाजनक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं जो मोबाइल फोन पर काम करते हैं। एनआरओ - गैर निवासी साधारण रुपया खाता; देश के तटों को छोड़ने से पहले, खाताधारक अपने बैंक के साथ एक रुपए खाते का संचालन करेगा; एक बार जब वह तटों को छोड़ देता है और एनआरआई का दर्जा हासिल कर लेता है, तो उसे स्थानीय खर्चों और स्थानीय आय (किराया, ब्याज, लाभांश आदि) के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए अपना खाता संचालित करने की अनुमति नहीं होगी। मुंबई | Bigg Boss 14 के नवीनतम एपिसोड में, प्रतियोगियों को अपने खेत को सजाने का काम दिया गया था | उन्हें दो टीमों ए और बी में विभाजित किया गया था – सीनियर्स – सिद्धार्थ शुक्ला, हिना खान, और गौहर खान को दुकानदारों की भूमिका निभाने के लिए कहा गया था। हिना को फूलों के स्टॉल पर, मड कारपेट स्टॉल पर गौहर को, और सिद्धार्थ शुक्ला को ग्रीन ग्रास कारपेट और स्पंज स्टाल पर तैनात किया गया था। सिद्धार्थ ने कहा, “मुझे घास की दूकान में लगा दिया |” हिना खान ने आगे कहा कि बिग बॉस 13 में इतनी मेहनत करने के बाद और लॉकडाउन के बाद आखिरकार उन्हें घास काटने का काम मिल ही गया। उन्होंने कहा ” आखिरकार तुम्हे घास काटने का काम मिल ही गया|” गौहर खान, हिना, और सिद्धार्थ की बॉन्डिंग फ्रेशर्स की तुलना में एक अलग ही स्तर पर दिखाई दे रही है |
2021-03-09T05:52:27Z
https://hindi.alibaba.com/g/be-matte-lipstick.html
OSCAR-2109
Pushya Nakshatra | 10-11 अक्टूबर 2020 को है पुष्य नक्षत्र, रखें ये 3 सावधानियां वर्ना होगा नुकसान पुष्‍य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा गया है। पुष्य नक्षत्र के नाम पर एक माह पौष है। 24 घंटे के अंतर्गत आने वाले तीन मुहूर्तों में से एक 20वां मुहूर्त पुष्य भी है। पुष्य नक्षत्र का संयोग जिस भी वार के साथ होता है उसे उस वार से कहा जाता है। जैसे- गुरुवार को आने पर गुरु-पुष्य, रविवार को रवि-पुष्य, शनिवार के दिन शनि-पुष्य और बुधवार के दिन आने पर बुध-पुष्य नक्षत्र कहा जाता है। सभी दिनों का अलग-अलग महत्व होता है। गुरु-पुष्य और रवि-पुष्य योग सबसे शुभ माने जाते हैं।
2021/05/18 03:58:00
https://p-hindi.webdunia.com/astrology-nakshatra-sign/pushya-nakshatra-120100800038_1.html
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टिप्पणीः अटलांटिक महासागर पारीय संबंधों में दरार दिन ब दिन चौड़ी - Hindi टिप्पणीः अटलांटिक महासागर पारीय संबंधों में दरार दिन ब दिन चौड़ी 2019-03-12 11:39:19 इधर के दिनों में अमेरिका और यूरोप की मीडिया ने खबर देकर कहा कि यूरोपीय संघ अमेरिकी पर्यटकों को मुक्त वीजा की इजाजत नहीं देगा। इस पर यूरोपीय संघ ने इस अफ़वाह का खंडन कर कहा कि यह बिलकुल मीडिया की गलत समझ है। यूरोप द्वारा अमेरिकी नागरिकों से 2021 से यूरोपीय शेंगेन क्षेत्र जाने के लिए ईटीआईएस का आवेदन देने की मांग अमेरिका समेत अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की एक नियमित जांच है। जिसका मकसद गैरकानूनी आप्रवासियों और आतंकवाद के खतरे से निपटना है। जबकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी वक्तव्य जारी कर जोर दिया कि किसी भी देश को अपने देश में प्रवेश करने के मापदंड बनाने का अधिकार है। इसलिए यूरोपीय संघ द्वारा लागू की जाने वाली ईटीआईएस व्यवस्था वास्तव में अमेरिका की ईएसटीए सिस्टम से बराबर है, जिसमें मुख्यतः देश की सुरक्षा पर ख्याल कर बगैर वीजा के लोगों के देश में प्रवेश करते समय पंजीकरण करने की मांग की जाती है। लेकिन ईटीआईएस से प्रभावित करीब 60 देशों के नागरिक हैं, क्यों सिर्फ अमेरिकी नागरिकों के बर्ताव पर लोगों का ज्यादा ध्यान गया? निसंदेह अमेरिका और यूरोप के बीच दरार बढ़ने के साथ साथ किसी भी छोटी गलतफहमी से संभवतः बड़ा तूफान आ सकता है। अटलांटिक महासागर पारीय संबंध जटिल बन रहे हैं। इधर के दो सालों में अमेरिका और यूरोप ने व्यापारिक नीति, नाटो की सुरक्षा, यूरोपीय एकीकरण, शरणार्थियों व प्रवासियों की नीति और वैश्विक प्रशासन आदि क्षेत्रों में गतिरोध व मतभेद नज़र आये हैं, कई बार खुली और तीव्र मुठभेड़ भी पैदा हुई थी। उदाहरण के लिए अमेरिका सरकार ने नाटो के गठबंधन देशों की शिकायत की कि उन्होंने रक्षा सहयोग में कम पैसे लगाए हैं। अमेरिका ने उनसे इस साल के अंत में फौजी खर्च को बढ़ाने की मांग की। उधर, अमेरिका पर निर्भरता से छुटकारा पाने के लिए फ्रांसिसी राष्ट्रपति और जर्मनी की चांसलर ने क्रमशः एक सच्ची यूरोपीय सेना का गठन करने का सुझाव पेश किया। व्यापार क्षेत्र में गत वर्ष के 1 जून को यूरोपीय संघ से आयातित इस्पात और एल्यूमीनियम की टैरिफ बढ़ाने की नीति लागू होने के बाद अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने इस फरवरी में मोटर गाड़ी के आयात की जांच करने की रिपोर्ट भी पेश की। जिस में यूरोपीय संघ से आयातित मोटर वाहनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का सुझाव पेश किया गया। यूरोपीय संघ ने तीव्र प्रतिक्रिया दी और अमेरिका की निंदा की। यूरोपीय संघ ने कहा कि वह बदले में कदम उठाएगा। इस के अलावा अमेरिका पेरिस मौसम समझौते और ईरानी न्यूक्लियर समझौते से हट गया, जिसने यूरोपीय संघ के हमेशा के सैद्धांतिक रुख और राष्ट्रीय हितों का उल्लंघन किया है। ईरान के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबंध से बचाने के लिए हाल में यूरोपीय संघ ने एक नये भुगतान तरीके की स्थापना करने की घोषणा की। अटलांटिक महासागर पारीय संबंधों की स्थापना के करीब 70 साल हो चुके हैं। दोनों पक्षों ने समान मूल्य विचारधारा से गौरव महसूस किया था, लेकिन अब उन के बीच घाटा बड़ा हो रहा है और दरार चौड़ी हो रही है। हाल में अंतर्राष्ट्रीय शक्ति में गहरा परिवर्तन आए हैं। नवोदित बाजार देशों और विकासमान देशों के तेज विकास से उन का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव निरंतर मजबूत होता रहा है। विश्व भौतिक राजनीतिक केंद्र भी पूर्व की ओर स्थानांतरित किया जा रहा है। नयी परिस्थिति के मद्देनजर अमेरिका भूमंडलीकरण से पीछा छुटाने लगा है और अमेरिका फर्स्ट पर जोर देने लगा है। जबकि यूरोपीय संघ का मानना है कि द्वितीय युद्ध के बाद पैदा हुई बहुपक्षीयवादी व्यवस्था खुद के हित से मेल खाती है, इसलिए इस की रक्षा की जानी चाहिए। यूरोपीय संघ के लिए अटलांटिक महासागर पारीय संबंध महत्वपूर्ण हैं और भविष्य में भी इस की रक्षा की जाने की आवश्यकता है। लेकिन संबंधों की रक्षा के लिए रियायत के बजाए आत्मनिर्भरता की जरूरत है। जैसे कि जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा था, यदि हम खुद की रक्षा करना चाहते हैं तो यूरोप को भाग्य को अपने हाथों में लेना होगा।
2019/06/24 16:07:01
http://hindi.cri.cn/news/world/563/20190312/260601.html
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अंग्रेजों ने भारत की विकसित शिक्षा प्रणाली को ध्वस्त किया विनाशपर्व – 1 हमारे देश में शिक्षा व्यवस्था तथा पाठशालाएं अंग्रेजों ने प्रारंभ कीं ऐसा कहा जाता है। अंग्रेज़ों के आने से पहले देश में शिक्षा के मामले में अंधकार ही था, ऐसा भी बताया जाता है। किन्तु सत्य परिस्थिति क्या थी…? अंग्रेजों और मुस्लिम आक्रांताओं के आने के पहले भारत में जो शिक्षा पद्धति थी, उसका मुक़ाबला संसार में कहीं भी नहीं था। अत्यंत व्यवस्थित पद्धति से रची गई यह भारतीय शिक्षा व्यवस्था, सभी आवश्यक क्षेत्रों में ज्ञान एवं प्रशिक्षण प्रदान करती थी। तक्षशिला विश्वविद्यालय के खंडहर विश्व का पहला विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटी), तक्षशिला, भारत में प्रारंभ हुआ। उन दिनों भारत में 'अनपढ़' जैसा कोई शब्द प्रचलन में नहीं था। आज हमारे बच्चे पढ़ाई करने विभिन्न देशों में जाते हैं। उस समय, विभिन्न देशों के बच्चे, पढ़ने के लिए भारत में आते थे। एक भी भारतीय युवा, उन दिनों पढ़ने के लिए विदेश में नहीं जाता था। एक परिपूर्ण शिक्षा पद्धति भारत में काम कर रही थी। लड़के / लड़कियों को साधारण आठ वर्ष की आयु तक घर पर ही शिक्षा दी जाती थी। आठवें वर्ष में लड़कों का उपनयन संस्कार कर के उन्हें गुरु के पास अथवा गुरुकुल में भेजने की परंपरा थी। 'गुरु' शब्द का अर्थ केवल 'संस्कृत भाषा की शिक्षा देने वाले ऋषि' नहीं होता था। 