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PNB महाघोटाले में बैंक अधिकारी सहित तीन लोग गिरफ्तार - व्यवस्था दर्पण PNB महाघोटाले में बैंक अधिकारी सहित तीन लोग गिरफ्तार नई दिल्‍ली। PNB महाघोटाले में आज बड़ी कार्यवाही करते हुए सीबीआई ने बैंक के पूर्व डेप्युटी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, SWO मनोज खरात और हेमंत भट्ट को गिरफ्तार कर लिया है। भट्ट नीरव मोदी की कंपनी का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था। सीबीआई आज सभी आरोपियों को मुंबई स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी। बता दें कि PNB घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी देश छोड़कर जा चुका है जबकि एक अन्य आरोपी मेहुल चौकसी भी भारत से बाहर है। 11,500 करोड़ रुपये के इस घोटाले में नीरव मुख्य आरोपी है। गौरतलब है कि पीएनबी के एक डेप्युटी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी पर ही कथित तौर पर स्विफ्ट मेसेजिंग सिस्टम का दुरुपयोग करने का आरोप है। बैंक इसी सिस्टम से विदेशी लेन-देन के लिए LOUs के जरिए दी गई गारंटीज को ऑथेंटिकेट करते हैं। इन्हीं ऑथेंटिकेशन के आधार पर कुछ भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं ने फॉरेक्स क्रेडिट दी थी। पीएनबी घोटाले में 18 कर्मचारियों को निलंबित कर चुका है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'चार बड़ी आभूषण कंपनियां गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी जांच के घेरे में हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनकी विभिन्न बैंकों से सांठगांठ और धन के अंतिम इस्तेमाल की जांच कर रहे हैं।' अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय से सख्त निर्देश है कि कोई बड़ी मछली बचने न पाए और ईमानदार करदाता को किसी तरह की परेशानी न हो।
चन Archives – NexGEN हिंदू विवरण | चीन की डिजिटल मुद्रा कैसे काम करती है? April 4, 2021 April 4, 2021 Vineet Pawar 0 Comments क, कम, करत, कस, चन, डजटल, मदर, ववरण, ह, हद केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया गया लीगल टेंडर किसी थर्ड पार्टी ऑपरेटर द्वारा गारंटीकृत भुगतानों से अलग कैसे है? कहानी ट्रिपल रियर कैमरा के साथ Vivo X60t, चीन में लॉन्च किया गया 33W फास्ट चार्जिंग – टाइम्स ऑफ इंडिया April 3, 2021 April 3, 2021 Vineet Pawar 0 Comments 33W, Vivo, Vivo X60t, Vivo X60t launch, Vivo X60t price, Vivo X60t Specs, X60t, इडय, ऑफ, क, कमर, कय, गय, चन, चरजग, टइमस, टरपल, फसट, म, रयर, लनच, सथ NEW DELHI: स्मार्टफोन निर्माता विवो हाल ही में भारत में अपने X60 सीरीज़ के स्मार्टफोन लॉन्च किए हैं। अब, कंपनी वोक्सवैगन ने चीन में टेस्ला से ग्रीन क्रेडिट खरीदने के लिए कहा April 2, 2021 April 2, 2021 Vineet Pawar 0 Comments China, electric cars, FAW, green credits, Tesla, volkswagen tesla faw green credits china environmental rule ev electric cars volkswagen, क, करडट, कह, खरदन, गरन, चन, टसल, न, म, लए, वकसवगन, स चीन में एक वोक्सवैगन के संयुक्त उद्यम ने स्थानीय पर्यावरण नियमों को पूरा करने में मदद करने के लिए टेस्ला वोक्सवैगन चीन में टेस्ला से क्रेडिट खरीदने के लिए पर्यावरण नियमों का अनुपालन करने के लिए: रिपोर्ट April 2, 2021 April 2, 2021 Vineet Pawar 0 Comments auto news, carandbike, electric cars, electric cars china, News, Tesla, volkswagen, vw tesla deal, अनपलन, क, करडट, करन, खरदन, चन, टसल, नयम, परयवरण, म, रपरट, लए, वकसवगन, स यह सौदा, चीन में दो कंपनियों के बीच होने वाली अपनी तरह का पहला, वोक्सवैगन के कार्यों के पैमाने पर हां, यह सच है: यह आदमी 1965 से गम लपेटनेवाला चेन इकट्ठा कर रहा है; रिकॉर्ड तोड़ता है March 31, 2021 April 1, 2021 Vineet Pawar 0 Comments chewing gum wrapper, chewing gums, Guinness World record, Instagram, आदम, इकटठ, कर, गम, चन, तडत, यह, रकरड, रह, लपटनवल, स, सच, ह यह आदमी अब लगभग 55 वर्षों से श्रृंखला बना रहा है। आपकी ही तरह, हम भी गम होने के बाद कोरोनावायरस: चीन प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत को बाहर करने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है जो डब्ल्यूएचओ का कहना है March 31, 2021 March 31, 2021 Vineet Pawar 0 Comments अधक, आवशयकत, और, क, कम, करन, करनवयरस, कहन, चन, ज, डबलयएचओ, परयगशल, बहर, रसव, लए, सदधत, ह डब्लूएचओ के अनुसार, महामारी के सभी संभावित कारण मेज पर बने रहते हैं, हालांकि प्रयोगशाला में इसकी संभावना कम है। चीन ने झिंजियांग – टाइम्स ऑफ इंडिया के संबंध में राजनीतिक कार्रवाई के खिलाफ कंपनियों को चेतावनी दी है March 29, 2021 March 29, 2021 Vineet Pawar 0 Comments Burberry, China and US, cotton, H&M, human rights abuses, Uighur Muslims, Xinjiang, इडय, ऑफ, क, कपनय, कररवई, खलफ, चतवन, चन, झजयग, टइमस, द, न, म, रजनतक, सबध, ह बीजिंग: स्वीडन की एचएंडएम और अन्य विदेशी कंपनियों को जबरन श्रम के बारे में चिंताएं पैदा करने के बाद चीन
राजस्थान में अब 800 रुपये में होगा कोविड-19 RT-PCR टेस्ट, मुख्यमंत्री ने की घोषणा covid-19 RT-PCR test will now be in Rajasthan for Rs 800 - News Nation राजस्थान में अब 800 रुपये में होगा कोविड-19 RT-PCR टेस्ट, मुख्यमंत्री ने की घोषणा ख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच किट की लागत में कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है. News Nation Bureau | Edited By : Sunil Chaurasia | Updated on: 28 Nov 2020, 04:07:46 PM आरटी-पीसीआर टेस्ट (Photo Credit: न्यूज नेशन) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को ऐलान कर किया कि राज्य के प्राइवेट लैब में होने वाले कोरोना वायरस RT-PCT टेस्ट 800 रुपये में होंगे. इससे पहले राज्य के प्राइवेट लैब में होने वाले RT-PCT टेस्ट की कीमत 1200 रुपये थी. गहलोत ने कहा कि आरटी-पीसीआर टेस्ट किट की लागत में कमी आई है, जिसे देखते हुए ये फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में राज्य के प्राइवेट लैब्स में कोविड-19 टेस्ट की फीस 2200 रुपये थी, जिसे सरकार ने बाद में 1200 रुपये तय कर दिया था. ये भी पढ़ें- इतिहास में पहली मंदी पर लगी सरकार की मुहर, दूसरी तिमाही में -7.5 फीसदी की ग्रोथ उन्होंने कहा,''किट की लागत में कमी को देखते हुए अब राज्य सरकार सभी निजी प्रयोगशालाओं को यह जांच 1200 रुपये के बजाय 800 रुपये में करने को पाबंद करेगी.'' गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण की सारी जांच केवल आरटी-पीसीआर किट के जरिए हो रही हैं जो पूरी दुनिया में सबसे विश्वसनीय जांच है. गहलोत ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए छह जिलों (हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, जैसलमेर, राजसमन्द (नाथद्वारा), टोंक व बूंदी में कोरोना वायरस जांच की प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया. ये भी पढ़ें- सचिवालय के 25 प्रतिशत स्टाफ करेंगे वर्क फ्रॉम होम, निर्देश जारी इसके साथ ही उन्होंने जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में कैंसर इलाज के लिए नये वार्ड, ऑर्थोपेडिक थिएटर व एक्यूट केयर वार्ड की रेनोवेशन-अल्टरेशन (मरम्मत) तथा कैंसर वार्ड के इंटीरियर कार्य का लोकार्पण भी किया. गहलोत ने अपने संबोधन में राज्य के विपक्षी दलों से नकारात्मक राजनीति व बयानबाजी नहीं करने की अपील की. LJP स्थापना दिवस पर चिराग का नीतीश पर हमला, कहा-बिहार में समय से... 'इंदिरा ठोक दी, फिर ये मोदी...किसान आंदोलन में खालिस्तान शामिल' जम्मू-कश्मीर में DDC चुनाव के एग्जिट पोल पर लगी रोक, EC ने कही ये बात First Published : 28 Nov 2020, 04:07:46 PM Corona Virus Corona Virus Test Corona Virus RT-PCR Test Covid-19 RT-PCR Test Covid-19 Covid-19 Test Rajasthan Rajasthan News Ashok Gehlot Ashok Gehlot Government RT-PCR Test
एशियन गेम्स में इतिहास रचने वाली 'गोल्डन गर्ल' विनेश ने की सगाई - asian games golden girl vinesh engagement tspo - AajTak भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 18वें एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं. भिवानी, 27 अगस्त 2018, अपडेटेड 09:44 IST स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने इंडोनेशिया में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर स्वदेश लौटने के बाद सोमवीर राठी से सगाई कर ली. विनेश महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के खिताबी मुकाबले में जापान की यूकी इरी को एकतरफा मुकाबले में 6-2 से हराकर एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं. इंडोनेशिया से स्वदेश लौटने के बाद विनेश फोगाट ने शनिवार रात इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवीर को अंगूठी पहनाकर सगाई कर ली. रात करीब 10 बजे तिरंगा ओढ़े विनेश हवाई अड्डे से जब बाहरी निकलीं, तो वहां उनके गांव से काफी संख्या में लोग उनके स्वागत के लिए पहुंचे थे जिन्होंने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया. हवाई अड्डे के बाहर पार्किंग क्षेत्र के पास विनेश और सोमवीर की सगाई की रस्म निभाई गई. शनिवार को ही विनेश का जन्मदिन भी था और उन्होंने इस मौके पर हवाई अड्डे पर ही केक काटा. अखबार ने छापी नीरज चोपड़ा संग नजदीकियों की खबर, विनेश ने लताड़ा चरखी दादरी के बलाली की 24 साल की विनेश और सोनीपत के खरखौदा के सोमवीर ने एक-दूसरे को रिंग पहनाई. इस दौरान विनेश की मां और सोमवीर के परिजन भी मौजूद थे. विनेश ने सगाई की पुष्टि करते हुए कहा की हम जल्दी ही विवाह बंधन में बंधेंगे. विनेश के ताऊ महाबीर फोगाट ने इस मौके पर कहा, 'बच्चे समझदार हो गए हैं और हमने आपसी सहमति से इनकी सगाई करने का फैसला किया.' 'फीके' स्वागत से विनेश मायूस पहलवान विनेश फोगाट स्वर्ण जीतकर अपने घर लौटीं, लेकिन कथित तौर पर हरियाणा और केंद्र सरकार का कोई भी प्रतिनिधि उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर नहीं था. इस संबंध में हरियाणा सरकार ने स्पष्टीकरण दिया कि उसे विनेश के आने की जानकारी नहीं थी. फीके स्वागत से विनेश और उनके परिजन के मायूस होने के बीच प्रदेश के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने किसी अधिकारी या मंत्री के नहीं पहुंचने के मामले में सरकार का बचाव किया. उन्होंने कहा कि सरकार को विनेश के आने की जानकारी नहीं थी.
Bollywood : कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) 11 मार्च को सिनेमाघरों रिलीज हुई। जानेमन फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित यह फिल्म उस सच को पर्दे पर दिखाती है जिसे लंबे समय से दबा कर रखा गया था। 1990 में कश्मीरी हिंदुओं के हुए नरसंहार पर अबतक जितनी भी फिल्में बनी हैं वो सारी सच्चाई से दूर रही हैं। ऐसे में 'द कश्मीर फाइल्स' से दर्शकों को बहुत उम्मीदें थी और यह फिल्म लोगों की उम्मीदों पर सौ प्रतिशत खड़ी उतरी है। इसका सबसे बड़ा श्रेय जाता है फिल्म के लेखक और निदेशक विवेक रंजन अग्निहोत्री को। सोशलमीडिया पर ऐसी कई वीडियोज़ वायरल हो रही हैं जहाँ इस फिल्म को देखकर थिएटर से बाहर निकले लोग अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह फिल्म भारत के इतिहास की सबसे साहसिक फिल्म तो है ही मगर साथ में यह वो ऐतिहासिक दस्तावेज भी है, जिसे हर शख्स को संभाल कर रखना चाहिए। It's your film now. If the film touches your heart, I'd request you to raise your voice for the #RightToJustice and heal the victims of Kashmir Genocide. pic.twitter.com/gdfJowWCET इस फिल्म में बिना किसी लाग लपेट और सेक्युलर रंग देते हुए साफ साफ दिखाया गया है कि कैसे आतंकियों ने कश्मीरी हिंदुओं को रातों रात उनकी जमीन से बेदखल किया। कैसे आतंकियों ने बेरहमी से कश्मीरी पंडितों का कत्ल किया उनकी, महिलाओं बच्चों पर शर्मनाक अत्याचार किये। आप इस फिल्म में कश्मीर पंडितों के दुख को देखकर बेबस और असहाय महसूस करेंगे। आपके मन में यह सवाल आयेगा कि कैसे कश्मीरी हिन्दूओं को देश-प्रदेश की सरकार, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, मीडिया, मानवाधिकार और लोकतंत्र जैसी ताकतों के बावजूद अपनी धरती से पलायन करना पड़ा। पढ़े मिलती जुलती खबरें 83 Film : 83 का ट्रेलर रिलीज, कपिल देव के रूप में नजर आए रणवीर सिंह यह फिल्म दो तरीके के लोगों के लिए नहीं बनी है। एक जिनका दिल कमज़ोर है और दूसरे वो जिन्हें सच देखने से परहेज़ है। कश्मीरी हिंदुओं का अपने देश में ही शरणार्थी बन कर रहना मानवता के लिए दूर्भाग्य है। विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म को बड़ी समझदारी से बनाई है जिसे हर किसी को देखना चाहिए। विवेक अग्निहोत्री के डायरेक्शन में बनी द कश्मीर फाइल्स में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार ने अहम भूमिका निभाई है और सबका दिल जीता है। फिल्म को मिल रहे हैं जोरदार रिव्यू यह फिल्म अपनी दमदार कहानी के कारण दर्शकों को लुभाने और भावुक करने में कामयाब रही है। कम बजट में बनी इस फिल्म ने दो दिन में 14.35 करोड़ की धमाकेदार कमाई की है। गौरतलब है कि विवेक रंजन अग्निहोत्री उन मुद्दों पर फिल्म बनाना पसंद करते हैं जिन्हें कोई जबान पर भी नहीं लाना चाहता है। इसके पहले वो 'द ताशकंद फाइल्स' को लेकर भी वे सुर्खियों में रहे थे। यह फिल्म देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मर्डर मिस्ट्री पर बनी फिल्म थी। इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। Categories क्या न्यूज़ चल रहा है?, मनोरंजन Tags Indian Politics, Kashmiri Pandit Genocide, The Kashmir Files review, Vivek Ranjan Agnihotri Post navigation
World Diabetes Day 2022 [Hindi]: नवंबर मधुमेह जागरूकता माह है और विश्व मधुमेह दिवस 14 नवंबर को पड़ता है। भारत और दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली इस बीमारी के बारे में अधिक समझने का यह एक अच्छा समय है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज न करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं इसलिए मधुमेह के प्रति जागरूकता, देखभाल और उपचार बेहद महत्वपूर्ण है। वर्ल्ड डायबिटीज डे 2022 की थीम (Theme) Table of Contents वर्ल्ड डायबिटीज डे 2022 की थीम (Theme) World Diabetes Day History [Hindi] वर्ल्ड डायबिटीज डे का ​महत्व (Importance) डायबिटीज को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े World Diabetes Day 2022 [Hindi]: डायबिटीज से कैसे बचें? 1. रोज़ाना एक्सरसाइज जरूर करें 2. ऑयली फूड का सेवन कम करे 3. स्किन का ख्याल रखें 4. अन्य सावधानियां World Diabetes Day 2022 [Hindi]: क्या खाए क्या ना खाएं World Diabetes Day 2022 [Hindi]: वैश्विक स्तर पर डायबिटीज के लक्षण (Symptoms) World Diabetes Day 2022 [Hindi]: वायु प्रदूषण व मधुमेह शोध बताते हैं कि मोटापा बनता है बच्चों में डायबिटीज की मुख्य वजह क्या बीमारियों सहित अन्य सभी दुखों का पूर्ण इलाज है? इस साल मनाए जाने वाले वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day 2022) थीम एक्सेस टू डायबिटीज एजुकेशन (Access to Diabetes Education) रखी गई है. डायबिटीज को एक तरह का मेटाबोलिक डिसऑर्डर माना जाता है. इसके बारे में लोगों के बीच शिक्षा के ज़रिए ही जागरूकता फैलाई जा सकती है. इसलिए, कुछ डाइट में कुछ खास बदलावों और नियमित तौर पर एक्सरसाइज करके कोई भी व्यक्ति इस बीमारी के जोखिम से बच सकता है. World Diabetes Day is commemorated every year on November 14. The theme for World Diabetes Day 2021-23 is “Access to Diabetes Care”. Know the True Almighty Who can relieve you from all sorrows by Sat-Bhakti.#WorldDiabetesDay https://t.co/tNpkIfLMJZ — SA News Channel (@SatlokChannel) November 12, 2021 World Diabetes Day History [Hindi] वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day) को इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन ने ही सबसे पहले शुरू किया था. साल 1991 से इसे यूएन से पूरी दुनिया में मनाने का ऐलान किया था. ऐसा इसके बारे में सही जानकारी को लोगों को पहुंचाने और इसके असर को कम करने के लिए किया गया था वर्ल्ड डायबिटीज डे का ​महत्व (Importance) डायबिटीज के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड डायबिटीज डे को मनाना ज़रूरी माना जाता है. इसकी वजह से ही लोगों को इसके लक्षणों और इलाज के सही तरीके के बारे में जानकारी मिलती है. साथ ही, क्या सावधानी बरतनी है इसके बारे में भी पता चलता है. ■ Also Read | World Health Day: Theme, Slogan, Quotes, Essay, Celebration डायबिटीज को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े साल 1980 में डायबिटीज के मरीजों की तादाद 108 मिलियन थी थी जो साल 2014 में बढ़कर 422 मिलियन हो गई. हाई इनकम वाले देशों की तुलना में लो और मिडिल इनकम वाले देशों में इसका प्रकोप अधिक तेजी से बढ़ रहा है. मधुमेह अंधेपन, किडनी फेलियर, दिल के दौरे, स्ट्रोक और पैरों में परेशानी का एक प्रमुख कारण है. ये शरीर को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है, इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि ये बीमारी न हो. साल 2000 और 2019 के बीच, उम्र के हिसाब से मधुमेह मृत्यु दर में 3% की वृद्धि हुई थी जो चौंकाने वाला आंकड़ा है. 2019 में, मधुमेह और इससे जुड़ी किडनी डिजीज के कारण अनुमानित 2 मिलियन लोगों की मौत हो गई थी. World Diabetes Day 2022 [Hindi]: डायबिटीज से कैसे बचें? हेल्दी डाइट, रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज, शरीर के सामान्य वजन को बनाए रखना और तंबाकू के सेवन से बचना टाइप 2 डायबिटीज रोकने के अहम तरीके हैं. हालांकि कुछ लोगों को ये जेनेटिक कारणों से भी होता है, उन्हें अपने सेहत को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. 1. रोज़ाना एक्सरसाइज जरूर करें सर्दियों में आलसपन के चलते एक्सरसाइज करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने के लिए इस मौसम में भी एक्सरसाइज़ करना जारी रखें। सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम होने की वजह से वजन भी बढ़ने लगता है तो और ज्यादा बड़ी समस्या है। तो एक्सरसाइज इन सभी से निपटने में कारगर है। 2. ऑयली फूड का सेवन कम करे वैसे तो ऑयली फूड हर एक मौसम में नुकसानदायक होते हैं लेकिन मानसून और सर्दियों के मौसम लोग कुछ ज्यादा ही मात्रा में इनका सेवन करने लगते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल से लेकर वजन तक तेजी से बढ़ाने का काम करते हैं। तो डायबिटीज के मरीजों को तो खासतौर से सावधानी बरतनी चाहिए, क्‍योंकि इस समय इम्‍यून सिस्‍टम थोड़ा कमजोर हो जाता है। जो आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 3. स्किन का ख्याल रखें इस मौसम में अपने शरीर के साथ ही हाथ और पैरों का भी ज़्यादा ख्याल खना चाहिए। साफ-सुथरा रखने के साथ ही यह भी देखते रहें कि कहीं जलने, कटने या घाव के निशान तो नहीं है। स्किन को मॉश्चराइज रखें क्योंकि ड्रायनेस से खुजली हो सकती है और बहुत ज्यादा खुजली से घाव बन सकते हैं। 4. अन्य सावधानियां डायबिटीज़ और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में इस मौसम में फ़्लू और निमोनिया होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। तो इससे बचे रहने के लिए टीके या दवाई की जिस किसी की भी जरूरत हो, अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा करके ले लें। World Diabetes Day 2022 [Hindi]: क्या खाए साबुत अनाज, ओट्स, चने का आटा, मोटा अनाज टोंड दूध सहित दही और मट्ठा रेशे वाली सब्जियां जैसे- मटर, फलिया, गोभी, भिंडी, पालक सहित बाकी हरे पत्तेदार सब्जियां छिलके वाली दालें ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले तेल फल में पपीपा, सेब, संतरा और अमरूद ज्यादा फायदेमंद क्या ना खाएं आलू, शकरकंद, आम, अंगूर, खजूर, केला, चुकंदर और गाजर का World Diabetes Day 2022 [Hindi]: वैश्विक स्तर पर आज विश्व में लगभग 6% आबादी अर्थात् 420 मिलियन से अधिक लोग टाइप-1 या टाइप-2 मधुमेह हैं. यह एकमात्र प्रमुख गैर-संचारी रोग है जिसका लोगों में कम होने के बजाय ज्यादा होने का ज़ोखिम बढ़ रहा है. यह गंभीर कोविड-19 संक्रमणों के साथ जुड़ी अन्य प्रमुख बीमारियों के साथ उभरा है. वर्ष 2021 में अफ्रीका में अनुमानित 24 मिलियन लोग मधुमेह के साथ जी रहे हैं. डायबिटीज के लक्षण (Symptoms) मधुमेह से पीड़ित लोगों को बार-बार प्यास लगान, बार-बार पेशाब आना, पेट दर्द होना, कमजोर या का महसूस करना, बार-बर यूटीआई की समस्या होती है. डायबिटीज में लिवर प्रभावित होता है. यह बहुत खतरनाक बीमारी होती है. इसके लक्षण मिलने पर अनदेखा न करें. बल्कि गंभीरता से लेते हुए विशेषज्ञ चिकित्स से परामर्श लें. ■ Read in English | Know the Best Way to Cure Diabetes on 14 November World Diabetes Day World Diabetes Day 2022 [Hindi]: वायु प्रदूषण व मधुमेह मधुमेह होने के संभावित कारणों में पारिवारिक इतिहास, गलत खानपान, निष्क्रिय जीवनशैली या अत्यधिक वजन को ही माना जाता है, लेकिन मधुमेह के संभावित कारणों में प्रदूषण भी एक सक्रिय कारक हो सकता है। यह पहले से पीडि़त रोगियों की मुश्किलों को जोखिम भरा बना सकता है। इसका कारण वातावरण में घुले वे सूक्ष्म कण (पीएम 2.5) हैं, जो कई महत्वपूर्ण अंगो जैसे- पैंक्रियाज, फेफड़े व आंखों आदि को नुकसान पंहुचाकर रोग की जटिलता को बढ़ाते हैं। शोध बताते हैं कि मोटापा बनता है बच्चों में डायबिटीज की मुख्य वजह इस सन्दर्भ में फैमिली मेडिसिन प्राइम केयर जर्नल में वर्ष 2015 में एक शोध आलेख प्रकाशित हुआ। इसमें बचपन की उन आदतों की जांच की गई, जो बड़े होने पर डायबिटीज होने में बढ़ावा देते हैं। इस शोध को भारत की अलग-अलग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं कृष्णाप्रिय साहू, अशोक कुमार चौधरी, यासीन सोफी, रमन कुमारऔर अजीत सिंह भदौरिया ने किया। यह आलेख पबमेड सेंट्रल में भी शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने माना कि विकसित और विकासशील देशों में बच्चों का मोटापा महामारी के स्तर तक पहुंच गया है। बचपन में अधिक वजन से बच्चों के वयस्क होने पर भी मोटे रहने की संभावना होती है और कम उम्र में डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसे नॉन कम्युनिकेबल रोगों के विकसित होने की संभावना अधिक होती है। क्या बीमारियों सहित अन्य सभी दुखों का पूर्ण इलाज है? इसका जवाब है हां बेशक। परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा प्रदान की गई सत-भक्ति को अपना कर हम इन लाईलाज बीमारियों से निजात पा सकते हैं । पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज की शरण में आ कर नाम दीक्षा ले कर सतगुरु द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करते हुए सत भक्ति करने से व्यक्ति महसूस करेगा कि सारी चिंताएं तथा बीमारियां स्वयं ही गायब हो गई हैं। अधिक जानने के लिए, रामपाल जी महाराज YouTube चैनल पर जाएँ। साथ ही सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक “जीने की राह” भी डाउनलोड करें। Previous PostChildren’s Day 2022 [Hindi]: पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है 14 नवंबर (बाल दिवस)Next PostNational Press Day 2022 [Hindi]: जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रिय पत्रकारिता दिवस क्या है इसका महत्व और उदेश्य? 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Please enter an answer in digits: four × five = Δ National Pollution Control Day 2022 [Hindi]: जानिए क्यों मनाया जाता हैं नेश्नल पॉल्यूशन डे, क्या है इसके पीछे की कहानी और महत्व? RBI Digital Rupee News [Hindi]: अब कैश का झंझट खत्म, डिजिटल रुपये शुरू, जानें कैसे करें इस्तेमाल? Zombie Virus [Hindi]: 48 हजार साल पुराने वायरस हुआ जिंदा, इसमें 13 नई बीमारियां फैलाने की ताकत World AIDS Day 2022 [Hindi]: क्यों मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस? क्या है इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय Vikram Gokhale Death News [Hindi]: एक्टर विक्रम गोखले का निधन, पुणे के अस्पताल में ली अंतिम सांस Business News English Health Hindi News Hindi Stories Jobs Politics religion Results Science Science News Spirituality Sports Tech News Technology Uncategorized World Privacy Policy / Tubelight Talks © 2022 / All Rights Reserved We use cookies on our website to give you the most relevant experience by remembering your preferences and repeat visits. By clicking “Accept All”, you consent to the use of ALL the cookies. 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राहुल गांधी ने इंदिरा के आपातकाल को बताया गलत, बोले- वह फैसला गलत था, लेकिन तब जो हुआ और आज जो हो रहा, उसमें अंतर है | Rahul Gandhi said Indira's emergency is wrong - Bhaskar Hindi Rahul Gandhi said Indira's emergency is wrong कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के वर्चुअल प्रोग्राम से जुड़े राहुल गांधी प्रोग्राम में लोकतंत्र और विकास के विषयों पर रखी बात डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और अर्थशास्त्री कौशिक बसु से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की। इस दौरान राहुल गांधी ने इंदिरा गांधी के शासनकाल में लगाए गए आपातकाल को गलत बताया। हालांकि, उन्होंने यह बात मौजूदा मोदी सरकार के संदर्भ में कही। राहुल ने कहा कि इमरजेंसी एक गलती थी, पर उस वक्त जो हुआ और आज जो देश में हो रहा है, दोनों में फर्क है। राहुल गांधी ने कहा कि हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है, न्यायपालिका से उम्मीद नहीं है, RSS-BJP के पास बेतहाशा आर्थिक ताकत है। व्यवसायों को विपक्ष के पक्ष में खड़े होने की इजाजत नहीं है। लोकतांत्रिक अवधारणा पर ये सोचा-समझा हमला है। मणिपुर में राज्यपाल BJP की मदद कर रहे हैं, पडुचेरी में उपराज्यपाल ने कई बिल को पास नहीं होने देना, क्योंकि वो RSS से जुड़ी थीं। कांग्रेस ने कभी भी संस्थानों का फायदा उठाने की कोशिश नहीं की। वर्तमान सरकार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कई सालों से कर रहा हूं। इसके लिए मेरी ही पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की थी। मैंने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र लाना निश्चित तौर पर जरूरी है। आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं इसलिए प्रभावी हैं, क्योंकि उनके पास स्वतंत्र संस्थाएं हैं। लेकिन, भारत में उस स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र का पक्षधर हूं कौन हैं कौशिक बसु राहुल के साथ चर्चा में भाग लेने वाले कौशिक बसु प्रख्यात अर्थशास्त्री हैं। वह साल 2012 से 2016 तक विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री रहे हैं। वह भारत सरकार के लिए भी मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया था। यह मार्च 21 मार्च 1977 तक यानी 21 महीने चला था। 25 जून की रात से ही देश में विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया था। जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, जॉर्ज फर्नांडिस आदि बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। आपातकाल लागू के बाद प्रशासन और पुलिस द्वारा किए गए उत्पीड़न की कई खबरें सामने आई थीं। इस दौरान मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। सरकार ने हर समाचार पत्र के कार्यालय में सेंसर अधिकारी बैठा दिए थे। स्पष्ट आदेश था कि अधिकारी की अनुमति के बिना कोई समाचार प्रकाशित नहीं हो सकता था। सरकार विरोधी समाचार प्रकाशित करने पर गिरफ्तारी हो सकती थी। यह सब तब रुका, जब 23 जनवरी 1977 को मार्च में चुनाव की घोषणा कर दी गई। इंदिरा गांधी ने क्यों लगाया था आपातकाल 1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। लेकिन, इंदिरा की जीत पर सवाल उठाते हुए उनके प्रतिद्वंद्वी राजनारायण अदालत पहुंच गए थे। इंदिरा गांधी के खिलाफ रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी राजनारायण ने उन पर चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों का प्रयोग करने का आरोप लगाया था। मामले में चुनाव को निरस्त कर दिया गया और इसी के चलते उन्होंने आपातकाल लगा दिया था।
Government hikes paddy MSP by Rs 72 per quintal to Rs 1,940 for 2021-22 crop year | केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाई, धान की एमएसपी 1868 रुपये से बढ़ाकर 1940 की - दैनिक भास्कर हिंदी केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाई, धान की एमएसपी 1868... केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाई, धान की एमएसपी 1868 रुपये से बढ़ाकर 1940 की June 09th, 2021 17:54 IST खरीफ फसलों पर MSP बढ़ाई धान की एमएसपी 72 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाई डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को 2021-22 क्रॉप ईयर के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 72 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। धान के साथ ही अन्य खरीफ फसलों की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। तोमर ने कहा कि कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जा रहे हैं और भविष्य में भी इसी तरह वृद्धि होती रहेगी। वहीं, नए कृषि कानूनों के विरोध को लेकर तोमर ने कहा कि किसान इन कानूनों पर तार्किक आधार पर अपनी चिंताएं लेकर आएं, सरकार बात करने के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने कहा कि विगत 7 वर्षों में किसान के पक्ष में बड़े निर्णय हुए हैं ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके और उनमें ख़ुशहाली आ सके। एमएसपी 2018 से लागत पर 50% मुनाफ़ा जोड़कर घोषित की जाती है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के मुकाबले 72 रुपये बढ़कर 1940 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। पिछले साल यह राशि 1868 रुपये प्रति क्विंटल थी। बाजरा पर एमएसपी बढ़ाकर 2150 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2250 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। पिछले साल के मुकाबले एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी तिल (452 रुपये प्रति क्विंटल) में की गई है। इसके बाद तुअर और उड़द (दोनों 300 रुपये प्रति क्विंटल) आते हैं। धान मुख्य खरीफ फसल है, जिसकी बुवाई दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ की जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के एमएसपी बढ़ाने के फैसले से किसानों को यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि दक्षिण पश्चिम मानसून के आने के साथ किस खरीफ (गर्मी) फसल की बुवाई की जाए। बता दें कि कि एमएसपी वह दर होती है जिस दर से सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है। 6HMFf मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना 01 जून से लागू, धान के बदले वृक्षारोपण करने पर मिलेंगे दस हजार रूपए प्रतिवर्ष! राजनांदगांव जिले में तीन राईस मिलों में खाद्य अधिकारियों की टीम ने दी दबिश : नियम-निर्देश के उल्लंघन के मामले में 2 करोड़ रूपए का धान एवं चावल जब्त! धान से भरे मिनी ट्रक ने पहले ट्रैक्टर को मारी टक्कर फिर बाइक सवार को रौदकर पलटा, दो की मौके पर ही मौत, दो घायल
Two trains will run soon in Hathras - Uttar Pradesh Hathras General News पूर्वोत्तर रेलवे के चीफ आपरेटिग मैनेजर अनिल कुमार सिंह ने हाथरस के लिए ट्रेनों की घोषणा की है। JagranSat, 28 Aug 2021 11:30 PM (IST) जागरण संवाददाता, हाथरस: पूर्वोत्तर रेलवे के चीफ आपरेटिग मैनेजर अनिल कुमार सिंह ने हाथरस के कारोबारियों की मुराद चंद घंटों में ही पूरी कर दी। एक सप्ताह के अंदर दो ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा जो मथुरा-कासगंज और दूसरी मथुरा-आगरा फोर्ट तक जाएगी। बता दें कि लगातार कोरोना काल के चलते हाथरस सिटी से होकर गुजरने वाली ट्रेनों का संचालन बंद हो गया था। कोरोना से इस साल कुछ राहत दिखी तो कुछ एक्सप्रेस ट्रेनें जरूर शुरू कर दी गई थीं। मगर महत्वपूर्ण दो ट्रेनों का संचालन अभी तक शुरू नहीं हो सका। इस कारण हाथरस के मुसाफिरों को बसों के अलावा अन्य साधन का सहारा लेना पड़ रहा था और कारोबार भी प्रभावित हो रहा था। शुक्रवार की दोपहर बाद अलीगढ़ से कार द्वारा हाथरस सिटी स्टेशन आए पूर्वोत्तर रेलवे के चीफ आपरेटिग मैनेजर अनिल कुमार सिंह ने कारोबारियों के अलावा रेलवे परामर्शदात्री के सदस्यों के साथ बैठक की थी। इस दौरान समिति के सदस्य दिनेश सरदाना, कपिल अग्रवाल, सौरभ वर्मा ने एक ज्ञापन के जरिए हाथरस से मथुरा जाने वाली ट्रेन का संचालन कराने की मांग थी। चीफ आपरेटिग मैनेजर ने कहा कि हाथरस में ट्रेन भी देंगे स्टोपेज का वक्त भी बढ़ाएंगे और मालगाड़ी भी देंगे, मगर पहले ये तो बताना ही होगा कि रेलवे को कितना राजस्व दिलाया जा सकता है। इस पर कहा गया है कि एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव सिर्फ दो मिनट होने के कारण पार्सल भेजने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। उन्होंने इस पर दोहराया कि हमें राजस्व की संभावना बताएं। एक मीटिग कारोबारियों के साथ करके जानकारी दी जाए। हम मैंडू से कम से कम 10 वैगन की मालगाड़ी शुरू कर सकते हैं। स्टोपेज का वक्त बढ़ाना बहुत मुश्किल होता है, मगर राजस्व बढ़ेगा तो स्टोपेज का वक्त हर हाल में बढ़वा देंगे। इस दौरान स्टेशन अधीक्षक राकेश रंजन और बुकिग प्रभारी मनोज गुप्ता मौजूद रहे। जल्द शुरू होगा दो ट्रेनों का संचालन बुकिग प्रभारी मनोज गुप्ता के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के चीफ आपरेटिग मैनेजर के जाने के चंद घंटे बाद ही संदेश आ गया कि दो ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू होगा। इनमें एक ट्रेन कासगंज मथुरा पैसेंजर ट्रेन और दूसरी कासगंज फर्रुखाबाद पैंसेजर ट्रेन हैं। दोनों ट्रेनों का स्टोपेज सभी छोटे स्टेशनों पर भी होगा। शिक्षा के साथ ही अन्‍य जरूरतों के बारे में बताएंगे स्कूल, आमजन करेंगे सहयोग बरेली में जेल गया उत्तराखंड की महिला प्रोफेसर का आशिक, की थी ऐसी हरकत हैरान रह गई थी प्रोफेसर सासाराम में तीन मुखिया ही बचा पाए अपनी सीट, आठ पंचायतों में नए चेहरे, देखिए पूरी लिस्ट Bigg Boss 15: बाइसेक्सुअल होने के आरोपों पर ईशान सहगल ने तोड़ी चुप्पी, 'मैं Straight Guy हूं लेकिन...'
Two Brothers Die In Hydernagar - हैदरनगर में दो भाइयों की मौत, वजह जानने में जुटी पुलिस - Amar Ujala Hindi News Hindi News › Uttar Pradesh › Muzaffarnagar › Two brothers die in Hydernagar हैदरनगर में दो भाइयों की मौत, वजह जानने में जुटी पुलिस अमर उजाला ब्यूरो/ मुजफ्फरनगर Updated Thu, 07 Dec 2017 11:45 PM IST परिजनों से घटना की जानकारी लेती पुलिस। - फोटो : अमर उजाला तितावी क्षेत्र के गांव हैदरनगर जलालपुर में दो सगे भाइयों की मौत होने से परिजनों में कोहराम मच गया है। दोनों की मौत की वजह साफ नहीं हो पाई है। ग्रामीण अत्यधिक शराब पीने से मौत होना बता रहे हैं, जबकि पुलिस एक की मौत बीमारी और दूसरे की मौत का कारण हार्टअटैक बता रही है। मामला तितावी के गांव हैदरनगर जलालपुर का है। गांव के दरियाव सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका बड़ा बेटा सचिन और छोटा बेटा अर्जुन उर्फ शक्ति खेतीबाड़ी में उनका हाथ बंटाते थे। बुधवार शाम अनुज और सचिन गांव में किसी काम से निकले थे। इसी दौरान अनुज वाल्मीकि बस्ती में गिर गया, जबकि सचिन घर चला गया। लोगों ने अनुज को देखा तो वह दम तोड़ चुका था, जबकि सचिन भी कुछ समय बाद घेर में मृत अवस्था में पड़ा मिला। एक साथ दोनों भाइयों की मृत्यु से परिजनों में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दोनों युवकों की मौत अत्यधिक शराब पीने से हुई है। गांव में धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री हो रही है। यह मामला सामने आते ही पुलिस और आबकारी विभाग में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की। अब पुलिस मामले की लीलापोती में जुट गई। पुलिस का कहना है कि परिजनों ने अनुज की मौत बीमारी के कारण बताई है, जबकि सचिन की मौत हार्टअटैक से होना बताया है। प्रकरण में पुलिस ने कोई लिखा-पढ़ी नहीं की है। देर शाम गांव में दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस संबंध में तितावी थानाध्यक्ष सूबे सिंह ने बताया कि गांव में दो युवकों की मृत्यु का मामला सामने आया था। मौके पर जाकर जांच-पड़ताल की गई है। शराब पीने से मौत नहीं हुई है। एक युवक बीमार था, जबकि दूसरे युवक की हार्टअटैक से मृत्यु हुई है। फिर भी मामले की जांच-पड़ताल कराई जा रही है। दो बच्चों का पिता था अनुज रहस्यमय मौत का शिकार हुए अनुज के दो बच्चे हैं। दोनों बेटों के सिर से पिता का साया उठने से कोहराम मचा है। परिवार के साथ गांव में भी शोक छाया हुआ है। इलाके में खूब बिक रही कच्ची शराब बघरा क्षेत्र में कच्ची शराब के साथ हरियाणा मार्का की बिक्री खूब धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है। जिस पर पुलिस और आबकारी विभाग आंखें मूंदे बैठे हैं। शराब तस्करों पर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। जिसके चलते क्षेत्र के युवा नशे की लत के शिकार हो रहे हैं। - जहरीली शराब से मौत होने की सूचना पर दो आबकारी इंस्पेक्टरों को गांव में जांच के लिए भेजा गया, लेकिन शराब से मौत होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। हालांकि विभाग मामले की पूरी तरह छानबीन करेगा - अखिलेश कुमार, जिला आबकारी अधिकारी।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 18 2019 4:50PM कोलकाता। प्रमुख बी 2 बी ई-कॉमर्स कंपनी, एम-जंक्शन ने मंगलवार को कहा कि उसने असम के जोरहाट स्थित अपने ई-नीलामी प्लेटफार्म को डिजाइन करने, विकसित करने, उसे लागू करने और रखरखाव करने के लिए चाय बोर्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। ई-नीलामी मंच तीन महीनों में तैयार होगा तथा प्रतिवर्ष यहां 20करोड़ किलोग्राम चाय का कारोबार किया जाएगा। इसे भी पढ़ें: ई-कॉमर्स कंपनियों ने भारतीय उपयोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता इसे भी पढ़ें: ई-वाणिज्य कंपनी में सबसे आकर्षक नियोक्ता ब्रांड अमेजन इंडिया एमजंक्शन को इस ई-नीलामी मंच को डिजाइन, विकसित, कार्यान्वित करने और रखरखाव करने के लिए सिस्टम इंटिग्रेटर के रूप में नियुक्त किया गया है। असम भारत में सबसे अधिक मात्रा में चाय उपलब्ध कराता है, लेकिन इसका केवल एक नीलामी केंद्र है और इस प्रकार उत्पादन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया में एक महीने से अधिक समय लगता है।
उपनल कर्मचारी महासंघ ने अपनी एक सूत्रीय मंाग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है।सहस्रधारा रोड़ देहरादून एकता विहार स्थित धरना स्थल पर प्रदंेश भर से आये विभिन्न विभागों के उपनल कर्मचारियों ने दो दिवसीय सांकेतिक धरना शुरू कर ंिदया हैं। उन्होनंे सरकार को चेताया है कि दो ंिदन में हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो वह उग्र आन्दोलन कर आवश्यक सेवायंे भी ठप्प कर देंगे।गैरतलब है कि उपनल कर्मचारी नियमित रूप से स्थायी किये जाने और समान वेतनमान को लेकर पिछले कई सालों से मांग कर रहे है। जिसका संज्ञान उत्तराखंड हाईकार्ट ने भी लिया है,लेकिन राज्य सरकारें कभी वित्तीय समस्या तो कभी अन्य नियमावलियों का बहाना कर राज्य के उपनल कर्मियों की मांगों को पूरा नहीं कर रही है।अभी तक की सरकारों की बेरूखी को देखते हुए राज्य उपनल कर्मचारी महासंघ अब आर पार की लड़ाई के मूड में है।
हालांकि कई ट्रैवल एजेंसियों ने कुछ समय के लिए ड्रैकुला नस का शोषण किया है, लेकिन सच्चाई यह है कि बड़े पैमाने पर पर्यटन अभी तक नहीं पहुंचा है रोमानियाऔर यह आकर्षण से भरा एक देश है: समुद्र तट, पहाड़, डेन्यूब डेल्टा, मध्ययुगीन शहर, मठ, मिट्टी के ज्वालामुखी, ग्रोटो, नमकीन और खनिज पानी, लोकगीतों से भरपूर क्षेत्र ... इसके अलावा, आपको पता होना चाहिए कि आप शहर पा सकते हैं। सुंदर जो देखने लायक हैं। आज में तोड़ने के लिए मुश्किल शौक हम चाहते हैं कि आप इस यूरोपीय देश को थोड़ा बेहतर जान सकें। इसलिए, हम इसके सबसे खूबसूरत गांवों का दौरा करने जा रहे हैं। बेशक, हम उन सभी जगहों के लिए अग्रिम में माफी मांगते हैं जो हमने पाइपलाइन में छोड़ी हैं। क्या आप हमसे जुड़ना चाहेंगे? Biertan सबसे पहले, हम Biertan, रोमानिया के सैक्सन शहरों में से एक और देश के एक आइकन के बारे में बात करना चाहते हैं। पेंसिल्वेनिया में स्थित, इसका गढ़वाली चर्च बाहर खड़ा है, जो कि विश्व धरोहर स्थल है यूनेस्कोहालांकि, बस इसकी छतों और पुरानी दीवारों को देखने और इसकी पृष्ठभूमि, हरी पहाड़ियों द्वारा बनाई गई है, यह पहले से ही इस जगह की खोज के लायक है जो सदियों से चली आ रही इसके बावजूद अपनी परंपरा को बरकरार रखती है। Sighisoara ट्रांसिल्वेनिया का एक और शहर जिसे हम उजागर करना चाहते हैं, वह है महान व्लाड टेप्स की जन्मभूमि सिघिसोरा, जिसने ड्रैकुला के चरित्र को प्रेरित किया। यह एक सुंदर और शांतिपूर्ण गढ़ है। मध्यकालीन गलियों की सड़कों पर। आप इसके घरों, क्लॉक टॉवर और कब्रिस्तान से चकित होंगे। इसके अलावा, आपको पता होना चाहिए कि इसका ऐतिहासिक केंद्र यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। Botiza बोटिजा प्रकृति के बीच में स्थित एक खूबसूरत गाँव है। वास्तव में, यह ट्रांसिल्वेनिया में उत्तरी रोमानिया में स्थित एक ऐतिहासिक क्षेत्र मैरामुरस में ग्रामीण जीवन का एक अच्छा उदाहरण है। कालीनों इस जगह पर बने देश भर में बहुत प्रसिद्ध हैं। Ciocăneşti एक शहर जो सूची से गायब नहीं हो सकता है वह सिओकानेस्टी है, जो कि वाल्याचियन क्षेत्र में स्थित है। विशेष रूप से, यह बुकोविन और मैरामुरस के बीच के मार्ग पर स्थित है। यह कम्यून इसके संरक्षण में कामयाब रहा है सामंजस्य समय बीतने के बावजूद स्थापत्य। इस जगह के बारे में सबसे अधिक आश्चर्य की बात यह है कि इसके घर पारंपरिक वेशभूषा से प्रेरित रूपांकनों से चित्रित हैं। Sirnea सुंदर राष्ट्रीय उद्यान के ढलान पर स्थित सिरनीया शहर, हमारी सूची से गायब नहीं हो सकता है। यहां आप अच्छे भोजन, स्थानीय उत्पाद, अनुकूल मेजबान और बहुत सारी शांति का आनंद ले सकते हैं। पेस्तेरा और मगुरा के गाँव बाहर खड़े हैं, जो हमेशा पर्यटकों से भरे रहते हैं और साइकिल चालकों। इसके अलावा, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सिरनी कई स्थानीय घटनाओं की मेजबानी करता है। Rimetea हम आपको ट्रांसिल्वेनिया क्षेत्र में अल्बा काउंटी में स्थित एक शहर रिमेटा के बारे में भी बताना चाहते हैं। अपने आकर्षक इतिहास, अद्वितीय वास्तुकला और अद्भुत प्राकृतिक परिवेश के लिए जाना जाता है, यह अपने सफेदी वाले घरों के लिए खड़ा है, जिनमें से अधिकांश 19 वीं शताब्दी की वास्तुकला को बनाए रखते हैं। इस शहर का एक बड़ा आकर्षण यह है कि यह पहाड़ों के बहुत करीब है trascau, भ्रमण के लिए एक आदर्श स्थान है ट्रैकिंग. Viscri दुनिया भर में जाना जाता है जब प्रिंस चार्ल्स ने यहां एक घर खरीदा था, जो जगह की सुंदरता को देखते हुए बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं है। अपने पुराने को चकित करो चर्च सैक्सन ने किलेबंदी की, जिसे यूनेस्को की विश्व विरासत में सूचीबद्ध किया गया है। इसके अलावा, आपको पता होना चाहिए कि यह स्थान केवल अपने पारंपरिक गैस्ट्रोनॉमी के लिए जाने के लायक है। breb अंत में, हम Maramures के एक ग्रामीण शहर Breb के बारे में बात करना चाहते हैं, जहाँ आप आनंद ले सकते हैं शांति पूर्ण। आपको इसके लकड़ी के घर और इसके खूबसूरत चर्च पसंद आएंगे, जो 14 वीं शताब्दी के हैं। क्या आप रोमानिया गए हैं और हमें एक और सुंदर शहर की सिफारिश करना चाहते हैं? इसे करने में संकोच न करें!
