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https://www.indiatv.in/india/national/india-successfully-test-fires-the-new-generation-agni-prime-missile-827709
भारत की बढ़ी ताकत, ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल का हुआ सफल परीक्षण, मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर
भारत ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर तट पर ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सरकारी अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की नए जनरेशन वाली एडवांस मिसाइल है।
भुवनेश्वर : भारत ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर तट पर ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सरकारी अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की नए जनरेशन वाली एडवांस मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर के बीच है। मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। अग्नि प्राइम अल्‍ट्रा मॉर्डन टेक्निक से लैस होने की वजह से बहुत हल्के वजन की मिसाइल है।आपको बता दें कि इसी सप्ताह भारत ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो सिस्टम’ का भी सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया था। इस मिसाइल का प्रक्षेपण ओडिशा तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था।
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https://www.indiatv.in/india/national-covid-19-vaccination-india-has-administered-above-40-crore-doses-so-far-802537
Covid-19 Vaccination: देश में कोविड टीके की 40 करोड़ से अधिक खुराक दी गई, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, आज शाम 7 बजे तक भारत में COVID वैक्सीनेशन के अंतर्गत कुल 40,44,67,526 डोज़ लगाई गई हैं। आज यानि शनिवार को 46,38,106 वैक्सीन डोज़ लगाई गई।
नई दिल्ली। देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच कोरोना वैक्सीनेशन पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है और हर दिन लाखों की संख्या में लोगों का वैक्सीन लगाई जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, आज शाम 7 बजे तक भारत में COVID वैक्सीनेशन के अंतर्गत कुल 40,44,67,526 डोज़ लगाई गई हैं। आज यानि शनिवार को 46,38,106 वैक्सीन डोज़ लगाई गई। सरकार की यह कोशिश है कि जल्द से जल्द पूरी आबादी का वैक्सीनेशन कर दिया जाए, ताकि कोरोना से होने वाले नुकसान को रोका जा सके।देश में शनिवार को कोविड-19 टीके की 46.38 लाख से अधिक खुराक दी गई और अब तक 40 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को 18-44 आयु वर्ग के कुल 21,18,682 लाभार्थियों को पहली जबकि 2,33,019 लोगों को दूसरी खुराक दी गई। सात बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार, ''भारत में अब तक 40 करोड़ से अधिक (40,44,67,526) टीके लगाए जा चुके हैं।'' रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को 46.38 लाख से अधिक (46,38,106) खुराक दी गई।राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिलाकर, 18-44 आयु वर्ग के 12,40,07,069 लोगों को पहली जबकि 48,50,858 लोगों को दूसरी खुराक दी गई है। आठ राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 18-44 आयु वर्ग के 50 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक दी गई है। आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, केरल, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 18-44 आयु वर्ग के 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक दी गई है। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 रोधी टीके की 41.69 करोड़ से अधिक खुराक दी गयी: केंद्रकेंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 41.69 करोड़ से अधिक खुराक प्रदान की जा चुकी हैं और राज्यों के पास तथा निजी अस्पतालों में 2.74 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा कि टीके की 18,16,140 और खुराकों की आपूर्ति की जा रही है। सभी स्रोतों के माध्यम से अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 41,69,24,550 खुराक प्रदान की जा चुकी हैं और आगे 18,16,140 खुराकों की आपूर्ति करने की प्रक्रिया चल रही है।सरकार कोविशील्ड, कोवैक्सीन की 66 करोड़ खुराक संशोधित दर पर खरीदेगीकेंद्र ने इस साल अगस्त और दिसंबर के बीच कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके की क्रमश: 205 रुपये और 215 रुपये प्रति खुराक की संशोधित दर (कर छोड़कर) से 66 करोड़ से अधिक खुराकें खरीदने का ऑर्डर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दिसंबर तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 37.5 करोड़ खुराकें और भारत बायोटेक से 28.5 करोड़ खुराकें खरीदी जाएंगी। सूत्रों ने बताया, ''अगस्त और दिसंबर के बीच कोविड-19 टीकों - कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ और खुराकें क्रमश: 205 रुपये और 215 प्रति खुराक, के हिसाब से खरीदी जाएगी, जिसमें कर शामिल नहीं होगा।'' उन्होंने बताया कि कर सहित कोविशील्ड की 215.25 रुपये प्रति खुराक और कोवैक्सीन की 225.75 रुपये प्रति खुराक कीमत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 150 रुपये प्रति खुराक की दर से दोनों टीकों को खरीद रहा है।देश में कोरोना की स्थितिकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के 38,079 नए मामले सामने आए हैं। अब देश में कोरोना के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 3,10,64,908 हो गई है। वहीं पिछले 24 घंटों में 560 नई मौतों के बाद देश में संक्रमण से होने वाली कुल मौतों की संख्या 4,13,091 हो गई है। देश में कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम का नया चरण 21 जून को शुरू हुआ था और इसके तहत केंद्र सरकार की ओर से सभी वयस्कों का निशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। इससे पहले 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए ही टीके मुफ्त थे। मंत्रालय ने कहा कि देशव्यापी टीकाकरण अभियान के नये चरण में केंद्र सरकार देश में टीका निर्माताओं द्वारा तैयार किए जा रहे 75 प्रतिशत टीकों की खरीद कर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इनकी निशुल्क आपूर्ति कर रही है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/bjp-is-preparing-to-cater-to-brahmin-voters-in-up-union-minister-will-meet-people-from-door-to-door-830061
यूपी में ब्राह्मण वोटरों को साधने की तैयारी कर रही है बीजेपी, लोगों से घर-घर जाकर मुलाकात करेंगे केंद्रीय मंत्री
बीजेपी के केंद्र सरकार में ब्राह्मण मंत्रियों, सांसद और विधायक प्रबुद्ध ब्राह्मण समाज के लोगों से घर-घर जा कर मुलाकात करेंगे, छोटे बड़े सम्मेलन करेंगे।
बीजेपी यूपी में जनवरी के दूसरे हफ्ते से ब्राह्मण वोटरों को साधने और उनकी नाराज़गी को दूर करने के लिए अभियान की शुरुआत करेगी। इसके लिए बीजेपी ने यूपी की करीब 300 विधानसभा सीटों की पहचान की है जहां ब्राह्मण वोटरों की संख्या 10,000 से उपर है। इन सीटों पर बीजेपी ब्राह्मण सम्मेलन, प्रबुद्ध सम्मेलन, छोटे-बड़े सम्मेलन, जनसंपर्क, डोर-टू-डोर कैंपेन करेगी।इन सीटों पर बीजेपी के केंद्र सरकार में ब्राह्मण मंत्रियों, सांसद और विधायक प्रबुद्ध ब्राह्मण समाज के लोगों से घर-घर जा कर मुलाकात करेंगे, छोटे बड़े सम्मेलन करेंगे। इन ब्राह्मण सम्मेलनों और ब्राह्मण समाज के प्रभावी लोगों के बीच और इनके घर जाकर ये समझाया जायेगा कि विपक्ष झूठ फैला रहा है कि यूपी सरकार से ब्राह्मण समाज नाराज़ है। साथ ही इन बैठकों में ब्राह्मणों को बताया जाएगा कि बीजेपी राष्ट्रवादी पार्टी है जबकि समाजवादी पार्टी जातिवादी है। और ये भी याद दिलाया जाएगा कि ब्राह्मणों ने हमेशा राष्ट्रवादी शक्तियों का साथ दिया है।साथ ही ये भी बताया जाएगा कि कोविड महामारी में केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं का फायदा ब्राह्मण समाज को भी मिला है। बीजेपी का मानना है कि ब्राह्मण वोटर वोकल होता है यानी अगर वो साथ है तो खुद तो वोट करता ही है बल्कि जिसके लिए वोट करता है उसके पक्ष मे खुल कर बोलता है और माहौल भी बनाता है। गौरतलब है कि पिछलें सप्ताह यूपी बीजेपी बड़े ब्राह्मण नेताओं की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में यूपी में नाराज़ ब्राह्मण समाज को मनाने की रणनीति बनाई गई थी।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-si-suspended-for-having-beard-without-permission-in-baghpat-749133
बागपत में बिना इजाजत दाढ़ी रखने पर दरोगा सस्पेंड, पहले भी दी गई थी चेतावनी
उत्तर प्रदेश के बागपत में बिना अनुमति के बड़ी दाढ़ी रखने पर एक दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया। दरोगा को पहले भी चेतावनी दी गई थी लेकिन चेतावनी को नजरअंदाज किए जाने के बाद दरोगा पर विभाग ने कार्रवाई की।
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत में बिना अनुमति के बड़ी दाढ़ी रखने पर एक दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया। दरोगा को पहले भी चेतावनी दी गई थी लेकिन चेतावनी को नजरअंदाज किए जाने के बाद दरोगा पर विभाग ने कार्रवाई की। दरोगा का नाम इंतसार अली है, वह बागपत के रमाला थाने में तैनात उप निरीक्षक पद पर तैनात था। वह सहारनपुर के रहने वाले हैं और पिछले तीन साल से बागपत में कार्यरत हैं। उप निरीक्षक इंतसार अली को लॉकडाउन से पहले रमाला थाने में तैनाती दी गई थी। अब नियमों के विपरीत लंबी दाढ़ी रखने को लेकर पुलिस विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। SP अभिषेक सिंह ने बताया कि विभाग में बिना अनुमति के मूंछ रख सकते हैं लेकिन सिख समुदाय के पुलिसकर्मियों को छोड़कर अन्य किसी को भी दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेनी होती है।SP अभिषेक सिंह ने बताया कि SI इंतसार अली को पहले ही दो बार विभाग से इसके लिए अनुमति लेने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन, इंतसार अली ने नजरअंदाजी की और अनुमति नहीं ली। लगातार विभाग के नियमों की अनदेखी करने को लेकर SI को सस्पेंड किया गया है। उन्होंने बताया कि SI इंतसार अली को पैटर्न के अनुसार वर्दी नहीं पहनने और दाढ़ी नहीं बनाने को लेकर जांच कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था।SP अभिषेक सिंह ने कहा कि नोटिस के बावजूद भी SI द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया। ड्रेस कोड के विपरीत मनमाने ढंग से वर्दी पहनी। बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के ड्रेस कोड का पालन करने में लापरवाही बरती। इसीलिए उन्हें निलंबित किया गया है। वहीं, SI इंतसार अली का कहना है कि वह नवंबर 2019 से ही विभागीय अनुमति की कोशिश कर रहा है। लेकिन, अभी तक अनुमति नहीं मिली है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-farm-laws-repeal-shows-bjp-workers-failure-to-explain-their-benefits-uma-bharti-824294
कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा पर मैं अवाक रह गई, यह हमारी नाकामी: उमा भारती
उमा भारती ने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए।
भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती ने कृषि कानूनों को लेकर एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए हैं। सोमवार को अपने ट्वीट में उमा कृषि कानूनों को वापस लिए जने को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को कटघरे में खड़ा किया, लेकिन इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करते समय जो कहा वह उनके जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया। उमा भारती ने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए। उमा ने एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा, ‘‘मैं पिछले चार दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूँ। 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई। इसलिए तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूँ।’’उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने कानूनों के वापसी करते समय जो कहा वह मेरे जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया। अगर कृषि क़ानूनों की महत्ता मोदी जी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। हम क्यों नहीं किसानों से ठीक से सम्पर्क एवं संवाद कर सके।’’ उमा ने कहा, ‘‘मोदी जी बहुत गहरी सोच एवं समस्या के जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं। जो समस्या की जड़ समझता है, वह समाधान भी पूर्णतः करता है। भारत की जनता एवं मोदी जी का आपस का समन्वय, विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास में अभूतपूर्व है।’’उन्होंने कहा, ‘‘कृषि कानूनों के सम्बन्ध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके, इसी कारण से उस दिन मोदी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो रही थी।’’ उमा ने कहा, ‘‘मेरे नेता मोदी जी ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की। हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता युग-युग जिये, सफल रहे। यही मैं बाबा विश्वनाथ एवं माँ गंगा से प्रार्थना करती हूँ।’’उन्होंने लिखा, ‘‘आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए। मैं स्वयं एक किसान परिवार से हूँ। मेरे दो सगे बड़े भाई आज भी खेती पर आश्रित हैं। मेरा उनसे निरंतर संवाद होता है। मेरी जन्मभूमि के गाँव से मेरा जीवंत सम्पर्क है।’’ उमा ने कहा, ‘‘मेरे बड़े भाई अमृतसिंह लोधी मुझसे हमेशा कहते हैं कि खेत एक अचल सम्पत्ति एवं खेती एक अखण्ड समृद्धि की धारा हैं किन्तु किसान कभी रईस नहीं हो पाता है। मेरे भाई अमृतसिंह लोधी की ज़िंदगी को मैं अपने जन्म से देख रही हूँ। मुझे जो समझ में आया वह यह है कि खाद, बीज और बिजली समय पर मिले तथा अनाज को अपनी मर्जी के मुताबिक बेचने का अधिकार यह खुशहाली का सूत्र हो सकता है।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-ranjit-singh-murder-case-gurmeet-ram-rahim-convicted-817818
रणजीत सिंह हत्याकांड: डेरा प्रमुख राम रहीम सहित 5 आरोपी दोषी करार
आरोपी गुरमीत राम रहीम और कृष्ण कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। वहीं आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए।
चंडीगढ़: सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम सहित 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है। 13 अक्टूबर को कोर्ट इन सभी दोषियों की सजा का ऐलान करेगा। मामले में आरोपी गुरमीत राम रहीम और कृष्ण कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। वहीं आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए।बता दें कि 19 साल पुराने इस मामले में बीते 12 अगस्त को अंतिम सुनवाई हुई थी। सीबीआई जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत में करीब ढाई घंटे बहस चली, इसके बाद आरोपियों को दोषी करार दिया गया।मिली जानकारी के अनुसार, मामले में राम रहीम, कृष्ण, सबदिल, अवतार, जसबीर को दोषी करार दिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी इंदरसैन की मौत हो चुकी है। इससे पहले साध्वी यौन शोषण के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को दोषी करार दिया गया था।
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https://www.indiatv.in/india/national-19-948-fresh-covid-19-cases-187-more-deaths-in-kerala-806527
केरल में सामने आए कोविड-19 के 19,948 नये मामले, 187 मरीजों की मौत
केरल में शुक्रवार को कोविड-19 से 187 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की तादाद 17,515 पर पहुंच गयी जबकि 19,948 नये मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 35,13,551 हो गयी।
तिरुवनंतपुरम: केरल में शुक्रवार को कोविड-19 से 187 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की तादाद 17,515 पर पहुंच गयी जबकि 19,948 नये मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 35,13,551 हो गयी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के विज्ञप्ति के मुताबिक केरल में बीते 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 19,480 मरीज संक्रमण मुक्त भी हुए, जिससे राज्य में इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 33,17,314 हो गयी। राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,78,204 हो गयी है। विज्ञप्ति के मुताबिक कोरोना संक्रमण के नये मामलों में मलाप्पुरम में सर्वाधिक 3417 नये मरीज सामने आए। इसके बाद एर्नाकुलम में 2310, त्रिशूर में 2167, कोझिकोड में 2135, पलक्कड़ में 2031, कोल्लम में 1301, अलाप्पुझा में 1167, तिरुवनंतपुरम में 1070 और कन्नूर में कोरोना वायरस संक्रमण के 993 नये मामले सामने आए। केरल में बीते 24 घंटे के दौरान 1,51,892 नमूनों की कोविड-19 जांच होने के साथ संक्रमण की दर 13.13 प्रतिशत हो गयी है। विज्ञप्ति के मुताबिक राज्य के विभिन्न जिलों में फिलहाल 4,87,492 लोगों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से 4,58,397 लोगों को घरों अथवा सरकारी केन्द्रों में पृथकवास में रखा गया है और 29,095 लोग अस्पतालों में हैं। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा को सूचित किया कि केरल में दो अगस्त, 2021 तक जीका वायरस के 65 मामले सामने आए हैं। मांडविया ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में जीका वायरस के 61 मामले आए हैं, एर्नाकुलम में दो और कोट्टायम तथा कोल्लम में एक-एक मामले आए हैं। मांडविया ने सरकार द्वारा इससे निपटने के लिए उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीका संबंधी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है जिसमें इसका प्रकोप होने की स्थिति में नियंत्रण तथा निषेध गतिविधियों का ब्योरा है। जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से प्रमुख रूप से फैलता है। इसमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते, कजक्टिवाइटिस, शरीर और जोड़ों में दर्द, सिर दर्द जैसे लक्षण होते हैं। जीका वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में लक्षण नहीं दिखाई देते। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी केस में सुनवाई पूरी, थोड़ी देर में फैसला सुनाएगी अदालत
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई, अब इस मामले में कोर्ट गुरुवार यानी आज दोपहर 12 बजे अपना फैसला सुनाएगा।
Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई, अब इस मामले में कोर्ट गुरुवार यानी आज दोपहर 12 बजे अपना फैसला सुनाएगा। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने की मांग को लेकर 3 दिन तक बहस चली, जिसके बाद वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया। अब आज गुरुवार को तय होना है कि एडवोकेट कमिश्नर इस मामले में रहेंगे कि नहीं। हिंदू पक्ष के वकील शिवम गौर ने बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर स्थित 2 तहखाने खुलवाकर उनकी वीडियोग्राफी कराने और एडवोकेट कमिश्नर को बदलने को लेकर दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी अपना पक्ष रखा है।हिंदू पक्ष के वकील ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला गुरुवार दोपहर 12 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया। उम्मीद है कि कोर्ट गुरुवार वीडियोग्राफी के लिए अगली तारीख दे देगी और कमिश्नर बदला जाएगा या नहीं, इस पर भी फैसला सुनायेगी। इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद का रख-रखाव करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगी हुई है और हिन्दू पक्ष जिन 2 तहखानों को खोलकर उनकी वीडियोग्राफी की बात कह रहा है वे मस्जिद के ठीक नीचे स्थित हैं।बता दें कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी।कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए 6 मई का दिन तय किया था। बीते 6 मई को सर्वे का काम शुरू हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और उन्हें बदलने की अदालत में अर्जी दी थी।वहीं मथुरा में भी केशव देव बनाम शाही ईदगाह मस्जिद केस के मामले में केस के वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय से बनारस की तर्ज पर मथुरा में भी वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की है। इसके अलावा संपत्ति पर जाकर स्थलीय निरीक्षण करने एवं मस्जिद में मौजूद ॐ स्वास्तिक, कमल, हिंदू कलाकृतियों की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी कराकर सभी तथ्य न्यायालय के सामने पेश करने का प्रार्थना पत्र दिया गया है।
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एनआईए ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में आईएसआई के अहम सहयोगी को गिरफ्तार किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एक अहम आरोपी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और उसके लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एक अहम आरोपी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और उसके लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एनआईए के एक अधिकारी के बताया कि गुजरात के गोधरा निवासी 37 वर्षीय गितेली इमरान को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि इमरान जासूसी गतिविधियों में लिप्त था और पाकिस्तान की आईएसआई के लिए काम कर रहा था। यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी रैकेट से जुड़ा है जिसमें पाकिस्तान के जासूसों ने भारत में कई एजेंटो की भर्ती की थी। इसका मकसद भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों के स्थानों अथवा उनके आवागमन के बारे में और साथ ही अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील और गोपनीय जानकारी एकत्र करना था। जांच में यह सामने आया कि नौसेना के कुछ कर्मचारी सोशल मीडिया ऐप फेसबुक और व्हाट्सऐप के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में आए। उन्होंने गोपनीय जानकारी साझा की जिसके लिए भारत में मौजूद आईएसआई के सहयोगियों ने उनके बैंक खातों में धन जमा कराया। इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ 15 जून को आरोप पत्र दाखिल किया गया। एनआईए के अधिकारी ने कहा कि इमरान सीमा पार कपड़ा व्यापार की आड़ में पाकिस्तानी जासूसों अथवा एजेंट से जुड़ा हुआ था। प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान के जासूसों के निर्देशों पर उसने भारतीय नौसेना के कर्मियों द्वारा प्रदान किए गए संवेदनशील और गोपनीय आंकडों के बदले समय समय पर उनके खातों में पैसे जमा किए। अधिकारी ने बताया कि सोमवार को उसके घर में छापा मारा गया जहां से कुछ डिजिटल साक्ष्य और कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है।
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UPSC ने सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी के लिए निजी क्षेत्र के 31 विशेषज्ञों का चयन किया
सेक्रेटरी के लिए 295, डायरेक्टर स्तर के पदों के लिए 1247 और डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के पदों के लिए 489 आवेदन मिले। आयोग ने ऑनलाइन आवेदन पत्रों के आधार पर 231 उम्मीदवारों का साक्षात्कार के लिए चयन किया।
नयी दिल्ली: भारत सरकार में सेक्रेटरी लेवल से लेकर डायरेक्टर और अलग-अलग मंत्रालयों के डिप्टी सेक्रेटरी की पोस्ट के लिए 31 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इन सबका अप्वाइंटमेंट लैट्रल रिक्रूटमेंट बेसिस पर हुआ है। लैट्रल रिक्रूटमेंट का मतलब हुआ किसी विशिष्ट जॉब के लिए उस फील्ड के एक्सपर्ट को तत्काल प्रभाव से नियुक्त करना। इसके लिए 231 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया और 31 को अलग-अलग पदों के लिए अनुशंसित किया गया। ये सारे 31 नाम अब मोदी की टीम में होंगे और सबको अहम ज़िम्मेदारियां दी जाएंगी।कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सही प्रतिभा को सही भूमिका प्रदान करने के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सही प्रतिभा को सही भूमिका में रखने के लिए एक बड़े कदम के रूप में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यूपीएससी द्वारा उचित चयन प्रक्रिया के बाद, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में 31 सीधी भर्तियों की घोषणा की।’’कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 14 दिसंबर, 2020 और 12 फरवरी, 2021 को यूपीएसएसी से संविदा या प्रतिनियुक्ति आधार पर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के पदों पर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों के चयन करने का अनुरोध किया था। यूपीएससी ने छह फरवरी 2021 को ऑनलाइन आवेदन द्वारा भर्ती प्रक्रिया की शुरूआत की। सेक्रेटरी के लिए 295, डायरेक्टर स्तर के पदों के लिए 1247 और डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के पदों के लिए 489 आवेदन मिले। आयोग ने ऑनलाइन आवेदन पत्रों के आधार पर 231 उम्मीदवारों का साक्षात्कार के लिए चयन किया। 27 सितंबर से आठ अक्टूबर 2021 के बीच साक्षात्कार का आयोजन किया गया और 31 उम्मीदवारों का अंतिम चयन किया गया है।
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अफगानिस्तान से लाये जा रहे लोगों को ITBP शिविर में 14 दिन के अनिवार्य पृथकवास में रहना होगा: केन्द्र
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र आपात स्थिति में अफगानिस्तान से लोगों को भारत ला रहा है और संकट की स्थिति को देखते हुए, उसने पहले ही उन लोगों को अनिवार्य आरटी-पीसीटीआर जांच (वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अनिवार्य) से छूट दी है, जिन्हें युद्धग्रस्त देश से निकाला जा रहा है।
नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर अफगानिस्तान से लाए जा रहे लोगों के लिए यहां भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छावला स्थित शिविर में न्यूनतम 14 दिनों के संस्थागत पृथकवास को अनिवार्य किया है। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।मंत्रालय ने कहा कि केंद्र आपात स्थिति में अफगानिस्तान से लोगों को भारत ला रहा है और संकट की स्थिति को देखते हुए, उसने पहले ही उन लोगों को अनिवार्य आरटी-पीसीटीआर जांच (वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अनिवार्य) से छूट दी है, जिन्हें युद्धग्रस्त देश से निकाला जा रहा है।तेईस अगस्त की तिथि में जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘अफगानिस्तान में वर्तमान में कोरोना वायरस प्रसार स्पष्ट नहीं है और सावधानी के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि आने वाले व्यक्तियों को आईटीबीपी के छावला शिविर, नजफगढ़ रोड, नई दिल्ली में 14 दिन के अनिवार्य पृथकवास में रहना होगा।’’इसमें कहा गया है, ‘‘विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय इन आने वाली उड़ानों की सही तारीख और समय तथा यात्रियों के बारे में आईटीबीपी को पर्याप्त रूप से पहले से सूचित करेंगे। उक्त जानकारी दिल्ली की एनसीटी सरकार को भी प्रदान की जा सकती है।’’ज्ञापन में कहा गया है कि आईटीबीपी हवाई अड्डे से छावला शिविर, नजफगढ़ तक यात्रियों के परिवहन के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगा। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है या उसमें महामारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे दिल्ली सरकार के कोविड देखभाल केन्द्र या कोविड अस्पताल ले जाया जायेगा।
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वेंटिलेटर पर प्रणब मुखर्जी, बेटी शर्मिष्ठा ने याद किया 8 अगस्त का वो दिन
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि ईश्वर उनके लिए सबकुछ अच्छा करेगा।
नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है और वह जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं। सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'प्रणब मुखर्जी की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है। इस समय उनकी हालत रक्त प्रवाह के लिहाज से स्थिर है और वह वेंटिलेटर पर हैं।' मुखर्जी (84) को सोमवार को यहां सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था और मस्तिष्क की सर्जरी से पहले उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उन्हें देख रहे डॉक्टरों ने कहा कि मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति की हालत बिगड़ गई और उनकी स्थिति में सुधार का कोई लक्षण नहीं दिखा है।प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि 'उनकी तबीयत हेमोडाइनेमिकली स्थिर है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वह आपकी प्रार्थनाओं को जारी रखें और उनकी शीघ्र स्वस्थ होने के लिए शुभकामनाएं। धन्यवाद'पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि ईश्वर उनके लिए सबकुछ अच्छा करेगा। कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ मिलने के मात्र एक साल बाद उनके पिता गंभीर रूप से बीमार हो गए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पिछले साल आठ अगस्त का दिन मेरे लिए सबसे खुशी के दिनों में से एक था, क्योंकि मेरे पिता को भारत रत्न मिला था। ठीक एक साल बाद 10 अगस्त को वह गंभीर रूप से बीमार हो गए।’’शर्मिष्ठा ने कहा, ‘‘ईश्वर उनके लिए सबकुछ अच्छा करे और मुझे जीवन की खुशियों एवं दुखों को समान भाव से स्वीकार करने की ताकत प्रदान करे। मैं मेरे पिता के लिए चिंता करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद करती हूं।’’सेना के रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) अस्पताल ने मंगलवार को बताया था कि प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है। इससे एक दिन पहले उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। मुखर्जी (84) को सोमवार दोपहर के वक्त सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सर्जरी से पहले उनमें कोविड-19 की भी पुष्टि हुई थी।अस्पताल की ओर से मंगलवार को जारी नए मेडिकल बुलेटिन में कहा गया था, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है। खून का थक्का बनने के कारण सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति के मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। उनकी हालत में कोई सुधार नजर नहीं आया है और स्थिति नाजुक बनी हुई है।’’ मुखर्जी जुलाई 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे।
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आगरा एक्सप्रेस वे पर ट्रक के पीछे घुसी कार, भयानक हादसे में 3 की मौत
उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सौरिख के पास शनिवार को एक तेज रफ्तार कार आगे चले रहे ट्रक में घुस गई, जिससे कार सवार तीन लोगों की मौत हो गई।
कन्नौज: उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सौरिख के पास शनिवार को एक तेज रफ्तार कार आगे चले रहे ट्रक में घुस गई, जिससे कार सवार तीन लोगों की मौत हो गई। साथ ही एक गंभीर रूप से घायल हो गया है। कन्नौज के पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने बताया कि कन्नौज के सौरिख के पास आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर कोहरे में तेज रफ्तार कार आगे चल रहे ट्रक में कार घुस गई। हादसे में कार सवार तीन लोगों की मौत हो गयी। एक गंभीर रूप से घायल है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं एक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार कराया जा रहा है। कार सवार लोग दिल्ली से लखनऊ लौट रहे थे।सूचना पर पहुंचे उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के सुरक्षा अधिकारी मनोहर सिंह यादव और उनके साथियों ने कार की खिड़की को काटकर घायलों को बाहर निकाला।इसके बाद एंबुलेंस से ट्रामा सेंटर सैफई भिजवाया। रास्ते में अजीत सिंह, पंकज सिंह और मनीष वर्मा की मौत हो गई। वही कंचन सिंह गंभीर घायल हैं। उनका उपचार इटावा सैफई अस्पताल में चल रहा है।
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शादी समारोहों को लेकर CM योगी का निर्देश, गाइडलाइंस के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं, लोगों को जागरूक करें
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शादी समारोहों को लेकर जारी दिशा-निर्देशों में प्रशासन के अधिकारियों से कहा है कि गाइडलाइन के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शादी समारोहों को लेकर जारी दिशा-निर्देशों में प्रशासन के अधिकारियों से कहा है कि गाइडलाइन के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा। लोगों को जागरूक करें, गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। सीएम योगी की तरफ से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि शादी के लिए पुलिस या प्रशासनिक अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने हिदायत दी है कि कहीं से भी पुलिस दुर्व्यवहार की शिकायत आई तो सख़्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है कि ऐसे मामलों में अधिकारियों की भी जवाबदेही तय होगी।सीएम योगी की तरफ जारी निर्देश में कहा गया है कि केवल सूचना देकर कोविड प्रोटोकाल और गाइडलाइन के सभी निर्देशों का पालन करते हुए विवाह समारोह का आयोजन किया जा सकता है। विवाह के लिए जिन 100 लोगों की संख्या रखी गई है उसमें बैंड बाजा वाले लोग शामिल नहीं हैं। सीएम योगी ने कहा कि गाइडलाइन के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने प्रशासन से कहा है कि वो लोगों को जागरूक करें औ गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। वहीं बैंड बजाने, डीजे बजाने से रोकने वाले अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई होगी।गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को जारी ताजा दिशानिर्देशों में हॉल या ऐसे ही बंद स्थानों पर शादी तथा अन्य सामाजिक समारोहों में 100 से ज्यादा लोगों की शिरकत पर पाबंदी लगा दी थी। इसके अलावा खुले में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की स्थिति में उस जगह के 40% हिस्से तक का ही इस्तेमाल किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इन कार्यक्रमों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की भी हिदायत दी गई है।
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यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालना सरकार का कर्तव्य है, कोई अहसान नहीं: राहुल गांधी
राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सांसद यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई विदेश मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में शामिल हुए।
नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाना सरकार का कर्तव्य है तथा यह कोई अहसान नहीं है। उन्होंने यूक्रेन से वापस लौटी की छात्रा का वीडियो जारी कर ट्वीट किया, ‘निकासी (सरकार का) कर्तव्य है, कोई अहसान नहीं है।’ राहुल गांधी ने जो वीडियो जारी किया उसमें एक छात्रा यह कहते सुनी जा सकती है कि उसे यूक्रेन में रहते हुए कोई मदद नहीं मिली और रोमानिया पहुंचने के बाद स्वदेश लाया गया।इससे पहले, राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सांसद यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई विदेश मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में शामिल हुए। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के सांसदों ने कहा कि रूस-यूक्रेन मामले में भारत को अपनी तटस्थ भूमिका बनाए रखनी चाहिए ताकि युद्धक्षेत्र से सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके। हालांकि उनका यह भी दावा था कि केंद्र सरकार ने समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसदों ने इस बात का भी उल्लेख किया कि यूक्रेन की स्थिति को लेकर ‘भ्रमित करने वाले’ परामर्श जारी किए गए जिस वजह से ज्यादातर छात्र समय पर वहां से नहीं निकल सके।इस बैठक में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के अलावा पार्टी नेता आनंद शर्मा और शशि थरूर शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसदों ने बैठक में कहा, ‘भारत सरकार को अपनी साख का इस्तेमाल करके दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए थी ताकि हिंसा रुक पाती।’ बैठक में राहुल गांधी ने कहा, ‘फिलहाल तो हमारी प्राथमिकता यूक्रेन से अपने छात्रों को सुरक्षित निकालना होना चाहिए। युद्ध की स्थिति हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है। ऐसे हालात में कोई बिल्कुल सटीक समाधान नहीं होता।’ उन्होंने अधिकारियों और भारतीय दूतावास के कार्यों की सराहना की।बैठक में शामिल कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘यूक्रेन के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय से संबंधित परामर्श समिति की बैठक हुई। समग्र जानकारी और हमारे सवालों एवं चिंताओं का सटीक जवाब देने के लिए एस. जयशंकर और उनके साथियों को आभार व्यक्त करता हूं। यही भावना है जिस पर विदेश नीति चलनी चाहिए। 6 राजनीतिक दलों के 9 सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया। कांग्रेस से राहुल गांधी, आनंद शर्मा और मैं इसमें शामिल हुए। सौहार्दपूर्ण माहौल में खुलकर चर्चा हुई। यह इस बात का स्मरण कराता है कि जब राष्ट्रीय हित की बात आती है तो हम सभी पहले भारतीय हैं।’
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UP चुनाव की रणनीति बनाने में जुटीं प्रियंका गांधी, नेताओं से की चर्चा, राज्य का दौरा भी करेंगी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों से मुलाकात करने और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए इस सप्ताह राज्य का दौरा करेंगी।
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों से मुलाकात करने और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए इस सप्ताह राज्य का दौरा करेंगी। सूत्रों ने बताया कि उनका उत्तर प्रदेश दौरा 14 जुलाई से आरंभ हो सकता है। इस दौरे से पहले, प्रियंका ने सोमवार को उत्तर प्रदेश से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीति को लेकर चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश कांग्रेस सलाहकार परिषद और रणनीतिक समूह की इस डिजिटल बैठक में प्रियंका ने महंगाई, पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा, महिलाओं के खिलाफ अपराध और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। आधिकारिक बयान के मुताबिक, बैठक में यह फैसला किया गया कि महंगाई, बेरोजगारी एवं ‘जंगलराज’ के खिलाफ उप्र कांग्रेस सड़कों पर और मजबूती से उतरेगी। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इस बैठक से एक दिन पहले रविवार को प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ भी बैठक की थी। बघेल के उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति और बूथ प्रबंधन के साथ कांग्रेस संगठन को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है। कांग्रेस की सोमवार को इस डिजिटल बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला, सलमान खुर्शीद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस बैठक में कांग्रेस महासचिव ने महंगाई, कोरोना, पंचायत चुनावों, संगठन प्रशिक्षण शिविरों पर चर्चा की प्रियंका ने कहा, ‘‘बढ़ती महंगाई से जनता परेशान है। पेट्रोल-डीजल, सरसों तेल, फल-सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। छुट्टा जानवरों से किसान बेहाल हैं। किसानों की लागत दुगुनी हो गई, लेकिन आय घट गई है।’’ उन्होंने पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘भाजपा कार्यकर्ताओं ने हिंसा, बम, पत्थर, और गोलियां चलाईं।’’ आधिकारिक बयान के मुताबिक, उप्र कांग्रेस सलाहकार परिषद् एवं रणनीतिक ग्रुप के सदस्यों ने कहा कि उप्र सरकार हर मुद्दे पर विफल है।
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अगले कुछ घंटों में दिल्ली और यूपी के इन इलाकों में होगी बारिश, मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो घंटे में राजधानी दिल्ली में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। वहीं उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मौसम विभाग ने बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
नई दिल्ली: दिल्ली के लोगों को जल्द गर्मी से राहत मिलनेवाली है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो घंटे में राजधानी दिल्ली में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। वहीं उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मौसम विभाग ने बारिश का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 घंटे में नई दिल्ली में कुछ जगहों जैसे ITO, राजीव चौक, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, बुद्धा जयंती पार्क के आसपास बारिश होने की संभावना है।वहीं अगर यूपी की बात करें तो पूर्वी यूपी में मानसून ने पहले ही दस्तक दे दी है। लेकिन पश्चिमी यूपी के लोग अभी भी गर्मी से परेशन हैं। लेकिन उन्हें गर्मी से राहत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बड़ौत, बिजनौर, खतौली, सकोटी टांडा, किठौर, नरौरा, देबाई, अनूपशहर, जहांगीराबाद, बुलंदशहर, अतरौली और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार न्यूनतम तापमान आज सामान्य से दो डिग्री कम 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। वहीं, सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 68 प्रतिशत रहा। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 रहा और दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘‘संतोषजनक’’ श्रेणी में दर्ज की गयी। एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 26.2 और 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इनपुट-भाषा
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https://www.indiatv.in/india/national/violence-on-procession-of-ram-navami-stone-pelting-and-arson-in-gujarat-jharkhand-west-bengal-mp-2022-04-10-844189
Rama Navami: रामनवमी के मौके पर देश के कई इलाकों में शोभायात्रा पर हमले, जगह-जगह पथराव और आगजनी
आज देशभर में रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन इस पावन मौके पर देश में कई जगह जुलूस के दौरान हिंसा की खबरें सामने आई हैं। गुजरात, झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश से हिंसा की अलग-अलग घटनाएं सामने आईं हैं।
नई दिल्ली: आज देशभर में रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन इस पावन मौके पर देश में कई जगह जुलूस के दौरान हिंसा की खबरें सामने आई हैं। गुजरात, झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश से हिंसा की अलग-अलग घटनाएं सामने आईं हैं। जहां एक ओर गुजरात के हिम्मतनगर और आणंद में हिंसक झड़प देखने को मिली है, तो वहीं मध्य प्रदेश के बड़वानी और झारखंड के लोहरदगा और पश्चिम बंगाल के दक्षिण हावड़ा में भी जुलूस पर हमला हुआ।गुजरात में जुलूस पर हमला-साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के छपरिया क्षेत्र में रामनवमी के मौके पर जुलूस निकाला जा रहा था और तभी जुलूस पर अचानक पथराव हो गया। घटना की खबर मिलने के बाद हिम्मतनगर पुलिस का काफिला मौके पर पहुंचा और स्थिति पर काबू पाने का प्रयास किया। गुजरात के हिम्मतनगर में हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस वाहन को भी नुकसान पहुंचाया।वहीं गुजरात के ही आणंद जिले के खंभात के पास शकरपुर गांव में आज रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ उसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई। देखते ही देखते तनाव बढ़ गया और आगजनी शुरू हो गई। इश दौरान कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस मौके पर है और हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रही है।पश्चिम बंगाल में शोभायात्रा पर अटैक-रामनवमी के शुभ अवसर पर देर शाम पश्चिम बंगाल के दक्षिण हावड़ा के बीई कॉलेज के नजदीक से विश्व हिंदू परिषद की ओर से एक शोभा यात्रा निकाली जा रही थी जो हावड़ा रामकृष्णपुर घाट की ओर जा रही थी। इसी दौरान हावड़ा के शिवपुर थाना अंतर्गत पीएम बस्ती इलाके के पास कुछ लोगों ने इस शोभायात्रा पर अचानक हमला कर दिया। घटना की जानकारी मिलने के साथ ही भारी पुलिस बल तैनात की गई है। झारखंड में भी आगजनी-रामनवमी के मौके पर झारखंड के लोहरदगा के हिरही-हेंदलासो-कुजरा गांव की सीमा पर लगने वाले मेले में हिंसा और आगजनी के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है। जानकारी के अनुसार रामनवमी शोभायात्रा में शामिल लोगों पर एक खास समुदाय के लोगों द्वारा पथराव कर दिया गया फिर मेले में पहुंचकर करीब 10 मोटरसाइकिल और एक पिकअप वैन में आग लगा दी। शोभायात्रा में शामिल लोगों ने भी जवाब में पत्थरबाजी की। तीन घटनाओं में चार लोगों के घायल होने की खबर है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। मध्य प्रदेश में हुआ पथराव-मध्य प्रदेश बड़वानी जिले के सेंधवा में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो पक्षों में आमने सामने जमकर पत्थराव हुआ। ये घटना सेंधवा शहर स्थित झोगवाड़ा रोड की है। इस पथराव के दौरान सेंधवा शहर थाना प्रभारी बलदेव मुजाल्दे सहित दो लोग घायल हो गए। उपद्रवियों ने दो मोटरसाइकिलों को आग लगा दी। इतना ही नहीं 2 से 3 धार्मिक स्थलों में की तोड़फोड़ की गई। घटना के बाद बड़वानी एसपी, कलेक्टर सहित भारी पुलिस बल शहर में तैनात है।
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https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-why-supreme-court-s-steps-on-farm-laws-were-not-welcomed-765687
Rajat Sharma's Blog: कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के कदम से लोग क्यों खुश नहीं हैं?
