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5,520,722
[ "दिवाली की सफाई कर रहे हैं तो एकघंटे बाद तक लगाकर रखें मास्क" ]
<p>दिवाली पर हर घर में साफ-सफाई शुरू हो जाती है। इस त्योहार से पहले साफ-सफाई की परम्परा है। चूंकि इस समय मौसम में बदलाव भी होते हैं। इस समय डस्ट और परागकणों की वजह से एलर्जी के मरीजों को परेशानी होती है। सफाई के समय अक्सर डस्ट से एलर्जी वाले मरीजों के लिए ज्यादा दिक्कत होती है। डस्ट माइट्स अक्सर तकिए, गद्दे, कालीन और फर्नीचर में होते हैं। जब इन्हें झाड़कर साफ किया जाता है तो ये डस्ट माइट्स उड़कर नाक में पहुंच जाते हैं। दिखने में यह काफी छोटे होते हैं। सामान्य सफाई प्रक्रिया से उन्हें हटाया नहीं जा सकता। दिवाली की सफाई के दौरान विशेष बातों का ध्यान रखें। </p><p><b>इन लक्षणों पर ध्यान दें - </b>सफाई के समय कई बार लोगों को आंखों में जलन और पानी आना, बहुत ज्यादा छींक आना, आंखें लाल होना, बार-बार खांसी आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इन्हें इग्नोर न करें।</p>
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5,520,723
[ "यह न करें\n" ]
<p><b>थकान </b>होने पर गाड़ी न चलाएं। </p><p><b>नींद </b>या नशे में ड्राइव न करें। </p><p><b>यात्रा </b>के लिए पर्याप्त समय तय करें। जल्दबाजी न करें। </p><p><b>जोखिम </b>वाले काम जैसे बिजली के तार जोड़ना, पेड़ पर चढ़ना सुरक्षा उपकरण लें। </p><p><b>बिल्डिंग </b>वाले मजदूरों को भी सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए।</p><p><b>यह करें </b></p><p><b>सबसे </b>पहले चिकित्सीय मदद के लिए एम्बुलेंस बुलाएं। </p><p><b>फिर </b>पीड़ित का नाम पुकारें और जानें कि होश में है या नहीं? </p><p><b>अगर </b>पीड़ित होश में है तो उसे पूछताछ कर परेशान न करें। </p><p><b>अगर </b>होश में नहीं है तो उसकी धड़कन की जांच करें। </p><p><b>धड़कन </b>बंद है तो सीपीआर देना तत्काल शुरू करें।</p>
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5,520,724
[ "पत्रिका की घर बैठे नि:शुल्क डॉक्टरी सलाह से जुड़ी पहल 'लाइफलाइन' के तहत विभिन्न राज्यों से पाठकों ने होम्योपैथी से जुड़े रोगों के सवाल भेजे हैं। इनमें से एक सवाल का जवाब यहां दिया जा रहा है।", "सीधे पंखे की हवा में आने से बढ़ सकती हैं सांस संबंधी समस्याएं" ]
<p><b>सवाल: </b><b>म ौसम बदलने के दौरान मुझे एलर्जी की समस्या हो जाती है। इससे बचाव करने के लिए मुझे क्या उपायकरने चाहिए? </b><b>संजय कुमावत, 31 वर्ष </b></p><p><b>जवाब: </b>एलर्जी इस समय सबसे आम समस्या बन गई है। इसका कारण अचानक से तापमान में होने वाले बदलाव होते हैं। साफ-सफाई और दूसरे कारणों से धूल के संपर्क में आना भी एलर्जी सहित सांस रोगों के लिए जिम्मेदार कारण माना जाता है। बचाव के लिए मास्क का प्रयोग कर सकते हैं। तापमान में बदलाव हो रहा है, अत: ठंडा पानी न पीएं, ठंडा खाने से भी बचें। साथ ही बाहर से आने पर सीधे ही पंखे की हवा में न आएं। ताजा व गर्म आहार लें और शरीर को भी गर्म बनाए रखें। ज्यादा समस्या हो तो होम्योपैथी विशेषज्ञ से मिल सकते हैं। होम्योपैथी में इसका पूर्ण इलाज मौजूद है।</p>
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5,520,725
[ "04%" ]
<p><b>04</b><b>%</b></p><p><b>मामलों में 29 से 34 वर्ष की उम्र में भी मेनोपॉज होता है देश में।</b></p><p>स्रोत: द इंस्टीट्यूट फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज हैल्दी बोन्स रिसर्च सेंटर ऑस्ट्रेलिया</p>
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5,520,726
[ "ट्रॉमा दो..... " ]
<p><b>ट्रॉमा </b>दो तरह का हो सकता है, रोड एक्सीडेंट व डोमेस्टिक ट्रॉमा। रोड पर होने वाली जितनी भी दुर्घटनाएं हैं वे रोड एक्सीडेंट में आती हैं, जबकि घर में गिरना, चोट लगना, बुजुर्गों के फिसलकर गिरना, आग से जलना, छत या पेड़ से गिरना आदि डोमेस्टिक एक्सीडेंट में आता है।</p>
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5,520,727
[ "प त्रिका..... " ]
<p><b>प </b>त्रिका लाइफलाइन में इस सप्ताह हड्डी रोगों से जुड़े सवाल पूछ सकते हैं। आपके सवालों के जवाब 23 अक्टूबर के अंक में एक्सपर्ट देंगे। </p><p><b>ध्यान रखें: </b>सभी सवालों के जवाब यहां प्रकाशित करना संभव नहीं है। इसलिए शेष जवाब आप 21 अक्टूबर को पत्रिका टीवी के ‘हैलो डॉक्टर’ शो में दोपहर 3:30 बजे और फेसबुक लाइव में देख सकेंगे। सवाल विस्तार से लिखकर गुरुवार तक वॉट्सऐप नं. 8955003879 पर भेज दें। (*यह डॉक्टर का नहीं, पत्रिका हैल्थ डेस्क का नंबर है। यहां फोन न करें। वॉट्सेएप पर जवाब नहीं दिए जाते हैं। मेडिको लीगल के लिए मान्य नहीं।)</p>
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5,520,738
[ "बचाव के उपाय\n" ]
<p><b>बॉडी </b>मास इंडेक्स (बीएमआइ) 18.5 से 25 के बीच रखें। </p><p><b>लाइफस्टाइल </b>में बदलाव करें </p><p><b>रोजाना </b>30 मिनट व्यायाम करें। </p><p><b>सोशल </b>एक्टिविटीज में भाग लें। </p><p><b>अकेलापन </b>न हो, इसके लिए परिजनों के बीच में रहें। </p><p><b>ब्रेन बूस्टर </b>एक्टिविटीज जैसे सुडोकू, पजल्स करें। </p><p><b>हार्ट हैल्थ </b>पर ध्यान दें। इससे ब्रेन भी हैल्दी होगा। रुचि मुताबिक क्रिएटिव बनें। </p><p><b>योग </b>मेडिटेशन करें।</p>
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5,520,737
[ "आते हैं ये बदलाव \n", "ब्रेन की इमेजिंग स्टडी से पता चला है कि जिन महिलाओं को गर्मी के बफारे और नींद की कठिनाइयां आती हैं, उनके ब्रेन में स्ट्रक्चरल और फंक्शनल बदलाव आ जाते हैं। प्रारंभिक स्थिति में इलाज से इसे रिवर्स किया जा सकता है।\n" ]
<p><b>मूल मंत्र </b></p><p>मेनोपॉज के दौर से गुजर रही महिलाएं क्षमा, समता भाव, सजग मन, शांत चित्त व सदैव मुस्कुराती रहें और दैनिक कार्यशैली चुस्त बनाए रखें। अच्छी डाइट लें। व्यवहार में सकारात्मकता रखें। </p>
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5,520,735
[ "धू ..... " ]
<p>धू म्रपानकर्ता के आसपास बैठना त्वचा से संबंधित समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। अमरीका की कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च में यह परिणाम सामने आया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, तम्बाकू का धुएं से निकले अपशिष्ट, धूल और आसपास की सतह से चिपक जाते हैं। ये अपशिष्ट, अंदरूनी सतहों पर लंबे समय तक रह सकते हैं, जो हानि पहुंचा सकते हैं। शोधकर्ताओं ने धूम्रपान से निकले धुएं के संपर्क में आए दस लोगों पर यह शोध किया। उन्हें हर तीन घंटे के लिए प्रदूषित शर्ट पहनाकर ट्रेडमिल वॉक करवाई गई। पसीने से ये अपशिष्ट जल्दी संपर्क में आए।</p>
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5,520,728
[ "ये हैं रिस्क फैक्टर" ]
<p><b>शारीरिक </b>निष्क्रियता व सोशल सर्किल कम होना, मद्यपान व धूम्रपान, मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व डिप्रेशन इसके जोखिम कारक हो सकते हैं। वायु प्रदूषण भी चिंताजनक व रिस्क फैक्टर है। जिन्हें साइकोलॉजिकल स्ट्रेस ज्यादा हो, उनमें भी मेनोपॉज ब्रेन फॉग का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है।</p>
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5,520,709
[ "जवाब: ..... " ]
<p><b>जवाब: </b>यह पता करने के लिए क्या समस्या है, इसके लिए लिपिड प्रोफाइल की जांच जरूरी है। इससे कॉलेस्ट्रोल का पता चलेगा। लिवर फंक्शन, ब्लड प्रेशर जैसी जांचें भी जरूरी हैं। इसके लिए आपको किसी डायटीशियन के माध्यम से अपनी डाइट का निर्धारण करना चाहिए। आप रोजाना पांच किमी. वॉक करें और इसमें ब्रिस्क वॉक जैसी एक्टिविटी करें। रात में सोते समय और सुबह उठने के बाद दो-दो गिलास गुनगुना पानी पीएं। खाने से आधे घंटे पहले फल व सलाद लें। इससे आपकी डाइट कंट्रोल भी होगी और शरीर में जमा अतिरिक्त फैट भी दूर होगा।</p>
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5,520,729
[ "जवाब: ..... " ]
<p><b>जवाब: </b>सबसे पहले अपने खानपान में नींबू, खट्टे पदार्थ व फल शामिल करें। विटामिन सी की कमी के कारण इस तरह की समस्याएं होती हैं। साथ ही आहार में दूसरे सभी पोषक तत्त्व भी मौजूद होने जरूरी हैं। इसमें बहुत ज्यादा घरेलू उपायों की जरूरत नहीं, बल्कि रात को सोते समय व सुबह उठने के बाद होठों को मॉश्चराइज करें। रात में नाभि में हल्का तेल लगाकर सोएं। शरीर में पानी की कमी से भी यह समस्या हो सकती है। अत: भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इसके बाद भी आराम न मिले तो आप विशेषज्ञ से परामर्श लेकर होम्योपैथिक दवाइयां आदि ले सकते हैं।</p>
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5,520,714
[ "वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे \n" ]
<p><b>हर साल 20 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस मौके पर इसकी देखभाल से जुड़ी जानकारी यहां साझा की जा रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, देश में महिलाओं में हर तीन में से एक जबकि पुरुषों में हर आठ में से एक को यह बीमारी पाई जाती है। </b></p><p><b>- डॉ. आनंद प्रभाकर जोशी, </b></p><p><b>ऑर्थोपेडिक सर्जन, रायपुर (छग) </b></p><p>patrika.com/health </p>
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5,520,730
[ "ये टिप्स ध्यान रखें" ]
<p>कैल्शियम-प्रोटीनयुक्त डाइट लें। </p><p>इसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, अत: ऐसा कोई काम न करें, जिससे इन्हें जोखिम का सामना करना पड़े। </p><p>शारीरिक अभ्यास जरूरी है, अत: इसे इग्नोर न करें। </p><p>लक्षण सामने आने पर तुरंत उपचार लें, ताकि इलाज हो सके। </p><p>खुद से कोई इलाज न लें और न ही दवाइयां बीच में छोड़ें।</p>
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5,520,731
[ "ऑस्टियोपोरोसिस को..... " ]
<p><b>ऑस्टियोपोरोसिस को वृद्धावस्था का रोग भी कहा जाता है। एक तरह से यह बीमारी न होकर कमजोरी है, जो हड्डियों से जुड़ी है। हड्डियों व मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाने के उद्देश्य के साथ ऑस्टियोपोरोसिस डे की इस वर्ष की थीम रखी गई है ‘मेक नो बोन्स अबाउट इट’।</b></p>
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5,520,710
[ "क्या है ब्रेन फॉग?\n" ]
<p>ब्रेन फॉग ऐसा समूह है, जिसमें याद रखने की शक्ति कम होने लगती है। खासतौर से याददाश्त की कमी, शब्द, नंबर, नाम, कोई घटना भूल जाना, किसी काम में मन न लगना, काम में फोकस न होने की समस्या होती है। इसी के साथ जुड़ा है मनोदशा यानी मूड। गिरती मनोदशा मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने के कारण होती है। यह जीवन की गुणवत्ता पर असर डालता है।</p>
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5,520,739
[ "सीखने में परेशानी\n" ]
<p>इन्हीं समस्याओं पर रिसर्च में बताया गया है कि उन्हें कुछ सीखने में भी परेशानी होती है। मोबाइल, कम्प्यूटर आदि नहीं सीख पाते हैं। इसकी जागरूकता के लिए इंटरनेशनल मेनोपॉज सोसायटी ने एक गाइडलाइन जारी की है। इसमें बताया गया है कि यदि समय पर सही कदम नहीं उठाया जाए तो भविष्य में यह डिमेंशिया या अल्जाइमर्स का खतरा उत्पन्न कर सकती है।</p>
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5,520,716
[ "ऐसे समझें ट्रॉमा को \n" ]
<p>यह सामान्य बीमारी नहीं है। इसके लक्षण भी सामान्य नहीं होते हैं। यह स्थिति गहरे आघात, सामाजिक, मानसिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक जैसे किसी भी रूप में हो सकती है। ट्रॉमा के कई कारण होते हैं। शारीरिक ट्रॉमा का मतलब है, शरीर को कोई भी क्षति पहुंचना। ये सड़क दुर्घटना, आग, जलना, गिरना, हिंसा की घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं आदि चीजों से हो सकती है।</p>
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5,520,732
[ "आहार का विज्ञान\n" ]
<p>अधिक उम्र में दूध, चीज, डेयरी प्रोडक्ट्स सहित अच्छे स्वास्थ्य के लिए मौसम आधारित फल-सब्जियां, ड्राइ फ्रू ट्स, विटामिन व प्रोटीन से युक्त डाइट के साथ ही इम्युनिटी बूस्टर चीजें खाएं। ऑस्टियोपोरोसिस हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।</p><p>नोट- डॉक्टरी सलाह से ही कोई नुस्खा या दवा लें।</p>
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5,520,736
[ "ऑ..... " ]
<p>ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइंडर्स यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक शोध में यह पता लगाया है कि आंत्र की विशेष कोशिकाएं, ब्रेन व रीढ़ की ह़ड्डी, दोनों से संवाद कर सकती हैं। ये सेल्स द्विपक्षीय संवाद व सूचनाओं का आदान-प्रदान करती हैं। साथ ही ब्रेन के भावनात्मक-संज्ञानात्मक केंद्रों को आंत के कार्यों से भी जोड़ती हैं। यह स्टडी ‘अमरीकन जर्नल ऑफ साइकोलॉजी’ में प्रकाशित हुई।</p>
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5,520,733
[ "एक्सपर्ट- डॉ...... " ]
<p>एक्सपर्ट- डॉ. वर्तिका गर्ग, होम्योपैथी विशेषज्ञ, जयपुर</p><p>बच्चों से जुड़े शेष सवालों के जवाब आप नीचे दिए गए फेसबुक लिंक में भी देख सकते हैं bit.ly/3fWCdl9</p>
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5,520,712
[ "इन चीजों से दूरी बनाएं\n" ]
<p>धूम्रपान व एल्कोहल जैसे व्यसन भी ऑस्टियोपोरोसिस के लिए जिम्मेदार होते हैं। साथ ही ये इस समस्या को बढ़ा भी देते हैं, अत: इनसे बचें। 50 की उम्र के बाद खाने में विटामिन डी3, कैल्शियम जैसे पोषक तत्त्वों की मात्रा बढ़ाएं। इनसे मजबूती मिलेगी।</p>
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5,520,711
[ "उम्र का फैक्टर\n" ]
<p>मेनोपॉज के बाद महिलाओं में और55 वर्ष से अधिक उम्र में पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका होती है। एक रिसर्च के अनुसार, अधिक उम्र में 100 में से 30 लोगों की कूल्हे की हड्डी टूट जाती है, जिससे जीवन खतरे में पड़ जाता है।</p>
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5,520,713
[ "युवावस्था में बनें सक्रिय\n" ]
<p>हड्डियों की ग्रोथ युवावस्था में सबसे अधिक होती है, अत: इस उम्र में खुद को सक्रिय बनाएं। आयरन-कैल्शियम रिच डाइट के साथ ही व्यायाम पर फोकस करें। इसमें वॉक, रनिंग सहित रिद्मिक इम्पैक्ट एक्सरसाइज से इन्हें मजबूत बना सकते हैं।</p>
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5,520,720
[ "सवाल: ..... " ]
<p><b>सवाल: </b><b>पांच वर्षों से पेट की चर्बी बढ़ती जा रही है। पूरे शरीर में यह पेट पर ही जमा है। इसे कम करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए? </b><b>अंकित शर्मा, 40 वर्ष</b></p>
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5,520,734
[ "सवाल: ..... " ]
<p><b>सवाल: </b><b>20-25 दिनों से होठ फटने के कारण उनमें खून तक आने लगा है। कई घरेलू उपायों के बाद भी आराम नहीं मिला, क्या करूं? </b><b>विजय खंडेलवाल, 25 वर्ष</b></p>
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5,520,990
[ " मैं ऐसा चित्र बनाऊंगा जिसमें सुशील की बाल्यावस्था का चित्र हो, कमर पर भारी भरकम बस्ता हो, बस्ते में मां-बाप के भारी भरकम सपने हों और सपनों से लदा हुआ सुशील हो।", "भरतचन्द्र शर्मा" ]
