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शस्त्र शास्त्र के पारंगत और कर्मवीर भगवान परशुराम - Pravakta.Com | प्रवक्ता.कॉम
परशुराम जी ने कभी क्षत्रियों को संहार नहीं किया. उन्होंने हैहयवंशीय क्षत्रिय वंश में उग आई उस खर पतवार को साफ किया जिससे क्षत्रिय वंश की साख खत्म होती जा रही थी. जिस दिन भगवान परशुराम को योग्य क्षत्रियकुलभूषण प्राप्त हो गया उन्होंने स्वत दिव्य परशु सहित अस्त्र-शस्त्र राम के हाथ में सौंप दिए
वे न्याय के लिए हमेशा युद्ध करते रहे, कभी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया. न्याय के प्रति उनका समर्पण इतना अधिक था कि उन्होंने हमेशा अन्यायी को खुद ही दण्डित भी किया.
कठिन तप से प्रसन्न हो भगवान विष्णु ने उन्हें कल्प के अंत तक तपस्यारत भूलोक पर रहने का वर दिया। अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनुमांश्च विभीषणरू
कृपरू परशुरामश्च सप्तैते चिरजीविनरू।। – श्रीमद्भागवत महापुराण
लेखक पत्रकारिता के शोध छात्र हैं एवं छात्र राजनीति से जुड़े हैं।
Tags: कर्मवीर भगवान परशुराम, शस्त्र शास्त्र के पारंगत
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2 thoughts on "शस्त्र शास्त्र के पारंगत और कर्मवीर भगवान परशुराम"
why the all indian gods take birth in India not over the world are they knowing about the whole world.
You moron…don't question anything about the God. God is universal and the time they incarnated…there was no land out of India. All were submerged in sea. Don't ask silly questions here…read mythological books to explore further. |
अभिनेत्री तापसी पन्नू का मानना है कि लोगों को रिश्ते में थोड़ी-बहुत हिंसा होती रहती है। देने के लिए यह फिल्म बनाई है। 'कबीर सिह' के उनकी आने वाली फिल्म 'थप्पड़' की तुलना शाहिद वहीं अनुभव सिन्हा निर्देशित फिल्म 'थप्पड़' रिलीज होने से पहले फिल्म की कहानी लिखी जा कपूर की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'कबीर सिह' से नहीं में घरेलू हिंसा जैसे गंभीर मुद्दे को दिखाया गयाचुकी थी। मेरे ख्याल से थप्पड़ बस एक ट्रिगर है, करनी चाहिए। अभिनेत्री ने यह भी कहा कि उनकी है, जिसके आधार पर तलाक और ऐसी ही कई लेकिन फिल्म में हमने रिलेशनशिप को लेकर कई आगामी फिल्म में एक महिला को थप्पड़ मारने के घटनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सीधे शब्दों सारी चीजें दिखाई गई हैं।' अलावा भी बहुत सी चीजें दिखाई गई हैं। सोशल में कहें तो इसमें भले ही बस एक थप्पड़ है, लेकिन उन्होंने आगे कहा, 'मैं स्वीकार करती हूं कि मीडिया पर तापसी पन्नू स्टारर फिल्म 'थप्पड़' के है तो घरेलू हिंसा ही। वहीं तापसी ने अपनी फिल्म 'कबीर सिह' में एक उदाहरण था, लेकिन वह ट्रेलर के जारी होते ही फिल्म 'कबीर सिह' तुलना की तुलना 'कबीर सिह' से करने को गलत ठहराया। हमारी फिल्म के विचारधारा से नहीं मिलता है, की जाने लगी है। 'कबीर सिह' में हीरो की प्रवृत्ति मुंबई में फिल्म एक प्रमोशनल इवेंट में तापसी लेकिन क्या ऐसा पहली की फिल्मों में नहीं हुआ गुस्से वाली होती है और वह हीरोइन को थप्पड़ मार ने कहा, 'ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि हमने 'कबीर है? ऐसी हजारों फिल्म हैं जिसमें पुरुष महिला देता है और एक दृश्य में हीरोइन भी हीरो को थप्पड़ सिह' को दिमाग में रखकर यह फिल्म बनाई है। को थप्पड़ मारता है, इसमें नया क्या है? ऐसे में मारती है। इस फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा मुझे बहुत दुख होता है, जब मैं लोगों को यह कहते 'थप्पड़' की तुलना 'कबीर सिह' से करना फिल्म ने इस थप्पड़ के बचाव में कहा था कि किसी भी सुनती हूं कि 'हमने एक दूसरी फिल्म को जवाब को महत्वहीन करने जैसा है।'
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Sensex And Nifty Opens With Hike And Rupee Strongs Against Dollar Too - 277 अंकों की बढ़त के साथ सेंसेक्स 30,662 पर, निफ्टी 9400 के पार - Amar Ujala Hindi News Live
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277 अंकों की बढ़त के साथ सेंसेक्स 30,662 पर, निफ्टी 9400 के पार
amarujala.com- Presented by: मनीष कुमार Updated Fri, 19 May 2017 09:49 AM IST
सेंसेक्स और निफ्टी पिछल कुछ दिनों से लगातार ऊंचाई पर बने हुए है। सेंसेक्स शुक्रवार को मार्केट से खुलते ही 30 हजार के स्तर पर बरकरार है। 30 शेयरों वाला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 227 अंकों की बढ़त के साथ 30,662 पर पहुंच गया है।
हालांकि, निफ्टी अपने 9500 के आंकड़े को नहीं छू पाया है। 50 शेयरों वाला निफ्टी 65 अंकों की बढ़त के साथ 9,494 के स्तर पर खुला है। इससे पहले सेंसेक्स गुरुवार को 30,434 और निफ्टी 9,429 के स्तर
पर बंद हुआ था।
मार्केट में रुपया के लिए भी अच्छी खबर आई है। डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे मजबूत होकर 64.78 पर खुला है। वहीं, गुरुवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 69 पैसे लुढ़ककर 64.84 पर बंद हुआ था।
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झरिया न्यूज़-एन एच पर खड़े हाइवा में कार ने मारी टक्कर , एक की मौत तीन घायल
Home » राज्य और शहर » झारखण्ड न्यूज़ » झरिया न्यूज़ » एन एच पर खड़े हाइवा में कार ने मारी टक्कर , एक की मौत तीन घायल
एन एच पर खड़े हाइवा में कार ने मारी टक्कर , एक की मौत तीन घायल
धनबाद। जिले के बरवाअड्डा के पास NH 19 पर 13 मई को सड़क हादसे में कार सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए. हादसा बरवाअड्डा के कल्याणपुर के समीप हुआ. एनएच पर खड़े 18 चक्का हाइवा में में तेज रफ्तार स्विफ्ट कार ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी. घटना में कार पर सवार मोहन यादव की मौत हो गई, जबकि एक महिला समेत 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच, धनबाद भेजा दिया गया. सभी लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं. वे कार से डॉक्टर को दिखाने जा रहे थे।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच-पड़ताल की, मृतक की जेब से मिले कागजात में घर का पता चला, पुलिस ने उक्त पते पर फोन कर परिजनों को घटना की सूचना दी, जेब से मिले कागजात के अधार पर मृतक का नाम मोहन यादव है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, जबकि तीनों घायलों का इलाज एसएनएमएमसीएच में चल रहा है, तीनों की स्थिति गंभीर बनी हुई है, घटना के बाद सड़क पर कुछ देर के लिए जाम लग गया। |
एण्ड्रॉयड एप से होगी पढ़ाई, स्कूल शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी – realtimes.in
Home/City/एण्ड्रॉयड एप से होगी पढ़ाई, स्कूल शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी
एण्ड्रॉयड एप से होगी पढ़ाई, स्कूल शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी
कॉलसेंटर भी बनेगा, टोल-फ्री नम्बर पर मिलेगी अध्यन सामग्री
रायपुर(realtimes) छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक एन्ड्रॉयड एप तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी प्रकार की पाठ्य सामग्री उपलब्ध होगी। इस एप को इंटरनेट के जरिए कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी डाउनलोड कर सकेंगे और इसे कभी भी बिना इंटरनेट के ऑफलाईन देख सकेंगे। इस एण्ड्रॉयड एप को 15 अगस्त तक लांच किया जाना प्रस्तावित है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने यह जानकारी आज यूनीसेफ द्वारा आयोजित 'डिजिटल टाऊनहॉल फॉर चिल्ड्रन' विषय पर आयोजित वेबीनार में दी। वेबीनार में पूर्व आईएएस एवं लैंग्वेज एण्ड लर्निंग फाउन्डेशन के संस्थापक एवं कार्यकारी निदेशक डॉ. धीर झींगरण और यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख क्षेत्राधिकारी जॉब जकारिया भी शामिल हुए।
लैंग्वेज एण्ड लर्निंग फाउन्डेशन के संस्थापक एवं कार्यकारी निर्देशक डॉ. धीर झींगरण ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई पहल और रणनीति देश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद रहने तक बच्चों को सीखने-सिखाने की प्रक्रिया से जोड़कर रखना है। यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अभी लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाईन शिक्षा उपलब्ध कराने का जो प्रयास किया गया है, वह सराहनीय और अनुकरणीय है। |
महत्वपूर्ण घरेलू नुस्खे – Vedobi
Home / Ayurveda Book / महत्वपूर्ण घरेलू नुस्खे
महत्वपूर्ण घरेलू नुस्खे
महत्वपूर्ण घरेलू नुस्खे – आज हर कोई फिट रहना चाहता है। इसके लिए लोग जिम जाते हैं, एक्सरसाइज करते हैं, तरह-तरह के सप्लीमेंट्स लेते हैं। पर इन सप्लीमेंट्स का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से बीमारियां भी हो सकती हैं, जिसके बारे में कोई नहीं सोचता। इसलिए आज हम आपको उन घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे, जो शरीर के लिए बेहद अच्छे साबित होते हैं। आप कितनी ही हेल्दी डाइट क्यों न अपना लें पर इन नुस्खों के बिना आपकी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग नहीं हो सकती। तो चलिए जानते हैं इन घरेलू नुस्खों को :
शरीर को इंफेक्शन से बचने और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बेहतर करने के लिए अदरक को अच्छा माना जाता है। अदरक का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की पाचन शक्ति में सुधार होता है। साथ ही यह महिलाओं में मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान होने वाले दर्द को भी कम करता है
नींबू से शरीर का पीएच (पावर ऑफ हाइड्रोजन) लेवल सही स्तर पर बना रहता है। क्योंकि इसमें आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक जैसे खनिज पाये जाते हैं, जो शरीर की भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
गर्म दूध का सेवन सेहत के लिए लाभदायक होता है। क्योंकि ठंडे दूध को पचने में वक्त लगाता है। रात को सोते समय गर्म दूध पीने से अच्छी नींद आती है और शरीर का पाचन तंत्र (Digestive System) भी ठीक रहता है।
सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीना से पेट साफ रहता है। बॉडी डिटॉक्स (शरीर से विषाक्त पदार्थों (Toxic Substances) को बाहर करने की प्रक्रिया) करती है। स्किन का सौंदर्य भी लंबे समय तक बना रहता है।
महत्वपूर्ण घरेलू नुस्खे – हल्दी का उपयोग न केवल खाद्य पदार्थो को रंगने हेतु या मसालों के रूप में होता है। बल्कि इसको प्रयोग में लाने का एक अन्य कारण इम्यूनिटी बिल्डिप को बढ़ाना है। हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल जैसे गुण होते हैं, जिससे शरीर की ताकत बनी रहती है। आयुर्वेद में भी लंबे समय से हल्दी का उपयोग कई दवाओं में होता आया है।
देसी घी को एक सुपरफूड के तौर पर देखा जाता है। आयुर्वेद में भी देसी घी का सेवन शरीर के लिए अच्छा बताया गया है। यह पाचन तंत्र को सुधारने के अलावा शरीर से विषाक्त पादर्थों (Toxic Substances) को भी बाहर करता है। |
Medical Fitness Will Be An Important Criterion In The Selection Of The Next Cds Of The Country
Home सुरक्षा कौन बनेगा देश का अगला सीडीएस? इस आधार पर होगा चयन
कौन बनेगा देश का अगला सीडीएस? इस आधार पर होगा चयन
सरकार ने नए सीडीएस का चयन करने के लिए 30 अधिकारियों का चयन किया है, जिनमें सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।
June 1, 2022 10:00 AM New Delhi
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का निधन होने के बाद से रिक्त पद को भरने की प्रक्रिया में तेजी आ गई है। अगले सीडीएस का चयन करने के लिए मेडिकल फिटनेस को महत्वपूर्ण मानदंड रखा गया है। इसलिए केंद्र सरकार अगले सीडीएस की नियुक्ति से पहले करीब 30 सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जांच कर रहा है।
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का 8 दिसंबर, 2021 को नीलगिरी जिले के कूनोर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। लगभग छह माह से खाली पड़ी सीडीएस की कुर्सी को भरने की प्रक्रिया तेज होने से इस समय भारतीय सेना में हलचल बढ़ गई है।
इसलिए जरूरी है तैनाती
सरकार जल्द से जल्द नए सीडीएस का चयन करना चाहती है ताकि सेनाओं के आधुनिकीकरण एवं थिएटर कमांड के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। सरकार अगले सीडीएस के रूप में उसी सैन्य अधिकारी को जनरल बिपिन रावत का उत्तराधिकारी बनाना चाहती है, जो तीनों सेनाओं में सक्रिय रूप से तालमेल बिठाने और थिएटर कमांड की निर्माण प्रक्रिया पर तेजी से ध्यान केन्द्रित कर सके। |
Goodwill race organized one day before Independence Day - Korba News in Hindi - VIDEO : स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले घंटाघर से सद्भावना दौड़ | Patrika Hindi News
Vasudev Yadav | Updated: 14 Aug 2019, 02:46:50 PM (IST) Korba, Korba, Chhattisgarh, India
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले बुधवार को सद्भावना दौड़ का आयोजन किया गया। इसमें स्कूली छात्र छात्रओं के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया
कोरबा. स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले आयोजित किए गए सद्भावना दौड़ में स्कूली छात्र छात्राएं, जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में खिलाडिय़ों और प्रशासनिक अधिकारियों ने शिरकत की। यह दौड़ सुबह आठ बजे घंटाघर चैक से शुरू हुई। निहारिका, सुभाष चैक, आरामशीन रोड से विद्युत गृह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से सरस्वती शिशु मंदिर बुधवारी होते हुए महाराणा प्रताप चैक रास्ते से घंटाघर पर खत्म हुई।
समापन अवसर पर कलेक्टर किरण कौशल ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित किया। कलेक्टर ने कहा कि स्वतंत्रता हम लोगों को अपने पूर्वजों का अनमोल उपहार है। इसे अक्षुण बनाये रखने के लिए हम सभी को अपना-अपना योगदान देना होगा। कलेक्टर ने कहा कि बच्चे खूब पढ़ें, खूब खेलें और अच्छे नागरिक बनें। कलेक्टर ने कहा स्वतंत्रता दौड़ देश की एकता और अखंडता के साथ-साथ खुले आसमान में बिना किसी दबाव के आगे बढऩे का प्रतीक है। देश की उन्नति के लिए हम सभी लोगों को एक जुट होकर प्रयास करना होगा।
पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा ने कहा कि हम सभी आजादी से रह सकें इसके लिए हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया है। जिस जोश, उमंग और उर्जा से हम सभी स्वतंत्रता दौड़ में शामिल हुए हैं वही हमें साथ रहने और देश के विकास में भागीदार बनने की पे्ररणा देता है। यह दौड़ हमें एक साथ रहकर चुनौतियों का सामना करने का हौसला देती है। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त राहुल देव और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस जयवर्धन ने भी संबोधित किया।
दौड़ के विजेताओं को मिले पुरस्कार- स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व आयोजित हुई दौड़ में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।
महिला वर्ग में पहले तीन स्थान शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालको की छात्राओं ने प्राप्त किये। महिला वर्ग में पहले स्थान पर रश्मि चैहान, दूसरे स्थान पर चांदनी धु्रवे और तीसरे स्थान पर मनीषा दास रहीं। पुरूष वर्ग में तरदा के आकाश कुमार ने पहला स्थान प्राप्त किया। पीजी कालेज के शंकर प्रसाद बरेठ दूसरे और बालको के रंजीत कुमार तीसरे स्थान पर रहे। |
प्रफुल्ल कोलख्यान साहित्य : विचार और संवेदना का साझापन: ओनामासीधं
आज के जीवन में तकनीक का महत्त्व धीरे-धीरे बहुत बढ़ गया है। इतना कि तकनीक के बिना जीवन के बारे में सोचना भी मुश्किल होता जा रहा है। आज तो साँस लेने की भी तकनीक विकसित हो गयी है। ऐसे गुरुओं की भी कोई कमी नहीं जो साँस लेने की तकनीकी जानकारी का व्यवसाय धड़ल्ले से कर रहे हैं। पहले के जमाने की प्राणायाम पद्धति की बात नहीं है, यह तो नये जमाने की योगा है, योगा। इसके स्वास्थ्य संबंधी अच्छे असर का महात्म्य तो तब भी था और आज भी है। लेकिन इसकी यह चमक सिर्फ आज की ऊपज है। और रहस्य है तकनीक। बच्चे तकनीक से पढ़ते हैं। पास या फेल करते हैं तो उसमें भी बताते हैं कि तकनीक का ही हाथ हुआ करता है। विचार भी आज तकनीक के बल पर बनते-बिगड़ते, सफल-असफल हो रहे हैं। एक बार किसी एक के दिमाग से बात निकलती है और दूसरे के दिमाग तक पहुँचते-पहुँचते तकनीक में बदल जाती है। कहते हैं इस तकनीक का राष्ट्र-गुरू अमेरीका है। तकनीक बेचने में वह उस्ताद है। हैं, और भी तकनीक-बहादुर देश हैं। लेकिन अमेरीका तो अमेरीका है; अमेरीका का कोई जबाव नहीं है किसी के पास। तकनीक के मामले में अमेरीका को जितना गुमान है उससे कहीं ज्यादा उसे दुनिया में मान भी हासिल है। अमेरीका को तकनीक के अलावे अपने लोकतंत्र का भी गुमान है। कुछ लोग भले ही कहते हों कि अमेरीका अपने लोकतंत्र का वैसा ही तकनीकी इस्तेमाल करने में माहिर है जैसा अपने यहाँ का बूढ़ा बाघ कंगन के इस्तेमाल में माहिर हुआ करता है।
अमेरीका में एक बार राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की घोषणा में बड़ी परेशानी हुई थी। जैसा कि विदित है चुनाव में गणना का अपना महत्त्व हुआ करता है और गणना में तकनीक से अधिक और कोई विधा या विद्या विश्वसनीय नहीं है आज के जमाने में। इसी तकनीकी गणना के बल पर अमेरीका पूरी दुनिया को मुष्टिगत करने में कामयाब होता आ रहा है और एक दिन पूरी तरह कामयाब होकर रहेगा। जरूर होगा! लेकिन उस समय वहाँ लोकतंत्र और तकनीक दोनों एक दूसरे की मदद नहीं कर पा रहे थे। कहते हैं कि गणना में हाथ के दखल या कहिये उपयोग को लेकर विचारों को मिट्टी देने के इस मौसम में भी कई तरह के आवारा विचार सामने आ गये पंख पसार कर। फैसला मननीय अदालतों को करना पड़ा। लोकतंत्र के तकनीकी हो जाने का नतीजा सामने है। हालत यह है कि कोई समझ ही नहीं पा रहा है कि जब 'लेखा-जोखा थाहे तब लइका बुड़ल काहे' का जबाव क्या होगा। घोषणा करनेवाले तरह-तरह की घोषणा करते रहते हैं। एक घोषणा यह की गयी थी कि अबकी विश्वयुद्ध का फैसला मल्ल युद्ध से होगा यानी हाथ की ही जीत या हाथ की हार होगी। अमेरीका में शायद हाथ की सफाई को ही मान्यता मिलेगी।
भारतीयता के तथाकथित सच्चे विरासतदारों की नजर में स्थितियाँ ठीक महाभारत की तरह है। और अब भारत का असली विश्व-रूप दुनिया के सामने प्रकट होगा, जैसे कभी कृष्ण का विश्वरूप प्रकट हुआ था। तब भारत इस ब्रह्मांड को कंदुक की तरह हाथ में उठाकर क्रीड़ा और उत्तर-क्रीड़ा करेगा। भारत को इसलिए भी विश्वग्रामीकरण में दिलचस्पी होनी चाहिए कि एक दिन उसी को इसकी चौधराहट मिलेगी। समकालीन साधू यह सोच-सोचकर सुखी, संतुष्ट, मुदित और प्रसन्न हैं कि चोरों ने किया हमारा काम।
समाचार माध्यमों से सूचना मिलती रहती है कि भारत के विभिन्न में राज्यों में हिंदी-भाषी होने के कारण मारे जा रहे हैं। सभी तरह की आर्थिक और सामाजिक हैसियत के समूहों से संबद्ध लोगों के नाम मृतकों की सूची में रहते हैं। इन में बिहारी मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। ये हत्याएँ किसी व्यक्तिगत राग-द्वेष के कारण नहीं होती हैं और न संभवत: हत्यारों के किसी तात्कालिक लाभ से ही इसका कोई लेना-देना होता है। उनका एक मात्र मकसद है फिलहाल बिहारी और सच पूछिये तो बाहरी लोग उस राज्य को छोड़कर चले जाएँ। यद्यपि इसका सूत्र-संचालन बाहर से होता हुआ बताया जा रहा है, जो और खतरनाक सच है। हलांकि अभी ऐसी कोई नौबत तो नहीं आई है लेकिन इसकी क्या गारंटी है कि कल कोई अटल-मुद्रा में यह घोषणा नहीं करने लग जायेगा कि यह सब उस राज्य की अस्मिता के प्रकटीकरण की घटनाएँ है। और फिर मामला किसी एक राज्य तक ही सीमित नहीं रहता है, एक राज्य से दूसरे राज्य में रोजी-रोटी की तलाश में जानेवाले लोगों के साथ इस तरह का सलूक धीरे-धीरे आम होता जा रहा है। समाचार माध्यमों में छन-छनकर इस तरह की खबर बीच-बीच में आती ही रहती है। यह एक आम प्रवृत्ति बनती जा रही है और किसी-न-किसी तर्क से उस राज्य के अधिकतर मूल अधिवासी लोगों का समर्थन, निष्क्रय और उदासीन ही सही, इस प्रवृत्ति को मिल रहा है। विश्वग्रामीकरण की आकांक्षा से लबालब इस समय में जब पूरा देश बाहरी लोगों और बाहरी पूँजी के स्वागत में पलक पाँवड़े बिछाये हुए बताया जा रहा है अपने देश के लोगों के साथ इस तरह के सलूक का अर्थ और गहरा हो जाता है। इस प्रवृत्ति को यदि समय रहते समाप्त नहीं किया जा सका तो इसके बड़े घातक परिणाम के लिए हमें तैयार रहना चाहिए। क्योंकि प्रत्येक राज्य में, विशेषकर विकसित क्षेत्रों में, अन्य राज्य के लोगों का अस्थाई या स्थाई रूप से रहना आम बात है। वैसे तो किसी भी आधुनिक राष्ट्र राज्य के बारे में यह बात कही जा सकती है लेकिन भारत की तो सांस्कृतिक-राजनीतिक बनावट और बुनावट अपने मूल-चरित्र में ही अंत:मिश्रणकारी रहा है। इसलिए भारत के राज्यों में इस तरह की घटनाओं का न सिर्फ राजनीतिक, औद्योगिक, आर्थिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विघटनकारी असर होगा। समय रहते चेतना चाहिए।
राजनीति और राजनीतिज्ञों की सार्थक पहल की प्रतीक्षा किये बिना साहित्य और संस्कृति के किसी भी रूप से जुड़े लोगों को आगे आना चाहिए खासकर जहाँ इस तरह की घटनाएँ हो रही है वहाँ के लोगों को तो इस प्रवृत्ति के विरोध में अपनी पूरी ताकत लगा देनी चाहिए। कुँवर नरायण जी की एक कविता का आशय यह है कि किसी समुदाय से बुरा सलूक करने पर उस समुदाय के प्यारे लोगों की याद बुरा सलूक करने से रोकती है। ऐसे प्यारे लोगों को अपने समुदाय के लोगों को भी रोकना ही चाहिए। अन्यथा भावनाओं के प्रकटीकरण के इस मौसम में देश को पक्षाघात लगते देर न होगी। बचपन में हमलोग ओनामासीधं गुरूजी खसला -- गिर पड़े -- चितंग कहकर अपने गुरूडमयुक्त साथी के साथ ठट्ठा किया करते थे। बाद में जाना कि असल में 'ऊँ नम: सिद्धम' ही जनविमुख होकर अंतत: 'ओनामासीधं' के रूप में बचा हुआ है। यदि समय रहते सचेत नहीं हुआ गया तो कोई विश्वग्रामीकरण, कोई तकनीक हमें नहीं बचा पायेगा और बड़ी-बड़ी योजना बनाकर हमारे समय के सिद्धांतकार जिसे 'ऊँ नम: सिद्धम' घोषित कर रहे हैं उसे ओनामासीधं होने मे देर नहीं लगेगी।
1.ओनामासीधं.pdf
प्रस्तुतकर्ता प्रफुल्ल कोलख्यान पर 12/13/2012 04:31:00 pm
atal mudra..bura sulook karte vaqt pyaare logon ki yaad bura sulook karne se rakti hai...pyara lekhan |
पुलिस की मदद नहीं मिली तो युवती ने जान दे दी
Reported by nationalvoice , Edited by shabahat.vijeta , Last Updated: Apr 13 2019 3:54PM
कानपुर. यूपी में बेटियां कितनी सुरक्षित हैं. इसकी एक नहीं बल्कि कई तस्वीरें अक्सर देखने को मिलती हैं. कई बार दबंगों के डर और पुलिस की लापरवाही लड़कियों के लिए भारी पड़ जाती है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है कानपुर के घाटमपुर से, जहां दबंगों से परेशान एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया.
बिरहर चौकी के एक गांव में रहने वाली युवती को गांव का ही एक युवक परेशान करता था. आरोपित का नाम जीतू बताया जा रहा है. आरोप है कि जीतू न सिर्फ पीड़िता को परेशान करता था बल्कि एक दिन घर में घुसकर युवती और उसकी बहन को अगवा करने की धमकी भी दी. युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब पुलिस की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया तब आरोपित के हौसले और बुलंद हो गए, और उसने पीड़िता को फोन कर धमकी दी. आरोपित इतने पर ही नहीं माना. युवती की बहन की शादी जिस लड़के से तय हुई थी. उस युवक को फोन कर धमकी दी. इस पूरे घटनाक्रम से परेशान युवती ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी. घटना के बाद से ही आरोपित अपने परिवार के साथ फरार है. इस पूरे मामले में जब हमने पुलिस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह ने रटे रटाए अंदाज में जल्द से जल्द कार्रवाई की बात कही है.
अब पुलिस आरोपित शोहदे की तलाश कर रही है. जबकि पीड़िता ने पहले ही पुलिस से गुहार लगा कर मदद मांगी थी. घटना घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के बिरहर चौकी के अंतर्गत आने वाले एक गांव की है. जहां रहने वाला जीतू रेलवे में चतुर्थ क्षेणी कर्मचारी है. वह गांव की रहने वाली बीस वर्षीय युवती को काफी दिनों से परेशान कर रहा था. जीतू ने उसका घर से निकलना दूभर कर दिया था. एक दिन पहले ही उसने घर में जा कर युवती को धमकाया था और उसे व उसकी बहन को उठा ले जाने की धमकी दी थी. जिस पर युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी तो पुलिस ने छेड़छाड़ की जगह धमकी और गाली गलौज की धाराओं में मामला दर्ज कर इतिश्री कर ली. पुलिस के कार्रवाई न करने से उत्साहित जीतू ने युवती को फोन कर एक बार फिर धमकाया. परेशान हो कर युवती ने घर में फांसी लगा कर जान दे दी. |
भारतीय व्यक्ति ने अमेरिकियों के साथ धोखाधड़ी करने का जुर्म कबूला - Indian man confessed to cheating americans - Latest News & Updates in Hindi at India.com Hindi
Published: January 10, 2020 2:12 PM IST
वाशिंगटन: एक भारतीय नागरिक ने अमेरिकियों को निशाना बनाने के लिए कॉल सेंटर घोटाले में संलिप्त होने का जुर्म कुबूल कर लिया है. न्याय विभाग ने यह जानकारी दी. Also Read - US Violence: Trump समर्थकों-पुलिस के बीच हिंसक झड़प, 220 वर्षों में कई खूनी हिंसा की गवाह रहा है Capitol Hill
विभाग ने बताया कि हितेश मधुभाई पटेल ने कॉल सेंटरों के संचालन और उनके वित्त पोषण में अहम भूमिका निभाई, जिनसे कॉल करने वाले और साजिशकर्ताओं ने 2013 और 2016 के बीच अमेरिकी लोगों को धोखा दिया. Also Read - Live Upadte: US Capitol में हिंसा में मृतकों का आंकड़ा बढ़ा, Washington DC में 15 दिन की पब्लिक इमरजेंसी बढ़ाई
विभाग ने बताया कि पटेल (43) ने धोखाधड़ी के लिए साजिश रचने, एक्सेस डिवाइस धोखाधड़ी, धन शोधन, और खुद को एक संघीय अधिकारी या कर्मचारी के रूप में पेश करने का दोष कुबूल किया. उसे अहमदाबाद के हितेश हिंगलाज के नाम से भी जाना जाता है. Also Read - US- China Tension: चीन ने अमेरिका से कहा- चेंगदू स्थित अपना दूतावास बंद करो |
सूर्यधार झील योजना से लगभग 18 गावों को सिंचाई और 19 गावों को पेयजल मिलेगा-मुख्यमंत्री - Galaxy Informer
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सूर्यधार झील योजना से लगभग 18 गावों को सिंचाई और 19 गावों को पेयजल मिलेगा-मुख्यमंत्री
देहरादून (सू.ब्यूरो)-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सूर्यधार झील का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग को सूर्यधार झील के शीघ्र निर्माण के निर्देश देते हुए कहा कि क्षेत्र में इस प्रकार की अन्य झीलो की सम्भावनायें तलाशी जाएं। उन्होंने झील के सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान देने और इसके किनारों पर सड़क निर्माण के साथ ही पैदल पथ भी निर्मित करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह झील इंजीनियरिंग का विशिष्ट नमूना होनी चाहिए, जिससे क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूर्यधार झील एक बहुउद्देशीय योजना है, जिससे क्षेत्र को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से लगभग 18 गावों को सिंचाई और 19 गावों को पेयजल मिलेगा और यह पूर्ण रूप से ग्रैविटी आधारित होगा। इस योजना के माध्यम से 7 करोड़ रूपये की बिजली की बचत भी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे किसानों को बारह महीने पानी मिलेगा। बिजली खर्च में बचत से हम सस्ती बिजली भी लोगो व किसानों तक पहुचा पाएंगे। आने वाले समय में सौंग बांध का भी निर्माण होगा इससे देहरादून की बड़ी आबादी को ग्रेविटी बेस्ड पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास भी हो सकेगा। |
Trains become full before Corona lockdown opens On April 15 and 16 all seats of AC and sleeper Shramjeevi Express Vikramshila Express Sampoorna Kranti Express in Patna Delhi trains are full - 15 और 16 अप्रैल को पटना से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों की सभी सीटें फुल
30 मई, 2020|4:40|IST
हिंदी न्यूज़ › बिहार › 15 और 16 अप्रैल को पटना से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों की सभी सीटें फुल
Published By: Malay | पटना । स्मार्ट रिपोर्टर
Last updated: Fri, 10 Apr 2020 09:51 AM
लॉकडाउन होने के बावजूद लोगों ने ट्रेनों में बुकिंग की गति तेज कर दी है। आलम यह है कि 15 अप्रैल और उसके बाद सफर करने के लिए लोग टिकट बुक करा रहे हैं। हालात यह है कि अब इस महीने दिल्ली जानेवाली अधिकतर ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रही है।
बता दें कि ट्रेनों की आवाजाही 22 मार्च से बंद है। इससे कई लोग विभिन्न शहरों में फंस गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि 15 अप्रैल से ट्रेनें चलने लगेंगी और इस उम्मीद में वह भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) से टिकट ले रहे हैं।
ऑनलाइन हो रही है बुकिंग
15 अप्रैल से रेल यात्र के लिए रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू की है। र्बुंकग काउंटर फिलहाल बंद हैं। लोगों ने तेजी से ऑनलाइन टिकटों की र्बुंकग करनी शुरू कर दी है जिससे ट्रेनों में सीटों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। पटना से नई दल्लिी को जाने वाली राजेंद्रनगर राजधानी एक्सप्रेस में 15, 16 अप्रैल के लिए सेंकेंड एसी क्लास में कंफर्म टिकट उपलब्ध हैं।
1. श्रमजीवी एक्सप्रेस
2. विक्रमशिला एक्सप्रेस
3. संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस
4. गरीब रथ एक्सप्रेस
5. सीमांचल एक्सप्रेस ( 15 अप्रैल को कैंसिल)
6. मगध एक्सप्रेस
7. फरक्का एक्सप्रेस
8. महानंदा एक्सप्रेस (15 अप्रैल को कैंसिल)
9. नॉर्थ इस्ट एक्सप्रेस
विमान सेवाओं के लिए भी बुकिंग शुरू
विमान कंपनियों ने 15 अप्रैल से दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों के लिए घरेलू उड़ानों की र्बुंकग शुरू कर दी है। र्बुंकग शुरू होते ही लोग टिकट कराने में जुट गए हैं। हांलाकि दिल्ली जाने किए फ्लाइट की ज्यादा महंगी नहीं हुई हैं।
14 अप्रैल के मध्य रात्रि तक ट्रेनों का संचालन बंद है। 15 अप्रैल से सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इस दौरान अगर कोई आदेश आता है तो उसका पालन किया जाएगा। ऑनलाइन टिकटों की र्बुंकग कभी भी बंद नहीं की गई थी। - राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्व मध्य रेलवे
Web Title:Trains become full before Corona lockdown opens On April 15 and 16 all seats of AC and sleeper Shramjeevi Express Vikramshila Express Sampoorna Kranti Express in Patna Delhi trains are full |
SSC MTS परीक्षा में Numerical Aptitude की तैयारी कैसे करें? Exams Tips Hindi
How to Prepare for Numerical Aptitude in SSC MTS Exam in Hindi
कर्मचारी चयन आयोग भारत सरकार के विभिन्न विभागों / मंत्रालयों / कार्यालयों में मल्टी टास्किंग स्टाफ के पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की भर्ती के लिए एसएससी एमटीएस परीक्षा आयोजित करता है। चयन प्रक्रिया तीन चरणों यानी कंप्यूटर आधारित परीक्षा (पेपर- I), और एक वर्णनात्मक पेपर (पेपर- I), और दस्तावेज़ सत्यापन में आयोजित की जाती है। उम्मीदवारों को यह जानने के लिए तैयारी शुरू करने से पहले अपने SSC MTS Application Status की जांच करनी चाहिए कि उनका आवेदन स्वीकार किया गया है या नहीं। numerical aptitude सेक्शन को पेपर- I के सभी सेक्शन में से एक लंबा और समय लेने वाला सेक्शन माना जाता है। संख्यात्मक अभियोग्यता के प्रश्नों को हल करने के लिए एक कुशल दृष्टिकोण विकसित करने से आपको परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
उम्मीदवारों के लिए अपने समग्र एसएससी एमटीएस न्यूमेरिकल एप्टीट्यूड सेक्शन (SSC MTS Numerical Aptitude section)को मजबूत करने के लिए सर्वोत्तम तैयारी रणनीति की योजना बनाना महत्वपूर्ण है। इसलिए, छात्रों को सही रणनीति के साथ मार्गदर्शन करने के विचार के साथ, हमने एसएससी एमटीएस न्यूमेरिकल एप्टीट्यूड सेक्शन की तैयारी के बारे में विस्तृत सुझाव साझा किए हैं। महत्वपूर्ण विषयों को जानें (Know the Important Topics)
उम्मीदवारों को उन विषयों से अच्छी तरह परिचित होना चाहिए जो परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इस प्रकार, उन्हें विषयों को जानने और परीक्षा के अनुसार तैयारी करने के लिए पूरे पाठ्यक्रम का अध्ययन करना चाहिए। उम्मीदवारों के लिए चीजों को आसान बनाने के लिए, हमने न्यूमेरिकल एप्टीट्यूड सेक्शन के कुछ महत्वपूर्ण विषयों को नीचे साझा किया है।
Important Topics of the Numerical Aptitude Section
1. संख्या प्रणाली ( Number Systems )
2. दशमलव और भिन्न और संख्याओं के बीच संबंध (Decimals and Fractions and relationship between Numbers)
3. पूर्ण संख्याओं की गणना (Computation of Whole Numbers)
4. अनुपात और समानुपात (Ratio and Proportion)
5. टेबल और ग्राफ़ का उपयोग (Use of Tables and Graphs)
6. क्षेत्रमिति (Mensuration)
7. मौलिक अंकगणितीय संचालन (Fundamental arithmetical operations)
8. प्रतिशत (Percentages)
9. औसत (Averages)
10. ब्याज (Interest)
11. लाभ और हानि (Profit and Loss)
12. छूट (Discount)13. समय और दूरी (Time and Distance)
14. अनुपात और समय (Ratio and Time)
15. समय और कार्य, आदि। (Time and Work, etc.)
मूल बातें पहले! (Basics First!)
जब उम्मीदवार तैयारी के साथ शुरुआत करते हैं, तो उन्हें शॉर्टकट ट्रिक्स (Shortcut tricks) या विधियों का उपयोग करके प्रश्नों (Questions )को हल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। सबसे पहले, उन्हें सभी अध्यायों की मूल अवधारणाओं को स्पष्ट करना चाहिए और फिर सभी विषयों के मूल सूत्रों और सिद्धांतों को सीखना चाहिए। मूल अवधारणा पर मजबूत पकड़ के बिना, शॉर्ट-कट ट्रिक्स केवल अवधारणाओं पर भ्रम पैदा कर सकते हैं। एक बार जब वे सभी अध्यायों की बुनियादी अवधारणाओं को कवर कर लेते हैं, तो वे उच्च-स्तरीय तैयारी के लिए उन्नत पुस्तकों के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
समय प्रबंधन कौशल सीखें (Learn Time Management Skills)
समय प्रबंधन किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक माना जाता है। यदि उम्मीदवार समय प्रबंधन कौशल सीखते हैं तो उन्हें गणनाओं पर अधिक समय खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रकार, उनके लिए त्वरित गणना के लिए टेबल, वर्ग, घन, वर्गमूल और घनमूल की तरकीबें सीखना महत्वपूर्ण है। त्वरित गणना बेहतर परिणामों के लिए जटिल और समय लेने वाले विषयों पर ध्यान केंद्रित करने में उम्मीदवारों की मदद कर सकती है। यदि उम्मीदवार नियमित रूप से शॉर्ट-कट विधियों को लागू करके प्रश्नों का अभ्यास करते हैं, तो वे वास्तविक परीक्षा में किसी भी जटिल प्रश्न को सेकंड के भीतर हल करने में सक्षम होंगे।
मॉक टेस्ट और पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों का प्रयास करें (Attempt Mock Tests and Previous Year Papers)
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी उचित अभ्यास के बिना अधूरी है। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे वास्तविक परीक्षा के लिए अपनी गति और सटीकता में सुधार करने के लिए अधिक से अधिक मॉक टेस्ट का प्रयास करें। और साथ ही, उन्हें पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के प्रकार और उनके कठिनाई स्तर को समझने के लिए (SSC MTS Previous Year Papers) पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को हल करना चाहिए। उम्मीदवारों को अपनी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने के लिए विभिन्न स्रोतों से अधिक से अधिक नमूना प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिए और परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने के लिए कमजोर क्षेत्रों में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
नोट्स बनाएं और संशोधित करें (Create Notes and Revise)
उम्मीदवारों को त्वरित संशोधन के लिए सूत्रों के नोट्स, शॉर्ट-कट ट्रिक्स और अन्य महत्वपूर्ण अवधारणाओं को बनाए रखना चाहिए। सभी शॉर्ट-कट विधियों और सूत्रों को एक साथ याद रखना लगभग असंभव है। इसलिए, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वास्तविक परीक्षा में प्रश्नों को हल करते समय किसी भी भ्रम से बचने के लिए उन्हें नियमित रूप से संशोधित और याद रखें। संख्यात्मक अभियोग्यता अनुभाग में उच्च अंक प्राप्त करने के लिए, उम्मीदवार को नियमित रूप से संशोधित और अभ्यास करना चाहिए। |
यह पैटर्न एक लंबे सफेद दिन से शुरू होता है और फिर, व्यापार के दूसरे दिन, यह मुद्दा खत्म हो जाता है और एक काला दिन है। हम इस पैटर्न में जो देखते हैं, वह पिछले पैटर्न के समान है। दूसरा, तीसरा और चौथा दिन यह देखते हुए कि इस मुद्दे को थोड़ा नीचे से गिरना है लेकिन दिन के एक दिन के लंबे सफेद दिन की सीमा के बाहर व्यापार नहीं है। अंत में, पैटर्न में आखिरी दिन एक और लंबा सफ़ेद दिन है जो पहले लंबे सफेद दिन के करीब ऊपर बंद हो जाता है। स्मार्टफोन के मालिकों Android ओएस पर आधारित है, जैसे, LuckBit.co.in जानें पर विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए कैसे Binomo और BoomFaucet.com इकट्ठा करने के लिए के रूप में उपलब्ध खेलों में आय, Bitcoin सातोशी की आवश्यकता है एक कोडेक «फ़्लैश प्लेयर» है, जो केवल Windows और iOS प्लेटफ़ॉर्म पर काम करता है के लिए। खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) का कहना है कि अगर इन राक्षसी कीड़ों से बचने के लिए अतिरिक्त उपाय नहीं किए जाते हैं, तो बारिश के मौसम में टिड्डियों के इन ख़तरनाक झुंडों के आकार में बीस गुना तक इज़ाफ़ा हो सकता है।
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नवंबर 2017 के अंत तक, मोनरो ने आश्वस्त रूप से 200 सिक्का के लिए 1 $ चिह्न का आविर्भाव किया। और यद्यपि कोर्स लगातार अलग-अलग दिशाओं में उतार-चढ़ाव करता है, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दूरी पर आप क्रिप्टो मुद्रा के एक आत्मविश्वास और स्थिर विकास देख सकते हैं। जाहिर है, यह मूल्य सीमा से कहीं ज्यादा है और भविष्य में यह नए रिकॉर्ड की उम्मीद के लायक है। फिर भी, एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में एक सिक्का खरीदने के लिए, यह पाठ्यक्रम के जानें पर विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए कैसे Binomo सुधार के लिए इंतजार कर रहा है, जो निश्चित रूप से इस तरह के एक आत्मविश्वास से छलांग के बाद पालन करेगा।
और जब आप इस पर हों, तो आप अपनी टीम को हर चीज में आपकी मदद करना चाहते हैं। जानें पर विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए कैसे Binomo हबस्पॉट प्रति खाता असीमित संख्या में उपयोगकर्ताओं का समर्थन करता है, जो मुझे लगता है कि उन्नत विपणन स्वचालन उपकरणों की कमी के लिए इसे बनाने का एक बुरा तरीका नहीं है। वस्तु इस थीसिस का अनुसंधान बाधा विकल्प है, अर्थात् कॉल और पुट विकल्प। बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं तथा डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में बाध्यता तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे उदाहरण के तौर पर आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते। (this policy changes time to time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. ज़्यादातर बैंक अपने ग्राहक को अपने खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है।
अब मशालपुरा के लिए 7 करोड़ बजट की प्लानिंग भविष्य में घाटी के स्वैच्छिक रिलोकेशन के बाद अब मशालपुरा की तैयारियां चल रही है ।सर्वे संबंधी औपचारिकताएं अंतिम चरण में है। ऐसे में अब एमटी-4 के शावक होने पर यह एरिया उनके फ्री मूवमेंट के लिए बेहतर हो सकेगा। मशालपुरा में करीब 80 प्रतिशत से अधिक लोग स्वैच्छिक रिलोकेशन को तैयार है। ऐसे में यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्दी इस गांव के स्वैच्छिक रिलोकेशन के लिए भी बजट मिलने की उम्मीद है। रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि इस गांव के स्वैच्छिक रिलोकेशन के लिए करीब 5 से 7 करोड़ की प्लानिंग है। इसके जल्द प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा, यह मुद्राओं के ऐसे जोड़े हैं जो इस समय आने वाली खबरों से जानें पर विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए कैसे Binomo सीधे प्रभावित होते हैं। आप जापानी मुद्रा के साथ व्यापारिक पार करने की कोशिश कर सकते हैं, अर्थात्। जीबीपी / जेपीवाई और यूरो / जेपीवाई, यूरोपीय सत्र की अवधि के दौरान, इन जोड़ों ने मूल्य में अस्थिरता बढ़ा दी है। इसलिए, खरीद के लिए एक छोटे और अधिमानतः छोटे नाम के साथ डोमेन नाम का चयन करना महत्वपूर्ण है। |
सिरोही जिले के उथमण टोल नाके के पास देर रात करीब तीन बजे पीएम जनसंवाद कार्यक्रम से लौट रही बस रोड से नीचे खड्डे में उतर गई। बस के खड्डे में उतरने से करीब 50-55 लोग घायल हो गये ।घटना कि सूचना मिलने पर पालडी थाना पुलिस व प्रसाशनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और 108 व अन्य एम्बुलेंस कि मदद से घायलों को सिरोही से राजकीय अस्पताल में भर्ती करवया गया इस दौरान अस्पताल में अफरा तफरी मंच गई । मौके पर जिला कलक्टर बाबूलाल मीणा , एएसपी पन्नालाल मीणा , सिरोही एसडीएम रामनिवास बुगालिया , पिंडवाड़ा एसडीएम पीएस चूंडावत , सीएमएचओ सुशील परमार , भाजपा जिला अध्यक्ष लूम्बाराम अस्पताल पहुंचे और घायलों के उपचार के आवश्यक दिशा निर्देश दिये। घायलों में भुला सरपंच कन्हैयालाल भी शामिल है। ये बस पिंडवाड़ा पंचायत समिति के लाभार्थियों से भरी हुई थी फिलहाल सभी घायलों का राजकीय अस्पताल में उपचार जारी है । |
Home इंफोटेनमेंट इनफार्मेशन व्हाट्सएप में जल्दी शुरू हो सकता है ग्रुप वीडियो कॉलिंग फीचर
व्हाट्सएप ग्रुप में आप वीडियोकॉलिंग का मजा भी ले सकेंगे। दऱअसल व्हाट्सएप ने इस बात की पुष्टि की है कि वह लेटेस्ट बीटा वर्जन पर एंड्रायड के लिए ग्रुप वाइस कॉलिंग का टेस्ट कर रहा है। इससे पहले यह सिर्फ खबरों में ही आ रहा था लेकिन अब इस खबर की पुष्टि कर दी गई है। WaBetaInfo वेबसाइट ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है।
सबसे पहले भारत में माइक्रोसॉफ्ट ने इसी साल फरवरी में अपना स्काइप लाइट वर्जन पेश किया था। कंपनी ने स्काइप लाइट पर 'ग्रुप वीडियो कॉल' फीचर जारी कर दिया। इसी को देखते हुए व्हाट्सएप ने भी ग्रुप वीडियो कॉल' फीचर जारी करने की पुष्टि की है। अब व्हाट्सएप में ग्रुप में वाइज और वीडियो दोनों की सुविधा मिलेगी। फेसबुक पर पहले से इसके मैसेजर एप पर यह सुविधा है। |
ICSE Full-Form | What Is ICSE Board In Hindi? - DoStudyOnline
ICSE Full-Form | What Is ICSE Board In Hindi?