'गुरु' अपने किसी विशिष्ट क्षेत्र का दिग्गज होता था। समुद्र किनारे रहने वाले परिवारों के बच्चे जहाज निर्माण करने वाले अपने 'गुरु' के पास रहकर जहाज निर्माण की प्रत्यक्ष शिक्षा ग्रहण करते थे। यही परंपरा भवन निर्माण, लुहारी, धनुर्विद्या, मल्लविद्या जैसी भिन्न – भिन्न कलाओं को सीखने के बारे में भी लागू थी। अगले 8-10 वर्षों तक गुरु के यहां शिक्षा ग्रहण करने के बाद, इनमें से कुछ विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालयों में जाते थे। इन विश्वविद्यालयों में विभिन्न शास्त्रों और कलाओं को सिखाने की व्यवस्था थी। विश्वविद्यालयों में शिक्षा – सत्र प्रारंभ होने तथा सत्र समाप्त होने के समय बड़ा उत्सव होता था। सत्रारंभ उत्सव को 'उपकर्णमन' तथा सत्र समाप्ति पर हों वाले उत्सव को 'उत्सर्ग' कहा जाता था। उपाधि (डिग्री) प्रदान किए जाने वाले उत्सव को 'समवर्तना' कहा जाता था। 'हारून-अल-रशीद' इस नाम का अरबी कथाओं का नायक (वर्ष 754 से 849), बगदाद में राज करता था। इस हारून-अल-रशीद ने और अरबी सुलतान अल मंसूर ने, भारतीय विश्वविद्यालयों से प्रतिभाशाली युवाओं को लाने के लिए अपने विशेष दूत भेजे थे। यह था विश्व का पहला 'कैम्पस इंटरव्यू', 1200 वर्ष पहले..! किंतु लगभग नौ सौ वर्ष पहले, जब मुस्लिम आक्रांताओं का आक्रमण होता गया, तब परिस्थिति बदली। बख्तियार खिलजी जैसे अनपढ़ और खूंखार सरदार ने नालंदा समवेत अधिकतर विश्वविद्यालय नष्ट कर दिये। हमारी ज्ञान परंपरा खंडित हो गई तो हमने समझा, हमारी सारी शिक्षा व्यवस्था ठप्प हो गई। किन्तु ऐसा नहीं था। मुस्लिम आक्रांताओं ने हमारे बड़े, छोटे विश्वविद्यालय ध्वस्त किए। अनेक गुरुकुल जला दिये। लेकिन उनके पास कोई शिक्षा का समानांतर मॉडल थोड़े ही था। उन के पास तो शिक्षा का ही मॉडल नहीं था। वे, खैबर के दर्रे के उत्तर – पश्चिम में स्थित, अनेक कबाइलियों में से थे। ये कबाइली अनपढ़, गंवार, खूंखार, लेकिन अपने मजहब के प्रति अत्यधिक कट्टर थे। कट्टरता के इसी जुनून ने उन्हें भारत में सत्ता दिलाई। लेकिन इस विशाल देश में प्रशासन चलाने का कोई विशेष ज्ञान या कोई व्यवस्था उनके पास नही थी। आज जिसे हम मुगल आर्ट और मुगल स्थापत्य कहते हैं, वह मूलतः भारतीय स्थापत्य ही है, जो इस्लामी राजाओं के लिए, या इस्लामी व्यवस्था के लिए बनाया गया है। यदि यह वास्तुकला इन आक्रांताओं के पास होती, तो इस शैली के अनेक वास्तु हमें भारत के बाहर, अफगानिस्तान, ईरान, इराक, किरगिस्तान, उझबेकिस्तान आदि में मिलते। किन्तु ऐसा नही है। इसलिए बड़े विश्वविद्यालय न सही, किन्तु प्राथमिक / माध्यमिक स्तर की शालाओं का जाल, सारे देश में था। जहां हिन्दू राजा, मांडलीक के रूप में थे, वहां उन्होंने शालाएं बनवाईं और चलवाईं। अंग्रेज़ जब भारत में हुकूमत करने की स्थिति में आए, तो उन्होंने सबसे पहले, भारत की शिक्षा प्रणाली का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण की रिपोर्ट इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और कुछ अंशों में भारत में भी उपलब्ध हैं। ये सारी रिपोर्ट सनसनीखेज हैं। हमारी सारी मान्यताओं को और हमें आज तक पढ़ाए गए इतिहास को झुठलाने वाली ये सब रिपोर्ट्स हैं। सन 1757 में प्लासी का युद्ध जीतने के बाद, ईस्ट इंडिया कंपनी का बंगाल पर कब्जा हो गया। जब उन्होंने अपना प्रशासन तंत्र अमल में लाने का प्रयास किया, तो उन्हें पता चला कि पूरे बंगाल में, कर वसूली लायक भूभाग में से, 34 प्रतिशत जमीन से कोई कर वसूली नहीं होती है। इस का कारण है, कि ये सारी जमीन पाठशालाओं के लिए है। इसको देखते हुए अंग्रेजों ने (अर्थात ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने), उनका शासन जहां था, ऐसे क्षेत्रों में शिक्षा का सर्वेक्षण करने की योजना बनाई। वर्ष 1818 में अंग्रेजों ने मराठों को परास्त कर, अखंड भारत के बड़े से भूभाग पर अपना नियंत्रण कर लिया था। अब उनकी प्राथमिकता थी, शासन चलाना। शिक्षा पद्धति यह शासन व्यवस्था का ही एक अंग था। उन दिनों मद्रास प्रेसीडेंसी में गवर्नर जनरल के पद पर मेजर जनरल सर थॉमस मुनरो आसीन थे। इन्होंने 25 जून 1822 को एक आदेश निकाला, जिसके अंतर्गत मद्रास प्रेसीडेंसी के सभी कलेक्टर्स को कहा गया था कि वे गांवों की पाठशालाओं के बारे में जानकारी इकठ्ठा कर भेजें। थॉमस मुनरो (Sir Thomas Munro : 27 मई 1761 – 6 जुलाई 1827) यह स्कॉटिश योग्धा थे और ईस्ट इंडिया कंपनी में तरक्की पा कर मेजर जनरल के पद पर पहुंचे थे। 10 जून 1820 से लेकर तो 10 जुलाई 1827 तक यह मद्रास प्रेसीडेंसी के गवर्नर जनरल रहे। ईस्ट इंडिया कंपनी और अंग्रेजी हुकूमत के प्रति अत्यधिक समर्पित, थॉमस मुनरो, भारतियों को दी जाने वाली शिक्षा के प्रति सजग थे। इसलिए उनके कलेक्टर्स ने भेजे हुए रिपोर्ट्स का अध्ययन करने में उन्हें चार वर्ष लगे। 10 मार्च 1826 को उन्होंने इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट को जारी किया। इसका शीर्षक था : 'The early measures for education in the Madras Presidency – Sir Thomas Munro's minutes on education in 1822 and 1826.' इस रिपोर्ट में जनरल मुनरो के शब्द हैं – 'प्रेसीडेंसी के सभी गावों में पाठशालाएं हैं'। (Every village has a school). इस रिपोर्ट के सातवें अध्याय (Chapter) में जनरल मुनरो लिखते हैं, "State of native education here exhibited, low as it is compared with trhat of our own country, it is higher than it was in most European countries at no very distant period'. अर्थात 'मद्रास प्रेसीडेंसी में शिक्षा का स्तर अपने देश (इंग्लैंड) से कम है, किन्तु लगभग सभी यूरोपियन देशों से अच्छा है। जनरल मुनरो, इंग्लैंड के शिक्षा के स्तर को कम कैसे बोल सकते थे..? किन्तु बाकी लोगों ने क्या कहा ? अनेक समकालीन ब्रिटिश अधिकारियों और ईसाई मिशनरियों ने यह लिखकर रखा है कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था, इंग्लैंड की शिक्षा प्रणाली से अच्छी है। इसी मद्रास की रिपोर्ट में लिखा है, '(मद्रास) प्रेसीडेंसी में 12,498 पाठशालाएं हैं, जिन में 1,88,650 विद्यार्थी पढ़ते हैं'। जनरल मुनरो मद्रास में जब शिक्षा पद्धति के सर्वेक्षण का आदेश दे रहे थे, लगभग उसी समय बॉम्बे प्रेसीडेंसी के गवर्नर, माउंटस्टुअर्ट एलफिंस्टन (1819 से 1827 के बीच बॉम्बे के गवर्नर रहे) ने भी इसी प्रकार के आदेश कमिशनर ऑफ डेक्कन को तथा गुजरात और कोंकण के कलेक्टर्स को दिये। 10 मार्च 1824 का, Government of Bombay का, गांवों की संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी देने का पत्र है। एलफिन्स्टन ने इसके लिए जो कमेटी बनाई, उसमें जी एल प्रेण्डरगास्ट का समावेश, 'बॉम्बे गवर्नर काउंसिल' के सदस्य के रूप में था। प्रेण्डरगास्ट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, "There is hardly a village, great or small, throughout our territories, in which there is not at least one school, and in large villages, more." उन्हीं दिनों बंगाल में इस सर्वेक्षण का काम किया विलियम एडम ने। 1796 में स्कॉटलैंड में जन्मे विलियम, बाप्टिस्ट मिशनरी के रूप में सन 1818 में भारत आए। तब मराठों को हराने के बाद, अंग्रेजों ने लगभग पूरे देश पर अपनी हुकूमत कायम कर ली थी। विलियम 28 वर्ष भारत में रहे। यहां वे राजा राम मोहन रॉय के संपर्क में भी रहे। विलियम एडम्स ने सन 1835 से 1838 तक, तीन रिपोर्ट प्रस्तुत कीं, जो 'एडम्स रिपोर्ट्स' के नाम से प्रसिद्ध हैं। अपनी पहली रिपोर्ट में एडम लिखते हैं, 'बंगाल (उस समय का पूरा बंगाल, अर्थात आज का बंगला देश मिलाकर) और बिहार में एक लाख के लगभग स्कूल्स हैं। इन दोनों प्रान्तों की जनसंख्या चार करोड़ के बराबर है। अर्थात प्रति 400 व्यक्तियों पर एक शाला है'। विलियम एडम ने जिन्हें शालाएँ कहा है, वे सारी बड़ी – बड़ी शालाएँ नहीं हैं। उन में से अधिकतर शालाएँ, मंदिरों में, खुले आहाते में, बरगद के पेड़ के नीचे या पढ़ने वाले मास्टर जी के घर पर लगती हैं। सभी प्रकार की मूलभूत प्राथमिक शिक्षा यहां दी जाती है। उन दिनों पूरा पंजाब अंग्रेजों के कब्जे में नहीं था।