<p>ह एक महानगर की एक ऐसी सोसाइटी थी जिसमें उच्चवर्गीय लोगों के सपने देखने वाले मध्यमवर्गीय लोग रहते थे। उसी सोसायटी में आज ‘मन’ के दादू अपने कस्बे से रहने के लिए आए थे। दादू की दिनचर्या में अब ‘मन’ को स्कूल बस तक छोड़ना तथा वापसी पर उसे गेट पर रिसीव करने के कार्य शामिल हो गए। दादू सोसायटी के बच्चों की कमर पर भारी भरकम बस्ते का बोझ, हाथ में पानी की बोतल तथा झुके हुए कंधे देखकर बच्चों की स्थिति पर उन्हें दया आती, सहानुभूति होने लगती, सवेरे लगभग 5 बजे उठकर मन की मम्मी उसे बमुश्किल तैयार करती। 2 बजे के आसपास वह वापस लौटता, खाना खाता, कुछ देर विश्राम कर होमवर्क की तैयारी करता, उसे केवल कुछ समय शाम को खेलने-कूदने के लिए मिल पाता, तब वह सोसायटी के बगीचे में जाकर कभी मित्रों के साथ खेल पाता। चूंकि दादू भी इस शहर में अपनी दिनचर्या को नया स्वरूप देने का प्रयास कर रहे थे तो वह भी शाम को सोसायटी के बगीचे में जाकर टहलते, थक जाते तो पार्क की बेंच पर बैठकर विश्राम करते। वहां बैठे-बैठे बच्चों की गतिविधियों को देखते उन्हें लगता बच्चों के चेहरे से बचपन गायब है, बड़ी उम्र के बच्चे आगे पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। वह बातचीत किया करते जिसका सार था हर एक बच्चे के माता-पिता उसको डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहते हैं। इतना ही नहीं वह उन्हें पढ़ने के लिए कोचिंग के लिए कोटा शहर में भेजना चाहते हैं क्योंकि कोटा शहर सपनों का शहर है। डॉक्टर या आईआईटी के इंजीनियर बनने के लिए यहां से पढ़ाई करने के सिवा कोई चारा नहीं है। दादू सुनते एक दिन एक बच्चा कह रहा था यार मेरे को डॉक्टर बनने की कोई चाह नहीं है लेकिन मम्मी-पापा पीछे पड़े हैं कहते हैं, हिंदुस्तान में एडमिशन नहीं हुआ तो किर्गिस्तान से करवा देंगे। </p><p>मन के दादू भी सोच में पड़ जाते क्योंकि मन के मम्मी पापा भी उसे एक डॉक्टर या आईआईटी इंजीनियर के रूप में देखना चाहते हैं। प्राय: रात्रि को खाने की टेबल पर जब मन के दादू परिवार के साथ बैठकर खाना खाते तब उसके मम्मी पापा उसके कॅरियर की बात करते। उनका बेटा सुनील कहता, पिताजी मन अभी आठवीं क्लास में पढ़ रहा हैं, नौवीं से इसे कोटा रख देंगे। वहां चार-पांच साल की पढ़ाई के बाद कोचिंग करके अगर वह डॉक्टर की प्रवेश परीक्षा अच्छे नंबरों से पास कर लेता है तो उसे यहां अच्छे सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा नहीं तो इसको विदेश में किर्गिस्तान, यूक्रेन, बांग्लादेश कहीं पर भी रख देंगे क्योंकि यहां स्वदेश में तो कम परसेंटेज पर कहीं एडमिशन नहीं मिलेगा। पेमेंट सीट पर एक साल का तीस-चालीस लाख अपने बूते का है नहीं, एजुकेशन लोन, खेती बाड़ी बेचकर भी पार नहीं पड़ सकते। आप तो जानते हैं, मैं बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहता था। उसकी मम्मी बीच में बोली, और पापाजी मैं भी डॉक्टर बनना चाहती थी, अब दोनों का सपना मन पूरा करेगा। दादू-बेटा मन को तो पूछो, वो क्या करना चाहता है? पिताजी, मन क्या समझता हैं? अभी इसकी कच्ची उमर हैं। </p><p>पिताजी- मैं भी यही कह रहा हूं, कच्ची उमर में बाहर भेजना ठीक रहेगा क्या? </p><p>पिताजी ! कोटा शहर डॉक्टर इंजीनियरों की खेती के लिए कोचिंग का शहर है, बच्चे में थोड़ा भी टेलेंट हो तो वह आगे बढ़ जाता है, फिर कुछ रिस्क भी लेनी पड़ती है। </p><p>दादू ने मन के मन को पढ़ लिया था, डॉक्टर बनने में उसकी कोई रुचि नहीं थी। दादा जी ने देखा, कुछ दिनों से पड़ोस के फ्लैट में कोई अधेड़ उम्र का एक चित्रकार रहने आया है जिसकी कद-काठी लंबी है, वह चित्रकार पायजामा कुर्ता पहनता है तथा नंबर वाला गोल चश्मा और उसके नीचे फ्रेंच कट दाढ़ी में अपनी अलग ही छाप छोड़ता है। अंतर्मुखी प्रवृत्ति का चित्रकार है, सामने स्टैंड पर कैनवास पर चित्र बनाता रहता है। पास में कूची छोटी प्यालियों में रंग तथा अन्य सामग्री बिखरी पड़ी रहती है, क्योंकि वह अपने फ्लैट का दरवाजा खुला ही रखता है इसलिए उसकी गतिविधि बाहर से ही दिख जाती है। कभी कभार दादू देखते हैं, मन बाहर वाले स्पेस में खड़ा रहकर उस चित्रकार को एकटक देखते रहता है। उसे विस्मय भी होता है, कलाकार के हाथ हिलते ही एक सुंदर स्केच तैयार हो जाता है। </p><p>वह चित्रकार अकेला रहता है, लगता है खाना भी बाहर खाता है या टिफन मंगवा लेता हैं। मन को होता है उसके घर पर कोई विशेष डिश बने तो उस कलाकार को भी दे। </p><p> एक दिन सोसायटी के लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ की साधारण से दिखने वाले इस चित्रकार को कोई बड़ा पुरस्कार मिलने वाला है, आज के अखबारों में उसकी कोई पेंटिंग इस पुरस्कार के लिए चुनी गई है। उसकी पेंटिंग के साथ उसकी फोटो अखबारों की सुर्खियों में हैं। सोसायटी के पदाधिकारियों ने सोसायटी के हॉल में उसका सम्मान करने का कार्यक्रम रखा, जहां पर सोसायटी के सभी बच्चे, बड़े बूढ़े एवं परिवार इकट्ठा हुए। माला पहना कर जब उसका स्वागत किया गया और उसे बोलने के लिए आमंत्रित किया गया तब उसका गला रूंध गया, आंखों से चश्मा उतार कर रुमाल से बार-बार अपनी आंखें पोंछ रहा था, चित्रकार ने अपने झोले से एक पेंटिंग निकाली। उसको प्रोजेक्टर पर चलाकर, सब को दिखा कर वह बोला, </p><p> सभी ध्यान से देखें जिस पेंटिंग पर मुझे पुरस्कार मिला है उसमें जो चित्र है वह मेरे अभिन्न मित्र बाल सखा सुशील का है। सुशील और मेरे माता-पिता हमको डॉक्टर इंजीनियर बनाने पर तुले थे, इसके लिए हमें कोचिंग लेने कोटा भेज दिया। कोटा जाकर हमने देखा कि वहां जो बच्चे पढ़ने आए हैं उनके मुकाबले हम बहुत कमजोर हैं। हमें लगने लगा कि हम जीवन भर कोचिंग लें तब भी यह परीक्षा पास करना हमारे बूते का नहीं हैं फिर यकायक उस कलाकार की आवाज रुंध गई। थोड़ी देर बाद वह बोला कि मेरा मित्र सुशील इतना अवसाद में आ गया कि एक दिन वह शहर छोड़ दूर कहीं निकल गया। उसके बाद मेरा मन अपने तयशुदा रास्ते पर चल पड़ा। मैं एक चित्रकार बनूंगा, ऐसा चित्र बनाऊंगा जिसमें सुशील की बाल्यावस्था का चित्र हो, उसकी कमर पर भारी भरकम बस्ता हो, उस बस्ते में मां बाप के भारी भरकम सपने हों और उन सपनों से लदा हुआ सुशील हो। इस चित्र में सुशील है जो आज न जाने कहां है? मित्रों मैं संदेश देना चाहता हूं कृपया अपने सपनों को अपने बच्चों पर न लादें, उन्हें अपना भविष्य खुद तय करने दीजिए।</p>
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5,520,991
[ "कलाओं की दुनिया से रूबरू कराती ‘कला-मन’" ]
<p>रतीय कलाएं सदा जीवन के इर्द गिर्द रही हैं। यहां तमाम कलाओं का उत्स जीवन है और जीवन के विभिन्न रूप कलाओं के माध्यम से प्रस्फुटित हुए हैं। इनमें संगीत, नृत्य, नाट्य, वास्तु, चित्र आदि कला रूप प्रमुख हैं। राजेश कुमार व्यास ऐसे लेखक हैं जो विभिन्न कलाओं पर लगातार लिखते रहे हैं। उनकी नई पुस्तक ‘कला-मन’ महत्त्वपूर्ण है। इसमें उनके द्वारा विभिन्न कलाओं व उनसे जुड़े विषयों पर लिखे ललित निबंध हैं। वे कलाओं पर लिखते हुए एक साक्ष्य भाव रखते हैं। ‘कलाओं का संसार’ निबन्ध में वे लिखते हैं -‘सत्य वह नहीं होता, जो दिख रहा होता है, जो दिखने के बाद मन में घट रहा होता है वह होता है।’ एक अन्य निबंध में वे लिखते हैं ‘कलाएं इसी तरह देखने का अपना समय गढ़ती है।’ कलाओं पर लिखते हुए राजेश कुमार व्यास पाठक को भी अपने साथ ले चलते हैं। उसे भी दिखाते हुए, सुनाते हुए कि यही तो कला है, जिसे तुम कल तक असाध्य समझते थे। </p><p>‘कला-मन’ में लेखक कला, संस्कृति, लोक कलाओं पर विहंगम दृष्टि डालते मन से कलाओं पर विचार करते हैं। चाहे वह ‘सिंधी सारंगी में लोक उजास’ हो या संस्कृति की जीवंतता के साथ ‘शिक्षण और कलाएं’, ‘रिल्के के पत्राें में सेंजा’, ‘कला का नया आकाश’, ‘कलाआें का मूल’, ‘संस्कृति और राष्ट्र’ आदि। इनके शीर्षक ही बताते हैं कि किस तरह कला घुमक्कड़ी करते हुए वे पाठक को एक ऐसे लोक में ले जाते हैं जहां कला का विस्तृत संसार है। लेखक एक ऐसा आकाश दिखाते हैं जहां तमाम कलाएं समाई हुई हैं। यहां सारी कलाओं का गान है, तथ्य और मर्म के साथ। इनको पढ़ने के बाद पाठक वह नहीं रहता जो इस किताब को पढ़ने से पहले तक था। इसके बाद उसका मन भी लेखक का सा मन हो जाता है, कला-मन। <b>-डॉ. सत्यनारायण</b></p><p><b>कला-मन</b></p><p><b> लेखक </b></p><p><b>राजेश कुमार व्यास</b></p><p><b>अपनी रचना भेजिए: </b><b>अपनी मौलिक और अप्रकाशित कहानी, कविता और लघुकथाएं हमें इस मेल एड्रेस पर भेजिए-</b><b>sunday@in.patrika.com </b><b>ध्यान रखें कहानी-1000 और लघुकथा-250 शब्दों से अधिक नहीं हो।</b></p>
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5,520,992
[ "सॉरी एंड थैंक्स" ]
<p><b>दिलीप शर्मा </b></p><p>री बहना! इतने आंसू? क्या हुआ किसी ने कुछ कहा? अपनी छोटी बहन सॉरी को रोता देख थैंक्स भैया ने झट से पूछ डाला! क्या बताऊं थैंक्स भैया। मुझे मेरा नाम अच्छा नहीं लगता, जो भी देखो मेरा झूठा इस्तेमाल करता है और इसके बाद भी ना बोलने वाला खुश होता है और ना ही सुनने वाला! देखो आपका नाम कितना अच्छा है। बोलने वाला भी खुश और सुनने वाला भी! पहली बात तो कोई मेरा नाम जल्द से लबों तक नहीं लाता और यदि गलती से आ भी जाए तो उसका दिल उदास ही रहता है ! बस इसलिए आज मेरे दिल का दर्द आज नेत्रों में रुक नहीं पाया। अरे ऐसा नहीं है सॉरी बहना बल्कि सत्य तो इसका एकदम उलट है देखो कैसे? सच्चाई यह है की सॉरी का इस्तेमाल करने के लिए दिल नहीं जिगर चाहिए। और कोई विरला ही इसे लेकर पैदा होता है! तुम्हारे नाम का इस्तेमाल बोलने या सुनने वाले दोनों में से कोई भी एक सच्चे मन से करता है तो बात बन गई समझो और दोनों ही व्यक्ति खुले मन के हों तो सारे गिले- शिकवे छू मंतर ! और रही बात मेरी तो मुझे तो लोग सभ्य बनने के लिए दिखावा मात्र करते हैं। क्या कहते हैं उसे इंग्लिश में ‘फॉर्मलटी ओनली’! दोनों हंसने लगते हैं और सॉरी, थैंक्स भैया को थैंक्स कहती है और बोलती है मेरा वाला थैंक्स औपचारिकतावश नहीं है भैया! हां एक बात और आपका नाम सुनकर चेहरे पर खुशी की चमक तो आ ही जाती है, एक बार चाहे औपचारिकतावश ही सही! ऐसा कहकर सॉरी थैंक्स भैया से विदा लेती है। </p>
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[ "अश्विनी भार्गव" ]
<p>जरे में कैद पंछी आजाद होने के लिए बेचैनी से तड़प रहा था। अपने पंख फड़फड़ा रहा था। उसकी आंखों में आंसू थे और पिंजरे की सींखचों पर बार-बार चोंच मार रहा था। तरस खाकर मैंने उसको आजाद कर दिया। लेकिन उड़ा नहीं वो बल्कि पिंजरे से निकलकर निकट की ही दीवार पर बैठ गया। टकटकी बांधे वो उस पिंजरे को देखता रहा जिससे अभी अभी आजाद हुआ था। शायद उसको अब आजादी अच्छी नहीं लग रही थी। </p><p>मैं दूर से उस पर नजर लगाए बैठा था। कुछ देर बाद वो पिंजरे के ऊपर बैठ गया। पिंजरे से मोह हो गया था उसको! होता भी क्यों नहीं.... पिंजरा जरूर था मगर.... कुछ दिन उसका घर भी तो रहा था। पंछी के आंसू अभी भी नहीं सूखे थे....। </p><p> पहले कैद के थे मगर अब अपने उस पिंजरे रूपी शरीर से बिछड़ने के थे जिसने उसे अपने अंदर आत्मा की तरह रखा था। अंतत: पंछी उड़ ही गया आसमान में... लेकिन मुड़-मुड़कर पिंजरे को निहारता ही रहा। निहार तो पिंजरा भी रहा था अपनी आत्मा को जाते हुए देखकर....मोह तो उसको भी हो चुका था उस पंछी से!!!</p>
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[ "पाक के खिलाफ अंतिम एकादश तय, अब सिर्फ महामुकाबले का इंतजार", "कप्तान ने हालांकि प्लेइंग इलेवन का नहीं किया खुलासा" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>मेलबर्न. </b>दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों की नजर 23 अक्टूबर को आइसीसी टी-20 विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले पर लगी है। शनिवार को भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि उन्हें इस मैच की अहमियत अच्छी तरह से पता है और उन्होंने अंतिम एकादश तय कर ली है। हालांकि चोटिल तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के स्थान पर टीम में शामिल किए गए अनुभवी पेसर मोहम्मद शमी के इस मैच में खेलने की संभावना कम है। </p><p><b>हमने खिलाड़ियों को सूचना दे दी है </b></p><p><b>रोहित शर्मा </b>ने कहा, मैं आखिरी मिनट में फैसला लेने पर भरोसा नहीं करता। हम चाहते हैं कि अंतिम एकादश में खेलने वाले खिलाड़ियों को पहले ही इसके बारे में बता दिया जाए, ताकि वो इस अहम मैच के लिए अच्छी तरह से तैयार हो सके। मैंने पाकिस्तान के खिलाफ मैच के लिए पहले ही अपनी अंतिम एकादश तय कर ली है और जो खिलाड़ी इस मैच के लिए प्लेइंग इलेवन में होंगे, उन्हें बता भी दिया है। इससे उन्हें तैयारी करने का मौका मिलेगा। </p><p><b>रोहित बोले, मैं आखिरी मिनट पर फैसला नहीं लेता</b></p><p><b>छह गेंदबाजों संग उतर सकती है टीम </b></p><p><b>यदि मोहम्मद </b>शमी पाक के खिलाफ नहीं खेलेंगे तो भारतीय पेस बैटरी की कमान भुवनेश्वर कुमार, अर्शदीप सिंह और हर्षल पटेल के हाथों में हो सकती है। इस मैच में भारतीय टीम छह गेंदबाजों के साथ उतर सकती है। चौथे पेसर की भूमिका हार्दिक पांडॺा निभाएंगे जबकि दो स्पिनर के रूप में अक्षर पटेल और युज्वेंद्र चहल को जगह मिल सकती है। </p><p><b>गेंदबाजी सबसे बड़ी चिंता: </b><b>पिछले </b>कुछ समय से गेंदबाजों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है और टीम बड़ा स्कोर बचाने में भी विफल रही है। ऐसे में कप्तान रोहित सिर्फ पांच गेंदबाजों के साथ उतरने का जोखिम नहीं उठाना चाहेंगे।</p>
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[ "महिला एशिया कप : भारतीय टीम ने आठ विकेट से जीता फाइनल", "श्रीलंका को सिर्फ 65 रन पर रोक भारत रेकॉर्ड सातवीं बार चैंपियन" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>सिलहट. </b>भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन कायम रखते हुए शनिवार को एशिया कप टी-20 टूर्नामेंट रेकॉर्ड सातवीं बार जीत लिया। फाइनल में भारतीय टीम ने श्रीलंका को आठ विकेट से करारी शिकस्त दी। </p><p>टॉस जीतकर श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन भारतीय गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी के आगे श्रीलंकाई टीम निर्धारित 20 ओवर में 9 विकेट पर सिर्फ 65 रन ही बना सकी। इसके बाद भारतीय टीम ने 8.3 ओवर में दो विकेट पर 71 रन बनाकर खिताब जीत लिया। </p><p><b>मंधाना का अर्धशतक: </b>सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने 25 गेंदों में 51 रन की नाबाद पारी खेली। उन्होंने करियर का कुल 25वां अर्धशतक लगाया और अपनी पारी में 6 चौके और तीन छक्के लगाए। </p><p><b>हमने विकेट को सही तरह से पढ़ा और अच्छी गेंदबाजी की </b></p><p>खिताब जीतने के बाद भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि इस जीत का श्रेय गेंदबाजों और फील्डरों को जाता है। उन्होंने कहा, आपको विकेट को सही तरह से पढ़ना होता है और गेंदबाजी के तहत सही फील्डिंग लगानी होती है। आज हम ऐसा करने में सफल रहे और इस कारण जीते। </p>