Full Forms / September 28, 2020 October 15, 2020
हमारे देश में नेशनल लेवल पर केवल 2 बोर्ड है एक CBSC बोर्ड और दूसरा ICSE बोर्ड. आज के इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे कि ICSE बोर्ड क्या होता है?(What Is Icse Board In Hindi) ICSE का फुल फॉर्म क्या होता है? (What Is The Full Form Of Icse Board?) और साथ ही बहुत सारी जानकारियां जानेंगे आईसीएसई बोर्ड के बारे में तो आर्टिकल को आपको पूरा रीड करना है और अगर कोई भी आपको आर्टिकल में समस्या आती है तो उस चीज को आप को कमेंट सेक्शन में लिख देना है
आजकल के माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत ज्यादा चिंतित रहते हैं तो इन लोगों के लिए जाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है कि वह अपने बच्चों का एडमिशन किस Board में करवाए सीबीएससी बोर्ड में या आईसीएसई बोर्ड में तो यह जानना इसलिए ज्यादा जरूरी हो जाता है क्योंकि जब हमारे पेरेंट्स यानि हमारे माता-पिता जब हमारा एडमिशन स्कूल में कराते हैं तो वहां पर उन लोगों के दिमाग में कंफ्यूजन रहती है कि सीबीएसई बोर्ड में कराएं या आईसीएसई बोर्ड में कराएं तो यहां पर मैं आप लोग को अभी बताता हूं कि आईसीएसई बोर्ड क्या है
ICSE Board का Full-Form क्या हैं ? (What Is The Full Of ICSE Board ?)
ICSE Board क्या होता है?
ICSE Board के Subject Class के अनुसार
ICSE Board के क्या फायदे हैं?
ICSE बोर्ड का फुल फॉर्म Indian Certificate of Secondary Education होता है और इसका हिंदी में अर्थ इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन होता है और यह भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण बोर्ड है और नेशनल लेवल का बोर्ड है
Full-Form Of ICSE Board In Hindi इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन
Full-Form Of ICSE Board In English Indian Certificate of Secondary Education
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आईसीएसई बोर्ड की जो भी परीक्षाएं होती हैं या जो भी एग्जामिनेशन होती है वह CICSE (The Council For The Indian School Certificate Examinations) के द्वारा पूरी कराई जाती हैं और जो CICSE है, भारत का एक Private एजुकेशन बोर्ड है जो कि गवर्नमेंट के अंदर नहीं आता है और इस बोर्ड को 1956 में एक योजना के तहत संगठित किया गया था और इसका मुख्यालय (Headquarter) नई दिल्ली में बना हुआ है आईसीएसई बोर्ड को इंडिया में नए एजुकेशन सिस्टम Policy 1986 की सिफारिशों को को पूरा करने के लिए बनाया गया था और यह एक English Medium Board है और उसकी जो भी परीक्षाएं होती हैं और जो एग्जाम होते हैं वह इंग्लिश में ही होते हैं
आईसीएसई बोर्ड की जो Requirements होते हैं वह अलग-अलग होते हैं जैसे ही आप 12th में आते हो तो इसमें काफी Changement रहता है CBSC बोर्ड से और इस की Books वगैरह हैं वह भी अलग रहती हैं तो अगर आप अपने किसी भी स्टूडेंट को या अपने बच्चे को एसएससी बोर्ड में भेजना चाहते हो तो आप बेझिझक उसका एडमिशन आईसीएससी बोर्ड में करवा सकते हो एक बहुत ही अच्छा बोर्ड है
अगर आप Icse Board में अपना admission ले रहे है तो आपको इस बोर्ड के विषयों का जानना बहुत ही जयदा ज़रूरी हो जाता हैं…
Class 9th और 10th के लिए अनिवार्य विषय
1) English – अंग्रजी
2) Second Language- दूसरी भाषा
3) History/Civics & Geography – इतिहास/ नागरिकशास्र और भूगोल
4) Science Application – विज्ञान अनुप्रयोग
GROUP 2 (कोई भी 2-3 विषय को चुनना हैं)
1) Mathematics- गणित
2) Science (Physics, Chemistry, Biology) – विज्ञान
3) Commercial Studies – वाणिज्यिक अध्ययन
4) Economics – अर्थशास्त्र
5) Environmental Science – पर्यावरण विज्ञान
6) A Modern Foreign Language – विदेशी भाषा
7) A Classical Language – क्लासिकल भाषा
GROUP 3 (कोई एक विषय का चुनाव करना होता है )
1) Computer Applications- कम्प्यूटर
2) Technical Drawing- टेक्नीकल ड्रॉइंग
3) Drama- ड्रामा
4) Art – कला
5) Dance – नृत्य
6) Yoga – योगा
7) Hindustan Music – भारतीय संगीत
9) Instrumental Music – वाद्य संगीत
10) Physical Education – शारीरिक शिक्षा
11) Economic Applications – अर्थशास्त्र अनुप्रयोग
12) Commercial Applications – वाणिज्यिक अनुप्रयोग
13) Mass Media And Communication – मास मीडिया और संचार
14) Modern Foreign Language – मॉडर्न विदेशी भाषा
15) Environmental Applications – पर्यावरण अनुप्रयोग
16) Cookery – कुकरी
17) Performing Arts – कला प्रदर्शन
Class 11th और 12th के लिए अनिवार्य विषय
Students को इनमें से 6 विषयों का चुनाव करना होता है –
इस बोर्ड के एक नहीं बहुत से फायदे हैं जो मैं आपको अभी बताने जा रहा हूँ
आईसीएससी बोर्ड एक बहुत ही विशेष बोर्ड होता है जिसमें जो स्टूडेंट्स होते हैं वह पूर्ण विकसित किए जाते हैं और इसका जो सिलेबस होता है बहुत ही संतुलित होता हैं
आईसीएसई बोर्ड का सिलेबस Comprehensive होता है और इसमें छात्रों को बहुत ज्यादा प्रैक्टिकल कराया जाता है जिससे छात्र के माइंड का विकास बहुत ज्यादा होता है
आईसीएसई बोर्ड में बहुत से सब्जेक्ट मिलते हैं जिससे जो भी छात्र होता है वह अपने मनपसंद के हिसाब से अपना सब्जेक्ट चुन सकता है
इंग्लिश लैंग्वेज आजकल बहुत ज्यादा जरूरी हो गई है इसलिए आईसीएसई बोर्ड जो होता है वह पूर्ण रुप से इंग्लिश मीडियम बोर्ड है और इसमें सब कुछ इंग्लिश मीडियम होता है
आशा करता हूँ आप सभी को हमारा ये पोस्ट पसंद आया होगा अगर आपको पता लग गया होगा की ICSE Board का फुल फॉर्म क्या होता हैं यदि आपको ICSE Board के बारे में और अधिक जानकारी है तो आप हमे Comment करके सुझाब दे सकते हैं धन्यवाद 🙂 |
व्यापारियों को एक अतिरिक्त प्रसार लेकिन आयोग का भुगतान नहीं करते। अधिकांश राज्यों को आपको एक पूर्व-लाइसेंस वर्ग पूरा करने की आवश्यकता होती है। इनमें से कई को ऑनलाइन या एक व्यक्ति के माध्यम से लिया जा सकता है। आवश्यकताएं राज्य द्वारा भिन्न होती हैं, एक दिवसीय वर्ग से एक्सएनयूएमएक्स-एक्सएनयूएमएक्स ऑनलाइन प्रशिक्षण के घंटे तक।
पुनर्भुगतान की तात्कालिकता में स्थापित संस्करणों और अवधि में जारी ऋण की चुकौती शामिल है। उस वीडियो में, आप इसे खोजने के लिए यू ट्यूब चैनल पर वापस जा सकते हैं, हमने उन प्रमुख कारकों के बारे में बात की जो मुझे लगता है कि एक अभिसरण की ओर ले जाएगा जहां हम मूल्य के संदर्भ में सतह पर क्या देख रहे हैं, ये कारक अभिसरण करेंगे और सच्ची कट्टरपंथी आपूर्ति और मांग कारक प्रकट होंगे। आज की दुनिया के लिए, धन का मतलब वही है जो मध्य युग में आत्मा की मुक्ति का मतलब था। 20 वीं शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण युद्ध धर्म के कारण नहीं, बल्कि धन के कारण लड़े गए थे। सवाल यह शुरुआती के लिए नि: शुल्क विदेशी मुद्रा व्यापार ट्यूटोरियल है कि: क्या हमारी आधुनिक अवधारणा में लोगों के लिए आध्यात्मिकता का स्थान है? और यदि ऐसा है, तो आध्यात्मिकता पैसे से कैसे संबंधित है? |
अब हिरानी की हर फिल्म का हिस्सा होंगे रणबीर कपूर, दोनों के बीच हुआ करार | Poorvanchal Media | Breaking Hindi News| Current Hindi News| Latest Hindi News | National Hindi News | Hindi News Papers | Hindi News paper| Hindi News Website| Indian News Portal – Poorvanchalmedia.com
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अब हिरानी की हर फिल्म का हिस्सा होंगे रणबीर कपूर, दोनों के बीच हुआ करार
फिल्म 'संजू' न केवल रणबीर कपूर बल्कि डायरेक्टर राजकुमार हिरानी के करियर की भी सबसे बड़ी हिट फिल्म बन गई है। फिल्म की इस अपार सफलता के बाद रणबीर ने हिरानी से एक खास दरखास्त की और दोनों ने एक खास फैसला लिया है।
इस फैसले के अनुसार रणबीर अब से हिरानी की हर फिल्म का हिस्सा होंगे। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि रणबीर कपूर अब से राजकुमार हिरानी की हर फिल्म के हीरो होंगे। इस फैसले का मतलब यह है कि रणबीर कपूर डायरेक्टर राजकुमार हिरानी की हर फिल्म में कुछ न कुछ करते नजर आएंगे।
अगर रणबीर के मुताबिक फिल्म का लीड कैरेक्टर होगा तो उन्हें वो दिया जाएगा वरना फिल्म में उनसे कैमियो कराया जाएगा। इसकी शुरूआत मुन्नाभाई सारीज के साथ हो ही चुकी है, जिसमें सरकिट का किरदार अब से अरशद वारसी नहीं बल्कि रणबीर कपूर निभाते दिखेंगे। |
जनता कैबिनेट पार्टी के बैनर तले होगा एक बड़ी यूनियन का गठन: भावना पांडे – RadhikaSpeaks
16/10/2021 16/10/2021 Trilok ChandraLeave a Comment on जनता कैबिनेट पार्टी के बैनर तले होगा एक बड़ी यूनियन का गठन: भावना पांडे
देहरादून। ऑटो यूनियन के चुनाव के दौरान षड्यंत्र के शिकार हुए महेंद्र सिंह बिष्ट का जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने समर्थन किया। साथ ही उनके शादी समारोह में शामिल होकर अपनी उपस्थिति भी दर्ज करवाई।
इस दौरान जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि महेंद्र सिंह बिष्ट ऑटो यूनियन के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने जा रहे थे किंतु कुछ मैदानी लोगों ने इनके खिलाफ षड्यंत्र रचकर इनकी राह में कांटे बिछा दिये और इन्हें चुनाव नहीं लड़ने दिया।
भावना पांडे ने इस घटना का पुरजोर विरोध करते हुए महेंद्र सिंह बिष्ट का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 3500 गढ़वाल यूनियन के ऑटो वालों का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है।
महेंद्र सिंह बिष्ट को अपना समर्थन देते हुए भावना पांडे उनके विवाह समारोह के अवसर पर सहस्त्रधारा स्थित उनके गांव पहुंची एवँ उनके परिजनों व ससुराल पक्ष के लोगों से मुलाक़ात की।
महेंद्र सिंह बिष्ट के खिलाफ किये गए षड्यंत्र पर अपना रोष प्रकट करते हुए भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में 800 रुपये का परमिट 1 लाख रुपये तक बिकता है। बाहरी माफियाओं ने उत्तराखंड में बड़ा घोटाला किया हुआ है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उत्तराखंड में यहीं के परमिट लागू हों एवँ बाहर के परमिटों पर तत्काल रोक लगे एवँ वे रद्द किये जाएं।
उन्होंने कहा कि आम गरीब इंसान पहले लोन लेता है फिर 800 रुपये का परमिट 1 लाख रुपये तक की कीमत में खरीदाता है। लगभग यही नियम अन्य वाहनों की यूनियन में भी बदस्तूर जारी है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐसे घोटालों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। जिससे गरीब जनता को राहत मिल सके।
उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही सरकार इस ओर कोई प्रयास नहीं करती है तो वे जल्द ही इस ओर ठोस कदम उठाएंगी और उत्तराखंड में समस्त बेरोजगार संगठनों, आशा कार्यकत्रियों, पाटनदाइयों, भोजन माताओं एवँ आंगनबाड़ी कर्मियों, एवँ टूरिस्ट यूनियन के कर्मचारियों को लेकर जनता कैबिनेट पार्टी के बैनर तले एक बड़ी यूनियन का गठन करेंगी। इस यूनियन में बुद्धिजीवी लोगों को जोड़ा जाएगा और जितनी भी यूनियन की समस्याएं होंगी जेसीपी पार्टी उन्हें सुनकर उनके समाधान का प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि इस यूनियन के तहत एक बोर्ड भी तैयार किया जाएगा जिसमें सभी अलग-अलग संगठनों के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों को जगह दी जाएगी।
भावना पांडे ने कहा कि इस यूनियन में उत्तराखंड की महिलाओं, बेरोजगार युवाओं एवँ गरीबों की समस्याओं के समाधान के प्रयास किये जाएंगे। साथ ही महेंद्र सिंह बिष्ट जैसे मासूम लोगों के खिलाफ जो षड्यंत्र रचकर माफियाओं द्वारा घोटाले किये जा रहे हैं शीघ्र वे बारी-बारी उन सबका खुलासा करेंगी। |
जैसे- ’खाना’ से खिला, ’पढ़ना’ से पढ़ा। इस प्रकार धातुएँ अनंत हैं-कुछ एकाक्षरी, दो अक्षरी, तीन अक्षरी और चार अक्षरी धातुएँ होती है।
’सकर्मक क्रिया’ उसे कहते हैं, जिसका कर्म हो या जिसके साथ कर्म की संभावना हो, अर्थात जिस क्रिया के व्यापार का संचालन तो कर्ता से हो, पर जिसका फल या प्रभाव किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु, अर्थात कर्म पर पङे।
उदाहरणार्थ- श्याम आम खाता है। इस वाक्य में ’श्याम’ कर्ता है, ’खाने’ के साथ उसका कर्तृरूप से संबंध है।
इस तरह ’आम’ का सीधा ’खाने’ से संबंध है। अतः , ’आम’ कर्मकारक है। यहाँ श्याम के खाने का फल ’आम’ पर, अर्थात कर्म पर पङता है। इसलिए, ’खाना’ क्रिया सकर्मक है।
कभी-कभी सकर्मक क्रिया का कर्म छिपा रहता है; जैसे- वह गाता है, वह पढ़ता है। यहाँ ’गीत’ और ’पुस्तक’ जैसे कर्म छिपे हैं।
’श्याम’ कर्ता है, ’सोने’ की क्रिया उसी के द्वारा पूरी होती है। अतः, सोने का फल भी उसी पर पङता है। इसलिए, ’सोना’ क्रिया अकर्मक है।
सकर्मक और अकर्मक क्रियाओं की पहचान ’क्या’ या ’किसको’ आदि प्रश्न करने से होती है। यदि कुछ उत्तर मिले ,तो समझना चाहिए कि क्रिया सकर्मक है और यदि न मिले तो अकर्मक होगी।
उदारहणार्थ, मारना, पढ़ना, खाना- इन क्रियाओं में ’क्या’ ’किसे’ लगाकर प्रश्न किए जाएँ तो इनके उत्तर इस प्रकार होंगे-
कुछ क्रियाएँ अकर्मक और सकर्मक दोनों होती हैं और प्रसंग अथवा अर्थ के अनुसार इनके भेद का निर्णय किया जाता है।
द्रष्टव्य- जिन धातुओं का प्रयोग अकर्मक और सकर्मक दोनों रूपों में होता है, उन्हें उभयविध धातु कहते हैं।
कुछ क्रियाएँ एक कर्मवाली और दो कर्मवाली होती है। जैसे-राम ने रोटी खाई। इस वाक्य में कर्म एक ही है- ’रोटी’ । किंतु , ’मैं लङके को वेद पढ़ाता हूँ’, में दो कर्म हैं- ’लङके को’ और ’वेद’।
, किंतु संयुक्त क्रियाएँ इनसे भिन्न हैं, क्योंकि जहाँ एक ओर साधारण क्रियापद ’हो’, ’रो’, ’सो’, ’खा’ इत्यादि धातुओं से बनते हैं, वहाँ दूसरी ओर संयुक्त क्रियाएँ ’होना’, ’आना’, ’जाना’, ’रहना’, ’रखना’, ’उठाना’, ’लेना’, ’पाना’,’पङना’, ’डालना’, ’सकना’, ’चुकना’, ’लगना’, ’करना’, ’भेजना’, ’चाहना’ इत्यादि क्रियाओं के योग से बनती है।
संयुक्त क्रिया की एक विशेषता यह है कि उसकी पहली क्रिया प्रायः प्रधान होती है और दूसरी उसके अर्थ में विशेषता उत्पन्न करती है।
जैसे- मैं पढ़ सकता हूँ। इसमें ’सकना’ क्रिया ’पढ़ना’ क्रिया के अर्थ में विशेषता उत्पन्न करती है। हिंदी में संयुक्त क्रियाओं का प्रयोग अधिक होता है।
1. आरंभबोधक– जिस संयुक्त क्रिया से क्रिया के आरंभ होने का बोध होता है, उसे ’आरंभबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है। जैसे- वह पढ़ने लगा, पानी बरसने लगा, राम खेलने लगा।
2. समाप्तिबोधक– जिस संयुक्त क्रिया से मुख्य क्रिया की पूर्णता, व्यापार की समाप्ति का बोध हो, वह ’समाप्तिबोधक संयुुक्त क्रिया’ है। जैसे- वह खा चुका है, वह पढ़ चुका है। धातु के आगे ’चुकना’ जोङने से समाप्तिबोधक संयुक्त क्रियाएँ बनती हैं।
3. अवकाशबोधक- जिस क्रिया को निष्पन्न करने के लिए अवकाश का बोध हो, वह ’अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है। जैसे- वह मुश्किल से सो पाया, जाने न पाया।
4. अनुमतिबोधक- जिससे कार्य करने की अनुमति दिए जाने का बोध हो, वह ’अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया’ है। जैसे- मुझे जाने दो; मुझे बोलने दो। यह क्रिया ’देना’ धातु के योग से बनती है।
5. नित्यताबोधक- जिससे कार्य की नित्यता, उसके बंद न होने का भाव प्रकट हो, वह ’नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया’ है। जैसे- हवा चल रही है; पेङ बढ़ता गया, तोता पढ़ता रहा। मुख्य क्रिया के आगे ’जाना’ या ’रहना’ जोङने से नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया बनती है।
6. आवश्यकताबोधक- जिससे कार्य की आवश्यकता या कर्तव्य का बोध हो, वह ’आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया’ है। जैसे- यह काम मुझे करना पङता है; तुम्हें यह काम करना चाहिए। साधारण क्रिया के साथ ’पङना’, ’होना’ या ’चाहिए’ क्रियाओं को जोङने से आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रियाएँ बनती हैं।
7. निश्चयबोधक – जिस संयुक्त क्रिया से मुख्य क्रिया के व्यापार की निश्चयता का बोध हो, उसे ’निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते हैं। जैसे – वह बीच ही में बोल उठा, उसने कहा – मैं मार बैठूँगा, वह गिर पङा, अब दे ही डालो। इस प्रकार की क्रियाओं में पूर्णता और नित्यता का भाव वर्तमान है।
8. इच्छाबोधक – इससे क्रिया के करने की इच्छा प्रकट होती है। जैसे – वह घर आना चाहता है, मैं खाना चाहता हूँ। क्रिया के साधारण रूप में ’चाहना’ क्रिया जोङने से ’इच्छाबोधक संयुक्त क्रियाएँ’ बनती हैं।
9. अभ्यासबोधक – इससे क्रिया के करने के अभ्यास का बोध होता है। सामान्य भूतकाल की क्रिया में ’करना’ क्रिया लगाने से अभ्यासबोधक संयुक्त क्रियाएँ बनती है। जैसे – यह पढ़ा करता है, तुम लिखा करते हो, मैं खेला करता हूँ।
10. शक्तिबोधक – इससे कार्य करने की शक्ति का बोध होता है। जैसे – मैं चल सकता हूँ, वह बोल सकता है। इसमें ’सकना’ क्रिया जोङी जाती है।
11. पुनरुक्त संयुक्त क्रिया – जब दो समानार्थक अथवा समान ध्वनि वाली क्रियाओं का संयोग होता है, तब उन्हें ’पुनरुक्त संयुक्त क्रिया’ कहते हैं। जैसे – वह पढ़ा-लिखा करता है, वह यहाँ प्रायः आया-जाया करता है, पङोसियों से बराबर मिलते-जुलते रहो।
सहायक क्रियाएँ मुख्य क्रिया के रूप में अर्थ को स्पष्ट और पूरा करने में सहायक होती हैं। कभी एक क्रिया और कभी एक से अधिक क्रियाएँ सहायक होती हैं।
इनमें खाना, पढ़ना, जगना और सुनना मुख्य क्रियाएँ है, क्योंकि यहाँ क्रियाओं के अर्थ की प्रधानता है। शेष क्रियाएँ, जैसे- है, था, हुए थे, रहे थे – सहायक क्रियाएँ है। ये मुख्य क्रियाओं के अर्थ को स्पष्ट और पूरा करती है।
द्रष्टव्य – नामबोधक क्रियाएँ संयुक्त क्रियाएँ नहीं हैं। संयुक्त क्रियाएँ दो क्रियाओं के योग से बनती है और नामबोधक क्रियाएँ संज्ञा अथवा विशेषण के मेल से बनती हैं। दोनों में यही अंतर है।
परिभाषा – जब कर्ता एक क्रिया समाप्त कर उसी क्षण दूसरी क्रिया में प्रवृत्त होता है तब पहली क्रिया ’पूर्वकालिक’ कहलाती है। जैसे- उसने नहाकर भोजन किया।
इसमें ’नहाकर’ ’पूर्वकालिक’ क्रिया है, क्योंकि इससे ’नहाने’ की क्रिया की समाप्ति के साथ ही भोजन करने की क्रिया का बोध होता है।
जब क्रिया संज्ञा की तरह व्यवहार में आए, तब वह ’क्रियार्थक संज्ञा’ कहलाती है। जैसे – टहलना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, देश के लिए मरना कहीं अच्छा है।
जिन क्रियाओं से इस बात का बोध हो कि कर्ता स्वयं कार्य न कर किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, वे ’प्रेरणार्थक क्रियाएँ’ कहलाती है; जैसे-काटना से कटवाना, करना से कराना। एक अन्य उदाहरण इस प्रकार है- मोहन मुझसे किताब लिखाता है। इस वाक्य में मोहन (कर्ता) स्वयं किताब न लिखकर ’मुझे’ दूसरे व्यक्ति को लिखने की प्रेरणा देता है।
दोनों क्रियाएँ एक के बाद दूसरी प्रेरणा में है। याद रखें, अकर्मक क्रिया प्रेरणार्थक होने पर सकर्मक (कर्म लेनेवाली) हो जाती है
प्रेरणार्थक क्रियाएँ सकर्मक और अकर्मक दोनों क्रियाओं से बनती है। ऐसी क्रियाएँ हर स्थिति में सकर्मक ही रहती है।
जैसे- मैंने उसे हँसाया; मैने उससे किताब लिखवाई। पहले में कर्ता अन्य को हँसाता है और दूसरे में कर्ता दूसरे को किताब लिखने को प्रेरित करता है।
इस प्रकार हिंदी में प्रेरणार्थक क्रियाओं के दो रूप चलते है। प्रथम में ’ना’ का और द्वितीय में ’वाना’ का प्रयोग होता है-हँसना- हँसवाना।
दो या दो से अधिक धातुओं और दूसरे शब्दों के संयोग से या धातुओं में प्रत्यय लगाने से जो क्रिया बनती है, उसे ’यौगिक क्रिया’ कहा जाता है। जैसे- चलना-चलाना, हँसना-हँसाना, चलना-चल देना।
अनुकरणात्मक क्रियाएँ – किसी वास्तविक या कल्पित ध्वनि के अनुकरण में हम क्रियाएं बना लेते हैं, जैसे – खटपट से खटखटाना, भनभन से भनभनाना, थरथर से थरथराना, सनसन से सनसनाना, थपथप से थपथपान, इत्यादि।
रंजक क्रियाएँ – रंजक क्रियाएँ मुख्य क्रिया के अर्थ में विशेष रंगत लाती है, अर्थात् विशिष्ट अर्थ छवि देती है। ये आठ हैं-
4. मुझे उससे अपने मकान का नक्शा बनवाना हैै। इस वाक्य में अकर्मक क्रिया(Akarmak kriya) का कौनसा रूप है-
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और मोदी के बीच फोन पर हुई लंबी वार्ता, जाने क्या है मायने – IHRC 24×7 Select your Language: हिन्दी
नई दिल्ली: जब पूरी दुनिया कोविड-19 की वैश्विक महामारी से एक बड़ी लड़ाई लड़ रही है ऐसे वक्त में भारत देश के भीतर इस पैनडेमिक से और अपनी सीमाओं पर पड़ोसी देशों की चालबाजियों से निपटने और उन्हे सटीक जवाब देने में कोई कसर नही छोड़ रहा है.
चीन के खिलाफ डिजीटल स्ट्राइक और हर फ्रंट पर उसे घेरकर उसकी आर्थिक कमर तोड़ने की रणनीति में जुटे भारत को दुनिया के बड़े और शक्तिशाली देशों को साथ मिलता जा रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार को भारत के दूरदर्शी कूटनीतिक रणनीति को एक और सफलता मिली, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन एक दूसरे से फोन पर लंबी बातचीत की.
दुनिया के दो शक्तिशाली देशों के इन लीडर्स नें भारत और रूस के परस्पर द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के नकारात्मक परिणामों को दूर करने के लिए दोनों देशों द्वारा किए गए प्रभावी उपायों पर बातचीत की और इस वैश्विक महामारी से निपटने की भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा की.
दोनों नेताओं की टेलीफोन पर बातचीत में इस बात पर भी सहमति बनी कि द्विपक्षीय संपर्क और परामर्शों की गति बनाए रखी जाएगी, जो इस साल के अंत में भारत में होने वाले वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के आयोजन मे काफी मददगार साबित होगा.
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मकान निर्माण के लिए दर-दर की खाक छान रहा चांद Kanhaiya Mishra 19 January स्थानीय समस्या बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी में जमीनी विवाद के कारण एक वर्ष से सरकारी कार्याल�
धमतरी। प्रदेश के पंचायत, ग्रामीण विकास एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि धमतरी जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर किया जाएगा ताकि यहां आने वाले मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिल सके।
श्री सिंहदेव बुधवार की रात्रि कांकेर से रायपुर जाते समय कुछ देर कांग्रेस नेता पंकज महावर के निवास पर रूके थे। अनौपचारिक चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया गया कि धमतरी जिला अस्पताल में कांकेर, बालोद जिला सहित आसपास के क्षेत्रों से मरीज उपचार कराने के लिए आते हैं। वहां अभी भी चिकित्सा सुविधा पर्याप्त नहीं है। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती है। अस्पताल में कई चिकित्सा विशेषज्ञों का पद भी रिक्त पड़ा हुआ है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि धमतरी जिला अस्पताल में जल्द ही बेहत्तर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।
विशेषज्ञ चिकित्सकों का जो पद रिक्त है उसे भी जल्द भरा जाएगा। श्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधा को बेहत्तर करने कई योजनाएं संचालित की जा रही है ताकि लोगों को उपचार के लिए इधर उधर भटकना ना पड़े। धमतरी जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण मरीजों को सोनोग्राफी कराने के लिए प्राइवेट लैबों में जांच कराने जाना पड़ता है। जबकि जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध है। इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिला अस्पताल में जल्द ही रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक की नियुक्ति की जाएगी ताकि यहां आने वाले मरीजों को बाहर न जाना पड़े। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी, सचेत पारख सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
इंदौर : इंदौर के पंढरीनाथ के समीप स्थित शेखर बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों ने आज जमकर हंगामा मचाया। मकान हटाए जाने के दौरान दीवार गिरने से एक युवक की मौत हो गई। युवक की मौत से गुस्साई भीड़ ने पंढरीनाथ थाने पर पहुंचकर हंगामा किया और पथराव शुरू कर दिया। हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। दरअसल सारा मामला यहां रहने वाले करीब डेढ़ सौ परिवारों को हटाने को लेकर सामने आया। जब नगर निगम की गैंग इन परिवारों को हटाने पहुंची तो इन्होंने गैंग पर पथराव कर दिया। इस दौरान निगमकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ के बेकाबू होने पर हल्का बल प्रयोग किया और भीड़ को तितर - बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार आज पंढरीनाथ थाना क्षेत्र के शेखर बस्ती के रहवासियों ने अपने मकान तोड़़े जाने का विरोध किया। इस दौरान नगर निगम की गैंग ने मकान हटाने की कार्रवाई को प्रारंभ किया। जिस पर बस्तीवालों ने विरोध कर हंगामा मचा दिया। क्षेत्र में खड़े वाहनों के कांच प्रदर्शनकारियों ने फोड़ दिए और पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान एक वाहन में आग भी लगा दी गई।
पथराव से नगर निगम की गैंग में मौजूद अधिकारी और कर्मचारी घायल हो गए। हंगामा बढ़ता देख मौके पर तैनात पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया लेकिन भीड़ बेकाबू होने लगी तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े। ऐसे में लोग भाग खड़े हुए। इसके बाद अधिकारियों ने हस्तक्षेप करते हुए बस्तीवालों को समझाईश दी। जिस पर कुछ सहमति बनी।
पंढरीनाथ थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आनंद पिता मोतीराम 25 वर्ष निवासी सिफी शेखर नगर अपने मकान की दिवार खुद ही तोड़ रहा था। इसी दौरान मकान में लगी फर्शी का हिस्सा उसके उपर गिरा और उसके सिर में चोट लगी। गंभीर रूप से घायल आनंद को अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मामले को लेकर पंढरीनाथ थाना पुलिस मर्ग कायम कर दिया है।
दूसरी ओर पुलिस द्वारा पथराव और हंगामा करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि शेखर बस्ती के रहवासियों को अन्यत्र मकान आवंटित कर दिए गए हैं लेकिन बस्ती के रहवासी इन मकानों में रहने के लिए तैयार नहीं हैं। आज जब निगम की गैंग यहां व्याप्त अतिक्रमण को हटाने पहुंचे तो बस्ती के रहवासियों ने विरोध कर दिया। देखते ही देखते हंगामा बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
क्राइम की दुनिया में समाज और दुनिया को शर्मिंदा करने वाले बहुचर्चित पूजा ज्योति नागदेव हत्याकांड ने पूरे उत्तर प्रदेश को क्राइम की दुनिया में एक नया मुकाम दिखाया था
दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए जबलपुर की बेटी पूजा के पति दरिंदे कानपुर निवासी पीयूष श्याम दासानी ने पूरी योजना के साथ अपनी पूर्व प्रेमिका से विवाह करने के लोभ के चलते अपनी नवविवाहिता पत्नी को अपने ड्राइवर और लोकल हत्यारों के साथ योजनाबद्ध तरीके से अपहरण करवाकर धारदार हथियारों से हत्या कारित की थी, दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए पियूष ने इस घटनाक्रम में मोबाइल चालू कर अपनी नवविवाहिता की चीखें सुनकर अपनी पत्नी की मौत की पुष्टि करने की शर्मनाक हिमाकत की थी,
हरकत के पीछे कानून का मजाक बनाए जाने वाले उस अधिकारी को भी शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था, जिस का वीडियो लीक हुआ जिसने इस पूरे प्रकरण में महत्वपूर्ण रूप से न्यायिक कार्यवाही को बल दिया, प्रकरण में IPC 364,302,102,201,34 के तहत कार्याही की गयी,
तारीख 30 मई 2018 को उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद की मुख्य खंडपीठ में इस पूरे हत्याकांड में लिप्त ड्राइवर की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी, जिस पर न्यायाधीश ने इस पूरे हत्याकांड में ईमानदार पुलिस निरीक्षकों की निगरानी में की गई जांच और इकट्ठे किए गए सबूत तथा रिकवर किए गए हथियारों और समूचे मानव समाज को झकझोर देने वाली विरलतम घटना और आधार मानते हुए एवं जमानत पाने पर सबूतों और गवाहों को प्रभावित करने की सम्भावना को ध्यान में रखा जा कर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा जमानत अर्जी ख़ारिज कर दी,
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का उत्तराखंड आगमन पर होगा' जोरदार स्वागत | Satyawani.Com Halloween party ideas 2015
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराखंड आगमन पर भाजपा कार्यकर्ता जौली ग्रांट एयरपोर्ट के बाहर उनका बेहद गर्मजोशी से स्वागत और अभिनंदन करेंगे। कार्यक्रम को लेकर भाजपाइयों ने तैयारियों की कवायद शुरू कर दी है। |
मौसम : आज से तीन दिनों तक कमजोर रहेगा मानसून, कुछ इलाकों में होगी हल्की बारिश - India Prime News
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मौसम : आज से तीन दिनों तक कमजोर रहेगा मानसून, कुछ इलाकों में होगी हल्की बारिश
– पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश और तापमान जमशेदपुर में रिकॉर्ड किया गया
रांची (झारखण्ड) : राजधानी रांची में शनिवार की सुबह धूप खिली है। आसमान में हल्के दर्जे के बादल दिख रहे हैं। पांच किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हल्की हवा चल रही है। शहर में आर्द्रता का स्तर 99 प्रतिशत है। वहीं सुबह का तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगले तीन दिनों तक मानसून की स्थिति कमजोर रह सकती है। इसके कारण आज राजधानी में आज मौसम सामान्य रूप से साफ रहेगा। दिन में एक से दो बार हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। रात में ओस पड़ने की संभावना है।
राज्य के मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि राज्य में आज उत्तरी और दक्षिणी पूर्वी जिलों में हल्की बारिश दर्ज की जा सकती है। वर्तमान में मानसून का टर्फ लाइन अजमेर, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश, से होते हुए जमशेदपुर से गुजर रहा है। इसके कारण पिछले 24 घंटों के दौरान जमशेदपुर में 34 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी। जबकि साहेबगंज में 34.6 मिमी, हंटरगंज में 21 और रांची के बाहरी भाग में 18 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में कुछ जिलों को छोड़कर औसत वर्षा अनुपात सामान्य है। राज्य के सात जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गयी है। राज्य में सबसे कम बारिश गुमला और पाकुर में दर्ज की गयी है। एक जून से 18 सितंबर तक गुमला में 33 प्रतिशत कम और पाकुड़ में 30 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गयी है।
वहीं पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में सबसे ज्यादा बारिश जमशेदपुर में दर्ज की गयी। जबकि सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान जमशेदपुर में 34.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान गोड्डा में 20.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले एक सप्ताह तक राजधानी रांची के औसत तापमान में कोई खास परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। |
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Saturday, 19 February 2022
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Get Rich Through Real Estate-प्रॉपर्टी में निवेश से अमीर बनें
Vishwanath Pathak 18:08 Investment,
Get Rich Through Real Estate-प्रॉपर्टी में निवेश से अमीर बनें
एक अच्छा निवेश हमारे सपनों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन प्रदान करता है। यह जीवन को धन समृद्धि की तरफ आगे बढ़ाने की क्षमता रखता है। आज अधिकतर लोग बैंक एफडी, स्टॉक, सोना, सरकारी बांड आदि में निवेश करते हैं परन्तु इन सबसे ऊपर रियल एस्टेट आपके लिए आदर्श निवेश विकल्प हो सकता है।
प्रॉपर्टी में निवेश करने के अलग-अलग कारण होते हैं, लेकिन अंततः एक मुख्य लक्ष्य होता है- पैसा कमाना। जो लोग पूरी जानकारी और स्पष्ट रणनीति के साथ प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं, उनके लिए एक दशक के भीतर प्रॉपर्टी के जरिये करोड़पति बनने का लक्ष्य हासिल करना केवल एक सपना नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से प्राप्त हो जाने वाला लक्ष्य है।
वर्तमान समय में अधिकांश भारतीय लोगों की औसत आय में वृद्धि हुई है। साथ ही बहुत से लोग अच्छे भविष्य के लिए गांव -कस्बों को छोड़कर शहरों में आकर बस रहे हैं, जिससे आवासीय और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए भूमि की मांग निरंतर बढ़ रही है। इस कारण शहरों के आस पास के एरिया में भूमि खरीदने की होड़ मचती है साथ ही यह सिलसिला लगातार चलने से शहरों का आकार भी बढ़ता जाता है।
इस तथ्य को देखते हुए कि प्राइम रियल एस्टेट की डिमांड हमेशा बनी रहती है और इसमें स्टॉक मार्केट की तरह तेज़ गिरावट कभी नहीं आती है, इसमें निवेश करना एक शानदार कदम हो सकता है। यह दूसरे कुछ निवेश विकल्पों की तुलना में सुरक्षित होने के साथ कहीं अधिक रिटर्न देता है।
देश भर के शहरों में जमीन की कीमतों को देखते हुए हो सकता है कि बड़ी ज़मीन खरीदना अभी आपके लिए सम्भव न हो रहा हो परन्तु एक छोटा सा प्लाट खरीदने से भी आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है। आपकी यह शुरुवात आगे चलकर आपको रियल एस्टेट का एक बड़ा निवेशक बना सकती है। यहां आप अपने निवेशित धन को कई गुना होता देखकर न सिर्फ भावनात्मक संतुष्टि प्राप्त करते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से सम्पन्नता प्राप्त करने से अपने सपने को पूरा करने की खुशी भी मिलती है।
प्रॉपर्टी चाहे वाणिज्यिक हो या आवासीय, नई हो या पुरानी या इन सभी का मिश्रण शामिल हो, आप अपनी प्रॉपर्टी निर्माण की दिशा में कदम उठा सकते हैं। नीचे हम सात प्रमुख चरणों की चर्चा करने जा रहे हैं जो आपको प्रॉपर्टी निवेश से अमीर बनाने की यात्रा पर आगे बढ़ने में मदद करेंगे।
रियल एस्टेट से अमीर बनने के 7 प्रमुख कदम (How to Get Rich From Real Estate Investing)
1. मजबूत आधार स्थापित करें -
प्रॉपर्टी में निवेश करने की दिशा में आगे बढ़ें, इससे पहले आपको निवेश के लिए एक मजबूत आधार स्थापित करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि एक संपत्ति निवेशक के रूप में आप क्या हासिल करना चाहते हैं, इसके बारे में स्पष्ट दृष्टि रखने के साथ अपने वित्तीय स्तर का भी विचार करना चाहिए।
लक्ष्य निर्धारित करने से न केवल आपको सही रणनीति का पता लगाने में मदद मिलती है, बल्कि आप यह सुनिश्चित कर पाते हैं कि समय के साथ आप अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ रहे हैं अथवा नहीं। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो आप अपनी रणनीति को समायोजित कर सकते हैं।
आपको एक ठोस योजना की आवश्यकता है - इसमें शामिल होना चाहिए कि आप संपत्ति निवेश के माध्यम से दीर्घकालिक या कम समय में लाभ हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं? आप कितनी प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं? क्या आप उसे मॉर्टगेज करने की योजना बना रहे हैं? और आप कैसे खरीदने की योजना बना रहे हैं - जैसे कि आपके खुद का नाम, संयुक्त नाम या एक कंपनी के नाम से प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं?
