diff --git "a/test.csv" "b/test.csv" --- "a/test.csv" +++ "b/test.csv" @@ -1,18604 +1,5759 @@ folksong,language -"मुखड़ी को रंग कनो! -सिर धौंपेली1 लटकाई कनी , -काला सर्प की केंचुली जनौ -सिन्दूर से भरी माँग कनी , -नथूली मा गड़ी नगीना जनी । -सी आँखी सरमीली कनी , -डाँडू मा खिली बुराँसी जनी । -मुखड़ी को रंग कनो ? -बाला सूरज को रंग जनो -ओंठू का बीच दाँतुड़ी कनी , -गठ्यांई2 भोत्यों माल जनी -स्वर मा मिठास कनी ? -डाँड्यो वासदी हिलाँस3 जनी",garhwali-gbm -"बांदी भेजूं हो साहब -बांदी भेजूं हो साहब घर आ ताता सा पाणी सीला हो रहा -तुम न्हाओ रै गौरी म्हारी कंवर नहवा हमतै पड़ौसिन के घर न्हां ल्यां -बांदी भेजूं हो साहबा घर आ तपी रसोई सीली हो रही -तुम जीमो रे गौरी म्हारी मात जिमा हमतै पड़ौसिन के घर जीम ख्यां",haryanvi-bgc -"541 -चलीं जोगिया रब्ब दा वासता ई असीं मरद नूं मरद ललकारने हां -जो कुझ सरे सो लै नजर पैर पकड़ां जान माल परवार भी वारने हां -पया कलह दा कोडमां सभ रोंदा असी काग ते मोर उडारने हां -हथ बन्हके बेनती जोगिया वे असी आजजी नाल पुकारने हां -चोर सदया माल दे सांभणे नूं तेरियां कुदरतां तों बलिहारने हां -वारस शाह वसाह की एस दम दा ऐवें रायगां1 उमर क्यों हारने हां",panjabi-pan -"गँगा रे अरार कवन बरूआ करे असनान -गँगा रे अरार1 कवन बरूआ2 करे असनान । -करे असननियाँ रे बरूआ , निरखे3 आठो अँग4 ॥ 1 ॥ -बिनु हो जनेउआ हो बाबा , ना सोभे कान । -अप्पन जनेउआ हो बाबा हमरा के दऽ ॥ 2 ॥ -हमरो जनेउआ हो बरूआ , भे गेल5 पुरान । -तोहरो जनेउआ हो बरूआ , देबो बजना6 बजाए ॥ 3 ॥ -गँगा के अरार कवन बरूआ करे असनान । -करे असननियाँ रे बरूआ , निरखे आठो अँग ॥ 4 ॥ -बिनु हो जनेउआ हो चाचा , ना सोभे कान । -अप्पन जनेउआ हो चाचा , हमरा के दऽ ॥ 5 ॥ -हमरो जनेउआ हो बरूआ , भे गेल पुरान । -तोहरो जनेउआ हो बरूआ , देबो बजना बजाए ॥ 6 ॥",magahi-mag -"अंगिका बुझौवल -माटी रोॅ घोड़ा माटी रोॅ लगाम -ओकरा पर चढ़ेॅ खुदबुदिया जुआन -भात -करिया जीन लाल घोड़ा -चढ़ेॅ उतरेॅ सिपाही गोरा । -तबा , आग , रोटी -भरलोॅ पोखरी में चान गरगराय । -घी से भरी कड़ाही में पूआ -भरलोॅ पोखरी में टिटही नाँचै । -बालू से भरी खपड़ी में भूजा -टुपटाप करै छैं , कपार कैन्हें फोड़ै छैं -नेङा ऐसन डेङा तोहें रात कैन्हें चलै छैं । -साँप महुआ से ‘’ टुपटाप करते हो , महुआ गिराते हो , -और सर क्यों फोड़ते हो । ‘’ -महुआ , तुम ऐसे नंगधड़ंग रात को क्यों चलते हो ? -फूलफूल मखचन्नोॅ के फूल -पैन्हें छिमड़ी तबेॅ फूल । -दिया की बत्ती और लौ -एक सङ दू साथी रहै -एक चललै एक सूती रहलै -तैयो ओकरोॅ साथ ���ै छुटलै । -चक्की के दोनों पल्ले -यहाँ , महाँ , कहाँ , छोॅ गोड़ दू बाँहाँ -पीठी पर जे नाङड़ नाचेॅ से तमासा कहाँ ? -तराजू ६ डोरियाँ , दो पलरे और डंडी पर पूँछ जैसी मूँठ -चलै में लचपच , बैठै में चक्का -हाथ नै गोड़ नै मारै लचक्का । -साँप -पानी में निसदिन रहेॅ -जेकरा हाड़ नै माँस -काम करेॅ तरुआर के -फिनु पानी में बाँस । -जोंक -फूलेॅ नै फरेॅ -सूप भरी झरेॅ । -बोहाड़न -एक गाँव में ऐसनोॅ देखलौं बन्नर दूहेॅ गाय -छाली काटी बीगी दियेॅ , दूध लियेॅ लटकाय । -पासी , ताड़खजूर का पेड़ , ताड़ी -एक टा फूल छियत्तर बतिया । -केले की खानी -पानी काँपै , कुइयाँ काँपै -पानी में कटोरा काँपै -चाँद -लाल गाय खोॅर खाय -पानी पीयेॅ मरी जाय । -आग -ऊपर सें गिरलै धामधूम -धुम्मा रे तोहरोॅ माथा सूंघ । -ताड़ -हिन्हौ नद्दी , हुन्हौ नद्दी -बीच में हवेली -हवेली करेॅ डगमग -माँग अधेली । -नाव",angika-anp -"कते जल बहे छै बहिन कमलेसरी -कते जल बहे छै बहिन कमलेसरी , -मैया हे कते जल बहे छै हे । -ठेहुना जल बहे छै मैया कमलेसरी हे , -अगम जल मैया बहे कोसीधार -से अगम जल । -कहमा नहैले कोसीमाय -कहमा लट हे झारले -कहमा कैले सोलहो सिंगार । -बाराहछेत्रा से पलै कोसीमाय , -बाटिहि नहैले , -गहबर कैले सोलहो सिंगार । -जीरवा सन के दँतवा से कोसीमाय , -सिहारी फोड़ल माथ । -बानन छेदी कोसीमाय खाट देवो घोराय , -गे सोना से , -डँड़वा देवो छराय , गे सोना से । -अगिया लगेबों सेवक , -रानू सरदार छी हमर लोग ।",angika-anp -"चंचली घोड़ी चांदनी मथुरा तै आई -चंचली घोड़ी चांदनी मथुरा तै आई -ले मेरे बाबा मोल तेरी होगी बड़ाई -कितना लीली का मोल सै कितने में चुकाई -नौ सौ घोड़ी का मोल है दस सौ में चुकाई -चढ़ म्हारे लाडले तेरी देखें चतुराई -आप चतुर बन्ना लाडला पीछे सब भाई -दामां की बोरी खरचैं सब भाई -चंचल घोड़ी चांदनी मथुरा तै आई -उपर्युक्त गीत का रूपान्तर निम्न प्रकार भी मिलता है -एक घोड़ी मथुरा से आई -लेदे दादा तेरी याहे बड़ाई -के लख मोल सै के लख नै चुकाई -पीले बन्ना तेरे कपड़े नैना में स्याई -बाग पकड़ बन्ना चढ़ गया अपणी चतराई -आगै चतर बन्ना लाडला पाछै सब भाई -परस तलै कै लिकड़े देखैं सब लोग लुगाई -खूब बणे राव का बेटा जणू छेल सिपाई -दामां की बोरी भरी खर्ची सब भाई -सम्बंधी कै छोरी घणी ब्याओ सारे भाई",haryanvi-bgc -"बन्ना दादी पूछे हँसि हँसि बात रे बना -बन्ना1 दादी पूछे हँसि हँसि बात रे बना । -बन्ना , कइसन हथुन2 तोहर ददियासास3 रे बना ॥ 1 ॥ -बन्न��� , हमर ददियासास जइसन दूध रे बना । -बन्ना , छप्पन रंग4 खइली5 ससुरार रे बना ॥ 2 ॥ -बन्ना , एतना बड़इया मति करु रे बना । -बन्ना , खट्टा दही अइसन6 तोरे सास रे बना ॥ 3 ॥ -बन्ना , झोर भात7 खयलऽ ससुरार रे बना ॥ 4 ॥",magahi-mag -"चंदन रुख कटाय कै -चंदन रुख कटाय कै -एक अगड़ पलणिआ घड़ा -मेरे आंगण में अमला बो दिआ । -एक रेसम डोर बटाय के -अगड़ पलणिया झूला -मेरे अंगण . . . -एक धण पिआ दोनूं बैठगे -दोनूं मैं पड़ग्या न्याव -मेरे अंगण . . . -गोरी जो थम जन्मोगी धीअड़ी -थारे काट ल्यांगे नाक अर कान -मेरे अंगण . . . -राजा धी जामैगी थारी भावज -कोए हम रै जामांगे नंदलाल -मेरे अंगण . . . -कोए ये नो पे दस मासिआं -हो गया नंदलाल -मेरे अंगण . . . . -इक भली ए करी मेरे राम ने -मेरे बचगे नाक अर कान -मेरे अंगण . . . -गोरी हम रै कह्या हंस खेल कै -कोए थम नै करी सतभा -मेरे अंगण . . .",haryanvi-bgc -"यो तो गऊँ रे चणा को उबटणो -यो तो गऊँ रे चणा को उबटणो -माय चमेली नौ तैल -गोरो लाड़ो लाड़ी बैठ्या उबटणे",malvi-mup -"उड़ चलो पवन की चाल मन भौरा बगीचा -उड़ चलो पवन की चाल , मन भौरा बगीचा -उड़ चलो हो मां । -कौना लगाये मैया बेला चमेली -कौना लगाये अनार लटका -अनार झुमका रे । उड़ चलो . . . -राजा लगाये मैंया बेला चमेली , -रानी लगाईं अनार लटका रे अनार झुमका रे । -उड़ चलो . . . -काहे को सींचूं मैया बेला चमेली , -काहे सींचूं अनार लटका रे । उड़ चलो . . . -दूधन सींचूं मैया बेला चमेली , अमृत लाल अनार -अनार फटका रे बगीचा उड़ चलो मां । उड़ चलो . . . -काहे में गोडूं मैया बेला चमेली , काहे को लाल अनार -लटका रे बगीचा उड़ चलो मां । उड़ चलो . . . -कुदरन गोडूं मैया बेला चमेली , खुरपन लाल अनार -लटका रे बगीचा उड़ चलो मां । उड़ चलो . . .",bundeli-bns -"फगुआ के गीत -१ . -धनिधनि ए सिया रउरी भाग , राम वर पायो । -लिखि लिखि चिठिया नारद मुनि भेजे , विश्वामित्र पिठायो । -साजि बरात चले राजा दशरथ , -जनकपुरी चलि आयो , राम वर पायो । -वनविरदा से बांस मंगायो , आनन माड़ो छवायो । -कंचन कलस धरतऽ बेदिअन परऽ , -जहाँ मानिक दीप जराए , राम वर पाए । -भए व्याह देव सब हरषत , सखि सब मंगल गाए , -राजा दशरथ द्रव्य लुटाए , राम वर पाए । -धनि धनि ए सिया रउरी भाग , राम वर पायो । -२ . -बारहमासा -शुभ कातिक सिर विचारी , तजो वनवारी । -जेठ मास तन तप्त अंग भावे नहीं सारी , तजो वनवारी । -बाढ़े विरह अषाढ़ देत अद्रा झंकारी , तजो वनवारी । -सावन सेज भयावन लागतऽ , -पिरतम बिनु बुन्द कटारी , तजो वनवारी । -भादो गगन गंभीर पीर अति हृदय मंझारी , -���रि के क्वार करार सौत संग फंसे मुरारी , तजो वनवारी । -कातिव रास रचे मनमोहन , -द्विज पाव में पायल भारी , तजो वनवारी । -अगहन अपित अनेक विकल वृषभानु दुलारी , -पूस लगे तन जाड़ देत कुबजा को गारी । -आवत माघ बसंत जनावत , झूमर चौतार झमारी , तजो वनवारी । -फागुन उड़त गुलाब अर्गला कुमकुम जारी , -नहिं भावत बिनु कंत चैत विरहा जल जारी , -दिन छुटकन वैसाख जनावत , ऐसे काम न करहु विहारी , तजो वनवारी ।",bhojpuri-bho -"गिली टलान चना डोना कलोमे एडो राधो बेटी -गिली टलान चना डोना कलोमे एडो राधो बेटी -गिली टलान चना डोना कलोमे एडो राधो बेटी -गिली टलो चना डोना कलो ऐ -गिली टलो चना डोना कलो ऐ -टेयन टेंका बा बूलू टे अगरुये -टेयन टेंका बा बूलू टे अगरुये -टेयन टेंका बा बूलू टे अगरुये -टेयन टेंका कुन्कर बे सिरिन बोचोयन डो राधो बेटी -टेयन टेंका कुन्कर बे सिरिन बोचोयन डो राधो बेटी -टेयन टेंका कन्करा बे सिरिन बोचोयेन -टेयन टेंका कन्करा बे सिरिन बोचोयेन -स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq -"तुम तो जाओ संजा बेण सासरऽ -तुम तो जाओ संजा बेण सासरऽ । -तुम्हारा सासरऽ सी , -हत्थी भी आया , घोड़ा भी आया , -पालकी भी आई , म्याना भी आया , -तुम तो जाओ संजा बेणा सासरऽ -हत्थी सामनऽ उभाड़ो घोड़ा घुड़साल बंधाड़ो , -पालकी छज्जा उतारो , म्याना धाबा रखाड़ो , -हऊँ तो नहीं जाऊँ दादाजी सासरऽ ।",nimadi-noe -"अंग्रेज जमाना नेरु, गरीब को तबाई, झम -अंग्रेज जमाना नेरु , गरीब को तबाई , झम । -अंग्रेजी जमाना नेरु , बेंट थई बेगार झम ॥ -अंग्रेजी जमाना नेरु , अमीरु की शान , झम । -गरीबू की कमई नेरु , अमीरुन चाटी , झम ॥ -जनता का मुख नेरु , कनो लगयो ताला , झम । -दस का प्राण देदी नेरु , कांगरेसी टोली , झम ॥ -सुमन , नगेन्द्र मोलू नेरु , गढ़वाल का वीर , झम । -भारत का गरीब नेरु , तेरा ही सास , झम ॥",garhwali-gbm -"मोजा पेरो जमई, मेंदी निरखो जमई -मोजा पेरो जमई , मेंदी निरखो जमई -छोटा खोटा जमई -लांबा लापर जमई -जामा पेरो जमई -कड़ा पेरो जमई -पोंची निरखो जमई -कंठी पेरो जमई -चौसर निरखो जमई -चूनी निरखो जमई -पागां बांदो जमई -पेचां निरखो जमई -छोटाखोटा जमई -लांबालापर जमई",malvi-mup -"ढोगजा गोमेजा डोगेजा अंगा बन डो पगड़ी बान -ढोगजा गोमेजा डोगेजा अंगा बन डो पगड़ी बान -ढोगजा गोमेजा डोगेजा अंगा बन डो पगड़ी बान -ढोगजा गोमेजा डोगेजा अंगा बन डो पगड़ी बान -कमय मेटे घटऊवा , कमय मेटे घटऊवा -कमय मेटे घटऊवा , कमय मेटे घटऊवा -कमय मेटे घटऊवा , कमय मेटे घटऊवा -इयां दया डोया मकान , इंज जिंदा ठाड़वा -इयां दया डोया मकान , इंज जिंदा ठाड़वा -इयां दया डोया मकान , इंज जिंदा ठाड़वा -स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq -"48 -यारो पलंघ केहा सणे सेज एथे लोकां आखया हीर जटेटड़ी दा -बादशाह सिआलां दे त्रिजणां दी महिर चूचके खान दी बेटड़ी दा -शाह परी पनाह नित लए जिस तों एह थां है मुशक लपेटड़ी दा -वारस शाह झबेल ते घाट पतन सभ हुकम है एह सलेटड़ी दा",panjabi-pan -"सामण आयो रंगलो कोई -सामण आयो रंगलो कोई आई रे हरियाली तीज -सास म्हारी प्यारी , गजब कीमारी , -मोकै तौ खंडा दै पीहर को , म्हारी लाड सासुला , प्यारी -नईं आया थारा नाईं बामण , न माँजाया वीर , -राजा की रानी , जहार की रानी , -तो कै आड़ै ई घड़ा देँ पालणो , -म्हारी लाड बहुरिया प्यारी -बिगर बुलाय धन जाएगी , घट जाएगो आदरभाव , -राजा की रानी , जहार की रानी , -तू आड़ै ई सामण मान , मेरी लाड बहुरिया प्यारी -ऊँचै तै चढ़कै देख रइ , तोकै दिवर कहूँ कै जेठ ? -सुघड़ खाती कै , बगड़ खाती कै , -चन्नण को घड़ लियो पालनो , जामें झूले सरिहल रानी । -अजी आठ खुराड़ा नौ जना , कोई दगदग जाएँ बन को -राजा की रानी , जहार की रानी , -ऊँची पाल तलायो की , जिते खड़रिया चन्नण को पेड़ । -खाती आता देख कें कोई रोया छाती पाड़ -बिरछ को पौदा , चन्नण को पौदा -डालडाल म्हारी काट लै , रै मत काटे जड़ से पेड़ । -पहलो खुराड़ो मारियो , कोई निकसी दूध की धार । -राजा की रानी , जहार की रानी , -एकासे दूजो दियो , जासे निकसी खूना धार । -हरीहरी चुरियाँ , गोरीगोरी बहियाँ , कुन पै कियो सिंगार । -राजा की रानी , जहार की रानी , -थारो राजधन मर गयी , रै धरती माँ गयो समाय -भावार्थ -' रंग भरा सावन आ गया है , हरियाली तीज आ रही है , ओ मेरी प्यारी सास ओ गजब की मारी सास -मुझे मायके भेज दो , ओ मेरी प्यारी लाडली सास ' -' न कोई नाई या न कोई ब्राह्मण तुझे लेने के लिए आया है , न तेरा सगा माँजाया भाई ही आया है , ओ -राजा की रानी ओ जहार की रानी मैं तेरे लिए यहीं पालना बनवा देती हूँ , ओ मेरी लाडली प्यारी बहू । -बिना बुलाए जाने से तेरा आदरभाव घट जाएगा , ओ राजा की रानी ओ जहार की रानी तू इसे ही सावन के -उपहार मान , ओ मेरी प्यारी , लाडली बहू -' मैं ऊँची अटारी पर चढ़कर देख रही हूँ , तुझे देवर कहूँ या जेठ । ओ बढ़ई के सुघड़ बेटे , ओ बढ़ई के बड़े -बेटे जाओ , और जाकर चन्दन का एक पालना बना लाओ , जिसमें सरिहल रानी झूला झूलेगी । -अजी देखो न , आठ कुल्हाड़े लेकर नौ आ���मी बड़ी तेज़ी से जंगल की ओर जा रहे हैं , ओ राजा की रानी ओ -जहार की रानी तालाब के ऊँचे तट पर चन्दन का वह पेड़ खड़ा है । जब उसने बढ़ई को अपनी ओर आते देखा -तो वह छाती फाड़ कर रोने लगा । वह पौधे जैसा पेड़ , वह चन्दन का नन्हा पेड़ । -' मेरी एकएक डाल काट लो पर मुझे जड़ से मत काटो । ' -' जब कुल्हाड़े का पहला वार उस पर हुआ तो दूध की एक धार निकली , ओ राजा की रानी ओ जहार की -रानी जब उस पर कुल्हाड़े के दूसरा वार पड़ा तो रक्त की धारा निकलने लगी । ये गोरीगोरी बाहों में हरीहरी -चूड़ियाँ क्यों पहनी है तूने , क्यों यह सिंगार किया है तूने , ओ राजा की रानी ओ जहार की रानी तेरा राजधन -तो मर गया , री धरती में समा गया वो । '",haryanvi-bgc -"मैं ना जीओं बिनु राम -मैं ना जीओं बिनु राम हो जननी , मैं ना जिओं बिनु राम । -राम जइहें संग हमहु जाएब , -अवध अइहें कवन काम जननी हो , मैं ना जीओं बिनु राम । -राम लखन दुनो वन के गवनकिन , -नृपति गयो सुरधाम , मैं न जीओं बिनु राम । -भूख लगी तहाँ भोजन बनैहों , प्यास लगी तहँ पानी -नींद लगी तहँ सेज लगैहों , चरण दबैहों सुबहसाम , -मैं न जीओ बिनु राम ।",bhojpuri-bho -"पैले न्यूते पैले न्यूते, वेदमुखी बरमा -पैले1 न्यूते2 पैले न्यूते , वेदमुखी बरमा , -आज चैन्द बरमा जी को काज । -तब न्यूते , तब न्यूते औजो को बेटा , -आज चैन्द बढ़ैं3 को काज । -आज न्यूती याले मैन हालदान4 की बाड़ी , -आज चैन्द हलदी को काज , -आज न्यूती यालेन मैन मंगल्यानी5 नारी , -आज चैन्द मांगल को काज । -आज न्यूती यालेन मैन साट्यों की सटेड़ी6 -आज चैंद मोतियों को काज ।",garhwali-gbm -"478 -तेरे मापयां साक कुथों कीता असां रुलदे ई रह गए पासयां ते -आप रच गईए नाल खेड़या दे साडी गल गवाइयां हासयां ते -सानूं मार के हाल बेहाल कीता आप होईए दाबयां झासयां ते -साढे तिन्न मन देहा मैं फिदा कीता हुन होई ऐ तोलयां मासयां ते -सत पंज बारां अते तिन्न काणे लिखे एस जमाने दे पासयां ते -वारस शाह वसाह की जिंदगी दा साडी उमर है नकश1 पतासयां ते",panjabi-pan -"हौनी कवउँ न जात अनूठी -हौनी कवउँ न जात अनूठी , -जिदना जी पै रूठी । -इक दिन रूठी राजा नल पै , -हार लील गइ खूँटी । -इक दिन रूठी कंसासुर पै , -मूड़ खपरिया फूटी । -इक दिन रूठी तो अर्जुन पै , -भील गोपका लूटी , -सोने की गढ़ लंक ईसुरी , -घरी भरे में टूटी ।",bundeli-bns -"70 -हीर जाय के आखदी बाबला वे तेरे नाम तों घोल घुमाइयां मैं -जिस अपने राज दे हुकम अंदर सांदल बार दे विच खिडाइयां मैं -लासां पट दियां पाए के बाग क��ले पींघां शौक के नाल पिंघाइयां मैं -मेरी जान बाबल जीवे ढोल रांझा माही महीं दा ढूंड लिआइया मैं",panjabi-pan -"ब्य्नीका अंगना म पिपली रे -ब्य्नीका अंगना म पिपली रे वीरा चुन्ड लाव्जे । -लाव्जे तो सबई सारू लाव्जे रे वीरा -नही तो र्ह्य्जे आपणा देस माडी जाया चुन्ड लाव्ज -संपत थोडी वो ब्य्नी विपत घ्नेडी , -कसी पत आउ थारा देस माडी जाई चुन्ड लाऊ -भाव्जियारो कंगन ग्य्नो मेल्जे रे वीरा चुन्ड लाव्जे । -लाव्जे तो सबई सारू लाव्जे रे वीरा चुन्ड लाव्जे -एतरो गरब क्यो बोलती वो ब्य्नी चुन्ड लांवा -हमछे पांचाई भाई की जोत माडी जाई चुन्ड लावा",nimadi-noe -"खूंटी पै तै झोला तार कै रै -खूंटी पै तै झोला तार कै रै -मन्ने झोला दीए पकड़ा -रै मन्ने जाणा नौकरी -पोली में बिस्तर गेर कै रे -रे वो बैठ्या तखत बिछाय -रै गोरी कह दे जाण की -जाणै की कहैगी तेरी मां -ओ पिआ जाणे की कहूं ना मूल जी -के गए थे नौकरी बूझ कै -मूड् तुड् महलें चढ़ गई -चीरे वाला चमकदा जाय -री नदियां की ओट में हो लिआ -महलां तै नीचै ऊतरी -पोलां मैं मेरी सास -री औबरै मैं बड़ कै रो पड़ी -किस का पीसूं पीसणा -री सासड़ किस के खिलाऊं नंदलाल -री मन्नै किस के भरोसै छोडग्या -जेठा का पीसो पीसणा -ए बहू देवर के खिलाले नंदलाल -री तन्नै म्हारै भरोसै छोड़ग्या -बगड़ बखेरूं पीसणा री सासड़ -बालकां की तोडूं नाड़ -री मन्नै राम भरोसै छोड़ग्या -बीरण आया लेण नै री सासड़ -मैं तो चली बीरण के साथ -पीहर मैं दिनड़े तोड़ ल्यूं -भाभी तान्नै मारदी री -म्हारा ग्या ननदोई परदेस -छात्ती पै छलेवा छोड़ग्या -बार तै मायड़ आ गई -ए बेट्टी किस नै बोले बोल -ए बेट्टी साच्ची साच बता दीए -भावज तान्ने मारदी री मायड़ -तेरा ग्या री जमाई परदेस -री छात्ती पै छलेवा छोड़ग्या",haryanvi-bgc -"सासरे के चा में छोरी बालदी बी कोन्या ए -सासरे के चा में छोरी बालदी बी कोन्या ए -चाची ताई घालण आई छोरी रोंवदी बी कोन्या ए -बड़ी जिठाणी सोवण खदां दी चढ़ चौबारे सोई ए -नीचे से मेरी सासड़ बोली सुण ले बहुअड़ मेरी ए -मेरा बेटा राज कंवर सै घौरी मत ना सोइए ए -ऊपर से मैं तले उतर ली आके चाक्की झो दई ए -भारी से मन्नै हलकी करली चून कुछ मोटा आया ए -भीतर से मेरी सासड़ बोली सुण ले बहुअड़ मेरी ए -मेरा बेटा राज कंवर सै मोटा मत ना पीसै ए -चाकी छोड़ रसोइयां आई आ के चूल्हा बाल्या ए -आलू का मन्नै साग बणाया मोटी रोटी पोई ए -भीतर से मेरी सासड़ बोली सुण ले बहुअड़ मेरी ए -मेरा बेटा राज कंवर सै मोटी मत ना पोइयो ए -सासरे के चा में छोरी बोलदी बी कोन्या ए",haryanvi-bgc -"हरि हरि दुभिया सोहामन लागे हे -हरि हरि1 दुभिया2 सोहामन लागे हे । -फरि फरि3 दौना4 झुकि गेलइ हे ॥ 1 ॥ -घोड़वा दउड़यते अयलन दुलरइता दुलहा हे । -जिनखर5 अभरन6 अमोद7 लागे हे । -जिनखर पगिया8 केसर रँगे हे ॥ 2 ॥ -धाइ धुइ9 पइसल सुघइ सेजिया हे । -कहु धनि खेम10 कुसल हे । -चलहु धनि हमर देसवा हे ॥ 3 ॥ -हम कइसे जयबो परमु तोहर देसवा हे । -रोइ रोइ मइया मरि जयतइ हे ॥ 4 ॥ -कलपि11 कलपि बाबू रहि जयतन हे । -सँघवा12 के सखिया सँघे मोरा छूटि जयतइ हे । -कोरपिछुआ13 भइया रूसि जयतइ हे ॥ 5 ॥ -एतना बचनियाँ सुनि के दुलरइता दुलहा हे । -सुनु धनि बचन मोरा हे ॥ 6 ॥ -मइया मोरा होतो14 धनि तोहर मइया हे । -मोर बाबूजी तोर बाप हे । -मोर बहिनी होतो धनि तोहर सखिया हे । -मोर भुइया तोहर लहुरा15 देवर हे ॥ 7 ॥ -नइहरा के सुखबा परभु जी कइसे बिसरब हे । -उहाँ सुपती16 मउनी कइसे खेलब हे ॥ 8 ॥",magahi-mag -"मोरे क्यों गेरेस भूल -मोरे क्यों गेरेस भूल , -रूप खिल दिया सरसों का फूल -क्यों बोले से बात दरद की । -मेरे चुभ से ऐणी रे करद की , -मालुम पट जा वीर मरद की , -पा पीटें हवालात में । -भावार्थ -पत्नी अपने पति से मिलने के लिए सिपाही का रूप धर कर पलटन में पति के पास पहुँच गई है । वहीं पर दोनों -के बीच यह वार्तालाप हो रहा है । -' अरी तू यह क्या भूल कर रही है । देख तो तेरा रूप सरसों के फूलों की तरह खिला हुआ है । तू ऐसी बात -क्यों कहती है जिसे सुनकर पीड़ा होती है ? यदि दूसरों को यह भेद मालूम पड़ गया कि यह वीर मर्द कौन है तो -पीटपीट कर हवालात में बन्द कर देंगे ।",haryanvi-bgc -"डोले बसन्ती बयार मगन मन होला हमार -डोले बसन्ती बयार मगन मन होला हमार । -गेहुँआ मण्टरिया से लहरल सिवनवा , होखे निहाल भइया सगर किसनवा -धरती के बाढ़ल श्रृंगार मगन मन होला हमार । । -बिहँसेला फुलवा महकेला क्यारी , ताक झाँक भँवरा लगावे फुलवारी -मौसम में आइल बहार मगन मन होला हमार । । -आईल कोयलिया अमवाँ के डरिया , पीयर चुनरिया पहिरे सवरियाँ -सोहेला पनघट किनार मगन मन होला हमार । ।",bhojpuri-bho -"कहँमा हि लेमुआ के रोपब, कहमा अनार रोपब हे -कहँमा1 हि लेमुआ2 के रोपब , कहमा अनार रोपब हे । -कहँमाहि रोपब नौरंगिया , से देखिदेखि जीउ भरे हे ॥ 1 ॥ -अँगनाहि रोपबइ से लेमुआ , खिरकी3 अनार रोपब हे । -दरोजे4 पर रोपबइ नौरंगिया , से देखिदेखि जीउ भरे हे ॥ 2 ॥ -लटकल देखलूँ लेमुआ त , पकल अनार देखलूँ हे । -गोले गोले देखलूँ नौरंगिया , जचा5 रे दरद बेयाकुल हे ॥ 3 ॥ -समना6 भदोइया केरा रतिया , त हारिला जलम लेलन हे । -बजे लागल अनन्द बधाबा त महल उठे सोहर हे ॥ 4 ॥ -कउन बन फूलहइ गुलबवा त कउन बन कुसुम रँग हे । -कउन देइ7 के रँगतइ चुनरिया , त देखते सोहावँन हे ॥ 5 ॥ -कुंज बन फूलहइ गुलबवा त कुरखेत8 कुसुम फूलइ हे । -सुगही9 के रँगब चुनरिया , त देखत सोहावँन हे ॥ 