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धार्मिक एवं पर्यटन नगरी मणिकर्ण घाटी के तीन-चार किलोमीटर के दायरे में ही बादल फटल की घटनाएं हो रही है। आखिर इन्हीं क्षेत्रों में यह बादल फटने की घटनाएं घट रही हैं यह चिंता और अमल करने का विषय है। पांच साल की बात करें तो मणिकर्ण के आसपास के तीन-चार किलोमीटर की दूरी में बादल फटने की घटनाएं घटी हंै। इन घटनाओं में जानी नुकसान भी हुआ है। आशियने, होटल, ढाबे, गोशालाएं, जमीनें तबाह हो गए हैं। बता दें कि मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा में गत वर्ष फटे बादल के जख्म ही अभी लोग भूल नहीं पाए थे कि फिर मणिकर्ण के साथ ही बड़ी बादल फटने की घटना सामने आई है। लगातार फट रहे बादल से क्षेत्र के लोग सहम उठे हैं। बह्मगंगा, चोज और कटागला धार्मिक स्थल मणिकर्ण के इर्द-गिर्द पड़ते हैं। (एचडीएम) चोज में बुधवार पांच बजे सुबह बादल टने से भारी नुकसान हो गया है। भारी बारिश होने से चोज नाले में बाढ़ आई। बाढ़ आने से जानी नुकसान भी हुआ है। वहीं, पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। वहीं, बाढ़ के बाद अफरा. तफरी का माहौल बना हुआ है। प्रशासन रेस्क्यू टीम लेकर मौके पर पहुंचा है। अब तक की जानकारी के अनुसार बाढ़ में आने से रोहित निवासी सुंदरनगर मंडी, कपिल निवासी पुश्कर राजस्थानए राहुल चौधरी धर्मशाला और अर्जुन बंजार लापता हो गए हैं। इसके अलावा खेम राज का एक गेस्ट हाउस में मलबा गुस्स गया है। छह कमरे पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एक मछली फार्म और एक गौशाला समेत चार गउएं बह गई हैं। तीन कैंपिंग साइट तबाह हो गई हैं। जबकि हीरा लालए लता देवी, पैना लाल के ढाबे नष्ट हो ग हैं। नानक चंद का मकान क्षतिगस्त हो गया है। वहींए पैने राम का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दूनी चंद का दो कमरे का मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। रेस्क्यू चला हुआ है। बता दें कि दस अगस्त, 2018 को मणिकर्ण घाटी के कटागला के पास बादल फटा था। यहां पर बादल फटने से जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ था, लेकिन नाले के साथ बनी एक कैंपिंग साइट को नुकसान पहुंचने के साथ कुछ टेंट बाढ़ की भेंट चढ़ गए। वहीं, नकदी फसलों को भी नुकसान पहुंचा था। वर्ष 2018 में मणिकर्ण घाटी के कटागला में बादल फटने से 15 घरों को नुकसान पुहंचा था। मकानों के अंदर मलबा घुस गया है। कई मकान रहने योग्य नहीं हैंए जबकि 83 बीघा भूमि भी बादल फटने से बेकार हो गई थी। बिजली, पानी का नुकसान हुआ था। 28 जुलाई, 2021 को धार्मिक नगरी मणिकर्ण में ब्रह्मगंगा नाले की पहाड़ी पर बादल फटने से आई बाढ़ में चार साल के मासूम सहित तीन लोग बह गए थे। बाढ़ में बहने वालों में गाजियाबाद की एक युवती भी शामिल है। बाढ़ की भेंट चढ़े कुछ लोग अभी तक नहीं मिल पाए हैं। इस बीच नाले के साथ लगते कई घरों में पानी घुस गया था। यहां पर पूनम पत्नी रोहित कुमार निवासी ब्रह्मगंगा, निकुंज चार वर्ष पुत्र रोहित कुमार निवासी ब्रह्मगंगा, विनिता पुत्री विनोद कुमार निवासी गाजियाबाद बाढ़ में बह गए। विरेंद्र पुत्र तीर्थ राम निवासी शांगणा बह गए हैं। वहीं, कैंपिंग साइट भी तबाह हो गई थी।
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मुंबई शहर और उपनगरीय इलाकों में अगले 3 से 4 घंटे बेहद अहम हैं. इन घंटों में अत्यधिक जोरदार बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है.कोंकण क्षेत्र में और गोवा में अगले 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. मुंबई और आस-पास के इलाकों में अगले 24 घंटे मौसम विभाग की ओर से रेडअलर्ट जारी किया गया है. इन घंटों में अत्यधिक जोरदार बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है. रविवार रात के लिए मौसम विभाग की ओर से रेड अलर्ट जारी किया गया है. अगले पांच दिनों तक कहीं अधिक और कहीं बहुत अधिक बारिश का जोर कायम रहेगा. अगले 5 दिनों के लिए कोकण और पश्चिम महाराष्ट्र के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया गया है. महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के साथ-साथ गोवा में भी सोमवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इस वजह से किसानों के मन में फसलों के नुकसान की चिंता बढ़ गई है. पिछले 6 दिनों में कोंकण में बहुत अधिक बारिश हुई है. खास कर रत्नागिरी जिले में ज्यादातर इलाके पानी में डूबे हुए हैं. जिले की नदियां लबालब भर गई हैं. गौतमी नदी का पानी सड़कों, घरों और दुकानों में घुस गया है. पिछले कुछ घंटे से यहां बारिश का जोर कम होने की वजह से लोगों ने राहत की सांस ली है. लेकिन मौसम विभाग ने एक बार फिर अगले पांच दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी कर चिंता बढ़ा दी है. कोंकण में हफ्ते भर से मूसलाधार बारिश हुई है. पिछले कुछ घंटे ही थोड़ी राहत मिली है. लेकिन सोमवार से एक बार फिर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. फुणगूस के पास शास्त्री खाड़ी के आस-पास इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. खाड़ी के इलाके पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं. दस से बारह गांवों मेें किसानों को खेतों के काम छोड़ कर घरों की ओर भागना पड़ा है. खेतों से काटी गई फसलें किसानों की नजरों के सामने बारिश में बह गईं. फुणगूस बाजार में तीन से चार फुट तक पानी भर गया था. दत्त मंदिर के आस-पास भी नदी से पानी की धाराएं तेजी से रिहाइशी इलाकों में घुस आईं. टेंभे पुल के आस-पास के इलाकों में भी पानी भर गया है. काजली नदी में बाढ़ आ गई है. आस-पास के इलाके डूबे हुए हैं. टेंभे पुल के पास से पानी समाज मंदिर तक फैल गया है. कुछ घंटों से बारिश में कमी आने की वजह से पानी धीरे-धीरे नीचे उतर रहा था.लेकिन एक बार फिर रेड अलर्ट की वजह से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. कोंकण और गोवा के अलावा मराठवाडा और मध्य महाराष्ट्रे के लिए अत्यधिक बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है. मराठवाडा में रविवार और सोमवार को अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की गई है जबकि मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को मध्यम स्तर पर बरसात होने की संभावना है. फिलहाल राज्य में मूसलाधार बारिश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार है. महाराष्ट्र से कर्नाटक की ओर दक्षिण पूर्व की ओर नमी वाली हवाएं चल रही हैं. इसलिए वातावरण बरसात के लिए पूरी तरह से अनुकूल है और अगले कुछ दिनों तक इसी तरह बरसात की संभावनाएं कायम हैं. मुंबई शहर और इसके उपनगरीय इलाकों में शनिवार को रात भर जम कर बारिश का कहर टूटा. मुंबई में 192.17 मिमी बरसात हुई. पिछले 12 सालों में जुलाई महीने में अब तक 4 बार ही इतनी बारिश हुई है. एक रिसर्च के मुताबिक मुंबई में बरसने वाले बादल की ऊंचाई माउंट एवरेस्ट से भी अधिक थी. शनिवार रात 11 बजे से रविवार 4 बजे तक मुंबई के अनेक ठिकानों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई. इसलिए कई ठिकानों में लोगों की कमर तक पानी भर गया. मुंबई और इसके आस पास के इलाके में अगले पांच दिन भी बरसात जारी रहेगी. लेकिन मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे अत्यधिक बारिश की चेतावनी दी है. रविवार रात के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसके बाद अगले दो दिनों तक अत्यधिक बरसात होगी और उसके बाद तीन दिनों तक मध्यम बरसात कायम रहेगी. शनिवार को दिन भर बारिश ने अपनी हाजिरी लगाई. इसके बाद रात भर बारिश का जोर बढ़ता ही गया. मुंबई सिटी, पूर्वी उपनगरीय इलाकों और पश्चिमी उपनगरीय इलाकों में जोरदार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया.
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बेंगलूर, (भाषा)। एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउने ने आज इस आरोप को ``गलत" बताते हुए खारिज कर दिया कि नक्सल विरोधी एक अभियान के दौरान चालक दल के सदस्य और कर्मियें ने एक घायल पुलिसकर्मी को हेलीकाप्टर में ही छोड़ दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को एक दूसरे पर ``कटाक्ष" करने से बचना चाहिए। ब्राउने ने यहां आयोजित एयरो इंडिया प्रदर्शनी के दौरान संवाददाता सम्मेलन में कहा, ``ऐसी धारणा है कि उन्होंने छोड़ दिया, वे भाग गए, मैं समझता हूं कि यह सब गलत है। " यह कथित रूप से संकेत दिया गया कि वायुसेना टीम ने हेलीकाप्टर और घायल पुलिसकर्मी को छोड़ दिया था क्योंकि वे माओवाद प्रभावित इलाके में बंधक बनाए जाने से बचना चाहते थे। वायुसेना प्रमुख ने गृह सचिव आर के सिंह द्वारा लिखे गए पत्र के लीक होने पर आश्चर्य जताया। इस पत्र में सिंह ने कथित रूप से वायु सेना के आचरण पर आपत्ति जतायी थी। उन्होंने कहा कि हमें यह सीख लेनी होगी कि एक दुर्घटना में गलती खोजने के बजाय हम सब मिलकर एक टीम की तरह एक दिशा में कार्य करें। ब्राउने ने यह चेतावनी भी दी कि नक्सल विरोधी अभियान लंबा मामला है और इसका आसान हल नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम इस तरह कटाक्ष करते रहेंगे, ऐसा ही कश्मीर घाटी में हुआ और अब भी वहां हो रहा है, जहां वे ःराष्ट्र विरोधी ताकतेंः सुरक्षाबलों ओwर सुरक्षा एजेंसियों के बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, `` मैं नहीं समझता कि ऐसी स्थिति में काम करने का यह तरीका है। " यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी टिप्पणी गृह सचिव की ओर है, वायुसेना प्रमुख ने कहा कि यह वहां काम कर रही ``सभी एजेंसियों" के लिए है। गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय पुलिस बलों पर परोक्ष जवाबी हमले के अंदाज़ में वायुसेना प्रमुख ने नक्सली इलाकों में कुछ हेलीपैड की सुरक्षा का मुद्दा उ"ाया और कहा कि अगर इसका ख्याल नहीं रखा गया तो उन क्षेत्रों में वायुसेना के हेलीकाप्टरों को निशाना बनाया जाना जारी रहेगा। उनसे नक्सल अभियान में वायुसेना कर्मियों के खिलाफ गृह मंत्रालय की शिकायत पर प्रतिक्रिया मांगी गयी थी।
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आजकल लोग रिकॉर्ड अपने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं। खासतौर पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने के लिए लोग अतरंगी काम करके नए-नए रिकॉर्ड बनाते है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में खाने के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा कश बनाने वाले शेफ से लेकर सबसे तीखी मिर्च खाने का रिकॉर्ड तोड़ने वाले शख्स तक, ये सभी रिकॉर्ड सच साबित हुए हैं। अब एक बार फिर खाने के क्षेत्र में एक और विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। मगर इस बार का केस अलग है. एक कपल ने कुछ ऐसा कारनामा दर्ज किया है, जिसे देखकर आपको भरोसा नहीं होगा कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है। दरअसल, जर्मनी के एक कपल ने तेज रफ्तार से सैंडविच तैयार किया कि वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। ये कपल इस वक्त सुर्खियों में बना हुआ है। ये कपल जर्मनी के ऑग्सबर्ग में रहता है। सारा गैम्परलिंग और आंद्रे ऑर्टोल्फ ने नाम के इस कपल ने महज 40. 17 सेकेंड में सैंडविच तैयार किया है। दिलचस्प बात ये है कि कपल ने कुछ अलग ही अंदाज में सैंडविच बनाया है जिसे देखकर एक बार के लिए आप भी अपनी आंखो पर यकीन नहीं कर पाएंगे। कपल ने 2 नवंबर, 2022 को ये रिकॉर्ड बनाया था, जिसका वीडियो अब सामने आया है। वीडियो में आप कपल को एक साथ सैंडविच बनाते देख सकते हैं। वीडियो में आप देख सकते है कि कैसे लड़के ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध रखी है और लड़की के हाथ पीछे की तरफ बंधे हुए हैं। फिर भी दोनों ने मिलकर इतनी तेज रफ्तार से सैंडविच बनाया कि कपल ने अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करा लिया। कपल द्वारा बनाए क्लासिक सैंडविच को देखकर आपके मुंह में भी पानी आ जाएंगा। वीडियो में दोनों एक साथ सैंडविच बनाते दिखाई दे रहे हैं। सबसे पहले आंद्रे ऑर्टोल्फ ब्रेड का पैकेट खोलते हैं, दो स्लाइस निकालते हैं उस पर बटर लगा देते हैं। एक पीस मांस डालते हैं और चार कटे हुए टमाटर डालते हैं। सैंडविच तैयार हो जाता है। उसके बाद आंद्रे सफेद झंडा पिन कर देते हैं। सोशल मीडिया पर तेज रफ्तार से तैयार हुए सैंडविच का ये वीडियो खूब सुर्खियां बटोर रहा है।
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Sheetal P Singh : भारत को अमरीकी निर्देश. ईरान से सस्ता कच्चा तेल नहीं ख़रीद सकते. रूस से सस्ती और अचूक S400 आकाश रक्षक प्रणाली नहीं ख़रीद सकते. चीन से हुआवे और ज़ेड टी एल के सस्ते टेलीकाम उपकरण नहीं ख़रीद सकते! ये सब अमरीका या उसके दोस्तों से ही लेने पड़ेंगे और अमरीका पहले दी जा रही हर क़िस्म की रियायत भी बंद कर चुका है जिससे हमारा अमरीका को निर्यात काफ़ी घट जाने को मजबूर है! चलो भई राष्ट्रभक्त समाज खंजड़ी बजाओ, ये साहेब के दोस्त के आदेश हैं हुकुम तो बजाना ही पड़ेगा! फिलहाल खबर है कि इस घटनाक्रम पर अभी तक किसी भक्त का खून नहीं खौला है. वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह की एफबी वॉल से. Girish Malviya : बज गया डंका : अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत को मिलने वाले जीएसपी दर्जे को खत्म किया, भारत जीएसपी का सबसे बड़ा लाभार्थी देश है. Asrar Khan : अमेरिका एक टुच्चा बनिया देश है जो भारत को रूस से S 400 मिसाइल और ईरान से तेल न खरीदने के लिए धमकी दे रहा है और हम चुप हैं ...! Samar Anarya : मोदी ने ईरान से तेल आयात करने पर अमेरिकी प्रतिबंध स्वीकार किया, मनमोहन सिंह ने नहीं किया था। फिर भी अमेरिका ने भारत से विशिष्ट व्यापार समझौता रद्द कर दिया। और मोदी सरकार बस इतना मिमिया सकी कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है। बज रहा है घंटा।
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GHL Growth: HDFC Securities ने Garware Hi-Tech Films (GHL) के लिए टारगेट प्राइस Rs 1,424 दिया है. पिछले छह दशक से यह कंपनी पॉलीस्टर फिल्म उद्योग की प्रमुख कंपनी बनी हुई है. यह भारत और विदेश में व्यापार करती है. करीब 80 देशों में इसका निर्यात कारोबार है, जिससे इसकी तीन चौथाई आमदनी प्राप्त होती है. अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्वी देशों में इसकी मजबूत पकड़ है. HDFC Securities का मानना है कि कंपनी का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो व्यापक है और निर्यात में इसका फोकस है. साथ ही वैल्यू एडेड उत्पादों में मार्जिन अच्छा है और बहुत पेटेंट भी हैं. इस वजह से कंपनी की ग्रोथ की संभावना अच्छी बनी हुई है. बीते सालों में कंपनी के शेयरों ने जबरदस्त रिटर्न दिया है. जो कि पिछले पांच साल में यह 832 फीसदी जबकि 8 साल में 1385 फीसदी है. जून 30 तक कंपनी में इसके प्रमोटरों की हिस्सेदारी 60. 72 फीसदी थी. इसके अलावा एलआईसी की इसमें 3. 08 फीसदी हिस्सेदारी है. जाने माने निवेशक आशीष कचोलिया भी इसमें 2. 58 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं. GHL के बारे में इस ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी पहले उद्योग आधारित व्यापार में फोकस कर रही थी जबकि वह उपभोक्ता उत्पादों पर भी ध्यान दे रही. यह दुनिया की उन चुनिंदा कंपनियों में से एक है जिसके पास चिप्स-से-फिल्म प्लांट मौजूद हैं. ऑटोमोबाइल, पैकेजिंग, आर्किटेक्ट, सोलर कंट्रोल, इलेक्ट्रिकल और थर्मल इन्सूलेशन के क्षेत्र में इसके उत्पाद आते हैं. HDFC Securities के मुताबिक, "हम कंपनी को लेकर पॉजिटिव हैं. इसकी वजह नए पेंट प्रोटेक्शन फिल्म प्लांट की शुरुआत, क्षमता विस्तार के लक्ष्य वगैरह हैं.
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आज 10 मई 2022 मंगलवार को जानकी जयंती है, जिसे सीता नवमी भी कहते हैं। आप सभी को बता दें कि इस दिन माता सीता प्रकट हुई थी। अब हम आपको बताने जा रहे हैं आज किये जाने वाले 16 तरह के दान के बारे में। जी दरअसल कहा जाता है इन चीजों का दान करें तो बहुत पुण्य और वरदान मिलता है। क्या कर सकते हैं दान- तुलादान या तुलापुरुष दान, हिरण्यगर्भ दान, ब्रह्माण्ड दान, कल्पवृक्ष दान, गोसहस्त्र दान, हिरण्यकामधेनु दान, हिरण्याश्व दान, हिरण्याश्वरथ दान, हेमहस्तिरथ दान, पंचलांगलक दान, धरा दान, विश्वचक्र दान, कल्पलता दान, सप्तसागर दान, रत्नधेनु दान तथा महाभूतघट दान ये दान सामान्य दान नहीं है, अपितु सर्वश्रेष्ठ दान हैं। हालांकि इन सभी दानों की जगह प्रतिकात्मक दान किए जाते हैं। जैसे अन्नदान, गोदान, वस्त्रदान, छातादान, पलंगदान, कंबलदान, विद्यादान, आदि। गाय, स्वर्ण, चांदी, रत्न, विद्या, तिल, कन्या, हाथी, घोड़ा, शय्या, वस्त्र, भूमि, अन्न, दूध, छत्र तथा आवश्यक सामग्री सहित घर इन 16 वस्तुओं के दान को महादान कहते हैं। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है एवं राम-सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिल जाता है। अग्रि पुराण में, घोड़े, हाथी, तिल, सेवक, सेविका, रथ, भूमि, भवन, वधू, कपिला गाय, स्वर्ण आदि को मिलाकर महादान कहा गया है। वहीं मत्स्यपुराण में कहा गया है कि भरत, महाराज पृथु, भक्त प्रह्लाद, अंबरीश, भार्गव, कतिनीर्य, वासुदेव, अर्जुन, राम आदि ने भी अपने युग में ये महादान किए थे।
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हाल ही में ब्रिटेन में रहने वाली एक भारतीय महिला की वीडियो वायरल हुई है जिसने संबलपुरी हथकरघा साड़ी पहनकर मैराथन में हिस्सा लिया। आप भी यह वीडियो जरूर देखें। सोशल मीडिया पर अक्सर वीडियो और फोटो वायरल होती रहती हैं। हाल ही में ब्रिटेन में रहने वाली एक भारतीय महिला की वीडियो वायरल हुई है, संबलपुरी हथकरघा साड़ी पहनकर मैराथन में हिस्सा लिया। इस महिला की वीडियो देखकर ट्विटर पर यूजर्स तरह-तरह से महिला की तारीफ कर रहे हैं और उन्हें देश के सभी लोगों के लिए प्रेरणा भी बता रहे हैं। आपको बता दें कि ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय महिला मधुस्मिता जेना दास की उम्र 41 साल है। मधुस्मिता ने मैनचेस्टर रेस के दौरान सुंदर संबलपुरी हथकरघा साड़ी पहनी हुई थी और स्नीकर्स भी पहने थे। उन्होंने मैनचेस्टर में 42. 5 किलोमीटर की मैराथन को 4 घंटे 50 मिनट में पूर किया। इस दौरान उनकी साड़ी में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। एक ट्विटर यूजर ने मैराथन की फोटो शेयर की, जिसमें मधुस्मिता अन्य प्रतिभागियों के साथ मैराथन में दौड़ लगाती दिख रही थी। ट्वीट में यूजर ने लिखा है कि यूके के मैनचेस्टर में रहने वाली एक उड़िया ने संबलपुरी साड़ी पहनकर ब्रिटेन के दूसरे सबसे बड़े मैनचेस्टर मैराथन 2023 में दौड़ लगाई है. . वाकई यह कितना अच्छा इशारा है हम सभी के लिए। (80 साल की बुजुर्ग महिला ने की पैराग्लाइडिंग, वीडियो देखकर आप भी करेंगी उनके जज्बे को सलाम)आपकी स्पिरिट को सलाम। संबलपुर आपकी एक सांस्कृतिक पहचान है जो सदियों से आदिवासी और लोक समुदायों के मजबूत जुड़ाव से उत्पन्न होती है। यह एक कठिन दौर है, आइए शांति और सद्भाव बनाए रखें। इसे भी पढ़ें- जानिए कौन थीं भारत की पहली महिला पायलट सरला ठकराल? आधिकारिक ट्विटर अकाउंट फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटल यूके ने भी मैराथन का एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में यह नजर आ रहा है कि मधुस्मिता संबलपुरी साड़ी पहनने के बावजूद आराम से दौड़ रही हैं। रेस के दौरान उनके दोस्त और परिवार वाले उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं। वीडियो पर लोगों ने कई सारे ट्वीट भी किए हैं। एक यूजर ने लिखा है की यह बहुत गर्व की बात है। (भारतीय सिनेमा में पहली बार नजर आई थीं एक्ट्रेस दुर्गाबाई कामत) वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा है कि कितनी अच्छी तस्वीर है और यह हमारी संस्कृति को दुनिया के सामने दिखा रही है। आपको बता दें कि मैराथन दौड़ में मधुस्मिता दास की ये पहली एंट्री नहीं है और वह इससे दुनिया भर में कई मैराथन और अल्ट्रा-मैराथन दौड़ चुकी हैं, लेकिन उन्होंने साड़ी पहनकर पहली बार मैराथन में दौड़ लगाई है। मधुस्मिता के पति सचिन दास मिस्र में काम करते हैं और उनके पिता नीरेंद्र मोहन जेना और दो बेटे उनकी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। मधुस्मिता की वीडियो देखकर आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
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Delhi to Agra Journey: अगर आप दिल्ली से हैं और आगरा घूमने की प्लानिंग कर रहें तो आपके पास आगरा पहुंचने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। Delhi to Agra Journey: अगर आप दिल्ली से हैं और आगरा घूमने की प्लानिंग कर रहें तो आपके पास आगरा पहुंचने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। आप फ्लाइट्स, ट्रेन, बस, कार और सड़क के माध्यम से आसानी से आगरा पहुंचकर ताजमहल और आगरा फोर्ट आदि का दीदार कर सकते हैं। दोनों शहर के बीच की दूरी करीब 230 किलोमीटर है। तो आइए जानते हैं दिल्ली से आगरा सड़क, ट्रेन, बस, कार या फ्लाइट के माध्यम से कैसे पहुंच सकते हैंः फ्लाइट से दिल्ली से आगरा (Delhi to Agra by Flight) आगरा से नजदीक हवाई अड्डा 7 किमी दूर स्थित है। आप दिल्ली से आगरा के लिए हर दिन कई फ्लाइट लें सकते हैं। दरअसल आगरा में हवाई अड्डा एक सैन्य आधार हवाई पट्टी है, जो पीक सीजन के दौरान कमर्शियल वाहनों की अनुमति देता है। सिर्फ एयर इंडिया की उड़ानें नई दिल्ली और आगरा के बीच चलती हैं। आपको बता दें कि हवाई मार्ग से नई दिल्ली से आगरा पहुंचने में एक घंटे से भी कम समय लगेगा। इसके अलावा वाराणसी के माध्यम से आप आगरा के लिए फ्लाइट लें सकते हैं। नई दिल्ली से आगरा के लिए फ्लाइट का किराया करीब INR 2337 प्रति व्यक्ति है। ट्रेन से दिल्ली से आगरा (Delhi to Agra by Train) आगरा में तीन रेलवे स्टेशन हैं, राजा की मंडी, आगरा छावनी और आगरा किला स्टेशन। इन तीनों स्टेशनों में से, आगरा कैंट या आगरा छावनी स्टेशन बहुत प्रसिद्ध है। आप दिल्ली से आगरा के लिए चलने वाली लोकल ट्रेनें, सुपर-फास्ट ट्रेनें, सेमी-लक्जरी ट्रेनें, चेयर कार एक्जीक्यूटिव ट्रेनें और यहां तक कि लग्जरी ट्रेनें से पहुंच सकते हैं। दिल्ली से आगरा के लिए सबसे तेज़ चलने वाली ट्रेन 12050 गतिमान एक्सप्रेस है जो दिल्ली से आगरा एक घंटे 40 मिनट से भी कम समय में पहुँचती है। यह ट्रेन सुबह 8:10 बजे दिल्ली स्टेशन से चलती है और 9:50 बजे आगरा स्टेशन पहुंचती है। इस ट्रेन में मल्टीमीडिया मनोरंजन सुविधाएं, टैरिफ में शामिल ऑन-बोर्ड खानपान सेवाएं आदि शामिल हैं। बस से दिल्ली से आगरा (Delhi to Agra by Bus) दरअसल आगरा में मुख्य बस स्टैंड या डिपो ईदगाह में स्थित है। बता दें इस डिपो में दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों से बसें आती हैं। सड़क मार्ग से, आगरा दिल्ली से 233. 1 किमी दूर स्थित है और ताज एक्सप्रेस राजमार्ग के माध्यम से आगरा पहुंचने में करीब 3 घंटे 38 मिनट का समय लगता है। आगरा में एक और बस स्टैंड है, आईएसबीटी। ईदगाह डिपो ताजमहल से सिर्फ 8 किमी दूर स्थित है, लेकिन आईएसबीटी ताजमहल से लगभग 12 किमी दूर स्थित है। इसके अलावा सरकारी बसें और लक्ज़री निजी बसें दोनों उपलब्ध हैं। किराए की बात करें तो 250 रुपए से लेकर 2000 रूपये तक है। बता दें सुबह 6 बजे से 12 बजे के बीच चलने वाली बसों का किराया दोपहर 1 से 12 बजे के बीच चलने वाली बसों की तुलना में काफी कम होता है। दरअसल यह किराया लोगो की संख्या पर निर्भर होता है। हर दिन लगभग 70 बसें नई दिल्ली से आगरा के लिए चलती हैं। कार से दिल्ली से आगरा (Delhi to Agra by Car) अगर आप दिल्ली से आगरा कार से आने कि प्लानिंग कर रहें तो आपको बता दें कि NH2 मार्ग दिल्ली को आगरा से जोड़ता है और अब नए ताज एक्सप्रेसवे ने ड्राइविंग समय को काफी कम कर दिया है। कैब की भी सुविधा उपलब्ध है। दिल्ली से आगरा की दूरी इससे 210 किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा है। किराए की बात करें तो प्रति व्यक्ति 500 रुपए हो सकता है।
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ब्राह्मण को दिया और ग्यारह अभंग उसे लिख दिए । ब्राह्मण की तुकाराम के प्रति श्रद्धा न थी । उस ने वे अभंग और वह नारियल वहीं छोड़ वहाँ से कूच किया । इतने ही में श्रीशिवाजी महाराज के पुराणिक का पानी भरने वाला ब्राह्मण कोंडोवा वहाँ या । तुका राम जी ने वे अभंग नारियल के साथ उसे दे डाले । प्रभंगों में बड़ा उपदेश किया था कि "ईश्वर के पास मोक्ष इत्यादि पुरुषार्थी की गठरी नहीं है कि वह अलग उठाकर तुम्हारे हाथ में रख दे । इंद्रियों को जीत कर और मन को काबू में रख किसी साधना के लिए निर्विषय-निरिच्छ होना चाहिए । उपवास, पारण, व्रत, वेदमंत्रों के पाठ इत्यादि सब कर्मों का फल शांत है अर्थात् उस का फल थोड़े नियमित दिन तक ही मिलता है । सावधानता से मन की इच्छाएँ दूर की जावें तो दुःख की प्राप्ति सुलभता- पूर्वक टाली जा सकती है । स्वप्न में लगे घावों से व्यर्थ रोने वालों के साथ तुम भी क्यों रोते हो । तुकाराम के मन से फल प्राप्त करना हो तो जड़ को सँभालना चाहिए और सब काम छोड़ ईश्वर की शरण लेनी चाहिए ।" कोंडोबा ने श्रद्धापूर्वक अभंगों का पाठ किया ही दिन में विद्याभ्यास कर वह अच्छा पंडित हो गया। कुछ दिन बाद जब कोंडोबा ने नारियल फोड़ा तो उस के भीतर से सुवर्ण मुद्रा और मोती निकले । पीछे से पता लगा कि अहमदाबाद के एक मारबाड़ी भक्त ने वह नारियल तुकाराम जी को गुप्त दान करने के लिए मेजा था । ज्ञानेश्वर जी की ओर से आए ब्राह्मण के चले जाने पर श्राप ने ज्ञानेश्वर जी को संदेश भेजने के अर्थ से कुछ अभंग किए । ये अभंग बड़ी लीनता से भरे हुए हैं। एक अभंग में कहा है कि "महाराज, श्राप सब ज्ञानियों के राजा हो और इस लिए ज्ञानराज कहते हैं। मुझ ऐसे नीच मनुष्य को यह बड़ापन काहे के लिए ? पैर की जूती पैर में ही ठीक रहती है। ब्रह्मा आदि देव भी जहाँ श्राप की शरण आते हैं वहाँ दूसरे किस की झाप के साथ तुलना की जावे ? तुकाराम को तो आपकी गहरी युक्तियाँ नहीं समकीं और इसी लिए वह आपके पैरों पर अपना सिर झुकाता है । " काडोपंत लोहोकरे नाम का एक पुनवाडी का ब्राह्मण कीर्तन करते समय तुकाराम जी के साथ मृदंग बजाया करता । एक बार कुछ धनी लोग काशी- यात्रा जाने की इच्छा से तुकाराम जी की प्रशांस लेने आए । उन लोगों को देख कोडोपंत के भी मन में काशी जाने की इच्छा हुई, पर द्रव्याभाव के कारण वे चुप हो रहे । तुकाराम भी ने उन की इच्छा पहिचान एक होन उठा कर उन्हें दिया और कहा कि " जसे जाने की इच्छा है उस के लिए एक होन बहुत है। प्रतिदिन एक होन मिलना कठिन नहीं और एक होन से अधिक एक दिन में खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं । रोज़ इस होन को भँजा कर खर्च करो पर कम से कम एक पैसा रोज़ बाकी रक्खो । दूसरे दिन तुम्हें फिर होन मिलता जावेगा ।" कोडोपंत ने एक दिन परीक्षा ली । सब खर्च कर शेष पैसे सिरहाने रख सो गया । सुबह देखता है कि पैसे ग़ायब और उन के स्थान में दूसरा होन तैयार । कोडोपंत को विश्वास हुआ और उन्हीं लोगों के साथ हो गया । तुकाराम जी ने कोडोपंत के साथ गंगा माई को विश्वनाथ को और विष्णुपद को एकएक ऐसे तीन अभंग दिए । विश्वनाथ जी से आपकी प्रार्थना थी कि "शंकरजी, श्राप तो हो विश्व के नाथ और मैं तो हूँ दीन अनाथ । मैं बौरा ग्राप के पैर गिरता हूँ। आप जो कुछ कृपा करें वह थोड़ी ही मुझे बहुत है। श्राप के पास कुछ कमी नहीं और मेरे संतोष के लिये अधिक की आवश्यकता नहीं। महाराज, तुकाराम के लिये कुछ कभी प्रसाद भेजिये । " कोंडोपंत की सब तीर्थयात्रा उसी होन पर निभ गई । प्रतिदिन उसे एक होन मिलता रहा। ब्राह्मणं चार महीने काशी में रह कर लौटा। घर आने पर होन अपने पास ही रखने की इच्छा से तुकाराम जी से झूठ मूठ श्रा कर कहा कि होन खो गया । तुकाराम जी हँस कर चुप हो गए। घर जा कर कोडोपंत ने देखा तो होन सचसत तुकाराम मुच हो खो गया था । तुकाराम जी के पास दूसरे दिन श्रा कर अपना अपराध कबूल किया और असत्य - भाषण के लिये क्षमा माँगी। श्रीतुकाराम जी महाराज की आसाढ़ कार्तिक की पंढरपुर की वारी बराबर जारी थी। केवल एक कार्तिकी की एकादशी को आप बहुत बीमार होने के कारण न जा सके । जिस समय दूसरे वारकरी लोग पंढरी जाने के लिये निकले, तब श्राप ने कुछ अभंग लिख कर श्रीविठ्ठल की सेवा में भेजे । तुकाराम-सा प्रेमी भक्त, कार्तिक एकादशी का-सा । पुण्यकारक आनंद-प्रसंग और केवल देह-दुःख के कारण पंढरी तक जाना असंभव ! इस स्थिति में क्या श्राश्चर्य कि तुकाराम जी का जी तड़पता रहा और 'देह देहू में पर मन पंढरी में' यह स्थिति हुई । इस वसर पर जो भंग के मुँह से निकले, उन में तुकाराम जो का हृदय बिल्कुल निचोड़ा पाया जाता है । करुण रस से वे अभंग भरे हुए हैं। पत्र का प्रारंभ इस प्रकार है। "हे संतों, मेरी ओर से श्रीविठ्ठल से विनती करो और पूछो कि मेरे किन अपराधी से मुझे इस बार श्रीविठ्ठल के चरण कमलों से दूर रहना पड़ा । अनेक प्रकार से मेरी करुण-कहानी पंढरीश को सुना । तुकाराम को तो इस बार पंढरी और पुंडलीक के ईंट पर के श्रीविठ्ठल के चरण देखने की आशा नहीं है।" कुछ अभंगों के बाद आप कहते है, "हे नाथ, मेरे कौन से गुणदोष समक्ष कर श्राप ने ऐसो उदासीनता धारण की है १ अन्यथा आप के यहाँ तो कोई प्रयोग्य बात होने की राति नहीं हैं। श्रतएव इस का विचार मुझे ही करना चाहिए कि आपके प्रति मेरा भाव कैसा है । तुकाराम तो यही समझता है कि उसी के बुद्धि-दोष से श्राप ने उसे दूर किया है ।" कुछ अभंगों के बाद आप ईश्वर पर नाराज़ हो कहते हैं, "अगर मन में इतना छोटापन है, तो हमें पैदा ही क्यों किया १ हम दूसरे किस के पास मुँह फाड़ रोवें ! अगर अाप ही मुझ को छोड़ देंगे, तो दूसरा कौन इस बात की खबर लगा कि मैं भूखा हूँ या नहीं १ श्रम और किस की राह है, ? किधर देखें, कौन मुझे गले लगावेगा ! मेरे मन का दुःख कौन पहचानेगा और कौन इस संकट में से मुझे उचारेगा ? हे पिता, क्या आप ऐसे तो न समझ बैठे कि तुकाराम अपना भार स्वयं उठा सकता है ? " आगे " महाराज, आज तो आप पूरे-पूरे लोभी बन गए । धन ही धन जोड़ने के पीछे पड़ा वह धन के लिये ही पागल बन जाता है। फिर उसे और कुछ नहीं दीखता । अपने बाल-बच्चे तक उसे प्यारे नहीं लगते । पैसे की तरफ़ देखते उसे सच बातें फ़ीकी मालूम देती है। तुकाराम समझता है कि आप को भी इसी तरह से लालच आ गई है।" इसी चित्तावस्था में आप को गरुड़ जी के दर्शन न हुए। गरुड़ जो बोले, "अगर आप चाहें तो आप को पीठ पर पंढरपुर ले चलूँ । देव आप को भूले नहीं हैं। पर इतने भक्तों को छोड़ वे कैसे के पास सकते हैं । अगर वे यहाँ चले श्रावें तो पंढरपुर कैसा रंग में भंग हो जावे ?" तुकाराम जा समझ गए । आप चित्त को शांति प्राप्त हुई कि श्रीविठ्ठल मुझे भूले नहीं हैं। पर भगवान् के वाहन पर बैठ पंढरपुर जाना श्राप ने उचित न समझा । श्राप देहू ही रहे । संत लोग पंढरपुर से लौटते समय इस बार देहू आए और देहू में ही थोड़े समय के लिये पंढरपुर हो गया। तुकाराम जो के अभंग खूब गाए गए । तुकाराम जी के अभंगों की कीति उन के जीवन काल में ही .. खूब फैल गई । इन के अभंग लोग लिख ले जाने लगे और गाने लगे । तुकाराम अपनी पहचान रखने के लिये अपने अभंगों के अंतिम चरण में 'तुका' पद रख देते थे । पर तुक से तुक मिला कर कवि बनने वाले बहुत से कवि तुका का नाम अपने ही बनाये हुये अभंगों में रख देते। फल यह होता कि इस बात को पहचानना बड़ा, कठिन हो जाता कि फल अभंग तुकाराम का है या नहीं। ऐसे ही एक सालोमालो नामक कवि तुकाराम जी के ही समय में हो गये । वे खुद अभंग रचते और लोग उन्हें याद करें, इस लिये उन के अंतिम चरणों में 'तुका' की छाप लगा देते । तुकाराम जी के मत से अत्यंत विरुद्ध -ऐसे कुछ प्रभंग भी सालोमालों बनाते और उन्हें तुकाराम जी के ही नाम से फैलाते । जब तुकाराम जी को उन के भक्तों ने यह बात कही " कि सालोमालो खुद अपने को हरिदास कहला कर आप के अभंगों का नाश कर रहा है, आप अभंग रूप में बोले "चावल गलगए या नहीं, यह देखने के लिये घोटना नहीं पड़ता । एक दाने से भांत की परीक्षा होती है। हंस की चोंच दूध और पानी फ़ौरन दूर कर देती है। यदि किसी ने पहनने का अच्छा कपड़ा फाड़ उसे गुदड़ी बनाई तो बात किस की बिगड़ी ? तुकाराम की समझ में तो दाने और फूस अलग करने में कुछ कष्ट नहीं ।" पर भक्तों को यह बात ठीक न मालूम हुई। उन में से दो भक्तों ने तुकाराम जी के श्रभंग लिख लेने का निश्चय किया । सब अभंगों का लिखना अशक्यप्राय था । तुकाराम जी के अभंग सर्वदा रचे ही जाते थे। यह कहने के बजाय कि वे अभंग रचना करते थे यही कथन अधिक सत्य है कि अभंग - वाणी उन के मुख से निकलती थी । पर फिर भी तक्रे गाँव के गंगा राम जी कडूसकर ने और चाकण के संताजी तेली ने यथाशक्ति बहुत अभंग लिख डाले। ये दोनों तुकोबा के कीर्तन में उन का साथ करते थे और दोनों को तुकाराम जी की भाषा शैली से खासा परिचय था । इस कारण उन के प्रायः जितने अभंग इन्हें मिले, सब इन्हों ने लिख डाले । देहू पाम ही चिंचवड़ नाम का एक गाँव है जहाँ पर श्रीगणेश जी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहाँ भी देव उपनामक एक बडे गणेश भक्त हो गए थे जिन के वंशज तुकाराम जी के समय वहाँ महंती करते ये श्राप ने सुना कि तुकाराम जी नामदेव के अवतार समझे जाते है। यह बात प्रसिद्ध है कि श्रीविट्ठल नामदेव जी के साथ भोजन करते -खेलते और बोलते थे। तुकाराम जी की परीक्षा लेने के लिए एक बार देव जी ने उन्हें चिंचवड़ बुलाया । तुकाराम जी देव जी का हेतु मन में समझ गए। भोजन के समय तुकाराम जी ने देव जी से कहा "श्राप के से भक्तों के यहाँ आज श्रीविठ्ठल भोजन करने के लिए आनेवाले हैं। एक पात्र उन के लिए और एक पात्र श्रीगणेश जी के किए परोसिए । मैं श्रीविद्दल को बुला लाऊँगा और आप श्रीगणेश जी को बुलाइए । अपने मन की कु बुद्धि पहचानी देख देव जी लज्जित हुए और बोले "तुकोबा, इतना महद्भाग्य हमारा कहाँ ? हम तो अभिमान के मारे मरे जाते हैं।" यह सुन कर तुकाराम जी ने श्रीविठ्ठल की और गणेश जी की स्तुति की । "महाराज, आप की कृपा दृष्टि से तो बंध्यागाएँ भी दूध देंगी। मैं ऐसी कठिन बात के लिए आपकी विनय नहीं करता । मेरी तो केवल यही माँग है कि हमें अपने चरणों का दर्शन दीजिए । मेघ चातक के लिए बरसता है । राजहंस को श्राप मोती खिलाते हैं । तुकाराम की प्रार्थना मान्य करने में आपको इतना संकोच क्यों ?" कहा जाता है कि थोड़े समय में दोनों देवों के लिए परोमी हुई थालियों में से अन्न कम होने लगा । लोग समझ गए कि श्रीविठ्ठल और श्रीगणेश भोजन कर रहे है। इस प्रकार के अनेक चमत्कार भक्तों के मुख के सुने जाते हैं । भक्तों की बातें भक्त ही जान सकते हैं । चमत्कारों के विषय में अधिक कुछ न लिखकर केवल तुकाराम जी के जीवन के अंतिम चमत्कार वर्णन कर जीवनी का पूर्वार्द्ध समाप्त करता हूँ । तुकाराम जी की श्रात्म-विषयक भावना में बहुत ही धीरे-धीरे विश्वास उत्पन्न होता गया। अपनी जीवनी का वर्णन करते हुए उन्हों ने बड़ी लीनता से कहा कि 'सुनो भाई संतो, मैं तो सब से अधिक पतित हूँ। पर न मालूम श्राप इतना प्रेम मुझ पर क्यों करते हो । मेरा दिल तो मुझे इसी बात की गवाही देता है कि मैं अभी मुक्त नहीं हूं । व्यर्थ में एक पीछे दूसरा मुझे मानता जाता है। संसार में पीड़ा हुई, इस लिए घर छोड़ दिया, ढोरों को भगा दिया। जब कुछ पूरा नपड़ा, तब वैसा का वैसा ही रह गया । जो कुछ थोड़ा-बहुत धन था, वह पूर्णतया नष्ट हो गया । न कभी किसी ब्राह्मण को दिया न किसी याचक को इस प्रकार सहज में ही भाग्यहीन हो जाने के कारण स्त्री, पुत्र, भाई इन, का नाता टूट गया। लोगों को मुख दिखलाते न बना, अतएव कोनों में और जंगलों में रहने लगा और एकति वास का प्रेम इस तरह बढ़ गया। पेट-पूजने में बड़ा तंग हुआ । किसी को मेरी दया न श्राई। इस कारण यदि कोई अब मेरा सत्कार करता है, तो मैं बड़े चाव से उस के यहाँ जाता हूं। पुरखो ने कुछ श्रीविठ्ठल की सेवा की थी, जिसके पुण्य से मैं भी इसे पूजता हूं । इसा को यदि आप चाहो, तो भक्ति कह सकते हो ।" कितनी नम्रता और स्पष्टता है ! ये दोनों गुण वैसे के वैसे ही बने रहे। पर अंत में तुकाराम जी के मुख से ऐसे वाक्य निकलने लगे कि "कोई में मेरी तलाश ही न करने पाए, इस लिए मैं ने आपके चरण गहे हैं। हे नारायण श्रब ता ऐसा काजिए कि मेरा दर्शन हो किसी को न हो । मेरा मन सब बातों से लौट जगह की जगह पर ही विलीन हो गया है। तुकाराम खुद को भूल कर बोलना चालना भूल गया है। अब तो वह पूरा गूंगा बन गया है । " या "अब तो मैं अपने मइहर जाऊँगा । इन संतों के हाथ मुझे संदेशा भी आ चुका । मेरी सुख-दुःख की बातें सुन न तो मेरी मां के मन में करुणा की लाट श्री गई । सब तैयारी कर तो वह मुझे एक दिन ज़रूर बुलाने मेजेगी । मेरा चित्त उसी मार्ग में लगा है। रोज़ मायके की राह देख रहा हूँ । तुकाराम के लिए तो श्रम स्वयं मा-बाप उसे लिवा जाने श्रावेंगे।" इस प्रकार के विचारों की बाट होते-होते तुकारामजी के वय का इकतालीमवाँ साल पूरा हुआ और ने बयालीसवें साल में पदार्पण किया । इसी वर्ष की फागुन सुदी एकादशी के दिन महाराज ने नित्य नियमानुसार रात भर भजन कीर्तन कर प्रातःकाल के समय अपनी स्त्री को बुला कर उसे ग्यारह अभंगों के द्वारा उपदेश किया। आपने कहा - "सुनो जी, पांडुरंग हमारा चौधरी है। उसी ने हमें खेत जोतने के लिए दिया है। जिस में से फ़सल निकाल हम अपना पेट पालते हैं । उस की बाकी जो मुझे देनी है, वह माँग रहा है। आज तक उक की सत्तर की बाकी में से मैं दस दे चुका हूँ । पर अब तो वह घर में श्रा कर खटिया पर बैठ ही गया है और एक-सा तकाज़ा लगा रहा है। अब तो घर, बाड़ी, बर्तन जो कुछ है, उसे दे कर उस की लगान पूरी करनी चाहिए। बतलाओ क्या करना चाहिए । बिना बाकी दिए अब तो छुटकारा नहीं ।" इस प्रकार आरंभ में रूपक की भाषा में उसे समझाना शुरू किया । पर जब यह देखा कि उस की समझ में नहीं आता तो स्पष्ट रूप में कहा कि "इस बात की चिंता न करो कि इन बच्चों का क्या होगा। उन का नसीब उन के साथ बँधा है । तुम अपनी फँसी हुई गर्दन छुड़वा लो और गर्भ-वास के दुःख से खुद को बचाओ। अपने पास का माल देख कर चोर गला फाँसेंगे। इसी लिए मैं दूर भाग रहा हूँ । उन के मार की कल्पना ही से मेरा दिल काँप उठता है। अगर तुकाराम की ज़रूरत तुम्हें हो तो अपना मन खूब बड़ा करो । " " अगर तुम मेरे साथ योगी तो सुनो क्या-क्या सुख तुम हम दोनों को मिलेंगे । ऋषिदेव बड़ा उत्सव मनावेंगे । रत्नों से जड़े विमानों में हमें बिठलावेंगे, नामघोष के साथ गंधर्वो का गाना सुनावेंगे। बड़े-बड़े सिद्ध, साधु, महंत हमारा स्वा गत करेंगे । वहाँ सुखों की सब इच्छाएं पूरी होंगी । चलो, जहाँ मेरे माता पिता हैं, वहाँ तक जावें और उन्हें मिल उन के चरणों पर पड़े । तुकाराम के उस सुख का वर्णन कौन कर सकेगा, जब उस के माँ बाप उस से मिलेंगे १" तुकाराम जी ने तो उपदेश किया पर जिजाई के मन पर उस का कुछ भी असर न पड़ा । मानों अंधे को दर्पण दिखलाया या बहिरे को गाना सुनाया । श्रीतुकाराम जी उन दिनों अपनी यह कल्पना बराबर कहते रहे । " मैंने अपनी मौत अपने श्रींखों से देखी", "अपना घड़ा अपने ही हाथों से फोड़ डाला", "अपने देहरूप पिंड से पिंडदान किया" इत्यादि विचार आपके मुख से निकलने लगे। अंत में चैत्रबदी द्वितीया के रोज़ प्रातःकाल श्राप ने जिजाई से कहला भेजा कि "मैं बैकुंठ को जाता हूँ, श्रगर तुम को चलना हो तो चलमा ।" परंतु उस का जवाब आया कि "आप जाइए। मैं पाँच महीने के पेट से हूँ । घर में बच्चे छोटे-छोटे हैं, गाय, भैंस हैं, उन्हें कौन सम्हालेगा ? मुझे की फ़ुरसत नहीं। नंद से जाइएगा ।" जवाब सुनकर तुकाराम जी मुसकराए और इसी प्रकार के अभंग मुख से कहते, हाथ में फाँझ, तंबूरी लेकर ने श्रीविठ्ठल को नमस्कार किया और भजन करते-करते घर के बाहर निकले । लागों को भी आश्चर्य हुआ । वारी को जाने का दिन नहीं, कीर्तन का मामूलो समय नहीं और श्रोतुकाराम जी महाराज चले कहाँ ? कहाँ जाते हैं ? ऐसा यदि कोई तुकोबा से पूछता तो जवाब मिलता "हम बैकुंठ जाते हैं । अव न लौटेंगे ।" भक्तों को श्राश्चर्य मालूम हुआ और बुरा भी लगा । खासखास भक्त श्राप के साथ चलने लगे । उन सबों के साथ श्रीतुकाराम जी महाराज इंद्रायणी तीर पर आए औरने कीर्तन प्रारंभ किया । उस दिन कीर्तन के समय जो प्रभंगा के मुख से निकले वे बड़े अजीब रस से भरे हुए हैं। अपने अभंगों में समय-समय पर तुकाराम जी भिन्न-भिन्न भूमिकाओं पर आपको समझते थे। कहीं विट्ठल को माता मानते, कहीं पिता, कहीं मित्र, कहीं साहूकार जिसके पास से तुकाराम जी ने कर्ज़ा लिया हो, तो कहीं कर्जदार जिसे श्रा ने पैसा दिया हो। श्रीविठ्ठल से लड़ते, झगड़ते, प्रेम-कलह करते, भली-बुरी सुनाते, फिर क्षमा माँगते, पैरों पड़ते, रोते, अनेक प्रकार के खेल खेलते । पर इस आखिरी दिन का रंग कुछ और ही था। ये अभंग विराणी के कहलाते हैं । विराणी याने विहरिणी। इन अभंग में तुकाराम जी ने एक विहरिणी की अर्थात् स्वपति छोड़ अन्य पुरुष के साथ जिस पर कि उस का प्रेम हो, विहार करने वालो स्त्री की भूमिका ली है । संसार है पति और श्रीविठ्ठल हैं प्रियकर पुरुष । इसी कल्पना पर ये अभंग रचे हुए हैं। उदाहरणार्थ "पहले पति द्वारा मेरे मनोरथ पूर्ण न हुए । अतएव मैं व्यभिचार करने लगी। मेरे पास
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कोरबा,(ब्यूरो छत्तीसगढ़)। एक करोड़ रूपयों से अधिक के धान घोटाला को लेकर जिला जेल कोरबा में निरूद्ध एक आरोपी की संदिग्ध मौत की खबर से सनसनी फैल गयी। बाद में पता चला कि महज अफवाह थी। जिला जेल कोरबा में आदिवासी सेवा सहकारी समिति सोहागपुर के एक करोड़ रूपयों से अधिक के धान घोटाला का आरोपी समिति पबंधक बजूर सिंह राज, खरीदी पभारी बुटकू सिंह और डाटा एंट्री आपरेटर खगेश पताप सिंह न्यायिक अभिरक्षा में है। बीती रात क्षेत्र में खबर फैली की समिति पबंधक बजूरसिंह राज की जिला जेल में संदिग्ध मौत हो गयी। इस खबर से कोरबा से लेकर सोहागपुर तक सनसनी फैल गयी। बहरहाल जेल में संपर्प करने पर पता चला कि धान घोटाला के तीनों आरोपी सकुशल हैं। यहां उल्लेखनीय है कि इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद काईम ब्रांच पुलिस ने सोहागपुर से दो युवकों को अवैध रिवाल्वर के साथ गिरप्तार किया था। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से पचारित करने का पयास किया गया था कि डाटा एंट्री आपरेटर खगेश पताप ने इन दोनों युवकों को अपने पिता धान खरीदी पभारी बुटकू सिंह की हत्या की सुपारी दी थी। हत्या के बाद दोनों आरोपियों को जिला सहकारी केन्दीय बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष देवेन्द पाण्डेय के इशारे पर हत्या करने का बयान कथित रूप से पुलिस में दर्ज कराना था। लेकिन न तो पुलिस जांच में ऐसे किसी तथ्य का खुलासा हुआ और नही इसे स्थापित किया जा सका। खास बात यह है कि सोहागपुर गांव वर्षों से खतरनाक हथियारों की खरीद-फरोख्त के लिए मशहूर है। इधर दूसरी ओर धान घोटाला मामले में तीन आरोपियों की गिरप्तारी के बाद मामले में नया मोड़ आ गया है। तीनों ही आरोपी घोटाले में जिला सहकारी केन्दीय बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष देवेन्द पाण्डेय को घोटाले की रकम में से अस्सी लाख रूपये देने का आरोप लगा चुके हैं।
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बाराबंकी. बाराबंकी में हाल के कुछ वर्षों में मछली पालन का व्यवसाय तेजी से हो रहा है. बहुत से ऐसे लोग हैं जो इस क्षेत्र में कुछ नया कर रहे हैं. ऐसे ही एक मछली पालक मोहम्मद आसिफ सिद्दीकी भी हैं जिन्होंने नई तकनीक का इस्तेमाल किया और कच्चे तालाब में अति सघन विधि से मछली पालन किया. आसिफ को कम क्षेत्र में ज्यादा उत्पाद और बंपर मुनाफा मिला. इन्हें नवंबर 2021 में मत्स्य दिवस के मौके पर बेस्ट फिश फार्मर के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. इसके साथ ही मोहम्मद आसिफ सिद्दीकी को कई अन्य अवॉर्ड और भी मिल चुके हैं. आसिफ कम क्षेत्र में ज्यादा मछलियों का उत्पादन करते हैं. यही नहीं उनसे यह गुर सीखने और राज्यों के लोग आते हैं. बाराबंकी जिले के देवा-कुर्सी रोड पर बन्धिया गंगवारा गांव में इनका एक्यू फिशरीज फार्म है. आसिफ सिद्दीकी लखनऊ के चिनहट के रहनेवाले हैं. दिल लगाकर पढ़ाई तो की, लेकिन सरकारी नौकरी की ख्वाहिश में उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही अपने भविष्य की दिशा भी तय कर ली. ग्रेजुएशन के बाद नौकरी की लाइन में लगने के बजाए बाराबंकी जिले के कुर्सी रोड स्थित गंगवारा में मछली पालन शुरू किया और उसे विस्तार देने लगे. यही कारण है कि महज चार-पांच साल में अपने छोटे से काम को बड़ा रूप दे डाला. उनकी लगन और मेहनत की मत्स्य पालन जगत में चर्चा होने लगी और इसके बाद सरकार ने उन्हें कई अवॉर्ड दिए. वियतनाम जैसे देशों की तकनीक का इस्तेमाल किया और कच्चे तालाब में अति सघन विधि से मछली पालन किया. काफी मेहनत करने के बाद आसिफ को इसमें सफलता मिली. उन्हें कम क्षेत्र में ज्यादा उत्पाद मिला. इससे आसिफ ने न सिर्फ अपने परिवार और प्रदेश का मान बढ़ाया बल्कि युवाओं को नई राह दिखाई. आसिफ सिद्दीकी ने बाराबंकी जिले के कुर्सी रोड पर गंगवारा गांव के पास स्थित छह एकड़ जमीन में तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे हैं. कई मछली पालन करने वाले लोग 60 से 65 एकड़ जमीन में तालाब बनाकर मछली पालन करते हैं, लेकिन आसिफ सिद्दीकी ने छह एकड़ जमीन पर मछली पालन कर उनसे कहीं अधिक कामयाबी हासिल की. .