# व्हॉट्सएप अब यूजर्स को प्राइवेट रिप्लाई का फीचर #बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा संसद में प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे# कार्ति सरकार और RBI में तनातनी के बीच नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) और केंद्र की मोदी सरकार(Modi Govt) के HIGH LIGHT # राजस्थान में बीजेपी को बड़ा झटका :बीजेपी के संस्थापक सदस्य के सुपुत्र ने भाजपा से नाता तोडा-# मानवेंद्र सिंह HIGH LIGHT NATIONAL NEWS 16 OCT. 18; : साजिश के तहत ONGC को खत्म ;कांग्रेस #सबरीमाला मंदिर-तनाव जोरों पर #NGT ने HIGH LIGHT; 11 अक्‍टूबर २०१८- सितारो का राशि परिवर्तन होते ही व्‍यापक असर- नाना पाटेकर पर गिरफ्तारी की तलवार, उत्‍तराखण्‍ड
संजीवनी टुडे 10-08-2020 18:33:28 कम्पनी Vivo ने Y सीरीज के अपने नए स्मार्टफोन Vivo Y1s को कंबोडिया में पेश किया है। डेस्क। कम्पनी Vivo ने Y सीरीज के अपने नए स्मार्टफोन Vivo Y1s को कंबोडिया में पेश किया है। Vivo Y1s स्मार्टफोन के दोGB रैम तथा 32GB स्टोरेज वैरिएंट की कीमत 8,100 रुपए है। यह स्मार्टफोन 2 कलर ऑप्शन Aurora Blue एवं Olive Black में लॉन्च किया गया है। जानें, Vivo Y1s की कीमत और फीचर्स के बारें में... वीवो Y1s के स्पेसिफिकेशन्स बता दें कि इसमें 720x1520 पिक्सल रेजॉलूशन संग 6.22 इंच का Halo FullView LCD पैनल प्रदान किया गया है। इसमें मीडियाटेक हीलियो P35 प्रोसेसर लगा है। इसकी मेमरी को माइक्रो एसडी कार्ड की मदद से बढ़ाया भी जा सकता है। फटॉग्रफी हेतु इसमें अपर्चर f/2.2 और एलईडी फ्लैश के साथ 13 मेगापिक्सल का कैमरा प्रदान किया गया है। वहीं, सेल्फी हेतु फोन में अपर्चर f/1.8 संग 5 मेगापिक्सल का कैमरा लगा है। फोन को पावर देने हेतु इसमें 4,030mAh की बैटरी लगी है। कनेक्टिविटी के लिए फोन में ड्यूल 4G VoLTE, 2.4Ghz वाई-फाई, ब्लूटूथ 5.0, जीपीएस, माइक्रो यूएसबी 2.0 तथा 3.5mm हेडफोन जैक जैसे फीचर प्राप्त होते हैं। फोन में फिंगरप्रिंट रीडर नहीं दिया गया है। Vivo Y1s खास फीचर्स Vivo Y1s स्मार्टफोन के बैक पैनल पर सिंगल 13MP वाला रियर कैमरा संग एक LED फ्लैश लाइट प्रदान की गई है, जिसका रेजोल्यूशन f/2.2 का है। स्मार्टफोन के सामने में सेल्फी एवं वीडियो कॉलिंग हेतु पांचMP का कैमरा दिया गया है, जिसका रेजोल्यूशन f/1.8 का है। सिक्योरिटी फीचर के तौर पर पैटर्न और फेस रिकग्निजिशन सपोर्ट मेलगा। वही, पावरबैकअप हेतु इसमें 4,030mAh की बैटरी मिलेगी। यह खबर भी पढ़े: डीलरशिप के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़ा को लेकर आईओसी ने किया सावधान company vivo y1s vivo y1s latest updates vivo y1s features vivo y1s price vivo y1s price vivo y1s specification vivo y1s hindi latest news
कासा लेक्सस, पारंपरिक जापानी आतिथ्य हमारे आल्प्स- Corriere.it . पर आता है | Anunico India Home कारों कासा लेक्सस, पारंपरिक जापानी आतिथ्य हमारे आल्प्स- Corriere.it . पर आता है कासा लेक्सस, पारंपरिक जापानी आतिथ्य हमारे आल्प्स- Corriere.it . पर आता है नागोया स्थित कार निर्माता अपनी कारों (और इसके मूल्यों) को आओस्टा घाटी में चंपोलक में सक्रिय लक्जरी रिज़ॉर्ट कैंपज़ीरो में लाता है कासा लेक्सस का जन्म चंपोलुक में मोंटे रोजा की ढलानों पर हुआ है, वह स्थान जहां कार के ब्रांड मूल्य उनसे मिलते हैं एक्टिव लग्ज़री रिज़ॉर्ट कैंपज़ीरो. एक साझेदारी जो मेहमानों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है पारंपरिक जापानी आतिथ्य, ओमोतेनाशी के बैनर तले, एक ही समय में एक आकर्षक प्राकृतिक सेटिंग में स्थित एक परिष्कृत और अनन्य स्थान का आनंद ले रहे हैं। एक अवधारणा जो टोयोटा समूह के प्रीमियम ब्रांड को अलग करती है, लक्ज़री कारों के सरल डिज़ाइन और उत्पादन से कहीं आगे निकल जाता है उच्च गुणवत्ता और उच्च तकनीक। लेक्सस के लिए, मौलिक आधारशिलाओं में से एक ग्राहकों की जरूरतों को प्रकट करने से पहले ही उनका अनुमान लगाना और उन्हें संतुष्ट करना है; इसे नवीन समाधानों में स्पष्ट रूप से विपरीत तत्वों को संयोजित करने की क्षमता के साथ जोड़ा जाता है: जैसे परंपरा और नवाचार का संयोजन। मोंटे रोजा की ढलानों पर आवास के लिए एक ही दृष्टि। वास्तव में, Lexus और CampZero दोनों ही उत्कृष्ट उत्पाद और सेवा की पेशकश करने के लिए ग्राहक की केंद्रीयता में विश्वास करते हैं, पर्यावरणीय स्थिरता के महत्व को ध्यान में रखते हुए. इस संबंध में, लेक्सस ने 2005 से अब तक CO2 उत्सर्जन को लगभग 19 मिलियन टन कम करने में कामयाबी हासिल की है, जिसका श्रेय कम पर्यावरणीय प्रभाव वाले विद्युतीकृत समाधानों के विकास को जाता है। सक्रिय विलासिता संरचना में मूर्त स्थिरता, जो लेक्सस के लिए एक प्रतिनिधि संदर्भ बन गई है, जहां लकड़ी और प्राकृतिक और देशी सामग्रियों का उपयोग आसपास के परिदृश्य के साथ आंतरिक सद्भाव बनाए रखता है और शांति और आराम की भावना प्रदान करता है। इस प्रकार, "कासा लेक्सस" का जन्म समझाया गया है, जहां आप एक साधारण छुट्टी का अनुभव नहीं करते हैं, बल्कि एक अनुभवात्मक यात्रा का अनुभव करते हैं, जो क्षेत्र के अनुरूप है। लेक्सस हाउस की छत के नीचे मुख्य मूल्य वेलकम (ओमोतेनाशी) के अलावा लेक्सस और कैंपज़ीरो मानव केंद्रित दृष्टिकोण साझा करते हैं, यानी व्यक्ति को केंद्र में रखना: कार निर्माता के लिए यह पहिया के पीछे उन लोगों पर केंद्रित गाइड के लिए डिज़ाइन को बढ़ाकर होता है ताकि अधिकतम आराम की गारंटी दें और एक प्रामाणिक आनंद का अनुभव करें, रिसोर्ट के लिए कल्याण और अवकाश के उद्देश्य से उच्चतम उत्कृष्टता के समाधान की तलाश में। CampZero . में लेक्सस कैंप ज़ीरो सभी उद्देश्यों और उद्देश्यों के लिए एक वास्तविक लेक्सस होम है जिसमें आंतरिक और बाहरी रिक्त स्थान के अनुकूलन के साथ और लेक्सस बुटीक उपलब्ध है, यही वह कोने है जहां मेहमान ब्रांडेड उत्पादों और सहायक उपकरण ऑर्डर कर सकते हैं और फिर निकटतम डीलरशिप में उनके लिए भुगतान कर सकते हैं उनके लिए आरामदायक। न सिर्फ़। भी उपलब्ध एक शटल सेवा चार प्रीमियम हाइब्रिड लेक्सस और पूर्ण इलेक्ट्रिक कारों के साथ, जैसे: एक UX 300e, एक NX हाइब्रिड, एक RX हाइब्रिड और एक Proace Verso. लेक्सस सिग्नेचर ग्योज़ा के साथ तालिका में संयोजन प्रसिद्ध फ्रांसीसी गैस्ट्रोनोम एंथेल्मे ब्रिलैट-सावरिन ने कहा कि एक नए व्यंजन की खोज एक नए सितारे की खोज की तुलना में मानव जाति के लिए अधिक कीमती है: लेक्सस और कैंपज़ीरो इसे अच्छी तरह से जानते हैं। इस मिलन का जश्न मनाने के लिए उन्होंने इसके विपरीत केवल टोस्ट नहीं किया। इस शादी के कार्ड पर हस्ताक्षर करने के लिए लेक्सस सिग्नेचर ग्योज़ा के मेनू पर उपस्थिति। जापानी-प्रेरित अल्पाइन फ़्यूज़न व्यंजनों का एक व्यंजन, लेकिन क्षेत्रीय विशेषताओं के साथ। कार्यकारी शेफ लुका गुबेलि को जन्म दिया है पेटू पकवान: पारंपरिक जापानी रैवियोली शून्य-किलोमीटर सामग्री के साथ बनाया गया आसपास की लकड़ियों और बगीचों में, हल्दी के आटे से बना, रोबियोला डि बगनोद से भरा हुआ और समुद्र तल से १८०० मीटर ऊपर उगाए गए लाल-चमड़ी वाले पहाड़ी आलू, सभी पाइन शंकु के साथ धूम्रपान करते हैं। लेक्सस सिग्नेचर ग्योज़ा सबसे अधिक मांग वाले तालू को भी संतुष्ट करेगा, साथ ही लेक्सस के नाम पर संरचना में दी जाने वाली सेवाओं को भी संतुष्ट करेगा।
रामपुरखास मे बहुमुखी विकास के लिए तेजी से संचालित होगीं योजनाएं- मोना Dainik mail 24 - Dainik Mail 24 Home / Unlabelled / रामपुरखास मे बहुमुखी विकास के लिए तेजी से संचालित होगीं योजनाएं- मोना Dainik mail 24 रामपुरखास मे बहुमुखी विकास के लिए तेजी से संचालित होगीं योजनाएं- मोना Dainik mail 24 विधायक ने सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी के साथ सौंपी सड़क परियोजना की सौगात, ग्रामीणों मे खुशी लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्रीय विधायक एवं कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने बुधवार को सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी के साथ ग्रामीणों को चार किलोमीटर पक्की सड़क की सौगात सौपी। सांगीपुर क्षेत्र के शुकुलपुर भगौरा हाइवे से गोपालपुर वाया तिवारीपुर सिंहगढ़ मार्ग की विधायक मोना ने समारोहपूर्वक आधारशिला रखी। गोपालपुर मे आयोजित एक बडी जनसभा को संबोधित करते हुए बतौर मुख्यअतिथि केन्द्रीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सड़क संसाधन के क्षेत्र मे अव्वल दिख रहे रामपुरखास को बहुमुखी विकास की मंजिल दिलाने का वह मुहिम जारी रखेगें। श्री तिवारी ने लोगों से कहा कि वह आपसी भाईचारा तथा सौहार्द को इसी तरह बनाए रखें ताकि रामपुरखास आर्थिक एवं सामाजिक व आधारगत विकास के लक्ष्य को हासिल कर सके। उन्होनें कहा कि सड़क तथा शिक्षा व बिजली एवं पीने के पानी की उपलब्धता के क्षेत्र मे रामपुरखास स्वावलंबन के साथ आज मजबूत दौर मे अन्य क्षेत्रो के लिए भी विकास का मापदण्ड तैयार कर रहा है। जनसभा की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि जनता के सभी अधिकारों की सुरक्षा करते हुए वह इस क्षेत्र को उद्यमी विकास की मंजिल की ओर भी बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होने कहा कि क्षेत्रीय विकास की रूपरेखा और इस पर जारी कार्ययोजना का लक्ष्य हर वर्ग तथा तबके को विकास की हर आवश्यकता से जोड़ा जा सके। विधायक मोना ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना के पूर्ण हो जाने से क्षेत्र के चार गांवो तथा कई मजरों से जुडे लोगों को आवागमन की बेहतरीन सुविधा मुहैया होगी। संचालन प्रधान संघ के पूर्व अध्यक्ष अरविंद मिश्र ने किया। प्रदेश कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के प्रभारी फिरोज खॉन व डा. नीरज तिवारी ने भी बतौर विशिष्ट अतिथि विकास योजनाओं के स्थानीय मॉडल की सराहना की। कार्यक्रम का संयोजन बलराम सरोज, कप्तान सिंह व राघवराम मिश्र ने करते हुए विधायक मोना व प्रमोद तिवारी का ग्रामीणों की ओर से सारस्वत सम्मान किया। इस मौके पर ब्लाक प्रमुख अशोक सिंह बब्लू, डा. अमिताभ शुक्ल, अंजनी सिंह, राजकुमार तिवारी, चंद्रचूर्ण, चंद्रिका सिंह, सुधाकर पाण्डेय, रामबोध शुक्ल आदि रहे। इसके बाद विधायक आराधना मिश्रा मोना ने नगर स्थित कैम्प कार्यालय पर जनसमस्याओं की सुनवाई की। कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा की। इस मौके पर प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, प्रमुख ददन सिंह, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, छोटेलाल सरोज, केडी मिश्र, पप्पू जायसवाल, सिंटू मिश्र, अनिल त्रिपाठी महेश, विनय शुक्ल आदि रहे। रामपुरखास मे बहुमुखी विकास के लिए तेजी से संचालित होगीं योजनाएं- मोना Dainik mail 24 Reviewed by Dainik Mail 24 on January 27, 2021 Rating: 5
राजस्थान चुनाव: दूध पीते बच्चे को मतदान केंद्र लेकर पहुंची महिला कांस्टेबल, बोली- ड्यूटी सबसे पहले | Rajasthan Elections: Call For Duty And Motherhood, Woman Constable Took Baby To Voting Centre. - Hindi Oneindia राजस्थान चुनाव: दूध पीते बच्चे को मतदान केंद्र लेकर पहुंची महिला कांस्टेबल, बोली- ड्यूटी सबसे पहले | Published: Friday, December 7, 2018, 15:28 [IST] जैसलमेर। राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों पर आज सुबह से मतदान हो रहा है। इस वोटिंग को निष्पक्ष और सुरक्षित रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया है। चुनावों की जिम्मेदारी कंधे पर होने के कारण एक महिला पुलिसकर्मी अपने बच्चे को मतदान केंद्र लेकर पहुंची। अपनी वर्दी और मां, दोनों का फर्ज निभा रही इस महिला कांस्टेबल की चर्चा हर जगह हो रही है। जैसलमेर के भणियाणा में एक महिला कांस्टेबल अपने दूध पीते बच्चे के साथ वर्दी का फर्ज निभाने पहुंची। मतदान केंद्र पर महिला कांस्टेबल मीना अपने बच्चे को लेकर मतदाताओं की सुरक्षा में तैनात रही। मीना अपनी वर्दी और मां, दोनों का फर्ज साथ-साथ निभा रही थी। कांस्टेबल के जज्बे को देख वोट देने आए मतदाता भी उनकी तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाए। मीना ने कहा कि उनकी ड्यूटी ही उनके लिए सबसे पहले है। वो बच्चे को लेकर किसी और पर भरोसा नहीं कर सकती थीं, इसलिए उसे अपने साथ मतदान केंद्र ले आईं। मीना ने कहा कि दोनों ही चीजें उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए वो दोनों को साथ निभा रही हैं। उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसलिए चुनाव आयोग के अधिकारी भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। राजस्थान में विधानसभा की 199 सीटों के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। वोटिंग प्रक्रिया सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने की वजह से राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक ईवीएम के साथ-साथ पूरे राज्य में वीवीपैट मशीनों का उपयोग पहली बार हो रहा है। इस बार 20 लाख से अधिक मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे। rajasthan assembly elections 2018 constable jaisalmer rajasthan राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 कांस्टेबल जैसलमेर राजस्थान
जानिए, किस तरह सामने आया केजरीवाल के मंत्री का सेक्स CD स्कैंडल Home India जानिए, किस तरह सामने आया केजरीवाल के मंत्री का सेक्स CD स्कैंडल नई दिल्ली (ब्यूरो): आप सरकार के बर्खास्त मंत्री संदीप कुमार की रंग रंगरलियों को पिछले कई दिनों से स्पाई कैमरे पर उतारा जा रहा था। दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में उनकी छवि काफी खराब थी। यूं तो सीडी में सिर्फ दो अलग अलग महिलाओं के साथ तस्वीरें हैं लेकिन संदीप के व्यभिचार की शिकायतें अनेक हैं। बताया जाता है कि चार से ज्यादा लड़कियां की तस्वीरें रिकॉर्ड की गई हैं जिनमे से सिर्फ दो को अब तक रिलीज किया गया है। सूत्रों के मुताबिक अक्सर उनके दफ्तर में देर रात तक महिलाएं आती थीं। दिल्ली से बाहर होटल में भी संदीप को महिलाओं के साथ देखा गया। सूत्रों के मुताबिक एक ऐसी शोषित महिला के कहने पर संदीप के मुखालिफ एक स्थानीय नेता ने सीडी तैयार करवाई थी। इस बात का ख्याल रखा गया था कि एक से ज्यादा महिला के साथ संदीप को सेक्स करते हुए दिखाया जाय। इसके लिए काफी सोच समझ कर उनके एक करीबी स्टाफ की मदद से संदीप का स्टिंग आपरेशन किया गया। सीडी बनने के बाद 31 अगस्त की शाम एक हाथ से लिखी चिट्ठी के साथ एक पेन ड्राइव में संदीप का सेक्स विडियो केजरीवाल दफ्तर में भेज गया और साथ ही पेन ड्राइव और चिट्ठी की कॉपी कई मीडिया संस्थानों को भी भेजी गई। सूत्रों का कहना है की जिस कमरे में संदीप रंग रंगरेलियां मनाते थे वहां पर एक स्पाई कैमरे का इंतजाम किया गया। सूत्रों का कहना की कुछ हाई फाई महिला मॉडल भी संदीप के साथ दिल्ली के एक ठिकाने में देखी गई थीं। संदीप के साथ आप के एक नेता भी रंग रंगेलिया मनाते थे। उनकी सीडी भी जल्द आने वाली है, ऐसा दबी जुबान में बताया जा रहा है। आप पर उठे तीन बड़े सवाल दिल्ली सरकार के एक मंत्री के सैक्स स्कैंडल में फंसे होने की खबर बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, पर हैरानीभरी नहीं। इस खबर के कारण तीन सवाल उठे हैं। क्या आम आदमी पार्टी उस समय ही कार्रवाई करती है जब दुष्कर्म की घटना घट जाती है या फिर तब कार्रवाई करती है जब ऐसी घटनाएं पार्टी के ध्यान में आती हैं? 6 मंत्रियों में से 3 मंत्री पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं। एक को जालसाजी के लिए दूसरे को रिश्वत लेने के लिए व तीसरे को सेक्स स्कैं डल के लिए, पर तीनों न सिर्फ आप के मैम्बर बने हुए हैं बल्कि पार्टी के स्टेट्स को एंज्वाय भी कर रहे हैं। क्या आम आदमी पार्टी इनके विरुद्ध कार्रवाई करेगी और क्या पंजाब में भी आ रही ऐसी शिकायतों के बारे जांच करेगी या फिर टी.वी. स्टूडियो तक नामोशी वाले परिणाम पहुंचने तक फिर इंतजार करेगी। महिला कल्याण मंत्री की हरकत शर्मनाक: विजेन्द्र गुप्ता विधानसभा मे विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से अपने मंत्रियों के बड़े नैतिक पतन की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए त्यागपत्र की मांग की। उन्होंने कहा कि महिला कल्याण मंत्री ने खुद ही महिलाओं को सेक्स स्कैंडल मे फंसाकर अनैतिकता की सभी हदें पार कर दीं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपने मंत्रियों को हीरा बताते थकते नहीं थे। दिल्ली को शर्मसार करने वाले सेक्स स्कैंडल के लिए मंत्री को मंत्रिमंडल से निकलना ही काफी नहीं है। केजरीवाल ने मजबूरन की कार्रवाई: जय किशन कांग्रेस के पूर्व विधायक जय किशन ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्री संदीप कुमार की सेक्स स्कैंडल की सीडी उपराज्यपाल नजीब जंग के पास पहुंचने पर मजबूरी में बर्खास्त की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि उनके साथी ओमप्रकाश ने यह सीडी बुधवार को उपराज्यपाल को सौंपी और इसके बाद ही मुख्यमंत्री अपने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने को मजबूर हुए। जयकिशन ने यहां कहा कि ओमप्रकाश ने यही सीडी केजरीवाल को करीब 15 दिन पहले दिखाई थी और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन तब उन्होंने कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया है कि तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि सीडी हमें दे दो लेकिन ओमप्रकाश ने उन्हें सीडी नहीं दी। इसके बाद ओमप्रकाश ने सीडी सीबीआई को देकर कार्रवाई की मांग की थी। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि आज उपराज्यपाल को सीडी सौंपने पर मुख्यमंत्री अपने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य हुए। Previous articleबस इस एक संधि को रद्द कर दें मोदी, हिल जाएगा पूरा पाकिस्तान, टेक देगा घुटने! Next articleप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबसे बड़े इंटरव्यू की 10 सबसे बड़ी बातें! मोदी जी का रिपोर्ट कार्ड!
भारत का इतिहास: भारत में हस्तकौशल और व्यापार के ऐतिहासिक स्वरूप भारतीय उपमहाद्वीप के मुगल शासकों की राजदरबारी संस्कृति बहुत प्रसिद्ध है। भारत में विश्वैशिक दृष्टिकोण नया नहीं है। अनेक स्त्रोत् उसके उन्नत अंतरराष्ट्र्ीय व्यापार पद्धति की ओर इशारा करते हैं जो दक्षिण भारतीय बंदरगाहों को प्राचीन रोम के बंदरगाहों से जोड़ती थी। ग्रीक पैरीपस के इतिहासकार बतलाते हैं कि भारतीय निर्यात् में मसालों की किस्में और मुरब्बे, इत्रा, उच्च कोटि की मलमल और सूती वस्त्रा, चांदी और अच्छा लोहा शामिल होते थे। उन दिनों इन वस्तुओं को विलासता की वस्तुयें माना जाता था और वहां इनकी भारी मांग हुआ करती थी। भारत और रोम के व्यापार का एक भाग पारस्परिक वस्तु विनिमय का भी हुआ करता था। बदले में रोम विदेशी वस्तुयें जैसे तराशे हुए रत्न, मंूगा, शराब, इत्रा, पपीरस, तांबा, टिन और सीसे के पिंड आदि की आपूर्ति करता था। व्यापार संतुलन यथेष्ट रूप से भारत के पक्ष में हुआ करता था। व्यापारिक भुगतान सोने या चांदी के सिक्कों अथवा भारत की प्राचीन मुद्रा - बहुमूल्य लाल मूंगे से होता था। भारत हांथी दांत की कारीगरी और मलमल के लिए प्रसिद्ध था जिसे रोम के साहित्य में ''बुनी हुई हवा'' कहा जाता था। ये वस्तुएं काफी मंहगी होना चाहिए क्योंकि रोमन लेखक पिल्नी, 23 - 79 ईस्वी ने भारत से आयातित इन और अन्य वस्तुओं के दामों की शिकायत की थी। पिल्नी ने लिखाः ''ऐसा एक भी वर्ष नहीं जाता जब भारत 50 मीलियन सेस्टरसीज् रोम से न ले जाता हो।'' निर्यात् व्यापार के लाभ ने शहरी केंद्र समृद्ध हुए और वे आंतरिक व्यापार के फैलाव से जुड़े हुए थे। उस काल के अभिलेख भारत में प्रचुरता और वैभव की तसवीर प्रस्तुत करते हैं। 2 री सदी का शिलापथिकारम दक्षिण के महानगरों की प्रचुर सपंदा की एक झलक दिखलाता है। कावेरीपट्टनम बंदरगाह का समृद्ध शहर पुहर की एक कथा में एक जहाज मालिक की रहीसियत का वर्णन है जिसे ''विदेशी राजाओं की ईर्षा'' कहा जाता था। पुहर को उद्यमशील वाणिज्यिकों और व्यापारियों के शहर की तरह से चित्रित किया जहां का व्यापार व्यवस्थित और नियमित हुआ करता थाः ''पुहर शहर में वाणिज्यिक गांठें रखने के लिए प्रचुर स्थान मालिक के नाम, गांठ का वजन एवं संख्या के अंकन की सुविधा के साथ थे। प्राचीन भारत में, शिलापथिकारम के बाजार में विभिन्न प्रकार की कीमती वस्तुयें उपलब्ध रहतीं थीं। शहर में मंूगा, चंदन की लकड़ी के सामान, निर्दोष मोती, आभूषण, शुद्ध सोना और कीमती रत्नों आदि के लिए अलग अलग गलियां निर्धारित थीं। कुशल कारीगर महीन रेशम, बुने हुए वस्त्रा विलासमयी हांथी दांत की नक्काशीपूर्ण वस्तुयें लेकर वहां पहंुचते थे। दक्षिण भारत के दफन किए गए प्राचीन काल के गहने इस बात की पुष्टि करते हैं। उत्तरी भारत में भी उन्नत होते हुए व्यापार के शहरी केंद्र थे। तक्षशिला के प्राचीन विवरणों से यह बात सिद्ध होती है। ब्लादिमीर जवाॅफ् ने ''ज्वेलरी, 7000 ईयरस्'' में लिखा हैः ''स्थल से आकर्षक और अच्छे तरह के स्वर्ण आभूषण मिले खासकर हार, कान के झुमके और अंगूठियां। ये सब जड़ाव और कणिकायन की दक्षता सिद्ध करते हैं।'' जबकि उस काल के अधिकांश आभूषण बचे नहीं रह सके। अनेक जगहों से प्राप्त मूर्तियों पर विभिन्न और भारी आभूषणों की सज्जा अंकित है। यात्रियों द्वारा वर्णित मौर्यकाल में पाटिलीपुत्रा /पटना/ भव्यतम शहरों में से एक था। भारतीय वस्त्रोद्योग के निर्यात् की प्राचीनता ग्रीक भूगोलविज्ञानी स्ट्र्ावो, 63 ई.पू. से 20 ई. और पहली सदी के पैरीपस ग्रीक ग्रंथ से प्रमाणित की जाती है जो वस्त्रों के अनेक किस्मों को निर्यात् करने वाले गुजरात के बरयागजा /भढ़ौच/ का वर्णन करता है। कम से कम दो शताब्दी ईसा पूर्व से इस उपमहाद्वीप में रंग बंधकों की जटिल तकनीक की जानकारी मोहन- जुदाड़ों के पुरावशेषों के साक्ष्य से प्रमाणित होती है। 3000 वर्ष ई. पू. से भारत में ठप्पों की छपाई का उपयोग किया जाता था और कुछ इतिहासकारों का मत है कि भारत वस्त्रों की छपाई का मूलरूप से जन्म स्थान ही था। ''हिस्ट्र्ी आॅफ प्रिंटेड टेक्सटाइल्स'' में स्टाॅट राबिंसन ने लिखा हैः ''चीन को छपे हुए वस्त्रा के निर्यात् का पता ई. पू. 4 थी सदी से चलने लगता है जहां उन्हें बहुत पसंद किया जाता और पहिना जाता था और बाद में वहां उन वस्त्रों की नकल भी शुरू हुई थी।'' 13 वीं सदी के चीनी यात्राी चाउ जुकाॅ गुजरात को हर रंग के सूती वस्त्रा का स्त्रोत् मानता है और कहता है कि हर वर्ष अरब देशों को जहाज से सूती वस्त्रा भेजा जाता था। 14 वीं सदी में भढ़ौच में हुईं खोजों और ईजिप्त तथा सीरिया के गुम्लुक राज्य से संबंधित सोने चांदी के सिक्कों से पता चलता है कि रोमनकाल से लाभदायी व्यापारिक व्यवस्था थी और भारतीय वस्त्रा एवं अन्य चीजों का व्यापार कीमती धातु के लिए किया जाता था।'' - जाॅन रो ''आर्ट आॅफ इंडिया, 1500-1900''। 13 वीं शताब्दी में भी मार्को पोलो ने लिखा कि भारतीय वस्त्रों का चीन और दक्षिण पूर्व एशिया को मछलीपट्टनम, आंध्र एवं कोरोमंडल से उस समय के ''सबसे बड़े जहाजों'' से निर्यात् किया जाता था। यह अनुमान लगाया गया कि इस व्यवसाय की उन्नति के साथ साथ भारतीय संस्कृति का विस्तार भी दक्षिण पूर्व एशिया में हुआ था। ''आर्टस् आॅफ इंडिया, 1500-1900'' में जाॅन गे ने ध्यान दिलाया है कि ''मध्य जावा की एवं अन्य भारतीय देवीदेवताओं की मूर्तियों पर वस्त्रा प्रतिकृति से संभवतया, पहली शताब्दी के उत्तरार्ध में प्रतिष्ठित वस्त्रों के चलन का पता चलता था। चीनी यात्राी चाउ ताकुआन ने अंकोर की राजधानी में, 13 वीं शताब्दी में लिखा थाः ''भारतीय बुनाई की कुशलता एवं कमनीयता को वरीयता दी जाती थी।'' राबिन मैक्सवैल ने ''टेक्सटाइल्स् आॅफ साउथ ईस्ट एशिया'' में बताया कि जटिल रूप से अलंकृत भारतीय वस्त्रा सबसे कीमती होते थे और वह आगे लिखता हैः ''दो या तीन सौ वर्ष पुराने शानदार भारतीय कपड़ों को दक्षिण पूर्व एशिया में 20 वीं सदी में भी सम्हाला सहेजा जाता और खास अवसरों पर ही उनको निकाला जाता है।'' अहमदाबाद के पाटण के पटोला जैसे बहुमूल्य रेशमी वस्त्रा और गुजरात एवं कोरोमंडल के चमकीले पक्के रंगों के सजावटी सूती वस्त्रा फिलीपींस के धनाढ्य व्यापारियों एवं मलेशिया के रहीसों की पहली पसंद हुआ करते थे। गुजरात का बंदरगाह शहर सूरत, दक्षिण पूर्व एशिया के लिए निर्यात् करने वाला एक बड़ा शहर बना और डच ईस्ट इंडिया कंपनी के जहाज बराबर वहां लंगर डाले रहते थे। ''इंडोएशियन भद्र वर्ग को पटोला पहिनने का अधिकारिक आदेश था जिसे पटोला वितरित करने वाली डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने स्थानीय शासकों को पहिनने के लिए उत्साहित किया था। ऐसा करके वे पोर्तगीज व्यापार के लिए छूटें और सहयोग प्राप्त कर लेते थे।'' - जाॅन रो आर्ट आॅफ इंडिया। भारत के साथ पोर्तगीज व्यापार महत्वपूर्ण था। कशीदाकारी की चादरें और दिवालों पर टांगने की सजावटी कृतियां कलकत्ता के पास बंगाल की राजधानी, सतगांव में बनाईं जातीं थीं। सूत या जूट पर भारतीय या यूरोपियन आकृतियों सहित रेशम की कढ़ाईदार रजाईंयों की आढ़त पोर्तगीज करते थे और वे ईसवी की शुरूआत से ही बंगाल की ओर आकर्षित रहे तथा वहां की गुणवत्ता के प्रशंसक रहे। 1580 के दशक में गोआ के महाधर्माध्यक्ष के मंत्राी जे. एच. वाॅन लिंसकोटिन ने पाया कि काम्बे भी कढ़ाईदार रजाईंयां बनाता था। गोलकुण्डा और दूर दक्षिणी इलाके के वस्त्रा यूरोप और दक्षिण पूर्वी एशिया में प्रसिद्ध थे। 1600 ई. के दशक में डच और अंग्रेजों की बस्तियां गोलकुण्डा में स्थापित थीं। गोलकुण्डा के भीतरी भागों में निर्मित ''कलमकारी''- सुंदर ढ़ंग से चित्रित सूती कपड़े - की खरीदी और आढ़त मछलीपट्टनम बंदरगाह शहर में होती थी। मूल स्थान पर खरीदी करने से डच और इंग्लिश व्यापारियों को यह कपड़ा 30 प्रतिशत कम कीमत पर मिल जाता था। ''पालमपोरस'' और ''जीवन वृक्ष'' पर चित्रित कपड़ा मुगल और दक्षिण के दरबारों में बहुत आदर पाता था। सूती कपड़े पर बहुरंगी भारतीय चित्राण - छींट - के आकर्षण ने यूरोप में 1600 ई. में लंदन ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना को डच और फ्रंेच प्रतिपक्षियों के साथ साथ उत्प्रेरित किया था। 1600 ई. के अंत तक चिटगांव, बंगाल या पटना या सूरत से इन छीटों की बहुत ही ज्यादा मांग होने लगी। परिणामस्वरूप रेशम और उन के फ्रांसीसी और अंग्रेज व्यापारियों ने अपनी अपनी सरकारों पर भारत से आयात होने वाले सूती वस्त्रों पर रोक लगाने के लिए दबाव डाला। फ्रांस में 1686 ई. में और इंग्लेंड में 1701 ई. में रोक लगा दी गई। भारत के सभी वस्त्रा उत्पादक केंद्र बंदरगाहों से नहीं जुड़े थे। विश्व व्यापार के अनेक केंद्र मध्य एवं उत्तर भारत में मुगल और राजपूत साम्राज्यों में स्थित थे और वे देश की आंतरिक मांगों की आपूर्ति भी करते थे। हर कंेद्र की अपनी अनौखी विशेषता हुआ करती थी। कश्मीर उनी बुनाई और कशीदाकारी के लिए और बनारस, उज्जैन, इंदौर और औरंगाबाद के पास का पैठन रेशम एवं जरी के काम के लिए ख्याति प्राप्त थे। राजस्थान ने सभी प्रकार की वस्त्रा छपाई और रंगाई के लिए विशेषता हासिल कर ली थी। अहमदाबाद के कैलिको म्युजियम एवं दिल्ली के क्राफ्टस् म्युजियम में वस्त्रा उद्योग का सुंदर संग्रह देखने योग्य है। बुद्ध कालीन गं्रथों के अनुसार भारत में उनी दरियां 500 ई. पू. से जानी जातीं रहीं हैं। प्राचीन एवं मध्यकालीन साहित्य में बुनी हुईं चिटाईयों एवं फर्श पर बिछायतों के अनेक संदर्भ हैं। 16 वीं सदी तक दरी बुनाई केंद्र इस उपमहाद्वीप के सभी बड़े बड़े राज्यों में स्थापित हो चुके थे। जो भी हो, तब तो यह मुगलकाल का ही उत्पादन था जो विश्व बाजार को आकर्षित कर रहा था। इन्हें परशियन गलीचों की नकल मानने वालों को इतिहासकारों द्वारा नकारा जा चुका है। अब मुगलकाल के गलीचों को सब समय के प्राचीन गलीचों में सबसे ज्यादा तकनीकी तौर की श्रेणी में धीरे धीरे रखा जाने लगा है। न्युयार्क के मैट्र्ोपालिटन म्युजियम आॅफ आर्ट के संग्रहाध्यक्ष, डेनियल वाॅकर ने मुगलकाल के गलीचों को '' अब तक की कला के सर्वोत्तम नमूने'' माना है। उसने यह भी बताया था कि अकबर साम्राज्य के बड़े पैमाने के उत्पादन ने ''गलीचों की बुनाई की एक शैली प्रस्तुत की और परिणामतः ऐसे गलीचे उत्पन्न हुए कि जिनकी रत्न समान सुंदरता बेजोड़ है।'' - संदर्भ फ्लावर्स अंडरफूट, इंडियन कारपेटस् आॅफ दी मुगल इरा। सजावटी कारीगरी भारत के विभिन्न राजवंशियों खासकर मुगल, राजपूत और दक्षिण के नबावों के प्राश्रय में सजावटी कलाओं एवं कारीगरी ने अपूर्व उंचाईंयां पाईं। ये परंपरायें न केवल जारी रहीं वरन् उन्हें बंगाल, मैसूर, मध्य भारत, पंजाब, अवध और कश्मीर के नबावों के द्वारा विस्तार दिया गया। यूरोपियन व्यापारियों ने भारतीय कारीगरी की उच्च गुणवत्ता को पहिचाना और उन्होंने अपने खुद के ''कारखाने'' अर्थात् फेक्ट्र्रियां स्थापित कीं जिनने मुगल और दक्खिनी संस्थानों से प्रतिद्वंदिता भी की थी। पोर्तगीज प्राश्रय का बड़ा उत्पादन लकड़ी का साज सामान था जो आम तौर पर अन्य लकड़ी और हांथी दांत के टुकड़ों की नक्काशी से सजाये जाते थे। यूरोप के बाजारों की मांग को देखते हुए सामान्य आकार प्रकार को तो कायम रखा गया परंतु खासकर मुगल नमूनों से प्रेरित होकर भारतीय साज समान पर कीमती जड़ाउ और नक्काशी का काम और अधिक संवारा गया। गोआ आधारित इस कारोबार को प्रधान तौर पर सिंध, गुजरात और दक्खिन के अनेक कंेद्रों ने संवारा था। छोटे छोटे संदूकों समेत अन्य सामानों पर अलंकरण में सीपियों का प्रायः उपयोग किया जाता था। गुजरात एवं काम्बे और बाद में सूरत में भी इन वस्तुओं को बनाया गया। 16 वीं सदी के पूर्वार्ध में बाबरनामे में सीपियों से खचित गुजराती सामानों का उल्लेख मिलता है। 17 वीं सदी की शुरूआत में अहमदाबाद और काम्बे में काली लाख में सीपियों की नक्काशी की सजावट से बने कब्रों के ढक्कनों का उपयोग शुरू हुआ और जहां से इन सामानों को तुर्की के बाजारों में भी भेजा जाता था। यह बात इस्ताम्बूल के तोपकापी स राये म्युजियम मेें रखे नमूनों से प्रगट होती है। कुट्टी - पैपसे माश्य - की कारीगरी को मुगल और राजपूतों ने बढ़े पैमाने पर बढ़ावा दिया था। इस कारीगरी को 17 वीं सदी के यूरोपियन व्यापारियों में ख्याति प्राप्त हुई उन्होंने यूरोप के बाजारों के लिए उत्पादन करने के काम में कश्मीरी कारीगरों को नियुक्त किया था। भारतीय उपमहाद्वीप विश्व व्यापार से कीमती रत्न, सोना या चांदी मुनाफे के बतौर पाता रहता था जिससे आंतरिक आपूर्तियांे और उत्पादन को प्रोत्साहन मिलता रहता था। अनेक विदेशी यात्रियों को कुछ प्रसिद्ध साम्राज्यों ने भारत की आकूत संपदा को निहारने के लिए मजबूर किया। यात्रियों ने राजकोषों के कीमती रत्नों और सोने चांदी से अटे होने का वर्णन किया था। बाजारों में कीमती धातुओं का बोलबाला था और हीरे जवाहरातों का चलन था। जैसा पहले कहा जा चुका है 2 री शताब्दी के तामिल लेखों में उनका उल्लेख है वैसा ही टयुनिशिया के यात्राी इब्नबतूता और अन्य यूरोपियन इतिहासकारों ने 14 वीं सदी में विजयनगर और गोलकुण्डा की यात्रा की थी, ने भी बतलाया था। ब्लादिमिर ज्वाॅफ् ने ''ज्वेलरी, 7000 ईयरस्'' में बतलायाः ''सभी यात्रियों द्वारा कथित मुगल दरबार के जवाहरातों के आडम्बरपूर्ण प्रदर्शन उस समय के लघुचित्रों एवं वर्तमान के बहुत से चित्रांे द्वारा सिद्ध होते हैं। मर्द और औरत दोनों, आभूषण धारण करते थे और हाथों और हथियारों तथा लकड़ी के सामानों और गुलदानों की सजावट में इनका उपयोग किया जाता था। मुगल आभूषणों में मणि के उपयोग का प्रभुत्व था। कीमती पत्थरों का स्त्रोत् और व्यापार का केंद्र भारत था। शाहजहां रत्नों का पारखी था और कुछ ''कारखानों'' की देखरेख वह खुद करता था। मुगल एवं राजपूतों के दरबार के और अन्य स्थानीय नबावों के आभूषणों के नमूने नेशनल म्युजियम में देखे जा सकते हैं। साथ ही, बंगाल, बनारस और दक्षिण भारत के आभूषणों का अच्छा संग्रह भी इस म्युजियम में उपलब्ध है। आधुनिक औद्योगीकरण पूर्व की धातु विज्ञान संबंधी भारतीय कुशलता के दो ही उदाहरण पर्याप्त हैं। 1908 में सर थाॅमस हाॅलेंड, इंडियन इंडस्ट्र्ीयल कमीशन 1916-18 के अध्यक्ष ने लिखा थाः ''देश में बने उच्चकोटि के लोहे, उंची गुणवत्ता के इस्पात निर्माण की प्रविधि का प्राश्यान जो अब यूरोप मेें उपयोग हो रहा है ने और तांबे और कांसे के कलात्मक उत्पादों ने भारत को धातु विज्ञान की दुनियां में प्रमुख स्थान दिलाया है।'' डी. एच. बुचानिन ने डेवेलपमेंट आॅफ केपीटलिस्ट एंटरप्राइसेस इन इंडिया, 1934 में लिखा हैः ''भारत में इस्पात का उपयोग हथियारों, औजारों और सजावटी उद्देश्यों के लिए होता था और उल्लेखनीय उच्चकोटि के सामान बनाये जाते थे। पुराने हथियार अग्रणी हैं और यह कहा जाता है कि प्रसिद्ध बलाॅकस तलवारें भारत के हैदराबाद से आयातित पिटवा इस्पात से बनाईं जातीं थीं। दिल्ली के 6 टन से अधिक वजनी लोहे के अशोक स्तंभ, पर एक लेख 415 ई. का है। यह कोई भी अभी तक नहीं जान पाया कि इतनी बड़ी ढलाई कैसे बनाई गई थी ?'' दक्षिण में बिदरी में पैदा हुई बिदारी कारीगरी उत्तर में फैलकर मध्य लखनउ तक पहुंची और धातु विज्ञान की इस कुशलता की उपेक्षा नहीं की जा सकती। नाजुक जड़ाउ कारीगरी के लिए उद्यमशीलता और अभ्यास की आवश्यकता होती है। जड़ाउ काम के लिए जस्ते की आवश्यकता तथा बिदारी मिश्र धातु का एक संगठक तत्व होने के कारण जस्ते को प्राप्त करने के विज्ञान में प्रगति हुई। तांबे और लोहे की तरह से जस्ते को आयस्क से प्राप्त करना आसान काम नहीं है। परिणामतः यूरोप में जस्ता का औद्योगिक पैमाने पर उपयोग तब तक नहीं किया जा सका जब तक कि एक अंग्रेज ने 1738 में जस्ते को प्राप्त करने की प्रविधि का एकस्व अधिकारित नहीं करा लिया। जो भी हो, भारत ने तो जस्ता 1 ली सदी ई. पू. में पैदा करना शुरू कर लिया था। ''रसवनकार'' राजस्थान के जबार में जस्ते के आसवन एवं खुदाई का वर्णन है और जस्ते के आसवन में उपयोगी भट्ठों के होने का एम. एम. युनिवर्सिटी द्वारा साक्ष्य दिया जा चुका है। राजस्थान में जस्ते का पीतल बनाने में भी उपयोग होता था। 17 वीं सदी तक जस्ते की बहुत बड़ी मात्रा की खपत बिदारी बर्तन बनाने में होने लगी जिसने बड़े विस्तार से प्राश्रय पाया था। जयपुर के पास जयगढ़ में एशिया में सबसे बड़ी तोप बनाने के कारखानों में से एक कारखाना था। जयगढ़ किले में बनी तोपों - अब जयगढ़ किले में प्रदर्शन के लिए भी रखी हंै - ने भारत में मुगल शासन की सुद्रढ़ता में भारी योगदान दिया था। प्रादेशिक राज्य मुगलों के संबंध में बहुत जाना गया जबकि प्रादेशिक राज्यों के बारे में बहुत कम परंतु वे भी समानरूप से सुसंस्कृत थे और उत्पादन तथा व्यापार में उंचाईंयां रखते थे। दी सल्तनतस् आॅफ दक्खिन, आर्ट आॅफ इंडिया, 1500-1900 में सुसन स्ट्र्ाॅज ने लिखाः ''वास्तुशिल्प को छोड़कर सल्तनतों के कलात्मक रचना संसार की सामग्री बहुत कम ही जीवित रह पायी है परंतु जो कुछ उसमें है वह लिखित और वर्णित है। बच रहे शिल्पतथ्य राजदरबारी उच्च गुणवत्ता और सांस्कृतिक परिष्कृति की शान की तरसाने वाली झलक पैदा करती है और दूसरी कम उभरी परंपरायें जीवांत और आकर्षक हैं।'' मुगल शासन के प्रतिपक्षी दक्खिन के नबाव कला और संगीत के महान प्राश्रयदाता रहे हैं और उनके छविचित्रों में प्रायः सुंदर आभूषण एवं महीन रेशम का अंकन है। आज के लिए जो कुछ रुचि का है वह है इन सल्तनतों का धर्मनिरपेक्ष प्रशासन। रागमाला चित्राकारी के प्राश्रय में दक्षिण के नबावों ने राजपूतों की रुचियों को सम्मिलित किया और बाद में पंजाब के पहाड़ी और मैदानी शासकों ने भी वैसा ही किया। जनसाधारण के रिवाजों के प्रणय लोक साहित्य पर आधारित रागमाला चित्राकारी ललित कला का परिष्कृत रूप बनी - उसकी लय और वर्णनात्मक शैली हिंदू, मुस्लिम और सिख को समानरूप से अच्छी लगी। बीजापुर के इब्राहीम आदिलशाह 2, 1586-1627, के इतिहासकार ने लिखा है कि वह मराठी भी बोलता था और उसकी ''किताबे नौरस'' दक्खिनी उर्दू में संग्रहीत गीत विभिन्न रागों पर बनाये गए थे। ये गीत मुस्लिम साधुओं के प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित करते और हिंदू देवीदेवताओं - सरस्वती और गनेश - की प्रार्थना करते थे। इतिहासकार असदबेग के अनुसार इब्राहीम शाह के आधीन राजनैतिक महत्व और आर्थिक शक्ति तक पहुंचने का समान अवसर हिंदुओं को भी उपलब्ध था। अकबर के समान उसका सबसे विश्वसनीय पदाधिकारी अंतू पंडित था। दूसरा हिंदू रामजी, बीजापुरी जौहरियों के संघ का अध्यक्ष और राजदरबार में आभूषण चुनाव और खरीद का सलाहकार था। अकबर के ''कारखानों'' में हिंदू कारीगर मुस्लिम कारीगरों की तरह ही नौकरी पाते थे। राजदरबार उनकी परिपूर्णता के लिए प्रयत्नशील हुआ करते थे। वे धार्मिक भेदभाव नहीं रख सकते थे। जहाजरानी और नौसेना भारतीय समुद्र में व्यापार करने वाले अनेक देश अपने व्यापारिक जहाज रखते थे परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि भारत ही वह पहला देश था जिसके पास सचमुच ही नौसेना होती थी। अगस्ते ट्र्ासेंट ''हिस्ट्र्ी आॅफ इंडियन ओसन'' में लिखता है कि ''सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य 321-297 ई.पू. के पास उस समय नौसेना विभाग था और रणपोतों का एक अधीक्षक हुआ करता था।'' कौटल्य के अर्थशास्त्रा में ये संदर्भ हैं। व्यापार और विजय की जलयात्राओं से हम समझ सकते हैं कि दक्षिण भारत के पल्लव, पांडया और चोल के पास सक्षम नाविक संस्थान रहे होंगे। औपनिवेशिक शासन के पूर्व भारतीय समुद्र में महत्वपूर्ण नौसेना मुगलों की ही हुआ करती थी। अकबर के उत्कर्ष काल में उसके पास 3000 से अधिक जलयान थे और उनका केंद्रीयकरण बंगाल की खाड़ी में था। रणपोतों का एक बड़ा भाग गुजरात में कायम था। ''आइने अकबरी'' में कहा गया है कि नौसेना ही जहाज निर्माण, नौकायन रास्तों की खोजें, तटकर की वसूली और आवश्यक नाविकों तथा कर्मियों की नियुक्ति जैसे सभी काम करती थी। औरंगजेब के शासनकाल में मुगल नौसेना का बेड़ा केवल बंगाल की खाड़ी में ही कार्यरत रह गया और उसका उपयोग यूरोपियन व्यापारियों खासकर, पोर्तगीजों के खिलाफ किया जाता था जो मुगल शासन को चुनौति देते या तटकर नहीं देते थे। बंगाल की खाड़ी में आसाम राज्य का अपना नौसैनिक बेड़ा था जबकि पश्चिमी तटों पर मराठों के अपने बेड़े होते थे। उस समय एशिया के भीतर बड़े पैमाने पर एशियावासियों द्वारा ही व्यापार संचालित हुआ करता था। सूरत के व्यापारी बंबई के वाडिया द्वारा बनाये गए जहाजों पर बड़ा भरोसा रखते थे। वाडिया ने यूरोपियन जहाजों के आकार प्रकार को अपना लेने में कतई देरी नहीं की और वे विशेषतया रहीस थे - उनमें से एक ब्रिजवोरा भी थे जो 18 वीं सदी में मरे। उनने 22 मीलियन फ्रेंक की विशाल सम्पत्ति छोड़ी।'' कुछ यात्रियों के अनुसार सूरत शहर भारत का सबसे सुंदर शहर था। एक छोटे से उदाहरण से वहां की रहीसी का अंदाजा लगाया जा सकता हैः शहर की कुछ गलियां चीनी मिटटी से बनाईं गईं थीं। फ्रेंकोज मार्टिन अपने ''मेमोरीज'' मेें लिखता हैः ''सचमुच का बेबीलोन'' - अगस्ते ताउसेंट की ''हिस्ट्र्ी आॅफ दी इंडियन ओसन''। राजस्व में कमी यह समृद्धि लम्बे समय तक नहीं रहने वाली थी। उसी काल में मुगलों के विदेशी व्यापार का राजस्व ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रतिद्वंदिता के कारण कम हुआ था। यह कमी टर्की के ओटमन द्वारा भारतीय निर्यात पर कम मूल्य देने के कारण भी हुई थी। औरंगजेब के बाद मुगल साम्राज्य बिखर गया और भारतीय नौसेना परिणामस्वरूप कम हो गई। यद्यपि अफ्रीका अंतरीप होकर समुद्र का रास्ता स्थल रास्ते से लम्बा पड़ता था तब भी ईस्ट इंडिया कंपनी को उस लम्बे रास्ते से अफ्रीकन दास व्यापार से जो लाभ मिलता था उससे ओटोमन को व्यापारिक प्रतिद्वंदिता से बाहर करने में मदद मिली। और, इस तरह से मुगल खजाने से राजस्व को ब्रिटिश ने अपनी ओर खींच लिया। अवध और बंगाल के राज्य कुछ समय के लिए पनपे थे। 1721 में यूरोप में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारतीय वस्त्रा के आयात करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। संपूर्ण उपमहाद्वीप के लिए यह एक बड़ा आघात था, खासकर बंगाल के नबावों पर जो नौसेना को बनाये रखने पर पर्याप्त धन का निवेश करने में समर्थ नहीं थे। उसी समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना ध्यान चीन के साथ अफीम के निषिद्ध व्यापार की ओर लगाया। इस व्यापार में सैन्य आवरण की आवश्यकता होती थी और ब्रिटिश राॅयल नेवी की टुकड़ियों को भारत के एवं दक्षिण चीन के समुद्रों में तैनात किया गया था। बंगाल की खाड़ी में भी ब्रिटिश नौसेना को बढ़ा दिया गया। मुगल राजकोष के तेज रिक्तीकरण से अनेक घटनायें आरंभ हो गईं और विशाल भूभागों के शासन की देख रेख की अक्षमता के कारण मुगल साम्राज्य बिखर गया। मुगल ''कारखानों'' के कारीगर प्रादेशिक राज्यों अवध और बंगाल या राजपूताना और पंजाब या मध्य भारत के मराठों का प्राश्रय ढंूढ़ने लगे। उन सभी कारीगरों ने लघुजीवन परंतु सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अनुभव किया। प्रदेशों में अब, मुगल या हिंदू /सिख/ के नमूनों का एक दूसरे में विलय होने लगा। अनेक बेमिसाल और समन्वयवादी रिवाजों को जन्म मिला। यूरोप में वस्त्रा व्यापार पर प्रतिबंध, तटकर वसूली की असमर्थता और भारत के छोटे छोटे राज्य आर्थिक और सैन्य साधनों के अभाव के कारण अब, पहले से ज्यादा धनी एवं शक्तिशाली ईस्ट इंडिया कंपनी के आघातों का मुकाबला नहीं कर सके। 1757 में पलासी की हार इतिहास में एक स्मरणनीय मोड़ साबित हुई। एक देश जो लम्बे काल तक अपने उत्पादों पर लाभ कमाता रहा, जल्दी ही दरिद्रता के हालात में पहुंच गया। आर. मुखर्जी ने इस प्रक्रिया की व्याख्या की है ''दी राईज एंड फाल आॅफ दी ईस्ट इंडिया कंपनी'' में। उनने बतलाया कि मुगलांे की पराजय और ईस्ट इंडिया कंपनी का राजनैतिक उत्थान भारत की व्यापारिक बुर्जुआजी के पतन के साथ साथ हुआ। भारत के महान व्यापारी जिन्हें पहले मुगल साम्राज्य का रक्षा कवच प्राप्त था और अकबर तथा औरंगजेब की नौसेना से लाभ मिलता रहा था, 19 वीं सदी के अंत तक, बंगाल और अन्य स्थानों से विलुप्त हो चुके थे। यद्यपि एक सदी ब्रिटिश को और भी लगी भारत को जीतने के लिए। फिर भी, भारत का एक तिहाई भाग प्रत्यक्ष औपनिवेेशिक शासन से बचा ही रहा था। एक लम्बे युग का अंत हुआ। उस काल में कारीगरों को या तो नष्ट किया जाना था या फिर दुरावस्था में जिंदा रहना था। जो सम्मान उन्हें पहले मिलता था वह बेहद कम पारिश्रमिक पर मिलना असंभव था। ब्रिटिश औपनिवेेेशिकों और पहले के विजेताओं के बीच के इस अंतर को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है। किसने भारत को अपना घर बनाया ? पहले के विजेताओं ने भारत की निर्माणकारी कुशलता और क्षमता का पूरा फायदा उठाया और या तो उन्हें विभिन्न दिशाओं में मोड़ा या उनको आगे या ज्यादा कुशलता की ओर बढ़ाया परंतु ब्रिटिश के लिए तो भारत की निर्माणकारी शक्तियां व्यर्थ का प्रतिद्वन्द थीं और उनकी नजर में सर्वोत्तम था उन शक्तियों को नष्ट कर देना या सुखाकर छोड़ देना। जो विद्वान भारत के इस्लामी शासकों और ब्रिटिशों के बीच किसी प्रकार का भेद नहीं कर पाते वे इस अमिट सत्यता के साथ बहुत बड़ा अन्याय करते हैं। भारत के पूर्व शासकों में से अनेक विदेशियों की तरह आये थे, आक्रमणकारियों एवं विजेताओं के समान परंतु वे भारत में ही बसे और मरे। परिणामतः जो स्मारक उन्होंने बनाये, जो उन्होंने छोड़े, संस्कृति जिसे बढ़ावा दिया वे सब कुछ इस उपमहाद्वीप की जनता की धरोहरें हैं। धन संपदा जो प्राप्त की थी उस सबको उन्हांेने इसी भूमि में पुनरूपयोग के लिए खर्च किया परंतु ब्रिटिश ने जो कुछ हमसे लिया उसको कभी किसी प्रकार से वापिस नहीं किया। यहां तक की अपने धूमिल गौरव में भी, भारत की इस्लामी धरोहरों की ज्यादा प्रामाणिकता है अपेक्षाकृत औपनिवेशिक शासन के। जब भी भारतवासी भविष्य की ओर देखेंगे वे भारत के कारीगर जनसमुदाय की गुणवत्ता के समर्पित प्रयास के इतिहास से न्यायपूर्ण गौरव प्राप्त करेंगे। वे तकनीकी अन्वेषणों और उनके उपयोगों को ध्यान से देख सकते हैं जो पुराने काल में हो चुके थे और प्रेरणा पा सकते हैं इस देश की बेहतरी में योगदान देने के लिए, फिर चाहे वह छोटा सा ही क्यों न हो परंतु जो दुनियां में अपना उचित स्थान प्राप्त करने की राह देख रहा है।
ये रिश्ता क्या कहलाता है 17 मई 2021 रिटेन अपडेट : रणवीर ने कार्तिक पर अपना आपा खोया! - Tellyexpress Home Buzzing Hot ये रिश्ता क्या कहलाता है 17 मई 2021 रिटेन अपडेट : रणवीर... ये रिश्ता क्या कहलाता है 17 मई 2021 रिटेन अपडेट : रणवीर ने कार्तिक पर अपना आपा खोया! आज के एपिसोड की शुरुआत कार्तिक के कायरव को बुलाने से होती है। वह उसे तैयार होने के लिए कहता है क्योंकि उन्हें अस्पताल जाना है। कायरव कार्तिक से कहता है कि वह तैयार है। वह कार्तिक से उसे बाइक पर ले जाने की मांग करता है। सुवर्णा कार्तिक से कहती है कि उसे बाइक पर बैठने से डर लगता है। कायरव सुवर्णा से कहता है कि उसे बाइक पर नहीं जाना है। मनीष सभी को बताता है कि सुवर्णा हमेशा बाइक पर बैठने से डरती है। सुवर्णा बताती है कि उसे लगता है कि कार सुरक्षित है। कार्तिक कायरव को बाइक पर ले जाने के लिए तैयार हो जाता है। सीरत सुवर्णा को फोन करती है। सुवर्णा ने सीरत को उसके मैच के लिए शुभकामनाएं दीं। सीरत सोचती है कि सुवर्णा ने कायरव के परीक्षणों के बारे में खुलासा क्यों नहीं किया और चिंता करती है। सुरेखा सुवर्णा से पूछती है कि उसने सीरत को फोन न करने के लिए क्यों नहीं कहा। सुवर्णा सीरत के पक्ष में बोलती है। अस्पताल में, मोड़ी और कायरव का परीक्षण होता है। सीरत अस्पताल पहुंचती है और कार्तिक को चौंका देती है। उसे कायरव की चिंता होती है। कार्तिक सीरत से पूछता है कि वह यहाँ क्यों है क्योंकि आज उसका मैच है। सीरत कहती है कि मैच में समय है और कार्तिक से कायरव के स्वास्थ्य के बारे में पूछती है। कार्तिक को फोन आता है और वह वहां से जाता है। इस बीच, नर्स आती है और सीरत से कायरव की मां होने के नाते परीक्षण के कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए कहती है। सीरत चौंक गई। कार्तिक आता है और कागजात पर हस्ताक्षर करता है। मोड़ी और कायरव आते हैं। कायरव सीरत को गले लगाता है। सीरत मोड़ी और कायरव से पूछती है कि वे ठीक हैं या नहीं। वह दोनों को गले लगा लेती है। मोड़ी सीरत को उसके मैच के लिए जाने के लिए कहती है। कार्तिक बाइक पर सीरत को लेकर जाता है। इधर, चंदन ने रणवीर को चौहान के खिलाफ टेंडर भरने से पीछे हटने के लिए कहा। रणवीर कहता है कि वह विशेषाधिकार प्राप्त बच्चों की सहायता के लिए काम कर रहा है। सीरत को बाइक पर देखकर रणवीर भड़क जाता है। वह सोचता है कि वह किसी और के साथ है और कार्तिक से अपना आपा खोने के लिए माफी मांगता है। कार्तिक के साथ बदसलूकी करने पर सीरत रणवीर से नाराज हो जाती है। रणवीर सीरत को बताता है कि वह अनजान था। गोयनका विला पर, कायरव कार्तिक से पूछता है कि क्या वह समय पर सीरत को पहुंचा पाया या नहीं। कार्तिक हाँ कहता है। वह आगे कायरव से उसके स्कूल प्रोजेक्ट के लिए बीज बोने के बारे में जानता है। कायरव कार्तिक को बताता है कि सीरत ने उसे अपने प्रोजेक्ट में मदद करने का वादा किया था। कार्तिक कायरव से कहता है कि सीरत बाद में आएगी लेकिन उन्हें बीज बोना जारी रखना चाहिए। गोयनका उसके प्रोजेक्ट को पूरा करने में कायरव की मदद करते हैं। दूसरी तरफ, रणवीर ने सीरत से माफी मांगी और कबूल किया कि उसे किसी और की बाइक पर बैठा देखकर उसके मन में गुस्सा आ गया था। सीरत कायरव के स्कूल प्रोजेक्ट के बारे में याद करती है और उससे मिलने का फैसला करती है। रणवीर ने सीरत को सुबह जाने के लिए कहा। सुबह, सीरत को अपने कोच से एक चौंकाने वाली खबर मिलती है। वह तनाव में आ जाती है। बाद में, सीरत कायरव के स्कूल प्रोजेक्ट के लिए गोयनका के पास एक प्लांट लेकर जाती है। कायरव, कार्तिक और सुवर्णा खुश हो जाते हैं। मनीष कार्तिक से कहता है कि उसे घर में सीरत की मौजूदगी अब भी पसंद नहीं आ रही है ना ही तब पसंद थी। कार्तिक कहता है कि सीरत की उपस्थिति के कारण उन्हें कोई समस्या नहीं हो रही है। (एपिसोड समाप्त) प्रीकैप: रणवीर और कार्तिक ने पुरुष प्रतिद्वंद्वी के साथ सीरत के मुक्केबाजी अभ्यास पर बहस की। Yeh Rishta Kya Kehlata Hai Hindi Written Update 17th May 2021 YRKKH Hindi Written Update 17th May 2021 ये रिश्ता क्या कहलाता है 17 मार्च 2020 लिखित अपडेट Previous articleशौर्य और अनोखी की कहानी 17 मई 2021 रिटेन अपडेट : किडनैपर्स ने अहीर और शान को बेवकूफ बनाया!
