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'चाको जी' दो महीने से कोमा में, आमिर खान रख रहे ध्यान | TOS News Posted By: poonam rajpoot #ameerkhan, 'चाको जी' दो महीने से कोमा में, chako ji, fir hira feri, movie, nirja viro, sanjay datya, urmila, आमिर खान रख रहे ध्यान, उर्मिला, चाको जी, नीरज वोरा, फिर हेरा फेरी, संजय दत्त नीरज वोरा…. हो सकता है यह नाम कुछ लोगों को उस महान एक्टर की याद न दिलाए लेकिन 'चाको जी' का किरदार कोई भूल नहीं सकता। राम गोपाल वर्मा की 'दौड़' का सबसे अच्छा हिस्सा 'चाको जी' के खाते में है। फिल्म 'दौड़ ' में संजय दत्त और उर्मिला मातोंडकर को परेशान कर सबको हंसाने वाले 'चाको जी' यानी नीरज वोरा अब खामोश हैं। ब्रेन स्ट्रोक की वजह से नीरज पिछले दो महीने से कोमा में हैं और बहुत ही मामूली सुधार के संकेत मिले हैं। नीरज वोरा को पिछले साल अक्टूबर में ब्रेन स्ट्रोक हुआ था जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक नीरज तब से कोमा में ही हैं। उन्हें कुछ दिन पहले आई सी यू में भर्ती किया गया था लेकिन अब वापस वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। नीरज के कंडीशन में मामूली सुधार तो हुआ है लेकिन अब तक वो कोमा से बाहर नहीं आये हैं। नेचुरल थिरैपी किये जाने के बाद भी सुधार के कोई संकेत नहीं मिले हैं। नीरज वोरा के करीबी आमिर खान और परेश रावल की हालत पर बराबर नज़र रखे हुए हैं। नीरज की बीबी का पहले ही निधन हो है और उनकी संतान नहीं है। नीरज वोरा बेहतरीन कॉमेडियन होने के साथ स्क्रिप्ट राइटर और डायरेक्टर भी हैं। नीरज ने आमिर के साथ 'मन ' और शाहरुख़ के साथ ' बादशाह ' में काम किया था। उन्होंने ' खिलाड़ी 420 ' और ' फिर हेरा फेरी ' का निर्देशन किया और ' रंगीला ' व ' चोरी चोरी चुपके चुपके ' का स्क्रीनप्ले भी लिखा। उनकी एक्टिंग का एक नमूना देखिए…
2018/09/25 14:58:17
https://tosnews.com/%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%9C%E0%A5%80-%E0%A4%A6%E0%A5%8B-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87/17381
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शीर्ष Android के क्षुधा, आवेदन, APK, खेल, सॉफ्टवेयर, फ्रीवेयर डाउनलोड करें: खेल द्वारा खोज "खेल" श्रेणी: सर्वश्रेष्ठ सॉफ्टवेयर डेवलपर: Bulky Sports श्रेणी: संगीत अपलोड की तिथि: 11 Nov 16 खेलने फुटसल फुटबॉल 2017 खेल - विश्व फुटबॉल की चैंपियंस लीग के लिए फुटबॉल - एक असली फुटसल फुटबॉल का खेल है। इनडोर खेल के लिए लोगों के प्यार इसलिए हम इस आशा को यह खेल प्रस्तुत चोटी पर हमेशा रहा है। gameplay वास्तव में इनडोर फुटबॉल मैच की तरह नकली है। प्रत्येक टीम में गोल कीपर सहित उस में 5 खिलाड़ियों में शामिल है। अदालत उत्साही भीड़ अपनी टीमों buckup करने के लिए तैयार की भरना...
2019/01/18 18:05:33
http://hi.4androidapk.com/category/games/all/1/rating
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दीनबंधु फार्मास्युटिकल्स, जूनागढ़, गुजरात | Medindia पूरे भारत की 7000 से अधिक फार्मास्युटिकल (औषधि विक्रेता) कंपनियों की सूची में से खोजिये । यहां गुजरात की औषधि विक्रेता सूचिका (लिस्टिंग) में से 'दीनबंधु फार्मास्युटिकल्स' कंपनी का पता, संपर्क विवरण- जैसे फोन नंबर, ईमेल, संपर्क व्यक्ति और स्थान की स्थिति के लिए निर्देश शामिल हैं ।
2022/05/29 08:44:23
https://hi.medindia.net/buy_n_sell/pharm_industry/dinbandhu-pharmaceuticals-gujarat-5749-1.htm
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क्यों छाती मक्खी एक ऊपरी शरीर व्यायाम करना चाहिए - फिटनेस क्यों चेस्ट फ्लाई एक ऊपरी-शारीरिक व्यायाम है यह आसन की मुद्राएं हैं जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते। TBH, चेस्ट फ्लाई (उर्फ चेस्ट फ्लाई, डम्बल फ्लाई या पीक फ्लाई), कुल ब्रो चाल की तरह लगता है। आप शायद एक सुपर-मुसकान दोस्त को पीठ पर लेटे हुए देख रहे थे, अपने दिल को चीरते हुए उन डम्बल को अपने सीने के ऊपर वापस लाने के लिए। पेशेवर क्रॉसफिट एथलीट लेकिन वास्तव में, यह अंडर-राडार अपर-बॉडी मूव (एनवाईसी-आधारित ट्रेनर राहेल मारीओटी द्वारा यहां प्रदर्शित किया गया है) कोई भी फिटनेस रूटीन-ब्रो या अन्यथा। यहाँ और क्यों, और इसे सही तरीके से कैसे करें। चेस्ट फ्लाई के फायदे और बदलाव फिटनेस और पोषण विशेषज्ञ और लेखक जोए थुरमन कहते हैं, '' यह बहुत अच्छा है क्योंकि यह एक अच्छा सीने वाला सलामी बल्लेबाज है और स्कापुलर रिट्रेक्शन सिखाता है। 365 स्वास्थ्य और फिटनेस भाड़े जो आपके जीवन को बचा सकते हैं। ICYDK, स्कैपुलर रिट्रेक्शन का मतलब मूल रूप से आपके कंधे को एक साथ ब्लेड करने की क्षमता से है, जो एक ऐसी क्रिया है जो पूरे दिन डेस्क या सेल फोन पर कूबड़ से बैठे रहने से खराब मुद्रा का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह मुख्य रूप से छाती और कंधों और कंधे में ट्राइसेप्स और मांसपेशियों को स्थिर करने का काम करता है। मतलब, बहुत कम से कम, यह बहुत आसान बना देगा। थिएमैन कहते हैं, हालांकि चेतावनी का एक शब्द: 'लोग अक्सर इस आंदोलन और जोखिम की चोट और उचित मांसपेशियों के काम न करने के लिए बहुत तेजी से जाने की कोशिश करते हैं।' 'याद रखें कि यह एक छाती व्यायाम है, इसलिए आपको इसे अपनी छाती में महसूस करना चाहिए'! (यह एक डम्बल बेंच प्रेस के साथ सुपरसेट करें जो वास्तव में आपकी छाती की मांसपेशियों को तिरस्कृत करता है।) ऊपर या नीचे स्केल करने का सबसे आसान तरीका आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे वजन को बढ़ाना या कम करना है। याद रखें: आपको पता है कि आप सही मात्रा में वजन का उपयोग कर रहे हैं, यदि अंतिम कुछ प्रतिनिधि मुश्किल (लेकिन असंभव नहीं) को पूरा करना है। थरमन कहते हैं, आप अपनी छाती की स्थिति को भी बदल सकते हैं (पूर्व: हथेलियों को आगे या पीछे की ओर) अपनी छाती के विभिन्न क्षेत्रों को उत्तेजित करने के लिए। या डंबल चेस्ट फ्लाई पर डंबल चेस्ट फ्लायर्स पर प्रदर्शन करके या बोसु बॉल पर, या इसके बजाय केबल मशीन का उपयोग करके एक अतिरिक्त कोर चुनौती जोड़ें। (देखें: जिम मशीनें जो वास्तव में आपका समय व्यर्थ करती हैं) कैसे करें चेस्ट फ्लाई ए प्रत्येक हाथ में डंबल के साथ एक फ्लैट बेंच पर लेटअप लें, हथेलियों के साथ जांघों के शीर्ष पर आराम करें। अपने पैरों का उपयोग करके वेट को ऊपर उठाने में सहायता करें, डंबल उठाते हुए सीधे छाती पर पकड़ें। उन्हें दबाएं ताकि छाती के केंद्र में हथियार बढ़े (लेकिन बंद नहीं), हथेलियों को शुरू करने के लिए। बी अपनी कोहनी को थोड़ा झुका कर रखें, श्वास लें और धीरे-धीरे दोनों भुजाओं को भुजाओं की ओर नीचे लाएं, जबकि कंधे स्वाभाविक रूप से पीछे हट जाएं। डंबल को कंधे की ऊंचाई तक पहुंचने पर रोकें। सेल्युलाईट के लिए फोम रोलिंग सी साँस छोड़ते और छाती के माध्यम से निचोड़ने के लिए डंबल को वापस छाती पर खींचने के लिए प्रारंभिक स्थिति में वापस लौटें। 10 से 15 प्रतिनिधि करें। 3 सेट का प्रयास करें। चेस्ट फ्लाई फॉर्म टिप्स 2- से 3-सेकंड निगेटिव फेज़ (कम मूवमेंट) और तेज़ पॉज़िटिव फ़ेज़ (मूवमेंट मूवमेंट) के लिए प्रयास करें।
2021/04/12 16:44:39
https://hi.wpssportsbar.com/why-chest-fly-is-must-do-upper-body-exercise
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दीवार से प्रकट हुए गणपति बप्पा... - समाचारBuddy Home ज़रा-हटके दीवार से प्रकट हुए गणपति बप्पा… भारत में गणपति के अनेक मंदिर हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जो दीवार में चित्र बनाने के बाद प्रकट हुए। हम बात कर रहे हैं कि केरल के मधुर महागणपति के मंदिर के बारें में… शि‍व-पार्वती के पुत्र गणेश भगवान को हर पूजा में सबसे पहले याद किया जाता है। गणपति जीवन के हर दुख व बाधा को हरने वाले हैं। किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान गणेश को याद किया जाता है। भगवान गणेश उनके लिए अच्छे भाग्य ले कर आते हैं। यही वजह है कई हिंदू कोई भी नया काम करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करते हैं, ताकि नए काम में उन्हें सफलता मिले। भारत के तकरीबन हर हिस्से में बड़ी संख्या में गणेश मंदिर है। सभी मंदिर अपने-अपने कथाओं और चमत्कारों के कारण प्रसिद्ध है। आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारें में बता रहे है। जो कि अपने आप में सबसे प्रचानी और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर केरल में है। इस मंदिर का नाम है मधुर महागणपति मंदिर। जानिए इस गणेश मंदिर के बारें में रोचक बातें।
2019/08/22 02:47:36
http://samacharbuddy.com/ganpati/
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चीतल Archives - चौथी दुनिया June 21, 2018 विनय बिहारी सिंह 0 Comments इस टाइगर रिज़र्व में आने वाले पर्यटकों का अनुभव भी खासा निराशाजनक है. वाल्मीकिनगर फॉरेस्ट गेस्ट हाउस में ठहरे उत्तर January 30, 2017 February 2, 2017 कुमार कृष्णन 0 Comments पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी December 12, 2010 March 11, 2015 अरविंद नाथ तिवारी 0 Comments जब हम किसी हिरण को लाठी से तड़पा-तड़पा कर मारते हैं तो सबसे ज़्यादा क़ीमत उसकी खाल की मिलती है. एक खाल के पंद्रह-बीस हज़ार रुपये मिल जाते हैं. गोली से मारने पर बहुत कम दाम मिलते हैं और खतरा भी बढ़ जाता है. यह काम मैं अकेले नहीं करता, पूरी टीम काम करती है. टीम का नेतृत्व हमारा मुखिया करता है. उसके पास दूरदराज से बड़े-बड़े बाबू लोग आते हैं, दाम तय करते हैं. उसके बाद उनके ठिकाने तक माल पहुंचाने की ज़िम्मेदारी हमारी होती है. यह कहना है हिरणों को मारकर उनकी खाल और अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह के एक सदस्य का.
2018/12/14 21:21:07
http://www.chauthiduniya.com/tag/%E0%A4%9A%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%B2
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» हर्षोल्लास के साथ मनाया 72वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया 72वां गणतंत्र दिवस January 27th, 2021 | Post by :- Rohit Sharma | 309 Views कालका (रोहित शर्मा) । कालका कॉलेज की प्राचार्य प्रोमिला मलिक की अध्यक्षता में 72 वां गणतंत्र दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्राचार्य प्रोमिला मलिक ने ध्वजारोहण कर सलामी दी, जिसके पश्चात सभी ने सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गान गाया। प्राचार्य प्रोमिला मलिक ने गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, इस दिन को हम राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। हम सभी देशवासियों को भारत का नागरिक होने का गर्व है भारत अनेकता में एकता का देश है। यह दिवस बिना किसी भेदभाव के पूर्ण उत्साह के साथ मनाया जाता है इस दिन हम अपने उन वीरों को याद करते हैं, जिनके बलिदान के कारण ही हमें आजादी प्राप्त हुई है। वही प्रो. सुशील कुमार और प्रो. नीना शर्मा के मार्गदर्शन में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। इस दौरान पूरा महाविद्यालय देशभक्ति के गीतों से गूंज उठा। साथ ही एनसीसी गर्ल्स विंग के प्रभारी प्रो. डॉ. गुरप्रीत और एनसीसी बॉयज विंग के प्रभारी प्रो. यशवीर के दिशा निर्देशन में विद्यार्थियों ने भव्य परेड दिखाई। यह जानकारी प्रो. डॉ. बिंदु ने दी।
2021/05/10 09:11:39
https://www.lokhitexpress.com/79887.html
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दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक उद्यानों में से एक होने के कारण, यह गार्डन काफी सुव्यवस्थित है। कपल्स इस गार्डन की हवा में रोमांस को फील कर सकते है, जो इसे कपल्स के बीच लोकप्रिय बनाती है। यदि आप अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के साथ घूमने के लिए दिल्ली के बेस्ट कपल पार्क के बारे में सर्च कर रहे है तो आपको लोधी गार्डन अवश्य जाना चाहिये, जहाँ आप अपने पार्टनर के साथ हरे भरे वातावरण में प्राइवेसी के साथ स्पेशल टाइम स्पेंड कर सकेगें। दिल्ली के बाहरी इलाके में धौला कुआँ नामक एक क्षेत्र में स्थित बुद्ध पार्क कपल्स के लिए दिल्ली के सबसे अच्छे पार्क (Best Couple Park In Delhi In Hindi) में से एक है। बात दे यह खूबसूरत पार्क अपने एकांत माहौल और शानदार सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें लगभग 100 प्रकार के पेड़ और 40 प्रकार की झाड़ियाँ हैं जो एक खिला खिला और कलरफुल पारिस्थितिकी तंत्र प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा हरे-भरे लॉन, टोपियां और मौसमी फूलों के पौधे और पेड़ इसके रोमांटिक वातावरण में एक अतिरिक्त आकर्षण जोड़ देते हैं। यही कारण है की कपल्स अपना रोमांटिक टाइम स्पेंड करने के लिए दिल्ली के इस खूबसूरत पार्क में घूमने जाना पसंद करते है। यदि आप भी अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के साथ एकांत में क्वालिटी टाइम स्पेंड करना चाहते है तो आपको बुद्ध पार्क घूमने अवश्य जाना चाहिये। दिल्ली के बेस्ट कपल पार्क में से एक डियर पार्क हौज खास विलेज में स्थित है जिसे ए.एन झा डियर पार्क के रूप में भी जाना जाता है। आपको बता दें कि इस हरे भरे पार्क परिसर में कई आकर्षण स्थित हैं जिनमें डक पार्क, रैबिट एनक्लोजर, पिकनिक स्पॉट्स के नाम शामिल हैं, जो इस पार्क को कपल्स (Roamantic Couple Park In Delhi In Hindi) के घूमने के लिए एक परफेक्ट स्पॉट बनाते हैं।
2021-03-05T16:47:11Z
https://www.guruji24.com/online-tests/25/oscit-test
OSCAR-2109
सीग्राम के रॉयल स्टैग ने जसप्रीत बुमराह को बनाया ब्रांड एंबेसेडर · उदयपुर. सीग्राम के रॉयल स्टैग ने अपनी सपनों की टीम में दुनिया के अग्रणी गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को शामिल किया गया है. कार्तिक मोहिन्द्रा, सीएमओ, परनोड रिकॉर्ड इंडिया ने कहा कि आइसीसी क्रिकेट वल्र्ड कप और हाल ही में आयोजित वेस्टइंडीज टुअर में बुमराह ने शानदार प्रदर्शन किया है. बुमराह बेहद प्रतिभाशाली हैं और उनमें कमाल का सामथ्र्य है, जो उन्हें ब्रांड की फिलॉसोफी के अनुरूप बनाता है. क्रिकेट हमेशा से ही रॉयल स्टैंग के ब्रांड संचार के केन्द्र में रहा है. विगत वर्षों में, ब्रांड ने दुनिया के शीर्ष क्रिकेट खिलाडिय़ों के साथ निरंतर सहयोग किया है और इससे देश भर में क्रिकेट प्रेमियों के साथ इसकी भागीदारी मजबूत हुई है. कार्तिक मोहिन्द्रा ने कहा कि ब्रांड ने 2018 में आइसीसी के साथ 5 सालों का सहयोग किया था और वर्तमान में दुनिया भर के प्रमुख क्रिकेटिंग सितारों द्वारा इसका विज्ञापन किया जा रहा है. इनमें दक्षिण अफ्रीका के फैफ डु प्लेसिस, इंग्लैंड के बेन स्टोक्स, भारत के केएल राहुल, वेस्टइंडीज के एंड्री रसेल, न्यूंजीलैंड के केन विलियमसन और ऑस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क जैसे खिलाड़ी शामिल हैं. जसप्रीत बुमराह ने कहा कि एक ऐसे ब्रांड के साथ जुडक़र मुझे बेहद खुशी हो रही है, जो खेल की ताकत और इसे बड़ा बनाने के जोश के साथ निरंतर भारत को प्रेरित करता है.
2019/10/15 21:17:57
https://udaipurkiran.in/hindi/the-royal-stag-of-the-cram-made-jaspreet-bugpath-a-brand-ambassador/
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इतिहास सामान्य ज्ञान 241 - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर इतिहास सामान्य ज्ञान 241 1. किस सत्याग्रह को 'दिल्ली चलो सत्याग्रह' के नाम से भी जाना जाता है? 2. 'नौजवान भारत सभा' की स्थापना 1929 ई. में हुई थी। इसके संस्थापक कौन थे? कानपुर में भगत सिंह को गणेश शंकर विद्यार्थी का हार्दिक सहयोग भी प्राप्त हुआ था। देश की स्वतंत्रता के लिए अखिल भारतीय स्तर पर क्रान्तिकारी दल का पुनर्गठन करने का श्रेय सरदार भगत सिंह को ही जाता है। उन्होंने कानपुर के 'प्रताप' में 'बलवंत सिंह' के नाम से तथा दिल्ली में 'अर्जुन' के सम्पादकीय विभाग में 'अर्जुन सिंह' के नाम से कुछ समय काम किया और अपने को 'नौजवान भारत सभा' से भी सम्बद्ध रखा, जिसकी स्थापना उन्होंने की थी। अधिक जानकारी के लिए देखें:-भगतसिंह 3. किस घटना के पश्चात् महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश सरकार को 'शैतानी लोग' कहा था? 1942 ई. में क्रान्तिकारियों पर हवाई हमलों के बाद अंग्रेज़ों द्वारा जनतांत्रिक अधिकारों का विकास करने के बजाय नागरिक अधिकारों पर और ज़्यादा अंकुश लगाने से देश में असंतोष की लहर सी उमड़ पड़ी थी। इसके परिणामस्वरूप रौलट एक्ट के ख़िलाफ़ एक ज़बरदस्त आंदोलन उठ खड़ा हुआ। इस आंदोलन के दौरान राष्ट्रवादी आंदोलन की बाग़डोर एक नये नेता मोहनदास करमचंद गाँधी ने सँभाली, जिन्होंने इस एक्ट के पास होने पर अंग्रेज़ी सरकार को शैतानों के नाम से पुकारा था। अधिक जानकारी के लिए देखें:-रौलट एक्ट 4. किस भारतीय ने देश के बाहर सर्वप्रथम गणतंत्रात्मक सरकार की स्थापना की थी? राजा महेन्द्र प्रताप एक सच्चे देशभक्त, क्रान्तिकारी, पत्रकार और समाज सुधारक थे। ये 'आर्यन पेशवा' के नाम से प्रसिद्ध थे। राजा महेन्द्र प्रताप का जन्म मुरसान नरेश राजा बहादुर घनश्याम सिंह के यहाँ 1 दिसम्बर सन 1886 ई. को हुआ था। राजा घनश्याम सिंह जी के तीन पुत्र थे, दत्तप्रसाद सिंह, बल्देव सिंह और खड़गसिंह, जिनमें सबसे बड़े दत्तप्रसाद सिंह राजा घनश्याम सिंह के उपरान्त मुरसान की गद्दी पर बैठे और बल्देव सिंह बल्देवगढ़ की जागीर के मालिक बन गए। अधिक जानकारी के लिए देखें:-राजा महेन्द्र प्रताप 5. निम्न में से किस वायसराय का सम्बन्ध 'ब्रेक-डायन-प्लान' से था? "https://bharatdiscovery.org/bharatkosh/w/index.php?title=इतिहास_सामान्य_ज्ञान_241&oldid=567022" से लिया गया
2019/10/23 18:29:30
https://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8_%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF_%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8_241
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श्री साई सच्चरित्र अध्याय – 2 Sai Satcharitra Hindi Chapter = 2 - SM NEWS Home लेख श्री साई सच्चरित्र अध्याय – 2 Sai Satcharitra Hindi Chapter... श्री साई सच्चरित्र ग्रन्थ लेखन का ध्येय, कार्यारम्भ में असमर्थता और साहस, गरमागरम बहस, अर्थपूर्ण उपाधि 'हेमाडपन्त', गुरू की आवश्यकता। गत अध्याय में ग्रन्थकार ने अपने मौलिक ग्रन्थ श्री साई सच्चरित्र (मराठी भाषा) में उन कारणों पर प्रकाश डाला था, जिनके द्वारा उन्हें ग्रंथ रचना के कार्य को आरंभ करने की प्रेरणा मिली। अब वे ग्रन्थ पठन के योग्य अधिकारियों तथा अन्य विषयों का इस अध्याय में विवेचन करते हैं। ग्रंथ लेखन का हेतु किस प्रकार विषूचिका (हैजा) के रोग के प्रकोप को आटा पिसवाकर तथा उसको ग्राम के बाहर फेंकवा कर रोका तथा उसका उन्मूलन किया, बाबा की इस लीला का प्रथम अध्याय में वर्णन किया जा चुका है। मैंने और भी लीलाएँ सुनीं, जिनसे मेरे हृदय को अति आनंद हुआ और यही आनंद का स्त्रोत काव्य रूप में प्रकट हुआ। मैंने यह भी सोचा कि इन महान् आश्चर्यजनक लीलाओं का वर्णन बाबा के भक्तों के लिये मनोरंजक एवं शिक्षाप्रद सिद्ध होगा तथा उनके पाप सममूल नष्ट हो जाएँगे। इसलिए मैंने बाबा की पवित्र जीवन गाथा और उनके मधुर उपदेशों का लेखन प्रारम्भ कर दिया। श्री साई की जीवनी न तो उलझनपूर्ण है और न संकीर्ण ही, वरन्् सत्य और आध्यात्मिक मार्ग का वास्तविक दिग्दर्शन कराती है। श्री हेमाडपन्त को यह विचार आया कि मैं इस कार्य के लिये उपयुक्त पात्र नहीं हूँ। मैं तो अपने परम मित्र की जीवनी से भी भली-भाँति परिचित नहीं हूँ और न ही अपनी प्रकृति से। तब फिर मुझ सरीखा मूढ़मति भला एक महान् संतपुरूष की जीवनी लिखने का दुस्साहस कैसे कर सकता है? अवतारों की प्रवृति के वर्णन में वेद भी अपनी असमर्थता प्रगट करते हैं। किसी सन्त का चरित्र समझने के लिये स्वयं को पहले सन्त होना नितांत आवश्यक है। फिर मैं तो उनका गुणगान करने के सर्वथा अयोग्य ही हूँ। संत की जीवनी लिखने में एक महान् साहस की आवश्यकता है और कहीं ऐसा न हो कि चार लोगों के समक्ष हास्य का पात्र बनना पड़े, इसलिये श्री साई बाबा की कृपा प्राप्त करने के लिये मैं ईश्वर से प्रार्थना करने लगा। महाराष्ट्र के संतश्रेष्ठ श्री ज्ञानेश्वर महाराज का कथन है कि संतचरित्र के रचयिता से परमात्मा अति प्रसन्न होता है। तुलसीदासजी ने भी कहा है कि – ''साधुचरित शुभ सरिस कपासू। निरस विषद गुणमय फल जासू।। जो सहि दुःख पर छिद्र दुरावा। वंदनीय जेहि जग जस पावा।।'' भक्तों को भी संतों की सेवा करने की इच्छा बनी रहती है। संतों की कार्य पूर्ण करा लेने की प्रणाली भी विचित्र ही है। यथार्थ प्रेरणा तो संत ही किया करते हैं, भक्त तो निमित्त मात्र, या कहिये कि कार्यपूत्र्ति के लिये एक यंत्र मात्र हैं। उदाहरणार्थ शक सं. 1700 में कवि महीपति को संत-चरित्र लेखन की पे्ररणा हुई। ईश्वर ने सन्तों में अंतःप्रेरणा पैदा की और कार्य पूर्ण हो गया। इसी प्रकार शक सं. 1800 में श्री दासगणु की सेवा स्वीकार हुई। महीपति ने चार काव्य रचे – भक्तविजय, संतविजय, भक्तलीलामृत और संतलीलामृत, और दासगणु ने केवल दो- भक्तलीलामृत और संतकथामृत- जिसमें आधुनिक संतों के चरित्रों का वर्णन है। भक्तीलीलामृत के अध्याय 31ए 32ए 33 तथा संत कथामृत के 57 वें अध्याय में श्री साईबाबा की मधुर जीवनी तथा अमूल्य उपदेशों का वर्णन सुन्दर एवं रोचक ढंग से किया गया है। इनका उद्धरण श्री साईलीला पत्रिका के अंक 11ए 12ए और 17 में दिया गया है। पाठकों से इनके पठन का अनुरोध है। इसी प्रकार श्री साईबाबा की अद्भुत लीलाओं का वर्णन एक बहुत सुन्दर छोटी सी पुस्तिका- श्री साईनाथ भजनमाला में किया गया है। इसकी रचना बान्द्रा की श्रीमती सावित्रीबाई रघुनाथ तेंदुलकर ने की हैं। श्री दासगणु महाराज ने भी श्री साईबाबा पर कई मधुर कविताओं की रचना की है। एक और भक्त अमीदास भवानी मेहता ने भी बाबा की कुछ कथाओं को गुजराती में प्रकाशित किया है। 'साई प्रभा' नामक पत्रिका में भी कुछ लीलाएँ शिरडी के 'दक्षिणा भिक्षा संस्थान' द्वारा प्रकाशित की गई हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि जब श्री साईनाथ महाराज के जीवन पर प्रकाश डालने वाला इतना साहित्य उपलब्ध है, फिर और एक ग्रन्थ 'साई सच्चरित्र' रचने की आवश्यकता ही कहाँ पैदा होती है? इसका उत्तर केवल यही है कि श्री साईबाबा की जीवनी सागर के सदृश अगाध, विस्तृत और अथाह है। यदि उसमें गहरे गोते लगाये जाएँ तो ज्ञान एवं भक्ति रूपी अमूल्य रत्नों की सहज ही प्राप्ति हो सकती है, जिनसे मुमुक्षुओं को बहुत लाभ होगा। श्री साईबाबा की जीवनी, उनके दृष्टान्त एवं उपदेश महान् आश्चर्य से परिपूर्ण हैं। दुःख और दुर्भाग्यग्रस्त मानवों को इनसे शान्ति और सुख प्राप्त होगा तथा लोक व परलोक में श्रेयस् की प्राप्ति होगी। यदि श्री साई बाबा के उपदेशों का, जो कि वैदिक शिक्षा के समान ही मनोरंजक और शिक्षाप्रद हैं, ध्यानपूर्वक श्रवण एवं मनन किया जाए तो भक्तों को अपने मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाएगी, अर्थात् ब्रह्म से अभिन्नता, अष्टांग योग की सिद्धि और समाधि आनन्द आदि की प्राप्ति सरलता से हो जाएगी। यह सोचकर ही मैंने चरित्र की कथाओं को संकलित करना प्रारंभ कर दिया। साथ ही यह विचार भी आया कि मेरे लिये सबसे उत्तम साधना भी केवल यही है। जो भोले-भाले प्राणी श्री साईबाबा के दर्शनों से अपने नेत्र सफल करने के सौभाग्य से वंचित रहे हैं, उन्हें यह चरित्र अति आनन्ददायक प्रतीत होगा। अतः मैंने भी अपना अहंकार उनके श्री-चरणों पर न्योछावर कर दिया। मैंने सोचा कि अब मेरा पथ अति सुगम हो गया है और बाबा मुझे इहलोक और परलोक में सुखी बना देंगे। मैं स्वयं बाबा की आज्ञा प्राप्त करने का साहस नहीं कर सकता था। अतः मैंने श्री माधवराव उपनाम शामा से, जो कि बाबा के अंतरंग भक्तों में से थे, इस हेतु प्रार्थना की। उन्होंने इस कार्य के निमित्त श्री साईबाबा से विनम्र शब्दों में इस प्रकार प्रार्थना की, ''ये अण्णासाहेब आपकी जीवनी लिखने के लिये अति उत्सुक हैं। परन्तु आप कृपया ऐसा न कहना कि मैं तो एक फकीर हूँ तथा मेरी जीवनी लिखने की आवश्कता ही क्या है? आपकी केवल कृपा और अनुमति से ही ये लिख सकेंगे, अथवा आपके श्री-चरणों का पुण्यप्रताप ही इस कार्य को सफल बना देगा। आपकी अनुमति तथा आशीर्वाद के अभाव में कोई भी कार्य यशस्वी नहीं हो सकता।'' यह प्रार्थना सुनकर बाबा को दया आ गई। उन्होंने आश्वासन और उदी देकर अपना वरदहस्त मेरे मस्तक पर रखा, और कहने लगे कि ''इन्हें जीवनी और दृष्टान्तों को एकत्रित कर लिपिबद्ध करने दो, मैं इनकी सहायता करूँगा। मैं स्वयं ही अपनी जीवनी लिखकर भक्तों की इच्छा पूर्ण करूँगा। परन्तु इनको अपना अहं त्यागकर मेरी शरण में आना चाहिए। जो अपने जीवन में इस प्रकार आचरण करता है, उसकी मैं अत्यधिक सहायता करता हूँ। मेरी जीवन-कथाओं की बात तो सहज है, मैं तो इन्हें घर बैठे अनेक प्रकार से सहायता पहुँचाता हूँ। जब इनका अहं पूर्णतः नष्ट हो जाएगा और खोजने पर लेशमात्र भी न मिलेगा, तब मैं इनके अन्तःकरण में प्रगट होकर स्वयं ही अपनी जीवनी लिखूँगा। मेरे चरित्र और उपदेशों के श्रवण मात्र से ही भक्तों के हृदय में श्रद्धा जागृत होकर सरलतापूर्वक आत्मानुभूति एवं परमानंद की प्राप्ति हो जाएगी। ग्रन्थ में अपने मत का प्रतिपादन और दूसरों का खंडन तथा अन्य किसी विषय के पक्ष या विपक्ष में व्यर्थ के वादविवाद की कुचेष्टा नहीं होनी चाहिए।'' अर्थपूर्ण उपाधि 'हेमाडपंत' 'वादविवाद' शब्द से हमको स्मरण हो आया कि मैंने पाठकों को वचन दिया हैं कि 'हेमाडपंत' उपाधि किस प्रकार प्राप्त हुई , इसका वर्णन करूँगा। अब मैं उसका वर्णन करता हूँ। श्री काकासाहेब दीक्षित व नानासाहेब चाँदोरकर मेरे अतिघनिष्ठ मित्रों में से थे। उन्होंने मुझसे शिरडी जाकर श्री साईबाबा के दर्शनों का लाभ उठाने का अनुरोध किया। मैंने उन्हें वचन दिया, परन्तु कुछ बाधा आ जाने के कारण मेरी शिरडी-यात्रा स्थगित हो गई। मेरे एक घनिष्ठ मित्र का पुत्र लोनावला में रोगग्रस्त हो गया था। उन्होंने सभी सम्भव आधिभैतिक और आध्यात्मिक उपचार किये, परन्तु सभी प्रयत्न निष्फल हुए और ज्वर किसी प्रकार भी कम न हुआ। अन्त में उन्होंने अपने गुरूदेव को उसके सिरहाने बिठलाया, परन्तु परिणाम पूर्ववत् ही हुआ। यह घटना देखकर मुझे विचार आया कि जब गुरू एक बालक के प्राणों की भी रक्षा करने में असमर्थ हैं, तब उनकी उपयोगिता ही क्या है? और जब उनमें कोई सामथ्र्य ही नहीं, तब फिर शिरडी जाने से क्या प्रयोजन? ऐसा सोचकर मैंने यात्रा स्थगित कर दी। परन्तु जो होना है, वह तो होकर ही रहेगा और वह इस प्रकार हुआ। प्रांताधिकारी नानासाहेब चाँदोकर बसई के दौरे पर जा रहे थे। वे ठाणा से दादर पहुँचे तथा बसई जाने वाली गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे। उसी समय बांद्रा लोकल आ पहुँची, जिसमें बैठकर वे बांद्रा पहुँचे तथा शिरडीयात्रा स्थगित करने के लिये मुझे आड़े हाथों लिया। नानासाहेब का तर्क मुझे उचित तथा सुखदायी प्रतीत हुआ और इसके फलस्वरूप मैंने उसी रात्रि शिरडी जाने का निश्चय किया और सामान बाँधकर शिरडी को प्रस्थान कर दिया। मैंने सीधे दादर जाकर वहाँ से मनमाड की गाड़ी पकड़ने का कार्यक्रम बनाया। इस निश्चय के अनुसार मैंने दादर जाने वाली गाड़ी के डिब्बे में प्रवेश किया। गाड़ी छूटने ही वाली थी कि इतने में एक यवन मेरे डिब्बे में आया और मेरा सामान देखकर मुझसे मेरा गन्तव्य स्थान पूछने लगा। मैंने अपना कार्यक्रम उसे बतला दिया। उसने मुझसे कहा कि मनमाड की गाड़ी दादर पर खड़ी नहीं होती, इसलिए सीधे बोरीबन्दर से होकर जाओ। यदि यह एक साधारण सी घटना घटित न हुई होती तो मैं अपने कार्यक्रम के अनुसार दूसरे दिन शिरडी न पहुँच सकने के कारण अनेक प्रकार की शंका-कुशंकाओं से घिर जाता। परन्तु ऐसा घटना न था। भाग्य ने साथ दिया और दूसरे दिन 9.10 बजे के पूर्व ही मैं शिरडी पहुँच गया। यह सन् 1910 की बात है, जब प्रवासी भक्तों के ठहरने के लिये साठेवाड़ा ही एकमात्र स्थान था। ताँगे से उतरने पर मैं साईबाबा के दर्शन के लिये बड़ा लालायित था। उसी समय भक्तप्रवर श्री तात्यासाहेब नूलकर मस्जिद से लौटे ही थे। उन्होेंने बतलाया कि इस समय श्री साईबाबा मस्जिद के मोड़ पर ही हैं। अभी केवल उनका प्रारम्भिक दर्शन ही कर लो और फिर स्नानादि से निवृत्त होने के पश्चात्, सुविधा से भेंट करने जाना। यह सुनते ही मैं दौड़कर गया और बाबा की चरणवन्दना की। मेरी प्रसन्नता का पारावार न रहा। मुझे क्या नहीं मिल गया था? मेरा शरीर उल्लसित सा हो गया। क्षुधा और तृषा की सुधि जाती रही। जिस क्षण से उनके भवविनाशाक चरणों का स्पर्श प्राप्त हुआ, मेरे जीवन में एक नूतन आनन्द-प्रवाह बहने लगा। मैं उनका सदैव के लिये ऋणी हो गया। उनका यह उपकार मैं कभी भूल न सकूँगा। मैं सदा उनका स्मरण कर उन्हें मानसिक प्रणाम किया करता हूँ। जैसा कि मेरे अनुभव में आया कि साई के दर्शन में ही यह विशेषता है कि विचार परिवर्तन तथा पिछले कर्मों का प्रभाव शीघ्र मंद पड़ने लगता है और शनैः शनैः अनासक्ति और सांसारिक भोगों से वैराग्य बढ़ता जाता है। केवल गत जन्मों के अनेक शुभ संस्कार एकत्रित होने पर ही ऐसा दर्शन प्राप्त होना सुलभ हो सकता है। पाठकों, मैं आपसे शपथपूर्वक कहता हूँ कि यदि आप श्री साईबाबा को एक दृष्टि भरकर देख लेंगे तो आपको सम्पूर्ण विश्व ही साईमय दिखलाई पड़ेगा। गरमागरम बहस शिरडी पहुँचने के प्रथम दिन ही बालासाहेब तथा मेरे बीच गुरू की आवश्यकता पर वादविवाद छिड़ गया। मेरा मत था कि स्वतंत्रता त्यागकर पराधीन क्यों होना तथा जब कर्म करना ही पड़ता है, तब गुरू की आवश्यकता ही कहाँ रही? प्रत्येक को पूर्ण प्रयत्न कर स्वयं को आगे बढ़ाना चाहिए। गुरू शिष्य के लिये करता ही क्या है? वह तो सुख से निद्रा का आनंद लेता है। इस प्रकार मैंने स्वतंत्रता का पक्ष लिया और बालासाहेब ने प्रारब्ध का। उन्होंने कहा कि जो विधि-लिखित है, वह घटित हो कर रहेगा, इसमें उच्चकोटि के महापुरूष भी असफल हो गए हैं। कहावत है- ''मेरे मन कछु और है, विधाता के कछु और।'' फिर परामर्शयुक्त शब्दों में बोले, 'भाई साहेब, यह निरी विद्वत्ता छोड़ दो। यह अहंकार तुम्हारी कुछ भी सहायता न कर सकेगा।'' इस प्रकार दोनों पक्षों के खंडन-मंडन में लगभग एक घंटा व्यतीत हो गया और सदैव की भाँति कोई निष्कर्ष न निकल सका। इसलिए तंग और विवश होकर विवाद स्थगित करना पड़ा। इसका परिणाम यह हुआ कि मेरी मानसिक शांति भंग हो गई तथा मुझे अनुभव हुआ कि जब तक घोर दैहिक बुद्धि और अहंकार न हो, तब तक विवाद संभव नहीं। वस्तुतः यह अंहकार ही विवाद की जड़ है। जब अन्य लोगों के साथ मैं मस्जिद गया, तब बाबा ने काकासाहेब को संबोधित कर प्रश्न किया कि साठेवाड़ा में क्या चल रहा था? किस विषय में विवाद था? फिर मेरी ओर दृष्टिपात कर बोले कि इन 'हेमाडपंत' ने क्या कहा। ये शब्द सुनकर मुझे अधिक अचम्भा हुआ। साठेवाड़ा और मस्जिद में पर्याप्त अन्तर था। सर्वज्ञ या अंतर्यामी हुए बिना बाबा को विवाद का ज्ञान कैसे हो सकता था? मैं सोचने लगा कि बाबा 'हेमाडपंत' के नाम से मुझे क्यों सम्बोधित करते हैं? यह शब्द तो 'हेमाद्रिपंत' कर अनभ्रंश है। 'हेमाद्रिपंत' देवगिरि के यादव राजवंशी महाराजा महादेव और रामदेव के विख्यात मंत्री थे। वे उच्चकोटि के विद्वान्, उत्तम प्रकृति और 'चतुवर्ग चिंतामणि' (जिसमें आध्यात्मिक विषयों का विवेचन है) और 'राजप्रशस्ति' जैसे उत्तम काव्यों के रचयिता थे। उन्होंने ही हिसाब-किताब रखने की नवीन प्रणाली का आविष्कार किया था और बहीखाते की पद्धति को जन्म दिया था, और कहाँ मैं इसके विपरीत एक अज्ञानी, मूर्ख और मंदमति हूँ। अतः मेरी समझ में यह न आ सका कि मुझे इस विशेष उपाधि से विभूषित करने का क्या तात्पर्य है? गहन विचार करने पर मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि कहीं मेरे अहंकार को चूर्ण करने के लिये ही तो बाबा ने इस अस्त्र का प्रयोग नहीं किया है, ताकि मैं भविष्य में सदैव के लिए निरभिमानी एवं विनम्र हो जाऊँ, अथवा कहीं यह मेरे वाक्चातुर्य के उपलक्ष में मेेरी प्रशंसा तो नहीं है? भविष्य पर दृष्टिपात करने से प्रतीत होता है कि बाबा के द्वारा 'हेमाडपंत' की उपाधि से विभूषित करना कितना अर्थपूर्ण और भविष्यगोचर था। सर्वविदित है कि कालान्तर में दाभोलकर ने श्री साईबाबा संस्थान का प्रबन्ध कितने सुचारू एवं विद्वत्तापूर्ण ढंग से किया था। हिसाब-किताब आदि कितने उत्तम प्रकार से रखे तथा साथ ही साथ महाकाव्य 'साई सच्चरित्र' की रचना भी की। इस ग्रन्थ में महत्त्वपूर्ण और आध्यात्मिक विषयों जैसे ज्ञान, भक्ति, वैराग्य, शरणागति व आत्मनिवेदन आदि का समावेश है। गुरू की आवश्यकता इस विषय में बाबा ने क्या उद्गार प्रकट किये, इस पर हेमाडपंत द्वारा लिखित कोई लेख या स्मृतिपत्र प्राप्त नहीं है। परन्तु काकासाहेब दीक्षित ने इस विषय पर उनके लेख प्रकाशित किये हैं। बाबा से भेंट करने के दूसरे दिन 'हेमाडपंत' और काकासाहेब ने मस्जिद में जाकर घर लौटने की अनुमति माँगी। बाबा ने स्वीकृति दे दी। किसी ने प्रश्न किया- ''बाबा कहाँ जाएँ।'' उत्तर मिला – ''ऊपर जाओ।'' प्रश्न- ''मार्ग कैसा है?''। ृ बाबा- अनेक पंथ हैं। यहाँ से भी एक मार्ग है। परन्तु यह मार्ग दुर्गम है तथा सिंह और भेड़िये भी मिलते हैं। काकासाहेब- यदि पथ प्रदर्शक भी साथ हो तो? बाबा- तब कोई कष्ट न होगा। पथ-प्रदर्शक तुम्हारी सिंह, भेड़िये और खन्दकों से रक्षा कर तुम्हें सीधे निर्दिष्ट स्थान पर पहुँचा देगा। परन्तु उसके अभाव में जंगल में मार्ग भूलने या गड्ढे में गिर जाने की संभावना है। दाभोलकर भी उपर्युक्त प्रसंग के अवसर पर वहाँ उपस्थित थे। उन्होंने सोचा कि जो कुछ बाबा कह रहे हैं, वह ''गुरू की आवश्यकता क्यों है?'' इस प्रश्न का उत्तर है (साईलीला भाग 1, संख्या 5 व पृष्ठ 47 के अनुसार)। उन्होंनेे सदा के लिये मन में यह गाँठ बाँध ली कि अब कभी इस विषय पर वादविवाद नहीं करेंगे कि स्वतंत्र या परतंत्र व्यक्ति आध्यात्मिक विषयों के लिये कैसा सिद्ध होगा? प्रत्युत्त् इसके विपरीत यथार्थ में परमार्थ-लाभ केवल गुरू के उपदेश-पालन में ही निहित है। इन उपदेशों का वर्णन मूल काव्य-ग्रंथ के इसी अध्याय में किया गया है, जिसमें लिखा है कि राम और कृष्ण महान् अवतारी होते हुए भी आत्मानुभूति के लिये राम को अपने गुरू वसिष्ठ और कृष्ण को अपने गुरू संदीपनि की शरण में जाना पड़ा था। इस मार्ग में उन्नति प्राप्त करने के लिये केवल श्रद्धा और धैर्य- ये ही दो गुण सहायक है।
2020/07/10 05:40:30
http://www.smnews.co/%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%B8%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE/
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Cash Crunch: Latest Cash Crunch News & Updates,Cash Crunch Photos & Images, Cash Crunch Videos | Navbharat Times - Page 18 October,21,2019, 14:31:04 जम्मू-कश्मीर: बैंक लूट की बढ़ती वारदात की वजह स्थानीय आतंकी और नोटबंदी May 09, 2017, 12.18 PM जम्मू-कश्मीर में बढ़ती बैंक डकैतियों की वजह स्थानीय युवकों का आतंकी संगठनों से हाथ मिलाना भी है। ये युवा पैसे और हथियारों की कमी से निपटने के लिए ऐसे अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। घाटी में बढ़ती लूट की वारदात के बाद जम्मू एंड कश्मीर बैंक ने गैर जरूरी और कम सुरक्षा में कैश लेकर आवाजाही को कम कर दिया है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के एटीएम हुए 'कैशलेस' Mar 27, 2018, 12.53 PM कर्नाटक के एमएसआईएल से सेवानिवृत्त हुए वी जगन्नाथ राव इन दिनों बहुत परेशान हैं। वह बीते कुछ दिनों से लगातार एटीएम के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें कैश नहीं मिल पा रहा है। घर के पास बने एटीएम में कई दिनों से
2019/10/21 09:01:06
https://navbharattimes.indiatimes.com/topics/Cash-Crunch/18
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जानें- क्या कहता है आपका (रविवार 30 दिसंबर 2018) का राशिफल, कैसा रहेगा आपका आज का दिन Mon May 27 2019 08:31:41 GMT+0530 (IST) Home > ज्योतिष > राशिफल > जानें- क्या कहता है आपका (रविवार 30 दिसंबर 2018) का राशिफल, कैसा रहेगा आपका आज का दिन Vikas Kumar | 30 Dec 2018 4:27 AM GMT | नई दिल्ली मेष राशि- मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल माना जाता है। भगवान श्री गणेश को मेष राशि का आराध्य देव माना जाता है। आज दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। वस्त्रों आदि पर खर्च बढ़ सकते हैं। संचित धन में कमी आ सकती है। शिक्षा में व्यवधान आ सकते हैं। वृष राशि- वृषभ का राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। इस राशिवालों के लिए शुभ दिन शुक्रवार और बुधवार होते हैं। कुलस्वामिनी को वृषभ राशि का आराध्य माना जाता है। आज धैर्यशीलता में कमी आएगी। आत्मसंयत रहें। परिवार की समस्याएं बढ़ सकती हैं। रहन-सहन कष्टमय रहेगा। मिथुन राशि- मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है। इस राशि के जातक बेहद समझदार होते हैं। मिथुन राशि के आराध्य देव कुबेर होते हैं। आज मन में नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है। सन्तान सुख में वृद्धि होगी। खर्चों की अधिकता से परेशान रहेंगे। कर्क राशि- कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। भगवान शंकर को कर्क राशि का आराध्य देव माना जाता है। आज मन अशान्त रहेगा। किसी अज्ञात भय से परेशान रहेंगे। किसी मित्र के सहयोग से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। सिंह राशि- सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस राशि के लोग किसी के सामने झुकना नहीं पसंद नहीं करते हैं। सिंह राशि के आराध्य देव भगवान सूर्य होते हैं। आज आत्मविश्वास में कमी आएगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी हो सकता है। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। कन्या राशि- कन्या राशि के जातक बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। मान्यता है कि कन्या राशि के आराध्य देव कुबेर जी होते हैं। आज मन में शान्ति एवं प्रसन्नता के भाव रहेंगे। कुटुम्ब की किसी बुजुर्ग महिला से धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं।
2019/05/27 03:01:42
https://specialcoveragenews.in/astrology/rashiphal/daily-horoscope-of-sunday-30-december-2018-in-hindi-1094922
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शिवालयों की तैयारियां पूरी, सुरक्षा के किए गए कड़े इंतज़ाम - Gorakhpur.finalreport.in डी के कुशवाहा, मऊ। क़स्बा स्थित प्राचीन व ऐतिहासिक गौरीशंकर मंदिर और क्षेत्र के नौसेमर स्थित प्राचीन बारह दुवरिया शिव मंदिर पर सोमवार को महाशिवरात्रि को लेकर सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है. उक्त दोनों मंदिर का आध्यात्मिक रूप से बहुत ही महत्व है. मंदिर पर जल चढ़ाने के लिए दूर-दूर से आये भक्तो की भीड़ लगती है. कहते है कि आज भी लोग उक्त दोनों मन्दिरो पर झूठी कसमे खाने से परहेज करते है. लोगो का यह भी मानना है कि सच्चे मन से की गयी प्रार्थना हमेशा फलदायी होती है. वही महाशिवरात्रि को लेकर दोनों मन्दिरो पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए है. इसके लिए 6 एसआई के अलावा 3 दर्जन महिला व पुरुष पुलिसकर्मी लगाए गये है. कोपागंज स्थित प्राचीन गौरीशंकर मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां पर मंदिर के गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग की स्थापना किसी ने नहीं कराई है अपितु यह स्वयं प्रकट हुआ है. कहा जाता है कि लगभग 700 वर्ष पूर्व पिथौरागढ़ नरेश इधर से अपनी सेना के साथ गुजर हरे थे. कुछ देर विश्राम करने के लिए इसी गौरीशंकर मंदिर के प्रांगण में रुके. उस समय यह मंदिर जंगलों और झाड़ से ढका हुआ था. उसी समय राजा को स्वप्न में मंदिर के अंदर शिवलिंग ढके होने की जानकारी हुई. राजा ने अपने राज्य पिथौरागढ़ से धन माँगाकर इस मन्दिर की साफ-सफाई करायी. सफाई के दौरान गर्भगृह में नीचे दबे शिवलिंग का पता चला तो राजा ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. उक्त मन्दिर पर महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर कोपागंज शिव परिवार कावरिया संघ के अध्यक्ष राकेश यादव, गुड्डू व दिनेश सोनकर, कार्तिक, मोदनवाल आदि के नेतृत्व में शनिवार की सुबह से ही मन्दिर की साफ-सफाई व साज-सज्जा, रँगाई-पोताई का काम चल रहा था, जिससे मन्दिर पर जल व पूजा-पाठ करने वाले महिला पुरुष भक्तो को किसी भी तरह कि कोई दिक्कते न हो. मन्दिर पर सुरक्षा के वावत एसआई 6 , पुलिस पुरुष 40 ,महिला सिपाही 5, होमगार्ड 25 के तैनात किये गए है. इनके अलावा सुरक्षा के बावत कोतवाल अखिलेश कुमार ने कहा कि और भी फोर्स की माँग की गयी है और जो भी फोर्स उपलब्ध रहेगी सुरक्षा में ज़रूर लगायी जायेगी.
2019/03/19 04:26:23
http://gorakhpur.finalreport.in/mau/complete-preparations-in-the-temples-at-mahashivaratri-festival-tight-security-arrangements/
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In Delhi Criminals continue to shoot fast to recover extortion, No fear of the police - दिल्ली में बदमाशों के हौसले बुलंद, रंगदारी वसूलने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग की | India News in Hindi होमदेशदिल्ली में बदमाशों के हौसले बुलंद, रंगदारी वसूलने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग की Delhi में घटना का एक वीडियो सामने आया है. इसमें 6 बदमाश एक घर के बाहर ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं. घटना 26 फरवरी रात 10 बजे की है. Written by मुकेश सिंह सेंगर, Updated: 12 मार्च, 2021 12:20 AM दिल्ली पुलिस भले ही राजधानी में अपराधियों पर शिकंजा कसने का दावा करती हो, लेकिन लगातार हो रही घटनाओं से आप अंदाजा लगा लेंगे कि राजधानी दिल्ली में बदमाशों के हौसले किस कदर बुलंद हैं. ताजा घटना मंडोली जिले की है दिल्‍ली: बुजुर्ग दंपति को कुचलने के मामले में नया खुलासा, गिरफ्तार लड़की नहीं बल्कि उसकी बहन चला रही थी कार इसमें 6 बदमाश एक घर के बाहर ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं. घटना 26 फरवरी रात 10 बजे की है. आरोपों के मुताबिक फैजल नाम के एक आरोपी ने 25 फ़रवरी को शाम को दीपक के पास पहुंच कर रंगदारी मांगी और कहा कि अगर उसे इलाके में काम करना है तो 20 हज़ार रुपये देने होंगे. दीपक ई रिक्शा का कारोबार करता है. आरोपी फैजल ने कहा था कि वो मंडोली जेल में बंद आरोपी वसीम फ़ौजी के लिए रंगदारी मांगने के लिए आया है. रंगदारी नही मिलने पर जान से मारने की भी धमकी दी गई थी. पैसे नही देने पर आधे दर्जन से ज्यादा बदमाश 26 फरवरी को दीपक के घर पर पहुंच गए और ताबड़तोड़ फायरिंग की. हालांकि बाद में इस मामले में दिल्ली पुलिस 6 लोगो को गिरफ्तार कर लिया है. मगर हथियारों से लैस बदमाशों के खुलेआम घूमने और बेखौफ होकर ताबड़तोड़ फायरिंग करने से इलाकाई लोगों में दहशत कायम है. कोई भी सामने आकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. इस वाकये में बदमाश पीड़ित के घर के बाहर फायरिंग के साथ भद्दी गालियों और उसके दरवाजे पर लात मारकर बाहर निकलने को भी कहते रहे.
2021/04/11 15:01:32
https://ndtv.in/india-news/in-delhi-criminals-continue-to-shoot-fast-to-recover-extortion-no-fear-of-the-police-2388937
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HC criticizes lower court while acquitting Rajesh and Nupur Talwar in Arushi murder case - आरुषि मर्डर केस के जज ने गणित के टीचर, फिल्म निर्देशक जैसा बर्ताव किया : इलाहाबाद हाईकोर्ट होमदेशआरुषि मर्डर केस के जज ने गणित के टीचर, फिल्म निर्देशक जैसा बर्ताव किया : इलाहाबाद हाईकोर्ट हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चली आरुषि केस की सुनवाई के बारे में कड़े शब्दों में कहा कि तलवार दंपति को दोषी करार देने वाले जज ने न्याय की सामान्य प्रक्रिया से 'भटककर' काम किया. Reported by आलोक पांडे, Translated by विवेक रस्तोगी, Updated: 13 अक्टूबर, 2017 11:57 AM राजेश और नूपुर तलवार की जल्द हो सकती है रिहाई ( फाइल फोटो) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को किया बरी हाईकोर्ट ने की बड़ी टिप्पणी निचली अदालत के जज की तुलना की फिल्म निर्देशक से डेंटिस्ट युगल राजेश और नूपुर तलवार को वर्ष 2008 में हुई उनकी किशोरी पुत्री आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज की हत्या के आरोप से बरी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने युगल को दोषी करार देने वाले निचली अदालत के जज की तुलना 'गणित के अध्यापक' तथा 'फिल्म निर्देशक' से की, जो इधर-उधर छितराए हुए तथ्यों में से कहानी गढ़ रहा हो. हाईकोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि तलवार दंपति को दोषी करार देने वाले जज ने न्याय की सामान्य प्रक्रिया से 'भटककर' काम किया. हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया, "जज गणित के किसी अध्यापक की तरह काम नहीं कर सकते, जो किसी भी संख्या को फर्ज़ कर तुलनाओं से किसी गणितीय प्रश्न को हल कर रहा है... किसी फिल्म निर्देशक की तरह निचली अदालत के जज ने बेहद छितराए हुए तथ्यों के आधार पर गढ़ी गई कहानी पर ज़ोर दिया, लेकिन इस बात पर कतई ज़ोर नहीं दिया कि वास्तव में हुआ क्या था..." नोएडा स्थित अपने आवास में वर्ष 2008 में हुई हत्याओं के लिए दोषी करार दिए जाने के बाद से चार साल से जेल में बंद तलवार दंपति को आज (शुक्रवार को) जेल से रिहा कर दिया जाएगा. 14 साल की होने से कुछ ही दिन पहले आरुषि का शव उसके बेडरूम में मिला था, और उसका गला रेता हुआ था. सबसे पहले हत्या का संदेह घरेलू नौकर हेमराज पर किया गया, लेकिन कुछ ही घंटे बाद उसका शव भी घर की छत पर पड़ा मिला. देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बने इस केस में निचली अदालत ने परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर तलवार दंपति को हत्या को दोषी करार दिया था. जेल में जिंदगी के सफर और अंधेरे में उजाले की तलाश की कहानी है 'तिनका-तिनका डासना' हाईकोर्ट का कहना है कि सीबीआई यह साबित करने में नाकाम रही कि तलवार दंपति ने ही अपनी बेटी का कत्ल किया, तथा निचली अदालत के जज द्वारा निकाला गया निष्कर्ष 'गैरकानूनी और विकृत' था, क्योंकि अदालत ने रिकॉर्ड किए गए सबूतों पर विचार ही नहीं किया. हाईकोर्ट के दोनों जजों ने कहा, "संदेह कितना भी मजबूत क्यों न हो, सबूतों की जगह नहीं ले सकता... दो पहलू मुमकिन हैं... एक, जो अपील करने वालों के दोषी होने की ओर इशारा करता है, दूसरा, जो उन्हें निर्दोष बताता है... हमारा कहना है कि हम उस पर ध्यान दें, जो उनके (तलवार दंपति के) पक्ष में हो..." हाईकोर्ट को "उस दुर्भाग्यपूर्ण रात में घर के भीतर अन्य बाहरी लोगों की मौजूदगी की संभावना पर भी यकीन है... घर के भीतर किसी बाहरी व्यक्ति के होने से इंकार नहीं किया जा सकता..." जजों ने कहा, "सीबीआई इस तरह का कोई भी सबूत जुटाने में पूरी तरह नाकाम रही, जिससे इशारा मिलता कि हेमराज का कत्ल आरुषि के बेडरूम में हुआ, और फिर उसके शव को चादर में लपेटकर घसीटते हुए छत तक ले जाया गया..." वीडियो : जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे तलवार दंपति सीबीआई की इस थ्योरी को जजों ने पूरी तरह नकार दिया कि तलवार दंपति ने ही हेमराज के शव को अपने घर की छत पर छिपाया, और कहा कि यह थ्योरी 'साफ-साफ बेतुकी और नामुमकिन है...'
2021/01/22 01:34:45
https://khabar.ndtv.com/news/india/hc-criticizes-lower-court-while-acquitting-rajesh-and-nupur-talwar-in-arushi-murder-case-1762399
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Lack of blood flow in brain causes heart attack-मस्तिष्क में रक्त प्रवाह की कमी हार्ट अटैक को आमंत्रण - Patrika News 2015-02-16 13:01:47IST जिन मरीजों के ब्रेन में रक्त प्रवाह कम रहा उनमें हार्ट अटैक का जोखिम 22 प्रतिशत रहा। न्यूयार्क। एक नए शोध में पता चला है कि जिन रोगियों के मस्तिष्क के पिछले हिस्से में रक्त प्रवाह कम रहता है उन्हें बार-बार दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक रहता है। यह निष्कर्ष छह वर्षो तक किए गए शोध से मिला है। अमरीका के इलिनॉयस विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान विभाग में न्यूरो सर्जरी के प्राध्यापक एवं प्रमुख शोधकर्ता सेपिडेह अमीन-हंजानी ने बताया कि शोध में हमने पाया कि जिन रोगियों के मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम रहा उनमें शुरूआती 12 महीनों में बार-बार दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 22 प्रतिशत रहा। जबकि अन्य रोगियों में यह जोखिम मात्र चार प्रतिशत पाया गया। अगर 24 महीने की अवधि में देखें तो यह जोखिम बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया।मस्तिष्क के पिछले हिस्से में रक्त प्रवाहित करने वाली नलिकाओं के अवरूद्ध होने की समस्या को वीबीडी के नाम से जाना जाता है तथा इस समस्या से ग्रस्त रोगियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वीबीडी से ग्रस्त रोगियों में बार-बार ह्वदयाघात के जोखिम के अन्य कारण भी हो सकते हैं। विशेष सॉफ्टवेयर भी विकसित किया गयाअनुसंधानकर्ताओं ने इसके लिए स्टैंडर्ड मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग तकनीक का उपयोग कर रक्त प्रवाह का पता लगाने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर भी विकसित किया है। ह ंजानी ने कहा कि हमारा वास्तविक उद्देश्य प्रत्येक मरीज के लिए सर्वाधिक प्रभावी उपचार का पता लगाना है। इस शोध को इंटरनेशनल स्ट्रोक कॉनफ्रेंस में प्रस्तुत किया गया।
2017/07/24 06:35:44
http://www.patrika.com/news/weight-loss/lack-of-blood-flow-in-brain-causes-heart-attack-1002327/
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना...कहा...सरकार की नीतियों से अर्थव्यवस्था का बुरा हाल... कांग्रेस नेता राहुल... 31 Aug 2020 4:42 AM GMT जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार पर नए अंदाज में निशाना साधा. अपनी नई वीडियो सीरीज़ में राहुल ने कोरोना संकट के कारण अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बात की. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने असंगठित क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पर आक्रमण किया और आपको गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है. राहुल ने कहा कि 2008 में पूरी दुनिया में आर्थिक तूफान आया, अमेरिका की कंपनियां बंद हो गईं. लेकिन भारत में कुछ नहीं हुआ, यूपीए की सरकार थी मैंने मनमोहन सिंह जी से पूछा कि ऐसा कैसे हुआ? तब मनमोहन सिंह जी ने मुझे बताया कि भारत में दो अर्थव्यवस्थाएं हैं, पहली संगठित और दूसरी असंगठित. वीडियो में राहुल गांधी ने बताया कि संगठित अर्थव्यवस्था यानी बड़ी कंपनियां और दूसरी असंगठित में किसान-मजदूर आदि. जबतक असंगठित संगठन मजबूत है, तबतक कुछ नहीं हो सकता है. राहुल बोले कि पिछले 6 साल से बीजेपी की सरकार असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण किया है, इनमें नोटबंदी-गलत GST-लॉकडाउन से ऐसा हुआ है. राहुल बोले कि ये मत सोचिए कि गलती से आखिरी में लॉकडाउन किया गया है, इनका लक्ष्य इनफॉर्मल सेक्टर को खत्म करने का है. प्रधानमंत्री जी को अगर सरकार चलानी है, तो मीडिया की जरूरत है और मार्केटिंग की जरूरत है. लेकिन नीतियों के कारण रोजगार पैदा नहीं हो रहे हैं, जिस दिन इन्फॉर्मल सेक्टर खत्म हुआ तो रोजगार नहीं आ पाएंगे. https://twitter.com/RahulGandhi/status/1300289785278296064 TagsCongress leader Rahul Gandhi targeted the Modi government ... said ... the policies of the government are bad condition of the economy ... कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना...कहा...सरकार की नीतियों से अर्थव्यवस्था का बुरा हाल...
2021/12/02 12:13:09
https://jantaserishta.com/news/congress-leader-rahul-gandhi-targeted-the-modi-government-said-the-policies-of-the-government-are-bad-condition-of-the-economy/
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रोज 15 से 20 गाय की हो रही मौत, ठेकेदार की मनमानी के चलते समय पर नहीं उठाए जा रहे मृत मवेशियों के शव | 15 to 20 cows are dying every day, due to the arbitrariness of the contractor, the bodies of the dead cattle are not being picked up on time. - Money Bhaskar 15 To 20 Cows Are Dying Every Day, Due To The Arbitrariness Of The Contractor, The Bodies Of The Dead Cattle Are Not Being Picked Up On Time. सर्दी का सितम:रोज 15 से 20 गाय की हो रही मौत, ठेकेदार की मनमानी के चलते समय पर नहीं उठाए जा रहे मृत मवेशियों के शव भिंड शहर के मेला ग्राउंड में मृत पड़ीं गाय । ठंड की वजह से आवारा मवेशियों की मौत का आंकड़ा बढ़ा, नपा के जलवाए अलाव भी पड़ रहे नाकाफी शव उठवाने वाला ठेकेदार शाम 5 बजे बंद कर लेता है मोबाइल, सफाई- शव दफनाने फूप जाना होता है सर्दी का सितम बढ़ने के बाद मवेशियों की जान पर आफत बन आई है। शहर में पिछले पांच दिन से हर रोज 15 से 20 गायों की मौत हो रही है। मृत मवेशी के शव का नगरपालिका तत्काल उठाव नहीं करवा पा रही है। कारण यह है कि नगरपालिका ने जिसे मृत मवेशी के शव को उठाने की जिम्मेदारी दी है, वह शाम पांच बजे के बाद अपना मोबाइल फोन ही स्विच ऑफ कर लेता है। वहीं नगरपालिका भी ठेकेदार पर ज्यादा दबाव नहीं पा रही है। बता दें कि पिछले एक सप्ताह से ठंड का असर काफी बढ़ गया है। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से राहत पाने के लिए लोग तो गर्म कपड़ों का सहारा लेकर राहत पानी की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन आवारा बेजुबान पशुओं के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है। आलम यह है इन दिनों न्यूनतम पारा 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है, ऐसे में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वाली गाय और मवेशियों ठंड का शिकार हो रही है, जिससे उनकी असमय मौत हो रही है। नगरपालिका की मानें तो सर्दी के मौसम में आठ से 10 गायों की हर रोज मौत हो रही थी। लेकिन ठंड का कहर बढ़ने के बाद यह आंकड़ा 15 से 20 पर पहुंच गया है। पिछले पांच दिनों में 100 के करीब गायों की मौत हो चुकी है। तीन साल से नहीं हुआ ठेका, पांच मस्टर कर्मचारी का दे रहे वेतन नगरपालिका सूत्रों की मानें तो पिछले तीन साल से शहर में आवारा मवेशी के शव को उठाने का ठेका नहीं हुआ है। इसके पीछे कारण यह है कि उत्तरप्रदेश में शेल्टर हाउस बंद होने के बाद कोई भी व्यक्ति अब शव उठाने का ठेका लेने को राजी नहीं है। ऐसे में नगरपालिका वर्तमान ठेकेदार को पांच मस्टर कर्मचारियों का वेतन, 10 लीटर डीजल और एक ट्रेक्टर देकर व्यवस्था का संचालन कर रही है। वहीं ठेकेदार भी नगरपालिका की मजबूरी का भरपूर फायदा उठाकर अपनी मर्जी के अनुसार काम कर रहा है। मृत मवेशियों के शव को समय से उठाने नहीं आ रहे ठेकेदार शहर में हर रोज 15 से 20 गाय और मवेशियों की मौत हो रही है। जबकि नगरपालिका द्वारा इन मवेशियों के शव को उठाने के लिए नियुक्त किया गया ठेकेदार उन्हें समय से उठाने नहीं आ रहा है। लोगों की मानें तो पांच से सात बार फोन करने के बाद 24 से 48 घंटे में मवेशी के शव को उठाया जा रहा है, जिससे लोगों की भावनाएं भी आहत हो रही है। हालांकि नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि मवेशियों के शव को उठाने वाला ठेकेदार एक है। जबकि इन दिनों मवेशियों ज्यादा मर रही है, जिससे यह दिक्कत आ रही है। कम पड़ रहे अलाव, ठंड की वजह से मवेशियों की जान पर बन रहा संकट ठंड के मौसम में आवारा पशुओं सर्दी से बचाने के लिए नगरपालिका ने शहर में कई स्थानों पर अलाव तो जलाए हैं। लेकिन शहर में आवारा पशुओं की संख्या की तुलना ये ऊंट के मुंह में जीरा के समान हो रहे हैं। स्थिति यह है कि आवारा गायें और मवेशियों रात के समय ओस से बचने के लिए घर, मकान और दुकान के बाहर लगे टीनशेड और छज्जे के नीचे खड़े होकर सर्दी से बचने का प्रयास करती है। लेकिन इस कड़ाके की ठंड में उसका भी फायदा नहीं मिल रहा और ठंड की वजह से आवारा मवेशियों की मौत् हो रही है। मवेशियों की ज्यादा मौत होने से आ रही समस्या यह सही है कि इन दिनों गायों की मौत ज्यादा हो रही है, जिससे उन्हें तत्काल उठवाने में समस्या आ रही है। ठेकेदार शाम पांच बजे के बाद मोबाइल इसलिए बंद कर लेता है कि मृत मवेशियों के शव को दफनाए जाने के लिए फूप ले जाया जाता है। इन दिनों हर रोज 15 से 20 गाय की मौत हो रही है। कोशिश करते हैं कि जल्द से शव उठवा सकंे।
2022/05/17 12:02:30
https://money.bhaskar.com/local/mp/bhind/news/15-to-20-cows-are-dying-every-day-due-to-the-arbitrariness-of-the-contractor-the-bodies-of-the-dead-cattle-are-not-being-picked-up-on-time-129308580.html
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सुलतानपुर। केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद भारत सरकार के सहयोग से ओमकार सेवा संस्थान द्वारा सरस्वती विद्या मन्दिर इ.का. ग्राम भारती धम्मौर में एक दिवसीय मधुमेह एवं योग पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिले के प्रसिद्ध योग गुरू डॉ. सन्दीप तिवारी ने मंत्रालय द्वारा निर्धारित योग प्रोटोकाल 60 मिनट का अभ्यास कराया तथा उपस्थित चिकित्सकों के द्वारा शर्कटा परीक्षण किया गया। संस्था के महासचिव सूर्य कुमार त्रिपाठी ने शिविर को सम्बोधित करते हुए कहा कि डायबिटीज आज के समय में एक बड़ी समस्या है जहां डायबिटीज स्वयं में एक छुरूह बीमारी है वहीं यह कई बीमारियों की जननी भी है। आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में इसका कोई समुचित इलाज नहीं है, योगाभ्यास करने से पैक्रियाज ग्लैण्ड की अक्रियाशीलता, क्रियाशीलता में बदलती है और मधुमेह नियंत्रित हो जाता है। शिविर में मण्डूकासन, पवन मुक्तासन, कूमसिन, सूर्य नमस्कार, कपाल भारती, प्राणायाम, भन्तः कुम्भम प्राणायाम का अभ्यास कराया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य गुलाबशंकर तिवारी, अनूप कुमार चन्द्र प्रकाश, राजेश शुक्ल सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। भेदभाव का निषेध, द्विपक्षीय या बहुपक्षीय निवेश संधियों द्वारा प्रदान किए गए सुरक्षा मानकों के बीच निवेशकों के निवेश को प्रभावित करने वाले अनुचित और / या मनमाने उपाय. यद्यपि इसे राज्य की जिम्मेदारी की खोज के लिए एक स्वतंत्र आधार माना जाता है, कुछ मध्यस्थ न्यायाधिकरणों ने माना है कि निष्पक्षता और न्यायसंगत उपचार के साथ मनमानी या भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा के मानक निकट से जुड़े हुए हैं. सीएमएस वी. अर्जेंटीना के न्यायाधिकरण ने विशेष रूप से फैसला सुनाया कि "[ए]ny उपाय जिसमें मनमानी या भेदभाव शामिल हो सकता है वह निष्पक्ष और न्यायसंगत उपचार के विपरीत है।[1] “प्रत्येक कॉन्ट्रैक्टिंग पार्टी अन्य कॉन्ट्रैक्टिंग पार्टी के निवेशकों के निवेश के लिए उचित और न्यायसंगत उपचार सुनिश्चित करेगी और ख़राब नहीं होगी, अनुचित या भेदभावपूर्ण उपायों द्वारा, आपरेशन, प्रबंध, रखरखाव, उपयोग, उन निवेशकों द्वारा आनंद या निपटान। " अन्य संधियों में मानक से थोड़ा भिन्न शब्द हो सकते हैं. ये मामला है, उदाहरण के लिए, अनुच्छेद II के(3)(ख) जॉर्जिया-यूएसए बीआईटी जो निम्नानुसार पढ़ता है: “न तो पार्टी किसी भी तरह से अनुचित और भेदभावपूर्ण व्यवहार से प्रभावित होगी, प्रबंधन को मापता है, आचरण, ऑपरेशन, और कवर किए गए निवेशों की बिक्री या अन्य वितरण। "
2021-03-02T17:52:46Z
https://ghughutibasuti.blogspot.com/
OSCAR-2109
मुसाफ़िर हूँ यारो... ( Musafir Hoon Yaaro ...): चलिए बैंकाक की चाओ फराया नदी में रात के सफ़र पर. Night cruise in Chao Pharaya River, Bangkok चलिए बैंकाक की चाओ फराया नदी में रात के सफ़र पर. Night cruise in Chao Pharaya River, Bangkok नदियाँ शहर की सुंदरता को तब और बढ़ा देती हैं जब वो शहर के बीचो बीच से गुजरती हों। हाल फिलहाल में लंदन में टेम्स और पेरिस में सीन के अगल बगल बिखरी सुंदरता तो देख चुका हूँ। पर आज ऐसे ही एक नदी के किनारे बसे शहर की बात करूँगा जो भारत से ज्यादा दूर भी नहीं है और जहाँ की एक शाम मैंने उसी नदी के साथ गुजारी थी। वो शहर था बैंकाक और वो नदी थी चाओ फराया। चाओ फराया थाइलैंड की एक प्रमुख नदी है जो इसके केंद्रीय मैदानी भाग से दक्षिण की ओर बहती हुई थाइलैंड की खाड़ी में जा मिलती है। इस नदी के किनारे थाइलैंड के कई नए पुराने शहर बसे हुए हैं जिनकी समृद्धता की वज़ह नदी मार्ग से होने वाले व्यापार की सहूलियत थी। जब थाइलैंड स्याम के नाम से जाना जाता था तब भी यही नदी इसकी प्राचीन राजधानी अयुथ्या से समुद्र तक के व्यापार मार्ग का साधन थी। River City Shopping Complex, Bangkok आज चाओ फराया बैंकाक शहर को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बाँटती है। नदी के पूर्वी हिस्से की ओर आज का आधुनिक बैंकाक फैला हुआ है। शहर के सभी प्रमुख शॉपिंग मॉल व् मेट्रो सेवा इसी इलाक़े में पड़ते हैं जबकि इसका पश्चिमी पुराना इलाका चाइना टाउन, फूलों के बाजार और वाट अरुण के लिए जाना जाता है। बैंकाक में मैं वहाँ के व्यस्त इलाके सुखमवित में ठहरा हुआ था। शाम को वहाँ से चाओ फराया नदी तक पहुँचने के लिए हमें रिवर सिटी शापिंग कॉम्पलेक्स के पास पहुँचना था जो वहाँ के शांगरी ला होटल के करीब है। इसी कॉम्पलेक्स से डिनर क्रूज के लिए जहाज चलते हैं। अपने होटल से निकलते ही हम बेंकाक के जाम में फँस गए। दिल्ली व कोलकाता की व्यस्त सड़कें तुरंत याद आ गई जहाँ भीड़ भाड़ के समय ट्रैफिक चींटी की तरह रेंगता है। Route followed in Chao Pharaya dinner cruise from River City to Rama VIII bridge. बहरहाल हमारे टूर आपरेटर ने इतना समय का फासला दे रखा था कि वहाँ पहुँच कर कुछ समय शॉपिंग मॉल में खरीदारी के लिए निकाल सकें। खरीदारी तो हमने की नहीं। बस दुकानों के बाहर डोलते रहे। वहाँ और कुछ तो नहीं पर रंग बिरंगा उल्लू मुझे बड़ा पसंद आया। Beautifully made owl in River City Shopping Complex रिवर सिटी में उस वक़्त खासी चहल पहल थी। अलग अलग समूहों में आए लोग बारी बारी से अपनी नौकाओं का इंतज़ार कर रहे थे। यात्री आपस में मिल ना जाएँ इसलिए सभी कंपनियाँ अपने अपने स्टिकर को हमारी अच्छी खासी ड्रेस पर चिपकाकर उसका सत्यानाश किए दे रही थीं। ख़ैर लोगों का ध्यान स्टिकर से ज्यादा उन्हें लगाने वाली कन्याओं पर था और उनके साथ वे फोटो खिंचवा कर निहाल हुए जा रहे थे। ज़ाहिर था उनमें से ज्यादा भारतीय थे। रात के आठ बजे हमारी फेरी का आगमन हुआ। अंदर का माहौल ऐसा था कि लगा एक भारतीय रेस्ट्राँ में आ गए हों। सारे भारतीयों को लगता है एक ही फेरी में डाल दिया गया था। सो खाना भी भारतीय और संगीत भी। अपनी जगह लेने के बाद ऐसा लगा कि जो आनंद डेक से चाओ फराया को देखने में आएगा वो रेस्त्राँ के केबिन से कहाँ... Well decorated ferries from River City pier डेक तक पहुँचे ही थे कि तुरंत वाट कनलायनमित मंदिर समूह से जुड़ा स्तंभ दिख गया। वैसे अगर आप मेरे इस वाट शब्द के प्रयोग से चौंक रहे हों तो ये बता दूँ कि थाइलैंड में मंदिर को वाट कहा जाता है। सफेद रोशनी से नहाए इस स्तंभ का आधार तो सामने की इमारतों से ही छुप रहा था पर मैंने इसके ऊपरी सिरे को ही कैमरे की फ्रेम के अंदर रखा। इस स्तंभ के थोड़ा आगे बढ़ते ही यहाँ का एक प्रसिद्ध मंदिर वाट अरुण यानि Temple of Dawn दिखता है। पर उस दिन किसी वज़ह से उसे प्रकाशित नहीं किया गया था इसलिए मुझे उसकी तसवीर से वंचित होना पड़ा। ग्रैंड पैलेस Grand Palace night view फेरी के अंदर का माहौल भी जमने लगा था। हमारी थाई मेजबान जय हो... का गान कर रही थी और मस्ती में डूबे जोड़े उसके आस पास थिरक रहे थे। थोड़ी देर भोजन के साथ मैंने भी गीत संगीत का आनंद उठाया और फिर नदी के साथ चलते शहर पर अपनी नज़रे फिर से टिका दीं। अब नदी के पूर्वी हिस्से में राजा का जगमगाता महल दिख रहा था और उसके साथ लगा एमरेल्ड बुद्ध का मंदिर पर चाओ फराया नदी से जो सबसे सुंदर दृश्य दिखाई देता है वो है राम VIII के पुल जो इसी नाम के राजा के सम्मान में नब्बे के दशक की आख़िर में बना था। एक स्तंभ में बँधे मोटे तारों से बना ये पुल सुनहरी रोशनी में अपने एक ऐसे रूप का दर्शन कराता है जिसे देख आँखें ठिठक जाती हैं। Rama VIII Cable Stayed Bridge पुल के दूसरी तरफ़ आकर हमारी फेरी वापसी के लिए मुड़ गई। इस पूरी यात्रा में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लगा। Rama VIII Cable Stayed Bridge from other side रात्रि दृश्यों की अपनी अलग ही चमक है पर इस नदी और इसके किनारे की गतिविधियों को करीब से देखने में अगर आप दिलचस्पी रखते हों तो यहाँ दिन में चलने वाली यात्री सेवाओं का फ़ायदा उठा सकते हैं। दिन में आप रोशनी की चमक दमक भले ना देख सकें पर रंग बिरंगे मंदिर और नीला आसमान उसकी कसर जरूर पूरी कर देगा। Hotel Shangari La near River City Shopping Complex Posted by Manish Kumar at 8:29 AM Labels: Bangkok, Chao Pharaya, Thailand, Travelogue, चाओ फराया, थाइलैंड, बैंकाक, यात्रा वृत्तांत Yogi Saraswat November 20, 2015 थाईलैंड के शानदार नजारों ने मन मोह लिया !! Prashant Suhano November 20, 2015 आपके यात्रा वृत्तांत शानदार होते हैं... Manish Kumar November 21, 2015 शुक्रिया प्रशांत ! गिरधारी खंकरियाल November 21, 2015 चलो आपके साथ चाओ फराया का सैर भी कर ली। सैर तो ख़ैर होती ही रहेगी यूँ ही साथ बने रहें। :) yuvrajfeatures November 21, 2015 priya bandhu, apka blog dekha. bahut achha prayas hai. ham laghu hindi samachar patron hetu feature agency chalate hain aur aapke purv prakashit blog apni sewa se prasarit karna chahenge. lekh aapke naam sahit prakashit honge aur sab prakashit cuttings aapko bhijwai jayengi. kripya apni sahmati pradan karen. hamara e mail address hai feature@rediffmail.com, yuvrajfeatures@gmail.com शुक्रिया मेरे इस प्रयास की सराहना करने के लिए! इस ब्लॉग के किसी भी लेख का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। Nisha Jha November 21, 2015 Bilkul aisa maine bhi anubhav kiya tha when I took the night cruise on Chao Pharaya Rive. Indian food, Indian music and Indian mannerisms. Aapko padhne ke baad lag raha hai jaise hum dono ek he cruise par the.:) Really..so at least we have done this virtual journey together smile emoticon :) Harshita Joshi November 23, 2015 रौशनी में जगमगाते हुए बड़े शहरों के मध्य बहती हुयी नदियां की छटा रात के समय अपने पूरे शबाब पर रहती हैंऐसे में अगर कोई क्रूज़ मिल जाये तो सुंदरता और आंनद में चार चाँद लगने तो स्वभाविक ही हैं।बहुत बढ़िया पोस्ट Manish Kumar November 23, 2015 हाँ वो तो है..बस एक मुगालता रहा कि वाट अरूण की रौशनी के साथ सजावट हम नहीं देख पाए ! जमशेद आज़मी November 24, 2015 चाओ फराया नदी का यह सफर बहुत अच्‍छा लगा। थाइलैंड के सुंदर फोटोग्राफ देखकर मन प्रसन्‍नचित हो गया। RD Prajapati November 28, 2015 आपके फोटोग्राफ्स तो बहुत ही लाजवाब हैं। वैसे थाईलैंड जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है? Manish Kumar November 28, 2015 अगस्त सितंबर में वहाँ बारिश होती है पर पैकेज सस्ते मिलते हैं। बारिश अक्टूबर के पहले दो हफ्तों तक कभी कभी खिंच जाती है। हम अक्टूबर में ही गए थे पर संयोग से बारिश ने आठ दिनों में सिर्फ एक दिन परेशान किया। वैसे थाइलैंड जाने का सबसे बढ़िया समय नवम्बर से फरवरी है। चित्र पसंद करने का शुक्रिया ! Prasad Np December 01, 2015 Badiya yatra vratant... Chao Phraya river is amazing with so much action happening on her banks... revelationholidays January 01, 2016 I happened to visit your blog, translated to English and understand it is one of the best written live travel blog , Truly I feel like iam in the destination and your blog is providing guidance. Well written blog.