महाराजा रंजीत सिंह ने लाहौर को राजधानी बनाकर पेशावर तक अपना शासन बना कर रखा था। इस में जितना भी पंजाब अंग्रेजों के पास था, उसका गवर्नर जनरल था, चार्ल्स स्टुअर्ट हार्डिंग (Charles Stewart Hardinge)। इन्होंने भी मद्रास और बॉम्बे के जैसा सर्वेक्षण पंजाब में करवाने का प्रयास किया। किन्तु उत्तर – पश्चिम सीमा पर युद्ध – परिस्थिति रहने के कारण यह संभव न हो सका। पंजाब में यह सर्वेक्षण हुआ लगभग 50 वर्षों के बाद, जब अंग्रेजों का पूरे पंजाब पर स्वामित्व हो गया। जी. डब्लू. लेटनर नाम के ब्रिटिश आई सी एस अधिकारी ने इस सर्वेक्षण का काम किया था। उनमे से कुछ सर्वेक्षणों के रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने पुस्तक भी लिखी – History of Indigenous Education in Punjab : Since Annexation and in 1882, इसमें लेटनर बड़ी जबरदस्त बातें लिखते हैं। वो कहते हैं, 'भारत में बड़ी अच्छी विकेंद्रित शिक्षा व्यवस्था है। लगभग प्रत्येक गांव की अपनी पाठशाला हैं, जो गांव वाले चलाते हैं। इन पाठशालाओं को जमीनें आवंटित हैं, जिनकी आमदनी से पाठशाला का खर्चा निकलता है।' लेटनर आगे लिखते हैं, 'इन में से अनेक स्कूलों का स्तर तो हमारे ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज विश्वविद्यालय के बराबर का है। शिक्षकों को अच्छा वेतन दिया जाता हैं।' यह जी डब्लू लेटनर (G. W. Leitner) बड़े जबरदस्त व्यक्तित्व के धनी थे। Dr. Gottlieb Wilhelm Leitner का जन्म 15 अक्तूबर 1840 में हंगेरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। लेटनर का परिवार यहूदी (ज्यू) था। उन्हें भाषाओं पर विलक्षण प्रभुत्व हासिल था। जब वे आठ वर्ष के थे, तब कोन्स्टेंटिनोपोल (आज का 'इस्तांबुल') गये और वहां से अरबी तथा तुर्की भाषा सीख कर आए। दस वर्ष की आयु में वह इन दो भाषाओं के साथ, अधिकतर यूरोपियन भाषाएं सहजता से बोल लेते थे। पंद्रह वर्ष की आयु में वह क्रिमिया में ब्रिटिश कमिशनरेट में अनुवादक की नौकरी करने लगे। इस यहूदी नौजवान ने बाद में मुस्लिम धर्म अपना लिया, और वह अरेबिक का व्याख्याता बन कर विश्वविद्यालय में पढ़ाने लगा। लंदन के किंग्स कॉलेज में पढ़ाते समय, उन्हें ब्रिटिश सरकार ने भारत में पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया। 1864 में लेटनर, लाहौर की Government University के प्रमुख बनकर, आई सी एस अधिकारी के रूप में, भारत आये। 1882 में उन्हीं ने पंजाब यूनिवर्सिटी की स्थापना की। भारत में इस मुकाम में, उन्होंने भारतीय प्रणालियों का गहन अध्ययन किया। लेटनर ने 1870 – 1875 के बीच मे, उत्तर पंजाब के होशियारपुर जिले का बृहद आर्वेक्षण किया, जो पुस्तक के रूप में उपलब्ध हैं। लेटनर ने लिखा है, 'इस होशियारपुर जिले में साक्षरता की दर 84% है।'(अंग्रेजों के, भारत से जाते समय, सन 1948 में किए गए सर्वेक्षण में यह दर मात्र 9% बची थी। इस कालखंड में अंग्रेजों ने, गांव की पाठशालाओं को आवंटित जमीन हड़प ली। विकेंद्रित शिक्षा व्यवस्था बंद की। उसे केंद्रीकृत किया, और अंग्रेजों के अनुसार पाठ्यक्रम निर्धारित होने लगा।) ईस्ट इंडिया कंपनी के एक और अधिकारी, अलेक्जेंडर वॉकर (1764 – 1831) ने दस वर्ष से ज्यादा समय भारत में गुजारा। वे अमेरिका भी गये और वहां से वापस भारत आये। उन्होंने केरल के मालाबार में शिक्षा और साक्षरता का जो वातावरण देखा, उस के बारे लिख के रखा है। उन्होंने लिखा है कि अत्यंत सीधे और प्राकृतिक संसाधनों से इन भारतीयों ने अपनी शिक्षा प्रणाली की रचना की है। वॉकर लिखते हैं, "The literature of Malabar has the same foundation, and consists of the same materials, as that of all Hindoo nations. Education with them is an early and important business in every family. Many of their women are taught to read and write. The children are instructed without violence and by a process, peculiarly simple. The system was borrowed from the Bramans and brought from India to Europe. It has been made the foundation of National Schools in every enlightened country. The pupils were the monitors of each other and the characters (अक्षर / आंकड़े) are traced with finger on the sand.' (page no 263 of his book) वॉकर ने आगे लिखा है, "The Missionaries have now honestly owned that the system upon which these (British) schools are now taught, was borrowed from India." Tags: अंग्रेज, ईस्ट इंडिया कम्पनी, गुरु, गुरुकुल, तक्षशिला विश्वविद्यालय, पाठशालाएं, प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली, भारत, मुस्लिम आक्रमणकारी
2021/05/17 15:38:48
https://patheykan.com/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0/
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Previous articleसर्वे में खुलासा- नोटबंदी-जीएसटी की वजह से कंपनियों में 35 से 40 फीसदी कम हो गया तोहफों का बजट वाराणसी। बीएससी परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली ज्योत्सना अग्रहरि पुत्री शिव बाबू अग्रहरि निवासी कोलकाता पश्चिम बंगाल को अंतर्राष्ट्रीय अग्रहरि वैश्य समाज के अंतर्राष्ट्रीय युवा उपाध्यक्ष जितेंद्र अग्रहरि द्वारा बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।युवा उपाध्यक्ष ने कहा कि जिस जादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता में पढ़ती थी वहाँ के विद्यार्थियों का रिजल्ट इस वर्ष काफी सराहनीय रहा है। विद्यालय का परीक्षाफल 99 फीसदी रहा 35 फीसदी विद्यार्थियों ने डिस्टीग्शन अंक हासिल किया 78 फीसदी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए।ज्योत्सना अग्रहरि ने बीएससी फाइनल में 82% अंक लाकर अपने माता-पिता के साथ विश्वविद्यालय व देश का नाम रोशन करने का काम किया है। राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने कहा कि पुलिस को महिला की शिकायत को गंभीरता से सुनना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि बेटियां निर्भीक होकर चलें। सीतापुर। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य ने बुधवार को सीतापुर दौरे में तमाम खामियां मिलीं। मुआयने में महिला छात्रावास की बिल्डिंग जर्जर मिली। बारिश में छत टपकती पाई गई। खिड़कियों के शीशे टूटे मिले। बातचीत में छात्राओं ने भी जमकर अपना दुखड़ा रोया। इस पर खफा सदस्य ने अफसर-कर्मचारियों को खूब खरीखोटी सुनाई। महिला अस्पताल के निरीक्षण में मरीजों एवं तीमारदारों ने स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर सुविधा शुल्क की मांगे जाने की बात कही। राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल सबसे पहले राजकीय अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास पहुंचीं। छात्राओं ने बताया कि मैम अगर यहां बिजली चली जाए तो प्रकाश की व्यवस्था नहीं। बंदर अक्सर कमरों में आकर यहां रखे कपड़े व खाना-पीते की चीजें फैला देते हैं। मुआयने में उन्होंने यहां पर ठहराव करने वाली छात्राओं की संख्या जानी। इस पर बताया गया कि 48 बालिकाएं रहती हैं। छात्रावास की बदहाल स्थिति को देख उन्होंने संबंधित सारी व्यवस्थाएं जल्द से जल्द दुरुस्त कराने का निर्देश दिए। इस दौरान अतिरिक्त मजिस्ट्रेट सर्वरीश मिश्र, एसीएमओ डीके शर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी अश्विनी कुमार तिवारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु कुमार भी उपस्थित रहे। जिला महिला अस्पताल का बुधवार जिले में भ्रमण पर आई राज्य महिला आयोग की सदस्य ने निरीक्षण किया तो उन्हें वहां की हकीकत से रूबरू होना पड़ा। अस्पताल में भर्ती मरीजों व उनके तीमारदारों ने उन्हें बताया कि यहां बच्चे के डिलीवरी के सुविधा शुल्क लिया जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में जननी सुरक्षा के तहत कई प्रसूताओं को अभी तक चेक नहीं दी गई हैं। इसके लेकर वह काफी खफा हुई और सीएमएस को जल्द ही सभी महिलाओं को चेक दिए जाने व डिलीवरी वाली बात पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। विवाहित महिलाओं को ससुराल पक्ष से तालमेल बनाकर चलना चाहिए, अगर वे समझौता करके चलेंगी और छोटी मोटी बातों को नजरअंदाज करेंगी, तब विवाद ही नौबत ही नहीं आएगी। वहीं मायके पक्ष को भी संयम बरतने की जरूरत है। उसे बेटी की ससुराल में अधिक दखलंदाजी नहीं करनी चाहिये। बुधवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में कही। उन्होंने महिला कोतवाल रेणु ¨सह व अन्य अधिकारियों से महिला अपराध कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। महिला थानाध्यक्ष रेनू सिंह ने बताया कि जिले में गत तीन महीनों में 65 मुकदमे दहेज उत्पीड़न के दर्ज कराए गए हैं। जिनमें से 39 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मध्यस्थता केंद्र में चल रहे हैं तथा 26 मामलों में कार्यवाही चल रही है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में 123 महिला शिकायती पत्र विभिन्न थानों से प्राप्त हुए। सापेक्ष 83 में सुलह समझौता करा दिया तथा पांच पर प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
