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भारत में कोविड महामारी के दौरान भी एफडीआई में 18 की वृद्धि देखी गई।
कौन सोच सकता था कि देश के गरीबों के जनधन खातों में लाखोंकरोड़ों रुपये सीधे हस्तांतरित किए जाएंगे
किसानों के लाभ के लिए एपीएमसी अधिनियम में इतना बड़ा बदलाव किसने सोचा होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि वन नेशनवन राशन कार्ड वन नेशन वन टैक्स इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड और बैंकों का विलय आज देश की वास्तविकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए 80 करोड़ से अधिक लोगों को राशन कार्ड के साथ या उसके बिना मुफ्त भोजन दिया गया लगभग 90 हजार करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए।
गरीब कल्याण रोज़गार अभियान भी गरीबों को उनके गांवों में रोजगार देने के लिए शुरू किया गया है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा यह भी पहली बार है जब घर के लिए होम लोन की ईएमआई भुगतान अवधि के दौरान 6 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल ही हजारों अधूरे मकानों को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का एक कोष स्थापित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 40 करोड़ जन धन खाते खोले गए जिनमें से लगभग 22 करोड़ खाते केवल महिलाओं के हैं।
कोरोना के समय तीन महीनों अप्रैलमईजून में लगभग तीस हजार करोड़ रुपये महिलाओं के खातों में सीधे हस्तांतरित किए गए। कोरोना के समय में हमने देखा है कि डिजिटल इंडिया अभियान की क्या भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही भीम यूपीआई से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के लिए अपने संबोधन में कोविड के विरुद्ध देश की वीरतापूर्ण लड़ाई को सलाम किया उन्होंने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की घोषणा की वर्तमान में चल रही कोविड19 महामारी और भारत के जिस लगातार क्रमबद्ध और सक्रिय दृष्टिकोण ने देश को आत्मनिर्भर बना दिया है उसे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के लिए प्रधानमंत्री के संबोधन में स्थान मिला है क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्वास्थ्य के क्षेत्र में केन्द्र सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला है।
इस बीमारी के कारण अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के कोरोना योद्धाओं की सराहना करने की जरूरत है क्योंकि उन्होंने सेवा परमो धर्म मंत्र का उदाहरण प्रस्तुत किया है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को आश्वस्त किया कि हम कोरोना के खिलाफ जीत हासिल करेंगे।
'मजबूत इच्छाशक्ति' ही जीत की ओर ले जाएगी।''
उन्होंने देश की आत्मनिर्भर भारत की भावना पर प्रकाश डाला जिसके परिणामस्वरूप कोविड19 में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि देश अब पीपीई किट एन95 मास्क वेंटिलेटर आदि का उत्पादन कर रहा है जिनका पहले घरेलू स्तर पर विनिर्माण नहीं किया जा रहा था।
ऐसी विश्व स्तरीय वस्तुओं की उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी भी उनके आह्वान वोकल फॉर लोकल में गूंजी है।
आज लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश की कोविड परीक्षण क्षमता में निरंतर वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले हमारे पास केवल एक प्रयोगशाला थी जबकि आज हमारे पास देश भर में 1400 से अधिक प्रयोगशालाए हैं।
हम पहले एक दिन में सिर्फ 300 परीक्षण ही कर रहे थे लेकिन आज हम एक दिन में 7 लाख से अधिक परीक्षण कर रहे हैं।
हमने यह स्तर बहुत कम समय में हासिल किया है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए भारत की रणनीति के बारे में भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक मजबूत संकल्प के साथ इस मिशन पर कार्य कर रहे हैं।
वर्तमान में तीन वैक्सीन परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं।
वैज्ञानिकों के संकेत देते ही वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन के उत्पादन और वितरण का खाका भी तैयार है।
चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य बुनियादी ढ़ांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए देश की प्रेरणा का विस्तार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नए एम्स और मेडिकल कॉलेज देश में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाएंगे।
हमने एमबीबीएस और एमडी पाठ्यक्रमों में 45000 से अधिक सीटें बढ़ाई हैं।
प्रधानमंत्री ने मौजूदा महामारी के दौरान गैरकोविड स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान करने में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) द्वारा निभाई गई भूमिका की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि 15 लाख एचडब्ल्यूसी में से एक तिहाई पहले से ही सक्रिय हैं।
उन्होंने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवाओं की प्रभावशीलता में सुधार करेगी।
राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को एक विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें एकल आईडी के माध्यम से एक आम डेटाबेस में बीमारियों निदान रिपोर्ट दवा आदि का विवरण उपलब्ध होगा।
उप राष्ट्रपति सचिवालय उपराष्ट्रपति ने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के अनसुने नायकों को याद किया उपराष्ट्रपति ने देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आह्वान कियाजनसंख्या के सभी सीमांत वर्गों के सशक्तिकरण के लिए आह्वान कियाअंत्योदय और सर्वोदय को हमारी यात्रा के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में सेवा करनी चाहिए उपराष्ट्रपति2022 तक भारत को हर मायने में आत्मनिर्भर होना चाहिए उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के अनसुने नायकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
एक फेसबुक पोस्ट में श्री नायडू ने कहा कि अपने राष्ट्रीय नायकों को नमन करना स्वाभाविक है लेकिन ऐसे अनेक अनसुने नायकों के योगदान को भी मान्यता देने की जरूरत है जो अपनेअपने क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय थे और जिनकी वीरता के अनगिनत कार्यों से अंग्रेज कांपते थे।
उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि उन्हें केवल क्षेत्रीय नायक के रूप में नहीं बल्कि राष्ट्रीय नायकों के रूप में ही माना जाना चाहिए और उनके साहस और बलिदान के कार्यों से देश भर के प्रत्येक नागरिक को परिचित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र को इन स्वतंत्रता सेनानियों का आभारी होना चाहिए जिनके निस्वार्थ प्रयासों का फल हमें एक संप्रभु और जीवंत संसदीय लोकतंत्र के नागरिकों के रूप में प्राप्त हो रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों विशेष रूप से युवाओं को इन अनसुने नायकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरुक बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने यह सलाह दी कि संबंधित राज्यों को इन नायकों की वीरता और बलिदान की कहानियों को इतिहास के पाठ्यपुस्तकों में प्रकाशित करना चाहिए और उनकी विरासत को जीवित रखने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
तभी हम उनके साथ न्याय कर पाएंगे और तभी उनके सपनों का भारत एक सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर भारत श्रेष्ठ भारत और एक सशक्त भारत बना पाएंगे।
अपने फेसबुक पोस्ट में श्री नायडू ने इन अनसुने नायकों अल्लूरी सीतारमा राजू चिन्नास्वामी सुब्रमण्य भरथियार मातंगिनी हाजरा बेगम हजरत महल पांडुरंग महादेव बापट पोटी श्रीरामुलु अरुणा आसफ अली गरिमेला सत्यनारायण लक्ष्मी सहगल बिरसा मुंडा पार्वती गिरी तिरोत सिंह कनकलता बरुआ कन्नेगन्ति हनुमान्थु शहीद खुदीराम बोस वेलु नचियार कित्तूर चेनम्मा वीरपांडिया कट्टबोमन वी ओ चिदंबरम पिल्लई सुब्रमण्य सिवा सूर्य सेन अशफाकुल्ला खान बटुकेश्वर दत्त पिंगली वेंकय्या दुर्गाबाई देशमुख श्री अरबिंदो घोष और मैडम भीकाजी कामा के योगदान का स्मरण किया।
उन्होंने यह उल्लेख किया कि लॉकडाउन अवधि ने उन्हें पुस्तकों को पढ़ने और इन महान नेताओं के जीवन और कार्य के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए काफी समय दिया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ब्रिटिश शासन ने भारत के विकास को तहसनहस कर दिया था और अनेक प्रकार से हमारी संस्कृति को पृष्ठभूमि तक निर्वासित कर दिया।