संपत्ति निवेश में आवश्यक तत्व वित्तीय नींव को सही करना है। चाहे आपकी योजना में प्रति माह नकदी प्राप्ति, दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि या दोनों के संयोजन पर ध्यान केंद्रित करना शामिल हो, आपको देखना होगा कि अपार्टमेंट, स्वतंत्र घर या वाणिज्यिक परिसर में से किसकी खरीदी आपके अपने वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी।
एक निवेशक के रूप में तैयारी करने का एक व्यावहारिक तरीका यह है कि आप अपने जीवन स्तर पर विचार करें और देखें कि निवेश करने से आपके दैनिक जीवन की आवश्यकताएं पूरी करने की क्षमता प्रभावित न हो। प्रॉपर्टी निवेशकों का एक सामान्य उद्देश्य आरामदायक सेवानिवृत्ति के लिए आवश्यक धन प्राप्त करना है। लेकिन जब आप अभी भी कार्यरत हैं, तो आपके पास मौजूद संसाधनों को समझना और अधिकतम करना व अपने जोखिम प्रोफ़ाइल से अवगत होना महत्वपूर्ण है।
2. मार्गदर्शन प्राप्त करें और जोखिम को समझें -
रियल एस्टेट निवेश आम तौर पर अन्य निवेशों की तुलना में सुरक्षित होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे पूरी तरह से जोखिम मुक्त हैं। कानूनी बाधाएं और संपत्ति विवाद हमारे देश में बेहद आम हैं और आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस प्रॉपर्टी में आप रुचि रखते हैं वह पाक-साफ़ हो और परेशानी बढ़ाने वाली न हो।
इस कारण किसी नए व्यक्ति के लिए प्रॉपर्टी में निवेश एक जटिल विषय हो सकता है। इसलिए एक शुरुआत करने के लिए अनुभवी निवेशकों के मार्गदर्शन के लिए तैयार रहना बुद्धिमानी है, अन्यथा आप बहुत पैसे खोकर सीखने की अवस्था में जा सकते हैं।
जब आप अपने आप को रियल एस्टेट निवेशक के रूप में स्थापित कर रहे हों तो इस क्षेत्र के जानकारों या पेशेवर की सलाह बहुत महत्वपूर्ण होगी ताकि आप प्रॉपर्टी से जुड़े कारकों को समझ सकें। संपत्ति निवेश एक अकेला काम नहीं है, इसलिए आपको हमेशा ऐसे लोगों को शामिल करने के लिए तैयार रहना चाहिए जो बेहतर जानते हैं और आपको प्रैक्टिकल जानकारी दे सकते हैं, खासकर जब प्रॉपर्टी से जुड़े जोखिम की बात आती है।
निवेशक के लिए किसी प्रॉपर्टी का लंबे समय तक मालिक होने के सभी रिस्क को समझना चाहिए। इससे जब रियल एस्टेट में स्थिरता या टाइम करेक्शन का दौर आता है तब वे घबराते नहीं हैं और बेचने के लिए उतावले नहीं होते हैं। वास्तव में ऐसे समय में उन्हें अपना निवेश रखना चाहिए। एक मजबूत वित्तीय प्रोफ़ाइल के साथ होने पर थोड़े से कर्ज को संभाला जा सकता है, इसलिए आप अल्पकालिक नुकसान के बारे में ज्यादा चिंता न करें।
3. रणनीति बनाएं -
एक निवेशक के रूप में, आपको वास्तविकता के धरातल पर सोचने और किसी दूसरे के नक्शेकदम पर चलने के बजाय अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर एक निवेश रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है। प्रॉपर्टी से करोड़पति बनने की दिशा में एक व्यक्तिगत रणनीति बनाना आवश्यक है।
एक बार जब आप अपने निवेश लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं, तो यह सोचने का समय है कि आप उन लक्ष्यों को कैसे प्राप्त कर सकते हैं। पोर्टफोलियो का निर्माण करते समय, कार्य योजना का होना महत्वपूर्ण है ताकि आप उन कार्यों पर समय और पैसा बर्बाद न करें जो वास्तव में आपके लिए जरूरी नहीं है।
विशेष रूप से वित्तीय सीमाएं पहली बार के निवेशकों के लिए एक आम बाधा हो सकती हैं, इसलिए इस क्षेत्र में अपनी क्षमता का सावधानीपूर्वक और वास्तविक रूप से आकलन करना महत्वपूर्ण है। आपके पास कितना कैश है और लोन किस प्रकार से प्राप्त करेंगे और उसकी शर्ते आप किस प्रकार से पूरी कर पाएंगे, यह सोचने की ज़रूरत है।
आपकी उधार लेने की क्षमता आपकी रणनीती बनाने में प्रमुख भूमिका निभाती है, परन्तु आपको किसी प्रॉपर्टी को खरीदते समय उतना ही लोन लेना चाहिए, जिसे आप उस प्रॉपर्टी को बिना बेचे चुकाने में सक्षम हैं। आज के परिवेश में, बैंक स्वेच्छा से उन लोगों को लोन देने की पेशकश करते हैं जिनका एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड हो, नियमित और मजबूत ITR व स्पष्ट लेखा-जोखा हो।
कई बार प्रॉपर्टी के ऐसे अच्छे सौदे भी आ जाते हैं जिन्हें आप सिर्फ अपने दम पर नहीं संभाल सकते हैं। अपंनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए कभी-कभी, किसी पार्टनर से मदद की आपको आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, एक बड़े प्लॉटिंग प्रोजेक्ट को आरंभ करने के लिए पार्टनरशिप एक शानदार तरीका हो सकता है। आप एक ऐसा सेट-अप बना सकते हैं जिससे आपको और दूसरे पक्ष दोनों को लाभ हो।
4. एक्शन लेना -
अपनी लिए एक रणनीति बनाने के बाद प्रॉपर्टी खरीदारी का समय आता है। आज निवेश करने के बारे में अच्छी बात यह है कि आपको विक्रय योग्य प्रॉपर्टी की जानकारी रियल एस्टेट वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा स्थानीय समाचार पत्रों के क्लासिफाइड विज्ञापन और प्रॉपर्टी एजेंट से जानकारी ले सकते हैं।
आपको अपनी रणनीति के अनुसार आवासीय या कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए आगे बढ़ना है। जब आप किराए पर देने के उद्देश्य से एक प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो यह भी विचार करना महत्वपूर्ण है कि लोकेशन के हिसाब से आपके वांछित किरायेदार की डिमांड क्या हो सकती है। जब आप यह जान जाते हैं कि उस क्षेत्र के किरायेदार क्या चाहते हैं, तो आप एक ऐसी संपत्ति खरीदते हैं जो उन्हें आकर्षित करेगी, इससे प्रॉपर्टी के खाली रहने की संभावना कम हो जाती है।
जब आवासीय और वाणिज्यिक प्रॉपर्टी में चुनाव की बात आती है, तो कई निवेशक आवासीय संपत्ति का चुनाव करते हैं, इसे सुरक्षित, आरामदायक और कम रिस्क वाला विकल्प माना जाता है। किराये पर देने के मामले में आवासीय प्रॉपर्टी में जोखिम, वाणिज्यिक प्रॉपर्टी की तुलना में कम अवश्य होता है।
लेकिन वाणिज्यिक निवेश में आने के बहुत से कारण हैं। वाणिज्यिक निवेश, लंबी अवधि में आवासीय की तुलना में कहीं अधिक लाभ देता है। हालांकि खरीदते समय भी इसकी कीमत अधिक होती है, परन्तु यह लाभ को कई गुना करने में सक्षम है। अगर शहर में कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमत आपके बजट में न हो तो आप छोटे टाउन, कस्बों या छोटे ब्लॉकों से शुरुवात कर सकते हैं और पैसे बनाना शुरू कर सकते हैं।
5. प्रॉपर्टी का चयन सावधानी से करें -
रियल एस्टेट से अच्छा लाभ तभी प्राप्त कर सकते हैं जब आपका प्रॉपर्टी चयन बेहतरीन हो। लैंड खरीद रहे हों तो उसका मुख्य सड़क से लगा होना, आयताकार साइज होना, उत्तर या पूर्व मुखी होना, सड़क से अधिक गहराई में न होना, आसपास किसी बड़े प्रोजेक्ट का होना जैसी बाते आपके अच्छे लाभ की संभावना सुनिश्चित करती हैं।
अगर किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट में प्रॉपर्टी देख रहें हों तब भी सतर्क रहें। आज प्रॉपर्टी मार्केट में परियोजनाओं की भरमार है। जब कोई बायर प्रॉपर्टी की तलाश में निकलता है तो वह भ्रमित हो सकता है, क्योंकि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विज्ञापनों में वास्तविकता से दूर कंप्यूटर जनित आकर्षक इंफ्रास्ट्रक्चर के चित्र दिखाए जाते हैं साथ ही इनके सेल्स पर्सन मीठी और लच्छेदार बातें करने के लिए जाने जाते हैं।
अगर आप किसी बिल्डर के प्रोजेक्ट में निवेश करने जा रहे हैं तो ऑफ़र की जाने वाली सुविधाएं, कंपनी का इतिहास व उसका रेरा रजिस्ट्रेशन, निर्माण क्वालिटी, प्रॉपर्टी जिस क्षेत्र में स्थित है, वहां विकास की संभावनाएं ये सभी आपके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को निर्धारित करने में भूमिका निभा सकते हैं। खरीदने से पहले इन बातों पर शोध नहीं करेंगे तो आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।
आसपास के लोगों से बात करना एक अच्छा विचार है, जिससे आपको यह समझने में मदद मिल सकती है कि वहां चीजें कैसी हैं। इससे आपको किसी भी समस्या को समझने में मदद मिलती है जो निवेश करने के बाद वहां आ सकती है। उनसे बात करने से आपको मौजूदा बाजार दरों को जानने और यह देखने में मदद मिल सकती है कि भविष्य में उस जगह विकास की कितनी गुंजाइश है।
6. पेपर्स की जांच करें -
किसी प्रॉपर्टी के पेपर्स शायद सबसे महत्वपूर्ण चीज हैं जिन पर किसी बायर को विचार करना चाहिए। क्योंकि यह संभव है कि रियल एस्टेट कारोबार से अपरिचित किसी व्यक्ति के साथ घोटालेबाज़ लोग फ्रॉड कर सकते हैं।
नकली कागजात या विवादित प्रॉपर्टी के साथ लंबे समय तक चलने वाले अदालती मुकदमे हो सकते हैं, जो अनिवार्य रूप से निवेश के लाभ को खत्म कर देते हैं। नए निवेशकों को प्रॉपर्टी के पेपर्स की जांच किसी वकील या इसके जानकार व्यक्ति से करवा लेना चाहिए, ऐसा नहीं करने पर आप एक ऐसी संपत्ति खरीद सकते हैं जो विवाद में फंस सकती है।
आपको खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी के आसपास के रेट की जाँचने की आवश्यकता होगी। कई बार लोग मार्केट रेट से कम कीमत पर प्रॉपर्टी बेचते हैं, जिससे आपको सतर्क होना चाहिए, क्योंकि ऐसी प्रॉपर्टी के साथ मुकदमेबाजी या अन्य मुद्दे हो सकते हैं। उस जगह का सरकारी गाइड लाइन रेट भी पता करें, उस हिसाब से जो राशि बनेगी उसका चेक आपको विक्रेता को देना होगा अर्थात आपके बैंक खाते में उतनी रकम होना चाहिए।
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7. धैर्य रखें -
पूंजी वृद्धि के लिए इस बाजार में समय आवश्यक है, प्रॉपर्टी खरीदना और उसके माध्यम से अपने धन को कई गुना करना एक समय लेने वाला मामला है, इसमें जल्दबाजी करने पर अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता। रियल एस्टेट से अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए एक निवेशक को कुछ साल लगते हैं।
इस अवधि में प्रॉपर्टी की सुरक्षा करना और शासकीय नियमों के अनुसार अपनी प्रॉपर्टी के लैंड रिकॉर्ड को अपडेट रखना एक निवेशक का दायित्व होता है। अगर आपकी प्रॉपर्टी ऑनलाइन न दिखे तो पटवारी से मिलकर उसे ऑनलाइन करवाएं। जब रियल एस्टेट मार्केट स्थिरता या आंशिक मंदी की गिरफ्त में हो तब धैर्य का प्रदर्शन आपको अपने निवेश में बने रहने और बाद में अच्छा लाभ दिलाने में मदद कर सकता है।
इस प्रकार उपरोक्त सरल बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए शुरुआत करने वाले को रियल एस्टेट निवेश में सही दिशा मिल सकती है। अन्य व्यवसायों से धन कमाने में आने वाली परेशानियों को देखते हुए प्रॉपर्टी का मालिक बनना और उसके जरिये धन कमाना सबसे चतुर कदम हो सकता है।
आशा है ये आर्टिकल "Get Rich Through Real Estate-प्रॉपर्टी में निवेश से अमीर बनें" आपको पसंद आया होगा, इसे अपने मित्रों को शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
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Hello,I'm Vishwanath Pathak B.sc.,M.A. from Raipur (Chhattisgarh). I am Real Estate investor, Share Trader, Script writer (Chhattisgarhi Film) and Blogger. My main mission is to provide the best practical knowledge in Hindi about Money making, share market, small business, investment, health, G.K.,Bollywood,Travel and way of life. |
सोनी ने अपने "ई-स्पोर्ट्स सट्टेबाजी" प्लेटफॉर्म का पेटेंट कराया है »चलो वीडियो गेम के बारे में बात करते हैं
होम eSports सोनी ने अपने "ई-स्पोर्ट्स बेटिंग" प्लेटफॉर्म का पेटेंट कराया है
नेल 2019 सोनी पंजीकृत है एक विशेष पेटेंट जो दुनिया की एक विशेष घटना से जुड़ी जापानी कंपनी की दृष्टि को दर्शाता है निर्यात का: दांव।
इस दस्तावेज़ के अनुसार, सोनी ने एक सक्षम प्रणाली तैयार की होगी किसी खिलाड़ी के पिछले प्रदर्शन के आधार पर उसके ऑड्स का निर्धारण करें, चाहे वह उस एकल टूर्नामेंट में उसका प्रदर्शन हो या उसके पूरे ई-स्पोर्ट्स करियर में। और यह सब कुछ नहीं है: सोनी ने अपने एल्गोरिथ्म में कुछ विशेष इन-गेम इवेंट जैसे . को शामिल किया होगा ग्रेनेड के कारण हुए विस्फोट की सीमा range.
ये सभी सुविधाएं . के अंतर्गत आएंगी सोनी द्वारा प्रबंधित एक मंच विशेष रूप से सट्टेबाजी के लिए समर्पित dedicated. जाहिर है, किसी भी पेटेंट की तरह, हम आपको इस समाचार को आवश्यक सरौता के साथ लेने और संभावित आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा करने के लिए आमंत्रित करते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि इस तरह का एक पेटेंट इस क्षण में कैसे उभरा, एक निर्यात परिदृश्य के साथ जो दिन-ब-दिन स्टेम करने की कोशिश करता है, संघीय अधिकारियों की भागीदारी के लिए भी धन्यवाद, की घटना अवैध सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग.
पिछला लेखवॉच डॉग्स लीजन को जल्द ही अगली पीढ़ी पर 60fps पर चलने में सक्षम होने के लिए एक पैच प्राप्त होगा |
TSNPDCL एडमिट कार्ड 2019 को डाउनलोड करने के लिंक नीचे दिए गए हैं। 15 दिसंबर को परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवार दिए गए लिंक से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
लिखित परीक्षा में 80 अंकों के 80 बहुवैकल्पिक प्रश्न होते हैं और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होता है। खंड A में कोर ITI विषय पर 65 प्रश्न होते हैं और खंड B में सामान्य ज्ञान पर 15 प्रश्न हैं।
अनुभाग-A (अंग्रेजी और टेलुगू), मानव संसाधन प्रबंधन, औद्योगिक कानून, सामान्य कानून और श्रम कानून आदि पर 50 प्रश्नों और अनुभाग-B जिसमें कंप्यूटर जागरूकता के 20 प्रश्न और अनुभाग-C में अंग्रेजी भाषा का परीक्षण, सामान्य जागरूकता, तार्किक क्षमता और संख्यात्मक अभियोगिता और तेलंगाना संस्कृति और आंदोलन से संबंधित इतिहास से 30 प्रश्न शामिल है।
कोलकाता: कानपुर टेस्ट में शानदार जीत दर्ज करने वाली टीम इंडिया के लिए कोलकाता में होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले बुरी खबर है. फॉर्म में चल रहे ओपनर केएल राहुल के चोटिल हो जाने के कारण इसमें खेलने की संभावनाएं कम हैं. हालांकि अभी पुख्ता तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन अगला टेस्ट शुक्रवार से शुरू होना है. ऐसे में राहुल के पास फिटनेस हासिल करने के लिए कम समय बचा है. यदि वह फिट नहीं होते हैं, तो टीम को उनकी जगह बैकअप ओपनर की जरूरत होगी. ऐसे में घेरलू क्रिकेट में लगातार अच्छा खेल रहे बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर की किस्मत खुल सकती है, क्योंकि टीम मैनेजमेंट उन्हें शामिल करने पर विचार कर रहा है. अब यह चयनकर्ताओं पर है कि वह गंभीर पर ध्यान देते हैं या नहीं. इसके बारे में आखिरी फैसला शाम तक आ सकता है. गंभीर ने टीम इंडिया की ओर से 2014 में आखिरी टेस्ट खेला था. |
एक नज़र में आकाश | 14 सितंबर 2012
14 - 22 सितंबर के लिए कुछ रात के आकाश के दृश्य
जैसे ही पेगासस का ग्रेट स्क्वायर पूर्व में शाम को ऊंचा हो जाता है, बिग डिपर पानी ले जाने के रूप में उत्तर पश्चिम में नीचे झूल रहा है। उत्तर की ओर अपने सबसे कम समय में डिपर को देखने के लिए, आपको दिन के समय की बचत के लिए 2 बजे तक रहना होगा। दिसंबर में यह शाम को वहाँ आ जाएगा।
गर्मियों के अंत के साथ, धनु के तपेत अंधेरे के ठीक बाद दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ गए हैं, दाईं ओर झुके हुए हैं जैसे कि गर्मी के अंतिम समय में।
नया चंद्रमा (रात 10:11 बजे EDT पर सटीक)।
चमकीला ग्रहण करने वाला चर तारा अल्गोल अब उत्तर-पूर्व में रात के 9 या 10 बजे स्थानीय दिन के उजाले के समय से अधिक है। अल्गोल को अपनी सामान्य चमक की तुलना में इसकी सामान्य चमक की तुलना में 3.4, इसकी सामान्य 2.1 के बजाय 3.4 होनी चाहिए, जो कि 9:51 बजे पूर्वी दिन के समय पर केंद्रित है। फीका करने और पुन: उत्पन्न करने में कई अतिरिक्त घंटे लगते हैं। इसकी चमक को आंकने के लिए हमारे तुलना-स्टार चार्ट का उपयोग करें।
जैसे ही गर्मियों में गिरने का रास्ता देने की तैयारी होती है (22 सितंबर को विषुव में), रात के उतरते ही वेगा ज़ेनिथ के चमकते सितारे के रूप में डेनेब को रास्ता देने की तैयारी करता है। यह तब भी है जब अल्टेयर दक्षिण के कारण अपने उच्चतम बिंदु को पार कर रहा है।
शनि, मंगल, और अंतरा दिन चन्द्रमा को देखें। नोट: उज्ज्वल धुंधलके में बेहोश वस्तुओं की दृश्यता यहां अतिरंजित है। (यह दृश्य उत्तरी अमेरिका के मध्य के लिए प्लॉट किया गया है। यूरोपीय स्काईवॉचर्स: प्रत्येक चंद्रमा प्रतीक को पिछली तिथि के लिए एक चौथाई रास्ते की ओर ले जाते हैं। चंद्रमा को तीन बार वास्तविक आकार दिखाया गया है।)
पतले अर्धचंद्र चंद्रमा के लिए शुरुआती धुंधलके में पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में बहुत कम देखें। खैर चंद्रमा के अधिकार के लिए, शनि मौसम के लिए प्रस्थान कर रहा है, जैसा कि ऊपर दिखाया गया है (उत्तरी अमेरिका के लिए)।
छोटे मंगल के लिए गोधूलि में आज शाम चंद्रमा के बहुत करीब देखो, जैसा कि ऊपर दिखाया गया है (उत्तरी अमेरिका के लिए)। चंद्रमा सूर्यास्त से पहले मध्य और दक्षिणी दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों के लिए चंद्रमा को कवर करता है।
इस शाम को चंद्रमा मंगल की तरह अंटार्कट का रास्ता दिखाता है, जैसा कि ऊपर दिखाया गया है।
1844 से, गहरे आकाश के पर्यवेक्षकों ने ओपन स्टार क्लस्टर M11 (एक्विला की पूंछ से दूर) को वाइल्ड डक क्लस्टर के रूप में जाना है। लेकिन वास्तव में बत्तख कहाँ हैं? हम सितंबर के स्काई एंड टेलीस्कोप में रहस्य को खोलते हैं, पृष्ठ ५३। हां, आप उन्हें देख सकते हैं।
आईओ की छोटी काली छाया आज रात 10:53 बजे से दोपहर 1:01 बजे तक EDT से आगे निकलती है, इसके बाद Io खुद 12:10 से 2:18 EDT तक। याद रखें कि बृहस्पति लगभग 11 बजे तक स्थानीय डेलाइट समय तक नहीं बढ़ता है।
शरद ऋतु उत्तरी गोलार्ध में शुरू होती है (दक्षिणी गोलार्ध में वसंत) विषुव पर, 10:49 बजे EDT। यह तब होता है जब सूर्य का केंद्र वर्ष के लिए दक्षिण की ओर अग्रसर भूमध्य रेखा को पार करता है।
वीनस (परिमाण -4.2, कैंसर को पार करना) दिन के समय में 3 बजे के आसपास अंधेरे में उगता है (आप जहां रहते हैं, उस पर निर्भर करता है), सुबह की पहली झलक से दो घंटे पहले पूर्व-उत्तरपूर्व क्षितिज के ऊपर उभरता है। भोर में यह पूर्व में उच्च धधक रहा है।
दूरबीन 15 वें की सुबह शुक्र के ऊपर लगभग 3 ° बीहाइव स्टार क्लस्टर दिखाती है, जो 22 वें तक 10 डिग्री तक चौड़ी हो जाती है।
मंगल और शनि (परिमाण +1.2 और +0.8) सूर्यास्त के बाद क्रमशः दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में कम हैं। वे अब लगभग 20 ° अलग हैं। इससे पहले कि वे बहुत कम सिंक करते हैं, उन्हें शुरुआती गोधूलि में खोजने में मदद करने के लिए दूरबीन का उपयोग करें।
मंगल सप्ताह की शुरुआत अल्फा तुला से 1 ° नीचे, परिमाण 3 और 5. की एक विस्तृत द्विनेत्री दोहरे तारे से करता है। मंगलवार 18 सितंबर तक, मंगल ग्रह की जोड़ी से 2 left ° शेष है।
बृहस्पति (परिमाण -2.4, वृष राशि में) पूर्व-उत्तर-पूर्व में लगभग 11 बजे दिन के उजाले के समय में बचत करता है। एक बार जब यह क्षितिज के बारे में स्पष्ट हो जाता है, तो अपने दाहिने ओर 7 ° या 8 ° तक विचित्र नारंगी एल्डरबारन देखें, और बीटा टॉरी बृहस्पति की बाईं ओर थोड़ा दूर। भोर की शुरुआत तक, यह लाइनअप-ऑफ-थ्री दक्षिण में उच्च और विकर्ण है।
यूरेनस (परिमाण 5.7, मीन-सेतुस सीमा पर) और नेपच्यून (कुंभ राशि में 7.8), मध्य-शाम तक दक्षिण-पूर्व में अच्छी ऊंचाई तक पहुँचते हैं।
सितंबर के अंत में यूरेनस इसी तरह के उज्ज्वल के बहुत करीब से गुजर रहा है, लेकिन अलग-अलग रंग का, स्टार 44 पिस कैल्शियम; हमारे लेख यूरेनस के दुर्लभ करीबी मुठभेड़ देखें। और यहाँ यूरेनस और नेपच्यून के लिए बाकी साल के लिए खोजकर्ता चार्ट हैं। |
South Africa Team To Make Full Plan To Play Against Spinners Kuldeep Yadav And Yuzvendra Chahal | चौथे वनडे में चहल और कुलदीप के लिए पूरी तैयारी से उतरेगा साउथ अफ्रीका - Firstpost Hindi
चौथे वनडे में चहल और कुलदीप के लिए पूरी तैयारी से उतरेगा साउथ अफ्रीका
पहले तीन वनडे मैचों कुलदीप-चहल की जोड़ी ने साउथ अफ्रीकी टीम के बल्लेबाजों को बहुत परेशान किया था
Updated On: Feb 09, 2018 09:46 AM IST
वनडे सीरीज में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की गेंदों का सामना नहीं कर पा रही साउथ अफ्रीकी टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज जेपी डुमिनी ने कहा है कि उन्हें इन दोनों स्पिनरों के खिलाफ नए सिरे से रणनीति बनाई है.
तीसरे वनडे में जीत के लिए 304 रन के लक्ष्य क पीछा करते हुए साउथ अफ्रीकी टीम 40 ओवर में 170 रन पर आउट हो गई. चहल और यादव ने चार चार विकेट लिए.
डुमिनी ने कहा ,'हममें से कई उनकी गुगली का सामना नहीं कर सका. उन्होंने इतनी अच्छी गेंदबाजी की कि हम अपना स्वाभाविक खेल नहीं दिखा पाए. हमें उनके खिलाफ नए सिरे से रणनीति बनानी होगी. उन्होंने हमें हर विभाग में उन्नीस साबित किया.'
उन्होंने कहा कि सीरीज में अभी तीन मैच बाकी है और वे चौथे मैच से पहले गंभीर विचारमंथन करेंगे.
उन्होंने कहा ,'एक योजना होनी जरूरी है. हम चौथे मैच से पहले आत्ममंथन करेंगे. हम उनके स्पिनरों को नहीं खेल पा रहे हैं.'
डुमिनी ने कहा ,'हमें उनका तोड़ निकालना होगा. जब आप उनकी ढीली गेंदों को भी नहीं खेल पा रहे तो इसका मतलब है कि आप सहज नहीं हैं. एक बार सहज होने पर आप आत्मविश्वास के साथ खेल सकते हैं.'
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने नाबाद 160 रन बनाए जो वनडे क्रिकेट में उनका 34वां शतक है. डुमिनी ने कहा कि कोहली अलग ही लीग में है और साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों को उनके बल्ले पर अंकुश लगाने के लिए अलग तरीके से सोचना होगा.
उन्होंने कहा ,'वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से है. आपको उसके खिलाफ एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहिए. हमने मौके बनाए लेकिन उन्हें भुना नहीं सके.'
Tags: india vs south africajp Duminykuldeep yadavYuzvendra chahalकुलदीप यादवजे पी ड्यूमिनीभारत बनाम साउथ अफ्रीका |
दिसंबर तक बढ़ जाएगी ठंड, मौसम विभाग ने उत्तर भारत के कुछ राज्यों में जारी किया बारिश का अलर्ट
देश में धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है। उत्तर भारत में दिसंबर तक ठंड अपने चरम पर होगी। बढ़ते ठंड के चलते पार्कों में भी लोगों की संख्या कम होती दिखाई दे रही है। मौसम विभाग ने शीत लहर के दोबारा शुरू होने की आशंका जताई है।
नई दिल्ली / देश में धीरे-धीरे ठंड बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग ने शीत लहर के दोबारा शुरू होने की आशंका जताई है। कुल मिलाकर दिसंबर में सर्दी अपने चरम पर होगी। शुक्रवार की तुलना में शनिवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में मौसम बेहद ठंड रहा। वहीं यूपी, पंजाब समेत कई राज्यों में मौसम साफ हो गया है। उत्तर भारत में बढ़ी ठंड के बीच हिमाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों में शुक्रवार को फिर बर्फबारी दर्ज हुई है। वहीं बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से मौसम वैज्ञानिकों ने तमिलनाडु और पुडुचेरी में अगले हफ्ते और अधिक बारिश होने संभावना जताई है। बता दें कि तमिलनाडु और पुडुचेरी में भीषण तूफान 'निवार' के कारण पहले ही भारी बारिश हुई है।
अगले 24 से 36 घंटों में देश के इन क्षेत्रों में बढ़ेगी ठंड
मौसम के जानकारों के मुताबिक, आने वाले सप्तातह में बारिश के साथ ही ठंड भी बढ़ सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अलग-अलग हिस्सों में गुरुवार से रविवार तक हल्की बारिश की भविष्यवाणी हुई है।
हरियाणा में बढ़ी ठंड
हरियाणा में शनिवार सुबह रेवाड़ी का न्यूनतम तापमान तो 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को यहां पर 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।रिपोर्ट के मुताबिक, पहाड़ों में बर्फबारी का असर भी साफ दिखाई दे रहा है। आसमान साफ होने और सर्द हवाएं चलने से भी लगातार ठंड बढ़ती जा रही है। वहीं, सर्दी का असर मॉर्निंग वॉक करने वालों पर भी पड़ा रहा है। लोग अब पार्कों में पहले की अपेक्षा कम दिखाई दे रहे हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) का पूर्वानुमान है कि राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में शनिवार को आसमान साफ रहेगा। सुबह के समय धुंध होगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 25 और 9 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने औैर आसमान साफ हो जाने से ठंडक अभी और बढ़ेगी। अगले दो दिनों में ही न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक चले जाने की संभावना बन रही है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.0 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 10.2 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं हवा में नमी का स्तर 43 से 95 फीसद रहा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, शनिवार को आसमान साफ रहेगा। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 25 और नौ डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं।
यूपी के अलीगढ़ में बढ़ी ठिठुरन
यूपी के अलीगढ़ में शनिवार की सुबह ठिठुरन भरी रही। आसमान पूरी तरह साफ रहा। सुबह से सर्द हवा चल रही है, जिससे लोग ठिठुर भी रहे हैं। सुबह कुछ समय के लिए हल्का कोहरा वातावरण में छाया रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है। |
क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लक्षणों के प्रकट होने से बहुत पहले अल्जाइमर रोग को पहचानने में मदद करेगा? - स्वास्थ्य - 2022
आईबीएम के शोधकर्ताओं ने पाया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बीमारी के लक्षण दिखने से बहुत पहले अल्जाइमर का निदान करने में मदद कर सकता है। शोध का विषय रोगियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा थी, और अधिक सटीक रूप से इसकी सादगी और गलतियाँ। भाषाई विश्लेषण अन्य न्यूरोलॉजिकल रोगों की पहचान करने में भी मदद कर सकता है।
आईएमबी के शोधकर्ताओं ने 80 लोगों के समूह का अध्ययन किया, जिनमें से आधे ने अल्जाइमर रोग विकसित किया
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करने वाले एक कार्यक्रम ने 75 प्रतिशत में इस बीमारी के विकास की भविष्यवाणी की थी। मामलों
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिज़ोफ्रेनिया और अन्य न्यूरोलॉजिकल रोगों की भविष्यवाणी करने में भी मददगार हो सकता है
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने रोग के लक्षण प्रकट होने से बहुत पहले अल्जाइमर रोग की पहचान कर ली थी
क्या आप अल्जाइमर रोग का निदान केवल उस भाषा को देखकर कर सकते हैं जिसका उपयोग कोई व्यक्ति बीमारी के लक्षण दिखाने से पहले कर रहा है? जी हां, आईबीएम के वैज्ञानिकों के एक नए अध्ययन के मुताबिक। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस बारे में रिपोर्ट दी है।
इसके अलावा, ऐसे परीक्षण अन्य तंत्रिका संबंधी रोगों के निदान में सहायक हो सकते हैं।
अल्जाइमर के इलाज में एक सफलता?
अल्जाइमर रोग अनुसंधान के लिए, शोधकर्ताओं ने 80 वर्ष की आयु के 80 पुरुषों और महिलाओं के समूह को देखा। इस समूह के आधे लोगों ने यह रोग विकसित कर लिया था, लेकिन साढ़े सात साल पहले, इनमें से किसी भी व्यक्ति ने इस स्थिति के लक्षण नहीं दिखाए थे। इन 80 लोगों ने 1948 में शुरू किए गए एक अमेरिकी शोध कार्यक्रम फ्रामिंघम हार्ट स्टडी में भाग लिया, जिसमें रोगियों से बहुत अधिक शारीरिक और बौद्धिक परीक्षण की आवश्यकता थी। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, उन्होंने एक अध्ययन शुरू किया जिसमें एक लड़के को एक अस्थिर स्टूल पर खड़े कुकी जार में पहुंचते हुए एक तस्वीर का वर्णन करना शामिल था और एक महिला जो यह नहीं देखती थी कि पानी भरे हुए सिंक से बह रहा है।
शोधकर्ताओं ने तब विश्लेषण किया - कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से - छवि का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द और दोहराए गए पैटर्न की तलाश की। उन्हें ऐसे लोगों का एक समूह मिला, जिन्होंने अपनी संज्ञानात्मक क्षमताओं के अधिक होने की तुलना में कुछ शब्दों को अधिक बार दोहराया। उन्होंने शब्दों की वर्तनी में भी गलतियाँ कीं, बड़े अक्षरों के उपयोग में समस्याएँ थीं, और एक ऐसी भाषा का उपयोग किया जिसकी संरचना सरल थी और जिसमें "द", "है" और "हैं" जैसे शब्दों का अभाव था।
यह पता चला कि ये वे लोग थे जिन्होंने अल्जाइमर रोग विकसित किया था। 75 प्रतिशत के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम सटीक भविष्यवाणी की कि बीमारी किसे मिलेगी।
भाषा विश्लेषण से अल्जाइमर पर काम करने में मदद मिलेगी
परिणाम प्रतिष्ठित "द लैंसेट" द्वारा प्रकाशित पत्रिका "ई क्लिनिकल मेडिसिन" में प्रकाशित हुए थे।
न्यूयॉर्क में आईबीएम के थॉमस जे. वाटसन रिसर्च सेंटर, जहां विश्लेषण किया गया था, के अजय रॉययुरु ने कहा, "हमें संदेह नहीं था कि शब्द परीक्षण कुछ भी दिखाएगा।"
यह एक बहुत ही मूल्यवान खोज है। ऐसे समय में जब हम बीमारी को रोकने या धीमा करने में सक्षम नहीं हैं, यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि सरल परीक्षणों के माध्यम से कौन रोग विकसित करता है। वर्षों से, वैज्ञानिक अल्जाइमर, एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस रोग, द्विध्रुवी विकार और सिज़ोफ्रेनिया जैसे न्यूरोलॉजिकल रोगों के लक्षणों वाले लोगों में भाषण में बदलाव का अध्ययन कर रहे हैं। आईबीएम अनुसंधान नए अवसर खोलता है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन फ्रांसिस्को में अल्जाइमर रोग के एक शोधकर्ता डॉ माइकल वेनर ने कहा, "यह पहली रिपोर्ट है जिसे मैंने अभी भी स्वस्थ लोगों के बारे में देखा है, जिन पर बीमारी विकसित होने का संदेह है।" अब, इस बीमारी पर काम उन लोगों की भाषा के विश्लेषण तक बढ़ाया जा सकता है जिनमें अभी तक लक्षण नहीं दिखते हैं।
कोई भी स्नायविक रोग भाषण में परिवर्तन का कारण बनता है
पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ। मरे ग्रॉसमैन ने कहा, "हर न्यूरोलॉजिकल बीमारी भाषा में बदलाव का कारण बनती है जो निदान होने से बहुत पहले होती है।" ग्रॉसमैन फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया के व्यवहारिक रूप वाले रोगियों का अध्ययन करता है, जो मस्तिष्क के ललाट लोब में नसों के प्रगतिशील नुकसान के कारण होता है। इन रोगियों में दिखाई देने वाली उदासीनता, आत्म-नियंत्रण में गिरावट और सहानुभूति में कमी को निष्पक्ष रूप से मापना मुश्किल है, जबकि, जैसा कि न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा जोर दिया गया है, भाषण में परिवर्तन को बहुत आसान मापा जा सकता है।
न्यूरोलॉजिकल परीक्षाएं - वे बच्चों में किस प्रकार दिखती हैं
सबसे पहले, भाषण की गति बदल जाती है, और फिर शब्दों का उपयोग - रोगी अमूर्त शब्दों का कम से कम उपयोग करते हैं। ग्रॉसमैन के अनुसार, ये परिवर्तन सार्वभौमिक हैं, न कि अंग्रेजी भाषा के लिए अद्वितीय।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया न्यूरोलॉजी क्लिनिक के डॉ. एडम बॉक्सर भी फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया के क्षेत्र में काम करते हैं। इस उद्देश्य के लिए, वह एक स्मार्टफोन एप्लिकेशन का उपयोग करता है, और शोध का विषय वे लोग हैं जिनके पास रोग विकसित करने के लिए आनुवंशिक प्रवृत्ति है। वह विषयों की तस्वीरें दिखाता है और फिर उन्हें उनका वर्णन करने के लिए कहता है। "हम लक्षणों के प्रकट होने से पांच से 10 साल पहले बहुत शुरुआती परिवर्तनों को मापना चाहते हैं," वे कहते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी सिज़ोफ्रेनिया का निदान करने में मदद करेगा
बदले में, न्यू यॉर्क के माउंट सिनाई में आईकन स्कूल ऑफ मेडिसिन के मनोचिकित्सक डॉ। चेरिल कोरकोरन, भाषण में परिवर्तन का उपयोग करने की उम्मीद करते हैं ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि सिज़ोफ्रेनिया के उच्च जोखिम वाले युवा लोग रोग विकसित कर सकते हैं।
आईबीएम के गिलर्मो सेची, जो अल्जाइमर के शोध में शामिल रहे हैं, ने प्रगतिशील भाषा की कमी के लिए डॉ। कोरकोरन के 34 रोगियों के भाषण का परीक्षण किया। एक अन्य अध्ययन में, डॉ सेची ने 96 रोगियों का परीक्षण किया, जिन्हें सिज़ोफ्रेनिया विकसित होने का खतरा था। उसने इन लोगों को एक कहानी दोहराने के लिए कहा जो उन्होंने अभी सुनी थी और फिर अपनी कहानियों में दोहराने के लिए पैटर्न की तलाश की।
सिज़ोफ्रेनिया को कैसे पहचानें?
यह पाया गया कि दोनों अध्ययन समूहों में, एक एआई कार्यक्रम 85 प्रतिशत सटीकता के साथ भविष्यवाणी कर सकता है कि लोग तीन साल बाद स्किज़ोफ्रेनिया विकसित करेंगे। डॉ कोरकोरन ने कहा, 'ऐसे कई अध्ययन हुए हैं जिनमें समान संकेत मिले हैं। "लेकिन हम अभी तक उस स्तर पर नहीं हैं जहां हम लोगों को बता सकते हैं कि वे जोखिम में हैं या नहीं," मनोचिकित्सक ने कहा।
- हमारे लिए अब सबसे महत्वपूर्ण बात बड़े पैमाने पर परीक्षण करना है। हमारे पास कई और नमूने होने चाहिए। सेकची ने कहा कि अमेरिका में हर साल 60 मिलियन से अधिक मनोरोग साक्षात्कार आयोजित किए जाते हैं, लेकिन इनमें से कोई भी साक्षात्कार हमारे पास मौजूद उपकरणों का उपयोग नहीं करता है।
COVID-19 टीकाकरण कैसा दिखता है? [हम समझाते हैं]
COVID-19 टीकों के प्रकार। वेक्टर mRNA वैक्सीन से किस प्रकार भिन्न है? [हम समझाते हैं]
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SBI FD Interest - अब किसी भी बैंक के Saving या Current अकाउंट पे पाओ FD जैसा इंटरेस्ट ! ये है FD जितना इंटरेस्ट लेने का सीक्रेट तरीका ! - Career Bhaskar
SBI FD Interest – अब किसी भी बैंक के Saving या Current अकाउंट पे पाओ FD जैसा इंटरेस्ट ! ये है FD जितना इंटरेस्ट लेने का सीक्रेट तरीका !
Current Account Fixed Deposit HDFC saving account SBI FD Interest State Bank of India Sweep In Facility
Sweep In Facility से पाये FD जैसा इंटरेस्ट –
करंट अकाउंट पर भी पा सकते है इंट्रेस्ट –
ऐसे काम करती है, Sweep In Facility –
कभी भी निकाल सकते है पैसे –
Sweep In Facility सम्बंधित अन्य जानकारी –
SBI FD Interest – लगभग सभी बैंक में एक ऐसी फैसिलिटी है, जिसका अगर आप यूज करते है। तो आप FD जैसा इंटरेस्ट सेविंग या करंट अकाउंट पर प्राप्त कर सकते है। तो चलिये आइये जानते है, ऐसी कौन सी बैंकिंग फैसिलिटी है, जिसके जरिये आप FD जैसा इंटरेस्ट सेविंग या करंट अकाउंट पर प्राप्त कर सकते है।
क्या आप जानते है, आप अपने सेविंग या करंट अकाउंट में Sweep In Facility शुरू कर सकते है, और FD जितना इंटरेस्ट ले सकते है। यह सुविधा लगभग सभी बड़ी बैंक में होती है, और इसे आप बड़ी ही आसानी ने शुरू करवा सकते है। पर इस सुविधा को शुरू करने के लिये आपके अकाउंट में Sweep In Facility के लिये बैंक द्वारा निर्धारित की जाने वाली राशि के ऊपर पैसे होना चाहिये।
आपको पता होगा करंट अकाउंट में जो भी पैसे होते है, उन पैसो पर किसी तरह का इंटरेस्ट नहीं मिलता है। लेकिन अगर आप करंट अकाउंट में Sweep In Facility स्टार्ट कर देते है, तो आपको करंट अकाउंट पर भी ब्याज (इंटरेस्ट) मिल सकता है, और वो भी FD (Fixed Deposit) जितना।
इस फैसिलिटी को एक्टिवेट करने के लिये आपको पहले बैंक अधिकारी को एक लिमिट बताना पड़ता है, और उन्हें बोलना पड़ता है, की इस लिमिट के ऊपर जितने भी पैसे हो वो पैसे Sweep In Facility के जरिये FD में चले जाना चाहिए। और जब आप ये सर्विस अपने अकाउंट में एक्टिवेट करवा लेते है, तब आपके अकाउंट में एक लिमिट के बाद जितने भी एक्स्ट्रा पैसे होते है, ये पैसे ऑटोमैटिक FD में चले जाते है, और आपको FD जितना इंट्रेस्ट मिलने लगता है।
अगर आप नार्मल FD में पैसा जमा करते है, और पैसो की जरुरत होने पर FD से पैसे निकालते है, तो फिर आपको FD तुड़वाने के कुछ चार्ज देना पड़ता है। पर Sweep In Facility के जरिये जो पैसे FD में जाते है, इन पैसो को आप कभी भी निकाल सकते है, और इसके बदले में आपको कोई चार्ज भी नहीं देना पड़ता है।
इस फैसिलिटी की कुछ टर्म्स और कंडीशन भी है, जिसे जानना आपके लिये बहुत जरुरी है। तो अगर आप इस फैसिलिटी को शुरू करना चाहते है, तो पहले निचे दिया वीडियो देख ले। वीडियो में आपको इस फैसिलिटी सम्बंधित अन्य जानकारी मिल जाएँगी। फिर अगर आपको यह फैसिलिटी सही लगती है, तो फिर इसे आप अपने अकाउंट में शुरू कर सकते है, और Sweep In Facility का लाभ ले सकते है। |
'रोहित को न्याय मिलना अभी बाक़ी है' - BBC News हिंदी
'रोहित को न्याय मिलना अभी बाक़ी है'
https://www.bbc.com/hindi/india/2016/01/160121_hyderabad_university_revokes_suspension_sdp
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हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने अपने चार शोध छात्रों का निलंबन वापस ले लिया है.
यूनिवर्सिटी से निलंबित किए गए पांच छात्रों में रोहित वेमुला भी थे, जिन्होंने बीते रविवार फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली थी.
यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद ने एक आपात बैठक में इन छात्रों के निलंबन का फ़ैसला किया.
इनमें से एक छात्र प्रशांत ने बीबीसी संवाददाता सुशीला सिंह से बातचीत में कहा, ''निलंबन वापस लेना कोई उपलब्धि नहीं है. अभी रोहित को न्याय मिलना बाक़ी है. हम लड़ाई जारी रखेंगे.''
स्थानीय पत्रकार इमरान क़ुरैशी के मुताबिक़, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष ज़ुहैल केपी का कहना है, ''हमारी पांच मांगों से सिर्फ़ एक मांग मानी गई है और वह भी हाईकोर्ट और पुलिस की पड़ताल के बाद. बाक़ी मांगें जब तक नहीं मानी जाएंगी, हम विरोध प्रदर्शन से पीछे नहीं हटेंगे.
छात्रों की मांगों में वाइस चांसलर और केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के इस्तीफ़े की मांग शामिल है. दत्तात्रेय ने इस मामले में कार्रवाई के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा था.
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन यह भी मांग कर रहा है कि कथित झूठे मामले वापस लिए जाएं और दिवंगत रोहित की मां को 5 करोड़ रूपए मुआवज़े के तौर पर दिए जाएं.
उधर, एससी-एसटी टीचर्स एंड ऑफ़िसर्स फ़ोरम के सदस्य प्रोफ़ेसर एन लक्ष्मी नारायण का कहना है, ''छात्रों का निलंबन शर्तों के साथ ख़त्म किया गया है. इस वजह से हमें नहीं लगता कि छात्र अपने विरोध प्रदर्शन से पीछे हटेंगे.''
इससे एक दिन पहले ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दिल्ली में दावा किया था कि रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी जातिगत मामला नहीं था.