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तस्वीर में दोनों बहनें (Kareena And Karisma Kapoor) समुद्र तट पर एक-दूसरे के बगल में बैठी दिख रही हैं। उनके साथ करीना के बच्चे तैमूर अली खान और जेह अली खान और करिश्मा के बच्चे समायरा कपूर और कियान राज कपूर भी थे। ये सभी अपने बीचवियर में थे और कैमरे की तरफ पीठ किए हुए थे। तस्वीर में परिवार को दो ताड़ के पेड़ों के बीच बैठा दिखाया गया है। ऐक्ट्रेस के फैंस ने कमेंट बॉक्स में दिल के इमोजी लगाए, जबकि कई ने टिप्पणी की, "प्यारा। " एक ने लिखा, "बहनों का लक्ष्य। " अन्य लोगों ने उनका वापस मुंबई में स्वागत किया। एक ने लिखा, "वैसे भी बेबो का घर वापस स्वागत है। " कुछ फैंस ने तस्वीर को 'परफेक्ट फैमिली' कहा। करिश्मा ने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इसी फोटो को लाल दिल वाले इमोजी के साथ शेयर किया था, जिसमें हैशटैग "#springbreak2022 #thisisus #familylove" जोड़ा गया था। करीना कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वही तस्वीर साझा की और कैप्शन में सभी बच्चों के नाम का जिक्र किया था। उन्होंने लिखा था, "स्प्रिंग ब्रेक 2022 @therealkarismakapoor @thesamairakapur#Kiaan#TimTim#Jehbaba। " करिश्मा और करीना सोमवार 14 मार्च को अपने बच्चों के साथ एक प्राइवेट जेट से मालदीव के लिए निकले थे। करीना के पति सैफ अली खान उनके साथ छुट्टियां मनाने नहीं गए थे। पिछले साल करीना और सैफ सैफ का जन्मदिन मनाने के लिए अपने बेटों के साथ मालदीव गए थे। वर्कफ्रंट पर, करीना अगली बार आमिर खान के साथ 'लाल सिंह चड्ढा' में दिखाई देंगी। यह फिल्म, जो इस साल 11 अगस्त को रिलीज होने वाली है, हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गंप की आधिकारिक हिंदी रीमेक है, जिसमें टॉम हैंक्स ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने शनिवार को अपने सभी कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया। कंपनी को हालांकि, दूरसंचार विभाग से 14,000 करोड़ रुपये के बकाये की मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा है। आधिकारिक सूत्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, "बीएसएनएल ने करीब 2,000 करोड़ रुपये की आंतरिक कमाई से अपने सभी कर्मचारियों के जून माह का वेतन भुगतान कर दिया है। " कंपनी ने वेतन के 750 करोड़ रुपये, कर्ज पर 800 करोड़ रुपये का ब्याज भुगतान और अन्य मंजूरी प्राप्त परिचालनगत खर्च जैसे कि बिजली बिल के भुगतान, वेंडरों के बकाये का आंशिक भुगतान भी जारी कर दिया है। भारत संचार निगम लिमिटेड अखिल भारतीय यूनियनों के संयोजक पी. अभिमन्यू ने कहा, "वित्त विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है कि उन्हें जून माह के वेतन के लिये धन प्राप्त हो गया है और इसे वह सोमवार को कर्मचारियों के खातों में डाल देंगे। " सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने दूरसंचार विभाग को अप्रैल में 14,000 करोड़ रुपये की मांग भेजी थी लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला है। यह मांग अतिरिक्त पेंशन राशि, नक्सल प्रभावित इलाकों में मोबाइल नेटवर्क के बकाये और बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम पर दिया गया ब्याज शामिल है। यह स्पेक्ट्रम सरकार को लौटा दिया गया है।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और यूपी चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक भूपेश बघेल ने यूपी दौरे पर हैं. वहां लगातार रैलियां कर रहे हैं, ताकि आगामी चुनाव में मजबूती से लड़ सकें. इसी कड़ी में सीएम बघेल ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि भाजपा लगातार छोटे, मध्यम व्यापारियों को खत्म कर रही है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी पर जिम्मेदारियाँ बहुत हैं, जिसकी वजह से वह अपना मूल कार्य नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें CM की कुर्सी किसी अन्य को देकर पूरी तरह प्रियंका जी के OSD के रूप में उत्तरप्रदेश ही कैम्प करना चाहिए। इस पर राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर जिम्मेदारियां बहुत हैं, जिसकी वजह से वह अपना मूल कार्य नहीं कर पा रहे हैं. पांडेय ने लिखा कि उन्हें CM की कुर्सी किसी अन्य को देकर पूरी तरह प्रियंका गांधी के OSD के रूप में उत्तरप्रदेश ही कैम्प करना चाहिए. उनकी 'व्यस्तता' राज्य के विकास में बाधा है. दरअसल, सीएम बघेल ने लिखा था कि आज नेहरू युवा केंद्र, लखनऊ में उत्तर प्रदेश के विभिन्न व्यापारी वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ सार्थक संवाद हुआ. अधिकतर लोगों ने कहा कि पहले हमने भाजपा को उम्मीद के साथ वोट दिया था, लेकिन अब वे यह गलती नहीं दोहराएंगे. भाजपा लगातार छोटे, मध्यम व्यापारियों को खत्म कर रही है.
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योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वाट्सएप ग्रुप पर अश्लील पोस्ट डालने के आरोपी युवक को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। युवक सांडी थाना क्षेत्र का निवासी है। उसके खिलाफ बजरंगदल के जिला संयोजक की तहरीर पर पुलिस ने आईटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की थी। हरदोई के थाना क्षेत्र के कस्बा निवासी मोहम्मद फुरकान ने अपने नंबर से माई ग्रुप नाम से वाट्सएप ग्रुप बना रखा है। बुधवार को आरोपी ने ग्रुप पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का आपत्तिजनक फोटो डाला। फोटो के नीचे उनसे संबंधित अश्लील पोस्ट डाली थी। कथित पोस्ट बजरंगदल के जिला संयोजक अभिषेक द्विवेदी ने देखी। उन्होंने बुधवार रात आपत्तिजनक पोस्ट डालने की तहरीर शहर कोतवाली में दी थी। पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मोहम्मद फु करान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की और सांडी पुलिस से संपर्क कर मामले से अवगत कराया था। एसओ सांडी रणजीत सिंह ने बुधवार देर रात फुरकान को गिरफ्तार कर शहर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। कोतवाल कमलेश नारायण पांडेय ने बताया कि मामले में कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। ग्रुप से जुडे़ सदस्यों के बारे में भी पड़ताल की जा रही है। बताया कि जांच पूरी होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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इन्दौर। कृत्रिम अंगों के लिए विभिन्न क्षेत्रों से 12 बसों में दिव्यांग अमरदास हॉल पहुंचे, लेकिन हॉल के अंदर चाकचौबंद व्यवस्था का सिर्फ आश्वासन ही दिखा। मुख्य गेट से 100 मीटर से अधिक की दूरी दिव्यांगों को घिसटकर पार करना पड़ी। प्रशासन ने सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग को जिम्मा सौंपा, लेकिन कर्मचारी और अधिकारी एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ते रहे। अंगों की उम्मीद में 12 बसों से पहुंचे दिव्यांगों के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी नजर नहीं आया। विभाग की आला अधिकारी सुचिता फिरकी बेग को जानकारी ही नहीं थी कि कितनी ट्रायसाइकिल, व्हीलचेयर, कानों की मशीन, कृत्रिम हाथ-पैर की व्यवस्था की गई है। कृत्रिम अंगों के लिए पहुंचे 1 हजार से अधिक दिव्यांग समस्याओं से संघर्ष करते रहे। आज प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस पर जनसहयोग शिविर के माध्यम से कृत्रिम अंगों के वितरण का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी सहित विभिन्न क्षेत्र के पार्षद और अधिकारी मौजूद थे। 11. 30 बजे से शुरु होने वाले कार्यक्रम के लिए 10 बजे से दिव्यांगों को एकत्रित किया गया, लेकिन विभाग के कर्मचारी व्हीलचेयर की व्यवस्था करना ही भूल गए। बांटी जाने वाली नई कुर्सियों के इस्तेमाल के लिए भी आपसी हुज्जत करते रहे। 2 व्हीलचेयरों को हजार से अधिक दिव्यांगों को हॉल में लाने के लिए तैनात किया गया, लेकिन व्हीलचेयर पर कोई भी कर्मचारी नजर नहीं आया। Share:
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औरैया जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र के बूढ़ादाना गांव में बिजली चेकिंग करने गई टीम ने प्रधान संघ अध्यक्ष पर बिजली कर्मचारी को मारपीट कर मोबाइल ले लेने का आरोप लगा थाने में प्रार्थना पत्र दिया है। जबकि गांव की एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने भी थाने पहुंचकर बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर बिजली चेकिंग के नाम पर जबरदस्ती घर में घुसने से मना करने पर गाली गलौज कर अभद्रता का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। सोमवार को बूढ़ादाना गांव निवासी सूरजमुखी समेत एक दर्जन महिलाओं ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया बिजली विभाग के उच्च अधिकारी अपनी टीम लेकर गांव में गए और बिना कुछ जानकारी दिए घर में घुस गए घर में महिलाएं अकेली थी जब महिलाओं ने एतराज जताया तो वह लोग गाली-गलौज कर अभद्रता करने लगे इस दौरान गांव के अन्य लोग व सूचना पर गांव के प्रधान भी मौके पर पहुंच गए तब भी बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी गाली गलौज करते रहे जबकि बिजली विभाग के प्रभारी जेई अंकुल पुत्र धर्मवीर सिंह ने थाने में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह गांव में बिजली की चेकिंग करने अधिकारियों के साथ गए थे तभी गांव के प्रधान व 20 अज्ञात लोगों ने गाली गलौज मारपीट कर दी और उसका मोबाइल फोन छीन लिया। घटना के संबंध में थाना प्रभारी निरीक्षक शशि भूषण मिश्रा ने बताया दोनों पक्षों की तहरीर मिली है एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं जांच कर कार्रवाई की जाएगी। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की ताजपोशी की खबर से ही राजनीतिक दलों में हलचल मच गई है। शायद यही वजह है कि तीसरे मोर्चे की कवायद को भी रफ्तार दी जा रही है। सीपीआई-एम के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश करात व माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य सुभाषिनी अली ने मंगलवार को यूपी के सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की। कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव प्रकाश करात ने अखिलेश यादव से मिलकर मुजफ्फनगर दंगों के पीड़ितों की बदतर हालत पर चिंता जताते हुए उसे तत्काल दुरुस्त करने की मांग की। करात ने कहा कि राहत शिविरों की हालत ठीक नहीं है। करात ने कहा कि वहां लोग बस किसी तरह जिंदगी बिता रहे हैं। कुछ लोगों के मरने की भी सूचना है। करात ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकार को स्थित सही करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। दंगों पर हो रही राजनीति पर करात ने कुछ कहने से मना कर दिया, पर उन्होंने यह जरूर कहा कि बेकुसूर लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए। दूसरी ओर, सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि इस मुलाकात का अहम मुद्दा तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर था। पता चला है कि इस बैठक में भाजपा और कांग्रेस के बिना सरकार बनाने की रणनीति बनाई गई। गौरतलब है कि पिछले दिनों वामपंथी मोर्चे ने दिल्ली में एंटी कम्यूनल फ्रंट की रैली आयोजित की थी। इसमें सपा भी शामिल हुई थी और मुलायम ने कहा था कि तीसरे मोर्चे का गठन देश के लिए जरूरी है। माना जा रहा है कि इस बैठम में एंटी कम्यूनल फ्रंट को ही मजबूत करने पर चर्चा हुई।
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रांचीः राजधानी में संत जेवियर्स कॉलेज (St. Xavier's College) की छात्रा ने फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली है। छात्रा का शव शुक्रवार शाम को उसके कमरे से बरामद किया गया। मृतक छात्रा का नाम अदिति कुमारी है। वह संत जेवियर्स कॉलेज में बीकॉम की छात्रा थी। अदिति मूलरूप से पलामू के छतरपुर की रहने वाली है। वर्तमान में वह रांची के चर्च रोड में कृष्णा हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी। पुलिस की टीम ने घटना की जानकारी छात्रा के परिजनों को भी दी। हालांकि अभी तक आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। देर रात मिली जानकारी के अनुसार, अदिति के कमरे में दो और छात्राएं रहती हैं, लेकिन वह छुट्टी में गई हुई थी। इन दिनों अदिति कमरे में अकेली रह रही थी। शुक्रवार की सुबह नाश्ता करने के बाद कमरे से निकली थी। मगर वह काफी गुमसुम भी थी। दोपहर में उसने खाना भी नहीं खाया। शाम तक जब वह कमरे से बाहर नहीं निकली तो हॉस्टल के मालिक उसे देखने कमरे में गए, लेकिन दरवाजा भीतर से बंद था। काफी आवाज लगाने के बाद भी जवाब नहीं मिला। इसके बाद खिड़की से झांक कर देखा तो छात्रा फंदे से झूलती दिखी। इसके बाद लोअर बाजार थाने को सूचना दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया।
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चंडीगढ़ नगर निगम की सोमवार को हुई बैठक में हाउस टैक्स, रोड और वाटर सप्लाई कमेटी के गठन से जुड़े प्रस्ताव पास किए गए। वहीं, शहर में लोकसभा के साथ राज्य सभा सीट की मांग के प्रस्ताव को पार्षदों ने हाथ उठाकर मंजूरी दे दी। बैठक में रायपुरकलां की गोशाला में पशु चिकित्सालय और रोगी पशु भवन के निर्माण का प्रस्ताव हंगामे के बीच पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव से पूर्व निगम के सदन में पेड पार्किंग, बिजली के निजीकरण के अलावा वाटर टैरिफ में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए खूब हंगामा हुआ। हालांकि, मेयर सरबजीत कौर ने पार्षदों की हर मांग को सुना, जिनके सवालों के जवाब उन्होंने पूरी तत्परता के साथ दिए। हाउस की बैठक के दौरान भाजपा पार्षद सौरभ जोशी ने कहा कि चंडीगढ़ में लोकसभा सीट के अलावा राज्यसभा की सीट भी होनी चाहिए। आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ से जुड़े इस मुद्दे को उठाया था। आज सदन में सभी 35 पार्षदों ने इस मुद्दे का समर्थन किया और इसे पास कर दिया। पार्षद जोशी ने कहा कि यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो चंडीगढ़ में लोकसभा के साथ ही राज्यसभा की भी सीट होगी। इस प्रस्ताव को शहर के प्रशासक बीएल पुराहित के पास भेजा जाएगा। यदि प्रशासक से इस प्रस्ताव को सहमति मिल जाती है तो आगे केंद्र के गृह मंत्रालय के पास जाएगा। पशु भवन के निर्माण का प्रस्ताव हंगामे के बीच पारित : कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने शहर में गौवंश की रक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने की मांग की। औद्योगिक क्षेत्र में बनाई गई गौशालाओं के जीर्णोध्दार की बात करते हुए उन्होंने चंडीगढ़ में गौवंश की देखभाल के लिए पशु भवन के निर्माण पर जोर दिया गया। पार्षदों ने रायपुर कलां की गोशाला में पशु चिकित्सालय ओर रोगी पशु भवन के निर्माण का प्रस्ताव हंगामे के बीच पारित कर दिया। बैठक में नगर निगम में ठेके पर 112 कर्मचारियों को रखने का प्रस्ताव भी हाउस ने पास कर दिया। इसके अलावा बैठक के दौरान हाउस टैक्स, रोड और वाटर सप्लाई कमेटी के गठन से जुड़े प्रस्ताव पास हो गए। वहीं रायपुर कलां में 3.79 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले पशु अस्पताल की बिल्डिंग के निर्माण, गऊशाला के निर्माण आदि प्रस्ताव भी पास हो गए। इसके अलावा चंडीगढ़ नगर निगम गार्बेज फ्री सिटी के लिए फाइव स्टार रेटिंग घोषित करने का भी प्रस्ताव भी पास हो गया। निगम बैठक के दौरान शहर में पानी के बिल बढ़ाने का मुद्दा भी छाया रहा। सभी पार्षदों ने रेट बढ़ाने के विरोध में लामबंद होने की बात कही। मेयर ने कहा कि वह पानी के रेट नहीं बढ़ने देंगी।
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Intertemporal budget constraint इस श्रेणी का आन्तरगणन कहलाता है। परन्तु इस सूत्र में यह मान्यता ली जाती है कि लम्बाई में परिवर्तन के साथ भार में एक निर्दिष्ट क्रम में ही परिवर्तन होगा। Intertemporal budget constraint ( इंटरटेम्पोरल बजट काँस्ट्रेन्ट) अन्तर- अवधि बजट सीमा किसी व्यक्ति, फर्म या सरकार के व्यय को निर्दिष्ट अवधि में दी हुई सीमा के अन्तर्गत ही रखे जाने की शर्त । व्यक्ति के लिए यह अवधि उसके जीवनकाल तक, तथा फर्म व सरकार के लिए उनके कार्यकाल तक सीमित रहती है। यहां यह उल्लेखनीय है कि बजट सीमा के अन्तर्गत व्यक्ति या फर्म की आय तथा सरकार की कुल प्राप्तियों के अलावा ऋणों की राशि भी शामिल की जाती है। Intertemporal substitution अन्तर- अवधि प्रतिस्थापन एक निर्दिष्ट अवधि के अन्तर्गत विभिन्न वस्तुओं के मध्य स्थानापन्नता की सीमा । उदाहरण के लिए, यदि यात्री किराया व्यस्तकाल में बहुत अधिक हो तथा वर्ष के अन्य महीनों में कम हो तो बहुत से लोग अपनी छुट्टियों के समय व्यस्तकाल की अपेक्षा अन्य महीनों में भ्रमण की योजना बना लेंगे। इसी के अन्तर्गत उपभोक्ताओं के वर्तमान तथा भावी उपभोग के मध्य प्रतिस्थापन को भी शामिल किया जा सकता है। यदि उपभोक्ता राष्ट्रीय आय का बहुत बड़ा भाग उपभोग व्यय में प्रयुक्त करते हैं तो बचत तथा निवेश कम होने के फलस्वरूप आर्थिक विकास की दर कम होगी जिससे भविष्य में उपभोग हेतु प्राप्त होने वाली राशि भी कम हो जाएगी। इसके विपरीत जिस समाज में उपभोक्ता आज अधिक बचत तथा निवेश करते हैं उनका वर्तमान उपभोग स्तर कम होगा, परन्तु भविष्य में आय बढ़ने के फलस्वरूप उपभोग भी बढ़ जाएगा। Intra-industry specialization उद्योगों के मध्य विशिष्टीकरण ऐसी स्थिति जिसमें एक ही उद्योग से सम्बद्ध फर्मे विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में विशिष्टता प्राप्त कर लेती हैं। उदाहरण के लिए, वस्त्र उद्योग के अन्तर्गत एक फर्म केवल सूटिंग-शटिंग वस्त्रों का उत्पादन कर सकती है, जबकि दूसरी फर्म केवल बैड-शीट या तौलियों का उत्पादन करती है। इनमें प्रत्येक फर्म विशिष्टीकरण के कारण वृहत् - स्तर पर उत्पादन करके प्रति इकाई लागत में कमी कर सकती है। Intra-industry trade (इंट्रा-इन्डस्ट्री ट्रेड) अन्तः फर्म व्यापार ऐसी स्थिति, जिसमें एक ही उद्योग से सम्बद्ध अलग-अलग देशों में कार्यरत विभिन्न फर्म विशिष्टता के आधार पर उत्पादन करती हैं तथा परस्पर व्यापार करती हैं। कभी-कभी एक सीज़न में कोई देश किसी वस्तु का निर्यात करके दूसरे सीज़न में उसका आयात कर सकता है। उदाहरण के लिए भारत सर्दियों में सेव का निर्यात
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बालक कहांसे आवें । रुपया जमा हो गया। कार्यकर्ता भी मिल गये। अब वालक कहांसे आवें ? कौन माता पिता पचीस वर्षकी आयु तक अपने पुत्रों को अलग करनेक लिये तैयार होंगे ? कौन माता पिता अपने बालकोंको घरसे निकाल कर जङ्गलमें भेजना चाहेंगे ? इस समस्याको भी लाला मुंशीरामजीने ही हल किया। उन्होंने सबसे पहिले अपने दोनों पुत्रों - हरिश्चन्द्र और इन्द्रचन्द्र को इस नये परीक्षण के लिये समर्पित कर दिया। इनको साहसको देख कर और भी कई मित्रों ने हिम्मत बांधी और अपने अपने पुत्रों को गुरुकुलमें भेजना स्वीकार कर लिया । ऊपर जिन सजनोंके नाम लिखे गये हैं उन्होंने केवल १०/१५ बालकों को लेकर गुजरानवालामें स्वामी दयानन्द के 'सत्यार्थप्रकाश' में लिखी पाठ-विधिके अनुसार शिक्षण आरम्भ कर दिया । परन्तु गुजरानवाला उक्त प्रकार के आश्रम के लिये उपयुक्त स्थान नहीं था। ब्रह्मचर्याश्रम तो शहरोंके गन्दे वातावरण के प्रभावसे अलग होना चाहिये। इस लिये अब स्थानकी तलाश होने लगी। विचार किया गया कि यदि कोई ऐसा स्थान मिल जाय जो पंजाब से नज़दीक भी हो और शहरोंसे अलग भी, तो अच्छा होगा। हरिद्वार में प्रकृतिकी रमणीयता और ऊपर बतलाये गये दोनों गुण मौजूद पाये गये । इस लिये लाला मुशीरामजी भण्डारी शालि. प्रामजीको साथ लेकर स्थानकी तलाशके लिये हरिद्वार पहुंचे। वीर संन्यासो- श्रद्धानन्द हरिद्वार में अभी स्थानकी तलाश हो ही रही थी कि एक निःस्वार्थ निरभिमानी दानीने इस कठिनाईको भी हल कर दिया । मुन्शी अमनसिंहजीका सर्वस्व त्याग नजीबाबाद (जि० विजनौर) के मुंशी अमनसिंहजी की हरिद्वारके पास ही कांगड़ी नामक ग्राम में जमींदारी थी। उन्होंने अपनी यह सारी जमींदारो गुरुकुल विश्वविद्यालय के लिये आर्य प्रतिनिधि सभाको समर्पित कर देनेका त्रिवार लाला मुंशीरामजो के सामने प्रकट किया। लाला मुशारामजोके लिये इससे बढ़ कर खुशोकी बात क्या हो सकती थी। बस एक मास बाद हो गुजरांवालासे सब ब्रह्मचारियों और कार्यकर्ताओं सहित लाला मुंशीरामजी कांगड़ी ग्रामके पास जङ्गलमें आ गये। उन दिनों यहां ऐसा घना जंगल था कि दिन के समय भी त्रीतों और बाघों जैसे हिंस्र जन्तुओंसे सामना हो जाना साधारण बात थी । इसो निर्जन और घने जंगलमें गुरु और शिष्य सव मिलाकर केवल छब्बीस व्यक्तियोंने संवत् १९५६ में उस महायज्ञका आरम्भ किया जिसकी कीर्ति-सुगन्ध आज पचीस वर्षों में संसार में सर्वत्र फैल चुकी है। धीरे २ कांगड़ी ग्रामके समोपके जङ्गलों को साफ किया गया और वहां ब्रह्मचारियोंके लिये आश्रम वनवाये गये । आरम्भमे विचार यह था कि गुरुकुलमें केवल ऐसे ही पुरुषोंको अधिष्ठाता और अध्यापक रखा जाय जो दुनियादारी से निवृत्त हो चुके हों। प्रयत्न करने पर इस प्रकारके कई पुरुष मिल भी
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गुजरात नगर निगम चुनाव : शुरुआती नतीजे सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में आ रहे हैं। सभी छह नगर निगम में भाजपा ने बढ़त बनाई हुई है। पार्टी अहमदाबाद में 28, सूरत में 12, वडोदरा में 11, राजकोट में 12, जामनगर में 10 और भावनगर में 11 सीटों पर आगे चल रही है। छह नगर निगम के लिए हुए चुनाव में कुल 2,276 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं। आज भाजपा के 577, कांग्रेस के 566, आम आदमी पार्टी के 470, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 91, अन्य पार्टियों के 353 और 228 निर्दलीय उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है। इन चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच है। भाजपा का पिछले कई कार्यकाल से इन छह नगर निगमों पर शासन रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया है कि वह भाजपा और कांग्रेस के सामने एक प्रभावी विकल्प होगी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव लड़ रही है। गुजरात निकाय चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है। ये परिणाम ऐसे समय पर आएंगे जब कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। चुनाव में सतारूढ़ भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी। इससे पहले पंजाब निकाय चुनाव में पार्टी को करारी हार मिली थी।
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सीरियाई-तुर्की सीमा पर, लड़ाई तुर्की सशस्त्र बलों और कुर्दों के बीच हुई। दक्षिणी दमिश्क में आतंकवादियों ने SAA के सहयोगियों पर हमला किया। बताया गया है प्रशंसक सीरियाई स्रोतों के संदर्भ में। दक्षिण-पश्चिमी दमिश्क में, सरकारी बलों और सशस्त्र विपक्षी समूहों के बीच संघर्ष कम नहीं हुआ है। मुग़र अल-मीर शहर के पास भयंकर युद्ध हुआ, जहाँ एसएए तेल अल-अहमर, तेल अल-मजन और तेल अल-खातजान की पहाड़ियों को मुक्त करने में कामयाब रहा। इस प्रकार, एसएआर सैनिकों ने गांव को व्यवस्थित रूप से घेर लिया, जो कि उग्रवादियों द्वारा नियंत्रित अन्य क्षेत्रों से इसे काटने की कोशिश कर रहा था। सीरियाई-तुर्की सीमा के पास कोबानी (अलेप्पो प्रांत) शहर के पास, शाम को तुर्की सेना और आत्मरक्षा बलों (वाईपीजी) के बीच भयंकर संघर्ष शुरू हुआ। सर्जक तुर्की पक्ष था। कुर्द इकाइयों ने हमले को दोहरा दिया, लेकिन मारे गए और घायल हुए कई सैनिकों को खो दिया। बाद में, कुर्दों ने तुर्की के दक्षिणी बाहरी इलाके में आग लगा दी, जिससे एक नागरिक की मौत हो गई। सीरियाई रेड क्रिसेंट ने सीमावर्ती शहर अबू केमल (दीर एज़-ज़ोर प्रांत) में मानवीय सहायता पहुंचाई। कार्गो में भोजन और दवा के साथ किट होते थे। इसके अलावा, शहर में, सीरियाई इंजीनियरिंग इकाइयों और रूसी केंद्र के युद्धरत दलों के पुनर्निर्माण के लिए, गांव के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने और बहाल करने के लिए, अपने काम को जारी रखा। सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) और आईएस इकाइयों के बीच झड़पें फिर से शुरू हुईं, जो कुर्दों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों की ओर एसएए और रूसी एयरोस्पेस बलों के हमले के तहत भाग गईं। टकराव के परिणामस्वरूप, कुर्द बलों ने युफ्रेट्स के पूर्वी तट पर हसियत, जेयशी, जादलेह, अल-बहरा और गार्नी के गांवों पर कब्जा करने में कामयाब रहे। पिछले दिनों, रक्का में एक बार विस्फोट के दौरान आतंकवादियों द्वारा विस्फोट किए गए दो विस्फोटक उपकरण। इस तथ्य के कारण कि कुर्द प्रांतीय राजधानी की मंजूरी पूरी नहीं करते थे, रक्का में विस्फोट लगभग दैनिक होते हैं। हालांकि, स्थानीय आबादी शहर में वापस आ रही है, जिससे उनकी जान जोखिम में है। कुर्दों या पश्चिमी गठबंधन की ताकतों से मदद की उम्मीद नहीं करते हुए, नागरिकों ने स्वतंत्र रूप से रामला क्वार्टर में मलबे को सॉर्ट करना शुरू कर दिया। दिन भर सीरियाई इकाइयों ने हमा प्रांत के उत्तरी भाग में आक्रामक विकास जारी रखा। लड़ाई के दौरान, SAA के नियंत्रण में कई सामरिक ऊंचाइयां गुजरीं। एसएआर बलों और समर्थक असद समूहों का समर्थन रूसी वायु सेनाओं द्वारा प्रदान किया गया था।
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अफसोस कि सरकार लोगों को बैसाखी पर जिन्दा रखना चाहती है, अपने पैरों पर खड़ा नहीं होने देगी... सरकार ने गाँव-गाँव तक बैंक पहुंचाकर आसानी से कर्ज़ा उपलब्ध करा दिया, लेकिन ये नहीं बताया कि ये कर्ज़ चुकाओगे कैसे ? किसान प्रोजेक्ट : साठ के दशक में जब देश भुखमरी के कगार पर पहुंच गया तो सरकार को किसान की याद आई और बौनी प्रजाति का मैक्सिकन गेहूं किसान को देकर कहा, यूरिया डालते जाओ और पैदावार बढ़ाते रहो। यह दर्दनिवारक गोली थी, जिसे किसान ने औषधि समझा और यूरिया का भरपूर प्रयोग करता रहा। ये प्रजातियां उसी अनुपात में जमीन से फॉस्फोरस और पोटाश खींचती रहीं तो एनपीके खाद आई लेकिन सूक्ष्म तत्वों की कमी होने लगी तो अलग से जस्ता, कैल्शियम, तांबा, बोरान जैसे तत्व जमीन में घटने लगे तो उनकी आपूर्ति के लिए कारखाने लगे। बौनी प्रजातियों को चाहिए था अधिक पानी, जो पृथ्वी के अन्दर संचित जल भंडार को खाली करने लगा। जल दोहन के लिए विविध संयंत्र बनाने के कारखाने बने। इन्दिरा गांधी ने "गरीबी हटाओ" का नारा दिया तो किसान ने समझा यही रास्ता है अमीर बनने का। सरकार ने गाँव-गाँव तक बैंक पहुंचाकर आसानी से कर्ज़ा उपलब्ध करा दिया, लेकिन ये नहीं बताया कि ये कर्ज़ चुकाओगे कैसे ? बौनी प्रजातियों को चाहिए था अधिक पानी, जो पृथ्वी के अन्दर संचित जल भंडार को खाली करने लगा। जल दोहन के लिए विविध संयंत्र बनाने के कारखाने बने। इन्दिरा गांधी ने "गरीबी हटाओ" का नारा दिया तो किसान ने समझा यही रास्ता है अमीर बनने का। सरकार ने गाँव-गाँव तक बैंक पहुंचाकर आसानी से कर्ज़ा उपलब्ध करा दिया, लेकिन ये नहीं बताया कि ये कर्ज़ चुकाओगे कैसे ? अब इसके 50 साल बाद जब नरेन्द्र मोदी कहते हैं, किसान की आमदनी दोगुनी कर देंगे तो किसान सोचता है इस बार वह मालामाल हो जाएगा। इस प्रकार के वादे पूर तो होते नहीं लेकिन दर्दनिवारक खैरात का झुनझुना थमाकर वचन पूर्ति की इतिश्री हो जाती है। कहने को किसान अन्नदाता तो रहता है लेकिन अपने लिए सरकार के सामने खैरात लेने को कटोरा लेकर खड़ा रहता है। कभी कर्जमाफी, तो कभी लगान, पानी, बिजली आदि की खैरात के लिए। खरीफ की फसल का समय आ गया और बीज, खाद, मजदूरी में महंगाई के कारण धान की फसल पैदा करने में लगभग 15000 रुपया प्रति एकड़ का खर्चा आएगा। किसान कर्ज़ा लेगा और कर्ज़ा माफी की आस लगाएगा। उधर, मनरेगा की मजदूरी सीधे बैंक में जाने लगी है इसलिए ग्राम प्रधानों की रुचि मनरेगा से हट रही है और पुराना पैसा मिला नहीं। बैंको के चक्कर लगाते रहे तो खरीफ़ की बुवाई का समय निकल जाएगा इसलिए छुटभैये साहूकारों से कर्जा लेना होगा। जो पैसा सरकार से मिलना है जैसे मनरेगा की बकाया मजदूरी, गन्ने और, गेहूं का बकाया या मुआवजा जो सरकार से मिलना है उसका भुगतान महीनों के बजाय हफ्तों में किया जा सकता था तो खरीफ़ की बुवाई आसानी से सम्भव हो सकती थी। शादी ब्याह में बहुत से किसानों का तमाम खर्चा हो गया और बच्चों की फीस तथा किताबों की व्यवस्था करनी है। किसान अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाना चाहता है, अच्छे कपड़े पहनाना और अच्छा भोजन खिलाना चाहता है, परन्तु उसके पास नियमित और भरोसे की आमदनी नहीं है। गरीब किसान के पास पूंजी नहीं है इसलिए उसके खेत तब बोए जाएंगे जब पैसे की व्यवस्था हो सकेगी। खेत न बो पाया तो किसान भुखमरी की हालत में पहुंच जाएगा। गरीब किसान के पास पूंजी नहीं है इसलिए उसके खेत तब बोए जाएंगे जब पैसे की व्यवस्था हो सकेगी। खेत न बो पाया तो किसान भुखमरी की हालत में पहुंच जाएगा। खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत सरकार ने वादा किया है कि गरीब से गरीब परिवारों को 35 किलो अन्न प्रति परिवार मिलेगा और प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति मिलेगा। इन श्रेणियों का गांवों में प्रतिशत 75 और शहरों में 50 होगा। इनको चावल 3 रुपए, गेहूं 2 रुपए और मोटे अनाज एक रुपया प्रति किलो के हिसाब से मिलेंगे। लेकिन सरकार गांव वालों को भिखारी की तरह खैरात की रोटी क्यों देना चाहती है, भोजन गारंटी के बजाय रोजगार गारन्टी क्यों नहीं कर सकती। किसानों और मजदूरों को अनाज की खैरात ना देकर उन्हें वह ताकत दी जानी चाहिए, जिससे वे अनाज खरीद सकें। अफसोस कि सरकार लोगों को बैसाखी पर जिन्दा रखना चाहती है, अपने पैरों पर खड़ा नहीं होने देगी।
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BEGUSARAI : अभी की बड़ी खबर बेगूसराय से आ रही है जहां आर्म्स एक्ट के आरोप में बिहार की पूर्व मंत्री सह जदयू नेत्री मंजू वर्मा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल न्यायालय ने मंजू वर्मा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इसके साथ ही न्यायिक हिरासत में जेल में बंद मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा को पुलिस पूछताछ के लिए दो दिनों के रिमांड पर लेगी. चेरिया बरियारपुर थाने की पुलिस चंद्रशेखर वर्मा को दो दिनों के रिमांड पर लेगी. बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के प्रति नाराजगी जतायी थी और कहा था कि ठोस सबूत होने के बाद भी पुलिस ने मंजू वर्मा को गिरफ्तार क्यों नहीं किया। कोर्ट ने कहा था कि क्या पूर्व मंत्री होने की वजह से पुलिस, मंजू वर्मा को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है. कोर्ट ने बिहार सरकार को आदेश दिया था कि वह बुधवार को बताए कि उसने मंजू वर्मा को गिरफ्तार करने के लिए क्या किया ? मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत की अर्जी 9 अक्टूबर को ही खारिज हो चुकी है. क्या सरकार इस कदर लाचार है कि वह मंजू वर्मा को नहीं खोज पा रही है ?
