text
stringlengths
0
39.4k
मिली जानकारी के मुताबिक एनआरआई राजिंदरसिंहमान (60) अपनी कनाडियन पत्नी को तलाक देने के बाद चंडीगढ़ में रहने लगे थे। यहां 2001 में प्रियाइंदरकौर उनके सेक्टर 11 स्थित उनके मकान में बतौर किरायेदार रहने आई।
मान ने उसका पुलिस वेरिफिकेशन करवाने की कोशिश की, मगर जब वह सफल नहीं हुए तो उन्होंने प्रिया को निकाल दिया।
समाजवादीपार्टी से निकाले जा चुके नेता अमरसिंह ने कहा है कि अगर उन्होंने मुंह खोल दिया तो मुलायमसिंहयादव जेल में नजर आएंगे।
वह समाजवादीपार्टी में वापस लौटे नेता आजमखान के बयान पर भड़के हुए हैं जिसमें आजमखान ने उन्हें सप्लायर और एजेंट कहा है।
अलग पूर्वांचलराज्य के पक्ष में लोगों को गोलबंद करने के मकसद से शांति मांर्च कर रहे अमरसिंह ने कहा, 'मैं 14साल समाजवादीपार्टी में रहा।
अगर मैं मुंह खोल दूंगा तो कई लोग परेशानी में पड़ जाएंगे और समाजवादीपार्टी प्रमुख मुलायमसिंहयादव जेल चले जाएंगे। '
गौरतलब है कि एकसाल पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में समाजवादीपार्टी से निकाले गए आजमखान ने शनिवार को अपनी पुरानी पार्टी में वापसी के मौके पर अमरसिंह को 'एजेंट और सप्लायर' बताया।
आठदिन की जीतोड़ मशक्कत के बाद आखिरकार दिल्ली पुलिस ने धौला कुआं गैंग रेप केस में 2 लोगों को धर दबोचने में कामयाबी पाई।
24नवम्बर की इस वारदात में रात के वक्त अपने ऑफिस से घर लौट रही एक लड़की का अपहरण के बाद चलती गाड़ी में गैंग रेप किया गया था।
इस घटना ने दिल्ली की रूह हिला दी थी और यह केस पुलिस के लिए भारी शर्म की बात बन गया था।
अब पुलिस ने दो मुलजिमों को हरियाणा के मेवात इलाके से गिरफ्तारकर लिया है। दो फरार हैं।
5वां आरोपी इस वारदात के 2दिन बाद एक दूसरे केस में हरियाणा में सरेंडर कर जेल चला गया था।
पुलिस कमिश्नर बी। के। गुप्ता के मुताबिक, बुधवार रात 310 पुलिस वालों ने मेवात के धौज में रेड डालकर शमशाद उर्फ खुटकन (25) और उस्मान उर्फ काले (25) को गिरफ्तारकर लिया।
शमशाद धौज और उस्मान नूह जिले के मीरपुर का रहने वाला है।
इनकी निशानदेही पर गैंग रेप की वारदात में इस्तेमाल महिंद्रा पिकअप वैन मेवात के टैनी गांव से बरामदकर ली गई।
इस केस में इकबाल उर्फ बड़ीबिल्ली और कामरू उर्फ मोबाइल फरार हैं।
उस रात गाड़ी ड्राइव कर रहा शाहिद (निवासी धौज) 26नवंबर को बल्लभगढ़ के एक केस में सरेंडर कर जेल चला गया था। उसे प्रोडक्शन वॉरंट पर दिल्ली लाया जाएगा।
वारदात में इस्तेमाल यह सेकंड हैंड गाड़ी इन मुलजिमों ने करीब एकमहीने पहले एकलाख40हजाररुपये में तावड़ेगांव में रहने वाले जैकब से खरीदी थी। इस गाड़ी का इस्तेमाल ये रात में दिल्ली आकर गाय चुराकर ले जाने और शोरूमों के शटर तोड़ कर चोरीकरने में करते थे। 23नवंबर की रात ये पांचों धौज से दिल्ली गाय उठाने के मकसद से आए थे। रावतुलाराममार्ग पर सामनेकन्वर्जिसबीपीओ की कैब इनकी गाड़ी के सामने आ गई। कैब में पीछे बैठी लड़कियां इन्हें नजरआ गईं। ये पीछा करते रहे। नानकपुरागुरुद्वारे के पास रिंगरोड पर कैब ड्राइवर ने दो लड़कियां नीचे उतारीं और चला गया। आधी रात सुनसान सड़क पर अकेली लड़कियां देखकर इनके दिमाग में खुराफात आ गई।
