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एक सारांश बनाओ: Airtel ने एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट खरीदने वाले ग्राहकों के लिए नया मासिक प्लान रिलीज किया है। इच्छुक ग्राहक Airtel 4G Hotspot को 399 रुपये प्रति महीने की दर से किराये पर ले पाएंगे। इस प्लान के साथ ग्राहक को मासिक तौर पर 50 जीबी 4जी डेटा मिलेगा। इसका मतलब है कि अगर आप 399 रुपये का मासिक रेंटल प्लान चुनते हैं तो आपको नया Airtel 4G Hotspot मिलेगा और इस्तेमाल के लिए 50 जीबी डेटा भी। अगर आप 50 जीबी डेटा इस्तेमाल कर लेते हैं तो इसके बाद इंटरनेट की स्पीड घटकर 80 केबीपीएस हो जाएगी। नए बंडल ऑफर को एयरटेल की वेबसाइट पर लाइव कर दिया गया है। अब यूज़र को एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट खरीदने के अलावा अलग से प्लान चुनने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। Airtel के नए 399 रुपये वाले बंडल प्लान में दोनों ही सुविधाएं किफायती दाम में मिल जाएंगी। याद रहे कि Airtel 4G Hotspot की कीमत हाल ही में कम हुई थी। आप इसे 999 रुपये में खरीद सकते हैं। बता दें कि एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट को 1,500 रुपये में खरीदा गया था। आपको बता दें कि हॉट स्पॉट को इस्तेमाल करते रहने के लिए यूज़र्स को हर महीने 399 रुपये से रीचार्ज कराना होगा। एक मासिक साइकल में बचा हुआ डेटा अगले साइकल का हिस्सा बन जाएगा। इस डिवाइस को काम करने के लिए एक एक्टिव एयरटेल सिम कार्ड की ज़रूरत होती है। इसे नियमित तौर पर रीचार्ज कराने की ज़रूरत है। अगर किसी क्षेत्र में 4जी नेटवर्क नहीं उपलब्ध है तो वहां 3जी नेटवर्क मिलेगा। आधिकारिक पेज पर कंपनी ने दावा किया है कि यूज़र्स एक वक्त पर हॉटस्पॉट से 10 डिवाइस को कनेक्ट कर सकते हैं। इसके बारे में 6 घंटे की बैटरी लाइफ देने का दावा है। कंपनी ने शर्तों वाले पेज पर बताया है कि अगर सिम को डिवाइस से हटाया जाता है और फायदे मिलने बंद हो जाएंगे। मार्केट में Airtel 4G Hotspot की भिड़ंत JioFi M2S 4G हॉटस्पॉट डॉन्गल से है। जियो भी अपने जियोफाई 4जी हॉटस्पॉट के साथ नए ऑफर का ऐलान किया था। जियो का हॉटस्पॉट भी 999 रुपये में मिलता है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: Airtel 4G Hotspot की कीमत हाल ही में कम हुई थी एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट को 999 रुपये में खरीदा जा सकता है हॉटस्पॉट इस्तेमाल करते रहने के लिए हर महीने 399 रुपये का रीचार्ज ज़रूरी
32
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: प्रमुख श्रम आयुक्त (सीएलसी) की पहल पर एयर इंडिया के हड़ताली पायलटों और प्रबंधन के बीच वार्ता का नया दौर बृहस्पतिवार को असफल हो गया और हड़ताल के दूसरे दिन में प्रवेश कर जाने के चलते अनेक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों सहित लगभग 60 विमानों की उड़ानें रद्द कर दी गई। एयर इंडिया प्रबंधन ने दिल्ली उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि हड़ताली पायलटों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने काम पर वापस आने संबंधी अदालत के आदेश का पालन नहीं किया। इस पर अदालत ने काम पर लौटने के आदेश का पालन नहीं करने वाले हड़ताली पायलटों की कड़ी आलोचना की। एयर इंडिया ने इंडियन कमर्शियल पायलट्स ऐसोसिएशन (आईसीपीए) को समर्थन देने के लिए कार्यकारी पायलट वी के भल्ला की सेवाओं को भी समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही बख्रास्त होने वाले काकपिट चालक दल सदस्यों की संख्या बढ़कर सात हो गयी है। सीएलसी एनके प्रसाद ने मंगलवार को वार्ता का पहला प्रयास असफल होने के बाद एयर इंडिया के प्रबंधन और यूनियन के साथ आज बातचीत के दूसरे दौर की शुरूआत की। पहले दौर की बातचीत के असफल होने के बाद आईसीपीए से संबद्ध 800 पायलट हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद प्रबंधन ने आईसीपीए की मान्यता रद्द कर दी, दिल्ली और मुंबई स्थित इसके कार्यालयों को सील कर दिया, छह पायलटों को बख्रास्त कर दिया और दो अन्य को निलंबित कर दिया। बैठक में प्रबंधन इस बात को लेकर अड़ा रहा कि वह रद्द मान्यता वाले श्रमिक संगठन के साथ वार्ता नहीं करेगा जबकि पायलटों ने अपने संगठन की मान्यता को बहाल करने, इसके कार्यालयों से सील हटाने और बख्रास्त तथा निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग की। विमानसेवा के प्रतिनिधियों ने यह कहते हुए पायलटों से वार्ता करने से इंकार कर दिया कि उनका संगठन मान्यता प्राप्त नहीं है और उन्होंने अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया है।
यह एक सारांश है: एयर इंडिया प्रबंधन ने दिल्ली उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि हड़ताली पायलटों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जानी चाहिए।
2
['hin']
एक सारांश बनाओ: टाइटैनिक के दीवाने अमेरिकी और ब्रिटिश पोतों में सवार होकर उस स्थान पर जा रहे हैं जहां आज से 100 साल पहले टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर डूब गया था। टाइटैनिक हादसे के 100 साल पूरे होने पर इसकी स्मृति में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे। टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था। यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। टाइटैनिक हादसे के 100 साल पूरे होने पर इसकी स्मृति में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे। टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था। यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे। टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था। यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था। यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था। यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: टाइटैनिक के दीवाने अमेरिकी और ब्रिटिश पोतों में सवार होकर उस स्थान पर जा रहे हैं जहां आज से 100 साल पहले टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर डूब गया था।
32
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: रबड़ की कीमतें बढ़ने से टायर विनिर्माता कंपनी जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज ने अपने उत्पादों की कीमतों में दो से चार फीसदी तक की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। कंपनी के निदेशक (विपणन) एएस मेहता ने कहा, प्राकृतिक रबड़ की कीमतें 210-220 रुपये प्रति किलो की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, जो पिछली तिमाही में 180 रुपये प्रति किलो थीं, लेकिन अभी तक हमने टायरों की कीमतें नहीं बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा, रबड़ की कीमतों की इस तेजी के कारण हमने सभी प्रकार के टायरों की कीमत बढ़ाने का निर्णय किया है। एक सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, टायर विनिर्माताओं के लिए चौथी तिमाही के परिणाम दूसरी अथवा तीसरी तिमाही से बेहतर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने 2009-10 में 3,678 करोड़ रुपये की बिक्री की थी, लेकिन अगले कुछ सालों तक इसमें कुछ गिरावट आने की संभावना है। कंपनी चेन्नई में एक नया विनिर्माण संयंत्र लगाने वाली है। इसका परिचालन 2011 से शुरू हो जाएगा।  उन्होंने बताया कि चेन्नई संयंत्र के पहले चरण में 750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस कारखाने से प्रति साल चार लाख ट्रक टायर एवं करीब 25 लाख कार टायर बनाए जाएंगे। इस कारखाने से करीब 1,200 लोगों को रोजगार मिलेगा।
यहाँ एक सारांश है:रबड़ की कीमतें बढ़ने से टायर विनिर्माता कंपनी जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज ने अपने उत्पादों की कीमतों में दो से चार फीसदी तक की बढ़ोतरी का निर्णय किया है।
18
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: शिकागो विश्वविद्यालय के रिचर्ड थेलर को इकोनॉमिक्स के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर उनके काम के लिए दिया गया. थेलर ने अपने काम के जरिए यह दिखाया कि आर्थिक और वित्तीय फैसले करने वाले हमेशा तार्किक नहीं होते बल्कि वे बहुत हद तक मानवीय हदों में बंधे होते हैं. जहां तक व्यावहारिक अर्थशास्त्र का सवाल है तो यह व्यक्ति और संस्थानों की आर्थिक निर्णय प्रक्रिया से जुड़ा है, यानी यह बताता है कि ये फैसले कैसे किए जाते हैं. दरअसल थेलर ने अपने काम और अध्ययन के जरिये अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की. यह भी पढ़ें : मशहूर ब्रिटिश लेखक काजुओ इशिगुरो को साहित्य का नोबेल पुरस्कार थेलर का शोध व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर केंद्रित है जो यह पड़ताल करता है कि वित्तीय और आर्थिक बाजारों में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों या समूहों द्वारा किए गए फैसलों पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का क्या असर रहता है. नोबेल ज्यूरी ने थेलर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा है, 'उन्होंने अर्थशास्त्र को और अधिक मानवीय बनाया.' पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने सोमवार को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी. नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.टिप्पणियां यह भी पढ़ें : परमाणु हथियारों के प्रसार के खिलाफ अभियान चलाने वाली संस्था ICAN को नोबेल का शांति पुरस्कार अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से) यह भी पढ़ें : मशहूर ब्रिटिश लेखक काजुओ इशिगुरो को साहित्य का नोबेल पुरस्कार थेलर का शोध व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर केंद्रित है जो यह पड़ताल करता है कि वित्तीय और आर्थिक बाजारों में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों या समूहों द्वारा किए गए फैसलों पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का क्या असर रहता है. नोबेल ज्यूरी ने थेलर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा है, 'उन्होंने अर्थशास्त्र को और अधिक मानवीय बनाया.' पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने सोमवार को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी. नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.टिप्पणियां यह भी पढ़ें : परमाणु हथियारों के प्रसार के खिलाफ अभियान चलाने वाली संस्था ICAN को नोबेल का शांति पुरस्कार अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से) थेलर का शोध व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर केंद्रित है जो यह पड़ताल करता है कि वित्तीय और आर्थिक बाजारों में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों या समूहों द्वारा किए गए फैसलों पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का क्या असर रहता है. नोबेल ज्यूरी ने थेलर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा है, 'उन्होंने अर्थशास्त्र को और अधिक मानवीय बनाया.' पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने सोमवार को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी. नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.टिप्पणियां यह भी पढ़ें : परमाणु हथियारों के प्रसार के खिलाफ अभियान चलाने वाली संस्था ICAN को नोबेल का शांति पुरस्कार अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से) यह भी पढ़ें : परमाणु हथियारों के प्रसार के खिलाफ अभियान चलाने वाली संस्था ICAN को नोबेल का शांति पुरस्कार अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से) अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से)
संक्षिप्त पाठ: अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान पर अध्ययन के लिए थेलर को मिला नोबेल पुरस्कार थेलर को 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर मिलेगी 'मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और निजी निर्णयों को प्रभावित करते हैं'
27
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: "जिन लोगों ने मेरे साथ ये गंदा काम किया है उन्हें छोड़ना मत " ये वाक्य डीसीपी साउथ छाया शर्मा को निर्भया ने तब कहे थे जब छाया उससे पहली बार सफ़दरजंग अस्पताल में मिलने गई थी. आज यानी शुक्रवार को जब सप्रीम कोर्ट ने जब सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई तब छाया ने मन ही मन निर्भया को याद किया और उसका धन्यवाद किया. धन्यवाद इसलिए क्यूंकि वो कभी अपने बयान से पलटी नहीं. इन दिनों छाया राष्ट्रीय मानवाधिकार कमीशन में बतौर डीआईजी तैनात हैं. छाया ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा. "दिल्ली पुलिस ने जो सबूत पेश किए है वो एकदम ठोस है," सप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने फ़ैसला देते हुए कहा. "इन सभी आरोपियों को सज़ा निर्भया के कारण ही मिली है. वो अपने बयान पर निरंतर क़ायम रही " उन्हें आज भी वो दिन याद है जब वो 23 साल की निर्भया से वह पहली बार मिली थीं. "उसकी हालत बहुत ख़राब थी. उससे बोला नहीं जा रहा था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी,". सप्रीम कोर्ट ने भी फ़ैसला देते हुए माना कि जो कुछ निर्भया के साथ हुआ वो बहुत भयानक था. "अक्सर देखा है कि बलात्कार पीड़ित घबरा जाते हैं. सच नहीं बताते या पूरा सच याद नहीं कर पाते लेकिन इस लड़की का रवैया बड़ा पॉज़िटिव था," छाया आज भी उसके हौसले की दाद देती है. निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई. छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां "अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,".  छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."   छाया  ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."   अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."  उन्हें आज भी वो दिन याद है जब वो 23 साल की निर्भया से वह पहली बार मिली थीं. "उसकी हालत बहुत ख़राब थी. उससे बोला नहीं जा रहा था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी,". सप्रीम कोर्ट ने भी फ़ैसला देते हुए माना कि जो कुछ निर्भया के साथ हुआ वो बहुत भयानक था. "अक्सर देखा है कि बलात्कार पीड़ित घबरा जाते हैं. सच नहीं बताते या पूरा सच याद नहीं कर पाते लेकिन इस लड़की का रवैया बड़ा पॉज़िटिव था," छाया आज भी उसके हौसले की दाद देती है. निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई. छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां "अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,".  छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."   छाया  ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."   अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."  निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई. छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां "अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,".  छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."   छाया  ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."   अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."  छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां "अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,".  छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."   छाया  ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."   अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."  "अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,".  छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."   छाया  ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."   अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."  छाया  ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."   अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
संक्षिप्त पाठ: तत्कालीन डीसीपी साउथ छाया शर्मा ने किया था जांच टीम का नेतृत्व इन दिनों छाया राष्ट्रीय मानवाधिकार कमीशन में बतौर डीआईजी तैनात हैं निर्भया की मौत के पहले के इस बयान को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया
22
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: एशियाई कारोबार में तेल का भाव मिला-जुला रहा। निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के संबोधन का इंतजार है और वे फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं। इसके अलावा लीबिया में जारी संकट का भी तेल भाव पर असर पड़ा है। शुरुआती कारोबार में न्यूयॉर्क का मुख्य अनुबंध वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट लाइट स्वीट क्रूड का भाव अक्तूबर डिलीवरी के लिए 10 सेंट्स घटकर 85.20 डॉलर रहा। वहीं ब्रेंट नार्थ सी क्रूड की कीमत अक्तूबर डिलीवरी के लिये 19 सेंट्स बढ़कर 110.81 डॉलर रही। कारोबारियों के अनुसार निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के संबोधन का इंतजार है और वे फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं। बर्नान्के केंद्रीय बैंक के सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं। निवेशकों को इस बात का इंतजार है कि अपने संबोधन में वह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए और प्रोत्साहन उपायों का समर्थन करते हैं या नहीं। अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा तेल खपत वाला देश है। इसके अलावा लीबिया में जारी संकट का भी तेल भाव पर असर दिख रहा है।
शुरुआती कारोबार में न्यूयॉर्क का मुख्य अनुबंध वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट लाइट स्वीट क्रूड का भाव अक्तूबर डिलीवरी के लिए 10 सेंट्स घटकर 85.20 डॉलर रहा।
28
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: मुलायम, अखिलेश और शिवपाल के बीच 24 घंटे में हुई 4 बैठकें बेनतीजा रही हैं. यही नहीं मंगलवार को दिनभर अखिलेश के समर्थन में समाजवादी पार्टी दफ्तर के बाहर पार्टी की युथ विंग के लोग प्रदर्शन करते रहे. वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि उनको पार्टी के अध्यक्ष और उनके पिता ने मुख्यमंत्री बनाया है और अगर वह पद छोड़ने के लिए कहेंगे तो उनकी बात मानेंगे. वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.   वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि उनको पार्टी के अध्यक्ष और उनके पिता ने मुख्यमंत्री बनाया है और अगर वह पद छोड़ने के लिए कहेंगे तो उनकी बात मानेंगे. वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.   वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.   उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.
सारांश: मुलायम चाहते हैं कि शिवपाल वापस मंत्री बनें अखिलेश रामगोपाल की वापसी चाहते हैं मुलायम रामगोपाल को न लेने पर अड़े हुए हैं
20
['hin']
एक सारांश बनाओ: श्रीलंका के आगामी दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन चार जुलाई को किया जाएगा। टीम इंडिया इस दौरे पर पांच वनडे और एक ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी।टिप्पणियां बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति मुंबई के क्रिकेट सेंटर में चार जुलाई को बैठक करके श्रीलंका में जुलाई अगस्त में होने वाली एकदिवसीय और टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीमों का चयन करेगी।’’ श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा। बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति मुंबई के क्रिकेट सेंटर में चार जुलाई को बैठक करके श्रीलंका में जुलाई अगस्त में होने वाली एकदिवसीय और टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीमों का चयन करेगी।’’ श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा। श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा।
संक्षिप्त पाठ: श्रीलंका के आगामी दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन चार जुलाई को किया जाएगा। टीम इंडिया इस दौरे पर पांच वनडे और एक ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी।
30
['hin']
एक सारांश बनाओ: समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के पसंद के रूप में नाम आगे किए जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि वह इस उच्च पद के लिए दौड़ में शामिल होने के संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करेंगे।टिप्पणियां नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पटना के बिहटा पहुंचे कलाम ने संवाददाताओं से कहा, कई राजनीतिक पार्टियों ने मुझसे संपर्क किया है, जो मुझे देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहती हैं। मुझे उनके विचार पसंद हैं और मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं इस संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करूंगा। संवाददाताओं ने उनसे प्रश्न पूछा था कि क्या वह राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं। नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पटना के बिहटा पहुंचे कलाम ने संवाददाताओं से कहा, कई राजनीतिक पार्टियों ने मुझसे संपर्क किया है, जो मुझे देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहती हैं। मुझे उनके विचार पसंद हैं और मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं इस संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करूंगा। संवाददाताओं ने उनसे प्रश्न पूछा था कि क्या वह राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं।
यह एक सारांश है: मुलायम और ममता बनर्जी द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के पसंद के रूप में नाम आगे किए जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने कहा है कि वह इस पद की दौड़ में शामिल होने के संबंध में सही समय पर निर्णय करेंगे।
21
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के थाना किठौर क्षेत्र में एक कुएं से तीन सगी बहनों की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही एनसीआर एडीजी के एल मीणा, आईजी राजीव कृष्ण और डीआईजी प्रेम प्रकाश ने मौके पर पहुंच कर घटना के संबंध में छानबीन की। डीआईजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त बुशरा (10), सना (8) और शादिया (6) पुत्री शकील निवासी महलंका के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि तीनों बहनें गत 14 दिसम्बर को घर से मुंगफली खरीदने पड़ोस की दुकान में गई थीं। तबसे वह गायब थीं। 15 दिसम्बर को इस संबंध में थाना किठौर में शकील की तहरीर पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था। तभी से पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी। आज गांव के कुएं से बदबू आने पर जब उसमें उतर कर देखा गया तो वहां तीनों बहनों की लाश सड़ी अवस्था में लाश पड़ी थीं। डीआईजी के अनुसार प्रथम दृष्टया लगता है कि गला घोंटकर हत्या की गई है। उन्होंने दुराचार की आशंका से इनकार नहीं किया है। डीआईजी के अनुसार लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज कर घटना में शामिल हमलावरों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
यह एक सारांश है: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के थाना किठौर क्षेत्र में एक कुएं से तीन सगी बहनों की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई।
24
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: वित्त मंत्रालय ने कहा कि एक जुलाई से निषेधात्मक सूची में शामिल 17 सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं पर कर लगाया जाएगा। निषेधात्मक सूची में शामिल सेवाएं कर दायरे से बाहर रहेंगी। सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं। बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी। बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई। मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है। कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। निषेधात्मक सूची में शामिल सेवाएं कर दायरे से बाहर रहेंगी। सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं। बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी। बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई। मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है। कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं। बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी। बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई। मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है। कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी। बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई। मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है। कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई। मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है। कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है। कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
संक्षिप्त पाठ: वित्त मंत्रालय ने कहा कि एक जुलाई से निषेधात्मक सूची में शामिल 17 सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं पर कर लगाया जाएगा।
27
['hin']
एक सारांश बनाओ: पाकिस्तानी सैनिकों ने आज (सोमवार को) दिन में चार बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के करीब अग्रिम चौकियों एवं रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाकर 120 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की, जिसका भारतीय सैनिकों ने माकूल जवाब दिया. गोलीबारी में दो लोगों के मामूली रूप से जख्मी होने की खबरें हैं. पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के शाहपुर, कृष्णगटी, मंडी और सब्जियां सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास गोले दागे. रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है. कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के शाहपुर, कृष्णगटी, मंडी और सब्जियां सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास गोले दागे. रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है. कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है. कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: शाहपुर, कृष्णगटी, मंडी, सब्जियां में नियंत्रण रेखा के पास गोले दागे. पाकिस्‍तान ने स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की : रक्षा प्रवक्‍ता दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया
8
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: विस्कोन्सिन के गुरुद्वारे में हुए गोलीबारी कांड में बुधवार को एक नया मोड़ तब आ गया जब पुलिस ने हमलावर की पूर्व प्रेमिका के घर से हथियार मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस हमले में छह लोग मारे गए थे। लेकिन अभी भी जांचकर्ता श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले ‘नव-नाजी’ हमलावर की मंशा से अनभिज्ञ हैं। हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है। हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं। 31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’ ‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे। पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है। संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। इस हमले में छह लोग मारे गए थे। लेकिन अभी भी जांचकर्ता श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले ‘नव-नाजी’ हमलावर की मंशा से अनभिज्ञ हैं। हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है। हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं। 31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’ ‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे। पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है। संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है। हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं। 31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’ ‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे। पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है। संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं। 31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’ ‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे। पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है। संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। 31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’ ‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे। पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है। संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। ‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे। पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है। संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है। संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’ जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’ उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
सारांश: विस्कोन्सिन के गुरुद्वारे में हुए गोलीबारी कांड में बुधवार को एक नया मोड़ तब आ गया जब पुलिस ने हमलावर की पूर्व प्रेमिका के घर से हथियार मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है।
7
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: लोकपाल विधेयक में राज्यसभा की प्रवर समिति द्वारा सुझाए गए संशोधनों को कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय कानूनमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।" गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा। इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए। सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए। केंद्रीय कानूनमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।" गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा। इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए। सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए। गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा। इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए। सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए। इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए। सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए। जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए। सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए। सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
सारांश: केंद्रीय कानूनमंत्री ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।"
31
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: चर्चित टीवी शो और फिल्म प्रोड्यूशर एकता कपूर का नाम भारतीय कारोबारी जगत की 25 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया है। बालाजी टेलीफिल्म की संयुक्त प्रबंध निदेशक कपूर का नाम कारोबार पत्रिका 'बिजनेस टुडे' ने टेलीविजन और फिल्म में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सूची में शामिल किया।टिप्पणियां कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।" सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है। बालाजी टेलीफिल्म की संयुक्त प्रबंध निदेशक कपूर का नाम कारोबार पत्रिका 'बिजनेस टुडे' ने टेलीविजन और फिल्म में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सूची में शामिल किया।टिप्पणियां कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।" सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है। कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।" सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है। सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: चर्चित टीवी शो और फिल्म प्रोड्यूशर एकता कपूर का नाम भारतीय कारोबारी जगत की 25 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया है।
25
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: सीबीआई ने मंगलवार को एक अदालत को बताया कि पांच साल पहले आरुषि तलवार की सनसनीखेज हत्या उसके अभिभावकों एवं पेशे से दंत चिकित्सक राजेश एवं नूपुर तलवार ने की थी और अपराध के समय बाहर का कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। अतिरिक्त न्यायाधीश एस लाल के समक्ष अपनी गवाही में सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौल ने बताया कि उनकी जांच से यह खुलासा हुआ है कि मकान में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था। कौल ने मामले में सीबीआई जांच का नेतृत्व किया था। एजेंसी के वकील आरके सैनी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे। कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था। अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। अतिरिक्त न्यायाधीश एस लाल के समक्ष अपनी गवाही में सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौल ने बताया कि उनकी जांच से यह खुलासा हुआ है कि मकान में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था। कौल ने मामले में सीबीआई जांच का नेतृत्व किया था। एजेंसी के वकील आरके सैनी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे। कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था। अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे। कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था। अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था। अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था। अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था। अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
यह एक सारांश है: सीबीआई ने मंगलवार को एक अदालत को बताया कि पांच साल पहले आरुषि तलवार की सनसनीखेज हत्या उसके अभिभावकों एवं पेशे से दंत चिकित्सक राजेश एवं नूपुर तलवार ने की थी और अपराध के समय बाहर का कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था।
2
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र के 13 डेंटल कॉलेजों तथा 23 मेडिकल कॉलेजों की फीस निर्धारित कर दी है. ऐसा प्रदेश में पहली बार किया गया है, जब निजी डेंटल और मेडिकल कॉलेजों की फीस का निर्धारण किया गया है. फीस निर्धारण के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए फीस 8.50 लाख रुपये से लेकर 11.50 लाख रुपये निर्धारित की गई है जबकि बीडीएस के लिए 1.37 लाख रुपये से लेकर 3.65 लाख रुपये फीस निर्धारित की गई है. प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया, "यह फीस शैक्षणिक सत्र 2017-18, 2018-19 व 2019-20 के लिए निर्धारित की गई है. निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए फीस नियमन समिति भी बनाई गई है." इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया, "यह फीस शैक्षणिक सत्र 2017-18, 2018-19 व 2019-20 के लिए निर्धारित की गई है. निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए फीस नियमन समिति भी बनाई गई है." इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यहाँ एक सारांश है:13 डेंटल और 23 मेडिकल कॉलेजों की फीस निर्धारित की MBBS में दाखिले की फीस 8.50 से 11.50 लाख रुपये बीडीएस में 1.37 लाख से 3.65 लाख रुपये फीस निर्धारित
17
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: कर्णन ने उच्च न्यायालय से यह घोषणा करने की मांग की थी कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 9 मई को उन्हें दिए गया सजा का आदेश और इसके तहत आगे की कार्यवाही 'असंवैधानिक और शून्य' है क्योंकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का कथित तौर पर पालन नहीं किया गया था. खंडपीठ ने कर्णन की ओर से दिए गए तर्क को खारिज कर दिया कि उन्हें छह महीने की जेल की सजा देने में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि यह नोट किया गया है कि याचिकाकर्ता (कर्णन को) को अदालत में अपनी रक्षा करने का पर्याप्त मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था. कर्णन ने उच्च न्यायालय से यह घोषणा करने की मांग की थी कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 9 मई को उन्हें दिए गया सजा का आदेश और इसके तहत आगे की कार्यवाही 'असंवैधानिक और शून्य' है क्योंकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का कथित तौर पर पालन नहीं किया गया था. खंडपीठ ने कर्णन की ओर से दिए गए तर्क को खारिज कर दिया कि उन्हें छह महीने की जेल की सजा देने में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि यह नोट किया गया है कि याचिकाकर्ता (कर्णन को) को अदालत में अपनी रक्षा करने का पर्याप्त मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था.
संक्षिप्त पाठ: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व जस्टिस कर्णन की याचिका खारिज की खंडपीठ ने कर्णन की ओर से दिए गए तर्क को खारिज कर दिया अदालत ने कहा कि कर्णन को अपनी रक्षा का पूरा मौका दिया गया था
27
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: एक संघीय न्यायाधीश ने एक अभियान रैली में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के मामले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मुकदमे से छूट देने से इनकार कर दिया है. ट्रंप के वकीलों ने उन तीनों प्रदर्शनकारियों की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे को खारिज करने की मांग की थी जिनका कहना था कि केंटकी के लुइसविल में 1 मार्च 2016 को हुई रैली में ट्रंप के समर्थकों ने उनके साथ हिंसा की थी. वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप का इरादा अपने समर्थकों को उकसाने का नहीं था.टिप्पणियां दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा. हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा. वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप का इरादा अपने समर्थकों को उकसाने का नहीं था.टिप्पणियां दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा. हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा. दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा. हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा. हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा.
संक्षिप्त सारांश: एक अभियान रैली में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के मामला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मुकदमे से छूट देने से इनकार वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप का इरादा अपने समर्थकों को उकसाने का नहीं था.
10
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: लोकसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2013-14 के लिए वित्त विधेयक पारित हो गया, जिसके बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दो मई तक के लिए स्थगित कर दी गई। मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि वित्त विधेयक पारित होने में सहयोग दिया, लेकिन वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अब भी अड़ी है। भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया। सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।" लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा। भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि वित्त विधेयक पारित होने में सहयोग दिया, लेकिन वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अब भी अड़ी है। भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया। सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।" लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा। भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया। सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।" लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा। भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।" लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा। भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा। भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा। भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा। भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
सारांश: लोकसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2013-14 के लिए वित्त विधेयक पारित हो गया, जिसके बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दो मई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
20
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: राफेल नडाल को विंबलडन के पहले दौर में हराने वाले दुनिया के 135वें नंबर के खिलाड़ी स्टीव डार्सिस, ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन विक्टोरिया अजारेंका, राडेक स्टेपनेक और जान इसनर को बुधवार को चोटों के कारण इस टूर्नामेंट से हटना पड़ा। विक्टोरिया अजारेंका को सेंटर कोर्ट पर अपना मैच शुरू होने से कुछ देर पहले हटना पड़ा। ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन अजारेंका का पोलैंड की मारिया जोओ कोलहर के खिलाफ पहले दौर के मैच में दाहिना घुटना चोटिल हो गया था। अजारेंका को दूसरे दौर में इटली की फ्लेविया पेनेटा से भिड़ना था। डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था। इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन अजारेंका का पोलैंड की मारिया जोओ कोलहर के खिलाफ पहले दौर के मैच में दाहिना घुटना चोटिल हो गया था। अजारेंका को दूसरे दौर में इटली की फ्लेविया पेनेटा से भिड़ना था। डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था। इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे। डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था। इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे। डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था। इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे। इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: राफेल नडाल को विंबलडन के पहले दौर में हराने वाले दुनिया के 135वें नंबर के खिलाड़ी स्टीव डार्सिस, ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन विक्टोरिया अजारेंका, राडेक स्टेपनेक और जान इसनर को बुधवार को चोटों के कारण इस टूर्नामेंट से हटना पड़ा।
3
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ भारत के रक्षा संबंध मजबूत करने के उद्देश्य से तीन देशों की अपनी यात्रा के तहत रक्षा मंत्री एके एंटनी आज आस्ट्रेलिया पहुंच गए। एंटनी ऑस्ट्रेलियाई रक्षामंत्री स्टीफन स्मिथ से ऑस्ट्रेलियाई राजधानी कैनबरा में आस्ट्रेलिया-भारत रक्षा मंत्री स्तर के संवाद में शामिल होंगे। एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं। एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था। एंटनी ऑस्ट्रेलियाई रक्षामंत्री स्टीफन स्मिथ से ऑस्ट्रेलियाई राजधानी कैनबरा में आस्ट्रेलिया-भारत रक्षा मंत्री स्तर के संवाद में शामिल होंगे। एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं। एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था। एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं। एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था। उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं। एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था। एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
यह एक सारांश है: एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ भारत के रक्षा संबंध मजबूत करने के उद्देश्य से तीन देशों की अपनी यात्रा के तहत रक्षामंत्री एके एंटनी आज ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे।
24
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: पाकिस्तान ने पहले दिन-रात क्रिकेट टेस्ट मैच के पांचवें और अंतिम दिन सोमवार को यहां वेस्टइंडीज को 56 रनों से हरा दिया और तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली. डेरेन ब्रावो ने आखिर तक पाकिस्तानी गेंदबाजों का प्रतिरोध किया और 116 रन बनाए. वेस्टइंडीज की टीम ने कुल 289 रन बनाए. वेस्टइंडीज की टीम दुबई स्टेडियम की टूटती पिच पर 346 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. लेग स्पिर यासिर शाह ने दूसरी पारी में दो विकेट और पूरे मैच में कुल सात विकेट लिए. ब्रावो का एशिया में यह पांचवां और विदेशी सरजमीं पर सातवां शतक है. पाकिस्तान ने छह विकेट पर 224 रन के स्कोर पर नयी गेंद ली जिसके बाद ब्रावो ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर की पहली ही गेंद पर चौके के साथ शतक पूरा किया. इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्‍टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्‍य बल्‍लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ब्रावो का एशिया में यह पांचवां और विदेशी सरजमीं पर सातवां शतक है. पाकिस्तान ने छह विकेट पर 224 रन के स्कोर पर नयी गेंद ली जिसके बाद ब्रावो ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर की पहली ही गेंद पर चौके के साथ शतक पूरा किया. इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्‍टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्‍य बल्‍लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्‍टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्‍य बल्‍लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्‍टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्‍य बल्‍लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह एक सारांश है: वेस्‍टइंडीज ने बनाए 289 रन पाक ने दिया था 346 रनों का लक्ष्‍य ब्रावो ने बनाए 116 रन
24
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: पश्चिमी लंदन में 24 मंजिला एक आवासीय इमारत में बुधवार को भीषण आग लग गई, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 74 अन्य झुलस गए. ब्रिटेन में पिछले करीब तीन दशक में यह सबसे भीषण अग्निकांड है. लेटिमेर रोड पर स्थित लैंकेस्टर वेस्ट एस्टेट के ग्रेनफेल टावर में स्थानीय समयानुसार रात एक बजकर 16 मिनट पर आग लगी. समझा जाता है कि जब इमारत आग की लपटों से घिर गई, तब करीब 600 लोग टावर के 120 फ्लैटों में मौजूद थे. मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि इस घटना में 12 लोग मारे गए हैं. पहले मरने वालों की संख्या छह बताई गई थी. मेट्रोपॉलिटन पुलिस  के कमांडर स्टुअर्ट कंडी ने कहा था कि लोगों को तलाशने का काम कुछ दिनों तक चलेगा. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली. दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था. आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे. राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया. लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'. समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि इस घटना में 12 लोग मारे गए हैं. पहले मरने वालों की संख्या छह बताई गई थी. मेट्रोपॉलिटन पुलिस  के कमांडर स्टुअर्ट कंडी ने कहा था कि लोगों को तलाशने का काम कुछ दिनों तक चलेगा. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली. दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था. आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे. राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया. लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'. समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली. दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था. आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे. राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया. लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'. समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था. आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे. राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया. लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'. समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे. राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया. लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'. समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया. लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'. समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया. लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'. समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'. समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे. (इनपुट एजेंसी से) (इनपुट एजेंसी से)
यह एक सारांश है: पश्चिमी लंदन के ग्रेनफेल टावर में लगी आग 40 फायर इंजन मौके पर बचाव कार्य में जुटे स्‍थानीय समयानुसार आग रात करीब डेढ़ बजे लगी
16
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: बीजेपी नेता और कोटा से सांसद ओम बिरला (OM Birla) लोकसभा स्पीकर बनाए गए हैं. बीजेपी नेता ओम बिरला (Om Birla) ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कोटा में कांग्रेस उम्मीदवार रामनारायण मीणा को हराया था. उन्होंने रामनारायण मीणा को 2.5 लाख से भी ज्यादा वोटों शिकस्त दी थी. ओम बिरला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को कोटो में हुआ था. ओम बिरला वर्तमान में कोटा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के सांसद हैं. बिरला (BJP MP Om Birla) कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. वह 2003, 2008 और 2013 में 12वीं, 13वीं एवं 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. आइये जानते हैं बीजेपी सांसद ओम बिरला से जुड़ी 10 बातें..   बीजेपी नेता ओम बिड़ला का लोकसभा स्पीकर बनना लगभग तय, विपक्ष ने नहीं किया उम्मीदवारी का विरोध राहुल गांधी के इनकार के बाद अधीर रंजन चौधरी को चुना गया लोकसभा में कांग्रेस का नेता
सारांश: ओम बिरला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को कोटो में हुआ था. ओम बिरला कोटा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं. वह कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं.