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[ "एडवेंचर बन गया था जुनून, खेल का खर्च उठाने के लिए बेची ज्वेलरी", "हर लड़की को एडवेंचर का अनुभव लेना चाहिए", "लड़कियां यदि एडवेंचर स्पोर्ट्स में जाना चाहती हैं तो इसमें वित्तीय मदद बहुत जरूरी है। जो लड़कियां इस स्पोर्ट्स में जाना चाहती हैं, मैं उनके मार्गदर्शन के लिए हमेशा तैयार हूं। मेरा मानना है कि हर लड़की को एक बार एडवेंचर स्पोर्ट्स का अनुभव लेना चाहिए, क्योंकि जब आप अनुभव लेंगे, तभी पता चलेगा कि आपकी उसमें रुचि और क्षमता है या नहीं। बच्चों को इस खेल में आगे बढ़ाना है तो उनकी बचपन से ट्रेनिंग शुरू कर दें।" ]
<p>अर्चना सरदाना, संडे गेस्ट एडिटर</p><p>patrika.com</p><p><b>नोएडा. </b>मेरा जन्म कश्मीर में बिजनेस फैमिली में हुआ था। इसलिए एडवेंचर एक्सपोजर नहीं था। उस समय श्रीनगर में लड़कियों को बाहर जाकर कुछ सीखने की आजादी नहीं थी। मैंने कभी सोचा नहीं था कि एडवेंचर में कुछ करूंगी। स्कूल के दिनों में मैंने एनसीसी जॉइन की थी। तब भी एडवेंचर में मेरी रुचि नहीं थी। एडवेंचर से मेरा परिचय शादी के बाद पति ने करवाया। मेरे पति नेवल ऑफिसर थे और एडवेंचर से जुड़े हुए थे। इसके बाद मैंने एडवेंचर की ट्रेनिंग ली। जब मैं एडवेंचर करती थी, तो लोग मुझे मना किया करते थे कि ऐसे जोखिम भरे खेल से दूर रहो। हालांकि एडवेंचर स्पोर्ट्स महंगे भी ज्यादा होते हैं। स्पोर्ट्स के खर्चों को मैनेज करने के लिए मैंने अपनी ज्वेलरी बेची और लोन भी लिया। एक बार 14 हजार फीट से स्काई ड्राइव की तो मेरा पैराशूट नहीं खुला, हालांकि रिजर्व में एक पैराशूट और होता है। मैं घबराई नहीं और दूसरा पैराशूट 700 फीट की ऊंचाई पर आकर खुला।</p><p><b>अर्चना सरदाना, </b><b>स्काईडाइव के लिए तैयार होते हुए</b></p>
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[ "नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप: पोल वॉल्ट में किया दमदार प्रदर्शन", "रोसी ने अपना रेकॉर्ड तोड़ स्वर्ण जीता" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>बेंगलूरु. </b>तमिलनाडु की स्टार एथलीट रोसी मीना पॉलराज ने शनिवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की पोल वॉल्ट स्पर्धा में राष्ट्रीय रेकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीता। 25 वर्षीय रोसी ने 4.21 मीटर के साथ यह कमाल किया। </p><p>शानदार लय में चल रही रोसी ने हाल ही में समाप्त हुए 36वें राष्ट्रीय खेलों में भी जोरदार प्रदर्शन करके खिताब अपने नाम किया था। उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में 4.20 मीटर के साथ अपनी बादशाहत कायम की थी। लेकिन इस बार उन्होंने अपने रेकॉर्ड में और सुधार किया। </p><p><b>वी.एस सुरेखा को पीछे छोड़ा था </b></p><p><b>रोसी </b>ने राष्ट्रीय खेलों में वी.एस सुरेखा का आठ साल पहले बनाए गए रेकॉर्ड को तोड़ा था। सुरेखा ने 2014 में 4.15 मीटर की ऊचाई नापी थी। लेकिन रोसी ने नेशनल गेम्स में 4.20 मीटर के साथ उन्हें काफी पीछा छोड़ दिया। इस स्पर्धा में रेलवे की पवित्रा वेंकटेश ने रजत पदक जबकि रेलवे की ही बारानिका इलांगोवान ने कांस्य पदक अपने नाम किया। </p>
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5,520,424
[ "सबिता का फर्राटा दौड़ में रजत पदक" ]
<p><b>भुवनेश्वर @ पत्रिका. </b>ओडिशा की 17 वर्षीय महिला फर्राटा धाविका सबिता टोप्पो ने कुवैत में आयोजित एशियाई युवा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 100 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता। शनिवार को हुई स्पर्धा में सविता ने 14.17 सेकेंड का समय निकाला। उड़ीसा की रहने वाली सबिता ने इससे पहले भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय युवा एथलेटिक्स मीट (अंडर-18) में भी शानदार प्रदर्शन किया था और 100 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था।</p>
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5,520,425
[ "शमी का खेलना मुश्किल" ]
<p><b>भारतीय कप्तान </b>रोहित शर्मा ने अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के बारे में बात करते हुए कहा कि वह शायद पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा, मैं अभी शमी को अंतिम एकादश में खेलते हुए नहीं देख रहा हूं। लेकिन उनका टीम से जुड़ना हमारे लिए अच्छी खबर है। मैं उन्हें अभ्यास सत्र में गेंदबाजी करते हुए देखूंगा और फिर हम देखेंगे कि उनकी तैयारी कैसी है।</p>
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5,520,426
[ "फाइनल में भारत का दबदबा" ]
<p><b>साल मेजबान फॉर्मेट विपक्षी टीम चैंपियन</b></p><p>2004 <b>श्रीलंका </b>वनडे श्रीलंका <b>भारत</b></p><p>2006 <b>पाकिस्तान </b>वनडे श्रीलंका <b>भारत</b></p><p>2006 <b>भारत </b>वनडे श्रीलंका <b>भारत</b></p><p>2008 <b>श्रीलंका </b>वनडे श्रीलंका <b>भारत</b></p><p>2012 <b>चीन </b>टी-20 पाकिस्तान <b>भारत</b></p><p>2016 <b>थाइलैंड </b>टी-20 पाकिस्तान <b>भारत</b></p><p>2018 <b>मलेशिया </b>टी-20 भारत <b>बांग्लादेश</b></p><p>2022 <b>बांग्लादेश </b>टी-20 श्रीलंका <b>भारत</b></p><p><b> रेणुका सिंह: प्लेयर ऑफ द मैच</b></p>
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5,520,427
[ "मैनचेस्टर सिटी संग रहेंगे फोडेन, प्रत्येक सप्ताह कमाएंगे ₹1.84 करोड़" ]
<p><b>लंदन. </b>इंग्लैंड के 22 वर्षीय युवा फुटबॉलर फिल फोडेन ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए मैनचेस्टर सिटी के साथ ही रहने का फैसला किया है। फोडेन ने शनिवार को मैनचेस्टर सिटी संग तीन साल के लिए अपने करार को आगे बढ़ा दिया है। मैनचेस्टर सिटी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। फोडेन का क्लब के साथ अनुबंध 2024 को खत्म हो रहा था लेकिन उन्होंने इसे 2027 तक बढ़ा दिया है। अटकलें लगाई जा रही थी कि फोडेन मैनचेस्टर सिटी छोड़कर किसी और क्लब के साथ जुड़ सकते हैं। <b>नए करार से हुआ मुनाफा: </b>एक रिपोर्ट के अनुसार फोडेन को नए करार से काफी फायदा हुआ है। फोडेन 2017 में मैनचेस्टर सिटी के साथ जुड़े थे। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी और उन्हें प्रत्येक सप्ताह 55.24 लाख रुपए मिलते थे। लेकिन अब वह स्टार खिलाड़ी बन चुके हैं और उनका प्रत्येक सप्ताह का वेतन करीब 1.84 करोड़ रुपए हो गया है।</p>
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5,520,417
[ "अंडर-17 फीफा विश्व कप", "तकनीक में सुधार करने की जरूरत" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>भुवनेश्वर. </b>फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप में लगातार दो मैच हारने के बाद भारतीय टीम के कोच थॉमस डेनेरबे ने माना कि मेजबान खिलाड़ी तकनीकी तौर पर काफी कमजोर है। भारत को पहले मैच में अमरीका के खिलाफ 0-8 और फिर मोरक्को के खिलाफ 0-3 से से हार का सामना करना पड़ा है। डेनेरबे ने कहा, मैं मैच के परिणाम से बिल्कुल भी खुश नहीं हूं। खिलाड़ियों की फिटनेस में कोई समस्या नहीं है लेकिन तकनीकी तौर पर हम अच्छे नहीं हैं। </p><p> हमें इसमें काफी सुधार की जरूरत है। </p>
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[ "प्रो कबड्डी लीग", "जयपुर पैंथर्स की गुजरात पर जीत" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>बेंगलूरु. </b>जयपुर पिंक पैंथर्स ने शनिवार को प्रो कबड्डी लीग मैच में गुजरात जायंट्स को कड़े मुकाबले में 25-18 से शिकस्त दी। शानदार फॉर्म में चल रही जयपुर की चार मैचों में यह तीसरी जीत है। टीम को पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसके बाद टीम ने जबरदस्त वापसी की और लगातार तीन मैच जीते। वहीं, गुजरात की टीम को चार मैचों में दूसरी हार का सामना करना पड़ा। गुजरात ने एक मैच जीता है और एक ड्रॉ खेला है। जयपुर के लिए राहुल चौधरी ने पांच अंक हासिल किए। </p>
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[ "3 विकेट झटके 5 रन देकर" ]
<p><b>मीडियम </b>पेसर रेणुका सिंह ने तीन ओवर में एक मेडन फेंका व पांच रन देकर तीन विकेट चटकाए। इस शानदार प्रदर्शन से वह प्लेयर ऑफ द मैच बनीं। </p><p><b>प्लेयर ऑफ द सीरीज</b></p><p><b>दीप्ति शर्मा, </b>ऑलराउंडर </p><p><b>94 रन </b>बनाए </p><p><b>13 विकेट </b>लिए</p>
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5,520,899
[ "‘पाक सबसे खतरनाक देश’", "पाकिस्तान में बिना निगरानी के परमाणु हथियार: बाइडेन", "संबंधों पर सवाल", "विलावल ने कहा अमरीकी राजदूत को जल्द तलब करेंगे" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>वाशिंगटन. </b>अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश करार देते हुए शनिवार को कहा कि उसके पास बिना निगरानी के परमाणु हथियार हैं। बाइडेन ने कहा, मुझे लगता है कि शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है पाकिस्तान। बाइडेन लॉस एंजिल्स में डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंपेन को संबोधित कर रहे थे। पिछले दिनों पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाने के प्रयासों पर भारत की आपत्ति के बाद बाइडेन के बयान के मायने निकाले जा रहे हैं। पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने इस बयान को निराधार बताया तो विदेश मंत्री विलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि हम अमरीकी राजदूत को तलब करेंगे। </p><p>अमरीका हमेशा पाकिस्तान को लेकर दोहरा रुख अख्तियार करता रहा है। बाइडेन की यह टिप्पणी अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी होने के दो दिन बाद आई हैं। 48 पन्नों के इस दस्तावेज में पाकिस्तान का जिक्र नहीं है। बाइडेन की टिप्पणी को अमरीका के साथ संबंध सुधारने के शहबाज शरीफ सरकार के प्रयास के लिए झटके के रूप में देखा जा सकता है। अमरीका ने आठ सितंबर को पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर देने की मंजूरी दी थी। ये पिछले चार साल में इस्लामाबाद को दी जाने वाली सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता थी। भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर ने इसकी तीखी आलोचना की थी।</p><p><b>शरीफ ने कहा</b></p>
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5,520,900
[ "वैश्विक भूख सूचकांक", "हंगर इंडेक्स देश की छवि बिगाड़ने का प्रयास : केंद्र", "भारत 107वें स्थान पर फिसला" ]
<p><b>ग्राफिक्स@पत्रिका</b></p><p>नई दिल्ली@पत्रिका. केंद्र सरकार ने वैश्विक भूख सूचकांक 2022 की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। महिला व बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि रिपोर्ट में गंभीर पद्धतिपरक कमियां हैं। यह देश की छवि खराब करने का प्रयास है। देश में सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम चल रहा है। ऐसे में रिपोर्ट सही तस्वीर नहीं दिखाती है। रिपोर्ट में बताया कि भारत हंगर इंडेक्स में 6 पायदान नीचे खिसककर 121 देशों में 107वें स्थान पर पहुंच गया है। पड़ोसी देश पाकिस्तान व बांग्लादेश की स्थिति भारत से बेहतर है। इंडेक्स किसी भी देश में भुखमरी की स्थिति बताता है। इसे कंसर्न वर्ल्डवाइड व वर्ल्ड हंगर हेल्प नामक यूरोपियन एनजीओ तैयार करते हैं। स्केल पर 0 सबसे अच्छा स्कोर होता है, वहीं 100 सबसे बुरा। </p><p><b>भारत के पड़ोसियों की स्थिति</b></p><p><b>रैंकिंग</b></p><p>श्रीलंका</p><p>म्यांमार</p><p>पाकिस्तान</p><p>भारत</p><p>बांग्लादेश</p><p>नेपाल</p><p>अफगानिस्तान</p><p>50 से ज्यादा </p><p><b>बेहद चिंताजनक</b></p><p>35 से 49.9 </p><p><b>चिंताजनक</b></p><p>20 से 34.9 </p><p><b>गंभीर</b></p><p>10 से 19.9 </p><p><b>सामान्य</b></p><p><b>9.9 </b>या इससे कम...<b>अच्छा</b></p>
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5,520,901
[ "देश को होगा यात्रा का फायदा" ]
<p><b>सुरेश व्यास/शादाब अहमद </b></p><p>patrika.com</p><p><b>नई दिल्ली. </b>कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पहली बार नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के दो नेता मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद शशि थरूर मैदान में हैं। करीब 24 साल बाद कांग्रेस को गैर गांधी परिवार का अध्यक्ष मिलेगा। खरगे ने चुनाव प्रचार की व्यस्तता के बीच कर्नाटक रवाना होने से पहले दिल्ली में पत्रिका से खास बातचीत में मौजूदा राजनीतिक हालात, कांग्रेस संगठन, भावी चुनौतियों और गांधी परिवार की भूमिका को लेकर सवालों के खुलकर जवाब दिए। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के बाद गांधी परिवार की भूमिका पर खरगे ने कहा कि गांधी परिवार पार्टी का अविभाज्य अंग है। यह सत्य है कि उनके बिना पार्टी को कोई चला भी नहीं सकता। देश के हर कोने में लोग उनको जानते हैं। राहुल गांधी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रियंका गांधी यूपी में लड़ाई लड़ रही हैं। यदि इनसे सलाह-मशविरा भी नहीं करेंगे तो फिर किससे करेंगे, पार्टी तोड़ने वालों से। </p><p><b>रिमोट कहना बदनाम करने की कोशिश... </b>कांग्रेस का नया अध्यक्ष गांधी परिवार के रिमोट से चलने की अवधारणा के सवाल पर खरगे ने कहा कि ऐसा कहना गांधी परिवार को बार-बार बदनाम करने की कोशिश है। परिवार ने त्याग किया, सुख नहीं भोगा। बहुमत मिलने के बाद दूसरों को प्रधानमंत्री और मंत्री बनाया। देश की एकता-अखंडता के लिए अपने परिवार के लोगों की कुर्बानी दी। पार्टी के कामकाज में कभी निर्णय थोपा नहीं गया। वे तो हमेशा सभी की बात सुनते रहे हैं। हम वैसे भी सामूहिक नेतृत्व की बात करते हैं। यदि वह एकतरफा निर्णय लेते तो बहुत से लोगों के साथ संवाद ही नहीं करते।</p>
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5,520,902
[ "खास बातचीत: कांग्रेस ने चुनौतियों को समझा", "गांधी परिवार के बिना कोई कांग्रेस नहीं चला सकता: खरगे", "संगठन को करना होगा मजबूत... " ]
<p><b>चुनावों </b>में लगातार हार के कारण कांग्रेस के खत्म होने की अवधारणा को खरगे सही नहीं मानते। उनका कहना था कि पार्टी चुनाव जब हारती है तो कुछ लोग छूटते जाते हैं, लेकिन जो लोग विचारधारा से जुड़ते हैं, वो पार्टी नहीं छोड़ते। आज के हालात में पार्टी संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए उदयपुर नवसंकल्प को अमल में लाकर पार्टी को नया ढांचा देंगे। जो-जो लोग उपेक्षित हैं, उनको शामिल कर हम काम करेंगे।</p>
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5,520,903
[ "नवाचार: अमित शाह आज करेंगे पुस्तकों का विमोचन", "मध्यप्रदेश की पहल, हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई " ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com </p><p><b>भोपाल. </b>मध्यप्रदेश में अब मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में होगी। राज्य सरकार के इस नवाचार की शुरुआत रविवार को होगी। इसका शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मेडिकल की हिंदी पुस्तकों का विमोचन के साथ करेंगे। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे। सीएम शिवराज का कहना है कि यह देश एवं प्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि छात्रों के लिए हिन्दी में भी मेडिकल की पढ़ाई के असंभव और अकल्पनीय कार्य का शुभारंभ किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप मध्यप्रदेश में चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिंदी में तैयार करने का निर्णय लिया था। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर तीव्र गति से कार्य किया गया। मेडिकल हिंदी पाठ्यक्रम भोपाल मेडिकल कॉलेज में तैयार किया गया है। इसमें मेडिकल छात्रों व चिकित्सकों के सुझाव शामिल किए गए।</p>