ड्राइव कर रहे शाहिद ने तेजीसे अपनी गाड़ी लड़कियों के सामने लगा दी। शाहिद, कामरू मोबाइल और इकबाल ने दोनों लड़कियों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन एक इनके हाथों से निकल गई। दूसरी लड़की को इन्होंने फ्रंट सीट पर डाल लिया। इनकी गाड़ी धौलाकुआं से रिजरोड, पटेलनगर, रिंगरोड, मोतीनगर होते हुए मंगोलपुरी पहुंची। रास्ते में कामरू ने फ्रंट सीट पर रेप किया। मंगोलपुरी में गाड़ी में पीछे पड़े गद्दे पर रेप किया गया।
इन लोगों को मंगोलपुरी इलाके की बखूबी जानकारी थी, क्योंकि चोरी के सिलसिले में ये वहां जाते रहते थे। दुराचार के बाद इन लोगों ने लड़की को घर वापस जाने के लिए 10-10रुपये के 15 नोट दिए। इन नोटों पर रबर बैंड लगा हुआ था।
नानकपुरागुरुद्वारे के पास से बदहवास लड़की ने20मिनट बाद पीसीआर कॉल की थी। मौके पर पहुंचा नया भर्ती सिपाही उस लड़की की अंग्रेजी नहीं समझ पाया था। इस कारण पुलिस कार्रवाई में देरी हुई थी। 25मिनट में अपराधी मंगोलपुरी तक पहुंच चुके थे।
रबर बैंड लगे 10 के नोटों से पुलिस ने अनुमान लगाया कि क्रिमिनल मेवाती हो सकते हैं, क्योंकि वे टोल देने के लिए छोट नोट रखते हैं। लड़की ने पुलिस को यह बताया कि पिकअप वैन में अंग्रेजी में कोई हिंदी का शब्द लिखा था, जिस पर एक अक्षर 'एम' था। इस क्लू से पुलिस ने करीब 400 टेंपो की चेकिंग की, जिनमें एम अक्षर का में 'मुस्कान' शब्द का इस्तेमाल सबसे ज्यादा था। सीसीटीवी फुटेज को आईआईटी के प्रोफेसर से ठीकठाक कराने के बाद पता चला था कि गाड़ी महिंद्रा थी।
लेकिन नोट और मुस्कान के बजाय केस को खोला हौजखास थाने के एक पुलिस वाले ने। राजस्थान के उस पुलिस्मी को जानकारी मिली थी कि वारदात के बाद धौज का शाहिद सरेंडर कर जेल गया है। वहीं से असली सुराग मिला और गिरफ्तारियां हुई।
इसतरह आगे बढ़ी पुलिस
: 68: पहला क्लू: 10 के नोट
गैंग रेप के बाद अपराधियों ने लड़की के पर्स में मंगोलपुरी से घर जाने के लिए कुछ नोट डाले थे, जो उसने अगले दिन देखे थे। 10-10 रुपये ये कुल 15 नोट रबर बैंड में लिपटे थे। ऐसे छोटे नोट टोल पर देने के लिए मेवाती अपराधी रखते हैं, ताकि जल्दीसे निकल सकें। इससे पहला क्लू मिला।
दूसरा क्लू: मुस्कान
लड़की ने बताया था कि टेंपो पर अंग्रेजी के5-7 अक्षरों से हिंदी का कोई शब्द लिखा हुआ था, जिसका पहला अक्षर 'एम' था। पुलिस ने सैकड़ों टेंपो की चेकिंग कर पाया कि एम से सबसे ज्यादा लिखा गया शब्द 'मुस्कान' था। उन सबसे मालिकों से पूछताछ की गई। बरामद टेंपो पर भी 'मुस्कान' लिखा है।
: 72: तीसरा क्लू: शाहिद का सरेंडर