6 ॥",magahi-mag -"मृतक भोज -बिलखत महतारी , छाई जहाँ अँधयारी -घर करै भायँभायँ जैसें खायँ जात है ; -लुटगौ सुहागसोम , कौंरी कली मुरझानी -बिधवा जबान गऊऐसी डिंड़यात है । -बड़ेबड़े बेठ उतै खात पुरीमालपुआ -नाँव ‘दिनतेरहइँ’ जुरत बर -एकएक दानों , अरे , अँसुवन सानों जहाँ -ऐसे ही रसोई हाय , कैसे कैं रिहात है ?",bundeli-bns -"बाबा जू भर आयँ -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ , -कुजानें कित्ते ढौंग दिखायँ -लगाकै चौंतइया पै होम , -बिनैं सी करैं पकर कैं कान , -फुरोरू लैकें दो इक दार , -उचट कैं गिरबैं उल्टे ज्वान । -मुलक्कीं हाँकें देतइ जायँ , -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -रगड़ कैं सूदी टिहुनी मार , -चिचाबै चाय कितेकउ खून , -उचल गई करयाई की खाल , -रगड़ कैं दई जिओरा की दून । -कोउकोउ गोड़े हाँत कपायँ , -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -खुरन कै ई धरती खौं खूँद , -बमकबैं बँदरा से हरदार , -पकर कैं लाल लुअरसी साँग , -कबउँ कओ दै देबैं ललकार । -उतै बे हाँपत रए मौं बायँ , -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -उठाकैं मैंकी मायँ भबूत , -गुटइया बाबा की जै बाल , -लगो जब तनक घोल्लाँ खम्भ , -सुनैं बे सबकी बातें खोल । -तमाखू धरकैं पण्डा प्यायँ , -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -लगी फिर बिन्त्वारी खौं भीर , -कबैं कोऊ मोंड़ै चड़ो बुखार , -पिरा रओ कोउ कबै के पेट , -कबै कोउ गइया भइ बेजार । -उतै कोऊ खतियाँखाज झरायँ -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -भुमनियाँ कै रओ कै महाराज , -अबै नौं पानी नइँ बरसाव , -नाज कौ बढ़ रओ दनौ भाव । -बतादो का हम औरें खायँ ? -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -उतै हुन मैंक मुठी भर राख , -”चलो जा हवा न अब उड़ जैय , -करौ अब दूधकरूला ऐंन , -बता दो फलिया कबनौ दैय । -समइया आबै नौनों नायँ , “ -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -”पुजाकैं पैलाँ खेरबहेर , -कुवाँरी जुबवा दिइयौ पाँच , -मजे सैं खेलौकूदौ खाव , -समज लो आय न एकऊ आँच । “ -भजनया भजन कैऊ ठऊ गायँ , -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -धरीं तीं पचवन्नीं अठवाइँ , -मगाकैं धर लओ पानी लाल , -जरा रए तेल और लोबान , -फुलै रए बैठेबैठे गाल । -तकौ जा उल्टी हो रइ दायँ । -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ । -उठे फिर गेरफेर सैं हात , -खुरोरू बटीं नारियल फोर , -तमासौ तको न हमसैं जाय , -‘हमैं दो’ हो रओ गेरऊँ सोर । -इनैं ना और कछू की भायँ , -बिटऊ खौं बाबा जू भर आयँ ।",bundeli-bns -"टेइंज मकन टेइंज का टयन -टेइंज मकन टेइंज का टयन -टेइंज मकन टेइंज का टयन -गफन मकन हैई का बान -गफन मकन हैई का बान -इनी का मोका लेगे मकन लेगे फा -इनी का मोका लेगे मकन लेगे फा -स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq -"406 -जोगी गजब दे सिरे ते सट खपर पकड़ उठया मारके छोड़या ई -लै के फाबड़ी घुलन तयार होया मार वेहड़े दे विच अपौड़िया ई -साड़ बालके जिऊ मूंखाक कीता नाल कावड़ां1 दे जट कौड़िया ई -जेहा महर दे हथ दा बानभुचर2 वारस शाह फकीर ते दौड़िया ई",panjabi-pan -"होली गीत -टेक हो साँवरा मती मारो पिचकारी -चौक1 मति मारो रे मोहे जात में रयणा , में पर घर की हूँ नारी । -हमको रे लजा तुम कोरे ऐसा । -तो मुख से देऊँगी गाली , फजीता होयगा तुम्हारा , -साँवरा मति मारो पिचकारी । -चौक2 ऐसी रे होस होत हइयाँ में , फिर परणों तुम नारी । -जाय कहूँगी जसोदा माय को , -हजुवन में हुँ कुँवारी ढूढो तो वर माता हमारी , -साँवरा मति मारो पिचकारी । -चौक3 पर नारी पंलव पकड़ों ऐसी हे चाल तुम्हारी । -माता पिता ना रे व्रत भयो छे -तो राजा कन्स हों भय भारी सुणेगा तो होय विस्तारी । -साँवर मति मारो पिचकारी । -छाप धन गोकल धनधन विन्द्रावन धन हों जसोदा माई । -धन मयता नरसइया नु स्वामी । -तो मांगु ते बेड कर जोड़ी सदा संग रहूँगा तुम्हारी । -साँवरा मति मारो पिचकारी । -हे साँवरे श्रीकृष्ण मुझ पर पिचकारी से रंग मत छींटो । हे साँवरे मुझ पर पिचकारी से रंग न डालो । मुझे अपनी जाति में रहना है । मैं पराये घर की स्त्री हूँ । आप ऐसा करेंगे अर्थात् रंग डालेंगे तो हमें लज्जा आयेगी , अगर आप रंग डालेंगे तो मैं अपने मुँ से गाली दूँगी और आपके फजीते हो जायेंगे । हे साँवरे पिचकारी न मारो । -एक गोपी कहती है कि अगर आपको इतना शौक है तो तुम ब्याह कर लो । मैं यशोदा माता से जाकर कहूँगी , अभी तक मैं कुँवार हूँ मेरे लिए वर ढूँढ़ो । हे साँवरे पिचकारी न मारो । -एक नारी कहती है कि आप एक पराई नारी का पल्ला पकड़ना चाहते हैं , ऐसी चाल दिखाई देती है । राजा कंस का भय नहीं लगता , सुनोगे तो होश उड़ जायेंगे । हे साँवरे पिचकारी न मारो । -गोकुल , वृन्दावन और यशोदा माता धन्य हो । नरसिंह मेहता के स्वामी श्रीकृष्ण धन्य हो । दोनों हाथ जोड़कर वरदान माँगत��� हूँ कि सदा आपके साथ रहूँ ।",bhili-bhb -"म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे -म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे -ओ नण्दी के बीरा -तने यूँ घूंघट में राखूंगी ओ नण्दी के बीरा -म्हाने रखड़ी घड़ादे रे ओ नण्दी के बीरा -तने यूँ माथे पर सजालूंगी ओ नण्दी के बीरा -म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे -ओ नण्दी के बीरा",rajasthani-raj -"देवी गीत-सेरों पे होके सवार महरानी -सेरों पे होके सवार महरानी -मेरे घरवा आइन महरानी -निबिया के तरे तरे आयीं महरानी -अब निबिया झपसन लाग महरानी -अमवा के तरे तरे आइन महरानी -अब अमवा बौरन लाग महरानी -तलवा के तीरे तीरे आयीं महरानी -अब तलवा लहरान लाग महरानी -महलों के तरे तरे आयीं महरानी -अब रानिय गर्भन लाग महरानी",awadhi-awa -"आजु देखली हम एक रे सपनमा -आजु देखली हम एक रे सपनमा । -सूतल हली1 हम अपन कोहबरिया ॥ 1 ॥ -ओने से2 अयलइ बाँके रे सिपहिया । -पकड़ि बाँधल मोरा पिया सुकमरिया ॥ 2 ॥ -छोडूँ छोडूँ दुलहा हे हमरो सिपहिया । -बिहरे3 मोरा देखि बजर के छतिया ॥ 3 ॥ -जो तोहिं देहीं धानि बाला4 रे जोबनमा । -छोड़िए देऊँ5 तोहर पिया सुकमरिया ॥ 4 ॥ -पिया देखि देखि मोरा बिहरे करेजवा । -नयना ढरे जइसे बरसे समनमा ॥ 5 ॥ -टूटि गेलइ एतना में हमरा के नीनियाँ6 । -झरे7 रे लागल जइसे झहरे समनमा8 ।",magahi-mag -"इकली घेरी बन में आय -इकली घेरी बन में आय श्याम तैनें कैसी ठानी रे ॥ टेक -श्याम मोय वृन्दान जानौ , लौट कैं बरसाने आनौ । -मेरे कर जोरी की मानो । -जो मोय होय अबेर लड़े घर नन्दजिठानी रे ॥ इकली . . . -ग्वालिनी मैं समझाऊँ तोय , दान तू दधि कौ देजा मोय । -तभी ग्वालिन जाने दऊँ तोय । -जो तू नाहीं करै होय तेरी ऐंचातानी रे ॥ इकलीकृ -दान हम कबहूँ नाँय दीयौ , रोक मेरौ मारग क्यों लीयौ । -बहुत सौ ऊधम तुम कीयौ । -आज तलक या ब्रजमें ऐसौ कोई भयो न दानी रे ॥ इकली . -ग्वालिनी बातन रही बनाय , ग्वाल बालन कू लउँ बुलाय । -तेरौ सब दधि माखन लुटि जाय -इठलावै तू नारि , छाय रही तोकू ज्वानी रे ॥ इकली . . . -कंस राजा पर करूँ पुकार , पकर बँधवाय दिवाऊँ मार । -तेरी सब ठकुराई देय निकार । -जुल्म करे न डरे तके तू नारि बिरानी रे ॥ इकली . . . -कंस का खसम लगै तेरौ , मार के कर दउँगो केरौ । -वाई कूँ जन्म भयो मेरौ । -करूँ कंस निर्बंस मैंट दउँ नाम निशानी रे ॥ इकली . . . -आय गए तने में सब ग्वाल , पड़े आँखन में डोरा लाल । -झूम के चलें अदाँ की चाल -लुट गई ग्वालिन मारग में , घर गई खिसियानी रे ॥ इकली . . . -करी लीला जो श्यामाश्याम , कौन वरनन कर सकै तमाम । -करूँ बल��हार सभी ब्रजधाम । -कहते ”घासीराम“ नन्द कौ है सैलानी रे ॥ इकली . . .",braj-bra -"सिर पै बंटा टोकणी -सिर पै बंटा टोकणी -मैं तो कूएं की पणिहार री -रस्ते में सासड़ फेंटगी -तेरे मरिओ नोंओं बीर री -तूं किस नै खंदाई एकली -तेरी घर मैं बूझूं बात री -तन्ने गाल कसूती दे दई -कूएं पै दोघड़ तार के री -मैं तो चारूं तरफ लखाय कै री -मन्ने जान कूएं मैं झोकदी -काढ़े देवर जेठ री -मेरा टस टस रोवे भरतार री -तन्ने नार कसूती सोचली -पढ़ रही सात जमात री -बुरजी पै लिख दिया नाम री -सासड़ कै बोल पै ढै पड़ी",haryanvi-bgc -"मारी महिसागर नी आरे ढोल -मारी महिसागर नी आरे ढोल वागे छे -वागे छे ढोल वागे छे . . . . -गाम गाम ना सोनीडा आवे छे -आवे छे हूँ लावे छे -मारी माँ नी नथनियु लावे छे -मारी महिसागर नी आरे ढोल वागे छे -गाम गाम ना सुथारी आवे छे -आवे छे हूँ लावे छे -मारी माँ नो बाजटीयो लावे छे -मारी महिसागर नी आरे ढोल वागे छे -गाम गाम ना डोशीडा आवे छे -आवे छे हूँ लावे छे -मारी माँ नी चुन्दरियु लावे छे -मारी महिसागर नी आरे ढोल वागे छे -मारी महिसागर नी आरे ढोल वागे छे -वागे छे ढोल वागे छे . . . .",gujarati-guj -"426 -दोहां वट लंगोटड़े लई मुहली कारे वेख लौ मुंडयां मोहनियां दे -निकल झट1 कीता सहती रावले ते दासे भनयों ने नाल थोहनियां दे -जट मार मधानियां पीह सटया भनया नाल दुध दोहनियां2 दे -नवाब हुसैन खां दे जिवें नाल लड़या वूसमंद3 हैसी विच चूहनियां4 दे",panjabi-pan -"लाड्डो पूछै बाबा से (बारात आगमन) -बारात आगमन का गीत -लाड्डो पूछै बाबा से ओ बाबा -मैं किस विध देखण जाऊँ , रंगीले आ उतरे बागों मैं । -हाथ डालिया फूलों की ऐ लाड्डो -तुम मालाण बन कै , रंगीले आ उतरे बागों मैं । -बोल गए बतळा गए बागों मैं -मेरी रंग भरी लाड्डो को नजर लगा गए बागों मैं । -लाड्डो पूछै ताऊ से ओ ताऊ -मैं किस विध देखण जाऊँ , रंगीले आ उतरे बागों मै । -हाथ डालिया फूलों की ऐ लाड्डो … -लाड्डो पूछै पिता से ओ पिता -मैं किस विध देखण जाऊँ , रंगीले आ उतरे बागों मै । -हाथ डालिया फूलों की ऐ लाड्डो -तुम मालाण बन कै , रंगीले आ उतरे बागों मैं । -लाड्डो पूछै चाचा से ओ चाचा -मैं किस विध देखण जाऊँ , रंगीले आ उतरे बागों मै । -हाथ डालिया फूलों की ऐ लाड्डो -तुम मालाण बन कै , रंगीले आ उतरे बागों मैं ।",khadi_boli-mis -"196 -मेल मेल सयालां ने जंज आंदी लगीयां सौण1 शगन करावने नूं -घत सुरम सलाइयां देण गाल्हां अते खडुकने2 नाल खडावने नूं -भरी घढ़ी घड़ोली ते कुड़ी नहाती आइयां फेर नकाह पढ़ावने नूं -मौली नाल चा खिचया गभरू नूं रोढियां लगियां आन खुवावणे नूं",panjabi-pan -"अम्बे दयाल भईं भईं मोरे अगना देवी दयाल भईं -अम्बे दयाल भईं , भईं मोरे अंगना देवी दयाल भईं । -मैया के द्वारे सोने के कलश , मोती झिलमिल करें -करें मोरे अंगना , देवी दयाल भईं । -मैया के मड़ पे , पानी चढ़ाऊं रपटे छूट रहीं -रहीं मोरे अंगना , देवी दयाल भईं मोरे अंगना । । -मैया के हाथों में सोने केर कंगना -कंगना झिलमिल करे , करे मोरे अंगना । -देवी दयाल भईं मोरे अंगना । -मैया के पैरों में पायल और बिछुआ -झनझुन होय रहे , रहे मोरे अंगना -देवी दयाल भईं माई मोरे अंगना ।",bundeli-bns -"जा तेहां ससुरार जाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -झन रो मोर दुलौरिन बेटी -बेटी वोओओ बेटी बेटीइ -झन रो मोर दुलौरिन बेटी -सुन्दर खाबे कमाबे वो -सुन्दर खाबे कमाबे वो -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -आ आ -आ आ -लइका पन में झूलना झूला के कोरा मा तोला खेलाएव -लइका पन में झूलना झूला के कोरा में तोला खेलाएव -फूल बरोबर जतन करेवं हाथ धर के गली मा रेंगाएव -फूल बरोबर जतन करेवं हाथ धर के गली मा रेंगाएव -आज ले वो मोर कोरा टूट गे सिसकी -बेटी वोओहो सिसकी बेटी बेटीइ सिसकी -आज ले वो मोर सिसकी कोरा टूट गे -आज ले वो मोर कोरा टूट गे -इंहा के सुध झन लमाबे वो -इंहा के सुध झन लमाबे सिसकी -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -आ आ -आ सिसकी आ -छुटत हे गाँव गली अमरईया , छुटत हे जम्मो जउरिहा -छुटत हे गाँव गली अमरईया , छुटत हे जम्मो जउरिहा -छुटत हे तोर इंहा के लागमानी , छुटत हे तोर छोटे भईया सिसकी -छुटत हे तोर इंहा के लागमानी , छुटत हे तोर छोटे भईया -करम ठठा के रोवय ददा दाई -बेटी वोओहो सिसकी बेटी वो सिसकी -करम ठठा के सिसकी रोवय ददा दाई -मइके के लाज बचाबे वो -मइके के लाज बचाबेसिसकी -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -ए झन रो मोर दुलौरिन बेटी सिसकी -बेटी वोओ सिसकी बेटी वो सिसकी -झन रो मोर दुलौरिन बेटी -झन रो मोर दुलौरिन बेटी -सुन्दर खाबे कमाबे वो -सुन्दर खाबे कमाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा त���हां ससुरार जाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -आ आ -सिसकी आ सिसकी आ -सिसकी सनसों तें थोरको झन करबे आही बेटी तीजा पोरा -सनसों तें -सनसों तें थोरको झन करबे बेटी बेटी सिसकी झन रो -सनसों तें थोरको झन करबे आही बेटी तीजा पोरा -सनसों तें थोरको झन करबे आही बेटी तीजा पोरा -मोर गरीबीन तोर बर मैं हा करके रखे रइहव जोरा -मोर गरीबीन तोर बर मैं हा करके रखे रइहव जोरा -सती अनसुईया सावित्री सही वो -बेटी वोओहो बेटी वो -सती अनसुईया सावित्री सही वो -कुल के लाज बचाबे वो -कुल के लाज बचाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -ए झन रो मोर दुलौरिन हीराआ सिसकी -हीरा वोओ सिसकी बेटी वो सिसकी -झन रो मोर सिसकी दुलौरिन बेटी -झन रो सिसकी मोर दुलौरिन बेटी सिसकी -सुन्दर खाबे कमाबे वो -सुन्दर खाबे कमाबे -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -जा बेटी जा सिसकी -करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे -जा तेहां ससुरार जाबे जाबे सिसकी -जा तेहां ससुरार जाबे -जा तेहां ससुरार जाबे जाबे सिसकी -जा तेहां ससुरार जाबे",chhattisgarhi-hne -"भांवर -1 -जनम जनम के गांठ जोर दे , ऐ दोसी -गांठे गठुरी झनि छूटे , ऐ दोसी -तोर दाई हारे मोर बबा जीते , ऐ दोसी -एक पूरा खदर ला दुई घर छाये , ये दोसी -गांठे गठुरी झनि छूटे , ये दोसी -2 -कामा उलोथे कारी बदरिया -कामा ले बरसे बूंद -सरग उलोथे कारी बदरिया -धरती मा बरसे बूंद -काकर भींजे नवरंग चुनरी -काकर भींजे उरमाल -सीता के भींजे नवरंग चुनरी -राम के भींजे उरमाल -कइसे के चिन्हव सीता जानकी -कइसे के चिन्हव भगवान -कलसा बोहे चिन्हेंव सीता जानकी -मकुट खोंचे भगवान -कामा में चिन्हव सीता जानकी -कामा में चिन्हव भगवान -जामत चिन्हेंव अटहर कटहर -मौरत चिन्हेंव आमा डार -चउक मा चिन्हेंव सीता जानकी -मटुक मा चिन्हेंव राम -आगू आगू मोर राम चलत हे -पाछू लछिमन भाई -अउ मंझोलन सीता जानकी -चित्रकूट बर चले जाई -3 -मधुरी मधुरी पग सारव हो दुलही नोनी -तुंहर दुलरू के अंग झन डोलय हो -एक भांवर जुगजुग होगे मोर नोनी -तुंहर दुलरू के अंग झन डोलय हो -दुई भांवर दुई जुग होगे मोर नोनी -वो तो कजरारी नैना धराये हो -तीन भांवर तीन जुग होगे मोर नोनी -वो तो डोलत कलस जलपानी हो -चार भांवर चार जुग होगे मोर नोनी -तोर दुलरू ह मरत हे पियासे हो -पांच भांवर पांच जुग होगे मोर नोनी -तोर ससुर ह मरत हे पियासे हो -छै भांवर छै जुग होगे मोर नोनी -वो दे तोर देवरा मरत हे पियासे हो -सात भांवर सात जुग होगे मोर नोनी -अब चलो चलो कहत हे बराते हो -4 -भांवर परत हे , भांवर परत हे -हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के -होवत हे दाई , मोर रामे सीता के बिहाव -होवत हे दाई , मोर रामे सीता के बिहाव -एक भांवर परगे , एक भांवर परगे -हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के -अगनी देवता दाई , हाबय मोर साखी -अगनी देवता दाई , हाबय मोर साखी -दुई भांवर परगे , दुई भांवर परगे -हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के -गौरी गनेस दाई , हाबय मोर साखी -गौरी गनेस दाई , हाबय मोर साखी -तीन भांवर परगे , तीन भांवर परगे -हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के -देवे लोके दाई , हाबय मोर साखी -देवे लोके दाई , हाबय मोर साखी -चार भांवर परगे , चार भांवर परगे -हो नोनी दुलर के , दाई नोनी दुलर के -दुलरू के नोनी , तोर अंग झन डोलय -दुलरू के नोनी , तोर अंग झन डोलय -पांच भांवर परगे , पांच भांवर परगे -हो देव नरायन , दाई देव नरायन -डोलय दाई मोर , कलसा के भर जलपानी -डोलय दाई मोर , कलसा के भर जलपानी -छै भांवर परगे , छै भांवर परगे -हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के -दुलरू ह दाई , मोर मरत हे पियासे -दुलरू ह दाई , मोर मरत हे पियासे -सात भांवर परगे , सात भांवर परगे -हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के -चलो चलो दाई , मोर कहत हे बराते -चलो चलो दाई , मोर कहत हे बराते",chhattisgarhi-hne -"जुवारना गीत -वधू पक्ष सुदो रहिन् जुवारजी रे लाड़ा , -निंगवाल्या ना देउस आकरा , -सुदो रहिन् जुवार जी । -सुदि रहिन् जुवारजी वो बेनी , -जयोवयो फगाइ देजी । -वर पक्ष सुदि रहिन् जुवारजी वो लाड़ी , -देउस हामरा आकरा । -सुदो रहिन् जुवारजी रे लाड़ा , -जयोवयो फगाइ देजी । -आँगन में विदाई के समय वरवधू के हाथों में चावल रखकर उस पर पानी डालते हैं । दोनों एक साथ चावल धरती माता को चढ़ाकर हाथ जोड़ते हैं । -वधू पक्ष की महिलाएँ वर को कहती हैं कि सीधा रहकर अर्थात् ठीक तरह ‘जुवारना’ हमारे देवता बहुत तीखे हैं , नहीं तो नाराज हो जाएँगे । वधू से कहती हैं कि तू इधरउधर फेंक देना । वर पक्ष की महिलाएँ वधू से कह रही हैं कि लाड़ी तू ठीक से ‘जुवारना’ हमारे देवता बहुत तीखे हैं । वर से कहती हैं तू इधरउधर फेंक देना ।",bhili-bhb -"सासु मोर बेनिया डोलावहऽ, कमर भल जाँतहऽ हे -सासु मोर बेनिया डोलावहऽ , 1 कमर भल जाँतहऽ2 हे । -अहो लाल , देहरी3 बइठल तू ननदिया बिरह बोलिय4 बोलए हे ॥ 1 ॥ -मोरी भौजी रखिहऽ5 पलंगिया के लाज त बेटवा बिअइह6 हे ॥ 2 ॥ -तुहुँ त7 हहु8 मोरा ननदी , अउरो सिर साहेब हे । -ननद , पियवा के आनि9 बोलावह , पलंगिया डँसायब10 हे ॥ 3 ॥ -किया11 तोर भउजो12 हे नाउन , किया घरबारिन13 हे । -मोर भउजो , किया तोरा बाप के चेरिया , कवुन14 दाबे15 बोलह हे ॥ 4 ॥ -नहीं मोर ननद तू नाउन , नहीं घरबारिन हे । -नहीं मोर बाप के चेरिया , बलम16 दाबे बोलली17 हे । -ननद , तुहुँ मोरा लहुरी18 ननदिया सेहे19 रे दावे बोलली हे ॥ 5 ॥",magahi-mag -"443 -हीर आन जनाब विच अरज कीती नयाजमंदां1 दियां बखश मरगोलियां नी -सानूं बखश गुनाह तकसीर सारी जो कुझ लड़दयां तुधनूं बोलियां नी -अछी पीड़ वंडावनी भैण मेरी तैथों वार सुटां घोल घोलियां नी -मेरा कम कर मुल लै बाझ दंमां जो कुझ आखसै मैं तेरी गोलियां नी -घर बार ते माल ज़र हुकम तेरा सभ तेरियां ढाडीयां खोलियां नी -मेरा यार आया चल वेख आईए पई मारदी सैं नित बोलियां नी -जिस जात सफात चुधराई छडी मेरे वासते चारियां खोलियां नी -जेहड़ा मुढ कदीम दा यार मेरा जिस चूंडिया कुआर दियां खोलियां नी -वारस शाह गुमान दे नाल बैठा नहीं बोलदा मारदा बोलियां नी",panjabi-pan -"तावी तावी डो तावी किनारे -तावी तावी डो तावी किनारे -तावी तावी डो तावी किनारे -तावी तावी डो तावी किनारे -राजा रावटी डो टाजा टिये -राजा रावटी डो टाजा टिये -आपियां जूमू डो चोज मारे -आपियां जूमू डो चोज मारे -आलिया जूमू नी राजा -आलिया जूमू नी राजा -सारेली डो बो रेली रे -सारेली डो बो रेली रे -स्रोत व्यक्ति अनिता , ग्राम लखनपुर",korku-kfq -"भजन हरि का कर प्राणी -भजन हरि का कर प्राणी -दो दिन की है तेरी जिन्दगाणी -गरभ में जब दुख पाया था -धियान प्रभु सै लगाया था -अब क्यूं करता मनमाणी -भजन हरि का कर प्राणी -जब धरम राज कै जावैगा -वहां तोहे कौन छुड़ावैगा -माया संग नहीं जाणी -भजन हरि का कर प्राणी -माया देख के फूल ग्या -प्रभु को बिल्कुल भूल गया -माया साथ नहीं जाणी -भजन हरि का कर प्राणी",haryanvi-bgc -"बंसी काहन अचरज बजाई -बंसी काहन अचरज1 बजाई । -बंसी वालिआ चाका राँझा , -तेरा सुर है सभ नाल साँझा -साडी सुरत तैं आप मिलाई । -बंसी काहन अचरज बजाई । -बंसी वालिआ काहन कहावें , -सब दा नेक अनूप मनावें -अक्खिआँ दे विच्च नज़र ना आवें , -कैसी बिखड़ी खेल रचाई । -बंसी काहन अचरज बजाई । -बंसी सभ कोई सुणे सुणावे , -अरथ इसका कोई विरला पावे , -जे कोई अनहद की सुर पावे , -सो इस बंसी दा सौदाई । -बंसी काहन अचरज बजाई । -सुणीआँ बंसी दीआँ घँगोराँ2 , -कूकाँ तन मन वाँङू मोराँ , -डििआँ इस दीआँ जोड़ाँ तोड़ाँ -इक सु��� दी सभ कला उठाई । -बंसी काहन अचरज बजाई । -इस बंसी दा लम्मा लेखा , -जिस ने ढूँढा तिस ने देखा , -शादी इस बंसी दी रेखा , -ऐस वजूदों3 सिफ्त4 उठाई । -बंसी काहन अचरज बजाई । -इस बंसी दे पंज सत तारे , -आप आपणी सुर भरदे सारे , -इक्क सुर सभ्दे विच्च दम मारे , -साडी इस ने होश भुलाई -बंसी काहन अचरज बजाई । -बुल्ला पुज्ज पए तकरार5 , -बूहे आण खलोते यार , -रक्खी कलमे6 नाल ब्योहार , -तेरी हज़रत भरे गवाही । -बंसी काहन अचरज बजाई ।",panjabi-pan -"डावां हाथ तेल-फुलेल जवणा हाथ आरती जी -डावां हाथ तेलफुलेल , जवणा हाथ आरती जी । -धणियेर राजा सोया सुखसेज , रनुबाई रींझणो जी -डोलतज डोलतऽ आई गई झपकी , हाथ की रींझणो भुई गिर्यो जी । -धणियेर राजा की खुली गई नींद , तड़ातड़ मार्यो ताजणा जी । -रनुबाई खऽ लागी बड़ी रीस , आसन छोड़ी भुई सूता जी । -खुटी मऽ को चीर कोम्हलाय , असा कसा रोष भर्या जी । -बेडुला को नीर झोकळाय , असा कसा रोष भर्या जी । -पालणारो बाळो बिलखाय , असा कसा रोष भर्या जी ।",nimadi-noe -"पंखिडा रे उड़ी जाजे पावागढ़ रे -पंखिडा रे उडी ने जाजो पावागढ़ रे -मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -मरी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -ओला गाम न सुथारी वीरा वहला आवो रे . . . -मारी महाकाली ने माटे रुडो बाजोट लावो रे -मारी कालका मां ने रुडो बाजोट लावो रे . . -सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे -मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . . -ओला ओला गाम न रे मणीहारा वीरा वहला आवो रे -मारी महाकाली ने माटे रुडो चुडलो लावो रे -मारी कालका माँ ने माटे रुडो चुडलो लावो रे -सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे -मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . . -ओला गाम न रे सोनिडा वीरा वहला आवो रे -मारी महाकाली न माटे रूडा झांझर लावो रे -मारी कालका मां ने रूडा झांझर लावो रे -सारा लावो सुंदर लावो वहला आवो रे -मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . . -ओला गाम ना रे दोशिडा वीरा वहला आवो रे -वीरा वहला आवो रे -मारी महाकाली ने माटे रूडी चुंदरी लावो रे -मारी कालका माँ ने काल रूडी चुंदरी लावो रे -सारी लावो सुंदर लावो वहला आवो रे -मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . . -ओला गाम ना रे कुम्भारी वीरा वहला आवो रे -मारी महाकाली ने माटे रुडो गरबो लावो रे -मारी कालका माँ ने काल रुडो गरबो लावो रे -सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे . . -मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . -पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . .",gujarati-guj -"473 -हीर नहायके पट दा पहन तेवर वाली अतर फुलेल लगांवदी ए -वल पायके मेढियां खूनियां नूं गोरे मुख ते जुलफ पलमांवदी ए -कजल भिनड़े नैन अपराध लुटे दोवे हुसन दे कटक लै धांवदी ए -मल वटना होठां ते ला सुरखी नवां लोहड़ ते लोहड़ चड़ांवदी ए -सिरीसाफ1 दा मोछना पहन उते कन्नी डडियां वालीयां पांवदी ए -कीमख़ाब दीचोलड़ी झब रही बाक चैक ते तोड़ बलांवदी ए -घत झांजरां लोड़ दे सिर कडके हीर सयाल लटकदी आवदी ए -टिका बिंदली बनी है नाल लूहला वांग मोर दे पैलां पांवदी ए -हाथी मस्त छुटा छन छन करके कतल आम खलकत हुंदी जांवदी ए -नैन मस्त ते लोहड़ दंदासड़े दा शाह परी छनकदी आंवदी ए -कदे कढक घुंड लुड़ा देंदी कदे खोलके मार मुकांवदी ए -घुंड लाह के कटक विखा सारी जटी रूठड़ा यार मनांवदी ए -मालक माल देवें सब खोल दौलत वखो वख कर चा विखांवदी ए -वारस शाह तां परी दी नजर चढ़या खलकत सैफियां2 फूक दी आंवदी ए",panjabi-pan -"बारह बरस पीछै (विरह -गीत) -विरह गीत कथात्मक -बड़ी –बूढ़ी औरतें इस कथात्मक गीत को गाने से मना करती हैं । इस गीत की करुणा हृदय को पिंघलाने वाली है । -बारह बरस पीछै राजा घर आए -बैठो न बैठो मूढ़ला बिछाय हो … -क्या कुछ तो रे जिज्जा लाए हो कमाए कै -क्या कुछ लाए हो बसाए कै…… -पान सौ रुपए रै सालै ल्याया कमाए कै -ढ़ाई सौ की घड़ी बँधाई है … -भूरी भैंस का री अम्मा दूध काढ़ियो -हारे मैं खीर रँधायो री… -जितना पतीले मैं दूध घणा है -उतना ही जहर मिलाइयो री… -चलो जिज्जा जी भोजन जीम लो -करी रसोई ठण्डी हो गई है . … -कोट्ठे अन्दर खड़ी रै कामनी -वहीं से हाथ हिला रही हो … -इस भोजन को पति मत जिमियो -सर पै काल घोर रह्या हो … -आज तो साले जी मैं पुन्नो का बरती -कल को ही रोट्टी खाएँगे… -चलो जिज्जा जी घुमण चाल्लैं -बनखण्ड के हो बीच रै … -इक बण लाख्या दूजा बण लाख्या -तीजै मैं कुल्हाड़ी उठाई हो … -पहली कुल्हाड़ी साला मारण लाग्या -हो लिये पेड़ों की ओट हो… -दूजी कुल्हाड़ी साला मारण लाग्या -ले ली हाथों की ओट हो… -तीजी कुल्हाड़ी साला मारण लाग्या -कर दिया सीस अ���ग हो -सखी –सहेलियाँ कट्ठी होय कै -चलो बन खण्ड के बीच हो … -इक बण लाख्या दूजा बण लाख्या -तीजे मैं लाश पति की हो… -क्या तो पति जी तुमैं गोद उठा लूँ हो -क्या तुम्हैं छतियाँ से ल्यालूँ हो… -जा रे बीरा तेरा नास रे होइयो -चढ़ती बेल उतारी हो… -किसकी तो रे बीरा सेज बिछाऊँ -किसके लाल खिलाऊँ हो… -बीरा की ऐ ओब्बो सेज बिछाओ -भतीजे गोद खिलाओ हे… -आग लगाऊँ बीरा तेरी सेज मैं -परे बगैलूँ भतीजों को हो…",khadi_boli-mis -"सरौता कहाँ भूलि आये प्यारे नन्दोइय़ा -सरौता कहाँ भूलि आये प्यारे नन्दोइय़ा -सास खाए बर्फी ननद खाए प़ेड़ा -मैं बेचारी रबड़ी खाऊन -दोना चाटे सैय्याँ सरोता -सास को लाये एटलस ननद को मखमल -मैं बेचारी रेशम पहनूं -टाट लपेटे सैय्याँ सरोता -सास म्हारी रिक्शा चाले नन्द चढ़े तांगा -मई बेचारी मोटर चालूँ -पैदल चाले सैय्याँ सरोता -सासू म्हारी खटिया सोवें ननन्द बिछोना -मैं बेचारी पलन्गा सौउं -भुइयां सोवें सैय्यां सरोता",awadhi-awa -"ईसुरी की फाग-12 -इक दिन होत सबई का गौनों -होनों औ अनहोंनों । -जाने परत सासरें साँसऊँ -बुरऔ लगै चाय नौंनों -जा ना बात काउ के बस की -हँसी मचै चाय रौंनों -राखौ चायें जौनों ईसुर -दयें इनईं भर सोनों ।",bundeli-bns -"236 -लिखया एह जवाब रंझेटड़े ने जदों जी विच ओसदे शोर पए -पहले दुआ सलाम प्यारां नूं मंझू वाह फिराक1 दे बोड़ पए -असां जान ते माल दरपेश कीता तुसी लगड़ी परीत नूं तोड़ गए -उसे रोज दे असी फकीर होए जिस रोज दे हुसन ते चोर पए -साडी ज़ात सफात बरबाद करके लड़ खेड़यां दे नाल जोड़ गए -आप हस्स के सौहरा मलया जे साडे रूह दा रसा नचोड़ गए -वारस शाह मियां मिलियां वाहरां2 नूं धड़वैल3 वेखो जोरो जोर गए",panjabi-pan -"सोने की खटिया रूपे केर मचिया -सोने की खटिया रूपे केर मचिया , ईंगुर लगल चारो पाट1 हे । -एक हाथ तेल , दूसर हाथ अबटन2 सीता सिरहनमा3 लेले ठाढ़4 हे ॥ 1 ॥ -गँगा किंरियवा5 तूहुँ खाहु6 जी सीता , तब धरू पलँग पर पाँव हे । -गंगा हाथ लिहलन जबहिं सीता देइ , गंगा हो गेलन जलबाय7 हे ॥ 2 ॥ -येह किरियवा सीता मैं न पतिआऊँ8 सुरुज किरियवा तूँ खाहु हे । -जबहिं सीता हे सुरूज हाथ लिहलन9 सुरूज हो गेलन छपित हे ॥ 3 ॥ -येहु किरियवा सीता मैं न पतिआऊँ , अगिन10 किरियवा तूँ खाहु हे । -जबहिं सीता देइ अगिन हाथ लिहलन , अगिन होलइ11 जरिछाय12 हे ॥ 4 ॥ -कहथिन रामचंदर सुनु देइ सीता जी , अब हम दास तोहार हे ॥ 5 ॥ -अइसन पुरूख13 के जात14 बनावल , झूठो लगावे अकलंक15 हे । -फाटत16 भुइयाँ17 ओकरो म��ं18 समयतीं19 मुहमाँ न देखतीं तोहार हे ॥ 6 ॥",magahi-mag -"उते पातलि गाडायो -उते पातलि गाडायो -उते पातलि गाडायो -उते पातलि गाडायो -गाडायो रे किनेरा राजा -गाडायो रे किनेरा राजा -गाडायो रे किनेरा राजा -कैसे किवाड़ खोलूँ -कैसे किवाड़ खोलूँ -कैसे किवाड़ खोलूँ -स्रोत व्यक्ति गोपाल , ग्राम जूनापानी",korku-kfq -"मुठी एक डँड़वा गौ कोसिका अल्पा गे बय सबा -मुठी एक डँड़वा गौ कोसिका अल्पा गे बयसबा -गे भुइयाँ लोटे नामी नामी केश -कोसी माय लौटे छौ केश । -केशबा सम्हारि कोसी जुड़बा गे -बन्हाओलजुड़बा गे बन्हाओल -कोसी गे खोपबा कुहुकै मजूर । -उतरहि राज से एैले हे रैया हो रनपाल -से कोसी के देखि देखि सूरति निहारै -सूरति देखि धीरज नै रहे धीर । -किए तोरा कोसिका चेका पर गढ़लक , -किए जे रूपा गढ़लक , सोनार -नै हो रनपाल चेका पर गढ़लक -नै रूपा गढ़लक सोनार -अम्मा कोखिया हो रनपाल हमरो जनम भेल -सूरति देलक भगवान से हमरों सूरतिया । -गाओल सेवक जन दुहु कर जोड़ी -गरूआ के बेरि होहु ने सहाय ।",angika-anp -"हार लगल बेनियाँ, सोहाग लगल बेनियाँ -हार लगल1 बेनियाँ , सोहाग लगल बेनियाँ । -मोती लगल हे , सोभइ सुगही2 के सेजिया ॥ 1 ॥ -अँगना में हकइ3 चलन केरा4 हे गछिया5 । -बिछ गेलइ6 हे धनि , सुगही के सेजिया ॥ 2 ॥ -से चले लगलइ हे उहाँ7 हार लागल बेनियाँ । -ओने से8 आवल पुरबा9 आयल सुख नीनियाँ ॥ 3 ॥ -भुला गेलइ हे मोरा हार लगल बेनियाँ । -भुला गेलइ हे मोरा सुहाग लगल बेनियाँ ॥ 4 ॥ -आग लावे10 गेलूँ11 हम , ननदी के अँगना । -उहीं12 धरल हे देखलूँ , हार लगल बेनियाँ ॥ 5 ॥ -बाबा खउकी13 भइया खउकी , तुहूँ मोरा धानि । -लगाइ देलऽ हे मोर बहिनी के चोरिया ॥ 6 ॥ -बाबा कीर14 भइया कीर , परभु तोर दोहइया । -हम न लगौली15 तोर बहिनी के चोरिया ॥ 7 ॥ -आग लावे गेली हम , ननदो के अँगना । -ओहँइ16 देखली , हम हार लगल बेनियाँ ॥ 8 ॥ -आबे देहु , आबे देहु , हाजीपुर के हटिया17 । -कीन देबो18 हे धनि , हार लगल बेनियाँ ॥ 9 ॥ -लाय देहो हे परभु , हार लगल बेनियाँ । -रूस गेल हे धनि , लाय देबो बेनियाँ ॥ 10 ॥",magahi-mag -"कोदई जगोनी -तरी नानी नानार नानी , तरी नाना रे नान । -तरी नाना नानार नानी , तरी नाना रे नान । -का सबद सुनी दादी , तैय चली आय2 -आज नातिक उठे लागिन , लगिन देखन आएव । -का सबद सुनी दादी , तैय चली आय2 -आज नातिक होथे बिहाव , बिहाव देखन आएंव । -निवतो की निवतो दाई , सातो ही दोसी2 -का दई निवती दाई , सातों ही दोसी2 -कोठी माँ अन्न दाई , गाथे माँ दाम । -दामोनी दय के निवते सातों ही दोसी ॥ -निवतो��� की निवतों दाई , सातों ही टेढ़ा , -का दई निवती दाई , सातों ही टेढ़ा , -कोठी मा अन्न दाई , गाठे मा दाम । -दामोनी दय के निवती , सातों ही टेढ़ा ॥ -निवतों की निवतों दाई , सातों गीत कारिन , -कोठी मा अन्न दाई , गाठे मा दाम । -दामोनी दय के निवती , सातों गीत कारिन , -निवतों की निवतों दाई , सातों ही हंडेरिन , -का दई निवती दाई , सातों ही हंडेरिन , -कोठी मा अन्न दाई , गाठे मा दाम । -दामोनी दय के निवती , सातों हंडेरिन ॥ -सातो सुवासा , सातो सुवासिन , -निवतों की निवतों दाई , सातो सुवासिन , -का दई निवती दाई , सातो सुवासिन , -कोठी मा अन्न दाई , गाठे मा दाम । -दामोनी दय के निवती , सातो सुवासिन ॥ -निवतों की निवतों दाई , सातों सुहासा , -का दई निवती दाई , साते सुवासा , -कोठी मा अन्न दाई , गाठे मा दाम । -दामोनी दय के निवती , सातो सुवासा ॥ -बिहाव के नाने कोदय सुचेव , समधिन लय गय चोर । -मैं नयकों लय जौं समधिन , मूसा लय गय चोर ॥ -उंजूर मूसा , झुंझुर मूसा लय गय चोर । -धरो मूसा काटो मूडे कलसा बनाओ2 -बिहाव के नाने कोदय सुचेव , समधिन लय गय चोर । -मैं नयकों लय जौं समधिन , मूसा लय गय चोर ॥ -धरो मूसा काटो काने , दीवा बनाओ । -बिहाव के नाने हड़द सूचेंव , समधिन लय गय चोर । -मैं नयकों लय जौं समधिन , मूसा लय गय चोर ॥ -धरो मूसा काटो नड़ी , सेहनाय बनाओ । -बिहाव के नाने मिरिच सुचेव , समधिन लय गय चोर । -मैं नयकों लय जौं समधिन , मूसा लय गय चोर ॥ -धरो मूसा काटो पूछी , बाती बनाओ । -बिहाव के नाने पलड़ी सुचेव , समधिन लय गय चोर । -मैं नयकों लय जौं समधिन , मूसा लय गय चोर ॥ -धरो मूसा छालों खाले , नागारा बनाओ । -निवतों की निवतो दोसी , तरी नाना रे नान । -तरी नानी नानार , तरी नाना रे नान । -निवतों की निवतो दोसी , ठाकुर देवता । -निवतों की निवतो दोसी , खेरों महरानि । -तरी नानार नानीनानी , तरी नानारनानी । -तरी नानार नाना रे नान । -यासी वचन देवी , यसी वचन देबी , -दोसी जीवे लाखों वारिस । -नीको वचन देबी , नीको वचन देबी -जीवे लाखो बारिस । -हंसा जोड़ी , हंसा जोड़ी । -हंसा जोड़ी , हंसा जोड़ी । -दोसी परिवा जोड़ी । -शब्दार्थ –निवतों आमंत्रण , दाईमाता , गीतकरिन गीत गाने वाली महिलाएं , हंडेरिन खाना बनाने वाली महिलाएं , बिहाबविवाह , सूचेंवबनाया , दाड़दाल , मूसाचूहा , दीवादीपक , मूड़ीगला , मुंडी मिरिचमिर्च , बात्तीबत्ती , नागारानगाड़ा , परेवाकबूतर , सुवासादूल्हादुल्हन के कार्य करने वाला पुरुष या दूल्हे का सहयोगी , सुहासिनदूल��हादुल्हन के कार्य करने वाली सुहागिन स्त्री या दुल्हन की सहेली , टेढ़ा विवाह के सारे कार्य करने वाला पुरुष । जिनकी संख्या सात होती है । दोसी विवाह के मांगलिक कार्य करने वाले पुरुषजिनकी संख्या सात होती है । कभीकभी टेढ़ा और दोसी एक ही आदमी होता है मोरमेरा , बिराजय आ गयाशोभा देता है , गलीखोरआँगनगली , छातिक भारे छाती के बल से , सलगयचलेगा , बैठकीबैठना , सीखयसीखेगा । -कोदई जगोनी बैगानी विवाह गीत है । यह आमंत्रण पाती गीत है , -जिसे हल्दी भिंगाते समय गाया जाता है । इसमें दोसीटेढ़ा से लगाकर देवीदेवताओं तक विवाह में शामिल होने का निवता आमंत्रण दिया जाता है । -‘तरी नानी नानार नानी’ प्रारम्भिक लय है , जिस प्रकार सैला और रीना गीत में’तर नाना ना मोर नानार’प्रांभिक धुन या लय होती है । इसका कोई अर्थ नहीं होता है । पर इससे गीत का प्रारम्भ लय के साथ होता है । यह धुन या लय अत्यंत मधुर होती है । -दूल्हा कहता है ओ आजा और आजी तुम लोग यहाँ कैसे पहुँचे ? किस लिये आए हो । आजाआजी कहते हैं आज हमारे नाती का विवाह शूरु होने वाला है । हमने सुना और उसके लगन देखने के लिए हम दौड़ पड़े । हम तो आ गए , लेकिन लगन लगाने वाले सातों दोसी और विवाह का सारा कार्य करने वाले सातों टेढ़ाओ को , जिनको पहले से ही नियुक्त किया है , उनको सबसे पहले आमंत्रण देकर विवाह घर लाओ । उनको पत्तल में दालचावल , रूपय आदि रखकर एक अद्धी दारू पिलाकर स्वागत करो । -आदिवासी समाजों में महुवा की दारू उनके रीतिरिवाज और अनुष्ठानों निभाने का अनिवार्य अंगा है । -विवाह हँसीमज़ाक और खुशी मनाने का अवसर होता है । ऐसे में समधीसमधन तो सबसे पहले निशाने पर होते है , इसलिए गीत में कहा गया है की विवाह घर में बोरों में दालचावल भरा हुआ था । उसे मेरी समधिन चुरा के गई है । यह बात दूल्हे की दाई यानी माता कहती है । गीत में समधिन कहती है । इस बात का जवाब देती है । समधिन मैंने चोरी नहीं की है । यह काम तुम्हारे घर के चूहों ने किया है , वे बोरों के दालचावल चट कर गए हैं । -इस पर दूल्हे की माँ गुस्से होकर कहती हैघर के चूहों को पकड़ों और उनके सिर काटकर ‘कलश’ बनाओ । -कान काटकर ‘दीपक’ बनाओ । -पुंछ काटकर ‘बाती’ बनाओ । -गला काटकर ‘शहनाई’ बनाओ । -और चमड़ा उधेड़कर ‘नगाड़ा’ बनाओ । -फिर सभी दोसी विवाह नियुक्त जातीय पुरोहित , माता महारानी , ठाकुरदेव , चाँदसूरज और बैगाजाति के समस्त देवतागणों को बुलाओ । सारे देवियों को शीघ्र बुलाओ और उनसे कहोवे दूल्हादूल्हन को आकार आशीर्वाद दें । ताकि ये जिन्दगी भर जीवनयापन करें सातों टेढ़ा विवाह में आमंत्रण दें । तुम चिंता मत करो । बोरी अन्न नहीं बचा तो कोठियों में खूब अनाजों भरा है , और गांठ में बहुत सा रूपया पैसा भी बंधा है । दोसी और टेढ़ाओ को पहले नगद नेग चुकाओ और सबसे पहले उनको बुलाओ , ताकि सुभ विवाह का कार्य प्रारम्भ हो । -सातों गीत गाने वाली ‘गीतकारीं’ को आमंत्रित करो । -सातों खाना बनाने वाली हंडेरिनों को आमंत्रित करो । -सातों सुवासा और सातों सुहासिनो को आमंत्रित करो । -विवाह के लिये कोदो बनाया , लेकिन समधिन चोरी करके ले गई । इस पर समधिन कहती है मैं नहीं ले गई हूँ । कोदो तो उंजूर और झुंझूर नाम के चूहे खा गये । विवाह के लिये दाल बनायी । समधिन कहती है मैं नहीं ले गई हूँ । दाल तो चूहे ले गये हैं । विवाह के लिये हल्दी पिसाई है । समधिन कहती हैं मैं नहीं ले गई हूँ । दाल तुम्हारे घर के चूहे ले गये हैं । -विवाह के लिये ‘मिर्ची’ पिसाई है । समधिन कहती है मैं नहीं ले गई हूँ । -मिर्च तो चूहे गये हैं , विवाह के लिये महलोंन के पत्तों से पत्तल बनवाई है । समधिन कहती है मैं नहीं ले गई हूँ । पत्तल तुम्हारे घर के चूहे कुतर गये हैं । -दूल्हे की माता कहती है दोसी तुम धरती माता को आमंत्रण देना मत भूल जाना । ठाकुर देव को पहले आमंत्रित करना । खेर माई महारानी को आमंत्रित करना । सारे ग्राम देवताओं को आमंत्रित करना । कोई छूट न जाय । सारे मेहमान और देवीदेवताओं को आमंत्रित करना । कोई छूट न जाय । सारे मेहमान और देवीदेवता दूल्हादुल्हन को ऐसा आशीर्वाद दें कि वे लाखों वर्ष जीवित रहें । जैसे हंसहंसनी की जोड़ी होती है । वैसे दूल्हादुल्हन की जोड़ी हमेशा बनी रहे । जैसे कबूतर की जोड़ी होती है । वैसे ही दूल्हादुल्हन की जोड़ी बनी रहे ।",baiga-mis -"फुगडी 2 -फुगडी खेळतां खेळतां जमीन झाली काळी -माझ्याशी फुगडी खेळते लेकुरवाळी -२ . -लाही बाई लाही साळीची लाही -मुक्यानं फुगडी खेळणं शोभत नाही -३ . -गणपतीच्या मागे उंदराची पिल्लं -सगुणा म्हणते तींच माझी मुलं -४ . -पैंजण बाई पैंजण छुमछुम पैंजण -माझ्याशी फुगडी खेळते बुटबैंगण -५ . -खार बाई खार लोणच्याचा खार -माझ्याशी फुगडी खेळते नाजुक नार -६ . -आपण दोघी मैत्रिणी गळां घालूं वेढा -गोड गोड बोलुं आपण साखरपेढा -७ . -बारा वाजले एक व��जला समोर पडली आहेत उष्टी -नवरा आणि बायको बसून करताहेत गोष्टी . -८ . -तुझी माझी फुगडी किलवर ग -संभाळ अपुले बिलवर ग -९ . -आपण दोघी मैत्रिणी गळां घालूं मिठी -गोड गोड बोलूं आपण साखरपिठी -१० . -नमस्कार करतें आशीर्वाद द्या -लहान आहे सासूबाई संभाळून घ्या -११ . -फुगडी फुलेदार भाऊ शिलेदार -नणंदा मोकाणी जावा कोल्हाटिणी . -१२ . -हरबर्‍याचं घाटं माज्या फुगडीला दाटं -फुगडी पापा तेलणी चांफा , -सईची साडी राहिली घरीं , -बाप सोनारा नथ घडू दे , -नथीचा जोड सवती बोल , -सवत कां बोल ना , -यील मेल्या सांगीन त्येला , तुला ग मार दियाला , -बकर कापीन गांवाला , हरीख माज्या जीवाला -१३ . -घोडा घोडा एकीचा एकीचा -पेठकरणी लेकीचा , लेकीचा -१४ . -अशी लेक गोरी , गोरी -हळ्द लावा थोडी , थोडी -हळदीचा उंडा , उंडा -रेशमाचा गोंडा , गोंडा -गोंड्यात होती काडी , काडी -काडीत होता रुपाया , रुपाया -भाऊ माझा शिपाया , शिपाया . -१५ . -शिळ्या चुलीत चाफा चाफा -नाव ठेवा गोपा , गोपा -गोपा गेला ताकाला ताकाला -विंचू लावला नाकाला -विंचवाची झाली गुळवणी गुळवणी -त्यांत माझी मिळवणी मिळवणी -मिळवणीचा रहाट ग रहाट ग -कोल्हापूरची पेठ ग पेठ ग -पेठेला लागल्या शेंगा शेंगा -अशी शेंग गोड ग गोड ग -जिभेला उठला फोड ग फोड ग -फोड कांही फुटेना फुटेना -घरचा मामा उठेना उठेना -घरचा मामा खैस ग खैस ग -त्यान घेतली म्हैस ग म्हैस ग -१६ . -अरंडयावर करंडा करंडयावर मोर -माझ्यासंग फुगडी खेळती चंद्राची कोर -१७ . -ओवा बाई ओवा रानोमळ ओवा -माझ्यासंग फुगडि खेळतो गणपतिबुवा -१८ . -आम्ही दोघी मैत्रिणी अट्टीच्या अट्टीच्या -साडया नेसू पट्टीच्या पट्टीच्या -१९ . -खोल खोल विहिरीला उंच उंच चिरे -तुझी माझी फुगडी गरगर फिरे -२० . -आपण दोघी मैत्रिणी जोडीच्या जोडीच्या -हातात पाटल्या तोडीच्या तोडीच्या -२१ . -चहा बाई चहा गवती चहा -माय लेकीच्या फुगडया पहा -२२ -पहा तर पहा उठून जा -आमच्या फुगडीला जागा द्या -२३ . -अक्कण माती चिक्कण माती पाय घसरला -प्रेमाचा नवरा् शेला आणायला विसरला -२४ . -इकडून आली तार तिकडून तार -भामाचा नवरा मामलेदार . -२५ . -तुझ्या घरी माझ्या घरी आहे बिंदली सरी -फुगडी खेळताना बाई नको तालीवारी",marathi-mar -"बारह बरस में री जोगी आयो रे -बारह बरस में री जोगी आयो रे -अरे जोगी आये मैया के दरबार , -सुनो जी राजा भरथरी -भिक्षा को डारो री मैया तावली -अरी मैया कब से खड़ें हैं तेरे द्वार -सुनो जी राजा भरथरी -भिक्षा तो डारति मैय��� रो पड़ी -अरे जोगी तेरी सूरति को मेरो लाल -सुनो जी राजा भरथरी -तू तो री मैया मेरी बावली -अरी मैया मेरी सूरति को कोई और -सुनो जी राजा भरथरी -बारह बरस में री जोगी आयो रे -अरे जोगी आये बहना के दरबार , -सुनो जी राजा भरथरी -भिक्षा को डारो री बहना तावली -अरी बहना कब से खड़ें हैं तेरे द्वार -सुनो जी राजा भरथरी -भिक्षा तो डारति बहना रो पड़ी -अरे जोगी तेरी सूरति को मेरो भ्रात -सुनो जी राजा भरथरी -तू तो री बहना मेरी बावली -अरी बहना मेरी सूरति को कोई और -सुनो जी राजा भरथरी -बारह बरस में री जोगी आयो रे -अरे जोगी आये रानी के दरबार , -सुनो जी राजा भरथरी -भिक्षा को डारो री रानी तावली -अरी रानी कब से खड़ें हैं तेरे द्वार -सुनो जी राजा भरथरी -भिक्षा तो डारति रानी रो पड़ी -अरे जोगी तेरी सूरति के मेरे कंत -सुनो जी राजा भरथरी -तू तो री रानी मेरी बावली -अरी रानी मेरी सूरति को कोई और -सुनो जी राजा भरथरी",khadi_boli-mis -"दूधन भरी तलावड़ी लोणी बांधी पाळ -दूधन भरी तलावड़ी , लोणी बांधी पाळ -वहां भोळा धणियेर न्हावण करऽ -रनुबाई हुआ पणिहार -न्हावतज धोवतऽ मथो मथ्यो , कुणऽ घर जासां मेजवान , -कुणऽ घर अम्बा आमली , कुणऽ घर दाड़िम अनार , -ऊ घर सूखा केवड़ा हो , रनुबाई मेहका लेय । -दूर का अमुक भाई अरजकरऽ , उनऽ घर हुसाँ मेजवान । ।",nimadi-noe -"चाँद चड्यो गिगनार -यहाँ नारी को रात होने से पहले घर पहुँचने जाना चाहिए , नहीं तो बड़ेबूढ़े नाराज़ होंगे . . . -चाँद चड्यो गिगनार -फिरत्या ढल रहिया जी -अब बाई घराँ पधार -भाऊजी मारेला -बाबूसा देला गहल बडोरा -बीर बरजेला -मत दयो बाई ने गाल -भाई म्हारी चिड़ी कली -आज उड़े पर मान -तडके उड़ जासी जी",rajasthani-raj -"अंगिका फेकड़ा -एक मटर पैलेॅ छी -एँड़िया तर नुकैलेॅ छी -सातो गोतनी पीसै छै -एक गोतनी रूसली -केकरा लेॅ ? -बुढ़वा लेॅ । -बुढ़वा गेलोॅ छै बारी -कौआँ नोचै छै दाढ़ी -छोड़ , छोड़ रे कौआ -अब नै जैबौ बारी -हाथी पर हथमान भैया -घोड़ा पर रजपूत -डोली पर बिहौती कनियाँ -खोपोॅ हुएॅ मजबूत । -एक तारा दू तारा -मदन गोपाल तारा -मदना के बेटी बड़ी झगड़ाही -अक्का गोलगोल , पक्का पान -शिवोॅ के बेटी कन्यादान -काना रे कनतुल्लातुल्ला -पीपर गाछी मारे गुल्ला -साँप बोले कोंकों , कबुत्तर माँगे दाना -हम्में तोरोॅ नाना । -आव आव रे पर्वत सुगा -अण्डा पारीपारी देॅ जो । -तोहरा अण्डा आग लागौ -नूनू आँखी नीन गे -आव रे कौआ उचरी केॅ -नूनू खैतोॅ कुचरी केॅ -आव रे कौआ ओर सें -नूूनू खै��ोॅ कौर सें । -नूनू के माय कुछुए नै खाय -ऐंगन एत्तेॅ गो रोटी खाय -पानी पियैलेॅ पोखर जाय -पोखरी के कछुआ लेलक लुलुआय -वहाँ के पियासली कुइयाँ जाय -कुइयाँ के बेंगवा लेल लुलआय -वहाँ के पियासली गंगा जाय -गंगा माँता दिएॅ आशीष -चिर युग जिएॅ नूनू लाख बरीस -लाख बरिस के खुण्डाखुण्डी -लाख बरिस के नूनू हमरोॅ ।",angika-anp -"तुम देवो रजा घर जावां -तुम देवो रजा घर जावां , -राणी रनु बाई हो । । -चूल्हा पर खीचड़ी खदबदऽ , -राणी रानु बाई हो । । -अंगारऽ सीजऽ दाळ , -राणी रनु बाई हो । । -ससराजी सूता द्वार , -राणी रनु बाई हो । । -सासुजी दीसे गाळ , -राणी रनु बाई हो । । -म्हारा स्वामी सोया सुख सेज , -राणी रनु बाई हो । । -तुम देवो रजा घर जावां , -राणी रनु बाई हो । ।",nimadi-noe -"तूं तै चाल घोड़ी चाल मेरे दादा कै दरबार -तूं तै चाल घोड़ी चाल मेरे दादा कै दरबार -मैं तो अभी चलूं महाराज मन्नै बड़े घरां की लाज -बन्ना जीमै बूरा भात घोड़ी चरै चणा की दाल -तूं तै चाल घोड़ी चाल मेरे ताऊ के दरबार -मैं तो अभी चलूं महाराज मन्ने बड़े घरां की लाज",haryanvi-bgc -"हे राजा राणी चले बनबास बड़ तले ला लिया डेरा -हे राजा राणी चले बनबास बड़ तले ला लिया डेरा -हे राणी सो गई चुंदड़ी तान सरप ने दे लिया घेरा -हे री मैं पल्ला उघाड़ जरा देखूं अंखियां खोलदी कोन्यां -हे री मैं ने मुख से करी दो बात मुखड़े सै बोलदी कोन्या -हे री मैं ने पहुंचे से पकड्या हात नाड़ी तो उस की चालदी कोन्यां -हे री वो रोया बड़ के लाग मेरे तो मां बाप बी कोन्यां -हे री वो रोया नदियां बीच मेरे तो एक लाल बी कोन्यां -ए रे कटवा दूं चन्दन रूख अड़ै तो कोई रूख बी कोन्यां -ए रे चिणवा दूं चिता के बीच मेरे तो कोई गैल बी कोन्यां -ए रे मनै ढूंढी सारी बिलात इसा तो कोई फूल बी कोन्यां",haryanvi-bgc -"515 -हुकम हीर दा माऊ तों लया सहती गलां आपों विच दोहां मेलियां ने -अनी आओ खां आपो विच गल गिनो सभ घलियां सभ सहेलियां ने -रूजू1 आन होइयां सभे पास सहती जिवें गुरु अगे सभ चेलियां ने -कहे कुआरियां कई वियाहियां ने चंद जेहे सरीर मथेलियां ने -उन्हां माऊ ते बाप नूं भुन्न खाधा मुंग चने कुआरियां खेलियां ने -विच हीर सहती दोवें बैठियां न दुआल बैठियां आन सहेलियां ने -सभनां बैठ के इक सलाह कीती भाबी नणद ते आन रवेलियां ने -सुती पई लोको उठ चलना जे बाहर करनियां जां काले केलियां ने -सइयों हुम हुमा के आवना जे गलां करनियां अज कहेलियां ने -वारस शाह शिंगार महावतां न जिवें ��थनियां किले ते पेलियां ने",panjabi-pan -"61 -अजी हीर ते पलंघ सभ थां तेरी घोल घतियां जीऊड़ा वारया ई -नहीं गाल कढी हथ जोड़दी हां हथ ला नाहीं तैनूं मारया ई -असीं मिन्नतां करां ते पैर पकड़ां तैथों धोलया कोड़मा1 सारया ई -असां हस के आन सलाम कीता आप कासनूं मकर पसारया ई -सुन्नी पई सां त्रिंजणी चैन नाहीं अल्ला वालयां नेसानूं तारया ई -वारस शाह है कौन शरीक उसदा जिसदा रब्ब ने कम्म सवारया ई",panjabi-pan -"राधा अलबेली को आनन -राधा अलबेली को आनन । -तकै नन्द को कानन । -राखैं रहत चकोर चित्त में । -ज्यों चन्दा की मानन । -हँसी करन रसबस करवे खाँ , -मानौ रस की खानन । -भारत सौ पारत हेरन में , -पारथ कैसे बानन । -ईसुर कात श्याम नई छाँड़त , -जब से लागे जानन ।",bundeli-bns -"आंगन बरसै सोहाग बदरी भीतर दुलारी न्हाय -आंगन बरसै सोहाग बदरी भीतर दुलारी न्हाय -दादी ने सोहाग दीन्हा भर मांगो के बीच -बदरिया बरसै -पोस्त बोया बन्ने के बाबा , दादी बोवै लाल महेंदी -आज यहीं रहो रे बन्ने , बरसती है सोहाग बदरी -बदरिया बरसै -अम्मा चाची ने भर दिया गुलाल , मामी भाभी ने गूंथे फूल -बीबी हमारी सजी राधा सी , बरसती है सोहाग बदरी -बदरिया बरसै",haryanvi-bgc -"अगे अगे चेरिया बेटिया, नेस देहु मानिक दियरा हे -अगे अगे चेरिया बेटिया , नेस देहु1 मानिक दियरा2 हे । -येहो3 बँसहर4 घर दियरा बराय5 देहु , सुततन6 दुलरू दुलहा हे ॥ 