20
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि भारत और पाकिस्तान दोनों को ही भय है कि युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के निकलने के बाद वहां आई अस्थिरता से दोनों देशों में आतंकवाद बढ़ सकता है। अधिकारी के अनुसार, अमेरिका का मानना है कि आने वाले वर्षों में अफगानिस्तान में भारत और पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकते हैं।टिप्पणियां एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है। उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं। अधिकारी के अनुसार, अमेरिका का मानना है कि आने वाले वर्षों में अफगानिस्तान में भारत और पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकते हैं।टिप्पणियां एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है। उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं। एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है। उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं।
संक्षिप्त पाठ: अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि भारत और पाकिस्तान दोनों को ही भय है कि युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के निकलने के बाद वहां आई अस्थिरता से दोनों देशों में आतंकवाद बढ़ सकता है।
13
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान राहुल द्रविड़ ने आज उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ी फार्म दोबारा हासिल करने के साथ भारतीय टीम में वापसी करने में सफल रहेंगे। सहवाग के अलावा जहीर खान और गौतम गंभीर को वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ होने वाली शृंखला के दो चार दिवसीय मैचों के लिए भारत (ए) की टीम में शामिल करके उन्हें टेस्ट टीम में वापसी का मौका दिया गया है। युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए। द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। सहवाग के अलावा जहीर खान और गौतम गंभीर को वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ होने वाली शृंखला के दो चार दिवसीय मैचों के लिए भारत (ए) की टीम में शामिल करके उन्हें टेस्ट टीम में वापसी का मौका दिया गया है। युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए। द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए। द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है।
सारांश: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान राहुल द्रविड़ ने आज उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ी फार्म दोबारा हासिल करने के साथ भारतीय टीम में वापसी करने में सफल रहेंगे।
7
['hin']
एक सारांश बनाओ: उपनगरीय रेलवे नेटवर्क पर नए 'राम मंदिर' स्टेशन का श्रेय लेने के लिए भाजपा और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी की जंग के एक दिन बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए प्रेरित किया. ठाकरे ने कहा, 'भूल जाओ कि लोग क्या कहेंगे या करेंगे. किसी और को ही राम मंदिर स्टेशन का श्रेय ले लेने दो. कोई भी इस नाम का श्रेय ले सकता है, लेकिन राम मंदिर बनाने का श्रेय लीजिए और मैं आपकी सराहना करता हूं'.टिप्पणियां उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ठाकरे ने कहा, 'भूल जाओ कि लोग क्या कहेंगे या करेंगे. किसी और को ही राम मंदिर स्टेशन का श्रेय ले लेने दो. कोई भी इस नाम का श्रेय ले सकता है, लेकिन राम मंदिर बनाने का श्रेय लीजिए और मैं आपकी सराहना करता हूं'.टिप्पणियां उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: सांसद गजानन कीर्तिकर को अयोध्या में राम मंदिर बनाने को प्रेरित किया. भूल जाओ कि लोग क्या कहेंगे या करेंगे- उद्धव ठाकरे उद्धव ने उपनगर अंधेरी में यह बात कही.
32
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: सरकार को वस्‍तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी की डेडलाइन अप्रैल 2017 है और इसे लागू करने के लिए सरकार को काफी मशक्‍कत करनी होगी. भारत के सबसे बड़े टैक्‍स सुधार कहे जा रहे जीएसटी को बुधवार को राज्‍यसभा ने पास कर दिया. इसे सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी जीत बताया जा रहा है. अब लोकसभा में इसके पास होने का रास्‍ता आसान हो गया है क्‍योंकि सरकार वहां बहुमत में है. उसके बाद जीएसटी को देश के 29 राज्‍यों में से कम से कम 15 राज्‍यों से पारित होना आवश्‍यक है. सरकार चाहती है कि यह काम अगले 30 दिनों के भीतर पूरा हो जाए. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्‍होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं. बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्‍त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्‍ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्‍यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्‍व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. भारत के सबसे बड़े टैक्‍स सुधार कहे जा रहे जीएसटी को बुधवार को राज्‍यसभा ने पास कर दिया. इसे सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी जीत बताया जा रहा है. अब लोकसभा में इसके पास होने का रास्‍ता आसान हो गया है क्‍योंकि सरकार वहां बहुमत में है. उसके बाद जीएसटी को देश के 29 राज्‍यों में से कम से कम 15 राज्‍यों से पारित होना आवश्‍यक है. सरकार चाहती है कि यह काम अगले 30 दिनों के भीतर पूरा हो जाए. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्‍होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं. बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्‍त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्‍ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्‍यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्‍व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्‍होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं. बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्‍त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्‍ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्‍यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्‍व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्‍त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्‍ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्‍यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्‍व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
सारांश: GST को देश के 29 में से कम से कम 15 राज्‍यों से पारित होना आवश्‍यक है नीतीश ने कहा, 'वो अपनी तरफ से जो भी संभव हो, जीएसटी के लिए करेंगे' नीतीश जीएसटी को पास कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं
7
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: भीषण गर्मी में जिस स्वीमिंग पूल में आप समय बिताते हों वहां पर एक दिन 8 फुट लंबा घड़ियाल तैरता मिल जाए तो क्या करेंगे. जाहिर है घबरा जाएंगे. ऐसा ही एक मामला अमेरिका के फ्लोरिडा में सामने आया है. जहां पर एक घर में बनेस स्वीमिंग पूल में विशालकाय घड़ियाल बड़े आराम से तैर रहा था. टिप्पणियां परिवार के लोगों ने जब यह नजारा देखा तो वह घबरा गए और आनन-फानन में पुलिस को इस बात की सूचना दी. खबर मिलते ही पुलिस के साथ फ्लोरिडा वन्य जीव संरक्षण की टीम भी मौके पर पहुंच गई. लेकिन घड़ियाल बेहद ही आक्रमक स्वभाव का था. उसे काबू में लाने के लिए टीम को नाकों चने चबाने पड़ गए.  जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.    घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था.   परिवार के लोगों ने जब यह नजारा देखा तो वह घबरा गए और आनन-फानन में पुलिस को इस बात की सूचना दी. खबर मिलते ही पुलिस के साथ फ्लोरिडा वन्य जीव संरक्षण की टीम भी मौके पर पहुंच गई. लेकिन घड़ियाल बेहद ही आक्रमक स्वभाव का था. उसे काबू में लाने के लिए टीम को नाकों चने चबाने पड़ गए.  जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.    घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था.   जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.    घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था.
संक्षिप्त सारांश: स्वीमिंग पूल में तैर रहा था घड़ियाल फंदा पड़ते ही करने लगा 'डेथ रोल' करीब 8 फुट लंबा था घड़ियाल
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['hin']
एक सारांश बनाओ: सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है. आज इसकी घोषणा होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में आज कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष राज बब्‍बर दिल्‍ली से लखनऊ पहुंच रहे हैं. इस बात की भी संभावना व्‍यक्‍त की जा रही है कि लखनऊ पहुंचने के बाद सपा के नए प्रदेश अध्‍यक्ष नरेश उत्‍तम के साथ शाम तक उनकी संयुक्‍त प्रेस कांफ्रेंस हो सकती है जिसमें औपचारिक रूप से गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है.टिप्पणियां दरअसल अभी तक दो-तीन वजहों से गठबंधन नहीं हो सका है. पहली वजह यह मानी जा रही है कि कांग्रेस 100 से भी अधिक सीटें मांग रही थी. दूसरी ओर रालोद के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं थीं. लेकिन सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण अब रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल रालोद 30 से भी अधिक सीटें चाहती थी लेकिन सपा उसको 20 सीटों से ज्‍यादा देने को तैयार नहीं थी. हालांकि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्‍ठभूमि को इस गठबंधन के नहीं होने की मुख्‍य वजह माना जा रहा है. दरअसल सपा और कांग्रेस दोनों को लगता है कि रालोद से गठजोड़ होने की स्थिति में उनको मुस्लिम मतों का नुकसान हो सकता है. अब 403 सदस्‍यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्‍यादा सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्‍मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्‍मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है. दरअसल अभी तक दो-तीन वजहों से गठबंधन नहीं हो सका है. पहली वजह यह मानी जा रही है कि कांग्रेस 100 से भी अधिक सीटें मांग रही थी. दूसरी ओर रालोद के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं थीं. लेकिन सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण अब रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल रालोद 30 से भी अधिक सीटें चाहती थी लेकिन सपा उसको 20 सीटों से ज्‍यादा देने को तैयार नहीं थी. हालांकि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्‍ठभूमि को इस गठबंधन के नहीं होने की मुख्‍य वजह माना जा रहा है. दरअसल सपा और कांग्रेस दोनों को लगता है कि रालोद से गठजोड़ होने की स्थिति में उनको मुस्लिम मतों का नुकसान हो सकता है. अब 403 सदस्‍यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्‍यादा सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्‍मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्‍मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है. अब 403 सदस्‍यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्‍यादा सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्‍मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्‍मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: सपा करीब 300 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी रालोद गठबंधन में शामिल नहीं, अकेले चुनाव लड़ेगी
32
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: हैदराबाद के उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत के हाथों अपनी टीम को मिली करारी शिकस्त को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने बेहद आलोचनात्मक तौर पर लिया है। एक समाचार पत्र ने तो यहां तक लिखा है कि 'हैदराबाद में हत्या हुई है या आत्महत्या'? देश से प्रकाशित होने वाले ज्यादातर समाचार पत्रों ने इस हार को शर्मनाक करार दिया। किसी ने इसे 'हैदराबाद हॉरर शो' नाम दिया जबकि किसी ने इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के लिए काला दिन करार दिया। समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।" पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" देश से प्रकाशित होने वाले ज्यादातर समाचार पत्रों ने इस हार को शर्मनाक करार दिया। किसी ने इसे 'हैदराबाद हॉरर शो' नाम दिया जबकि किसी ने इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के लिए काला दिन करार दिया। समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।" पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।" पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।"
यह एक सारांश है: हैदराबाद के उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत के हाथों अपनी टीम को मिली करारी शिकस्त को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने बेहद आलोचनात्मक तौर पर लिया है। एक समाचार पत्र ने तो यहां तक लिखा है कि 'हैदराबाद में हत्या हुई है या आत्महत
16
['hin']
एक सारांश बनाओ: अमेरिका ने सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय लीबिया के तानाशाह मुअम्मार गद्दाफी के खिलाफ संघर्ष कर रहे विद्रोहियों को हथियार उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने कहा, "हथियार उपलब्ध कराने का विकल्प भी विचाराधीन विकल्पों में शामिल है।" लीबिया में मानवाधिकारों का सम्मान करने वाली लोकतांत्रिक सरकार का गठन सुनिश्चित कराने के लिए अमेरिकी सरकार यहां के विपक्षी दलों से सम्पर्क कर रही है। कार्ने ने कहा कि लीबिया के लोग जो चाहते हैं हम उससे सहमत हैं। उन्होंने कहा, "पूर्वी लीबिया के डाक घर में हथियारों की खेप भेजने जैसा कोई तरीका अभी जल्दबाजी होगी। हमें मौजूदा विकल्पों से आगे बढ़ने की जरूरत नहीं है।" विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने कहा कि फिलहाल विद्रोहियों को हथियार भेजना कोई कानूनी विकल्प नहीं है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 27 फरवरी के अपने प्रस्ताव में लीबिया के सभी समूहों पर हथियार प्रतिबंध लगाया है।
सारांश: अमेरिका ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय गद्दाफी के खिलाफ संघर्ष कर रहे विद्रोहियों को हथियार उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है।
5
['hin']
एक सारांश बनाओ: परिवार ने सोहना के एसडीएम को एक ज्ञापन देकर मामले की जांच में तेजी लाने की गुजारिश की है और कहा कि अगर इंसाफ नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से खुदकुशी कर लेंगे. अख्तर ने कहा,  "हम घटना के पीड़ित हैं, लेकिन गुड़गांव पुलिस ने हमारे परिवार के दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है जो हम पर दबाव बनाने की कोशिश है." पुलिस उपायुक्त हिमांशु गर्ग ने कहा कि हमने अबतक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य तलाश की जा रही है. हम किसी का पक्ष नहीं ले रहे हैं. गौततलब है कि गुरुग्राम में होली के दिन दिल दहला देने वाली घटना घटी थी. यहां भीड़ ने घर में घुसकर पूरे परिवार पर लाठी-डंडों और तलवार से हमला कर दिया. पुलिस ने बताया कि होली के दिन भोंडसी इलाके में तीन-चार लोगों के परिवार पर करीब 40 लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो हुआ था. गुरुग्राम में घटी घटना के बाद पूरे देश में रोष का माहौल व्याप्त हो गया था.
यह एक सारांश है: पीड़ित परिवार ने सामूहिक रूप से खुदकुशी की धमकी दी परिवार ने कहा कि उनपर प्राथमिकी वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है गुरुग्राम के भोंडसी में भीड़ के हमले का है मामला
21
['hin']
एक सारांश बनाओ: एयरसेल−मैक्सिस डील में चिदंबरम का नाम उछाले जाने के बाद सरकार एक बार फिर उनके बचाव में उतर गई है। इस मसले पर बीजेपी ने आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों में जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा।टिप्पणियां दरअसल, जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चिदंबरम पर इस डील में जान बूझकर देरी करने का आरोप लगाया था। आज अंग्रेजी अखबार पॉयनियर में छपी खबर के मुताबिक डील को अक्टूबर 2006 में मंजूरी मिली जबकि वित्तमंत्रालय ने जारी प्रेस रिलीज में चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा गया था कि मार्च 2006 में ही डील को मंजूरी दे दी गई थी।   हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए। दरअसल, जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चिदंबरम पर इस डील में जान बूझकर देरी करने का आरोप लगाया था। आज अंग्रेजी अखबार पॉयनियर में छपी खबर के मुताबिक डील को अक्टूबर 2006 में मंजूरी मिली जबकि वित्तमंत्रालय ने जारी प्रेस रिलीज में चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा गया था कि मार्च 2006 में ही डील को मंजूरी दे दी गई थी।   हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए। हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए।
एयरसेल−मैक्सिस डील में चिदंबरम का नाम उछाले जाने के बाद सरकार एक बार फिर उनके बचाव में उतर आई है।
26
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत ऊर्जा के मोर्चे पर विकट स्थिति का सामना कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से देश का आयात खर्च बढ़ता जा रहा है, ऐसे में घरेलू कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। बठिंडा में चार अरब डॉलर की लागत से बनी रिफाइनरी का औपचारिक उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कुल तेल खपत में करीब 80 प्रतिशत आयात होता है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से आयात खर्च पर भारी दबाव है।’’ गौरतलब है कि सरकारी कंपनियों ने कच्चे तेल और दूसरी जरूरी लागतों के दाम में भारी बढ़ोतरी के बावजूद पिछले एक वर्ष से घरेलू एलपीजी और केरोसिन के दाम नहीं बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। बठिंडा में चार अरब डॉलर की लागत से बनी रिफाइनरी का औपचारिक उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कुल तेल खपत में करीब 80 प्रतिशत आयात होता है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से आयात खर्च पर भारी दबाव है।’’ गौरतलब है कि सरकारी कंपनियों ने कच्चे तेल और दूसरी जरूरी लागतों के दाम में भारी बढ़ोतरी के बावजूद पिछले एक वर्ष से घरेलू एलपीजी और केरोसिन के दाम नहीं बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है।
सारांश: बठिंडा में रिफाइनरी का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, कच्चे तेल की कुल खपत में 80 प्रतिशत आयात होता है, ऐसे में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से आयात खर्च पर भारी दबाव है।
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['hin']
एक सारांश बनाओ: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पुट्टापर्थी स्थित प्रशांति निलयम आश्रम मेंस्थित आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा के निजी कक्ष यजुर मंदिर से करीब 100 किलोग्राम सोना और लगभग 12 करोड़ रुपये मिले हैं। सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट द्वारा सत्य साईं बाबा के निजी कक्ष यजुर मंदिर के द्वार खोले जाने के अगले दिन शुक्रवार शाम ट्रस्ट के सदस्य एवं बाबा के भतीजे आरजे रत्नाकर ने पाई गई नकदी तथा अन्य बहुमूल्य वस्तुओं की घोषणा की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पुट्टापर्थी में 11.56 करोड़ रुपये, 98 किलोग्राम सोना तथा 307 किलोग्राम चांदी पाई गई। रत्नाकर ने कहा कि नकदी भारतीय स्टेट बैंक (एबीआई) में जमा की जाएगी। नकदी की गिनती एवं सोने के आभूषणों के मूल्य का आकलन करने में कुछ बैंक अधिकारी तथा बाबा के लगभग 15 शिष्य गुरुवार से ही जुटे हुए थे। रत्नाकर ने हालांकि बाबा का कोई वसीयतनामा मिलने से इनकार किया। वह इस सवाल का जवाब देने से भी बचते रहे कि यदि ट्रस्ट को बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत के बारे में कोई दस्तावेज मिला तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी। कहा जा रहा है कि आध्यात्मिक गुरु चाहते थे कि सत्यजीत को ट्रस्ट का प्रभावी सदस्य बनाया जाए। ज्ञात हो कि यजुर मंदिर को यजुर्वेद मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अस्वस्थ होने पर सत्य साईं बाबा को 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद से ही बंद था। बाबा का निधन 24 अप्रैल को हुआ था। बाबा के विशाल आध्यात्कि साम्राज्य का प्रबंधन ट्रस्ट के जिम्मे है। बाबा की सम्पत्ति पुट्टापर्थी, बेंगलुरू, हैदराबाद एवं अन्य शहरों में है।     गौरतलब है कि सत्य साईं बाबा के निधन के लगभग दो महीने बाद गुरुवार को कुछ वरिष्ठ न्यायिक व पुलिस अधिकारियों के सामने ट्रस्ट के सदस्यों ने उनके आवास का ताला खोला था। इस दौरान मीडियाकर्मियों को मौजूद रहने की इजाजत नहीं थी। ट्रस्ट द्वारा यजुर मंदिर खोलने का निर्णय लिए जाने के दो दिन बाद ट्रस्ट के सदस्यों ने उसमें अंदर प्रवेश किया। बुधवार की रात ट्रस्ट की सदस्यता से अपने इस्तीफे की घोषणा करने वाले भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पीएन भगवती भी इस दौरान मौजूद थे। वैसे भगवती ने कहा है कि वह श्री सत्य साईं विश्वविद्यालय के कुलपति बने रहेंगे। सत्य साईं बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत को ही यजुर मंदिर के बायोमीट्रिक ताले को खोलने के सम्बंध में जानकारी थी। वह भी ट्रस्ट के सदस्यों व अधिकारियों के साथ मौजूद थे। सत्य साईं बाबा के जीवनकाल में सत्यजीत अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें उनके निजी कक्ष में जाने की इजाजत थी। सत्य साईं बाबा के भतीजे व ट्रस्ट के सदस्य रत्नाकर, एसवी गिरी, वी. श्रीनिवासन और ट्रस्ट सचिव के. चक्रवर्ती भी इस दौरान मौजूद थे। अटकलें लगाई जा रही थीं कि यजुर मंदिर में दुनियाभर के भक्तों से दान में मिला सोना, आभूषण और नकदी भारी मात्रा में जमा है। भक्तों के एक वर्ग का आरोप है कि जब सत्य साईं जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे तब प्रशांति निलयम से सभी बहुमूल्य वस्तुएं निकाल ली गई थीं। वैसे ट्रस्ट ने इस बात से इनकार किया है। कुछ भक्तों की मांग थी कि उनकी मौजूदगी में यजुर मंदिर के ताले खोले जाएं।
संक्षिप्त सारांश: पुट्टपर्थी के सत्य साईं बाबा के आश्रम में उनके निजी कमरे से करोड़ों रुपये नकद, सोना और चांदी मिला है।
8
['hin']
एक सारांश बनाओ: टाटा संस ने मंगलवार को अदालतों और अन्‍य फोरम में कई कैविएट दाखिल कीं ताकि टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के फैसले के खिलाफ साइरस मिस्‍त्री या शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के कोर्ट के शरण लेने की स्थिति में एकतरफा आदेश से बचा जा सके. टाटा की ओर से मुंबई हाईकोर्ट, दिल्‍ली हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल में कैविएट फाइल की गई है. उधर, शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कहा है कि 'इस वक्त' मीडिया की इन ख़बरों में कोई आधार नहीं है कि टाटा सन्स के चेयरमैन के पद से अचानक हटा दिए जाने की वजह से साइरस मिस्त्री उन्हें अदालत में ले जाने पर विचार कर रहे हैं.   साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्‍हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्‍होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्‍हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्‍हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्‍होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.  नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. टाटा की ओर से मुंबई हाईकोर्ट, दिल्‍ली हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल में कैविएट फाइल की गई है. उधर, शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कहा है कि 'इस वक्त' मीडिया की इन ख़बरों में कोई आधार नहीं है कि टाटा सन्स के चेयरमैन के पद से अचानक हटा दिए जाने की वजह से साइरस मिस्त्री उन्हें अदालत में ले जाने पर विचार कर रहे हैं.   साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्‍हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्‍होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्‍हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्‍हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्‍होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.  नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्‍हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्‍होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्‍हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्‍हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्‍होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.  नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्‍हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्‍होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्‍हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्‍हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्‍होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.  नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है.
यह एक सारांश है: साइरस के कोर्ट जाने की स्थिति में एकतरफा आदेश से बचने की तैयारी मुंबई, दिल्‍ली हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल में कैबिएट फाइल कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है शापूरजी पैलोनजी ग्रुप
21
['hin']
एक सारांश बनाओ: अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम कनेक्टिकट राज्य में अतिव्यस्त समय में विपरीत दिशा से आ रही दो यात्री रेलगाड़ियों के बीच हुई टक्कर में 60 लोग घायल हो गए, जिनमें पांच की हालत नाजुक बताई गई है। इस घटना से बोस्टन और न्यूयॉर्क के बीच मुख्य रेलमार्ग बाधित हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो नॉर्थ की एक रेलगाड़ी न्यू हैवन से न्यूयार्क शहर जाने के दौरान शाम 6.10 बजे ब्रिजपोर्ट में पटरी से उतर गई और एक रेलगाड़ी से जा टकराई। सीएनएन के मुताबिक, मेट्रो नॉर्थ के प्रवक्ता ने बताया कि इससे दूसरी रेलगाड़ी पर कुछ डिब्बे चढ़ गए।टिप्पणियां कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है। इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था। इस घटना से बोस्टन और न्यूयॉर्क के बीच मुख्य रेलमार्ग बाधित हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो नॉर्थ की एक रेलगाड़ी न्यू हैवन से न्यूयार्क शहर जाने के दौरान शाम 6.10 बजे ब्रिजपोर्ट में पटरी से उतर गई और एक रेलगाड़ी से जा टकराई। सीएनएन के मुताबिक, मेट्रो नॉर्थ के प्रवक्ता ने बताया कि इससे दूसरी रेलगाड़ी पर कुछ डिब्बे चढ़ गए।टिप्पणियां कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है। इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था। कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है। इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था। इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था।
सारांश: अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम कनेक्टिकट राज्य में अतिव्यस्त समय में विपरीत दिशा से आ रही दो यात्री ट्रेनों के बीच टक्कर में 60 लोग घायल हो गए, जिनमें पांच की हालत नाजुक बताई गई है।
5
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: जिले में तीन युवकों द्वारा कथित रूप से एक 35 वर्षीय विधवा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने की खबर आई है।टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि तीनों ने मंगलवार की शाम को पीड़िता का उस समय अपहरण कर लिया जब वह धरमकोट से लौट रही थी। ये तीनों उसे कोटिसेकान गांव में ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। तीनों की पहचान संदीप सिंह, हरदीप सिंह और तारा सिंह के रूप में की गई है। एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं। पुलिस ने बताया कि तीनों ने मंगलवार की शाम को पीड़िता का उस समय अपहरण कर लिया जब वह धरमकोट से लौट रही थी। ये तीनों उसे कोटिसेकान गांव में ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। तीनों की पहचान संदीप सिंह, हरदीप सिंह और तारा सिंह के रूप में की गई है। एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं। एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं।
संक्षिप्त सारांश: जिले में तीन युवकों द्वारा कथित रूप से एक 35 वर्षीय विधवा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने की खबर आई है।
23
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: शीर्ष भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने प्रतिष्ठित डब्ल्यूटीए चाइना ओपन खिताब जीतकर 2013 सत्र खत्म किया और उनका मानना है कि वह पिछले साल की तुलना में अब बेहतर खिलाड़ी हैं। चाइना ओपन से महिला युगल खिलाड़ियों को विजेता पुरुष टीम की तुलना में 500 से अधिक रैंकिंग अंक और 1,26,420 डॉलर की इनामी राशि मिलती है। सानिया का सत्र का यह पांचवां खिताब था और इस दौरान उन्हें कई कारणों से लगातार जोड़ीदार बदलने पड़े। वर्ष 2012 में सानिया ने दो खिताब जीते थे लेकिन वह तीन अन्य में उप-विजेता रही थीं जिसमें चाइना ओपन भी शामिल है।टिप्पणियां सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ चाइना ओपन से महिला युगल खिलाड़ियों को विजेता पुरुष टीम की तुलना में 500 से अधिक रैंकिंग अंक और 1,26,420 डॉलर की इनामी राशि मिलती है। सानिया का सत्र का यह पांचवां खिताब था और इस दौरान उन्हें कई कारणों से लगातार जोड़ीदार बदलने पड़े। वर्ष 2012 में सानिया ने दो खिताब जीते थे लेकिन वह तीन अन्य में उप-विजेता रही थीं जिसमें चाइना ओपन भी शामिल है।टिप्पणियां सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ सानिया का सत्र का यह पांचवां खिताब था और इस दौरान उन्हें कई कारणों से लगातार जोड़ीदार बदलने पड़े। वर्ष 2012 में सानिया ने दो खिताब जीते थे लेकिन वह तीन अन्य में उप-विजेता रही थीं जिसमें चाइना ओपन भी शामिल है।टिप्पणियां सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ वर्ष 2012 में सानिया ने दो खिताब जीते थे लेकिन वह तीन अन्य में उप-विजेता रही थीं जिसमें चाइना ओपन भी शामिल है।टिप्पणियां सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’
यह एक सारांश है: शीर्ष भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने प्रतिष्ठित डब्ल्यूटीए चाइना ओपन खिताब जीतकर 2013 सत्र खत्म किया और उनका मानना है कि वह पिछले साल की तुलना में अब बेहतर खिलाड़ी हैं।
9
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: सर्दी को सुपरफूड और सुपरकूल होने के लिए जाना जाता है. इस मौसम का फूडीज को तो दिल से इंतजार रहता है; वहज है इस मौसम में आने वाले फल और सब्जियां. इसके साथ ही साथ सर्दियों के मौसम में एक और चीज है जो आपकी जुबां और सेहत दोनों के लिए अच्छी है. वह यह कि इस मौसम में आप बेफिक्र होकर नट्स खा सकते हैं; मतलब जहां गर्मियों में आप यह सोचते हैं कि मेवों की तासीर गर्म होती है इसलिए आप इन्हें ज्यादा नहीं खा सकते वहीं सर्दियों में आप इसी तासीर की वजह से जी भर मेवे खा सकते हैं. यह शरीर में गर्मी पैदा करने में मददगार हैं. इतना ही नहीं मेवे प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और बीमार पड़ने से खुद को बचाने के लिए अपने आहार में शामिल करने जैसे के आपके पास कई बहाने भी होते हैं. सर्दी के मौस में मूंगफली, बादाम, अखरोट और यहां तक कि काजू जैसे नट्स खूब पसंद किए जाते हैं. लेकिन कुछ लोगों को इस बात की चिंता सताने लगती है कि कहीं इनसे कोलेस्ट्रॉल तो नहीं बढ़ जाएगा. खासकर काजू का सेवन अक्सर कोलेस्ट्रॉल के बढ़े हुए स्तर और यहां तक कि वजन बढ़ने से भी जुड़ा हुआ माना जाता है. लेकिन सच्चाई इससे बिलकुल अलग है.  Belly Fat: ये 4 एक्सरसाइज घटाएंगी आपका मोटापा, कम टाइम में होगा ज्यादा फायदा! काजू के बारे में कुछ मिथकों को तोड़ा है सोशल मीडिया पर सेलेब न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने. अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की गई एक छोटी क्लिप में रुजुता ने कहा कि आपको अपने आहार में काजू को शामिल करना चाहिए. "काजू, भारत और अफ्रीका में उगाया जाता है और ये भी बादाम और अखरोट की ही तरह अच्छे हैं. लेकिन फिर भी आपके डॉक्टर और आहार विशेषज्ञ बादाम और अखरोट खाने की सलाह देते होंगे, क्योंकि काजू में कोलेस्ट्रॉल होता है." वीडियो में रुजुता कहती हैं. Weight Loss: तोंद घटाना चाहते हैं तो इन 5 फूड को आज ही खाना छोड़ें, तेजी से कम होगी पेट की चर्बी! Remedies For Diabetes: सर्दियों में खाएं ये बस 4 चीजें, ड़ायबीटिज होगी कंट्रोल हालांकि, सच यह है कि काजू में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता. असल में काजू पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है, जो पैर में कभी-कभी सुन्नता का इलाज करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा काजू को मधुमेह यानी डायबिटीज के रोगी भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं. हर दिन एक मुट्ठी काजू खाने से रात में पैर की ऐंठन को कम करने में भी मदद मिलेगी. ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल करने में भी काजू फायदेमंद है. Premature Ejaculation: शीघ्रपतन की समस्या को दूर करेंगे ये 8 फूड रुजुता ने बताया कि काजू का फल एक नारंगी की तुलना में विटामिन सी से पांच गुना अधिक समृद्ध है. प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए अच्छा होने के अलावा, विटामिन सी कार्डियो के लिए भी अच्छा है. काजू में मौजूद पोषक तत्व आपको स्वस्थ जोड़ और दिल दे सकते हैं. 1. काजू प्रोटीन का बहुत अच्छा सोर्स है. काजू कोलेस्टेरॉल को कंट्रोल करने में मददगार है. इसे साथ ही काजू स्किन के लिए भी अच्छा है. काजू से आप त्वचा की झुर्रियों को कम कर सकते हैं. साथ ही यह याद्दाश्त को तेज़ करने में भी मदद करता है.  2. शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है, हड्डियों और पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है.   3. काजू में हृदय-स्वस्थ गुण होते हैं, जो रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं. पोटेशियम, विटामिन ई और बी 6 और फोलिक एसिड जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व हृदय रोग से सुरक्षा प्रदान करते हैं. Attention Girls! ये हैं वो 6 काम जो पीरियड्स में नहीं करने चाहिए... Diabetes Mistakes: ये 5 गलतियां बढ़ा सकती हैं आपका बल्ड शुगर लेवल, ऐसे करें कंट्रोल... Cashew Benefits: काजू खाने के फायदे आपकी आंखों के लिए भी हो सकते हैं. Photo Credit: iStock 4. काजू में ज़ेक्सैन्थिन और ल्यूटिन एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. काजू के नियमित सेवन से आंखों को नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जा सकती है और उम्र के साथ होने वाली दृष्टि की हानि को रोका जा सकता है. 5. आप वजन घटाने के आहार (Weight Loss Diet) में भी काजू को शामिल कर सकते हैं. माना कि यह कैलोरी में उच्च है, लेकिन साथ ही यह सुपर हेल्दी भी हैं. वज़न कम करने के लिए आहार में संतुलित तरीके से नट्स को शामिल कर फायदा लिया जा सकता है.  फोन देखने के तरीके का सेक्स और हाइट पर पड़ता है असर : शोध जानें कैसे आपकी आंखें बता सकती हैं आपको डायबिटीज है कि नहीं 6. काजू में कॉपर और आयरन भी होता है. लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करने के लिए दोनों पोषक तत्व एक साथ काम करते हैं. काजू के नियमित सेवन से हड्डियों की सेहत भी बेहतर हो सकती है. Ayurvedic Remedies: डायबिटीज को दूर भगा देंगी ये 4 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां (रुजुता दिवेकर मुंबई बेस्ड न्यूट्रिशनिस्ट हैं.) (अस्वीकरण: यहां दी गई सामग्री या सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.) और खबरों के लिए क्लिक करें. Weight Loss: लाल रंग के ये 5 फल वजन घटाने के लिए हैं अचूक उपाय! जानें इनके कमाल के फायदे Belly Fat Exercises: जानें उस वर्कआउट के बारे में जिससे वजन के साथ ही बैली फैट होगा कम Weight Loss: ये 3 डाइट टिप्स करेंगे वजन कम, गायब होगा बैली फैट... Type 2 Diabetes: दालचीनी है ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए असरदार उपाय! जानें दालचीनी के कई और फायदे बॉलीवुड के इन 5 हीरो ने चुना अपने से आधी उम्र का जीवनसाथी, इनसे सीखें रिश्ता निभाने के गुर
काजू भी बादाम या अखरोट जितने ही सेहतमंद होते हैं. काजू को नियंत्रित मात्रा में खाएं. काजू को वजन कम करने के लिए आहार में शामिल किया जा सकता है.