2021-03-07T17:55:33Z
https://www.bollywoodlike.com/2020/05/sweet-recommended-lies-to-tell-your.html
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ज्योतिरादित्य की बीजेपी को नसीहत- मंदिर बनवाना सिंधिया परिवार से सीखें - MP Breaking News Home देश ज्योतिरादित्य की बीजेपी को नसीहत- मंदिर बनवाना सिंधिया परिवार से सीखें गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी को नसीहत दी है । उन्होंने कहा है कि अगर बीजेपी को वाकई मंदिर बनाना है तो सिंधिया परिवार से सीखना चाहिए। जिसने राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में 60 से ज्यादा मंदिर बनवाए है, लेकिन इससे समुदायों के बीच कोई समस्या नहीं आई। सिंधिया ने कहा कि बीजेपी की आदत है कि शोर मचाओ और कहो- कसम गीता की, मंदिर हम वहीं बनाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे।'वही सिंधिया ने मध्यप्रदेश की मतदान प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए। दरअसल, रविवार को राजस्थान चुनाव में प्रचार करने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री औऱ गुना सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजधानी जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर जमकर हमला बोला। सिंधिया ने कहा, राजनीति में धर्म और धर्म में राजनीति नहीं करनी चाहिए। जहां तक किसी व्यक्ति के धर्म का सवाल है, यह उसका निजी मामला है। बीजेपी की शोर करने की आदत रही है जैसे वह कहते हैं, 'कसम गीता की, मंदिर हम वहीं बनाएंगे पर तारीख नही बताएंगे'। उन्होंने कहा, 'यह बीजेपी की वास्तविकता है। यदि वे मंदिर का निर्माण करना सीखना चाहते हैं, तो उन्हें सिंधिया परिवार से सीखना चाहिए, जिसने राजस्थान, यूपी, एमपी और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में 60 मंदिर बनाए लेकिन समुदायों के बीच कभी भी कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा यदि आप पांच राज्यों में हमारी चुनाव प्रक्रिया को देखेंगे तो यह दिखेगा कि कांग्रेस अपने सिद्धांतों पर बहुत साफ है। हमारे सिद्धांत है शांति और सहिष्णुता का माहौल पैदा करना। बीजेपी द्वारा निर्मित असहिष्णुता का माहौल हम ही खत्म करेंगे। हमारा लक्ष्य हर समाज का विकास है। उन्होंने कहा कि यह हमारी परंपरा है जिसे हम लगातार जारी रखेंगे। बता दें कि सुषमा स्वराज ने कुछ दिन पहले राजस्थान में अपने एक बयान में कहा था राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू होने का मतलब नहीं पता है। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह और कांग्रेस अपने धर्म और जाति के बारे में कन्फ्यूज हैं। कई सालों से उन्हें सेक्युलर नेता के तौर पर पेश किया गया लेकिन चुनाव के पास उन्हें एहसास हुआ कि हिंदू बहुसंख्यक हैं इसलिए अब ऐसी छवि बना रहे हैं। Previous articleचंबल में बढ़ा महिलाओं के मतदान का प्रतिशत, पर पार्टियों ने नहीं दी कद्दावरों को भी तवज्जो
2021/06/13 23:47:25
https://mpbreakingnews.in/national/jyotiraditya-scindia-says-bjp-should-learn-from-scindia-family-how-to-construct-a-temple-41453/
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दंगल फेम अभिनेत्री से छेड़छाड़: विस्तारा जहाज में हुई घटना – JanSandesh मुंबई। 'दंगल' फिल्म से मशहूर हुई अभिनेत्री जायरा वसीम ने आरोप लगाया कि दिल्ली-मुंबई विमान में उनके साथ यात्रा कर रहे व्यक्ति ने कथित तौर पर उनका उत्पीडऩ किया। अभिनेत्री ने एक लाइव वीडियो के जरिए इंस्टाग्राम पर अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी। जायरा ने कहा कि वह दिल्ली से मुंबई जाने वाले एयर विस्तारा के विमान में यात्रा कर रही थीं तभी उनके पीछे बैठे व्यक्ति ने अपने पैर उनकी कमर पर रगड़े।उन्होंने वीडियो में कहा, ''मैं आज दिल्ली से मुंबई जा रहे विमान में यात्रा कर रही थी और मेरे पीछे अधेड़ उम्र का एक व्यक्ति बैठा था जिसने दो घंटे की मेरी यात्रा को तकलीफदेह बना दिया। मैंने इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने फोन में रिकॉर्ड करने की भी कोशिश की क्योंकि केबिन की रोशनी मंद थी लेकिन मुझे पता नहीं चल सका।'' उन्होंने कहा, ''रोशनी मद्धिम थी तो उसने और ज्यादा बुरा किया। यह पांच से दस मिनट तक चलता रहा और फिर मुझे इसके बारे में पूरा यकीन हो गया। वह मेरे कंधों को कोहनी मार रहा था और लगातार अपने पैर मेरी कमर और गर्दन पर रगड़ रहा था'' विमान से उतरने के तुरंत बाद रिकॉर्ड की गई वीडियो में जायरा कई बार रोई।अभिनेत्री ने कहा, ''यह ठीक नहीं है, मैं परेशान हूं। इस तरह आप लड़कियों की देखभाल करने जा रहे हैं? किसी को इस तरह का अनुभव नहीं कराना चाहिए। यह भयानक है। अगर हम खुद अपनी मदद नहीं करेंगे तो कोई भी हमारी मदद नहीं करेगा। यह सबसे खराब बात है।'' विस्तारा एयरलाइन ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि वह इस शिकायत को देखेगी और उसने कहा कि उसकी ''ऐसे व्यवहार के लिए जीरो टॉलरेंस'' की नीति है।एयरलाइन ने कहा, ''हमने गत रात विमान में एक अन्य यात्री के साथ जायरा वसीम के अनुभव के संबंध में खबरें देखी हैं। हम इसकी विस्तृत जांच करा रहे हैं और हम हर तरीके से जायरा का समर्थन करेंगे। ऐसे व्यवहार को हम कतई बर्दाश्त नहीं करते हैं।''
2021/03/01 20:08:47
http://www.jansandesh.com/archives/23816
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सपा के चुनावी बिगुल में महिलाओं की दमदारी - Sarita Magazine सपा के चुनावी बिगुल में महिलाओं की दमदारी सपा को पता है कि लोग सरकार से खफा हैं. ऐसे में संगठन के बडे पदों पर बैठे लोगों को चुनाव में उतारकर उसने अपनी आक्रामक रणनीति को दिखा दिया है. बहुत सारे राजनीतिक दल अब तब महिला नेताओं को केवल शो पीस ही समझते रहे है. हाल के कुछ सालों में जिस तरह से महिला वोटर जागरूक हो रहे है. ऐसे में राजनीतिक दलों ने महिला वोटर को रिझाने के लिये महिला नेताओं को चुनावी मैदान में उतारना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी ने जिस तरह से महिला आरक्षण का विरोध किया था, उससे पार्टी पर महिला विरोधी होने का ठप्पा लग गया था. बिहार चुनाव में सबसे अधिक वोट से जो सीटे जीती गई, वह भी महिला बाहुल्य सीटें थी. इससे महिला वोटर की राजनीतिक जागरूकता का अंदाजा लग जाता है. उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार ने विधनसभा चुनाव 2017 के लिये 142 उम्मीदवारों के नाम घोषित किये, तो महिलाओं की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी. यह सभी वह सीटे हैं, जिन पर समाजवादी पार्टी पिछला चुनाव हारी थी. समाजवादी पार्टी को पता है कि लोग सरकार से खफा हैं. ऐसे में संगठन के बडे पदों पर बैठे लोगों को चुनाव मैदान में उतार कर उसने अपनी आक्रामक रणनीति को दिखा दिया है. जिन महिलाओं को पहली सूची में टिकट दिया गया है उनमें अरूणा तोमर, अंवेश कुमार, उमा किरन, चिंता यादव, रीबू श्रीवास्तव, सुनीता चैहान, बिमला राकेश, हेमलता दिवाकर, अनीता यादव, मनीषा दीपक, ज्योति लोधी और रीता बहादुर सिंह प्रमुख है. समाजवादी महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर श्वेता सिंह को राजधनी लखनऊ की पूर्वी विधानसभा सीट से टिकट दिया है. श्वेता सिंह उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य है. उनकी छवि साफसुथरी और युवा नेताओं की है. राजधनी लखनऊ के लिये यह पहला नाम है. श्वेता सिंह पीएचडी और एमबीए की पढाई कर चुकी है. लखनऊ पूर्वी से प्रत्याशी बनाई गई श्वेता सिंह कहती है 'समाजवादी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर बहुत सारे काम किये है. इससे महिलाओं में सरकार के प्रति अच्छी छवि बनी है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की युवा और विकासवादी छवि से पार्टी को लाभ होगा. आईटी सिटी, मेट्रो, समाजवादी पेंशन जैसी योजनाओं से लोगों लाभ हो रहा है. हम सरकार के अच्छे काम से विरोधी दलों का मुकाबला करेगे.