1 ॥ -पहिल पहर राती बीतल , इनती मिनती7 करथिन हे । -लेहु बहुए सोने के सिन्होंरबा8 तो उलटि पुलटि सोबऽ9 हे ॥ 2 ॥ -अपन सिन्होरबा परभु मइया के दीहऽ10 अउरो बहिनी के दीहऽ हे । -पुरुब मुँह11 उगले जो चान , तइयो12 नहीं उलटि सोयबो हे ॥ 3 ॥ -दोसर पहर राती बीतल , इनती मिनती करथिन हे । -लेहु बहुए नाक के बेसरिया , उलटि जरा सोबहु हे ॥ 4 ॥ -अपन बेसरिया परभु , मइया दीहऽ , अउरो बहिनिया दीहऽ हे । -पुरुब के सुरूज पछिम उगतो13 तइयो नहीं उलटि सोयबो हे ॥ 5 ॥ -तेसर पहर रात बीतल , दुलहा मिनती करे , अउरो आरजू करे हे । -लेहु सुहवे14 सोनहर15 चुनरिया , त उलटि पुलटि सोबऽ हे ॥ 6 ॥ -अपन चुनरिया परभु जी मइया दीहऽ , अउरो बहिनिया दीहऽ हे । -पछिम उगतो जे चान , तइयो तोरा मुँह न सोयब हे ॥ 7 ॥ -चउठा पहर रात बीतल , भोर भिनिसरा16 भेले हे । -भिनसरे लगल सिनेहिया17 तो कागा बैरी भेले हे ॥ 8 ॥",magahi-mag -"सगरे समैया कोसी माय सुती बैठी हे गमोली -सगरे समैया कोसी माय सुती बैठी हे गमोली -कोसी माय भादो मास उमड़ल हे नदिया -धीरे नैया खेबिहें रे मलहा , -मधुरे नैया रे खेबहें मलहा -नाजुक छेलै रे सखि सब सहेलिया -जैं हमे आहे बहिनो पार देबौ उतारिये -हमरा के बहिनो किए देबैं दानमा -जब हम आरे मलहा -बसबै सासुरेनगरिया -तबे देबौ आरे मलहा -छोटकी रे ननदिया दनमा -छोटकी ननदि बहिनों गे -कइसे लेबौ गे दनमा -तोर ननदि गे बहिनो -लागे मोर बहिकनयाँ -देबौ रे देबौ रे मलहा -गला गिरमल हरबा -आरो देबौ हाथ के रे बलिया -झट करे रे पार ।",angika-anp -"बारह बरीस के नन्हुआँ कवन दुलहा -बारह बरीस के नन्हुआँ1 कवन दुलहा , खेलत गेलन बड़ी दूर । -उहवाँ2 से लइलन3 हारिले सुगवा4 तिहलन हिरदा लगाय ॥ 1 ॥ -सब कोई पेन्हें अँगिया5 से टोपिया , सुगवाहिं अलुरी6 पसार7 । -हमरा के चाहीं मखमल चदरिया , हमहूँ जायब बरियात ॥ 2 ॥ -सब कोई चढ़लन हथिया से घोड़बा , हमरा के चाहीं सोने के पिंजड़वा । -हमहूँ जायब बरियात ॥ 3 ॥ -सब कोई खा हथी8 पर पकवनवाँ , हमरा के चाहीं बूँट9 के झँगरिया10 । -हमहूँ जायब बरियात ॥ 4 ॥ -सब कोई देखे बर बरियतिया , सासु निरेखे धियवा दमाद । -अइसन11 लाढ़ी12 रे बर कतहूँ न देखलूँ , सुगवा लिहलन बरियात ॥ 5 ॥ -आहि13 जे माई पर परोसिन , सुगवा के डीठि जनि नाओ14 । -बन केइ सुगवा बनहिं चली जइहें , संग साथी अइले बरियात ॥ 6 ॥",magahi-mag -"अरे मन चेतत काहे नाही -अरे मन चेतत काहे नाहीं -काम क्रोध लोभ मोह में , -खोवत जन्म वृथा ही । अरे मन . . . -झूठो यह संसार समन सम , -उरझि रहौ ता माही । अरे मन . . . -रे मूरख सिया राम भजन बिन , -शुभ दिन बीते जाहीं । अरे मन . . . -राम नाम की सुध न लेत हो , -विष रस चाखन चाही । अरे मन . . . -अजहूं चेत रहौ मन मेरो , -फिर पीछे पछता ही । अरे मन . . . -कंचन कुंअरि थकत भई रसना , -बकतबकत तो पाही । अरे मन . . .",bundeli-bns -"विवाह - 2 -राज तिलक ही समय कैकही -दो वरदान मंगाई , कि दो वरदान -मंगाई हो राम । -राज तिलक भरत को भाये , -रामलखन वन को जाई । -मोरे राम चले बनवास रे डीओएस । -पुत्रे सोहग में राजा दशरत दिये प्राण । -गवाई देए प्राण गंवाई हो राम -भीतर रोवे माता कौसलिया -बहार भरत भाई , मोरे राम -चले वनवासे से डीओएस । -राम चले लक्ष्मण संग साथे -परजा भई भिखारी कि परमा , -भई भिखारी हो राम । -आ बरजन सो माने नहीं सीता -भये तैयारी मोरे राम । -चले बनवासे रे डीओएस । -चौदह बरस बिताये बंसा । -दुष्टों को संघाड़े कि , -दुष्टों को संघाड़े हो रा । -रामा दुष्टों को संघाड़े हो राम । आ दुनिया को सुख दिये -राम ने भूमि का भार उतारे मोरे राम । -चले बनवास रे दोस ॥ -शब्दार्थ – मंगाईमाँगे , पुत्रे सोहगपुत्र के वियोग का शोक , परानप्राण , गँवाईंगँवाना , बरजनरोकना , संघाड़ेसंहारे , भूमि का भार पृथ्वी पर फैले पाप का भार , उतारउद्दार किये । -राज तिलक के दिन ही कैकयी ने राजा दशरथ से दो वरदान माँग लिये , राम को वनवास और भरत को राज तिलक । राम जब अयोध्या से वनवास के लिये सीता और लक्ष्मण के साथ निकले तो इधर पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिये । दोहरा दुख अचानक आ पड़ने के कारण राजमहल में माता कौशल्या रो रही हैं । भरत को मालूम पड़ा तो उनकी आँखों में अश्रुधारा बहने लगी । जब रामलक्ष्मण और सीता महल से निकाल गये । सारी प्रजा भिखारी हो गई । सब लोग सीता को रोरो कर रोक रहे हैं । फिर भी सीता बिना कुछ बोले राम के पीछेपीछे वन को चली जा रही हैं । राम ने चौदह वर्ष वन में बिताये । वन में कई दुष्ट राक्षशों को संहार किया । लंका के रावण जैसे महा अहंकारी दुष्ट को मारा , इस तरह राम ने अपनी त्याग , तपस्या और वीरता से दुनिया को सुख दिया और इस धरती से दुष्टों को मारकर उसके भार को उतार दिया ।",baiga-mis -"वनिक -मैं हूँ साहुकारा नाथ , कीजिए हमारा सौदा , -छोटी बड़ी इलायची , छुहड़ा घर भरा है । -लवंग ओ सुपारी , कत्था केवरा सुवास भरो , -बांका है मुनक्का , जो डब्बे में रक्खा है । -किसमिस बादाम , ओ चिरंजी तमाम रक्खी , -गड़ी का है गोला साँचे का सा ढ़ला है । -सोंठ जीरा जायफल डिब्बे में कपूर देखो , -काली मीर्च पीपली चालान नयी आयी है । -हरदी हरीत के ठंढई भी ढेर रक्खी , -धनिया मसाला सब आला दरसाई है । -कहे अभिलाख लाल लीजिए मखाना पिस्ता , -दीजिए न दाम , दास चरणों पर पड़ा है ।",bhojpuri-bho -"बारात के रास्ते का गीत -आंबा नी नांबी डाले , डाले झोला खाय । -भाइ नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । -भोजाई नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । -बहिण नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । -बणवि नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । -काका नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । -काकी नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । -फुवा नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । -फुइ नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । -आम की लम्बी टहनी हैं , टहनी झोले खा रही हैं । भाइयों की लम्बी जोड़ी हैं अर्थात् बहुत भाई हैं , भाइयों की जोड़ी झोले खा रही हैं । इसी प्रकार भौजाई , बहनबहनोई , काकाकाकी , फूफाबुआ का नाम लेते हुए गीत चलता है ।",bhili-bhb -"बारात के रास्ते का गीत -आंबा मा मेलो भेलो हयो रे केसरिया लाल । -बाष्ट्या ऊपर जोबन झोला खाय रे केसरिया लाल । -आमल्या मा मेलो ���ेलो हयो रे केसरिया लाल । -हार ऊपर जोबन झोला खाय रे केसरिया लाल । -जांबुड़ा मा मेलो भेलो हयो रे केसरिया लाल । -तागल्या ऊपर जोबन झोला खाय रे केसरिया लाल । -सिंद्यां मा मेलो भेलो हयो रे केसरिया लाल । -लंगर्या ऊपर जोबन झोला खाय रे केसरिया लाल । -बारात जा रही है , छायादार वृक्षों को देखकर रुकते हैं । सभी एकत्रित हो जाते हैं वहाँ गीत गाते हैं । सभी महिलापुरुष गहनों से सजे हुए हैं । -आम के कुँज में मेला लग गया है जो केसरिया और लाल है । बाष्ट्या पर जवानी झूम रही है । इमली के वृक्षों में मेला लगा है जो केसरिया और लाल है । हार पर जवानी झूम रही है । जामुन के पेड़ों पर मेला लगा है केसरिया लाल । तागली पर जवानी झूम रही है । सिंदी के वृक्षों में मेला लगा है केसरिया लाल , लंगर पर जवानी झूम रही है । -बारात दुल्हन के गाँव के बिल्कुल पास पहुँच गई , जहाँ से बारात की हल चल गाँव में सुनाई पड़ रही है , वहाँ गीत गाया जाता है । यह ‘निहाली गीत’ है ।",bhili-bhb -"209 -जेहड़े इक दे नाम ते महव होए मंजू़र खुदाय दे राह दे नी -जिन्हां सिदक यकीन तेहकीक1 कीता मकबूल दरगाह अल्लाह दे नी -जिनां नाउं महबूब दा बिरद कीता उह साहिब मरातबे जाह2 दे नी -जेहड़े वढीयां खायके हक डोबण ओह चोर उचकड़े राह दे नी -एह कुरान मजीद दे माइने नी जेहड़े शेअर मीऐ वारस शाह दे नी",panjabi-pan -"बुल्ले शाह की सीहरफी - 1 -अलफ अल्लाह जिस दिल पर होवे । -मुँह ज़रदी अक्खाँ लहू भर रोवे । -आपणे जीवन तों हत्थ धोवे । -जिस नूँ बिरहों अग्ग लगावे । -लागी रे लागी बल बल जावे । -बे बालण मैं तेरा होई । -इशक नज़ारे आण वगोई1 । -रोन्दे नैण ना लैन्दे ढोई । -लूण फट्टाँ ते कीकर लावे । -ते तेरे संग प्रीत लगाईं । -जीओ जामे दी कीरी साईं । -मैं बक्करी पास बिरहों2 कसाई । -कट्ट कट्ट माँस हड्डाँ नूँ खावे । -से साबत नेहों लाया मैनूँ । -दूजा कूक सुणावाँ कीहनूँ । -रात अद्धी ओह ठिलदी नैं नूँ । -ओह कूंज वाँगूं कुरलावे । -जीम जहानों चोई साँ न्यारी । -लग्गा नेहों ताँ होए भिकारी । -पए बुल्ले सूल पसारे । -लोग लोग उलांभे दे दे तावे । -हे हैरत बिन साएत नाहीं । -ज़ाहर बाताँ माराँ ढाहीं । -झात बत्तण3 नूँ लावाँ दाईं । -सीने सूल प्रेम दी धावे । -तुध बिन कौण जो आण बुझावे । -खे खुबी हुण ओह न रहीआँ । -जब दी सांग कलेजे सहीआँ । -आहीं नाल पुकाराँ कहीआँ । -तुध बिन कौण जो आवे बुलावे । -दाल दूरों दुःख दूर न होवे । -फक्कर फिराकों से बहुता रोवे । -तन भी दिल खल्लाँ धोवे । -इशक अक्खीं विच्च मिरच लगावे । -ज़ाल ज़ोक दुनिआँ ते इतना करना । -खौफ हशर दा ज़रा न करना । -चलनाँ नबी साहिब दे सरना । -ओड़क जा हिसाब करावे । -रे रोज़ हशर कोई रहे न खाली । -लै हिसाब दो जग्ग दा वाली । -ज़ेर ज़बर सभ भुल्लण आली । -तिस दिन हज़रत आप छुडावे । -जे जुहद4 कमाई चंगी करीए । -जेकर मरन तों अग्गे मरीए । -फिर मोए भी ओस तों डरीए । -मत्त मोयाँ नूँ पकड़ मँगाए । -सीन साईं बिन जार ना कोई -जित्त वल्ल वेक्खाँ ओही ओही । -होर किते वल्ल मिलेना ढोई । -मेरा मुरशद पार लँघावे । -शीन शाह अनायत मुरशद मेरा । -जिस ने कीता मैं बल फेरा । -चुक्क ग्या सभ झगड़ा झेड़ा । -हुण मैनूँ भरमावे तावे । -सुआद खबर ना आवे मैनूँ , -खुली वस्त बज़ार । -कासद5 लै के विदेआ होया , -जा फड़ेआ दरबार । -अग्गों मिलेआ आए के ओहनूँ , -होया सोर असवार । -रस्ते विच्च अंगुश्तरी6 आही , -ऐसी ऐसी भई बुलावे । -जुआद ज़रूरी यार अल्ला दे , -आ करन सवाल रसूल । -नवें असार7 कलाम सुणाईं , -मैं दरगह पई कबूल । -एह मज़ाजी8 जात हकीकी , -वासल9 वसल वसूल । -फ़ारग हो के हजरत ओत्थे , -आवे खाणा खावे । -तोए तलब दीदार दी आही , -कीता करम सत्तार10 । -जलवा फेर इलाही होया , -हज़रत नूँ गुफ्फार11 । -हत्थ नूरानीं गैबों आवे , -मुन्दरी दी चमकार । -बुल्ला खलक मुहम्मदी कीते , -ताँ एह की कहावे ? -जोए ज़ाहर मलूम ना कीता , -होया दीदार भुलावे । -रल के सइआँ खाणा आधा , -ज़रा अंत ना आवे । -ओह अंगूठी आप पछाती , -आपणी आप जितावे । -बुल्ला हज़रत रुखसत हो के , -आपणे यार सुहावे । -ऐन अनायत12 उलफत13 होई , -सुणे असहाबो यारो । -जेहड़ा हुण ना करसी हज़रत14 , -झूठा रहे सरकारों । -फिर शकायत ओहनाँ ही करनी , -साहिब दे दरबारों । -बुल्ला किबर ना करीए दुनिआँ उत्ते , -इक्का नज़री आवे । -गैन गुलाम गरीब तुसाडा , -मंगे खैर दरबारों । -रोज़ हशर15 दे खौफ सुणींदा , -सद्द होसी सरकारों । -कुल ख़लाइक16 तलखी17 , -सूरज दे चमकारों । -बुल्ला असाँ भी ओत्थे जाणा , -जित्थे गया ना भावे -फ़े फ़िकर फकीराँ कीता , -विच्च दरगाह इलाहीं । -शफीर18 मुहम्मद जा खलोते , -जित्थे बेपरवाही । -नेड़े नेड़े आ हबीबाँ , -एह मुहब्बत चाही । -खिरका19 पहन रसूल अल्ला दा , -सिर ते ताज लगावे । -काफ कलम रवानां मिटदी नाहीं , -जो असाँ पर आई । -जो कुछ भाग असाडे आहा , -ओह ताँ मुड़दा नाहीं । -बाझ नसीबों दावे केहे , -भुल्ली कुल्ल खुदाई । -बुल्ला लेह महफूज ते लिखिआ , -ओत्थों कौण मिटावे । -काफ कलाम नबी दी सच्ची , -सिर नबीआँ दा साईं । -सूरत पाक नबी अजेहा , -चंद सूरज भी नाहीं । -हीरे मोती लाल जवाहर , -पहुँचे ओत्थे नाहीं । -मजलस ओस नबी दी बह के , -बुल्ला कौण कहावे । -लाम ला इल्ला दा ज़िकर बताओ , -इलालिला असबात20 कराओ । -मुहम्मद रसूल अल्ला कह मेल मिलाओ , -बुल्ला एह तोहफा आदम नूँ आवे । -मीम मुहम्मदी जिस्म बणाओ , -दाखल विच्च बहशत कराओ । -आपे आप शैतान भजाओ , -फिर आदम ओत्थों आवे । -नूँन निमाणा मुजरम है आया , -कड्ढ बहश्तों जिमीं रुलाया । -आदम हव्वा जुदा कराया , -बुल्ला आप विछोड़ा पावे । -व वाह वाह आप मुहम्मद आपणी , -आदम शकल बणावे । -आपे रोज अज़ल21 दा मालक , -आपे शफीह हो आवे । -आपे रोज़ हशर दा काज़ी , -आपे हुक्म सुणावे । -आपे चा शिफाइल22 करदा , -आपे ही दीदार करावे । -हे होली बोली एत्थे भाई , -मताँ कोई सुणे सुणावे । -वड्डा अज़ाब23 कबर दा दिसे , -जे कोई चा छुडावे । -पुरसलात24 दी ओक्खी घाटी , -ओह भी खौफ डरावे । -तूँ रक्ख उमैद फज़ल दी बुलिआ -अल्लाह आप बचावे । -लाम लांभ न कोई दिसे मैनूँ , -कित वल्ल कूक सुणावाँ । -जित वल्ल वेक्खाँ नजर ना आवें , -किस नूँ हाल विखावाँ । -बाझ पीआ ना हामी कोई , -होर नहीं कोई थावाँ । -बुल्ला मल दरवाज़ा हज़रत वाला , -तैनूँ ओह छुडावे । -अलफ इकल्ला जावें एत्थों , -वेक्खण आवण ढेर । -साहाँ तेरिआँ दी गिणती एत्थे , -आई होई नेड़ । -शताबी ओत्थे वड़ चल्ल बुलिआ , -मत लग्ग जावे देर । -पकडत्रीं वाग रसूल अल्ला दी , -कुछ जित्थे हत्थ आवे । -ये यारी हुण मैं लाई , -अगली उमराँ खेड वाँई । -बुल्ला शाह दी जात ही आई , -कलमा पढ़दिआँ जिन्द लै जावे । -लागी रे लागी बदल जावे , -इस लागी को कौण बुझावे ।",panjabi-pan -"देवी के पर्वत चड़ती चौलण पाट्या ए मां -देवी के पर्वत चड़ती चौलण पाट्या ए मां । -कै गज चौलन पाट्या के गज रह्या ए मां । -दस गज चौलन पाट्या नौ गज रह्या ए मां । -काहे की तो सुई री मंगाऊं काहे का तागा ए मां । -सार की तो सुई री मंगाऊं रेसम का तागा ए मां ।",haryanvi-bgc -"नाहोनी -तरी नानी नानी नानरी , नानी तर नानी नाना रे नान । -आनोओ सगही बनिया क कइयाकोरय संगही हमार । -माई नर्बदा सोने बहादूर , जोइला माँ करै असनान । दैया । -आनो ओ संगही लिख लिखा कपड़ा पेहरय संगही हमार , दैया -शब्दार्थ –सगहीसखीसहेली , ककइकंघी , कोरइबाल ओछना , लिख लिखाचमकदार छपा हुआकढ़ाई किया हुआ , पेहरयपहने । -जब दूल्हादुल्हन को नहलाया जाता है । तब इस गीत को गाया जाता है । -दुल्हन रोती हुई कहती है हे सहेलियों बाल धोने की मिट��टी जल्दी लाओ । बाल ओछाने की सुंदर कंघी लाओ । जल्दी से एक घड़ा गरम पानी लाओ । नहाने के बाद पहनने के लिये चमकदार वस्त्र भी लाओ । -हमारे दूल्हा और दुल्हन माता नर्मदा , बहादूर नद सोनभद्र और जोहिला नदी के पवित्र जल से स्नान कर रहे हैं ।",baiga-mis -"अगना मे बाजे बधैया बाजे हो बधैया -अंगना में बाजे बधैया , बाजे हो बधैया -यशोदा जी के द्वारे । -रार करें पानी में हिलोरें , खेले को मांगे जुन्हैया । -यशोदा जी के द्वारे -तुम जिन सोच करो मनमोहन देहैं -चांद ल्याकें यशोदा के द्वारे -गोरी नंद गोरी यशोदा , -तुम काय मोहन कारे । अंगना . . .",bundeli-bns -"इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए -इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । -फड़ नुक्ता छोड़ हिसाबाँ नूँ , -कर दूर कुफर देआँ बाबाँ1 नूँ , -लाह दोज़ख2 गोर3 अजाबाँ4 नूँ , -कर साफ दिले दिआँ ख्वाबाँ नूँ , -गल्ल ऐसे घर विच्च ढुक्कदी ए । -इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । -ऐवें मत्था ज़िमीं घसाईदा , -लम्मा पा मेहराब दिखाईदा , -पढ़ कलमा लोक हँसाईदा , -दिल अन्दर समझ ना लिआई दा , -कदी बात सच्ची वी लुकदी ए । -इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । -कई हाजी बण बण आए जी , -गल्ल नीले जामे पाए जी , -हज वेच टके लै खाए जी , -भला एह गल्ल कीहनूँ भाए जी , -कदी बात सच्ची भी लुकदी ए । -इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । -इक जंगल बहिरीं जान्दे नी , -इक दाणा रोज़ लै खान्दे नी , -बे समझ वजूद थकान्दे नी , -घर होवण हो के मान्दे नी , -ऐवें चिल्लिआँ विच्च जिन्द सुक्कदी ए । -इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । -रड़ मुरशद5 आबद6 खुदाई हो , -विच्च मस्ती बेपरवाही हो , -बेबाहश बेनवाई हो , -बुल्ला बात सच्ची कदों रुकदी ए । -इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए ।",panjabi-pan -"इसी थलियां मैं इसे टीब्यां मैं -इसी थलियां मैं इसे टीब्यां मैं -तूं किस कारण आए प्यारे बन्दड़े -इसी गर्मी मैं असी सर्दी मैं -तुम किस कारण आए प्यारे बन्दड़े -इसी थलियां मैं इसे टीब्यां मैं -हम थारे कारण आए प्यारी बन्दड़ी -इसी गर्मी मैं इसी सर्दी मैं -हम थारे कारण आए बन्दड़ी -जनेती ले ब्याईयो म्हारे घर आईयो -पिरस्यां मैं आण बठाईयो प्यारे बन्दड़े -बाजा ले ल्याईयो म्हारे घर आईयो -गालां मैं आण बजवाईयो प्यारे बन्दड़े -गहणा तै ल्याईयो म्हारे घर आईयो -बन्दड़ी ने आण पहराईयो प्यारे बन्दड़े -महन्दी तै ल्याईयो म्हारे घर आईयो -बन्नी के हाथ रचाईयो प्यारे बन्दड़े -चोरी तै ल्याईयो म्हारे घर आईयो -बन्दड़ी का सीस गुंदाईयो प्यारे बन्दड़े -रात अन्धेरडी या बन्दड़ी कामनगैरी -तुम पाच्छै घोड़ा राखो प्यारे बन्दड़े -नदी का किनारा यो जोबन का सै जोड़ा -तुम कस कै पौंचा पकड़ो प्यारे बन्दड़े",haryanvi-bgc -"साँवन के सहनइया भदोइया के किच-किच ए -साँवन के सहनइया1 भदोइया2 के किचकिच3 ए । -सुगासुगइया4 के पेट , 5 बेदन6 कोई न जानये हे । -सुगासुगइया के पेट , कोइली दुख जानये हे ॥ 1 ॥ -अँगना बहारइत चेरिया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -चेरिया , मोरा परभु बइठल बँगलवा , 7 से जाइके बोलाइ देहु हे ॥ 2 ॥ -जुगवा8 खेलइते9 तोंहों बबुआ , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -बबुआ , रउरे धनि दरदे बेयाकुल , रउरा के बोलाहट10 हे ॥ 3 ॥ -पसवा त गिरलइ11 बेल तर , 12 अउरो13 बबूर तर हे । -ललना , धाइ14 पइसल गजओबर , 15 कहऽ धनि कूसल हे ॥ 4 ॥ -डाँड़ मोरा फाट हे कसइली जाके , ओटिया16 चिल्हकि17 मारे हे । -परभुजी , बारह बरिसे मइया रूसल , सेहो बउँसी लाबह18 हे ॥ 5 ॥ -मचिया बइठल तोहें मइया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -मइया , तोर पुतहू19 दरद बेयाकुल , तोरा के बोलाहट हे ॥ 6 ॥ -तुहूँ त हऽ मोर बबुआ , त रउरो बंसराखन20 हे । -बबुआ , तोर धनि बचन कुठार , बोलिया करेजे साले हे ॥ 7 ॥ -सउरिया21 बइठल तोहें धनिया त सुनहऽ बचन मोरा हे । -धनि , बारह बरिस मइया रूसल , कहल नहिं मानये हे ॥ 8 ॥ -लेहु परभु नाक के बेसरिया22 त मइया के समद23 दहु हे । -परभुजी , बारहे बरिस चाची रूसल , उनखे24 समद दहु हे ॥ 9 ॥ -मचिया बइठल तोहे चाची , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -चाची , तोर पुतहू दरद बेयाकुल , तोरा के बोलाहट हे ॥ 10 ॥ -सामन25 के समनइया26 तो , भादो के किचकिच हे । -बबुआ , वह हकइ27 पुरबा से पछेया , जड़इया28 मोरा लागये हे ॥ 11 ॥ -घड़ी रात गेलइ पहर रात होरिला जलम लेल हे । -ललना , बज लगल अनन्द बधावा , महल उठे सोहर हे ॥ 12 ॥ -अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे । -चेरिया , झट दए बाँटऽन29 सोंठउरा30 से होरिला जलम लेल हे ॥ 