28
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को क्षमादान देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव 28 सितम्बर को सदन पटल पर रखा जाएगा। निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद ने इस आशय का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश किया है। सदन पटल पर रखे जाने वाले प्रस्तावों की जानकारी शनिवार को विधानसभा सचिवालय में मीडिया की मौजूदगी में दी गई। बताया गया कि सदन पटल पर कुल सात प्रस्ताव रखे जाएंगे जिनमें लंगाते विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले इंजीनियर राशिद का प्रस्ताव दूसरे स्थान पर है। विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा, "सदन पटल पर राशिद का प्रस्ताव अब 28 सितम्बर को रखा जाएगा।" ज्ञात हो कि राशिद ने अफजल गुरु को माफी दिए जाने की मांग सम्बंधी प्रस्ताव विधानसभा में लाने के निर्णय की घोषणा इस महीने की शुरुआत में ही की थी। विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पहले ही कह चुकी है कि वह प्रस्ताव के पक्ष में मत देगी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा जारी बयान के मुताबिक सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस इस मुद्द पर फैसला पार्टी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में होने वाली विधायक दल की बैठक में लेगी।
संक्षिप्त सारांश: संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को क्षमादान देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव 28 को सदन पटल पर रखा जाएगा।
23
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी के ओबुलापुरम खनन कम्पनी के प्रबंध निदेशक बी. श्रीनिवास रेड्डी के कई बैंक लाकरों से शनिवार को नकदी, स्वर्ण आभूषण और दस्तावेज जब्त किए। इसके अलावा पुलिस ने जनार्दन रेड्डी के वाहन चालक के आवास से चार लाख रुपये जब्त किए। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने एक्सिस बैंक की एक शाखा के लाकरों से करीब 10 लाख रुपये, स्वर्ण आभूषण और भूमि दस्तावेज जब्त किए। भूमि दस्तावेजों के मुताबिक रेड्डी ने कर्नाटक और पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में भूमि ख्ररीदी है। ज्ञात हो कि बैंक लाकरों को खोलने में मदद के लिए जनार्दन रेड्डी के साले श्रीनिवास रेड्डी को शनिवार तड़के हैदराबाद से रेड्डी बंधुओं के राजनीतिक गढ़ बेल्लारी लाया गया। सूत्रों ने बताया कि बैंक के दो लाकरों को तोड़ना पड़ा क्योंकि श्रीनिवास रेड्डी और बैंक दोनों ने कहा कि लाकरों की चाबी गुम हो गई है। आंध्र प्रदेश पुलिस ने जनार्दन रेड्डी के वाहन चालक के आवास से चार लाख रुपये जब्त किए। पुलिस ने अवैध खनन मामले में एक पूर्व सरकारी अधिकारी के रिश्तेदारों के आवासों की भी तलाशी ली। पुलिस ने अनंतपुर शहर में कर्नाटक के पूर्व मंत्री के वाहन चालक बाशा के घर की तलाशी ली और वहां से चार लाख रुपये, दो किलोग्राम चांदी की सामग्री और कुछ दस्तावेज जब्त किए। सूत्रों ने बताया कि पुलिस चालक से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा पुलिस ने खनन विभाग के पूर्व निदेशक वी.डी. राजगोपाल के आवासों की तलाशी ली और वहां से कुछ दस्तावेज जब्त किए। ज्ञात हो कि तलाशी अभियान ऐसे समय में चलाया गया जब अनंतपुर जिला स्थित एक न्यायालय ने शनिवार को ट्रक चालक वेंकटरामी रेड्डी और उसके सहायक ईश्वर रेड्डी को पुलिस हिरासत में भेजा है। इनके ट्रक से तीन बैगों में 4.9 करोड़ रुपये बरामद हुए। पुलिस ने इन दोनों को अनंतपुर जिले के गुंतकाल में गुरुवार को गिरफ्तार किया। दोनों कर्नाटक के बेल्लारी जिले से नकदी आंध्र प्रदेश पहुंचाने जा रहे थे। उन्होंने पूछताछ में कथित रूप से बताया कि यह नकदी ओबुलापुरम खनन कम्पनी (ओएमसी) के प्रबंध निदेशक बी.वी. श्रीनिवास रेड्डी की है जो जनार्दन रेड्डी के साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।
सारांश: जनार्दन रेड्डी के ओबुलापुरम खनन कम्पनी के प्रबंध निदेशक बी. श्रीनिवास रेड्डी के कई बैंक लाकरों से नकदी, स्वर्ण आभूषण और दस्तावेज जब्त किए।
20
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्त रहने के आरोप का सामना कर रहे सात संदिग्ध लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई आज तीन हफ्ते के लिए मुल्तवी कर दी गई क्योंकि अभियोजन पक्ष के तीन गवाह जिरह के लिए पेश नहीं हो सके। अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों ने पीटीआई को बताया कि रावलपिंडी में अदियाला जेल के अंदर इस मामले की सुनवाई कर रहे आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश चौधरी हबीब उर रहमान ने इस मामले की सुनवाई नौ फरवरी तक के लिए मुल्तवी कर दी। सूत्रों ने बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाह सुनवाई के लिए पेश नहीं हो सके क्योंकि उड़ानों के रद्द हो जाने के चलते वे कराची से रावलपिंडी नहीं पहुंच सकते थे। सूत्रों ने बताया कि एक नेता की हत्या हो जाने के बाद कराची में हिंसा होने के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया गया। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों ने पीटीआई को बताया कि रावलपिंडी में अदियाला जेल के अंदर इस मामले की सुनवाई कर रहे आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश चौधरी हबीब उर रहमान ने इस मामले की सुनवाई नौ फरवरी तक के लिए मुल्तवी कर दी। सूत्रों ने बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाह सुनवाई के लिए पेश नहीं हो सके क्योंकि उड़ानों के रद्द हो जाने के चलते वे कराची से रावलपिंडी नहीं पहुंच सकते थे। सूत्रों ने बताया कि एक नेता की हत्या हो जाने के बाद कराची में हिंसा होने के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया गया। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। सूत्रों ने बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाह सुनवाई के लिए पेश नहीं हो सके क्योंकि उड़ानों के रद्द हो जाने के चलते वे कराची से रावलपिंडी नहीं पहुंच सकते थे। सूत्रों ने बताया कि एक नेता की हत्या हो जाने के बाद कराची में हिंसा होने के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया गया। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। सूत्रों ने बताया कि एक नेता की हत्या हो जाने के बाद कराची में हिंसा होने के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया गया। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।
संक्षिप्त पाठ: मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्त रहने के आरोप का सामना कर रहे सात संदिग्ध लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई आज तीन हफ्ते के लिए मुल्तवी कर दी गई क्योंकि अभियोजन पक्ष के तीन गवाह जिरह के लिए पेश नहीं हो सके।
13
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 162.58 अंकों की गिरावट के साथ 18,683.68 पर और निफ्टी 52.50 अंकों की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 13.51 अंकों की गिरावट के साथ 18,832.75 पर खुला और 162.58 अंकों यानी 0.86 फीसदी की गिरावट के साथ 18,683.68 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,894.42 के ऊपरी और 18,656.41 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। एसबीआई (3.89 फीसदी), टाटा स्टील (3.25 फीसदी), ओएनजीसी (3.05 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.38 फीसदी) और भेल (2.13 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। सेंसेक्स की तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे बजाज ऑटो (0.36 फीसदी), मारुति सुजुकी (0.32 फीसदी), सिप्ला (0.14 फीसदी) और एचएफडीसी (0.09 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 7.65 अंकों की गिरावट के साथ 5,731.10 पर खुला और 52.50 अंकों यानी 0.91 फीसदी की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ।टिप्पणियां मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 66.27 अंकों की गिरावट के साथ 6660.68 पर और स्मॉलकैप 49.37 अंकों की गिरावट के साथ 7,069.65 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 13.51 अंकों की गिरावट के साथ 18,832.75 पर खुला और 162.58 अंकों यानी 0.86 फीसदी की गिरावट के साथ 18,683.68 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,894.42 के ऊपरी और 18,656.41 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। एसबीआई (3.89 फीसदी), टाटा स्टील (3.25 फीसदी), ओएनजीसी (3.05 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.38 फीसदी) और भेल (2.13 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। सेंसेक्स की तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे बजाज ऑटो (0.36 फीसदी), मारुति सुजुकी (0.32 फीसदी), सिप्ला (0.14 फीसदी) और एचएफडीसी (0.09 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 7.65 अंकों की गिरावट के साथ 5,731.10 पर खुला और 52.50 अंकों यानी 0.91 फीसदी की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ।टिप्पणियां मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 66.27 अंकों की गिरावट के साथ 6660.68 पर और स्मॉलकैप 49.37 अंकों की गिरावट के साथ 7,069.65 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। एसबीआई (3.89 फीसदी), टाटा स्टील (3.25 फीसदी), ओएनजीसी (3.05 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.38 फीसदी) और भेल (2.13 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। सेंसेक्स की तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे बजाज ऑटो (0.36 फीसदी), मारुति सुजुकी (0.32 फीसदी), सिप्ला (0.14 फीसदी) और एचएफडीसी (0.09 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 7.65 अंकों की गिरावट के साथ 5,731.10 पर खुला और 52.50 अंकों यानी 0.91 फीसदी की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ।टिप्पणियां मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 66.27 अंकों की गिरावट के साथ 6660.68 पर और स्मॉलकैप 49.37 अंकों की गिरावट के साथ 7,069.65 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 66.27 अंकों की गिरावट के साथ 6660.68 पर और स्मॉलकैप 49.37 अंकों की गिरावट के साथ 7,069.65 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट का रुख रहा। सेंसेक्स 162.58 अंकों की गिरावट के साथ 18,683.68 पर और निफ्टी 52.50 अंकों की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ।
25
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: जम्मू-कश्मीर के हालात से 2400 छात्र परेशानी में फंस गए हैं. प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृति योजना के तहत देश के अन्य कॉलेजों में वे दाखिला नहीं ले पा रहे हैं. छात्रों के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. कोर्ट से इंजीनियरिंग में दाखिले की समय सीमा बढ़ाने की मांग जम्मू-कश्मीर के हालात को देखते हुए समय सीमा एक माह बढ़ाने के लिए याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. मंगलवार को इस पर सुनवाई की जाएगी. जम्मू-कश्मीर के वकील शोएब आलम ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमना को बताया कि राज्य में इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए काउंसलिंग पूरी हो चुकी है और 15 अगस्त तक छात्रों को देश के कॉलेजों में दाखिला लेना है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लगी होने और हालत को देखते हुए यह संभव नहीं है. छात्र जम्मू-कश्मीर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन हालात में सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर के छात्रों के भविष्य को देखते हुए यह समय 15 सितंबर तक बढ़ा दे. कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. 13 अगस्त को याचिका पर सुनवाई तय की गई है.
संक्षिप्त पाठ: जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की कोर्ट से इंजीनियरिंग में दाखिले की समय सीमा बढ़ाने की मांग प्रदेश में मौजूदा हालात में बाहर नहीं जा पा रहे छात्र-छात्राएं
13
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: 43वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव मंगलवार से गोवा में शुरू हो रहा है, जो 20 से 30 नवंबर तक चलेगा। उद्घाटन समारोह के लिए सिने सितारे अक्षय कुमार मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी भी उपस्थित होंगे, और उनके साथ पोलैंड के संस्कृति मंत्री और गोवा के मुख्य मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद रहेंगे। इस 10-दिवसीय महोत्सव में दर्शकों के लिए उत्कृष्ट सिनेमा का प्रदर्शन किया जाएगा। भारतीय परिदृश्य जैसे वर्गों के तहत फीचर और गैर फीचर सिनेमा को शामिल किया गया है। इसके अलावा भारतीय सिंहावलोकन, श्रद्धांजलि, उत्कृष्ट तथा विद्यार्थी फिल्मों और काफी कुछ शामिल किया गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्क्रीनिंग वर्ग के तहत महोत्सव के विभिन्न पक्ष, विश्व सिनेमा, विदेशी सिंहावलोकन, श्रद्धांजलि, प्रमुख देश, पर्दे पर रेखाचित्र (एनिमेशन और 3-डी सिनेमा), वृतचित्र  जैसे विशेष पहलू दर्शाए जाएंगे। टिप्पणियां इस अवधि में 200 से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त आंग ली की 'लाइफ ऑफ पाई' का भी प्रदर्शन किया जाएगा और साथ ही महोत्सव में अंतिम फिल्म के तौर पर मीरा नायर की 'द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट' दिखाई जाएगी। भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष के समारोह के तहत महोत्सव में 'शताब्दी समारोह' के लिए एक विशेष अंश शामिल किया गया है, जिसमें भारतीय सिनेमा के गौरवशाली 100 वर्ष के इतिहास की चुनिंदा फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा शताब्दी वर्ष के मद्देनजर 'शताब्दी फिल्म पुरस्कार' प्रदान किया जाएगा, जिसका चयन एक विशेष ज्यूरी पैनल द्वारा किया जाएगा। इस 10-दिवसीय महोत्सव में दर्शकों के लिए उत्कृष्ट सिनेमा का प्रदर्शन किया जाएगा। भारतीय परिदृश्य जैसे वर्गों के तहत फीचर और गैर फीचर सिनेमा को शामिल किया गया है। इसके अलावा भारतीय सिंहावलोकन, श्रद्धांजलि, उत्कृष्ट तथा विद्यार्थी फिल्मों और काफी कुछ शामिल किया गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्क्रीनिंग वर्ग के तहत महोत्सव के विभिन्न पक्ष, विश्व सिनेमा, विदेशी सिंहावलोकन, श्रद्धांजलि, प्रमुख देश, पर्दे पर रेखाचित्र (एनिमेशन और 3-डी सिनेमा), वृतचित्र  जैसे विशेष पहलू दर्शाए जाएंगे। टिप्पणियां इस अवधि में 200 से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त आंग ली की 'लाइफ ऑफ पाई' का भी प्रदर्शन किया जाएगा और साथ ही महोत्सव में अंतिम फिल्म के तौर पर मीरा नायर की 'द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट' दिखाई जाएगी। भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष के समारोह के तहत महोत्सव में 'शताब्दी समारोह' के लिए एक विशेष अंश शामिल किया गया है, जिसमें भारतीय सिनेमा के गौरवशाली 100 वर्ष के इतिहास की चुनिंदा फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा शताब्दी वर्ष के मद्देनजर 'शताब्दी फिल्म पुरस्कार' प्रदान किया जाएगा, जिसका चयन एक विशेष ज्यूरी पैनल द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्क्रीनिंग वर्ग के तहत महोत्सव के विभिन्न पक्ष, विश्व सिनेमा, विदेशी सिंहावलोकन, श्रद्धांजलि, प्रमुख देश, पर्दे पर रेखाचित्र (एनिमेशन और 3-डी सिनेमा), वृतचित्र  जैसे विशेष पहलू दर्शाए जाएंगे। टिप्पणियां इस अवधि में 200 से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त आंग ली की 'लाइफ ऑफ पाई' का भी प्रदर्शन किया जाएगा और साथ ही महोत्सव में अंतिम फिल्म के तौर पर मीरा नायर की 'द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट' दिखाई जाएगी। भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष के समारोह के तहत महोत्सव में 'शताब्दी समारोह' के लिए एक विशेष अंश शामिल किया गया है, जिसमें भारतीय सिनेमा के गौरवशाली 100 वर्ष के इतिहास की चुनिंदा फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा शताब्दी वर्ष के मद्देनजर 'शताब्दी फिल्म पुरस्कार' प्रदान किया जाएगा, जिसका चयन एक विशेष ज्यूरी पैनल द्वारा किया जाएगा। इस अवधि में 200 से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त आंग ली की 'लाइफ ऑफ पाई' का भी प्रदर्शन किया जाएगा और साथ ही महोत्सव में अंतिम फिल्म के तौर पर मीरा नायर की 'द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट' दिखाई जाएगी। भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष के समारोह के तहत महोत्सव में 'शताब्दी समारोह' के लिए एक विशेष अंश शामिल किया गया है, जिसमें भारतीय सिनेमा के गौरवशाली 100 वर्ष के इतिहास की चुनिंदा फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा शताब्दी वर्ष के मद्देनजर 'शताब्दी फिल्म पुरस्कार' प्रदान किया जाएगा, जिसका चयन एक विशेष ज्यूरी पैनल द्वारा किया जाएगा। भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष के समारोह के तहत महोत्सव में 'शताब्दी समारोह' के लिए एक विशेष अंश शामिल किया गया है, जिसमें भारतीय सिनेमा के गौरवशाली 100 वर्ष के इतिहास की चुनिंदा फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा शताब्दी वर्ष के मद्देनजर 'शताब्दी फिल्म पुरस्कार' प्रदान किया जाएगा, जिसका चयन एक विशेष ज्यूरी पैनल द्वारा किया जाएगा।
सारांश: 43वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव मंगलवार से गोवा में शुरू हो रहा है, जो 20 से 30 नवंबर तक चलेगा।
7
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: लोकपाल विधेयक पर सरकार और विपक्ष के बीच चल रही रस्साकशी के बीच भाजपा के एक सांसद ने एक ऐसा रहस्योद्घाटन किया जो सरकार के लिए चिंता की बात है। राज्यसभा के सांसद एसएस अहलुवालिया के मुताबिक एक विचित्र संयोग है कि संसद में जब जब लोकपाल विधेयक चर्चा के लिए आया तब तब लोकसभा भंग हो गई। उन्होंने कहा कि ऐसा 1968 से हो रहा है। उस वर्ष नौ मई को लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक पेश किया गया था। इसे संसद की चयन समिति के पास भेजा गया था। लोकसभा में यह लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक, 1969 के रूप में 20 अगस्त 1969 को पारित हुआ। बहरहाल इस विधेयक के राज्यसभा में पारित होने से पहले चौथी लोकसभा भंग हो गई और विधेयक भी निरस्त हो गया। इसके बाद 11 अगस्त 1971 को दूसरा लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक पेश किया गया। इसे न तो किसी समिति को भेजा गया और न ही यह सदन में पारित हुआ। पांचवीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही यह विधेयक भी खत्म हो गया। इसके बाद 28 जुलाई 1977 को इस आशय का विधेयक लाया गया। इसे संसद के दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति को भेजा गया। संयुक्त प्रवर समिति की अनुशंसाओं से पहले ही छठी लोकसभा भंग हो गई और साथ ही विधेयक भी खत्म हो गया।
संक्षिप्त पाठ: लोकपाल पर चल रही रस्साकशी के बीच भाजपा के एक सांसद ने एक ऐसा रहस्योद्घाटन किया जो सरकार के लिए चिंता की बात है।
14
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: युक्रेन के खारकोव शहर में तीन वर्षीय एक बच्चा 8वीं मंजिल से गिर गया, लेकिन नीचे बर्फ के विशाल ढेर के कारण वह सुरक्षित बच गया। आंतरिक मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।टिप्पणियां समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, बच्चा अपनी मां की अनुपस्थिति में कमरे की खिड़की खोलकर नीचे झांक रहा था, और इसी दौरान वह खिड़की से नीचे गिर गया। मंत्रालय ने कहा, बच्चा खिड़की के नीचे बर्फ के विशाल ढेर पर गिर पड़ा। वह जीवित था और उसे तुरंत आपातकालीन चिकित्सा अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने कहा कि बच्चे की हालत गंभीर है, लेकिन स्थिर है। समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, बच्चा अपनी मां की अनुपस्थिति में कमरे की खिड़की खोलकर नीचे झांक रहा था, और इसी दौरान वह खिड़की से नीचे गिर गया। मंत्रालय ने कहा, बच्चा खिड़की के नीचे बर्फ के विशाल ढेर पर गिर पड़ा। वह जीवित था और उसे तुरंत आपातकालीन चिकित्सा अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने कहा कि बच्चे की हालत गंभीर है, लेकिन स्थिर है। मंत्रालय ने कहा, बच्चा खिड़की के नीचे बर्फ के विशाल ढेर पर गिर पड़ा। वह जीवित था और उसे तुरंत आपातकालीन चिकित्सा अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने कहा कि बच्चे की हालत गंभीर है, लेकिन स्थिर है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: युक्रेन के खारकोव शहर में तीन वर्षीय एक बच्चा 8वीं मंजिल से गिर गया, लेकिन नीचे बर्फ के विशाल ढेर के कारण वह सुरक्षित बच गया। आंतरिक मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
3
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: War Box Office Collection Day 4: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की फिल्म 'वॉर' (War) ने रविवार को सिनेमाहॉल में धूम मचाकर रख दी है. बीते रविवार को 'वॉर' (War) के दमदार प्रदर्शन ने साल की बड़ी फिल्मों को बखूबी पछाड़ दिया है. बॉक्स ऑफिस इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की 'वॉर' (War) ने बीते 6 अक्टूबर को 36 करोड़ रुपये की कमाई की है. इस लिहाज से फिल्म ने पांच दिनों में ही 158 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. पहले वीकेंड पर ही 158 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाली 'वॉर' ने 'भारत' का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. क्योंकि सलमान खान की फिल्म 'भारत' ने पांच दिनों में केवल 140 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. बॉक्स ऑफिस इंडिया की वेबसाइट के अनुसार फिल्म को दशहरा पर एक एडवांटेज मिल सकता है, जिससे फिल्म अपना यह कलेक्शन और भी बढ़ा सकती है. गांधी जयंति के मौके पर रिलीज हुई 'वॉर' (हिंदी) ने पहले दिन 51.60 करोड़, दूसरे दिन 23.10 करोड़, तीसरे दिन 21.30 और चौथे दिन 27.60 करोड़ रुपये कमाए हैं. फिल्म की इस रफ्तार को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह जल्द ही 200 करोड़ का आंकड़ा भी पार कर लेगी. कमाई से इतर फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों से भी काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. खासकर सोशल मीडिया पर 'वॉर' को लेकर काफी क्रेज देखने को मिला. बता दें कि फिल्म 'वॉर (War)' की कहानी 'कबीर' ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और 'खालिद' टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की है. फिल्म में हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि गुरु और शिष्य एक दूसरे से टकराने को मजबूर हो जाते हैं. बेकाबू गुरु पर नकेल कसने के लिए शिष्य खालिद का इस्तेमाल किया जाता है, और फिर शुरू होते हैं जबरदस्त एक्शन. बाइक, कार, हेलीकॉप्टर, बर्फ पहाड़ हर जगह एक्शन देखने को मिलता है. कहानी में कई जबरदस्त ट्विस्ट भी डाले गए हैं और फिल्म का अंत भी थोड़ा सरप्राइजिंग रखा गया है. इन सबसे इतर दर्शकों को वॉर (War) में भरपूर मात्रा में ऐक्शन और स्टंट्स देखने को मिलेगा.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: 'वॉर' ने सिनेमाहॉल में मचाई धूम बीते रविवार को फिल्म ने किया दमदार कलेक्शन सलमान खान की फिल्म को छोड़ा पीछे
3
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: पति से लड़ाई होने पर एक महिला कथित रूप से चूड़ियां पीसकर पानी के साथ पी गई। उसकी हालत गंभीर बताई जाती है।टिप्पणियां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय यादव ने बताया कि अनीता नाम की 35 वर्षीय महिला की अपने पति राजकुमार से लड़ाई हो गई थी। उन्होंने बताया कि आज जब महिला घर पर अकेली थी तो उसने चूड़ियों को पीसा और पानी के साथ पी गई। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय यादव ने बताया कि अनीता नाम की 35 वर्षीय महिला की अपने पति राजकुमार से लड़ाई हो गई थी। उन्होंने बताया कि आज जब महिला घर पर अकेली थी तो उसने चूड़ियों को पीसा और पानी के साथ पी गई। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि आज जब महिला घर पर अकेली थी तो उसने चूड़ियों को पीसा और पानी के साथ पी गई। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पति से लड़ाई होने पर एक महिला कथित रूप से चूड़ियां पीसकर पानी के साथ पी गई। उसकी हालत गंभीर बताई जाती है।
1
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: मुंबई के बेहद व्यस्त चर्चगेट रेलवे स्टेशन पर बम लगाए जाने की चेतावनी कोरी अफवाह निकली. फोन पर मिली सूचना पर हरकत में आई पुलिस ने पूरे इलाके की गहन तलाशी ली, लेकिन पुलिस को ऐसा कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा. पुलिस ने बताया कि फोन पर दी गई चेतावनी कोरी अफवाह थी. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अनुसार उसके कंट्रोल रूम पर सुबह करीब 10:45 बजे फोन आया कि स्टेशन पर एक बम फटने वाला है. आरपीएफ और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल तलाशी अभियान शुरू कर दिया. इस अभियान में मुंबई पुलिस और आतंकवाद निरोधक दस्ते के लोग शामिल थे. तलाशी अभियान करीब ढाई घंटे तक चला. बम की बात अफवाह निकली और स्टेशन पर कोई बम बरामद नहीं हुआ. आरपीएफ ने बताया कि फोन कॉल के बाद उसने ऐहतियाती कदम उठाए और स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी. आरपीएफ और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) स्टेशन और ट्रेनों पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं. फोन किसने किया इसकी जांच चल रही है. घटना के बाद पश्चिम रेलवे ने कहा कि सभी स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. टिप्पणियां पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंदर भाकर ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान एजेंसियों को कुछ नहीं मिला. ऐहतियातन सभी स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. (इनपुट भाषा से) रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अनुसार उसके कंट्रोल रूम पर सुबह करीब 10:45 बजे फोन आया कि स्टेशन पर एक बम फटने वाला है. आरपीएफ और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल तलाशी अभियान शुरू कर दिया. इस अभियान में मुंबई पुलिस और आतंकवाद निरोधक दस्ते के लोग शामिल थे. तलाशी अभियान करीब ढाई घंटे तक चला. बम की बात अफवाह निकली और स्टेशन पर कोई बम बरामद नहीं हुआ. आरपीएफ ने बताया कि फोन कॉल के बाद उसने ऐहतियाती कदम उठाए और स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी. आरपीएफ और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) स्टेशन और ट्रेनों पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं. फोन किसने किया इसकी जांच चल रही है. घटना के बाद पश्चिम रेलवे ने कहा कि सभी स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. टिप्पणियां पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंदर भाकर ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान एजेंसियों को कुछ नहीं मिला. ऐहतियातन सभी स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. (इनपुट भाषा से) आरपीएफ ने बताया कि फोन कॉल के बाद उसने ऐहतियाती कदम उठाए और स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी. आरपीएफ और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) स्टेशन और ट्रेनों पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं. फोन किसने किया इसकी जांच चल रही है. घटना के बाद पश्चिम रेलवे ने कहा कि सभी स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. टिप्पणियां पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंदर भाकर ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान एजेंसियों को कुछ नहीं मिला. ऐहतियातन सभी स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. (इनपुट भाषा से) पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंदर भाकर ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान एजेंसियों को कुछ नहीं मिला. ऐहतियातन सभी स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. (इनपुट भाषा से) (इनपुट भाषा से)
सारांश: सुबह 10:45 बजे RPF के कंट्रोल रूम में फोन करके बम होने की सूचना दी सूचना पर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षाबलों ने चलाया गया सघन तलाशी अभियान सूचना केवल अफवाह निकली, पुलिस को विस्फोटक होने का कोई सुराग नहीं मिला
31
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: शिवसेना ने सोमवार को उम्मीद जताई कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर देवेंद्र फडणवीस उन गलतियों को नहीं दोहराएंगे जो उन्होंने राज्य का मुख्यमंत्री रहते हुए की थीं. फडणवीस के आनन-फानन में 23 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर एक बार फिर हमला बोलते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' के एक संपादकीय में कहा कि भाजपा ने वह चेहरा खो दिया है जिसे लोग पसंद करते थे. उन्हें 80 घंटों बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था. इसमें दावा किया गया कि लोगों ने भाजपा से दूरी बना ली है. शिवसेना ने कहा, 'भाजपा के पास जो मौजूदा समर्थन है (अपने खुद के विधायकों एवं निर्दलीय विधायकों का) वह संभवत: पार्टी के साथ नहीं रहेगा. पार्टी के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह उसके पूर्व के कर्मों का नतीजा है.' बता दें, प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता फडणवीस को रविवार को विधानसभा में विपक्ष का नेता घोषित किया गया. इस पर शिवसेना ने कहा, 'फडणवीस को याद रखना चाहिए कि इतिहास में उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिसने हर किसी को अंधेरे में रख कर और बहुमत के बिना अवैध तरीके से शपथ ली थी.' पार्टी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि वह उस पद (मुख्यमंत्री) पर महज “80 घंटों” के लिए रहे. अगर वह अपनी इस छवि से बाहर निकलना चाहते हैं तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष के तौर पर नियमानुसार काम करना होगा और भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दल के पूर्व नेता एकनाथ खड़से से ट्यूशन लेनी चाहिए.