2019/01/17 23:25:53
https://www.sarita.in/national/women-candidates-sp-trump-for-up-elections
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वॉशिंगटन सुंदर भारतीय क्रिकेट के भविष्य हैं : रवि शास्त्री - washington sundar is the future of indian cricket ravi shastri - Sports Punjab Kesari मुंबई : रविवार को घोषित किए गए टी20 और टेस्ट दल में वॉशिंगटन सुंदर जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। इसके बावजूद पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री का मानना है कि वॉशिंगटन भविष्य में भारत के तीनों प्रारूपों के हरफनमौला खिलाड़ी बनेंगे। वॉशिंगटन का टेस्ट डेब्यू शास्त्री के कोचिंग कार्यकाल के दौरान ही हुआ था। साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने भारतीय टीम की जीत में एक अहम भूमिका निभाई थी। शास्त्री ने कहा, 'वह भविष्य में भारत के प्रमुख ऑलराउंडरों में से एक होने जा रहे हैं। वह भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं। आपके पास रवींद्र जडेजा आज हैं। तीन साल बाद अगर वह फिट रहे तो खेलेंगे, अक्षर पटेल भी हैं लेकिन यह खिलाड़ी आने वाले समय में तीनों प्रारूपों का प्रमुख ऑलराउंडर होगा।' उन्होंने कहा, 'वॉशिंगटन एक गंभीर क्रिकेटर है। वह अभी भी बहुत कम उम्र के हैं, उसे अपने खेल को समझना होगा। सफेद गेंद की प्रारूप में शॉट चयन में वह जल्द ही सुधार करेंगे। उन्हें अपनी फिटनेस पर काम करना होगा ताकि वह चोट से ग्रस्त न हो। कोई बहाना नहीं। पूर्व मुख्य कोच ने कहा कि वह एक्स, वाई, जेड पर निर्भर नहीं हो सकता। उसे खुद को आईने में देखना होगा और कहना होगा कि मैं कड़ी मेहनत करना चाहता हूं और मैं अगले तीन वर्षों में भारतीय क्रिकेट में अग्रणी ऑलराउंडर बनना चाहता हूं और वह आसानी ऐसा कर सकता है।' शास्त्री ने कहा कि 22 वर्षीय वॉशिंगटन टेस्ट टीम में आसानी से फिट हो सकते हैं, लेकिन उन्हें टी20 में अपनी बल्लेबाजी पर काम करने की जरूरत है। शास्त्री ने कहा, 'टी20 में शॉट्स के चयन में पर उन्हें काम करना होगा। टेस्ट क्रिकेट में वह भविष्य में नंबर 6 के स्थान पर कब्जा कर सकते हैं। विदेशों में वह आपको एक विशेषज्ञ स्पिनर के तौर पर गेंदबाज़ी करते हुए टीम को संतुलन देते हैं। भारत में वह नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं।' 'टी20 क्रिकेट में वह गेंदबाजी कर सकते हैं। उसकी गेंदबाजी में कोई समस्या नहीं है। उन्हें सिर्फ यह समझना है कि किस खिलाड़ी को कौन से लेंथ पर गेंदबाजी करनी है।'
2022/06/26 07:17:18
https://sports.punjabkesari.in/sports/news/washington-sundar-is-the-future-of-indian-cricket-ravi-shastri-1605400
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वारियर्स की पहली जीत HOMENationalPunjabजमीनी विवाद को लेकर चली गोलियां, दहशत से सड़क पर ट्रैफिक थमाकिसान आत्महत्या मामले में मनप्रीत बादल पर भी हो पर्चा दर्ज : सुखबीर बादलTop Headlinesसरकारी स्कूल में चोरीलुटेरों ने मचाया आतंक,2 महिलाओं को निशाना बना पर्स झपट कर फरारNawanshahrKhannaAmritsarBarnalaBathindaFirozepurFaridkotGurdaspurHoshiarpurJalandharKapurthalaLudhianaMogaPatialaHaryanaहुड्डा की CM खट्टर को चुनौती, 1000 दिन के कामों पर आमने-सामने करें खुली बहससतपाल पहलवान बने हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रधानTop Headlinesटावर पर चढ़े किसान को ASP का आश्वासन, 30 घंटे बाद उतारा नीचेरी-अपियर परीक्षा केन्द्रों पर धारा 144 लागूAmbalaBhiwaniJindKaithalKurukshetraPanipatRohtakSirsaYamunaNagarFatehabadGurgaonHisarKarnalSonipatFaridabadRewariHimachal Pradeshगरमाई सियासत: राहुल गांधी से मिले राजा के ये 5 वजीरकोटखाई केस के आरोपी आशीष से CBI की पूछताछ पूरी, 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजाTop Headlinesमहेश्वर और खीमी ने कांग्रेस पर बोला हमला, कहा- कोर्ट के डंडे के बिना काम नहीं कर रही सरकारCM कर सकते हैं 15 अगस्त को बड़ी घोषणाBilaspurShimlaHamirpurChambaKangraUnaMandiKulluSolanChandigarhNcrBiharUttar Pradeshट्रक की टक्कर से कांवड़िए की मौत पर बवाल, साथियों ने कई वाहन फूंकेनहाते हुए कैमरे में कैद हुई मौत (Watch Video)Top Headlinesप्रेमी के साथ मिलकर पत्नी ने खेला एेसा खूनी खेल, हैरान करने वाला पूरा मामलामंत्रियाें ने दिखाया CM याेगी काे ठेंगा! 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2017/07/27 04:51:13
http://www.punjabkesari.in/sports/news/article-164437
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हाथी की लीद July 1, 2020, 10:33 am IST रमेश जोशी in झूठा सच | व्यंग्य आते ही तोताराम बोला- बस मास्टर, तीन कदम और। हमने पूछा- साफ़-साफ़ बात कर | क्या आत्महत्या करने के लिए दौड़ी जा रही नायिका के उस खतरनाक चट्टान के अंतिम छोर पर पहुँचने में तीन कदम शेष हैं या हम महाशक्ति बनने से तीन कदम दूर हैं या सुरक्षा परिषद की सदस्यता हमसे तीन कदम दूर है या अर्थव्यवस्था पाँच ट्रिलियन डॉलर को छूने वाली है? बोला- इनके अलावा भी तो कुछ हो सकता है |जैसे मिल्खा सिंह और पी टी उषा ओलम्पिक में स्वर्ण पदक से तीन कदम दूर रह गए थे या नरसिंह राव चार कदम सूरज की ओर चलते-चलते पता नहीं, कहाँ चले गए ?तुझे पता होना चाहिए कि कुछ सरकार विरोधी अखबार इस खबर को ढंग से प्रचारित नहीं कर रहे हैं कि कई दिनों से कोरोना के संक्रमित केसों के मामले में पौने पाँच लाख के साथ चौथे स्थान पर अटका हुआ है |लेकिन अब स्पीड पकड़ ली है| शायद २०२० जाते-जाते नंबर वन पर आ जाएगा |अगर उत्तर प्रदेश में टेस्टिंग की स्पीड कम नहीं करते तो शायद अब तक हम नंबर दो या तीन तो हो ही जाते| हमने कहा- तोताराम, कोरोना केसेज में नम्बर वन होना ख़ुशी नहीं, शर्म और दुःख की बात है |दुनिया में हैप्पीनेस इंडेक्स और ह्यूमन डेवलपमेंट में हम बहुत नीचे हैं | हंगर इंडेक्स में भी ११९ में १०० नंबर पर हैं | हाँ, जनसंख्या के मामले में नंबर दो पर हैं |संभावना है की दो-चार साल में चीन को पछाड़कर नंबर वन पर आ जाएंगे |इस मामले में हम बिना किसी विदेशी तकनीक के भी आत्मनिर्भर से भी कुछ ज्यादा हैं | दुनिया में हमारे पास सबसे बड़ी युवा आबादी है | यह बात और है कि वह बेकारी के कारण अपराधों और खुराफातों में अधिक लगी हुई है | बोला- कुछ भी हो लेकिन इस आबादी के कारण ही सही, अमरीका हमें चीन की तुलना में महत्त्व दे रहा है और फिर आबादी एक बाज़ार भी तो होती है | हमने कहा- लेकिन सौ चूहों की बजाय एक शेर की माँ होना ज्यादा गर्व की बात है | बोला- चूहा ही क्या, चींटी को भी छोटा और तुच्छ मत समझ |कहा गया है- बहुतन को न विरोधिये निबल जान बलवान | मिलि भख जाहिं पिपीलिका नागहि नाग के मान || संख्या बल में अधिक हैं उन्हें निर्बल नहीं बलवान समझो |छोटी-छोटी असंख्य चीटियाँ पहाड़ जैसे साँप को भी खा जाती हैं | हमने कहा- तुम्हारी बात ठीक है लेकिन ऐसा तब होता है जब वे संगठित और अननुशासित हों |जिस समाज में सत्ता प्राप्ति के लिए जनता को धर्म और जातियों में बाँटा जाता हो वह देश वास्तव में अन्दर से बहुत कमजोर होता है |केवल नारों से एकता नहीं आती है |एकता आती है न्याय, समता और लोकतंत्र से | बोला- कुछ भी हो मास्टर, मैं नहीं मानता | अब अमरीका को देखो, जनसंख्या है मात्र ३१ करोड़; संक्रमित हुए 25 लाख और मौतें सवा एक लाख |हमारी जनसंख्या उनसे साढ़े चार गुना से भी अधिक हैं और संक्रमित हुए 5 लाख और मौतें मात्र १५ हजार | संख्या का भी बड़ा महत्त्व होता है |जब इतिहास लिखा जाएगा तब कोरोना से लड़कर जीतने वालों में अमरीका का नाम सबसे ऊपर होगा |लोग उसकी महानता का चर्चा करेंगे |जैसे हिटलर ने साठ लाख यहूदियों का क़त्ल-ए-आम करवाया |अब हिटलर से ज्यादा लोग यहूदियों की जिजीविषा की बात करते हैं कि देखो, इतने विनाश के बाद भी वे कैसे उठ खड़े हुए |लोग द्वितीय विश्व युद्ध का विजेता जापान को मानते हैं जो दो परमाणु बमों का विनाश झेलकर भी सबसे पहले पटरी पर लौट आया | कुछ भी हो, नंबर वन होने मज़ा ही कुछ और है | तभी तुलसी कहते हैं- सुधा सराहिए अमरता गरल सराहिए मीचु | ज़हर वही श्रेष्ठ जो पीते ही मार डाले और अमृत वही जो पीते ही अमर बना दे |अपने राजस्थानी में भी तो एक कहावत है- लीद ही खानी पड़े तो हाथी की खाओ |चूहे की लेंडी से क्या पेट भरता है ? गणेश जी इसीलिए प्रथम पूज्य हैं कि उनकी गरदन पर हाथी का सिर है | हमने कहा- लेकिन तुझे पता होना चाहिए कि उसका वजन अनुशासित चूहा ही उठाता है बशर्ते कि उसे पर्याप्त मात्र में लड्डू मिलते रहें अन्यथा साला दल बदलते देर नहीं लगाता| Previous PostFather should get new parenting trainingNext PostSatire on India-China dispute bjp क्रिकेट बीजेपी congress व्यंग्य समाज कांग्रेस पाकिस्तान भारत राजनीति नरेंद्र-मोदी साहब ने दो महीने के पैसे मार लिए और मौसी है कि सूद लेती है! narendra-modi दिल्ली cartoon कोरोना वायरस से भला हम कैसे निपटेंगे मोदी भरा पेट लिए भूखे गरीब की दुर्दशा पर धांसू डायलॉग नेता भ्रष्टाचार चुनाव कार्टून: दलित के घर भोज से पहले नेताजी की सेटिंग सरकार मुंबई विशेष