2022/05/29 02:26:19
https://www.travelwithmanish.com/2015/11/night-cruise-in-chao-pharaya-river.html?showComment=1448273367418
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सिगरेट की दुकान का पता पूछने पर हुई झड़प में JNU कर्मचारी की हत्या – BHEL Daily News Home/राष्ट्रीय/सिगरेट की दुकान का पता पूछने पर हुई झड़प में JNU कर्मचारी की हत्या सिगरेट की दुकान का पता पूछने पर हुई झड़प में JNU कर्मचारी की हत्या Aug 20, 2018 राष्ट्रीय 5 Views जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के 29 साल के स्टाफ की यहां सिगरेट की दुकान का पता पूछने को लेकर हुई झड़प में कथित तौर पर चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई जबकि उसका चचेरा भाई घायल हो गया. पुलिस को घटना के बारे में सूचना दी गई है. यह घटना रोहिणी के विजय विहार इलाके में हुई. पुलिस ने बताया कि दोनों को अस्पताल ले जाया गया जहां राहुल को मृत घोषित कर दिया गया जबकि उसके चचेरे भाई नवीन की हालत गंभीर बताई जा रही है. राहुल जेएनयू में एड होक स्टाफ था जबकि उसका चचेरा भाई वहां पर लैब असिस्टेंट है. राहुल रोहिणी में नवीन के घर आया था और जब वो जाने लगा तो नवीन उसे छोड़ने आया. पुलिस ने बताया कि जब नवीन ने एक व्यक्ति से सिगरेट की दुकान का पता पूछा तो नशे में धुत्त व्यक्ति की दोनों से बहस हो गई. बाद में उसने अपने साथी को बुला लिया जिसने राहुल और नवीन पर हमला किया. पुलिस ने इस संबंध में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और एक किशोर को पकड़ा.
2020/10/26 01:13:10
https://bheldailynews.com/national-news/2018/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%9F-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%9B/
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Pakistan will not open its airspace for Indian flights - Pakistan News in Hindi - बालाकोट स्ट्राइक के खौफ से नहीं उबरा पाकिस्तान, भारतीय उड़ानों के लिए अभी बंद रखेगा हवाई क्षेत्र | Patrika Hindi News Anil Kumar | Publish: Jul, 12 2019 04:14:13 PM (IST) | Updated: Jul, 13 2019 10:34:57 AM (IST) पाकिस्तान Pakistan ने अपना हवाई क्षेत्र खोलने के लिए भारत के सामने नई शर्त रखी है पाकिस्तान ने कहा है कि भारत पहले अपने लड़ाकू विमानों को अग्रिम एयरबेस से हटाए इस्लामाबाद। बालाकोट एयरस्ट्राइक ( Balakot Air strikes ) के खौफ से पाकिस्तान अभी तक बाहर नहीं निकल पाया है। यही कारण है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारतीय विमानों के उड़ान के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोलने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान ने कहा है कि वह भारतीय वाणिज्यिक उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र नहीं खोलेगा, जब तक कि नई दिल्ली अपने लड़ाकू विमानों को सीमावर्ती एयरबेस के आगे से नहीं हटाती है। बता दें कि पाकिस्तान के विमानन सचिव शाहरुख नुसरत ने इस संबंध में एक संसदीय समिति को सूचित किया है। पाकिस्तान एयरस्पेस अब 28 जून तक रहेगा बंद, तीसरी बार बढ़ाई समय-सीमा कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना की ओर से बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद 26 फरवरी से पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र पूर्ण रूप से बंद कर दिया था। पाकिस्तान ने भारत के सामने रखी शर्त डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, विमान सचिव नुसरत जो कि नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के महानिदेशक भी हैं, ने गुरुवार को सीनेट की स्थायी समिति को बताया कि उनके विभाग ने भारतीय अधिकारियों को सूचित किया है कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र भारत के लिए तब तक अनुपलब्ध रहेगा जब तक कि वह अपने लड़ाकू जेट विमान को फॉर्वर्ड पॉजिशन से नहीं हटाता है। नुसरत ने समिति को बताया कि भारत सरकार ने हमसे हवाई क्षेत्र को खोलने के लिए आग्रह किया था। इसपर हमने अपनी चिंताओं से भारत को अवगत कराया कि पहले वह अपने लड़ाकू विमानों को पीछे हटाएं। उन्होंने समिति को आगे बताया कि भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान से संपर्क करके हवाई क्षेत्र के प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया है। सर्जिकल स्ट्राइक पर बोले पीएम मोदी- पाकिस्तान एक लड़ाई से नहीं सुधरेगा नुसरत ने आगे कहा, भारतीय अधिकारियों को बताया गया है कि भारतीय एयरबेस में अभी भी फाइटर जेट्स तैनात हैं और पाकिस्तान उनके हटाए जाने तक भारत को उड़ान संचालन की अनुमति नहीं देगा। रिपोर्ट में आगे बताया है कि सीएए अधिकारियों ने भारत के इस दावे का भी समर्थन किया है कि दिल्ली ने पाकिस्तान के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया है। भारतीय विमानन उद्योग को हो रहा है नुकसान पिछले महीने पाकिस्तान ने किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जाने को लेकर अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीवीआईपी उड़ान को विशेष अनुमति दी। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी का वीवीआईपी विमान पाकिस्तान के ऊपर उड़ान भरने से बच गया। इससे पहले, पाकिस्तान ने भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को 21 मई को बिश्केक में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में सीधे उड़ान भरने की अनुमति दी थी। अगर पाकिस्तान एक मोर्टार दागे तो हम 10 मोर्टार दागेंगे: राजनाथ सिंह पाकिस्तान द्वारा हवाई क्षेत्र प्रतिबंध के कारण भारत के विमानन उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। गुरुवार को, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद को बताया कि पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण, एयर इंडिया को लंबे मार्गों पर 430 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। पाकिस्तान: जेलों में बंद हैं कई 'कुलभूषण', रिहाई में रोड़े अटकाती हैं पाक सरकारें पाकिस्तान ने पॉर्नोग्राफी पर लगाई रोक, 8 लाख पॉर्न वेबसाइटें ब्लॉक पाकिस्तान: आर्थिक तंगी से जीना मुहाल तो मरने पर महंगाई की मार, अब कब्रों पर लगेगा टैक्स air strike India air strike on Pakistan Narendra Modi Pakistan air space ban PM Narendra Modi Prime Minister Narendra Modi air strike India air strike on Pakistan Narendra Modi Pakistan air space ban PM Narendra Modi Prime Minister Narendra Modi पाकिस्तान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बालाकोट एयरस्ट्राइक Central Civil Aviation Minister Hardeep Singh Puri Indian air space pakistan ban air space for india SCO summit SCO summit 2019 Shanghai Cooperation Organisation किर्गिस्तान जैश-ए-मोहम्मद पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हरदीप सिंह पुरी
2019/07/22 01:10:58
https://www.patrika.com/pakistan-news/pakistan-will-not-open-its-airspace-for-indian-flights-4827375/
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अश्विन से कूड़ेदान की तरह व्यवहार किया: क्रो By: admin | Last Updated: Saturday, 12 July 2014 11:04 AM नॉटिघंम: न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान मार्टिन क्रो ने भारतीय टीम प्रबंधन के रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस ऑफ स्पिनर से कूड़ेदान की तरह व्यवहार किया गया है. क्रो ने 'ईएसपीएन क्रिकइंफो' में अपने कॉलम में लिखा, ''कोई कृप्या बतायेगा कि आर अश्विन अब दर्शक क्यों है? सही बात कहूं तो महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा के बाद वह इस भारतीय टेस्ट टीम में चौथे खिलाड़ी के लिये मेरी स्वत: पसंद होता. वह एक बैंकर है लेकिन फिर भी उससे एक लुटेरे की तरह व्यवहार किया जा रहा है. उससे कूड़ेदान की तरह बर्ताव किया जा रहा है, उसे सड़क के किनारे फेंक दिया गया है. इसके बजाय, स्टुअर्ट बिन्नी को बेहतरीन टेस्ट खिलाड़ी समझा जा रहा है. '' क्रो ने अपने कालम में रविंद्र जडेजा की बायें हाथ की स्पिन की आलोचना करने से भी गुरेज नहीं किया और उनकी गेंदबाजी को साधारण करार दिया. न्यूजीलैंड के इस 51 वर्षीय अनुभवी खिलाड़ी ने 77 टेस्ट और 143 वनडे खेले हैं, उन्होंने कहा, ''भारत के पास इंग्लैंड की इस लड़खड़ाती टीम पर दबदबा बनाने का बढ़िया मौका है. ऐसा करने के लिये उन्हें हर विभाग को कवर करना होगा. सामान्य तौर पर, स्पिन भारत की सबसे पहली चीज होगी. लेकिन अगर रविंद्र जडेजा को आप अपना सर्वश्रेष्ठ स्पिनर समझते हो तो ऐसा मुमकिन नहीं है. ''
2017/08/22 03:35:29
http://abpnews.abplive.in/sports/ashwin-12-198317
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All About Health And Development of 12 months Old Baby in Hindi Home शिशु की देखभाल शिशु का विकास 12 महीने के शिशु के स्वास्थ्य और विकास के बारे में एक 12 महीने का शिशु बिना मदद के अपना पहला कदम लेने में समर्थ हो जाता है। इस उम्र में आपके शिशु के खान-पान और आहार-प्रणाली में भी परिवर्तन होगा। इस महीने के अंत तक, आप अपने शिशु के आहार में कुछ और नए ठोस खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। जहाँ तक बातचीत का प्रश्न है, आप देखेंगे कि कैसे आपके शिशु की शब्दावली में तेजी से विकास हो रहा है। इसके अलावा, यह आपके शिशु के पहले जन्मदिन का भी समय होता है। आइए हम 12 महीने के शिशु के स्वास्थ्य और विकास के बारे में अधिक जानें। 12 महीने के शिशु में, आप बहुत सारे शारीरिक परिवर्तन देखेंगे। जैसा कि मैंने कहा, यह वह महीना है, जब आपका शिशु खुद से कदम उठाने की कोशिश करने लगता है। शुरुआती चरणों में आपका शिशु खुद से कदम उठाने में संकोच करेगा और उसके लिए यह एक जंग जैसा होगा। परन्तु, कुछ ही समय बाद, जैसे ही वह पहला कदम उठा पाने में समर्थ हो जाएगा, वह इसमें आनंद लेने लगेगा। शुरुआत में, वह अपनी उंगलियों पर चलने का प्रयास करता है और पैरों को अंदर को मोड़ कर चलता है। इस वजह से, वह अपने संतुलन को बहुत लंबे समय तक बनाए नहीं रख पाता और ना ही ज़्यादा देर चल पाता है। 12 महीने के शिशु में, चीज़ों को पकड़ने को लेकर एक अद्धभुत बदलाव देखेंगे। इस उम्र तक आपका शिशु चीज़ों को पकड़ने, फेंकने, धकेलने इत्यादि में समर्थ हो जाता है। यदि आप शिशु से किसी खिलौने की मांग करते है, तो शुरू में वह खिलौना आपकी और बढ़ा देता है, लेकिन फिर झट से उस खिलौने को आपसे वापिस भी ले लेता है। 12 महीने के शिशु में आपको ऊर्जा और मांसपेशी शक्ति में एक अविश्वसनीय सुधार का अनुभव करने के कई अवसर मिलेंगें। क्योंकि अब आपका शिशु एक बहुत गतिशील हो जाता है, तो आपको चौकसी बढ़ानी पड़ती है और आपको हर पल सावधान रहना पड़ता है। 11वे महीने की तरह, इस महीने भी, आप देखेंगे कि आप से अलग होने पर शिशु व्याकुलता के संकेत दिखाएगा। इसलिए, सबसे बढ़िया उपाय यही होता है कि आप उसे वह करने दें, जो वह करना चाहता है। आपको उस पर सिर्फ नज़र रखनी होती है। जब तक आपको किसी खतरे का अंदेशा न हो, उसकी मदद के लिए आगे न जाएँ । उसे अपनी निगरानी में नई चीज़ों के साथ खेलने दें। जैसा कि मैंने अपने पिछले लेख में वर्णित किया है, उसे गिरने न दें क्योंकि इस उम्र में भी उसके नितम्भ नाज़ुक होते हैं और गिरने की वजह से गंभीर चोट लग सकती है। 12 महीने के शिशु के व्यक्तित्व में बहुत सारे नए बदलाव देखेंगे। इस महीने तक, आप देखेंगे कि वह अपनी इच्छाओं को व्यक्त करने में काफी निपुण हो जाएगा। आप कई अवसरों पर "नहीं" सुनेंगे। इस उम्र में, बैठक में पड़ा मेज़ उसका नया खिलौना बन जाता है। इस उम्र में अपने शिशु को अनुशासन सिखाते समय थोड़ा धैर्य और विनम्रता दिखाएं। 12 महीने के शिशु से खाते समय अच्छे व्यवहार की उम्मीद न करें क्योंकि इस उम्र में वे भोजन के साथ खेलना चाहते हैं और भोजन को अपने हाथों से महसूस करना चाहते हैं। WHO के अनुसार, 12 महीने की उम्र मे, लड़कों का औसत वजन 7.8- 11.8 किलोग्राम के बीच होता है, जबकि लड़कियों का औसतन वजन 7.1 – 11.3 किलोग्राम तक होता है। ऊंचाई की बात की जाए तो, 12 महीने के लड़के की औसतन ऊंचाई 71.3 – 80.2 सेंटीमीटर हो सकती है, जबकि इस उम्र मे लड़कियों की औसतन ऊंचाई 69.2 – 78.9 सेंटीमीटर के बीच होती है। जरूर पढ़े – 11 महीने के शिशु के स्वास्थ्य और विकास के बारे में जब तक आपका शिशु उम्र के इस पड़ाव तक (12 महीने) पहुंचता है, उसकी नींद और सोने के के तरीके में भारी परिवर्तन आ जाता है। कुछ शिशु इस उम्र में सोने को लेकर अपना प्रतिरोध दिखाने लगते हैं। उन्हें लगता है कि अभी भी बहुत सी ऐसे चीज़े हैं जिनको उन्हें तलाशना है, और उन्हें सो कर अपना कीमती समय व्यर्थ नहीं करना है। ऐसे में सबसे बढ़िया उपाय है, आप उसकी नींद के लिए एक दिनचर्या स्थापित कर दें और उसका निरंतर पालन करें। इस दिनचर्या में सोने से पहले स्नान या/और कहानी सुनाने जैसे गतिविधियों को शामिल कर सकते हैं। मेरे मामले में, मैं अपनी बेटी को स्नान करवा कर, उसे एक आरामदायक पोशाक जैसे कि कुर्ता-पायजामा पहनाती थी, और उसे कहानी सुनाती थी। इस रूटीन में स्थिरता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। आप जो भी गतिविधि करते हैं, उसको करने की श्रृंखला को किसी भी कीमत पर टूटने न दें। अगर ज़रूरी लगे, तो अपने साथी की मदद ले सकतें हैं। 12 महीने के शिशु से, शब्दावली और उच्चारण पर नियंत्रण की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। कोई आश्चर्य नहीं, वह स्पष्ट रूप से "माँ" और "पिता" जैसे बड़े शब्दों का सफाई से उच्चारण नहीं कर पाता, पर वह कई अन्य शब्दों का वाक्यों में उच्चारण करना सीख जाता है। मैंने कई ऐसे माता-पिता देखें हैं, जिनका मानना है कि विदेशी भाषा को सिखाने के लिए 12 महीने की उम्र सही उम्र है। वास्तव में, उनका ऐसा करना ही उनके शिशु के लिए एक भाषा को सीख पाने की मुश्किलें बढ़ा देता है और वह ढंग से अपनी मातृभाषा भी सीख नहीं पाते। विशेषज्ञों के अनुसार, शुरआत में शिशु को मातृभाषा से शुरू करने दें। मातृभाषा पर पकड़ बनने के बाद किसी विदेशी भाषा का अभ्यास शुरू करवाना चाहिए। व्यवहार के लिए, आप "कृपया" और "धन्यवाद" जैसे शब्दों से शुरू कर सकते हैं। निस्संदेह, एक 12 महीने का शिशु इन दो शब्दों के अर्थ को समझने योग्य नहीं होता, लेकिन इन शब्दों के लगातार अभ्यास के बाद वह शीघ्र ही इन दो बहुत महत्वपूर्ण शब्दों को सीख जाता है। इस उम्र में आपको शिशु को उसके आसपास मौजूद चीज़ों को उनके नाम से समझाना शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए, आप जब भी उसे कोई संबंधित वस्तु दिखाएं, उस वस्तु को नाम से संभोधित करें। इस उम्र में आपको अपने शिशु के आहार में उन खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर लेना चाहिए, जिनको पहले उसकी आहार सूची से प्रतिरक्षा या पाचन तंत्र के कारण दूर रखा गया था। किसी भी आहार को शुरू करने से पहले, आपको एक बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श ज़रुरु कर लेना चाहिए। इसके साथ ही आपको यह भी सुनिश्चित करना होता है कि कही आपके शिशु को किसी खाद्य पदार्थ से कोई एलर्जी तो नहीं है। यदि आप भोजन असहिष्णुता या एलर्जी के किसी भी प्रकार के लक्षण देखते हैं, तो बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर उस भोजन को छोड़ दें। अगर आपका शिशु अभी तक दूध की बोतल लेता है, तो 12 महीने का होने पर इसे छोड़ने की सलाह दी जाती है। 12 महीने के शिशु के आहार में आप आलू, कद्दू, ककड़ी, चुकंदर, गाजर या फूलगोभी जैसी सब्ज़ियों को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा, आप उसे सेब, केले, आड़ू आदि जैसे फल पूरी तरह से मसल के दे सकते हैं। इस उम्र में शिशु कई बार भोजन को निगल लेते हैं, इसलिए निगलने की वजह से सांस घुटने जैसी घटनाओं से बचने के लिए अंगूर जैसे फलों को न दें। इसके अलावा, किसी भी मसालेदार भोजन को भी अभी शामिल न करें। भोजन में नमक की सीमा के बारे में बहुत सावधान रहें क्योंकि अधिक नमक उच्च रक्तचाप की घटना को बढ़ावा देता है। इस समय, आपको चीनी की मात्रा को भी सीमित करना होगा। 12 महीने के शिशु को चीनी, शहद, जैम, कैंडी, केक जैसे भोजन कम-से-कम दें क्योंकि ये दंत क्षय (डेंटल कैविटीज़) का प्रमुख कारण होते हैं। Price: INR 1,816.63 एक 12 महीने का शिशु आपके द्वारा की गई हर गतिविधि को बहुत ध्यान से देखता है और उसकी नक़ल करने की पूरी कोशिश करता है। इसलिए आपको चाहिए कि आप कुछ भी ऐसा न करें, जो आप चाहती है कि आपका शिशु न दोहराए। दांतों के विशेषज्ञ से अपने 12 महीने के शिशु के दांतों की जांच के लिए समय लेना न भूलें। अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो हमारा निवेदन है कि शिशु की उपस्थिति में न करें। आपके ऐसा करने से बच्चों में श्वसन संक्रमण, अस्थमा, कान संक्रमण, जैसी समस्याओं के खतरे में वृद्धि होती है। प्रत्येक भोजन से पहले और बाद में अपने हाथ धोने की आदत बनाने की कोशिश करें। आपको ऐसा करता देख कर आपका शिशु भी इस आदत को शुरू से ही अपना लेगा। अगर आपके घर में सीढियाँ है, तो हमारी सलाह है कि उन पर सुरक्षा द्वार लगा दें। जब आपका शिशु 12 महीने का था, तो आपने उसमे क्या दिलचस्प या असामान्य देखा था? हमसे ज़रूर बांटिए। हमारे पाठकों को जानकार अच्छा लगेगा।
2018/01/18 11:20:08
https://momcuddle.com/hi/12-mahine-ke-shishu-ki-health-aur-development-ke-bare-mein/
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Voting In Maharashtra, Haryana Assembly Elections On October 21 | हरियाणा-महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव शुरू, 378 सीटों पर वोटिंग - दैनिक भास्कर हिंदी WI vs IND: भारत ने विंडीज को दिया 289 रन का लक्ष्य, श्रेयस और पंत के अर्धशतक हरियाणा-महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव शुरू, 378 सीटों पर वोटिंग... हरियाणा-महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव शुरू, 378 सीटों पर वोटिंग October 21st, 2019 09:40 IST महाराष्ट्रहरियाणाहरियाणा विधानसभा चुनावमहाराष्ट्र विधानसभा चुनावमहाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 हरियाणा में 90 और महाराष्ट्र में 288 सीटों पर होगी वोटिंग देश के 17 अन्य राज्यों में 51 सीटों पर भी मतदान 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे परिणाम डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा और महाराष्ट्र की सभी विधानसभा सीटों पर सोमवार को मतदान शुरू हो गया है। इसके साथ ही 17 अन्य राज्यों की 51 सीटों पर भी उपचुनाव के तहत वोटिंग की जा रही है। महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिए 8,97,22,019 वोटर 3,237 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे, जबकि हरियाणा 90 सीटों पर में 18,282,570 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। हरियाणा में मतदान के लिए 19,578 केंद्र बनाए गए हैं, जबकि महाराष्ट्र में 96,661 केंद्रों पर मतदान होगा। 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस 90 सीटों पर आमने-सामने हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। इसके अलावा बसपा 87, इनेलो 81, भाकपा 4 और माकपा 7 सीटों पर चुनावी रण में हैं। वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 434 है। इसके अलावा पहली बार चुनाव में हिस्सा लेने जा रही जननायक जनता पार्टी ने भी 80 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 262 सीटों से बीएसपी मैदान में महाराष्ट्र में 288 सीटों पर चुनाव होने हैं। इनमें से बीएसपी सबसे ज्यादा 262 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा 164 और शिवसेना 124 सीटों पर भाग्य आजमाएगी। चूंकि ये दोनों पार्टियों ने गठबंधन की घोषणा की है तो कहा जा सकता है कि ये दोनों मिलकर 288 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा भाजपा के चिह्न पर 14 गठबंधन उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस 147, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना 101 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 121 सीटों पर लड़ रही हैं। इसी तरह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 16 और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 8 सीटों पर लड़ रही हैं। महाराष्ट्र में 600 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज राज्य के चुनावी अखाड़े में मौजूद कुल 916 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ सामान्य अपराधों में केस चल रहा है। इनमें 600 उम्मीदवारों के ​खिलाफ गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज है। 19 उम्मीदवारों के खिलाफ तो आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का केस चल रहा है तो 60 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में केस दर्ज है। 67 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं। इनमें 4 पर बलात्कार का मामला भी दर्ज है। कुल मिलाकर 288 में से 176 विधानसभा सीटें हैं, जिन्हें रेड अलर्ट सीट घोषित किया है। ये वैसी सीटें होती हैं, जिनमें कम से कम 3 उम्मीदवारों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज होता है। हरियाणा में 70 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज हरियाणा में 187 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने हलफनामे में ये घोषित किया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 70 तो ऐसे हैं, जिनके खिलाफ हत्या और अन्य गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं, जबकि 117 उम्मीदवारों पर अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। पिछली बार ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 7 फीसदी थी। इस अध्ययन में 15 सीटों को रेड अलर्ट सीट घोषित किया है। ये ऐसी सीटें हैं, जिनमें कम से कम 3 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। महाराष्ट्र में 1007 करोड़पति उम्मीदवार आर्थिक रूप से उन्नत इस राज्य में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। इस बार कुल 1007 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति कम से कम 1 करोड़ घोषित की है। 2014 के चुनाव में ये संख्या 32 फ़ीसदी ही थी। चुनावी मैदान में ताल ठोक रहीं बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी जैसी प्रमुख पार्टियों के ज्यादातर उम्मीदवार करोड़पति हैं। बीजेपी के तो 155 यानि 96 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस के 126 यानि 86 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। इसी तरह शिवसेना के 94 और एनसीपी के 87 फीसदी उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 1 करोड़ से ज्यादा घोषित की है। भाजपा के पराग शाह हैं सबसे अमीर उम्मीदवार इस बार भाजपा में 3 सबसे अमीर उम्मीदवारों में 2 सत्तारूढ़ बीजेपी के हैं। मुंबई उपनगर ज़िले की घाटकोपर सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे बीजेपी के पराग शाह राज्य के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। शाह ने अपने हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपए से ज्यादा घोषित की है। इसमें 400 करोड़ से ज्यादा चल और करीब 79 करोड़ की अचल संपत्ति घोषित की है। वहीं मुंबई शहर के पॉश मालाबार हिल विधानसभा सीट से उम्मीदवार भाजपा के ही मंगलप्रभात लोढ़ा राज्य के दूसरे सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। लोढ़ा ने अपनी कुल चल और अचल संपत्ति 441 करोड़ रुपए की घोषित की है। वहीं पुणे की पुरंदर सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के संजय जगताप 245 करोड़ रुपए की घोषित संपत्ति के साथ तीसरे सबसे अमीर उम्मीदवार हैं।
2019/12/15 16:13:00
https://www.bhaskarhindi.com/news/voting-in-maharashtra-haryana-assembly-elections-on-october-21-90282
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विद्युत विभाग में 111 फर्जी कर्मचारी, सरकार को लगा रहे हर माह 14 लाख का चूना बेसिल का सुपरवाइजर,जेई-एसडीओ के साथ मिलकर कर रहा फर्जीवाड़ा हरदोई।विद्युत विभाग के अधिकारियों व बेसिल कंपनी की मिलीभगत से हर माह सरकार को करीब 14 लाख रुपये का चूना लगाया जा रहा है। यह कारनामा बेसिल के सुपरवाइजर द्वारा करीब 111 फर्जी संविदाकर्मी दर्शाकर किया जा रहा है। विद्युत विभाग में श्रमिकों की आपूर्ति के लिए ब्राडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट इंडिया लि. (बेसिल) को अनुबंधित किया गया है। मामले की शिकायत के बाद एक बड़े फर्जीवाड़े की बात सामने आ रही है। जिले के बेहड़ा रसूलपुर निवासी कुलदीप कुमार ने उच्चाधिकारियों को प्रेषित शिकायत में आरोप लगाया है कि बेसिल के सुपरवाइजर विनय शुक्ला उर्फ रमलू द्वारा विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अंतर्गत आने वाले 19 पावर हाउस में कुल 357 कुशल व अकुशल संविदाकर्मी दर्शाएं गए हैं, जिनमें 246 लोग ही धरातल पर काम करते हैं, जबकि 111 संविदाकर्मी फर्जी हैं। ये फर्जी संविदाकर्मी बेसिल के सुपरवाइजर स्वयं व उनके सगे भाई, रिश्तेदार, खास, मित्र व परिवार के लोग हैं, जो अपना व्यवसाय करते हैं। जबकि विद्युत विभाग में बिना काम किये ही उनका हर माह का वेतन निकाला जा रहा है। साक्ष्यों के साथ प्रेषित पत्र में बताया गया है कि विद्युत वितरण खंड द्वितीय के सांडी रोड ग्रामीण पावर हाउस में कुल 13 संविदा कर्मी फर्जी नियुक्त हैं, इसी तरहं सांडी रोड शहर पावर हाउस में 11, आरटीओ पावर हाउस में कुल 08, मन्नापुरवा में 06, कराही में 08, सुरसा में 07, बावन में 09, ऐजा में 09, तत्योरा में 11, हरिहरपुर में 03, कोयलबाग कॉलोनी में 03, इटौली में 03, गुरगुज्जा पावर हाउस में 04, चरौली पावर हाउस में 03, बेहटागोकुल में 04, सिटी पावर हाउस में03, आशानगर में 02 सहित कुल 111 संविदाकर्मी फर्जी रूप से दर्ज हैं। इन संविदाकर्मियों की बैंक पासबुक व एटीएम कार्ड बेसिल के सुपरवाइजर विनय उर्फ रमलू शुक्ला व उनके भाई धीरज उर्फ बबलू शुक्ला अपने पास रखते हैं, जिससे हर माह उक्त फर्जी श्रमिकों का वेतन हड़प लिया जाता है। इस फर्जीवाड़े में विद्युत विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता से इंकार नही किया जा सकता, क्योंकि वेतन का भुगतान उपस्थिति शीट के आधार पर होता है, जिस पर जेई व एसडीओ के भी हस्ताक्षर मौजूद रहते हैं। इससे स्पष्ट है कि उक्त फर्जीवाड़े में विद्युत विभाग के अधिकारियों का भी हिस्सा होता है।
2021/10/21 01:54:09
https://www.saketlehernews.page/2021/06/111-14.html
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तकिए के कवर से बनाएं क्रिएटिव सामान | 4 PM | LATEST HINDI NEWS आपने घरों में अक्सर देखा होगा कि पेंट के लिये आने वाली बाल्टियों को बाथरूम में इस्तेमाल करते हैं और जब वहां वे पुरानी पड़ जाती हैं तो उनका गमला बना दिया जाता है। ऐसा ही कुछ क्रिएटिव काम आज हम आपको बताने जा रहे हैं लेकिन वह तकिए के लिए होगा। जी हां, तकिए पिचक जाने के बाद उनका कोई काम नहीं रह जाता है और उनके कवर भी एक लिमिट के बाद इस्तेमाल करने के लिए सही नहीं रह जाते हैं। ऐसे कवर को थोड़ी क्रिएटिविटी से घर के लिए ही दूसरा सामान बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि तकिए के कवर से क्या-क्या सामान बनाया जा सकता है… घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले लिनेन नैपकिन को बाहर से खरीद कर लाने की आवश्यकता नहीं है। आपके घर में पड़े पुराने तकिए के कवरों को सही से काट लें और उन्हे किनारे से तुरप दें और आपका लिनेन नैपकिन तैयार हो जाएगा। बस आपको इतना ध्यान रखना होगा कि आकार, वर्गाकार होना चाहिए। ताकि वह भद्दा न दिखें। बच्चों की ड्रेस अगर आपके घर के फेदर लुक के तकिए के कवर बेकार पड़े हैं तो थोड़ा सा वक्त देकर उन्हे अच्छी सी ड्रेस के रूप में कट करें और सिल लें। इससे आपके बच्चे की ऐसी ड्रेस तैयार हो सकती हैं जिसे आप उसे गार्डन में खिलाते समय पहना सकते हैं जो गंदी होने पर आपको टेंशन नहीं होगी। पैक करने वाले पेपर तकिए के कवर काफी सुंदर-सुंदर होते हैं इनसे आप सामान को पैक करने वाले कवर बना सकते हैं जो कि टिकाऊ और कॉस्ट इफेक्टिव होगें। इन्हे आप काफी अच्छी तरह से सजा भी सकते हैं। टोटे बैग तकिए और कुशन के अलावा एक प्रकार के आरामदायक बैग होते हैं जिन्हे टोटे बैग कहा जाता है। तकिए के कवर में पुरानी रूई और कपड़ों को भरकर ये टोटे बैग बनाएं जा सकते हैं। बस इनकी सिलाई अच्छी तरह सफाई से करने की आवश्यकता है ताकि ये भद्दे न दिखें। आप इन्हे मनचाहा शेप भी दे सकती हैं। न्यूजपेपर रखने के काम घरों में अखबार इधर-उधर पड़े रहते हैं आप इन कवर में अखबारों को रख सकती हैं। यहां तक कि कई तरह के पुराने सामान को भी इन कवर में रखकर आसानी से स्टोर किया जा सकता है ताकि वह भद्दा न लगे और सामान सुरक्षित भी बना रहें। घर में पले हुए जानवर के लिए आप तकिए के कवर का इस्तेमाल करें। इसे खोलकर सफाई से चारों किनारों से काट लें। इससे जानवर को बैठने में गुदगुदा लगेगा और गंदगी भी नहीं होगी। Tweet Related Posts तीज उत्सव में छाई महिलाओं की मस्ती... August 16, 2016 रक्तदान June 11, 2016 पैदल मार्च June 9, 2016 Trending Tweets Trending Tweets Trending Tweets Trending Tweets VIEW INAUGURATION PICSLATEST UPDATESमडिय़ांव में युवक ने की आत्महत्याब्रेल लिपी में तैयार की गई मतदाता सूचीठेंगे पर माननीयों के आदेश, कागजों पर निगम उठा रहा कूड़ाब्रेल लिपी में तैयार की गई मतदाता सूचीसचिवालय कर्मी से दिनदहाड़े लाखों की लूटपटरी दुकानदारों पर टूटा नगर निगम का कहरडॉ. एसएन गुप्ता ने बढ़ाया प्रदेश का मानकैल्शियम की कमी से हड्डियों का घनत्व घटना खतरनाकरसूखदारों की पैरवी और गरीबों पर कार्रवाई कर रहा नगर निगमकांग्रेस में कार्पोरेट कल्चर हावी होने से लोग पार्टी से कर रहे किनारा: रीतापहले की छात्रा से छेड़छाड़ फिर ब्लेड मारकर किया जख्मीलोहिया अस्पताल में गार्ड और तीमारदार भिड़ेकेन्द्र सरकार एक महीना पहले पेश करेगी आम बजटप्रतिष्ठिïत यश भारती पुरस्कार से सम्मानित विभूतियांपार्टी में छाया नाइन्टीज का स्टाइलगर्म पानी के साथ केला खाने के हैं अनोखे फायदेवातावरण में जहर घोलने के साथ कचरे में भी वृद्धि करते हैं पटाखेआंकड़ों से बाहर अलक्षित स्त्री-श्रममिलावटखोरों पर कब कसेगा शिकंजाबच्ची की मौत के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहा अस्पताल प्रशासनधनतेरस पर शॉपिंग मॉल और दुकानों के साथ ही ऑनलाइन खरीदारी का क्रेजकैसे करे पहचान, डेंगू कैसे रहे सावधान LIFESTYLEगणेश जी के जिस रूप की करेंगे आराधना वैसा ही मिलेगा फलठोड़ी का आकार बताता है लोगों को स्वभाववास्तु की इन गलतियों पर दें ध्यान तो नहीं होंगे अस्वस्थ वीकएंड टाइम्स
2016/10/27 12:46:56
http://www.4pm.co.in/%e0%a4%a4%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%8f/3678
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मुकेश ने बताया कि इसके बाद वह शिकायत लेकर पुलिस थाने गया तो उसे भगा दिया गया। उसने एसपी ऑफिस में भी शिकायत दी, लेकिन आरोपितों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसे दी गई है।
2021-02-28T00:10:59Z
https://www.sikanderpurlive.com/2017/10/blog-post_73.html
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आईटेल ने पेश किया सबसे सस्ता 4G स्मार्टफोन, आईटेल A23 Pro, चार हज़ार रुपए से भी कम है कीमत - itel brings in the most affordable 4G smartphone, itel A23 Pro at Sub 4K | Digit Hindi आईटेल ने पेश किया सबसे सस्ता 4G स्मार्टफोन, आईटेल A23 Pro, चार हज़ार रुपए से भी कम है कीमत आईटेल ने लॉन्च किया A23 Pro Rs 3,899 की अत्यंत किफायती कीमत पर रिलायंस जियो नेटवर्क पर 4G LTE के साथ, इस फोन पर लीजिए उच्च स्तर की कनेक्टिविटी का अनुभव- तीव्र ब्राउज़िंग, एचडी वॉइस कॉलिंग, बिना बाधा के वीडियो कॉलिंग यह फोन 12.7 CM (5.0") ब्राइट डिस्प्ले, 4G VoLTE/ViLTE सपोर्ट, स्मार्ट फेस अनलॉक जैसी विशेषताओं के साथ पेश किया गया है 4 हजार से भी कम कीमत आया नया 4G स्मार्टफोन, जियो यूजर्स को मिलेगा धमाका ऑफर्स के साथ, जानें डिटेल्स 7,000 रुपये से कम कीमत वाले मोबाइल उपकरणों की श्रेणी में, भारत का सबसे भरोसेमंद ब्रांड आईटेल भारतीय आवाम को डिजिटल आत्मनिर्भरता प्रदान करने की अपनी मुहिम को लगातार जारी रखे हुए है। इस राह पर आगे बढ़ते हुए, कंपनी ने अब आईटेल A23 Pro स्मार्टफोन लांच किया है। तकनीकी रूप से उन्नत विशेषताओं वाला यह सबसे किफायती 4G स्मार्टफोन रिलायंस डिजिटल स्टोर्स, मायजियो स्टोर्स, Reliancedigital.in तथा 2 लाख से अधिक रिटेल स्टोर्स पर आकर्षक कीमत पर उपलब्ध रहेगा। कंपनी ने यह कदम इस बात को ध्यान में रख कर उठाया है की हाशिए पर पड़े लाखों भारतीय, विविध फीचरों से भरपूर इस जादुई उपकरण को आकर्षक कीमत पर हासिल करते हुए किफायती डिजिटल कनेक्टिविटी तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल से आईटेल और जियो प्रयोक्ता आईटेल A23 Pro को 3,899 रुपये की बेहद आकर्षक कीमत पर प्राप्त कर सकेंगे; गौर तलब है कि पहले इसकी कीमत 4,999 रुपये रखी गई थी। अब कीमत घटने से ग्राहकों को सही मायनों में लोकतांत्रिक टेक्नोलॉजी मिल पाएगी। इस ऑफर के अंतर्गत जियो नेटवर्क पर डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध रहेगी। जियो नेटवर्क पर आईटेल A23 Pro ग्राहकों को 3,000 रुपये के फायदे मिलेंगे। इन फायदों में शामिल है- कंपनी के पार्टनरों की ओर से 3,000 रुपये मूल्य के वाउचर जो 249 रुपये व इससे अधिक के प्रिपेड रिचार्ज पर मिलेंगे। यह ऑफर जियो के नए और वर्तमान, दोनों प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध है। आईटेल A23 Pro की बिक्री पूरे भारत में 1 जून 2021 से आरंभ होगी। यह पहल उन लोगों के लिए की गई जो फिलहाल फीचर फोन इस्तेमाल कर रहे हैं किंतु उनकी आकांक्षा स्मार्टफोन लेने की है। इस पहल से उन लोगों को किफायती कीमत पर स्मार्टफोन मिल सकेगा और वे निर्बाध ढंग से 4G की हाई-स्पीड कनेक्टिविटी का लाभ उठा सकेंगे। आईटेल A23 Pro उन ग्राहकों के लिए पहला और बढ़िया स्मार्टफोन साबित होगा जो अपने फीचर फोन को छोड़ कर अब स्मार्टफोन उपयोग करना चाहते हैं। आईटेल का रिटेल एवं वितरण नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है और उसका उपयोग करते हुए यह ब्रांड भारत के उन लोगों को कनेक्ट होने का मौका दे रहा है जो अभी तक अनकनेक्टिड हैं। भारत को डिजिटल इकोनॉमी बनाने की दिशा में आईटेल का यह कदम बेहद महत्व का सिद्ध होगा। इस रणनीतिक सहभागिता पर ट्रांसियॉन इंडिया के सीईओ, श्री अरिजीत तालापात्रा ने कहा, ''आईटेल टेक्नोलॉजी को लोकतांत्रिक बनाते हुए उसे आम लोगों की पहुंच में ला रहा है, उसे किफायती बना रहा है और इस तरह से भारत के डिजिटल विकास में योगदान दे रहा है। कंपनी का यह रणनीतिक कदम भारतीय लोगों को डिजिटल आज़ादी देने के ध्येय के मुताबिक है। खास कर आज के इस न्यू नॉर्मल माहौल में मोबाइल फोन और दूरसंचार सेवाओं की अहमियत और भी बढ़ गई है क्योंकि आर्थिक व सामाजिक जरूरतों के लिए सम्पर्क में रहने का अब यही पहला माध्यम हो गए हैं। हमारी यह पेशकश उन क्षेत्रों में हमारी पहुंच बढ़ाएगी जहां अभी भी असमानता है, लाखों लोगों तक मोबिलिटी की ताकत पहुंचेगी और बड़े पैमाने पर फीचर फोन प्रयोक्ता अपना पहला स्मार्टफोन इस्तेमाल करना शुरु करेंगे। हम बहुत आशावान हैं की तकनीकी तौर पर उन्नत फीचर युक्त आईटेल A23 Pro और जियो की निर्बाध 4G नेटवर्क कनेक्टिविटी के संयोजन से बनी यह जादुई पेशकश भारत की डिजिटल सेवाओं में एक नया आयाम जोड़ेगी। ऐंट्री-लैवल सैगमेंट में यह एक बेमिसाल पेशकश है जिससे स्मार्टफोन सभी की पहुंच में आ जाएगा। कंपनी का यह कदम आईटेल ब्रांड के विचार 'आईटेल है. लाईफ सही है.' के अनुसार उठाया गया है और इस प्रकार यह ग्राहकों को टेक्नोलॉजी के जादू से सशक्त करेगा।'' किफायत के संग बेमिसाल परफॉरमेंस टियर 3 व उससे छोटे बाजारों के लिए डिजाइन किया गया, उत्तम फीचर्स से लैस आईटेल A23 Pro का चमकदार डिस्प्ले 12.7 CM (5.0") का है, स्क्रीन रिज़ोल्यूशन 480 x 854 पिक्सल है और यह ऐंड्रॉइड 10.0 (गो ऐडिशन) पर चलता है। यह उपकरण क्वाड-कोर, 1.4 GHz प्रोसैसर, 1 GB RAM और 8 GB ROM से युक्त है जिसे 32 GB तक बढ़ाया जा सकता है। A23 Pro में 2400 mAh की बैटरी लगी है। यह फोन बड़े स्क्रीन के साथ आता है जिससे प्रयोक्ता को बड़ा विज़न और देखने का प्रभावशाली अनुभव मिलता है। इस फोन में 2 MP रियर कैमरा+ VGA सैल्फी कैमरा, सॉफ्ट फ्लैश के साथ आता है। इस फोन का ब्यूटी मोड आपकी त्वचा को रियल टाईम में कोमल व चमकदार बना देता है। फोन का कैमरा शार्प, डिटेल्ड और खुश कर देने वाला आउटपुट देने में सक्षम है। A23 Pro 2 सिम स्लॉट के साथ आता है जिसमें एक स्लॉट डाटा सिम के लिए है जो सिर्फ जियो की ही हो सकती है, दूसरे स्लॉट में अन्य किसी ऑपरेटर की सिम हो सकती है जो नॉन-डाटा गतिविधियों के लिए होगी। यह उपकरण स्मार्ट फेस अनलॉक फीचर से युक्त है जिससे आपका फोन सुरक्षित रहेगा। यह चमकदार ग्रेडियेंट टोन बैक कलर फिनिश युक्त है और दो रंगों - सैफायर ब्ल्यू एवं लेक ब्ल्यू में उपलब्ध है। Web Title: itel brings in the most affordable 4G smartphone, itel A23 Pro at Sub 4K आईटेल ए23 प्रो आईटेल ए23 प्रो कीमत आईटेल ए23 प्रो स्पेसिफिकेशन itel a23 pro itel a23 pro price in india itel a23 pro specifications
2021/07/27 03:12:42
https://www.digit.in/hi/news/mobile-phones/itel-launches-cheapset-4g-phone-how-jio-users-get-in-low-price-in-india-82831.html
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ALL खबर/समाचार पर्यावरण पुस्तकें/समीक्षाएं रिर्पोताज शोध समसामयिकी संस्मरण/यात्रा वृतांत साक्षात्कार साहित्य ( कविता ) साहित्य ( लेख ) दुर्लभ पांडुलिपियों का होगा वैज्ञानिक संरक्षण November 30, 2019 • janmanchaajkal ||दुर्लभ पांडुलिपियों का होगा वैज्ञानिक संरक्षण|| यह एक सुखद संयोग ही था, जब सदियों से संजोयी और संभाली उत्तराखंड की ऐतिहासिक-दुर्लभ पांडुलिपियों की अनमोल धरोहरों के वैज्ञानिक संरक्षण की शुरुआत टिहरी के बादशाहीलीथौल स्थित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय प्रांगण की गुनगुनी धूप में राष्ट्रीय पाडुलिपि मिशन भारत सरकार द्वारा की गई। पुराना दरबार ट्रस्ट टिहरी द्वारा 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर 2019 तक आयोजित इस अति महत्वपूर्ण कार्यशाला में इतिहास और विज्ञान ने साथ-साथ खड़े होकर एक नए युग का सूत्रपात किया। यह बड़ा ही अच्छा मौका था जब पुराना दरबार हाउस ऑफ आर्कियोलोजिकल एंड आरकाइवल मटिरियल क्लेक्शन ट्रस्ट के मुखिया टिहरी राजपरिवार के ठाकुर भवानी प्रताप सिंह और राष्ट्रीय पांडलिपि मिशन, भारत सरकार के संरक्षणकर्ता की पांच सदस्यीय टीम ने टिहरी, चमोली उत्तरकाशी समेत कई जिलों के प्रतिनिधियों और संरक्षणकर्ताओं समेत श्रीदेव समन विश्वविद्यालय, गढ़वाल विश्वविद्यालय, कई राजकीय महाविद्यालय के प्राध्यापको, शोधार्थियों, छात्रों, पत्रकारों, आम लोगों, बुद्धिजीवियों, साहित्यकर्मियों और व्यक्तिगत पांडलिपि संरक्षणकर्ताओं के साथ मिलकर उत्तराखंड के कोने-कोने में बिखरी पांडलिपि संपदा के वैज्ञानिक संरक्षण की दिशा में पहला मील का पत्थर रखा। इस ऐतिहासिक कार्यशाला पर बात करने से पहले इसकी पृष्ठभूमि जानना बहुत जरूरी है कि आखिर ऐतिहासिक महत्व की दुर्लभ पाइंलिपियां अचानक कहां से आई? यह अब तक कहां टबी थीं और इस ऐतिहासिक यात्रा का सूत्रधार कौन है? इन पाडुलिपियों का क्या महत्व है और संरक्षण की भावी योजना क्या है? तो सुनिए यह भी एक रोमांचक यात्रा ही है किकैसे पाडलिपि मिशन की टीम पुराना दरबार ट्रस्ट के साथ सदियों से यं ही हमारे गांवों- गांवों में खादरों ढेबरों, काकरों, बक्सों, कंडियों, अलमारियों में रखी पुरखों की इस ज्ञान संपदा तक पहुंच गई। यह सब जानने को आपको टिहरी राजवंश के इतिहास के पन्नों की धूल झाड़नी होगी किपराना दरवार ट्रस्ट क्या है और इन ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेजों का स्रोत क्या हैं? टिहरी राजपरिवार में जन्मेकुवर विचित्र शाह एक साहित्यप्रेमी और विद्यानगगी व्यक्ति थे। वह आजीवन दुर्लभ दस्तावेजों, गथों और पाइलिपियों का संकलन करते रहे। साहित्य सृजन का यह प्रेम उनके तीसरे पुत्र टाकुर कैप्टेन शुरवीर सिंह पंवार को विरासत में मिलाकैप्टेन पंवार बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वह पहले आर्गी में कैप्टेन और बाद में रिहरी रियासत में गृह सचिव रहे। वह एक महान साहित्यमृजक और शोधार्थी थे। उनको जहां कहीं भी कोई दुर्लभ और महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलता वह उनके पिता के संजोय गंग्रहालय में शामिल हो जाता। कैप्टेन पंवार के हिस्से में पुराना दावार टिहरी स्थित महल का भवन आयाजिसमें प्राचीन तिवारियां, खोली, छाजे, नक्काशीदार अन्य संरचनाj देवदार के बक्से, आलमारियां, रियासत कालिन अब-शम्ब, मांट-वर्तनी समेत दर्लभ पथों दस्तावेजों एवं पाइलिपियों का सालों से मंजोया पम्नकालय और संग्रहालय आया।बाटी उन्होंने गढ़ राजवंश के बहुत सी सनदों, शोध ग्रंथों और दलन परनकों का संग्रह यो जोड़ा। उनके और भाई नौकरियों में चले गए लेकिन उनका वध टिहरीमेवारदा देश की आजादी के बाद वह उत्तरप्रदेश सरकार में प्रशासनिक अधिकारी बनकर फतेहपुर, रामपुर, अलीगढ़ जैसी संवेदनशील जगहों पर तैनात रहे। वह जहां भी जाते, परानी धरोहरो को सहेजने व संजोने का काम करते और समय समय पर राष्ट्रीय पत्रपत्रिकायला विषयों पर अपनी कलम चलाते। वह एक इतिहासकार, साहित्यकार और शोधार्थी के तौर पर हमेशा याद किये जाते रहेंगे। उनके सभी लेख गहरी विवेचना एवं गहन शोध के बाद लिपिबद्ध होते। 1973 में सेवानिवृत्ति के बाद वह गढ़वाल विश्वविद्यालय की मीनेट के सदस्य नियुक्त हुए और अपने पैतृक भवन में एक चौकीदार संरक्षक और क्योटर के माफिक हजारों पुस्तकों और दुर्लभ ग्रंथों के खजाने की रक्षा करते रहे। उनके दरवाजे हर विद्याप्रेमी, छात्र, साहित्यकर्मी, बुद्धिजीवी, इतिहासकार, साहित्यकार और शोधार्थी के लिए चौबीसों घंटे खुले रहते। दर्जनों शोधार्थियों ने इस संग्राहलय-पुस्तकालय का फायदा उठाया। पुराना दरबार ट्रस्ट के पास 250 विविध पांजलिपियों और लगभग 2500 दुर्लभ लूज पेपरों का संग्रह और अन्य ऐतिहासिक महल की वस्तुएं सुरक्षित है। पराना दरबार स्र की बौद्धिक संपदा केन्द्र की सदियों पुरानी परंपरा जारी है। इन्हीं दुर्लभ ग्रंथों एवं पाइलिपियों के संरक्षण के सिलसिले में राष्ट्रीय पाडुलिपि मिशन और पुराना दरबार ट्रस्ट साथ-साथ खड़े हुए। 2003 में स्थापित राष्ट्रीय पांडुलिपिमिशन, भारत सरकार द्वारा पुराना दरबार ट्रस्ट को 2019 में अपना क्षेत्रीय पांडलिपिसंसाधन केन्द्र घोषित किया। इसी संसाधन केन्द्र के अन्तर्गत पुराना दरबार ट्रस्ट ने उत्तराखंड में याता बिखरीदुर्लभपांडुलिपियों की खोज और उनके वैज्ञानिक संरक्षण हेतकार्यशरू किया है। सूचना प्रौद्योगिकी और ज्ञान विज्ञान के इस दौर में पांडुलिपियों का महत्व और प्रासंगिकता बढ़ गई है। प्रत्येक देश अपने मौलिक ज्ञान और प्राचीन विज्ञान को सहेजना चाहता है ताकि उस पर नये शोध किये जाएं जिससे समाज को वैचारिक और प्रयोगिक रूप से उनमें लिखी जानकारियां कालाभ मिल सके। अनादिकाल से उत्तराखंड में शिक्षा-दीक्षा और लेखन की पंरपरा रही है, जो वेदों से शुरू हुई। वेद बद्रीनाथ में लिखे गये। आदिगुरु शंकराचार्य की तपस्थली, कर्मभूमि एवं ज्ञानार्जन का क्षेत्र भी यहीं रहा है। यहां ज्ञान-विज्ञान एवं सामाजिक क्षेत्रों की पांडुलिपियां बहुतायत में मिली हैं। यहां के शासकों को चंद, कत्यूरी व पंवार वंश से संबधी हस्तलिखित गंथ भी मिले हैं, जिसमें महाराजा फतेहाशाह का फतेहप्रकाश', महाराजा सुर्दान शाह का सभासार' आदिटिहरी शासनकाल में 1835-36 के दौरान लिखे गये। कवियों में हंसपुरी के चंददास ने 'रामविनोद' और 'कृष्ण विनोद'जैसीरचनाएं और भषण ने 'अलंकार प्रकाश'जैसी रचनाएं यहीं की। रतनकवि द्वारा रचित फतेह प्रकाश, गुरु गोविंद सिंह द्वारा लिखित विचित्र नाटक और ज्योतिष एंवतंत्र विद्या के महारथी पंडित महिधर डंगवालके हस्तलिखित ग्रंथ भी पुराना दरबार ट्रस्ट के निजी संग्रह में हैं। इस क्रम में मई 2019 में पराना दरबार टस्ट और पांडलिपि मिशन ने अपने पहले पड़ावपर देहरादून में उत्तराखंड की चारधाम विषयक पाइलिपिसंपदा'कार्यशालाकी थी। टकी चारधाम विषयकपाटलिपिसंपदा कार्यशालाकी थी। जिसमें बहुत सी मौलिक जानकारियों के साथ वक्ताओं ने अपने सारगर्मित शोध पत्र एवं पांडुलिपियां प्रस्तुत की थीं। लेकिन पाडुलिपि संरक्षण की दिशा में जमीनी कार्य की शुरुआत हेतु इस कार्यशाला से हुई। इस मौके पर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डा. यू एस रावत ने पांडुलिपि संरक्षण के वैज्ञानिक संरक्षण की जोरदार वकालत करते हए पुराने समय में प्रयोग होने वाले पांडुलिपि संरक्षण के जैविक तरीकों पर भी प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता डा. योगबंर सिंह बाल ने पांडुलिपि मिशन, पुराना दरबार ट्रस्ट की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, पंवार वंश के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कैप्टेन शूरवीर सिंह पंवार के संग्रह में मौजूद साहित्य, कविताओं, पुस्तकों, ग्रंथ, ज्योतिष, आयुर्वेद, रियासत कालिन अभिलेखों, टिहरी रियासत के महत्वपूर्ण फैसलों, सामाजिक सरोकारों से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों, चित्रकार मौलाराम की कृतियों- गढ़वाली पेंटिग्स, संग्रहालय में मौजदप्राचीन चैत एवं मणकके चित्रों का संग्रह, टिहरी रियासत में मौजूदराजस्थान, कांगड़ा, गढ़वाल की कलाकृतियों के संग्रह, कलाकार अवतार सिंह पंवार की गढ़वाली जन-जीवन की कृतियों और उनके योगदान का जिक्र करते हुए हिमवंत कवि चंद्रकुंवर बलि की 1937-44 तक कविताओं की पांडुलिपियों, अवतार सिंह पंवार की 1945-52 की कलाकृतियों और नरेन्द्र सिंह भंडारी की 1935-38 की पांइलिपियों का प्रदर्शन भी किया। उन्होंने बताया कि बैरिस्टर मुकंदीलाल ने सालों मौलाराम की गरिम्सका अध्ययन कर उनका गढ़वाल पॅटिम' के नामसेप्रकाशनकर दुनिया में प्रसिद्धि दिलाई। इसका विमोचन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया। आज मौलाराम की कृतियां गढ़वाली पेंटिम' के नाम से ही प्रसिद्ध हैंकार्यशाला में मोलारामतोमर के वशंज डा. तोमर ने इस महान कलाकार की प्राचीन कतियों का प्रदर्शन भी किया। राज्य अभिलेखागार के पूर्व निदेशक डा. लालता प्रसाद द्वारा उत्तराखंड में 2003 में स्थापित राज्य अभिलेखागार का इतिहास, उसमें मौजूद हजारों पाइलिपियों की विस्तृत जानकारी, यहा मौजूद राज्य भर के महत्वपूर्ण तहसिक व्याक्तगत दस्तावजा व पांडुलिपियों के संग्रह, राज्य के 30 साल पुराने प्रशासनिक और ऐतिहासिक महत्व के संरक्षित दस्तावेजों, 1816 से संरक्षित ब्रिटिश कालीन दस्तावेज, समाचार पत्र, पत्रिकाओं, 1849से अभी तक के गजेटियर, आमलोगों द्वारा दान दिये दुर्लभ दस्तावेजों आदि के संग्रह 1849 स अभातक के गजाटयर, आमर की कहानी और उनकी सॉट कापियों, हार्डकापियों, और माइक्रोफिल्मस के रूप में संरक्षित करने की वैज्ञानिक प्रकिया के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ हीचिंता प्रकट की गई कि इतनी मेहनत सेतैयार किये महत्वपूर्णसंग्रहालयकाकोई उपयोग नहीं हो रहा है। राष्ट्रीय पांडुलिपिमिशन के संरक्षण विंग की निदेशक डा. कृति श्रीवास्तव के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने 30 प्रशिक्षणार्थियों से वैज्ञानिक संरक्षण के एक एक पहलू पर प्रयोग करवाकर संरक्षण कार्य करवाया गया। पालिपियों के ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व, उनके अनुरक्षण-संरक्षण की मिशन की प्राथमिकता, मिशन की स्थापना के इतिहास और महत्व पर डा. कृति ने कहा कि यह एक जटिल प्रक्रिया है जो आम आदमी ही नहीं बुद्धिजीवियों की समझ से भी परे का विषय है। हमें बहत मश्किल होती है. लोगों को यह समझाने में कि यह कार्य क्यों महत्वपूर्ण है मिशन की पहली प्राथमिकता हर तरह की पांडुलिपियों को एकत्र करना, सूचीबद्ध करना और उनका वैज्ञानिक उपचार करना है। देश भर में एकत्र पांडुलिपियां भारत सरकार के कैटालॉग में सूचीबद्ध होंगी पर उनपर स्वामित्व दानदाताकाही होगा।वैज्ञानिक किटकाप्रयोगकरतेहए स्थानीय 30 प्रशिक्षणार्थियों ने कुल 600 से ज्यादा पांडुलिपियों को संरक्षित करने का कार्य इसदौरान किया।पडिलिपिसंरक्षण काय का अपनी आंखों के सामने होते देखना वाकई एक सुखद व रोमांचक पहाड़ी यात्रा सरीखा ही था। कार्यशाला में पुराना दरबार ट्रस्ट द्वारा प्रदर्शित सैकड़ों दर्लभदस्तावेजों के बीच 29 फीट लंबीलगभग 150 साल पुरानी कुंवर विचित्र शाह की जन्मपत्रीकासार्वजनिक प्रदर्शन खास आकर्षण का केंद्र थी। रुद्रप्रयाग जनपद केसतेराखाल और शिवपुरी गांव के बवाल परिवारों द्वारा प्रदर्शित लगभग 2500 से ज्यादा दर्लभ पाइलिपियों का प्रदर्शन देखकर पाइलिपि मिशन की टीम हैरान थी। यह पांडुलिपियो लगभग 300-400 सालपुराना थाइनके बारे में बर्तवाल बंधुओं द्वारा बताया गया कि यह ज्योतिष शास्त्र, इतिहास, आयुर्वेद इनके गढ़वाल के राजस्व अभिलेखों, सैन्य मामलों. तंत्र-मंत्र. कर्मकांड आदि से संवधी हैं। Popular posts स्वयं को बदलो तभी समाज बदलेगा November 13, 2019 • janmanchaajkal शिल्पकार, नाम, जनेऊ, शिक्षा, सम्मान, हिस्सेदारी व प्रतिनिधित्व के लिए एक आंदोलन April 30, 2020 • janmanchaajkal उत्तराखण्ड के शिल्पकार November 30, 2019 • janmanchaajkal नयी कविता के जनक की साहित्यिक यात्रा July 01, 2020 • janmanchaajkal पुष्पावती नदी November 28, 2019 • janmanchaajkal Publisher Information Contact dehradoondiscover2@gmail.com 9411734789 140- Raipur Rhal, DEHRADUN - 248008 About WE ARE SINCE 2010,देहरदून डिस्कवर एक मासिक पत्रिकाहै। यह पर्यटन, संस्कृति व समसामयिकी पर खबर, रिपोर्ट व वृतान्त आदि के प्रकाशन पर कार्य करती है
2022-12-07T12:40:25Z
https://www.dehradoondiscover.page/2019/11/durlabh-paandulipiyon-ka-hoga-Ltm0_T.html
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गोरखपुर में मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? | UPkhabar गोरखपुर में मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? by Khabar Newsroom , 9:37 am, August 14, 2017 यूपी का पूर्वांचल वैसे भी श्रीहीन है। यहां गरीबी, बीमारी, विपुल आबादी, छोटे-छोटे जोत के अलावा कुछ भी नही है फिर भी यह इलाका और इस इलाके के लोग बड़े सकून से रहते हैं। कठिनाइयां, दुश्वारियां झेलना, कभी गंडक, कभी राप्ती/गोर्रा/घाघरा आदि की बाढ़ तो कभी हैजा/ताऊन/मलेरिया/चेचक से त्रस्त तो अब इंसेफेलाइटिस/मस्तिष्क ज्वर से पस्त यह इलाका सँघर्ष करने से पीछे नही रहा है। इस इलाके ने स्वतंत्रता आंदोलन में चौरीचौरा कांड कर सात समुंदर पार से आये अंग्रेजो तक को हिला दिया था। सरकारे बदलने और बनाने में भी पूर्वांचल का अपना एक इतिहास है जिसकी एक इबारत अभी-अभी कुछ ही माह पूर्व अखिलेश यादव जी की सरकार के पदच्युत होने और आदित्यनाथ जी की सरकार के सत्त्तासीन होने की लिखी गयी जिसमे गोरखपुर मण्डल ने सिर्फ एक सपा, एक बसपा और एक कांग्रेस को सीट देकर सम्पूर्ण भाजपा खाते में डालकर योगी जी के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त किया लेकिन अब मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ जी के सिरहाने मौत का यह खेल, इतने बच्चों की जानबूझ कर की गई हत्या, अजीब दास्ताँ बयां कर रहा है। ये मौतें योगी जी को चैलेंज हैं। मुझे याद है कि देश की सन्सद से लेकर गोरखपुर की सड़कों तक पर योगी जी इंसेफेलाइटिस पर अत्यधिक चिंता जताते थे। वे विपक्षी सरकारों पर दोषारोपण करते थे कि ये सरकारे नालयक हैं जो समुचित इंतजाम नही कर पा रही हैं लेकिन अब क्या कहा जाय योगी जी, जब सारे इंतजाम का जिम्मा आपके कंधों पर और वह हो गया जो अब तक सत्त्तासीन रहे आपके कथनानुसार नालयक लोगो की सरकार में नही हुवा था। गोरखपुर मेडिकल कालेज में विगत दो दिनों में आक्सीजन के अभाव में 40 बच्चे मर गए, यह पूरी मानवता को शर्मशार करने वाली दुर्घटना है। हम बच्चों को चंद सांसे न दे पांये इससे अधिक सोचनीय और शर्मनाक क्या हो सकता है? इस देश मे एक नेता हुए लालबहादुर शास्त्री जी जिन्होंने रेल दुर्घटना होने पर खुद को जिम्मेदार माना और त्यागपत्र दे डाला, प्रधानमंत्री बनने पर ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इस अंदेशे में कि कहीं देश के विरुद्ध तो कोई समझौता नही हो गया, हर्ट अटैक से मौत को प्राप्त हो गए और आज उनके नाती स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह जी इन बच्चों की मौत का जिम्मेदार अगस्त महीने को बना रहे हैं? यह अद्भुत है। योगी जी के मुख्यमंत्री बनने से पूर्वांचल को बड़ी उम्मीदें थीं, रहनी भी चाहिए क्योकि कितना भी भोथरा हथियार रहता है,खींचता अपनी ही तरफ है। हमलोग देख भी रहे हैं कि जो भी मुख्यमंत्री हुवा है उसने अपने इलाके का जरा ज्यादा ध्यान दिया है। पूर्वांचल के विकास में मुख्यमंत्री रहे वीरबहादुर सिंह जी और केंद्रीय मंत्री रहे कल्पनाथ राय जी का योगदान सराहनीय रहा है, अब योगी जी से उम्मीदें थीं लेकिन योगी जी के संसदीय क्षेत्र/जिले/नगर में, उनकी नाक के नीचे आक्सीजन मतलब हवा के अभाव में बच्चों का मरना, पूर्वांचल की जनता के उम्मीदों,सपनो का टूटना है।योगी जी !अब आप ही निर्णय करें कि यदि आप विपक्ष में होते तो ऐसी हृदय विदारक घटना पर क्या बयान देते? योगी जी! आप हमारे हैं/हमारे पूर्वांचल के हैं इसलिए हम आपकी अंतरात्मा पर ही छोड़ते हैं कि क्या सजा है इस जघन्य अपराध का और दोषी कौन लोग है/जिम्मेदार कौन लोग हैं इन मासूमो की मौत का या यूं कहें कि हत्या का? BSP से निकाले गए पूर्व मंत्री बोले- माया के विधायकों को सपा नेताओं से पिटते देखा राष्‍ट्रपति चुनाव : रामनाथ कोविंद सियासत के अलावा अदालत में भी खेल चुके हैं लंबी पारी गुजरात चुनावः इन मुद्दों के सहारे एक दूसरे को घेरने की कोशिश करेगी भाजपा-कांग्रेस मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी पर अटकी 'आप' और सिद्धू के बीच बातचीत यकीन नहीं होगा कि ये यूपी के राज्यमंत्री का कच्चा घर है जो ढह गया, तस्वीरें हिंदू भारत की ओर बढ़ते कदम, गोरखपुर में पुलिस अधिकारी ने वर्दी में योगी आदित्यनाथ के चरणों में झुककर लिया आशीर्वाद
2019/02/22 11:02:28
http://upkhabar.in/2017/08/14/who-is-responsible-for-the-death-of-innocents-in-gorakhpur-medical-college/
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कोर्ट और मीडिया बुलंद आवाज में अपनी बात कहें, भले ही कोई न सुने: जस्टिस कुरियन जोसेफ | Public Live country General Latest News Social ट्रेंडिंग न्यूज़ देश नई दिल्ली: जस्टिस कुरियन जोसेफ का कहना है कि कोर्ट और मीडिया को अपनी बात हमेशा बुलंद आवाज में कहती रहनी चाहिए, फिर चाहे कोई सुने या न सुनें. हालांकि, आगे उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लोकतंत्र के खातिर मीडिया और कोर्ट को तब तक अपनी बात कहते रहना चाहिए जब तक उसका असर दिखाई न देने लगे. इसी दौरान उन्होंने ये भी बताया कि वे अपने रिटायरमेंट के बाद किसी भी सरकार द्वारा कोई भी दिया हुआ कार्य स्वीकार नहीं करेंगे. कुछ दिनों पहले न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर ने भी रिटायरमेंट के बाद किसी भी सरकारी काम या उनके दिए पद को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. न्यायपालिका में सरकार के हस्तक्षेप को लेकर फुल कोर्ट में हो चर्चा, जस्टिस चेलमेश्वर ने CJI को लिखा पत्र गौरतलब है कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे. भारतीय न्यायपालिका में यह पहला मौका था जब जजों ने इस तरह मीडिया से बात की थी. इसमें जजों ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है. उन्होंने चीफ जस्टिस से इस बारे में मुलाकात भी की. चीफ जस्टिस से कई गड़बड़ियों की शिकायत की थी, जिन्‍हें ठीक किए जाने की जरूरत है. उन्होंने इस दौरान चीफ जस्टिस को नवंबर में लिखा पत्र भी मीडिया के सामने सार्वजनिक किया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जजों ने आरोप लगाया था कि शिकायत के बाद भी चीफ जस्टिस ने कोई कदम नहीं उठाया, जिस वजह से उन्हें मीडिया के सामने आना पड़ा.
2021/10/23 04:17:24
https://publiclive.co.in/2018/04/10/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%82%E0%A4%A6-%E0%A4%86%E0%A4%B5%E0%A4%BE/
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Published on 10 Jul, 2020 08:24 AM. . कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। लेकिन शहर से 17 किमी पहले सुबह 6:30 बजे काफिले की एक कार पलट गई। विकास उसी गाड़ीमें बैठा था। हादसे के बाद उसने पुलिस टीम से पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में वह बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे सीने और कमर में दो गोली लगीं। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया। हालांकि, अभी पुलिस का आधिकारिक बयान नहीं आया है।विकास दुबे को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था।
2020/08/07 20:36:42
http://dainikmail.com/news_details.html?id=%208708
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नई दिल्लीः वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा, मारुति सुजिकी की बेलेनो का नया अवतार Toyota Glanza को भारत में अगले महीने लॉन्च करने वाला है। यह कार 6 जून को लॉन्च की जाएगी। Glanza टोयोटा और सुजुकी के बीच हुए समझौते के तहत मार्केट में आने वाली पहली कार होगी। ग्लैंजा की लॉन्चिंग नजदीक देखते हुए टोयोटा ने Glanza का एक टीजर वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में केवल कार का फ्रंट दिखता है और अन्य कोई डिटेल पता नहीं चलती है। हालांकि Glanza के बारे में कई डिटेल इसकी लीक हो चुकी तस्वीरों से पहले ही सामने आ चुकी हैं। अगर आसान भाषा में बात करें तो Toyota Glanza मारुति सुजुकी की बेलेनो की तरह ही है बस उसमें आपको सुजुकी की जगह टोयोटा का लोगो देखने का मिलेगा। Glanza और बलेनो के बीच एक्सटीरियर के मोर्चे पर कोई बड़ा अंतर नहीं है। हालांकि फ्रंट में एकदम नई बोल्ड क्रोम ग्रिल दी गई है। बाकी के कंपोनेंट जैसे हैडलैंप, बंपर और फॉग लैंप हाउसिंग बलेनो के समान ही रखी गई है। चुनाव खत्म होते ही तेल कंपनियों ने बढ़ाई पेट्रोल-डीज़ल की कीमत कार के अंदर की बात करें तो Toyota Glanza में बलेनो के जैसा ही डैशबोर्ड मिलेगा। स्टीयरिंग व्हील से लेकर​ स्विचगियर तक काफी हद तक समान हैं, हालांकि अब यहां सुजुकी लोगो की बजाय टोयोटा का बैज मिलेगा। दोनों कारों का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम और सीट कलर भी एक जैसा है। Toyota Glanza में बलेनो के जैसो ही 1.2 लीटर, 4 सिलिंडर, VVT पेट्रोल इंजन मिलने की उम्मीद है। हालांकि इस बारे में अभी कुछ कन्फर्म नहीं है।
2019/09/23 13:39:32
https://www.dainiksaveratimes.com/business/automobile/news/toyota-glanza-teaser-released-car-to-be-launched-on-june-6-236851
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BJP AND AJSU coalition in Jharkhand | BJP संसदीय बोर्ड की बैठक में झारखंड में आजसू से समझौते पर लगी मुहर Mar 9, 2019, 12:24 AM IST नई दिल्ली: बीजेपी के संसदीय बोर्ड की बैठक शुक्रवार की रात संपन्न हुई जिसमें झारखंड में बीजेपी तथा आल झारखंड स्टुडेंट युनियन (आजसू) के साथ चुनावी तालमेल पर मुहर लगायी गयी है . इस समझौते के तहत बीजेपी झारखंड के 14 में से 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तथा आजसू एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेगा . बैठक के बाद बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए विश्वास जताया कि राजग गठबंधन सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी . इस बैठक में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्रियों अरूण जेटली, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह थावरचंद गहलोत, जे पी नड्डा तथा पार्टी उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान सहित बोर्ड के अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया . माना जाता है कि संसदीय बोर्ड की इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों और पार्टी के प्रचार अभियान भी चर्चा में आए . बीजेपी संसदीय बोर्ड की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब सत्तारूढ़ दल और कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष के बीच बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है . इससे एक दिन पहले ही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है .