Jitin Prasad Join BJP Political Leaders Reaction जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने पर बोले नेता, यही राजनीति है जितिन प्रसाद के BJP में शामिल होने पर बोले पूर्व कांग्रेसी नेता-इसके लिए भाजपा को दोष नहीं दे सकते, यही राजनीति है Jitin Prasad Join BJP: जितिन प्रसाद के पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी भाजपा में जाने की अटकलें थीं. कहा जाता है कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मनाने पर प्रसाद ने उस वक्त भाजपा में जाने का फैसला त्याग दिया था. Last Updated: June 9, 2021, 7:43 PM IST नई दिल्ली. पूर्व केंद्रीय मंत्री और युवा नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में प्रसाद ने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को धन्यवाद देते हुए प्रसाद ने कहा कि उन्होंने बहुत विचार-मंथन के बाद यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा, 'आज से मेरे राजनीतिक जीवन का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है.' जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने पर विभिन्न दलों के नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने जहां इशारों में कांग्रेस को डूबता 'टाइटैनिक' बताया, तो वहीं कांग्रेस नेता और पार्टी के प्रवक्ता रहे संजय झा ने इसे भाजपा के लिए फायदेमंद, जबकि कांग्रेस के लिए बड़ी हानि बताया है. असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने लिखा, 'बर्बाद और बिना पतवार के 'टाइटैनिक' का डूबना जारी है. भाजपा परिवार में जितिन प्रसाद का स्वागत है.' कांग्रेस नेता रहे संजय झा ने ट्वीट किया, 'जितिन प्रसाद भाजपा के लिए फायदा और कांग्रेस का नुकसान. मैंने अभी हाल ही में उनसे बात की थी; जितिन एक सज्जन, मिलनसार और उदार हृदय वाले इंसान हैं. आप कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं को चुनने के लिए भाजपा को दोष नहीं दे सकते. अगर मैं अमित शाह होता, तो मैं भी यही करता. यही राजनीति है.' उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'कांग्रेस छोड़कर भाजपा के वृहद परिवार में शामिल होने पर जितिन प्रसाद जी का स्वागत है. जितिन प्रसाद जी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से उत्तर प्रदेश में पार्टी को अवश्य मजबूती मिलेगी.' जितिन प्रसाद ने बताई भाजपा में शामिल होने की वजह भगवा दल में शामिल होने की वजह बताते हुए जितिन प्रसाद कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने अनुभव किया कि अगर देश में असली मायने में कोई राजनीतिक दल है तो वह भाजपा ही है. उन्होंने कहा, 'बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र विशेष के होकर रह गए हैं. आज देश हित के लिए कोई दल और नेता सबसे उपयुक्त है और वह मजबूती के साथ खड़ा है तो वह भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.' प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नि:स्वार्थ भाव से भारत की सेवा कर रहे हैं और सभी चुनौतियों का डट कर मुकाबला कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'वह जिस नए भारत का निर्माण कर रहे हैं उसमें मुझे भी छोटा सा योगदान आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए करने को मिलेगा. यह विचार करके मैं आज इस निर्णय (भाजपा में शामिल होने के) पर पहुंचा हूं.' प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस में रह कर वह जनता के हितों की रक्षा नहीं कर पा रहे थे इसलिए वहां बने रहने का कोई औचित्य नहीं था. उन्होंने कहा, 'अब भाजपा वह माध्यम बनेगी. एक सशक्त संगठन और मजबूत नेतृत्व है यहां, जिसकी आज देश को जरूरत है. मैं इस वक्त ज्यादा बोलना नहीं चाहता, मेरा काम बोलेगा. अब मैं एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा. जो उद्देश्य 'सबका साथ, सबका विकास' और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का है उसको लेकर भाजपा के एक कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा.' 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव में हासिल की जीत 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में मिली हार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले जितिन प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हाथ आजमाया, लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से वह हार गये थे. उन्हें कुछ महीने पहले पश्चिम बंगाल के लिए कांग्रेस प्रभारी बनाया गया था. वहां राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई. जितिन प्रसाद के पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी भाजपा में जाने की अटकलें थीं. कहा जाता है कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मनाने पर प्रसाद ने उस वक्त भाजपा में जाने का फैसला त्याग दिया था. ज्ञात हो कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था. हालांकि बाद में प्रसाद ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व में पूरा विश्वास है. जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं. उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़ा था.
Party 3 Faust Article by WN.Com Correspondent Dallas Darling. Military coups are operations of high risk and, if all goes well, a high reward for all involved who are successful in seizing power ... In the end, there were only two options left ... Milley ... He did just the opposite ... Rioters reportedly threatened the lives of elected officials in both parties, which has led to Republican members feeling afraid to vote to impeach the former president ... Rage.... Samajwadi Party: ताजनगरी में उठ रही आजम की रिहाई की मांग, दी आंदोलन की चेतावनी Samajwadi Party समाजपादी पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष रईसउद्दीन का कहना है कि भाजपा सरकार अल्पसंख्यकों पर निशाना साध रही है। मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को तबाह करने की साजिश की जा रही है। सांसद आजम खान रामपुर को तालीमी पहचान देना चाहते हैं। ... .... बिहारः JDU ने विरोधियों को जवाब देने के लिए जारी किया ' जेडीयू संधान ' ... JDU Sandhan party magazine पटना। जनता दल यूनाइटेड ने अपने विरोधियों को जवाब देने के लिए जेडीयू संधान नाम से अपना मासिक पत्र का लोकार्पण किया है। इस नए मासिक मुख्यपत्र के माध्यम से पार्टी हर महीने विरोधियों के उठाए गए ... .... Samajwadi Party प्रयागराज में समाजवादी पार्टी कार्यालय में 31 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया। ज़िलाध्यक्ष योगेश चंद्र यादव व शिक्षक सभा के ज़िलाध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को माला पहना कर बधाई दी। ... .... चंडीगढ़ . आम आदमी पार्टी ने पंजाब में होने वाले नगर निकाय चुनाव के लिए अपनी तैयारियों को तेज करते हुए रविवार को 11 जगहों पर 160 उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की ... AAPArvind KejriwalAam admi party. Share Via .. .... AAP का पंजाब सरकार पर हमला, राघव चड्ढा ने कहा-कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों के ... नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी( Aam Aadmi Party) के पंजाब सह-प्रभारी राघव चड्ढा ( Raghav Chadha) ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह( Captain Amarinder Singh) के झूठ को उजागर कर दिया है। आरटीआई( RTI) से खुलासा हुआ है कि तीनों ... .... लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prajapati) की आय से अधिक संपत्तियों के बाद उनके बेटों की ब्लैक मनी भी सामने आई है। गायत्री के दोनों बेटों अनिल और अनुराग ... .... जानकारी के अनुसार, यह हादसा तब हुआ जब वरुण अपनी बैचलर पार्टी ( Varun Bachelor Party ) को अटेंड करने जा रहे थे। दरअसल, बताया जा रहा है कि शादी के वेन्यू से थोड़ी दूर ही वरुण ने अपने बैचलर पार्टी रखी थी। वह जैसे ही कार लेकर पार्टी में शामिल होने के लिए निकले अलीबाग में ही उनकी कार दूसरी कार से जा टकराई। वरुण धवन की ......
किसानों के आंदोलन पर एल. एस. हरदेनिया की टिप्पणी News & Politics/Avid News Readers: LS Herdenia commented on the farmers' movement आजादी के बाद दो महाआंदोलन हुए जिनके सामने तत्कालीन केंद्रीय सरकारों को झुकना पड़ा। इनमें से पहला आंदोलन 1956-57 में हुआ था और दूसरा 1965 में। पहले आंदोलन का संबंध महाराष्ट्र राज्य के निर्माण … किसानों के आंदोलन पर एल. एस. हरदेनिया की टिप्पणी News & Politics/Avid News Readers: LS Herdenia commented on the farmers' movement आजादी के बाद दो महाआंदोलन हुए जिनके सामने तत्कालीन केंद्रीय सरकारों को झुकना पड़ा। इनमें से पहला आंदोलन 1956-57 में हुआ था और दूसरा 1965 में। पहले आंदोलन का संबंध महाराष्ट्र राज्य के निर्माण से था। आंध्र में भाषा आधारित राज्य के निर्माण की मांग को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने आमरण अनशन प्रारंभ किया था। उनका नाम पोटटू रामुलू था। अनशन के दौरान उनकी मृत्यु हो गई जिससे बहुत हंगामा खड़ा हो गया। जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया। इस आयोग को यह जिम्मेदारी दी गई कि वह ऐसा फार्मूला बनाए जिसके आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया जाए। आयोग ने सिफारिश की कि राज्यों का निर्माण का आधार भाषा हो। तदनुसार अनेक राज्यों का गठन किया गया। परंतु मराठी और गुजराती भाषाओं के आधार पर राज्य नहीं बनाए गए। इससे भारी असंतोष व्याप्त हो गया और बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। उस दौरान मैं नागपुर विश्वविद्यालय (Nagpur University) का छात्र था। महाराष्ट्र की मांग को उचित मानते हुए मैं भी आंदोलन से जुड़ गया। उस समय भी महाराष्ट्र की मांग को लेकर लाखों लोगों ने दिल्ली के लिए पैदल मार्च किया था। ''मुंबई सह महाराष्ट्र झाला पाहिजे" उस आंदोलन का नारा था। मैं भी मार्च में शामिल था। जब नेहरूजी से पूछा जाता था कि वे महाराष्ट्र और गुजरात राज्य क्यों नहीं बनने दे रहे हैं तो वे मजाक के लहजे में कहते थे कि मेरी एक बहन की ससुराल महाराष्ट्र में है और दूसरी बहन की गुजरात में। मैं नहीं चाहता कि वे अलग-अलग राज्यों में रहें। इसके बावजूद मराठी भाषियों की जोरदार मांग के आगे उन्हें झुकना पड़ा। दूसरा महान आंदोलन तमिलनाडु में हुआ। संविधान में इस बात का प्रावधान किया गया था कि 1965 के बाद अंग्रेजी लिंक लैंग्वेज नहीं रहेगी। इसका अर्थ यह था कि 1965 के बाद प्रशासकीय कार्य अंग्रेजी में ना होकर हिंदी में होने लगेगा। इस बात को लेकर तमिलनाडु में भारी आक्रोश था। पूरे तमिलनाडु में आंदोलन प्रारंभ हो गया। बड़े नगरों में हिंसक घटनाएं हुईं। हवाई जहाजों, बसों और ट्रेनों का आवागमन ठप्प कर दिया गया। उन दिनों लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री थे। शास्त्रीजी के आदेश पर इंदिरा गांधी तमिलनाडु गई। उस समय स्थिति बहुत गंभीर थी। पूरा तमिलनाडु धू-धू कर जल रहा था। आक्रोषित लोग मद्रास हवाई अड्डे को घेरे हुए थे। इंदिरा गांधी ने मद्रास पहुंचने के पहले यह संदेश भेजा कि किसी पर भी बिना उसकी मर्जी के कोई भाषा लादी नहीं जाएगी। ज्योंही उनका यह संदेश पहुंचा गुस्सा ठंडा पड़ गया। इस तरह दोनों बार तत्कालीन सरकारों ने जन भावनाओं के सामने घुटने टेके। वर्तमान में भी किसानों का एक बड़ा हिस्सा उतना ही बड़ा आंदोलन कर रहा है। लंबे समय से कड़कड़ाती ठंड में पंजाब के किसान और उनके समर्थक खुले आसमान के नीचे बैठे हैं। इस बीच कुछ आंदोलनकारियों की मौत हो गई है। एक संत ने आंदोलनकारियों के समर्थन में आत्महत्या कर ली है। आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता प्रकट की है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि कहीं मामला हाथ से ना निकल जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसानों के इस मसले का यदि जल्द हल ना हुआ तो यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा। कोर्ट ने एक संयुक्त समिति बनाने का संकेत दिया है। अभी तक प्रधानमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि मैं किसी भी हालत में तीनों कानून वापस नहीं लूंगा। वैसे सरकार वार्ता तो कर रही है परंतु गंभीरता से नहीं। प्रसिद्ध चिंतक और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव का कहना है कि किसान आंदोलन को लेकर चल रही वार्ताओं में सरकार का रवैया अजीब है। Punjab has contributed a lot in the development of the country. वैसे भी पंजाब का देश के विकास में काफी योगदान रहा है। भाखड़ा नंगल बांध के निर्माण के बाद पंजाब में गेहूं उत्पादन में भारी बढ़ोतरी हुई है जिससे देश की भुखमरी की समस्या स्थाई रूप से हल हो गई। कभी-कभी लाड़ला बच्चा अपनी मांग को लेकर मां को बहुत परेशान करता है। मां कहती है कि मैं तेरी मांग कभी पूरी नहीं करूंगी। परंतु अंत में मां मान जाती है। प्रधानमंत्री को पंजाब के किसानों से वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा एक मां अपने बच्चे के साथ करती है।
क्या बहुत ज्यादा सेक्स करने से हमारा वजाइना लूज हो जाता है? जानें डॉ निवेदिता से क्या बहुत ज्यादा सेक्स करने से वजाइना लूज हो जाता है? जानें डॉ निवेदिता मनोकरण से वजाइना महिलाओं के शरीर का एक बहुत जरूरी भाग होता है। आज भी वजाइना को लेकर बहुत सारे गलत मिथ फैले हुए हैं। हम में से आज कोई भी अपने लेडी पार्ट्स के बारे में खुल कर बात करने को तैयार नहीं है। हम सब इस बात से अनजान नहीं हैं कि वजाइना रिप्रोडक्शन और सेक्सुअल सेटिस्फेक्शन के लिए कितना ज़रूरी है। नहीं, यह बिल्कुल भी सच नहीं है। हमारा वजाइना मसल्स से बना हुआ होता है और यह एक बहुत ही एक्सपेंडिंग (विस्तार करने वाला) ऑर्गन है। जब आप सेक्स करती हैं, तब यह उतना स्ट्रेच हो जाता है और बाद में ये फिर से अपनी जगह पर आ जाता है। ऐसा क्यों होता है? क्योंकि हमारा वजाइना बहुत इलास्टिक होता है। वजाइना के चारों तरफ पेल्विक फ्लोर को जो भी मसल्स बनाती हैं, उनमें विस्तार करने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए वजाइना वाकई में एक्सपेंड करता है ताकि हम एक शिशु को जन्म दे सकें। सेक्सुअल अराउजल, डिलीवरी, या चाइल्डबर्थ के समय पर यह अपने आपको स्ट्रेच कर लेता है। उसके बाद ये अपनी इलास्टिक पावर से फिर से टाइट होकर अपनी पोजीशन पर आ जाता है। तो यह कहना गलत होगा कि बार-बार सेक्स करने से हमारा वजाइना लूज होता है। क्या बच्चा पैदा होने के बाद वजाइना लूज हो सकता है? हां, एक बार बच्चे के पैदा होने के बाद आपका वजाइना थोड़ा लूज हो सकता है। लेकिन उसे फिर से अपनी पोजीशन पर लाने के लिए हम कीगल (Kegels) एक्सरसाइज कर सकते हैं। कीगल एक्सरसाइज को "पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज" भी कहा जाता है। उम्र के साथ, आपकी पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर हो जाती हैं, जैसे प्रेगनेंसी, डिलीवरी,सर्जरी, बढ़ती उम्र, कब्ज से मांसपेशियों में अत्यधिक तनाव आना, मोटापा आदि। कीगल एक्सरसाइज, पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करती हैं। इस एक्सरसाइज को करते समय पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को कुछ देर सिकोड़कर (टाइट करके), फिर कुछ देर ढीला छोड़ा जाता है, ठीक उसी तरह जिस प्रकार यूरिन रोकने का प्रयास किया जाता है। यह एक्सरसाइज भी उसी तरह से की जाती है।
IBJA की कीमत के अनुसार देशभर में सर्वमान्य Gold Price | AbStar News Home India IBJA की कीमत के अनुसार देशभर में सर्वमान्य Gold Price IBJA की कीमत के अनुसार देशभर में सर्वमान्य Gold Price Gold Price Today 15th Feb 2021 : आज चांदी के भाव में 1049 रुपये का जबर्दस्त उछाल है। वहीं आज सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट से लेकर 14 कैरेट तक के सोने के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है। आज यानी सोमवार को 24 कैरेट गोल्ड का भाव शुक्रवार के मुकाबले मात्र 54 रुपये सस्ता होकर 47332 रुपये 10 ग्राम पर हैं । साथ ही चांदी 1049 रुपये तक महंगी हो गई हैं। वहीं 69424 रुपये हर किलो के दर में खुल गई हैं । वही आज के दिन 23 कैरेट सोने की कीमत 47196 रुपये प्रति 10 ग्राम तक हैं वहीं 22 कैरेट सोने का भाव 43406 रुपये तक पहुँच गया हैं । साथ ही साथ 18 कैरेट सोना 35540 रुपये और 14 कैरेट सोना 27721 रुपये 10 ग्राम की कीमत से बिक रहा है। जारी रेट के अनुसार और आपके शहर के भाव में 500 से 1000 रुपये का अंतर भी आ सकता है। FD Interest Rate for Senior Citizen: सीनियर को ये बैंक एफडी पर मिलेगा अधिक ब्याज बता दें IBJA द्वारा जारी किए गए रेट में देशभर में सर्वमान्य माना हैं । इस वेबसाइट की कीमत के अनुसार रेट में (GST) शामिल नहीं हुआ हैं । सोने को खरीदते और बेचते वक्त आप IBJA के रेट का हवाला भी दे सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश 10वीं बोर्ड का रिजल्ट जल्द हो सकता है जारी– News18 Hindi - Hindi Samachar 24 Home राज्यों से हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश 10वीं बोर्ड का रिजल्ट जल्द हो सकता है जारी– News18... हिमाचल प्रदेश 10वीं बोर्ड का रिजल्ट जल्द हो सकता है जारी– News18 Hindi धर्मशाला. शिक्षा बोर्ड धर्मशाला कभी भी हिमाचल प्रदेश 10वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित कर सकता है. बोर्ड के पास तमाम स्कूलों की रिपोर्ट्स आ चुकी हैं. बोर्ड का कर्मचारी वर्ग फिलहाल परिणाम को तैयार करने में जुटा है. करीब डेढ़ लाख छात्रों के भविष्य का फ़ैसला होना है. छात्रों के नौवीं कक्षा, पहली और दूसरी टर्म, प्री-बोर्ड, हिन्दी की वार्षिक परीक्षा, प्रैक्टिकल परीक्षा और आन्तरिक मूल्यांकन के अंकों को शामिल किया गया है. बोर्ड द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षाओं का संचालन पूर्व में करवाया गया था और संबंधित विद्यालयों से प्रैक्टिकल एवं आन्तरिक मूल्यांकन के अंक बोर्ड को प्राप्त हो चुके हैं. स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों के वार्षिक परिणाम तैयार करने के लिए विस्तृत उद्देश्य मानदंड तैयार किया गया है. ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेज नहीं लगाने वाले छात्रों को नुकसान दसवीं के छात्रों को पास होने के लिए सात इंडीकेटर पास करने होंगे. कंटीन्यू कॉम्परहैंसिव असेसमेंट और कंन्टीन्यू कॉम्परहैंसिव असेसमेंट के आधार पर मेरिट बनाई जाएगी. प्रैक्टीकल, इंटरनल असेसमेंट, प्रीवियस कक्षा, फर्स्ट एंड सैकंड टर्म एग्जाम, प्री बोर्ड और हिंदी के एक पेपर का मूल्यांकन भी किया जाएगा. ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेज नहीं लगाने वाले छात्रों को नुकसान होगा, उन्हें फिर से परीक्षा देनी पड़ सकती है. 12वीं की परीक्षा और रिजल्ट के बारे में बता दें कि हिमाचल प्रदेश में भी शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए 12वीं की वार्षिक परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया गया था. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सीबीएसई द्वारा मूल्यांकन के लिए सुझाए गए मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम के लिए मापदण्ड विकसित करके परीक्षा परिणाम घोषित करेगा. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरह एचपीबीओएसई भी छात्रों को विशेष परीक्षाओं में बैठने का विकल्प देगा. यदि वे अपने अंकों या इस प्रकार दिए गए आंतरिक अंकों से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो हालात सामान्य होने पर उनके लिए विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी. बता दें कि पहले कोरोना मामलों के कारण एचपीबीओएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा को स्थगित किया गया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. UPSSSC PET 2021: अगस्त में होगी यूपीएसएसएससी पीईटी परीक्षा, सीएम योगी ने दी मंजूरी Previous articleB'day Spl Bhumi Pednekar: जब भूमि पेडनेकर ने पहली फिल्म के लिए बढ़ाया 25 किलो वजन, फिर ट्रांसफॉर्मेशन से उड़ाए सबके होश
MP Ajay Tamta asked questions in half the tenure and answered in half the term अल्‍मोड़ा सीट : सांसद अजय टम्‍टा ने आधे कार्यकाल में पूछे सवाल तो आधे में दिए जवाब Publish Date:Thu, 14 Mar 2019 10:55 AM (IST) अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा पांच जुलाई 2016 को केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री बने। इससे पूर्व ढाई साल सांसद रहते हुए उन्होंने संसद में 69 सवाल उठाए। अल्‍मोड़ा, जेएनएन : अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा पांच जुलाई 2016 को केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री बने। इससे पूर्व ढाई साल सांसद रहते हुए उन्होंने संसद में 69 सवाल उठाए। उन्होंने संसद में पहला सवाल पिथौरागढ़ की लंबित नैनी सैनी हवाई पट्टी का उठाया था। 2019 की शुरुआत में इस पट्टी से हवाई सेवा का श्रीगणेश भी हो गया। राज्य के सूखे, पेयजल संकट से उत्पन्न स्थिति से निपटने के सवाल भी टम्टा ने प्रमुखता से सदन के समक्ष रखे। 69 सवालों में तीन सवाल तारांकित तो 66 सवाल अतारांकित रहे। प्रमुख बैठकें 2015 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती पर भारतीय संविधान की प्रतिबद्धता पर चर्चा में प्रतिभाग 2016 में राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर चर्चा में प्रतिभाग 2016 में बजट पर चर्चा में प्रतिभाग 2016-17 में रेल बजट पर चर्चा । 'दिशा' की बैठकों से दी विकास को दिशा पिथौरागढ़: अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद अजय टम्टा ढाई साल तक सांसद तो ढाई साल केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। ऐसे में संसद में उनका आधा कार्यकाल सवाल पूछने वाले तो आधा जवान देने वालों की पंक्ति के सांसदों में बीता। सांसद की अध्यक्षता वाली जिला अनुश्रवण एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में संासद और मंत्री रहते हुए शत फीसद रही है। केंद्रीय योजनाओं में उनका विशेष फोकस रहा। अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में चार जिले अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत जिले आते हैं। इन चार जिलों में पांच साल के बीच 76 बैठक हुुई। श्री टम्टा सांसद और मंत्री रहते हुए लगभग सभी बैठकों में शामिल रहे। बैठकों में केंद्रीय योजनाओं के अनुपालन, उपभोग, गुणवत्त्ता, वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते निगरानी भी करते रहे। वादे : कुछ पूरे, थोड़े अधूरे अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र का धारचूला और मुनस्यारी का चीन और नेपाल सीमा से लगा क्षेत्र संचार से नहीं जुड़ सका। सांसद के कार्यकाल में धारचूला में आइडिया का और ठाणीधार में बीएसएनएल का टावर लग सका। जबकि दारमा, ब्यास और जोहार संचार से नहीं जुड़े। चीन सीमा तक बनने वाली गर्बाधार - लिपूलेख सड़क निर्धारित समय 2018 में पूरी नहीं हो सकी। पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी से हवाइ सेवा प्रारंभ हुई। एक पखवाड़े तक चलने के बाद से यह सेवा बंद है। अल्मोड़ा, धारचूला से उड़ान योजना के तहत हेलीकॉप्टर सेवा शुरू नहीं हो सकी है। सांसद निधि का जिलेवार ब्यौरा अल्मोड़ा कुल कार्य पूर्ण 386 सांसद निधि से अवमुक्त धनराशि 4.70 करोड़ अवशेष प्रस्तावित कार्य 447 अवशेष धनराशि 5.58 करोड़ कुल कार्य पूर्ण 556 सांसद निधि से अवमुक्त धनराशि 7.76 करोड़ प्रस्तावित स्वीकृत कार्य 224 सांसद निधि से मिलने वाली धनराशि 3.73 करोड़ कुल पूर्ण कार्य 315 सांसद निधि से अवमुक्त धनराशि 5.72 करोड़ अवशेष स्वीकृत कार्य 152 प्रस्तावित धनराशि 2.92 करोड़ कुल पूर्ण कार्य 328 अवमुक्त धनराशि 4.90 करोड़ अवशेष स्वीकृत कार्य 184 प्रस्तावित धनराशि 3.03 करोड़ ट्विटर पर 12 हजार फॉलोअर सांसद अजय टम्टा फेसबुक और ट्विटर में सक्रिय रहते हैं। ट्विटर में उनके फॉलोवर्स की संख्या लगभग 12 हजार है। केंद्रीय स्तर की योजनाओं की घोषणाओं में ट्विटर पर उनकी प्रतिक्रिया आती है। फेसबुक में केंद्रीय योजनाओं का प्रचार, प्रसार अधिक रहता है। क्षेत्र में सक्रियता बनाए रखना और फेसबुक पर उसे अपडेट करना भी वह नहीं भूलते। सांसद के गांव को मिले 30 करोड़, विकास की अभी दरकार बागेश्वर के सूपी गांव को लोक सभा सदस्य व केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा ने चार साल पूर्व गोद लिया था। तब यह गांव मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा था। यहां करीब 350 परिवार निवास करते थे। ग्रामीण को लगा कि अब हालात ठीक होंगे। सांसद आदर्श गांव में इस दौरान 30 करोड़ कुछ काम हुए भी, लेकिन गांव को जोडऩे वाली सड़क का डामरीकरण आज तक नही हो पाया है। जिससे बरसात के मौसम में यह सड़क अक्सर बंद ही रहती है। यहां राजकीय इंटर कालेज है। जहां करीब 450 बच्चे पढ़ते है। लेकिन विषय शिक्षकों के अलावा प्रधानाचार्य का पद भी खाली है। शिक्षा व रोजगार की खातिर गांव से पलायन हो रहा है। 70 परिवार घर छोड़ चुके हैं। सांसद आदर्श गांव आबादी कुल आबादी 1701 एससी 646 सामान्य 1055 कुल क्षेत्रफल 1078.853 हेक्टेयर चार साल में काफी काम हुए अजय टम्टा, सांसद, अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र ने बताया कि सांसद आदर्श गांव में चार सालों में काफी काम हुए है। सड़क निर्माणाधीन है जल्द ही डामरीकरण का कार्य कर लिया जाएगा। पेयजल योजना तैयार की जा रही है। वैकल्पिक उर्जा के लिए सोलर बांटे गए। शौचालयों का निर्माण किया गया। इसके अलावा रास्ते निर्मित किए गए। सांसद आदर्श गांव बाछम बाछम को राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने गोद लिया है। सांसद निधि से गांव को दस लाख रुपये का बजट मिला। बाछम राजस्व गांव में 9 तोक है। धुर, र्खिकया, सनरी, जैकुनी, तल्लागांव, मल्लागांव, बटन, रीङ्क्षटग, जातौली में आजादी के 72 सालों बाद भी बिजली नही पहुंची। 12 किमी पैदल चल पहुंचते है गांव 60 बच्चों में एक शिक्षक, केवल एक जूनियर हाइस्कूल उच्च शिक्षा के लिए 12 से 15 किमी दूर सोरांग स्थित इंटर कालेज जाना पड़ता हैं। = इलाज के लिए 35 किमी की दौड़ = बाछम गांव में माबाइल टावर नही होने से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। बाछम गांव कुल जनसंख्या 1225 एससी 218 सामान्य 1025 क्षेत्रफल 1937.74 हेक्टेयर मैंने अपनी निधि से दस लाख रुपये दिए प्रदीप टम्टा, राज्य सभा सदस्य ने बताया कि केंद्र सरकार ने सांसद आदर्श गांव के जो मानक बनाए थे वह पूरे नहीं हुए। मैने अपने प्रयासों से 10 लाख रुपया सांसद निधि से दिया हैं। सरकार ने आदर्श गांव के नाम पर भी राजनीति की हैं।
इस धरती पर हर जीव को जीने का अधिकार है, प्रकृति ने कुछ जीवों के शरीर पर सुरक्षा कवच दिए हैं, जिससे कि उनका शिकार करने वाले जानवर उससे घायल हो जाएं या डरकर भाग जाएं। त्वचा की बाहरी सतह पर पाया जाने वाला सुरक्षा कवच इन जीवों में कई रूपों में दिखता है, आइए जानते हैं कि कौन से हैं ये जीव। कांटों वाला साही साही का सुरक्षा कवच है इनके पूरे शरीर के कांटे। जब भी इसे किसी खतरे का अंदेशा होता है तो साही अपने आप को एक गेंद की तरह मोड़ लेता है। शरीर को मोड़ने से बाहरी सतह पर 5,००० से भी अधिक कांटे सीधे खड़े हो जाते हैं। इन कांटो के डर से शिकारी भाग जाता है। साही के कांटे एक साल में गिर भी जाते हैं और इसकी जगह नए और मजबूत कांटे फिर उग आते हैं। खोल में छुपा कछुआ बच्चों, तुम तो जानते हो कि कछुआ सीधे स्वाभाव का और धीरे चलने वाला जीव है। कछुए की कई किस्मों में शरीर के ऊपर भारी कवच पाया जाता है। जानते हो यह कवच कछुए के कोमल शरीर की रक्षा करता है। शिकारी के आने पर यह बिना हिले-डुले खुद को इतना शांत रखता है कि शिकारी इसे पत्थर समझ लेता है और वहां से चला जाता है। कुछ कछुए की प्रजातियां तो खतरा होने पर अपने सिर और पैर को सिकोड़ कर खोल के अंदर छुप लेते हैं। सदियों से कछुओं की एक किस्म जिसका नाम हॉक्सबिल टर्टिल है, इनका कवच गहना और और सजावटी चीजें बनाने के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है। इस कारण से इन कछुओं को बचाने के लिए 1973 से इनके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर रोक लगा दी गई है। मगरमच्छ की सख्त त्वचा और जबड़ा मगरमच्छ तो पानी में ही रहता है। इसकी शारीरिक बनावट ऐसी है कि पानी के बाहर ज्यादा तेज दौड़ नहीं सकता है, इसीलिए यह शिकार नहीं कर सकता है। लेकिन यह अपने शिकार का इंतजार पानी में घात लगाकर करता है। जब शिकार सामने आ जाता है, तो उसे अपने जबड़े में दबोच लेता है। जबड़े से मगमच्छ इतनी ताकत लगाता है कि शिकार छूट नहीं सकता है। यह ताकत मगरमच्छ को मिलती है, इसके बाहरी कांटेदार स्केलों से ढकी त्वचा के जरिए, जिसके नीचे हड्डियों का ढांचा और मजबूत मांसपेशियां होती हैं। इस सुरक्षा कवच के कारण मगरमच्छ पानी के अंदर बस शिकार का इंतजार करता है। सख्त त्वचा वाली पैंगोलिन छिपकली पैंगोलिन की कुल आठ प्रजातियां हैं, सभी खतरे में हैं। स्तनधारियों की श्रेणी में आने वाली यह एकलौती प्रजाति हैं, जिनकी त्वचा के ऊपर बड़े किरेटिन के सख्त स्केल पाए जाते हैं। सख्त त्वचा के फायदे ये हैं कि जब खतरा होता है तो पेड़ की टहनियों में खुद को इस तरह चिपका लेती है, जिससे शिकारी जीव चकमा खा जाता है कि यह पेड़ का ही हिस्सा है। लेकिन इनकी प्रजाति खतरे में है। कुछ लोग इनके त्वचा और मांस के लिए इनका शिकार करते हैं, जिससे इनकी तादाद धीरे-धीरे कम हो रही है। गेंद बन जाती है आर्माडिलो प्रागैतिहासिक काल के लगने वाले आर्माडिलो के पेट को छोड़कर पूरा ही शरीर हड्डियों वाली स्केलों के ढका होता है। पेट पर रोएं होते हैं और यह काफी कोमल होता है। इनकी तीन किस्में पाई जाती हैं जिनमें से केवल एक ही में खुद को समेट कर गेंद जैसा बन जाने का गुण होता है। और पढ़ें और कार्टून सीरियल हमारे बच्चे को सिखा रहे हैं , गलत आदतें 10 बातें एक टीचर के लिए जानना बहुत जरूरी है नजर कमजोर पर डंक नहीं 6 से लेकर 12 आंखें होने के बावजूद बिच्छुओं की नजर कमजोर होती है। अगर खतरे को देख ना पाएं तो भी खुद को शिकारियों से बचाने के लिए इनके पास खतरनाक डंक के साथ साथ जहरीली और कवच जैसी त्वचा भी होती है। इन्हें भी पढ़ें ऑफिस में अपनाएं बैलेंस बिहेवियर तो होंगे आप कामयाब FacebookTwitter घर के छत पर सोलर पैनल लागाएं और कमाएं पैसा quiz You may also like CBSE • Class 10 • Uncategorized Latest cbse class 10th question paper| sample paper... Uncategorized लाडली स्कीम दे रहा है ₹5000 इस योजना का फायदा उठाने के... Uncategorized Online hindi cbse alternative academy calender... Uncategorized स्लिमी और पतले लोगों के लिए सही फैशन ट्रिक क्या है... Uncategorized ब्लाइंड क्रिकेट एक ऐसा खेल गेंदबाज पूछता है ‘तुम... Uncategorized घोड़े के नाल से जुड़ी धारणाएं Uncategorized अंग्रेजी माध्यम बनाम हिंदी माध्यम English medium vs... Uncategorized पैन को आधार से लिंक कराने की नई तारीख का ऐलान, ऐसे... Uncategorized ऑफिस में डेडलाइन के अंदर काम करने के तरीके Uncategorized भारत को कब मिलेगी अधिकारिक रूप से राष्ट्रभाषा और उसकी... About the author admin Hello friends! New Gyan tells the words of knowledge with educational and informative content in Hindi & English languages. new gyan website tells you new knowledge. This is an emerging Hindi & English website in the Internet world. Educational, knowledge, information etc. new knowledge, new update, new method in a very simple and easy way. Founder of Blog Founder of New gyan. A. K Pandey - Teacher, Writer - Journalist, Blog Writer, Hindi Subject - Expert with more than 15 years of experience. Articles on various topics have been published in various magazines and on the Internet.