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नई दिल्ली (Latest Career News). इन दिनों पेपर लीक मामलों में काफी इजाफा हुआ है (Paper Leak News). हाल ही में उत्तराखंड में पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. इसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने नकल रोकने के खिलाफ कानून लागू करने की तैयारी कर ली है. इससे राज्य में सख्ती बढ़ेगी. उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय ने पेपर लीक और नकल की घटनाओं को रोकने के संबंध में नई जानकारी जारी की है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने चेतावनी जारी कर कहा है कि जो भी उम्मीदवार राज्य की भर्ती परीक्षाओं में चीटिंग करते हुए पाए जाएंगे (Recruitment Exam), उन्हें 10 सालों तक किसी भी सरकारी परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा. राज्य CMO के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले अभ्यर्थियों को 10 साल तक किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा (Recruitment Exam). सरकार नकल विरोधी कानून में यह प्रावधान लाने जा रही है. पिछले कुछ महीनों में राज्य में पेपर लीक के कई मामले सामने आने से सरकार को काफी मुसीबत झेलनी पड़ी है. सख्त कानून बन जाने सेे अभ्यर्थियों में डर बनेगा और वे चीटिंग करने से बचेंगे. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पिछले हफ्ते पटवारी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था (Patwari Bharti 2023). इस भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया था. इसके बाद सरकार ने नकल रोकने के लिए नकल विरोधी कानून बनाने का फैसला लिया है (Cheating Rule). इस कानून के तहत दोषी के लिए उम्रकैद की सजा तक का प्रावधान रखा जाएगा (UKPSC Patwari). राज्य के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने इसकी जानकारी दी है. ये भी पढ़ेंः .
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विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों की तीनों मांगें मान ली हैंं। हड़ताल के दौरान लगाया एस्मा हटाया जाएगा। आंदोलन के दौरान की अन्य कार्रवाई को वापस लेते हुए हड़ताल के दिनों को ड्यूटी में जोड़ा जाएगा। यूनियन ने परिवहन मंत्री के विस क्षेत्र इसराना में 22 सितंबर को किए जाने वाले सेमिनार टाल दिए हैं। परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार और रोडवेज की संयुक्त तालमेल कमेटी के बीच रेस्ट हाउस में करीब दो घंटे तक बातचीत चली। यूनियनों के प्रतिनिधिमंडल में सर्व कर्मचारी संघ से इंद्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत पूनिया, कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र धनखड़ और महासचिव पहल सिंह के अलावा हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दलबीर सिंह किरमारा मौजूद रहे। बैठक में पानीपत ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा भी मौजूद रहे। परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने बताया कि रोडवेज तालमेल कमेटी में चार यूनियनों के पदाधिकारी शामिल रहे। सभी मांगों को मान लिया गया है। रोडवेज यूनियनों ने 1 मार्च 2015 से लेकर 9 जनवरी 2019 तक छह बार हड़ताल की थी। सरकार ने एस्मा लगा दिया था। हड़ताल के दौरान गैरहाजिरी लगाने के साथ अन्य कार्रवाई की थी। परिवहन मंत्री ने बताया कि एस्मा खत्म करने के लिए मुख्य सचिव को लिखा जाएगा। इस अवधि को ड्यूटी में जोड़ा जाएगा। यूनियन ने किलोमीटर स्कीम में शामिल की जाने वाली 710 बसों के टेंडर को वापस लेने की मांग रखी। परिवहन मंत्री ने बताया कि बस ऑपरेटर और यूनियन कोर्ट में चले गए थे। कोर्ट ने पॉलिसी रद करने का फैसला दिया था। बस ऑपरेटर निजी सुनवाई के लिए फिर से कोर्ट में चले गए। कोर्ट के फैसले को सरकार लागू करेगी। यूनियन की तीसरी बड़ी मांग ड्राइवर, कंडक्टर और तकनीकी कर्मचारियों को मिलने वाली राजपत्रित छुट्टियां दूसरे राज्यों के बराबर करने की थी। नेताओं ने कहा कि 31 राजपत्रित छुट्टियों से ड्राइवर व कंडक्टर को तीन ही मिलती हैं। सरकार ने तकनीकी कर्मचारियों की छुट्टी घटाकर आठ कर दी। मंत्री ने बताया कि यह विधानसभा में प्रस्ताव मंजूर कराना है। तब तक ड्राइवरों को तीन और तकनीकी स्टाफ को 31 छुट्टियों की पुरानी पॉलिसी लागू रहेगी। कच्चे कर्मियों को पक्का करने की मांग पर परिवहन मंत्री ने बताया कि 1993 से अब तक लगे 8200 कर्मियों को पक्का कर दिया गया है। 1992 से 2004 के बीच के कर्मी अटके हैं। बैठक में सहमति बनी तो इन्हें पक्का किया जाएगा। जेएनएन, चंडीगढ़। नीतिगत मांगों पर सरकार और सर्व कर्मचारी संघ के बीच बैठक में कोई नतीजा निकल पाया है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और कर्मचारी नेताओं के बीच वीरवार को सिविल सचिवालय में दो घंटे चली बैठक में करीब आधा दर्जन मांगों पर सहमति बन गई, जबकि बड़ी मांगों पर कोई निर्णय नहीं हो सका। बैठक में सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने आरोप लगाया कि सरकार आंदोलनों व हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ की गई उत्पीड़न एवं दमन की कार्रवाई को लटकाकर रखना चाहती है। इसका सर्व कर्मचारी संघ डटकर विरोध करेगा। उन्होंने बताया कि रोडवेज की हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर 1274 झूठे मुकदमे दर्ज कर उनकी सर्विस ब्रेक कर दी गई। मुकदमे वापस लेने और पिछले साल 8 व 9 जनवरी की हड़ताल को लीव आफ काइंड ड्यूटी करने से मना कर दिया गया है। लांबा ने कहा कि 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ हुई मीटिंग में करीब 24 बिंदुओं पर सहमति बनी थी, प्रोसिडिंग में केवल 12 का ही उल्लेख किया गया है। इसमें भी केवल दो के ही पत्र जारी हुए। पंजाब के समान वेतनमान व पेंशन तथा कच्चे कर्मियों को पक्का करने से भी सरकार ने मना कर दिया है। पुरानी पेंशन बहाली नहीं होगी।
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(vi) कम से कम लगातार दो वर्षों के लिए प्राकृतिक विपत्तियों द्वारा प्रभावित किसानों को राहत (vii) प्राकृतिक विपत्तियों के अलावा अन्य कारणों से व्यथित किसानों को राहत उपरोक्त परिस्थितियों में सुधारात्मक उपायों हेतु बैंकों द्वारा ऋण वसूली कार्यक्रम का पुनर्निर्धारण आवश्यक हो जाता है। ऋण वसूली का पुनर्निर्धारण करते समय बैंकों द्वारा दस्तावेजीकरण के सम्बन्ध में आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं का सावधानीपूर्वक अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। बैंकों को क्रमिक रूप से प्रत्येक मामले के अतिदेयों का अध्ययन कर यह पता लगाना चाहिए कि क्या उपरोक्त में से किसी एक कारणवश उधारकर्ता ऋण चुकौती में असमर्थ है और क्या चुकौती अनुसूची में पुर्ननिर्धारण करना आवश्यक है। यदि जांच में उपरोक्त कारणों में से कोई कारण स्पष्ट हो जाता है तो चुकौती अवधि में परिवर्तन कर देना चाहिए । 3. च. 8. उधारकर्ताओं के साथ समझौता समझौते को वार्ता द्वारा तय निपटान कहा जा सकता है जिसमें उधारकर्ता कुछ रियायतें प्राप्त करने के बाद बैंकर को अमुख राशि अदा करने के लिए सहमत होता है। दीर्घावधि वसूली प्रक्रिया का आश्रय लेने के बदले अनर्जक आस्तियां कम करने व निधियों के पुनर्निवेश की दृष्टि से बैंकों द्वारा बड़ी संख्या में समझौता प्रस्ताव अनुमोदित किए जाते हैं। समझौता प्रस्ताव की स्वीकृति करते समय निम्नलिखित बिन्दुओं पर विचार किया जाना चाहिए(i) बैंक को अपनी ऋण वसूली नीति में दिये गये दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए समझौता प्रस्तावों का स्वीकार करना चाहिए। (ii) जान-बूझकर व्यतिक्रम करने वालों और अपने बस के बाहर हो ऐसी परिस्थितियों के कारण व्यतिक्रम करने वाले उधारकर्ताओं के बीच समुचित भेद किया जाना चाहिए। सामान्यतः ऐसे व्यतिक्रमियों के ही समझौता प्रस्ताव स्वीकार किए जाने चाहिए जिन्होंने जान-बूझकर व्यतिक्रम नहीं किया हो । यदि जान-बूझकर व्यतिक्रम करने वाले व्यतिक्रमी के साथ समझौता किया जाता है तो इस हेतु विवश करने वाले कारणों का अनुमोदन हेतु तैयार किए गये नोट में स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए। (ii) जहाँ प्रतिभूति उपलब्ध हो वहाँ उसके स्थान, वर्तमान स्थिति, विपणन योग्य हक और कब्जे को ध्यान में रखते हुए उसका वसूली योग्य मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिए। (iv) गारंटर की हैसियत यदि कोई हो तो उसका निर्धारण किया जाना चाहिए। कई बार बैंक उपलब्ध गारंटी की सहायता से राशि की वसूली कर पाते हैं। (v) समझौता प्रस्ताव के अनुसार यदि वसूली किस्तों में की जानी हो तो उधारकर्ता की विश्वसनीयता और चुकौती क्षमता का निर्धारण किया जाना चाहिए। (vi) स्टाफ उत्तरदायित्व की जांच शीघ्र की जानी चाहिए और एक समय-सीमा में इसे पूर्ण किया जाना चाहिए। (vii) किसी भी कार्यकर्ता द्वारा अनुमोदित सभी समझौता प्रस्तावों को कार्योत्तर समीक्षा हेतु तुरन्त अगले उच्च अधिकारी के पास रिपोर्ट किया जाना चाहिए। 3. च.9. छोटे एवं लघु कृषकों के लिए एक बारगी निपटान योजना रिजर्व बैंक ने बैंकों को अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से ऐसे छोटे और सीमान्त किसानों के लिए एकबारगी निपटान योजना के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए कहा है। जिन उधारकर्ताओं को 24 जून 2004 को व्यतिक्रमी घोषित किया गया है और जो नये ऋण हेतु पात्र नहीं रह गये हैं। जिसके परिणाम स्वरूप बैंकों ने अपने बोर्डों के अनुमोदन से एकबारगी निपटान योजना के दिशा-निर्देश तैयार किए हैं जिसमें निपटान फार्मूला, मंजूरीकर्ता प्राधिकारी और अनुसरण प्रक्रिया के ब्योरे दिये गये हैं। बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निपटान बिना किसी भेदभाव के और पारदर्शक तरीके से किये जाते हैं ताकि किसान नया ऋण प्राप्त कर सकें।
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पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय की लड़कियों पर अत्याचार और जबरन धर्म परिवर्तन के मामले अभी जारी है। हाल ही में सिंध प्रांत के बलूचिस्तान में हिंदू महिला अध्यापिका का जबरन धर्मांतरण करवा दिया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि उसका नाम बदलकर एकता से आयशा कर दिया गया है। यही नहीं जबरन धर्म परिवर्तन की शिकायत के बाद स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके अलावा इन मामलों पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी चुप्पी साध रखी है। लेकिन अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाली संस्था वॉइस ऑफ माइनॉरिटी ने इस घटना पर चिंता जाहिर की है। संस्था ने कहा कि पाकिस्तान में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाना बहुत सामान्य हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि पाकिस्तान के झंडे से सफेद रंग बिल्कुल गायब हो जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान में सफेद रंग अल्पसंख्यकों को दर्शाता है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मियां मिट्ठू नाम के शख्स ने सिंध प्रांत में खई अल्पसंख्यक लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया है। पिछले दिनों इसी शख्स ने कविता कुमारी नाम की एक लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर इस्लाम कबूल करवाया था। इसके अलावा 2019 में महक केसवानी, दो नाबालिग बहनों रवीना और रीना का अपहरण करवाकर उन्हें इस्लाम कबूल करवाया था। मियां के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के अब तक 117 मामले दर्ज हो चुके हैं लेकिन आज तक किसी भी मामले को लेकर नहीं हुई है। अमेरिकी न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में हर साल 1,000 लड़कियों को जबरन मुसलमान बनाया जा रहा है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि लॉकडाउन में धर्म परिवर्तन की घटनाएं ज्यादा बढ़ीं। लड़कियों की तस्करी करने वाले अब इंटरनेट पर सक्रिय हैं।
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हैं, लेकिन यथार्थ जीवन में जिसके निकट हम अवश्य पहुँच सकते हैं । गरिणतशास्त्र के बिन्दु की इस परिभाषा पर कि उसको स्थिति होती है, किन्तु कोई प्रकार नहीं होता, कभी किसी ने कोई आपत्ति नहीं की । पुनश्च, जिन्हें हम अहिंसा का अपवाद कहकर पुकारते हैं, वे वास्तव में ऐसे अपवाद नहीं हैं जो इस सिद्धान्त को गलत सिद्ध करते हों; वे तो मनुष्य की अपूर्णताओं से उत्पन्न होनेवाली स्थितियां हैं जो अहिंसा के पुजारी को अहिंसा की कला में और अधिक पूर्णता प्राप्त करने के लिये प्रेरित करती है । अहिंसा में गांधीजी की आस्था का प्राधार उनका यह विश्वास है कि मनुष्य की प्रवृत्ति का अध्ययन किया जाय तो यह स्पष्ट है कि मनुष्य हिंसक से अहिंसक होता जा रहा है । सदियों का इतिहास इस परिवर्तन का प्रमाण है । प्रारम्भिक अवस्था में मनुष्य नरभक्षी थे लेकिन उनकी प्राकृतिक अहिंसाप्रियता ने इसे अनुचित समझा, अन्यथा प्राज़ की विशाल और घनी आबादी के स्थान पर दो-चार सर्वशक्तिशाली व्यक्ति ही दिखाई देते । यह सभ्यता, संस्कृति, इतिहास, ज्ञान और विवेक आज नहीं होते । नर-भक्षरण की अवस्था के बाद मनुष्य ने पशु-पक्षियों के मांस को उदरपूर्ति का आधार बनाया, किन्तु शीघ्र ही स्वाभाविक प्रकृति ने मांस भक्षण के प्रति भी असमर्थता उत्पन्न की और अहिंसाधारी जीव, मनुष्य में कृषि कर्म प्रारम्भ किया। जिन पशुओं का वध कर के वह अपना पेट भरता था उनको उसने पालना शुरू किया । वस्तुतः नर-भक्षी युग से आज के सभ्य मनुष्य तक आते हुए हमें मनुष्य की हिंसक प्रवृत्ति से अहिंसा की और उसका विकास दिखाई देता है । मनुष्य के विकास का इतिहास मूलतः अहिंसात्मक विकास का इतिहास है । यद्यपि मनुष्य ने हिंसा का पूर्ण परित्याग नहीं किया है और वह आज भी एक बड़ी सीमा तक हिंसक है किन्तु कोई मनुष्य चाहे कितना भी बुरा क्यों न हो, उसके अन्तःस्थल में सद्गुरण का निवास होता है और इसलिये वह सत्याग्रही की सहर्ष और बिना किसी दुर्भावना के कष्ट उठाने की भावना को देखकर पिघल जाता है और उसमें सम्वेदना तथा प्रेम की भावनायें जागृत हो जाती हैं । यही बात संघर्ष और हिंसा के बजाय सत्य और प्रेम को मानव-जीवन के नियम बनाती है। यदि मनुष्यों को एक और हिमा और द्वेप तथा दूसरी ओर अहिंसा तथा उदारता के बीच चुनाव करने को कहा जाय तो निश्चित रूप से एक विशाल बहुमत अहिंसा और उदारता का ही चुनाव करेगा । केवल ऐसे ही व्यक्ति इस मार्ग को स्वीकार नहीं करेंगे जो मैकियावली तथा हॉब्स के समान यह विश्वास करते हैं कि मनुष्य मूल रूप से स्वार्थी और बुरा है । गांधीजी की अहिंसा क्या है, इसका स्वरूप क्या है, इसका क्षेत्र कितना विशाल है - इन सत्र पर हम विस्तार से चर्चा कर चुके हैं। जहां तक हिमा की महान् शक्ति और इसके प्रयोग की व्यापकता का सम्बन्ध है, यह कुछ और विस्तार का विषय है जिस पर गांधीजी की 'सत्याग्रह' की अवधारणा पर विचार करते समय प्रकाश डाला जायगा। यहां केवल इतना ही लिख देना पर्याप्त है कि गांधीजी की अहिंसा को अपना धर्म स्वीकार कर के अपने को असहाय कभी अनुभव नहीं किया। उनके कथनानुसार "कठोरनम धातु मी पर्याप्त तोप के आगे पिघल जाती है इसी प्रकार कठोर से कठोर हृदय भी गाधो, लास्को, फोल धौर रसल के राजनैतिक विचार अहिंसा के पर्याप्त ताप के आगे द्रवित हो जाता है, भोर ताप उत्पन्न करने की महिंसा की क्षमता की कोई सीमा नहीं है ।" अहिंसा वह बन्धन है जो सार समाज का एक सूत्र मे बाघता है। हम इस शक्ति स उसी प्रकार परिचित नही हैं जैसे कि आकाशीय पिण्डो को एक मूत्र मे बाधने वाली आकर्षण की शक्ति उसकी खोज से पूर्व हम परिचित न थे । अहिंसा प्रजातंत्र का दृश्य या अदृश्य भाघार है और इसके प्रभाव क्षेत्र में आनेवाले लोग जितने भी इसके भाधारो से परिचित होगे, उतने ही कम के युद्धों की ओर प्रेरित होंगे। गांधीजी की दृष्टि में हर राष्ट्र के लिये ग्रहिसा साधन और पूर्ण स्वतंत्रता एक साध्य है । अहिंसा और सत्य प्रेम के व्याकरण है। वे सत्याग्रह के समाज में उनके प्रयोग की खोज से भी पहले के हैं जैसे कि व्याकरणों के सधि एवं सधिविच्छेद के नियमों से ज्ञात करने से पहले भाषा के प्रयोग उत्पन्न हो गये थे । "1 गांधीजी और सत्याग्रह ( Gandhiji & Satyagrah ) व्यक्ति और समाज को नैतिक बनाने के दृष्टिकोण से गांधीजी ने सत्य, अहिमा और उचित एवं न्यायपूर्ण साधन आदि कुछ सिद्धान्तों को प्रस्तुत किया जो एक दूसरे से सम्बन्धित थे और तदनुसार एक दूसरे के अनुपूरक और पूरक हैं। गाघोजी की राजनैतिक विचारधारा उनकी आध्यात्मिक पृष्ठभूमि मे ही फलती फूलती है और राजनीति के युद्ध क्षेत्र में उन्होंने जिस सत्योंग्रह रूपी हथियार की अनोखी खोज की वह मी आध्यात्मिकता के आधार पर ही प्रतिपादित है । सत्याग्रह ने न केवल युद्ध की कला को प्रभावित किया है, वरन इसने आये दिन हानेवाली क्रान्तियों को भी दिशा प्रदान की है । यही नहीं, सत्याग्रह मानवी ज्ञान और मानवी दिवारधारा को भी निकट से प्रभावित किया है । सत्याग्रह एक नया विज्ञान है, कर्मयोग का एक व्यावहारिक दर्शन है। यह एक सकिय अवधारणा है जिसको परीक्षा प्रारम्भ में मर्यादित क्षेत्रों में की जा चुकी है और यह सफने सिद्ध हुई है। अब विस्तृत क्षेत्र में और विशेषकर संसार की विस्फोटक स्थिति में सत्याग्रह रूपी अस्त्र की परीक्षा होनी शेष है । 'सत्याग्रह' का शाब्दिक अर्थ 'सत्य' पर 'आह' है । सत्याग्रह के सम्पूर्ण दर्शन का आधारभूत सिद्धान्त यह है कि सत्य की ही जीत होती है । सत्य पर चलनेवाला कमी झूठ नहीं बोलना, घोखे मोर चालों का प्रयोग भी नही करना । वह अपनी गतिविधियों को छुपाने का प्रयत्त नहीं करता और अपनी त्रुटियो को भी स्वीकार करने में कभी नहीं हिचकिचाता । सत्य का सिद्धान्त जीवन के सभी क्षेत्रों में लागू हो सकता है। इसका महत्वपूर्ण आधार महिंसा है। प्रत. 'सत्याग्रह' सिद्धान्त के दो आधार 'सत्य' और 'हिमा' है । गांधीवाद का मूल तत्व सत्याग्रह वह केन्द्र है जिसके चारो मोर उनको अन्य धारणायें-- राजनीति का माध्यात्मिकरण, start aथा साध्य को 3 डा० पट्टाभिसीतामैया-गाधो नौर गाधीवाद पृष्ठ ६८
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प्रतापगढ-साल के आखिरी दिनों में भी चोरों ने कलेक्ट्रेट मे घुसकर खजाने में डाका डाला।अभेद सुरछा होती है वहां से ताला तोड़ व काटकर डीएम के खजाने को चोर खंगाल ले गए। कचहरी स्थित उपनिबंधक कार्यालय से 2.33 लाख रुपये व लैपटाप समेटकर चोर भागने में कामयाब रहे। मौके पर पहुंची पुलिस छानबीन करने के बाद कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। कचहरी में उप निबंधक कार्यालय स्थित है। शुक्रवार की शाम कार्यालय बंद कर कर्मचारी अपने घरों को गए थे। शनिवार की सुबह कर्मचारी सजनलाल और लिपिक लवकुश कार्यालय पहुंचे तो दंग रह गए। देखा तो कार्यालय के मेन गेट की कुंडी आरी से काटी गई है। उसे तिरछा कर ताला निकाला गया। भीतर के दो दरवाजे का ताला टूटा हुआ था। भीतर देखा तो लैपटाप गायब था और तिजोरी से 2 लाख 33 हजार 200 रुपये गायब थे। जो शुक्रवार को हुए बैनामे के बाद फीस के रूप में मिले थे। चोरी की खबर मिलने पर उपनिबंधक यादवेंद्र द्विवेदी भागकर पहुंचे। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंचे शहर कोतवाल व सीओ सिटी राम आशीष यादव भी पहुंच गए। कर्मचारियों से रुपये रखने की जानकारी लेने के साथ ही ताला बंद करने वाले कर्मी से पूछताछ करने लगे। सब रजिस्ट्रार कार्यालय में चोरी के चलते अधिवक्ताओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने उप निबंधक यावेंद्र द्विवेदी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया। जिसमे उन्होंने बताया है कि चोर तीन ताला तोड़कर 2.33 लाख 2 सौ रुपये और लैपटाप चुरा ले गए। चोरों ने अभिलेखों से कोई छेड़छाड़ नहीं की है। घटना को कोतवाली पुलिस संदिग्ध मानती रही। संदिग्ध कर्मचारियों को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां सीओ सिटी की मौजूदगी में पुलिस दो कर्मचारियों ने पूछताछ कर रही है। खबर भेजे जाने तक पुलिस को कर्मचारियों से कोई सुराग नहीं मिल सका। वहीं उप निबंधक कार्यालय में चोरी की खबर मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। डीएम शंभु कुमार और अपर जिलाधिकारी सोमदत्त मौर्य ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीएम ने उप निबंधक सदर यादवेंद्र से जानकारी लेने के बाद लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई। कहाकि यदि उनके घर में रुपये रखे जाते हैं। तो उनकी सुरक्षा वे लोग कैसे करते हैं। डीएम का यह सवाल सुन कर्मचारी से लेकर अफसर तक जवाब नहीं दे सके। उप निबंधक सदर ने बताया कि चूंकि रुपये बैंक में जमा नहीं हो पाते थे। इसलिए दूसरे दिन रुपये बैंक में जमा होते थे।
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कोलकाकात। पश्चिम बंगाल भाजपा प्रदेश प्रमुख सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया पर कथित बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने की चूक के लिए शुक्रवार को माफी मांगी ली। मजूमदार ने साफ किया कि उनके ट्विटर अकाउंट को संभालने वाली टीम से यह गलती हुई थी और जैसे ही यह उनके संज्ञान में आया, उन्होंने फौरन सुनिश्चित किया कि ट्वीट डिलीट किया जाए। दक्षिण दिनाजपुर जिले के बारोमाश इलाके में बृहस्पतिवार की रात को एक आदिवासी महिला का शव मिला था। मजूमदार ने सरकार पर हमला करते हुए शव का फोटो ट्वीट किया था और उसकी पहचान जाहिर कर दी थी तथा कहा था कि उसकी बलात्कार के बाद हत्या की गई है। उनके ट्विटर अकाउंट पर इस बार महिला की धुंधली तस्वीर पोस्ट की गई है। प्रदेश भाजपा प्रमुख की उनकी असंवेदनशीलता को लेकर आलोचना करते हुए,तृणमूल कांग्रेस के नेता सुखेंदु शेखर रे ने कहा, सुकांत मजूमदार ने जो किया है वह निंदनीय है। जांच चल रही है और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने पहचान जाहिर की है। यह दिखाता है कि भाजपा नेता कितने लापरवाह हैं। मजूमदार ने दिन के दौरान राज्य की महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार की खिंचाई की। उन्होंनेबीरभूम के तारापीठ मंदिर में दर्शन के बाद कहा, "राज्य भर में जिस तरह से बलात्कार और अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे साबित होता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है। जिस राज्य में एक महिला मुख्यमंत्री हैं, वहां हमारी मां-बहनें सुरक्षित नहीं हैं तो यह यह शर्मनाक है। " शाम को उन्होंने दक्षिण दिनाजपुर जिले में आदिवासी महिला के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
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Lucknow Civil Hospital: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में अब गंभीर मरीजों को भी इलाज मिलेगा। यहां यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी के साथ अन्य कई सुपर स्पेशियलिटी विभाग खुलेंगे। आईसीयू, एनआईसीयू समेत सभी जरूरी जांच की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सिविल अस्पताल की मौजूदा बेड क्षमता 400 से बढ़ाकर 700 की जाएगी। बलरामपुर अस्पताल के बाद सुपर स्पेशयलिटी सेवाएं देने वाला प्रदेश में सिविल अस्पताल दूसरा होगा। शासन ने 300 बेड के विस्तार और पुराने भवन को तोड़ने की मंजूरी दे दी है। अस्पताल से सटे सूचना विभाग में अस्पताल का विस्तार होगा। सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. आनंद ओझा बताते हैं कि, यहां पर लखनऊ के अलावा आसपास के जिलों के गंभीर मरीज आते हैं। सुपर स्पेशियलिटी सुविधा न होने की वजह से इन्हें रेफर करना पड़ता है। यहां पर सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं शुरू होने से गंभीर मरीजों को बड़ी सहूलियत मिलेगी। मौजूदा समय में 400 बेड पर मरीजों का इलाज चल रहा है। 300 बेड का विस्तार होगा। साल भर में इसे शुरू करने की योजना है। बलरामपुर अस्पताल 776 बेड के साथ प्रदेश का सबसे बड़ा जिला अस्पताल है। इसके बाद सिविल अस्पताल में 700 बेड होंगे। यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी, पल्मोनरी मेडिसिन आदि सुपर स्पेशियलिटी विभाग शुरू होंगे। एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड व सभी तरह की पैथोलॉजी जांच की सुविधा होगी। उधर, लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में बेड की क्षमता दोगुना किए जाने के बाद भी संकट कम नहीं हो रहा। इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने इमरजेंसी में फिर से 15 बेड बढ़ाए हैं। सीएमएस का कहना है कि, मौसमी बीमारियों की वजह से मरीजों की तादाद बढ़ी है। अस्पताल की इमरजेंसी में पहले 50 बेड की क्षमता थी। बीते दिनों एसएसवी ब्लॉक में इमरजेंसी के 50 बेड बढ़ाए थे। आजकल अस्पताल की इमरजेंसी में रोज 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इसमें 150 से अधिक मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में डॉक्टरों को इमरजेंसी 24 घंटे में पांच से छह बार खाली करानी पड़ रही थी, ताकि नए मरीजों को भर्ती किया जा सके। इसे देखते हुए सीएमएस ने इमरजेंसी में 15 बेड और बढ़ाए हैं। अब इमरजेंसी की क्षमता 115 बेड हो गई है। सीएमएस डॉ. जोपी गुप्ता ने बताया कि, मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में बेड फिर से बढ़ाने पड़े हैं।
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LUCKNOW: राजधानी में शनिवार को 256 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई और 344 मरीजों ने कोरोना को मात दी। वहीं 4 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। कोविड प्रोटोकाल के तहत शनिवार को 104 मरीजों को अस्पताल आवंटित किए गए और देर शाम तक 54 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। 50 मरीजों ने होम आइसोलेशन का अनुरोध किया। राजधानी में एक्टिव होम आइसोलेट मरीजों की संख्या अब 2,181 हो गई है जबकि 52,952 मरीज ठीक हो चुके हैं। सर्विलांस एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर टीमों ने 11,338 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए केजीएमयू भेजे। कोविड कंट्रोल रूम से होम आइसोलेशन के 2073 मरीजों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली गई है और हेलो डॉक्टर सेवा पर 97 मरीजों ने स्वास्थ्य संबंधी परामर्श लिया है। नोट- अन्य एरिया में भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। डीएम अभिषेक प्रकाश ने कलेक्ट्रेट सभागार में कोविड नियंत्रण से संबंधित बैठक की, जिसमें उन्होंने हॉटस्पॉट क्षेत्रों में कैंप लगाकर टारगेट टेस्टिंग करने तथा मार्केट, गेस्ट हाउस, मैरिज हाल व धर्मस्थलों में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराने के दिये निर्देश दिए। डीएम ने बैठक में शामिल संभ्रांत लोगों से अनुरोध किया कि मार्केट, धर्मस्थलों व मैरिज हाल आदि में कोविड प्रोटोकॉल व सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कड़ाई से कराया जाए व मास्क पहनने को अनिवार्य किया जाए। डीएम ने यह भी निर्देश दिए कि कोविड 19 के बारे में जनता को भी जागरूक किया जाए और लाउडस्पीकर व एनाउंसमेंट के माध्यम से मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने के लिए प्रेरित भी किया जाए। डीएम ने बताया कि कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए मार्केट, धर्मस्थलों, मॉल व मैरिज हाल आदि में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सेनेटाइजर का प्रयोग व कोविड हेल्पडेस्क का प्रयोग आवश्यक है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रभास कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा। संजय भटनागर, अपर जिलाधिकारी पूर्वी केपी सिंह आदि मौजूद रहे।
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नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) क्लब केरला ब्लास्टर्स की रिसर्व टीम में शामिल आयूष अधिकारी संतोष ट्रॉफी के लिए होने वाले नॉर्थ जोन क्वालीफाइंग राउंड में भाग लेने वाली दिल्ली की टीम का हिस्सा हैं। दिल्ली ने रविवार को अपने 20 सदस्यीय टीम की घोषणा की है और अधिकारी इस बार शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाना चाहेंगे। क्वालीफाइंग राउंड 22 से 28 सितंबर तक उत्तराखंड के हल्दवानी में खेला जाएगा। पिछले सीजन टीम के उप-कप्तान रहे गोलकीपर आयूष राय को टीम का कप्तान चुना गया है। वह गढ़वाल हीरोज के लिए खेलते हैं। आधिकारी का प्रदर्शन पिछले सीजन दमदार रहा था और उन्होंने संतोष ट्रॉफी में कुल छह गोल दागे थे। उन्हें इस बार टीम का उपकप्तान चुना गया है। दिल्ली ने पिछली बार चार साल के बाद संतोष ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई किया था। इस बार क्वालीफाइंग राउंड में उसका सामना उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से होगा। टीम : सायक बराई, आयूष राय, नितिन रावत, राहुल अस्वाल, हरीश करकी, शैलेश मौर्य, सुभम राय, हिमांशु राय, मोहित सिंह, थांगमिनलिएन हाओकिप, गौरव चढ़ा, आयूष अधिकारी, शक्तिनाथ ओराओन, वनलाल झाहामवा, महिप अधिकारी, रिपुदमन पोखरियाल, अनुपम विश्वकर्मा, कुशांत चौहान, अमन थापा, आयूष बिष्ट।
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ब्लिंकिट के नए आउटडोर विज्ञापनों पर तो आपकी नजर जरूर गई होगी. हमारा मतलब यहां-वहां सड़कों पर लगे होर्डिंग और सार्वजनिक बसों पर लगे उन विज्ञापनों से है, जो बरबस ही अपनी ओर देखने और मुस्कुराने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इनमें ऐसा कुछ नहीं है जो आपके होश उड़ा दे या आपको सोचने के लिए मजबूर कर दे. हां, ब्लिंकिट के ये विज्ञापन आपको कुछ ऐसी मजेदार लाइनों के साथ मिलेंगे, जिन्हें आप दिल से जानते हैं. इनकी सादगी ही इन विज्ञापनों की खूबसूरती है और लोगों के दिल जीतने की वजह भी. सिलसिलेवार ढंग से होर्डिंग पर सजे ब्लिंकिट के ये विज्ञापन लोकप्रिय बॉलीवुड गानों की तर्ज पर कुछ इस तरह से बनाए गए हैं कि वो निश्चित उत्पाद के बारे में पूरी जानकारी बड़ी आसानी से ग्राहकों तक पहुंचा देते हैं. वो प्रोडक्ट जिसे आप ऐप पर ऑर्डर कर सकते हैं. 'अंडा ये बिंदास है, अंडा ये बिंदास है' - 2001 का केके और अनु मलिक का गीत बंदा ये बिंदास है पर बना है तो वहीं कॉर्निटोस के लिए तैयार किया गया विज्ञापन 'बसंती नाआच-ओज' शोले (1975) फिल्म का एक लोकप्रिय डायलॉग है. ये सीधे लोगों के दिल से जुड़े हैं और उन्हें इस एप पर जाने के लिए मजबूर कर देते हैं. ब्लिंकिट मिनटों में 5,000 से ज्यादा उत्पाद डिलीवर करता है और यह उनके YouTube पर दिए जा रहे विज्ञापनों से आगे का कदम है. इन विज्ञापनों की खासियत ये है कि वे अपने द्वारा बेचे जा रहे उत्पाद के बारे में कोई कहानी नहीं कहते या झूठे वादे नहीं करते हैं. मतलब साफ है बिना लाग लपेट के अपने एप को लोगों के बीच पहुंचाना. हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. इस तरह से वे 'स्पीड डिलीवरी', ब्लिंकिट की यूएसपी के बारे में बात करने से बचते हैं, जिसे डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति असंवेदनशील होने के लिए बहुत अधिक आलोचना झेलनी पड़ी है. ब्लिंकिट अपने बारे में कुछ न बताते हुए भी उपयोगकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहा है. ये विज्ञापन हमारे सामने आए बॉलीवुड गानों का सबसे अच्छा रीमिक्स हो सकते हैं. इसके और भी बहुत से विज्ञापन कुछ ऐसे ही जबान पर बने रहने वाले 'रैप' शब्दों से बने हैं. मसलन 'अपना लाइम आएगा' नींबू का विज्ञापन करता है, जबकि 'चकना मेरेया मेरेया' लेज़ की पब्लिसिटी करता है. इससे कॉर्निटोस नाचो चिप्स, एमटीआर और लेज़ काफी खुश हुए होंगे क्योंकि उन्हें ब्लिंकिट के लिए मुफ्त बिलबोर्ड टाईम जो मिल गया है. इसलिए हम कह सकते हैं कि उनके विज्ञापन का तरीका कोई नया नहीं है. यहां इस बात को ध्यान में रखना भी जरूरी है कि जोमैटो ने ब्लिंकिट का अधिग्रहण कर लिया है. प्रिंट विज्ञापनों के शानदार दिन निश्चित रूप से खत्म हो गए हैं, शब्दों की कोई कमी नहीं है. फॉक्सवैगन के 'थिंक स्मॉल' जैसे विज्ञापन शायद वापसी नहीं कर पाए. मैं यह बात ग्रे इंडिया द्वारा 2014 ड्यूरासेल के शानदार विज्ञापनों की प्रतिभा को स्वीकार करते हुए कह रहा हूं. स्वतंत्र विज्ञापन एजेंसी द मिनिमलिस्ट के इंस्टाग्राम विज्ञापन भी अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए रचनात्मकता को सरलता के साथ पेश करने का एक अच्छा उदाहरण है. ब्लिंकिट के ये वन-लाइन ज़िंगर्स भले ही पुरस्कार न जीतें, लेकिन वे निश्चित रूप से दिल जीत रहे हैं. (इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. )
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गंगाशहर एरिया में चैम्बर की चपेट में आने से एक युवक की मौत के मामले में शनिवार को पीबीएम अस्पताल की मोर्चरी पर जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने चैंबर दुरुस्त करवाने के साथ ही संबंधित कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की। दरअसल, कुछ दिन पहले रोहित कच्छावा अपने मित्र के साथ गंगाशहर से जा रहा था कि रास्ते में सीवरेज लाइन के चेंबर की चपेट में आ गए। अंधेरा होने के कारण आधा फीट ऊंचा आया चैंबर नजर नहीं आया। ऐसे में युवकों की मोटर साइकिल अंधेरे में उससे जा टकराई। दोनों को गंभीर हालत में पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इलाज के दौरान रोहित की मौत हो गई। उसका शव मोर्चरी में रखा गया था, जहां गंगाशहर से बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत और कांग्रेस नेता गोपाल गहलोत भी मौके पर पहुंचे। यहां काफी देर विरोध प्रदर्शन किया गया। मुख्य मांग उस ठेकेदार को गिरफ्तार करने की थी, जिसने ये चैंबर सड़क के इतनी उपर बना दिए। आरयूआईडीपी के माध्यम से हो रहे इस काम के लिए एक प्राइवेट कंपनी को ठेका दिया गया था। इसी कंपनी के खिलाफ अब गंगाशहर थाने में मामला दर्ज किया जा रहा है। शाम होने तक दोनों पक्षों में समझौता हो गया, जिसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। मुआवजा देने पर भी सहमति बनी है लेकिन कितना मुआवजा होगा? ये अभी तय नहीं है। पीड़ित पक्ष ने रोहित के घर से किसी को सरकारी नौकरी देने की मांग भी रखी थी। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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Herbal Tea's Recipe For Healthy Skin: हम सभी ने ये सुन रखा है कि हर्बल चाय पीने के ढेरों फायदे हैं. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं हर्बल टी की रेसिपी जिन्हें आप जरूर ट्राई करना पसंद करेंगे. Different Types Of Herbal Teas: चाय के शौकीन बहुत लोग होते हैं. कितने लोग तो ऐसे भी होते हैं जो दिन में कई बार चाय पीते हैं. वो इसलिए क्योंकि चाय पीने से वो ज्यादा Energetic महसूस करते हैं. चाय पीने के बाद वो किसी भी काम को ज्यादा अच्छे से कर पाते हैं. आपको यह तो पता होगा कि बहुत ज्यादा चाय पीना सेहत को नुकसान पहुंचाता है. इसी कारण से बहुत सारे लोग ऐसे भी आपको मिलेंगे जो बिल्कुल भी चाय नहीं पीते होंगे. लेकिन आज हम आपके लिए लेकर आए हैं हर्बल टी की एक ऐसी लिस्ट जो सेहत के लिए फायदेमंद तो है ही. साथ ही उसे पीने से स्किन और बाल भी हेल्दी रहते हैं. ग्रीन टी पीने के बहुत सारे फायदे हैं और ये अब ज्यादातर घरों में मिल ही जाती है. इसे बनाना बहुत आसान है. इसे बनाने के लिए आपको सबसे पहले एक पैन में पानी लेना है फिर उसमें ग्रीन टी डालकर अच्छे से उबालें. उबाल आने पर गैस को बंद कर दें. आपकी ग्रीन टी तैयार है. पुदीने की चाय का सेवन करने से स्किन हेल्दी रहती है. इसे पीने से त्वचा को ठंडक मिलती है. इसे बनाने के लिए आपको चाहिए 8-10 पुदीने की पत्तियां, काली मिर्च, काला नमक, 2 कप पानी. एक पैन में पानी उबलने के लिए रख दें और फिर उसमें पुदीने की पत्तियां, काली मिर्च, काला नमक को डालकर कुछ देर के लिए उबालें. आपकी पुदीने की चाय तैयार है. रोज टी पीने के बहुत सारे फायदे हो सकते हैं. इसे पीने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और ये पाचन तंत्र के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इसे बनाने के लिए आपको चाहिए थोड़ी सी ताजी कटी गुलाब की पंखुड़ियां, पानी और शहद. सबसे पहले गुलाब की पंखुड़ियों को पानी से अच्छी तरह धो लें. अब पैन में पानी गर्म करें और उसमें गुलाब की पंखुड़ियों को डाल दें. पर ध्यान दें कि ये उबले नहीं. थोड़ी देर बाद इसे एक कप में छान लें और इसमें शहद मिला कर सर्व करें.
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नई दिल्लीः भारत के ज्यादातर हिस्सों में लगातार बादल छाए रहने से जगह-जगह बारिश देखने को मिली, जिससे तापमान काफी नीचे लुढ़क गया। दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में सुबह से बादलों की लुकाछिपी का दौर जारी रहा, जिससे उमस भरी गर्मी से भी कुछ राहत रही। पूर्वोत्तर राज्यों के कई हिस्सों में सुबह बारिश होने से तापमान काफी नीचे लुढ़क गया, जिससे हर कोई काफी परेशान होता नजर आया। दक्षिण भारत के कई हिस्सों में हर सुबह और दोपहर बारिश होने से जगह-जगह किच-किच हो गई। इतना ही नहीं यहां सड़कों पर पानी भरने से लोगों का जीना हराम हो गया। इस बीच भारतीय मौसम विभाग(आईएमडी) ने देश के कई राज्यों में बादलों की गरज और चमक के साथ भारी बारिश होने की चेतावनी जारी कर दी है। आईएमडी के मुताबिक देश के कई इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है। बिहार, झारखंड और सब हिमालयी में बिजली की चमक के साथ भारी बारिश होने की चेतावनी जारी कर दी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में भी बिजली की गरज और चमक के साथ झमाझम बारिश का दौर जारी रह सकता है। इसके साथ ही मध्य महाराष्ट्र के घाट इलाकों, दक्षिणी गुजरात, कोंकण के तमाम हिस्सों में भी बिजली की चमक और गरज का अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, 25 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश, असम में तेज बारिश होने की संभावना जताई है। दक्षिण भारत में तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तेलंगाना, दक्षिणी इंटीरियर कर्नाटक और तमिलनाडु में झमाझम बारिश का दौर जारी रह सकते है। तेलंगाना, दक्षिणी इंटीरियर कर्नाटक, तमिलनाडु में भी भारी बारिश होने की उम्मीद जताई गई है। इससे जगह-जगह बारिश का दौर जारी रह सकता है। आईएमडी के अनुसार, दिल्ली से सटे हरियाणा, पंजाब में आगामी 12 घंटे तक तेज बारिश का दौर जारी रहने की उम्मीद जताई है। इसके अलावा पश्चिमी भारत में कोंकण, गोवा और मराठवाड़ा में बारिश लोगों की आफत बन सकती है। इसके साथ ही गुजरात में 28 सितंबर तक भारी बारिश होने की उम्मीद जताई है। - बेहद सस्ते में मिल रहा है सबसे यूनीक फोन, Flipkart या Amazon जानिए कहां से शॉपिंग करना है फायदेमंद?