2019/08/19 00:24:01
https://zeenews.india.com/hindi/india/bihar-jharkhand/bjp-and-ajsu-coalition-in-jharkhand/504882
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Rahul Gandhi said that he will die but will not insult Modi's parents | मर जाऊंगा मगर मोदी जी के मां-पिता का अपमान नहीं करूंगा: राहुल गांधी:- Newstimes मर जाऊंगा मगर मोदी जी के मां-पिता का अपमान नहीं करूंगा: राहुल गांधी ABHIMANYU VERMA 15/05/2019 10:24:08 Bhopal. पीएम मोदी की ओर से गांधी परिवार पर बार-बार हमला किए जाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन पर तंज़ कसा है। उज्जैन में राहुल ने कहा है कि वह मर जाएंगे लेकिन जिंदगी भर पीएम नरेंद्र मोदी के माता-पिता का अपमान नहीं करेंगे। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को मध्य प्रदेश के मंदसौर पहुंचे थे। इस दौरान राहुल ने नीमच, उज्जैन के तराना और खंडवा संसदीय क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित किया। पीएम मोदी की ओर से निजी हमलों पर राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी नफरत से बात करते हैं, उनके पिता, दादी, परदादा का अपमान करते हैं। लेकिन वह कभी भी जिंदगी भर नरेंद्र मोदी के परिवार के बारे में उनके माता-पिता के बारे में कभी नहीं बोलेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह मर जाएंगे मगर नरेंद्र मोदी जी की मां और पिता का अपमान कभी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह आरएसएस-भाजपा के आदमी नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी का आदमी हैं। वह जितनी नफरत और क्रोध उनकी तरफ फेंकेगे, वह उनको वापस प्यार देंगे। इस मौक पर मध्य-प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे। दोनों ने बीते पांच माह के कार्यकाल का ब्यौरा दिया और केंद्र की सरकार की नीतियों की आलोचना की। Previous Newsमाधुरी दीक्षित के जन्मदिन पर देखें उनका वेडिंग एल्बम जो आज तक किसी ने नहीं देखा Next Newsविवाहिता की संदिग्ध हालातों में गोली लगने से हुई मौत, हत्या या आत्महत्या में उलझी गुत्थी Web Title: Rahul Gandhi said that he will die but will not insult Modi's parents ( Hindi News From Newstimes)
2019/07/21 02:12:25
https://www.newstimes.co.in/news/77048/Bharat/MADHYA-PRADESH/Rahul-Gandhi-said-that-he-will-die-but-will-not-insult-Modis-parents
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कोरोना के प्रसार पर बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री - लोगों के गैर जिम्मेदाराना बर्ताव से संक्रमण फैला - Kohram Hindi News राष्ट्रीय राज्यवार ख़बरें विदेश स्पेशल रिपोर्ट चर्चा में ओपिनियन कानून जानें मनोरंजन सेहत वायरल विडियो Search Friday, December 3, 2021 Sign in Welcome! Log into your account your username your password Forgot your password? Get help Privacy Policy Password recovery Recover your password your email A password will be e-mailed to you. Kohram Hindi News राष्ट्रीय राज्यवार ख़बरें विदेश स्पेशल रिपोर्ट चर्चा में ओपिनियन कानून जानें मनोरंजन सेहत वायरल विडियो Homeराष्ट्रीय कोरोना के प्रसार पर बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री – लोगों के गैर जिम्मेदाराना बर्ताव से संक्रमण फैला राष्ट्रीय By kohram_editor September 21, 2020 68 0 इस पाकिस्तानी लड़की पर दिल हारे लोग, न कोई मेकअप न पहने हैं सुंदर कपड़े ! Viral Video: यात्रियों ने धक्का लगाकर रनवे से हटाया पंचर विमान बिहार: 3 फीट 3 इंच की महिला ने ‘बड़े-बड़े’ प्रत्याशियों को चुनाव में हराया Tadap Release: मोहब्बत की हदो को पार कर जायेंगे Sunil Shetty के बेटे Ahan Shetty Money Heist 5 Release: बस ख़त्म होने वाला है इंतज़ार! होने वाली है प्रोफेसर और टीम से मुलाक़ात - Advertisement - भारत में र रोज COVID-19 के मामले बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 54,00,619 हो गई है। पिछले 24 घंटों में (शनिवार सुबह 8 बजे से लेकर रविवार सुबह 8 बजे तक) कोरोना के 92,605 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान देश में 1133 कोरोना संक्रमितों की मौत भी हुई है। इसी बीच देश में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में कहा है कि लोगों के गैर जिम्मेदाराना बर्ताव से ही कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के बढ़ने की वजह लोगों की गैर-जिम्मेदराना व्यवहार है। उन्होंने कहा कि जिस तरह इस महामारी को काबू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाई हमें उनका आभारी होना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा में कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा के दौरान कहा, ‘भारत में हम सभी 30 वैक्सीन के विकास में पूरा सहयोग दे रहे हैं। इनमें से तीन पहले, दूसरे और तीसरे चरण के एडवांस ट्रायल में हैं। 4 से अधिक वैक्सीन प्री-क्लिनिकल ट्रायल के एडवांस स्टेज पर हैं।’ उन्होंने संक्रमण से बचाव के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ’30 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने दुनिया को इस बीमारी के बारे में चेतावनी दी। लेकिन हमने 8 जनवरी से ही काम करना शुरू कर दिया था। हमने 17 जनवरी को एक विस्तृत हेल्थ एडवाइजरी जारी की और सामुदायिक निगरानी शुरू की। 30 जनवरी को, जब भारत में पहला केस सामने आया, तो अधिकारिकों ने 162 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कीं।’ स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में अब तक 63.7 मिलियन टेस्ट किए गए हैं, जो ‘दुनिया में शायद सबसे अधिक हैं’। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘आज भी, 40 लाख लोगों को सामुदायिक निगरानी में रखा गया था। 1 करोड़ से अधिक लोगों की ट्रेसिंग हुई है। एयरपोर्ट पर पंद्रह लाख लोगों की जांच की गई है। जब नेपाल में पहला मामला सामने आया था, तब 16 लाख लोगों की सीमा पर जांच की गई थी। 16 मार्च से 23 मार्च तक, आधे से अधिक राज्यों ने आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन लगाया है।’
2021-12-02T22:10:27Z
https://kohraam.com/national/news-corona-virus-spread-by-irresponsible-behaviour-of-people-179558.html/
OSCAR-2201
ऑफ द रिकॉर्ड/कोरोना- डरा रहे हैं ये आंकड़े - Bichhu.com ऑफ द रिकॉर्ड/कोरोना- डरा रहे हैं ये आंकड़े – नगीन बारकिया कोरोना- डरा रहे हैं ये आंकड़े कोरोना वायरस के चलते एक साल से ऊपर हो गया है लेकिन जिस तेज गति से यह पिछले दो महीनों से चल रहा है उसने तो लोगों की सोचने समझने की बुद्धि पर ही ताला जड़ दिया है। इन दिनों जो आंकड़े उभरकर सामने आ रहे हैं वह किसी को भी डराने के लिए काफी हैं। रोजाना आंकड़े रिकार्ड तोड़ रहे हैं और लोग डरकर एक दूसरे से यही पूछ रहे हैं कि आखिर यह कहर कब खत्म होगा। हालाकि पूछने वाले और उत्तर देने वाले दोवों को ही यह पता है कि उन्हें कुछ नहीं पता। देशभर के अलग-अलग राज्यों और शहरों में तमाम तरह की पाबंदियां भी लगाई जाने लगी हैं। कहीं नाइट कर्फ्यू, कहीं वीकेंड लॉकडाउन तो कहीं पर पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। राज्य कोरोना मामलों को नियंत्रित करने के लिए ये तमाम तरीके अपना रहे हैं। इस बीच वायरस की इस दूसरी लहर में एक ऐसा ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जो काफी चिंताजनक है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार यह वायरस बुजुर्गों के बजाय युवाओं और बच्चों में ज्यादा तेजी से फैल रहा है। दरअसल कोरोना वायरस के पहले फेज में इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों में बुजुर्ग शामिल थे, लेकिन इस बार यह मामला बिल्कुल उलट हो गया है। यही कारण है कि एक महीने में 5 राज्यों के करीब 80 हजार बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वर्तमान में बच्चों के लिए कोई टीका मौजूद नहीं है। हाल ही में ब्रिटेन में बच्चों पर एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के परीक्षण को भी रोक दिया गया, जब टीके का उन पर बुरा प्रभाव पड़ने की रिपोर्ट सामने आई, जिसके कारण यूरोपीय राष्ट्र में सात मौतें भी हुई। पाक ने दिया 1100 सिख यात्रियों को वीजा पाकिस्तान में भारत के साथ रिश्तों में आए बदलाव का एक नमूना तब सामने आया जब पाकिस्तान में प्रतिवर्ष होने वाले बैसाखी उत्सव में भाग लेने के लिए 1100 भारतीय सिख तीर्थ यात्रियों पाक ने वीजा जारी कर दिया। यह उत्सव इस बार 12 से 22 अप्रैल तक होना है। पाकिस्तान उच्चायोग ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार ने पंजाबी और सिखों के लिए बैसाखी पर्व के महत्व के देखते हुए यह फैसला किया है। वास्तव में यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के रिश्तों में कुछ बदलाव आया है। भारत और पाकिस्तान की सेनाएं पिछले दिनों 2003 के सीजफायर समझौते को लागू करने पर सहमत हुई हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान ने भारत से कपास और चीनी आयात को मंजूरी दी थी। हालांकि, विपक्ष और अपने ही कुछ मंत्रियों के दबाव में इमरान सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा। धार्मिक यात्रा पर भारत और पाकिस्तान के बीच 1974 में स्थापित प्रॉटोकॉल के तहत हर साल बड़ी संख्या में सिख तीर्थ यात्री विभिन्न त्योहारों को मनाने के लिए पड़ोसी देश में जाते हैं। सिखों के कई बड़े धार्मिक स्थल बंटवारे के बाद पाकिस्तान के हिस्से में चले गए। पीएम मोदी ने कुछ यूं बताई अपनी वर्किंग स्टाइल प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को जब बच्चों से परीक्षाओं के विषय में चर्चा की तो उन्होंने बच्चों को बड़े ही अनौपचारिक अंदाज में अपनी वर्किंग स्टाइल बता डाली। मोदी ने अपना अनुभव भी साझा किया। उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था, तब भी और आज जब प्रधानमंत्री हूं तब भी मुझे बहुत कुछ पढ़ना पढ़ता है। बहुत कुछ सीखना पड़ता है। चीजों को समझना पड़ता है। तो मैं क्या करता हूं कि जो मुश्किल बातें होती हैं, मैं सुबह शुरू करता हूं तो कठिन चीजों से शुरू करना पसंद करता हूं। मुश्किल से मुश्किल चीजें मेरे अफसर मेरे सामने लेकर आते हैं, उनको मालूम होता है कि मेरा अलग मूड है। मैं चीजों को काफी तेजी से समझ लेता हूं। फैसला करने की दिशा में आगे बढ़ता हूं। मोदी ने आगे कहा कि सुबह होते ही मैं कठिन चीजों से मुकाबला करने निकल जाता हूं। आपको डर एग्जाम का नहीं है, आपको डर किसी और का है और वह क्या है? आपके आस-पास एक माहौल बना दिया गया है कि यही एग्जाम सब कुछ है, यही जिंदगी है। हम थोड़ा ज्यादा सोचने लग जाते हैं। परीक्षा जीवन को गढ़ने का एक अवसर है, उसे उसी रूप में लेना चाहिए। हमें अपने आप को कसौटी पर कसने के मौके खोजते ही रहना चाहिए, ताकि हम और अच्छा कर सकें। हमें भागना नहीं चाहिए। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पर बिगड़े हर्षवर्धन कोरोना वायरस के मामलों पर बढ़ोतरी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बुधवार को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकार पर जमकर निशाना साधा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है, कुछ राज्य सरकारें अपनी नाकामी को छिपाने के लिए जनता में दहशत फैलान का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने महाराष्ट्र का नाम लेते हुए कहा कि टीके की कमी को लेकर वहां जनप्रतिनिधियों के बयान सामने आए हैं। यह कुछ भी नहीं है, यह महाराष्ट्र सरकार की महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए बार-बार विफलताओं से ध्यान भटकाने का प्रयास है।
2021/04/12 15:42:41
https://www.bichhu.com/blog/these-figures-are-intimidating-off-the-record/
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"ट्रस्ट अपने आंत वृत्ति" ... "मैं जानता था कि मेरे दिल में यह सही काम करना था ... "मैं सिर्फ एक लग रहा था" ... हमारी भाषा हमारी समझ है कि शरीर वास्तविक ज्ञान और ज्ञान है दर्शाता है. क्यों, फिर, हम हमारे समय के सबसे करने के लिए अपने संकेतों को ओवरराइड करने की कोशिश कर खर्च करते हैं? आप एक बार जब डर में अपने पेट knotted ऊपर, अपने दिल एक रोमांचक चुनौती से पहले निकल याद कर सकते हैं, तुम intuitively एक नया प्यार के करीब चले गए? आपको याद कैसे अपने मन व्याख्या अपने शरीर क्या महसूस कर सकते हैं? क्या यह तुम इतना कमजोर किया जा रहा है (या कायर या बचकाना या नियंत्रण से बाहर), सनसनी उपेक्षा, और अपने शरीर को क्या पता था कि यह सही था की सटीक विपरीत है के लिए धमकाना? आपके शरीर क्या कह रही है? अभी, इस क्षण में आपके शरीर तुम क्या कह रही है? * आपके पेट तनाव में चिंता है, या विश्राम के साथ गर्म के साथ है? * एकाग्रता में अपने माथे हल है, या अपनी आँखें आश्चर्य के साथ व्यापक रहे हैं? * अपने पैरों खुश अपने जूते में? * अपने श्वास पर्याप्त अभी तक शांत है? * आप अपनी त्वचा के अंदर आराम से? * क्या आप अपनी आँखों के माध्यम से बाहर देख रहे हैं, अपने कान के माध्यम से ध्वनि में ले, आपकी त्वचा के साथ तापमान महसूस कर रही है, हवा की गंध inhaling से? * क्या आप अपने शरीर में अभी रह? मानव शरीर एक सहज करने के लिए असली खतरा सहज क्षमता है, और एक शानदार शारीरिक प्रतिक्रिया प्रणाली है कि जब चलाने के लिए और जब से लड़ने के जानता है के साथ सुसज्जित आता है - जब भी हम सक्रिय रूप से जानकारी हम हमारी इंद्रियों से प्राप्त कर रहे हैं के लिए नहीं सुन रहे हैं. शरीर भी सहज करने की क्षमता है पता है जब हम सुरक्षित, पता है, जो हमें भावनात्मक रूप से पोषण कर सकते हैं, और अन्य लोगों के साथ प्यार और समर्थन में बंधन हैं. यह ठीक है: हम एक सहज वृत्ति के लिए जीवित है और समृद्ध करने के लिए, एक दूसरे से प्रेम के साथ पैदा होते हैं. आंतरिक तत्व है कि हमें कामयाब होना करने के लिए अनुमति देता है एक खुशी का अनुभव है. हालांकि, जब हम सक्रिय रूप से हम हमारे होश, जब हमें सिखाया जाता है कि शरीर की भाषा हमें मुसीबत में मिल जाएगा से प्राप्त कर रहे हैं जानकारी नहीं सुन रहे हैं, यह और अधिक करने के लिए स्वाभाविक रूप से जवाब मुश्किल है, बांड के लिए लंबे समय से स्थायी संतोषजनक में है दूसरों के साथ संबंधों. वाइड ओपन होश के साथ जीवन उलझाने पूरी तरह से जीवित लग रहा है हमारे होश और विस्तृत खुला प्रवृत्ति के साथ जीवन उलझाने का मतलब है. स्पर्श इंद्रियों की माँ है. यह सबसे पुराना, सबसे बड़ा है, और हमारे अंगों, त्वचा के सबसे संवेदनशील के साथ पैदा होता है. एशले में Montagu, मार्मिकत्वचा के महत्व के बारे में अपने अद्भुत किताब है, कहते हैं: "त्वचा जीव कामकाज का दर्पण है, उसका रंग, बनावट, सूखापन, और उसके अन्य पहलुओं में से हर एक, किया जा रहा है, के रूप में के रूप में अच्छी तरह से शारीरिक मनोवैज्ञानिक की हमारे राज्य को प्रतिबिंबित हम भय के साथ रंग उड़ जाना और शर्मिंदगी के साथ लाल बारी हमारी त्वचा. उत्साह के साथ tingles और झटके के साथ सुन्न लगता है, यह हमारी भावनाओं और भावनाओं के एक दर्पण है ". त्वचा हमारे पूरे शरीर को शामिल किया गया. यह नींव है जिस पर अन्य सभी इंद्रियों आधारित है. हमारी त्वचा हमारे तंत्रिका तंत्र और जिसमें हम रहते हैं पर्यावरण के बीच इंटरफेस है. यह हमारे अंदर बाहर जोड़ता है, और इसके विपरीत. न्यूरो मानव विज्ञानी आंद्रे Virel कहते हैं, "हमारी त्वचा भी अधिक एक जादू देख कांच की उन से अद्भुत गुणों के साथ संपन्न दर्पण है." त्वचा हमारे अस्तित्व की पहेली में एक आवश्यक खिलाड़ी उज्ज्वल अच्छी तरह से किया जा रहा है और सब बातों के लिए कनेक्शन के लिए हमारे प्रयास में है. यह हमारी त्वचा है कि हमें sandpaper और संगमरमर, कांच और पानी, गर्म और ठंडे, दर्द और खुशी के बीच अंतर करने के लिए अनुमति देता है. जब हम स्वाद, गंध, दृष्टि, और इस जैविक समीकरण सुनवाई जोड़ते हैं, लग रहा है और सनसनी की एक शानदार सिम्फनी हमारे अनुभव बताते हैं. हमारी इंद्रियों के बिना हम छड़ी के आंकड़े की तरह कर रहे हैं समझ और संवेदनशीलता के बिना, हमेशा के लिए मस्तिष्क तर्क के आधुनिक रोग में ensnared. दुर्भाग्य से, हम में से ज्यादातर एक कम उम्र है कि मन की जीवन वास्तविक जीवन, महत्वपूर्ण जीवन, शरीर के उच्च कमांडर है सीखना. जीवन की परिपूर्णता - अनुभूति और भावना - हम क्या लगता है कि किसी भी क्षण में वशीभूत कर रहे हैं. कामुक इनपुट के पूर्ण पैलेट के बिना, जीवन के लिए एक एक रंग का आयाम है कि रंग और लगता है और बदबू आ रही है और स्वाद और उत्तेजना है कि हमें वास्तविक खुशी और खुशी का अनुभव करने के लिए सक्षम के लिए कोई गुंजाइश नहीं है कम है. मनुष्य स्वयं जागरूकता जब हम गर्म और सुरक्षित और अच्छी तरह से मनुष्य हैं, हमारी मांसपेशियों हमारे खून आसानी से बहती है, आराम और हम अच्छी तरह से किया जा रहा है या प्रामाणिक खुशी की भावना महसूस हो रहा है. जब हम खतरे में हैं, ठंड और भूख लगी है, हम चिंता और डर लग रहा है. हमारी मांसपेशियों को तनाव में, हमारे श्वास उथले हो जाता है, और हम को चलाने के लिए तैयार हो जाओ. पशु स्वतंत्र रूप से सहजता से ले जाते हैं,. वे एक झपकी के लिए नीचे गिरा जब वे थक गए हैं, वे खाने के लिए जब वे भूखे हैं. हम इस प्राकृतिक राज्य ईर्ष्या, लेकिन यह हमारा नहीं है. मानव होने का मतलब है हम आत्म जागरूकता है. मनुष्य के रूप में हम अद्वितीय होश में निरीक्षण करने के लिए और अपने स्वयं के व्यवहार को नियंत्रित करने की क्षमता के साथ पैदा होते हैं. कभी कभी यह है कि क्या हमें मुसीबत में हो जाता है. कभी कभी हमारे मन की तरह नहीं है हम क्या देखते हैं, या हम डर क्या हो सकता है और हम हमारे शरीर के संदेश को ओवरराइड. अभी तक इस बारे में जागरूकता भी हमारे लाभ के लिए काम कर सकते हैं: हम खुद को प्रशिक्षित करने के लिए कदम है और लगता है और सुन और देख सकते हैं और है कि अनंत, अनदेखी विस्तार में जीवन के लिए दुनिया लाने के तरीके में, लगता है ज्यादा के रूप में प्रशिक्षित वायोलिन बाजनेवाला स्वर में एक वायलिन गा कर सकते हैं है कि छात्र की पहुंच से बाहर हैं. होश में जागरूकता के स्वाभाविक रूप से शरीर की भाषा भी शामिल है. यह मदद करता है हमें पल में क्या हो रहा है और ईमानदारी से जवाब. यह हमें मदद करता है बाहर विक्षिप्त सोच फिल्टर. मैं जानता हूँ कि यह सच है क्योंकि मैं हर दिन देखते हैं. बीस से अधिक वर्षों के लिए मैं बेदखल मानव प्राणी है जो अपने शरीर की खोज में हैं और यह पता नहीं है के सैकड़ों के साथ काम किया है. हम में से अधिकांश की तरह, वे हमारी संस्कृति मिश्रित संदेश से बहुत पीड़ित हैं. उनमें से कई अपराध और शर्म की बात का पूरा कर रहे हैं, असफल कोशिश कर रहे जीवन के माध्यम से अपने रास्ते कारण. वे बहुत कम और अपने शरीर, इच्छा, बीमारियों, घुटने का झटका व्यवहार, और सुख की प्रकृति और समारोह के बारे में वास्तविक जानकारी है. इसके बजाय, उनके दिमाग में क्या हो सकता है अगर वे चलते हैं और उनसे बात करने के लिए अपने शरीर की अनुमति के बारे में विस्तृत पौराणिक कथाओं विकसित किया है. निश्चित रूप से वे सोचते हैं, वे नियंत्रण यौन खोना, या खुद को चोट लगी है, या वे कुछ अफसोस होता है. उनकी आशंका गहरी और शक्तिशाली हैं और कैसे शरीर वास्तव में काम करता है के बारे में उन्हें अंधेरे में रखना. विडंबना यह है कि वे अपने स्वास्थ्य के लिए दी ले. अपने शरीर को अपने लगातार संसाधन है पिछले चार दशकों में आत्म सुधार और शुद्धिकरण की एक भयंकर खोज की विशेषता है: हम धूम्रपान, पीने और दवाओं को छोड़ने के लिए कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। हम जिम में अपने शरीर को प्रशिक्षित करते हैं। हम अपने शरीर को जमा करने के लिए सावधानी से नियंत्रित भोजन खाते हैं। हम अपने यौन जीवन को बेहतर बनाने के तरीके पर किताबें खरीदते हैं। हम उत्साह की तलाश में कठोर और तेज़ रहते हैं, और फिर आंतरिक शांति पर ध्यान से, शरीर के अनुभवों का पीछा करते हुए और कम शारीरिक दुनिया के लिए लालसा से ठीक हो जाते हैं। हम आहार, फिटनेस, मनोरंजन और धर्म पर अरबों डॉलर खर्च करते हैं, और हम अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। सरल सच्चाई यह है कि हमारे शरीर को सही करने की मांग में, उन्हें टायर बाहर, या उन्हें पूरी तरह से बच, हम एक बुनियादी बात भूल गए हैं. हम उनके बिना कहीं नहीं जाना है, भले ही हम कोशिश कर सकते हैं. शरीर मायने रखती है. यह एक संसाधन, एक वस्तु के आकार में कोड़ा नहीं है. यह आप है. एक शरीर है एक इंसान सब के बारे में है. यूलेसस प्रेस, बर्कले, कैलिफ़ोर्निया में © 2000. www.ulyssespress.com वाइड ओपन होश: आपके शरीर में जीने की कला अभ्यास द्वारा Johanna Putnoi. सेंस वाइड ओपन पाठकों को दिखाता है कि कैसे खुद को आसानी से रहना, भावनात्मक रूप से संतुलित महसूस करना, अधिक स्पष्ट रूप से सोचना, और दूसरों और दुनिया के साथ उनके भौतिक संबंध में वास्तविक आनंद का अनुभव करना। व्यक्तिगत कहानियों को उजागर करने, गहरी आवागमन अन्वेषण, बॉडीवर्क मूलभूत बातें, और चरण-दर-चरण अभ्यास, लेखक जोहाना पुटनोई ने अपने अनुभव के वर्षों से ज्ञान प्राप्त किया है जो लोगों को अपने शरीर की प्राकृतिक खुफिया जानकारी के बारे में व्यक्तिगत जागरूकता विकसित करने के लिए सिखाता है। जोहन्ना Putnoi एक नर्तकी, लेखक, और दैहिक शिक्षक जो व्याख्यान और सुराग कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, और लागू somatics में प्रशिक्षण, आंदोलन कला, और Enneagram है. वह संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप भर में सिखाता है और दैहिक और बिग सुर, CA में Esalen संस्थान में लोकप्रिय कार्यशाला नेता परामर्शदाता है. वह भी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में Somatics और हीलिंग सिखाता है. उसकी वेबसाइट पर जाएँ: www.sensesopen.com आपके शरीर की गुप्त भाषा: स्वास्थ्य और कल्याण के लिए आवश्यक गाइड इन्ना सहगल के द्वारा. {amazonWS: searchindex = Books; कीवर्ड्स = बॉडी को सुनना; मैक्सिमस = एक्सएनयूएमएक्स} आप यहाँ हैं: होम > स्टाफ़ > अंतर्ज्ञान और जागरूकता > सहज ज्ञान युक्त जागरूकता > क्या आपने हाल ही में अपने शरीर की बात सुनी है? यह आपको क्या कह रहा है?
2020/09/20 16:49:48
https://hi.innerself.com/content/personal/intuition-awareness/intuitive-awareness/6817-have-you-listened-to-your-body-lately.html?idU=1
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Good news for modi govt fitch upgrade india gdp forecast for fy 19 - Economy News in Hindi - आम चुनावों से पहले फिच ने दी मोदी सरकार को संजीवनी, जीडीपी ग्रोथ बढ़ाकर किया 7.8 फीसदी | Patrika Hindi News Saurabh Sharma | Publish: Sep, 22 2018 10:39:36 AM (IST) अर्थव्‍यवस्‍था ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.8 फीसदी कर दिया है। नर्इ दिल्ली। देश में राजनीति का माहौल पूरी तरह से गर्म है। केंद्र सरकार राफेल डील पर पूरी तरह से घिरी हुर्इ है। वहीं देश में बढ़ते पेट्रोल के दाम भी केंद्र सरकार को परेशान किए हुए हैं। एेसे में लोकसभा चुनाव से पहले ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने मोदी सरकार को बड़ी संजीवनी देने का काम किया है। फिच ने फिच ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.8 फीसदी कर दिया है। पहले यह अनुमान 7.4 फीसदी था। फिच ने अपनी 'ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक' रिपोर्ट भारत की ग्रोथ के रास्ते की चुनौतियों को भी सामने रखा है। फिच के अनुसार उन्होंने 2018 की दूसरी तिमाही (चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही) में उम्मीद से बेहतर परिणाम को देखते हुए वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वृद्धि दर के पूर्वानुमान में बढ़ाकर 7.8 फीसदी किया है। 2021 की दर को किया कम चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी थी। फिच ने पहले इस तिमाही के लिए जीडीपी में 7.7 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था। एशिया के संदर्भ में देखें तो अन्य प्रमुख करंसी की तुलना में भारतीय रुपए का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक्सचेंज रेट में गिरावट को लेकर आरबीआई के अधिक लिबरल होने के बावजूद ब्याज दरों में अनुमान से अधिक इजाफा किया गया है। रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में ग्रोथ रेट के अनुमान में 0.2 फीसदी की कमी करते हुए उसे 7.3 फीसदी पर रखा है। 5 ट्रिलियन की इकोनाॅमी की घोषणा कर चुके हैं पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2022 तक 5,000 अरब डॉलर का होगा, जिसमें कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों में प्रत्येक का योगदान 1,000 अरब डॉलर का होगा। प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न राज्य एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्स्पो सेंटर का शिलान्यास करने के मौके पर अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में निर्यात का हिस्सा बढ़ाकर 40 फीसदी करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है। 2019 general election business news Business news in hindi Fitch Fitch rating Fitch Ratings 2019 general election business news Business news in hindi Fitch Fitch rating Fitch Ratings Fitch Report fitch upgrade india gdp forecast for fy 19 GDP Growth rate India business news Modi govt PM Narendra Modi rating agency fitch Fitch prediction of indian economy
2019/07/17 22:26:12
https://www.patrika.com/economy-news/good-news-for-modi-govt-fitch-upgrade-india-gdp-forecast-for-fy-19-3449492/
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आज़ादी के चेहरे.... - BBC News हिंदी आज़ादी के चेहरे.... https://www.bbc.com/hindi/multimedia/2015/01/150126_faces_of_freedom_picturegallery_rns महिलाओं के लिए हिजाब पहनने और न पहनने की आज़ादी के क्या मायने हैं. अज़रबैजानी कलाकार अलेक्जेंद्रा क्रेमर-खोमासोरद्ज़े ने 'फ़ेसेज़ ऑफ़ फ्रीडम' (आज़ादी के चेहरे) शृंखला के तहत कई तस्वीरें खींची. उन्होंने इस शृंखला के तहत दुनियाभर की 50 महिलाओं की तस्वीरें खींची. इन महिलाओं में अलग-अलग देशों, पृष्ठभूमियों और पेशों की महिलाएँ शामिल हैं. शृंखला में हर महिला की तस्वीर हिजाब और बग़ैर हिजाब के ली गई. (तस्वीर में- रुहा, स्टाइलइस्ट) क्रेमर बताती हैं कि उन्हें इस प्रोजेक्ट की प्रेरणा अपनी 2011 की बाखू यात्रा से मिली. वो कहती हैं, "22 साल पहले जब मैंने अज़रबैजान छोड़ा तो वहाँ हिजाब का प्रचलन कम हो रहा था, ख़ासकर युवतियों में जो जींस और मिनी स्कर्ट पहनना पसंद करती हैं. उनकी पसंद से पता चलता है कि वो एक नई बहुलतावादी संस्कृति को अपना रही हैं." (तस्वीर में- जूलिया) क्रेमर कहती हैं, "जब मैं 22 साल बाद अज़रबैजान वापस आई तो यह देखकर हैरान हो गई कि युवा अज़रबैजानी महिलाओं ने फिर से हिजाब पहनना शुरू कर दिया है. मुझे लगा कि मैं एक नए बाख़ू को देख रही हूँ, जहाँ आज़ादी का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए भिन्न-भिन्न हो सकता है." (तस्वीर में- फराह, कला दीर्घा की मालकिन) क्रेमर कहती हैं, "फेसेज़ ऑफ़ फ्रीडम के तहत मेरा इरादा हिजाब पहनने और हिजाब न पहनने की आज़ादी को समझने का था." (फ़ोटो- मरीना, वेब डिज़ाइनर) हिजाब एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है घूंघट. पश्चिमी देशों में सबसे अधिक प्रचलित है चौकोर स्कार्फ़ जिसमें सिर और गला ढंका रहता है लेकिन चेहरा पूरा दिखता है. नक़ाब उस हिजाब को कहते जिसमें बस आंखें दिखती हैं. इसमें आंखों के लिए अलग पर्दे का प्रयोग किया जा सकता है, जिसे हेडस्कार्फ़ के साथ पहना जा सकता है. (तस्वीर में- लोरी, होटल मैनेजर) सभी इस्लामी हिजाबों में बुर्का में शरीर सबसे ज़्यादा ढंका रहता है. इसमें महिला का पूरा शरीर और आंखें ढंकी रहती हैं. आंखों के ऊपर एक जालीदार पर्दा होता है जो देखने का काम आता है. (तस्वीर में- एंजी अनास्तासिया, समाजशास्त्र की छात्रा) क्रेमर बताती हैं कि इस शृंखला के लिए तस्वीरें लेना काफ़ी कठिन था. वो कहती हैं, "मेरे स्टूडियो से जाने के बाद हर किसी में एक स्थायी बदलाव आ गया था. जिनकी मैंने तस्वीरें खींची उनमें भी और मुझमें भी. मेरे लिए मॉडलिंग करने वाली कुछ महिलाएं रो पड़ीं. कुछ तो बिल्कुल ही हिजाब नहीं पहनना चाहती थीं, उनका कहना था कि वो इस बारे में किसी दिन सोचेंगी. वहीं कुछ महिलाएं जो हिजाब पहनकर आईं थीं उन्होंने हिजाब उतारने से मना कर दिया." (तस्वीर में- स्वेतलाना, ग्रास हॉकी टीम की गोलकीपर) क्रेमर कहती हैं, "मेरी कुछ मॉडलों ने रोते हुए कहा कि वो कभी हिजाब नहीं पहनेंगी. कुछ ने ठीक उल्टी बात कही, और कहा कि वो हमेशा हिजाब पहनेंगी." (लजाल्जा, एनॉटमी की प्रोफ़ेसर) अलेक्जेंद्रा क्रेमर का जन्म मॉस्को में हुआ था, उनका परिवार की जड़ें अज़रबैजान, जॉर्जिया और रूस मूल की हैं. उन्होंने अपनी युवास्था का ज़्यादातर समय अज़रबैजान की राजधानी बाखू में बिताया है. वो इसे ही अपना मूल निवास मानती हैं. (तस्वीर में- मैरी फ्रैंक्वा, असिस्टेंट मैनेजर) 'फ़ेसेज़ ऑफ़ फ्रीडम' शृंखला की तस्वीरें एशिया हाउस, लंदन में तीन फ़रवरी, 2015 से बूटा फ़ेस्टिवल के तहत पेश की जाएंगी. इस फ़ेस्टिवल में अज़रबैजानी कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाता है. (तस्वीर में- उलविया, संगीतकार)
2018/09/26 14:04:04
https://www.bbc.com/hindi/multimedia/2015/01/150126_faces_of_freedom_picturegallery_rns
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3 साल की एफडी पर मिल रही 10.50% ब्‍याज, उठाएं इस योजना का लाभ | Hawkins Fixed Deposit Scheme And Interest Rate - Hindi Goodreturns | Updated: Thursday, September 19, 2019, 13:48 [IST] वर्षों पुरानी कंपनी हॉकिंस कुकर ने कॉरपोरेट डिपॉजिट स्‍कीम (FD) का ऐलान किया है। कंपनी का एफडी प्‍लान 12 महीने से 36 महीने की अवधि के लिए है जिसमें सालाना ब्‍याज 10.50 प्रतिशत तक मिलेगी। कंपनी यह योजना 18 सितंबर 2019 से खुल गई है। आपको बता दें कि ज्‍यादातर बैंक 1 साल से 3 साल तक की एफडी पर 7.50 प्रतिशत सा इससे कम ही ब्‍याज देते हैं, ऐसे में यह नई स्‍कीम मंदी के दौर में ज्‍यादा रिटर्न पाने के लिए बेहतर विकल्‍प हो सकती है। इकरा से मिली है एमएए रेटिंग कंपनी की एफडी स्कीम को रेटिंग एजेंसी इकरा से एमएए (स्थिर) रेटिंग मिली है। यह रेटिंग 'हाई क्वालिटी और लो क्रेडिट रिस्क' को दर्शाती है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2018-19 में 54.20 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया है। 12 महीने की एफडी पर 10 फीसदी, 24 महीने की एफडी पर 10.25 फीसदी और 36 महीने की एफडीआई पर 10.50 फीसदी ब्याज मिलेगा। कंपनी द्वारा इन असुरक्षित सावधि जमाओं की मांग कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 73 (2) (ए) और 76 के तहत की जा सकती है और कंपनियों के नियम 4 (1) और (2) (जमाराशियों की स्वीकृति) नियम, 2014 हॉकिंस को कार्यशील पूंजी की जरूरतों और अप्रत्याशित आकस्मिकताओं के लिए नई जमा राशि में 111.93 लाख रुपये जुटाने की अनुमति है। एफडी करने का तरीका इसमें आप दो तरह से एफडी कर सकते हैं। पहले में पैसा एक साथ मेच्योरिटी पर लिया जा सकता है। वहीं दूसरा तरीका यह है कि ब्याज को बीच-बीच में लिया जा सकता है और मूलधन मेच्योरिटी के समय मिल जाएगा। इसमें आपको कम से कम 25 हजार रुपये का निवेश करना होगा। इसके बाद 1000 रुपये के गुणक में और बहुत अधिक निवेश कर सकेंगे। निवेश की अवधि 1 वर्ष, 2 वर्ष और 3 वर्ष की होगी। अधिक ब्‍याज दर कम से कम निवेश मैच्‍योरिटी अमाउंट 36 महीने 10.50 25000 रुपये 34210 रुपये ब्याज का भुगतान आवेदकों को ईसीएस, डेबिट क्रेडिट, आरटीजीएस, एनईएफटी या वारंट के माध्यम से किया जाएगा। जमा ईसीएस, डेबिट क्रेडिट, आरटीजीएस, एनईएफटी या चेक के माध्यम से चुकाया जाएगा। यदि परिवक्‍वता अविध के पहले यानी बीच में ब्‍याज चाहिए यदि बीच-बीच में ब्‍याज चाहिए, तो यह हर 6 महीने में आपको मिलेगा। यह निवेश की अवधि के दौरान 30 सितंबर और 31 मार्च को ले सकते हैं। कंपनी की एफडी स्कीम के जरिए 23.66 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इसमें सदस्‍यों से 6.76 करोड़ और जनता से 16.90 करोड़ रुपये जुटाया जा सकता है। पिछले 4 वित्त वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक, हॉकिन्स का मुनाफा साल दर साल बढ़ा है। मार्च 2016 में कंपनी का मुनाफा टैक्स घटाने के बाद 40.90 करोड़, मार्च 2017 में 47.42 करोड़ लाख, मार्च 2018 में 48.68 करोड़ और मार्च 2019 में 54.22 करोड़ रुपये दर्ज किए गए। यहां पर हॉकिंस के एफडी में निवेश करने को हम आपको बाध्‍य नहीं कर रहे हैं, यहां पर हम आपको इस बारे में सिर्फ जानकारी दे रहे हैं। निवेश करना या न करना आपकी अपनी च्‍वॉइस है, इससे होने वाले फायदे या नुकसान के लिए ग्रेनियम इंफार्मेशनल टेक्‍नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेडड या फिर उसके लेखक जिम्‍मेदार नहीं होंगे। एफडी करते समय इन 5 बातों का रखें ध्यान एक्सिस बैंक ने 15 दिन में दूसरी बार बदली FD की ब्याज दर आईडीबीआई बैंक ने एफडी पर ब्याज दरों में किया बदलाव ये बैंक Fixed Deposit पर दे रहा 8 फीसदी ब्याज Read more about: fixed deposit investment interest rate business news एफडी निवेश ब्‍याज दर बिजनेस न्यूज
2019/11/22 00:28:39
https://hindi.goodreturns.in/personal-finance/2019/09/hawkins-fixed-deposit-scheme-and-interest-rate-009769.html?utm_source=/rss/hindi-money-personal-finance-fb.xml&utm_medium=104.71.130.47&utm_campaign=client-rss
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सिडनी। कप्तान विराट कोहली की राय से उलट भारतीय वनडे टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा ने शनिवार को कहा कि महेंद्र सिंह धोनी के लिए बल्लेबाजी क्रम में आदर्श स्थान नंबर 4 है। भारतीय टीम विश्व कप से पहले बल्लेबाजी क्रम को तय करने में लगी है और रोहित ने कहा कि यह उनकी निजी राय है तथा कप्तान और कोच का फैसला अंतिम होगा। रोहित ने कहा, "जब वह (धोनी) बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे थे तो उस समय पहले ही तीन विकेट खो चुके थे। उनके गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे इसलिए हमें उन गेंदों का सम्मान करना था। हमने थोड़ा समय लिया, यहां तक कि मैंने भी। उस समय अगर हम एक और विकेट खो देते तो मैच वहीं पर समाप्त हो जाता, इसलिए हमारी कोशिश थी कि खेल को आगे लेकर जाएं इसलिए हमने गेंदें खाली निकालीं।" उन्होंने कहा, "हमारे लिए यह अच्छा संकेत हैं कि धोनी ने यह दिखाया है टीम को जब भी उनकी जरुरत पड़ेगी तो वह ऊपर भी आ सकते हैं और बल्लेबाजी कर सकते हैं।"
2019/05/24 01:36:29
http://ashokanews.com/hi-in/blog/2019/01/13/1547355755554545/
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गधे की परछाई यात्री ने कहा, "मैंने पूरे दिन के लिए गधे को किराए पर लिया है। इसलिए पूरे दिन गधे की परछाई का उपयोग करने का भी मेरा ही अधिकार है। तुम गधे से उसकी परछाई को अलग नही कर सकते" दोनो आदमी आपस में झगड़ने लगे फिर उनमे मारपीट शुरू हो गई।
2021/12/05 14:53:13
http://www.hindikibindi.com/content/vidyarthi/stories/index.php?artifact=44
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इस डायरेक्टर का खुला ख़त पढ़ते ही साहिर पाकिस्तान छोड़ हमेशा के लिए भारत चले आए । Why lyricist Sahir Ludhianvi left Pakistan for India and his relations with Amrita Pritam – News18 हिंदी इस डायरेक्टर का खुला ख़त पढ़ते ही साहिर पाकिस्तान छोड़ हमेशा के लिए भारत चले आए 25 अक्टूबर, 1980 को मुंबई में साहिर लुधियानवी का निधन हो गया. News18Hindi October 25, 2018, 10:39 IST मशहूर शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी का जन्म 8 मार्च 1921 को लुधियाना में हुआ था. साहिर का असली नाम अब्दुल हई था उनके मां और पिता में नहीं बनती थी. दोनों साहिर के जन्म के बाद ही अलग रहने लगे थे. बचपन से ही प्रेम के अभाव ने कच्ची उम्र में ही साहिर को शायरी और नज़्मों की ओर मोड़ दिया. साहिर की पहली किताब 'तल्खियां' महज 24 साल की उम्र में आ गई थी और शायर के तौर कुछ कामयाबी उन्हें पहली ही किताब से हासिल हो गई. लेकिन उन्हें सही मायनों में शोहरत मिली फिल्मों के लिए लिखे अपने गीतों से. 50 के दशक में साहिर ने फिल्मों को अपना लिया. मशहूर लेखिका अमृता प्रीतम और साहिर के प्यार के किस्से भी बहुत चर्चित रहे हैं. अमृता प्रीतम अपनी आत्मकथा 'रसीदी टिकट' में खुलकर अपने संबंधों का जिक्र करती हैं. विभाजन के बाद साहिर पाकिस्तान चले गए. नामी फ़िल्म निर्देशक और उपन्यासकार ख़्वाजा अहमद अब्बास ने उनके नाम 'इंडिया वीकली' पत्रिका में एक खुला पत्र लिखा. अब्बास अपनी आत्मकथा 'आई एम नॉट एन आईलैंड' में लिखते हैं, "मैंने साहिर से अपील की कि तुम वापस भारत लौट आओ. मैंने उन्हें याद दिलाया कि जब तक तुम अपना नाम नहीं बदलते, तुम भारतीय शायर ही कहलाओगे. हाँ ये बात अलग है कि पाकिस्तान भारत पर हमला कर लुधियाना पर क़ब्ज़ा कर ले." अब्बास ने लिखा है, "मुझे ख़ासा आश्चर्य हुआ जब इस पत्रिका की कुछ प्रतियां लाहौर पहुंच गईं और साहिर ने मेरा पत्र पढ़ा. मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा जब साहिर ने मेरी बात मानी और अपनी बूढ़ी मां के साथ भारत वापस आ गए और न सिर्फ़ उर्दू अदब बल्कि फ़िल्मी दुनिया में काफ़ी नाम कमाया." साहिर ने बेहतरीन गीत लिखे. वह दौर ही साहिर का था. साहिर ने बाकायदा ऐलान कर रखा था कि अगर कोई गाना चलता है तो उसमें उनके गीत की भूमिका, संगीत और गायक से कहीं भी कम नहीं है लिहाजा प्रोड्यूसर उन्हें म्यूजिक डायरेक्टर और सिंगर से ज्यादा रकम अदा करें. फिर भले ये रकम उन दोनों के मेहनताने से 1 रुपया ही ज्यादा क्यों न हो! जब साहिर की ग़ज़ल 'ताजमहल' प्रकाशित हुई तो कुछ दक्षिणपंथी उर्दू अख़बारों ने साहिर की आलोचना भी की. उनका कहना था, एक नास्तिक शख़्स ने बिना वजह महान सम्राट शाहजहां की बेइज़्जती की है. दरअसल ग़ज़ल का एक शेर था-ये चमनज़ार, ये जमुना का किनारा, ये महल ये मुनक्कश दरो-दीवार, ये मेहराब, ये ताक़एक शहनशाह ने दौलत का सहारा ले कर हम ग़रीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मज़ाक़सबसे दिलचस्प ये कि ताजमहल नाम से मशहूर नज्म तो साहिर ने लिख दी लेकिन वो कभी आगरा नहीं गए थे. साहिर ने इसके जवाब में कहा था कि मुझे मार्क्स की बातें याद हैं और आगरा जाने की जरूरत नहीं, मेरा भूगोल दुरुस्त है. साहिर ने उस वक्त प्यासा फिल्म का वो गाना लिखा था जिससे सुनकर सरकार तिलमिला उठी थी साहिर ने लिखा था, 'जिन्हें नाज है, हिंद पर वो कहां हैं...' गीत में पूछें गए इस सवाल की वजह से सरकार ने ऑल इंडिया रेडियो पर यह गीत बैन करवा दिया था. आपकों बता दे कि उस वक्त नेहरु की सरकार थी और 1957 का साल था. ऐसा उस दशक में हुआ जिसे आज भी सबसे ज्यादा सहिष्णु माना जाता है.
2022/05/25 11:19:27
https://hindi.news18.com/photogallery/knowledge/why-lyricist-sahir-ludhianvi-left-pakistan-for-india-and-his-relations-with-amrita-pritam-1560634.html
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उत्तरप्रदेश में लाऊडस्पीकर पर कार्रवाई पर राज ठाकरे ने की मुख्यमंत्री योगी की तारीफ - Khabarworld उत्तरप्रदेश में लाऊडस्पीकर पर कार्रवाई पर राज ठाकरे ने की मुख्यमंत्री योगी की तारीफ राज ठाकरे ने कहा- 'महाराष्ट्र में हैं सिर्फ सत्ता के लोभी' मुंबई, 28 अप्रैल (हि. स.)। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने उत्तर प्रदेश में लाऊडस्पीकर हटाने की मुहिम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है। राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में सिर्फ सत्ता के लोभी हैं। महाराष्ट्र सरकार को मां जगदंबा सदबुद्धि दें। दरअसल, शिवाजी पार्क में एक जनसभा में राज ठाकरे ने कहा था कि मस्जिदों पर लगे लाऊडस्पीकार अगर 3 मई तक नहीं हटे तो मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा पढ़ा जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। बैठक में लाऊडस्पीकर के बारे में कोई निर्णय नहीं ले सकी थी। बैठक के बाद गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने पत्रकारों से कहा था कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को फैसला लेना चाहिए। गुरुवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने उत्तर प्रदेश में लाऊडस्पीकर को लेकर योगी सरकार के फैसल की तारीफ करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सिर्फ सत्ता के लोभी हैं। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में अभी तक लाऊडस्पीकर को लेकर अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। जबकि उत्तर प्रदेश में सरकार ने लाऊडस्पीकर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। योगी सरकार ने प्रदेश में प्रशासन ने शहरों, सडक़ों और चौराहों पर लाउडस्पीकरों की आवाज कम करना शुरू कर दिया है । बुधवार तक प्रशासन ने धार्मिक स्थलों से करीब 10,923 लाउडस्पीकरों को हटा दिया और 35,221 लाउडस्पीकरों की आवाज कम कर दी है। इसी बीच औरंगाबाद के वकील नईम शहाबुद्दीन शेख ने राज्य के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर उनसे दादर स्थित शिवाजी पार्क मैदान पर 3 मई को नमाज अदा करने की इजाजत मांगी है। शिवाजी पार्क से कुछ ही दूरी पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे का आवास है। इसी वजह से राज ठाकरे ने लाऊडस्पीकर के संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।
2022/05/27 12:17:19
https://www.khabarworld.com/%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%8A%E0%A4%A1%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A5%80/
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आईशा शर्मा भारतीय फिल्म बॉलीवुड की 29 वर्षीय सुंदर अभिनेत्री है। उनका जन्म 24 जनवरी 1989 को भारत के बिहार, भागलपुर में हुआ था। आइशा शर्मा ने अपना बच्पन दादा दादी के साथ बिताया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा “स्प्रिंगडेल्स स्कूल, दिल्ली” से की और बाद में “एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, नोएडा” से जैव प्रौद्योगिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इनकी राशि कुंभ है। Aisha की कद काठी की बात करें तोह 5 ‘7’ की सभ्य ऊंचाई और 34-26-34 का एक आदर्श निवास स्थान है। उसकी भूरे रंग की आंखें और रेशमी काले बाल उसकी सुंदरता में आकर्षण जोड़ते हैं। वह अपनी फिटनेस की ओर काफी देखभाल कर रही है, और उसका वजन लगभग 50 किलोग्राम है। उसके पास एक पतला और ट्रिम शरीर है, और वह हमेशा अपने संगठन में फैशनेबल दिखती है। वह बिहार से एक हिंदू राजनेता परिवार से तलूक रखती है। उनके पिता अजीत शर्मा बिहार के भागलपुर में एक प्रतिष्ठित राजनेता हैं, और वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं। आइशा की मां के नाम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इनकी जाति ब्राह्मण है। वह परिवार में चार भाई बहनों में से एक है। ऐसा के बड़े भाई का नाम “वैभव शर्मा” है। उनकी दो बहनें “नेहा शर्मा” (एक अभिनेत्री) और “रीतीका शर्मा” हैं। अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद, ऐशा ने मॉडलिंग शुरू कर दिया। वह लेक्मे और अन्य ब्रांडों का प्रमुख चेहरा रहा था। 2016 में, वह किंगफिशर कैलेंडर गर्ल भी थीं और उसी वर्ष वह “एक वारी” नामक आयुषमान खुराना के एक वीडियो गीत में दिखाई दीं। उन्होंने जॉन अब्राहम और मनोज वाजपेयी के साथ एक एक्शन थ्रिलर ‘सत्यमेवा जयते’ के साथ अपनी फिल्म की शुरुआत की। वह ‘जुड़वाँ 2’ (2017) में वरुण धवन के विपरीत बॉलीवुड की शुरुआत करनी चाहती थीं, कुछ वजहों से उन्हें यह नहीं मिला था। वह अपनी फिटनेस का धयान रखने वाली इंसान है, और वह Gym में अपने शरीर को फिट रखने के लिए घंटों बिताती है। उनके पसंदीदा हस्तियां शाहरुख खान, रयान गोस्लिंग, लियोनार्डो दी कैप्रियो, और जूलिया रॉबर्ट्स (Shah Rukh Khan, Ryan Gosling, Leonardo DiCaprio, and Julia Roberts.)हैं। उनकी पसंदीदा फिल्में दिलवाले दुल्हनिया ले जयंगे, सुंदर महिला, ब्लू वेलेंटाइन और ला ला लैंड(Dilwale Dulhaniya Le Jayenge, Pretty Woman, Blue Valentine, and La La Land.) हैं। यूफोरिया द्वारा उनके पसंदीदा गीत “maeri ” हैं, फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ से दिलजीत दोसांज द्वारा “इक्क कुडी”, एमी एनेले द्वारा “बकस्किन स्टैलियन ब्लूज़” और लाना डेल रे द्वारा “ब्लू जीन्स”। ← आयुष शर्मा ने बताया क्यों अर्पिता खान ने कैटरीना कैफ और सास की तस्वीर को हटा दिया बिग बॉस 12 के संभावित कन्टेस्टेंट की लिस्ट | Bigg Boss 12 contestants list →
OSCAR-2019
पुलिस ने बेंगलुरु की महिला पर दर्ज करी एफआईआर (FIR) ज़ोमैटो डिलीवरी मैन पर मारपीट का आरोप लगाया। – Noida Views Home / ख़बर पुलिस की / पुलिस ने बेंगलुरु की महिला पर दर्ज करी एफआईआर (FIR) ज़ोमैटो डिलीवरी मैन पर मारपीट का आरोप लगाया। पुलिस ने बेंगलुरु की महिला पर दर्ज करी एफआईआर (FIR) ज़ोमैटो डिलीवरी मैन पर मारपीट का आरोप लगाया। Kapil Choudhary 03/16/2021 ख़बर पुलिस की, ताज़ा खबरें Leave a comment बेंगलुरु : एक शिकायत के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने एक महिला के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है जिसने ज़ोमैटो डिलीवरी एग्जीक्यूटिव पर मारपीट का आरोप लगाया था। एफआईआर इलेक्ट्रॉनिक सिटी पुलिस स्टेशन में हितेशा चंद्रानी के खिलाफ धारा 341 (गलत संयम), 355 (हमला या आपराधिक बल), 504 (जानबूझकर अपमान), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज की गई है। एक मॉडल और मेकअप आर्टिस्ट चंद्रानी ने 9 मार्च को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें दावा किया गया था कि कामराज ने उनके खिलाफ खाने की देरी से डिलीवरी करने की शिकायत करने पर मारपीट की थी। एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई के हवाले से कहा, "हितेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जो महिला, जोमाटो डिलीवरी मैन द्वारा हमला करने का दावा करती है।" अधिकारी ने कहा कि शिकायत में, कामराज ने आरोप लगाया कि चंद्रानी ने उसे चप्पलों से मारा था, उस पर उसे बदनाम करने का आरोप लगाया और उसे गालियां दीं। Zomato के संस्थापक-सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा कि कंपनी चंद्रानी के मेडिकल खर्चों को कवर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कामराज को सक्रिय प्रसव से निलंबित कर दिया गया है, लेकिन उक्त कंपनी कामराज की अंतरिम आय और उसके कानूनी खर्चों को कवर भी कर रही है।
2021/11/26 23:43:18
https://noidaviews.com/the-police-accused-the-bangalore-woman-of-assaulting-a-registered-fir-fir-zomato-delivery-man/
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यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षाओं के अंक ऑनलाइन साझा करेगा - Punjab Kesari (पंजाब केसरी) नयी दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने प्रतियोगी परीक्षाएं देने वाले अभ्यर्थियों के अंक ऑनलाइन साझा करने का निर्णय लिया है। यह निजी क्षेत्र द्वारा भर्तियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रस्ताव का हिस्सा है। यूपीएससी ने कहा कि अंकों को सार्वजनिक करने से अन्य नियोक्ताओं को अच्छे, नियोजनीय उम्मीदवारों की पहचान करने में मदद मिलेगी। यूपीएससी ने कहा कि आयोग ने ऐसे अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योज्ञता और परीक्षा में मिले अंक जैसी सूचनाएं साझा करने का फैसला किया है जिन्होंने परीक्षा के अंतिम चरण (साक्षात्कार) में भाग लिया लेकिन उनके "नाम की सिफारिश नहीं की गयी"। इन जानकारियों को सार्वजनिक भर्ती एजेंसियों के लिए एकीकृत सूचना प्रणाली से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने यह वेबसाइट विकसित की है। यूपीएससी आवेदन पत्र में इस संबंध में व्यवस्था करेगा जिसमें आवदेक इस योजना का हिस्सा बनने या इससे बाहर रहने का विकल्प चुन सकता है। आयोग ने कहा, "इस योजना के तहत आने वाली सभी परीक्षाओं के नोटिस में सूचनाओं का खुलासा करने के बारे में अभ्यर्थियों को आवश्यक निर्देश मुहैया कराए जाएंगे।" इस योजना में सशस्त्र बलों और सीमित विभागीय प्रतिस्पर्धी परीक्षाएं और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षाएं देने वाले अभ्यर्थी शामिल नहीं होंगे। केंद्र सरकार ने गत वर्ष नीति आयोग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी जिसमें भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के अंकों और रैंकिंग को एक पोर्टल के जरिए सार्वजनिक करने का प्रावधान था ताकि बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें। इस योजना के तहत ऐसे अभ्यर्थियों का नाम, जन्म तिथि, श्रेणी (एससी, एसटी या दिव्यांग), शैक्षिक योज्ञता, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंक, घर का पता, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर अन्य भर्ती एजेंसियों के लिए ऑनलाइन साझा किए जाएंगे जो परीक्षा के अंतिम चरण में शामिल हुए लेकिन जिनके नाम की सिफारिश नहीं की गयी। , educational medianintegrated information systemsOnlineUPSC competitive examswritten examएकीकृत सूचना प्रणालीऑनलाइनप्रतियोगी परीक्षाएंयूपीएससीलिखित परीक्षाशैक्षिक योज्ञता
2018/06/22 22:18:16
https://punjabkesari.com/country/upsc-will-share-scores-of-competitive-exams-online/
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चर्च के आंतरिक, Qoyllorit'i के त्योहार स्थल ऊंचे पहाड़ों की पूजा और धार्मिक उपयोग व्यापक और एंडीज में बहुत प्राचीनता है। पुरातत्व अनुसंधान ने कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, बोलीविया और चिली में उच्च पर्वतीय शिखर पर या उसके निकट 50 से अधिक औपचारिक स्थलों का खुलासा किया है (विद्वानों ने चढ़ाई की है और 100 मीटर से अधिक लगभग 5,200 पहाड़ों की जांच की है)। खंडहरों में से एक, 6,723 मीटर की ऊंचाई पर स्थित Llullaillaco पर, दुनिया का सबसे प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल है। जबकि इन स्थलों पर पाए गए अधिकांश पुरातात्विक अवशेष इंका (1470 और 1532 के बीच) द्वारा निर्माण का संकेत देते हैं, यह ज्ञात है कि इंका के आगमन से पहले कई हजारों वर्षों से पहाड़ों की पूजा की जाती थी। जैसा कि जोहान रेनहार्ड बताते हैं, "जब इंका उन क्षेत्रों में प्रवेश करता था जहां ये विश्वास पहले से मौजूद थे, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से लोगों पर अधिक राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक नियंत्रण हासिल करने में मदद करने के लिए अनुष्ठान स्थलों का निर्माण करना आवश्यक समझा और उन्हें जीत दिलाई।" प्राचीन एंडीज में पहाड़ों की पूजा क्यों की गई? हम दुनिया भर के पर्वतीय क्षेत्रों में जो पाते हैं, उसके समान ही उच्च अंडमान के पहाड़ों को देवताओं का निवास माना जाता था जो मौसम, बारिश और फसलों की उत्पादकता को नियंत्रित करते थे। यह समझना आसान है कि इस प्रकार का विश्वास कैसे विकसित हुआ होगा। ऊंची चोटियों के शिखर के चारों ओर बारिश के बादल बनते दिखे, और पर्वत की ऊँचाई से धाराएँ और झरने नीचे की ओर बहने लगे। प्रारंभिक मनुष्यों ने जीवन देने वाले पानी के इन प्रवाह को बनाए रखने की उम्मीद में पहाड़ों की पूजा की और नाराज मौसम देवताओं को भी खुश करने की अपील की, जिन्होंने हल्की और फसल को नष्ट करने वाले ओलों की वर्षा की। एंडीज में व्यापक महत्व का एक मौसम ईश्वर था, जिसे बोलुपिया के आयमारा, और इलुपा से पेरू के इंका तक तुनुपा के रूप में जाना जाता था। इस भगवान ने बारिश, बर्फ, ओलावृष्टि, तूफान, बिजली और गरज के साथ नियंत्रित किया। जबकि इंका, उदाहरण के लिए, अन्य महत्वपूर्ण देवता थे, जिनमें विराकोचा (निर्माता), इंति (सूर्य), और पचमामा (पृथ्वी माता) शामिल हैं, विद्वानों का मानना ​​है कि विभिन्न मौसम देवता प्रारंभिक, सबसे व्यापक और सबसे अधिक थे सभी अंडमान देवताओं के महत्वपूर्ण। कुछ क्षेत्रों में, पचमामा को मौसम के देवताओं की माँ माना जाता था, लेकिन दूसरों में वह उनके द्वारा निषेचित समझा जाता था। और सूर्य देवता की पूजा, मुख्य रूप से इंका की प्रथा थी, जो तूफान देवों के समय के बाद शुरू की गई थी। इसके अलावा, एंडियन लोगों ने पहाड़ों को पौराणिक स्थानों के रूप में माना जाता है जहां उनकी संस्कृतियां शुरू हुई थीं, पूर्वजों की आत्माओं के रूप में, शमां के शिकार, बिजली जानवरों के घर (विशेष रूप से कोंडोर, जिन्हें माना जाता था कि पर्वत देवताओं की अभिव्यक्ति है) , और भूमिगत, पृथ्वी और आकाश की तीन दुनियाओं के बीच की कड़ी के रूप में। इस विषय पर अधिक विस्तृत जानकारी में रुचि रखने वाले पाठक जोहान रेइनहार्ड के लेखन से परामर्श कर सकते हैं, जो इस वेब साइट पर ग्रंथ सूची में सूचीबद्ध हैं। दो प्राथमिक एपस, या पवित्र चोटियों, साल्कांटे और औसुंगटे, पेरू के दक्षिणी पहाड़ों पर हावी हैं। पुरातात्विक और नृवंशविज्ञान अनुसंधान से पता चला है कि पूर्व-इंका और इंका दोनों लोगों ने इन पर्वतों को औपचारिक उद्देश्यों के लिए आवृत्त किया था, और यह अभ्यास वर्तमान समय में अखंड रहा है। वर्तमान में इन एपस का धार्मिक उपयोग बुतपरस्त और ईसाई प्रभावों के एक आकर्षक मिश्रण को दर्शाता है। यह संभवतः दक्षिणी पेरू के सबसे अधिक पवित्र पवित्र स्थल क़ोय्लुर रिति के पर्वतीय मंदिर में स्पष्ट रूप से देखने योग्य है। सिनाकारा घाटी में स्थित, महुआयानी और औसुंगटे चोटी के शहर के पास (6,372 मीटर, 20,905 फीट।), क़ोईलूर रिति का मंदिर चार अलग-अलग लेकिन परस्पर संबंधित कारकों से इसकी पवित्रता प्राप्त करता है। 1) साइट के लिए वार्षिक तीर्थयात्रा की जून की तारीख (और अधिक सटीक रूप से पूर्व-ईसाई पवित्र दिवस 21 जून, संक्रांति का समय) प्रालिहिक, पैन-एंडियन प्रीकोपुप के साथ प्लेइड्स नक्षत्र और इसके साथ जुड़ा हुआ लगता है पौराणिक तीर्थ-नायक विरोचन के भटकने के साथ। 2) पवित्र पर्वत का सामान्य महत्व, अपु औसुंगटे, जिस तरफ मंदिर स्थित है। 3) पूर्व-औपनिवेशिक किंवदंती है कि औसुंगते को स्थानीय किसानों को गोरा बाल वाले लड़के के रूप में जाना जाता है (गोरे-गोरे, नीले रंग के लिए कहा जाता है) -याद आदमी)। 4) एक स्थानीय चरवाहे लड़के की ईसाई किंवदंती, और उसके बाद जल्द ही कुजको के कुछ चर्च के अधिकारियों ने एक रहस्यमय कोकेशियान-दिखने वाले युवक का सामना किया, जिसे बच्चा मसीह माना जाता है, उस स्थान पर जहां तीर्थस्थल अब खड़ा है। कैथोलिक तीर्थयात्रा में पहले के स्वदेशी धार्मिक स्थल का परिवर्तन 1783 में शुरू हुआ, जब पादरी मसीह की उपस्थिति की घोषणा के द्वारा सेनोर डी क़योलुर रिति के पंथ का शुभारंभ किया गया था। यह प्रवृत्ति चर्च द्वारा स्वीकृत रोमन कैथोलिक भाईचारे के प्रयासों के माध्यम से जारी रही है, जो कि मंदिर के संरक्षक के रूप में, पंथ, चैपल, और पवित्र चित्रों के जुलूसों पर हावी हैं, और जो सभी कार्यवाहियों के लिए एक मजबूत ईसाई उपस्थिति प्रदान करने का प्रयास करते हैं। कोयलूर रिती के पवित्र स्थल का यह प्राचीन और बहु-सांस्कृतिक उपयोग लैटिन अमेरिका (और वास्तव में दुनिया) में पाए गए एक पैटर्न का एक स्पष्ट उदाहरण है: एक विजय संस्कृति द्वारा एक संस्कृति के पवित्र स्थानों का सूदखोरी। मानवविज्ञानी डेबोरा पोले, पेरू के तीर्थयात्रा अध्ययन के विशेषज्ञ, इस विषय पर विस्तार से बताते हैं। "तीर्थयात्रा ने कई शताब्दियों के लिए रेडियन धर्म में एक प्रमुख स्थिति का आनंद लिया है। एक विशाल पवित्र भूगोल के हिस्से के रूप में, पचेंक और कोपाकबाना जैसे पैन-एंडियन अभयारण्यों में संस्थागत रूप से दोष है, साथ ही उन लोगों ने कई क्षेत्रीय मंदिरों (हुकास) को संबोधित किया, एक गठन किया विशाल राजनैतिक और आर्थिक नेटवर्क का अभिन्न हिस्सा है जो जातीय प्रमुखों को जोड़ता है और कुज़्को की इंका राजधानी में विजित प्रांत हैं, जो स्वयं एक महान आयात का धार्मिक केंद्र है। स्पेनिश आधिपत्य और इसके परिचारक कैथोलिक विचारधारा के आगमन के साथ, इनमें से कई अभयारण्य तब्दील हो गए थे। कम से कम नाम में, ईसाई तीर्थयात्रा केंद्रों में संतों की चमत्कारी छवियां, वर्जिन मैरी, और मसीह के आंकड़ों का एक वर्गीकरण "। Qoyllorit'i, Mt. औसुंगटे, पेरू Qoyllur Rit'i के उच्च पर्वतीय मंदिर तक पहुंचना मुश्किल है और इसलिए धार्मिक तीर्थयात्रियों के अलावा किसी और ने भी यात्रा की। मुट्ठी भर तीर्थयात्री एंडियन गर्मियों की छोटी अवधि के दौरान साइट पर जाते हैं। दो विशेष दिनों में, जून के मध्य में (कॉर्पस क्रिस्टी से पहले पूर्णिमा के दौरान) और 14 सितंबर को, वे हजारों लोगों द्वारा इकट्ठा होते हैं। जून की तारीख, प्राथमिक त्योहार, मानवविज्ञानी के अध्ययन और पास के कुज्को में ट्रैवल कंपनियों द्वारा पेश किए गए पर्यटन के कारण अच्छी तरह से जाना जाता है। परिणामस्वरूप, आकस्मिक त्योहारों की संख्या और हजारों पेरू के किसानों की बढ़ती संख्या से इस त्योहार की पवित्रता कुछ हद तक कम हो गई है, जो धार्मिक कारणों के बजाय हास्यास्पद रूप से नशे में होने के लिए आते हैं। 14 सितंबर का त्योहार, हालांकि, तुलनात्मक रूप से बहुत कम जाना जाता है, नृत्य और भक्ति के शानदार रंगीन तमाशे को देखने का एक असाधारण अवसर है जो पारंपरिक एंडियन तीर्थयात्रा को दर्शाता है। कोइलूर रीति में प्रत्येक जून और सितंबर में होने वाले उत्सव और धार्मिक भक्ति वास्तव में पेरू और बोलीविया में कस्बों और गांवों में कई महीने पहले शुरू होते हैं। इस आकर्षक प्रक्रिया का सफलतापूर्वक वर्णन करने के लिए, मैं दो विशेषज्ञों, एमजे सॉल्वो और डेबोरा पोले के लेखन से उद्धृत करूंगा, जो दोनों मेरी ग्रंथ सूची में सूचीबद्ध हैं। "तीर्थयात्रियों की महान भीड़ प्रमुख वार्षिक दावतों के दौरान होती है, और इन अवसरों पर कई भक्त व्यक्तियों के रूप में नहीं बल्कि अपने गृह समुदायों, पड़ोस या परगनों पर आधारित समूहों में भाग लेते हैं। ऐसे समूह पारंपरिक रूप से एक सेट के चारों ओर अर्ध-स्वैच्छिक आधार पर आयोजित किए जाते हैं। कार्यालय, या कारगोस, जो एक स्थानीय समुदाय के सदस्यों के बीच साल-दर-साल प्रसारित होते हैं। आकस्मिक स्थिति में कार्यालय संभालने वालों के लिए स्वैच्छिकता का तत्व यहां सामाजिक दायित्व के साथ मिश्रधातु है। ऐसे तीर्थयात्री दल के सदस्य खुद का उल्लेख करते हैं। एक समुदाय या गाँव का प्रतिनिधित्व नहीं, न ही एक प्रशासनिक निर्भरता, लेकिन एक नेशन, एक पुरातन पदनाम, जो मोटे तौर पर 'जाति' या 'जनजाति' के रूप में अनुवाद करता है .... एक समूह तीर्थयात्रा का ओजस्वी उद्देश्य एक छोटे से लघु चिह्न को परिवहन करना है, लामिना, समुदाय से तीर्थस्थल तक, जहाँ यह एक समय के लिए दोहराया गया - आमतौर पर रात भर - तीर्थस्थल की छवि की उपस्थिति में .... एक समूह तीर्थयात्रा का संगठन केंद्रित है तीर्थयात्रा के प्रत्येक वर्ष एक अलग आदमी के कब्जे वाले प्रायोजक के कार्यालय पर .... वह सभी अनुष्ठानों में प्रमुख अधिकारी है; विशेष रूप से वह दर्जन या तो नर्तकियों के अनुष्ठान नर्तकियों के समूह का नेता है। "(सल्ल।) "नकाबपोश, वेशभूषा और विस्तृत नृत्यकला अनुष्ठान नृत्य पूरे रेडियन क्षेत्र में बहुत प्राचीनता की परंपरा है। पेरू में भारतीय जीवन के शुरुआती स्पेनिश क्रांतिकारियों ने प्रांतीय धर्मस्थलों या हुकास में प्रदर्शन करने वाले नृत्यांगनाओं का सामना किया, साथ ही इंका के मौसमी राज्य दावतों में भी। कुज्को .... स्पैनिश राजनीतिक संस्थानों और धर्म के आगमन के साथ, ये पूर्ववर्ती नृत्य रूपों को तेजी से अनुकूलित और ईसाई भक्ति के रूपों के रूप में क्रमबद्ध किया गया था। वार्षिक भोज के दिनों की तरह, जिस पर वे प्रदर्शन किए गए थे, प्रकृति, समाज और स्वदेशी नृत्यकला की व्याख्या। देवता अति उत्साही थे और अंततः अपने नए स्पैनिश लॉर्ड्स के साथ जुड़े हुए थे। अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि विशिष्ट रूप से एंडियन डांस फॉर्म, वेशभूषा और संगीत स्वदेशी भागीदारी का दावा करते हैं और अपने सबसे शक्तिशाली पवित्र स्थलों पर नियंत्रण रखते हैं। ईसाई धर्म के कई अन्य पहलुओं, तीर्थयात्रा नृत्यों का स्वदेशी पहचान और बकवास व्यक्त करने के साधन के रूप में शोषण किया गया विदेशी संस्कृति के लिए मिशन जो तीर्थयात्रा और ईसाई धर्म का प्रतिनिधित्व करता है .... बहुत से तीर्थयात्रियों कोइलूर रिती ने कभी भी चर्च में प्रवेश नहीं किया, और कुछ वास्तव में जनसमूह में शामिल होते हैं, हालांकि तीर्थयात्रा के कुछ महत्वपूर्ण ध्यान देने के लिए इकबालिया बयान रहते हैं। अधिकांश तीर्थयात्रियों का ध्यान इसके बजाय नर्तकियों की देखभाल करने और उनकी सहायता करने के लिए निर्देशित किया जाता है, जिनके कर्तव्यों में लगभग निरंतर निशाचर नृत्य के लिए कॉल किया जाता है, और उनके बाहरी जुलूस में क्राइस्ट ऑफ क्वॉयल रिति की छवि के साथ। " (पूल) "अनुष्ठान नर्तकियों के बिना, एक तीर्थयात्रा का उद्देश्य पूरा नहीं किया जा सकता है। साथ ही तीर्थयात्रियों के लिए मनोरंजन प्रदान करने के साथ, उन्होंने पार्टी के तीर्थ चिह्न को अपने निवास स्थान से हटा दिया है - सामुदायिक चैपल, प्रायोजक के घर और स्वयं तीर्थस्थल। एंडीज में विभिन्न नृत्य अनुष्ठान नृत्य शैलियों के स्कोर हैं, प्रत्येक की अपनी वेशभूषा, इंस्ट्रूमेंटेशन, संगीत, नृत्यकला और प्रतीकात्मकता के साथ .... मुख्य नृत्य मंडली के अलावा एक तीर्थयात्रा दल में आमतौर पर कम से कम एक नर्तकी शैली में शामिल होती है उक्कू की। उक्कू को एक भालू का प्रतिनिधित्व करना चाहिए था, उसने झबरा भूरा ऊन और ऊनी मुखौटा और विग की एक लंबी स्मोक पहनी थी। उक्कू एंडियन चालबाज बराबर उत्कृष्टता है। " (सल्नोव) "प्रायोजकों, नर्तकियों और संगीतकारों के अलावा, एक समूह तीर्थयात्रा में दो महिला क्रॉस-बियरर और पचास 'लेट' तीर्थयात्री शामिल होंगे, कई इस अवसर के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ पारंपरिक या स्टोर से खरीदे हुए कपड़े खेल रहे हैं। आदर्श रूप से आकस्मिक शादीशुदा एकल फ़ाइल के साथ। पहाड़ की यात्राएँ .... विशेष प्रार्थनाएँ पढ़ी गईं और अनुष्ठान किए गए जहाँ पहले तीर्थस्थल या उसके द्वार देखने में आए थे, और यात्रा के स्थानों पर, जहाँ अन्य क्षेत्रीय मंदिर पहाड़ों के पार दिखाई देते थे। मार्ग के किनारे जैसे पवित्र मार्गों से युक्त थे। तीर्थयात्रियों को पार करके छोड़े गए पत्थरों के क्रॉस, चैपल और ढेर, और ये स्थल अधिक पवित्र हो गए और अधिक पवित्रता के साथ आरोप लगाया गया कि मंदिर के करीब पहुंच गया। लेकिन इस स्थलाकृतिक कोडिंग का महत्व दिशात्मकता के साथ अलग था। बाहरी यात्रा पर माहौल गंभीर था। मार्ग के विभिन्न चरणों से संबंधित प्रार्थनाओं और अनुष्ठानों के साथ, विस्तार के लिए एक पवित्र संबंध के साथ प्रदर्शन किया जा रहा है ...। रास्ते में एक दूसरे से गुजरते हुए, दोनों समूहों को एक-दूसरे का सामना करना पड़ा और संबंधित नेताओं ने तीर्थयात्रियों के प्रतीक का आदान-प्रदान किया। एक छोटी प्रार्थना intoning के बाद, प्रत्येक नेता की अन्य आइकन आयोजित जबकि अपनी ही पार्टी के सदस्यों यह चुंबन पिछले एक दायर एक एक करके। पूरी कंपनी ने तब दो बार कहा, 'भगवान और मैरी हमारी रक्षा करें'। इस एपिसोड को संगीत के उपयुक्त टुकड़ों के साथ संकलित किया गया था और आकाश-रॉकेट के विस्फोट द्वारा समाप्त कर दिया गया था .... गृह यात्रा पर, हालांकि, समूह अक्सर चीर-फाड़ और अव्यवस्थित था; बहुत मजाक और मूर्खतापूर्ण था, और अनुष्ठान पूर्ण रूप से किया गया था। " (सल्नोव) जिस रात मैं कोयलूर रिती में गया वह बेहद ठंडी और घुमावदार थी, और तारों के आसमान में नीले रंग की गहराई थी जो मैंने केवल पश्चिमी तिब्बत के ऊंचे पहाड़ों में पहले देखी है। मेरे पीछे-पीछे सिल्हूटेड और पैदल चलने वाले सैकड़ों पैदल यात्रियों के छायादार शरीर थे; कुछ किए गए फ़्लैशलाइट्स लेकिन अधिकांश केवल सितारों द्वारा निर्देशित थे। निशान अंतहीन रूप से ऊपर की ओर जाता है, कभी-कभी कुछ सौ मीटर के लिए समतल क्षेत्रों के माध्यम से लेकिन ज्यादातर खतरनाक रास्तों और चट्टानों के साथ अंधेरे शून्य में गिरता है। तीन घंटे तक चलने के बाद मैंने सोचा कि मैंने दुनिया भर के अन्य पवित्र पहाड़ों पर रात के तीर्थ यात्राएं की हैं। कैलाश, वू ताई शान, माउंट। सिनाई, और पॉपोकैपेटल। आधी रात को मंदिर में अच्छी तरह से पहुंचने पर, मैंने एक हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को कसकर कंक्रीट के चर्च में पैक किया। यह केवल एक गंदगी के फर्श के साथ एक विशाल और बदसूरत इमारत है, लेकिन यह जगह किसी भी गिरजाघर के समान पवित्र है। चमकीले रंग की नर्तकियों की एक टीम ने केंद्र में उल्लास के साथ रोमांस किया और हम तीर्थयात्रियों को चारों ओर चुस्त-दुरुस्त कर दिया गया। गंध अमीर और मजबूत थे, पसीने और होमस्पून ऊन और जलती हुई जड़ी-बूटियों के। कांच रहित खिड़कियों के माध्यम से पहाड़ की हवा की ठंडी हवाओं ने हर किसी को सर्वव्यापी अंध धूल से कोटिंग कर दिया। ऊर्जा तीव्र थी। बच्चे रोते थे, तीर्थयात्री धार्मिक उत्साह में चिल्लाते थे, और शानदार नाच-गाना चलता था। उस रात एक आत्मा सोई नहीं थी, या यदि वे ऐसा करते थे, तो वह खड़ी भीड़ के तंग आलिंगन के द्वारा उस तरह से खड़ी रहती थी। सूरज के आने के साथ, खड़ी-किनारे वाली घाटी में काफी देर हो गई, तीर्थयात्रियों के समूह पहाड़ पर चढ़ गए, जो कि कौल्केपुनु ग्लेशियर के बहुत नीचे तक था। आरी और लाठी और पिक्स के साथ उन्होंने पवित्र बर्फ के वजनदार टुकड़े को तराशा, जो तब जेसुइट पुजारी द्वारा आशीर्वाद के लिए चर्च में ले जाया गया था। मास का एक प्रकार का मास मनाया गया, मेरे स्वाद के लिए भी बहुत अच्छा था, लेकिन उकुकु चालबाज भालू (भालू की पोशाक पहने हुए तीर्थयात्री) शुभ क्षणों में चिल्लाए और खुश हुए। तीर्थयात्रियों के लाखों तीर्थयात्रियों ने तीर्थ के चारों ओर जमकर नृत्य किया, जबकि टब, ट्रम्प और झांझ पहाड़ की दीवारों से गूंज उठे। घंटों बाद, जहाँ मेरी वैन खड़ी थी, उस पहाड़ पर चलते हुए, मैंने उन चालबाज भालुओं के एक जोड़े के साथ कंपनी रखी और उनकी मौजूदगी में एक ख़ुशी महसूस की। हम दोनों को इस शक्तिशाली स्थान की भावना ने छू लिया था।
2022/06/30 17:33:50
https://hi.sacredsites.com/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE/%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%82/qoylluriti.html
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अचानक से लगने लगती है आपको भूख? ईटिंग डिसऑर्डर के अलावा हो सकती है ये बीमारियां | Reasons You Feel Hungry All The Damn Time - Hindi Boldsky 3 hrs ago आपको भी लगता है आपके वजन बढ़ने की वजह ब्रेकअप है, स्‍टडी में सामने आई ये बात 4 hrs ago ब्रा से जुड़े ये हैक्‍स नहीं मालूम होंगे आपको, इन ट‍िप्‍स से लंबी चलेगी आपकी ब्रा 6 hrs ago प्रेगनेंसी में अक्‍सर आते हैं अजीबो गरीब सपने, जान‍िए क्‍यों होता है ऐसा! 9 hrs ago सेहत के लिए फायदेमंद होता है सोयाबीन, इन लोगों को खाने से करना चाह‍िए परहेज अचानक से लगने लगती है आपको भूख? ईटिंग डिसऑर्डर के अलावा हो सकती है ये बीमारियां | Updated: Wednesday, August 29, 2018, 16:04 [IST] क्‍या आपको इन दिनों अचानक से भूख लगने लगती हैं? आपने अभी कुछ समय पहले ही खाना खाया था लेकिन आपको फिर से भूख लग गई। बार-बार भूख लगना सही संकेत नहीं है। कुछ स्थितियों में ही बार-बार भूख लगा करती है। जरूरत से ज्यादा भूख लगना किसी बीमारी का अंदेशा भी हो सकता है। लोग इससे जुड़े कारण जानने की जगह ओवर ईटिंग करने लगते हैं जिससे पांचन तंत्र कमजोर होने लगता है। अगर आपको भी खाना खाने के बाद पेट खाली लगता है तो इस समस्या को नजरअंदाज न करें। इसके पीछे के कारणों को जानने की कोशिश करें। आज हम आपको बार-बार भूख लगने के उन्हीं कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं। पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का एक सामान्य लक्षण खाने की इच्छा होना है। ये सिंड्रोम मेंस्ट्रुअल साइकिल के दूसरे चरण में होता है और एक दो दिन तक रहता है। इस दौरान खाने की क्रेविंग होना बहुत ही सामान्‍य सी बात है। कई बार अत्यधिक भूख लगना इस ओर भी संकेत करता है कि आपके पेट में कीड़े हो। कीड़े आपके शरीर से आवश्यक पोषक तत्व का अवशोषित कर लेते है जिसके कारण पेट खाली लगता है। कार्बोहाइड्रेड की ज्‍यादा खुराक लेने से रात को कभी कभी ज्‍यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेड खाने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जिसकी वजह से शरीर में इंसुल‍िन नामक हार्मोन स्‍त्रावित होता है और इस वजह से भूख और खाने को लेकर क्रेविंग बढ़ने लगती है। इस समय महिला को पहले की अपेक्षा ज्यादा भूख लगती है। प्रेगनेंसी के दौरान ये सामान्‍य सी बात है। इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि इस समय गर्भ में पल रहे बच्चों को वही खाना लगता है जो उसकी मां खाती है। इसी कारण से गर्भावस्था में बार-बार फूड क्रेविंग होती हैं। हर व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी जरूरी होता है। तभी आप मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट रहते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति ऊर्जावान बना रहता है। पूरी नींद लेने से पेट ठीक रहने के साथ ही बार- बार भूख भी नहीं लगती। नींद पूरी नहीं होने के वजह से शरीर में एनर्जी की कमी होने लगती है और एनर्जी की पूर्ति के ल‍िए भूख लगने लगती है। इसल‍िए पूरी नींद लेना जरुरी होता है। भोजन मे प्रोटीन और फाइबर की कमी होने के वजह से पेट पूरी तरह नहीं भरता है। इस वजह से कई बार ज्‍यादात्तर भूख का अहसास नहीं होता है। प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन से शरीर को एनर्जी मिलती है। जिसके वजह से भूख नहीं लगती है। हाइपरथाइरॉइडिज्म में भी भूख ज्‍यादा प्रभावित होती है। थायरॉइड मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने के लिए काम करता है इसलिए ओवरऐक्टिव थायरॉइड से हारपरएक्टिविटी, इन्सॉमिया या लगातार भूख लगना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। हालांकि ज्यादा खाने के बावजूद भी वजन ज्यादा नहीं बढ़ता क्योंकि ओवरएक्टिव थायरॉइड की वजह से कैलोरी बहुत जल्दी बर्न होती हैं।
2019/10/22 16:23:38
https://hindi.boldsky.com/health/diet-fitness/2018/reasons-you-feel-hungry-all-the-damn-time-016612.html
