audio
audioduration (s)
0.14
15.9
sentence
stringlengths
2
117
मेरे हिसाब से तो बादल तभी गरजते हैं
अपने ऊपर विश्वाश और सकारात्मक सोच से ही हमें सफलता मिलती है
वह कुत्ते की तरह हाँफ़ रहा था
स्थिति काबू से बाहर हो रही थी
गाँधी जी तो थक जायेंगे वे दाँडी बस या ट्रेन से क्यों नहीं जा सकते
दिनभर का थका जानवर पैर न उठते थे
कभी आसमान पर जाते हुए मालूम होंगे
लगा कि दादाजी पेड़ की लड़ाई जीत गए
इसी दौरान गांधी ने ब्रह्मचर्य का प्रण लिया और
अपनी मोटर को झटके से शुरू करते हैं
और भेदभाव के ख़िलाफ़ उन्होंने
इस चपरासी से इतना डरा मानो कि वह मुझे देख लेता
कभी इस गॉँव का जिक्र उनके सामने आया
देवी की समाधिसदृश पूजा करते थे
अभी पकड़ते हैं उनको
शैल के एक ऊँचे शिखर पर चंपा के नाविकों को
मीनू की आंखों से आंसू झरझर बहने लगे
यारे दोस्तों दरवाज़ा थोड़ा सा और खोल दो
इस घटना के बाद गांधी को
पेड़ों पर चढ़कर कच्चे आम तोड़ना मोरू को अच्छा लगता था
आखिर वे रात पेड़ पर नहीं बिता सकते थे न
हर सपना जब वो टूटा
निर्दयता और विश्वासघातकता का
तू ही तो है राह जो सुझाए
तब साहु जी को कुछ शक हुआ
शिक्षक की नज़र भी बाहर गई और
वे अपने साथ एक बैनर लाए थे जिस पर लिखा था
परन्तु अधिकांश लोग और तार्किक अर्थ अयोध्या के
तुम्हारा गुनगान कर रही थी
सचमुच वह बालू की ही जमीन पर खड़ा था
तुम्हें यह काम करना है
ऐसे साजन की मुझको जरूरत नहीं
उसका पेट हंडिया की तरह फूला हुआ था
फेस्लर बताते हैं
लहरा लो तिरंगा प्यारा
बिहारः पहचान छिपाने के लिए डकैत ने मार दी महिला को गोली मौत
जज ने फैसला सुनायामुद्दई का दावा खारिज
उनमें सॉँड़ और गायें बैठी हुई जुगाली कर रही थी
मंडल के भवन में पग धरते ही उसकी