किसान पहले सरकार की नहीं सुन रहे थे और अब कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे, तो सवाल उठता है कि वे लोकतंत्र में फिर किसकी सुनेंगे?
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दो बड़े कदम उठाए: पहला तो यह कि अदालत ने तीनों कानूनों पर फिलहाल रोक लगा दी, और दूसरा एक एक्सपर्ट कमेटी भी बना दी, जो किसानों से बात करके 2 महीने में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देगी।अब मुसीबत ये है कि सरकार इस बात से खुश नहीं है कि कानूनों पर रोक लगा दी गई, और किसान इस बात से नाराज़ हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने उनसे बिना पूछे कमेटी बना दी। एक तरफ सरकार के समर्थकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को संसद द्वारा पास किए गए कानून पर रोक लगाने का कोई हक नहीं है, लेकिन राष्ट्रहित में, सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानेगी। वहीं, दूसरी तरफ किसान कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है वे उससे बात तक नहीं करेंगे। किसान नेताओं का आरोप है कि इस कमेटी में शामिल एक्सपर्ट्स नए कृषि कानूनों के समर्थक हैं। किसान नेता पूछ रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट को कमेटी के चारों मेंबर्स के नाम किसने सुझाए और यह कदम किसकी अपील पर उठाया गया।किसान नेताओं ने साफ कह दिया है कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं होंगे, तब तक वे सड़क पर जमे रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से अपील की है कि वे कम से कम सर्दी में सड़क पर बैठे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को वापस भेजें लेकिन किसानों ने एलान कर दिया कि कोई वापस नहीं जाएगा और आंदोलन जारी रहेगा। कल तक जो किसान नेता सुप्रीम कोर्ट की तारीफ कर रहे थे, आज वही आरोप लगा रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट तो सरकार की मदद कर रहा है। पहले जो किसान नेता सरकार पर शक कर रहे थे, अब वही सुप्रीम कोर्ट की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं।किसान पहले सरकार की नहीं सुन रहे थे और अब कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे, तो सवाल उठता है कि वे लोकतंत्र में फिर किसकी सुनेंगे?लोकतंत्र में सरकार कानून और संविधान के आधार पर काम करती है। ये तो नहीं हो सकता कि मेरे मन की नहीं हुई तो नहीं सुनेंगे। इस तरह के रुख से तो अराजकता पैदा हो सकती है। जिसका मन होगा वह सड़क पर बैठ जाएगा, और जब तक उसकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक रोड को बंद रखेगा।क्या जिस संसद को देश की जनता ने चुना, वह कानून नहीं बनाएगी? क्या जिस सरकार को देश की जनता ने चुना उसको कानून लागू करने का हक नहीं दिया जाएगा? क्या अब सारे फैसले सड़क पर होंगे? क्या लोग अब सुप्रीम कोर्ट की अपील भी नहीं सुनेंगे?यह बेहद दुखद है कि किसान कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका, किसी की भी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। मंगलवार को किसान नेताओं ने साफ आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट भी सरकार की मदद कर रहा है, और कमेटी का गठन भी सरकार को बचाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्य भी सरकार की मर्जी के हैं।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने किसानों से बात करने के लिए जो कमेटी बनाई है, उसके चारों एक्सपर्ट्स के बारे में आपको बता देता हूं।इस कमेटी के अध्यक्ष अशोक गुलाटी हैं, जो कि एक एग्रीकल्चर इकॉनमिस्ट हैं। वह भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (ICRIER) में एक प्रोफेसर थे और 1991 से 2001 तक प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार काउंसिल के मेंबर रहे हैं। कमेटी के दूसरे मेंबर डॉक्टर प्रमोद कुमार जोशी हैं। वह अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) से जुड़े रहे हैं और इसके डारैक्टर भी रह चुके हैं। इनके अलावा बाकी के 2 मेंबर किसान संगठनों के नेता हैं, भूपिंदर सिंह मान राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं जबकि अनिल घनवट शिवकेरी संगठन से ताल्लुक रखते हैं जिससे महाराष्ट्र के लाखों किसान जुड़े हुए हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भूपिंदर सिंह मान ने बीकेयू के अपने समर्थकों से कांग्रेस के समर्थन में मतदान करने के लिए कहा था क्योंकि उन्होंने किसानों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र को बीजेपी के घोषणापत्र से बेहतर पाया था। अनिल घनवट और अशोक गुलाटी भी कभी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े थे।केंद्र और किसान नेताओं के बीच शुरुआती दौर की बातचीत के दौरान, सरकार से कृषि विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान नेता इसके लिए तैयार नहीं हुए। अब सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई है जिसमें कृषि के एक्सपर्ट हैं तो किसान नेता कह रहे हैं कि इस कमेटी के मेंबर्स से वे इसलिए बात नहीं करेंगे कि ये लोग नए कृषि कानूनों के समर्थक हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि किसान नेता पहले चरण में केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार ही क्यों हुए यदि उनकी मुख्य मांग तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना है?भले ही सरकार कृषि कानूनों पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के कदम से खुश नहीं है, लेकिन फिर भी वह कमेटी के गठन के लिए सहमत हो गई है। सरकार का कहना है कि संसद में पास हुए कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस तरह रोक लगाना ठीक नहीं है। कानून बनाने का काम संसद का है, विधानसभाओं का है और इन्हें लागू करने का काम सरकार का है। संविधान में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका, सबकी भूमिकाएं सुनिश्चित की गई हैं।सुप्रीम कोर्ट की भूमिका तभी आती है जब या तो संविधान की अवहेलना की गई हो या मौलिक अधिकारों का हनन होता हो। इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। ये संकट तो कुछ किसान संगठनों द्वारा आर्टीफिशियली क्रिएट किया गया है।मुझे इस बात पर भी हैरत हुई कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने इस मामले को ठीक तरह से हैंडल नहीं किया। किसानों को धरने पर बैठे हुए 45 दिन हो गए और उन्होंने हाइवे को ब्लॉक कर रखा है। लेकिन सरकार ने कभी बल प्रयोग नहीं किया और पुलिस ने काफी संयम दिखाया है।जब ऐसी अफवाह उड़ी कि पुलिस रातोंरात किसानों को लाठी और गोली के बल पर हटाएगी तो पुलिस अफसरों ने जाकर किसानों को समझाया और इस शक को दूर किया। सरकार के 3-3 मंत्रियों ने किसान नेताओं से कई-कई राउंड में बात की। इसलिए यह कहना ठीक नहीं है कि सरकार ने संवेदना नहीं दिखाई, या इस मामले को ठीक से हैंडल नहीं किया।सरकार तो अभी भी तीनों कृषि कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है, लेकिन जिद पर कौन अड़ा है ये इस बात से साफ हो जाता है कि किसान संगठनों के नेता कह रहे हैं कि जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक घर वापसी नहीं होगी। एक और बात जो किसान नेताओं की जिद दिखाती है वो ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगा दी, तो भी किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने पर अड़े हुए हैं।भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि वह 26 जनवरी को ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर रैली निकालेंगे। वहीं, पंजाब के एक अन्य किसान नेता ने कहा है कि उनका आंदोलन गणतंत्र दिवस के बाद भी जारी रहेगा।अब एक बात बिल्कुल साफ हो गई है कि किसानों का आंदोलन पूरी तरह शक और अविश्वास पर आधारित है।पहले किसान नेता कहते थे कि सरकार एमएसपी और मंडियों को लेकर जो कह रही है उस पर उन्हें शक है। मंगलवार को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की नीयत पर यह कहते हुए शक जाहिर किया कि शीर्ष अदालत सरकार की मदद कर रही है। किसान नेताओं को सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के मेंबर्स पर भी विश्वास नहीं है, और शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं था।जो कानून संसद ने पास किए हैं उनके बारे में सड़क पर टकराव करके फैसला कैसे हो सकता है? यदि आंदोलन कर रहे लोग सरकार की नहीं सुनेंगे, सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे तो रास्ता कैसे निकलेगा? अगर देश में फैसले इस आधार पर होंगे कि किसने कितनी ज्यादा सड़क घेरी हुई है तो ये गलत परंपरा पड़ जाएगी। फिर एक बडा सवाल ये है कि जो लोग आंदोलन नहीं करेंगे, सड़कों पर नहीं उतरेंगे, लेकिन मेजॉरिटी में होंगे तो क्या उनकी बात भी नहीं सुनी जाएगी?हमारे देश में बड़ी संख्या में वैसे किसान और उनके संगठन हैं जिन्हें लगता है कि इन कानूनों से उनका फायदा हुआ है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया बल्कि ये कह दिया कि सरकार ने सलाह-मशविरा नहीं किया। नए कृषि कानूनों पर पिछले 20 साल से चर्चा चल रही है। कई कमेटियां बनीं, कई एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी, और कई किसान संगठनों ने ऐसे ही कानून बनाने की मांग की।बीकेयू के राकेश टिकैत जैसे किसान नेता भी हैं, जिन्होंने पहले तो नए कृषि कानूनों का स्वागत किया था, लेकिन अब अपने समर्थकों के साथ उन्हीं कानूनों का विरोध कर रहे हैं और पिछले 48 दिनों से धरने पर बैठे हैं। ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट कैसे कह सकती है कि बिना कंसल्टेशन के फैसला हुआ?अब तो ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि न तो नए कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले फैसले से खुश हैं और न ही कृषि कानूनों का विरोध करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं। टकराव अभी भी जारी है और इसके चलते आखिरकार भारत का आम आदमी ही कष्ट झेल रहा है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 12 जनवरी, 2021 का पूरा एपिसोड
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https://www.indiatv.in/india/national/kin-of-11-farmers-who-died-during-protests-given-jobs-by-punjab-government-826746
किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 11 किसानों के परिजनों को पंजाब सरकार ने दी नौकरी
किसानों को राज्य के आर्थिक ढांचे की रीढ़ बताते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए हमेशा हर संभव कदम उठाएगी।’’
चंडीगढ़: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 11 किसानों के परिजनों को शनिवार को पंजाब में सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए। एक सरकारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गयी है। बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने मृतक किसानों के परिजनों को क्लर्क की नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे।किसानों को राज्य के आर्थिक ढांचे की रीढ़ बताते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए हमेशा हर संभव कदम उठाएगी।’’ चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही 157 मृतक किसानों के परिजनों को नौकरी दे चुकी है।दरअसल, पंजाब सरकार ने पहले पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और प्रत्येक मृतक किसान परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की थी। किसानों के मुताबिक कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हुई है।पंजाब, हरियाणा में घर वापसी पर किसानों का जोरदार स्वागतकृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में ‘‘जीत’’ के बाद वापस अपने घरों की ओर लौटते वक्त पंजाब और हरियाणा के किसानों का कई जगहों पर मिठाइयां खिलाकर और फूलों की माला पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दिल्ली-करनाल-अंबाला और दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही अन्य राज्य के राजमार्गों पर कई स्थानों पर गांववासियों के साथ ही किसानों के परिवारों ने ट्रैक्टरों में आ रहे किसानों को माला पहनाकर; लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयां खिलाकर उनका स्वागत किया। किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले गांववासी और अन्य लोग उनका स्वागत करने के लिए राजमार्गों के किनारे एकत्रित हो गए और उन्होंने किसानों पर फूल बरसाए।
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https://www.indiatv.in/india/national-wearing-two-fitted-masks-may-double-protection-against-covid-19-study-785613
इस ढंग के मास्क करते हैं कोविड-19 से दोगुना अधिक बचाव: अध्ययन
एक अध्ययन में पता चला है कि उचित ढंग से पहने हुए अच्छी फिटिंग वाले दो फेस मास्क सार्स-सीओवी2 के आकार के कणों से बचाने में दोगुने प्रभावी साबित होते हैं और उन्हें व्यक्ति की नाक, मुंह तक पहुंचने से रोकते हैं जिससे व्यक्ति संक्रमण की चपेट में नहीं आता।
नयी दिल्ली: एक अध्ययन में पता चला है कि उचित ढंग से पहने हुए अच्छी फिटिंग वाले दो फेस मास्क सार्स-सीओवी2 के आकार के कणों से बचाने में दोगुने प्रभावी साबित होते हैं और उन्हें व्यक्ति की नाक, मुंह तक पहुंचने से रोकते हैं जिससे व्यक्ति संक्रमण की चपेट में नहीं आता। जर्नल जेएएमए इंटरनल मेडिसीन में प्रकाशित अध्ययन में पता चला है कि दो मास्क पहनने से अधिक बचाव होने की वजह कपड़े की दो परतें आना नहीं है बल्कि यह है कि कोई हिस्सा खुला नहीं छूटता और खराब फिटिंग वाले हिस्सों पर भी बचाव हो जाता है।अमेरिका में कैरोलाइना विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर एमिली सिकबर्ट ने बताया, ‘‘चिकित्सा प्रक्रियाओं में इस्तेमाल होने वाले मास्क इस तरह से बनाए जाते हैं कि उनमें हवा की निकासी उचित तरीके से होती है लेकिन वे चेहरे पर ठीक से फिट नहीं बैठते।’’ विभिन्न तरह के मास्क में फिटेड फिल्टरेशन एफिशियंसी (एफएफई) का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं के एक दल ने स्टेनलेस स्टील के एक चैंबर में एक उपकरण की मदद से नमक के छोटे कण भेजे। फिर अनुसंधानकर्ताओं ने तरह-तरह के मास्क पहनकर यह पता लगाया कि सांस लेने की जगह से इन कणों को दूर रखने में मास्क कितने प्रभावी हो पा रहे हैं। सभी मास्क में एक पोर्ट लगा था जिससे पता लगाया जा सकता कि मास्क को पार करके कितने कण प्रवेश कर रहे हैं। चैंबर में मौजूद अनुसंधानकर्ताओं ने बात करना, ऊपर-नीचे झुकना जैसी अनेक गतिविधियां की जो एक व्यक्ति दैनिक रूप से करता है। वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि चिकित्सा प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाला मास्क कोविड-19 के आकार के कणों को दूर रखने में 40-60 फीसदी कारगर होता है। कपड़े से बना मास्क 40 फीसदी कारगर होता है। वहीं दो मास्क, जिनमें सर्जिकल मास्क पहले पहना गया हो और उसके ऊपर कपड़े का मास्क पहना गया हो तो बचाव 20 फीसदी तक बढ़ जाता है।ये भी पढ़ें
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IndiGo bars specially-abled child: इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में चढ़ने से रोका, तो भड़क गए सिंधिया, बोले- खुद करूंगा जांच
इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को रांची एयरपोर्ट पर विमान में सवार होने से रोक दिया क्योंकि वह ‘‘घबराया’’ हुआ था। चूंकि लड़के को शनिवार को एअरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया।
IndiGo bars specially-abled child: विमानन कंपनी इंडिगो द्वारा रांची एयरपोर्ट पर एक दिव्यांग बच्चे को विमान में सवार होने से रोके जाने के एक दिन बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से गुजरना नहीं पड़े। सिंधिया ने साथ ही कहा कि वह खुद घटना की जांच कर रहे हैं। इसके बाद एयरलाइन के CEO ने माफी मांगी है।बता दें कि इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को रांची एयरपोर्ट पर विमान में सवार होने से रोक दिया क्योंकि वह ‘‘घबराया’’ हुआ था। चूंकि लड़के को शनिवार को एअरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया। अन्य यात्रियों ने रविवार को सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर पोस्ट किया, जिसके बाद शनिवार की यह घटना सामने आई। इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए सिंधिया ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से नहीं गुजरना पड़े। खुद मामले की जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।’’साथी यात्री ने लिंक्डइन पर शेयर की पूरी घटनानागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) प्रमुख अरुण कुमार ने सोमवार कहा कि नियामक ने इस मामले पर इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है और वह उचित कार्रवाई करेगा। मनीषा गुप्ता नाम की एक यात्री ने लिंक्डइन पर इस घटना की विस्तार से जानकारी दी है। उसने कहा कि शनिवार को रांची हवाईअड्डे पर एक दिव्यांग किशोर को काफी असुविधा हुई। उसने कहा, ‘‘हवाईअड्डे तक की यात्रा से हुई थकावट और फिर सुरक्षा जांच के तनाव से वह भूखा, प्यासा, बेचैन और भ्रमित हो गया। उसके माता-पिता जाहिर तौर पर जानते थे कि उसे कैसे संभालना है - धैये के साथ, गले लगाकर।’’मनीषा गुप्ता ने बताया कि जब तक विमान में सवार होने की प्रक्रिया शुरू हुई तब तक बच्चे को खाना खिला दिया गया और उसकी दवाएं दे दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘फिर हमने क्रूर ताकत का पूरा प्रदर्शन देखा। इंडिगो कर्मियों ने घोषणा की कि बच्चे को विमान में सवार होने नहीं दिया जाएगा क्योंकि उससे अन्य यात्रियों को खतरा है। इंडिगो के प्रबंधक ने भी ‘इस तरह के बर्ताव और नशा किए यात्रियों पर कुछ कहा, जिससे वे यात्रा करने के योग्य नहीं होते।’’ उन्होंने कहा कि अन्य यात्रियों ने दृढ़ता से इसका विरोध किया और उन्होंने मांग की कि बच्चे और उसके माता-पिता को जल्द से जल्द विमान में सवार होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि कई यात्रियों ने इंडिगो के फैसले को नियम पुस्तिका में लिखे बयानों के आधार पर चुनौती दी।यात्री ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर समाचार लेख और ट्विटर पोस्ट दिखाए कि कोई भी एअरलाइन दिव्यांग यात्रियों के खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती। चिकित्सकों का एक दल भी इसी विमान में सवार था। उन्होंने बच्चे तथा उसके माता-पिता को बीच रास्ते में कोई दिक्कत होने पर पूरी सहायता देने की पेशकश की।’’ उन्होंने बताया कि इसपर भी, इंडिगो कर्मियों ने बच्चे को विमान में सवार होने से रोकने का अपना निर्णय नहीं बदला।एयरलाइन का बयानघटना के बारे में पूछे जाने पर, इंडिगो ने रविवार को कहा, ‘‘यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चा 7 मई को अपने परिवार के साथ उड़ान में सवार नहीं हो सका क्योंकि वह घबराया हुआ था।’’ उसने कहा कि कर्मचारियों ने आखिरी समय तक बच्चे के संयमित होने का इंतजार किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसने कहा कि एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा दी और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी। इंडिगो ने कहा, ‘‘हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है। इंडिगो एक समावेशी संगठन होने पर गर्व करता है, चाहे वह कर्मचारियों के लिए हो या उसके ग्राहकों के लिए और 75,000 से अधिक दिव्यांग यात्री हर महीने इंडिगो के साथ उड़ान भरते हैं।’’भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के विमानों से मार्च में देश के भीतर 58.61 लाख यात्रियों से यात्रा की, जो डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार घरेलू बाजार का 54.8 प्रतिशत हिस्सा है। इस बीच, शीर्ष बाल अधिकार संस्था एनसीपीसीआर ने इस घटना पर सोमवार को संज्ञान लिया और कहा कि उचित कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट किया, ‘‘रांची हवाईअड्डे पर इंडिगो कर्मियों द्वारा एक दिव्यांग बच्चे के साथ दुर्व्यवहार की घटना सामने आई है। उचित कार्रवाई के लिए मामले पर संज्ञान लिया गया है।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-farmers-protest-continues-on-37th-day-meeting-at-singhu-border-763161
किसानों का धरना 37वें दिन भी जारी, संयुक्त किसान मोर्चे की दोपहर दो बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। आज दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। इस बैठक के बाद शाम 5.30 बजे किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। आज दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। इस बैठक के बाद शाम 5.30 बजे किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई। पढ़ें: Happy New Year: 'दिल्ली NCR में ऐसा कोहरा कभी नहीं देखा'प्रदर्शन कर रहे किसानों के 41 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी। हाड़ कंपाने वाली ठंड में पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले एक महीने से केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली से लगी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है जहां सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। पढ़ें: New Year Gift: नए साल के पहले दिन झटका, कमर्शियल LPG सिलेंडर हुआ महंगाआपको बता दें पिछले साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है। उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे। दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी। सरकार लगातार कह रही है कि एमएसपी और मंडी प्रणाली बनी रहेगी और उसने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-serum-institute-reduces-price-of-its-covid-19-vaccine-covishield-to-rs-300-per-dose-to-states-ceo-adar-poonawalla-787452
सीरम इंस्टिट्यूट ने वैक्सीन का रेट घटाने का किया ऐलान, पूनावाला ने ट्वीट कर दी जानकारी
कोरोना के खिलाफ जंग की आज सबसे बड़ी मुहिम शुरू हो चुकी है। शाम 4 बजे से 18 साल से ऊपर के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग की आज सबसे बड़ी मुहिम शुरू हो चुकी है। शाम 4 बजे से 18 साल से ऊपर के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस के बीच कोविशील्ड की कीमत भी कम हो गई है। राज्यों को अब कोविशील्ड 400 रुपये की जगह 300 रुपये में मिलेगी। सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने ट्वीट कर कोविशील्ड की कीमत को कम करने की जानकारी दी। बता दें कि वैक्सीन की कीमत को लेकर राज्य सवाल उठा रहे थे। केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बॉयोटेक को चिट्ठी लिखकर कीमतों पर फिर से विचार करने की अपील की थी। अदार पूनावाला ने कहा, ''सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से राज्य को दी जाने वाली वैक्सीन की कीमत 400 रुपये से घटाकर 300 रुपये प्रति डोज करता हूं और यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इससे राज्य के हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी। इससे और ज्यादा वैक्सीनेशन हो पाएगा और अनगिनत जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।''हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने अपने कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ की कीमत राज्य सरकारों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये प्रति खुराक निर्धारित की है। कोरोना वैक्सीन की अधिक कीमतों को लेकर विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को निशाने पर ले रही है। इसी को देखते हुए पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से कहा था कि वे अपने कोविड-19 टीकों की कीमत कम करें।ये भी पढ़ें
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https://www.indiatv.in/india/national-increased-security-to-prevent-kanwariyas-from-entering-haridwar-804012
हरिद्वार में कांवड़ियों को एंट्री से रोकने के लिए बढ़ाई गई सुरक्षा
उत्तराखंड सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते इस साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने बाद हरिद्वार जिले में कांवड़ियों के प्रवेश को रोकने के लिए शनिवार को जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई।
देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते इस साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने बाद हरिद्वार जिले में कांवड़ियों के प्रवेश को रोकने के लिए शनिवार को जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि यात्रा रद्द कर दी गई है लेकिन इसके बावजूद कांवड़िये, भगवान शंकर को चढ़ाने के लिए गंगाजल लेने के वास्ते हरिद्वार में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिले की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि कांवड़िये हरिद्वार में प्रवेश न कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद यदि वे सीमा पर आते हैं तो उनसे वापस जाने का अनुरोध किया जाएगा। डीजीपी ने कहा, “यदि वे इसका विरोध करेंगे तब कार्रवाई की जाएगी।” सावन का महीना कल से शुरू होने वाला है और इसके साथ ही तीर्थयात्रा की शुरुआत होगी जिसके चलते कांवड़िये शहर में घुसने का प्रयास कर सकते हैं। उत्तराखंड पुलिस ने पहले ही आदेश जारी किये हैं कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कांवड़ियों को 14 दिन के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा।
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https://www.indiatv.in/india/politics/rahul-gandhi-said-minister-is-criminal-remove-from-cabinet-ajay-mishra-teni-union-minister-lakhimpur-kheri-case-lok-sabha-ruckus-827412
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर लोकसभा में हंगामा, राहुल बोले-ये मंत्री क्रिमिनल है, तुरंत हटाएं
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- ये मंत्री क्रिमिनल है, तुरंत पद से हटाया जाए। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नयी दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज फिर लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- ये मंत्री क्रिमिनल है, तुरंत पद से हटाया जाए। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जब प्रश्नकाल के दौरान राहुल गांधी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय से संबंधित उनका सूचीबद्ध पूरक प्रश्न पूछने के लिए कहा तो कांग्रेस सांसद ने लखीमपुर खीरी की हिंसा का मामला उठाया और आरोप लगाया कि मिश्रा इस घटना में शामिल हैं। केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी में जो हत्या हुई है, उसमें मंत्री शामिल हैं। उस बारे में चर्चा होनी चाहिए। सजा होनी चाहिएमंत्री को सरकार से निकाल देना चाहिए।’’इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने राहुल से अपील की कि वह विषय से संबंधित प्रश्न ही पूछें। उन्होंने कहा, ‘‘आप वरिष्ठ सदस्य है। आप कहते हैं कि आपको बोलने का मौका नहीं मिलता। आपको पूरा मौका दे रहा हूं, आप विषय पर सवाल पूछिए।’’ दूसरी तरफ, कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मामले को लेकर आज भी नारेबाजी जारी रखी जिस कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और प्रश्नकाल नहीं चल सका। राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी मामले पर बुधवार को लोकसभा में कार्य स्थगन का नोटिस दिया था।नोटिस में उन्होंने सदन में नियत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी और कहा था कि एसआईटी रिपोर्ट को लेकर सदन में चर्चा होनी चाहिए। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया।एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिये गये आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्‍त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू और कुछ अन्य लोगों पर लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। इस घटना में और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। (इनपुट-भाषा)
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https://www.indiatv.in/india/national-kisan-mahapanchayat-supreme-court-demanding-demonstration-at-jantar-mantar-farmers-latest-news-816658
जब कोर्ट में सुनवाई तो फिर सड़क पर प्रदर्शन क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को लगाई फटकार
जज ने याचिकाकर्ता को कहा है कि जब किसान कानूनों के विरोध में आपने कोर्ट में याचिका दाखिल कर ही दी है तो फिर विरोध प्रदर्शन को जारी रखने की क्या वजह है।
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की मांग को लेकर किसान महापंचायत ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दाखिल की हुई थी, उसपर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज ने कई टिप्पणियां की हैं। जज ने याचिकाकर्ता को कहा है कि जब किसान कानूनों के विरोध में आपने कोर्ट में याचिका दाखिल कर ही दी है तो फिर विरोध प्रदर्शन को जारी रखने की क्या वजह है। याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट जज ने कहा कि, किसान कानूनों के मुद्दे पर खुशामद बंद होनी चाहिए, उन्होंने याचिकाकर्ता को कहा, कि आपने पहले ही राजमार्ग और सड़कों को बंद कर दिया है, शहर (दिल्ली) को चारों तरफ से चकड़ा हुआ है और अब आप विरोध प्रदर्शन के लिए शहर के अंदर दाखिल होना चाहते हैं। इसपर याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने राजमार्ग और सड़कों को बंद नहीं किया हुआ है बल्कि पुलिस ने बंद किया हुआ है। याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन के लिए जिस तरह की अनुमति संयुक्त किसान मोर्चा को दी थी, वे भी उसी तरह की अनुमति की मांग कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की इस मांग पर जज ने कहा कि जब कृषि कानूनों के विरोध में आपने कोर्ट का रास्ता चुना है तो फिर विरोध प्रदर्शन किस बात के लिए किया जा रहा है। जज ने कहा कि अगर आपको कोर्ट पर भरोसा है तो विरोध करने के बजाय जल्द सुनवाई के लिए जोर लगाएं। याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट जज ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वे अपनी मांगों को लेकर कोर्ट में एक शपथपत्र दाखिल करें और उसकी एक कॉपी सरकारी वकील को भी दें। याचिका पर सुनवाई को फिलहाल अगले हफ्ते सोमवार के लिए टाल दिया गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national/government-of-india-reduce-disturbed-areas-under-afspa-in-nagaland-assam-and-manipur-2022-03-31-842271
पूर्वोत्तर के इन 3 राज्यों को लेकर मोदी सरकार ने लिया अहम फैसला, दशकों बाद घटाया AFSPA का इलाका
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं इस बात की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी। साथ ही उन्होंने इस फैसले का श्रेय पीए मोदी को दिया।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने दशकों बाद पूर्वोत्तर के असम, नागालैंड, और मणिपुर राज्यों में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) के तहत आने वाले अशांत इलाकों को घटा दिया है। इस बात की जानकारी स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने इस संबंध में सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय देते हुए लिखा, ये कदम पूर्वोत्तर में सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर होती स्थिति और तेजी से विकास का नतीजा है। शाह ने नॉर्थ ईस्ट के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि दशकों तक भारत का यह हिस्सा नजरअंदाज किया जाता रहा है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार का फोकस इसी पर है। केंद्र सरकार द्वारा पूर्वोत्तर के राज्यों से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट के आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) के तहत आने वाले अशांत इलाकों में कम करने के फैसला का केंद्रीय मंत्री सर्बानन्द सोनवाल ने स्वागत किया है। उन्होंने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति, प्रगति और सुरक्षा के एक नए युग की शुरूआत हुई है। पूर्वोत्तर के राज्यों में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) की सीमा कम करने से यहां विकास और समृद्धि का एक नया वातारण तैयार करने में मदद होगी।पूर्वोत्तर के राज्यों को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार काफी सतर्क दिखाई दे रही है। एक दिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम और मेघायल के बीच चल रहे 50 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक अहम पहल की गई थी। बीते मंगलवार को ही असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनराड संगमा ने अमित शाह की मौजूदगी में दोनों राज्यों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने कि दिशा में हुए समझौते पर दस्तख्त किए थे। दरअसल, दोनों राज्य 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दोनों के बीच 12 जगहों को लेकर सीमा विवाद चल रहा था।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-cm-yogi-congratulates-people-on-chhath-festival-754763
छठ पर्व पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान, लोगों की दी बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राज्य की जनता को छठ पर्व की बधाई दी है। उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा कि प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक लोक आस्था के महापर्व "छठ पूजा" के प्रथम व्रत "नहाए-खाए" की आप सभी को शुभकामनाएं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राज्य की जनता को छठ पर्व की बधाई दी है। उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा कि प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक लोक आस्था के महापर्व "छठ पूजा" के प्रथम व्रत "नहाए-खाए" की आप सभी को शुभकामनाएं। इसके साथ ही मुख्‍यमंत्री ने पूर्व के त्‍योहारों की भांति छठ पर्व भी घर पर ही मनाने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है बल्कि कमजोर हुआ है। बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपाय है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ''प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक, लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के प्रथम व्रत "नहाए-खाए" की आप सभी को शुभकामनाएं। कोरोना अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, कमजोर हुआ है। बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। पूर्व के त्योहारों की भांति छठ भी घर पर ही मनाने का प्रयास करें। जय छठी मईया।’’एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक छठ पूजा के अवसर पर घाटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था किए जाने के साथ ही महिलाओं को यह पर्व घर पर मनाने के संबंध में प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा घाटों के किनारे पारंपरिक स्थानों पर अर्घ्य दिए जाने के समुचित प्रबंध किए जाने के साथ ही पानी के बहाव के समुचित प्रबंध किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।घाटों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। गौरतलब हो कि बुधवार से ‘नहाय-खाय’ के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई ।
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https://www.indiatv.in/india/national-delhi-police-two-brave-lady-officers-reply-to-rakesh-tikait-watch-viral-video-768890
Viral: 'किसान की बेटियां हैं-एक इंच पीछे नहीं हटेंगी', ट्रैक्टर के सामने खड़ी होकर महिला पुलिसकर्मियों का प्रदर्शनकारी किसानों को जवाब