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टेस्ला के शेयर में 9% गिरावट, शॉर्ट-सेलर्स ने कमाए 7000 करोड़ रुपए; इलोन मस्क के इंटरव्यू के बाद टूटा शेयर 55 mins नोटबंदी, GST से लघु उद्योगों के कर्ज, निर्यात में गिरावट, इस साल दिखा सुधार 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में ग्रामीण महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: पीआईबी) Maximum Length : 250 सिविल सेवा परीक्षा सस्ती बिजली महंगे दामों पर बेच रही हैं कंपनियां : RTI•मनीष अग्रवाल, नई दिल्ली अमरोहा ऑक्सीजन, पेट्रोल-डीजल, खाद्य पदार्थों, पेयजल की कमी छात्राओं से छेड़खानी करते हैं मयजदे! posted on August 18, 2018 सी टी , 1600 केवी, 6ऐ रक्सौल-काठमांडो रेल परियोजना के कार्य में तेजी लाएगा नेपाल और भारत लाइव स्कोर टॉपिक्स चुनें Email or Phone Password अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे Gujarat Scheme नियामक आयोग ने प्रदेश में बिजली कनेक्शनों की संख्या बढ़ाने के लिए पांच किलोवाट तक के कनेक्शनों पर सिस्टम लोडिंग चार्ज खत्म करने का फैसला किया है। आयोग के मुताबिक प्रदेश में लगभग 1.80 करोड़ ऐसे परिवार हैं, जिनके पास अभी बिजली कनेक्शन नहीं है। जहानाबाद इकबाल खान कसौटी जिंदगी की रिमेक में मिस्टर बजाज का रोल प्ले करेंगे? 12 mins GST से क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा Kerala Scheme Choose your City इस पोस्ट को शेयर करें Messenger 90 फीसदी ग्रामीण परिवारों के पास मोबाइल पर कर्ज में आधे परिवार: नाबार्ड सर्वे वृषभ अगले दो वर्षों के लिए योजना का बजट 17,000 करोड़ रु है। होमबिहार Verified account ‘‘इससे 85,000 से अधिक छोटे औद्योगिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा जो 4.99 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से अदायगी करेंगे जबकि बड़े और दरम्याने औद्योगिक बिजली उपभोक्ता 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से अदायगी करेंगे।’’ शहरी क्षेत्रों में स्थापित मीटर की रीडिंग जारी रहेगी एवं विद्युत नियामक आयोग के प्रचलित विनियम अनुसार बिल की गणना की जाएगी। विद्युत कंपनी आयोग द्वारा निर्धारित मानदण्ड के अतिरिक्त और कोई भी आंकलित यूनिट बिल में नहीं जोड़ेगी। उपभोक्ता के बिल में देय राशि तथा शासन द्वारा दी गई सब्सिडी का स्पष्ट उल्लेख रहेगा। प्रचलित दर से विद्युत शुल्क अधिरोपित किया जाएगा, जिसके सहित उपभोक्ता द्वारा मात्र 200 रुपये प्रतिमाह की राशि देय होगी। विद्यमान उपभोक्ता से अतिरिक्त सुरक्षा निधि नहीं ली जाएगी। नये कनेक्शन के लिए सौभाग्य योजना की तरह व्यवस्था रहेगी, जिसमें सुरक्षा निधि नहीं ली जायेंगी। उपभोक्ताओं को स्कीम का लाभ देने के लिए वितरण कंपनियों द्वारा वितरण केन्द्रवार, हाट/ बाजारों आदि में कैम्प लगाये जा रहे हैं। श्रमिक पंजीयन प्रमाण-पत्र की छायापति मांगने की जरूरत नहीं रहेगी। minister सोलर पावर से बनी बिजली कोयले से सस्ती next › Teacher Resources 300 मीटर ऊंची उत्तर भारत की बुर्ज खलीफा बनकर तैयार, नजीब जंग का भी बनेगी ठिकाना 55 mins पश्चिमी चंपारण लोग और जीवनशैली Highway Channel बिज़नस आज का राशिफल जवाब – भारत सरकार रेडियो, प्रिंट मीडिया, टेलीविज़न, साइन बोर्ड आदि के माध्यम से प्रचार अभियान कर रही है। कनेक्शन की लागत, बिजली का उपयोग, मिट्टी के तेल के उपयोग की लागत, लाभ सहित बिजली कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में जागरूकता का अभाव बिजली (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) आदि का उपयोग विभिन्न शोध अध्ययनों में घरेलू विद्युतीकरण पर धीमी प्रगति के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डाला जाएगा। इस पोस्ट को शेयर करें ईमेल नियम और शर्तें अलवर मोबाइलऑटोटेक इट इजीसोशल मीडियाटैब/पीसी/लैपटॉपवीडियोफोटो गैलरी राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) का कार्यालय वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) ने तुर्की की कर्ज रेटिंग 'बी+' की। भाजपा मुख्यालय पहुंचा अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे नवजोत सिंह सिद्धू, पाकिस्तान हुए रवाना प्रकाश पासवान परावैद्युत सामग्रियाँ प्रभाग (डीएमडी) ग्रामीण इलाकों में गरीब तबके के लोगों के लिए पक्के मकान की व्यवस्था करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चल रही है। इससे पहले यूपीए सरकार के दौर में भी ऐसी ही योजना चल रही थी। हालांकि तब उसका नाम इंदिरा गांधी आवास योजना है। गायों की सौंदर्य प्रतियोगिता उन्नाव Electricity Saving Tips For Homes And Offices The expected outcome of Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana is as follows: Tennis 320C एनडीएस- दो जहां विद्युत लाइन नहीं, वहां सोलर लाइट Copy link to Tweet जानिए कौन है निहारिका, जिन्होंने आखिरी वक्त तक की वाजपेयी की सेवा Mobile Apps 1- 100 5.60 LIKE US ON जूनियर असिस्टेंट: 10000 रुपये उत्पादों टी 20 मैच में जीता पांचाल वॉरियर्स गढ़वा हिन्दुस्तान शिखर समागम @JarnailSinghAAP ji please isme the dekhein yeh pahle drawing rahe they conection kaat denge maine bill bhar diya ab for bhej diya meeter bhi chal rha hai or Yeh Dear Consumer Kno: [1582812911], Please pay bill amount of Rs [6089.00] by [07-Jun-2018] to avoid penalties. विवरणिका टेक न्यूज़ 한국어 Gopalganj (खंड-13: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं का विकास और प्रबंधन) बेगूसराय उत्तर प्रदेश पी.सी.एस. अजमेर जिला परिषद में आयोजित हुई स्वच्छता पर कार्यशाला Cricket News in Hindi प्रोफ़ेसर दिवाकर ने कहा कि जीएसटी से कंज़्यूमर स्टेट को फ़ायदा होगा न कि बिहार जैसे ग़रीब राज्यों को. उन्होंने कहा कि जीएसटी की पूरी व्यवस्था विदेशी पूंजी के स्वागत के लिए है. दिवाकर ने कहा कि यदि गोदरेज का साबुन सस्ता मिलेगा तो लोग कुटीर उद्योग का मंहगा साबुन क्यों लेंगे और अगर ऐसा होता है तो छोटे व्यापारियों के हित में नहीं है. सिवनी Norsk Roinet इमरान खान ने पाकिस्तान के 18वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली, पहले दिन से कर्ज की दरकार 2 mins अखिलेष कुमार बहन प्रियंका की सगाई अटेंड करने शूटिंग बीच में छोड़ मुंबई लौंटी परिणीति चोपड़ा अजमेर कलेक्ट्रेट पर आशा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन शेयर बाजारों की बेहतर शुरुआत, सेंसेक्स 260 अंक चढ़ा ऊर्जा लागत की तुलना करें - सर्वश्रेष्ठ विद्युत कंपनी ऊर्जा लागत की तुलना करें - अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें ऊर्जा लागत की तुलना करें - इलेक्ट्रिक एनर्जी कंपनी
OSCAR-2019
सफर के आखरी शिखर पर अकेले ,मंजूर नहीं ..भाग-6 – GETREALKHABAR Apr 13, 2021 story अभी तक आपने पढ़ा कि हरी ने नाटक के सभी किरदारों के डायलॉग पढ़कर सुनाए तो मास्टरजी ही नहीं बल्कि उसके साथी बच्चों ने भी खड़े होकर तालियों के साथ उसकी हौसला अफजाई की अब इससे आगे – मास्टरजी और बच्चों की तालियों के बजने के अंदाज ने हरी को अहसास कर दिया कि उसकी स्क्रिप्ट बिल्कुल सही लिखी गई है ,उसकी मेहनत सफल हो गई और सच भी है सच्चे मन से किया गया कार्य सफल होता ही है |मास्टरजी हरी से कहते है की हरी तुम्हारे अंदर लिखने और उसी अंदाज में उन डायलॉग को बोलने की एक बिलक्षण प्रतिभा है जो तुम्हें काफी आगे तक ले जाएगी | मास्टरजी हरी की उसी कॉपी को लेकर सीधे प्रधानाचार्य के कमरे में चले जाते हैं और बच्चों को उनकी क्लासों में भेज देते हैं |मास्टरजी बड़ी वारीकी से हरी की लिखी स्क्रिप्ट को प्रधानाचार्य के समक्ष पेश करते हुए कहते है की हरी द्वारा लिखा गया ये नाटक अतुलनीय है अगर में ये कहूँ इससे अच्छा नाटक कोई लेखक भी नहीं लिख सकता है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी प्रधानाचार्य सब कुछ सुनने के बाद सहमति में गरदन हिलाते हुये कहते हैं वाकई अद्भुत है ,अब जरूरत इस बात की है की जितना सुंदर ये लिखा गया है उतना ही सुंदर इसका मंचन होना चाहिए | किसी भी सामान /भेषभूषा की आवश्यकता हो तो ऑफिस से फंड जारी करवा लो | मास्टरजी ठीक है सर कहकर बाहर निकल जाते हैं और गेट के बाहर खड़े पीऑन को उन सभी बच्चों को सेंट्रल हौल में फिर से बुलाने के लिए भेज देते हैं और इसके साथ ही खुद भी सेंट्रल हॉल की तरफ बढ़ जाते हैं |कुछ ही देर में सभी बच्चे एक -एक कर सेंट्रल हॉल में एकत्र हो जाते हैं | अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी किरदार तय करने की थी की अमुख किरदार का रोल अमुख स्टूडेंट करेगा |इस नाटक में तीन अहम किरदार और बाकी नॉर्मल हैं जो सबसे मुख्य किरदार है उसे हरी के लिए मास्टरजी सुरक्षित कर देते हैं |एक स्त्री का मुख्य किरदार है उस पर दो लड़कियां हैं जिनके नाम रुमा और मानवी हैं में कंपटीशन होगा और वाकी एक अहम किरदार एक छोटे बच्चे का है उस पर भी कोई कंपटीशन नहीं है क्योंकि उनके बीच सिर्फ एक ही कम एज का बच्चा है | इस तरह बाकी के सभी किरदार भी मास्टरजी द्वारा तय कर दिए जाते हैं | रुमा और मानवी को उनके किरदार पर अभिनय करने के लिए कहा जाता है दोनों का अभिनय करने के दो दौर के बाद डिसाइड किया जाता है कि इस किरदार को रुमा करेगी दरअसल नाटक के अनुसार रुमा ने हरी की पत्नि का रोल करना है |सभी पात्रों के चयन के बाद, पहले दिन सभी को अपने अपने किरदारों के डायलॉग याद करके आना है कहकर क्लास में भेज दिया जाता है | बाकी बचे हुए बच्चों में से सिर्फ मानवी को लगातार रुमा के साथ आने और वही डायलॉग याद करने को कहकर उनकी क्लास में भेज दिया जाता है| इस तरह सिर्फ दो दिनों में ही नाटक की स्क्रिप्ट से लेकर उनके किरदारों का चयन कर लिया जाता है |अगले दिन नाटक में भाग ले रहे सभी स्टूडेंट को स्कूल समय से 1 घंटे पहले पहुँचने की हिदायत दे दी जाती है जिससे उनका अभिनय भी चलता रहे और पढ़ाई भी मिस ना हो |(अब इससे आगे की कहानी अगले भाग में )
2021/09/24 03:54:54
https://www.getrealkhabhar.com/aakhri-shikhar-par-akele-manjoor-nahin-2/
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टांडा कोतवाली पुलिस की सक्रियता से जियालाल हत्याकांड का हुआ खुलासा HomeLocalटांडा कोतवाली पुलिस की सक्रियता से जियालाल हत्याकांड का हुआ खुलासा जल्द खुलासे से पुलिस की हो रही है प्रशंसा टांडा(अम्बेडकरनगर) : जियालाल की हत्या की घटना का टांडा कोतवाली पुलिस ने खुलासा कर दिया है मामले में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है टांडा कोतवाल की सक्रियता से मात्र 5 दिनों में घटना का खुलासा दिया गया । गौरतलब है कि टाण्डा क्षेत्रान्तर्गत सलेमपुर परसवा नहर के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। जिसकी पहचान जियालाल पुत्र • सीताराम निवासी ग्राम चिन्तौरा टाण्डा के रूप में हुई थी। उक्त घटना के सम्बन्ध में परिजनों की तहरीर के आधार पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0-09/22 धारा 302, 201 व 3(2)V SCST एक्ट पंजीकृत हुआ था। जिसमें स्थानीय पुलिस द्वारा प्रकरण की गहनता से जाँच करते हुए दो अभियुक्त मित्रसेन पुत्र नागेश्वर भारती निवासी पुन्थर थाना कोतवाली टाण्डा तथा मनभावती पत्नी स्व.जियालाल निवासी चिन्तौरा थाना को० टाण्डा जनपद अम्बेडकरनगर का प्रकाश में आये पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई की उक्त घटना में संलिप्त दोनो अभियुक्त धर्मनगर हाईवे पुल के नीचे कहीं जाने की फिराक में खड़े हैं मुखबिर द्वारा दी गई सूचना पर टाण्डा पुलिस टीम द्वारा दोनों अभियुक्तों को धर्मनगर हाईवे पुल के नीचे से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त मित्रसेन द्वारा बताया गया की मेरा जियालाल की पत्नी से पिछले दो वर्ष से प्रेम सम्बन्ध था। जियालाल आये दिन नशा करके अपनी पत्नी को मारता पीटता था जिसे मै देख नहीं पाता था। जियालाल की पत्नी के काफी अनुरोध करने के बाद मै और जियालाल की पत्नी कुछ दिन पूर्व जियालाल की हत्या करने के लिये घटना स्थल को चिन्हित किया। मृतक की पत्नी के कहने पर मै जियालाल को शराब पिलाकर साइकिल पर बिठाकर सलेमपुर नहर के पास ले गया और वहाँ उसके सिर में ईंट मारकर हत्या कर दी और उसके मोबाइल को रामपुर कलवा हाईवे के पास स्थित तालाब में फेक दिया था। अभियुक्तो को गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक विजेन्द्र शर्मा, उ0नि0 सर्वेन्द्र अस्थाना,उ0नि0 राम उम्र कुशवाहा का0 कुशल पाल,का0 उमेश यादव-का0विवेक,का0 पुनीत रहे अभियुक्तों की निशानदेही पर एक अदद मोबाइल मृतक का,घटना में प्रयुक्त आलाकत्ल ईट के टुकड़े , एक अदद साइकिल,रक्त लगे अभियुक्त का जैकेट, बनियान व लोवर बरामद किये टांडा कोतवाल बिजेंद्र शर्मा ने बताया कि मामले का खुलासा करने के लिए जी तोड़ मेहनत की गयी इसका नतीजा यह रहा कि मात्र 5 दिनों के अंदर पूरे घटना का खुलासा कर दिया गया उन्होंने कहा कि गिरफ्तार अभियुक्तों को जेल भेजा जा रहा है।
2022/05/18 07:04:00
https://www.hindmorcha.in/local/%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%B8-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%95/
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हथिनी पर अत्याचार से दुःखी राकेश मिश्रा ने किया गाना रिलीज - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार Home / मनोरंजन / हथिनी पर अत्याचार से दुःखी राकेश मिश्रा ने किया गाना रिलीज हथिनी पर अत्याचार से दुःखी राकेश मिश्रा ने किया गाना रिलीज Nitish Kumar Tuesday, June 09, 2020 मनोरंजन मनोरंजन | अनूप नारायण :- भोजपुरी सिनेमा के चॉकलेट स्टार व पॉपुलर सिंगर राकेश मिश्रा ने हाल ही में हथिनी पर हुए अत्याचार पर काफी दुखी हैं। वे काफी गमगीन होकर अपनी भावनाओं को करुण भाव में गाने के माध्यम से उजागर किया है। गाने का बोल है हथिनी पर अत्याचार, जिसका भाव हथिनी को इंसाफ दिलाना है। म्यूजिक कंपनी वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स भोजपुरी के यूट्यूब चैनल से रिलीज किया गया यह गाना सुनने पर मन बहुत दुःखी हो जाता है। जिन पापियों ने इतना बड़ा घोर अपराध किया है, उनको ईश्वर क्षमा नहीं करेंगे। उनकी करनी का दंड उन्हें मिलना ही चाहिए। राकेश मिश्रा ने जो करुण भाव में गाना हथिनी पर अत्याचार गाया है, वह मन को काफी द्रवित कर देता है। राकेश मिश्रा द्वारा करुण रस में गाये हुए इस गीत को लिखा है गीतकार अजय बचन ने, जिसे संगीत दिया है अनिल यादव कालिका स्टूडियो आरा ने। राकेश मिश्रा दुःखी मन से कहते हैं कि हाय रे जमाना बोलने वाले से तो दुश्मनी समझ में आती है, किन्तु बिना बोलने वाले से बेजुबान प्राणी से भी इतनी बड़ी क्रूरता क्यूं, जिससे रूह भी कांप जाय। कहने को तो हाथी मेरे साथी और उस् हथिनी मां को ही इंसान ने नहीं छोड़ा, जिसके बच्चे के साथ उसको मार डाला। एक सामाजिक चेतना आप सबके बीच गीत के माध्यम प्रस्तुत किया हूँ। जिसे सुनिएगा और गौर कीजियेगा। हथिनी पर अत्याचार से दुःखी राकेश मिश्रा ने किया गाना रिलीज Reviewed by Nitish Kumar on Tuesday, June 09, 2020 Rating: 5
2022/01/17 16:26:38
https://www.gidhaur.com/2020/06/blog-post_53.html
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कटिंग विस्टरिया - लेकिन कैसे? - विचार और प्रेरणा - 2021 विस्टेरिया एक तेजी से बढ़ने वाला पर्वतारोही है विस्टेरिया एक तेजी से विकसित होने वाली पर्वतारोही है और इसलिए अक्सर इसे गोपनीयता स्क्रीन या प्राकृतिक चंदवा के रूप में उपयोग किया जाता है। हालाँकि, इसके बारे में सबसे खूबसूरत बात यह है कि मई और जून में फूलों की छत बनाने वाले लंबे, लटके और सुगंधित फूल होते हैं। इतना है कि यह भी गहरा खिल सकता है, आप के लिए है कट वस्टरिया. सालाना मुख्य शूटिंग काटें केवल कुछ मुख्य शूट का उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि साइड शूट उन पर विकसित होते हैं, जो तब फूल बनाते हैं। मुख्य शूटिंग साल में कई मीटर वापस काटी जा सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि विस्टेरिया कितना बड़ा है। पक्ष को छोटा करके 30 सेमी साइड शूट जो रहते हैं, उन्हें लगभग 30 सेंटीमीटर छोटा किया जाता है। अगले वर्ष इन साइड शूट को फिर से कम किया जाना चाहिए। कम से कम दस सेंटीमीटर रहना चाहिए। शूटिंग के पहले गर्मियों में कटिंग होती है। हालांकि, आप युवा शूटिंग और गठित पत्तियों को हटाकर अधिक कट्टरपंथी दृष्टिकोण भी अपना सकते हैं। नतीजतन, छोटे शूट बनते हैं, जो जल्दी से बढ़ते हैं और फूलों की कलियों का भी निर्माण करते हैं। पहले से बताई गई मुख्य कटौती गर्मियों में होती है। वैस्टेरिया न केवल घने और बड़े हैं, बल्कि कई फूलों के साथ भी प्रसन्न हैं।
2021/12/04 04:06:49
https://hi.imobileu.org/224-cutting-wisteria-but-how.html
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सहमत होने से पिछले भाग में हमें नौसैनिक शक्ति के पर्याप्त घरेलू सिद्धांत की आवश्यकता है, हमें इसे भूगोल के अनुकूल बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि समुद्र पर रूस की स्थिति अद्वितीय है। सोवियत नौसेना ने आंशिक रूप से "भौगोलिक समस्या को हल किया।" और रूसी नौसेना को भी इसे हल करना होगा हम इस तथ्य के आदी हैं कि रूस की समुद्र तक पहुंच है। और पहली नज़र में यह वास्तव में ऐसा है - हमारी समुद्री सीमा 38807 किलोमीटर की लंबाई है, और तट सीधे प्रशांत और आर्कटिक महासागरों द्वारा धोया जाता है, और अप्रत्यक्ष रूप से अटलांटिक द्वारा। और हमारे पास संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र में अधिक व्यापारी जहाज हैं। और फिर भी, कई पश्चिमी टीकाकार, एक-दूसरे से बात करते हुए, रूस को लैंडलॉक के रूप में चिह्नित करते हैं - वस्तुतः ताला लगा या भूमि द्वारा अवरुद्ध। यहां, वैसे, फिर से अर्थों को सही ढंग से समझना महत्वपूर्ण है: हम "भूमि शक्ति" जैसे वाक्यांशों का उपयोग करते हैं, और हमारे विरोधियों ने इसके बजाय "भूमि द्वारा लॉक" किया है। कोई विरोधाभास नहीं है। हमारे देश के साथ संवाद करने के लिए विभिन्न देशों के व्यापारी बेड़े द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी समुद्री संचार, और हमारी नौसेना भी संकीर्णता से गुजरती है जो एक संभावित प्रतिकूल नियंत्रण है। यह देखा जा सकता है कि समुद्र में सभी बेड़े के निकास संकीर्णताओं से गुजरते हैं। सुदूर पूर्व में, लगभग एक ही बात। इसके अलावा, दुनिया भर के नौसैनिक ठिकानों और सभी महासागरों पर नौसैनिक समूहों की मौजूदगी से उसे तटीय जल में रूसी नौसेना को या तो ब्लॉक करने, या वहां हमला करने का मौका मिलता है, जो हमारे तटों से किसी भी मामले में समुद्री वर्चस्व स्थापित करता है, जो तब वह उसे समुद्र से हमारे क्षेत्र के हमलों के लिए हमारे तटीय क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देगा। इस समस्या को लेख में अधिक विस्तार से वर्णित किया गया था। "कोई निकास नहीं है। रूसी नौसेना के लिए महासागरों के भौगोलिक अलगाव पर "। हालाँकि, उस लेख में जनता का ध्यान किसी ऐसी चीज़ पर केन्द्रित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे किसी कारण से जनता भूल गई थी, सूचना के विचारहीन खाने के साथ सोचने की प्रक्रिया को बदलकर "फ़ीड" करती है कि हमारा "बहुत सटीक प्रचार मशीन नहीं" है। हालाँकि, सीमाएँ जो हमारे विकास पर हैं बेड़ा भौगोलिक कारक प्रभाव, वे बहुत महत्वपूर्ण हैं, और, नौसेना निर्माण के लिए सही दृष्टिकोण के साथ, बेड़े पर इतना शक्तिशाली प्रभाव होगा कि उन्हें यथासंभव यथासंभव अध्ययन करने की आवश्यकता है। और, सबसे महत्वपूर्ण बात, रूसी बेड़े के भविष्य के लिए भौगोलिक कारकों के परिणामों का आकलन करना। बेड़ा नहीं, बल्कि बेड़ा। पृथक थिएटर पर एक कुदाल को कुदाल कहना आवश्यक है: हमारे पास एक बेड़ा नहीं है, लेकिन चार बेड़े और एक फ्लोटिला अलग हैं। संचालन के वे सिनेमाघर जिनमें हमारे बेड़े के आधार स्थित हैं, बस एक दूसरे से अलग-अलग हैं। इतना कुछ विमानन नौसैनिक विमानन से लैस टॉरपीडो बाल्टिक में काम नहीं करते हैं - बैटरी को सक्रिय करने के लिए पानी का खारापन अपर्याप्त है। प्रशांत महासागर और उत्तर में, एक ही परिमाण के तूफान जहाजों को प्रभावित करते हैं क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों के तूफानों और तरंगों के दौरान अलग-अलग तरंगदैर्घ्य होते हैं। विरोधियों (मुख्य दुश्मन को छोड़कर, जो हमारे साथ हर जगह है) अलग-अलग हैं, समुद्र तट की रूपरेखा में अलग-अलग हैं, और परिणामस्वरूप, सिद्धांत रूप में, प्रत्येक बेड़े के लिए अलग-अलग मुकाबला स्थितियां हैं। और यह संभावित रूप से प्रत्येक बेड़े के लिए एक अलग संरचना और अलग जहाज संरचना तय करता है। एक ही समय में, बेड़े के बीच जहाजों को पैंतरेबाज़ी करना बहुत मुश्किल है, यहां तक ​​कि दूर के समय में भी - और सेना में यह केवल तभी संभव होगा जब संयुक्त राज्य अमेरिका युद्ध में भाग नहीं लेता है। यदि वे इसमें भाग लेते हैं, तो एक बेड़े से दूसरे में जहाजों को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। एकमात्र अपवाद कैस्पियन फ्लोटिला के जहाज हैं, जिन्हें काला सागर बेड़े में मदद करने के लिए भेजा जा सकता है (आइए हम "कोष्ठक के बाहर" इस ​​कदम की संभावित उपयोगिता को छोड़ दें)। ये सीमाएँ कभी दूर नहीं होंगी। और इसका मतलब है कि ऐसे भौगोलिक विखंडन के परिणामस्वरूप होने वाले परिणाम हमेशा काम करेंगे, और बेड़े को इस कारक को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। अत्यंत तीव्र रूप में बेड़े के विखंडन की समस्या का सामना रूस को रुसो-जापानी युद्ध के प्रकोप से करना पड़ा। तब यह पता चला कि प्रशांत महासागर में रूसी साम्राज्य के सभी नौसैनिक बलों की संख्या में जापानियों की श्रेष्ठता है। 1th प्रशांत स्क्वाड्रन के खिलाफ जापानी बेड़े का टकराव जापान के लिए एक तार्किक जीत में समाप्त हो गया, और जब 2th प्रशांत स्क्वाड्रन एक महीने तक सुदूर पूर्व में ट्रांसोक्शीनिक हस्तांतरण के बाद पहुंचे, तो जापानी फिर से इस पर संख्यात्मक श्रेष्ठता था। जापानी बेड़े पर रूसी शाही बेड़े की समग्र श्रेष्ठता को महसूस करना असंभव साबित हुआ। यह पहचानने योग्य है कि आज समस्या दूर नहीं हुई है। संभव मार्ग। उत्तरी - पनडुब्बियों के लिए लगभग उपयुक्त नहीं है और कम से कम अमेरिकी तटस्थता की आवश्यकता है। दक्षिण परमाणु पनडुब्बियों के लिए बंद है, उन्हें अफ्रीका के चारों ओर जाने की आवश्यकता है नौसेना से संबंधित मौलिक सिद्धांत संबंधी दस्तावेज में, "2030 तक की अवधि के लिए नौसैनिक गतिविधियों के क्षेत्र में रूसी संघ की राज्य नीति के मूल सिद्धांतों में," निम्न पंक्तियाँ नौसेना के अंतर-थिएटर पैंतरेबाज़ी को दी गई हैं: 38। सैन्य संघर्ष और रणनीतिक नियंत्रण को रोकने के लिए नौसेना की गतिविधियों के मुख्य उद्देश्य हैं: ई) इंटर-थियेटर युद्धाभ्यास, साथ ही नौसेना के परमाणु पनडुब्बियों के नियमित अंडर-आइस नेविगेशन प्रदर्शन; 51। नौसेना गतिविधियों के क्षेत्र में राज्य नीति को लागू करने के उपायों की प्रभावशीलता के संकेतक हैं: d) नौसैनिक बलों द्वारा अंतर-थियेटर युद्धाभ्यास के कारण एक खतरनाक रणनीतिक दिशा में नौसेना समूह बनाने की क्षमता; काश, मूलभूत बिंदु को नजरअंदाज कर दिया गया - अगर युद्ध में अंतर-थियेटर पैंतरेबाज़ी की आवश्यकता हो तो मुझे क्या करना चाहिए? लेकिन यह एक मूल बिंदु है - वैश्विक सैन्य संघर्ष के फैलने के बाद, समुद्र के द्वारा संचालन के रंगमंच के बीच नौसेना मिसाइल रक्षा का कोई पैंतरेबाज़ी असंभव नहीं होगी, दूसरी ओर, यह शुरू होने से पहले विशेष रूप से कुछ भी सीमित नहीं करता है। एक स्थानीय संघर्ष के मामले में, मौलिक प्रश्न यह है कि युद्ध के समय पैंतरेबाज़ी बलों को समय पर संचालन के थिएटर में होना चाहिए, इससे पहले कि दुश्मन समुद्र पर प्रभुत्व स्थापित करता है (और रुसो-जापानी युद्ध में नहीं)। दुर्भाग्य से, हम फिर से एक मार्गदर्शन दस्तावेज के ड्राफ्टर्स द्वारा लिए गए औपचारिक दृष्टिकोण को देखते हैं जो एक सिद्धांत बिंदु से महत्वपूर्ण है। एक प्रकार के विमान के रूप में बेड़े के संगठनात्मक और स्टाफिंग संरचना पर हमारे बेड़े के विखंडन के प्रभाव का उल्लेख नहीं किया गया है। इस बीच, युद्धाभ्यास की समस्या दोनों महत्वपूर्ण और आंशिक रूप से हल करने योग्य है, लेकिन नौसेना और उसके संगठन की रचना को ऐसे कार्य को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। हालांकि, हमारे बेड़े की असमानता में एक सकारात्मक बिंदु है। हमारे बेड़े एक बार में सभी को हराना लगभग असंभव है अगर उनकी कमान ठीक से सौंपे गए बलों और सैनिकों का प्रबंधन करेगी। हमारे सभी बेड़े की एक साथ हार को प्राप्त करने के लिए, एक गठबंधन को इकट्ठा करना आवश्यक है जिसमें कम से कम संयुक्त राज्य अमेरिका, नाटो का हिस्सा, जापान, अधिमानतः ऑस्ट्रेलिया शामिल होगा। और रूस, बदले में, सभी मानव जाति के 1 / 8 द्वारा खुद पर एक हमले के लिए टाइटैनिक तैयारी को देखकर, मोहित को एक निंदा के लिए इंतजार करना चाहिए और कुछ भी नहीं करना चाहिए। वास्तविक दुनिया में यह शायद ही संभव है। और अपने वर्तमान सैन्य कर्मियों के साथ एक ही संयुक्त राज्य के लिए, नौसेना एक ही समय में सभी को "कवर" करने में सक्षम नहीं होगी - सर्वोत्तम मामले में, प्रशांत बेड़े के साथ "सौदा" करना और उत्तर के साथ एक भारी आने वाली लड़ाई को अंजाम देना संभव होगा। वे शायद इसे जीत लेंगे, लेकिन इस लाभ की कीमत होगी। और यह कारक, जो हमारे लिए काम करता है और सीधे बेड़े के विखंडन से पीछा करता है, हम भविष्य में भी उपयोग कर सकते हैं। यह ध्यान रखना उत्सुक है कि हम अकेले नहीं हैं। एक और देश जिसका बेड़ा जमीन से विभाजित है और जल्दी से एक साथ नहीं मिल सकता है ... संयुक्त राज्य अमेरिका! यह कुछ अजीब कारणों के बारे में बात करने के लिए प्रथागत नहीं है, लेकिन हमारे मुख्य प्रतिद्वंद्वी में एक ही सटीक भेद्यता है - उनकी नौसेना प्रशांत महासागर और अटलांटिक के बीच विभाजित है। और, महत्वपूर्ण रूप से, अमेरिकी नौसेना के मुख्य हड़ताली बल - विमान वाहक, पनामा नहर में संक्रमण नहीं कर सकते हैं। केवल दक्षिण अमेरिका को दरकिनार करके और कुछ नहीं। यह हमें कुछ अवसर देता है कि हम एक दिन के बारे में बात करेंगे। इस बीच, हम खुद को इस तथ्य को बताते हुए कहते हैं कि बड़े भूमि द्रव्यमान के विभिन्न पक्षों पर उनके स्थान के कारण बेड़े के विखंडन से समुद्री शक्ति का अधिग्रहण और समुद्र में युद्ध का संचालन निर्णायक डिग्री तक नहीं होता है, लेकिन इस विखंडन को सही ढंग से दरकिनार किया जाना चाहिए। संयुक्त राज्य अमेरिका ने कई वर्षों तक अपने जहाजों को पकड़कर इस मुद्दे को हल किया जिसने इसे पनामा नहर से गुजरने की अनुमति दी। पनामा नहर ताला पर आयोवा वर्ग युद्धपोत केवल युद्ध के बाद के बड़े विमान वाहक की उपस्थिति ने इस स्थिति को बदल दिया (हालांकि मोंटाना ने द्वितीय विश्व युद्धपोत के दौरान योजना बनाई थी, वे भी बहुत बड़े होने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने निर्माण शुरू नहीं किया था)। हमारा समाधान अलग हो सकता है और हो सकता है। हालाँकि, पूरी तरह से भौगोलिक प्रतिबंधों के लिए खुद को सीमित करना पूरी तरह से सच नहीं होगा, क्योंकि वे "दूसरे स्तर" पर बोलने के लिए एक और प्रतिबंध लगाते हैं। रूस से पश्चिम और पूर्व से दोनों ऐसे राज्य हैं जो आर्थिक शक्ति और सैन्य जहाज निर्माण में रूसी संघ से बेहतर हैं, या गठबंधन, राज्यों के समूह जो एकजुट होने पर भी रूसी संघ पर संयुक्त रूप से श्रेष्ठता हासिल करेंगे। सबसे स्पष्ट उदाहरण जापान है। इस देश में बहुत छोटी आबादी, आर्थिक श्रेष्ठता नहीं है, यह रूस की तुलना में बहुत तेजी से जहाजों का निर्माण करता है, और आसानी से, कुछ वर्षों के भीतर, अपने नौसेना को एक विमान वाहक को सौंप सकता है। रूस के लिए, इसकी अर्थव्यवस्था और खतरे की संरचना के साथ, यहां तक ​​कि जापान के साथ समुद्र पर बलों पर एक काल्पनिक "प्रतियोगिता" एक बहुत ही मुश्किल काम है, और हम पश्चिम में दोस्त भी नहीं हैं। और यह इस तथ्य का एक और परिणाम है कि हमारे बेड़े एक विशाल भूमि द्रव्यमान के चरम क्षेत्रों में बिखरे हुए हैं - हम कभी भी एक दूसरे से दूर थिएटर में अपने विरोधियों पर संख्यात्मक श्रेष्ठता प्रदान करने में सक्षम नहीं होंगे। हम, सैद्धांतिक रूप से, "सिद्धांत रूप में", संपूर्ण रूप से, जापानी या ब्रिटिश की तुलना में मजबूत हो सकते हैं, लेकिन इस श्रेष्ठता का एहसास करने के लिए, हमें बेड़े को एक साथ लाने की आवश्यकता है ताकि वे एक ही दुश्मन के खिलाफ एक दूसरे के संचालन का समर्थन कर सकें। उत्तरार्द्ध, हालांकि, यह हमारे से भी बदतर नहीं समझेगा, और कूटनीतिक से, विशुद्ध रूप से सैन्य करने के लिए हर तरह से हमें बाधित करेगा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ, यह और भी बदतर है, सिद्धांत रूप में, हम अमेरिकियों के झटका को कम करने में भी सक्षम नहीं होंगे यदि वे हमें सेनाओं में शामिल होने की क्षमता के बिना, ठिकानों से सटे पानी में पकड़ते हैं, कम से कम उनमें से कुछ। - अलग-अलग बेड़े पर अलग-अलग परिस्थितियों की आवश्यकता होती है, जाहिरा तौर पर, अलग जहाज संरचना। - भूगोल पूर्व युद्ध के समय में सीसी के एक बहुत तेज पैंतरेबाज़ी की आवश्यकता है, और यह युद्ध में लगभग असंभव बना देता है। - एक ही समय में, किसी भी एक दुश्मन द्वारा सभी रूसी बेड़े की एक साथ हार हासिल करना बेहद मुश्किल है, जो रूस को समय देता है, चाहे वह छोटा हो, सभी दिशाओं में संगठित करने या बचाव करने के लिए, या, अंतर-थिएटर के लिए वैश्विक संचार के लिए स्वतंत्र रूप से स्थानीय युद्ध के मामले में। पैंतरेबाज़ी। - बेड़े के भौगोलिक विखंडन के परिणामों में से एक संभावित विरोधियों पर सैन्य अभियानों के सिनेमाघरों में आर्थिक रूप से असंभव प्रभुत्व है - वे आर्थिक रूप से बहुत शक्तिशाली हैं। यह हमेशा ऐसा ही रहेगा, और हमेशा शत्रु अतिरिक्त नौसैनिक बलों के संचालन के लिए समुद्र में "अपने" थिएटर के संचालन में हस्तक्षेप करेगा। वाणी की समस्याओं का समाधान हो सकता है। विभिन्न TVDs पर विभिन्न प्रकार के जहाजों की आवश्यकताएं, विषम रूप से पर्याप्त, सबसे आसानी से हल हो गई हैं। वास्तव में, संचालन का "विशेष" रंगमंच, जहाँ मामलों की एक थियेटर की शर्तों के अनुकूलन को सार्वभौमिकता के लिए बलिदान नहीं किया जा सकता है, बाल्टिक है। और यहाँ हम निम्नलिखित तरकीबों का सहारा ले सकते हैं: 1। एक मंच में लड़ाकू मिशनों का एकीकरण। इसलिए, उदाहरण के लिए, 76-mm बंदूकों की एक जोड़ी से लैस एक छोटा मध्यम लैंडिंग जहाज भी एक लैंडिंग जहाज होगा, और तट के साथ आग लगाने में सक्षम होगा, और तोपखाने की आग के साथ सतह के लक्ष्यों को मारने में सक्षम होगा, खान मिशन का संचालन करने और परिवहन कार्यों को करने में सक्षम होगा। शायद वह "क्षितिज के लिए" की सीमा के साथ कुछ छोटे आकार की मिसाइलों के साथ उसे हाथ करने में सक्षम होगा, फिर वह एक्सएनयूएमएक्स ग्राफ की वास्तविक आग की सीमा से परे सतह के लक्ष्यों पर हमला करने और नष्ट करने में सक्षम होगा। इसका डिज़ाइन इनमें से किसी भी कार्य के लिए इष्टतम नहीं होगा, लेकिन दूसरी ओर, एक ही जहाज वास्तव में उन सभी को हल कर सकता है। यह दो या तीन विशेष जहाजों का निर्माण नहीं करने देगा, और एक को अपनी गहराई, दूरी, दुश्मन, आदि के साथ युद्ध के रंगमंच के लिए अनुकूलित करने के लिए खुद को सीमित करेगा। 2। परियोजनाओं का नहीं, बल्कि प्रणालियों का एकीकरण। यदि हम मानते हैं कि हमें बाल्टिक में एक विशेष प्रकार के युद्धपोत की आवश्यकता है, तो इसे नौसेना के अन्य जहाजों के साथ एकीकृत किया जा सकता है, न कि एक ही परियोजना के भीतर, बल्कि उप-प्रणालियों के संदर्भ में। उदाहरण के लिए, एक ही रडार सिस्टम, एक ही डीजल इंजन, तोप, एक ही मिसाइल, लेकिन अलग-अलग पतवार, इंजन की संख्या, मिसाइलों की संख्या, हैंगर की उपस्थिति / अनुपस्थिति, हेलीकॉप्टर लैंडिंग साइट, विभिन्न चालक दल, और इसी तरह। उसी समय, आपको तुरंत निर्यात के लिए "बाल्टिक प्रोजेक्ट" का एक संस्करण बनाने की भी आवश्यकता होती है, एक थिएटर के लिए जहाजों की एक अलग श्रृंखला की अतिरिक्त लागत का औचित्य साबित करने के लिए। यह समझना चाहिए कि, बलों और साधनों से अंतर-रंगमंचीय पैंतरेबाज़ी के विपरीत, यह समस्या नगण्य है। पैंतरेबाज़ी एक पूरी तरह से अलग मामला है। यह स्पष्ट रूप से समझा जाना चाहिए कि युद्धपोतों के बेड़े और युद्धपोतों के युद्धाभ्यास "उनके" बेड़े से आवश्यक युद्ध क्षेत्र में, अगर कोई दुश्मन संचार पर लड़ने के लिए तैयार है, तो समय के नुकसान के कारण या तो असंभव या अर्थहीन होगा। यह हमें एक सरल और सुसंगत समाधान की ओर ले जाता है - चूंकि शत्रुता के प्रकोप के बाद पैंतरेबाज़ी अब संभव या मुश्किल नहीं है, इसे जितना संभव हो उतना बाहर ले जाना चाहिए ... शत्रुता के प्रकोप से पहले! और यहां "गोर्शकोव युग" से सोवियत अनुभव हमारी सहायता के लिए आता है, अर्थात् ओपीईएसके की अवधारणा - परिचालन स्क्वाड्रन। OPESK युद्धपोतों के एक समूह का प्रतिनिधित्व करता है और अस्थायी पीछे के जहाजों, पहले से दूर समुद्र और महासागर क्षेत्रों में तैनात है, किसी भी समय शत्रुता में संलग्न होने के लिए तैयार है। आज, उस समय, यह याद करने के लिए प्रथागत था कि यूएसएसआर की नौसेना कुछ क्षेत्रों में "मौजूद" थी, लेकिन अब ... समान मूल सिद्धांतों में, इस "उपस्थिति" की आवश्यकता लगभग हर दूसरे पृष्ठ पर उल्लिखित है। यह सिर्फ यूएसएसआर नेवी सिर्फ "वर्तमान" नहीं था, इसे विश्व महासागर के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तैनात किया गया था, ताकि इसे युद्ध के प्रकोप से बचाया न जा सके। ये तुरंत युद्ध में शामिल होने के लिए अपनी तत्परता का प्रदर्शन करके युद्ध को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए थे, सोवियत संघ की भौगोलिक समस्या पर प्रतिक्रिया। हम इसे पसंद करते हैं या नहीं, OPESK हमारी भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक बहुत ही आवश्यक आवश्यकता है। युद्ध शुरू होने के बाद हमारे पास युद्धाभ्यास करने का समय नहीं होगा, लेकिन हम पहले से ही समुद्र में ऐसे बलों को तैनात कर सकते हैं जो कुछ दिनों में संघर्ष के संभावित बिंदु पर पहुंच सकते हैं। सोवियत ओपेक की जिम्मेदारी के क्षेत्र हालाँकि, सोवियत संघ के विपरीत, आर्थिक कारणों से हम लगातार महासागर में बड़ी ताकतों को पकड़ नहीं सकते हैं। इसलिए, हमारे मामले में, जहाजों द्वारा इंटर-थिएटर पैंतरेबाज़ी के प्रावधान को एक खतरे की अवधि के पहले संकेतों पर सभी बेड़े के जहाजों की भागीदारी के साथ परिचालन संरचनाओं की तैनाती की तरह दिखना चाहिए। उदाहरण के लिए, उपग्रह टोही ने एक ही समय में सभी जापानी पनडुब्बियों पर आपूर्ति की लोडिंग का पता लगाना संभव बना दिया। यह एक खुफिया संकेत है। और अतिरिक्त अपेक्षा के बिना, ओपीईएसके को आवंटित उत्तरी और काले सागर के जहाजों को समुद्र में जाने, गोला-बारूद प्राप्त करने, समुद्र में जाने, मिलने के लिए तैयार किया जाता है, और अगर इसके तीन दिनों के भीतर जापानी स्पष्ट विवरण प्राप्त नहीं करते हैं, तो समूह संक्रमण शुरू कर देता है। हिंद महासागर में ध्वज और व्यावसायिक कॉलों को प्रदर्शित करने का आरक्षित कार्य है, जो अनिवार्य रूप से घरेलू राजनयिकों की मदद कर रहा है, और मुख्य एक, प्रशांत महासागर में जाने और जापान के खिलाफ युद्ध में तुरंत प्रवेश करने के लिए तैयार होना है। यदि ओपीईएसके संक्रमण के दौरान तनाव कम हो जाता है, तो स्क्वाड्रन की कार्य योजना बदल जाती है, समुद्र में इसका समय कम हो जाता है और इसी तरह, यदि नहीं, तो इसे उस क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया जाता है जहां से यह दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर सकता है, और भविष्य में, यह विकास की उम्मीद करता है घटनाओं और इसी क्रम। सतह बलों द्वारा अंतर-रंगमंच पैंतरेबाज़ी का कोई अन्य परिदृश्य नहीं है, जिसके साथ हम हर जगह समय में होने की गारंटी देंगे। पनडुब्बियों की तैनाती समान रूप से की जाती है, लेकिन चुपके सुनिश्चित करने के लिए खाते की कार्रवाई में। भौगोलिक चुनौती का यह आधा-भूला जवाब हमारी सैन्य योजना का आधार होना चाहिए। हालांकि, यह एक रामबाण दवा नहीं है। सबसे पहले, घटनाएँ बहुत तेज़ी से कॉर्नी जा सकती हैं। दूसरे, संचालन के रंगमंच में पहले से उपलब्ध बेड़े बलों (जापान के उदाहरण में यह प्रशांत बेड़े है) के साथ कुल मिलाकर अन्य बेड़े से ओपेक एकत्र नहीं हो सकता है, और यह अतिरिक्त बलों को समय पर या समय पर स्थानांतरित करना संभव नहीं हो सकता है। इन शर्तों के तहत, बेड़े को एक मोबाइल रिजर्व की आवश्यकता होती है, जिसकी क्षमता को एक दिशा से दूसरी दिशा में स्थानांतरित किया जा सकता है जिसे किसी भी दुश्मन द्वारा रोका नहीं जा सकता है, और जो वास्तव में जल्दी से जगह में हो सकता है। इस तरह के युद्धाभ्यास में सक्षम एकमात्र बल विमानन है। और यहाँ हम फिर से सोवियत अनुभव का सहारा लेने के लिए मजबूर हैं जब तटीय-आधारित मिसाइल-असर वाले विमान नौसेना के मुख्य हड़ताली बल थे। "शास्त्रीय" बेड़े के निर्माण के दृष्टिकोण से, ऐसा समाधान अजीब लगता है, लेकिन कुछ भी अजीब नहीं है - यह हमारी आंशिक रूप से असफल भौगोलिक स्थिति को समतल करने का एकमात्र तरीका है। राष्ट्रीय विशिष्टता। बेशक, उपरोक्त सभी न केवल नौसेना हमले के विमान पर लागू होता है, बल्कि पनडुब्बी रोधी भी है, जो पनडुब्बियों से निपटने का सबसे खतरनाक और प्रभावी साधन है। लेख "नौसेना मिसाइल विमान को बहाल करने की आवश्यकता पर" दृष्टिकोणों की घोषणा की गई थी कि यूएसएसआर की तुलना में रूस को बुनियादी हमले के विमानों को बहाल करने के लिए जल्दी और बहुत महंगा नहीं होने दिया। संक्षेप में - एक अधिक शक्तिशाली रडार और "मुख्य कैलिबर" के रूप में गोमेद मिसाइल के साथ Su-30СМ मंच, भविष्य में, सस्ते और छोटे आकार के AWACS और ईंधन भरने वाले विमान के अलावा, जब उन्हें विकसित करना और बनाना संभव होगा। संभावित भविष्य का एक उदाहरण। अब तक हमारा नहीं, बल्कि भारतीय - Su-30MKI और ब्रामोस रॉकेट (वास्तव में, हमारा अय्यल) ऐसे विमान कुछ दिनों के भीतर बेड़े से बेड़े में स्थानांतरित करने में सक्षम होंगे और समुद्र के भीतर तैनात सतह के जहाजों और पनडुब्बियों की शक्ति को बढ़ाते हुए, उनकी मिसाइल सैल्वो को बढ़ाएंगे या यहां तक ​​कि उन्हें सतह बलों द्वारा लक्ष्य पदनामों को फैलाने की अनुमति देंगे। एक ही लेख में, औचित्य यह दिया गया था कि यह नौसैनिक विमानन होना चाहिए, न कि केवल वायु सेना के लिए एक संगठन। और इस तरह के अवसर प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर समुद्री विमानन के पुनर्गठन की आवश्यकता नहीं होगी, यह करना होगा। आज, कई लोग पहले से ही भूल गए हैं कि यूएसएसआर में, अधिकांश लंबी दूरी के बमवर्षक वायु सेना का हिस्सा नहीं थे, लेकिन नौसेना का हिस्सा थे। तो, लंबी दूरी की विमानन में 1992 में सभी संशोधनों के 100 Tu-22M मिसाइल वाहक थे, और नौसेना विमानन में - 165। नौसैनिक युद्ध में मिसाइल सल्वो के द्रव्यमान और घनत्व को बढ़ाने के लिए उनकी गतिशीलता के साथ विमान एक अपरिहार्य साधन साबित हुआ। अस्सी के दशक तक, अमेरिकी एक ही निष्कर्ष पर आए थे। अस्सी के दशक के उत्तरार्ध में, 1143 ave के विमान ले जाने वाले क्रूजर के USSR नेवी में उपस्थिति के जवाब में। और 1144 ave के मिसाइल क्रूजर, साथ ही साथ कुल मिलाकर नौसैनिकों की संख्या में वृद्धि के कारण, उन्होंने हार्पून एंटी-शिप मिसाइलों को B-52-52 से लैस करना शुरू किया। यह माना गया कि B-500, लंबे समय तक कम-ऊंचाई (XNUMX m) उड़ानें करने की क्षमता के लिए संशोधित किया गया था, जिसमें संभवतः दुनिया के सबसे शक्तिशाली विमान-आधारित इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल थी, जिसमें प्रशिक्षित पायलट और छह एंटी-शिप मिसाइलें थीं, यूएसएसआर नौसेना के साथ नौसेना की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे। अस्सी के दशक में अमेरिकी नौसेना तैयारी कर रही थी। तो यह, जाहिरा तौर पर, होगा। एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम "हार्पून" के साथ "एंटी-शिप" बॉम्बर अमेरिकियों ने अच्छी तरह से समझा कि जहाज-रोधी मिसाइलों के साथ विमान एक नौसैनिक युद्ध में एक बल के गुणक होंगे - वे अपर्याप्त मिसाइल सल्वो शक्ति के साथ जहाजों के कई छोटे आकार के हड़ताल समूहों के लिए अनुमति देते हैं, लेकिन व्यापक कवरेज, और, युद्ध से पहले, अपने मिसाइलों के साथ ऐसे छोटे समूहों की मारक क्षमता को जल्दी से बढ़ाने के लिए। । यह ठीक बेड़े का मोबाइल रिजर्व था, हालांकि यह वायु सेना के अधीनस्थ था, नौसेना नहीं। अब जब चीनी नौसेना की वृद्धि पहले से ही दुनिया में पश्चिमी प्रभुत्व के लिए खतरा है, तो वे भी ऐसा कर रहे हैं। फिलहाल, LRASM मिसाइलों के इस्तेमाल के लिए अमेरिकी वायु सेना के 28 एयर विंग के कर्मियों और उनके B-1 बॉम्बर्स का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। हमारे भौगोलिक स्थान के साथ, हम एक ही चीज़ से नहीं बच सकते हैं, केवल, निश्चित रूप से, "अर्थव्यवस्था" के लिए समायोजित। हालांकि, पूर्व-युद्ध (धमकी) की अवधि की एक बुनियादी रणनीति के रूप में प्रारंभिक तैनाती की शुरुआत की, और बेड़े से बेड़े में स्थानांतरित करने में सक्षम एक मोबाइल रिजर्व बनाने के लिए, हम इस तरह के बलों और उनके कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के तरीके पर "स्टॉपर" में चलते हैं - मौजूदा कमांड सिस्टम। लेख "नष्ट प्रबंधन। बेड़े का एक भी कमांड नहीं है इसने वर्णन किया कि सर्दीकोव के दुर्भावनापूर्ण सुधार के दौरान नौसेना कमान और नियंत्रण प्रणाली क्या बदल गई। यह वहां से उद्धृत करने योग्य है कि यह समझाते हुए कि बेड़े प्रबंधन को फिर से बेड़े में लौटाया जाना चाहिए। यह यहां था कि महासागर क्षेत्रों में मुख्य हड़ताली बल खो गया था, और न केवल नौसेना, बल्कि रूसी सशस्त्र बल - नौसेना के नौसैनिक मिसाइल विमान। वह, सशस्त्र बलों की एक शाखा के रूप में, ऑपरेशन के रंगमंच के बीच युद्धाभ्यास करने में सक्षम है, और इस कारण से, इसके केंद्रीय नियंत्रण के कारण, नई प्रणाली में बस कोई जगह नहीं थी। हवाई जहाज और पायलट वायु सेना के पास गए, समय के साथ, मुख्य कार्य बमों के साथ जमीनी लक्ष्य पर हमले करने के लिए स्थानांतरित हो गए, जो वायु सेना के लिए तर्कसंगत है। समुद्र में दुश्मन के एक बड़े नौसैनिक स्ट्राइक समूह को बस "तुरंत" मिलता है, आज कुछ भी नहीं है। खतरनाक दिशाओं के बीच बलों और साधनों के बीच एक त्वरित (इस कीवर्ड) पैंतरेबाज़ी सुनिश्चित करने के लिए, इन बलों और साधनों को केंद्रीय रूप से नियंत्रित किया जाना चाहिए, ताकि नौसेना के जनरल स्टाफ के पास एक दिशा से बलों को वापस लेने और उन्हें स्थानांतरित करने के संदर्भ में कोई देरी न हो। अन्य शामिल हैं। इसके लिए एक पूर्ण नौसेना कमान और नियंत्रण प्रणाली की बहाली की आवश्यकता है। हैरानी की बात है कि भूगोल भी यहां तक ​​पहुंच गया है, और अगर हम चाहते हैं कि यह हमें हमारे देश की रक्षा करने से न रोके, तो हमें इसे "मोर्चे" पर भी "अनुकूलित" करना होगा। हालाँकि, कुछ और है कि बेड़े प्रतिबंध के बिना अपने क्षेत्र के माध्यम से युद्धाभ्यास कर सकता है। के कर्मियों। एक बार, अपेक्षाकृत हाल ही में, बेड़े में न केवल युद्ध में जहाज थे, बल्कि उन पर भी मोथबॉलिंग किया गया था, जो कि खतरे की अवधि में या युद्ध की स्थिति में नौसेना के सैन्य कर्मियों की भरपाई करने वाले थे। जहाज आवश्यक मरम्मत से गुजरने के बाद मॉथबॉलिंग के लिए उठता है, और लड़ाकू कर्मियों के लिए वापसी के साथ मॉथबॉलिंग से इसकी वापसी बहुत जल्दी हो सकती है। आमतौर पर ये सबसे आधुनिक जहाज नहीं थे। लेकिन, कोई भी जहाज बिना जहाज की तुलना में बेहतर है, खासकर जब से दुश्मन भी नवीनतम इकाइयों से बहुत दूर चला जाएगा। हालांकि, दुश्मन बहुत अधिक था। अमेरिकी नौसेना के जहाज रिजर्व में। सैन डिएगो। उन वर्षों में जब बेड़ा काफी बड़ा था, इसमें उन लोगों का भी महत्वपूर्ण संसाधन था, जो पहले नौसेना में सेवा दे चुके थे, और इन लोगों की सैन्य कमिसारिएट प्रणाली के माध्यम से सैन्य सेवा में त्वरित वापसी के लिए एक तंत्र था। आज स्थिति नाटकीय रूप से बदल गई है। ऐसे जहाज नहीं हैं जिन्हें संरक्षण पर रखा जा सकता है, बेड़े जहाजों की लड़ाकू संरचना में पर्याप्त नहीं है, जहाज की मरम्मत के रूप में यह काम नहीं करना चाहिए, और जहाजों की मरम्मत की शर्तें उनके निर्माण की शर्तों से लगभग अधिक हैं। जलाशयों के साथ स्थिति भी बदल गई है - नौसेना के बाद सेवारत लोगों की संख्या में कमी आई है, देश के जनसांख्यिकीय संकेतक और इसकी अर्थव्यवस्था यह विश्वास करने का कारण नहीं देती है कि भविष्य के भविष्य में बेड़े का जुटाना संसाधन काफी बढ़ सकता है। हां, और सैन्य पंजीकरण और नामांकन कार्यालय अब लोगों को इतनी घनीभूतता से नहीं मानते हैं, और एक पूर्व नाविक जो पड़ोसी शहर में बेहतर जीवन के लिए रवाना हो गया है, उसे काफी समय तक देखना होगा। यह सब युद्ध के मामले में बेड़े में तेजी से वृद्धि की संभावना को असंभव बनाता है। इस बीच, आरक्षित जहाजों की उपलब्धता जल्दी से लागू हो गई, और उनके लिए चालक दल जुटाने की क्षमता, एक देश के लिए नौसैनिक शक्ति का एक महत्वपूर्ण घटक है जिसका बेड़े रूस में विभाजित है। हां, शत्रुतापूर्ण या खतरनाक पड़ोसियों की तुलना में प्रत्येक दिशा में अधिक शक्तिशाली नौसेना समूह बनाना असंभव है। लेकिन "स्पेयर" जहाजों को रखने के लिए, जिनके लिए पीकटाइम में न्यूनतम धन की आवश्यकता होती है, और इससे पहले कि युद्ध जल्दी से ऑपरेशन में डाल दिया जाए - सिद्धांत रूप में यह संभव है। अभी नहीं, बेशक, लेकिन देश एक दिन भी नहीं रहता है, और समुद्री शक्ति के सही सिद्धांत लंबे समय तक रहते हैं। दूसरी ओर, भले ही (या कब) सामान्य ज्ञान और रणनीतिक स्पष्टता प्रबल हो, और रूसी नौसेना का विकास सामान्य तरीके से हो, सवाल जलाशयों की संख्या के साथ रहता है। वे बस सही मात्रा में नहीं होंगे, और बहुत लंबे समय तक नहीं होंगे। और यहां हम एक और समाधान पर आते हैं। चूँकि पश्चिम और पूर्व के हमारे पड़ोसी हमसे अधिक मजबूत हैं, क्योंकि हमारे पास उनके साथ तुलनात्मक रूप से बेड़े नहीं हो सकते हैं (पश्चिम के लिए, वे कुल मिलाकर हमारी विरोध करने वाली सैन्य इकाइयों की संख्या के साथ तुलनीय हैं), तो उत्तर विकल्पों में से एक ऑपरेशन के प्रत्येक थिएटर पर संरक्षण के लिए लड़ाकू-तैयार जहाजों की उपलब्धता है। और, चूंकि हमें पर्याप्त संख्या में जलाशयों को कॉल करने में मुश्किल हो सकती है, कर्मियों द्वारा युद्धाभ्यास के लिए प्रदान करना आवश्यक है। मान लीजिए, खतरे की अवधि के दौरान, प्रशांत बेड़े को संरक्षण से वापस ले लिया जाता है, उदाहरण के लिए, एक कार्वेट। जुटाए गए नाविकों की भागीदारी के साथ गठित, चालक दल उसे समुद्र में ले जाता है, मुकाबला प्रशिक्षण से गुजरता है, पाठ्यक्रम के कार्यों को पार करता है, दुश्मन कैसे सक्रिय व्यवहार करता है इसके लिए समायोजित किया जाता है। और जब रणनीतिक स्थिति बदलती है, तो कुछ भी उसी चालक दल के एक हिस्से को बाल्टिक में स्थानांतरित करने से रोकता है, जहां वे एक ही कार्वेट कमीशन करेंगे और उस पर सैन्य सेवा करेंगे। नतीजतन, कर्मियों को उन स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा जहां स्थिति इस समय अधिक खतरनाक है और जहां जहाजों की अधिक आवश्यकता है। केवल कुछ अधिकारी क्षेत्र में रहेंगे, उदाहरण के लिए, लड़ाकू इकाइयों के कमांडर। यह विचार किसी की आँखों में विदेशी लग सकता है, लेकिन वास्तव में इसमें कुछ भी विदेशी नहीं है। जमीनी बलों ने बार-बार कर्मियों को स्थानांतरित करके इकाइयों की तैनाती का काम किया है और साथ ही थिएटर पर सीधे सैन्य उपकरण प्राप्त कर रहे हैं। नौसेना को लंबे समय में ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए? भविष्य में, जब नौसैनिक निर्माण के लिए आदेश दिया जाएगा, तो इस तरह के भंडार के गठन और उनके कार्यों का विकास करना आवश्यक होगा - व्यंजन, चालक दल का गठन, संरक्षण से जहाजों को वापस लेना, त्वरित प्रशिक्षण का मुकाबला करना, और लड़ाकू जहाजों का मुकाबला संरचना में प्रवेश करना। और फिर - फिर से, 80-90% पर समान लोगों के साथ, लेकिन एक अलग बेड़े में। स्वाभाविक रूप से, कर्मियों के कामकाज का ऐसा "फायर" मोड एक अस्थायी उपाय होना चाहिए, और नौसेना के लड़ाकू कर्मियों की संख्या में वृद्धि को तेज करने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, जो लोगों की भीड़ जुटाने की गति को आगे बढ़ाएगा, और यहां और अब अधिकतम ताकत की अनुमति देगा। जहाजों के जमाव को सुरक्षित रखने की आवश्यकता का एक और परिणाम भविष्य के लिए जहाज के डिजाइन में बिछाने की आवश्यकता है जो इसे संरक्षण पर रखने के लिए कई दशकों की आवश्यकता है। यदि सेवा जीवन और इस सेवा जीवन के लिए कुछ निर्धारित मरम्मत की संख्या अब निर्धारित की गई है, तो यह निर्धारित किया जाना चाहिए कि सेवा जीवन का 75-85% सेवा करने के बाद, जहाज को मरम्मत, पतवार और फिर पंद्रह से बीस साल तक पुन: संरक्षण के लिए कुछ रुकावटों के साथ खड़ा होना होगा। घाट पर। मुकाबला तत्परता और न्यूनतम लागत के साथ ड्यूटी पर लौटने की क्षमता दोनों को ध्यान में रखते हुए। रूसी बेड़े खंडित हैं और एक दूसरे से काफी दूरी पर स्थित हैं। पानी की संरचना में गंभीर अंतर तक, बेड़े पर स्थितियां बहुत भिन्न हैं। विभिन्न समुद्र तटों, मौसम, उत्साह, पड़ोसियों और विरोधियों। ऐसी स्थितियों में, अलग-अलग बेड़े में जहाजों को एक दूसरे से थोड़ा अलग होना आवश्यक है। इस मामले में, अंतर-जहाज एकीकरण का पालन करना जारी रखना आवश्यक है। इस विरोधाभास को उप-प्रणालियों के अनुसार विभिन्न जहाजों को एकजुट करके हल किया गया है क्योंकि यह सिद्धांत रूप में संभव है कि जहाजों की कीमत में लड़ाकू प्रभावशीलता और तर्कहीन वृद्धि के नुकसान के बिना। एक विशेष समस्या अंतर-थियेटर पैंतरेबाज़ी है। यह इस तथ्य के कारण है कि रूस के पूर्व और पश्चिम में ऐसे देश या उनके गठबंधन हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था कम से कम रूसी एक से कम नहीं है, और उन सभी को ताकत से पार करना असंभव है, जिसका अर्थ है कि ऑपरेशन के एक थिएटर पर बलों का अनुकूल संतुलन बनाने के लिए वहां जाना होगा। दूसरे से सेना का स्थानांतरण। युद्धकाल में, यह, संघर्ष की प्रकृति के आधार पर, समय में असंभव या असंभव हो सकता है। इसलिए, जहाजों की पैंतरेबाज़ी को अग्रिम में किया जाना चाहिए, अन्य बेड़े से जहाजों की समुद्री इकाइयों को तैनात करके जो अग्रिम अवधि के लिए, यहां तक ​​कि खतरे की अवधि के दौरान, संचालन के वांछित थिएटर में संक्रमण के लिए। खतरे की अवधि की शुरुआत को एक या दूसरे देश द्वारा तैयार किए जा रहे सैन्य-राजनीतिक स्थिति के बढ़ने के पहले खुफिया संकेतों की उपस्थिति माना जाना चाहिए। इस अभ्यास और परिचालन स्क्वाड्रनों की सोवियत अवधारणा - OPESK - के बीच अंतर केवल तैनात किए गए संरचनाओं की एक छोटी संख्या होगी, और उनकी तैनाती केवल खतरे की अवधि के दौरान होगी। मोबाइल रिज़र्व के रूप में, जिसे जल्दी से किसी भी बेड़े में स्थानांतरित किया जा सकता है और इसके विपरीत, नौसेना विमानन, पनडुब्बी रोधी और हड़ताल, दोनों का उपयोग किया जाता है। विशिष्ट नौसैनिक विमानन एक दुश्मन के खिलाफ संचालन में बेड़े और नौसैनिक संरचनाओं की हड़ताली क्षमताओं को बढ़ा सकता है जो संख्या में बेहतर है। कोई अन्य साधन नहीं हैं जो एक दिशा या किसी अन्य में बेड़े को समान रूप से तेजी से मजबूत कर सकते हैं। रूस की भौगोलिक विशेषताओं से एक शक्तिशाली बुनियादी नौसैनिक उड्डयन की आवश्यकता है। बहुत जल्दी और बिना खर्च किए, दुश्मन और रूसी नौसेना के बीच बलों के संतुलन को बदलने के लिए, बाद में एक आरक्षित होना चाहिए - संरक्षण के लिए जहाज और एक जुटाना संसाधन जो बेड़े में जुटाया जाना चाहिए। नौसैनिक बेड़े की गति में तेजी लाने के लिए, स्थिति की आवश्यकता होने पर उसी कर्मियों को बेड़े से बेड़े में स्थानांतरित किया जा सकता है। प्रादेशिक दायरे द्वारा इस तरह की वैश्विक कार्रवाइयों का प्रबंधन करने के लिए, नौसेना के कमांडर-इन-चीफ और जनरल स्टाफ को बहाल करना आवश्यक है, क्योंकि एक साथ सक्षम और वास्तविक समय में समुद्र में सभी बेड़े और नौसेना संरचनाओं के संचालन का प्रबंधन और अंतर-नौसेना समूह, ऑपरेशनल स्क्वॉड्रन, और इतने पर। । अत्यधिक प्रभावी टोही की भी आवश्यकता होगी, जो समुद्र में परिचालन स्क्वाड्रनों की प्रारंभिक तैनाती के लिए आवश्यक है, दुश्मन की खतरनाक खतरनाक क्रियाओं के बारे में अग्रिम जानकारी प्राप्त करने में सक्षम है। ये उपाय रूस के सभी बेड़े के भौगोलिक विखंडन के नकारात्मक प्रभाव को कम करेंगे, सभी सैन्य अभियानों में उन्हें एक साथ पराजित करने की असंभवता के रूप में उनकी स्थिति के लाभों को संरक्षित करना। भविष्य में, जब नौसेना के मुद्दों की समझ रूस में आदर्श बन जाएगी, तो इन सभी प्रावधानों को सैद्धांतिक रूप से समेकित किया जाना चाहिए। अन्यथा, 1904-1905 की समस्याओं की पुनरावृत्ति अपरिहार्य है, यह केवल समय की बात है। यह जानते हुए कि सब कुछ अंततः हम पर निर्भर करता है, हम हमेशा भौगोलिक कारक को याद रखेंगे और यह नौसैनिक शक्ति के हमारे घरेलू सिद्धांत को कैसे प्रभावित करेगा। history.milportal.ru, businessinsider.com, US Air Force, www.seanews.com.tr, US Navy, foxtrotalpha.jalopnik.com, सैन डिएगो ऐतिहासिक समाज। मिखाइल एम 19 सितंबर 2019 06: 00 नया बढ़िया लेख। मेरे लिए भी, नौसैनिक समस्याओं से दूर, पढ़ना बहुत दिलचस्प और जानकारीपूर्ण है। मैं आगे बढ़ने के लिए तत्पर हूं। यह अफ़सोस की बात है कि विचारों का कार्यान्वयन लेखक पर निर्भर नहीं करता है। Dedkastary 19 सितंबर 2019 06: 11 नया और जब रणनीतिक स्थिति बदलती है, तो कुछ भी उसी चालक दल के एक हिस्से को बाल्टिक में स्थानांतरित करने से रोकता है, जहां वे एक ही कार्वेट को कमीशन करेंगे और उस पर सैन्य सेवा करेंगे। बाल्टिक सागर के बारे में एक अलग मुद्दा है, एक संघर्ष की स्थिति में, हम आम तौर पर वहाँ एक समस्या है, वे इसे एक बॉयलर में बंद कर देंगे और इसे कवर करेंगे ... सबसे अधिक संभावना है। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 09: 17 नया संभावना की एक उच्च डिग्री के साथ, इसलिए बोलने के लिए। लेकिन विकल्प भी हैं - संघर्ष के पैमाने पर निर्भर करता है और यह किसके साथ है। vladimir1155 19 सितंबर 2019 10: 52 नया लेकिन विकल्प हैं नाटो वहां है, इसलिए कोई विकल्प नहीं है और बेड़े की आवश्यकता नहीं है, प्रशांत बेड़े और उत्तरी बेड़े को मजबूत करना बेहतर है, अन्यथा एडमिरल की स्थिति के लिए लोगों के कचरे को बर्बाद कर दिया जाता है, बाल्टिक बेड़े को केप्राज होना चाहिए, केवल कुछ आरटीओ, आईपीसी, माइंसवीपर्स, जैसे कैस्पियन फ्लोटिला corvettes के बिना मौजूद होगा। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 11: 26 नया खैर, केवल नाटो ही क्यों, दो न्यूट्रल हैं। दूसरी ओर, नाटो डोनाल्ड हमारे ट्रम्प के मामलों से कुछ हद तक हिल रहा है। खैर, यह लगभग पंद्रह वर्षों में कैसे टूट जाएगा, और व्लादिमीर? और हम रक्षा और हमले के साधन के बिना बैठे हैं, ठीक है, कैसे? इसके अलावा, अन्य टिप्पणियां भी हैं, बस बहुत बड़ी टिप्पणियों को लिखने के लिए आलसी हैं। vladimir1155 19 सितंबर 2019 12: 57 नया क्या आप जानते हैं कि 15 साल के दौरान चार कोरवेट और दो एडमिरलों और दो पनडुब्बियों के फ्रिगेट को बनाए रखने में कितना खर्च होता है? और ये जहाज 15 साल में कितने पुराने हो जाएंगे? ..... और नंगे पनडुब्बी का आधार कितना है? और कई जहाजों को बेड़े से बेड़े में स्थानांतरित करने के लिए जीवनकाल में समस्या नहीं है .... 15 साल में, ...... यदि आवश्यक हो ..... Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 15: 20 नया इसकी लागत कितनी है, कृपया जानकारी दें। SovAr238A 19 सितंबर 2019 22: 22 नया मिनज़ैग अभी भी होना चाहिए ... प्रोक्सिमा 19 सितंबर 2019 14: 25 नया अलेक्जेंडर, आपने हमारे बेड़े के "अलगाव" के संबंध में रिवर्स "सिक्के के किनारे" का उल्लेख क्यों नहीं किया। कल्पना कीजिए (कम से कम काल्पनिक रूप से) कि बेड़ा अपने आप को महासागरों तक पहुँचने का कार्य निर्धारित नहीं करता है, यह केवल रूस के समुद्र तट के हिस्से की रक्षा करना चाहता है। सबसे "खुला" बेड़े - प्रशांत लें। आइए हम मानसिक रूप से एक घुमावदार रेखा खींचते हैं जो कामचटका के दक्षिण से शुरू होती है, कुरील द्वीप समूह के साथ जाती है, और फिर जापानी द्वीपों के साथ। तो, द्वीपों की यह श्रृंखला दुश्मन के बेड़े के प्रवेश के लिए एक प्राकृतिक बाधा है। रूसी बेड़े के लिए केवल यह आवश्यक है कि वे जलडमरूमध्य को अवरुद्ध करें (और वास्तव में, उनमें से कुछ को तोड़ने के लिए उपयुक्त हैं) और यह सब। एक संकीर्ण जलडमरूमध्य में दुश्मन का बेड़ा इसके संख्यात्मक लाभ का एहसास करने में सक्षम नहीं है। प्लस अधिक भरपूर मात्रा में खान-पान। मैं काले और बाल्टिक सागर के बारे में भी नहीं बोलता, वे बस ऊपर चढ़ते हैं और वास्तव में "झीलों" में बदल जाते हैं। वैसे, यह मेरी कल्पनाएं नहीं हैं, यूएसएसआर का नौसेना सिद्धांत (सामान्य पहुंच के ढांचे के भीतर, निश्चित रूप से)। तो, "कलाई की झिलमिलाहट" के साथ यूएसएसआर नेवी के रणनीतिकारों ने हमारे सिरदर्द को अपने लाभ में बदल दिया ! खैर, आज के रूस में, भगवान ने खुद इस रणनीति को अपनाने का आदेश दिया था! हमारे पास अब कोई मौका नहीं है कि हम विमानवाहक पोत के साथ महासागरों की जुताई करें। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 15: 25 नया बेड़ा अपने आप को महासागरों तक पहुँचने का कार्य निर्धारित नहीं करता है, यह केवल रूस के समुद्र तट के हिस्से की रक्षा करना चाहता है। जिस दूरी के साथ दुश्मन ने हमला किया, उसकी दूरी 1000 किमी से शुरू होती है। यही समय है। एक स्थिति उत्पन्न हो सकती है जब हम खुद को सक्रिय आक्रामक कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी, कैरेबियन संकट या सीरियाई एक्सप्रेस को याद करेंगे। ये दो हैं। और यह संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक युद्ध और "अपने तटों की रक्षा" की तुलना में अधिक संभावना है। पूरा लेख, यह किसी तरह अपने तटों की रक्षा के बारे में है, बस, देश के एक तरफ, पश्चिम या पूर्व से है। समस्या यह है कि समुद्र के पार दूसरे से एक तट की रक्षा के लिए भंडार स्थानांतरित करना केवल संभव है। सीरिया के तट से दूर समूहन ले लीजिए और उसे करने के लिए एक झटका भी रोकने के लिए। केवल रूसी बेड़े के लिए स्ट्रेट्स को ब्लॉक करना आवश्यक है (और वास्तव में, उनमें से कुछ को तोड़ने के लिए उपयुक्त हैं) और यह सब। नहीं, हमें अभी भी दुश्मन को इन जलडमरूमध्य के तट पर उतरने से रोकना चाहिए। और यहीं से शुरू होता है। कुरील द्वीप समूह, यह एक दीवार नहीं है, यह एक सीमा है। अगर अमेरिका के साथ किसी तरह का टकराव होता है तो उसके लिए लड़ाई और भयंकर होगी। हर द्वीप के लिए। बहुपद 19 सितंबर 2019 16: 32 नया एयरबोर्न नाकाबंदी। और बाकी काम जापानियों द्वारा किया जाएगा। मुझे लगता है कि जब संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ गड़बड़ (नाटो के साथ पढ़ें) द्वीपों तक नहीं है। सामान्य तौर पर, आपको इसके बारे में सोचने की ज़रूरत है अगर कोरियाई शिकारी पहले से ही रूस पर अपनी पूंछ बिछा रहे हैं, और लावरोव चिंता व्यक्त करते हैं। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 18: 37 नया वे सब कुछ भी सब पर डालते हैं, और एक ही सीमा के गार्ड उन्हें ऐसी घटनाओं में व्यवस्थित रूप से मार देते हैं। यह सिर्फ इतना है कि यह शायद ही कभी खबरों में आता है। बहुपद 19 सितंबर 2019 20: 47 नया सभी बहुत दिलचस्प नहीं हैं। देश के प्रति एक दिलचस्प रवैया, जिसकी बदौलत यूं राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे हैं, न कि फावड़े के हैंडल पर। 70 के दशक में, हमारे साथ पढ़ने वाले एक निश्चित दक्षिणी देश के छात्रों ने भोजन कक्ष में गड़बड़ी की। उन्होंने रोटी फेंकी, प्लेटों को पीटा। उन्हें घर भेजा गया और विदेश मंत्रालय (उनके विदेश मंत्रालय से) से टीएलजी में एनएस को पेश किया गया जैसे कि वह रक्षा मंत्रालय के माध्यम से गए थे, जहां 20 और ऊपर से पूर्व कैडेटों को समय सीमा निर्धारित की गई थी। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 21: 04 नया यूं मुख्य रूप से दो चीजों के कारण अपनी कुर्सी पर बैठा है - पहला यह कि इसे खरीदना बहुत महंगा है और इससे कोई लाभ नहीं होगा, इसके विपरीत, कोरिया और जापान में सैनिकों को रखने का कारण खो जाएगा। और दूसरी बात, चीन। खैर, यह बात है। रूस यहाँ केवल इस हद तक है कि वह अपने फायदे के लिए, गुमनाम रूप से दुनिया के युद्ध का खून बहा सकता है। अब और नहीं। बहुपद 19 सितंबर 2019 22: 03 नया Eun के साथ खेलते हैं ...। व्लादिक से कुछ भी नहीं है, एक गड़बड़ के साथ, स्प्रे खाबरोवस्क तक पहुंच जाएगा। और फिर उन्हें आश्चर्य होता है कि उन्हें रॉकेट तकनीक और मूंगफली कहां से मिली। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 22: 37 नया इसलिए कोई उसके साथ नहीं खेलता। विभिन्न कारणों से, यह रूस के लिए, आमेर और चीनी के लिए फायदेमंद है, और इसके सभी पलटने के लिए बहुत महंगा होगा। बहुपद 20 सितंबर 2019 02: 40 नया वैसे आप :-) व्लादिवोस्तोक के पास परमाणु और मिसाइल तकनीक का अनुभव? Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 11: 08 नया इस अर्थ में बग़ल में कि न तो उसे उखाड़ फेंकने की ज़रूरत है। परीक्षण निश्चित रूप से माइनस है, लेकिन उत्तर कोरिया के युद्ध की तरह एक एकजुट कोरिया और भी बुरा होगा बहुपद 21 सितंबर 2019 08: 05 नया 20 साल तक एकजुट होने के बाद, यह निश्चित रूप से मिसाइलों तक नहीं है :-) जर्मनी ने अभी तक सब कुछ तय नहीं किया है। और पड़ोसियों में एक पर्याप्त और समृद्ध देश होना बुरा है? यह तुलना करने के लिए बस असुविधाजनक है, क्योंकि पीटर्सबर्ग फिनलैंड की यात्रा करते हैं :-) Timokhin-आ 21 सितंबर 2019 17: 26 नया आपको कोरियाई लोग खराब लगते हैं। ये भेड़िये हैं, सिकंदर। दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक। यह सिर्फ इतना है कि वे अब गिरावट में हैं। जर्मनी में संघ की तरह नहीं होगा। वहां, पहले कोरियाई अंतरिक्ष यात्री विलय के बाद पहले दस वर्षों में होंगे। परमाणु हथियार, आईसीबीएम। उनके पास संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में अधिक शक्तिशाली विध्वंसक हैं। अब। तो मुझे चोदो। हमें "पूरी तरह से" शब्द से ऐसे पड़ोसियों की आवश्यकता नहीं है। बहुपद 21 सितंबर 2019 22: 05 नया राक्षसों पर चढ़ा :-) पश्चिम से, डंडे, बाल्ट्स, यूक्रेनियन और जॉर्जियाई। पूर्व से, भेड़िये कोरियाई हैं। "और आदमी ने कहा, मैं रूसी हूं और भगवान उसके साथ रोए" (( Timokhin-आ 22 सितंबर 2019 14: 17 नया आप हंस रहे हैं, और अनुमान लगाते हैं कि अमेरिका चला गया है। ये सभी लोग क्या करेंगे, जिसे वह अपने बूट के साथ जमीन पर दबाती है और उन्हें छोटी स्कर्ट में एनीमे और लड़कियों के साथ खुद की एक खराब प्रतिलिपि बनाती है? यह देश हमें बहुत नुकसान पहुंचाता है और इससे होने वाला खतरा बहुत वास्तविक है, लेकिन अमेरिकियों ने कुछ उपयोगी किया। यूरोपियों को सब्जियों में बदल दिया गया था, जापानियों को कास्ट किया गया था और कोरियाई लोगों के स्नीकर के तहत रखा गया था, इस्लामी सभ्यता को बुझा दिया, इसे उठने की अनुमति नहीं दी। यह निश्चित रूप से हमेशा के लिए नहीं है, और फिर ये सभी लोग भुगतान के लिए अपने बिल को रोल आउट करेंगे, लेकिन सीरिया में अब कहीं से उनके टुकड़े को फाड़कर, उनके डिजाइनों को डगमगाने की कोई जरूरत नहीं है, जिसका अस्तित्व अभी भी हमारे लिए फायदेमंद है। जैसे कोरिया को भी विभाजित किया। vindigo 22 सितंबर 2019 13: 16 नया मेरी राय में सबसे शांतिपूर्ण राष्ट्रों में से एक है। जापानी सबसे आक्रामक और खतरनाक हैं। स्मारकों पर कॉस्मोनॉट पहले से ही था। ग्वांगजू की कुछ महिला। और उनका एकीकरण नहीं होगा। नॉरथरर्स के साथ ड्रूबा स्थापित करने के प्रयासों के कारण। किम डेजून की रेटिंग देश में गिरी है। उन्हें देशद्रोही माना जाता है, जिन्होंने देश को नोटरी के हाथों बेच दिया और अपने देश में साम्यवाद का परिचय देना चाहा। alexmach 21 सितंबर 2019 21: 28 नया क्या बकवास लिख रहे हो? क्या आप इस बात पर गंभीरता से विश्वास करते हैं कि अपर्याप्तता सर्वोच्च राज्य के पद पर बैठ सकती है, और साथ ही साथ संयुक्त राज्य अमेरिका की नाक के नीचे परमाणु और मिसाइल प्रौद्योगिकियों का परीक्षण भी कर सकती है, और साथ ही अपने देश को बर्बाद नहीं कर सकती? मजेदार भोलापन। गरम 20 सितंबर 2019 12: 38 नया > इसे खरीदना बहुत महंगा है और इससे कोई लाभ नहीं होगा डीपीआरके की बैलिस्टिक मिसाइलों, रॉकेट आर्टिलरी के विकास की गति, और उनके समकक्ष इस्केंडर का कहना है कि उनका नेतृत्व बेहद अनुभवी हाथ से किया जा रहा है, और यह हाथ आज केवल एक ही हो सकता है - रूसी संघ का हाथ। रूसी संघ को छोड़कर, दुनिया के किसी भी देश के पास डीपीआरके जैसी मिसाइलें नहीं हैं। यहां तक ​​कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने कई दशकों तक बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास नहीं किया है, और उनके पास आज इस्केंडर का कोई एनालॉग नहीं है। कोरियाई पार्टी बहुत अधिक जटिल है और आरएफ दर बहुत स्पष्ट है - संयुक्त राज्य कोरिया जापान के लिए सैन्य और आर्थिक दोनों रूप से एक मजबूत प्रतिकार होगा - यह एक ऐसा चाबुक है जो जापानियों को अधिक समायोजित करेगा। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 13: 25 नया आप कम से कम दक्षिण कोरिया की किस तरह की मिसाइलों का अध्ययन करते हैं, जापानी किस स्तर पर अपनी बैलिस्टिक मिसाइलें बनाते हैं - ओह, मुझे माफ करना, एक ट्रक से लॉन्च किए गए प्रयोगात्मक अल्ट्रा-छोटे मिसाइल लांचर, न कि बीआरआरएस। डीपीआरके के बारे में क्या उन्नत है? गरम 20 सितंबर 2019 14: 49 नया > क्या आप कम से कम दक्षिण कोरिया के पास किस तरह की मिसाइलों का अध्ययन करते हैं यह अयोग्य लगता है, लेकिन मैं मान लूंगा कि आप उस विशाल धागे से तनाव से प्रभावित हैं जिसमें आप मुख्य भागीदार हैं। मैंने पहले बैलिस्टिक मिसाइलों के बारे में बात की थी - डीपीआरके में वे रूसी संघ, यूएसए और चीन के ठीक बाद की सीमा में जाते हैं। भारत के पास ऐसी कोई लंबी दूरी की मिसाइल नहीं है। और फिर, यह चीन है और भारत ने कई दशकों तक अपनी मिसाइलों को सताया। और यहां कुछ वर्षों में, हमारी आंखों के सामने, सीमा कई बार बढ़ गई। क्या ब्रिटेन में एक इस्कंदर है? Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 15: 31 नया मैंने पहले बैलिस्टिक मिसाइलों के बारे में बात की - डीपीआरके में वे रूसी संघ, अमेरिका और चीन के ठीक बाद की सीमा में हैं। हां, लेकिन यह समझना चाहिए कि इस तरह की मिसाइल मौलिक रूप से 70 तकनीक का स्तर है। और दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो बहुत ही जल्दी डीपीआरके को पकड़ लेते हैं अगर उनकी जरूरत होती। मानदंड सरल है - क्या कोई देश अपने दम पर एक उपग्रह लॉन्च कर सकता है? यदि ऐसा है, तो उसका तकनीकी स्तर उसे एक निश्चित पेलोड - असीमित तक पहुंचने पर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल बनाने की अनुमति देता है। और यहां हम देखते हैं, अगर वांछित हो, तो कई वर्षों के प्रयास के साथ डीपीआरके फ्रांस, भारत, जापान और इजरायल को जल्दी से आगे बढ़ा सकता है। दक्षिण काकेशस के बारे में, उनके द्वारा विकसित बैलिस्टिक मिसाइलों की सीमा वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता द्वारा नहीं, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ विशेष समझौतों द्वारा निर्धारित की जाती है। फिलहाल, अमेरिकियों ने 1500 किमी तक की रेंज के साथ कोरियाई मिसाइलों और 800 की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलों की अनुमति दी है। इस तरह की अनुमतियां प्राप्त करने के बाद, यूके ने तुरंत ह्यूनमू-एक्सएनयूएमएक्ससी सीरीज़ को वारहेड वजन वाले एक्सएनयूएमएक्स किलो और उसी एक्सएनयूएमएक्स किमी की रेंज के साथ लॉन्च किया, और ह्यूनमू-एक्सएनयूएमएक्ससी बीआर के साथ एक ही एक्सएनयूएमएक्स किलो वारहेड और एक्सएनयूएमएक्स किमी की सीमा। यह उल्लेखनीय है कि कोरियाई लोगों ने 1000 किमी के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से पूछा। 2017 में, ट्रम्प ने कोरियाई मिसाइलों की सीमा पर सभी प्रतिबंध हटा दिए। कोरियाई इस्कैंडर के लिए, उनके ह्यूनमू-एक्सएनयूएमएक्सबी / सी रॉकेट को कहा जाता है, कम से कम पश्चिमी विशेषज्ञों को यकीन है कि रॉकेट के सिर को एक्सएनयूएमएक्स इस्कैंडर से एक्सएनयूएमएक्स पर कॉपी किया गया है। लॉन्च के साथ वीडियो (अग्रभूमि में, पृष्ठभूमि में अमेरिकी पहले शूट करते हैं)। गरम 20 सितंबर 2019 15: 42 नया 1) मैं यह नहीं कह रहा हूं कि डीपीआरके में सभी के लिए एक अप्राप्य तकनीकी स्तर है 2) मैं कहता हूं कि यह परमाणु शक्तियों का क्लब है जो देश के वास्तविक स्तर और दुनिया में इसके स्थान को निर्धारित करता है। 3) मैं डीपीआरके मिसाइल प्रौद्योगिकियों की प्रगति की गति के बारे में बात कर रहा हूं। भारत और चीन के लिए, समान स्तर पर प्रगति में दशकों लग गए। ये सभी कारक एक साथ इंगित करते हैं कि कोरियाई लोगों को एक निश्चित दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है। और परमाणु देश का राजनीतिक वजन गैर-परमाणु देश के वजन के साथ अतुलनीय है। डीपीआरके वह करता है जो वह कर सकता है और दक्षिण काकेशस वह करता है जो उसे करने की अनुमति है। लेकिन डीपीआरके संयुक्त राज्य अमेरिका को धमकी दे सकता है, लेकिन दक्षिण काकेशस नहीं करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए, दक्षिण काकेशस बकवास है, लेकिन डीपीआरके एक गंभीर और खतरनाक दुश्मन है। लेकिन आम तौर पर बोलते हुए, यह विशेष विषय मुझे बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं देता है, बल्कि यह मेरी ओर से एक टिप्पणी थी। लेख की चर्चा पहले से ही अतिभारित है, इसलिए हम प्रश्न को बेहतर तरीके से छोड़ देते हैं। यह बेहतर है अगर समय हो और क्या कहा जाए - चर्चा में मेरे मुख्य संदेश पर टिप्पणी करें, जहां मैं कहता हूं कि मैंने विशेष रूप से अपने लेख पर टिप्पणी करने के लिए पंजीकरण किया है Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 22: 02 नया भारत में, यह एक तुलनीय समय लगता है, लेकिन भारत का अपना पूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रम है, भारत, अगर ऐसा होता है, तो यह टक्कर के साधनों को पृथ्वी की कक्षा में रखेगा। जैसे चीन, जापान और फ्रांस। और डीपीआरके के लिए, यह अवैज्ञानिक कल्पना है। उनकी मिसाइलों में, यहां तक ​​कि वे खुद भी केवीओ को नहीं जानते हैं। मैंने देखा, लेकिन एक बड़ी टिप्पणी है, मैं बाद में जवाब दूंगा। ओलेग ज़ोरिन 28 सितंबर 2019 08: 02 नया भारत को लंबी दूरी की मिसाइलों की आवश्यकता क्यों है? उन्हें अपने पड़ोसियों से समस्या है। उन्हें रूस और नाटो से कोई समस्या नहीं है alexmach 21 सितंबर 2019 21: 36 नया बैलिस्टिक मिसाइलों, रॉकेट तोपखाने के डीपीआरके के विकास की गति, और उनके समकक्ष इस्कंदर का कहना है कि वे एक बेहद अनुभवी हाथ से नेतृत्व कर रहे हैं 20 साल के दौरान बैलिस्टिक मिसाइल बना सकता है? क्या यह किसी प्रकार की उत्कृष्ट गति है? alexmach 21 सितंबर 2019 21: 24 नया यह प्रतीत होता है, लेकिन चीन को इससे क्या लेना-देना है? SovAr238A 19 सितंबर 2019 22: 24 नया बस जरूरत है कि कोई मछुआरा वापस न आए ।। पानी पर एक भी जीवन जैकेट नहीं छोड़ा जाएगा। यह चिकित्सा शब्द है - रोक। अवैध शिकार पर तुरंत रोक लगेगी और उसी तरह से हमले होंगे। टाउन हॉल 19 सितंबर 2019 22: 29 नया मछली से लोगों की हत्या? SovAr238A 19 सितंबर 2019 22: 39 नया सिद्धांतों की वजह से लोग मारे जाते हैं ... सीमाओं की अदृश्यता के सिद्धांत और मछलियों की वजह से नहीं। मांस, भूमि, पानी ... मुझे आशा है कि आप अपने सिस्टम की त्रुटि को समझेंगे? आप जबरदस्ती नशे में जाने की कोशिश कर सकते हैं। बेहोशी की हालत में (आपके लिए), मेरे अपार्टमेंट में - और मैं सिर्फ आपको गोली मार सकता हूं। मेरे घर में। और वह मेरा अधिकार है। और मुझे परवाह नहीं है कि आप नशे में थे और कुछ भी नियंत्रित नहीं किया। आप किसी भी हालत में हैं, मेरी इच्छानुसार मेरे अपार्टमेंट में आने का कोई अधिकार नहीं है। और मैं, आपकी अपर्याप्त स्थिति को देखकर, आपको मेरे अपार्टमेंट में मारने का अधिकार है ... सिर्फ इसलिए कि। कि यह मेरा अपार्टमेंट है। टाउन हॉल 19 सितंबर 2019 22: 43 नया बहुत सारे रास्ते हैं)। क्रिमिनल कोड भी सिद्धांतों का एक समूह है, जो नहीं किया जा सकता है। मुझे याद नहीं है कि मौत की सजा हर जगह दर्ज की गई थी। SovAr238A 19 सितंबर 2019 22: 47 नया ब्रिटेन - एक वेश्या बंदरगाह की तरह। "हवाओं" को खुश करने के लिए बदल रहा है। मुझे आपराधिक कोड याद है - जहां निष्पादन के साथ कई लेख थे। और यह पाथोस नहीं है। करुणा। लक्ष्यहीन। यह मानव जीवन के मूल्य का एक प्रचार है ... सच है, केवल उन लोगों को हत्या का दोषी माना जाता है, जो किसी अन्य व्यक्ति के जीवन से वंचित करने के लिए, खेद महसूस करते हैं ... टाउन हॉल 19 सितंबर 2019 22: 51 नया उस समय के बारे में यरोस्लाव रोना जब निष्पादन के बहुत सारे लेख, पास की शाखा पर) SovAr238A 19 सितंबर 2019 23: 21 नया फिर सवाल। क्या अंजीर है। क्या आप यहाँ इस बारे में बात कर रहे हैं? शुद्ध ट्रेंडीनेट? खैर, इसे अगली शाखा में स्थानांतरित करें। टाउन हॉल 19 सितंबर 2019 23: 28 नया अन्यथा, शूटिंग? alexmach 21 सितंबर 2019 21: 52 नया और यह मेरा अधिकार है आपके पास ऐसा अधिकार नहीं है। आत्मरक्षा की सीमा से परे बैठें Simargl 20 सितंबर 2019 18: 26 नया 1. एक मंच में लड़ाकू मिशनों का एकीकरण। उदाहरण के लिए, एक छोटा मध्यम लैंडिंग जहाज जो एक जोड़ी से लैस है 76-मिमी तोप भी एक लैंडिंग जहाज होगा, और तट के साथ आग लगाने में सक्षम होगा, और तोपखाने की आग के साथ सतह के लक्ष्यों को मारने में सक्षम होगा, खदानों का संचालन करने और परिवहन कार्यों को करने में सक्षम होगा। शिपिंग 76 मिमी? गंभीरता से? लिटोरेल तो ऐसा है। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 20: 52 नया और पैराट्रूपर तो ऐसा है, और मिनाजाग। लेकिन एक सब कुछ करता है। Simargl 21 सितंबर 2019 05: 17 नया लेकिन एक सब कुछ करता है। एक शूटआउट में जाने के लिए चाकू के साथ - विचार तो ऐसा है! Timokhin-आ 21 सितंबर 2019 17: 22 नया खैर, यहाँ सब कुछ इतना नाटकीय नहीं है, और वह अकेला नहीं होगा। Simargl 21 सितंबर 2019 18: 06 नया खैर, सब कुछ इतना नाटकीय नहीं है इसलिए, उदाहरण के लिए, 76 मिमी तोपों की एक जोड़ी से लैस एक छोटा मध्यम लैंडिंग जहाज भी एक लैंडिंग जहाज होगा, और तट के साथ आग लगाने में सक्षम होगा, और तोपखाने की आग से सतह के लक्ष्यों को मारने में सक्षम होगा, मिशन का संचालन करने और परिवहन कार्यों को करने में सक्षम होगा। और वह अकेला नहीं रहेगा। SovAr238A 19 सितंबर 2019 22: 21 नया वहाँ कोई विकल्प नहीं हैं। WWII में क्या दिखाया गया था। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 15: 33 नया WWII में, कुछ पूरी तरह से अलग दिखाया गया था। yehat 15 अक्टूबर 2019 12: 37 नया मुझे इस बात का आभास हुआ कि कमांड संरचनाओं में खामियों के कारण पूरी चीज उबलती है। जबकि योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए औद्योगिक समर्थन बस मौजूद नहीं है। मेरी राय में, इसके और कमांड संरचनाओं के साथ शुरू करना आवश्यक है। उड्डयन की भूमिका दिखाई गई है, लेकिन पर्याप्त नहीं है। और मैं अलग-अलग नौसेना विमानन बलों को बनाने के पक्ष में तर्कों से प्रभावित नहीं हूं - मेरी राय में, केवल कर्मचारियों और टोही संरचनाओं को बनाना आवश्यक है जो पायलटों को समय पर सामरिक जानकारी प्रदान करेंगे। Timokhin-आ 15 अक्टूबर 2019 14: 23 नया ठीक है, क्या रूस उचित धन के साथ निर्माण नहीं कर सकता है? जो समय पर सामरिक जानकारी के साथ पायलट प्रदान करेगा। एक गैर-संदर्भ सतह पर नेविगेशन का प्रतिबंधात्मक प्रशिक्षण, वायु सेना बलों के मवेशियों के पूर्ण मुकाबला प्रशिक्षण के पायलट को शामिल नहीं करता है। कार्य मौलिक रूप से अलग हैं, साथ ही बातचीत "जहाज पर विमानन नियंत्रण" के स्तर पर बनाई गई है, जो एयरोस्पेस बलों पर एक विवादास्पद दांव भी लगाती है। yehat 15 अक्टूबर 2019 14: 32 नया मुझे समझ में नहीं आता है कि सतह की स्थिति साधन उड़ान से भी बदतर है। Timokhin-आ 15 अक्टूबर 2019 14: 51 नया इस तथ्य से कि कोई भी वास्तव में वास्तविक जीवन में उपकरणों से अधिक भूमि पर नहीं उड़ता है। क्षितिज की रेखा बादल के मौसम में समुद्र के ऊपर अविभाज्य है, एक व्यक्ति उसके सामने एक अंतहीन ग्रे दीवार देखता है, लोगों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इस से घबराहट के दौरे शुरू होता है, व्यक्तिगत भावनाएं एक बात कहती हैं, साधन अलग हैं। इन शर्तों के तहत, 5-10 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल डिविज़न और मोबाइल के बराबर बल में हस्तक्षेप और वायु रक्षा द्वारा कवर बिंदु बिंदु का पता लगाना आवश्यक है। फिर हमला करते हैं। अपने सामान्य कार्यों के लिए बिना किसी पूर्वाग्रह के वीकेएस पायलट को सिखाने के लिए, एक दिन में 35-37 घंटे होने चाहिए। और सप्ताह में आठ व्यावसायिक दिन। yehat 15 अक्टूबर 2019 16: 08 नया मुझे लग रहा था कि मैं नेविगेशन में थोड़ा व्यस्त हो जाऊंगा, और पानी सहित मुझे कोई समस्या नहीं हुई कहीं एक बीकन, कहीं स्टॉपवॉच और कहीं कम्पास और कम्पास के साथ एक नक्शा, कहीं जीपीएस लेकिन मैं अभिविन्यास के साथ समस्याओं को नहीं देखता। और आमतौर पर वे समुद्र के ऊपर एक सुरक्षित लक्ष्य नहीं पाते हैं - वे केवल एक रेडियो संपर्क का पता लगाते हैं, फिर एक असर 2 वैक्टर द्वारा लिया जाता है और वे हिट हो जाते हैं। लेकिन इसे एक पायलट को करना है - कम से कम आप कितना अध्ययन करते हैं, अवास्तविक है। यहाँ हमें एक दूसरे चालक दल के सदस्य की आवश्यकता है ... या उससे भी अधिक, या एक हवाई जहाज जो टीयू -95 की तरह आगे बढ़ेगा। Timokhin-आ 16 अक्टूबर 2019 12: 28 नया और सीधे एक मिसाइल घात में। g1v2 19 सितंबर 2019 15: 06 नया या हम खुद को अंदर बंद कर लेते हैं और किसी को जाने नहीं देते हैं। एक विकल्प भी। बीएसएफ द्वारा भी ऐसा ही मौका दिया गया है। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 16: 40 नया एक विकल्प के रूप में। लेकिन यह भी समुद्र में वर्चस्व है, सभी सिद्धांत के अनुसार सख्ती से। बायर्ड 20 सितंबर 2019 00: 55 नया लेख से सही थीसिस नौसेना के आधार विमानन की शक्ति (मात्रा) को तेज करने की आवश्यकता है। जहाजों को लंबे समय से बनाया जा रहा है और इन बेड़े की संतृप्ति समान प्रशांत बेड़े में असमान और कठिन होगी - मुख्य शिपयार्ड बाल्टिक में हैं, और अमर्सकी अभी भी अपनी क्षमताओं का निर्माण नहीं करते हैं। यह नौसैनिक विमानन है, जो SHORTEST समय में, त्वरित अंतर-नौसैनिक युद्धाभ्यास की संभावना के साथ बेड़े की हड़ताल क्षमताओं को बढ़ाने में सक्षम है। और एसयू -30 एसएम बिल्कुल ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर आपको दांव लगाना चाहिए, खासकर अगर यह एसयू -35 के स्तर पर अपग्रेड किया जाएगा (इंजन और एवियोनिक्स के लिए)। Karabas 20 सितंबर 2019 06: 34 नया हां, जल्द ही समस्या हल हो जाएगी। जहाँ तक मुझे याद है, एक 6 वीं पीढ़ी का फाइटर अंतरिक्ष के पास प्लस है। उसके पीछे वही बमबारी है। इसलिए उसके पास एक असीमित सीमा है, इसलिए सभी प्रकार के आसनों, संरक्षकता और पसंद की आवश्यकता नहीं है। बायर्ड 20 सितंबर 2019 12: 08 नया जहां तक ​​मुझे याद है, 6 वीं पीढ़ी का फाइटर अंतरिक्ष के पास प्लस है। उसके पीछे वही बमबारी है। तो उसके पास असीमित रेंज है, आपको यह क्यों मिला? लड़ाकू विमानों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए आप किस प्रकार के इंजन की योजना बना रहे हैं? और वे वहां क्यों हैं? सामान्य तौर पर, हाइपरसोनिक के करीब गति पहले से ही मानव रहित डिलीवरी वाहनों के लिए एक क्षेत्र है। और उच्च ऊंचाई पर और महान (हाइपरसोनिक के साथ यद्यपि) गति से उड़ने में आपका क्या लाभ है? कोई भी ग्राउंड और शिप रडार उन्हें पूरी तरह से दिखाई देगा, और बहुत अधिक रेंज (रेडियो क्षितिज की ऊंचाई - रेंज) में। आज शूट करने के लिए कुछ नहीं? तो यह आज है। मुकाबला एल्गोरिदम और आधुनिक TTX मिसाइलों की अपूर्णता के कारण (संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों में)। लेकिन ये समस्याएं सिर्फ हल करने योग्य हैं, क्योंकि 60 के दशक में हाई-स्पीड हाई-स्पीड (सुपरसोनिक) लक्ष्यों का मुकाबला करने के मुद्दों को हल किया गया था ... और विमानन को रेडियो क्षितिज के नीचे गोता लगाते हुए छोटी और बेहद छोटी ऊंचाइयों पर जाना पड़ा। यदि लक्ष्य WELL VISIBLE है, तो उसे बाधित करने का साधन बनाना इतना असंभव काम नहीं है। इसके अलावा, जब 3000 किमी / घंटा या उससे अधिक के स्पीडबोट में उड़ान भरते हैं, तो थर्मल बैरियर की समस्या अपनी पूरी ऊंचाई तक बढ़ जाती है, और हाइपरसोनिक गति पर इसे सरल शीतलन द्वारा हल नहीं किया जा सकता है। खासतौर पर मानवयुक्त वाहन के लिए। तो वे उड़ जाएंगे। और यह मुख्य रूप से मानव रहित डिस्पोजेबल होगा ... गोला बारूद, जैसे "डैगर", "जिरकोन" और उनके साथ अन्य। और विमानन 3000 - 3500 किमी \ h की सीमा में गति पर रहेगा। ऊपर बस तर्कहीन है। रॉकेट तेजी से उड़ान भरेगा। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 15: 34 नया कोई भी ग्राउंड और शिप रडार उन्हें पूरी तरह से दिखाई देगा, और बहुत अधिक रेंज (रेडियो क्षितिज की ऊंचाई - रेंज) में। और पूरे प्रक्षेपवक्र के साथ एक आयनित निशान। हाइपरसाउंड और स्टील्थ असंगत हैं। युद्धाभ्यास - कुछ नहीं। लेकिन वे अभी तक वहाँ नहीं लग रहे हैं। बायर्ड 20 सितंबर 2019 16: 09 नया अर्थात्, यह आयनित ट्रैक के साथ है कि कक्षा से वंश वाहनों के रडार ट्रैकिंग प्रदान की जाती है। एस.वी. बैंक में पी -70 (अजरबैजान, 2 आरटीबीआर) उत्तरी अफ्रीका पर ऐसे वाहनों को सही पाया। आप वास्तव में इस तरह की गति पर पैंतरेबाज़ी नहीं करते हैं, इसके लिए यह 25 - 2500 किमी / घंटा मिग -3000 की त्रिज्या को देखने के लिए पर्याप्त है। इसलिए यदि लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, तो इंटरसेप्टर मिसाइलें भी होंगी, लेकिन वे बहुत महंगे होंगे, खासकर अमेरिकी सैन्य-औद्योगिक परिसर के प्रदर्शन में। और उस समय तक हम कुछ नया लेकर आएंगे। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 20: 55 नया लेकिन वे बहुत, बहुत महंगे होंगे, खासकर अमेरिकी सैन्य-औद्योगिक परिसर के प्रदर्शन में। नई SM-6 इकाई और सभी Karabas 20 सितंबर 2019 18: 28 नया लड़ाकू विमानों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए आप किस प्रकार के इंजन की योजना बना रहे हैं? संयुक्त प्रकार का इंजन। तेजी से और दूर और बहुत अधिक के लिए उड़ान भरने के लिए। अंतरिक्ष यात्रियों को बताएं, अन्यथा पुरुष नहीं जानते। हाँ यही है। तो क्या? एस -400 ही निहित समस्याएं, सिद्धांत रूप में, मौजूद नहीं हैं। गगारिन ने भी स्पष्ट रूप से आपके साथ, मूली से परामर्श नहीं किया। तो वे उड़ जाएंगे। और यह मुख्य रूप से मानव रहित डिस्पोजेबल होगा ... गोला बारूद, जैसे "डैगर", "जिरकोन" और उनके साथ अन्य और विमानन 3000 - 3500 किमी \ h की सीमा में गति पर रहेगा। ऊपर बस तर्कहीन है। नागरिक उड्डयन के लिए, मैं सहमत हूं। बायर्ड 20 सितंबर 2019 22: 14 नया और इस इंजन की व्यवस्था कैसे होगी? आप के साथ ऑक्सीकरण एजेंट ले? तेज - चलिए बताते हैं। दूर - पहले से ही सवाल (इंजन की शक्ति और ईंधन की खपत)। और किस लिए ज्यादा? एक टक्कर के रूप में? क्या बाहरी गोफन पर आयुध धड़ में पैक किया जाएगा? और अगर यह धड़ में है, तो आप जिस तरह से काम करेंगे, वह क्या होगा? क्या यह एक मानव वाहन होगा? और अगर मानवरहित, तो पुन: प्रयोज्य या डिस्पोजेबल? और अगर यह एक बार है, तो इसे विमानन क्यों कहें, अगर यह एक क्रूज मिसाइल है? गोला बारूद! एक अनुचित कारण के लिए हँसी ... क्या हम विमानन या अंतरिक्ष के बारे में बात कर रहे हैं? युवा और अपर्याप्त रूप से शिक्षित शूट के लिए - ये थोड़ी अलग चीजें हैं। ATMOSPHERE में विमानन मक्खियों! जिसका अपना घनत्व है और इसलिए इसमें चलते समय कुछ प्रतिरोध करता है। नहीं सुना था? और इस प्रतिरोध से, धड़ गर्म हो जाता है। मुख्य रूप से किनारों। जिसे ठंडा किया जाना है। मिग -25, मिग -31, एसआर -71 और कई अन्य उच्च गति वाले विमानों पर ऐसा ही हुआ। और मुझे पता नहीं है कि अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष यात्री को हसे द्वारा कैसे उड़ाया जाता है - उन्होंने खुद तीन साल तक अपनी लैंडिंग प्रदान की। आपके पास एक युवा किस तरह की शिक्षा है? क्या आपको वायु रक्षा से कोई लेना देना है? एयरोस्पेस सेटिंग की लाइटिंग आपको क्या पता है? और केबी के कार्यान्वयन के लिए इस प्रकाश का महत्व? क्या यह गर्व है? अपनी अक्षमता पर शपथ लेना? और आगामी S-500। उन्हें समस्या है, हमारी नहीं। मैंने इस बारे में लिखा था। जैसा कि आप उम्मीद करेंगे - प्लिंथ के नीचे की शिक्षा। परीक्षा का शिकार? मैं जानता था कि लोग गगारिन के साथ संवाद कर रहे हैं, तब उन्होंने सोवियत कॉस्मोनॉट्स की चंद्र टुकड़ी का नेतृत्व किया (उनकी मृत्यु के बाद, लियोनोव ने यह पद ले लिया)। इन लोगों ने सोवियत कार्यक्रम के लिए चंद्र लैंडर मॉड्यूल बनाया। नहीं, यह सैन्य उड्डयन के बारे में है, और नागरिक को 2100 - 2200 किमी / घंटा से अधिक होने की संभावना नहीं है - ऐसी गति पर आप अभी भी सामने के किनारों को ठंडा किए बिना कर सकते हैं। और सैन्य उड्डयन में, ये गति तापमान द्वारा सीमित होती है जो कॉकपिट के लालटेन झेल सकते हैं। उन गल्पों को कम पढ़ें (चीयर्स-जर्नलिस्ट से) और सोप्रोमैट का अधिक अध्ययन करें। Karabas 20 सितंबर 2019 22: 31 नया उसके बाद, आपको मुझसे कोई जवाब नहीं मिला। ये अपमान हैं। मैं आपके ज्ञान के स्तर को बढ़ाने नहीं जा रहा हूँ और मैं इसमें बिंदु नहीं देख रहा हूँ, क्योंकि आपका लक्ष्य कम से कम किसी तरह अपने अल्प ज्ञान की भरपाई करना नहीं है, बल्कि अपने बच्चों के तर्कों की दृढ़ता के लिए ढेर में फेंकने, अपमान करने और लिखने के लिए और उत्तर देने के लिए और अधिक कठिन बनाने के लिए है। सामान्य तौर पर, मैं आमतौर पर एक समय में एक से अधिक प्रश्नों का उत्तर नहीं देता हूं, इसलिए आपके मामले में सभी भोग समाप्त हो जाते हैं। ओलेग ज़ोरिन 28 सितंबर 2019 08: 22 नया टिप्पणी न करें। Lenta.ru से अपने प्रतिद्वंद्वी शकोलोटा का स्तर गरम 20 सितंबर 2019 12: 49 नया > नौसेना बेस एविएशन की शक्ति (मात्रा) में सबसे तेज वृद्धि की आवश्यकता तट से दूर बेड़े से लड़ने की मुख्य समस्या TsU है। बेड़े को पूरी तरह से मुकाबला करने के लिए, हवाई जहाजों को एक बड़े फ्लाइंग रडार का निर्माण करना चाहिए, यदि दुश्मनों की तलाश करने के लिए और लगभग 1000 किमी के लिए बेड़े को देखने के लिए, कई ZGRL की आवश्यकता हो। यह देखते हुए कि आज हर किसी के पास AFAR होगा, यह मूल रूप से एक हल करने योग्य कार्य है हवाई जहाज पर कितने रडार लगाए जाएंगे, यह निर्णय - मेरा मतलब है कि अंतिम विकल्प स्मार्ट-क्लैडिंग है जैसे कि एसयू -57, हवाई जहाज और उनके सॉफ्टवेयर की लागत में काफी वृद्धि करेगा। लेकिन फिर भी, केवल विमानन ही मारक क्षमता वाले इंटर थिएटर पैंतरेबाज़ी करने की अनुमति देता है बायर्ड 20 सितंबर 2019 13: 11 नया तीन प्रकार के ओवरहेड टोही कंटेनर नौसैनिकों सहित विमानन के साथ सेवा में आए: राडार टोही (दो तरफा AFAR), रेडियो इंजीनियरिंग और ऑप्टिकल-पेप्लोविज़नी। भार - 2 टन, वाहक के लिए - एसयू -30 और एसयू -34। इसलिए सामान्य आधार Su-30 और Su-34 व्यावहारिक रूप से समुद्र के ऊपर AWACS का साधन बन जाते हैं। इसके अलावा, एक ही समय में उड़ान भरने वाले अल्टियस के पास केवल 2 टन का पेलोड है, जो उसी कंटेनर को उसके निलंबन पर रखना या यूएवी के धड़ में माउंट करना संभव बनाता है और अधिक महंगा और जटिल डीआरएलओ विमान को विचलित किए बिना 48 घंटों तक डीआरएलओ सुविधा को रोक सकता है। (ए -50 \ 100) जहां एल्टियस उपकरण की विशेषताएं पर्याप्त होंगी। Su-57 के लिए, फिर यदि वह अपनी गिलहरी 360 डिग्री काटता है, तो वह दुश्मन के रडार पर क्रिसमस ट्री की तरह चमक जाएगा ... और चुपके से अलविदा हो जाएगा। उनके पास अभी भी AWACS विमान के रूप में कार्य करने की तुलना में थोड़ा अलग कार्य है। लेकिन उसकी समुद्र (Su-57) क्षमताओं से अधिक उपयोगी होगा। गरम 20 सितंबर 2019 13: 16 नया > सु -57 के लिए मैंने कुछ और बात की - उड़ने वाले विमानों को एक निश्चित वितरित उड़ान राडार बनाना चाहिए। उन सभी से संकेत को अभिव्यक्त किया जाना चाहिए और समग्र रूप से संसाधित किया जाना चाहिए बायर्ड 20 सितंबर 2019 13: 29 नया यदि छितरी हुई खोज के साथ, तो शायद हां, लेकिन साथ ही वे सभी स्वयं को प्रकाश में लाएंगे। एक और बात यह है कि हवा / सतह की स्थिति का प्रकाश एक विशेष रूप से चयनित संगठन द्वारा किया जाता है - शक्तिशाली खुफिया या ड्रोन के साथ अलग-अलग विमानों के साथ लटकते हुए कंटेनर। और एक ही समय में युद्ध समूह के बाकी लोग रेडियो साइलेंस मोड में कम ऊंचाई पर बैराज पर, हमले के लिए लक्ष्य पदनाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। तो यह अधिक विश्वसनीय और सटीक होगा। समुद्र के ऊपर और रडार पर एक तैनात प्रणाली, मछली के बिना ऐसा करना संभव है, लेकिन आपको यह याद रखने की आवश्यकता है कि इस तरह के विमान / विमान को विमान की तुलना में बहुत पहले (विकिरण पर असर करके) का पता लग जाएगा। और ... वोइला गरम 20 सितंबर 2019 14: 43 नया यह सब समझ में आता है - लेकिन केंद्रीय प्रशासन के पास इस मुद्दे का केवल एक ही समाधान है, जिसमें आपको दूर से देखा जाएगा। लेकिन हम यह भी पता लगाते हैं कि कौन कहाँ है। और फिर लंबी बांह वाला व्यक्ति जीत जाता है। बायर्ड 20 सितंबर 2019 15: 51 नया कई उपाय हैं। यह एक उपग्रह नक्षत्र है (न केवल प्रकाशिकी या रडार, बल्कि त्रिकोणीय पद्धति से रेडियो-तकनीकी टोही - AUG, KUG या सिर्फ एक व्यक्तिगत जहाज का RT हस्ताक्षर पर अपना व्यक्तिगत चित्र है), और RT, रडार या ऑप्टिकल टोही के साथ आधार और वाहक-आधारित विमान, और यूएवी, और प्रत्यक्ष ट्रैकिंग टोही जहाजों ... उन सभी को हथियारों के लिए लक्ष्य पदनाम / लक्ष्य निर्देशांक दे सकते हैं - आरसीसी, हमले के विमान, मिसाइल या टारपीडो हथियारों के साथ बहुउद्देश्यीय पनडुब्बियां। लेकिन जब मुख्य वर्गों के जहाज अस्वीकार्य रूप से छोटे होते हैं, तो यह विमानन है जो आपको दुश्मन के बेड़े / विरोधियों की बेहतर ताकतों के खिलाफ लड़ाई में संभावनाएं समतल करने की अनुमति देता है। गरम 20 सितंबर 2019 15: 55 नया ठीक है, यह ठीक है कि मैं क्या कह रहा हूं, बेड़े के बिना स्वतंत्र रूप से विमानन कैसे हो सकता है, TsU समस्या को हल करें :-) yehat 15 अक्टूबर 2019 14: 34 नया सु -27 परिवार के सभी लाभों के साथ, समुद्री कार्यों के लिए उनकी सीमा अपर्याप्त है g1v2 21 सितंबर 2019 16: 08 नया इसके लिए साधनों की बहुत कम आवश्यकता होगी। मेरा उत्पादन, 2038x कोरवेट और एमआरके। बहुत सारे MRC और corvettes। काला सागर बेड़े में अभी भी एक झपकी है। बाल्टिक में इसकी गहराई के साथ ही अगर मिनी पनडुब्बियां। साधारण मौतों के लिए, बाल्टिक एक सामूहिक कब्र है। मत छूपो। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 10: 00 नया लेकिन यह समग्र रूप से समाज पर निर्भर करता है। पिछले लेख के मार्क्स के कथन को याद करें बायर्ड 20 सितंबर 2019 00: 58 नया मार्क्स अभी भी "रूसी प्रेमी" थे, लेकिन इस साइट के मंचों पर व्यक्त किए गए कई विचारों को समय के साथ लागू किया जा रहा है ... अभी भी एक तथ्य है। गरम 20 सितंबर 2019 13: 11 नया मैंने केवल आपके लेख पर चर्चा करने के लिए पंजीकरण किया है, वैसे! > लेकिन यह समग्र रूप से समाज पर निर्भर करता है आप एक दिलचस्प लेखक हैं ... और एक व्यक्ति हैं। हमने बेड़े के साथ जुड़े उच्चतम स्तर की अवधारणाओं का विश्लेषण करने का निर्णय लिया, लेकिन इस बारे में क्या उच्च है, इस बारे में भूल गए, और इसलिए आप उन कारणों को नहीं देखते हैं कि रूसी संघ / यूएसएसआर में बेड़े या तो फल-फूल रहा है या तेजी से खराब हो रहा है। बेड़े रूसी संघ / आरआई / यूएसएसआर जैसे देश के लिए एक वैश्विक हथियार है। जैसा कि देश का नेतृत्व वैश्विक मुद्दों में अपनी भूमिका देखता है, नौसेना को ऐसी भूमिका सौंपी जाती है। मैं RI के बारे में अलग से बात करूंगा, USSR के बारे में सब कुछ स्पष्ट है, मूर्खतापूर्ण भूमिका के बिना एक देश एक वैश्विक भूमिका के लिए, इसलिए यह भौतिक संसाधनों की अनुमति देने पर बेड़े से जल्दी से निपटता है मैं एम। खज़ीन और उनके सिद्धांत के दृष्टिकोण के आधार पर रूसी संघ के साथ स्थिति के बारे में बात करूंगा वैश्विक परियोजनाएं, जो वी। लेनिन के भू-राजनीति के सिद्धांतों का एक आधुनिक संस्करण है, जिसे उन्होंने "साम्राज्यवाद को पूंजीवाद के उच्चतम चरण के रूप में" कार्य में रेखांकित किया है - दुनिया के विभाजन को बंद तकनीकी क्षेत्रों / आर्थिक समूहों में शामिल किया गया है: जो एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसलिए, एम। खज़िन के दृष्टिकोण से, केवल पिछले कुछ वर्षों में, रूसी संघ सभी क्षेत्रों में पूरी तरह से विषय वापस लाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन अब भी, एक 5-1 कॉलम देश की पूरी अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करता है। बेड़े वह कीमत है जो रूसी अधिकारियों ने सेना की लड़ाकू तत्परता को उनके आंतरिक नासमझी में वापस करने के लिए भुगतान किया था। और बेड़े की विषय-वस्तु का विनाश, प्रबंधन संरचना में प्रकट होता है जिसे आपने अपने पिछले लेखों के बारे में लिखा था, यह सटीक रूप से इस अंतर-कुलीन समझौता / सौदेबाजी / युद्ध की अभिव्यक्ति है। लेकिन अब एक ऊपर की ओर प्रवृत्ति है, और बेड़े अपनी विषय-वस्तु प्राप्त कर लेगा, और आपके लेख मांग में होंगे। अब आरआई के बारे में। से प्रत्येक राष्ट्र (लोग / लोकाचार एक पूरी तरह से अलग मामला है, एल। गामिल्योव वहां के नियम), आधुनिक पश्चिमी राजनीति विज्ञान के दृष्टिकोण से, यह मिथक प्रणाली. नॉरमन्स / वाइकिंग्स से रूसी राज्य के गठन का सिद्धांत रूसी लोगों की उत्पत्ति के बारे में एक राष्ट्रीय मिथक है। यही है, रूसी लोग तीसरे दर्जे के पश्चिमी लोगों से बनते हैं - यह पश्चिमी के सापेक्ष रूसी अभिजात वर्ग की स्थिति का वर्णन है, यह एक जागीरदार शपथ है। इस मिथक के तहत, पश्चिम के साथ संबंधों की पूरी प्रणाली प्रारूपित है। और अलेक्जेंडर I की नीति, जिसने अंग्रेजी हितों के लिए अपने पिता को मार डाला और अंग्रेजी हितों के लिए नेपोलियन के साथ युद्ध में देश को घसीटा, जो मैंने कहा, उसका सबसे अच्छा सबूत है। यह स्पष्ट है कि इस तरह की समन्वय प्रणाली में, सिकंदर प्रथम उस समय की दुनिया में इंगुशेतिया गणराज्य की प्रमुख स्थिति के बावजूद, बेड़े को नष्ट करना था। लंबी टिप्पणी के लिए खेद है, लेकिन संक्षेप में प्रश्न को खोलने के लिए नहीं था :-) Timokhin-आ 21 सितंबर 2019 19: 58 नया ठीक है, अभी, हमारे पास संयुक्त राज्य अमेरिका के वेनेजुएला में एक और महाद्वीप पर, लेकिन समुद्र के बजाय तीसरे देशों को अलग-अलग दरकिनार करते हुए, एक ही लीबिया में संभावित रूप से, साथ ही कुरील द्वीपों और कैलिनिनग्राद में विशुद्ध रूप से सैन्य खतरों को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका है। राजनीति और रक्षा दोनों के लिए बेड़े की मांग स्पष्ट है। लेकिन यह एक ठोस लड़ाकू वाहन की तरह नहीं है। आपके मौलिक तर्क के साथ विरोधाभास है। क्या आपको और अलग करने की आवश्यकता है? Chaldon48 19 सितंबर 2019 18: 08 नया रूस में, हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो स्थिति का सही आकलन करने में सक्षम होते हैं, यह एक दया है कि, एक नियम के रूप में, एक मुकाबला स्थिति में वे पहले मर जाते हैं। यह एडमिरल मकरोव के साथ हुआ। Nycomed 19 सितंबर 2019 06: 08 नया धन्यवाद! दिलचस्प, सही और दुखद ... Choro 19 सितंबर 2019 06: 23 नया यह लेख "समानांतर में चलने" की पुरानी सोच को खत्म करता है और हमें उत्तरी महासागर की याद दिलाता है, जिसके माध्यम से अमेरिका के लिए मिसाइलों के साथ मिसाइल पहुंच के भीतर हैं। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 09: 26 नया एनएसआर के साथ संक्रमण के साथ कठिनाइयाँ हैं, और काफी हैं। सबसे पहले, बर्फ। आखिरी क्रॉसिंग में, कुलाकोव ने सीईओ की निष्पक्षता में एक झटका पकड़ा, हालांकि मौसम गर्म था और बर्फबारी हो रही थी। दूसरा बिंदु गहराई है। तो, एक पनडुब्बी बेरिंग जलसन्धि को केवल पानी की स्थिति में पारित कर सकती है। आर्कटिक महासागर और उत्तरी प्रशांत का पूर्वी भाग उथला है, कभी-कभी 40 मीटर से भी कम होता है। तीसरा है अमरीका। NSR के माध्यम से बलों का पीछा करना केवल तभी संभव है जब संयुक्त राज्य अमेरिका इसकी अनुमति देता है या यदि वे बल द्वारा इस तरह के संक्रमण को रोक नहीं सकते हैं, जो अलास्का में अपनी सेना की हार की आवश्यकता है। एक मुश्किल काम, कम से कम कहने के लिए। तो सभी समान, समानांतर में, मुख्य रूप से (हालांकि न केवल)। लेकिन आपको पल को चुनना होगा। lucul 19 सितंबर 2019 13: 37 नया हम्म .... आर्कटिक महासागर से बेरिंग जलसन्धि को दरकिनार करते हुए, लेकिन ओखोटस्क के सागर में तुरंत सैन्य जहाजों के मार्ग के लिए अपनी छोटी नहर खोदने के लिए)) यह अफ़सोस की बात है कि चैनल के लिए दूरी बहुत बड़ी है))) गरम 20 सितंबर 2019 13: 27 नया > यह अफ़सोस की बात है कि चैनल के लिए दूरियां बहुत बड़ी हैं))) अब 1000 टन के कुल वजन के साथ एक एकक्रानोप्लान का विकास होता है - काफी उड़ान आरटीओ। वह :-) से उड़ान भरेगा Choro 20 सितंबर 2019 06: 01 नया प्रिय, चाहे अमेरिका चाहे या न चाहे, लेकिन गेंद पर सबसे छोटा रास्ता अभी भी एक जियोडेसिक है, और यह उत्तरी ध्रुव के माध्यम से चलता है, अर्थात्। मेरिडियन के साथ, और आर्कटिक सर्कल के साथ नहीं, क्योंकि व्यास की लंबाई पीआई = 3.14 द्वारा आधा परिधि की लंबाई से कम है ... वालरस रेडकोविच बेर्शित्स्की 20 सितंबर 2019 17: 32 नया बेरिंग जलडमरूमध्य में, राज्यों के साथ मिलकर एक बांध बनाया जाना चाहिए और पूरे जलमार्ग के मार्ग को नियंत्रित किया जाना चाहिए। इसी समय, उस पर शक्तिशाली पनबिजली इकाइयां डालना और आर्कटिक महासागर से सतह की ताजा परत को पंप करना संभव होगा, जिससे इसकी ग्लेशिएशन कम हो जाएगी। rocket757 19 सितंबर 2019 06: 55 नया वास्तविकता यह है कि रूस महासागरों पर समस्याओं के साथ एक महाद्वीपीय शक्ति है! आपको बस इसे महसूस करने की ज़रूरत है और ..... और फिर विकल्प! इतने व्यवस्थित तरीके से जीने के लिए कि हम अप्रत्याशित परिणाम के साथ अपने पेट बटन को काट सकते हैं या फाड़ सकते हैं ??? लेखक का धन्यवाद, रोचक। LeonidL 19 सितंबर 2019 06: 56 नया इसलिए, श्री तिमोखिन हमें एक नए लेख के साथ प्रसन्न करते हैं, जो अपने बहुत ही शीर्षक से, नौसैनिक सैद्धांतिक विचार के उत्साही माहौल में एक नई धारा लाने का लक्ष्य रखता है। "एक बेड़ा निर्माण" !!! यही है, इससे पहले कि तिमोखिन बेड़े का निर्माण नहीं किया गया था ... मान लीजिए कि तिमोखिन की प्रतिभा। लेकिन विषय पर सवाल उठते हैं। तो ... चलिए पहले भाग से शुरू करते हैं, जिसे अगले प्रतिबंध के कारण मुझे टिप्पणी करने का मौका नहीं मिला। "कुछ समाज दशकों और सदियों से समुद्र में युद्ध की प्रभावशीलता को कैसे बनाए रखना जानते हैं ... और अन्य, बहुत सारे पैसे और संसाधन खर्च कर रहे हैं, जहाजों और प्रशिक्षण कर्मियों का निर्माण कर रहे हैं, फिर यह सब याद रखें, हारें, केवल क्रॉनिकल के फ्रेम और एक बार दुर्जेय विमान ले जाने वाले क्रूज़र को छोड़ दें मनोरंजन पार्क में एक विदेशी भूमि में बदल गया? " यहाँ प्रमुख शब्द "समाज" है और इसका उत्तर नौसेना विज्ञान और अभ्यास के विमान में नहीं है, बल्कि उन आंतरिक प्रक्रियाओं में है जो नौसेना के पतन का ठीक कारण हैं। स्पेन की राजनीतिक शक्ति का पिछड़ापन और इंग्लैंड के राजनीतिक ढांचे के आधुनिकीकरण ने पहले की हार और दूसरे के उदय को जन्म दिया। Tsushima के तहत Rozhdestvensky के स्क्वाड्रन की हार और पोर्ट आर्थर में बेड़े का नुकसान भी काफी हद तक जापानी समाज और रूसी नींद का तेजी से आधुनिकीकरण का परिणाम है। सोवियत प्रणाली के पतन और सीपीएसयू की अग्रणी भूमिका के नुकसान, सोवियत की शक्ति के पतन के कारण यूएसएसआर का पतन हुआ और, स्वाभाविक रूप से, उद्योग, ठिकानों और बेड़े के विनाश के लिए। समाज में मूल कारण, नौसेना रक्षा क्षेत्र में नहीं। इसे ऐसे व्यक्ति के लिए नहीं समझना जो नौसेना कला का एक सिद्धांत बनाने का दावा करता है, बस अनुमेय नहीं है। जो लोग उनसे असहमत हैं, उनके प्रति लेखक का सामान्य रवैया "बहुत अधिक स्मार्ट लोग नहीं हैं" ... लेकिन क्या लेखक खुद को "बहुत स्मार्ट" लोग मानते हैं? या पहली ही पंक्ति में ऐसा मार्ग: "यह सब पूरी तरह सच नहीं है। लगभग सच नहीं है। " क्या पहले अपने मामले को साबित करना अधिक तर्कसंगत हो सकता है, और उसके बाद ही यह कहना कि सच्चाई है? लेखक के अनुसार, "लाइन समाज और सैन्य-राजनीतिक नेतृत्व दोनों की समझ में निहित है, बस कुछ सरल सिद्धांत।" लेकिन, एक नियम के रूप में, समाज और नौसेना नेतृत्व दोनों राज्य नीति का पालन करते हैं, न कि इसके विपरीत? अजीब सा रास्ता। और फिर सम्मानित लेखक कुछ बहुत ही अजीब घोषणा करता है: "यूएसए वह था जो बहुत ही कुशल लोगों को" महाद्वीपीय शक्ति "शब्द नहीं कहते थे - एक विशाल उपमहाद्वीप, जिसमें से मुख्य धन, साथ ही आबादी के प्रयासों के आवेदन के वेक्टर, उनकी भूमि पर हैं।" खैर, बहुत ही खुशमिजाज लोग नहीं ... मैं कभी भी "संयुक्त राज्य अमेरिका की महाद्वीपीयता" के बारे में बहुत ख़ुशख़बरी के बयान से नहीं मिला। संयुक्त राज्य अमेरिका, इसे श्री तिमोखिन के नाम से जाना जाता है, लगभग पूरी तरह से महासागरों के पानी से धोया जाता है और इसे महाद्वीपीय राज्य कहा जाता है कि वह खुद को रेजुन के साथ सम्‍मिलित करे, जिसने पैंतीस टन टी -35 (टी) टैंकों को पेश किया और जो खुद इस मिथक को नष्ट करने लगे। और यह अमेरिकियों का अपमान करने के लायक नहीं है - उनकी निरंतरता के कारण, उन्हें हमेशा कार्गो, यात्री और सैन्य जहाजों के निर्माण के लिए मजबूर किया गया था। अगर टिमोखिन भूल गया, तो पनडुब्बी का पहला हमला, और संयुक्त राज्य अमेरिका के नौसैनिक महिमा की संपत्ति में बख्तरबंद मॉनिटर की पहली लड़ाई। हां, स्वतंत्रता के बाद और स्पेन पर जीत से बहुत पहले बेड़े का विकास हुआ। और स्पेन पर जीत नौसेना के बजाय विमान में निहित है। पिछड़े राजशाही युवा दांतेदार औद्योगिक लोकतंत्र के खिलाफ नहीं रहे। लेखक के तर्क के बाद, गैर-महाद्वीपीय शक्तियों, जैसे कि इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया और इतने पर, महान नौसेना सिद्धांत और, तदनुसार, विजयी बेड़े होना चाहिए। यह एक विरोधाभास है, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका के पड़ोसी देश - कनाडा, मैक्सिको, अर्जेंटीना आदि महान समुद्री शक्तियां नहीं थीं। लेकिन द्वीप ब्रिटेन पूरी तरह से अपनी स्थिति को सुरक्षित रूप से खो चुका है ... शायद सब कुछ कुछ सरल सत्य में इतना सरल नहीं है? vladimir1155 19 सितंबर 2019 10: 56 नया हो सकता है कि कुछ सरल सच्चाइयों में सब कुछ इतना सरल न हो? मैं मानता हूं, टिमोखिन का सिद्धांत लंगड़ा है, वह कार्यों से नहीं, बल्कि अपनी रूढ़ियों और इच्छा सूची से तर्क का निर्माण करता है बहुपद 19 सितंबर 2019 13: 38 नया ईर्ष्या, ईर्ष्या ... :-) मैं आपके रूढ़ियों और विशलिस्ट को पढ़ना चाहूंगा। व्लादिमीर बोरिसोविच 24 सितंबर 2019 03: 58 नया क्योंकि, समुद्र, जहाज और बेड़े को जानने और समझने के बजाय, तिमोखिन में उन मुद्दों पर ग्रेफोमेनिया का उत्साह है, जिस पर उन्होंने फैसला किया कि वह एक-दो किताबें पढ़ने के बाद समझती हैं। एलेक्सी रा 19 सितंबर 2019 14: 17 नया संयुक्त राज्य अमेरिका, इसे श्री तिमोखिन के नाम से जाना जाता है, इसे लगभग सभी ओर से महासागरों के पानी से धोया जाता है और इसे महाद्वीपीय राज्य कहा जाता है, अपने आप को रेजुन के साथ सममूल्य पर रखना चाहिए। हालांकि, रूजवेल्ट से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए पहली नौसेना कुछ माध्यमिक थी। अगर टिमोखिन भूल गया, तो पनडुब्बी का पहला हमला, और संयुक्त राज्य अमेरिका के नौसैनिक महिमा की संपत्ति में बख्तरबंद मॉनिटर की पहली लड़ाई। संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्रेट पैट्रियटिक युद्ध के समय से यूरोपीय बेड़े की पृष्ठभूमि के खिलाफ, उत्तर और दक्षिण के समुद्र पर लड़ाई का पैमाना विशेष रूप से प्रभावशाली नहीं है। इसके अलावा, मॉनिटर एक बेड़ा नहीं है। ये तटीय रक्षा बल हैं, वास्तव में, तटीय रक्षा फ्लोटिंग बैटरी। XNUMX वीं शताब्दी के अंत में अमेरिकी नौसेना का निर्माण शुरू करें। और इससे पहले, वे महाद्वीप पर भूमि की समस्याओं के साथ व्यस्त थे। LeonidL 19 सितंबर 2019 16: 45 नया यह मॉनिटर था जो युद्धपोतों, युद्ध क्रूजर, युद्धपोतों के अग्रदूत थे। एलेक्सी रा 19 सितंबर 2019 17: 54 नया सब नहीं। टॉवर बीआर के विकास का एक और तरीका बारबेट बीआर से आया, जो बदले में कैसिमेट बीआर से बढ़ा। मॉनिटर से कोई लेना-देना नहीं था। LeonidL 20 सितंबर 2019 02: 01 नया दो प्रकार के मॉनीटर थे - स्मारकों में यह कैसिमेट और बार्बेट था, नॉटिथर में - टॉवर। एलेक्सी रा 20 सितंबर 2019 13: 41 नया और Southerners बैबेट मॉनिटर क्या थे? बारबेट जहाज - यह फ्रांस है, जो XIX सदी के 70 के दशक की शुरुआत है। उन्हें पैरापेट के साथ भ्रमित न करें: एक बारबेट एक बंदूक माउंट की रक्षा करता है, और पैरापेट एयू समूह की सुरक्षा करता है। फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 16: 37 नया स्पेन की राजनीतिक शक्ति का पिछड़ापन और इंग्लैंड के राजनीतिक ढांचे के आधुनिकीकरण ने पहले की हार और दूसरे के उदय को जन्म दिया। Tsushima के तहत Rozhdestvensky के स्क्वाड्रन की हार और पोर्ट आर्थर में बेड़े का नुकसान भी काफी हद तक जापानी समाज और रूसी नींद का तेजी से आधुनिकीकरण का परिणाम है। सोवियत प्रणाली के पतन और सीपीएसयू की अग्रणी भूमिका के नुकसान, सोवियत की शक्ति के पतन के कारण यूएसएसआर का पतन हुआ और, स्वाभाविक रूप से, उद्योग, ठिकानों और बेड़े के विनाश के लिए। समाज में मूल कारण, नौसेना रक्षा क्षेत्र में नहीं। इसे ऐसे व्यक्ति के लिए नहीं समझना जो नौसेना कला का एक सिद्धांत बनाने का दावा करता है, बस अनुमेय नहीं है। ब्ला ब्ला ब्ला (छोटी दस्त) ONCE AGAIN - हमारे इतिहास से एक स्पष्ट और ठोस उदाहरण है - POVERTY द्वारा उत्तरी युद्ध की जीत (युद्ध की शुरुआत में) रूस के मुख्य "यूरोपीय खिलाड़ियों" में से एक (कई बार हमसे बेहतर - शुरुआत में) स्मार्ट रणनीतिकार, "पीटर की प्रतिभा", बुद्धिमान निर्माण और बेड़े के उपयोग के कारण जीतना SovAr238A 19 सितंबर 2019 22: 51 नया बहुत सारे मूर्ख पत्र ... मैं कुछ कहना चाहता था ... बायर्ड 20 सितंबर 2019 01: 19 नया खैर, संयुक्त राज्य अमेरिका के "महाद्वीपीय" के बारे में, लेखक ने संयुक्त राज्य अमेरिका के "अलगाववाद" के सिद्धांत के आधार पर सबसे अधिक संभावना व्यक्त की ... जब वह एक युवा, कमजोर, कम आबादी वाला और समृद्ध देश नहीं था, उसने अपनी ताकत बनाने के लिए अलगाववाद (गैर-हस्तक्षेप) का सिद्धांत चुना। भविष्य की उपलब्धियों के लिए धन। और वह सफल रही। यहाँ पर इसके अभिजात वर्ग की प्रकृति / प्रकृति और उस (अमेरिका) के सामने रखे गए सुपर-टास्क को ध्यान में रखना आवश्यक है। लेकिन सिद्धांत रूप में, लेखक के रूसी बेड़े की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण और रूसी बेड़े के विकास के इतिहास का पूर्वव्यापी विश्लेषण सही है। एक बेड़ा बनाना और अभी भी करना आवश्यक है प्रत्येक दिशा में अपने मुख्य विरोधियों से उसे मजबूत बनाने के लिए सफल होने की संभावना नहीं है। इसलिए, केवल प्रयासों और खर्चों के अनुकूलन और अंतर-नौसैनिक युद्धाभ्यास पर एक दांव लगाया जा सकता है ... मुख्य रूप से नौसेना के लिए। जिसके साथ आपको इस स्तर पर प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, क्योंकि परिणाम तेज और सबसे प्रभावी होगा। और बाकी सब - मध्यम / दीर्घकालिक के लिए काम करता है - बेड़े का निर्माण LONG किया जा रहा है। गरम 20 सितंबर 2019 13: 30 नया लेखक का सिद्धांत काफी काम कर रहा है - आपको वैश्विक मुद्दों को समझने के लिए सड़ांध नहीं फैलानी होगी। वह सिर्फ यह भूल गया कि बेड़े एक वैश्विक हथियार है, और यदि देश अपनी वैश्विक भूमिका नहीं देखता है, तो उसे बेड़े की आवश्यकता नहीं है! ओलेग ज़ोरिन 28 सितंबर 2019 08: 30 नया मैं एक अपवाद से सहमत हूं। देखना और अलग-अलग काम करने में सक्षम होना। LeonidL 19 सितंबर 2019 06: 57 नया "नौसैनिक शक्ति के निर्माण के लिए सदियों पुराने सिद्धांत हैं। वे सैद्धांतिक साहित्य में जाने जाते हैं और अच्छी तरह से वर्णित हैं। उन्हें चुनौती दी जा सकती है, लेकिन चुनौती नहीं। यह असंभव है, क्योंकि नौसैनिक अर्थों में कोई भी देश इतना शक्तिशाली नहीं है जो उन्हें अनदेखा कर दे। और ऐसा कोई देश नहीं है, भले ही सहज या अनजाने में भी, उनका अनुसरण करते हुए, अपनी समुद्री शक्ति का "उदय" प्राप्त नहीं किया होगा। उदाहरण संख्याएँ हैं। तीन उदाहरण। प्रकार का प्रमाण "यह सत्य है क्योंकि यह सत्य है।" "मार्क्स की शिक्षाएँ अजेय हैं क्योंकि वे सत्य हैं।" "सत्य क्योंकि वे अजेय हैं!" हालांकि, "एक जवाब है!" लेखक, बिल्कुल! निम्नलिखित पैराग्राफ, पाठक को बस ध्यान से पढ़ने की जरूरत है "... रूसी विशेषताओं के अनुकूल एक सिद्धांत को आखिरकार गृह युद्ध के बाद - थोड़ी देर बाद तैयार किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत तक, इसे व्यावहारिक अनुप्रयोग के बिना छोड़ दिया गया था, जिसके हमारे मातृभूमि के लिए भयानक परिणाम थे। लेकिन इसकी व्यक्तिगत गूँज, व्यवहार में आंशिक रूप से सन्निहित है, जिसने यूएसएसआर के परमाणु मिसाइल बेड़े का निर्माण किया, जो दुनिया के महासागरों में कहीं भी संचालन करने में सक्षम है, कई प्रतिबंधों के साथ। " यही है, रूसी साम्राज्य में कोई नौसेना सिद्धांत नहीं था। लेकिन उषाकोव, नखिमोव, कोर्निलोव के नामों के बारे में क्या? चस्मा, गंगुत, पापोप कहाँ है ...? यदि इसे गृह युद्ध के बाद तैयार किया गया था, तो देशभक्ति युद्ध के बाद बिना उपयोग के क्यों छोड़ दिया गया? लगता है। लेकिन गृह युद्ध के बाद यूएसएसआर के आर्थिक अवसरों को ध्यान में नहीं रखना और महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध से पहले और महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध के बाद की संभावनाओं के साथ तुलना करना बिल्कुल भी सभ्य नहीं है। हाँ, और "गूँज" की बहुत परिभाषा ...। खैर, ऐसे दबंग लोग देश और नौसेना दोनों का नेतृत्व कर रहे थे ... लेकिन अब तिमोखिन सामने आया है! लंबे समय से गुजरे अतीत के विदेशी सिद्धांतकारों के उत्साह को स्वीकार करें। उन वर्षों की वैज्ञानिक उपलब्धियों के साथ, उस समय की भू-राजनीतिक स्थिति के साथ उनके सिद्धांत गुम हो गए हैं, और सिर के पीछे आंखों के साथ एक नया निर्माण करना कम से कम अजीब है। इसके अलावा, जो लागू है और पूरी तरह से उन देशों, उन बेड़े से मेल खाता है, और उस समय आज की स्थितियों में बिल्कुल फिट नहीं है। पंटर TRUTH का गठन करता है: "दो सरल सिद्धांत। परिणामस्वरूप, बेड़े का दूसरे बेड़े (मेहान) के साथ मुकाबला करने का इरादा है, और इसका उद्देश्य समुद्र में प्रभुत्व स्थापित करना है, यानी समुद्र की गलियों (कॉर्बेट) पर - किसी भी तरह से, युद्ध में दुश्मन सेना को नष्ट करने सहित। " मुख्य शब्द "लड़ाई" है। आधुनिक वास्तविकताओं में हम किस तरह की लड़ाई के बारे में बात कर सकते हैं? युद्ध के मामले में, शास्त्रीय अर्थों में "लड़ाई" के लिए कोई समय या स्थान नहीं है। रूस का बेड़ा नौसैनिक अड्डे के बिना समुद्र में वर्चस्व का सपना भी नहीं देख सकता, साथ ही युद्ध में दुश्मन ताकतों का विनाश भी। आइए यथार्थवादी बनें - नाटो के बेड़े के साथ या औद्योगिक आधार में और केवल सैन्य इकाइयों की संख्या से, अर्थव्यवस्था में पिछड़ने के कारण, नाटो के बेड़े के साथ या निकट भविष्य में कोई ताकत नहीं होगी। जंगल की बाड़ पर एक छाया क्यों डाली? क्यों दिलचस्प तस्वीरों के साथ सब कुछ चित्रित करें जिनका पाठ से कोई लेना-देना नहीं है? देश के नेतृत्व और नौसेना की कमान को तुरंत सामान्य सत्य क्यों न समझें: "शिविर में कमान और शक्ति के सभी स्तरों पर इन बातों की समझ है - तथाकथित" समुद्री शक्ति "है। निकोलाई लेवरेंटिविच क्लदो के सम्मान के साथ, मैं पाठकों को याद दिलाना चाहता हूं कि रूसी समाज में इस सज्जन के प्रयासों ने बेड़े के पुनर्निर्माण के लिए एक नए कार्यक्रम की चर्चा की लहर पैदा की। जनता ने अपनी टोपियों और छतरियों, अखबारों और पत्रिकाओं को लहराया ... राज्य ड्यूमा ने सोचा और इस तरह की सार्वजनिक गतिविधि के परिणामस्वरूप, पुनर्मूल्यांकन कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया गया था और पूरा नहीं किया गया था। ऐसा लगता है कि लेखक नौसैनिक मामलों को जितना संभव हो सके उतने ही सार्वजनिक रूप से खींचने की कोशिश कर रहा है, जिसने कभी किसी का भला नहीं किया। नतीजतन, कुछ गतिविधि केवल काला सागर पर देखी गई, और फिर आधुनिक युद्धपोतों के चालू होने के बाद, और कंपनी के साथ गेरवाइस की सामाजिक गतिविधि नहीं थी, युद्ध से पहले युद्धपोतों के संचालन में बहुत संभावना होगी। फिर गोएबेन और ब्रेस्लाउ के सामने कोई शर्म नहीं होगी। बी। ग्रीवाइस के सैद्धांतिक विचारों को बहुत संक्षिप्त और संक्षिप्त रूप से वर्णित किया जा सकता है: निम्नलिखित वीएम सिद्धांत का ऐसा प्रारंभिक आधार है कि उन्हें चबाया नहीं जाना चाहिए। यह सही है ... अच्छे इरादों के सिद्धांत में। मुझे आश्चर्य है कि कॉमरेड गेरवाइस ने धातु में इस सभी अच्छे को कैसे महसूस किया? लेकिन कॉमरेड स्टालिन ने कोशिश की ... कई टिप्पणियों में हिटलर को आर्मडास के बजाय सुपर-युद्धपोत टैंक बनाने के लिए फटकार लगाई गई, लेकिन जर्मनी के पास इसके लिए स्पष्ट कारण थे और बड़े जहाजों को समुद्र में उतारने की संभावना थी, दोनों को क्रूजिंग-छापे के लिए और संचार की रक्षा के लिए, हालांकि लड़ाई जैसी लड़ाई से पहले जुटलैंड का अफेयर नहीं पहुंचा। लेकिन कॉमरेड स्टालिन के सुपर-युद्धपोतों को बिल्कुल भी एहसास नहीं हुआ था, लेकिन अगर उन्हें निकोलेव में लागू किया गया, तो वे कहाँ तैरेंगे और किसके साथ लड़ेंगे? लैंडिंग बार्ज और टारपीडो नौकाओं के साथ? गेरवाइस ने सब कुछ सही ढंग से लिखा और WWII में मित्र राष्ट्रों की कार्रवाइयों ने इसकी पुष्टि की ... लेकिन यूएसएसआर नेवी द्वारा डब्ल्यूडब्ल्यूआई में किस किनारे का उपयोग किया जा सकता है? बाल्टिक में? इसलिए वहाँ उन्होंने तुरंत एक खान-तोपखाने की स्थिति बनानी शुरू कर दी! काला सागर पर? हमने शुरुआती दिनों में कॉन्स्टेंट की गोलाबारी की कोशिश की ... काला सागर अटलांटिक नहीं है। इन स्मार्ट निष्कर्षों को आज कैसे लागू किया जाए? हम ध्यान से पढ़ते हैं: "" आक्रामक कार्यों के मामले में, नौसेना बल को समुद्र में वर्चस्व के लिए निश्चित रूप से प्रयास करना चाहिए, दुश्मन के बेड़े को नष्ट करने के लिए या बंदरगाह से अपने निकास को बंद करने के लिए। रक्षात्मक कार्यों के मामले में, नौसेना बल को मुख्य रूप से समुद्र से अपनी लड़ाकू प्रभावशीलता और पहुंच की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रयास करना चाहिए, अर्थात। दुश्मन को समुद्र पर हावी होने से रोकने के लिए। " फिर, समुद्र का प्रभुत्व ... शायद काला सागर पर और फिर नाटो के गैर-हस्तक्षेप से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में तुर्की की तटस्थता के साथ। किसी अन्य स्थिति में, काला सागर बंद है। बाल्टिक? वारसॉ संधि के साथ रूसी संघ यूएसएसआर नहीं है और मार्किस पोडल पर वर्चस्व संभव है, यहां तक ​​कि कैलिनिनग्राद और नौसैनिक अड्डे की आपूर्ति मुश्किल है और संदेह है, सबसे अधिक संभावना है कि वे एक पूर्ण नाकाबंदी का सामना कर रहे हैं। हालाँकि मुझे लगता है कि मुझे इसके पास जाने का समय नहीं मिला है - रॉकेट-स्पेस-न्यूक्लियर युद्ध क्षणभंगुर और विजेताओं के बिना है। उत्तरी बेड़े? हां, उसे जरूरत है और संभवत: अपने संचार को, सभी से ऊपर, एन.एस.आर. सुदूर पूर्व में, केवल यह सुनिश्चित करना है कि परमाणु पनडुब्बी बेड़े महासागर में प्रवेश करते हैं, लेकिन फिर से ... केवल अगर वे प्रीवार अवधि में ऐसा करने का प्रबंधन करते हैं। आप क्या कर सकते हैं, ये वास्तविकताएं हैं। इसलिए, "समुद्री युद्ध" के लंबे-अप्रचलित विचारों के आधार पर नौसेना के निर्माण का कार्य जादुई नहीं होना चाहिए, लेकिन यथार्थवादी, पिछले युद्धों के सिद्धांतों पर आधारित नहीं है, इसलिए टिमोखिन द्वारा तीव्रता से प्रचार किया गया, लेकिन असममित नवीनतम हथियार प्रणालियों पर जो युद्ध में एक काल्पनिक और अविश्वसनीय जीत नहीं प्रदान करते हैं। समुद्र, और इस तरह के हथियारों की मदद से युद्ध से बचने का एक बहुत ही वास्तविक अवसर! यह नेतृत्व का ज्ञान है - देश की कुल हार को रोकने के लिए, हथियारों की दौड़ में शामिल न होने के लिए, युद्धपोतों को बनाने के लिए जो वास्तव में आवश्यक हैं और "सस्ती" हैं, जहाजों ने अपने झंडे को प्रदर्शित किया, सैन्य-राजनीतिक कार्यों का प्रदर्शन किया और संभव हद तक, हथियारों के प्रदर्शन के साथ कूटनीति के प्रयासों को पूरक बनाया। । जैसा कि सीरिया के अनुभव से पता चलता है। विमान वाहक द्वारा "बस युद्धपोतों" के यांत्रिक प्रतिस्थापन की आलोचना तक नहीं होती है, बस युद्धपोत को विमान वाहक के रूप में प्रौद्योगिकी, विज्ञान और उद्योग के समान स्तर की आवश्यकता नहीं होती है, और उन्हें तटीय संचार - एनएसआर, सुदूर पूर्व की रक्षा करने की आवश्यकता नहीं है, उनके पास आवश्यक बुनियादी ढाँचे नहीं हैं, वे नहीं करते हैं। वे बजट उठा रहे हैं। फिर से आंसू और पाइप में उड़ना? यूएसएसआर के खंडहर के रूप में रूसी संघ को बर्बाद करें? मिस्टर तिमोखिन जैसे देशभक्त के लिए एक अजीब दृष्टिकोण! बेशक, हांग्जो पेट्रोविच अलेक्सांद्रोव (एवेल पिनहसोविच बार, हालांकि इसे छद्म शब्दों का खुलासा करने के लिए एक सभ्य समाज में बहुत सभ्य नहीं माना जाता है) तुरंत समुद्र के बारे में संदेह के साथ उसका नाम उठाता है और कहीं न कहीं एक तरह की भावना भी है ... लेकिन, आइए पढ़ते हैं कि टिमोकिन इसे सबसे घृणित मानते हैं। सिद्धांत: "आलोचना मूल रूप से निम्नलिखित के लिए उबला हुआ है: दुश्मन के बेड़े को नष्ट करने की कोशिश करना बेकार है, उत्पादक शक्तियों की सभी समान शक्ति ऐसी है कि दुश्मन जल्दी से सभी नुकसानों को ठीक कर देगा, और वर्चस्व की कोई स्थापना असंभव नहीं होगी, जिसका अर्थ है कि हमें समुद्र में वर्चस्व सुनिश्चित करने की इच्छा को छोड़ देना चाहिए, और शुरू करना चाहिए समुद्री संचालन का एक नया सिद्धांत बनाएं जो "व्यावहारिक कार्यों के लिए प्रासंगिक है।" लेकिन यहां पर्ल हार्बर का एक उदाहरण है, जब संयुक्त राज्य ने न केवल नुकसान की वसूली की, बल्कि कई बार अपने बेड़े को मजबूत किया, और लिबर्टी-प्रकार के परिवहन जहाजों को आमतौर पर डोनट्स की तरह बेक किया जाता है। लेकिन न तो जर्मनी और न ही जापान ऐसा कर सका। जर्मन और जापानी दोनों नौसेना कमांडरों के सभी व्यावसायिकता के साथ। टी ई फिर से - यह वीएम सिद्धांत और व्यवहार की बात नहीं है, न कि पोस्ट-ऑफ की, बल्कि औद्योगिक उत्पादन के स्तर की, अर्थशास्त्र के स्तर की, सामाजिक व्यवस्था की। कैसे सबसे अच्छे पदों के लिए छड़ी नहीं है, लेकिन जो अधिक जहाजों का उत्पादन करता है और वे बेहतर जीतते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि एक उच्च शिक्षित लेखक ने इतने स्पष्ट तथ्य को क्यों नहीं देखा? फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 14: 55 नया यही है, रूसी साम्राज्य में कोई नौसेना सिद्धांत नहीं था। लेकिन उषाकोव, नखिमोव, कोर्निलोव के नामों के बारे में क्या? चेसमा, गंगुत, सिनोप कहां है जैसा कि वे कहते हैं - बकवास मत करो, यह दर्द होता है "सिद्धांत" जैसा कुछ भी नहीं था, और वास्तव में इसने क्रीमिया युद्ध में अपने स्वयं के बेड़े के डूबने पर नेतृत्व किया। सर्गेई मखोव द्वारा प्रश्नों को उल्लेखनीय रूप से हल किया गया हमने केर्च स्ट्रेट को अनुमानित रूप से बंद करने का फैसला किया। अदालत को लताड़। सबसे पहले, व्यापारियों से खरीदे गए जहाजों में बाढ़ आ गई थी। स्वाभाविक रूप से, व्यापारियों ने अपने सबसे अच्छे जहाज नहीं दिए, और उन्होंने जीर्ण-शीर्ण लोगों को खरीदा वे अनुमान से अलग हो गए। सिर्फ अक्टूबर 1854 में। और आगे ... आगे, रियर एडमिरल मेटलिन ने एक-एक करके कोकेशियान गश्ती क्रूजर को डुबोना शुरू किया। साथ में गन। और कमांड को भूमि के सामने भेजें। खैर, बाड़ का समर्थन करने के लिए। यह फैसला कोर्निलोव में जंगली गुस्से का कारण: "सामान्य तौर पर, हमें लगता है कि दूसरे चरम पर पहुंच गए थे: अब तक, हर जगह असंगत लापरवाहियों का शासन था, और अब हर कोई असाधारण योजनाओं पर लग गया है; कल्पना करें कि बाहरी केर्च मेले के पार, पावलोव्स्क बैटरी के खिलाफ, कोकेशियान परिवहन सहित 34 जहाज डूब रहे हैं; मुझे आश्चर्य है कि वे स्टीमबोट छोड़ देते हैं, और यहां तक ​​कि उन्हें बाढ़ आनी चाहिए थी ... " अर्थात जबकि सेवस्तोपोल नखिमोव ने युद्धपोतों को एक स्टाखानोवियन तरीके से डुबो दिया (जिसके लिए उन्हें कोर्निलोव से एक विशिष्ट बाती मिली), मेटलिन ने अज़ोव के समुद्र पर भी ऐसा ही किया। इस निर्णय के परिणाम बहुत ही निराशाजनक थे - जब अप्रैल 1855 में ल्योंस की "फ्लाइंग टुकड़ी" ने आज़ोव सागर में प्रवेश किया, तो वह आज़ोव सागर में पूर्ण स्वामी बन गया। अगर हमारे पास अनुभवी टीमों के साथ 34 कोकेशियान क्रूजर होते तो अंग्रेजों के लिए एक भयावह स्थिति बन जाती। उन्होंने दो या तिकड़ी में अभिनय किया, और बड़े जहाजों को 7-8 मीटर की मानक गहराई के साथ अज़ोव सागर में प्रवेश नहीं किया जा सका। जैसा कि हम सभी समझते हैं, रूसी बेड़े के माता-पिता ने इसके निर्माण के कारणों और रूसी रक्षा प्रणाली में इसकी भूमिका पर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं छोड़ा था। हां, पीटर के पास बेड़े की भूमिका के बारे में बयान हैं, लेकिन वे अक्सर स्थितिजन्य हैं, और केवल एक विशिष्ट स्थिति के बारे में बोलते हैं। इसलिए, आपको और मुझे उसके उपयोग के बारे में राजा के निर्देशों, और वास्तविक घटनाओं से नृत्य करना होगा। यही है, कार्रवाई के माध्यम से तर्क (यदि यह था) को समझने की कोशिश कर रहा है। घटनाओं के तर्क में फिट होने वाली पहली बात वर्ष 1700 है। पीटर के पास दो स्पष्ट उदाहरण थे जब किसी दूसरे देश के बेड़े ने अनिवार्य रूप से एक अभियान या युद्ध के परिणाम का फैसला किया। स्वाभाविक रूप से, हम डेनमार्क के खिलाफ एंग्लो-डच बेड़े की कार्रवाइयों के बारे में बात कर रहे हैं (जब सहयोगी दलों ने केवल युद्ध के परिणाम का फैसला किया है) और स्वीडन के बाल्टिक से स्वीडन के बाल्टिक के परिवहन को स्वीडिश बेड़े द्वारा (वास्तव में, इसने नरवा के पास रूसी अभियान के पतन का निर्धारण किया था)। जाहिर है, इन दो क्षणों का पीटर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा, और बेड़े (बाल्टिक राज्यों की विजय के बाद) का निर्माण जमीनी बलों के समुद्र के समतल को कवर करने के कार्य के कारण ठीक से बनाया जाना शुरू हुआ। लेकिन फिर पीटर एक कदम आगे बढ़ाता है - इस तथ्य का लाभ उठाते हुए कि स्वीडिश नौसैनिक बेड़ा डेनमार्क (1711 से) के साथ युद्ध से जुड़ा हुआ है, और स्वेडेस के पास गैली बेड़े नहीं है, वह बड़ी संख्या में मच्छरों के बेड़े का निर्माण करता है और फिनलैंड में स्वीडिश क्षेत्रों में छापे मारने की रणनीति शुरू करता है। , और फिर स्वीडन में ही। यह रणनीति बहुत सफल है, और स्वेड्स सचमुच इससे बच जाता है। मुख्य बात यह है कि यहां एक रणनीतिक निर्णय पर पहले से काम किया गया है: "फिनलैंड निर्दयतापूर्वक बर्बाद हो गया है ताकि वापस देने के लिए कुछ हो।" यानी, 1715 में, पीटर को पहले से ही पता था कि अगर वह जीता तो वह स्वीडन से क्या लेगा। Congressland कांग्रेस में एक ही आवश्यकताओं को देखें। लेकिन हम बेड़े के बारे में हैं। 1711-1721 की पूरी अवधि ने बेड़े के विशुद्ध रूप से रक्षात्मक कार्यों का पता लगाया। यह "बेड़े में बिन" है, रूस को व्यापार काफिले की सुरक्षा, और छोटे स्वीडिश नौसेना इकाइयों की उपस्थिति की स्थिति में बेहतर बलों द्वारा "हिट एंड रन"। और किलों (घेराबंदी, कोहलबर्ग) की घेराबंदी में समुद्र से सेना की मदद भी। सिद्धांत रूप में, बेड़े ने पीटर और उसके बाद के शासनकाल के दौरान शांति से इस कार्य को अंजाम दिया। कैथरीन के तहत समस्याएं शुरू हुईं, जब बेड़े को दूर के समुद्रों में सक्रिय कार्रवाई करने की आवश्यकता थी। लेकिन ... यह दुर्भाग्य है। वह सिद्धांत रूप में इसके लिए नहीं बनाया गया था। इसके अलावा, टीमों और कमांडरों को लंबी यात्राओं का अनुभव नहीं था, आपूर्ति केवल तटीय संचालन आदि के लिए समायोजित की गई थी। और तुरंत कठिनाइयां थीं। न तो पीटर के तहत और न ही कैथरीन के तहत निर्माण का कार्य तैयार किया गया था। वर्तमान क्षण के आधार पर बनाया गया है। और केवल निकोलस I ने रूसी बेड़े के निर्माण के रोजमर्रा के जीवन में दीर्घकालिक योजना की अवधारणा पेश की। लड़ाई वास्तव में एक बराबरी पर चली गई। के लिए - अचानक! - नाविकों और कप्तानों को पता नहीं था कि अंग्रेजों को हराया नहीं जा सकता है, कि कुछ ब्लॉगर्स के अनुसार "रूस आमतौर पर समुद्र में contraindicated है, उन्होंने बस वही किया जो वे कर सकते थे। कौन गोली चलाता है? अंग्रेज ठीक उसी तरह मरता है जैसे तुर्क। लेकिन ध्यान दें - यह बेड़े की नीति नहीं है, बल्कि एक पहल है, जैसा कि आप जानते हैं, बिना आज्ञा के सर्जक सर्जक को चोदता है। और अंत में बैठक 9 सितंबर को। बेड़ा नेता चला गया। योजनाएं टूटी हुई हैं। इसे लड़ना मना है बेड़े के अंदर स्क्वाबल्स हैं जो अभी तक बच नहीं गए हैं, लेकिन होने वाले हैं। उसी समय - हम यह नहीं भूलते हैं - लाज़रेव के रूप में अब कोई कवर नहीं है, और यदि कुछ भी है - तो उन्हें चार्टर द्वारा आंका जाएगा, जो केवल बिना शर्त प्रस्तुत करने और सावधानी बरतने का उपदेश देता है. SovAr238A 19 सितंबर 2019 22: 56 नया मैक्सिम। आपने अब सुनिश्चित कर दिया है। विपक्ष की संख्या से। इस साइट पर, मध्यस्थ की मंजूरी के साथ, "यूरिया-देशभक्त" नोटबुक्स की एक पूरी टीम है जो सामूहिक रूप से सभी अनुचित को मिनस देते हैं, और खुद को प्लसस देते हैं? Svarog, क्यों उन लोगों के कचरे में साइट डाल दिया जो पैसे को कुचलते हैं और तदनुसार, संख्या? आखिरकार, जल्द ही अपनी नौकरी खो देंगे .. और चेहरे के बारे में लंबे समय से पहले से ही ... फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 15: 03 नया ई जितना संभव हो उतना प्रबल जनता जो किसी को कभी भी अच्छे नहीं लाए। नतीजतन, कुछ गतिविधि केवल काला सागर में देखी गई, और फिर आधुनिक युद्धपोतों के चालू होने के बाद, और सामाजिक गतिविधि के लिए नहीं कंपनी के साथ Gervaisतब युद्धपोत के फैलने से पहले युद्धपोतों के संचालन में लगा दिया जाएगा। फिर गोएबेन और ब्रेस्लाउ के सामने कोई शर्म नहीं होगी। "वह इक्के के साथ राजाओं को भ्रमित करता है" लेन्या, आप पूरी तरह से हैं ? आप अपनी बकवास के साथ कीबोर्ड को पीड़ा देने से पहले जो गेरवाइस चल रहा था और जब उसने अभिनय किया तो उसने लिखा और किस बेड़े में! और लेन्या, "जिसकी गाय को चूना होगा," लेकिन तुम्हारा "शपथ", "अधिकारियों", आदि के बारे में। - पूरी तरह से चुप चुप हो जाएगा। इन टिप्पणियों में चेतना के आपके सभी दस्त के लिए इतना बेवकूफ बकवास है कि आप केवल बकवास नहीं करते हैं (गर्वैब को मारते हैं (से) लाल सेना की नौसेना) सेवा "भयानक चर्चा" RIF (!!!), तुम बस LIE, उसे करने के लिए खजाना खींच। कल्दो के फिगर को लेकर मेरा बहुत मिलाजुला रवैया है, लेकिन जब कुछ झूठ बोलने वाला महाशय सिर्फ "फर्नीचर के लिए" बुनाई द्वारा यह एलआईजीआई इन महाशय पूरी तरह से पोर्क प्राप्त करेंगे फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 15: 10 नया हमारे पहले पर्ल हार्बर का उदाहरण है, जब संयुक्त राज्य ने न केवल नुकसान की वसूली की, बल्कि कई बार अपने बेड़े को मजबूत किया। क्योंकि किम्मेल और निमित्ज़ के बीच "विचारों का आदान-प्रदान" का एक शानदार उदाहरण पीएक्स के ठीक बाद में है - कि अगर जापानी ने अमेरिकी बेड़े को समुद्र में "खुली लड़ाई" में भेजा, तो यह यूएसए के लिए एक आपदा होगी (जहाजों के नुकसान में नहीं) और CREWS, जिसका कारक 1942-43 में अमेरिकी नौसेना के नए जहाजों के त्वरित कमीशन में निर्णायक भूमिका निभाई थी) + प्राचीन ईंधन भंडारण टैंक पीएक्स ... टी ई फिर से - यह वीएम सिद्धांत और व्यवहार की बात नहीं है, न कि पोस्ट-ऑफ की, बल्कि औद्योगिक उत्पादन के स्तर की, अर्थशास्त्र के स्तर की, सामाजिक व्यवस्था की। कैसे सबसे अच्छे पदों के लिए छड़ी नहीं है, लेकिन जो अधिक जहाजों का उत्पादन करता है और वे बेहतर जीतते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि एक उच्च शिक्षित लेखक ने इतने स्पष्ट तथ्य को क्यों नहीं देखा? महाशय लेन्या! यह स्पष्ट नहीं है कि कैसे महाशय ने "मूर्खतापूर्ण" और भ्रामक टिप्पणियों में भैंसों का एक समूह "सताया", बस "नहीं नोट किया गया" बिल्कुल उत्तरी युद्ध की शुरुआत में रूस और स्वीडन की अनुपातहीन आर्थिक क्षमता! हां, इसके अंत की ओर सब कुछ दूसरे तरीके से बदल गया, लेकिन यह केवल कार्रवाई के लिए धन्यवाद हुआ, पीटर द ग्रेट की ताकत। निर्माण और हमारे बेड़े के आवेदन के बारे में! Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 15: 36 नया 1942-43gg में किस कारक ने अमेरिकी नौसेना के नए जहाजों के त्वरित कमीशन में निर्णायक भूमिका निभाई है) प्लस डॉक। एमएक्स पीएक्स के करीब डॉक नहीं था। मरम्मत करने के लिए कहीं नहीं था। व्लादिमीर बोरिसोविच 24 सितंबर 2019 04: 05 नया टिमोखिन विमान वाहक के एक जिद्दी और बल्कि अज्ञानी प्रशंसक हैं, जाहिर है, उनके जीवन में कम से कम किसी बड़े जहाज या जहाज पर नहीं था, यह समझने के लिए कि इसका संचालन क्या है। इसलिए वह अपनी कल्पना में, एक छोटे से लड़के की तरह, खिलौना सैनिकों के साथ आर्मडेस को आगे बढ़ाता है। LeonidL 19 सितंबर 2019 06: 59 नया सामान्य तौर पर, हर कोई ध्वस्त हो गया, भूमध्य सागर में जहाजों के संरक्षण को व्यवस्थित नहीं कर सका, कॉमरेड स्टालिन को दमन करना पड़ा ... कुजनेत्सोव आया ... "फिर भी, अपने अत्यंत अव्यवस्थित राज्य में भी, बेड़े जर्मनी पर जीत के लिए एक बड़ा योगदान देने में सक्षम था, आज एक योगदान है कि" , दुर्भाग्य से, जन चेतना से गायब हो गया, और कई सैन्य लोगों को सही ढंग से पहचाना नहीं गया है। " ... "बेड़े की अत्यंत अव्यवस्थित अवस्था" कहाँ से आती है ??? हम इसे लेखक के विवेक पर छोड़ देते हैं। सामूहिक चेतना से और सेना से क्या गायब हो गया? क्या यह लेखक अपने बारे में है? यह मुझे रेज़ुन की बहुत याद दिलाता है, जिसने आइसब्रेकर में कीव के कैदियों की संख्या की "खोज" की और उसे दोषी ठहराया कि वह एक सैन्य स्कूल में इसका अध्ययन नहीं कर सकता ... और वहां अध्ययन करना कितना मुश्किल था? सभी सैन्य स्कूलों में ग्रेट पैट्रियटिक वॉर के इतिहास के हरे रंग के खंड थे जहां नुकसान के काले और सफेद आंकड़े दिए गए थे और सब कुछ बहुत सटीक और विस्तार से वर्णित किया गया था। खंड 2, पृष्ठ 110 "665 हजार कैदियों को पकड़ा।" सामान्य तौर पर, कई आधुनिक "शोधकर्ता" लंबे समय से ज्ञात को फिर से खोज लेना पसंद करते हैं - Brilev ने उत्तरी बेड़े में पैसिफिक पनडुब्बी के अभियान को खोल दिया है, मिकॉयन आइसब्रेकर का सुदूर पूर्व में अभियान, रेजुन - पिंस्क में एक नौसैनिक अड्डे की उपस्थिति ... वास्तव में, हर कोई जो सब कुछ जानना चाहता है। और जो नहीं जानता है, उदाहरण के लिए मास्को क्षेत्र द्वारा प्रकाशित नवीनतम विश्वकोश पढ़ सकते हैं। बहुत अधिक सिफारिश की जाती है! "दुनिया में बेड़े संख्या 2 से एक अच्छे जहाज की एक अच्छी तस्वीर। नियंत्रण क्रूजर "ज़ेडानोव", 5 वीं ओपेक से, 1983 » - 1953 के लिए एक अच्छा जहाज और वर्ष 83 वें के लिए कार्यों और अवसरों के मामले में काफी पुराना। परमाणु मिसाइल युग में तोपखाने क्रूजर ... अच्छा! सुंदर! लेकिन वास्तव में बेकार है। "कमांडर-इन-चीफ गोर्शकोव ने समुद्र में वर्चस्व स्थापित करने के महत्व और महत्व को पूरी तरह से समझा, भले ही वह स्थानीय हो।" - अच्छा, यह शुभकामना कब और कहाँ से मिली? और अगर वहाँ नहीं था, तो इसे सच घोषित करने के लिए कुछ भी नहीं है। हम गोर्शकोव को शब्दों के लिए नहीं, बल्कि उनके कामों के लिए महत्व देते हैं। इसके अलावा, यह "सोवियत राज्य की दुष्ट प्रतिभा और इसकी अनैच्छिक कब्र खोदने वालों में से एक - दिमित्री फेडोरोविच उस्तीनोव" से पता चलता है। यह पहले से ही बहुत ताजा है, लेकिन बहुत ही दुर्गंधपूर्ण समाचार है। उस्तीनोव स्टालिन पीपुल्स कमिसर ऑफ़ आर्मामेंट्स, विक्ट्री के रचनाकारों में से एक है, जिन्होंने नौसेना और सामरिक परमाणु बलों के गठन के लिए बहुत कुछ किया। जो आदमी फ्लीट के लिए कुछ नहीं कर पाया और जिसने इसे बनाया, उस पर इतने लंबे समय तक थूकने के बाद? अशिष्टता से! यूएसएसआर के पतन और "देश की सामान्य रक्षा प्रणाली में बेड़े की भूमिका को भी सभी स्तरों पर गंभीरता से पूछताछ की गई - रक्षा मंत्रालय से लेकर व्यक्तिगत नागरिकों के दिमाग तक।" एक और देश - बेड़े के लिए एक अलग भूमिका, अलग समय, एक अलग सामाजिक प्रणाली, एक अलग भूराजनीतिक घटक! स्वाभाविक रूप से, किसी को पिछली और सदी से पहले के सिद्धांतों और सिद्धांतों का बेवकूफी से पालन नहीं करना चाहिए, लेकिन वर्तमान को समझें और सही निष्कर्ष निकालें! "नौसेना इकाइयों में सेवारत एक अधिकारी, जैसे" बेड़े का उद्देश्य क्या है? " "वह बहुत अनुकूल परिचालन शासन को बनाए रखने की आवश्यकता की तरह कुछ धुंधला कर देगा, जो समुद्र में प्रभुत्व की स्थापना के बाद अनुकूल हो जाता है, जिसकी आवश्यकता पूरी तरह से नौसेना के मार्गदर्शन दस्तावेजों और निर्देशों में बताई गई है। एक चतुर काल्पनिक अधिकारी जानता है, वे उसे उस तरह से सिखाते हैं, लेकिन रूस और मास्को क्षेत्र के बेवकूफ नेतृत्व को कुछ भी नहीं पता है और समझ में नहीं आता है! यह सभी टिमोखिन के लेखों का चिरस्थायी और मुख्य शोकपूर्ण माधुर्य है। यह उसके लिए शर्म की बात है कि उसके महान और बुद्धिमान को देश पर शासन करने की अनुमति नहीं है, अन्यथा नहीं। "लेकिन राज्य के सैद्धांतिक दस्तावेजों में, सब कुछ ऐसा नहीं है! यह एक सिज़ोफ्रेनिक के मानस के समान है जो ईमानदारी से परस्पर विरोधी चीजों में विश्वास करता है, लेकिन अफसोस, हम इसके बारे में ठीक से आ गए हैं। जबकि इकाइयाँ और बेड़े एक चीज़ की तैयारी कर रहे हैं, इसके सिद्धांतवादी दृष्टिकोण में सर्वोच्च राज्य शक्ति कुछ अलग है। " बेड़े में इस तरह के आदमी के अहंकार का कोई संबंध नहीं है कि उसके पास कोई बीटी शिक्षा नहीं थी, देश और नौसेना के लिए कुछ भी नहीं किया था। उसे सभी लेखों में लोगों का अपमान करने की अनुमति क्यों है? सिर्फ इसलिए कि एमओ साइट स्पष्ट रूप से बेड़े के वास्तविक और संभावित लक्ष्यों और उद्देश्यों को स्पष्ट करती है, न कि सौ साल पहले बकवास? लेकिन ये पहले से ही तिमोखिन की योग्यता के लिए सवाल हैं! आह, रूसी नौसेना "रक्षा मंत्रालय के शब्दांकन से शुरू होने वाला औपचारिक रूप से, हमारी नौसेना सामान्य रूप से अटैक वार के लिए तैयार नहीं है।" बिल्कुल सही! आक्रामकता और आत्महत्या के लिए नहीं, बल्कि रूस के युद्ध और युद्ध के कारण के लिए! और इसके परिणामस्वरूप, श्री तिमोखिन की "रेसिपी": "हम, देशभक्त नागरिकों के पास, राज्य के अधिकारियों को अपना विचार बदलने के लिए भौतिक ताकत नहीं है। लेकिन वह मौखिक आलोचना का जवाब नहीं देती हैं। लेकिन, मार्क्स की परिभाषा के अनुसार, हम अपना सिद्धांत बना सकते हैं कि सब कुछ कैसा होना चाहिए और इसे जनता की संपत्ति बनाना चाहिए। और तब इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, यदि केवल इसलिए कि बहुमत को निष्क्रिय कर दिया जाएगा। और, स्पष्ट रूप से, इस के लिए पल आ गया है। क्योंकि कब, अगर अभी नहीं, और कौन, अगर हम नहीं? " और यह पहले से ही Navalny, Sable, Sobchak and Co. की शैली में कॉल जैसा दिखता है ऐसा लगता है कि सोरोस और उनके स्कूल के बिना नहीं हो सकता था। यह सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एक कॉल की याद दिलाता है और एक आपराधिक अपराध के रूप में दंडनीय है। इसे कम से कम कहने के लिए लेखक के द्वारा हाइलाइट किए गए सब कुछ को दोहराने के लिए ... पाठ केवल अभद्र है, यह पूरी बकवास है। अंतिम हॉव के दौरान "समुद्र पर विजय प्राप्त करने के लिए टैंक नौसेना के लिए मुख्य है। जब यह समुद्र में रहने के लिए पूरी तरह से प्रभावित होता है, तो यह एक प्रतिनिधि के रूप में समुद्र में रहने की अनुमति देने के लिए आवश्यक नहीं है। " इसे पढ़ें! कार्य स्पष्ट रूप से असंभव है, लेकिन टिमोखिन इसे सबसे आगे रखता है। वर्चस्व को रोकना ... बस आश्चर्यजनक रूप से बेवकूफी है, इसे कैसे रोका जाए अगर यह वास्तव में पहले से ही है और कहीं नहीं जाएगा? मेरी राय यह है कि - तिमोखिन ने अपने शब्दों में, टिप्पणियों में लिखा, रसोई घर में बबल (यह एक आपराधिक अपराध है, वैसे), भालू से चलता है, थूथन को असहमति से मारता है, उसे अस्पताल के बेड पर भेज रहा है (रूसी संघ के आपराधिक संहिता का एक लेख), एक पैराशूट के साथ कूदता है। एक तूफान में (अच्छी तरह से, यह एक बड़ी बात नहीं है), आईसीई के बारे में अच्छे लेख लिखता है, वियतनाम युद्ध के समय के बारे में, हवाई जहाज के बारे में अव्यवसायिक, वीएम इतिहास पर पूर्वव्यापी ... वह ज्ञान के एक विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञ नहीं है, वह एक अधिकारी नहीं है, क्योंकि वह शपथ के सार को नहीं समझता है, वह देश और नौसेना के नेतृत्व का अपमान करता है और अपमानित करता है, और जिनके पास उससे असहमत होने की क्षमता है, वह चर्चा अधिकारियों (मुझे उम्मीद है कि पूर्व) को बुलाता है, जो तर्क की गर्मी में, बाहर धमाका करता है जो आवाज करने योग्य नहीं है। मुझे पूरा यकीन है कि तिमोखिन रूस का देशभक्त नहीं है, जिसे इतनी दृढ़ता से घोषित किया जाता है। उनके लेखों को ध्यान से पढ़ें, विश्लेषण करें और उकसावे में न आएं। vladimir1155 19 सितंबर 2019 11: 04 नया रूसी संघ की नौसेना "सख्ती से औपचारिक रूप से, रक्षा मंत्रालय के शब्दांकन से शुरू, हमारी नौसेना सामान्य में एक अटैक वार की तलाश के लिए इच्छुक नहीं है।" बिल्कुल सही! आक्रामकता और आत्महत्या के लिए नहीं, बल्कि रूस के युद्ध और युद्ध के कारण के लिए! मैं हर शब्द की सदस्यता लेता हूं, मैं सम्मानित लियोनिद से सहमत हूं फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 15: 32 नया 1. जो लेन्या "सम्मानित" है, वह खुद "हस्ताक्षरित" (अपने "स्प्रे" और "ऊपर" निर्वहन ") 2. दुश्मन को सक्रिय कार्रवाई के बिना, वे "आते हैं और बनाते हैं" इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारे एसएसबीएन "गढ़ों" में है - फ्रीमैन (यूएसए) से यह बहुत अच्छी तरह से वर्णित किया गया था कि 667 परियोजनाओं की प्राप्ति अमेरिकी नौसेना में सकारात्मक रूप से प्राप्त हुई थी - के लिए यूएसएसआर की नौसेना को सक्रिय रणनीति को छोड़ने के लिए मजबूर किया SovAr238A 19 सितंबर 2019 23: 04 नया भौतिकशास्त्री, निश्चित रूप से इसे बंद कर दिया ... लेकिन क्यों, जब मैंने लड़ाकू पनडुब्बी के संस्मरण पढ़े, उन जगहों पर जब वे हमारे और अन्य पनडुब्बियों के बीच झड़पों के बारे में लिखते हैं, तो वे हमेशा पीछे से वार के बारे में लिखते हैं ... इससे आपको समझ में आता है या नहीं? यदि आपके पास दिमाग है - तो यह केवल एक ही बात स्पष्ट करता है - हमारी नावें हमेशा बंदूक की नोक पर होती हैं। प्रारंभिक गलियारे में जाने की संभावना - उनके पास बिल्कुल शून्य है! जैसे ही वे शुरुआती क्षितिज पर पहुंचते हैं, और इसका पालन करना शुरू करते हैं (स्थलाकृतिक स्थान के लिए जा रहे हैं) - वे तुरंत और बिना किसी हिचकिचाहट के साथ गोली मार देंगे ... सिर्फ इसलिए कि। कि वे हमेशा अपनी पूंछ पर दुश्मन है .. जरा सोचिए, पनडुब्बी कमांडरों ने प्रत्येक दिन अखरोट रखरखाव के लिए स्टार हीरो को कितना दिया था। और उनके सेनापति सिर पर सवार हो गए। हमारे SSBNs के प्रत्येक प्रकटीकरण संगत के लिए .... क्या आप अंतर देखते हैं? बहुपद 20 सितंबर 2019 02: 50 नया यह 70-80 के दशक का दौर था। 2000 के दशक तक, टकराव शून्य हो गए थे, उन्हें "ओर से" देखा जा रहा था, ऐसा कहते हैं, क्योंकि मैं सटीक कोण और रेंज देने के लिए तैयार नहीं हूं। उन्हें वही मिला जो वे तय समय में चाहते थे। अब अन्य लेआउट। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 09: 23 नया हां, मैंने एक से अधिक बार पनडुब्बी से यह सुना है। Serg65 19 सितंबर 2019 12: 02 नया तो मिस्टर तिमोखिन यह थोड़ा अव्यवस्थित है, लेकिन मूल रूप से हाँ! फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 16: 04 नया लेकिन मूल रूप से हाँ! लेकिन कौन संदेह करेगा कि इंटेल के अनुसार स्नेज़ का चुपके है लेनिया के साथ "एक क्षेत्र एक बेर के साथ" होगा Serg65 19 सितंबर 2019 16: 06 नया मैक्सिम, क्या आपको स्कूल में रहते हुए भी रैंप पर उतारा गया है? और मैं एक चुपके, बच्चा क्यों बनूंगा? फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 16: 13 नया और मैं एक चुपके, बच्चा क्यों बनूंगा? ऊह मुददमीले सर्ग उड़ा दिया! यहाँ आपको "पूरी लड़की" होने का नाटक नहीं करना है, आप सब कुछ समझते हैं Serg65 20 सितंबर 2019 08: 12 नया मेडमियोसेले सर्ग अभिविन्यास बदलें, एक आदमी होने के थक गए ???? LeonidL 19 सितंबर 2019 16: 49 नया जब कहने के लिए चतुर कुछ नहीं होता, जब तर्क लंगड़ा होता है, तो वह केवल थूकने और कसम खाने के लिए ही रहता है। फिजिका से नाराज मत बनो, कोई ज़रूरत नहीं है। बस इसे नजरअंदाज करें। फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 17: 15 नया जब कहने के लिए चतुर कुछ नहीं होता, जब तर्क लंगड़ा होता है, तो वह केवल थूकने और कसम खाने के लिए ही रहता है। लेन्या, यह सिर्फ "शीर्ष दस" में है - आपके बारे में, - टिप्पणियों में आपके डीआईपीएस एलेक्सी रा 19 सितंबर 2019 14: 52 नया "दुनिया में बेड़े संख्या 2 से एक अच्छे जहाज की एक अच्छी तस्वीर। नियंत्रण क्रूजर "ज़ेडानोव", 5 वीं ओपेक से, 1983 » - 1953 के लिए एक अच्छा जहाज और वर्ष 83 वें के लिए कार्यों और अवसरों के मामले में काफी पुराना। परमाणु मिसाइल युग में तोपखाने क्रूजर ... अच्छा! सुंदर! लेकिन वास्तव में बेकार है। क्या आप प्रबंधन के बिना OPESK छोड़ने का प्रस्ताव करते हैं? यह एक शुद्ध 68 बीआईएस है, और नियंत्रण क्रूजर इस पर आधारित है। हां, और मूल ६, बीआईएस डीडीओ का समर्थन करने के लिए मूल्यवान था - यूडीसी और हमले के विमान / हेलीकाप्टरों के अन्य वाहक की अनुपस्थिति में। इसके अलावा, यह "सोवियत राज्य की दुष्ट प्रतिभा और इसकी अनैच्छिक कब्र खोदने वालों में से एक - दिमित्री फेडोरोविच उस्तीनोव" से पता चलता है। यह पहले से ही बहुत ताजा है, लेकिन बहुत ही दुर्गंधपूर्ण समाचार है। उस्तीनोव स्टालिन पीपुल्स कमिसर ऑफ़ आर्मामेंट्स, विक्ट्री के रचनाकारों में से एक है, जिन्होंने नौसेना और सामरिक परमाणु बलों के गठन के लिए बहुत कुछ किया। अरे हां ... चार अंडर-क्रूजर-प्री-एयरक्राफ्ट कैरियर, पीआर 1143 - यह व्यक्तिगत रूप से दिमित्री फेडोरोविच की योग्यता है। ग्लोरी के तीन गुना छोटे विस्थापन, एक एविंसल के आधे आकार के वायु समूह और एक सामान्य एबी के विस्थापन जैसे हथियारों के साथ विमान ले जाने वाले क्रूजर, लेकिन केवीवीपी वायु समूह के साथ। और 1143.5 से शूट किए गए कैटप्लस भी उनकी योग्यता हैं। LeonidL 19 सितंबर 2019 16: 57 नया मैं नियंत्रण जहाजों की आवश्यकता पर आपसे पूरी तरह सहमत हूं। लेकिन ... विशुद्ध रूप से तोपखाने क्रूजर के "आधार पर" आप एक अच्छा नियंत्रण जहाज नहीं बना सकते, यह सब एक हैक है। किसी कारण से, आपको अंडर-क्रूजर-अंडर-कैरियर पसंद नहीं है, लेकिन अंडर-क्रूजर-अंडर-शिप नियंत्रण आपकी पसंद के अनुसार है। आप भीड़ और अपने स्वयं के चालक दल और सभी कर्मचारियों के झंडे, विशेषज्ञों के बीच लंबे समय तक ऐसे आधे-आधे जहाजों की तरह रहेंगे, ... कुछ भी अच्छा नहीं। नियंत्रण जहाज, वह नियंत्रण जहाज होना चाहिए। मैं विमान वाहक के साथ सहमत हूं, लेकिन ... यह नियंत्रण जहाजों को बनाने के लिए संभव था, लेकिन विमान वाहक के साथ ... मुझे लगता है कि उनके विन्यास, आयुध और आयामों में विमान ले जाने वाले क्रूजर की उपस्थिति इस सिद्धांत पर दोनों जहाज निर्माताओं और विमान डिजाइनरों की वास्तविक क्षमताओं का परिणाम है कि कम से कम कुछ बेहतर है। कुछ नहीं से। फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 17: 16 नया मुझे लगता है उनके विन्यास, आयुध और आयाम में विमान ले जाने वाले क्रूजर की उपस्थिति दोनों शिपबिल्डरों और विमान डिजाइनरों की वास्तविक क्षमताओं का परिणाम है कि सिद्धांत पर कम से कम कुछ भी नहीं से बेहतर है। सोच तुम्हारे बारे में नहीं है एलेक्सी रा 19 सितंबर 2019 18: 29 नया मैं नियंत्रण जहाजों की आवश्यकता पर आपसे पूरी तरह सहमत हूं। लेकिन ... विशुद्ध रूप से तोपखाने क्रूजर के "आधार पर" आप एक अच्छा नियंत्रण जहाज नहीं बना सकते, यह सब एक हैक है। किसी कारण से, आपको अंडर-क्रूजर-अंडर-कैरियर पसंद नहीं है, लेकिन अंडर-क्रूजर-अंडर-शिप नियंत्रण आपकी पसंद के अनुसार है। आप भीड़ और अपने स्वयं के चालक दल और सभी कर्मचारियों के झंडे, विशेषज्ञों के बीच लंबे समय तक ऐसे आधे-आधे जहाजों की तरह रहेंगे, ... कुछ भी अच्छा नहीं। नियंत्रण जहाज, वह नियंत्रण जहाज होना चाहिए। खैर, हमारे पास बड़े लैंडिंग ऑपरेशंस का अनुभव नहीं था, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिकियों ने विशेष उभयचर संचालन नियंत्रण जहाजों का निर्माण करना शुरू किया - जिससे बाद में बेड़े नियंत्रण जहाजों को बनाया जाने लगा। हमारे लिए, KRU प्रोजेक्ट 68U, मुख्यालय को स्थायी रूप से तैनात करने और अपनी गतिविधियों को सुनिश्चित करने के लिए अपनी तरह का पहला जहाज था (और एक "लकड़ी की छत क्रूजर" पर पसंद नहीं है - जब, मुख्यालय और उनके काम की तैनाती के लिए, KR क्रू "सील")। मन के अनुसार, यहां तक ​​कि न्यूनतम संस्करण में भी दोनों आफ्टर टावरों (सेन्याविन पर) को हटाने के लिए आवश्यक था, और सबसे महत्वपूर्ण बात - पूरे SZA और MZA को WWII से AK-726 और AK-230 में बदलना। यह एल / सी वारहेड -2 (एक बी -11 - 7-8 लोगों की गणना) की संख्या को काफी कम कर देगा और साथ ही साथ जहाज की वायु रक्षा को मजबूत करेगा। काश, नौसैनिक जहाज दो धनुष टावरों को हटाने में सक्षम नहीं होते - वे अपने दांतों के साथ चौथे टॉवर पर भी बैठे होते थे (सेन्याविन पर, इसके निराकरण को रोकने के लिए एक घेरा भी रखा गया था - हालांकि, इससे कोई फायदा नहीं हुआ)। यद्यपि स्विचगियर पर दोनों पिछाड़ी टावरों को हटाते समय, एक हेलीकॉप्टर हैंगर पर चढ़ गया। Serg65 20 सितंबर 2019 08: 46 नया ठीक है, हमारे पास बड़े लैंडिंग ऑपरेशंस का अनुभव नहीं था, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिकियों ने विशेष उभयचर संचालन नियंत्रण जहाजों का निर्माण शुरू किया - जिससे बाद में बेड़े नियंत्रण जहाजों को बनाया जाना शुरू हुआ। लेकिन 80 के दशक की शुरुआत तक, हमारे पास पहले से ही ऑपरेशनल स्क्वाड्रन के प्रबंधन का अनुभव था और केआरयू के इस अनुभव के आधार पर, झेडानोव उस समय पहले से ही बड़े बेड़े समूहों के प्रबंधन के लिए बढ़ी हुई आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सका था! मैं चालक दल और कर्मचारियों की जीवित स्थितियों का उदाहरण भी नहीं दूंगा। मेरे अनुभव से एक उदाहरण ... फ्लैगमेच ने एक विध्वंसक पुराने जमाने के लिए एक प्रदर्शन की व्यवस्था करने का फैसला किया, ताकि ज़ादानोव पर पहुंचने के लिए आपको नाव या लॉन्गबोट का उपयोग करने की आवश्यकता हो। छापेमारी में 38 पैसे मिले हैं। उन शानदार शॉट्स के पास क्या हुआ जो शायद आपको बताने की ज़रूरत नहीं है ....। 