13 ॥",magahi-mag -"एक जलेबी तेल में -एक जलेबी तेल में । -गांधी भेज्या जेल में । । -जेल का फाटक गिया टूट । -गांधी आया फोरन छूट । । -सतागरह गांधी ने चलाया । -देस म्हारा आजाद कराया । ।",haryanvi-bgc -"भरथरी लोकगाथा का प्रसंग “चम्पा दासी का जोगी को भिक्षा देना” -अब ये भरथरी राहय ते रागी हौव -किथे हा -एक जानवर असन ह तो मोला चिन डरिस चिन डरिस -मोर खातिर प्राण त्याग दिस हौव -चल अब ये गाँव के मन मोला चिन्थे की नई चिन्हई हा -ये आसपास के मन मोला चिन्थे की नई चिन्हई हौव -थोड़ा आगे चल के देखंव देखंव -जब आगे चल के देखत रइये तो किसान कोनों चिन���हई नहीं हौव -अब ये राजा भरथरी राहय तेन हा -आके अपन डेहरी में धूनी जमा के बइठ जथे हौव -– गीत – -सुमिरन करे गंगा माता के , गंगा माता के वो -झुकती ये मोहिनी मिसाली के -सुमिरन करे गंगा माता के , गंगा माता के वो -झुकती ये मोहिनी मिसाली के -टोपी रतन जड़ाय , हाथ ऐ खप्पर धराय -टोपी रतन जड़ाय , हाथ ऐ खप्पर धराय -येदे अंगे में भभूत लगावत थे , ये लगावत थे , भाई येदे जी -येदे अंगे में भभूत लगावत थे , ये लगावत थे , भाई येदे जी -भिक्षा देदे भोले माता वो , भोले माता के वो -योगी आए तोरे द्वारे मा -भिक्षा देदे भोले माता वो , भोले माता के वो -योगी आए तोरे द्वारे मा -चौकीदारे हा या , गारी देवय दीदी -चौकीदारे हा वो , गारी देवय दीदी -येदे योगी ला उंहा ले भगावत थे , ये भगावत थे , भाई येदे जी -येदे योगी ला उंहा ले भगावत थे , ये भगावत थे , भाई येदे जी -– गाथा – -अब ये योगी ल रागी हौव -कोनों चिन्हय नहीं हा -आके गहरी धूनी जमा के बईठ जथे बईठ जथे -का पूछत हस वोला हौव -अंग में भभूत हा -टोपी रतन जड़ाय हौव -हाथ में खप्पर धराय हा -अब बोलथे माता , मोला भिक्षा दे हौव -मईया मोला भिक्षा दे भिक्षा दे -भिक्षा दे किथे तो ओकर घर में एक झन चौकीदार रिथे हौव -त वो चौकीदार काय किथे जानथस हा -– गीत – -का बनिया के ये हाट ऐ , येदे हाट ऐ योगी -का महाजने दुकान ऐ गा -का बनिया के दुकान ये , येदे दुकान ऐ योगी -का महाजन के हाट ऐ गा -गढ़ छप्पन के , राजा भरथरी ये -गढ़ छप्पन के , राजा भरथरी ये -ये ह ओकर द्वारे आए गा , येदे आए गा , भाई येदे जी -ये ह ओकर द्वारे आए गा , येदे आए गा , भाई येदे जी -– गाथा – -अब वो चौकीदार राहय तेन रागी हौव -एकदम गुस्सा होके योगी ला काहत हे हा -अरे ऐला का बनिया के हाट समझत हस -महाजन के दुकान समझत हस हा -ये छप्पनगढ़ राजा भरथरी के दुवार ऐ दुवार ऐ -अउ तोर जइसे योगी तो हजार ऐ नगरी मा फिरत रिथे हौव -चल इहां ले चल हा -भाग , अइसे किके ओला धक्का मार के निकालत रिथे रागी हौव -योगी राहय तेन उठय नहीं हा -मुच मुच , मुच मुच करत बइठे रिथे हौव -– गीत – -बोली बचन चौकीदारे हा , चौकीदारे हा वो -सुनले रानी मोर बाते ला -बोली बचन चौकीदारे हा , चौकीदारे हा या -सुनले रानी मोर बाते ला -तोर द्वारे में वो , एक योगी आहे -तोर द्वारे में वो , एक योगी आहे -वो ह भिक्षा ये मांगत हाबय वो , भाई येदे जी -वो ह भिक्षा मांगत हाबय वो , भाई येदे जी -बोली बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी ला वो -सुनले रानी मोर बाते ला -बोली बचन चम्प�� दासी ला , चम्पा दासी ला वो -सुनले दासी मोर बाते ला -एकादशी के वो , मैं उपासे रहेंव -एकादशी के वो , मैं उपासे रहेंव -येदे लाखों करेंव मैं हा दाने ला , भाई येदे जी -मैं हा लाखों करेंव येदे दाने ला , भाई येदे जी -– गाथा – -अब ये चौकीदार जाके रागी हौव -रानी सामदेवी ल किथे हा -रानी हौव -एकझन तोर दुवार में योगी आए हे योगी आए हे -वो भिक्षा माँगत बईठे हाबय हौव -तब रानी सामदेवी चम्पा दासी ल किथे हा -दासी हौव -में अतका उपास करेंव हा -अतका पूजा पाठ करेंव हौव -भोलानाथ के पूजा करेंव हा -तभो ले मोर करतब में इही लिखे हे हौव -मोर करम में यही लिखे हे बहिनी हा -जा तहीं भिक्षा देके आ हौव -अब ये चम्पा दासी रहाय ते रागी हा -सुनत रा हौव -– गीत – -बारा हजार ये ब्राम्हन ला , येदे ब्राम्हन ला वो -दान करे हेबे रानी हा , येदे रानी हा वो -पूजा करे भोलानाथ के , भोलानाथ के वो -बाबा योगी ये हा आए हे , भाई येदे जी -राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी -येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी -बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी -जा पहुंचे चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा वो -बाबा योगी के ये पासे ना , येदे पासे दीदी -दूसर द्वारे में जाबे ना , येदे काहत थे वो -चम्पा ये दासी हा आजे ना , भाई येदे जी -राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी -येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी -बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी -बोले बचन मोर योगी ह , मोर योगी हा वो -सुनले दासी मोर बाते ला -काय डाका पड़े , तेला ये मोला बता देबे -ले बता दे बाई , भिक्षा मोला तें देवा देबे , भाई येदे जी -राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी -येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी -बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी -– गाथा – -ये रानी सामदेवी राहय तेन रागी हौव -दुनों हाथ ल जोड़ के हा -काहत रिथे वही चम्पा दासी ला हौव -बहिनी हा -में बारा हजार ब्राम्हन ला हौव -अतका दान करेंव हा -भोलानाथ के में पूजा करेंव पूजा करेंव -ये बाबा योगी कहाँ ले टपक पईस हौव -मे एला भिक्षा कहाँ ले देवँव हा -जा दासी हौव -तहीं भिक्षा देके आजा आजा -चम्पा दासी राहय तेन हा -भिक्षा देबर निकलिस हे हौव -– गीत – -बोले बचन मोर दासी हा , मोर दासी हा वो -सुनले बाबा मोर बाते ला -बोले बचन मोर दासी हा , मोर दासी हा वो -सुनले बाबा मोर बाते ला -येदे भिक्षा लेबर , येदे काहय दासी -तुम भिक्षा लेवव , येदे काहय दासी -बाबा भिक्षा ल नई तो लेवय वो , येदे लेवय वो , भाई येदे जी -बाबा भिक्षा ल नई तो लेवय वो , येदे लेवय वो , भाई येदे जी -– गाथा – -जब एक बार आथे रागी हौव -त किथे बाबा हा -तुमन भिक्षा माँगे ल आए हव हौव -जावव तुहंर धूनी ला उठावव हा -अउ इंहा ले चल देवव चल देवव -इंहा कोई जगा नई ये तुहर भिक्षा लेके हौव -अतक बड़ नगरी हे हा -हर जगा तें माँग सकत हस माँग सकत हस -अइसे कि के चम्पा दासी किथे हौव -राजा भरथरी ओला किथे , बाई हा -का तोर घर में डाका पड़े हे हौव -ते कोई लुटेरा आगे लुटे बर हा -का तुंहर घर में दुःख परे हे हौव -तेंमे मोला भिक्षा नई देवत अस हा -अइसे कि के राजा भरथरी राहय ते चम्पा दासी ला बोलथे हौव -जाके दासी हा -रानी सामदेवी ल बताथे हौव -रानी हा -वो तो धूनी ले उठबे नई करत ऐ हौव -भिक्षा लेबे नई करत ऐ हा -में कइसे ओला भिक्षा दऽव हौव -तब रानी सामदेवी किथे रागी हा -ले एकबार अउ जाके देख हौव -फेर वो भिक्षा देबर जाथे हा -तब किथे बाबा हौव -ले भिक्षा ले ले हा -फिर वही बात किथे , दासी हा -में तोर हाथ के भिक्षा नई लऽव नई लेवंव -लिहंव त मैं ये घर के हा -जो रानी हे , में ओकर हाथ से भिक्षा लेहूं हौव -– गीत – -बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा वो -अईठ के जावत हाबे ना -बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा या -अईठ के जावत हाबे ना -ये ह योगी नोहय , चंडाल ऐ वो -ये ह योगी नोहय , चंडाल ऐ या -ये ह भिक्षा नई तो लेवत ऐ , येदे लेवत ऐ , भाई येदे जी -येदे भिक्षा नई तो लेवत ऐ , येदे लेवत ऐ , भाई येदे जी",chhattisgarhi-hne -"45 -रांझा मिन्नतां करके थक रिहा अंत हो कंडे परां जा बैठा -छड अग बेगानड़ी हो गोशे1 प्रेम ढांडरी2 वख जगा बैठा -गावे सद3 फिराक दे नाल रोवे अते वंझली शबर वजा बैठा -जो कोई आदमी त्रीमत मरद हैसन पतन छोड़ सभा ओथे जा बैठा -रन्नां लुडन झबेल दीयां भरन मुठी पैर दोहां दे विच टिका बैठा -गुसा खाइके लए झबेल झइयां एह दोहा इक बना बैठा -पिडा बाहुड़ीं जट लजाग रन्ना केहा शुगल तूं आन मचा बैठा -वारस शाह इस मोहियां मरद रन्नां नहीं जाणदे कौन बला बैठा",panjabi-pan -"साजौ पत जोजन की, भोजन पै सभों सब -साजौ पत जोजन की , भोजन पै सभों सब , -साजौ मंच डेरन गुलगुलौ लियायकें । -तान दो वितान चार चाँदनी चंदेवा , पूर -पल में गलीचा फर्स मखमली बिछाय कें । -‘ईसुरी’ तरंगन में दीजियो बंधाय सेत , -काट के कुघाट बाट राखियो बनाय कें । -साज के तोश बेष आउत श्री कोसलेस , -पावै ना कलेंस लेस देस मेरे आय कें ।",bundeli-bns -"कदी मोड़ मुहाराँ -कदी मोड़ मुहाराँ ��ोलेआ । -तेरीआँ वाटाँ तों सिर घोलेआ । -मैं न्हाती धोती रह गई , -कोई गन्ढ माही दिल बह गई । -कोई सुखन1 अवल्ला बोलेआ । -कदी मोड़ मुहाराँ ढोलेआ । -बुल्ला सहु कदी घर आवसी , -मेरी बलदी भा2 बुझावसी । -जीहदे दुःखाँ ने मुँह खोलेआ , -कदी मोड़ मुहाराँ ढोलेआ । -कदी मोड़ मुहाराँ ढोलेआ , -तेरीआँ वाटाँ तों सिर घोलेआ ।",panjabi-pan -"84 -हीर आखदी रांझिणा बुरा कीतो साडा कम है नाल वैराइयां दे -साडी खोज नूं तक के करे चुगली दिने रात है विच बुरिआइयां दे -मिले सिरां नूं एह विछोड़ देंदा भंग घतदा विच कुड़माइयां दे -बाबल अंमड़ी थे जाए ठिठ करसी जाए आखसी पास भरजाइयां दे",panjabi-pan -"पलँगा बइठल हथ महादेओ, मचिया गउरा देई हे -पलँगा बइठल हथ1 महादेओ , मचिया गउरा2 देई3 हे । -हमरा पुतरवा4 के साध5 , पुतर कइसे6 पायब हे ॥ 1 ॥ -करबइ7 मैं छठ8 एतवार , 9 सुरुज गोड़ लागब हे । -मिलिजुलि पारथि10 बनायब , पुतर फल पायब हे ॥ 2 ॥ -कुरखेत11 मटिया मँगायब गंगाजल सानब12 हे । -काँसे कटोरिया पारथि बनायब , फल फूल लायब हे ॥ 3 ॥ -देबइन13 हम अछत14 चन्नन , अउरो बेल पातर15 हे । -देबइन धतुरबा के फूल , भाँग घोंटि लायब हे ॥ 4 ॥ -करबइन मैं बरत परदोस16 पुतर फल पायब हे ॥ 5 ॥ -एक पख17 पूजल , दोसर पख , तेसरे चढ़ि आयल हे । -पुरि गेल18 गउरा के मनकाम , पुतर फल पायब हे ॥ 6 ॥",magahi-mag -"सरजू के तीर चलो गोरी -सरजू के तीर चलो गोरी , -जहाँ राजकुंअरि खेलें होरी । -सखन सहित इत जनक दुलारी , -अनुज सखन संग रघुबीरा जी । जहाँ . . . -भरि अनुराग फाग सब गावत , -खेलत सब हिलमिल होरी । जहाँ . . . -केसर रंग भरे पिचकारी , -मलत कपोलन पे रोरी । जहाँ . . . -अपनीअपनी घात तके दोऊ , -दाव करत बरजोरी । जहाँ . . . -कंचन कुंअरि नृपत सुत हारे , -जीती जनक किशोरी । -सरजू के तीर . . .",bundeli-bns -"लोहड़ी का गीत -पंजाब में लोहड़ी त्यौहार आने के कई दिन पहले युवा लड़केलड़कियां द्वार द्वार पर जा कर गाना गा गा कर लकड़ियाँ तथा मेवा मांग कर इकट्ठा कर लोहड़ी की रात आग जला कर नाचते गातें व फल मेवा खाते हैं । -कंडा कंडा नी लकडियो कंडा सी -इस कंडे दे नाल कलीरा सी -जुग जीवे नी भाबो तेरा वीरा सी , -पा माई पा , काले कुत्ते नू वी पा -कला कुत्ता दवे वदायइयाँ , -तेरियां जीवन मझियाँ गईयाँ , -मझियाँ गईयाँ दित्ता दुध , -तेरे जीवन सके पुत्त , -सक्के पुत्तां दी वदाई , -वोटी छम छम करदी आई ।",panjabi-pan -"छपनिया काल रे छपनिया काल -ओ म्हारो छप्पन्हियो काल्ड -फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में . -बाजरे री रोटी गंवार की फल्डी -मिल जाये तो वह ह��� भली -म्हारो छप्पन्हियो काल्ड -फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में .",rajasthani-raj -"रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो -रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो -को तो दादाजी हम गोरा घर जांवा -जांवो वाई जावो बाई हम नहीं बरजां -लम्बी सड़क देख्या भागी मती जाजो -उँडो कुओ देख्या पाणी मती पीजो -चिकनी सिल्ला देखी न पाँव मती धरजो -पराया पुरुष देखनी हसी मती करजो",rajasthani-raj -"बीजी जावा बीजी, हे खोली का गणेश -बीजी जावा बीजी1 , हे खोली2 का गणेश -बीजी जावा बीजी , हे मोरी का नारेण3 -बीजी जावा बीजी , हे खतरी4 का खैंडो5 -बीजी जावा बीजी , हे कूंती का पंडौऊं6 -बीजी जावा बीजी , हे काँठ्यों7 उदंकारों8 -बीजी जावा बीजी , हे नौखंडी9 नरसिंह -बीजी जावा बीजी , हे संभु भोलेनाथ -बीजी जावा बीजी , हे रात की चाँदनी -बीजी जावा बीजी , हे दिन का सूरज -बीजी जावा बीजी , हे ऐंच का आगास10 -बीजी जावा बीजी , हे नीस11 की धरती -बीजी जावा बीजी , हे नौ खोली का नागों",garhwali-gbm -"30 -भरजाइयां आखया रांझिया वे असीं बांदियां तेरियां हुंनीयां हां -नाम लैना एं जदों तूं जावणे दा असीं हंजड़ रतदियां रूंनीयां हां -जान विच ऊलांभियां आ गई तेरे दरद फिराक चा भुंनीयां हां -सानूं सबर करार अराम नाहीं वारस शाह तों जदों वछुनीयां हां",panjabi-pan -"112 -बच्चा दुहां ने रब्ब नूं याद करना नहीं इशक नूं लीक लगवाना ई -अठे पहर खुदाए दी याद अंदर तुसां ज़िकर ते खैर कमावना ई -पीर देख के तबाअ1 निहाल होए हुकम कीता है रब्ब नूं धियावना ई -वारिश शाह पंजां पीरां हुकम कीता बच्चा दिल नूं नहीं डुलावना ई",panjabi-pan -"बोलोॅ भैया रामे राम हो माय -बोलोॅ भैया रामे राम हो माय -कोशी सन बेदरदी जग में कोय नय । -चीन देश में नदी ह्वांगहो -चीनक शोक कहाय । -भारत के उत्तर बिहार में -निष्ठुर कोशी माय । । -बोलोॅ भैया . . . . -जहँ उपजै छल कनकजीर -अरू नाजिर पलिया धान । -ताहि ठाम के नारीनर के -अल्हुआ राखै प्राण । । -बोलोॅ भैया . . . . . . . -जतय चलै छल मोटर गाड़ी -पानी ततय अथाह । -बासडीह के कुण्ड बनौलक -बांसो न लैअछि थाह । । -बोलोॅ भैया . . . . . . . . -धन दौलत सब कुछ हरलक ई -किछु नहि छोड़लक शेष । -मलेरिया काला बुखार पिलही देलक सन्देश । । -बोल ोॅ भैया . . . . . . . . . . -कतह से आनव दवा -कुनायन दूध गाय के , धान । -कतह से आनव साबूदाना -कोना के बाँचत प्राण । । -बोलोॅ भैया . . . . . . . -धैरज राखह मंगरू भैया -मन नहि करक मलान । -समय पाय तरूवर फरैत अछि -जानत सकल जहान । । -कोशी बाँधक हित तत्पर छथि -वृद्ध युवक ओ बाल । -भारत के सेवक समाज -श्रमदानी दल बेहाल । । -उपद्रवी दुष्टा कोशी के -भेटतय खूब सजाय । -बाँधि के मुसुक बाँध सब -क्यों मिलि जेल में देत ढुकाय । । -जहिना नन्दन स्वर्ग लोक में -रखइछ अनुपम वेश । -ताहू से बढ़ि चढ़ि के हेतौ -तोहर मिथिला देश । । -बोलोॅ भैया . . . . . . .",angika-anp -"आज बागां मेरे बीरा उणमणी -आज बागां मेरे बीरा उणमणी -आया मेरी मां का जाया बीर -हीरा बन्द ल्याया चून्दड़ी -ओढूं तो हीरा रे बीरा झड़ पड़ै -डिब्बै में धरूं तो लरजे मेरा जिया -हीरा बन्द ल्याया चून्दड़ी -इसी ए तो ल्या द्यूं दो ए चार -हीरा बन्द ल्याया चून्दड़ी",haryanvi-bgc -"हुण कैं थीं आप छपाईदा? -हुण कैं थीं आप छपाईदा ? -हुण कैं थीं आप छपाईदा ? -मनसूर भी तैत्थे आया है । -तैं सूली पकड़ चढ़ाया है । -तैं खौफ न कीतो साईं दा । -हुण कैं थीं आप छपाईदा ? -कहूँ शेख मसाइक1 होणा है , -कहूँ उदिआनी2 बैठा रोणा है । -तेरा अंत न कतहूँ पाईदा । -हुण कैं थीं आप छपाईदा ? -बुल्ले नालों चुल्ला चंगा , -जिस ते ताम3 पकाईदा । -रल फकीराँ मजलस कीती , -भोरा भोरा खाईदा । -हुण कैं थीं आप छपाईदा ?",panjabi-pan -"कहाँ के चँदवा कहाँ चलल जाय, मोरे परान हरी -कहाँ के चँदवा कहाँ चलल जाय , मोरे परान हरी । -कहाँ के दुलहा गवन1 कयले जाय , मोरे परान हरी ॥ 1 ॥ -पुरुब के चँदवा पछिम चलल जाय , मोर परान हरी । -कवन पुर के दुलहा गवना कयले जाय , मोर परान हरी ॥ 2 ॥ -सभवा बइठल बाबा मिनती2 करे , मोर परान हरी । -दिन दस रहे देहु3 धियवा हमार , मोर परान हरी ॥ 3 ॥ -जब तोरा अहो ससुर धियवा पियार , मोर परान हरी । -काहे लागि तिलक चढ़वलऽ हमार , मोर परान हरी ॥ 4 ॥",magahi-mag -"काहे का कारण सखी हो मेहुलो सो वरस्यो -काहे का कारण सखी हो , मेहुलो सो वरस्यो , -काहे का कारण दूब लहलहे । -धरती का कारण सखीबाई , मेहुलो सो बरस्यो , -गउआ का कारण दूब लहलहे । -काहे का कारण सखि हे , अम्बो सो मौरियो , -काहे का कारण केरी लूम रही ? -सोगीटा का कारण सखिबाई , अम्बो सो मौरियो , -कोयल का भाग कैरी लूम रही । -काहे का कारण सखि हो , बाग सो फूल्यो , -काहे का कारण कलियाँ खिल रहीं । -माली का कारण सखिबाई , बाग सो फूल्यो , -देव का कारण कलियाँ खिल रहीं । -काहे का कारण सखिबाई , चुड़िलो सो पेर्यो , -काहे कारण चूनर गहगहे ? -स्वामी का भाग सखिबाई , चुड़िलो सो पेर्यो , -इराजी का कारण चूनर गहगहे । -काहे का कारण सखि हो पुत्र जलमियो , -काहे का कारण दिहे अवतारिया जी ? -बहुवर भाग सखि हो , पुत्र जी जलमियो , -साजन का भाग दिहे अवतारिया जी ।",nimadi-noe -"उजला भोजन गाए धन -उजला भोजन गाए धन , घर कुलवंती नार । -चौथे पीठ तुरंग की बहिसत निसानी चार । ।",haryanvi-bgc -"222 -घर खेड़यां दे जदों हीर गई चुक गए तगादड़े1 अते झेरे -विच सयालां दे वी चुप चां होई अते खुशी हो फिरदे ने सब खेड़े -फौजदार तगयार2 हो आन बैठा कोई रांझे दे पास ना पाए फेरे -विच तखत हजारे दे होण गलां रत्न भाबियां रांझे दियां करन झेरे -चिठी लिखके हीर दी उजरखाही3 जिवें बोले नूं पुछीए हो नेरे -होई लिखी रजाय4 रंझेटया वे साडे अलढ़े घाह ने तूं उचेड़े -मुड़ आ ना विगड़या कम तेरा लटकंदड़ा5 घरी तूं पा फेरे -जेहड़े फुल दा नित तूं रवें राखा उस फुल नूं तोड़ लै गये खेड़े -जिस वासते फिरें तूं विच झलां जिथे बाघ बघेले ते शींह पेड़े -कोई नहीं वसाह कुवारियां दा ऐवें लोक नकमड़े करन झेड़े -तूं तां मेहनतां सैं दिन रात करदा वेखो कुदरतां रब्ब दियां कौन करे -ओस जूह न हिरनीयां पीन पानी घुस जान जित्थे मूंह हनेरे हेड़े6 -वारस शाह एह नजर सी असां मंनी खुवाजा खिजर चराग दे लये फेरे",panjabi-pan -"बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै -बनी थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै -झमकू थूंई मत जाणे "" राइवर "" ऐकला रै -साथे चूड़ीदार , चौपदार , हाकिम ने हवालदार -कागदियों से कांमदार , काका ऊभा किल्लेदार -भौमा ऊबा मज्जादार , सखाया सब लारोलार -फूल बिखौरे गजरों गंधियों रै -बनी थूंई मत जाणे बनासा एकला रै",rajasthani-raj -"गाड़ा जुप्या रे देव गाडुला -गाड़ा जुप्या रे , देव , गाडुला -नांदिया घूघर माल , -धवळा घोड़ा को रे म्हारो उंकार देव , -तुम पर उड़ऽ रे निशाण , -आवऽ तेखऽ रे देव , आवणऽ दीजो , -आड़ी नारेल की माल ।",nimadi-noe -"475 -घुंड लाह के हीर दीदार दिता रिहा होश ना अकल थी ताक कीता -लंक बाग दा परी ने झाक देके सीना चाक1 दा पाड़ के चाक2 कीता -बन्न मापयां जालमां टोर दिती तेरे इशक ने मार गमनाक कीता -मां बाप ते अंग भुला बैठी असां चाक नूं आपणा साक कीता -तेरे बाझ ना किसे नूं अगे लाया गवाह हालदा मैं रब्ब पाक कीता -देख नवी नरोई अयान तेरे सीना साढ़ के बिरहों ने खाक कीता -अला जाणदा ए एहनां आशकां ने मजे जोक ते चा तलाक3 कीता -वारस शह लैं चलनां तुसां सानूं किस वासते जीउ गमनाक कीता",panjabi-pan -"सेर बाजार रे घूमाटेन जा सरावेन -सेर बाजार रे घूमाटेन जा सरावेन -आवेण माय सूरतो वा सूरतो बान डूगू -चांदी सोना ओजावेजा सरावेन -साजे माय की साजाबा बान डूगू -ऐ सरावेन ऐ सरावेन -आंधा मायनी आंधा बा नी डूगू मा बोले -ऐ सरावेन ऐ सरावेन -आंध�� माय डो आंधा बानी आकोज अरिको गोमगजा सरावेन -आंधा माय मांधा बानी आटा गोमरेज जा सरावेन -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"139 -उहनूं फाटके कुट चकचूर कीता छालीं लायके पास ते धाइयां ने -हथीं बाल सुआतड़े काहने वडे भांवड़ बाल लैं आइयां ने -झुगी साड़ के भाडड़े भन्न सारे कुकड़ कुतियां चा भजाइयां ने -फौजां शाह दीयां वारसा मार पथर मुड़के फेर लहौर वल आइयां ने",panjabi-pan -"आल्हा ऊदल -भोग चढ़ाइब अदमी के देबी अरजी मानव् हमार -एतनी बोली देबी सुन गैली देबी जरि के भैली अँगार -तब मुँह देबी बोलली बबुआ सुनीं रुदल महराज -बेर बेर बरजों बघ रुदल के लरिका कहल नव् मनलव् मोर -मरिया राजा नैना गढ़ के नैंनाँ पड़े इन्दरमन बीर -बावन गुरगुज के किल्ला है जिन्ह के तिरपन लाख बजार -बावन थाना नैना गढ़ में जिन्ह के रकबा सरग पताल -बावन दुलहा के सिर मौरी दहवौलक गुरैया घाट -मारल जैबव् बाबू रुदल नाहक जैहें प्रान तोहार -पिण्डा पानी के ना बचबव् हो जैबव् बन्स उजार -एतनी बोली रुदल सुन गैल तरवा से लहरल आग -पकड़ल झोंटा है देबी के धरतो पर देल गिराय -आँखि सनीचर है रुदल के बाबू देखत काल समान -दूचर थप्पर दूचर मुक्का देबी के देल लगाय -लै के दाबल ठेहुना तर देबी राम राम चिचियाय -रोए देबी फुलवारी मैं रुदल जियरा छोड़व् हमार -भेंट कराइब हम सोनवा सें -एतनी बोली रुदल सुन के रुदल बड़ मंगन होय जाय -प्रान छोड़ि देल जब देबी के देबी जीव ले चलल पराय -भागल भागल देबी चल गैल इन्द्रासन में पहुँचल जाय -पाँचों पण्डु इन्द्रासन में जहवाँ देबी गैल बनाय",bhojpuri-bho -"सरवर पाणी नै गई सुण आई नई नई बात -सरवर पाणी नै गई सुण आई नई नई बात -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला -एक लुगाई न्यूं कहै तिरे हाकम का ब्याह -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला -किस गुण ब्याही दूसरी मेरे औगुण दो ना बताय -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला -ओगुण थोड़े गुण घणे छोटी बंदड़ी का चा -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला -सौकण आई मैं सुणी हलहल चढ़ गया ताप -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला -मेरी दूखै आंगली सोकण की दूखै आंख -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला -आच्छी हो गई मेरी आंगली सौकण की फूटगी आंख -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला -सौकण मरी मैं सुणी हलहल उतरा सै ताप -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला -घूंघट रोवै मन हंसै हिया हिलोडे लेय -बिरजो एक जोबन झिरवै एकला",haryanvi-bgc -"मृत्यु गीत -पाप धरम की गाठड़ी रे दयाराम , गाठड़ी काहाँ उतारां रे जी ॥ -गाठड़ी त ढोल्या नीचे उतारो रे , दयाराम भगवान लेखो मांगेगा ॥ -भगवान लेखो त तुम पछ लीजो रे , हम त भूखा चली आया ॥ -ताजा भोजन की थाली परसेली रे राम , -कोई के जिमाड्या होय त जीमो राम -निहिं ते भूख्या चली जाओ राम ॥ -भगवान लेखो मांगे राम ॥ -पाप धरम की गाठड़ी रे राम , -गाठड़ी काहाँ उतारां रे राम , -काठड़ी त ढोल्या हेट उतार दो राम , -भगवान लेखो मांगे राम ॥ -लेखो तो तुम पाछे लेजो , तीसा मरता आया जी ॥ -कोराकोरा मटका भरिया रे राम , -तुमने पिलाया होय तो पीवो जी । -नि तो तीस्या चली जावो राम ॥ -पाप धरम की गाठड़ी रे दयाराम , -गाठड़ी काहाँ उतारूँ ॥ -गाठड़ी तो ढोल्या हेट उतारो राम , -भगवान लेखो मांगे जी ॥ -लेखो तो तुम पाछे लेजोजी । -हम तो उघाड़ा आया जी ॥ -कोराकोरा कपड़ा गाठड़ा बंदिया पड़िया राम , -कोई के पेहराया होय त पेरो राम , -नहीं तो उघाड़ा चल्या जाओ राम ॥ -भगवान लेखो मांगे जी ॥ -पाप धरम की गाठड़ी रे दयाराम गाठड़ी काहाँ उतारूँ ॥ -गाठड़ी तो ढोल्या हेट उतारो राम , -भगवान लेखो मांगे जी ॥ -लेखो तो तुम पाछे लीजो -हम तो पायं बलता आया राम ॥ -नवी नवी मोजड़िया गाठड़ा मा बंधी -कोई के पेहराया होय त पेरो जी , -नहीं तो अलवाणा चल्या जाओ राम -भगवान लेखो मांगे जी ॥ -मनुष्य इस देह को छोड़कर जब धर्मराज के यहाँ जाता है तो वहाँ क्या कहता -है ? क्या उत्तर मिलता है ? यह इस गीत में बताया गया है । -मनुष्य इस संसार में खूब धन अर्जित करता है , कोई मेहनत करके कमाता है और -कोई चोरी , भ्रष्टाचार , मिलावट से धन अर्जित करता है । कोई अपनी मेहनत की कमाई -से धर्म कार्य करता है , दान देता है । कोई दुनिया वालों पर प्रभाव डालने के लिए पाप -की कमाई को धार्मिक कार्यों में लगाकर अपने को आदर्श दानी कहलाता है , किन्तु इस -संसार से जब जाता है तो धनदौलत , पुत्रबहू आदि सभी यहीं रह जाते हैं , कोई भी -साथ में नहीं ले जा सकता । उसके साथ तो केवल पाप और धर्म की गठरी जाती है । -जिसने अपने परिश्रम की कमाई से जीवनयापन करते हुए यथाशक्ति धरम किया है , -वही साथ जाता है । पाप की कमाई वाला पाप की गठरी ले जाता है । वहाँ जाकर विनय -करता है कि दयालु पापधरम की गठरी साथ में लाया हूँ इसे कहाँ उतारूँ ? उसे -उत्तर मिलता है दयाराम गठरी तो पलंग के नीचे रख दो , भगवान हिसाब माँगेंगे । -तुमने कितना धरम कियिा है औ कितना पाप किया है ? मनुष्य वहाँ कहता है कि -हिसाब तो आप बाद में लेना , मैं दुनिया से भूखा आया हूँ , मुझे भोजन चाहिए । उत्तर -मिलता है कि ताजे भोजन की थाली परोसी हुई है , तुमने अपनी मेहनत की कमाई -से किसी अपंग , अनाथ , गरीब , साधू ब्राह्मण को जिमाया हो तो जीम लो , नहीं तो -भूखे चले जाओ । अरे राम भगावान तो हिसाब माँगते हैं , तुम्हें पात्रता आती हो तो जीमो । -आगे इसी प्रकार प्रश्न करके कहता है कि मैं प्यास आया हूँ , मुझे पानी चाहिए । उत्तर -मिलता है कि किसी प्यासे को पानी पिलाया हो तो पी लो नहीं तो प्यासे जाओ । यहाँ -ठंडे पानी के मटके भरे हैं , तुम्हें पात्रता हो तो पी लो । -आगे जीव कहता है मैं उघाड़ा आया हूँ वस्त्र चाहिए । उत्तर मिलता है कि यहाँ नयेनये -कपड़ों के गाठड़े बँधे हैं । तुमने किसी गरीब , असहाय को वस्त्र दान किया हो तो पहन लो , -नहीं तो उघाड़े चले जाओ । आगे कहता है कि मेरे पैर जलते हैं मोजड़िया चाहिए । उत्तर -वही मिलता है कि तूने किसी को मोजड़िया पहनाई हो तो पहन लो , नहीं तो वैसे ही चले -जाओ । भगवान तो हिसाब माँगते हैं । -इस मृत्यु गीत का मुख्य उद्देश्य यह है कि दुनिया में अपने परिश्रम की कमाई से जीवनयापन -करते हुए उसमें से बचे तो यथाशक्ति गरीब , अपंग , ब्राह्मण , साधु को दान देना चाहिए । इस -प्रकार दान की ओर प्रेरित किया गया है ।",bhili-bhb -"1 गंगा जी तेरे खेत मैं... -गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही । -शिवजी के करमंडल कै , विष्णु जी का लाग्या पैर । -पवन पवित्र अमृत बणकै , पर्बत पै गई थी ठहर । । -भागीरथ नै तप कर राख्या , खोद कै ले आया नहर । । । -साठ हज़ार सगर के बेटे , जो मुक्ति का पागे धाम । -अयोध्या कै गोरै आकै , गंगा जी धराया नाम । । -ब्रह्मा विष्णु शिवजी तीनो , पूजा करते सुबह शाम । । । -सब दुनिया तेरे हेत मैं , किसी हो रही जय जयकार . . . . कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही -गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही । -अष्ट वसु तन्नै पैदा किये , ऋषियों का उतार्या शाप । -शांतनु कै ब्याही आई , वसुओं का बनाया बाप । । -शील गंग छोड कै स्वर्ग मैं चली गई आप । । । -तीन चरण तेरे गए मोक्ष मैं , एक चरण तू बणकै आई । -नौसै मील इस पृथ्वी पै , अमृत रूप बणकै छाई । । -यजुरअथर्वसाम च्यारों वेदों नै बड़ाई गाई । । । -शिवजी चढ़े थे जनेत मैं , किसी बरसी थी मूसलधार . . . . कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही -गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्म��� झूल रही । -गौमुख , बद्रीनारायण , लछमन झूला देखि लहर । -हरिद्वार और ऋषिकेश कनखल मैं अमृत की नहर । । -गढ़मुक्तेश्वर , अलाहबाद और गया जी पवित्र शहर । । । -कलकत्ते तै सीधी होली , हावड़ा दिखाई शान । -समुन्द्र मैं जाकै मिलगी , सागर का घटाया मान । । -सूर्य जी नै अमृत पीकै अम्बोजल का किया बखान । । । -इक दिन गई थी सनेत मैं , जित अर्जुन कृष्ण मुरार . . . . कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही -गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही । -मौसिनाथ तेरे अन्दर जाणकै मिले थे आप । -मानसिंह भी तेरे अन्दर छाण कै मिले थे आप । । -लख्मीचंद भी तेरे अन्दर आण कै मिले थे आप । । । -जै मुक्ति की सीधी राही तेरे बीच न्हाणे आल़ा । -पाणछि मैं वास करता , एक मामूली सा गाणे आल़ा । । -एक दिन तेरे बीच गंगे मांगेराम आणे आल़ा । । । -राळज्यागा तेरे रेत मैं कित टोहवैगा संसार . . . . कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही -गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही ।",haryanvi-bgc -"फाग गीत -राम ने लछमण री जोड़ दोई अगियाधारी रे ॥ -सीताजी रा वेर में लंका ने बाली रे , -रावण मारियो । ं -हाँ रे रावण मारियो , राज तो विभीषण करिया रे , -रावण मारियो ॥ -रामलक्ष्मण दोनों की जोड़ आज्ञाकारी है , सीताजी के बैर में रावण को मारा और राज्य विभीषण ने किया ।",bhili-bhb -"580 -रांझे जायके घरी अराम कीता गंढींफेरियां1 सू विच भाइयां दे -सारा कोड़मा आयके गिरद होया बैठा पंच हो विच भरजाइयां दे -चलो भाईयो वयाह के हीर लयाईए सयाल लई हुनाल दुआइयां दे -जंज जोड़ के रांझे ने तैयार कीती टमक चा बधो मगर नाइयां दे -बाजे दखनी धरगां2 दे नाल वजन लख संग छटन सिर नाइयां दे -वारस शाह विसाह की जिंदगी दा बंद बकरा दसत3 कसाइयां दे",panjabi-pan -"माटी कोड़े गेली हम आज मटिखनमा -माटी कोड़े गेली1 हम आज मटिखनमा2 -इयार3 मोरा पड़लन , हाय जेहलखनमा4 ॥ 1 ॥ -पियवा के कमइया5 हम कछु न जान ही । -इयार के कमइया नकबेसर6 हुई7 हे ननदो8 ॥ 2 ॥ -ओही नकबेसर धरी इयार के छोड़यबो9 । -इयार मोरा पड़लन हाय जेहलखनमा ॥ 3 ॥",magahi-mag -"आल्हा ऊदल -जन जा रुदल नैना गढ़ में बबुआ कहना मान हमार -प्रतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बर के भैल अँगार -हाथ जोड़ के रुदल बोलल भेया सुनी बात हमार -कादर भैया तूँ कदरैलव् तोहरो हरि गैल ग्यान तोहार -धिरिक तोहरा जिनगी के जग में डूब गैल तरवार -जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में अम्बा जोर चली तरवार -टूबर देहिया तूँ मत देखव् झिलमिल गात हमार -जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में दिन रात चली तरवार -एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा बड़ मोहित होय जाय -हाथ जोड़ के आल्हा बोलल बाबू सुनव् रुदल बबुआन -केत्त मनौलों बघ रुदल के बाबू कहा नव् मनलव् मोर -लरिका रहल ता बर जोरी माने छेला कहा नव् माने मोर -जे मन माने बघ रुदल से मन मानल करव् बनाय -एतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जाय -दे धिरकारीरुदल बोलल भैया सुनीं गरीब नेवाज -डूब ना मूइलव् तूँ बड़ भाइ तोहरा जीअल के धिरकार -बाइ जनमतव् तूँ चतरा घर बबुआ नित उठ कुटतव् चाम -जात हमार रजपूतन के जल में जीबन है दिन चार -चार दिन के जिनगानी फिर अँधारी रात -दैब रुसिहें जिब लिहें आगे का करिहें भगवान -जे किछु लिखज नरायन बिध के लिखल मेंट नाहिं जाय",bhojpuri-bho -"सांटो रे -जो रे कीका थने कड़ा खंगाली चावे -जो रे कीका थने कड़ा खंगाली चावे -नानाजी री गोद्याँ खेल रे हालरीया सांटो रे -कीका गूँज गली को भावे । -तो नानीजी री गोद्याँ खेल रे हालरीया सांटो रे -कीका गूँज गली को भावे । -जा रे कीका थने झगल्यो टोपी चावे -जा रे कीका थने रजई गादी चावे तो -मामाजी री मामीजी री गोद्याँ खेल रे हालरीया -सांटो रे कीका गूँज गली को भावे । -जो रे कीका चावे रेसम डोरी पालणो -तो भुवाजी री गोद्याँ खेल रे हालरीया -सांटो रे कीका गूँज . . . गली को भावे । -बच्चों की ज़रूरत वाली चीज़ों के नाम जोड़तेजोड़ते यह गीत लम्बा होता चला जाता है ।",malvi-mup -"देवी आज म्हारा आंगणा मऽ लाल छड़ो देवासे -देवी आज म्हारा आंगणा मऽ लाल छड़ो देवासे । -देवी आज म्हरा आंगणा मऽ रनुबाई रमता आवसे , -देवी आज म्हरा आंगणा मऽ गौरबाई रमता आवसे , -देवी आज म्हरा आंगणा मऽ धणियेरजी का घोड़िला हिस्या , -देवी आज म्हरा आंगणा मऽ लाल छड़ो देवासे ।",nimadi-noe -"चवरी गीत -चवरि काटणे जाइ रह्या , रावताला ना का जवांयला । -काटि लाया रावताला ना का जवांयला । -चवरि गाड़े रावताला ना का जवांयला । -रावताला ना कि कुवासणि चवरि वधावे वो । -रावताला ना कि कुवासणि चवरि वधावे वो । -रावताला ना कि कुवासणि चवरि सुति देवो । -रावताला ना कि कुवासणि , वेंडा ढुलि देवो । -रावतला गोत्र विशेष के जवाँई चवरी के लिये लकडियाँ काटने जा रहे हैं । रावतला के जवाँई चवरी काटकर ले आए । रावतला के जवाँई चवरी गाड़ रहे हैं । रावतला की कुँवारी लड़कियाँ चवरी बधा रही हैं । रावतला की कुँवारी लड़कियाँ क���्चा सूत चवरी में बाँध रही हैं । -रावतला की कुँवारी लड़कियों से कहते हैं कि कुएँ से कलश भरकर पवित्र जल लाए हैं उसे दूल्हे के सिर पर उडेल दें ।",bhili-bhb -"बना सोया महाराज जगाये सखी -बना सोया महाराज जगाये सखी । -तेरे सेहरे में लगी अनार की कली , हीरे लाल बड़ी ॥ 1 ॥ -तेरे जोड़े1 में लागी अनार की कली , कचनार की कली । -बना सोया महाराज जगाये सखी ॥ 2 ॥ -तेरे बीड़े में लागी अनार की कली , कचनार की कली । -बना सोया महाराज जगाये सखी ॥ 3 ॥ -मेरे लाड़ो में लागी अनार की कली , हीरे लाल जड़ी । -बना सोया महाराज जगाये सखी ॥ 4 ॥",magahi-mag -"सुसराल पणै मैं चाल पड़ा रे -सुसराल पणै मैं चाल पड़ा रे छोरा साइकल त्यार कर के -ओले हाथ कै घड़ी बांध रह्या टेढा साफा धर कै -गाम गोठ जद पहुंच लिया छोटा साला मिल गया -जद साले नै करी नमस्ते साइकल नोहरै मैं डाट लिया -सांझ होई जद दिया चासण नाई का आया -चाल बटेऊ चालिए कुछ भोजन सा खाया -थाली पै बैठ कै जद जीमण भी लाग्या -चारों तरफ लखा कै मैं तो चुपका सा हो गया -जद मन्ने लेण का जिकर कर्या मेरी सासू नाट गी -दूर ढाल की बाल उस नै सोच के कही -थाली पै तै उठ कै मैं नौहरै मैं आया -मन मैं करू विचार भगवान तेरी अपरमपार माया -घाल दे ओ साला घाल दे तेरी बहन खजानी नै -नौकर छोड़ डिगर जा गां इस भरी जवानी मैं -ले जा हो जीजा लेजा हो मेरी बहिन खजानी नै -नौकर मत ना जाइये इस भरी जवानी मैं",haryanvi-bgc -"जौ जी रजऊ रजऊ के लानें -जौ जी रजऊ रजऊ के लानें -का काऊ सें कानें । -जौं लों जीनें जियत जिन्दगी -रजऊ के हेत कमानें । -पेले भोजन करें रजऊ आ , -पाछे कें मोय खानें । -रजऊ रजऊ कौ नाँव ईसुरी -लेत लेत मर जानें ।",bundeli-bns -"आल्हा ऊदल -चलल जे भँटवा बा नैना गढ़ से दुरगौली में पहुँचल बाय -हाथ जोड़ के भँटवा बोलल बाबू आल्हा सुनीं महराज -तेगा नव चलिहें नैना गढ़ में धरम दुआरे होई बियाह -हाथ जोड़ के आल्हा बोलल भँअवा सुनव धरम के बान -हम नव जाइब नैना गढ़ में बिदत होई हमार -किरिया धरावे भँटवा है बाबू सुनीं आल्हा बबूआन -जे छल करिहें राजा से जिन्ह के खोज मंगा जी खाय -चलल पलकिया जब आल्हा के नैनागढ़ चलल बनाय -घड़ी अढ़ाई के अंतर में नैनागढ़ पहुँचल जाय -नौ से कहंरा साथे चल गैल नैना गढ़ पहुँचल जाय -जवना किल्ला में बैठल इंदरमन तहवां आल्हा गैल बनाय -छरपल राजा इंदरमन आल्हा कन गैल बनाय -पकड़ल पहुँचा आल्हा के धरती में देल गिराय -बावन पाँती मुसुक चढ़ावे आखा में देल कसाय -लै चढ़ावल बजड़��� पर बात भैया छोटक के बलि जाओं -लै डुबावव आल्हा के गंगा दव डुबाय -सवा लाख पलटन तैयारी होय गेल छोटक के गंगा तीर पहुँचल बाय -लै डुबावत बा गंगा में आल्हा के डुबावत बाय -अम्बर बैटा जासर के आल्हा नव डूबे बनाय -रुदल आइल इंद्रासन से डेरा पर पहुँचल बाय -रोय कहँरिया दुरगौली में बाबू रुदल बात बनाव",bhojpuri-bho -"तांघ माही दी जलीआँ -तांघ माही दी जलीआँ , -नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । -कउडी दमड़ी पल्ले ना काई , -पार वंडण नूँ मैं सधराई , -नाल मलाहाँ दे नहीं अशनाई1 , -झेड़ा कराँ वलल्लीआँ । -तांघ माही दी जलीआँ , -नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । -नैं2 चन्दल3 दे शोर किनारे , -घुम्मण घेर विच्च ठाठाँ मारे , -डुब्ब डुब्ब मोए तारू भारे , -जे शोर कराँ ताँ झल्लीआँ । -तांघ माही दी जलीआँ , -नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । -नैं चन्दल दीआँ तारू फाटाँ4 , -खाली उडीकाँ माही दीआँ वाटाँ , -इशक माही दे लाइआँ चाटाँ , -जे कूकाँ ताँ मैं गलिआँ । -तांघ माही दी जलीआँ , -नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । -नैं चन्दल दे डूंघे पाए , -तारू गोते खान्दे आए , -माही मुंडे पार सिधाए , -मैं केवल रहीआँ कलीआँ । -तांघ माही दी जलीआँ , -नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । -पार झनाओं जंगल बेले , -ओत्थे खूनी शेर बघेले , -झब रब्ब मैनूँ माही मेले , -मैं इस फिकर विच्च गलिआँ । -तांघ माही दी जलीआँ , -नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । -अद्धी रात लटकदे तारे , -इक्क लटके इक्क लटकणहारे , -मैं उठ आई नदी किनारे , -हुण पार लंघण नूँ खलीआँ । -तांघ माही दी जलीआँ , -नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ ।",panjabi-pan -"विवाह गीत -बइण आवि ने काइ लाइ रे , मइसुरनी । -मांदल लावनी ने तली भूली रे , भंवरजी । -फूवो आयो ने काइ लायो रे , भंवरजी । -ढोलग्या लायो ने , फेफ्र्या भूल्यो रे भंवरजी ॥ -विवाह गीत में दूल्ह से पूछा गया है कि बहन , फूफी बुआ और फूफा आये हैं , वे तुम्हारे लिये क्याक्या लाये हैं ? बहन आई है माँदल लाई है पर माँदल के साथ बजने वाली थाली भूल गई है । फूफा ढोल लेकर आये हैं लेकिन ढोल के साथ बजने वाली शहनाई फेफर्या भूल आये हैं ।",bhili-bhb -"गंगा डो जमुना टाला -गंगा डो जमुना टाला -गंगा डो जमुना टाला -डो आयोम नागो डो नागिन डो टाकींज टेगेन केन -डो आयोम नागो डो नागिन डो टाकींज टेगेन केन -नागो डो नागिन लियेन मुखाना फूल डो आयोम फूले -नागो डो नागिन लियेन मुखाना फूल डो आयोम फूले -मुखाना फूल लियेन डो आयोम चाँद डो सूरज टाकींज टेगेन -मुखाना फूल लियेन डो आयोम चाँद डो सूरज टाकीं��� टेगेन -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"पपिहा के बोलिया जहर लागे -कौने कारनवा सहर भागे -पिया पपिहा के बोलिया जहर लागे",bhojpuri-bho -"बादल देख डरी सखी री बादल देख डरी -बादल देख डरी सखी री बादल देख डरी -कालीकाली घटा उमड़ आई , -बरसत झरीझरी । सखी री . . . -जित जाऊं उत पानीपानी -भई सब भूमि हरि । सखी री . . . -फूले फूल क्यारिन बगियन , -लगे सुहावन खेत सखी री । सखी री . . . -मेरे पिया परदेश बसत हैं , -चैन न एक घरी । सखी री . . . -आ जावें परदेश से प्रीतम , -ऐसो करो जतन तो कछु री । बादल . . . -मैं तो राह तकत हूं पिया की , -द्वारे खड़ी खड़ी । सखी री . . .",bundeli-bns -"बधइया बाजै माधौ जी के -बधइयां बाजै माधौ जी के -गोकुल बाजें बृंदावन बाजें -और बाजे मथुरैया । -बारा जोड़ी नगाड़े बाजें -और बाजे शहनैया । बधइयां . . . -गोपी गावें ग्वाला बजावें -नाचें यशोदा मैया । बधइयां . . . -बहिन सुभद्रा बधाव ले आई -नित उठ अइये जेई अंगना । -बधइयां . . . नंद बाबा अंगनइयां ।",bundeli-bns -"इशक असाँ वल आया -ओह इशक असाँ वल आया जे । -ओह आया मैं मन भाया जे । -पहलो करदा आवण जावण , -फिर उँगली रक्ख के बन्न बहावण । -पिच्छों सभ समाया जे , -ओह इशक असाँ वल आया जे । -ओह आया मैं मन भाया जे । -मैंने सबक खलीलों पढ़िआ , -नारों हो गुलज़ारों वड़ेआ । -ओधरों असर कराया जे , -ओह इशक असाँ वल आया जे । -ओह आया मैं मन भाया जे । -हेठ आरे देहो खलोती , -कंधी जुल्म महबूबा चोटी । -ओस आपणा आप चीराया जे , -ओह इशक असाँ वल आया जे । -ओह आया मैं मन भाया जे । -बसख दे विच्च मोती लटके , -रस लबाँ दी पीवो गटकें -इस सालम जिस्म पढ़ाया जे , -ओह इशक असाँ वल आया जे । -ओह आया मैं मन भाया जे । -सानूँ आपणे काफर काफर , -गिला गुजारी करदे वाफरं -जिन्हाँ इश्क ना मूल लगाया जे , -ओह इशक असाँ वल आया जे । -ओह आया मैं मन भाया जे । -मुँह दे उत्ते मली स्याही , -लज लेहादी धो सभ लाही । -असाँ नंग नामूस गवाया जे , -ओह इशक असाँ वल आया जे । -ओह आया मैं मन भाया जे । -मज़हबाँ दे दरवाजे उच्चे , -कर कर झगड़े खले विगुच्चे । -बुल्लामोरिओं इश्क लँघाया जे , -ओह इशक असाँ वल आया जे । -ओह आया मैं मन भाया जे ।",panjabi-pan -"सोने के पालकी छतर ओढ़इले -सोने के पालकी छतर ओढ़इले । -ताहि चढ़ि बहुआ आयो , सुलच्छन आयो ॥ 1 ॥ -धनधन भाग तोरा कवन साही । -बेटा पुतोह घर आयो , बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 2 ॥ -काँचहिं1 बाँस के डाला2 बिनवलों3 । -बहुआ के पावों ढरायो4 बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 3 ॥ -धन धन भाग तोरा कवन साही । -बेटा पुतोह घर आयो , बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 4 ॥ -कोरे5 नदियवा6 में दहिया जमवलों । -बहुआ के सिर धरायो , बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 5 ॥ -धनधन भाग तोरा , कवन साही । -बेटापुतोह घर आयो , बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 6 ॥",magahi-mag -"474 -रांझा वेख के आखदा परी कोई इके भावे तां हीर सयाल होवे -कोई हीर कि मोहनी इंदरानी हीर होवें तां सइयां दे नाल होवे -नेड़े आयके कालजा धा गई जिवें मसत कोई नशे दे नाल होवे -रांझा आखदा अबरे1 बहार आया जंगलां भी लाली लाल होवे -हाठां जोड़2 बदलां हांझ बधी वेखां केहड़ा देस निहाल होवे -चमक लैलातुल कदर3 सयाहशबथी जिसते पवगी नदर निहाल होवे -डील डाल ते चाल दी लटक सुंदर जेहा पेखने दा कोई खयाल होवे -यार सोई महबूब ते फिदा होवे जी सोई जो मुरशदां नाल होवे -वारस शाह आ चंबड़ी रांझने नूं जेहा गधे दे गल विच लाल होवे",panjabi-pan -"म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर -म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर -म्हारा काकाजी के मांडी गणगौर -रसीया घडी दोय खेलवाने जावादो -घडी दोय जावता पलक दोय आवता -सहेलियाँ में बातां चितां लागी हो रसीया -घडी दोय खेलवाने जावादो -थारो नथ भलके थारो चुड़लो चमके -थारा नेना रा निजारा प्यारा लागे हो मारुजी -थारा बिना जिवडो भुल्यो डोले",rajasthani-raj -"उड़ी उड़ी सुवा ना, का बोली बोले वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , का बोली बोले वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , तोर बोली बोले -लाली चनारिया मोहनी मुरतिया -देखत मन ला मोहे वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , का बोली बोले वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , तोर बोली बोले -गाँवे शहर मा तोर होथे बड़ाई वो , जा के डोंगरगढ़ मा बसे बम्लाई -दूसर रूपे मा शारदा कहाये वो , जाके शहर तैं हा मईहर बसाये -माथे मा टोकिया , सोन के अंगूठीया , दसों अंगुरिया मा सोहे वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , का बोली बोले वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , तोर बोली बोले -चंद्रहासिनी चंदरपुर मा बिराजे वो , हे महामाया रतनपुर मा साजे -डिंडेश्वरी तैं मल्हार मा कहाये वो , जा के जिंहा दाई सोना बरसाये -नवदिन नवरात जोत , बरत हे दिया ना , मईया के झूलना झूले वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , का बोली बोले वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , तोर बोली बोले -लाली चनारिया मोहनी मुरतिया , देखत मन ला मोहे वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , का बोली बोले वो -उड़ी उड़ी सुवा ना , तोर बोली बोले",chhattisgarhi-hne -"सावन -सावन आए ओ री सखी री , मंदिर छावै सब कोय रे -अरे , हमरा मंदिरवा को रे छैहें , हमरे तो हरी परदेस रे -काह चीर मैं कगदा बनावौं , काहेन की मसियाली रे -अरे , कोहिका मैं बनवों अपन�� कैथवा , चिठिया लिक्खहि समुझाई के -अंचरा चीरी मैं कगदा बनावहु , अंसुअन की मसियाली रे -अरे , लहुरा देवरवा बनवों कैथवा , चिठिया लिखहि समुझाई के -अरे अरे कागा तोहे देबै धागा , सोनवा मेढौबे तोरी चोंच रे -अरे , जाई दिह्यो मोरे पिय का संदेसवा , चिठिया पढयो समुझाई के -नहाइ धोई राजा पुजवा प बैठे , चिठिया गिरी भहराई के -अरे , चिठिया बांचे बाँची सुनावै , पटर पटर चुवै आंस रे -सुन सुन कागा हमरा संदेसवा , रानी का दिह्यो समुझाई के -अरे , बरिया बोलाइ रानी बँगला छ्वावैं , हमरा आवन नहीं होए रे -सावन मा रानी चुनरी रंगैहैं , पहिरहि मनचित लाइ के -अरे , सब सखियन संग झूलन जैहैं हमरिही सुधि बिसराई के",awadhi-awa -"हे री खत भेज रही पीहर मैं -हे री खत भेज रही पीहर मैं -रे बीरा छूछक ल्याइए रे -सास का ल्याइयो रे बीरा -मेरा सुसरे का ल्याइयो रे -चूँदड़ी जरद रंगाइयो रे -चीट्ठी भेज रही . . . -जेठाणी का ल्याइरो रे बीरा -मेरा जेठ का ल्याइयो रे -रे मेरा देवर सै हुंसिआर -गेंद उसकी बी ल्याइयो रे -चीट्ठी भेज रही . . . -रे मेरे चंचल बीरा -बलम का साफा हर्या रंगाइयो रे",haryanvi-bgc -"घर पिछुअरवा डोमिन के घरवा -घर पिछुअरवा1 डोमिन के घरवा । -देइ देहि बिनि2 डोमिन बेनियाँ3 नवरँगिया4 ॥ 1 ॥ -हमरा जे हकइ5 डोमिन , साँकर6 कोहबरिया । -हमरा के लागइ डोमिन , बड़ी रे गरमियाँ7 ॥ 2 ॥ -जे तूँहि चाहिं दुलहिन , बेनिया नवरँगिया । -तूँ हमरा देहिं8 दुलहिन , सोने के कँगनमा । -कहमा गढ़वले डोमिन , अइसन गढ़नमा ॥ 4 ॥ -तोहर पुतहु किनलन9 बेनियाँ नवरँगिया । -ओहि रे देलन मोरा , सोने के कँगनमा ॥ 5 ॥ -भइया खउकी10 बाबू खउकी , तूहूँ रे पुतोहिया । -कहमा हेरवलें11 अपन , सोने के कँगनमा ॥ 6 ॥ -हमरा जे हलइ12 सासु , साँकर कोहबरिया । -हमरा के लागइ सासु , एतना गरमियाँ ॥ 