पीएम मोदी ने कहा- किसानों की मजबूती से बनेगी भारत की नींव - Prime News Home Prime पीएम मोदी ने कहा- किसानों की मजबूती से बनेगी भारत की नींव पीएम मोदी ने किसानों के लिए कहा कि इस बार किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और किसानों को कई चीजों में राहत मिल सकती हैं। New Delhi: पीएम नरेंद्र मोदी ने हर बार की तरह रेडियो कार्यक्रम में अपनी मन की बात (69th Maan Ki Baat) रखी और देश की जनता से रुबरु हुए है। खास बात यह है कि पीएम मोदी ने कामयाब लोगों की बाते सुनी और उनकी पूरी कहानी को इस कार्यक्रम में लेकर आए, ताकि बाकि लोगों का भी प्रोत्साहन बड़े। साथ ही पीएम मोदी ने देश के योद्धाओं के बारे में जिक्र किया और कहा कि देश के युवाओं को कामयाबी पाने के लिए 'सुभाष चंद्र की राह पर चलना चाहिए'। पीएम मोदी (PM Modi) ने किसानों के लिए कहा कि इस बार किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और किसानों को कई चीजों में राहत मिल सकती हैं। आखिरी में कोरोना को लेकर कहा कि अपना और अपने परिवार का ख्याल रखे, साथ ही मास्क लगाकर ही घरों से बाहर निकले। इस बात को कहते हुए पीएम मोदी ने अपनी बात को विराम दे दिया। प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने की अपील (69th Maan Ki Baat) की। उन्होंने हर प्रकार के एहतियात बरतने की बात कही। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब तक दवा नहीं आ जाती तब कोई ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। महात्मा गांधी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, गांधी जी के विचार आज ज्यादा प्रासंगिक हैं। 2 अक्टूबर हमारे लिए प्रेरक और पवित्र दिवस है। आपको बता दें मन की बात कार्यक्रम आकाशवाणी पर अलग-अलग भाषाओं में प्रसारित किया गया था। हिंदी प्रसारण के ठीक बाद अन्य भाषाओं में इस कार्यक्रम (69th Maan Ki Baat) का प्रसारण होआ। पिछले महीने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने लोकल के लिए वोकल बनने की अपील की थी। खासकर खिलौना निर्माण में भारतीय लोगों को आगे आने की अपील की थी। पिछले बार मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा था, हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है। 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है। जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परंपरा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए।
आलिया की बहन शालीन भट्ट ने इस कारण की थी सुसाइड की कोशिश, महेश भट्ट ने फिल्म इंडस्ट्री को लेकर किए अहम खुलासे- हरिभूमि, Haribhoomi आलिया की बहन शालीन भट्ट ने इस कारण की थी सुसाइड की कोशिश, महेश भट्ट ने फिल्म इंडस्ट्री को लेकर किए अहम खुलासे महेश भट्ट की पहचान एक फिल्म लेखक-निर्देशक और निर्माता के रूप में रही है। वह अब एक्टिंग की फील्ड में भी कदम रख चुके हैं। महेश भट्ट युवा निर्देशक तारिक खान की फिल्म 'द डार्क साइड ऑफ लाइफ : मुंबई सिटी' में बड़े पर्दे पर पहली बार दिखाई देंगे। तनाव, अवसाद के कारण देश में, खासकर मुंबई में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर बनी इस फिल्म का ट्रेलर लॉन्च करने खुद महेश भट्ट पहुंचे थे। वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन-डे के मौके पर रिलीज किए गए इस फिल्म के ट्रेलर में महेश भट्ट के साथ एक्टर के. के. मेनन भी नजर आए। इस मौके पर महेश भट्ट ने फिल्म और अपने एक्टिंग में आने की वजह के बारे में बताया वह बताते हैं, 'देखिए, जब इस फिल्म के डायरेक्टर तारिक खान मेरे पास आए और मुझसे कहा कि वह समाज के एक सेंसिटिव इश्यू सुसाइड पर फिल्म बनाना चाहते हैं तो मैं चौंका। आत्महत्या 21वीं सदी का ऐसा खतरनाक इश्यू है, जिस पर पूरी संवेदना के साथ ध्यान दिए जाने की जरूरत है। फिर उन्होंने बताया कि इस फिल्म में मेरा किरदार एक मुस्लिम पेंटर का है, जो मुंबई में सपने लेकर आने वाले एक हिंदू लड़के को पनाह देता है। तो मुझे लगा कि यह बड़ा इंट्रेस्टिंग किरदार होगा, ऐसी फिल्मों और ऐसे किरदारों की देश को जरूरत है। इंडस्ट्री इस किस्म के इश्यू से घबराती है मगर यंग डायरेक्टर्स आजकल इस किस्म के सब्जेक्ट को फिल्मों के माध्यम से सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। डायरेक्टर तारिक खान की हिम्मत की दाद देनी होगी कि उन्होंने एक ब्रेव मूवी बनाई है। मुझे लगा कि उन्हें सपोर्ट करना चाहिए। इसलिए मैं इस फिल्म का हिस्सा बनने के लिए तैयार हुआ। फिल्म के जरिए हम कहना चाहते हैं कि जिंदगी बहुत अनमोल है।'महेश भट्ट इस फिल्म की यूएसपी इसके साइकोलॉजिकल मैसेज को मानते हैं। वह कहते हैं, 'यह फिल्म सपनों की नगरी मुंबई के अंधेरे पहलू को उजागर करती है। यह कई किरदारों की इमोशनल और एंबिशियस जर्नी को बड़ी बेबाकी से दर्शाती है। बड़े शहरों में लोग आज इतने प्रेशर और तनाव के बीच जिंदगी गुजार रहे हैं कि कभी-कभी वह अपनी जान देने के बारे में सोचने लगते हैं। आज आत्महत्या इस दुनिया की कड़वी सच्चाई है लेकिन समाज इसके बारे में बात करना नहीं चाहता। हमें सबसे ज्यादा खतरा अपने आप से है और मुझे फिल्म की यही थीम टच कर गई। यह फिल्म एक साइकोलॉजिकल मैसेज भी देती है। फिल्म यही पॉजिटिव मैसेज देना चाहती है कि सबकी जिंदगी में परेशानियां आती हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप जीवन खत्म कर लें। इसके बजाय जिंदगी को जीना और एंज्वॉय करना चाहिए। यही वजह कि फिल्म के ट्रेलर को सुसाइड प्रिवेंशन-डे के दिन ही रिलीज करने का फैसला पूरी टीम ने किया था। दरअसल, यह फिल्म भी आत्महत्या जैसे इश्यू को डील करती है। इस फिल्म के ट्रेलर के आखिर में एक लाइन आती है, जिसका मतलब यह है कि आप खुद अपने सबसे बड़े दुश्मन हैं। मायानगरी मुंबई में हजारों लोग रोजाना अपने सपने लेकर आते हैं। लेकिन कुछ लोगों को निराशा का सामना करना पड़ता है, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि खुदकुशी कर ली जाए। यह शहर आपको यह भी सिखाता है कि आप कभी हार मत मानो। अपने सपने को मत छोड़ो। जिंदगी कितनी भी मुश्किल क्यों ना हो, अपने आप से मत हारो। अपने आप को एक और मौका दो, कुछ करिश्मा हो सकता है और यही बात मुंबई शहर को सबसे अनोखा शहर बनाती है।' देश में और विशेष कर बड़े शहरों और फिल्मी दुनिया में डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है। खुद महेश भट्ट की बेटी शाहीन डिप्रेशन का शिकार थीं। वह बताते हैं, 'जिस तरह शारीरिक बीमारी होती है, उसी तरह डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है। जैसे अगर आपको डायबिटीज हो जाए तो आपको इंसुलिन लेनी पड़ती है, उसी तरह अगर आप डिप्रेस पर्सन हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। हमारे देश की समस्या यह है कि हम मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुकता नहीं फैला पाए हैं। लोग आज भी इससे अनजान हैं कि कोई आपका अपना आपके घर में ही डिप्रेशन का शिकार है। न तो खुद मरीज को जल्दी पता चल पाता है और न उसके करीबी महसूस कर पाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि मेरी बेटी शाहीन, जो आलिया की बड़ी बहन है और पूजा की छोटी बहन है, भी डिप्रेशन की शिकार हो चुकी है। अगले महीने उसकी एक किताब आने वाली है, जिसमें उसने उन लम्हों के बारे में लिखा है जब वह डिप्रेशन के दौर से गुजर रही थी। वह भी जब 12-13 साल की थी तो एक समय ऐसा आया था, जब उसने खुदकुशी करने के बारे में सोचा था। यह मेरे घर की सच्चाई है।' फिल्म 'द डार्क साइड ऑफ लाइफ : मुंबई सिटी' में महेश ने एक्टिंग की है लेकिन वह एक्टर होने का दावा नहीं करते हैं। महेश भट्ट कहते हैं, 'भाई एक्टिंग बड़ा मुश्किल काम है। डायलॉग याद करना और कैमरे का सामना करना आसान नहीं होता। कैमरे के पीछे बैठकर दादागीरी करना अलग बात है, कैमरे के सामने खड़े होकर मुस्कुराना भी बड़ा मुश्किल हो जाता है। यह एक अलग फील्ड है। मैंने कभी खुद को एक्टर नहीं माना। अगर मेरा काम फिल्म में किसी को जरा भी ठीक लगता है तो उसका पूरा क्रेडिट डायरेक्टर को जाता है। मैंने अपने आप के बारे में कोई दावा नहीं किया है कि मैं एक एक्टर हूं।' Mahesh Bhatt Bollywood News World Suicide Prevention Day The Dark Side Of Life Mumbai City महेशा भट्ट द डार्क साइड ऑफ लाइफ मुंबई सिटी आलिया भट्ट Alia Bhatt Shalin Bhatt शालीन भट्ट वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे Mahesh Bhatt Film Trailer
Death of a person in a road accident, not even the number on the tractor with which the accident happened | सड़क हादसे में व्यक्ति की मौत, जिस ट्रैक्टर से हादसा हुआ, उस पर नंबर तक नहीं - Dainik Bhaskar Death Of A Person In A Road Accident, Not Even The Number On The Tractor With Which The Accident Happened बूड़िया रोड की प्लाईवुड फैक्ट्रियों के क्वार्टरों के पास हादसा:सड़क हादसे में व्यक्ति की मौत, जिस ट्रैक्टर से हादसा हुआ, उस पर नंबर तक नहीं तेज रफ्तार ट्रैक्टर की टक्कर से पैदल जा रहे व्यक्ति की मौत हो गई। जगाधरी की ग्रीन विहार कॉलोनी निवासी उजेंद्र साहनी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह बिहार जाने वाली बस के लिए सवारियां एकत्रित करने का काम करता है। शाम को उनकी बस बिहार जानी थी। बिहार जाने वाले लोगों का पता करने के लिए वह बूड़िया रोड पर पड़ने वाली प्लाईवुड फैक्ट्रियों के क्वार्टरों में जा रहा था। जब वह अपनी बाइक पर सवार होकर बूड़िया चौक से बूड़िया की तरफ जा रहा था तो उसके आगे आगे एक ट्रैक्टर बड़ी तेज रफ्तार गति से चल रहा था। कुछ दूरी पर चलते ही ट्रैक्टर चालक सड़क किनारे चल रहे एक व्यक्ति को कुचल आगे निकल गया। कुछ दूरी पर जाकर चालक ने ट्रैक्टर रोका और फरार हो गया। उसने मौके पर जाकर देखा तो ट्रैक्टर से कुचले जाने वाली व्यक्ति उसका बड़ा भाई जितेंद्र कुमार था। हादसे में उसके भाई की एक टांग कट कर अलग ‌हो गई और दूसरी टूट गई। इससे उसकी मौके पर मौत हो गई। आरोप है कि ट्रैक्टर पर नंबर भी नहीं था। पुलिस शव को कब्जे में लेकर केस दर्ज कर लिया। सड़क क्रॉस करते व्यक्ति को कार ने मारी टक्कर रादौर| बुबका चौक पर एक व्यक्ति कार की टक्कर से घायल हो गया। कार चालक मौके से फरार हो गया। लोगों ने कार चालक की गाड़ी का नंबर नोट कर पुलिस को दिया। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया। वाल्मीकि बस्ती रादौर निवासी पवन कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 3 सितंबर की रात को लगभग पौने 11 बजे वह बुबका चौक के पास सड़क पार कर रहा था तभी एक कार चालक ने उसे टक्कर मारकर घायल कर दिया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
मनोरंजन ओर तक्नीनिको के लिए इसको देखे, hindi blog: बढ़ाना चाहते हैं सीखने की क्षमता तो करें पेन का इस्तेमाल बढ़ाना चाहते हैं सीखने की क्षमता तो करें पेन का इस्तेमाल मनोज जैसवाल : लंदन. अगर आप जल्द सीखना चाहते हैं तो कंप्यूटर पर टाइप करने की बजाय हाथ से लिखना शुरु कर दें। एक स्टडी में सामने आया है कि हाथ से लिखने के दौरान शरीर के कई अंग एक साथ काम कर रहे होते हैं जैसे-दिमाग, आंखें, मुंह और हाथ। ऐसे में लिखी जाने वाली बात जल्द याद रह जाती है। पढ़ने व लिखने के दौरान दिमाग को दूसरे अंगों से फीडबैक मिलता रहता है जिस कारण विषय अच्छी तरह याद रह जाता है। दूसरी ओर जब हम किसी चीज को सिर्फ की बोर्ड के सहारे लिखते हैं तो हमारा सारा ध्यान शब्दों को ठीक तरह से लिखने की ओर होता है जिसकारण चीजें याद नहीं रह पातीं। यह अध्ययन जरनल 'एडवांसेस इन हैपटिक्स' में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ता प्रो. मेंगन ने बताया कि लिखने में टाइपिंग से ज्यादा टाइम लगता है जिस कारण भी चीजें जल्दी सीखी जा सकती हैं। प्रो. मेंगन ने बताया कि स्टडी में शामिल कुछ लोगों को हाथ से लिखने का टास्क दिया गया व कुछ को कीबोर्ड पर टाइपिंग का। हाथ से लिखने वालों ने चीजें ज्यादा बेहतर तरीके से याद कीं। इस दौरान दिमाग की सक्रियता का स्तर भी नोट किया गया। हाथ से लिखने वालों का ब्रेन ज्यादा सक्रिय दिखा।
Considering the recent scenario due to COVID-19, we please people to keep distance at least 1.5 meters to defeat Virus by Wisdom. कोरोना काल में आगरा में मची धूम। Leave a Comment / Dharm / By Kavi Rathore आगरा। गोविंदपुरी बल्केश्वर के निवासी प्रमोद कुमार शर्मा के घर भागवत कथा के पांचवे दिन भक्तों को गिरिराज पर्वत की कथा सुनाई गई एवं गिरिराज पूजन किया गया। रोज की तरह आज भी सेकड़ो भक्तों ने घर बैठे कथा श्रवण की। शर्मा परिवार के घर के ठीक सामने स्थित राम मंदिर प्रांगण में आयोजित श्री मद भगवत में बृन्दावन से आए राष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता परम् पूज्य श्री संजय शाष्त्री महाराज के द्वारा वाचन किया जा रहा यह आयोजन 24 से 30 जुलाई तक किया जाना है। आयोजन के बाद सोशल डिस्टें सिंग के साथ भंडारा आयोजित किया जाएगा। आगरा उत्तर प्रदेश के बल्केश्वर में आयोजित होने वाली इस भागवत को आगरा की पहली अनोखी भागवत कहा जा रहा है माना जा रहा है कि लॉक डाउन के बाद होने वाली ये पहली कथा है जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है यही नहीं कथा व्यास के साथ कुछ कर्मकांडी ब्राम्हणो के अलावा आयोजकों के साथ कुछ ही भक्तों को कथा में आने की अनुमति है। जहाँ केवल सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों पर कथा रस पान किया जा सकता है। अपना स्वयं का आसन लाना होता है। हाथों को अच्छी तरह सिनिटीज़ किया जाता है जिसके लिए सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई है।कथा व्यास श्री संजय शाष्त्री के अनुसार उनके जीवन की पहली कथा है जहाँ इतने कम श्रोताओं को कथा सुनाने का अवसर प्राप्त हो रहा है। शाष्त्री जी ने भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में कथा सुनने की अपील की है। और यदि कोई भक्त कथा नही सुन पाया हो वो आयोजको से सम्पर्क कर वीडियो की मांग कर सकता है। और कथा का आनंद ले सकता है।
विकृत मानसिकता के धनी हैंं अरविंद केजरीवाल | Perform India Home चटपटी सड़ी हुई विकृत मानसिकता की शख्सियत हैं अरविंद केजरीवाल सड़ी हुई विकृत मानसिकता की शख्सियत हैं अरविंद केजरीवाल देश में संवैधानिक रूप से निर्वाचित किसी शख्स के लिए इस तरह की हेडिंग शायद किसी को अच्छा न लगे। मैं भले ही अरविंद केजरीवाल का समर्थन करूं या विरोध, लेकिन भाषा की मर्यादा सही होनी चाहिए। लेकिन जिस तरीके से अरविंद केजरीवाल लगातार भाषा ही नहीं बल्कि भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं, मां-बाप और बच्चे के रिश्ते पर राजनीति कर रहे हैं, उसके बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को लेकर जिस तरीके से भद्दी टिप्पणी की है। स्वाभाविक तौर पर मुझे भी अच्छा नहीं लगा। इसके बाद मैंने उनके कमेंट के नीचे बाकी लोगों के कमेंट पर ध्यान देना शुरू किया तो पता चला कि उनके खिलाफ हजारों लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्हीं के कमेंट के नीचे सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें उनकी मां-बच्चे की फोटो और बयानों के साथ अपने कमेंट किए हैं और आइना दिखाना शुरू कर दिया है। आज प्रधानमंत्री अपनी मां से मिलने पहुंचे। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर भी दी और बताया कि इसकी वजह से वो योग में शामिल नहीं हो पाए। फिर क्या था दिल्ली के NRI मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़े। केजरीवाल ने लिखा कि मैं अपनी मां के साथ रहता हूं और ढिंढोरा नहीं पीटता। The new Oxford Dictionary's term of the year is @ArvindKejriwal (n) – it means an unparalleled level of hypocrisy & doublespeak pic.twitter.com/gkM8zfttgS — Rishi Bagree (@rishibagree) January 10, 2017 राजनीतिक फायदे के लिए बच्चे और मां-बाप का इस्तेमाल अरविंद केजरीवाल की ये टिप्पणी देश के लाखों करोड़ों लोगों को नागवार गुजरी। इसके बाद लोगों ने जो तस्वीरें और पोस्ट की हैं, उससे अरविंद केजरीवाल को भले ही शर्म न आए, लेकिन आपका सिर शर्म से झुक जाएगा। दरअसल अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीति के लिए मां-बाप और बच्चे का इस्तेमाल करने से कभी नहीं चूकते। ऐसे में कई सवाल उनसे पूछे गए हैं। क्या अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता पाने के लिए अपने बच्चे की झूठी कसमें नहीं खाईं? क्या बच्चे की झूठी कसम खाने के बावजूद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बने? क्या केजरीवाल ने चुनाव में अपने मां-बाप का लगातार और कई बार इस्तेमाल नहीं किया? क्या केजरीवाल ने अपनी बुजुर्ग मां को वोट मांगने के लिए सड़क पर नहीं उतार दिया? क्या अरविंद केजरीवाल जब राजनीति करने गुजरात पहुंचे तो अपने अपने मां-बाप को लेकर नहीं गए? क्या अरविंद केजरीवाल अपने मां-बाप को लेकर चुनाव के वक्त वाराणसी नहीं पहुंचे? क्या अरविंद केजरीवाल गुजरात में अपने राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान अपने मां-बाप को लेकर नहीं गए? क्या अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटर पर मां-बाप की तस्वीर के साथ ढिंढोरा नहीं पीटा की वो उनके साथ टाइम बिताएंगे, जबकि सच ये है कि खुद केजरीवाल ने बताया कि वो अपने मां-बाप के साथ ही रहते हैं? सच तो ये है कि जितने सवाल लोगों ने सोशल मीडिया पर पूछे हैं…. उन सभी सवालों में अरविंद केजरीवाल का फरेब उजागर हुआ है जबकि नरेंद्र मोदी ने एक मर्यादा का पालन किया है। दरअसल सामाजिक आंदोलन की आड़ में अरविंद केजरीवाल ने देश के साथ धोखा दिया है। बंगला, गाड़ी और सिक्योरिटी का विरोध करते-करते उन्होंने सारी चीजें हथिया लीं। जिस नैतिक मर्यादा की दुहाई देकर वो सत्ता तक पहुंचे और वो सारी नैतिकता छोड़कर नंगई पर उतर आए हैं। एक ने तो ट्वीटर पर यह भी लिखा कि केजरीवाल ने सिर्फ समोसा के नाम पर एक करोड़ रुपये का सरकारी खजाने को चूना लगाया है। यही नहीं दिल्ली में पांच साल केजरीवाल का नारा लगाते हुए जिस शख्स ने चुनाव जीता है, उसने खुद कहा कि अब वो पंजाब में खूंटे गाड़कर बैठेगा। सच तो ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता औऱ परिवार को दूर-दूर रखा है। नैतिकता उनके लिए सबसे बड़ी पूंजी है, जनता उनकी सबसे बड़ी ताकत है और मां उनकी सबसे बड़ी संपत्ति। कभी उन्होंने राजनीति के साथ परिवार का घालमेल नहीं किया। इस मामले में अरविंद केजरीवाल उन्हें छू भी नहीं सकते। मोदी के रिश्तेदार मजदूरी करके भी सम्मानपूर्वक जीवन जी रहे हैं, लेकिन केजरीवाल ने अपने दूर के रिश्तेदार निकुंज अग्रवाल को भी कानून विरुद्ध जाकर करोड़ों रुपये और पोस्ट भेंट कर दी। सच ये है कि बेशर्म अरविंद केजरीवाल को सत्ता का ऐसा बुखार चढ़ा है कि वो इसके लिए मां-बाप, बच्चे और किसी भी रिश्तेदार को दांव पर लगाने को तैयार हैं। इसमें सबसे बड़ा नुकसान भारतीय लोकतंत्र को हो रहा है।
Ram Gopal Varma's Nuclear Is A 340 Crores Project - Hindi Filmibeat फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा ने अपने अगले प्रोजेक्ट की घोषणा की है। जी हां, फिलहाल निर्देशक अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म सरकार 3 में व्यस्त हैं। लेकिन सरकार खत्म होते ही रामगोपाल वर्मा अपने इंटरनेशनल प्रोजेक्ट 'न्यूक्लियर' पर काम शुरू कर देंगे। खुद फिल्ममेकर ने ट्विटर पर यह घोषणा किया है कि उनकी यह फिल्म 340 करोड़ के बजट पर तैयार होने वाली है। हम्मम.. फिल्म की शूटिंग अमेरिका, चीन, यमन और भारत में होगी.. जिसमें अमेरिकी, रूसी, चीनी और भारतीय कलाकार काम करेंगे। बहरहाल, बॉलीवुड भी आजकल बजट के मामले में काफी आगे बढ़ रहा है। जहां रोबोट सीक्वल को 350 करोड़ में तैयार किया जा रहा है। वहीं बाहुबली 2 भी भारी भरकम बजट पर तैयार हो रही है। यहां जानते हैं बॉलीवुड की सबसे मंहगी फिल्मों की लिस्ट- वहीं, ऋतिक रोशन और कैटरीना की फिल्म बैंग बैंग का बजट है 160 करोड़। शाहरूख खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर का बजट है 150 करोड़ । Ram Gopal Varma, announced he is making an international project titled Nuclear on a budget of Rs 340 crore.
2 और भारतीय क्रिकेटर्स को हुआ कोरोना, 142 लोगों का किया गया था कोरोना टेस्‍ट – The Bharatnama 2 और भारतीय क्रिकेटर्स को हुआ कोरोना, 142 लोगों का किया गया था कोरोना टेस्‍ट यह भी पढ़ें- पूर्व ऑस्‍ट्रेलियाई कप्‍तान का बड़ा बयान, कहा- कोहली के लय न देने पर 0-4 से टेस्‍ट सीरीज हारेगी टीम इंडिया रमन और ऋतिक के अलावा कलकत्ता कस्टम्स के दीप चटर्जी और भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी पार्थ प्रतीम सेन पॉजिटिव पाए गए हैं. मोहन बागान और ईस्ट बंगाल सहित छह क्लब 24 नवंबर से 10 दिसंबर तक होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे, जिसका आयोजन जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में किया जाएगा. इसके साथ कोविड-19 लॉकडाउन के बाद ईडन गार्डन्स में क्रिकेट की वापसी होगी.यह भी पढ़ें : यह भी पढ़ें- PM मोदी की कोरोना पर समीक्षा बैठक में अमित शाह ने CM के लिए तय किए 3 लक्ष्‍य यह भी पढ़ें- सचिन तेंदुलकर ने दी भारतीय गेंदबाजों का सलाह, बताया- कैसे आउट होंगे स्‍टीव स्मिथ? Next पूर्वांचल के माफिया बृजेश सिंह को HC से झटका, बाहुबली मुख्तार अंसारी पर हमला केस में जमानत नामंजूर » Previous « 5000 से कम दाम में खरीदें 5 बेस्ट वायरलेस ईयरफोन, जबरदस्त बैटरी बैकअप के साथ बेहतरीन साउंड
जिसने बुरे समय में मदद की है, उसे कभी भूलना नहीं चाहिए | KPSC Vaani Homeजीवन मंत्रजिसने बुरे समय में मदद की है, उसे कभी भूलना नहीं चाहिए जिसने बुरे समय में मदद की है, उसे कभी भूलना नहीं चाहिए कहानी – पंजाब के छोटे से गांव में एक दूध वाला था। उसे एक महीने के दूध की कीमत डबल करके लौटाई गई तो वह हैरान हो गया। कीमत देने वाले से दूध वाले ने पूछा, 'ये किस बात के लिए दूध का भुगतान किया जा रहा है और कौन कर रहा है?' देने वाले ने कहा, 'प्रोफेसर रामतीर्थ आपके पास आएंगे और ये राशि उन्होंने पहुंचाई है।' कुछ समय बाद प्रोफेसर रामतीर्थ अपने गांव आए तो उस दूध वाले के पास गए। रामतीर्थ ने कहा, 'मुझे बचपन से दूध पीने का बहुत शौक था। मुझे लगता था कि दूध पीने से बुद्धि तेज होती है। मैं आपकी दुकान से ही दूध खरीदकर पीता था। एक बार मेरे पास दूध खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। तब आपने मुझे एक महीने तक बिना पैसों के दूध दिया था। अब मेरी नौकरी लाहौर में लग गई है। मैं गणित का प्रोफेसर हो गया हूं। मुझे वेतन मिला तो मैंने सोचा कि मैं आपको ये राशि दूं।' दूध वाले ने कहा, 'सबसे अच्छा तो ये लग रहा है कि किसी ने पुरानी बात याद रखी। अब पैसे दे ही रहे हैं तो हिसाब मैं भी कर लूं। आप जो पैसा दे रहे हैं, वह एक महीने के दूध के पैसे से बहुत अधिक है। आप उतने ही पैसे दीजिए, जितना लगा है।' रामतीर्थ बोले, 'सामान्य व्यक्ति हिसाब रखते हैं कि कितना लिया था या जितना देना है, उतना ही दें। जिन लोगों को भगवान के मार्ग पर चलना हो, जो भक्त बनना चाहते हैं, उनको देते समय संकोच नहीं करना चाहिए। ज्यादा ही देना चाहिए। इसलिए ये राशि आप रखिए।' सीख – जीवन के मुश्किल समय में जिन लोगों ने हमारी मदद की है, उन्हें कभी भूलना नहीं चाहिए। जब उसका उपकार लौटाना हो तो ज्यादा करके ही वापस करना चाहिए। तब माना जाएगा, हमने किसी को याद भी रखा और सही ढंग से उपकार लौटाया भी।
coronavirus: CM gave 1 month salary for Relief Fund सीएम ने मध्यप्रदेश के सभी विधायकों से भी अपील की है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए योगदान दीजिए। भोपाल. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों को लॉकडाउन किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही सीएम ने मध्यप्रदेश के सभी विधायकों से भी अपील की है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए योगदान दीजिए। शिवराज सिंह चौहान ने कहा- प्रिय विधायक साथियों, मध्यप्रदेश विधानसभा में 27 तारीख को लेखानुदान नहीं होगा। हम ऑर्डिनेंस लाकर धन की व्यवस्था करेंगे। अभी लड़ाई सिर्फ कोरोना को रोकने की है। इस संकट से निपटने के लिए मैं एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दे रहा हूं, आपसे भी अपील है कि आप भी योगदान दीजिए। विधायक जहां हैं वहीं रहें शिवराज सिंह चौहान ने सभी विधायक औऱ सांसदों से भी अपील की है। उन्होंने कहा- मैं सभी विधायकों-सांसदों और जनप्रतिनिधियों से अपील करता हूं कि जो जहां हैं, वहीं रहें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर इस महामारी से लड़ने हेतु खुद को समर्पित करें, फोन के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र की जनता से संपर्क कर उन्हें लॉकडाउन का पालन करने हेतु आग्रह करें। प्रदेशवासियों से भी अपील शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के समस्त नागरिकों से भी अपील की है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मेरी प्रदेशवासियों से अपील है कि किसी भी तरह की चिंता ना करें, आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था की जायेगी। पैनिक ना फैलाएं। हम किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए तैयार हैं। जो लोग घरों के बाहर घूम रहे हैं, वे नादानी कर रहे हैं। वे खुद तो अपनी जान जोखिम में डाल ही रहे हैं, साथ ही अपने बीवी-बच्चों, भाई-बहनों, माता-पिता की ज़िंदगी को भी खतरे में डाल रहे हैं। अपने घरों में ही रहें, मैं आप सभी तक सभी जरूरी वस्तुएं पहुंचाऊंगा।
कमलेश तिवारी की हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी गिरफ्तार, गुजरात एटीएस ने किया गिरफ्तार – Janpad News Live लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के पांचवें दिन मंगलवार को मुख्य आरोपियों अशफाक पठान और मोइनुद्दीन पठान को गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है। इससे पहले गुजरात से पकड़े गए तीन आरोपियों को लखनऊ की कोर्ट में पेश किया गया। तीनों साजिशकर्ताओं को 4 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। इससे पहले एजेंसियों के साथ काम कर रहे स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इसी मामले में एक इनोवा कार जब्त की थी । कमलेश के कातिलों ने लखीमपुर में पलिया से शाहजहांपुर तक जाने के लिए इसे बुक किया था । कार के ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है । सूत्रों के अनुसार, ड्राइवर ने खुलासा किया है कि कार को उसके मालिक के एक रिश्तेदार ने गुजरात से 5,000 रुपये में बुक किया था । माना गया है कि कातिल इसी कार से लखीमपुर से शाहजहांपुर गए, जहां सोमवार को एक सीसीटीवी कैमरे में उन्हें बस स्टेशन की तरफ पैदल जाते हुए देखा गया था । भड़काऊ भाषण की वजह गई जान गुजरात एटीएस की ओर जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, दोनों का नाम 18 अक्टूबर को लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड में सामने आ रहा था। शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने इस बात को कबूला है कि उन्होंने कमलेश तिवारी द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण की वजह से वारदात को अंजाम दिया। पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़, एक बदमाश ढेर, एसटीफ के 2 घायल सीतापुर : कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद परिजन बोले- हत्यारों को फांसी होनी चाहिए
bhanje ke sath kangana ranaut | Laughing Colours Hindi बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत मुंबई से वापस अपने घर मनाली लौट चुकी हैं. जिसके बाद से कंगना सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस से जुड़ी हैं. हाल ही में कंगना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से अपने भांजे के साथ का एक फोटो शेयर किया हैं. जिसकी वजह से वह लाइमलाइट में आ गई हैं. A post shared by Kangana Ranaut (@kanganaranaut) on Mar 17, 2020 at 1:52am PDT कंगना ने जो फोटो शेयर किया है. उसमें वह अपनी बहन रंगोली चंदेल के बेटे पृथ्वी राज के साथ मस्ती करते हुए नजर आ रही हैं. इस खूबसूरत फोटो को शेयर करते हुए कंगना ने लिखा है- 'एक छोटा लड़का जिसने मेरी सूरत चुरा ली, मेरी हंसी, मेरे बालों के कर्ल्ज, मेरा दिल सब चुरा लिया इस लड़के को कोई कुछ क्यों नहीं कहता.' देखते ही देखते कंगना का यह फोटो इंटरनेट पर वायरल हो गया है. फोटो में कंगना ने नाइट ड्रेस पहना हुआ है और वह बहुत खुश दिखाई दे रही हैं. बता दें कंगना पृथ्वी से बहुत प्यार करती हैं. पृथ्वी के साथ के कई फोटोज कंगना अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साझा कर चुकी हैं. अपने होम टाउन मनाली पहुंचने के बाद कंगना ने अपना सेल्फी फोटो शेयर किया था. इस फोटो में कंगना रिलैक्स करते हुए नजर आ रही थीं और सभी उनके इस फोटो की खूब तारीफ़ भी कर रहे थे. कंगना ने अपना सेल्फी फोटो शेयर करते हुए लिखा था – 'सूरज पहाड़ों को चूम रहा है.' इससे पहले कंगना ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ फोटोज शेयर किए थे. जिसमें वह नाव में बैठकर नौकायन का मजा लेते हुए नजर आ रही थीं. अपने इस फोटो को शेयर करते हुए कंगना ने लिखा था- 'वाराणसी की फोटो है. जहां मैं नाव में बैठकर नौकायन का आनंद ले रही हूं. बाहर का दृश्य बहुत खूबसूरत है लेकिन मैं फोन से चिपकी हुई हूं. ये कूल नहीं है.' इसके अलावा कंगना रनौत सोशल मीडिया के जरिए लगातार सुशांत के लिए इंसाफ की मांग कर रही हैं. यही नहीं एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म को लेकर भी सितारों पर निशाना साधा है. कंगना लगातार सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात कह रही हैं.
गृहमंत्री को कोरोना से ग्रसित होने की झूठी पोस्ट करने पर प्रकरण दर्ज - गोंडवाना समय Home / समाचार / गृहमंत्री को कोरोना से ग्रसित होने की झूठी पोस्ट करने पर प्रकरण दर्ज गृहमंत्री को कोरोना से ग्रसित होने की झूठी पोस्ट करने पर प्रकरण दर्ज सोशल मीडिया में किया था वायरल, छपारा पुलिस ने दर्ज किया मामला छपारा निवासी नवनीत सिंह ठाकुर ने थाना छपारा में आकर 1 अप्रैल 2020 को एक लिखित आवेदन दिया था। शिकायती आवेदन उल्लेख किया था कि 31 मार्च 2020 की रात्रि में मोहम्मद अल्ताफ की फेसबुक पोस्ट पर सिवनी निवासी इमरान खान के द्वारा देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह को कोरोना हो जाने संबंधी झूठी पोस्ट गृहमंत्री श्री अमित शाह की फोटो सहित डाली गई है। शिकायत के आधार पुलिस थाना छपारा द्वारा प्रकरण दर्ज कार्यवाही करते हुए थाना छपारा में आरोपी इमरान खान के विरुद्ध अपराध क्रमांक 130/2020 धारा 188 भा द वि का पंजीबद्ध किया गया है। सोशल मीडिया को लेकर लागू की गई है निषेधाज्ञा जिले में पूर्व से ही सोशल मीडिया पर कोरोना कोविड-19 वायरस के संबंध में झूठी एवं भ्रामक जानकारी प्रसारित किए जाने पर निषेधाज्ञा लागू की गई है। वहीं इसका उल्लंघन किए जाने पर ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्यवाही किए जाने का भी आदेश पारित किया गया है। इसके बाद भी देखने में आ रहा है की कुछ असामाजिक तत्व इन आदेशों का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा सिवनी जिले के नागरिकों से अपील कि गई है कि आप इस प्रकार की कोई भी ऐसी पोस्ट फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम , ट्विटर आदि पर ना डालें जिससे नागरिकों को भ्रम उत्पन्न हो।
रहने - कनाडा के आव्रजन भाग 7 हम वैंकूवर में एक दौर दुनिया की यात्रा की ओर काम करते हैं खजाना नहीं मारा! ! ! कनाडा में रहते हैं , कनाडा के जीवन , कैसीनो पोकर , अन्य विषयों 2 टिप्पणियाँ » आज, जब तुम जाओ घर अंशकालिक काम खत्म हो गया है, मैं रिचमंड में एक छोटे से मनोरंजन के लिए कैसीनो में कदम रखा. यह पार्किंग स्थल आज जिस तरह से मैं वापस जाने के लिए बंद है क्योंकि मैं ज्यादा नकदी नहीं है बटुए में किया जाएगा पर सामान्य रूप से पोकर कमरे में चला गया, चीनी की चाची स्लॉट खो दिया है लगता है, शब्दों मैं चीनी में फेंक मैं एक स्लॉट में एक 50 डॉलर का बिल डाल आँखें आम तौर पर सभी वापस घर जा रहा बिल्कुल मन नहीं हो सकता है की कोशिश की, किसी भी तरह लगता है कि स्लॉट मारा जा. मैं MAX स्पिन शर्त में हो रही होगी, क्योंकि मैं वापस करने के लिए रात में देर से पॉप के लिए जा रहा था. मैं ... एक छोटे से आ गए बाद में एक खजाना, नामक जगह में खत्म! यह है कि मैं केवल कुछ स्लॉट्स किया है नहीं है, लेकिन वहाँ कोई परीक्षण किया गया था अभी तक मैं जीता था, मैं अचानक खजाना मिल गया था! भाग्यशाली! डब्ल्यू यह एक छोटे से रहस्य है ... मैं कितना खरीदा. डब्ल्यू तुम क्या कर रहे हैं, कल शायद मैं अब खेलते हैं. देर से ही सही, WBC, जापान जीतने पर बधाई! क्या कल चा पहले दिन की बात अब, मैं w लिख तो मैं भी कई वर्षों में पहली बार के लिए ब्लॉग को अद्यतन करना चाहिए बन गया है. यह एक गर्म खेल रहा था. पकड़ो जब यह वास्तव में बात यह है, नौवें के नीचे में पकड़ा गया था तो दिल अंधा था. मैं गंभीर हूँ. यह आदमी पिछले था लेकिन जाएगा तय. समय पर Ichiro अंतिम दो अंक है, लेकिन यह अच्छा था. Iwakuma सबसे अच्छा पिचिंग था. मुझे लगता है कि मैं MVP किया गया हो सकता है अगर वह जीतने पिचर 9 पारी में पकड़ा बिना बन गया है. यह भी hotter बात थी मैं कोरिया और दक्षिण कोरिया, क्योंकि मुझे लगता है कि जीत और 2 3 घाटा '5 दौर इस समय, यह 70 60 जीत बार प्रतिद्वंद्वी बार 100 बार लड़ना चाहिए यदि आप इसके बारे में सोचते हैं, WBC 3 जीत, 2 घाटा लड़ाई में एक उचित आंकड़ा अल्पकालिक के रूप में इस तरह के, まぁ हो सकता है. मुझे लगता है कि मैं WBC में पिछले Makekoshi था और उनकी कहानी जीता बस के लिए आगे आने के लिए किया था. मैं जापान में बेहतर कर सभी में टीम युग टीम बल्लेबाजी औसत पर है, भले ही आप सामग्री को देखने. कनाडा के लिए आ रहा है, लेकिन जापान में सिर्फ MLB बेसबॉल के लिए देख रहे हैं के बाद से, जापानी बेसबॉल, बेसबॉल Small're मजबूत नहीं देख सकते हैं. मैं फिर से सोचा. मैं भी चार साल बाद टूर्नामेंट जीतना चाहते हैं! युकी Saito और थानेदार Nakata अगले शायद बाहर आ? युद्ध जापान और कोरिया: WBC अन्य विषयों के 2 टिप्पणियाँ » मैं लास वेगास में अपने प्रवास के दौरान होटल में देखने के लिए जापान, चीन, 5 दिनों में जापान, कोरियाई युद्ध के अपराध की बहुत खराब हालत के लिए लड़ने के लिए और खतरनाक थोड़े में ... यह लगता है कि सोचा था. लेकिन तीन हिट Ichiro Murata बौछार के रूप में यह शुरू होता है, और घर चलाता है, ठंड चलाता 14-2 जीत सिर्फ दो रन हॉमर कि Matsuzaka Kijima भी जन्म दिया था! मैं एक सबसे अच्छा देख रहा लात मिलता है. मैं इस दर पर मेरे भविष्य टीम जापान में सबसे अच्छा करना चाहते हैं! · · पीआर कार्ड है, लेकिन आप कल वेगास जाना नहीं है! ! ! शारीरिक हालत बेहतर है, लेकिन किसी भी तरह वेगास कल से हो रही थी. यह अच्छा है अच्छा था. केवल 4 रातों, सामान के लिए आसान पैकिंग के लिए तैयारी कर रहा था या पासपोर्ट, तो देश का अगला दरवाजा इसके अलावा यात्रा, सूचना है कि पीआर (आईडी की तरह है कि स्थायी निवासी) कार्ड नहीं देख · ·. कि एक? मुझे आश्चर्य है कि मैं कहाँ चला गया? मुझे दिखाओ जब आप वापस तरह मैं Mt.Baker करने के लिए चला गया पर कनाडा में पहुंचें, तो मुझे यकीन है कि मेरे उस समय के पार वापस पासपोर्ट था रहा हूँ · ·. क्या ठीक से हो नहीं वापस, या अन्य दोस्तों के पासपोर्ट में रखा गया था, मुझे आश्चर्य है कि अगर मैं था (एक 4WD एसयूवी किराए) में कार में गिर गई · ·. नहीं, मैं एक दोस्त के लिए एक फोन कॉल के द्वारा पुष्टि की गई थी लग रहा है, (यह नहीं किया जा संपर्क कई दिनों के बाद फिर से मेरा मतलब नहीं आया होगा) मैं पहले से ही कार रेंटल कंपनी को बंद कर दिया, मैं やばい कल बाहर काफी वेगास जाओ! मैं वैसे भी बाहर करने की कोशिश की है, या तो कनाडा के लिए नेट पर पीआर कार्ड के बिना वापस आ, मैं कनाडा के आव्रजन के होमपेज पर इस वर्णन पाया. स्थायी निवासी कार्ड वाणिज्यिक वाहक (हवाई जहाज, नाव, ट्रेन या बस) द्वारा फिर से दर्ज कनाडा के लिए आवश्यक है कि इस आवश्यकता को अगर आप कार से यात्रा कर रहे हैं लागू नहीं होता. अच्छा था! यह कहा जाता है कि पीआर कार्ड केवल जब आप एक वाणिज्यिक वाहन (या एक बस या हवाई जहाज) कनाडा के लिए वापसी के लिए आवश्यक है. पिछली बार के रूप में एक ही रास्ते में Bellingham की कार द्वारा सीमा पार से घरेलू उड़ानों, वेगास के लिए शहर की ओर है, तो संयुक्त राज्य अमेरिका जबकि कनाडा उनकी कारों में से अधिक हो जाएगा. मैं यह भी कहना पीआर कार्ड हमेशा दिखाने के लिए जब आप कार में वापस जाना होगा, क्योंकि यह कोई संदेह नहीं है USCIS के पेज पर लिखा जाएगा. कोई समस्या नहीं है अगर हम इस बस के मामले में पेज प्रिंट होना चाहिए. अरे, मैं हूँ बहुत वेगास ठीक था भले ही इस समय, और ... पीआर कार्ड किया जा रहा है समय के लिए खो दिया है. मुझे आशा है कि मैं ... कहीं पाया. मैं शारीरिक हालत को तोड़ने के लिए किया था बेकर. माउंट, सबसे पर स्नोबोर्डिंग से लौटने के बाद दिन की सुबह हुआ ... मुझे लगता है. मैं ऊपर फेंक दिया अब एक छोटे से बेहतर है कि हम आज्ञाकारी, मतली और एक के लिए है, जबकि मुझे आश्चर्य है कि मैं क्या करने के लिए इंतजार करना और देखना है. मेरे पेट में दर्द होता है और मैं क्या मैं कुछ मैं बाहर भूख जा रहा है समय के लिए नहीं आते हैं सब पर खाने की कोशिश कर रहा था की बात करेंगे. ऐसे लक्षण जब भी रॉकी शिविर की यात्रा पिछले वर्ष की थी. उस समय ... भोजन. लेकिन कल मैं एक ही बात के बारे में 4 दोस्तों के साथ खाना खा लिया है, मैं इसे बनाया मुंह और पानी केवल एक नारंगी से वापस घर के लिए. काश मैं · · में इस तरह के एक हिट नहीं करना होगा. यह भी कैसे आंत्रशोथ नल का पानी पिया के रूप में यह (नल का पानी फिल्टर करने के लिए आदमी) BRITA है कि किसी भी पानी नहीं था, या अच्छा नहीं था. लक्षण केवल 1 दिन सेब का रस इस दिन पर मुँह करने में सक्षम सबसे बुरी पर था. दूसरे दिन की तरह है कि दो गर्दन miso सूप और चावल के बारे में था, अंत में हो रही है बेहतर करने के लिए तीसरे दिन दलिया खाना है. लेकिन मैं थोड़ी देर के लिए अस्पताल जाने के लिए देखने के लिए कि मैं कैसे सब के बाद अस्पताल नहीं जाना था आज तक के लिए जा रहा हूँ. हालांकि बेहतर लगता है, शारीरिक हालत सहनशक्ति कुछ दिनों के लिए तो बस सो जा चला गया है. यह लग रहा है कि आपको चक्कर आ रहे हैं. तब तक मैं रविवार से किसी भी सहनशक्ति इतना वेगास के लिए यात्रा वसूली · ·. नहीं है मैं बेकर. माउंट पर पर्ची के लिए चला गया. मैं पर्ची सप्ताह के अंत में चला गया बेकर माउंट. यहां तक ​​कि Bellingham पर्वत बेकर से एसयूवी दो दिनों के लिए किराए पर एक घंटे के शहर में एक होटल में रह रही है, और एक दिन में Whistler में जाना लागत बहुत अलग नहीं है. शनिवार रात सुरापानोत्सव w ー. मैं बिना किसी हिचकिचाहट के संयुक्त राज्य अमेरिका इतना सस्ता शराब पीते हैं. हालांकि मुझे लगता है कि कम और अमेरिकी डॉलर कैनेडियन डॉलर कमजोर है की जगह है, वहाँ पैसे की एक महसूस कर रही है अगर आप भी येन हाल ही में जापान की सराहना की वजह से एक क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें. हालांकि, हाल ही में, क्योंकि मैं जापान के बैंक में लगभग सभी पैसा भेजा था वहाँ परेशानी परिस्थितियों की एक किस्म है, मैं स्थिति में जो भविष्य जापान में इस कार्ड अब और नहीं उपयोग कर सकते में आ गए. कार्ड "जादू" अंत में बंद है और मैं इस समय w लगता है. वैंकूवर शीतकालीन के चमत्कार ... मैं यह कृपा हर कोई बाहर आने के वैंकूवर शीतकालीन बोल रहा हूँ, अगर आप घटाटोप और ठंडा कर रहे हैं और यह हर दिन बारिश हो रही है, को तोड़ने की तरह या एक बार एक हफ्ते के बारे में एक छोटे से देख अगर एक छवि है, इस वर्ष सभी में अंतर है आप. यहाँ मैं पिछले हफ्ते के बारे में लग रहा है, बारिश हो रही है मैं नहीं होगा. और मैं वास्तव में धूप मौसम है! तापमान काफी कम है, सुखद और धूप भी है. कनाडा के लोगों (जो निश्चित रूप से कुछ लोगों को है) या एक टुकड़ा टी शर्ट में बाहर चला गया और ठंड सर्दियों में भी स्पष्ट है. लेकिन जो मैं भी काफी प्रकाश कपड़े, शरीर का तापमान है जैसे वे अभी भी साथ नहीं पकड़ा है. हम और अधिक मांस ... खा लूँगी. मैं था, लेकिन मैं प्राप्त या लौटने के नोकिया आज सुबह, मैं एक फोन कॉल से एक नौकरी कि Ajilon परामर्श एजेंसी से उठा. और कहा कि मैं फोन पर एक श्री कैटरीना से हर तरह से एक बार में बात करना चाहते हैं कि जबकि आधा सो जब मैं बाहर आया, के विपरीत जो लोग पहले बात की थी, वहाँ एक स्थिति है कि अपने कौशल में था. ठीक तुरंत जवाब देने के लिए पाठ्यक्रम की वजह से अब कोई लेना - देना नहीं है, मैं कल दोपहर से मिलने जा रहा था. यह, w है कि क्या नोकिया की स्थिति है कि अगर मैं सुनने के लिए. जब मैं छोड़ दिया है, लेकिन मैं कोई अंशकालिक गैर परीक्षकों वैंकूवर नोकिया में एक मुक्त स्थिति था, मैं पिछले दो हफ्तों में नए रिक्त पदों अगर आश्चर्य है? या, (या निकाल दिया) भी खाली स्थान या यहाँ तक कि अपने बच्चे को छोड़ने के मुझे के बजाय चला गया पेट्रीसिया साथ रखना नहीं करता है? (मेरा मतलब है मैं इस संभावना से भी अधिक सकता है) यह असंभव है, मैं पाठ्यक्रम बाद के थे, मैं तो बस हर कीमत पर वापस जाने के लिए है कि कंपनी इतना अद्भुत वातावरण एक अलग स्थिति में नहीं तो इसे वापस करना चाहते हैं. कल के लिए आगे देख रहे हैं. Cypress माउंट पर स्नोबोर्डिंग कनाडा में रहते हैं , कनाडा के जीवन , शिविर और आउटडोर , अन्य विषयों कोई टिप्पणी नहीं » आज, मैं सरू माउंट करने के लिए चला गया. बर्फ की बुरी हालत है, जब मैं दो साल में पहली बार के लिए दो सप्ताह पहले से चला गया, मैं भी बहुत अच्छी तरह से थक गया स्केट नहीं शरीर और पैरों के राज्य में आने, और शरीर में बर्फ ज्यादा बेहतर था आज. स्नोबोर्डिंग कैलेंडर मैं 10 वर्षों में आया अब एक बार और अधिक आशा है कि यह पहली बार दो साल में इस साल पिछले साल के बाद एक बार भी नहीं किया है में दोहराया जाता है. मैं यह # 25-21 साल तक के सबसे हिंसक फिसल गई थी लगता है. लगभग हर सप्ताहांत कि, मैं पागल की तरह जा रहा था. (मैं बिल्कुल अब और नहीं लगता है कि कर सकते हैं) मुझे लगता है कि मैं पहाड़ को सीधे चला गया और शुक्रवार को काम करने के बाद कार से काम पर जाना है, या काम पर, और यह अच्छी तरह से किया था और यह युवा कंपनी को छोड़ के रूप में यह सोमवार है. वैंकूवर, तो वे स्थानीय पहाड़ों से एक 30 मिनट की ड्राइव की तुलना में कम समय में जाना है, यह बहुत आसान है के लिए जाने के लिए स्वतंत्र महसूस. मैं आज पहाड़ के लिए पर्ची, शहर में शाखा से 11 में एक दोस्त के घर पर मिलने के लिए चला गया. आज, सरू मैं और एक विश्व कप snowboard कर रहा था. मैंने सोचा कि यह अच्छा था कि मैं आधा पाइप के चारों ओर भीड़ कर सकते हैं, लेकिन हम भी केवल एक नज़र देखा. मुझे पसंद है जापानी खिलाड़ी भी थे. मैं माउंट बेकर में पर्ची के लिए जा रहा हूँ अगले सप्ताह वाशिंगटन में सीमा पर है. मैं सिर्फ Whistler में, (छूट के कुछ तरीके हैं) 89 डॉलर टिकट और फिर आप भी लगता है कि इस साल अब तक जा रहा है, तो मैं बहुत ज्यादा नहीं बर्फ पसंद नहीं चाहते. पर्वत बेकर सस्ता है और अमेरिका 43 डॉलर एक टिकट, आप अच्छा बर्फ पहाड़ इतनी के रूप में एक (98-99 साल की 2896 सेमी) विश्व रिकॉर्ड बर्फबारी की उम्मीद कर सकते हैं. मैं पियानो सीखने के लिए शुरू कर दिया मैं पियानो मैं एक बच्चे के रूप में सीखा था छोड़ दिया है ... एक छोटे से. मुझे आशा है कि आप एक प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक पियानो जैज खरीदा था कुछ महीने पहले मैं खेलना चाहता था, लेकिन यह सब पर 1 में इस्तेमाल नहीं किया गया है सिर्फ एक छोटे से किया (आसपास के रूप में की उम्मीद है). मैं करने के लिए मुझे लगता है कि इस समय एक पियानो शिक्षक मिल जानने की कोशिश करने का फैसला किया, लेकिन यह नहीं जा रहा है. एक फोन कॉल आया कल रात से एक शिक्षक है कि इंटरनेट के बुलेटिन बोर्ड पर पाया गया था, मैं आज 2:00 बजे पहला सबक का वादा किया है, उस समय भी पीने गया, मैं सभी के बारे में भूल गया था ... • यह सबसे कम है. आज 02:00 में एक फोन है, 3:00 पता है कि आप अपने शिक्षक में भूल गया, (करने के लिए माफी माँगता हूँ) Safeway पर आइसक्रीम खरीद में बदल जाओ. 3 साल की उम्र में पियानो सबक लेने गया है, फ्रांस में दो साल के लिए पियानो का अध्ययन, इस शिक्षक पियानो शिक्षक के दूसरे पक्ष पर किया है लगता है. मैं समय के लिए किया जा रहा है और इस तरह मैं शास्त्रीय जैज क्या कर सकते हैं बारे में सोच रहा था, लेकिन मैं अंत करना चाहते हैं, इस शिक्षक है कि वह भी जैज की तरह इस बारे में बात करने की कोशिश की, कि मैं थोड़ा जाज से थोड़ा Naraeru बजी. भाग्यशाली! ", प्रस्तावना रचना 28 4 सं / Chopin," यह अच्छा पहला काम है, बेहतर बनाने के लिए क्लासिक पॉप रोक नहीं होनी चाहिए है, क्योंकि जाज एक हाथ की एक, और "मैं प्यार करता है आप Porgy / जॉर्ज Gershwin". मुझे लगता है कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करने के लिए अभ्यास करेंगे. « 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 » ... Last » बीस नौ वर्ष की पृष्ठ 7 «सबसे पहले ... « 2 तीन चार पाँच छह सात आठ नौ दस ग्यारह बारह 13 » ... अंतिम » (निर्माण) के तहत यात्रा माँ बेटी Buttobi ~ ☆ शंघाई सिंगापुर -? बेटी मलेशिया (निर्माणाधीन) माँ की यात्रा - सिंगापुर - मलेशिया Buttobi शंघाई ☆ लंदन, पेरिस, 8 दिन की यात्रा परिवार यात्रा New Year 2012-2013 8 दिन लंदन, पेरिस नव वर्ष परिवार दिवस यात्रा, 2012-2013 2 (सं. लंदन) दिवस 2 (भाग लंदन)
PM मोदी का प्रियंका गांधी पर तंज- सांप का खेला दिखाकर वोट मांग रही चौथी पीढ़ी - Pm narendra modi in bikaner priyanka gandhi congress bjp loksabha elections - AajTak बीकानेर, 03 मई 2019, अपडेटेड 18:44 IST प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक दौर था, जब कांग्रेस के नामदार विदेशी मेहमानों को सांप, नेवलों का खेल दिखाकर खुश करते थे. पूरी दुनिया तब कहती थी कि भारत सिर्फ सांप-सपेरों का, जादू टोने वाला देश है. आजादी के कई दशक बाद भी भारत की यही छवि बनाई गई. प्रधानमंत्री मोदी ने रायबरेली में प्रियंका गांधी के सांप के साथ खेलने की तरफ इशारा करते हुए यह बात कही. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'वो ये भूल रहे हैं कि भारत अब स्नेक से आगे बढ़कर अब माउस कर आगे बढ़ रहा है. अब वो स्नेक चार्मर(सपेरा) नहीं है. माउस चार्मर है. अब वो कंप्यूटर का माउस चलाता है.' उन्होंने कहा कि, 'कामगारों का अपमान करने में नामदार को बड़ा आनंद आता है. ये गरीब को, मेहनत करने वाले को उसकी हैसियत दिखाने से कभी नहीं चूकते हैं. बाल काटने वाला हो, चौकीदार या चाय वाला हो, हर कोई कड़ी मेहनत करता है. वो ऐसे नामदार की कृपा का मोहताज नहीं है.' असल में, चुनावी आपाधापी के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को अपनी मां सोनिया गांधी के लोकसभा चुनाव क्षेत्र रायबरेली में सपेरों की बस्ती में पहुंचीं और एक सांप को अपने हाथों से पकड़ लिया. प्रियंका चुनाव प्रचार के लिए बेलावेला गांव जा रही थीं तभी रास्ते में कुचरिया गांव में सपेरों की बस्ती में पहुंच गईं और उनसे काफी देर तक बातचीत की. उसी दौरान उनका चुनाव प्रचार कवर कर रहे फोटो पत्रकारों को यह हैरतंगेज नजारा देखने को मिला. गांव में सपेरों से बातचीत के दौरान उन्होंने न केवल एक सांप को पकड़ा बल्कि उसके साथ कुछ देर खेलती भी रहीं. जब भीड़ में से किसी ने उनसे सावधान रहने को कहा तो उन्होंने कहा कि 'कुछ नहीं होगा सब ठीक है.' बाद में प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी मां सोनिया गांधी के लिए वोट मांगे. प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को प्रियंका गांधी के रायबरेली में सांप से खेलने और वोट मांगने को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि भारत अब सपेरों का नहीं बल्कि कंप्यूटर का माउस चलाने वाला देश बन गया है. इसी दौरान मोदी ने यह भी कहा कि भारत की गूंज आज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है. जब देश में मजबूत सरकार होती है तब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे मजबूत फैसले लिए जाते हैं. मोदी ने राजस्थान की सभी 25 सीटों पर फिर से कमल खिलने का दावा किया.