गाजीपुर बार्डर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो महिला पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारी किसानों के ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो जाती, जिसपर प्रदर्शनकारी किसान उन्हें हटने के लिए कहते हैं लेकिन दोनों महिलापुलिस कर्मी हटने के बजाय अपनी ड्यूटी पूरी बहादूरी के साथ करती रहती हैं।
नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन लगातार जारी है। हालांकि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सभी प्रदर्शन स्थलों पर हालात तनावपूर्ण हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हैं। गुरुवार शाम को यहां धरना स्थल खाली होने की बातें हो रहीं थीं लेकिन रात को अचानक किसान बढ़ गए। इस सबके बीच गाजीपुर बार्डर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो महिला पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारी किसानों के ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो जाती, जिसपर प्रदर्शनकारी किसान उन्हें हटने के लिए कहते हैं लेकिन दोनों महिलापुलिस कर्मी हटने के बजाय अपनी ड्यूटी पूरी बहादूरी के साथ करती रहती हैं। वायरल हो रहे इस वीडियो में राकेश टिकैत भी नजर आ रहे हैं।पढ़ें- Kisan Andolan: टिकैत से मिलने पहुंचे जयंत, अखिलेश ने भी लगाया फोन, कही बड़ी बातराकेश टिकैत ट्रैक्टर के सामने खड़ी महिला पुलिसकर्मी पर नाराज होते दिख रहे हैं लेकिन महिला पुलिस कर्मी उन्हें ऐसा तनातनी वाले माहौल में बेहद कूल जवाब देती है। वीडियो में प्रदर्शनकारी किसान महिला पुलिसकर्मियों से कहते हैं कि हट जाओ चोट लग जाएगी लेकिन महिला पुलिस कर्मी किसानों को जो जवाब देती है वो सोशल मीडिया पर सबका मन मोह रहा है। आप भी देखिए वायरल हो रहा ये वीडियो।पढ़ें- रात में गाजीपुर बॉर्डर पर क्या हुआ, जानिए पूरा अपडेटपढ़ें- Kisan Andolan: धीरे-धीरे खत्म हो रहा है किसान आंदोलन! एक और संगठन ने खत्म किया धरनायूपी गेट पर भीड़ बढ़ी, अतिरिक्त बल को हटाया गयागाजियाबाद प्रशासन द्वारा यूपी गेट पर प्रदर्शन स्थल को खाली करने की अंतिम चेतावनी दिए जाने के बावजूद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के सैकड़ों सदस्य शुक्रवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर डटे रहे। यहां एकत्रित लोगों की संख्या रातभर में बढ़ गई। यहां राकेश टिकैत की अगुवाई में बीकेयू के सदस्य 28 नवंबर से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। बीकेयू के आह्वान पर आंदोलन में शामिल होने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और बुलंदशहर जिलों से बड़ी संख्या में किसान शुक्रवार तड़के यूपी गेट पहुंचे, जबकि रात में यहां सुरक्षाबलों की संख्या को कम किया गया।नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन लगातार जारी है। हालांकि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सभी प्रदर्शन स्थलों पर हालात तनावपूर्ण हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हैं। गुरुवार शाम को यहां धरना स्थल खाली होने की बातें हो रहीं थीं लेकिन रात को अचानक किसान बढ़ गए। इस सबके बीच गाजीपुर बार्डर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो महिला पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारी किसानों के ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो जाती, जिसपर प्रदर्शनकारी किसान उन्हें हटने के लिए कहते हैं लेकिन दोनों महिलापुलिस कर्मी हटने के बजाय अपनी ड्यूटी पूरी बहादूरी के साथ करती रहती हैं। वायरल हो रहे इस वीडियो में राकेश टिकैत भी नजर आ रहे हैं।पढ़ें- Kisan Andolan: टिकैत से मिलने पहुंचे जयंत, अखिलेश ने भी लगाया फोन, कही बड़ी बातराकेश टिकैत ट्रैक्टर के सामने खड़ी महिला पुलिसकर्मी पर नाराज होते दिख रहे हैं लेकिन महिला पुलिस कर्मी उन्हें ऐसा तनातनी वाले माहौल में बेहद कूल जवाब देती है। वीडियो में प्रदर्शनकारी किसान महिला पुलिसकर्मियों से कहते हैं कि हट जाओ चोट लग जाएगी लेकिन महिला पुलिस कर्मी किसानों को जो जवाब देती है वो सोशल मीडिया पर सबका मन मोह रहा है। आप भी देखिए वायरल हो रहा ये वीडियो।पढ़ें- रात में गाजीपुर बॉर्डर पर क्या हुआ, जानिए पूरा अपडेटपढ़ें- Kisan Andolan: धीरे-धीरे खत्म हो रहा है किसान आंदोलन! एक और संगठन ने खत्म किया धरनायूपी गेट पर भीड़ बढ़ी, अतिरिक्त बल को हटाया गयागाजीपुर में यूपी गेट पर आमना-सामने होने की स्थिति बन रही थी। बृहस्पतिवार शाम को प्रदर्शन स्थल पर बार-बार बत्ती गुल हुई थी। वहीं, दिल्ली की टिकरी और सिंघू सीमाओं पर भी शुक्रवार को भारी पुलिस बल की तैनाती रही। इन सीमाओं पर दिल्ली पुलिस के कर्मियों के साथ अर्द्धसैन्य बलों को भी तैनात किया गया है। यहां कई मार्ग बंद हैं तथा यातायात पुलिस द्वारा लोगों को अन्य मार्गों से आनेजाने को कहा गया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर बताया, ‘‘गाजीपुर सीमा बंद है। सिंघू, औचंडी, मंगेश, साबोली, पीयू, मनियारी सीमाएं भी बंद हैं।’’गाजियाबाद जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी आधी रात को प्रदर्शनस्थल पहुंचे और वहां हालात का जायजा लिया। यहां पर बृहस्पतिवार से सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। आधिकारिक निर्देशों के बाद पीएसी और आएएफ के जवानों समेत कई सुरक्षाकर्मी आधी रात को प्रदर्शन स्थल से चले गए थे। रात को एक बजे टिकैत के समर्थक प्रदर्शन स्थल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर उमड़े। इस स्थान को दोनों ओर से बंद किया गया है तथा यहां सामान्य यातायात बाधित हो गया है। यूपी गेट पर करीब 500 प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से रात में यहां और किसान आए।
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-cases-in-india-today-more-than-40-thousand-latest-news-799841
Covid: देशभर में मिले 43,071 नए मरीज, एक्टिव केस घटकर हुए 4,85,350
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के बाद अबतक देश में सामने आए कोरोना के कुल मामले बढ़कर 3 करोड़ 5 लाख 45 हजार 433 हो गई है। इनमें से 2 करोड़ 96 लाख 58 हजार 078 मरीज कोरोना से उभरने में सफल रहे जबकि अबतक 4 लाख 2 हजार 5 लोगों की इस बीमारी ने जान ले ली।
नई दिल्ली. देशभर में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 43 हजार 71 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 52 हजार 299 मरीजों ने कोरोना बीमारी को मात दी और 955 लोगों का इस बीमारी की वजह से निधन हो गया। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के बाद अबतक देश में सामने आए कोरोना के कुल मामले बढ़कर 3 करोड़ 5 लाख 45 हजार 433 हो गई है। इनमें से 2 करोड़ 96 लाख 58 हजार 078 मरीज कोरोना से उभरने में सफल रहे जबकि अबतक 4 लाख 2 हजार 5 लोगों की इस बीमारी ने जान ले ली।मंत्रालय ने बताया कि देश में उपचाराधीन मामलों की संख्या कम होकर 4,85,350 रह गई, जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.59 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की दर सुधरकर 97.09 हो गई है। उसने बताया कि पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों की संख्या में 10,183 की कमी आई है।आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को 18,38,490 नमूनों की जांच की गई। देश में अब तक 41,82,54,953 नमूनों की जांच की जा चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि दैनिक संक्रमण दर 2.34 प्रतिशत है। यह लगातार 27 दिन पांच प्रतिशत से कम रही है। साप्ताहिक संक्रमण दर गिरकर 2.44 प्रतिशत रह गई। देश में लगातार 52वें दिन स्वस्थ हुए लोगों की संख्या दैनिक मामलों से अधिक रही। आंकड़ों के अनुसार बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,96,58,078 हो गई है, जबकि मृत्युदर बढ़कर 1.32 प्रतिशत हो गई है। देश में अब तक 35.12 करोड़ लोगों को कोविड-19 टीका लगाया जा चुका है। देश में कोविड-19 टीके की 35 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईंकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि देश में कोविड-19 रोधी टीके की 35 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी है। देश में सार्वभौमिक टीकाकरण के नए चरण की शुरुआत 21 जून को हुई। शाम सात बजे तक की अनंतिम रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को देश में 57.36 लाख से अधिक खुराकें दी गयी।नई दिल्ली. देशभर में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 43 हजार 71 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 52 हजार 299 मरीजों ने कोरोना बीमारी को मात दी और 955 लोगों का इस बीमारी की वजह से निधन हो गया। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के बाद अबतक देश में सामने आए कोरोना के कुल मामले बढ़कर 3 करोड़ 5 लाख 45 हजार 433 हो गई है। इनमें से 2 करोड़ 96 लाख 58 हजार 078 मरीज कोरोना से उभरने में सफल रहे जबकि अबतक 4 लाख 2 हजार 5 लोगों की इस बीमारी ने जान ले ली।मंत्रालय ने बताया कि देश में उपचाराधीन मामलों की संख्या कम होकर 4,85,350 रह गई, जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.59 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की दर सुधरकर 97.09 हो गई है। उसने बताया कि पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों की संख्या में 10,183 की कमी आई है।आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को 18,38,490 नमूनों की जांच की गई। देश में अब तक 41,82,54,953 नमूनों की जांच की जा चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि दैनिक संक्रमण दर 2.34 प्रतिशत है। यह लगातार 27 दिन पांच प्रतिशत से कम रही है। साप्ताहिक संक्रमण दर गिरकर 2.44 प्रतिशत रह गई। देश में लगातार 52वें दिन स्वस्थ हुए लोगों की संख्या दैनिक मामलों से अधिक रही। आंकड़ों के अनुसार बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,96,58,078 हो गई है, जबकि मृत्युदर बढ़कर 1.32 प्रतिशत हो गई है। देश में अब तक 35.12 करोड़ लोगों को कोविड-19 टीका लगाया जा चुका है। देश में कोविड-19 टीके की 35 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईंमंत्रालय ने कहा कि शनिवार को 18-44 आयु समूह में 28,33,691 लोगों को पहली खुराक और 3,29,889 लोगों को दूसरी खुराक दी गयी। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इस उम्र समूह के कुल 99,434,862 लोगों ने पहली खुराक और 27,12,794 ने दूसरी खुराक ली है।उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने 18-44 आयु वर्ग में कोविड-19 टीके की 50 लाख से अधिक लोगों को पहली खुराक दी है। मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, केरल, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल ने 18-44 वर्ष की श्रेणी के 10 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी है।
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https://www.indiatv.in/india/national-independence-day-delhi-police-red-fort-security-807701
15 अगस्त से पहले दिल्ली सावधान, पुलिस की वर्दी में न आ जाएं दहशतगर्द!
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक खालिस्तान समर्थक पुलिस की वर्दी में लाल किले में घुस सकते हैं। इस समय दिल्ली पुलिस के टॉप ऑफिसर्स की मीटिंग चल रही है।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक खालिस्तान समर्थक पुलिस की वर्दी में लाल किले में घुस सकते हैं। इस समय दिल्ली पुलिस के टॉप ऑफिसर्स की मीटिंग चल रही है। मीटिंग में 15 अगस्त की सुरक्षा पर चर्चा हो रही है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस को खुफिया एजेंसियों से अलर्ट मिला है कि दिल्ली में धार्मिक स्थलों पर भी माहौल खराब करने की कोशिश हो सकती है।15 अगस्त से पहले दिल्ली हाईअलर्ट पर है तो वहीं जम्मू कश्मीर से लेकर पंजाब तक आतंक फैलाने की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों ने पाकिस्तानी आतंकी को ढेर करके रॉकेट लॉन्चर बरामद किया है तो अमृतसर में रिहायशी इलाके में घर के बाहर मिला ग्रेनेड मिला है जिसे समय रहते डिफ्यूज कर दिया गया।आपको बता दें कल बीएसएफ का काफिला श्रीनगर से जम्मू जा रहा था तभी आतंकवादियों ने काजीगुंड इलाके के मालपोरा में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर जवानों को निशाना बनाकर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया और एनकाउंटर में एक आतंकी का खात्मा कर दिया।
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https://www.indiatv.in/india/national-wrestler-sushil-kumar-haridwar-delhi-police-s-crime-branch-can-take-sushil-kumar-to-haridwar-today-793350
सुशील कुमार को हरिद्वार लेकर गई दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, फरारी के दौरान वही ली थी शरण
छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच आज उत्तराखंड के हरिद्वार लेकर गई है।
नई दिल्ली: छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच आज उत्तराखंड के हरिद्वार लेकर गई है। सूत्रों के मुताबिक सुशील कुमार अपनी फरारी के दौरान हरिद्वार भी गया था। दिल्ली पुलिस अब उन लोगों से पूछताछ करेगी जिन्होंने सुशील कुमार को उसकी फरारी के समय शरण दी थी और उसकी मदद की थी। वहीं, दिल्ली पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है कि वह पहलवान सुशील कुमार के वह कपड़े बरामद करें जो उसने 4 मई की रात वारदात के समय पहने हुए थे।आपको बता दें कि सुशील कुमार और अजय कुमार सहरावत की पुलिस हिरासत शनिवार को और चार दिन के लिए बढ़ा दी। अदालत ने साथ ही कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। सुशील कुमार और उसके साथियों ने पहलवान सागर धनखड़ और उसके दो मित्रों के साथ दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कथित तौर पर मारपीट की थी। सागर ने बाद में दम तोड़ दिया था। सुशील और अजय कुमार की गिरफ्तारी के बाद अदालत ने गत 23 मई को दोनों को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। हिरासत अवधि समाप्त होने पर शनिवार को अदालत में पेश किये जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने एक अर्जी देकर यह कहते हुए हिरासत सात दिन और बढ़ाने का अनुरोध किया कि सुशील कुमार मुख्य षड्यंत्रकर्ता है और कई बरामदगी अभी की जानी है, जिसके लिए उससे पूछताछ किये जाने की जरूरत है।मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयंक गोयल ने कहा, ‘‘न्याय के हित में मैं केवल चार दिन के लिए पुलिस की अर्जी को मंजूरी देना उचित समझता हूं।’’ उनसे केवल चार दिनों के लिए पूछताछ की अनुमति देते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और कानून सभी के साथ समान व्यवहार करता है। हालांकि, संविधान सभी व्यक्तियों को जीने और स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, चाहे वे आरोपी हों या नहीं, लेकिन यह अधिकार भी कुछ अपवादों के अधीन है।’’ अदालत ने सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच के शुरुआती दिनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं। न्यायाधीश ने कहा कि बड़ी संख्या में व्यक्तियों की संलिप्तता का भी संदेह है, जिनमें से कुछ दिल्ली और उसके बाहर के रहने वाले हैं, इनमें से कुछ कुख्यात गिरोहों से संबंधित हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाना बाकी है।न्यायाधीश ने आदेश में कहा, ‘‘इसके अलावा, मोबाइल फोन और आरोपी व्यक्तियों के कपड़े जैसी चीजों की बरामदगी अभी की जानी बाकी है। ऐसे में न्याय के हित में मैं केवल चार दिन के लिए हिरासत बढ़ाने की अनुमति देना उचित समझता हूं।’’ सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक आशीष काजल ने सुशील और अजय की हिरासत देने का अनुरोध किया ताकि उनका अन्य गिरफ्तार सह-आरोपियों के साथ सामना कराया जा सके और मोबाइल फोन, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान के कपड़े और उसके मकान पर लगे सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर की बरामदगी की जा सके।इसके अलावा, दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले अभियोजक ने कहा कि जांच एजेंसी ने मौके से सात वाहनों को जब्त किया है जिनका इस्तेमाल अपराध के लिए किया गया था लेकिन सुशील और अजय कुमार के असहयोग के कारण केवल चार वाहनों को संबंध जोड़ा जा सका है। उन्होंने कहा कि शेष तीन वाहनों को उनके उपयोगकर्ताओं के साथ जोड़ने, अन्य आरोपियों को पकड़ने, हरिद्वार, ऋषिकेश और गाजियाबाद में उनके ठिकाने की पहचान करने और गिरफ्तारी से बचने में मदद करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए उनकी हिरासत की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय पहलवान को सह आरोपी अजय कुमार के साथ 23 मई को बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया गया था। वे गिरफ्तारी से बच रहे थे और विवाद के बाद लगभग तीन सप्ताह से फरार चल रहे थे।
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महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को फिर आए धमकी भरे फोन, कंगना को लेकर दिया था बयान
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को अभिनेत्री कंगना रनौत से जुड़े विवाद पर उनके रुख को लेकर एक बार फिर धमकी भरे फोन आए हैं।
मुम्बई: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को अभिनेत्री कंगना रनौत से जुड़े विवाद पर उनके रुख को लेकर एक बार फिर धमकी भरे फोन आए हैं। मंत्री के करीबी सूत्र ने बुधवार को बताया कि देशमुख को मंगलवार और बुधवार सुबह करीब 6 बजे हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग लोगों के फोन आए और मामले की जांच की जा रही है। इससे पहले, मंत्री ने सोमवार को बताया था कि एक अज्ञात व्यक्ति ने देशमुख के नागपुर कार्यालय में फोन कर उन्हें और राकांपा प्रमुख शरद पवार को धमकी दी थी।देशमुख ने सोमवार को केन्द्र सरकार के अभिनेत्री कंगना रनौत को ‘वाय प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा देने के फैसले पर हैरानी जतायी थी। उन्होंने कहा था कि रनौत ने अपनी टिप्पणी से मुम्बई और महाराष्ट्र का ‘‘अपमान’’ किया है। कंगना रनौत ने कहा था कि उन्हें मुम्बई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने मुम्बई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के यहां बांद्रा स्थित निजी आवास ‘मातोश्री’ में शनिवार को एक फोन आया था, जिसमें फोन करने वाले व्यक्ति ने मुख्यमंत्री के आवास को उड़ाने की कथित तौर पर धमकी दी। अज्ञात व्यक्ति ने खुद को भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का साथी बताया था।
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https://www.indiatv.in/india/national-security-forces-killed-3-terrorists-in-kakpora-in-pulwama-district-on-friday-782065
जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, 3 आतंकियों को किया ढेर, 24 घंटे में लिया हमले का बदला
सुरक्षाबलों को आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद प्राप्त हुआ है, फिलहाल पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
पुलवामा। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है, शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों ने पुलवामा के काकापोरा में 3 आंतकवादियों को मार गिराया है। सुरक्षाबलों को पुलवामा के काकापोरा आतंकवादियों की मौजूदगी कि खबर मिली थी, इंटेलिजेंस इनपुट मिलने के बादर शुक्रवार तड़के पूरे इलाके को घेरा गया जिसमें पता चला कि 3 आतंकवादी इलाके में छिपे हुए हैं। इसके बाद सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच एनकाउंटर हुआ और इस एनकाउंटर में तीनों आतंकवादी मारे गए हैं। सुरक्षाबलों को आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद प्राप्त हुआ है, फिलहाल पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। Image Source : INDIA TV शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों ने पुलवामा के काकापोरा में 3 आंतकवादियों को मार गिराया हैसुरक्षाबलों ने कल श्रीनगर में बीजेपी नेता पर हुए हमले का बदला 24 घंटे में ले लिया है, आपको बता दें कि गुरुवार को श्रीनगर में बीजेपी नेता के घर पर हमले में ये तीनों शामिल थे, इन्होंने एक सुरक्षाकर्मी को भी मार दिया था और हथियार छीनकर फरार हो गए थे, शुक्रवार को पुलवामा में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में तीनों आतंकियों को मार गिराया। जम्मू-कश्मीर आईजी विजय कुमार ने बताया कि एनकाउंटर में कुल 3 आतंकवादी मारे गए हैं, उन्होंने बताया कि गुरुवार को आतंकवादियों ने जिस आतंकी घटना को अंजाम दिया था उसमें कुल 4 आतंकवादी शामिल थे। जिनमें 2 की पहचान हो गई थी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को आतंकवादी सुरक्षाबलों के जिस हथियार को छीनकर ले गए थे उसे आज के एनकाउंटर के बाद रिकवर कर लिया गया है। विजय कुमार के अनुसार मारे गए आतंकवादियों का संबंध आतमंकी संगठन लश्कर और अलबदर से था, उन्होंने बताया कि बचे हुए आंतकवादियों को को पकड़ने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-amit-shah-three-day-visit-to-jammu-kashmir-begins-today-820144
आज कड़ी सुरक्षा के बीच श्रीनगर पहुंचेंगे गृहमंत्री अमित शाह, Article 370 हटने के बाद पहला कश्मीर दौरा
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए को खत्म कर दिया गया था जिसके बाद से लगातार सबकी निगाह गृहमंत्री अमित शाह के कश्मीर दौरे पर थी।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में टारगेटेड किलिंग के बीच आज से गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा शुरू हो रहा है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A हटाये जाने के बाद पहली बार अमित शाह श्रीनगर पहुंच रहे हैं। शाह जम्मू-कश्मीर में तीन दिन तक रहेंगे और वहां सुरक्षा इंतजामों के साथ साथ विकास की योजनाओं का भी जायजा लेंगे। गृह मंत्री का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब एक ओर पुंछ और राजौरी में आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं तो दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों के खिलाफ आतंकी वारदातें बढ़ गईं हैं।गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए को खत्म कर दिया गया था जिसके बाद से लगातार सबकी निगाह गृहमंत्री अमित शाह के कश्मीर दौरे पर थी। तीन दिन के दौरे के पहले दिन आज अमित शाह श्रीनगर पहुंचेंगे फिर अगले दिन जम्मू का दौरा करेंगे।आतंकी हमलों के बीच 'मिशन कश्मीर' सूत्रों कि माने तो गृहमंत्री शाह के दौरे से पहले आतंकी संगठन इसलिए और सक्रिय हुए हैं ताकि गृहमंत्री अपना दौरा रद्द कर दें लेकिन गृहमंत्री शाह ने और मजबूती से इस दौरे को लेकर सक्रियता दिखाई। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए। अमित शाह के इस दौरे के पहले आतकंवादियों के खिलाफ ऑपरेशन को तेज करने के लिए पैरामिलिट्री फोर्सेज की 50 कंपनियां तैनात की गई है। सूत्रों के मुताबिक NIA ने आतंकी साजिश करने के आरोप में कुलगाम, शोपियां और पुलवामा से आठ लोगों को गिरफ्तार भी किया है।एक्शन में सुरक्षाबल, दर्जनों ड्रोन की हुई तैनातीगृहमंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले सुरक्षाबल पूरी तरह से एक्शन में हैं। श्रीनगर के उन इलाकों में सुरक्षाबल ड्रोन्स से नजर रख रही है जहां पर कश्मीरी हिंदू पंडितों के साथ दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं। इसके अलावा श्रीनगर की सड़कों पर बंकर्स लगा दिए गए हैं जहां हथियारबंद सिक्योरिटी पर्सनल्स की तैनाती हुई है। सीआरपीएफ की टीमें ड्रोन्स के जरिए हर छोटी छोटी से गतिविधियों को मॉनिटर कर रही हैं और अगर कोई संदिग्ध दिखाई पडता है तो उसे हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है। कश्मीर में आतंकियों के जिन 25 मददगारों को पुलिस ने पकड़ा था उन्हें अब आगरा की जेल में शिफ्ट कर दिया है। पिछले दिनों आतंकवादियों ने कई बेगुनाह लोगों को निशाना बनाया लिहाजा अब जगह जगह बंकर्स वाली पोस्ट लगा दी गई और ड्रोन्स भी उ़ड़ाए जा रहे हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-heavy-snowfall-causes-road-blocks-in-shimla-himachal-pradesh-762419
नए साल में पहाड़ों पर जा रहे हैं तो सावधान! बर्फबारी के कारण बंद हुए कई रास्ते
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी ऐसा ही हुआ है। यहां भारी बर्फबारी के कारण ऊपरी शिमला और मनाली के कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं और पुलिस ने लोगों को सड़कें साफ होने तक उन इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी है।
शिमला: नया साल आने वाला है, ऐसे में काफी लोग जश्न मनाने के लिए पहाड़ों में जाने का विचार करते हैं। लेकिन, अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो पहले पहाड़ों के मौसम की जानकारी जरूर ले लें। क्योंकि, ठंड के मौसम में काफी जगहों पर बर्फबारी होने के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं।हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी ऐसा ही हुआ है। यहां भारी बर्फबारी के कारण ऊपरी शिमला और मनाली के कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं और पुलिस ने लोगों को सड़कें साफ होने तक उन इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी है। इन इलाकों में सड़कों पर भारी बर्फ जमी हुई है।शिमला में मौसम विज्ञान विभाग केन्द्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि शिमला जिले के कुफरी में 30 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है जबकि चम्बा जिले के डलहौजी में 32 सेंटीमीटर, कुल्लू जिले के मनाली में 14 सेंटीमीटर, शिमला शहर में नौ सेंटीमीटर तक बर्फबारी हुई है। उन्होंने बताया कि केलांग, कल्पा, शिमला, डलहौजी और कुफरी में सोमवार को तापमान शून्य से नीचे रहा। केलांग राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 6.7 डिग्री सेल्सियस रहा।बता दें कि रविवार (27 दिसंबर) को शिमला में इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई। यह बर्फबारी रात करीब सवा नौ बजे मॉल रोड, जाखू, छोटा शिमला और शहर के अन्य हिस्सों में शुरू हुई थी।इसके साथ ही मौसम विभाग ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया था। पूर्वानुमान के अनुसार, कई हिस्सों में भारी बर्फबारी हुई।
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https://www.indiatv.in/india/national/french-navy-chief-s-three-day-visit-to-india-aims-to-strengthen-bilateral-maritime-cooperation-2022-03-28-841532
फ्रांसीसी नौसेना प्रमुख की तीन दिवसीय भारत यात्रा, द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा सयोग मजबूत करना उद्देश्य
एडमिरल वांदियर अपने भारतीय समकक्ष एडमिरल आर हरि कुमार के साथ-साथ सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी के साथ व्यापक बातचीत करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करना है।
नयी दिल्ली: फ्रांसीसी नौसेना प्रमुख एडमिरल पियरे वांदियर सोमवार को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय समुद्री सहयोग को और मजबूत करना है, विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में। यह सूचना इस यात्रा के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने दी है। उनकी यह यात्रा यूक्रेन में संकट के बीच हो रही है, इसलिए उम्मीद है कि दोनों पक्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इस संघर्ष के संभावित प्रभावों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं। एडमिरल वांदियर अपने भारतीय समकक्ष एडमिरल आर हरि कुमार के साथ-साथ सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी के साथ व्यापक बातचीत करेंगे। उपरोक्त उल्लेखित व्यक्तियों में से एक ने कहा, 'इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करना है।'फ्रांस के नौसेना प्रमुख की यात्रा विदेश मंत्री एस. जयशंकर की पेरिस की यात्रा के करीब एक महीने बाद हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में भारत और फ्रांस के बीच समुद्री सहयोग में बड़ा विस्तार हुआ है। इनपुट- भाषा
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https://www.indiatv.in/india/politics/doesn-t-suit-pm-to-indulge-in-politics-over-people-s-suffering-kerjiwal-hits-back-at-modi-2022-02-07-834865
प्रधानमंत्री मोदी को लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना शोभा नहीं देता: केजरीवाल
मोदी के लोकसभा में दिए भाषण की एक क्लिप टैग करते हुए केजरीवाल ने उनके बयान को ‘‘सरासर झूठ’’ करार दिया और कहा कि देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे।
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए इस बयान को सोमवार को ‘‘झूठ’’ करार दिया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों से राष्ट्रीय राजधानी छोड़कर जाने के लिए कहा था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने दिल्ली सरकार पर माइक्रोफोन का इस्तेमाल करके रिहायशी इलाकों में जाकर लोगों से शहर को छोड़ने के लिए कहने का आरोप लगाया।मोदी के लोकसभा में दिए भाषण की एक क्लिप टैग करते हुए केजरीवाल ने उनके बयान को ‘‘सरासर झूठ’’ करार दिया।उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री का यह बयान सरासर झूठ है। देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे। लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता।’’(इनपुट- एजेंसी)
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https://www.indiatv.in/india/politics-kapil-sibal-reaction-on-sushmita-dev-resign-from-congress-808173
'कांग्रेस आंखें मूंदकर आगे बढ़ती है', सुष्मिता देव के इस्तीफे पर बोले कपिल सिब्बल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सुष्मिता देव के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े करते हुए सोमवार को कहा कि पार्टी आंखें मूंदकर आगे बढ़ती है।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सुष्मिता देव के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े करते हुए सोमवार को कहा कि पार्टी आंखें मूंदकर आगे बढ़ती है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सुष्मिता देव ने हमारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। युवा नेता छोड़ते हैं जबकि हम ‘बुजर्ग’ पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयास करते हैं तो उसके लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाता है।’’सिब्बल ने दावा किया कि पार्टी आंखें बंद करके आगे बढ़ती है। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहीं सुष्मिता ने 15 अगस्त को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा।सुष्मिता देव ने दो दिन पहले ही कांग्रेस डेलीगेशन के साथ कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी से मुलाकात की थी। ऐसे में आज उनके द्वारा इस्तीफा देना पार्टी के लिए चौंकाने वाला है। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पार्टी छोड़ने के साथ ही पार्टी के सभी व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं।कांग्रेस सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहीं सुष्मिता ने 15 अगस्त को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा। सुष्मिता ने अपने त्यागपत्र में पार्टी छोड़ने के कारण का कोई उल्लेख नहीं किया, हालांकि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही खुद को मिले मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए सोनिया गांधी और पार्टी नेतृत्व का धन्यवाद किया।
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https://www.indiatv.in/india/politics-sedition-case-filed-against-me-for-exposing-up-government-says-aap-leader-sanjay-singh-741856
योगी सरकार ने 3 महीने में मुझ पर जितने केस किए उतने किसी माफिया पर भी नहीं हुए: संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने पर जमकर निशाना साधा।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, 'योगी सरकार द्वारा उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई का मुख्य कारण यह है कि वह यूपी में ब्राह्मणों और दलितों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार पर लगातार आवाज उठा रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कह रहे हैं कि मैं देशद्रोही हूं। पिछले 3 महीने में लगभग 13 मुकदमे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मुझ पर लगाए हैं।''इतने मुकदमे तो किसी माफिया पर भी नहीं हुए'संजय सिंह ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 3 महीने में 13 मुकदमे उत्तर प्रदेश में आज तक किसी माफिया के खिलाफ नहीं हुए। आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद ने कहा कि 12 विभिन्न राजनीतिक दलों के 37 सांसद एकजुटता के साथ मेरे साथ हैं और उन्होंने माननीय राज्यसभा सभापति से इस मुद्दे के खिलाफ जांच कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, टीएमसी, सपा, शिवसेना, राजद, टीआरएस, टीडीपी, डीएमके, अकाली दल, एनसीपी और कई अन्य सांसदों ने उनका समर्थन किया है। संजय ने कहा कि माननीय राज्यसभा के सभापति ने सदन को यह सुनिश्चित किया है कि इस मामले की जांच की जाएगी। वहीं 20 सितंबर को वह लखनऊ पुलिस के सामने पेश होंगे।'मैं देशद्रोही हूं तो मुझे जेल में डाला जाए'संजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि, 'मैंने चिट्ठी लिखकर सभापति महोदय से इस पूरे प्रकरण की जांच करने की मांग की है और 12 अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसदों ने भी चिट्ठी लिखकर मेरा समर्थन किया है। मैंने सभापति महोदय से आग्रह किया है कि अगर मैं देशद्रोही हूं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की जाए और मुझे जेल में डाला जाए और यदि नहीं हूं तो इस प्रकार के झूठे केस मुझ पर लगाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।' बता दें कि AAP नेता संजय सिंह के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने हजरतगंज थाने में दर्ज मामले में राजद्रोह की धारा जोड़ दी है। साथ ही उन्हें 20 सितंबर तक हजरतगंज पुलिस थाने के जांच अधिकारी एके सिंह के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस भी भेजा गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-new-delhi-thiruvananthapruam-superfast-express-special-train-timing-reservation-schedule-indian-railway-744440
अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेगी एक और सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन, जानिए रूट, टाइम और स्टॉपेज
देश की राजधानी नई दिल्ली से तिरुवनंतपुरम सेंट्रल (New Delhi to Thiruvananthapuram Central) के बीच भारतीय रेल द्वारा एक सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी।