यह एक सारांश है: विपक्ष के नेता के तौर पर देवेंद्र फडणवीस गलतियों को नहीं दोहराएंगे फडणवीस के आनन-फानन में सीएम की शपथ लेने पर शिवसेना में फिर हमला बोला शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने वह चेहरा खो दिया है जिसे लोग पसंद करते थे
9
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: बहु-प्रतीक्षित भूमि अधिग्रहण विधेयक पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा और मतदान किया जा सकता है। 'भूमि अधिग्रहण में स्वच्छ मुआवजा एवं पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन विधेयक 2012' के नाम से यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 216 और विरोध में 19 मत पड़े थे।टिप्पणियां एक सरकारी विज्ञप्ति में मंगलवार को बताया गया है कि यह विधेयक तीन मुख्य स्तंभों व्यापक परिभाषित प्रक्रिया के जरिए सहमति, मुआवजा और पुनर्वास पर टिका है। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने लोकसभा को विधेयक पारित होने के पूर्व आश्वासन दिया था कि इस विधेयक में राज्य सरकारों को उनकी जरूरतों के हिसाब से लागू करने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा था, "हमारी नजर में यह (विधेयक) एक मध्यम मार्ग है। समूह अलग-अलग चीजों की मांग कर रहे हैं। यह कहना गलत होगा कि हमने उनसे संपर्क नहीं किया।" 'भूमि अधिग्रहण में स्वच्छ मुआवजा एवं पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन विधेयक 2012' के नाम से यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 216 और विरोध में 19 मत पड़े थे।टिप्पणियां एक सरकारी विज्ञप्ति में मंगलवार को बताया गया है कि यह विधेयक तीन मुख्य स्तंभों व्यापक परिभाषित प्रक्रिया के जरिए सहमति, मुआवजा और पुनर्वास पर टिका है। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने लोकसभा को विधेयक पारित होने के पूर्व आश्वासन दिया था कि इस विधेयक में राज्य सरकारों को उनकी जरूरतों के हिसाब से लागू करने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा था, "हमारी नजर में यह (विधेयक) एक मध्यम मार्ग है। समूह अलग-अलग चीजों की मांग कर रहे हैं। यह कहना गलत होगा कि हमने उनसे संपर्क नहीं किया।" एक सरकारी विज्ञप्ति में मंगलवार को बताया गया है कि यह विधेयक तीन मुख्य स्तंभों व्यापक परिभाषित प्रक्रिया के जरिए सहमति, मुआवजा और पुनर्वास पर टिका है। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने लोकसभा को विधेयक पारित होने के पूर्व आश्वासन दिया था कि इस विधेयक में राज्य सरकारों को उनकी जरूरतों के हिसाब से लागू करने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा था, "हमारी नजर में यह (विधेयक) एक मध्यम मार्ग है। समूह अलग-अलग चीजों की मांग कर रहे हैं। यह कहना गलत होगा कि हमने उनसे संपर्क नहीं किया।" ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने लोकसभा को विधेयक पारित होने के पूर्व आश्वासन दिया था कि इस विधेयक में राज्य सरकारों को उनकी जरूरतों के हिसाब से लागू करने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा था, "हमारी नजर में यह (विधेयक) एक मध्यम मार्ग है। समूह अलग-अलग चीजों की मांग कर रहे हैं। यह कहना गलत होगा कि हमने उनसे संपर्क नहीं किया।"
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: बहु-प्रतीक्षित भूमि अधिग्रहण विधेयक पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा और मतदान किया जा सकता है।
11
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: प्रवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री व्यालार रवि ने सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को हताश व्यक्ति करार दिया है। उनकी यह टिप्पणी सेना में हथियार व युद्ध सामग्री की कमी को लेकर सेना प्रमुख की ओर से प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के सम्बंध में आई है।टिप्पणियां रवि ने कहा, "सेना अनुशासित बल है, लेकिन सेना प्रमुख को न्यायालय से भी सेवा विस्तार नहीं मिला। सम्भव है कि वह हताशा में ये कदम उठा रहे हों।" रवि ने इससे इनकार किया कि उन्होंने सेना प्रमुख की ओर से प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र पढ़ा है। सेना प्रमुख ने 12 मार्च को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि युद्ध सामग्री समाप्त हो रही है, वायु रक्षा प्राचीन हो गई है और पैदल सेना हथियारों के संकट से जूझ रही है। सेना प्रमुख ने सोमवार को समाचार पत्र 'द हिन्दू' को दिए साक्षात्कार में इसका भी खुलासा किया था कि घटिया वाहनों की खरीद से सम्बंधित एक रक्षा सौदे को मंजूरी के लिए उन्हें 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई थी। रवि ने कहा, "सेना अनुशासित बल है, लेकिन सेना प्रमुख को न्यायालय से भी सेवा विस्तार नहीं मिला। सम्भव है कि वह हताशा में ये कदम उठा रहे हों।" रवि ने इससे इनकार किया कि उन्होंने सेना प्रमुख की ओर से प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र पढ़ा है। सेना प्रमुख ने 12 मार्च को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि युद्ध सामग्री समाप्त हो रही है, वायु रक्षा प्राचीन हो गई है और पैदल सेना हथियारों के संकट से जूझ रही है। सेना प्रमुख ने सोमवार को समाचार पत्र 'द हिन्दू' को दिए साक्षात्कार में इसका भी खुलासा किया था कि घटिया वाहनों की खरीद से सम्बंधित एक रक्षा सौदे को मंजूरी के लिए उन्हें 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई थी। सेना प्रमुख ने सोमवार को समाचार पत्र 'द हिन्दू' को दिए साक्षात्कार में इसका भी खुलासा किया था कि घटिया वाहनों की खरीद से सम्बंधित एक रक्षा सौदे को मंजूरी के लिए उन्हें 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई थी।
यहाँ एक सारांश है:सेना प्रमुख के खत मुद्दे में प्रवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री व्यालार रवि ने सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को हताश व्यक्ति करार दिया है।
4
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: मलेशिया के केदाह राज्य में गुरुवार को एक जातीय भारतीय की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के शानमुगम (45) को कुलिम शहर में एक चौराहे पर रोक कर मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने उन्हें बहुत नजदीक से नौ गोलियां मारीं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षक वाहन की अगली सीट पर मृत अवस्था में मिले। उनकी मौत गोली लगने से हुई है।टिप्पणियां प्रवक्ता ने बताया कि आशंका है कि बदमाशों के पास 9एमएम की स्वाचालित पिस्तौल थी। पुलिस को मौके से गोली के नौ खोखे मिले हैं। वारदात के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस इसे हत्या का मामला मान कर चल रही है। पुलिस ने बताया कि माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के शानमुगम (45) को कुलिम शहर में एक चौराहे पर रोक कर मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने उन्हें बहुत नजदीक से नौ गोलियां मारीं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षक वाहन की अगली सीट पर मृत अवस्था में मिले। उनकी मौत गोली लगने से हुई है।टिप्पणियां प्रवक्ता ने बताया कि आशंका है कि बदमाशों के पास 9एमएम की स्वाचालित पिस्तौल थी। पुलिस को मौके से गोली के नौ खोखे मिले हैं। वारदात के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस इसे हत्या का मामला मान कर चल रही है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षक वाहन की अगली सीट पर मृत अवस्था में मिले। उनकी मौत गोली लगने से हुई है।टिप्पणियां प्रवक्ता ने बताया कि आशंका है कि बदमाशों के पास 9एमएम की स्वाचालित पिस्तौल थी। पुलिस को मौके से गोली के नौ खोखे मिले हैं। वारदात के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस इसे हत्या का मामला मान कर चल रही है। प्रवक्ता ने बताया कि आशंका है कि बदमाशों के पास 9एमएम की स्वाचालित पिस्तौल थी। पुलिस को मौके से गोली के नौ खोखे मिले हैं। वारदात के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस इसे हत्या का मामला मान कर चल रही है। वारदात के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस इसे हत्या का मामला मान कर चल रही है।
संक्षिप्त सारांश: पुलिस ने बताया कि माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के शानमुगम (45) को कुलिम शहर में एक चौराहे पर रोक कर मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने उन्हें बहुत नजदीक से नौ गोलियां मारीं।
10
['hin']
एक सारांश बनाओ: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में अफसर की तानाशाही का एक नमूना देखने को मिला जहां मामूली-सी गलती पर मानवता को शर्मसार करने वाली सजा दी गई। यहां के सरकारी दफ्तर में एक अधिकारी ने जूनियर अधिकारी को मुर्गा बना दिया। दरअसल, पथरिया विकास खंड के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बीडी प्रजापति का कसूर सिर्फ इतना था कि जब किसान अपनी समस्याएं लेकर इनके पास आए तो इन्हें अपने बड़े अफसर के पास जाना पड़ा लेकिन अफसर के कमरे में बिना पूछे जाना इनके लिए आफत बन गया।टिप्पणियां इनके सीनियर अफसर राजेश त्रिपाठी ने इन्हें डांट-फटकार के बाद मुर्गा बनने की सजा दे डाली। वह भी एक-दो पल के लिए नहीं बल्कि पूरे 15 मिनट तक के लिए। जब बात आगे बढ़ी तो आला अफसर भी मामले में पर्दा डालने में जुट गए। सरकारी अफसर की तानाशाही को देखते हुए दूसरे कर्मचारी नाराज हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यहां के सरकारी दफ्तर में एक अधिकारी ने जूनियर अधिकारी को मुर्गा बना दिया। दरअसल, पथरिया विकास खंड के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बीडी प्रजापति का कसूर सिर्फ इतना था कि जब किसान अपनी समस्याएं लेकर इनके पास आए तो इन्हें अपने बड़े अफसर के पास जाना पड़ा लेकिन अफसर के कमरे में बिना पूछे जाना इनके लिए आफत बन गया।टिप्पणियां इनके सीनियर अफसर राजेश त्रिपाठी ने इन्हें डांट-फटकार के बाद मुर्गा बनने की सजा दे डाली। वह भी एक-दो पल के लिए नहीं बल्कि पूरे 15 मिनट तक के लिए। जब बात आगे बढ़ी तो आला अफसर भी मामले में पर्दा डालने में जुट गए। सरकारी अफसर की तानाशाही को देखते हुए दूसरे कर्मचारी नाराज हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इनके सीनियर अफसर राजेश त्रिपाठी ने इन्हें डांट-फटकार के बाद मुर्गा बनने की सजा दे डाली। वह भी एक-दो पल के लिए नहीं बल्कि पूरे 15 मिनट तक के लिए। जब बात आगे बढ़ी तो आला अफसर भी मामले में पर्दा डालने में जुट गए। सरकारी अफसर की तानाशाही को देखते हुए दूसरे कर्मचारी नाराज हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जब बात आगे बढ़ी तो आला अफसर भी मामले में पर्दा डालने में जुट गए। सरकारी अफसर की तानाशाही को देखते हुए दूसरे कर्मचारी नाराज हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सारांश: इनका गुनाह सिर्फ इतना था कि ये कुछ किसानों की समस्या को लेकर अपने सीनियर अधिकारी राजेश त्रिपाठी के चैंबर में बिना पूछे चले गए थे।
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: युगांडा में आयोजित किए जा रहे 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन की आम सभा के दौरान पाकिस्तानी संसदीय शिष्टमंडल ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारतीय सैन्‍य बलों ने कश्मीर को बंधक बनाया हुआ है. भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की सदस्य रूपा गांगुली ने इस पाकिस्तानी दुष्प्रचार का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि सैनिक शासन की परंपरा पाकिस्तान में व्याप्त है और वह 33 साल सेना के शासन में रहा है. भारत में सैनिक शासन कभी भी और कहीं भी नही रहा है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल 22 से 29 सितंबर, 2019 तक कम्पाला, युगांडा में आयोजित किए जा रहे 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग ले रहा है.  इस शिष्टमंडल में अधीर रंजन चौधरी (लोकसभा सांसद), रूपा गांगुली (राज्‍यसभा सांसद), डॉ एल हनुमंथैया (राज्‍यसभा सांसद), अपराजिता सारंगी (लोकसभा सांसद), लोकसभा की महासचिव, स्नेहलता श्रीवास्तव सम्मिलित हैं. भारत की ओर से राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी और सचिव, जो राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सदस्य भी हैं, इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.  इससे पहले मालदीव में आयोजित 'सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति' विषय पर दक्षिण एशियाई देशों की संसदों के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मलेन, जो 1-2 सितम्बर 2019 को माले में संपन्न हुआ, के दौरान भी पाकिस्तान ने यह मुद्दा उठाया था जिसका लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में जोरदार विरोध किया गया था. परिणामतः माले घोषणापत्र में पाकिस्तान के द्वारा उठाये गए मुद्दों को पूर्णतया नकार दिया गया.
सारांश: युगांडा में हुआ 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान ने फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा बीजेपी सांसद रूपा गांगुली ने पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर जताया विरोध
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['hin']
एक सारांश बनाओ: सुप्रीम कोर्ट ने तेज बहादुर यादव की याचिका खारिज कर दी है. दरअसल, वाराणसी से महागठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया था. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें दखल देने का कोई आधार नहीं मिला. जनहित याचिका के तौर पर इसमें दखल देने का कोई आधार नहीं है. तेज बहादुर की ओर से प्रशान्त भूषण ने कहा कि वो चुनाव को चुनौती नही दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा बस ये कहना है कि तेज बहादुर का नामांकन गलत तरीके से और गैरकानूनी तरीके से खारिज हुआ है और उन्हें 19 मई को चुनाव लडने की इजाजत दी जाए. प्रशांत भूषण ने कहा कि मैंने अपनी बर्खास्तगी का आदेश नामांकन के साथ संलग्न किया था. हमें जवाब रखने का पूरा मौका नही दिया गया. मैं चुनाव को नही रोक रहा हूं बस मैं चाहता हूं कि मेरा नाम जोड़ा जाए.   आपको बता दें कि वाराणसी में 19 मई को चुनाव होना है. तेज बहादुर यादव ने 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था. इसे 1 मई को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उसे 19 अप्रैल, 2017 को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन नामांकन पत्र में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र नहीं है कि उसे भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त नहीं किया गया. तेज बहादुर यादव ने कहा है कि उन्होंने नामांकन पत्र के साथ अपने बर्खास्तगी का आदेश दिया था जिसमें साफ था कि उसे अनुशासनहीनता के लिए बर्खास्त किया गया था. याचिका में ये भी कहा गया है कि रिटर्निंग अफसर ने उसे चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए वाजिब समय भी नहीं दिया. रिटर्निंग अफसर ने 30 अप्रैल की शाम 6 बजे उसे नोटिस जारी कर एक मई की सुबह 11 बजे तक ये प्रमाण पत्र लाने को कहा. याचिका में इस फैसले को मनमाना और दुर्भावनापूर्ण बताया गया है और कहा गया है कि ये कदम सत्ता पक्ष के दल को वॉकओवर दिलाने के लिए उठाया गया. निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यादव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे, क्योंकि जनप्रतिनिधि (आरपी) अधिनियम के तहत उन्हें इस आशय का प्रमाण पत्र देना आवश्यक था कि उन्हें 'भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त' नहीं किया गया है.' तेज बहादुर यादव ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा था कि निर्वाचन अधिकारी के निर्णय को खारिज किया जाए तथा शीर्ष अदालत याचिकाकर्ता को हाई प्रोफाइल वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अनुमति दे, जहां 19 मई को मतदान होना है.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: तेज बहादुर यादव को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका कोर्ट ने तेज बहादुर की याचिका खारिज की नामांकन रद्द होने के बाद खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: यशवंत सिन्हा ने इस पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री वायपेयी ने उन्हें विदेश मंत्री बनाया था, अगर वो असक्षम थे तो क्यों उन्हें ये महत्वपूर्ण ज़म्मेदारी सौंपी गयी थी, वो भी ऐसे वक्त पर जब भारत और पाकिस्तान की सेनाएं आमने-सामने थीं. यशवंत सिन्हा सीधे-सीधे आरोप लगा रहे हैं कि जिस आदमी ने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी वो क्या लोगों की समस्याओं के बारे में जाने. जेटली सिन्हा के ज़माने की अर्थव्यवस्था की खामियां गिनाकर जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी की लड़ाई में मौका कांग्रेस को मिल गया है. उसने जेटली पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये सही कदम ना उठाए तो वो पूर्व वित्त मंत्री वही बन जाएंगे. लेकिन वित्त मंत्री की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. शुक्रवार को संसद की कन्सलटेटिव कमेटी की बैठक में एक सांसद ने वित्त मंत्री की मौजूदगी में अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत पर सवाल उठा दिया और चिंता जताई. सूत्रों के मुताबिक सांसद ने बैठक में कहा कि सरकार जिस तरह से हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रही है वो नाकाफी है.टिप्पणियां उधर शिवसेना ने फिर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर बड़े सवाल उठा दिये हैं. शुक्रवार को एनडीटीवी से बातचीत में शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा - "अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब है. बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार की पहल नाकाम साबित हुई है. सरकार को बड़े स्तर पर दखल देना होगा. इसके लिए सरकार को आम लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने के लिए टैक्स रेट घटाना होगा. सरकार को GST रेट में बदलाव करने पर भी विचार करना चाहिए." साफ है, कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की सबसे कमज़ोर कड़ी है. यही वजह है कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के असंतुष्ट नेता और एनडीए के नाराज़ सहयोगी दल भी सरकार की आर्थिक नातियों पर खुल कर सवाल उठा रहे हैं. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी और एनडीए के अंदर से उट रही विरोध की इन आवाज़ों से सरकार आने वाले दिनों में कैसे निपटती है. यशवंत सिन्हा सीधे-सीधे आरोप लगा रहे हैं कि जिस आदमी ने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी वो क्या लोगों की समस्याओं के बारे में जाने. जेटली सिन्हा के ज़माने की अर्थव्यवस्था की खामियां गिनाकर जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी की लड़ाई में मौका कांग्रेस को मिल गया है. उसने जेटली पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये सही कदम ना उठाए तो वो पूर्व वित्त मंत्री वही बन जाएंगे. लेकिन वित्त मंत्री की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. शुक्रवार को संसद की कन्सलटेटिव कमेटी की बैठक में एक सांसद ने वित्त मंत्री की मौजूदगी में अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत पर सवाल उठा दिया और चिंता जताई. सूत्रों के मुताबिक सांसद ने बैठक में कहा कि सरकार जिस तरह से हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रही है वो नाकाफी है.टिप्पणियां उधर शिवसेना ने फिर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर बड़े सवाल उठा दिये हैं. शुक्रवार को एनडीटीवी से बातचीत में शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा - "अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब है. बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार की पहल नाकाम साबित हुई है. सरकार को बड़े स्तर पर दखल देना होगा. इसके लिए सरकार को आम लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने के लिए टैक्स रेट घटाना होगा. सरकार को GST रेट में बदलाव करने पर भी विचार करना चाहिए." साफ है, कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की सबसे कमज़ोर कड़ी है. यही वजह है कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के असंतुष्ट नेता और एनडीए के नाराज़ सहयोगी दल भी सरकार की आर्थिक नातियों पर खुल कर सवाल उठा रहे हैं. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी और एनडीए के अंदर से उट रही विरोध की इन आवाज़ों से सरकार आने वाले दिनों में कैसे निपटती है. बीजेपी की लड़ाई में मौका कांग्रेस को मिल गया है. उसने जेटली पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये सही कदम ना उठाए तो वो पूर्व वित्त मंत्री वही बन जाएंगे. लेकिन वित्त मंत्री की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. शुक्रवार को संसद की कन्सलटेटिव कमेटी की बैठक में एक सांसद ने वित्त मंत्री की मौजूदगी में अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत पर सवाल उठा दिया और चिंता जताई. सूत्रों के मुताबिक सांसद ने बैठक में कहा कि सरकार जिस तरह से हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रही है वो नाकाफी है.टिप्पणियां उधर शिवसेना ने फिर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर बड़े सवाल उठा दिये हैं. शुक्रवार को एनडीटीवी से बातचीत में शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा - "अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब है. बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार की पहल नाकाम साबित हुई है. सरकार को बड़े स्तर पर दखल देना होगा. इसके लिए सरकार को आम लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने के लिए टैक्स रेट घटाना होगा. सरकार को GST रेट में बदलाव करने पर भी विचार करना चाहिए." साफ है, कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की सबसे कमज़ोर कड़ी है. यही वजह है कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के असंतुष्ट नेता और एनडीए के नाराज़ सहयोगी दल भी सरकार की आर्थिक नातियों पर खुल कर सवाल उठा रहे हैं. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी और एनडीए के अंदर से उट रही विरोध की इन आवाज़ों से सरकार आने वाले दिनों में कैसे निपटती है. लेकिन वित्त मंत्री की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. शुक्रवार को संसद की कन्सलटेटिव कमेटी की बैठक में एक सांसद ने वित्त मंत्री की मौजूदगी में अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत पर सवाल उठा दिया और चिंता जताई. सूत्रों के मुताबिक सांसद ने बैठक में कहा कि सरकार जिस तरह से हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रही है वो नाकाफी है.टिप्पणियां उधर शिवसेना ने फिर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर बड़े सवाल उठा दिये हैं. शुक्रवार को एनडीटीवी से बातचीत में शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा - "अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब है. बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार की पहल नाकाम साबित हुई है. सरकार को बड़े स्तर पर दखल देना होगा. इसके लिए सरकार को आम लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने के लिए टैक्स रेट घटाना होगा. सरकार को GST रेट में बदलाव करने पर भी विचार करना चाहिए." साफ है, कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की सबसे कमज़ोर कड़ी है. यही वजह है कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के असंतुष्ट नेता और एनडीए के नाराज़ सहयोगी दल भी सरकार की आर्थिक नातियों पर खुल कर सवाल उठा रहे हैं. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी और एनडीए के अंदर से उट रही विरोध की इन आवाज़ों से सरकार आने वाले दिनों में कैसे निपटती है. टिप्पणियां उधर शिवसेना ने फिर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर बड़े सवाल उठा दिये हैं. शुक्रवार को एनडीटीवी से बातचीत में शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा - "अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब है. बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार की पहल नाकाम साबित हुई है. सरकार को बड़े स्तर पर दखल देना होगा. इसके लिए सरकार को आम लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने के लिए टैक्स रेट घटाना होगा. सरकार को GST रेट में बदलाव करने पर भी विचार करना चाहिए." साफ है, कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की सबसे कमज़ोर कड़ी है. यही वजह है कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के असंतुष्ट नेता और एनडीए के नाराज़ सहयोगी दल भी सरकार की आर्थिक नातियों पर खुल कर सवाल उठा रहे हैं. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी और एनडीए के अंदर से उट रही विरोध की इन आवाज़ों से सरकार आने वाले दिनों में कैसे निपटती है. उधर शिवसेना ने फिर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर बड़े सवाल उठा दिये हैं. शुक्रवार को एनडीटीवी से बातचीत में शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा - "अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब है. बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार की पहल नाकाम साबित हुई है. सरकार को बड़े स्तर पर दखल देना होगा. इसके लिए सरकार को आम लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने के लिए टैक्स रेट घटाना होगा. सरकार को GST रेट में बदलाव करने पर भी विचार करना चाहिए." साफ है, कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की सबसे कमज़ोर कड़ी है. यही वजह है कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के असंतुष्ट नेता और एनडीए के नाराज़ सहयोगी दल भी सरकार की आर्थिक नातियों पर खुल कर सवाल उठा रहे हैं. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी और एनडीए के अंदर से उट रही विरोध की इन आवाज़ों से सरकार आने वाले दिनों में कैसे निपटती है. साफ है, कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की सबसे कमज़ोर कड़ी है. यही वजह है कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के असंतुष्ट नेता और एनडीए के नाराज़ सहयोगी दल भी सरकार की आर्थिक नातियों पर खुल कर सवाल उठा रहे हैं. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी और एनडीए के अंदर से उट रही विरोध की इन आवाज़ों से सरकार आने वाले दिनों में कैसे निपटती है.
सारांश: मैं नौकरी ढूंढ रहा होता तो जेटली यहां नहीं होते अर्थव्यवस्था के लिए वित्तमंत्री ही जिम्मेदार, गृहमंत्री नहीं जेटली मेरा रिकॉर्ड नहीं जानते IAS की नौकरी छोड़कर आया
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: प्रतिबंधित जमात-उद-दावा की धर्मादा शाखा फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) ने जम्मू एवं कश्मीर में रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों से भरा वाहनों का काफिला भेजने की सोमवार को घोषणा की। एफआईएफ का प्रमुख आतंकी सरगना हाफिज सईद है। वाहनों के काफिले में वे सामान भरे हैं, जिन्हें इस संस्था ने पूरे पाकिस्तान से दान के रूप में एकत्र किया है। एफआईएफ के बयान के मुताबिक, काफिला मुजफ्फराबाद से मंगलवार को चाकोथी के लिए रवाना होगा। चाकोथी नियंत्रण रेखा के पास सीमा से लगा गांव है। वहां से ये समान कमान ब्रिज से कश्मीर भेजे जाएंगे। यह पुल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत अधिकृत कश्मीर से जोड़ता है। जरूरी सामानों में चावल, तेल, ताजा और सूखी सब्जियां, मक्खन, शिशु आहार और दवाइयां हैं। टिप्पणियां इस संस्था के हाफिज अब्दुल रऊफ ने वैश्विक मानवतावादी संगठनों और संस्थाओं से कश्मीर मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एफआईएफ के बयान के मुताबिक, काफिला मुजफ्फराबाद से मंगलवार को चाकोथी के लिए रवाना होगा। चाकोथी नियंत्रण रेखा के पास सीमा से लगा गांव है। वहां से ये समान कमान ब्रिज से कश्मीर भेजे जाएंगे। यह पुल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत अधिकृत कश्मीर से जोड़ता है। जरूरी सामानों में चावल, तेल, ताजा और सूखी सब्जियां, मक्खन, शिशु आहार और दवाइयां हैं। टिप्पणियां इस संस्था के हाफिज अब्दुल रऊफ ने वैश्विक मानवतावादी संगठनों और संस्थाओं से कश्मीर मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जरूरी सामानों में चावल, तेल, ताजा और सूखी सब्जियां, मक्खन, शिशु आहार और दवाइयां हैं। टिप्पणियां इस संस्था के हाफिज अब्दुल रऊफ ने वैश्विक मानवतावादी संगठनों और संस्थाओं से कश्मीर मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस संस्था के हाफिज अब्दुल रऊफ ने वैश्विक मानवतावादी संगठनों और संस्थाओं से कश्मीर मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: काफिला मुजफ्फराबाद से मंगलवार को चाकोथी के लिए रवाना होगा। जरूरी सामानों में चावल, तेल, सब्जियां, मक्खन, शिशु आहार और दवाइयां। फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन भेजेगी सामान।
0
['hin']
एक सारांश बनाओ: सोमवार की दोपहर यूक्रेन की राजधानी कीव की एक सड़क पर सब कुछ सामान्य था, तभी अचानक सड़क कांपने लगी और सड़क के अंदर एक जोरदार धमाका हुआ. इस धमाके में कई कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं और आसपास की इमारतों के शीशे भी टूट गए. धमाका किसी विस्फोटक की वजह से नहीं बल्कि पानी की पाइप लाइन में पानी के अधिक दबाव के कारण हुआ. इस धमाके से सड़क का बड़ा हिस्सा बुरी तरह तबाह हो गया और सड़क पर बाढ़ के हालात पैदा गए. यह पूरा घटनाक्रम एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.  सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि पहले तो सड़क बड़ी तेजी से कांपती है और फिर तेज धमाका होता है. धमाके के साथ वहां बड़ी मात्रा में पानी बहने लगता है. फुटेज में दिखाया गया है कि एक महिला बाहर झांकने भी आती है, लेकिन वह समझ नहीं पाती कि आखिर हुआ क्या है. एक अन्य कैमरे में सड़क पर कीचड़ की बाढ़ दिखाई गई है. घटना के बाद पूरे इलाके में सिर्फ कीचड़ और धूल का ही मंजर था. धमाके में सड़के के किनारे दुकानों को भी काफी नुकसान हुआ है. इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो को वहां के एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.  हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. यूक्रेन मीडिया के मुताबिक पानी की पाइप का ब्लास्ट इतना जोरदार था कि पानी और कीचड़ का फव्वारा इमारतों की सातवीं मंजिल तक को छू गया. यूक्रेन के स्थानीय पत्रकार ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. टिप्पणियां   सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है. विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा भी बन गया था.  सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि पहले तो सड़क बड़ी तेजी से कांपती है और फिर तेज धमाका होता है. धमाके के साथ वहां बड़ी मात्रा में पानी बहने लगता है. फुटेज में दिखाया गया है कि एक महिला बाहर झांकने भी आती है, लेकिन वह समझ नहीं पाती कि आखिर हुआ क्या है. एक अन्य कैमरे में सड़क पर कीचड़ की बाढ़ दिखाई गई है. घटना के बाद पूरे इलाके में सिर्फ कीचड़ और धूल का ही मंजर था. धमाके में सड़के के किनारे दुकानों को भी काफी नुकसान हुआ है. इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो को वहां के एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.  हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. यूक्रेन मीडिया के मुताबिक पानी की पाइप का ब्लास्ट इतना जोरदार था कि पानी और कीचड़ का फव्वारा इमारतों की सातवीं मंजिल तक को छू गया. यूक्रेन के स्थानीय पत्रकार ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. टिप्पणियां   सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है. विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा भी बन गया था.  सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि पहले तो सड़क बड़ी तेजी से कांपती है और फिर तेज धमाका होता है. धमाके के साथ वहां बड़ी मात्रा में पानी बहने लगता है. फुटेज में दिखाया गया है कि एक महिला बाहर झांकने भी आती है, लेकिन वह समझ नहीं पाती कि आखिर हुआ क्या है. एक अन्य कैमरे में सड़क पर कीचड़ की बाढ़ दिखाई गई है. घटना के बाद पूरे इलाके में सिर्फ कीचड़ और धूल का ही मंजर था. धमाके में सड़के के किनारे दुकानों को भी काफी नुकसान हुआ है. इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो को वहां के एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.  हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. यूक्रेन मीडिया के मुताबिक पानी की पाइप का ब्लास्ट इतना जोरदार था कि पानी और कीचड़ का फव्वारा इमारतों की सातवीं मंजिल तक को छू गया. यूक्रेन के स्थानीय पत्रकार ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. टिप्पणियां   सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है. विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा भी बन गया था.  एक अन्य कैमरे में सड़क पर कीचड़ की बाढ़ दिखाई गई है. घटना के बाद पूरे इलाके में सिर्फ कीचड़ और धूल का ही मंजर था. धमाके में सड़के के किनारे दुकानों को भी काफी नुकसान हुआ है. इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो को वहां के एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.  हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. यूक्रेन मीडिया के मुताबिक पानी की पाइप का ब्लास्ट इतना जोरदार था कि पानी और कीचड़ का फव्वारा इमारतों की सातवीं मंजिल तक को छू गया. यूक्रेन के स्थानीय पत्रकार ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. टिप्पणियां   सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है. विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा भी बन गया था.  हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. यूक्रेन मीडिया के मुताबिक पानी की पाइप का ब्लास्ट इतना जोरदार था कि पानी और कीचड़ का फव्वारा इमारतों की सातवीं मंजिल तक को छू गया. यूक्रेन के स्थानीय पत्रकार ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. टिप्पणियां   सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है. विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा भी बन गया था.  हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. यूक्रेन मीडिया के मुताबिक पानी की पाइप का ब्लास्ट इतना जोरदार था कि पानी और कीचड़ का फव्वारा इमारतों की सातवीं मंजिल तक को छू गया. यूक्रेन के स्थानीय पत्रकार ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. टिप्पणियां   सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है. विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा भी बन गया था.    सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है. विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा भी बन गया था.  सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है. विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा भी बन गया था.