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अमरावती (महाराष्ट्र) (एएनआई): अमरावती के सांसद नवनीत राणा ने शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष किया, जब चुनाव आयोग ने शुक्रवार को फैसला किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट असली शिवसेना और प्रतीक है। शिंदे समूह द्वारा 'धनुष और तीर' को बरकरार रखा जाएगा। उन्होंने कहा, "जो राम का नहीं जो हनुमान का नहीं, वो किसी काम का नहीं और धनुष-बाण उनका नहीं. " उन्होंने पिछले साल हनुमान चालीसा पंक्ति का जिक्र करते हुए कहा, "उद्धव ठाकरे को भगवान शिव के प्रसाद के रूप में परिणाम मिला है। " उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र की जनता इसकी उम्मीद कर रही थी। पिछले ढाई साल में जनता, हम सभी और विधायकों के साथ जो क्रूर व्यवहार किया गया, उसका परिणाम यह हुआ है। चुनाव आयोग ने उन लोगों के पक्ष में परिणाम दिया है। सही विचारधाराओं के साथ," उसने जोड़ा। यह उल्लेख करना उचित है कि अमरावती के सांसद नवनीत राणा ने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ को फिर से जगाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर "हनुमान चालीसा" का जाप किया था (जब उद्धव ठाकरे महा विकास अघडी सरकार के दौरान सीएम थे)। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए लिखा कि वह शिवसेना में 'हिंदुत्व' की लौ को प्रज्वलित करना चाहती हैं, न कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर "हनुमान चालीसा" का जाप करके कोई धार्मिक तनाव पैदा करना। पत्र में राणा ने लिखा है, 'मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ को फिर से जगाने की सच्ची आशा के साथ घोषणा की थी कि मैं मुख्यमंत्री के आवास पर जाऊंगा और उनके आवास के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करूंगा। इसका मतलब यह नहीं था। किसी भी धार्मिक तनाव को भड़काएं। " राणा ने कहा कि यह उनका "ईमानदार विश्वास" है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना स्पष्ट कारणों से अपने हिंदुत्व सिद्धांतों से पूरी तरह भटक गई। उन्होंने कहा, "यह मेरा ईमानदार और प्रामाणिक विश्वास है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना स्पष्ट कारणों से अपने हिंदुत्व सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक गई क्योंकि वह जनता के जनादेश को धोखा देना चाहती थी और कांग्रेस-एनसीपी के साथ चुनाव के बाद गठबंधन करना चाहती थी। " दंपति को पहले 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया और बाद में स्थानीय मजिस्ट्रेट के आदेश पर नवनीत राणा को भायखला महिला जेल भेज दिया गया। एक महीने बाद विशेष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। जबकि शिंदे गुट ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले का स्वागत किया, उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। उद्धव ठाकरे के धड़े ने चुनाव आयोग पर जल्दबाजी का आरोप लगाया और कहा कि यह फैसला दिखाता है कि "यह बीजेपी एजेंट के रूप में काम करता है. " आयोग ने अपने आदेश में पाया कि शिवसेना पार्टी का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है और "बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए विकृत" किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस तरह की पार्टी संरचना विश्वास जगाने में विफल रहती है। पोल पैनल ने सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी कि वे लोकतांत्रिक लोकाचार और आंतरिक पार्टी लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करें और अपनी संबंधित वेबसाइटों पर नियमित रूप से अपनी आंतरिक पार्टी के कामकाज के पहलुओं का खुलासा करें, जैसे संगठनात्मक विवरण, चुनाव कराना, संविधान की प्रति और पदाधिकारियों की सूची . "राजनीतिक दलों के संविधान में पदाधिकारियों के पदों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव और आंतरिक विवादों के समाधान के लिए एक और स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रक्रिया प्रदान करनी चाहिए। इन प्रक्रियाओं में संशोधन करना मुश्किल होना चाहिए और केवल बाद में संशोधन योग्य होना चाहिए। " उसी के लिए संगठनात्मक सदस्यों का बड़ा समर्थन सुनिश्चित करना," ईसीआई ने कहा। पिछले महीने, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुटों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपने दावों के समर्थन में अपने लिखित बयान चुनाव आयोग को सौंपे थे। (एएनआई)
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हैप्पी बर्थडे शक्ति कपूर (फोटो साभार इंस्टाग्राम @shaktikapoor) Happy Birthday Shakti Kapoor: शक्ति कपूर (Shakti Kapoor) बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता हैं, जिन्हें नगेटिव किरदारों से ज्यादा लोकप्रियता मिली. हालांकि, उनके कॉमेडी किरदार भी दर्शकों को काफी पसंद है. इन दिनों शक्ति कपूर ने खुद को फिल्मी पर्दे से दूर रख रखा है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए वह अपने फैंस से जुड़े रहते हैं. आपको बता दें कि शक्ति कपूर बॉलीवुड में अपने बॉडी हेयर के लिए काफी फेमस हैं. एक बार उनके मैनेजर ने खुद उनके बॉडी हेयर को उनका मजाक बना डाला था. जिसका खुलासा शक्ति कपूर ने एक वीडियो के जरिए किया था. बता दें कि इसी साल मार्च के महीने में शक्ति कपूर ने एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था. जो एक प्रमोशन एड का हिस्सा था. हालांकि इस वीडियो में उन्हें अपने रियल लाइफ में हेवी बॉडी हेयर को कैसे वो परेशान रहे. इस बारे में जिक्र किया था. इस वजह से उनका ये वीडियो काफी वायरल हुआ था. वीडियो को देख लोग हंस-हंस के लोट-पोट हो गए. शख्स की बात सुनकर शक्ति कपूर थोड़े नवर्स हो जाते हैं और वीडियो क्लिप में आगे वह कहते हैं "इंसान और बालों को हमेशा अपने जड़ों से जुड़े रहना चाहिए". एक बार एक समझदार शक्ति कपूर ने कहा था, "जिसकी छाती पर बाल नहीं, उससे डरो नहीं और जिसके पीठ पर बाल नहीं उसके पिछे चलो नहीं". इसके बाद वीडियो में शक्ति कपूर के मैनेजर की एंट्री होती हैं. वीडियो में उनका मैनेजर कहता है कि बालों को शक्ति सर बहुत पसंद थे, लोगों को इंडस्ट्री में आते हैं औऱ शक्ति सर के जाते हैं . . आज कल शक्ति सर के पीठ के बाल तो.... इसके बाद शक्ति कपूर कहते हैं कि इन बालों ने मुझे मीमी बना करना रख डाला है. वीडियो में आगे शक्ति कपूर के वायरल मीम को दिखाया है, जिसे देखने के बाद आप हंस हंस कर लोट पोट हो गए थे. शक्ति कपूर का जन्म 03 सितंबर 1952 को दिल्ली के एक पंजाबी परिवार में हुआ था. उन्होंने दिल्ली के किरोड़ी मल कॉलेज से ही अपनी पढ़ाई पूरी की. शक्ति कपूर के पिता दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में टेलर की दुकान चलाते थे. साल 1975 से अपने करियर की शुरुआत करने वाले शक्ति कपूर ने 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया हैं. इसमें राजा बाबू, कुली नंबर 1, अंदाज अपना अपना, छुप- छुप के, राजाजी, हीरो नंबर 1, सत्ते पे सत्ता, याराना और लाडला समेत तमाम फिल्में शामिल हैं. शक्ति की डेब्यू फिल्म फिल्म 'खेल खिलाड़ी का' है. .
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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से हिंदुस्तान व पाक के बीच जारी तनाव के बीच करतारपुर कॉरिडॉर को लेकर बैठख की समाचार है। विदेश मंत्रालय के हवाले से समाचार है कि करतारपुर कॉरिडोर को लेकर हिंदुस्तान व पाक के प्रतिनिधियों के बीच 4 सितंबर को मीटिंग होने वाली है। दोनों राष्ट्रों ने पुष्टि की है कि वह 4 सितंबर, बुधवार को करतारपुर गलियारे के अंतिम तौर-तरीकों को पूरा करने के लिए मिलेंगे। यह मीटिंग इस बार हिंदुस्तान में अटारी पर होने वाली है। मीटिंग का समय प्रातः काल 10. 30 बजे निर्धारित किया गया है। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर नयी दिल्ली ने वार्ता का प्रस्ताव रखा था। हिंदुस्तान व पाक केप्रतिनिधिन करतारपुर कॉरिडोर को लेकर तीसरी बार वार्ता करने जा रहे है। करतारपुर कॉरिडॉर के बनने से लाखों तीर्थयात्रियों को पवित्र करतारपुर गुरुद्वारे में दर्शन कर सकेंगे। इस वर्ष अटारी में पहले चरण की मीटिंग हुई थी। इसके बाद वाघा में जुलाई में भी मीटिंग हुई थी। दूसरे चरण की वार्ता 14 जुलाई को पाक के वाघा में हुई थी। उस वक्त पाक ने पुरानी रावी क्रीक पर ब्रिज बनाने पर सहमति जाहीर की थी। जिससे की गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में सारे वर्ष तीर्थयात्रा करने की अनुमति होगी। करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तानी व भारतीय दोनों तरफ कार्य जोरों पर है। नवंबर 2018 में, भारत, पाक ने पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक को सिख धर्म के निर्माणकर्ता गुरु नानक के अंतिम विश्राम स्थल, करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ने वाली एक सीधी सीमा-पार स्थापना की घोषणा की। करतारपुर डेरा बाबा नानक से लगभग चार किमी दूर रावी नदी के पार पाक के नरोवाल जिले में स्थित है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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निष्कण :299 २०- आज के उपन्यासों का कधीपक्थन शिल्प समृद्ध हो गया है। प्रारम्भिक उपन्यामी पाउपन्यासकार के दृष्टि से प्रभावित थ और आज के दिन्तु दृष्टिकोण की प्रधानता के कारण प्रारम्भिक उपन्यासों है क्योधन अतिरंजित, उस्तामाजिक तथा जव्यवहारिक थे । समस्त पात्र एक में करते थे जो उपन्यासकार का स्वरथा । उसलिए वह खलता था । बाज के उपन्यासों में उपन्यासकार का दृष्टिकोण पान में केन्द्रित हो गया है। इस विचारक atter में भी लात्मकता तथा सौन्दर्य अक्षुण्ण रहता है। बाबा टैसरनाथ : १९५४ः में बट गांधी जी की आलोचना कर रहा है। परन्त यह इतनी भावात्मक तथा सरस है कि इसन - शिल्प पर आघात नहीं होता। न पात्रों के स्तर के अकल होते हैं। इसीलिए उपन्यासों में लोकभाषा का भी प्रयोग हुआ है। गढ़कुंडार : १६२८ : मंसी की रानी लक्ष्मीबाई : १६४६ : मेलाजांचल : १६५४ः आदिकोश - शिल्प में लौकमाणा के कारण अभिनव सौन्दर्य दृष्टिगत होता है। किन्तु यहां यह भी आशंका रहती है कि कहीं लोकमाषाओं के कारण उपन्यास के कथोपकथन म्युजियम न बन जाय इन उपन्यासों में इनका प्रयोग कम हुआ है। `मैलांच इनकी : १९५४ः afte हुआ है। किन्तु यह भाषा ऐसी है जो दुरुह नहीं है। इसी कारण स्थान की स्वाभाविकता समाप्त नहीं हुई है। इसके अतिरिक्त १चौरीचौरा कांड से गांधी जी बड़े दुखी हुए तौर उन्होंने सत्याग्रह तथा असहयोग की उस व्यापक लड़ाई को बिल्कुल स्थगित कर दिया। स्वयंसेवक के जुलस, सरकारविरोधी समाएं, दमन-वानों के खिलाफ संघर्ष *आन्दौलन एकदम ठप हो गया । "जनसंग्राम के प्रति महात्माजी का यह खिलवाड़ देश के लिए बहुत बड़ी दुर्घटना थी। गांधीजी के खास साथी जेल के अन्दर बन्द थे । यह समाचार पाकर है दःख के मारे वे पागल हो उठे। ब्रा उपतों के शिल्प से भिन्न होता है । प्रारंभिक उपन्यासों से । प्रारंभिम प्रसंगों की हाम हाथ की ध्वनि अथवा उपदेशाल्पकता से पूर्ण था। यह भावानुकूल तथा प्रसंगानुकूल हो गया है। एक उपन्यास के कधपन में एक ही भाषा का प्रयोग होते हुए भी एकरसता, तथा एक स्वरता नहीं दृष्टिगत होती उसमें विभिन्नता है। मनोरमा : १९२४ : तथा मंगल प्रभात : १६२६ः से कथोपकथन से पूर्ण थे परन्तु उनमें कृमिता दृष्टिगत होती कविपूर्ण है परन्तु अशावहारिक अस्सामाविक नहीं होते हैं। वधोपकथन - शिल्प का निरन्तर विकास होता है। नदी प्रस्तुतोवरण मैं नवीनता है। कंल १६२६ः में गाला की मां की जीवनी में लिखित संवादलते हैं। परन्तु इसमें रेखा कापी पर लिस्कर भुवन को देती है। भवन भी इसका उत्तर देता है। यह लिखित संवाद की पद्धति सन्दर तथा मौलिक है। artuper - शिल्प आज इतना सशक्त हो गया है कि इसके द्वारा क्यानक का वास होता है। पत्रिका प्रकाशक नहीं रह गया है प्रत्युत जटिल मानव के जटिल व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति का एकमात्र साधन है । देश-वाल तथा वातावरण की प्रतीति में इसका योगदान उल्लेखनीय है । २२ क्यानक तथा बरि-शिल्प को मांति ही कथोपकथन - शिल्प मौलिक है । इमे देखकर ऐसा अनुभव नहीं होता कि उपन्यासकारों ने इसका अनुवाद अथवा भाणानुवाद किया है । उपन्यासकार पाश्चात्य उपन्याती के पक्थन शिल्प से परिचितथे उसी से प्रेरणा ग्रहण की किन्तु इसका विकास उपन्यास की कथा तथा पात्रों के माध्यम हुवा है। इसी कारण इसमें स्वतः प्रवर्तित प्रवाह और गति है। १- अज्ञेय : नदी द्वीप : १९५९ दिल्ली, पृ० १५६-१६०
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ईरानी टेलीविजन ने बताया कि ईरानी सेना ने मंगलवार को अमेरिकी हॉक प्रणाली पर आधारित एक नई वायु रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। वायु रक्षा बलों के बड़े पैमाने पर अभ्यास के दूसरे दिन परीक्षण हुए। अभ्यास 850 हजार वर्ग मीटर को कवर करता है। ईरान के उत्तर-पूर्व, पूर्व और दक्षिण-पूर्व में किमी, देश के आधे क्षेत्र के लिए लेखांकन। अभ्यास के दौरान, विशेष रूप से, I ज़हरा एक्सएनयूएमएक्स और कादर मिसाइल सिस्टम कम-उड़ान वाली मिसाइलों के साथ-साथ सफाट तोपखाने प्रणाली के खिलाफ काम कर रहे थे। ईरानी सेना के अनुसार, कादर प्रणाली अत्यधिक मोबाइल है, और इसकी तैनाती का समय 30 मिनटों से भी कम है। Safat तोपखाने प्रणाली, बदले में, दुश्मन की खुफिया सूचना, इंटरफैक्स रिपोर्ट से किसी का ध्यान नहीं जा सकता है। जैसा कि बताया गया है कि सात दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के कर्मचारियों सहित फाइटर जेट्स, ड्रोन, एयर डिफेंस सिस्टम और 8 हजार सैनिक शामिल थे। जैसा कि ईरानी वायु रक्षा मुख्यालय के प्रमुख जनरल फ़र्ज़ाद एस्मली ने पहले कहा था, "दुनिया के कुछ हिस्सों में खतरों को ध्यान में रखते हुए अभ्यास के दौरान आधुनिक रणनीति के तत्वों पर काम किया जा रहा है। " हाल के महीनों में, ईरान ने परमाणु कार्यक्रम के बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों से मौजूदा खतरों और आरोपों के मद्देनजर अभ्यास किया है, ईरानी टेलीविजन ने कहा।
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( 5 ) यदि कोई प्रोन्नत अधिकारी जो भारतीय वन सेवा में परि बीक्षाधीन व्यक्ति के रूप में नियुक्त किया जाता है, भारतीय वन सेवा में उसकी प्रोन्नति की तारीख से पूर्वतर किसी तारीख से परिवीक्षा की अवधि के दौरान उस राज्य वन सेवा के, जिसमें उसका धारणाधिकार है, उच्चतर वेतनमान में पुष्ट कर दिया जाता है और इस प्रकार राज्य वन सेवा के उसके वास्तविक वेतन में वृद्धि हो जाती है । तो भारतीय वन सेवा के ज्येष्ठ वेतनमान में उसके येतन को इस अनुभाग में उपवर्णित सिद्धान्तों के अनुसार, राज्य वन सेवा में उसके वृधित वेतन के आधार पर इस प्रकार पुनः गणना को आएगी मानो भारतीय वन सेवा में उसकी प्रोन्नति ऐसी वृद्धि की तारीख से हुई थी । ( 6 ) जहां कोई प्रोन्नत अधिकारी जो भारतीय वन सेवा में अपनी नियुक्ति की तारीख को राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार के अधीन या अन्यन्न सेवा में काडर पद से मिस्र कोई पद धारण कर रहा था या निरन्तर धारण कर रहा है और यह पद : ( क ) काडर पद के वेतनमान के समतुल्य वेतनमान वाला है, अथवा (ख) काडर पद के समतुल्य हैसियत और उत्तरदायित्व वाला है और सम्बद्ध राज्य सरकार केन्द्रीय सरकार को, उक्त अधिकारी को काडर पद से भिन्न पद पर उसकी नियुक्ति के तीन मास के भीतर अथवा उस तारीख के तोन माम के भीतर जिसकी उसके अगला कनिष्ठ चयन सूची अधिकारी काडर पद पर नियुक्त किया जाना है, इन दोनों तारीखों में से जो भी तारीख बाद की हो, यह प्रमाणपत्र देती है कि काडर पद से भिन पर्व पर :-- ( 1 ) खण्ड (क) के अधीन पद की बाबत एक वर्ग से अनधिक अवधि के लिए और केन्द्रीय सरकार के अनुमोदन से दो वर्ष से अनधिक की अतिरिक्त अवधि के लिए, प्रथवा (2) खण्ड (ख) के अधीन पद की बागत, तीन वर्ष से अनधिक अवधि के लिए, यदि उसकी नियुक्ति न हुई होती तो वह भारतीय वन सेवा ( काडर ) नियम, 1966 के नियम 9 के अधीन काडर पद पर स्थानापत्र रूप से कार्य करता तो भारतीय वन सेवा के अपेष्ठ वेतनमान में खण्ड ( 1 ) के अनुसार नियत किया गया उसका प्रारंभिक वेतन उस वेतन से निम्न प्रक्रम पर नियत नहीं किया जाएगा जो उसने उक्त गैर काडर पद पर लिया था या ले रहा हैः परन्तु एक बार में जितने अधिकारियों की बाबत ऐसे प्रमाणपत्र प्रवृत्तमान होंगे, उनकी संख्या भारतीय वन सेवा ( प्रोन्नति द्वारा नियुक्ति) विनियम, 1966 के विनियम 5 के उप विनियम ( 1 ) धीन अनुज्ञेय चयन सूची की न्यूनतम संख्या के आधे से अधिक नहीं होगी तथा उसी क्रम के अनुसार होगी जिम क्रम में ऐसे अधिकारियों के नाम चयन सूची में है : परन्तु यह और कि ऐसा प्रमाणपत्र केवल तभी किया जाएगा जब गैर काडर पद पर नियुक्त किए गए चयन सूची में के प्रत्येक ऐसे ज्येष्ठ अधिकारी के स्थान पर, जिसकी बाबत प्रमाणपत्र दिया जाता है, भारतीय वन सेवा ( काडर ) नियम, 1966 के नियम 9 के अधीन ज्येष्ठ पत्र में स्थामापत्र रूप में कार्य करने वाला एक कनिष्ठ चयन सूची अधिकारी हो : परन्तु यह और भी, कि उन अधिकारियों की संख्या जिनकी बाबत प्रमाणपत्र दिया जाता है, भारतीय वन सेवा ( काडर संख्या का नियन) विनियम, 1966 को अनुसूची के अधीन मंजूर की गई प्रतिनियुक्ति के लिए आरक्षित संख्या से राज्य सरकार के नियंत्रण के प्रधोन गैर कार पत्रको धारणा करने वाले काडर अधिकारियों की संख्या है उतनी संख्या में पदों से अधिक नहीं होगी । प्रोन्नत अधिकारी का श्राधारी वेतन किसी भी दशा में ज्येष्ठ वेतनमान के न्यूनतम से कम पर नियत नहीं किया जाएगा । 8. इस अनुभाग में किसी खण्ड भारतीय वन सेवा वेतनमान में प्रोन्नत किसी बात के होते हुए भी, अधिकारी का आधारी वेतन-( 1 ) किसी भी समय उस आधारी वेतन से अधिक नहीं होगा जो उसने सीधे भर्ती किए गए व्यक्ति के रूप में उस तारीख की भारतीय वन सेवा वेतनगात में लिया होता, यदि वह उस तारीख को जिस तारीख को यह राज्य वन सेवा में नियुक्त किया गया था, भारतीय वन सेवा में नियुक्त किया गया होता । ( 2 ) आरंभिक गठन के प्रक्रम पर उसी काडर की सेवा के ज्येष्ठ वेतनमान में नियुक्त कनिष्ठतम अधिकारी के वेतन से ऊपर के प्रक्रम पर नियत नहीं किया जाएगा परन्तु यदि उसका वेतनमान सेवा के ऐसे वेतन के प्रक्रम पर नियत किया गया है जो राज्य वन सेवा में उसके वेतनमान के बराबर है तो यह उपबन्ध लागू नहीं होगा । 9. जहां किसी ऐसे अधिकारी का वास्तविक वेतन, जो सेवा के गठन की तारीख को पहले से हो यतपाल के रूप में या उपरोक्त राज्य मन सेवा में पुष्ट कर दिया जाता है। और जो भारतीय वन सेवा में किसी समतुल्य या उच्चतर पद पर भारतीय वन सेवा ( भर्ती) नियम, 1966 के नियम 8 के अधीन नियुक्त किया जाता है, अनुसूची 3 में उपदर्शित वेतनमान में सामान्य नियमों के अधीन अनुज्ञात किया जाएगा । यह वैयक्तिक वेतन ऐसे वेतन को भावी वृद्धियों में जिसके अन्तर्गत विशेष येतन, अतिरिक्त वेतन और अन्य प्रकार के वेतन भी हैं, सम्मिलित कर लिया जाएगा । 10. इस अनुभाग के किसी खण्ड में किसी बात के होते हुए भी, प्रोन्नत अधिकारी का वेतन, जिसका वेतन भारतीय वन सेवा (वेतन) तृतीय संशोधन नियम, 1978 के राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से पूर्व भारतीय वन सेवा के ज्येष्ठ वेतनमान में, भारतीय वन सेवा (वेतन) नियम, 1968 के विद्यमान उपबन्धों के अनुसार, नियत किया गया है, भारतीय वन सेवा के पुनरीक्षित ज्येष्ठ वेतनमान में इस अनुभाग के अधीन उस क्रम से निम्नतर प्रक्रम पर, जितना कि पहले नियत किया गया है, नियत नहीं किया जाएगा । अनुभाग 2 : -- नियम 4 ( 5 ) के अन्तर्गत आने वाले प्रोन्नत अधिकारियों के प्रारंभिक वेतन का नियतन-( 1 ) ऐसे प्रोप्लस अधिकारी की दशा में जिसने सेवा में अपनी नियुक्ति के पूर्व किसी काडर पद में पहने ही स्थानापस रूप में कार्य किया है, और ऐसी स्थानापस सेवा को केन्द्रीय सरकार ने और जहां आवश्यक है वहां संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श करके भारतीय वन सेवा ( काडर ) नियम, 1966 के नियम 9 के अनुसार की गई सेवा मान लिया है, उसका वेतन उस प्रकस पर नियत किया जाएगा जो उस वेतन से कम नहीं होगा जो उसने ऐसे किसी पद में अन्तिम बार स्थानापन्न रूप में कार्य करते समय भारतीय वन सेवा के ज्येष्ठ घेतनमान में लिया था । ( 2 ) ऐसे प्रोन्नत अधिकारी की दशा में जो भारतीय वन सेवा में परिवीक्षाधीन व्यक्ति के रूप में नियुक्त किया जाता है, राज्य वन सेवा में, जिसमें कि उसका धारणाधिकार है, उसके वास्तविक वेतन में कोई वृद्धि होने पर उस सेवा के निम्नतर येतनमान या उच्चतर वेतनमान में वेतनवृद्धि के परिणामस्वरूप या उच्चतर वेतनमान में पुष्टि की वशा में, वह अधिकारी परिवीक्षा की अवधि के दौरान, भारतीय वन सेवा में ज्येष्ठ वेतनमान में अपने वेतनमान को अनुभाग 1 में उपवर्णित सिद्धान्तों के अनुसार राज्य वन सेवा में अपने वधिस वेतन के आधार पर इस प्रकार
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बहुत से लोगों ने क़तर राज्य के अस्तित्व के बारे में तभी जाना जब अरब प्रायद्वीप के किनारे के इस छोटे से देश को 2022 में विश्व फुटबॉल चैम्पियनशिप की मेजबानी का अधिकार प्राप्त हुआ। केवल कुछ ही अब जानते हैं कि कतर कहां स्थित है, और केवल विशेषज्ञ और विशेष रूप से उन्नत जनता को पता है कि क्यों देश सऊदी अरब से एक नहर द्वारा अलग हो गया है और अरब पड़ोसियों द्वारा लगभग पूरी तरह से नाकाबंदी की शर्तों के तहत कई वर्षों से यह कैसे अस्तित्व में है। माना जाता है कि फारस की खाड़ी के दूसरी ओर कतर एक प्रकार का ईरानी समर्थक है। ईरान से उद्धार वास्तव में बहुत उच्च स्तर पर कतर में जीवन का समर्थन करता है, लेकिन साथ ही, इस राज्य को हमेशा क्षेत्र में लगभग सबसे विश्वसनीय और विश्वसनीय अमेरिकी सहयोगी माना गया है। कतर में रुचि को हाल के महीनों की घटनाओं से पुनर्जीवित किया गया था, जब एक बड़ी गैस सौदेबाजी सामने आई, नॉर्ड स्ट्रीम 2 की संभावनाओं से जुड़ी और तरलीकृत प्राकृतिक गैस की आपूर्ति न केवल अमीर यूरोप को, बल्कि दुनिया के सभी महाद्वीपों को भी हुई। दोहा (कतर राज्य की राजधानी) आज विश्व बाजार में अधिक से अधिक सक्रिय रूप से खेल रहा है, और रूस के खिलाफ सबसे ऊपर है। जैसा कि आप देख सकते हैं, यूरोपीय बाजार में बसने की संभावना बहुत अधिक लुभावना है, जहां किसी ने कतर को आमंत्रित करने के लिए नहीं सोचा था। 24 मई को QPG स्टेट ऑयल एंड गैस कंपनी साद अल-क़ाबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने क़तर की वेबसाइट में घोषणा कीः "कोरोनोवायरस महामारी और आर्थिक संकट के कारण कतर न केवल गैस की आपूर्ति कम करने का इरादा रखता है, बल्कि, इसके विपरीत, क्षमता में काफी वृद्धि करने का इरादा रखता है, भले ही इससे गैस की कीमतों में और गिरावट आए। " व्यवसायी ने यह कहकर अपने कथन की पुष्टि की कि "हम लागत के मामले में दुनिया के सबसे कुशल गैस उत्पादक हैं और इसलिए हम बाजार के झटकों को दूर कर सकते हैं। " श्री अल-क़ाबी ने यह भी कहा, रूस को लगता है कि "कई उत्पादक कम कीमतों के कारण उत्पादन को रोक देंगे, लेकिन कतर के लिए इस परिदृश्य को बाहर रखा गया है। " यह विशिष्ट है कि अगले दिन गज़प्रॉम ने अनिश्चित काल के लिए यमल-यूरोप पाइपलाइन (रूस - बेलारूस - पोलैंड - जर्मनी) के माध्यम से गैस के निर्यात पम्पिंग को निलंबित कर दिया, जिसकी यूरोपीय संघ को रूसी गैस की आपूर्ति में हिस्सेदारी 25% से कम नहीं है। 26 मई के आरएफ ऊर्जा सुरक्षा कोष के अनुसार, यह यूरोप में कीमतों में लगातार गिरावट और मुख्य रूप से पाइपलाइन गैस के लिए मांग के कारण है। मास्को के साथ कतर एक "गैस" टकराव की तैयारी कर रहा था, क्योंकि यह आधी सदी पहले निकला था। 29 मई, 1970 को, अरब प्रायद्वीप के पूर्वोत्तर में स्थित कतर में ब्रिटिश कमिश्रिएट ने अमीरात की पहली स्वायत्त सरकार की घोषणा की। दूर "गैस" दृष्टि के साथ, क्या कहा जाता है। 1915 वीं शताब्दी के बाद से, देश का नेतृत्व वंशवादी अल-थानी परिवार द्वारा किया गया है, जो पहले ओटोमन के संरक्षण में था, और फिर, XNUMX से, पहले से ही अंग्रेजों द्वारा। कतर की पहली स्वायत्त सरकार स्थापित की गई थी, हम आधी सदी पहले दोहराते हैं, जब ब्रिटिश फर्म अमीरात के तेल और गैस संसाधनों के पहले बड़े पैमाने पर अध्ययन में एक बिंदु निर्धारित करते हैं। पहले से ही विशाल गैस पैंट्री स्थापित किए गए थे, जिसका उपयोग पश्चिम में गैस की आपूर्ति के लिए बढ़ती मात्रा में किया जा सकता है। इसके अलावा, यह लंदन में ठीक था कि उन्होंने सक्रिय रूप से विरोध किया, खासकर 1970 के दशक में, यूएसएसआर से दीर्घकालिक गैस आपूर्ति के खिलाफ। कतर की पहली स्वायत्त सरकार के निर्माण के छह महीने बाद, ब्रिटिश व्यवसाय ने देश के पश्चिम और उत्तर-पूर्वी तट से 60 के दशक में खोजे गए प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार का विकास शुरू किया। 70 के दशक की शुरुआत से, ब्रिटिश और फिर अमेरिकी कंपनियों द्वारा भंडार की बढ़ती मात्रा का पता लगाया गया था। 1974 के वसंत के बाद से, कतर के तेल और गैस उद्योग और ये सभी कार्य अल-थानी राजवंश द्वारा नियंत्रित राज्य कंपनी कतर पेट्रोलियम-गैस (QPG) के नियंत्रण में आ गए हैं। मॉस्को क्षेत्र के आधे क्षेत्र और 80 के दशक में दो मिलियन की आबादी वाला यह देश वैश्विक गैस बाजार में सबसे बड़ा खिलाड़ी बन गया है। कतर में, एलएनजी को हमेशा तरलीकृत गैस पसंद किया गया है, क्योंकि पाइप बहुत दूर खींचे जाते हैं, और वे बहुत शांत क्षेत्रों से नहीं गुजरेंगे। जब तक वे चाहें टैंकरों को पाल सकते हैं - मुख्य बात यह है कि एलएनजी रिसेप्शन के लिए पर्याप्त क्षमता है। एलएनजी की वैश्विक मांग 70 के दशक की शुरुआत से कई गुना बढ़ी है, और आज यह पाइपलाइन गैस की मांग के साथ असफल हो रही है। ब्रिटिश, अमेरिकी और भी इतालवी और जापानी कंपनियों ने वास्तव में कतर से गैस उद्योग को खरोंच से बनाया है। इसी समय, वे निर्मित क्षमताओं में उच्च शेयरों का दावा भी नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि सोवियत और फिर रूसी गैस के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए कतरी अधिकारियों के साथ राजनीतिक हस्तक्षेप न किया जाए। आश्चर्य की बात नहीं, 70 के दशक के उत्तरार्ध के बाद से, लगभग सभी कतर और गैस और तेल और गैस के बुनियादी ढांचे के एक पूरे के रूप में अमेरिकी वायु सेना और अमेरिकी नौसेना के विशेष बलों के अधिकार क्षेत्र में बने हुए हैं। कतर वहां एक पूर्ण सहयोगी के मामूली भूमिका में कार्य करता है। कोई यह याद नहीं कर सकता है कि ग्रेट ब्रिटेन ने 3 सितंबर 1971 को कतर की स्वतंत्रता की घोषणा की, हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब के दबाव में। अमीरात की भौगोलिक स्थिति, जिसका शाब्दिक अर्थ फारस की खाड़ी के केंद्र में "wedges" है, और यहां तक कि गैस और तेल के बड़े भंडार के साथ, कतर के साथ "पार्टिंग" से लंदन को बहुत रोका। लेकिन 1956 से, स्वेज नहर पर मिस्र के साथ युद्ध में ब्रिटेन की हार के बाद, इस क्षेत्र में भू-राजनीतिक संरेखण लंदन के पक्ष में नहीं था। इसने 1961 में अंग्रेजों को इस क्षेत्र में अपने मुख्य तेल और गैस "बॉक्स" के लिए स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए मजबूर किया - कुवैत, 1967 में - दक्षिण यमन को। और 70 के दशक की शुरुआत में, कतर के साथ-साथ बहरीन, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात (तब ओमान की संधि) भी, जहां कतर की तुलना में बहुत कम तेल और गैस संसाधन नहीं हैं। सुरेन बलीव, यूएसएसआर के गैस उद्योग के उप मंत्री, और फिर तेल और गैस सूचना के लिए अकादमिक केंद्र के निदेशक, विख्यातः "उनके परिचालन विकास के दौरान कतर में प्राकृतिक गैस के भंडार का पता चलता है, यूएसएसआर से यूरोप तक बढ़ती गैस आपूर्ति के साथ भी प्रतिस्पर्धा कर सकता है। पहले से ही 70 के दशक की शुरुआत में। ग्रेट ब्रिटेन की पहल पर, पश्चिमी सरकारों और कंपनियों ने कतर और कुवैत की भागीदारी के साथ तुर्की से ग्रीस-यूगोस्लाविया, फिर पश्चिमी यूरोप तक कतर से एक ट्रांस-अरेबियन गैस पाइपलाइन बनाने की संभावना पर चर्चा की। यह पाइपलाइन कुवैत और इराक से अपने मार्ग से "एकत्रित" गैस की भूमिका निभा सकती है। भविष्य में, इस परियोजना को कथरी एलएनजी उत्पादन के विकास के पक्ष में, एस। बालीयेव ने उल्लेख किया था, लेकिन सोवियत गैस आपूर्ति पर पश्चिमी यूरोप की निर्भरता को कम करने के लिए कतरी, कुवैती और अल्जीरियाई एलएनजी के साथ-साथ एक ही परियोजना "भविष्य में बनी हुई है। " इस बीच, कतर में गैस का उत्पादन छलांग और सीमा से बढ़ गया। राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, कतर का औसत वार्षिक उत्पादन 5,5-1971 के लिए औसतन 1976 बिलियन क्यूबिक मीटर से बढ़ा है। 20-1980 में 1985 बिलियन तक और 180 में 2019 बिलियन क्यूबिक मीटर तक। इस उद्योग में दुनिया भर में सबसे कम लागत में से एक - कोलोसल संसाधन आधार और उत्पादन की कम लागत के कारण झटका सफल रहा। यह दुनिया में चौथे स्थान पर है (संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और ईरान के बाद)। ओपेक और 2019-2020 के लिए अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, कतर में गैस भंडार (प्राकृतिक और गैस घनीभूत) की मात्रा दुनिया का लगभग 14% है। इसी समय, इनमें से कम से कम 65% भंडार विकसित और संसाधित किए जाते हैं। कतर में एलएनजी का उत्पादन क्षमता और मात्रा के मामले में एक रिकॉर्ड हैः यह 14 लाइनों पर 104,7 बिलियन क्यूबिक मीटर की कुल क्षमता के साथ निर्मित होता है। प्रति वर्ष मीटर, 80 के दशक में बनाया - संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, इटली और जापान में कंपनियों द्वारा 2010 के शुरू में। यह वैश्विक एलएनजी क्षमता (25) का लगभग 2019% प्रतिनिधित्व करता है। उनमें से लगभग सभी राज्य के स्वामित्व वाले हैंः राष्ट्रीय राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी (क्यूपीजी) में हिस्सेदारी 70-85% है। इसी समय, कतर के पास लंबे समय से एक विशाल राष्ट्रीय है बेड़ा टैंकरः 2019 के अनुसार, ये 55 तकनीकी रूप से उन्नत मध्यम और उच्च क्षमता वाले गैस वाहक हैं। उनमें से ज्यादातर दक्षिण कोरियाई निर्मित क्यू-अधिकतम वर्ग के साथ 270 हजार टन और क्यू-फ्लेक्स के साथ 166 टन के वजन के साथ हैं। इस तरह के जहाज चीन, जापान और 30 ईयू देशों सहित लगभग 10 देशों को पूरी तरह से कतरी एलएनजी की आपूर्ति करते हैं। और इस उत्पाद के निर्यात की मात्रा (110 में 2019 बिलियन क्यूबिक मीटर तक) के संदर्भ में, एलएनजी के वैश्विक निर्यात में कतर का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा है। और यह वही है जो 2000 के दशक की शुरुआत से है। ट्रांस-अरब गैस पाइपलाइन कतर-कुवैत-इराक-सऊदी अरब-तुर्की-यूरोप की उल्लेखित परियोजना को भुलाया नहीं गया है। संयुक्त अरब अमीरात और रूसी इंटरनेट संसाधन अराउंड गैस के राष्ट्रीय पोर्टल ने हाल ही में बताया कि 2011 से इस परियोजना को ब्रिटिश और अमेरिकी विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ एक कतरी-तुर्की विशेषज्ञ समूह द्वारा अंतिम रूप दिया गया है। यह समूह 2009 में तुर्की के राष्ट्रपति आर। एर्दोगन और कतर के अमीर हमद बिन खलीफा अल-थानी के संयुक्त निर्णय द्वारा बनाया गया था। जाने-माने राजनीतिक वैज्ञानिक और प्रचारक रॉबर्ट कैनेडी जूनियर, जो एक जाने-माने परिवार से आते हैं, सीनेटर रॉबर्ट कैनेडी के बेटे और राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे, पूरी तरह से परियोजना के आर्थिक और भू-राजनीतिक लक्ष्यों की विशेषता है। फरवरी 2016 में वापस, उन्होंने अमेरिकी पत्रिका पोलिटिको (आर्लिंगटन) में लिखाः इसके अलावा, "कतर मध्य पूर्व में दो विशाल अमेरिकी सैन्य ठिकानों और अमेरिकी मध्य कमान के मुख्यालय की मेजबानी करता है। " "यह यूरोपीय संघ लाएगा, जहां गैस की खपत का एक तिहाई तक - रूसी संघ से आयात - व्लादिमीर पुतिन की तेज गैस रणनीति से राहत मिलती है। तुर्की, रूस का दूसरा सबसे बड़ा गैस उपभोक्ता, विशेष रूप से अपने दीर्घकालिक प्रतिद्वंद्वी पर इस निर्भरता को समाप्त करने और खुद को एक लाभदायक ऊर्जा केंद्र के रूप में स्थिति के बारे में चिंतित है। " "रूस, जो अपने गैस निर्यात का 70% यूरोप को बेचते हैं, कतर-तुर्की पाइपलाइन को एक अस्तित्व के लिए खतरा मानते हैं। वी। पुतिन के अनुसार, यह गैस पाइपलाइन यूरोपीय ऊर्जा बाजार में अपने उत्तोलन को खत्म करके रूसी अर्थव्यवस्था का गला घोंटने के उद्देश्य से एक नाटो की साजिश का प्रतिनिधित्व करती है। " एक शब्द में, कतरी गैस मॉस्को पर बहुपक्षीय राजनीतिक और आर्थिक दबाव के अलावा, आगे के लिए एक लीवर है। इसके अलावा, तरलीकृत गैस पहले से ही एक बहुत ही वास्तविक लीवर है, जो अमेरिकी एक के साथ युगल में भी आती है, और पाइपलाइन गैस अभी तक केवल संभावित है। और कतर, ईरान पर अपनी पूरी तरह से निर्भरता के साथ, पिछली सदी के 70 के दशक से इस भूमिका के लिए तैयार है। - लेखकः - इस्तेमाल की गई तस्वीरेंः
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।अबादीन ने 'जज़िया कर' हटाया और राज्य में गाय का वध निषिद्ध कर दिया। उसके प्रशासन में अनेक हिन्दुओं को ऊँचे पद प्राप्त थे। ।जैनुल अबादीन को कश्मीरी अभी भी 'बडशाह' (महान सुल्तान) के नाम से पुकारते हैं। वह 'कुतुब' उपनाम से फ़ारसी में कविताएँ भी लिखा करता था। ।अबादीन को उसके द्वारा किये गए जनपिय कार्यों के कारण कश्मीर का अकबर कहा जाता है। मूल्य नियंत्रण की पद्धति चलाने के कारण ही उसे कश्मीर का अलाउद्दीन ख़िलजी भी कहा गया है। जैनुल अबादीन (1420-1470 ई.) अलीशाह का भाई और कश्मीर का सुल्तान था। सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का भाव रखने व अपने अच्छे कार्यों के कारण ही उसे 'कश्मीर का अकबर' कहा जाता है। अपने शासन के दौरान इसने हिन्दुओं को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की थी। जैनुल अबादीन ने हिन्दुओं के टूटे हुए मंदिरों का पुनर्निर्माण, गायों की सुरक्षा और सती होने पर लगे प्रतिबन्ध को हटाया और राज्य में एक बेहतर शासन व्यवस्था लागू की। जैनुल अबादीन ने अन्य क्षेत्रों में भी सहिष्णुता की उदार नीति अपनाई। उसने जज़िया कर हटा दिया। गाय का वध निषिद्ध कर दिया, हिन्दुओं की भावनाओं का आदर करते हुए सती प्रथा पर से प्रतिबन्ध हटा लिया। उसके प्रशासन में अनेक हिन्दुओं को ऊँचे पद प्राप्त थे। श्रीय भट्ट उसका न्यायमंत्री और दरबारी चिकित्सक था। उसकी पहली दो रानियाँ हिन्दू थीं। ये दोनों जम्मू के राजा की कन्याएँ थीं। उसके चार पुत्र उन्हीं से थे। उसने उन दोनों की मृत्यु के पश्चात् तीसरी शादी की। सुल्तान स्वयं एक विद्वान् व्यक्ति था और कविता करता था। वह फ़ारसी, कश्मीरी, संस्कृत और तिब्बती भाषाएँ भली-भाँति जानता था। वह संस्कृत और फ़रसी विद्वानों को संरक्षण देता था। उसके संकेत पर महाभारत जैसे अनेक संस्कृत ग्रंथों का तथा कल्हण के 'कश्मीर के इतिहास' (राजतरंगिणी) का फ़ारसी में अनुवाद हुआ। वह संगीत प्रेमी था। ग्वालियर के राजा ने उसके संगीत प्रेम के विषय में सुनकर उसे दो दुर्लभ संस्कृत संगीत ग्रंथ भेंट में भेजे थे। सुल्तान ने कश्मीर की आर्थिक उन्नति पर भी ध्यान दिया। उसने दो आदमियों को काग़ज़ बनाने तथा जिल्दसाज़ी की कला सीखने के लिए समरकंद भेजा। उसने कश्मीर में कई कलाओं को प्रोत्साहन दिया। जैसे पत्थर तराशना और उस पर पालिश करना, बोतलें बनाना, स्वर्ण-पत्र बनाना इत्यादि। सम्भवतः उसी ने तिब्बत से शाल बनाने की कला का आयात किया, जिसके लिए कश्मीर आज तक प्रसिद्ध है। दस्ती बंदूक बनाने और आतिशबाज़ी बनाने की कला का भी वहाँ विकास हुआ। सुल्तान ने काफ़ी संख्या में बाँध और पुल बनवाकर कृषि को विकसित किया। वह उत्साही निर्माता था। उसकी सबसे बड़ी अभियात्रा की उपलब्धि जैना का लंका का निर्माण है, जो वुलर झील में नकली टापू के रूप में है। यहीं उसने अपना महल और मस्जिद बनवाई। जैनुल अबादीन को कश्मीरी अभी भी 'बडशाह' (महान सुल्तान) के नाम से पुकारते हैं। यद्यपि वह महान् योद्धा नहीं था, फिर भी उसने लद्दाख पर मंगोल आक्रमण को विफल किया था। उसने बालटिस्तान क्षेत्र (जिसे तिब्बत-ए-ख़ुर्द कहा जाता है) को विजित किया, तथा जम्मू और राजौरी पर अपना अधिकार बनाये रखा। इस प्रकार उसने कश्मीर राज्य को एकता के सूत्र में पिरोया। जैनुल अबादीन का यश दूर-दूर तक फैल गया था। उसने भारत के अन्य बड़े शासकों तथा एशिया के बड़े शासकों से सम्पर्क बनाये रखा। अबादीन ने अपने शासन काल में अनेक जनप्रिय कार्य किए थे। अपने इन्हीं कार्यों के कारण उसे 'कश्मीर का अकबर' कहा जाता है। मूल्य नियंत्रण की पद्धति चलाने के कारण ही उसे 'कश्मीर का अलाउद्दीन ख़िलजी' भी कहा गया है। अबादीन की 1470 ई. में मृत्यु हो गई। वह कश्मीरी, फ़ारसी, अरबी और संस्कृत भाषाओं का विद्वान् था। वह 'कुतुब उपनाम' से फ़ारसी में कविताएँ भी लिखा करता था।