नई दिल्ली. देश में कोरोना महामारी के बीच अनलॉक की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रक्रिया के तहत भारतीय रेलवे भी अब लगातार ट्रेनों की संख्या बढ़ा रहा है। अब देश की राजधानी नई दिल्ली से तिरुवनंतपुरम सेंट्रल (New Delhi to Thiruvananthapuram Central) के बीच भारतीय रेल द्वारा एक सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी।ये ट्रेन हर रोज दोनों स्टेशनों से चलेगी। इस बात की जानकारी Northern Railway ने ट्वीट कर दी।उत्तर रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस ट्रेन में सभी कोच रिजर्व होंगे। ट्रेन 3 अक्टूबर से नई दिल्ली से चलेगी। ये स्पेशल ट्रेन दिल्ली से सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर चलेगी और करीब 52 घंटे की चलने के बाद तिरुवनंतपुरम सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।ये ट्रेन मथुरा, आगरा कैंट, ग्वालियर, झांसी, बीना, भोपाल, इटारसी, नागपुर, सेवाग्राम, चंद्रपुर, बल्हारशाह, रामगुंडम, वरंगल, विजयवाड़ा, नेल्लूर, रेणिगुंटा, तिरुपति, चित्तूर, काटपाडी, जोलारपेट्टै, सेलम, ईरोड, तिरूप्पूर, कोयंम्बत्तूर, पालक्काड, ओट्टप्पालम, तृश्शूर, अलुवा, एरणाकुलम, वैकम रोड, कोट्टयम, चंगनाशेरी, तिरुवल्ला, चेंगन्नूर, मावेलिक्करा, कायमकुलम, कोल्लम, वर्कला शिवगिरी, तिरूवनंतपुरम पेटा स्टेशनों पर रुकेगी।Image Source : TWITTER/NORTHERN RAILWAYNew Delhi Thiruvananthapruam Superfast Express Special: अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेगी एक और सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन, जानिए रूट, टाइम और स्टॉपेज
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https://www.indiatv.in/india/national/budget-2022-only-a-web-of-words-nothing-to-invest-in-agriculture-farmer-leader-rakesh-tikait-2022-02-01-833996
बजट 2022 केवल शब्दों का जाल, कृषि में निवेश के लिए कुछ नहीं: किसान नेता राकेश टिकैत
टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने, फसल बीमा योजना, फसल खरीद योजना और कृषि अवसंरचना कोष के लिए आवंटन को घटा दिया है।
नोएडा: किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि 2022-23 का बजट महज शब्दों का जाल है और इसमें कृषि में पूंजीगत निवेश के लिए कुछ नहीं कहा गया। उन्होंने कहा कि बजट में केवल ‘अमृत महोत्सव’, ‘गतिशक्ति’, जैसे शब्द हैं जिनका कोई मतलब नहीं है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इस बजट से गरीबों, किसानों का फायदा नहीं होगा बल्कि केवल कॉरपोरेट जगत को लाभ होगा। बीकेयू ने यह भी दावा किया कि कृषि और अन्य संबंधित क्षेत्रों के लिए कुल बजट को पिछले साल के मुकाबले 4.26 प्रतिशत से घटाकर इस साल 3.84 प्रतिशत कर दिया गया है।संयुक्त किसान मोर्चा ने भी की बजट की आलोचनाटिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने, फसल बीमा योजना, फसल खरीद योजना और कृषि अवसंरचना कोष के लिए आवंटन को घटा दिया है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी मंगलवार को आरोप लगाया कि 2022-23 के केंद्रीय बजट ने दिखा दिया है कि सरकार को किसानों के कल्याण की कोई परवाह नहीं है। संगठन ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य मुद्दों को लेकर एक और 'बड़े संघर्ष' के लिये तैयार रहने का आह्वान किया।‘आंदोलन की कामयाबी की सजा देना चाहता है केंद्र’निरस्त किए जा चुके केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले SKM ने दावा किया कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों की बजटीय हिस्सेदारी पिछली बार के 4.3 प्रतिशत से घटकर 3.8 प्रतिशत रह गई है। संगठन ने दावा किया कि सरकार किसानों को विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक चले उनके आंदोलन की कामयाबी की सजा देना चाहती है,जिसके चलते उसे संसद में इन कानूनों को वापस लेना पड़ा था।‘किसानों के कल्याण की परवाह नहीं करती सरकार’एसकेएम ने एक बयान में कहा, 'कुल मिलाकर, इस बजट ने दिखाया है कि सरकार अपने मंत्रालय के नाम में 'किसान कल्याण' का जुमला जोड़ने के बावजूद किसानों के कल्याण की परवाह नहीं करती। 3 किसान विरोधी कानूनों पर अपनी हार से बौखलाकर सरकार किसान समुदाय से बदला लेना चाहती है। SKM इस किसान विरोधी बजट की निंदा करता है और देश के किसानों से MSP और अन्य ज्वलंत मुद्दों के लिए एक और बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान करता है।' /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_3222608085 = {"file": "https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2022/02/0_uidlcek7/master.m3u8","image": "https://resize.indiatv.in/resize/vod/1200_-/2022/02/0_uidlcek7.jpg","title": "Budget 2022 Highlights : क्या हैं Modi सरकार के बजट की खास बातें ? 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कोबरा से कटवाकर पत्नी की हत्या करने वाले पति को उम्रकैद की सजा
सजा सुनाने वाले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनोज एम ने कहा कि मामला दुर्लभ से दुर्लभतम है, लेकिन दोषी की उम्र (28 साल) को देखते हुए उसे मृत्युदंड के बजाय उम्रकैद की सजा देने का फैसला किया है
कोल्लम। केरल की एक सत्र अदालत ने कोबरा सांप का इस्तेमाल कर पत्नी की हत्या के मामले में पति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने 11 अक्टूबर को सूरज एस कुमार को कोबरा का इस्तेमाल कर हत्या करने, जहर देने, सबूत मिटाने और हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया था। सजा सुनाने वाले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनोज एम ने कहा कि मामला दुर्लभ से दुर्लभतम है, लेकिन दोषी की उम्र (28 साल) को देखते हुए उसे मृत्युदंड के बजाय उम्रकैद की सजा देने का फैसला किया है। अदालत में मौजूद एक वकील ने यह जानकारी दी। वकील ने यह भी कहा कि अदालत ने कुमार को हत्या के प्रयास के अपराध में उम्रकैद, जहर देने के मामले में 10 साल और सबूत नष्ट करने के लिए सात साल की सजा सुनाई। वकील ने बताया कि अदालत ने दोषी पर कुल 5.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सूरज ने पिछले साल मई में अपनी पत्नी उथरा को सोते समय कोबरा से डसवा कर मार डाला था। केरल की कोलम सेशल कोर्ट ने सूरज को सांप से कटवाकर अपनी पत्नी उथरा की हत्या का दोषी करार दिया था। सूरज को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 328 और 201 के तहत दोषी ठहराया है। कोर्ट के सामने आए तथ्यों से पता चला है कि कि पति (सूरज) ने अपनी पत्नी (उथ्रा) को सांप से कटवाने के लिए एक सपेरे से 2 सांप खरीदे थे।जांच में ये भी सामने आया कि सूरज जब अपनी पत्नी की हत्या के पहले प्रयास में सफल नहीं हुआ तो उसने दूसरा प्रयास किया। कोर्ट में आए तथ्यों से पता चला कि पहली बार जब पति ने पत्नी को सांप से कटवाया था तो उसकी जान बच गई लेकिन दूसरी बार फिर से सांप से कटवाने पर उसकी पत्नी की मई 2020 में मौत हो गई।लगातार दूसरी बार सांप के काटे जाने की बात उथरा के माता-पिता को हजम नहीं हुई। उन्होंने पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद जांच में पता चला कि सूरज ने एक एक सपेरे को 10 हजार रुपये देकर 2 सांप खरीदे हुए थे और अपनी पत्नी को उन दोनों सांपों से कटवाया था। पुलिस ने सूरज और सपेरे को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में दोषी सूरज ने स्वीकार किया कि पैसे के लालच में उसने यह कदम उठाया है।(input-भाषा)
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-covid-19-vaccine-free-of-cost-in-india-says-health-minister-harsh-vardhan-763341
Coronavirus Vaccine: पहले फेज में 3 करोड़ लोगों को लगाया जाएगा मुफ्त टीका, हेल्थ मिनिस्टर का बड़ा ऐलान
Coronavirus Vaccine: डॉ. हर्षवर्धन ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि पूरे देश में कोरोना वैक्सीन फ्री होगी।
नई दिल्ली. कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर देश में ड्राई रन शुरू हो चुका है। इस बीच केंद्र सरकार में मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कोरोना वैक्सीन फ्री होगी। हालांकि बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बाद में ट्वीट कर कहा कि पहले फेज में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े एक करोड़ लोगों को और 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को फ्री में कोरोना वैक्सीन दी जाएगी।दरअसल दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर ने कुछ ही देर पहले दिल्ली शहर में फ्री में कोरोना वैक्सीन लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद जब मीडिया कर्मियों ने हर्षवर्धन से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, "सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, पूरे देश में ये फ्री होगी।" लेकिन बाद में हर्षवर्धन ने ट्वीट कर अपनी बात कही।पढ़ें- मौलाना कर रहा था लड़की को 'परेशान', परिवार को भी दे रहा था धमकी, पुलिस ने सिखाया सबकपढ़ें- किसानों का लोन माफ, 120 यूनिट तक फ्री बिजली, हर परिवार को एक नौकरी, असम में कांग्रेस के वादेकिसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें: हर्ष वर्धनऐसे समय में जब भारत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को शुरू करने जा रहा है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि लोग टीके के बारे में किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। वर्धन ने यहां एक सरकारी अस्पताल में ड्राई रन की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा, मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करें। टीका परीक्षण में हमारा मुख्य मापदंड सुरक्षा और प्रभावकारिता है, इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। दिल्ली में, मॉक-ड्राइव का संचालन तीन स्थानों पर किया जा रहा है - शाहदरा में सरकार द्वारा संचालित गुरु तेग बहादुर अस्पताल, दरियागंज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, और द्वारका में निजी वेंकटेश्वर अस्पताल।नई दिल्ली. कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर देश में ड्राई रन शुरू हो चुका है। इस बीच केंद्र सरकार में मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कोरोना वैक्सीन फ्री होगी। हालांकि बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बाद में ट्वीट कर कहा कि पहले फेज में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े एक करोड़ लोगों को और 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को फ्री में कोरोना वैक्सीन दी जाएगी।दरअसल दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर ने कुछ ही देर पहले दिल्ली शहर में फ्री में कोरोना वैक्सीन लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद जब मीडिया कर्मियों ने हर्षवर्धन से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, "सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, पूरे देश में ये फ्री होगी।" लेकिन बाद में हर्षवर्धन ने ट्वीट कर अपनी बात कही।पढ़ें- मौलाना कर रहा था लड़की को 'परेशान', परिवार को भी दे रहा था धमकी, पुलिस ने सिखाया सबकपढ़ें- किसानों का लोन माफ, 120 यूनिट तक फ्री बिजली, हर परिवार को एक नौकरी, असम में कांग्रेस के वादेकिसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें: हर्ष वर्धनपढ़ें- 'ड्रैगन' की उड़ी नींद, Pangong Lake में और मजबूत होगी भारतीय सेना, करने जा रही है ये कामपढ़ें- अगले दो घंटे में इन इलाकों में हो सकती है बारिश, मौसम विभाग ने जताया अनुमान /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-kamala-harris-supported-farmer-protest-fact-check-758142
कमला हैरिस ने किया किसान आंदोलन को सपोर्ट? जानिए सच्चाई
इस वायरल तस्वीर की हकीकत पता लगाने के लिए हमारी टीम ने रिसर्च की। अमेरिका की नई वाइस प्रेसिडेंट ने अगर किसान आंदोलन को सपोर्ट किया है, तो उसके पीछे कारण क्या है।
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन इस वक्त विदेशों में भी सुर्खियां बटोर रहा है। इस बीच एक इमेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि ये अमेरिकी की होने वाली नई वाइस प्रेजिडेंट कमला हैरिस के ट्विट की इमेज है, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन का सपोर्ट किया है। वायरल हो रही इस तस्वीर के साथ भारत के लोग भ्रमित हैं। लोग सोच रहे हैं कि क्या अमेरिका की नई वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस ने सच में भारत के अंदरूनी मामले पर ट्वीट किया है। सोशल मीडिया पर सबकी ज़ुबां पर है एक ही सवाल है कि कमला हैरिस ने किसान आंदोलन को सपोर्ट क्यों किया है। इस खबर से कुछ लोग नाराज़ हैं तो कुछ लोग इसे किसान आंदोलन के लिए बड़ी कामयाबी मान रहे हैं।आंदोलन को सपोर्ट करने वाले लोग कमला हैरिस के कथित ट्वीट की इमेज शेयर कर लिख रहे हैं कि अमेरिकी वाइस प्रेसिडंट ने किसानों के अधिकारों के लिए नारा दिया है। इस वायरल तस्वीर की हकीकत पता लगाने के लिए हमारी टीम ने रिसर्च की। अमेरिका की नई वाइस प्रेसिडेंट ने अगर किसान आंदोलन को सपोर्ट किया है, तो उसके पीछे कारण क्या है। यही कारण जानने के लिए हमने खोजबीन शुरू की लेकिन हमें कोई जानकारी नहीं मिली।हां, सोशल मीडिया के झूठे दावे की सच्चाई ज़रूर सामने आ गई क्योंकि कमला हैरिस ने ऐसी कोई बात कही होती तो मीडिया में ये खबर फैल जाती। लेकिन ना तो हमें कोई रिपोर्ट मिली और ना ही उनके ऑफिशियल हैंडल पर हमें ऐसा कोई ट्वीट नहीं मिला। हां Canadian Member of Parliament Jack Harris.का एक ट्वीट मिला, जिससे ये पता चला कि उनके किए ट्वीट पर डिजिटली कमला हैरिस का नाम लगाकर वायरल कर दिया गया है। ये दावा फेक साबित हुआ।Image Source : INDIA TVकमला हैरिस ने किया किसान आंदोलन को सपोर्ट? जानिए सच्चाई
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https://www.indiatv.in/india/national/punjab-explosives-drops-by-drones-in-amritsar-bsf-s-search-operation-continues-2022-02-09-835021
पंजाब: अमृतसर में ड्रोन से फेंके गए विस्फोटक, BSF का सर्च अभियान जारी
बीएसएफ ने सर्च ऑपरेशन में विस्फोटक को बरामद कर लिया है। फिलहाल इलाके में बीएसएफ का सर्च ऑपरेशन जारी है।
अमृतसर: एक बार फिर बीएसएफ की मुस्तैदी ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है। पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सीमा में अपने खतरनाक मंसूबों के साथ घुसे ड्रोन को देखकर बीएसएफ के जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस बीच अजनाला की बीओपी पंझ ग्रहिया के पास ड्रोन विस्फोटक फेंककर पाकिस्तान की ओर रवाना हो गया। बीएसएफ ने सर्च ऑपरेशन में विस्फोटक को बरामद कर लिया है। फिलहाल इलाके में बीएसएफ का सर्च ऑपरेशन जारी है।बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुरदासपुर सेक्टर के पंझ ग्रहिया इलाके में मंगलवार देर रात करीब एक बजे ‘‘पाकिस्तान की ओर से भारतीय क्षेत्र की तरफ उड़कर आ रही एक संदिग्ध वस्तु की आवाज’’ सुनी गई, जिसके बाद सैनिकों ने ड्रोन पर गोलीबारी की। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ग्राम घग्गर और सिंघोके के क्षेत्र में तलाशी के दौरान अब तक संदिग्ध मादक पदार्थ के साथ पीले रंग के दो पैकेट बरामद किए गए हैं।’’उन्होंने कहा कि ऐसा संदेह है कि ये पैकेट ड्रोन से गिराए गए। अधिकारी ने कहा कि पैकेट में एक पिस्तौल भी लिपटी हुई थी और यह खेप बाड़ से लगभग 2.7 किलोमीटर की दूरी पर एक खेत में मिली थी। उन्होंने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या ड्रोन गिर गया या वह गायब हो गया। इससे पहले दिसंबर महीने में फिरोजपुर सेक्टर में वान सीमा चौकी के पास बीएसएफ ने एक ड्रोन को मार गिराया था। यह ड्रोन भी पाकिस्तान की ओर से भारत में दाखिल हो रहा था। इस ड्रोन को अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 300 मीटर और सीमा बाड़ से 150 मीटर की दूरी पर मार गिराया गया था। आपको बता दें कि पाकिस्तान की ओर से ड्रग्स और हथियारों की सप्लाई को लिए इन दिनों ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच पाक के नापाक मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए बीएसएफ ने भी अपनी निगरानी बढ़ा दी है।इनपुट-भाषा
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https://www.indiatv.in/india/national-procurement-of-56-c-295-mw-transport-aircraft-for-iaf-approved-by-ccs-812456
बढ़ेगी वायु सेना की ताकत, 56 C-295 MW परिवहन विमानों की खरीद को मिली मंजूरी
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सभी 56 विमान स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किए जाएंगे।
नई दिल्ली: सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने बुधवार को भारतीय वायु सेना के लिए 56 C-295 MW परिवहन विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, सी-295एमडब्ल्यू विमान समकालीन तकनीक के साथ 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है जो भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा। तेज़ी से प्रतिक्रिया और सैनिकों और कार्गो की पैरा ड्रॉपिंग के लिए विमान में एक रीयर रैंप दरवाजा है।बयान के मुताबिक, अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के भीतर स्पेन से सोलह विमानों की डिलीवरी की जाएगी और अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 10 वर्षों के भीतर टाटा कंसोर्टियम द्वारा भारत में चालीस विमानों का निर्माण किया जाएगा। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा। सभी 56 विमानों को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना भारत में एयरोस्पेस पारितंत्र को बढ़ावा देगी जिसमें देश भर में फैले कई एमएसएमई इस विमान के कुछ हिस्सों के निर्माण में शामिल होंगे।बयान के मुताबिक, यह कार्यक्रम सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को बड़ा प्रोत्साहन देगा क्योंकि यह भारतीय निजी क्षेत्र को प्रौद्योगिकी गहन और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यह परियोजना घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा देगी जिसके परिणामस्वरूप आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात में अपेक्षित वृद्धि होगी। भारत में बड़ी संख्या में डिटेल पार्ट्स, सब-असेंबली और एयरो स्ट्रक्चर की प्रमुख कंपोनेंट असेंबलियों का निर्माण किया जाना है।बयान में कहा गया है कि यह कार्यक्रम देश के एयरोस्पेस पारितंत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में कार्य करेगा और उम्मीद है कि इससे 600 उच्च कुशलता वाले रोजगार सीधे, 3000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और इसके अतिरिक्त 3000 मध्यम कौशल रोजगार के अवसर के साथ 42.5 लाख से अधिक काम के घंटे भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में पैदा होंगे। इसमें हैंगर, भवन, एप्रन और टैक्सीवे के रूप में विशेष बुनियादी ढांचे का विकास शामिल होगा। भारत में निर्माण की प्रक्रिया के दौरान यह उम्मीद की जाती है कि टाटा कंसोर्टियम के सभी आपूर्तिकर्ता जो विशेष प्रक्रियाओं में शामिल होंगे, वे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एयरोस्पेस और रक्षा अनुबंध प्रत्यायन कार्यक्रम (एनएडीसीएपी) की मान्यता प्राप्त करेंगे और उसको बनाए रखेंगे।डिलीवरी के पूरा होने से पहले, भारत में सी-295एमडब्ल्यू विमानों के लिए 'D' लेवल सर्विसिंग सुविधा (एमआरओ) स्थापित करने की योजना है। यह उम्मीद की जाती है कि यह सुविधा सी-295 विमान के विभिन्न रूपों के लिए एक क्षेत्रीय एमआरओ हब के रूप में कार्य करेगी। इसके अलावा ओईएम भारतीय ऑफसेट पार्टनर्स से योग्य उत्पादों और सेवाओं की सीधी खरीद के माध्यम से अपने ऑफसेट दायित्वों का निर्वहन भी करेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलेगा। यह कार्यक्रम स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करने और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की एक अनूठी पहल हैइस बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशकों में करीब 350 विमानों की खरीद पर विचार कर रही है। भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र विषय पर एक सम्मेलन में चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने अपने संबोधन में चीन से मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय वायुसेना की संपूर्ण ताकत को और मजबूती देने के लिए विषम क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता के बारे में भी बात की।उन्होंने कहा, 'उत्तरी पड़ोसी को देखते हुए, हमारे पास आला दर्जे की प्रौद्योगिकियां होनी चाहिए जिन्हें सुरक्षा कारणों से हमारे अपने उद्योग द्वारा देश में ही बनाया जाना चाहिए।' विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने पर जोर देते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशकों में देश से ही लगभग 350 विमान खरीदने पर विचार कर रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह एक मोटा-मोटा अनुमान है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-nitin-gadkari-rejected-file-of-11-thousand-crore-5-thousand-crore-saved-in-poject-751229
गडकरी ने जब रिजेक्ट कर दी 11 हजार करोड़ की फाइल, प्रोजेक्ट में 5 हजार करोड़ की हुई बचत
एशिया की सबसे लंबी जोजिला सुरंग के निर्माण के लिए अफसरों ने 11 हजार करोड़ रुपये की भारी-भरकम बजट की फाइल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने पेश की थी। मगर, नितिन गडकरी ने फाइल रिजेक्ट करते हुए संबंधित अफसरों से दो टूक कह दिया कि इतनी भारी लागत में टनल नहीं बनेगी।
नई दिल्ली: एशिया की सबसे लंबी जोजिला सुरंग के निर्माण के लिए अफसरों ने 11 हजार करोड़ रुपये की भारी-भरकम बजट की फाइल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने पेश की थी। मगर, नितिन गडकरी ने फाइल रिजेक्ट करते हुए संबंधित अफसरों से दो टूक कह दिया कि इतनी भारी लागत में टनल नहीं बनेगी। उन्होंने तकनीकी एक्सपर्ट से राय लेकर नए सिरे से फाइल तैयार करने का निर्देश दिया। नतीजा रहा कि जोजिला टनल के सिर्फ एक प्रोजेक्ट में ही करीब पांच हजार करोड़ रुपये की सरकार को बचत हुई है। लेह और श्रीनगर को 12 महीने जोड़े रखने के लिए सामरिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण बीते 15 अक्टूबर से चल रहा है।दरअसल, जोजिला सुरंग का निर्माण एनएचएआई डीसीएल को करना था। चार बार टेंडर होने के बावजूद निर्माण शुरू नहीं हो पाया। देरी का कारण डिपार्टमेंट ने लागत बढ़ने का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास 11 हजार रुपये का बजट स्वीकृत करने की फाइल भेज दी थी। इस पर नितिन गडकरी ने नोट में लिखा, "मैं इससे सहमत नहीं हूं। मैं रिजेक्ट कर रहा हूं। पहले एक्सपर्ट के साथ बैठकर चर्चा करें। फिर प्रभावी लागत पर टनल निर्माण की योजना बनाकर लाएं। तभी टेंडर करें। आखिरकार संशोधित दर के हिसाब से जब प्लान तैयार हुआ तो पांच हजार करोड़ रुपये की कमी आई।"केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टेक्निकल एक्सपर्ट, कंट्रैक्टर और कंसल्टेंट के साथ शनिवार को एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा, "मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि पहली बार जोजिला टनल को लेकर अच्छे टेंडर आए। एक्सपर्ट के सहयोग से प्रोजेक्ट पर हमने पांच हजार करोड़ रुपये बचाए। यह देश के लिए बड़ी बचत है।" नितिन गडकरी के मुताबिक, जोजिला टनल के निर्माण की जिम्मेदारी बेहतर ट्रैक रिकार्ड वाली मेघा इंजीनियरिंग को मिली है। ऐसे में निर्धारित से डेढ़ से वर्ष पहले कार्य पूरा होने की उम्मीद है।जोजिला टनल का निर्माण पूरा होने के बाद लद्दाख की राजधानी लेह और जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बीच 12 महीने आवागमन जारी रहेगा। वहीं लेह और श्रीनगर के बीच यात्रा में 3 घंटे का समय कम लगेगा। दरअसल, 11,578 फुट की ऊंचाई पर स्थित जोजिला र्दे के कारण नवंबर से अप्रैल तक छह महीने बर्फबारी के कारण श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहता है। ऐसे में जोजिला टनल के निर्माण से बर्फबारी के समय भी लेह से श्रीनगर की यात्रा आसान रहेगी। इससे सेना को भी सहूलियतें होंगी। बीते 15 अक्टूबर को नितिन गडकरी ने इस टनल के निर्माण का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया था। करीब छह वर्ष के अंदर टनल का निर्माण होना है।
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https://www.indiatv.in/india/national-chinese-ambassador-to-india-sun-weidong-diwali-wishes-to-india-754001
दीपावली पर चीन के राजदूत का संदेश, कहा- Happy Diwali
दीपावली पर चीन के राजदूत ने भारत के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में स्वस्थ और समृद्ध जीवन की कामना की है।
नई दिल्ली: दीपावली पर चीन के राजदूत ने भारत के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में स्वस्थ और समृद्ध जीवन की कामना की है। भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदोंग ने ट्वीटर पर अपने शुभकामना संदेश में लिखा कि भारत के मित्रों के दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं। खुशी और उल्लास के इस त्योहार में मैं आपके और आपके परिवार कें अच्छे स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की कामना करता हुं।आपको बता दें कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में छह महीने से चल रहे गतिरोध को सुलझाने के कगार पर पहुंच रहे हैं । सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच समयबद्ध तरीके से गतिरोध वाले सभी स्थानों से सैनिकों और हथियारों को पीछे हटाने पर व्यापक सहमति बन रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में छह नवंबर को चुसूल में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच आठवें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के दौरान सैनिकों को पीछे हटाने और अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने के विशेष प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना और चीन की सेना (पीएलए) कोर कमांडर स्तर पर होने वाली अगली वार्ता में समझौता पर पहुंचने की उम्मीद कर रही है। सैन्य स्तर पर नौवें दौर की वार्ता अगले कुछ दिनों में होने की संभावना है । पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में भारतीय सेना के करीब 50,000 जवान तैनात हैं क्योंकि गतिरोध सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता के अब तक ठोस परिणाम नहीं निकल सके हैं । अधिकारियों के मुताबिक चीन ने भी इतने ही जवान तैनात किए हैं । दोनों पक्षों के बीच मई की शुरुआत में गतिरोध आरंभ हुआ था। सूत्रों ने बताया कि समझौता होने पर पहले कदम के तौर पर तीन दिनों के भीतर दोनों पक्ष टैंक, बड़े हथियारों, बख्तरबंद वाहनों को एलएसी के पास गतिरोध वाले स्थानों से पीछे के बेस में ले जाएंगे।
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https://www.indiatv.in/india/national-u-khand-bjp-chief-says-people-will-not-vote-in-modi-s-name-in-2022-asks-mlas-to-perform-for-votes-736746
मोदी लहर के सहारे 2022 के विधानसभा चुनावों में नैया पार नहीं होगी, बीजेपी नेता का बड़ा बयान
उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में मोदी लहर के सहारे किसी पार्टी विधायक की नैया पार नहीं होगी और लोगों का वोट पाने के लिए उन्हें क्षेत्र में जाकर स्वयं मेहनत करनी होगी।
देहरादून: उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में मोदी लहर के सहारे किसी पार्टी विधायक की नैया पार नहीं होगी और लोगों का वोट पाने के लिए उन्हें क्षेत्र में जाकर स्वयं मेहनत करनी होगी। भगत ने यहां कहा कि मोदी लहर के सहारे अब किसी की नैया पार नहीं होगी और विधायकों को क्षेत्र में जाकर मेहनत करने के बाद ही लोग उन्हें वोट देंगे। उन्होंने कहा, “अब ऐसा नहीं है कि लोग मोदी के नाम से वोट दे देंगे। बहुत दे दिए मोदी के नाम से वोट। आगे उन्हें स्वयं मेहनत करनी होगी।” उन्होंने कहा कि अगर विधायक केवल मोदी के नाम से जीतने का भाव मन में रखेंगे, तो यह गलत होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सामने अब सबसे बड़ा लक्ष्य 2022 का विधानसभा चुनाव है और उन्होंने विधायकों को अपने क्षेत्रों में जाने और कड़ी मेहनत करने को कहा है। भगत स्वयं नैनीताल के कालाढूंगी से विधायक हैं। भगत ने यह भी साफ किया कि विधायकों को टिकट दिए जाने से पहले उनका प्रदर्शन देखा जाएगा। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जतायी कि सभी विधायकों का प्रदर्शन अच्छा ही होगा। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भगत के बयान को मोदी लहर की समाप्ति की स्वीकारोक्ति के रूप में लेते हुए इसपर चुटकी ली है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा, “हम भगत को सही बयान जारी करने के लिए बधाई देते हैं। उन्होंने स्वीकार किया है कि मोदी लहर समाप्त हो गयी है । इसलिए वे अपने विधायकों को वोट के लिए अपने प्रदर्शन पर भरोसा करने की सलाह दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य की स्वीकारोक्ति भी है कि पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के संसदीय चुनाव केवल मोदी के नाम से ही जीते थे।
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https://www.indiatv.in/india/politics-bjp-leader-suvendu-adhikari-meets-pm-modi-795257
शुभेन्दु अधिकारी ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात, बंगाल के राजनीतिक हालात पर चर्चा
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं बीजेपी विधायक शुभेन्दु अधिकारी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इस दौरान राज्य से जुड़े राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली।
नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं बीजेपी विधायक शुभेन्दु अधिकारी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इस दौरान राज्य से जुड़े राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली। अधिकारी ने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर मोदी से मुलाकात की। उन्होंने कल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित पार्टी के कई शीर्ष नेताओं के मुलाकात की थी। अधिकारी ने मुलाकात के बाद ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर आशीर्वाद लेने का मौका मिला। उन्होंने मुझे अपना कीमती वक्त दिया इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं। बंगाल और कई अन्य विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर उनसे मेरी लगभग 45 मिनट विस्तृत बातचीत हुई। पश्चिम बंगाल के विकास के लिए मैंने उनका समर्थन और मार्गदर्शन मांगा।’’बाद में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष से लेकर प्रधानमंत्री तक से अपनी मुलाकात के दौरान राज्य के हालातों से उन्हें अवगत कराया और कहा कि राजनीतिक हिंसा बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को भी संविधान की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। चुनाव बाद की हिंसा में अभी तक तक 42 कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। हम बीजेपी कार्यकर्ताओं की रक्षा को प्रतिबद्ध हैं।"अधिकारी ने बाद में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात की। तोमर से मुलाकात के बाद अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘‘बंगाल में मनरेगा में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार पर कृषि मंत्री से चर्चा की। मेरी शिकायतों पर उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।’’ पश्चिम बंगाल में विपक्ष का नेता बनने के बाद अधिकारी ने पहली बार प्रधानमंत्री सहित बीजेपी के शीर्ष नेताओं से यहां मुलाकात की। पश्चिम बंगाल में इस साल मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक कड़े मुकाबले में मात दी थी। अधिकारी ने मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात कर राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। अधिकारी, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री थे, लेकिन राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हो गए।बता दें कि मोदी और ममता के बीच चक्रवाती तूफान ‘यास’ के कारण हुए नुकसान की समीक्षा को लेकर हुई बैठक में अधिकारी की मौजूदगी से तृणमूल नेता नाराज हो गईं थी। इसके कुछ दिनों बाद ही अधिकारी बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी उक्त बैठक में देर से पहुंची थीं और चक्रवात के नुकसान संबंधी रिपोर्ट देकर वहां से चली गई थीं।ये भी पढ़ें
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अमित मालवीय ने प्रियंका गांधी को घेरा, कहा- पूरा देश शोक में डूबा और ये कर रहीं डांस
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने प्रियंका गांधी पर तंज कसते हुए लिखा, '26/11 के वक्त राहुल गांधी ने भी देर रात तक पार्टी की थी।
नई दिल्लीः भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने प्रियंका गांधी का एक डांस वीडियो शेयर करते हुए उन्हें निशाने पर लिया है। यह वीडियो प्रियंका गांधी के गोवा के दौरे का है, जिसमें प्रियंका गांधी लोक कलाकारों के साथ डांस कर रही हैं।इस वीडियो को साझा करते हुए भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने प्रियंका गांधी पर तंज कसते हुए लिखा, '26/11 के वक्त राहुल गांधी ने भी देर रात तक पार्टी की थी। भाई की तरह ही प्रियंका गांधी भी उस वक्त गोवा में डांस कर रही हैं, जब पूरा देश सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतिम संस्कार के कारण शोक में डूबा हुआ है। क्या कोई बात इससे भी ज्यादा शर्मनाक हो सकती है?'इसी वीडियो को लेकर भाजपा प्रवक्ता शहजाद जय हिंद ने भी प्रियंका गांधी को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने लिखा कि एक तरफ पूरा देश वीरों को खोने का शोक मना रहा है। अभी तो सीडीएस बिपिन रावत के अंतिम दर्शन के समय पूरे देश की आंखें नम हैं। दूसरी ओर प्रियंका गांधी हंस रही हैं, नाच रही हैं और जश्न मना रही हैं। वह इस कार्यक्रम को आगे भी बढ़ा सकती थीं। लेकिन इन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया।भाजपा के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने भी इसे लेकर ट्वीट किया। उन्होंन लिखा, 'राष्ट्रीय क्षति पर जब पूरा देश गमजदा हो, दुखी हो, रो रहा हो, तभी गोवा से आ रही जश्न की ये तस्वीरें दिल को कचोटती हैं। देश और वीर सेना के लिए आपकी भावनाओं पर शक पैदा करती हैं।'गौरतलब है कि शोक में डूबे राष्ट्र ने नम आंखों से सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी। दिल्ली छावनी स्थित बरार स्क्वेयर अंत्येष्टि स्थल पर जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को उनकी बेटियों ने एक ही चिता पर मुखाग्नि दी।
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यूपी के कक्षा 6 से 12 तक के स्कूल 10 दिनों में खोलने पर हो विचार: मुख्यमंत्री
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 का टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। इसी के साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा सर्विलांस सिस्टम को सक्रिय रखा जाए।
नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण (Coronavirus) का असर राज्य में कम होते देख मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने स्कूल (School) खोलने का निर्देश भी नए सिरे से जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कक्षा 6 से 12 तक के स्कूलों को 10 दिनों में खोलने के लिए विचार किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर कोविड अनलॉक (Covid Unlock) व्यवस्था की समीक्षा में दस दिन में कक्षा छह से 12 तक के स्कूल खोलने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री का रुख देखकर माना जा रहा है कि 12 फरवरी से उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल खुल जाएंगे।पढ़ें- Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने दिया नारा- कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहींउन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुरूप विद्यालयों में कक्षा छह से कक्षा 12 तक की पढ़ाई दस दिनों में प्रारम्भ करने के सम्बन्ध में विचार किया जाए। कहा कि सभी जगह पर स्थिति का पूरी तरह आकलन करने के बाद ही इन कक्षाओं का संचालन प्रारम्भ किया जाए। मुख्यमंत्री ने कक्षा छह से 12 तक के बच्चों की स्कूल में कक्षा शुरू कराने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए।पढ़ें- बेंगलुरु के आसमान में कल से दिखेगी भारत की हवाई ताकत, एयरो इंडिया का होगा आगाजउन्होंने कहा बच्चों को अब स्कूलों में कक्षा में भेजने के संबंध में विचार करें। हर जिले में कोविड की स्थिति का आंकलन के बाद ही पढ़ाई शुरू कराएं। हर जगह पर कोविड गाइडलाइंस के अनुरूप ही कक्षाएं चलाएं। उन्होंने कहा कि दस दिन में स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक की पढ़ाई का संचालन शुरू कराने की तैयारी करें।पढ़ें- दिल्ली में कल और परसों हो सकती है हल्की बारिश, IMD ने जताया अनुमानसीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 का टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। इसी के साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा सर्विलांस सिस्टम को सक्रिय रखा जाए। उन्होंने वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट के परिप्रेक्ष्य में संबंधित विभागों को अपने-अपने प्रस्ताव भारत सरकार को समय से प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के अपने बजट में जल जीवन मिशन के तहत नगरीय क्षेत्रों को शामिल करने का प्रस्ताव किया है।पढ़ें- पंजाब के जलालाबाद में भयंकर हंगामा, भिड़े कांग्रेसी और अकाली, सुखबीर बादल की गाड़ी पर हमलाउन्होंने कहा कि लखनऊ में वायरोलॉजी संस्थान की स्थापना की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। इस संस्थान को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे की तर्ज पर विकसित किया जाए। अब प्रदेश में वायरोलॉजी संस्थान की स्थापना हो जाने पर चिकित्सा के क्षेत्र में उच्चस्तरीय जांच व शोध की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा विद्यालयों को अधिकारी के रूप में सेना में भर्ती का अवसर उपलब्ध कराने तथा उनकी उत्तम शिक्षा के उद्देश्य से प्रत्येक मंडल में एक सैनिक स्कूल स्थापित किया जाए।
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https://www.indiatv.in/india/national-supreme-court-on-election-commission-s-plea-against-madras-high-court-remarks-788304
मद्रास HC की टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग की याचिका पर फैसला सुरक्षित, SC ने कही महत्वपूर्ण बात
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय लोकतंत्र के महत्त्वपूर्म स्तंभ हैं, इसलिए वह उनका मनोबल नहीं गिराना चाहती है।
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के मामले बढ़ने के लिए निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराने और उनपर हत्या के आरोपों में मुकदमा चलाने जैसी मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणियों के खिलाफ निर्वाचन आयोग की याचिका पर अपना फैसला सोमवार को सुरक्षित रख लिया।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय लोकतंत्र के महत्त्वपूर्म स्तंभ हैं, इसलिए वह उनका मनोबल नहीं गिराना चाहती है। साथ ही न्यायालय ने कहा कि निर्वाचन आयोग के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय की तरफ से की गई आलोचनात्मक टिप्पणियां अक्सर बार और पीठ के बीच होने वाले मुक्त संवाद में होती हैं।शीर्ष अदालत ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाए जाने जैसी आलोचनात्मक टिप्पणियों के खिलाफ दायर उसकी याचिका पर “शीघ्र” अपना आदेश सुनाएगी। निर्वाचन आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय की आलोचनात्मक टिप्पणियों के खिलाफ शनिवार को शीर्ष अदालत का रुख किया था जिनमें उसे देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। आयोग ने इन टिप्पणियों को “अनावश्यक और अपमानजनक” बताया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-delhi-ncr-imd-alert-dense-fog-greater-noida-yamuna-expressway-vehicles-collided-today-temperature-weather-forecast-updates-772063
Delhi NCR: एक्सप्रेस-वे पर कोहरे का कहर, एक के बाद एक टकराए 6 वाहन
ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक के बाद एक छह वाहन आपस में टकरना गए हैं। इस हादसे में 12 लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है और पुलिस द्वारा एक्सप्रेस-वे पर वाहनों को धीरे-धीरे निकाला जा रहा है।
नोएडा. दिल्ली NCR के कई इलाकों में आज सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ है, जिस वजह से विजिबिलिटी और दिनों के मुकाबले काफी कम है। घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम होने के कारण ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक के बाद एक छह वाहन आपस में टकरना गए हैं। इस हादसे में 12 लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है और पुलिस द्वारा एक्सप्रेस-वे पर वाहनों को धीरे-धीरे निकाला जा रहा है।पढ़ें- J&K पुलिस को बड़ी कामयाबी, 3 BJP कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल आतंकी गिरफ्तारपढ़ें- Expressway पर हादसा, ट्रक में जा घुसी कार, एक ही परिवार के 6 लोगों की मौतनोएडा. दिल्ली NCR के कई इलाकों में आज सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ है, जिस वजह से विजिबिलिटी और दिनों के मुकाबले काफी कम है। घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम होने के कारण ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक के बाद एक छह वाहन आपस में टकरना गए हैं। इस हादसे में 12 लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है और पुलिस द्वारा एक्सप्रेस-वे पर वाहनों को धीरे-धीरे निकाला जा रहा है।पढ़ें- J&K पुलिस को बड़ी कामयाबी, 3 BJP कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल आतंकी गिरफ्तारदिल्ली में रेंग-रेंग कर चले वाहनदिल्ली NCR में आज सुबह में विजिबिलिटी काफी कम रही, हालात ये थे कि सौ मीटर दूर तक भी कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। लोगों को सड़कों पर लाइट जलाकर गाड़ियां चलानी पड़ रही थीं। कोहरे की वजह से गाड़ियों की स्पीड काफी स्लो रही, दिल्ली एयरपोर्ट पर भी विजिबिलिटी कम रही। हालांकि फ्लाइट ऑपरेशन नॉर्मल रहा।पढ़ें- आनंद विहार से चलेगी स्पेशल ट्रेन, जानिए रूट, टाइम और स्टॉपेजपढ़ें- राम मंदिर निर्माण के लिए अबतक एकत्र हुए 1511 करोड़, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने दी जानकारीशुक्रवार को दिल्ली में कुछ जगहों पर था कोहरादिल्ली में शुक्रवार सुबह कोहरा छाया रहा और न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में बताया। अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने शनिवार सुबह के लिए आंशिक रूप से आसमान में बादल छाए रहने और घना कोहरा छाए रहने की संभावना जतायी थी। मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा, 'अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 27 और 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।'पढ़ें- ड्रैगन फ्रूट में सेहत खजाना, बदलेगा किसानों का मुकद्दर, योगी सरकार करने जा रही है ये कामपढ़ें- हाथ में रुद्राक्ष की माला लिए नजर आईं प्रियंका गांधी
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https://www.indiatv.in/india/national-corona-vaccines-will-be-given-to-hindu-refugees-from-pakistan-living-in-gujarat-809681
गुजरात में रह रहे पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थियों को कोरोना टीके दिए जाएंगे: सरकार
गुजरात में दीर्घावधिक वीजा (एलटीवी) पर रह रहे पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थियों को केंद्र के निर्देश के अनुसार कोरोना वायरस के टीके लगाए जाएंगे।
अहमदाबाद: गुजरात में दीर्घावधिक वीजा (एलटीवी) पर रह रहे पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थियों को केंद्र के निर्देश के अनुसार कोरोना वायरस के टीके लगाए जाएंगे। गुजरात सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक विज्ञप्ति के अनुसार, गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया सहित विभिन्न शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की ताकि पश्चिमी राज्य में बसे इन शरणार्थियों से जुड़े मुद्दों का हल किया जा सके। बैठक के बाद जडेजा ने कहा कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि शरणार्थियों को कोई समस्या नहीं हो। उन्होंने कहा कि केंद्र के निर्देश के अनुसार, राज्य सरकार ने इन शरणार्थियों को कोरोना वायरस के टीके लगाने का फैसला किया है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) लाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की सराहना करते हुए जडेजा ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही केंद्र से उन शरणार्थियों के लिए पासपोर्ट नवीनीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने का अनुरोध कर चुकी है, जो 2014 से पहले पाकिस्तान से यहां आए थे। जडेजा ने कहा कि एलटीवी पर गुजरात में रह रहे शरणार्थियों को आधार कार्ड प्राप्त करने में मुश्किल हो रही है, इसलिए सरकार ने केंद्र और ‘यूआईडीएआई’ से आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए एलटीवी या आवासीय परमिट को पते के साक्ष्य के रूप में मंजूरी देने का आग्रह किया है। विज्ञप्ति के अनुसार, ऐसे शरणार्थियों के बच्चों को अक्सर विभिन्न तकनीकी वजहों से स्कूलों में प्रवेश पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए जडेजा ने अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने और प्रवेश प्रक्रिया की निगरानी करने का निर्देश दिया।
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https://www.indiatv.in/india/national-amarnath-yatra-2021-postponed-coronavirus-cases-jammu-kashmir-797470
Amarnath Yatra 2021: अमरनाथ यात्रा स्थगित, LG सिन्हा ने कहा- ऑनलाइन आरती की व्यवस्था रहेगी
कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस साल अमरनाथ यात्रा को टालने का फैसला किया है।
श्रीनगर/नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस साल अमरनाथ यात्रा को टालने का फैसला किया है। यात्रा को रद्द करने का फैसला अमरनाथ श्राइन बोर्ड से सलाह-मशविरा करने के बाद किया गया है। इस संबंध में सोमवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जानकारी दी।उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि 'कोरोना वायरस के समय जिंदगी बचाना जरूरी है। इसलिए, इस साल अमरनाथ यात्रा नहीं होगी।' हालांकि, उन्होंने बताया कि प्रतीकात्मक पूजा होगी। उन्होंने कहा कि 'श्रद्धालुओं के लिए सुबह और शाम ऑनलाइन आरती की व्यवस्था रहेगी।'गौरतलब है कि हिमालय के ऊंचाई वाले हिस्से में 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के गुफा मंदिर के लिए 56-दिवसीय यात्रा 28 जून को पहलगाम और बालटाल मार्गों से शुरू होकर 22 अगस्त को समाप्त होनी थी। लेकिन, अब यात्रा को इस साल के लिए रद्द करने का फैसला लिया गया है।इससे पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार जल्द ही वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा आयोजित करने पर फैसला करेगी। इस दौरान ही उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि लोगों की जान बचाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बता दें कि बीते साल 2020 में भी कोरोना वायरस महामारी के कारण तीर्थयात्रा रद्द कर दी गई थी।
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https://www.indiatv.in/india/national/pm-modi-inaugurate-infinity-manch-via-video-conferencing-825590
पीएम मोदी इन्फिनिटी फोरम का किया उद्घाटन, 70 से ज्यादा देश ले रहे हिस्सा
इस मंच के पहले संस्करण में इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन भागीदार देश हैं। यह मंच नीति, व्यापार और प्रौद्योगिकी में दुनिया के अग्रणी लोगों को एक साथ लाएगा।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वित्तीय प्रौद्योगिकी (Fintech) पर ‘थॉट लीडरशिप फोरम’ इन्फिनिटी मंच (InFinity Forum) का उद्घाटन किया। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस कार्यक्रम से जुड़े हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) द्वारा भारत सरकार के तत्वावधान में गिफ्ट सिटी और ब्लूमबर्ग के सहयोग से किया जा रहा है।इस मंच के पहले संस्करण में इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन भागीदार देश हैं। यह मंच नीति, व्यापार और प्रौद्योगिकी में दुनिया के अग्रणी लोगों को एक साथ लाएगा। इस फोरम में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे समावेशी वृद्धि और बड़े पैमाने पर मानवता की सेवा के लिए फिनटेक उद्योग द्वारा प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाया जा सकता फोरम का एजेंडा ‘बियॉन्ड’ के विषय पर केंद्रित होगा। इसमें 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 'इन्फिनिटी मंच' हितधारकों को पारंपरिक मानसिकता से परे सोचने और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, हरित प्रौद्योगिकी, कृषि प्रौद्योगिकी, क्वांटम कंप्यूटिंग और अन्य से जुड़े नये रुझानों पर चर्चा करने के लिए प्रेरित करेगा। बुधवार को पीएम मोदी ने एक ट्वीट कर कहा कि यह एक विचारशील नेतृत्व मंच है जो वित्त प्रौद्योगिकी संबंधित पहलुओं और समावेशी विकास के लिए इसके इस्तेमाल पर केंद्रित है।पीएम मोदी ने युवाओं, विशेष रूप से स्टार्ट-अप, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार की दुनिया से जुड़े युवा लोगों से इन्फिनिटी मंच के बारे में अधिक जानने और कार्यक्रम में हिस्सा लेने की अपील की है।
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https://www.indiatv.in/india/national-lifting-a-river-the-kaleshwaram-lift-irrigation-scheme-in-telangana-798281
तेलंगाना के सूखा प्रभावित इलाकों की समस्या जड़ से खत्म, जानिए कालेश्वरम प्रोजेक्ट के बारे में
तेलंगाना के सूखा प्रभावित इलाकों की समस्या अब जड़ से खत्म हो गई है। इस समस्या के हल के लिए गोदावरी नदी पर दुनिया के सबसे बड़े लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है।
तेलंगाना: तेलंगाना के सूखा प्रभावित इलाकों की समस्या अब जड़ से खत्म हो गई है। इस समस्या के हल के लिए गोदावरी नदी पर दुनिया के सबसे बड़े लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है। इस विशालकाय कालेश्वरम प्रोजेक्ट के जरिए गोदावरी नदी पर समुद्र तल से 600 मीटर ऊपर भीमकाय पंपिंग मशीन स्थापित की गई हैं। इन पंपों के जरिए गोदावरी नदी का पानी जलाशयों एवं नहरों में जमा किया जाता है। खास है कि इस पानी से न केवल सूखाग्रस्त इलाकों में निरंतर पानी भेजा रहा है, बल्कि आसपास मौजूद तलाबों और झीलों को भी पुनरुज्जीवित किया जा रहा है। गौरतलब है कि, विश्व के सबसे बड़े लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट “कालेश्वम प्रोजेक्ट” का निर्माण भारतीय कंपनी Megha Engineering & Infrastructure Private Limited ने किया है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए MEIL ने 15 विशालकाय पंपिंग स्टेशन तैयार किए, जिसमें कुल मिलाकार 104 पंपों की पंपिंग क्षमता 5,159 मेगावाट है। पंपों के ज़रिए नदी के पानी को इस्तेमाल करने का ऐसा नज़ारा दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलेगा।कालेश्वरम प्रोजेक्ट की भव्यता और तकनीक से प्रभावित होकर नामचीन डोक्युमेंट्री मेकर कोंडापल्ली राजेंद्रा श्रीवत्सा ने इस विषय पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया। ‘Lifting a River’ नाम की इस फिल्म को बनाने में करीब 3 साल का समय लगा। इस फिल्म में कालेश्वरम प्रोजेक्ट के हर फेज़ को कैपचर किया गया है। ‘Lifting a River’ डोक्यूमेंट्री Discovery Channel पर 25 जून, 2021 को टेलीकास्ट की जाएगी।
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-vaccination-guidelines-759684
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन के लिए गाइडलाइन जारी, जानें कैसे लगेगा टीका
कोविड-19 टीकाकरण के लिए केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसके तहत, एक दिन में प्रत्येक सत्र में 100-200 लोगों का टीकाकरण होगा। टीका देने के बाद 30 मिनट तक निगरानी की जाएगी।
नयी दिल्ली: कोरोना वायरस टीकाकरण के लिए केंद्र ने गाइडलाइन जारी कर दिए है। इसके तहत, एक दिन में प्रत्येक सत्र में 100-200 लोगों का टीकाकरण होगा। टीका देने के बाद 30 मिनट तक निगरानी की जाएगी। टीकाकरण स्थल पर एक समय में केवल एक व्यक्ति को अनुमति होगी। हाल में राज्यों को जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (को-विन) प्रणाली का इस्तेमाल टीकाकरण के लिए सूचीबद्ध लाभार्थियों का पता लगाने में किया जाएगा। टीकाकरण जिस स्थान पर होगा, वहां प्राथमिकता में रखे गए केवल पहले से पंजीकृत लोगों का ही टीकाकरण होगा और उसी स्थान पर पंजीकरण कराने की सुविधा नहीं होगी। ‘‘कोविड-19 टीका संचालन दिशा-निर्देश’’ के मुताबिक टीके की शीशियों को सूरज की रोशनी से बचाकर रखने के लिए व्यवस्था की जाएगी। टीकाकरण के लिए व्यक्ति के पहुंचने पर टीके की शीशी को खोलना होगा। दिशा-निर्देश में कहा गया, ‘‘सत्र के बाद आईस पैक के साथ बिना इस्तेमाल वाले सभी टीके को वितरण कोल्ड चेन स्थानों पर वापस भेजना होगा।’’ दिशा-निर्देश में कहा गया है टीका के संबंध में कई चुनौतियों से भी निपटना होगा। इसमें कहा गया, ‘‘भारत में 1.3 अरब से ज्यादा लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित करना एक चुनौतीपूर्ण काम है। इस संबंध में लोगों को समय पर सूचना मिलनी चाहिए। कम समय में परीक्षण के बाद टीका इस्तेमाल को लेकर लोगों के मन में सुरक्षा संबंधी, टीका के कारगर होने को लेकर कई तरह की धारणा और आशंकाएं हो सकती हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया या मीडिया में अफवाह या नकारात्मक बातें भी फैलायी जा सकती है। ’’ टीकाकरण टीम में पांच सदस्य होंगे। हर दिन सत्र में 100 लोगों का टीकाकरण होना चाहिए। अगर टीकाकरण वाले स्थान पर समुचित व्यवस्था है और प्रतीक्षा कक्ष का इंतजाम है तो एक और सत्र का इंतजाम हो सकता है। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और 50 साल से अधिक्र उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। इसके बाद गंभीर रोग से ग्रस्त 50 से कम उम्र के लोगों और महामारी की स्थिति और टीके की उपलब्धता के आधार पर अंत में बाकी आबादी का टीकाकरण हो सकेगा। दिशा-निर्देश में कहा गया, ‘‘50 साल या उससे ज्यादा उम्र की आबादी को चिन्हित करने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए नवीनतम मतदाता सूची का इस्तेमाल किया जाएगा।’’ टीकाकरण के पहले चरण के तहत करीब 30 करोड़ आबादी का टीकाकरण किया जाएगा। को-विन वेबसाइट पर स्व पंजीकरण के लिए मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पेंशन दस्तावेज समेत 12 फोटो पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल हो सकेगा।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-police-allowed-20-to-25-people-including-navjot-kaur-sidhu-to-go-to-lakhimpur-kheri-violence-latest-news-817733
लखीमपुर हिंसा मामला: यूपी पुलिस ने सिद्धू समेत 20 से 25 लोगों को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दी
यूपी पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू, मंत्रियों और विधायकों को लखीमपुर खीरी जाने की इजाज़त दे दी है। अब नवजोत सिंह सिद्धू, मंत्रियों और विधायकों समेत कुल 20 से 25 लोग लखीमपुर खीरी जा सकेंगे। सभी को यूपी पुलिस इस्कॉर्ट करती हुई लखीमपुर खीरी लेकर जाएगी।
Lakhimpur Kheri violence News: यूपी पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू, मंत्रियों और विधायकों को लखीमपुर खीरी जाने की इजाज़त दे दी है। अब नवजोत सिंह सिद्धू, मंत्रियों और विधायकों समेत कुल 20 से 25 लोग लखीमपुर खीरी जा सकेंगे। सभी को यूपी पुलिस इस्कॉर्ट करती हुई लखीमपुर खीरी लेकर जाएगी। ये जानकारी कैबिनेट मिनिस्टर अमरिंदर राजा वडिंग ने दी है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि सब अपनी गाड़ियों में लखीमपुर खीरी जाएंगे, जिसे यूपी पुलिस इस्कॉर्ट करेगी।नवजोत सिंह सिद्धू सिद्धू ने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान किसानों की मौत के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि यदि शुक्रवार तक कार्रवाई नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। लखीमपुर खीरी में रविवार को चार किसानों को कथित तौर पर गाड़ी से कुचलकर मारने के सिलसिले में अजय मिश्रा के बेटे पर मामला दर्ज किया गया है। हालांकि मिश्रा ने आरोपों को खारिज करते हुए मामले में अपने बेटे की संलिप्तता से इनकार किया है। सिद्धू ने किसानों के मारे जाने के खिलाफ गुरुवार को पंजाब से लखीमपुर खीरी के लिए विरोध मार्च शुरू किया।राज्य सरकार के मंत्री, विधायक और कांग्रेस कार्यकर्ता समेत बड़ी संख्या में पार्टी नेता यहां मोहाली में जमा हुए और अपने-अपने वाहनों में लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गये। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी कुछ देर के लिए सिद्धू के साथ शामिल हुए। सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ कि क्या उनका इस्तीफा वापस ले लिया गया है। गुरुवार को मार्च निकालने से पहले सिद्धू ने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस और पार्टी विधायक मजबूती से किसानों के साथ खड़े हैं।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी मिश्रा के बेटे के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘यह लड़ाई हमारे किसानों के लिए है। अगर उत्तर प्रदेश पुलिस केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं करती तो मैं भूख हड़ताल पर जाऊंगा। यह मेरा वचन है।’’ बाद में उन्होंने कहा, ‘‘अगर कल (शुक्रवार) तक गिरफ्तारी नहीं हुई या वह जांच में शामिल नहीं होते तो मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगा।’’ सिद्धू ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वद्रा और राहुल गांधी को ‘लोकतंत्र का रक्षक’ बताया। इससे पहले पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह ने कहा कि लखीमपुर खीरी जाने के रास्ते में उन्हें जहां भी रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। कांग्रेस नेता सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि वे रास्ते में रोके जाने पर गिरफ्तारी देने को तैयार हैं।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-cm-yogi-adityanath-on-farmers-protest-in-meerut-759492
किसान आंदोलन: CM योगी ने कहा-किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देश की सुरक्षा में सेंध लगाई जा रही
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर भारत की एकता और अखंडता को चुनौती दी जा रही है। किसान भाईयों के कंधों पर बंदूक रखकर देश की सुरक्षा में सेंध लगाने का कार्य किया जा रहा है।
मेरठ। मेरठ में रविवार को विभिन्न विकास परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि आंदोलन को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर भारत की एकता और अखंडता को चुनौती दी जा रही है। किसान भाईयों के कंधों पर बंदूक रखकर देश की सुरक्षा में सेंध लगाने का कार्य किया जा रहा है। ये स्वीकार्य नहीं हो सकता है। देश के खिलाफ किसी षड्यंत्र को सफल नहीं होने दिया जाएगा। अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए सीएम योगी ने विभिन्‍न क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए जा रहे कामों का विस्‍तार से उल्‍लेख किया।यूपी के क‍िसान देशभक्त और मेहनतीमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के किसानों की तारीफ करते हुए उन्हें देशभक्त और मेहनती बताया। किसानों में सोना पैदा करने की क्षमता है और उन्होंने खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाया है। सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने यहां गंग नहर के किनारे कांवड़ का एक ​अतिरिक्त लेन बनाने का निर्णय किया है और इसके लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक की सहमति दी है। भारत सरकार के सहयोग से हम 32,000 करोड़ की लागत से मेट्रो का एक नया विकल्प RRTS के नाम से मेरठ को दिल्ली के साथ जोड़ रहे हैं। ये इतनी बड़ी दूरी से जोड़ने का देश का पहला ऐसा कार्य है।उन्‍होंने कहा कि पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के विकास में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। कानून व्‍यवस्‍था को सरकार की सर्वोच्‍च प्राथमिकता बताते हुए सीएम ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में हर हाल में बहन-बेटियों की सुरक्षा की जाएगी। सीएम ने मेरठ में कुल 88 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्‍यास किया। इस मौके पर उन्‍होंने मेरठ के परतापुर और मलियाना द्वितीय बिजली घरों का लोकार्पण भी किया। साथ ही किठौर के शाहजहांपुर बिजलीघर का भी शिलान्यास सीएम ने किया।सीएम रविवार दोपहर करीब सवा एक बजे मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्‍होंने नवनिर्मित केंद्रीय पुस्तकालय के भवन का भी उद्घाटन किया। यहीं पर कई कृषि योजनाओं को शुरू करने के साथ ही कई विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण सीएम ने किया। इसके बाद किसानों, छात्रों और शिक्षकों की जनसभा को भी संबोधित करते सीएम ने कहा कि किसानों को इस्‍तेमाल कर अपना हित साधने की कोशिशों को देश समझ रहा है। इन साजिशों को बेनकाब करते हुए असफल बनाया जाएगा। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/politics-assam-congress-seeks-apology-from-cm-himanta-biswa-sarma-797341
माफी मांगे CM सरमा, ‘विपक्ष के पास कोई काम नहीं’ टिप्पणी पर असम कांग्रेस ने कहा
कांग्रेस ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से उस कथित अलोकतांत्रिक टिप्पणी के लिए सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में विपक्षी पार्टियों के पास कोई काम नहीं है और उनके विधायकों को सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए।
गुवाहाटी: कांग्रेस ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से उस कथित अलोकतांत्रिक टिप्पणी के लिए सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में विपक्षी पार्टियों के पास कोई काम नहीं है और उनके विधायकों को सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए। असम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने कहा कि कांग्रेस लगातार भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रखे हुए है जो देश के ‘लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट’ करना चाहती है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं एक विधायक और असम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाते इस टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री को ऐसी अलोकतांत्रिक टिप्पणी के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।’’ सैकिया ने कहा, ‘‘मौजूदा सरकार ऐसा माहौल बनाना चाहती है जहां कोई भी उसके गलत कार्यों पर उंगली नहीं उठाए। यह तभी हो सकता है जब सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ विपक्ष नहीं हो और हम, कांग्रेस ऐसा होने नहीं देगी।’’ गौरतलब है कि सरमा ने शनिवार को सभी विपक्षी विधायकों को भाजपा में शामिल होने का न्योता देते हुए दावा किया था कि पांच साल तक विपक्ष की कुर्सियों पर बैठने का कोई तुक नहीं है क्योंकि सरकार जाति, नस्ल और धर्म से परे लोगों के कल्याण के लिए काम करेगी। कांग्रेस के चार बार के विधायक रूपज्योति कुर्मी द्वारा सोमवार को भाजपा में शामिल होने की घोषणा करने के एक दिन बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने यह टिप्पणी की थी।सैकिया ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा और संविधान एवं लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई है और सालों से इसे मजबूत किया है, इसी वजह से गत कुछ सालों से भाजपा की सरकार है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अखिल भारतीय स्तर पर 36 प्रतिशत मत पाकर भाजपा के लिए 300 से अधिक सांसदों के साथ केंद्र में सरकार बनाना संभव हुआ है। यह भारतीय संविधान के प्रावधानों और लोकतांत्रिक प्रणाली से संभव हुआ है।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-varanasi-scientist-make-high-tech-shoes-for-army-soldiers-764848
अब जूते से चलेगी गोली और बॉर्डर पर रोकेगा घुसपैठ, जानिए इंटेलिजेंस जूते की खासियतें
एक युवा वैज्ञानिक ने ऐसा जूता तैयार किया है जो 20 किलोमीटर तक की दूरी तक किसी दुश्मन की आहट को महसूस करेगा और घुसपैठ को रोक सकेगा। यह इंटेलिजेंस जूता गोलियां दागने में भी सक्षम है।
वाराणसी। क्या आपने कभी सोचा है कि जूते से गोली चलाई जा सकेगी। देश की सीमाओं पर डटे जवानों के लिए एक युवा वैज्ञानिक ने ऐसा खास जूता तैयार किया है जो घुसपैठ को तो रोकेगा ही साथ में गोली भी चलेगी। दरअसल, बार्डर पर घुसपैठ रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के एक युवा वैज्ञानिक ने ऐसा जूता तैयार किया है जो 20 किलोमीटर तक की दूरी तक किसी दुश्मन की आहट को महसूस करेगा और घुसपैठ को रोक सकेगा। यह इंटेलिजेंस जूता गोलियां दागने में भी सक्षम है। इसका उपयोग दुश्मनों को रोकने के लिए किया जाएगा। इसको युवा वैज्ञानिक का नाम श्याम चौरसिया है।इंटेलिजेंस जूते में लगा है विशेष प्रकार का सेंसरपीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया महिलाओं और सेना के लिए कई नए-नए इनोवेशन कर चुके हैं। श्याम चौरसिया ने बताया कि, "कभी-कभी देश में घुसपैठिये चुपचाप बार्डर पर घुसने का प्रयास करते हैं। उन्हें रोकने के लिए इंटेलिजेंस जूता बनाया है। जो बार्डर पर घुसपैठ की घटना होते ही सचेत कर देगा। इस जूते में एक विशेष प्रकार का सेंसर लगाया गया है, जो कि 20 किमी तक की घटना के लिए यह जवानों को बाइब्रेट करके आलर्म के माध्यम से अलर्ट करेगा। जिससे समय रहते जवान अपनी और बॉर्डर की सुरक्षा कर सकेंगे।"जूते में लगे हैं 2 फोल्डिंग 9 एमएम के गन बैरलवैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने बताया कि यह जूता महज कुछ सेकेंडों में जानकरी दे देगा। इसमें अपातकाल को देखते हुए 2 फोल्डिंग 9 एमएम के गन बैरल लगाए गए हैं, जो फायर भी कर सकते हैं। इससे जवान अपनी सुरक्षा भी कर सकते हैं। वैज्ञानिक श्याम चौरसिया बताते हैं कि, यह दुश्मन की हर प्रकार की गतिविधियों पर नजर रख सकता है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी और मोबाइल नेटवर्क पर भी काम करता है। इसका वजन महज 650 ग्राम है। रबड़ और स्टील की प्लेट को मिलाकर इसे तैयार किया गया है। दुश्मन की हरकत होते ही भेजेगा सिग्नल श्याम चौरसिया ने बताया कि ठंड से जवानों को बचाने के लिए इस जूते में एक विशेष प्रकार का हीटर लगाया गया है, जो कि उनके पैरों को गर्म रखेगा। इसके अलावा इसमें सोलर चर्जिग सिस्टम भी लगा है। इसमें स्टील की चादर, एलईडी लाइट, सोलर प्लेट रेडियो सर्किट, स्विच इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर के अलाव वाइब्रेशन मोटर का भी इस्तेमाल हुआ है। इसका लेजर सेंसर और ह्यूमन सेंसर बॉर्डर में रखा होगा। जैसे ही दुश्मन की हरकत होगी और वह इसकी रेंज में आएगा। इसके बाद यह तुरंत एक्टिव होकर जवान के जूते पर सिग्नल भेजेगा। जूते में लगा आलर्म जवान को सूचित कर देगा कि कोई अराजक तत्व बॉर्डर में दाखिल हुआ है। जवान सतर्क हो जाएंगे और समय रहते ही दुश्मन को रोकने में सक्षम हो सकते हैं। जूता आगे और पीछे दोनों तरफ रिमोर्ट के माध्यम से फायर कर सकेगाअपातकाल के समय जवान इसमें दुश्मन को टारगेट करके फायर भी कर सकते हैं। जूता आगे और पीछे दोनों तरफ रिमोर्ट के माध्यम से फायर कर सकेगा। इस यंत्र के इस्तेमाल से बॉर्डर और जवान दोनों की आसानी से सुरक्षा होगी। गोरखपुर नक्षत्रशाला के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि, "इस इंटेलिजेंस जूते की तकनीक बहुत अच्छी है। इसमें जितना मजबूत सेंसर होगा, यह उतना ही कारगर होगा। यह जूता घुसपैठ को राकेगा। जिस प्रकार से जैपनीज गाड़ियों में देखने को मिला है कि अगर कहीं दूर कोई आवाज होती है तो 2 किलोमीटर पहले से इंडिकेटर बजने लगता है। यह बहुत अच्छी खोज है बशर्ते इसमें सेंसर का बहुत बड़ा रोल होता है। इसलिए इसे और मजबूत करने की जरूरत है।"ये भी पढ़ें: Bird Flu: 10 दिनों तक बंद रहेगा गाजीपुर पोल्ट्री मार्केट, लाइव बर्ड के आयात पर लगाया बैन(इनपुट-आईएएनएस)
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https://www.indiatv.in/india/national/hanuman-jayanti-pm-modi-to-unveil-108-feet-high-statue-of-bajrangbali-today-2022-04-16-845256
Hanuman Jayanti: पीएम मोदी ने किया बजरंगबली की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को सुबह 11 बजे गुजरात के मोरबी में बनी भगवान हनुमान की 108 फीट की प्रतिमा का अनावरण किया।
नई दिल्ली। आज हनुमान जयंती है। देशभर में आज हनुमान मंंदिरों में दर्शन—पूजन के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी होगा। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को सुबह 11 बजे गुजरात के मोरबी में बनी भगवान हनुमान की 108 फीट की प्रतिमा का अनावरण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस अवसर पर उन्होंने अपना संबोधन भी दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, 'हनुमानजी चार धाम परियोजना के तहत देश भर में चार दिशाओं में स्थापित की जा रही चार मूर्तियों में से यह दूसरी प्रतिमा है।' पीएमओ ने बताया कि इस मूर्ति को देश के पश्चिमी हिस्‍से में, मोरबी में परम पूज्य बापू केशवानंद जी के आश्रम में स्थापित किया गया है। पीएम कार्यालय ने आगे कहा, 'हनुमानजी चार धाम प्रोजेक्‍ट के श्रृंखला की पहली मूर्ति उत्तर में हिमाचल प्रदेश के शिमला में 2010 में स्थापित की गई थी, जबकि दक्षिण में रामेश्वरम में तीसरी प्रतिमा पर काम शुरू हो गया है।' मोरबी में हनुमानजी की विशाल मूर्ति का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था। इसकी लागत 10 करोड़ रुपए है। जहां प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में शामिल होंगे, वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य नेता कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहेंगे।इस वर्ष हनुमान जन्मोत्सव का शुभ दिन 16 अप्रैल, शनिवार को पड़ रहा है। शनिवार होने के कारण इस हनुमान जन्मोत्सव का महत्व कहीं अधिक बढ़ गया है। बता दें कि देश में कई स्थानों पर लाउडस्पीकरों के माध्यम से हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।
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तेलंगाना में Covid-19 के 1,486 नए मामले, 7 और लोगों ने गंवाई जान
तेलंगाना में कोविड-19 के 1,486 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2.24 लाख हो गई।
हैदराबाद: तेलंगाना में कोविड-19 के 1,486 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2.24 लाख हो गई। वहीं संक्रमण से सात लोगों की मौत के बाद अब मृतकों की संख्या बढ़कर 1,282 हो गई।एक सरकारी बुलेटिन में 19 अक्टूबर रात आठ बजे तक के आंकड़े जारी करते हुए मंगलवार को बताया गया कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में सबसे ज्यादा 235 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद रंगारेड्डी में 112, और मेडचल मल्काजगिरि में 102 मामले सामने आए। बुलेटिन में बताया गया कि 19 अक्टूबर को 42,299 नमूनों की जांच हुई और अब राज्य में 20,686 लोगों का उपचार चल रहा है। राज्य में संक्रमण से मृत्यु दर 0.57 फीसदी और स्वस्थ होने की दर 90.21 फीसदी है।