संक्षिप्त सारांश: यूक्रेन की राजधानी कीव में हुआ पानी की लाइन में विस्फोट विस्फोट पानी की लाइन में पानी का दबाव बढ़ने से हुआ हादसे में किसी के हताहात होने की कोई सूचना नहीं है
8
['hin']
एक सारांश बनाओ: अमेरिका ने लीबिया की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता जताई है, जहां लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर हुए हिंसक बल प्रयोग से करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने कहा, लीबिया से आ रही विचलित कर देने वाली रिपोर्टों और हालात पर अमेरिका काफी चिंतित है। उन्होंने कहा कि, हालांकि अमेरिका लीबिया से आ रहे तथ्यों की सच्चाई जानने में जुटा हुआ है, लेकिन कुछ विश्वसनीय खबरें मिली हैं कि कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और घायल हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया एवं मानवाधिकार संस्थाओं की वहां तक कम पहुंच के चलते मारे गए लोगों की सही-सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा, हमने लीबिया के विदेशमंत्री मुसा कुसा सहित कई लीबियाई अधिकारियों के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर घातक बल प्रयोग करने के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, हमनें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्वक जनसभा करने सहित सार्वभौमिक अधिकारों के महत्व के बाबत अपनी बात लीबियाई अधिकारियों से समक्ष दोहराई है। उन्होंने कहा, लीबियाई अधिकारियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की बात कही है। क्राउले ने लीबिया सरकार से उनकी प्रतिबद्धताओं पर कायम रहने का आह्वान किया है। साथ ही क्राउले कहा है कि उन सुरक्षा अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए, जो इन प्रतिबद्धताओं पर अमल नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि मुअम्मर गद्दाफी के 41 सालों के शासन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में सरकारी दमन के चलते अब तक करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं।
यहाँ एक सारांश है:अमेरिका ने लीबिया की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता जताई है, जहां प्रदर्शनकारियों पर हुए बल प्रयोग से करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं।
15
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: मध्यक्रम के बल्लेबाज रोहित शर्मा (नाबाद 86) के साहसी अर्द्धशतक की बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज को तीसरे वनडे मैच में तीन विकेट से हराकर पांच मैचों की शृंखला अपने नाम कर ली। भारतीय टीम ने जीत के लिए जरूरी 226 रन का लक्ष्य 46.2 ओवर में सात विकेट खोकर हासिल किया। रोहित ने 91 गेंदों की अपनी पारी में पांच चौके और दो छक्के जड़े। रोहित के अलावा सलामी बल्लेबाज पार्थिव पटेल (46), हरभजन सिंह (41) और अंतिम पलों में प्रवीण कुमार (15 गेंदों में नाबाद 25 रन) ने भी महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। इस जीत के साथ भारत ने वनडे शृंखला में 3-0 से अजेय बढ़त बना ली। भारत एक समय 92 रन पर छह विकेट गंवाकर जूझ रहा था, लेकिन रोहित ने हरभजन के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 88 रन जोड़कर टीम को परेशानियों से उबारा। भारत के चार प्रमुख बल्लेबाज शिखर धवन (04), विराट कोहली (00), कप्तान सुरेश रैना (03) और यूसुफ पठान (01) दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सके, जबकि बद्रीनाथ ने 11 रन बनाए। इससे पहले वेस्टइंडीज ने ऑलराउंडर एंड्रे रसेल (नाबाद 92) की आतिशी पारी की बदौलत संकट से उबरते हुए आठ विकेट के नुकसान पर 225 रन बनाए। भारत के लेग स्पिनर अमित मिश्रा (28 रन देकर तीन विकेट) और तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल (60 रन देकर तीन विकेट) की शानदार गेंदबाजी की वजह से वेस्टइंडीज एक समय 96 रन पर सात विकेट गंवाकर बहुत बड़े संकट में था, लेकिन इसके बाद मैदान में उतरे रसेल ने धुआंधार बल्लेबाजी की। रसेल ने अपनी लाजवाब पारी से वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को सम्मानजनक स्कोर दिया। रसेल ने 64 गेंदों की अपनी पारी में आठ चौके और पांच लंबे छक्के जड़े। वेस्टइंडीज की शुरुआत अच्छी रही थी और उसका स्कोर 14.4 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 65 रन था, लेकिन अगले 14.5 ओवर में भारतीय गेंदबाजों ने विपक्षी बल्लेबाजों पर हावी होते हुए 31 रन के भीतर छह खिलाडियों को पैवेलियन की राह दिखाई और स्कोर 96 रन पर सात विकेट हो गया। रसेल ने बॉ (73 गेंद में 36 रन) के साथ मिलकर आठवें विकेट के लिए 78 रन बनाए और भारतीय गेंदबाज वेस्टइंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में नाकाम रहे। रसेल ने रैना को निशाना बनाते हुए उनके एक ओवर में 22 रन ठोके। इससे पहले रैना ने टॉस जीतकर मेजबान टीम को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। मुनाफ ने कप्तान के निर्णय को सही साबित करते हुए पारी के दूसरे ओवर में वेस्टइंडीज को किर्क एडवर्डस (00) के रूप में पहला झटका दिया। लिंडल सिमंस (45) और रामनरेश सरवन (28) ने दूसरे विकेट के लिए 65 रन जोड़े। सरवन के रन आउट होने के बाद मिश्रा ने विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हुए तीन झटके दिए। हरभजन ने आक्रामक बल्लेबाज किरोन पोलार्ड (06) का आउट करके एकमात्र सफलता हासिल की।
सारांश: रोहित शर्मा (नाबाद 86) के साहसी अर्द्धशतक की बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज को तीसरे वनडे में तीन विकेट से हराकर पांच मैचों की शृंखला अपने नाम कर ली।
33
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: भ्रष्टाचार के विरोध में तैयार किया गया लोकपाल बिल एक बार फिर अगले हफ्ते राज्य सभा में पेश किया जा सकता है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार बिल में कुछ बदलाव करने को राजी हो गई है। सरकार की ओर से किए जाने वाले बदलावों में तृणमूल कांग्रेस द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल किया जा रहा है।टिप्पणियां बता दें कि तृणमूल कांग्रेस ने बिल के कुछ हिस्सों पर यह कहकर आपत्ति जताई थी कि इससे राज्यों के अधिकार क्षेत्र का हनन होता है। लोकपाल बिल के तहत केंद्र में एक लोकपाल और सात सदस्य होंगे और बिल यह भी कहता है कि राज्यों को भी इसी तर्ज पर लोकायुक्त बनाने होंगे। तृणमूल, भाजपा और तमाम अन्य दलों को राज्यों को निर्देशित करने वाला उपबंध पसंद नहीं आया था। उनका मानना था कि यह उपबंध देश के संघीय ढांचे का हृांस करता है। इन लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को यह आदेश नहीं देना चाहिए बल्कि यह राज्य पर छोड़ दिया जाना चाहिए कि वह कैसा लोकायुक्त तैयार करें। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों ने पिछले साल अपने आंदोलन में कहा था कि यदि राज्यों को इस बिल में शामिल नहीं किया गया तब यह बिल बेकार साबित होगा। इस बिल के समर्थन के लिए सरकार ने तमाम राजनीतिक दलों से बातचीत आरंभ कर दी है। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस ने बिल के कुछ हिस्सों पर यह कहकर आपत्ति जताई थी कि इससे राज्यों के अधिकार क्षेत्र का हनन होता है। लोकपाल बिल के तहत केंद्र में एक लोकपाल और सात सदस्य होंगे और बिल यह भी कहता है कि राज्यों को भी इसी तर्ज पर लोकायुक्त बनाने होंगे। तृणमूल, भाजपा और तमाम अन्य दलों को राज्यों को निर्देशित करने वाला उपबंध पसंद नहीं आया था। उनका मानना था कि यह उपबंध देश के संघीय ढांचे का हृांस करता है। इन लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को यह आदेश नहीं देना चाहिए बल्कि यह राज्य पर छोड़ दिया जाना चाहिए कि वह कैसा लोकायुक्त तैयार करें। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों ने पिछले साल अपने आंदोलन में कहा था कि यदि राज्यों को इस बिल में शामिल नहीं किया गया तब यह बिल बेकार साबित होगा। इस बिल के समर्थन के लिए सरकार ने तमाम राजनीतिक दलों से बातचीत आरंभ कर दी है। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों ने पिछले साल अपने आंदोलन में कहा था कि यदि राज्यों को इस बिल में शामिल नहीं किया गया तब यह बिल बेकार साबित होगा। इस बिल के समर्थन के लिए सरकार ने तमाम राजनीतिक दलों से बातचीत आरंभ कर दी है।
यह एक सारांश है: भ्रष्टाचार के विरोध में तैयार किया गया लोकपाल बिल एक बार फिर अगले हफ्ते राज्य सभा में पेश किया जा सकता है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार बिल में कुछ बदलाव करने को राजी हो गई है।
24
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने उर्दू के नामचीन शायर प्रो. अखलाक मोहम्मद खान 'शहरयार' को देश के सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार ज्ञानपीठ से नवाजते हुए कहा कि वह हिन्दी, उर्दू की साझी तहजीब के नुमाइंदे हैं और उनकी शायरी के गहरे अर्थ हैं। अमिताभ ने कहा कि उर्दू कविता उनसे गौरवान्वित हुई है, वह डॉ. राही मासूम रजा की तरह ही हिन्दी उर्दू के बीच बनी एक काल्पनिक दीवार को तोड़ने के पक्षधर रहे हैं और वह वास्तव में हिन्दी उर्दू की साझी तहजीब के नुमाइंदे हैं। उन्होंने कहा कि शहरयार साहब ने 'फासले', 'अंजुमन', 'गमन' और 'उमराव जान' के गीतों के रूप में फिल्मों को नायाब मोती दिए हैं जो अपने आप में विराट जीवन दर्शन को समेटे हुए हैं जो गीत कभी पुराने नहीं पड़ते। अमिताभ ने कहा कि सीने में जलन, आंखों में तूफान सा क्यों है, इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है को सुनकर लोग बरबस रुक जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम सब अलग तरह से अपना जीवन जीते हैं और जीवन की आपाधापी में व्यस्त रहते हैं, इसमें बहुत कम ऐसे अवसर मिलते हैं जब हम जीवन के गहरे अथरें को समझते हैं और उनसे साक्षात्कार करते हैं।
बच्चन ने उर्दू के नामचीन शायर 'शहरयार' को ज्ञानपीठ पुरुस्कार से नवाजते हुए कहा कि वह हिन्दी, उर्दू की साझी तहजीब के नुमाइंदे हैं।
28
['hin']
एक सारांश बनाओ: ऑल राउंडर रविंद्र जडेजा ने शुक्रवार को कहा कि मेजबान टीम शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वन-डे में अपनी विजयी लय को जारी रखते हुए पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से बढ़त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोच्चि में भारत के लिए सीरीज 1-1 से बराबर करने में अहम भूमिका निभाने वाले जडेजा ने कहा, ‘‘हमने जिस तरह से पिछला मैच जीता, उससे हम काफी खुश हैं। हम सिर्फ इस विजयी लय को जारी रखकर इस मैच को जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। हम उम्मीद लगाए हैं कि हम सही चीजें करें। हम कल के गेम के बारे में काफी पाजीटिव हैं।’’ कोच्चि में अपने ऑल राउंड प्रदर्शन (37 गेंद में नाबाद 61 रन और 12 रन देकर दो विकेट) से मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीतने वाले जडेजा ने कहा कि वह कल भी ऐसा ही प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे। जडेजा ने कहा, ‘‘मैंने पिछले मैच में खेल के सभी तीनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया। मैं ऐसा ही करके भारत के लिये मैच जीतने की कोशिश करूंगा।’’ सौराष्ट्र के ऑल राउंडर ने कहा, ‘‘मुझे गेंदबाजी में कोई ज्यादा समस्या नहीं हुई थी। मैं हमेशा अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं और ज्यादा प्रयोग नहीं करना चाहता। जहां तक मेरी गेंदबाजी की बात है तो मैं इसमें ज्यादा बदलाव नहीं करना चाहता।’’ जडेजा को लगता है कि वह इस रणजी सत्र में दो तिहरे शतक जड़कर बेहतर बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा रणजी सत्र अच्छा रहा था। मैंने दो तिहरे शतक जमाए थे। यह मेरी बल्लेबाजी का सबसे सकारात्मक पहलू है। मैंने दो बार लंबी पारियां खेली हैं। मैं गलत शॉट पर आउट हुआ था। उम्मीद है कि दोबारा इन गलतियों को नहीं दोहराऊंगा।’’टिप्पणियां विराट कोहली की फार्म में बारे में जडेजा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह चिंता की बात है। विराट काफी लंबे समय से अच्छा कर रहा था। यह हर क्रिकेटर की जिंदगी में होता है, हर कोई उतार चढ़ाव के दौर से गुजरता है। इसमें कोई शक नहीं अगर वह अच्छा करेगा तो टीम का मनोबल भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि कल वह भारत के लिए अच्छा खेले।’’ यह पूछने पर कि उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को यहां अपने घरेलू मैदान पर पहला मैच खेलने से पहले अभ्यास सत्र में कुछ नर्वस क्षणों से रूबरू होना पड़ा तो जडेजा ने कहा, ‘‘वह अब भी वही हैं। निश्चित रूप से वह घरेलू मैदान पर अपना पहला मैच खेलने को लेकर रोमांचित हैं।’’ कोच्चि में भारत के लिए सीरीज 1-1 से बराबर करने में अहम भूमिका निभाने वाले जडेजा ने कहा, ‘‘हमने जिस तरह से पिछला मैच जीता, उससे हम काफी खुश हैं। हम सिर्फ इस विजयी लय को जारी रखकर इस मैच को जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। हम उम्मीद लगाए हैं कि हम सही चीजें करें। हम कल के गेम के बारे में काफी पाजीटिव हैं।’’ कोच्चि में अपने ऑल राउंड प्रदर्शन (37 गेंद में नाबाद 61 रन और 12 रन देकर दो विकेट) से मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीतने वाले जडेजा ने कहा कि वह कल भी ऐसा ही प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे। जडेजा ने कहा, ‘‘मैंने पिछले मैच में खेल के सभी तीनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया। मैं ऐसा ही करके भारत के लिये मैच जीतने की कोशिश करूंगा।’’ सौराष्ट्र के ऑल राउंडर ने कहा, ‘‘मुझे गेंदबाजी में कोई ज्यादा समस्या नहीं हुई थी। मैं हमेशा अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं और ज्यादा प्रयोग नहीं करना चाहता। जहां तक मेरी गेंदबाजी की बात है तो मैं इसमें ज्यादा बदलाव नहीं करना चाहता।’’ जडेजा को लगता है कि वह इस रणजी सत्र में दो तिहरे शतक जड़कर बेहतर बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा रणजी सत्र अच्छा रहा था। मैंने दो तिहरे शतक जमाए थे। यह मेरी बल्लेबाजी का सबसे सकारात्मक पहलू है। मैंने दो बार लंबी पारियां खेली हैं। मैं गलत शॉट पर आउट हुआ था। उम्मीद है कि दोबारा इन गलतियों को नहीं दोहराऊंगा।’’टिप्पणियां विराट कोहली की फार्म में बारे में जडेजा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह चिंता की बात है। विराट काफी लंबे समय से अच्छा कर रहा था। यह हर क्रिकेटर की जिंदगी में होता है, हर कोई उतार चढ़ाव के दौर से गुजरता है। इसमें कोई शक नहीं अगर वह अच्छा करेगा तो टीम का मनोबल भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि कल वह भारत के लिए अच्छा खेले।’’ यह पूछने पर कि उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को यहां अपने घरेलू मैदान पर पहला मैच खेलने से पहले अभ्यास सत्र में कुछ नर्वस क्षणों से रूबरू होना पड़ा तो जडेजा ने कहा, ‘‘वह अब भी वही हैं। निश्चित रूप से वह घरेलू मैदान पर अपना पहला मैच खेलने को लेकर रोमांचित हैं।’’ कोच्चि में अपने ऑल राउंड प्रदर्शन (37 गेंद में नाबाद 61 रन और 12 रन देकर दो विकेट) से मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीतने वाले जडेजा ने कहा कि वह कल भी ऐसा ही प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे। जडेजा ने कहा, ‘‘मैंने पिछले मैच में खेल के सभी तीनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया। मैं ऐसा ही करके भारत के लिये मैच जीतने की कोशिश करूंगा।’’ सौराष्ट्र के ऑल राउंडर ने कहा, ‘‘मुझे गेंदबाजी में कोई ज्यादा समस्या नहीं हुई थी। मैं हमेशा अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं और ज्यादा प्रयोग नहीं करना चाहता। जहां तक मेरी गेंदबाजी की बात है तो मैं इसमें ज्यादा बदलाव नहीं करना चाहता।’’ जडेजा को लगता है कि वह इस रणजी सत्र में दो तिहरे शतक जड़कर बेहतर बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा रणजी सत्र अच्छा रहा था। मैंने दो तिहरे शतक जमाए थे। यह मेरी बल्लेबाजी का सबसे सकारात्मक पहलू है। मैंने दो बार लंबी पारियां खेली हैं। मैं गलत शॉट पर आउट हुआ था। उम्मीद है कि दोबारा इन गलतियों को नहीं दोहराऊंगा।’’टिप्पणियां विराट कोहली की फार्म में बारे में जडेजा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह चिंता की बात है। विराट काफी लंबे समय से अच्छा कर रहा था। यह हर क्रिकेटर की जिंदगी में होता है, हर कोई उतार चढ़ाव के दौर से गुजरता है। इसमें कोई शक नहीं अगर वह अच्छा करेगा तो टीम का मनोबल भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि कल वह भारत के लिए अच्छा खेले।’’ यह पूछने पर कि उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को यहां अपने घरेलू मैदान पर पहला मैच खेलने से पहले अभ्यास सत्र में कुछ नर्वस क्षणों से रूबरू होना पड़ा तो जडेजा ने कहा, ‘‘वह अब भी वही हैं। निश्चित रूप से वह घरेलू मैदान पर अपना पहला मैच खेलने को लेकर रोमांचित हैं।’’ जडेजा ने कहा, ‘‘मैंने पिछले मैच में खेल के सभी तीनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया। मैं ऐसा ही करके भारत के लिये मैच जीतने की कोशिश करूंगा।’’ सौराष्ट्र के ऑल राउंडर ने कहा, ‘‘मुझे गेंदबाजी में कोई ज्यादा समस्या नहीं हुई थी। मैं हमेशा अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं और ज्यादा प्रयोग नहीं करना चाहता। जहां तक मेरी गेंदबाजी की बात है तो मैं इसमें ज्यादा बदलाव नहीं करना चाहता।’’ जडेजा को लगता है कि वह इस रणजी सत्र में दो तिहरे शतक जड़कर बेहतर बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा रणजी सत्र अच्छा रहा था। मैंने दो तिहरे शतक जमाए थे। यह मेरी बल्लेबाजी का सबसे सकारात्मक पहलू है। मैंने दो बार लंबी पारियां खेली हैं। मैं गलत शॉट पर आउट हुआ था। उम्मीद है कि दोबारा इन गलतियों को नहीं दोहराऊंगा।’’टिप्पणियां विराट कोहली की फार्म में बारे में जडेजा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह चिंता की बात है। विराट काफी लंबे समय से अच्छा कर रहा था। यह हर क्रिकेटर की जिंदगी में होता है, हर कोई उतार चढ़ाव के दौर से गुजरता है। इसमें कोई शक नहीं अगर वह अच्छा करेगा तो टीम का मनोबल भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि कल वह भारत के लिए अच्छा खेले।’’ यह पूछने पर कि उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को यहां अपने घरेलू मैदान पर पहला मैच खेलने से पहले अभ्यास सत्र में कुछ नर्वस क्षणों से रूबरू होना पड़ा तो जडेजा ने कहा, ‘‘वह अब भी वही हैं। निश्चित रूप से वह घरेलू मैदान पर अपना पहला मैच खेलने को लेकर रोमांचित हैं।’’ जडेजा को लगता है कि वह इस रणजी सत्र में दो तिहरे शतक जड़कर बेहतर बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा रणजी सत्र अच्छा रहा था। मैंने दो तिहरे शतक जमाए थे। यह मेरी बल्लेबाजी का सबसे सकारात्मक पहलू है। मैंने दो बार लंबी पारियां खेली हैं। मैं गलत शॉट पर आउट हुआ था। उम्मीद है कि दोबारा इन गलतियों को नहीं दोहराऊंगा।’’टिप्पणियां विराट कोहली की फार्म में बारे में जडेजा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह चिंता की बात है। विराट काफी लंबे समय से अच्छा कर रहा था। यह हर क्रिकेटर की जिंदगी में होता है, हर कोई उतार चढ़ाव के दौर से गुजरता है। इसमें कोई शक नहीं अगर वह अच्छा करेगा तो टीम का मनोबल भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि कल वह भारत के लिए अच्छा खेले।’’ यह पूछने पर कि उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को यहां अपने घरेलू मैदान पर पहला मैच खेलने से पहले अभ्यास सत्र में कुछ नर्वस क्षणों से रूबरू होना पड़ा तो जडेजा ने कहा, ‘‘वह अब भी वही हैं। निश्चित रूप से वह घरेलू मैदान पर अपना पहला मैच खेलने को लेकर रोमांचित हैं।’’ विराट कोहली की फार्म में बारे में जडेजा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह चिंता की बात है। विराट काफी लंबे समय से अच्छा कर रहा था। यह हर क्रिकेटर की जिंदगी में होता है, हर कोई उतार चढ़ाव के दौर से गुजरता है। इसमें कोई शक नहीं अगर वह अच्छा करेगा तो टीम का मनोबल भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि कल वह भारत के लिए अच्छा खेले।’’ यह पूछने पर कि उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को यहां अपने घरेलू मैदान पर पहला मैच खेलने से पहले अभ्यास सत्र में कुछ नर्वस क्षणों से रूबरू होना पड़ा तो जडेजा ने कहा, ‘‘वह अब भी वही हैं। निश्चित रूप से वह घरेलू मैदान पर अपना पहला मैच खेलने को लेकर रोमांचित हैं।’’ यह पूछने पर कि उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को यहां अपने घरेलू मैदान पर पहला मैच खेलने से पहले अभ्यास सत्र में कुछ नर्वस क्षणों से रूबरू होना पड़ा तो जडेजा ने कहा, ‘‘वह अब भी वही हैं। निश्चित रूप से वह घरेलू मैदान पर अपना पहला मैच खेलने को लेकर रोमांचित हैं।’’
ऑल राउंडर रविंद्र जडेजा ने शुक्रवार को कहा कि मेजबान टीम शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वन-डे में अपनी विजयी लय को जारी रखते हुए पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से बढ़त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
26
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: Super 30 Box Office Collection Day 20: बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) की फिल्म 'सुपर 30 (Super 30)' का बॉक्स ऑफिस पर अभी तक कबजा कायम है. विकास बहल (Vikas Bahl) के निर्देशन में बनी फिल्म 'सुपर 30' अभी भी फैन्स के बीच छाई हुई है. हालांकि अब फिल्म की कमाई में ठोड़ी गिरावट आ गई है. फिल्म समीक्षक तरण आर्दश के अनुसार ऋतिक रोशन और मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur) स्टारर इस फिल्म ने मंगलवार को 1.35 करोड़ रुपये की कमाई की थी. वहीं, फिल्म की कमाई बुधवार को केवल 1.30 करोड़ रुपये पर ही सिमटकर रह गई. हालांकि इसके अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं आए हैं. इस हिसाब से इस फिल्म ने अब तक 130 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है.  खास बात ये है कि ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) की फिल्म 'सुपर 30 (Super 30)' को बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित भारत के पांच राज्यों में टैक्स फ्री कर दिया गया है. फिल्म क्रिटिक्स के साथ ही दर्शकों से भी इस फिल्म को काफी सराहना मिल रही है. बता दें कि 'सुपर 30' ने पहले हफ्ते 75.85 करोड़ रुपए और दूसरे हफ्ते 37.86 करोड़ रुपए की कमाई की थी. वहीं तीसरे हफ्ते इस फिल्म ने 12 करोड़ 50 लाख रुपये की कमाई की थी.  बता दें विकास बहल के निर्देशन में बनी ये फिल्म मैथमेटिशियन आनंद कुमार के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने पिछड़े पृष्ठभूमि के बच्चों को मुफ्त में आईआईटी की तैयारी करवाई. इस फिल्म के जरिए लोगों को न केवल आनंद कुमार (Anand Kumar) के बारे में पता चला है, बल्कि उनके जीवन की कई कहानियां भी सुनने को मिली हैं. इस फिल्म में ऋतिक रोशन (Hrtihik Roshan) की परफॉर्मेंस को काफी सराहा जा रहा है.
संक्षिप्त पाठ: ऋतिक रोशन की फिल्म की शानदार कमाई जारी जानिए अब तक का कलेक्शन फिल्म को लेकर फैंस में बीच गजब का क्रेज
22
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: दुबई में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर कबूतरबाजी और विदेश में नौकरी दिलाकर ठगी करने वाले गिरोह का दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने चार शातिर ठगों को गिरफ्तार कर उनसे 48 पासपोर्ट के साथ लगभग तीन लाख रुपये नगद बरामद किया है. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों सुब्रत साहू उर्फ अभिषेक, कौशल सिंह, अनिल नायक उर्फ राहुल और नितिन राठौड़ उर्फ सूरज को गिरफ्तार किया है. यह सभी पॉश एरिया में आलीशान दफ्तर खोलकर इश्तहार देकर कबूतरबाजी का काला कारोबार कर रहे थे. साथ ही यह उन युवाओं को भी ठगते थे जिनको नौकरी की तलाश थी. वे लड़कों को दुबई सहित कई देशों में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे लाखों की रकम ऐंठ लेते थे. दिल्ली के कालकाजी थाने में कई शिकायतें आईं, जिसके बाद थाने की पुलिस सक्रिय हुई. मामले की जांच की तो पाया कि लगभग तीन दर्जन लोगों को यह शातिर गैंग ठग चुकी है. बिहार और यूपी से आकर कई लोग इन्हें पैसे देते थे, इस उम्मीद में कि दुबई में अच्छी नौकरी मिल जाएगी और जिंदगी अच्छी बीतेगी. लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिन्हें वे अपना पासपोर्ट और कैश दे रहे हैं वह एक ठगों की बड़ी गैंग है.   जब्त किए गए पासपोर्ट टिप्पणियां साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के कालकाजी थाने की पुलिस टीम ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया और चार लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही उनसे 48 ओरिजनल पासपोर्ट और तीन लाख कैश भी बरामद किया गया है. पुलिस अभी उन लोगों से भी बातचीत कर रही है जिनके पासपोर्ट इन कबूतरबाजों के कब्जे से बरामद हुए हैं .   पुलिस की मानें तो इस गैंग ने कई ऐसे लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया है जिन्हें विदेश जाने के बारे में कुछ भी पता नहीं था. पुलिस अब इन गिरफ्तार शातिर ठगों के विदेशी कनेक्शन की भी तफ्तीश में जुटी हुई है. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों सुब्रत साहू उर्फ अभिषेक, कौशल सिंह, अनिल नायक उर्फ राहुल और नितिन राठौड़ उर्फ सूरज को गिरफ्तार किया है. यह सभी पॉश एरिया में आलीशान दफ्तर खोलकर इश्तहार देकर कबूतरबाजी का काला कारोबार कर रहे थे. साथ ही यह उन युवाओं को भी ठगते थे जिनको नौकरी की तलाश थी. वे लड़कों को दुबई सहित कई देशों में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे लाखों की रकम ऐंठ लेते थे. दिल्ली के कालकाजी थाने में कई शिकायतें आईं, जिसके बाद थाने की पुलिस सक्रिय हुई. मामले की जांच की तो पाया कि लगभग तीन दर्जन लोगों को यह शातिर गैंग ठग चुकी है. बिहार और यूपी से आकर कई लोग इन्हें पैसे देते थे, इस उम्मीद में कि दुबई में अच्छी नौकरी मिल जाएगी और जिंदगी अच्छी बीतेगी. लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिन्हें वे अपना पासपोर्ट और कैश दे रहे हैं वह एक ठगों की बड़ी गैंग है.   जब्त किए गए पासपोर्ट टिप्पणियां साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के कालकाजी थाने की पुलिस टीम ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया और चार लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही उनसे 48 ओरिजनल पासपोर्ट और तीन लाख कैश भी बरामद किया गया है. पुलिस अभी उन लोगों से भी बातचीत कर रही है जिनके पासपोर्ट इन कबूतरबाजों के कब्जे से बरामद हुए हैं .   पुलिस की मानें तो इस गैंग ने कई ऐसे लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया है जिन्हें विदेश जाने के बारे में कुछ भी पता नहीं था. पुलिस अब इन गिरफ्तार शातिर ठगों के विदेशी कनेक्शन की भी तफ्तीश में जुटी हुई है. बिहार और यूपी से आकर कई लोग इन्हें पैसे देते थे, इस उम्मीद में कि दुबई में अच्छी नौकरी मिल जाएगी और जिंदगी अच्छी बीतेगी. लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिन्हें वे अपना पासपोर्ट और कैश दे रहे हैं वह एक ठगों की बड़ी गैंग है.   जब्त किए गए पासपोर्ट टिप्पणियां साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के कालकाजी थाने की पुलिस टीम ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया और चार लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही उनसे 48 ओरिजनल पासपोर्ट और तीन लाख कैश भी बरामद किया गया है. पुलिस अभी उन लोगों से भी बातचीत कर रही है जिनके पासपोर्ट इन कबूतरबाजों के कब्जे से बरामद हुए हैं .   पुलिस की मानें तो इस गैंग ने कई ऐसे लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया है जिन्हें विदेश जाने के बारे में कुछ भी पता नहीं था. पुलिस अब इन गिरफ्तार शातिर ठगों के विदेशी कनेक्शन की भी तफ्तीश में जुटी हुई है. साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के कालकाजी थाने की पुलिस टीम ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया और चार लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही उनसे 48 ओरिजनल पासपोर्ट और तीन लाख कैश भी बरामद किया गया है. पुलिस अभी उन लोगों से भी बातचीत कर रही है जिनके पासपोर्ट इन कबूतरबाजों के कब्जे से बरामद हुए हैं .   पुलिस की मानें तो इस गैंग ने कई ऐसे लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया है जिन्हें विदेश जाने के बारे में कुछ भी पता नहीं था. पुलिस अब इन गिरफ्तार शातिर ठगों के विदेशी कनेक्शन की भी तफ्तीश में जुटी हुई है. पुलिस की मानें तो इस गैंग ने कई ऐसे लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया है जिन्हें विदेश जाने के बारे में कुछ भी पता नहीं था. पुलिस अब इन गिरफ्तार शातिर ठगों के विदेशी कनेक्शन की भी तफ्तीश में जुटी हुई है.
यह एक सारांश है: 48 पासपोर्ट के साथ लगभग तीन लाख रुपये नगद बरामद युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर भी ठगा आलीशान दफ्तर खोलकर चला रहे थे गोरखधंधा
2
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिडडे मील (दोपहर का भोजन) योजना के अंतर्गत एक बेहतरीन प्रयोग किया गया है, जिसके अनुसार स्कूलों को अब अपने खुद के बगीचे बनाने होंगे, ताकि उसमें सब्जियां व फल उगाएं जा सकें. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने प्रत्येक सरकारी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कक्षा आठवीं तक मिलने वाले दोपहर के भोजन में बगीचे में उगाई गई एक सब्जी या फल शामिल करना अनिर्वाय होगा.  शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "जब बच्चों को कड़ी मेहनत करके सब्जियां उगाने को कहा जाएगा और बाद में उन्हें वही खाने में परोसी जाएगी, उन्हें उसका स्वाद एकदम अलग प्रतीक होगा, क्योंकि वह उस भोजन के प्रति पहले से ही लगाव विकसित कर चुके होंगे." योजना के पीछे सीधा सा विचार दोपहर के भोजन में पोषक मूल्य को बढ़ावा देना और बच्चों को पौधों, सब्जियों और फलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है.  मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार, जिन विद्यालयों के पास प्र्याप्त भूमि नहीं है वह टेरिस गार्डन, पॉर्ट, कंटेनर और बैग का इस्तेमाल कर के फल और सब्जियां उगा सकते हैं. बगीचे की देखरेख बच्चों को ही करनी होगी, जिसके लिए वह विद्यालय के स्टाफ और शिक्षकों से मदद ले सकते हैं.  उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा, "मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को प्रतिवर्ष पांच हजार रुपये प्रदान करेगा. हर विद्यालय को क्षेत्र में होने वाले फल सब्जियों को लेकर अपनी योजना इसके लिए प्रस्तुत करनी होगी."
यहाँ एक सारांश है:सरकारी स्कूलों में मिडडे मील के लिए बच्चों को सब्जियां व फल उगाने होंगे. MHRDइसके लिए प्रत्येक विद्यालय को प्रतिवर्ष पांच हजार रुपये प्रदान करेगा. MHRD ने स्कूलों को इसके संबंध में निर्देश दिया है.