उन्होंने कहा कि उपनिवेशवादी शासन ने भारत को उसके समृद्ध अतीत से जुड़े महत्वपूर्ण संबंध को समाप्त कर दिया था। उपराष्ट्रपति ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण और हमारी राष्ट्रीय भाषाओं में साहित्य और कलात्मक अभिव्यक्ति को नए सिरे से फलनेफूलने का कार्य करने का आह्वान किया।
उन्होंने विश्वास जाहिर किया कि भारत अपने अतीत के गौरव को फिर से प्राप्त करेगा और नए दृढ़ संकल्प और 130 करोड़ लोगों की जबरदस्त ऊर्जा के साथ एक आदर्श संसदीय लोकतंत्र बन जाएगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि भारत को विकास और समृद्धि की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करना है तो सार्वजनिक जीवन के लोगों सहित जीवन के विभिन्न वर्गों के प्रत्येक भारतीय को अपने कर्तव्य को ईमानदारी से निभाना चाहिए।
भारत की प्रगति की यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण पड़ावों पर प्रकाश डालते हुए श्री नायडू ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत ने अपने बुनियादी ढांचे को तेजी से उन्नत किया है और अपने सामाजिक सुरक्षा तंत्र को काफी मजबूत किया है।
उन्होंने कहा कि भारत में अब गांव बिना बिजली के नहीं है और उन्हें खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से कृषि क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में जोरदार सुधारों के माध्यम से अर्थव्यवस्था फिर से संगठित हो गई है।
श्री नायडू ने पारदर्शिता बढ़ाने विवेकाधिकार को कम करने तथा ईमानदार करदाताओं को पुरस्कृत करने के लिए सरकार द्वारा हाल ही में घोषित कराधान सुधारों की सराहना की।
राष्ट्र द्वारा अब तक की गई प्रगति को ध्यान में रखते हुए उपराष्ट्रपति ने उद्देश्यपूर्ण आत्मनिरीक्षण का आह्वान करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर हमें स्वयं से यह पूछना चाहिए कि हम 2022 तक एक राष्ट्र के रूप में क्या हासिल करना चाहते हैं।
उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'संकल्प से सिद्धि' के आह्वान को 202223 तक न्यू इंडिया में प्रवेश के लिए हम किस तरह सोचते हैं हम किस तरह व्यवहार करते हैं और किस तरीके से काम करते हैं इन सब तरीकों में मौलिक बदलाव के बिगुल की संज्ञा दी है।
2022 तक जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर लेगा उसके लिए अपने विजन को रेखांकित करते हुए श्री नायडू ने कहा कि 2022 तक भारत में कोई भी बेघर व्यक्ति नहीं होना चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक नागरिक की शिक्षा रोजगार स्वास्थ्य सुविधाएं स्वच्छ भोजन पेयजल और अच्छी साफसफाई तक पहुंच होनी चाहिए।
कृषि क्षेत्र में परिवर्तन की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमें 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
श्री नायडू ने जनसांख्यिकीय लाभांश का एहसास करने के लिए युवाओं का कौशल उन्नयन पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि हमें गरीबी उन्मूलन सामाजिक और लिंग भेदभाव और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए नए जोश और मजबूत संकल्प के साथ काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा ''हमें दिव्यांगजनों महिलाओं बुजुर्गों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों सहित अपनी आबादी के हाशिए पर पड़े लोगों के लिए उपयोगी पुरस्कृत समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन को सुरक्षित करना चाहिए।''
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंत्योदय और सर्वोदय को हमारी यात्रा के मुख्य सिद्धांतों के रूप में आगे बढ़ना चाहिए और 2022 तक भारत को हर मायने में आत्मानिर्भर होना चाहिए।
राज्य सरकारें और 272 जिला कलेक्टर 15 अगस्त 2020 को नशामुक्त भारत अभियान की शुरुआत करेंगे जो 7 महीने तक चलेगा और 31 मार्च 2021 को समाप्त होगा।
जिला और राज्य स्तर पर गठित नशा मुक्त भारत समितिया अभियान के लिए रणनीति और कार्य योजना तैयार करेंगी।
इन 272 जिलों की पहचान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से प्राप्त इनपुट और मंत्रालय द्वारा किए गए व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर की गई है।