70 के दशक के अंत में, यह स्पष्ट हो गया कि Pr। 1123 ने खुद को एक पनडुब्बी रोधी के रूप में सही नहीं ठहराया, लेकिन मेरी राय में इस परियोजना के क्रूजर ने एक उत्कृष्ट नियंत्रण जहाज बनाया होगा, लेकिन, जैसा कि मैं इसे समझता हूं, उस समय सचिव और एडमिरल जनरल्स अधिक "महत्वपूर्ण" के साथ व्यस्त थे "कर्मों से! किसी तरह प्रेरित किया अजीब तरह से पर्याप्त है, लेकिन सोवियत जहाजों पर रहने की स्थिति हमेशा से रही है, इसे हल्के ढंग से रखने के लिए, बहुत नहीं। उन्होंने एक लड़ाकू वाहन बनाया, आपको और क्या चाहिए? और चालक दल किसी भी तरह बदल जाएगा, छोटा नहीं! एलेक्सी रा 20 सितंबर 2019 14: 10 नया लेकिन 80 के दशक की शुरुआत तक, हमारे पास पहले से ही ऑपरेशनल स्क्वाड्रन के प्रबंधन का अनुभव था और केआरयू के इस अनुभव के आधार पर, झेडानोव उस समय पहले से ही बड़े बेड़े समूहों के प्रबंधन के लिए बढ़ी हुई आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सका था! मैं बहस नहीं करता। लेकिन 80 के दशक में ऐसा अनुभव करने के लिए, 70 के दशक के शुरुआती दिनों में स्विचगियर में ज़ेडानोव को फिर से बनाना आवश्यक था। Serg65 20 सितंबर 2019 14: 49 नया 80 के दशक में इस तरह के अनुभव के लिए, स्विचगियर में ज़ेडानोव को फिर से बनाना आवश्यक था खैर, मैं यह मतलब है ... 80 के दशक की शुरुआत तक, हमारे पास परिचालन स्क्वाड्रनों के प्रबंधन का अनुभव था मैं इस तथ्य के बारे में बात नहीं कर रहा हूं कि केआरएल से स्विचगियर बनाने के लिए आवश्यक नहीं था, 80 के दशक की शुरुआत से पहले स्विचगियर ने खुद को पूरी तरह से उचित ठहराया ... एलेक्सी रा 19 सितंबर 2019 18: 37 नया मुझे लगता है कि उनके विन्यास, आयुध और आयाम में विमान ले जाने वाले क्रूजर की उपस्थिति दोनों शिपबिल्डरों और विमान डिजाइनरों की वास्तविक क्षमताओं का परिणाम है कि सिद्धांत पर कम से कम कुछ नहीं से बेहतर है। नहीं। यह सिर्फ एक व्यक्ति के इच्छाधारी निर्णय का परिणाम है। बुटोमा के नेतृत्व में शिपबिल्डर्स एक पूर्ण एबी का निर्माण करने के लिए तैयार थे। विमान डिजाइनर डेक वाहनों को तैयार कर रहे थे - मिग -19 के समय से शुरू। लेनिनग्राद में, एक गुलेल बनाया गया था। डिजाइनरों ने जनसंपर्क जारी किया। 1160 और 1153। और इन एबी ने प्रचार किया संयुक्त रूप से नौसेना और उद्योग और व्यापार मंत्रालय। लेकिन एक मजबूत इरादों वाला फैसला सभी पर काम करता है साम्राज्यवादी आक्रमण का साधन बंद कर दिए गए - और केवीवीपी के साथ 1143 का निर्माण करना था। उस्तीनोव, और 1143.5 पर केवीवीपी से एक हवाई समूह चाहते थे (और गुलेल को काट दिया, जो इस एबी पर पहले मसौदे में रखा गया था)। लेकिन कुज़नेत्सोव को स्प्रिंगबोर्ड (मूल रूप से केवीवीपी के टेक-ऑफ को सुनिश्चित करने के लिए) और एसयू -27 और मिग -29 की उपस्थिति से बचाया गया था, जो इस स्प्रिंगबोर्ड से उड़ान भर सकता था। LeonidL 19 सितंबर 2019 22: 24 नया यह इतना आसान नहीं है, मुझे लगता है। सैन्य-राजनीतिक और तकनीकी प्रकृति दोनों के कई कारण और तर्क थे। शिपबिल्डर्स की तत्परता अच्छी है, लेकिन शब्द हैं और कर्म हैं। उस्तिनोव सैन्य निर्माण के भारतीय नौसेना पोत और बहिष्कार को अच्छी तरह से जानते थे, सबसे अधिक संभावना है, उन्होंने अंतिम परिणाम पर संदेह किया। इसलिए, उन्होंने अपने हाथ में एक गौरैया रखने का फैसला किया, न कि आकाश में एक क्रेन। ये मेरा विचार हे। एलेक्सी रा 20 सितंबर 2019 14: 16 नया शिपबिल्डर्स की तत्परता अच्छी है, लेकिन शब्द हैं और कर्म हैं। उस्तिनोव सैन्य निर्माण के भारतीय नौसेना पोत और बहिष्कार को अच्छी तरह से जानते थे, सबसे अधिक संभावना है, उन्होंने अंतिम परिणाम पर संदेह किया। एवी Ave. 1153 पर निर्णय के समय, निकोलेव ने पहले ही 45 टीटी के कुल विस्थापन के साथ दो टीएवीकेआर का निर्माण किया था। इसलिए, उन्होंने अपने हाथ में एक गौरैया रखने का फैसला किया, न कि आकाश में एक क्रेन। ये मेरा विचार हे। एक गौरैया नहीं, बल्कि एक आदमकद उड़ान (कठिनाई के साथ और दूर तक) गौरैया का मॉडल नहीं। उस्तिनोव सैन्य निर्माण के भारतीय नौसेना पोत और बहिष्कार को अच्छी तरह से जानते थे, सबसे अधिक संभावना है, उन्होंने अंतिम परिणाम पर संदेह किया। लेकीन मे "याक - डेक पर श्यामक"उसे कोई संदेह नहीं था। व्लादिमीर बोरिसोविच 24 सितंबर 2019 04: 26 नया आप देखें, अगर मामला परियोजना के एक जहाज तक सीमित था, और इसकी निरंतरता और इसके नए संशोधन के कारण, आपके शोध का पूरा कारण नहीं होगा। और इसलिए, ऐसा लगता है कि कई समूहों के बीच एक गहन अंडरकवर संघर्ष था। वैसे, विक्रमादित्य में बाकू श्रृंखला में उत्तरार्द्ध के परिवर्तन का एक उदाहरण सांकेतिक है। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 09: 25 नया विमान डिजाइनर डेक कारों को तैयार कर रहे थे - मिग-एक्सएनयूएमएक्स के समय से शुरू। ए वी ए वी के तहत अधिक। 85। पहली बार डेक मिग-एक्सएनयूएमएक्स प्रदर्शित होना था एलेक्सी रा 20 सितंबर 2019 14: 17 नया हाँ ... मेरा मतलब था, डेक मिग -19 के बारे में बात करना। जेट डेक के तहत पहली सोवियत एबी परियोजना। LeonidL 19 सितंबर 2019 07: 00 नया क्रूजर "ज़ेडानोव" की खूबसूरत तस्वीर को कैप्शन ने मुझे छुआ, पाठक को सूचित किया कि यह एक अच्छा क्रूजर और एक अच्छा नियंत्रण जहाज था। यह क्रूजर, एक तोपखाना अधिकारी और जहाज पर सेवा देने वाला कोई भी अधिकारी, उस सदोम के बारे में जानता है जो चल रहा है। प्रभु को यह पता न चलने दें, अधिकारी "कर्मचारियों" या "नियंत्रण जहाज" के शीर्षक से जहाज को खुश कर देंगे। क्रूजर को कर्मचारियों के लोगों की भीड़ को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है, जो आमतौर पर सबसे अच्छे केबिनों पर कब्जा कर लेते हैं, लेकिन यह मुख्य बात नहीं है। एक तोपखाने के जहाज को नियंत्रण जहाज के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है - यह उसका लड़ाकू कार्य नहीं है, वहाँ निरर्थक नियंत्रण और संचार उपकरण रखने के लिए कहीं नहीं है, अन्य पदों, विशेषज्ञों, एंटेना, आदि की आवश्यकता है। एक तोपखाने क्रूजर को कॉल करने के लिए, जहाज निस्संदेह सुंदर है और एक उत्कृष्ट नियंत्रण जहाज के रूप में लायक है - साधन। उसके बारे में कुछ भी नहीं जानना और यह नहीं समझना कि बेड़े प्रबंधन वास्तव में क्या है। श्री तिमोखिन के दूसरे काम के हिस्से का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद, टिप्पणी जारी रहेगी। dirk182 19 सितंबर 2019 08: 17 नया तिमोखिन के अनुसार, आपकी स्थिति समझ में आती है। अब अपने सुझावों को आवाज़ दें। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 08: 58 नया लियोनिडाला की स्थिति को कई बार आवाज दी गई है - किसी को भी किसी भी चीज के बारे में कोई राय नहीं व्यक्त करनी चाहिए। सब कुछ बहुत सरल है और दो लाइनों में फिट बैठता है। vladimir1155 19 सितंबर 2019 11: 15 नया मैं लियोनिद, रूसी संघ 1 पनडुब्बी और विशेष रूप से परमाणु पनडुब्बी के बुद्धिमान नौसेना सिद्धांत का सार और उनके निकास और वापसी को सुनिश्चित करने का साधन के लिए आवाज दूंगा। मयूर कार्यों को हल करने के लिए 2 सतह के कई जहाज। मकई 19 सितंबर 2019 14: 11 नया 1) पनडुब्बियां और विशेष रूप से परमाणु पनडुब्बी और उनके निकास और वापसी सुनिश्चित करने के साधन। 2) शांति के कार्यों को हल करने के लिए कई सतह के जहाज। 3) बमवर्षक विमान, सही समय और स्थान पर गोला-बारूद पहुंचाने का सबसे कारगर तरीका LeonidL 19 सितंबर 2019 17: 20 नया यदि आप पिछले लेखों पर मेरी टिप्पणियों को पढ़ते हैं, तो आप स्थिति को समझेंगे। यह सरल है - चुनौतियों का एक विषम, उच्च-तकनीकी प्रतिक्रिया जिसका उद्देश्य "समुद्री युद्ध" नहीं है, बल्कि वैश्विक संघर्ष की रोकथाम है। बिग फ्लीट पर धन और बलों को नहीं भटकना, लेकिन भू-राजनीतिक कार्यों और आर्थिक अवसरों के संदर्भ में संतुलित बेड़े में विशेषीकृत जहाज बेड़े। मुख्य कार्य, मेरी राय में, उत्तरी समुद्री मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए एक पर्याप्त समूह का निर्माण है। इसलिए मुझे लगता है कि जो किया जा रहा है वह काफी उचित है और काफी पर्याप्त है। फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 17: 30 नया यदि आप पिछले लेखों पर मेरी टिप्पणियों को पढ़ते हैं, तो आप स्थिति को समझेंगे। यह "ज्ञात" है - और इसे दो शब्दों में चित्रित किया जा सकता है - "स्प्रे" और "हाइलाइट" चुनौतियों का एक असममित, उच्च-तकनीकी प्रतिक्रिया जिसका लक्ष्य "समुद्री युद्ध" नहीं है, बल्कि वैश्विक संघर्ष की रोकथाम है। सिर्फ STRATEGIC निरोध पूरी तरह से "शास्त्रीय साधनों" पर निर्भर करता है जैसे कि परमाणु हथियार और ICBM लेकिन "गैर-रणनीतिक" विषमता के लिए, और आपको देखने की जरूरत है ... मुख्य कार्य, मेरी राय में, उत्तरी समुद्री मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए एक पर्याप्त समूह बनाना है संक्षेप में - ICE-BREAKERS SovAr238A 19 सितंबर 2019 23: 12 नया विषमता मौजूद नहीं है ... यह किसी भी मन को समझने के लिए पर्याप्त है। सिवाय उन के। जो मैनुअल पर लिखते हैं। एक रॉकेट एक विमान वाहक को नष्ट कर सकता है। लेकिन, एक रॉकेट को इसके माध्यम से तोड़ने के लिए, कई सौ मिसाइल वाहक का निर्माण करना, एक हजार पायलटों को प्रशिक्षित करना, कई एयरफील्ड से लैस करना, हजारों सैन्य विशेषज्ञों के साथ बीएओ, एयरफील्ड उपकरणों का एक गुच्छा है। यह कुल में अरबों डॉलर का सैकड़ों है ... Dedkastary 19 सितंबर 2019 08: 32 नया अच्छी आलोचना के साथ, यह अजीब है कि आपके पास VO पर एक भी प्रकाशन नहीं है, क्या आप टिमोखिन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं? आप स्पष्ट रूप से अधिक जानकार हैं। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 09: 09 नया कुछ अजीब और स्पष्ट रूप से असामान्य कारणों से, किसी व्यक्ति की अच्छी आलोचना नहीं है, लेकिन अक्षमतापूर्ण बकवास, गहरी गहरी सेवानिवृत्ति में यूएसएसआर नौसेना के एक अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करना (उसके पास अभी भी मुख्य नौसेना कर्मचारी है, हालांकि वह नौसेना का सामान्य कर्मचारी है। शायद 50 के साथ), लेकिन एक वंशानुगत रईस भी। सोवियत मान लिया जाना चाहिए। मैं आमतौर पर उसके विरोध को अनदेखा करता हूं, लेकिन आप इसे ले सकते हैं और किसी भी टिप्पणी से किसी भी यादृच्छिक टुकड़े को हथियाने के लिए नीचे उतर सकते हैं। यह क्रूज़र एक तोपखाना अधिकारी है और जहाज पर सेवा देने वाला कोई भी अधिकारी जानता है कि क्या चल रहा है। भगवान के मालिक जहाज को "मुख्यालय" या "नियंत्रण जहाज" के शीर्षक से खुश करेंगे। इस स्विचगियर के क्रूजर "ज़ेडानोव", एवेन्यू एक्सएनयूएमएक्सयू पर पुनर्निर्माण किया गया, जहां यू का अर्थ "प्रबंधन" है क्रूजर को एक नियंत्रण जहाज में परिवर्तित करने की प्रक्रिया में, निम्नलिखित उपकरणों और प्रणालियों को उन्नत किया गया था: [2] GK [3] के तीसरे टॉवर को हटा दिया गया था, इसके स्थान पर एक सुपरस्ट्रक्चर स्थापित किया गया था, जिसने SKPV [4], चालक दल के कॉकपिट, एक प्रिंटिंग हाउस और ओसा वायु रक्षा प्रणाली को छत पर रखा था। एक मेज़ेन मास्ट दिया गया था, मुख्य मस्तूल से एक्सएनयूएमएक्स मीटर पिछाड़ी, व्याज़ रेडियो ट्रांसमीटर के लिए एक एंटीना डिवाइस और उस पर सुनामी-बीएम सिस्टम के लिए एंटेना स्थापित किए गए थे। चक्रवात नेविगेशन और संचार प्रणाली की सुनामी-बीएम प्रणाली स्थापित की गई थी रिमोट कंट्रोल रडार MP-30 के साथ माउंटेड 230-mm गन माउंट AK-104 यूटा में हेलीपैड सुसज्जित नियंत्रण जहाज के मुख्य कार्यों (नियंत्रण और संचार कार्यों) को हल करने के लिए, ज़ेडानोव क्रूजर, जब इसे परिवर्तित किया गया था, बेड़े कमांडर (परिचालन स्क्वाड्रन के कमांडर) के प्रमुख कमांड पोस्ट के सेट के लिए प्रदान किया गया था। कॉम्प्लेक्स की संरचना में शामिल हैं: एक समूह मुख्यालय ऑपरेशनल पोस्ट, जिसे बेड़े (स्क्वाड्रन) पर नियंत्रण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, साथ ही ऑपरेशन की तैयारी और संचालन में बातचीत करने वाले बल; टोही और संचार मुख्यालय, साथ ही सामग्री तैयार करने और संचालन की योजना में परिचालन-सामरिक गणना करने और बेड़े (स्क्वाड्रन) के लिए पीछे और विशेष समर्थन के उपायों को विकसित करने के लिए एक परिचालन योजना समूह की तैनाती। समूह मुख्यालय ऑपरेशनल पोस्ट (फैक्ट्री नंबरिंग के लिए पोस्ट संख्या 51) में बेड़े नियंत्रण पद (स्क्वाड्रन), पनडुब्बियां, पनडुब्बी रोधी बल, मिसाइल-तोपखाने और लैंडिंग जहाज, जहाज और समर्थन जहाज, मुकाबला करने के विरोधी इलेक्ट्रॉनिक साधन, तटीय मिसाइल शामिल थे इकाइयां, स्थिति पोस्ट (मुख्य मुकाबला जानकारी पोस्ट), विमानन, वायु रक्षा, खदान रक्षा और नौवहन समर्थन, बड़े पैमाने पर विनाश के हथियारों के खिलाफ सुरक्षा, और अन्य। टोही और संचार मुख्यालय (350 वर्ग मीटर से अधिक के कुल क्षेत्र के साथ) के साथ एक समूह संचालन पद की तैनाती के लिए, पूर्व कमांड रूम का उपयोग ऊपरी डेक के धनुष में, पूर्वानुमान के तहत (स्पैक कम्पार्टमेंट और अधिकारियों की गड़बड़ी के बीच) किया गया था। इन बेड़े के निष्कासन की भरपाई की जानी थी, हमारे बेड़े में नाविकों और फोरमैन रखने के लंबे समय से चली आ रही परंपरा से पीछे हटने और सुपरस्ट्रक्चर की मात्रा और ऊंचाई में वृद्धि करके पूर्वानुमान और 1 प्लेटफॉर्म (क्यूब्स नंबर 1 और 2) पर नए कमांड रूम बनाकर, नावों के स्थानांतरण के साथ। दूसरे मंच पर। बेड़े के कमांडर (स्क्वाड्रन कमांडर) और एक नियंत्रण कक्ष वाले कर्मचारियों के प्रमुख का काम स्थल II (पहियाघर के नीचे) से सुसज्जित था, जिससे स्थिति पद के सामने अधिरचना का धनुष बढ़ता था। परिचालन योजना समूह का परिसर नए क्यूबिकल्स में से एक के बगल में पहली साइट पर रखा गया था। फ्लैगशिप कमांड पोस्ट कॉम्प्लेक्स के पोस्ट बाहरी और इंट्रा-शिप संचार सुविधाओं, रिमोट नेविगेशन एड्स, टैबलेट टेबल और ऊर्ध्वाधर गोलियों से लैस थे। स्थिति पोस्ट में विशेष वायु और सतह की गोलियां भी थीं, साथ ही एक दूरस्थ ऑल-राउंड संकेतक भी था। संचार आधुनिकीकरण संचार के माध्यम से आयुध के संदर्भ में, ज़ेडानोव स्विचगियर एक नए प्रकार का जहाज था, जो रूसी नौसेना में पहला था। इस पर स्थापित उपकरणों ने 60 रेडियो संचार चैनलों को एक साथ चलाने के लिए एक साथ पूरी आवृत्ति रेंज में काम करना संभव बना दिया, जिससे सभी प्रकार के काम उपलब्ध हो गए: श्रवण टेलीफोनी और टेलीग्राफी, लेटर प्रिंटिंग, फोटो टेलीग्राफी, अल्ट्रा-फास्ट संचार, उच्च गति के प्रसारण का स्वत: स्वागत और उपग्रह आधारित अंतरिक्ष संचार। लंबी दूरी के संचार पोस्ट के उपकरण ने बेड़े में रेडियो और रिले लाइनों के माध्यम से मल्टी-चैनल संचार प्रदान किया जब बेड़े के आधार में पार्क किया गया। तट के साथ जहाज के संचार की विश्वसनीय सीमा 8 हजार किमी तक पहुंच गई, और पुनरावर्तक का उपयोग करते समय - 12 हजार किमी, विश्व महासागर के किसी भी क्षेत्र के साथ संचार अंतरिक्ष संचार लाइनों पर संभव था, लेकिन केवल उपग्रहों की कक्षाओं (लघु संचार सत्र) के माध्यम से। पहले आधुनिकीकरण के बाद एक पूर्ण-विकसित (भूस्थिर उपग्रहों के माध्यम से) अंतरिक्ष संचार प्रणाली को 9 वर्षों में स्थापित किया गया था। संचार लाइनों के आगे विकास और सुधार की संभावना की परिकल्पना की गई थी, जिसके लिए परिसर, जनता, बिजली आपूर्ति क्षमता आदि जहाज पर आरक्षित थे। परीक्षणों के दौरान, क्रूजर के पास कई संचार केंद्रों (देश के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ, नौसेना के जनरल स्टाफ और बेड़े, उड्डयन, नौसेना बल और ब्लैक सी बेड़े के गठन, 5 ऑपरेशनल स्क्वाड्रन और अन्य बेड़े के जहाजों के मुख्यालय) के साथ स्थिर और विश्वसनीय रेडियो संचार था। एक "सेन्यविन" भी था, जहाँ दोनों पिछाड़ी टावर नहीं थे, लेकिन एक हेलीकाप्टर के लिए एक हैंगर था। यहां रईस को विषय पता है। इसलिए हर लाइन पर। बिना पढ़े वह जो लिखता है, उसे छोड़ देने का सबसे आसान तरीका यही है। मेरी तरह Serg65 19 सितंबर 2019 12: 05 नया साशा, 80 के दशक के मध्य में इन नियंत्रण जहाजों ने नौसेना समूहों के प्रबंधन में आवश्यकताओं को कितना पूरा किया? Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 12: 27 नया जहां तक ​​संचार उपकरणों की अनुमति है। लेकिन कुछ भी उसे अपडेट करने से नहीं रोकता था। और, कम से कम, ऐसा जहाज सबसे पहले किसी से बेहतर नहीं है, और दूसरे किसी भी मुख्यालय के जहाज से बचे हुए हैं, और उसी गति से कुग के साथ जा सकते हैं। Serg65 19 सितंबर 2019 12: 42 नया संचार उपकरणों की कितनी अनुमति है पहले से ही 68 परियोजनाओं ने आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया, 80 के दशक के मध्य में भी, केवल एक चीज यह है कि यह एक एडमिरल का सैलून था ... यह ठाठ था! Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 13: 00 नया तो यह एक मानक जहाज है, एक परिवर्तित नहीं। फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 16: 02 नया 68 के दशक के मध्य में भी ऐसी ही 80 परियोजनाएं क्या आप OKOP 80 के दशक में उनके लिए एक "आधुनिक" और प्रभावी "एनालॉग" ला सकते हैं? Serg65 19 सितंबर 2019 16: 08 नया पीआर 1123! आप पर क्यों हैं? मैं पहले से ही हार गया हूँ! फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 16: 23 नया क्या आप बिल्कुल? वह "एनालॉग" क्या है? एके 725?!?!? Serg65 20 सितंबर 2019 08: 09 नया माइनर, इससे पहले कि आप अपने मंदिर के एक छेद को मोड़ दें, आपको कम से कम इस क्रूजर में दिलचस्पी लेनी चाहिए! एके 725?!?!? अब मैं समझता हूं कि आपको अकादमी के लिए क्यों स्वीकार नहीं किया गया था, हालांकि आपके पास 10 में से 100 मौके थे! LeonidL 19 सितंबर 2019 17: 13 नया हां, एडमिरल का सैलून ... यह एक सपना है। "इससे बेहतर कोई नहीं" ... फिर क्यों अच्छा है क्या लिखें? "एक ही गति से KUG के साथ जा रहे हैं" ... क्या विशेष रूप से नियंत्रण जहाज के लिए विशेष रूप से उच्च गति वाले जहाज के निर्माण को रोकता है? आखिरकार, कोई भी तर्क नहीं देता है कि नियंत्रण जहाजों की आवश्यकता है! पुलिस अधिकारी 19 सितंबर 2019 21: 12 नया Novorossiysk में "कुतुज़ोव" - क्या यह उस श्रृंखला से है? Serg65 20 सितंबर 2019 08: 11 नया हाँ लेह, यह उनका भाई है! Serg65 19 सितंबर 2019 12: 03 नया VO पर आपका एक भी प्रकाशन नहीं है, और अब प्रकाशन तय करता है कि कौन होशियार है ?? Dedkastary 19 सितंबर 2019 12: 20 नया मैं पढ़ूंगा, और अपने लिए फैसला करूंगा ...। Serg65 19 सितंबर 2019 12: 43 नया मैं पढ़ूंगा, और अपने लिए फैसला करूंगा ... और अक्सर वीओ पर लेख आपके लिए जानकारीपूर्ण मूल्य है ...? खैर, रईस लियोनिदल के साथ, सब कुछ स्पष्ट और प्रकाशन के बिना है फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 16: 01 नया कौन होशियार ?? स्मार्ट - यह निश्चित रूप से आपके बारे में नहीं है LeonidL 19 सितंबर 2019 17: 09 नया मेरे समय में गंभीर सैन्य प्रकाशनों में मेरे पास पर्याप्त प्रकाशन थे, अलग-अलग पुस्तकें प्रकाशित हुईं। काश, प्रकाशित करने की इच्छा उम्र के साथ कम हो गई, और अन्य कारण हैं। मुझे लगता है कि यह युवा और प्रतिभाशाली बेड़े के अधिकारियों पर निर्भर है कि वह अपनी किस्मत का फैसला करें। नौसेना के निर्माण में शौकीनों के सार्वजनिक छद्म-देशभक्तिपूर्ण विद्रोह की लहर लाने का प्रयास मुझे फिर से घृणा करता है। खजाने का एक उदाहरण विज्ञान है। वैसे, टिमोखिन - विकिपीडिया के संदर्भों की सूची पर ध्यान दें। मुझे यकीन है कि विकिपीडिया के आधार पर किसी भी तरह से एक नया नौसेना सिद्धांत बनाने के लिए ... तो - मैं प्रतिबंधों के बीच टिप्पणी करता हूं। फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 17: 20 नया मेरे समय में गंभीर सैन्य प्रकाशनों में मेरे पास पर्याप्त प्रकाशन थे, अलग-अलग पुस्तकें प्रकाशित हुईं। यह देखते हुए कि आपने पहले यहाँ कैसे भुगतान किया था, "मूल्य" आपके कथन शून्य हैं и कुछ भी नहीं और "अपने आप" के योग्य आप बस नहीं ला सकते हैं और प्रकाशित नहीं कर सकते हैं वैसे, तिमोखिन द्वारा साहित्य की सूची पर ध्यान दें - विकिपीडिया पहले आता है LeonidL 19 सितंबर 2019 17: 56 नया सामान्य तौर पर, उसने जवाब नहीं दिया होगा, लेकिन पहले लेख के नीचे देखें। फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 18: 17 नया और क्या?!?! मेरे साहित्य की सूची में उसी पेडिवे को इंगित किया गया था Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 09: 30 नया कोई भी व्यक्ति जो लिंक किए गए पाठ को हटाने में सक्षम है, यह देखेगा कि ये फोटो के स्रोत हैं, साहित्य के नहीं। LeonidL 20 सितंबर 2019 01: 58 नया दादाजी - कि पर्याप्त दृढ़ता नीचे रखी। पढ़ें। आदमी गली में 19 सितंबर 2019 09: 34 नया या शायद यह बेहतर नहीं है? हम पर दया करो। कमेंट्री में बहुत सारे शब्द हैं। थोड़ी समझदारी है। बल्कि, शून्य। ईमानदार होने के लिए, मैंने अंत तक समाप्त नहीं किया, मैं नहीं कर सका। Serg65 19 सितंबर 2019 12: 07 नया तुम्हें किस बात का खेद है? आप सतही रूप से जीते हैं, गहराई में गोता लगाने से डरते हैं, इसलिए कम से कम आप इस तरह की टिप्पणियों से अपना दिमाग हासिल करेंगे! Serg65 19 सितंबर 2019 12: 39 नया केवल उसी अवस्था में जब वे कूदते हैं और एक सोवियत रईस को लगाना शुरू करते हैं। ठीक है, आप एक नौसैनिक विशेषज्ञ को लगाते हैं! किसी के बारे में कोई राय नहीं व्यक्त करनी चाहिए। अपने मुँह से अजीब लगता है .. है ना? dirk182 19 सितंबर 2019 13: 31 नया तो आप फिर लेख के लेखक के संबंध में अपने "ऐसा नहीं" का तर्क देते हैं, न कि बाढ़ का। मिनट और माइनस आदमी। लियोनिद दिखाई दिया। धराशायी यह स्पष्ट नहीं है कि वह गायब हो गया। लेखक यहाँ है, चर्चा के सूत्र पर। मेरा मानना ​​है कि अगर कोई कहने वाला है, तो उन्हें कहने दें। और फिर यह एक चर्चा नहीं है, लेकिन भावनाओं की एक परेड (-) Serg65 19 सितंबर 2019 13: 42 नया तो फिर आप लेखक के संबंध में अपने "ऐसा नहीं" का तर्क देते हैं तो आप लेखक के संबंध में हमारे पास दिए गए तर्कों को पढ़ें, जो आपको रोक रहा है! dirk182 19 सितंबर 2019 14: 12 नया आप पहले से ही तर्कों को पढ़ते हैं, बहुत जानकारीपूर्ण Serg65 19 सितंबर 2019 15: 42 नया यह मैं नहीं सोचता, यह लियोनिडल है। LeonidL 19 सितंबर 2019 17: 30 नया सर्गेई! आप देखते हैं कि यह दर्शक, नपुंसकता से लेकर, मूर्खतापूर्ण तरीके से व्यक्तियों का अपमान करता है। और, आश्चर्य की बात यह है कि मुझे मामूली कॉमा के लिए प्रतिबंधित किया गया है, ये दो अविश्वसनीय सज्जन सिर्फ अपमान के साथ उन्माद में बाहर आते हैं और वे इसके साथ भाग जाते हैं। हालांकि, मैं लंबे समय से इस तरह की युक्तियों से नाराज नहीं हूं। मैं अभी नोटिस नहीं करता हूं SovAr238A 19 सितंबर 2019 23: 19 नया क्या नपुंसकता? मैं आपको केवल एक भद्दा और भ्रष्ट व्यक्ति मानता हूं ... और ज़ोर से कहो। क्योंकि मैं आपको एक सामूहिक चरित्र मानता हूं। जो पैसे के लिए यहाँ अपने दुश्मन को प्रकाशित करता है। विश्वासघाती और धोखेबाज ग्रंथ। मैं व्यक्तिगत रूप से आपके उपनाम पर विचार करता हूं - दुश्मन एजेंट के काम का फल। जो सिद्धांत रूप में देशभक्ति के सभी सिद्धांतों को नष्ट कर देता है। वास्तविक आलोचना के सभी प्रश्न - आप न केवल बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि आलोचक को दोष भी दे रहे हैं। आप अनिवार्य रूप से राज्यवाद के दुश्मन हैं - या तो निष्पादन के योग्य हैं। या Labytnangi में मेरे पास आओ - मैं आपको मातृभूमि से प्यार करना सिखाऊंगा ... दलदल में डुबकी के बाद - हम देखेंगे। क्या आप चांदी के तीस टुकड़ों के लिए लिखना जारी रख सकते हैं Serg65 20 सितंबर 2019 09: 01 नया कॉमरेड कोम्सोमोलेट्स ..... लेकिन लियोनिद के धोखे और विश्वासघात क्या है? ..... ठीक है, आपकी राय में? ओह, आप सीधे हीरो! आप पितृभूमि के पते, डिफेंडर को साझा नहीं कर सकते? Serg65 20 सितंबर 2019 08: 58 नया सर्गेई! आप समझ सकते हैं लियोनिद है, लेकिन आप सिद्धांत रूप में, दलित खनिज से क्या उम्मीद करते थे ??? मैं मामूली कॉमा के लिए प्रतिबंधित हो जाता हूं फिट नहीं हो सकते ...... मैं लंबे समय से इस प्रकार के लोगों से नाराज नहीं था नाहर, 90 के दशक में बेड़े में बहुत परेशानी थी, मेरे पास उनके लिए एक काउंटर है !!!! बहुपद 19 सितंबर 2019 10: 04 नया उन्होंने वही किया जो यह था। नावों सहित 629 Ave. जो भी इरादा नहीं कर रहे हैं। ऐसा एक विशिष्ट RZK था। इसे उर्ल्स कहा जाता था। विशेष जहाज का दुखद भाग्य। (- ( vladimir1155 19 सितंबर 2019 11: 08 नया नियंत्रण जहाज बकवास है, वे इसे लंबे समय से बंकरों से प्रबंधित कर रहे थे और उपग्रहों से जानकारी प्राप्त करते हैं, 19 वीं शताब्दी लंबी है maks702 19 सितंबर 2019 12: 25 नया 19 वीं सदी लंबी है दरअसल, संचार के आधुनिक साधनों के साथ, एक विशेष जहाज की उपस्थिति मूर्खतापूर्ण है .. यह पुल से पाइपों में देखा जाता था और झंडे के साथ कमान सौंपता था, लेकिन एक रेखीय लड़ाई में फ्लैगशिप ने स्क्वाड्रन के साथ सब कुछ छोड़ दिया .. लेकिन अब नरक क्या है? इससे क्या फर्क पड़ता है कि आप कहीं बंकर में बैठ जाते हैं, या झगड़े के तत्काल आस-पास किसी जहाज पर लटक जाते हैं? वैसे, दूसरे मामले में, योग्य विशेषज्ञों का नुकसान अधिक होने की संभावना है। एक लानत की बात सभी कनेक्शन पर निर्भर करेगी, चाहे वह हो या न हो .. और आज जो दूरी मैं दोहराता हूं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे पास एक एकल कमांड और नियंत्रण केंद्र है और मुझे यकीन है कि एक नौसेना विभाग है जो सब कुछ आवश्यक करता है और सब कुछ इसके करीब है। किसी भी स्तर पर त्वरित निर्णय लेने के लिए आवश्यक लोग, और इस तथ्य के बारे में एक बाइक कि वे सभी को एक झटका के साथ नष्ट कर सकते हैं, इसे हल्का प्रलाप करने के लिए, यदि यह केंद्र नष्ट हो जाता है, तो ग्रह पर रहने के लिए 30-40 मिनट बाकी हैं, इसी निर्देश को लंबे समय तक काम किया गया है और निष्पादकों को सूचित किया गया है। बहुपद 19 सितंबर 2019 13: 32 नया हटाए जाने पर "ब्लू रिज", फिर चर्चा :-) सामान्य तौर पर, अधिक स्वतंत्र नियंत्रण चैनल, बेहतर। LeonidL 19 सितंबर 2019 17: 34 नया यह सब प्रदर्शन किए जा रहे कार्य पर निर्भर करता है, उदाहरण के लिए, लैंडिंग के सामरिक कार्य को हल करने के मामले में, मेरी राय में नियंत्रण जहाज पूरी तरह से उचित है। वही "मिस्ट्रल" आज। हमने यूएसएसआर के समय के नियंत्रण जहाजों के बारे में बात की - अलग-अलग कार्य, एक पूरी तरह से अलग भू-राजनीतिक स्थिति, ठीक है, आप सही हैं, प्रौद्योगिकी। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 12: 37 नया एक पूर्व अधिकारी के रूप में, आप KPUNIA, KPUNSHA जैसे कुछ भी संक्षिप्त रूप में नहीं कहते हैं? क्या यह उदाहरण के लिए, सामरिक कड़ी में है? बहुपद 19 सितंबर 2019 13: 30 नया परिचालन और सामरिक :-) बिना हास्य के ही सही। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 14: 33 नया फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 17: 56 नया आप एक पूर्व अधिकारी के रूप में आपको कहां से मिला कि लेनिया एक "पूर्व अधिकारी" हैं? IMHO उसका "स्तर" - एक बाजार "चाची फ्रोस्या" Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 18: 56 नया यह व्लादिमीर एक्सएनयूएमएक्स था। लेकिन लेन्या, बिल्कुल अलग है। उनकी किताबें मिलिट्री पब्लिशिंग हाउस में दिखाई दीं, उन्हें केवल इस तरह से वर्गीकृत किया गया था कि वे उन्हें अनुमति के साथ भी नहीं दे सकते थे। गुप्त एस! LeonidL 21 सितंबर 2019 00: 31 नया और तुम, मेरे प्यारे, स्मार्ट किताबें क्यों पढ़ते हो जो आपको नहीं दी जाती? आपका स्तर विकिपीडिया है, सुंदर चित्र हैं, सरल पाठ हैं। मुझे लगता है कि आप वीएमयू के पाठ्यक्रमों पर वास्तविक पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन करेंगे, आप अधिक समझदारी से लिखेंगे। और, फिर भी, नौसेना अधिकारी, सबसे पहले, एक सभ्य आदमी। नपुंसकता से अधिकतम एक मैनुअल के साथ, आप बहुत जल्दी एक व्यक्ति पर उन्माद की स्थिति में जाते हैं। स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति के साथ, आप वीएमयू में अध्ययन करने के लिए अधिकतम के साथ भी पास की अनुमति नहीं दी जाएगी, या पहली चिकित्सा परीक्षा के बाद बाहर निकाल दिया जाएगा। आप केवल इतिहास के शौकीन होंगे - केवल सम्मान और आभार। लेकिन आप कुछ असंगत लक्ष्यों के कारण (मुझे लगता है कि वे मेरे लिए स्पष्ट हैं) या महत्वाकांक्षाएं जो युवा वर्षों से संतुष्ट नहीं हैं, वे निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों की सार्वजनिक चर्चा की एक बार फिर से कोशिश कर रहे हैं, और एक नए सिद्धांत के निर्माता होने का दावा करते हैं। यह पहले से ही हुआ है और कुछ भी अच्छा नहीं हुआ है। आज की अशांत दुनिया में, रूस और उसके सशस्त्र बल, जिनमें नौसेना भी शामिल है, स्थिरता और विश्व व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कारक हैं, मोटे तौर पर युद्ध को रोकने वाले। आप, अपने लेखों और अपीलों के साथ, नौसेना के नेतृत्व के लिए अपुष्ट अपमान, आप कर सकते हैं, यदि नष्ट नहीं होते हैं, तो इन स्थिरता कारकों को कमजोर करें। यदि आप वास्तव में समुद्री लड़ाई खेलना चाहते हैं - एक कॉम गेम खरीदें और आनंद लें। और फिर भी, आप एक अधिकतम के साथ, आप केवल मुझे हँसाते हैं, ठीक है, बस बच्चे छोटे हैं, ठीक है। आखिरकार, मैं बहुत पहले ही अपने पुरस्कार, खिताब और अन्य चीजें प्राप्त कर चुका हूं। खैर, भगवान आपके साथ हो, मेरे प्यारे। समझ - अच्छा। समझ में नहीं आता ... सबसे महत्वपूर्ण बात, दूसरों को एहसास हुआ कि रेटिंग और टिप्पणियों का थोक अनुसरण करता है। dirk182 19 सितंबर 2019 13: 32 नया शायद यही वजह है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूएवी संचार में भाग लिया। जैसा कि उन्होंने कहा, उपग्रह संचार में रुकावट के मामलों के लिए। एलेक्सी रा 19 सितंबर 2019 15: 49 नया इसे छठी बेड़े को बताएं। साइरस 19 सितंबर 2019 10: 37 नया आप प्रिय, अच्छी तरह से बड़बड़ाते हैं, और थोड़ा जलते हैं)। फ़िज़िक एम 19 सितंबर 2019 15: 39 नया जहाज पर सेवा देने वाला कोई भी अधिकारी जिस सदोम के बारे में जानता है, वह प्रभु को नहीं जानता है, अधिकारी जहाज को "मुख्यालय" या "नियंत्रण जहाज" के शीर्षक से खुश करेंगे। और यह पहले से ही प्रमुखों और अधिकारियों पर निर्भर करता है सीधे विपरीत उदाहरण हैं एक तोपखाने के जहाज को एक नियंत्रण जहाज के लिए नहीं बनाया गया है - यह इसका मुकाबला कार्य नहीं है, इसमें निरर्थक नियंत्रण और संचार उपकरण रखने के लिए कहीं नहीं है, अन्य पदों, विशेषज्ञों, एंटीजन, आदि की आवश्यकता है। तकनीकी उपकरणों और कर्मियों की संख्या के मामले में झेडानोव स्विचगियर की युद्ध इकाई, मध्यम आकार के संचार केंद्र के अनुरूप है। ... 5 साल के लिए, 1981 से 1986 तक, ज़ेडानोव स्विचगियर ने काला सागर बेड़े के सभी अभ्यासों में भाग लिया, दोनों भूमध्य सागर और काला सागर में। इन सभी वर्षों में, जहाज को ब्लैक सी बेड़े के शिपबोर्ड नियंत्रण पद को प्राप्त करने और तैनात करने की इच्छा के लिए जिम्मेदारी दी गई थी। अपने इतिहास में अंतिम युद्ध सेवा के साथ, जहाज सितंबर 1985 (12 मई, 1985 से 29 सितंबर, 1985 तक) में आया था। संचार वारहेड को अच्छी रेटिंग मिली, जिससे इस अवधि के दौरान भूमध्यसागरीय स्क्वाड्रन के मुख्यालय के लिए संचार प्रदान किया गया। संपूर्ण सामग्री हिस्सा क्रम में था, हालांकि इसमें से 27% ने पूंजी मरम्मत की शर्तों पर काम किया। अंतरिक्ष संचार चैनल को ध्यान में रखते हुए सभी रेडियो दिशाओं के लिए औसत परिचालन दक्षता 96% थी। सैन्य सेवा के दौरान, संचार चैनल और उस समय के लिए नए साधनों का सक्रिय रूप से उपयोग किया गया था, जैसे कि Chaika (Dragonfly), MVU-300, R-069, MPZM-300, सुनामी BM2 और अन्य। मिस्टर तिमोखिन के दूसरे काम के हिस्से का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद महाशय, आपने किस प्रकार व्यक्तिगत रूप से हस्ताक्षर किए हैं (YourSELF!) ऊपर - कुछ अध्ययन करने के लिए, और इससे भी अधिक "ध्यानपूर्वक" "आपके बारे में नहीं है";) लेकिन वास्तव में आपके लिए बहुत सारे "स्पलैश" (अधिक, बेवकूफ और झूठे) हैं। एलेक्सी रा 19 सितंबर 2019 15: 47 नया यह क्रूजर, एक तोपखाना अधिकारी और जहाज पर सेवा देने वाला कोई भी अधिकारी, उस सदोम के बारे में जानता है जो चल रहा है। प्रभु को यह पता न चलने दें, अधिकारी "कर्मचारियों" या "नियंत्रण जहाज" के शीर्षक से जहाज को खुश कर देंगे। क्रूजर को कर्मचारियों के लोगों की भीड़ को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है, जो आमतौर पर सबसे अच्छे केबिनों पर कब्जा कर लेते हैं, लेकिन यह मुख्य बात नहीं है। एक तोपखाने का जहाज नियंत्रण जहाज के लिए नहीं बनाया गया है - यह इसका मुकाबला कार्य नहीं है, निरर्थक नियंत्रण और संचार उपकरण रखने के लिए कहीं नहीं है, हमें अन्य पदों, विशेषज्ञों, एंटेना आदि की आवश्यकता है। व्यावसायिकता और क्षमता का एक शानदार चित्रण। स्विचगियर "ज़दानोव" - यह तोपखाना KRL pr.68 bis नहीं है। यह एक विशेष रूप से पुनर्निर्माण नियंत्रण क्रूजर, प्रोजेक्ट 68U-1 है। किर्गिज़ गणराज्य के 6 साल के पुन: उपकरण के बाद, इसने जीके का तीसरा बुर्ज खो दिया, लेकिन दूसरी ओर, इसमें वह सब कुछ मिला जो एक पूर्ण नियंत्रण जहाज की आवश्यकता थी: नियंत्रण जहाज के मुख्य कार्यों को हल करने के लिए, ज़ेडानोव क्रूजर अपने पुन: उपकरण के दौरान बेड़े कमांडर (परिचालन स्क्वाड्रन के कमांडर) के प्रमुख कमांड पोस्ट के सेट के लिए प्रदान करता है। कॉम्प्लेक्स की संरचना में शामिल हैं: एक समूह मुख्यालय ऑपरेशनल पोस्ट, जिसे बेड़े (स्क्वाड्रन) पर नियंत्रण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, साथ ही ऑपरेशन की तैयारी और संचालन में बातचीत करने वाले बल; टोही और संचार मुख्यालय, साथ ही सामग्री तैयार करने और संचालन की योजना में परिचालन-सामरिक गणना करने और बेड़े (स्क्वाड्रन) के लिए पीछे और विशेष समर्थन के उपायों को विकसित करने के लिए एक परिचालन योजना समूह की तैनाती। नियंत्रण जहाज के कार्यों को पूरा करने के लिए, इस पर 17 शक्तिशाली केबी और सीबी रेडियो ट्रांसमीटर स्थापित किए गए थे (एक - व्यास स्टेशन सहित - 5 किलोवाट की शक्ति के साथ)। 57 केवी-, वीवी-, एसवी- और डीवी-रिसीवर, नौ यूकेबी रेडियो स्टेशन, तीन वीएचएफ और डीटीएसवी रेडियो रिले स्टेशन, अंतरिक्ष और लंबी दूरी के संचार उपकरण। उनके काम को 65 एंटेना द्वारा प्रदान किया गया था जो विभिन्न रेडियो संचारों के एक साथ संचालन को ध्यान में रखते थे। पूर्वानुमान के आधार पर, जहाज के मध्य भाग में, अधिरचना के विस्तार के कारण, सरकार, दूर और रेडियो रिले चमक के पद। एक विशेष संचार कमांड पोस्ट संचार को व्यवस्थित, व्यवस्थित और नियंत्रित करने के लिए सुसज्जित था। ऊर्जा की खपत में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण, बिजली संयंत्रों के परिसर के इसी विस्तार के साथ जनरेटर की स्थापित क्षमता को 30% तक बढ़ाना पड़ा। लड़ाकू पदों और कर्मियों की नियुक्ति, आवासीय, चिकित्सा, सांस्कृतिक और घरेलू, औद्योगिक और सैनिटरी सुविधाओं, सैनिटरी-तकनीकी प्रणालियों और आदतों को प्रदान करने वाले उपकरण और सैन्य पदों पर जहाज के चालक दल के कर्तव्यों को पूरा करने की शर्तों, नौसेना की आवश्यकताओं को पूरा किया। एवियर 19 सितंबर 2019 08: 07 नया यह कुछ अजीब कारणों के बारे में बात करने के लिए प्रथागत नहीं है, लेकिन हमारे मुख्य प्रतिद्वंद्वी में एक ही सटीक भेद्यता है - उनकी नौसेना प्रशांत महासागर और अटलांटिक के बीच विभाजित है। और, महत्वपूर्ण रूप से, अमेरिकी नौसेना के मुख्य हड़ताली बल - विमान वाहक, पनामा नहर में संक्रमण नहीं कर सकते हैं। केवल दक्षिण अमेरिका को दरकिनार करके और कुछ नहीं। एक अच्छा दिलचस्प लेख, लेकिन लेखक समय से थोड़ा पीछे था - कुछ साल पहले चैनल का आधुनिकीकरण और विस्तार किया गया था, विचित्र रूप से पर्याप्त, चीनी के सुझाव पर, और विमान वाहक अब इसके माध्यम से गुजरते हैं। पनामा में 23 अक्टूबर, 2006 को, पनामा नहर के विस्तार पर एक जनमत संग्रह के परिणाम, जिसे 79% आबादी का समर्थन प्राप्त था, को अभिव्यक्त किया गया था। इस योजना को अपनाने से चैनल का प्रबंधन करने वाली चीनी व्यापारिक संरचनाओं को सुविधा हुई। 2016 तक, नहर का आधुनिकीकरण किया गया और 130 हजार टन से अधिक के विस्थापन के साथ तेल टैंकरों को पारित करना शुरू कर दिया, जिसने चीन को वेनेजुएला के तेल के वितरण का समय काफी कम कर दिया। इस समय तक, वेनेजुएला ने चीन को तेल की आपूर्ति प्रति दिन 1 मिलियन बैरल तक बढ़ाने का वादा किया था। पुनर्निर्माण के दौरान, ड्रेजिंग की गई और नए, व्यापक ताले बनाए गए। परिणामस्वरूप, 2016 तक, 170 हजार टन तक के विस्थापन वाले सुपरटेकर पनामा नहर से गुजरने में सक्षम थे। टाउन हॉल 19 सितंबर 2019 08: 52 नया इस योजना को अपनाने से चैनल का प्रबंधन करने वाली चीनी व्यापारिक संरचनाओं को सुविधा हुई। पनामा नहर प्रशासन (स्पैनिश ऑटोरेडाड डेल नहर डी पनाम (ACP)) पनामा नहर को बनाए रखने और प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार पनामेनियन सरकारी एजेंसी है। चैनल प्रबंधन को 31 दिसंबर, 1999 को टोरिजोस - कार्टर संधियों के तहत एसीपी को हस्तांतरित किया गया था। एवियर 19 सितंबर 2019 09: 03 नया 1997 में, पनामा अधिकारियों ने पनामा नहर के दो मुख्य बंदरगाहों - पनामा की राजधानी, और क्रिस्टोबाल, के पास स्थित प्रशांत महासागर में स्थित बाल्बोआ का प्रबंधन करने के लिए कंपनी के अधिकारों को हस्तांतरित करने के लिए हांगकांग की कंपनी हचिंसन व्हाम्पोआ लिमिटेड के साथ एक समझौता किया। अटलांटिक तट। पोर्ट और उनके संचार को उसी अवधि के लिए अनुबंध का विस्तार करने के अधिकार के साथ 25 वर्षों के लिए कंपनी को पट्टे पर दिया गया था। टाउन हॉल 19 सितंबर 2019 11: 22 नया ये सभी चैनल एक्सेस पोर्ट हैं, लेकिन चैनल ही नहीं एवियर 19 सितंबर 2019 12: 59 नया यह चैनल प्रबंधन का हिस्सा है, बहुत महत्वपूर्ण है, वैसे। और चेटो शब्द की सटीकता की चिंता करता है ...। यह विकिपीडिया से एक सुविधाजनक उद्धरण था, इसके लिंक काटे जाने लगे। वास्तव में, सिर्फ यह स्पष्ट करने के लिए कि चैनल का आधुनिकीकरण था Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 08: 53 नया अजीब बात है कि चूक गए। अरे चलो। फोटो चैनल में एक विमान वाहक है, गेटवे में Moryak 19 सितंबर 2019 09: 36 नया अभी तक पास नहीं हुए। और वे पास होने की संभावना नहीं है। यह केवल सिद्धांत में है कि यह गुजरता है। लेकिन व्यवहार में, निमित्ज बहुत लंबा है, और फोर्ड और भी लंबा है एवियर 19 सितंबर 2019 09: 57 नया लंबाई बीत जाएगी। नई आवश्यकताएं- नए पैननामियन आकार नए तालों का चैम्बर आयाम 427 होगा मीटर लंबा, 55 मीटर चौड़ा और 18.3 मीटर गहरा। के लिए इसी अधिकतम आयाम इन तालों को पार करने वाले बर्तन 366 मीटर एलओए, बीम में 49 मीटर और 15.2 मीटर अंदर होते हैं उष्णकटिबंधीय मीठे पानी (TFW) का मसौदा। इन आयामों का उपयोग न्यू पैनमैक्स को परिभाषित करने के लिए किया जा रहा है आकार का बर्तन Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 10: 01 नया मुझे डेक की चौड़ाई में दिलचस्पी है। एवियर 19 सितंबर 2019 10: 05 नया कोई डेक नहीं है, लेकिन उसके पास नहर के किनारे एक डेक है। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 11: 28 नया प्रायोजकों पर एक डेक है, आपको निश्चित रूप से मापना चाहिए। एक उदाहरण के लिए - यूडीएफ वर्ग यूडीसी के पास वहां चढ़ने के लिए रोटरी लिफ्ट है। Moryak 19 सितंबर 2019 12: 54 नया पुराने गेटवे और एक से अधिक बार गुजर गए। प्रत्येक में एक नियंत्रण टॉवर है जो विशेष रूप से विमान वाहक के मार्ग को प्रतिबंधित करता है। LeonidL 21 सितंबर 2019 00: 35 नया खुद आपने जो लिखा है उसके बारे में सोचें: "झेडानोव स्विचगियर एक तोपखाना केआरएल प्र.68 बिस नहीं है। यह एक विशेष रूप से पुनर्निर्माण क्रूजर पीआर 68 यू -1 है।" शुरू में, एक तोपखाना क्रूजर, और छह साल का पुनर्गठन ... ठीक है, वे कैसे समाप्त होते हैं। पेरेस्त्रोइका जब समुद्री विभाग टावरों को खींचता है, तो टेकीज सब कुछ और बहुत कुछ छड़ी करने की कोशिश करते हैं ... और फिर यह पता चलता है कि वे एक शौचालय के लिए एक जगह भूल गए .... इस तरह की मिसाइल नौकाएं थीं, वैसे, अगर आपको याद है। Rurikovich 19 सितंबर 2019 09: 20 नया अजीब तरह से पर्याप्त है, लेकिन एक प्लस लेखक ने एक विषय उठाया था कि इसकी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के साथ एक शक्तिशाली यूएसएसआर सटीक रूप से मात्रात्मक रूप से हल और हल कर सकता है। लेखक पूरी तरह से सही है कि हमारे पास आम तौर पर अलग-अलग बेड़े हैं और प्रत्येक अपनी समस्याओं के साथ, और एक आम नहीं है। 20 वीं शताब्दी के सभी युद्ध इसकी पुष्टि करते हैं (विशेष रूप से रंगीन आरएएवी)। और अपने काल्पनिक प्रतिद्वंद्वी के साथ अपने काल्पनिक थिएटर के संचालन पर केवल प्रत्येक फ्लेट्स को संतुलन में लाने से युद्ध में इस बेड़े के अस्तित्व की समस्या को हल करने में सक्षम है। इसलिए, यूएसएसआर इस समस्या को मात्रात्मक रूप से हल कर सकता है, और वर्तमान में रूस अपने जीवन के तरीके के साथ कभी भी पहले कभी नहीं हो सकता है! तटीय क्षेत्र के कितने जहाज "कैलिबर" (अनुरूप रैंडोल के गनबोट), और पूंजी जहाजों के एक जोड़े के साथ संतुलित नहीं करते हैं; "हमला-रक्षा" (या विशेष जहाजों के संयोजन का मानदंड, जहां प्रत्येक अलग से दूसरे को पूरक करता है)। क्योंकि अकेले देशभक्ति पर्याप्त नहीं है, और अर्थव्यवस्था, पूंजीवादी मॉडल के अनुसार, यह बताने में सक्षम नहीं है कि उन्होंने "बीजदार स्कूप" में क्या किया। इसलिए मेरी व्यक्तिगत राय है कि पर्याप्त विपक्षी के साथ संघर्ष की स्थिति में रूसी संघ के फ्लेट्स के प्रत्येक व्यक्ति केवल बहादुरी से मर सकते हैं (रणनीतिक परमाणु बलों को पीछे छोड़ दें), क्योंकि उसकी मदद करने वाला कोई नहीं है, लेकिन वह खुद कमजोर है ... भले ही सभी बेड़े एक से कम हो (उदाहरण के लिए) , उत्तरी) आप अभी भी एक मोटिवेशनल दर्शकों से स्क्वाड्रन के एक जोड़े को बना सकते हैं, लेकिन राज्य में अभी - केवल मरने के लिए LeonidL 21 सितंबर 2019 00: 38 नया पिछले लेखों में, लेखक ने इसके विपरीत तर्क दिया - पहली रैंक के जहाजों का निर्माण, जिसमें विमान वाहक और केंद्रीकृत बेड़े प्रबंधन शामिल हैं, कुछ इस तरह। या मैं गलत हूँ? बहुपद 19 सितंबर 2019 10: 01 नया ओपीईएसके और अंतर-नौसैनिक युद्धाभ्यास के लिए, समर्थन जहाजों की आवश्यकता होती है। नियत समय में आमेर की तरह। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 11: 29 नया श्रृंखला विशुद्ध रूप से प्रकृति में सैद्धांतिक है। यह तथ्य कि जहाजों के बिना बेड़ा मौजूद नहीं है।))) बहुपद 19 सितंबर 2019 18: 43 नया सोबोलेव के खिलाफ, युद्ध और गैर-युद्ध के टन भार के बारे में चर्चा, नाविकों और प्रशंसक के अनुपात। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 20: 04 नया कोई आधार नहीं = सहायक टन भार की वृद्धि। Sancho_SP 19 सितंबर 2019 10: 02 नया फिर से, शतरंज के खिलाड़ी लेख लिखते हैं) नॉर्वे, जापान या उस तरह के बेड़े को नष्ट करने के लिए क्यों? बेड़े को किन राजनीतिक कार्यों का सामना करना पड़ रहा है? सभी संभावित विरोधियों के साथ, हम जमीन पर काफी समझेंगे। एवियर 19 सितंबर 2019 10: 43 नया लेकिन अमेरिकी नौसेना सीधे हमला नहीं करेगी। जवाब में परमाणु हमले से डर गया। लेकिन जापानी, नॉर्वेजियन या स्पैनियार्ड्स इस तरह के प्रहार से भयभीत नहीं हो सकते हैं, क्योंकि अगर उन्होंने पूरी दुनिया को बर्बाद करने की बात नहीं की, तो नॉर्वे या समुद्र में जहाजों के परमाणु झड़प जैसे देशों में कोई भी गोली नहीं मारेगा। स्पेन। और वही स्पेन वेनेजुएला की नाकाबंदी प्रदान कर सकता है, उदाहरण के लिए, औपचारिक रूप से अमेरिकियों की मदद के बिना। और आगे क्या करना है? थूक? फिर आप सिद्धांत रूप में सहयोगियों के बारे में भूल सकते हैं ...। Antares 19 सितंबर 2019 11: 58 नया फिर आप सिद्धांत रूप में सहयोगियों के बारे में भूल सकते हैं ...। बेचने / विनिमय करने के लिए लाभदायक। Sancho_SP 19 सितंबर 2019 17: 39 नया स्पेन वेनेजुएला को रोक रहा है। रूसी संघ के झंडे को उड़ाने वाले परिवहन जहाज नाकाबंदी को नजरअंदाज करते हैं और टूट रहे हैं। फिर दो विकल्प: 1. नाकाबंदी समाप्त। 2. परिवहन जहाजों को निकाल दिया (नष्ट)। यह कैसस बेली है। एंटी-शिप मिसाइलों की विमानन और तटीय प्रणालियां नाकाबंदी को अंजाम देने वाले सभी युद्धपोतों द्वारा डूब जाती हैं, क्योंकि सभी स्पेनिश नौसेनाओं के पास पर्याप्त हड़ताली नहीं होती है और विमान-रोधी विमान जमीन के साधनों को दबाने और हवा को बाधित करने के लिए होते हैं। लेकिन यह नाटो देश के साथ युद्ध है। एवियर 19 सितंबर 2019 18: 32 नया वेनेजुएला रूस के विमानन और तटीय परिसरों से बहुत दूर है Sancho_SP 19 सितंबर 2019 19: 05 नया यदि आवश्यक हो तो वे बहुत संक्षेप में वहां दिखाई देंगे। और अगर हम मानते हैं कि कोई ज़रूरत नहीं है - तो उसके साथ, वेनेजुएला के साथ। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 19: 27 नया यह एक घंटी घटना है। आपको संकेत दिया जाता है-संकेत दिया गया है। SEAL टीम 2 क्रूजर मॉन्टेरी में सवार रूसी ध्वज के साथ एक कब्जा कर लिया। ध्वज को रूसी सौदागर वोल्गोनफ़ेट-एक्सएनयूएमएक्स के चालक दल से लिया गया था। 147 वर्ष, फारस की खाड़ी। Sasha_rulevoy 19 सितंबर 2019 22: 15 नया परिवहन जहाजों को निकाल दिया गया (नष्ट)। यह एक घंटी घटना है सौ बार सुनने से बेहतर है एक बार देखना। Sancho_SP 20 सितंबर 2019 00: 17 नया हाँ, आप, वॉलपेपर, सब ठीक कहते हैं। लेकिन फिर झुकना - यह एक राजनीतिक निर्णय था, सैन्य नहीं। लेकिन एकमात्र कारण विमान वाहक की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि अंडे की अनुपस्थिति है। बेड़े में पंप किए गए अरबों से, अंडे दिखाई देने की संभावना नहीं है। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 09: 33 नया चाल यह है कि विरोधियों के अंडे हैं। क्यों, और इसके लिए इच्छाशक्ति का बल होना आवश्यक है। एलेक्सी रा 20 सितंबर 2019 14: 22 नया © डेविड वेबर। रानी का सम्मान। Timokhin-आ 20 सितंबर 2019 14: 48 नया वेबर कमीने, अर्थ के नुकसान के बिना सही अनुवाद को असंभव बना दिया)))) Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 11: 30 नया संभावित विरोधियों की सूची (सभी नहीं) खैर, शायद अभी के लिए पर्याप्त है, हालांकि अभी भी है। मैं आपसे कुछ भी जटिल नहीं पूछ रहा हूं, बस संक्षेप में बताएं कि टैंक से टोक्यो कैसे जाना है, और यह बात है। Sancho_SP 19 सितंबर 2019 17: 26 नया जापान के साथ युद्ध का कारण और उद्देश्य? सरल क्योंकि हम कर सकते हैं? हमारे पास उनसे लेने के लिए कुछ नहीं है। वे हमारे साथ हैं - वे कुछ नहीं कर सकते। यदि आप कोशिश करते हैं - जापान में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के तहत तीन टीयू -40 के साथ 160 क्रूज मिसाइलों की चेतावनी। आक्रमण का कोई भी प्रयास बिना किसी परमाणु हथियार के तुरंत समाप्त हो जाता है। यद्यपि आधुनिक सिद्धांत रूसी संघ के क्षेत्र के हिस्से को जब्त करने के प्रयास के मामले में परमाणु हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देता है (उदाहरण के लिए, कुरील द्वीप समूह) Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 20: 08 नया यदि आप प्रयास करते हैं - जापान में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के तहत तीन Tu-40 के साथ 160 क्रूज मिसाइलों की चेतावनी। मेरी यह भावना है कि कुछ लोग युद्ध जैसी किसी चीज की प्रकृति को नहीं समझते हैं। सिद्धांत रूप में। बहुपद 19 सितंबर 2019 20: 53 नया "एक अच्छी कंपनी को उठाया गया" (c) :-) :-) मुझे आंद्रे से याद आया- "अच्छा पुराना परमाणु धमाका।" ऐसा लगता है जैसे उसने लिखा हो। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 21: 05 नया अच्छा पुराना तरीका विशेष वॉरहेड के साथ एक चौकोर-नेस्टेड बैलिस्टिक मिसाइल कोटिंग है। जैसे कुछ था। बहुत कुछ दिया, हाँ। LeonidL 21 सितंबर 2019 00: 49 नया मुझे लगता है कि पहला व्यक्ति जो यह नहीं समझता है कि वास्तविकता में युद्ध है! मुझे यकीन नहीं है कि युद्ध को भड़काने के लिए सजा पर रूसी संघ के आपराधिक कोड में अभी भी एक झुंड है, लेकिन आपकी निरंतर हिस्टेरिकल चीखें इसके लिए काफी उपयुक्त हैं। बेहतर कंप्यूटर गेम खेलें - अत्यधिक भाप निकलने दें। LeonidL 21 सितंबर 2019 00: 47 नया क्या यह क्षमादान आतंकवादी का मुफ्त अनुवाद है जो चुपचाप क्रीमिया में एक टैंक में प्रवेश करने के बारे में था? या कुछ और पागल क्रेमलिन में एक टैंक में प्रवेश करने के साथ पागल हो गए? मजाकिया भी नहीं! जापान, एक परमाणु दुःस्वप्न से बच गया, फिर से दोहराने की हिम्मत? पूरे इतिहास में गलत हाथों से गोलियां खींचने की कोशिश कर रहा ब्रिटेन अचानक परमाणु मिसाइलों का निशाना बनने का फैसला करेगा? क्या संयुक्त राज्य अमेरिका भी अपूरणीय नुकसान करने में सक्षम है जब अनुमेय नुकसान भी समाज में आघात का कारण बनते हैं? रूसी संघ के साथ युद्ध इराक, लेबनान के साथ एक खिलौना युद्ध नहीं है, यहां तक ​​कि यूगोस्लाविया भी नहीं है। लोगों को डराएं नहीं और खुद को डराएं नहीं। खैर, बस वीर तुम टिमोखिन! लंदन में, टोक्यो में, वाशिंगटन में एक टैंक पर! प्रत्यक्ष रूप से युद्ध के एक आगजनी, एक रसोई पैमाने के भगवान का शुक्र है। रोस 56 19 सितंबर 2019 10: 11 नया लेख मोर के जीवनकाल और पिछले युद्धों के लिए बेड़े को तैयार करने पर एक प्रतिबिंब है। यह युद्ध अधिकतम कई घंटों तक चलेगा, जहां आपके जहाज समय पर पहुंचेंगे? साइरस 19 सितंबर 2019 10: 41 नया ठीक है, आपकी डरावनी कल्पनाओं में ऐसा हो सकता है, लेकिन वास्तव में यह एक लंबा युद्ध होगा। रोस 56 19 सितंबर 2019 10: 45 नया यदि आपके पास पर्याप्त धन है तो लंबे युद्ध में शुभकामनाएँ। साइरस 27 सितंबर 2019 14: 58 नया ठीक है, कम से कम मैं थोड़े लंबे समय तक जीवित रहूंगा (जब तक कि आपके पास पर्याप्त धन नहीं है), आपके विपरीत, जिन्होंने कुछ घंटों में ठीक किया है)। roman66 19 सितंबर 2019 10: 55 नया जहां धरती उबल नहीं पाएगी और वहां से पश्चात सर्वनाश की तैयारी करेगी! Serg65 19 सितंबर 2019 12: 12 नया जहां पृथ्वी नहीं उबलती है वहां बहना स्वस्थ उड़ता…। मुझे ऐसी जमीन पता है !!! आपको छूट पर एक बिस्तर प्राप्त होगा roman66 19 सितंबर 2019 12: 16 नया मैं किनारे से बहुत दूर हूं, और सभी के बाद से यह कोरोलेव के लिए सबसे पहले उड़ जाएगा .. मुझे नहीं पता कि क्या आप मुझे याद रख सकते हैं .. Serg65 19 सितंबर 2019 12: 44 नया मैं किनारे से बहुत दूर हूँ क्या किनारा है, दोस्त! केवल पहाड़ ही पहाड़ों से बेहतर हो सकते हैं roman66 19 सितंबर 2019 12: 47 नया और पहाड़ों के लिए, यह लानत है, मेरे करीब .. LeonidL 21 सितंबर 2019 00: 53 नया मेरी दादी ने अनुमान लगाया कि किरोव क्षेत्र में केवल मेरे कबीले का घोंसला बच जाएगा, यह वास्तव में बोर्स्चिक के साथ उग आया था ... लेकिन एक तहखाना है! vladimir1155 19 सितंबर 2019 11: 10 नया तिमोखिन को यह समझ में नहीं आता है और स्टैन्यूकोविच की कहानियों से अभ्यावेदन पर रहता है रोस 56 19 सितंबर 2019 11: 15 नया अच्छी कहानियां जो मुझे कहनी चाहिए, मुझे पढ़ना था, बहुत दिलचस्प। लेकिन आखिरकार, वहां बहुत दूर की घटनाओं का वर्णन किया गया और उस समय कोई परमाणु मिसाइल नहीं थी। टिमोखिन ने बस थोड़ा सा आटा काटा। आदमी गली में 19 सितंबर 2019 11: 38 नया और आपकी राय में, ताकि गली में चेहरे पर गुंडे न दें, आपको एक शहीद बेल्ट पर रखने की ज़रूरत है और हर किसी को घोषणा करें कि अगर कुछ होता है तो आप एक बटन दबाएंगे। एक धमकाने के "धूल में", खुद को, और यादृच्छिक राहगीरों द्वारा। कोशिश करें और आश्चर्यचकित न हों कि आप शानदार अलगाव में चलेंगे। vladimir1155 19 सितंबर 2019 13: 03 नया ताकि गुंडे सड़क पर चेहरा न दें, आपको एक शहीद के बेल्ट पर रखने और सभी को यह घोषणा करने की आवश्यकता है कि अगर कुछ होता है तो आप एक बटन दबाएंगे। एक धमकाने के "धूल में", खुद को, और यादृच्छिक राहगीरों द्वारा। कोशिश करें और आश्चर्यचकित न हों कि आप शानदार अलगाव में चलेंगे। ..... अच्छी तरह से, यह 45 गुंडों के खिलाफ कहते हैं, जिज़ित्सु आपकी मदद नहीं करेंगे, कोई रास्ता नहीं ...... आप कितना प्रशिक्षित नहीं करते हैं, और शहीद की बेल्ट हाँ, यहां तक ​​कि 300 गुंडों के खिलाफ भी, यह मदद करेगा, ठीक है, एक जोड़े के खिलाफ कुछ फ्रिगेट पर्याप्त होंगे। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 15: 35 नया ..... ठीक है, 45 गुंडों के खिलाफ ऐसा कहते हैं, जुज़ित्सु आपकी कोई मदद नहीं करेगा, कोई रास्ता नहीं ...... मैं ट्रेन कैसे नहीं करता व्यक्तिगत रूप से, मैं दो के मुकाबले अधिक भाग्यशाली रहा हूं, मैं भाग्यशाली हूं, लेकिन मेरे कुछ दोस्त हैं ... किसी भी तरह एक दर्जन से अधिक लोग "आंख से" गिरोह से अलग हो गए। उचित रूप से लेगो-एथलेटिक प्रशिक्षण और हाथ से हाथ से लड़ने वाले कौशल, चाकू और विभिन्न चालें लागू करने के लिए, वे नायकों में से एक में केवल एक चाकू के घाव की कीमत पर दुश्मन से दूर होने और भागने में कामयाब रहे। . मुख्य बात यह समझना है कि आप क्या कर रहे हैं और इसके लिए तैयार होने के लिए, अपने सिर को खोने के लिए नहीं, और ठीक से प्रशिक्षित करने के लिए। Livonetc 19 सितंबर 2019 10: 37 नया रूसी बेड़े के लिए सभी उचित सम्मान के साथ। हालांकि, आधुनिक परिस्थितियों में ऑपरेशन के विभिन्न सिनेमाघरों में एक गंभीर बेड़े पैंतरेबाज़ी की आवश्यकता कितनी हो सकती है? लेख में चर्चा की गई जापान के विषय को लें। क्या समुराई के पास रूस के खिलाफ कोई गंभीर नौसैनिक अभियान चलाने का कोई विचार है? हिरोशिमा और नागासाकी उनके द्वारा भुलाए नहीं जाते। और रूस प्रमुख परमाणु और मिसाइल शक्तियों में से एक है। मुझे ठीक से याद नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है जैसे ग्रैमीको ने एक समय में एक निर्धारित आइलेट के लिए कहा था। - "मार्गरेट, यह मत भूलो कि आप द्वीप पर रहते हैं।" Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 11: 39 नया ऐसा माना जाता है कि अमेरिकियों ने इस तरह के युद्धाभ्यास के कारण तीसरी बार सीरिया को नहीं मारा। Saul_Rhen 19 सितंबर 2019 15: 29 नया वहां युद्धाभ्यास कूटनीतिक था। जिस स्थिति में, हमारे जहाज अमेरिकियों को अपनी योजनाओं को पूरा करने से रोक नहीं सकते थे। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 19: 56 नया हम और अमेरिकी दोनों अलग-अलग तरह से जोखिमों का आकलन करने के लिए मजबूर हैं। उदाहरण के लिए, हमारे ने टॉमहॉक्स को मारना शुरू कर दिया और आंशिक रूप से नीचे गोली मार दी, इसे टीवी पर दिखाया। यह अकेला एक अस्वीकार्य राजनीतिक क्षति है। या एक मिसाइल एक मिसाइल मिसाइल लांचर से चूक गई, एक और को पकड़ लिया, चढ़ाई करने के लिए चला गया, एक ट्रैकिंग में एक BIC में एक ऑपरेटर ने इसे एंटी-शिप मिसाइलों के साथ मिश्रित किया, फ्रिगेट ने एक मिसाइल लांचर लॉन्च किया, एक रूसी ट्रैकिंग उपकरण पर एक हमले के लिए गलती हुई और उन्होंने आग से जवाब दिया। यह इस तथ्य के लिए नहीं है कि यह इस रूप में आसानी से हो सकता है, यह इस तथ्य पर है कि ऐसे क्षणों पर न केवल नियंत्रित किया जाता है, बल्कि अनियंत्रित वृद्धि भी संभव है। इसलिए, हर कोई अपनी पूंछ दबाता है, और ठीक ही ऐसा है। Saul_Rhen 19 सितंबर 2019 20: 11 नया कई मायनों में वर्णित कूटनीति है। जिसमें बेड़े ने एक अप्रत्यक्ष हिस्सा लिया। मेरा मतलब था कि शक्ति का संतुलन ऐसा था, जो उस समय और उस क्षेत्र में अकेले बेड़े की ताकतों द्वारा, रूस एक गंभीर पीड़ा के साथ कम कर सकता था। Timokhin-आ 19 सितंबर 2019 20: 59 नया विशेष रूप से एक बेड़े नहीं था। और यह क्षेत्र सीमित नहीं होगा। और शत्रु की वहाँ कोई भी कुचल श्रेष्ठता नहीं थी। तो वह, यह बहुत बेड़े, काम करता है। Antares 19 सितंबर 2019 12: 00 नया परमाणु बमबारी द्वारा किसी भी स्थानीय कार्रवाई का जवाब देने के लिए? शायद प्रभावी? अभी तक किसी ने कोशिश नहीं की है। बोतल से जिन एक बार में बाहर निकलता है। Livonetc 19 सितंबर 2019 12: 36 नया इसलिए, उन्होंने कोशिश नहीं की, क्योंकि अतिक्रमण करने का कोई विचार नहीं था। लेकिन फिर अगले प्रश्न का उत्तर दें। यह स्थानीय कार्रवाई क्या है जिसके कारण बेड़े के बलों और साधनों को फिर से तैयार करना आवश्यक होगा? और परमाणु हथियारों के संभावित उपयोग के बारे में। इसीलिए उन्हें सामरिक निवारक की ताकत माना जाता है। और सभी दिशाओं में बलों और साधनों के निरंतर निर्माण के साथ जवाब देने के लिए, कोई भी साधन पर्याप्त नहीं होगा। किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए। यदि किसी भी हमलावर द्वारा रूस से क्षेत्रों के बहिष्कार की संभावना है, तो आवश्यक साधनों का उपयोग किया जाएगा। परमाणु सहित। पुलिस अधिकारी 19 सितंबर 2019 12: 50 नया रूस, उसके क्षेत्र और नागरिकों पर हमला - एक स्थानीय कार्रवाई? या तो यूक्रेनी अभिजात वर्ग रूस को एक आक्रामक घोषित करता है, लेकिन युद्ध की घोषणा करने के लिए "भूल जाता है"। मकई 19 सितंबर 2019 14: 20 नया तुरंत परमाणु क्यों? पड़ोसियों को अतिक्रमण से बचाने के लिए, एक गैर-परमाणु मिसाइल हड़ताल पर्याप्त है। vladimir1155 19 सितंबर 2019 10: 47 नया मैं तटीय नौसैनिक विमानन के महत्व के बारे में सम्मानित अलेक्जेंडर टिमोखिन से सहमत हूं ........ हालांकि, फटे बेड़े के बारे में समस्या का पूरा बयान खाली है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, पिछली शताब्दी में सतह के जहाज पुराने हैं, कोई भी हलबर्ड कस्तूरी के लिए लड़ाई में नहीं जाता है और कृपाण और एक लंबे समय के लिए, और सभी अधिक बेवकूफ जहाजों के साथ लड़ाई में जाने के लिए। इसका मतलब केवल समुद्री डाकू और शिकारियों के खिलाफ शांति है। एक गंभीर युद्ध की स्थिति में, केवल पनडुब्बियों और तटीय साधनों को लड़ना होगा, जिसमें तट आधारित विमानन भी शामिल है। बाल्टिक और कैस्पियन बेड़े आम तौर पर निरर्थक हैं, काला सागर को बोस्फोरस पर नियंत्रण करना चाहिए, और महासागरों पर बेड़े का पूरा काम है कि वे पनडुब्बियों को ठिकानों से बाहर निकलें और वापस लौटें, साथ ही साथ हवाई रक्षा और बंदरगाहों की तटीय रक्षा भी करें। पानी के नीचे के घटक और तटीय को विकसित करने के लिए केवल तीन बेड़े और छोटे वाले होना पर्याप्त है
2020/08/03 13:10:04
https://hi.topwar.ru/162604-stroim-flot-posledstvija-neudobnoj-geografii.html
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67 साल के हुए पंकज उधास, आज भी मशहूर है उनकी ये गजलें - India's Fastest Hindi News portal Sunday 20 Jan 2019 / 5:07 PM 67 साल के हुए पंकज उधास, आज भी मशहूर है उनकी ये गजलें Publish Date: 17-05-2018 / 9:51 PM Update Date: 17-05-2018 / 9:51 PM मुंबई। गजलों की दुनियां गायक पंकज उधास आज अपना 67वां जन्‍मदिन मना रहे हैं। उनका जन्‍म 17 मई 1951 को गुजरात के जीतपुर में हुआ था। पंकज उधास ने कई सारी मधुर नगमें और गजलें गाईं। पंकज के दोनों भाई मनहर उधास और निर्मल उधास भी गायक थे। पंकज उधास अब कम गाने गाते हैं और बहुत साधारण जीवन जीते हैं। पंकज उधास खुद को फिट रखने के लिए रोजाना योगा और कसरत करते हैं। पंकज उधास को बचपन से ही संगीत से खासा लगाव था। उनकी कई गजलें 'चुपके चुपके रात दिन…', 'कुछ न कहो, कुछ भी न कहो…', 'चिट्ठी आई है…', 'घूंघट को मत खोल', 'कि गोरी घूंघरू टूट गए', ' 'वो बन संवर कर', 'पीने वालों सुनो', 'दिल देता है रो रो दुहाई', 'दिल जब से टूट गया' और 'न कजरें की धार न मोतियों के हार' जैसी कई गीत आज भी लोगों की जुबान पर मौजूद हैं। उनकी ये नगमें आज भी दिलों को छूती है और लोग इसे आज भी सुनना बेहद पसंद करते हैं।
2019/01/20 11:37:41
http://jaianndata.com/67-years-old-pankaj-udhas/
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Power Whispers - Newstrack Hindi Breaking News, Latest News | Newstrack 'सब लोग मुझे गन्दी नजर देखेंगे'- छात्रा ने पांडू नदी में लगायी छलांग, तलाश में जुटे गोताखोर कानपुर : राहगीर और स्थानीय लोग जब तक कुछ समझ पाते गैंग रेप पीडिता 12 वीं की छात्रा ने पांडू नदी के पुल से छलांग लगा दी। इसके बाद हडकंप मच गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस और छात्रा के परिजनों को इसकी सूचना दी। गाँव के कुछ लोगों ने नदी में कूद कर पीडिता को … Continue reading "'सब लोग मुझे गन्दी नजर देखेंगे'- छात्रा ने पांडू नदी में लगायी छलांग, तलाश में जुटे गोताखोर" अनूप चंद्र पांडे ने संभाला चीफ सेक्रेटरी का चार्ज, गिनाईं प्राथमिकताएं लखनऊ: यूपी के नए चीफ सेक्रेटरी सीनियर आईएएस अनूप चंद्र पांडे ने शनिवार को चार्ज संभाल लिया। उन्‍होंने इस मौके पर सूबे की ब्‍यूरोक्रेसी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश के पास अच्‍छे अफसरों की टीम है। वह ब्‍यूरोक्रेसी की टीम के जरिए कुछ और बेहतर करेंगे। उनकी प्राथमिकता प्रदेश में इंवेस्‍टमेंट लाना और … Continue reading "अनूप चंद्र पांडे ने संभाला चीफ सेक्रेटरी का चार्ज, गिनाईं प्राथमिकताएं" UP में 1984 बैच के अफसरों का दबदबा, चीफ सेक्रेटरी की रेस में आगे लखनऊ: चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। राजीव खुद सेवा विस्तार के पक्षधर नहीं रहे हैं। ऐसे में नौकरशाही के मुखिया की कुर्सी को लेकर यूपी में रेस तेज हो गई है। 1982 से लेकर 1984 बैच के अफसर इस दौड़ में शामिल हैं। पर 1984 बैच के अफसर सब पर … Continue reading "UP में 1984 बैच के अफसरों का दबदबा, चीफ सेक्रेटरी की रेस में आगे" दुनिया अब सुरक्षित मससूस करे, उत्तर कोरिया से कोई खतरा नहीं: डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि दुनिया को अब 'सुरक्षित' महसूस करना चाहिए, क्योंकि उत्तर कोरिया से अब दुनिया को परमाणु खतरा नहीं है। उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन के साथ सिंगापुर में मंगलवार को ऐतिहासिक शिखर बैठक के बाद वाशिंगटन लौटने पर ट्रंप ने ट्वीट किया, "मेरे … Continue reading "दुनिया अब सुरक्षित मससूस करे, उत्तर कोरिया से कोई खतरा नहीं: डोनाल्ड ट्रंप" Live Update: सम्मेलन से इतर मोदी ने शी से की मुलाकात, उजबे​किस्तान के राष्ट्रपति से मिले किंगदाओ:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, "दोनों नेताओं ने हमारी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए कई क्षेत्रों में अपने विचार साझा किए।" शी जिनपिंग से … Continue reading "Live Update: सम्मेलन से इतर मोदी ने शी से की मुलाकात, उजबे​किस्तान के राष्ट्रपति से मिले" 12 जून को इतनी सुबह मिलेंगे ट्रंप और किम जोंग, आप हो जाएंगे हैरान वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन 12 जून को सिंगापुर में सुबह नौ बजे मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात सिंगापुर समयानुसार सुबह नौ बजे होगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने सोमवार को कहा कि अमेरिका की एक टीम अब सिंगापुर में … Continue reading "12 जून को इतनी सुबह मिलेंगे ट्रंप और किम जोंग, आप हो जाएंगे हैरान" विमान और एयर ट्रैवल के कूल फैक्ट्स आज के समय में मध्यम वर्ग के लोगों के लिये हवाई यात्रा भी ट्रेन के सफर जैसी सामान्य सी चीज हो गयी है। लेकिन ये भी जान लीजिये कि दुनिया की मात्र ५ फीसदी आबादी ने ही हवाई यात्रा की है। हवाई यात्रा से जुड़ी बहुत सी बातें हैं जिन्हें अमूमन लोग नहीं जानते है। … Continue reading "विमान और एयर ट्रैवल के कूल फैक्ट्स" पर्यावरण दिवस (5 जून) पर विशेष: संभल जाएं, अब भी है समय पूनम नेगी आज हम दुनिया की सर्वाधिक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था हैं। अत्याधुनिक तकनीकों ने हमारे जीवन को अत्यन्त सुविधापूर्ण व आरामदायक बनाया है। टेलीविजन, कम्प्यूटर, इंटरनेट और मोबाइल क्रांति ने हमारी समूची दुनिया बदल कर रख दी है। चिकित्सा, शिक्षा व परिवहन के क्षेत्र में उन्नत तकनीक ने सफलताओं के ऐसे आयाम गढ़े … Continue reading "पर्यावरण दिवस (5 जून) पर विशेष: संभल जाएं, अब भी है समय" राग – ए- दरबारी: 'आज बचेंगे तभी तो कल विजय पा सकेंगे' उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की दो सीटों पर उपचुनाव में हार गयी। राजनीति में होता रहता है ऐसा सब। बात खास लगती है कि ये सीटें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री प्रसाद मौर्य की थीं। बात यह भी खास लगती है कि इस परिणाम से दूरगामी असर यह हो सकता है … Continue reading "राग – ए- दरबारी: 'आज बचेंगे तभी तो कल विजय पा सकेंगे'" वर्ष प्रतिपदा व चैत्र नवरात्र पर विशेष: शुभत्व के जागरण की अमृतबेला हिन्दू दर्शन में नवरात्र को सर्वाधिक फलदायी साधनाकाल माना जाता है। जानते हैं क्यूं! जिस प्रकार दिन-रात के 24 घंटों में ईश्वर की उपासना के लिए प्रात:काल की ब्रह्मबेला सर्वोत्तम होती है, उसी प्रकार वार्षिक साधनाकाल की दृष्टि से साल में आने वाले दो नवरात्र काल (चैत्र व आश्विन) सर्वाधिक उपयुक्त होते हैं। मान्यता है …
2019/05/21 05:38:07
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AGNI PARIKSHA OF SITA: क्या रामायण मैं वर्णित नागपाश अस्त्र, एक रसायन शस्त्र था ? नागपाश एक 'तनुकृत और कम शक्ति' वाला रसायन अस्त्र था जिसका प्रयोग पूरी तरह से वर्जित नहीं था| उसकी मार मैं एक या दो व्यक्ति ही आ सकते थे~~NAGPASH was an extremely toned down CHEMICAL weapon, perhaps then not totally prohibited रामायण त्रेता युग का इतिहास है, और यह हिंदू समाज जितनी जल्दी समझ ले उतना ही देश के लिए और हिंदू समाज के लिए लाभकारी है ! आम हिंदू बड़े गर्व से यह तो कहता है की रामायण के काल मैं विमान थे, लकिन जब उससे इस सत्य के अनुसार इतिहास को समझने को कहा जाता है, तो वोह संस्कार या अपने गुरु का हवाला दे कर अलग हो जाता है ! यह दोनों तरह से गलत है ! संस्कार कभी यह नहीं कहते की नई सूचना का स्वागत मत करो; यह तो रूढिवाद हो गया ! हिंदू धर्म और हमारे संस्कार कभी भी रूढिवाद की अनुमति नहीं देते | उसी तरह से धर्म गुरु यदि समाज की प्रगति के लिए धर्म का प्रचार कर रहै हैं , तो वे भी इस रूढिवाद को अस्वीकार कर देंगे , लकिन अफ़सोस ऐसा हो नहीं रहा है ! आज के धर्म गुरु धन और राजनेतिक शक्ति के लिए धर्म का प्रचार कर रहे हैं , और यही कारण है की आजादी के ६५ वर्ष बाद हिंदू समाज गरीब हो गया और धर्म गुरु शक्तिशाली और धनवान ! ध्यान रहे इस नकारात्मक अभिवृत्ति के कारण, हिंदू संस्कृति जो कि अत्यंत गौरवपूर्ण है, उसका सदुपयोग हम अपनी अंतररास्ट्रीय छबी सुधारने के लिए नहीं कर पा रहे हैं , तथा यह एक प्रमुख कारण है हमारे हीन मानसिकता की ! यह पोस्ट का लिंक मुख्य पोस्ट "त्रेता युग के विमान, विज्ञानिक प्रगती और रामायण" से है, जिसमें से अब मैं उद्धृत कर रहा हूं; "विज्ञान का विकास कोइ अस्माकित घटना नहीं होती ! उसके लिये यह आवश्यक है कि अनुकूल वातावरण हो, शिक्षा का स्थर विज्ञान सम्बंधित शोघ को समाज तक पहुचाने की क्षमता रखता हो, तथा समाज और शासन की, विज्ञान से जो आधुनिकरण सम्बंधित लाभ हो रहे हो, या हो सकते हैं , उसकी मांग हो ! "सत्ययुग मैं और त्रेता युग मैं श्री राम से पूर्व अनेक युद्ध हुए थे , लेकिन कभी भी सृष्टी का विनाश इस तरह से नहीं होपाया , जैसे की महाभारत के बाद हूआ था ! यदपि युद्ध मनुष्यता के नाम पर कलंक है, लेकिन यह भी सत्य है की अधिकाँश आधुनीकरण युद्ध , या युद्ध उपरान्त ही हुए हैं ! "बहुत ही आसान तरीके से; जहाँ जहाँ विज्ञान का असर दिखाई दिया, वहाँ यह समझा दिया गया कि रामायण के चरित्रों के पास अलोकिक और चमत्कारिक शक्तियां थी ! पुराने समय मैं यह बात ठीक भी थी, चुकी विज्ञान सम्बंधित सुचना का आभाव था, लेकिन आज क्यूँ ?" स्पष्ट है की यदि प्रलय स्वरूपि शस्त्र श्री राम से पहले त्रेता युग मैं थे, और विमान भी थे, तो वह समय विज्ञानिक स्थर से विकसित था ! यहाँ तक विकास हो गया था की प्रलय स्वरूपि शस्त्र , जैसे की शिव धनुष को विघटित करा जाने लगा था ; अर्थात विकास कम से कम आज के समय से अधिक विकसित था ! और हमारी सोच की सीमा है, जितना विकास हमने देखा है , उससे आगे हमें कल्पना का सहारा लेना होता है ! युद्ध मैं मेघनाथ ने नागपाश रसायन अस्त्र का प्रयोग करा , तो हनुमान गरुर्ड जो कि "हवाई स्वास्थ्य सेवा" थी संभवत: आज के रेड क्रोस जैसी(जिसे अंतररास्ट्रीय मान्यता , युद् छेत्र मैं स्वास्थ सेवा प्रदान करने कि प्राप्त हो), को समय से ले आय, और दोनों , श्री राम और लक्ष्मण के प्राण बचा लिए ! रामायण को त्रेता युग का इतिहास समझ कर यदि समझा जाय तो समाज का कल्याण है, और हमारी मानसिकता का भी सुधार होगा, वर्ना पतन के मार्ग पर तो हमारे गुरुजनों ने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए हमें ढकेल ही दिया है !