2021/12/02 00:33:21
https://blogs.navbharattimes.indiatimes.com/jhoothasach/satire-on-government-system-2/
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पूज्यनीय माँ - Weekspost Home literature पूज्यनीय माँ चरण स्पर्श सादर प्रणाम, सर्वप्रथम "क्षमा माँ" कि मैं लगभग बीस बरस बाद आपको चिट्ठी लिख रहा हूँ। पता नहीं यह चिट्ठी आप तक पहुंच पाएगी कि नहीं। पर कभी कभी आपकी बहुत याद आती है। मन करता है आपसे वैसे ही बातें करूं जैसे बचपन में करता था, लेकिन कैसे? आज बचपन की एक कहानी याद आई जिसमें "एक छः साल का छोटा सा बच्चा माँ के अकस्मात स्वर्गवासी हो जाने पर भगवान को पत्र लिखता है कि मेरी माँ मेरे पास कब लौटकर आएगी और डाकिया भगवान का पता देख कर उस पत्र को खोलकर पढ़ता है। यह बात वह अपनी पत्नी को बताता है और वह दोनों उस बच्चे को सदा के लिए अपना लेते हैं।" हालांकि आपके जाने के बाद देवतुल्य पिताजी आज भी हम सबको कोई कमी नहीं महसूस होने देते हैं। आपके न रहने के बाद से उन्होंने पूर्ण प्रयास किया कि हम सबको आपकी कोई कमी न खले। लेकिन कभी कभी आपसे बहुत बातें करने का मन करता है। सो मैं भी आपको ही चिट्ठी लिखने बैठ गया। इस दौरान आपको हम सबने हर पल याद किया, आपकी बातें, आपका डांटना और हाँ, तत्काल प्यार से सिर पर हाथ फेरना। सब कुछ आपस में हम सब भाई-बहन अक्सर साझा करते हैं। आपके आशीर्वाद से हम चारों भाई-बहन कुशलता से हैं। पिताजी भी पूर्णतः स्वस्थ हैं। शाम को अभी भी पैदल घूमने निकल जाते हैं। लेकिन अब ज्यादातर समय अपने कमरे में ही व्यतीत करते हैं। पूजा-अर्चना में अधिक समय व्यतीत करने लगे हैं। हम सब विशेषकर भैया उनका पूरा ख्याल रखते हैं। उन्हें हमने कठिन से भी कठिन परिस्थितियों में कभी दुःखी नहीं देखा था। लेकिन, माँ उस सुबह हम बच्चों ने उनकी आँखों में आंसू देखे थे। बड़ी अम्मा ने जब उन्हें आपको कन्धा देने के लिए बुलाया था तो वे फफक कर रो पड़े थे। वह क्षण हम सबके लिए बड़े ही दुःखदायी थे। फ़िलहाल, हम चारों अब भी स्वस्थ हैं और खुशी से हैं। छोटे की भी शादी हो गई है। वह अब एक बड़ा अफ़सर बन गया है और उसके एक बहुत ही प्यारा सा बेटा भी है। दीदी का बेटा अब अच्छी सरकारी नौकरी में है। आपके अन्य सभी पोते अब बड़े हो गए हैं और कॉलेज जाने लगे हैं। आपके कमरे में अब आपके पोते पढ़ते हैं। आपकी कुर्सी ड्राइंग रूम में रखी हुई है। आपकी अलमारी अब भी वहीं रखी हुई है और प्रतिदिन आपकी याद दिलाती है। माँ, सब कुछ तो है आपके बच्चों के पास बस आप नहीं हैं। बचपन के दिनों में जब आप बुलाती थीं, तो मन करता था और खेल आएं। फिर समय आया हम सब पढ़ने होस्टल चले गए। आप पिताजी से चिट्ठी लिखवाती थीं कि होस्टल में फल खाते रहना और दूध भी रोज पीना और छुट्टियों में तुरंत आना। तब दोस्तों में अधिक मन लगता था। कॉलेज से निकलते ही नौकरी करने चले गए, तब तक मोबाइल का ज़माना आ चुका था। आप फोन पर पोते व बहु का हाल अवश्य लेती थीं। "स्वास्थ्य का ध्यान रखना" यह कहना कभी नहीं भूलीं आप। अंत में फोन रखने से पहले हर बार पूछती थीं "बेटा कब आओगे"। तब सरकारी कार्यों से फुर्सत नहीं मिलती थी। लेकिन अब आप नहीं हैं तो मन करता है कि बस एक बार आपसे जी भरकर बातें कर लूं। मुझे पता है यह चिट्ठी आप तक नहीं पहुंचेगी लेकिन इस चिट्ठी को लिखते समय मैं कई बार यादों में उस समय को जी लिया जो आपके स्नेहाशीष में बिताए थे, उन अनमोल पलों की कीमत कोई नहीं है माँ। हमें पता है कि अब आगे जिंदगी बस आपकी यादों में ही बितानी होगी। लेकिन हम जानते हैं कि आपके आशीर्वाद और शिक्षा हमें सदा राह दिखाते रहेंगे। Previous articleAmazing start of Techkriti 22 at IIIK Next articleIIT Kanpur signs MoU with Ortho Regenics to bring paradigm shift in bone regeneration technology Mohd Mahmood April 14, 2022 at 5:06 am सर,आपकी पीड़ा कोई भी कम नही कर सकताहै। आपने माँ के न होने का अहसास बहुत अच्छा शब्दो मे पिरो के स्टोरी का रूप दिया है। जो सीधे दिल को छू गयी है। आंसू भी आ गए। हमारी माँ अभी हयात है और हम उनकी लम्बी उम्र की दुआ भी करते है। साथ ही हम ये भी दुआ करते है ऊपर वाला आपको और आपके पूरे परिवार सब्र दे और वही आपकी हिम्मत बने।
2022/05/19 14:51:33
https://weekspost.com/literature/respected-mother/
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सोनभद्र। शासन द्वारा स्वीकृत विंध्याचल मंडल में विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर सोनभद्र के युवाओं ने जनपद सोनभद्र में राज्य विश्वविद्यालय खोले जाने के लिए मुहिम को तेज कर दिया है। कई दिनों से पत्राचार करने के साथ अब मुहिम को आगे बढ़ाते हुए नए सिरे से अभियान सोशल मीडिया पर शुरू कर दिया है। इसी क्रम में सोनांचल स्थित टीम 50 से जुड़े युवा कार्यकर्ता विंध्याचल मंडलायुक्त को ज्ञापन देने के बाद फेसबुक ट्विटर पर सोनभद्र को राज्य विश्वविद्याल देने की मांग करते नहीं थक रहे है। टीम 50 के इस मुहिम को सोशल मीडिया पर हर वर्ग के लोगों का सहयोग और समर्थन मिल रहा है। टीम50 के कार्यकर्ता नीतीश कुमार चतुर्वेदी ने हैज टैग के साथ 'सोनभद्र को विश्वविद्यालय दो' स्लोगन के साथ टि्वटर पर अभियान तेज कर दिया है। उनके इस अभियान को जनपद के युवाओं के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों,साहित्यकारों और व्यापारियों द्वारा सराहा भी जा रहा है। वही टीम 50 के राम अनुज धर द्विवेदी, सनातनी दीपक पंडित, सुनील आदिवासी,अनुराग पांडेय,लोकेश उपाध्याय,चंदन महादेव, सूरज प्रसाद चौबे,करुणा त्रिपाठी आदि युवा लगातार उनके फेसबुक और ट्विटर पर ट्वीट कर विश्वविद्यालय सोनभद्र में स्थापित करने के लिए सक्रियता से लगे हुए हैं। इस मुहिम को धार देने में डाला नव निर्माण सेना के संरक्षक एवं ओबरा पीजी कालेज के पूर्व महामंत्री अनिकेत श्रीवास्तव भी जुट गए हैं। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश का सबसे आखिरी जनपद जो चार राज्यों से घिरा है। ऐसे में राज्य विश्वविद्यालय जनपद सोनभद्र में बनेगा तो सीमावर्ती राज्यों के भी लोगों को उच्च शिक्षा से जुड़कर मुख्य धारा से जुड़ने का अवसर मिलेगा। अंशु पटेल, श्रीकांत पांडेय, प्रशांत पाल सहित सैकड़ों छात्र इस मुहिम को अपने भविष्य के रूप में देख रहे है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं आदिवासियों के हक के लिए कई वर्षों से संघर्षरत अंकुश दुबे भी सोनभद्र में राज्य विश्वविद्यालय की मांग को लेकर लोगों का समर्थन प्राप्त करने में जुट गए हैं। उनका कहना है कि सोनभद्र आदिवासी बाहुल्य जनपद है जहां बहुतायत जनसंख्या आदिवासी गिरिवासी निवास करती है, जिनके पास आजीविका का मात्र एक साधन मजदूरी है। ऐसी स्थिति में अपने बच्चों की उच्च स्तरीय पढ़ाई के लिए उनका सोचना भी चांद पर जाने के बराबर है। उन्होंने कहा है कि यदि शासन द्वारा विंध्याचल मंडल में स्वीकृत राज्य विश्वविद्यालय सोनभद्र में स्थापित हो जाए तो आदिवासियों के बच्चों के भविष्य उच्च शिक्षा से जुड़कर संवर जाएंगे। उनके इस मुहिम में शिवानन्द यादव, ज्योति प्रकाश दुबे, दया सागर दुबे, शक्ति आनन्द कनौजिया, विनोद शर्मा, हरिनाथ खरवार, शिवलाल, मनोज, जनेश्वर दुबे समेत क्षेत्रीय लोग जुड़कर उन्हें अपना सम्बल प्रदान कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मनीष देव, विवेक देव, सुनील पांडेय,अतुल पाल, ऋतिक चतुर्वेदी,उत्कर्ष पांडेय,अनूप कुमार मिश्रा राज्य विश्वविद्यालय सोनभद्र में बनाए जाने को लेकर जनसंपर्क अभियान चलाते हुए लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं। इन सभी लोगों का मानना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को इस जनपद ने चारों विधानसभा क्षेत्रों की सीटों पर भाजपा के जनप्रतिनिधियों को इसी उम्मीद के साथ जिताया है कि उन्हें सोनांचल के युवाओं के भविष्य को विकसित करने में उनका सहयोग प्राप्त होगा। सब मिलाकर अब यह देखना है कि सोनभद्र के युवाओं को राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करा पाने में कहां तक शासन प्रशासन और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त हो पाता है और वह अपने इस पुनीत मकसद में कहां तक सफल हो पाते हैं। SHARE: Pragati Media Uttar Pradesh COMMENTS FACEBOOK [Important News]$type=slider$c=4$l=0$a=0$sn=600$c=8 Important News अधिक खबरे देखे . टिहरी।। जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार ने राजकीय इंटर कॉलेज नागराजाधार का किया निरीक्षण, मध्याह्न भोजन समेत तमाम व्यवस्थाओं का लिया जायजा।। 12वीं के छात्रों से किए सवाल जवाब मिशन शतक की दी जानकारी थौलधार।। जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार द्... टिहरी।।तहसील धनोल्टी में कार्यरत रणवीर सिंह चौहान के सेवानिवृत्त होने पर धनोल्टी तहसील के कर्मचारियों ने दी भावभीनी विदाई।। धनोल्टी ।।दिनांक 23- 11- 2022 को तहसील धनोल्टी के भू लेख अधिष्ठान में कार्यरत रणवीर सिंह चौहान राजस्व सेवक तहसील धनोल्टी में 36 वर्षों की से... टिहरी।। तहसील नैनबाग के सरदार सिंह रावत आदर्श रा.