दलित छात्र रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी के बाद यूनिवर्सिटी में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कथित दख़ल के ख़िलाफ़ छात्रों ने हैदराबाद समेत कई शहरों में प्रदर्शन किए हैं और ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है. |
कांग्रेस का PM मोदी पर बड़ा हमला, कहा- एयरफोर्स के विमान को टैक्सी बना लिया | Cong hits back at narendra Modi's INS Viraat remark, says You have made IAF jets your 'own taxi' - Hindi Oneindia
| Updated: Thursday, May 9, 2019, 17:11 [IST]
नई दिल्ली। राजीव गांधी के आईएनएस विराट पर छुट्टियां बिताने के पीएम मोदी के बयान पर बड़ा सियासी घमासान शुरू हो गया है। भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर जबरदस्त तरीके से हमलावर हो गईं हैं। गुरुवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर इंडियन एयरफोर्स के विमान के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी एयर फोर्स के विमान का खुद की टैक्सी की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि नरेंद्र मोदी जिस दौरे की बात कर रहे हैं, वो पूर्व प्रधानमंत्री की आधिकारिक यात्रा थी। मोदी के पास जनता को बताने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए गांधी-नेहरू परिवार को लेकर झूठ फैला रहे हैं।
मोदी जी इंडियन एयरफोर्स के विमान को खुद का टैक्सी बना दिया
इस मामले पर पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, आपने (मोदी जी) इंडियन एयरफोर्स के विमान को खुद का टैक्सी बना दिया। मात्र 744 रुपए देकर आपने वायुसेना के विमान का इस्तेमाल किया है। आप अपने कामों से परेशान हैं इसलिए दूसरों पर ऊंगली उठा रहे हैं। अब आपका अंतिम सहारा लोगों को मुद्दों से भटकाना है। आप अपने पापों से डरकर बेशर्मी से दूसरों पर उंगली उठा रहे हैं!
मात्र 744 रुपए देकर आपने वायुसेना के विमान का इस्तेमाल किया
आरटीआई से सामने आई जानकारी के मुताबिक, भाजपा ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत से जनवरी 2019 तक मोदी द्वारा की गई 240 गैर-आधिकारिक घरेलू यात्राओं के लिए भारतीय वायुसेना को कुल 1.4 करोड़ रुपये का भुगतान किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ मामलों में, भुगतान की गई राशि काफी कम थी। उदाहरण के लिए, भाजपा ने 15 जनवरी, 2019 को मोदी द्वारा एच/पी बालांगीर-एच/पी पाथरचेरा की यात्रा के लिए 744 रुपये का भुगतान किया।
'राजीव गांधी ने आईएनएस विराट का व्यक्तिगत टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया'
बता दें कि, दिल्ली की रैली में मोदी ने कहा था, 'कांग्रेस के नामदार परिवार ने आईएनएस विराट का व्यक्तिगत टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया, उसका अपमान किया था। ये बात तब की है जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे उन्होंने एक खास द्वीप में छुट्टी मनाने के लिए युद्धपोत का 10 दिन तक इस्तेमाल किया। द्वीप में सारी व्यवस्था का जिम्मा सरकार और नौसेना काे दिया गया था। इस दौरान उनके ससुरालवाले भी थे।
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वनप्लस स्मार्टफोन्स में मिलेगा नया H2O OS, ओप्पो के साथ मिलकर तैयार करेगी कंपनी | न्यूजबाइट्स
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वनप्लस स्मार्टफोन्स में मिलेगा नया H2O OS, ओप्पो के साथ मिलकर तैयार करेगी कंपनी
Jan 30, 2022, 07:01 pm 3 मिनट में पढ़ें
वनप्लस डिवाइसेज में जल्द नया यूनिफाइड OS मिल सकता है।
ओप्पो और वनप्लस दोनों स्मार्टफोन कंपनियां पिछले साल एकसाथ आ गई हैं और इनकी रिसर्च एंड डिवेलपमेंट (R&D) टीमें एक यूनिफाइड OS तैयार कर रही हैं। वनप्लस अपने डिवाइसेज में ऑक्सीजनOS और हाइड्रोजनOS नाम से कस्टम एंड्रॉयड स्किन्स देती है, वहीं ओप्पो के फोन्स में कलरOS मिलता है। सामने आया है कि वनप्लस और ओप्पो के यूनिफाइड OS का नाम H2O OS हो सकता है, जिसका अपडेट वनप्लस यूजर्स को मिलेगा।
टिप्सटर ने ट्वीट में दी जानकारी
टिप्सटर मुकुल शर्मा ने अपने ट्वीट में वनप्लस के यूनिफाइड OS का नाम H2O OS होने की जानकारी दी है। मजेदार बात यह है कि इसका नाम वनप्लस फोन्स में मिलने वाले ऑक्सीजनOS और हाइड्रोजनOS से मिलकर बना है। कंपनी चीन में अपने डिवाइसेज में हाइड्रोजनOS स्किन देती रही है, जिसे हाल ही में ओप्पो के कलरOS सॉफ्टवेयर से रिप्लेस किया गया है। हालांकि, कई यूजर्स इस बदलाव को लेकर खुश नहीं हैं और नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
ट्वीट में मिले नए नाम के संकेत
पहले से रजिस्टर्ड है नए नाम का ट्रेडमार्क
नए लीक्स के हिसाब से यूनिफाइड OS का नाम H2O OS होगा या नहीं, अब तक साफ नहीं है। हालांकि, इसकी ट्रेडमार्क फाइलिंग मौजूद है और करीब सात साल पहले ही इस नाम का ट्रेडमार्क रजिस्टर किया गया है। वनप्लस और ओप्पो बेशक एकसाथ काम कर रही हों लेकिन इनके डिवाइसेज की पहचान अलग बनी रहेगी। सॉफ्टवेयर स्किन में यह अंतर बनाए रखने के लिए कंपनी नया निकनेम अपने कस्टमाइज्ड OS को दे सकती है, जिसमें कलरOS जैसे फीचर्स मिलेंगे।
लगातार मिलती रही है नई जानकारी
जून, 2021 में कंपनी हेड पेटे लाउ ने कहा था कि वनप्लस डिवाइसेज में यूजर्स को ऑक्सीजनOS मिलता रहेगा। वहीं, चंद महीने बाद उन्होंने बताया कि ऑक्सीजनOS और कलरOS को एकसाथ मिलाकर नया यूनिफाइड OS बनाया जाएगा। कंपनी हेड ने कहा था कि ओप्पो और वनप्लस साथ मिलकर जो सॉफ्टवेयर स्किन तैयार करेंगी, उसका नाम ऑक्सीजनOS ही रहेगा। कहा गया है कि कंपनी अपने फ्लैगशिप डिवाइसेज को तीन बड़े एंड्रॉयड अपडेट्स और चार साल तक सिक्योरिटी अपडेट्स दे सकती है।
आसान होगा पुराने से नए OS पर माइग्रेशन
कंपनी की ओर से कहा गया था कि ऑक्सीजनOS से कलरOS या किसी नई कस्टम स्किन पर माइग्रेट करने की प्रक्रिया यूजर्स के लिए आसान होगी। सबसे जरूरी है कि ऐसा होने के दौरान यूजर्स के डाटा को कोई नुकसान ना पहुंचे और कंपनी इसका खास ख्याल रख रही है। चीन में वनप्लस स्मार्टफोन्स में पहले हाइड्रोजनOS की जगह ऑक्सीजनOS दिया गया और अब इसे कलरOS से रिप्लेस किया जा रहा है।
साथ क्यों आईं वनप्लस और ओप्पो?
वनप्लस और ओप्पो दोनों कंपनियां BBK इलेक्ट्रॉनिक्स का हिस्सा हैं और इनकी R&D (रिसर्च एंड डिवेलपमेंट) टीमें साथ मिलकर हार्डवेयर प्रोडक्ट्स पर भी काम करने जा रही हैं। कंपनी अपनी R&D सेवाओं को OPLUS के साथ मिला चुकी है, जो ओप्पो, वनप्लस और रियलमी तीनों ब्रैंड्स की इन्वेंस्टिंग बॉडी है। दोनों कंपनियों की ओर से साथ मिलकर तैयार किए गए प्रोडक्ट्स जल्द मार्केट में आ सकते हैं और साथ आने के चलते प्रोडक्शन और रिसर्च की क्षमता बढ़ जाती है।
वनप्लस ने प्रीमियम अनुभव देने के लिए सॉफ्टवेयर पर फोकस किया और कंपनी का ऑक्सीजनOS कस्टम UI खूब पसंद किया जा रहा है। इसमें बदलाव यूजरबेस को नुकसान पहुंचा सकता है। कंपनी की मार्केटिंग का तरीका इसे बाकी स्मार्टफोन ब्रैंड्स से अलग बनाता है। |
Karan Patel Kasautii Zindagii Kay 2, पार्थ समथान के बाद क्या अब करण पटेल भी छोड़ेंगे 'कसौटी जिंदगी की 2', जानें क्या है सच्चाई, WILL Karan Patel Quit Kasautii Zindagii Kay 2 After Parth Samthaan | TV
WILL Karan Patel Quit Kasautii Zindagii Kay 2 After Parth Samthaan
Updated Sep 01, 2020 | 18:01 IST
Karan Patel Kasautii Zindagii Kay 2: एक्टर पार्थ समथान ने 'कसौटी जिंदगी की 2' को अलविदा कह दिया है। क्या अब उनके बाद करण पटेल भी शो छोड़ेंगे?
पार्थ समथान और करण पटेल
एक्टर पार्थ समथान ने 'कसौटी जिंदगी की 2' छोड़ दिया है
करण पटेल शो में मिस्टर बजाज का किरदार निभा रहे हैं
वह दो महीने पहले कसौटी जिंदगी की 2 का हिस्सा बने थे
एक्टर करण पटेल ने हाल ही में एकता कपूर के शो 'कसौटी जिंदगी की 2' में बतौर मिस्टर बजाज एंट्री ली थी। करण से पहले मिस्टर बजाज का रोल करण सिंह ग्रोवर निभा रहे थे। हालांकि, अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि करण 'कसौटी जिंदगी की 2' का हिस्सा नहीं रहें और वह शो छोड़ सकते हैं। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि एक्टर अपने कैरेक्टर को लेकर खुश नहीं हैं। हालांकि, खबरों की मानें तो यह सब बातें अफवाह हैं और करण ने शो छोड़ने का निर्णय नहीं किया है। उनकी टीम ने इस तरह की बातों को पूरी तरह से नकार दिया है।
स्पॉटब्वॉय की खबर के मुताबिक, करण के शो छोड़ने की अटकलों की शुरुआत उस वक्त हुई जब एक्टर ने सेट पर कोई सूचना नहीं दी। इसके बाद अफवाह उड़नी शुरू हुई कि पार्थ समथान की तरह ही करण ने भी शो छोड़ने का फैसला कर लिया और इसलिए सेट पर जानकारी नहीं दी। वहीं, करण के सेट सूचना न देने के बारे में सूत्र ने बताया कि फिलहाल शो का करंट ट्रैक अनुराग (पार्थ समथान) प्रेरणा (एरिका फर्नांडिस) और उनकी बेटी पर केंद्रित है। ऐसे में करण के लिए कोई कोई सीन शेड्यूल नहीं था।
बता दें कि पार्थ समथान शो की शूटिंग शुरू होने के जुलाई में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। ठीक होने के बाद समथान दोबारा पर शूटिंग पर लौटे, लेकिन कुछ दिनों पहले उन्होंने शो छोड़ने का फैसल किया। रिपोर्ट्स में बताया गया कि उन्होंने अपनी सेहत सेहत पर और अन्य दूसरे प्रोजेक्ट्स पर फोकस करने कारण यह फैसला किया। साथ ही कई खबरों में यह भी दावा किया जा रहा है कि 'कसौटी जिंदगी की 2' जल्द ही बंद हो सकता है। जानकारी के मुताबिक इस साल नवंबर तक शो बंद हो जाएगा। |
पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा की (लीड-1)
मॉस्को/कीव, 24 फरवरी (आईएएनएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में एक सैन्य अभियान की घोषणा की, जिसे कीव में अधिकारियों ने पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के रूप में वर्णित किया है।
डोनबास में लुहान्स्क और डोनेट्स्क के विद्रोही क्षेत्र शामिल हैं जिन्हें इस सप्ताह के शुरू में रूसी नेता द्वारा स्वतंत्र राज्य घोषित किया गया था जिसके कारण मॉस्को के खिलाफ व्यापक निंदा हुई और प्रतिबंध लगे।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार सुबह राष्ट्र के नाम एक टेलीविजन भाषण में, पुतिन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर कब्जा करने की योजना नहीं बनाई है, लेकिन चेतावनी दी है कि अगर कोई रूस पर हमला करने की कोशिश करता है तो मास्को की प्रतिक्रिया तत्काल होगी।
रूसी नेता ने यूक्रेन के सैनिकों से हथियार डालने और अपने घरों को लौटने का आग्रह किया।
बीबीसी ने कहा कि पुतिन की घोषणा के तुरंत बाद, कीव और यूक्रेन में विस्फोटों की आवाज सुनाई दी, जिसमें रूस समर्थक अलगाववादियों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों के करीब, क्रामाटोस्र्क जैसे पूर्व के शहर भी शामिल हैं।
रूसी राष्ट्रपति की घोषणा उसी समय हुई जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक आपात बैठक में यूक्रेन की ओर अधिक सैनिकों को भेजने से रोकने के लिए उनसे आग्रह कर रही थी।
अपनी अपील में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पुतिन से रूसी सैनिकों को यूक्रेन पर हमला करने से रोकने और शांति को एक मौका देने के लिए कहा क्योंकि बहुत से लोग पहले ही मर चुके हैं।
इस बीच कीव में, यूक्रेन के विदेश मंत्री डायमट्रो कुलेबा ने कहा कि पुतिन ने यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू किया है।
घोषणा के तुरंत बाद ट्विटर पर उन्होंने कहा, पुतिन ने यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू किया है। शांतिपूर्ण यूक्रेनी शहरों पर हमले हो रहे हैं। यह आक्रामकता का युद्ध है।
यूक्रेन अपना बचाव करेगा और जीतेगा। दुनिया पुतिन को रोक सकती है और उसे रोकना चाहिए। कार्रवाई करने का समय अब आया है।
बीबीसी ने बताया कि जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की सीमाओं पर रूस के पास लगभग 200,000 सैनिक और हजारों लड़ाकू वाहन हैं।
पुतिन के इस कदम को रूसी सैन्य बलों द्वारा अकारण और अनुचित हमले के रूप में निंदा करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि रूसी नेता ने एक पूर्व नियोजित युद्ध को चुना है जो जीवन और मानव पीड़ा का एक विनाशकारी नुकसान लाएगा।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में, बाइडेन ने कहा, इस हमले से होने वाली मौत और विनाश के लिए अकेले रूस जिम्मेदार है और अमेरिका और उसके सहयोगी और सहयोगी एकजुट और निर्णायक तरीके से जवाब देंगे। दुनिया रूस को जवाबदेह ठहराएगी।
एक ट्वीट में, नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने यूक्रेन पर रूस के लापरवाह हमले की कड़ी निंदा की, जो अनगिनत नागरिक जीवन को खतरे में डालता है।
ट्वीट में कहा गया, यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है और यूरो-अटलांटिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।
यूपी में लंगूर का हुआ भव्य अंतिम संस्कार
यूपी : खेत में मृत मिला किसान, 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
पाक में सैन्य ठिकाने की मांग कर रहा था अमेरिका, मैंने नामंजूर किया : इमरान खान
Advertisements इस्लामाबाद, 8 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अमेरिका देश में सैन्य ठिकाने दिए जाने की मांग कर रहा था, लेकिन मैं उनकी मांगों पर कभी सहमत नहीं हुआ। इमरान खान को पिछले महीने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इमरान खान ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान में…
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Advertisements नई दिल्ली, 14 जनवरी ( LHK MEDIA)। राजस्थान के अलवर जिले में एक मूक बधिर 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म मामले में बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, हम अल्पसंख्यक है इसलिए प्रियंका गांधी और राज्य सरकार चुप है या उनको हमसे नफरत है,…
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Advertisements नई दिल्ली, 26 दिसम्बर ( LHK MEDIA)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक मन की बात कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को याद किया, जो हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हो गए थे। इस दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य भी शहीद हो गए थे। वरुण सिंह दुर्घटना…
मान ने पंजाब के हित दिल्ली को बेच दिए : सुखबीर
Advertisements चंडीगढ़, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ज्ञान-साझाकरण समझौते की आड़ में राज्य के हितों को दिल्ली को बेच दिया है और अब आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब के वास्तविक मुख्यमंत्री भी बन गए हैं। पंजाब के इतिहास…
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तेदेपा का ट्विटर अकाउंट हैक
Advertisements अमरावती, 19 मार्च (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) का ट्विटर अकाउंट शनिवार को हैक कर लिया गया। तेदेपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे तेदेपा महासचिव नारा लोकेश ने एक ट्वीट में कहा, कृपया ध्यान दें कि हमारे आधिकारिक पार्टी अकाउंट एटदरेट जयतेदेपा को नापाक…
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अलग कृषि बजट पेश करेगा राजस्थान
Advertisements जयपुर, 21 फरवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 23 फरवरी को राज्य विधानसभा में अलग से कृषि बजट पेश करेंगे। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी। यह पहली बार है जब राज्य में अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने पिछले साल के बजट भाषण में अलग से… |
भूख से हुई माँ की मौत, कंधे पर लाश लिए अस्पताल में भटकता रहा बेटा - Hindi Rasayan
Shanu Shetri जून 5, 2018 June 5, 2018 [ 03:18:19 pm IST ] सोशल मीडिया878 Views 0
अपनी मां को जिन्दा समझकर उसका इलाज कराने के लिए अस्पताल में भटकता रहा एक बेटा लेकिन अस्पताल प्रबंधन में से किसी को भी उस पर दया नहीं आई। वह अपनी मां के शव को कंधे पर लेकर अस्पताल के एक कमरे से दूसरे कमरे तक भटकता रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की…
दरअसल ये घटना झारखंड के चतरा जिले की है। जंहा भूख के कारण एक महिला की मौत हो गई। खबरों के अनुसार, बिहार के गया जिला डोभी की रहने वाली मीना मुसहरीन नाम की महिला अपने परिवार के साथ इटखोरी थाना क्षेत्र में रहकर कबाड़ बीनने का काम करती थी।
वह महिला कई दिनों से बीमार थी और कई दिनों से कुछ खा नहीं रही थी जिसके चलते उसे भूख जनित बीमारियों ने अपना शिकार बना लिया था और उसकी मौत हो गई।
Title: viral news son wandering mother dead body on shoulder in jharkhand hospital social media in Hindi | In Category: सोशल मीडिया Social media |
अप्रशिक्षित शिक्षक पंचायत संवर्गो की कटौती की गई राशि का होगा शीघ्र भुगतान
जिला पंचायत बालोद ने वि खं शि अ-गुरूर व डौंडी के लिए जारी किया निर्देश
हाईकोर्ट के निर्णय के परिपालन मे अब अप्रशिक्षितो के वेतन कटौती मे रोक के साथ काटी गई राशि का भुगतान भी किया जाना है ।जिले के तीन विकास खंड को छोड़कर गुरूर व डौंडी मे कटौती जारी थी । संघ की मांग पर 23 दिसंबर व 6 फरवरी को तत्संबंध मे जिला पंचायत ने उक्त विकाखंडो को पत्र भी जारी किया था।तद्उपरांत भी कार्रवाई उक्त विकास खंड मे नही की गई थी।अब 6 मार्च को जिला पंचायत ने पुनः उक्त विकास खंडो को कोर्ट के निर्णय अनुसार भुगतान का निर्देश जारी किया है।संघ ने इस संबंध मे 5 फरवरी को ज्ञापन भी सौंपा था।अब प्रभावित शिक्षक पंचायत के आवेदन व संघ की मांग पर उक्त पत्र जारी होने से बहुत राहत मिलेगी व कटौती राशि का भुगतान किया जाएगा ।संघ द्वारा जिला परामर्श दात्री समिति की 9 मार्च की बैठक मे फरवरी के वेतन के साथ कटौती राशि का भी भुगतान की मांग की गई है। |
Durga Puja 2017: कहानी विश्वास की - Essay on Durga Puja in Hindi - WikiLuv
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Durga Puja 2017: कहानी विश्वास की – Essay on Durga Puja in Hindi
Durga Puja Special:
दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. हिन्दू धर्म में दुर्गा पूजा को पूरे प्रेम और विश्वाश के साथ मनाया जाता है. दुर्गा पूजा हिन्दू हर साल पतझड़ के मौसम में मनाया जाता है. दुर्गा पूजा के इस पर्व पर पूरे नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा की जाती है. नौ दिन के बाद माँ दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है. विसर्जन के लिए गंगा में या फिर किसी साफ नदी के जल में विसर्जन किया जाता है. दुर्गा पूजा के इस पर्व में कुछ लोग पूरे नौ दिनों तक भूके रहकर उपवास रखते हैं तो कुछ लोग पहले दिन और नौवे दिन का उपवास रखते हैं. हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा पर हिन्दू लोगो का अटूट विश्वाश रखते है उनका कहना है नौ दिन तक उपवास रखने से माँ का आशीर्वाद मिलता है. माँ खुश होती हैं और अपना आशीर्वाद सभी पर बनाए रखती हैं.Durga Puja 2017
दुर्गा पूजा का यह त्यौहार नौ दिन तक चलता है. इन दिनों हिन्दू लोग पूरे विश्वाश के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं. कुछ लोग इस त्यौहार को आठ दिन तो कुछ लोग पूरे नौ दिन तक मनाते हैं. इस त्यौहार में लोग नोऊ दिन तक उपवास रखते हैं. लेकिन कुछ लोग पहले दिन और नौवे दिन का ही उपवास रखते हैं. दावत का आयोजन करते हैं. दुर्गा माँ की पूजा के लिए घरों को सजाया जाता है. दुर्गा माँ के मंदिर को भी अच्छे से सजातें हैं. नौ दिन पूरे होने के वाद माँ की मूर्ति को गंगा में या किसी भी साफ नदी में विसर्जन किया जाता है."Durga Puja 2017 "
मूर्ति विसर्जन:
दुर्गा पूजा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी:
1. दुर्गा पूजा का यह त्यौहार बुराई को मिटाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन माँ दुर्गा ने राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। महिषासुर के पापो का अंत करने के लिए माँ दुर्गा को ब्रह्मा, भगवान विष्णु और शिव के द्वारा बुलाया गया था. माँ दुर्गा और महिषासुर के बीच यह युद्ध चलता रहा. दसवें दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर को मार गिराया. इसी दिन को दशहरा कहा जाता है. इस दिन भक्त पूरे ख़ुशी और प्रेम के साथ एकजुट होकर त्यौहार को बड़ी धूम धाम से मनाते हैं. Durga Puja 2017. |
मानव एकता समिति के तत्वावधान में समिति के सदस्यों ने शहर में स्थित अपने अभियान के 17 वां दिन में नरोना चौराहे स्थित महान लेखक, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी जी की प्रतिमा को दूध और गंगा जल से स्नान कराया गया और माल्यार्पण करते हुए श्रद्धांजलि दी गयी।समिति के अध्यक्ष डॉक्टर इकबाल बहादुर इन महापुरुष की बदौलत देश को आज़ादी मिली और ऐसे महापुरुषों की प्रतिमाए तो शहर भर में लगी हुई हैं लेकिन इनकी साफ़ सफाई की तरफ कोई सुध नही ले रहा इसलिए हम सभी ने संकल्प लिया है कि खुद ही शहर में स्थित सभी महापुरुषों की प्रतिमाएं की साफ सफाई करेंगे। आज 17 वां दिन है
गणेश शंकर विद्यार्थी जी महान लेखक, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे उनकी स्मृति को बताते हुए वे हिन्दू मुस्लिम की एकता के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया था प्रताप अखबार के द्वारा लड़ाई में लड़ने वाले जितने क्रांतिकारी थे वे सभी इनके यहां रुकते थे हिन्दू मुस्लिम एकता के पीछे अपने प्राण गंवाए थे आज इस अभियान में हम सभी ने विद्यार्थी जी की प्रतिमा को दूध व गंगाजल से स्नान करवाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है
इस अवसर पर संयोजक दिलीप बागी, लाला पंडा, अजीत खोटे, मो रियाज़, उमेश,अशोक,नागेंद्र,माया और दयाराम मौजूद रहे। |
जिद करो कि हालात बदलना है... -
जिद करो कि हालात बदलना है…
in खबरें, दिल्ली, राष्ट्रीय, सुर्खियों में मोहतरमा
कुमारी मीनू:
परिवर्तन के लिए परिश्रम करना है। इसका कोई विकल्प नहीं है। जब आप वैयक्तिक स्तर से लेकर सामाजिक स्तर पर परिवर्तन करना चाहते हैं, तो इसके लिए भगीरथ प्रयास करना होता है। अन्ना आंदोलन की कोख से निकली स्वाति मालिवाल देश की राजधानी दिल्ली में एक मुकाम हासिल कर रही हैं। समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए, महिलाओं के हक-ओ-हुकूक के लिए, दबे-कुचलों की आवाज बनने का माद्दा रखने वाली स्वाति मालिवाल ने जैसे ही नौ दिनों तक राजघाट पर अनशन किया, पूरे देश ने उनके नाम को जाना। केंद्र सरकार ने पास्को एक्ट में संशोधन किया। रेप के दोषियों के लिए सख्त सजा का ऐलान किया, तो स्वाति ने अनशन तोड़ा। बतौर, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल लगातार महिलाओं के हित और सुरक्षा के लिए बेचैन रहती हैं।
स्वाति मालीवाल को हम दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में जानते हैं। वे एक आर्मी अफसर और स्कूल टीचर की बेटी हैं। स्वाति हमेशा से समाज के लिए कुछ करना चाहती थी। समाज सेवा की आग उनमें इतनी अधिक थी कि उन्होंने एचसीएल की नौकरी तक को ठुकरा दिया। 21 साल की उम्र से ही उन्होंने 'परिवर्तन' नामक गैर सरकारी संगठन में काम करना शुरू कर दिया था। स्वाति महिलाओं पर होनेवाले अत्याचारों के खिलाफ हमेशा से अपनी आवाज बुलंद करती आई हैं। वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना हजारे द्वारा चलाए गए आंदोलन में सक्रिय भागीदार रहीं। महिला आयोग की अध्यक्ष बनने से पूर्व स्वाति मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ काम करती थीं, जिसमें वह 'जनता संवाद' नामक विभाग का काम देखती थीं। भ्रष्टाचार के लिए गठित कोर कमिटी की सबसे यंग सदस्य थीं।
मैडम ऑफ द वीक : स्वाति मालीवाल
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यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर!
बता दें कि स्वाति का जन्म 15 अक्टूबर, 1984 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में हुआ। स्वाति ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग किया है। स्वाति को एचसीएल कंपनी से नौकरी के संबंध में प्रस्ताव भी आए, परंतु उन्होंने समाज सेवा को चुना। स्वाति ने बलात्कार की बढ़ती घटनाओं को देखकर हमेशा से उसके विरुद्ध आवाज बुलंद किया है। उन्होंने जनवरी 2018 में 'रेप रोको' अभियान भी चलाया। इसके तहत वे कई बार घायल भी हुई, लेकिन उन्होंने समाजसेवा के काम से कभी पीछे नहीं हटीं। अप्रैल 2018 में बलात्कारियों को 6 महीने में सजा और फांसी की मांग को लेकर भूख हड़ताल भी किया। स्वाति मालिवाल समाज में महिलाओं के सकारात्मक बदलाव के पक्ष में रही हैं। वे हमेशा से वेश्यावृत्ति और बाल तस्करी के विरुद्ध आवाज उठाती रही हैं। स्वाति का कहना है कि 'वेश्यावृत्ति दासता का सबसे बुरा रूप है।
हालांकि, स्वाति मालीवाल का नाम विवादों में भी घिरा रहा है। स्वाति मालीवाल इस समय दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष हैं और नियुक्ति के समय से ही विवाद में रही हैं। शुंगलू रिपोर्ट के मुताबिक केजरीवाल ने दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनने से पहले ही स्वाति मालीवाल के लिए बंगले का इंतजाम करवा दिया था। सीएजी ने भी मालीवाल को बंगला देने पर सवाल उठाए गए हैं। इसके मुताबिक मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 18 जुलाई, 2016 को दिल्ली महिला आयोग के पद पर नियुक्त होने से पहले स्वाति मालीवाल को अपने सचिवालय में उप-सचिव के पद पर 1.15 लाख रुपये और अन्य सुविधाओं के साथ नियुक्त किया था। इतना ही नहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति भी बिना उपराज्यपाल की इजाजत के ही की गई थी। बाद में जब उपराज्यपाल नजीब जंग ने नियुक्ति पर रोक लगा दी, तब केजरीवाल को मजबूरी में स्वाति मालीवाल के लिए उनकी इजाजत औपचारिक तौर पर लेनी पड़ी।
बता दें कि केजरीवाल जब एनजीओ चलाया करते थे, तो उनके दफ्तर में कई लोग काम किया करते थे। इनमें ही एक स्वाति मालीवाल भी थीं। हरियाणा की रहने वाली स्वाति मालीवाल से केजरीवाल के रिश्ते उसी दौर से बेहद करीबी थे। एनजीओ में काम कर चुके कई लोग इस बात की पुष्टि करते हैं कि केजरीवाल जब भी कहीं बाहर आते-जाते थे, तो ज्यादातर उनके साथ स्वाति ही हुआ करती थीं। दफ्तर का सबसे जूनियर कर्मचारी होने के बावजूद स्वाति के साथ केजरीवाल की हंसी-ठिठोली भी चला करती थी। बाद में उनकी शादी नवीन जयहिंद के साथ हो गई। नवीन जयहिंद भी आम आदमी पार्टी के ही नेता हैं। जब केजरीवाल का योगेंद्र यादव के साथ झगड़ा चल रहा था, उस दौर में नवीन जयहिंद ने खुलकर केजरीवाल का साथ दिया था। कहते हैं कि इस वफादारी का इनाम स्वाति मालीवाल को बिना किसी पूर्व अनुभव के दिल्ली महिला आयोग की चेयरमैन के पद के तौर पर मिला। नवीन जयहिंद से केजरीवाल की करीबी को इसी बात से समझा जा सकता है कि पहली बार सीएम बनने के बाद उन्होंने अपनी नीली वैगन-आर कार उन्हें तोहफे में दे दी थी।
यह स्वाति मालिवाल का अपने कार्य के प्रति समर्पण ही है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अध्यक्ष पद का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में मालिवाल का काम शानदार रहा है। मालिवाल ने कार्यकाल बढ़ाने के लिए केजरीवाल का धन्यवाद किया है। |
ब्लॉकचेन लॉजिस्टिक्स सेक्टर में पकड़ बना रहा है। एक ट्वीट के अनुसार, स्मार्ट्राक बस भागीदारी की साथ से SUKU पारिस्थितिकी तंत्र, जो एक ब्लॉकचेन स्टार्टअप है, जो एरिक पिस्किनी की अध्यक्षता में है, जो एक पूर्व डेलॉइट निष्पादन है। स्मार्ट्रेक जेपी मॉर्गन द्वारा समर्थित है, जिनका ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और क्रिप्टोस के साथ मिश्रित इतिहास है.
स्मार्ट्रैक एक रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) इनले निर्माता है जो नीदरलैंड में स्थित है। कंपनी अपनी आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत करने में मदद की तलाश कर रही है। SUKU, टेक स्टार्टअप, Citizens Reserve द्वारा ब्लॉकचैन-आधारित सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म है, जिसने पिछले साल SUKU का अल्फा संस्करण जारी किया था। SUKU सेवा मंच के रूप में एक ब्लॉकचेन-आधारित आपूर्ति श्रृंखला है.
स्मार्ट्रैक के सीटीओ दिनेश धमीजा ने टिप्पणी की, "स्मार्ट्रेज़ की डिजिटल सक्षमता क्षमताओं के साथ-साथ सिटीजन रिज़र्व के SUKU प्लेटफॉर्म का संयोजन प्रत्येक भौतिक उत्पाद के लिए एक पारदर्शी और सुलभ आपूर्ति समाधान समाधान के साथ एक विशिष्ट पहचान प्रदान करेगा।"
ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां ब्लॉकचेन आपूर्ति श्रृंखला चिंताओं को कम करने और वैश्विक रसद क्षेत्र को और अधिक कुशल बनाने में मदद कर सकता है। इस घोषणा से इस क्षेत्र में सहयोग की क्षमता का पता चलता है और अगले कुछ वर्षों में क्या हो सकता है.
1 जेपी मॉर्गन समर्थित ब्लॉकचैन
2 बिग ब्लू ने वापसी की
3 कनेक्शन की शक्ति
जेपी मॉर्गन समर्थित ब्लॉकचैन
2017 में बिटकॉइन अपनी महाकाव्य रैली में जाने से पहले, जेपी मॉर्गन ब्लॉकचेन सिस्टम विकसित कर रहा था। 2016 में जेपी मॉर्गन के लिए ब्लॉकचेन तकनीक विकसित करने में प्रभावशाली लोगों में से कुछ थे, और उन्होंने 'कडेना' नामक ब्लॉकचेन कंपनी की स्थापना की।.
कडेना अभी जारी हुआ ब्लॉकचैन का एक नया संस्करण जो वे कहते हैं कि एक छेड़छाड़-प्रूफ लेज़र सिस्टम है जो कई कंप्यूटरों पर चल सकता है। उनके नए ब्लॉकचेन को कल ही अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) पर मुफ्त में पेश किया गया था.
नए ब्लॉकचैन को स्केलेबलबीएफटी कहा जाता है, और कडेना में टीम का कहना है कि यह ब्लॉकचेन से बेहतर है कि आईबीएम जैसी बड़ी कंपनियां साथ काम कर रही हैं। कडेना के सह-संस्थापक और पूर्व जेपी मॉर्गन कर्मचारी का कहना है कि वर्तमान निजी ब्लॉकचेन बहुत धीमे हैं, क्योंकि वे वास्तविक दुनिया की स्थितियों में 20 से अधिक उपयोगकर्ताओं को समायोजित नहीं कर सकते हैं और फिर भी अपनी गति बनाए रख सकते हैं.
पोपजॉय ने कहा कि, "ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी अपनाने से कई उद्योगों में वृद्धि हो रही है, सरकार से लेकर स्वास्थ्य बीमा तक, व्यवसायों को सुरक्षा और मापनीयता को संबोधित करने के लिए सही उपकरण की आवश्यकता है," स्केलेबलबीएफटी के AWS पर सार्वजनिक होने के बाद एक बयान में.
बिग ब्लू ने वापसी की
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आईबीएम को कथित रूप से अपर्याप्त ब्लॉकचेन का उपयोग करने के लिए बाहर बुलाए जाने के बारे में खुश नहीं है.
आईबीएम के एक प्रवक्ता ने कहा कि,
"यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि बड़े, मध्यम और छोटे संगठन सभी सक्रिय नेटवर्क चला रहे हैं, जो कि आईबीएम ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म से लेकर खाद्य सुरक्षा, व्यापार वित्त, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और कई अन्य क्षेत्रों में व्यापक रूप से सक्रिय हैं। ऐसे कई कारण हैं जो ये संगठन IBM की ओर रुख करते हैं, शीर्ष तीन हैं क्योंकि हमारा दृष्टिकोण मल्टी-क्लाउड है (Red Hat देखें), वे बड़े स्तर पर (20 नोड से परे) उच्च स्तर पर चलने की हमारी क्षमता पर भरोसा करते हैं, और हम दोनों का समर्थन करते हैं सार्वजनिक और निजी नेटवर्क, "
प्रस्ताव पर नए, मुफ्त, ब्लॉकचेन के जवाब में.
आईबीएम ब्लॉकचेन प्लेटफार्मों को तैनात करने के लिए कई कंपनियों के साथ काम कर रहा है। यह ब्लॉकचेन बाजार में सबसे सफल प्रवेशकों में से एक रहा है और ट्रेडलेन और आईबीएम फूड ट्रस्ट जैसे ब्लॉकचैन-आधारित ट्रैकिंग प्लेटफार्मों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।.
कनेक्शन की शक्ति
आईबीएम अपने सबसे लोकप्रिय ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म के लिए हाइपरलेगर कपड़े के अपने संस्करण का उपयोग कर रहा है। हाइपरलेगर एक ओपन-सोर्स ब्लॉकचेन है, जिसे कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। इस तथ्य को देखते हुए कि जो कंपनियां आईबीएम के साथ काम कर रही हैं, वे सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए हाइपरलेगर को अनुकूलित कर सकती हैं, यह उत्सुक है कि वे ओपन-सोर्स कोड के साथ मालिकाना प्लेटफार्मों को विकसित करने के लिए आईबीएम का भुगतान करना पसंद करेंगे।.
यही कारण है कि वॉलमार्ट और मेर्सक जैसी कंपनियों ने आईबीएम के साथ काम करना चुना, जो कि आईबीएम के मौजूदा संबंधों और डेवलपर्स के अपने व्यापक नेटवर्क के साथ करना है। हाइपरलेगर को कोई भी परियोजना के लिए अनुकूल बना सकता है, लेकिन आईबीएम के पास इसके निपटान में बड़ी संख्या में लोग हैं। कंपनी के अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मौजूदा संबंध भी हैं, जो उन्हें प्रौद्योगिकी के एक नए क्षेत्र में विश्वास हासिल करने में मदद करता है.
आगे इन फायदों को आगे बढ़ाते हुए आईबीएम जैसी कंपनियों को ब्लॉकचेन स्पेस में एक अनचाही स्थिति को बंद करने में मदद मिल सकती है, जैसा कि माइक्रोसॉफ्ट ने ऑपरेटिंग सिस्टम की दुनिया में किया था। वैकल्पिक रूप से, आईबीएम सिर्फ एक प्रौद्योगिकी में विश्वास पैदा कर सकता है जो लोकप्रियता में बढ़ेगा, और छोटे डेवलपर्स के लिए खुल जाएगा जो आसानी से कम कीमतों पर आला उत्पादों की पेशकश कर सकते हैं।. |
cisf personnel kills three |
कलपक्कम परमाणु परिसर में सिपाही ने 3 की हत्या की
By: admin | Last Updated: Wednesday, 8 October 2014 5:33 AM
चेन्नई: कलपक्कम परमाणु परिसर में बुधवार सुबह सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए झगड़े के बाद एक सिपाही ने तीन सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी और दो को घायल कर दिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. न्यूक्लियर पॉवर कार्पोरेशन ऑफ इडिया लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया, "कलपक्कम परमाणु परिसर में नियुक्त सुरक्षाकर्मियों के बीच झगड़ा हुआ था."
अधिकारी ने बताया, "उनमें से एक ने सिपाही ने अन्य सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी. तीन सुक्षाकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए. घायलों में से एक की हालत गंभीर है." अधिकारी के मुताबिक, गोलीबारी सुबह 5.30 बजे के आसपास उस जगह पर हुई जहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के सुरक्षाकर्मी ठहरते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने गोली चलाने वाले सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार कर लिया है. |
30 साल की मेहनत... दशरथ मांझी नहीं, ये है लौंगी मांझी की कहानी - Dhansu
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30 साल की मेहनत… दशरथ मांझी नहीं, ये है लौंगी मांझी की कहानी
एक बहुत पुरानी कहावत है, "हिम्मते मर्दा तो मदद-ए-खुदा". यहाँ कुछ ऐसा ही हुआ है. या यूँ कहें कि बहुत ही असाधारण काम हुआ है. जिसे सोचने महज़ से शरीर से लीटर भर पसीने तो छूट ही जाऐं. अब आते हैं मुद्दे पर.
दरअसल, बिहार में एक शख्स ऐसा भी है, जिसने 30 साल लगाकर पूरी नहर खोद डाली. 70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुईयां मांझी ने अपनी मेहनत से सैकड़ों लोगों की मुश्किलें दूर कर दी हैं. लौंगी मांझी ने पहाड़ काटकर पांच किलोमीटर लंबी नहर बना डाली. अब इसी मेहनत के नतीजतन पहाड़ और बारिश का पानी नहर से होते हुए खेतों में जा रहा है. जिससे तीन गांव के लोगों को फायदा हो रहा है.
अब लौंगी भुईयां की मदद के लिए कई लोग सामने आए हैं. इन्हीं में से एक हैं बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा. जिन्होंने लौंगी मांझी को ट्रैक्टर देने का ऐलान किया है.
दरअसल, गया जिले के रहने वाले लौंगी की कहानी चर्चा में है. उन्होंने 30 सालों तक कड़ी मेहनत कर पहाड़ से गिरने वाले बारिश के पानी को इकट्ठा कर गांव तक लाने की ठान ली और वो रोज घर से जंगल में पहुंच कर नहर बनाने लगे.
बता दें कोठिलवा गांव निवासी लौंगी अपने बेटे, बहू और पत्नी के साथ रहते हैं. लौंगी ने बताया कि पहले परिवार के लोगों ने उन्हें खूब मना किया. लेकिन उन्होंने किसी नहीं मानी और नहर खोदने में जुट गए.
उन्होंनें कुदाल और दूसरे घरेलू औजार के जरिए खुदाई शुरू कर दी. 30 साल की मेहनत के बाद वे करीब 3 किलोमीटर लंबी नहर बनाने में सफल रहे. अभी हाल ही में यूजर रोहिन कुमार ने ट्विटर पर लिखा कि लौंगी मांझी ने अपनी जिंदगी के 30 साल लगा कर नहर खोद दी. उन्हें अभी भी कुछ नहीं चाहिए, सिवाय एक ट्रैक्टर के. उन्होंने मुझसे कहा है कि अगर उन्हें एक ट्रैक्टर मिल जाए, तो उनको बड़ी मदद हो जाएगी.
लौंगी के गांव वालों का कहना है कि जब से होश संभाला है. तब से लौंगी को घर में कम, जंगल में ज्यादा देखा. लौंगी मांझी ने हाल ही में कहा था कि कि अगर सरकार कुछ मदद कर दे हमें खेती के ट्रैक्टर जैसी सुविधा मिल जाए और हम बंजर पड़ी जमीन को खेती के लिए उपजाऊ बना सकते हैं, जिससे लोगों को काफी सहायता मिलेगी.
फिलहाल, लौंगी के काम से हर कोई प्रभावित है. आज उनका नाम देश के कोने-कोने में लिया जा रहा है. हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा है. जिन्होंने 30 साल में नहर का निर्माण कर डाला और हजारों लोगों की मुश्किलों को हल कर दिया.
ऐसे व्यक्ति देश और समाज के लिए गौरव हैं. उन्हें सम्मानित करना हर इंसान को सौभाग्य समझना चाहिए. सलाम है, लौंगी भुईयां मांझी को…
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PS छोला मंदिर: दहेज के लिए जेठ-जेठानी ने किया प्रताड़ित, जेठ ने किया महिला से बलात्कार - जनसम्पर्कLife
भोपाल। राजधानी भोपाल के छोला मंदिर में एक महिला के साथ बलात्कार करने का मामला सामने आया है। बलात्कार करने वाला कोई और नहीं बलकि महिला का जेठ था। जेठ जेठानी उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। मौके पाकर जेठ ने उसे हवस का शिकार बना लिया। महिला के पति ने भी उसका साथ नहीं दिया और उसे घर से निकाल दिया। महिला की शिकायत पर छोला मंदिर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जेठानी को गिरफ्तार कर लिया है वहीं जेठ और पति की तलाश जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार, 23 वर्षीय महिला शिवनगर में रहती है। 21 अप्रैल 2018 में उसकी शादी हुई थी। शादी के बाद से ही जेठ जेठानी मायके से दहेज लाने का दवाब डाल रहे थे। दहेज नहीं लाने पर वे दोनों उसे प्रताड़ित करते थे। पति भी अपने भाई और भाभी का पक्ष लेता था। मौका पाकर एक दिन जेठ ने उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। महिला ने इसकी शिकायत पति और जेठानी से की तो दोनों ने उसे ही धमका दिया। इसके बाद उन लोगों ने महिला को घर से निकाल दिया। जिसके बाद महिला अपनी मौसी के यहां पहुंची।
इसके बाद महिला संबंधित छोला मंदिर थाने पहुंची और पति जेठ जेठानी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने शिकायत पर तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेठानी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया वहीं फरार पति और जेठ की तलाश में जुटी है। |
मुंबई। अभिनेत्री कृति सेनन आगामी फिल्म ‘कलंक’ के ‘विशेष गीत’ के लिए काम करेंगी और इसे लेकर वह उत्साहित हैं।
कृति ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा की, इसमें ‘हीरोपंति’ की अभिनेत्री कत्थक करती नजर आईं।
तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, ‘‘इसके लिए उत्साहित हूं। एक सुपर स्पेशल सॉन्ग और धर्मा फिल्म्स के साथ अपनी पहली फिल्म के लिए ‘कलंक’ की टीम से जुडक़र खुश हूं, करण जौहर!’’