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5,520,904
[ "अविमुक्तेश्वरानंद के शंकराचार्य के रूप में अभिषेक पर रोक" ]
<p><b>नई दिल्ली@पत्रिका. </b>सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अभिषेक पर रोक लगा दी है। दरअसल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ को बताया कि पुरी में गोवर्धन मठ के शंकराचार्य ने हलफनामा दायर किया है कि ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में अविमुक्तेश्वरानंद की नियुक्ति का समर्थन नहीं किया गया है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने उनके अभिषेक पर रोक लगा दी। सर्वोच्च अदालत की पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मृतक शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा ज्योतिष पीठ के उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्ति का झूठा दावा किया था। </p><p>यह मामला 2020 से शीर्ष अदालत में लंबित है। </p>
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5,520,905
[ "‘नो फर्स्ट यूज’ की परमाणु नीति नहीं" ]
<p> चीन पाकिस्तान भारत</p><p><b>पाकिस्तान </b>की ’नो फर्स्ट यूज’ परमाणु नीति नहीं है। यह केवल पाकिस्तान के हाई कमान पर निर्भर करता है कि उन्हें कब और किस स्थिति में परमाणु हमला करना है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने 1999 में नो फर्स्ट यूज वाली परमाणु पॉलिसी को नकारते हुए कहा था, हम अपने देश की सुरक्षा की दिशा में हर जरूरी हथियार का इस्तेमाल कभी भी कर सकते हैं। भारत ने हालांकि साल 1999 में अपनी नो फर्स्ट यूज की परमाणु नीति घोषित की थी। इसके मुताबिक भारत कभी भी परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेगा। भारत केवल परमाणु हमला होने की स्थिति में ही अपने परमाणु हथियारों का सहारा लेगा।</p>
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5,520,897
[ "आतंकवाद नहीं पनपने देंगे" ]
<p><b>पाकिस्तान </b>के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा था कि देश में आतंकवाद को फिर से पनपने नहीं दिया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों की बैठक में उन्होंने यह बात कही। बैठक में स्वात घाटी की स्थिति और प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ बातचीत से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई।</p>
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5,520,898
[ "अमरीका सोचे, किसको फायदा" ]
<p><b>विदेश </b>मंत्री एस जयशंकर अमरीका-पाकिस्तान संबंधों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, अमरीका और पाक के जो रिश्ते हैं, उनसे न ही कभी पाकिस्तान को फायदा हुआ है और न ही अमरीका को। अमरीका को इस पर चिंतन करना चाहिए कि इन संबंधों से क्या फायदा मिल रहा है। </p>
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5,520,896
[ "पक्षी से टकराया यात्री विमान- मुंबई. ..... " ]
<p><b>पक्षी से टकराया यात्री विमान- मुंबई. </b>मुंबई से बेंगलूरु जा रहा अकासा एयर का विमान शनिवार को पक्षी से टकरा गया। विमान में जलने की गंध आने पर इसकी वापस मुंबई में लैंडिंग करानी पड़ी। विमान में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं। </p>
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[ "सुप्रीम आदेश : साईंबाबा को जेल में ही रहना होगा", "‘नक्सली गतिविधियों के लिए शरीर नहीं, दिमाग की जरूरत’" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>नई दिल्ली. </b>दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा को बॉम्बे हाईकोर्ट से बरी करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिक रोक लगा दी है। जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर कहा कि मामले में विस्तृत सुनवाई जरूरी है, इसलिए अभी वह जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में साईंबाबा के वकील ने कहा कि वे 8 साल से जेल में हैं। वह 55 साल के हैं और शरीर का 90% हिस्सा काम नहीं करता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आतंकी, नक्सली गतिविधि में शामिल होने के लिए शरीर की नहीं, ब्रेन की जरूरत होती है। </p><p><b>सुरक्षा सलाहकार विजय का इस्तीफा</b></p><p><b>नई दिल्ली @ पत्रिका. </b>चंदन तस्कर वीरप्पन को मारने वाले पुलिस अधिकारी के. विजय कुमार ने देश के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे के पीछे निजी कारण बताया है। वे दिल्ली में अपना आवास खाली कर चेन्नई चले गए हैं। उन्होंने बताया कि अब मैं चेन्नई में रहता हूं। मैंने निजी कारणों से गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है। वह खास तौर से नक्सली और जम्मू-कश्मीर के मसलों पर सरकार को सलाह दे रहे थे। 1975 बैच के आइपीएस रहे विजय सीआरपीएफ डीजी से 2012 में रिटायर हुए थे।</p>
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[ "टारगेट किलिंग : सुरक्षा बलों ने शुरू की आतंकियों की तलाश", "कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या, केएफएफ ने ली जिम्मेदारी" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>श्रीनगर. </b>घाटी में आतंकियों ने एक बार फिर टारगेट किलिंग को अंजाम दिया है। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में आंतकियों ने कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी। जिला शोपियां के चौधरी गुंड इलाके में आतंकियों ने अपने बाग की ओर जा रहे कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट को उस समय गोली मार कर लहूलुहान कर दिया। हमले के बाद आतंकी फरार हो गए। वहीं, घायल पूरण भट को अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर कर आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। भट शोपियां के स्थायी निवासी थे और 1989 के दौरान भी उन्होंने घाटी से पलायन नहीं किया था। पड़ोसियों का कहना है कि पूरन परिवार में इकलौता कमाने वाला था। वह अपने पीछे दो बच्चों और पत्नी को अकेला छोड़ गया है। वहीं हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन केएफएफ ने ली है।</p><p><b>जम्मू में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन</b></p><p><b>पीएम </b>पैकेज के तहत कश्मीर में तैनात पंडित कर्मचारियों ने भट्ट की हत्या के विरोध में जम्मू के कनाल रोड जाम कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे बार-बार सरकार को कह चुके हैं कि घाटी में हालात सामान्य नहीं हैं, लेकिन फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे पांच महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और घाटी से बाहर कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को तैनात करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को बार-बार अनदेखा किया जा रहा है। </p>
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[ "देश का एकमात्र शहर सूची में शामिल ", "हैदराबाद ने दक्षिण कोरिया में जीता वर्ल्ड ग्रीन सिटी अवार्ड " ]
<p><b>हैदराबाद@ पत्रिका. </b>दक्षिण कोरिया में आयोजित एक अवार्ड समारोह में दुनिया भर के शहरों में हैदराबाद ने ग्रीन सिटी अवार्ड 2022 जीत लिया। समारोह में लिविंग ग्रीन फार इकोनामिक रिकवरी एंड इनक्लूसिव ग्रोथ की श्रेणी के लिए भी हैदराबाद को सम्मानित किया गया। </p><p>दक्षिण कोरिया के जेजु में 14 अक्टूबर को इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ हार्टिकल्चर प्रोड्यूसर 2022 वर्ल्ड ग्रीन सिटी अवार्ड समारोह का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इस मौके पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय सम्मान देश में तेलंगाना की साख मजबूत करेंगे। यह तेलंगाना ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी गर्व की बात है। राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे हरितहरम और शहरी विकास कार्यक्रम भी तेजी से आगे बढ़ाए जाएंगे।</p>
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[ "100 साल की उम्र में भी कर रहे हैं उपचार ", "दुनिया का सबसे बुजुर्ग डॉक्टर अभी नहीं होना चाहता रिटायर" ]
<p><b>ओहियो@पत्रिका. </b>गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से दुनिया के सबसे बुजुर्ग डॉक्टर घोषित किए गए अमरीका के डॉ. हॉवर्ड टकर की अभी रिटायर होने की कोई योजना नहीं है। ओहियो के रहने वाले डॉक्टर टकर का जन्म 10 जुलाई, 1922 को हुआ था और वे 100 साल के हो चुके हैं। इस उम्र में वे अभी भी मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। </p><p>टकर एक न्यूरोलॉजिस्ट हैं और पिछले 75 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उनकी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें 'दुनिया का सबसे बुजुर्ग डॉक्टर’ घोषित किया था। उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से बातें करते हुए कहा कि वो जब तक जिंदा रहेंगे, तब तक इलाज करते रहेंगे। उनका रिटायर होने की कोई योजना नहीं है। वे अपनी जिंदगी से खुश हैं। डॉक्टर टकर अपने 100वें जन्मदिन के बाद कोविड की चपेट में आ गए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वे कोरोना को मात देकर फिर लोगों के इलाज में जुट गए।</p>
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[ "फेक न्यूज बिल : मोबाइल तोड़ विरोध" ]
<p><b>तुर्की </b>की संसद में विपक्षी सांसद बुराक अर्बे ने हथौड़े से मोबाइल तोड़कर फेक न्यूज बिल पर विरोध जताया। बिल के अनुसार सोशल मीडिया व इंटरनेट साइटों को भ्रामक जानकारी फैलाने वाले यूजर का डिटेल जारी करनी होगी। दोषी होने पर यूजर को 3 साल जेल हो सकती है। विपक्ष का कहना है कि सरकार देश को सेंसरशिप की ओर ढकेल रही है। </p>
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[ "पक्षियों की आवाजें कम करती हैं लोगों की चिंता और तनाव" ]
<p><b>बर्लिन@ पत्रिका. </b>पक्षियों की आवाजें लोगों की चिंता और तनाव को कम करने में मदद करती है। मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट एंड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर हैम्बर्ग-एपपॉर्क की ओर से किए गए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। अध्ययन के लेखक एमिल स्टोबे बताया कि पक्षियों और ट्रैफिक की आवाज के असर का 295 लोगों पर अध्ययन किया गया। इस दौरान पाया कि जो लोग पक्षियों की आवाज सुन रहे थे, उनमें चिंता को कम किया। हालांकि अवसाद पर कोई असर नहीं हुआ। वहीं जिन लोगों को ट्रैफिक की आवाज सुनाई गई उनमें अवसाद और चिंता की बढ़ोतरी देखी गई। अनुसंधान समूह के प्रमुख सिमोन कुहन का कहना है कि अध्ययन ने पता चलता है कि प्रकृति के सानिध्य में एक घंटे की सैर तनाव से जुड़ी मस्तिष्क की गतिविधियों को कम करती है।</p>
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[ "शृंगार-गौरी पूजा पर फैसले को चुनौती " ]
<p><b>प्रयागराज@पत्रिका. </b>ज्ञानवापी परिसर में शृंगार-गौरी की नियमित पूजा-अर्चना से जुड़ी याचिका पर वाराणसी की जिला जज के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। अंजुमन ए इंतजामिया कमेटी ने यह अपील दाखिल की है। </p>
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[ "पास-पड़ोस: कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस पर दुनिया की नजर", "जिनपिंग की बढ़ेगी ताकत, फिर चुने जाएंगे चीन के सर्वोच्च नेता" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com </p><p><b>बीजिंग. </b>पांच साल में एक बार होने वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की 20वीं कांग्रेस रविवार से शुरू होगी। चीन के कोने-कोने से करीब 2,300 पार्टी प्रतिनिधि बीजिंग पहुंच गए हैं। ग्रेट हॉल में होने जा रहा सम्मेलन न केवल चीन की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना है, बल्कि यह शेष विश्व के साथ चीन के संबंधों का नजरिया तैयार करता है। </p><p>सम्मेलन में कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल का रास्ता साफ हो सकता है। चीन के क्षेत्रीय दावों और भारत-प्रशांत क्षेत्र में आक्रामक वृद्धि पर चिंताओं के बीच सप्ताह भर चलने वाले सम्मेलन में ज्यादातर चर्चा बंद दरवाजों के पीछे होगी। चिंता है कि जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल में चीन और अधिक आक्रामक हो जाएगा। चीन भविष्य में क्या दिशा लेगा, यह उन नेताओं पर भी निर्भर करेगा, जिन्हें सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग काउंसिल (पीएससी) में पदोन्नत किया जाएगा। यह चीन की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। नेताओं का नया समूह न केवल अगले पांच वर्षों तक देश पर शासन करेगा, बल्कि शेष विश्व के साथ चीन के संबंधों का स्वर भी स्थापित करेगा। चीन-अमरीकी संबंधों और अन्य पड़ोसियों के साथ चीन के संबंधों में तनाव के बीच इसी सम्मेलन में देश का नया प्रीमियर (प्रधानमंत्री) भी तय किया जा सकता है। </p>
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[ "अणुव्रत विश्व भारती की घोषणा ", "कलाम को मरणोपरांत 2022 का अणुव्रत पुरस्कार " ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>राजसमंद. </b>पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी की ओर से मरणोपरांत 2022 के अणुव्रत पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह संयोग है कि इस पुरस्कार की घोषणा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 91वें जन्मदिन पर की गई है। पुरस्कार के तहत एक लाख इक्यावन हजार का चेक, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार को डॉ. अब्दुल कलाम के पौत्र और एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन के सह-संस्थापक शेख सलीम ग्रहण करेंगे। पुरस्कार 31 अक्टूबर 2022 को छापर में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में होने वाले राष्ट्रीय अणुव्रत अधिवेशन के दौरान एक विशेष समारोह में दिया जाएगा। </p>
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5,520,932
[ "बीएमडब्ल्यू को 230 किमी की गति से दौड़ाया, चार की मौत" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com </p><p><b>लखनऊ. </b>कार चाहे कितनी भी महंगी क्यों न हो, ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया जाए तो मौत पक्की है। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर फेसबुक पर लाइव आकर 230 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बीएमडब्ल्यू चलाकर मौत का ऐसा खेल खेला कि इसमें सवार चार लोग मौत के मुंह में समा गए। दरअसल, यह कार बिहार के जदयू नेता निर्मल कुमार के बेटे आनंद कुमार की थी। वे हाइवे पर बीएमडब्ल्यू कार दौड़ा रहे थे। बाकायदा इसका लाइव वीडियो फेसबुक पर भी शेयर किया गया। जब यह कार 230 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर थी तो कार में बैठे एक व्यक्ति ने कहा कि स्पीड और बढ़ाओ, चारों मरेंगे। </p><p><b>फेसबुक पर दिखाया लाइव </b></p><p>परिजन के अनुसार आनंद कार से बड़े चाचा हीरालाल सिंह के दामाद दीपक कुमार, मित्र अखिलेश सिंह और भोला कुशवाहा के साथ डेहरी से फैजाबाद के लिए निकले थे। गाड़ी की गति तेज थी। दीपक ने फेसबुक पेज पर लाइव शुरू किया। इसमें कार की गति पहले 100 के नीचे दिख रही थी। फिर स्पीड तेज कर 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक दौड़ाने के लिए कहा गया। कुछ देर बाद ही उनकी कार सुल्तानपुर कंटेनर से भिड़ गई।</p>