ई.का. टटौर नैनबाग में जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में तहसील दिवस का हुआ आयोजन।। नैनबाग।। जिलाधिकारी ने इस अधिशासी अभियन्ता का किया स्पष्टीकरण तलब इस विभाग के कार्यों को लेकर की नाराजगी व्यक्त कार्यशैली में सुधार लाने के ... टिहरी।। टिहरी में मेडिकल कॉलेज की भूमि चयन को लेकर कवायद शुरू, जिलाधिकारी ने भूमी का किया स्थलीय निरीक्षण।। टिहरी गढ़वाल।। जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार जनपद टिहरी गढ़वाल में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्यान आदि हर क्षेत्र में समग्र विकास को... टिहरी।। नैनबाग तहसील में 6 दिसम्बर को जिलाधिकारी की उपस्थिति में तहसील दिवस का होगा आयोजन।। नैनबाग।। नैनबाग क्षेत्र की जन समस्याओं के निस्तारण को लेकर तहसील नैनबाग मे जिलाधिकारी डा.सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में तहसील नैनबाग मे तहसील ... : निस्वार्थ समाजसेवी के रूप में उभर सामने आ रहे हैं सभा सद WARD NO 16 से भावी उम्मीदवार महेराजुद्दिन प्रगति मीडिया रिपोर्टर मौ कासिम स्योहारा बिजनौर उत्तर प्रदेश कस्बा स्योहारा जिला बिजनौर : निस्... उमरिया : किसान मोर्चा मंडल पाली ग्रामीण की बैठक सम्पन्न. किसान मोर्चा मंडल पाली ग्रामीण की बैठक सम्पन्न. बिरसिंहपुर पाली // उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली अंतर्गत ग्राम पंचायत शाहपुर निवासी किस... टिहरी।। जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार ने 206 सड़को के संचालन के लिए संयुक्त निरीक्षण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों दिये कड़े निर्देश।। टिहरी।। जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार ने 206 सड़को के संचालन के लिए संयुक्त निरीक्षण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों दिये कड़े निर्देश । परिवहन व... टिहरी।।जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में ‘‘जिला स्तरीय पत्रकार स्थायी समिति‘‘ की हुई बैठक।। डीएम डॉ. सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में ‘‘जिला स्तरीय पत्रकार स्थायी समिति‘‘ की बैठक में प्रशासन एवं प्रेस संबंधों को और अधिक सशक्त बनाने का... टिहरी।।राजकीय महाविद्यालय कमांद में सी एच सी छाम द्वारा स्वास्थ्य शिविर का लगाया गया कैम्प।। कमांद।।राजकीय महाविद्यालय कमांद टिहरी गढ़वाल मैं विश्व एड्स दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छाम ... © 2015 Pragati Media All rights reserved. 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2022-12-07T06:21:06Z
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OSCAR-2301
बिहार भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने 14 प्रत्याशीयों का किया एलान - बिहार भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने 14 प्रत्याशीयों का किया एलान बिहार भाजपा ने लोकसभा 2019 का शंखनाद करते हुए अपने 14 प्रत्याशीयों के नामो का एलान आज कर दिया है अभी उसको बाकी 3 सीटों पर कैंडिडेट के नाम का एलान करना है भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को 17 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए लोकसभा चुनाव के लिए बिहार पार्टी के उम्मीदवारों को चुना। कुल 17 निर्वाचन क्षेत्रों में से 14 सीटों के उम्मीदवारों की पुष्टि हो गई है जबकि तीन सीटों पर दो उम्मीदवारों के नाम हैं। राम कृपाल यादव, पूर्व राजद सदस्य, पाटलिपुत्र सीट से, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बेगूसराय सीट से, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी, छपरा सीट से और वरिष्ठ नेता आर के सिन्हा पटना साहिब सीट से चुनाव लड़ेंगे। इससे यह बात भी साबित हो गई कि शत्रुघ्न सिन्हा का मुक़ाबला आरके सिन्हा से होगा क्योंकि पार्टी छोड़ने का एलान कर डाला और 22 को वह नई पार्टी में शामिल होने की घोषणा कर सकते है बिहार भाजपा को अभी कुछ सीटों पर करना है एलान संजय जायसवाल बेतिया सीट से, मोतिहारी सीट से राधामोहन सिंह, अरहर सीट से आरके सिंह, बक्सर सीट से अश्विनी कुमार चौबे, शिवहर सीट से रमा देवी, मुजफ्फरपुर सीट से अजय निषाद, उजियारपुर से नित्यानंद राय लड़ेंगे। निर्वाचन क्षेत्र, बांका सीट से पुतुल देवी, महाराजगंज सीट से जनार्दन प्रसाद सिग्रीवाल और सासाराम निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के विधायक ललन पासवान हैं। दरभंगा, मधुबनी और अररिया की तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों की पुष्टि होनी बाकी है। इन सीटों को लेकर आखिरी एलान होना बाकी यहाँ भी भाजपा के एक से बढ़कर एक दिग्गज है जिन्हें विजयी संतुलन के अनुरूप चयन समिति द्वारा चुना जायेगाउम्मीदवार हैं- दरभंगा सीट से नीतीश मिश्रा या गोपालजी ठाकुर, मधुबाई सीट से हुकुम देव नारायण यादव या उनके बेटे अशोक यादव और अररिया निर्वाचन क्षेत्र से दिलीप जायसवाल या भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शहनाज़ हुसैन। बिहार भाजपा ने ठान ली है कि इस बार एनडीए का होगा बेड़ा पार और गठबंधन का होगा सत्यानाश उसका यह सोचना भी लाज़मी है कि उनके समता ,समन्वय और संतुलन का ताल है यह भी पढ़ें – लालू प्रसाद यादव के लाल तेज़ प्रताप यादव काशी विश्वनाथ दर्शन कर के आये फिर बताई अपनी मन्नत
2020/10/30 01:20:25
https://biharexpress.org/bihar-bjp-annouces-14-candidate-list-for-ls-elections/
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बरेली में अखिलेश ने पूछा क्या मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है ? | NewsNasha बरेली में अखिलेश ने पूछा क्या मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है ? समाजवदी पार्दी मे शामिल हुए कई पार्टियो के नेता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में भरोसा करते हुए आज प्रदेश कार्यालय, लखनऊ में बसपा, कांग्रेस और... मुंबई, बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन और अभिनेत्री कृति सैनन की जोड़ी आने वाली फिल्म 'भेड़िया' में नजर आएगी। निर्देशक अमर कौशिक हॉरर फिल्म 'भेड़िया' बनाने... सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बड़ा सवाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कर दिया है अखिलेश यादव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री हमें बताएं मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है कि नहीं? आपको बता दें कि अखिलेश यादव इस वक्त बरेली दौरे पर हैं और अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि लगातार बुलडोजर चलाने की खबरें आ रही है, नक्शा पास है, नहीं है उन सब पर बुलडोजर चल रहा है। इस दौरान अखिलेश ने कहा कि हाल ही में बगल में एक घटना हुई और मुझे दुख होता है इस बात का जब मैंने खबर पढ़ी और अपने नेताओं से जानकारी ली पार्टी के कार्यकर्ताओं से जानकारी ली, उसकी बेटी और घर के लोगों ने क्या नहीं बताया, उस वक्त बेटी ने जो कहा कि मेरी मां के साथ क्या घटना हुई। अखिलेश ने अपनी बात करते हुए एक सवाल उठा दिया और पूछा कि बुलडोजर मकान पर चलना चाहिए या बुलडोजर वहां पर चलना चाहिए जहां पर एक महिला के साथ इस तरह की घटना हुई। अखिलेश यादव इस दौरान बदायूं की घटना का जिक्र कर रहे थे जहां पर एक महिला के साथ कुछ दिन पहले ही गैंगरेप की घटना सामने आई थी।
2021/02/26 01:45:50
https://www.newsnasha.com/akhilesh-asked-in-bareilly-is-the-map-of-the-chief-ministers-residence-near/
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8 सरल द्विआधारी विकल्प युक्तियाँ और ट्रिक्स - फोरेक्स रणनीति तंसी मंडल रिलीज़ की तारीख - फरवरी 16, 2020 सॉफ्टवेयर एनीमेशन टूल की एक बीवी प्रदान करता है जो आपको प्रभावशाली कार्टून बनाने में मदद करेगा। इसके अलावा, चूंकि यह एक एडोब उत्पाद है, इसलिए सॉफ्टवेयर में विभिन्न एडोब टूल अंतर्निहित हैं जो 8 सरल द्विआधारी विकल्प युक्तियाँ और ट्रिक्स निर्माण प्रक्रिया के दौरान बहुत काम आएंगे। एडोब स्टॉक्स का एकीकरण आपको लाखों उच्च गुणवत्ता वाले फ़ोटो और वेक्टर ग्राफिक्स तक पहुंचने की अनुमति देता है। बिनोमो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के बाईं ओर, आपको टूर्नामेंट तक पहुंच मिलती है। यह एक अच्छा तरीका है अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए जब आप एक अच्छा व्यापारी हैं। पहले 10 व्यापारी एक पुरस्कार जीतेंगे। लेकिन ध्यान रखें कि आपको ट्रेडिंग में बहुत अच्छा होना होगा। निष्कर्ष में, टूर्नामेंट बिनोमो का एक और लाभ है । कुछ ही दलाल हैं जो व्यापार प्रतियोगिताकी पेशकश कर रहे हैं। सवाल: बग रिपोर्ट: जब मैं एक वीडियो पर कब्जा करता हूं, तो स्क्रीन काले क्यों है? इस प्रकार के ऋणों से सावधान रहें क्योंकि उनकी ब्याज दरें असामान्य रूप से अधिक हैं। इन ऋणों को केवल अंतिम उपाय के रूप में लिया जाना चाहिए। चादर का कपड़ा तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले कपास को खरीदना होगा और फिर इन्हें यूनिफ्लोक मशीन में डालना होगा. इस मशीन की मदद से कपास में से अशुद्धियां निकल जाएगी और कपास आपस में अच्छे से ब्लेंड हो जाएगा. ऊपर बताई गई प्रक्रिया के बाद कपास को कार्डिंग मशीन, स्पून (spun), रैप (warped) और स्लेश (slashed) प्रक्रिया से गुजरना होगा. इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद कपास की बुनाई, सफाई, ब्लीचिंग और रंगाई की जाती है और इस तरह से आपका कपड़ा तैयार हो जाता है. फिर आपको इस कपड़े को चादर के आकार में काटना होता है, उसकी सिलाई करनी होती और फिर इसे पैक करना होगा। 