सतना। बजरंग दल की सक्रियता से पुलिस के हत्थे चढ़े अपहरण, रेप और धर्म परिवर्तन करवाने के आरोपियों को बुधवार की सुबह बिलासपुर पुलिस अपने साथ ले गई। बिलासपुर की रहने वाली एक गरीब आदिवासी बालिका का आजाद खां नामक युवक पिछले दस महीनों से लगातार शारीरिक शोषण कर रहा था। अब वह अपने मौसा और बैकुंठपुर रीवा निवासी एक मौलवी के साथ मिलकर धर्म परिवर्तन करवाने की तैयारी कर रहा था ताकि उससे निकाह कर सके। हालांकि इससे पहले ही बजरंग दल के जिला संयोजक महेश तिवारी की सक्रियता से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस द्वारा लड़की को कब्जे में ले लिया गया। बताया जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ बिलासपुर के गौरेला थाने में अपहरण का केस धारा 363 के तहत दर्ज किया गया था। लड़की का पिता जिसने एक दिन गुस्से में उसे पूरे गांव के सामने मारा था, लड़की के न मिलने पर उसने 14 दिसंबर 2016 को अपहरण का केस दर्ज करवाया था। तब पिता की मारपीट से अपमानित लड़की घर छोड़कर स्टेशन चली गई थी जहां उसकी मुलाकात कैमोर जिला कटनी निवासी आजाद उर्फ शेख सलीम से हुई। आजाद ने लड़की को बहला फुसला कर दस माह तक जबरिया शारीरिक संबंध बनाए। बताया जा रहा है कि पूर्व नियोजित प्लानिंग के तहत ही युवक लड़की को लेकर मैहर आया था। यहां पिपरा गांव में रह रहे मौसा को साथ लेकर वह जल्द से जल्द उससे निकाह करना चाहता था। मैहर के जिस मकान में किरायेदार के तौर पर वह रह रहा था वहां भी उसने अपनी पहचान छिपाते हुए मकान मालिक को जितेंद्र नाम और लड़की को अपनी बीवी बताया था। उसने लड़की को कैमोर, जबलपुर इत्यादि कई शहरों में रखा था। फिलहाल आरोपियों आजाद खान, मौलवी रिजवान खान और आजाद के मौसा मीरउद्दीन को लेकर बिलासपुर पुलिस रवाना हो गई।
बेलूर में संस्कृत पढ़ाएंगे मुस्लिम प्रोफेसर | | Sanmarg By Sanmarg Online | Updated: Fri, 22 November 2019,17:30 IST रमजान अली कोलकाता : कोलकाता के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक कॉलेज के संस्कृत विभाग में एक मुस्लिम व्यक्ति को सहायक प्राध्यापक के तौर पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति ऐसे समय में सामने आई है, जब उत्तर प्रदेश के काशी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संस्कृत के एक अध्यापक की धार्मिक पहचान पर विवाद खड़ा हो गया है। बेलूर के रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर में जिस मुस्‍लिम व्यक्‍ति को नियुक्त किया गया है उनका नाम रमजान अली है और उन्हें अध्यापन में 9 वर्ष का अनुभव है। वे इसके पहले उत्तर बंगाल के एक कॉलेज में पढ़ा चुके हैं। मेरी धार्मिक पहचान से कोई मतलब नहीं बेलूर कॉलेज में मंगलवार को अपने अध्यापन कार्य की शुरुआत करते हुए अली ने बताया कि छात्रों और संकाय सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वे इस स्वागत से अभिभूत हैं। मीडिया से बात करते हुए अली ने कहा कि कॉलेज के प्राचार्य स्वामी शास्त्राज्ञानदाजी महाराज तथा अन्य सभी ने मेरा स्वागत किया। महाराज ने स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं कि मेरी धार्मिक पहचान क्या है। यहां सिर्फ मेरी भाषा पर पकड़, उसे लेकर मेरा ज्ञान और इस ज्ञान को छात्रों के साथ साझा करने की मेरी क्षमता ही मायने रखती है।'' संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, इसके पठन-पाठन पर रोक कैसे? बीएचयू में धार्मिक पहचान को लेकर जारी विवाद पर जब अलि से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि संस्कृत भारत की समावेशी प्रवृत्ति, समृद्ध परंपरा को परिलक्षित करती है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। कोई भी व्यक्ति दूसरे धर्म के लोगों को संस्कृत के पठन-पाठन से कैसे रोक सकता है?'' बीएचयू में प्राध्यापक के समर्थन में हैं अधिकारी उल्लेखनीय है कि बीएचयू के संस्कृत विभाग में एक मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति को लेकर विवाद जारी है। विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों द्वारा फिरोज खान नाम के व्यक्ति को सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्त करने का विरोध किया जा रहा हैै। हालांकि, बीएचयू के अधिकारी उनके (खान के) समर्थन में हैं फिर भी वे नियुक्ति के बाद अभी तक अध्यापन शुरू नहीं कर पाए हैं। पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर में संस्कृत विभाग के एक छात्र का कहना है कि किसी भी शिक्षक की धार्मिक पहचान पर सवाल उठाना उचित नहीं। फिलहाल, इस विषय पर कॉलेज के प्राचार्य से संपर्क नहीं किया जा सका। चिप्पी कॉलेज के प्राचार्य स्वामी शास्त्राज्ञानदाजी महाराज बेलूर रमजान अली संस्कृत पढ़ाएंगे मुस्लिम प्रोफेसर
सियोल दक्षिण कोरिया के महापौर ने उपस्थिति की पुष्टि की ब्लॉकचेन सम्मेलन .... | समाचार | क्रिप्टो न्यूज लाइव, ब्रेकिंग, रियल टाइम में ... सियोल दक्षिण कोरिया के मेयर ने पुष्टि की ब्लॉकचेन सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि…। सिलिकॉन वैली न्यूज़रूम दिसम्बर 20 ग्लोबल क्रिप्टो प्रेस चेन्सर्स साउथ कोरिया के साथ एक आधिकारिक मीडिया पार्टनर है - दुनिया के सबसे लोकप्रिय ब्लॉकचेन और क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेश बाजार में से एक के रूप में, दक्षिण कोरिया में क्रिप्टो निवेश के लिए उच्च स्तर का उत्साह है, बड़ी कंपनियां सक्रिय रूप से ब्लॉकचेन ट्रैक तैनात कर रही हैं, और यहां तक ​​कि कोरियाई सरकार भी अच्छी खबर जारी करना जारी रखती है - नीति ब्लॉकचैन के विकास में सबसे महत्वपूर्ण कारक कोरियाई सरकार से हरी बत्ती मिली। कॉइनटेक्ग्राफ के अनुसार, सियोल के मेयर पार्क वोन-सू ने अक्टूबर 2018 में "ब्लॉक सिटी सियोल सिटी प्लान" लॉन्च किया था। इस योजना से पता चलता है कि 2022 तक, सियोल सिटी उत्कृष्ट चंचल परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से खेती करने के लिए ब्लॉकचैन उद्योग निधि के रूप में लगभग 100 मिलियन डॉलर स्थापित करेगी। उच्च तकनीक को बढ़ावा देना, और ब्लॉकचेन उद्योग के लिए दो जिलों के निर्माण के लिए गैपो डिजिटल इनोवेशन पार्क और मेपो वेंचर सेंटर में 53 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की योजना है, जहां 200 उच्च गुणवत्ता वाली ब्लॉकचेन परियोजनाओं का समर्थन है और कोरिया में स्थानीय उद्योग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना है। हाल ही में, सियोल के महापौर के रूप में, पार्क वोन ने जल्द ही CHAIN ​​PLUS + 2019 ब्लॉकचेन शिखर सम्मेलन में एक मुख्य भाषण देने की पुष्टि की, जो 23-24 जनवरी, जनवरी को आयोजित किया जाएगा और सह-संगठित MTN (मनी टुडे नेटवर्क इंक) और चेनर्स, क्रमशः दक्षिण कोरिया के व्यापार और आर्थिक मीडिया समूह के रूप में और दक्षिण कोरिया में ब्लॉकचेन त्वरक के शीर्ष पर। इसके अलावा, चेनर्स भी बहुत सारी खुशखबरी लेकर आए! 1, दक्षिण कोरिया की सरकार ने नई उच्च-गुणवत्ता वाली ब्लॉकचेन परियोजनाओं और कंपनियों को पेश करने के लिए दो ब्लॉकचेन ऊष्मायन केंद्रों की स्थापना करने की तैयारी कर रही है, जो दक्षिण कोरिया में अपना व्यवसाय विकसित करना चाहते हैं और अपने लक्ष्य के साथ एक बेहतर इको-सिस्टम विकसित करना चाहते हैं। ब्लॉकचेन उद्योग के साथ-साथ दक्षिण कोरिया में नई गुणवत्ता वाली नौकरियों का सृजन करने के लिए। इस बीच, चेनर्स भावी ब्लॉकचेन परियोजनाओं की जांच, समीक्षा और सिफारिश करने के लिए नामित संगठनों में से एक होंगे, जो सरकार में संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। 2, प्रोफेसर पार्क, कोरिया में सोगैंग विश्वविद्यालय से कोरिया ब्लॉकचैन एसोसिएशन (एकमात्र आधिकारिक कोरियाई ब्लॉकचेन एसोसिएशन) के अध्यक्ष होंगे और अगले साल की शुरुआत से चेनर्स के लिए एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम करेंगे। 3, कोरियाई सांसद "पार्क जू-सूरज" ने विधायी प्रस्ताव के उद्देश्य के लिए सिर्फ 16 सरकारी सदस्यों की एक समिति की सफलतापूर्वक स्थापना की है, इसमें कोरियाई सरकार के संबंधित विभाग के ब्लॉकचेन संबंधित कानूनों का प्रस्ताव करने का प्राधिकार होगा। जबकि विजन क्रिएटर (मूल कंपनी) कोरिया में चेनर्स) वर्तमान में कोरिया में अपने स्वयं के एसटीओ एक्सचेंज को लागू करने की तैयारी कर रहा है, पार्क जू-सूरज की यह समिति एसटीओ एक्सचेंज में हमारा रणनीतिक साझेदार होगी। 4, जुंग जू-योंग (पेरी जंग), चैनर्स के अध्यक्ष दशकों से कोरिया में पारंपरिक वित्तीय और प्रतिभूति उद्योग में गहराई से शामिल हैं, और आईपीओ नियमों और अनुपालन प्रक्रिया के विशेषज्ञ हैं। कोरिया में संभावित ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट्स / कंपनियों को बाजार और क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेशकों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए, और उन्हें कोरिया में गो-टू-मार्केट रणनीति विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए, चेनर्स नियमित रूप से चीन में कई अलग-अलग स्थानों में मीट-अप धारण कर रहे हैं। 5, चेनर्स वर्तमान में एक शीर्ष पारंपरिक प्रतिभूति कंपनी के साथ काम कर रहे हैं जिसने हांगकांग में पांच वित्तीय लाइसेंस प्राप्त किए हैं, और साथ ही कोरियाई वित्तीय लाइसेंस की भी तैयारी कर रहे हैं। इसकी सुविधा के साथ, चैनर्स कोरिया में ICO / STO करने के लिए बेहतर सपोर्ट प्रोजेक्ट होंगे। CHAIN ​​PLUS + 2019 ब्लॉकचेन समिट (23 वीं -24 वीं, सियोल में 2019 जनवरी) मुख्य रूप से "ब्लॉकचेन एम्पावरमेंट इकोनॉमी इकोनॉमी" विषय पर केंद्रित होगा और इसे विभिन्न उद्योगों जैसे कि आर्थिक और वित्त, खेल और सैमसंग और हनवा समूह जैसे पारंपरिक ब्रिटिश समूह द्वारा समर्थित किया जाएगा। । अपनी विभिन्न हाईलिजीट्स और प्रमुख विशेषताओं के साथ, चेन प्लस + ​​2019 सभी हितधारकों के साथ-साथ उद्योग के संसाधनों को एकीकृत करने और हाल के भालू बाजार में भी ब्लॉकचैन उद्योग में नई ऊर्जा को इंजेक्ट करने के लिए महान मूल्यों को लाएगा।
other: Latest other News & Updates, other Photos & Images, other Videos | Navbharat Times 'लोकतंत्र के शत्रु' दूसरों के विचारों का विरोध करते हैं : साहित्यकार डेबरितो औरंगाबाद, 17 अक्टूबर (भाषा) जानेमाने लेखक फादर फ्रांसिस डेबरितो का कहना है कि जो लोग दूसरों के विचारों और स्वतंत्रता का विरोध करते हैं वह लोकतंत्र के शत्रु होते हैं। डेबरितो आगामी मराठी साहित्य सम्मेलन के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि पीछे की ओर ले जाने की मानसिकता रखने वाली ताकतों को हमेशा से विचारकों और लेखकों का डर सताता है। डेबरितो ने बुधवार को यहां कहा कि ऐसी ताकतों से निपटने के लिए, समान सोच वाले लोगों को साथ आना चाहिए और अपने आप को व्यक्त करते रहना चाहिए। जो लोग दूसरों की सोच और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विरोध दूसरों को जीताने आए अपनों के नेता - हर दिन 20 लोगों से मिलने का दिया गया है लक्ष्य NavinPandey@Timesgroup... बस हादसे में किशोर की मौत, चार अन्य घायल औरंगाबाद, छह अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रविवार को एक निजी बस की टक्कर में एक किशोर की मौत हो गयी जबकि चार अन्य घायल हो गए । पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी । पुलिस ने बताया कि मरने वाले किशोर की पहचान अनिकेत कालावाने (17) के रूप में की गयी है । पुलिस ने बताया कि अनिकेत घटना में घायल चार अन्य किशोरों के साथ मंदिर जा रहा था कि यह हादसा हुआ । उद्धव ने ओबीसी और अन्य समुदायों को न्याय दिलाने का वादा किया Oct 05, 2019, 05.00 PM मुंबई, पांच अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिये जाने के चलते अपनी पार्टी के अंदर बगावत का सामना कर रहे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने ओबीसी एवं अन्य समुदाय के नेताओं से मुलाकात करने के बाद शनिवार को बागियों की आलोचना की। विभिन्न पिछड़े समुदायों एवं घुमंतू जनजातियों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगें सामने रखने के लिए बांद्रा के एक सभागार में ठाकरे से मुलाकात की। राज्य में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होना है। बैठक के बाद संवादाताओं से बातचीत में ठाकरे ने कहा कि इन प्रतिनिधियों ने उनसे कहा कि वे माली में एक शांतिरक्षक की मौत, चार अन्य घायल : संयुक्त राष्ट्र Oct 07, 2019, 12.50 AM बमाको, छह अक्टूबर (एएफपी) माली के संघर्षग्रस्त पूर्वोत्तर इलाके में सड़क किनारे लगे बम की चपेट में आकर रविवार को एक शांतिरक्षक की मौत हो गयी जबकि चार अन्य घायल हो गए। संयुक्त राष्ट्र मिशन एमआईएनयूएसएमए ने उक्त जानकारी दी। प्रवक्ता ओलिवर सालगादो ने ट्वीट किया कि घटना के वक्त शांतिरक्षक एग्युलहोक कस्बे में गश्त लगा रहे थे। एएफपी अर्पणा नीरजनीरज
न्यूजीलैंड की स्टार सोफी डिवाइन बनीं WBBL में 100 छक्के जड़ने वाली पहली खिलाड़ी/New Zealand star Sophie Devine becomes first player to hit 100 sixes in WBBL न्यूजीलैंड की ऑलराउंडर स्टार खिलाड़ी सोफी डिवाइन (Sophie Devine) महिला बिग बैश लीग (Women's Big Bash League) में 100 छक्कों का आंकड़ा पूरा करने वाली पहली क्रिकेटर बन गई हैं. News18 Hindi | November 15, 2020, 1:27 PM IST न्यूजीलैंड की ऑलराउंडर स्टार खिलाड़ी सोफी डिवाइन (Sophie Devine) महिला बिग बैश लीग (Womens Big Bash League) में 100 छक्कों का आंकड़ा पूरा करने वाली पहली क्रिकेटर बन गई हैं. (Sophie Devine/Instagram) सोफी डिवाइन ने यह कारनामा शनिवार को स्पॉटलेस स्टेडियम में मेलबर्न रेनेगेड्स टीम टीम के खिलाफ हासिल किया. सोफी ने इस मैच में नाबाद 77 रनों की पारी खेली और पर्थ स्कॉर्चर्स को नौ विकेट से जीत दिलाई. (Perth Scorchers/Instagram) पर्थ स्कॉर्चर्स ने 31 गेंद बाकी रहते हुए इस मैच को जीत लिया. अपनी पारी के दौरान सोफ डिवाइन ने तीन छक्के जड़े. इसी के साथ महिला बिग बैश लीग में वह 100 छक्कों का आंकड़ा पार करने वाली पहली खिलाड़ी बन गईं. (Sophie Devine/Instagram) दाएं हाथ ही सोफी डिवाइन ने महिला बिग बैश लीग में अबतक 74 मैच खेले हैं और अबतक उनके नाम 101 छक्के दर्ज हैं. उन्होंने महिला बिग बैश लीग में 39.88 की औसत से 2,433 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका अधिकतम स्कोर नाबाद 103 रन रहा है. (Sophie Devine/Instagram) महिला बिग बैश लीग में सोफी डिवाइन अबतक 15 बार पचास रनों से ज्यादा का स्कोर बना चुकी हैं. इसके अलावा उन्होंने इस टूर्नामेंच में दो शतक भी जड़े हैं. (Sophie Devine/Instagram) सिडनी सिक्सर की एश्लीग गार्डनर महिला बिग बैश लीग में छक्के जड़ने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं. उन्होंने अबतक 63 छक्के जड़े हैं. वहीं, इस लिस्ट में 48 छक्कों के साथ एलिसा हीली हैं, जो सिडनी सिक्सर के लिए खेलती हैं. (Ashleigh Gardner Alyssa Healy/Instagram)
ट्विटर ने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा चेतावनी जारी करते हुए उन्हें तुरंत ऐप अपडेट करने के लिए कहा - Natural News ट्विटर ने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा चेतावनी जारी करते हुए उन्हें तुरंत ऐप अपडेट करने के लिए कहा आपकी जानकारी के लिए सबसे पहले हम आपको बताना चाह रहे हैं कि माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर एक सुरक्षा संदेश के माध्यम से अपने एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं को सतर्क कर रहा है। कई उपयोगकर्ताओं को ट्विटर ऐप को तुरंत अपडेट करने के लिए कहा गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ट्विटर ने एंड्रॉइड ऐप में एक प्रमुख सुरक्षा प्रवाह का पता लगाया है। इस त्रुटि के कारण Android 8 और Android 9 उपयोगकर्ता प्रभावित हुए थे। उपयोगकर्ताओं के निजी संदेश (डीएम) साइट पर पाए गए बग की मदद से उजागर किए जा रहे थे। हालांकि, ट्विटर का दावा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि दोष का शोषण किया गया है और यह समय में पता चला है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट के अनुसार, बग को अक्टूबर 2018 में जारी किया गया था, लेकिन कई उपयोगकर्ताओं को अभी भी अपने ऐप को अपडेट करने की आवश्यकता है। उपयोगकर्ताओं को चेतावनी मिली ट्विटर ने बताया है कि कंपनी पहले ही बग को ठीक कर चुकी है और तब से उपयोगकर्ताओं को चेतावनी जारी कर रही है। ऐसे मामलों में, उपयोगकर्ताओं को अपने ऐप को तुरंत अपडेट करने की सलाह दी जाती है। बग बाउंटी पार्टनर HacekerOne की मदद से कंपनी की खामी का पता चला। अधिकांश उपयोगकर्ता इस बग के साथ सुरक्षित हैं, बाकी के लिए एक सूचना भेजी गई है। इंस्टेंट अपडेट ऐप यह पता चला है कि लगभग 4% ट्विटर उपयोगकर्ता इससे प्रभावित हुए हैं और केवल इनको प्लेटफॉर्म द्वारा सुरक्षा सूचनाएं भेजी जा रही हैं। इन उपयोगकर्ताओं को ऐप खोलने पर एक पॉप-अप अलर्ट दिखाई देगा, जो उन्हें ऐप को अपडेट करने की सलाह देता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने ट्विटर ऐप को नवीनतम संस्करण में अपडेट करें, जिसे ठीक कर दिया गया है।
विजय कहते हैं कि सरकारी कामकाज में चीन बाइनरी विकल्प दलाल समर्थन और व्यापारियों के लिए सेवा की समीक्षा के सीसीटीवी से लेकर रेलवे परियोजना, हाइवे, न्यूक्लियर प्लांट, टेक्सटाइल, दवाइयाँ जैसे कई सामान का इस्तेमाल होता है। how to make money online in hindi? ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए – इंटरनेट से पैसे कमाने के तरीके? अगर आप भी घर बैठे ऑनलाइन इंटरनेट से पैसे कमाने का तरीका ढूंढ रहे हो तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत हेल्पफुल हो सकता है, क्युकी आज इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा की घर बैठे ऑनलाइन इंटरनेट से पैसे कैसे कमाए? ऑनलाइन इंटरनेट से पैसे कमाने के कुछ बढ़िया तरिके। (Online Paise Kaise Kamaye? Internet Se Paise Kamane Ke Tarike In Hindi 2020)। यदि आप एक डीमेट अकाउंट होल्डर है तो विभिन्न फॉर्म्स में securities के conversion का कार्य बेहद आसान हो जाता है! उदाहरण के तौर पर आप अपने फिजिकल शेयर्स को आसानी से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में कन्वर्ट कर सकते हैं, और इसी प्रकार यदि आपको आवश्यकता पड़ती है तो आप सिक्योरिटीज के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को जब चाहे फिजिकल पेपर में भी कन्वर्ट कर सकते हैं, जोकि डीमेट अकाउंट में फि गई एक सुविधा होती है। यदि आप इन सभी नियमों का पालन करते हैं, तो आप उपज के नुकसान के बिना भूखंड पर जमीन के हर टुकड़े का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। फूल ज्यादा जगह नहीं लेते हैं, आराम पैदा करते हैं और भूमि को बेहतर बनाने बाइनरी विकल्प दलाल समर्थन और व्यापारियों के लिए सेवा की समीक्षा में मदद करते हैं। बेशक, कीमत के रूप में, और मूल्य चैनल दिशा बदल सकता है - बढ़ती कीमत आंदोलन अवरोही मूल्य चैनल आता है, और इसके विपरीत। नीचे अवरोही मूल्य चैनल का एक उदाहरण है। आप हवाई अड्डे पर या फ्रैंकफर्ट सेंट्रल स्टेशन पर हीडलबर्ग के लिए बस पकड़ सकते हैं। पहली बस सुबह 04:45 बजे शुरू होती है, सबसे आखिरी में 0.25 बजे हवाई अड्डे से रवाना होती है। उड़ानें विभिन्न कंपनियों द्वारा संचालित की जाती हैं, जिनमें शामिल हैं, पोस्टबस, बर्लिनीबेनबस और अन्य। यात्रा का समय - 1.5 घंटे से 1 घंटे 50 मिनट तक। उदाहरण के लिए, ऐसी आवश्यकता किसी भी समय उत्पन्न होती है मरम्मत का काम, बाइनरी विकल्प दलाल समर्थन और व्यापारियों के लिए सेवा की समीक्षा और इस मामले में, उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, अग्रिम में ड्राइवरों को सूचित करना बेहद महत्वपूर्ण है - आगे सड़क का एक खतरनाक खंड है! एक वाहन को मापदंडों के संदर्भ में मजबूत माना जाता है यदि सिस्टम मापदंडों (10-20% के भीतर) में एक छोटा परिवर्तन घातक परिणाम नहीं देता है। दूसरे शब्दों में, यदि आपने अपने सिस्टम में चलती औसत की अवधि को 24 से 20 तक बदल दिया है और यह जमा को लीक कर दिया है, तो इसे मापदंडों के संदर्भ में मजबूत नहीं माना जा सकता है। इस सेवा के संचालन के सिद्धांत को समझने के लिए, एक पट्टे के आधार पर संपत्ति का अधिग्रहण कैसे करें, इस पर विचार करें। हालाँकि, बाइनरी विकल्प दलाल समर्थन और व्यापारियों के लिए सेवा की समीक्षा आपको कुछ सूक्ष्मताओं और बारीकियों को जानने की आवश्यकता है। दुनिया आपके जैसे अधिक लोगों का उपयोग कर सकती है।यह बाइनरी विकल्प दलाल समर्थन और व्यापारियों के लिए सेवा की समीक्षा निश्चित रूप से एक बेहतर जगह होगी।मैं सही नहीं हूँ और तुम भी नहीं हो,लेकिन हम एक-दूसरे से प्यार करते हैं। साठ के दशक में हरित क्रांति के महनायकों के तौर पर उभरा पंजाब आज किसानों की क़ब्रगाह में क्यों तब्दील हो चुका है? ख़ुशहाली और समृद्धि के प्रतीक के तौर पर पहचाने जाने वाले इस राज्य में आज मौत का सन्नाटा क्यों पसरा पड़ा है? इन सब सवालों के जवाब ढूँढते हुए हम बरनाला ज़िले के भूटना गांव में रहने वाली 47 वर्षीय हरपाल कौर के घर पहुंचे। आपको चैनल आइकन अपलोड करना होगा जो आपका ब्रांड लोगो हो सकता है। बाद में, अपनी वेबसाइट और अन्य सोशल मीडिया खातों (अनुभाग के बारे में) के चैनल विवरण और लिंक जोड़ें।
CRM क्या है? - What is CRM in Hindi Full Detailed information in Hindi. HOME » CRM क्या है? – What is CRM in Hindi Full Detailed information in Hindi. हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉक Saphalzindagi.com में, आज का आर्टिकल एक ऐसे Topic के साथ हम आपके लिए लाए हैं, जो आप आपके व्यापार बढ़ाने में मदद तो करेगा ही साथ में तेजी से बढ़ने में भी मदद करेगा, यह Topic हैं CRM यानी कि Customer Relationship Management करना उनसे एक अच्छा संबंध बनाए रखना, बहुत सारे व्यापार ऐसे हैं, जो इसका प्रयोग करके अपने व्यवसाय को दिन-व-दिन बढ़ाते जा रहे हैं, उसी से मुझे भी लगा कि हम भी आपके लिए ऐसा आर्टिकल लाएं, जिसमें आपको इसकी पूरी जानकारी दें, इसलिए हम आपके लिए आज इस आर्टिकल हम इसमें आपको बताएंगे कि आखिर CRM क्या है in Hindi ? और इसका पूरा मतलब क्या होता है? सीआरएम के प्रकार क्या होते हैं? आप कैसे इसके प्रयोग से अपना व्यापार बढ़ा पाएंगे, इसलिए हम आपके लिए ये आर्टिकल लाए हैं, इसलिए आप हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़े जिससे कि आपको पूरी जानकारी मिले और पूरी जानकारी से आप अपने व्यापार में इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। CRM क्या है? – What is CRM in Hindi 1 CRM क्या है? – What is CRM in Hindi 1.1 CRM क्या है ? – CRM kya hai? 1.2 CRM का Full Form क्या है? 1.3 CRM Definition & CRM का असली मतलब क्या है ? 1.4 CRM Software के Types – 1.4.1 Operational (ऑपरेशनल) 1.5 Collaborative 1.6 Analytical (एनालिटिकल) 1.7 CRM Process – CRM की प्रक्रिया। 1.8 निष्कर्ष – Conclusion CRM क्या है ? – CRM kya hai? सीआरएम CRM क्या है? (What is CRM) CRM एक customer से एक अच्छा रिलेशन बनाए रखने का Software है, इस Software की मदद से आप अपने ग्राहक को अच्छे तरीके से manage कर पाएंगे, Customer आपसे Product तो खरीद लेता है, उसके बाद Customer आप से अलग ना हो आप से हमें जुड़ा रहे, उसके लिए ये Customer से Relationship से बनाए रखने के लिए इस Software का इस्तमाल किया जाता है। इस Management Software के इस्तेमाल से व्यापार अपने ग्राहक से जुड़े रहते हैं, उनसे बातचीत करते हैं, उन्हें अपने नए Offer और नए Product की जानकारी देते है, ये ग्राहक का नाम, नंबर, ईमेल, एड्रेस, कुछ सामान्य चीजों से उनकी पूरी जानकारी आ जाती है, तो व्यापार करने में और उसकी योजना बनाने में और ज्यादा मदद मिलती है। Customer relationship management Software में आप ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों की जानकारी को इकट्ठा करके, अपने कंप्यूटर में रख पाएंगे, जिससे कि आप अपने कस्टमर से और भी अच्छा रिलेशन बनाए रखने में सक्षम रहेंगे, Customer अगर आपसे जुड़ा रहे, तो आप उसको नए-नए ऑफर और नई नई चीजों के बारे में Inform करते रहेंगे, और इस Information के जरिए, वह Customer आपके पास दोबारा आएगा। CRM का Full Form क्या है? सीआरएम CRM का Full Form क्या है? CRM का Full Form – Customer Relationship Management होता है यानी की ग्राहक संबंध प्रबंधन होता है। CRM Definition & CRM का असली मतलब क्या है ? सीआरएम CRM यानी कि Customer से एक संबंध बनाए रखना, आपके पास Customer का पूरा लेखा-जोखा होना ही CRM का असली मतलब होता है, ये CRM जोकि एक Software है, उसी Software में आपके कस्टमर का पूरा लेखा-जोखा रहता है, इसके प्रयोग से आप अपने व्यवसाय को और भी अच्छे ढंग से चला सकते हैं, इसका प्रयोग आपकी बिजनेस रणनीति बनाने में ज्यादा इस्तेमाल होता है, CRM Software के Types – Operational (ऑपरेशनल) Analytical (एनालिटिकल) CRM से आप अपने व्यवसाय को Autopilot मोड पर चला सकते हो इससे आपका Business ज्यादा Leads Generate करके Business में इजाफा ला पाएंगे, और Operational CRM Software से आप अपने काम को पुरे विबास्थित रूप से पाएंगे, इसमें Customers की जानकारी को एकत्रित करके उन्हें Automation Service, Sales, Marketing इत्यादि रूप से कर पाएंगे, इसमें आप Company और Brand से हाथ मिला कर अपनी Services को एक साथ काम करके Customer को ज्यादा Value Provide करा सकेंगे, इस Collaborative प्रक्रिया में, दो या दो से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़कर उनके बिजनेस के द्वारा आप Customer को अपनी Services और इसके अलावा उन लोगों की Services को भी Provide करवा पाएंगे, Analytical की प्रक्रिया में आप CRM Software को अपने Customer का एक अच्छा लेखा-जोखा रख पाएंगे, आप अपने Customer को देख पाएंगे, कि हमारी किस तरह की Audience है और क्या खरीद रही है, हमसे कितने लोग प्रोडक्ट खरीद रहे है और कितने लोग हमारे पास आ रहे हैं, इससे आपको अपनी Sales होगी बढ़ने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी, इसमें आपके खरीददारों का Organize Format में रहता है और आपको इसका इस्तेमाल व्यापार में इजाफा दिलाता है। CRM Process – CRM की प्रक्रिया। CRM करना एक तरह का Process है, इसमें आप Software का इस्तेमाल करके, अपने Customer के Data को और उनके Interest को अच्छी जानकारी लेकर के आप ज्यादा से ज्यादा Sales तक पहुंच पाएंगे, आमतौर पर इसका इस्तेमाल लोकल बिजनेस में बहुत ही कम होता है, क्युकी उन्हें इसकी जानकारी नहीं रहती है, क्योंकि Local Business छोटे आकार पर किए जाते हैं, और उनकी Audience भी बहुत छोटी रहती है, इसको बड़े स्तर पर इस्तेमाल करने से आपके व्यापार में बहुत ही अच्छा इजाफा देखने को मिलता, इससे आपकी Sales काफी हद तक बढ़ जाती हैं, CRM अपनी Team की मदद से अपने प्रोडक्ट की वैल्यू बड़ता है, और सेल्स टीम को Customer तक जाने में और अपने प्रोडक्ट को पहुंचाने में बहुत ही आसानी होती है, इसलिए इस दौर में कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट रखना व्यापार में एक बहुत ही जरूरी काम रहता है। ये समय जो इतना डिजिटल होता जा रहा है, उतने ही व्यवसाय चलाने की डिजिटल तरीके ढूंढते आ रहा है, और उन्हीं तरीकों में से एक CRM है, जो कि व्यवसाय को व्यवस्थित तरीके से ना सिर्फ चलता है, बल्कि हमारे कस्टमर का पूरे व्यवस्थित तरीके से लेखा-जोखा रखता है, CRM Software में पूरा Database सेव करके आप ना सिर्फ व्यापार को चला पाएंगे बल्कि उसमें आप इजाफा भी देखेंगे, CRM के इस्तेमाल से आपका व्यवसाय जल्दी बढ़ने में मदद करता है, इससे आप अपने Audience को और Attract कर पाएंगे। CRM के बारे में और जाने- Note: आपको CRM क्या है in Hindi ? इसके बारे में जानकर कैसा लगा ये Comment Box में जरूर बताएं, और ऐसे ही आर्टिकल के लिए हमे Subscribe करें।
लखनऊ की हार से रोमांचक हुआ प्लेऑफ का दौड़ | The Rajdharma Home Sports लखनऊ की हार से रोमांचक हुआ प्लेऑफ का दौड़ इस आईपीएल में अगर दो टीमों को छोड़ दे तो और बाकी टीमें अभी भी प्लेऑफ की दौड़ में बनी हुई है। मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स दो टीमें है जो पहले ही प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी हैं। राजस्थान रॉयल्स ने प्लेऑफ में तो जाने की उम्मीदें जिंदा रखी ही है साथ ही साथ टॉप-2 में भी पहुंचने की अपनी उम्मीद को बरकरार रखा है। राजस्थान की टीम ने आईपीएल 2022 के 63वें मुकाबले में लखनऊ सुपर जायंट्स को 24 रन से हरा दिया। यह राजस्थान की टीम का 13 मैचों में 8वीं जीत है। लखनऊ ने भी अब तक 13 में से 8 मैच जीते हैं। दोनो के अंक बराबर है और दोनो में से कोई एक टीम टॉप 2 में पहुंचेंगी। अंतिम मैच के बाद नंबर-2 टीम पर फैसला होगा। यह इसलिए भी अहम हो जाता है, क्योंकि नंबर 1 और 2 टीम को फाइनल में पहुंचने का 2 मौका मिलता है। इस मैच में राजस्थान रॉयल्स की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुुए 6 विकेट पर 178 रन बनाए। युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल ने सबसे अधिक 41 रन बनाए। जवाब में लखनऊ की टीम 8 विकेट पर 154 रन ही बना सकी। लखनऊ की टीम टेबल में दूसरे से तीसरे पर और राजस्थान की टीम तीसरे से दूसरे नंबर पर आ गई है। गुजरात टाइटंस की टीम 20 अंक के साथ टॉप पर अभी भी बनी हुई है,बल्कि गुजरात की टीम टॉप 2 में अपनी जगह भी पक्की कर ली है। पहले बल्लेबाजी करने उतरी राजस्थान की टीम का शुरूआत अच्छा नही रहा और ऑरेंज कप होल्डर जोश बटलर जल्दी ही आउट हो गए, बटलर ने 6 गेंदों पर 2 रन बनाय और आयुष बडोनी के शिकार हुए। उसके बाद कप्तान सैमसन और जायसवाल के बीच एक अच्छी साझेदारी हुई। दोनो ने हर तरफ रन बनाय। लेकिन जब टीम का स्कोर 75 पर पहुंचा तभी कप्तान संजू सैमसन आउट हो गए। उन्होंने जाने के पहले 24 गेंदों में 32 रनों की पारी खेली जिसमे 6 चौके शामिल थे। सैमसन को होल्डर ने अपना शिकार बनाया। सैमसन के आउट होने के बाद पाडिकल क्रीज पर आय और उन्होंने भी अच्छे शॉट्स खेलने शुरू किए। जब जयशवाल और पाडिकल खेल रहे थे तब लग रहा था स्कोर 200 के पार जाएगा लेकिन जयसवाल आउट हो गए और राजस्थान को सबसे बड़ा झटका उन्ही के रूप ने लगा क्योंकि वो जम चुके थे और सभी गेंदबाजों की बराबर खबर ले रहे थे। उन्होंने 29 गेंदों में 41 रनो की शानदार पारी खेली जिसमे 6 चौके और 1 छक्का शामिल था। जयसवाल को आयुष बडोनी ने अपना शिकार बनाया। उसके बाद के बाकी बैटर आय और छोटी पारी खेल कर चले गए उसी कड़ी में रियान पराग 16 गेंदों में 19 रन, फिर नीशम 12 गेंदों में 14 रन, अश्विन ने भी 7 गेंदों में 10 रन बनाय। वही बोल्ट ने ताबड़तोड़ 9 गेंदों में 17 रन ठोक दिए। इन सभी के परियों के बदौलत राजस्थान रॉयल्स के टीम का स्कोर पहुंचा 6 विकेट पर 178 रन। उधर लखनऊ की टीम की ओर से 8 बॉलरों ने बॉल कराई। जिसमे सबसे सफल रवि बिश्नोई रहे जिन्होंने अपने 4 ओवर के कोटे से 31 रन खर्च करके 2 विकेट झटके। वही आवेश खान,होल्डर और बडोनी को 1-1 विकेट से ही संतुष्ट होना पड़ा। लखनऊ की पारी 179 रनो के लक्ष्य का पीछा करने उतरी लखनऊ की शुरुआत बहुत ही खराब रहा और ओपनर डिकॉक ज्यादा देर तक नही टिक सके। जब लखनऊ की टीम का स्कोर 15 रन था तभी वो आउट हो गए। डिकॉक ने जाने से पहले 8 गेंदों में 7 रन की छोटी पारी खेली। उसके बाद बैटिंग करने उतरे आयुष बडोनी पहली ही गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट करार दिए गए। उस समय भी टीम का स्कोर उतना ही था 15 रन। अब लखनऊ की टीम की स्थिति काफी खराब हो चुकी थी क्योंकि उसने दोनो इनफॉर्म बैटर को खो दिया था अब सारा दारोमदार कप्तान केएल राहुल पर था। लेकिन जब तक टीम 29 रन पर पहुंची तब राहुल भी आउट होकर चल दिए। अब लखनऊ की टीम पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी थी क्योंकि उसके 3 बल्लेबाज वापस पवेलियन जा चुके थे। अब सारी उम्मीदें कृणाल पांड्या और दीपक हुडा पर आ टिकी थी और दोनो ने साझेदारी करके प्रयास भी किया। दोनो ने एक अच्छी साझेदारी निभाई और स्कोर को 94 रन तक पहुंचाया। लेकिन उसी स्कोर पर कृणाल पांड्या आउट हो गए। उन्होंने 23 गेंदों में 25 रन बनाय और कही न कही हुड्डा के साथ मिलकर टीम को संभाला। हुड्डा अभी भी क्रीज पर थे। उनका साथ देने स्टोइनिश आय उन्होंने भी हाथ खोलना शुरू ही किया था की दीपक हुड्डा आउट होकर चलते बने। हुड्डा ने शानदार पारी खेली और 39 गेंदों पर 59 रन बनाय जिसमे 2 छक्के और 5 चौका शामिल था। अब जीत लखनऊ के हाथ से कही दूर जा चुकी थी। उधर अगर राजस्थान की बॉलिंग की बात करे तो बहुत अच्छी रही। तीन गेंदबाजों ने 2-2 विकेट लिए। 2 गेंदबाजी ने 1-1 विकेट आपस में बाट लिए। अब देखना ये है की आखिर लगातार 2 मैच हारने के बाद लखनऊ की टीम वापसी कैसे करती है क्योंकि लखनऊ एक समय पर टॉप पर नजर आ रही थी लेकिन 2 हार के बाद वो तीसरे स्थान पर खिसक गई है और राजस्थान दूसरे पर, गुजरात की टीम अभी भी नंबर 1 पर बनी हुई है। Previous articleHealth tips: बढ़ती गर्मी से बचे रहने के लिए अपनाएं इन नुस्खे को , मिलेगा झुलसा देने वाली गर्मी से राहत
KKR के बाद, सीएसके सबसे सुरक्षित फ्रेंचाइजी है जिसके लिए मैंने खेला : रॉबिन उथप्पा | I really enjoyed myself there and felt really secure in that group says Robin Uthappa - Hindi MyKhel » KKR के बाद, सीएसके सबसे सुरक्षित फ्रेंचाइजी है जिसके लिए मैंने खेला : रॉबिन उथप्पा KKR के बाद, सीएसके सबसे सुरक्षित फ्रेंचाइजी है जिसके लिए मैंने खेला : रॉबिन उथप्पा Published: Monday, October 11, 2021, 9:13 [IST] नई दिल्ली। रॉबिन उथप्पा ने दिल्ली कैपिटल्स को हराने के बाद कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए वह बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कई स्थापित सितारों की मौजूदगी के कारण उथप्पा को सीएसके की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल पा रही थी। लेकिन एक बार जब वह प्लेइंग इलेवन में पहुंचे तो उन्होंने दोनों हाथों से मौके का फायदा उठाया। 10 अक्टूबर को उन्होंने क्वालिफायर 1 में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ अपने सारे अनुभव को सामने लाया। उन्होंने सात चौकों और दो छक्कों की मदद से 44 गेंदों में 63 रनों की पारी खेली, जिससे उनकी टीम को 15 अक्टूबर को होने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में मदद मिली। सीएसके की सराहना करने के अलावा, उथप्पा ने कोलकाता नाइट राइडर्स की भी प्रशंसा की, जहां उन्होंने 2014 से 2019 तक गौतम गंभीर के नेतृत्व में खेला था। उथप्पा ने कहा कि उन्होंने महान खिलाड़ियों के साथ रहते हुए अपने करियर का आनंद लिया। यह भी पढ़ें- CSK फिर छा गया, एमएस धोनी बोले- मैंने टूर्नामेंट में बहुत कुछ नहीं किया उथप्पा ने मैच के बाद कहा, "मैं हमेशा यह मानता हूं कि यह सबसे सुरक्षित फ्रेंचाइजी में से एक है और हर कोई समूह के भीतर सुरक्षित महसूस करता है। केकेआर के बाद, जब गौतम कप्तान थे, मैंने वास्तव में वहां खुद का आनंद लिया और उस समूह में वास्तव में सुरक्षित महसूस किया लेकिन उसके बाद सीएसके सबसे सुरक्षित फ्रेंचाइजी है जिसके लिए मैंने खेला। मैंने थोड़ी देर में क्रिकेट खेलते हुए महसूस किया है।" 2014 में, उथप्पा ने ऑरेंज कैप भी जीती, जिस कारण गंभीर एंड कंपनी ने दूसरी बार आईपीएल ट्रॉफी जीती थी। उस सीजन में उथप्पा ने 44 की औसत से पांच अर्धशतकों की मदद से 660 रन बनाए थे। जहां तक ​​डीसी के खिलाफ उनकी पारी का सवाल है, उन्होंने इसे अपने बेटे नीले नोलन उथप्पा के चौथे जन्मदिन पर समर्पित किया। उथप्पा ने कहा, "खुशी है कि मैं योगदान देने में सक्षम था। आज मेरे बेटे का जन्मदिन है और यह उसके लिए है। जब मैं बल्लेबाजी के लिए निकला तो हमें पता था कि हमें एक अच्छी शुरुआत की जरूरत है, इसलिए मैंने गेंद पर प्रतिक्रिया करने और योग्यता के अनुसार खेलने की कोशिश की।" बता दें कि क्वालीफायर 1 में सीएसके ने डीसी को दो गेंद शेष रहते चार विकेट से हरा दिया। रुतुराज गायकवाड़ को 50 रन में पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 70 रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
बकरीद पर ईदी नहीं मिली तो गुस्से में बेटी ने मां को बताया नवाज शरीफ, कहा- आपने मेरा पैसा लूट लिया a pakistan girl not get eidi on bakrid quarrel with mom, watch pakistani girl viral video on eid ul adha बकरीद पर ईदी नहीं मिली तो गुस्से में बेटी ने मां को बताया नवाज शरीफ, कहा- आपने मेरा पैसा लूट लिया Published on: August 23, 2018 5:59 PM ईद उल अजहा यानी बकरीद के मौके पर पाकिस्तान का एक वीडियो फेसबुक व यूट्यूब पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें बच्ची को ईदी नहीं मिलने पर मां को सुनाते हुए कहती है कि उसकी मां पाक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और मरियम शरीफ की तरह हो गईं है जिन्होंने उसका पैसा लूट लिया. इस्लामाबाद. ईद उल अदहा यानी बकरीद के मौके पर घर पर आए मेहमान बच्चों को अक्सर ईदी देते हैं. यह परंपरा ठीक वैसी ही है जब दिवाली या किसी त्योहार पर हिंदू परिवारों में भी बच्चों को पैसे देना एक रिवाज सा बना हुआ है. इसी से जुड़ा पाकिस्तान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जो भारत में भी खूब पसंद किया जा रहा है. जिसमें एक 7-8 साल की बच्ची अपनी मां से ईदी के लिए बड़े क्यूट तरीके से बहस करती नजर आती हैं. यह वीडियो जहां एक तरफ दर्शकों को एंटरटेन करती है वहीं पाकिस्तान के राजनेताओं की पोल भी खोलती है. वीडियो में बच्ची झूले पर मुंह फुलाएं बैठी है और मां बच्ची से ईद के मौके पर काम में हाथ बांटने को कहती हैं लेकिन गुस्से में बेटी मां से जोर से कहती है कि वह कोई काम नहीं करेगी. वह चाहे तो अपने बेटे से काम करवाए जिसे रिश्तेदार ईदी देकर गए हैं. मां बच्ची को समझाते हुए कहती हैं कि भाई छोटा है और छोटे को ही पैसे दिए जाते हैं. ईदी न मिलने पर तमतमाई छोटी सी बच्ची मां से अपने पहले की मिली ईदी के पैसों का हिसाब मांगती है और कहती है कि मेरे पैसे दें जो उसे छोटे होने पर मिले थे. मां कहती है कि वह पैसे उन्होंने इस्तेमाल कर लिए. जिसके बाद बेटी बोलती है कि नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और मरियम शरीफ ने जैसे पाकिस्तान तो लूटा वैसे ही आपने मेरा पैसा लूट लिया. जिसके बाद मां कहती हैं कि तुम तो बड़ी सियासी होती जा रही हो. ठीक है तुम आराम से झूला झूलो. इस वीडियो को फेसबुक और यूट्यूब पर लाखों बार देखा जा चुका है.
ईमानदारी की मिसालः बस में मिला युवती को रुपयों से भरा बैग, वापस लौटाया - पर्दाफाश इंदौर। मध्यप्रदेश में एक युवती ने ईमानारी की बड़ी मिसाल पेश की है। युवती के इस कदम से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। दरअसल, युवती को बस में रुपयों से भरा एक बैग मिला, जिसके बाद वह उसे वापस लौट दी। युवती के इस कदम की जमकर सराहना हो रही है। वहीं, पुलिस ने रुपयों के मालिक की तलाश कर उसे बैग वापस कर दिया। बैतुल की रीता की ईमानदारी देशवासियों के लिए बेमिसाल उदाहरण बन गई। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है कि रीता को पैसों से भरा बैग मिला है लेकिन उसने हर बार पुलिस को लौटा दिया है। बता दें कि, बिरुल बाजार निवासी किसान राजा रमेश साहू अपनी गोभी की फसल को भोपाल से बेचकर लौट रहा था। इस दौरान उसका रुपयों से भरा बैग बस में छूट गया। बस में यात्रा कर रही पोहार निवासी रीता का नजर बैग पर पड़ा तो उसने इस बैग को अपने पास रख लिया। रीता ने देखा तो इस बैग में एक लाख बाइस हजार रुपये थे, जिसके बाद उसने इसे पुलिस तक पहुंचाना सही समझा। रीता ने इस बैग को साईंखेड़ा थाना पुलिस को सौंप दिया। बस वालों की मदद से पुलिस ने इस बैग को राजा साहू तक पहुंचा दिया। साईंखेड़ा थाना प्रभारी रत्नाकर हिंग्वे का कहना है कि रीता ने पहली बार अपनी ईमानदारी का उदाहरण पेश नहीं किया है। इससे पहले भी रीता के पिता के खाते में 42,000 रुपये आ गए थे, जिसे उसने वास्तविक व्यक्ति को लौटाकर मिसाल पेश की थी।
जीवनशैली Archives - The Achiever Times | Lucknow Hindi News होली हम सभी के लिए खुशियां, मस्ती, रोमांच और उत्साह लेकर आती है, लेकिन रंगों के इस त्योहार में रंग खेलने का जितना उमंग होता है, उससे कहीं ज्यादा रंग छुड़ाने का टेंशन रहता है। रगों में होता है हानिकारक ... पार्टनर से करने जा रहे हैं शादी तो जरूर पढ़ें ये 10 बातें शादी एक ऐसा बंधन है जिसमें 7 फेरों से दो लोग जीवन भर के लिए एक दुसरे के सुख-दुख के साथी बन जाते हैं। इसलिए जीवन साथी चुनने मे जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। ऐसे जीवन साथी की खोज करनी चाहिए ... होली के रंग असली है या नकली ऐसे करें पहचान रंगों के त्योहार होली पर रंगों का विशेष महत्व है। लेकिन मार्केट में नकली औक केमिकल वाले रंग आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। नकली और केमिकल वाले रंगों का पहचान करना बहुत आसान है। इन आसान तरीकों से ... एक बार एक ग्राहक तस्वीरों की दुकान पर गया। उसने बड़े ध्यान से वहां लगे चित्र देखे। उसे दो चित्र बड़े अजीब लगे। वह सोचने लगा कि ऐसे चित्र कोई क्यों खरीदेगा और इन चित्रों का मतलब क्या है। सोचते-सोचते ... ये छोटी-छोटी बातें लव लाइफ को और खूबसूरत बना देंगी प्यार में जब दो लोगों के बीच लड़ाई होती है उस समय बहुत से लोग सलाह देने के लिए तैयार रहते हैं। लोगों के अलग-अलग सलाह से आपका दिमाग और भी खराब हो जाता है। आखिर में आप अपने रिश्ते ... भारत में हर आठ में एक महिला स्तन कैंसर की चपेट में है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक विशेषज्ञों का कहना है कि स्तन कैंसर इस बीमारी के सभी प्रकारों में सबसे आम है और भारत में इससे पीड़ित महिलाओं ... इस तरह काबू कर सकते हैं कोलेस्ट्रॉल क्या आप मोटापे के शिकार हैं? उच्च रक्तचाप रहता है?ज्यादातर तनाव में रहते हैं?कमर का घेरा बढ़ता जा रहा है? अगर ऐसा है तो सावधान हो जाइए, यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल का ज्यादा बढ़ना हृदय ... सफल वैवाहिक जीवन के लिए अपनाएं ये तरीके कोई सालों दोस्ती निभाने के बाद, तो कोई एकदम अनजान चेहरे के साथ, जब रिश्ते के अटूट बंधन में बंधते हैं, तो उनकी दुनिया पहले से काफी बदल जाती है। कई चीजें पीछे छूट जातीं हैं, तो कई नई जुड़ ... जब बात खूबसूरत दिखने की होती है तो ऐसे में आप में से बहुत से लोग होते हैं,जो कम मेहनत में खूबसूरत दिखना चाहते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो खूबसूरत दिखने के लिए मार्केट में मिल रहे कॉस्मेटिक ... फरवरी महीने के शुरू होते ही प्रेमियों को ये फिक्र भी सताने लगती है कि वे अपनी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट में क्या दें। वह कौन सा उपहार हो सकता है, जिससे उसके चेहरे पर खुशी छा जाए। वैसे तो वैलेंटाइन ...