फिल्म में संजय दत्त, वरुण धवन, माधुरी दीक्षित-नेने, आदित्य रॉय कपूर और सोनाक्षी सिन्हा जैसे सितारे भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
अभिषेक वर्मन फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। यह फिल्म 19 अप्रैल 2019 को रिलीज होगी। फिल्म करण, नाडियाडवाला, हीरू यश जौहर और अपूर्व मेहता द्वारा निर्मित और फॉक्स स्टार स्टूडियोज द्वारा सह-निर्मित होगी। |
मांसहारी पुरूषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा होता है अधिक
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भारत में विशेषकर बुढ़ापे में प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ते मामलों के बारे में बताया। प्रोस्टेट पुरुषों में पायी जाने वाली एक ग्रंथि है। यह मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित होता है। उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट के आकार में परिवर्तन आता है। किषोरावस्था के दौरान षरीर में पुरुश हार्मोन (एंड्रोजन) के अधिक बनने के कारण इसके आकार में तेजी से वृद्धि होती है। उसके बाद वयस्क अवस्था में प्रोस्टेट का आकार बढ़ना रुक जाता है या जब तक पुरुश हार्मोन मौजूद होते हैं, तब तक यह बहुत धीमी गति से बढ़ता है। युवा पुरुषों में, यह लगभग एक अखरोट के आकार के बराबर होता है, लेकिन यह बुजुर्ग पुरुषों में ज्यादा बड़ा हो सकता है।
प्रोस्टेट में कई प्रकार की कोशिकाएं पायी जाती हैं, लेकिन लगभग सभी प्रोस्टेट कैंसर ग्रंथि कोशिकाओं (वैसी कोषिकाएं जो प्रोस्टेट द्रव बनाती हैं जो वीर्य में मिल जाता है) से विकसित होते हैं। कुछ प्रोस्टेट कैंसर तेजी से बढ़ते और तेजी से फैलते हैं, लेकिन अधिकतर प्रोस्टेट कैंसर धीरे- धीरे बढ़ते हैं। कुछ शोध से पता चलता है कि प्रोस्टेट कैंसर की षुरूआत कैंसर- पूर्व स्थिति से होती है, हालांकि अभी तक इसे सुनिश्चित नहीं किया जा सका है।
कुछ जोखिम कारक कैंसर जैसी बीमारी के होने की संभावना को बढ़ाते हैं। धूम्रपान जैसे कुछ जोखिम कारक में बदलाव किया जा सकता है। लेकिन व्यक्ति की उम्र या पारिवारिक इतिहास जैसे अन्य जोखिम कारकों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सिर्फ जोखिम कारक ही जिम्मेदार नहीं होते हैं। एक या अधिक जोखिम कारक वाले कई लोगों को कभी कैंसर नहीं होता, जबकि कैंसर से पीड़ित कई रोगियों में कुछ ही जोखिम कारक होते हैं या कोई ज्ञात जोखिम कारक नहीं होता।
40 से कम उम्र के युवा पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले लगभग नही के बराबर देखने को मिलते हैं। लेकिन 50 वर्ष की उम्र के बाद प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा बहुत तेजी से बढ़ता है। पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के 10 में से 6 मामले 65 वर्श के बाद होते हैं। अफ्रीकी - अमेरिकी पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले अधिक होते हैं जबकि एशियाई पुरुषों में इसके मामले कम होते हैं। प्रोस्टेट कैंसर कुछ परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है, जिससे पता चलता है कि कुछ मामलों में यह वंषानुगत या आनुवांशिक कारकों के कारण भी हो सकता है। किसी व्यक्ति के पिता या भाई के प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित होने पर उसमें यह बीमारी होने का खतरा दोगुना हो जाता है। वैज्ञानिकों ने वंषानुगत जीन में कुछ ऐसे परिवर्तन पाये हंै जो प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। लेकिन ये शायद प्रोस्टेट कैंसर के कुल मामलों में से कुछ प्रतिशत के लिए जिम्मेदार होते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर में आहार की सटीक भूमिका का स्पष्ट रूप से पता नहीं है, लेकिन इसे संबंध में कई कारकों का अध्ययन किया गया है। जो पुरुष लाल मांस या अधिक वसा वाले डेयरी उत्पादों का बहुत अधिक सेवन करते हैं, उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना थोड़ी अधिक होती है। ऐसे पुरुशों में कम फलों और सब्जियों के सेवन करने की भी प्रवृति होती है। डॉक्टर इसे लेकर ज्यादा आष्वस्त नहीं हैं कि इन कारकों में से कौन से कारक इस खतरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। प्रोस्टेट कैंसर का वास्तविक कारण ज्ञात नहीं है, इसलिए इस समय इस बीमारी के अधिकतर मामलों को रोकना संभव नहीं है। प्रोस्टेट कैंसर के खतरे पर शारीरिक वजन, शारीरिक गतिविधि, और आहार के प्रभाव स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ चीजों पर अमल कर प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। |
कम प्रतिशत आने पर भी छात्राएं संवार रहीं हैं अपना भविष्य – RB News India Group || rbnewsindiagroup.com
ग्वालियर। जिले के अंतर्गत घाटीगांव में संचालित शासकीय अनुसूचित जाति, जनजाति बालिका छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं के परीक्षा में कम प्रतिशत आने पर छात्रावास प्रबंधन ने नियमों का हवाला देकर बालिकाओं को प्रवेश से बेदखल कर दिया।जिसमें से 16 बालिकाएं बेहद गरीब परिवार से थीं वे किसी भी स्थिति में इस सुविधा से वंचित होकर आगे की पढ़ाई की व्यवस्था कर पाने में असमर्थ थीं। इस हेतु बालिकाओं का परिवार भी अधिकारियों के समक्ष प्रवेश के लिए गुहार लगाता रहा।
यह उनके भविष्य से जुड़ा मामला था। धीरे – धीरे यह बात बाल अधिकारों पर कार्य करने वाली गोपाल किरन समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के पास पहुंची। संस्था के लगातार प्रयास के संस्था की टीम ने विजिट किया। टीम में जहाँआरा, श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, युवराज खरे, राजेन्द्र सिंह थे।
बालिकाओं की इस बात का वीडियो क्लिप जहाँआरा जी सामुदायिक संवाददाता, वीडियो वॉलेंटियर श्रीप्रकाश सिंह निमराजे की मदद से तैयार किया ताकि वे पैरवी में इसका उपयोग कर सकें। श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने भोपाल में आयोजित चाइल्ड राइट ऑब्ज़र्वेटरी की कार्यशाला में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष इन मुद्दे को उठाया।
उनकी इस समस्या को लेकर जहाँआरा,
दाता वीडियो वोलेंटियर, श्रीप्रकाश सिंह निमराजे कलेक्टर से मिले और बालिकाओं के भविष्य को बचाने के लिए छात्रावास में नियमों में शिथिलता बरतते हुए प्रवेश देने का निवेदन किया, कलेक्टर ने सहायक आयुक्त से कहकर बालिकाओं को प्रवेश दिलाया। इस प्रकार संस्था ने बालिकाओं को प्रवेश दिलाकर ड्रॉप आउट होने और भविष्य खराब होने से बचाया। |
मुंबई में बिजली बिल के झटके, ऑडिट के आदेश
मुंबई में बिजली बिल के झटके, ऑडिट के आदेश
प्रकाशित Tue, 04, 2018 पर 11:31 | स्रोत : CNBC-Awaaz
मुंबई में अचानक बढ़े बिजली के बिल ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। जन आक्रोश को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अदानी इलेक्ट्रिसिटी की ऑडिटिंग का निर्देश दिया है। इधर पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी मौसम में बदलाव और रेगुलेटर की रिवाइज्ड रेट्स का हवाला दे रही है।
अडानी इलेक्ट्रिसिटी का कहना है कि महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलटरी कमिशन के हिसाब से चल रहे हैं और इस साल मौसम में बदलाव की वजह से बिजली की खपत भी 18 फीसदी तक बढ़ गई है लेकिन मलाड में रहने वाली प्रीति शाह का कहना है की पिछले साल और इस साल की खपत लगभग एक जैसी रही है। समस्या किसी एक की नहीं, घर घर की है। ऐसे में अब राजनेता भी मैदान में आ गए हैं। सरकारी जांच की बात से विपक्ष संतुष्ट नहीं। विपक्ष तो जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठा रहा है।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा अदानी इलेक्ट्रिसिटी की जांच निर्देश का नतीजा क्या निकल के आता हैं ये तो वक़्त ही बताएगा। बहरहाल मुंबई के लोगों को बिजली की तारे नहीं बल्की बिजली की बिल्स 440 वोल्ट का झटका जरूर दे रहा हैं। |
अटल जी के निधन से राष्ट्र को अपूर्णनीय क्षति - शिवपाल यादव
लखनऊ 16 अगस्त, 2018 समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के निधन पर हार्दिक शोक व्यक्त करते हुए इसे राष्ट्रीय क्षति बताया है।
श्री यादव ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संदेश में कहा कि अटल जी देश के ओजस्वी वक्ता एवं मुधुरभाषी, सादगी पसन्द थे। लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्य उनके भाषण को अन्तन्त ध्यान से शांतिपूर्वक सुनते थे। उनके निधन से राष्ट्र को अपूर्णनीय क्षति हुई है। देश ने अपना एक महान नेता खो दिया है।
साथ ही पूर्व लोक निर्माण मंत्री ने अपने ट्वीटर संदेश में यह भी कहा कि 'हम सब के लिए ये दुखदायी क्षण है। देश ने एक करिश्माई व्यक्तित्व को खो दिया है।विरले राजनेता,प्रखर वक्ता व कवि अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व देश के राजनीतिक इतिहास में शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है। मैं उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।' |
दीपावली प्रकाश का पर्व समाज को आलोकित करता है:संत श्रीपाल - स्वतंत्र प्रभात
दीपावली प्रकाश का पर्व समाज को आलोकित करता है:संत श्रीपाल
शिव सत्संग मण्डल के आद्य परमाध्यक्ष संत श्रीपाल ने कहा कि दीपावली प्रकाश उत्सव है,जो सत्य की जीत व आध्यात्मिक अज्ञान को दूर करने का प्रतीक है। यह एक बहुत लोकप्रिय त्यौहार है।जो समाज को आलोकित करता है।
ग्राम पुरवा पिपरिया में गेंदनलाल द्वारा आयोजित दीपोत्सव में उन्होंने कहा कि भारत के सभी त्यौहारों में सबसे सुन्दर दीवाली प्रकाशोत्सव है।जिसमें गलियां दीपकों की पंक्तियों से प्रकाशित की जाती हैं तथा घरों को रंगों व मोमबत्तियों से सजाया जाता है। यह त्यौहार दर्शनीय आतिशबाजी और परिवार व मित्रों के साथ विभिन्न प्रकार की मिठाइयों के साथ मनाया जाता है।
संत प्रवर ने बताया कि यह प्रकाश पर्व, आतिशबाजी, खुशी व आनन्दोत्सव दैव शक्तियों की बुराई पर विजय का सूचक है।यह पर्व धन और समृद्धि का प्रतीक हैं।
दक्षिण में, दीपावली त्यौहार अक्सर नरकासुर, जो असम का एक शक्तिशाली राजा था, और जिसने हजारों निवासियों को कैद कर लिया था, पर विजय की स्मृति में मनाया जाता है। ये श्री कृष्ण ही थे, जिन्होंने अंत में नरकासुर का दमन किया व कैदियों को स्वतंत्रता दिलाई। विजयोल्लास के साथ ईश्वरीय स्मृति के तिलक को अपने मस्तक के अग्रभाग पर लगाते हैं। धर्म-विधि के साथ स्नान करते हैं, स्वयं पर चन्दन का टीका लगाते हैं। मन्दिरों में पूजा अर्चना के बाद फलों व बहुत सी मिठाइयों के साथ बड़े पैमाने पर परिवार का जलपान होता है।
संत ने कहा कि प्रभु ने, समाज के निम्न वर्ग के अंधकार को दूर करने के लिए उसे ज्ञान का दीपक प्रदान किया। उसने, उसे यह आशीर्वाद भी दिया कि वह वर्ष में एक बार अपनी जनता के पास अपने एक दीपक से लाखों दीपक जलाने के लिए आएगा ताकि दीवाली की अंधेरों रात को, अज्ञान, लोभ, ईर्ष्या, कामना, क्रोध, अहंकार और आलस्य के अंधकार को दूर किया जा सके, तथा ज्ञान, विवेक और मित्रता की चमक लाई जा सके। आज भी प्रत्येक वर्ष दीवाली के दिन एक दीपक से दूसरा जलाया जाता है, और बिना हवा की रात में स्थिर जलने वाली लौ की भांति संसार को शांति व भाइचारे का संदेश देती है।
इस आध्यात्मिक दीपावली कार्यक्रम में जिला महामंत्री रविलाल, व्यस्थापक यमुना प्रसाद,प्रचारक प्रेम कुमार,हरिश्चंद्र, लालाराम, महेश,रामौतार, पप्पू,समेत आसपास के गांवों के अनेक सत्संगीजन शामिल रहे।इस धार्मिक कार्यक्रम का शुभारंभ,गेंदनलाल ने दीप प्रज्वलित कर सामूहिक ईश प्रार्थना से किया।समापन प्रकाश स्वरुप परमेश्वर का सामूहिक ध्यान करके किया गया।
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किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने सरकार के साथ नौवीं वार्ता की रस्मअदायगी ख़त्म होने के बाद कहा कि बातचीत 120 प्रतिशत असफल रही है। वहीं केंन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तौमर पुराने वक़्त में दूरदर्शन में समाचार पढ़ने की भाव भंगिमा लिए हुए (हमें किसी से कोई लेना-देना नहीं वाली) हमेशा की तरह ढीठता से दोहराते हैं कि वार्ता सकारात्मक रही। हम खुले मन से कानूनों में संशोधन के प्रस्तावों पर ग़ौर करने को तैयार हैं। तोमर ने 19 तारीख़ की सरकार की किसानों के साथ फिर तय हुई मुलाक़ात को इस तरह बयान किया जैसे किसानों की विनती पर वो फिर बात करने को मान गए। वरना हमें क्या…
डॉ. दर्शन पाल बताते हैं कि सरकार किसानों से कहती है आपके लिए जो कानून काले हैं हमारे लिए वो गोरे हैं। रिपील की जगह कुछ और सुझाओ। यानि ग्रे एरिया खोजो। इस बार किसानों ने इसेन्शियल कमोडिटी एक्ट के दो क्लाज़ हटाने की बात की जो सरकार ने जोड़े हैं। मीटिंग में तोमर को कुछ नहीं सूझा बाद में बयान आया कि इस बारे हम कुछ नहीं कर सकते। ये तो बहुत ज़रूरी क्लाज़ है। यानि देश के सारे अनाज-वस्तुओं की क्रीम अंबानी-अडानी के गोदामों में ही जमा होनी है। वही तय करेंगे कि कौन कितना गोरापन चाहता है। यानि पेट की भूख, धन की लूट से एकबार फिर माथापच्ची करके बैरंग लौट गई। फिर किसान, सरकारी गुरूर की बेरहम, सर्द खुली खिड़की पर अपने मजबूत इरादों के गर्म कम्बल डाल कर अपने तंबुओं को लौट गए।
मोदी के मन की खिड़की रास न आए तो बोबडे की परोसो। जबकि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बोबडे को भी किसानों की पीड़ा समझने के लिए नहीं अपने मन की संतुष्टि के लिए ही कमेटी की ज़रूरत महसूस होती है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मार्कण्डेय काटजू सवाल कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट कमेटी बनाकर पंचायती-नेतागीरी करने में क्यों लगा है? जबकि उसका काम सिर्फ इन तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को आंकना है।
वैसे मोदी सरकार में जजों को संविधान-कानून, निष्पक्षता को एकतरफ रख कर पंचायती-नेतागीरी करने की लत लग गई है। हम देख चुके हैं किस तरह चीफ जस्टिस रंजन गोगाई बाबारी मस्जिद मामले में पंचायती करके राम मंदिर बनवा गए और इसी नेतागीरी की वकालत करने राज्य सभा की कुर्सी से जा चिपके। सवाल है कि क्या राम मंदिर बनवाने, शाहीनबाग़ उजड़वाने, धारा 370 को दफनाने जितना ही आसान होने जा रहा है इन तीन काले कृषि कानूनों की पंचायती कर देश के हर घर को बर्बादी की चादर से ढक देना। जबकि इस चादर को तार-तार करने के लिए पंजाब-हरियाणा के साथ अब देशभर के किसान-मेहनतकश, औरतें-बच्चे-बुर्जुग-नौजवान एक आवाज़, एक कदम ताल से आगे बढ़ते ही जा रहे हैं।
दिल्ली पहुंचे जत्थों को कुछ किसानों का विरोध कहकर सरकार ने हलका करने की कोशिश की है। पहले सरकार ने कहा कि सिर्फ़ पंजाब के किसान और वो भी अमीर किसान कानूनों का विरोध कर रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर की कुर्सी ख़तरे में पड़ने और उत्तर प्रदेश के किसानों के दिनों-दिन आंदोलन में भारी मात्रा में दिल्ली पहुंचने, इन सभी के बार्डरों पर अड़े रहने और सोशल मीडिया में छा जाने के बाद अब सरकार कह रही है कि सिर्फ दो-तीन प्रदेशों के किसान ही विरोध में हैं।
जो खबरें आ रही हैं उससे लग रहा है कि 26 जनवरी तक सरकार ये भी मानने को मजबूर होगी कि देश के हर राज्य में किसान ही नहीं बल्कि सभी नागरिक किसानों के सर्मथन में और सरकार के विरोध में उतर चुके हैं। एक तरफ किसानों का दिल्ली आना लगातार जारी है और दूसरी तरफ जो जहां है वहीं संघर्ष तेज करे कि तर्ज पर किसान आंदोलन समर्थन समीतियां बनाई जा रही हैं।
ऐसी ही एक समिति अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की उत्तर प्रदेश, लखनऊ में 12 जनवरी को लोहिया मजदूर भवन, नरही में बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता शिवाजी राय ने की। बैठक में केन्द्रीय वर्किंग ग्रुप के सदस्य अतुल अंजान महासचिव एआईकेएसए डा. आशीष मित्तल महासचिव एआईकेएमएस, रिचा सिंह एनएपीएम मौजूद थीं।
समिति के संयोजक शिवाजी राय ने जनचैक को बताया कि ये समितियां किसान आंदोलन के केन्द्रीय मोर्चे की घोषणाओं को देश भर में लागू करने के साथ-साथ अपने स्तर पर भी आंदोलन को मजबूत करने के लिए काम करेंगी। गांव-शहर के घर-चैराहों, बाज़ारों में जाकर सरकार के तीनों काले कृषि कानूनों के बारे में बताएंगी। पर्चे बांटे जाएंगे, सभाएं की जाएंगी। सरकार के हर झूठे प्रचार का मुंहतोड़ जवाब दिया जागा।
सभी इलाकों से दिल्ली धरने में भाग लेने के लिए जत्थे भेजे जाएंगे। केंन्द्रीय नेतृत्व् के तय कार्यक्रम के मुताबिक 13 जनवरी को कानून की प्रतियां जलाई गईं। 18 तारीख़ को महिला किसान दिवस मनाया जाएगा। 23 को सुभाष जयंती कार्यक्रम होगा और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और किसानों के योगदान पर दोपहर बाद गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक इन काले कानूनों का विरोध हो रहा है। इन कानूनों से सारा अनाज अंबानी-अडानी के गोदामों में चला जाएगा। गैस अंबानी के पास चला गया तो सब्सिडी गई। अनाज अगर उपलब्ध नहीं होगा तो सबसे बड़ा संकट महिलाओं के लिए होगा। बच्चा अपनी हर ज़रूरत के लिए मां के पास जाकर रोता है। मां से खाना मांगता है। फूड स्क्यिोरिटी बिल का संकट मां के पास खड़ा होगा। पिता के पास नहीं। ये बहुत संवेदनशील मामला है। इसलिए ये देश का एक सामाजिक आंदोलन बन गया है। अब ये केवल राजनीतिक, आर्थिक नहीं सामाजिक अर्थशास्त्र का सवाल है।
सवाल: सरकार कह रही है कि वो तो सब्सिडी का अनाज खरीदेगी। फिर ये दिक्कत क्यों होने लगी?
शिवाजी राय: कानून कह रहा है कि नहीं खरीदेंगे। हम कानून का लिखा माने कि सरकार का मुंह से बोला हुआ माने। 1955 में अनाज को आवश्यक वस्तु के दायरे में लाया गया। ताकि आवश्यक वस्तु की सूची की वस्तुओं की कोई जमाखोरी न कर सके। इसीलिए सरकार राशन की दुकान पर जीने के लिए आवश्यक वस्तु गेहूं, चीनी, दाल, नमक, मिट्टी का तेल देती थी। फिर फूड स्क्यिोरिटी एक्ट बना। जिसमें कहा गया कि उन तमाम लोगों को भी अनाज दिया जाएगा जो गरीब हैं, बीपीएल हैं, अन्तोदय हैं। अन्तोदय में बिना पैसे के भी अनाज दिया जाता है। तो सरकार ये सब तब देती थी जब आवश्यक वस्तुओं के दायरे में ये सब आया। अब जब आवश्यक वस्तु के दायरे से तमाम चीज़ों को बाहर कर दिया गया है। और सेठ जितना चाहे उतना भंडारण कर सकता है। काला बाज़ारी की खुली छूट दी जा रही है तो आप क्या समझते हैं इससे? यही ना कि सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। आप झूठ बोलते रहिये कि जिम्मा लिया हुआ है। कानून कह रहा है कि नहीं लिया है।
सवाल: सरकार इन तीन कानूनों को कड़वी दवाई बता रही है। जिसे देश और किसानों को आंख-नाक बंद करके पी जाना चाहिये। आंदोलन करने वाले समझ ही नहीं रहे कि बाद में ये कड़वाहट मिठास में बदलने वाली है।
शिवाजी राय: इस देश में जिनको किसान, गरीब कहते हैं उन्हीं किसानों – गरीबों के बीच से आईएएस, पीसीएस अफसर, प्रोफेसर, वकील, जज, इंजीनियर, डॉक्टर सब पैदा हुए हैं। तो क्या ये सारे पढ़े-लिखे बच्चे अपने मां-बाप को नहीं समझा पा रहे हैं कि ये बिल तुम्हारे खि़लाफ़ हैं। उन्होंने बताया है तभी तो बैठ गए सब सड़क पर। अब खाली मोदी और उसकी सरकार ही नहीं समझ पा रहे हैं। बाकी सब जनता समझ गई है। प्रेमचंद ने अपने उपन्यास गोदान में किसान के मज़दूर बनने की परिस्थियों का वर्णन किया है। भाजपा सरकार के तीनों काले कानून किसानों को मज़दूर नहीं खानाबदोश बना देंगे।
नोट कर लीजियेगा, जनसंघ-आरएसएस के लोगों का कभी मज़दूरों, किसानों से वास्ता नहीं रहा है। इनका इतिहास रहा है किसान, मज़दूर, कर्मचारी के खिलाफ़ कानून बनाने का। उदाहरण देख लीजिये -अटल बिहारी वाजपेयी ने पेंशन खत्म कर दी। कंपनियों और सरकार में वीआरएस लागू कर दिया। कर्मचारियों को संविदा पर रखने का कानून ले आए। विनिवेश मंत्रालय बनाया, कंपनियां बेचने का कानून बनाया, बाल्को, भेल को बेचने का प्रस्ताव अटलबिहारी वाजपेयी के समय आया। अरुण शौरी इसके गवाह हैं जो विनिवेश मंत्रालय के मंत्री बनाए गए।
सवाल: बीजेपी का आरोप है कि आंदोलन किसान नहीं कांग्रेसी, वामपंथी चला रहे हैं।
शिवाजी राय: भारत के संविधान ने हर आदमी को अधिकार दिया है कि वो संगठन बना सकता है। और उसके मानक भी दिए हुए हैं। कम्युनिष्ट अगर हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन चुनाव आयोग में है। अपराधी तो वो हैं जो कह रहे हैं कि कम्युनिष्ट आए हुए हैं या कांग्रेसी आए हुए हैं। देश के इतिहास में कांग्रेस ने देश को आज़ाद करवाया। इतिहास गवाह है कि देश की आज़ादी में कम्युनिष्ट पूरी ताकत के साथ आगे रहे। कितने फांसी पर चढ़े।
100 साल में भाजपा वाले अपने आकाओं को मैदान में लेकर नहीं आ पाए। ये षड्यंत्र करते हैं। इतिहास गवाह है सावरकर ने अंग्रेज़ों से छह बार माफ़ी मांगी थी। क्या हमें इनको सफाई देने की ज़रूरत है कि हम देशभक्त हैं कि नहीं हैं। इनको सिद्ध करना है कि ये देशभक्त हैं।
ये पटेल को लेकर आते हैं। गांधी का चश्मा लाते हैं। गांधी, पटेल से इनका क्या लेना-देना। ये विवेकानंद से चिपकते हैं। विवेकानंद कहते हैं – ''मैं उस ईश्वर की पूजा करता हूं जिसे अज्ञानी लोग मनुष्य कहते हैं"। उन्होंने आदमी को ईश्वर माना है। ये तो आदमी को आदमी नहीं मानते।
इस कानून के खि़लाफ़ त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय, कश्मीर में आंदोलन चल रहा है। केरल के लोग दिल्ली आए हुए हैं। उन्होंने मदद भी भेजी है। तो क्या केरल के लोग आतंकवादी हैं। वहां कम्युनिष्ट पार्टी की सरकार नहीं है क्या? बंगाल में ममता ने कहा हम ये कानून रद्द करेंगे, तो क्या ममता आतंकवादी है। पंजाब, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ ने कानून का विरोध किया। उन्होंने बताया कि ये हमारा राज्यों का अधिकार है। आप जिस पर कब्ज़ा कर रहे हैं। कोरोना का बहाना लेकर ये जनता का सारा हिस्सा छीनकर अंबानी-अडानी को दे देंगे पर ये आतंकवादी नहीं हैं। हमें इनके और इनके द्वारा चलाई जा रही मीडिया के सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं है। ये देश के शत्रु हैं। आज़ादी की लड़ाई में भी इन्होंने देश के साथ शत्रुता की है। आज़ादी की लड़ाई में ये अछूत घोषित कर दिए गए थे। आज भी ये अछूत थे। मोदी अंबानी-अडानी की कृपा से देश का प्रधानमंत्री बन गया। इनको कंपनियों की बदमाशी की वजह से मान्यता मिल गई। अब जनता सब समझ रही है कि उसका वोट ठग लिया गया है।
कंपनियां किसी की नहीं होतीं। दुनिया की फासीवादी ताकतों का इतिहास रहा है कि कंपनियां ही उनको बनाती हैं और वो ही बिगाड़ती हैं। कंपनियों ने हिटलर-मुसोलिनी को बनाया, बर्बाद किया। अंग्रेजों को डंडा मारकर लोगों ने भगा दिया। जहां तक कुर्बानी का सवाल है जलियांवाला बाग में जो लोग मरे उसमें एक भी आरएसएस का नहीं होगा। चौरी-चौरा, मधुबनी में एक भी नहीं मरा होगा। आजादी की लड़ाई में एक भी आदमी के जेल का इतिहास नहीं है। जो गया उसने माफी मांग ली। इदिरा गांधी ने इमरजेंसी में जब जेल भेजा तो इनके मुखिया ने बाहर आकर माफी मांगी। ये कभी आंदोलन में नहीं रहे। जनता के साथ हमेशा षड्यंत्र किया है।
इन्होंने धन्ना सेठों का माल खाया है और मज़दूर किसानों के साथ षड्यंत्र किया है। एक प्रतिशत लोगों के पास देश की 73 प्रतिशत पूंजी चली गई। ये आंकड़े कहते हैं। और ये उन एक प्रतिशत के साथ जाकर खड़े हो गए। हमारा माल तो लुटवा दिया। इस बार इनको मज़ा चखा दिया जाएगा।
अब ये इस चक्कर में न रहें कि सिर्फ किसान लड़ रहा है। इन्होंने छ सालों में जिनके-जिनके ऊपर हमला किया है। वो सब मैदान में हैं। नौजवानों को बेरोज़गार बनाया है। छोटे व्यापारियों को बर्बाद किया। छात्रों की पूरी पढ़ाई खत्म कर दी। मजदूरों के हित के श्रम कानून सब ख़त्म कर दिए। महिलाओं पर इन्होंने हमला बोला है। इन्होंने हमारे समाज में हिंदू-मुस्लिम विभाजन किया। अब इस लड़ाई में हिंदू-मुस्लिम एका हो गया है। लोग इनकी चालों को अब समझ गए हैं। बंगाल में मज़दूर-किसान के आंदोलन की वजह से ये गायब हो जाएंगे।
असम में आंदोलन चल रहा है। पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ से गायब हो गए हैं। जहां ज़मीन तलाश रहे हैं वहां इनको मिलनी नहीं है।
शिवाजी राय ज़ोर देकर कहते हैं कि 'मेरी पॉलिटिकल एनालिसिस है। मैं दावा करता हूं, मोदी के सांसद भागेंगे। इसी पार्लियामेंट में इनके खि़लाफ महाभियोग आएगा। किसान जीतेगा इसमें दो राय नहीं है। देश जनता से बनता है। इन्होंने जनता के विरोध में काम किया है। ये पक्का देश विरोधी काम है। इसलिए इनको जाना है, इनका मामला अब खत्म।"
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Ear buds for wax removal: कही आप भी कान ऐसे साफ करने की गलती नहीं कर रहे? - Awesomekhabar
Ear buds for wax removal: कान हमारे शरीर का एक बेहद संवेदनशील अंग है. इसके साथ कुछ भी ऐसा न करें कि आपको लेने के देने पड़ जाएं. कान में मैल जम जाना या ईयर वैक्स हो जाना एक सामान्य बात है. ईयर वैक्स कान की नलिका को धूल-मिट्टी एवं बैक्टीरिया पनपने से रोक कर कान को सुरक्षा प्रदान करता है.
काफी लोगो की आदत होती है अपने कान की सफाई करने की, अगर आप में भी यी आदत तो अभी बदल लीजिए. ऐसे में आप किसी इयर बड, रूई या तीली की सहायता से इसको बाहर निकालने का प्रयास करने लगते हैं, लेकिन ऐसा करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है.
क्या कहते है ईएनटी डॉक्टर क्यों होता है नुकसानदायक – Ear buds for wax removal:
ईएनटी डॉक्टर की मानें तो कॉटन बड्स से कान साफ करने को हम बिल्कुल मामूली बात समझते हैं, और कई बार तो बिना वजह ही हम कान साफ करने लगते हैं। लेकिन बार-बार कान खोदने से कान के अंदर की नसें प्रभावित होती हैं, नसों में दिक्कतें आती है.
कॉटन बड्स से कई बार मैल बाहर निकलने के बजाय अंदर पुश होकर पर्दे तक पहुंच जाता है। इससे कम सुनाई देना, कान में सीटी बजने जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।
इयर बड जैसी कोमल चीज भी कान का पर्दा को नुकसान पहुंचा सकती है, क्योकि कान का पर्दा काफी नाजुक होता है. इससे कान के अंदर की स्किन छिल सकती है।
कान की सफाई दौरान इयर बड की रूई कान के अंदर रह जाने से नहाने के दौरान कान में गया पानी रुई सोख लेगी है और फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।
अनजाने में इयर बड या तीली कान के काफी अंदर तक चला जाता है और कान के पर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है।
इयर बड से मैल निकालने की कोशिश में कान में खुजली हो सकती है। इससे बार-बार कान में कुछ न कुछ डालने की आदत पड़ सकती है।
पुरानी और गंदी इयर बड से मैल निकालने की कोशिश में कान में और गंदगी जा सकती है। इससे इन्फेक्शन हो सकता है।
ईयर वैक्स कान की नलिका को धूल-मिट्टी एवं बैक्टीरिया पनपने से रोक कर कान को सुरक्षा प्रदान करता है. इसे साफ कर देने से गंदगी पर्दे तक पहुंचकर नुकसान कर सकती है।
बार-बार इयर बड डालने से कान की नली का छेद चौड़ा हो जाता है. इससे कान में ज्यादा धूल-मिट्टी जाकर नुकसान पहुंचा सकती है।
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Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami Uttarkashi Visit Ann | सीएम धामी ने उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त इलाकों का किया निरिक्षण, बोले
Home/States/Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami Uttarkashi Visit Ann | सीएम धामी ने उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त इलाकों का किया निरिक्षण, बोले
सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी का दौरा: उत्तरकाशी के मौसम में पुनश्चर सिंह ने उत्तरकाशी के धुरंध्र हवा का प्रवाहकीय प्रवाहित किया है। फिक्सिंग के बाद स्थिति को निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सामान्य लोगों ने भी जिन लोगों को निर्देशित किया गया था, वे सभी लोगों को ठीक करने के लिए निर्देशित किए गए थे। ।
निरंतरता की समीक्षा करें
धामी ने कहा कि आमजन को अपनी समस्याओं के हल के लिए परेशान ये सभी प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्थित होते हैं। । सुरक्षा में शामिल होने पर ही उन्हें ठीक किया गया था और उन्हें ठीक किया गया था।. कहा I इस बात की समीक्षा की जाने के लिए समय की समीक्षा की जाती है।
मध्य पष्कर सिंह व्यावसायिक विज्ञान में व्यावसायिक रूप से भिन्न होता है और व्यावसायिक रूप से भिन्न होता है। व्यवसाय व्यवसाय और अन्य व्यवसाय व्यवसाय व्यवसाय, व्यवसाय व्यवसाय और अन्य संबंधित व्यवसाय.
अर्थव्यवस्था सहायता सरकार
आर्थिक सहायता के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए आर्थिक सहायता की आवश्यकता होगी। व्यापार व्यापार लाभ के लिए सक्षम है। कुल रजिस्टर्ड 630 रिवरेबल्स को 10000.
उत्तरकाशी उत्तरकाशी में बादल फटा उत्तरकाशी में भारी बारिश उत्तरकाशी वर्षा उत्तराखंड उत्तराखंड बादल फटना उत्तराखंड बारिश उत्तराखंड मानसून उत्तराखंड मानसून बारिश उत्तराखंड में बारिश उत्तराखंड मौसम उत्तराखंड मौसम अपडेट डेरेन देहरादून देहरादून समाचार पुष्कर सिंह धामी मानसून वर्षा सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी का दौरा
राजधानी पटना में दुस्साहसः दोस्त के साथ खड़े दुकानदार की गोलीमार कर हत्या, बिग बाजार के सामने वारदात |
भाजयुमो ने राज्यसभा सांसद को जगाने किया प्रदर्शन, सोशल डिस्टेंस का जमकर उल्लंघन
Home मध्यप्रदेश जबलपुर भाजयुमो ने राज्यसभा सांसद को जगाने किया प्रदर्शन, सोशल डिस्टेंस का जमकर...
जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना काल में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने सोशल डिस्टेंस की जमकर धज्जियां उड़ाई। ये लोग भीड़ जुटाकर राज्यसभा सांसद विवेक तंखा के बंगले का घेराव करने जा रहे थे। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने बीच रास्ते में ही प्रदर्शनकारियों को रोक दिया।
भारतीय जनता युवा मोर्चा ने कहा है कि बीते 6 महीने से राज्यसभा सांसद विवेक तंखा जबलपुर से बाहर हैं। भाजुयमो नगर अध्यक्ष रंजीत पटेल ने कहा कि उन्होने सांसद को जगाने के लिए प्रदर्शन किया। सोशल डिस्टेंस के उल्लंघन को लेकर रंजीत पटेल ने सफाई देते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक लिया था इस वजह से सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पाया। अब भले ही भाजयुमो इसे लेकर कुछ भी कहे, लेकिन ऐसे समय जब कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, इस तरह सोशल डिस्टेंस की अवहेलना एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
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यदि आपका Mac स्टार्ट अप होते समय रुकता है या विलंब देता है - Apple Support (IN)
यदि आपका Mac स्टार्ट अप होते समय रुकता है या विलंब देता है
यदि आपका Mac फ़्रीज़ होता है, फ़्लैश करता हुआ प्रश्न चिह्न दिखाता है, या स्टार्ट अप करते समय विलंब देता है, तो हो सकता है कि आपको एक भिन्न स्टार्ट अप डिस्क को चुनना पड़े या अपनी हार्ड डिस्क रिपेयर करनी पड़े।
नोट : इन निर्देशों को प्रिंट करने के लिए, कमांड-P दबाएँ।
यदि आपका Mac थोड़ी देर के बाद स्टार्ट होता है या स्टार्ट होते समय प्रश्न चिह्न प्रदर्शित करता है, तो आपको स्टार्टअप डिस्क को चुनना पड़ सकता है। Apple मेनू > सिस्टम प्राथमिकता चुनें, स्टार्टअप डिस्क पर क्लिक करें, फिर डिस्क चुनें।
महत्वपूर्ण : यदि आपके पास Apple T2 chip वाला Mac है, तो स्टार्टअप डिस्क को बदलने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा फ़ीचर सेट करना पड़ सकता है। देखें स्टार्टअप सुरक्षा यूटिलिटी क्या है?
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गोवा: पणजी विधानसभा उपचुनाव के लिए मनोहर पर्रिकर ने दाखिल किया नामांकन - Big News
गोवा: पणजी विधानसभा उपचुनाव के लिए मनोहर पर्रिकर ने दाखिल किया नामांकन
August 2nd, 2017 ABP News Goa, India, Latest
पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज पणजी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिये अपना नामांकन दाखिल किया. पणजी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 23 अगस्त को होना प्रस्तावित है. पर्रिकर आज सुबह चुनाव आयोग के ऑफिस पहुंचे और अपने नामांकन संबंधी दस्तावेज जमा किये. इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे.
"ठीक एक साल बाद पूरी हो जाएगी योजना"
पर्रिकर ने नामांकन से पहले अपने समर्थकों से कहा, ''28 अगस्त को चुनाव परिणाम आने के बाद पणजी के लिये 365 दिन की कार्ययोजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया जाएगा. इस योजना की उल्टी गिनती 29 अगस्त से शुरू हो जाएगी और ठीक एक साल बाद यह योजना पूरी हो जाएगी.''
उन्होंने कहा कि विकास, अवसंरचना, शिक्षा का विकास और पणजी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की अन्य समस्याओं का निदान एक साल के अंदर कर लिया जाएगा अथवा उन पर काम शुरू कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्रवाई योजना के तहत बिजली, पानी, नाली, कूड़ा और अन्य समस्याओं को भी कार्ययोजना के अंतर्गत माना जाएगा.
नामांकन से पहले मंदिर और चर्च भी गए पर्रिकर
नामांकन दाखिल करने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पणजी में स्थित महालक्ष्मी मंदिर और इमैक्यूलेट कॉन्सेप्शन चर्च भी गये. इस सीट से वह 1994 से 2014 तक निर्वाचित हो चुके हैं.
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बीजेपी गोवा फारवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से एक गठबंधन कर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाने में सफल हो गयी थी.
पर्रिकर ने 14 मार्च को ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ
बीजेपी की गोवा में सरकार बनने के बाद पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और गोवा के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने इसी साल 14 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. मुख्यमंत्री का प्रभार संभालने के बाद उन्हें छह माह के अंदर विधानसभा के लिए निर्वाचित होना था. पर्रिकर के सामने कर्चोरेम या पणजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की गई और उन्होंने पणजी को चुना जिसे उनका गढ़ माना जाता है.
पणजी और वालपोई सीट पर 23 अगस्त को उपचुनाव होगा. पणजी सीट से बीजेपी के विधायक सिद्धार्थ कुनकोलीएंकर ने और वालपोई सीट से कांग्रेस के विश्वजीत राणे ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद इन सीटों पर उपचुनाव कराया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि कुनकोलीएंकर ने पर्रिकर के लिए सीट खाली करने के लिए इस्तीफा दिया. |
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ट्रक में छिपाकर हरियाणा से पटना ले जाई जा रही 22 लाख की शराब बरामद, दो गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश की औरैया जिला पुलिस ने कंटेनर सवार दो तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से हरियाणा से पटना ले जाई जा रही 240 पेटी शराब बरामद की जिसकी
जिंदगी की जंग लड़ रही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) की गैंगरेप पीड़िता (Gang Rape Victim) ने आखिरकार जिंदगी को अलविदा कह दिया।... |
[[चित्र:Dorando Pietri.jpg|thumb| [[1908 के ग्रीष्म ओलंपिक - पुरुष मैराथन|1908 ओलंपिक मैराथन]] में [[डोरंडो पिएत्री]] लड़खड़ाते हुए अंत रेखा तक पहुँचते हुएहुए़़]]
लेकिन 1908 के ओलंपिक मैराथन के रोमांचक अंत से दुनियाभर में मैराथन का बुखार फैल गया। एक अमरीकी दर्शक ने उस समय एक पोस्टकार्ड में यह लिखा कि उसने "अभी अभी पूरी सदी की सबसे महान दौड़ देखी है।"<ref name='Wilcock'>Bob Wilcock, "The 1908 Olympic Games, the Great Stadium and the Marathon, a Pictorial Record" (2008 ISBN 978-0-9558236-0-2){{Page needed|date=September 2010}}</ref> रानी सिकंदरिया समेंत विशाल भीड़, इस छोटे इतालवी [[डोरंडो पिएत्री]] को आखिरी {{convert|385|yd}} में कई बार गिरते, लुढ़कते पुढ़कते देखा, अंततः अधिकारियों द्वारा उठा के दौड़ के अंत तक पहुँचाया गया, और इस बीच [[आइरिश-अमरीकी]] [[जॉनी हेज़]] लगातार और नज़दीक आते गए। डोरंडो को अयोग्य करार दिया गयै और हेज़ को स्वर्ण पदक मिला। लेकिन रानी सिकंदरिया डोरंडो की अवस्था से इतनी विचलित हुईं कि अगले दिन उन्होंने उसे एक चांदी का का कप भेंट किया। |
Siri google assistant simplified banking services
Publish Date:Thu, 21 Jun 2018 12:57 PM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। गूगल के असिस्टेंट, एपल के सिरी या अमेजन के एलेक्सा स्पीकर से कोई भी सवाल पूछिए, ये आपको उसका सटीक जवाब देंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में बड़े बैंकों और वित्तीय संस्थाओं ने एलेक्सा, सिरी और असिस्टेंट के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं भी शुरू की हैं। इसके तहत ग्राहक अपने खाते का बैलेंस पूछ सकेंगे, बिलों का भुगतान कर सकेंगे और कई अन्य बैंकिंग सेवाएं ले सकेंगे। अमेरिका में बैंक और वित्तीय संस्थाएं तेजी से जेले नामक बैंक-टु-बैंक ट्रांसफर सिस्टम अपना रही हैं।
हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक इस व्यवस्था में सुरक्षा की बड़ी चुनौतियां हैं। वे मानते हैं कि वर्चुअल असिस्टेंट और स्मार्ट स्पीकर जैसी चीजें बेहद नई तकनीक हैं। ऐसे में पर्सनल बैंकिंग जैसी बेहद संवेदनशील सेवा ऐसी तकनीकों के जरिये लेने की सबसे बड़ी चुनौती साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी करने की ही है। अमेरिका में सबसे पहले बैंकिंग दिग्गज यूएस बैंक ने इस वर्ष मार्च में सॉफ्ट लॉन्च के तहत एलेक्सा, सिरी और असिस्टेंट के जरिये बैंकिंग सेवा की शुरुआत की थी। इसी महीने से बैंक ने ग्राहकों को यह विकल्प देने की मार्केटिंग शुरू की। क्रेडिट कार्ड कंपनियां कैपिटल वन और अमेरिकन एक्सप्रेस ने एलेक्सा स्किल्स के जरिये ग्राहकों को अपने खाते का बैलेंस और बिल भुगतान करने की सेवा देनी शुरू की है।
यूएस बैंक के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट गैरेथ गैस्टन ने कहा कि फिलहाल यूएस बैंक ने 'बैंक बाय वॉयस' यानी बोलकर बैंकिंग सेवा लेने की व्यवस्था बेहद सीमित रखी है। बैंक के ग्राहक एलेक्सा या गूगल असिस्टेंट से सिर्फ क्रेडिट कार्ड या मॉरगेज की बिल तिथि जान और भुगतान कर सकेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे स्मार्ट स्पीकर से जब बैंकिंग जैसी संवेदनशील सेवा देने की बात है तो मामला बिल्कुल विपरीत होता है। इंटरनेट सिक्योरिटी सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी कैस्परस्की लैब के सिक्योरिटी रिसर्चर कुर्त बॉमगार्टनर ने कहा कि ऐसी सेवाओं के तहत ग्राहकों की आवाज रिकॉर्ड की जा सकती है और उसके जरिए धोखाधड़ी हो सकती है। |
In memory of Dushyant Kumar : Extra ordinary poetry of ordinary life - दुष्यंत कुमार की स्मृति में : साधारण जन-जीवन की असाधारण शायरी
दुष्यंत की गजलों और कविताओं में भारतीय समाज की अभाव-वेदना और दुर्बल वर्गों की निरुपायता के 'मंजर'
आज दुष्यंत कुमार की जयंती है, लेकिन उनकी गजलों की दिलचस्प दुनिया की तरह उनकी जन्म तिथि और उसे लेकर खुद उनकी प्रतिक्रिया बड़ी मजेदार थी. हकीकत में, दुष्यंत कुमार का जन्म 27 सितंबर 1931 को बिजनौर जिले के एक गांव राजपुर नवादा में हुआ था. किन्हीं कारणों से सरकारी अभिलेखों में उनकी जन्म तिथि 1 सितंबर 1933 दर्ज करा दी गई. दुष्यंत कुमार की रचनावली के संपादक विजय बहादुर सिंह ने रचनावाली के पहले खंड में इस वाकये को दर्ज किया है. दुष्यंत कुमार इस बात को यार दोस्तों के बीच बड़े ही मजेदार लहजे में बयां करते थे. कहते कि " महीने की 27 वीं तारीख तक तो जेब खाली हो जाती है. इसलिए जन्म दिन की खुशियां तो पहली तारीख को मिले हुए वेतन पर ही मनाई जा सकती हैं."