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गले में 'राधे-राधे' का दुपट्टा और मंगलसूत्र. हाथ में लाल चूड़ियां और माथे पर लाल बिंदी. दो कमरे के घर में चारों तरफ पत्रकारों, कैमरों और माइक से घिरीं सीमा हैदर बहुत आत्मविश्वास के साथ सवालों के जवाब दे रही हैं. पास में ही उनके प्रेमी सचिन मीणा भी कुर्सी पर बैठे हुए हैं. देश के बड़े न्यूज़ चैनलों के एंकर, रिपोर्टर से लेकर दर्जनों की तादाद में यू-ट्यूबर सीमा से बात करने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. घर में लगी भीड़ के बीच सीमा के चार बच्चों को आसानी से पहचाना जा सकता है. कुछ पत्रकार इन बच्चों से 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे लगवा रहे हैं और ऐसा करते हुए बच्चों को अपने कैमरे में शूट कर रहे हैं. बीच-बीच में कस्बे की कुछ महिलाएं और कुछ हिंदूवादी संगठनों के लोग भी मिलने के लिए आ रहे हैं. ये लोग आशीर्वाद देते हुए सीमा के हाथ में कुछ पैसे पकड़ा रहे हैं और अपनी तस्वीरें खिंचवा रहे हैं. उमस भरे माहौल के बीच घर में 'जय श्री राम' के नारे भी सुनाई देते हैं, तो वहीं कुछ लोग सीमा से घर में लगी तुलसी में पानी देने को भी कहते हैं. ये दृश्य उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा स्थित सचिन मीणा के घर के हैं. दोनों को जमानत मिलने के बाद यहां आने जाने वालों की भीड़ लगी हुई है. सुबह से हो रही तेज बारिश के बीच बीबीसी हिंदी की टीम भी सीमा हैदर और सचिन मीणा से मिलने के लिए पहुंची. कुछ घंटों के इंतजार के बाद सीमा और सचिन से बात करने के लिए हमारा नंबर आया. करीब बीस मिनट की बातचीत में दोनों ने दोस्ती से शुरू हुए प्यार, अवैध तरीके से भारत में एंट्री, जासूसी के आरोप, शादी, हिंदू धर्म में शामिल होने से लेकर उन तमाम सवालों के जवाब दिए जो इस वक्त लोगों के मन में उठ रहे हैं. पाकिस्तान की सीमा हैदर की शादी साल 2014 में जकोबाबाद के रहने वाले गुलाम हैदर से हुई थी. इस शादी से उन्हें चार बच्चे हुए. बाद में दोनों कराची शिफ्ट हो गए और साल 2019 में गुलाम हैदर काम के सिलसिले से सऊदी अरब चले गए. यही वो समय था जब सीमा की बातचीत सचिन मीणा से शुरू हुई और इसका जरिए बनी एक ऑनलाइन गेम. सीमा बताती हैं, "हमारी प्रेम कहानी की शुरुआत पब्जी खेलने से शुरू हुई. सचिन पुराने प्लेयर थे और मैं नई. मेरा 'पब्जी' पर मारिया ख़ान नाम था. सचिन ने मुझे गेम खेलने की रिक्वेस्ट भेजी थी. " सीमा बताती हैं, "तीन चार महीने गेम खेलने के बाद हम दोस्त बन गए. मैं वीडियो कॉल पर इन्हें पाकिस्तान दिखाती थी ये मुझे भारत. ये खुश होता था कि पाकिस्तान देख रहा हूं और मैं खुश होती थी कि मैं भारत देख रही हूं. खुशी होती है न कि दूसरे देश का बंदा आपसे बात करे. " प्यार, परवान चढ़ा तो सीमा ने सचिन से मिलने का फैसला किया, लेकिन यह सीमा के लिए आसान नहीं था. सीमा हैदर कहती हैं, "ऐसा नहीं है कि मैं पाकिस्तान से नफरत करती हूं, मैं वहां रही हूं, वहां मेरा बचपन बीता. मेरे भाई-बहन, मम्मी-पापा सब वहीं के हैं. मेरे मां-बाप की कब्र वहीं पर है. " अपने प्यार से मिलने के लिए सीमा हैदर ने नेपाल को चुना, लेकिन इसे चुनने के पीछे एक खास वजह थी. मुलाकात का वक्त और जगह तय होने पर सीमा ने नेपाल का टूरिस्ट वीजा लिया और शारजाह होते हुए काठमांडू पहुंचीं. सीमा बताती हैं, "पहली बार मैं 10 मार्च, 2023 को पाकिस्तान से निकली और शाम को काठमांडू पहुंच गई. मैं पहली बार हवाई जहाज से जा रही थी. जहाज उड़ा, तो मैं बिल्कुल बहरी सी हो गई थी. " काठमांडू में सचिन पहले से सीमा का इंतजार कर रहा था. सचिन के मुताबिक उन्होंने न्यू बस पार्क इलाके के न्यू विनायक होटल में एक कमरा किराए पर लिया जिसके लिए वो होटल मालिक को हर रोज 500 रुपये देते थे. सीमा हैदर के इंस्टाग्राम पर इस दौरान के कई ऐसे वीडियो पड़े हैं जिसमें दोनों काठमांडू की सड़कों पर घूमते हुए नजर आ रहे हैं. इसी दौरान दोनों ने एक बड़ा फैसला किया. सीमा बताती हैं, "हमने 13 मार्च को काठमांडू में पशुपति नाथ मंदिर में शादी की. एक टैक्सी वाले भाई की मदद से हम लोग शादी कर पाए. हमारे पास वीडियो भी हैं...मैंने खुद हिंदू धर्म अपनाया है. मुझे किसी ने दबाव नहीं डाला. " शादी तो हुई, लेकिन सीमा भारत नहीं आ पाईं, क्योंकि चार बच्चे कराची में उसका इंतजार कर रहे थे. वह लाहौर में एक दरगाह पर जाने का बहाना बनाकर सचिन से मिलने नेपाल आई थी. सीमा वापस पाकिस्तान तो चली आईं लेकिन अब यहां उनका दिल नहीं लग रहा था. दो महीने का वक्त बीता और सीमा ने हमेशा के लिए अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान छोड़ने का फैसला कर लिया. इस बार सीमा का इरादा नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल होने का था. सफर के लिए सीमा ने फिर से 10 मई तारीख को ही चुना, क्योंकि उनका मानना था कि यह तारीख उनके लिए किस्मत वाली साबित होगी, क्योंकि 10 मार्च को ही वे पहली बार सचिन से नेपाल में मिली थीं. सीमा कहती हैं, "दूसरी बार आना आसान था, क्योंकि एंट्री, एग्जिट और कनेक्टिंग फ्लाइट का पहले से पता लग गया था. 10 मई को अपने बच्चों के साथ मैं वहां (पाकिस्तान) से चली और 11 मई की सुबह काठमांडू पहुंच गई, फिर वहां से पोखरा गई और रात भर वहीं रुकी. " यहां सचिन उनका इंतजार कर रहे थे, जिसके बाद वह उन्हें रबूपुरा स्थित कमरे पर ले आया. यह कमरा चार दिन पहले ही सचिन ने गिरजेश नाम के व्यक्ति से 2,500 रुपये प्रति महीने के हिसाब से किराए पर लिया था. पोखरा से हर सुबह दिल्ली के लिए बस चलती है. करीब 28 घंटे के इस सफर में भारत-नेपाल की सरहद पड़ती है, जहां सभी यात्रियों की चेकिंग होती है, लेकिन सीमा ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को आसानी से भेद दिया. सीमा के पति गुलाम हैदर ने सऊदी अरब से अपील की है कि उनकी पत्नी और बच्चों को वापस पाकिस्तान भेज दिया जाए. वहीं सीमा का कहना है कि गुलाम हैदर से उनकी शादी जबरन करवाई गई थी और उन्होंने उसे तलाक दे दिया है, जबकि गुलाम हैदर का कहना है कि उनके बीच में तलाक नहीं हुआ है. वे बताती हैं, "पाकिस्तान में भी 18 साल की लड़की को इजाजत है कि कोई भी फैसला ले सकती है. मैं आज 27 साल की हूं. मैं अपनी जिंदगी का फैसला ले सकती हूं. ऐसा भी नहीं है कि मैं औरत हूं, तो आदमी से तलाक नहीं ले सकती. " बीबीसी उर्दू से बातचीत में सीमा के ससुर मीर जान जख़रानी ने आरोप लगाया कि वह घर से भागते हुए सात लाख रुपये और सात तोला सोना लेकर गई है. सीमा हैदर जिस तरीके से भारत में दाखिल हुईं, उसे देखने के बाद कई लोगों ने उन पर आरोप लगाए कि वे पाकिस्तान की जासूस हैं. पाकिस्तानी सेना में उनके भाई की नौकरी, उनके पास से चार मोबाइल फोन की बरामदगी ने भी लोगों के मन में शक को गहरा कर दिया. इन आरोपों पर बोलते हुए सीमा ने कहा, "मैं जासूस नहीं हूं. सचिन से प्यार के चक्कर में मैंने घर से बाहर घूमना शुरू किया. पासपोर्ट बनवाए. हमारे यहां घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती. " सीमा का कहना है कि अब वे भारत में ही रहना चाहती हैं और सचिन के साथ खुश हैं, लेकिन अपनी बहनों को याद कर उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. फिलहाल जमानत मिलने के बाद सीमा और सचिन अब साथ-साथ हैं. धर्मों और देशों की सरहदों को पार करने वाली ये कहानी आगे कहां पहुंचती है, देखना दिलचस्प होगा. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. )
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन एवं राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, आज जरूरत इस बात की है कि सहकारी क्षेत्र को किसानों और ग्रामीणों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सक्षम बनाया जाए। इसके लिए हमें सहकारी बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों के समान ही मजबूत बनाने की जरूरत है। साथ ही इन बैंकों से उद्यानिकी और कैश क्रॉप के लिए भी ऋण देने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, देश के सहकारिता आंदोलन का सबसे बड़ा उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य दिलाना होना चाहिए। ऐसी कोशिश होनी चाहिए कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके। कहा, अभी सहकारी आंदोलन को और अधिक संगठित कर मजबूत बनाने की आवश्यकता है। देश के विभिन्न राज्यों की सहकारी क्षेत्र की नीतियों की अच्छाइयों को स्वीकार कर और सहकारी क्षेत्र की कमियों को दूर कर आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि ऋण, खाद-बीज की उपलब्धता के साथ सहकारी क्षेत्र से और अधिक सरकारी योजनाओं को जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, लघुवनोंपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, गौठानों में महिला समूह द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय जैसी विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों को सहकारी बैंकों से जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (Apex Bank) और नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोआपरेटिव बैंक्स की ओर से रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस सम्मेलन में देश भर से प्रतिनिधि आए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन में देशभर की सहकारिता समितियों को अलग-अलग श्रेणी में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया। इस अवसर पर उन्होंने अपेक्स बैंक की स्मारिका और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर की ओर से प्रकाशित किसान किताब का विमोचन भी किया। सम्मेलन की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की। वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, पूर्व सांसद एवं कृभको के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव, नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक्स मुंबई के अध्यक्ष कोंडरू रविंदर राव, अध्यक्ष नाफेड एवं दिल्ली स्टेट को ऑपरेटिव बैंक डॉ विजेंद्र सिंह, बिहार स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग यूनियन के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर आदि आयोजन में प्रमुखता से शामिल थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले अन्नदाता किसानों को अब ऊर्जा दाता बनाने की जरूरत है। एफसीआई में देश की तीन वर्ष की जरूरत का अनाज जमा है। हमारी आवश्यकता से अधिक अनाज का उत्पादन हो रहा है। केन्द्र को अनाज से भी एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देनी चाहिए। इसके लिए यह भी जरूरी है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई उपज का उपयोग एथेनॉल प्लांट में किया जाए। तभी किसानों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, एथेनॉल प्लांट लगने से रोजगार के अवसर निर्मित होंगे और पेट्रोलियम पदार्थाें पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत होगी। देश आने वाले समय में पेट्रोलियम के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कृषि के क्षेत्र में मशीनीकरण और मवेशी बाजार बंद होने से किसानों और पशुपालकों के लिए आज पशुपालन अनार्थिक हो गया है। मवेशी इनके लिए बोझ बन गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने दो रुपए किलो में गोबर खरीदी की गोधन न्याय योजना से इसका समाधान पेश किया। इस गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, दीये, गमला जैसे उत्पाद महिलाएं तैयार कर रही है। अब गोबर से प्राकृतिक पेंट और बिजली बनाने का काम भी शुरू किया गया है। गोबर बेचने के साथ-साथ उससे तैयार उत्पादों में लोगों को आय का जरिया मिला है। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक 68 लाख क्विंटल गोबर खरीदा जा चुका है और गोबर विक्रेताओं को 136 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसको देखकर झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी इसकी शुरुआत हो रही है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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शिवपुरी के करैरा में चोरों ने एटीएम को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया। धमाके के साथ एटीएम मशीन के परखच्चे उड़ गए और उसमें भरे सात लाख रुपये सड़क पर फैल गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी माैके पर पहुंच गई। शिवपुरी, जेएनएन। मध्य प्रदेश के शिवपूरी से चोरी की एक चौका देने वाली घटना सामने आई है। यहां बदमाशों ने एटीएम से पैसे चुराने के चक्कर में उसे डायनामाइट लगाकर ही उड़ा दिया। धमाका इतना जोरदार था कि एटीएम के परखच्चे उड़ गए और सारा पैसा जमिन पर बिखर गया। धामाके की आवाज सुनकर लोगों की भीड़ जुटने लगी, जिसे देखकर बदमाश सारा कैश छोड़कर भाग गए। एटीएम में इस तरह से चोरी का यह पहला मामला है। घटना शिवपुरी जिले के करैरा इलाके की है। यहां पुराना बस स्टैंड पर इंडिया नंबर वन का एटीएम लगा हुआ था। जानकारी के मुताबिक इस एटीएम पर सिक्युरिटी गार्ड नहीं था, जिसके कारण बदमाश एटीएम को उड़ाने में कामयाब हो गए। घटना मंगलवार-बुधवार रात करीब ढ़ाई बजे की है। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है। मौके पर पहुंची पुलिस को घटना स्थल से करीब सात लाख रुपये बरामद हुए हैं। पुलिस को 6 लाख 72 हजार 500 रुपये के नोट सही सलामत मिले हैं। वहीं 28 हजार रुपये के कटे-फटे नोट मिले हैं। पुलिस ने एटीएम का संचालन करने वाली कंपनी से भी जानकारी मांगी है। कंपनी के कर्मचारियों के अनुसार सर्वर में देखने के बाद ही बताया जा सकेगा कि एटीएम में कुल कितने रुपये थे और इसमें से कितने रुपये बदमाश लेकर भागे हैं। वहीं, पुलिस आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज भी खंगालने में जुट गई है। इसके साथ ही पुलिस इस बात का भी पता लगाने में जुटी है कि बदमाशों को डायनामइट कहां से मिला था। बता दैं कि डायनामाइट से एटीएम में ब्लास्ट करने के लिए बदमाशों ने पास में ही मौजूद ट्रांसफार्मर से बिजली की सप्लाई ली थी। जैसे ही एटीएम मशीन में ब्लास्ट हुआ तो तारों की वजह से ट्रांसफार्मर में भी ब्लास्ट हो गया था। बता दें कि करीब एक साल पहले भी इसी तरह की घटना खनियांधाना में देखने को मिली थी। यहां चोरों ने एटीएम लूटने के लिए बारूद का इस्तेमाल किया था, लेकिन कामयाब नहीं हो सके थे। एटीएम में बड़ा ब्लास्ट नहीं हो पाया था। उस समय पास में ही रहने वाले खनियांधाना के तहसीलदार और चौकीदार ने घटना में रुपये लूटने से बचा लिए थे।
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अपने विवादास्पद बयानों से सुर्खियों में रहने वाले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब के एक नए बयान में फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उनके बयान से आम आदमी पार्टी इतनी नाराज है कि उसने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का इस्तीफा ही मांग लिया है। कैलाश गहलोत ने बिप्लब देब के बयान पर नाराजगी जताई और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से पूछा है कि, 'क्या वह जाट नहीं हैं? अगर आप जाट हैं तो क्या आप मंदबुद्धि हैं, क्या आप पागल हैं? अगर आप पागल हैं, मंदबुद्धि हैं तो आप डिप्टी सीएम कैसे बने? अगर आप मंदबुद्धि नहीं है, पागल नहींं है तो बिप्लब देब का इस्तीफा मांगिए। पूरी आम आदमी पार्टी बिप्लब देब के इस्तीफे की मांग करती है कि अगर किसी सीएम की ऐसी सोच है तो उसे सीएम रहने का कोई हक नहीं है। मैं भाजपा की सीनियर लीडरशिप से भी पूछना चाहता हूं कि आपने बिप्लब देब के खिलाफ क्या कार्रवाई की है। ' दरअसल बिप्लब देब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, 'अगर हम पंजाब के लोगों की बात करें तो हम कहते हैं, वह एक पंजाबी हैं, एक सरदार हैं! सरदार किसी से नहीं डरता। वे बहुत मजबूत होते हैं लेकिन दिमाग कम होता है। कोई भी उन्हें ताकत से नहीं बल्कि प्यार और स्नेह के साथ जीत सकता है। ' उन्होंने आगे कहा था, 'मैं आपको हरियाणा के जाटों के बारे में बताता हूं। तो लोग जाटों के बारे में कैसे बात करते हैं. . . वे कहते हैं. . . जाट कम बुद्धिमान हैं, लेकिन शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। यदि आप एक जाट को चुनौती देते हैं, तो वह अपनी बंदूक अपने घर से बाहर ले आएगा। ' दोनों समुदायों से माफी मांगते हुए बिप्लब देब ने कहा कि, अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमाप्रार्थी हूं। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'अगरतला प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में मैंने अपने पंजाबी और जाट भाइयों के बारे मे कुछ लोगों की सोच का जिक्र किया था। मेरी धारणा किसी भी समाज को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। मुझे पंजाबी और जाट दोनों ही समुदायों पर गर्व है। मैं खुद भी काफी समय तक इनके बीच रहा हूं। ' दोनों समुदाय से माफी मांगते हुए बिप्लब देब ने कहा, मेरे कई अभिन्न मित्र इसी समाज से आते हैं। अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमाप्रार्थी हूं। देश के स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबी और जाट समुदाय के योगदान को मैं सदैव नमन करता हूं और भारत को आगे बढ़ाने में इन दोनों समुदायों ने जो भूमिका निभाई है उसपर प्रश्न खड़ा करने की कभी मैं सोच भी नहीं सकता हूं। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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अय्यर ने कहा है कि कोलकाता की टीम को आक्रामक क्रिकेट खेलना पसंद है और वो भी इसी अंदाज में खेलना पसंद करते हैं। वो चाहेंगे कि आईपीएल 2022 में उनकी टीम पहली गेंद से ही आक्रामक क्रिकेट खेले। कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने आईपीएल 2022 की शुरुआत से पहले अपने प्लान को लेकर बात की है। उन्होंने बताया है कि उन्हें शुरुआत से ही आक्रामक क्रिकेट खेलना पसंद है और वो चाहेंगे कि उनकी टीम इस सीजन में इसी अंदाज में खेले। अय्यर इससे पहले दिल्ली की टीम के कप्तान रहे चुके हैं और उनकी अगुवाई में टीम फाइनल तक पहुंची थी। उन्होंने यह भी बताया कि टीम मैंनेजमेंट के साथ उन्होंने कई बार बैटिंग ऑर्डर को लेकर बात की है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि इस सीजन टीम का बैटिंग ऑर्डर क्या होगा और वेंकटेश अय्यर किस नंबर पर खेलेंगे। अय्यर को केकेआर ने नीलामी में 12. 25 करोड़ रुपये में खरीदा था। टीम का कप्तान बनाए जाने के बाद अपनी फ्रेंचाइजी की आधिकारिक वेबसाइट के लिए बातचीत में उन्होंने कहा "जब मैं केकेआर के खिलाफ खेला हूं, तो वे एक टीम के रूप में आक्रामक और निडर रहे हैं। पहली गेंद से ही, वे आपको बैकफुट पर रखना पसंद करते हैं। आपको ऐसी मानसिकता रखने की जरूरत है और एक बल्लेबाज के रूप में मेरी भी यही मानसिकता है। कप्तान के रूप में मैं टीम से यही सोच चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि हम वहां जाएं, जितना संभव हो सके अपना स्वाभाविक खेल खेलें, अगर हम सस्ते में आउट होते हैं तो बहुत पछतावा नहीं होता है। आप जो कुछ भी करते हैं वह टीम के लिए करते हैं और खुद को पीछे रखते हैं। " केकेआर के लिए पिछले साल शुभमन गिल और वेंकटेश अय्यर ने पारी की शुरुआत की थी। वेंकटेश ने 10 मैचों में 41. 11 के औसत के साथ 370 रन बनाए थे और टीम की सफलता में अहम योगदान दिया था। इस साल एलेक्स हेल्स के बाहर होने पर वेंकटेश के साथ रहाणे पारी की शुरुआत कर सकते हैं। इस पर श्रेयस ने कहा, "उनके बल्लेबाजी क्रम को लेकर हमने अभी कुछ तय नहीं किया है। मुझे कोच और प्रबंधन के साथ बातचीत करने की जरूरत है। " अय्यर ने आगे कहा "जब मैंने भारत के लिए खेलते हुए वेंकी के साथ ये बातचीत की थी, तो हम उसे जिस भी स्थान पर मौका मिलता है वह खेलने के लिए तैयार है। वह बहुत लचीला है। उसने केकेआर के लिए टॉप ऑर्डर में अच्छा प्रदर्शन किया है। वह एक टीम मैन है, मैंने उसे मैदान पर देखा है। जब भी मैंने उससे पूछा कि हम एक टीम के रूप में कैसे करेंगे, वह हमेशा सकारात्मक होता है और जीतने की बात करता है। " श्रेयस खुद भारत के लिए पांचवें नंबर पर खेलते हैं। हालांकि, कोलकाता के लिए वह अपने पसंदीदा स्थान तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करना पसंद करेंगे। उनका कहना है कि टीम को जहां भी उनकी जरूरत है, वहां खेलने में सहज हैं। उन्होंने कहा "आप मूल रूप से खुद को एक किसी एक काम के लिए तय नहीं कर सकते। यह बदल सकता है। एक दिन मैं पावर हिटर हो सकता हूं और दूसरे दिन पारी को संभालने का काम कर सकता हूं। भूमिकाएं परिस्थितियों के अनुसार बदल सकती हैं। आप पारी को एंकर करने के लिए एक विशेष खिलाड़ी पर भरोसा नहीं कर सकते। " श्रेयस ने कहा "मूल रूप से टीम के सभी खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेनी होती है। व्यक्तिगत रूप से, मुझे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करना पसंद है और मुझे लगता है कि यह मेरे लिए सही जगह है क्योंकि मैं उस स्थान पर बहुत लंबे समय से बल्लेबाजी कर रहा हूं। हालांकि, मैं लचीला हूं और जहां भी मेरी टीम को मेरी जरूरत है वहां बल्लेबाजी करने में खुशी होती है। मैं इसके साथ सहज हूं। " हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा गठित तीन सदस्यीय जाँच पैनल ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। जाँच पैनल को सीजेआई रंजन गोगोई के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला। इस पैनल का नेतृत्व जस्टिस एसए बोडबे कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पैनल की रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश एवं दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को सबमिट कर दी गई है। चूँकि यह एक अनौपचारिक जाँच थी, इसीलिए इस जाँच की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। बता दें कि 20 अप्रैल को कई मीडिया पोर्टल्स द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी द्वारा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन शोषण के आरोप लगाने की बात कही गई थी। उक्त महिला कर्मचारी जस्टिस गोगोई के आवास स्थित दफ्तर में कार्यरत थीं। उस महिला द्वारा 22 जजों को दी गई एफिडेविट के आधार पर ये आरोप लगाए गए थे। उस एफिडेविट में महिला ने यौन शोषण की दो घटनाओं का जिक्र किया था। महिला का आरोप था कि जब उन्होंने यह सब करने से इनकार किया, तब उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। तीन जजों वाली इन-हाउस कमिटी ने कहा कि रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी। इस कमिटी में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस इंदु मल्होत्रा भी शामिल थीं।
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हो जाएगा, यह लगभग नगण्य है। तो ऐसे मामले में प्रबल तापीय प्रतिरोध क्षेत्र 4 द्वारा होगा जिसे मैं अभी दिखाया। इसलिए अन्य सभी क्षेत्र के तापीय प्रतिरोध को नगण्य लेकर, किसी भी समय तापमान का वितरण नीचे की आकृति में दिखाया गया आकार लेता है। तो यहाँ मोल्ड मेटल इंटरफ़ेस या कास्टिंग सतह का तापमान 8 समय के साथ अचर माना जा सकता है, क्योंकि मोल्ड भी पानी से ठंडा है। इसलिए आपके पास एक पूरी तरह से पानी से ठंढा मोल्ड है, तो जाहिर है कि इस विशेष धातु की सतह का तापमान अचर होगा, तो हम मान लें कि तापमान 08 80 है, और हम हिमांक (freezing point) को 8 मान लेते हैं, जो कि पोरिंग तापमान से अलग नहीं है, तो e = 6 है। तो यह धातु के हिमांक को इंगित करता है और किसी समय t पर 8(t) ठोसीकरण के गहराई को इंगित करता है जैसा कि आप देख सकते हैं। यह ठोस तरल फ्रंट है और यह आगे dS (t) से बढ़ रहा है और 8 (t) उस शेल की तात्कालिक मोटाई है जो यहां विकसित किया जा रहा है ठोस शेल और प्रक्रिया को एक आयामी ऊष्मा हस्तांतरण (heat transfer) समस्या के रूप में बहुत कम त्रुटि के साथ आदर्श बनाया जा सकता है क्योंकि हमारे पास लगभग एक ऊष्मा अवशोषक (heat sink) है मोल्ड के रूप में क्योंकि यह पानी से ठंडा मोल्ड है और इसलिए ऊष्मा हस्तांतरण आम तौर पर एक आयामी होगा। अधिकतम तापीय प्रतिरोध जो इस तरल को दिया जाता है हिमांक पर वास्तव में साँचे का ठोस भाग होता है और इसका दूसरा सिरा वास्तव में एक अचर तापमान सतह या अचर कास्टिंग सतह तापमान 8 होता है। तो आइए हम इसे देखते हैं इस तरह की समस्या वास्तव में क्या होती है या कैसे होती है, ठोसीकरण समय का अनुमान क्या होगा । (स्लाइड समय 03:57 देखें ) तो आइए हम ठोसीकरण समय का अनुमान लगाते हैं, इसलिए हमें वास्तव में d8 (ts) = 2 मिलता है। हम यहाँ मोल्ड की मोटाई या कास्टिंग मोटाई h के बराबर मानते हैं, इसलिए कास्टिंग के दोनों ओर से ऊष्मा हस्तांतरण होता है इसलिए h/2 वास्तव में एक सतह है जिसके साथ दोनों तरफ से ठोसीकरण आगे बढ़ता है और रुकता है। तो तापमान का प्रोफ़ाइल रेंज X के भीतर 0 और 8 (1) के बीच 00. (2) होता है। मुझे लगता है कि पहले इस के बारे में बात की थी जब हमने रेत के सांचे में तापीय चालकता और तापमान वितरण का प्रश्न किया था। इसलिए मैं यह बताने नहीं जा रहा हूं कि यह समीकरण कैसे आया या आप पहले से ही जानते हैं कि यह एक सिमिलरिटी वैरिएबल विश्लेषण ( similarity variable analysis) और एक आयामी ऊष्मा हस्तांतरण समस्या से आया है जो हमने वास्तव में हल की थी रेत मोल्ड के मामले में । इसलिए इस मामले में मैं सिर्फ उल्लेख करूंगा कि 0 एक इंटेग्रेशन अचर है और हम इसके बारे में परेशान नहीं होंगे क्योंकि अंततः अपने लिए इस मान का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है गणना में, इसलिए यह एक इंटेग्रेशन अचर है यदि आप पूरी प्रक्रिया को याद करते हैं हल करने की, जहां कई ऐसे इंटेग्रल थे जिन्हें का वास्तविक मान का अनुमान लगाने के लिए तैयार किया गया था। एक Qs मूल रूप से सांचे की तापीय डिफ्यूजीविटी (thermal diffusivity) है जो वास्तव में मोल्ड की तापीय चालकता के प्रति इकाई घनत्व से दी जाती है। तो x = 8 (t) पर 8 = 8 है तो अगर इस मां को समीकरण में डालें तो Of Os है, जो आपको याद = a 2Vast Ocx - Os दिलाता है कि यह कास्टिंग सतह का तापमान है। तो आप यह मान रहे हैं कि मोल्ड पानी से ठंडा होता है और अवशोषक के रूप में कार्य करता है, इसलिए यह वास्तव में बदल नहीं सकता क्योंकि हिमांक और कास्टिंग की सतह का तापमान समान है और 0w और 0, इंटेग्रेशन अचर हैं और इसलिए यह वास्तव में एक अचर 1 है। आइए हम इसे अचर 1 कहते हैं, इसलिए अब हमारे पास है। (स्लाइड समय 07:20 देखें) अनुपात 5=1000 के रूप में परिभाषित किया गया है और दूसरे शब्दों में 8 (1) = 25 Var है है। मान लो x = 8(t) है। तो आगे हम मान लेते हैं कि एक अन्य और हमारे पास (८) = ^ है। एक बार फिर, हम पाते हैं कि ठोसीकरण की गहराई समय के वर्गमूल के रूप में बदलती है जैसा आप यहां देख सकते हैं। अब ठोसीकरण के समय का पता लगाने के लिए ६ का निर्धारण किया जाना चाहिए, इन दो समीकरणों के साथ। तो आइए हम ठोस, तरल इंटरफेस में ऊर्जा संतुलन (energy balance) या ऊर्जा प्रवाह की दर पर विचार करें। हमारे पास ks (2)x=8 = Pm LG है। यह है मोल्ड, यह ठोस हिस्सा है और यह मूल रूप से तरल हिस्सा है इसलिए हम इस_x = 8 के बारे में बात कर रहे हैं समय के फलन के रूप में। तो अगर वहाँ एक गहराई है तो ks (24)xs =PL होना चाहिए ।
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- शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा और लड़ाई लड़ी जाएगी। - संजय राउत ने केंद्र सरकार पर बरसते हुए 'अफजल खान', 'कंस' और 'रावण' का जिक्र किया। मुंबईः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक को बुधवार को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया। मलिक की गिरफ्तारी से महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक भूचाल आ गया और चारों तरफ से बयानबाजी होने लगी। इसी कड़ी में शिवसेना के नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार पर बरसते हुए 'अफजल खान', 'कंस' और 'रावण' का जिक्र किया। राउत ने कहा कि नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा और लड़ाई लड़ी जाएगी। राउत ने कहा, 'महा विकास आघाडी से जब सामने-सामने नहीं लड़ सके, तब पीठ पीछे अफजल खान की तरह वार किया है, करने दो। एक मंत्री को कपट से अंदर डालने का काम करके किसी को आनंद आ रहा है तो आने दीजिए। नवाब मलिक से हम इस्तीफा नहीं लेंगे, हम लड़ेंगे और जीतेंगे। कंस और रावण को भी मारा गया था। यही हिंदुत्व है। जय महाराष्ट्र। ' इससे पहले राउत ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां 'माफिया' की तरह बीजेपी के उन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रही हैं जिन्होंने उनके झूठ को उजागर किया है। राउत ने कहा, 'यह महाराष्ट्र सरकार के लिए एक चुनौती है। केंद्रीय एजेंसियां माफिया की भांति बीजेपी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रही हैं जो उनके झूठ को उजागर करते हैं। लेकिन सच की जीत होगी और लड़ाई जारी रहेगी। यह 2024 तक जारी रहेगा और उसके बाद उन्हें नतीजा भुगतना होगा। मैंने महा विकास आघाडी सरकार के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात की है। मैं जल्द ही केंद्रीय जांच एजेंसियों के बारे में खुलासा करूंगा। ' बता दें कि इससे पहले ईडी राउत के करीबियों के यहां भी छापे मार चुकी है और पीएमसी बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी पत्नी वर्षा राउत से पूछताछ कर चुकी है।
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यह विषय दुखी है, लेकिन उसे अपनी आंखें बंद करने के लिएअस्तित्व असंभव है। दुर्भाग्यवश, कई पिता जैविक अर्थ और औपचारिक रूप से ऐसे ही हैं। उनके लिए बच्चे, सबसे अच्छे से, कुछ भी मतलब नहीं है, बदतर में - वे बच्चे की कीमत पर अपनी दुर्भाग्य और आत्म-पुष्टि को हटाने का उद्देश्य हैं। और सभी मामलों में मां बच्चे के साथ तथाकथित पिता के संचार को सीमित कर सकती है। और किसी बिंदु पर, यह पिता की उपस्थिति है, न कि उनकी अनुपस्थिति, जो मुख्य परिवार की समस्याओं में से एक बन जाती है। यह भी अजीब बात है कि सामाजिक कार्यकर्ता अक्सरइस तरह के उत्साह माताओं कि अपने बच्चों के बहुत शौकीन हैं, लेकिन गरीब हैं, अगर यह पिता के माता पिता का अधिकार से वंचित है की माता पिता का अधिकार से वंचित करने के लिए अपील कर, बस स्थिति की अनदेखी के साथ। सीधे शब्दों में कहें, सामाजिक सुरक्षा मुख्य रूप से माता-पिता की वित्तीय स्थिति की ओर ध्यान खींचता है, और अगर यह बहुत मामूली है, यह अपने दम पर पहल लेता है। लेकिन अगर मां जिस स्थिति में यह एक लंबे समय के अदालतों के आसपास चलाने के लिए होगा और उनके मामले का बचाव करने के लिए एक बेकार पिता माता पिता का अधिकार, वंचित करने के लिए कोशिश कर रहा है। ऐसा क्यों होता है अस्पष्ट है, लेकिन तथ्यएक तथ्य बनी हुई है। अगर कोई महिला अपने माता-पिता के अधिकारों को वंचित करने के लिए ऐसा कदम उठाने का फैसला करती है, तो उसे इस तथ्य के लिए तैयार रहना होगा कि यह प्रक्रिया एक दिन नहीं हो सकती है। और कारणों को सम्मानित नहीं होना चाहिए, न केवल मामले जीतने के लिए, बल्कि यह भी क्योंकि यह आपके समय और नसों को बचाता है। सामान्य रूप से, इससे पहले कि आप कैसे वंचित रहेंपिता के माता-पिता के अधिकार, आपको कारणों के बारे में गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। अगर किसी मां के बारे में उसकी शिकायतें होती हैं, तो बच्चों के बारे में बहुत कम - उदाहरण के लिए, उसने बच्चे के जन्म से पहले गर्भपात पर जोर दिया - तो शायद, दावा व्यक्तिगत है और पूरी तरह से उचित नहीं है। एक बार गलती करने के बाद, एक आदमी अंततः सबकुछ महसूस कर सकता है, हम सभी गलतियां करते हैं। शायद भविष्य में एक बच्चा उसे माफ कर देगा और उसके साथ संवाद करना चाहता है। यह एक और बात है जब पिताजी उनकी मौजूदगी के साथया अस्तित्व कल्याण, स्वास्थ्य या यहां तक कि बच्चों के जीवन को भी धमकाता है। इन मामलों में, विशेष रूप से अंतिम दो, यह वास्तव में अपने आप को बचाने के लिए उपयुक्त है, इसमें अधिकतम प्रयास करना। जब स्थिति इतनी तेज हो जाती है, तो शायद अदालत में रिकॉर्ड का इस्तेमाल सबूत के रूप में करने के लिए एक छिपे हुए कैमरे को खोलने के लिए भी समझ में आता है। पिता के माता-पिता के अधिकारों की कमी के रूप में ऐसी प्रक्रिया का सहारा लेना वास्तव में संभव और आवश्यक कब है? न्याय इस तरह के कारणों की पहचान करता हैः 1. मां पिता के साथ नहीं रहती है, वह बच्चे के जीवन में रूचि नहीं दिखाता है, वित्तपोषण नहीं करता है या शायद ही उसे वित्त पोषित करता है। 2. वही (पी .1), लेकिन, इसके अलावा, मां पहले से ही किसी अन्य व्यक्ति के साथ रह रही है जिसके बच्चे हैं और उसे अपनाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास एक और पिता है। 3। अगर मेरी मां अपने निवास स्थान और विदेश जाने जा रही है, तो अपने पिता की अनुमति के बिना ऐसा करना असंभव है। किसी भी कारण से, किसी भी तर्क से रहित, पिता जो अपने बच्चों के जीवन में शामिल नहीं हैं, जिन्होंने उन्हें महीनों तक नहीं देखा है, अक्सर एक बच्चे को विदेश जाने से रोकते हैं। 4. पिता समाज के लिए खतरनाक हैः पागल, मानसिक रूप से बीमार। 5. एक आदमी दुर्भावनापूर्ण रूप से गुमनाम के भुगतान से बचता है। 6. पिता एक पुरानी शराब या नशे की लत है। उपर्युक्त कारणों के अलावा, प्राकृतिकअगर वह गंभीर रूप से बच्चे को मारता है तो पिता के माता-पिता के अधिकारों के वंचित होने के खिलाफ मुकदमा दायर कर रहा है। यहां साक्ष्य की आवश्यकता है, चोट पर्याप्त नहीं होगी। बच्चे की गंभीर उम्र में, उनकी गवाही सबूत माना जाएगा।
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नई दिल्ली (एएनआई): मंगलवार को वर्चुअल प्रारूप में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अफगान धरती का इस्तेमाल अपने पड़ोस को अस्थिर करने के लिए करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एससीओ प्रमुखों की शिखर बैठक में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मानवीय सहायता और काबुल में निर्वाचित सरकार स्थापित करना एससीओ की प्रमुख प्राथमिकताएं हैं. "अफगानिस्तान की स्थिति ने क्षेत्र की सुरक्षा को सीधे प्रभावित किया है। अफगानिस्तान के लिए भारत की चिंताएं और आकांक्षाएं अन्य एससीओ देशों के समान हैं। हमें अफगान लोगों के कल्याण के लिए सामूहिक रूप से काम करना होगा। अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता, एक गठन निर्वाचित और समावेशी सरकार, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ना और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना- ये सभी हमारी साझा प्राथमिकताएं हैं। " पीएम मोदी ने यह भी कहा कि सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण एससीओ के लिए भारत के दृष्टिकोण के स्तंभ हैं। शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित अन्य ने भाग लिया। भारत 2005 में एक पर्यवेक्षक देश के रूप में एससीओ में शामिल हुआ और 2017 में अस्ताना शिखर सम्मेलन में समूह का पूर्ण सदस्य बन गया। सितंबर 2022 में समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में, भारत ने पहली बार उज्बेकिस्तान से एससीओ की अध्यक्षता संभाली। (एएनआई)
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यह ध्यान दिया जाता है कि प्रौद्योगिकी पहले से ही जमीन-आधारित संचार परिसर के हिस्से के रूप में आवश्यक परीक्षण से गुजर रही है। यूनाइटेड इंस्ट्रूमेंट मेकिंग कॉर्पोरेशन सर्गेई स्कोकोव के डिप्टी जनरल डायरेक्टर ने कहा कि नई तकनीक को डेटा ट्रांसफर स्पीड के मामले में सैटेलाइट से नहीं उपजना चाहिए। सर्गेई स्कोकोवः हमारी चिंता के विकास में, "तारामंडल", मौलिक रूप से नए दृष्टिकोण लागू किए गए हैं जो कई बार डेटा ट्रांसफर गति को बढ़ाने और तीन बार - उपकरण को हस्तक्षेप और सुनने से बचाने के लिए अनुमति देते हैं। अब सिस्टम का परीक्षण किया जा रहा है, समानांतर में, हम सॉफ्टवेयर को अंतिम रूप दे रहे हैं, जो उपकरण की गति और सीमा को और बढ़ाएगा। यह ध्यान दिया जाता है कि नई तकनीक प्राकृतिक और कृत्रिम रूप से बाधित दोनों की स्थितियों में सूचनाओं के आदान-प्रदान की अनुमति देती है। इसके अलावा, संचार की विश्वसनीयता एक नए ब्रॉडबैंड तरंग के उपयोग के कारण है, जो तथाकथित आवृत्ति ट्यूनिंग का उपयोग करता है। यह ऐसा रूप है जो आपको हस्तक्षेप पर ध्यान नहीं देने की अनुमति देता है। रेडियो स्टेशन स्वयं लघु तरंग दैर्ध्य रेंज में संचालित होता है, जिसे पारंपरिक रूप से अविश्वसनीय और खराब संरक्षित माना जाता है। नई तकनीक इस स्टीरियोटाइप को चुनौती देने की अनुमति देती है। 2017 वर्ष के लिए सभी आवश्यक परीक्षणों को पूरा करना निर्धारित है।