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[ "जनसंख्या असंतुलन जैसे मुद्दों पर मंथन करेगा संघ" ]
<p><b>प्रयागराज/नई दिल्ली. </b>राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की रविवार से प्रयागराज में शुरू होने वाली 4 दिवसीय बैठक में जनसंख्या असंतुलन, सामाजिक समरसता और मातृभाषा में शिक्षा जैसे अहम मुद्दों पर मंथन होगा। </p><p>सरसंघचालक मोहन भागवत की अध्यक्षता में इस बैठक में 2025 में संघ के 100 साल पूरे होने के मद्देनजर कार्य विस्तार की योजना पर भी चर्चा होगी। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में सरसंघचालक सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह व अखिल भारतीय अधिकारी व 45 प्रांतों के संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक उपस्थित रहेंगे। </p><p><b>एक लाख स्थानों तक हों शाखा... : </b>आंबेकर के अनुसार बैठक में शताब्दी वर्ष की योजना पर मंथन होगा। 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कार्य विस्तार की योजना बनी है। </p><p> वर्तमान में संघ की देशभर में 55 हजार स्थानों में शाखाएं हैं, जिन्हें मार्च 2024 तक एक लाख स्थानों तक पहुंचाने की योजना है। यह बैठक प्रयागराज से लगभग 25 किलोमीटर दूर यमुनापार में गौहनिया स्थित वात्सल्य विद्यालय परिसर में होगी। बैठक का समापन 19 अक्टूबर को होगा।</p>
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[ "हिंदू संगठनों का पत्र", "‘ब्रिटेन में हमें निशाना बनाया जा रहा है’" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com </p><p><b>लंदन. </b>ब्रिटेन के लीसेस्टर और बर्मिंघम में हिंदुओं के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मद्देनजर 180 ब्रिटिश हिंदू संगठनों व मंदिरों ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस को खुला खत लिखकर सुरक्षा व स्वतंत्र जांच की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि देश में उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें खतरा महसूस हो रहा है। हम देश की आबादी के दो फीसदी से भी कम हैं, पर ब्रिटेन में हमारा सामाजिक-आर्थिक योगदान बहुत अधिक है। पत्र में छह बिंदुओं के जरिए हिंदू समुदाय की बात उठाते हुए कहा गया है कि दिवाली का त्योहार निकट है, ऐसे में हिंदुओं को अल्पकालिक व दीर्घकालिक, दोनों तरह की पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए।</p>
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[ "जस्टिस चंद्रचूड़ बोले ", "‘कानूनी मामलों में नारीवादी सोच लाएं’ " ]
<p><b>नई दिल्ली@ पत्रिका. </b>सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने नए लॉ ग्रेजुएट से कानूनी मामलों में नारीवादी सोच को शामिल करने की सलाह दी है। उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्राओं के स्वर्ण पदकों की ज्यादा संख्या पर सुखद आश्चर्य जताया और कहा कि यह सिर्फ उस समय का संकेतक है, जिसमें हम रहते हैं और जो आने वाले हैं। मैं इस तथ्य से भी चकित हूं कि ये सभी स्वर्ण पदक पुरुष प्रधान और पितृसत्तात्मक पेशे से हासिल किए गए हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून कोई मारक नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने का साधन है।</p>
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[ "स्वत्वाधिकारी..... " ]
<p>स्वत्वाधिकारी राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड के लिए मुद्रक व प्रकाशक जोस पी. द्वारा राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड, ए-198, फोर्थ क्रॉस, इंडस्ट्रियल एस्टेट, पीनिया स्टेज-1, बेंगलूरु से प्रकाशित एवं मुद्रित एवं अनुबंधानुसार हुबली से एलिगेंट ऑफसेट प्रिंटर्स प्रा.लि. 33/1 एवं 15/1 ईस्टर्न पार्ट) एम.टी. सागर इंडस्ट्रियल एस्टेट, गोकुल रोड, हुबली द्वारा मुद्रित। आर.एन.आई. नं. 63622/96, सम्पादक: भुवनेश जैन। सम्पादकीय प्रभारी : कुमार जीवेंद्र झा- पीआरबी एक्ट के तहत खबरों के चयन के लिए उत्तरदायी। फोन नम्बर : 080-28392704</p>
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[ "पश्चिम बंगाल", "शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने मारे छापे" ]
<p><b>कोलकाता @ पत्रिका. </b>पश्चिम बंगाल में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक और गैर शिक्षक के भर्ती घोटाले में ईडी ने शनिवार को छह स्थानों पर छापे मारे। सूत्रों के अनुसार छापों में तृणमूल कांग्रेस विधायक माणिक भट्टाचार्य के एक करीबी सहयोगी को गिरफ्तार किया है। छापा कार्रवाई उसके कोचिंग सेंटर पर भी की गई। इससे पहले ईडी ने भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया था और वह 25 अक्टूबर तक जांच एजेंसी की हिरासत में है। </p>
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5,305,395
[ "सियासत: दशहरा के चलते कर्नाटक में आज व कल भारत जोड़ो यात्रा का ब्रेक", "सोनिया-राहुल की मुलाकात से निकलेगी राजस्थान के सियासी संकट की राह", "मुख्यमंत्री को लेकर होना है फैसला", "4 दिन कर्नाटक में रुकेंगी कांग्रेस अध्यक्ष" ]
<p><b>पत्रिका ब्यूरो </b></p><p>patrika.com </p><p><b>नई दिल्ली . </b>राजस्थान में कांग्रेस का सियासी घमासान अब कर्नाटक शिफ्ट होता दिख रहा है। कांग्रेस संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी कर्नाटक पहुंच गई हैं। सोनिया की अगले दो दिन में राहुल गांधी से मुलाकात होने की संभावना है। माना जा रहा है कि दोनों के बीच विभिन्न मुद्दों के साथ राजस्थान में मुख्यमंत्री पर फैसले को लेकर चर्चा की जा सकती है। </p><p>कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया जारी रहने के दौरान पार्टी नेतृत्व ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बॉयकाट को लेकर तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस देने के अलावा कोई अन्य कदम नहीं उठाया है। लेकिन इस घटनाक्रम को लेकर राजस्थान में उपजा सियासी घमासान थमा नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनके गुट के विधायकों ने सीधे तौर पर आलाकमान को चुनौती दे रखी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के माफी मांगने के बावजूद विधायक दल की बैठक के बहिष्कार की घटना से कांग्रेस अध्यक्ष खासी नाराज चल रही हैं। </p><p>सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी को फैसला करना है, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के चलते संगठन महासचिव वेणुगोपाल तीन दिन से कर्नाटक में हैं। अब सोनिया भी कर्नाटक के मैसूर पहुंच गई हैं। मंगलवार व बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा का ब्रेक है। बताया जा रहा है कि विदेश से लौटने के बाद सोनिया की अब तक राहुल से मुलाकात नहीं हुई है। इन दो दिनों में मां-बेटे की मुलाकात होने की संभावना है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बात हो सकती है। पार्टी के लिए गहलोत के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से पीछे हटने और मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ने जैसा मुद्दा चिंताजनक बना हुआ है।</p><p><b>आलाकमान </b><b>की प्रतिष्ठा का सवाल</b></p><p><b>कांग्रेस </b>नेताओं का कहना है कि विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो कार्यकर्ताओं में संदेश ठीक नहीं जाएगा। राजस्थान का मसला सीधे तौर पर आलाकमान के प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है।</p><p><b>भारत जोड़ो यात्रा में पहली बार परिवार का कोई सदस्य जुड़ेगा</b></p><p><b>कांग्रेस </b>के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 5 अक्टूबर को मल्लिकार्जुन खड़गे भी मैसूर आ जाएंगे। सोनिया के लिए मडिकेरी में ठहरने की व्यवस्था की गई है। राहुल गांधी भी सोनिया के पास ही रहेंगे। इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से सोनिया गांधी से मिलने अथवा माला पहनाने से परहेज करने को कहा है। यह पहला अवसर होगा जब भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ उनके परिवार को कोई सदस्य जुड़ेगा। प्रियंका गांधी के भी पदयात्रा में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। प्रियंका मंड्या के नागमंगला से बेलूर क्रॉस तक पदयात्रा में शामिल हो सकती हैं।</p>
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[ "टैंकर में घुसा ट्रेलर: गैस लीकेज होने से लगी आग, हाईवे पर 22 किलोमीटर लम्बा जाम" ]
<p><b>जयपुर @ पत्रिका . </b>अजमेर-जयपुर हाइवे पर डीपीएस स्कूल कट के पास सोमवार तड़के एक ट्रेलर आगे चल रहे एलपीजी से भरे टैंकर में घुस गया। टैंकर से गैस लीकेज होने पर आग लग गई और 30-40 फीट ऊंची लपटें उठने लगी। हादसे के कारण हाइवे पर वाहन चालकों को भांकरोटा से महला तक करीब 22 किलोमीटर लम्बेजाम से जूझना पड़ा। हादसे में किसी को चोट नहीं आई। साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। फोटो: दिनेश डाबी</p>
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5,305,397
[ "बतौर अध्यक्ष अंतिम सार्वजनिक कार्यक्रम", "‘भारत जोड़ो’ में शामिल होने कर्नाटक पहुंचीं सोनिया" ]
<p><b>पत्रिका ब्यूरो </b></p><p>patrika.com </p><p><b>नई दिल्ली . मैसूर . </b>कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सोमवार को कर्नाटक के मैसूर पहुंच गईं। उनका यहां करीब चार दिन ठहरने का कार्यक्रम है। कर्नाटक के मंड्या में सोनिया 6 अक्टूबर को ’भारत जोड़ो’ यात्रा से जुड़ेंगी। लंबे समय बाद सोनिया गांधी पार्टी के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगी। स्वास्थ्य कारणों के चलते वह पिछले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में प्रचार भी नहीं कर सकी हैं। अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का यह आखिरी कार्यक्रम होने की संभावना है। </p><p>तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 7 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई थी। 150 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। यात्रा का समापन जम्मू-कश्मीर में होगा। यात्रा के शुभारंभ में सोनिया शामिल नहीं हो सकी थीं। दशहरा मनाने के लिए मंगलवार और बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा दो दिन के लिए स्थगित रहेगी।</p>
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[ "जय विज्ञान: आइआइएसईआर के वैज्ञानिकों के शोध ने दी नई जानकारी", "सूर्य देव भी ‘सोते’ हैं, इस अवस्था में सतह के सभी धब्बे पूरी तरह हो जाते हैं गायब" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com </p><p><b>नई दिल्ली. </b>हमारे सौरमंडल का सबसे ज्यादा चमकने वाला तारा सूर्य इस साल बहुत सक्रिय है। यह सोलर साइकिल के चरम पर है। इसने पिछले हफ्ते तीन सोलर फ्लेयर्स को शूट किया, लेकिन हमेशा यह इस तरह नहीं रहेगा। कई बार सूर्य की सतह पर सभी धब्बे पूरी तरह गायब हो जाते हैं। तब यह सोता प्रतीत होता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइआइएसईआर) के शोधकर्ताओं ने सूर्य की इस अवस्था के बारे में नए राज खोले हैं। रॉयल एस्ट्रोनोमिकल सोसाइटी के जर्नल में बताया गया कि भले तारा सो रहा हो, लेकिन उसके ध्रुवीय स्थानों और भीतर लगातार हलचल होती रहती है। </p>
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[ "तय समय से 3 दिन बाद पूरे प्रदेश से मानसून विदा" ]
<p><b>जयपुर @ पत्रिका . </b>जमकर बरसने के बाद दक्षिणी पश्चिमी मानसून सोमवार को पूरे प्रदेश से विदा हो गया। एंट्री में देरी करने के बाद विदाई भी इस बार तय समय से बाद हुई है। सामान्यत: 30 सितम्बर मानसून की विदाई तारीख मानी जाती है। इस बार तीन दिन की देरी से 3 अक्टूबर को मानसून विदा हुआ। राजस्थान के साथ-साथ मानसून गुजरात के अधिकांश भाग, पश्चिमी मध्यप्रदेश के कुछ भाग, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों से भी विदा हो गया। मानसून की विदड्राल (विदाई) लाइन सोमवार को आगरा, ग्वालियर, रतलाम व भरूच से गुजरी।</p><p><b>5 से पोस्ट मानसून बारिश की संभावना </b></p><p><b>मानसून </b>की भले ही विदाई हो गई हो, लेकिन प्रदेश के कुछ भागों में 5 से पोस्ट मानसून बारिश की संभावना है। जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार 5-7 अक्टूबर के बीच भरतपुर, कोटा व जयपुर संभाग के कुछ जिलों में बारिश के आसार हैं। हालांकि, भारी बारिश के आसार नहीं हैं।</p>
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[ "एक ही दिन मंदिर, मस्जिद और चर्च" ]
<p>भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैसूर के सुत्तूर मठ में राहुल।</p><p><b>भारत </b>जोड़ो यात्रा के तहत राहुल गांधी ने मंदिर, मस्जिद, चर्च जाकर साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश देने का प्रयास किया। राहुल ने कर्नाटक में चामुंडी पहाड़ियों पर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर जा कर पूजा-अर्चना की। देवी चामुंडेश्वरी मैसूर राजघराने की कुल देवी और कई शताब्दियों से मैसूर की अधिष्ठात्री देवी हैं। वह मैसूर में मस्जिद-ए-आज़म व सेंट फिलोमेना चर्च भी गए। </p>
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[ "हैदराबाद में तीन आतंकी गिरफ्तार" ]
<p><b>हैदराबाद@ पत्रिका. </b>हैदराबाद पुलिस ने तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर शहर में फिदायीन हमले की योजना बना रहे थे। इनसे चार हथगोले, 5. 41 लाख रुपए नकद और एक मोटर साइकिल जब्त की गई है।</p>
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[ "राज्य: कोरोना के 32 नए संक्रमित पाए गए" ]
<p><b>जयपुर @ पत्रिका . </b>राज्य में सोमवार को कोरोना के 32 नए संक्रमित पाए गए। सर्वाधिक मरीज जोधपुर में 12, जयपुर 9, अजमेर 5, बारां, दौसा, करौली, सीकर ,सिरोही और उदयपुर जिले में 1-1 संक्रमित पाए गए। 24 घंटे के दौरान 1921 सैंपल लिए गए। एक्टिव केस 336 हैं। </p>
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[ "विश्व अंतरिक्ष सप्ताह : अंतरिक्ष अनुसंधान में शामिल हर व्यक्ति और हर राष्ट्र को निभानी होगी जिम्मेदारी", "सभी जागें अंतरिक्ष पर संकट गहराने से पहले", "जरूरत है कि इस मुद्दे पर गंभीर वैश्विक बहस शुरू हो। तभी वर्तमान और भावी पीढ़ियां समूची मानवता के लिए अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग को लेकर न केवल सजग होंगी, बल्कि इस पर अमल भी करेंगी।" ]
