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मई महीने में मुद्रास्फीति 10.16प्रतिशत रही है, जबकि मार्च, 2010 के संशोधित आंकड़ों में यह 11प्रतिशत पहुँच गई |
अंतरराष्ट्रीय लागत से कम दाम पर पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री से सरकारी तेल कंपनियों को इनदिनों प्रतिदिन 215करोड़रुपये का नुकसान हो रहा है |
पेट्रोल की वर्तमान खुदरा कीमतों पर कंपनियां 3.73 रुपये का नुकसान उठा रही थीं, जबकि डीजल की बिक्री पर उन्हें 3.80 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा था |
घरेलू एलपीजी सिलेंडर में कंपनियों को 261.90रुपये का भारी नुकसान हो रहा है, जबकि राशन की दुकानों से बेचे जाने वाले केरोसीन तेल पर प्रति लीटर 18.82रुपये की कम वसूली हो रही है |
सरकार में शामिल जानकारों का कहना है कि मौजूदा हालात में ऑटो ईंधन के दामों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करना मुमकिन है |
वुमन एंपावरमेंट के कई मायने हैं |
मेरा मानना है कि नौकरी करना और अपने पैरों पर खड़े होना ही वुमन एंपावरमेंट नहीं होता |
हमारे देश में अब भी समाज या परिवार में औरत की अलग राय को हजम नहीं किया जाता |
पुरुषवाद का असर इतना गहरा है कि स्त्री खुद ही अपनी ताकत से अनजान होती है |
ज्यादातर उन्नत समाजों में स्त्री पुरुष के बीच लिंगभेद नहीं है |
दोनों को समान अधिकार प्राप्त हैं |
ऐसा नहीं है कि वुमन एंपावरमेंट के नाम पर स्त्रियां अपनी ताकत दिखाना चाहती हैं या रोज-रोज के टकराव पैदा करना चाहती हैं |
इसका असली मकसद उनके साथ किए जा रहे दोयम दजेर् के बर्ताव से मुक्ति पाना है |
भारतीय स्त्री का सारा आक्रोश इसी बात को लेकर है कि यहां का पितृसत्तात्मक और पुरुष वर्चस्ववादी समाज उसे बराबर का दर्जा देने को क्यों तैयार नहीं है |
पिछले दोदशकों में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं |
महिलाओं की स्थिति बदली है |
फाइनेंस, मीडिया, कॉरपोरेट र्वल्ड और सेना जैसे क्षेत्र, जहां पहले महिलाओं की कोई भूमिका नहीं रहती थी, अब वहां भी उनकी पैठ हो गई है |
कुछ दशक पहले हम जहां थे, वहां से बहुत आगे निकल आए हैं मगर मंजिल अब भी दूर है |
यही हाल फिल्म इंडस्ट्री का भी है |
पहले फिल्मों में हीरोइन को सिर्फ हीरो की प्रेमिका के रूप में दिखाया जाता था, जबकि अब उसे मुख्य भूमिका दी जाने लगी है |
उसे हीरो के समान दर्जा मिलने लगा है, मगर अफसोस की बात यह है कि पैसों के मामले में आज भी हीरो हीरोइन के बीच बहुत फर्क किया जाता है और हीरोइन को हीरो से काफी कम पैसा मिलता है |
असल में इस भेदभाव की वजह हमारे नजरिए में है |
समाज को यह स्वीकारने में कुछ वक्त लगेगा कि देश की आर्थिक प्रगति में महिलाओं की भी बराबर की भूमिका है |
एक घरेलू माँ खुशी से अपने बच्चों का लालन-पालन करती है, उन्हें एक सक्षम नागरिक के रूप में तैयार करती है, मगर हम इसे ज्यादा महत्व नहीं देते स्त्री घर संभालती है, तो हम उसे मुफ्त की चीज मान लेते हैं |
सोच ही नहीं पाते कि अगर पति बच्चों की चिंता किए बगैर कमा रहा है, तो इसीलिए कि घर पर उनकी देखभाल के लिए कोई है |
कुछ साल पहले अमेरिका में घरों में रहकर घर का काम करने वाली महिलाओं पर एक रिसर्च हुई थी, जिसमें इनके कामों की कीमत माकेर्ट रेट से निकाली गई थी |
लोग इस रकम के आंकड़े देखकर हैरान थे, लेकिन इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है |
हमारे देश में घरों में रहने वाली स्त्रियों को कोई महत्व नहीं दिया जाता |
उनकी भूमिका को कोई पहचान नहीं मिलती विकास में उनके योगदान को कोई नहीं गिनता |
कॉमनवेल्थगेम्स को ग्रीनगेम्स का नाम देने वाली दिल्ली सरकार को शहर के हर कोने में बिक रहीं पॉलिथीन खुलेआम चैलेंज दे रही हैं |