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यह अध्ययन अर्थव्यवस्था के वित्त-तटस्थ आउटपुट अंतराल (एफएनओजी) का संदर्भ, औचित्य और विश्लेषणात्मक ढांचा उपलब्ध कराता है। पारंपरिक (मुद्रास्फीति-तटस्थ) उपाय में, मुद्रास्फीति अर्थव्यवस्था की स्थिति का मुख्य संकेतक है, अन्य शब्दों में इस उपाय में अर्थव्यवस्था में असंतुलन मुख्य रूप से उच्च या न्यून मुद्रास्फीति में प्रतिबिंबित होता है। तथापि, एफएनओजी में, आधिक्य क्रेडिट वृद्धि और असंधारणीय आस्ति बाजार प्रतिफल के रूप में वित्तीय चरों के उच्च स्तर मुद्रास्फीति की अपेक्षा असंतुलन के मुख्य स्रोत हैं। भारतीय संदर्भ में पारंपरिक आउटपुट अंतराल बनाम एफएनओजी दोनों के बीच उल्लेखनीय विचलन दर्शाता है। नवीनतम आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में एफएनओजी हाल की तिमाहियों में क्रेडिट वृद्धि में अभिवृद्धि और गतिशील आस्ति बाजार स्थितियों के कारण पारंपरिक आउटपुट अंतराल की तुलना में तेजी से बंद हुआ है। आउटपुट अंतराल "संभावित आउटपुट" से वास्तविक आउटपुट का विचलन दर्शाता है, संभावित आउटपुट को आर्थिक गतिविधि के अधिकतम स्तर के रूप में परिभाषित किया गया है जिसे पूरी क्षमता से परिचालित होने पर कोई अर्थव्यवस्था हासिल कर सकती है। आउटपुट अंतराल सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है तथा यह अर्थव्यवस्था की चक्रीय स्थिति बताता है। सकारात्मक आउटपुट जो वास्तविक आउटपुट के संभावित आउटपुट से ऊपर होने पर होता है, अर्थव्यवस्था में आधिक्य मांग दर्शाता है जो मुद्रास्फीतिकारी दबाव उत्पन्न कर सकता है। इसके विपरीत, नकारात्मक आउटपुट जो संभावित आउटपुट की तुलना में अंतराल-वास्तविक आउटपुट से कम होता है, उस समय उत्पन्न होता है जब अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग नहीं होता है और यह कम मांग दर्शाता है। आउटपुट अंतराल जो अर्थव्यवस्था में मांग स्थितियों का सारांश उपाय है, मेक्रो अर्थव्यवस्था की स्थिति का उपयोग संकेतक उपलब्ध कराता है और इसका मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में उपयोग किया जाता है। पारंपरिक रूप से, मुद्रास्फीति को अर्थव्यवस्था में समष्टि-आर्थिक असंतुलन के मुख्य लक्षण के रूप में देखा गया है जिसे आउटपुट अंतराल के विभिन्न मापों में उतार-चढ़ावों द्वारा प्राप्ति किया गया है। तथापि, इतिहास में ऐसे उदाहरण देखे गए हैं जब मुद्रास्फीति कम और स्थायी थी, चाहे आउटपुट असंधारणीय रूप से बढ़ रहा था। वित्तीय असंतुलन के बड़े निर्माण का मामला था जैसाकि अगस्त 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट (जीएफसी) से पहले आधिक्य क्रेडिट वृद्धि और उच्च आस्ति कीमतों में प्रदर्शित हुआ। बड़े क्रेडिट की वृद्धि से आवास और अन्य आस्तियों के लिए मांग बढ़ी, जिससे उनके मूल्य में बढ़ोतरी हो गई और घरेलू तथा फर्मों की आय में वृद्धि हुई। इसने बैंकों को अधिक निवेश का वित्तपोषण करने के लिए क्रेडिट प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित किया। नए क्षमता संवर्धन से आर्थिक विस्तार ने आपूर्ति प्रतिबंधों को सहज बनाया और कई अर्थव्यवस्थाओं में समग्र वृद्धि दर में बढ़ोतरी की। इसके अतिरिक्त, इस मजबूत वित्तीय उछाल के परिणामस्वरूप उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी मात्रा में पूंजीगत प्रवाह हुआ जिसके कारण उनकी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि हुई। इन कारकों ने मुद्रास्फीति को उदार रखते हुए मूल्य पर नीचे की ओर दबाव डाला। पारंपरिक ज्ञान से, व्यक्ति अर्थ निकाल सकता है कि उदार मुद्रास्फीति से मिली हुई यह उच्च आर्थिक वृद्धि संधारणीय थी। तथापि, वित्तीय क्षेत्र के आंकड़ों पर निकट दृष्टि से पता चला कि यह तेज आर्थिक वृद्धि वित्तीय उछाल के कारण थी जिसका परिणाम संसाधनों के त्रुटिपूर्ण आबंटन और असंधारणीय आस्ति कीमतों के रूप में हुआ। संकट आने और वित्तीय स्थिति कठोर होने के बाद, समग्र मांग बदतर हो गई और इनमें से कई अर्थव्यवस्थाएं अंततः लंबी मंदी के दौर में चली गई। उपर्युक्त संदर्भित गतिविधियों ने नए आउटपुट अंतराल की माप को जन्म दिया जिसे लोकप्रिय रूप से वित्त-तटस्थ आउटपुट अंतराल या एफएनओजी के रूप में जाना जाता है जो मुद्रास्फीति की अपेक्षा बैंक क्रेडिट और आस्ति बाजारों में हुई हलचल से वित्तीय गतिविधियों पर आधारित आर्थिक वृद्धि की संधारणीयता का मूल्यांकन करता है। इस माप में, सकारात्मक आउटपुट अंतराल वित्तीय बाजार में अधिक गतिविधियों के कारण अर्थव्यवस्था में अति-उष्णता (ओवरहीटिंग) दर्शाता है जबकि नकारात्मक आउटपुट अंतराल दबावग्रस्त वित्तीय स्थितियों के चलते अर्थव्यवस्था में सुस्ती दर्शाता है। अग्रणी केंद्रीय बैंक जिसमें बैंक ऑफ इंग्लैंड, दि यूरोपीयन सेंट्रल बैंक, बैंको डी एसपाना आदि हैं, मौद्रिक नीति के लिए एफएनओजी का एक इनपुट के रूप में उपयोग करते हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), अंतरराष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) और एशियन विकास बैंक (एडीबी) ने भी मौद्रिक नीति के लिए एफएनओजी की उपयोगिता पर जोर डाला है। एफएनओजी का भारतीय संदर्भ में भी अनुमान लगाया गया है। इस अनुमान को अब अक्टूबर 2017 से रिज़र्व बैंक द्वारा अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में आउटपुट अंतराल के पारंपरिक उपायों के साथ सम्मिलित किया गया है। एफएनओजी का अनुमान लगाने के लिए पद्धति और भारतीय संदर्भ में अनुभनजन्य अनुमान नीचे दिए गए हैं। तकनीकी ब्यौरे अनुलग्नक में हैं। वास्तविक आउटपुट से भिन्न, संभावित आउटपुट का स्तर और इस प्रकार आउटपुट अंतराल सीधे नहीं देखा जा सकता और इसका अनुमान अन्य उपलब्ध समष्टि आर्थिक आंकड़ों से लगाया जाता है। संभावित आउटपुट का अनुमान लगाने के लिए विभिन्न पद्धतियों का उपयोग किया गया है, किंतु वे सभी मानती हैं कि आउटपुट को प्रवृत्ति (संभावित आउटपुट की माप) और चक्रीय संघटक (आउटपुट अंतराल की माप) में वर्गीकृत किया जा सकता है। संभावित आउटपुट और आउटपुट अंतराल का अनुमान लगाने का सबसे सामान्य सांख्यिकीय दृष्टिकोण एकल चरीय सांख्यिकीय फिल्टर जैसे होडरिक-प्रेसकॉट (एचपी) फिल्टर का उपयोग करना है जो देखे गए आउटपुट आंकड़ों (अनुलग्नक) से चक्र (आउटपुट अंतराल) और प्रवृत्ति (संभावित आउटपुट) निकालने में मददगार होता है। एकल चरीय दृष्टिकोण का लाभ है कि यह सरल है और इसे आउटपुट आंकड़ों अर्थात सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए सीधा उपयोग किया जा सकता है। तथापि, एकल चरीय फिल्टरों से आउटपुट अंतराल अनुमानों की अनेक सीमाएं हैं। वे स्वरूप में पूरी तरह से सांख्यिकीय हैं और किसी प्रकार की आर्थिक संरचना को सम्मिलित नहीं करते हैं तथा किसी संभावित आउटपुट या आउटपुट अंतराल का आर्थिक परिकल्पना के अनुरूप नहीं हो सकते। इसके अतिरिक्त, एकल चरीय सांख्यिकीय फिल्टर स्वाभाविक रूप से एंड-पॉइंट समस्या से ग्रस्त होते हैं जबकि प्रवृत्ति और चक्र के नवीनतम अनुमानों में नई सूचना के आने से काफी संशोधन होता है। इस प्रकार, वे नवीनतम अवधि के लिए कम सटीक अनुमान उपलब्ध करा सकते हैं जिनका नीति निर्माण में अधिक महत्व होता है। एकल चरीय दृष्टिकोणों के साथ जुड़ी उपर्युक्त संदर्भित समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए बहु-चरीय कॉलमैन फिल्टर (एमवीकेएफ) तकनीक का पालन किया जाता है जिसमें अन्य समष्टि-आर्थिक आंकड़ों का उपयोग होता है जो उल्लेखनीय हैं। एमवीकेएफ का उपयोग करते हुए पारंपरिक आउटपुट अंतराल की माप करने के लिए, अनुसंधानकर्ताओं ने मुद्रास्फीति को अतिरिक्त चर के रूप में शामिल किया है क्योंकि इसे असंधारणीयता का मुख्य स्रोत माना जाता है। इस प्रकार प्राप्त आउटपुट अंतराल को मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतराल कहा जाता है। एमवीकेएफ के साथ मापे जाने वाले एफएनओजी में, अनुसंधानकर्ताओं ने मुद्रास्फीति की बजाय वित्तीय चरों के एक सेट का उपयोग किया है। उपयोग किए गए वित्तीय चर मुख्य रूप से बैंक क्रेडिट वृद्धि और रियल स्टॉक बाजार प्रतिफल (अनुलग्नक) हैं। इस प्रकार मुद्रास्फीति-तटस्थ माप के प्रति जो मुद्रास्फीति को असंधारणीयता के स्रोत के रूप में सम्मिलित करती है, एफएनओजी में वित्तीय चरों का उपयोग आउटपुट अंतराल का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है (अनुलग्नक)। सारणी 1 में प्रस्तुत अनुमानित परिणाम दर्शाते हैं कि वास्तविक नीति दर चार तिमाहियों के अंतराल के साथ एफएनओजी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। वास्तविक क्रेडिट वृद्धि और वास्तविक स्टॉक बाजार प्रतिफल क्रमशः दो तिमाहियों और एक तिमाही के अंतराल के साथ एफएनओजी को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। ।तालिका 1: रिग्रेशन अनुमान - निर्भर चरः आउटपुट गैप (yt) yt : आउटपुट अंतर; rt: वास्तविक ब्याज दर; bct: असली बैंक क्रेडिट वृद्धि; स्रोतः भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस (डीबीआईई), आरबीआई और लेखकों की गणना। तालिका 1 में एफएनओजी अनुमानों की समयबद्ध योजना संकेत देती है कि पूर्व जीएफसी अवधि (क्यू 2: 2008-09 से पहले) में एफएनओजी सकारात्मक था - वास्तविक उत्पादन संभावित उत्पादन से ऊपर था जो वित्तीय क्षेत्र और अर्थव्यवस्था में कुछ असंतुलन का सूचक है। यह उल्लेखनीय है कि 2005-06 से क्यू 1: 2008-09 की अवधि के दौरान वास्तविक गैर-खाद्य ऋण और वास्तविक शेयर बाजार (बीएसई सेंसेक्स) प्रतिफल क्रमशः 23.8 प्रतिशत और 34.9 प्रतिशत की वार्षिक औसत दर से बढ़ा, जो औसत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत (चार्ट 2 ए और 2 बी) की तुलना में बहुत तेज है। जीएफसी के दौरान, एफओएनजी कुछ वर्षों तक सकारात्मक आउटपुट अंतर देखने के लिए उबरने के पहले मुख्य रूप से परिसंपत्तियों की कीमतों में तेज गिरावट के कारण नकारात्मक हो गया। हालांकि, 2013-14 के बाद, एफएनओजी कम क्रेडिट वृद्धि और निराशाजनक शेयर बाजार स्थितियों के कारण नकारात्मक बना रहा, यह 2017-18 से धीरे-धीरे सीमित हो गया। भारत के लिए एफएनओजी बनाम मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर की एक और विस्तृत तुलना से पता चलता है कि दोनों के बीच महत्वपूर्ण अंतर हैं जोकि तीन चरणों (चार्ट 3 और 4) से स्पष्ट हो जाता है। चरण I (क्यू 1: 2012-13 से क्यू 4: 2014-15) में, एफएनओजी मुद्रास्फीति-तटस्थ उत्पादन अंतर से अधिक था और अधिकतर सकारात्मक क्योंकि इस अवधि में उच्च क्रेडिट वृद्धि और वास्तविक शेयर बाजार प्रतिफल की घटनाएं देखी गई। हालांकि, मुद्रास्फीति-तटस्थ उत्पादन अंतर पूरी अवधि में नकारात्मक रहा। चरण II (क्यू 1: 2015-16 से क्यू 4: 2016-17) में, मुख्य रूप से बैंकों और निगमों की तनावग्रस्त बैलेंस शीट के साथ-साथ वास्तविक शेयर बाजार के नकारात्मक प्रतिफल के रूप में प्रतिबिंबित निराशाजनक शेयर बाजार के कारण कम क्रेडिट वृद्धि के रूप में कमजोर वित्तीय स्थितियों के कारण एफएनओजी नकारात्मक क्षेत्र में रहा और मुद्रास्फीति-तटस्थ उत्पादन अंतर से काफी कम रहा। चरण III (2017-18) में, एफएनओजी नकारात्मक रहा लेकिन क्रेडिट वृद्धि और उत्साहजनक शेयर बाजार स्थितियों के पुनरुत्थान को दर्शाते हुए,समाप्ति के करीब रहा। इस चरण के दौरान, मुद्रास्फीति-तटस्थ उत्पादन अंतराल भी नकारात्मक रहा और समाप्त होने के लिए प्रतिबद्ध रहा, लेकिन एफएनओजी की तुलना में धीमी गति से। एफएनओजी को समझाने में वित्तीय चर की भूमिका एफएनजीजी के ऐतिहासिक परिवर्तनीय विश्लेषण से भी स्पष्ट है,जो इसके विकास (चार्ट 5) पर विभिन्न कारकों के योगदान को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, क्रेडिट वृद्धि और शेयर बाजार प्रतिफल ने चरण II (Q1: 2015-16 से Q4: 2016-17) में एफएनओजी के विकास के लिए नकारात्मक योगदान दिया। हालांकि, चरण III (2017-18) में, वित्तीय बाजार चरों ने एफएनजीजी को सकारात्मक योगदान दिया है। वित्तीय बाजार की जानकारी को शामिल करने वाले आउटपुट अंतर के आकलन ने हाल के वर्षों में लोकप्रियता हासिल की है। एफएनओजी उपाय, जो वित्तीय बाजार संकेतकों को शामिल करता है, नीति उद्देश्यों के लिए अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के लिए उपयोग किए गए संकेतकों के सेट के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर माप मुद्रास्फीति पर अर्थव्यवस्था में असंतुलन के स्रोत के रूप में निर्भर है। तथापि, यह उपाय प्री-जीएफसी अवधि में उच्च क्रेडिट वृद्धि और परिसंपत्ति बाजार रिटर्न से उत्पन्न असंतुलन को पकड़ने में असफल रहा। एफएनओजी आउटपुट अंतर का आकलन करने के लिए एफएनओजी वित्तीय क्षेत्र के संकेतकों को ध्यान में रखता है, जैसे कि क्रेडिट और परिसंपत्ति बाजार चर । भारतीय परिपेक्ष्य में ति1:2006-07 से ति3: 2017-18 की अवधि के लिए अनुमानित एफएनओजी उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, खासकर उच्च / निम्न क्रेडिट वृद्धि और शेयर बाजार रिटर्न की अवधि में, जो कि पारंपरिक उपाय नहीं प्रदान करते। एफओएनजी ति3: 2014:15 के बाद से नकारात्मक रहा, लेकिन ति2: 2017:18 तक लगभग बंद हुआ। मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर के साथ एफएनओजी की तुलना से पता चलता है कि ति1: 2012-13 से ति4: 2014-15 के दौरान, एफएनओजी मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर से ऊपर रहा। तथापि, ति1:2015-16 से ति4:2016-17 के दौरान, एफएनओजी मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर से काफी नीचे रहा, जो ज्यादातर कम क्रेडिट वृद्धि के कारण था। ति1:2017-18 से, दोनों मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर और एफएनओजी नकारात्मक बने रहे लेकिन धीरे-धीरे बंद होने की तरफ झुके। हालांकि, एफएनओजी मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर के मुकाबले तेजी से बंद हो गया। संभावित आउटपुट और आउटपुट अंतर दोनों के अनुमान असुरक्षित चर हैं, और उनके अनुमान चयनित दृष्टिकोण के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। इसलिए, आरबीआई स्टाफ, वैकल्पिक अनुमान दृष्टिकोण का उपयोग करके, विभिन्न सर्वेक्षणों और अन्य समष्टि आर्थिक चर से प्राप्त जानकारी के पूरक, कारोबार चक्र के चरण पर अधिक मजबूत संदर्भ आकर्षित करने के लिए आउटपुट अंतराल का मूल्यांकन करता है। सी. बोरियो. पी. डिसयाटैट और एम. जुसेलियस, "रिथिंकिंग पोटेंशियल आउटपुटः एमबेडिंग इनफॉर्मेशन एबाउट द फाइनेंशियल साइकल," बीआईएस वर्किंग पेपर, 404, (फरवरी 2013)। ए ओकुन, "पोटेंशियल जीएनपीः इट्स मेजेरमेंट एण्ड सिगनिफिकेंट," बिजनेस और इकॉनामिक स्टेटिस्टिक्स सेक्शन, वाशिंगटनःअमेरिकन स्टेटिकल एसोशिएसन, (1962), पीपी 98-104। डी.पी. रथ, पी. मित्रा, और जे. जॉन, "ए मेजर ऑफ फाइनेंस-न्यूट्रल आउटपुट गैप फॉर इंडिया", आरबीआई वर्किंग पेपर सीरीज़, डब्ल्यूपीएस (डीईपीआर), मार्च (2017)। यह तकनीकी अनुबंध आउटपुट अंतर के यूनिवेरिएट स्टेटिकल फ़िल्टर, मुद्रास्फीति-तटस्थ और वित्त-तटस्थ उपायों के विश्लेषणात्मक सेटअप का विवरण देता है। होड्रिक-प्रेस्कॉट (एचपी) फ़िल्टर आउटपुट अंतर का आकलन करने के लिए सबसे लोकप्रिय रूप से उपयोग किया जानेवाला यूनिवेरिएट स्टेटिकल फ़िल्टर में से एक है। यह फ़िल्टर पर्यवेक्षण के भारित चल औसत पर आधारित है जो नमूना अवधि की शुरुआत और अंत के करीब पर्यवेक्षण पर अधिक भार डालता है। यह विधि निम्न फ़ंक्शन को कम करके संभावित आउटपुट (Ȳt) प्राप्त करती है, पहला शब्द प्रवृत्ति से Yt के वर्ग विचलन का योग है, अर्थात संभावित उत्पादन (Ȳt), जो चक्रीय घटक को दंडित करता है। दूसरा शब्द संभावित आउटपुट (Ȳt) के दूसरे अंतर के वर्गों के योग के एकाधिक λ है। दूसरा शब्द संभावित आउटपुट (Ȳt) की वृद्धि दर में परिवर्तन को दंडित करता है। पॉजिटिव पैरामीटर λ जितना बड़ा होगा, उतना अधिक जुर्माना और परिणामस्वरूप संभावित अनुमान बराबर होगा। इसलिए, सीमित मामले में अगर λ = 0 तब नरमी के लिए कोई दंड नहीं है, फिल्टर इस श्रृंखला के रूप में ही झुकाव उत्पन्न करता है। दूसरी तरफ, यदि λ बहुत उंचाई पर है, तो नरमी के लिए वहां एक उच्च वेटेज होगा और झुकाव एक सीधी रेखा होगी। आउटपुट अंतर (yt) को लॉग टर्म (Yt) में वास्तविक आउटपुट4 के विचलन के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो इसके संभावित स्तर (Ȳt) से होता है। समीकरणों (2) और (3) के अतिरिक्त, आउटपुट अंतर को निम्नानुसार एक ऑटो रेग्रेसिव प्रक्रिया के रूप में मॉडलिंग किया गया है : मुद्रास्फीति-तटस्थ दृष्टिकोण में, आउटपुट के टिकाऊ स्तर को संगत आउटपुट के स्तर के रूप में कम और स्थिर मुद्रास्फीति (ओकुन, 1962) के साथ परिभाषित किया गया है। इसलिए, मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर माप का अनुमान लगाने के लिए, मुद्रास्फीति के लिए फिलिप्स कर्व इक्वेशन को शामिल किया गया, जो निम्नलिखित प्रक्रिया के अनुसार मुद्रास्फीति (πt) पर देखने योग्य डेटा के आउटपुट अंतर के विकास को जोड़ता है। इस ढांचे से अनुमानित आउटपुट अंतर (समीकरण 2 से 5 का उपयोग करके) मुद्रास्फीति स्तर के अनुरूप है और मुद्रास्फीति-तटस्थ आउटपुट अंतर के रूप में जाना जाता है। इस ढांचे में, वास्तविक ब्याज दर के साथ वित्तीय चर (वास्तविक बैंक क्रेडिट वृद्धि और वास्तविक शेयर बाजार वापसी) आउटपुट अंतर के लिए विवरणात्मक चर के रूप में उपयोग किया जाता है। इन चरों को शामिल करने के बाद संशोधित आउटपुट अंतर समीकरण नीचे दिया गया हैः जहां Xt = (rt, bct, sensext) ; rt : वास्तविक पोलिसी रेट; bct : वास्तविक बैंक क्रेडिट वृद्धि; sensext : बीएसई सेंसेक्स द्वारा वास्तविक स्टॉक मार्केट रिटर्न प्रॉक्सी। इस ढांचे से अनुमानित आउटपुट अंतर (समीकरण 2, 3 और 6 का उपयोग करके) वित्त-तटस्थ आउटपुट अंतर के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह माप वित्तीय चर में गतिविधि के लिए नियंत्रण करता है। बहुविकल्पीय कलमैन फ़िल्टर लागू करके राज्य स्पेस ढांचे में क्वासी मैक्सिमम लाइकलीहुड (क्यूएमएल) मैथड का उपयोग करके समीकरणों की प्रणाली का अनुमान लगाया जाता है। रूडोल्फ ई. काल्मन के नाम पर रखा गया कलमैन फ़िल्टरिंग, एक एल्गोरिथम है जो समय के साथ देखे गए माप चर की एक श्रृंखला का उपयोग करता है, जिसमें सांख्यिकीय नॉइज़ और अन्य त्रुटियां होती हैं, और अप्रत्यक्ष चर के अनुमान उत्पन्न करती हैं।
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स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में कमाल का प्रदर्शन करते हुए दो पदक जीते। इस बीच कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट वेटलिफ्टर गुरदीप सिंह ने काफी निराश किया। वह अपनी स्पर्धा में 21वें जगह पर रहे। यह राष्ट्रमंडल खेलों में उनके प्रदर्शन से भी काफी खराब है। हिंदुस्तान को इस प्रतियोगिता में दोनों पदक मीराबाई चानू ने दिलाए। राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता भारोत्तोलक गुरदीप सिंह ने बोगोटा में विश्व चैंपियनशिप में निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए मर्दों के 109 किग्रा से अधिक के भार वर्ग में 21वां जगह हासिल किया। ग्रुप-सी में प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए हिंदुस्तान के इस वेटलिफ्टर ने 350 किग्रा (145 किग्रा और 205 किग्रा) वजन उठाया जो इस वर्ष के प्रारम्भ में राष्ट्रमंडल खेलों में दिखाए गए प्रदर्शन से 40 किग्रा कम है। भारत ने इस प्रतियोगिता में सिर्फ दो पदक जीते। उसे यह दोनों पदक स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने दिलाए। चानू ने पिछले हफ्ते स्त्रियों के 49 किग्रा भार वर्ग में दो रजत पदक जीते। इनमें से एक पदक उन्होंने क्लीन एवं जर्क वर्ग में जबकि दूसरा पदक कुल भार में हासिल किया। महाद्वीपीय और विश्व चैंपियनशिप में स्नैच, क्लीन एवं जर्क तथा कुल भार में भिन्न भिन्न पदक दिए जाते हैं। ओलंपिक में सिर्फ कुल भार के लिए पदक दिए जाते हैं।
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तोक्योः क्या आपने कभी सोचा है कि कोई मछली किंग कोबरा से भी ज्यादा जहरीली हो सकती है? जी हां, सामान्य तौर पर जापान, चीन, फिलीपींस और मेक्सिको में पाई जाने वाली 'पफरफिश' के जहर का कोई तोड़ नहीं। किंग कोबरा के जहर से इंसान एक बार बच भी जाए, लेकिन पफरफिश के जहर से बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। यूं तो पफरफिश देखने में काफी सुंदर होती है, लेकिन इस मछली के अंदर साइनाइड से भी खतरनाक जहर होता है। पफरफिश को 'ब्लोफिश' के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि लगभग सारी पफरफिश में टेट्रोडॉटोक्सिन नाम का खतरनाक जहर होता है। यह जहर सायनाइड से भी 1,200 गुना ज्यादा खतरनाक होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि एक छोटी सी पफरफिश में भी इतना जहर होता है जिससे 30 वयस्क मनुष्यों की जान चली जाए। और हां, आज तक इसके जहर की काट नहीं खोजी जा सकी है। . . . लेकिन इंसान इसे खाते भी हैंपफरफिश के साथ एक और खास बात जुड़ी है। कहा जाता है कि इस जहरीली मछली को सिर्फ 2 ही प्राणी खा सकते हैं, एक तो शार्क, और दूसरा है इंसान। जी हां, जापान में पाई जाने वाली फुगु नाम की पफरफिश का मांस बेहद स्वादिष्ट समझा जाता है। लेकिन इसे बनाने के लिए लाइसेंसधारी शेफ की जरूरत पड़ती है, क्योंकि इसको बनाने में जरा सी गलती हुई नहीं कि ग्राहक अपनी जान से हाथ धो बैठेगा। और हर साल इस मछली को खाने से जानें जाती भी हैं। पूरी दुनिया में पफरफिश की 120 प्रजातियां हैं। पफरफिश की लंबाई 1 इंच से लेकर 2 फीट तक हो सकती है। ये मछलियां आमतौर पर फंफूंद खाती हैं, लेकिन कई मछलियां मरे हुए जीवों का मांस भी खाती हैं। समझा जाता है कि मरे हुए जीवों का मांस खाने से जो बैक्टिरिया इन मछलियों के अंदर आते हैं वे इसके जहर का स्त्रोत हैं।
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डीएनए अणु - गुणसूत्र संरचना में स्थित है। एक गुणसूत्र एक भी दो स्ट्रैंड से मिलकर अणु होते हैं। डीएनए के दोहराव - एक से दूसरे अणु से धागे की आत्म प्रजनन के बाद सूचना के हस्तांतरण है। यह दोनों डीएनए और आरएनए में निहित है। यह लेख डीएनए प्रतिकृति प्रक्रिया पर चर्चा। ऐसा नहीं है कि अणु में मुड़ यार्न जाना जाता है। हालांकि, जब डीएनए प्रतिकृति की प्रक्रिया शुरू होती है, वे dispiralized, फिर अलग कदम है, और प्रत्येक नई प्रतिलिपि पर संश्लेषित होता है। पूरा होने पर दो पूरी तरह से समान अणु, एक माता पिता और एक बच्चे धागा है, जिनमें से प्रत्येक देखते हैं। इस संश्लेषण अर्द्ध रूढ़िवादी कहा जाता है। डीएनए अणु ले जाया जाता है, एक भी गुणसूत्रबिंदु में रहते हुए, और अंत में केवल वितरित हो जाते हैं जब इस गुणसूत्रबिंदु विभाजन प्रक्रिया शुरू होती है। अन्य प्रकार विरोहक संश्लेषण कहा जाता है। उन्होंने कहा कि, पिछले के विपरीत, वह किसी भी कोशिका चरण से संबद्ध नहीं है, लेकिन डीएनए की क्षति की स्थिति में शुरू होता है। वे भी व्यापक रहे हैं, तो प्रकृति, सेल अंत में मर जाता है। हालांकि, अगर क्षति स्थानीय है, तो आप उन्हें बहाल कर सकते हैं। समस्या के आधार पर बहाल या एक ही बार में डीएनए के दो किस्में अलग किया जाना है। यह, के रूप में यह कहा जाता है, अनिर्धारित संश्लेषण में लंबा समय लग नहीं करता है और ऊर्जा का एक बहुत आवश्यकता नहीं है। लेकिन जब वहाँ डीएनए के एक दोहराव है, तो ऊर्जा, सामग्री का एक बहुत खर्च, अपनी घड़ी की लंबाई फैला हुआ था। दोहराव तीन अवधियों में विभाजित किया गया हैः - दीक्षा; - बढ़ाव; - समाप्ति। हमें डीएनए प्रतिकृति के अनुक्रम पर विचार करें। मानव डीएनए में - आधार जोड़े के लाखों लोगों की कुछ दसियों (जानवरों वे केवल एक सौ नौ)। डीएनए दोहराव कई स्थानों में निम्नलिखित कारणों के लिए श्रृंखला शुरू होता है। एक ही समय शाही सेना में प्रतिलेखन होता है के आसपास, लेकिन डीएनए के संश्लेषण में चयनित स्थानों में से कुछ में निलंबित कर दिया है। इसलिए, पदार्थ की पर्याप्त मात्रा से पहले इस तरह के एक प्रक्रिया के क्रम जीन अभिव्यक्ति और सेलुलर गतिविधि है कि टूट नहीं किया गया समर्थन करने के लिए कोशिकाओं की कोशिका द्रव्य में जम जाता है। इसे देखते हुए, इस प्रक्रिया को जितना जल्दी संभव हो जाने चाहिए। इस अवधि के दौरान प्रसारण किया जाता है, और प्रतिलेखन आयोजित नहीं है। अध्ययनों से पता चला है कि डीएनए दोहराव कई हजार अंक में एक बार होता है है - एक विशिष्ट न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम के साथ छोटे क्षेत्रों। वे विशेष सर्जक प्रोटीन, जो बारी में डीएनए प्रतिकृति के अन्य एंजाइमों से जुड़े हुए है द्वारा शामिल हो गए हैं। डीएनए टुकड़ा जो संश्लेषित एक replicon कहा जाता है। यह शुरू से ही शुरू होता है और समाप्त होता है जब एंजाइम प्रतिकृति समाप्त हो जाता है। Replicon स्वायत्त है, और यह भी अपने स्वयं के सॉफ्टवेयर की पूरी प्रक्रिया आपूर्ति करती है। प्रक्रिया सभी बिंदुओं से एक ही बार में शुरू नहीं हो सकता है, कहीं न कहीं यह पहले शुरू होता है, कहीं न कहीं - बाद में; यह एक या दो विपरीत दिशाओं में जगह ले सकते हैं। घटनाओं निम्न क्रम जब छवि में जगह लेः - प्रतिकृति कांटे; - शाही सेना प्राइमर। यह हिस्सा एक प्रक्रिया है जिसमें कट यार्न में डीएनए डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक तंतु संश्लेषित कर रहे हैं प्रस्तुत करता है। इस प्रकार प्रतिकृति के तथाकथित आंख के रूप में प्लग। प्रक्रिया कार्यों के एक नंबर से पहले किया जाता हैः - एक nucleosome में हिस्टोन के सिलसिले से जारी - इस तरह के एक डीएनए प्रतिकृति मेथिलिकरण, एसिटिलीकरण, और फास्फारिलीकरण के रूप में एंजाइमों रासायनिक प्रतिक्रियाओं है कि प्रोटीन में परिणाम उनके सकारात्मक चार्ज कि उनकी रिहाई की सुविधा खो उत्पादन; - despiralization - तनाव मुक्त है, जो धागे की आगे मुक्ति के लिए आवश्यक है; - डीएनए strands के बीच हाइड्रोजन बांड को तोड़ने; - अणु के विभिन्न पक्षों में अपने विचलन; - निर्धारण एसएसबी प्रोटीन का उपयोग कर से होने वाली। संश्लेषण एक एंजाइम डीएनए पोलीमरेज़ बुलाया जाता है। हालांकि, अपने ही वह नहीं कर सकते हैं शुरू करने के लिए है, तो अन्य एंजाइमों करते हैं - आरएनए पोलीमरेज़, जो भी शाही सेना प्राइमरों कहा जाता है। वे पर डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक के समानांतर किस्में में संश्लेषित कर रहे हैं संपूरकता के सिद्धांत। इस प्रकार, दोनों सिरों, दो प्राइमरों के आरएनए संश्लेषण की दीक्षा और डीएनए strands फाड़ चला गया। इस अवधि में न्यूक्लियोटाइड अलावा और 3 'शाही सेना प्राइमर, पहले ही उल्लेख किया डीएनए पोलीमरेज़ किया जाता है जो के अंत से शुरू होता है। यह पहली बार दूसरा, तीसरा न्यूक्लियोटाइड, और इतने पर जोड़ा जाता है। नई धागा आधार माता पिता श्रृंखला से जुड़े हैं हाइड्रोजन बांड द्वारा। माना जाता है कि यार्न के संश्लेषण 5 में है '- 3'। यह कहाँ प्रतिकृति कांटा के पक्ष में होता है संश्लेषण लगातार और एक ही समय लंबा पर होता है। इसलिए, इस सूत्र प्रमुख या प्रमुख कहा जाता है। वह प्राइमर नहीं रह बनाई है आरएनए। हालांकि, माता-पिता के विपरीत किनारा पर डीएनए न्यूक्लियोटाइड आरएनए प्राइमर शामिल होने के लिए जारी है, और डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक श्रृंखला प्रतिकृति कांटा से विपरीत दिशा में संश्लेषित होता है। इस मामले में, यह देरी या चल कहा जाता है। ठंड कतरा संश्लेषण टुकड़े में होता है जिसमें संश्लेषण के एक छोर भाग है कि एक ही शाही सेना प्राइमर का उपयोग करने के पास किसी अन्य स्थान पर शुरू होता है पर। इस प्रकार, वहाँ दो देरी श्रृंखला टुकड़ा डीएनए और आरएनए शामिल हो गए हैं कर रहे हैं। वे Okazaki टुकड़े कहा जाता है। तब सब कुछ दोहराया है। तब पक्षों के लिए हेलिक्स, हाइड्रोजन फट संचार धागे की एक और बारी spliced, अग्रणी ठंड टुकड़ा आरएनए प्राइमर, जिस निम्नलिखित संश्लेषित पर लम्बे श्रृंखला - Okazaki टुकड़ा। इसके बाद, एक देरी भूग्रस्त शाही सेना में प्राइमरों नष्ट कर रहे हैं और डीएनए टुकड़े से एक में शामिल हो गए हैं। तो यह सर्किट एक ही समय में जगह लेता हैः - Okazaki टुकड़े के संश्लेषण; - आरएनए प्राइमरों के विनाश; - एक भी सर्किट में मिले। प्रक्रिया के रूप में लंबे समय से जारी है दो प्रतिकृति कांटा को पूरा नहीं करते के रूप में, या उनमें से एक अणु के समाप्त हो जाएगा। बैठक के बाद कांटे डीएनए बेटी किस्में एंजाइम द्वारा शामिल हो गए हैं। मामले में, अगर प्लग अणु के अंत में ले जाया जाता है, डीएनए दोहराव विशेष एंजाइमों का उपयोग कर समाप्त। इस प्रक्रिया में, एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रतिकृति के नियंत्रण (या सुधार) को सौंपा गया है। संश्लेषण न्यूक्लियोटाइड सभी चार प्रकार के प्राप्त करता है, और डीएनए पोलीमरेज़ जोड़ी द्वारा जांच उन है कि आवश्यक हैं का चयन करता है रखने के लिए। वांछित न्यूक्लियोटाइड हाइड्रोजन बांड के साथ-साथ टेम्पलेट डीएनए किनारा पर समान न्यूक्लियोटाइड बनाने में सक्षम हो सकते हैं। इसके अलावा, चीनी फॉस्फेट रीढ़ के बीच दो अड्डों में तीन छल्ले के लिए इसी एक निश्चित लगातार दूरी होनी चाहिए। न्यूक्लियोटाइड इन आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है, कनेक्शन घटित नहीं होगा। नियंत्रण किया जाता से पहले यह सर्किट में और बाद में न्यूक्लियोटाइड चालू करने से पहले शामिल किया गया है है। उसके बाद, रीढ़ की हड्डी saharofosfata के लिए कनेक्शन। डीएनए प्रतिकृति की व्यवस्था, सटीकता के उच्च प्रतिशत के बावजूद हमेशा तंतु, जो ज्यादातर कहा जाता है में गड़बड़ी है "जीन म्यूटेशन। " एक हजार आधार जोड़े के बारे में, वहाँ एक गलती है कि दोहराव कहा जाता konvariantnaya है। यह अलग कारणों से होता है। उदाहरण के लिए, साइटोसिन के न्यूक्लियोटाइड deamination, दोनों के संश्लेषण में उत्परिवर्तजन की उपस्थिति के अधिक या बहुत कम मात्रा में। कुछ मामलों में, त्रुटि मरम्मत की प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता में अन्य सुधार असंभव हो जाता है। क्षति प्रभावित हैं नींद अंतरिक्ष, एक त्रुटि गंभीर परिणाम जब वहाँ डीएनए प्रतिकृति प्रक्रिया नहीं होगी। एक जीन के nucleotide अनुक्रम संभोग त्रुटि के साथ हो सकता है। तो फिर यह मामला नहीं है, और एक नकारात्मक परिणाम सेल की मौत, और पूरे जीव के साथ मरने के हो सकता है। यह भी है कि मन में वहन किया जाना चाहिए जीन म्यूटेशन उत्परिवर्तनीय परिवर्तनशीलता, जो plasticity के जीन पूल में आता है पर आधारित हैं। समय संश्लेषण के भीतर या तुरंत बाद यह मेथिलिकरण चेन होता है पर। यह माना जाता है कि इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक है एक व्यक्ति गुणसूत्रों फार्म और जीन प्रतिलेखन को विनियमित करने के लिए। इस प्रक्रिया में डीएनए के बैक्टीरिया एंजाइमों काटने के खिलाफ अपनी सुरक्षा कार्य करता है।
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नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया को ईडी (Ed) की तरफ से एक और झटका लगा है। ईडी ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया उनकी पत्नी और अन्य की 52 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। मालूम हो कि सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी के अनुसार, इस 52 करोड़ की चल अचल संपत्ति में 7 करोड़ 29 लाख रुपये की 2 प्रॉपर्टी मनीष सिसोदिया, उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया साथ ही राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा के लैंड और फ्लैट शामिल हैं। इस अटैचमेंट में 44 करोड़ 29 लाख रुपये की कैश और चल संपत्ति है। मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के अलावा अमनदीप सिंह ढल्ल, राजेश जोशी, गौतम मल्होत्रा सहित अन्य आरोपियों की भी संपत्ति है। ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में अभी तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें 13वें आरोपी की गिरफ्तारी गुरुवार रात (6 जुलाई) व्यवसायी दिनेश अरोड़ा की हुई। दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को ईडी केस में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सिसोदिया (Sisodia) को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद है। सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सिसोदिया से पूछताछ की थी और पर नौ मार्च को गिरफ्तार किया था। बाद में विशेष अदालत ने ईडी की याचिका पर सिसोदिया को उसकी हिरासत में भेजा दिया था। सिसोदिया की ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद इस मामले में भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सीबीआई ने 17 अक्टूबर 2022 को सिसोदिया से पूछताछ की थी और उनके तथा अन्य 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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लोग जो मरने के बाद भी कम रहे है - हम सभी जानते हैं कि हर सेलिब्रिटी अपने जीते जी लाखों-करोडों कमाते हैं लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि कई एक्टर और खिलाडी और यहां तक कि कई वैज्ञानिक तक अपने मरने के बाद भी कई जीवित सुपरस्टार से ज्यादा कमाई कर रहे हैं। इन सबकी कमाई इनके पुराने बिजनेस, पुराने एल्बम या इनके घर को देखने पर लगने वाले टिकट से हो रही है। लोग जो मरने के बाद भी कम रहे है -: 87 साल की उम्र में मृत्यु होने के बाद भी गोल्फ किंग अर्नाल्ड पॉल्मर की कमाई नहीं थमी है। पॉल्मर का देहांत पिछले ही महीने हुआ था, उनकी इस साल की कमाई 4 करोड़ डॉलर है। पॉप किंग माइकल जैक्सन की मृत्यु को अब काफी समय हो चुका है। जैक्सन की कमाई लेकिन अभी भी जारी है। इस साल उन्होंने करीबन 551 करोड़ रूपए कमाए हैं जो कि शाहरुख खान की पिछले साल की कमाई से दो गुना ज्यादा है। अपने जमाने के मशहूर कार्टूनिस्ट चार्ल्स शूल्ज की मृत्यु सन् 2000 में हुई थी। चार्ल्स की इस साल की कमाई 321 करोड़ रूपए है, यह कमाई भी देश के सबसे अमीर सुपरस्टार शाहरुख खान से कई गुना ज्यादा है। किंग ऑफ रॉक के नाम से जाने जाने वाले एल्विस प्रेस्ले की मौत सन् 1977 में हुई थी। लेकिन प्रेस्ले की कमाई आज तक नहीं रुकी है। आकंडों की मानें तो उनकी इस साल की कमाई तकरीबन 180 करोड़ रुपए रही है। इतिहास के सबसे बड़े वैज्ञानिक एल्बर्ट आइंस्टाईन की मौत को 66 साल हो चुके हैं लेकिन फिर भी उनकी कमाई अभी तक कम नहीं हुई। अपनी मृत्यू के इतने साल बाद भी उनकी कमाई इस साल 76 करोड़ रुपए रही। तो दोस्तों, ये है वो लोग जो मरने के बाद भी कम रहे है - यह थे इतिहास में दर्ज कुछ ऐसे नाम जिन्हें आज तक दुनिया ने नहीं भुलाया है। यहां तक कि उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी लोकप्रियता ने उन्हें करोड़पति बनाए रखा है।
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जासं, रुद्रपुरः नैनीताल-यूएस नगर संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस पर्यवेक्षक व राजस्थान के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि टिकट की दावेदारी करने वालों में जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। एक बार का सर्वें हो चुका है। दोबारा सर्वे चल रहा है। टिकट वितरण में युवाओं व महिलाओं को पूरा सम्मान दिया जाएगा। यह निर्णय पार्टी हाईकमान ने लिया है। पर्यवेक्षक राजेंद्र यादव ने बुधवार को नैनीताल रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों को बताया कि जिले के सभी विधानसभा सीटों पर टिकट की दावेदारी के लिए इच्छुक कार्यकर्ताओं से बुधवार को रायशुमारी की गई है। उनका बायडाटा लिया गया है और अलग अलग समस्याओं पर चर्चा की गई है। बाहरी व्यक्ति को टिकट न देने की मांग को लेकर धरना देने वाले किच्छा के सात दावेदारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। अपनी बात कहने का सभी को अधिकार है। अभी किच्छा का नंबर नहीं आया है। जब नंबर आएगा तो वह अपनी बात व पीड़ा रायशुमारी के दौरान कह सकते हैं। जिसे हाईकमान तक पहुंचा दिया जाएगा। वह रायशुमारी करने आए हैं, इसलिए रायशुमारी कर रिपोर्ट हाईकमान को सौंप देंगे। टिकट वितरण के मामले में हाईकमान को फैसला लेना है। टिकट के लिए बाहर भीतर का सवाल नहीं है, टिकट मांगने का सभी कार्यकर्ता का अधिकार है। पार्टी में कोई अंदुरुनी कलह नहीं है। इस मौके पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलकराज बेहड़, भुवन चंद्र कापड़ी, पूर्व सांसद महेंद्र पाल, शिल्पी अरोरा, कार्यकारी जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा आदि मौजूद थे।
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कश्मीर और अरुणाचल पर चीन की निगाह लंबे वक्त से है. तिब्बत पर उसने कैसे कब्जा किया सभी जानते हैं. पाकिस्तान को भी वह मदद मुहैया करा रहा है और उसका OROB (वन रोड वन बेल्ट) प्रोजेक्ट भी भारत के लिए चिंता का विषय है. लेकिन एक और विषय भी है जिसको लेकर भारत सशंकित है और अपनी चिंताएं बीजिंग को बता चुका है, यह मामला ब्रह्मपुत्र नदी से जुड़ा है. चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर कई बांध बना चुका है यह बात तो हम जानते हैं लेकिन अब चीन वह काम करने जा रहा है जो भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है. वह ब्रह्मपुत्र नदी को मोड़ने जा रहा है और उसके लिए वो 1000 किलोमीटर लंबी सुरंग बना रहा है. इस सुरंग के बन जाने से चीन का एक रेगिस्तान आबाद हो जाएगा लेकिन भारत के उन हिस्सों में पानी की बेहद कमी हो सकती है जहां वर्तमान में ब्रह्मपुत्र नदी से पानी पहुंचता है. हॉन्गकॉन्ग के एक अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर पर भरोसा करें तो चीन के इस कदम से शिनजियांग नाम का प्रांत कैलिफोर्निया में तब्दील हो जाएगा. लेकिन चीन के इस विकास की कीमत भारत को चुकानी पड़ सकती है. साथ ही प्रर्यावरणविद इस बात से भी परेशान हैं कि हिमालय को इससे खतरा हो सकता है. उनका मानना है कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ठीक नहीं और यह कदम इस हिमालयी क्षेत्र के लिए काफी भारी पड़ सकता है. 100 से अधिक चीनी वैज्ञानिक इस काम में लगे हैं. चीन लंबे वक्त से भारत और बांग्लादेश को भरोसा दिलाता रहा है कि उसके द्वारा बांध बनाए जाने से इन देशों के पानी पर फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन पर्यावरणविद इसे हकीकत नहीं मानते. चीन की ये नई योजना कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लग जाता है कि वह नदी के बीच में एक आईलैंड भी बनाना चाहता है जहां कई तरह के प्रयोग किए जाएंगे साथ ही सुरंग संबंधी काम भी किया जाएगा. ब्रह्मपुत्र नदी करीब 2900 किलोमीटर लंबी है. यह हिमालय के कैलाश पर्वत के पास से निकलती है और चीन से होती हुई भारत में प्रवेश करती है, इसके बाद यह बांग्लादेश होती हुई समंदर में मिलती है. भारत में यह 900 किलोमीटर से अधिक लंबी है और बेहद अहम भी है. माना जाता है कि पिछले दिनों उत्तराखंड में जो आपदा आई थी उसका कारण चीन द्वारा इस हिमालयी क्षेत्र में की गई छेड़छाड़ ही था. चीन विकास कर रहा है लेकिन उस विकास की कीमत भारत के उन इलाकों को चुकानी पड़ रही है जो बॉर्डर के हैं. लेकिन इस बार ब्रह्मपुत्र नदी के बहाव को यदि मोड़ा गया तो अंजाम बेहद गंभीर हो सकते हैं.
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Posted On: सार्जेंट शशिधर पी प्रसाद भारतीय वायु सेना (गरुड़) ऑपरेशन रक्षक में तैनात थे। 10 अक्टूबर, 2017 को सांय 4.00 बजे एक घर में आतंकवादियों के छुपे होने की विशिष्ट सूचना की प्राप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले के रख हजीन गांव के बूंद मौहल्ला में गरुड़ टीम एवं सेना इकाइयों द्वारा संयुक्त रूप से एक ऑपरेशन आरंभ किया गया। गरुड़ टीम को आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए टारगेट घर के ईद-गिर्द आंतरिक घेरा बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सार्जेंट शशिधर ने घेरा बनाने में असाधारण स्थितिगत जागरूकता एवं टीम वर्क का परिचय दिया, जिससे आतंकवादियों के भागने के सारे रास्ते बंद हो गए। 11 अक्टूबर, 2017 को सांय 4.40 में घेरा तोड़ने और भागने की मंशा से बैरल ग्रेनेड लांचर के तहत गोली चलाते हुए, हैंड ग्रेनेड फेंकते हुए तथा गरुड़ टीम के नेतृत्व में घेरे पर फायरिंग करते हुए 6 से 7 आतंकवादी घर से बाहर निकले। सार्जेंट शशिधर ने इस अवसर पर असाधारण साहस का परिचय दिया और लगातार गोली चलाते हुए 'ए' श्रेणी के दो आतंकवादियों को मार गिराया। असाधारण बहादुरी के इस कार्य के लिए सार्जेंट शशिधर पी प्रसाद को वायु सेना पदक (बहादुरी) से सम्मानित किया जाता है।
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नई दिल्लीः DU FMS Admissions 2019: दिल्ली के जाने-माने बिजनेस स्कूल 'फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़' में दो वर्षीय एमबीए और पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. कॉलेज प्रशासन की ओर से दाखिले के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. दोनों ही प्रोगामों के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 20 नवंबर, 2018 है. कॉलेज की वेबसाइट www. fms. edu पर जाकर आप एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. एमबीए में दाखिले के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के कैट स्कोर और इंटरव्यू के आधार पर उनको चयनित किया जाएगा. इस साल भारतीय प्रबंधन संस्थान (कोलकाता) कैट की परीक्षा संचालित कराएगा. देश के 147 शहरों में 25 नवंबर, 2018 को होने वाली परीक्षा दो पालियों में आयोजित कराई जाएगी. 24 अक्टूबर को एडमिट कार्ड जारी किए जाएंगे. उम्मीदवार इसकी वेबसाइट iimcat. ac. in से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. इस प्रोग्राम (एमबीए) के लिए आवेदकों का किसी भी विषय में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएट होना जरूरी है. एससी, एसटी, ओबीसी और पीडब्ल्यूडी के लिए यह 45 फीसदी है. उम्मीदवारों का कैट 2018 की परीक्षा देना अनिवार्य है. ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे छात्र भी एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. एमबीए के लिए प्रवेश व्यापक भाषण, व्यक्तिगत साक्षात्कार और कैट 2018 स्कोर पर आधारित होगा. वहीं पीएचडी के लिए उम्मीदवारों का चयन शैक्षणिक प्रदर्शन, निबंध लेखन और व्यक्तिगत साक्षात्कार पर आधारित होगा. उम्मीदवार 20 नवंबर, 2018 को या उससे पहले कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट www. fmsadmissions. com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. 8 अक्टूबर, 2018 से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. विदेश मूल के छात्रों के लिएआवेदन की अंतिम तिथि 28 फरवरी, 2019 है. दाखिले के संबंध में अगर किसी तरह की समस्या आती है तो उम्मीदवार admissions@fms. edu पर अपनी दुविधा को लेकर मेल कर सकते हैं या फिर परीक्षार्थी 011-27666387 पर फोन कर सकते हैं.