2021/07/30 13:34:43
https://awara32.blogspot.com/2012/04/blog-post_23.html
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बरेली: पुलिस से बोला पिता-ये लो 10 हजार रुपये, मेरी बेटी से छेड़छाड़ हुई, ऐसा आरोप-पत्र में लिख दो, फिर हुआ ये - News Today Network Home उत्तरप्रदेश बरेली: पुलिस से बोला पिता-ये लो 10 हजार रुपये, मेरी बेटी से... बरेली: पुलिस से बोला पिता-ये लो 10 हजार रुपये, मेरी बेटी से छेड़छाड़ हुई, ऐसा आरोप-पत्र में लिख दो, फिर हुआ ये न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के बरेली जिले के शाही थाने में दरोगा और दीवान का रिश्‍वत लेते वीडियो वायरल हुआ है। रिश्‍वत देने वाला निरस्त हो चुके छेड़छाड़ के मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के लिए कह रहा है। इस पर दरोगा और दीवान उससे 50 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। हालांकि, एसपी देहात मामले की जानकारी से अनभिज्ञता जता रहे हैं। थाना परिसर में बना करीब 9 मिनट का यह वीडियो वायरल हो रहा है। छेड़खानी प्रकरण में लड़की का पिता दरोगा व दीवान के आगे-पीछे थाने में घूम रहा है। परिसर में ही मौजूद उसी का कोई साथी बड़ी ही होशियारी से वीडियो बना रहा है। पुलिस 50,000 रुपये की मांग कर रही है पर लड़की का पिता दरोगा को 10,000 रुपये देने की बात कह रहा है। इस पर दरोगा मना कर देते हैं और कहते हैं कि अधिकारियों को भी इस रिश्वत में हिस्सा देना पड़ता है। लड़की का पिता कहता है कि 20,000 रुपये ले लो और मुकदमे में आरोप पत्र दाखिल कर दो। बता दें कि जिस मामले में सौदा होने जा रहा है उसमें एफआर लग चुकी है। एसपी देहात डॉ. संसार सिंह ने बताया कि उन्होंने वीडियो देखा नहीं है। वीडियो देखने के बाद जांच कराकर दोषियों पर करवाई करेंगे। माहभर पूर्व व्‍हाट्सएप ग्रुप पर डाला था वीडियो शाही थाने का यह वीडियो महीने भर पुराना है। एक चौकी प्रभारी ने व्‍हाट्सएप ग्रुप पर वीडियो डाला था। कुछ देर बाद ही उसे डिलीट भी कर दिया गया था। अब वीडियो के वायरल होने के बाद थाना स्‍टाफ सहित पूरे पुलिस महकमे में हलचल है। क्षेत्र के एक गांव में एक लड़की कुछ महीने पहले अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। लड़की के पिता की तहरीर के बाद उस लड़की को पुलिस ने बरामद कर लिया था पर लड़की ने प्रेमी के साथ रहने की हामी भरी थी। जिसके बाद पुलिस ने मामले में एफआर लगा दी थी। कुछ दिन बाद लड़की की छोटी बहन ने लड़के पर छेड़छाड़ का आरोप लगाकर तहरीर दी थी। क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों ने इसका विरोध जताकर फंसाने की साजिश बताया। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दी। इसी मामले में लड़की का पिता आरोप-पत्र दाखिल करने की बात कहकर रिश्‍वत दे रहा है।
2021/01/19 04:45:34
https://www.newstodaynetwork.com/bareilly-father-said-to-the-police-take-10-thousand-rupees-my-daughter-was-molested-write-this-in-the-charge-sheet-then-it-happened
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ECR ने PM केयर्स फंड में दान की लगभग 10 करोड़ की राशि – The Bihar Now May 2, 2020 August 25, 2021 Neena east central railway, Indian Railways, PM Care Fund, The Bihar Now, the_bihar_now पटना (TBN रिपोर्ट) :- कोरोना आपदा में प्रभावित हुए गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए बिहार की नीतीश सरकार के साथ अन्य राजनीतिक पार्टी और समाजसेवी संस्थाएं आगे आयी हैं. इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए रेलवे की एक तरफ से कोरोना के संकट में फंसे हुए लोगों की मदद के लिए पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पीएम केयर फंड में अपने 1 दिन का वेतन जमा करवा कर सहायता राशि के रूप में योगदान दिया है. भारतीय रेल के सभी मुख्यालयों और कारखाना इकाइयों में कार्यरत इन कर्मियों ने अपने 1 दिन का वेतन पीएम केयर फंड में दिया है. पूर्व मध्य रेलवे की तरफ से पीएम केयर फंड में 9.72 करोड़ रूपया दान किया गया है. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय और पांचों मंडल के कुल 83733 अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने 1 दिन का वेतन दिया है. इस बारे में जानकारी देते हुए ECR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि, "पूर्व मध्य रेल भारतीय रेल का प्रथम मुख्यालय है. जिसके हर एक कर्मचारी ने पीएम केयर्स फंड में अपना योगदान दिया है. भारत सरकार द्वारा इस खतरनाक वायरस के प्रसार की रोकथाम हेतु कई उपाय किए गए हैं. सरकार की ओर से किए जा रहे इन उपायों में कई सरकारी गैर सरकारी, स्वयंसेवी संगठन, उद्योगपति सहित समाज के कई वर्गों ने पीएम केयर्स फंड में राशि जमा कर कोविड-19 के विरूद्ध किए जा रहे राष्ट्रव्यापी प्रयासों में अपनी भागीदारी सुनिश्चत की है". बता दें इससे पहले भी लोगों की मदद के लिए पूर्व मध्य रेलवे के दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) रेल मंडल ने रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला प्रखंड का मुडियार गांव को गोद ले लिया है. जिसके बाद गांव की देखभाल के साथ ही लोगों के लिए भोजन और कोरोना से बचाव के लिए मास्क-सेनेटाइजर भी पंहुचा रहे हैं. कोरोना जैसी महामारी के बीच रेलवे के द्वारा गांव को गोद लेकर लोगों की मदद की ये पहल और अब ये सहायता राशि के रूप में योगदान वास्तव में प्रशंसनीय है.
2022/05/18 08:51:24
https://thebiharnow.com/big-news/patna/east-central-railway-donated-approx-10-crores-to-the-pm-cares-fund/
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एक सर्वेक्षण के अनुसार 35 की उम्र से कम हर तीसरा व्यक्ति कोई और ज़रूरी काम करते हुए/करने से पहले/ करने के बाद सोशल मीडिया को एक बार ज़रूर खोल कर देखता है. ड्राइविंग करते वक़्त, काम करते वक़्त भी. यही नहीं Sex के तुरंत बाद भी बहुत से लोग सीधा सोशल मीडिया पर धावा बोलते हैं, ये ध्यान रखे बिना कि उनका पार्टनर साथ ही लेटा है. जी हां! सही सुना आपने. Psychiatrist भी ये दावा करते रहते हैं. दरअसल सोशल मीडिया अपनी लाइफ के अपडेट देने से ज़्यादा दूसरों की लाइफ में झांकने का माध्यम बन गया है. आप दूसरों की रंगीन ज़िन्दगी की तस्वीरें देखकर अपनी ज़िन्दगी को कोसने लगते हो. और यही ईर्ष्या तनाव और चिंता को जन्म देती है.
2021-03-07T09:55:40Z
https://usd.hi.currencyrate.today/xof/18250
OSCAR-2109
महाराष्ट्र में एमवीए सरकार ने भी किया मुफ्त कोरोना टीके का वादा | NewsTrack Hindi 1 Oct 25 2020 01:08 PM भाजपा के घोषणापत्र में कोरोना टीका तूफान को बढ़ावा दे रहा है। कई राज्यों ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में मुफ्त कोरोना टीके शामिल किए हैं। बिहार के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन मुफ्त प्रदान करने के लिए बिहार चुनाव घोषणा पत्र में भाजपा के वादे के बाद, महा विकास अघडी या एमवीए सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने भी घोषणा की है कि महाराष्ट्र में, हमारी सरकार सभी के लिए कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता भी मुफ्त करेगी। नवाब मलिक ने कहा कि कोरोनोवायरस-प्रेरित लॉकडाउन जिसके कारण लोगों की जान और नौकरी चली गई, अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन 31 दिसंबर, 2019 को वायरस के बारे में अलर्ट के बाद केंद्र ने सीमाओं को तुरंत सील कर दिया होता। महाराष्ट्र में 25 से अधिक पीसी खाते हैं भारत के सक्रिय कोरोना रोगियों की मलिक की घोषणा उस दिन हुई जब महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के एक डेटाबेस की तैयारी शुरू की। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने अपने पत्र में जिला कलेक्टरों, संभागीय आयुक्तों और नगरपालिका आयुक्तों से कहा है कि सरकारी और निजी सुविधाओं को 25 अक्टूबर तक डेटाबेस को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव तैयारी और प्रगति की समीक्षा करेंगे। सोमवार, 26 अक्टूबर को दोपहर 12.30 बजे एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान का मामला है। डेटाबेस को व्यक्तिगत ट्रैकिंग के लिए Covid19 वैक्सीन लाभार्थी प्रणाली पर बाद में अपलोड किया जाएगा। डॉ। व्यास ने बताया कि सरकारी सुविधाओं में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, क्लीनिक, औषधालय और आदिवासी स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, इन सुविधाओं में आयुष अस्पतालों और औषधालयों, नागरिक निकायों के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं, जिला और ग्राम परिषद शामिल हैं।
2020/11/25 22:12:12
https://www.newstracklive.com/news/mva-govt-in-maharashtra-also-promise-free-covid-vaccine-sc1-nu318-ta318-ta915-1409286-1.html
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धनतेरस 2021 : भूलकर भी घर ना लाएं ये चीजें, लोहे-स्टील के बर्तन भी नहीं – Dainik Bhaskar | Uttar Pradesh News, UP Dainikbhaskar कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है । दीवाली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला ये त्‍यौहार घर में समृद्धि और संपन्‍नता बनी रहे, इसलिए मनाया जाता है । इस वर्ष धनतेरस 2 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा । धनतेरस पर खरीदारी का विशेष महत्व है । धनतेरस पर बहुमूल्‍य धातुओं की खरीदारी की जाती है, मान्‍यता है कि इस दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदने से पूरे साल संपन्नता बनी रहती है । लेकिन धनतेरस पर किन चीजों को बिलकुल नहीं खरीदना चाहिए, ये हम आपको आगे बता रहे हैं । धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा बहुत समय से चली आ रही है, लेकिन स्टील भी लोहे का ही दूसरा रूप है । स्टील शुद्ध धातु नहीं है । इस पर राहु का प्रभाव भी ज्यादा होता ह । .इसलिए स्टील के बर्तन भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदने चाहिए । स्टील की जगह कॉपर, ब्रॉन्ज या पीतल के बर्तन खरीदे जा सकते हैं । कई लोग धनतेरस पर क्रॉकरी, कांच के बर्तन खरीद लेते हैं, लेकिन कांच का संबंध भी राहु ग्रह से होता है इसलिए धनतेरस के दिन कांच की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए ।काले रंग की वस्तुएं ना खरीदें धनतेरस के दिन अगर आप खरीदारी करने निकले हैं तो चाकू, कैंची व दूसरे धारदार हथियारों को खरीदने से बचना चाहिए । धनतेरस पर कुछ लोग एल्यूमिनियम के बर्तन खरीद लेते हैं, इस धातु पर भी राहु का प्रभाव माना गया है । जा कि दुर्भाग्य का सूचक माना गया है । त्योहार पर एल्यूमिनियम की कोई भी नई चीज घर में लाने से बचें । धनतेरस पर प्लास्टिक की बनी चीजें भी नहीं लानी चाहिए । ये त्‍यौहार समृद्धि के लिए मनाया जाता है, लेकिन प्लास्टिक बरकत नहीं देता । धनतेरस पर सेरामिक का कोई सामान ना खरीदें, ये भंगुर होती हैं इनमें स्थायित्व नहीं रहता है, जिससे घर में बरकत नहीं रहती । खाली बर्तन घर ना लाएं धनतेरस के दिन अगर आप कोई बर्तन या इस्तेमाल करने का दूसरा सामान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसे घर में खाली नहीं लेकर आएं । नए बर्तन में पानी, चावल या कोई दूसरी सामग्री भर लें । मिलावटी सामान धनतेरस के दिन तेल या घी जैसी कोई भी चीज खरीद रहे हैं तो शुद्धता के प्रति सतर्क रहिएगा । इस दिन अशुद्ध चीजें खरीदने से बचना चाहिए । धनतेरस पर अशुद्ध तेल या घी के दीपक नहीं जलाएं । ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी आपसे रूठ सकती हैं ।
2022/01/24 17:04:51
https://dainikbhaskarup.com/%E0%A4%A7%E0%A4%A8%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%B8-2021-%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%98%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%8F/
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Solar Storm: दक्षिणी कनाडा के आसमान में दिखी गुलाबी रोशनी, दहशत में आए लोग, जानें क्‍या है यह 'स्‍टीव' - solar storm pink light beam seen in south of canada and north of america - Navbharat Times Hindi मराठी ಕನ್ನಡ தமிழ் മലയാളം తెలుగు বাংলা Samayam ગુજરાતી English IND UAE अपना बाजार MCD Photogallery Login चुनाव न्यूज राज्य Viral मनोरंजन लाइफस्टाइल दुनिया बिज़नस एजुकेशन धर्म टेक ऑटो फोटो वीडियो भारत जोक्स खान-पान विचार यात्रा भोजपुरी चुनाव गुड न्यूज वेब सीरीज टीवी अपना बाजार फोटो धमाल ईपेपर सिटिजन रिपोर्टर मौसम Times Evoke ब्लॉग NBT ऐप लाइव टीवी ब्रीफ सरकारी योजना बिजली-पानी-सड़क मेट्रो दुनिया साइंस न्यूज़ पाकिस्तान चीन बाकी एशिया अमेरिका ब्रिटेन बाकी यूरोप बाकी दुनिया परदेसी इंडियन खाड़ी देश फोटो Hindi News World Other countries solar storm pink light beam seen in south of canada and north of america Solar Storm: दक्षिणी कनाडा के आसमान में दिखी गुलाबी रोशनी, दहशत में आए लोग, जानें क्‍या है यह 'स्‍टीव' Curated by योगेंद्र मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Aug 15, 2022, 2:42 PM Subscribe Solar Storm: दक्षिणी कनाडा के आसमान में एक रहस्यमय रोशनी देखनी को मिली है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सोलर तूफान के कारण आसमान में ये रहस्यमय रोशनी दिखी है। ये रोशनी एक गुलाबी रंग की बीम थी। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि ये घटना चार्च पार्टिकल्स के कारण हुई है। दक्षिण कनाडा में दिखा STEVE। (Credit-NASA/Neil Zeller) ओटावा: अंतरिक्ष का सौर तूफान पृथ्वी पर रेडियो ब्लैकआउट, सैटेलाइट और पावर ग्रिड में दिक्कत पैदा कर सकता है। हालांकि ये सभी समस्याएं तब दिखती हैं जब सूर्य से एक बड़ा तूफान पृथ्वी से टकराता है। लेकिन अगर कोई हल्का तूफान पृथ्वी से टकराए तो इससे पृथ्वी के ध्रुवों पर शानदार रंगीन लाइटें देखने को मिलती हैं। कुछ इसी तरह का शानदार नजारा दक्षिणी कनाडा के आसमान में दिखाई दिया है। इस इलाके में इस तरह की लाइटें न के बराबर ही देखने को मिलती हैं। हर कोई इस लाइट को देख कर हैरान हो गया। दक्षिणी कनाडा के कुछ हिस्सों में लोगों ने आसमान में इस तरह की लाइट देखी हैं। ये सोलर तूफान कनाडा में रविवार को देखने को मिला है। भले ही ये लाइटें उत्तरी ध्रुव की रोशनी की तरह शानदार न रही हों, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि सौर तूफान की ये घटना एक हैरान करने वाली घटना का हिस्सा हो सकती है। ये हैरान कर देने वाली घटना STEVE (Strong Thermal Emission Velocity Enhancement) है। Alien on Earth: प्रशांत महासागर में क्रैश हुई थी एलियन टेक्नोलॉजी, चुबंक के जरिए निकालेंगे बाहर... हावर्ड के प्रोफेसर का दावा दो तरह की लाइटें दिखती हैं आसमान में आसमान में गुलाबी रंग की एक बड़ी बीम देखने को मिली जो लगभग एक घंटे तक रही। स्टीव की विशेषता है कि ये कभी-कभी हरी रोशना के साथ भी चमकता है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि ये घटना वायुमंडल में चार्ज पार्टिकल्स के कारण हुई है। हालांकि अभी तक इसके पूरे तंत्र को नहीं समझा जा सका है। आसमान में इन लाइटों को दो तरीकों से विभाजित किया जाता है। पहला है एयर ग्लो और दूसरा है अरोरा। Sea New Creature: समुद्र की गहराइयों में मिला रहस्यमय जीव डार्थ वेडर, देख कर स्टार वार्स के विलेन की आ गई याद प्लाज्मा होने का संदेह एयरग्लो पृथ्वी पर कहीं भी हो सकते हैं, वहीं अरोरा पृथ्वी के ध्रुवों पर एक बड़ी रिंग की तरह दिखती हैं। हालांकि STEVE इन दोनों में से एक भी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि अरोरा वाले गुणों के बावजूद से ध्रुवों से अलग बने हैं। हम जो जानते हैं वह ये है कि स्टीव की बैंगनी धुंध वातावरण में सुपरसोनिक स्पीड से आगे बढ़ रहे आयनों के कारण हैं। वैज्ञानिक इस असामान्य घटना के लिए ऊंचाई पर प्लाज्मा होने का संदेह जता रहे हैं। अगला लेखEight Wives Husband: ब्राजीली मॉडल को 9 लड़कियों से शादी करना पड़ा भारी, मौज मस्ती के चक्कर में घर चलाना हुआ मुश्किल Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें कॉमेंट लिखें रेकमेंडेड खबरें बेंगलुरु छात्र के बैग में मिले कॉन्डम और गर्भनिरोधक गोलियां, स्कूल में हैरान रह गए टीचर Adv: देश के फेवरिट स्मार्टफोन्स पर बंपर ऑफर, 29 नवंबर तक खरीदने का मौका नोएडा नोएडा की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह हैं मिसाल, जानें इस बिटिया पर क्यों नाज देश आफताब ने गुनाह कबूला, पॉलीग्राफ टेस्‍ट में रूह कंपा देने वाले 10 खुलासे 5 साल से कम उम्र के बच्चों को हर साल लगवाएं 4-in-1 टीका, स्वाइन फ्लू से होगा बचाव Live गुजरात विधानसभा चुनाव की 89 सीटों पर प्रचार खत्म, 93 का किस्सा बाकी चीन कर्ज के जाल में फंसाता है चीन...मालदीव के स्‍पीकर नशीद ने ड्रैगन को दिखाया आईना, भारत की जमकर तारीफ क्राइम ज्यादा पी ली थी, नशे में कार यमुना नदी में गिर गई... 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2022-11-30T08:30:13Z
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OSCAR-2301
नई दिल्ली। रविवार को 34 वर्षीय एरोनॉटिकल इंजीनियर शिरिषा बांदला (Sirisha Bandla) अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बन गयीं हैं। जबकि भारत के दृष्टकोण से देखा जाए तो स्कवाड्रन लीडर राकेश शर्मा, कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद शिरीषा बांदला अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली चौथी भारतीय हैं। शिरिषा ने सफल उड़ान भरी शिरिषा ने अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत से ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन (Richard Branson) के साथ 'वर्जिन गैलेक्टिक' की अंतरिक्ष के लिए पहली पूर्ण चालक दल वाली सफल परीक्षण उड़ान भरी। वर्जिन गैलेक्टिक के वीएसएस यूनिटी (VSS Unity) नामक अंतरिक्ष यान ने स्पेसपोर्ट अमेरिका प्रक्षेपण केन्द्र से न्यू मैक्सिको के ऊपर करीब 1.5 घंटे के मिशन के लिए उड़ान भरी। खराब मौसम होने के कारण इस उड़ान में 90 मिनट की देरी भी हुई। न्यू मैक्सिको से अंतरिक्ष की यात्रा करने के लिए बांदला वर्जिन गैलेक्टिक के अंतरिक्ष यान टू यूनिटी में ब्रैनसन और चार अन्य लोगों के साथ रवाना हुईं। आंध्र प्रदेश में जन्मी शिरिषा का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में हुआ था। लेकिन जब वे चार साल की थी तब से ही अमेरिका में रह रही हैं। 2011 में पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स से उन्होंने विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद 2015 में उन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री हालिल की। कमजोर आंखों के कारण NASA में नहीं जा पाईं बतादें कि शिरिषा बांदला शुरू से ही यूएस नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के लिए एक अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती थीं। लेकिन, आंखों की कमजोर रोशनी के कारण वह ऐसा नहीं कर सकीं। हालांकि जब वह पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ रही थीं, तो एक प्रोफेसर ने उन्हें वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ानों के क्षेत्र में एक अवसर के बारे में बताया। इसके बाद वह 'वर्जिन गैलेक्टिक' (Virgin Galactic) से जुड़ीं। शिरिषा ने कहा था वह पूरे भारत के साथ स्पेस में जा रही हैं शिरिषा बांदला के साथ इस उड़ान में पांच और लोग करीब 53 मील की ऊंचाई (88 किलोमीटर) पर अंतरिक्ष के छोर पर पहुंचे। वहां तीन से चार मिनट तक भारहीनता महसूस करने और धरती का नजारा देखने के बाद वापस लौट आए। इन 6 लोगों में दो पायलट और चार पैसेंजर शामिल थे। मीडिया रिपोट्स की माने तो बांदला ने हाल में एक बातचीत में कहा था कि उन्हें ऐसा लगता है कि वह पूरे भारत को अपने साथ लेकर स्पेस में जा रही हैं और रविवार 11 जुलाई को वो अंतरिक्ष में पहुंचने में कामयाब भी रही।
2022/01/23 06:22:36
https://bansalnews.com/sirisha-bandla-nasa-had-a-dream-the-eyes-left-her-together-now-with-this-company-she-has-made-history-by-going-into-space-nkp/
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अलीबाबा में जॉब के लिए 12 घंटे काम जरूरी-जैक मा के इस बयान का सोशल मीडिया पर निंदा | बीजिंग/नई दिल्‍ली. जैक मा का कहना है कि उनकी कंपनी में जॉब करनी है तो रोज 12 घंटे और हफ्ते में 6 दिन काम करना पड़ेगा. चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा ने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत नहीं, जो 8 घंटे की नौकरी करने की सोच रखते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनके बयान की सोशल मीडिया पर कड़ी निंदा हो रही है. जैक मा ने किया 996 वर्क कल्चर का समर्थन रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटरनल मीटिंग में जैक मा ने सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक 6 दिन काम करने के 996 वर्क कल्चर को पूरा समर्थन दिया. गौरतलब है कि चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट वेबो पर अलीबाबा के ऑफिसियल अकाउंट पर इसका जिक्र है. अलीबाबा जॉइन करना है तो 12 घंटे काम जैक मा का कहना है कि 996 के तहत काम करने में बेहद खुशी मिलती है. यदि आपको अलीबाबा जॉइन करना है तो 12 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा, नहीं तो कंपनी ज्‍वाइन करने के बाद परेशान होने की जरूरत नहीं. जैक मा के बयान की चीन में भी हो रही निंदा गौरतलब है कि चीन से सबसे बड़े अमीर शख्‍स जैक मा के बयान की निंदा हो रही है. वेबो पर एक यूजर ने उनकी सोच को बकवास बताया है. यूजर ने कहा है कि जैक मा ने यह नहीं बताया कि क्या उनकी कंपनी 996 शेड्यूल के लिए ओवरटाइम कंपेनसेशन देती है ? लोगों को अपने तर्कों की बजाय कानून का पालन करना चाहिए. ओवरटाइम के मुद्दे पर चीन में छिड़ी हुई है बहस बता दें कि जैक मा की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जबकि ओवरटाइम के मुद्दे पर चीन में बहस छिड़ी हुई है. मार्च में 996.आईसीयू के बैनर तले चीन की टेक इंडस्ट्री के प्रोग्रामर्स ने काम की शर्तों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके जरिए टेक इंडस्ट्री के ऐसे लोगों से आगे आने की अपील की गई, जिनकी कंपनियां बिना अतिरिक्त पैसे दिए ज्यादा काम करवाती हैं. इनमें अलीबाबा और उसकी एक अन्य कंपनी आंट फाइनेंशियल का नाम भी लिया गया था. अलीबाबा में जॉब के लिए 12 घंटे काम जरूरी-जैक मा के इस बयान का सोशल मीडिया पर निंदा DAINIK PUKAR. Dainik Pukar
2019/07/16 22:41:38
https://indias.news/%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%9C%E0%A5%89%E0%A4%AC-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F-12-%E0%A4%98%E0%A4%82%E0%A4%9F/
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कांग्रेस के टारगेट पर सबलगढ़ और जौरा विधानसभा - Punjab Kesari (पंजाब केसरी) Home » अन्य राज्य » कांग्रेस के टारगेट पर सबलगढ़ और जौरा विधानसभा कांग्रेस के टारगेट पर सबलगढ़ और जौरा विधानसभा मुरैना : आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने चंबल संभाग को अपना टारगेट प्राथमिक रूप से बनाकर और चुनावी सभाओं के माध्यम से विपक्ष को हाशिए पर लेकर तीव्रगति से अपना कदम आगे बढाया है। पिछले 6 अक्टूबर को जिला मुख्यालय के अम्बेडकर स्टेडियम में विशाल जनसभा को संबोधित कर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं की टीम को लेकर जंगे ऐलान कर गए हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने आने वाले 16 अक्टूबर को ठीक दस दिन बाद ही श्योपुर से लेकर और मुरैना जिले की जौरा सुमावली पर अपना रोड शो करने का ऐलान किया है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो राहुल गांधी 16 अक्टूबर को श्योपुर में आमसभा करने के बाद विजयपुर पहुंचेंगे और विजयपुर से बाई रोड, सबलगढ़, कैलारस, जौरा और सुमावली क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में होते हुए मुरैना पहुंचेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनावी जंग की शुरूआत चंबल से मानी जा रही है और वो यहां पुन: अपना दौरा कार्यक्रम घोषित कर चुके हैं। यहां बता दें कि पिछले 2013 के चुनावों में सबलगढ़ से भाजपा के मेहरवान सिंह रावत ने कांग्रेस के सुरेश चौधरी को पराजित किया था। वहीं जौरा विधानसभा में भाजपा के सूबेदार सिंह रजौधा ने पिछले पचास वर्षों से पराजित हो रही भारतीय जनता पार्टी को विजय दिलाई थी। इन दो जगह कांग्रेस ने दो ढाई हजार के अंतर से हार का सामना किया। इसलिए कांग्रेस इस क्षेत्र को ज्यादा अहमियत दे रही है। कांग्रेस के सामने इन दो सीटों का महत्व काफी माना जा रहा है। लेकिन कांग्रेस के टिकिट निर्णय पर लगभग इन दो सीटों की सफलता निर्भर करती है। देखना यह है कि आगामी चुनाव के लिए प्रत्याशी के निर्णय की कुंडली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैसे तैयार करते हैं जो आने वाले समय उनको सफलता के पायदान पर पहुंचा सके। हालांकि सबलगढ विधानसभा को देखें तो कांग्रेस ने यहां दो बार सुरेश चौधरी और एक बार भगवती प्रसाद बंसल को विधायक बनाया, लेकिन ओबीसी का फेक्टर कहीं न कहीं भाजपा को फायदा और कांग्रेस को नुकसान पहुंचाता रहा। दो बार ही भाजपा के मेहरवान सिंह रावत विधायक चुने गए। सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की राजनीति का अगर आंकडा लिया जाये तो भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों का ही जीत के लिए संघर्ष चलता रहा। यहां बहुजन समाज पार्टी यहां खाता खोलने में एक बार सफल हो सकी। पिछले चुनावों की हकीकत को देखें तो 1951 से 2013 कुल 14 चुनावों में से 1951 व 57 में बालमुकुंद मुदगल और 72 में रघुबर दयाल रसोइया तथा 77 में श्रीधर लाल हरदेनिया चुनाव जीते इनमे बालमुकुंद मुदगल और रसोइया जी कांग्रेसी थे तो हरदेनिया जी कट्टर संघी थे वे इस सीट से जीतने वाले आखिरी ब्रह्मण उम्मीदबार थे। 1980 में वैश्य वर्ग से सुरेश चौधरी ने कांग्रेस से विजय हांसिल की और उनके बाद भगवती प्रसाद बंसल ने 1993 में कांगेस से ही पुन: जीत हांसिल की इसके बाद सुरेश चौधरी को 2008 में कांग्रेस ने पुन: प्रत्याशी बनाया और जीत हांसिल की। इस तरह सबलगढ़ से 1980 के बाद से 2013 तक के 8 चुनावों में 4 बार वैश्य तो 4 बार रावत चुनाव जीते। चारो वैश्य प्रत्याशी कांग्रेस के थे इसके अलाबा 2013 में चुनाव भाजपा के मेहरवान सिंह रावत जीते हैं मुकाबला कांग्रेस के सुरेश चौधरी से ही हुआ था जिसमें सुरेश चौधरी पराजित हुए और मेहरवान सिंह विधायक बने इससे पहले के चुनाव में भी मेहरवान सिंह एक बार विधायक रह चुके थे। एक बार यहां से बहुजन समाज पार्टी ने भी अपना परचम लहराया, लेकिन बूंदी रावत विधायक चुने गए।
2019/02/22 04:12:23
https://punjabkesari.com/other-states/sabargad-and-jaura-assembly-on-congress-targets/
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इजराइल और फिलिस्तीन में क्यों छिड़ी है जंग? जानिए खान सर से - The Live Post इजराइल और फिलिस्तीन में क्यों छिड़ी है जंग? जानिए खान सर से खान सर ने अपने यूट्यूब चैनल पर हाल में एक वीडियो अपलोड किया है जिसमे उन्होंने इजराइल और फिलिस्तीन के झगड़े पर खुलके बात की है। आखिर इन दोनों देशों की लड़ाई का सबसे मुख्य कारण क्या है? क्यों ज्यादातर मुस्लिम देश इजराइल का विरोध कर रहे हैं? गाजा से किस प्रकार हमले हो रहे हैं? इजराइल कैसे उन हमलों का जवाब दे रहा है? इन सभी सवालों का जवाब आपको इस वीडियो में मिल जायेगा। खान सर ने फिलिस्तीन और इजराइल के विवाद को इतिहास के नजरिये से भी समझाया है। तो ऐसे में आपको ये वीडियो देखकर इतिहास की भी बहुत सी चीजें जानने को मिलेंगी। इसके साथ ही खान सर ने दुनिया का इस घटना पर क्या रिएक्शन रहा है उस पर भी विस्तार से चर्चा की है।
2021/06/14 18:00:14
https://thelivepost.in/why-israel-an-philistine-having-conflicts/
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3 मई के बाद लॉक डाउन खुलेगा या नहीं कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दो चरणों में लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन की मियाद 3 मई को खत्म होने वाली है। अब सबकी नजर इस पर है कि लॉकडाउन को फिर बढ़ाया जाएगा या नहीं। केंद्र के संकेतों से स्पष्ट है कि देशव्यापी लॉकडाउन को और ज्यादा रियायतों के साथ बढ़ाया भी जा सकता है। हालांकि मेडिकल एक्सपर्ट्स ने चेताया है मई का महीना देश के लिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 'बनने या बिगड़ने' वाला साबित हो सकता है लिहाजा बहुत फूंक-फूंककर कदम रखना होगा। इसे लेकर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है, आइए देखते हैं उसकी 10 बड़ी बातें। 1- लॉकडाउन से वायरस नहीं मरेगा, बस फैलाव धीमा करेगा फोर्टिस नोएडा में पुल्मोनोलॉजी ऐंड क्रिटिकल केयर के अडिशनल डायरेक्टर डॉक्टर राजेश कुमार के मुताबिक मई का महीने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 'मेक ऑर ब्रेक' का रहने वाला है। उन्होंने कहा कि हमें समझने की जरूरत है कि लॉकडाउन वायरस को खत्म नहीं करेगा, बस उसके फैलाव को धीमा करेगा। उन्होंने रेड जोन्स में लॉकडाउन को कम से कम दो हफ्ते या उससे भी ज्यादा वक्त तक बढ़ाने की वकालत की है। 2- आक्रामक कंटेनमेंट स्ट्रैटिजी की जरूरत मेडिकल एक्सपर्ट्स की सलाह है कि हॉटस्पॉट्स में पहले से भी ज्यादा सख्ती की जरूरत है। उनके मुताबिक हॉस्पॉट्स में आक्रामक कंटेनमेंट स्ट्रैटजी अपनाने और ग्रीन जोन में छूट का दायरा और बढ़ाने की जरूरत है। डॉक्टर गुप्ता के मुताबिक रेड जोन्स में और सख्ती की जरूरत है जबकि ग्रीन जोन्स में जनजीवन सामान्य की ओर बढ़ाने की जरूरत है। और ऐसा करते वक्त यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि रेड जोन्स से कोई ग्रीन जोन्स में या ग्रीन जोन्स से कोई रेड जोन्स में न जाए। जिन जगहों पर लगातार नए केस मिल रहे हैं वहां पाबंदियों को जारी रखना बहुत अहम है। 3- यात्राओं पर प्रतिबंध जारी रहे दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के जाने-माने लंग सर्ज डॉक्टर अरविंद कुमार की सलाह है कि रेल और हवाई यात्रा के साथ-साथ इंटर-स्टेट बस सर्विस पर भी कम से कम मई महीने तक रोक जारी रहनी चाहिए। इसके अलावा मॉल्स, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, धार्मिक स्थानों और दूसरे सार्वजनिक जगहों को अभी और एक महीने तक बंद ही रखा जाना चाहिए।
2022/05/17 17:05:37
https://www.khabarplus.page/2020/05/3-maee-ke-baad-lok-daun-khuleg-dXpNxY.html
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Delhi court stays release of 'Ram-leela', Sanjay Leela Bhansali's Fans are very Sad. - Hindi Filmibeat 12 min ago क्रिसमस पर अल्लु अर्जुन की 'पुष्पा' से भिड़ेंगे रणवीर सिंह, '83 द फिल्म' का धमाकेदार क्लैश! 56 min ago Video पति का नाम सुनकर मीडिया पर भड़कीं शिल्पा शेट्टी- मैं राज कुंद्रा हूं? मैं उसके जैसी लगती हूं? | Published: Wednesday, November 13, 2013, 12:00 [IST] जैसे ही खबर आयी कि 15 नवंबर को रिलीज होने वाली संजय लीला भंसाली की फिल्म 'रामलीला' को दिल्ली कोर्ट ने प्रतिंबधित कर दिया है तब से ही भंसाली के चाहने वाले उनके फैंस में एक निराशा की लहर दौड़ गयी है। उनके फैंस ने फेसबुक औऱ ट्विटर पर लिखा है कि जबरदस्ती कुछ लोगों ने भंसाली की फिल्म 'रामलीला' को निशाना बनाया है, हर किसी को पता है फिल्म 'रामलीला' में राम औऱ लीला दो किरदारों का नाम है जिसका ना तो भगवान राम से औऱ ना ही किसी धार्मिंक संगठन से लेना-देना है। 'रामलीला' से ज्यादा वल्गर फिल्में रिलीज होती है तब तो कोई बवाल नहीं होता है, जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म के हरी झंडी दे दी है तो फिर क्यों भंसाली की फिल्म पर तमाशा किया जा रहा है, यह सरासर गलत है और बेबुनियाद है। गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने देश भर में फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है। फिल्म पर लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलने और भगवान राम के चरित्र को गलत ढंग से पेश करने का आरोप लगा है। दिल्ली की रामलीला कमेटी की ओर से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि भंसाली की फिल्म 'रामलीला' में रामलीला शब्द का गंदा मजाक उड़ाया गया है। फिल्म अश्लील संवादों और अतरंग दृश्यों से भरी हुई है। दीपिका-रणवीर के लिपलॉक सीन के बीच में हनुमान जी की फोटो का प्रयोग किया गया है। इसलिए भंसाली की फिल्म को तत्काल रोका जाये। जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। मालूम हो कि 'रामलीला' लवस्टोरी रोमियो-जूलियट की हिंदी संस्करण है जिसे गुजरात की पृष्ठभूमि में रचा-बसा दिखाया गया है। फिल्म में रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण,ऋचा चड्डा, गुलशन देवैह और सुप्रिया पाठक भी नजर आएंगे, फिल्म के एक गाने में प्रियंका चोपड़ा भी नजर आ रही है। A Delhi court Tuesday stayed the release of Bollywood movie "Ram-leela", starring Ranveer Singh and Deepika Padukone.so Sanjay Leela Bhansali's Fans are very Sad about this.
2021/09/28 05:24:50
https://hindi.filmibeat.com/news/delhi-court-stays-release-ram-leela-sanjay-leela-bhansali-fans-sad-272319.html?ref_medium=Desktop&ref_source=FB-HI&ref_campaign=Similar-Topic-Slider
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कानपुर 04 सितम्‍बर 2017 (विशाल तिवारी). मामला कल्यानपुर थाने के अंतर्गत का है जहां एक दबंग के डर से परिवार का जीना मुश्किल हो गया है जिसकी वजह से परिवार के सदस्यों ने अपना काम धंधा सब बंद कर दिया है। मामला आई० आई० टी० कानपुर की रहने वाली राम बिटोली पत्नी स्वर्गीय राम किशन कि रूबी नामक एक बेटी का है। जानकारी के अनुसार परिवार की आर्थिक हालत भी सही नहीं है जिसके कारण रूबी को भी काम करना पड़ता है मोहल्ले का रहने वाला अभिषेक कठेरिया पुत्र महेश कठेरिया जो कि इलाके का बहुचर्चित दबंग है, और जिसका इलाके में डर व्याप्त है वह आए दिन रूबी को परेशान करता है वह उसके साथ छेड़खानी करता है जिसके कारण रूबी ने काम पर जाना भी बंद कर दिया। रूबी ने बताया कि महेश कठेरिया उसके घर के सामने से जब भी निकलता है तो उसको कंकर फेंक कर मारता है और जब भी रूबी ने इन सब बातों का विरोध किया तो वह उसे और उसके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देता है। यह बात जब रूबी ने अपनी माँ राम बिटोली से बताई तो वह उसके पिता के पास शिकायत लेकर गई तो उसके पिता ने अपने लड़के महेश कठेरिया के साथ मिलकर माँ और पुत्री दोनों को लात और घूसों से गिरा गिरा कर मारा। जिसके बाद आज राम बिटोली ने चौकी इंचार्ज आई० आई० टी० को प्रार्थना पत्र देकर के न्याय की गुहार लगाई है। कल्यानपुर के बहुचर्चित दबंग के डर से युवती का जीना हुआ दुश्वार Reviewed by Puneet Nigam on 6:12 pm Rating: 5
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इटली में बेटी ईशा संग चर्च पहुंचीं नीता अंबानी, देखने वालों की लगी भीड़ - Isha ambani spotted como cathedral church with nita ambani italy people click photos tmov - AajTak इटली में बेटी ईशा संग चर्च पहुंचीं नीता अंबानी, देखने वालों की लगी भीड़ इटली के लेक कोमो में अपने सगाई सेरेमनी के बाद ईशा अंबानी मां नीता अंबानी संग चर्च पहुंचीं. चर्च के बाहर अंबानी परिवार की एंट्री देखने के लिए स्थानिय लोगों की भीड़ जुट गई. दिल्ली, 24 सितंबर 2018, अपडेटेड 12:34 IST ईशा अंबानी की सगाई का तीन दिवसीय जश्न 23 सितंबर को इटली के लेक कोमो में संपन्न हो गया. तीन दिन के जश्न से जुड़े कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं. अब एक नया वीडियो सामने आया है जिसे लेकर कहा जा रहा है कि बेटी संग नीता अंबानी ने लेक कोमो के एक चर्च में विजिट किया. ये वीडियो नीता अंबानी के नाम पर बने इंस्टा के फैन पेज पर #italy #comocathedral हैशटैग के साथ शेयर किया गया है. ईशा अंबानी की सगाई में PC-निक ही नहीं जाह्नवी और अनिल कपूर भी छाए John Legend performing at #IshaAmbani engagement ceremony in Italy at lake como which is being attended by Priyanka Chopra & Nick Jonas 😍 Hey @priyankachopra @nickjonas wld be nice to see some pics of you both together from the event :))#PriyankaChopra #NickJonas #JohnLegend pic.twitter.com/8kkOwvgF4J
2019/09/16 00:53:19
https://aajtak.intoday.in/story/isha-ambani-spotted-como-cathedral-church-with-nita-ambani-italy-people-click-photos-tmov-1-1030572.html
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आमिर खान पहुंचे बिहर के 'माउंटेन मैन' के गांव, नहीं खाया उनके घर का खाना | आमिर खान पहुंचे बिहर के 'माउंटेन मैन' के गांव, नहीं खाया उनके घर का खाना By: admin | Last Updated: Wednesday, 26 February 2014 5:14 AM गहलौर/बिहार: अभिनेता आमिर खान मंगलवार को 'माउंटेन मैन' के नाम से मशहूर दशरथ मांझी के गांव गहलौर पहुंचे. उन्होंने कहा कि माउंटेन मैन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी उनकी प्रेरणा और आदर्श हैं. उनके गांव में आकर उन्हें काफी खुशी मिली है. दशरथ मांझी वही शख्स थे, जिन्होंने अपने गांव में अकेले ही एक पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया था. अपने कार्यक्रम 'सत्यमेव जयते-2' के लिए गया जिले के गहलौर गांव पहुंचे आमिर को देखने के लिए बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक मौजूद थे. सभी लोग आमिर की एक झलक देखना चाहते थे. आमिर ने कहा कि एक अकेला इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण दशरथ मांझी हैं. उन्होंने कहा, "मैं यहां आकर, यहां की मिट्टी को छूकर कर वाकई खुश हूं, जहां एक अकेले इंसान ने अपनी नि:स्वार्थ दृढ़ता का इतना बड़ा उदाहरण पेश किया." अभिनेता एवं फिल्म निर्माता आमिर ने कहा कि दशरथ मांझी का गांव देखने की उनके ख्वाहिश पूरी हुई. पहाड़ी पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके पहले भी वे बिहार आए हैं लेकिन इस गांव में आकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि बिहार में कई एतिहासिक और पर्यटक स्थल हैं और दोबारा वे फिर आएंगे. आमिर ने गांव में पर्वत पुरुष की समाधि पर फूल चढ़ाए और उनके परिजनों से मुलाकात की. कड़ी सुरक्षा के बीच आमिर ने मांझी के बेटे भगीरथ मांझी और बहू बसंती देवी एवं परिवार के दूसरे लोगों के साथ आधे घंटे तक बातचीत की. भगीरथ और बसंती ने आमिर से बातचीत करते हुए क्षेत्रीय बोली मघई में कहा कि वे बेहद गरीबी में जीवन बिता रहे हैं और अपनी स्थिति सुधारने के लिए आमिर की मदद चाहते हैं. गहलौर के दशरथनगर दलित टोला में रहने वाले भगीरथ और बसंती दोनों शारीरिक रूप से अपंग हैं और स्थानीय स्कूल में मिड डे मील पकाने का काम कर किसी तरह गुजारा चलाते हैं. आमिर से मिलने के बाद भगीरथ ने कहा, "हमने हीरो से कहा कि उन्हें हमारी असल कहानी को दुनिया के सामने लाना चाहिए. शायद इससे सरकार का ध्यान हम पर जाए और हमारी कुछ मदद हो सके." बसंती ने कहा कि उसने आमिर को अपनी पूरी व्यथा बताई, कि बदतर हालातों में वे गुजर कर रहे हैं. लेकिन उन्हें इस बात का दुख है कि आमिर ने उनका बनाया पारंपरिक खाना नहीं खाया. उसने कहा, "साहब लोगों ने उन्हें (आमिर) खाना खाने नहीं दिया." आमिर ने घोषणा करते हुए कहा कि दशरथ के परिवार को उनकी यूनिट मदद करेगी और वह यूनिट जल्द ही इसके लिए पहल करेगी. उन्होंने कहा कि सत्यमेव जयते में दशरथ मांझी की चर्चा हुई थी तभी से उनके मन में यहां आने की इच्छा थी. ज्ञात हो कि दशरथ मांझी ने सिर्फ हथौड़े और छेनी की मदद से दिन-रात एक करके अपने गांव में स्थित पहाड़ को काटकर 360 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और 30 फीट ऊंचा रास्ता तैयार किया था. 2007 में कैंसर से उनकी मौत हो गई थी.
2017/08/17 20:04:44
http://abpnews.abplive.in/india-news/%E0%A4%86%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B0-%E0%A4%96%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A5%87-%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4-205472
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आज कई साउथ इंडियन एक्टर्स हैं जी की आज पूरे इंडिया में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं. जिनके करोड़ों लोग दीवाने हैं और उनके लाइफ स्टाइल को फोलो करते हैं. जिसका सबसे बड़ा कारण साउथ इंडियन एक्टर्स का पर्दे पर और असल जीवन में काफी ज्यादा सिंपल होना माना जा सकता है. आज कई ऐसे साउथ इंडियन एक्टर्स हैं जो की फिल्मों में तो सिंपल किरदार निभाते ही हैं लेकिन असल जीवन में भी वह काफी ज्यादा सिंपल हैं जिनमें रजनीकांत, अल्लू अर्जुन और चिरंजीवी जैसे एक्टर्स शामिल है. जो की अरबपति होने के बावजूद काफी ज्यादा सिंपल जीवन बतीत करते हैं. लेकिन हर इंसान में एक न एक बुरी आदत जरुर होती है और इसी तरह कई साउथ इंडियन एक्टर्स में भी एक काफी बुरी आदत है और वो आदत है सिगरेट पिने की. आज कई साउथ इंडियन एक्टर्स हैं जो की भले ही फिल्मों में काफी ज्यादा सिंपल दिखाई देते हो लेकिन असल जिंदगी में वह एक चेन स्मोकर हैं. इस आर्टिकल में हम आपको उन्ही साउथ इंडियन एक्टर्स के बारे में बताएँगे जो की असल जिंदगी में स्मोक करते हैं. 1. प्रभास Source: Twitter | South Indian Actors Who Smoke in Real Life काफी फेमस तेलुगु एक्टर प्रभास आज पूरे इंडिया के काफी फेमस एक्टर हैं और आज उनके इंडिया में करोड़ों दीवाने है. प्रभास द्वारा फिल्मों में निभाए गये किरदार ही उनको बाकी सबसे अलग बनाते हैं. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता की असल जीवन में प्रभास एक काफी बड़े चेन स्मोकर हैं. प्रभास की फिल्म ‘साहो’ की शूटिंग के दौरान एक वीडियो काफी ज्यादा वायरल हुई थी जिसमें प्रभास फिल्म के सेट पर सिगरेट मांगते हुए नजर आ रहे थे. इसके साथ फिल्म ‘राधे श्याम’ के सेट के दौरान भी प्रभास सिगरेट पीते हुए नजर आये थे. सिगरेट पीने में किसी को कोई आपत्ति नही है लेकिन इतने ज्यादा फैन फोल्लोइंग होने के बावजूद कैमरे पर ऐसा काम करना किसी को भी अच्छा नहीं लगेगा. 2. रजनीकांत Source: Instagram/ Dhanush | South Indian Actors Who Smoke in Real Life फेमस तमिल एक्टर रजनीकांत भी असल जीवन में काफी ज्यादा स्मोक करते हैं और शराब पीते हैं. जिसके कारण उनका स्वास्थ भी काफी ज्यादा खराब हो गया था और उन्हें कई बार हॉस्पिटल भी जाना पड़ चुका है. अभी हाल ही में कई दिन हॉस्पिटल में रहने बाद एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा की वह अब स्मोक नहीं करेंगे. लेकिन इससे पहला भी रजनीकांत कई बार सिगरेट छोड़ने की बात कह चुके लेकिन इसके बावजूद वह फिरसे सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं. 3. जूनियर एनटीआर Source: Instagram/ Jr. NTR | South Indian Actors Who Smoke in Real Life फेमस तेलुगु एक्टर जूनियर एनटीआर भी काफी ज्यादा स्मोक करते हैं. हालाँकि कई साल पहला ऐसी खबरें भी आई थी जिनमें कहा गया था की जूनियर एनटीआर ने सिगरेट पीना छोड़ दिया है. लेकिन इसके बाद हाल ही में जूनियर एनटीआर को एक पार्टी के दौरान बार बार सिगरेट पीते हुए देखा गया था इतना ही नहीं एक ऑडियो फंक्शन Yamadonga के दौरान भी उन्हें सिगरेट पीते हुए देखा गया था. खबरों के मुताबिक जूनियर एनटीआर को इससे पहले भी कई बार सिगरेट पीते हुए देखा चुका है. 4. राम चरण Source: Instagram/ Ram Charan | South Indian Actors Who Smoke in Real Life फेमस तेलुगु एक्टर राम चरण को भी कई बार सिगरेट पीते हुए देखा जा चुका है. हालाँकि राम चरण के नजदीकी लोगों का कहना है की राम चरण बहुत कम ही स्मोकिंग करते हैं और इसके साथ उनका कहना है की राम चरण सिर्फ पार्टियों के दौरान ही स्मोक करते हैं. राम चरण एक काफी ज्यादा अनुशासित एक्टर हैं और वह फैन्स के बीच अपनी छवि खराब नहीं करना चाहते. इसलिए वह स्मोकिंग से दूर रहते हैं लेकिन कभी एक आद बार किसी पार्टी के दौरान स्मोक कर लेते हैं. 5. यश Source: Instagram/ Yash | South Indian Actors Who Smoke in Real Life वेब साईट quora के उपर पूछे गये सवाल पर एक यूजर ने बताया की यश स्मोक करते हैं. दरअसल quora पर एक सवाल पूछा गया था की क्या यश असल जिंदगी में स्मोक करते हैं? तो इसपर एक यूजर ने जवाब में बताया की उनके करीबी रिश्तेदार ‘जी कन्नड़’ में मैनेजर के तौर पर काम करते हैं उनका पूरा काम फिल्म सेटों पर ही होता है. इसके बाद उन्होंने बताया की यश को एक फंक्शन के शूट के लिए बुलाया गया था लेकिन शूट थोड़ा देर से शुरू हुआ जिसके कारण यश को काफी समय तक इंतजार करना पड़ा और उन्होंने बताया की इस समय दौरान यश ने करीब 4 सिगरेट फूंक दी थी. हालाँकि इस बात में कितनी सच्चाई इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन ये पोस्ट अभी हाल में 2018 में पोस्ट की गयी थी. 6. अल्लू अर्जुन Source: Instagram/ Allu arjun | South Indian Actors Who Smoke in Real Life तेलुगु एक्टर अल्लू अर्जुन भी असल जिंदगी में स्मोक करते हैं. दरअसल zoom के आर्टिकल के मुताबिक फिल्म ‘Ala Vaikunthapurramuloo’ के बाद एक इंटरव्यू के दौरान अल्लू अर्जुन ने कैमरे पर ही स्मोक करने के लिए एक बीड़ी निकाल ली थी. इसपर कई लोगों और रिपोर्ट्स द्वारा उन्हें स्मोक न करने की चेतावनी दी गयी. जिसके बाद ये वीडियो टिक टोक पर काफी ज्यादा वायरल हो गयी. जिसके बाद Tollywood.net की एक रिपोर्ट में बताया गया की अल्लू अर्जुन ने इसपर बात करते हुआ कहा है की वह सिर्फ फिल्मों में ही स्मोक करते हैं और असल जिंदगी में वह इससे दूर हैं और उन्होंने लोगों को भी इससे दूर रहने की सलाह दी. लेकिन इसके बावजूद इसके इलावा भी अल्लू अर्जुन को कई बार स्मोक करते हुए देखा चुका है. 7. अक्किनेनी नागार्जुन Source: Instagram | South Indian Actors Who Smoke in Real Life फेमस तेलुगु एक्टर अक्किनेनी नागार्जुन भी असल जीवन में स्मोक करते हैं हालाँकि उन्हें कैमरे पर सिगरेट पीते हुए नहीं देखा गया लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अक्किनेनी नागार्जुन काफी स्मोकिंग करते हैं और इस बात पर कई बार बात भी कर चुके हैं की शराब और सिगरेट पीना उनकी एक सबसे बुरी आदत है. Warning:- “Smoking is Injurious to Health धूम्रपान करना सेहत के लिए हानिकारक है” Read Also – किसी के पास 8 करोड़ की तो किसी के पास 5 करोड़ की, सबसे महंगी गाड़ी रखने वाले 7 साउथ इंडियन एक्टर्स तमिल फिल्म Soorarai Pottru टोटल व्यूज | Soorarai Pottru हिट साबित हुई है या फ्लॉप? Tags: South indian Cinema Post navigation Is Soorarai Pottru Hit Or Flop? Unexpected OTT Box Office Result Of ‘Soorarai Pottru’ इंडियन सिनेमा के इतिहास की सबसे महंगी फिल्म कौनसी है? Highest Budget Indian Movie Leave a Reply Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked * Comment * Name Email Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Search Search South Indian Cinema Is Ponniyin Selvan Hit Or Flop? Box Office Result of Mani Ratnam’s Ponniyin Selvan: I October 3, 2022 Team Filmik ‘Ponniyin Selvan: I’ has so far collected ₹278.20 crores in India and ₹500.80 crores globally against the production budget of ₹250 crores. 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Box Office Result of Ayushmann Khurrana’s Doctor G October 19, 2022 Team Filmik Filmik Filmik.in Is India’s Best & Most Stylish Hindi Entertainment News Website Provides Latest News About Bollywood, Hollywood, Telugu, Tamil, Malayalam, Punjabi and Bhojpuri Movies. Get Latest News In Hindi About Actors, Actresses, Directors, Producers, Singers, Box Office & More. Stay Connected To Get Fresh & Best Entertainment News In Hindi.