तमाम मेहनत के बावजूद केस को क्रैक करने का सबसे अहम क्रेडिट हौजखास थाने के एक पुलिस्मी को है। राजस्थान के इस पुलिस वाले के मेवात में लिंक हैं। उसे मुखबिर से जानकारी मिली कि वारदात के दोदिन बाद धौज का शाहिद सरेंडर कर जेल चला गया है। सीक्रेट जांच में पताचला कि शाहिद उस रात अपने चार साथियों के साथ दिल्ली गया था।
लीड्सब्रिटेन में 44 साल के एलनहेवेटआर उनकी 40 साल की पत्नी हीथर ने अपने घर में 80 विदेशी जानवरों को पाला हुआ है। इस परिवार के संग्रह में बोआ, अजगर
: 75: के साथ बड़ी और जहरीली मकड़ी (टारेंटयुला) भी शामिल हैं।
दोों पति पत्नी 'मॉर्लेविदेशीपशुबचाव' संस्था चलाने के लिए जाने जाते हैं। दोों ने मिल कर कई विदेशी प्रजातियों को बचाया है। विभिन्न जानवरों में 35 तरह की प्रजातियों में दो मॉनिटर छिपकलियां, दाढ़ी वाले ड्रैगन, बोआ, अजगर, बड़े बड़े कछुए, केन मेंढक, टारेंटयुला मकड़ियां, वगैरह भी शामिल हैं।
इस कपल को अपने इस अद्भुत पार्क को चलाने के लिए सालाना 20,000पाउंड (करीब 13,00,000 रुपए) का फंड जमाकरना पड़ता है। उनका कहना है कि लोगों को नहीं पता कि इसतरह के जानवरों को कैसे रखा और उनके साथ कैसा बर्ताव किया जाता है। इनके तीन बच्चे 17 साल का एबीगल, 15 साल की ग्रेस और 10 साल का एडवर्ड भी इनके 80 जानवरों के साथ घर में ही रहते हैं।
: 78: उत्तरप्रदेश के गोंडाजिले में 'मुन्नीबदनामहुई' गाने की वजह से एक महिला को अपनी जान से हाथधोना पड़ा।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि गोंडा में मनकापुर क्षेत्र के मच्छलीगांव में शनिवार को इस गाने को लेकर एक महिला ने कुछ लोगों पर फब्तियां कसने का आरोप लगाया था। इसी के चलते दोों तरफ से बवाल शुरू हो गया और गोलियां चलने लगीं। विवाद में बीच बचाव करने आई एक महिला की गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
: 80: प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व ग्रामप्रधान के पुत्र नरेशसोनी और ग्रामप्रधान आशा के पति राजकुमार मंदिर में दर्शन के लिए गए थे। इस दौरान वे 'मुन्नीबदनामहुई' गाना गाने लगे। तभी एक महिला ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि उन्होंने यह गाना उसे देखकर गाया है। इस सिलसिले में मामला दर्जकर दोों आरोपियों को गिरफ्तारकर लिया गया है।
: 81: बीते दौर के जाने-माने मुक्केबाज माइकटायसन इन दिनों अपने आंगन में 8 वें बच्चे की किलकारी गूंजने की प्रतीक्षाकर रहे हैं।
: 82: वेबसाइट 'एक्सप्रेसडॉट को डॉटयूके' के अनुसार टायसन के अपनी दूसरी पत्नी मोनिकाटर्नर से दो बच्चे थे, लेकिन उनकी 4 साल की बच्ची एक्सोडस का पिछले साल एक हादसे में निधन हो गया था। पिछली शादी से टायसन के 5 बच्चे और भी हैं।
: 83: टायसन को उम्मीद है कि उनकी वर्तमान पत्नी लाकिहास्पाइसर अपने होने वाले बच्चे को ज्यादा अच्छे ढंग से पालेंगी। टायसन के स्पाइसर के साथ अपेक्षाकृत ज्यादा अच्छे रिश्ते हैं। टायसन का कहना है, '' यह मेरे लिए नयी, पूरीतरह प्रतिबद्ध और समर्पित परिस्थिति होगी। '' शिशु का जन्म फरवरी में होगा।