भले ही दुष्यंत कुमार यह बात मजाक के लहजे में कहते रहे हों, दुष्यंत की गजलों और कविताओं में भारतीय समाज की अभाव-वेदना और दुर्बल वर्गों की निरुपायता के इतने 'मंजर' भरे पड़े हैं कि लगता है कि खुद दुष्यंत कुमार ने अपने दौर को उन्हीं की नजरों से जिया था. यही कारण है कि सरल हिंदी में कलमबद्ध उनकी गजलें हर उस व्यक्ति और समूह के लिए नारों में तब्दील हो गईं जो परिवर्तनकामी था. अपने परिवेश की बुनियाद को हिलाने की आरजू लिए था.
ये कौन लोग थे जो दुष्यंत कुमार की गजलों में 'गाते गाते' चिल्लाने लगे थे? उनके गजल संग्रह 'साये में धूप' ने हिंदी की गजलकारी में एक ऐसी लकीर खींच दी कि गजल की विधा को लेकर पूरा साहित्य दुष्यंत-पूर्व और दुष्यंत के बाद के खांचे में खुद ब खुद ढल गया. इसका कारण उनकी गजलों की कोई सचेत काव्यगत नक्काशी नहीं थी. वह बड़े सरल शब्दों से कुछ ऐसा कह जाते कि उनकी जुबान एक आम आदमी की व्यथा-वाहक बन जाती. एक भरे पूरे कटाक्ष के साथ, उनकी गजलों का आदमी यकायक सामर्थ्यवान हो उठता है और सीधे-सीधे उन सत्ताओं से सवाल करने लगता है जिन्होंने उनसे यह वादा किया था कि 'कहां तो तय था चिरांगा हरेक घर के लिए, कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए'. वह उस 'आवाज' में 'असर' के लिए बेकरार थे जिसे लेकर दूसरे मुतमइन थे कि पत्थर का पिघलना मुमकिन नहीं था.
दुष्यंत के गीत-गजलें दरअसल 'पत्थर' को पिघलाने की इसी बेकरारी की बजह से कालजयी रचनाओं में परिणित हो गईं. समाज में मानवीय परिवर्तन की कामना करने वाले हर शख्श के लिए जरूरी हो गईं .'साये में धूप' संग्रह की पहली ही गजल में एक कटाक्ष है -
तो उसी गजल में एक और शेर उन 'लोगों' की हालत-बयानी है जो वश-बेवश इस सफर के लिए मुनासिब मान लिए गए हैं. कटाक्ष और करुणा का यह अपूर्व संगम दुष्यंत कुमार की गजलों में हर ओर बिखरा हुआ है.
दुष्यंत कुमार की मूल्य-चेतना के निर्माण में उनकी 'तटस्थ- दया' से घृणा का बड़ा हाथ था. वह ऐसे लोगों पर बरसते थे जो आहतों के लिए 'आह बेचारे' कहकर आगे बढ़ जाते थे. वह इस सुविधावादी मध्यमवर्गीय संवेदना के धुर आलोचक थे. 'आवाजों के घेरे' संग्रह की एक कविता में वह इस स्कूल के विचारकों की खबर लेते हैं-
'इस समर को दूर से देखने वालो,
'आह बेचारे!' कहो..
इन्हें उत्तर दो'
"मैं हूं... मैं दुष्यंत कुमार
होठों से छूने पड़े."
अपने 'जूतों पर नज़र डालकर 'चलते चलते भी उनकी नजरों से कोई नहीं बचा. न सजदे में जिस्म झुकाए, बोझ से दुहरा हुआ इंसान और न वो शरीफ लोग जो 'लहूलुहान नजारों' का 'जिक्र आने पे उठे, दूर जाके बैठ गए.' न वो गड़रिये जिनके लिए उन्होंने 'जलते हुए वन के वसंत ' में कहा था कि 'गड़रिए कितने सुखी हैं! स्वेच्छा से जिधर चाहते हैं ,उधर भेड़ों को हांके लिए जाते हैं.' उनकी नज़र से कोई नहीं बचा, न गूंगे बहरे लोग और न ऐसे लोगों से बसे हुए शहर जहां बारात और वारदात दोनों ने प्रतिक्रिया का एक सा स्तर पा लिया है..
'इस शहर में वो कोई बारात हो या वारदात
अब किसी भी बात पर खुलती नहीं हैं खिड़कियां'
दुष्यंत कुमार की गजलों और कविताओं में 'जनता' के लिए एक डर है. एक जायज डर जो हर लोकप्रेमी सृजनकार के हृदय में रहकर उसे बेचैन रखता है. उनकी यह चिंता उनकी मानवता में अपार आस्था से निसृत होती है. वह लोगों को बांसों की तरह इस्तेमाल होते हुए नहीं देखना चाहते थे. उनकी कविता आदमी को इस्तेमाल किए जाने के विरोध में सृजित होती है; वह साधारण आदमी जिसने |
न्यूज़ 24: जैकलीन फर्नांडिज़ पर आपराधिक केस दर्ज़, जानिए क्यों...
जैकलीन फर्नांडिज़ पर आपराधिक केस दर्ज़, जानिए क्यों...
नई दिल्ली (20 जून) : जॉन अब्राहम, वरुण धवन और जैकलीन फर्नांडिज़ की अपकमिंग फिल्म 'ढिशूम' कानूनी पचड़े में फंस गई है। बता दें कि इस फिल्म के एक गाने में जैकलीन फर्नांडिज़ कमर पर 'कृपाण' जैसी चीज़ बांधे ठुमके लगाती दिख रही हैं। कुछ दिन पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी (डीएसजीएमसी) ने इसे सिख भावनाओं को आहत करने वाला बताते हुए फिल्म के निर्माताओं को नोटिस भेजा था। अब चंडीगढ़ निवासी रविंदर सिंह बस्सी ने इस मामले में फिल्म निर्देशक रोहित धवन, निर्माता साजिद नाडियाडवाला और जैकलीन फर्नांडिज़ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता ने सेक्टर 34 एसएचओ और चंडीगढ़ के एसएसपी को भी सह अभियुक्त बनाया है।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता को प्राथमिक चश्मदीद प्रस्तुत करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को तय की गई है।
ढिशूम 29 जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है। बता दें कि 15 जून को डीएसजीएमसी ने नोटिस भेज कर कहा था कि गाने के वीडियो को हटा दिया जाए या इसे री-शूट करके 'कृपाण' को हटा दिया जाए। सिख संस्था ने फिल्म निर्माताओं से 7 दिन में माफी मांगने को भी कहा था।
इस मुद्दे पर 16 जून को अभिनेता वरुण धवन ने कहा था कि गाने में 'कृपाण' का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि ये अरबी तलवार है। वरुण ने कहा कि वे खुद पंजाबी है और फिल्म के निर्माता रोहित (वरुण के भाई) भी पंजाबी हैं, इसलिए हम ऐसा कुछ गलत करने की सोच भी नहीं सकते। |
उल्लेखनीय है कि कासगंज हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार लगातार गर्म रहा और इसका नुकसान स्थानीय लोगों को भी उठाना पड़ा। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए जिले में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई थी। हालांकि हिंसा के तीन दिन बीतने के बाद यहां अब हालात सामान्य हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर कासगंज हिंसा में राहुल उपाध्याय के मारे जाने के साथ-साथ एक तस्वीर भी वायरल हो रही थी, जिसे उसकी तस्वीर ही बताया जा रहा था, लेकिन इस बीच उस तस्वीर का खुलासा भी हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह तस्वीर मुंबई के एक युवक की है, जिसकी 26 जनवरी को ही सड़क दुर्घटना में मुंबई में मौत हुई। उसका कासगंज तो दूर यूपी से भी कोई लेना-देना नहीं है।
कासगंज हिंसा में नहीं हुई राहुल उपाध्याय की मौत, सामने आकर बताया सच Description: अलीगढ़ में अपने गांव नगला खानजी के रहने वाले राहुल का कहना है कि दंगों के वक्त वह कासगंज में मौजूद ही नहीं थे। Times Now |
meri wife 34 week me h or baby bahut jyada active h wo bahut jyada movement krta hai or bahut der tak krta h kabhi kabhi to aysa lgta h ki wo 10 ya 12 ghanto se movement kiye ja rha h kya baby ka itna movement krna सही h mujhe bahut fikr h is baare me please btaye | Healofy
Question: meri wife 34 week me h or baby bahut jyada active h wo bahut jyada movement krta hai or bahut der tak krta h kabhi kabhi to aysa lgta h ki wo 10 ya 12 ghanto se movement kiye ja rha h kya baby ka itna movement krna सही h mujhe bahut fikr h is baare me please btaye
Bhawna ankit Jaiswal19 weeks pregnant mother
Answer: हेलो इसमें आपको फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है अगर आपका बेबी ज्यादा मूवमेंट करता है तो तब आपका बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है बच्चे की ज्यादा हलचल करने से बिल्कुल भी परेशान ना हो आप अपनी वाइफ को boliye कि वह अपने बच्चे की हलचल को एंजॉय करें उसे महसूस करें बच्चा हर 2 घंटे पर me कम से कम 10 बार हलचल करता है इसलिए apko lg rha hai ki आपका बच्चा कुछ ज्यादा ही एक्टिव है her बच्चे अलग अलग होते हैं कुछ बच्चे कम एक्टिव होते हैं कुछ ज्यादा होते है..iskiye apko ghabraye nhi.. खाना खाने के बाद ,मॉर्निंग में ,aur सोते समय आपका बच्चा ज्यादा हलचल करता है हमेशा अपने बच्चे की हलचल पर ध्यान रखें और उस एंजॉय करें बिल्कुल भी इस स्ट्रेस मत लीजिए सब नॉर्मल है
BALVEER SINGH RAWAT110 days ago
सवाल: plzz reply ...agr m apne baby ko so kr feed krwaun to proper feed leta h but agr beth kr feed krwaun to wo atk jata h or kuch der tk sans ni le pata h ....or kabhi kabhi normal situation m bhi eshe behave krta h jese use sans ni aa rha h uska wait shi h active bhi h sota bhi bilkul properly h phir eshe kyu krta h kabhi kabhi plzzz btayen me so much tensioned
उत्तर: hello कुछ बच्चों में सांस चढाने की आदत होती है। रोते रोते बच्चे एक लंबी सांस खींच लेते हैं और थोड़ी देर के लिए बेहोश जैसे हो जाते हैं। बच्चे कई बार ऐसा हंसते हुए या खेलते हुए भी करते हैं बच्चा जब भी ऐसा करें तो आप उसके चेहरे पर तेजी से फूंक मारिए। फूंक मारने से बच्चा तुरंत ठीक हो जाता है। और अपना खींचा हुआ सांस छोड़ देता है।। कभी भी ऐसा हो तो आप घबराएं नहीं बस आप बच्चे के चेहरे पर फूक मारिए। यह कोई बीमारी नहीं है बच्चे अक्सर ऐसा करते हैं बड़े होने पर उनकी आदत ठीक हो जाती है बैठकर दूध पिलाते समय यह ध्यान रखें कि बच्चे की नाक ब्रेस्ट से ना दबे। बेस्ट से नाक दबने के कारण बच्चे सांस खींचते हैं और रोक लेते हैं बच्चे को बैठकर ही दूध पिलाये लेकिन दूध पिलाते समय नाक के पास ब्रेस्ट को एक उंगली से दबाकर रखें ताकि बच्चे को दूध पीने में परेशानी ना हो और बच्चे का सिर थोड़ा नीचे लटका कर रखें। ब्रेस्ट से चिपका कर दूध पिलाने के कारण बच्चे के नाक दबती है। और बच्चे ठीक से दूध नहीं पी पाते।
सवाल: hllw, mere pet m bahut jyada dard rehta h doctr koi v dikhaya dwail v le rhi hu pr kbhi kbhi drd jyada ho jata h or muje kuch v khane ka mn nhi krta gees to bahut jyada bnta h pet h m jbki m wailk v krti hu pani v bahut jyada piti hu wo v grm pani jisse bar bar urin k lye jana prta h m kya kru plz btaye
उत्तर: हेलो डियर प्रेग्नेन्सी में पेट में दर्द होना नॉर्मल है प्रेग्नेन्सी में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन की वजह से ऐसा होता है ।आप परेशान ना हो।कभी कभी पेट दर्द गैस और कब्ज की वाजह से भी होने लगता है इसलिए आप सन्तुलित और पौष्टिक फ़ूड खाइए ज़्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीजीए ।तनाव मुक्त रहिए।कोई भी भारी समान ना उठाये ।ज्यादा देर तक एक ही जगह पर खडे ना रहे और ना ही बैठे।रात मे एक ही करवट लेकर ना सोए।अगर ज्यादा तेज पेट मे दर्द होता है तो डॉक्टर से सलाह लीजिए। गैस प्रेग्नेंसी मे बहुत नॉर्मल प्रॉब्लम है। इससे सीने मे जलन भी होने लगती है। भूंख भी नही लगती है। पेट दर्द भी होता है। 1. बहुत सारे तरल पदार्थ पीएं। 2. सक्रिय रहें और वॉक करें और योग करें। 3. आलू, गेहूं, ब्रोकोली, अंडा आदि जैसे गैसी खाद्य पदार्थों को कम खाएं। 4. फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें, अंजीर, और केले, और सब्जियां, साथ ही पूरे अनाज जैसे जई और फ्लेक्स सभी अच्छे फाइबर बूस्टर हैं। 5. हल्के भोजन और कम मात्रा मे लें। 6. आसान पाचन के लिए सौंफ़ के बीज और छाछ पिये रोज। खाने की बात है तो मैं आपको बता दूं कि प्रेगनेंसी के फर्स्ट trimister में कुछ भी खाने का मन नहीं करता ।इसके लिए वोमीटिंग जैसे सिम्टम्स रिस्पांसिबल होते हैं ।इस प्रॉब्लम को मैनेज करने के लिए आप ये टिप्स फॉलो कीजिए---- @आप भोजन को कई बार में खए थोड़ा थोड़ा करके। जिससे बॉडी में पोषण की कमी न रहे। @ तरल पदर्थो की मात्रा बढा दे खूब पानी पीए। कोकोनट वाटर और जूस ज्यादा पीए। @ ज्यादा से ज्यादा फाइबर फ़ूड ले, फ्रूट्स ले जिससे आपका पचान तंत्र सही रहेगा और कॉन्स्टिपेशन की भी शिकायत नहीं होगी। @ फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड से दूर रहे या घर पर बनाकर खाये । @ अपने डॉक्टर से कंसल्ट करके एक्सरसाइज और योग करे।
सवाल: mujhe khasi ho gyi h par mujhe sabse jyada ten is bat k ho rhi h k jab bhi mujhe khasi aati h to mera urine pas ho jata h or jyada der tak khasi aaye to puri penty kapde ya bed gila ho jata h plz btaye mujhe kya krna chaiye .
उत्तर: Aap गले में दर्द के लिए हल्के गर्म पानी में चुटकी भर नमक डालकर उसे अच्छे से गरारा कीजिए इससे आपको गले के दर्द में आराम मिलेगा। आप खांसी के लिए bhap ले सकती हैं इससे आपके छाती में कफ नहीं जमेगा और आपको खांसी में आराम मिलेगा। आप एक छोटा टुकड़ा अदरक का चबा सकती हैं जिससे आपको खांसी में आराम मिलेगा इसे ज्यादा नहीं लीजिए एक दम छोटा टुकड़ा चबाना है। अगर आपको ज्यादा खांसी आ रही है तो आप डॉक्टर के पास जाकर अपना गला भी चेक करवा सकती हैं जिससे वह आपको देखकर symptoms के अनुसार ज्यादा सही सलाह देंगे। अगर आपकी खांसी से यूरिन भी नहीं रुक पा रही है तो बिल्कुल आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए aur unse दवा लेना चाहिए। |
मुख्य सचिव ने की धान खरीद की समीक्षा, अधिकारियों को दिए निर्देश - Tevar Times
By Sanjeev Mandal / in DAY BY DAY, Flash News, States, UP FLASH / on सोमवार, 20 नवम्बर 2017 04:07 अपराह्न / 0 Comment / 98 views
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (Chief Secretary) राजीव कुमार ने आज यहां कहा कि निर्धारित धान क्रय समर्थन मूल्य 1550 रु0 प्रति कुन्तल की दर पर किसानों द्वारा धान का विक्रय करना उनका अधिकार है। निर्धारित समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर किसानों को कतई धान बेचने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा।
Chief Secretary reviewed paddy procurement, instructions given to officials
उन्होंने निर्देश दिए कि धान क्रय एजेन्सियों, तैनात अधिकारियों के मोबाइल एवं दूरभाष नं0 सहित अन्य आवश्यक जानकारियां किसानों को उपलब्ध करायी जायें, ताकि किसान निर्धारित समर्थन मूल्य का पूर्ण फायदा उठाकर अपने धान का विक्रय आसानी से निर्धारित क्रय एजेन्सियों में कर सकें।
मुख्य सचिव (Chief Secretary) राजीव कुमार ने ये निर्देश सोमवार को धान खरीद की समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मण्डियों में अनिवार्य रूप से धान की नीलामी के द्वारा बिक्री करायी जाये एवं मानक के अनुरूप यदि धान की बोली समर्थन मूल्य से कम आ रही है, तो क्रय केन्द्रों पर धान की तौल करायी जाये।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि लेखपाल, ग्राम प्रधान, सहकारिता विभाग के ब्लाक व तहसील स्तर के कर्मचारियों के माध्यम से किसानों से सीधे संपर्क कर क्रय केन्द्रों पर धान विक्रय के लिए प्रेरित किया जाये।
उन्होंने सम्बन्धित जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिये कि स्थानीय समाचार पत्रों में क्रय केन्द्रों की स्थिति केन्द्र प्रभारी के नाम एवं उनके मोबाइल नं0 सहित अन्य किसानों के हित सम्बन्धी आवश्यक सूचनाओं का प्रकाशन कराया जाये, ताकि किसान अपना धान विक्रय करने के लिए केन्द्र प्रभारी से संपर्क कर अपना धान निर्धारित समर्थन मूल्य में आसानी से विक्रय कर सकें।
श्री कुमार ने यह भी निर्देश दिये कि धान क्रय केन्द्रों का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए नामित विभागीय अधिकारियों को निरन्तर भ्रमण कर अपनी आख्या उच्च अधिकारियों को नियमित रूप से उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
उन्होंने यह भी कहा कि नामित उच्च अधिकारी किसानों से संपर्क कर धान विक्रय हेतु प्रदेश के किसानों को दी जा रही जानकारी से अवगत कराते हुये उनकी समस्याओं की जानकारी प्राप्त कर स्थानीय स्तर पर यथाशीघ्र निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये।
उन्होंने निकाय चुनाव के उपरान्त जिला स्तरीय प्रशासनिक तंत्र को भी धान क्रय में तेजी लाने हेतु अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।
बैठक में खाद्य आयुक्त आलोक कुमार, विशेष सचिव खाद्य एवं रसद प्रांजल यादव सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं सम्बन्धित क्रय एजेन्सियों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। |
udaydinmaan, News Jagran, Danik Uttarakhand, Khabar Aaj Tak,Hindi News, Online hindi news सरस्वती विद्या मन्दिर के भाऊराव देवरस छात्रावास का शिलान्यास
देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मांडूवाला स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर के भाऊराव देवरस छात्रावास का शिलान्यास किया। |
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा का बड़ा बयान, कहा- दोयम दर्ज के नेता प्रदेश में भाजपा को चला रहे, 2023 में रिपीट होगी कांग्रेस सरकार
Naresh Sharma 2021/10/14 15:25
जयपुर: चिकित्सा मंत्री और गुजरात कांग्रेस के प्रभारी डॉ रघु शर्मा ने प्रदेश भाजपा पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि दोयम दर्जे के नेता प्रदेश भाजपा को चला रहा है और पार्टी में वर्टिकल डिवीजन हो चुका है. रघु ने कहा कि दोनों उपचुनाव भी कांग्रेस जीतेगी और 2023 में प्रदेश में सरकार भी रिपीट होगी.
सीएमओ में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में रघु शर्मा ने कहा कि गुजरात में भी गहलोत सरकार के कामों की तारीफ होती है. गुजरात में जनता 25 साल के कुशासन से मुक्ति चाहती है. वहीं CWC मीटिंग को लेकर कहा कि अध्यक्ष पर फैसला तो CWC को ही करना है, लेकिन यह भी सच है कि कांग्रेस के पास विचारधारा कार्यक्रम व नेतृत्व है और कई उतार चढाव पहले भी पार्टी ने देखे हैं.
दोयम दर्ज के नेता प्रदेश में भाजपा को चला रहे:
इसके साथ ही विपक्ष पर हमला करते हुए चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि दोयम दर्ज के नेता प्रदेश में भाजपा को चला रहे हैं. ये भाजपाई नेता चुनाव में परिणाम नहीं ला सकते. ये नेता पहले के उपचुनाव के परिणाम पर नजर डाले लें. उन्होंने कहा कि भाजपा में वर्टिकल डिविजन है. वहां सिर्फ अनुशासन की बात होती है, अनुशासन है नहीं. भाजपा में रोज सीएम का नया चेहरा सामने आता है. भाजपा में अब तक 6-7 सीएम तो बन चुके हैं.
प्रदेश में 2023 में कांग्रेस सरकार रिपीट होगी:
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 2023 में कांग्रेस सरकार रिपीट होगी. पूरे गुजरात में भी सरकार की तारीफ हो रही है. सीएम ने जो बजट घोषणा की उसका असर ग्रासरूट पर है. वहीं गुजरात में काग्रेस की स्थिति पर बोलते हुए कहा कि गुजरात 25 साल के कुशासन से मुक्ति चाहता है. कांग्रेस गुजरात में कोरोना की डेथ ऑडिट कर रही है. कार्यकर्ता घर घर जाकर जानकारी ले रहे हैं. उम्मीद है कि गुजरात की कांग्रेस भी आरोग्य होगी. हम जनता की अदालत में जाएंगे, फैसला जनता को करना है. सीट की संख्या को लेकर तो कोई नहीं कह सकता.
कांग्रेस सिद्धांतों के आधार पर राजनीति करती आई:
वहीं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा गुजरात के इंचार्ज के तौर पर CWC मीटिंग में शामिल होंगे. कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला तो CWC को करना है. कांग्रेस में कई उतार चढाव देखे हैं. कांग्रेस के पास विचारधारा कार्यक्रम व नेतृत्व है. कांग्रेस सिद्धांतों के आधार पर राजनीति करती आई है.
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Congress Chief Rahul Gandhi mocks PM press briefing says Congratulations Modi ji - जानिए, प्रधानमंत्री मोदी के प्रेस ब्रीफिंग करने पर क्या बोले राहुल गांधी, Lok Sabha-Election Hindi News - Hindustan
जानिए, प्रधानमंत्री मोदी के प्रेस ब्रीफिंग करने पर क्या बोले राहुल गांधी
Last updated: Fri, 17 May 2019 08:17 PM IST
एक दुर्लभ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मीडिया का कोई सवाल तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने भारी बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापसी का विश्वास जाहिर किया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, जो लगातार पीएम मोदी को अपने कार्यकाल के दौरान प्रेस ब्रीफिंग न करने को लेकर आलोचना करते रहते हैं, उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार की समाप्ति के बाद बीजेपी मुख्यालय में मीडिया ब्रीफिंग पर फौरन टिप्पणी की।
एक रिपोर्टर की तरफ से यह पूछने पर कि क्या वे प्रधानमंत्री से कुछ पूछ सकता हैं, इसके जवाब में पीएम मोदी ने पार्टी अध्यक्ष की तरफ इशारा कर सवाल उनसे पूछने की बात कहते हुए उन्होंने कहा- "वह एक अनुशासित सिपाही हैं। हमारी पार्टी में अध्यक्ष ही सबकुछ हैं।"
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जिस वक्त शाह जवाब दे रहे थे एक अन्य रिपोर्टर ने उसी का जवाब पीएम मोदी से जानना चाहा। जिसके बाद अमित शाह ने कहा कि सवाल का जवाब दिया जा चुका है और प्रधानमंत्री को हर चीज पर जवाब देने की जरूरत नहीं है।
जैसे ही मीडिया ब्रीफिंग खत्म हुई, राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा- "बधाई मोदी जी। बहुत बढिया प्रेस कॉन्फेंस। आधी लड़ाई दिखी है। अगली बार शाह आपको कुछ जवाबों के जवाब देने की इजाजत देंगे। बहुत बढ़िया।"
पीएम मोदी और अमित शाह के संवाददाता सम्मेलन के वक्त ही प्रेस कॉन्फेंस कर रहे राहुल गांधी ने पीएम मोदी से कई मुद्दों पर उनसे बहस करने की चुनौती दी। उन्होंने मजाक के लहजे में कहा- "प्रधानमंत्री ने चुनाव खत्म होने के चार-पांच दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अप्रत्याशित, भारत के प्रधानमंत्री पहली बार एक प्रेस कॉन्फेंस आयोजित कर रहे हैं।" |
महाकाल की नगरी उज्जैन में काल भैरव मंदिर के लिए अलग से शराब की दुकान खोली जाएगी। इस दुकान पर सिर्फ 180 मिलीग्राम की देशी और इंग्लिश शराब की बोतलें मिलेंगी। बताया जा रहा है कि यह दुकान आगामी एक अप्रैल से शुरू हो जाएगी।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक नगर में कई प्रमुख मंदिर हैं। इनमें एक मंदिर कालभैरव का भी हैं। कालभैरव को उनके भक्त शराब अर्पित करते हैं। उज्जैन प्रतिदिन सैकड़ों भक्त कालभैरव के दर्शन के लिए आते हैं और उन्हें शराब अर्पित करते हैं।
इसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि वह काल भैरव मंदिर के पास शराब की दुकान खोलेगी। प्रदेश के आबकारी आयुक्त राकेश श्रीवास्तव के मुताबिक, शराब की दुकान के लिए टेण्डर जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस दुकान पर 180 मिलीग्राम से बड़ी बोतल नहीं बेची जाएगी।
सरकार के पास इस बात का कोई आंकड़ा नही हैं कि काल भैरव पर प्रतिदिन कितनी बोतल शराब चढ़ाई जाती हैं। दुकान खोलने के पीछे सरकार का तर्क यह है कि अभी स्थानीय दुकानदार काल भैरव को शराब चढ़ाने वाले लोगों से मनमाने दाम वसूलते हैं। सरकारी दुकान होने के बाद काल भैरव के भक्तों को उचित दर पर शराब मिलेगी। |
RBI ने किया अलर्ट, भूलकर भी इस वेबसाइट को न खोलें, हो सकता है बड़ा नुकसान | Reserve Bank Alert on Fake RBI website stealing bank details
फर्जी वेबसाइट का ले आउट भी रिजर्व बैंक की ओरिजनल वेबसाइट की तरह है.
Feb 12, 2018, 09:07 AM IST
ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजैक्शन करने वालों को आरबीआई ने किया अलर्ट
RBI की ग्राहकों को फर्जी वेबसाइट पर डिटेल्स शेयर नहीं करने की सलाह
रिजर्व बैंक की वेबसाइट की तर्ज पर इस वेबसाइट को तैयार किया गया
नई दिल्ली: ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजैक्शन या इंटरनेट बैंकिंग करने वालों के लिए बड़ी खबर है. इंटरनेट बैंकिंग करते वक्त कई दूसरे बैंकों की वेबसाइट पर क्लिक करते हैं या फिर किसी ऑफर को देखते हैं तो आपको इससे अलर्ट रहने की जरूरत है. आरबीआई ने इसको लेकर एक अलर्ट जारी किया है. दरअसल, आरबीआई का यह अलर्ट एक वेबसाइट को लेकर है. रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को उस पर ना जाने की सलाह दी है. आरबीआई ने इस वेबसाइट को फर्जी बताया है. वहीं, सरकारी बैंक ने भी अपने ग्राहकों को इस वेबसाइट का लिंक भी शेयर किया है.
आरबीआई वेबसाइट की टू-कॉपी
रिजर्व बैंक ने जिस वेबसाइट को फर्जी बताया है, उसे बिल्कुल रिजर्व बैंक की वेबसाइट की तर्ज पर तैयार किया गया है. आरबीआई के चीफ जनरल मैनेजर जोस.जे कट्टूर के मुताबिक, www.indiareserveban.org यूआरएल से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की फर्जी वेबसाइट बनाई गई है. फर्जी वेबसाइट का ले आउट भी रिजर्व बैंक की ओरिजनल वेबसाइट की तरह है. इसलिए इंटरनेट बैंकिंग या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते वक्त ग्राहकों को सावधानी बरतनी होगी. यूआरएल को ठीक तरह से चेक करके ही आगे कोई ट्रांजैक्शन करें.
बैंकिंग डिटेल्स हो सकती हैं चोरी
आरबीआई के मुताबिक, फर्जी वेबसाइट के जरिए आपकी बैंकिंग डिटेल्स चोरी हो सकती हैं. आपको लाखों रुपए का चूना लगाया जा सकता है. फर्जी वेबसाइट के होम पेज पर बैंक वेरीफिकेशन विद ऑनलाइन अकाउंट होल्डर्स शीर्षक से प्रोविजन है. ऐसा लगता है कि यह सेक्शन बैंक के कस्टमर की गोपनीय बैंकिंग और पर्सनल डिटेल हासिल करने और फ्रॉड करने के लिए बनाया गया है.
अकाउंट डिटेल्स बिल्कुल शेयर न करें
आरबीआई ने यह बात कई बार स्पष्ट की है कि वह बैंक ग्राहकों से बैंक अकाउंट से जुड़ी किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मांगता. आरबीआई ने फिर यूजर्स को अलर्ट किया है कि वह किसी भी ग्राहक से बैंक अकाउंट डिटेल, पासवर्ड, पिन नंबर या कार्ड से जुड़ी जानकारियां नहीं मांगता है. ऐसी वेबसाइट को ऑनलाइन कोई जानकारी देना उनके लिए वित्तीय तौर पर नुकसानदेह हो सकता है. उनकी डिटेल का मिसयूज किया जा सकता है. |
टाटा मुंबई मैराथन में लगातार दूसरी जीत के लिए दौड़ेंगे लागेट और अलेमु।
मुंबई मैराथन डिफेंड करने पर होंगी लागेट और अलेमु की नज़रें
2019 मुंबई मैराथन के विजेता साल 2020 में एक बार फिर जीत के मकसद से उतरेंगे।
कोसमास लागेट और वर्कनेश अलेमु दो ऐसे नाम है जिन्होंने मुंबई मैराथन में अपना लोहा मनवाया है। 2020 टाटा मुंबई मैराथन में वे फिर एक बार शिरकत करते दिखेंगे और इस बार वे अपने टाइटल को बचाने का प्रयास भी करते नज़र आएंगे।
IAAF गोल्ड लेबल रोड रेस एशिया की सबसे बड़ी मैराथन दौड़ों में से एक है और विजेता को $45,000 का इनाम मिलता है। इसके साथ ही $15,000 का बोनस भी एक खिलाड़ी जीत सकता है।
बस....दौड़ो
इस सालमुंबई मैराथन में सभी की नज़रें मेंस इवेंट पर रहने वाली हैं। इसकी वजह यह भी है कि इसमें शिरकत करने वाले 14 एथलीट ऐसे हैं जो 2:10.00 के आंकड़ें से तेज़ भाग चुके हैं। इस फेहरिस्त में 9 नाम ऐसे हैं जो कोर्स रिकॉर्ड से तेज़ दौड़ लगा चुके हैं और साथ ही 6 नाम ऐसे है जिन्होंने 2:07.0 के अंदर अपनी रेस समाप्त की है।
कोसमास लागेट ने जीता था मुंबई मैराथन 2019। फोटो क्रेडिट: टाटा मुंबई मैराथन
इस इवेंट के लिए इथोपिया के 4 और नाम जुड़ें हैं जो कि फील्ड में सबसे तेज़ माने जाते हैं। आइल अबशोरकी अगुवाई में बेशक इन इथोपियाई खिलाड़ियों का प्रदर्शन और निखरकर आएगा। हम आपको बता दें किअबशोरो का सर्वश्रेष्ठ 2:04.23 है। इस आंकड़े से इनकी प्रतिभा का अनुमान लगाना बेहद आसान हो जाता है।
लागेट ने 2019 का खिताब अपने नाम किया था और यह उनके पास 2:09.15 की बेहतरीन टाइमिंग के साथ आया था।
लागेट ने कहा कि "अब जब मैं कोर्स रिकॉर्ड के नज़दीक आ चुका हूं तो मैंने खुद को बेहतर करने पर गौर किया है। मुझे लगता है पिछले संस्करण के मुताबिक़ रेस का पहला हाफ मैं और तेज़ दौड़ सकता हूं।"
मुंबई मैराथन को 17 साल होचुके हैं और लागेट ज़रूर वह दूसरे शख्स बनना चाहेंगे जिसने यह खिताब दो बार लागातार जीता हो। इनसे पहले इन्हीं के हमवतन जॉन केलाई ने यह कारनामा साल 2007 और 2008 में किया है।
अलेमु का रास्ता चुनौतियों भरा
वहीं महिलाओं की बात की जाए तो वर्कनेश अलेमु ने साल 2019 में 2:2.25 की टाइमिंग से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाया था। इतना ही नहीं एम्स्टर्डम मैराथन में उन्होंने इसे और भी बेहतर कर लिया।
अपने सर्वश्रेष्ठ की कोशिश में वर्कनेश अलेमु । फोटो क्रेडिट: टाटा मुंबई मैराथन
महिलाओं की प्रतिस्पर्धा भी आसान नहीं होने वाली है। 8 खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने 2:28.00 की टाइमिंग के अंदर का प्रदर्शन किया हुआ है। अमाने बेरिसो भी एक ऐसा नाम है जिन्होंने दुबई मैराथन में 2:20.48 का प्रदर्शन किया था। यह कहना गलत नहीं होगा कि 2020 टाटा मुंबई मैराथन में एक से बढ़कर एक प्रदर्शन देखने को मिलेंगे और ऐसे बहुत से धुरंधर खिलाड़ी हैं जो अपने दमदार प्रदर्शन से इस मैराथन को यादगार बनाने का माद्दा रखते हैं। |
UPSC interview: 40 लाख की नौकरी छोड़ कानपुर के शिवांश ने पास की सिविल परीक्षा - upsc successful candidate shivansh awasthi interview | Navbharat Times
upsc successful candidate shivansh awasthi interview
40 लाख की नौकरी छोड़ कानपुर के शिवांश ने पास की सिविल परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में 77वीं रैंक पाने वाले शिवांश का सामना जब सिस्टम की गड़बड़ियों से हुआ तो उन्होंने IAS बनने का फैसला लिया। इसके लिए उन्होंने 40 लाख सालाना की नौकरी छोड़ दी।
काजल शर्मानवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 08 Apr 2019, 07:47:54 AM IST
UPSC Civil Services (संघ लोक सेवा आयोग) के नतीजे शुक्रवार को घोषित हो चुके हैं। इसके बाद टॉपर्स से लेकर परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स की सफलता के इंस्पिरेशनल किस्से सामने आ रहे हैं। ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है ऑल इंडिया 77वीं रैंक हासिल करने वाले शिवांश अवस्थी की। कानपुर के रहने वाले शिवांश ने IIT Kanpur से ऐरोस्पेस इंजिनियरिंग की पढ़ाई की इसके बाद जापान की मित्शुबीशी कंपनी में 40 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला।
उन्होंने जॉइन करने का फैसला लिया लेकिन पासपोर्ट बनवाने के दौरान उन्हें काफी दिक्कतें आईं, चक्कर काटने पड़े और एक बार उनका पासपोर्ट रोक दिया गया। शिवांश के पिता शैलेश अवस्थी पत्रकार रहे हैं, जिसके चलते उनका काम तो बन गया लेकिन यह घटना उनके दिमाग में बैठ गई। शिवांश को अहसास हुआ कि कैसे आम इंसान को इन छोटे-छोटे कामों के लिए भी एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है। इसके बाद ही उन्होंने प्रशासनिक सेवा में आकर सिस्टम में बदलाव लाने की ठानी।
किस्मत.. यदि आप सफल हो गये तो जो आप बोलेंगे वही मधुर है वर्ना बोलने वाले तो बहुत है लेकिंग उसपे कोए ध्यान नही देते.
शिवांश जापान में नौकरी के लिए तो चले गए लेकिन भारत में रहकर देश सेवा का सपना भी साथ लेकर गए। जापान में 2 साल 8 महीने के बाद शिवांश नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए। इसके बाद अपना सपना पूरा करने के लिए तैयारी शुरू की। दिल्ली में रहकर उन्होंने सिविल सर्विसेज के लिए पढ़ाई की और पहले ही प्रयास में सफल हो गए।
शिवांश अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। उन्होंने बताया कि जब वह पढ़ाई करते थे तो उनकी मां अपर्णा अवस्थी पूरी रात ठीक से सोती नहीं थी कि कहीं उन्हें किसी चीज की जरूरत न पड़ जाए। वहीं, शिवांश के पिता ने बताया कि शिवांश को देर रात खुद खाने का मन होता था तो वह चुपचाप किचन में जाकर लेने लगते थे कि मां न जाग जाएं लेकिन मां आहट लेकर उनको वह चीज बनाकर दे देती थीं।
शिवांश के माता-पिता
मजेदार बात यह है कि शिवांश साइंस बैकग्राउंड से हैं फिर भी उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में जिऑग्रफी को चुना। उनकी स्कूली शिक्षा कानपुर से हुई। हाई स्कूल में उन्हें 95 और इंटरमीडिएट में 92 फीसदी नंबर मिले थे।
सिविल सर्विसेज के इंटरव्यू के दौरान शिवांश से ज्यादातर सवाल उनके बैकग्राउंड (इसरो, एचएएल, ऐरोस्पेस और जापान) के बारे में किए गए। उनसे पूछा गया कि जापान के अनुभव को भारत में काम करते हुए कैसे लागू करेंगे।
जापान के वर्क कल्चर के बारे में शिवांश बताते हैं कि वहां टीमवर्क पर फोकस रहता है और प्रेशर में काम नहीं करवाया जाता है। वह इस चीज से काफी प्रभावित हुए और ऐसे ही काम करना और करवाना चाहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि ऑफिस पहुंचने के बाद सभी लोग कुछ देर योगा, वर्कआउट और वॉर्मअप के बाद काम शुरू करते थे।
एंटरटेनमेंट के लिए शिवांश मूवी, मोटिवेशनल विडियो और टीवी देखते हैं। उन्होंने बताया कि वह रोजाना न्यूज पेपर जरूर पढ़ते हैं इससे काफी हेल्प मिली। शिवांश स्टूडेंट्स को कोई खास टिप्स नहीं देना चाहते, उनके हिसाब से टाइम टेबल बनाकर पढ़ना और उसे स्ट्रिक्टली फॉलो करना जरूरी है। इंटरव्यू के दौरान वह ईमानदारी से और शांति के साथ सवालों के जवाब देने की सलाह देते हैं। उन्होंने बताया कि आप कैसे जवाब देते हैं से ज्यादा मायने रखता है कि क्या जवाब देते हैं।
शिवांश ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्हें कभी स्ट्रेस नहीं हुआ क्योंकि अगर पढ़ाई में बिजी रहते हैं तो अच्छा और पॉजिटिव फील करते हैं।
Web Title upsc successful candidate shivansh awasthi interview(News in Hindi from Navbharat Times , TIL Network)
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की सबसे "सुरक्षित हेवन" बात में विदेशी मुद्रा हलकों पर ध्यान केंद्रित किया है, जापान और अमेरिका. स्विट्जरलैंड, इस बीच, यह भी आकर्षित किया है उचित हिस्सा के जोखिम से बचने वाले निवेशकों को कर रहे हैं, जो जमा में फ्रैंक-नामित परिसंपत्तियों के बावजूद, बिगड़ती स्विस आर्थिक स्थिति. वास्तव में, फरवरी देखा एक प्रवाह के $4 अरब डॉलर, जिनमें से सबसे अधिक निशाना बनाया गया था की दिशा में सोने और पैसा बाजार धन. स्विस फ्रैंक, एक परिणाम के रूप में, सराहना की है, 9% (पर एक व्यापार भारित आधार पर), गर्मियों के बाद से.
स्विस नेशनल बैंक (SNB), इस बीच, है ब्याज दरों में कटौती से 225 आधार अंकों की पिछले छह महीने. अगर यह बचाता है पर एक सर्वसम्मति से प्रत्याशित में 25 आधार बिंदु की कटौती की बैठक में कल, अपनी बेंचमार्क उधारी दर स्टैंड पर एक मात्र .25%. करने के लिए हताशा के SNB है, "अपस्फीति व्यापार" प्रचलन में अब भी है, के रूप में व्यापारियों काउंटर intuitively करने के लिए लिया सट्टेबाजी पर देशों और मुद्राओं का प्रस्ताव है कि सबसे कम ब्याज दरों. एक आर्थिक दृष्टिकोण से, इस प्रवृत्ति खिसक रहा है की प्रभावशीलता के लिए एक आसान मौद्रिक नीति, जैसे कि SNB मजबूर किया गया है पर विचार करने के लिए कम पारंपरिक दृष्टिकोण है ।
यह शायद रूप ले, मात्रात्मक सहजता के रूप में के रूप में उसी नस है, जो कि अमेरिका और ब्रिटेन में वर्तमान में कर रहे हैं पीछा. के तहत एक ऐसी नीति है, SNB होगा खरीदने के लिए क्रेडिट पर उपकरणों को खुले बाजार में है, और भुगतान के लिए उन्हें मुद्रण द्वारा पैसे. इस दोहरे प्रभाव के अवमूल्यन फ्रैंक और सहजता तरलता समस्याओं में स्विस प्रतिभूति बाजार. जबकि सामान्य रूप से एक देश में स्विट्जरलैंड की स्थिति (विशेष रूप से एक जिसका बैंकों ने हाल ही में आग के अंतर्गत आते हैं के लिए गुप्त बैंक खातों के लिए ले जाएगा के लिए आलोचना एक ऐसी नीति है, स्विस (आर्थिक) तटस्थता काफी हद तक समाप्त इस बोझ. एक अन्य विकल्प है, जो द्वारा प्रस्तावित किया गया है उत्तराधिकारी के लिए SNB मुख्यमंत्री बनाने के लिए है, एक छत के मूल्य पर फ्रैंक.