2022-12-01T23:47:59Z
https://filmik.in/south-indian-actors-who-smoke-in-real-life/
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T20 World Cup 2021 warm-up schedule, Team India will compete with England and Australia on 18 & 20 october Jagran TV logo Home Specials Entertainment Web Stories News e-sports Education HiTech Health left arrow jagran.com setting Theme (Dark/Light) darllingh search GO youtube Facebook Twitter Home news sports T20 World Cup 2021 warm-up schedule: आज होंगे 4 वार्मअप मुकाबले, जानें भारत का किस टीम के साथ होगा मुकाबला Publish Date: 18 Oct, 2021 Author: Sumit Kumar Google T20 World Cup 2021 warm-up schedule: इंडियन प्रीमियर लीग 2021 के समापन के ठीक बाद समापन का मजा मिलने वाला है। आईपीएल के बाद टी20 विश्व कप शुरू होने वाला है। इसके क्वालीफाइंग दौर के मैचों में आठ टीमें 17 से 22 अक्टूबर के बीच भिड़ेंगी। इससे पहले सभी टीमों के वार्म-अप मैच खेलने का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। वार्मअप मैच केवल दो दिन यानी यानी 18 और 20 अक्टूबर को ही खेले जाने हैं। जिसमें हर दिन चार-चार मैच खेले जाएंगे। भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की पसंद के खिलाफ जोड़ा गया है। विराट कोहली की टीम का सामना 18 अक्टूबर को इयोन मोर्गन एंड कंपनी से और 20 अक्टूबर को आरोन फिंच की ऑस्ट्रेलियाई टीम से होगा। बता दें कि भारतीय टीम के वार्म-अप मैचों का सीधा प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर किया जाएगा, जिसके पास टी 20 विश्व कप 2021 के प्रसारण अधिकार भी हैं। T20 World Cup 2021 warm-up schedule Oct 18th matches (IST time) AFG vs SA (3.30 pm) PAK vs WI (3.30 pm) AUS vs NZ (7.30 pm) IND vs ENG (7.30 pm) Oct 20th matches (IST time) ENG vs NZ (3.30 pm) IND vs AUS (3.30 pm) SA vs PAK (7.30 pm) AFG vs WI (7.30 pm) IPL के बाद खिलाड़ियों को नहीं मिलेगा ब्रेक बता दें कि टी20 विश्व कप 2021 टीम में चुने गए सभी भारतीय खिलाड़ी इस समय आईपीएल 2021 में अपनी-अपनी फ्रेंचाइजी के साथ खेल रहे है। आईपीएल का समापन 15 अक्टूबर को होगा जबकि मेन इन ब्लू को पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत करनी है 24 अक्टूबर को करेगी। 18 और 20 अक्टूबर को होने वाले अभ्यास मैचों के साथ टी 20 विश्व कप के लिए बाध्य भारतीय क्रिकेटर टी 20 लीग के समापन के बाद भी व्यस्त रहेंगे। ऐसे में खिलाड़ियों को आराम करने का समय नहीं मिल पाएगा। Weight Loss Story: जानिए कैसे इस लड़की ने आंटी कहलाने के बाद अपना वजन 101 किलो से घटाकर 60 किलो कर लिया यह भी पढ़ें Related Videos 30 Nov, 2021 CSK retained players List: आईपीएल 2022 के सीएसके की लिस्ट में मोइन अली, एमएस धोनी और दो अन्य लोगों के शामिल होने की उम्मीद 20 Nov, 2021 IND vs NZ : सिक्योरिटी और बायो-बबल तोड़ते हुए रोहित शर्मा के पैर छूने मैदान में पहुंचा फैन, वीडियो हुआ वायरल 19 Nov, 2021 IND vs NZ 2nd T20I: दूसरे T20I मैच में भारत और न्यूजीलैंड की प्लेइंग इलेवन कुछ इस प्रकार हो सकती है 18 Nov, 2021 IND vs NZ T20: न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में दीपक चाहर को आई मंगेतर की याद, बहन से पूछा- किधर है वो यह भी पढ़ें 30 Nov, 2021 Money Heist Season 5 Vol 2 on Netflix: Release date, time, when and where to watch in India 28 Nov, 2021 Shark Tank India: Premier Date, Time, Concept, Host, Judges, and everything about India's first business reality show 30 Nov, 2021 Tata Tigor EV Customer Review: दिल्ली की पहली ग्राहक Jagran.com Mid-Day Health Education Inextlive Her Zindagi Radio City Blogs About us Privacy Policy Term and Conditions Contact us Copyright © Jagran Video This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.Accept
2021-12-06T08:32:42Z
https://www.jagrantv.com/hi-show/t20-world-cup-2021-warm-up-schedule-team-india-will-compete-with-england-and-australia-on-18-20-oct-rc1024028
OSCAR-2201
जब खुला ... - आप पहली बार इन पत्रों को प्राप्त करते हैं - श्रेष्ठ 'ओपन व्हेन' अक्षर की एक श्रृंखला ... टू: यू फ्रॉम: मी * मूल रूप से मेरे सबसे अच्छे दोस्त के लिए बनाई गई है, लेकिन अगर दूसरों को इससे फायदा हो सकता है, तो सभी बेहतर हैं। कृपया बेझिझक एक टिप्पणी छोड़ दें जिससे मुझे पता चले कि आप आगे क्या पत्र देखना चाहते हैं! #श्रेष्ठ #मित्र #ख़ुशी #खुश #पत्र #प्रेम #संगीत #खुला हुआ #अमेरिका #बातचीत #कब आप पहले ये पत्र प्राप्त करें 9K 17 0 अकारण द्वारा icrownless शेयर का अनुसरण करें नमस्ते! इसलिए Ive ने आपके लिए यह छोटी सी चीज करने का फैसला किया। चूंकि हम एक-दूसरे को ज्यादा नहीं देखते हैं, इसलिए मुझे लगा कि यह एक अच्छा विचार होगा। मुझे पता है कि वास्तविक शारीरिक पत्र प्राप्त करने जैसा कुछ भी नहीं है, लेकिन मुझे लगा कि एक से अधिक व्यक्ति इससे लाभान्वित हो सकते हैं, फिर जानते हैं? सेक्स गुलाम माँ की कहानियाँ ये पत्र शायद बहुत ही व्यक्तिगत होने जा रहे हैं, और इस तरह के बिंदु। भले ही मेरे लिए ऐसा करना कठिन है, फिर भी, मैं वैसे भी कोशिश करने जा रहा हूं, क्योंकि मुझे नई चीजों की कोशिश करना बहुत पसंद है, और मैं हमेशा एक चुनौती के लिए तैयार हूं। तो, यह श्रृंखला का पहला अक्षर है। एक तरह का परिचय। ये पत्र मेरे अन्य सामान की तुलना में बहुत कम गंभीर होंगे, इसलिए मैं इसके लिए खुश हूं। मुझे यकीन है कि बीमार को ये लिखने में बहुत मज़ा आता है, और मुझे उम्मीद है कि आपको इनको पढ़ने में बहुत मज़ा आएगा। :
2020/09/26 23:01:43
https://hi.viss.me/open-when
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डीएमके नेता कनिमोझी के घर पर इनकम टैक्‍स का छापा | Chhattisgarh News Media Passion Hindi News Portal Chhattisgarh चेन्नई : इनकम टैक्‍स अधिकारियों ने मंगलवार शाम डीएमके नेता कनिमोझी के घर पर छापेमारी की। उन्‍हें वहां बड़ी मात्रा में नकदी जमा होने की सूचना मिली थी। कनिमोझी तूतीकोरिन लोकसभा सीट से डीएमके प्रत्‍याशी हैं। डीएमके प्रमुख एमके स्‍टालिन ने चुनाव से 2 दिन पहले आईटी के छापों पर सवाल उठाया है। उन्होंने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि वह चुनावों को प्रभावित करने के लिए आयकर अधिकारियों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। दूसरे चरण में राज्य की 39 लोकसभा और 18 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को चुनाव होने हैं। दूसरे चरण के लिए चल रहे चुनाव प्रचार के समाप्‍त होने के बाद आयकर अधिकारियों ने तूतीकोरिन के कुरिंगी नगर स्थित कनिमोझी के आवास पर यह छापेमारी की। आयकर विभाग के एक वरिष्‍ठ जांच अधिकारी ने बताया, 'तूतीकोरिन के कलेक्‍टर से हमें जानकारी मिली थी कि आवास के ऊपरी हिस्‍से को नकदी जमा करने के लिए इस्‍तेमाल किया जा रहा है। कलेक्‍टर से मिली इस जानकारी के आधार पर हम दो टीमों के साथ आवास में घुस गए। हम केवल यह जांच रहे हैं कि वहां पैसा स्‍टोर किया जा रहा था या नहीं।' डीएमके चीफ और कनिमोझी के भाई एमके स्‍टालिन ने आयकर विभाग के इन छापों पर कहा, 'बीजेपी के तमिलनाडु अध्‍यक्ष तमिलिसई सौंदरराजन के घर पर करोड़ों रुपये रखे हैं वहां छापे क्‍यों नहीं मारे जा रहे? मोदी चुनावों में हस्‍तक्षेप करने के लिए इनकम टैक्‍स, न्‍यायपालिका और अब चुनाव आयोग का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्‍योंकि उन्‍हें हारने का डर है।'
2019/06/26 22:37:41
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लकड़ी के प्रोफाइल को बीम. लकड़ी प्राकृतिक नमी प्राकृतिक नमी की प्रमाणित लकड़ी जब एक profiled बार से घर बनाने की योजना है, तो हम लागतों की मात्रा की गणना करते हैं, जिनमें से सबसे बड़ी विशिष्ट मात्रा दीवार निर्माण सामग्री की खरीद पर खर्च की जाती है। एक प्रोफाइल बार की कीमत एक महत्वपूर्ण कारक पर निर्भर करती है - इसकी नमी सामग्री। सबसे महंगी सूखी प्रोफ़ाइल वाली लकड़ी है, जिसकी नमी 20% से अधिक नहीं होनी चाहिए। सबसे सस्ती प्राकृतिक नमी (20% से अधिक) की एक कुशल लकड़ी है। यदि आप एक लकड़ी के घर के बजट निर्माण के रास्ते से नीचे जा रहे हैं, तो आपको बाद के प्रकार की निर्माण सामग्री का चयन करना चाहिए। इसके फायदे हैं, लेकिन इसके नुकसान भी हैं जिन्हें आप लकड़ी के आवास निर्माण की तकनीक का सख्ती से पालन कर सकते हैं। एक प्रोफाइल बीम क्या है? एक प्रोफाइल के साथ एक प्रोफाइल बार एक बार है, जिसके निर्माण की प्रक्रिया के दौरान एक निश्चित आकार दिया जाता है, बार की पूरी लंबाई के साथ खांचे या स्पाइक्स काट दिए जाते हैं, और सतह को सावधानीपूर्वक पॉलिश किया जाता है। यह एक आधुनिक उच्च तकनीक वाली निर्माण सामग्री है, जो आमतौर पर शंकुधारी लकड़ी से बनाई जाती है: पाइन, स्प्रूस, कम अक्सर लार्च, देवदार। योजनाबद्ध और / या मिलिंग द्वारा ठोस लकड़ी से तैयार बीम प्राप्त किए जाते हैं। पहले मामले में, पहली बार आरा खोला गया है - विशेष आरा मशीन पर टेप - डिस्क, या फ्रेम, एक गाड़ी पर दोनों तरफ। फिर गाड़ी को एक ही आरी पर निर्दिष्ट आयामों के एक बीम पर खारिज कर दिया जाता है, उदाहरण के लिए, 150x150, 200x100, आदि। आवश्यक आकार पर निर्भर करता है। अगला चरण लकड़ी को वांछित आकार देने के लिए योजना बना रहा है: दो विपरीत पक्ष सीधे हैं, और अन्य दो में खांचे और स्पाइक्स के रूप में दर्पण प्रोफ़ाइल है। दूसरे मामले में, चार पक्षों से लॉग को मिलिंग करके सीधे प्रोफाइल बनाया जाता है। यह प्रोफाइलिंग है। एक बार के मुख्य लाभ पर्यावरण के अनुकूल सामग्री। 100% ठोस लकड़ी! हमारे उत्पाद पूरी तरह से पाइन, स्प्रूस से बने हैं, और, फ्रेम हाउसों की सामग्री के विपरीत, इसमें कोई योजक नहीं है। प्रमाणित लकड़ी के उत्पादन में, हम केवल बेलारूस के वित्स्क क्षेत्र के वानिकी में काटा गया पर्यावरण के अनुकूल लकड़ी का उपयोग करते हैं। हमारे सभी लंबर का कई बार परीक्षण किया जाता है और लगातार उच्च गुणवत्ता का होता है। प्राकृतिक नमी की निर्माण सामग्री की लागत। शंकुधारी लकड़ी से प्राकृतिक नमी के कुशल लकड़ी के लिए कीमतें काफी हद तक लकड़ी के क्रॉस-सेक्शन, लकड़ी के प्रकार और प्रोफाइल के प्रकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं। वर्ष की सर्दियों की अवधि में काटी जाने वाली लकड़ी की कीमत अधिक होती है, और इसलिए इसकी कीमत अधिक होती है। लाभप्रदता। सज्जित लकड़ी सरेस से जोड़ा हुआ लकड़ी की तुलना में लगभग दोगुना सस्ता है, और थर्मल बचत के मामले में यह गोल लॉग या साधारण लकड़ी से दोगुना है। यह अद्भुत सामग्री, इसके सक्षम और योग्य उपयोग के साथ, आपको घर बनाते समय और इसे गर्म करते समय पैसे बचाने की अनुमति देती है। इसके अलावा, इस तरह के बार के सामने के हिस्से समान और चिकने होते हैं, इसलिए आर्थिक रूप से खर्चीले परिष्करण कार्य से बचा जा सकता है। शानदार उपस्थिति। दरारें के बिना कोई पेड़ नहीं है, लेकिन एक प्रोफाइल बार में वे एक गोल लॉग की तुलना में गहराई और चौड़ाई में छोटे परिमाण का एक क्रम है, यह बार में आंतरिक तनाव के वितरण की ख़ासियत के कारण है। उत्पादन में आसानी। हम 2004 के बाद से जर्मन उच्च-परिशुद्धता और शक्तिशाली उपकरणों पर लकड़ी का उत्पादन कर रहे हैं। हमारे कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में वास्तविक पेशेवर बन गए हैं और समय पर किसी भी आदेश को पूरा करने के लिए तैयार हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि लकड़ी एक विशेष, प्राकृतिक सामग्री है, इसलिए यह पर्यावरण के प्रभाव के संपर्क में है। इसलिए, कुछ नकारात्मक बिंदु दिखाई दे सकते हैं, भले ही किसी भी लकड़ी को चुना गया हो: सूखा या प्राकृतिक नमी। इस मामले में, सबसे महत्वपूर्ण लकड़ी के घर के निर्माण की तकनीक का अनुपालन करने की आवश्यकता है। ऊपर, हमने पहले से ही प्रोफाइल की पर्यावरण मित्रता के बारे में बात की है, इसलिए हम इस दिशा में नहीं जाएंगे। चलो बस निम्नलिखित कहते हैं: हमारी कंपनी द्वारा पेश की गई लकड़ी सुरक्षित है, सैनिटरी आवश्यकताओं को पूरा करती है, इसलिए आप उनसे लंबे समय तक आवास बना सकते हैं। प्रोफाइल की लकड़ी (26%) की प्राकृतिक नमी की मात्रा के लिए, यह हमेशा ऐसा नहीं रहेगा। समय के साथ, निर्माण सामग्री सूख जाएगी। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लकड़ी संरचना में हीड्रोस्कोपिक है, इसलिए इसकी नमी काफी हद तक आसपास की हवा की नमी पर निर्भर करती है। यह महत्वपूर्ण है कि कम से कम 8-12 महीने बीत चुके हैं जब तक कि घर को गर्म करना शुरू नहीं हो जाता है, जिससे लकड़ी को एक निश्चित मात्रा में नमी खो दी है और परिसर के आंतरिक हीटिंग का अब दीवार सामग्री पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। इस प्रकार, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि प्राकृतिक नमी की लकड़ी 17-20% के संतुलन के लिए सूख जाती है। घर के बॉक्स के निर्माण के बाद, छत को उठाया जाता है, लकड़ी के समान सुखाने के लिए एक स्थिति बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले वेंटिलेशन के साथ आंतरिक स्थान प्रदान करना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो यह संभावना है कि कवक और मोल्ड दीवारों पर दिखाई देंगे। इस नकारात्मक घटना के विकास की संभावना को कम करने के लिए, दीवारों को एक एंटीसेप्टिक समाधान के साथ इलाज करने की भी सिफारिश की जाती है। समय के साथ, जब लकड़ी सिकुड़ती है, जो इसकी मोटाई और ऊंचाई को उसकी लंबाई से अधिक प्रभावित करती है, तो लकड़ी पर दरारें दिखाई दे सकती हैं। निर्माण प्रक्रिया के दौरान भी, लंगर, डॉवल्स और टाई रॉड्स के साथ मुकुट को बन्धन द्वारा इन प्रवृत्तियों को कम किया जा सकता है। बीम में क्षतिपूर्ति कटौती करना भी आवश्यक है, जो दरारें बनाने के लिए स्थानों को निर्धारित करेगा। जैसा कि हमने ऊपर कहा, प्राकृतिक आर्द्रता की एक लकड़ी से बना एक घर इसके निर्माण के तुरंत बाद घर के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है। इससे पहले कि आप इसे स्थायी निवास के लिए दर्ज करें, आपको 6 से 12 महीने तक इंतजार करना होगा। यह वह अवधि है जिसके दौरान दीवारें लकड़ी के सूखने के कारण नाममात्र संकोचन देती हैं। इस प्रकार, आवासीय आवास निर्माण में प्राकृतिक नमी की एक पट्टी का उपयोग करने के लिए कोई मतभेद नहीं हैं, मुख्य बात प्रौद्योगिकी का पालन और निर्माण कार्य में योग्य विशेषज्ञों की भागीदारी है।
2020/10/22 11:56:28
https://wooden-houses-china.com/index.pl?act=PRODUCT&id=705
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1. श्रेणिक राजा का जीव, प्रथम नरक से आकर पहले ‘ श्री पद्मनाभजी ‘ होंगे। 2. श्री महावीर स्वामी जी के काका सुपार्श्व जी का जीव, देवलोक से आकर दुसरे ‘ श्री सुरदेव जी ‘ होंगे । 3. कोणिक राजा का पुत्र उदाइ राजा का जीव , देवलोक से आकर… प्रश्न -क्या स्त्रियाँ अपने स्त्री भव से कभी मोक्ष नहीं जा सकती हैं ? उत्तर -नहीं, दिगम्बर जैन सिद्धान्त के अनुसार स्त्रियाँ मोक्ष नहीं जा सकती हैं। प्रश्न -क्या तीर्थंकर की माता भी उस भव से मोक्ष नहीं जाती हैं ? उत्तर -नहीं, क्योंकि सिद्धान्त का नियम तो अटल होता है ।… प्रश्न -लोक के कितने भेद हैं ? उत्तर -तीन भेद हैं-ऊध्र्वॅलोक, मध्यलोक और अधोलोक। प्रश्न -मध्यलोक में कितने व्दीप-समुद्र हैं ? उत्तर -असंख्यात व्दीप-समुद्र हैं। प्रश्न -प्रथमद्वीप और प्रथम समुद्र का क्या नाम है ? उत्तर -प्रथमव्दीप का नाम जम्बूव्दीप है और प्रथम समुद्र का नाम लवण-समुद्र है । प्रश्न -जम्बूद्वीप में कितने… जैन दर्शन में ६ द्रव्य माने गए हैं— १.जीव, २. पुद्गल, ३. धर्म, ४. अधर्म, ५. आकाश, ६. काल द्रव्य। १.जीव द्रव्य:— जिस हृदय में जानने—देखने की शक्ति एवं ज्ञान, दर्शन चेतना पाई जाती हैं वह जीव द्रव्य कहलाता है। जीव शब्द का अर्थ है, जीने वाला। जीव द्रव्य नित्य… प्रश्न -उपपाद जन्म किस गति के जीवों का होता है ? उत्तर -देवगति और नरकगति में देव और नारकियों का उपपाद जन्म होता है । प्रश्न -जैन साधु देवताओं से आहार क्यों नहीं ले सकते हैं ? उत्तर -क्योंकि देवगण मनुष्यों के समान संयम धारण करने में असमर्थ होते हैं… प्रश्न -बाह्य निमित्त क्या हो सकते हैं ? उत्तर -जिनेन्द्र भगवान का दर्शन, मुनियों का दर्शन, तीर्थवंदना, गुरु उपदेश, जातिस्मरण आदि बाह्य निमित्त हैं जो सम्यग्दर्शन की उत्पत्ति में कारण माने हैं। प्रश्न -अन्तरंग निमित्त कौन से हैं ? उत्तर -आत्मा में दर्शन मोहनीय कर्म का उपशम, क्षय और क्षयोपशम… प्रश्न -सम्यग्दर्शन की प्राप्ति किन प्राणियों को हो सकती है ? उत्तर -भव्य, संज्ञी, पंचेन्द्रिय और पर्याप्तक जीव ही सम्यग्दर्शन प्राप्त कर सकते हैं। प्रश्न -भव्य का क्या लक्षण है ? उत्तर -जिनमें मोक्ष जाने की योग्यता विध्यमान है, उन्हें भव्य कहते हैं। प्रश्न -भव्य जीवों की बाह्य पहचान क्या… आज मुंबई में महिला कांग्रेस किसान समर्थन में आगे आई और प्रदर्शन किया जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष शामिल हुए और पद अधिकारी परवीन शेख फारुकी और भी कई लीडर शामिल हुए किसान समर्थन में और कहा कि देश का अन्नदाता किसान है हम किसान के साथ हैं और हमेशा किसान के साथ रहेंगे शेख प्रवीण ने बताया कि जो भी हो रहा है किसानों के खिलाफ वह सही नहीं हो रहा है जब-जब ऐसा होगा किसान के साथ या अन्य किसी के साथ भी तो हम हमेशा सच्चाई का ही साथ देंगे
2021-02-26T01:11:53Z
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OSCAR-2109
इस शख्स ने देसी जुगाड़ तकनीक से निकाली लाशें, एनडीआरएफ जवानों ने भी माना लोहा On: जनवरी 16, 2017 पटना में एनआईटी घाट पर मकर संक्रांति के दिन नाव दुर्घटना में के बाद सबसे बड़ी चुनौती लाशों को निकालने की थी। गोताखोर राजेंद्र सहनी अपने 15 साथियों के साथ रविवार की सुबह छह बजे घाट पर आ डटे। सात बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। गोताखोरों ने चार शव निकाले। इससे पहले शनिवार की शाम में 21 शव निकाले गए थे। सारे शव गोताखोरों ने ही निकाले। देसी जुगाड़ से गंगा से निकाली लाश सर्च ऑपरेशन में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम भी लगी हुई थी। चार शव निकलने के बाद सर्च ऑपरेशन की कमान एनडीआरएफ ने संभाली। जवान ऑपरेशन चलाते रहे लेकिन एक भी बॉडी हाथ नहीं लगी। हाईटेक तकनीक से लैस एनडीआरएफ जवानों ने भी राजेंद्र साहनी की देसी तकनीक का लोहा माना। मामूली बंसी का होता है इस्तेमाल राजेंद्र कहते हैं कि देसी तकनीक से ही 20 वर्षों से बचाव कार्य कर रहा हूं। नए-नए लड़कों को प्रशिक्षण देता हूं। स्थानीय गोताखोर शवों को बाहर निकालने के लिए बंसी, प्लास्टिक की रस्सी और ईंट का इस्तेमाल करते हैं। काफी तेज नोक वाली इस बंसी के संपर्क में आते ही कोई भी चीज फंस जाती है। 50 से साठ की संख्या में बंसी को पतली सी प्लास्टिक की रस्सी से बांधा जाता है। बीच-बीच में ईंट का टुकड़ा भी बांध कर नदी में डाला जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे नाव रस्सी को खींचती है। यह प्रक्रिया बार-बार दुहराई जाती है। बंसी में जैसे ही कोई भारी चीज फंसती है गोताखोरों को जानकारी मिल जाती है। इसके बाद उसे निकालते हैं। बालूघाट सुल्तानगंज के हैं रहने वाले राजेन्द्र सहनी सुल्तानगंज थाना के बालूघाट के रहने वाले हैं। पटना जिला नियंत्रण के आदेश पर वे काम कर रहे हैं। पटना आपदा विभाग की ओर से जब भी उन्हें चिट्ठी भेजी जाती है वे आ जाते हैं। नहीं मिलता है पैसा राजेन्द्र सहनी ने बताया कि पटना जिला नियंत्रण की ओर से काम तो करा लिया जाता है लेकिन उसका पैसा नहीं दिया जाता। अभी भी उनका तीन से साढ़े तीन लाख रुपया बकाया है। खरमास मेला ड्यूटी और पितृपक्ष का भी पैसा नहीं दिया गया है। सहनी ने बताया कि वह लगातार डीएम के यहां जाते हैं पैसा मांगने के लिए। लेकिन पैसा नहीं मिलता।
2020/05/26 13:12:55
https://www.livebiharnews.in/jara-hat-ke/rajendra-sahni-derived-24-dead-bodies-from-ganga-with-desi-jugaad-technology.html
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राज्य कर्मचारियों-शिक्षकों को सरकार ने दी सौगात:- प्रदेश की आज की कैबिनेट बैठक में 9 प्रस्ताव पर लगी मुहर | Update Mix राज्य कर्मचारियों-शिक्षकों को सरकार ने दी सौगात:- प्रदेश की आज की कैबिनेट बैठक में 9 प्रस्ताव पर लगी मुहर आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने मंत्रीमंडल के साथ बैठक की. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गये. बैठक में 9 प्रस्ताव पास हुए. जिसके बाद कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने प्रेस वार्ता के दौरान कैबिनेट बैठक में प्रस्तावित बिन्दुओं के बारे में बता रहे हैं आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई हुई. वहीं इस दौरान साथ अहम प्रस्तावों को कैबिनेट में मंजूरी दी गयी| जिसके बाद सीएम योगी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने प्रेस वार्ता करते हुए पास हुए प्रस्तावों के बारे में बताया| पर्यटन विभाग के वित्तीय वर्ष 2017 18 में उत्तर प्रदेश बजट मैनुअल के प्रस्तर 94 के अंतर्गत पर्यटन विभाग द्वारा जारी सभी स्वीकृतियों का विवरण का प्रस्ताव पास संसू, प्रतापगढ़ : जुलाई माह की 17 तारीख बीत गई, किताबें अभी भी नदारद हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। यह कहना गलत न होगा कि नौनिहालों की शिक्षा की राह में किताबों की अनुपलब्धता रोड़ा बनी हुई है। 1 मंगलवार को जागरण टीम ने सदर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय चकवनतोड़ में जाकर पड़ताल की। सुबह आठ बजे विद्यालय के बच्चे दो कमरों में बैठाए गए थे। प्रधानाध्यापिका रेखा सिंह कार्यालय में बैठकर रजिस्टर बना रहीं थीं। शिक्षिका संगीता सिंह, शिक्षामित्र रूपेश ओझा व श्रद्धा मिश्र बच्चों को पढ़ा रहे थे। रसोइया मिड डे मील बनाने की तैयारी में दिखी। इस विद्यालय में पंजीकृत 79 बच्चों में से 55 आए थे। अधिकांश बच्चे ड्रेस में थे तो कुछ रंग बिरंगे कपड़ों में नजर आए। कक्षा तीन के आर्यन प्रताप सिंह, ¨प्रस, कक्षा पांच के नितिन व शशि सिंह से प्रदेश के मुख्यमंत्री व देश के प्रधानमंत्री का नाम पूछा गया तो सही बताया। इतना जरूर था कि बच्चे देश व प्रदेश की राजधानी नहीं बता सके। कक्षा पांच के विजय सिंह ने 15 तक का पहाड़ा सुनाया। बच्चों ने बताया कि अभी तक पाठ्यपुस्तकें नहीं मिल सकी हैं। इस विद्यालय में प्रधानमंत्री का स्वच्छता अभियान दम तोड़ता नजर आया। बनाया गया शौचालय पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। दरवाजे टूट चुके हैं। इससे बच्चों के साथ शिक्षिकाओं को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही स्कूल में पेयजल के लिए लगवाया गया हैंडपंप सार्वजनिक हो गया है। इससे पानी लेने को गांव के लोग ही लाइन लगाए रहते हैं। विद्यालय के रास्ते को भी अवरुद्ध कर दिया गया है। किसी तरह सकरे रास्ते से बच्चे स्कूल पहुंचते हैं। संसू, प्रतापगढ़ : जिले के प्राइमरी स्कूलों में 12460 में चयनित शिक्षकों ने अभिलेखों का सत्यापन कराकर वेतन निर्गत करने की मांग को लेकर शुक्रवार को बीएसए कार्यालय में आवाज बुलंद की। उनका कहना था कि उनकी नियुक्ति चार मई 2018 को की गई थी। अभिलेखों का सत्यापन न होने से उन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा है। इससे उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। शिक्षकों ने बीएसए अशोक कुमार सिंह को ज्ञापन देकर अतिशीघ्र वेतन दिलाए जाने की मांग की। इस दौरान रामजीत दुबे, मनीष सिंह, रंजीत शुक्ला, रत्नेश सिंह, कामिनी दुबे, सुहानी सिंह आदि थे। 1पोर्टल पर फी¨डग न हुई तो रुकेगा वेतन : संसू, प्रतापगढ़ : जिला विद्यालय निरीक्षक एसपी यादव ने जिले के सभी 13 राजकीय इंटर कालेजों एवं 24 राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को निर्देशित किया है कि वह अपने कालेजों के कर्मचारियों की मानव संपदा पोर्टल पर फी¨डग 15 जुलाई तक अवश्य करा दें। ऐसा न करने पर उनका जुलाई माह का वेतन रोक दिया जाएगा।बीएसए कार्यालय में वेतन की मांग को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे शिक्षक।
OSCAR-2019
ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी के क्या होते हैं फायदे? - हैलो स्वास्थ्य बिना पानी के धरती की कल्पना करना या फिर जीवन के बारे में सोचना गलत होगा। साफ पानी का सेवन शरीर की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर किसी बीमारी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो डिहायड्रेशन (Dehydration) का सामना करना पड़ सकता है। कॉलरा की बीमारी के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है। अगर ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) दी जाए, तो कॉलरा यानी हैजा के पेशेंट को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। अगर हैजा के पेशेंट को रिहायड्रेशन थेरिपी न दी जाए, तो चार में से एक पेशेंट की मौत भी हो सकती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) के बारे में जानकारी देंगे। ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) के लिए ओरल रिहायड्रेशन सॉल्ट की जरूरत पड़ती है। साथ ही इलेक्ट्रोलाइट्स भी शरीर के लिए जरूरी होते हैं। शरीर में पानी की कमी होने पर अगर फ़्लूइड या पानी का सेवन न किया जाए, तो हालत गंभीर होने के चांसेज रहते हैं। ओआरएस घोल में शरीर के उपयोगी इलेक्ट्रोलाइट मौजूद होते हैं, जो डिहायड्रेशन से बचाने का काम करते हैं। ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) देने के लिए जानिए डब्लूएचओ और यूनीसेफ के अनुसार किस फॉर्मुले का इस्तेमाल किया जाता है। रिड्यूस ऑस्मोलैरिटी ओआरएस सोडियम क्लोराइड -2.6 ग्राम/ लीटर ग्लूकोज, एनहायड्रस -13.5 ग्राम/ लीटर पोटेशियम क्लोराइड – 1.5 ग्राम/ लीटर ट्राइसोडियम साइट्रेट, डाइहाइड्रेट -2.9 ग्राम/ लीटर सोडियम -75 मोल/लीटर क्लोराइड – 65 मोल/लीटर ग्लूकोज, एनहायड्रस – 75 मोल/लीटर पोटैशियम – 20 मोल/लीटर सिट्रेट – 10 मोल/लीटर कुल ऑस्मोलेरिटी – 245 और पढ़ें: जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी है खतरनाक! खड़ी हो सकती है ये जानलेवा समस्या! ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) की कब पड़ती है जरूरत? ओरल रिहायड्रेशन सॉल्युशन (ORS) का इस्तेमाल डिहाड्रेशन की समस्या (Dehydration problem) को कम करने के लिए किया जाता है। दस्त या फिर डायरिया के कारण (Due to diarrhea) होने वाली समस्या को ठीक करने के लिए और शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए ओरल रिहायड्रेशन सॉल्युशन की जरूरत पड़ती है। ओआरएस में शरीर की जरूरत के मुताबिक इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल किया जाता है। यानी शरीर की जरूरत के मुताबिक ही इसमें तत्वों का अनुपात होता है। उबले हुए पानी में इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) को डाला जाता है। बॉडी के प्रॉपर वर्क करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट यानी नमक की जरूरत पड़ती है। ओरल रिहायड्रेशन सॉल्युशन में कार्बोहायड्रेट यानी शुगर का इस्तेमाल किया जा सकता है। दस्त या फिर डायरिया के शुरू होते ही ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) की जरूरत पड़ती है। अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए, तो ऐसे में ओआरएस घोल की अधिक जरूरत पड़ती है। अगर यात्रा के दौरान अनकॉम्प्लीकेटेड डायरिया हो जाए, तो बिना ओआरएस (ORS) घोल के खुद को साफ पानी, सूप या फिर डायल्यूटेड जूस की हेल्प से खुद को हायड्रेट किया जा सकता है। बच्चों में डायरिया के कारण पानी की कमी तेजी से होती है, ऐसे में ओआरएस घोल की जरूरत पड़ती है। ओरआरएस घोल तब पीना चाहिए जब प्यास लगे और साथ ही यूरिन का रंग (Color of urine) पीले से नॉर्मल हो जाए। जानिए बच्चों को कितना ओआरएस घोल दिया जा सकता है। दो साल के बच्चों के लिए – 50-100 एमएल (डायरिया के प्रत्येक एपिसोड के बाद) दो से 9 साल के बच्चों के लिए – 100-200 एमएल (डायरिया के प्रत्येक एपिसोड के बाद) दस साल से अधिक के बच्चे के लिए – दिन में करीब दो लीटर (जरूरत के मुताबिक) दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बेहतर होगा की आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें। बच्चों को डायरिया की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और ट्रीटमेंट कराएं। और पढ़ें:खाना खाते समय पानी पीना चाहिए या नहीं? ओरल रिहायड्रेशन सॉल्युशन ( Oral rehydration solutions) कैसे बनाएं? ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) देने के लिए आपको कुछ बेसिक बातों की जानकारी होना जरूरी है। अगर घर में किसी सदस्य या फिर बच्चों को डायरिया (Diarrhea in children) या फिर डिहायड्रेशन की समस्या हो गई है, तो ऐसे में कमर्शियल रूप से उपलब्ध रिहायड्रेशन सॉल्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे में होममेड ओआरएस का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है। घर में बने ओआरएस घोल को लेने की सलाह तभी दी जाती है जब किन्हीं कारणों से कर्मिशयल रिहायड्रेशन सॉल्ट नहीं मिल पाते हैं। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए निश्चित मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट की जरूरत पड़ती है। घर में आप जब भी ओआरएस तैयार कर रहे हों, हमेशा उबले या फिर ट्रीटेड वॉटर का ही इस्तेमाल करें। आपको कैमिस्ट शॉप में आसानी से ओआरएस पैकेट मिल जाएंगे। आपको इसे दिए गए निर्देशानुसार ही तैयार करना चाहिए। अगर आप एक बार ओआरएस तैयार कर लेते हैं, तो उसे 12 घंटे के अंदर ही खत्म कर दें। अगर आप घोल को फ्रिज में रख रहे हैं, तो ये घोल 24 घंटे तक भी सही रहता है। आप चाहे तो इसके बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर से प्राप्त कर सकते हैं। डॉक्टर से ये जरूर पूछें कि बच्चे को कब-कब इस घोल को देने की जरूरत होती है। और पढ़ें: गर्म पानी के साथ शहद और नींबू लेने से बढ़ती है इम्युनिटी, जानें इसके फायदे पानी न सिर्फ शरीर की प्यास बुझाता है बल्कि बॉडी टेम्परेचर को मेंटेन करने का काम करता है। शरीर में अगर सही मात्रा में पानी न पहुंचने पर कब्ज की समस्या (Constipation problem) हो सकती है। पानी शरीर के विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर करता है और पिंपल (Pimple), पथरी और कुछ कैंसर के खतरे को भी कम करता है। अब आप समझ ही गए होंगे कि अगर आपको हैजा या डायरिया जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता है तो सबसे पहले ओआरएस का घोल लें। सही मात्रा में इसका सेवन आपको बड़े खतरे से बचाने का काम करता है। जब शरीर में पानी की कमी हो जाए, तो बेहतर होगा कि व्यायाम और किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी न करें क्योंकि शरीर में ऊर्जा कम हो जाती है। डायरिया के दौरान बच्चों को खास देखभाल की जरूरत होती है। अगर बच्चा डायरिया के दौरान ओआरएस घोल न पी रहा हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। शरीर में पानी की कमी मौत का कारण भी बन सकती है। बच्चों में दस्त लगने पर अक्सर घर में ही ट्रीटमेंट दिया जाता है लेकिन बच्चे के सही से पानी न पीने पर स्थिति बिगड़ भी सकती है, ऐसे में डॉक्टर से परामर्श कर बच्चे का ट्रीटमेंट कराएं। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको ओआरएस के साथ रिहायड्रेशन थेरिपी (Rehydration Therapy With ORS) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
2021/10/18 13:55:03
https://helloswasthya.com/pet-sambhandit-bimari/dast/rehydration-therapy-with-ors/
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Norwayz in Hindi - नोर्वेज की जानकारी, लाभ, फायदे, उपयोग, कीमत, खुराक, नुकसान, साइड इफेक्ट्स - Norwayz ke use, fayde, upyog, price, dose, side effects in Hindi - नोर्वेज Benovat Tablet ₹189.9 Ideox Tablet ₹172.75 Idebenone Tablet ₹245.0 Ideben Tablet ₹193.15 Norwayz डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली दवा है, जो कैप्सूल, टैबलेट के रूप में उपलब्ध है। फ्रेडरिक अटैक्सिया के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा, Norwayz के कुछ अन्य प्रयोग भी हैं, जिनके बारें में आगे बताया गया है। Norwayz को कितनी मात्रा में लेना है, यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है। यह दवा कितनी मात्रा में दी जानी चाहिए यह इस आधार पर भी निर्भर करता है कि मरीज की मूल समस्या क्या है और दवा को किस रूप में दिया जा रहा है। विस्तारपूर्वक जानने के लिए खुराक वाले भाग में पढ़ें। Norwayz के सबसे सामान्य दुष्प्रभाव खांसी, दस्त, कमर दर्द हैं। कुछ मामलों में Norwayz के कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। सामान्य तौर पर Norwayz के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं और एक बार जब इलाज खत्म हो जाता है तो ये भी ठीक हो जाते हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें अगर ये साइड इफेक्ट और ज्यादा बदतर हो जाते हैं या फिर लंबे समय तक रहते हैं। गर्भवती महिलाओं पर Norwayz का प्रभाव गंभीर होता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर इस दवा का प्रभाव गंभीर है। इसके अतिरिक्त Norwayz का लिवर, हृदय और किडनी पर क्या असर होता है इस बारे में नीचे Norwayz से जुड़ी चेतावनी के सेक्शन में चर्चा की गई है। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Norwayz लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं। Norwayz के साथ कुछ अन्य दवाएं लेने से शरीर में गंभीर प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। ऐसी दवाओं की पूरी सूची आगे इस लेख में दी गयी है। ऊपर बताई गई सावधानियों के अलावा यह भी ध्यान में रखें कि वाहन चलाते वक्त Norwayz लेना असुरक्षित है, साथ ही इसकी लत नहीं पड़ सकती है। जो महिलाएं गर्भवती हैं, उनको Norwayz लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो आपके शरीर पर इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। Norwayz को लेने वाली जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उन पर इसके गंभीर दुष्प्रभाव होते है। इसलिए आपको डॉक्टर से पूछने के बाद ही इसे लेना चाहिए। Norwayz का हानिकारक प्रभाव बहुत कम है, इसलिए इसे बिना डॉक्टर की सलाह के भी ले सकते हैं। Norwayz आप ले सकते हैं। इसका विपरीत असर आपके लीवर पर बहुत कम पड़ता है। हृदय पर कुछ ही मामलों में Norwayz का विपरित प्रभाव पड़ता है। लेकिन यह प्रभाव बहुत कम होता है, जिससे कोई परेशानी नहीं होती है। Norwayz का निम्न दवाइयों के साथ नकारात्मक प्रभाव - Norwayz Severe Interaction with Other Drugs in Hindi Norwayz की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें। नहीं, आप ऐसा कोई भी काम न करें, जिसमें दिमाग के सक्रिय होने की आवश्यकता होती हो। Norwayz लेने के बाद किसी मशीन पर काम करने या वाहन चलाने से आपको दूरी बनानी होगी। हां, Norwayz को लेने से दिमागी विकार का इलाज किया जा सकता है। Norwayz का भोजन और शराब के साथ नकारात्मक प्रभाव -Norwayz Interactions with Food and Alcohol in Hindi Norwayz व खाने को साथ में लेने से क्या प्रभाव होंगे इस बारे में शोध न हो पाने के कारण आंकड़े मौजूद नहीं हैं। Norwayz के बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी मौजूद नहीं है। क्योंकि इस विषय पर अभी रिसर्च नहीं हो पाई है। अतः डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इस दवा को लें।
2022/05/20 14:11:24
https://www.myupchar.com/medicine/norwayz-p37105971
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पाकिस्तान में दोबारा खुलने के दो दिन बाद ही 22 पाकिस्तान शैक्षणिक संस्थान हुए बंद | News Track Live, NewsTrack Hindi 1 इस्लामाबाद: हेल्थ संबंधित प्रोटोकॉल का पालन न करने कि वजह से खुलने के 48 घंटों पश्चात् ही पाकिस्तान में 22 शैक्षणिक इंस्टीट्यूशंस को बंद करवा दिया गया। यहां की नेशनल कमांड ऑपरेशन के मुताबिक, इन इंस्टीट्यूशंस में कोरोना के मद्देनजर लागू हेल्थ संबंधित मानकों मतलब SOPs का पालन नहीं किया गया। कोरोना संक्रमण कि वजह से मार्च माह में बंद हुए पाकिस्तान के शैक्षिणक इंस्टीट्यूशंस को मंगलवार को फिर से खोला गया। वही 22 में से 16 इंस्टीट्यूशंस खैबर पख्तूनख्वाह में, एक इस्लामाबाद तथा पांच गुलाम कश्मीर में थे। कराची में इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन को भी अवरुद्ध कराया गया क्योंकि वहां कोरोना संक्रमण का एक केस सामने आया था। कोरोना महामारी पर कथित कंट्रोल बताते हुए पाकिस्तान ने मंगलवार से विद्यालयों-कॉलेजों को खोल दिया पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने शैक्षणिक इंस्टीट्यूशंस को खोलने कि घोषणा की तथा कहा कि हम लाखों बच्चों का विद्यालय में वापस स्वागत करेंगे। यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता तथा सामूहिक जिम्मेदारी है कि हर बच्चा सुरक्षित तौर पर अध्ययन के लिए विद्यालय जा सके। साथ ही विद्यार्थियों को समूहों में बांटा गया है तथा वे एक दिन छोड़कर विद्यालय आएंगे। अध्यापकों तथा विद्यार्थियों के लिए मास्क लगाना आवश्यक है। संस्थान प्रवेश द्वारों पर हाथ धोने की व्यवस्था तथा सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। महामारी के पश्चात् 16 मार्च को पाकिस्तान में सभी शैक्षणिक इंस्टीट्यूशंस को बंद कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त सभी वार्षिक परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया था। इसी के साथ पाकिस्तान में कोरोना के मामलें भी सामने आ रहे है।
2020/09/30 08:59:11
https://www.newstracklive.com/news/pak-educational-institution-22-pakistan-educational-institutions-had-to-be-closed-within-48-hours-of-reopening-mc24-nu915-ta915-1403564-1.html
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एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन लंबे समय से धुंध भरे आसमान की समस्या से जूझता रहा है। इस समय विश्व में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था वाला देश भारत भी प्रदूषण की मार झेल रहा है... लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से संज्ञानातमक संबंधी कौशल पर असर पड़ता है जिससे मौखिक और गणित परीक्षा के अंकों में कमी आ सकती है। पंजाब के मालवा क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। दिल्ली-एनसीआर में पहले ही वायु प्रदूषण से बेहाल लोगों के लिए यह खबर एक और बुरी सूचना है। पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में अब तक मामूली कमी आई है और ऐसे में इस सर्दी के मौसम में दिल्ली-एनसीआर का दम फूलना तय है। शहर की आबोहवा इतनी बिगड़ चुकी है कि अब व्यस्त चौराहों पर भी एयर प्यूरिफायर लगवाने की जरूरत है। हर साल शहर में वायु और ध्वनि प्रदूषण पर सर्वे करने वाले इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टॉक्सिकॉलजी रिसर्च (आईआईटीआर) ने..... दिल्ली में मंगलवार को हुई छिटपुट बौछार से हवा के भारी होने और प्रदूषण का स्तर बढ़ने से हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर रही। शहर के 21 इलाकों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' और 12 इलाकों में 'बहुत खराब' दर्ज की गई। राजधानी में धीरे-धीरे प्रदूषण की चादर गहरी होती जा रही है। इस सीजन में पहली बार दिल्ली का एक क्षेत्र प्रदूषण के मामले में खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। डीटीयू में शाम 6 बजे एयर इंडेक्स 459 दर्ज हुआ। प्रदूषण की मुख्य वजह यहां पीएम 10 रहा। ऐसे में अब प्रदूषण को कंट्रोल करने में लगी विभिन्न एजेंसियों व विभागों की परेशानियां भी बढ़ने लगी हैं। पंजाब हरियाणा में पराली जलाए जाने में तेजी आने से दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। मौसम विभाग ने तेज हवा चलने की संभावना जताई थी लेकिन हवा धीमी चली और दिल्ली स्मॉग से घिरा रहा। गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को 404 एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई)के साथ गाजियाबाद एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि पूरे देश में वह दूसरे नंबर पर रहा। पराली जलाने से हवा की क्वॉलिटी में गिरावट और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कुर्सी रोड स्थित रिमोट सेंसिंग ऐप्लिकेशन सेंटर (आरएसी) यूपी मोडिस सेटेलाइट के जरिए पराली जलाने वाले जिलों पर निगरानी कर रहा है चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान वायु की गुणवत्ता लोगों के लिए खतरा बनती जा रही है। यह सीधे हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है और चकत्ते और जलन की वजह हो सकती है। इसकी वजह से आंखों और नाक में पानी आ सकता है... दिल्ली-एनसीआर की हवा पर अब पराली के धुएं का असर दिखने लगा है। बारिश की वजह से कुछ साफ हुई हवा में बीते 24 घंटे के दौरान प्रदूषण काफी बढ़ गया है। आने वाले दो दिनों में इसके और अधिक बढ़ने की संभावना है। दिवाली के बाद हरियाणा-पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला काफी तेज हुआ है। सैटलाइट से मिली तस्वीरों के आधार पर आईएमडी का दावा है कि 8 नवंबर को 2100 स्थानों पर पराली जलाई गई। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब स्तर से सुधरने के एक दिन बाद मंगलवार को खराब श्रेणी में ही बना रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीबीसीबी) ने सुबह 11 बजे शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 252 दर्ज किया। एक्यूआई का स्तर शून्य से 50 के बीच अच्छा माना जाता है जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक स्तर पर होता है। 101 से 200 के बीच इसे मध्यम श्रेणी में रखा जाता है। सर्च एक्सपर्ट्स कहते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए यदि कारगर कदम नहीं उठाए जाते हैं तो आने वाले सालों में स्थिति और खराब होगी। दिल्ली में वायु गुणवत्ता के गिरते स्तर के मद्देनजर अधिकारियों ने पाइप प्राकृतिक गैस (पीएनजी) को नहीं अपनाने पर 113 उद्योगों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन 113 उद्योगों में से 67 बवाना और नरेला उद्योग क्षेत्र में स्थित हैं। विभिन्न मुद्दों पर ट्वीट के जरिए बेबाकी से अपनी राय जाहिर करने के लिए मशहूर क्रिकेटर गौतम गंभीर ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के हालात को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) पर कटाक्ष किया है।
OSCAR-2019
food items and drinks lead to acne on the skin dc | खाद्य पदार्थ और ड्रिंक्स जिनकी वजह से मुंहासें होते हैं | ब्यूटी | लाइफस्टाइल | Beauty | Lifestyle खाद्य पदार्थ और ड्रिंक्स जिनकी वजह से मुंहासें होते हैं मुंहासें त्वचा पर होने वाली सबसे आम समस्या है। मुंहासें होने के पीछे कई कारण होते हैं। इनमे से एक कारण आपकी डाइट भी होता है। मुंहासों से बचने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों और ड्रिंक्स के सेवन से बचना चाहिए। Diksha chhabra Mar 14, 2018 15:53 pm हम जिस डाइट का सेवन करते हैं उसका त्वचा पर प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति जो खाद्य पदार्थ खाता है उसका असर त्वचा पर पड़ता है जिनमें से कुछ की वजह से मुंहासों की समस्या हो जाती है। सिर्फ ये ही नहीं कुछ खाद्य पदार्थों की वजह से त्वचा तैलीय, शुष्क और बेजान भी हो जाती है। त्वचो को समस्याओं से बचाने के लिए डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए। डाइट के अलावा प्रदूषण, हार्मोनल बदलाव की वजह से भी त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। त्वचा को नुकसान पहुंचने से बचने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों और ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। तो आइए आपको इन खाद्य पदार्थों और ड्रिंक्स के बारे में बताते हैं। [ये भी पढ़ें: त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए आटे से बने फेसपैक] कैफीन और एल्कोहल: ज्यादातर लोग दिन में एक से ज्यादा बार कॉफी या चाय का सेवन करते हैं। कुछ लोगों को इनकी आदत भी होती है। यह त्वचा से इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देते हैं। इसके साथ ही तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ा देता है। तनाव की वजह से कई त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती है। इसके अलावा एल्कोहल के सेवन से हार्मोनल बदलाव होते हैं जो त्वचा को प्रभावित करते हैं। कैन्ड फूड: कहीं घूमने जाने के लिए कैंड फूड फायदेमंद होता है। पर क्या आपको पता है यह फूड आपकी त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। इसकी वजह से मुंहासें की समस्या हो सकती है। यह केमिकल और सैचुरेटिड फैट त्वचा पर तेल का उत्पादन बढ़ा देते हैं जिसकी वजह से मुंहासों की समस्या बढ़ जाती है। [ये भी पढ़ें: फेशियल करवाने के पहले कौन सी बातों का ध्यान रखना जरूरी है] एनर्जी ड्रिंक: एनर्जी ड्रिंक में उच्च मात्रा में शुगर और पोषक तत्व बिल्कुल भी नहीं होते हैं। शरीर में तुरंत ऊर्जा के लिए इन ड्रिंक्स का सेवन किया जाता है। एनर्जी ड्रिंक के सेवन से त्वचा पर जलन हो सकती है जिससे मुंहासें होने की समस्या हो सकती है। ब्रेड और पास्ता: ब्रेड, पास्ता जैसे खाद्य पदार्थ शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ा देते बैं। इसके साथ ही इन खाद्य पदार्थों की वजह से त्वचा पर सूजन के साथ इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है। मुंहासों से बचने के लिए इस तरह के खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। चीस और दूध: दूध, चीस जैसे डेयरी प्रोडक्ट रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ा देते हैं। जिससे सीबम का उत्पादन बढ़ जाता है जिसके परिणामस्वरुप त्वचा पर मुंहासे होने लगते हैं। कई बार रोमछिद्र बंद हो जाते हैं जिससे त्वचा पर मुंहासें हो जाते हैं। [ये भी पढ़ें: त्वचा को निखारने के लिए गर्म पानी पीना कैसे फायदेमंद होता है]
2019/04/21 13:00:59
https://www.lifealth.com/hindi/lifestyle/beauty/food-items-and-drinks-lead-to-acne-on-the-skin-dc/65609/
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ग्रहण क्या हैं? - एविएशन और स्पेस - 2019 ग्रहण क्या हैं? सूर्य ग्रहण का रहस्य । surya grahan kab or kaise hota hai । solar eclipse 2019 (जून 2019). सौर और चंद्र ग्रहण काफी दुर्लभ खगोलीय घटनाएं हैं जिन्हें आमतौर पर वर्ष में दो या तीन बार से अधिक नहीं देखा जा सकता है। प्राचीन काल में, लोग ग्रहणों से डरते थे और उन्हें दुर्भाग्य का शिकार मानते थे, इस तथ्य के बावजूद कि थेल्स ऑफ मिल्टस, जो प्राचीन ग्रीस में रहते थे, ने स्पष्ट रूप से ग्रहण के कारणों का वर्णन किया। 22 अक्टूबर, 2137 ईसा पूर्व में सूर्य ग्रहण का पहला प्रलेखित उल्लेख हुआ। प्राचीन चीन में, जब सम्राट चुंग-कांग द्वारा दिव्य साम्राज्य का शासन था। उन दिनों, उन्होंने सोचा था कि राक्षस ल्यूमिनेरी को भस्म करने जा रहा था, और इसे विभिन्न तरीकों से हटा दिया - चिल्लाकर, हूटिंग करके और सूर्य की ओर भाले फेंककर। वे हमेशा सफल रहे, क्योंकि सूर्य ग्रहण का कुल चरण आठ मिनट से अधिक नहीं रह सकता है। सूर्य ग्रहण चंद्रमा की छाया है, जो यह देखने के लिए मोनो है कि कब सूर्य और चंद्र कक्षा में घूमते हैं, और चंद्रमा स्टार को बाधित करता है। विश्व से इन वस्तुओं की अलग-अलग दूरी को देखते हुए, नेत्रहीन सौर और चंद्र डिस्क आकार में समान हैं, और ऐसा लगता है कि सूरज गायब हो गया है। सभी से दूर यह कुल ग्रहण के एक मिनट में देख सकते हैं, लेकिन केवल वे ही छाया क्षेत्र में हैं, जिनका व्यास लगभग सौ किलोमीटर है। लगभग दो हजार किलोमीटर के दायरे में, आप केवल आंशिक सूर्य ग्रहण देख सकते हैं, और जो चंद्र छाया के क्षेत्र से बहुत दूर हैं, उन्हें बिल्कुल भी ध्यान नहीं होगा। देखो सूर्य ग्रहण बहुत सावधान रहना चाहिए, यह आंखों के लिए खतरनाक है। आज भी मौजूद कई हल्के फ़िल्टरों के बावजूद, आपकी आँखों की सुरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है, अभी भी कांच और रोशनी वाली फिल्म। यदि सौर ग्रहण केवल अमावस्या पर संभव है, तो चंद्र ग्रहण - इसके विपरीत, पूर्णिमा पर ही होते हैं। चंद्रग्रहण उस समय होता है जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। यदि चंद्रमा पूरी तरह से इस छाया के क्षेत्र में है, तो आप कुल चंद्र ग्रहण देख सकते हैं, यदि नहीं - तो कोई विशेष। सौर ग्रहणों के विपरीत चंद्र ग्रहण, दुनिया के किसी भी बिंदु पर समान दिखते हैं, यदि केवल चंद्रमा को आकाश में देखा जा सकता है, और वे बहुत लंबे समय तक हैं: पूर्ण चंद्र ग्रहण के चरण के लिए अधिकतम समय एक सौ मिनट है। इस तथ्य के बावजूद कि चंद्र और सौर ग्रहणों ने हजारों वर्षों तक लोगों में आतंक का कारण बनाया, उन्होंने सीखा कि प्राचीन बाबुल में भविष्यवाणी कैसे की जाती है, यह देखते हुए कि सभी ग्रहण एक अवधि से दूसरे अवधि तक दोहराते हैं। इस अवधि को आज "सरोस" कहा जाता है और 18 साल 11 दिन और 8 घंटे तक रहता है। इस समय के दौरान, 28 चंद्र ग्रहण हैं, लगभग चालीस सौर हैं, और सरोस की मदद से, इन दुर्लभ खगोलीय घटनाओं के बारे में तीन सौ साल आगे भविष्यवाणी की जा सकती है।
2019/06/19 23:18:17
https://hin.topbrainscience.com/3296610-what-are-eclipses
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रात में नहीं आती नींद तो रोज करें ये तीन आसन - Poorvanchal Media | Breaking Hindi News| Current Hindi News| Latest Hindi News | National Hindi News | Hindi News Papers | Hindi News paper| Hindi News Website| Indian News Portal - Poorvanchalmedia.com आज की जीवनशैली में अनिद्रा एक गंभीर समस्या है। इसमें व्यक्ति को नींद आने, अच्छी नींद लेने तथा सोए रहने में काफी दिक्कत होती है। इस बीमारी से ग्रस्त लोग थकान, ऊर्जा में कमी, एकाग्रता में कमी, मूड खराब होना आदि दिक्कतों से दो-चार होते हैं। इससे बचने के लिए आप योगा का सहारा ले सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे आसनों के बारे में बताने वाले हैं जो अनिद्रा की समस्या से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं। विपरीत करणी आसन – सबसे पहले लेटकर एड़ी और पंजों को आपस में मिला लें। दोनों हथेलियों को धरती की ओर रखें। पंजों को टाइट कर दोनों पांवों को धीरे धीरे ऊपर उठाना शुरू कर दें। दोनों हथेलियों को नितंबों पर लगाकर उन्हें भी ऊपर की ओर उठाएं। कंधों से जंघा तक 45 डिग्री का कोण बनाएं। पंजों को तान दें और सांस को सामान्य कर लें। फिर धीरे धीरे पूर्वावस्था में लौट आएं और पंजो को धीरे से जमीन पर टिका दें। पश्चिमोत्तासन – दिमाग को शांत तथा आराम करने के लिए इस आसन को किया जाता है। इसे करने के लिए अपने पैरों को सीधा जमीन पर फैलाकर बैठ जाएं। अब अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएँ तथा धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें। अपने हाथों की उँगलियों से अपने पैरों की उँगलियों को छूने का प्रयास करें तथा अपने सिर को घुटनों से लगाने का प्रयास करें। ऐसा भी हो सकता है कि आप अपने पैरों की उँगलियों को न छू पायें लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास के द्वारा इसमें सुधार होता जाएगा। बालासन – यह आसन आपको काफी रिलैक्सिंग पोजिशन देता है और इसे करना भी आसान है। इसे करने के लिए जमीन पर अपनी ऐड़ियों के बल पर बैठ जाएं और शरीर के ऊपरी हिस्से का वजन अपनी जंघाओं पर डाल दें। इसके बाद आगे की ओर झुकते हुए सिर को जमीन पर लगाएं फिर हाथों को सिर के ऊपर से निकालते हुए हथेलियों को ज़मीन पर लगा दें। इसके बाद अपने हिप्स को ऐड़ियों की ओर ले जाएं और इस अवस्था में 2 मिनट तक रहने का प्रयास करें।
2019/03/23 07:29:53
http://poorvanchalmedia.com/172061/
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मछली और मछुआरों की लड़ाई Best Inspirational Hindi Story - Motivational Keeda - Spread Positivity, Keep You Motivated Home / Unlabelled / मछली और मछुआरों की लड़ाई Best Inspirational Hindi Story Motivational Keeda May 30, 2022 नमस्कार दोस्तों एक बहुत ही जबरदस्त कहानी आपको सुनाता हूं और उम्मीद करता हूं कि आपको यह काफी इंस्पायर करेगी चलिए शुरू करते हैं जापानी लोगों को मछली खाने का बहुत शौक होता है और अगर ताजी मछलियां होती है तो वो लोग उनको बड़े चाव से खाते हैं तो यह कहानी कुछ मछुआरों की है जो यह चाहते थे कि वो ताजी मछलियां बेचे और अच्छा मुनाफा कमाए एक बार उन्होंने समुद्र से ताजी मछलियां इकट्ठी की और बाजार तक ले आए लेकिन उनके साथ एक चोट हो गई बाज़ार तक लाते लाते वो सारी कि सारी मछलियां बासी हो चुकी थी और आप इस बात को जानते हो कि अगर हमें किसी चीज का शौक होता है तो उस चीज की परख भी उतनी ही अच्छी होती है तो ठीक ऐसा ही उन जापानियों ने किया उन्होंने उन मछलियों को खटाखट पहचान लिया अब मछुआरों के लिए नहीं मुसीबत इतनी मेहनत के बाद भी कोई पैसा नहीं उन्होंने थोड़ा दिमाग लगाया कि क्या किया जाए तो जल्दी से idea भी सूझ गया अबकी बार उन्होंने क्या किया कि जहाज़ में एक बड़ा सा फ्रिज रख लिया मछली निकालते और उसमे डालते जाते लेकिन इस बार भी उनके साथ वही हुआ वो मछलियां ताजी नहीं थी और इस बार भी उनको हार का सामना ही करना पड़ा फिर से उन्होंने सोचा कि क्या किया जाए कैसे इन मछलियों को ताजा रखा जाए अबकी बार उन्होंने जहाज़ में एक बड़ा सा टैंक रख लिया सोचा की इससे मछलियों को वही माहौल मिलेगा जो पानी के अंदर मिलता है इस बार भी वही किया और मार्केट में मछलियां लाई गई लेकिन इस बार भी उनकी मछलियां नहीं बिकी फिर से उन्होंने दिमाग लगाया लेकिन उन्होंने हार बिल्कुल भी नहीं मानी वो लगातार मेहनत कर रहे थे चाहे उनको बार बार विफलता मिल रही थी अबकी बार उन्होंने उस पानी के बड़े से टैंक में एक बड़ी शार्क को डाल दिया हालांकि शार्क ने काफी जगह को घेर लिया लेकिन अबकी बार उन्होंने देखा कि मछलियों की संख्या जितनी उन्होंने पानी में डाली थी उससे कम हो चुकी थी क्योंकि कुछ मछलियों को शार्क खा गई थी लेकिन बाकी की मछलियों को उन्होंने देखा तो वह ताजी थी और उनको अच्छा खासा मुनाफा मिला और जापानियों ने उनको खरीदा और चाव से खाया लेकिन यहां सवाल यह है कि वह मछलियां ताजी क्यों थी ??? क्योंकि उन मछलियों ने अपनी जान बचाने के लिए हमेशा तत्परता दिखाई और वह जीने के लिए छटपटा रही थी इससे बाहर निकलने के लिए उस शार्क से लड़ रही थी इसलिए उनके अंदर जीवंतता थी इसलिए वह ताजी थी हमें भी इस बात से सीखना चाहिए और हमेशा सफल होने के लिए छटपटाते रहना चाहिए क्योंकि इससे हमारे अंदर भी जीवंतता बनी रहेगी और हम भी आगे बढ़ते रहेंगे कोशिश मरते दम तक नही छोड़नी चाहिए क्योंकि हार जाओगे तो कुछ न कुछ सीख मिल जाएगी और जीत जाओगे तो आपको आगे बढ़ने का ज्यादा हौसला मिलेगा जिस तरह हम इन मछुआरों को देख सकते है कैसे उन्होंने हर मिली हार के बाद लगातार प्रयास करना नही छोड़ा ठीक उसी तरह हम भी अगर ऐसा ही करे तो एक दिन जो हम पाना चाहते हैं वो हमारे कदमो में होगा और सफलता हमारा आलिंगन करती नजर आएगी वैसे आपको ये कहानी कैसी लगी Plz कमेंट के द्वारा हमे जरूर बताएं आपका कीमती समय देने के लिए दिल से मछली और मछुआरों की लड़ाई Best Inspirational Hindi Story Reviewed by Motivational Keeda on May 30, 2022 Rating: 5
2022/07/05 05:33:24
https://www.motivationalkeeda.com/2020/09/best-learning-inspirational-story-hindi.html
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Johnson and Johnson asked to pay 494 crore for cancer death । Johnson & Johnson के बेबी प्रोडक्ट से होता है कैंसर, कंपनी पर लगा 494 करोड़ का जुर्माना - Johnson and johnson asked to pay crore for cancer death - Latest News & Updates in Hindi at India.com Hindi महिला 35 साल से इस कंपनी प्रोजेक्ट को इस्तेमाल कर रही थी। Updated: February 24, 2016 5:03 PM IST बच्चो की नाज़ुक त्वचा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चीजो की सबसे भरोसेमंद कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर गंभीर आरोप लगे हैं। आपको बता दें की इस जानीमानी कंपनी पर 494 करोड़ रुपए के लगभग का जुर्माना लगाया गया है। जॉनसन एंड जॉनसन पर यह जुर्माना अमेरिका के राज्य के कोर्ट ने लगाया है। Also Read - चीन को जवाब! मालाबार युद्धाभ्यास में अमेरिका और जापान के अलावा अब ऑस्ट्रेलिया भी होगा शामिल Also Read - कोरोना संक्रमित डोनाल्ड ट्रंप की हालत ख़राब, डॉक्टरों ने कहा- खतरे से बाहर नहीं एक वेबसाइट के खबर के मुताबिक इस जुर्माने का फरमान मिसूरी राज्य की अदालत ने लगाया है। दरअसल, कंपनी पर यह आरोप लगाया गया है की इसके बेबी प्रोडक्ट के इस्तेमाल से कैंसर जैसी बीमारी होने के आसार नज़र आते हैं। अमेरिका की एक महिला ने कोर्ट में इस कंपनी के खिलाफ यह शिकायत की थी। वहीं कंपनी ने इस बात का खंडन किया है। जॉनसन एंड जॉनसन का कहना है की उनके सभी प्रोडक्ट बिकुल भी नुक्सान नहीं पहुंचते हैं।साथ ही कंपनी का यह भी दावा है की सभी प्रोडक्ट बिकुल सुरक्षित हैं। यह भी पढ़ें: Freedom 251: क्या सबसे सस्ते स्मार्टफोन कंपनी ने लगाया अपने ग्राहकों को चुना, जानिए Also Read - ट्रंप ने डॉक्टर्स का जताया आभार, बोले- ' बेहतर महसूस कर रहा हूं, मुझे वापस आना होगा क्योंकि अमेरिका को फिर से महान बनाना है' आपको बता दें की जिस महिला ने कंपनी पर केस किया था वह अब इस दुनिया में नहीं है। महिला ने अपने मरने से पहले कंपनी के खिलाफ मुकदमा किया था। महिला बहुत सालो से जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल कर रही थी। फिर महिला को कुछ दिनों पहले यह पता चला की वह ऑवेरियन कैंसर से ग्रस्त थी। महिला का यह आरोप था की उसे यह तकलीफ इस कंपनी के प्रोडक्ट के कारण हुआ। महिला के मरने के बाद कोर्ट ने कंपनी को महिले के परिवार को जुर्माना देने के लिए कहा। आपको बता दें की मरने वाली महिला का नाम जैकलीन था। कोर्ट में यह दावा किया गया है की महिला 35 साल से इस कंपनी प्रोजेक्ट को इस्तेमाल कर रही थी।
2020/10/24 13:24:47
https://www.india.com/hindi-news/business-hindi/johnson-and-johnson-asked-to-pay-494-crore-for-cancer-death-976799/
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अलग से, यह ध्यान दिया जाना चाहिए मानक व्यापार मंच MT4 दलाल AMarkets के अलावा यह संभव व्यापार अभिनव मंच xStation के पाठ्यक्रम में उपयोग करने के लिए बनाता है। डोजी स्टार उत्पाद के उत्पादन प्रदर्शन की पूर्णता निम्नलिखित गुणवत्ता संकेतकों द्वारा निर्धारित की जाती है: कोटिंग और सतह परिष्करण की पूर्णता; जोड़ों की सफाई, गोलाई और संभोग सतहों; ब्रांड नाम, संकेत, पैकेजिंग और साथ में प्रलेखन के निष्पादन की स्पष्टता, अर्थात, ये संकेतक उत्पाद की प्रस्तुति की विशेषता है। आखिरकार, मरे प्रणाली के अनुसार मूल्य चाल का निर्माण इलियट मॉडल को देखे बिना प्राप्त किया गया था; फिर भी, ये मॉडल आश्चर्यजनक रूप से एक दूसरे के डोजी स्टार समान हैं। ऑस्ट्रेलिया में काफी कुछ सम्मानित ऑस्ट्रेलियाई विदेशी मुद्रा दलाल हैं एएसआईसी (ऑस्ट्रेलियाई सिक्योरिटीज एंड इंवेस्टमेंट कमिशन) देश के भीतर विदेशी मुद्रा उद्योग को नियंत्रित करता है और शुरुआती एक्सएंडएक्स से कुछ कर रहा है। निशुल्क साइन अप करें एक ब्रोकर जोड़ें पैसा जमा करें और ट्रेडिंग शुरू कर दें। इस नए चीनी मंगल जांच अंतरिक्ष यान को चीन एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन (CASC) द्वारा विकसित किया गया है। इसका प्रबंधन राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र (NSSC) द्वारा किया जा रहा है। रोवर को ले जाने वाला लैंडर एक डोजी स्टार सफल लैंडिंग को प्राप्त करने के लिए पैराशूट, रिट्रॉकेट, और एयरबैग का उपयोग करेगा। Binomo के ट्रेडिंग खाते - डोजी स्टार मूल्य अंतर = समापन मूल्य - शुरुआती मूल्य (लॉन्ग ट्रेडों के लिए)। MATLAB आपको संख्यात्मक अभिकलन, डेटा विश्लेषण और प्रोग्रामिंग के साथ मदद करने के लिए कई उपकरण प्रदान करता है। इसमें अंतर्निहित 2D और 3D प्लॉटिंग फ़ंक्शंस हैं जो आपको अपने डेटा को कई अलग-अलग दृश्य प्रारूपों में देखने की अनुमति देते हैं। आप अपने डेटा में रुझानों की खोज करने और परीक्षण करने के लिए इसकी प्रीप्रोसेसिंग सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं। अपने डेटा का विश्लेषण करने के बाद, MATLAB आपको HTML और PDF सहित कई प्रारूपों में निर्यात की जा सकने वाली रिपोर्ट के साथ अपने परिणामों को दस्तावेज और साझा करने की अनुमति देता है। राष्ट्रपति श्री कोविंद आज राष्‍ट्रपति डोजी स्टार भवन में बिबेक देबराय, अनैरबान गांगुली और किशोर देसाई द्वारा लिखित पुस्‍तक "मेकिंग ऑफ न्यू इंडिया" मोदी सरकार के तहत परिवर्तन की पहली प्रति प्राप्त करने के बाद बोल रहे थे।
2021/01/23 04:00:24
https://peasan.website/kat-1/page-503536.html
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हर बार जब मैं झुकाता हूं, तो मैं अपनी गर्दन को दबाता हूं। मदद! 🚑 HI.Fitness-N-Health.com मुख्यपोषण और स्वास्थ्य: हर बार जब मैं झुकाता हूं, तो मैं अपनी गर्दन को दबाता हूं। मदद! ब्रेंडन, टॉसन, एमडी ने पूछा: वजन कम करें - और अपनी अहंकार। अधिकांश पुरुषों ने बहुत वजन कम किया, सोचते हुए कि यह उन्हें मजबूत दिखता है, लेकिन उनकी गर्दन की मांसपेशियों को भारी भार के लिए तैयार नहीं किया जा सकता है। वजन घटाने के 50 से 60 प्रतिशत तक जो आप वर्तमान में उठा रहे हैं और देखें कि आपका दर्द दूर हो गया है या नहीं। और अपने रूप पर एक करीबी नजर रखें। अभ्यास धीरे-धीरे करें, और अपने कंधों को रोल न करें - आपके जाल को आपके कंधों को ऊपर और नीचे खींचने के लिए डिज़ाइन किया गया है। गर्दन एक्सटेंशन करके भारी शर्करा तैयार करें, जो आपके कमजोर लिंक को मजबूत कर सकता है। बेंच से अपने पूरे सिर के साथ एक बेंच पर लेट गया। अपने सिर के पीछे एक रोशनी (5- से 10 पौंड) प्लेट पकड़ो, कोहनी आपके पक्षों से निकलती हैं, और फिर धीरे-धीरे अपने सिर को ऊपर और नीचे ले जाती हैं। अपने ऊपरी-बैक कसरत के अंत में सप्ताह में एक बार 12 से 15 प्रतिनिधि के 2 सेट करें।
2019/08/24 11:46:12
https://hi.fitness-n-health.com/every-time-i-do-shrugs-i-strain-my-neck-10624
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DSGMC Elections 2021 Manjinder Singh Sirsa could not read Gurmukhi dream of becoming president may be shattered दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर गुरुमुखी पढ़ने के लिए बुलाया था लेकिन सिरसा पंजाबी नहीं पढ़ सके और लिखने से भी इन्कार कर दिया। Prateek KumarFri, 17 Sep 2021 08:08 PM (IST) मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्ष पद की दावेदारी खतरे में पड़ गई है। नई दिल्ली [सतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के पंजाबी ज्ञान पर सवाल उठाकर अदालत पहुंचे शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने अब उनके पंजाबी ज्ञान में फेल होने का दावा कर इस मामले को गर्मा दिया है। इसके उलट, सिरसा का कहना है कि वह इस टेस्ट में पास हुए हैं। वहीं, इस बारे में गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। इस टेस्ट की रिपोर्ट निदेशालय को अब हाई कोर्ट को देनी है, रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट निर्णय लेगा। हरविंदर सिंह सरना ने शुक्रवार को दावा किया कि गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर सिरसा को पंजाबी लिखने-पढ़ने के लिए बुलाया था, लेकिन वह पंजाबी पढ़ नहीं सके और लिखने से भी इन्कार कर दिया। ऐसे में उनकी डीएसजीएमसी के अध्यक्ष पद की दावेदारी खतरे में पड़ सकती है। सरना का कहना था कि इस टेस्ट के दौरान वह भी वहीं मौजूद थे। वहीं, सरना के दावों को पूरी तरह से खारिज करते हुए सिरसा ने कहा कि उन्हें पंजाबी अच्छे से आती है और गुरुद्वारा निदेशालय में भी उन्होंने पंजाबी पढ़ और लिखकर दिखा दी है। विरोधी दल के नेता मेरे पंजाबी ज्ञान पर निर्णय लेने वाले कौन होते हैं। इनका काम सिर्फ भ्रम फैलाना है। उल्लेखनीय है कि सरना ने दिल्ली हाई कोर्ट में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा सिरसा को नामित सदस्य मनोनित करने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्हें गुरमुखी (पंजाबी भाषा की लिपि) का ज्ञान नहीं है। कमेटी के सदस्य के लिए यह अनिवार्य होता है। उनकी शिकायत पर हाई कोर्ट ने गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय को इसकी जांच करने को कहा था। सरना ने ही सिरसा को हाल ही में हुए डीएसजीएमसी चुनाव में पंजाबी बाग सीट से पराजित किया है। चुनाव हारने के बाद सिरसा को एसजीपीसी ने डीएसजीएमसी में सदस्य के रूप में मनोनीत किया था, जिसके बाद पिछले दरवाजे से उनके अध्यक्ष बनने की राह खुल गई थी। नौ सितंबर को नामित सदस्यों के चयन की प्रक्रिया के लिए गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने डीएसजीएमसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक बुलाई थी। उस दिन सरना ने निदेशक से शिकायत की थी कि सिरसा को गुरमुखी का ज्ञान नहीं है, इसलिए वह कमेटी का सदस्य नहीं बन सकते हैं। गुरुद्वारा एक्ट में इस बारे में स्पष्ट उल्लेख नहीं होने की बात कहकर निदेशालय ने उनकी शिकायत खारिज कर दी थी, जिसके बाद वह हाई कोर्ट चले गए थे। डीएसजीएमसी चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को पंजाबी का ज्ञान होना अनिवार्य है। इस आधार पर शिरोमणि अकाली दल (बादल) के एक उम्मीदवार का नामांकन बीते दिनों रद हो गया था। अब इसे आधार बनाकर निवर्तमान अध्यक्ष की राह रोकने की कोशिश की जा रही है।
2021/10/18 21:35:09
https://m.jagran.com/lite/delhi/new-delhi-city-ncr-dsgmc-elections-2021-manjinder-singh-sirsa-could-not-read-gurmukhi-dream-of-becoming-president-may-be-shattered-22030034.html?itm_source=AMP&itm_medium=recommendations&itm_campaign=latest
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पत्नी को मारा डंडा नवजात को लगा, मौत - Shamli HomeUttar Pradesh NewsShamliपत्नी को मारा डंडा नवजात को लगा, मौत पत्नी को मारा डंडा नवजात को लगा, मौत नशे में युवक रात में पत्नी की कर रहा था पिटाई पत्नी ने अपने पति के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा थानाभवन: शराब के नशे में पत्नी की पिटाई कर रहे युवक का डंडा उसके डेढ़ माह के नवजात बच्चे को जा लगा। डंडा लगने से गंभीर रूप से घायल बच्चे ने मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। बालक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। उधर, पुलिस ने मृतक बच्चे की मां की तहरीर के आधार पर पिता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। घटना मंगलवार रात क्षेत्र के गांव कादरगढ़ की है। गांव निवासी देवेंद्र बीती रात शराब के नशे में घर पहुंचा। उसके घर में देवेंद्र के अलावा पत्नी रेनू डेढ़ माह का बच्चा अकुल है। बीती रात जब वह शराब के नशे में घर पहुंचा तो उसका अपनी पत्नी रेनू से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। विवाद होने से गुस्साए देवेंद्र ने डंडा उठा कर पत्नी की पिटाई शुरू कर दी। जिस समय देवेंद्र अपनी पत्नी रेनू की पिटाई कर रहा था, उस समय रेनू अपने डेढ़ माह के नवजात बच्चे अकुल को गोद में बैठाकर दूध पिला रही थी। मारपीट के दौरान जब वह बचाव करने लगी तो उस दौरान देवेंद्र का डंडा रेनू के बजाय उसके नवजात बेटे अकुल को जा लगा। डंडा लगने से बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद परिजनों ने अतुल को कस्बे के सामुदायिक चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां से गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। उपचार के दौरान अकुल ने दम तोड़ दिया। थाना प्रभारी प्रभाकर कैंतुरा ने बताया कि पुलिस ने तहरीर के आधार पर देवेंद्र गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी की पत्नी रेनू ने थाने में तहरीर दर्ज कराई है।
2021/10/28 05:15:52
https://dainikjanwani.com/newborn-child-dies/
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पार्टनर के साथ Porn देखने के हैं कई फायदे, यहां जानें | News Track Live, NewsTrack Hindi 1 Oct 19 2019 03:02 PM आमतौर पर पार्टनर का पॉर्न देखना बेवफाई जैसा माना जाता है, मगर धीरे-धीरे कपल्स का पॉर्न के लिए नजरिया बदल रहा है। आज कल दोनों पार्टनर्स साथ में पॉर्न देखना पसंद कर रहे हैं। अब लोग केवल फन के लिए पॉर्न नहीं देखते हैं बल्कि इसके कई लाभ भी हैं। साथ में पॉर्न देखने से कपल अपनी सेक्स लाइफ को और भी स्पाइसी बना सकते हैं। कपल्स का एरॉटिक सेक्स सीन देखना केवल प्लेजर की बात नहीं है, बल्कि यह कई बार अपनी आंखें भी खोल सकता है। पॉर्न देखकर दोनों को खुद से हो रही गलती का अहसास हो सकता है और आप अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बना सकते हैं। कई बार पॉर्न कपल्स को और पास ले आता है। सेक्स की इच्छा जगाकर यह उनकी सेक्शुअल ऐक्टिविटी को बढ़ावा देता है और उनकी सेक्स लाइफ को जबरदस्त स्पाइसी बना सकता है। साथ में पॉर्न देखने से कपल्स कई दफा अपने लिए बोल्ड निर्णय ले सकते हैं। वे नए-नए पोजिशन्स ट्राई करके अपनी सेक्स लाइफ में कई शानदार एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं। साथ में पॉर्न देखकर आप अपनी फैंटेसीज और समस्याओं के बारे में पार्टनर से खुलकर बात कर सकते हैं। जब आप बेहतर कल्पना कर सकते हैं तो जाहिर है कि इसका प्रभाव आपकी सेक्स लाइफ पर भी पड़ेगा और आप एक-दूसरे के साथ बेटर फील करेंगे।
2019/11/13 04:44:17
https://www.newstracklive.com/news/benefits-of-watching-porn-with-partner-sc109-nu-1328842-1.html
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बर्बर लाठीचार्ज कर किसानों को हगकर आंदोलन खत्म कराया गया : उमा शंकर पांडे लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ उमा शंकर पाण्डेय ने रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार के बयान को पूरी तरह झूठा और हास्यास्पद करार देते हुए कहा है कि यह बयान प्रदेश के किसानों के साथ एक और छलावा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा निर्दयतापूर्वक बागपत में रात्रि में किसानों पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की गयी और बर्बर लाठीचार्ज कर किसानों को भगाकर आंदोलन को खत्म कराया गया। जिसमें तमाम किसान गंभीर रूप से घायल हुए। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारीयों को किसानों को उनकी उपज का 72 घंटे के अंदर भुगतान कराने का निर्देश दिये था। उन्होंने कहा था कि सभी धान क्रय केंद्रों पर इसका विशेष ध्यान रखा जाये। मुख्यमंत्री ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि था कि एमएसपी के तहत धान खरीद काम को पूरी तेजी से चलाया जाये। पाण्डेय ने कहा कि यही आदेश भाजपा सरकार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस कप्तानों को दिया था। गाजीपुर बार्डर पर भी किसानों के आंदोलन को खत्म कराने की पूरी तैयारी थी लेकिन तमाम किसान नेताओं के संघर्ष, साहस और प्रबल विरोध के बाद यह संभव नहीं हो सका। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी तत्काल किसानों के समर्थन में आवाज उठायी और राज्य सरकार को अपने कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब तक प्रदेश के 74.26 लाख किसानों के बैंक खाते में पहुंचे 1622.60 करोड़ प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली-गाजीपुर बार्डर पर केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लागू किये गये तीन काले कृषि कानूनों को वापस लिये जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर विगत 70 दिनों से इस हाड़ कंपाने वाली ठंड में आंदोलनरत अन्नदाता किसानों पर भाजपा सरकार द्वारा किये जा रहे दमन और उत्पीड़नात्मक कार्यवाही खुद ब खुद मुख्यमंत्री के किसानों के प्रति उदासीन और किसान विरोधी रवैये को उजागर करता है। उन्होने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में 14 दिनों के अन्दर गन्ना किसानों के बकाये भुगतान और भुगतान न होने की स्थिति में बकाये पर ब्याज सहित भुगतान करने का वादा किया था लेकिन राज्य सरकार के चार वर्ष बीत रहे हैं और गन्ना किसानों का अभी तक बकाया भुगतान नहीं हो पाया है।
2022/01/20 09:10:13
https://24ghanteonline.com/hagar-agitation-was-ended-by-barbaric-lathicharge-uma-shankar-pandey/
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बिहार क्रिकेट संघ के विवाद पर बीसीसीआई के फ़ैसले का आदित्य वर्मा ने किया स्वागत। » KhelMedia Home Bihar Cricket News, बिहार क्रिकेट संघ के विवाद पर बीसीसीआई के फ़ैसले का आदित्य वर्मा... पटना 18 अक्टूबर: बिहार क्रिकेट को लेकर बड़ी ख़बर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने खेलबिहार को दी है तथा यह भी बताया है बीसीसीआई के एपेक्स कॉसिंल की बैठक में बीसीए विवाद पर क्या निर्णय लिया गया । सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा कि आपसी विवाद के कारण बीसीसीआई ने पैसा तो पहले से ही बंद कर रखा था सबसे महत्वपूर्ण घटना कल की बैठक मे यह रहा कि बैठक मे शामिल एक पदाधिकारी ने अपने नाम को नही उजागर करने के शर्त पर हमे बताया कि बीसीसीआई के अध्यक्ष ने बिहार क्रिकेट संघ के पदाधिकारीयों के आपसी झगड़े से काफी नाराज थे । जिस प्रकार थोक के भाव मे बिहार क्रिकेट के बारे मे रोजाना मेल जा रहा है बिहार के जूनियर सिनियर पुरूष महिला खिलाड़ियों के टीए डीए मैच फी का भुगतान नही किया गया है आपसी विवाद के कारण बैंक ने खाता संचालन पर भी रोक लगा के बीसीसीआई को सुचित कर दिया था । माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक मे बीसीए का संविधान भी अभी तक संशोधित नही हुआ है । यह सत्य है कि बीसीसीआई किसी राज्य क्रिकेट संघ के आपसी झगड़े मे दखल नही देता है लेकिन बिहार के क्रिकेटरो के हित को देखते हुए कल के बीसीसीआई के ऐपेकस काउंसिल के बैठक मे सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि बीसीसीआई बिहार मे बीसीसीआई अपना ऑबजरवर भेज कर वर्तमान स्थिति को देख कर, मैदान को देख कर एक ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर बीसीसीआई के अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष को देगी ।। फिर ये लोग बीसीसीआई की ओर से एक संचालन समिति का गठन करेगें जो बिहार क्रिकेट को राजस्थान क्रिकेट के तर्ज पर चलाएगें। सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा एवं अन्य पदाधिकारीयों अरशद जैन, जुलफी शैम, आलमगीर आलम, संजय कुमार, मुकेश प्रिंस, जफर, सत्य प्रकाश, रिषी पान, नीरज वर्मा तथा बिहार क्रिकेट के अनेक समर्थक लोगो ने बिहारी क्रिकेटरो के भलाई के लिए बीसीसीआई के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष एवं एपेकस काउंसिल के सदस्यों को उनके द्वारा कल के बैठक मे लिए गए फैसले का स्वागत किया है ।। उम्मीद जताया है कि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ दादा जो खुद ही एक बड़े क्रिकेटर थे उनके देख रेख मे बिहार क्रिकेट भी आसमान के बुलंदी को छुएगा । मै पहले से कह रहा हूँ कि दादा है तो कुछ भी नामुमकिन नही है ।।अब देखना है कि बीसीसीआई के तरफ से ऑबजरवर कब बिहार आते है और क्या रिपोर्ट तैयार होता है।।
2021/06/13 06:29:05
https://khelmedia.in/aditya-verma-welcomed-bccis-decision-on-the-bihar-cricket-association-controversy/
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