मोहाली, फेस2न्यूज: मार्बेला ग्रैंड और स्पोर्टसागा ने संयुक्त रूप से दि होलिम्पिक्स के तहत आयोजित मड सॉकर प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को फुटबॉल प्रदान की हैं। ये बच्चे मलिन बस्तियों में रहते हैं और इंडियन चीता (सेक्टर 49) और वेलोसिटी एफए (सेक्टर 28) क्लबों से जुड़े हैं। पिया कोहली, डायरेक्टर, स्पोर्टसागा ने कहा, 'कोच शिवेंदर और संदीप ने मलिन बस्तियों के इन खिलाडिय़ों को नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया था। वे अंडर-14 और अंडर-10 श्रेणियों में मड फुटबॉल प्रतियोगिताओं के विजेता हैं। मार्बेला ग्रेंड तथा स्पोर्टसागा द्वारा दोनों टीमों को 5,100 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया, ताकि वे इस खेल की ओर अधिक संजीदगी से ध्यान केंद्रित कर सकें और अपना करियर बना सकें।' शिव अग्रवाल, निदेशक, मार्बेला ग्रेंड ने कहा, 'खेल प्रेमियों के बीच यह ईवेंट बहुत अधिक हिट रही। हम पहली बार इस तरह के किसी स्पोर्ट्स फेस्ट से जुड़े और फेस्ट के सफल नतीजों से खुश हैं।' उल्लेखनीय है कि मारबेला ग्रेंड, एसआरजी ग्रुप, चंडीगढ़ फुटबॉल एसोसिएशन (सीएफए), स्विगी, एचडीएफसी होम लोन, अल्तमास जी4 बाय महिंद्रा और रॉयल एनफील्ड ने संयुक्त रूप से मार्बेला ग्रेंड मोहाली में दो-दिवसीय स्पोर्ट्स कार्निवल दि होलम्पिक्स का आयोजन स्पोर्टसागा के साथ मिलकर किया था।
रणबीर कपूर ने गर्लफ्रेंड आलिया भट्ट के लहंगे पर मारा पैर, लोग बोले- गर्लफ्रेंड की कोई इज्जत नहीं - Breaking Samachar Home / बॉलीवुड / रणबीर कपूर ने गर्लफ्रेंड आलिया भट्ट के लहंगे पर मारा पैर, लोग बोले- गर्लफ्रेंड की कोई इज्जत नहीं रणबीर कपूर ने गर्लफ्रेंड आलिया भट्ट के लहंगे पर मारा पैर, लोग बोले- गर्लफ्रेंड की कोई इज्जत नहीं wpadmin December 5, 2021 बॉलीवुड, मनोरंजन Leave a comment 94 Views जैसा की आप सबको पता ही है आलिया भट्ट और रणबीर कपूर काफी लम्बे वक़्त से एक दूसरे को डेट कर रहे है और आये दिन उन दोनों की शादी की खबरे भी आती रहती है सबके सामने मगर अभी तक उन दोनों ने इस बात पर कोई बात नहीं की है और तो उन दोनों के फैंस भी उनकी शादी का बहुत इन्तजार कर रहे है हाल ही में उन दोनों की एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है हलकी वो वीडियो दीवली की है उस वीडियो में रणबीर आलिया के लहंगे को पैर से आगे करते दिखाई दे रहा है जिसके बाद से उस वीडियो को लोगो ने जैम कर ट्रोल भी किया था जैसा की इस वीडियो में आप देख सकते है की आलिया ने ब्लू कलर का लहंगा पहना हुआ है वो आगे आगे चल रही है और रणबीर कपूर उनके पीछे उसके बाद आलिया का लेहंगा रणबीर के पैर के निचे आ जाता है जिसको रणबीर अपने पैर से ही आगे कर देते है इस वीडियो को देख कर आलिया के फैंस को बहुत गुस्सा आता है और वो लोग उस वीडियो में खूब नेगेटिव कमेंट आये थे एक यूजर ने तो यह भी लिखा था जिस तरह से वह ड्रेस हटा रहा है इससे पता चलता है कि वह उसका कितना सम्मान करता है। बुरी पसंद आलिया। और भी कही यूजर ने बी कमेंट किया था मगर कही लोग ने रणबीर का साथ देता हुआ भी कमेंट किया था यूजर ने लिखा था की मुझे लगता है कि उसने ऐसा इसलिए किया कि वह कहीं गिर न जाए, क्योंकि रणबीर का पैर लहंगे पर पड़ने वाला था। उसने सोचा भी नहीं होगा कि इसे इज्जत न देना समझा जाएगा, उसने फुटवियर तक नहीं पहने हैं। वैसे तो आप सबको पता ही होगा यह दोनों २ साल से एक दूसरे को डेट कर रहे है और जल्दी ही शादी भी करने वाले है देखते है कब होती ही उनकी शादी खबरों में तो आ रहा है की 2022 में कर लेंगे वो दोनों शादी Previous भाखारियों के साथ जब सड़क किनारे भिखारन बनकर बैठ गयी विद्या बालन , हृतिक रोशन ने हाँथ तक मिलाने तक से कर दिया था इंकार
खालिस्तानियों के विरोध पर सिडनी की जेल में बंद विशाल जूड की रिहाई के लिए विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई दूतावास से की बात | KPSC Vaani Homeदुनियाखालिस्तानियों के विरोध पर सिडनी की जेल में बंद विशाल जूड की... खालिस्तानियों के विरोध पर सिडनी की जेल में बंद विशाल जूड की रिहाई के लिए विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई दूतावास से की बात Foreign Minister Spoke To The Australian Embassy For The Release Of Vishal Judd, Who Was In Sydney Jail For Protesting Khalistanis ऑस्ट्रेलिया में जेल में बंद करनाल के विशाल जूड, जिसके साजिश का शिकार होने की बात कही जा रही है। ऑस्ट्रेलिया की जेल में बंद हरियाणा मूल के युवक विशाल जूड को रिहाई की आस बंध गई है। एक ओर इस मांग को लेकर प्रदेश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को विदेश मंत्री से इस बारे में बात की। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई दूतावास को भारत की चिंता से अवगत कराया है। हरियाणा सरकार ने यह कदम पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में हो रहे रोष प्रदर्शनों के बाद उठाया है। बता दें कि करनाल निवासी विशाल जूड रोड़ समुदाय से आते हैं, जो असल में मराठे हैं। सन 1761 में मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ और विदेशी आक्रांता अहमद शाह अब्दाली के बीच हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठा सेना की पराजय के बाद बहुत से मराठे मारे गए थे। कुछ वापस महाराष्ट्र चल गए, लेकिन कुछ यहीं बस गए। सोनीपत, पानीपत, करनाल और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर के कुछ हिस्सों में इन मराठा लोगों के कई गांव हैं। यह बताई जा रही है विशाल के खिलाफ साजिश बताया जाता है कि देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आस्ट्रेलिया में कई जगह खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किए थे। इसी सिडनी में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान भी किया जा रहा था। करनाल निवासी विशाल जूड ने देश विरोधी ताकतों से डटकर लड़ाई लड़ी और तिरंगे का अपमान नहीं होने दिया। विशाल के समर्थकों का दावा है कि देश विरोधी कुछ ताकतों ने विशाल जूड से मारपीट की और बाद में आस्ट्रेलिया सरकार से मिलकर झूठे केस में फंसाकर जेल भिजवा दिया। विशाल इस समय सिडनी की जेल में है। जिन तीन पगड़ीधारियों पर हमले का आरोप विशाल पर है, वो तीनों खालिस्तानी बताए जा रहे हैं। इस मुद्दे को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद से लगातार हरियाणा व आसपास विशाल के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं। विदेश मंत्री से की मुख्यमंत्री ने बात इन्हीं के मद्देनजर हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल ने विशाल जूड की तत्काल रिहाई के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की और मामले में तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। हरियाणा सरकार की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई दूतावास को भारत की चिंता से अवगत कराया है। हरियाणा सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में यह भी बताया है कि भारतीय विदेश मंत्री ने मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल को भरोसा दिया कि विशाल जूड को बहुत जल्द ऑस्ट्रेलिया की जेल से रिहा कर दिया जाएगा। क्या कहा मनोहर लाल ने? इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मीडिया और कुछ लोगों के कारण उन्हें इस घटनाक्रम की जानकारी मिली। हरियाणा के कई संगठन विशाल की रिहाई के लिए अपने-अपने तरीके से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में हरियाणवी होने के नाते सरकार का भी दायित्व है कि विदेश में फंसे युवक को बाहर निकाला जाए। अगर यह लड़ाई केवल तिरंगे के अपमान की थी तो विशाल ने भारतीय होने के नाते राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है। हमें उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया सरकार बहुत जल्द विशाल जूड को रिहा करेगी। Previous articleफिल्म एक्टर, क्रिकेटर और नामी शख्सियतों के फोटो वाले फेक अकाउंट शिकायत के बाद 24 घंटे में बंद करने होंगे Next articleमानहानि केस में बयान दर्ज करवाने सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट पहुंचे; PM मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी
गिद्धौर : दीपों से जगमगाया घर-आंगन, परंपरागत तरीके से मनाई गई दीपावली - गिद्धौर Home / गिद्धौर / गिद्धौर : दीपों से जगमगाया घर-आंगन, परंपरागत तरीके से मनाई गई दीपावली गिद्धौर : दीपों से जगमगाया घर-आंगन, परंपरागत तरीके से मनाई गई दीपावली Abhishek Kumar Jha Thursday, November 08, 2018 गिद्धौर पटाखों की धूम, सतरंगी आतिशबाजी से झिलमिलाता आसमान और रोशनी की जगमगाहट के बीच बुधवार को गिद्धौर में काफी धूमधाम से दीपोत्सव मनाया गया। दीपावली की सुबह से ही गिद्धौरवासियों लोगों में भरपूर उत्साह दिख रहा था। सूर्यास्त के बाद शुभ मुहुर्त में लोगों ने महालक्ष्मी पूजन किया। आसन लगाकर उस पर मां लक्ष्मी और श्रीगणेश की प्रतिमा को विराजित करते हुए दीप जलाकर और रोली, चंदन, फूल, मिष्ठान, आदि से पूजन किया और मां लक्ष्मी का आह्वान कर घर में सुख शांति वैभव और सदैव समृद्धि की मंगलकामना की। इसके बाद लोगों ने दरवाजों, कमरों, बालकनी, छत, आंगन से लेकर घर के कोने कोने में रोशनी फैलाई। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशोपरान्त भी आसमान में आतिशबाजी का नजारा देर रात तक जारी रहा जिसमें बच्चों व युवाओं की टोली ने जमकर आतिशबाजी व पटाखों का लुत्फ उठाया। दीपावली को लेकर बुधवार को गिद्धौर बाजार खरीददारों से पटा रहा। सुबह से फल, सब्जियों, पूजन सामग्रियों, व पटाखे की खरीददारी शुरू हो गई। बुधवार देर शाम तक खरीददारी का दौर जारी रहा। हलांकि गिद्धौर में इको-फ्रेन्डली पटाखों की बिक्री काफी कम रही। सूर्यास्त होते ही दीपोत्सव से पूरा गिद्धौर रंगबिरंगी रोशनी से नहा गया। वहीं गिद्धौर के कुछ चिन्हित जगहों पर देर रात तक जुआ खेलने की जुगत में भी लोग लगे रहे। हर पत्ते पर दस के सौ का दाव चल रहा था। बताते चलें कि, इस बार के दीपावली में गिद्धौर में मिट्टी के दीये का ज्यादा उपयोग देखा गया। रोशनी के इस पर्व में लोगों ने सावधानी बरतते हुए इसे शांतिपूर्ण संपन्न किया। गिद्धौर : दीपों से जगमगाया घर-आंगन, परंपरागत तरीके से मनाई गई दीपावली Reviewed by Abhishek Kumar Jha on Thursday, November 08, 2018 Rating: 5
हमारे यहां सिर्फ़ पढाई इस लिये की जाती है की पेसा कमाया जाया, बडा आदमी सिर्फ़ पेसे से बनता है, दुख सुख सब पेसे से ही नापे जाते है, क्योकि हमारे यहां शुरु से ही यह सिस्टम बन गया है, एक प्रतिभा शाली बच्चे को जो देश के लिये कुछ करना भी चाहे उसे सरकार मदद तो क्या देगी बल्कि उसे दुतकार ही लगायेगी.... ओर फ़िर जो बच्चा इतना खर्च कर के यहां तक पहुचा है, वो पहले मां बाप का कर्ज ही उतारेगा.. पद,पैसा और प्रतिष्ठा किसे अपनी तरफ आकर्षित नहीं करती. शायद इंजीनियरिंग या फिर डॉक्टर के क्षेत्र में इसकी कमी ने इन प्रतिभावों को दुसरे करियर आप्शन की तरफ आकर्षित किया है. जैसा की आपने नौकरशाही को मिले अतिशय अधिकार और उनकी विशिष्ट सामाजिक प्रतिष्ठा का इसके लिए जिम्मेदार होने की बात की तो फिर ये मुझे १०० फीसदी सही लगी ,लेकिन वोट बैंक की राजनीती करने वाले राष्ट्रीय नेतृत्व से हमें ज्यादा उम्मीदें नही रहीं. हम भी प्रतिभाशाली बनने की कोशिश किए थे लेकिन असफल हुए। आज लगता है कि अच्छा हुआ कि प्रतिभाशाली न होकर औसत ही रहे नहीं तो नेताओं की बेहूदगी सहने और मातहतों/जनता के साथ बेहूदगी करने की प्रतिभा का विकास करते करते कुछ और ही हो गए होते। आपने बड़े मार्के की बात कही है...ये हमारे एजुकेशन सिस्टम की ही नाकामी है...आदमी पढ़ता कुछ और है और बनता कुछ और...मैंने सुना है जैसे ही सिविल सर्विसेज की लिस्ट आती है...धन्नासेठ और उद्योगपति इन रंगरूट नौकरशाहों को चांदी के जूते के बल पर अपनी लड़कियों का वर बनाने के लिए सारे घोड़े खोल देते हैं...और शायद यही सबसे पहले देश के इन कर्णधारों का भ्रष्टाचार से पहला सामना होता है... और जो वास्तव में साइंस की फील्ड में ब्रेन होते हैं उनका बाहर ड्रेन हो जाता है...किसी ने खूब कहा है...ब्रेन ड्रेन इज़ बैटर दैन ब्रेन इन ड्रेन... त्रिपाठीजी, हमारा बड़ा बेटा इंजिनियरिंग के दौरान और बाद में भी रिसर्च करने के लिए इधर उधर भटक रहा है लेकिन फंडिंग कौन करेगा...रिसर्च में मदद कौन करेगा...छोटी छोटी कई रुकावटें है जिस कारण हमारे बच्चे विदेश भागते हैं..रोबोटिक्स की रिसर्च के लिए अगर घर में ही सुविधाएँ हो तो बच्चे खुशी खुशी वही रहें.. वैसे भी इंसान की स्वाभाविक प्रवृति है आसानी की ओर भागना...
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपनाया सख्त रुख सारनाथ के दरोगा और थानेदार किए गए निलंबित - ZNDM न्यूज़ | ज़ेड न्यूज़ डिजिटल मीडिया - ऑनलाइन न्यूज़ मीडिया वाराणसी ,उत्तरप्रदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपनाया सख्त रुख सारनाथ के दरोगा और थानेदार किए गए निलंबित वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या हो जाने के बाद वाराणसी पुलिस अब हरकत में आ गई इस घटना में घोर लापरवाही सामने आई है | जिसके बाद वाराणसी एसएसपी अमित पाठक ने मामले को गंभीरता से लेते हुवे घटना से सम्बंधित थाने के थाना प्रभारी और दरोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है | Suman Lata Agrahari Feb 2, 2021 04:49 654 0 दरसअल मामला यह है की सारनाथ थाना क्षेत्र में बीते 29 जनवरी को एक बच्चा घर से गायब हो गया था जिसका शव कल पाया गया बतादे पंचक्रोशी पैगंबरपुर निवासी मंजय कुमार वैवाहिक कार्यक्रमों में स्टेज की सजावट काम करता है। मंजय का बेटा विशाल (9) 29 जनवरी को क्षेत्र में ही हाथी देखने निकला था इसके बाद उसका पता नहीं लगा। खोजबीन के बाद मंजय ने सारनाथ थाने में सूचना दी तो गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। लेकिन स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और जिसका परिणाम सबके सामने आ गया मासूम बच्चे को फिरौती के चक्कर में मार कर फेक दिया गया | इस सम्बन्ध में एसएसपी अमित पाठक ने बयान जारी कर के बताया वारदात से जुड़े सभी बिंदुओं को खंगाला जा रहा है। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच सहित पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं। साथ ही उन्होंने कहा की मुकदमा दर्ज होने के बाद भी बच्चे की तलाश के लिए ठोस प्रयास न करने, प्रकरण से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत न कराने और पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरतने के आरोप में दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने सारनाथ थाना प्रभारी इन्द्रभूषण यादव और दरोगा संजय कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया गया है।
लापरवाह बिजली अफसर पर गिरेगी गाज - नये समीकरण आगरा कारोबार बिजली विभाग पावर कार्पोरेशन के चेयरमेन की विदाई के बाद दक्षिणांचल निगम में भी बदलाव की सुगबुगाहट आईएएस एम देवराज को सौंपी प्रमुख सचिव (ऊर्जा) की भी जिम्मेदारी, चचाएं तेज ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की नाराजगी से हटाए गए पावर कार्पोरेशन के चेयरमेन अरविंद कुमार के बाद अब बारी प्रदेश की डिस्कॉम में तैनात अधिकारियों की है। बिजली विभाग के चारों निगमों और केस्को के कई अफसरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। आगरा के दक्षिणांचल निगम में भी बदलाव की सुगबुहाट है। जल्द ही लिस्ट जारी हो सकती है। हाल में ही ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक कड़ा ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड) के चेयरमैन को टैग करते हुए लिखा था कि उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर मिले, यह यूपीपीसीएल चेयरमैन की जिम्मेदारी है। जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए करार के मुताबिक आठ महीने में शहरी व 12 महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में 97 फीसदी डाउनलोडेबल बिलिंग होनी थी, लेकिन आज भी यह 10.64 फीसदी ही है। यह घोर लापरवाही है। इस ट्वीट के बाद से ही चेयरमैन की विदाई तय मानी जा रही थी। शासन ने अरविंद कुमार को हटा कर एसीएस औद्योगिक विकास का चार्ज दिया गया है और पावर कार्पोरेशन के ही एमडी आईएएस एम देवराज को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। एम देवराज अब प्रमुख सचिव (ऊर्जा) भी होंगे। इस उलटफेर के बाद अब बिजली महकमे की सभी डिस्कॉम में तबादलों की चर्चाएं जोरों पर हैं। लगातार शिकायतें और कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं शासन स्तर से ही सभी निगमों में तैनात लापरवाह अफसरों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। जल्द ही यह लिस्ट भी जारी हो जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने किया था दौरा इस उलटफेर और संभावित तबादलों को हाल में ही चारों निगमों में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के दौरों से जोड़ कर देखा जा रहा है। आगरा में दक्षिणांचल निगम के मुख्यालय में भी ऊर्जा मंत्री पहुंचे थे और कुछ अधिकारियों के कार्यों पर नाराजगी जताई थी। ये अधिकारी अधिशाषी अभियंता स्तर या उससे ऊंचे पदों पर बैठे हैं। इनकी लिस्ट भी शासन स्तर से ही तैयार की जा रही है। सिफारिशों का दौर भी शुरू तबादलों की सुगबुहाट के साथ ही सिफारिशों का दौर भी शुरू हो गया है। सम्मानजनक तबादले को लेकर कई अधिकारी हाथ-पांव मार रहे हैं। न केवल विभागीय वरिष्ठतम अधिकारियों बल्कि सत्ताधारियों के भी संपर्क में हैं। कुछ लापरवाह अफसरों की कोशिश इस बात की है कि अगर तबादला होना ही है तो सम्मानजनक तरीके से हो अन्यथा विभागीय बदनामी हो जाएगी। मुख्यमंत्री के दूत बन कर आए थे पावर कार्पोरेशन के नए चेयरमेन एम देवराज कोरोनाकाल में ताजनगरी के नोडल अधिकारी बन कर आए थे। उन्हें मुख्यमंत्री के दूत के तौर पर देखा गया था। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को अपनी रणनीति में कई बदलाव करने के निर्देश दिए थे। जिसका असर भी दिखाई दिया था। उनके पूर्व आगरा के नोडल अधिकारी के तौर पर आलोक कुमार ने भी यहां अफसरों संग बैठक की थी।
WWE राउंडअप: ब्रॉन स्ट्रोमैन की वापसी पर अपडेट, जॉन सीना ने एक बार फिर जीता फैंस का दिल स्मैकडाउन लाइव के ऑफ एयर होने के बाद क्या हुआ? इस हफ्ते की स्मैकडाउन लाइव के बाद डार्क सैगमेंट में शिन्स्के नाकामुरा के साथ हुए मैच के दौरान बैरन कॉर्बिन ने अपने किरदार को तोड़ते हुए क्राउड में बैठे फैन को दिलासा दिया। युवा फैन काफी देर से रो रहा था और मैच के बीच में ही कॉर्बिन ने जाकर उन्हें गला लगाया और एक टीशर्ट गिफ्ट की। 'Good Guy' Baron Corbin Breaks Character After Making A Young Fan Cry At Ringside (Video) Details Here: https://t.co/dlHnY5Qvtnpic.twitter.com/tWJH1Og1bD — IWNerd.com (@InnerN3rd) July 12, 2017 अगले हफ्ते Raw में नजर आ सकते हैं ब्रॉन स्ट्रोमैन Cageside Seats की रिपोर्ट के अनुसार ब्रॉन स्ट्रोमैन अगले हफ्ते होने वाले मंडे नाइट रॉ का हिस्सा बन सकते हैं और एक बार फिर एक्शन में लौट सकते हैं। ब्रॉन स्ट्रोमैन से ग्रेट बॉल्स ऑफ़ फायर में हारने के बाद रोमन रेंस ने अपना सारा गुस्सा स्ट्रोमैन के ऊपर निकाला और उन्हें बुरी तरह से चोटिल कर दिया। स्ट्रोमैन को एंबुलेंस में डालकर रेंस गाड़ी को लेकर पार्किंग लोट तक लेकर गए और उसके बाद गाड़ी को ऐसी जगह ठोका, जिससे स्ट्रोमैन एम्बुलेंस के अन्दर ही फंस गए और उनके बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा था। "WWE में ट्रिपल क्राउन जीतने पर हैं मेरी नज़र" WWE ने ऐलान किया है कि बैटलग्राउंड में विमेंस डिवीजन में फेटल 5 वे मैच होगा और जीतने वाली सुपरस्टार को नेओमी के खिलाफ टाइटल मैच दिया जाएगा। इस मैच का बैकी लिंच,लाना, टमिला, नटालिया और पूर्व रॉ की चार बार विमेंस चैंपियन शार्लेट हिस्सा होंगी। पूर्व रॉ की विमेंस चैंपियन शार्लेट ने WWE.com के स्मैकडाउन फॉलआउट में इंटरव्यू दिया और अपने इरादें साफ करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य अब ट्रिपल क्राउन जीतकर इतिहास रचने पर है। Raw को हुआ रोमन रेंस, समोआ जो और ब्रॉक लैसनर की बहस से बड़ा फायदा स हफ्ते की रॉ को व्यूअरशिप में फायदा हुआ है। इस बार 3.009 मिलियन व्यूअर्स आंके गए हैं। जो आंकड़े पिछले हफ्ते की रॉ से ज्यादा बेहतर है, लास्ट एपिसोड में रॉ की रेटिंग्स 2.839 मिलयन थी जिसकी तुलना में इस बार 17000 का फायदा हुआ है। ये एपिसोड ग्रेट बॉल्स ऑफ फायर के ठीक अगली रात हुआ, जिसका फायदा रॉ को जरुर हुआ। Battleground पीपीवी से पहले स्मैकडाउन लाइव में पंजाबी प्रिजन की झलक दिखाएंगे जिंदर महल जिंदर महल एक दयालु इन्सान हैं यह बात तो साबित हो गई है। ना सिर्फ उन्होंने रैंडी ऑर्टन को दूसरी लगातार बार WWE चैंपियनशिप के लिए रीमैच दिया, लेकिन वो अपने विरोधी को रविवार को बैटलग्राउंड पीपीवी में होने वाले पंजाबी प्रिजन मैच के लिए मानसिक तौर पर तैयार करने के लिए उन्हें इसकी एक झलक दिखाएंगे। "I'm going to bring HELL right to you, @RandyOrton! Next week on #SDLive, I'm bringing the PUNJABI PRISON!" - #WWEChampion@JinderMahalpic.twitter.com/Y5aoUDG6dH WWE को लेकर भावुक हुए जॉन सीना पिछले 13 सालों में जितना नाम जॉन सीना ने कमाया है, उतना नाम शायद ही किसी और सुपरस्टार ने कमाया हो। एक मजाकिया गिमिक के साथ अपने करियर की शुरुआत करने वाले सीना इतने सालों में कंपनी के सबसे बड़े फेस बन गए। उनकी इतनी इज्जत इसलिए भी होती है, क्योंकि उन्होंने कंपनी का नाम पूरे विश्व में फेमस किया। No matter where his career takes him, @JohnCena's HEARTBEAT and FAMILY will always be with @WWE! #TalkingSmack@WWENetworkpic.twitter.com/wHOejHWCc5 — WWE (@WWE) July 12, 2017 Smackdown Live के शुरू होने से पहले से क्या हुआ? WrestlingNews.com की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकन अल्फा ने सिन कारा के साथ टीम बनाकर इस हफ्ते के स्माकडाउन लाइव के एप्सोड के शुरू होने से पहले द एसेंशन और ऐडन इंग्लिश की टीम का सामना सिक्स मान टैग टीम मैच में किया। चैड गैबल और जेसन जॉर्डन सिक्स मान टैग टीम मैच में विजयी रहे औऱ WWE यूनिवर्स भी इस प्रदर्शन से काफी खुश थे। ब्रॉक लैसनर को SmackDown के लाइव इवेंट के लिए एडवर्टाइज किया गया स्मैकडाउन के लाइव इवेंट के लिए ब्रॉक लैसनर को एडवर्टाइज किया गया है। ये लाइव इवेंट 13 सिंतबर 2017 को ब्लासडेल एरिना, होनालूलू, हवाई में होगा। ये इस साल का चौथा ब्लू ब्रांड का लाइव इवेंट होगा जिमसें ब्रॉक काम करेंगे। द रॉक ने 2020 में होने वाले यूएस राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैंपेन की शुरुआत की एक कैम्पेन कमिटी ने ड्वेन "द रॉक" जॉनसन की ओर से 2020 राष्ट्रपति चुनाव के लिए आधिकारिक ड्राफ्ट जमा कर दिया है। ये खबर तब सामने आई है, जब कुछ दिनों पहले ही द रॉक ने यूनाइटेड स्टेट्स राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में अपनी राय जाहिर की थी। SummerSlam 2017 के मेन इवेंट प्लान का खुलासा हुआ समरस्लैम के लिए WWE ऑफिशियल्स ने आखिरकार प्लान बना लिया है कि उनका मेन इवेंट इस पीपीवी में कैसा होगा। डर्टी शीट्स की इस वीडियो में देख सकते हैं कि फैंस के लिए कंपनी ने समरस्लैम के लिए क्या प्लान बनाया है। अगले हफ्ते Raw में कर्ट एंगल कर सकते हैं बड़ा खुलासा WrestlingInc के अनुसार रॉ के जनरल मैनेजर कर्ट एंगल द्वारा रखी गयी शर्त को लेकर कई अफवाहें उड़ रही है। इससे जुड़े कई नाम सामने आ रहे हैं। इस समय कर्ट एंगल एक रहस्यमय टेक्सटिंग स्कैंडल में फंसते नज़र आ रहे हैं और इस स्टोरीलाइन में उनके साथ कोरी ग्रेव्स भी शामिल हैं। WrestleMania में अंडरटेकर के खिलाफ मैच पर जॉन सीना ने दी बड़ी प्रतिक्रिया जॉन सीना की इस वीडियो में सोशल मीडिया पर हुए सवाल जवाब मौजूद हैं। वहीं इस वीडियो में एक फैन से सुपरस्टार जॉन सीना के सवाल किया अगर रैसलमेनिया में उनका मैच अंडरटेकर के खिलाफ होता तो उस मैच को कौन जीतेगा ? सीना ने कहा कि " मैंने कभी डैडमैन के खिलाफ रैसलमेनिया में मैच नहीं लड़ा है, लेकिन मैं चाहता हूं कि मैच हो , जीत उस मैच में उनकी ही होगी। " Published 12 Jul 2017, 20:34 IST
March 23, 2021 October 24, 2021 satyabanmahato1978 0 Comments dbt full form, dbt क्या है, dbtl full form in hindi, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर क्या है, डीबीटी क्या है, डीबीटी खबर, डीबीटी सब्सिडी DBT Kya Hai? समय-समय पर भारत सरकार द्वारा कई योजनाएं जनता के लिए चलाई गई हैं, चाहे किसान हों या लड़कियां या बेरोजगार युवा। इसी तरह, सरकार द्वारा डीबीटी योजना शुरू की गई है। DBT योजना की चर्चा पहली बार 2012 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा केंद्रीय बजट भाषण में की गई थी। DBT योजना सरकार कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की ओर से सरकार द्वारा चलाई जाती है। जो भी राज्य के हितग्राही इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे इस पोस्ट को जरूर पढ़ें। डीबीटी क्या है – DBT Kya Hai – What is DBT dbt के लिए आवश्यक दस्तावेज़ – Documents required for dbt dbt का पूर्ण रूप क्या है? What is the full form of dbt? dbt के लाभ – benefits of dbt DBT सुविधाएँ – DBT features डीबीटी एक Direct Benefit Transfer है। हिंदी भाषा में इसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कहा जाता है। केरोसिन, रसोई गैस और उर्वरक के लिए नकद सब्सिडी सीधे सरकार द्वारा डीपीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है। इस योजना के माध्यम से, लोक कल्याण में उपयोग किए गए धन की चोरी को रोकने के साथ-साथ भ्रष्टाचार को भी रोका जाएगा। इस योजना के माध्यम से सफलता प्राप्त करने के लिए, सरकार द्वारा 28 करोड़ से अधिक जन-धन खाते खोले गए हैं। ताकि लोगों को प्रदान की जाने वाली सब्सिडी की राशि सीधे उनके बैंक खाते में स्थानांतरित की जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर वे उस राशि का उपयोग कर सकें। इसके अलावा, आधार संख्या को बैंक खाते से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया गया है, जो DBT को लागू करने में मदद करेगा। देखा जाए तो 15 में से 80 से ज्यादा मंत्रालय की योजनाएं डीबीटी के तहत हैं। DBT का पूर्ण रूप Direct Benefit Transfer है। इसे हिंदी भाषा में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कहा जाता है। इस योजना के माध्यम से, मुख्य रूप से सार्वजनिक कल्याण में उपयोग की जाने वाली राशि की चोरी बंद हो जाती है, जिसके कारण लोगों को बहुत राहत मिलती है। सरकार द्वारा जो भी सब्सिडी या सब्सिडी मिलती है, वह या तो चेक या नकद भुगतान के माध्यम से या कभी-कभी सेवाओं और वस्तुओं पर कीमत में छूट के रूप में होती है, लेकिन डीबीटी में, यह बिल्कुल भी मामला नहीं है। क्योंकि DBT द्वारा प्रदान की गई राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है। DBT की सबसे बड़ी बात यह है कि लाभार्थी को बिना किसी बिचौलिए की जरूरत के पूरी सब्सिडी आसानी से मिल जाती है। पहले जो कोई भी सब्सिडी राशि पाने में मदद करता था उसे कमीशन देना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। DBT के माध्यम से लोक कल्याण में इस्तेमाल होने वाले पैसे की चोरी को रोका जाएगा। लाभार्थी केवल तभी सब्सिडी वापस ले सकता है जब उसे सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाना आवश्यक हो। एक ही पैसे को बैंक खाते में स्थानांतरित करने का एक मुख्य लाभ यह है कि अगर पैसा सीधे हाथ में आता है तो लोग इसे तब ही खर्च करते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। केंद्र सरकार की डीबीटी पोर्टल योजना के माध्यम से, किसानों को कृषि औजार खरीदने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे किसान अच्छी खेती कर सकेंगे और देश के किसानों की आय भी दोगुनी हो जाएगी। देश के किसानों को कृषि यंत्रों का लाभ प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा DBT कृषि यंत्र योजना संचालित की गई है। डीबीटी के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें महंगे उपकरण खरीदने के लिए ऋण नहीं लेना पड़ेगा। पिछले 3 वर्षों में, डीबीटी के कार्यान्वयन के बाद, 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। वर्ष 2013 और 14 में डीवीटी के माध्यम से 7367 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिससे लगभग 10.71 करोड़ लोग लाभान्वित हुए। वर्ष 2016 और 17 में लगभग 74502 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिससे 33 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए। 17.50 एलपीजी उपभोक्ताओं को सीधे उनके बैंक खाते में सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है, जिसके बाद सरकार ने सिलेंडर की कालाबाजारी को रोकने के लिए बहुत कुछ प्रदान किया है।
दिलीप कुमार को अस्पताल में कराया गया एडमिट, ये है वजह Home » News » दिलीप कुमार को अस्पताल में कराया गया एडमिट, ये है वजह इस वजह से एक बार फिर हॉस्पिटल में भर्ती हुए दिलीप कुमार श्रेया दुबे | | shreya.dubey@hindirush.com | Mumbai | Updated Aug 3, 2017 11:51 am लिजेंड्री एक्टर दिलीप कुमार को मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है| जिसकी वजह थी उनके शारीर में पानी की कमी होना| "पानी की कमी होने की वजह से उन्हें यहाँ भारती कराया गया" बांद्रा वेस्ट के फैकल्टी ने यह बात एक न्यूज़ एजेंसी को बताई| अभी कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया से दूर दिलीप कुमार साहब ने अपनी औत की ख़बरों को शांत करते हुए ट्वीट करते हुए कहा: मैं इस माध्यम (ट्विटर) से कुछ वक्त तक दूर रहा हूं, मेरा दिल हमेशा आपके साथ रहा है। आपकी शुभकामनाओं, दुआओं और बधाइयों ने मुझे अन्दर तक छुआ है| इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इस बार उन्होंने रोज़ा नहीं रक्खा, 'अल्लाह की हम पर हमेशा मेहर रही है। रमजान के महीने में मेरी सेहत और अच्छी हो गई है। अधूरी नींद और रोजाना की दवाईयों के चलते इस बार रोजे नहीं रख सका।' इतना ही नहीं वो पानी संगिनी सायरा बानू का नाम लेना नहीं भूले, 'अल्लाह की असीम कृपा मुझ पर और सायरा पर बनी रही है। आपका प्यार और प्रशंसा हमेशा मेरे साथ बनी रही है। हम इसके लिए हम जितना भी शुक्रिया अदा करें कम है।' अपने ट्वीट में दिलीप कुमार ने लिखा- अब भी ढेरों अवॉर्ड और सम्मान स्वीकार करने के लिए निवेदन आते रहते हैं। मेरी सेहत ने सफर करने और व्यक्तिगत रूप से वहां मौजूद होने को मुश्किल बना दिया है, लेकिन बावजूद इसके शुक्रिया। मुरारी बापूजी ने महुआ से नटराज अवार्ड्स भेजा| सायरा ने इसे अप्रैल 2017 में हमारे पाली हिल वाले घर पर रिसीव किया| एक बार फिर धन्यवाद! इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने खुद की एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें वह नई शर्ट और पैंट्स पहने नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कुछ ही देर बार दिलीप ने अपने ट्विटर हैंडल से एक अन्य तस्वीर शेयर की जिसमें वह लंच टाइम में ग्रीन टी इंजॉय करते नजर आ रहे हैं।
Golden Temple की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ News in Hindi, वीडियो - India TV Hindi News golden temple News in Hindi अब पंजाब में बड़ा खतरा, स्वर्ण मंदिर के पूर्व 'हजूरी रागी' ने सैकड़ों लोगों की सभा में किया था किर्तन राष्ट्रीय | Apr 02, 2020, 04:12 PM IST पद्म श्री से सम्मानित स्वर्ण मंदिर के पूर्व 'हजूरी रागी' की बृहस्पतिवार सुबह यहां कोरोना वायरस से मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या पांच हो गई है। राष्ट्रीय | Apr 02, 2020, 08:02 AM IST पद्मश्री और स्वर्ण मंदिर के पूर्व 'हजूरी रागी' निर्मल सिंह का आज तड़के निधन हो गया। ज्ञानी निर्मल सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित थे। बुधवार को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से वह वेंटिलेटर पर थे।
Vivo V7+ with 24MP selfie camera and FullView display launched at Rs. 21,990- Hindi Gizbot Updated: Thursday, September 7, 2017, 14:55 [IST] Vivo V11 Pro इंडिया में हुआ लॉन्च, जानें इसके फीचर्स, कीमत और खास ऑफर्स Vivo V11 Pro: ड्यूल-पिक्सल टेक्नोलॉजी से लैस मार्केट में जल्द होगा पेश 10 जीबी रैम वाला स्मार्टफोन Vivo X23, सोमवार को हो सकता है लॉन्च जैसा कि उम्मीद थी, Vivo ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन Vivo V7 प्लस लॉन्च कर दिया है, यह फोन दिल्ली में आयोजित एक इवेंट के दौरान पेश किया गया है। इस स्मार्टफोन की हाईलाइट इसका फुल व्यू डिस्प्ले है, जो कि यूज़र्स को बेशक शानदार अनुभव देगा। इस स्मार्टफोन की कीमत कंपनी ने 21,990 रुपए रखी है। Vivo V7+ स्मार्टफोन में नैरो साइड बेज़ल्स के साथ फुल व्यू डिस्प्ले दिया गया है। इसका फुल व्यू डिस्प्ले 84% स्क्रीन टू बॉडी रेश्यो के साथ आता है। लेटेस्ट फ्लैगशिप स्मार्टफोन में यह नया ट्रेंड है वीवो भी अपने यूज़र्स के लिए लेटेस्ट ट्रेंड साथ लेकर आया है। Vivo V7+ में यूनीबॉडी डिज़ाइन दिया गया है जो कि डूअल U-टाइप सिल्वर लाइन्स के साथ आता है। इसका डिज़ाइन देखने काफी आकर्षक है और यह दो कलर वैरिएंट में मार्केट में उपलब्ध होगा। इस फोन का डिस्प्ले 5.99 इंच स्क्रीन साइज़ का है। फुल व्यू डिस्प्ले होने के कारण यह किनारों पर बेहद पतले बेज़ल्स के साथ आता है। वीवो वी7+ स्मार्टफोन 24 मेगापिक्सल के शानदार मूनलाइट सेल्फी कैमरा के साथ आता है। इसका अपर्चर f/2.0 है और यह बेहतर लो लाइट सेल्फी लेने में कामयाब होता है। यह कैमरा खास क्लियर और बेहतर सेल्फी लेने के लिए डिज़ाइन किया गया है। फोन का फ्रंट कैमरा Face beauty 7.0, नेचुरल इफ़ेक्ट और पोर्ट्रेट मोड के साथ आता है। इस फोन में वीडियो कॉलिंग के दौरान भी Face beauty 7.0 इफ़ेक्ट आता है। इस फोन का रियर कैमरा 16 मेगापिक्सल का है। इसमें एक फेस एक्सेस फीचर भी है जो कि यूज़र को स्मार्टफोन अनलॉक करने देता है। फिंगरप्रिंट सेंसर और ओएस फोन के रियर साइड में एक फिंगरप्रिंट सेंसर भी दिया गया है। यह स्मार्टफोन फनटच ओएस 3.2 पर काम करता है जो इस फोन को मल्टी-टास्किंग बनाता है। यह स्मार्टफोन सोशल मीडिया पर दो अकाउंट इस्तेमाल करने का भी सपोर्ट देता है। इसकी Hi-Fi ऑडियो चिप ऑडियो क्वालिटी को शानदार बनाती है। Vivo V7+ की कीमत भारत में 21,990 रुपए रखी गई है। इस स्मार्टफोन की Pre-Booking आज से ही शुरू है, जबकि इसकी सेल 15 सितंबर से शुरू होगी।
अजिंक्य रहाणे ने बनाया ऐसा अनोखा रिकॉर्ड, जिसपर आपने भी ध्यान नही दिया - Gazabhai अजिंक्य रहाणे ने बनाया ऐसा अनोखा रिकॉर्ड, जिसपर आपने भी ध्यान नही दिया 10/21/2019 Sports जिस दिन रोहित शर्मा ने अपने पहले दोहरे शतक की बदौलत कई रिकॉर्ड तोडे, उस दिन दूसरे बल्लेबाजों की तारीफ करना बहुत आसान नहीं था। यह एक ऐसा दिन था, जो वास्तव में रोहित के नाम था, जिन्होंने लड़कर दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों के खिलाफ 255 गेंद पर 212 रनों की शानदार पारी खेली और अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखा। इसी बीच मैच में एक और व्यक्ति था जिसने रांची टेस्ट के दूसरे दिन अपने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था और यह भारतीय खिलाड़ी टीम इंडिया के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने रोहित शर्मा की शानदार पारी में उनके पार्टनर की भूमिका निभाई क्योंकि अजिंक्य रहाणे ने 192 गेंदों पर 115 रन बनाए. रोहित शर्मा के साथ रहाणे का स्टैंड टेस्ट में उनकी 200 वीं साझेदारी थी, जो बिना रन आउट के शामिल थी। अपने 61 टेस्ट करियर में, न तो उन्हें और न ही उनके साथी को रन आउट किया गया है और यह इस समय विश्व रिकॉर्ड है। भारत शनिवार को तीन विकेट पर 39 रन पर था, जब मुंबई की यह जोड़ी मैदान पर आई और चौथे विकेट के लिए रांची में अपनी पहली पारी में 267 रन की पार्टनरशिप की। रोहित ने एक सीमा के लिए डेन पिडट को उल्टा कर दिया, जबकि रहाणे ने अपने सिर के ऊपर से स्पिनर को चौका मारने के लिए बाहर कदम रखा, क्योंकि उन्होंने खुद को मुखर कर लिया था। रहाणे ने अपना 11 वां टेस्ट शतक बनाया और स्पिनर को निशाना बनाकर शानदार पारी खेली, जिसमें 17 चौके और एक छक्का शामिल था।
Woman eat poison with 7 year old daughter in muzaffarnagar - Muzaffarnagar News in Hindi - Video: महिला ने 7 साल की बेटी संग जहर खाया, मां की मौत, मासूम की हालत नाजुक | Patrika Hindi News lokesh verma | Publish: Jun, 15 2019 02:47:32 PM (IST) Muzaffarnagar, Muzaffernagar, Uttar Pradesh, India मुजफ्फरनगर के थाना मंसूरपुर क्षेत्र स्थित नरा गांव की हृदय विदारक घटना पति की जेब से पैसे कम होने को लेकर हुआ था विवाद मेरठ मेडिकल काॅलेज में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही बेटी मुजफ्फरनगर . जिले में एक और हृदय विदारक घटना सामने आई है। गांव नरा में पति से हुए मामूली विवाद के बाद एक महिला ने अपनी 7 साल की बेटी को जहर खिलाकर खुद भी जहर का सेवन कर लिया। घटना के बाद दोनों की हालत बिगड़ने पर परिजन तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी की हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल बच्ची को गंभीर हालत में मेरठ के हायर सेंटर में भर्ती कराया गया। जहां वह जिंदगी के लिए मौत से जूझ रही है। यह भी पढ़ें- Video: युवती के साथ रेप और युवाओं की पुलिस में नौकरी लगवाने वाला फर्जी दरोगा गिरफ्तार दरअसल, मामला मुजफ्फरनगर के थाना मंसूरपुर क्षेत्र का है। जहां गांव नरा में मोबाइल की दुकान चलाने वाले सुनील शर्मा का हंसता खेलता परिवार मामूली गृह क्लेश में बर्बाद हो गया है। सुनील के अनुसार, उसकी जेब से कुछ पैसे कम हुए थे। इसी बात को लेकर उसने अपनी पत्नी मीनू शर्मा से पूछ लिया कि पैसे कहां गए। देखते ही देखते इस बात को लेकर दोनों के बीच जमकर बहसबाजी हुई। इस विवाद के बाद सुनील अपनी दुकान चला गया, लेकिन इसके बाद शाम के समय मीनू ने अपनी 7 साल की बेटी खुशी के साथ खुद भी जहर खा लिया। इससे दोनों की हालत खराब हो गई। आनन-फानन में दोनों को जिला चिकित्सालय में लाया गया। जहां इलाज के दौरान मीनू की मौत हो गई, जबकि खुशी की हालत को गंभीर बताते हुए चिकित्सकों ने मेरठ रेफर कर दिया। जहां मेरठ मेडिकल कॉलेज में 7 वर्षीय मासूम खुशी का इलाज चल रहा है। सुबह गया था झगड़ा करके शाम को अस्पताल पहुंचा मृत मिली पत्नी सुनील शर्मा का कहना है कि पड़ोसी ने उसे दुकान पर जाकर बताया था कि तुम्हारी पत्नी ने बेटी के साथ जहर खा लिया है, जिसके बाद में वह हॉस्पिटल पहुंचा तो पत्नी मृत अवस्था में पड़ी थी और बेटी को मेरठ रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि सुनील शर्मा की शादी थाना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के पटेल नगर निवासी मीनू के साथ लगभग 15 साल पहले हुई थी। मीनू और सुनील की तीन बेटियां और एक बेटा है। सबसे छोटी बेटी मात्र 3 माह की बताई जा रही है। घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। eat poisoning case Muzaffarnagar muzaffarnagar crime muzaffarnagar police Uttar Pradesh मुजफ्फरनगर eat poisoning case Muzaffarnagar muzaffarnagar crime muzaffarnagar police Uttar Pradesh मुजफ्फरनगर मुजफ्फरनगर समाचार eat poison
पाइथन हाल के वर्षों में दुनिया में सबसे लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषाओं में से एक बन गया है। इसका उपयोग मशीन लर्निंग से लेकर वेबसाइट बनाने और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग तक हर चीज में किया जाता है। इसका उपयोग डेवलपर्स और गैर-डेवलपर्स द्वारा समान रूप से किया जा सकता है। तो दोस्तों इस पोस्ट में आपको बताऊंगा की पायथन क्या है कैसे सीखे और पायथन का भविष्य क्या है। Contents show 1 पाइथन लैंग्वेज क्या है? 1.1 ज्ञान प्राप्त करें – क्या आप जानते हैं? 1.2 पाइथन इतना लोकप्रिय क्यों है? 2 पाइथन कैसे सीखें? 3 निष्कर्ष – पाइथन लैंग्वेज क्या है? पाइथन एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग अक्सर वेबसाइट और सॉफ्टवेयर बनाने, टास्क पुरा करने और डेटा समझने के लिए किया जाता है। पायथन एक सामान्य प्रयोजन की भाषा है, जिसका अर्थ है कि इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के विभिन्न कार्यक्रम बनाने के लिए किया जा सकता है और यह किसी विशिष्ट समस्या के लिए विशिष्ट नहीं है। इस बहुमुखी प्रतिभा ने, इसकी शुरुआती-मित्रता के साथ, इसे आज सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषाओं में से एक बना दिया है। उद्योग विश्लेषक फर्म RedMonk द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि यह 2020 में डेवलपर्स के बीच सबसे लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा थी। ज्ञान प्राप्त करें – क्या आप जानते हैं? पाइथन नाम मोंटी पायथन से आया है। जब गुइडो वैन रोसुम पाइथन बना रहे थे, तब वह बीबीसी के मोंटी पायथन के फ्लाइंग सर्कस की स्क्रिप्ट भी पढ़ रहे थे। उन्होंने सोचा कि पाइथन नाम उचित रूप से छोटा और थोड़ा रहस्यमय था। पाइथन किसके लिए प्रयोग किया जाता है? पाइथन का उपयोग आमतौर पर वेबसाइटों और सॉफ्टवेयर को विकसित करने, कार्य स्वचालन, डेटा विश्लेषण और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन के लिए किया जाता है। चूंकि इसे सीखना अपेक्षाकृत आसान है, इसलिए कई गैर-प्रोग्रामर जैसे एकाउंटेंट और वैज्ञानिकों द्वारा पायथन को विभिन्न प्रकार के रोजमर्रा के कार्यों के लिए अपनाया गया है, जैसे कि वित्त का आयोजन। “लेखन कार्यक्रम एक बहुत ही रचनात्मक और पुरस्कृत गतिविधि है,” मिशिगन विश्वविद्यालय और कौरसेरा के प्रशिक्षक चार्ल्स आर सेवरेंस ने अपनी पुस्तक पायथन फॉर एवरीबॉडी में कहा है। “आप कई कारणों से कार्यक्रम लिख सकते हैं, अपने जीवन को बनाने से लेकर एक कठिन डेटा विश्लेषण समस्या को हल करने से लेकर किसी और की समस्या को हल करने में मदद करने के लिए मज़ा करना।” यहाँ कुछ सामान्य तरीकों पर करीब से नज़र डाली गई है जिनमें पायथन का उपयोग किया जाता है। पाइथन के प्रयोग- डेटा विश्लेषण और मशीन लर्निंग वेब डेवलपमेंट स्वचालन या स्क्रिप्टिंग सॉफ्टवेयर परीक्षण और प्रोटोटाइप रोजमर्रा के कार्य Related – वेबसाइट कैसे बनाएं स्टेप बाय स्टेप गाइड पाइथन इतना लोकप्रिय क्यों है? पाइथन कई कारणों से लोकप्रिय है। कोडर्स के लिए इसे इतना बहुमुखी और उपयोग में आसान बनाने के लिए यहां एक गहरी नज़र है। इसका एक सरल सिंटैक्स है जो प्राकृतिक भाषा की नकल करता है, इसलिए इसे पढ़ना और समझना आसान है। इससे परियोजनाओं का निर्माण तेज होता है, और उन पर तेजी से सुधार होता है। यह वर्सेटाइल है। वेब डेवलपमेंट से लेकर मशीन लर्निंग तक, कई अलग-अलग कार्यों के लिए पायथन का उपयोग किया जा सकता है। यह शुरुआती के अनुकूल है, जो इसे एंट्री-लेवल कोडर्स के लिए लोकप्रिय बनाता है। यह एक ओपन सोर्स है, जिसका अर्थ है कि यह व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भी उपयोग और वितरित करने के लिए स्वतंत्र है। पाइथन के मॉड्यूल और पुस्तकालयों का संग्रह – कोड के बंडल जो तीसरे पक्ष के उपयोगकर्ताओं ने पायथन की क्षमताओं का विस्तार करने के लिए बनाए हैं – विशाल और बढ़ रहे हैं। पाइथन में एक बड़ा और सक्रिय समुदाय है जो पायथन के मॉड्यूल और पुस्तकालयों के पूल में योगदान देता है, और अन्य प्रोग्रामर के लिए एक सहायक संसाधन के रूप में कार्य करता है। विशाल समर्थन समुदाय का अर्थ है कि यदि कोडर्स एक ठोकर का सामना करते हैं, तो समाधान खोजना अपेक्षाकृत आसान है; किसी को पहले भी इसी समस्या का सामना करना पड़ा है। पाइथन कैसे सीखें? पाइथन सीखने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग भाषा है – यह डेटा साइंस, वेब डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, गेम डेवलपमेंट, ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। लेकिन पायथन सीखने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? यह पता लगाना मुश्किल और दर्दनाक हो सकता है। मैं इसे अनुभव से जानता हूं। पाइथन सीखने के लिए आप इन फ्री कोर्स में एनरोल करके सीख सकते है। बेस्ट मुफ्त पायथन कोर्स – पाइथन कैसे सीखें? 1. गूगल का पायथन क्लास Google का पायथन वर्ग उन लोगों को लक्षित करता है जिन्हें प्रोग्रामिंग में कुछ पृष्ठभूमि का ज्ञान है, लेकिन वे पायथन के लिए नए हैं। कक्षा में वीडियो व्याख्यान, लिखित पाठ और अभ्यास कोडिंग अभ्यास शामिल हैं। छात्र अधिक उन्नत अवधारणाओं जैसे कि http कनेक्शन, प्रक्रियाओं और टेक्स्ट फ़ाइलों पर जाने से पहले स्ट्रिंग्स और सूचियों के बारे में सीखना शुरू करते हैं। 2. माइक्रोसॉफ्ट का पायथन कोर्स का परिचय यह शुरुआती पायथन पाठ्यक्रम छात्रों को बुनियादी पायथन कोड लिखना सिखाता है, जिसमें कंसोल इनपुट और आउटपुट के साथ काम करना और चर घोषित करना शामिल है। छात्र स्क्रिप्ट निष्पादित करने और अपना स्वयं का ऐप बनाने के लिए पायथन दुभाषिया का उपयोग करना सीखते हैं। 3. Udemy पर पायथन प्रोग्रामिंग का परिचय पायथन प्रोग्रामिंग का यह संक्षिप्त परिचय छात्रों को पायथन की मूल बातें सिखाता है ताकि वे अपने कार्यों और स्क्रिप्ट को लिखना शुरू कर सकें। छात्र स्ट्रिंग्स, वेरिएबल, डेटा प्रकार, और बहुत कुछ एक्सप्लोर करते हैं। यह पाठ्यक्रम बिना किसी पिछले कोडिंग अनुभव के शिक्षार्थियों को समायोजित करता है। उडेमी द्वारा पेश किए गए और अधिक कोडिंग पाठ्यक्रम यहां देखें। 4. Educative द्वारा Scratch से Python 3 सीखें इस इंटरेक्टिव 10-घंटे के पाठ्यक्रम में 75 पाठ हैं जो आपको पायथन में प्रोग्राम करना सीखने में मदद करते हैं। छात्र पायथन के बुनियादी बिल्डिंग ब्लॉक्स, जैसे डेटा प्रकार और चर को सीखकर शुरू करते हैं, और फिर लूप, फ़ंक्शन और लाइब्रेरी जैसे विषयों पर आगे बढ़ते हैं। पाठ्यक्रम में कोडिंग चुनौतियां और प्रश्नोत्तरी शामिल हैं। 5. कौरसेरा पर सभी के लिए पायथन मिशिगन विश्वविद्यालय यह पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जो छात्रों को पायथन का उपयोग करके डेटा और कोड का विश्लेषण करना सिखाता है। छात्र ऐसे प्रोग्राम लिखना सीखते हैं जो डेटा का संकलन, विश्लेषण और कल्पना करते हैं। यह पाठ्यक्रम पूर्व अनुभव के बिना शिक्षार्थियों के लिए उपयुक्त है, और इसे पूरा करने में लगभग आठ महीने लग सकते हैं यदि छात्र पाठ्यक्रम के लिए प्रति सप्ताह लगभग तीन घंटे काम करते हैं। निष्कर्ष – आशा करते हैं आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी। यदि आपको पाइथन लैंग्वेज के बारे में और इसे कैसे सीखें आदि की जानकारी अच्छी लगी तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों में शेयर करें और हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह पोस्ट कैसी लगी। Also Read: Computer क्या है? Linux Operating System क्या है? PPT क्या है और PPT Kaise Banaye ? PPT Full Form Categories Education PPT क्या है और PPT Kaise Banaye ? PPT Full Form Shiv Khera Biography & Quotes in hindi Related Posts Google Ka Avishkar Kisne Kiya | गूगल का आविष्कार किसने किया RSS Full Form । आर.एस.एस का फुल फॉर्म क्या है? Actor Kaise Bane | एक्‍टर बनने के लिए क्‍या करना पड़ेगा 1 thought on “पाइथन लैंग्वेज क्या है और कैसे सीखे | What Is Python In Hindi” Jaisana 14 February, 2022 at 3:19 PM Sir, I read some articles on your website, I liked your articles and after reading your articles, I also write some articles, once you see our website, did I write correctly Reply Leave a Comment Cancel reply Comment Name Email Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. 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Brahmastra team to reveal mystery at the Kumbh 2019 | कुंभ में खुलेगा 'ब्रह्मास्त्र' का रहस्य, आलिया-रणवीर के साथ करण जौहर पहुंचे प्रयागराज Mar 4, 2019, 05:32 PM IST नई दिल्ली : प्रयागराज में चल रहे कुंभ 2019 का जल्द ही समापन होने वाला है. इससे पहले कुंभ में बॉलीवुड डायरेक्टर करण जौहर और उनकी फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की टीम संगम के तट पर पहुंची है. करण जौहर ने अपने सोशल मीडिया अकांउट पर प्रयागराज के गूगल मैप की तस्वीर शेयर की है. मैप शेयर करते हुए करण ने लिखा कि कई बार महान सफर एक बड़े स्टेप के बाद शुरू होता है. जानकारी के लिए साथ जुड़े रहिए. इससे पहले भी करण जौहर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज रात, कुंभ मेला जादुई होने वाला है. ज्यादा जानकारी के लिए शाम 7.30 बजे जुड़े. करण जौहर के अलावा फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की एक्ट्रेस आलिया भट्ट ने भी प्रयाग राज का मैप इंस्टाग्राम स्टोरी में शेयर करते हुए लिखा, 'एक नए सफर की शुरुआत, हर-हर महादेव. हैप्पी महाशिवरात्र‍ि. प्रयागराज.' बता दें कि फिल्म में रणबीर कपूर, आलिया भट्ट के साथ अमिताभ बच्चन भी मुख्य भूमिका में नजर आने वाले हैं. फिल्म को 15 अगस्त 2019 स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज किए जाने की बात की जा रही थी. लेकिन अब इसे क्रिसमस के आसपास दिसंबर 2019 में रिलीज किया जा सकता है. इस फिल्म में डिंपल कपाड़िया और साउथ सुपर स्टार नागार्जुन भी मेहमान भूमिका में नजर आने वाले हैं.