17
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा मार्च में एक अंग्रेजी पत्रिका को दिए गए इंटरव्यू को देखकर पता चलता है कि उन्हें इस बात की भनक थी कि जनवरी के मध्य में सेना की दो इकाइयों द्वारा दिल्ली की ओर बढ़ने के अभ्यास को लेकर खबरें पक रही थीं। जनरल सिंह ने 13 मार्च को 'द वीक' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा था, 'मान लीजिए, हमारी एक कोर या डिवीजन या ब्रिगेड अभ्यास कर रही है तो कोई कहेगा कि ओह, उन्होंने अभ्यास किया। यह अभ्यास नहीं था, वे कुछ और करना चाहते थे।' उन्होंने कहा, 'अब आप इससे एक खबर बनाएंगे। इन दिनों कई लोग अपने खराब मकसद से खबरें बनाना चाहते हैं।' सेना प्रमुख ने आलोचनात्मक लहजे में कहा कि आज एक पत्रकार के लिए खराब खबर ही अच्छी खबर है वहीं अच्छी खबर का महत्व ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को कोई संदेह है तो उसे आना चाहिए और हमारा सामना करना चाहिए। वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि वे गलत हैं।टिप्पणियां उस इंटरव्यू में जनरल सिंह ने यह भी कहा था कि सेना पेशेवर काम कर रही है लेकिन वर्दी और बिना वर्दी वाले दोनों तरह के लोग हैं, कुछ सरकारी सेवक हैं जिनके अपने निहित स्वार्थ हैं। वे सभी खराब चीजों को हवा देना शुरू कर देते हैं। जनरल ने कहा था, 'आप उन्हें (पत्रकारों को) कुछ दिलचस्प बताते हैं तो यह पहले पन्ने पर आ जाता है और कोई भी यह तक नहीं देखता कि इसमें कोई सचाई है या नहीं। ऐसा हो चुका होता है। यानी आपने पहले ही किसी पर कीचड़ उछाल दी। कई सारे ऐसे लोग हैं जो यह कर रहे हैं और मुझे नहीं पता कि उनका क्या मकसद है।' पिछले महीने दिए गए सेना प्रमुख के यह बयान बुधवार को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित उस खबर के मद्देनजर अहम हैं, जिसमें कहा गया था कि सेना की दो इकाइयों ने 16.17 जनवरी की रात को दिल्ली की ओर असामान्य तरीके से कूच कर दिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस खबर को ‘डर फैलाने’ वाली बता कर खारिज किया, वहीं रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इन्हें बेबुनियाद कहा। सेना प्रमुख ने आज इसे 'मूखर्तापूर्ण' खबर बताया। जनरल सिंह ने 13 मार्च को 'द वीक' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा था, 'मान लीजिए, हमारी एक कोर या डिवीजन या ब्रिगेड अभ्यास कर रही है तो कोई कहेगा कि ओह, उन्होंने अभ्यास किया। यह अभ्यास नहीं था, वे कुछ और करना चाहते थे।' उन्होंने कहा, 'अब आप इससे एक खबर बनाएंगे। इन दिनों कई लोग अपने खराब मकसद से खबरें बनाना चाहते हैं।' सेना प्रमुख ने आलोचनात्मक लहजे में कहा कि आज एक पत्रकार के लिए खराब खबर ही अच्छी खबर है वहीं अच्छी खबर का महत्व ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को कोई संदेह है तो उसे आना चाहिए और हमारा सामना करना चाहिए। वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि वे गलत हैं।टिप्पणियां उस इंटरव्यू में जनरल सिंह ने यह भी कहा था कि सेना पेशेवर काम कर रही है लेकिन वर्दी और बिना वर्दी वाले दोनों तरह के लोग हैं, कुछ सरकारी सेवक हैं जिनके अपने निहित स्वार्थ हैं। वे सभी खराब चीजों को हवा देना शुरू कर देते हैं। जनरल ने कहा था, 'आप उन्हें (पत्रकारों को) कुछ दिलचस्प बताते हैं तो यह पहले पन्ने पर आ जाता है और कोई भी यह तक नहीं देखता कि इसमें कोई सचाई है या नहीं। ऐसा हो चुका होता है। यानी आपने पहले ही किसी पर कीचड़ उछाल दी। कई सारे ऐसे लोग हैं जो यह कर रहे हैं और मुझे नहीं पता कि उनका क्या मकसद है।' पिछले महीने दिए गए सेना प्रमुख के यह बयान बुधवार को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित उस खबर के मद्देनजर अहम हैं, जिसमें कहा गया था कि सेना की दो इकाइयों ने 16.17 जनवरी की रात को दिल्ली की ओर असामान्य तरीके से कूच कर दिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस खबर को ‘डर फैलाने’ वाली बता कर खारिज किया, वहीं रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इन्हें बेबुनियाद कहा। सेना प्रमुख ने आज इसे 'मूखर्तापूर्ण' खबर बताया। सेना प्रमुख ने आलोचनात्मक लहजे में कहा कि आज एक पत्रकार के लिए खराब खबर ही अच्छी खबर है वहीं अच्छी खबर का महत्व ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को कोई संदेह है तो उसे आना चाहिए और हमारा सामना करना चाहिए। वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि वे गलत हैं।टिप्पणियां उस इंटरव्यू में जनरल सिंह ने यह भी कहा था कि सेना पेशेवर काम कर रही है लेकिन वर्दी और बिना वर्दी वाले दोनों तरह के लोग हैं, कुछ सरकारी सेवक हैं जिनके अपने निहित स्वार्थ हैं। वे सभी खराब चीजों को हवा देना शुरू कर देते हैं। जनरल ने कहा था, 'आप उन्हें (पत्रकारों को) कुछ दिलचस्प बताते हैं तो यह पहले पन्ने पर आ जाता है और कोई भी यह तक नहीं देखता कि इसमें कोई सचाई है या नहीं। ऐसा हो चुका होता है। यानी आपने पहले ही किसी पर कीचड़ उछाल दी। कई सारे ऐसे लोग हैं जो यह कर रहे हैं और मुझे नहीं पता कि उनका क्या मकसद है।' पिछले महीने दिए गए सेना प्रमुख के यह बयान बुधवार को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित उस खबर के मद्देनजर अहम हैं, जिसमें कहा गया था कि सेना की दो इकाइयों ने 16.17 जनवरी की रात को दिल्ली की ओर असामान्य तरीके से कूच कर दिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस खबर को ‘डर फैलाने’ वाली बता कर खारिज किया, वहीं रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इन्हें बेबुनियाद कहा। सेना प्रमुख ने आज इसे 'मूखर्तापूर्ण' खबर बताया। उस इंटरव्यू में जनरल सिंह ने यह भी कहा था कि सेना पेशेवर काम कर रही है लेकिन वर्दी और बिना वर्दी वाले दोनों तरह के लोग हैं, कुछ सरकारी सेवक हैं जिनके अपने निहित स्वार्थ हैं। वे सभी खराब चीजों को हवा देना शुरू कर देते हैं। जनरल ने कहा था, 'आप उन्हें (पत्रकारों को) कुछ दिलचस्प बताते हैं तो यह पहले पन्ने पर आ जाता है और कोई भी यह तक नहीं देखता कि इसमें कोई सचाई है या नहीं। ऐसा हो चुका होता है। यानी आपने पहले ही किसी पर कीचड़ उछाल दी। कई सारे ऐसे लोग हैं जो यह कर रहे हैं और मुझे नहीं पता कि उनका क्या मकसद है।' पिछले महीने दिए गए सेना प्रमुख के यह बयान बुधवार को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित उस खबर के मद्देनजर अहम हैं, जिसमें कहा गया था कि सेना की दो इकाइयों ने 16.17 जनवरी की रात को दिल्ली की ओर असामान्य तरीके से कूच कर दिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस खबर को ‘डर फैलाने’ वाली बता कर खारिज किया, वहीं रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इन्हें बेबुनियाद कहा। सेना प्रमुख ने आज इसे 'मूखर्तापूर्ण' खबर बताया। पिछले महीने दिए गए सेना प्रमुख के यह बयान बुधवार को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित उस खबर के मद्देनजर अहम हैं, जिसमें कहा गया था कि सेना की दो इकाइयों ने 16.17 जनवरी की रात को दिल्ली की ओर असामान्य तरीके से कूच कर दिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस खबर को ‘डर फैलाने’ वाली बता कर खारिज किया, वहीं रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इन्हें बेबुनियाद कहा। सेना प्रमुख ने आज इसे 'मूखर्तापूर्ण' खबर बताया।
यहाँ एक सारांश है:सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा मार्च में एक अंग्रेजी पत्रिका को दिए गए इंटरव्यू को देखकर पता चलता है कि उन्हें इस बात की भनक थी कि जनवरी के मध्य में सेना की दो इकाइयों द्वारा दिल्ली की ओर बढ़ने के अभ्यास को लेकर खबरें पक रही थीं।
4
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: भारत को सुल्तान अजलान शाह कप हॉकी टूर्नामेंट में लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा है। शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के हाथों मात खाने वाली भारतीय टीम रविवार को अपने दूसरे लीग मैच में दक्षिण कोरिया के हाथों 1-2 से हार गई। ऑस्ट्रेलिया ने पहले मैच में भारत की युवा टीम को 4-3 से हराया था। ऐसी उम्मीद थी कि भारत अपने दूसरे मैच में जीत हासिल करते हुए खाता खोलेगा लेकिन दानिश मुज्तबा के नेतृत्व में खेल रही युवा टीम उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। भारत के लिए मैच का एकमात्र गोल मलाक सिंह ने 38वें मिनट में किया। मलाक का यह टूर्नामेंट में दूसरा गोल है। दक्षिण कोरिया के लिए कांग मून क्वेन ने 28वें और 60वें मिनट में गोल दागे। इससे पहले, दिन के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपने दूसरे लीग मैच में पाकिस्तान को 6-0 से हरा दिया। टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया की यह लगातार दूसरी जीत है जबकि पाकिस्तान को पहली हार मिली है। पाकिस्तान ने अपने पहले मैच में शनिवार को न्यूजीलैंड पर 4-3 के अंतर से जीत दर्ज की थी। शनिवार को तीसरे मैच में मेजबान मलेशिया ने कोरिया को 3-2 से हराया था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले मैच में भारत की युवा टीम को 4-3 से हराया था। ऐसी उम्मीद थी कि भारत अपने दूसरे मैच में जीत हासिल करते हुए खाता खोलेगा लेकिन दानिश मुज्तबा के नेतृत्व में खेल रही युवा टीम उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। भारत के लिए मैच का एकमात्र गोल मलाक सिंह ने 38वें मिनट में किया। मलाक का यह टूर्नामेंट में दूसरा गोल है। दक्षिण कोरिया के लिए कांग मून क्वेन ने 28वें और 60वें मिनट में गोल दागे। इससे पहले, दिन के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपने दूसरे लीग मैच में पाकिस्तान को 6-0 से हरा दिया। टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया की यह लगातार दूसरी जीत है जबकि पाकिस्तान को पहली हार मिली है। पाकिस्तान ने अपने पहले मैच में शनिवार को न्यूजीलैंड पर 4-3 के अंतर से जीत दर्ज की थी। शनिवार को तीसरे मैच में मेजबान मलेशिया ने कोरिया को 3-2 से हराया था। भारत के लिए मैच का एकमात्र गोल मलाक सिंह ने 38वें मिनट में किया। मलाक का यह टूर्नामेंट में दूसरा गोल है। दक्षिण कोरिया के लिए कांग मून क्वेन ने 28वें और 60वें मिनट में गोल दागे। इससे पहले, दिन के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपने दूसरे लीग मैच में पाकिस्तान को 6-0 से हरा दिया। टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया की यह लगातार दूसरी जीत है जबकि पाकिस्तान को पहली हार मिली है। पाकिस्तान ने अपने पहले मैच में शनिवार को न्यूजीलैंड पर 4-3 के अंतर से जीत दर्ज की थी। शनिवार को तीसरे मैच में मेजबान मलेशिया ने कोरिया को 3-2 से हराया था। इससे पहले, दिन के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपने दूसरे लीग मैच में पाकिस्तान को 6-0 से हरा दिया। टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया की यह लगातार दूसरी जीत है जबकि पाकिस्तान को पहली हार मिली है। पाकिस्तान ने अपने पहले मैच में शनिवार को न्यूजीलैंड पर 4-3 के अंतर से जीत दर्ज की थी। शनिवार को तीसरे मैच में मेजबान मलेशिया ने कोरिया को 3-2 से हराया था। ऑस्ट्रेलिया की यह लगातार दूसरी जीत है जबकि पाकिस्तान को पहली हार मिली है। पाकिस्तान ने अपने पहले मैच में शनिवार को न्यूजीलैंड पर 4-3 के अंतर से जीत दर्ज की थी। शनिवार को तीसरे मैच में मेजबान मलेशिया ने कोरिया को 3-2 से हराया था। शनिवार को तीसरे मैच में मेजबान मलेशिया ने कोरिया को 3-2 से हराया था।
संक्षिप्त पाठ: भारत को सुल्तान अजलान शाह कप हॉकी टूर्नामेंट में लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा है। शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के हाथों मात खाने वाली भारतीय टीम रविवार को अपने दूसरे लीग मैच में दक्षिण कोरिया के हाथों 1-2 से हार गई।
22
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: बॉलीवुड के फेमस कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा (Remo D'souza) पर हाल ही में धोखाधड़ी का आरोप लगा है. रेमो डिसूजा के खिलाफ गाजियाबाद मेजिस्ट्रेट कोर्ट ने गैर- जमानती वारेंट जारी किया है. बता दें, साल 2016 में बिजनेसमैन सत्येंद्र त्यागी ने रेमो डिसूजा पर उनसे फिल्म बनाने के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद उन्होंने रेमो (Remo D'souza) के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया था. गाजियाबाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कई बार तलब किया, हालांकि रेमो एक बार भी वहां नहीं पहुंचे. पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक गैर- जमानती वारेंट जारी होने के बाद उन्होंने बॉम्बे हाई में अंतरिम राहत के लिए अपील की. हालांकि रेमो डिसूजा (Remo D'souza) की इस अपील को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने खारिज कर दिया. बता दें, मुंबई पुलिस को अभी तक रेमो डिसूजा के खिलाफ वारेंट नहीं मिला है, जिस वजह से अभी तक उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है. सत्येंद्र त्यागी ने साल 2016 में रेमो पर फिल्म 'अमर मस्ट डाई (Amar Must Die)' बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया था.  त्यागी ने अपनी शिकायत में कहा था कि रेमो (Remo D'souza) ने उनसे वादा किया था कि इस इंवेस्टमेंट के वह दुगने पैसे देंगे. हालांकि उन्होंने ऐसा नहीं किया. वहीं, अगर वर्क फ्रंट की बात करें, तो जल्द ही रेमो डिसूजा स्ट्रीट डांसर 3 डी (Street Dancer 3D) फिल्म में नजर आने वाले हैं. इसके अलावा वह डांस रियलिटी शो 'डांस प्लस 5 (Dance Plus 5)' में बतौर जज भी नजर आएंगे.
यहाँ एक सारांश है:कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा के खिलाफ गैर-जमानती वारेंंट हुआ जारी बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज की अंतरिम राहत की अपील 2016 में दर्ज हुआ था केस
17
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके सरकारी आवास पर रविवार को भोजन पर मुलाकात की। यह पूछे जाने पर कि क्या यह मुलाकात 22 नवम्बर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से सम्बंधित थी, मायावती ने इससे इनकार कर दिया। मायावती ने कहा, "इस तरह की मुलाकातें होती रहती हैं। संसद का सत्र शुरू होने वाला है। इस दोपहर भोज को सत्र से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।" उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "उत्तर प्रदेश में जब हमारी सरकार थी, तब भी मैं प्रधानमंत्री से मिलती रहती थी। उस दौरान भी मुझे भोजन पर आमंत्रित किया गया था।"टिप्पणियां यह पूछे जाने पर कि क्या बसपा बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर कांग्रेस का समर्थन करेगी, उन्होंने कहा, "अक्टूबर में मैंने एक रैली की थी, और मुझे इस मुद्दे पर जो कहना है, उसी समय मैंने कह दिया था।" ज्ञात हो कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन जारी है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह मुलाकात 22 नवम्बर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से सम्बंधित थी, मायावती ने इससे इनकार कर दिया। मायावती ने कहा, "इस तरह की मुलाकातें होती रहती हैं। संसद का सत्र शुरू होने वाला है। इस दोपहर भोज को सत्र से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।" उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "उत्तर प्रदेश में जब हमारी सरकार थी, तब भी मैं प्रधानमंत्री से मिलती रहती थी। उस दौरान भी मुझे भोजन पर आमंत्रित किया गया था।"टिप्पणियां यह पूछे जाने पर कि क्या बसपा बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर कांग्रेस का समर्थन करेगी, उन्होंने कहा, "अक्टूबर में मैंने एक रैली की थी, और मुझे इस मुद्दे पर जो कहना है, उसी समय मैंने कह दिया था।" ज्ञात हो कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन जारी है। मायावती ने कहा, "इस तरह की मुलाकातें होती रहती हैं। संसद का सत्र शुरू होने वाला है। इस दोपहर भोज को सत्र से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।" उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "उत्तर प्रदेश में जब हमारी सरकार थी, तब भी मैं प्रधानमंत्री से मिलती रहती थी। उस दौरान भी मुझे भोजन पर आमंत्रित किया गया था।"टिप्पणियां यह पूछे जाने पर कि क्या बसपा बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर कांग्रेस का समर्थन करेगी, उन्होंने कहा, "अक्टूबर में मैंने एक रैली की थी, और मुझे इस मुद्दे पर जो कहना है, उसी समय मैंने कह दिया था।" ज्ञात हो कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन जारी है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "उत्तर प्रदेश में जब हमारी सरकार थी, तब भी मैं प्रधानमंत्री से मिलती रहती थी। उस दौरान भी मुझे भोजन पर आमंत्रित किया गया था।"टिप्पणियां यह पूछे जाने पर कि क्या बसपा बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर कांग्रेस का समर्थन करेगी, उन्होंने कहा, "अक्टूबर में मैंने एक रैली की थी, और मुझे इस मुद्दे पर जो कहना है, उसी समय मैंने कह दिया था।" ज्ञात हो कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन जारी है। यह पूछे जाने पर कि क्या बसपा बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर कांग्रेस का समर्थन करेगी, उन्होंने कहा, "अक्टूबर में मैंने एक रैली की थी, और मुझे इस मुद्दे पर जो कहना है, उसी समय मैंने कह दिया था।" ज्ञात हो कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन जारी है। ज्ञात हो कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन जारी है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके सरकारी आवास पर रविवार को भोजन पर मुलाकात की।
3
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: फिल्मों के प्रमोशन के लिए नई−नई तरकीबें अपनाना इन दिनों फैशन बन गया है... आमिर खान अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए कभी बनारस की गलियों में भटकते हैं, कभी पटना के ऑटोरिक्शा वाले की शादी में पहुंचकर ध्यान खींच लेते हैं... इसी तरह नई फिल्म 'बोल बच्चन' की टीम ने भी रिलीज़ से ऐन पहले प्रमोशन और मार्केटिंग को एक नया आयाम दे दिया है... फिल्म के सितारे अजय देवगन और अभिषेक बच्चन तथा निर्देशक रोहित शेट्टी की टीम फिल्म की खातिर दिल्ली में मास्टर चंदगीराम के अखाड़े में पहुंच गई और सुर्खियां बटोर लीं... बॉलीवुड वालों का यह नया दांव भले ही उन्हें जिता पाए या नहीं, लेकिन ओलिम्पिक के मौसम में कुश्ती के खेल को तवज्जो दिलाने में कामयाब रहा... वैसे अखाड़े की परम्परा के मुताबिक इन सितारों का खूब जमकर स्वागत भी किया गया, और खासकर, छोटे बच्चों में ग़ज़ब का उत्साह देखने को मिला... लेकिन अब इस प्रमोशन कैम्पेन को मिल रहे मीडिया कवरेज से शायद भारतीय कुश्ती में ग्लैमर का रंग भरने की शुरुआत हो गई है... हालांकि इसी अखाड़े से निकलकर सोनिका कालीरमन जैसी एथलीटों ने खूब नाम कमाया है, बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार के 'फीयर फैक्टर - खतरों के खिलाड़ी' और 'बिग बॉस' जैसे रिएलिटी शो में आकर नाम भी बटोरा, लेकिन इन सबकी बड़ी वजह उनकी काबिलियत के अलावा खुद उनका ग्लैमरस होना भी रहा... अखाड़े में मरहूम मास्टर चंदगीराम की कई तस्वीरें उस मौके का गवाह बनी रहीं... वर्ष 1970 के बैंकॉक एशियाड में स्वर्ण पदक विजेता मास्टर चंदगीराम अपने जीते−जी भारत में महिला कुश्ती के भी हीरो बने रहे... अपने बेटे और बेटियों को इस खेल में लगाकर वह भरोसा करते रहे कि इस खेल के दिन ज़रूर लौटेंगे... सो, आज अगर इन सितारों को चंदगीराम देखते, तो बेहद खुश होते... मैदान में पहुंचे बिना किसी भी खेल की रूह को महसूस करना मुमकिन नहीं होता... अजय देवगन ने बताया कि बचपन में वह भी कभी−कभी कुश्ती किया करते थे, इसलिए वह समझते हैं कि इस खेल का एक अलग ही नशा है... अजय ने कहा, कुश्ती की दुनिया बिल्कुल अलग है, और मैं मानता हूं कि कुश्ती को उसका वह हक नहीं मिला, जो दूसरे स्पोर्ट्स को मिलता रहा है...टिप्पणियां इस खेल को लेकर ये स्टार संजीदा दिखाई दे रहे थे, और इसे एक अच्छी पहल मानना चाहिए... अभिषेक बच्चन को क्रिकेट बहुत पसंद है, और वह आईपीएल की मुंबई इंडियन्स टीम के बड़े फ़ैन हैं, लेकिन अखाड़े में पहुंचकर वह भी कुश्ती से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके... कुश्ती के जोश में उन्होंने ओलिम्पिक में फिर भारतीय पहलवानों से पदक जीतने की उम्मीद जताई... अभिषेक ने कहा, पिछली बार भी कुश्ती ने पदक जीता था, और इस बार भी अगस्त में हम ओलिम्पिक पदक ज़रूर जीतेंगे... 'बोल बच्चन' में अजय देवगन ने एक पहलवान का किरदार निभाया है, इसलिए फिल्म के प्रमोटर्स इसे अखाड़ों में भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं... फिल्म से कुश्ती को फौरन फायदा पहुंचे, न पहुंचे, लेकिन फिल्म की टीम को पता है कि गांवों और छोटे शहरों में कुश्ती के लाखों दीवाने हैं और 100 करोड़ के क्लब में पहुंचने के लक्ष्य के चलते उन्होंने अखाड़ों को भी भुनाने की योजना बनाई है... बॉलीवुड वालों का यह नया दांव भले ही उन्हें जिता पाए या नहीं, लेकिन ओलिम्पिक के मौसम में कुश्ती के खेल को तवज्जो दिलाने में कामयाब रहा... वैसे अखाड़े की परम्परा के मुताबिक इन सितारों का खूब जमकर स्वागत भी किया गया, और खासकर, छोटे बच्चों में ग़ज़ब का उत्साह देखने को मिला... लेकिन अब इस प्रमोशन कैम्पेन को मिल रहे मीडिया कवरेज से शायद भारतीय कुश्ती में ग्लैमर का रंग भरने की शुरुआत हो गई है... हालांकि इसी अखाड़े से निकलकर सोनिका कालीरमन जैसी एथलीटों ने खूब नाम कमाया है, बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार के 'फीयर फैक्टर - खतरों के खिलाड़ी' और 'बिग बॉस' जैसे रिएलिटी शो में आकर नाम भी बटोरा, लेकिन इन सबकी बड़ी वजह उनकी काबिलियत के अलावा खुद उनका ग्लैमरस होना भी रहा... अखाड़े में मरहूम मास्टर चंदगीराम की कई तस्वीरें उस मौके का गवाह बनी रहीं... वर्ष 1970 के बैंकॉक एशियाड में स्वर्ण पदक विजेता मास्टर चंदगीराम अपने जीते−जी भारत में महिला कुश्ती के भी हीरो बने रहे... अपने बेटे और बेटियों को इस खेल में लगाकर वह भरोसा करते रहे कि इस खेल के दिन ज़रूर लौटेंगे... सो, आज अगर इन सितारों को चंदगीराम देखते, तो बेहद खुश होते... मैदान में पहुंचे बिना किसी भी खेल की रूह को महसूस करना मुमकिन नहीं होता... अजय देवगन ने बताया कि बचपन में वह भी कभी−कभी कुश्ती किया करते थे, इसलिए वह समझते हैं कि इस खेल का एक अलग ही नशा है... अजय ने कहा, कुश्ती की दुनिया बिल्कुल अलग है, और मैं मानता हूं कि कुश्ती को उसका वह हक नहीं मिला, जो दूसरे स्पोर्ट्स को मिलता रहा है...टिप्पणियां इस खेल को लेकर ये स्टार संजीदा दिखाई दे रहे थे, और इसे एक अच्छी पहल मानना चाहिए... अभिषेक बच्चन को क्रिकेट बहुत पसंद है, और वह आईपीएल की मुंबई इंडियन्स टीम के बड़े फ़ैन हैं, लेकिन अखाड़े में पहुंचकर वह भी कुश्ती से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके... कुश्ती के जोश में उन्होंने ओलिम्पिक में फिर भारतीय पहलवानों से पदक जीतने की उम्मीद जताई... अभिषेक ने कहा, पिछली बार भी कुश्ती ने पदक जीता था, और इस बार भी अगस्त में हम ओलिम्पिक पदक ज़रूर जीतेंगे... 'बोल बच्चन' में अजय देवगन ने एक पहलवान का किरदार निभाया है, इसलिए फिल्म के प्रमोटर्स इसे अखाड़ों में भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं... फिल्म से कुश्ती को फौरन फायदा पहुंचे, न पहुंचे, लेकिन फिल्म की टीम को पता है कि गांवों और छोटे शहरों में कुश्ती के लाखों दीवाने हैं और 100 करोड़ के क्लब में पहुंचने के लक्ष्य के चलते उन्होंने अखाड़ों को भी भुनाने की योजना बनाई है... हालांकि इसी अखाड़े से निकलकर सोनिका कालीरमन जैसी एथलीटों ने खूब नाम कमाया है, बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार के 'फीयर फैक्टर - खतरों के खिलाड़ी' और 'बिग बॉस' जैसे रिएलिटी शो में आकर नाम भी बटोरा, लेकिन इन सबकी बड़ी वजह उनकी काबिलियत के अलावा खुद उनका ग्लैमरस होना भी रहा... अखाड़े में मरहूम मास्टर चंदगीराम की कई तस्वीरें उस मौके का गवाह बनी रहीं... वर्ष 1970 के बैंकॉक एशियाड में स्वर्ण पदक विजेता मास्टर चंदगीराम अपने जीते−जी भारत में महिला कुश्ती के भी हीरो बने रहे... अपने बेटे और बेटियों को इस खेल में लगाकर वह भरोसा करते रहे कि इस खेल के दिन ज़रूर लौटेंगे... सो, आज अगर इन सितारों को चंदगीराम देखते, तो बेहद खुश होते... मैदान में पहुंचे बिना किसी भी खेल की रूह को महसूस करना मुमकिन नहीं होता... अजय देवगन ने बताया कि बचपन में वह भी कभी−कभी कुश्ती किया करते थे, इसलिए वह समझते हैं कि इस खेल का एक अलग ही नशा है... अजय ने कहा, कुश्ती की दुनिया बिल्कुल अलग है, और मैं मानता हूं कि कुश्ती को उसका वह हक नहीं मिला, जो दूसरे स्पोर्ट्स को मिलता रहा है...टिप्पणियां इस खेल को लेकर ये स्टार संजीदा दिखाई दे रहे थे, और इसे एक अच्छी पहल मानना चाहिए... अभिषेक बच्चन को क्रिकेट बहुत पसंद है, और वह आईपीएल की मुंबई इंडियन्स टीम के बड़े फ़ैन हैं, लेकिन अखाड़े में पहुंचकर वह भी कुश्ती से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके... कुश्ती के जोश में उन्होंने ओलिम्पिक में फिर भारतीय पहलवानों से पदक जीतने की उम्मीद जताई... अभिषेक ने कहा, पिछली बार भी कुश्ती ने पदक जीता था, और इस बार भी अगस्त में हम ओलिम्पिक पदक ज़रूर जीतेंगे... 'बोल बच्चन' में अजय देवगन ने एक पहलवान का किरदार निभाया है, इसलिए फिल्म के प्रमोटर्स इसे अखाड़ों में भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं... फिल्म से कुश्ती को फौरन फायदा पहुंचे, न पहुंचे, लेकिन फिल्म की टीम को पता है कि गांवों और छोटे शहरों में कुश्ती के लाखों दीवाने हैं और 100 करोड़ के क्लब में पहुंचने के लक्ष्य के चलते उन्होंने अखाड़ों को भी भुनाने की योजना बनाई है... अखाड़े में मरहूम मास्टर चंदगीराम की कई तस्वीरें उस मौके का गवाह बनी रहीं... वर्ष 1970 के बैंकॉक एशियाड में स्वर्ण पदक विजेता मास्टर चंदगीराम अपने जीते−जी भारत में महिला कुश्ती के भी हीरो बने रहे... अपने बेटे और बेटियों को इस खेल में लगाकर वह भरोसा करते रहे कि इस खेल के दिन ज़रूर लौटेंगे... सो, आज अगर इन सितारों को चंदगीराम देखते, तो बेहद खुश होते... मैदान में पहुंचे बिना किसी भी खेल की रूह को महसूस करना मुमकिन नहीं होता... अजय देवगन ने बताया कि बचपन में वह भी कभी−कभी कुश्ती किया करते थे, इसलिए वह समझते हैं कि इस खेल का एक अलग ही नशा है... अजय ने कहा, कुश्ती की दुनिया बिल्कुल अलग है, और मैं मानता हूं कि कुश्ती को उसका वह हक नहीं मिला, जो दूसरे स्पोर्ट्स को मिलता रहा है...टिप्पणियां इस खेल को लेकर ये स्टार संजीदा दिखाई दे रहे थे, और इसे एक अच्छी पहल मानना चाहिए... अभिषेक बच्चन को क्रिकेट बहुत पसंद है, और वह आईपीएल की मुंबई इंडियन्स टीम के बड़े फ़ैन हैं, लेकिन अखाड़े में पहुंचकर वह भी कुश्ती से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके... कुश्ती के जोश में उन्होंने ओलिम्पिक में फिर भारतीय पहलवानों से पदक जीतने की उम्मीद जताई... अभिषेक ने कहा, पिछली बार भी कुश्ती ने पदक जीता था, और इस बार भी अगस्त में हम ओलिम्पिक पदक ज़रूर जीतेंगे... 'बोल बच्चन' में अजय देवगन ने एक पहलवान का किरदार निभाया है, इसलिए फिल्म के प्रमोटर्स इसे अखाड़ों में भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं... फिल्म से कुश्ती को फौरन फायदा पहुंचे, न पहुंचे, लेकिन फिल्म की टीम को पता है कि गांवों और छोटे शहरों में कुश्ती के लाखों दीवाने हैं और 100 करोड़ के क्लब में पहुंचने के लक्ष्य के चलते उन्होंने अखाड़ों को भी भुनाने की योजना बनाई है... मैदान में पहुंचे बिना किसी भी खेल की रूह को महसूस करना मुमकिन नहीं होता... अजय देवगन ने बताया कि बचपन में वह भी कभी−कभी कुश्ती किया करते थे, इसलिए वह समझते हैं कि इस खेल का एक अलग ही नशा है... अजय ने कहा, कुश्ती की दुनिया बिल्कुल अलग है, और मैं मानता हूं कि कुश्ती को उसका वह हक नहीं मिला, जो दूसरे स्पोर्ट्स को मिलता रहा है...टिप्पणियां इस खेल को लेकर ये स्टार संजीदा दिखाई दे रहे थे, और इसे एक अच्छी पहल मानना चाहिए... अभिषेक बच्चन को क्रिकेट बहुत पसंद है, और वह आईपीएल की मुंबई इंडियन्स टीम के बड़े फ़ैन हैं, लेकिन अखाड़े में पहुंचकर वह भी कुश्ती से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके... कुश्ती के जोश में उन्होंने ओलिम्पिक में फिर भारतीय पहलवानों से पदक जीतने की उम्मीद जताई... अभिषेक ने कहा, पिछली बार भी कुश्ती ने पदक जीता था, और इस बार भी अगस्त में हम ओलिम्पिक पदक ज़रूर जीतेंगे... 'बोल बच्चन' में अजय देवगन ने एक पहलवान का किरदार निभाया है, इसलिए फिल्म के प्रमोटर्स इसे अखाड़ों में भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं... फिल्म से कुश्ती को फौरन फायदा पहुंचे, न पहुंचे, लेकिन फिल्म की टीम को पता है कि गांवों और छोटे शहरों में कुश्ती के लाखों दीवाने हैं और 100 करोड़ के क्लब में पहुंचने के लक्ष्य के चलते उन्होंने अखाड़ों को भी भुनाने की योजना बनाई है... इस खेल को लेकर ये स्टार संजीदा दिखाई दे रहे थे, और इसे एक अच्छी पहल मानना चाहिए... अभिषेक बच्चन को क्रिकेट बहुत पसंद है, और वह आईपीएल की मुंबई इंडियन्स टीम के बड़े फ़ैन हैं, लेकिन अखाड़े में पहुंचकर वह भी कुश्ती से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके... कुश्ती के जोश में उन्होंने ओलिम्पिक में फिर भारतीय पहलवानों से पदक जीतने की उम्मीद जताई... अभिषेक ने कहा, पिछली बार भी कुश्ती ने पदक जीता था, और इस बार भी अगस्त में हम ओलिम्पिक पदक ज़रूर जीतेंगे... 'बोल बच्चन' में अजय देवगन ने एक पहलवान का किरदार निभाया है, इसलिए फिल्म के प्रमोटर्स इसे अखाड़ों में भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं... फिल्म से कुश्ती को फौरन फायदा पहुंचे, न पहुंचे, लेकिन फिल्म की टीम को पता है कि गांवों और छोटे शहरों में कुश्ती के लाखों दीवाने हैं और 100 करोड़ के क्लब में पहुंचने के लक्ष्य के चलते उन्होंने अखाड़ों को भी भुनाने की योजना बनाई है... 'बोल बच्चन' में अजय देवगन ने एक पहलवान का किरदार निभाया है, इसलिए फिल्म के प्रमोटर्स इसे अखाड़ों में भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं... फिल्म से कुश्ती को फौरन फायदा पहुंचे, न पहुंचे, लेकिन फिल्म की टीम को पता है कि गांवों और छोटे शहरों में कुश्ती के लाखों दीवाने हैं और 100 करोड़ के क्लब में पहुंचने के लक्ष्य के चलते उन्होंने अखाड़ों को भी भुनाने की योजना बनाई है...
फिल्म की टीम को पता है कि गांवों और छोटे शहरों में कुश्ती के लाखों दीवाने हैं और 100 करोड़ के क्लब में पहुंचने के लक्ष्य के चलते उन्होंने कुश्ती की कश्ती पर सवार होने की योजना बनाई है...
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: पाटीदार समुदाय के नेताओं के साथ अमित शाह की मीटिंग में गुरुवार को उस वक्‍त अव्‍यवस्‍था उत्‍पन्‍न हो गई जब हार्दिक पटेल के समर्थकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया. हार्दिक, हार्दिक के नारे लगाए जाने लगे और कुर्सियों के साथ तोड़-फोड़ की गई. मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी के नेतृत्‍व में नवगठित मंत्रिमंडल में पटेल मंत्रियों को सम्‍मानित करने के लिए बीजेपी ने इस बड़ी रैली का आयोजन किया था, जिसमें अमित शाह हिस्‍सा लेने पहुंचे थे. अगले साल राज्‍य में चुनावों के मद्देनजर बीजेपी इस रैली के जरिये अपनी ताकत दिखाने के साथ-साथ पाटीदार समुदाय को फिर से जोड़ने की मुहिम भी कर रही थी. दरअसल पाटीदार समुदाय बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है लेकिन हालिया दौर में नौकरियों और आरक्षण की मांग के कारण राज्‍य सरकार के साथ टकराव की स्थिति में है. हंगामा खड़ा होने के बाद पुलिस को बुलाया गया और उन्‍होंने अव्‍यवस्‍था फैलाने वालों को वहां से हटाया. उसके बाद अमित शाह केवल छह मिनट ही बोले. उस दौरान करीब 20 प्रतिशत लोग ही वहां बचे थे. करीब 40 पाटीदार नेताओं को पकड़ा गया है. घटना से शर्मसार पार्टी ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार ठहराया है. राज्‍य के वरिष्‍ठ बीजेपी नेता केसी पटेल ने कहा, ''कार्यक्रम आराम से चल रहा था तभी कांग्रेस के उकसावे पर मुठ्ठी भर असामाजिक तत्‍वों ने रैली में बाधा डालने की कोशिश की.'' टिप्पणियां जब भीड़ 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगा रही थी, लगभग उसी दौरान हार्दिक पटेल (23) बीजेपी को चुनौती देते हुए कह रहे थे, ''यदि आप इस समुदाय को पीड़ा पहुंचाएंगे तो यह सरकार गिर जाएगी.''   एक फेसबुक पोस्‍ट में उन्‍होंने अमित शाह को चुनौती पेश करते हुए कहा, ''मैं आरक्षण के मसले पर पटेल समुदाय के आंदोलन से अमित शाह को दूर रहने का आग्रह कर रहा हूं. चूंकि आप इसे रोकना चाहते हैं तो इस वजह से हम आंदोलन को खत्‍म नहीं करेंगे. जब तक मैं जिन्‍दा हूं तब तक यह आंदोलन बंद नहीं होगा. और अगर आप इसे जबरन बंद करना चाहेंगे तो आपको उससे पहले मुझे मारना होगा.'' उल्‍लेखनीय है कि कई नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण ही आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनाया गया है. मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी के नेतृत्‍व में नवगठित मंत्रिमंडल में पटेल मंत्रियों को सम्‍मानित करने के लिए बीजेपी ने इस बड़ी रैली का आयोजन किया था, जिसमें अमित शाह हिस्‍सा लेने पहुंचे थे. अगले साल राज्‍य में चुनावों के मद्देनजर बीजेपी इस रैली के जरिये अपनी ताकत दिखाने के साथ-साथ पाटीदार समुदाय को फिर से जोड़ने की मुहिम भी कर रही थी. दरअसल पाटीदार समुदाय बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है लेकिन हालिया दौर में नौकरियों और आरक्षण की मांग के कारण राज्‍य सरकार के साथ टकराव की स्थिति में है. हंगामा खड़ा होने के बाद पुलिस को बुलाया गया और उन्‍होंने अव्‍यवस्‍था फैलाने वालों को वहां से हटाया. उसके बाद अमित शाह केवल छह मिनट ही बोले. उस दौरान करीब 20 प्रतिशत लोग ही वहां बचे थे. करीब 40 पाटीदार नेताओं को पकड़ा गया है. घटना से शर्मसार पार्टी ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार ठहराया है. राज्‍य के वरिष्‍ठ बीजेपी नेता केसी पटेल ने कहा, ''कार्यक्रम आराम से चल रहा था तभी कांग्रेस के उकसावे पर मुठ्ठी भर असामाजिक तत्‍वों ने रैली में बाधा डालने की कोशिश की.'' टिप्पणियां जब भीड़ 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगा रही थी, लगभग उसी दौरान हार्दिक पटेल (23) बीजेपी को चुनौती देते हुए कह रहे थे, ''यदि आप इस समुदाय को पीड़ा पहुंचाएंगे तो यह सरकार गिर जाएगी.''   एक फेसबुक पोस्‍ट में उन्‍होंने अमित शाह को चुनौती पेश करते हुए कहा, ''मैं आरक्षण के मसले पर पटेल समुदाय के आंदोलन से अमित शाह को दूर रहने का आग्रह कर रहा हूं. चूंकि आप इसे रोकना चाहते हैं तो इस वजह से हम आंदोलन को खत्‍म नहीं करेंगे. जब तक मैं जिन्‍दा हूं तब तक यह आंदोलन बंद नहीं होगा. और अगर आप इसे जबरन बंद करना चाहेंगे तो आपको उससे पहले मुझे मारना होगा.'' उल्‍लेखनीय है कि कई नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण ही आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनाया गया है. दरअसल पाटीदार समुदाय बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है लेकिन हालिया दौर में नौकरियों और आरक्षण की मांग के कारण राज्‍य सरकार के साथ टकराव की स्थिति में है. हंगामा खड़ा होने के बाद पुलिस को बुलाया गया और उन्‍होंने अव्‍यवस्‍था फैलाने वालों को वहां से हटाया. उसके बाद अमित शाह केवल छह मिनट ही बोले. उस दौरान करीब 20 प्रतिशत लोग ही वहां बचे थे. करीब 40 पाटीदार नेताओं को पकड़ा गया है. घटना से शर्मसार पार्टी ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार ठहराया है. राज्‍य के वरिष्‍ठ बीजेपी नेता केसी पटेल ने कहा, ''कार्यक्रम आराम से चल रहा था तभी कांग्रेस के उकसावे पर मुठ्ठी भर असामाजिक तत्‍वों ने रैली में बाधा डालने की कोशिश की.'' टिप्पणियां जब भीड़ 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगा रही थी, लगभग उसी दौरान हार्दिक पटेल (23) बीजेपी को चुनौती देते हुए कह रहे थे, ''यदि आप इस समुदाय को पीड़ा पहुंचाएंगे तो यह सरकार गिर जाएगी.''   एक फेसबुक पोस्‍ट में उन्‍होंने अमित शाह को चुनौती पेश करते हुए कहा, ''मैं आरक्षण के मसले पर पटेल समुदाय के आंदोलन से अमित शाह को दूर रहने का आग्रह कर रहा हूं. चूंकि आप इसे रोकना चाहते हैं तो इस वजह से हम आंदोलन को खत्‍म नहीं करेंगे. जब तक मैं जिन्‍दा हूं तब तक यह आंदोलन बंद नहीं होगा. और अगर आप इसे जबरन बंद करना चाहेंगे तो आपको उससे पहले मुझे मारना होगा.'' उल्‍लेखनीय है कि कई नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण ही आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनाया गया है. हंगामा खड़ा होने के बाद पुलिस को बुलाया गया और उन्‍होंने अव्‍यवस्‍था फैलाने वालों को वहां से हटाया. उसके बाद अमित शाह केवल छह मिनट ही बोले. उस दौरान करीब 20 प्रतिशत लोग ही वहां बचे थे. करीब 40 पाटीदार नेताओं को पकड़ा गया है. घटना से शर्मसार पार्टी ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार ठहराया है. राज्‍य के वरिष्‍ठ बीजेपी नेता केसी पटेल ने कहा, ''कार्यक्रम आराम से चल रहा था तभी कांग्रेस के उकसावे पर मुठ्ठी भर असामाजिक तत्‍वों ने रैली में बाधा डालने की कोशिश की.'' टिप्पणियां जब भीड़ 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगा रही थी, लगभग उसी दौरान हार्दिक पटेल (23) बीजेपी को चुनौती देते हुए कह रहे थे, ''यदि आप इस समुदाय को पीड़ा पहुंचाएंगे तो यह सरकार गिर जाएगी.''   एक फेसबुक पोस्‍ट में उन्‍होंने अमित शाह को चुनौती पेश करते हुए कहा, ''मैं आरक्षण के मसले पर पटेल समुदाय के आंदोलन से अमित शाह को दूर रहने का आग्रह कर रहा हूं. चूंकि आप इसे रोकना चाहते हैं तो इस वजह से हम आंदोलन को खत्‍म नहीं करेंगे. जब तक मैं जिन्‍दा हूं तब तक यह आंदोलन बंद नहीं होगा. और अगर आप इसे जबरन बंद करना चाहेंगे तो आपको उससे पहले मुझे मारना होगा.'' उल्‍लेखनीय है कि कई नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण ही आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनाया गया है. जब भीड़ 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगा रही थी, लगभग उसी दौरान हार्दिक पटेल (23) बीजेपी को चुनौती देते हुए कह रहे थे, ''यदि आप इस समुदाय को पीड़ा पहुंचाएंगे तो यह सरकार गिर जाएगी.''   एक फेसबुक पोस्‍ट में उन्‍होंने अमित शाह को चुनौती पेश करते हुए कहा, ''मैं आरक्षण के मसले पर पटेल समुदाय के आंदोलन से अमित शाह को दूर रहने का आग्रह कर रहा हूं. चूंकि आप इसे रोकना चाहते हैं तो इस वजह से हम आंदोलन को खत्‍म नहीं करेंगे. जब तक मैं जिन्‍दा हूं तब तक यह आंदोलन बंद नहीं होगा. और अगर आप इसे जबरन बंद करना चाहेंगे तो आपको उससे पहले मुझे मारना होगा.'' उल्‍लेखनीय है कि कई नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण ही आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनाया गया है. उल्‍लेखनीय है कि कई नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण ही आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनाया गया है.