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आस-पास के घरों को सुरक्षा के लिए लिहाज से खाली करने की कारवाई चल रही हैं। इससे पूर्व बुधवार को श्याम नगर,जनपथ स्थित बहुमंजिला इमारत के ई-ब्लॉक के 18 फ्लैट्स के हिस्से को नियंत्रित विस्फोटक तकनीक से उड़ाने के लिए इंदौर से आए विशेषज्ञ एस.बी. सरवटे और जेडीए टीम बुधवार को दिनभर जुटी रही। कर विस्फोटक भरा जाएगा। बुधवार शाम को टेस्टिंग ब्लास्ट में कुछ कमी रह जाने के बाद छेद संख्या बढ़ाने का निर्णय किया गया। पहले पहली मंजिल केहिस्से में ही विस्फोट किया जाएगा। पहली मंजिल के पिलर ध्वस्त होने के कारण इमारत थोड़ी कमजोर हो जाएगी, लेकिन गिरेगी नहीं, क्योंकि भूतल और ऊपरी मंजिल के पिलर की पकड़ बनी रहेगी। इसके बाद भूतल और दूसरी मंजिल को ध्वस्त किया जाएगा, जिससे पूरी इमारत धाराशायी हो जाएगी। विस्फोट में इम्पलोजन (अन्तः विस्फोट) और आइसोलेशन इंजीनियरिंग का उपयोग होगा। इससे विस्फोट के समय अधिकतम 100 मीटर दायरे तक ही इसका असर होगा। पिलरों में विस्फोटक इस तरह से भरा जाएगा, जिससे इमारत का हिस्सा सीधे नाले की तरफ गिरे। जेडीए ने कोटपूतली से पचास किलो विस्फोटक मंगाया है। जेडीए अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई अमानीशाह नाले की 210 फीट चौड़ाई के आधार पर हो रही और सेन्टर लाइन से 105 फीट दायरे में बी, ई, एफ तीन ब्लॉक का बड़ा हिस्सा आ रहा है। जिसमें करीब 63 फ्लैट शामिल हैं। हांलाकि, जेडीए ने मंगलवार को इस जमीन की 90 बी व लीज डीड निरस्त कर दी, जिसके बाद जमीन पर निर्मित सभी निर्माण अवैध हो गया। ई ब्लॉक का आधा हिस्सा ही सेन्टर लाइन से 105 फीट के दायरे में आ रहा है। ऎसे में प्रभावित हिस्से को दूसरे हिस्से से अलग करना होगा, जिससे दूसरा हिस्सा नहीं टूटे। इसके लिए आइसोलेशन तकनीक अपनाई जाएगी। इसमें दोनों हिस्सों के बीच बने बीम को काटकर विस्फोटक भरा जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद इम्पलोशन तकनीक का इस्तेमाल होगा। इसमें इमारत के भूतल सहित दो मंजिला में लगे सभी पिलर किए गए छेद में 100 से 150 ग्राम तक विस्फोटक भरकर एक-दूसरे को इलेक्ट्रॉनिक वायरिंग से कनेक्ट किया जाएगा और रिमोट कंट्रोल से उड़ाया जाएगा। इस तकनीक से बिल्डिंग के गिरते समय कंक्रीट-पत्थर, लोहा व अन्य सामान बाहर की तरफ नहीं फैलकर अंदर की ओर ही रहेंगे। विशेषज्ञ सरवटे ने बताया कि बी ब्लॉक लम्बाई में है, जिसके चलते इसके आधे हिस्से को पूरी से काटना पड़ेगा। इसमें काफी समय लगेगा और कई तकनीकी उलझन भी हैं। उन्होंने बताया कि जेडीए अधिकारियों से बातचीत करने के बाद ही इन ब्लॉक्स को ध्वस्त करने की कार्रवाई होगी। बहुमंजिला इमारत को विस्फोटक से उड़ाने की खबर शहर में आग की तरह फैल गई और लोग इस संबंध में एक-दूसरे से जानकारी लेते रहे। मौके पर भी लोगों का जमघट लगा रहा और कौतूहलवश कई लोग तो इमारत के अंदर ही घुस आए, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने बाहर निकाला। इस बीच आस-पास के लोग घर की छतों पर डटे रहे। इमारत को उड़ाने से पहले उसके 100 मीटर दायरे के हिस्से को खाली कराया जाएगा। दक्षिण हिस्से की तरफ ही एक कॉलोनी है, जिनके एक दर्जन से अधिक घर इस दायरे में आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन विस्फोट से एक घंटे पहले यह काम करेगा। जेडीए प्रबंधन ने लोगों से अपील की है कि विस्फोट के समय इमारत या नजदीकी घरों में न रहें। इस बहुमंजिला अपार्टमेंट की भूमि की 90 बी व लीजडीड निरस्त करने के खिलाफ संबंधित फर्म मानसरोवर हैरिटेज इन प्राइवेट लिमिटेड को जेडीए अपीलीय अधिकरण से राहत नहीं मिली। फर्म की ओर से स्थगन आदेश के लिए अधिकरण में अपील की गई थी। इमारत- 9 मंजिला (भूमिगत 2 मंजिला अतिरिक्त)
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नवांशहर : थाना औड़ की पुलिस ने झाड़ियों में हेरोइन का नशा ले रहे 4 युवकों को 5 ग्राम हेरोइन तथा नशा लेने के लिए प्रयुक्त उपकरणों सहित गिरफ्तार किया है। मामले संबंधी जानकारी देते हुए ए. एस. आई. मनोहर लाल ने बताया कि एस. एस. पी. भागीरथ सिंह मीना के दिशा-निर्देशों पर नशा तस्करों के खिलाफ चलाई जा रही विशेष मुहिम के तहत उनकी पुलिस पार्टी दौराने गश्त संदिग्ध लोगों तथा वाहनों की तलाश में गांव औड़ से गुडपुड की ओर जा रही थी कि मार्ग में पुलिस को झाड़ियों के बीच में कुछ हरकत होती दिखाई दी। पुलिस ने कर्मचारियों की मदद से घेराबंदी करके जब उक्त स्थान की जांच की तो वहां 22 से 25 वर्ष के 3 तथा 38 वर्ष की आयु का एक युवक स्मोकिंग करते हुए दिखाई दिए। ए. एस. आई. ने बताया कि उक्त युवकों को काबू करके उनके कब्जे से एक लाइटर, प्लास्टिक की खाली बोतल, पाइप नुमा 10 रुपए का नोट तथा 5 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। थानेदार ने बताया कि गिरफ्तार युवकों की पहचान सुखजिन्दर सिंह उर्फ काका निवासी मल्लपुर, दीपक उर्फ दीपू निवासी गांव भूता, गगनदीप कुमार उर्फ लभू निवासी झिंगडा तथा जसकरन राम उर्फ जस्सी निवासी झिंगडा के तौर पर हुई है। थानेदार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ एन. डी. पी. एस. तहत मामला दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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दुकान में घुसकर पति-पत्नी से मारपीट करने के मामले में रैगर समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। चित्तौड़गढ़ प्रधान और डगला का खेड़ा सरपंच के बेटे सहित 30 जनों पर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। समाज के लोगों का कहना है कि विकलांग आदमी पर झूठे आरोप लगाकर जेल भेज दिया और मारपीट भी की। ग्रामीणों ने एसपी और कलेक्टर के सामने अपनी बात रखी। मेवाड़ रेगर समाज सुधार समिति के जिलाध्यक्ष अंबालाल ने बताया कि 12 अप्रैल महीने को विकलांग नारूलाल की किराने की दुकान पर 9 साल की एक बच्ची सामान खरीदने गई थी। उसने बच्ची को उधार सामान देने से मना कर दिया था। इस बात पर प्रधान देवेंद्र कवर और सरपंच रणजीत सिंह भाटी के बेटे इंद्रजीत सिंह भाटी ने अपने 30 साथियों के साथ नारूलाल रेगर की दुकान में तोड़फोड़ की थी। नगदी भी चुराकर ले गए थे। नारूलाल पर पॉक्सो का फर्जी मामला भी दर्ज कर जेल भेज दिया। जैसे इस बात की जानकारी गांव वालों को हुई तो सभी भड़क गए। नारूलाल रेगर की पत्नी रमाबाई ने भी कहा कि नारूलाल पर गलत केस लगाया गया। उस दिन घर पर आकर मारपीट और लूटपाट की गई थी। गुस्साए ग्रामीण और रेगर समाज के लोग सोमवार को कलेक्ट्रेट में एकत्रित हुए और जमकर नारेबाजी की। कलेक्ट्रेट में मानव श्रंखला बनाकर जमकर प्रदर्शन किया। कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल और एसपी राजन दुष्यंत के सामने अपनी बात रखी और निष्पक्ष जांच करने की मांग की। रमाबाई ने दोनों से ही उनके पति के साथ मारपीट करने वाले और लूटपाट करने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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भारत सरकार पर मुसलमानों को सताने के झूठे आरोप लगाने वाले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को अपने देश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं दे रहे। पाकिस्तान में हिंदुओं का जीना दूभर हो गया। हिंदू मंदिरों और जमीनों पर स्थानीय मुसलमानों ने कब्जा कर लिया है या फिर उन्हें भ्रष्ट और अशुद्ध कर दिया है। ऐसी ही एक खबर पाकिस्तान के दक्षिण-पूर्वी सिंध से आई है। खबर के मुताबिक, इस घटना को मुहम्मद इस्माइल नाम के एक शख्स ने अंजाम दिया। स्थानीय थाने में शिकायतकर्ता अशोक कुमार की तहरीर के मुताबिक कि बादिन जिले में अस्थायी मंदिर में रखी मूर्तियों को तोड़ दिया गया और आरोपी धमकी देते हुए घटनास्थल से फरार हो गये। बादिन पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि मुहम्मद इस्माइल को गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय होने के बावजूद हिंदुओं को अक्सर भेदभाव और धमकियों का सामना करना पड़ता है। इस्लामी कट्टरपंथी हिंदू समुदाय के लोगों को आसानी से निशाना बनाते हैं। बीते कुछ सालों में वहां दर्जनों मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आयी हैं। हाल ही में एक कट्टरपंथी ग्रुप ने इस्लामाबाद में एक हिंदू मंदिर के निर्माण कार्य को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए रुकवा दिया था। वहीं, हिंदू लड़कियां भी इन कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती हैं और पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान में जबरन धर्म-परिवर्तन और निकाह की कई घटनाएं सामने आई हैं। .
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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दिल्ली में मौजूद भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने अपने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कुदकर आत्महत्या कर ली। डॉक्टर की उम्र 25 साल थी। डॉक्टर आत्महत्या क्यों किया वजहों का पता अभी नहीं चल पाया है। शुरूआती जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की शाम जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने हॉस्टल के 10वीं मंजिल से छलांग लगा दी। घटना के समय वहां मौजूद लोगों ने उसे एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया। हालांकि, उसे बचाया नहीं जा सका और उसकी मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक की पहचान अनुराग के रूप में हुई है। वह मनोविज्ञान विभाग में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनुराग डॉक्टर छात्रावास में रहते थे और कथित तौर पर शाम 5 बजे के आसपास उन्होंने छात्रावास की 10वीं मंजिल से छलांग लगा दी। He was under treatment for severe depression for sometime now & took away his own life. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने बताया, "उसे एम्स कैजुअल्टी ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।" बताया जा रहा है कि डॉक्टर अवसाद में चल रहे थे।
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आपको बता दें कि पहले योगेश ताम्रकार भाजपा उपाध्यक्ष थे, लेकिन नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी ने उन्हें सतना जिले से मेयर की सीट दी थी। सतना जिले का मेयर बनने के बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष के पद से हटाया जाएगा। योगेश ताम्रकार की जगह अब ललिता यादव को संगठन में जिम्मेदारी दी गई है। उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। बता दें कि ललिता यादव 2018 में छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा सीट से अपना चुनाव हार गईं थी। ललिता यादव को कांग्रेस उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह लोधी ने हराया था। बाद में प्रद्युम्न सिंह लोधी बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद से ललिता यादव नाराज बताई जा रही थी। बीजेपी की मीडिया टीम के प्रवक्ता के तौर पर वर्तमान में मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, हितेश वाजपेई, राजपाल सिंह सिसोदिया, शशिकांत शुक्ला, दुर्गेश केसरवानी, प्रहलाद कुशवाहा, पंकज चतुर्वेदी, सनव्वर पटेल, दिव्या राम डांगोरे, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, केपी यादव, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, नरेंद्र सलूजा और नेहा बग्गा हैं। संभावना जताई जा रही है कि नए प्रवक्ताओं की भी नई नियुक्तियां भी जल्द शुरू हो जाएगी। भाजपा के सू़त्रों ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा संगठन में और भी बड़े बदलाव करने जा रहे हैं। वर्तमान मीडिया टीम में अभी प्रशांत तिवारी, अनिल पटेल, नरेंद्र शिवाजी पटेल, जवाहर प्रजापति, सचिन सक्सेना, आशीष तिवारी, विवेक तिवारी, दीपक जैन, जुगल किशोर शर्मा सह मीडिया प्रभारी हैं। जल्द ही इस टीम में भी बदलाव हो सकता है।
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व्लादिमीर नोस्क, एक अभिनेता, मॉस्को में एक साधारण माध्यमिक विद्यालय के 9वीं कक्षा से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। फिर मैंने टर्नर और लॉकस्मिथ के पेशे को पेश करने का फैसला किया। इसके लिए मैंने राजधानी के व्यावसायिक स्कूलों में से एक में प्रवेश किया। फिर भविष्य के अभिनेता व्लादिमीर नोसिक, जिसका फोटोसामग्री में देखा जा सकता है, मंच पर खेलने का फैसला किया इस में उन्हें उनके बड़े भाई द्वारा सहायता प्रदान की गई थी, जो उस समय के सुंदर कौशल मिखाइल रोम के प्रसिद्ध प्रशिक्षक के पाठ्यक्रम पर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ सिनेमैटोग्राफी में अध्ययन किया था। इस समय से, लड़के युवा कलाकारों के मंडलियों में नियमित रूप से दिखाई देने लगे। जल्द ही व्लादिमीर, उसके भाई के बाद, प्रवेश कियासंस्थान। भविष्य के कलाकार भाग्यशाली थे। वह प्रसिद्ध थिएटर मास्टर बोरिस बाबोककीन के पाठ्यक्रम पर मिल गया, जो उनके प्रयासों में एक संरक्षक बन गया। लड़के को सीखना आसान नहीं था। पहले वर्ष के अंत तक, व्लादिमीर को लगभग संस्थान से निष्कासित कर दिया गया था। कारण अध्ययन में असंतोषजनक प्रगति थी हालांकि, बाबोककिन की सहायता के कारण, युवा अभी भी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में रहे। व्लादिमीर नोसिक, एक अभिनेता, 1970 में संस्थान से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। रिहा होने के बाद उसे माली थिएटर की कलात्मक मंडली में जगह दी गई। युवा अभिनेता को मंच पर छोटे, माध्यमिक भूमिकाओं के साथ शुरू करना था। बाद में दृढ़ता और असाधारण प्रतिभा ने व्लादिमीर को "द पावर ऑफ डार्कनेस" और "थ्री बोस्टर्स" के नाम से प्रसिद्ध प्रस्तुतियों में जगह दी, जहां उन्होंने प्रमुख पात्रों की छवियों में दिखाई दिया। सिनेमा में, अभिनेता व्लादिमीर नोसिक, पहले शॉट किया गया था1 9 66 साल इस समय उन्हें इगोर डोब्रोल्यूबोव द्वारा निर्देशित फिल्म में एक छोटी भूमिका की पेशकश की गई थी "मैं देखने जा रहा हूं"। स्क्रीन पर, युवा कलाकार एक साधारण अच्छे प्रकृति वाले देश के लड़के की छवि में दिखाई दिए। हालांकि भूमिका व्लादिमीर के लिए हस्ताक्षर नहीं किए, सेट वह कर सकता है पर अच्छी तरह से जॉर्ज Zhzhenov, लेव् Durov प्योत्र Shcherbakov के रूप में सोवियत सिनेमा के इस तरह के सितारों के साथ razznakomitsya। बाद में इन संपर्कों के कलाकार के करियर विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। सबसे पहले, अभिनेता व्लादिमीर नोसिक ने भूमिकाएं प्राप्त कींनकारात्मक पात्र Scoundrel युवा अभिनेता पेंटिंग की एक पूरी श्रृंखला में तुरंत खेला। उदाहरण के लिए, फिल्मों मेंः "हत्या का आरोप", "खतरनाक दोस्त", "जैक"। हालांकि, दर्शकों को बाद में अभिनेता द्वारा याद किया गया था, सबसे पहले, "छोटे", मीठे व्यक्ति की छवि में। वर्तमान में, 160 से अधिक फिल्मों में शामिल कलाकार के कंधों पर। फिल्म में, व्लादिमीर नोसिक 2015 तक वापस लेना जारी रखा। ऑल-यूनियन मान्यता कलाकार व्लादिमीर नोसिकसफल फिल्म "डेब्यूट" में शूटिंग के लिए धन्यवाद जीता, जो 1 9 78 में एक विस्तृत स्क्रीन पर आया था। यहां अभिनेता को सफलतापूर्वक ग्रिष्का नाम के एक लड़के की छवि के लिए उपयोग किया गया। आलोचकों ने उच्चतम प्रशंसा के योग्य व्लादिमीर के खेल को मान्यता दी है। जैसा कि बाद में अभिनेता ने अपनी भूमिका में, अपने आप को समझने के कारणों के लिए याद किया, पहले कदमों से विलय करना संभव था, जिसके बाद चरित्र के एक जटिल, गहरे मनोवैज्ञानिक चित्र के प्रकटीकरण में योगदान दिया गया। व्लादिमीर नोसिक का विला एलेना नाम की एक महिला से विवाह हुआ हैजिसे उन्होंने छायांकन में कैरियर के विकास की शुरुआत में मुलाकात की। जोड़े के तीन बच्चे हैं। तीमुथियुस नाम का सबसे बड़ा बेटा अपने पिता के पदों पर पीछा करता था, जिसने राज्य संस्थान ऑफ सिनेमैटोग्राफी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। एक समय में, उन्हें कई "उच्च प्रोफ़ाइल" परियोजनाओं के निर्माण में निर्माता के रूप में जाना जाता था। विशेष रूप से, टिमोफी नोसिक ने फिल्म "बूमर" के निर्माण में हिस्सा लिया, रूसी टेलीविजन पर कई विज्ञापन "द्वि -2" समूह के संगीत वीडियो शूट करने के लिए ज़िम्मेदार थे।
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RGCB पात्र उम्मीदवारों को Junior Research Fellow के पद के लिए 1 रिक्तियों को भरने के लिए Thiruvananthapuram पर आमंत्रित कर रहा है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचना की जांच कर सकते हैं और पात्रता मानदंड, आवश्यक दस्तावेज, अंतिम तिथि और चयन प्रक्रिया के बारे में विवरण प्राप्त कर सकते हैं। RGCB Junior Research Fellow भर्ती 2023 से संबंधित आवेदन लिंक नीचे दिया गया है। RGCB Junior Research Fellow भर्ती 2023 के लिए शैक्षिक योग्यता नीचे दी गई है। RGCB भर्ती 2023 शैक्षिक योग्यता है M. Sc. RGCB भर्ती 2023 के लिए Junior Research Fellow के लिए रिक्ति गणना 1 है। आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार यहां RGCB Junior Research Fellow विवरण देख सकते हैं। उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा / व्यक्तिगत साक्षात्कार / चिकित्सा परीक्षण / वॉकिन साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। एक बार एक उम्मीदवार का चयन हो जाने के बाद उन्हें RGCB में Junior Research Fellow के रूप में रखा जाएगा। यदि आपको Junior Research Fellow की भूमिका के लिए RGCB में रखा गया है, तो आपका वेतनमान Rs. 31,000 - Rs. 31,000 Per Month होगा। Junior Research Fellow के लिए RGCB 2023 पर नौकरी रिक्ति Thiruvananthapuram पर उपलब्ध है। उम्मीदवार अंतिम तिथि से पहले आधिकारिक वेबसाइट पर RGCB Junior Research Fellow भर्ती 2023 के लिए आवेदन कर सकते हैं। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार RGCB भर्ती 2023 के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15/06/2023 है। नियत तारीख के बाद भेजे गए आवेदनों को कंपनी द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा। How to apply for RGCB Recruitment 2023? चरण 1: पर जाएं आधिकारिक वेबसाइट rgcb. res. in .
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गद्गद् वाणी से यही कहा है, हे प्यारे उद्धब गोपियो का मन नित्य निरन्तर मुझ में हो लगा रहता है । उनके प्राण उनका जीवन उनका सर्वस्व में ही हूँ। मेरे लिए उन्होंने अपने पति पुत्रादि सभी सगे सम्बन्धियों को छोड़ दिया है। उन्होने बुद्धि से भी मुझको अपना प्यारा, अपना प्रियतम तथा अपना यात्मा मान रकवा है। मेरा यही त है कि जो लोग मेरे लिए लौकिक और पारलौकिक वर्मा को छोड़ देते है उनका भरण-पोषण मैं स्वय करता हूँ । वास्तव मे गोपियों का ऐसा ही अनन्य प्रेम था। मथुरा की कुलानाम्रो गोपियों की दशा को इसी प्रकार से वर्णन किया है, 'ब्रज को गोपियाँ धन्य है जो निरन्तर श्रीकृष्ण में ही चित्त लगा रहने के कारण प्रेम भरे हृदय से गद्गद् कण्ठ से भगवान् की हो लीलाओ का गान करनी है। वे दूध दुहते दही मथते, धान कूटने घर लोपते, वालाओ को झूला झुलाते रोते हुए बालकों को चुप कराते, उन्हें नहलाते धुलाते घरो को भाडते बुहारते हर समय श्रीकृष्ण के गुणों के गाल से ही मस्त रहती है । भागवत को गोपियाँ नारद जी के २२वे सूत्र में भी पूरी उतरती है, जिसका अर्थ कि भक्त परमावस्था में भी भागवन के माहात्म्य ज्ञान को नही भूलता, गोपियाँ भी इसमे अपवाद नही । भागवत की गोपियों कृष्ण को साक्षात् पुष्पोत्तम भगवान् जानती हुई अपना प्रियतम समझती थी। जैसा कि दशम स्कन्ध के २६३ अध्याय के ३१ से ४१ तक के श्लोको से स्पष्ट प्रकट होता है। इसी स्कन्ध के गोनिका-गीन मे गोतियाँ कहती है, "हे कृष्ण ! तुम केवल यचोदानन्दन ही नहीं हो, समस्त शरीर धारियों के हृदय में रहते वाले साक्षी हो, अन्तर्यामी हो । सखे । ब्रह्मा जी की प्रार्थना से विश्व की रक्षा करने के लिए यदुवश मे अवती हुए हो 13 माहात्म्य ज्ञान पिना किए हुए प्रेम को नारद जी ने जारी का सा प्रेम बताया है । 'तद्विहीन जाराणामित्र' --- २३ । इसके अनन्तर नारद जी ने प्रेम रूपा भक्ति को कर्म ज्ञान और योग से भी श्रेष्ठतर बताया है और उसी को फलस्वरूप कहा है। श्रीमद्भागवत में कई स्थानों पर भक्ति का महत्त्व प्रदर्शित किया है जिसका विवेचन हम पीछे कर चुके है। ग्यारहवे स्कन्ध मे भगवान् कहते हैं; न साधयति मां योगो न सांख्य धर्म उद्धव । न स्वाध्यायस्तपस्यागी यथा भक्तिर्ममोजिता । भक्त्याहनेकया ग्राह्य श्रद्धयात्म त्रिय सताम् । भक्ति पुनाति मन्निष्ठा श्वपाकानपि सम्भवात् । अर्थात् योग ज्ञान धर्म स्वाध्याय तर और त्याग मुझे उतना प्रसन्न नहीं कर सकते जितना मेरी दृढ भक्ति मुझे प्रसन्न करती है । सन्तो का प्रिय आत्मा रूप नै केवल श्रद्धायुक्त भक्ति के द्वारा ही वश में हो सकता हूँ। मेरी भक्ति चाण्डाल आदि को भी पवित्र कर देती है । भगवद्गीता में भी भगवान् कृष्ण ने अर्जुन मे इसी प्रकार कहा है; भागवन १० ३१ ४ नाह वेदने तपसा न दानेन न वेज्यया शक्य एव विधो द्रष्टु दृष्टवानसि मां यथा ॥ ग्रहमवविधोऽर्जुन । जातु द्रष्टु च तत्त्वेन प्रवेष्टु च परंतप ।। १ अर्थानु- हे अर्जुन ! जैसा तुमने मुझे देखा है ऐसा मैं वेद तप दान यज्ञ श्रादि से भी नहीं देखा जा सकता । हे अर्जुन । अनन्य भक्ति के द्वारा ही मेरा इस प्रकार देखा जाना, मुझे तत्त्व से जानना और मुझमे प्रवेश पाना संभव है। इस प्रकार गीता और भागवत दोनो में ही भक्ति को साध्यरूपा माना है। भक्ति ही सावन भक्ति ही साध्य है । भक्त गण भक्ति के लिए ही भक्ति करते है। इसी लिए भागवत में कहा है । लव्धवत. साधो. किमन्यदवशिष्यते । ब्रह्मण्यानन्दानुभवात्मनि २ अर्थात् भगवान कहते है कि मुझ अनन्त गुण सम्पन्न सच्चिदानन्द स्वरूप ब्रह्म मे भक्ति हो जाने पर फिर उस साधु पुरुष को कौनसी वस्तु प्राप्त करनी बाकी रह जाती है । इसके अन्तर भक्ति सूत्र में प्रेमरूपा भक्ति के साधनों का उल्लेख है जिनका विवेचन हम पीछे कर चुके हैं। परन्तु प्रेम भक्ति की प्राप्ति का मुख्य साधन महापुरुषों की कृपा अथवा भगवत कृपा को ही बताया है । सत्सग की महिमा श्रीमद्भागवत में भी स्थान स्थान पर गाई गई है । भागवत के प्रथम स्कन्ध मे आया है, "भगवत सगी प्रेमियों के निमेष मात्र की तुलना स्वर्गादि को तो बात ही क्या पुनर्जन्म का नाश करने वाली मुक्ति के साथ भी नहीं की जा सकती। फिर मलोक के राज्यादि सम्पत्ति की तो बात ही क्या है 13 गोस्वामी तुलसीदास जी रामचरित मानस' में भी कहते है । भागवत के ग्यारह वे स्क्न्ध मे स्वयं भगवान् उद्धव जी से कहते है, "प्रिय उद्धव ! जगद की जितनी आसक्तियाँ है, उन्हें सन्मग नष्ट कर देता है। यही कारण है कि सत्मम जिम प्रकार मुझे वश ने कर लेता है वैना साधन न योग है न साख्य, धर्म पालन और न स्वाध्याय । तपस्या त्याग इष्टापूर्त और दक्षिणा से भी मैं वैसा प्रसन्न नहीं होता । कहाँ तक कहूँ- व्रत, वेद तीर्थ, और यम-नियम भी मत्सग के समान मुझे वश में करने में समर्थ नही हैं। इस सत्सग की प्राप्ति भगवान् कृपा से ही होती है और भगवानु और भगवान के भक्त में कोई भेद नहीं है जैसा कि भागवतकार ने कहा है । ने तात स्वर्ग अपवर्ग सुख, धरिय तुला एक अग तूल न ताहि सकल मिलि, जो सुख लव सतसंग ।। ४ मागनत ६ ४६८ साववो हृदय मह्य साधूना हृदय त्वहम् । मदन्यत् ते न जानन्ति नाह तेभ्यो मनागपि
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० आप एक उद्योगपति हंै, साथ ही आप शिक्षा व्यवसाय से भी सम्बद्ध हैं, आपकी विशेष रुचि किधर है ? रखता है । कई बार मुझपर यह आरोप लगता रहा है कि अरे यह तो व्यापारी है शिक्षा को भी व्यापार बना देगा । मेरा मानना यह है कि एक सफल व्यवसायी की निगाह और सोच काफी दूर तक जाती है वह समय और बाजार दोनों को समझता है और उसकी महत्ता को भी पहचानता है । वो यह जानता है कि समय की माँग क्या है और गुणस्तरीय उत्पादन ही बाजार में जगह पा सकता है । इसलिए मैं यह मानता हूँ कि एक सफल व्यवसायी शिक्षा के क्षेत्र की भी जरुरत को समझता है, उसकी बारीकियों को समझता है और उसके अनुसार ही छात्रों की जरुरत को पूरा करता है, उसे सफलता के मूलमंत्र के साथ तैयार होने का वातावरण देता है । ताकि वह एक गुणस्तरीय शिक्षा को प्राप्त कर के स्कूल से निकले और अपने भविष्य का निर्माण कर सके । स्कूल व्यवसाय भी उद्योग के अन्तर्गत ही आता है । दुनिया में व्यवसाय के अन्तर्गत ही इसको मान्यता प्राप्त है हाँ नेपाल में इसकी परिभाषा थोड़ी अलग जरुर है, पर आप जहाँ भी देखें तो बड़े बड़े व्यवसायी शिक्षा व्यवसाय से भी जुड़े हुए हैं और स्कूल कालेज संचालन कर रहे हैं और सफलता के साथ कर रहे हैं । जहाँ तक मेरी विशेष रुचि का सवाल है तो शिक्षा के प्रति मेरा ज्यादा झुकाव है । क्योंकि यहाँ से जुड़ने के पश्चात् एक बौद्धिक वातावरण मुझे मिलता है, यह शिक्षा का क्षेत्र है तो यहाँ जो भी कार्यरत हैं, उनका बौद्धिक स्तर ऊँचा होता है और मैं इनके संसर्ग में अच्छा महसूस करता हूँ । दूसरी बात यह है कि बच्चे समाज और देश का भविष्य होते हैं, माता पिता की उम्मीद होते हैं । इस क्षेत्र में जाने का एक कारण यह भी है कि मुझे लगता है कि मेरी संस्था एक अच्छे नागरिक का निर्माण कर रही है जो सुसंस्कृत है, सभ्य है और अनुशासनशील है और इस तरह हम एक परिवार को, एक समाज को और एक देश को, एक सही व्यक्ति दे रहे हैं । यह एक महत् कार्य है जिसे करने में मुझे संतुष्टि मिलती है । ० शिक्षा के क्षेत्र में आपका कितना योगदान है ? इस क्षेत्र में कठिनाई क्या है ? हम अपनी संस्था से शत प्रतिशत कामयाब छात्रों को बाहर भेजते हैं । आज के समय में सिर्फ पास होना महत्व नहीं रखता है । छात्रों को विशेषांक के साथ उत्तीर्ण होना पड़ता है । लोग सोचते हैं कि हम सिर्फ पैसा कमाने के लिए स्कूल या कालेज चला रहे हैं । ऐसी बात नहीं है । मैंने पहले भी कहा कि हम एक सही व्यक्ति के निर्माण पर जोर देते हैं जो अपने क्षेत्र में एक उदाहरण बन सके । वह किसी भी क्षेत्र में जाए चाहे वह डाक्टर बने, इंजीनियर बने, व्यवसायी बने तकनीशियन बने सफल बने । हमारी संस्था यही चाहती है और ऐसी ही शिक्षा प्रदान करती है । हम शुद्ध आचरण और अनुशासन पर बल देते हैं और उसे छात्रों के अन्दर पैदा करने की कोशिश करते हैं ताकि उसका सही चरित्र निर्माण हो सके । जहाँ तक कठिनाइयों का सवाल है तो यह देश ऐसा है कि यहाँ कठिनाइयाँ हीं कठिनाइयाँ हैं । इसके बिना तो कोई काम हो ही नहीं सकता । सरकार की मानसिकता ऐसी है कि वो निजी क्षेत्र को या व्यवसाय को अजीब सी मानसिकता के साथ देखते हैं । कभी कभी तो ऐसा लगता है कि हम इस ग्रह के हैं ही नहीं, यहाँ के नागरिक भी नहीं हैं । यह हमें झेलना पड़ता है । दूसरी बात कि नेपाल में जितना टैक्स लिया जाता है उतना विश्व के किसी भी देश में मेरी जानकारी में नहीं लिया जाता होगा । तो टैक्स की मार को भी हम झेलते हैं । हम जिस तरह काम कर रहें हैं या शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दे रहे हैं उसे नजरअंदाज किया जाता है । सबकी सोच यह होती है कि हम छात्रों का या अभिभावक का आर्थिक शोषण करते हैं । हमें शिक्षा माफिया के तहत जोड़कर देखा जाता है । सबकी नजरों में एक हिकारत होती है । यह सब हमें सहन करना पड़ता है । ० नई शिक्षा नीति में क्या सुधार होनी चाहिए ? - मैंने जिन कठिनाइयों की बात कही अगर सरकार उस पर ध्यान दे दे तो सुधार स्वयं हो जाएगा । हमारे काम को महत्व दिया जाय । टैक्स सरकार अगर कम लेती है तो छात्रों पर आर्थिक दबाव कम पड़ेगा और हमारी जो आमदनी होगी उसे हम छात्रों के ऊपर खर्च कर सकेंगे जिसका प्रत्यक्ष फायदा उसे मिलेगा । हमें अच्छे माहौल में काम करने दिया जाय । शिक्षा के क्षेत्र को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाय । एसी नीति बनाई जाय कि बच्चे अपने ही देश में शिक्षा प्राप्त करें । यहाँ से बच्चे बाहर जाते हैं तो पैसा भी तो बाहर जाता है । अगर वो पैसा देश में ही रहे तो शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सुधार हो सकता है । सरकार का ध्यान इस ओर जाना चाहिए और देश के पैसे को देश में ही रहने की नीति का निर्माण करना चाहिए । अगर देश में ही गुणस्तरीय शिक्षा मिलेगी तो छात्र बाहर क्यों जाएँगे । इस ओर सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है । ० भूकम्प के बाद शिक्षा पर क्या असर पड़ा है ? - भूकम्प के बाद जो डर था वह धीरे धीरे अब खत्म हो चुका है । जो बच्चे यहाँ से चले गए थे वो भी वापस आने लगे हैं । डर से निकालना है तो काम करना होगा । आप उसमें व्यस्त हो जाते हैं तो मन से डर निकल जाता है । ० संस्था से जुड़ी उच्च शिक्षा के विषय में कुछ कहना चाहेंगे ? - हम चाहते हैं कि हम बेहतर से बेहतर शिक्षा दें किन्तु इस क्षेत्र में हमारे सामने एक और समस्या आती है कि जो उच्च शिक्षा से जुड़ी हुई है । यहाँ सरकारी निकायों में यह कानून बना दिया जाता है कि जो प्राफेसर वहाँ कार्यरत हैं वो कहीं निजी संस्थान में नहीं पढाÞ सकते, यह सही नहीं है । उनको अपनी शिक्षा का उपयोग करने का अवसर देना चाहिए ताकि दूसरे उससे ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो सकें । जब आप निजी संस्थान को अध्यापन कराने के लिए मान्यता देते हैं तो उसे विषय से सम्बन्धित विज्ञ की आवश्यकता होती है और अगर आप प्रोफेसर को अनुमति नहीं देंगे तो हमें शिक्षक कहाँ से मिलेंगे । इसलिए इस ओर भी समुचित ध्यान देने की आवश्यकता है । गाँवों में प्लस टू तक की पढ़ाई तो सही है किन्तु उसके बाद तो बच्चे शहर ही आते हैं । नेपाल में बच्चे या तो काठमान्डू आते हैं या बाहर जाते हैं । अगर देश में ही सुविधा मिल जाय तो बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी । भारत में अधिकांश बच्चे वहीं अध्ययन करते हैं जबकि हमारे यहाँ के अधिकतर बच्चे बाहर जाते हैं । ० आपके और भी क्या क्या उद्योग हैं ? - हमारी दो कम्पनियाँ हैं । यती कार्पेट को मैं चलाता हूँ । जब मैं बम्बई से आया तो बाबू जी ने इसकी जिम्मेदारी मुझे दी । मैंने इस बन्द कम्पनी को फिर से शुरु किया । मेरा मानना है कि अगर आप सही तरीके से काम करेंगे अपने कर्मचारियों को खुश रखेंगे तो आप कामयाब होंगे । मैंने चार चार बन्द कम्पनियों को चलाया जिसमें यती फैब्रिक्स, यती कार्पेट, सीताराम दूध आदि कम्पनियाँ हैं और आज ये सभी अच्छी तरह से चल रही हैं । ० वत्र्तमान परिस्थिति से आप कितना सन्तुष्ट हैं ? - जिस देश में हर ओर समस्याएँ हों वहाँ कोई संतुष्ट कैसे रह सकता है ? आज विश्व विकास की बातें करता है और उस ओर तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है किन्तु हम बातें करते हैं ः बिजली की , पानी की, जाति की, संघीयता की, बन्द की, नदी साफ करने की तो ऐसे में हमारी संतुष्टि का तो सवाल ही नहीं उठता । हम अभी भी बहुत पिछड़े हुए हैं । हमें बन्दी झेलने की आदत हो गई है, लोड सेडिंग में रहने की आदत हो गई है अब तो हालत यह है कि जिस दिन चौबीस घन्टे बिजली रह गई तो वह अजीब लगता है । तो अभी की हालत में संतुष्टि का तो सवाल ही नहीं उठता । ० आपका कोई संदेश ? - नई पीढ़ी को आगे आने की जरुरत है जिनकी सोच नई हो, जो नए तकनीकि को लागु करना जानते हों, वक्त के साथ अपनी सोच को बदलना जानते हों उन्हें आगे आना चाहिए । युवा पीढ़ी ही देश को विकास की राह पर ले जा सकती है । यह बातें हमारे नेताओं को भी समझना चाहिए और युवाओं को आगे बढ़ने देना चाहिए तभी नए नेपाल का निर्माण हो सकता है । हिमालिनी को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद । आपने यह अवसर दिया इसके लिए आप का भी आभार ।
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नई दिल्लीः हॉलीवुड की पॉप सिंगर ब्रिटनी स्पीयर्स (Britney Spears) ने अपने 28 साल के मंगेतर सैम असगारी (Sam Asghari) से शादी कर ली है. कपल ने कैलिफोर्निया के लॉस एंजलिस में एक इंटिमेट सेरेमनी (Britney Spears and Sam Asghari Wedding) में शादी की. अभी इस सेरेमनी के फोटोज सोशल मीडिया पर नहीं आए हैं, लेकिन शादी से जुड़ा ड्रामा जरूर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. बताया जा रहा है कि ब्रिटनी स्पीयर्स के एक्स हसबैंड जेसन एलेग्जेंडर (Jason Alexander) ने उनकी शादी में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेसन एलेग्जेंडर ने ब्रिटनी और सैम की शादी में जबरदस्ती घुसने की थी. वह शादी की प्रॉपर्टी में घुस में आए थे और एक सिक्योरिटी गार्ड से बचकर निकल गए थे. बताया यह भी जा रहा है कि ब्रिटनी की शादी में अपनी घुसपैठ को जेसन ने इंस्टाग्राम पर लाइव स्ट्रीम किया था. वीडियो में उन्हें कहते सुना जा सकता है कि 'ब्रिटनी कहां है? ' इसके अलावा उन्होंने कहा था, 'मैं बताता हूं इस वाहियात शादी में क्या हो रहा है. ' एंटरटेनमेंट वेबसाइट TMZ के मुताबिक, पुलिस को मौके पर बुलाया गया था. इस मामले में वेंतूरा काउंटी शेरिफ के ऑफिस ने बताया है कि अफसरों को किसी के घुसपैठ करने की खबरें मिली थीं. इसके बाद उन्हें पता चला कि जेसन एलेग्जेंडर के खिलाफ किसी और मामले में एक वारंट भी निकला हुआ है. ऐसे में उन्हें अरेस्ट कर लिया गया. ब्रिटनी स्पीयर्स लंबे समय से अपनी कंजर्वेटरशिप को लेकर चर्चा में बनी हुई थीं. लगभग सात महीने पहले ही उनकी कंजर्वेटरशिप का अंत हुआ है. ब्रिटनी और उनके मंगेतर सैम ने सोशल मीडिया पर सितम्बर 2021 में अपनी सगाई का ऐलान किया था. हालांकि दोनों ने शादी की डेट नहीं बताई थी. अप्रैल 2022 में ब्रिटनी ने ऐलान किया था कि वह प्रेग्नेंट हैं. हालांकि एक महीने बाद ही उनका मिसकैरिज हो गया था. सैम असगारी से पहले ब्रिटनी स्पीयर्स ने दो बार शादी की थी. ब्रिटनी ने 2004 में अमेरिकन सिंगर Kevin Federline से शादी की थी. यह शादी साल 2007 में खत्म हो गई थी. इस शादी से उनके दो बेटे Sean Preston Federline और Jayden James Federline हैं. 2004 में ही कुछ समय के लिए ब्रिटनी और जेसन एलेग्जेंडर की भी शादी हुई थी, जो ज्यादा समय नहीं चली थी.
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।प्रबुद्धा (Prabuddha) कन्या राशि के प्रबुद्धा नाम के लड़के बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। मान्यता है कि कन्या राशि के आराध्य देव कुबेर जी होते हैं। इन प्रबुद्धा नाम के लड़कों का पाचन तंत्र अकसर सही नहीं रहता जिस कारण प्रबुद्धा नाम के लड़कों में पेट से सम्बंधित बीमारियां बनी रहती हैं। इस राशि के प्रबुद्धा नाम के लड़के अगर स्वास्थ्य के साथ असावधानी बरतते हैं और कब्ज और अल्सर जैसे रोगों का शिकार हो सकते हैं। इन प्रबुद्धा नाम के लड़कों को पेट से जुड़े रोग और सेक्शुअल बीमारियां होने का खतरा होता है। प्रबुद्धा नाम के लड़के सन्तोषी, परोपकारी और खुशमिजाज होते हैं। प्रबुद्धा नाम के लड़के दिमाग को आराम नहीं लेने देते। हमेशा कुछ न कुछ सोचते विचारते रहते हैं। प्रबुद्धा नाम का मतलब जागृत, भगवान बुद्ध होता है। अपने बच्चे को प्रबुद्धा नाम देने से पहले उसका अर्थ जान लेंगे तो इस से आपके शिशु का जीवन संवर सकता है। अपनी संतान को प्रबुद्धा नाम देकर आप उसके जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं। इस वजह से भी बच्चे का नाम प्रबुद्धा रखने से पहले उसका अर्थ पता होना चाहिए। प्रबुद्धा नाम रखने से आपका बच्चा भी वो गुण ले लेता है जो इसके अर्थ में समाहित होता है। प्रबुद्धा नाम वाले व्यक्ति बिलकुल अपने नाम के मतलब की तरह यानी जागृत, भगवान बुद्ध होते हैं। आगे प्रबुद्धा नाम की राशि, प्रबुद्धा का लकी नंबर व इस नाम के जागृत, भगवान बुद्ध के बारे में संक्षेप में बताया है। प्रबुद्धा नाम का ग्रह स्वामी बुध है और इस नाम का शुभ अंक 5 होता है। स्वभाव से लापरवाह होने के बावजूद प्रबुद्धा नाम के लोग बिना योजना के सफल हो जाते हैं। 5 अंक वाले स्वयं अपना लक्ष्य बनाते हैं और उस पर अमल करते हैं। इन्हें दूसरों की बातें सुनना पसंद नहीं होता है। इस अंक वाले लोगों का स्वभाव बहुत अच्छा होता है और मानसिक रूप से ये काफी तेज होते हैं। लकी नंबर 5 वाले लोग हर जगह से ज्ञान प्राप्त करना पसंद करते हैं। आप हर काम पूरे जोश के साथ करते हैं। किसी नई शुरुआत से आप हिचकिचाते भी नहीं हैं। जिनका नाम प्रबुद्धा है, उनकी राशि कन्या होती है। इस राशि के लोग बहुत व्यवस्थित होते हैं और उन्हें हर चीज़ सही चाहिए होती है। इनके स्वभाव में दो रूप नज़र आते हैं। करियर के मामलों में प्रबुद्धा नाम के लोग लेखन, संगीत, मीडिया और संचार आदि के क्षेत्रों को पसंद करते हैं। इन लोगों की जो चाह होती है, उसे पाकर ही दम लेते हैं। हालांकि, उन्हें इस प्रक्रिया में समय लगता है। कन्या राशि के लोगों को चटकीले रंग के कपड़े पहनना अच्छा लगता हैं। साथ ही इन्हें नए तरह के कपड़े खूब भाते हैं।
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इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे अपने नवजात शिशु का आधार कार्ड बनवा सकती हैं और यह आधार कार्ड बनवाते समय किन बातों का ध्यान रखना होगा। आधार कार्ड सभी के लिए आज के समय में एक बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट बन चुका है। हमारे देश के हर नागरिक के पास आधार कार्ड अवश्य होना चाहिए क्योंकि आधार कार्ड की जरूरत अब कई सरकारी और प्राइवेट कामों में सबसे अधिक लगती है। भारत में बुजुर्ग से लेकर नवजात शिशु तक सभी का आधार कार्ड उनकी भारतीय पहचान को भी दर्शाता है। आपको बता दें कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने अब बच्चों के लिए भी आधार कार्ड को बनवाना अनिवार्य कर दिया है अगर आप भी अपने बच्चे के लिए आधार कार्ड बनवाना चाहती हैं तो यह लेख जरूर पढ़ें। कैसे बनवा सकती हैं नवजात शिशु के लिए आधार कार्ड? आपको बता दें कि आप अपने नवजात शिशु के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अप्लाई कर सकती हैं। आपको अप्लाई करने के लिए सबसे पहले यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाना होगा और फिर आपको रजिस्टर करना होगा। इसके बाद आपको होम पेज पर दिए गए आधार कार्ड के फॉर्म में सारी जानकारी को भरना होता है। आपको अपने बच्चे का नाम फिर माता पिता का फोन नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी को भरना होता है। इसके बाद आपको फिक्स अपॉइंटमेंट पर क्लिक करके एक डेट को सेलेक्ट करना होगा और फिर आपको अपने नजदीकी आधार नामांकन केंद्र में जाकर वेरिफिकेशन करवाना होता है। Everyone can enrol for #Aadhaar, even a newborn child. All you need is the child's birth certificate, Aadhaar Number and the biometrics of the parents. अगर आपको अपने नवजात शिशु का आधार कार्ड अपडेट करवाना भी होता है। आपको बता दें कि बच्चों के आधार कार्ड के बायोमेट्रिक डाटा को 5 साल और 15 साल की उम्र होने पर अपडेट कराना जरूरी होता है इसके लिए आपसे अलग से कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। अगर आप 5 साल से कम उम्र में अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाती हैं तो आपको ब्लू कलर का आधार कार्ड मिलता है। इस आधार कार्ड को बाल आधार कार्ड कहते हैं। इसके साथ ही आपको फॉर्म भरते वक्त सारी जानकारी को सही से भरना चाहिए क्योंकि नवजात शिशु के आधार कार्ड में अगर बर्थ डेट में कोई गलती होती है तो वह सिर्फ एक बार ही सही की जा सकती है यानी सिर्फ एक बार ही उसे अपडेट किया जा सकेगा। आपको अपने बच्चे के आधार कार्ड को उसे 5 साल के बाद जरूर अपडेट करवाना चाहिए क्योंकि उस समय में ही बायोमेट्रिक डाटा से रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इन बातों का ध्यान रखकर आपको अपने नवजात शिशु का आधार कार्ड बनवाना चाहिए। उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ। आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
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दावोसः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वाशिंगटन कश्मीर मामले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच घटनाक्रम पर करीबी नज़र बनाए है. साथ ही उन्होंने एक बार फिर दोनों पड़ोसी देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने में मदद करने की पेशकश की. विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ निजी बैठक से पहले पत्रकारों से कहा कि व्यापार और सीमा विवाद दोनों ही चर्चा के महत्वपूर्ण बिंदु हैं. जबकि खान ने कहा कि उनके लिए, अफगानिस्तान सर्वोच्च प्राथमिकता है. ट्रम्प ने खान से कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मौजूदा कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करेंगे. ट्रम्प के आगामी सप्ताह में भारत दौरे पर आने की संभावना है. राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी. हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. 'मेरे दोस्त' का संबोधन उन्होंने इमरान खान के लिए दिया. गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव कायम है. भारत ने जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न हिस्सा बताते हुए अमेरिका या संयुक्त राष्ट्र सहित किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की बात को लगातार सिरे से खारिज किया है. उसका कहना है कि यह पाकिस्तान और उसका द्विपक्षीय मामला है. वहीं पाकिस्तान लगातार तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की मांग करता रहा है. एक संवाददाता ने ट्रम्प से पूछा कि क्या भारत दौरे के समय वह पाकिस्तान भी जाना चाहेंगे. इस पर ट्रम्प ने कहा कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से दावोस में मिल रहे हैं.