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https://www.indiatv.in/india/national-goa-bjp-mla-tests-covid-positive-all-legislators-to-get-tested-781101
गोवा BJP विधायक कोरोना पॉजिटिव, सभी विधायकों को कराना होगा टेस्ट
भाजपा विधायक अटानासियो मोनसेरेट शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके एक दिन बाद शनिवार को, गोवा विधायिका विभाग ने सभी विधायकों को स्थानीय सरकारी अस्पतालों में स्वैब परीक्षण करवाने का निर्देश दिया है।
पणजी: भाजपा विधायक अटानासियो मोनसेरेट शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके एक दिन बाद शनिवार को, गोवा विधायिका विभाग ने सभी विधायकों को स्थानीय सरकारी अस्पतालों में स्वैब परीक्षण करवाने का निर्देश दिया है। गोवा विधानमंडल विभाग की सचिव नम्रता उलमान द्वारा जारी एक एडवाइजरी के अनुसार, "सभी सदस्यों को अपने न्यायाधिकार क्षेत्र के पीएचसी या अस्पतालों में अपना स्वैब देना चाहिए। इसी तरह प्राथमिक संपर्क में आने वाले कर्मचारियों को भी 27, 28 मार्च 2021 को अपने पीएचसी या अस्पतालों में परीक्षण के लिए अपना स्वैब देना चाहिए।"गोवा विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के बीच में यह एडवाइजरी जारी की गई है।गोवा विधानसभा में कुल 40 विधायक हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-india-tv-chairman-rajat-sharma-re-elected-nba-president-unanimously-754929
इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा फिर चुने गए NBA अध्यक्ष
एनबीए बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखने के लिए कहा।
एनबीए बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखने के लिए कहा।न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) ने गुरुवार को इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा को एक बार फिर अध्यक्ष चुना है। गुरुवार को आयोजित एनबीए बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखने के लिए कहा। बोर्ड ने न्यूज24 ब्रॉडकॉस्ट इंडिया लिमिटेड की चेयरपर्सन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराधा प्रसाद शुक्ला को उपाध्यक्ष और टाइम्स नेटवर्क - बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं चीफ एग्जेक्युटिव ऑफिसर एम.के. आनंद को वर्ष 2020-2021 के लिए एनबीए का ऑनरेरी ट्रेजरर चुना है। एनबीए भारत के न्यूज ब्रॉडकास्टर्स का सबसे बड़ा संगठन है, जिसमें देश के लगभग सभी प्रमुख समाचार नेटवर्क शामिल हैं।इस मौके पर एनबीए की 13वीं वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए रजत शर्मा ने कहा, ‘मुझे एनबीए की 13वीं वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है। मैनेजमेंट की रिपोर्ट में उन सभी कदमों के बारे में विस्तार से बताया गया है जो हमने पिछले एक साल में उठाए हैं।’ इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने आगे कहा कि पिछले 6 महीनों के दौरान पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी के कारण एक अभूतपूर्व संकट से गुजरी है। एनबीए अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा, ‘दुनिया भर में व्यवसायों में व्यवधान आया है। समाचार प्रसारक भी इस व्यवधान से नहीं बच सके हैं। रातों-रात सब कुछ बदल गया। समाचार चैनलों के रूप में हमारी जिम्मेदारी उस समय कई गुना बढ़ गई जब सरकार ने हमें 'आवश्यक सेवाएं' घोषित किया। हमारे सदस्यों ने सभी कठिनाइयों का सामना किया और सुनिश्चित किया कि बिना किसी अड़चन के समाचार प्रसारित हों। लॉकडाउन के दौरान, समाचार चैनलों की दर्शकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।’ रजत शर्मा ने कहा कि एनबीए पत्रकारों, कैमरामैन और संपादकीय कर्मचारियों को सलाम करता है जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर यह सुनिश्चित किया कि महामारी की खबरें और सूचना लाखों दर्शकों तक पहुंचे।उन्होंने कहा, 'इस साल कुछ ऐसे चैनलों द्वारा अनियमित आपत्तिजनक सामग्री की अभूतपूर्व चुनौती भी देखी गई, जो एनबीए के सदस्य नहीं हैं। मुझे यह साझा करने में खुशी हो रही है कि एनबीए के सदस्य इस चुनौती से मुकाबला करने के लिए एकजुट रहे। एनबीए संपादकीय मानकों में विश्वास करता है जो निष्पक्षता, तटस्थता, निष्पक्षता और रिपोर्टिंग में सटीकता सुनिश्चित करता है। हमने विज्ञापनदाताओं से अपील की है कि वे घृणा को बढ़ावा देने वाले टॉक्सिक कंटेंट और सेंशेसनलिज्म का समर्थन न करें। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रतिष्ठित ब्रांडों ने आगे आकर हमारे रुख का समर्थन किया है।’
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https://www.indiatv.in/india/national-24-patients-dies-due-to-due-to-oxygen-shortage-in-chamarajanagar-karnataka-788294
कर्नाटक के चामराजनगर में ऑक्सीजन की कमी से 24 मरीजों की मौत
कर्नाटक के चामराजनगर के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से बड़ा हादसा हुआ है। यहां पिछले 24 घंटों में ऑक्सीजन की किल्लत होने के कारण 24 मरीजों की मौत हो गई है, इन मरीजों में कोरोना के मरीज भी शामिल हैं।
चामराजनगर. कर्नाटक के चामराजनगर के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से बड़ा हादसा हुआ है। यहां पिछले 24 घंटों में ऑक्सीजन की किल्लत होने के कारण 24 मरीजों की मौत हो गई है, इन मरीजों में कोरोना के मरीज भी शामिल हैं। चामराजनगर के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से हुई मौतों पर जिला प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार ने कहा कि हम डेथ ऑडिट रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। हादसे पर सीएम येदियुरप्पा ने चामराजनगर के जिलाधिकारी से बात की है और एक ईमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग बुलाई है।कांग्रेस ने बोला हमलाचामराजनगर. कर्नाटक के चामराजनगर के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से बड़ा हादसा हुआ है। यहां पिछले 24 घंटों में ऑक्सीजन की किल्लत होने के कारण 24 मरीजों की मौत हो गई है, इन मरीजों में कोरोना के मरीज भी शामिल हैं। चामराजनगर के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से हुई मौतों पर जिला प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार ने कहा कि हम डेथ ऑडिट रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। हादसे पर सीएम येदियुरप्पा ने चामराजनगर के जिलाधिकारी से बात की है और एक ईमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग बुलाई है।कांग्रेस पार्टी ने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के.सुधाकर के इस्तीफे की मांग की। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ये मौते हैं या हत्या? इनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। ‘सिस्टम’ के जागने से पहले लोगों को और कितनी पीड़ा सहनी पड़ेगी?’’कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने बी एस येदियुरप्पा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘येदियुरप्पा सरकार की लापरवाही के कारण हत्या हुई है। स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।’’कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य की सरकार सिर्फ प्रचार में व्यस्त है और किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं ले रही है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री हालात को संभालने में सक्षम नहीं हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_8841639412 = {"file": "https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2021/05/0_g4q8zq8f/master.m3u8","image": "https://resize.indiatv.in/resize/vod/1200_-/2021/05/0_g4q8zq8f.jpg","title": "ऑक्सीजन की कमी से कर्नाटक के सरकारी अस्पताल में 24 मरोजों की मौत","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": false,"volume": 100,"floating": false,"sharing": {"code": "","sites": ["facebook","twitter","email"]},"stretching": "exactfit","primary": "html5","hlshtml": true,"duration": 110,"advertising": {"client": "vast","autoplayadsmuted": true,"skipoffset": 5,"cuetext": "","skipmessage": "Skip ad in xx","skiptext": "SKIP","preloadAds": true,"schedule": [{"offset": "pre","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PreRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"},{"offset": "50%","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_MidRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator="},{"offset": "post","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PostRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"}]}}; var jwvidplayer_8841639412 = ''; jwsetup_8841639412(); function jwsetup_8841639412() {jwvidplayer_8841639412 = jwplayer("jwvidplayer_8841639412").setup(jwconfig_8841639412);jwvidplayer_8841639412.on('ready', function () { ns_.StreamingAnalytics.JWPlayer(jwvidplayer_8841639412, {publisherId: "20465327",labelmapping: "c2=\"20465327\", c3=\"India TV Hindi\", c4=\"null\", c6=\"null\", ns_st_mp=\"jwplayer\", ns_st_cl=\"0\", ns_st_ci=\"0_g4q8zq8f\", ns_st_pr=\"ऑक्सीजन की कमी से कर्नाटक के सरकारी अस्पताल में 24 मरोजों की मौत\", ns_st_sn=\"0\", ns_st_en=\"0\", ns_st_ep=\"ऑक्सीजन की कमी से कर्नाटक के सरकारी अस्पताल में 24 मरोजों की मौत\", ns_st_ct=\"null\", ns_st_ge=\"News\", ns_st_st=\"ऑक्सीजन की कमी से कर्नाटक के सरकारी अस्पताल में 24 मरोजों की मौत\", ns_st_ce=\"0\", ns_st_ia=\"0\", ns_st_ddt=\"2021-05-03\", ns_st_tdt=\"2021-05-03\", ns_st_pu=\"India TV Hindi\", ns_st_cu=\"https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2021/05/0_g4q8zq8f/master.m3u8\", ns_st_ty=\"video\"" });});jwvidplayer_8841639412.on('all', function (r) { if (jwvidplayer_8841639412.getState() == 'error' || jwvidplayer_8841639412.getState() == 'setupError') {jwvidplayer_8841639412.stop();jwvidplayer_8841639412.remove();jwvidplayer_8841639412 = '';jwsetup_8841639412();return; }});jwvidplayer_8841639412.on('error', function (t) { jwvidplayer_8841639412.stop(); jwvidplayer_8841639412.remove(); jwvidplayer_8841639412 = ''; jwsetup_8841639412(); return;});jwvidplayer_8841639412.on('mute', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8841639412.on('adPlay', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8841639412.on('adPause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8841639412.on('pause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8841639412.on('error', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8841639412.on('adBlock', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8841639412.on('adSkipped', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);}); }
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https://www.indiatv.in/india/national-bahadurgarh-6-year-ols-dead-child-now-alive-doctors-of-delhi-was-declared-him-dead-796891
डॉक्टरों ने 6 साल के बच्चे को कर दिया था मृत घोषित, मां पुकारती रही और चलने लगी मासूम की सांसें
हरियाणा के बहादुरगढ़ जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने 6 साल के मासूम को मृत घोषित कर दिया था। मां घर पर रोते हुए मृत बेटे के शव को बार-बार जिंदा होने के लिए पुकार रही थी जितने में मासूम की सांसे फिर से चलने लग गई।
बहादुरगढ़: हरियाणा के बहादुरगढ़ जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने 6 साल के मासूम को मृत घोषित कर दिया था। मां घर पर रोते हुए मृत बेटे के शव को बार-बार जिंदा होने के लिए पुकार रही थी जितने में मासूम की सांसे फिर से चलने लग गई। बता दें कि किला मोहल्ले के निवासी विजय शर्मा के पौते कुणाल शर्मा को 26 मई को दिल्ली के डॉक्टरों ने टाइफाइड से मृत घोषित करके शव को पैक करके बेटे के पिता हितेश और मां जानवी को सौंप दिया था। लेकिन घर जाकर वह फिर से जिंदा हो गया। अब रोहतक के एक निजी अस्पताल से कुनाल वापस अपने घर पहुंच चुका है।26 मई को दिल्ली के अस्पताल में कुणाल के माता पिता अपने 6 साल के बेटे का शव लेकर चारों तरफ से निराश होकर बहादुरगढ़ अपने घर पहुंच गए थे। पर मां तो मां होती है। डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था जिसके बाद पापा और मां ने बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली। यह तय हुआ कि कुणाल के मामा के घर उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा, लेकिन दादी ने अपने पोते का चेहरा देखने की जिद की तब कुणाल के पापा उसे घर लेकर आये। दादी अगर कुणाल की शक्ल देखने की जिद ना करती तो कुणाल का अंतिम संस्कार हो चुका होता।मां जानवी और बच्चे की ताई अन्नु ने बच्चे को रोते हुए बार-बार प्यार से हिला कर उसे जिंदा होने के लिए पुकार रही थी। कुछ देर बाद पैक हुए शव में कुछ हरकत देखी तो दादा विजय शर्मा को खबर दी। इसके बाद पिता हितेश ने बच्चे का चेहरा चादर की पैकिंग से बाहर निकाला और अपने लाडले को मुंह से सांस देने लगा। कुछ देर अपने बेटे को सांस देने के बाद जब उसके शरीर में कुछ हरकत दिखाई दी तो पड़ोसी सुनील ने बच्चे की छाती पर दबाव देना शुरू किया, जैसा इन लोगों ने फिल्मों में देखा था।इस बीच बच्चे ने अपने पापा के होंठ पर काट खाया। इसके बाद मोहल्ले के लोग बच्चे को 26 मई की रात को रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे 15 फीसदी ही बचने की संभावना बताई पर वह धीरे-धीर ठीक हो गया और मंगलवार को अपने घर पर पहुंच चुका है। अब बच्चे का पिता हितेश अपने मुंह पर बेटे द्वारा दिए घाव को दिखाकर बेटे के मरने और फिर जिंदा होने की खुशी मना रहे हैं।बच्चे के दादा विजय शर्मा ने बताया कि पौते की मौत पर रात को नमक की बोरी और बर्फ की व्यवस्था कर दी थी। उन्होंने मोहल्ले वालों को सुबह श्मशानघाट पर पहुंचने को कह दिया था लेकिन पोते को इस तरह जिंदा होने को वह चमत्कार बता रहे हैं। मां ने कहा कि भगवान ने उनके बेटे में फिर से सांसें डाली हैं। अब कुणाल स्वस्थ है, रोहतक अस्पताल से नानी के घर है। साथ में उसकी मम्मी है। वह बच्चों के साथ खेल रहा है, डांस कर रहा है।
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https://www.indiatv.in/india/national-pakistan-becoming-pawn-of-china-to-enter-afghanistan-iaf-chief-rks-bhadoria-762722
अफगानिस्तान में प्रवेश के लिए चीन का मोहरा बना पाकिस्तान: भारतीय वायु सेना प्रमुख
भारतीय वायु सेना के प्रमुख आर.के. भदौरिया ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान चीनी नीति में मोहरा बन रहा है और अमेरिकी सेनाओं के बाहर निकलने के बाद बीजिंग अफगानिस्तान में प्रवेश करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता है।
नई दिल्ली | भारतीय वायु सेना के प्रमुख आर. के. भदौरिया ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान चीनी नीति में मोहरा बन रहा है और अमेरिकी सेनाओं के बाहर निकलने के बाद बीजिंग अफगानिस्तान में प्रवेश करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता है। एक वेबिनार के दौरान लद्दाख में चीन की आक्रामकता के पीछे के उद्देश्यों को समझाते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा, चीन की नीति में पाकिस्तान तेजी से मोहरा बन गया है। सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) से जुड़े कर्ज की वजह से आने वाले वक्त में उसकी सैन्य निर्भरता चीन पर और ज्यादा बढ़ जाएगी।वहीं अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों के जाने के बाद इस क्षेत्र में चीन के लिए पाकिस्तान के रास्ते के अलावा सीधे तौर पर भी दखल देने का रास्ता खुल गया है। इस सबके जरिए चीन अपने प्रभाव को बढ़ाना चाह रहा है। इस साल लद्दाख में चीनी आक्रामकता पर, उन्होंने कहा कि चीन इस क्षेत्र पर हावी होने की कोशिश कर रहा है।भारत और चीन के बीच लद्दाख में नौ महीने से गतिरोध बना हुआ है।नई दिल्ली | भारतीय वायु सेना के प्रमुख आर. के. भदौरिया ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान चीनी नीति में मोहरा बन रहा है और अमेरिकी सेनाओं के बाहर निकलने के बाद बीजिंग अफगानिस्तान में प्रवेश करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता है। एक वेबिनार के दौरान लद्दाख में चीन की आक्रामकता के पीछे के उद्देश्यों को समझाते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा, चीन की नीति में पाकिस्तान तेजी से मोहरा बन गया है। सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) से जुड़े कर्ज की वजह से आने वाले वक्त में उसकी सैन्य निर्भरता चीन पर और ज्यादा बढ़ जाएगी।वहीं अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों के जाने के बाद इस क्षेत्र में चीन के लिए पाकिस्तान के रास्ते के अलावा सीधे तौर पर भी दखल देने का रास्ता खुल गया है। इस सबके जरिए चीन अपने प्रभाव को बढ़ाना चाह रहा है। इस साल लद्दाख में चीनी आक्रामकता पर, उन्होंने कहा कि चीन इस क्षेत्र पर हावी होने की कोशिश कर रहा है।भदौरिया ने कहा कि चीन ने अपनी सेना भारी संख्या में एलएसी पर तैनात की है। उनके पास रडार, सतह से हवा में मिसाइल और सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल बड़ी संख्या में हैं। उनकी तैनाती मजबूत रही है तो हमने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर भारत और चीन के बीच संघर्ष किसी भी ²ष्टिकोण से अच्छा नहीं है।वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने चीन के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वैश्विक मोर्चे पर अनिश्चितताओं ने भी चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो भारत को किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए प्रभावी क्षमता बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, हमारी पश्चिमी सीमा पाकिस्तान की स्थापना के बाद से सक्रिय है और अब नए मोर्चे एवं क्षेत्र भी सक्रिय हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national/portal-that-brings-stories-from-people-related-to-pm-modi-launched-modi-story-in-2022-03-26-841281
पीएम मोदी से जुड़ी प्रेरक कहानियां साझा करने वाला पोर्टल शुरू, जानें Modi Story.In के बारे में
प्रधानमंत्री के एक सहयात्री के हवाले से पोर्टल ने ट्वीट किया कि, ‘‘पोर्टल ‘मोदी स्टोरी’ की घोषणा एक स्वयंसेवी पहल है, जिसके तहत नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े रोचक कहानियों को एक साथ लाया जायेगा।’’
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी प्रेरक कहानियों को एकसाथ पेश करने के लिए एक पोर्टल ‘मोदीस्टोरी डॉट इन’ का शुभारंभ किया गया है। मोदी के दशकों लंबे जीवन सफर में उनके संपर्क में आये लोगों के अनुभवों के आधार पर इन कहानियों को तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री के एक सहयात्री के हवाले से पोर्टल ने ट्वीट किया कि, ‘‘पोर्टल ‘मोदी स्टोरी’ की घोषणा एक स्वयंसेवी पहल है, जिसके तहत नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े रोचक कहानियों को एक साथ लाया जायेगा।’’ पोर्टल की ओर से यह भी ट्वीट किया गया कि इस पोर्टल का उद्घाटन महात्मा गांधी की पोती सुमित्रा गांधी कुलकर्णी ने किया। इस वेबसाइट पर पंजाब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मनोरंजन कालिया ने मोदी से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। मोदी ने पार्टी पदाधिकारी के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा के शुरुआती दिनों में इस राज्य में काम किया था। इसके अलावा गुजरात के वडनगर में प्रधानमंत्री के स्कूल के प्रधानाध्यापक रासबिहारी मानियार और शारदा प्रजापति ने भी मोदी से जुड़े अनुभवों को साझा किया। मोदी 1990 के दशक में अपने दौरों के दौरान प्रजापति के आवास में अक्सर ठहरा करते थे। इस पोर्टल पर ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंदन ने भी मोदी से जुड़े अपने अनुभव साझा किए हैं। कालिया ने चुनाव प्रचार मुहिम के दौरान मोदी की बेहतरीन समझ का जिक्र किया और प्रचार के दौरान बच्चों को वितरित करने के लिए टॉफी रखने की प्रधानमंत्री की सलाह के बारे में बताया। मानियार ने कहा कि मोदी देश के सशस्त्र बलों के लिए गहरी भावनाएं रखते हैं और युवा छात्र के रूप में वह एक सैनिक स्कूल का आवेदन प्रपत्र लेकर उनके पास आए थे।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-aam-aadmi-party-leader-sanjay-singh-meets-akhilesh-yadav-799711
UP में चुनावी सरगर्मियों के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिले AAP सांसद संजय सिंह
यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अखिलेश यादव से मुलाकात की है। ये मुलाकात समाजवादी पार्टी के लखनऊ दफ्तर में हुई है।
लखनऊ: यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने अखिलेश यादव से मुलाकात की है। ये मुलाकात समाजवादी पार्टी के लखनऊ दफ्तर में हुई है। 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल चुनावी गठबंधनों में लगे हैं और इसी बीच अखिलेश यादव और संजय सिंह की मुलाकात को लेकर सियासी अटकलें शुरू हो गई हैं। सवाल ये उठ रहा है कि ये मुलाकात यूपी में किसी नए गठबंधन की आहट तो नहीं है। मुलाकात के बाद समाजवादी पार्टी दफ्तर से बाहर निकले संजय सिंह ने कहा कि ये एक शिष्टाचार भेंट थी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भी बात हुई लेकिन गठबंधन को लेकर सवाल संजय सिंह टाल गए।बता दें कि इसके पहले भी दोनों नेता मुलाकात कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच यूपी चुनाव को लेकर चर्चा हुई।दरअसल, अभी हाल ही में संपन्न हुए यूपी के पंचायत चुनाव में जिस तरह के परिणाम आए हैं उससे समाजवादी पार्टी उत्साहित है। वहीं, आम आदमी पार्टी भी यूपी में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। संजय सिंह श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर लगे घोटाले के आरोपों को सामने लाने के लिए चर्चा में हैं।
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https://www.indiatv.in/india/politics-bjp-mla-supports-resolution-against-farm-laws-in-kerala-assembly-763061
इस राज्य में नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव का बीजेपी विधायक ने किया समर्थन, पार्टी सदमे में
पार्टी ने हालांकि कहा है कि वह इस इस बारे में बीजेपी विधायक ओ. राजगोपाल से बात करेंगे, लेकिन सूत्रों ने कहा कि राजगोपाल के इस कदम से पार्टी हैरान है।
तिरुवनंतपुरम: एक अप्रत्याशित घटना के तहत केरल विधानसभा में बीजेपी के एकमात्र विधायक ओ. राजगोपाल ने सदन में उस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें विवादित केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग गई है और जिनके खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इसपर बीजेपी के केरल नेतृत्व ने हैरानी जताई है। पार्टी ने हालांकि कहा है कि वह इस इस बारे में बीजेपी विधायक ओ. राजगोपाल से बात करेंगे, लेकिन सूत्रों ने कहा कि राजगोपाल के इस कदम से पार्टी हैरान है। बीजेपी के प्रदेश प्रमुख के. सुरेंद्रन ने मीडिया से कहा, "मैंने राजगोपाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं देखी है, न ही मुझे पता है कि उन्होंने क्या कहा है। मैं उनसे बात करूंगा और आपको बताऊंगा।"ये भी पढ़े: सरकार से वार्ता के एक दिन बाद हिंसक हुआ किसान आंदोलन, पुलिस ने किया लाठीचार्जबीजेपी में कृषि कानूनों पर दो राय के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, "आप क्या कह रहे हैं? केरल के बीजेपी नेताओं के बीच कृषि कानूनों पर कोई दो राय नहीं है।" बीजेपी के राज्य महासचिव एम.टी. रमेश ने मीडिया को बताया, "राजगोपाल एक वरिष्ठ नेता हैं और मैंने नहीं सोचा था कि वे इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। उन्होंने पहले कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध किया था। उसके बाद पता नहीं क्या हुआ। मुझे पता करने दीजिए, फिर मैं आपको बताता हूं।"ये भी पढ़े: लिव-इन रिलेशनशिप पर आया हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, जानें क्या कहाहांलाकि दोनो वरिष्ठ नेताओं ने इस मुद्दे पर सधी प्रतिक्रिया दी, लेकिन पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पार्टी पूरी तरह से आश्चर्यचकित है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "पार्टी सचमुच सदमे में है। हमें नहीं पता कि इस स्थिति में क्या करना है। बीजेपी इस मामले में फैसला लेगी।"ये भी पढ़े: कोरोना से बचाने वाली दवा बिगाड़ सकती है आपकी ‘सेक्स लाइफ’, हो सकती है यह गंभीर बीमारी, WHO की चेतावनीराजगोपाल केंद्र की वाजपेयी सरकार में रेल, रक्षा और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री रह चुके हैं। वह केरल विधानसभा में प्रवेश करने वाले पहले बीजेपी नेता हैं। राजगोपाल ने इससे पहले वामपंथी उम्मीदवार श्रीरामकृष्णन का स्पीकर पद के लिए समर्थन करके एक विवाद खड़ा दिया था। उन्होंने तब कहा था कि उन्होंने अध्यक्ष का समर्थन किया था, क्योंकि उनके नाम में भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण हैं।
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https://www.indiatv.in/india/politics-exercise-to-end-discord-in-punjab-congress-underway-793852
अंदरूनी कलह सुलझाने के लिए कांग्रेस की दिल्ली में मंथन, गुरुवार को जवाब देंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पार्टी में उठापटक को लेकर दिल्ली में मंथन चल रहा है। अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमिटी ने तीसरे दिन भी कांग्रेस के एमएलए और एमपी से मुलाकात की।
नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पार्टी में उठापटक को लेकर दिल्ली में मंथन चल रहा है। अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमिटी ने तीसरे दिन भी कांग्रेस के एमएलए और एमपी से मुलाकात की। तीसरे दिन कुल 27 एमएलए और चार एमपी जिसमें 2 राज्यसभा के सांसद हैं और 2 लोकसभा के सांसद हैं, को बुलाया गया। कांग्रेस के इस तीन सदस्यीय पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा, पंजाब के प्रभारी हरीश रावत और पूर्व सांसद जय प्रकाश शामिल हैं।कांग्रेस पर लगातार दवाब बन रहा है की कैबिनेट में दलित रिपीजेंटेशन को बढ़ाया जाए। राज्य में बीजेपी पहले ही ऐलान कर चुकी है की अगर उनकी सरकार बनती है तो वो दलित सीएम बनाएंगे। वहीं, शिरोमणी अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है की वो दलित डेप्युटी सीएम बनाएंगे। ऐसे में कांग्रेस पर दबाव बढ़ रहा है की वो दलीतो को साधने के लिए कैबिनेट में किसी दलित चेहरे को प्रमोट करे।कयास लगाए जा रहे है की पार्टी अगले विधान सभ चुनाव से पहले एक दलित डेप्युटी सीएम अनाउंस कर दे। कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार को कमिटी के सामने अपनी बात रखेंगे। कल ये कमिटी पिछले विधानसभा चुनाव में हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवारों से मुलाकात करेगी। इसके अलावा पार्टी के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष भी कमिटी के सामने पेश होंगे।पंजाब कांग्रेस में उठापटक को लेकर आलाकमान की टेंशन बढ़ने लगी है। पैनल बैठक से पहले शनिवार को दर्जन भर विधायकों को कॉल कर उनसे फीडबैक लिया। राहुल की कॉल की पुष्टि करते हुए कांग्रेस विधायक गुरकीरत कोटली ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को अगले चुनाव में भी पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए और किसी तरह का बदलाव पार्टी के हित में नहीं है।ये भी पढ़ें
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https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-to-dedicate-kochi-mangaluru-natural-gas-pipeline-to-the-nation-on-5-january-763627
PM मोदी 5 जनवरी को कोच्चि–मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 जनवरी 2021 (मंगलवार) को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 जनवरी 2021 (मंगलवार) को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह कार्यक्रम ‘एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड’ के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। इस अवसर पर केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री के साथ-साथ कर्नाटक तथा केरल के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।जानिए इस पाइपलाइन के बारे मेंकुल 450 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन का निर्माण गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा किया गया है। इसकी परिवहन क्षमता 12 मिलियन मीट्रिक मानक क्यूबिक मीटर प्रति दिन है और यह कोच्चि (केरल) स्थित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के पुनर्गैसीकरण टर्मिनल से एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जिले होते हुए मंगलुरु (दक्षिण कन्नड़ जिला, कर्नाटक) तक प्राकृतिक गैस ले जाएगी।इस परियोजना की कुल लागत लगभग 3000 करोड़ रूपये थी और इसके निर्माण के दौरान 12 लाख से अधिक मानव-दिवस के बराबर के रोजगार सृजित हुए। इंजीनियरिंग की दृष्टि से इस पाइपलाइन को बिछाना एक चुनौती थी क्योंकि इस पाइपलाइन का अपने मार्ग में 100 से अधिक स्थानों पर जल निकायों को पार करना जरूरी था। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग विधि नाम की एक विशेष तकनीक के जरिए पूरा किया गया।सस्ती ईंधन की होगी आपूर्ति इस पाइपलाइन की सहायता से आम लोगों के घरों में पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और परिवहन क्षेत्र को संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के रूप में पर्यावरण के अनुकूल और सस्ती ईंधन की आपूर्ति होगी। यह पाइपलाइन अपने मार्ग में पड़ने वाले जिलों की वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयों को भी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी। स्वच्छ ईंधन के उपभोग के जरिए वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाते हुए वायु की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
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https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-statement-on-chamoli-glacier-flood-770908
चमोली तबाही पर PM मोदी का बयान, कहा- CM, गृह मंत्री और अधिकारियों के संपर्क में हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के हल्दिया में जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही का जिक्र किया और कहा कि वह मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।
नई दिल्ली/हल्दिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के हल्दिया में जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही का जिक्र किया और कहा कि वह मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि वह राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है तथा सरकार लगातार लोगों की परेशानी को कम करने के प्रयास कर रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज हम मां गंगा के एक छोर पर हैं लेकिन जो मां गंगा का उद्गम स्थल है, वह राज्य उत्तराखंड इस समय आपदा का सामना कर रहा है। एक ग्लेशियर टूटने की वजह से वहां नदी का जल स्तर बढ़ गया। नुकसान की खबरें धीरे-धीरे आ रही हैं। मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भारत सरकार के गृह मंत्री, एनडीआरएफ के अफसर, उन सब से निरंतर संपर्क में हूं।"पीएम मोदी ने कहा, "वहां पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। मेडिकल सुविधाओं में कोई कमी न हो, इस पर जोर दिया जा रहा है। वहां दो-एक दिन पहले ही काफी बर्फबारी भी हुई थी। मौसम काफी ठंडा है। लोगों की परेशानी कम से कम करने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है।"उन्होंने कहा, "उत्तराखंड में ऐसे परिवार मुश्किल से मिलते हैं, जिनका कोई न कोई सदस्य फौज में न हो। यानी वहां के लोगों का हौसला किसी भी आपदा को मात दे सकता है। उत्तराखंड के साहसी लोगों के लिए, मैं प्रार्थना कर रहा हूं, बंगाल प्रार्थना कर रहा है, देश प्रार्थना कर रहा है।"गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को एक ग्लेशियर टूटने से भयंकर तबाही हुई है। इस संबंध में ITBP के डीजी ने कहा कि तपोवन NTPC प्लांट से करीब 10 शव बरामद किए गए हैं। वहीं, एसडीआरएफ की DIG रिद्धिमा अग्रवाल ने कहा कि अभी तक 150 लोगों के लापता होने की खबर आ रही है। पानी का बहाव अभी सामान्य है।उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से हुई तबाही के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, संभल, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, कासगंज, बदायूं, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, कन्नौज, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, रायबरेली, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया और चंदौली जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national/army-helicopter-crash-carrying-senior-defence-officials-coonoor-in-nilgiris-district-in-tn-826276
CDS जनरल बिपिन रावत नहीं रहे, हेलीकॉप्टर हादसे में गई जान, पत्नी मधूलिका एवं 11 अन्य की भी मौत
तमिलनाडु के नीलगिरी में IAF का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है। इस हेलिकॉप्टर में सेना के सीनियर अधिकारी सवार थे।
नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत की तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, इस हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी मधूलिका रावत समेत सेना के सीनियर अधिकारियों के साथ सवार थे। हादसे में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधूलिका रावत एवं अन्य 11 यात्रियों की मौत की एयरपोर्ट ने पुष्टि की है। साथ ही एयरफोर्स ने मामले की जांच के भी आदेश दे दिए हैं।बता दें कि सीडीएस जनरल रावत ऊंटी के वेलिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम में लेक्चर देकर लौट रहे थे। ऊंटी वेंलिगटन में आर्म्ड फोर्सेज का कॉलेज है। सीडीएस को ले जाने वाले विमान या हेलिकॉप्टर के उड़ाने का खास प्रॉटोकॉल होता है। बताया जा रहा है कि शायद मौसम की खराबी और बादल की वजह से हेलिकॉप्टर के पायलट सही अनुमान लगाने से चूक गए और यह हादसा हो गया।हेलिकॉप्टर नीलगिरी के इलाके में क्रैश हुआबताया जा रहा है कि कार्यक्रम से लौटते वक्त हेलिकॉप्टर नीलगिरी के इलाके में क्रैश कर गया। मलबे से तीन लोगों का शव निकाला जा चुका है। हेलिकॉप्टर में सीडीएस और उनकी पत्नी के साथ ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी भी थे जो सीडीएस के स्टाफ ऑफिसर थे।स्थानीय लोगों ने राहत-बचाव शुरू कियाहादसे के बाद हेलिकॉप्टर से आग की लपटें उठने लगी और घटनास्थल पर सबसे पहले स्थानीय लोग पहुंचे। स्थानीय लोगों ने राहत और बचाव का काम शुरू किया। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक घटनास्थल पर एयरफोर्स पहुंचने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि सीडीएस रावत के अलावा हेलिकॉप्टर में उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, गुरसेवक सिंह, जितेंद्र कुमार, विवेक कुमार, बी साई तेजा और हवलदार सतपाल सवार थे।