संक्षिप्त सारांश: 40 पाटीदार नेताओं को पकड़ा गया अमित शाह केवल छह मिनट बोले उस दौरान काफी कम लोग वहां बचे थे
0
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में जुटी है। कुछ महीने पहले सरकार ने छात्रों को मुफ्ट लैपटॉप बांटे। अब बारी है घोषणा पत्र में किए गए सबसे विवादास्पद वादे की, जिसमें समाजवादी पार्टी ने वादा किया था कि अगर यूपी में उनकी सरकार बनी तो जिन लोगों पर आतंकवाद के झूठे मामले चल रहे हैं। उन्हें हटा लिया जाएगा।टिप्पणियां इसी के तहत यूपी की अखिलेश सरकार ने गोरखपुर सीरियल बम धमाकों के आरोपी तारिक कासिम पर लगे मामले को वापस लेने का फैसला लिया है। 2007 के गोरखपुर सीरियल बम धमाकों में छह लोग घायल हुए थे तारिक कासिम पर हूजी का सदस्य होने का आरोप है। दिसंबर 2007 में कासिम को एसटीएफ ने बाराबंकी से विस्फोटक और हथियारों समेत गिरफ्तार करने का दावा किया था। यूपी सरकार ने गोरखपुर और बाराबंकी के जिलाधिकारी से कासिम के खिलाफ केस वापस लेने और इसके लिए जिला कोर्ट में जाने को कहा है। दोनों मामलों में तारिक कासिम के खिलाफ आरोप तय होने बाकी हैं। इसी के तहत यूपी की अखिलेश सरकार ने गोरखपुर सीरियल बम धमाकों के आरोपी तारिक कासिम पर लगे मामले को वापस लेने का फैसला लिया है। 2007 के गोरखपुर सीरियल बम धमाकों में छह लोग घायल हुए थे तारिक कासिम पर हूजी का सदस्य होने का आरोप है। दिसंबर 2007 में कासिम को एसटीएफ ने बाराबंकी से विस्फोटक और हथियारों समेत गिरफ्तार करने का दावा किया था। यूपी सरकार ने गोरखपुर और बाराबंकी के जिलाधिकारी से कासिम के खिलाफ केस वापस लेने और इसके लिए जिला कोर्ट में जाने को कहा है। दोनों मामलों में तारिक कासिम के खिलाफ आरोप तय होने बाकी हैं। दिसंबर 2007 में कासिम को एसटीएफ ने बाराबंकी से विस्फोटक और हथियारों समेत गिरफ्तार करने का दावा किया था। यूपी सरकार ने गोरखपुर और बाराबंकी के जिलाधिकारी से कासिम के खिलाफ केस वापस लेने और इसके लिए जिला कोर्ट में जाने को कहा है। दोनों मामलों में तारिक कासिम के खिलाफ आरोप तय होने बाकी हैं।
संक्षिप्त पाठ: यूपी की अखिलेश सरकार ने गोरखपुर सीरियल बम धमाकों के आरोपी तारिक कासिम पर लगे मामले को वापस लेने का फैसला लिया है। धमाकों में छह लोग घायल हुए थे।
13
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने युवा तेज गेंदबाज वरुण एरॉन के तारीफों के पुल बांधे हैं। धोनी ने कहा कि एरॉन के रूप में भारतीय टीम की एक अदद तेज गेंदबाज की तलाश खत्म होती दिख रही है। एरॉन ने मुम्बई में रविवार को खेले गए चौथे एकदिवसीय मुकाबले में इंग्लैंड के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। इस दौरान सबसे प्रभावित करने करने वाली बात उनकी गेंदों की रफ्तार रही। धोनी ने मैच के बाद कहा, "मेरे लिहाज से एरॉन ने वाकई काफी तेज गति से गेंदबाजी की। यही एक चीज है, जिसकी हमें तलाश है। अगर मैं यह कहूं कि एक अदद तेज गेंदबाज की हमारी तलाश अब खत्म होती दिख रही है तो गलत नहीं होगा।" एरॉन को इंग्लैंड दौरे के लिए स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर चुना गया था लेकिन वह एक भी मैच में मौका नहीं पा सके थे। ऐसे में जबकि घरेलू श्रृंखला में भारत ने 3-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली थी, एरॉन को आखिरकार मुम्बई में अंतिम एकादश में जगह मिली। धोनी ने कहा कि वक्त बीतने के साथ झारखण्ड निवासी एरॉन ज्यादा अच्छी गेंदबाजी कर सकें लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी गेंदों की रफ्तार बरकार रखनी होगी। धोनी खुद झारखण्ड से सम्बंध रखते हैं। धोनी ने कहा, "एरॉन अभी युवा हैं। वक्त बीतने के साथ जैसे-जैसे वह अनुभव से मुखातिब होंगे, उनकी गेंदों की सटीकता बढ़ती जाएगी लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी गेंदों की रफ्तार को बरकार रखना होगा।"
संक्षिप्त सारांश: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने युवा तेज गेंदबाज वरुण एरॉन के तारीफों के पुल बांधे हैं।
0
['hin']
एक सारांश बनाओ: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या यह जरूरी है कि दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी करने पर महिला को भी पति का धर्म ही अपनाना पड़े. इतिहास में कई किस्से हैं कि दो अलग-अलग धर्मों के होने के बावजूद महिला-पुरुष ने एक-दूसरे से विवाह किया लेकिन दोनों अपने-अपने धर्म को मानते रहे. यहां सवाल महिला की अपनी पहचान का है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक पारसी महिला की याचिका पर अगस्त के पहले हफ्ते में सुनवाई करने को कहा है. दरअसल महिला ने याचिका में कहा है कि वह पारसी है लेकिन उन्होंने हिंदू से शादी की है. उनके पिता 80 साल के हैं और उन्हें पता चला कि अगर पारसी महिला दूसरे धर्म में शादी कर ले तो उसे पति के धर्म का ही मान लिया जाता है. पारसी मंदिर में पूजा के अलावा अंतिम संस्कार के लिए पारसियों के टावर आफ साइलेंस में भी प्रवेश नहीं करने दिया जाता.टिप्पणियां इसके बाद उन्होंने पारसी ट्रस्टियों से बात की तो कहा गया कि वह अब पारसी नहीं रही. स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत पति के धर्म में परिवर्तित हो गई हैं. महिला इस मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट गईं लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने सवाल उठाया कि इस मामले को देखा जाए तो यहां महिला की अपनी पहचान के दो मामले  हैं. पहला जन्म की पहचान और दूसरी शादी के बाद उसकी व्यक्तिगत पहचान.   हालांकि पारसी पंचायत की दलील थी कि यह स्पेशल मैरिज एक्ट का मामला नहीं बल्कि पारसी पर्सनल लॉ का है और यह करीब 35 सौ साल पुरानी प्रथा है. इस संबंध में सारे दस्तावेज और सबूत मौजूद हैं.  बेंच ने कहा कि ये सबूत और दस्तावेज कहां से आए हैं. इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इससे जुड़े तमाम अदालती आदेशों को भी देखना चाहिए. दरअसल महिला ने याचिका में कहा है कि वह पारसी है लेकिन उन्होंने हिंदू से शादी की है. उनके पिता 80 साल के हैं और उन्हें पता चला कि अगर पारसी महिला दूसरे धर्म में शादी कर ले तो उसे पति के धर्म का ही मान लिया जाता है. पारसी मंदिर में पूजा के अलावा अंतिम संस्कार के लिए पारसियों के टावर आफ साइलेंस में भी प्रवेश नहीं करने दिया जाता.टिप्पणियां इसके बाद उन्होंने पारसी ट्रस्टियों से बात की तो कहा गया कि वह अब पारसी नहीं रही. स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत पति के धर्म में परिवर्तित हो गई हैं. महिला इस मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट गईं लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने सवाल उठाया कि इस मामले को देखा जाए तो यहां महिला की अपनी पहचान के दो मामले  हैं. पहला जन्म की पहचान और दूसरी शादी के बाद उसकी व्यक्तिगत पहचान.   हालांकि पारसी पंचायत की दलील थी कि यह स्पेशल मैरिज एक्ट का मामला नहीं बल्कि पारसी पर्सनल लॉ का है और यह करीब 35 सौ साल पुरानी प्रथा है. इस संबंध में सारे दस्तावेज और सबूत मौजूद हैं.  बेंच ने कहा कि ये सबूत और दस्तावेज कहां से आए हैं. इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इससे जुड़े तमाम अदालती आदेशों को भी देखना चाहिए. इसके बाद उन्होंने पारसी ट्रस्टियों से बात की तो कहा गया कि वह अब पारसी नहीं रही. स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत पति के धर्म में परिवर्तित हो गई हैं. महिला इस मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट गईं लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने सवाल उठाया कि इस मामले को देखा जाए तो यहां महिला की अपनी पहचान के दो मामले  हैं. पहला जन्म की पहचान और दूसरी शादी के बाद उसकी व्यक्तिगत पहचान.   हालांकि पारसी पंचायत की दलील थी कि यह स्पेशल मैरिज एक्ट का मामला नहीं बल्कि पारसी पर्सनल लॉ का है और यह करीब 35 सौ साल पुरानी प्रथा है. इस संबंध में सारे दस्तावेज और सबूत मौजूद हैं.  बेंच ने कहा कि ये सबूत और दस्तावेज कहां से आए हैं. इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इससे जुड़े तमाम अदालती आदेशों को भी देखना चाहिए. हालांकि पारसी पंचायत की दलील थी कि यह स्पेशल मैरिज एक्ट का मामला नहीं बल्कि पारसी पर्सनल लॉ का है और यह करीब 35 सौ साल पुरानी प्रथा है. इस संबंध में सारे दस्तावेज और सबूत मौजूद हैं.  बेंच ने कहा कि ये सबूत और दस्तावेज कहां से आए हैं. इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इससे जुड़े तमाम अदालती आदेशों को भी देखना चाहिए.
सारांश: हिंदू व्यक्ति से शादी करने वाली पारसी महिला की याचिका पर सुनवाई पारसी ट्रस्टियों ने कहा कि महिला अब पारसी नहीं रही कोर्ट ने याचिका पर अगस्त के पहले हफ्ते में सुनवाई करने को कहा
5
['hin']
एक सारांश बनाओ: नरमी की आशंका के बीच वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जल्दी ही उच्च वृद्धि की ओर लौटेगी। मुखर्जी ने वित्त मंत्रालय से जुड़ी सलाहकार समिति की बैठक में कहा कि मौजूदा नरमी अस्थायी है। समिति की चालू वित्त वर्ष के दौरान यह चौथी बैठक थी। इससे पहले इस महीने सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान 7.5 फीसदी कर दिया, जो पहले नौ फीसदी था। वित्त मंत्री ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है। यूरो क्षेत्र के संकट के कारण विदेशी मांग में कमी आई है, जिससे निर्यात वृद्धि धीमी पड़ी है, मुद्रा के मूल्यांकन में उतार-चढ़ाव और चालू खाता घाटा उन कुछ कारणों में से हैं, जिनसे हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मंत्रालयों और विभागों को व्यय सीमित रखने का निर्देश जारी किया गया है। मूल्य वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 1.8 फीसदी पर आ गई है और आम तौर पर मंहगाई में कमी आई है। बचत दर भी बढ़ी है।
यह एक सारांश है: इस महीने सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान 7.5 फीसदी कर दिया, जो पहले नौ फीसदी था।
21
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (AJL) भूमि आवंटन मामले में एक अदालत ने बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी. हालांकि इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं को जमानत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने मामले में दोनों नेताओं की नियमित जमानत याचिका पर केंद्रीय एजेंसी का रुख जानने के लिए उसे नोटिस जारी किया. वहीं हुड्डा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने दोनों कांग्रेस नेताओं की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए छह नवंबर की तारीख तय की है. हुड्डा और वोरा को पांच-पांच लाख रुपए के मुचलके पर अंतरिम जमानत दी गई है. बता दें, ईडी ने अगस्त 2019 में अपना पहला आरोप पत्र दायर करके वोरा और हुड्डा पर पंचकूला में AJL को भूमि आवंटन में अनियमितता का इल्ज़ाम लगाया था. केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI)ने पहले बताया था कि अभियोजन की शिकायत चंडीगढ़ के नज़दीक पंचकूला में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के मामले देखने वाली विशेष अदालत में दायर की गई थी. एजेंसी ने अपने पहले आरोप पत्र में वोरा, हुड्डा और AJL को नामजद किया था और आरोप लगाया था कि वे अपराध से प्राप्त धन को हासिल करने और उसे रखने की प्रक्रिया और गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल थे. बता दें, वोरा राज्यसभा के सदस्य हैं और कांग्रेस के महासचिव हैं. वहीं  हुड्डा 2005 से 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पंचकूला स्थित एक प्लॉट के फिर से आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है. आरोप है कि तत्कालीन हुड्डा सरकार ने इस प्लॉट को AJL को फिर से आवंटित करने में कथित रूप से अनियमितता की. ईडी इस भूखंड को पहले ही कुर्क कर चुका है जिसकी अनुमानित कीमत 64.93 करोड़ रुपए है. इस मामले में हरियाणा में भाजपा सरकार के अनुरोध पर CBI ने प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके आधार पर 2016 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की आपराधिक शिकायत दर्ज की. वहीं CBI इस मामले में पहले ही हुड्डा और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर चुकी है. यह प्लॉट 1982 में AJL को आवंटित हुआ था.
संक्षिप्त पाठ: एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (AJL) भूमि आवंटन का था मामला जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए छह नवंबर की तारीख तय की है अदालत ने पांच-पांच लाख रुपए के मुचलके पर अंतरिम जमानत दी गई
13
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मंगलवार को जादवपुर विधानसभा क्षेत्र से मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। वह इस क्षेत्र से 1987 से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। भट्टाचार्य ने दक्षिण 24 परगना जिले के कोषागार भवन जाकर नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके सैकड़ों समर्थक नारे लगाते रहे। भट्टाचार्य नवम्बर 2000 से वाम मोर्चा सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। भट्टाचार्य के साथ कोलकाता के पूर्व महापौर बिकास रंजन भट्टाचार्य और माकपा के दक्षिण 24 परगना जिले के सचिव सुजॉन चक्रवर्ती (जादवपुर से पूर्व सांसद) भी थे। भट्टाचार्य के खिलाफ इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस के मनीष गुप्ता उम्मीदवार हैं। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी हैं और भट्टाचार्य के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। भट्टाचार्य छह बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने पहली बार 1977 में उत्तरी कोलकाता के कोसीपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी। वर्ष 1972 में इस विधानसभा सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने जादवपुर को अपना क्षेत्र बना लिया। भट्टाचार्च पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु द्वारा पद छोड़ने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।
सारांश: भट्टाचार्य ने दक्षिण 24 परगना जिले के कोषागार भवन जाकर नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके सैकड़ों समर्थक नारे लगाते रहे।
31
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा ने श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 क्रिकेट टीम के कप्तान पद से इस्तीफा दे दिया है। वह हालांकि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के आगामी दौरे पर जाने वाली टेस्ट टीम के अंतरिम कप्तान बने रहेंगे। आईसीसी विश्व कप-2011 के फाइनल में अपनी टीम को पहुंचाने वाले संगकारा बतौर खिलाड़ी क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खेलते रहेंगे। संगकारा ने यह निर्णय मंगलवार को लिया। वेबसाइट 'क्रिक इन्फो डॉट कॉम' के मुताबिक संगकारा ने एक बयान जारी कर कहा, "मैं राष्ट्रीय टीम के कप्तानी पद से इस्तीफा देता हूं। मैंने यह संकल्प विश्व कप-2011 से पहले ही ले लिया था। अगले विश्व कप तक मैं 37 वर्ष का हो जाऊंगा इसलिए मैं टीम में अपनी जगह बनाने को लेकर आश्वस्त नहीं हूं। जो भी खिलाड़ी टीम को अब सम्भालेगा उसके लिए यह बढ़िया मौका होगा कि वह उस समय तक कप्तानी में शीर्ष पर होगा।" एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 क्रिकेट टीम की कमान सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान और हरफनमौला एंजेलो मैथ्यूज में से किसी को दी जा सकती है जबकि टेस्ट टीम में संगकारा के विकल्प के रूप में थिलन समरवीरा को देखा जा रहा है। हाल में भारतीय उपमहाद्वीप में सम्पन्न हुए विश्व कप में संगकारा सर्वाधिक रन बनाने के मामले में तीसरे स्थान पर थे। इसके अलावा उन्होंने खिताबी मुकाबले में भारत के खिलाफ 48 रनों की पारी खेली थी।
यहाँ एक सारांश है:वह हालांकि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के आगामी दौरे पर जाने वाली टेस्ट टीम के अंतरिम कप्तान बने रहेंगे।
17
['hin']
एक सारांश बनाओ: इस वारदात में हमलावरों ने 40 गोलियां चलाईं थी. इस घटना से दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़ा हुआ है. इस मामले में दिल्ली के नम्बर वन वांटेड क्रिमिनल जितेंद्र गोगी का नाम सामने आया है. उस पर पांच लाख का इनाम घोषित है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जितेंद्र गोगी  के गुर्गे कपिल को गिरफ्तार कर लिया है. गोगी की तलाश जारी है वीरेंद्र मान की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी कपिल को पिछले माह ही गिरफ्तार कर लिया था. कपिल गोगी गैंग का शार्पशूटर है. उस पर आठ संगीन मामले पहले से दर्ज हैं. वीरेंद्र मान भी नरेला इलाके का घोषित बदमाश था जो बीएसपी से विधानसभा चुनाव लड़ चुका था. पुलिस के मुताबिक 2018 में कपिल के चाचा बबलू की हत्या अशोक विहार में कर दी गई थी. हत्या के आरोप में प्रवेश को गिरफ्तार किया गया था. उस मामले में वीरेंद्र ने प्रवेश की काफी मदद की थी और उसे अपनी गाड़ी भी दी थी. इसी बात से कपिल नाराज था. कपिल और वीरेंद्र एक ही गांव खेड़ा के रहने वाले हैं.
संक्षिप्त सारांश: दिल्ली के नरेला में आठ सितंबर को हुई थी हत्या की वारदात वीरेंद्र की 26 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी आरोपी कपिल गिरफ्तार, जितेंद्र गोगी की तलाश जारी
8
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सरकार की तरफ से स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं. इस पर राही ने कहा, "अगर सफाई के बारे में सोचें तो पहला काम यह होना चाहिए कि देश में सफाई करने वालों को ऐसी सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए, जिससे उन्हें गटर में उतर कर सफाई न करनी पड़े. सफाईकर्मियों को मृत्यु के मुंह में धकेलना सरकार के लिए शर्म की बात है."टिप्पणियां उन्होंने कहा, "सफाई महत्वपूर्ण काम है, लेकिन जबतक भारत में सफाईकर्मी एक खास समूह में रहेगा, उसके जीवन को कोई सुरक्षा नहीं मिल सकेगी. यह समाज के माथे पर कलंक है, यह कलंक नहीं मिटेगा, तो गांधी जयंती मनाने से कुछ नहीं होगा."गौरतलब है कि महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर, 1969 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था.  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, "सफाई महत्वपूर्ण काम है, लेकिन जबतक भारत में सफाईकर्मी एक खास समूह में रहेगा, उसके जीवन को कोई सुरक्षा नहीं मिल सकेगी. यह समाज के माथे पर कलंक है, यह कलंक नहीं मिटेगा, तो गांधी जयंती मनाने से कुछ नहीं होगा."गौरतलब है कि महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर, 1969 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था.  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सारांश: क्या राष्ट्रपति महात्मा गांधी अपना जन्मदिन मनाते थे जन्मदिन के दिन आखिर करते क्या थे बापू जानिए क्या कहते हैं गांधीवादी विचारक
7
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: अमेरिकी अधिकारियों ने यूएसएस कार्ल विल्सन युद्धपोत पर पर्यटकों का स्वागत किया। इसी पोत से अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को समुद्र में दफनाया गया था, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने लादेन को मारने के लिए चलाए गए गोपनीय अभियान के बारे में किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं की, जो अमेरिका की संभावित जवाबी कार्रवाई के प्रति आशंका को दर्शाता है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी पाकिस्तान के ऐबटाबाद में लादेन को मारने के लिए चलाए गए अभियान को अंजाम देने वाले कमांडो, खासतौर से नौसेना की सील टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगे थे। कार्ल विन्सन के दक्षिणी चीनी सागर में बढ़ने के दौरान पत्रकारों के एक समूह को पोत पर आने और इस 97 हजार टन वजनी पोत के नाविकों से बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया गया। इस पोत ने मनीला के तट पर तीन अन्य युद्धपोतों के साथ लंगर डाला हुआ था। कार्ल विन्सन पर पहुंचने के लिए 30 मिनट की नौका यात्रा के दौरान अमेरिकी दूतावास की प्रवक्ता वोसिनलेस मेजेंगिया ने करीब दो दर्जन पत्रकारों को बताया कि पोत पर सवार कोई भी व्यक्ति लादेन के बारे में बात नहीं करेगा। उन्होंने कहा, पोत पर मौजूद किसी को भी लादेन से संबंधित अभियान के बारे में बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।
संक्षिप्त पाठ: अमेरिकी अधिकारियों ने यूएसएस कार्ल विल्सन युद्धपोत पर पर्यटकों का स्वागत किया। इसी पोत से लादेन को समुद्र में दफनाया गया था।
27
['hin']
एक सारांश बनाओ: भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो मैच में बड़ी जीत का श्रेय काफी हद तक युवा खिलाड़ियों को देते हुए सोमवार को कि कई बड़े नामों की अनुपस्थिति में इन क्रिकेटरों ने अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभायी है। धोनी ने दूसरे मैच में आठ विकेट की जोरदार जीत के बाद कहा, जीत हमेशा महत्वपूर्ण होती है और जब यह जीत युवाओं के दम पर मिलती है तो वह खास हो जाती है। मुझे खुशी है कि युवा खिलाड़ियों ने जरूरत के समय अच्छा प्रदर्शन किया। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बल्ले और गेंद से उनसे जैसे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे थे वे वैसा कर रहे हैं। भारतीय कप्तान ने विशेषकर रूप से तेज गेंदबाज आर विनयकुमार, उमेश यादव, विराट कोहली और स्पिनरों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जीत का श्रेय पूरी टीम को जाता है लेकिन युवाओं का योगदान अहम रहा। भारत इस मैच में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, जहीर खान जैसे खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में खेल रहा है। धोनी ने कोहली के बारे में कहा, उसने वास्तव में बहुत अच्छी बल्लेबाजी की। वह युवा है और उसे ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने के अधिक मौके दिए जाना जरूरी था ताकि उसे अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने का मौका मिल जाए। उसमें अब भी सुधार की जरूरत है लेकिन मुझे विश्वास है कि जिस तरह से उसने समय के साथ अपने खेल में सुधार जारी रखा है, वह आगे भी ऐसा करेगा। धोनी ने कहा, गंभीर की नंबर तीन पर पारी काफी महत्वपूर्ण रही। इंग्लैंड के गेंदबाजों को उस समय हल्की स्विंग मिल रही थी और ऐसे में विकेट पर जमे रहना अहम था। गौतम ने शानदार पारी खेली। उनके और कोहली के बीच की साझेदारी ने वास्तव में मैच कुछ हद तक एकतरफा कर दिया। उन्होंने यादव के बारे में कहा कि वह लगातार 130 और 140 किमी की गति से गेंदबाजी कर रहा है। लेकिन गति ही सब कुछ नहीं होती है। उसे सटीकता, जरूरत पड़ने पर बाउंसर, यार्कर और वैरीएशन भी सीखने होंगे। उम्मीद है कि अनुभव मिलने पर वह इन्हें सीखता रहेगा। इसके साथ ही उसे चोट से भी बचना होगा ताकि वह चोट के कारण कभी कोई मैच मिस नहीं करे। धोनी ने कहा, हम विनयकुमार और प्रवीण के योगदान को नहीं भूल सकते। उन्होंने हमें शुरू में ही सफलता दिलायी और फिर गेंदबाजों ने किसी भी समय लंबी साझेदारी नहीं बनने दी। यह काफी महत्वपूर्ण रहा। धोनी से जब पूछा गया कि भारत अपनी सरजमीं पर अच्छी जीत दर्ज कर रहा है जबकि इंग्लैंड में ऐसा नहीं कर पाया, उन्होंने कहा, मैं इसका एक कारण नहीं बता सकता। इसके कई कारण हो सकते हैं। मुझे लगता है कि वहां की परिस्थितियां हमारे स्पिनरों के अनुकूल नहीं थी जबकि वे हमारे आक्रमण के मुख्य अंग हैं। इसके अलावा वहां डकवर्थ लुईस के कारण भी हमारी कुछ मैच में हार हुई। इन जीत में कोच डंकन फ्लैचर के योगदान के बारे में उन्होंने कहा, फ्लैचर ने काफी प्रभाव डाला है। वह अब भी हमें वैसे ही इनपुट दे रहे हैं जैसे इंग्लैंड में दे रहे थे। कभी ये चल जाते हैं कभी नहीं चल पाते। आखिर में खेलना खिलाड़ियों को होता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर को सभी परिस्थितियों से तालमेल बिठाना आना जरूरी है। सही समय पर सही प्रदर्शन करना महत्व रखता है। हमने वैसे अपने एबीसी सभी प्लान तैयार रखे हैं।
सारांश: धोनी ने कहा, जीत हमेशा महत्वपूर्ण होती है और जब यह जीत युवाओं के दम पर मिलती है तो वह खास हो जाती है।'
5
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: गत सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का रुझान रहने के बावजूद विदेशी निवेशकों ने कुल 1,250 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मुख्य दरों में 50 आधार अंकों की वृद्धि करने के बाद शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखी गई, इसके बावजूद विदेशी निवेशकों ने 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह में यह खरीदारी की। बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक आलोच्य सप्ताह में 525.10 अंकों की गिरावट के साथ 18,197.20 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी इस अवधि में 152 अंकों की गिरावट के साथ 5,482 पर बंद हुआ। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई के पूरे महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख खरीददारी का रहा, जिन्होंने इस माह 1.8 अरब डॉलर की खरीददारी की। विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने घरेलू निवेशकों की तर्ज पर इसलिए बिकवाली नहीं की, क्योंकि उनके पास वैश्विक बाजार में कोई बेहतर विकल्प नहीं था। एंजल ब्रोकिंग ने एक टिप्पणी में कहा कि अगस्त के पहले सप्ताह में कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के सामने आने के बाद ही विदेशी निवेशक खरीदारी या बिकवाली को लेकर कोई रुझान अख्तियार कर सकते हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस वर्ष जुलाई तक शेयर बाजार में कुल लगभग 2.43 अरब डॉलर का निवेश किया है। वर्ष 2010 में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में 28.83 अरब डॉलर का निवेश किया था।
सारांश: गत सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का रुझान रहने के बावजूद विदेशी निवेशकों ने कुल 1,250 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की।
33
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: राज्यसभा में सोमवार को तीन तलाक संबंधी विधेयक  को कांग्रेस ने संयुक्त प्रवर समिति में भेजने की मांग करते हुए कहा कि इससे बहुत सारे लोगों का जीवन प्रभावित होगा. हालांकि सरकार की ओर से कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकार से जुड़े इस विधेयक को विपक्ष जानबूझ कर लटकाना चाहता है. उच्च सदन में एक बार के अवकाश के बाद दोपहर दो बजे जब बैठक फिर शुरू हुई तो मुस्लिम महिला विवाह अधिकार सरंक्षण विधेयक 2018 को जब चर्चा के लिए लाया गया. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि अधिकतर विपक्षी दल के सदस्य जब इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजना चाहते हैं तो इसे सरकार प्रवर समिति के पास क्यों नहीं भेज रही है. डेरेक ने उप सभापति हरिवंश से कहा कि इस विधेयक पर चर्चा कराने से पहले सदन में सामान्य स्थिति बहाल की जानी चाहिए. इस बीच द्रमुक एवं अन्नाद्रमुक के सदस्य आसन के समक्ष आकर कावेरी नदी पर बांध बनाने के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे.  हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह एक ऐसा विधेयक है जो बहुत से लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा. उन्होंने कहा कि इस लिए जरूरी है कि इस विधेयक को संयुक्त प्रवर समिति में भेजकर इस पर विस्तार से चर्चा करे. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह संसदीय परंपराओं की अनदेखी कर अधिकतर विधेयकों को स्थायी या प्रवर समिति में भेजे बिना इन्हें सीधे संसद में पारित करवाना चाहती है. आजाद ने कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के विवाह से जुड़ा एक अति महत्वपूर्ण विधेयक है और इसे प्रवर समिति में भेज कर इस पर चर्चा करवाया जाना आवश्यक है. इसके बाद संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों से जुड़ा अति महत्वपूर्ण विधेयक है तथा कांग्रेस इस विधेयक को जान बूझकर अटकाना चाहती है. इसीलिए वह इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा क्या हो गया कि जब लोकसभा में कांग्रेस ने इस विधेयक का समर्थन किया था तो वह अब इसको पारित नहीं करवाने दे रही है. उन्होंने विपक्ष पर इस विधेयक पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया. इस मुद्दे पर सदन में कोई सहमति बनने न देख उपसभापति ने दोपहर दो बजकर करीब दस मिनट पर बैठक को पन्द्रह मिनट के लिए स्थगित कर दिय लेकिन बाद में राज्यसभा को स्थगित कर दिया गया और अब 2 जनवरी को फिर कार्यवाही शुरू होगी.