राजधानी के हर बाजार में दुकानदार बिना किसी डर के पॉलिथीन दे रहे हैं और पब्लिक भी बिना झिझक इसे ले रही है |
वहीं, इस बैन पर अपनी स्लो स्पीड की बाबत सरकार का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर फिलहाल पॉलिथीन का यूज हो रहा है कि इस पर पूरी तरह रोक लगने में अभी टाइम लगेगा |
जनवरी2009 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने शहर में पॉलिथीन पर रोक का ऐलान किया, लेकिन डेढ़साल बाद भी इसे लागू नहीं कर पाई |
पॉलिथीन पर रोक के लिए जनहित याचिका दायर करने वाले एनजीओ 'तपस' के डायरेक्टर विनोदकुमारजैन का कहना है कि जिस विल पावर से एक्शन लिया जाना चाहिए था, वह नहीं हुआ |
दिल्लीपलूशनकंट्रोलकमिटी डीपीसीसी की कार्रवाई के बाद अबतक तकरीबन 200 केस ही कोर्ट में गए हैं |
जैन का मानना है कि सिर्फ डीपीसीसी को एक्शन लेने की पावर देना इस स्लो स्पीड की वजह है, नियम तोड़ने वाले पर कार्रवाई करने के लिए एमसीडी और एनडीएमसी को भी पावर देनी चाहिए |
जब रोक लगी थी तब कुछ दुकानदारों का रवैया काफी सहयोगात्मक था, लेकिन बाकी दुकानदारों को धड़ल्ले से पॉलीबैग यूज करते और उनके खिलाफ कोई एक्शन न होते देख उनका रवैया भी बदल गया |
जैन के मुताबिक, 2021 तक दिल्ली के 65पर्सेंट कूड़ा डंप करने के लिए जगह ही नहीं होगी |
सरोजनीनगर से लेकर जनपथ, लाजपतनगर, कमलानगर समेत हर मार्केट में पॉलिथीन धड़ल्ले से बिक रही है |
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहे एनजीओ दिल्लीग्रीन के गोविंदसिंह का मानना है कि सरकार ने रोक लगा दी है |
अब पब्लिक की बारी है |
वह कहते हैं कि हमारे अवेयरनेस कैंपेन के तहत मुखर्जीनगर, लाजपतनगर, वसंतकुंज की छोटी-छोटी कॉलोनियों के छोटे-छोटे बाजारों में कुछ दुकानदारों ने पॉलिथीन रखनी बंद की है |
कुछ स्टूडेंट्स ने भी इस पर अच्छी कोशिशें की हैं |
वहीं, डीपीसीसी के चेयर पर्सन धर्मेंद्र का कहना है कि हमने कॉमनवेल्थगेम्स के लिए नहीं, बल्कि इससे पहले से ही पॉलिथीन के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया था |
मॉल्स और ब्रैंडेड आउटलेट्स में बैन लागू करवाया भी गया |
कई फेमस ब्रैंड को तो कोर्ट नेएकलाखरुपये तक का फाइन लगाया उनका कहना हैं कि अनऑर्गेनाइज्ड बाजारों में काम करना थोड़ा मुश्किल है |
दिल्ली बड़ा शहर है और पॉलिथीन का उपयोग इतना ज्यादा है कि इस हटने मंे वक्त लगेगा |
उनका मानना है कि बिहेवियर चेजिंग प्रोसेस भी वक्त मांगती है |
उधर, कई दुकानदारों को इस बैन का पता ही नहीं और जिन्हें पता भी है, उन्हें इसकी गंभीरता पर शक है |
जनपथ के एक दुकानदार नितिन कहते हैं कि अबतक उन्होंने किसी को भी पॉलिथीन चेकिंग करते नहीं देखा |
पब्लिक भी इस नियम की सख्ती से इनकार करती है |
लाजपतनगर में एक दुकान से पॉलिथीन में सामान ले रहीं शैलीखन्ना कहती हैं कि जब दुकानदार पॉलिथीन बेचेंगे तो पब्लिक उनके ही भरोसे रहेगी |
बहुचर्चित आदर्श घोटाले ने पहली राजनीतिक बलि ले ली है। खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनियागांधी ने महाराष्ट्र के |
मुख्यमंत्री अशोकचव्हाण का इस्तीफा स्वीकारकर लिया है। |
सूत्रों के मुताबिक चव्हाण आज औपचारिक तौर पर पद छोड़ने की घोषणा कर देंगे। इसके साथ ही कॉमनवेल्थगेम्स घोटालों से घिरे सुरेशकलमाड़ी को भी कांग्रेस संसदीय पार्टी के सचिव पद से हटा दिया गया है। |
केंद्रीय मंत्री प्रणवमुखर्जी और ए. के. एंटनी को ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के ऑब्जर्वर बनाया गया है। दोनों मंत्री आज ही मुंबई जाकर नया मुख्यमंत्री चुने जाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। रात दसबजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। |