: 84: मेक्सिको के शहर कानकुन में चल रहे यूएन क्लाइमेटचेंजसमिट के दौरान चीन और जापान वार्ताकार क्योटोप्रोटोकॉल को लेकर आपसमें भिड़ गए। चीनी प्रतिनिधिमंडल के डिप्टी हेड हुआंगहुईकांग ने कहा कि अब हम क्योटोप्रोटोकॉल को लेकर और ज्यादा चिंतित हैं। वे तो इस प्रोटोकॉल को खत्म ही कर देना चाहते हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि कुछ देश क्योटोप्रोटोकॉल को पसंद नहीं करते। हुईकांग ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि क्योटोप्रोटोकॉल जारीरहना चाहिए और देशों को इस संधि की शर्तों का पालनकरने को लेेकर दोबारा प्रतिबद्धता जतानी चाहिए।
: 85: जापान के एक वरिष्ठ वार्ताकार अकीरायमादा ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जापान इस प्रोटोकॉल को खत्म नहीं कर रहा। यमादा ने दोहराया कि संधि के मुताबिक, वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में 27 फीसदी की कमी लाई जानी है और यह क्लाइमेट चेंज से जुड़ी चुनौतियों का मुकाबलाकरने के लिए तैयार नहीं है। कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की जिम्मेदारी विकसित और विकासशील दोनों देशों की है।
: 86: उन्होंने कहा कि हमें आलोचना करने के बजाय एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इस हफ्ते की शुरुआत में जापान ने कहा था कि वह 2012 में क्योटोप्रोटोकॉल खत्म होने के बाद इसकी प्रतिबद्धताओं पर दोबारा हस्ताक्षर नहीं करेगा। जापान और दूसरे देश ऐसी संधि चाहते हैं, जो चीन और भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को भी इसकी वैधानिक बाध्यताओं के दायरे में ले आए। लैटिन अमेरिकी देशों, बोलिविया, वेनेजुएला और क्यूबा ने भी क्योटोप्रोटोकॉल को लेकर चिंता जताई थी। जापान को एक दिक्कत यह भी है कि अमेरिका ने अब तक इस संधि पर दस्तखत नहीं किए हैं।
आजकल टीवी पर रिऐलिटी शोज़ की बहार है
किसी चैनल पर डांस का शो हो रहा है तो किसी पर गाने का
कोई बड़ों के लिए है तो कोई बच्चों के लिए
इन कार्यक्रमों में एक बात कॉमन है-जब भी कोई कंटेस्टेंट शो से आउट होता है तो रोता जरूर है
जब ऑडिशंस में किसी प्रतियोगी को रिजेक्ट कर दिया जाता है तो वह रोने लग जाता है
कई बार तो जजों के सामने हाथ जोड़ कर सिलेक्ट करने के लिए इस तरह प्रार्थना करता है मानो उसकी जिंदगी अब उन जजों के हाथ में ही हो
किसी-किसी शो में तो कंटेस्टेंट के रिजेक्ट होने पर उसके घरवाले या तो लड़ाई पर उतर आते हैं या रोना शुरू कर देते हैं ऐसा लगता है जैसे शो में सिलेक्शन उनके बच्चों के जीने मरने का सवाल हो गया हो
क्या हारने पर कंटेस्टेंट के जीवन का लक्ष्य खत्म हो जाता है? क्या इनके जीवन में आगे और मौके नहीं आएंगे?