सारांश: तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में हंगामा बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया अटकाने का आरोप कांग्रेस की संयुक्त प्रवर समिति में भेजने की मांग
7
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: बैंक दर : (9.5) 9.00 रेपो दर : (8.5) 8.00 रिवर्स रेपो दर : (7.5) 7.00 मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर (9.5) 9.00 नकदी आरक्षी अनुपात (4.75) 4.75 वैधानिक तरलता अनुपात (24) 24.00 आरबीआई के अनुसार, इन नीतिगत निर्णयों से अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाने, महंगाई कम करने तथा व्यवस्था में तरलता बढ़ाने में मदद मिलेगी।टिप्पणियां मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन प्रस्तुत करते हुए सुब्बाराव ने कहा कि आरबीआई का अनुमान है कि 2012-13 सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है। बैंक ने कहा, "घरेलू मांग-पूर्ति संतुलन, जिंसों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों और मांगों को देखते हुए मार्च 2013 के लिए थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर का अनुमान 6.5 फीसदी रखा जाता है।" आरबीआई के अनुसार, इन नीतिगत निर्णयों से अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाने, महंगाई कम करने तथा व्यवस्था में तरलता बढ़ाने में मदद मिलेगी।टिप्पणियां मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन प्रस्तुत करते हुए सुब्बाराव ने कहा कि आरबीआई का अनुमान है कि 2012-13 सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है। बैंक ने कहा, "घरेलू मांग-पूर्ति संतुलन, जिंसों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों और मांगों को देखते हुए मार्च 2013 के लिए थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर का अनुमान 6.5 फीसदी रखा जाता है।" मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन प्रस्तुत करते हुए सुब्बाराव ने कहा कि आरबीआई का अनुमान है कि 2012-13 सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है। बैंक ने कहा, "घरेलू मांग-पूर्ति संतुलन, जिंसों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों और मांगों को देखते हुए मार्च 2013 के लिए थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर का अनुमान 6.5 फीसदी रखा जाता है।" बैंक ने कहा, "घरेलू मांग-पूर्ति संतुलन, जिंसों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों और मांगों को देखते हुए मार्च 2013 के लिए थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर का अनुमान 6.5 फीसदी रखा जाता है।"
सारांश: विकास को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की एक कोशिश के तहत मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्रमुख दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की।
33
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाकपा के वरिष्ठ नेता चतुरानन मिश्र का शनिवार को देहांत हो गया। वह लंबे समय से अस्वस्थ थे। एम्स में पिछले कुछ समय से उपचार करा रहे 86 वर्षीय वयोवृद्ध नेता का अस्पताल में ही निधन हुआ। स्वतंत्रता सेनानी चतुरानन ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। उनका जन्म 7 अप्रैल, 1925 को मधुबनी में हुआ था। वह बिहार विधानसभा के लिए 1969 से 1980 के बीच तीन बार चुने गए। 1984 और 1990 में वह राज्यसभा के लिए और 1996 में मधुबनी से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। संयुक्त मोर्चा सरकार में एचडी देवेगौड़ा और आईके गुजराल के प्रधानमंत्रित्व काल में 1996 में वह कृषि मंत्री रहे। वह ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। भाकपा महासचिव डी राजा ने शोक जताते हुए कहा कि चतुरानन के निधन से पार्टी को बड़ी क्षति पंहुची है। उन्होंने कहा कि चतुरानन तीसरी पीढ़ी के प्रमुख नेता थे और उन्होंने पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यहाँ एक सारांश है:पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाकपा के वरिष्ठ नेता चतुरानन मिश्र का 86 वर्ष की उम्र में शनिवार को एम्स में देहांत हो गया। वह लंबे समय से अस्वस्थ थे।
18
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: रिलायंस धीरूभाई अम्बानी समूह के प्रमुख अनिल अम्बानी ने कहा है कि सहायक कम्पनी रिलायंस कैपिटल बोनस शेयर जारी करने और बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करने पर विचार कर सकती है। साथ ही उन्होंने आशा जताई कि समूह जीवन बीमा शाखा में जापानी कम्पनी, निप्पन लाइफ इंस्योरेंस को 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया को जल्द ही पूरा कर लेगा। अम्बानी ने रिलायंस कैपिटल की यहां आयोजित वार्षिक आम बैठक में कहा, "बैंकिंग नए विकास का एक अवसर है। हम इस उच्च वृद्धि वाले क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए अवसरों का मूल्यांकन करेंगे और इस लिहाज से नियामक घटनाक्रमों पर नजर रख रहे हैं।" उन्होंने कहा, "भारत में वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की दूर-दूर तक सुलभता हमारे विकास के लिए लगातार अपार अवसर पैदा करता रहेगा। हम अपने सम्पत्ति प्रबंधन समूह का उभर रहे बाजारों में विस्तार करेंगे और अपने सम्पत्ति प्रबंधन और निजी इक्वि टी कारोबार को बढ़ाएंगे।" नई वित्तीय शाखा नाम रिलायंस बैंक होगा। बैठक के दौरान पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में अम्बानी ने यह भी कहा कि बोनस शेयर जारी करने के एक मुद्दे पर शेयरधारकों की ओर से आए अनुरोध को कम्पनी के निदेशक मंडल को भेजा जाएगा, जो इस पर विचार करेगा। अम्बानी ने कहा कि रिलायंस कैपिटल ने अपने पहले मूल्य आधारित लेन-देन में निप्पन लाइफ इंस्योरेंस को रिलायंस लाइफ इंस्योरेंस की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए इस वर्ष के प्रारम्भ में एक समझौता किया था। यह समझौता नियामक से मंजूरी मिलने के बाद लागू हो जाएगा। अम्बानी ने कहा कि इसके जरिए आने वाली 3,000 करोड़ रुपये की राशि कम्पनी की देनदारियों को नया स्वरूप देने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि कम्पनी ने रिलायंस कैपिटल द्वारा संचालित सभी वित्तीय कारोबार में रणनीतिक साझेदारी और सहयोगी अवसरों के लिए निप्पन के साथ इस महीने के प्रारम्भ में एक समझौता भी किया था। अम्बानी के अनुसार, रिलायंस कैपिटल इस समय देश की शीर्ष गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनी है, जिसकी शुद्ध कीमत लगभग 8,000 करोड़ रुपये है।
यह एक सारांश है: अनिल अम्बानी ने कहा है कि सहायक कम्पनी रिलायंस कैपिटल बोनस शेयर जारी करने और बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करने पर विचार कर सकती है।
24
['hin']
एक सारांश बनाओ: रोज़ाना अखबार और टीवी पर तलाक के अलग अलग मामले सामने आते हैं. लेकिन कभी कभी पति-पत्नी अलग होने के लिए दी जाने वाली दलीलों में कुछ ऐसी चीज़ों को बीच में लाते हैं जो थोड़ा हैरान कर जाती हैं. मसलन, ब्रिटेन का यह मामला जहां भारतीय मूल के एक दंपति के बीच 1,60,000 पाउंड के उस टिकट को लेकर टकराव बढ़ गया जो ब्रिटिश उद्यमी रिचर्ड ब्रैनसन की अंतरिक्ष उड़ान के लिए बुक कराया गया है. मीरा माणिक और उनके पति आशीष ठक्कर के बीच पहले से ही तलाक का मामला चल रहा है लेकिन अंतरिक्ष की इस टिकट को लेकर विवाद और बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि मीरा माणिक अपने पति के खिलाफ ब्रिटिश हाई कोर्ट पहुंचने वाली हैं जहां वह आशीष के इस दावे को चुनौती देंगी जिसके मुताबिक उनके शौहर के पास सिर्फ 4,45,542 पाउंड की संपत्ति है. स्थानीय समाचार पत्र के अनुसार 33 साल की फूड राइटर और ब्लॉगर मीरा का कहना है कि आशीष अरबपति है और वह जो संपत्ति का ब्यौरा दे रहा है, वह दरअसल पूरा नहीं है.टिप्पणियां एक सूत्र के मुताबिक अदालत में ब्रैनसन की परियोजना, वर्जिन गैलेस्टिक की उड़ान के बारे में चर्चा की जाएगी. यह ऐसी संपत्ति है जो अब भी आशीष के पास है और उनकी पूरी संपत्ति की जांच में यह भी शामिल होगा. मीरा मांग करेंगी कि आशीष की संपत्ति का ब्यौरा तैयार करने में टिकट की कीमत को भी शामिल किया जाए जो कि 1 लाख 60 हज़ार पाउंड की है. बता दें कि आशीष ठक्कर उन शुरूआती लोगों में शामिल हैं जिन्होंने ब्रैनसन के इस परियोजना में टिकट बुक कराया था जो आपको अंतरिक्ष की सैर करवाएगी. इस टिकट का पूरा पैसा बुकिंग के वक्त ही देना पड़ता है लेकिन आप इसे फ्लाइट से पहले कभी भी रिफंड करवा सकते हैं. अब ब्रिटिश हाइकोर्ट इस मामले की सुनवाई सोमवार से शुरू करेगी जहां यह तय किया जाएगा कि ठक्कर की संपत्ति का कूल मूल्य कितना है और उसमें से कितना तलाक के बाद माणिक को मिलना चाहिए. ठक्कर दुबई के व्यापारी हैं और मारा ग्रुप के मालिक बताए जाते हैं. मीरा माणिक से उनकी शादी 2008 में हुई थी. यह दोनों 2013 से अलग अलग रह रहे हैं. जल्द ही ठक्कर से तलाक लेने वाली उनकी पत्नी माणिक का दावा है कि उनके पति विदेशों में कई कंपनियों में लाभभोक्ता है. लेकिन ठक्कर ने हाइकोर्ट में कहा है कि मारा ग्रुप की उत्तराधिकारी दरअसल उनकी मां और बहन है. बताया जा रहा है कि मीरा माणिक अपने पति के खिलाफ ब्रिटिश हाई कोर्ट पहुंचने वाली हैं जहां वह आशीष के इस दावे को चुनौती देंगी जिसके मुताबिक उनके शौहर के पास सिर्फ 4,45,542 पाउंड की संपत्ति है. स्थानीय समाचार पत्र के अनुसार 33 साल की फूड राइटर और ब्लॉगर मीरा का कहना है कि आशीष अरबपति है और वह जो संपत्ति का ब्यौरा दे रहा है, वह दरअसल पूरा नहीं है.टिप्पणियां एक सूत्र के मुताबिक अदालत में ब्रैनसन की परियोजना, वर्जिन गैलेस्टिक की उड़ान के बारे में चर्चा की जाएगी. यह ऐसी संपत्ति है जो अब भी आशीष के पास है और उनकी पूरी संपत्ति की जांच में यह भी शामिल होगा. मीरा मांग करेंगी कि आशीष की संपत्ति का ब्यौरा तैयार करने में टिकट की कीमत को भी शामिल किया जाए जो कि 1 लाख 60 हज़ार पाउंड की है. बता दें कि आशीष ठक्कर उन शुरूआती लोगों में शामिल हैं जिन्होंने ब्रैनसन के इस परियोजना में टिकट बुक कराया था जो आपको अंतरिक्ष की सैर करवाएगी. इस टिकट का पूरा पैसा बुकिंग के वक्त ही देना पड़ता है लेकिन आप इसे फ्लाइट से पहले कभी भी रिफंड करवा सकते हैं. अब ब्रिटिश हाइकोर्ट इस मामले की सुनवाई सोमवार से शुरू करेगी जहां यह तय किया जाएगा कि ठक्कर की संपत्ति का कूल मूल्य कितना है और उसमें से कितना तलाक के बाद माणिक को मिलना चाहिए. ठक्कर दुबई के व्यापारी हैं और मारा ग्रुप के मालिक बताए जाते हैं. मीरा माणिक से उनकी शादी 2008 में हुई थी. यह दोनों 2013 से अलग अलग रह रहे हैं. जल्द ही ठक्कर से तलाक लेने वाली उनकी पत्नी माणिक का दावा है कि उनके पति विदेशों में कई कंपनियों में लाभभोक्ता है. लेकिन ठक्कर ने हाइकोर्ट में कहा है कि मारा ग्रुप की उत्तराधिकारी दरअसल उनकी मां और बहन है. एक सूत्र के मुताबिक अदालत में ब्रैनसन की परियोजना, वर्जिन गैलेस्टिक की उड़ान के बारे में चर्चा की जाएगी. यह ऐसी संपत्ति है जो अब भी आशीष के पास है और उनकी पूरी संपत्ति की जांच में यह भी शामिल होगा. मीरा मांग करेंगी कि आशीष की संपत्ति का ब्यौरा तैयार करने में टिकट की कीमत को भी शामिल किया जाए जो कि 1 लाख 60 हज़ार पाउंड की है. बता दें कि आशीष ठक्कर उन शुरूआती लोगों में शामिल हैं जिन्होंने ब्रैनसन के इस परियोजना में टिकट बुक कराया था जो आपको अंतरिक्ष की सैर करवाएगी. इस टिकट का पूरा पैसा बुकिंग के वक्त ही देना पड़ता है लेकिन आप इसे फ्लाइट से पहले कभी भी रिफंड करवा सकते हैं. अब ब्रिटिश हाइकोर्ट इस मामले की सुनवाई सोमवार से शुरू करेगी जहां यह तय किया जाएगा कि ठक्कर की संपत्ति का कूल मूल्य कितना है और उसमें से कितना तलाक के बाद माणिक को मिलना चाहिए. ठक्कर दुबई के व्यापारी हैं और मारा ग्रुप के मालिक बताए जाते हैं. मीरा माणिक से उनकी शादी 2008 में हुई थी. यह दोनों 2013 से अलग अलग रह रहे हैं. जल्द ही ठक्कर से तलाक लेने वाली उनकी पत्नी माणिक का दावा है कि उनके पति विदेशों में कई कंपनियों में लाभभोक्ता है. लेकिन ठक्कर ने हाइकोर्ट में कहा है कि मारा ग्रुप की उत्तराधिकारी दरअसल उनकी मां और बहन है. अब ब्रिटिश हाइकोर्ट इस मामले की सुनवाई सोमवार से शुरू करेगी जहां यह तय किया जाएगा कि ठक्कर की संपत्ति का कूल मूल्य कितना है और उसमें से कितना तलाक के बाद माणिक को मिलना चाहिए. ठक्कर दुबई के व्यापारी हैं और मारा ग्रुप के मालिक बताए जाते हैं. मीरा माणिक से उनकी शादी 2008 में हुई थी. यह दोनों 2013 से अलग अलग रह रहे हैं. जल्द ही ठक्कर से तलाक लेने वाली उनकी पत्नी माणिक का दावा है कि उनके पति विदेशों में कई कंपनियों में लाभभोक्ता है. लेकिन ठक्कर ने हाइकोर्ट में कहा है कि मारा ग्रुप की उत्तराधिकारी दरअसल उनकी मां और बहन है.
यह एक सारांश है: आशीष ठक्कर और मीरा माणिक भारतीय मूल के दंपत्ति हैं दोनों के बीच तलाक का मामला काफी वक्त से चल रहा है अब अंतरिक्ष के एक टिकट की कीमत को लेकर विवाद बढ़ गया है
21
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: देश के शीर्ष भारतीय शटलर के. श्रीकांत जर्मन ओपन ग्रांप्री बैडमिंटन चैंपियनशिप से बाहर हो गए हैं.  प्रतियोगिता के प्री क्वार्टरफाइनल में उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा. श्रीकांत ने चीन के ओलिंपिक चैम्पियन चेन लोंग के खिलाफ चुनौतीपूर्ण खेल दिखाया लेकिन उनकी हार के साथ ही भारत काप्रतियोगिता का अभियान खत्म हो गया. 12वें वरीयता के भारतीय खिलाड़ी को बीती रात यहां 47 मिनट तक चले पुरुष एकल के मैच में दो बार के वर्ल्‍ड चैम्पियन और आल इंग्लैंड चैम्पियन चेन लोंग से 19-21 20-22 से हार का मुंह देखना पड़ा. टखने की चोट से वापसी कर रहे श्रीकांत ने दूसरे वरीय खिलाड़ी के खिलाफ दोनों गेम में 12-6 और 16-12 की बढ़त बनाई  हुई थी लेकिन आखिर में वह दोनों गेम गंवा बैठे. दूसरे दौर के मुकाबलों में शुभांकर डे को हांगकांग के पांचवें वरीय एनजी का लोंग एंगस से 14-21 8-21 से जबकि हर्षित अग्रवाल को हांगकांग के आठवें वरीय हु युन से 15-21 11-21 से पराजय मिली. श्रीकांत ने इससे पहले प्रतियोगिता के दूसरे दौर में जापान के युसुके ओनोडेरा को हराया था.  श्रीकांत ने जापानी खिलाड़ी को महज 30 मिनट में युसुके को 21-17, 21-18 से मात दी थी.श्रीकांत ने पहले दौर में मंगलवार को स्लोवेनिया के एलेन रोज को 21 मिनट तक चले मुकाबले में 21-4, 21-11 से शिकस्‍त दी थी. 12वें वरीयता के भारतीय खिलाड़ी को बीती रात यहां 47 मिनट तक चले पुरुष एकल के मैच में दो बार के वर्ल्‍ड चैम्पियन और आल इंग्लैंड चैम्पियन चेन लोंग से 19-21 20-22 से हार का मुंह देखना पड़ा. टखने की चोट से वापसी कर रहे श्रीकांत ने दूसरे वरीय खिलाड़ी के खिलाफ दोनों गेम में 12-6 और 16-12 की बढ़त बनाई  हुई थी लेकिन आखिर में वह दोनों गेम गंवा बैठे. दूसरे दौर के मुकाबलों में शुभांकर डे को हांगकांग के पांचवें वरीय एनजी का लोंग एंगस से 14-21 8-21 से जबकि हर्षित अग्रवाल को हांगकांग के आठवें वरीय हु युन से 15-21 11-21 से पराजय मिली. श्रीकांत ने इससे पहले प्रतियोगिता के दूसरे दौर में जापान के युसुके ओनोडेरा को हराया था.  श्रीकांत ने जापानी खिलाड़ी को महज 30 मिनट में युसुके को 21-17, 21-18 से मात दी थी.श्रीकांत ने पहले दौर में मंगलवार को स्लोवेनिया के एलेन रोज को 21 मिनट तक चले मुकाबले में 21-4, 21-11 से शिकस्‍त दी थी.
चीन के चेन लोंग से सीधे गेम में मुकाबला हारे श्रीकांत भारतीय शटलर ने एक समय दोनों ही गेम में बना रखी थी बढ़त भारत के शुभांकर और हर्षित अग्रवाल भी हारे
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: पेट्रोल व डीजल में केरोसिन की मिलावट के मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के तेवर सख्त रहे. चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि ये कोई सुखद हालात नहीं. राजनेताओं और कॉर्पोरेट लोगों के ही पंप हैं जो नहीं चाहते कि नियम कानून में बदलाव हो. दूरदराज के हालात और भी खराब हैं. उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीकरी से बसपा की सांसद सीमा उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी की.  टिप्पणियां याचिका में आरोप लगाया है कि हाथरस के पास सादाबाद से विधायक देवेंद्र अग्रवाल पेट्रोल और डीजल में केरोसिन में मिलाते हैं और फिर अपने पंपों से बेचते हैं. इसी तरह करोड़ों रुपये की संपत्ति कमा ली है. कोर्ट ने हाथरस के पास सादाबाद से SP के विधायक देवेंद्र अग्रवाल के खिलाफ जांच के आदेश दिए. इतना ही नहीं पेट्रोलियम मंत्रालय को चार हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय 6 हफ्ते में ये बताए कि पेट्रोल पंप पर मिलावट को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं. इसके अलावा क्या ये संभव है कि पंपों पर कोई ऐसा उपकरण लगाया जा सकता है जिससे अगर मिलावट की गई हो तो पेट्रोल या डीजल बाहर ही न आए. याचिका में आरोप लगाया है कि हाथरस के पास सादाबाद से विधायक देवेंद्र अग्रवाल पेट्रोल और डीजल में केरोसिन में मिलाते हैं और फिर अपने पंपों से बेचते हैं. इसी तरह करोड़ों रुपये की संपत्ति कमा ली है. कोर्ट ने हाथरस के पास सादाबाद से SP के विधायक देवेंद्र अग्रवाल के खिलाफ जांच के आदेश दिए. इतना ही नहीं पेट्रोलियम मंत्रालय को चार हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय 6 हफ्ते में ये बताए कि पेट्रोल पंप पर मिलावट को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं. इसके अलावा क्या ये संभव है कि पंपों पर कोई ऐसा उपकरण लगाया जा सकता है जिससे अगर मिलावट की गई हो तो पेट्रोल या डीजल बाहर ही न आए. कोर्ट ने हाथरस के पास सादाबाद से SP के विधायक देवेंद्र अग्रवाल के खिलाफ जांच के आदेश दिए. इतना ही नहीं पेट्रोलियम मंत्रालय को चार हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय 6 हफ्ते में ये बताए कि पेट्रोल पंप पर मिलावट को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं. इसके अलावा क्या ये संभव है कि पंपों पर कोई ऐसा उपकरण लगाया जा सकता है जिससे अगर मिलावट की गई हो तो पेट्रोल या डीजल बाहर ही न आए.
सारांश: पेट्रोलियम मंत्रालय को चार हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने का आदेश सादाबाद से SP विधायक देवेंद्र अग्रवाल के खिलाफ जांच के आदेश बसपा सांसद सीमा उपाध्याय ने लगाई है याचिका
7
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: MTV के रियलिटी शो ‘Ace of Space' के कंटेस्टेंट और मशहूर यूट्यूबर और दानिश जेहन (Danish Zehen) के अचानक निधन की खबर ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया. दानिश जेहन (Danish Zehen) के निधन पर उनके फैंस को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा है. दानिश जेहन (Danish Zehen) का बीते गुरुवार को एक कार हादसे में निधन हो गया. बता दें कि दानिश जेहन एक शादी से लौट रहे थे, तभी वाशी में उनका कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई और इस हादसे में दानिश का निधन हो गया. 21 साल के दानिश जेहन (Danish Zehen) मस्तमौला इंसान थे, जिसकी झलक उनके वीडियो में साफतौर पर दिखाई देती है. दानिश अपने हेयर स्टाइल और बिंदास अंदाज के लिए जाने जाते थे. दानिश जेहन (Danish Zehen) के वीडियो हमेशा ही धमाल मचाते थे. दानिश जेहन सोशल मीडिया पर जाना पहचाना नाम था और उनकी फैन फॉलोविंग भी काफी थी. दानिश जेहन (Danish Zehen) की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनकी आखिरी यात्रा में फैन्स की जबरदस्त भीड़ जुटी थी. दानिश जेहन (Danish Zehen) की मौत की खबर से उनके दोस्तों और फैंस को काफी बड़ा झटका लगा है. उनके निधन के बाद भी इंस्टाग्राम पर उनके फॉलोअर्स की संख्या बढ़ती ही जा रही थी. अब खबर है कि उनके इंस्टाग्राम अकाउंट को डिलीट कर दिया गया है. बता दें कि दानिश जेहन ने (Danish Zehen) एक्सिडेंट से कुछ घंटे पहले ही अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया था. सोशल मीडिया पर अपने वीडियो और तस्वीरों से धमाल मचा देने वाले दानिश जेहन (Danish Zehen) ने बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान (Sara Ali Khan) का दिल भी जीत लिया था.    Danish Zehen ने सारा अली खान को यूं किया था इम्प्रेस, Video हो रहा वायरल दानिश जेहन (Danish Zehen) और सारा अली खान (Sara Ali Khan) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सारा अली खान एक सोफे पर बैठी हैं और दानिश जेहन अपना स्वैग दिखा रहे हैं. दानिश जेहन अपने स्वैग से सारा अली खान को इम्प्रेस करते हैं और सारा अली खान उनके स्टाइल से हैरान रह जाते हैं. लेकिन दानिश का इस तरह चले जाने ने उनके फैन्स को जबरदस्त झटका पहुंचाया है. हम आपको दानिश जेहन (Danish Zehen) के कुछ चर्चित वीडियो दिखाते हैं, जिसमें उन्होंने सभी दिल का जीत लिया था. बता दें कि दानिश जेहन (Danish Zehen) के निधन की खबर 'Ace of Space' के होस्ट विकास गुप्ता (Vikas Gupta) ने दी थी.   ...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
सारांश: दानिश जेहन का कार हादसे में निधन हो गया था उनके अचानक निधन की खबर ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया गुरुवार को एक कार हादसे में उनका निधन हो गया था
7
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: कटहल के फायदे बहुत हैं. कटहल क्या है (What Is Jackfruit?). यानी कटहल फल है या सब्‍जी इस सवाल को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग बातें हैं. कटहल का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जाता है और साथ ही साथ इसे पका कर फल की तरह भी खाया जाता है. इतना ही नहीं कटहल का अचार (Kathal ka achar, Jackfruit Pickle) और कटहल के पकौड़े भी बनाए जाते हैं. कटहल स्वाद के लिए ही नहीं कटहल सेहत (Health benefits of Jackfruit Kathal) के लिए भी बहुत फायदेमंद है. कटहल में कई पौष्टिक तत्‍व होते हैं. इसमें विटामिन A, C, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्‍शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक भरपूर मात्रा में होते हैं. इतना ही नहीं कटहल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है, जो पाचन तंत्र को अच्छा बनाए रखता है. कटहल के कई फायदे (Benefits of Kathal) होते हैं, तो चलिए जानते हैं इनके बारे में.  ये हैं वो 4 असरदार ड्रिंक्स जो Blood Sugar को करेंगे कंट्रोल में...   कटहल फल है या सब्‍जी इसे लेकर लोगों में मतभेद है. कोई इसे फल मानता है तो कोई इसे सब्‍जी कहता है. लेकिन कटहल कई औषधीय गुणों से भरपूर है. कटहल का वानस्पतिक नाम आर्टोकार्पस हेटेरोफिल्लस है. हम यहां आपको कटहल के 10 फायदों के बारे में बता रहे हैं-    What Is Jackfruit and Should You Eat It: कटहल फल है या सब्‍जी इसे लेकर लोगों में मतभेद है. Photo Credit: iStock   How to Deal with Exam Stress: क्यों होता है एग्‍जाम टाइम में स्ट्रेस, ये 5 आहार दूर करेंगे एग्जाम स्ट्रेस... 1. कटहल यह दिल के रोगियों के सेहतमंद माना जाता है. कटहल में पोटैशियम होता है, जो दिल की हर समस्‍या को दूर करता है, क्‍योंकि यह ब्‍लड प्रेशर को कम कर देता है.  2. कटहल अल्‍सर और पाचन संबंधी समस्‍या को दूर करता है. कब्‍ज की समस्‍या को दूर करने में भी यह बहुत फायदेमंद है. कटहल की पत्तियों की राख अल्सर के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होती है. हरी ताजा पत्तियों को साफ धोकर सुखा लें. सूखने के बाद पत्तियों का चूरन तैयार करें. पेट के अल्सर से ग्रस्त व्यक्ति को इस चूरन को खिलाएं. अल्सर में बहुत जल्दी आराम मिलेगा. 3. कटहल में विटामिन A, C, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्‍शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक भरपूर मात्रा में होते हैं. इतना ही नहीं कटहल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है, जो पाचन तंत्र को अच्छा बनाए रखता है. 4. कटहल की जड़ अस्‍थमा के रोगियों के लिए लाभदायक मानी जाती है. इसकी जड़ को पानी के साथ उबाल कर बचा हुआ पानी छान कर लेने से अस्‍थमा को कंट्रोल किया जा सकता है. थायराइड के लिए भी कटहल उत्तम है.    अनार छीलने में होती है परेशानी? जानिए ये आसान तरीके   5. कटहल में मौजूद सूक्ष्म खनिज और कॉपर थायराइड चयापचय के लिये प्रभावशाली होता है. यहां तक कि  यह बैक्‍टेरियल और वाइरल इंफेक्‍शन से भी बचाता है. 6. कटहल काफी रेशेदार होता है और इसमें भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है. यह एनीमिया दूर करता है. शरीर में ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ाता है. 7. कटहल में मौजूद मैग्‍नीशियम हड्डी में मजबूती लाता है और ऑस्‍टियोपोरोसिस की समस्‍या से बचाता है. यही नहीं इसमें विटामिन C और A पाया जाता है. यही वजह है कि शरीर की इम्‍यूनिटी बढ़ाने में इसका कोई सानी नहीं है. 8. कटहल के छिलकों से निकलने वाला दूध अगर सूजन, घाव और कटे-फटे अंगों पर लगाया जाए तो आराम मिलता है. इसी दूध से जोड़ों पर मालिश की जाए तो जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है.   Benefits of Kathal and How To Eat It: कटहल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है, जो पाचनतंत्र को बेहतर बनाता है.   9. जिन लोगों की चेहरा रुखा और बेजान होता है उन लोगों को कटहल का रस अपने चेहरे पर लगाना चाहिए. इसकी मसाज तब तक करे जब तक यह सूख न जाए फिर थोड़ी देर के बाद अपना चेहरा पानी के साथ धो लें. 10. कटहल की कच्ची पत्तियों को चबाकर थूकने से मुंह के छालों में आराम मिलता है. यह छालों को ठीक कर देता है. इसमें पाए जाने वाले कई खनिज हार्मोन्स को भी नियंत्रित करते हैं.   High Blood Pressure: क्या हाई बीपी के मरीज आलू खा सकते हैं? यहां पढ़ें आलू के फायदे और नुकसान नाश्ते में बनायीं जाने वाली 10 व्यंजनों की विधियां (10 Breakfast Recipe) Low-Calorie Diet: स्नैक्स को डाइट-फ्रेंडली बनाने के लिए इस्तेमाल करें ये 5 Healthy Sandwich Spreads Diabetes Tips: भिंडी का पानी करेगा ब्लड शुगर कंट्रोल, जानें कैसे बनाएं Okra Water   11. पके हुए कटहल के पल्प को अच्छी तरह से मैश करके पानी में उबालकर पीने से ताजगी आती है. कटहल में विटामिन ए पाया जाता है जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और त्वचा निखरती है.  12. कटहल के बीज का चूरन बना कर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा साफ हो जाता है और दाग-धब्बे मिट जाते हैं.  13. झुर्रियों से निजात पाने के लिए कटहल का पेस्ट बना कर और उसमें एक चम्मच दूध मिलाकर धीरे धीरे चेहरे पर लगाना चाहिए. फिर गुलाब जल या ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें. नियमित रूप से ऐसा करने से चेहरे की झूर्रियों से छुटकारा मिल जाता है. 14. कटहल की जड़ अस्‍थमा के रोगियों के लिए लाभदायक मानी जाती है. इसकी जड़ को पानी के साथ उबाल कर बचा हुआ पानी छान कर लेने से अस्‍थमा को कंट्रोल किया जा सकता है.  15. थायराइड के लिए भी कटहल उत्तम है. इसमें मौजूद सूक्ष्म खनिज और कॉपर थायराइड चयापचय के लिये प्रभावशाली होता है. यहां तक कि  यह बैक्‍टेरियल और वाइरल इंफेक्‍शन से भी बचाता है. Skincare Tips: क्या है बॉलीवुड स्टार्स की Gorgeous Skin का नुस्खा...   कटहल में कई पौष्टिक तत्‍व पाए जाते हैं जैसे, विटामिन A, C, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्‍शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक. यही नहीं इसमें खूब सारा फाइबर भी पाया जाता है. हालांकि इसके बावजूद ज्‍यादातर लोग कटहल को नॉन वेज का वेज ऑप्‍शन मानते हैं.   Jackfruit Nutrition: कटहल में कई पौष्टिक तत्‍व होते हैं.    कैसे वजन और पेट की चर्बी कम करने के लिए करें सेब के सिरके का इस्तेमाल... Weight Loss: घटेगा बैली फैट, कम होगा वजन अगर ट्राई करेंगे ये टिप्‍स लुक्स को ही खराब नहीं करती, कैंसर के खतरे को भी बढ़ाती है पेट पर अत्यधिक चर्बी... #WeightLoss: सर्द मौसम में ये 3 मसाले आएंगे काम, गायब हो जाएगा बैली फैट Weight Loss: सर्दियों में ये 5 फल करेंगे मोटापा दूर, कम होगा बैली फैट Weight Loss Tips: ये 5 आयुर्वेदिक सुपरफूड करेंगे बैली फैट को बर्न... ये हेल्‍दी होममेड ड्रिंक्‍स आपको रखेंगी फिट, बैली फैट को करेंगी कम
कटहल में विटामिन A, C, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्‍शियम होते हैं. कटहल का अचार (Kathal ka achar) और कटहल के पकौड़े भी बनाए जाते हैं. कटहल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है.
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इस पाठ का सारांश बनाओ: पर्वतारोहण में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली अरुणाचल प्रदेश की महिला पर्वतारोही अंशु जमसेनपा को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बधाई दी है। जमसेनपा ने एवरेस्ट की चोटी पर 10 दिनों के भीतर दो बार चढ़ाई कर पर्वतारोहण का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। वह एक ही सत्र में एवरेस्ट पर दो बार चढ़ने वाली विश्व की पहली महिला हैं। जमसेनपा की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आपने अपनी इस उपलब्धि से पूरे भारत को गौरवान्वित किया है। मैं यह जानकर चकित हूं कि दो बच्चों की एक मां ने 10 दिनों के भीतर दो बार एवरेस्ट की चढ़ाई कर ली। प्रधानमंत्री ने जमसेनपा के साथ अपने निवास पर हुई मुलाकात में यह बातें कहीं। नई दिल्ली में जमसेनपा और अरुणाचल पर्वतारोहण और साहसिक खेल संघ (एएमएएसए) के अध्यक्ष सेरिंग वांगे ने प्रधानमंत्री से उनके आधिकारिक निवास में मुलाकात की थी। वांगे ने बुधवार को इस मुलाकात के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने जमसेनपा को प्रधानमंत्री राहत कोष से वित्तीय सहायता देने की भी पेशकश की है। वांगे चाहते हैं कि जमसेनपा को राष्ट्रीय पुरस्कार मिले, इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से बात भी की। प्रधानमंत्री ने इसके लिए उन्हें जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा है।
यह एक सारांश है: अरुणाचल की महिला पर्वतारोही अंशु जमसेनपा ने एवरेस्ट की चोटी पर 10 दिनों के भीतर दो बार चढ़ाई कर पर्वतारोहण का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
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