8 सरल द्विआधारी विकल्प युक्तियाँ और ट्रिक्स, बाइनरी विकल्प 2021 रुझान और पूर्वानुमान WebTech360 चित्रों में विभिन्न शिशुओं के लिए चित्रों को रंग देने के बारे में कई विषय हैं। जानवरों के चित्रों को रंगने के लिए, हमने बहुत सारे रंगीन चित्रों का संकलन भी किया है। यह धोखाधड़ी के खिलाफ एक समस्या अपूर्ण प्रणाली पर्स की सुरक्षा, इस के घोटाले एक्सचेंज MtGox सबूत होना 8 सरल द्विआधारी विकल्प युक्तियाँ और ट्रिक्स जारी है। एक व्यक्ति से संबंधित सिक्का की राशि ब्लॉक चेन पर देखी जाती है। यह जानकारी एक रहस्य नहीं है इसे किसी भी उपकरण से एकत्र किया जाता है जहां वॉलेट रखा जाता है। पीसी के विभिन्न कंप्यूटरों पर स्मार्टफोन और मोबाइल डिवाइस पर विभिन्न कंपनियों को ऑनलाइन जेब की पेशकश की जाती है। इन प्लेटफार्मों में से किसी भी वॉलेट पर भी देखा जा सकता है। एक बड़े सेक्शन के साथ मध्यम और अधिकतम लंबाई की पोशाक एक विशेष स्त्रीत्व दिखाती है। यह अनुभाग सिल्हूट के निचले भाग की सद्भाव दिखाएगा, छवि मोहकता और लालित्य देगा। इस कट की पोशाक किसी प्रियजन के साथ डेटिंग के लिए बिल्कुल सही है या यह उत्सव के 8 सरल द्विआधारी विकल्प युक्तियाँ और ट्रिक्स लिए ड्रेस के लिए एक शानदार विकल्प होगा। नीना रिची के संग्रह, गुच्ची ने शो पर समान मॉडल प्रस्तुत किए। जानकारी के लिए, एक Bitcoin (1 बीटीसी), और किसी भी राशि प्राप्त नहीं कर सकते हैं - 0.1; 1.5 और इतने पर। सभी तरीके से नीचे और अधिक विस्तार में सिक्के खरीदने के लिए। एक ब्रेकिंग स्टोरी में, वित्त मैग्नेट्स यूके में अपने उत्पादों को बढ़ावा देने में पकड़े गए कई विदेशी मुद्रा दलालों के CySecCIF निलंबन को कवर किया। जब व्यापार होता है तो बड़ी तस्वीर पर केंद्रित रहना महत्वपूर्ण है। एक खो व्यापार हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए - यह व्यापार का एक हिस्सा है। इसी तरह, एक जीतने वाला व्यापार लाभदायक व्यापार के रास्ते में सिर्फ एक कदम है। यह संचयी मुनाफा है जो एक अंतर बनाते हैं। व्यापार के हिस्से के रूप में एक व्यापारी जीत और हानियों को स्वीकार करने के बाद, भावनाओं का प्रदर्शन व्यापार प्रदर्शन पर कम होगा ऐसा नहीं है कि हम एक विशेष रूप से उपयोगी व्यापार के बारे में उत्साहित नहीं हो सकते, लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि खोने वाला व्यापार बहुत दूर नहीं है। एक प्रकार का बेसमेंट बेसमेंट है ईंट नींव । यह कम स्थायित्व और जीवन भर 8 सरल द्विआधारी विकल्प युक्तियाँ और ट्रिक्स अलग है, लेकिन काम की श्रम जटिलता कम है। विशेषता -यह एक ऐसी इकाई का नाम है जो मूल्यों के एक निश्चित सेट से मूल्य लेता है। उदाहरण के लिए, इकाई "छात्र" में गुण "उपनाम", "नाम", "पेट्रोनेरिक", "जन्मतिथि", "अध्ययन की अवधि के लिए औसत स्कोर" आदि हो सकते हैं। तो आपके व्यापार पर हर प्रकार के कमीशन का निचला स्तर क्या होता है? यह देखते हुए कि सभी दलालों को बराबर नहीं बनाया गया है, यह एक कठिन सवाल है जो जवाब देना है। इसका कारण यह है कि जब आपके ट्रेडिंग अकाउंट के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होता है, तो ध्यान देने के लिए अन्य कारक भी हैं। यदि हरे रंग की मोमबत्ती के नीचे गुलाबी बिंदु है, तो यह प्रवृत्ति के उलट होने का पहला संकेत है जो नीचे से ऊपर की ओर है। इस डॉट पर ध्यान दें, अगर हरे रंग की मोमबत्ती के साथ एक दूसरा डॉट दिखाई दे रहा है, तो आप Olymp Trade में विकल्प यूपी खरीद सकते हैं। आप उन सभी ब्लॉगर्स और प्रभावित आप नए सामान की सिफारिश करने की कोशिश देखते हैं, और चलो ईमानदार हो, तुम उनकी सलाह 8 सरल द्विआधारी विकल्प युक्तियाँ और ट्रिक्स को गंभीरता से लेने के कई बार जैसे आप एक दोस्त पर भरोसा करेंगे, लेकिन अपने दोस्तों के विपरीत, वे पैसे हर बार आप अपने लिंक से कुछ खरीदने के — बुलाया बुलाया संबद्ध लिंक। आठ एक्सचेंजों में से चार वर्तमान में पीएलएफ की हालिया लिस्टिंग का जश्न मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं। PLF धारक BW.com, Coinbene, Bilaxy.com और DigiFinex से ट्रेडिंग प्रतियोगिताओं और एयरड्रॉप के अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। कुछ सिक्कों के लिए, इसका मतलब अचानक उलटा हो सकता है, जबकि दूसरों के लिए, यह मध्यरात्रि में बस एक गति हो सकता है। इस बीच, क्रिप्टो बाजार कैसे आगे बढ़ने जा रहा है, इस पर राय अलग-अलग है।
2021/06/23 23:42:27
https://trucos.site/kat-8/page-647213.html
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लोकसभा चुनाव में हार झेलने के बाद इस्तीफा देना चाहते हैं राहुल गाँधी। | Youth Ki Awaaz "राहुल, मान-मनौव्वल से बेहतर है कि आप इस्तीफा दे दीजिए" By Talented India in Hindi, Politics काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अजीब सी नौटंकी में फंसे हुए हैं। यदि उन्हें अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना ही है फिर वह मान-मनौव्वल के दौर में क्यों फंसे हैं? चार-छह दिन ऐसी खबरें छपती रहें कि वह किसी की भी नहीं सुन रहे हैं फिर अचानक खबर छपे कि वह अध्यक्ष पद पर बने रहने के आग्रह को मान गए हैं। ऐसे में आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि राहुल गाँधी का कितना मज़ाक बनेगा। जिन प्रदेशाध्यक्षों ने हार के बाद इस्तीफे दिए हैं, वे अपने नेता के बारे में क्या सोचेंगे? राहुल ने अभी तक नए अध्यक्ष की घोषणा क्यों नहीं की? काँग्रेस पार्टी को परिवारवाद से बाहर निकलना होगा अभी तो इसी खबर पर लोग हंस रहे हैं कि राहुल ने कार्य समिति की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की इसलिए निंदा की क्योंकि वे अपने बेटों के लिए टिकट मांगकर ले गए। क्या यह तर्क कभी राहुल ने खुद पर लागू किया? सोनिया गाँधी ने अपने बेटे को पार्टी का अध्यक्ष कैसे बनाया? क्यों बनाया? देश के लाखों काँग्रेसियों और सैकड़ों बड़े नेताओं में उन्हें क्या अकेले राहुल ही इस पद के योग्य दिखे? फिर अपनी बेटी प्रियंका वाड्रा को काँग्रेस का महासचिव क्यों बना दिया? सिर्फ इसलिए कि वह पूर्व अध्यक्ष की बेटी और वर्तमान अध्यक्ष की बहन है। राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी। फोटो साभार: Getty Images मैं जो कहता हूं कि हमारे देश की राजनीतिक पार्टियां अब प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां बनती जा रही हैं, यह कथन अब स्वयंसिद्ध होती दिख रही है। कोई भाई-भाई पार्टी है, कोई माँ-बेटा पार्टी है, कोई बाप-बेटा पार्टी है और कोई बुआ-भतीजा पार्टी है। इन पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र का दम घुटता जा रहा है। इनकी कार्य समितियों में किसी मुद्दे पर दो-टूक बहस नहीं होती। और पढ़ें: क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे ने भाजपा को दिलाई शानदार जीत? आज की तारीख में नेताओं के लिए काफी आसान होता है आदर्शवादी बातें करना मगर वे कभी भी उन चीजों को खुद पर लागू नहीं करना चाहते हैं। यह सब बातें बस लोगों को दिखने के लिए होती हैं। ठीक उसी प्रकार से जैसे पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की बात राहुल गाँधी कर रहे हैं। यदि उन्हें इस्तीफा देना ही है फिर इन्तज़ार क्यों? उन्हें इस्तीफा देकर ज़मीनी स्तर पर काम करने की ज़रूरत है जिससे आम लोगों के ज़हन में शायद उनके लिए विश्वास पैदा हो सके। राहुल गाँधी चाहते तो 2019 लोकसभा चुनाव में जीत पार्टी की उपस्थिति बेहतरीन तरीके से दर्ज़ करा सकते थे लेकिन उन्होंने चुनाव से पहले काफी वक्त तक केवल पीएम नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलने का काम किया। उन्हें लगा कि तीन राज्यों में सफलता मिलने के बाद शायद इसी तेवर के साथ वोटर्स उनकी पार्टी को लोकसभा में भी सपोर्ट करेंगे। राहुल को यह समझना होगा कि देश के वोटर्स विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अलग-अलग मुद्दों के साथ वोट करते हैं। उदाहरण के तौर पर आप दिल्ली का ही ज़िक्र कर सकते हैं जहां आम आदमी पार्टी को भले ही दिल्ली की जनता ने अपार समर्थन दिया है लेकिन लोकसभा चुनाव के वक्त जनता का विश्वास मोदी पर होता है।
2021/08/01 14:45:31
https://www.youthkiawaaz.com/2019/05/confusion-over-rahul-gandhis-resignation-from-the-party-presidents-post-hindi/
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