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सीजीआईएस
यह पता पुस्तिका सर्वर पहुंच से बाहर हो सकती है या सर्वर के नाम की वर्तनी अशुद्ध हो सकती है या आपका संजाल कनेक्शन कमजोर हो सकता है
तो यह सब अच्छा है
क्या तूने नहीं देखा कि ख़ुदा ही ने सारे आसमान व ज़मीन ज़रुर मसलहत से पैदा किए अगर वह चाहे तो सबको मिटाकर एक नई खिलक़त (बस्ती) ला बसाए
और ज़मीन को भी हम ही ने बिछाया तो हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं
गुन्जाइश वाले को अपनी गुन्जाइश के मुताबिक़ ख़र्च करना चाहिए और जिसकी रोज़ी तंग हो वह जितना ख़ुदा ने उसे दिया है उसमें से खर्च करे ख़ुदा ने जिसको जितना दिया है बस उसी के मुताबिक़ तकलीफ़ दिया करता है ख़ुदा अनकरीब ही तंगी के बाद फ़राख़ी अता करेगा
अधिकतम टैब चौड़ाईः (a)
और जिन लोगों को (ख़ुदा की बारगाह से) इल्म और ईमान दिया गया है जवाब देगें कि (हाए) तुम तो ख़ुदा की किताब के मुताबिक़ रोज़े क़यामत तक (बराबर) ठहरे रहे फिर ये तो क़यामत का ही दिन है मगर तुम लोग तो उसका यक़ीन ही न रखते थे
वे धरती में क़ाबू से बाहर नहीं जा सकते और न अल्लाह से हटकर उनका कोई समर्थक ही है उन्हें दोहरी यातना दी जाएगी वे न सुन ही सकते थे और न देख ही सकते थे
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उत्तर आफ्रिका
वेस्टमोरलैंडafghanistan kgm
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तो क्या तुम उसको इस का भी इत्मिनान हो गया कि वह तुम्हें खुश्की की तरफ (ले जाकर) (क़ारुन की तरह) ज़मीन में धंसा दे या तुम पर (क़ौम) लूत की तरह पत्थरों का मेंह बरसा दे फिर (उस वक्त) तुम किसी को अपना कारसाज़ न पाओगे
और जिस दिन हम उन सबको इकट्ठा करेंगे फिर उन लोगों से जिन्होंने शिर्क किया होगा कहेंगे अपनी जगह ठहरे रहो तुम भी और तुम्हारे साझीदार भी फिर हम उनके बीच अलगाव पैदा कर देंगे और उनके ठहराए हुए साझीदार कहेंगे तुम हमारी तो हमारी बन्दगी नहीं करते थे
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जो व्यक्ति अल्लाह से मिलने का आशा रखता है तो अल्लाह का नियत समय तो आने ही वाला है और वह सब कुछ सुनता जानता है
(ऐ रसूल इनसे) कह दो कि जिन लोगों को तुम खुद ख़ुदा के सिवा (माबूद) समझते हो पुकारो (तो मालूम हो जाएगा कि) वह लोग ज़र्रा बराबर न आसमानों में कुछ इख़तेयार रखते हैं और न ज़मीन में और न उनकी उन दोनों में शिरकत है और न उनमें से कोई खुदा का (किसी चीज़ में) मद्दगार है
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