श्री गहलोत ने कहा कि सरकार नशा मुक्त भारत के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अभियान के लिए 2017 में वित्तीय आवंटन 43 करोड़ रुपये था जिसे 2020 में बढाकर 260 करोड़ रुपये किया गया है।
आवंटन में पांच गुना वृद्धि दर्शाती है कि सरकार इस अभियान को बहुत महत्व देती है।
उन्होंने एनएपीडीडीआर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकारों को बधाई दी।
नशीली दवाओं से केवल इसका सेवन करने वाले व्यक्ति को ही नहीं बल्कि परिवार और समाज को भी इसका नुकसान झेलना पड़ता है और यह देश के लिए चिंता का विषय है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नशीली दवाओं के सेवन में कमी लाने की योजना के लिए नोडल मंत्रालय है जो कई हस्तक्षेपों का समन्वय क्रियान्वयन और निगरानी करता है। इन हस्तक्षेपों में समस्या की रोकथाम समस्या के विस्तार का मूल्यांकन सेवन करने वालों के उपचार और पुनर्वास तथ्यों का विश्लेषण और जनता के बीच जागरूकता का प्रसार शामिल हैं।
देश में नशीली दवाओं (मादक पदार्थ) के उपयोग की समस्या की भयावहता का आकलन करने मादक पदार्थ के पैटर्न को समझने विभिन्न नशीली दवाओं (मादक पदार्थ) का सेवन करने वाले लोगों के अनुपात और मादक पदार्थों के उपयोग से होने वाले विकारों का पता लगाने के लिए मंत्रालय ने एक व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया था।
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने प्रत्येक नागरिक के बीच फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए फिट इंडिया यूथ क्लबों की राष्ट्र व्यापी पहल आरंभ की केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक और राष्ट्र व्यापी पहल फिट इंडिया यूथ क्लब आरंभ किया।
प्रधानमंत्री के विज़न फिट इंडिया आंदोलन के एक हिस्से के रूप में फिट इंडिया यूथ क्लब का प्रयास देश भर में फिटनेस के महत्व के बारे में आम जागरूकता पैदा करने के लिए युवाओं की शक्ति का उपयोग करने का प्रयत्न करता है।
फिट इंडिया यूथ क्लब अनूठे तरीके से फिटनेस और संकल्प को एक साथ जोड़ता है जिसमें स्काउट्स एवं गाइड्स एनसीसी एवं अन्य युवा संगठनों के साथ साथ नेहरू युवा केंद्र संगठन और नेशनल सर्विस स्कीम के 75 लाख वालंटियर एक जिला इकाई के तत्वाधान में देश के प्रत्येक ब्लॉक में फिट इंडिया यूथ क्लब के रूप् में पंजीकरण करने के लिए साथ आएंगे और क्लब का प्रत्येक सदस्य समुदाय के लोगों को उनकी रोजमर्रा के रूटीन में 30 से 60 मिनट तक फिटनेस गतिविधियों से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा।
इसके अतिरिक्त क्लब प्रत्येक तिमाही में एक समुदाय फिटनेस प्रोग्राम आयोजित करने के लिए स्कूलों और स्थानीय निकायों को प्रोत्साहित करेगा।
इस पहल की चर्चा करते हुए श्री रिजिजू ने कहा कि केवल एक फिट नागरिक ही समुचित रूप से अपने देश के प्रति योगदान दे सकता है और साथी नागरिकों को आवश्यकता के क्षणों में सहायता कर सकता है।
भारत 13 बिलियन लोगों का देश हैं और हमारे पास पहले से ही 75 लाख वोलंटियर हैं और जल्द ही यह संख्या 1 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
मुझे भरोसा है कि ये एक करोड़ वोलंटियर नियमित रूप से फिटनेस कार्यकलाप करने के लिए देश के कोनकोने में कम से कम 30 करोड़ भारतीयों को प्रेरित कर सकते हैं।
समय बीतने के साथ वोलंटियरों की संख्या और जिन्हें फिट इंडिया आंदोलन के लिए प्रेरित किया जा सकता है उनकी संख्या भी बढ़ जाएगी और जल्द ही हम प्रत्येक भारतीय तक पहुंचने में भी सक्षम होंगे। फिट इंडिया यूथ क्लबों द्वारा आरंभ की जाने वाली प्रथम पहलों में एक फिट इंडिया फ्रीडम रन को लोकप्रिय बनाना है जो 15 अगस्त से 2 अक्टूबर तक चलता है और यह एक अनूठी अवधारणा है जो प्रतिभागियों को उनकी गति और उनके स्थान पर दौड़ने का और दौडने के अपने रास्तों की खुद योजना बनाने का अवसर देता है।
यह दौड़ पहले ही देश भर में लोकप्रिय हो चुकी है और विख्यात एथलीटों से लेकर कॉरपोरेट के नेता सैनिक स्कूली छात्र इसमें हिस्सा लेते हैं तथा सोशल मीडिया पर run4india एवं newindiaitindia साथ स्वाधीनता दिवस दौड़ों की तस्वीर तथा वीडियो डालते हैं।
फिट इंडिया आंदोलन 29 अगस्त को एक वर्ष पूरे कर लेगा।
उन विभिन्न समारोहों की तरह जिन्हे पिछले वर्ष आयोजित किया गया है फिट इंडिया फ्रीडम रन ने भी देश के प्रत्येक वर्ग को आकर्षित किया है।