पंजाब पुलिस ने संदिग्ध हमलावरों के फोटो जारी किए जम्मू-कश्मीर 2019 का सबसे बड़ा आतंकी हमला, 30 सीआरपीएफ जवान शहीद जैश के इस स्थानीय आतंकी ने किया आत्मघाती हमला बारात से लौट रहे 12 लोगों की मौत, टक्कर के बाद 50 फीट दूर जा गिरी वैन 19/Nov/2018 National अमृतसर ,19 नवंबर(वार्ता) पंजाब के अमृतसर शहर से थोड़ी दूर पर स्थित गांव राजासांसी में एक धार्मिक आयोजन पर हुए ग्रेनेड हमले को लेकर पुलिस ने संदिग्ध युवकों के फोटो जारी किए है। इस घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) की टीम रविवार देर रात अमृतसर पहुंच गई है। एनआईए टीम की अगुवाई मुकेश सिंह कर रहे हैं। पुलिस का दावा है कि बाइक पर सवार इन्हीं दोनों युवकों ने सत्संग भवन पर हमला किया है। वहीं इस मामले में निरंकारी भवन के प्रबंधक द्वारा पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि ये हमला किसने करवाया है लेकिन हमले का शक खालिस्तानी समर्थकों पर है। अमृतसर के राजासांसी के अदावली गांव के निरंकारी भवन के प्रबंधक अर्जुन सिंह ने इस मामले मेंएफआईआर दर्ज कराई है। जिसके मुताबिक, ग्रेनेड फेंकने के लिए दो युवक निरंकारी भवन पहुंचे थे। उनकी बाइक की नंबर प्लेट गायब थी। हमलावरों की मोटरसाइकिल काले रंग की पल्सर थी। अर्जुन सिंह के मुताबिक, दोनों हमलावर सिख थे। एक ने जींस और टी-शर्ट पहनी हुई थी और दूसरा कुर्ता-पायजामा में था। दोनों ने अपने चेहरे पर कपड़ा लपेटा हुआ था। एफआईआर में बताया गया है कि बाइक पर बैठे एक युवक ने निरंकारी भवन की गेट पर सुरक्षा के लिए तैनात किए गए दो अनुयायियों को गन पॉइंट पर बंधक बना लिया ताकि वे शोर न मचा सके।इसके बाद दूसरा हमलावर, जहां सत्संग चल रहा था, वहां तेजी से गया और बैठे लोगों पर हैंड ग्रेनेड फेंक दिया। घटना को अंजाम देने के बाद वह बाहर खड़े साथी के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर फरार हो गया। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम आतंकियों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे। अपने मीडिया सलाहकार के हवाले से सिंह ने कहा है कि जो भी इस जघन्य घटना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएगा उसे सरकार 50 लाख रुपये का इनाम देगी। उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार बेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार द्वारा जारी सूचना में यह भी कहा है कि आतंकी घटना में संलिप्त लोगों के बारे में बताने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा।
अनेकांत, अनेकांतवाद इन विषय का प्ररूपण करने वाले संस्कृत, प्राकृत भाषाओं के आगम सूत्र कौन कौन से है?.. सूत्र/श्लोकों के साथ उन आगम शास्त्रों के नाम, उन सूत्रों के क्रमांक आदि जानकारी भी कोई साझा कर सके तो बहुत मदत होगी … आभार!
नेपाल से ड्रग की तस्करी | Search Khabar नई दिल्ली : कोटला मुबारक पुर थाना पुलिस ने 1.20 करोड़ कीमत की ड्रग जब्त की है। इस सिलसिले में नेपाल मूल के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके नाम बरुन कुमार और सोबराज लामा हैं। इनसे 16 किलो 226 ग्राम चरस मिली है। डीसीपी साउथ डिस्ट्रिक अतुल कुमार ठाकुर ने बताया इस रैकेट में शामिल लोगों के बारे में खबर मिली थी। इनपुट मिला 15 फरवरी को नेपाल मूल का एक नागरिक सब्जी मंडी सेवा नगर के पास ड्रग के साथ जाएगा, जिसके बाद कई जगह ट्रैप लगाकर पकड़ा गया। आरोपी बरुन कुमार के पास से उस वक्त 11 किलो से ज्यादा चरस बरामद हुई। इस बाबत कोटला मुबारक पुर थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी से हुई पूछताछ उसके साथी का नाम सामने आया, जिसके बाद उसके घर दबिश डाल पकड़ा गया। इसके पास से चार किलो से ज्यादा चरस बरामद की गई। आरोपी बरुन कुमार वजीर नगर क्षेत्र का रहने वाला है। वह गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। उसने नेपाल में बारहवीं तक पढ़ाई की है। पहली बार वह साल 2018 में और दूसरी बार एक फरवरी को भारत आया था।
प्यार से फरेब तक | NewsNetwork24 होम Main Slider News प्यार से फरेब तक प्यार से फरेब तक love and dhokha अलीगंज में रहने वाली रश्मि शर्मा को विकासनगर के ओंकार सिंह ने प्यार का झांसा दिया. भोलीभाली रश्मि उसके झांसे में आ गई. ओंकार के चाचा-चाची के दखल के बाद आर्य समाज में उनकी शादी हो गई. पर कुछ माह बाद ही ओंकार बिजनेस का बहाना बनाकर गायब रहने लगा. दो साल तक चली कश्मकश के बाद पता चला कि ओंकार ने दूसरी शादी कर ली. खुलासा होने पर ओंकार ने दूसरी पत्नी से तलाक का फर्जी दस्तावेज दिखाकर रश्मि को शांत करा दिया. इस बीच उसे पता चला कि ओंकार घर से गायब रहकर फिर से अपनी दूसरी वाइफ से मिलने जाता है. रश्मि ने ओंकार को प्रेगनेंट होने की खबर दी तो वह भड़क उठा और उसने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी और उसे मायके छोड़कर फरार हो गया. अब रश्मि पुलिस थाने के चक्कर लगाकर इंसाफ की गुहार लगा रही है. कहानी शुरू होती है 2007 में जब अलीगंज में रहने वाले रंजीत कुमार शर्मा की तीन बेटियों में सबसे बड़ी रश्मि ने रामाधीन सिंह इंटर कॉलेज में बीए करने के लिये दाखिला लिया. गाने की शौकीन रश्मि ने डंडइया बाजार के पास रहने वाले आर्केस्ट्रा पार्टी के ऑर्गनाइजर के यहां वोकल की क्लास के लिये संपर्क किया. इसी दौरान उसकी मुलाकात विकासनगर सेक्टर-8 निवासी ओंकार सिंह से हुई. दो साल तक चले इश्क के बाद ओंकार ने रश्मि के सामने शादी का प्रस्ताव रखा. कुछ दिनों बाद ओंकार के पिता सिद्धेश्वर सिंह रिश्ता लेकर उनके घर पहुंचे और 1.70 लाख रुपये दहेज मांगा. दहेज की बात सुनते ही रंजीत ने शादी से इनकार कर दिया. रिश्ता टूटता देख ओंकार फिर सक्रिय हुआ और अपने चाचा कन्हैया और चाची शोभा को रंजीत के घर ले आया. लंबी बातचीत के बाद रंजीत शादी के लिये तैयार हो गये. इसके बाद 6 अप्रैल 2009 जानकीपुरम आर्य समाज मंदिर में उन दोनों की शादी हो गई. रश्मि ने बताया कि शादी के बाद ओंकार ने विकासनगर में ही एक किराये का मकान लिया. शादी के एक हफ्ते बाद ही रश्मि जिद कर अपने ससुराल गई. जहां उसकी सास माया ने उन दोनों को पहचानने से इनकार कर दिया. सास के इस बर्ताव के बाद रश्मि वापस लौट आई. कुछ माह बाद ओंकार कई-कई दिन घर से गायब रहने लगा. रश्मि के मुताबिक, जब उसने पूछा तो ओंकार ने बताया कि बिजनेस के सिलसिले में उसे बाहर जाना पड़ता है. इसी दौरान 27 नवंबर 2009 को ओंकार ने बहराइच निवासी एक युवती से शादी कर ली. रश्मि को इसकी भनक न लग सकी. ओंकार का गायब रहने का सिलसिला जारी रहा. रश्मि नवंबर 2011 में यह सुनकर भौंचक रह गई कि ओंकार ने दूसरी शादी कर ली है. उसने ओंकार से इस बारे में पूछताछ की तो वह गोल-मोल जवाब देने लगा. अप्रैल माह में आखिरकार ओंकार ने माना कि उसके फैमिली मेंबर्स ने उसकी जबरन शादी करा दी थी, लेकिन उसने एक हलफनामा देकर यह साबित किया कि शादी के दो माह बाद जनवरी 2010 में ही उनके बीच तलाक हो गया. इस बार फिर रश्मि उसके झांसे में आ गई. बीते दो सितंबर को रश्मि को एक खबर ने फिर चौंका दिया. उसे पता चला कि ओंकार की दूसरी वाइफ को बेटा हुआ है. दो साल पहले हुए तलाक के बाद यह खबर वास्तव में चौंकाने वाली थी. उसने ओंकार से इस बारे में फिर पूछा तो उसने रश्मि की पिटाई कर दी. रश्मि के मुताबिक, सात सितंबर की रात में उसने ओंकार को बताया कि वह दो माह की प्रेगनेंट है. यह खबर सुनते ही ओंकार भड़क उठा और उसने उसे बेरहमी से पीटा. रश्मि ने बताया कि ओंकार ने उसके पेट में पैर से कई वार किये और उसका गला घोंटने की भी कोशिश की. विरोध करने पर ओंकार ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि उसके पिता पुलिस में हैं इसलिये उसका कोई कुछ नहीं कर सकता. इस दौरान उसने अपनी दूसरी वाइफ के साथ रहने की बात भी कही. इसके बाद वह रश्मि को अलीगंज स्थित मायके छोड़कर फरार हो गया. रश्मि ने बताया कि वह अपने मम्मी-पापा के साथ नौ सितंबर को विकासनगर थाने गई और पुलिस को तहरीर दी. लेकिन उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिस ने उसे टरका दिया. पुलिस के इस रवैये से निराश रश्मि सोमवार को एसएसपी आवास पहुंची और इंसाफ की गुहार लगाई.
डेंगू के लक्षण, बचाव और इलाज | Symptoms of Dengue डेंगू बुखार, एडीज एगीप्ती मच्छर की वजह से फैलने वाली बीमारी है और डेंगू – Dengue के चार तरह के वायरस में से यह एक है। एक बार यदि आप डेंगू के वायरस से ग्रसित हो गये तो वह वायरस आपको जिंदगीभर कभी नही होंगा। लेकिन हो सकता है की बचे हुए तीन तरह के वायरस आपको हो जाए। जिस वायरस की वजह से डेंगू की बीमारी होती है, हो सकता है की वही वायरस पीत ज्वर और वायरस संक्रमण का कारण भी हो। डेंगू के लक्षण – Symptoms of Dengue डेंगू बुखार के लक्षण : यदि आप डेंगू की चपेट में आ चुके हो तो, इसके लक्षण आपको शुरुवाती बुखार के 4 से 7 दिनों बाद दिखने लगते है। बहुत सी परिस्थितियों में इसके लक्षण काफी कम होते है। लेकिन कई बार संक्रमण की वजह से भी डेंगू की बीमारी हो जाती है। युवा बच्चो की तुलना में किशोर बच्चो में यह संक्रमण काफी तेजी से फैलता है। डेंगू के लक्षण हमें तक़रीबन 10 दिन तक दिखाई देते है, इन लक्षणों में मुख्य रूप से निचे दिए गये कुछ लक्षण शामिल है: • धीरे-धीरे जी मचलना • अचानक तेज बुखार आना (106 डिग्री तक) • नाक और मसूडो से खून बहना • भयानक सिरदर्द • बुखार की ऐठन • सूजी हुई ग्रंथियां • जोड़ो और हड्डियों में दर्द होना एवं सूजना • त्वचा पर लाल चकत्ते आना (यह बुखार आने के चार से पाँच दिनों बाद आने लगते है) • पहले थोड़ी-थोड़ी और बाद में तेजी से उल्टियाँ होना • त्वचा पर चोट आना डेंगू बुखार का निदान: डॉक्टर अक्सर वायरल इन्फेक्शन की जाँच करने के लिए ब्लड टेस्ट करते है। यदि किसी दूसरी देश से यात्रा करने के बाद आपको खुद में डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहे है, तो आपको तुरंत अपने निजी डॉक्टर के पास जाकर ब्लड टेस्ट करवा लेना चाहिए। डेंगू के बुखार से कैसे बचा जा सकता है: डेंगू के बुखार से बचने के लिए कोई टिका भी नही बना है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है की आपको मच्छरों के काटने से बचना होंगा और मच्छरों के आस-पास ना भटके। जिस जगह पर ज्यादा से ज्यादा मच्छर हो, वहाँ कम से कम जाने की कोशिश करे : • लंबी आस्तीन वाले शर्ट का उपयोग करे और पैरो में भी मोज़े पहने। • सोने वाली जगह पर यदि ज्यादा मच्छर आते हो तो आप मच्छरदानी भी लगा सकते हो। • जिस जगह में ज्यादा जनसँख्या रहती हो वहाँ ना जाए। • अपने घर के बाहर और अंदर दोनों जगह मच्छर मारक का उपयोग करे। • खुली खिड़की रखने की बजाए एयर कंडीशनर का उपयोग करे। • ध्यान रहे की घर के सारे दरवाजो और खिडकियों पर जालियाँ लगी हुई हो और कोई भी खिड़की या दरवाजा खुला ना हो। डेंगू के बुखार से बचने का सबसे आसान तरीका यही है की आपको अपने आस-पास की जगहों पर मच्छरों की जनसँख्या को कम करना होंगा। मच्छर ज्यादातर गंदी जगहों पर ही पनपते है, जैसे: • पक्षियों के स्नान करने की जगह • फ्लावर पॉट्स • खाली पतीला • पालतू व्यंजन • कैन्स • खाली गलियाने इन सभी जगहों की आपको अच्छी तरह जाँच करते रहनी चाहिए और इन जगहों को हमेशा साफ़ रखना चाहिए। जहां पानी जमा हुआ हैं वही मच्छरो की उत्पत्ति होती हैं इसलिए बारिश के मौसम में पानी जमा होने ना दे इतना ध्यान रहे की अपना स्वास्थ अपने हाथों में हैं। अगर आपको हमारा डेंगू के लक्षण / Symptoms of Dengue लेख अच्छा लगा तो जरुर हमें कमेन्ट के माध्यम से बताएं. और Facebook पर लाइक करके हमसे जुड़ें. धन्यवाद
Acharya Chanakya Says These 5 Things Always Helpful In Difficult Times Chanakya Niti - Chanakya Niti अनुसार मुश्किल वक्त में हमेशा काम आती हैं ये 5 चीजें, जानिये Chanakya Niti अनुसार मुश्किल वक्त में हमेशा काम आती हैं ये 5 चीजें, जानिये चाणक्य जी के अनुसार विद्या यानी ज्ञान ना तो कभी चोरी होता है, ना ही कोई उसे आपसे छीन सकता है। विद्या अर्जन करना, कामधेनु के समान होता है। November 20, 2021 12:58:00 pm Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार विद्या यानी ज्ञान आपका हर मुश्किल में साथ देता है Chanakya Niti: एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य को समाज के लगभग सभी विषयों की गहराई से समझ थी। अपने जीवन काल में चाणक्य जी ने हमेशा समाज का मार्गदर्शन किया, साथ ही उन्होंने एक 'नीति शास्त्र' की भी रचना की थी। इस नीति शास्त्र के जरिए चाणक्य जी ने लोगों को सही जीवन जीने की राह दिखाई है, इसलिए चाणक्य जी की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती हैं। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति चाणक्य जी की नीतियों का अनुसरण करता है, वह अपनी जिंदगी में हर मुकाम को हासिल कर लेता है। चाणक्य जी ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी पांच चीजों का जिक्र किया है, जो हमेशा मुश्किल वक्त में मनुष्य के काम आती हैं। जानिये कौन-सी हैं वह 5 चीजें- विद्या: चाणक्य जी के अनुसार विद्या यानी ज्ञान ना तो कभी चोरी होता है, ना ही कोई उसे आपसे छीन सकता है। विद्या अर्जन करना, कामधेनु के समान होता है। मुश्किल वक्त में सबसे ज्यादा ज्ञान ही आपके काम आता है और यह आपको कठिन परिस्थितियों से निकलने में भी मदद करता है। चाणक्य जी विद्या को गुप्त धन भी मानते थे। संतजनों की संगति: आचार्य चाणक्य के अनुसार संतजनों की संगति में रहने वाला मनुष्य बेहद ही सौभाग्यशाली होता है। वह हर परिस्थिति का डटकर सामना करता है। मुसीबत पड़ने पर भी वह अपना आपा नहीं खोता। यही वजह है की वह सुख और शांति से अपना जीवन व्यतीत करता है। स्वस्थ शरीर: चतुर रणनीतिकार आचार्य चाणक्य मानते हैं कि स्वस्थ शरीर विपरित परिस्थितियों में भी मनुष्य के काम आता है। क्योंकि अगर मनुष्य का शरीर स्वस्थ है तो वह अपनी बुद्धि का सही तरीके से इस्तेमाल कर पाता है। धन संचयन: कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध चाणक्य जी मानते हैं कि व्यक्ति को बुरे समय के लिए धन का संचयन करना बेहद ही जरूरी होता है। क्योंकि जब मुसीबत में हर कोई आपका साथ छोड़ देता है तो यही धन आपके काम आता है। चाणक्य जी ने धन को सच्चा मित्र भी बताया है। ईश्वर: संकट में जब पुत्र, पुत्री, परिवार जन और पत्नी भी आपका साथ छोड़ देते हैं तब केवल ईश्वर ही आपकी रक्षा करते हैं और आपका सहारा बनते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य मानते हैं कि व्यक्ति को कभी भी भगवान की भक्ति करना नहीं छोड़ना चाहिए।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में वरिष्ठ पत्रकार और 'राइजिंग कश्मीर' के संपादक शुजात बुख़ारी की हत्या के विरोध में कश्मीर तकरीबन सभी अख़बारों ने मंगलवार को अपने संपादकीय ख़ाली छोड़े हैं. मालूम हो कि 14 जून को शुजात बुख़ारी और उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) हामिद चौधरी और मुमताज़ अवान की श्रीनगर में उनके कार्यालय के बाहर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. सोमवार को श्रीनगर में पत्रकारों ने प्रेस एन्क्लेव, जहां बुखारी को गोली मारी गयी थी, वहां से लाल चौक तक एक शांति मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद हुई कश्मीर एडिटर्स गिल्ड (केईजी) की बैठक में संपादकीय ख़ाली छोड़ने का फैसला लिया गया. केईजी के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर नेटवर्क 18 से फ़ोन पर हुई बातचीत में बताया कि यह फैसला एक मत से लिया गया है. उन्होंने कहा, 'केईजी के सदस्यों द्वारा यह फैसला सर्व-सम्मति से लिया गया और फिर यही घाटी के अख़बारों तक पहुंचाया गया. संपादकीय ख़ाली छोड़ने के पीछे सरकार तक यह संदेश पहुंचाना है कि प्रेस पर इस तरह के हमले जारी नहीं रह सकते.' केईजी के इस सदस्य ने बताया कि घाटी में उर्दू और अंग्रेज़ी के करीब 11 अख़बारों ने अपने संपादकीय ख़ाली छोड़े हैं. उन्होंने कहा, 'संपादकीय लिखने वाले हाथ हमसे छीन लिए गए हैं. ऐसा लग रहा है मानो हमारी स्याही सूख गयी है. इसलिए यह ज़रूरी है कि हम अपना संदेश साफ करें और अपना विरोध दर्ज करवाएं. शुजात की हत्या कश्मीर में मीडिया को सेंसर करने, कमज़ोर करने और आखिरकार उन्हें चुप करा देने की एक कोशिश है.' डेली रौशनी राइजिंग कश्मीर, ग्रेटर कश्मीर, कश्मीर रीडर, कश्मीर टाइम्स, राइजिंग कश्मीर, डेली रौशनी, डेली चट्टान, तामील-ए-इरशाद आदि घाटी के प्रमुख अख़बारों ने मंगलवार को प्रकाशित अंक में अपने संपादकीय ख़ाली छोड़े हैं. राइजिंग कश्मीर के संपादकीय पेज को एडिट करने वाले शोएब हामिद ने भी कहा है कि ख़ाली संपादकीय छोड़ना अपना विरोध दर्ज करवाना तो है ही, साथ ही बुखारी के कातिलों को ये बताने की कोशिश है कि एक स्वतंत्र और ज़िम्मेदार प्रेस को चुप नहीं कराया जा सकता. डेली चट्टान नेटवर्क 18 के मुताबिक शोएब ने कहा, 'शुजात बुखारी की हत्या हम सब पर हमला है. हम अपना विरोध जारी रखेंगे. असल में हम कश्मीर में हो रही हिंसा पर राइजिंग कश्मीर के संपादकीय लिखने की सोच रहे हैं. साथ ही ख़ाली संपादकीय इसलिए भी है कि हम यह बता सकें कि अभिव्यक्ति की आज़ादी को दबाया नहीं जा सकता है.' उन्होंने यह भी कहा कि समाज के सभी लोगों को बुखारी की हत्या के विरोध का अपनी तरह विरोध करना चाहिए. हालांकि हामिद ने यह माना कि बुखारी की हत्या को प्रेस पर हमले के बतौर नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि कश्मीर में शांति की बात करने वाली आवाज़ों पर हमला माना जाना चाहिए. ऐसा ही मानना हाजी हयात मोहम्मद भट का है. भट कश्मीर रीडर के प्रमुख संपादक हैं. उन्होंने नेटवर्क18 से बातचीत में कहा, 'एक ज़िम्मेदार पत्रकार के बतौर हमें इस निर्मम हत्या पर सवाल करने चाहिए, इसका विरोध करना चाहिए. और हम यही कर रहे हैं.' इससे पहले सोमवार को हुए प्रदर्शन में घाटी के पत्रकारों ने इस हत्या को प्रेस पर हमला बताया और कहा कि उनकी आवाज़ को इस तरह नहीं दबाया जा सकता. स्क्रॉल की खबर के अनुसार राइजिंग कश्मीर के उर्दू अख़बार कश्मीर परचम के संपादक राशिद मकबूल ने बुखारी की हत्या को पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया. मकबूल ने कहा, 'हम इस विरोध प्रदर्शन के जरिये यह संदेश देने के लिए सड़कों पर उतरे हैं कि भले ही कुछ हो जाए, चाहे अत्याचार असहनीय हो जाएं, हम अभिव्यक्ति की आज़ादी की मशाल बुझने नहीं देंगे.' मकबूल ने कहा कि बीते सालों में कश्मीर की प्रेस ने तमाम मुश्किलों का सामना किया है और साथ खड़े रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हमने इन मुश्किलों और डर के माहौल से निकल कर आये हैं. अगर ऐसा फिर होता है तो हम अपनी पेशेवर जिम्मेदारियां निभाने से पीछे नहीं हटेंगे. कोई मुश्किल आये, कोई भी ताकत हमें अपनी ड्यूटी निभाने से रोक नहीं सकती.' मीडिया संगठनों ने जम्मू कश्मीर सरकार से की इंसाफ की मांग नई दिल्ली: 11 मीडिया संगठनों ने सोमवार को जम्मू कश्मीर सरकार से वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी के हत्यारों को यथाशीघ्र पकड़ने तथा उनकी हत्या से पहले उसके खिलाफ चलाये गये द्वेषपूर्ण अभियान की जांच कराने की मांग की. संयुक्त बयान सह प्रस्ताव में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वूमेंस प्रेस कोर, प्रेस एसोसिएशन, एडिटर्स गिल्ड, साउथ एशियन फ्री मीडिया एसोसिएशन, साउथ एशियन वूमेन इन मीडिया, इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन, नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट, फॉरेन कॉरस्पोंडेंट्स क्लब , वर्किंग न्यूज कैमरापर्सन एसोसएिशन और ऑल उर्दू एडिटर्स कॉन्फ्रेंस ने कहा कि बुखारी की निर्मम हत्या विभिन्न स्तरों पर जवाबदेही की मांग करती है. उन्होंने कहा कि देश में हर व्यक्ति भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सार्वभौमिक अधिकर है और ऐसी आजादी के विरुद्ध बढ़ती असहिष्णुता में लोकतंत्र के चरित्र एवं प्रकृति को कमजोर करने की ताकत है. उन्होंने बयान में कहा, 'हम मांग करते हैं कि जम्मू कश्मीर सरकार इस कायराना अपराध के अपराधियों को जल्द से जल्द इंसाफ के कठघरे में खड़ा करे. हम मांग करते हैं कि सरकार शुजात के खिलाफ चलाये गये द्वेषपूर्ण अभियान की जांच कराए.' 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Protests Against Sunny Leone New Year Performance In Bengaluru | OMG : सनी लियोनी के खिलाफ क्यों हुई नारेबाजी और क्यों फूंका गया पुतला? - Firstpost Hindi 24 फ़रवरी, 2020 OMG : सनी लियोनी के खिलाफ क्यों हुई नारेबाजी और क्यों फूंका गया पुतला? बेंगलुरु में न्यू ईयर पर सनी लियोनी के परफॉर्मेंस का विरोध Updated On: Dec 15, 2017 05:16 PM IST बॉलीवुड की हॉट एक्ट्रेस सनी लियोनी को अचानक से अपने एक इवेंट की वजह से सुर्खियों में आ गयी हैं. सनी के एक इवेंट को लेकर बेंगलुरु में बवाल मच गया है. दरअसल 31 दिसंबर की शाम न्यू ईयर पार्टी में बैंगलुरू के एक फाइव स्टार होटल में सनी लियोनी का डांस प्रोग्राम "Sunny Night in Bengaluru NYE 2018" रखा गया है. लेकिन इसके पहले ही सनी के खिलाफ वहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. इस डांस शो के खिलाफ 'कन्नड़ संगठन कर्नाटक रक्षना वेदिका युवा सेना' प्रदर्शन कर रहा है. सनी के विरोध में उतरे प्रो कन्‍न्‍ड़ ग्रुप 'कर्नाटक रक्षना वेदिका युवा सेना' 15 जिलों में अपना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है. इस दौरान सड़कों पर जमकर नारेबाजी के साथ सनी की तस्वीरें भी जलाई गई. आजतक.कॉम की खबर के मुताबिक इस संगठन का कहना है कि इस तरह का डांस प्रदर्शन और सनी लियोनी, दोनों ही हमारी संस्कृति नहीं है, इसलिए हम इनका विरोध करते हैं. कर्नाटक रक्षना वेदिका युवा सेना 15 जिलों में अपना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है. विरोध प्रदर्शन कर ग्रुप के जनरल सेक्रेटरी का सईद मिनाज का कहना है कि सनी भारतीय नहीं है, उनके बारे में सभी जानते हैं, वो कहां से आई हैं और क्‍या काम करती रही हैं. शहर में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कराया जाना इसकी संस्कृति पर हमला है. Karnataka: The members of pro- Kannada group Karnataka Rakshana Vedike Yuva Sene staged a demonstration protesting against actor Sunny Leone taking part in a new year eve event at Manyata Tech Park in Bengaluru pic.twitter.com/fwk7PetVP9 बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. सनी के प्रोग्राम का विरोध पिछले साल भी इस ग्रुप ने किया था. वैसे सनी कन्‍नड़ फिल्‍म में अपना गेस्‍ट अपीयरेंस पहले ही दे चुकी हैं. आपको बता दें कि इसके पहले भी बॉलीवुड एक्ट्रेस सनी लियोनी एक एड को लेकर विवाद में फंस चुकी हैं. उन पर कल्चरल वैल्यूज को संक्रमित करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से शिकायत की गई थी. Tags: bengaluruKarnataka Rakshana Vedike Yuva Senesunny leoneकर्नाटक रक्षना वेदिका युवा सेनाबेंगलुरुसनी लियोनी
MP में अगले 48 घंटे भारी बारिश की चेतावनी, बन सकते हैं बाढ़ जैसे हालात, CM ने किया अलर्ट | Bichhu.com Home मध्य प्रदेश MP में अगले 48 घंटे भारी बारिश की चेतावनी, बन सकते हैं बाढ़ जैसे हालात, CM ने किया अलर्ट भोपाल। प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है। मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। सोमवार को राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में बारिश और तेज हवा चली है| भोपाल में दोपहर तीन बजे के बाद तेज हवा चली और जोरदार बारिश हुई। वहीं रविवार को भी तेज हवा के साथ बारिश का सिलसिला जारी रहा। मौसम विभाग ने प्रदेश भर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है| वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रदेशवासियों को भारी वर्षा के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है, साथ ही संकट में फंसे लोगों की मदद की अपील भी की है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीटर अकांटर पर एक पोस्ट के जरिए मौसम को लेकर लोगों को अलर्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में मानसून सक्रिय है और अगले 48 घंटों में भारी वर्षा की आशंका बताई जा रही है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। हमारी तैयारी है और आप भी सतर्क रहें। यदि कोई विषम परिस्थितियों में दिखे तो क्षमता अनुसार उनकी मदद करें।
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क्लाउड एंटीवायरस क्या है? नेटवर्क सुरक्षा क्या होती है? रैंसमवेयरव्यावसायिक ब्लॉग साझेदार खोजकर्ता डील पंजीकरण व्हाइट पेपर पुनर्विक्रेता पोर्टल नेटवर्क ऑपरेटर सहयोगी कार्यक्रम Avast Business साझेदार एक मजबूत Endpoint security अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन एंटीवायरस अकेले पर्याप्त नहीं है। Avast Business Patch Management अत्यंत महत्वपूर्ण कमज़ोरियों की पहचान करके पैचिंग के काम में से तुक्केबाजी ख़त्म कर देता है और एक सेंट्रल डैशबोर्ड से उन पैचेस को लागू करना आसान बनाता है। केवल Windows ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए। प्रति 1 डिवाइस 1 वर्ष - सभी मूल्यों में वैट शामिल नहीं है अभी खरीदें 90-दिन का नि:शुल्क परीक्षण यदि आप पहले से Avast Business प्रबंधन कंसोल का उपयोग करते हैं, तो कृपया वहां से लॉग इन करके Patch Management खरीदें। Patch Management Endpoint सायबरसुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। Patch Management एंडपॉइंट सायबरसुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। Windows ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर में मौजूद असुरक्षितताओं या सुरक्षा की ख़ामियों को ठीक करने के लिए पैच जारी किए जाते हैं। यदि समय से पैच लागू न किए जाएं, तो नेटवर्क्स की सुरक्षा को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। जहां अधिकांश व्यवसाय पैचिंग की महत्ता जानते हैं, वहीं कुछ व्यवसाय ऐसे भी हैं जिन्हें यह नहीं पता क्योंकि पैचेस की संख्या बहुत बड़ी है, पैचिंग से अक्सर संचालन में बाधा पड़ती है, और पैचेस अन्य सिस्टम्स के साथ समस्याएं पैदा कर सकते हैं। पैच मैनेजमेंट, अब Management Console और CloudCare दोनों में उपलब्ध है, महत्वपूर्ण पैच को पहचानने और लागू करने और चल रही एक केंद्रीय डैशबोर्ड से गतिविधि की निगरानी को आसान बनाकर इन समस्याओं को हल करता है। पैचिंग कैसे काम करती है? सभी डिवाइसेस को अनुपस्थित पैचेस के लिए स्कैन करें पैच स्कैन की आवृत्ति, प्रतिदिन, प्रति सप्ताह या प्रति माह में से एक चुनें और वह निश्चित समय तय करें जब आप स्कैन चलाना चाहते हैं। पैचेस सक्रिय करें सभी वेंडर्स, सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशंस, और गंभीरताएं स्वचालित ढंग से पैच किए जाएंगे, पर यदि आप किसी एप्लिकेशन की पैचिंग नहीं चाहते तो उसे आप आसानी से निष्कासित कर सकते हैं। पैच स्थिति देखें डैशबोर्ड से, आसानी से रिलीज़ नोट्स, रिलीज़ होने का दिनांक तथा अन्य विवरण के साथ गुम पैच, पैच का नाम और गंभीरता का स्तर देखें। विस्तृत Patch Management की मदद से एप्लिकेशन सुरक्षा बढ़ाएं और असुरक्षितताओं की रोकथाम करें। असुरक्षितताओं की रोकथाम करें संभावित असुरक्षितताओं या सुरक्षा की ख़ामियों की रोकथाम करने के लिए Windows ऑपरेटिंग सिस्टम्स और अन्य तृतीय-पक्ष सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशंस को स्वचालित ढंग से अप-टू-डेट रखें। अनुपालन सुनिश्चित करें कंपनी और नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने और सुरक्षा उल्लंघनों को रोकने के लिए पुराने या विफल-स्थापित सॉफ़्टवेयर को पहचानें और पैच करें। प्रबंधन केंद्रीकृत करें केंद्रीकृत प्रबंधन के साथ पैच को पूर्ण रूप से नियंत्रित करें जो आपको सभी उपकरणों को स्कैन करने, शेड्यूल सेट करने और एकल डैशबोर्ड से रिपोर्ट प्राप्त करने की अनुमति देता है। क्या आपके एंडपॉइंट्स सुरक्षित हैं? हमने हाल ही में 5,00,000 एंडपॉइंट्स का सुरक्षा आकलन किया था और मात्र 29% ही सारे पैच परीक्षण उत्तीर्ण कर सके। और जिन 5,00,000 डिवाइस का विश्लेषण किया गया उनमें से केवल 304 ही 100% पैच्ड थे। Patch Management सुविधाएं लचीली सक्रियण समय-सारणियां वांछित समय पर स्वीकृत पैच को निर्धारित करें और लागू करें या मैन्युअली समूहों या व्यक्तिगत उपकरणों के लिए लागू करें। मास्टर एजेंट क्षमता सभी गुम पैच को एक मास्टर एजेंट में डाउनलोड करें जो नेटवर्क में सभी प्रबंधित उपकरणों को अखंड रूप से पैच वितरित करता है। सभी सॉफ्टवेयर पैच प्रबंधित करें और किसी भी उपकरण से स्थापित, गुम, या विफल पैच के ग्राफ़िकल सारांश देखें। पैच स्कैन परिणाम एक ही प्लेटफ़ॉर्म से विस्तृत परिणाम देखें जिसमें गुम पैच, तीव्रता स्तर, ज्ञान आधार लिंक, रिलीज़ दिनांक, विवरण और अधिक जानकारी शामिल है। कस्टमाइज़ किए जा सकने वाले पैचेस स्कैन और इंस्टॉल करने के लिए सॉफ्टवेयर विक्रेताओं, उत्पादों और पैच की तीव्रता चुनें। एप्लीकेशन के लिए आसानी से अपवाद बनाएं। स्वचालित स्कैन हर 24 घंटे में स्वचालित रूप से चलाने के लिए पैच स्कैन निर्धारित करें और प्रत्येक गुरुवार को स्वचालित रूप से लागू करने के लिए पैच सेट करें। इन डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स को किसी भी समय अनुकूलित किया जा सकता है। हजारों पैचेस व्यापक सुरक्षा के लिए Windows ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य हजारों थर्ड पार्टी एप्लीकेशन्स के लिए पैच लागू करें। रोलबैक करें और अनदेखा करें पैचों को आसानी से रोल बैक करें अगर वे अलग-अलग उपकरणों पर अस्थिर हैं या अनदेखा करें ताकि वे पैच परिणामों में न दिखें या फिर से लागू हो जाएँ। डेटा शीट डाउनलोड करें हज़ारों संगत एप्लिकेशन हमारे पैच संकलन में Windows ऑपरेटिंग सिस्टम्स और हज़ारों अन्य तृतीय-पक्ष सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशंस शामिल हैं, जैसे: एप्लिकेशंस की पूरी सूची देखें प्रबंधन कंसोल में Patch Management पाएं Patch Management और Avast Business Antivirus उत्पाद के साथ उपलब्ध है और इसे Management Console के जरिए सक्रिय किया जाता है, जिससे एक ही प्लेटफ़ॉर्म से अपने सभी डिवाइसेस की endpoint security का प्रबंधन करना बाधारहित बन जाता है। Patch Management केवल कंसोल से प्रबंधित किया जा सकता है। प्रबंधन कंसोल के बारे में और जानें पैच मैनेजमेंट अब CloudCareमें भी उपलब्ध है।. आप अपने पैचेस की स्थिति प्रबंधन कंसोल में आसानी से जांच सकते हैं: Patch Management सारांश Windows ऑपरेटिंग सिस्टम और हजारों तृतीय-पक्ष सॉफ़्टवेयर ऍप्लिकेशन्स को स्वचालित रूप से ठीक करता है और अपडेट करता है। 30-दिन की धनवापसी की गारंटी सिस्टम संबंधी आवश्यकताएँ क्या मुझे Patch Management का उपयोग करने से पहले Windows अपडेट को ऑफ़ कर देना चाहिए? हां, इस बात की पुरजोर सलाह दी जाती है कि आप Windows अपडेट सेंटर और/या समूह नीति (ग्रुप पॉलिसी) के जरिए अपने डिवाइसेस की Windows अपडेट सेटिंग्स बदलें ताकि Patch Management अपडेट्स प्रदान कर सके। Windows Update सेवा को अक्षम नहीं करना चाहिए; बल्कि, या तो उसे मेनुअल पर या फिर ऑटोमेटिक पर सेट करना चाहिए ताकि पैचेस सफलता पूर्वक सक्रिय किए जा सकें। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक लक्ष्य मशीन पर Windows अपडेट सेटिंग (कंट्रोल पैनल > सिस्टम एंड सिक्योरिटी > Windows अपडेट > चेंज सेटिंग्स) को नेवर चेक फ़ॉर अपडेट्स (अपडेट्स कभी न जांचें) पर सेट कर देना चाहिए। क्या ऐसे कोई हार्डवेयर/सॉफ़्टवेयर संबंधी बदलाव हैं जिन्हें मुझे Patch Management का उपयोग करने से पहले पूरा कर लेना चाहिए? पैचेस का लागू किया जाना दूरस्थ मशीन के लोकल सिस्टम अकाउंट के तहत चलेगा, इसलिए सुनिश्चित करें कि उसकी अनुमति हो। सॉफ़्टवेयर अपडेटर का क्या होगा? हमने Avast Business Antivirus उत्पादों से सॉफ़्टवेयर अपडेटर को चरणबद्ध ढंग से निकाल दिया है क्योंकि यह Patch Management सेवा के साथ टकराव पैदा करता है। समूहों और/या डिवाइसेस के लिए पैच समय-सारणी कैसे बनाई जाए? आप डिवाइस सेटिंग्स > नीति > Patch Management > चरण 2. में अपनी पैच समय-सारणी तय कर सकते हैं। Patch Management नीति के तहत आने वाली सभी डिवाइसेस या समूह आपके द्वारा तय समय-सारणी का पालन करेंगे। पैचेस पेज और डिवाइसेस पेज के बीच क्या अंतर है? पैचेस पेज आपके कंसोल से जुड़ी सभी डिवाइसेस के लिए सभी अनुपस्थित पैचेस का सारांश प्रदान करता है। डिवाइस पेज पर आपकी डिवाइसेस की सूची होती है और डिवाइस पैच परिणाम टैब उस डिवाइस विशेष पर अनुपस्थित पैचेस की पहचान करती है। अपनी सभी प्रबंधित डिवाइसेस के लिए पैच स्थिति कैसे देखी जा सकती है? हमारे पास कुल 6 रिपोर्ट्स होंगी जो वेडंर्स के पास, और सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशंस पर अनुपस्थित या स्थापित पैचेस की गंभीरता के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगी। कितनी डिवाइसेस के पास पैचिंग का लाइसेंस है यह कहां देखा जा सकता है? आप कंसोल में 'लाइसेंस' सेक्शन के तहत यह देख सकेंगे कि कितने डिवाइसेस को पैच करने का लाइसेंस मिला हुआ है। मेरी Mac OS X डिवाइसेस पैच क्यों नहीं हो रही हैं? हम 2019 की दूसरी छमाही में Mac OS X डिवाइसेस के लिए Patch Management का समर्थन करने की योजना बना रहे हैं। पैचेस सक्रिय किए जाने के बाद भी कुछ डिवाइसेस पैच क्यों नहीं होती हैं? निम्नांकित कारणों के चलते हो सकता है: इस समय पैच उन डिवाइसेस पर स्थापित किया जा रहा है और पैच के सफलतापूर्वक स्थापित हो जाने के बाद वह कंसोल से वापस सिंक करेगा। हो सकता है कि पैच स्थापित न हो पाया हो और आपकी पैच सक्रियण समय-सारणी के आधार पर उसकी पुनर्स्थापना का समय तय कर दिया जाएगा। डिवाइस ऑफ़लाइन है। पैच समय-सारणी में संशोधन करने और अपवाद जोड़ने का कार्य कहां किया जा सकता है? आप डिवाइस सेटिंग्स > पॉलिसी चुनें > Patch Management टैब पर जाकर पैच लागू करने का शेड्यूल संशोधित कर सकते हैं और वेंडर्स तथा एप्लिकेशंस को निकाल सकते हैं। क्या उपयोक्ता के सारे डिवाइसेस एक ही बार में पैच किए जा सकते हैं? हां, आप अलग-अलग डिवाइसेस और डिवाइसेस के समूहों पर एक ही बार में पैचेस मेनुअल ढंग से सक्रिय कर सकते हैं। पैचेस की कौनसी स्थितियां होती हैं? पैचेस इनमें से एक अवस्था में होंगे। समय निर्धारित कर दिया: ग्रे आइकॉन - पैच को डिवाइस/डिवाइसों पर सक्रिय किए जाने के लिए अनुमोदित किया और सक्रिय करने का समय तय किया सक्रिय कर दिया: हरा आइकॉन - डिवाइस/डिवाइसेस पर पैच सक्रिय कर दिया सक्रिय करने में विफल: लाल आइकॉन - डिवाइस/डिवाइसेस पर पैच/पैचेस सक्रिय नहीं कर सके अनुपस्थित: पीला आइकॉन - डिवाइस/डिवाइसेस से पैच अनुपस्थित है स्कैन करने की प्रतीक्षा में: ग्रे आइकॉन - डिवाइस पर पैच स्कैन चलाने की प्रतीक्षा में स्कैन करने में विफल: लाल आइकॉन - डिवाइस पर पैच स्कैन नहीं चला सके किसी डिवाइस को पैच करने में कितना समय लगता है? इसमें कुछ सेकंड्स से लेकर कुछ घंटों तक का समय लग सकता है। यह समय इस बात पर निर्भर करता है कि डिवाइस पर डाउनलोड किए जा रहे पैच का आकार क्या है, वह किस सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन को अपडेट कर रहा है, और डिवाइस में कौनसा हार्डवेयर है। क्या मेरा डिवाइस जो मास्टर एजेंट के रूप में सेट है, पैचेस डाउनलोड करके मेरे डिवाइसेस पर लागू कर देगा? हां, आपने जिस डिवाइस को मास्टर एजेंट के रूप में चुना है उसका उपयोग सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन पैचेस भंडारित करने के लिए किया जाएगा, और वह डिवाइस नेटवर्क की अन्य डिवाइसों को वे पैचेस वितरित करेगी, जिससे बैंडविड्थ की बचत होगी। यदि आपने कोई मास्टर एजेंट नहीं चुना है, तो डिवाइसेस सीधे इंटरनेट से सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन पैच डाउनलोड करेंगी (इसकी सलाह नहीं दी जाती है)। Windows ऑपरेटिंग सिस्टम: Avast Business उत्पाद Avast Software s.r.o. द्वारा निम्नांकित संस्करणों पर समर्थित हैं: Windows 7 (Service Pack 1), Windows 8, Windows 8.1, Windows 10 – Windows 10 Pro, Windows 10 Education, और Windows 10 Enterprise. Avast Business उत्पाद Windows 10 की सर्विसिंग शाखाओं – वर्तमान शाखा(CB), व्यवसाय के वर्तमान शाखा(CBB), दीर्घकालिक सेवा शाखा (LTSB) और ऐप के जीवनपर्यंत समर्थित। सर्वर्स: Microsoft Server 2016 (64-बिट वर्ज़न) Microsoft Server 2012 (64-बिट वर्ज़न) Windows Server 2008 R2 (नवीनतम सर्विस पैक के साथ 64-बिट संस्करण, एकमात्र Server Core संस्करण) Microsoft Exchange Server 2016 (64-बिट वर्ज़न) Microsoft Exchange Server 2013 (64-बिट वर्ज़न) Microsoft Exchange Server 2010 सर्विस पैक 2 (64-बिट वर्ज़न) SSE2 निर्देशों, 256 MB+ RAM और 2 GB के हार्ड डिस्क स्थान का समर्थन करने वाला Intel Pentium 4 / AMD Athlon 64 CPU
YOGI in action: 74 IAS transfers, Shashi Prakash becomes chief secretary of CM एक्शन में YOGI: 74 IAS के हुए तबादले, शशि प्रकाश बने CM के प्रमुख सचिव Edited by: Editor Updated: 19 May 2017 | 11:13 PM लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल किया है। इस बार 74 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। इन अधिकारियों में शशि प्रकाश गोयल का नाम सबसे प्रमुख है, जो अब तक प्रतीक्षारत थे। गोयल को सीएम का प्रमुख सचिव बनाने के साथ नागरिक उड्डयन एवं राज्य सम्पत्ति और प्रोटोकॉल विभाग का काम दिया गया है। यह भी पढ़ें- विपक्ष पर योगी का तंज, 'सीटी वो बजाते हैं जिनके लिए एंटी रोमियो दस्ता बनाया' आपको बता दें कि पिछले 2 महीने में यह चौथा मौका है जब इतने बड़े स्तर पर आईएएस अफसरों का तबादला किया गया। इससे पहले 3 मई को 25 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया था। वहीं 26 अप्रैल को 84 आईएएस और 54 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया था। यह भी पढ़ें- कोचिंग सेंटर में घुसे बदमाश, पिस्टल दिखा कर मांगे 1 लाख शुक्रवार को हुए तबादलों में योगी सरकार का खासा जोर प्रदर्शन पर दिखा। पिछली सरकार में अहम पदों पर रहे और अच्छा प्रदर्शन कर रहे अफसरों को योगी सरकार ने महत्वपूर्ण पद दिए हैं। वहीं, दिल्ली से लौटे आईएएस अफसर शशि प्रकाश गोयल को मुख्यमंत्री ने अपना प्रमुख सचिव बनाया।
डब्ल्यूटीओ में बातचीत असफल | Sanmarg डब्ल्यूटीओ में बातचीत असफल खाद्य सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं ब्यूनस आयर्सः भारत जैसे अन्य विकासशील देशों को विश्व व्यापार संगठन के 11वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में बातचीत असफल होने से निराशा हुई है। बिना किसी मंत्रिस्तरीय घोषणा या बिना किसी ठोस परिणाम के ही यह चार दिवसीय बैठक समाप्त हो गई। इस संगठन में 164 सदस्य देश शामिल हैं। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन इस संगठन की शीर्ष निर्णय इकाई है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के अनुसार विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों का खाद्य सब्सिडी बिल उनके द्वारा उत्पादित कुल खाद्यान्न के मूल्य के 10% से अधिक नहीं होना चाहिए। खाद्य उत्पादन का यह मूल्य निर्धारण 1986-88 की दरों पर तय होता है। भारत इस मूल्य निर्धारण की गणना के फार्मूला में संशोधन की मांग कर रहा है ताकि सब्सिडी सीमा की गणना संशोधित हो सके। इसका कारण अमेरिका का सार्वजनिक खाद्य भंडारण के मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटना है। सार्वजनिक खाद्य भंडारण के मुद्दे पर तमाम कोशिशों के बावजूद सदस्य देश गतिरोध खत्म करने में विफल रहे। इससे विकासशील देशों समेत अन्य कई सदस्य राष्ट्रों को निराशा हुई। बातचीत के विफल होने पर कोई मंत्रिस्तरीय घोषणा नहीं हुई। बैठक की अध्यक्षा अर्जेंटीना की मंत्री सुसैना मालकोरा ने अपने बयान में बैठक की प्रगति के बारे में जानकारी दी। भारत ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण भारत द्वारा जारी बयान में कहा गया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व व्यापार संगठन के मौजूदा लक्ष्यों एवं नियमों पर आधारित कृषि सुधारों को एक सदस्य राष्ट्र के मजबूत विरोध करने से कोई परिणाम बाहर नहीं आ सका और ना ही अगले दो साल के लिए कोई कार्ययोजना कार्यक्रम तैयार हो सका। इस सम्मेलन के परिणामों से रुष्ट विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक रॉबटो' एजवेडो ने भी बातचीत की प्रगति को लेकर अपनी निराशा जाहिर की और सदस्य राष्ट्रों से अंतरात्मा का अवलोकन करने के लिए कहा। बैठक में भारतीय दल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने किया। उन्होंने जी33 समूह के सहयोग से खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर स्थायी समाधान के पक्ष में मजबूती से अपनी बात रखी। दुनियाभर के 80 करोड़ लोगों की जीविका का यह मामला अहम मुद्दा है।
नशा निवारण के लिए सहयोग दें स्कूल प्रबंधन व अभिभावक सौम्या सांबशिवन | - News | Breaking News | Breaking News in India | Latest News Today | Today news in English Home हिमाचल नशा निवारण के लिए सहयोग दें स्कूल प्रबंधन व अभिभावक सौम्या सांबशिवन... नशा निवारण के लिए सहयोग दें स्कूल प्रबंधन व अभिभावक सौम्या सांबशिवन | शिमला, 18 अगस्त नशा निवारण के लिए सहयोग दें स्कूल प्रबंधन व अभिभावक सौम्या सांबशिवन छात्रों द्वारा मादक पदार्थों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए स्कूल प्रबंधन एवं कर्मचारियों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। यह विचार आज पुलिस अधीक्षक ा शिमला सौम्या सांबशिवन ने शिमला नगर के निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ इस संदर्भ में बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। सौम्या सांबशिवन ने कहा कि बच्चों कों मादक पदार्थों से दूर रखने के लिए शिक्षक और स्कूल प्रबंधन कोबच्चों की निगरानी अवश्य करनी चाहिए। किसी प्रकार के विपरीत लक्षण पाए जाने पर तुरंत पुलिस को सूचित किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग का प्रयास है कि नशे की लत में संलिप्त बच्चों को पहचान कर, उन्हें परामर्श व पुनर्वास प्रदान कर समाज की मुख्य धारा में जोड़ा जा सकेउन्होंने कहा कि शिक्षक या छात्र पुलिस विभाग के डीएसपी नारकोटिक्स बलवीर जसवाल मोबाईल नंबर 88947-28004 पर नशे में लिप्त बच्चे के बारे में संदेश, वटसऐप अथवा फोन कर सूचना भेज सकते हैं उन्होंने कहा कि स्कूल से छुट्टी के दौरान सादे कपड़ों में पुलिस कर्मचारियों को भी स्कूलों के आसपास तैनात किया जाएगा, ताकि वह इस संदर्भ में निगरानी रख सकंे। उन्होंने कहा कि वह प्रत्येक माह विभिन्न स्कूलों में जाकर मादक पदार्थों के दुष्परिणामों के संबंध में स्कूली बच्चों को जागृत भी करेंगे। पुलिस का यह प्रयास है कि नशे के दुष्प्रभावों से छात्रों व युवाओं को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए, ताकि वह समाज व देश के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सकंे। Previous articleचंडीगढ़ में ह्यूसिंग बोर्ड के लीज पर लिए घरों का मिलेगा मालिकाना हक़, लम्बे समय से मालिकाना हक़ को लेकर चल रही थी मांग
ढ़ाई करोड़ की कार लॉन्च, टॉप स्पीड है 250 किमीप्रघं - Power On Wheel होम Cars ऑटो न्यूज ढ़ाई करोड़ की कार लॉन्च, टॉप स्पीड है 250 किमीप्रघं देश में लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज बेंज ने ई क्लास रेंज के उच्‍च प्रदर्शन वाले वर्जन को बाजार में लॉन्च करने के बाद अब एस 63 कूपे के फेसलिफ्ट को लॉन्च कर दिया है। भारत में इस गाड़ी की एक्सशोरूम की कीमत 2.55 लाख रुपये रखी गई है। मर्सिडीज एस 63 में 4 लीटर वाला‌ Twin टर्बो, वी8 इंजन लगाया गया है। ये एक धमाकेदार इंजन है जो बेहद कम समय में अपने उच्‍चतम गति सीमा को छू लेती है। इसका इंजनन 612 हॉर्सपावर की शक्ति और 900 एनएम का टॉर्क पैदा करती है। इंजन 9 स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से लैस है जो कि रियर वील्ज को पावर पहुंचाता है। 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पकड़ने में इस एस 63 कूपे को महज 3.5 सेकंड्स लगते हैं। इसकी टॉप स्पीड 250 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस टू डोर वाली कूपे में नया ग्रिल और बड़े एयर इनटेकर्स लगाए गए हैं। 19 इंच के अलॉय वील्ज इस कार में देखने को मिलेंगे। इस कार की लिमिटेड यूनिट्स ही भारत में बेची जाएंगी। एएमजी एस 63 का भारत में केवल कूपे वर्जन ही फिलहाल लाया गया है लेकिन इंटरनैशनल मार्केट में इसका कैब्रियोले अवतार भी आता है। भारत में इसको मिलकार मर्सडीज अब कुल 15 एएमजी मॉडल्स बेच रही है। इंटीरियर की बात करें तो मर्सडीज एस 63 कूपे में नापा लेदर, फ्रंट में एएमजी बैज और पिछली सीट पर बैकरेस्ट्स हैं। इसमें 12.3 इंच टीएफटी वाइडस्क्रीन कलर डिस्प्ले दिया गया है। इसमें इंजन, ट्रांसमिशन आॅइल टेंप्रेयर से लेकर टायर टेंप्रेचर और प्रेशर तक की जानकरी मिलती है। मर्सिडीज एएमजी एस 63 कूपे का भारत में पोर्शे पैनामेरा टर्बो और बेंटली कांटीनेंटल जीटी से मुकाबला है।
Indian Origin Amul Thapar Appointed Judge Of Us Court Of Appeal By Trump Administration | यूएस कोर्ट ऑफ अपील में जज बने भारतीय मूल के अमूल थापर - Firstpost Hindi यूएस कोर्ट ऑफ अपील में जज बने भारतीय मूल के अमूल थापर ट्रंप प्रशासन द्वारा नॉमिनेट किए गए थापर के नाम पर अमेरिकी सीनेट भी बगैर रोकटोक के मुहर लगा देगी Updated On: Mar 21, 2017 05:24 PM IST अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के अमूल थापर को यूएस कोर्ट ऑफ अपील में जज अप्वाइंट किया है. 47 साल के थापर 2007 में केंटकी के डिस्ट्रिक जज बनाए गए थे. तब वो इस ओहदे पर पहुंचने वाले पहले दक्षिण एशियाई थे. हालांकि, नई जिम्मेदारी के लिए अभी थापर के नाम को सीनेट की मंजूरी जरूरी होगी. विपक्ष ने भी थापर को नॉमिनेट किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. बिना किसी रोकटोक के मुहर ट्रंप सरकार ने सोमवार रात थापर को नॉमिनेट किए जाने का एलान किया. उनके नाम पर सीनेट मुहर लगाकर आखिरी फैसला करेगी. चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट के लिए जिन 20 जजों की सूची जारी की थी, उसमें भी थापर का नाम था. माना जा रहा है सीनेट भी थापर के नाम पर बिना किसी रोकटोक के मुहर लगा देगी. इसकी वजह ये है कि सीनेट में मेजॉरिटी लीडर मिच मैककोनेल पहले ही ट्रंप के फैसले का स्वागत कर चुके हैं. राष्ट्रपति ट्रंप का बेहतरीन फैसला मिच मैककोनेल ने कहा, 'थापर का अब तक का करियर बेहतरीन रहा है. उन्होंने कानून के लिए बहुत बेहतर फैसले लिए और उनका डेडिकेशन काबिले तारीफ है. थापर का उनके सहयोगी बहुत सम्मान करते हैं. मुझे पूरा भरोसा कि जिस तरह की काबिलियत उन्होंने बतौर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज के तौर पर दिखाई है, वही आगे भी कायम रहेगी.' मैककोनेल ने आगे कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने थापर को नॉमिनेट कर बेहतरीन फैसला किया है, मुझे यकीन है कि सीनेट इस पर मुहर जरूर लगाएगी.' आम तौर पर ट्रंप का विरोध करने वाले साउथ एशियन बार एसोसिएशन ऑफ नाॅर्थ अमेरिका (एसएबीए) ने भी ट्रंप के फैसले का स्वागत किया है. इसके अध्यक्ष विचल कुमार ने एक बयान जारी कर कहा, 'थापर का अमेरिका की ज्यूडिशियरी में बहुत सम्मान है. हम प्रेसिडेंट के फैसले के साथ हैं.' सख्त छवि वाले जज हैं थापर अमूल थापर के नाम पर सीनेट की मुहर लगने के बाद वो यूएस 6वें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील के जज होंगे. अमेरिकी न्यायपालिका के लिहाज से ये बहुत अहम जिम्मेदारी है. चुनाव कैंपेन में जब ट्रंप ने थापर का नाम आगे किया था तो उनके विरोधियों को भी हैरानी हुई थी. थापर की छवि कठोर जज के तौर पर है. अगर वो यूएस 6वें कोर्ट ऑफ अपील में जज बनते हैं तो उनके पास केंटकी, टैनेसी, ओहायो और मिशिगन राज्यों की सुनवाई के अधिकार होंगे. अमूल अटॉर्नी जनरल्स एडवाइजरी में भी रह चुके हैं. इसके अलावा वो नेशनल सिक्युरिटी सब-कमेटी में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. Tags: americaamul thaparDonald Trumpelection campaignkentuckymichiganohioSenateus court of appealअमूल थापरअमेरिकाइलेक्शन कैंपेनओहायोकेंटकीचुनाव कैंपेनटैनेसीडोनाल्ड ट्रंपमिशिगनयूएस कोर्ट ऑफ अपीलसीनेट
Roja girl Madhu to make television debut As Sivagami baahubali | Bollywood News in Hindi | 'बाहुबली' टीवी सीरीज़ में 'रोजा गर्ल' बनेंगी राजमाता शिवगामी देवी - Catch Hindi Home » बॉलीवुड » Roja girl Madhu to make television debut As Sivagami baahubali कैच ब्यूरो | Updated on: 16 June 2017, 18:05 IST डायरेक्‍टर मणिरत्‍नम की फिल्‍म 'रोजा' से एक्‍ट्रेस मधु रातों-रात स्‍टार बन गई थीं. मधु को अजय देवगन के साथ आई फिल्‍म 'फूल और कांटे' के लिए भी याद किया जाता है. उसके बाद से मधु हिंदी फिल्‍में में कम ही नजर आई हैं, लेकिन अब मधु टीवी पर ब्‍लॉकबस्‍टर फिल्‍म 'बाहुबली' की शिवगामी देवी बनी नज़र आएंगी. अभी तक टीवी से दूरी बना कर रखने वाली एक्‍ट्रेस मधु ने इस बिग बजट सीरियल का हिस्‍सा बनने का मन बना लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मधु ने कहा, "मैं सीरियल 'आरंभ' के साथ अपनी शुरुआत करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं. दरअसल इस सीरियल के निर्माता गोल्‍डी बहल और उनकी पत्‍नी सोनाली बेंद्रे मेरे अच्‍छे दोस्‍त हैं. मुझे 'आरंभ' की टीम के साथ जुड़ने में कोई संदेह नहीं था." निर्देशक राजामौली की फिल्‍म 'बाहुबली' में शिवगामी का किरदार एक्‍ट्रेस राम्‍या कृष्‍णा ने निभाया था. ऐसे में मधु ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सबसे अहम बात है कि राम्‍या कृष्‍णा मेरी बेस्‍ट फ्रेंड हैं और मैं बहुत खुश हूं कि मैं उनका ही किरदार टीवी पर अदा कर रही हूं."