किसी भी तरह से, एक कम फ्रैंक की तरह लग रहा है एक वास्तविक संभावना है. कहते हैं, एक विश्लेषक, "स्विट्जरलैंड की संभावना है । ब्याज दरों में कटौती और हस्तक्षेप [sic] मौखिक रूप से कमजोर करने के लिए स्विस फ़्रैंक, धमकी unsterilised हस्तक्षेप. यदि यह काम नहीं करता है, और हम कर रहे हैं संदेह है कि यह होगा, वास्तविक हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है और हम इस पर शक है, कुछ असर पड़ेगा. लब्बोलुआब यह है कि फ्रैंक कमजोर लग रहा है." |
दिल्ली में जुटे 'निकम्मा' के कलाकार, किया फिल्म का प्रमोशन -
Team Janmat Samachar June 12, 2022 1 min read
हाल ही में आनेवाली फिल्म 'निकम्मा' की स्टारकास्ट, यानी- शिल्पा शेट्टी, अभिमन्यु दसानी और शर्ली सेतिया मूवी के निर्देशक शब्बीर खान दिल्ली में दिखे। मकसद था फिल्म का प्रमोशन, ताकि 17 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए बिल्कुल तैयार इस फिल्म को किक स्टार्ट दिया जा सके। प्रमोशनल कार्यक्रम नई दिल्ली के पंचतारा होटल ली मेरिडियन होटल में आयोजित किया गया था।
बता दें कि 'निकम्मा' एक एक्शन-कॉमेडी फिल्म है, जो वर्ष 2017 की तेलुगू फिल्म 'मिडिल क्लास अब्बाय' की रीमेक है। फिल्म का निर्देशन शब्बीर खान ने किया है।
मीडिया से बात करते हुए शिल्पा शेट्टी ने कहा, 'मैं 'निकम्मा' की रिलीज के लिए वास्तव में बेहद उत्साहित हूं। विशेष रूप से कोविद के बाद यह हम सबके लिए रोमांचक समय है, क्योंकि इस तरह की बहुत कम फिल्में बड़े पर्दे पर बनी हैं। मुझे उम्मीद है कि 'निकम्मा' में हम सभी का काम सभी को पसंद आएगा।' |
live cricket score ind vs ban india vs bangladesh 1st t20 full scorecard and live match updates from arun jaitley stadium delhi - IND vs BAN: रहीम का धमाका, पहले T20I में बांग्लादेश ने भारत को 7 विकेट से हराया
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Sun, 03 Nov 2019 10:36 PM
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भारत और बांग्लादेश(India vs Bangladesh) के बीच तीन मैचों की टी-20 सीरीज का पहला मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला गया। मुशफिकुर रहीम (60*) और सौम्या सरकार (39) की शानदार पारियों की बदौलत बांग्लादेश ने पहले टी-20 मुकाबले में भारत को सात विकेट से करारी शिकस्त दी है। इस जीत के साथ ही बांग्लादेश ने तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। यह जीत बांग्लादेश के लिए काफी खास है क्योंकि उन्होंने भारत को टी20 इंटरनेशनल मैचों में पहली बार हराया है। इससे पहले खेले गए आठ मुकाबलों में भारत ही जीतता आया था।
India vs Bangladesh 1st T20I full match updates-
10:28 PM: बांग्लादेश ने इतिहास रचते हुए भारत को पहले टी-20 मैच में सात विकेट से पटखनी दे दी। इस जीत के हीरो मुश्फिकुर रहीम रहे जिन्होंने 60 रन की मैच जिताऊ पारी खेली।
10:17 PM: मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है जहां बांग्लादेश को जीतने के लिए 9 गेंदों में जीतने के लिए 16 रन की जरूरत है। बांग्लादेश का स्कोर 133-3 है।
10:00 PM: बांग्लादेश टीम के 100 रन पूरे हो गए हैं और वे मजबूत स्थिति में हैं। इस समय उन्हें जीतने के लिए 23 गेंदों पर 38 रन की जरूरत है जबकि उनके आठ विकेट सुरक्षित हैं। टीम का स्कोर 111-2 है।
09:44 PM: बांग्लादेश तेजी से लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है। विकेटकीपर मुश्फिकुर रहीम और सौम्य अच्छे नजर आ रहे हैं और इस समय कोई गेंदबाज उनको परेशान नहीं कर पा रहा है। भारत काे अगर मैच में वापसी करनी है तो उसे इस साझेदारी काे जल्द तोड़ना पडेगा। इस समय बांग्लादेश का स्कोर 82-2 है और जीतने के लिए 42 गेंदों पर 67 रनों की जरूरत है।
09:26 PM: लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने भारत को बड़ी सफलता दिलाते हुए खतरनाक दिख रहे मोहम्मद नईम को पवेलियन भेजा। उन्हाेंने 26 रन की पारी खेली। इस समय बांग्लादेश का स्कोर 61-2 है।
09:18 PM: बांग्लादेश ने इस मैच में 50 रन पूरे कर लिए हैं और इस समय उसकी स्थिति काफी मजबूत है। नईम 26 जबकि सौम्य सरकार 17 बनाकर खेल रहे हैं।
09:08 PM: पहला विकेट जल्द गंवाने के बाद बांग्लादेश के बल्लेबाजी सौम्य सरकार और मोहम्मद नईम के बीच अच्छी साझेदारी हो चुकी है। बांग्लादेश का स्कोर 32-1 है।
08:55 PM: बांग्लादेश ने 2 ओवर की समाप्ति के बाद 1 विकेट गंवाकर 13 रन बना लिया है। दीपक चाहर ने लिटन दास को पॉइंट पर केएल राहुल के हाथों कैच आउट कराकर बांग्लादेश को 8 रन के स्कोर पर पहला झटका दिया। लिटन 7 रन बना सके। मोहम्मद नईम और सौम्य सरकार बल्लेबाजी कर रहे हैं। भारत की ओर से दीपक चाहर के साथ वाशिंगटन सुंदर ने गेंदबाजी की कमान संभाली है।
08.50 PM: बांग्लादेश ने भारत से मिले 149 रनों के लक्ष्य का पीछा करना शुरू कर दिया है। उनकी सलामी जोड़ी क्रीज पर आ चुकी है।
08.38 PM: भारत ने बांग्लादेश के सामने 149 रनों का लक्ष्य रखा है। वॉशिंगटन सुंदर और क्रुणाल पांड्या ने अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर भारत को डेढ सौ के करीब पहुंचाया।
08.35 PM: भारतीय टीम के बल्लेबाजों के विकेट लगातार अंतराल पर गिर रहे हैं। ऋषभ पंत 27 रन बनाकर आउट हो गए हैं। भारत ने इस दौरान छठा विकेट गंवाया। इस समय स्कोर 141-6 है।
08.17 PM: अपने करियर का पहला मैच खेल रहे शिवम दूबे मौके को भुना नहीं पाए और सिर्फ 1 रन ही बना सके। उन्हें अफीफ होसैन ने पवेलियन लौटाया। भारत का स्कोर 102-5 है।
08.06 PM: भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन तेजी से अपनी फिफ्टी की तरफ बढ़ रहे थे कि तभी वे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए। उन्होंने 41 रन बनाए। स्कोर 95-4 है।
08.06 PM: भारत के सलामी बल्लेबाजी शिखर धवन इस मैच में शानदार बल्लेबाजी कर रहे हैं। उनके बल्ले से अब तक 40 रन निकल चुके हैं। भारत का स्कोर 95-3 है।
07.51 PM: भारत ने श्रेयस अय्यर के रूप में अपना तीसरा विकेट गंवा दिया है। अय्यर तेज खेलने के चक्कर में स्पिनर अमिनुल इस्लाम का शिकार बने। इस समय स्कोर 70-3 है।
07.41 PM: भारत के इस मैच में 50 रन पूरे हो गए हैं। इस समय क्रीज पर शिखर धवन और श्रेयस अय्यर है। श्रेयस क्रीज पर आते ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रहे हैंं। भारत का स्कोर 60-2 है।
07.35 PM: भारत ने केएल राहुल के रूप में दूसरा विकेट गंवा दिया है। केएल राहुल टिकने के बाद आउट हुए। उन्हें अमिनुल इस्लाम ने अपना शिकार बनाया। भारत का स्कोर 36-2 है।
07.25 PM: रोहित शर्मा के आउट होने के बाद शिखर धवन और केएल राहुल की जोड़ी क्रीज पर है। दोनों बल्लेबाज 10 रन बनाकर खेल रहे हैं। भारत का स्कोर 5 ओवर के बाद 29-1 है
07.10 PM: भारत को कप्तान रोहित शर्मा के रूप में बड़ा झटका लगा है। रोहित पारी के पहले ही ओवर में आउट हो गए। इस समय भारत का स्कोर 10-1 है।
07.00 PM: भारत और बांग्लादेश के बीच टी20 सीरीज का पहला मैच शुरू हो गया है। भारत की तरफ से बल्लेबाजी करने के लिए रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी क्रीज पर है।
06.40 PM: यहां देखें दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन-
भारत की प्लेइंग इलेवन: रोहित शर्मा, शिखर धवन, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, क्रुणाल पांड्या, शिवम दूबे, वॉशिंगटन सुंदर, युजवेंद्र चहल, दीपक चाहर, खलील अहमद
बांग्लादेश की प्लेइंग इलेवन: महमुदुल्लाह (कप्तान), मोहम्मद नइम, अफिफ हुसैन, मोसादेक हुसैन, अनिमुल इस्लाम, लिटन दास, मुश्फीकुर रहीम,, अल अमिन हुसैन, मुस्ताफिजुर रहमान, शाइफुल इस्लाम, सौम्य सरकार
बांग्लादेश के कप्तान महमूदुल्लाह ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनने का फैसला किया है।
भारत की तरफ से शिवम दुबे अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने जा रहे हैं।
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Youtube संगीत की लागत कितनी है?
डिजिटल दुनिया अब बहुत सारी स्ट्रीमिंग सेवाओं का घर है, कुछ जो वीडियो सामग्री से संबंधित हैं, और कुछ जो संगीत पर केंद्रित हैं। आप दुनिया के सबसे बड़े वीडियो होस्टिंग प्लेटफॉर्म Youtube के बारे में जानते होंगे, लेकिन जो आप नहीं जानते होंगे, वह यह है कि उनके पास वास्तव में एक समर्पित संगीत स्ट्रीमिंग सेवा है जो उपयोगकर्ताओं को YouTube प्लेटफॉर्म पर मिलने वाले संगीत को सदस्यता पर और उपयोग करने के आधार पर मुफ्त में एक्सेस करने देती है।
अधिकांश संगीत स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों की तरह, आप यूट्यूब संगीत का मुफ्त में उपयोग कर सकते हैं, लेकिन आपको हर कुछ गानों के बीच विज्ञापनों को सहना होगा। यदि आप इसे कभी-कभी उपयोग कर रहे हैं तो यह बुक हो सकता है, लेकिन यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो संगीत सुनना पसंद करते हैं, तो संभावना है कि आप कुछ अधिक immersive और विज्ञापन-मुक्त खोज रहे हैं। यह वह जगह है जहां यूट्यूब संगीत प्रीमियम आता है। यदि आप प्रीमियम स्तर का विकल्प चुनते हैं, तो आप सभी विज्ञापन खो देते हैं, आप संगीत को पृष्ठभूमि में भी चला सकते हैं और इसे ऑफ़लाइन सुनने के आनंद के लिए भी डाउनलोड कर सकते हैं।
Youtube Music 'होम', 'एक्सप्लोर' और 'लाइब्रेरी' के सिद्धांतों पर काम करता है। होम सेक्शन में संगीत का मिश्रण है जो डेटाबेस के लिए नया है, साथ ही लोकप्रिय प्लेलिस्ट और संगीत जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। एक्सप्लोर सेक्शन पूरी तरह से नए आगमन और ट्रेंडिंग ट्रैक पर केंद्रित है। पुस्तकालय अनुभाग आपके द्वारा पुस्तकालय में जोड़े गए गीतों को रखता है। यह आपकी निजी संगीत लाइब्रेरी की तरह है और आप जब चाहें इसे इसमें जोड़ या हटा सकते हैं।
एक बात जो हमने देखी है वह यह है कि Youtube Music एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए आपको अपने खाते में साइन इन करने की आवश्यकता नहीं है। अगर आपने पहले कभी Google Play Music ऐप का इस्तेमाल किया है, तो आपके पास लाइब्रेरी में मौजूद गानों को Youtube Music ऐप में आगे ले जाया जाएगा, जो कि बहुत अच्छा है।
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उस ने कहा, Youtube Music का प्रीमियम टियर होने से ढेर सारी नई सुविधाएँ सामने आती हैं जो वास्तव में आपके संगीत के अनुभव को अगले स्तर तक ले जाती हैं। इसलिए, यदि आप वास्तव में इसमें हैं और Youtube Music के प्रीमियम स्तर का पता लगाना चाहते हैं, तो यहां बताया गया है कि आपको कितना भुगतान करना होगा।
यदि आप एक छात्र हैं, तो अपनी वैध साख दिखाने पर, आप प्रति माह $4.99 के लिए प्रीमियम टियर खरीद सकते हैं।
एक परिवार योजना के लिए, आपको एक महीने का निःशुल्क संगीत प्रीमियम उपयोग मिलता है और उसके बाद, सेवा के लिए आपको प्रति माह $14.99 खर्च करना होगा और आप इसे 5 वर्ष से अधिक आयु के 13 सदस्यों के साथ साझा कर सकते हैं। |
Karnataka by-election 2018: Counting of votes for bye-elections in 5 seats
कर्णाटक उपचुनाव 2018 परिणाम |Times now
कर्नाटक उपचुनाव 2018 : 5 सीटों पर हुए उपचुनावों के लिए मतगणना शुरू
बेंगलुरू | कर्नाटक में लोकसभा की तीन सीटों और विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना मंगलवार को शुरू हो गई। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को यहां बताया, "बेल्लारी (एसटी), मांड्या व शिमोगा लोकसभा सीटों और जामखंडी व रामनगर विधानसभा सीटों पर मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हो गई।"
कर्नाटक उपचुनाव 2018 के नतीजे से जुड़ी कुछ बातें
- कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार के मुताबिक, मतगणना केंद्रों पर पर्यवेक्षकों और स्टाफ समेत कुल 1,248 अधिकारियों को तैनात किया गया है।
- मतगणना केंद्रों के रूप में इंजीनियरिंग और सरकारी कॉलेजों में वोटों की गिनती की जा रही है।
- इन उपचुनावों में 54.5 लाख मतदाताओं में से करीब 66 फीसदी ने मतदान किया था।
- तैनात पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मतगणना के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये गए हैं।
- जामखंडी में सबसे अधिक 77.17 फीसदी मतदान हुआ, जिसके बाद रामनगर में 71.88 फीसदी, बेल्लारी (आरक्षित) 63.85, शिमोगा में 61.05 फीसदी और मंड््या में 53.93 फीसदी मतदान हुआ।
- सभी पांच सीटों पर 31 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिसमें से पांच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के तीन और कांग्रेस के दो उम्मीदवार शामिल हैं, जबकि बाकी निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं।
- रामनगर विधानसभा सीट पर JDS और BJP के बीच कड़ा मुकाबला है, JDS ने जहां अनिता कुमारस्वामी को मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी ने एल चंद्रशेखर को। खास बात है कि 2018 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने यहां जीत दर्ज की थी।
- प्रमुख उम्मीदवारों में जेडीएस से मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की पत्नी अनिता, बेल्लारी से भाजपा विधायक बी.श्रीरामुलु की बहन बी. शांता और शिमोगा से भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी.एस.येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई राघवेंद्र शमिल हैं।
- चुनाव अधिकारी ने कहा, "दो विधानसभा सीटों पर कम मतदान होने के कारण यहां लोकसभा की तीन सीटों के मुकाबले दोपहर बाद तक नतीजे सामने आ सकते हैं।" |
👉भारत में एक से एक तरह के फसल और पौधों की खेती की जाती है। हालांकि ज्यादातर किसान पारंपरिक फसलों की ही खेती करते हैं। लेकिन अधिक कमाई करने के लिए अब किसान व्यावसायिक फसलों या नकदी फसलों की खेती करने लगे हैं। इसी तरह की एक फसल है कलौंजी। इसकी खेती से किसान एक एकड़ में दो लाख रुपए तक कमा सकते हैं। 👉मुख्य रूप से कलौंजी की खेती इसके बीज के लिए की जाती है। कुछ हिस्सों में इसे मंगरैल भी कहते हैं। कलौंजी के बीज का इस्तेमाल आचार बनाने में किया जाता है। वहीं इसके बीज से निकले तेल से अलग-अलग तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं। कई उत्पादों में सुगंध के लिए भी कलौंजी के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। काफी पोषक तत्व पाए जाते हैं:- 👉कंलौजी के बीजों का औषधी के रूप में में भी उपयोग होता है। इसके बीजों को कृमि नाशक, उत्तेजक और प्रोटोजोवा रोधी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे कैंसर रोधी औषधि के रूप में भी प्रभावी पाया गया है। इसका प्रयोग बिच्छू काटने पर भी किया जाता है। 👉इसके बीजों से सुगंधित तेल निकलता है. जिसमें निगेलोन, मिथाइल, आईसोप्रोपिल और क्विनोन होते हैं। इशके बीजों में पामीटिक, मिरिस्टिक, स्टिएरिक, ओलेइक और लिनोलनिक नामक वसा अम्ल पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त इसके बीजों में बीटा सिटोस्टैरॉल भी पाया जाता है। इस तरह यह बहुत ही महत्व का औषधीय पौधा है। 👉कलौंजी की खेती भारत के उत्तर और उत्तर पश्चिम भागों में, विशेषकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल से लेकर असम तक में की जाती है। कलौंजी एक झाड़ीय पौधा है और यह वार्षिक पौधा है. इसकी लंबाई 20 से 30 सेंटी मीटर होती है। इसका फल बड़ा और गेंद के आकार का होता है, जिसमें काले रंग के लगभग तीकोने अकार के तीन मिली मीटर तक लंबे खुरदुरी सतह वाले बीजों से भरे 5 से 7 खाने बने होते हैं. इसी में कलौंजी के बीज पाए जाते हैं। रबी सीजन में कर सकते हैं खेती:- 👉अक्टूबर से लकेर आधे नवंबर तक का समय कलौंजी की बुवाई के लिए उपयुक्त होता है। पकने के समय हल्की गर्म जलवायु की जरूरत होती है। दोमट या बलुई दोमट मिट्टी में कलौंजी के फसल उत्पादन के लिए उपयुक्त होती है। भारत के जिन हिस्सों में रबी की फसल उगाई जाती है, वहां कलौंजी की खेती की जा सकती है। 👉भरपूर उत्पादन के लिए खेत को अच्छी तरह से तैयार करना जरूरी होता है। इसके लिए पहली जुताई मिट्टी पहलटने वाले हल से करनी चाहिए। इसके बाद दो-तीन जुताई कल्टीवेटर से कर के खेत को भुरभुरा बनाना जरूरी होता है। इसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल बनाया जाता है। 👉अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई में खेत से पहले उचित नमी होनी चाहिए। इसलिए बुवाई से पहले खेत को पलेवा जरूर कर दैं। ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है। किसान भाई प्रति एकड़ 10 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डाल सकते हैं। एक एकड़ में दो लाख रुपए होगी कमाई:- 👉कलौंजी की पहली सिंचाई बीज को खेत में लगाने के बाद कर देनी चाहिए। दूसरी सिंचाई बीजों के अंकुरित होने तक नमी के आधार पर करनी चाहिए। खर-पतवार से मुक्त रखने के लिए दो से तीन निराई की जरूरत होती है। 👉प्रति एकड़ 10 टन तक कलौंजी का उत्पादन किया जा सकता है। आज के समय में कलौंजी के बीज 20 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिक रहे हैं। यानी आप एक एकड़ में खेती से आसानी से 2 लाख रुपए कमा सकते हैं। इससे स्पष्ट है कि किसान कलौंजी की खेती से अपनी आय में काफी बढ़ोतरी कर सकते हैं। स्त्रोत:- TV9 Hindi 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद! |
Concession In Private Farm Work In Mgnrega | भरत झुनझुनवाला का ब्लॉगः मनरेगा में निजी कृषि कार्य की छूट दीजिए | Lokmat News Hindi
भरत झुनझुनवाला का ब्लॉगः मनरेगा में निजी कृषि कार्य की छूट दीजिए
वर्तमान में किसान दो समस्याओं से एक साथ जूझ रहा है। किसान की आय न्यून है। इसे दोगुना करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रमुख फसलों के समर्थन मूल्य को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना कर दिया जाएगा। इससे किसान की आय में वृद्धि होगी।
By भरत झुनझुनवाला | Follow | Published: November 10, 2018 12:49 AM2018-11-10T00:49:47+5:30 | Updated: November 10, 2018 12:49 AM2018-11-10T00:49:47+5:30
नीति आयोग द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों के समूह ने सुझाव दिया है कि मनरेगा के अंतर्गत किसानों को अपनी निजी भूमि पर कृषि कार्य करने की छूट होनी चाहिए। यानी यदि किसान को अपने खेत में निराई करनी है तो उसके लिए रखे गए खेत मजदूरों की दिहाड़ी मनरेगा द्वारा दी जाए। यह सुझाव सही दिशा में है और सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
वर्तमान में किसान दो समस्याओं से एक साथ जूझ रहा है। किसान की आय न्यून है। इसे दोगुना करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रमुख फसलों के समर्थन मूल्य को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना कर दिया जाएगा। इससे किसान की आय में वृद्धि होगी। लेकिन जमीनी हालत यह है कि फूड कारपोरेशन द्वारा उपलब्ध फसल को उठाया नहीं जा रहा है, किसानों को अपनी फसल को बाजार में बेचना पड़ रहा है और बढ़े हुए समर्थन मूल्य का दाम उन्हें नहीं मिल पा रहा है। यदि मान लिया जाए कि फूड कारपोरेशन द्वारा संपूर्ण फसल को उठा लिया जाएगा तो दूसरी समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
किसान को फसल के ऊंचे दाम मिलने से वह उनका उत्पादन बढ़ाएगा। जैसे यदि गेहूं के दाम में वृद्धि होती है तो किसान गेहूं का उत्पादन ज्यादा करेगा। लेकिन देश में गेहूं की खपत की सीमा है। प्रश्न उठता है कि इस बढ़े हुए उत्पादन का निष्पादन कहां किया जाएगा। इसका एकमात्र उपाय यह है कि इसे निर्यात कर दिया जाए। लेकिन वर्तमान में अपने देश में अधिकतर कृषि फसलों का मूल्य अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों से ऊंचा है। अर्थात गेहूं के बढ़े हुए उत्पादन को निर्यात करने के लिए निर्यात सब्सिडी देनी पड़ेगी। इस प्रक्रिया में सरकार को दोहरी चपत लगेगी। पहले फूड कारपोरेशन को सब्सिडी देनी पड़ेगी जिससे वह बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर किसान से फसल को खरीद सके। उसके बाद फूड कारपोरेशन को दोबारा सब्सिडी देनी पड़ेगी कि महंगे खरीदे गए अनाज को अंतर्राष्ट्रीय बाजार के सस्ते मूल्यों पर निर्यात कर सके।
किसानों की दूसरी समस्या मनरेगा है। इसके अंतर्गत खेत मजदूरों को 100 दिन की मजदूरी सुनिश्चित होती है। इससे किसानों की प्रवृत्ति अपने घर पर रहने की बन रही है। जो किसान पूर्व में उत्तर प्रदेश एवं बिहार से पंजाब व हरियाणा एवं तमिलनाडु से केरल जाते थे अब वे अपने गांव में ही रहकर मनरेगा की मजदूरी से जीविका चलाना पसंद कर रहे हैं। इससे पंजाब, हरियाणा और केरल के किसानों को खेत मजदूर कम मिल रहे हैं और उन्हें बढ़ाकर मजदूरी देनी पड़ रही है जिससे उनकी लागत बढ़ रही है और आय कम हो रही है।
इन दोनों समस्याओं का एक साथ समाधान हो सकता है, यदि मनरेगा के अंतर्गत निजी कृषि कार्यो को करने की छूट दे दी जाए। जैसे किसान को अपने खेत में निराई करनी है तो उसमें लगाए गए खेत मजदूर की दिहाड़ी मनरेगा द्वारा दी जाए। ऐसा करने से किसान को अपनी जेब से खेत मजदूर को दिहाड़ी नहीं देनी होगी। उसकी लागत कम होगी और आय में सहज ही वृद्धि हो जाएगी। इसके विपरीत वर्तमान में जो मनरेगा में कार्य कराए जा रहे हैं उनसे किसान को दोहरी चपत पड़ रही है। एक तरफ खेत मजदूर की दिहाड़ी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ मनरेगा के अंतर्गत व्यर्थ के कार्य कराए जा रहे हैं। जैसे अनुपयुक्त स्थानों पर चेकडैम बनाए जा रहे हैं और वे शीघ्र ही मिट्टी से भर जाते हैं।
इस परिस्थिति में मनरेगा के अंतर्गत निजी कृषि कार्य की छूट दे दी जाए। पहला लाभ यह होगा कि किसान की आय सहज में बढ़ जाएगी। उतने ही गेहूं के उत्पादन के लिए निराई अथवा सिंचाई के लिए जो मजदूरी वह अपनी जेब से देता था वह अब मनरेगा से दी जाएगी। उसकी लागत कम हो जाएगी तद्नुसार उसकी आय बढ़ जाएगी। विशेष यह कि आय में यह वृद्धि उत्पादन में बिना किसी वृद्धि के हो जाएगी। यानी किसान यदि पहले 10 क्विंटल गेहूं का उत्पादन करता था तो मनरेगा के अंतर्गत उत्पादन कराने के बाद भी वह पूर्ववत 10 क्विंटल गेहूं का ही उत्पादन करेगा जबकि उसकी लागत कम हो जाएगी। उत्पादन पूर्ववत रहने से सरकार के फूड कारपोरेशन को अधिक मात्र में गेहूं नहीं खरीदना पड़ेगा। न ही सरकार को उस अधिक उत्पादन के निर्यात के लिए सब्सिडी देनी पड़ेगी। इस प्रकार मनरेगा के अंतर्गत निजी कार्य कराने से किसान की आय बढ़ेगी लेकिन सरकार पर निर्यात सब्सिडी का बोझ नहीं बढ़ेगा।
चौथा लाभ यह होगा कि मनरेगा के अंतर्गत जो भ्रष्टाचार व्याप्त है वह कम होगा। वर्तमान में मनरेगा में भ्रष्टाचार व्याप्त होने का कारण यह है कि मुख्यत: सार्वजनिक कार्य ही कराए जाते हैं। जैसे इन सार्वजनिक कार्यो की नाप करने में, इन सार्वजनिक कार्यो की स्वीकृति लेने में और इनका पेमेंट करने में ग्राम के प्रधान तथा सरकारी कर्मी घूस खाते हैं। लेकिन इसके स्थान पर जब मनरेगा के अंतर्गत निजी कार्य कराए जाएंगे तो जिस किसान के खेत में यह कार्य कराए जाते हैं वह इन पर निगरानी रखेगा और उसमें भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।
Web Title: concession in private farm work in MGNREGA
संपादकीयः वैज्ञानिक उपलब्धियों का राजनीतिकरण न हो
केंद्र ने अदालत से कहा- 'शादी का अधिकार','जीवन जीने का अधिकार' नहीं है
मोदी सरकार जारी करेगी 20 रुपये का सिक्का, ये होगी खासियत
रवीश-अभिसार शर्मा जैसे पत्रकारों को अश्लील मैसेज भेजे जाने के विवाद पर DoT ने 'नोट' दो हफ्ते में लिया वापस |
ऐ दिल, है मुश्किल जीना यहां... : साहिल जोशी - आज तक ब्लॉग्स Blogs
बुधवार, 29 जून 2022 | 06:18 IST
खुद मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री ने साफ कह दिया है कि मुंबई को ऐसे हमलों से बचाना मुश्किल है. तो अब क्या करें? मुंबई का स्पिरीट यही है. जो मिला, उसी को मुकद्दर समझ लिया...जिस तरह बीएमसी ( मुंबई महानगरपालिका) ने कह दिया, हे मुंबईवासियों, हम आपको गंदी-खराब सडकों, हर बारिश में भर जाने वाले पानी से छुटकारा नहीं दिला सकते, तो मुंबई ने क्या किया, स्वीकार कर लिया. मुंबईवासी इसी के बीच अपना जीवन काट रहे हैं. कोई भी रेल मंत्री बार-बार कहने के बावजूद मुंबई की लोकल ट्रेन से भीड़ कम नहीं कर पाया है. हर रोज मुंबईवासी जीवन-मरण के बीच लटकते हुए अपनी यात्रा कर ही रहा है.
...और अब बम धमाकों की भी आदत-सी पड़ गई है. सरकार को डरने की जरूरत नहीं, मुंबईकर बम धमाके के डर के साये में अपनी जिंदगी गुजार ही लेगा. यही है मुंबई का 'स्पिरीट'. अब बेचारे पुलिसवालों को कोस के भी क्या फायदा. वीवीआईपी को सिक्योरिटी देना, छोटे-मोटे दंगों के दौरान दिन-रात सडक पर खडे़ रहना और बाकी रोजमर्रा की पुलिसिया ड्यूटी के बीच कहीं भीड़ भरी लोकल में, किसी भीड़ भरी सडक पर, जहां एक चींटी के घुसने के लिये भी जगह नहीं होती, जहां अपनी बगल में खडे़ इंसान का चेहरा तक याद नहीं रहता, ऐसी जगहों पर कोई बम रख दे, तो पुलिस भी क्या कर लेगी?
मुंबई जैसे शहर में, जहां आबादी 2 करोड़ के करीब पहुंच चुकी है, रोजमर्रा की जिंदगी खतरे से खाली नहीं है. छोटी-से-छोटी सुविधा के लिये भी लडा़ई लडनी पडती है. इंसान जी ले, इतना ही काफी है, मरने की बात तो दूर...लेकिन क्या इसका मतलब ये सब रोका नहीं जायेगा? अब ये सरकार के हाथ में है. सरकार भीड़ को वजह बताकर बच नहीं सकती. ये भीड़ कैसे बढी़. मुंबई की बढ़ती आबादी को देखते हुए सरकार ने पहले ही कदम क्यों नहीं उठाये, इसका जवाब तो सरकार ही दे पायेगी.
पिछले 20 साल में मुंबई जैसे 'इंटरनेशनल' शहर का विकास बहुत ही बेतरतीब रहा है. पिछले 20 साल में मुंबई में कुछ बढा़ है, तो वो हैं झोंपडे़ और गैरकानूनी बस्तियां, जिन्हें किसी ना किसी नेता के आशीर्वाद से कानूनी बनाया गया. इनमें से कई पुलिस की रडार से दूर ही रही. इनके एवज में पुलिस या बीएमसी की सुविधाओं में जो बढ़ोतरी होनी चाहिये थी, वो बिल्कुल ही नहीं हुई है. मुंबई की तरफ बढ़नेवाली भीड़ को काबू करने के लिये कुछ नहीं किया गया.
जब वो भीड़ मुंबई में बसी, तो उसके मुताबिक शहर को तैयार करने के लिये भी कोई काम नहीं किया गया. आपको यकीन नहीं होगा कि पूरी मुंबई को संभालने के लिये केवल 1 लाख 15 हजार के करीब बीएमसी कर्मचारी हैं, जो मुंबई की साफ-सफाई, अस्पताल, पानी की सप्लाई का काम देखते हैं. वहीं केवल 50,000 के करीब पुलिस फोर्स मुंबई की सुरक्षा का जिम्मा संभाले हैं. ये आंकडे़ काफी हैं ये बताने के लिये कि सरकार ने कभी भी मुंबई के भविष्य का खयाल नहीं रखा. हर बार झटके खाने के बाद ही सरकार की नींद खुली है.
1993 के धमाकों के बाद सरकार को पता चला कि मुंबई जैसा शहर अगर धार्मिक दंगों का शिकार बनता है, तो उसका नतीजा क्या होगा, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. मुंबई में हिंदू और मुस्लिम समुदाय अलग-अलग रहते हैं. उनकी बस्तियां, जो किसी जमाने मे हिंदू-मुस्लिम का फर्क नहीं जानती थी, आज अलग-अलग हो गई है. एक तरह का 'घेट्टोइजम '(ghettoism) मुंबई में दिखाई देता है. जाहिर सी बात है कि इसी के चलते पुलिस का हर समुदाय के साथ जो कनेक्शन था, वो न के बराबर रह गया और हर छोटी-मोटी घटनाओं की जानकारी पानेवाले पुलिस फोर्स की इंटेलिजेंस में कमी आने लगी. अब जब सरकार इंटेलिजेंस इनपुट न मिलने का रोना रो रही है, तब शायद उन्हें पता चलेगा कि मुंबई के 'घेट्टोइजम ' को खत्म करने के लिये राजनीतिक स्तर पर जो कोशिशें होनी चाहिए थी, वो नहीं हुई या नहीं की गई, क्योंकि इसी 'घेट्टोइजम ' का फायदा उठाकर हर राजनीतिक पार्टी ने अपने वोटबैंक बना लिए.
2005 में जब मुंबई को बाढ़ ने लील लिया, तब अचानक मुंबई को शंघाई बनाने की बात हुई. मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के नाम पर मेट्रो, फ्लाईओवर्स, बडी़ सडकों का काम शुरू हुआ, जो दरअसल 80 के दशक में ही होना चाहिए था, लेकिन सरकारी सुस्त रवैये के आगे मुंबई बेबस रही. 2006 के ट्रेन धमाके और 2008 के आतंकी हमले के बाद मुंबई में सीसीटीवी कैमरे, रेलवे स्टेशन की सुरक्षा और पुलिस फोर्स का आधुनिकीकरण, इन चीज़ों पर सरकार ने ध्यान देना शुरू किया, लेकिन क्या ये सारी चीजें पहले नहीं हो सकती थीं. करीब हर साल मुख्यमंत्री या उनके कोई सहयोगी किसी ना किसी कांफ्रेंस के लिये विदेश जाते हैं, लेकिन वहां के शहरों को देखकर उन्हें कभी ये खयाल नहीं आया कि मुंबईवासियों को भी ये सुविधाएं दी जा सकती हैं. अब सरकार ये कहकर पीछा छुडा़ना चाहती है कि ये सब रोकना मुश्किल है.
बॉलीवुड ने लगता है मुंबई का भविष्य सालों पहले ही देख लिया था. शायद इसलिये मुंबई की जब भी बात होती है, तब यही गाना गुनगुनाने का मन करता है..."ऐ दिल, है मुश्किल जीना यहां...जरा हटके जरा बचके...ये है बॉम्बे (मुंबई कहने से हालात नहीं बदलने वाले) मेरी जान"...फिलहाल ये मुंबई सबकी जान ले रही है.
Mali kyu soche ki fal kaun khayega?
Geetkar kyu soche k geet kaun gayega?
Badhai kyu soche ki naav mae kaun jayega?
Hamara to bas swabhav he diye jane ka,
Koi jarurat mand hi to inka lutf uthayega
Neora ganw- Jodhpur
ye kya ho raha hai.........brahma ji ye soch rahe honge ki maine prithvi par manav ko basa kekoi galti toh nahi ki na..... |
Updated on 17 Aug, 2019 10:15 PM IST BY KHABARKOSH.COM
भोपाल । पूर्व सहकारिता, मंत्री विश्वास सारंग आज छोला दशहरा मैदान और खेल मैदान सुभाष नगर में आयोजित रक्षाबंधन महोत्सव में पहुंचे। महोत्सव में श्री सारंग को हजारों बहनों ने उत्साहपूर्वक राखी बांधी। रक्षाबंधन महोत्सव में दोनों स्थानों पर अपार जन-समूह की उपस्थिति ने व्यवस्थापकों को हतप्रभ कर दिया। बहनों को बैठने के लिए महोत्सव स्थल पर लगाये गये टेंट में जगह और कुर्सियां कम पड़ गई। ताबड़तोड़ टेंट के दोनों ओर सामने बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई।
समारोह में स्वयं कतारबद्ध होकर बहनों ने अपनी बारी का इंतजार किया और श्री सारंग को राखी बांधी। छोटी बहनों से लेकर बुजुर्ग माता-बहनों ने भी स्थानीय विधायक और सहकारिता मंत्री श्री सारंग को रक्षा-सूत्र बांधे। बुजुर्ग बहनों ने रक्षा-सूत्र बांधकर मंत्री श्री सारंग के सिर पर हाथ रख आशीष दिया। मंत्री श्री सारंग ने सभी बहनों को उपहार भेंट किये। आज आयोजित रक्षाबंधन महोत्सव में श्री सारंग की धर्मपत्नी श्रीमती रूमा सारंग भी सम्मिलित हुई। श्रीमती सारंग ने भी मंत्री श्री सारंग के साथ बहनों से राखी बंधवाई।
महोत्सव स्थल छोला दशहरा मैदान और खेल मैदान सुभाष नगर पर महिलाओं के लिए मेंहदी कार्नर और बच्चों के लिए झूले लगाये गये थे, जिनका बच्चों और महिलाओं ने भरपूर आनंद लिया। भजनों के सुमधुर संगीत पर अनेक बहनें भाव-विभोर हो गयीं। श्री सारंग ने समारोह में कहा कि नरेला क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में हर वर्ष बहनें उन्हें रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधती हैं। उन्हें गर्व है कि उनकी हजारों बहनें हैं। उन्होंने कहा कि नरेला क्षेत्र आज नरेला परिवार बन गया है लोगों से उनका रिश्ता परिवार का रिश्ता है।
आज आयोजित रक्षाबंधन महोत्सव में मालती राय, विजय सिंह, राधाकृष्ण नायक मंडल अध्यक्ष, अषोक वाणी, सूर्यकांत गुप्ता, स्थानीय पार्षद श्रीमती सुषमा बाली, गायत्री चैरसिया, बबलेश राजपूत, नीरज पचैरी, भूपेन्द्र सिंह चैहान, काषीराम शर्मा, कुसुम सिंह, संतोष अहिरवार, रामबाबू भार्गव, सहित अन्य स्थानीय जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। |
थकान और ऊर्जा की कमी से निजात दिलाएंगी सीढ़िया | Hamara Mahanagar
थकान और ऊर्जा की कमी से निजात दिलाएंगी सीढ़िया
जब भी थकान महसूस होती है या ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है या ऊर्जा की जरूरत महसूस होती है तब ज्यादातर लोग कॉफी या चाय का सहारा लेते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि अगर कभी काम के दौरान ऊर्जा की कमी महसूस हो रही है, नींद पूरी न होने की वजह से अगर काम के दौरान अचानक नींद आ रही हो तो ज्यादातर लोग कॉफी पीना पसंद करते हैं। लेकिन, एक हालिया शोध के अनुसार सीढ़ियां चढ़ने से तुरंत ऊर्जा मिल सकती है।
पूर्व के शोध के अनुसार ज्यादा कैफीन का सेवन करने से सेहत को नुकसान पहुंचता है। इतना ही नहीं, कैफीन का असर भी महज कुछ समय के लिए ही होता है और तुरंत खत्म भी हो जाता है। ऐसे में शोधकर्ताओं ने आपको तुरंत ऊर्जा दिलाने का बिना दुष्प्रभाव वाला एक बेहतरीन तरीका खोज निकाला है। जब भी ऊर्जा की कमी महसूस हो तो एक कप कॉफी पीने की बजाए सीढ़ियां चढ़ना-उतरना शुरू कर दें। कैफीन से भरपूर कॉफी की जगह अगर आप 10 मिनट तक सीढ़ियां चढ़ें और उतरें तो आप निश्चित तौर पर सक्रिय और प्रेरित महसूस करेंग |
सैमसंग ला रही है बिल्कुल नई 'गैलेक्सी एफ' सीरीज़, डायरी की तरह मुड़ने वाला फोल्डेबल फोन इसी में होगा लॉन्च | 91Mobiles Hindi
सैमसंग ला रही है बिल्कुल नई 'गैलेक्सी एफ' सीरीज़, डायरी की तरह...