अमेरिकी राष्ट्रपतिबराकओबामा की भारत यात्रा पूरी होते ही अशोक चव्हाण की मुख्यमंत्री पद से विदाई का एलान हो गया। पहले से ही यह कहा जा रहा था कि चव्हाण को कुछ दिनों की मोहलत इसलिए मिली है क्योंकि सरकार ओबामा की मौजूदगी में ऐसा कोई फैसला नहीं करना चाहती थी। |
सूत्रों के मुताबिक फैसले की घोषणा में इतनी जल्दबाजी इसलिए हुई क्योंकि आज से ही संसद का शीतकालीन सत्र शुरूहो रहा है। विपक्ष संसद में यह मामला जोरदार तरीके से उठाने वाला है। |
सरकार नहीं चाहती थी कि इस मामले में उसके फैसले को विपक्ष के दबाव में लिया गया फैसला माना जाए। इसीलिए आज सुबह ही पार्टी आलाकमान ने चव्हाण के उस इस्तीफे को स्वीकारकर लिया जो उन्होंने 30अक्तूबर को सोनिया से मुलाकात के दौरान उन्हें सौंपा था। |
इस बीच सूत्रों के मुताबिक कॉमनवेल्थ घोटालों से घिरे सुरेशकलमाड़ी को भी कांग्रेस संसदीय पार्टी के सचिव पद से हटा दिया गया। उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। इस्तीफा मंजूर होने की घोषणा भी कर दी गई। |
बहुचर्चित आदर्श घोटाले ने पहली राजनीतिक बलि ले ली है। |
खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। |
सूत्रों के मुताबिक चव्हाण आज औपचारिक तौर पर पद छोड़ने की घोषणा कर देंगे। इसके साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स घोटालों से घिरे सुरेश कलमाड़ी को भी कांग्रेस संसदीय पार्टी के सचिव पद से हटा दिया गया है। |
केंद्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी और ए. के. एंटनी को ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के ऑब्जर्वर बनाया गया है। दोनों मंत्री आज ही मुंबई जाकर नया मुख्यमंत्री चुने जाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। रात दस बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। |
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा पूरी होते ही अशोक चव्हाण की मुख्यमंत्री पद से विदाई का एलान हो गया। पहले से ही यह कहा जा रहा था कि चव्हाण को कुछ दिनों की मोहलत इसलिए मिली है क्योंकि सरकार ओबामा की मौजूदगी में ऐसा कोई फैसला नहीं करना चाहती थी। |
सूत्रों के मुताबिक फैसले की घोषणा में इतनी जल्दबाजी इसलिए हुई क्योंकि आज से ही संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। विपक्ष संसद में यह मामला जोरदार तरीके से उठाने वाला है। |
सरकार नहीं चाहती थी कि इस मामले में उसके फैसले को विपक्ष के दबाव में लिया गया फैसला माना जाए। इसीलिए आज सुबह ही पार्टी आलाकमान ने चव्हाण के उस इस्तीफे को स्वीकार कर लिया जो उन्होंने 30अक्तूबर को सोनिया से मुलाकात के दौरान उन्हें सौंपा था। |
इस बीच सूत्रों के मुताबिक कॉमनवेल्थ घोटालों से घिरे सुरेशकलमाड़ी को भी कांग्रेस संसदीय पार्टी के सचिव पद से हटा दिया गया। उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। इस्तीफा मंजूर होने की घोषणा भी कर दी गई। |
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) की बैठक में राष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघ और उसके सहयोगी संगठनों पर तो जमकर निशाना साधा गया, पर करप्शन के मुद्दे पर नेताओं ने चुप्पी साध ली। आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले और कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में भ्रष्टाचार जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा तक नहीं हुई। |
एआईसीसी की इस बैठक में देशभर से पार्टी के करीब 1200 नेता शामिल हुए और इन्हें सोनियागांधी, प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, राहुलगांधी और अन्य बड़े कांग्रेसी नेताओं ने संबोधित किया। |