चीन असहज दुनिया को सकारात्मक ऊर्जा देता है_china.com चीन असहज दुनिया को सकारात्मक ऊर्जा देता है 54वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 16 से 18 फरवरी तक जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित हुआ। दुनियाभर के कई देशों से आए 5 सौ से अधिक राजनेताओं और विभिन्न जगतों के जाने-माने व्यक्तियों ने इस में भाग लिया। चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के विदेश मामलों की समिति की अध्यक्षा फू यिंग ने इस सम्मेलन में कहा कि हमें सहयोग और समान जीत वाले रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहिए। नए युग में चीन द्वारा निर्धारित राजनयीक परियोजनाओं में नए किस्म वाले अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के निर्माण में बढ़ावा देना, मानव जाति की बेहतरी वाली व्यवस्था की स्थापना करना, स्थायी शांति, सार्वभौमिक सुरक्षा और समान सृद्धि पर ज़ोर देना शामिल हैं। यह भविष्य में दुनिया की उम्मीद के साथ चान के विकास की आवश्यक मांग भी है। रूसी अंतर्राष्ट्रीय मामले की कमेटी के अध्यक्ष आंद्रे कोर्तुनोव का विचार है कि विश्व सुरक्षा क्षेत्र में चीन को और बड़ी भूमिका निभाना चाहिए और हमें चीन की आवाज सुनना चाहिए। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के एक शाखा मंच पर विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष रॉबर्ट बी. ज़ोलिक ने 10 से अधिक बार चीन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि मैं ने वैश्वीकरण को आगे बढ़ाने के लिए दी गई कोशिशों के लिए चीन की बड़ी प्रशंसा की। यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक व्यवस्था की स्थिरता के लिए महान लाभ दिया गया है। नाटो के रक्षा और निवेश मामले के सहायक महासचिव केमिली ग्रैंड ने कहा कि चीन न केवल विश्व अर्थतंत्र की नेतृत्व शक्ति बनता है, बल्कि सुरक्षा परिषद के स्थानी सदस्य देश के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने वाला एक महत्वपूर्ण हिस्सेदार भी है।
90 के दशक में बॉलीवुड पर राज करने वाली अभिनेत्रियां आज दिखती है ऐसी - Natural News 90 के दशक में बॉलीवुड पर राज करने वाली अभिनेत्रियां आज दिखती है ऐसी बॉलीवुड में 90 का दशक सबका पसंदीदा रहा है और यह दशक सभी का पसंदीदा इसलिए है क्योंकि इसी साल बॉलीवुड में कई खूबसूरत और होनहार अभिनेत्रियों ने इंडस्ट्री में कदम रखा। जिन्होंने कई फिल्मों में अपनी खूबसूरत अदाओं से लोगों को दीवाना बना लिया, लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हो 90 के दशक में राज करने वाली वो सभी अभिनेत्रियां अब पहले जैसी नहीं रही। बल्कि समय के साथ उन अभिनेत्रियों में काफी बदलाव आ गया है कुछ अभिनेत्रियां अभी भी खूबसूरत और जवान नज़र आती है तो कुछ अभिनेत्रियां बूढ़ी हो रही हैं। आज के इस लेख में हम आपको उन्हीं के बारे में बताने वाले हैं। 90 के दशक में फेमस अभिनेत्री रही करिश्मा कपूर जिन्होंने राजा हिन्दुस्तानी, राजा बाबू जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से अपना हुनर दिखाया। लेकिन उस दौर में सभी को अपना दीवाना बनाने वाली अभिनेत्री करिश्मा कपूर इन बीते सालों में काफी बदल गई हैं। ये आज 46 साल की हो गई है और आज यह पहले से भी ज्यादा स्टाइलिश नज़र आती हैं इन्होंने बिजनेसमैन संजय कपूर से शादी की थी और आज यह दो बच्चों की मां है। मिस इंडिया रही जूही चावला 90 के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री रही हैं। जिन्होंने इश्क और बोल राधा बोल जैसी कई हिट फिल्में दी है लेकिन 90 लेे दशक में सबकी दीवाना बनाने वाली यह अभिनेत्री बीते दिनों में काफी बदल गई है और आज यह 52 साल की हो गई है। इन्होंने बिजनेसमैन जय मेहता से शादी की है जिनसे इन्हें 2 बच्चे हैं। जो जीता वही सिकंदर और खिलाड़ी जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री आयशा जुल्का 90 के दशक की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक थी। लेकिन कुछ साल फिल्मों में काम करने के बाद इन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और इन बीते सालों में आज यह काफी बदल गई है।
अब ATM से फटा नोट निकला तो बैंक को पड़ेगा भारी, जाने ये नियम - Ghamasan News Homebreaking newsअब ATM से फटा नोट निकला तो बैंक को पड़ेगा भारी, जाने... breaking newsPopular Postsscroll trendingस्पोर्ट्सक्रिकेट अब ATM से फटा नोट निकला तो बैंक को पड़ेगा भारी, जाने ये नियम कई बार ऐसा होता की हम एटीएम जाते है पैसे निकालने के लिए और हमने सभी नोटों में एक या दो फाटे नोट मिल जाते हैं. फाटे नोट को देखते ही हर कोई परेशां हो जाता है. क्यूंकि कोई भी दुकान वाला फटा नोट लेने से इनकार कर दी है. अगर अब आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो आप फ़टे नोट को बदलवा सकते हैं. जी हां, RBI का नियम साफ कहता है कि अगर ATM से कटे-फटे निकलते हैं तो बैंक बदलने से इनकार नहीं कर सकता है. आपको बता दें कि नोट बदलने के लिए बैंक में कोई लंबी प्रक्रिया नहीं है. मिनटों में नोट को बदला जा सकता है.
आसन - Healths Is Wealth Home / आसन / आसन जुलाई 21, 2018 आसन रीढ़ और अंदरुनी जंघा को खींचना शारीरिक क्रिया के साथ समन्वित और जब तक इस आसन की मुद्रा में रहें तब तक ऐसे ही बने रहे। टांगें सीधी रखकर बैठें और शरीर को दायीं ओर मोड़ें। टांगें एक-दूसरे के ऊपर सीधी हैं और बायां हाथ बायीं जंघा पर रखा हुआ है। > शरीर को दायें बाजू से, जो सीधा और फर्श के ऊपर एक लम्ब की आकृति में है, सहारा दें। अपने सामने किसी निश्चित बिन्दु पर आंखें टिकाने से संतुलन बनाने में सहायता मिलेगी। बन्द आँखों से अपने पूर्ण शरीर के प्रति जागरूक हो जायें। > दायां हाथ मोड़ते हुए शरीर को फर्श पर झुकायें और सिर को दायें हाथ से सहारा दें। शरीर को पैर के साथ सीधा फैलाये हुए समतल रखें। अब दायें बाजू को मोड़ें, कोहनी को फर्श पर रखें और सिर को दायें हाथ पर आराम करने दें। > पूरक करते हुए बायीं टांग को मोड़ें, अंगूठे को पकड़ें और टांग को शीर्षकोण में सीधा करें। यदि सीधा करना संभव न हो तो टखना, पिंडली या घुटना पकड़ लें और फिर टांग को सीधा करें। > इस स्थिति में श्वास को थोड़ी देर रोक लें। रेचक करते हुए टांग को नीचे ले आयें। अब बायीं ओर मुड़ें व इस व्यायाम को दोहरायें। यह आसन शरीर के पाश्र्वों पर खिंचाव डालता है और कूल्हों के लोच को सुधारता है। यह बाजुओं को मजबूत करता है और संतुलन की भावना बढ़ाता है। गुर्दे की कार्यशक्ति को प्रेरित करता है। यह व्यायाम श्वास मार्गों को खोलता है और इसीलिए यह नथुनों की समस्याओं के समाधान में सहायक हो सकता है। इस अभ्यास में अभीष्ट एकाग्रता, शरीर और मन को शान्त और सन्तुलित रखने में सहायक होती है। यदि गुर्दे में पत्थरी हो तो इस व्यायाम को न करें। उत्थान पृष्टासन शरीर के ऊपरी भाग (धड़) को उठाना शारीरिक क्रिया के साथ समन्वित और इसी मुद्रा में बने रहना। 3-5 बार। पेट के बल लेटें। फर्श पर कोहनियों को कंधों के नीचे रखें। कोहनियों को हाथों से जकड़ लें। सिर को नीचे की तरफ लटकने दें। पूरक करते हुए सिर, पीठ और नितम्बों को ऊंचा उठायें, जिससे कि शरीर का तना फर्श के समानान्तर हो जाये। सामने की तरफ देखें। > पीठ में झोल नहीं पडऩा चाहिए। > श्वास को रोकते हुए इस स्थिति में यथा संभव देर तक रहें। > रेचक करते हुए शरीर को नीचे ले आयें और सिर नीचा कर आराम करें। यह पेट को मजबूत करता है जिससे श्वास गहरी हो जाती है। यह व्यायाम कंधा, पीठ, श्रोणीय (किडनी, गुर्दे) एवं पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह पूरे शरीर की ऊर्जा को भी बढ़ाता है। हाथों को सिर के ऊपर क्रॉस (म) की स्थिति में उठाना कंधों और छाती पर। 10 बार। टांगें चौड़ी कर खड़े रहें। पीठ सीधी और तनावहीन है।> पूरक करते हुए सीधे हाथों को पार्श्व में कंधों की ऊंचाई तक उठायें। > रेचक करते हुए बाजुओं को सिर के ऊपर से आड़ा-तिरछा (क्रॉस) में रखें। > पूरक करते हुए बाजुओं को कंधे की ऊंचाई पर नीचे लायें। > रेचक करते हुए बाजुओं को पार्श्व में ले जायें, प्रारंभिक स्थिति में आ जायें। उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है जो बैठने की एक ही स्थिति में अधिक समय तक काम करते हैं। यह आसन कंधों को आराम देता है। छाती की मांसपेशियों को फैलाता है और पीठ को मजबूत करता है। यह गहरी श्वास को, विशेष रूप से छाती के पार्श्व में, प्रोत्साहित करता है। यह मन को शान्त और संतुलित रखता है। शरीर के ऊपरी भाग (धड़) को झुलाना टांगों को चौड़ा करके खड़े हों। पूरक करते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठायें और कलाइयों को ढीला कर दें जिससे हाथ के पंजे आगे की ओर झुक जायें। > रेचक करते हुए धड़ और बाजुओं को आगे की ओर झुकायें। > सामान्य श्वास के साथ धड़ और बाजुओं को कुछ क्षण के लिए आराम मुद्रा में लटकने दें। > पूरक करते हुए ऊपरी भाग और बाजुओं को सम स्तर पर ले आयें। > रेचक करते हुए धड़ और बाजुओं को पैरों के बीच में झुलायें। > धड़ और बाजुओं को उठाने और झुलाने की क्रियाओं को श्वास के साथ समन्वय करते हुए 10 बार दोहरायें। > सामान्य श्वास लेते हुए धड़ और बाजुओं को कुछ समय लटकने दें। > पूरक करते हुए आहिस्ता-आहिस्ता सीधे हो जायें और बाजुओं को ऊपर की ओर खींचें, हाथ आगे की ओर ढीले करके नीचे करें। > रेचक करते हुए प्रारंभिक स्थिति में आ जायें। यह आसन पूरे शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है, श्वास को गहरा करता है और रक्तसंचार को प्रेरित करता है। यह पीठ और कूल्हों के लचीलेपन को प्रोत्साहित करता है। यह आसन उच्च रक्तचाप या चक्कर आने की प्रवृत्ति या खिसकी हुई चकती (स्लिप डिस्क) वालों को नहीं करना चाहिए।
हथियारों से भरा विमान रोका गया - BBC News हिंदी हथियारों से भरा विमान रोका गया https://www.bbc.com/hindi/southasia/2009/09/090907_uae_plane_mk Image caption भारतीय अधिकारियों के अनुसार इस जहाज़ पर हथियार और गोलाबारूद लदे थे कोलकाता में अधिकारियों ने कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात के एक मालवाहक विमान को हथियारों, गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री का ज़खीरा लदा होने की वजह से रोक लिया गया है. यह विमान सी-130 रविवार देर रात कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ईंधन भरने के लिए उतरा था लेकिन कस्टम अधिकारियों ने इस पर लदे सामान की जाँच करने के बाद इसे हिरासत में ले लिया. अधिकारियों को उस विमान पर कुछ ऐसे हथियार, गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री मिली, जिन्हें घोषित नहीं किया गया था. कोलकाता में रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता विंग कमांडर महेश उपासनी ने बताया, "विमान ने आवश्यक अनुमति तो ले ली थी लेकिन उस विमान ने कहीं भी यह घोषित नहीं किया कि उसमें हथियारों का भंडार लदा हुआ है." ऐसा समझा जा रहा है कि यह विमान अबू धाबी से उड़ा था और चीन के हैनयाँग को जा रहा था. उपासनी ने बताया कि इस विमान ने कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरने और ईंधन भरने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशक के कार्यालय से अनुमति तो ले ली थी लेकिन उसने हथियारों के भंडार के बारे में कुछ नहीं बताया और न ही उसके लिए अनुमति लेने की कोई पहल की. भारतीय वायु सेना ने उस अनुमति को निरस्त कर दिया क्योंकि इस विमान के साथ अपने सामान के बारे में घोषणा नहीं करने का मामला बनता है. विमान ने आवश्यक अनुमति तो ले ली थी लेकिन उस विमान ने कहीं भी यह घोषित नहीं किया कि उसमें हथियारों का भंडार लदा हुआ है महेश उपासनी, प्रवक्ता, रक्षा मंत्रालय विमान के चालक दल के नौ सदस्यों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और उन्हें कोलकाता हवाई अड्डे के निकट एक पाँच सितारा होटल में ले जाया गया है. विमान को एक विशेष पट्टी पर रखा गया है. आमतौर पर चीनी हथियार विभिन्न देशों को निर्यात किए जाते हैं इसीलिए भारतीय अधिकारी यह देखकर चकित रह गए कि हथियारों का इतना बड़ा ज़ख़ीरा संयुक्त अरब अमीरात से चीन की तरफ़ क्यों जा रहा था क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात के पास हथियार बनाने की क्षमता नहीं है. रूस के एक विमान ने दिसंबर 1995 में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया ज़िले के ऊपर हथियारों का एक बड़ा ज़ख़ीरा गिराया था. वो विमान उसके बाद कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरा और बाद में थाईलैंड के फुकेट की तरफ़ उड़ गया. जब वो विमान भारत से उड़ान भर रहा था तो उसे मुंबई हवाई अड्डे पर ज़बरदस्ती उतारा गया और उसके चालक दल के सदस्यों को ब्रिटेन के हथियार दलाल पीटर ब्लीच के साथ गिरफ़्तार किया गया था. हालाँकि पुरुलिया में हथियारों का ज़ख़ीरा गिराने की योजना रचने वाली जेन क्रिस्टीन नीलसेन उर्फ़ किम डैवी भागने में कामयाब हो गई थी. उस घटना के बाद कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारी ख़ासतौर से हथियारों के ऐसे किसी भी ज़ख़ीरे को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं. पीटर ब्लीच और उस विमान के पाँच रूसी पायलटों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई थी लेकिन बाद में उन्हें भारतीय राष्ट्रपति की तरफ़ से दी गई आम माफ़ी के तहत रिहा कर दिया गया था. जून 2009 में यूक्रेन के एक विमान को मुंबई हवाई अड्डे पर रोका गया था जिसे अमरीकी सेना ने किराए पर लिया हुआ था. वो विमान दियागो गार्शिया से अफ़ग़ानिस्तान को हथियार ले जा रहा था. जब अमरीकी कूटनीतिक अधिकारियों ने मामले में हस्तक्षेप किया तो उस विमान को छोड़ दिया गया था.
दमोह समाचार: वन विभाग ने रोपे 71 संयंत्र को कहा- वन हैं कल – AllwNews Earthquake Of Magnitude 4.4 On The Richter Scale Hit Myanmar – भूकंप: अफगानिस्तान में महसूस किए गए झटके, रिक्टर स्केल पर 4.4 रही तीव्रता नरसिम्हापुर समाचार: बरहटा की प्रतिमा नरसिम्हापुर समाचार: जयकारे देवी प्रतिमा का विसर्जन Rail Roko Andolan Today Farmers Will Block The Railway Tracks – रेल रोको आंदोलन: आज सुबह 10 से शाम 6 बजे तक ट्रेनें रोकेंगे किसान, मंत्री अजय मिश्र की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी की मांग Red Light On Car Off Campaign Will Start In Delhi From Today – प्रदूषण पर वार : दिल्ली में आज से शुरू होगा रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान, सरकार सतर्क दमोह समाचार: वन विभाग ने रोपे 71 संयंत्र को कहा- वन हैं कल September 30, 2021 admin 0 Comments दमोह, नई दुनिया, मध्य प्रदेश, समाचार, हिंदी समाचार प्रकाशन तिथि: | शुक्र, 01 अक्टूबर 2021 04:00 पूर्वाह्न (आईएसटी) तेन्दुखेड़ा झलने (नई समाचार समाचार) अगस्त 16 अगस्त से शुरू होने वाले मिशन के लिए मिशन महानुदव ने मिशन के लिए काम किया है। स्कूल में असामान्य रूप से खतरनाक भी खतरनाक है। यह सामान्य रूप से लागू होने के लिए जरूरी है क्योंकि यह सामान्य रूप से गलत होने के साथ ही सही होने के लिए जरूरी है। ने ओं ओं ओरगणमान्य लोगों में ७१ पौधे पौधें उच्च गुणवत्ता वाले बच्चों के लिए बनाए गए थे। अम्रुट प्रोग्राम के गवर्नर जनरल उच्च उच्च विद्यालय झलौन में स्कूल प्रांगण में पौधरोपण प्रोग्राम में अध्यक्ष भारत लोधी वर्कर जैन सरपंच सुरेंद्र चंद जैन शंकर ईएमरत सिंह वन परी प्रशासनिक अधिकारी दीपेश जैन दैरवैगन फैंन वन विभाग के उच्च माध्यमिक स्कूल झलौन प्राचार्य जी पी अहिरवार शिक्षक अशोक साहू समय विभाग के अधिकारी अन्य विभाग के कार्यालय के साथ एंव के साथ-साथ देवी पटेल पाराशर मुकेश जैन अनिल जैन कैलाश सिंह प्रताप पटेल देवकीनंदन पटेल जैन जैन जैन बृदेश यादव वन परिक्षेत्र दीपेश जैन सहायक अंतरिक्ष क्षेत्र के अधिकारी यू.के. खान दास कर्मा वनपाल बसंत सिंह वन शंकर शंकर सिंह स्मिता दुबे अमित पाराशर जर्वविन्द सिंह बृजेश वन रक्षक वायु वायु सेनापति अमरत महोसव मिशन मिशन की बिस्तार से जानकारी दी में मडल के अध्यक्ष भारत शंकर सिंह स्मिता दुबे अमिता पराशर जर्वविन्द सिंह विद्यार्थियों के साथ मिलकर इस तरह के पौधे की जिम्मेदारी ली गई थी। मेशा करो जन संचार विभाग ने बेहतर प्रदर्शन किया है और यह बेहतर है रामत महोसव के रूप में परिवर्तित किया गया है और बृहस्पतिवार को झोलन उच्च विद्यालय में 71 पौधों के लिए लागू किया गया है। अस्तव्यस्त योजना में शामिल होने के लिए पौधों की स्थापना के लिए बीज अस्त होने के बाद भी यह पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाएगा। ← New Species Of Blind Freshwater Eel Discovered From Mumbai Well By Tejas Thackeray And Other Researchers – महाराष्ट्र: सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे तेजस ठाकरे ने खोजी मीठे पानी की अंधी ईल की नई प्रजाति Supporters Disappoint After Capt Amarinder Singh Announced To Leaving Congress – समर्थकों में मायूसी: पंजाब में कांग्रेस का पर्याय थे कैप्टन अमरिंदर सिंह, पार्टी छोड़ने के एलान से पटियाला में निराशा → अजरशर शरीफ़ में 'चमत्कार' का वीडियो जा रहा है, वोट बदल गया है लखीमपुर खीरी हिंसा पर शुरू हुई राजनीति, जहां 2 किसानों की जान गई, प्रियंका गांधी कल करेंगी दौरा झाबुआ समाचार: घर-घर की पूजा- प्रार्थना में स्वादिष्ट का तां Uttarakhand Election 2022: Jageshwar Mla Govind Singh Kunjwal Told Bjp 6 Leader Will Join Congress Soon – उत्तराखंड चुनाव : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल के दावे से बढ़ी सियासी हलचल, कहा- जल्द ही भाजपा के छह विधायक कांग्रेस में होंगे शामिल डीजे बजाने को लेकर हुआ था विवाद 4 गुंडों द्वारा मारे गए! S Jaishankar Urges Israeli Businessmen To Do Business In India – इस्राइल दौरा: विदेश मंत्री जयशंकर ने कारोबारियों से की मुलाकात, भारत में कारोबार के लिए किया प्रोत्साहित
Mithali Raj | Mithali Raj becomes second cricketer who completed 22 years in ODI cricket after Sachin Tendulkar मिताली राज ने अंजाम दिया वो बड़ा कारनामा, जिस लिस्ट में था सिर्फ सचिन तेंदुलकर का नाम | Cricket Hindi News Mithali Raj becomes second cricketer who completed 22 years in ODI cricket after Sachin Tendulkar Updated Jun 27, 2021 | 16:17 IST Mithali Raj completed 22 years in ODI cricket: मिताली राज ने एक बड़ा कारनामा अंजाम दिया है, जो अब तक सिर्फ सचिन तेंदुलकर ही कर पाए थे। मिताल राज और सचिन तेंदुलकर भारत-इंग्लैंड पहले वनडे में आमने-सामने हैं मिताली ने एक खास उपलब्धि हासिल की है उन्हें वनडे क्रिकेट में 22 साल पूरे हो गए हैं ब्रिस्टल: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में टॉस के लिए मैदान पर उतरते ही एक बड़ा कारनामा अंजाम दे डाला। मिताली के वनडे करियर के 22 साल पूरे हो गए हैं और वह इतने लंबे अरसे तक खेलने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं। साथ ही मिताली ने उस लिस्ट में भी एंट्री कर ली है, जिसमें अब तक सिर्फ महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का नाम था। वह सचिन के बाद 22 साल तक वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाली दूसरी क्रिकेटर बन चुकी हैं। मिताली ने 16 की उम्र में किया था डेब्यू सचिन तेंदुलकर 22 साल और 91 दिनों तक खेले जबकि मिताली के वनडे करियर को 22 साल एक दिन बीत गया। मिताली ने भारत के लिए जून 1999 में आयरलैंड के खिलाफ 16 साल की उम्र में वनडे डेब्यू किया था और तब से सभी फॉर्मेट में भारतीय महिला टीम का एक अहम हिस्सा हैं। वह फिलहाल 38 वर्ष की है और उनका अपने करियर पर विराम लगाने का कोई संकेत नहीं दिख रहा। उन्होंने अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। वह महिला क्रिकेट में 6,000 से अधिक वनडे रन बनाने वाली एकमात्र खिलाड़ी हैं। मिताली 10,000 अंतरराष्ट्रीय रन पूरे करने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। अब तक ऐसा रहा मिताली का करियर मिताली राज ने वनडे में अब तक 214 मैचों में 51.06 की औसत से 7098 रन बनाए हैं। वहीं, उन्होंने 11 टेस्ट मैचों की 18 पारियों में 51.00 की औसत से 669 रन जुटाए। उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में 89 मैचों में 37.52 की औसत से 2,364 रन बनाए। मिताली ने अपने करियर में रिकार्ड 76 अर्धशतक और आठ शतक जड़े हैं। उन्होंने वनडे में 55 पचासे और 7 शतक जबकि टी20 में 17 फिफ्टी लगाईं। मिताली ने टेस्ट मैचों में महज एक शतक मारा, जो उन्होंने (214 रन) इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में टॉटन में बनाया था। वह 19 साल की उम्र में महिला टेस्ट में दोहरा शतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थीं।
विपक्ष के लिए क्यों जरूरी हैं कन्हैया कुमार Chipotle, fast food brands set for hiring blitz | FILE PHOTO: Spread of the coronavirus disease (COVID-19) in Da Nang | FILE PHOTO: Beer brand promoters wearing protective masks are seen as they wait for customers in front of a bar, at Ta Hien night street in Hanoi | FILE PHOTO: The spread of the coronavirus disease (COVID-19) in Hoi An, Vietnam | COVID-19 tally inches closer to 60,000 in Bihar; death toll reaches 336 | China's posturing in Indian Ocean to disturb stability: experts | CPI(M) leader Mohammed Salim tests positive for COVID-19 | 4,752 new COVID-19 cases in Karnataka; 98 deaths | Declare locust attack as national disaster: Gehlot to PM | Assam records 4 more COVID-19 fatalities, death toll rises to 109 By दिलीप ख़ान • 20/03/2019 at 6:21PM तमाम असहमतियों और आलोचनाओं के बावजूद कन्हैया कुमार को लेकर एक सहमति ये बनी रही कि वो 'ग़ैर-बीजेपी'ताक़त हैं. 9 फ़रवरी 2016 अब सिर्फ़ एक तारीख़ नहीं रह गई है. ना ही उसके बाद जेएनयू पर हुए सिलसिलेवार हमले के ख़िलाफ़ तनकर खड़े होने वाले लोगों की पहचान कैंपस की परिधि तक सीमित होकर रह गई. मशहूर/विवादित सारे लोग तो नहीं हुए, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिन्हें फ़रवरी 2016 के बाद देश ने जाना, समझा, गाली दी, प्रशंसा की, आलोचना की. कुछ ने उनके भीतर उभरते हुए नेता का अक्श देखा और कुछ ने देखा कि ये लोग देश की अखंडता को 'तोड़' देना चाहते हैं. तीन साल बाद भी देश के बड़े हिस्से को 'जेएनयू का सच' नहीं मालूम है, लेकिन उस पर अपनी-अपनी 'ठोस' राय सबकी है. इसी तरह की राय कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और शेहला राशिद को लेकर भी है. तीन साल के दरम्यान इन लोगों के व्यक्तित्व में क्या बदलाव आया या ये लोग अपनी पुरानी विचारधारा पर कितने टिके रहे, ये अलग पड़ताल का विषय है. इन तीन वर्षों में देश में कई चुनाव हुए, कई विवाद हुए, देशभक्ति की जांच के लिए क़िस्म-क़िस्म के थर्मामीटरों का ईजाद हुआ, लेकिन बीजेपी के सर से जेएनयू का भूत नहीं उतरा. बीजेपी ने उतरने नहीं दिया और टीवी चैनलों ने अप्रत्याशित रूप से कुछ असंबद्ध घटनाओं को जेएनयू से जोड़कर उस 'विवाद' पर लोगों के ज़ेहन में तैयार की गई'खंडित तस्वीरों' को ज़िंदा बनाए रखा. ज़ी न्यूज़ ने 2016 के असम विधानसभा चुनाव के नतीजे के दिन अपने प्राइम टाइम शो 'डीएनए' में बीजेपी की जीत को 'जेएनयू के ख़िलाफ़ जनादेश' करार दे दिया था. इस तरह के कई असंबद्ध सूत्र जेएनयू से जोड़ गए और उस संस्थान पर व्यापक हमले के मार्फ़त वहां की पहचान से ख़ुद को राष्ट्रीय स्तर पर पेश करने वाले चेहरों पर भी इसी तरह के हमले हुए. लोकसभा चुनाव 2019 में के चुनाव प्रचार में भी बीजेपी की तरफ़ से 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' समेत वो तमाम मुहावरे/पद इस्तेमाल किए जा रहे हैं जिनकी एक रूढ़ छवि मीडिया ने भारतीय जनमानस में बना रखा है. यहां बाक़ी लोगों के बजाए लोकसभा चुनाव 2019 के संदर्भ में सिर्फ़ कन्हैया कुमार की बात हो रही है लिहाजा, बीते तीन साल में तैयार हुई कन्हैया नामक 'परिघटना' का विश्लेषण किया जाएगा. 2016 का दौर जिन्हें याद है उन्हें ये भी याद होगा कि उस वक़्त केंद्र की सत्ता पर काबिज़ नरेन्द्र मोदी सरकार के सामने विपक्षी पार्टियों की किसी भी आलोचना को हंसी में उड़ा दिया जाता था. 1984 के बाद पहली बार 2014 में कोई पार्टी अपने दम पर लोकसभा में बहुमत पाने में क़ामयाब हुई थी और इस 'प्रचंड'बहुमत के दम पर विपक्ष के सवालों को लोकसभा में सीटों की संख्या गिनाकर उनकी 'औकात' की तरफ़ मोड़ दिया जाता था. ये भी कहा जा रहा था कि अभी साल, डेढ़ साल ही हुए हैं इसलिए ऐसे सवाल बेमानी हैं. विपक्ष की ज़्यादातर पार्टियां पूरी तरह शिथिल थीं. कोई नैरेटिव नहीं बन पा रहा था. इस लिहाज से देश में पहला व्यापक नैरेटिव बना मोहम्मद अख़लाक़ की हत्या और फिर रोहित वेमुला की मौत के बाद. कई लेखकों ने पुरस्कार लौटाए, देश के ज़्यादातर विश्वविद्यालयों में उथल-पुथल थी. फिर फ़रवरी 2016 की उस घटना ने देश को एक नए विवाद की ज़मीन पर ला खड़ा किया. कन्हैया कुमार गिरफ़्तार हुए, ज़मानत पर बाहर आए और जेएनयू में उनका अप्रत्याशित स्वागत हुआ. उनके भाषण की खूब प्रशंसा/आलोचना हुई. उस भाषण से लेकर अब तक विरोधियों के बीच भी इस बात पर सहमति बन गई-सी लगती है कि कन्हैया कुमार अच्छे वक्ता हैं. यूट्यूब के वीडियोज़ इसकी गवाही देते हैं जहां कन्हैया कुमार के भाषण, वक्तव्य, बातचीत को देखने वाले लोगों की संख्या लाखों में हैं. वक्तव्य शैली को लेकर लोगों के भीतर नरेन्द्र मोदी ने जो 'स्वीकार्यता' हासिल की थी उसे इक्के-दुक्के अपवादों को छोड़कर व्यापक पहुंच और बेहतरीन समझ वाले तेज़तर्रार नेता भी पॉपुलर तरीक़े से काउंटर नहीं कर पा रहे थे. उस भाषण के बाद कन्हैया को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाओं की सूची में बाक़ी चीज़ों से ऊपर उनकी 'वक्तव्य शैली' आ गई. उस वक़्त कई लोगों को ये दोहराते सुना जा सकता था कि नरेन्द्र मोदी को इसी तरह के भाषण से काउंटर किया जा सकता है. कन्हैया चर्चित हो चुके थे. देश की सत्ता से सीधे सवाल पूछने और टकराने वाले व्यक्ति के तौर पर उनकी शुरुआती छवि बनी. इस छवि से नरेन्द्र मोदी और बीजेपी की आलोचना करने वाले खेमे के कई लोग आश्वस्ति हासिल कर रहे थे. नागरिक समाज के भीतर जो उस वक़्त उबाल चल रहा था और जिस तरह जेएनयू के पक्ष में उस दौरान लोग एकजुट हुए, उसने विपक्षी नेताओं को भी वहां पहुंचने पर मजबूर किया. राहुल गांधी, सीताराम येचुरी और शरद यादव से लेकर तमाम नेता जेएनयू पहुंचे. लेकिन उस घटना को तो तीन साल गुजर गए. अब कन्हैया की क्या अहमियत है? शुरुआती दौर में प्रशंसा करने वाले कई लोग भी कन्हैया की कुछ टिप्पणियों, व्यवहारों से असहमत हुए और उनकी आलोचनात्मक परख का सिलसिला भी तेज़ हुआ. तमाम असहमतियों और आलोचनाओं के बावजूद कन्हैया कुमार को लेकर एक सहमति ये बनी रही कि वो 'ग़ैर-बीजेपी'ताक़त हैं. इस दौरान कन्हैया पीएचडी की थीसीस वग़ैरह जमाकर ख़ुद को चुनावी राजनीति के लिए तैयार मानकर अपने गृह ज़िला बेगूसराय में लोगों के बीच घूमने लगे. पिछले कई महीनों से वो बेगूसराय में अपनी चुनावी ज़मीन मज़बूत करने के लिए मेहनत कर रहे हैं. इस दौरान देश की राजनीति में जो बदलाव आए उसको देखते हुए विपक्षी पार्टियों के बीच रह-रहकर एक बड़ी गोलबंदी होती रही, जिसका केंद्र बिंदु हमेशा एक रहा- नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को 2019 में परास्त करना. इनमें से कई मंचों पर कन्हैया कुमार भी मौजूद रहें. एकबारगी ऐसा लग रहा था कि कन्हैया कुमार के नाम पर बिहार में ग़ैर-एनडीए पार्टियों के बीच अगर आधिकारिक सहमति नहीं भी बनती है तो परदे के पीछे तालमेल हो जाएगा. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से बिहार में बने महागठबंधन में वाम पार्टियों की हिस्सेदारी को लेकर संदेह दिखने लगा है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि बेगूसराय सीट पर आरजेडी अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है. निश्चित तौर पर आरजेडी को उस सीट पर उम्मीदवारी का पूरा हक़ है. चुनावी मैदान में कोई भी पार्टी अपनी दावेदारी को लेकर एसर्टिव होती है. रहना भी चाहिए. जो उम्मीदवार लगातार अपने चुनाव क्षेत्र में विपक्ष में रहने के दौरान मेहनत करते हैं उनको भी पूरा हक़ मिलना चाहिए. लेकिन, गठबंधन के तकाज़े के हिसाब से ऐसे कई उम्मीदवारों को उनका वाज़िब हक़ नहीं मिलता. मामला सिर्फ़ एक सीट का नहीं है और ना ही एक व्यक्ति का. कन्हैया कुमार अगर बेगूसराय से लड़ते और जीतते हैं तो असम के विधानसभा चुनाव को 'जेएनयू के ख़िलाफ़ जनादेश' बताने वाली प्रवृत्ति और नज़रिए का प्रति-दृश्य बनेगा. कन्हैया कुमार इसलिए सिर्फ़ एक उम्मीदवार नहीं हैं. उनकी उम्मीदवारी और जीत का ग़ैर-बीजेपी ताक़तों के लिए बड़ा सांकेतिक महत्व है. जिस एकजुटता से विपक्षी दलों ने बीजेपी के ख़िलाफ़ गोलबंदी की है उस योजना के दायरे में इतने लचीलेपन की उम्मीद की जानी चाहिए. जेएनयू या फिर कन्हैया की जनमानस में जो छवि तैयार की गई, वो एक हद तक टूटने के बावजूद पक्के तौर पर मिटी नहीं है. ना तो जेएनयू एररप्रूफ़ है और ना ही कन्हैया हो सकते हैं. दोनों की आलोचनाओं का सिरा खुले रखने के बावजूद बीते पांच साल में अभिव्यक्ति की आज़ादी से लेकर संस्थानों की स्वायत्तता जैसे तमाम सवालों पर जिस मोदी सरकार को घेरा गया है, उसमें सांकेतिक जीत दरअसल बीजेपी के आइडिया पर नैतिक जीत के रूप में दर्ज होगा.
ज़ोमा - KamilTaylan.blog ज़ोमा क्या है? ज़ोमा डिग्री के तीसरे क्रम का जोखिम मापक है जिसके लिए एक विकल्प अनुबंध का गामा निहित अस्थिरता में परिवर्तन के प्रति संवेदनशील है । इसे "डी-गामा / डी-वॉल्यूम" भी कहा जाता है। गामा अपने आप में अंतर्निहित कीमत में बदलाव के लिए डेल्टा के विकल्प की संवेदनशीलता के दूसरे क्रम का जोखिम मापक है । ज़ोमा विभिन्न कारकों के लिए व्युत्पन्न की संवेदनशीलता का आकलन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मापों की श्रेणी का हिस्सा है, जैसे कि ब्याज दरों में परिवर्तन, अस्थिरता, या व्युत्पन्न की अंतर्निहित संपत्ति की हाजिर कीमत । इन मापों को आमतौर पर " यूनानियों " के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे ग्रीक प्रतीकों द्वारा निरूपित किए जाते हैं; हालाँकि, "ज़ोमा" शब्द व्यापारियों द्वारा एक ग्रीक अक्षर की तरह बनाया गया था और यह ग्रीक वर्णमाला का हिस्सा नहीं है। ज़ोमा गर्भित अस्थिरता में परिवर्तन के लिए गामा की एक विकल्प संवेदनशीलता है, जहां एक उच्च ज़ोमा गामा में बड़े परिवर्तनों में IV में छोटे बदलावों को इंगित करता है। यह तथाकथित नाबालिग यूनानियों में से एक है, जिसका उपयोग व्युत्पन्न व्यापार में उच्च-आदेश जोखिम का प्रबंधन करने के लिए किया जाता है, आमतौर पर विकल्प ट्रेडिंग के संदर्भ में। ज़ोमा एक अत्यधिक सार अवधारणा है जिसे केवल एक विकल्प के जोखिम की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य मापों के संबंध में समझा जा सकता है। जोमा को समझना जोरावर को समझना उन लोगों के लिए काफी मुश्किल हो सकता है, जो डेरिवेटिव के शब्दजाल में नहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज़ोमा को केवल दो अन्य अमूर्त अवधारणाओं के संबंध में परिभाषित किया जा सकता है: गामा और डेल्टा। ज़ोमा के "वास्तविक दुनिया" अर्थ को समझने के लिए, इसलिए आपको गामा और डेल्टा को भी समझने की आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, हम कह सकते हैं कि ज़ोमा एक तीसरे क्रम का व्युत्पन्न है। इसका मतलब यह है कि ज़ोमा एक दूसरे क्रम के व्युत्पन्न के परिवर्तन को मापता है – विशेष रूप से, गामा। गामा, बदले में, अंतर्निहित संपत्ति की कीमत में बदलाव के लिए डेल्टा की संवेदनशीलता को मापता है। अंत में, डेल्टा अंतर्निहित परिसंपत्ति और व्युत्पन्न उत्पाद के बीच परिवर्तन की संवेदनशीलता को मापता है। गामा हेजेड पोर्टफोलियो की प्रभावशीलता निर्धारित करने के लिए व्युत्पन्न व्यापारी और पोर्टफोलियो प्रबंधक अक्सर ज़ोमा का उपयोग करते हैं । इस संदर्भ में, ज़ोमा अस्थिरता और / या उस पोर्टफोलियो की अंतर्निहित परिसंपत्तियों में उतार-चढ़ाव को मापेगा। गामा हेजिंग गामा हेजिंग एक हेजिंग रणनीति है जिसका उपयोग विकल्प या अन्य व्युत्पन्न उत्पादों के संबंध में किया जाता है। संक्षेप में, डेल्टा हेजिंग रणनीति का उपयोगकर्ता इस जोखिम से बचाव करना चाहता है कि व्युत्पन्न की कीमत उसकी अंतर्निहित संपत्ति की कीमत से कम हो जाएगी। ज़ोमा इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण माप है। ज़ोमा का वास्तविक विश्व उदाहरण व्युत्पन्न पोर्टफोलियो में बहुत गतिशील जोखिम प्रोफाइल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, उनका जोखिम अंतर्निहित परिसंपत्तियों में मूल्य में उतार-चढ़ाव, ब्याज दरों में बदलाव या निहित अस्थिरता के समायोजन जैसे कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है। इस कभी-विकसित होने वाले जोखिम प्रोफ़ाइल का ट्रैक रखने के लिए, व्युत्पन्न व्यापारी विभिन्न मापों का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, डेल्टा इस बात का माप है कि अंतर्निहित परिसंपत्तियों की कीमतें ऊपर या नीचे बढ़ने के कारण कितना लाभ या हानि उत्पन्न होगी। हालांकि, यहां तक ​​कि यह प्रतीत होता है कि सीधी अवधारणा अधिक स्पष्ट है जितना कि यह दिखाई देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डेल्टा और अंतर्निहित परिसंपत्ति के मूल्य आंदोलनों के बीच संबंध रैखिक नहीं है । यह एक दूसरे उपाय को जन्म देता है, गामा, जो उन मूल्य परिवर्तनों में डेल्टा की संवेदनशीलता को ट्रैक करता है। इस अर्थ में, डेल्टा एक प्रथम-क्रम माप है, जबकि गामा द्वितीय-क्रम माप है। ज़ोमा, अंत में, निहित अस्थिरता में परिवर्तन के संबंध में गामा के परिवर्तन की दर को मापता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी विकल्प की स्थिति के लिए zomma = 1.00 है, तो अस्थिरता में 1% की वृद्धि भी गामा को 1 यूनिट बढ़ाएगी, जो बदले में, नए गामा द्वारा दी गई राशि से डेल्टा को बढ़ाएगी। यदि ज़ोमा निरपेक्ष रूप से उच्च है (या तो सकारात्मक या नकारात्मक), तो यह इंगित करेगा कि अस्थिरता में छोटे परिवर्तन अंतर्निहित मूल्य चाल के रूप में दिशात्मक जोखिम में बड़े बदलाव पैदा कर सकते हैं।
बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने कोरोना पीड़ितों के लिए प्लाज़्मा डोनेट किया। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया। इसके अलावा बेहतरीन काम करने वालों को पदोन्नति देकर भी सम्मानित किया गया।