<p>पृथ्वी के वायुमंडल से 4 अक्टूबर 1957 को पहली बार अंतरिक्ष में भेजे गए उपग्रह ‘स्पुतनिक-1’ के बाद के समय में मानवता ने अंतरिक्ष का उपयोग अपनी सहूलियत और लाभप्रद स्थान के रूप में करने के लिए बहुत कुछ किया है। विभिन्न सामाजिक जरूरतों को पूरा करने, मानवता की मदद के लिए कई उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े गए। संचार, रिमोट सेंसिंग, मौसम विज्ञान, नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान, अन्वेषण जैसे विषयपरक उपग्रह इसके कुछ मुख्य चरण या संस्करण हैं। </p><p>इस साहसिक अभियान में ज्यादा से ज्यादा व्यावहारिक प्रयोगों, अंतरिक्ष अनुसंधान और अंतरिक्ष के उपयोग में ज्यादा से ज्यादा देशों की भागीदारी बढ़ी है। अब तो विकसित देश और कई विकासशील देश भी अपनी सामाजिक जरूरतों जैसे व्यक्तिगत संचार, शिक्षा, मौसम पूर्वानुमान और पूर्व चेतावनी, आपदा प्रबंधन, कृषि, बैंकिंग, सड़क यात्रा, हवा और समुद्र जैसे कामों की मॉनिटरिंग के लिए बुनियादी ढांचे के रूप में अंतरिक्ष का उपयोग कर रहे हैं। यह उनके लिए जरूरी भी हो गया है। ऐसे में बड़ी संख्या में उपग्रह और लॉंचिंग व्हीकल पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर काट रहे हैं। ‘स्पुतनिक-1’ के बाद से लगभग दस हजार उपग्रह प्रक्षेपित किए जा चुके हैं जबकि इनमें से करीब चार हजार ही ऑपरेशन में हैं। </p><p>नागरिक उद्देश्यों के लिए सूचीबद्ध उपग्रहों के अलावा आज कुछ चुनिंदा देश सैन्य उद्देश्यों के लिए भी उपग्रह लांच कर रहे हैं। कुछ देशों ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र का उपयोग अंतरिक्ष मिसाइलों, अंतरिक्ष लेजर आदि का परीक्षण करने के लिए भी किया है। ऐसे परीक्षण केवल निष्क्रिय या सेवा में न रहने वाले उपग्रहों को अंतरिक्ष में ही नष्ट करने की क्षमता हासिल करने के लिए किए जा रहे हैं। हालांकि, इस तरह के हर सफल परीक्षण से उपग्रह टूटकर हजारों टुकड़ों में तब्दील हुए हैं जो उसी कक्षा में घूम रहे हैं जिसमें कि वह उपग्रह घूम रहा था। उपग्रहों के अवशेषों के कचरे से अंतरिक्ष में बड़ी समस्या भी उत्पन्न हुई है। इस तरह की प्रवृत्ति में इजाफा होने से अंतरिक्ष पर्यावरण को निरापद बनाए रखने और अंतरिक्ष की सुरक्षा के लिहाज से स्थिति दुविधापूर्ण होती जा रही है। </p><p>इस पृष्ठभूमि से हर कोई अंतरिक्ष में उभरते परिदृश्य की कल्पना आसानी से कर सकता है। जाहिर है कि अंतरिक्ष में भी खतरे और मुद्दे वे ही हैं जिनका सामना मानवता पृथ्वी पर कर रही है। ऐसे में भविष्य की जरूरतों से समझौता किए बिना अंतरिक्ष के उपयोग को स्थिर रखने की पहल के लिए हमें पृथ्वी की पर्यावरणीय चिंता से सबक लेने पर विचार करना चाहिए। अवशेषों से उत्पन्न अंतरिक्ष का मलबा पृथ्वी की निचली कक्षा के कई उपग्रहों से टकरा सकता है। स्पेसक्राफ्ट के ‘एंड ऑफ लाइफ’ का मौजूदा प्रोटोकॉल ‘अंतरिक्ष की सुरक्षा पर संकट’ को बढ़ाने वाला है। कई स्पेसक्राफ्ट उचित रूप से नष्ट नहीं किए जाते हैं जिससे मलबे के उपग्रह से टकराने की आशंका बढ़ जाती है। </p><p>हर वर्ष 4 अक्टूबर से विश्व अंतरिक्ष सप्ताह का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष की थीम है- ‘स्पेस एंड सस्टैनबिलिटी’। विश्व अंतरिक्ष निकाय का यह एक और संकेत है कि अंतरिक्ष की सुरक्षा को बहुत ही जिम्मेदार तरीके से निभाने की जरूरत है। उपग्रह या स्पेसक्राफ्ट के ‘एंड ऑफ लाइफ’ का मौजूदा प्रोटोकॉल यह है कि मिशन की समाप्ति पर या तो स्पेसएयरक्राफ्ट को ‘कब्रिस्तान की कक्षा’ में स्थापित कर दिया जाता है या इतनी कम ऊंचाई पर, कि ‘एरोडाइनैमिक ड्रैग’ के चलते उपग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करते समय जल जाता है और पृथ्वी पर आ गिरता है। हर वर्ष लगभग 22 उपग्रह ‘कब्रिस्तान की कक्षा’ में स्थापित किए जाते हैं, जहां से उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने की वर्तमान में कोई प्रक्रिया नहीं है। कुछ नवाचार किए जा रहे हैं जिससे पृथ्वी की निचली कक्षा में भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, राजनेताओं ने अंतरिक्ष की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है। जरूरत है कि अंतरिक्ष की सुरक्षा का मुद्दा केवल अंतरिक्ष सप्ताह के दौरान ही महत्त्वपूर्ण न रहे, बल्कि इस पर गंभीर वैश्विक बहस शुरू हो ताकि वर्तमान और भावी पीढ़ियां समूची मानवता के लिए अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग से वंचित न हों। </p><p>उल्लेखनीय तथ्य यह है कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम ने संचार उपग्रहों के निपटान के लिए पूरी बारीकी से प्रोटोकॉल का पालन किया है। इससे अंतरिक्ष जगत में भारत की छवि एक जिम्मेदार राष्ट्र की बनी है। आज भारत दूसरे देशों को अंतरिक्ष की सुरक्षा का सम्मान करने के लिए प्रेरित कर सकता है। ऐसे वक्त जब निजी उद्योगों और अकादमिक लोगों को दुनियाभार में अंतरिक्ष कार्यक्रमों में शामिल किया जा रहा है, ज्यादा महत्त्वपूर्ण है कि अंतरिक्ष में उनकी कोशिशों को शुरू से ही उपग्रहों के सुरक्षित निपटान के अनुकूल बनाया जाए। कहावत भी है - ‘रोकथाम इलाज से बेहतर है।’</p>
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[ "माजुली है ‘संस्कृति द्वीप’, मुखौटों से बनी अलग पहचान" ]
<p>असम को आश्चर्यजनक परिदृश्य और हरी-भरी प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त है। इसका प्रमुख कारण यह है कि यह ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा धन्य है। ब्रह्मपुत्र दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीपों में से एक को अपने दिल में समेटे हुए है, वह है माजुली। इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। 300 वर्ग किलोमीटर में फैला यह द्वीप अपने पारंपरिक घरों और खूबसूरत नदी तटों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन मुझे यह लगा कि किसी और चीज से ज्यादा यह एक ‘संस्कृति द्वीप’ है। </p><p>माजुली में 50 से अधिक ‘सत्र’ स्थापित किए गए थे। ‘सत्र’ असमिया भाषा का शब्द है जो ऐसे संस्थागत केंद्रों के लिए इस्तेमाल होता है, जो धार्मिक केंद्र तो होते हैं, लेकिन वे कला से भी जुड़े होते हैं। आज केवल 22 ‘सत्र’ ही बचे हैं, लेकिन उनमें से प्रत्येक एक विशेष कला जैसे नृत्य, संगीत, हस्तशिल्प आदि को संरक्षित करने के लिए समर्पित है। मेरे पसंदीदा में से एक ‘समागुरी सत्र’ है, जो पारंपरिक मुखौटा बनाने के लिए समर्पित है, जिसका उपयोग ‘भावना’ में किया जाता है, यह एक पारंपरिक अभिव्यंजक नृत्य रूप है। हर खूबसूरत हाथ या आंख का इशारा कुछ न कुछ दर्शाता है। जैसे जब आप अपनी हथेली को मोड़ते हैं और अपनी उंगली उसके नीचे रखते हैं, तो यह कृष्ण द्वारा पर्वत को उठाने का प्रतिनिधित्व करता है। ये रंगीन मुखौटे इन शानदार प्रदर्शनों की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। यहां बनाए गए मुखौटे पूरी तरह से जैविक हैं। निर्माण में बांस, गाय के गोबर, मिट्टी और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते हैं। येे मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। एक सिर्फ एक फेस मास्क है, जबकि दूसरा पूरे शरीर को कवर करता है, जो कई अन्य चीजों के अलावा, नरसिंह अवतार का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयोग किया जाता है। एक मास्टर मास्क निर्माता डॉ. हेम चंद्र गोस्वामी की विशेषज्ञता के कारण मास्क गति करने योग्य हो गए हैं। ये चलती आंखों, जबड़े, नाक आदि के साथ और अधिक जीवंत हो जाते हैं। मुखौटा बनाने की परंपरा को देखकर बेहद खुशी हुई। मेरा एक और पसंदीदा सत्र ‘औनियाती सत्र’ है, जो बेंत की चटाई बनाने के लिए समर्पित है। यहां हाथी दांत से बने आश्चर्यजनक गहने और आभूषण भी हैं, जो अब एक संग्रहालय में रखे गए हैं। वे हाथी दांत से लचीली चटाई भी बनाते थे। मैं उनके काम को देखकर देखकर दंग रह गया। </p><p> यहां सब कुछ ठीक नहीं है। द्वीप नदी के कटाव के दुष्प्रभाव झेल रहा है और हर साल सिकुड़ रहा है। करीब100 साल पहले जो 1200 वर्ग किलोमीटर से अधिक द्वीप हुआ करता था, वह अब उसके 30% से भी कम है। आशा है कि हम मनुष्य अपने पर्यावरण और पेड़ों की रक्षा करना सीखेंगे और ब्रह्मपुत्र इस द्वीप पर दया करेगी। अगली कहानी तक.. खुशियां ऑलवेज !!</p>
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[ "कृषि और किसान: मोटा अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होता है", "मिड डे मील जैसी योजनाओं में मोटे अनाज से परहेज क्यों" ]
<p>बाजरा से होने वाले स्वास्थ्य लाभों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अप्रेल, 2018 में इसे पौष्टिक अनाज के रूप में अधिसूचित किया था। इस श्रेणी में बाजरा के अलावा ज्वार, मक्का, रागी जैसे मोटे अनाज भी हैं। इन अनाजों की घरेलू एवं वैश्विक मांग पैदा करने के प्रयोजन से भारत सरकार ने वर्ष 2023 को मोटे अनाज को समर्पित अन्तरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने का संयुक्त राष्ट्र को प्रस्ताव दिया था, जिसका 72 देशों ने समर्थन किया। इस क्रम में मार्च 2021 को वर्ष 2023 को मोटे अनाज को समर्पित अन्तरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया गया। विडंबना यह है कि इसमें शामिल बाजरा को पैदा करने वाले किसान मुश्किल में हैं। अनाज मण्डियों में मूल्य निर्धारण की दिशा में बाजरा की नीलामी बोली 1000 रुपए प्रति क्विंटल से आरंभ की गई, जबकि बाजरा का घोषित समर्थन मूल्य 2350 रुपए प्रति क्विंटल है। इन दोनों में भारी अंतर होने के कारण किसानों का आक्रोश फूट पड़ा, तब न्यूनतम बोली को 1000 रुपए प्रति क्विंटल से आगे बढ़ाया गया। </p><p> संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार विश्व की कुल कुपोषित जनसंख्या का लगभग 25 प्रतिशत भारत में है। किसी भी राष्ट्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए पोषण युक्त खाद्य सुरक्षा जरूरी है। वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुपोषितों की संख्या 19.1 करोड़ थी, जो दुनिया में सर्वाधिक है। विश्व में कोविड जैसी महामारियों से बचने का सर्वाधिक प्रभावी उपाय संतुलित आहार का सेवन करना ही है। पोषण युक्त भोजन से व्यक्ति की ऊर्जा एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता दृढ़ बनी रहती है। गौरतलब है कि करीब 50 वर्ष पहले तक मध्य एवं दक्षिण भारत में मोटे अनाजों का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होता था। एक अनुमान के अनुसार कुल खाद्यान्नों में मोटे अनाजों का अंश 40 प्रतिशत तक था, जो घट कर वर्ष 2022 में 15 प्रतिशत तक रह गया। ग्रामीण भारत में मोटे अनाजों के उपयोग की स्थिति पर हुए सर्वेक्षण के अनुसार देश में मोटे अनाजों की खपत वर्ष 1951-55 के अंतराल में 44.6 किलोग्राम प्रति व्यक्ति थी। यह वर्ष 1962 से 2010 की अवधि में 32.9 किलोग्राम से घटकर 4.2 किलोग्राम हो गई। भोजन में प्रमुख रूप से दीपावली से होली तक बाजरा, मक्का, ज्वार तथा होली से दीपावली तक बेजड़ (चना एवं जौ) का उपयोग किया जाता था। गेहूं तो यदा-कदा ही काम में लिया जाता था, वह प्रतिदिन के भोजन का अंग नहीं था। इसी प्रकार उत्तरी भारत के अधिकांश भागों में चावल का उपयोग विवाह जैसे समारोहों तथा मेहमानों के सम्मान के लिए ही किया जाता था। शहरीकरण एवं औद्योगिकीकरण के चलते गेहूं और चावल को बढ़ावा मिला, जिससे मोटे अनाज भोजन की थाली से बाहर होते गए। उसी अनुपात में पोषक तत्व भी कम होते चले गए। ऐसे भोजन के कारण ही व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पोषण सुरक्षा से वंचित रहना पड़ता है और कुपोषण बढ़ता जाता है। </p><p>बाजरा जैसे सभी मोटे अनाजों में उच्च पोषण विशेषताओं के साथ इनकी खेती में पानी एवं खाद -कीटनाशकों की आवश्यकता अन्य उपजों की तुलना में नगण्य जैसी रहती है। देश भर में विभिन्न कृषि पारिस्थितिकी क्षेत्रों में इनकी खेती की जा सकती है। कीट एवं बीमारियों का संक्रमण न के बराबर होता है। इसके उपरांत भी बाजरा उत्पादकों को उनका लागत मूल्य भी प्राप्त नहीं होता है। सरकारी खरीद में भी भेदभाव होता है। इसी कारण मध्यप्रदेश, पंजाब और हरियाणा में कुल उत्पादन में से 85 प्रतिशत गेहूं की सरकारी खरीद हो जाती है। वर्ष 2021-22 में तो पंजाब में धान की खरीद कुल उत्पादन का 97.46 प्रतिशत हो गई थी। इसी का परिणाम है कि बाजरा जैसे मोटे अनाजों के उत्पादकों की स्थिति उत्तरोत्तर दयनीय होती जा रही है। भारत सरकार बाजरा जैसे मोटे अनाजों की घरेलू एवं वैश्विक मांग के द्वारा खपत बढ़ाने और मूल्य संवर्धन के लिए नीतियां बनाती है, किन्तु मिड-डे-मील जैसी योजनाओं में इन अनाजों के उपयोग के लिए बाध्यकारी नीति नहीं बनाती। यदि इस तरफ ध्यान दिया जाए, तो इन पौष्टिक अनाजों की मांग बढ़ेगी और इसका लाभ किसानों को भी मिलेगा। </p>
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[ "विश्व परिदृश्य: बड़े निवेश के सहारे छवि सुधारने की कोशिश", "सऊदी अरब: क्राउन प्रिंस के प्रति विश्व नेताओं का रुझान" ]
<p>प त्रकार जमाल खशोगी 2 अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास पहुंचे थे, जहां उनकी हत्या कर दी गई थी। सीआइए के अनुसार, हत्यारे सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) के आदेशों की पालना कर रहे थे। दुनिया भर के नेताओं ने खशोगी की निर्मम हत्या की निंदा कर न्याय के लिए आवाज उठाई थी। चार साल बाद, आज जब समूचा विश्व रूसी तेल व गैस का विकल्प तलाश रहा है तो उन्हीं में से कई नेता ऐसे हैं जो एमबीएस के साथ फोटो खिंचवाते और हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं। </p><p><b>अमरीका:</b></p><p><b>तब </b>- नवम्बर 2019 में राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल जो बाइडन का कहना था - ‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम उन्हें और हथियार नहीं बेचेंगे। उन्हें अपने किए की कीमत चुकानी होगी।’ </p><p><b>अब </b>- जुलाई में राष्ट्रपति सऊदी अरब की यात्रा पर गए और एमबीएस के साथ फोटो खिंचवाई। एक सम्पादकीय आलेख में बाइडन ने लिखा - ‘शुरू से ही मेरा मकसद संबंधों को नई दिशा देने का है न कि खराब करने का; वह भी ऐसे देश के साथ जो पिछले 80 सालों से सामरिक साझेदार रहा हो।’ </p><p><b>तुर्की:</b></p><p><b>तब </b>- राष्ट्रपति रिसैप तैयब एर्दोगन ने खशोगी की हत्या के करीब एक माह बाद नवंबर 2018 में अपने एक आलेख मेें लिखा - ‘जमाल खशोगी की हत्या में सुरक्षा कर्मियों के समूह के अलावा भी बहुत से घटक शामिल रहे हैं। ठीक वैसे ही, जैसे वाटरगेट कांड जितना दिखाई दे रहा था, उससे बड़ा था और 9/11 का आतंकी हमला अपहरणकर्ताओं से कहीं अधिक था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जिम्मेदार सदस्य होने के नाते हमें खशोगी की हत्या को अंजाम देने वाले लोगों की पहचान उजागर कर देनी चाहिए।’ </p><p><b>अब </b>- अप्रेल में एर्दोगन ने खशोगी के हत्यारों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियोग खत्म कर दिया और तुर्की की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए सऊदी निवेश लाने की कोशिश में रियाद के दौरे पर गए। जून में उन्होंने अंकारा पहुंचे सऊदी प्रिंस का गर्मजोशी से स्वागत किया। </p><p><b>फ्रांस:</b></p><p><b>तब </b>- अक्टूबर 2018 में सऊदी किंग सलमान के साथ फोन पर हुई वार्ता में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने खशोगी की हत्या पर रोष व्यक्त करते हुए कहा था-‘फ्रांस अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर दोषियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने में नहीं हिचकेगा।’ </p><p><b>अब </b>- गत वर्ष दिसंबर माह में मैक्रों मध्य पूर्व की यात्रा के दौरान एमबीएस से मिले। जुलाई में फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने पेरिस में एमबीएस की मेजबानी की। </p><p><b>ब्रिटेन:</b></p><p><b>तब </b>- उस वक्त बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री नहीं थे लेकिन उन्होंने खशोगी की हत्या पर हैरानी जाहिर की थी। </p><p><b>अब </b>- प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए बोरिस जॉनसन मार्च में रियाद दौरे पर गए थे। एमबीएस से मुलाकात कर उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा पर वार्ता की। तत्कालीन विदेश मंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने तब कहा था - सऊदी अरब ब्रिटेन का महत्त्वपूर्ण साझेदार है। </p><p><b>जर्मनी:</b></p><p><b>तब </b>- अक्टूबर 2018 में जर्मनी ने सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री रोक दी थी। तत्कालीन चांसलर एंजेला मर्केल और विदेश मंत्री हीको मास ने खशोगी की हत्या की कड़ी निंदा की थी। </p><p><b>अब </b>- नए चांसलर ओलाफ शॉल्ज गत सप्ताह ही सऊदी अरब के दौरे पर गए, जहां वे एमबीएस से मिले और संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने एमबीएस के साथ मानवाधिकार के मुद्दे पर बातचीत की। साथ ही बताया कि वे सऊदी अरब के साथ जर्मनी की ऊर्जा साझेदारी बढ़ाना चाहते हैं। </p><p>अब जबकि विश्व नेता फिर से सऊदी शासक के इर्द-गिर्द दिखाई दे रहे हैं, सऊदी अरब निवेश के जरिए छवि पर लगे सारे दाग धो देने की कोशिश में लगा है।</p>