कई बार सोचती हूं कि ये लोग सिर्फ अपनी इमोशंस पर कंट्रोल नहीं कर पाने के कारण रोते हैं या जजों और दर्शकों पर भावनात्मक दबाव बनाने के लिए? दूसरा कारण शायद ज्यादा मजबूत है क्योंकि ये कंटेस्टेंट भलीभांति जानते हैं कि जनता दिमाग के बजाय दिल से ज्यादा काम लेती है
और अगर शो में कोई रोएगा नहीं या छोटी-मोटीलड़ाई नहीं होगी तो शो में मसाला कहां से आएगा
और ये मसाा ही तो टीआरपी बढ़ा शो को हिट कराा है
माा कि एक टीवी शो करते हुए उससे जुड़े लोगों से लगा हो जाा है और उनसे बिछड़ने पर दुख होना भी स्वाािक है, लेकिन हाे पर इस तरह फूट-फूट कर रोने का क्या मतलब है? बच्चों से अक्सर हा बर्दा्त नहीं होती और वे रो पड़ते है पर बड़ों को ऐसा करते देख हैरत होती है
लगता है कि कला में रुचि रखने वाों में संघर्ष करने की जरा भी क्षमता नहीं है
अपने बच्चों को पिछड़ता देख माँबा धैर्य क्यों खो देते हैं? उन्हें तो अपने बच्चों का हौसला बढ़ाना चाहिए
यह समझाना चाहिए कि इस तरह के प्रदर्शनों से जीवन तय नहीं होता
जीवन तो एक यात्रा है और इसमें जाने कितने पड़ाव आते हैं, और इस तरह एक छोटे से पड़ाव पर हार का मुंह देखकर रोना, व्यक्ति के निराशावादी दृष्टिकोण को ही दिखाता है
इन रिऐलिटी शोज से जुड़ी एक और बात ध्यान देने योग्य है
अक्सर कंटेस्टेंट जनता से खुद को जिताने के लिए इस तरह वोट मांगते हैं जैसे भिक्षा मांग रहे हों
हुनरमंद व्यक्ति को कभीभी अपनी कला के बारे में अपने मुंह से कुछ भी कहने की जरूरत नहीं होती
उसकी कला खुद ब खुद उसके बारे में बोलती है
सच्चा कलाकार तो अपनी कला, अपने हुनर से लोगों को अपना मुरीद बनाता है, अपने लिए समर्थन जुटा कर या दबाव बनाकर नहीं
हार तो हमेशा हमें आत्ममंथन का एक मौका देती है जिससे हम और मजबूत होते हैं
सड़क दुर्घटना में एक वरिष्ठ नेता की मृत्यु हो गई
उनका शरीर तो खैर देश की अमानत था, सो हर तरफ शोक मनाया जा रहा था लेकिन नेता जी की आत्मा को देवदूतों ने देवनगरी के बाहर के गेट पर ला खड़ा किया
द्वार पर एक सीनियर अधिकारी ने नेता जी का स्वागत करते हुए कहा, 'धरती पर आपके रुतबे के अनुरूप यहां आपका स्वागत तो नहीं किया जा सकेगा, मगर आप जैसे वीआइपी लोगों के लिए हमारे संविधान में एक विशेष प्रावधान है जिसके मुताबिक आपको एक दिन नरक में गुजारना है और एक दिन स्वर्ग में
फिर उसके बाद आप तय करेंगे कि आपको कहां रहना है
पहले नरक की बारी है, नेता जी थोड़ा घबराए, फिर सोचा कि एकदिन की ही तो बात है झेल लेंगे
वह नरक जाने को तैयार हो गए देवदूत नेता जी को एक विशाल लिफ्ट में लेकर नीचे उतरने लगा
नेता जी का दिल यह सोचकर काँप रहा था कि नरक में क्या होगा, लेकिन वहां का दृश्य देखकर वह गदगद हो गए
वहां एक हरा-भरा गोल्फ का मैदान था थोड़ी ही दूरी पर एक सुंदर क्लबहाउस था उसके पास नेता जी के कई दोस्त नजर आ रहे थे, जिनके साथ मिलकर नेता ने कभी करोड़ों के वारे-न्यारे किए थे