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https://www.indiatv.in/india/national-nationwide-lockdown-till-31-january-pib-fact-check-768965
केंद्र सरकार ने देशभर में 31 जनवरी तक लॉकडाउन लागू किया? जानिए सच्चाई
एक दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने फिर से 31 जनवरी तक लॉकडाउन लागू कर दिया है। यह दावा एक पत्र के साथ किया जा रहा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण पूरी दुनिया ने लॉकडाउन जैसी स्थिति का सामना किया। भारत में भी कई चरणों का लॉकडाउन लागू किया गया था और फिर चरणबद्ध तरीके से ही लॉकडाउन को हटाया गया। फिलहाल, स्थिति काफी हद तक सामान्य है और लोग अपने-अपने जीवन में वापस लौट आए हैं। लेकिन, अब एक दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने फिर से 31 जनवरी तक लॉकडाउन लागू कर दिया है। यह दावा एक पत्र के साथ किया जा रहा है। वायरल पत्र के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में 31 जनवरी तक लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। हालांकि, यह दावा गलत है।वायरल पत्र में किए गए लॉकडाउन के दावे को लेकर प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक विंग ने जांच की है। जांच में PIB की फैक्ट चेक विंग ने इस वायरल पत्र में किए गए दावे को गलत पाया है। PIB फैक्ट चेक का कहना है कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है, यह पत्र फेक है।PIB फैक्ट चेक ने ट्वीट में लिखा, "दावा- सोशल मीडिया शेयर हो रहे एक दस्तावेज में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण सरकार ने 31 जनवरी 2021 तक देश में पूर्ण लॉकडाउन का आदेश दिया है।....PIB फैक्ट चेक- यह दावा फेक है। भारत सरकार ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है।"
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https://www.indiatv.in/india/national/nandjit-khemka-art-gallery-s-unique-initiative-lightning-of-lamp-ceremony-is-being-organized-2022-04-19-845913
नंदजीत खेमका आर्ट गैलरी की अनूठी पहल, आयोजित हो रही है 'लाइटिंग ऑफ लैंप सेरेमनी'
विशेष कार्यक्रम के बाद प्रदर्शनी 28 अप्रैल से 1 मई तक खुलेगी। कला प्रेमी लोगों के यहां अलग-अलग प्रकार के पेटिंग देखने को मिलेगी। ये पूरा आयोजन नंदजीत खेमका आर्ट गैलरी के द्वारा किया जा रहा है।
कला की कोई भाषा नहीं होती। कला की कोई सीमा नहीं होती, उसे हर व्यक्ति अपने-अपने स्तर से देख और महसूस कर सकता है। इसी क्रम में, 27 अप्रैल को नंदजीत खेमका आर्ट गैलरी 'लाइटिंग ऑफ लैंप सेरेमनी' आयोजित करने जा रही है। इस दौरान एक 'हाई टी' का भी आयोजन किया गया है। विशेष कार्यक्रम के बाद प्रदर्शनी 28 अप्रैल से 1 मई तक खुलेगी। कला प्रेमी लोगों के यहां अलग-अलग प्रकार के पेटिंग देखने को मिलेगी। ये पूरा आयोजन नंदजीत खेमका आर्ट गैलरी के द्वारा किया जा रहा है। इसका पता पुष्प विहार, सेक्टर-6, साकेत, नई दिल्ली है। ये कोई पहली बार नहीं है जब नंदजीत खेमका आर्ट गैलरी की तरफ से ऐसा आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले भी कई बार प्रदर्शनी का आयोजन किया जा चुका है। इस बार चुनिंदा पेंटिंग्स को प्रदर्शनी में लगाया गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-court-grants-bail-to-3-people-in-2020-delhi-riots-case-766158
2020 उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामला: अदालत ने 3 लोगों को दी जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल फरवरी में शहर के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुए दंगों से जुड़े दो मामलों में तीन लोगों को शुक्रवार को ज़मानत दे दी।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल फरवरी में शहर के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुए दंगों से जुड़े दो मामलों में तीन लोगों को शुक्रवार को ज़मानत दे दी। अदालत ने कहा कि पुलिस के गवाह द्वारा आरोपियों की पहचान करने में की गई देरी के कारण शायद ही कोई नतीजा निकला है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने मोहम्मद ताहिर, शीबू खान और हमीद को 20-20 हज़ार रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दे दी। ताहिर को गोकलपुरी इलाके में दंगाई भीड़ द्वारा कथित रूप से एक दुकान में की गई तोड़फोड़ और आगज़नी से जुड़े मामले में जमानत दी गई है जबकि खान और हमीद को दयालपुर इलाके में एक गन्ने के गोदाम में आग लगाने के मामले में राहत दी गई है। अदालत ने कहा, “पुलिस अधिकारी (जो घटना के समय क्षेत्र में बीट अधिकारी के तौर तैनात था) द्वारा आवेदकों (खान, ताहिर और हमीद) की पहचान से शायद ही कोई नतीजा निकले, क्योंकि अदालत यह नहीं समझ पा रही है कि बीट अधिकारी ने अपना बयान दर्ज कराने तक का इंतज़ार क्यों किया जबकि उसने 24 फरवरी 2020 को दंगों में शामिल आवेदको को स्पष्ट रूप से देख लिया और पहचान लिया था। अदालत ने दो मामलों में एक जैसे पारित आदेशों में कहा, 'यह पुलिस के गवाह की विश्वसनीयता पर गंभीर संदेह पैदा करता है।' अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों का नाम ना प्राथमिकी में है ना ही उनके खिलाफ विशिष्ट आरोप है। उसने कहा कि ताहिर किसी भी सीसीटीवी फुटेज में नहीं दिख रहा है। अदालत ने कहा कि दोनों मामलों में कई सह आरोपियों को जमानत मिल गई है जिनकी भूमिका भी इन व्यक्तियों से मिलती जुलती थी।सुनवाई के दौरान आरोपियों ने दावा किया कि उन्हें फंसाया जा रहा है। पुलिस के विशेष लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी कथित रूप से क्षेत्र में दंगा करने में शामिल थे। गौरतलब है कि पिछले साल 24 फरवरी को संशोधिक नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों एवं विरोधियों में हुई झड़प सांप्रदायिक हिंसा में तब्दील हो गई थी जिसमें 53 लोगों की मौत हुई है और कई घायल हो गये थे।
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https://www.indiatv.in/india/national/amar-jawan-jyoti-is-not-extinguished-but-it-is-being-merged-with-the-burning-flame-at-the-national-war-memorial-2022-01-21-832364
अमर जवान ज्योति बुझी नहीं है, बल्कि नेशनल वॉर मेमोरियल में जल रही लौ में किया जा रहा समाहित
अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में समाहित किया जा रहा है। यह अजीब बात है कि अमर जवान ज्योति की लौ को 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों की याद में प्रज्ज्वलित किया गया था, वहां उन युद्धों में शहीद हुए लोगों के नाम मौजूद नहीं नहीं हैं।
अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलय किया जा रहा है। यह अजीब बात है कि अमर जवान ज्योति की लौ को 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों की याद में प्रज्ज्वलित किया गया था, वहां उन युद्धों में शहीद हुए लोगों के नाम मौजूद नहीं नहीं हैं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल उन चंद शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और आंग्ल-अफगान युद्ध में अंग्रेजों की ओर से युद्ध लड़ा था। इस तरह से यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है। इसलिए नेशनल वॉर मेमोरियल में अमर जवान ज्योति की लौ को समाहित किया जा रहा है। दरअसल, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में 1971 के युद्ध, उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी लड़ी गई लड़ाइयों के भारतीय शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं। इसलिए वहां शहीदों के लिए श्रद्धांजलि स्वरूप जलाई गई ज्योत ही उन शहीदों को सही मायनों अर्पित की गई श्रद्धांजलि है। यह बड़ी विडंबना यह है कि जिन लोगों ने पिछले 7 दशकों तक कोई नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बनाया, वे हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं।बता दें कि, नेशनल वॉर मेमोरियल देश का इकलौता ऐसा स्मारक है जहां ट्राई सर्विस यानी आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के सैनिकों के नाम एक छत के नीचे हैं। नेशनल वॉर मेमोरियल में चार लेयर हैं यानी चार चक्र। सबसे अंदर का चक्र अमर चक्र है जिसमें 15.5 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है जिसमें अमर ज्योति जल रही है। यह ज्योति शहीद सैनिकों की आत्मा की अमरता का प्रतीक है साथ ही एक आश्वासन कि राष्ट्र अपने सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भुलाएगा। दूसरी लेयर है वीरता चक्र, जिसमें आर्मी, एयर फोर्स और नेवी द्वारा लड़ी गई छह अहम लड़ाइयों को बताया गया है। तीसरी लेयर त्याग च्रक में शहीद सैनिकों के नाम हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी। यह नाम 1.5 मीटर की दीवार पर लिखे हैं। सुरक्षा चक्र में 695 पेड़ हैं जो देश की रक्षा में तैनात जवानों को दर्शाते हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national/rajat-sharma-blog-take-action-against-hate-mongers-who-incite-hindus-and-muslims-828632
Rajat Sharma’s Blog: हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत फैलानेवालों के खिलाफ कार्रवाई करें
नफरत फैलाने वाले, मुसलमानों के रहनुमा होने का दावा करें या हिंदुओं की ठेकेदारी का दावा करें, एक्शन दोनों के खिलाफ होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश की सियासत में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के दो हफ्ते पहले दिए गए बयान की काफी चर्चा है। उनका बयान पुराना है लेकिन विवाद नया है। सोशल मीडिया पर ओवैसी के भाषण का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें ओवैसी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों पर पुलिस की ज़्यादती का इल्ज़ाम लगा रहे हैं। उन्होंने राज्य पुलिस को 'मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार' में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी है। ओवैसी ने कहा- 'मैं पुलिस के लोगों से कहना चाहता हूं कि याद रखो मेरी बात, हमेशा योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे। हालात बदलेंगे, फिर कौन बचाने आएगा तुम्हे? जब योगी अपने मठ (गोरखपुर) चले जाएंगे और मोदी पहाड़ों पर चले जाएंगे, फिर कौन बचाने आएगा। आज हम मुसलमान दबाव में खामोश जरूर हैं लेकिन तुम्हारे जुल्म को भूलनेवाले नहीं हैं। हम तुम्हारे जुल्म को याद रखेंगे। अल्लाह अपनी शक्ति से तुम्हें नष्ट कर देगा।' ओवैसी के भाषण के वीडियो को बीजेपी के कई नेताओं ने भी ट्वीटर पर शेयर किया और यह वीडियो वायरल होने लगा। इसके बाद बीजेपी के तमाम नेताओं के बयान भी आए। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि ओवैसी, हिंदुओं को धमकी दे रहे हैं, मुसलमानों को भड़का रहे हैं। चुनावी फायदे के लिए इस तरह के जहरीले बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चुनाव आयोग और यूपी सरकार को ओवैसी के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए। बीजेपी के नेता और यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि ओवैसी, भारत को अफ़ग़ानिस्तान न समझें, यहां तालिबान का राज नहीं है। उन्हें इस तरह की नफरत फैलानेवाली भाषा से बचना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद् के नेता विनोद बंसल ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना से ओवैसी की तुलना कर दी। ओवैसी के बयान पर जब विवाद बढ़ा तो फिर उन्होंने एक के बाद एक दस ट्वीट करके सफ़ाई दी। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। ओवैसी ने, कानपुर के अपने भाषण की दो क्लिप भी शेयर की और लिखा कि, उनकी ओरिजिनल स्पीच के एक हिस्से को काट-छांटकर वायरल किया जा रहा है।उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और उन्हें हिंदू विरोधी बताया जा रहा है। उन्होंने तो अपने भाषण में बस उन मुसलमानों का ज़िक्र किया था जो यूपी में पुलिस के ज़ुल्म के शिकार हुए। ओवैसी ने ट्वीट किया-#HaridwarGenocidalMeet से ध्यान भटकाने के लिए कानपुर में दिए मेरे 45 मिनट के भाषण से एक मिनट का क्लिप प्रसारित किया जा रहा है। मैंने हिंसा के लिए न तो किसी को उकसाया और न ही धमकी दी। मैंने कानपुर के उन पुलिसवालों का जिक्र किया जो यह सोचते हैं कि पीएम मोदी और योगी के चलते उन्हें लोगों की स्वतंत्रता का उल्लंघन करने की छूट है। मैंने कहा कि हमारी चुप्पी को सहमति न समझा जाए। यह मेरा पक्का भरोसा है कि अल्लाह अन्याय की इजाजत नहीं देता है। वह जुल्म करनेवालों को सजा देता है। मैंने कहा-हम पुलिस के इन अत्याचारों को याद रखेंगे। क्या यह आपत्तिजनक है? यह याद दिलाना आपत्तिजनक क्यों है कि यूपी में पुलिस ने मुसलमानों के साथ कैसा व्यवहार किया? 'हम अनस, सुलेमान, आसिफ, फैसल, अल्ताफ, अखलाक, कासिम और सैकड़ों अन्य लोगों पर हुए अत्याचार को भूल नहीं सकते। मैंने अपने भाषण में लोगों से उम्मीद न खोने के लिए कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि चीजें बदल जाएंगी। लोगों को भरोसा दिलाना और आश्वस्त करना कोई अपराध नहीं है कि एक दिन चीजें बेहतर होंगी। मैंने पुलिस से पूछा-मोदी और योगी के रिटायर होने के बाद उन्हें कौन बचाने आएगा? क्या उन्हें लगता है जीवन भर वे ऐसे ही बचे रहेंगे? मैं कानून के शासन में भरोसा करता हूं। हर अपराध में न्याय होगा और हर अपराधी को सजा मिलेगी। असल में ओवैसी ने जो बात कही वो पूरी तरह से मुसलमानों को भड़काने वाली ही थी। उसे किसी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया गया। ओवैसी कह रहे हैं कि वो मुसलमानों पर होने वाले जुल्म की बात कर रहे थे। लेकिन उन्होंने जो जो उदाहरण दिए मैंने उनका पूरा डिटेल मंगवाया। ओवैसी कानपुर देहात के जिस मोहम्मद रफीक की बात कर रहे थे और कह रहे थे कि थाने में उसकी दाढ़ी नोंची गई, मुंह पर पेशाब किया गया था। हकीकत ये है कि यह मामला कानपुर देहात के रसूलाबाद थाने का है। इस इलाके में कंचौसी कस्बे में रफीक अली की बहू ने थानेदार पर इस तरहका इल्जाम लगाया था। लेकिन हकीकत यह है कि रसूलाबाद थाने का दारोगा अधमरी हालात में पड़ा मिला था। जांच के बाद पता लगा कि रफीक अली और उसके साथ आए तीन चार लोगों ने थानेदार पर हमला किया था। थानेदार को पीटा और मरणासन्न हालत में फेंककर भाग गए थे। जब जांच के बाद पुलिस उनके घर पहुंची तो रफीक की बहू ने पुलिस पर आरोप लगाया। इसके तुरंत बाद परिवार फरार हो गया। इसी साल 21 अप्रैल को दारोगा पर हमले को लेकर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन ओवैसी कह रहे हैं कि अस्सी साल के बुजुर्ग के साथ ज्यादती हुई। उन्होंने जो दूसरा उदाहरण दिया वो घटना सही है। कुछ लोगों ने एक मुस्लिम रिक्शे वाले पर हमला किया था। उसकी बच्ची रोती बिलखती दिख रही थी। वह खबर मैंने 'आज की बात में' दिखाई थी। उस केस में पुलिस वालों के खिलाफ एक्शन हुआ था इसलिए यह कहना ठीक नहीं है कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। एक-दो पुलिसवालों की गलती के आधार पर यह कहना ठीक नहीं है कि पूरी यूपी पुलिस ही मुसलमानों की दुश्मन है। ओवैसी को इस तरह के बयानों से सियासी फायदा हो सकता है लेकिन इससे प्रदेश का और देश का बड़ा नुकसान होता है। इस तरह के भाषणों से पूरी दुनिया में देश की बदनामी होती है। देश को बदनाम करने वाली बातें सिर्फ ओवैसी नहीं करते, कुछ भगवाधारी छुटभैय्ये भी इसी तरह की हरकतें करते हैं। 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया। इसमें तमाम साधु-संत जुटे थे। लेकिन इसमें जो भाषण हुए वो पूरी तरह हिन्दुओं को बदनाम करने वाले थे। ओवैसी ने भी अपने बचाव में इसी धर्म संसद में कही गई बातों का जिक्र किया। लेकिन मैं आपको बता दूं कि जिन साधुओं ने मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला था, समाज को बांटने वाली और भड़काऊ बातें कही थीं, उनके खिलाफ एक्शन होगा। उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज दर्ज कर ली है। भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल हरिद्वार में कोई साधु या साध्वी करे या ओवैसी जैसे नेता करें, दोनों की निंदा की जानी चाहिए। नफरत फैलाने वाले, मुसलमानों के रहनुमा होने का दावा करें या हिंदुओं की ठेकेदारी का दावा करें, एक्शन दोनों के खिलाफ होना चाहिए। जो लोगों को आपस में लड़वाएं, खून बहाने की बात करें उनका सम्बंध किसी मजहब से कैसे हो सकता है। आजकल सोशल मीडिया की वजह से ऐसे लोगों की बातें तेजी से फैलती हैं। जो जितना ज्यादा जहर उगलता है उसकी उतनी ही ज्यादा चर्चा होती है। कई बार लोगों की भावनाएं भड़कती हैं और कई बार इस तरह की बयानबाजी की वजह से दंगे होते हैं। इसलिए इस तरह की नफरत फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई में देर नहीं होनी चाहिए। लोगों को भड़काने वालों को तुरंत एक्सपोज भी करना चाहिए। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 24 दिसंबर, 2021 का पूरा एपिसोड
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https://www.indiatv.in/india/national-union-budget-2021-law-ministry-gets-allocation-for-purchases-of-evms-by-ec-769609
बजट 2021: ईवीएम खरीद के लिए मिले 1,005 करोड़ रुपए, पुरानी मशीनें होंगी नष्ट
केंद्रीय बजट 2021 में ईवीएम से जुड़ी बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपीएटीएस खरीदने तथा पुरानी वोटिंग मशीनों को नष्ट करने पर निर्वाचन आयोग को कोष प्रदान करने के लिए विधि मंत्रालय को 1,005 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय बजट में ईवीएम से जुड़ी बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल यूनिट (वीवीपीएटीएस) खरीदने तथा पुरानी वोटिंग मशीनों को नष्ट करने पर निर्वाचन आयोग को कोष प्रदान करने के लिए विधि मंत्रालय को 1,005 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। एक ईवीएम में एक कंट्रोल इकाई, एक बैलेट इकाई और एक वीवीपीएटी या पेपर ट्रेल मशीनें रहती है। निर्धारित प्रावधान के तहत विशेषज्ञ इकाई के निरीक्षण के तहत पुरानी ईवीएम मशीनें को नष्ट कर दिया जाएगा। एक वोटिंग मशीन का औसत काल 15 वर्ष का होता है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ईवीएम का निर्माण करती हैं। मंत्रालय को 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़े खर्च के लिए 100 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं। बजट दस्तावेज में कहा गया कि लोकसभा चुनाव करवाने के दौरान खर्च के मद में इसका प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 7.20 करोड़ रुपये मतदाता पहचान पत्रों के लिए आवंटित किए गए हैं। मतदाता पहचान पत्रों को जारी करने पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्र सरकार के हिस्से से भुगतान किए जाने का प्रावधान है। अन्य चुनावी खर्च मद में मंत्रालय को 57.10 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। दस्तावेज में कहा गया है कि यह प्रावधान राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में सामान्य चुनावी खर्च पर केंद्र सरकार के हिस्से की भरपाई और मतदाता सूची तैयार करने तथा छपाई की लागत के लिए है। इसके अलावा, चुनाव आयोग को 249.16 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह प्रावधान मुख्य रूप से निर्वाचन आयोग के खर्च और आयोग के अतिरिक्त भवन के लिए भूमि और निर्माण पूर्व गतिविधियों के खर्च के संबंध में है। अतिरिक्त भवन द्वारका में बनना है।
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https://www.indiatv.in/india/national-grenade-blast-near-triveni-gate-of-an-army-camp-in-pathankot-824179
पठानकोट: आर्मी कैंप के गेट के सामने ग्रेनेड अटैक, CCTV में कैद हुई घटना
पुलिस सीसीटीवी की मदद से आरोपियों की पहचान की कोशिश कर रही है। फिलहाल पूरे इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन भी चल रहा है।
पठानकोट. पंजाब के पठानकोट में आर्मी कैंप के गेट के सामने ग्रेनेड से हमला किया गया है। बताया जा रहा है कि पठानकोट के धीरापुल के नजदीक स्थित आर्मी कैंप के त्रिवेणी गेट के पास बाइक से आए संदिग्धों ने ग्रेनेड से हमला किया और मौके से फरार हो गए। ग्रेनेड से हमला तब किया गया जब इस इलाके से एक बारात जा रही थी।ग्रेनेड अटैक की घटना आर्मी कैंप के गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे में वारदात कैद हो गई है। मौके पर विस्फोट के बाद ग्रेनेड के टुकड़े बरामद हुए हैं। राहत की बात ये रही कि हमले में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन जिस तरह से सेना के कैंप के गेट के सामने ये हमला किया गया, उसे काफी गंभीर माना जा रहा है।
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https://www.indiatv.in/india/national-india-sent-plane-to-dominica-to-bring-mehul-choksi-793215
भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण दस्तावेज के साथ निजी विमान डोमिनिका भेजा?
‘एंटीगुआ न्यूज रूम’ के मुताबिक कतर एयरवेज का एक निजी विमान डोमिनिका में डगलस-चार्ल्स हवाई अड्डे पर उतरा। जिसके बाद चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर अटकलें लगने लगी हैं।
नई दिल्ली. भारत ने बैंक से कर्ज धोखाधड़ी के मामले में वांछित भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण दस्तावेज के साथ एक निजी विमान को डोमिनिका भेजा है। एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन ने अपने देश में एक रेडियो शो में इस बारे में बताया। भारतीय प्राधिकारों ने इस बारे में हालांकि आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है।‘एंटीगुआ न्यूज रूम’ के मुताबिक कतर एयरवेज का एक निजी विमान डोमिनिका में डगलस-चार्ल्स हवाई अड्डे पर उतरा। जिसके बाद चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर अटकलें लगने लगी हैं। एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हुए चोकसी को पड़ोस के डोमिनिका में पकड़ा गया। ब्राउन ने रेडिशा शो में बताया कि चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए जरूरी दस्तावेज लेकर विमान भारत से आया है।कतर की एक्जीक्यूटिव उड़ान ए7सीईई के सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इस विमान ने 28 मई को तड़के तीन बजकर 44 मिनट पर दिल्ली हवाई अड्डे से उड़ान भरी और उसी दिन स्थानीय समयानुसार दिन में एक बजकर 16 मिनट पर डोमिनिका पहुंचा। चोकसी ने आरोप लगाया है कि एंटीगुआ और भारतीय की तरह दिखने वाले पुलिसकर्मियों ने उसे एंटीगुआ और बारबुडा में जॉली बंदरगाह से अगवा किया और उसे डोमिनिका ले गए।डोमिनिका से चोकसी की एक तस्वीर सामने आयी है जिसमें उसकी आंखे सूजी हुई थीं और उसके हाथ पर खरोंच के निशान थे। चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ रुपये की धनराशि का कथित तौर पर गबन किया। नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है और वह भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है। चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ एंड बारबुडा की नागरिकता ली थी और जनवरी 2018 के पहले हफ्ते में भारत से भाग गया था। इसके बाद ही यह घोटाला सामने आया था। दोनों ही सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-ready-to-agitate-for-10-years-but-won-t-allow-farm-laws-to-be-implemented-rakesh-tikait-815823
भारत बंद से पहले राकेश टिकैत बोले- किसान अपने ट्रैक्टर तैयार रखें, दिल्ली में कभी भी जरूरत पड़ सकती है
राकेश टिकैत ने पानीपत में ‘‘किसान महापंचायत’’ में कहा, ‘‘आंदोलन को दस महीने हो गए। सरकार को कान खोलकर सुनना चाहिए कि अगर हमें दस वर्षों तक आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं।’’
चंडीगढ़: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि पिछले दस महीने से केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान दस वर्षों तक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ‘‘काले’’ कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित देश भर के हजारों किसान पिछले दस महीने से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं और पिछले वर्ष सितंबर में लागू कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।'अपने ट्रैक्टर तैयार रखें, इनकी दिल्ली में कभी भी जरूरत पड़ सकती है'टिकैत ने पानीपत में ‘‘किसान महापंचायत’’ में कहा, ‘‘आंदोलन को दस महीने हो गए। सरकार को कान खोलकर सुनना चाहिए कि अगर हमें दस वर्षों तक आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं।’’ भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता ने कहा कि केंद्र को इन कानूनों को वापस लेना होगा। टिकैत ने संकेत दिए कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो किसान आंदोलन तेज करेंगे। उन्होंने किसानों से कहा कि ‘‘अपने ट्रैक्टर तैयार रखें, इनकी दिल्ली में कभी भी जरूरत पड़ सकती है।’’भारत बंद से पहले हुई महापंचायतसंयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर को आहूत ‘‘भारत बंद’’ से एक दिन पहले यह महापंचायत हुई। आंदोलन के दस महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद बुलाया है। टिकैत ने कहा कि अगर वर्तमान सरकार ने इन कानूनों को वापस नहीं लिया तो आने वाली सरकारों को इसे वापस लेना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों को देश पर शासन करना है उन्हें इन कानूनों को वापस लेना होगा। हम इन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।’’टिकैत ने केंद्र पर बोला हमलाटिकैत ने कहा कि अगर किसान दस महीने से अपने घर नहीं लौटे हैं तो दस वर्षों तक भी आंदोलन कर सकते हैं, लेकिन इन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘उन्होंने गलत जगह पंगा लिया है। अगर उन्हें इन किसानों के मूड के बारे में पता होता तो वे ये काले कानून नहीं लाते। ये किसान इस सरकार को झुकने के लिए बाध्य कर देंगे।’’टिकैत ने युवा किसानों से सोशल मीडिया का पूरा इस्तेमाल करने की अपील कीटिकैत ने युवा किसानों से अपील की कि इन कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को मजबूती देने में सोशल मीडिया का पूरा इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि दुष्प्रचार का विरोध करने की उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है जो आंदोलन को बदनाम करने के लिए कभी-कभी फैलाया जा रहा है। कार्यक्रम के बाद पानीपत में संवाददाताओं से हरियाणा बीकेयू (चढ़ूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो उन्हें आंदोलन तेज करना होगा। उन्होंने समाज के सभी तबकों से ‘भारत बंद’ को सफल बनाने की अपील की।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/noida-police-stopped-namaz-in-park-due-to-section-144-826724
यूपी पुलिस ने पार्क में नमाज पढ़ने पहुंचे लोगों को लौटाया, मजार में की गई इबादत
प्रवक्ता ने बताया कि जनपद में धारा 144 लागू है तथा सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है।
नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में थाना सेक्टर 24 क्षेत्र के सेक्टर 54 स्थित खरगोश पार्क में शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने पहुंचे सैकड़ों लोगों को पुलिस ने वहां से लौटा दिया। पुलिस ने इसकी जगह पार्क के पास बने मजार में नमाज पढ़ने की अनुमति दी। पुलिस के प्रवक्ता पंकज कुमार ने बताया कि सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक गतिविधियां करने की अनुमति नहीं है। जनपद में धारा 144 लागू है। उन्होंने बताया कि सेक्टर 54 स्थित खरगोश पार्क में सेक्टर 57, 58 59, और 60 की फैक्टरियों में काम करने वाले लोग नमाज पढ़ने आते हैं।‘धीरे-धीरे हजारों में हो गई पार्क में नमाज पढ़ने वालों की संख्या’पंकज कुमार ने बताया कि धीरे-धीरे पार्क में नमाज पढ़ने वालों की संख्या हजारों में हो गई। प्रवक्ता ने बताया कि जनपद में धारा 144 लागू है तथा सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है, इसलिए पुलिस ने नमाज पढ़ने आए लोगों को वहां से लौटा दिया। उन्होंने बताया कि नमाज पढ़ने के लिए धार्मिक स्थल चिन्हित है। लोगों से अपील की गई कि वे वहीं पर जाकर नमाज पढ़ें।‘खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’बता दें कि इससे पहले गुरुग्राम में खुले स्थानों पर जुमे की नमाज अदा करने पर कई हिंदू संगठनों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा को ‘बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ खट्टर ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन के खुले स्थानों पर नमाज के लिए कुछ स्थानों को आरक्षित करने का पूर्व निर्णय वापस ले लिया गया है और राज्य सरकार अब इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेगी।‘किसी को दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए’मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में खुले स्थानों पर नमाज अदा करने पर कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा उठाई गई आपत्तियों को लेकर एक सवाल के जवाब में गुरुग्राम में कहा, ‘यहां खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन हम सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेंगे। सभी को सुविधा मिलनी चाहिए लेकिन किसी को भी दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।’
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https://www.indiatv.in/india/national-pranab-mukherjee-has-served-the-country-in-many-roles-with-diligence-and-determination-jp-nadda-737678
प्रणब मुखर्जी ने परिश्रम और दृढ़ संकल्प के साथ कई भूमिकाओं में देश की सेवा की: जेपी नड्डा
उन्होंने परिश्रम और दृढ़ संकल्प के साथ कई भूमिकाओं में देश की सेवा की है। वह अपनी बुद्धि और दृढ़ता के लिए सभी पक्षों में व्यापक रूप से प्रशंसित रहे। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदना।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया। जेपी नड्डा ने उनके निधन पर कहा कि पूर्व राष्ट्रपति और राजनेता प्रणब मुखर्जी के निधन से बुहत दुख हुआ। उन्होंने परिश्रम और दृढ़ संकल्प के साथ कई भूमिकाओं में देश की सेवा की है। वह अपनी बुद्धि और दृढ़ता के लिए सभी पक्षों में व्यापक रूप से प्रशंसित रहे। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदना। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। 84 वर्षीय प्रणब मुखर्जी दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती थे, इसी महीने उनकी ब्रेन सर्जरी हुई थी। कुछ दिन पहले उनके फेफड़े में इंफेक्शन बढ़ने से उनको वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता था, 11 दिसंबर, 1935 को प्रणब मुखर्जी का जन्म मिराती, पश्चिम बंगाल में हुआ था। प्रणब मुखर्जी के पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी और माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी है। प्रणब मुखर्जी की पत्नी का नाम सुरवा मुखर्जी है। इनका विवाह सन 1957 में हुआ था। इनके 3 बच्चे अभिजित (बेटा), शर्मिष्ठ (बेटी) और इन्द्रजीत (बेटा) है। अपने करियर की शुरुवात प्रणब मुखर्जीजी ने पोस्ट एंड टेलेग्राफ़ ऑफिस से की थी जहां वे एक क्लर्क थे। सन 1963 में विद्यानगर कॉलेज में वे राजनीती शास्त्र के प्रोफेसर बन गए और साथ ही साथ देशेर डाक में पत्रकार के रूप में कार्य करने लगे।प्रणब मुखर्जी ने राजनीतिक सफर की शुरुवात 1969 में की, वे कांग्रेस का टिकट प्राप्त कर राज्यसभा के सदस्य बने। थोड़े ही समय में इंदिरा जी के चहेते बन गए थे, सन 1973 में इंदिरा जी के कार्यकाल के दौरान वे औद्योगिक विकास मंत्रालय में उप-मंत्री बन गए। सन 1975-77 में आपातकालीन स्थिति के दौरान प्रणब मुखर्जी पर बहुत से आरोप भी लगाये गए, लेकिन इंदिरा जी की सत्ता आने के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल गई।वर्ष 2012 से 2018 तक प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद की गरिमा बनाये हुए थे। प्रणब जी भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले मनमोहन सिंह की सरकार में वित्त मंत्री बने थे। प्रणब जी भारत के आर्थिक मामलों, संसदीय कार्य, बुनियादी सुविधाएं व सुरक्षा समिति में वरिष्ठ नेता रहे हैं। प्रणब मुखर्जी प्रोफेसर भी रहे, उन्होंने 1963 में पश्चिम बंगाल के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस छात्रों को पढ़ाया था। प्रणब मुखर्जी ने स्थानीय बंगाली समाचार पत्र देशर डाक में बतौर पत्रकार भी काम किया था। शायद कम लोग ही जानते हैं कि राजनीती में प्रणब मुखर्जी को इंदिरा गांधी लेकर आई थीं और उन्होंने ही राज्यसभा का सदस्य बनने में प्रणब का मार्गदर्शन किया था। प्रणब मुखर्जी अपनी तरह के एकलौते वित्तमंत्री हुए थे जिन्होंने सात बार बजट पेश किया था, इसके लिए उन्हें 1984 में यूरोमनी मैग्जीन द्वारा दुनिया का सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री भी घोषित किया गया था। प्रणब मुखर्जी देश के उन राष्ट्रपतियों में से एक थे, जिन्होंने कई दया याचिकाएं खारिज की थीं। प्रणब ने 7 दया याचिकाओं को खारिज किया था। जिनमें अफजल गुरु और अजमल कसाब की भी दया याचिका शामिल थी।इतना ही नहीं, प्रणब का बच्चों, छात्रों और जिज्ञासु युवाओं के प्रति खासा झुकाव था। उन्होंने इसका एक सबूत साल 2015 में दिया था जब शिक्षक दिवस के मौके पर 5 सितंबर को स्कूल के बच्चों को उन्होंने राजनीति शास्त्र पढ़ाकर इतिहास बनाया था। एक समय ऐसा भी आया था जब प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, इंदिरा गांधी के निधन के बाद प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। प्रणब ने तब कांग्रेस छोड़ कर अपनी राजनीतिक पार्टी 'राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी' बनाई थी।
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https://www.indiatv.in/india/national/cbi-s-credibility-under-deep-public-scrutiny-credibility-under-questions-says-cji-nv-ramana-2022-04-01-842505
"CBI की साख गहरी सार्वजनिक जांच के घेरे में, विश्वसनीयता पर सवाल," बोले भारत के मुख्य न्यायाधीश
सीजेआई ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विश्वसनीयता समय बीतने के साथ सार्वजनिक जांच के घेरे में आ गई है क्योंकि इसकी कार्रवाई और निष्क्रियता ने कुछ मामलों में सवाल खड़े किए हैं।
नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने शुक्रवार को एक बेहद महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। सीजेआई ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विश्वसनीयता समय बीतने के साथ सार्वजनिक जांच के घेरे में आ गई है क्योंकि इसकी कार्रवाई और निष्क्रियता ने कुछ मामलों में सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अलग-अलग जांच एजेंसियों को एक तंत्र के नीचे लाने के लिए एक ‘‘स्वतंत्र शीर्ष संस्था’’ बनाने का भी आह्वान किया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जब CBI की बात आती है तो शुरुआती चरण में इस पर जनता का काफी भरोसा था। वास्तव में, न्यायपालिका को सीबीआई को जांच के स्थानांतरण के कई अनुरोध मिलते थे क्योंकि यह निष्पक्षता और स्वतंत्रता का प्रतीक था।’’ न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘जब भी नागरिकों को अपने राज्य की पुलिस के कौशल और निष्पक्षता पर संदेह हुआ, उन्होंने सीबीआई से जांच कराने की मांग की क्योंकि वे चाहते थे कि न्याय किया जाए। लेकिन, समय बीतने के साथ हर प्रतिष्ठित संस्था की तरह, CBI भी गहरी सार्वजनिक जांच के घेरे में आ गई है। इसके कार्यों और निष्क्रियता ने कुछ मामलों में इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं।’’ दरअसल, प्रधान न्यायाधीश सीबीआई के 19वें डीपी कोहली स्मृति व्याख्यान में ‘‘लोकतंत्र: जांच एजेंसियों की भूमिका और जिम्मेदारियां’’ विषय पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि CBI, गंभीर घोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO), प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी विभिन्न एजेंसियों को एक छत के नीचे लाने के लिए संयुक्त संस्था के गठन की तत्काल आवश्यकता है।’’ न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि निकाय को ‘‘एक कानून के तहत बनाया जाना चाहिए’’ जो स्पष्ट रूप से इसकी शक्तियों, कामों और कर्तव्यों को परिभाषित करे। उन्होंने कहा, ‘‘संस्था के प्रमुख को विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ प्रतिनियुक्तियों द्वारा सहायता प्रदान की जा सकती है। यह संस्था कार्यवाही के दोहराव को समाप्त करेगी।’’ मुख्य न्यायाधीश रमण ने कहा, ‘‘इन दिनों ऐसे कई उदाहरण हैं जब एक मामले की कई एजेंसियों द्वारा जांच की जाती है, जिससे अक्सर सबूत कमजोर पड़ जाते हैं, बयानों में विरोधाभास आता है। यह संस्थाओं को परेशान करने के उपकरण के रूप में दोषी ठहराए जाने से भी बचाएगा।’’ न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि पुलिस और जांच एजेंसियों के पास वास्तविक वैधता हो सकती है, लेकिन फिर भी संस्थाओं के रूप में उन्हें अभी भी सामाजिक वैधता हासिल करनी है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए और अपराध की रोकथाम पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें समाज में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए जनता के सहयोग से भी काम करना चाहिए।’’ न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि एक संस्था के रूप में सीबीआई के पास कई उपलब्धियां हैं और इस प्रक्रिया में उसके कई कर्मियों ने अपने स्वास्थ्य और जीवन को खतरे में डाल लिया है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘कुछ ने तो सर्वोच्च बलिदान भी दिया है। इन सबके बावजूद यह विडंबना ही है कि लोग निराशा के समय पुलिस के पास जाने से कतराते हैं। भ्रष्टाचार, पुलिस ज्यादती, निष्पक्षता की कमी और राजनीतिक वर्ग के साथ घनिष्ठता के आरोपों से पुलिस की संस्था की छवि खेदजनक रूप से धूमिल हुई है।’’ न्यायमूर्ति रमण ने सीबीआई के संस्थापक निदेशक डी पी कोहली को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह एक अनुकरणीय अधिकारी थे। उन्होंने कहा, ‘‘कोहली अपने साहस, दृढ़ विश्वास और उल्लेखनीय दक्षता के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी दृष्टि ने सीबीआई को भारत की प्रमुख जांच एजेंसी में बदल दिया। उनकी निर्विवाद सत्यनिष्ठा के किस्से दूर-दूर तक सुनाए गए।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-goa-flood-like-situation-several-rivers-in-spate-after-heavy-rains-803675
गोवा के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात, भारी बारिश के बाद कई नदियां उफान पर
गोवा के उत्तर में सत्तारी और बिचोलिम तहसील तथा दक्षिण में धारबंदोरा समेत कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के बाद कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से कई घर डूब गए हैं।
पणजी: गोवा के उत्तर में सत्तारी और बिचोलिम तहसील तथा दक्षिण में धारबंदोरा समेत कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के बाद कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से कई घर डूब गए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने बताया कि इसके चलते अभी तक किसी की मौत होने की जानकारी नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सत्तारी तहसील के कम से कम 100 घर, पिछले एक हफ्ते से हो रही भारी बारिश के बाद महादयी नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते बृहस्पतिवार रात से डूबे हुए हैं।” उन्होंने बताया, “कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन बाढ़ जैसी स्थिति है। जिन लोगों के घर पूरी तरह पानी में डूब गए हैं, वे खुद से सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।” प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सत्तारी में वालपोई कस्बे के पास स्थित वेलस गांव लगभग आधा पानी में डूबा हुआ है जबकि कई अन्य गांवों तक संपर्क टूट गया है क्योंकि सड़कें एवं पुलिया पानी में डूबी हुई हैं। वालपोई के विधायक एवं राज्य के मंत्री विश्वजीत राणे ने ट्विटर पर कहा, “निरंतर एवं भारी बारिश के चलते, महादयी नदी में प्रवाह बढ़ गया है। पानी वालपोई के विभिन्न हिस्सों में घुस गया है। जिलाधिकारियों को सत्तारी एवं उसगाव में आपदा प्रबंधन दल को तैयार रखने के लिए आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।” उन्होंने कहा, “लोगों के घरों में पानी घुस गया है जिससे बहुत नुकसान हो रहा है। हमारे लिए अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। आपदा प्रबंधन टीम की मदद से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा।” अधिकारियों ने बताया कि बिचोलिम तहसील में संखालिम कस्बे के पास, वलवंती और सखाली नदियों में भी पानी बढ़ गया है और वे खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि बिचोलिम में हरवलम में और उसके आस-पास रह रहे लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है क्योंकि वहां बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है। इसी तरह की स्थिति दक्षिण गोवा के धारबंदोरा तहसील में मोल्लेम गांव के आस-पास भी दिख रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को चेतावनी जारी कर कहा था कि बंगाल की खाड़ी में हवा के परिसंचरण से कम दबाव वाला क्षेत्र बन सकता है जिससे गोवा में और बारिश होगी। बुधवार तक, तटीय राज्य में जारी मानसून के मौसम के दौरान 1,998.3 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि औसतन यह 1,612.7 मिमी रहती है। राज्य का मत्स्य विभाग स्थानीय मछुआरों को तेज हवाओं के कारण समुद्र में न जाने की चेतावनी पहले ही जारी कर चुका है।
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https://www.indiatv.in/india/national-researchers-identify-medication-helpful-to-prevent-corona-virus-infection-from-getting-serious-793439
शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस संक्रमण को गंभीर होने से रोकने में मददगार दवा की पहचान की
वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नयी दवा की पहचान की है जो सार्स-सीओवी2 से संक्रमित चूहों को कोविड-19 के कारण गंभीर रूप से बीमार होने से रोकने में मददगार साबित हुई है और यह श्वसन संबंधी अन्य कोरोना वायरस के उपचार में भी सहायक है।
नयी दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नयी दवा की पहचान की है जो सार्स-सीओवी2 से संक्रमित चूहों को कोविड-19 के कारण गंभीर रूप से बीमार होने से रोकने में मददगार साबित हुई है और यह श्वसन संबंधी अन्य कोरोना वायरस के उपचार में भी सहायक है। साइंस इम्यूनोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि ‘डाईएबीजेडआई’ नामक दवा शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय कर देती है जो प्रतिरक्षा की अग्रिम पंक्ति होती है।अमेरिका में पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सारा चैरी ने बताया, ‘‘इसमें यह पहली बार बताया गया कि एक ही खुराक से प्रतिरोधक क्षमता को समय रहते सक्रिय कर देने से वायरस पर काबू पाने में काफी मदद मिलती है। यह वायरस के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप B.1.351 के खिलाफ भी कारगर है, जो दुनियाभर में चिंता का विषय बना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सार्स-सीओवी 2 तथा रोग पर काबू पाने के लिए प्रभावी एंटी वायरल विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि वायरस के एक के बाद एक खतरनाक स्वरूप पैदा होते जा रहे हैं।’’ संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा की पहली पंक्ति श्वसन तंत्र की रोग प्रतिरोधक प्रणाली वायरस की पहचान करती है। सबसे पहले शोधकर्ताओं ने इसे और बेहतर तरीके से समझने के प्रयास के दौरान पाया कि वायरस छिपने में सक्षम है जिससे प्रतिरोधक क्षमता द्वारा इसकी समय रहते पहचान करने और इस पर प्रतिक्रिया देने में विलंब हो जाता है। शोधकर्ताओं के दल ने पाया कि दवा श्वसन तंत्र की कोशिकाओं में प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर सकती है और सार्स-सीओवी2 संक्रमण को गंभीर होने से रोकती है। उन्होंने अनेक दवाओं का परीक्षण किया तथा उसमें से ‘डाईएबीजेडआई’ को प्रभावी पाया। अभी इस दवा का क्लिनिक परीक्षण कुछ प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए चल रहा है। सार्स-सीओवी2 से पीड़ित एक चूहे को जब यह दवा दी गई तो उसके वजन में कमी आने की परेशानी घटी और उसके फेफड़ों में संक्रमण में भी काफी कमी आई।
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https://www.indiatv.in/india/national-singhu-border-lynching-3-accused-sent-to-police-remand-2-sits-conducting-probe-819307
सिंघू बॉर्डर हत्याकांड: 3 आरोपी पुलिस रिमांड में भेजे गये, जांच में जुटी SIT की 2 टीम
सिंघू बॉर्डर के पास किसानों के प्रदर्शन स्थल पर एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन लोगों को सोनीपत की एक अदालत ने छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
चंडीगढ़: सिंघू बॉर्डर के पास किसानों के प्रदर्शन स्थल पर एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन लोगों को सोनीपत की एक अदालत ने 6 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। हरियाणा पुलिस ने घटना की जांच के लिए दो विशेष जांच टीमें (एसआइटी) गठित की हैं। सिख निहंग संप्रदाय के एक मुख्य सदस्य नारायण सिंह को दो अन्य निहंगों (गोविंदप्रीत सिंह और भगवंत सिंह) के साथ फतेहगढ़ साहिब से गिरफ्तार किया गया था।उन्होंने लखबीर सिंह नाम के मजदूर की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना के सिलसिले में सोनीपत पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। उन तीनों सिख निहंगों को सोनीपत में एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।एक एसआईटी का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मयंक गुप्ता कर रहे हैं जो खारखोडा, सोनीपत के सहायक पुलिस अधीक्षक हैं। वह विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर वायरल हुए घटना के वीडियो की जांच करेंगे, जबकि सोनीपत के पुलिस उपाधीक्षक वीरेंदर सिंह घटना की संपूर्ण जांच करेंगे।सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच के पास बीते शुक्रवार को हुई लखबीर सिंह नाम के शख्स की बेरहमी से हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों ने जज के सामने कबूला कि उन्होंने ही लखबीर सिंह की हत्या की है। इस दौरान ओरापी निहंग नारायण सिंह ने कहा कि मैंने पैर काटा था, तो भगवंत सिंह और गोविंद सिंह ने उसे लटकाया था। इस हत्या की जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा उड़ना दल ने ली है। हाल ही में इस दल के पंथ अकाली बलविंदर सिंह ने बताया था कि मृतक ने उनके धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की। अगर कोई फिर से ऐसा करेगा तो उसके साथ भी इसी तरह का व्यवहार किया जाएगा। मतृक लखबीर सिंह के परिवार ने की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांगपंजाब के तरन तारन जिले में लखबीर सिंह का परिवार सदमे में है और उन्होंने कहा कि वह कभी पवित्र ग्रंथ की बेअदबी नहीं कर सकते। सरबजीत के दावों पर सवाल उठाते हुये मृतक की पत्नी जसप्रीत कौर और उसकी बहन राज कौर ने कहा कि लखबीर सिंह का ‘‘पवित्र पुस्तक गुरू ग्रंथ साहिब के प्रति असीम आदर था।’’ जसप्रीत ने कहा, ‘‘ईश्वर में उनका (लखबीर) पूरा भरोसा था। वह पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के बारे में सोच भी नहीं सकते, जब भी वह गुरद्वारा जाते तो वह अपने परिवार और समाज की भलाई के लिये प्रार्थना करते थे।’’ उन्होंने कहा कि लखबीर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, और कभी उनके चरित्र पर किसी ने सवाल नहीं उठाया। मृतक के परिवार ने सच्चाई सामने लाने के लिये पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की ।
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https://www.indiatv.in/india/national-condition-of-tamil-nadu-agriculture-minister-infected-with-coronavirus-is-critical-hospital-751148
कोरोना वायरस से संक्रमित तमिलनाडु के कृषि मंत्री की हालत गंभीर: अस्पताल
कोरोना वायरस से संक्रमित तमिलनाडु के कृषि मंत्री आर दोराइक्कन्नू की हालत बेहद ही गंभीर है। यह जानकारी उनका इलाज कर रहे अस्पताल ने शनिवार को दी। अस्पताल ने बताया कि 72 वर्षीय मंत्री के सभी प्रमुख अंगों के काम करने की क्षमता में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
चेन्नई: कोरोना वायरस से संक्रमित तमिलनाडु के कृषि मंत्री आर दोराइक्कन्नू की हालत बेहद ही गंभीर है। यह जानकारी उनका इलाज कर रहे अस्पताल ने शनिवार को दी। अस्पताल ने बताया कि 72 वर्षीय मंत्री के सभी प्रमुख अंगों के काम करने की क्षमता में उल्लेखनीय गिरावट आई है। कावेरी अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉ.अरविंदन सेल्वराज ने स्वास्थ्य बुलेटिन में बताया कि मंत्री को जीवनरक्षक प्रणाली पर रखने के बावजूद उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। दोराइक्कन्नू को 13 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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https://www.indiatv.in/india/national/rajat-sharma-s-blog-gyanvapi-mosque-how-shivling-was-found-inside-wazukhana-ablution-pond-2022-05-17-851468
Rajat Sharma's Blog | ज्ञानवापी मस्जिद : वजूखाने के अंदर कैसे मिला शिवलिंग
हिंदू पक्ष के वकीलों का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग पानी में डूबा हुआ था। उसके चारों तरफ एक नौ इंच की दीवार बनाई गई थी।
काशी में बाबा विश्वनाथ का सैकड़ों साला पुराना शिवलिंग मिल गया। मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा बनाई गई ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना से सदियों पुराना शिवलिंग जैसा विशाल पत्थर मिलने से शिवभक्तों में जबरदस्त उत्साह है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन सोमवार को वाराणसी में 'हर-हर महादेव' के नारे लगाने वाले भक्तों के साथ हिंदू समुदाय में खुशी का माहौल है। ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की मौजूदगी से इस सर्वे में एक बड़ा ट्विस्ट आ गया है।हिंदू पक्ष के वकीलों का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग पानी में डूबा हुआ था। उसके चारों तरफ एक नौ इंच की दीवार बनाई गई थी। दीवार दिखने में ऐसी थी जैसे वजू के लिए बने तालाब में फव्वारा लगा हो। लेकिन ये फव्वारा नहीं था । यह शिवलिंग को कवर करने के लिए या छुपाने के लिए दीवार बनाई गई थी और फिर इसमें पानी भर दिया गया। वर्षों से कोई तालाब के बीच में कभी गया नहीं इसलिए शिवलिंग के अस्तित्व का पता नहीं चला। लेकिन अदालत के आदेश पर कोर्ट कमिश्नर्स की मौजूदगी में शिवलिंग एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया। इस पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई। जिस वक्त यह शिवलिंग मिला उस वक्त अदालत में याचिका दाखिल करने वाली पांचों महिलाएं, उनके वकील, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के नुमाइंदें, मुस्लिम पक्ष के वकील और वाराणसी के बड़े अफसर वहां मौजूद थे। हालांकि मुस्लिम पक्ष के लोग इस दावे को गलत बता रहे हैं। लेकिन जब सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को इस बात की जानकारी दी गई तब उन्होंने तुरंत ज्ञानवापी परिसर के उस क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया और कहा कि वहां किसी को जाने की इजाजत न दी जाए । मंगलवार को भारी पुलिस बल के बीच स्थानीय मुस्लिमों ने इस मस्जिद के अंदर शांतिपूर्वक नमाज अदा की। वहीं कोर्ट के द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिनों का समय मांगा है। इस मामले के प्रतिवादियों में से एक अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद (एआईएम) के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने याचिकाकर्ता राखी सिंह के वकील हरिशंकर जैन पर तालाब के अंदर एक फव्वारे के एक हिस्से को 'शिवलिंग' के रूप में पारित कराने का आरोप लगाया। मस्जिद कमिटी के वकील अभयनाथ यादव ने कहा- 'मैं यह देखकर हैरान हूं कि याचिकाकर्ताओं के वकील दावा कर रहे हैं कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर एक शिवलिंग पाया गया जबकि सच्चाई यह है कि कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने अभी तक अपनी रिपोर्ट जमा भी नहीं की है।'सोमवार को हिंदू भक्तों में खुशी का माहौल रहा। याचिकाकर्ता राखी सिंह के वकील हरिशंकर जैन ने 'शिवलिंग' मिलने को एक बहुत अहम सबूत बताया और कोर्ट से इसकी सुरक्षा के लिए पूरे क्षेत्र को सील करने का अनुरोध किया। उन्होंने उस परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने और नमाजियों की संख्या को एक बार में 20 तक सीमित करने की भी मांग की। हिंदू पक्ष के वकीलों में से एक डॉ. सोहन लाल आर्य ने कहा, ‘बाबा मिल गए। जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ..इशारों में पूरी बात समझ लीजिए'।वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने कहा कि चूंकि वजूखाना में पहले से ही स्टील एंगल और जाली की बाड़ लगी है और तीन जगहों से एंट्री प्वाइंट बने हुए हैं, इसलिए स्थानीय प्रशासन को इस एरिया को सील करने के लिए किसी तरह के अतिरिक्त प्रयास में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि पास ही में सीआरपीएफ का वॉच टावर लगाया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश स्थानीय अदालत ने तब दिया था जब पांच हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं ने ज्ञानवापी परिसर की बाहरी दीवार के साथ देवी श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की रोजाना पूजा करने का अधिकार मांगा था। हिंदू पक्ष के वकील डॉ. सोहन लाल आर्य ने कहा, 'हमें हमारे बाबा मिल गए. जिनका इंतजार नंदी महाराज सैकड़ों साल से कर रहे थे'।यह कहे जाने पर कि मुस्लिम पक्ष इस दावे को काल्पनिक बता रहा है, उन्होंने कहा, 'अब सब कुछ पता चल गया है। जितनी उम्मीद की थी, उससे कहीं ज्यादा सबूत हमारे पास हैं...आज का दिन हमारे लिए बड़ा है। शिवलिंग मिलते ही पूरा परिसर 'हर-हर महादेव' से गूंज उठा। लोग नाचने लगे... अब हम 75 फीट लंबी और 30 फीट चौड़ी जो पश्चिमी दीवार है और श्रृंगार गौरी के सामने 15 फीट ऊंचे मलबे की जांच के लिए एक आयोग की मांग करेंगे। उस मलबे में निश्चित तौर पर हमें शिलाखंड, देवी-देवताओं की प्रतिमा का जो है ध्वंस है..वो सब का सब मिलेगा।'जैसे ही वकीलों का यह दावा सामने आया तो देश भर में करीब 450 साल पहले औरंगजेब के शासन के दौरान जो हुआ था, उसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। साढ़े चार सौ साल पहले का इतिहास एक बार फिर सामने आ गया। दावा किया गया कि चार फीट व्यास का शिवलिंग खोज लिया गया है, लेकिन जमीन के अंदर यह कितना दब गया है, इसका फिलहाल कोई अंदाजा नहीं है। लेकिन इतना तो तय है कि वजूखाने के बीचों-बीच पानी के अंदर कीचड़ में धंसा शिवलिंग मिला है। सर्वे टीम के एक अन्य सदस्य सदस्य विष्णु जैन ने बताया कि नमाज से पहले वजू के लिए आने वाले नमाजियों ने शिवलिंग को पानी में डूबा हुआ जरूर देखा होगा क्योंकि पानी का लेवल कभी-कभार नीचे चला जाता है। कोर्ट की तरफ से नियुक्त कमिश्नरों ने करीब 250 जीबी की वीडियोग्राफी पूरी कर ली है। जब आप सर्वे टीम के सदस्य आरपी सिंह की बात सुनेंगे तो सारी तस्वीर बिल्कुल साफ हो जाएगी। हिन्दू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी परिसर के बाहर जो नंदी की मूर्ति है उसके ठीक सामने काशी विश्वनाथ का प्राचीन शिवलिंग था। कल जो शिवलिंग मिला है वह बिल्कुल नंदी के ठीक सामने 83 फीट की दूरी पर मिला है और इस जगह पर फिलहाल मस्जिद का वजूखाना है। आमतौर पर शिव मंदिरों में शिवलिंग से इतनी ही दूरी पर नंदी की मूर्ति होती है। जहां तक फव्वारे की बात कही जा रही है तो आरपी सिंह ने बताया कि वह शिवलिंग ही है। उन्होंने कहा कि पहले सर्वे टीम को भी यही लगा था कि ये फव्वारा है लेकिन फव्वारे का कहीं कोई पानी से कनेक्शन नहीं था। शिवलिंग छिपाने के लिए फव्वारे जैसी दीवार को बनाया गया था। दो दिनों के बाद अदालत में पेश की जानेवाली सर्वे रिपोर्ट से उन सबूतों का भी पता चलेगा जो तहखाने में पाए गए। एक अन्य वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि जब वजूखाने से पानी को निकाला गया तब वहां दरवाजे जैसी चीज नजर आ रहा थी..लेकिन सर्वे कमीशन को तोड़फोड़ करने की इजाजत नहीं होती इसलिए फिलहाल उस जगह को छोड़ दिया गया है। एतिहासिक तथ्य तो ये है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मजिस्द बनवाई गई। काशी विश्वनाथ की पौराणिकता इतिहास की किताबों से भी पुरानी है। स्कन्द पुराण और शिवपुराण में इसका वर्णन है। आधुनिक इतिहासकारों के पास भी एक हजार साल पुराना अभिलेख है जिसके आधार पर दावा किया जाता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के मूल स्वरूप को 1194 में मोहम्मद गौरी के सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने तुड़वा दिया था। इसके बाद 1230 में गुजरात के एक व्यापारी ने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। इसके बाद कई बार इस मंदिर को तोड़ा गया और कई बार इसे फिर से बनवाया गया। हालांकि ज्ञानवापी मस्जिद किसने बनवाई इसको लेकर इतिहासकारों के मत अलग-अलग हैं।लेकिन इस बात को सब मानते हैं कि काशी विश्वनाथ मंदिर के मौजूदा स्वरूप का निर्माण 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। मंदिर में सोने के जो 3 गुंबद हैं, वो 1839 में पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने लगवाए थे। आज भी ज्ञानवापी मस्जिद को देखने के बाद कोई भी यही कहेगा कि मंदिर तोड़कर इसे बनाया गया है। यही वजह है कि कोई भी मुस्लिम नेता या पैरोकार यह नहीं कह रहा है कि वहां मदिर नहीं था। सब यह कह रहे हैं कि वहां क्या था इससे मतलब नहीं है, मतलब इस बात से है कि आज वहां क्या है। ज्यादातर मुस्लिम नेता 1991 के धार्मिक पूजा स्थल अधिनियम (Religious Worship Act) का हवाला दे रहे हैं। इसमें कहा गया है कि अयोध्या को छोड़कर आजादी के वक्त जहां जो धार्मिक स्थल जैसा था, वो वैसा रहेगा। अब उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा और उसे कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जाएगा।ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के तुरंद बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया: 'दिसंबर1949 में बाबरी मस्जिद में जो हुआ था, यह उस अध्याय की पुनरावृति है। यह आदेश अपने आप में मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को बदल देता है। यह 1991 के एक्ट का उल्लंघन है। ऐसी मेरी आशंका थी और यह सच हो गया।' उन्होंने कहा-'ज्ञानवापी मस्जिद थी...है.. और कयामत तक रहेगी'। ओवैसी ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद के इस दावे को दोहराया कि परिसर से शिवलिंग नहीं मिला है बल्कि यह फव्वारे का हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'वे अब मस्जिदों में भगवान ढूंढ रहे हैं, इसलिए वे हमारी मस्जिदों के पीछे पड़े हुए हैं। पहले उन्होंने अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराई और अब ज्ञानवापी। वे हमें उन सभी मस्जिदों की सूची दें, जिन्हें वे ध्वस्त करना चाहते हैं।'केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने औवैसी और महबूबा मुफ्ती को जवाब दिया। हालांकि गिरिराज ने कहा कि मैं ज्यादा ना बोलूं तभी ठीक रहेगा। अगर बोला तो ओबैसी और महबूबा की जुबान बंद हो जाएगी। गिरिराज सिंह ने कहा कि जब मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं तो भगवान मस्जिदों में ही मिलेंगे। लेकिन अब एक बार फिर कानून का राज है और हिन्दुओं को न्याय मिल रहा है।असदुद्दीन ओवैसी और महबूबा मुफ्ती ने जो कहा वो उनकी पॉलिटिकल लाइन है लेकिन वो जो कह रहे हैं वो एक जनरल बात है। उनका आरोप है कि बीजेपी के लोग जानबूझ कर मस्जिदों को लेकर विवाद खड़े कर रहे हैं, वो मस्जिदों के पीछे पड़ गए हैं। लेकिन अगर खासतौर पर ज्ञानवापी केस की बात करें तो ये सियासी तर्क कमजोर दिखाई देते हैं। ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में सर्वे कराने का फैसला कोर्ट का है। अदालत के आदेश पर सर्वे हुआ, किसी सरकार या बीजेपी के कहने पर नहीं। औवेसी ने 1991 में बने कानून का भी जिक्र किया जिसके मुताबिक 1947 से पहले जो धार्मिक स्ट्रक्चर जैसा था वैसा ही रहेगा। उसके नेचर में कोई बदलाव नहीं होगा। इसमें दो बातें हैं। पहली बात ये है कि 1991 से पहले यानि 1947 से लेकर 1991 तक ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की रोज पूजा होती थी। 1991 में इस पर पाबंदी लगी। फिर बाद में एक दिन पूजा की इजाजत मिली। अगर इसे कानून के लिहाज से देखा जाए तो 1947 के बाद की स्थिति बहाल रहनी चाहिए, यानि वहां रोज श्रृंगार गौरी की पूजा होनी चाहिए। दूसरी बात ये है कि ओवैसी कानून को लेकर भी आधी बात बता रहे हैं। उनकी बात आधी सही है। बीजेपी के नेताओं ने कहा कि औवैसी ये बताना भूल गए कि इसी कानून में कुछ छूट भी (Exemptions) है। वो छूट ये है कि अगर कोई स्ट्रक्चर 100 साल से भी ज्यादा पुराना है तो वो इस कानून के दायरे से बाहर होगा। ज्ञानवापी मस्जिद में जो शिवलिंग मिला है उसके बारे में दावा है कि साढ़े चार सौ साल पुराना है। अगर ये बात साबित हो जाती है तो फिर यह स्ट्रक्चर 1991 के कानून के दायरे से बाहर होगा। लेकिन मुझे लगता है कि इस मामले में सियासत तो होगी। उसे कोई नहीं रोक सकता। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 16 मई, 2022 का पूरा एपिसोड
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https://www.indiatv.in/india/national-facebook-statement-on-rahul-gandhi-allegations-that-bjp-rss-control-it-734136
क्या BJP और RSS भारत में facebook को कंट्रोल करते हैं? जानिए फेसबुक का जवाब
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने कहा कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहता है।
नई दिल्ली. रविवार को कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर भाजपा और आरएसएस पर बड़ा आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने कहा था, "भाजपा-RSS भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप का नियंत्रण करती हैं। इस माध्यम से ये झूठी खबरें व नफ़रत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं। आख़िरकार, अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक का सच सामने लाया है।" राहुल गांधी के इन आरोपों के बाद भाजपा की तरफ से रविशंकर प्रसाद ने उन्हें जवाब दिया था। अब फेसबुक की तरफ से भी इस मामले पर बयान दिया गया गया है।सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने कहा कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहता है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसे ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है। फेसबुक भारत को अपना प्रमुख बाजार मानती है। फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है।पढ़ें- अगले दो दिनों में इन राज्यों में हो सकती है बारिशफेसबुक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम हिंसा को बढ़ावा देने वाले भाषणों और सामग्री पर रोक लगाते हैं। हम वैश्विक स्तर पर इन नीतियों को लागू करते हैं। इसमें किसी राजनीतिक दर या विचारधारा का ध्यान नहीं दिया जाता। हम जानते हैं कि अभी और बहुत कुछ करने की जरूरत है, हम प्रवर्तन की दिशा में प्रगति कर रहे हैं। किसी तरह के पक्षपात को रोकने के लिए हम नियमित रूप से अपनी प्रक्रियाओं का ऑडिट करते हैं।’’पढ़े- कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी का बड़ा भाई गिरफ्तारफेसबुक के पक्षपातपूर्ण रवैये को लेकर सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्योरोप चल रहे हैं। इन घटनाक्रम के बीच फेसबुक का यह बयान आया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि फेसबुक द्वारा राष्ट्रवादी आवाजों को ‘सेंसर’ किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि फेसबुक की सामग्री से जुड़ी नीतियां भाजपा का पक्ष लेने वाली हैं।इनपुट- भाषा
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https://www.indiatv.in/india/politics-what-rajya-sabha-chairman-said-on-yesterday-ruckus-in-house-742314
सभापति नायडू बोले-कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय, राज्यसभा के लिए बुरा दिन
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन में कल की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया और कहा कि यह राज्यसभा के लिए बेहद बुरा दिन था।
नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन में कल की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया और कहा कि यह राज्यसभा के लिए बेहद बुरा दिन था। उन्होंने सांसदों को सुझाव दिया कि वे आत्ममंथन करें। आज सदन की कार्रवाई शुरू होते ही राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कल की घटना की निंदा की। उन्होंने कहा-कल राज्यसभा के लिए बुरा दिन था जब कुछ सदस्य सदन के वेल में आ गए और डिप्टी चेयरमैन कामों में बाधा पहुंचाई। यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं कि वे कृपया आत्ममंथन करें।रविवार को कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के कुछ सांसदों ने भारी हंगामा किया था और जब बिल पर उप सभापति ने ध्वनिमत वोटिंग शुरू की तो कई सांसद उप सभापति के कुर्सी तक पहुंच गए और वहां पर माइक तोड़ने लगे और कागज फाड़कर फेंकने लगे। कई सांसदों ने राज्यसभा के नियमों की किताब फाड़ी तो कुछ ने कृषि बिलों की कॉपी फाड़ी। आज सोमवार को सभापति एम वेंकाया नायडू ने सदन का अनुशासन तोड़ने के लिए 8 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-revovery-rate-testing-active-cases-death-toll-in-india-736818
Coronavirus के मामले ऐसे बढ़े तो ब्राजील को पीछे कर देगा भारत? 24 घंटे में रिकॉर्डतोड़ 77266 नए केस, 1057 लोगों की गई जान
कोरोना के मामलों की पहचान के लिए देश में टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार अबतक देश में कुल 3.94 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। गुरुवार को देशभर में 901338 कोरोना टेस्ट किए गए हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण कंट्रोल से बाहर होता नजर आ रहा है, जिस रफ्तार से देश में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं उन्हें देखते हुए लग रहा है कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामले जल्द ब्राजील को पार कर जाएंगे। पिछले 24 घंटों यानि गुरुवार सुबह 8 बजे से लेकर शुक्रवार सुबह 8 बजे के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 77266 नए मामले सामने आए हैं। एक दिन में संक्रमण के इतने ज्यादा मामले पहले कभी भी देखने को नहीं मिले थे। इन नए मामलों के साथ अब देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 33.87 लाख को पार कर गया है। ब्राजील में मौजूदा समय में 37.64 लाख और अमेरिका में सबसे ज्यादा 60.46 लाख मामले हैं। सिर्फ कोरोना वायरस के संक्रमण में ही बढ़ोतरी नहीं हुई है बल्कि कोरोना वायरस की वजह से अब रोजाना देश में 1000 से ज्यादा लोगों की जाने जाने लगी है जो बड़ी चिंता का कारण है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस की वजह से 1057 लोगों की जान गई है और अबतक यह जानलेवा वायरस देश में 61529 लोगों की मौत का कारण बन चुका है।हालांकि कोरोना वायरस से कुछ राहत की बात ये है कि ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस 60177 लोग ठीक हुए हैं। देशभर में अबतक 25.83 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, फिलहाल देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की बात करें तो लगभग 7.25 लाख एक्टिव मामले हैं। कोरोना वायरस के रिकवरी रेट की बात करें तो देश में 76.27 प्रतिशत लोग ठीक हो चुके हैं।कोरोना के मामलों की पहचान के लिए देश में टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार अबतक देश में कुल 3.94 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। गुरुवार को देशभर में 901338 कोरोना टेस्ट किए गए हैं।वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 2.46 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 8.35 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 1.70 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 60.46 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 1.84 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, इसके बाद ब्राजील में 37.64 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं और 1.18 लाख से ज्यादा की जान गई है। रूस में भी 9.75 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 16 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-uttar-pradesh-corona-vaccination-more-than-four-crores-people-got-fully-vaccinate-823695
4 करोड़ लोगों को दूसरी डोज लगाने वाला पहला राज्य बना UP, कुल कोरोना वैक्सीनेशन 14.39 करोड़ के पार
मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन, सभी स्वास्थ्य कर्मियों के कठोर परिश्रम और 'टीका जीत का' लगवाने वाले सभी नागरिकों को समर्पित है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश ने कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के खिलाफ जारी टीकाकरण (Corona Vaccination) अभियान में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। उत्तर प्रदेश चार करोड़ लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराक लगाने वाला पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बुधवार को एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।उन्होंने ट्वीट किया, "उत्तर प्रदेश चार करोड़ से अधिक नागरिकों को कोविड टीके की दोनों खुराकें देकर पूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है।’’ मुख्यमंत्री ने इसी ट्वीट में कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन, सभी स्वास्थ्य कर्मियों के कठोर परिश्रम और 'टीका जीत का' लगवाने वाले सभी नागरिकों को समर्पित है। भारत सरकार की कोविन (CoWIN) वेबसाइट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बुधवार की रात साढ़े नौ बजे तक कोरोना वैक्सीन की कुल 14.39 करोड़ से ज्यादा (14,39,62,209) डोज लोगों को लगाई जा चुकी हैं, इनमें से 9.5 लाख से ज्यादा (9,65,809) डोज बुधवार को लगाई गई हैं।कोविन वेबसाइट के अनुसार, राज्य में 10.34 करोड़ से ज्यादा (10,34,74,579) पहली डोज जबकि 4 करोड़ से ज्यादा (4,04,87,630) दूसरी डोज दी गई हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन लखनऊ (Lucknow Corona Vaccination) में किया गया है।कोविन पर मौजूद आंकड़े बताते हैं कि लखनऊ में अभी तक कोरोना वैक्सीन की कुल 48.5 लाख से ज्यादा (48,66,626) डोज लगाई जा चुकी हैं, जिनमें से करीब 32 लाख (31,97,048) पहली और 16.5 लाख से ज्यादा (16,69,578) दूसरी डोज हैं। बुधवार को जिले में 17,486 डोज लगाई गईं।लखनऊ के बाद सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन प्रयागराज और गाजियाबाद में किया गया है। कोविन वेबसाइट के अनुसार, प्रयागराज में कुल 39.3 लाख से ज्यादा (39,32,664) डोज लोगों को दी गई हैं जबकि गाजियाबाद में करीब साढ़े 35 लाख (35,45,746) डोज लाभार्थियों को दी गई हैं।