सैमसंग के फोल्डेबल फोन की चर्चा सालभर से हो रही है। पहले लीक्स सामने आते थे जिनमें फोन के डिजाईन और लुक से जुड़ी खबरे दी जाती थी। वहीं पिछले महीने सैमसंग फोल्डेबल फोन पर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी डी जे कोह का बयान आने पर इस फोन की चर्चा और भी तेज हो गई है। सैमसंग फोल्डेबल फोन देखने में कैसा होगा तथा किस नाम के साथ लॉन्च किया जाएगा यह तो अभी आॅफिशियल नहीं हुआ है। लेकिन फोल्डेबल फोन से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है जिसमें बताया गया है कि सैमसंग इस फोल्डेबल फोन को 'गैलेक्सी एफ' सीरीज़ में लॉन्च करेगी।
सैम मोबाइल ने सैमसंग के फोल्डेबल फोन को लेकर एक्सक्लूसिव खबर की है। इस रिपोर्ट के अनुसार सैमसंग इस फोल्डेबल फोन के लिए एक नई स्मार्टफोन सीरीज़ लाएगी जिसका नाम गैलेक्सी एफ सीरीज़ होगा और इसी सीरीज़ में तहत कंपनी का फोल्डेबल फोन लॉन्च होगा। रिपोर्ट के अनुसार इसी महीने आयोजित होने वाली एसडीसी 2018 में सैमसंग अपने इस फोन से पर्दा उठा सकती है और इसे टेक मंच पर पेश कर सकती है।
सैमसंग गैलेक्सी एफ सीरीज़ के इस फोल्डेबल फोन का मॉडल नंबर इस रिपोर्ट में एसएम-एफ900यू बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार सैमसंग अपने फोल्डेबल फोन के लिए एक अलग एंडरॉयड यूजर इंटरफेस बना रही है जो काफी यूनिक होगा। इस एंडरॉयड यूआई के लिए सैमसंग कंपनी गूगल के साथ मिल कर काम कर रही है। सैमसंग फोल्डेबल फोन के लिए कहा जा रहा है कि फोन में 512जीबी की इंटरनल स्टोरेज दी जाएगी।
सैमसंग के वरिष्ठ अधिकारी डी जे कोह एक इंटरव्यू में बता चुके हैं कि कंपनी का फोल्डेबल डिवाईस टैबलेट और फोन दोनों का काम करेगा। यह डिवाईस टैबलेट का आकार का होगा लेकिन यूजर इसे फोल्ड कर यानि मोड़ कर किसी फोन की तरह अपनी पॉकेट में भी डाल सकेंगे। कोह के अनुसार सैमसंग का फोल्डेबल डिवाईस यूजर्स को मल्टीटास्क करने में बेहद उपयोगी साबित होगा।
सैमसंग का कहना है कि यह डिवाईस मल्टी टास्किंग के साथ ही इज़ी पॉर्टबिलिटी वाला होगा। यानि यूजर्स टैबलेट के रूप में इस पर अपने कार्य भी निपटा सकेंगे और एक आम फोन की तरह अपनी जेब में भी रख कर सफर भी कर सकेंगे। फिलहाल इस बात की पूरी उम्मीद है कि सैमसंग कुछ ही दिनों बाद आयोजित होने वाली अपनी वार्षिक कॉफ्रेंस में इस फोल्डेबल फोन को शोकेस कर सकती है जो अगले साल तक बाजार में लॉन्च होगा। |
व्यापारी सम्मेलन में राहुल गांधी पर बरसे महेंद्र पांडेय, कहा- घोटालेबाज लगा रहे पीएम पर आरोप Patrika Hindi
bjp leader mahendra pandey attack on rahul gandhi news in hindi
कहा- जनता ही प्रधानमंत्री का हौसला, नोट बंदी के साहसिक फैसले में जनता है पीएम के साथ
गोरखपुर. व्यापारी सम्मेलन में भाग लेने आये केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो व्यक्ति 40 हजार करोड़ हेराल्ड अख़बार के घोटाले में जमानत पर रिहा हो, उसको बोलने का कोई हक़ नहीं।
उन्होंने कहा कि देश को पहला ऐसा प्रधानमंत्री मोदी के रूप में मिला है जो देशहित में साहसिक फैसले ले रहा। नोटबंदी का फैसला एक साहसिक कदम था। इसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम आएंगे। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि इससे तात्कालिक तौर पर थोड़ी मंदी जरूर आई है लेकिन ये सब कुछ दिनों में निपट जाएंगी।
भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ द्वारा शहर के आर्यनगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित व्यापारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ.पाण्डेय ने कहा कि हर बड़े काम में थोड़ी बहुत दिक्कतें होती हैं लेकिन जब परिणाम सकारात्मक और उन्नतिकारक हो तो यह सहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के साहसिक फैसले के साथ देश की जनता है, यही उनका हौसला है।
यूपी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार उत्तर प्रदेश में कमल खिलना तय है। उत्तर प्रदेश की धरती राष्ट्रवाद की विचारधारा एवं जनसंघ के लिए उर्वरा भूमि रही है। इसी प्रदेश की बदौलत केन्द्र में भाजपा की सरकार है।
व्यापारियों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और व्यापारी समाज कभी अलग नहीं हो सकते। शुरू से ही यह समाज पार्टी से जुड़ा हुआ है। व्यापारी समाज की समस्याओं को केन्द्र तक पहुंचाया जाएगा। यूपी में भाजपा की सरकार बनाने के लिए व्यापारियों को आगे बढ़कर आना होगा। इसके पहले व्यापारियों ने केंद्रीय राज्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया।
Mahendra Pandey minister mahendra pandey Rahul Gandhi up election UP election 2017 election in up
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बिजनेस स्टैंडर्ड - महंगाई पर नियंत्रण रखना पहली प्राथमिकता: आरबीआई
Monday, May 21, 2018 08:35 PM English | हिंदी
महंगाई पर नियंत्रण रखना पहली प्राथमिकता: आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में दरें अपरिवर्तित रखने के संकेत दिए हैं। आरबीआई ने एक बार फिर कहा है कि महंगाई पर नियंत्रण रखना उसकी पहली प्राथमिकता है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के सी चक्रवर्ती ने यहां एक कॉलेज में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा, 'हम इस बात से सहमत हैं कि ब्याज दरें कम रहने से निवेश को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन दूसरी तरफ महंगाई भी कम होना जरूरी है। यही वजह है कि महंगाई पर नियंत्रण रखना पहली प्राथमिकता है।'
अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर 7.55 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई जो जुलाई में कम होकर 7 प्रतिशत से नीचे चली गई थी। केंद्रीय बैंक लगातार सरकार पर वित्तीय मजबूती लाने के लिए दबाव डालता रहा है और गुरुवार को डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
चक्रवर्ती ने कहा, 'ब्याज दर अधिक रहने से बचत करने वालों को फायदा होता है। महंगाई की दर कुछ भी क्यों न हो बचतकर्ता को महंगाई से हमेशा अधिक प्रतिफल दिया जाना चाहिए और ऐसा होने पर ही हम बचत कर पाएंगे।' चक्रवर्ती ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तीसरी चरण की क्वांटीटिव ईजींग की घोषणा से जिंस की कीमतें ऊपर जा सकती हैं।
जिंस की कीमतें बढऩे से आरबीआई के लिए दरों में कमी करना आसान नहीं रह जाएगा। सोमवार को आरबीआई मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करेगा और ऐसा माना जा रहा है कि रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किए जाएंगे। गुरुवार को सरकार ने डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 5 रुपये की बढ़ोतरी की है, साथ ही प्रति परिवार रसोई गैस सिलिंडरों की संख्या घटाकर 6 कर दी है।
31 जुलाई को मौद्रिक नीति की पहली तिमाही समीक्षा में आरबीआई ने महंगाई का अनुमान बढ़ाकर 7 प्रतिशत और साल के लिए वृद्धि दर संशोधित कर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। अप्रैल में ब्याज दर 50 आधार अंक कम करने के बाद अगली दो समीक्षा में दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया था।
बैंकों की ओर से बड़े स्तर पर की जारी ऋण पुनर्संरचना पर चक्रवर्ती ने कहा कि ऐसा करना बुरा नहीं है लेकिन इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले वास्तविक क्षेत्र में सुधार की जरूरत है और इसके बाद वित्तीय क्षेत्र में सुधारों की बारी आती है। चक्रवर्ती ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र के सुधार को पृथक रख कर पूरा नहीं किया जा सकता है। |
बिजनेस स्टैंडर्ड - टीके की दोनों खुराक ले चुके लोग जल्द ही लोकल ट्रेन में करेंगे सफर
Tuesday, September 28, 2021 01:01 AM English | हिंदी
टीके की दोनों खुराक ले चुके लोग जल्द ही लोकल ट्रेन में करेंगे सफर
कारोबारी संगठनों की लोकल ट्रेन में यात्रा करने की मांग जल्द ही रंग लाने वाली है। कोविड कार्यबल की बैठक में कोविड टीका की दोनों खुराक ले चुके लोगों को मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति देने पर सहमति बन गई। अब अंतिम फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेना है। बैठक में शामिल मंत्रियों का कहना है कि अगले एक-दो दिन में इस पर फैसला ले लिया जाएगा। रेलवे ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी है।
महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन विभाग कोविड-1 की दोनों खुराक ले चुके लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने के पक्ष में है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई राज्य के कोविड कार्यबल की बैठक में शामिल होने से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को बताया कि अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को लेना है। अभी तक केवल उन्हीं लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति है, जो आवश्यक और आपातकालीन सेवा से जुड़े हैं। टोपे ने कहा कि मुंबई में अर्थव्यवस्था के पहियों को गतिमान रखने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन ने टीकों की दोनों खुराक ले चुके लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति देने के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की है। कुछ विशेषज्ञों ने दुकानों और अन्य सेवाओं के समय को शाम 4 बजे (वर्तमान प्रतिबंध समय) से आगे बढ़ाने का भी सुझाव दिया है।
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने कहा कि एक मंत्री के रूप में मेरा यह भी विचार है कि जो व्यक्ति टीके की दो खुराक ले चुका है, उसे मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हमने मुख्यमंत्री को इस बारे में भी सूचित किया है। कार्यबल द्वारा रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद मुंबई लोकल पर निर्णय अगले दो से तीन दिनों में लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शहर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच चार महीने पहले लगाये गए प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी गई है। रेस्तरां का समय भी बढ़ाया जाना चाहिए। जल्द ही इस पर भी निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि मुंबई के कारोबारी संगठन लगातार मांग कर रहे हैं कि दोनों खुराक ले चुके लोगों को लोकल में अनुमति दी जानी चाहिए। कारोबारियों का कहना था कि दुकानें खुलने के बावजूद परेशानी बनी हुई है, क्योंकि दुकान पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से आना पड़ रहा है, जिसमें घंटों का समय चला जाता है। राज्य के कई नेताओं ने भी कारोबारियों की मांग का समर्थन करते हुए टीके की दोनों खुराक ले चुके यात्रियों को अनुमति देने की मांग की। यात्री संगठनों ने तो इस मुद्दे को लोकर सोशल मीडिया पर मुहिम चला रखी है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार उन्होंने राज्य सरकार से हुई हर बैठक में दोनों खुराक ले चुके लोगों को अनुमति देने की बात रखी है। यात्रियों की कमी से रेलवे को भी नुकसान हो रहा है। वह ज्यादा यात्री ढोने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, इसलिए उसने लोकल सेवाओं की संख्या में भी कोई बड़ी कटौती नहीं की है। मुंबई में फिलहाल रोजाना 3,141 लोकल ट्रेन चल रही हैं। यदि एक ट्रेन में पहले के मुकाबले 50 फीसदी यात्रियों को भी अनुमति दी जाए तो करीब 50 लाख लोगों को यात्रा का अवसर मिलेगा। कोविड के पहले मुंबई लोकल ट्रेन में हर दिन औसतन 80 लाख लोग सफर करते हैं। |
Seoni : मेट्रन शशि जायसवाल ने कोविड काल में दिया सूझबूझ का दिया परिचय -
Seoni : मेट्रन शशि जायसवाल ने कोविड काल में दिया सूझबूझ का दिया परिचय
सिवनी, 15 जून। जिला चिकित्सालय सिवनी में विगत 14 वर्षो से मेट्रन के पद पर पदस्थ श्रीमति शशि जायसवाल पदस्थ द्वारा कोरोना काल में काफी सूझबूझ के साथ जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को संभाला गया है।
श्रीमति शशि जायसवाल ने बताया कि वह जिला चिकित्सालय सिवनी में नर्सिंग शाखा देखती हैं। कोविड महामारी के दौरान स्टॉफ नर्स की काफी कमी हो गई थी तथा जिला चिकित्सालय में स्टॉफ कोविड पॉजिटिव हो गये थे तथा कुछ स्टॉफ व्यक्तिगत परेशानियों के कारण छुटटी में थे। ऐसी स्थिति में वार्डो में स्टॉफ की ड्यूटी लगाना में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था।
उन्होनें बताया कि ऐसी परिस्थिति में सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में स्टाफ की कमी होते हुए भी कार्यरत नर्सिंग सिस्टर एवं स्टाफ नर्सो से आपस में तालमेल बैठाकर कार्य किया गया। महामारी के दौरान अचानक कोविड के मरीजो की अधिकता के कारण जिला चिकित्सालय के सभी वार्डो को कोविड वार्ड बना दिया गया था। ऐसी स्थिति में सभी वार्डो में शिफ्ट में ड्यूटी लगाना बहुत मुश्किल हो रहा था। ऐसी स्थिति में उन्होनें मारूति इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज कलबोड़ी (सिवनी) से ट्रेनिंग पास की छात्राओं से सम्पर्क किया जिस पर नर्सिग की 5 छात्राएं निःशुल्क कार्य करने के लिए सहमत हो गई एवं तुरंत ड्यूटी करने आ गई। इनके द्वारा बिना भय के कोविड आईसीयू वार्ड में ड्यूटी की गई जिसके परिणामस्वरूप जिला चिकित्सालय में मरीजो की उचित देखभाल हो सकी। एवं कोरोना महामारी के नियंत्रण में सफलता प्राप्त हुई।
श्रीमति शशि जायसवाल ने बताया कि उनके घर में मां सहित कुल 12 लोग कोविड पॉजिटिव हो गए थे। ओर 3 लोग गोंदिया हॉस्पिटल मे भर्ती थे उनको मेरी अतिआवश्यकता थी किंतु मेरे सामने चिकित्सालय की नर्सिंग एवं अन्य व्यवस्थाओ की जिम्मेदारी ज्यादा महत्वपूर्ण थी। इसलिए मैने बिना कोई अवकाश के सहर्ष आत्मविश्वास के साथ बिना भय के वार्ड की व्यवस्थाएं संचालित की जिसमें सिविल सर्जन डॉ. नावकर सहित मारूति इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज कलबोड़ी (सिवनी) की ट्रेनिंग पास कर चुकी छात्राएं अंजली जायसवाल, श्रद्धा विश्वकर्मा, रोशना वाडीवा, रोशनी भलावी, शैफाली सोनी, ज्योति पंचेश्वर तथा राजश्री का विशेष परिस्थिति में सहयोग उल्लेखनीय रहा।
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COVID19: New Mutant Variant Of Covid-19 Found In India – Digital Women – Daring ! Inspiring ! Courageous
देश के कई राज्यों में मिले कोरोना के नए वेरिएंट, स्थिति चिंतजनक
देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस का खतरा बढ़ गया है। लगभग पांच महीनों के बाद भारत में एक बार फिर से प्रतिदिन 50 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोना की इस ताजा लहर में भारत में अब कोरोना के डबल म्यूटेंट और वेरिएंट का पाया जाने की बातें सामने आई हैं जो की काफी चिंतजनक है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते दिन ही बताया था कि भारत में कोरोना के नए वेरिएंट मिल गए हैं, कुछ राज्यों में इसके मामले काफी अधिक पाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रेस रिलीज़ जारी की है, जिसमें जीनोम स्किवेंसिंग के आदार पर देश की दस लैब से जो रिजल्ट सामने आया उसे बताया गया है। इसके अनुसार भारत में कोरोना वायरस के तीन नए वेरिएंट मिले हैं, जो कि कोरोना का यूके वेरिएंट, साउथ अफ्रीका वेरिएंट और ब्राजीलियन वेरिएंट है। मौजूदा वक्त में देश में कुल 771 मामले कोरोना के नए वेरिएंट से जुड़े हैं। अलग-अलग लैब में करीब दस हजार पॉजिटिव सैंपल की जांच की गई, जिनमें से 771 मामले नए वेरिएंट वाले मिले हैं। इनमें सबसे अधिक यूके वेरिएंट के केस हैं, जिनकी संख्या 736 है। जबकि साउथ अफ्रीकन वेरिएंट के 34 और ब्राजीलियन वेरिएंट का 1 केस सामने आया है।
देश के कई राज्यों में इस नए कोरोना वेरिएंट के मामले सामने आए हैं जिसमें पंजाब में कोरोना के यूके वेरिएंट से सबसे अधिक मामले दर्ज हुए हैं, यहां कुल 336 केस मिले हैं। वहीं तेलंगाना, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात में भी यूके वेरिएंट के केस मिले है।
इनके अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में साउथ अफ्रीकी वेरिएंट के भी केस मिले हैं. जो एक ब्राजीलियन वेरिएंट का केस मिला है, वो भी महाराष्ट्र में पाया गया है।
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मार्केटिंग क्या है। इसके सीक्रेट तरिके marketing in hindi
February 28, 2022 September 1, 2021 by Pankajdogra
हेलो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि मार्केटिंग क्या है कितने प्रकार की होती है marketing in hindi. और मार्केटिंग को कैसे किया जाता है। क्योंकि मार्किटिंग की जरूरत एक छोटे से काम से ले कर बहुत बड़ी कंपनी को भी मार्केटिंग की जरूरत पड़ती है। और आज की इस भाग दौड़ में मार्केटिंग की मांग भी बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। इसलिए आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि मार्केटिंग क्या है कितने प्रकार की होती है marketing kaise kare in hindi.
और पढ़े > इन्वेस्टमेंट क्या है
1 मार्केटिंग क्या है ? marketing in hindi.
2 मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है how many types of Marketing.
2.1 नेटवर्किंग मार्केटिंग क्या होती है ? What is a Networking Marketing.
2.2 मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है how may type of Network Marketing.
2.3 डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है ? What is a Digital Marketing.
2.4 डिजिटल मार्केटिंग कब और कहाँ इस्तेमाल की जाती है। When and where is digital marketing used?
मार्केटिंग क्या है ? marketing in hindi.
क्या आप जानते है मार्केटिंग के बारे में अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं में आपको बताऊंगा की मार्केटिंग क्या है कितने प्रकार की होती है marketing in hindi. दोस्तों मार्केटिंग की बहुत सारी डेफिनाशंस होती है पर जो सबसे आसान है मैं उसी की बात करूंगा में। मार्केटिंग का मुख्य काम सिर्फ एक होता है जो कि लोगों को अपने बारे में बताना या फिर किसी चीज को सेल करना। और आजकल मार्किटंग की बिना किसी भी काम नहीं किया जा सकता है। अब आपको पता चल गया होगा की मार्केटिंग क्या होती है।
मार्केटिंग का अर्थ होता है किसी भी व्यक्ति को कोई सामान बेचना होता है। सिंपल भाषा में अगर बोलू तो गंजे को कंगी बेचना यही मार्केटिंग होती है। मार्केटिंग में कस्टमर को अपने प्रोडक्ट के बारे बताना होता है। फिर उसे उस प्रॉडक्ट की जरूरत क्रिएट करवानी होती है। और कस्टम को समझना होता है उसे किस चीज की जरूरत है। यही मार्केटिंग होती है।
इस मार्केटिंग के प्रॉसेस में 4 elements होता है जिसे हम marketing of P भी कहते है।
Product- सबसे पहले आपको प्रोडक्ट को सलेक्ट करना होता है।
Place- उस प्रोडक्ट की सबसे ज्यादा मांग कहा है।
Price- उस प्रोडक्ट का मूल्य निष्चित करना होता है।
Promotion- कस्टम को प्रोडक्ट के बारे बताना।
और यह भी पढ़े > शेयर मार्किट ब्रोकर कैसे बनें?
मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है how many types of Marketing.
मार्केटिंग पूरी दुनिआ में बहुत प्रकार से मार्केटिंग की जाती है। और इस आर्टिकल में हम जानेंगे सबसे ज्यादा प्रकार की मार्केटिंग की जाती है। बो सिर्फ दो प्रकार की मार्केटिंग होती है।
Networking Marketing (नेटवर्किंग मार्केटिंग).
Digital Marketing ( डिजिटल मार्केटिंग ).
दोस्तों यही दो प्रकार की मार्केटिंग पूरी दुनिया में की जाती है। marketing in hindi से छोटे दुकानदार से लेकर बड़ी बड़ी कंपनी मार्केटिंग करती है
और पढ़े > freelancing क्या होती है?
नेटवर्किंग मार्केटिंग क्या होती है ? What is a Networking Marketing.
दोस्तों नेटवर्किंग marketing in hindi के बारे भी अपने जरूर सुना होगा। इस तरह की मार्केटिंग में लोग एक पिरामिड के स्टक्चर के रूप में शामिल होते है। और किसी कंपनी में शामिल हो कर प्रोडक्ट को बचते है। इस नेटवर्क हर मेंबर एक इंडिपेंडेंट सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव होता है इस नेटवर्क में जुड़ने बाले मेंबर को प्रोडक्ट बेचने पर एक फिक्स कमीशन मिलता है। नेटवर्क मार्केटिंग के जरूये कंपनी से प्रोडक्ट को डारेक्ट कस्टमर तक पहुँचाया जाता है। नेटवर्कंग मार्केटिंग को मल्टी लेवल marketing in hindi भी कहा जता है। इसके और भी बहुत सारे नाम होते है।
मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है how may type of Network Marketing.
Consumer-Direct Marketing.
डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है ? What is a Digital Marketing.
डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) वह मार्केटिंग होती है जिस इंटरनेट के जरिये की जाती है। इस तरह की मर्केटिंग (marketing in hindi) इतेमाल करके कोई भी कंपनी अपने कस्टमरस तक अपने प्रोडक्ट की मार्कटिंग कर सकती है। जिसमे अच्छा खासा पैसा भी कमा सकती है। जिस ऑनलाइन मार्केटिंग भी कहते है। जब कोई भी कंपनी अपना नया प्रोडक्ट निकलती है तो उस प्रोडक्ट को सभी लोग को बताने के लिए मार्केटिंग का उपयोग करती है।
मार्केटिंग का मुख्य उदेश्य एक ही होता है सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपने प्रोडक्ट को प्रेजेंट करना होता है चाहे बो ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन। आजकल भारत में सभी लोग इंटरनेट का इतेमाल कर रहे है और यह संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसलिए डिजिटल मार्केटिंग बहुत ज्यादा की जा रही है।
डिजिटल मार्केटिंग कब और कहाँ इस्तेमाल की जाती है। When and where is digital marketing used?
डिजिटल मार्केटिंग ऐसी जगह पर इस्तेमाल की जाती है जहाँ पर लोग आपने समय इंटरनेट पर ज्यादा विताना पसंद करते है। उनमे कंपनी अपने प्रोडक्ट की एड्स दिखती है। जिससे लोग उन एड्स में क्लिक करते है और उस प्रोडक्ट खरीदते है।
Blogging– यह ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग करते का सबसे अच्छा तरीका है। और वेहतर तरीका भी है क्योंकि इसमें आपको अपनी कंपनी का एक ब्लॉग बनाना होता है। जिसमे आपकी कंपनी के द्बारा दी जा रही सुबिधाओ को बता सकते है। और जैसे जैसे आपकी कंपनी की तरह नए नए प्रोडक्ट निकलेगी तो आप उन प्रोडक्ट को अपने ब्लॉग में डालते जायेंगे। और उनके बारे में एक अच्छा ब्लॉग भी लिखे। इससे आप बहुत सारे ग्राहकों को अपनी तरह आकर्षित कर सकते है।
Content Marketing– कंटेंट मार्केटिंग में आप अपनी कंपनी द्बारा बनाये गए सभी प्रोडक्ट की साडी जानकारी का एक कंटेंट के रूप लिख सकते है। आपको लिखने के लिए आपको अपने कंटेंट में वाक्य सही और एक आकर्षित रूप से बनाना होगा। जिसमे आपको अपने प्रोडक्ट के ऑफर्स और डील्स के बारे बताना होगा। इससे आपके कंटेंट को पढ़ने वाले users को अच्छी लगेगी। इससे आपको प्रोडक्ट की लोकप्रियता बढ़ेगी। और इससे आपको प्रोडक्ट की बिक्री भी ज्यादा होगी।
SEO (Search Engine Optimization)– अगर आपने अपने ब्लॉग में बहुत सारा ट्र्रैफिक लाना चाहते है तो आपको अपने ब्लॉग का SEO करना होगा। क्योंकि आजकल लोगो को कुछ सर्च करना हो तो वह google का इस्तेमाल करता है और google SEO के द्बारा users को result दिखता है। अगर आपकी वेबसाइट google के सर्च result में आती है तो आपकी कंपनी के बारे में ज्यादा लोगो को पता चलेगा। इसलिए SEO का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
Social Media Marketing-क्या आपको पता आज इस समय में पूरी दुनिया में Social Media एक Marketing के लिए बहुत ही वेहतर तरीका है Social Media में अपने Brand को promote ही नहीं वल्कि यह भी जान सकते है लोग उसके बारे क्यों सोच रहे है। Social Media में अपने प्रोडक्ट की एड्स देने के लिए आप Facebook, twitter, Pinterest, Instagram etc. Social Media में एड्स देने से आपको बहुत ज्यादा फायदा हो सकता है।
Google Ads words– यह एक ऐसा मार्केटिंग का तरीका आज पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकतर अपने देखा होता है कि किसी भी वेबसाइट या फिर ब्लॉग को हम ओपन करते है तो उसमे एड्स दिखाई जाती है। और वह एड्स ज्यादा Google Ads words की तरह से दिखाई जाती है। Google Ads words की मदद से कोई भी व्यापारी कंपनी अपनी प्रोडक्ट को प्रमोट कर सकते है। यह एक paid service होती है इस service का इस्तेमाल करने के लिए आपको पैसे देने होते है।
Apps Marketing-बहुत सारी कंपनी Apps बना कर अपने प्रोडक्ट को अपने कस्टम तक पहुंचती है। और तरीका सबसे बेहतर होता है अपने देखा बहुत ऑनलाइन शोप्पिंग बगेरा की apps होती है। लोग आजकल वाहन से सामान को देखते है खरीदते है। और साथ में ही अपनी प्रोडक्ट के विज्ञापन देते है उससे भी अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करते है।
YouTube channel Marketing-यूट्यूब चैनल मार्केटिंग दूसरा सबसे बड़ा सर्च इंजन है। जिसकी बजह से आज यूट्यूब में बहुत ज्यादा ट्रैफ़िक रहता है। यह एक ऐसा तरीका है जिसके जरिये आप अपने प्रोडक्ट को एक वीडियो के द्बारा प्रमोट कर सकते है। अपने ज्यादा तर देखा होता की एक वीडियो में एक ऐड आती है जसमे किसी प्रोडक्ट के बारे में बताया जाता है यह ऐड किसी भी प्रकार की हो सकती है। दरसल यह ऐड किसी तीसरी कंपनी के द्बारा चलाई जाती है। जिसमे कंपनी प्रोडक्ट को प्रमोट करती है। जिस लोग देखते है और उस प्रोडक्ट खरीदते है।
दोस्तों यह था मेरा आर्टिकल जिसका नाम मार्केटिंग क्या है कितने प्रकार की होती है सारी जानकारी यहाँ पढ़े। marketing in hindi. अगर मेरा यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे और मुझे कमेंट करके भी जरूर बताये। और अगर इस आर्टिकल में किसी भी प्रकार की कमी रह गयी हो तो भी आप कमेंट पूछ सकते है। या फिर किसी को मुझसे बात चीत करनी तो आप मुझसे कॉन्टेक्ट भी कर सकते है।
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होम डेकोर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म The June Shop ने फंडिंग जुटाई
होमइनसाइटफंडिंग अलर्ट होम डेकोर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म The June Shop ने फंडिंग जुटाई
[फंडिंग अलर्ट] होम डेकोर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म The June Shop ने फंडिंग जुटाई
Home decor e-commerce platform The June Shop
कोलकाता स्थित होम डेकोर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म The June Shop ने Angel Investors से अघोषित फंडिंग जुटाई है।
इस दौर का नेतृत्व Vijay Subramaniam (Amazon Prime Video भारत के लिए सामग्री के पूर्व प्रमुख), Pratik Nahata और Sreekumar Krishnan (Voxtur Ventures के फाउन्डर) सहित Angel Investors ने किया था।
कंपनी जुटाई गई धनराशि का उपयोग संगठन की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने, उत्पाद नवाचार, इन्वेंट्री विविधीकरण, भर्ती, वेब और ऐप विकास और मार्केटिंग गतिविधियों को बढ़ाने के लिए करेगी।
The June Shop की स्थापना 2019 में Rishav Nahata, Vansikha Nahata और Pranav Jain द्वारा की गई थी, यह एक ई-कॉमर्स व्यवसाय है जो प्यारा, विचित्र और फैशनेबल सब कुछ के लिए एक अंतहीन प्यार से पैदा हुआ है। उनके कूल, रंगीन और विशेषज्ञ शिल्प कौशल और प्यार से बने उत्पाद एक तरह के हैं।
The June Shop के फाउन्डर Rishav Nahata ने कहा कि "भारतीय बाजार में डिजाइन-उन्मुख, कार्यात्मक घरेलू सजावट और सहायक उपकरण के लिए एक बड़ी अप्रयुक्त क्षमता है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए पैदा हुए ब्रांड ने डेकोर उत्पादों की कई रेंज तैयार की, उत्पाद उन उपभोक्ताओं के लिए आदर्श हैं जो अपने घर और उससे आगे के लिए मज़ेदार, प्रीमियम और सौंदर्य तत्वों को पसंद करते हैं। हाल ही में जुटाई गई धनराशि हमें और अधिक लक्ज़री और प्रीमियम संग्रह में बदलने की अनुमति देगी।"
The June Shop की सीईओ Vansikha Nahata ने कहा कि "हमारी पूरी टीम ने एक ऐसे ब्रांड के निर्माण में काफी लचीलापन दिखाया है जो कि सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुए किसी के स्थान को सुधारने के विचार पर पनपता है। लैटिन में 'जून' शब्द का अर्थ है युवा, और यही बात हम अपने उत्पादों को तैयार करते समय ध्यान में रखते हैं। हम सार्थक, सुंदर और ताजा सजावट के टुकड़ों के साथ नवीनीकरण करके किसी भी स्थान को सक्रिय करने का लक्ष्य रखते हैं। उपहार देने वाले उत्पादों के साथ शुरू हुई ब्रांड यात्रा अब अधिक प्रीमियम और विशिष्ट श्रेणियों में विस्तार करने की योजना के साथ होम डेकोर टुकड़ों के लिए वन-स्टॉप शॉप में विकसित हो गई है।
भारत अमेज़ॅन प्राइम वीडियो के पूर्व सामग्री प्रमुख Vijay Subramaniam ने कहा कि "मैं हमेशा Rishav और Vansikha जैसे युवा उद्यमियों का समर्थन करने के लिए उत्साहित हूं जो भारत में उद्यमिता को बढ़ावा दे रहे हैं। The June Shop स्वतंत्र और स्व-निर्मित इनोवेटर्स की एक पीढ़ी की संवेदनशीलता को दर्शाता है, जिन्होंने अपनी रचनात्मकता और चपलता के साथ उच्च गुणवत्ता वाले डिजाइन और पैसे के लिए महान मूल्य के साथ आज के समझदार उपभोक्ताओं की सेवा करने का अवसर पाया एवं उन्हें बूटस्ट्रैप और लाभदायक बनाया गया है।"
Voxtur Ventures के फाउन्डर Pratik Nahata और Sreekumar Krishnan एक Angel फंड ने इस भावना को प्रतिध्वनित किया और कहा कि "एक प्लेटफॉर्म के रूप में हम The June Shop जैसे उद्यमियों और ई-कॉमर्स व्यवसायों को सशक्त बनाने का प्रयास करते हैं। राजस्व-आधारित वित्तपोषण का विस्तार करके हम उनके विकास को उत्प्रेरित करने का प्रयास करते हैं। इस D2C प्लेटफॉर्म में 2 प्रतिशत से कम असंतोषजनक उत्पाद वापसी दर के साथ बार-बार आने वाले ग्राहकों की 25 प्रतिशत वापसी दर है।
The June Shop के बारे में
The June Shop की स्थापना 2019 में Rishav Nahata, Vansikha Nahata और Pranav Jain द्वारा की गई थी, उत्पादों की एक विविध श्रेणी प्रदान करते हुए, वे सुनिश्चित करते हैं कि ग्राहकों के पास चुनने के लिए बहुत कुछ है, उन उत्पादों से लेकर जिनकी ग्राहकों को घर पर जरूरत होती है और जिन्हें स्कूल/ऑफिस के बिना नहीं किया जा सकता है, उनके पास ग्राहकों की हर जरूरत के लिए कुछ न कुछ है। अपनी बात को साबित करने के लिए यहां उनके द्वारा बेचे जाने वाले कुछ उत्पाद हैं सिक्को के लिए पर्स, पानी की बोतलें, गर्दन का तकिए, रंगीन पेंसिल, नोटबुक, साबुन डिस्पेंसर, आई मास्क, तौलिए और बहुत कुछ उनकी रचनात्मक और समर्पित टीम लगातार नवाचार कर रही है और ग्राहकों को एक समग्र और खुश खरीदारी अनुभव प्रदान करने के लिए इस तरह के और अधिक अद्भुत उत्पादों को जोड़ रही है। |
एक्टिंग नहीं इन तस्वीरों के चलते चर्चा में हैं अमीषा पटेल, सनी लियोनी से हो रही है तुलना
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19 Dec 2017 9:10 PM GMT
अमीषा पटेल ने इन दिनों पर्दे...Anonymous
अमीषा पटेल ने इन दिनों पर्दे से दूरी बना ली है या यूं कहें उनके हाथ में कोई फिल्में ही नही हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर वो काफी एक्टिव रहती हैं और आए दिन वो यहां पर एक से बढ़कर एक फोटो शेयर करती रहती हैं. लेकिन इस बार उनकी फोटो पर ट्रोलर ने खूब कमेंट किए. कुछ ने अमीषा को अनफॉलो करने की बात कही तो कोई उन्हें बुढ़िया कह रहा है तो कोई सनी लियोन और किसी ने उन्हें नशेड़ी तक कह दिया. हालांकि कुछ और भी हैं उनके चाहने वाले जिन्होंने अमीषा को सेक्सी हॉट और ब्यूटीफुल भी कहा है.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि अमीषा की फोटो पर किसी ट्रोलर ने इस तरह के कमेंट पास किए हों इससे पहले भी. अमीषा ने कुछ दिनों पहले सनग्लासेज लगा कर शॉवर लेती हुई एक फोटो शेयर की थी जिस पर वो खूब ट्रोल हुईं.
असल में उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा था कि शॉवर लाइक ए टॉकस्टार हालांकि वह शायद लिखना चाहती थीं कि शॉवर लाइक अ रॉकस्टार. उन्होंने बाद में अपनी यह गलती सुधारते हुए इसे ठीक किया. यह तस्वीर अमीषा के लेटेस्ट फोटोशूट की थी. दूसरे ट्वीट में अमीषा ने लिखा 'टाइपिंग में गलती टॉकस्टार नहीं 'रॉकस्टार'.
आपको बता दें अमीषा ने फिल्म कहो न प्यार है से बॉलीवुड में डेब्यू किया था इस फिल्म में उनके साथ ऋतिक रोशन नजर आए थे.फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन प्रदर्शन भी किया हालांकि की इसे अमीषा का दुर्भाग्य कहें या कुछ और की इस फिल्म के बाद अमीषा को कोई सुपहिट फिल्म मिल नहीं पाई और अब तो लंबे समय से वो किसी फिल्म में भी नजर नहीं आई. खैर उनके फैंस अमीषा को सोशल मीडिय पर देख लेते हैं. |
Yoga remedies for weight loss | Auraiya – Uttar Pradesh
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रोज करेंगे ये ये 7 काम तो 10 दिनों में पेट अंदर हो जाएगा
आजकल कम उम्र में ही लोग मोटापे का शिकार होने लगते है। सही समय पर ध्यान नहीं देने पर सबसे पहले पेट पर चर्बी नजर आने लगती है। एक शोध के मुताबिक, यह समस्या महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा होती है। इसीलिए लगभग 46 प्रतिशत स्त्रियां टमी फैट की समस्या से ग्रस्त हैं। यदि आप भी अपने बाहर निकले पेट से परेशान हैं, तो हम आपको बताते हैं टमी को सात दिन में सपाट और सुंदर बनाने के खास तरीके…
एब्डॉमिनल क्रंचेस- पीठ के बल लेट जाएं। घुटनों को मोड़ लें। अपने हाथों को मोड़कर सिर के नीचे रख लें। अपने कंधों को जमीन से थोड़ा ऊपर की तरफ उठाएं। सामान्य स्थिति में आएं। यह एक्सरसाइज 12 बार करें।
रिवर्स क्रंचेस- पीठ के बल लेट जाएं। घुटने मोड़कर छाती के पास लाएं। एक-दूसरे से क्रॉस करें, ऊपर उठाते हुए 90 डिग्री का कोण बनाएं। हिप्स को जमीन से ऊपर उठाते हुए इस स्थिति पर 30 सेकंड तक रुकें। अपने पंजों को छत की ओर सीधा रखें। धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आएं। ऐसा 12-16 बार करें।
प्रॉन प्लैंक-
जमीन पर पेट के बल सीधी लेट जाएं। अपनी ठोढ़ी को जमीन से लगाएं। हथेलियों को सीधा रखें। धीरे-धीरे जमीन से ऊपर उठें। अपनी हथेलियों को कोहनियों और पैर के पंजों पर शरीर का भार डालते हुए ऊपर उठें। यह एक्सरसाइज एब्स के साथ-साथ लोअर बैक के लिए भी अच्छी होती हैै। पीठ सीधी रखें। जमीन देखते हुए चेहरा व ठोढ़ी झुकाएं। पैर और लोअर एब्डॉमिन में खिंचाव महसूस करें। इस स्थिति में 20-60 सेकंड तक रुकें। ऐसा 5 बार करें। हर एक्सरसाइज के बीच में एक मिनट का आराम करें। सही मुद्रा और सही स्थिति में की गई एक्सरसाइज ही उपयोगी होती है। एक्सरसाइज के दौरान सांस रोकें नहीं।
ऐसे भी कर सकते हैं एक्सरसाइज-
अपनी पीठ के सहारे लेट जाएं और अपने घुटनों को 90 डिग्री पर रखें। घुटने के बीच में बॉल रखें और धीरे-धीरे सांस अंदर बाहर करते हुए आगे की ओर आएं। अपने पैरों को छूने की कोशिश करें। इसी समय अपने घुटनों को भी अपने सीने के पास लाएं। इस व्यायाम को 15 मिनट तक रोज करें।
चीनी और नमक कम खाएं-
पेट कम करने के लिए चीनी का सेवन कम करना बहुत जरूरी होता है। चीनी के साथ यदि नमक का सेवन भी कम कर दिया जाए तो बेहतर होता है। फॉस्ट फूड में नमक ज्यादा होता है। इसलिए इनके सेवन से पेट बढ़ने लगता है।
ज्यादा तनाव से भी वजन बढ़ता है। इसीलिए तनाव से दूर रहे हैं और भोजन में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीनयुक्त चीजों को शामिल करें। इन उपायों को अपनाने से पेट जल्दी ही अंदर हो जाएगा।
हंसना भी है फायदेमंद-
पेट कम करने के लिए हंसना भी एक अच्छा व्यायाम है। हंसने से शरीर की सारी बीमारियां दूर होती हैं और पेट भी कम होता है।
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कब्रों की ज़ियारत किस लिये? - इस्लाम और कुरआन !! इस्लाम और कुरआन
कब्रों की ज़ियारत किस लिये?
मुझ से यह सवाल हमारे एक भाई ने ई-मेल से पूछा था तो मै उस्का जवाब यहा दे रहा हू ।
सवाल :- कब्रों की ज़ियारत मज़ारों से वसीला लेना और (चढावे के तौर पर) वहां माल और दुंबे आदि ले जाने का क्या हुक्म है? जैसा कि लोग सय्यद अल-बदवी (सुडान में), हज़रत हुसैन बिन अली रज़ि ॒ (इराक में), और हज़रत जैनब रज़ि ॒ (मिस्र) कि कब्रों पर करते हैं । आप जवाब दें, अल्लाह आप के इल्म में बरकत दे । आमीन
जवाब :- कब्रों के ज़ियारत की दो किस्में हैं । पहली किस्म वह है जो कब्र वालों पर रहम व मेह्र्बानी करने, उनके लिये दुआ करने, मौत को याद रखने और आखिरत कि तय्यारी के लिये कि जाये । यह ज़ियारत जाइज़ है और ऐसी ज़ियारत की आवश्यक्ता भी हैं । क्यौंकि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहिंं वसल्लम का फ़र्मान है ।
"कब्रों की ज़ियारत किया करो, इस लिये कि वह तुम्हें आखिरत की याद दिलाती हैं"
आप सल्लल्लाहु अलैहिंं वसल्लम स्वंय भी उनकी ज़ियारत किया करते थे, और इसी प्रकार आपके सहाबा भी । ज़ियारत कि यह किस्म केवल मर्दों के लिये खास है, महिलाओं के लिये नहीं । जहां तक औरतों के लिये ज़ियारत का सम्बंध है, तो उन्के लिये कब्रों कि ज़ियारत जायज़ नहीं, बल्कि उन्हे इस काम से मना करना अनिवार्य है क्यौंकि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहिंं वसल्लम ने कब्रों की ज़ियारत करने वाली औरतों पर लानत फ़रमायी है, और इसलिये भी की कब्रों की ज़ियारत के समय उन्के सब्र खो देने और रोने चिल्लाने की वजह से फ़ितने के गालिब आने की संभावना है। इसी प्रकार उन्का कब्र्स्तान तक जनाज़ों के पीछे जाना भी ना-जायज़ है। क्यौन्कि सहीह हदीस में ह्ज़रत उम्मे अतिय्या रज़िंं से रिवायत है कि "हमें जनाज़ों के पीछे चलने से मना किया है और यह (साथ जाना) हम पर वाजिब भी तो नही किया गया"
इससे साबित हुअ कि इन औरतों की वजह से और उनके अपने लिये फितनों के खडा होने और उन्के अन्दर सब्र कि कमी की शंका के कारण उन्हे जनाज़ों के पिछे (साथ-साथ) कब्रस्तान तक जाने से मना किया गया हैं। और इस्के हराम होने की अस्ल बुनियाद अल्लाह का यह फ़र्मान है : रसूल सल्लल्लाहु अलैहिंं वसल्लम (शरीअत के मामले में) तुम्हें जो कुछ दें वह ले लो (उस पर अमल करो) और जिस्से वह तुम्हे मना करें उस्से तुम रुक जाओ" (सुर: ह्श्र ५९)
अल्बत्ता जनाज़ा की नमाज़ के अदा करने मे मर्दो और औरतों, सब का शामिल होना जाय्ज़ है जैसा कि सहीह हदीसों में रसूल सल्लल्लाहु अलैहिंं वसल्लम और सहाबा रज़िंं से यह साबित है, उम्मे अतिय्या के इस कौल से कि "हम पर जनाज़ों के पीछे चलना वाजिब भी तो नहीं किय़ा गया" औरतों का जनाज़ों के पीछे आने का ज्वाज़ बिल्कुल नहीं निकलतां।
ज़ियारत कि दूसरी किस्म बिदअत है। और वह यह है कि ज़ियारत करने वाला कब्र वालों से अपने लिये दुआ और मदद चाहे, या उन्के नाम की नज़र व नियाज़ दे। तो यह निश्चित तौर पर मना है और सब से बडा शिर्क है। इन इबाद्तों से मिल्ते जुल्ते काम यह भी है की उन कब्र वालों के पास जा कर दुआ मागें, नमाज़ पढें, या तिलावत करें। यह बिदअत है जो किसी प्रकार भी जायज़ नही है। यह सारी बातें शिर्क के सूत्रों में से हैं। ह्कीकत में इस विषय से मुतअल्लिक तीन किस्में बन्ती हैं।
पहली किस्म :- जायज़ और वह यह है की कब्रों की ज़ियारत आखिरत को याद करने और कब्र वालों के हक मे दुआ करने के लिये हो।
दूसरी किस्म :- बिदअत और वह यह है कि कब्रों के पास (खैर व बर्कत के लिये) तिलावत करना। तो यह बिदअत और शिर्क पर ले जाने वाले रास्तों मे से है।
तीसरी किस्म :- शिर्क-अक्बर । और वह यह है की कोई व्यक्ति कब्र कि ज़ियारत करे ताकि कब्र वाले की खुशनुदी हासिल करने के लिये कब्र पर जान्वर ज़िबह करे और उस्के ज़रिया से कब्र वाले (मुर्द) से तक्र्रुब (नज़दीकी) हासिल करना मकसूद हो, य अल्लाह को छोड्कर उस कब्र वाले मुर्दे से दुआ मागें, या उस्से मदद तलब करें। वह मदद चाहे मुसीबत से छुट्कारा पाने के लिये हो, या दुश्मन के मुकाब्ले मे जीत के लिये हो। इन प्रकार कि निय्तों के साथ कब्रों कि ज़ियारत करने से बचना बहुत ही अनिवार्य है।
और इस्मे भी कोई अन्तर नहीं कि जिस्को (मदद या दुआ वगैरह) पुकारा जा रहा है, वह नबी हो या कोई नेक और दीन-दार आदमी हो, या इन्के अलावा कोई और हो। चाहे ऐसा करने वाला रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि कब्र के पास आकर यह कार्य करें या किसी और की कब्र पर जाक्र सब बराबर है जैसा की जाहिल लोग करते हैं, बस अल्लाह ही मदद करने वाला है।
Posted by काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif at 9:30:00 am
स्वच्छ संदेश: हिन्दोस्तान की आवाज़ 29 मई 2009 को 12:28 pm
काशिफ भाई अपना जीमेल ईमेल पता दें
AlbelaKhatri.com 29 मई 2009 को 7:52 pm
kashif bhai, umda.....bahut hi umda jankari aapne di,aapka dili shuqriya ...aisee jaankariyan bahut kaam aati hain aur ravayat ki raah aasan karti hain kyonki logon k shubah door hote hain
फ़िरदौस ख़ान 21 सितंबर 2009 को 11:24 am
बेहतरीन पोस्ट है...
Kehkashan 4 अक्तूबर 2009 को 8:43 pm
बहुत उम्दा पोस्ट है............... बहुत खरी और साफ़ बात लिखते है आप
प्रिया शर्मा 7 नवंबर 2009 को 12:17 am
सही कहा आपने...मैने भी बहुत से मुस्लमानों से सुना है की इस्लाम में कब्रो की ज़ियारत नही है... आप मरहुम के लिये दुआ कर सकते हो लेकिन उससे अपने लिये कुछ नही मांग सकते हो
Parvez 25 मार्च 2011 को 10:13 am
Salam Bhai sahb
aap jo bhi sawal ka jawab dete he usme aap quran aur hadish ka hawala dete he achi baat he, aapse 1 gujarish he jis tarah aap quran ki surah aur ayat ka no. dete he ese hi aap hadish ka bhi pura hawala de, wo isliye ki kisi se baat karo to kahte he ki ye hadish to manshukh ho gyee he, ye hadish to zayeef he..aur kahte he iska koi hawala nahi he. |
'अम्फान' से हुई तबाही पर राहुल ने जताया दुख, कहा- कांग्रेस हरसंभव संकट में करेगी मदद
Updated Fri, 22nd May 2020 12:15 PM IST
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात तूफान 'अम्फान' से हुए जानमाल के नुकसान पर दुख प्रकट किया । उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करें।
उन्होंने कहा, ''पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तूफान से भीषण तबाही के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करें। मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं ।''
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि "पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात तूफान 'अम्फान की वजह से व्यापक तबाही परेशान कर रही है। उन लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना जो घायल हुए हैं और मैं प्रार्थना करता हूं कि घायलों को शीघ्र स्वस्थ किया जाए। मैं संकट के इस समय में इन दोनों राज्यों के बहादुर लोगों को अपना समर्थन प्रदान करता हूं।"
US में कोरोना से हुई मौत के शोक में आगामी तीन दिन आधा झुका रहेगा अमेरिकी राष्ट्रीय ध्वज
बता दें कि चक्रवात 'अम्फान' बृहस्पतिवार को कमजोर पड़ गया, हालांकि इससे एक दिन पहले इसने पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाई जहां इसके चलते 77 लोगों की मौत हो गई और दो जिले ''पूरी तरह तबाह'' हो गए हैं। तूफान से हजारों लोग बेघर हो गए हैं, कई पुल नष्ट हो गए हैं और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। कोलकाता और राज्य के कई अन्य हिस्सों में तबाही के निशान स्पष्ट देखे जा सकते हैं। इस चक्रवात से ओडिशा के कई इलाकों में भी काफी नुकसान हुआ है।
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कनक तिवारी | सह-संचार
इंकलाब के ढहते अर्थ
'इंकलाब ज़िंदाबाद' बीसवीं सदी के भारत में शायद सबसे प्रखर लोकप्रिय नारा रहा है. कई नारे हैं जिन्होंने देश के जीवन को बेहद प्रभावित किया है. 'भारत माता की जय', 'दुनिया के मज़दूरों एक हो', 'हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है', 'गूंजे धरती और आकाश देश का नेता जयप्रकाश', 'जयश्रीराम', हम सुधरेंगे, युग बदलेगा', 'गरीबी हटाओ', 'जय जवान जय किसान' 'स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है', 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा', वगैरह नारे आज भी देश की गूंज-अनुगूंज बने हुए हैं.
राष्ट्रद्रोह, राजद्रोह और जनविद्रोह
[इस लेख का खास महत्व इस निगाह से है कि लेखक न सिर्फ़ कानून से जुड़े हैं, बल्कि विनायक सेन के वकील रह चुके हैं। जाहिर है, अन्य लेखों की ही तरह, इस लेख को यहाँ शामिल करने का अर्थ इसके पूरे कथ्य से संपूर्ण संपादकीय सहमति नहीं है। लेकिन शामिल किया है तो कुछ तो सहमति होगी ही।]
विनायक सेन के मामले में चुप रहना उचित नहीं होगा. मैं ज़मानत आवेदन के सिलसिले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में उनका वकील रह चुका हूं. इसलिए मुझे अच्छी तरह मालूम है कि उस स्थिति में विनायक सेन के विरुद्ध पुलिस की केस डायरी में ऐसा कुछ नहीं था कि प्रथम दृष्टि में मामला भी बनता. यह अलग बात है कि हाईकोर्ट ने उनकी ज़मानत मंजूर नहीं की जो बाद में लगभग उन्हीं तथ्यों पर बल्कि पुलिस द्वारा और कुछ साक्ष्य एकत्रित कर लिए जाने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में मंजूर हो गई. |