हरेक व्यक्ति खुश नजर आ रहा था आसपास चुलबुली शोख और बिंदास महिलाएं भी इतरा रही थीं
नेता जी की जवानी के दिनों के समान ही माहौल था, जब वह क्लबों में रात रात भर मस्ती करते रहते थे
उन लोगों ने गर्मजोशी से नेता जी को गले लगाया व उनकी शान में कसीदे कहे क्लब में कई प्रकार के मनोरंजक खेलों और डांस के प्रोग्राम आयोजित हुए
शराब और कबाब के दौर चले नेता जी मस्त हो गए असमय मरने का सारा गम जाता रहा
वहां शैतान भी आया जो बहुत खुश मिजाज और दोस्ताना था उसने भी मस्त होकर नृत्य किया और खूब नॉनवेज जोक्स सुनाए
इन सब में पता ही नहीं चला कि कब एकदिन गुजर गया देवदूत नेता जी को लेने आ पहुंचा सभी लोगों ने नेता जी को भरे गले से गुड बाय कहा
देवदूत नेता जी को फिर उसी लिफ्ट में लेकर चला काफी देर तक ऊपर चलने के बाद स्वर्ग आया स्वर्ग यूं तो बहुत ही बढ़िया था, मगर नेता जी के स्वभाव और रुचि के अनुकूल वहां कुछ भी नहीं था
कोई जाना-पहचाना आदमी वहां नहीं था जो लोग थे वे बहुत कम बोलते थे या फिर ज्ञान की बातें करते थे
नेता जी को सारा बहुत बोरिंग लगा मुश्किल से वह एक दिन काट पाए देवदूत उन्हें लेने आ पहुंचा
वह उन्हें मुख्यकार्यालय ले गया वहां उन्हें फॉर्म दिया गया जिसमें यह भरना था कि वह कहां रहेंगे
नेता जी ने राजनीतिक वक्तव्य की तरह कहा, 'स्वर्ग वैसे तो बहुत अच्छी जगह है मगर मुझे लगता है कि मैं नरक में ही खुश रह सकूंगा'
उसी लिफ्ट से देवदूत नेता जी को फिर नरक द्वार तक छोड़ गया
भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार अमेरिकन कंपनी यूनियनकार्बाइडकॉर्पोरेशन के पूर्व चीफ वॉरेनएंडरसन ने 7दिसंबर को अपनी रिहाई के फौरन बाद राष्ट्रपति और गृहमंत्री से मुलाकात की थी
यह सनसनीखेज खुलासा तत्कालीन राजीवगांधी सरकार में मंत्री रह चुके अरुणनेहरू ने किया है
इस खुलासे के बाद पहले से ही आलोचना के घेरे में फँसी कांग्रेस और दबाव में आ सकती है
एक चैनल से अरुणनेहरू ने कहा, 'रिहा होते ही वह सरकारी जहाज में दिल्ली आया
वह तत्कालीन गृहमंत्री पी. वी. नरसिम्हाराव और राष्ट्रपतिज्ञानीजैल सिंह से मिला
यह ऐसी घटना है जिसका स्पष्टीकरण दिया जाना जरूरी है
केवल सरकार ही इस मामले में कोई स्पष्टीकरण दे सकती है '
नेहरू एक समय में राजीवगांधी के मुख्य रणनीतिकार रह चुके हैं
गौरतलब है कि कांग्रेस पर इस बात को लेकर दबाव पड़ रहा है कि वह उन परिस्थितियों को स्पष्ट करे जिनके तहत एंडरसन को रिहा किया गया था
उसकी रिहाई 7दिसंबर को हुई थी, इसके महज पांचदिन पहले भोपालप्लांट से खतरनाक मिथाइल आइसोसाइनाइट गैस का रिसाव हुआ था
इसमें हजारों लोगों की मौत हुई थी
रविवार को वित्त मंत्री प्रणवमुखर्जी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह का बचाव किया था
उन्होंने कहा था, '8दिसंबर1984 को दिए गए अर्जुनसिंह के बयान से सब बात साफ हो जाती है'
अर्जुनसिंह ने उस समय दिए बयान में कहा था कि कानून और व्यवस्था की हालत बिगड़ रही थी