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[ "प्रसंगवश", "छोटे जिलों से होगी विकास योजनाओं पर निगरानी ", "लोग छोटे जिले चाहते हैं ताकि जिला मुख्यालय से जुड़े कामकाज का समाधान उन्हें आस-पास मिल सके" ]
<p>न ए जिले बनाने की मांग यों तो राजस्थान में बरसों से हो रही है। पर चुनावी साल में जिलों के पुनर्गठन को लेकर जनता की उम्मीदें इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि माना जाता है कि ऐेसे फैसलों का राजनीतिक लाभ भी लिया जा सकता है। इसी उम्मीद के साथ प्रदेश के विभिन्न शहरों को जिला बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। नए जिलों के लिए अब तक 33 जिलों के 59 प्रस्ताव आए हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी रामलुभाया को नए जिले बनाने के संबंध में मार्च 2023 तक रिपोर्ट देनी है। इस मांग के पीछे बड़ा कारण यह है कि लोग छोटे जिले चाहते हैं, ताकि उन्हें जिला मुख्यालय की सुविधाएं उनके आस-पास मिल सकें। </p><p>आज भी लोग जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 100 से 200 किलोमीटर तक की दूरी तय करने को मजबूर हैं। दरअसल, छोटे जिले जनता के लिए सुखदायी, पर सरकारें अपने लिए खर्चों का बोझ मानती रही हैं। प्रदेश से आकार व आबादी में छोटे छत्तीसगढ़ ने जिलों की संख्या राजस्थान के बराबर 33 कर दी है और राज्य के नाम के अनुरूप जिलों की संख्या 36 किया जाना प्रस्तावित है। राजस्थान की बात करें तो 14 साल में यहां कोई भी नया जिला नहीं बना। अचरज की बात यह है कि जैसलमेर जिला भूटान और फिजी जैसे 113 देशों और बाड़मेर जिला 103 देशों से बड़ा है। कई जगह तो जिले की मांग करते-करते 60 साल बीत गए। </p><p>नया जिला बनाने के मापदंडों में मुख्य रूप से देखें तो जिला मुख्यालय से दूरी, प्रस्तावित जिले की आबादी, सुविधाओं की स्थिति, नए जिले के उपखंड और जिला बनाने पर आने वाला खर्च शामिल है। इन सबसे ऊपर है संबंधित क्षेत्र के राजनेताओं की पकड़। सरकार को चाहिए कि वह बिना किसी राजनीति और भेदभाव के नए और छोटे जिले बनाए। जिला मुख्यालय से गांवों और कस्बों की दूरियां घटने से प्रशासन और नागरिकों के बीच संवाद बढ़ेगा। छोटे जिलों से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होने के साथ विकास की रफ्तार तो तेज होगी ही, कानून और व्यवस्था भी बेहतर हो सकेगी। कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ सरकारी योजनाओं को लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। प्रारंभिक व्यय के बाद सरकार का राजस्व भी निश्चित तौर पर बढ़ेगा। इतना ही नहीं, संसाधनों पर बोझ घटने और सुविधाओं के विस्तार से पूर्ववर्ती जिले के लोगों को भी राहत मिलेगी। <b>(सं.कौ.)</b></p>
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[ "जादी के 75 साल बाद भी गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी अगर देश के प्रमुख मुद्दे बन कर छाए रहें, तो यह चिंता की बात होनी ही चाहिए। विपक्षी दल इन मुद्दों को अक्सर सरकार के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते आए हैं। लेकिन केंद्र में भाजपा की सरकार है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह अगर इन मुद्दों पर चिंता जताते हैं, तो विचार करना ज्यादा जरूरी हो जाता है। स्वदेशी जागरण मंच के एक कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि 23 करोड़ लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे हैं। देश के बड़े हिस्से को आज भी साफ पानी और दो समय के भोजन के लिए संघर्ष करना पड़ता है।\n" ]
<p>होसबाले ने आर्थिक असमानता पर भी चिंता जाहिर की। उनका कहना था कि एक फीसदी लोगों के पास देश की 20 फीसदी आय का हिस्सा है, जबकि 50 फीसदी आबादी के पास आय का 13 फीसदी हिस्सा ही आता है। सवाल यह महत्त्वपूर्ण नहीं है कि यह बात होसबाले ने कही। अहम यह है कि तमाम दावों के बावजूद देश में ऐसे हालात हैं। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन, क्या संसाधन सभी लोगों तक समान रूप से पहुंच पा रहे हैं? अगर नहीं तो क्या इस पर विचार नहीं किया जाना चाहिए? चंद उद्योगपतियों की पूंजी साल भर में दोगुनी हो जाए और देश की बड़ी आबादी भोजन, पानी और दूसरी सामान्य सुविधाओं के लिए संघर्ष करती रहे, यह ठीक नहीं। हकीकत तो यह है कि वित्त, उद्योग और श्रम मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्टों के आधार पर देश की प्रगति का सही मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियान इसीलिए शुरू किए गए थे, ताकि भारतीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके। किसानों को उपज के उचित दाम मिलने का मुद्दा हो या उनकी उपज के लिए प्रसंस्करण इकाइयां लगाने की बात हो, सरकारी वादों के मुताबिक जितना काम हुआ है वह ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ जैसे ही है। किसानों को अपनी उपज मंडी तक पहुंचाने और उचित दाम पाने के लिए आज भी पहले जैसी ही जद्दोजहद करनी पड़ रही है। कहीं ज्यादा तो कहीं कम। </p><p>संघ और होसबाले देश के आर्थिक हालात और यहां के आम आदमी की परेशानी समझ रहे हैं। शायद इसीलिए उन्होंने गरीबी और बेरोजगारी की तुलना राक्षस से करते हुए इनका वध करने की अपील की। दशहरा पर्व पर बुराइयों का वध करने की परंपरा है। गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकारें कुछ नए कदम उठाएं, तो देश की जनता को राहत मिल सकती है।</p>
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[ "फैक्ट फ्रंट", "स्पुतनिक 1: पहला कृत्रिम उपग्रह" ]
<p>पृ थ्वी की एक दीर्घवृत्ताकार निचली कक्षा में सोवियत यूनियन ने सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत 4 अक्टूबर 1957 को पहला कृत्रिम उपग्रह ‘स्पुतनिक 1’ प्रक्षेपित किया था। यह उपग्रह तीन सप्ताह तक पृथ्वी पर रेडियो सिग्नल भेजता रहा। इसकी तीनों सिल्वर-जिंक बैटरी के 26 अक्टूबर को खत्म होने पर यह सिलसिला थम गया। यह दो माह तक कक्षा में चक्कर लगाता रहा और फिर पृथ्वी के वायुमंडल में 4 जनवरी 1958 को पुन: प्रवेश करते हुए जल कर नष्ट हो गया।</p>
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5,303,117
[ "ट्रैवलॉग अपनी दुनिया" ]
<p><b>मुखौटे बनाने के लिए बांस, गाय के गोबर, मिट्टी और प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता है। </b></p>
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5,303,118
[ "पाठकों की प्रतिक्रियाएं" ]
<p><b>पत्रिकायन </b>का सवाल था, ‘देश में बढ़ती आर्थिक असमानता का क्या असर हो रहा हैं? ’ कुछ ऑनलाइन प्रतिक्रियाएं हैं। </p><p>https//bit.ly/3yajMQ6</p>
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[ "बढ़ रही है निराशा और कुंठा\n" ]
<p><b>देश </b>में बढ़ती आर्थिक असमानता से लोगों में निराशा और कुंठा बढ़ रही है। सरकार को गरीबों की आय बढ़ाने पर खास ध्यान देना होगा, ताकि उनकी स्थिति सुधरे। </p><p><b>-पी.सी. खंडेलवाल, </b>सांभर लेक, जयपुर</p>
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[ "आसमान में ड्रामा : बम की सूचना के बाद 45 मिनट भारत में मंडराता रहा", "ईरानी विमान को दो सुखोई ने घेरा, पहुंचाया भारतीय सीमा के बाहर", "विमान में सवार थे 350 यात्री", "जयपुर और चंडीगढ़ में लैंडिंग को तैयार नहीं हुए पायलट" ]
<p>इंफोग्राफिक@पत्रिका</p><p><b>पत्रिका ब्यूरो </b></p><p>patrika.com </p><p><b>नई दिल्ली. </b>ईरान के एक यात्री विमान में बम की धमकी के बाद सोमवार सुबह दिल्ली से जयपुर तक भारतीय वायुसेना अलर्ट हो गई। चंडीगढ़ व जोधपुर एयरबेस से दो सुखोई लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी तथा विमान की घेराबंदी कर उसे जयपुर या चंडीगढ़ में उतारने की कोशिश की, लेकिन तब तक बम की सूचना बेदम होने की पुष्टि के बाद विमान चीन की ओर बढ़ गया। वायुसेना ने भारत की हवाई सीमा से बाहर होने तक उस पर नजर रखी। </p><p>विमान में बम की सूचना से पौन घंटे तक ईरान से लेकर भारत व चीन तक एजेंसियों की सांसें फूली रहीं। विमान में 350 यात्री सवार थे। दिल्ली एटीसी को विमान के पायलट से बम की धमकी वाले कॉल की सूचना सुबह 9:20 बजे मिली थी। विमान ने तेहरान से चीन के ग्वांगझाऊ के लिए उड़ान भरी थी। एटीसी ने विमान को जयपुर जाने के लिए कहा, लेकिन पायलट दिल्ली में उतरने की जिद कर रहा था। एटीसी ने चंडीगढ़ उतरने को कहा। पायलट ने जवाब नहीं दिया। इसके बाद वायुसेना हरकत में आई। </p><p>इस रास्ते जाना था</p><p><b>चीन</b></p><p><b>ईरान</b></p><p><b>भा र त</b></p><p><b>पंजाब और जोधपुर एयरबेस से स्क्रैम्बलिंग </b></p><p>ईरानी विमान को सुरक्षा कारणों से नहीं दी उतरने की इजाजत <b>@अंतिम पेज</b></p>
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[ "नया साथी : स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर बेड़े में शामिल", "वायुसेना को अब मिली ‘प्रचंड’ शक्ति, राजनाथ ने भरी उड़ान" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com </p><p><b>जोधपुर. </b>देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर (एलसीएच) को सोमवार को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। यह हेलिकॉप्टर रडार को चकमा देने में सक्षम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे वायुसेना में शामिल किया गया। हेलिकॉप्टर का नाम ‘प्रचंड’ रखा गया है। </p><p>जोधपुर एयरबेस स्टेशन से राजनाथ सिंह ने प्रचंड में बैठकर उड़ान भरी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर को शामिल करने से हमारी सेना की क्षमता बढ़ेगी। इससे रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। वायुसेना प्रमुख वी.आर. चौधरी ने कहा कि एलसीएच वायुसेना को अनूठी क्षमता प्रदान करता है। इन हेलिकॉप्टरों ने हिमालयी क्षेत्र में खुद को साबित किया है। इस अवसर पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान भी मौजूद रहे। </p><p>एलसीएच को सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विकसित किया है। इसे विशेष तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस साल मार्च में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने स्वदेश में विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपए में खरीदने की मंजूरी दी थी। इनमें से 10 हेलिकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे।</p>
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[ "लड़ाकू विमानों ने संभाला मोर्चा" ]
<p>यह सूचना मिलने पर कि विमान में बम नहीं है, अपने रास्ते पर चीन चला गया</p><p><b>वायुसेना </b>सूत्रों के मुताबिक करीब 45 मिनट तक ईरान का विमान भारतीय वायुसीमा में उड़ान भरता रहा। जैसे ही विमान में बम की धमकी की खबर मिली, वायुसेना के सुखोई विमान एक्टिव हो गए। ये विमान सुरक्षित दूरी के साथ ईरानी विमान का पीछा करते रहे। जब ईरानी अधिकारियों ने बम की धमकी वाले कॉल को फर्जी बताया तो वायुसेना ने ईरानी विमान को चीन की सीमा में दाखिले की अनुमति दे दी। </p><p>ईरानी विमान को खदेड़ने के लिए पंजाब और जोधपुर एयरबेस से एयरफोर्स स्क्रैम्बलिंग की गई। दोनों बेस से सुखोई-30 एमकेआइ ने उड़ान भरी। </p><p>वायुसेना में आपातकालीन हालात में विमानों की तैनाती व उड़ान भरकर एक्शन में आने की क्षमता को स्क्रैम्बलिंग कहा जाता है। सूचना के बाद कितने वक्त में सेना विमानों को मोर्चे पर लगाती है, <b>यह स्क्रैम्बल टाइम कहलाता है। </b>जिसका जितना कम स्क्रैम्बल टाइम होता है, उस वायुसेना की क्षमता को उतना ज्यादा आंका जाता है।</p>
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[ "राजस्थान के आसमां पर बनाया ‘लूप’\n" ]
<p><b>दुनियाभर </b>की उड़ानों पर नजर रखने वाली संस्था फ्लाइट डाटा रडार के अनुसार ईरान का विमान पहले दिल्ली और फिर जयपुर के एयरस्पेस में काफी नीचे आ रहा था। इसके बाद विमान ने राजस्थान के चूरू और झुंझुनूं के एयरस्पेस में ’लूप’ बनाया। आमतौर पर विमान आपातकालीन अनुमति मांगने के लिए इस तरह का लूप बनाते हैं।</p>
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[ "यहां भी किए जा सकते हैं तैनात" ]
<p><b>इस </b>हेलिकॉप्टर को आतंकवाद निरोधी ऑपरेशंस के दौरान अत्यधिक ऊंचाई वाले बंकरों को तबाह करने के लिए तैनात किया जा सकता है। इसके अलावा जंगली इलाकों में नक्सल अभियानों में ग्राउंड फोर्स की मदद के लिए भी इसे तैनात किया जा सकता है।</p><p><b>इससे बेहतर क्या..</b></p><p>एलसीएच वायुसेना को सौंपने के लिए नवरात्रि से अच्छा समय और राजस्थान की धरती से अच्छी जगह नहीं हो सकती। <b>-राजनाथ सिंह, </b>रक्षामंत्री</p>
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[ "न्यूज विंडो", "नए सीडीएस को जेड प्लस सुरक्षा" ]
<p><b>नई दिल्ली@ पत्रिका. </b>केंद्र सरकार ने नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान को जेड प्लस श्रेणी का सशस्त्र सुरक्षा कवच देने का फैसला किया है। उन्हें दिल्ली पुलिस के जवानों का सिक्योरिटी कवर मिलेगा। गृह मंत्रालय ने यह फैसला किया। पद ग्रहण के बाद सेना में थिएटर कमांड के गठन पर फिर चर्चा शुरू हो गई है।</p>
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[ "8 राज्य, 36 संस्करण ..... " ]
<p><b>8 राज्य, 36 संस्करण </b>| अजमेर राजस्थान पत्रिका अलवर त्र अहमदाबाद ॥ इंदौर ढ्ढ उज्जैन पत्रिका उदयपुर ॺ कोटा रु कोलकाता रू खंडवा हृ ग्वालियर राजस्थान पत्रिका चेन्नई क्त छिंदवाड़ा ₹ जगदलपुर स् जबलपुर ञ्ज जयपुर जोधपुर ङ्क दिल्ली ङ्ख नागौर ङ्ग पाली ङ्घ बाड़मेर्र ं बांसवाड़ा [ बिलासपुर झ्र बीकानेर ] बेंगलूरु ट्ट भिलाई ट्ठ भीलवाड़ा क्व भोपाल ड्ड रतलाम ड्ढ रायपुर ष् सतना स्र सागर — सीकर द्घ सूरत द्द शहडोल द्ध श्रीगंगानगर द्ब नर्मदापुरम</p>