कांग्रेस अध्यक्ष सोनियागांधी ने कश्मीर के लोगों से शांति में सहयोग देने की अपील करते हुए वार्ताकारों की नियुक्ति का समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने अयोध्या मसले का जिक्र करते हुए कहा कि बाबरी विध्वंस के दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता। |
सोनिया ने कहा कि अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का फैसला 6दिसंबर, 1992 को बाबरीमस्जिद ढहाए जाने के कदम को माफ नहीं करता। उन्होंने कहा कि इस घटना को अंजामदेनेवालों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए। |
जरूरी चीजों की आसमान छूती कीमतों के लिए भी सोनिया ने राज्य सरकार पर ही ठीकरा फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि खाने-पीने की चीजों कीमतों में कमी लाने की जरूरत है और इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों को उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि जन वितरण प्रणाली ठीक तरीके से चले और जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। |
सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को अगले दोसालों में 10 विधानसभा चुनावों में जाना है और इनमें पार्टी की जीत के लिए सभी को समर्पण और एकता के साथ मिलकर कामकरना होगा। उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी कुछ राज्यों में गठबंधन सरकार चला रही है। |
हम गठबंधन का सम्मान करते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास नहीं करेंगे या फिर अपने राजनीतिक दायरे को छोड़ देंगे। ' |
राहुलगांधी ने कहा कि गरीबों का सशक्तीकरण देश को आगेले जाएगा और कांग्रेस पार्टी ही अमीरों और गरीबों को जोड़ने का काम करेगी। |
राहुल कहा, 'देश में आज दो तरह के लोग रह रहे हैं। एक वर्ग ऐसा है जो तेजी से विकास कर आग बढ रहा ह और दूसरा वह जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गया है। कांग्रेस का ध्यान दोनों तबकों को जोड़ने पर होना चाहिए।' |
प्रस्ताव पेश करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और वित्तमंत्री प्रणवमुखर्जी ने कहा कि सांप्रदायिक और आतंकवादी तत्वों के स्त्रोत चाहे कुछ भी हो उनका मकसद हमारे राष्ट्रीय ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करना है। |
प्रणव ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस हमेशा से हर तरह के सांप्रदायिक सोच के खिलाफ वैचारिक और राजनीतिक संघर्ष करने में सबसे आगे रही है। |
प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अधिवेशन में आए प्रतिनिधियों ने संघ की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने रखने की मांग की। सांसद राशिदअल्वी ने कहा कि संघ पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। |
किसी अखबार में टैक्सहैवन दुबई के बारे में पढ़ते हुए अचानक मेरी नजर एलिसइनवंडरलैंड फिल्म के विज्ञापन पर चली गई। |
दुबई सहित पूरे यूएई में इनकम टैक्स नहीं है। कोई कितना भी कमाए पूरी रकम जेब में जाती है। किसी तरह का वैट या एक्साइज ड्यूटी भी नहीं। |
हालांकि वहां की सरकार के रेवेन्यू के अपने स्त्रोत हैं और उसकी तुलना भारत से नहीं की जा सकती। फिरभी एलिस की तरह मेरे ख्याल टैक्स वंडर्स की एक अलग दुनिया में उड़ने लगे हैं। |
इन्हें हकीकत की जमीनपर भले न उतारा जा सके, लेकिन इनकी कुछ बुनियादी दलीलें हैं। बात सिर्फ पर्सनल इनकम टैक्स की ही लें। क्या भारत में इसे खत्म नहीं कर देना चाहिए? अगर नहीं तो इसकी प्रासंगिकता कितनी बची है? |