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(प्रतापगढ़ा में 12वीं में टॉप करने वाला रवि प्रकाश) UP Board 12th Result 2022: यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले में टॉप करने वाले रवि प्रकाश मिश्रा (Ravi Kumar Mishra) ने राज्य के भी टॉपरों में स्थान हासिल किया है. रवि प्रकाश ने संयुक्त रूप से 92. 60 प्रतिशत अंकों के साथ 8वीं रैंक हासिल की है. रवि प्रकाश पट्टी इलाके के सुल्तानपुर बॉर्डर के बींद में स्थित वीणा पाणि शिक्षा मंदिर इंटर कॉलेज का छात्र है. रवि प्रकाश और ग्रामीण परिवेश में रहने वाले दूसरे छात्रों ने भी पूरे प्रदेश में जिले का नाम रोशन किया है. रिजल्ट आने के बाद कॉलेज से लेकर पूरे इलाके से रवि को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. यही नहीं कालेज में जश्न का माहौल है. इस कॉलेज के लिए ये कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी छात्र ने टॉप किया है. इससे पहले साल 2020 में भी इसी कॉलेज के इंटर के छात्र रोशन चौरसिया ने उत्तर प्रदेश के टॉप टेन जगह बनाई थी और 9वीं रैक के साथ जिले में टॉपर रहा था. टॉपर रवि प्रकाश को कॉलेज संचालक सतीश सिंह ने बुलाया और प्राचार्य रणजीत सिंह के साथ मिलकर मिठाई खिलाई. साथ ही कॉलेज के स्टाफ ने भी बधाई दी. गौरतलब है कि टॉपर रवि प्रकाश इसी कॉलेज में शिक्षक सतीश कुमार मिश्रा का बेटा है. रवि अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षकों को देते हुए बताया कि वह इंजीनियर बनना चाहता है. दूसरी तरफ शहर के साकेत गर्ल्स इंटर कॉलेज की आस्था सिंह ने 92. 40 प्रतिशत अंक हासिल करके उत्तर प्रदेश में 9वीं रैंक हासिल की है. आस्था मेडिकल की पढ़ाई करके कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहती है, क्योंकि उसके नाना की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. आस्था का कहना है कि देश मे कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों की काफी कमी है और वह नहीं चाहती कि लोग कार्डियक डिजीज से मौत के शिकार बने. आस्था दो बहन और एक भाई में सबसे बड़ी है. पिता योगेंद्र प्रताप सिंह पेशे से डॉक्टर हैं और खुद की पैथोलॉजी चलाते हैं. वहीं आस्था की मां ग्रेजुएट है और गृहिणी है, जिनके मार्गदर्शन में आस्था की मेधा परवान चढ़ी. आस्था ने हाईस्कूल में 85 प्रतिशत अंक हासिल की थी, जिसके बाद उसने अपनी मेहनत और ज्यादा बढ़ा दी. उसने इंटर की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के टॉपरों में शामिल होकर जिले का गौरव बढ़ाया है.
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आलम ने एफआईआर में कहा कि उनके साथ ये घटना तब हुई जब वे सदर बाजार में एक मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद लौट रहे थे। बरकत आलम बिहार के रहने वाले हैं। देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 25 साल के एक मुस्लिम युवक के टोपी पहनने पर कुछ लोगों द्वारा उसके साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। आरोपों के अनुसार इन लोगों ने मोहम्मद बरकत आलम के साथ न केवल मारपीट की बल्कि उनसे उनकी टोपी उतारने को कहा। यही नहीं, इन लोगों ने आलम से 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने को भी कहा। आलम बिहार के रहने वाले हैं और गुरुगाम के जैकबपुरा क्षेत्र में रहते हैं। आलम ने पुलिस के सामने दर्ज कराई गई FIR में कहा, 'आरोपियों ने मुझे डराया-धमकाया और कहा कि इस इलाके में टोपी पहनना मना है। उन्होंने मेरी टोपी हटा दी और मुझे थप्पड़ मारा। साथ ही उन्होंने भारत माता की जय बोलने को कहा। मैंने उनकी बात मानी और भारत माता की जय कहा। इसके बाद उन्होंने मुझसे जय श्री राम कहने को कहा। मैंने इससे मना किया तो उन्होंने सड़क किनारे पड़े एक डंडे को उठाया और मुझे बेरहमी से पीटने लगे। उन्होंने मेरे पैरों और पीठ पर वार किया। ' आलम ने एफआईआर में कहा कि उनके साथ ये घटना तब हुई जब वे सदर बाजार में एक मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद लौट रहे थे। आलम ने बताया कि घटना के दौरान उन्होंने मदद के लिए आवाज लगाई। इसके बाद कुछ लोग आगे बढ़े, जिसे देखकर आरोपी भाग खड़े हुए। पुलिस ने कहा है कि शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस के अनुसार आरोपी कथित तौर पर नशे में थे और यह एक मामूली झड़प थी। वहीं, आलम मे कहा है कि इस घटना को अंजाम देने में 5 से 6 लोग शामिल थे। सिटी एसीपी राजीव कुमार ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति की मेडिकल जांच कराई गई है और साथ ही आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है।
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- पताः एबरक्रॉम्बी स्ट्रीट, स्पेन का बंदरगाह, त्रिनिदाद और टोबैगो; त्रिनिदाद और टोबैगो का द्वीप गणराज्य एक अनूठा राज्य है, जिसमें कई रोचक और असामान्य चीजें हैं। सभी ऐतिहासिक और स्थापत्य गौरव में रेड हाउस खड़ा है। ग्रीक पुनरुत्थान की एक अनूठी शैली में निर्मित यह सुंदर संरचना, पोर्ट ऑफ स्पेन की राजधानी की एक वास्तविक सजावट है, जिसमें यह स्थित है। वास्तुकला की विशेषता को देखते हुए, संरचना त्रिनिदाद और टोबैगो के ऐतिहासिक स्मारकों के रजिस्टर में दर्ज की गई थी। लेकिन न केवल यह अन्य इमारतों के बीच उल्लेखनीय बनाता है - गणराज्य की संसद लाल सदन में बैठी है। संसद का वर्तमान सदन 150 से अधिक साल पहले बनाया जाना शुरू हुआ - 1844 के दूर के वर्ष में। पहले पत्थर के बिछाने के चार साल बाद, दक्षिणी पंख का निर्माण पूरा हो गया था। यह उल्लेखनीय है कि कुछ सजावटी सामग्री सीधे यूके से वितरित की गई थी, जिसका अधीनता त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए थी। डिकर्स को इतालवी द्वारा इकट्ठा किया गया था। विशेष रूप से यह घर के कॉलम को ध्यान देने योग्य है - वे बैंगनी लकड़ी से बने होते हैं, लेकिन पीले रंग के होते हैं। रेड हाउस की वास्तव में अनूठी विशेषता इमारत के अंदर स्थित फव्वारा है - यह एक वेंटिलेशन और शीतलन प्रणाली की भूमिका निभाता है। वैसे, इमारत को केवल 18 9 7 में अपना वर्तमान नाम प्राप्त हुआ, निर्माण शुरू होने के बाद आधा शताब्दी से अधिक - उस वर्ष उन्होंने रानी विक्टोरिया की सालगिरह मनाईः इस इमारत के इस मुखौटे को लाल रंग दिया गया था और तब से रंग नहीं बदला गया है। 1 9 03 में, रेड हाउस को गंभीर नुकसान हुआ, जिससे बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण हुआ। इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप, संरचना ने अपना वर्तमान रूप हासिल कर लिया है। तब से, इमारत अभी भी संसद का सदन है। शानदार वास्तुकला के टुकड़े और इसके असामान्य रंग का आनंद लेने के लिए हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं। वहां कैसे पहुंचे? संसद का सदन त्रिनिदाद और टोबैगो की राजधानी में स्थित है , जो एबरक्रंबी स्ट्रीट पर पोर्ट ऑफ स्पेन है । गणराज्य के अधिकारियों के आश्रय के विपरीत वुडफोर्ड स्क्वायर है।
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उपभोक्ता फोरम ने मेडिकल क्लेम पर बड़ा आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि कोई व्यक्ति भले ही 24 घंटे से कम समय तक अस्पताल में भर्ती रहा हो, वह बीमा का दावा कर सकता है। वड़ोदरा के कंज्यूमर फोरम ने एक आदेश में बीमा कंपनी को बीमा की राशि भुगतान करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि नई तकनीक आने के चलते कभी-कभी रोगियों का इलाज कम समय में या अस्पताल में भर्ती हुए बिना भी किया जाता है। उपभोक्ता फोरम ने ये आदेश वड़ोदरा निवासी रमेश चंद्र जोशी की याचिका पर दिया है। जोशी ने 2017 में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कंपनी ने उनका बीमा क्लेम देने से इनकार कर दिया था। जोशी की पत्नी को बीमारी के बाद वड़ोदरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। इलाज के बाद जोशी ने 44,468 रुपये का मेडिकल क्लेम दायर किया लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया कि मरीज को नियम के तहत 24 घंटे तक भर्ती नहीं कराया गया था। जोशी ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज की और दस्तावेज पेश कर बताया कि उनकी पत्नी को 24 नवंबर, 2016 को शाम 5। 38 बजे भर्ती कराया गया था और 25 नवंबर को अगले दिन शाम 6। 30 बजे डिस्चार्ज किया गया। इस तरह वह 24 घंटे से ज्यादा अस्पताल में थी। फोरम ने यह भी कहा कि एक बीमा कंपनी यह तय नहीं कर सकती है कि रोगी को अस्पताल में भर्ती करना आवश्यक है या नहीं। यह फैसला केवल डॉक्टर ही रोगी की स्थिति के आधार पर ले सकते हैं। फोरम ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह दावा खारिज होने की तारीख से 9% ब्याज के साथ जोशी को 44,468 रुपये का भुगतान करे।
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भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को उम्मीद है कि देश में आगामी एकदिवसीय विश्व कप अत्यधिक प्रतिस्पर्धी होगा। उनकी मानें तो इस खेल की गति काफी बढ़ गई है। खेल के ताबड़तोड़ प्रारूप टी20 क्रिकेट ने सभी प्रारूपों को प्रभावित किया है। इससे पारंपरिक पांच दिवसीय प्रारूप भी अछूता नहीं है। अब टेस्ट मैच में भी बल्लेबाज आक्रामक शॉट लगाने से गुरेज नहीं करते हैं। भारत विश्व कप में आठ अक्टूबर को चेन्नई में पांच बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगा। उसका लक्ष्य अपना तीसरा और घरेलू मैदान पर दूसरा खिताब जीतना होगा। भारत को लीग चरण के अपने नौ मैचों को कोलकाता, मुंबई, नई दिल्ली, लखनऊ और बेंगलुरु सहित विभिन्न स्थानों पर खेलना है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के बाद भारतीय टीम दिल्ली में 11 अक्टूबर को अफगानिस्तान का सामना करेगी। भारत और चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के बीच खेला जाना वाला बहुचर्चित मुकाबला 15 अक्टूबर को अहमदाबाद में होगा। राजनयिक तनाव के कारण दोनों पड़ोसी अब केवल आईसीसी और एसीसी (एशियाई क्रिकेट परिषद) आयोजनों में एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं। दोनों देशों के बीच पिछला मुकाबला साल 2022 में ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के दौरान हुआ था। भारत और पाकिस्तान ने वनडे विश्व कप में सात बार (1992, 1996, 1999, 2003, 2011, 2015 और 2019) एक दूसरे का सामना किया है। हर बार भारतीय टीम विजेता रही है। दोनों टीमों ने 50 ओवर के प्रारूप के विश्व कप में 1987 और 2007 में एक दूसरे का सामना नहीं किया था। साल 2007 में दोनों टीमें ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाईं थीं, जबकि 1987 में दोनों अलग-अलग ग्रुप में थीं। तब दोनों ही टीमों को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। भारत के अन्य बड़े मुकाबलों में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ क्रमशः 22 और 29 अक्टूबर को धर्मशाला और लखनऊ में होने वाले मैच शामिल हैं। टूर्नामेंट में पिछली बार के राउंड-रॉबिन प्रारूप को बरकरार रखा गया है। इसमें सभी टीमें कुल 45 लीग मैचों के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगी। टूर्नामेंट में छह मुकाबले दिन (सुबह 10:30 से शुरू) के होंगे, जबकि बाकी के मैच दिन-रात्रि (दोपहर दो बजे से) में खेले जाएंगे। नॉकआउट मुकाबले भी दिन-रात्रि के होंगे। शीर्ष चार टीमें 15 नवंबर को मुंबई और 16 नवंबर को कोलकाता में खेले जाने वाले क्रमशः पहले और दूसरे सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगी। सेमीफाइनल मुकाबलों और फाइनल मैच के लिए आरक्षित दिन भी है। भारत अगर सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करता है, तो वह अपना मैच मुंबई में खेलेगा।
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खीर किसे पसंद नहीं होता. हर कोई खीर का दीवाना होता है. इसे खाने के लिए लोग किसी भी हद तक चले जाते हैं और अगर बात हेरीज वाली खीर का हो तो कहने ही क्या. हर शाम कुछ जायके वाली चीज खाने की इच्छा होती है और हर सुबह कुछ मीठा खाने की. खाने के बाद अक्सर मीठा खाने की इच्छा होती है लेकिन क्या खाएं और क्या झटपट बनाएं ये समझ नहीं आथा जिसकी वजह से हम कुछ भी तय कर पाने में असमर्थ होते हैं. मीठे की तो बात ही निराली होती है और जब बात खीर की हो तो भई कहने ही क्या? खीर का नाम जुबान पर आते ही उसके मीठे जायके का अहसास होने लगता है. और उसे खाने की कोशिश में न जाने हम क्या-क्या करने लगते हैं और वही खीर अगर हमें नहीं मिलता तो हम बेहद निराश हो जाते हैं. खास तौर पर जब बात त्योहारों की हो और खीर खाने को न मिले तो निराशा ही हाथ लगती है. लेकिन अगर आपको ये पता चले कि खीर की एक शानदार रेसिपी है जिसमें कुछ एक्स्ट्रा फैक्टर्स एड होते हैं और वो बनाने में बेहद आसान है तो आपकी क्रेविंग क्या कहेगी? यही न कि जल्द से जल्द इस रेसिपी को बना लें और अपने टेस्ट बड्स को शांत करें. मोटी मलाईदार खीर के बिना भारतीय त्योहारों और अवसरों को मनाना असंभव है. लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बता दें कि ये फ्यूजन खीर देसी मिठाइयों के लिए आपके प्यार को बदल देगी. जी हां, ये हेल्दी और स्वादिष्ट बेरी खीर आपके फेस्टिव मेन्यू में एक बढ़िया एक्स्ट्रा होगी. बस कुछ दूध, क्रीम, चीनी/गुड़ और ढेर सारी बेरीज लें और आनंद लें. इस झटपट खीर रेसिपी को बनाने के लिए, बासमती चावल को 2-3 घंटे के लिए भिगो दें. इस बीच, एक पैन लें और उसमें दूध डालें और चलाते रहें. दूध के आधा रह जाने पर आंच धीमी कर दें और चावल, व्हीप्ड क्रीम चीनी के साथ डालें, हिलाएं और खीर को 2-3 मिनट तक उबलने दें और सूखे क्रैनबेरी डालें. एक बार खीर पक गई दिखाई दे. आंच बंद कर दें और सर्विंग बाउल में डालें और ताजी रसभरी और ब्लूबेरी से सजाएं. थोड़े से भुने हुए कद्दू के बीज डालें और ठंडा-ठंडा परोसें और आनंद लें. इसे और स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें कंडेंस्ड मिल्क मिलाएं. इसे और स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इसमें कुछ नट्स और ट्राई फ्रूट्स मिला सकते हैं. आप चीनी को स्टीविया/शहद/गुड़ से बदल सकते हैं.
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़ते ही उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. कोर्ट ने उनको आगामी 24 जनवरी तक पेश होने का आदेश दिया है. यहां क्लिक करके पढ़ें पूरी खबर. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया है. सपा नीत गठबंधन के उम्मीदवारों की लिस्ट चरणबद्ध तरीके से जारी की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि मेरी पार्टी पहले और दूसरे चरण में चुनाव नहीं लड़ेगी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी छोड़ने की बड़ी वजह दलितों की उपेक्षा बताई थी. हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों पर पलटवार किया है. योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'सपा या बसपा के मुकाबले बीजेपी ने दलितों के लिए ज्यादा काम किया है. स्वामी प्रसाद मौर्य 5 सालों तक योगी सरकार की तारीफ करते रहे. अब वह पार्टी छोड़ रहे हैं. बीजेपी पर इसका कोई असर पड़ने नहीं जा रहा. उत्तर प्रदेश में कमल खिलकर रहेगा, कोई इसे रोक नहीं सकता. ' स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी तो छोड़ दी है, लेकिन सपा में जाने के सवाल पर उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. उन्होंने कहा है कि 14 जनवरी को वह आखिरी फैसला करेंगे. मौर्य के इस रुख के बाद एक बार फिर राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को मौर्य के साथ तस्वीर ट्वीट कर उनके सपा में आने की बात कही थी. इससे ठीक पहले, मौर्य ने योगी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. मौर्य ने कहा, "14 जनवरी को वह घड़ी आएगी जब अंतिम धमाका होगा. जो भी निर्णय होगा, वो बीजेपी सरकार की ताबूत में आखिरी कील होगा. " सपा प्रमुख अखिलेश यादव के उनके साथ फोटो ट्वीट करने पर मौर्य ने कहा, "अगर किसी ने मुझे ट्वीट कर धन्यवाद किया है तो मैं धन्यवाद करता हूं, लेकिन मुझे जाना कहां है, यह निर्णय कार्यकर्ताओं से मिलकर होगा. अंतिम निर्णय कल शाम तक आ जाएगा, जिसे मैं 14 जनवरी को सुना दूंगा. " इमरान मसूद के बाद एक और कांग्रेस विधायक सपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं. इनका नाम है मसूद अख्तर. मसूद ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए सपा से गठबंधन की मांग की थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. उनके मुताबिक, इस बार चुनाव में सपा और बीजेपी में सीधी लड़ाई है, इस वजह से उन्होंने और इमरान मसूद ने सपा में जाने का फैसला किया. मसूद अख्तर के मुताबिक, उन्होंने आज सपा जॉइन के लिए अखिलेश यादव से वक्त मांगा है. यूपी विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सत्ताधारी बीजेपी को बड़ा झटका तब लगा जब कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी छोड़कर सपा का दामन थामने का ऐलान कर दिया. राजनीतिक जानकार इसे बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान मान रहे हैं. आखिर क्या है इसकी वजह, जानने के लिए यहां क्लिक करें. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के एक बयान ने सूबे की सियासत में गर्माहट ला दी है. योगी के मुताबिक, इस बार का चुनाव 80 फीसदी बनाम 20 फीसदी के बीच होगा. राजनीतिक जानकार और विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों की ओर इशारा बता रहे हैं. इस बयान को लेकर योगी जहां विपक्ष के निशाने पर हैं, वहीं कुछ राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस बयान से बीजेपी को ध्रुवीकरण का फायदा मिल सकता है. पूरे सियासी समीकरण को समझने के लिए देखें यह वीडियो. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है, मगर अब तक बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड के बीच साझा रूप से चुनाव लड़ने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है जिसको लेकर जनता दल यूनाइटेड में नाराजगी बढ़ती जा रही है. जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड के बीच अब तक गठबंधन नहीं हो पाने को लेकर अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा, "हमारे पार्टी के नेता आरसीपी सिंह बीजेपी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर लगातार बातचीत कर रहे हैं मगर अब तक इसको लेकर कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. अब तो उत्तर प्रदेश में चुनाव की घोषणा भी हो गई है. यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर गठबंधन कब तक होगा. " यूपी में बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड के बीच किसी प्रकार के गठबंधन की संभावना पर सवाल खड़े हो गए जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और जदयू के उत्तर प्रदेश प्रभारी केसी त्यागी ने यूपी चुनाव अकेले लड़ने के संकेत दे दिए और कहा कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. (रिपोर्ट- रोहित कुमार सिंह) UP Election 2022: यूपी चुनाव को लेकर सपा ने कई दलों से गठबंधन किया है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज दोपहर 12 बजे सपा मुख्यालय पर बैठक बुलाई है. उन्होंने सहयोगी दलों की मीटिंग बुलाई है, जिसमें आरएलडी को छोड़कर अन्य सभी दल शामिल होंगे. सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी. इस बैठक में कृष्णा पटेल, ओपी राजभर, संजय चौहान, केशव देव मौर्य मौजूद रहेंगे. (इनपुट- कुमार अभिषेक) Swami Prasad Maurya News: बीजेपी के किसी बड़े नेता ने या केंद्रीय नेतृत्व ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ संपर्क नहीं किया है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी छोड़ने की भनक पहले से थी, इसलिए उनके इस्तीफे के बाद भी कोई संपर्क नहीं साधा गया है. (इनपुट- कुमार अभिषेक)
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मैने क्षमा प्रार्थनापूर्वक विश्वास दिलाया, 'मैं सुन रहा हूँ, सुन रहा हूँ।' ' सुन रहे हैं तो सुनिए' वह बोले, ' हमारे माथेमे आँखें हैं । हमारे बाहुओ बल है । आपकी तरह की मौनकी प्रतीक्षा ही हमारा काम नहीं है । प्रकृतिका जितना वैभव है, हमारे लिए है । उसमें जो गुप्त है इसलिए है कि हम उसे उद्घाटित करें। धरतीमें छिपा जल है तो इसलिए कि हम उस धरतीको छेद डालें और कुए खोदकर पानी खीच ले । धरतीके भीतर सोना-चाँदी दबा है और कोयला बंद है, - अब हम है कि धरतीको पोला करके उसके भीतरसे सब कुछ उगलवा ले । आप कहिए कि कुछ हमारे लिए नहीं है तो बेशक कुछ भी आपके लिए न होगा। पर मै कहता हूँ कि सब-कुछ हमारे लिए है; और तब, कुछ भी हमारी मुट्ठी में आये बिना नहीं रह सकता । ' वह विद्वान् पुरुष देखनेसे अभी पकी आयुके नहीं जान पड़ते । उनकी देह दुर्बल है, पर चेहरेपर प्रतिभा दीखती है। ऊपरकी बात कहते हुए उनका मुख जो पीला है, रक्ताभ हो आया है। मैने पूछा भाई, आप कौन हो ? काफी साहस आपने प्राप्त किया है । ' ' जी हाँ, साहस हमारा हक है । मै युवक हूँ । मै वही हूँ जो स्रष्टा होते हैं । मानवका उपकार किसने किया है ? उसने जिसने कि निर्माण किया है । उसने जिसने कि साहस किया है। निर्माता साहसी होता है। वह आत्म-विश्वासी होता है। मैं वही युवक हूँ। मै वृद्ध नहीं होना चाहता।' कहते कहते युवक मानो कॉप आये। उनकी आवाज़ काफी तेज हो गई थी। मानो किसीको चुनौती दे रहे हों। मुझे नही प्रतीत हुआ कि यह युवक वृद्ध होनेमें सचमुच देर लगाएँगे । बाल उनके अब भी जहाँ-तहाँसे पक चले है । उनका स्वास्थ्य हर्षप्रद नहीं है और उनकी इंद्रियाँ बिना बाहरी सहायताके मानो काम करनेसे अब भी इन्कार करना चाहती है । मैने कहा, ' भाई, मान भी लिया कि सब कुछ हमारे लिए है । तब फिर हम किसके लिए है ? ' युवकने उद्दीप्त भावसे कहा, 'हम किसके लिए है ? हम किसीके लिए नहीं है। हम अपने लिए हैं । मनुष्य सचराचर विश्वमें मूर्धन्य है । वह विश्वका भोता है । सब उसके लिए साधन है । वह स्वयं अपने आपमें साध्य है । मनुष्य अपने लिए है । बाकी और सब-कुछ मनुष्य के लिए है ---- मैने देखा कि युवकका उद्दीपन इस भाँति अधिक न हो जाय । मानव-प्राणीकी श्रेष्ठतासे मानो उनका मस्तक चहक रहा है। मानों वह श्रेष्ठता उनसे झिल नही रही है, उनमें समा नहीं रही है । श्रेष्ठता तो अच्छी ही चीज़ है, पर वह बोझ बन जाय यह ठीक नहीं है । मैने कहा, 'भाई, मैने जल-पानको पूछा ही नहीं । ठहरो, कुछ जल-पान मँगाता हूँ।' युवकने कहा, 'नहीं - नहीं, ' और वह कुछ अस्थिर हो गया। मैने उनका संकोच देखकर हठ नहीं की। कहा, ' देखो भाई, हम अपने आपमे पूरे नहीं है । ऐसा होता तो किसी चीज़की ज़रूरत न होती । पूरे होनेके रास्ते में ज़रूरतें होती है। पूरे हो जानेका लक्षण ही यह है कि हम कहें यह ज़रूरत नहीं रह गई। कोई वस्तु उपयोगी है, इसका अर्थ यही है कि हमारे भीतर उसकी उपयोगिता के लिए जगह खाली है । सब-कुछ हमे चाहिए, इसका मतलब यह है कि अपने भीतर हम बिल्कुल खाली है । सब कुछ हमारा हो, - इस हविसकी जड़मे तथ्य यह है कि हम अपने नही है । सबपर अगर हम कुब्ज़ा करना चाहते है तो आशय है कि हमपर हमारा ही काबू नहीं है, हम पदार्थोंके गुलाम है। क्यों भाई, आप गुलाम होना पसंद करते हो ? युवकका चेहरा तमतमा आया। उन्होंने कहा, 'गुलाम । मैं सबका मालिक हूँ । मै पुरुष हूँ । पुरुषकी कौन बराबरी कर सकता । है ? सब प्राणी और सब पदार्थ उसके चाकर है । है, वह स्वामी है । मै गुलाम ? मै पुरुष हूँ, मै गुलाम !.... ' आवेशमे आकर युवक खड़े हो गये । देखा कि इस बार उनको रोकना कठिन हो जायगा । बढ़कर मैने उनके कंधेपर हाथ रक्खा और प्रेमके अधिकारसे कहा, 'जो दूसरेको पकड़ता है, वह खुद पकड़ा जाता है। जो दूसरेको बाँधता है वह खुदको बाँधता है । जो दूसरेको खोलता है वह खुद भी खुलता है। अपने प्रयोजनके घेरेमे किसी पदार्थको या प्राणीको घेरना खुद अपने चारों ओर घेरा डाल लेना है । इस प्रकार स्वामी बनना दूसरे अर्थो में दास बनना है । इसीलिए, मैं कहता हूँ कि कुछ हमारे लिए नहीं है। इस तरह सबको आजाद करके अपनानेसे हम सच्चे अर्थोमे उन्हें 'अपना' बना सकते हैं। अनुरक्तिमे हम क्षुद्र बनते है, विरक्त होकर हम ही विस्तृत हो जाते हैं। हाथमे कुंडी बगलमे सोटा, चारो दिसि जागीरीमे- भाई, चारों दिशाओको अपनी जागीर बनानेकी राह है तो यह है । - ' अब तक युवक धैर्यपूर्वक सुनते रहे थे । अब उन्होने मेरा हाथ अपने कंधेपरसे भटक दिया और बोले, 'आपकी बुद्धि बहक गई है । मै आपकी प्रशंसा सुनकर आया था। आप कुछ कर्तृत्वका उपदेश न देकर यह मीठी बहककी बाते सुनाते है । मै उनमें फॅसनेवाला नहीं हूँ । प्रकृतिसे युद्धकी आवश्यकता है । निरंतर युद्ध, अविराम युद्ध । प्रकृतिने मनुष्यको हीन बनाया है । यह मनुष्यका काम है कि उसपर विजय पाये और उसे चेरी बनाकर छोड़े। मै कभी यह नहीं सुनूँगा कि मनुष्य प्रारब्धका दास है --- मैंने कहा, ' ठीक तो है । लेकिन भाई - ' पर मुझे युवकने बीचहीमें तोड़ दिया। कहा, 'जी नहीं, मैं कुछ नहीं सुन सकता। देश हमारा रसातलको जा रहा है । और उसके लिए आप जैसे लोग जिम्मेदार हैं- ' मैं एक इकेला-सा आदमी कैसे इस भारी देशको रसातल जितनी दूर भेजनेका श्रेय पा सकता हूँ, यह कुछ मेरी समझमे नही आया कहना चाहा, 'सुनो तो भाई - ' लेकिन युवकने कहा, 'जी नही, माफ़ कीजिए।' यह कहकर वह युवक मुझे वहीं छोड़ तेज़ चालसे चले गये । असल इतनी बात बढ़नेपर में पूछना चाहता था कि भाई, तुम्हारी शादी हुई या नहीं? कोई बाल-बच्चा है? कुछ नौकरी चाकरीका ठीक-ठाक है, या कि क्या ? गुज़ारा कैसे चलता है :मैं उनसे कहना चाहता था कि भाई, यह दुनिया अजव जगह है; सो तुम्हें जब ज़रूरत हो और मै जिस योग्य समझा जाऊँ, उसे कहनेमे मुझसे हिचकनेकी आवश्यकता नहीं है । तुम विद्वान् हो, कुछ करना चाहते हो । मैं इसके लिए तुम्हारा कृतज्ञ हूँ। मुझे तुम अपना ही जानो । देखो भाई, संकोच न करना । - पर उन युवकने यह कहनेका मुझे अवसर नहीं दिया, रोष भावसे मुझे परे हटाकर चलते चले गये । उन युवककी एक भी बात मुझे नामुनासिब नहीं मालूम हुई । सब बातें युवकोचित थीं । पर उन बातोंको लेकर अधीर होनेकी आवश्यकता मेरी समझ में नही आई । मुझे जान पड़ता है कि सब कुछका स्वामी बनने से पहले खुद अपना मालिक बननेका प्रयत्न वह करे तो ज्यादा कार्यकारी हो । युवककी योग्यता असंदिग्ध है, पर दृष्टि उनकी कही सदोष भी न हो ! उनके ऐनक लगी थी, इससे शायद निगाह निर्दोष पूरी तरह न रही होगी । पर वह युवक तो मुझे छोड़ ही गये है । तब यह अनुचित होगा कि मैं उन्हें न छोहूँ । इससे आइए, उन युवकके प्रति अपनी मंगल कामनाओंका देय देकर इस अपनी बातचीतके सूत्रको सँभालें । प्रश्न यह है कि अपनेको समस्तका केंद्र मानकर क्या हम यथार्थ सत्यको समझ सकते अथवा पा सकते है ? निस्संदेह सहज हमारे लिए यही है कि केंद्र हम अपनेको मानें और शेष विश्वको उसी अपेक्षा ग्रहण करें । जिस जगह हम खड़े हैं, दुनिया उसी स्थलको मध्य बिंदु मानकर वृत्ताकार फैली हुई दीख पड़ती है। जान पड़ता है, धरती चपटी है, थालीकी भाँति गोल है और स्थिर है। सूरज उसके चारों ओर घूमता है । स्थूल आँखोंसे और स्थूल वुद्धिसे यह बात इतनी सहज सत्य मालूम होती है कि जैसे अन्यथा कुछ हो ही नहीं सकता। अगर कुछ प्रत्यक्ष सत्य है तो यह ही है । पर आज हम जानते हैं कि यह वात यथार्थ नहीं है। जो यथार्थ है उसे हम तभी पा सकते हैं जब अपनेको विश्वके केंद्र माननेसे हम ऊँचे उठे । - अपनेको मानकर भी किसी भाँति अपनेको न मानना आरंभ करें । सृष्टि हमारे निमित्त है, यह धारणा अप्राकृतिक नहीं है। पर उस धारणापर अटक कर कल्पनाहीन प्राणी ही रह सकता है । मानव अन्य प्राणियोंकी भाँति कल्पनाशून्य प्राणी नहीं है । - मानवको तो यह जानना ही होगा कि सृष्टिका हेतु हममें निहित नहीं है । हम स्वयं सृष्टिका भाग हैं । हम नहीं थे, पर सृष्टि थी । हम नहीं रहेंगे, पर सृष्टि रहेगी । सृष्टिके साथ और सृष्टिके पदार्थोंके साथ हमारा सच्चा संबंध क्या है ? क्या हो ? मेरी प्रतीति है कि प्रयोजन और ' युटिलिटी' शब्दसे जिस संबंधका बोध होता है वह सच्चा नहीं है । वह काम चलाऊ भर है वह परिमित है, कृत्रिम है और वंधनकारक है। उससे कोई किसीको पा नहीं सकता । सच्चा संबंध प्रेमका, भ्रातृत्वका और आनन्दका है। इसी संबंध में पूर्णता है, उपलब्धि है और आह्लाद है; न यहाँ किसीको किसीकी अपेक्षा है, न उपेक्षा है । यह प्रसन्न, उदात्त, समभावका संबंध है पानी हमारे पीनेके लिए बना है, हवा जीनेके लिए, यदि
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आज क्रिसमस डे है। प्रभु यीशु मसीह के जन्मोत्सव के लिए चर्च रंग-बिरंगी लाइट से सज चुके हैं। सत्य, प्रेम, करुणा और दया के पालनहार प्रभु यीशु के अवतरण का कार्यक्रम शनिवार रात 10 बजे से ही शुरू हो गया। लोगों ने चर्च में पहुंच कैंडल्स जलाईं। रविवार पूरा दिन गिरिजाघरों में कार्यक्रम होंगे। अमृतसर की सभी चर्चों में मां मरियम की गोद में यीशु की प्रतिमा को सजाया गया है। चर्च के आसपास के एरिया में भी काफी अधिक रौनक रही। गिरिजाघरों में रात 10 बजे के करीब लोगों की भीड़ इकट्ठी होना शुरू हो गई। अमृतसर की कोर्ट रोड स्थित सेंट पॉल चर्च और रामबाग स्थित चर्च में बड़े आयोजन किए गए। रात 12 बजते ही खुशी का माहौल छा गया। कैरल्स गाए गए और लोगों ने एक दूसरे को भगवान यीशु मसीह के जन्म दिवस की शुभकामनाएं दी गई। लोगों ने एक दूसरे को मिठाइयां व केक देकर इस दिन की शुभकामनाएं दी। पंजाब में बीते कुछ समय से निहंग जत्थेबंदियों और ईसाई समुदाय के बीच तनाव चल रहा है। इसी के मद्देनजर गिरिजाघरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। मेटल डिटेक्टर इन्स्टॉल किए गए और आने-जाने वाले हर व्यक्ति की जांच के बाद ही चर्च जाने दिया गया। चर्च में नन्हें बच्चे सांता बनकर पहुंचे। लाल रंग के कपड़ों में बच्चे खूबसूरत लग रहे थे। सांता बने बच्चे अपने थैले में रखी टॉफियां बांट रहे हैं। इतना ही नहीं शहर के मॉल भी क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए सज चुके हैं। शुक्रवार से ही सड़कों पर भी लोग सांता बन बच्चों को मिठाई और टॉफियां बांट रहे हैं। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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FD Interest Rate: आज हम आपको उन प्राइवेट बैंकों के बारे में बताएंगे जो 5 साल की जमा पूंजी पर सबसे ज्यादा ब्याज देते हैं। ब्याज दर 4. 40 प्रतिशत से 6. 50 प्रतिशत तक है। इन निजी बैंकों में डीसीबी बैंक, इंडसइंड बैंक, आरबीएल बैंक, यस बैंक शामिल हैं। निवेश को सुरक्षित रखने के लिए लोग सरकारी बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट FD स्कीम शुरू करते हैं। लेकिन जब रिटर्न की बात आती है तो छोटे बचत बैंक या गैर-वित्तीय संस्थान अधिक लाभ देते हैं। एफडी ब्याज दर में कटौती क्योंः रिजर्व बैंक ने तब से रेपो दर को अपरिवर्तित 4 प्रतिशत पर तय कर दिया है। इसके बाद से बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटा दी हैं। रेपो रेट पिछले एक साल से 4 फीसदी पर अटका हुआ है. इसका बड़ा असर एफडी की ब्याज दर पर देखने को मिल रहा है। जब से एफडी रिटर्न पूरी तरह से कर योग्य हो गया है, तब से एफडी आय में और भी गिरावट आ रही है। इससे निवेशक अपनी जमा पूंजी और रिटर्न को लेकर चिंतित हैं. इनमें देश के कई प्राइवेट बैंक ऐसे हैं जो रेपो रेट के असर की चिंता किए बिना निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे रहे हैं। FD पर ऐसे कमाएं मोटा रिटर्नः FD पर निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिलाने में स्मॉल फाइनेंस बैंक अच्छी भूमिका निभा रहे हैं. ये बैंक और संस्थान औसत से ज्यादा ब्याज दर दे रहे हैं। निवेशक चाहे तो अपनी जमा पूंजी का कुछ हिस्सा इन निजी बैंकों की एफडी में जमा करा सकता है। यह योजना सरकारी बैंकों की नहीं है और निजी बैंकों द्वारा चलाई जाती है। इसलिए इसमें जोखिम की संभावना है लेकिन आप इसका इस्तेमाल अच्छा रिटर्न पाने के लिए कर सकते हैं। अगर निवेशक जोखिम से बचना चाहता है तो इसका भी एक उपाय है। यह बैंक दे रहा ज्यादा ब्याजः अगर आप एफडी में निवेश करना चाहते हैं तो नीचे दिखाए गए 10 निजी बैंकों में निवेश कर सकते हैं। इन बैंकों में यस बैंक, एक्सिस बैंक, आरबीएल बैंक और डीसीबी बैंक शामिल हैं। ये बैंक एफडी पर अच्छा ब्याज देते हैं। जिसमें आप 5 साल के लिए एफडी करवा सकते हैं और 4. 40 फीसदी से लेकर 6. 50 फीसदी तक का रिटर्न पा सकते हैं। ध्यान दें कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 आधार अंकों का रिटर्न और भी अधिक है। यह नियम सभी बैंकों में लागू है। आइए जानते हैं इन 10 प्राइवेट बैंकों की एफडी दरों के बारे में। नंबर 1 पर डीसीबी बैंकः मुथूट फाइनेंस दे रहा है 8 फीसदी ब्याजः छोटे बैंकों या गैर-वित्तीय संस्थानों की बात करें तो मुथूट फाइनेंस एफडी में 1 साल के लिए 8 फीसदी ब्याज मिलता है। उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक 1 साल की एफडी पर 6. 75 फीसदी ब्याज दे रहा है। सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक 3 साल से 5 साल की एफडी पर 6. 75% रिटर्न देता है। जना बैंक 3 साल 1 दिन से 5 साल तक की एफडी पर 6. 75 फीसदी ब्याज देता है। एसबीएम बैंक 1 साल से 1 साल 1 दिन की एफडी योजनाओं पर 6. 5 फीसदी ब्याज देता है। आरबीएल बैंक 5 साल की एफडी पर 6. 50 फीसदी ब्याज दे रहा है।
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बस खाना है दूध जलेबी (Photo Credit: sanjanafeast) New Delhi: जलेबी एक ऐसी स्वीट डिश है जिसे किसी ख़ास मौके पर या नाश्ते में खाया जाता है. गर्मागर्म जलेबी (Jalebi Recipe) को कई लोग दूध, दही और रबड़ी के साथ खाना पसंद करते हैं. तो हम आपको बता दें कि दूध जलेबी (Health Benefits Of Doodh Jalebi) न केवल स्वाद बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. दूध जलेबी (Doodh Jalebi Khane Ke Fayde) खाने से पाचन को बेहतर रखा जा सकता है. ख़ास कर दूध जलेबी वजन बढ़ने के लिए भी बहुत कारागार है. दूध जलेबी खाने के फायदेः (Doodh Jalebi Khane Ke Fayde) 1. वजन बढ़ाने में मददगारः जलेबी को स्वाद ही नहीं वजन बढ़ाने के लिए भी खा सकते हैं. जलेबी में कैलोरी की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है, जो वजन को बढ़ाने में मदद कर सकती है. 2. स्ट्रेस में मददगारः दूध जलेबी को साथ में खाने से स्ट्रेस भी कम होता है. कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक दूध जलेबी खाने से मेमोरी पावर बूस्ट किया जा सकता है. 3. माइग्रेन में मददगारः माइग्रेन की समस्या लगभग आजकल हर किसी युवा को है. ये समस्या ज्यादातर युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रही है. जब भी आपको माइग्रेन की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसके अलावा माइग्रेन वालों को दूध जलेबी भी खाना चाहिए. ये दिमाग को शांत करता है.
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आज हम आपके लिए जो ऑप्टिकल इल्यूजन टेस्ट लेकर आए हैं, वो एक आदमी का स्केच है. इस स्केच में ही कहीं उसकी 3 बेटियों के चेहरे भी छिपे हुए हैं. आपको 20 सेकंड के भीतर बताना है कि वो कहां हैं? सोशल मीडिया पर 'दिमाग का दही' कर देने वाली एक और तस्वीर सामने आई है, जो कि एक आदमी का स्केच है. लेकिन इस स्केच में ही कहीं उसकी बेटियों के चेहरे भी छिपे हुए हैं. आपको 20 सेकंड के अंदर बताना है कि आखिर वो चेहरेकहां है? वैसे, तस्वीर के साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि जिनकी नजर बाज जैसी तेज होगी, वो ही इस ऑप्टिकल इल्यूजन को सुलझा पाएंगे. तो आइए देखते हैं कि आपकी ऑब्जर्वेशन स्किल कितनी अच्छी है और क्या आप तय समय के भीतर बेटियों को ढूंढ पाते हैं या नहीं. आइए पहले जानते हैं कि ये ऑप्टिकल इल्यूजन आखिर होता क्या है. दरअसल, ये एक तरह की फोटो पहेली होती है, वो आपके दिमाग की अच्छी तरह से कसरत करवाती है. मसलन, दिखने में भले ही आपको ये आसान लगेंगे, लेकिन जब आप तस्वीर की गहराई में झांकने की कोशिश करेंगे, तब आपको पता चलेगा कि आपने क्या पंगा लिया है. यूं कहें कि जो तुर्रम खां तेज नजर होने का दावा करते हैं, वो भी इस पहेली के आगे पानी मांगने लगेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं आज का ऑप्टिकल इल्यूजन टेस्ट. अब जरा नीचे वाली तस्वीर को गौर से देखिए. आपको एक शख्स का स्केच दिखेगा. इसी में कहीं उसकी तीन बेटियों के चेहरे भी हैं. तो आपका समय शुरू होता है अब. क्या आपको दिखे बेटियों के चेहरे? आपको बता दें कि आर्टिस्ट ने इस ऑप्टिकल इल्यूजन को ऐसे बनाया है कि शख्स की बेटियों के चेहरे ढूंढने में नेटिजन्स के पसीने छूट रहे हैं. अगर आप खुद को जीनियस समझते हैं, तो 20 सेकंड के भीतर चेहरे को खोजकर बताएं. वैसे, हमें यकीन है कि आप इस टेस्ट को आसानी से पार पा लेंगे. और अगर आप अभी तक बेटियों को ढूंढ ही रहे हैं, तो कोई बात नहीं. हम आपकी थोड़ी मदद कर देते हैं. शख्स के चेहरे को निहारने के बाद उसकी दाढ़ी और गर्दन को गौर से देखिए. आपको उसके इर्द-गिर्द चेहरा जरूर नजर आएगा. अब शायद आपने चेहरों को सेकंडों में देख लिया होगा. फिर भी नहीं दिखे, तो नीचे लाल घेरे में हम बता रहे हैं कि आखिर बेटियों के चेहरे कहां हैं?
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कार की बेकाबू रफ्तार ने दो युवकों की जान ले ली। आधी रात को लखनऊ से रायबरेली पहुंची कार सड़क किनारे खड़े ट्रेलर में घुस गई। इस भीषण हादसे में कार सवार समेत लखनऊ के दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, रविवार की रात लगभग 12 बजे कबरई से गिट्टी लादकर अयोध्या जा रहा ट्रेलर लालगंज-बछरांवा मुख्य मार्ग पर तहसील के सामने अचानक खराब हो गया। चालक जयकरन तथा खलासी योगेंद्र नीचे उतरकर पहियों के आगे-पीछे ईंट लगा रहे थे, तभी लालगंज की तरफ से आ रही तेज रफ्तार कार ट्रेलर में भिड़ गई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। कार सवार दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को किसी प्रकार कार से बाहर निकालकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लालगंज पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान सत्येंद्र पुत्र चंद्रपाल सिंह व सीमान सिंह पुत्र कृष्णपालसिंह निवासी आईमामऊ,अर्जुनगंज, लखनऊ के रूप में हुई है। कोतवाल इंद्रपाल सिंह ने बताया कि शवो को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। ट्रेलर के चालक व परिचालक को पकड़ा गया है। खड़े वाहन में कार के भिड़ने की वजह से दुर्घटना हुई है। उल्लेखनीय है कि लालगंज-फतेहपुर मुख्य मार्ग पर ढाबों के निकट भी सड़क के दोनों तरफ मौरंग,गिट्टी लादे व खाली ट्रक चौबीसों घंटे खड़े रहते हैं जो दुर्घटनाओं का सबब बनते रहते हैं। इनकी चपेट में आने वालों को जान गंवानी पड़ती है, लेकिन पुलिस और परिवहन विभाग बेफिक्र है।
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नई दिल्ली, 7 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विपक्षी पार्टी के नेताओं से आयुष्मान भारत योजना पर सुझाव देने को कहा। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, मैंने सुना है कि सांसद आयुष्मान भारत के बारे में बात करते हैं और इनमें से कुछ इस योजना की तुलना अमेरिका और ब्रिटेन की योजना से कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हर देश की अपनी विशिष्ट परिस्थितियां होती हैं। आयुष्मान भारत परियोजना का उद्देश्य बुनियादी स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करना है। साथ ही परिजन के बीमार होने और लंबे इलाज की स्थिति में परिवारों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना है। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं जिस बात के लिए निश्चित हूं कि हम सहमत होंगे की स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किए जाने की जरूरत है। उन्होंने विपक्षी पार्टियों को आयुष्मान भारत योजना में बेहतरी के लिए सलाह देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हम आयुष्मान भारत योजना लाए हैं और मैं सहमत हूं कि इसमें कमी हो सकती है। इसलिए मैं विपक्षी पार्टी के नेताओं को इस योजना की बेहतरी के लिए सुझाव देने का निमंत्रण देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं विपक्षी पार्टियों से आग्रह करता हूं कि वे इन सुझावों पर विचार के लिए अपना-अपना कार्यबल बनाएं। मोदी ने कहा, सरकार हमेशा सलाह, फीडबैक लेने के लिए तैयार रहती है। आखिर, हम देश और गरीबों के लिए काम कर रहे हैं।
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