सीआईएसएफ आईटीबीपी बीएसएफ सीबीएसई स्कूलों सीआईसीएसई स्कूलों हमारे अपने एनएसएस एनवाईकेएस वोलंटियर स्काउट्ए एवं गाईड्स जैसे विभिन्न संगठन सक्रिय हिस्सा ले रहे हैं।
हमलोग मूल्यांकन करेंगे कि किस ब्लॉक जिला एवं शहर ने दौड़ में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है।
एक लक्ष्य निर्धारित करना और एक राष्ट्र के रूप में अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय हर गांव को अगले 1000 दिनों में ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लक्षद्वीप को भी अगले 1000 दिनों में समुद्र तल में ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाना है प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आने वाले 1000 दिनों में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा।
श्री मोदी ने बताया कि 2014 से पहले देश में केवल 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर केबल से जुड़ी थीं।
पिछले पांच वर्षों में देश में लगभग 15 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल इंडिया में ग्रामीण भारत और गांवों की भागीदारी भारत के संतुलित विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
गांवों को सक्षम करने के लिए हम तेजी से अपने ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार करेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा आज आपने दूरसंचार विभाग को भारत के सभी गांवों को अगले 1000 दिनों में ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी है।
यह डिजिटल इंडिया के लिए गेम चेंजर है।
आपकी प्रेरणा से हम इसे पूरा करेंगे। 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले 1000 दिनों में लक्षद्वीप को पानी के नीचे से ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारे पास लगभग 1300 द्वीप हैं।
राष्ट्र के विकास में उनकी भौगोलिक स्थिति और उनके महत्व को ध्यान में रखते हुएइनमें से कुछ द्वीपों में नई परियोजनाएं शुरू करने पर काम चल रहा है।
हमने कुछ द्वीपों को तेजी से विकास के लिए चुना है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में अंडमान और निकोबार द्वीप को बेहतर इंटरनेट सेवा के लिए समुद्र तल केबल के साथ जोड़ा गया है और अब लक्षद्वीप को केबल से जोड़ेंगे।
उन्होंने ये बातें आज दिल्ली में प्रतिष्ठित लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान कही।
इस हफ्ते की शुरुआत में पीएम मोदी ने दिल्ली और चेन्नई जैसे शहरों में मिल रही इंटरनेट सेवाओं की तर्ज पर केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) अंडमान और निकोबार द्वीप के लिए हाईस्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए चेन्नई और अंडमान एवं निकोबार के बीच अब तक के पहले समुद्र तल ऑप्टिक फाइबर लिंक का उद्घाटन किया।
लक्षद्वीप प्रायद्वीप में उच्च गति की इंटरनेट सेवाओं के लिए की गई घोषणा पर टिप्पणी करते हुए श्री रविशंकर प्रसाद ने एक ट्वीट में कहा कि आज प्रधानमंत्री ने इन द्वीपों को पानी के नीचे से (समुद्र तल) ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 1000 दिनों का लक्ष्य निर्धारित किया है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की तरह ही दूरसंचार विभाग संचार मंत्रालय लक्षद्वीप को भी केबल से जोड़ने के काम को तेजी से पूरा करेगा।
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय गरीब महिलाओं को जन औषधि केंद्रों से 5 करोड़ से अधिक सैनिटरी पैड एक रुपए की न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराए गए प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार देश में महिलाओं विशेष रूप से वंचित वर्ग की महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर काफी सजग है।
देश के 74 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सरकार गरीब बेटियों और बहनों के स्वास्थ्य और स्वच्छता का ख्याल रख रही है और उन्हें सस्ती कीमत पर स्वास्थ्य से जुड़े उत्पाद उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने देशभर में 6 हजार से अधिक जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से गरीब महिलाओं को 5 करोड़ से अधिक सैनिटरी पैड एक रुपये की न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराए हैं।