सवासौकरोड़ की आबादी वाले देश में सिर्फ दो सेढाईफीसदी लोग ही इनकम टैक्स देते हैं। इससे कड़वी सच्चाई यह है कि यह मामूली तादाद सिर्फ मेहनतकश नौकरीपेशा लोगों की है, जो अपनी कमाई नहीं छिपा सकते। |
अर्थव्यवस्था की बुनियाद कहे जाने वाले इन लोगों के खूनपसीने से ही वे 'फाइनल गुड्स' तैयार होते हैं, जिनका सामूहिक मूल्य जीडीपी कहलाता है। इस जीडीपी के हिसाब से भारत में इनकम टैक्स की वसूली नाम मात्र है। |
असल में इनकम टैक्स वे चुकाते हैं, जो इसकी जटिल प्रक्रिया को नहीं समझ पाते। जिन्हें इसकी समझ होती है, वे सबसे ज्यादा टैक्स बचा या चुरा लेते हैं। |
अमीर लोगों के पास अकाउंटेंट्स और फाइनैंशल एक्सर्पट्स जैसी तमाम सहूलियतें होती हैं, जिनकी सारी सेवाएं इस बात पर केंदित होती हैं कि कैसे अपने क्लायंट का ज्यादा से ज्यादा पैसा बचाया जाए। |
इनकम टैक्स समाज में गलत आचरण को भी बढ़ावा देता है। हर जागरूक और समझदार आदमी टैक्स बचाने के लिए जान लड़ा देता है। कईबार तो लोग तब टैक्स चुकाते हैं, जब बचने का कोई रास्ता नहीं होता। |
आय के बारे में गलत जानकारी देना, पूरा वेतन सैलरी स्लिप पर लेने के बजाय जाली रसीदों के जरिए कैश में भुनाने जैसा तीन-तिकड़म एक तरह का वित्तीय कौशल बन गया है। |
भारत में प्रत्यक्ष करों से जुड़ी एक बड़ी विडंबना यह भी है कि इससे सरकारी खजाने में जितना राजस्व आता है, उसका आधा, या कुछ मायनों में लगभग उतना ही इसे वसूलने पर खर्चहो जाता है। |
टैक्स विवादों की सुनवाई और इनके निपटारे का खर्च भी करोड़ों में होता है। यही नहीं, टैक्स विवादों में लंबित रकम न तो सरकारी खजाने में काउंट होती है, न ही किसी व्यक्ति या संस्था के। |
यानी जितनी रकम का विवाद है, उतनी रकम का अर्थव्यवस्था से बाहर रहना तय है। |
अब जरा टैक्स अनुपालन, प्रशासन और इसकी आंतरिक न्याय व्यवस्था पर गौरकरें। यहां उस व्यक्ति के कटघरे में खड़े होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है, जो इस व्यवस्था में शामिल होता है। |
जो सिस्टम से जितने दूर हैं, उनके पकड़े जाने की संभावना उतनी ही कम है। कईबार लोग हड़बड़ी, अति-आत्मविश्वास या लापरवाही से रिटर्न भरते हैं कि हमारी आय ही कितनी है जो जांच होगी। |
लेकिन इत्तफाकन अगर असेसिंग ऑफिसर हजारों फाइलों के ढेर से वही रिटर्न निकाल ले तो एक ईमानदार आदमी भी खुद को सौ पेंचों में फंसा महसूसकरता है। ऐसे में आपको सालभर में हर बैंक ट्रांजैक्शन का ब्यौरा तक देना पड़ सकता है। |
अगर आपने खुद पर लगे आरोपों के खिलाफ अपील दायर की तो आपको और जटिल व घुमाऊ प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। यहां आम आदमी तो क्या, ज्यादा आमदनी यानी ज्यादा करदेयता वाला ईमानदार व्यक्ति (जिसके जांच प्रक्रिया में आने की संभावना ज्यादा मानी जाती है) भी एक बार सोचने लगता है कि रिटर्न भरा ही क्यों था? जहां तक सिस्टम से बाहर रहकर टैक्स चुराने वालों की बात है, अक्सर देखा गया है कि तमाम छापों और जब्ती के बावजूद अमीर आदमी कहीं न कहीं से बच निकलता है। |
ऐसे में अमीर टैक्स चोरों की यह धारणा प्रबल होती जाती जब कि जब पैसे देकर ही बचना है तो रिटर्न भरकर फंसने का इंतजाम खुद क्यों करें? |
इनकम टैक्स खत्म करने के पीछे एक दलील यह भी दी जा सकती है कि इससे काफी मात्रा में अनअकाउंटेड मनी यानी काला धन अर्थव्यवस्था में लौट आएगा। अर्थव्यवस्था के समानांतर चलने वाली काले धन की अर्थव्यवस्था टैक्स से सरकार को मिलने वाली रकम के मुकाबले कई-कई गुना ज्यादा बड़ी है। |
इस धन के अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने से होने वाला लाभ पर्सनल इनकम टैक्स से प्राप्त होने वाले राजस्व की तुलना में बहुत ज्यादा होगा। |