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[ "लाठी वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र में 70 प्रतिशत हरिण बीमारी से ग्रसित", "गायों में लम्पी का कहर तो हरिणों में हाइपोडर्मा का सितम" ]
<p><b>बीमारी की रोकथाम के लिए हरिणों को पकड़कर इलाज आसान नहीं </b></p><p><b>पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>लाठी (जैसलमेर). </b>गायों में लम्पी रोग से जूझ रहे मरुप्रदेश के वन्य जीव बाहुल्य लाठी क्षेत्र में हरिणों में हाइपोडर्मा बोवीस बीमारी तेजी से फैल रही है। अब तक 70 फीसदी हरिण इस बीमारी से ग्रस्त हहैं। शिकार और श्वानों के बढ़ते हमलों के बीच खुले मैदानों में विचरण करने वाले हरिणों के लिए यह नई मुसीबत सामने आ रही है। सरहदी जिले के लाठी सहित भादरिया, धोलिया, खेतोलाई, गंगाराम की ढाणी सहित आसपास के वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र में विचरण करने वाले हरिणों में इन दिनों हाइपोडर्मा बोवीस नामक बीमारी फैल रही हैं। हालांकि वन्यजीव विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यह बीमारी अगस्त माह से शुरू होकर नवम्बर तक हरिणों में फैलती है लेकिन स्वत: ही ठीक भी हो जाती है। </p><p>लाठी, धोलिया, भादरिया, खेतोलाई गांव के पास जंगल में विचरण कर रहे लगभग 70 प्रतिशत हिरण इस बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं। हरिणों के शरीर पर बड़े-बड़े उभार हो गए हैं। </p><p><b>-राधेश्याम पेमाणी, </b>वन्यजीव प्रेमी, धोलिया </p><p>क्षेत्र में यह बीमारी चिंकारों में पाई जाती है, जबकि काले हरिणों यह बीमारी नहीं देखी गई है। यह बीमारी स्वत: ही ठीक जाती है। यह परजीवी लार्वा का जीवन चक्र का हिस्सा है। इस बीमारी की इलाज तो है, लेकिन चिंकारे को पकड़ कर इलाज करवाना उचित व व्यवहारिक प्रतीत नहीं होता है। <b>-डॉ. श्रवणसिंह राठौड़, </b>वन्यजीव चिकित्सक, भारतीय वन्यजीव संस्थान</p>
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[ "दिल्ली की राजनीति में दोनों का अनुभव बराबर", "खड़गे बनाम थरूर: एक साथ शुरू की पारी, एक राजनीतिज्ञ, दूसरा कूटनीतिज्ञ " ]
<p><b>पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>जयपुर. </b>58 साल से राजनीति में सक्रिय मल्लिकार्जुन खड़गेे दो बार लोकसभा सदस्य रहे और अब राज्यसभा सदस्य हैं, वहीं कूटनीति के अनुभवी शशि थरूर तीसरी बार लोकसभा सदस्य हैं। उम्र और राजनीति के अनुभव में दोनों में भारी अंतर है, एक ने छात्र राजनीति सहित 40 साल तक राज्य में राजनीति की तो दूसरे 29 साल तक ग्लोबल राजनीति का हिस्सा रहे। इसके बावजूद दोनों में एक समानता है, दोनों दिल्ली की राजनीति में 2009 में आए और उसी साल केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए। खड़गे ने जहां केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय संभाला, वहीं थरूर ने विदेश मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग में राज्य मंत्री का जिम्मा संभाला। अब दोनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए आमने-सामने हैं।</p>
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[ "इन्वेस्ट राजस्थान समिट को लेकर बोले मुख्यमंत्री", "तंग किए जाने के डर से काम नहीं करते अफसर: गहलोत" ]
<p><b>राजस्थान को इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली राज्य बनाने का प्रयास </b></p><p><b>पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>जयपुर. </b>सरकार बदलने पर बदले की भावना से होने वाली कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि देश के मौजूदा माहौल में अधिकारियों में भय का माहौल है। बीते दस साल में उन्हें लगने लगा है कि सरकार बदलने पर उन्हें अनावश्यक रूप से तंग किया जाएगा इसलिए ऐसा कोई काम ही नहीं करो जिससे बाद में आरोप लगने लगें। </p><p>मुख्यमंत्री ने सोमवार को इन्वेस्ट राजस्थान समिट को लेकर पत्रकारों से बातचीत में इस सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही कि निवेशकों को सरकार से रेस्पांस नहीं मिल पाता। </p><p>मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली बार तो मंत्रियों तक को नहीं छोड़ा गया। मेरे खुद के खिलाफ 108 एम्बुलेंस संबंधी मामला चला गया। आज उस मामले का कोई अता-पता नहीं।</p>
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5,303,725
[ "अजमेर:गरीब नवाज की महाना छठी में उमड़े अकीदतमंद" ]
<p><b>अजमेर@ पत्रिका. </b>सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की महाना छठी में सोमवार को अकीदतमंद उमड़े। दरगाह सहित आस-पास के क्षेत्रों में रौनक रही। दरगाह में सुबह कुरान शरीफ की तिलावत से छठी की रस्म का आगाज हुआ। इस मौके पर दरगाह में बड़ी संख्या में जायरीन मौजूद रहे। शिजराख्वानी के बाद सलातो सलाम पेश किया गया। </p><p>फातिहा के बाद देश और प्रदेश में अमन और खुशहाली के लिए दुआ की गई। इस मौके पर अंजुमन सैयद जादगान, अंजुमन शेखजादगान की ओर से तबर्रुक तकसीम किया गया। आस्ताना शरीफ में अकीदतमंद ने मखमल की चादर और अकीदत के फूल पेश किए। </p>
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5,303,726
[ "अपेक्षा ग्रुप का महाठगी मामला, एसआइटी ने दो और आरोपी पकड़े" ]
<p><b>कोटा @ पत्रिका. </b>अपेक्षा इन्वेस्टमेंट (ग्रुप) के माध्यम से 2 हजार से ज्यादा लोगों से सौ करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में एसआईटी की टीम ने दो और आरोपी डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया है। एसआईटी अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। उप अधीक्षक अमर सिंह राठौर ने बताया कि एसआईटी की टीम ने बारां निवासी दिनेश चंद गुप्ता व कोटा की देबाशीश सिटी निवासी सूर्यकांत गुप्ता को गिरफ्तार किया है। सूर्यकांत अपेक्षा ग्रुप की कंपनियों में डायरेक्टर व अपेक्षा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में उपाध्यक्ष था। दिनेश गुप्ता शिक्षा विभाग बारां में वरिष्ठ सहायक है। इस पूरे मामले में अब तक कोटा शहर सहित पूरे हाड़ौती संभाग में 100 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। </p>
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[ "कानून व्यवस्था सुधारने की मांग, केशवरायपाटन बंद \n" ]
<p><b>केशवरायपाटन (बूंदी) @ पत्रिका. </b>नगर पालिकाध्यक्ष पर दिनदहाड़े प्राणघातक हमले के बाद आक्रोशित लोगों ने कानून व्यवस्था सुधारने, हमलावरों को कठोर सजा देने व सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार को कस्बा बंद रखा। स्थानीय लोग पुलिस प्रशासन के विरोध में सड़क पर उतर आए। सुबह से ही व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। बंद के दौरान लोग पुराने बस स्टैंड पर जमा हुए। यहां प्रदर्शन कर धरना दिया। </p>
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[ "मुख्यमंत्री गहलोत ने की घोषणा", "छह हस्तियों को राजस्थान रत्न पुरस्कार" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>जयपुर</b>. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान का गौरव बढ़ाने वाली छह नामचीन हस्तियों को राजस्थान रत्न पुरस्कार देने की घोषणा की है। यह पुरस्कार जस्टिस दलबीर भंडारी, जस्टिस आर.एम. लोढ़ा, उद्योगपति अनिल अग्रवाल, उद्योगपति एल.एन मित्तल, शीन काफ निजाम और केसी मालू को प्रदान किए जाएंगे। </p><p><b>जस्टिस दलवीर भंडारी </b></p><p>जोधपुर में 1 अक्टूबर, 1947 में जन्मे जस्टिस दलवीर भंडारी वर्तमान में नीदरलैंड में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जज हैं। उन्हें इस पद के लिए दूसरी बार चुना गया। भंडारी ने पहले 1968 से 1970 तक और फिर 1973 से 1977 तक राजस्थान में ही प्रैक्टिस की। इसके बाद दिल्ली शिफ्ट हुए। पद्मभूषण से सम्मानित भंडारी 1991 में दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त किए गए। बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हरे और सुप्रीम कोर्ट से बतौर वरिष्ठ न्यायाधीश सेवानिवृत्त हुए। </p><p><b>जस्टिस आरएम लोढ़ा </b></p><p>जोधपुर में 28 सितंबर 1949 को जन्मे जस्टिस आरएम लोढ़ा ने 1973 से राजस्थान हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। वर्ष 1994 में राजस्थान हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के बाद उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट स्थानांतरित किया गया। करीब तेरह साल तक बॉम्बे हाइकोर्ट में जज रहने के बाद वह दोबारा राजस्थान आए और यहां से पटना हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। 2008 में सुप्रीम कोर्ट जज बने, जहां से वर्ष 2014 में बतौर प्रधान न्यायाधीश सेवानिवृत्त हुए। </p><p><b>लक्ष्मी निवास मित्तल </b></p><p>स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल 15 जून 1950 को चूरू जिले के सादुलपुर में जन्मे। 2008 में पदम विभूषण अवॉर्ड से भी नवाजे गए। आर्सेलर मित्तल कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक कंपनी है। पिता मोहनलाल मित्तल ने कलकत्ता में छोटी सी स्टील मिल लगाई। इसी को आगे बढ़ा कर मित्तल दुनिया के स्टील किंग बने। मित्तल अब भी राजस्थान में शिक्षा, बालिका शिक्षा समेत समाजसेवा के कई कार्यों में सकिय हैं। </p><p><b>अनिल अग्रवाल </b></p><p>वेदांता के संस्थापक अनिल अग्रवाल का पैतृक स्थान सीकर जिले का रींगस है। वेदांता समूह की केयर्न ऑयल एंड गैस तथा हिंदुस्तान जिंक जैसी बड़ी परियोजनाएं राजस्थान में संचालित हैं और राजस्व की सबसे बड़ी भागीदार हैं। सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों के विकास से जुड़ी नंद घर योजना भी अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने राजस्थान में सबसे पहले शुरु की। अग्रवाल ने अपनी संपत्ति का 75% दान में देने के संकल्प लिया है। </p><p><b>शीन काफ निजाम </b></p><p>26 नवम्बर 1945 में जन्मे शीन काफ निजाम प्रसिद्ध शायर, कवि और आलोचक हैं। पिछले पांच दशक से साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय हैं। निज़ाम को 2010 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड से नवाजा गया है। इसके अलावा नेशनल इकबाल सम्मान, भाषा भारती सम्मान सहित एक दर्जन से अधिक अवॉर्ड मिले हुए हैं। इनकी कृतियों को पाकिस्तान में भी पढ़ाया जाता है। </p><p><b>के.सी. मालू </b></p><p>केशरी चंद मालू का जन्म चूरू के सुजानगढ़ 4 जुलाई 1946 को हुआ। इन्होंने 1977 में द्मसुरसंगमद्य और 1987 में राजस्थानी लोकसंगीत की प्रतिष्ठित कम्पनी द्मवीणा म्यूजिकद्य की स्थापना की। राजस्थानी भाषा को पहचान दिलाने के लिए वह लंबे समय से काम कर रहे हैं। मालू राजस्थान संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। </p>
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[ "नोहर-हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ मार्ग भी शामिल", "अच्छी खबर : राज्य में दिसंबर 2023 से रेलगाड़ियां और मालगाडिय़ां दौड़ेंगी विद्युतीकृत ट्रैक पर" ]
<p><b>जोन में 3 हजार किमी रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण पूरा, इलेक्ट्रिक इंजन लगाकर दौड़ रही 80 जोड़ी ट्रेनें </b></p><p><b>जयपुर. </b>राजस्थान के समस्त रेलवे ट्रैक पर अगले वर्ष के अंत तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें व मालगाडिय़ां दौड़ती नजर आएंगी। कारण उत्तर पश्चिम रेलवे के चारों रेल मंडल में रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। जयपुर और अजमेर मंडल में लगभग पूरा हो चुका है। बीकानेर और जोधपुर मंडल में अभी जारी है। </p><p>जानकारी के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे में लाइनों पर विद्युतीकरण तेजी से चल रहा है। अब तक यहां 3 हजार किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। इसमें महत्वपूर्ण रेलखण्ड रेवाड़ी-अजमेर वाया फुलेरा, रेवाड़ी-अजमेर वाया जयपुर से पालनपुर होते हुए अहमदाबाद तक विद्युतीकृत ट्रैक पर ट्रेनें संचालित हो रही हैं। साथ ही अजमेर से उदयपुर मार्ग, अजमेर-दौराई, ब्यावर- गुड़िया, मदार-बाइपास-आदर्शनगर, नोहर-हनुमानगढ़, चूरू,रतनगढ़ एवं रींगस-सीकर-झुंझुनूं रेलखण्ड का विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया है। शेष रहे फुलेरा-जोधपुर व हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर रेलवे लाइन के विद्युतीकरण का कार्य अगले वर्ष के अंत तक पूरा करने लक्ष्य है। सीधे तौर पर अगले वर्ष के अंत तक समस्त रेलवे लाइनें विद्युतीकृत हो जाएंगी। </p><p><b>डीजल की होगी बचत, प्रदूषण मुक्त : </b>उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण का कहना है कि वर्तमान में 80 जोड़ी ट्रेनों का इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन हो रहा है। अगले वर्ष तक पूरा रूट इलेक्ट्रिक हो जाने पर केवल इलेक्ट्रिक इंजन से ही ट्रेनें चलेंगी। जिससे गति बढ़ेगी और सालाना लाखों लीटर डीजल की भी बचत होगी। साथ ही प्रदूषण भी नहीं होगा।</p>
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5,303,282
[ "इंतजार बढ़ा, दिवाली तक नहीं आएंगी रोडवेज के बेड़े में बसें" ]
<p><b>पत्रिका न्यूज नेटवर्क </b></p><p>patrika.com</p><p><b>जयपुर</b>. राजस्थान रोडवेज के बेड़े में इस साल बसें बढ़ने के आसार नहीं हैं। दरअसल, रोडवेज में होने वाली नई बसों की खरीद का टेंडर निरस्त कर दिया गया है। टेंडर अब दोबारा कब किया जाएगा, यह अभी तक तय नहीं हैं। जानकारी के अनुसार कुछ नया टेंडर बनाने की प्र₹िया भी अभी शुरू नहीं की गई है। ऐसे में इस वर्ष बसें आने की संभावना न के बराबर हैं। रोडवेज में 560 नई बसों की खरीद की जानी हैं। बसों में 300 एक्सप्रेस, 150 डीलक्स, 100 स्लीपर खरीदी जाएंगी। इसके अतिरिक्त 10 सुपर लग्जरी बसें भी रोडवेज प्रशासन खरीदेगा। इनकी खरीद का टेंडर जुलाई में जारी किया गया। अगस्त माह में सीएमडी अवकाश पर गए तो टेंडर खोलने की तारीख बढ़ाई गई। इसके बाद सितम्बर में टेंडर निरस्त कर दिया गया। बसों की खरीद की लिए बैंक से करीब 180 करोड़ रुपए का लोन लिया जाना है। </p><p><b>इस साल बेड़े से रिटायर होंगी 750 बसें: </b>रोडवेज के बेड़े में लगातार बसें कम होती जा रही हैं। इस साल 750 बसें आयोग्य (नकारा) होने के कगार पर हैं। किसी भी बस के आठ साल और आठ लाख किलोमीटर (जो भी बाद में हो) होने पर उस पर रोडवेज की नकाराकरण समिति निरीक्षण करती है। निरीक्षण कर भौतिक और यांत्रिक रूप से खराब स्थिति होने पर या उसकी मरम्मत और चलाने पर अधिक खर्च होने की स्थिति में समिति बसों कंडम घोषित करने की अनुशंषा करती है। इस साल 750 बसों के आठ साल व आठ लाख किलोमीटर पूरे हो रहे हैं। </p><p><b>827 बसों को किया गया था अयोग्य घोषित :</b>साल 2021 में करीब एक हजार बसें नकारा घोषित करके बेड़े से बाहर की गई थी। जब ये बसें सड़क पर थी, तब इन बसों में रोजाना करीब करीब 50 हजार यात्री रोजाना सफर करते थे। तीन साल पहले यानी की वर्ष 2019 तक रोडवेज के बेड़े में 4057 बसें थी। अभी तक 17.5 फीसदी बसें अयोग्य होने के कारण बेड़े से बाहर की जा चुकी हैं। 750 बसें और बाहर होने पर यह आंकड़ा बढ़कर 36 फीसदी हो जाएगा।</p>
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