7 ॥ -हम जे किनलूँ सासु , बेनिया नवरँगिया । -ओने13 अवलन14 दुलहा दुलरूआ ॥ 8 ॥ -तोहर धानि हकउ बाबू , एता15 रे सउखिनियाँ16 । -कइसे कइसे किनलन बेनियाँ नवरँगिया ॥ 9 ॥ -तोहर दुलार अमाँ , घड़ी रे पहरुआ । -धानि के दुलार अमाँ , हकइ सारी रतिया । -कइसे के बरजूँ17 अमाँ , नाया दुलहिनियाँ ॥ 10 ॥",magahi-mag -"धार नगर का पापी हो राजा -धार नगर का पापी हो राजा -उन मेरी सेवा नई कर जाणी -करवा नगर का ठाकुर -उन मेरी सेवा नई कर जाणी -उन मेरी पाठ बंचाया -उन मेरी ओढ़नी ओढ़ाई -उन मेरी होम करायो -धार नगर का पापी राजा -उन्होंने मेरी सेवा करना नहीं जानी -करबा नगर का ठाकुर -उन्होंने मेरी सेवा करना जानी -उन्होंने पाठ क���ाया -उन्होंने ओढ़नी ओढ़ाई -उन्होंने हवन कराया",malvi-mup -"303 -असां अर्ज कीती तैनूं गुरु करके बाल नाथ दियां तुसी निशानियां हो -तैनूं छडया किवे है जालमा ने कशमीर दियां तुसी खरमानियां हो -साडी आजजी तुसी ना मनदे हो गुसे नाल पसारदे आनियां हो -वारस आखया महर दे चलो वेहड़े तुसी नहीं करदे मेहरबानियां हो",panjabi-pan -"गज गज नींव न्हकाव क्यों नी हो -गज गज नींव न्हकाव क्यों नी हो -फलाणा राज का फलाणा राय -राय सुन्नारी अंगूठी हो राज -रंग रो बधावो वऊवड़ झेलो क्योंनी वो -फलाणी बऊ री फलाणी बऊ -राय सुन्नारी अंगूठी हो राज ।",malvi-mup -"अवधपुरी मे चैन परे न -अवधपुरी में चैन परे न , -बनखों गये रघुराई मोरे लाल -रामलखन और जनकदुलारी , -अब न परत रहाई मोरे लाल -सब रनवास लगत है सूनो , -रोवे कौशला माई मोरे लाल -नगर अयोध्या के सब नरनारी , -सबरे में उदासी छाई मोरे लाल -जब रथ भयो नगर के बाहर , -दशरथ प्राण गये हैं मोरे लाल -चौदह साल रहे ते वन में , -सहो कठिन दुखदाई मोरे लाल -वनवन भटकी परी मुसीबत , -शोक सिया खों भारी मोरे लाल",bundeli-bns -"दी देवा बाबा जी, कन्या को दान -दी देवा बाबा जी , कन्या को दान -दानू मा दान होलो , कन्या को दान । -हीरा दान , मोती दान , सब कोई देला , -तुम देला बाबा जी , कन्या को दान । -तुम होला बाबा जी , पुण्य का लोभी , -दी देवा बाबा जी , कन्या को दान । -हेम दान गजदान सब कोई देला , -तुम देला बाबा जी , कन्या को दान",garhwali-gbm -"भई ने बिरज की भोर सखी री -भई ने बिरज की भोर सखी री -मैं तो भई ने बिरज की मोर । -कहना रहती कहना चुनती -कहना करती किलोल सखी री । भई . . . -गोकुल रहती वृन्दावन चुगती -मथुरा करती किलोल । सखी . . . -गोवर्धन पे लेत बसेरो , -नचती पंख मरोर । सखी . . . -उड़उड़ पंख गिरे धरनी पे -बीनत जुगल किशोर । सखी . . . -वृन्दावन की महिमा न्यारी , -वाको ओर न छोर । सखी . . .",bundeli-bns -"झुला दो माई श्याम परे पलना -झुला दो माई श्याम परे पलना । -काऊ गुजरिया की नजर लगी है , -सो रोवत है ललना । -झुला दो . . . -राई नौन उतारो जसोदा , -सो खुशी भये ललना । -झुला दो . . . -जो मोरे ललना खों पलना झुलावैं -दैहों जडाऊं कंगना । -झुला दो . . .",bundeli-bns -"कदली के वन में घउर लगल हे, फूलल कोसुम गुलाब -कदली के वन में घउर1 लगल हे , फूलल कोसुम2 गुलाब । -ओही3 रँग रँगबइ4 साहेब के पगिया , पहिरथ5 होरिला6 के बाप ॥ 1 ॥ -हरदी आउ सोंठ में बड़ खरच भेलइ , 7 हमरा दँहजल8 सब लोग ॥ 2 ॥ -तोहुँ9 त हो 10 परभु दरोजवा11 पर बइठऽ , हमहुँ बूझब12 सभ लोग । -हम धनी जाही13 दरोजवा पर बइठे , त��ंही बूझऽ सभ लोग ॥ 3 ॥ -भठवा14 के देबइ चढ़े के घोड़वा , भाटिन15 के लहँगा पटोर16 । -चमरा के देबइ दुनूँ17 कान सोनमा , 18 डगरिन के पीयरी रँगाई ॥ 4 ॥ -गोतिया के देबइन भातभतखहिया , 19 गोतनी के हलुआ घटाई20 । -ननदोसिया21 के देबइन चढ़े के हँथिया , चढ़े के घोड़वा , -ननदी के गदहा टिपोर22 ॥ 5 ॥",magahi-mag -"पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे -पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे मैं बी सूत बनाऊंगी , हो मेरे राम । -चालीस गज का झालर आला दाम्मण एक सिमाऊंगी , हो मेरे राम । -सीसां आली चमक चून्दड़ी खादी की मंगवाऊंगी , हो मेरे राम । -हाथ में पाणे झंडा तिरंगा खादी आला ठाऊंगी , हो मेरे राम । -पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे मैं बी सूत बनाऊंगी , हो मेरे राम ।",haryanvi-bgc -"काहे बेयाही बिदेस रे, लखिया बाबुल मोरे -काहे बेयाही1 बिदेस रे , लखिया2 बाबुल3 मोरे । -हम तो रे बाबुल बेले4 की कलियाँ , घर घर माँगी जायँ रे । -लखिया बाबुल मोरे ॥ 1 ॥ -हम तो रे बाबुल खूँटे की गइया । -जिधर हाँको हँक5 जाय रे , लखिया बाबुल मोरे । -काहे को बेयाही बिदेस रे , लखिया बाबुल मोरे ॥ 2 ॥ -ताको भरी6 मैंने गुड़िया न छोड़ी । -छोड़ा सहेला7 साथ रे , सुन बाबुल मोरे ॥ 3 ॥ -भइया को दिए हो बाबू , महला दुमहला8 । -हमको दिए हो बिदेस रे , लखिया बाबुल मोरे ॥ 4 ॥ -कोठे के नीचे पलकिया जो निकली । -बीरन9 ने खाई पछार रे , सुन बाबुल मोरे । -काहे को बेयाही बिदेस रे , सुन बाबुल मोरे ॥ 5 ॥",magahi-mag -"ईसुरी की फाग-8 -ऐंगर बैठ लेओ कछु काने , काम जनम भर रानें -सबखाँ लागौ रात जियत भर , जौ नइँ कभऊँ बड़ानें -करियो काम घरी भर रै कैं , बिगर कछु नइँ जानें -ई धंधे के बीच ' ईसुरी ' करतकरत मर जानें । -भावार्थ -पास बैठ जाओ कुछ कहना है , काम तो जिंदगी भर रहेगा -सभी को ये काम लगा रहता है जब तक वोह जिन्दा रहता है , ये काम कभी ख़त्म नहीं होगा -काम थोड़ी देर रुक कर , कर लेना , कुछ बिगड़ नहीं जायेगा -ईसुरी कहते है कि इस काम को कर कर के मर जायेंगे ।",bundeli-bns -"जी हो पाँच बधावा म्हारा यहाँ आविया -जी हो पाँच बधावा म्हारा यहाँ आविया , -पाँचई की नवी नवी रीत । -जी हो , नरवरगढ़ को ऊदो चूड़ो नऽ पोचयो सांवळो । -चूड़ीला पर उग्यों सूर्या भान महाराज । -जी हो , पहिलो बधावो म्हारा यहाँ आवियो । -भेज्यो म्हारा ससुराजी द्वार , -जी हो , ससुराजी रंग सु बधाविया , -सासु नारेळ भरया थाळ महाराज , -जी हो दूसरो बधावो म्हारा यहाँ आवियो । -भेज्यो म्हारा पिताजी द्वार , -जी हो पिताजी रंग सु बधाविया , -माया मोतियन भरया थाळ महाराज , -जी हो तीसरो बधावो म्हारा यहाँ आवियो । -भेज्यो ते जेठजी द्वार , -जी हो , जेठजी रंग सु बधाविया , -जेठाणी न लियो पगरण सार महाराज , -जी हो , चौथो बधावो म्हारा यहाँ आवियो । -भेज्यो म्हारा बीराजी द्वार , -जी हो , बीराजी रंग सु बधाविया , -भावज न लियो घूँघट सार , -जी हो , पांचवों बधावो म्हारा यहाँ आवियो । -भेज्यो म्हारी धनकेरी कूख , -जी हो इनी कूख हीरा रत्न नीबज्या , -जे को ते पगरण आरंभियो ।",nimadi-noe -"कथी लेेेॅ लगेलियै हे कोसी माय -कथी लेॅ लगेलियै हरिहर बीट बाँस हे -कथी लेॅ बढ़ेलियै हे कोसी माय -लामीलामी केसिया हे -कथी लेॅ कयलियै पातरे बलमुआ हे -कथी लेॅ पोसलियै जेठ भाय हे -खाय लेॅ लगैलिये हे कोसी माय -आमजामुन गछिया हे -गिरहि लेॅ लगैलियै हरिहर बीट बाँस हे -जूड़ा लेॅ बढ़ैलियै हे कोसी माय -लामीलामी केसिया हे -भोगे लेॅ जे कयलियै पातरे बलमुआ हे -लोकना जाय ले पोसलिये जेठ भय हे -खाइयो नै भेले हे कोसी माय आमजमुनमा हे -बान्हियों नै भेले गिरहि धर हे -तोहरे जे ऐनें हे कोसी माय -नामी केस टूटी भाँसले हे -तोहरे जे ऐनें पिया गेल परदेश हे -बड़ी देर लगलो रे मलहा , -भेलो देरे से कुबेर -रोयतें होइतै गोदी रे बलकबा -झट से पार देहि रे उतारी",angika-anp -"विवाह गीत -१ . -काहे को ब्याहे बिदेस अरे सुन बाबुल मोरे -मैं बाबुल तोरे आंगन की पंक्षी -फ़ुदक फ़ुदक उड़ि जाउं रे -सुन बाबुल मोरे -मैं बाबुल तोरे आंगन की गंइया -जहां बांधो , बंध जाऊं रे -सुन बाबुल मोरे -चार बरस पहले गुड़िआ छोड़ा -छुटा बाबुल तोरा देस रे -सुन बाबुल मोरे -जाई डोली पहूंचि अवधपुर -छूटा जनक तोरा देस रे -सुन बाबुल मोरे -२ . -सेनुरा बरन हम सुन्दर हो बाबा , इंगुरा बरन चटकार हो -मोतिया बरन बर खोजिहा हो बाबा , तब होइ हमरा बियाह हो -ताल सुखीय गईले पोखरा सुखीय गईले , इनरा परे हाहाकार हो -बेटी के बाबुजी के दलकी समा गईले कईसे में होईहे बियाह हो -जाई ना बाबा अवधपुर नगरिया राजा दशरथ के दुआर हो -राजा दशरथ के चार बेटवा , चारु सं बाड़े कुंवार हो -चार भईया में सुन्दर बर सांवर उनके के तिलक चढ़ाव हो -ताल भरीय गईले पोखरा भरीये गईले इनरा पर परे झझकार हो -बेटी के बाबुजी के खुसिया समा गईल , अब होईहे धर्म बियाह हो . -हमारे समाज में हर रश्म के लिये गीत हैं और ये गीत ऐसे ही नहीं हैं . ये अपने समाज और अपनी परंपरा से जुड़े हुएं हैं . इनका स्रोत पौराणिक संदर्भ और प्राण लोक जीवन है . -संकलन रीता मिश्र",bhojpuri-bho -"दीवा बले सारी रात, ���ेरया जाल्मा -दीवा बले सारी रात , मेरया जाल्मा -दीवा बले सारी रात । -बत्तियाँ बटा रखदी , मेरया जाल्मा -दीवा बले सारी रात । -आवेंगा ताँ पुच्छ लवांगी , मेरया जाल्मा -कित्थे गुज़ारी सारी रात । -बत्तियाँ बटा रखदी , मेरया जाल्मा -दीवा बले सारी रात । -आवेंगा ताँ बुज्झ लवांगी , मेरया जाल्मा -कित्थे गुज़ारी सारी रात । -दीवा बले सारी रात , मेरया जाल्मा -दीवा बले सारी रात -भावार्थ -' दीया रात भर जलता है , ओ मेरे ज़ालिम दीया रात भर जलता है । बत्तियाँ तैयार करा कर रखती हूँ , ओ -मेरे ज़ालिम दीया सारी रात जलता रहता है । तू आयेगा तो मैं पूछ लूंगी , ओ मेरे ज़ालिम कहाँ बिताई सारी -रात ? बत्तियाँ तैयार करा कर रखती हूँ , ओ मेरे ज़ालिम दीया सारी रात जलता रहता है । तू आयेगा तो मैं -समझ जाऊंगी , ओ मेरे ज़ालिम कहाँ बिताई सारी रात ? यह दीया रात भर जलता है , ओ मेरे ज़ालिम -दीया सारी रात जलता रहता है ।",panjabi-pan -"टिकवा ओलरि गेल माँग से -टिकवा1 ओलरि2 गेल माँग से , -दुलहा पेन्हावे3 हाँथ से , गीभरू4 पेन्हावे हाँथ से । -अहियात5 बाढ़े भाग से , सोहाग6 बाढ़े भाग से ॥ 1 ॥ -कंठवा7 ओलरि गेल गल्ला8 से , -दुलहा पेन्हावे हाँथ से , गभरू पेन्हावे हाँथ से । -अहियात बाढ़े भाग से , सोहाग बाढ़े भाग से ॥ 2 ॥ -बलवा9 ओलरि गेल लिलुहा10 से , -दुलहा पेन्हावे हाँथ से , गभरू पेन्हावे हाँथ से । -अहियात बाढ़े भाग से , सोहाग बाढ़े भाग से ॥ 3 ॥ -छागल11 ओलरि गेल पाँव से , -दुलहा पेन्हावे हाँथ से , गभरू पेन्हावे हाँथ से । -अहियात बाढ़े भाग से , सोहाग बाढ़े भाग से ॥ 4 ॥",magahi-mag -"आल्हा ऊदल -मारे टापन के रोनन से रुदल के देल उठाय -बोलल घोड़ा रुदल के बाबू पलटन इंदरमन के पहुँचल आय -फाँद बछेड़ा पर चढि गैल पलअन में पहुँचल बाय -बलो कुबेला अब ना चीन्हे जाते जोड़ देल तरवार -पड़ल लड़ाइ इंदरमन में रुदल से पड़ गैल मार -ऐसी लड़ाई सिब मंदिर में अब ना चीन्हे आपन पराय -गनगन गनगन चकर बान बोले जिन्हके बलबल बोले ऊँट -सनसन सनसन गोली बरसे दुइ दल कान दिहल नाहिं जाय -दसो तिरंगा इंदरमन के रुदल काट कैल मैदान -गोस्सा जोर भैल इंदरमन खींच लेल तरवार -जौं तक मारल बघ रुदल के अस्सी मन के ढालन पर लेल बचाय -ढलिया कट के बघ रुदल के गद्दी रहल मरद के पास -बाँह टूट गैल रुदल के बाबू टूटल पं के हाड़ -नाल टूट गैल घोड़ा के गिरल बहादूर घोड़ा से -धरती पर गिरल राम राम चिचियाय -पड़ल नजरिया है देवी रुदल पर पड़ गैल दीठ -आइल देवी इंद्रासन के रु���ल कन पहुँचल बाय -इमिरित फाहा दे रुदल के घट में गैल समाय -तारु चाटे रुदल के रुदल उठे चिहाय चिहाय -प्रान बचावे देबी बघ रुदल के रुदल जीव ले गैल पराय -भागल भागल चल गैले मोहबा में गैल पराय",bhojpuri-bho -"पर्व गीत -तरी रे हनी तरी , तरी रे हनी तरी सुआ रे -तरी रे हनी तरी , तरी रे हनी तरी सुआ रे -राछत –पूछत हमु आयन भूली , कुकरा भूकी देय सुआ रे -निकाल पटलिन आँगा माँ , दर्शन देखो हमार सुआ रे -कैसे के निकालव आंगना , कोरा हैं बालका पूत सुआ रे -जोगी मगोरा निशेदिना , हमें देखो बारह है आन सुआ रे -पटेल बैठय सोने माँची , पाटोलिन बैठय ओसार सुआ रे -झफ़ीया माँ हौवय सुआ बेली , शोई देखो माझे द्वार सुआ रे -हाथे हर्दी धरीधरी माथे मा टीका देय सुआ रे -हरदी के टीका धूमेधूमे , घीवे के टीका देय सुआ रे -शब्दार्थ – राछत रास्ता , पूछतपूछते , हमु आयनहम आये , कुकराकुकराकुत्ते , भूकीभूकन , कोरानवजातछोटा , जोगीसाधुसन्यासी , मगेतामाँगने आनाभीख माँगना , झपियाझाँपी । -बैगा महिलाएँ पूस माह की पूर्णिमा के दिन एक गाँव से दूसरे गाँव नाचते जाती हैं । यह नृत्य प्राय : रात्रि में देर तक छटा है । सबसे पहले महिलाएँ पटेल के घर जाती । तब महिलाएँ यह सुआ गीत गाकर नृत्य करती हैं । गीत सुआ को संबोधित होते हैं । -गीत में महिलाएँ कहती हैं हम तुम्हारा घर का पता पूछते हुए यहा आये हैं । हमको देखकर तुम्हारे गाँव के कुत्ते भूकने लगे । पटेलिन जरा निकलकर आँगन में आओ । हमारे दर्शन करो । हमको देखो तो सही । पटेलिन घर के अंदर से ही कहती है । बहिन मैं कैसे निकलकर आँगन में आ सकती हूँ । मेरी गोदी में छोटा सा बच्चा है । -साधु सन्यासी तो माँगने घर के सामने रोज ही आता है । लेकिन हम लोग तो साल भर में एक ही बार आते हैं । पटेलपटेलिन तुम आँगन तक नहीं आ सकती हो तो कम से कम ओसारी बरामदे तक तो आ जाओ । ओसारी में पटेल सोने की माची पर और तू चाँदी की माची पर बैठो । हम तुम्हारे द्वार दशहरा गीत गाने और नाचने आए हैं । पटेलिन अंदर से कहती है झाँपी बाँस की टोकनी में मिट्टी का सुआ और बेलफूल रखे हैं । मैं उन्हीं की सेवा में लगी हुई हूँ । ऐसा न हो की उस पर किसी की नजर लग जाय , कोई उसे चुराकर न ले जाय । पटेलिन घर से बाहर निकली और हाथ में हल्दी और आरती में जलता दिया । रखकर सबको माथे पर हल्दी का टीका लगाया । रीति अनुसार स्वागत किया । इस पर महिलाओं ने कहा अरे पटेलिन हल्दी का टीका तो घूमिल हो जायेगा । हम��ं घी का टीका लगाओ ।",baiga-mis -"मै देख आई गुइया री -मैं देख आई गुइयां री , -जे पारबती के सैंया -सांप की लगी लंगोटी , -करिया चढ़ो , कंधइयां री , -जे पारबती के सैयां । -गांजे भांग की लगी पनरियां , -पीवें लोग लुगइयां री , -जे पारबती के सैयां । मैं देख . . . -साठ बरस के भोले बाबा , -गौरी हैं लरकइयां री , -जे पारबती के सैयां । मैं देख . . . -तुलसी दास भजो भगवाना , -हैं तीन लोक के सैयां री , -जे पारबती के सैयां । मैं देख . . . -मैं देख आई गुइयां री , -जे पारबती के सैयां । मैं देख . . .",bundeli-bns -"हे दे सुत्तीड़ा साढ मास -हे दे सुत्तीड़ा साढ मास , हे दे उट्ठीडा कात्यग मास -उठूं सूं उठावां सां , छींके हाथ घलावां सां -छींके धरी चार कचोरी , आप खा के बाहमण दीजै -आप खा लाहा हो , बाहमण दीजै कहा हो -बाहमण नै दीजै बुड्डी सी गां , आगे पिच्छोकड़ मूते वा",haryanvi-bgc -"राई सरसों के तेल अवरो फुलेल -राई1 सरसों के तेल अवरो2 फुलेल , सो बेटा बइठल हइ3 उबटन4 । -दादी सोहागिन , हाथ कँगना डोलाय , लुलुहा5 घुमाय , नयना लड़ाय , -सो बेटा बइठल हइ उबटन ॥ 1 ॥ -राई सरसों के तेल , अवरो फुलेल , सो बेटा बइठल हइ उबटन । -उनकर6 मइया सोहागिन , हाथकँगना डोलाय , लुलुहा घुमाय , -नयना लड़ाय , सो बेटा बइठल हइ उबटन ॥ 2 ॥ -राई सरसों के तेल , अवरो फुलेल , सो बेटा बइठल हइ उबटन । -उनकर चाची सोहागिन , हाथ कँगना डोलाय , लुलुहा घुमाय , -नयना लड़ाय , सो बेटा बइठल हइ उबटन ॥ 3 ॥",magahi-mag -"आर्यों का प्रण (हँसी गीत) -बन्नी –गीत माँ की सीख हास –परिहस -आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो -जै तेरा ससुरा मन्दी ऐ बोल्लै -पत्थर की बण जाइयो मेरी लाड्डो -आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो -जो तेरी सासु गाळी ऐ देगी -ले मूसळ गदकाइयो मेरी लाड्डो -आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो -जो तेरा जेठा मन्दी ऐ बोल्लै -घूँघट मैं छिप जाइयो मेरी लाड्डो -आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो -जो तेरी जिठाणी गाळी देगी -ले सोट्टा गदकाइयो मेरी लाड्डो । -आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो -जो तेरा देवरा मन्दी ऐ बोल्लै -हाँसी मैं टळ जाइयो मेरी लाड्डो -आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो -जो तेरी नणदा गाळी ऐ देगी -चुटिया पकड़ घुमाइयो मेरी लाड्डो -आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो -जो तेरा राजा मन्दी ऐ बोल्लै -कुछ न पलट कै कहियो मेरी लाड्डो । -आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो",khadi_boli-mis -"मचिया बइठली तोंही मइया, त सुनहऽ बचन मोरा हे -मचिया बइठली1 तोंही मइया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -मइया , हमहूँ लीपलियइ2 त सउर , 3 हमहूँ कछु दान चाही हे ॥ 1 ॥ -सउरी पइसल तोंहे बहुआ , त सुनहऽ बचन मोर हे । -बहुआ , देइ देहु नाक के बेसरिया , दुलारी धिया4 पाहुन5 हे ॥ 2 ॥ -एतना बचन जब सुनलन , सासु से अरज करे हे । -सासुजी हम कहाँ पयबो बेसरिया , बेसरिया हेराइ6 गेल हे ॥ 3 ॥ -जुगवा7 खेलइते तोंहे भइया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -भइया हमरा के दान किछु चाही , सउर हम लीपलि हे ॥ 4 ॥ -एतना बचन जब सुनलन , धनि से कहे लगलन हे । -धनि देइ देहु नाक के बेसरिया , बहिन घर पाहुन हे ॥ 5 ॥ -एतना बचन जब सुनलन , परभु से अरज करे हे । -परभुजी , कहाँ हम पायब8 बेसरिया , बेसरिया भुलाई गेल हे ॥ 6 ॥ -चुप रहु , चुप रहु बहिनी , त बहिनी दुलारी बहिनी हे । -कर लेबो दोसर बिआह , बेसर पहिरायब हे ॥ 7 ॥ -एतना बचन जब सुनलन , सुनहु न पावल हे । -परभुजी , मत करू दोसर बिआह , बधइया9 हम देइ देवइ हे ॥ 8 ॥",magahi-mag -"कहमा बहैले कोसीमाय -कहमा बहैले कोसीमाय , -कहाँ लट हे झारले -कहमा कोसीमाय कयले सिंगार । -कमला नहैलों तिरहुत लट झारलों -गहबर कैलों सिंगार । -किअ देय समदव मैया कमलेसरी -किअ देय समदव कोसीमाय । -पान देय समदव मैया कमलेसरी -पाठी देय समदव कोसीमाय । ।",angika-anp -"217 -रांझे आखया सियाल रत्न गए सारे अते हीर भी छड ईमान चली -सिर हेठां नूं कर लया फेर चूचक जदों सथ विच आनके गल हली -धीयां वेंचदे कौल जबान हारन महराब मथे उते पौन ढिली -यारो सयालां दियां दाढ़ियां वेखदे हो जेही मूंग मंगवाड़ दी मसर फली -वारस शाह मियां धी साहनी नूं गल विच चा पांवदे हैन टली",panjabi-pan -"एके कोखी बेटा जन्मे एके कोखी बेटिया -एके कोखी1 बेटा जन्मे एके कोखी बेटिया -दू रंग नीतिया2 -काहे कईल3 हो बाबू जी -दू रंग नीतिया -बेटा के जनम में त सोहर गवईल अरे सोहर गवईल4 -हमार बेरिया , काहे मातम मनईल हमार बेरिया5 -दू रंग नीतिया -काहे कईल हो बाबू जी -दू रंग नीतिया -बेटा के खेलाबेला6 त मोटर मंगईल अरे मोटर मंगईल -हमार बेरिया , काहे सुपली मऊनीया7 हमार बेरिया -दू रंग नीतिया -काहे कईल हो बाबू जी -दू रंग नीतिया -बेटा के पढ़ाबेला8 स्कूलिया पठईल अरे स्कूलिया पठईल9 -हमार बेरिया , काहे चूल्हा फूँकवईल हमार बेरिया -दू रंग नीतिया -काहे कईल हो बाबू जी -दू रंग नीतिया -बेटा के बिआह में त पगड़ी पहिरल10 अरे पगड़ी पहिरल -हमार बेरिया , काहे पगड़ी उतारल11 हमार बेरिया -दू रंग नीतिया -काहे कईल हो बाबू जी -दू रंग नीतिया -एके कोखी बेटा जन्मे एके कोखी बेटिया -दू रंग नीतिया -काह��� कईल हो बाबू जी दू रंग नीतिया",bhojpuri-bho -"पूरना पूरी करो माई... -पूरना पूरी करो माई . . . -कि अम्बे मोरी काहे की ईंट पराई -काहे को गारा रे माई -कि अम्बे मोरी सोने की ईंट पराई -चंदन लगो गारा री माई । पूरना . . . -कि अम्बे मोरी काहे के दीया जराये -काहे की डरी बाती री माई । पूरना . . . -कि अम्बे मोरी सोने की दीया जराये -कपूर लगी बाती री माई । पूरना . . . -कि अम्बे मोरी कैसी बनी तेरी मूरत -दरश हमें दे दो री माई । पूरना . . .",bundeli-bns -"पिया भरती मैं होले ना -पिया भरती मैं होले ना पट्टजा छतरापन का तोल -जरमन में जाके लड़िए अपने मां बापां का नां करिए -तैं तोपां के आगे अड़िए अपणी छाती ने दे खोल -पिया भरती में होले ना पट्टजा छतरापन का तोल",haryanvi-bgc -"410 -हीरे करां मैं बहुत हया तेरा नहीं मारां सू पकड़ पथलके नी -सभो पान पत एस दी लाह सटां लख वाहरां दये जे घलके नी -जेहड़ा मार चतौड़ गढ़ शाह अकबर ढाह मोरचे लए मुचलके नी -जिउं जिउं शरम दा मारया चुप करां नाल मसतियां आंवदी चलके नी -तेरी पकड़ संघी जिंद कढ छडां मेरे खुस ना जाणगे तुलके नी -भला आख की खटना वटना एं वारस शह दे नाल पिड़ मलके नी",panjabi-pan -"एमन मानव-जनम आर कि हबे? (बाउल) -एमन मानवजनम आर कि हबे ? -मन या कर त्वराय कर एइ भावे । -अन्तर रूप सृष्टि करलने साँइ -शुनि मानवेर तुलना किछुर नाइ -देवमानवगण करे अराधन जन्म निते मानवे -कत् भाग्यरे फल ना जानि , -मनेर पेयेछ एइ मानव तरणी , -येन मरा ना डोबे । । -एइ मानुषे हवे माधुर्य भजन , -ताइते मानुष रूप एइ गठिल निरंजन -एबार ठकिले आर ना देखि किनार , -लालन कय कातर भावे । ।",bengali-ben -"ढेरिया जे सोभले गेहमा केरा, चउखट चनन केरा हे -ढेरिया1 जे सोभले गेहमा2 केरा , 3 चउखट4 चनन केरा हे । -ए ललना , बहुआ5 जे सोभले गोदी में , होरिलवा6 लेले हे ॥ 1 ॥ -दुअरे ही बाजे बजनियाँ , अँगना मदागिन7 बेटी हे । -ए ललना , ओबरी8 में नाचे ननद रानी , कँगनवाँ हम बधइआ लेबो हे ॥ 2 ॥ -बजनियाँ के देबइ सोने बजवा , मदागिन बेटी कंचनथारी हे । -ए ललना , ननद रानी ला9 बेसरि गढ़इबो , कँगनवसाँ नहीं बधइया देबो हे ॥ 3 ॥ -सासु के देबइन10 करुआ तेल , 11 ननदी के तीसी के तेल हे । -ए ललना , गोतनी के देबइन चमेली तेल , हम गोतनी पाँइच12 हे ॥ 4 ॥ -सासु के देबइन खटोलवा , त ननदो के मचोलवा देबइन हे । -ए ललना , गोतनी देबइन पलँगवा , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 5 ॥ -सासु के देबइन धनइया13 भारत , ननदो के कोदइया14 भात हे । -ए ललना , गोतनी के देबइन बसमतिया15 भात , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 6 ॥ -सासु के दे��इन रहरी16 दाल , ननदो अँकटी17 दाल हे । -ए ललना , गोतनी के देबइन मूँग दाल , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 7 ॥ -सासु के देबइन सोंठउरा , ननदो के धँधउरा18 हे । -ए ललना , गोतनी के देबइन लड्डू , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 8 ॥ -सासु के देबइन चाउर19 के हलुआ , ननदी खँखोरी20 देबो हे । -ए ललना , गोतनी के देबइन सुज्जी के हलुआ , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 9 ॥ -सासु जे उठलन21 गावइत , ननद बजावइत हे । -ए ललना , गोतनी उठलन बिसमादल , 22 गोतिया घरवा सोहर हे ॥ 10 ॥ -सासु लुटवलन रुपइया , त ननदो असरफी हे । -ए ललना , गोतनी लुटवलन छेदमवाँ , 23 हम मुरछाइ24 गिरली हे ॥ 11 ॥ -सभवा बइठल रउरा परभुजी , सुनहऽ बचन मोरा जी । -परभुजी , गोतनी लुटवलन छेदमवाँ , त हम मुरछाइ गिरली हे ॥ 12 ॥ -चुप रहु , चुप रहु धनियाँ , तुहूँ चधुराइन25 हे । -ए धनियाँ , उनको जे होतइन होरिलवा , छेदमवाँ उनका फेर दीह हे ॥ 13 ॥",magahi-mag -"423 -कजल पूछलां1 वालड़ा घत नैनां जुलफां कुंडलां दार बलावनी ए -नीवियां पटीयां मुख पलमा जुलफां गुजां घतके लानतां लावनी ए -जेवर आशकां नूं दिखलावनी ते नित वेहड़े दे विच छनकावनी ए -बांकी फब रहिंदी चोली बाफते2 दी उते कहर दियां अलियां3 लावनी ए -ठोडी गाल ते पायके खाल खूनी राह जांदड़े मिरग फहावनी ए -जिनां नखरयां नाल भरमांवनी ए किसे गल तों नहीं शरमवानी ए -मल वटना लोहड़ दंदासड़े दा जरी बादला पट हंडावनीए -तेड़ घगरा पायके पट वाला कूंजां4 घतके लावना5 लावनी ए -नवां वेस ते वेस बनावनी ए लवे फेरियां ते चमकावनी ए -नाल हुसन गुमान दे पलंघ बहके हूरां परी दी भैण सदावनी ए -महिंदी ला हथी पहन जरी जेवर सुहन मुरग दी शान गवावनी ए -पैर नाल चबा दे चावनिए लाड नाल गहने छनकावनी ए -वेख होरनां नक चढ़ावनी ए बैठी पलंघ ते लूतियां लावनी ए -पर असीं भी नहीं हां घट तैथों जे तूं आप नूं छैल सदावनी ए -साडे चन्न समीर मथलियां दे सानूं चूहड़ी तूं नजर आवनी ए -नाडू शाह दी रन्न हो पलंघ बहके साडे जिउ विच मूलना भावनी ए -तेरा कम्म ना कोई विगाड़या ए ऐवें जोगी दी टंग भनावनी ए -तेरा यार आया असां नांह भावें अते हीर की मुंहों अखावनी ए -सभ अड़तने पड़तने साड़ सटूं ऐवें शेखियां पई जगावनी ए -वेख जोगी नूं मार खुदेड़ कढूं किवें उसनूं आन छुडावनी ए -तेरे नाल जो करांगी मुलक वेखे जेहे मेहने लूतीयां लावनी ए -ऐसे गल विचों तुध चाहवना की वारस शाह दा मगज खपावनी ए",panjabi-pan -"मनियाँ -प्राची नवल दुलइया के नइँ खुले अधर अरुनारे , -चमक रए नभ , रजनिभुजाई के नैना रतनारे । -पै चंदा ���ामा के मौं पै छाई कछु पियराई , -भृगू तरइया कछुँ ऊँचे सैं उतर धरा नियराई । -अँधयारी के आँचर भीतर दुकौ हतौ उजियारौ , -जीतै अब नौ बखरी में नइँ दिखा परौ भुन्सारौ , -पै कछुकछु जोतीसरूप की जोती मलिन भई सी , -जी सैं मनियाँ मन में भुन्सारे की जान गई ती । -उठी समार भार जोबन कौ उठतन लइ अँगड़ाई , -आलस जीतन खौं साहस नैं मनों कमान चढ़ाई । -अल्हड़पन के भाव अगअंगन में उमग रए ते , -किरतिमता खौं दैन चिनौती मानो सजग भए ते । -बिन कलंक मौं पै रिखिच रई ती रेखा संजमता की , -जी सैं चन्दा हार मान गऔ रातें उज्जलता की । -सावक कलभकुंभ से दोऊ उकस उरोज रए ते , -काम मावती के अंकुसभय नइँ भयभीत भए ते । -कसकै जूरौ , मार कछौटा , टइया दै कैं डेरौ , -चल दई मनियां गइया दोबे , नइँ काऊ खौं टेरौ । -बच्छा मेल लगाकैं लौना दो लइ कारी गइया , -लगी फटन पोरी पौ , होउन लागी बिदा जुनइया । -तौ नौं बँदी भई उसरा की डिड़की भैंस लखैरी , -ढील पड़ेरू दोऊ हाँतन काड़ौ दूद पसेरी । -अब बखरी में भऔ उजयारौ , आ गई बड़ी भुजाई , -तीके संग मठा भमाउन की सब तार लगाई । -मठा भमत में भौजाई की बजन लगी करधौनी , -हँसी मनइँ मन मनियाँ सुन कै मन्दमन्द धुन नौनी । -लख मुसकाबौ भौजाई नें ढीली करी मथानी , -नैनूँ काड़ लगा दओ गलुअन , मनियाँ मनैं लजानी । -तौ नौ रोओ भतीजौ , दौरी तुरत ताय मौंगाबे , -उठा ल्याइ तीखौं नैनूँ के संगै खाँड़ खुआबे । -देख उरइयाँ , उठा परए खौं बैलन पै धर ज्वाँरी , -चल दइ मनियाँ बड़े खेत की भरवे क्यारीक्यारी , -साँची सरल भाव की मूरत सबइ गनन में नौनी , -उन नौनी धनसी नइँ जो घर करै न राँटापौनी । -माउठ के मुतियन के संगै खेतन में जा खेली , -जाक तन नै सरदीगरमी की बिपता है झेली । -ऐसीं बिटियाँ करती नइयाँ घर में न्यारकन्यारौ , -‘मित्र’ कऊँ रएँ , करती रउतीं दोउ कुल में उजायारौ । ।",bundeli-bns -"यारी होत मजा के लानैं -यारी होत मजा के लानैं । -जो कोउ करकैं जानैं । -बड़े भाग से यार मिलत है । -सौंरी सी पैचाने । -नाव लेत रैंदास चले गये । -कुज्जा भई दिमानें । -ईसुर कात बिना यारी के , -जिउ ना लगत ठिकानें ।",bundeli-bns -"ईसुरी की फाग-28 -मिलकै बिछुर रजउ जिन जाओ -पापी प्रान जियाओ । -जबसे चरचा भई जाबे की -टूटन लगो हियाओ । -अँसुआ चुअत जात नैनन सैं -रजउ पोंछ लो आओ । -ईसुर कात तुमाये संगै -मेरौ भओ बिआओ । -भावार्थ -महाकवि ' ईसुरी ' अपने विरह का वर्णन करते हुए कहते हैं — रजउ , तुम मिलकर बिछड़ मत जाना । मेरे पापी प्राणों को जी लेने दो । जबस�� तुम्हारे जाने की चर्चा सुनी है मेरा दिल टूटने लगा है । मेरे आँसुओं को तुम्हीं आकर पोंछ दो । ईसुर कहते हैं कि तुम्हारे साथ मेरा ब्याह हुआ है ।",bundeli-bns -"389 -सैनत मारके हीर ने जोगीड़े नूं कहया चुप कर एस भुकावनी हां -तेरे नाल जे एस ने वैर चाया मथा एसदे नाल मैं लावनी हां -करां गल गलायने नाल इसदे गल एसदे रेशटा1 पावनी हां -वारस शाह मियां राजे याद अे एसनूं कंजरीवांग नवाचनी हां",panjabi-pan -"बिरहा -जौ मैं जनतिउँ ये लवँगरि एतनी महकबिउ हो । -लवँगरि रँगतिउँ छयलवा के पाग सहरबा म मगकत हो । -अरे अरे कारी बदरिया तुहहिं मोरि बादरि हो । -बदरी जाइ बरसहु वहि देस जहाँ पिए छाए हो । -बाउ बहइ पुरवइया त पछुवा झकोरइ हो । -बहिनी दिहेऊँ केवँरिया ओढ़काई सोवउँ सुख नींदरि हो । । -की तुँइ कुकुर बिलरिया , सहर सब सोवइ हो । -की तुँइ ससुर पहरुवा , केंवरिया भड़कायेउ हो । -ना हम कुकुर बिलरिया न ससुर पहरुवा हो । -धना हम अही तोहरा नयकबा बदरिया बोलायेसि हो । । -आधी राति ‌बीति गई बतियाँ , तिहाई राति चितियाँ हो । -रामा बारह बरस का सनेह जोरत मुरगा बोलइ हो । । -तोरउँ मैं मुरगा का ठोर गटइया मरोरउँ हो । -रामा काहे किहेउ भिनसार त पियहिं जतायेउ हो । । -काहे रानी तोरहु ठोर गटइया मरोरहु हो । -रानी हौइगे धरमवाँ कै जून भोर होत बोलेउँ हो । ।",awadhi-awa -"17 -तुसां छतरे मरद बना दिते सप रसियां दे करो डारीयो नी -राजे भोज दे मुख लगाम दे के चढ़ दौड़ियां हो टूनेहारीयो नी -कैरों पाडवां दी सभ गाल सुटी ज़रा गल दे नाल बुरियारीयो नी -रावण लंका लुटायके गरक होया कारन तुसां दे ही हैंसियारीयो नी",panjabi-pan -"ए गौरा ए गौरा चाउकी सिन्दूर सेला आचर घाटी -ए गौरा ए गौरा चाउकी सिन्दूर सेला आचर घाटी -ए गौरा ए गौरा चाउकी सिन्दूर सेला आचर घाटी -ए गौरा ए गौरा चाउकी सिन्दूर सेला आचर घाटी -विंज डो गौरा मारे -विंज डो गौरा मारे -विंज डो गौरा मारे -महादेव ए महादेव आम हुगां सेनेवारे जा महादेव रे -महादेव ए महादेव आम हुगां सेनेवारे जा महादेव रे -महादेव ए महादेव आम हुगां सेनेवारे जा महादेव रे -ऐ गौरा ऐ गौरा इयां पहाड़ सेनेवाडो गौरा मारे -ऐ गौरा ऐ गौरा इयां पहाड़ सेनेवाडो गौरा मारे -ऐ महादेवा ऐ महादेव गंगा जल में नहीं ले रे नहीं लेरे महादेव -ऐ महादेवा ऐ महादेव गंगा जल में नहीं ले रे नहीं लेरे महादेव -ऐ महादेव ऐ महादेव आम कु लिला कुर्ता कमीज डरोम -ऐ महादेव ऐ महादेव आम कु लिला कुर्ता कमीज डरोम -जा महा���ेव ऐ महादेव ऐ महादेव आमा निजा -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"म्हारा माथा की बिंदी-म्हारा कपाळ खऽ लगऽ -म्हारा माथा की बिंदीम्हारा कपाळ खऽ लगऽ । -बिन्दी हेड़ डब्बी मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । -थारा माथा की बेसर म्हारी दाड़ी मऽ लगऽ । -बेसर हेड़ डब्बी मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । -थारा गला की तागली म्हारी छाती मऽ लगऽ । -तागली हेड़ खूटी मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । -थारा हाथ का बाजूबन्द म्हारी , पूट मऽ लगऽ । -बाजूबन्द हेड़ आलऽ मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । -थारी कड़ी को कदरा , म्हारी कम्मर मऽ लगऽ । -कदरो हेड़ उस्य ऽ मेल फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । -थारा पांय का कड़ा म्हारा पांय मऽ लगऽ । -कड़ा हेड़ पायतऽ मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । ।",nimadi-noe -"370 -जदों तीक जिमी असमान कायम तदों तीक ए वाह सब वहनगे जी -सभे किबर1 हंकार गुमान लदे आप विच एह अन्त नूं ढहनगे नी -असराफील2 जां सूर करनाएं3 फूके तदों सब पसारड़े ढहनगे नी -कुरशी4 अरश ते लोह कलम5 जनत रूह दोजखां सब एह रहनगे नी -कुरआ6 सुटके प्रशन मैं लावना हां दसां उनां जोउठके बहनगे नी -नाले पतरी खोलके फोल दसां वारस शाह होरी सच कहनगे नी",panjabi-pan -"जीजी रलमिल गुड़ियां खेलती तूं चाली जीजा के साथ -जीजी रलमिल गुड़ियां खेलती तूं चाली जीजा के साथ -बाहण चाली सासरे । -जीजा सुसरा का कहा मत गेरिये सुसरा धरम का बाप -बाहण चाली सासरे । -जीजी सासू का कहा मत गेरिये सासू धरम की मां -बाहण चाली सासरे । -जीजी जीजा का कहा मत गेरिये कटैं तेरे दिन रात -बाहण चाली सासरे । -देवर संग का सुहेलड़ा जैसे धरम का बीर -बाहण चाली सासरे ।",haryanvi-bgc -"545 -जोगी आखया फिरे न मरद औरत पवे किसे दा नहीं परछावना ओए -करां बैठ नवेकला जगत गोशे कोई नहीं जे छिंज1 पवावना ओए -कन सन2 विच बहुटड़ी3 आन फाथी नाही सहम ते शोर करावना ओए -हको आदमी आवना मिले साथे औखा सप दा रो गवावना ओए -कुआरी कुड़ी दा रख विच पैर पाईए नाहीं होर किसे एथे आवना ओए -सप्प नस जाए छाल मार जाए खरा औखड़ा छिला4 कमावना ओए -लिखया सत सैवार कुरान अंदर नहीं छड नमाज पछतावना ओए -वारस शाह कोई दिन बंदगी कर मुड़ वत ना जग ते आवना ओए",panjabi-pan -"जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई -जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई -सेर घी घाल के लप लप खाई",haryanvi-bgc -"बीरा जो आते मैं सुणै (सावन- गीत) -सावन का गीत -बीरा जो आते मैं सुणैं , जी रुत सावण की -कोई लिल्ली घोड़ी असवार , आई जी रुत सावण की । -लिल्ली नै छोड्यो रे बीरा लील मैं -कोई जीन धर्यो छटसाल , आई जी रुत सावण की । -कोई कहै ओब्बो चलणे की बात , आई जी रुत सावण की । -मैं क्या जाणू रे भोले बीरा रुत सावण की -कोई मौसा अपणे नै पूछ लो , रुत सावण की । -होक्का पीवता जो अपणा मौसा जी पूछा -कोई कहो मौसा भेजणे की बात , रुत सावण की । -मैं क्या जाणूँ मेरे भोले समढेट्टे -कोई मौसी नै लियो पूछ , आई जी रुत सावण की । -दूध बिलौती अपणी मौसी पूछी -मौसी नै दिया है जबाब , आई जी रुत सावण की । -जितना म्हारी कोठी बीच नाज , घणा आई जी रुत सावण की । -कोई सारा तो जइयो पीस , आई जी रुत सावण की । -जितना म्हारी गळियों बीच कीच घणा , आई जी रुत सावण की । -इतनी तो जइयो लपसी घोल -इतने जइयो दिवले बाल जी रुत सावण की । -जाओ रे बीरा घर आपणे , -कोई धोकी न दियो जबाब आई जी रुत सावण की । -लील हरी घास , ओब्बोबहिन , समढेट्टा—समधी का बेटा",khadi_boli-mis -"मेरा राँझा हुण कोई होर -मेरा राँझा हुण कोई होर । -तखत मनव्वर बाँगाँ मिलीआँ , -ताँ सुणीआँ तखत लाहौर । -इशके मारे ऐवें फिरदे , -जिवें जंगल दे विच्च ढोर । -राँझा तखत हज़ारे दा साईं , -हुण ओत्थों होया चोर । -बुल्ला शाह असाँ मना नाहीं , -कबर धाए कोई होर । -मेरा राँझा हुण कोई होर ।",panjabi-pan -"देओ तो देओ माय -देओ तो देओ माय -कोरो रे गागरा ठण्डा पानी देओ -कोरो रे गागरा ठण्डा पानी देओ -देओ तो देओ माय -नर्मदा का ठण्डा पानी देओ -नहीं दे तो नहीं हो माय -तेरे जा बाराती प्यासी ना रहे हो -देओ तो देओ माय -चोखा रे चावल देओ -नहीं दे तो नहीं हो माय -तेरा जा बाराती भूखा न रहे हो -देओ तो देओ माय -तेरा जा बेटा दे देओ -नहीं दे तो नहीं हो माय -तेरा जा बेटी ना कुआरी रे हो -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा -रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा । -कुण सै महीने बोल्लै मोर पपीहा कबसी चमकै सीसा -रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा । -सामण महीने बोल्लै मोर पपीहा फागण चमकै सीसा -रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा । -कौण सी नणद नै काढ्या सै कसीदा कौणसी ने गोद्या सीसा -रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा -छोटली नणद ने काढ्या सै कसीदा बडली नै गोद्या सीसा -रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा ।",haryanvi-bgc -"गाँजौ पियो न प्रीतम प्यारे -गाँजौ पियो न प्रीतम प्यारे । -जरजें कमल तुमारे । -जारत काम बिगारत सूरत -सूकत रकत नियारे -जोतौ आय साधु सन्तन कौ , -अपुन गिरस्ती वारे । -ईसुर कात छोड़ दो ईखाँ -हौ उमर के बार��� ।",bundeli-bns -"ल्हुक बैठ हे राणी रुकमण राणी -ल्हुक बैठ हे राणी रुकमण राणी , तेरे डूडूडे आए -क्यूंकर ल्हुक जां री मेरी दादी , मेरे दादा ने बुलाए -ल्हुक बैठ हे राणी रुकमण राणी , तेरे टूडूडे आए -क्यूंकर ल्हुक जां री मेरी अम्मां , मेरे बाबल ने बुलाए -ल्हुक बैठ हे राणी रुकमण राणी , तेरे डूडूडे आए -क्यूंकर ल्हुक जां री मेरी ताई , मेरे ताऊ ने बुलाए",haryanvi-bgc -"हुण बस्स कर जी -बस्स कर जी हुण बस्स कर जी । -इक्क बात असाँ नाल हस्स कर जी । -तुसीं दिल मेरे विच्च वसदे हो , -ऐवें सात्थों दूर क्यों नसदे हो , -नाले घत्त जादू दिल खसदे हो , -हुण कित्त वल्ल जासो नस्स कर जी । -बस्स कर जी हुण बस्स कर जी । -तुसीं मोएआँ नूँ मार ना मुक्कदे सी , -खिद्दो वाँग खूंडी नित्त कुट्टदे सी , -गल्ल करदेआँ दा गल घुट्टदे सी , -हुण तीर लगाओ कस्स कर जी । -बस्स कर जी हुण बस्स कर जी । -तुसीं छुपदे हो असाँ पकड़े हो , -असाँ नाल जुल्फ दे जकड़े हो , -तुसीं अजे छुपण नूँ तकड़े हो , -हुण जाण ना मिलदा नस्स कर जी । -बस्स कर जी हुण बस्स कर जी । -बुल्ला सहु मैं तेरी बरदी1 हाँ , -तेरा मुक्ख वेक्खण नूँ मरदी हाँ , -नित्त सौ सौ मिन्नताँ करदी हाँ , -हुण बैठ पिंजर विच्च धस्स कर जी । -बस्स कर जी हुण बस्स कर जी ।",panjabi-pan -"काले काँ माहिया (माहिया गीत) -काले काँ माहिया -बिछड़े सज्जनाँ दे -भुल्ल जांदे ने नाँ , माहिया -भावार्थ -' काले काग हैं -बिछुड़े हुए प्रेमियों के -नाम भी भूल जाते हैं । '",panjabi-pan -"धन धन हो सूर्या गाय -धन धन हो सूर्या गाय -सींगड़ली सौभाग भरी -तूने दियो है घड़ो भर दूद -बछवो आनन्द करे -धनधन हो फलाणी बऊ तमारी कूख -कखड़ीली सौभाग भरी -तमने जाया है फलाणा राय सरखा पूत -तो मनड़ा री आस पूरी करी -राणी बैठी है तखत विछाय -बऊबेटी पास खड़ी -बऊबेटी को लपे लिलार -मोतीड़ा से मांग भरी",malvi-mup -"कहमाँ से बेटा आएल रे टोनमा -कहमाँ से बेटा आएल रे टोनमा । -केकर1 गली आइ भरमल2 रे टोनमा ॥ 1 ॥ -पटना सहरवा से अयलूँ रे टोनमा । -ससुरा गलियवा3 में भरमलूँ रे टोनमा । -बाबा , हम ही एकलउता4 बेटा रे टोनमा ॥ 3 ॥",magahi-mag -"पीरे पट वाले मेरे सैया -पीरे पट वाले मेरे सैयां -कै तुम संग किये साधुन के -कै सरजू में दई गैयां । पीरे . . . -ना हम संग किये साधुन के -ना सरजू में दई गैयां । पीरे . . . -गुण अवगुण तुम तो सब जानो -तुम से नाथ झुपी नैयां । पीरे . . .",bundeli-bns -"तोरो जरा हुक्म मिल जाये सास -तोरो जरा हुक्म मिल जाये सास जै भात न्यूतने जाऊंगी -जूनागढ़ के बीच में मेर�� बाबल सेठ कहावें -देवर जेठानी सब न्यूं कहे बिन भात ना ब्याह सुहावे -अरी क्यों भारत न्योतणे जावे बहुवल तेरो बाप भिखारी -घर घर का भिखमंगा क्या भात भरेगा नंगा -तेरी संग भिखारिण मां है और भीख मांग कर खा है -अरी ओ टोटे में लाचार बहुवल तेरा बाप भिखारी -तूं घर नरसी के जावै नहीं भोजन तुझे खिलावै -भूखण मरे फेर पछतावै बहुवल तेरो बाप भिखारी",haryanvi-bgc -"मेंदी तो आई टोडा देस से -मेंदी तो आई टोडा देस से -केसरिया हो राज -रूपईया री टांक बेचाय -मेंदी म्हारी रंग चुवे हो राज -बाईजी रा बीरा घर नई -मेंदी कौन मोलाय -छोटो देवर लाड़लो , केसरिया हो राज -मेंदी मोलावन जाय -लसरलसर मेंदी बांटस्यां केसरिया हो राज -झबियां झोला खाय , मेंदी म्हारी रंग चुपे हो राज -देवर की राची चीटी आँग की -भावज का रचिया दोई हाथ -न्हाई धोई सीस गुथावियो -मोतीड़ा से भरली माँग -दो हो जेठानी तमारो हालरो -दो हो देराणी तमारो चीर -पेली पेड़ी पग दियो -कंकू में खरन्या पाँव -दूसरी पेड़ी पग दियो -मेंदी में खरन्या पाँव -तीसरी पेड़ी पग दियो -झबलक दिवलो हाथ -चौथी पेड़ी पग दियो -सिरनी री छाब हाथ -पांचीव पेड़ी पग दियो -पाना री चोली हाथ -मड़मड़ मेड़िया चड़ी गया -जई उबा ढ़ोला रा पास -जागता था पण सोई गया -मुख पर राल्यो रूमाल -अंगूठो मोड़ जगा दिया -जागोजागो हो नणंद बई का बीर -आज का दिन गोरी पीछा फिरो -सिर चढ़ियो मथवार -ऐसी म्हारा मनड़ा में जाणती -लई आती सतवा सोंठ -घसी लाती चरका लौंग -मड़मड़ मेड़ियां ऊतरिया -जई ऊबा राम आँगण बीच -लो हो जेठाणी तमारो हालरो -लो हो देराणी तमारो चीर -लो हो सासूजी तमारा पूत खे -खोला में लई ने धवाड़ो -तमारो दूद लजायो -लो हो बईजी तमारा बीर खे -गेंदा दई समजावो -एक दमड़ी का भुंगड़ा मंगाऊँ -अलीगली में चबावो -पटसाल पालणो बंधारन्यां -तले बिछाऊँ म्हारी चीर -आतेजाते झूला दऊँ -तम झूलो हो नणंद बई का बीर ।",malvi-mup -"419 -हीर आखया एह चवाई1 केहा ठूठा भन्न फकीर नूं मारना की -जिन्हां इक अलाह दा आसरा ए उनां फकां दे नाल काहढ़ना की -जेहड़े कन्न पड़ा फकीर होए भला ओहनां दा पड़तना2 पाड़ना की -थोड़ी गल दा बहुत वधान करके सौरे कम्म नूं चा वगाड़ना की -मरे बूहे ते फकर नूं गारया ई वसदे घरां तूं चा उजाड़ना की",panjabi-pan -"522 -जदों सांगरां वाहरां कूच कीती सारे देस ते धुम भुचाल आही -खेड़ों खबर होई चढ़या देस सारा नूंह खेड़या दी जेहड़ी सयाल आही -सरदार सी खूबां दे त्रिंजणी दी जैदी हंस ते मोर दी चाल आही -खेड़े नाल सी उस अनजोड़ मुढों दिलों साफ रंझेटे दे नाल आही -इना कैदा कुना1 बाब औरतां दे धुरों विच कुरान दे फाल आही -वारस शाह सुहागा ते अग वांगू सोना खेड़या दा सभो गाल आही",panjabi-pan -"पानी भरावन 3 -गाई डारे झिक लोटा , झिक पानी गोड़ धोईले रे -काहै हम परदेसी पराई पाहुना पानी पानी दई दे । -लोटा के पानी गरम करी ले , -तोर चढ़ती जवानी धरम करी ले । -काँसे की थाली कसाई रखेना , -मोर गाये ददरिया रसाई रखेना । -धीरे गाई ले ॥ -शब्दार्थ –झिक लोटा लोटा भर पानी , गोड़पैर , पाहुनामेहमान । -घर के समीप पहुँचने पर सहेली एक और ददरिया गाती है । सहेली तुम घर में से पाँव धोने के लिए लोटा भर पानी ले आओ और हमारे पैर धुलाओ । हम सब नदी से सोने के कलश में पवित्र जल लेकर लौट आये हैं । सहेली घर में से लोटे में पानी लाई और सबके आँगन में पैर धुलाये । फिर सबको घर के भीतर ले गई । -पवित्र जल के कलश को घर के कोने में सुरक्षित जगह में रख दिया । -अब इसी पानी से दुल्हन के लिये तिकसा हल्दी का उबटन और बेबर खेती के अनाज के मंडया के आटे को घोलेंगे और दुल्हन के अंगअंग में लगाएंगे । फिर मिट्टी खोदने जायेंगे । इसके बाद लड़केलड़की में ददरिया सवालजवाब होने लगते हैं । -लड़का कहता है ऐ लड़की लोटे का पानी थोड़ा गर्म करके लाना और तुम्हारी चढ़ती जवानी थोड़ी सी दान कर देना । हम तुम्हारे यौवन पर निछावर हैं । -लड़की कहती है काँसे की थाली में खट्टी चीज भी कसैली नहीं होती । इसी प्रकार मेरा ददरिया भी तुम्हारी बात का बुरा नहीं मानता । पर ददरिया थोड़े धीरे से गाना ।",baiga-mis -"357 -इस पद्य में शरीर की बहुत सारी बीमारियों के नाम हैं । -खंघ खुरक ते साह ते अख आई सूल दंद दी पीड़ गुवावना हां -केलज तपदिक ते मोहरका ताप ओहनूं काढ़यां नाल हटावना हां -सरसाम सैदा जुकाम नजला एह शराबतां नाल हटावना हां -लूत फोड़यां अते गंभीर चंबल तेल लायके जड़ों पुटावना हां -अधरंग मुख भौं गया होवे जिसदा शीशा हलब दा कड दिखावना हां -मिरगी होग तां लाहके पैर छितर रख नक ते चा सुंघावना हां -झोला मार जाए जिन्हां रोगियां नूं तिन्हां तेल सुहांजना लावना हां -बांह सुक जाए तंग सुन होवे तदों तेल अरिंड लगावना हां -रन्न मरद नूं काम जे करे गलबा धनिया घोट के चा पिआवना हां -नामरद ताई चीच बोहटियां दा तेल कढ के नित मलावना हां -जे किसे नूं बाद फिरंग होवे रस कपूर ते लौंग दिवावना हां -परमेह सुजाक ते छा�� शूते ओहनूं इंदरी झाड़ करावना हां -अतिसार नबाहिया सूल जिसनूं ईसबगोल ही चा फकावना हां -वारस शाह जेहड़ी उठ बहे नाहीं ओहनूं हथ भी मूल ना लावना हां",panjabi-pan -"कैसो ये देश निगोरा -कैसो ये देश निगोरा , जगत होरी ब्रज होरा ॥ -मैं जमुना जल भरन जात ही , देखि रूप मेरौ गोरा । -मोते कहें चलौ कुंजन में , तनकतनक से छोरा ॥ -परे आंखिन में डोरा । कैसौ . -जियरा देखि डरानौ री सजनी , लाज शरम की ओरा -कहाँ बालक , कहाँ लोग लुगाई , एक ते एक ठिठोरा ॥ -काहू सों काहू कौ जोरा ॥ कैसौ . -निपट निडर नन्दकौ री सजनी , चलत लगावत चोरा -कहत ‘गुमान’ सिखाय सखन मेरौ , सिगरौ अंग टटोरा -न मानत करत निहोरा ॥ केसौ .",braj-bra -"उ जे पत्तल परसले परास के -उ जे पत्तल1 परसले परास2 के , मोहन के मन भावे हो । -राधे जेंवनार बनाइ के , -रूकमिनी परसाद बनाइ के , -भँडु़आ सब जेवन3 आइ के , -गुंड़ा सब जेंवन आइ के , -चलिका4 सब परोसन आइ के , -सखी सब मंगल गाइ के ॥ 1 ॥ -उ जे भात परोसले बूक5 से , मोहन के मन भावे हो । -राधे जेंवनार बनाइ के , -रूकमिनी परसाद बनाइ के , -भँडु़वा जेंवन आइ के , -गुंडा सब जेंवन आइ के , -चलिका सब परोसन आइ के , -सखी सब मंगल गाइ के ॥ 2 ॥ -उ जे दाल परोसले ढार6 से , मोहन के मन भावे हो । -राधे जेंवनार बनाइ के , -रूकमिनी परसाद बनाइ के , -भँडु़वा जेंवन आइ के , -गुंडा सब जेंवन आइ के , -चलिका सब परोसन आइ के , -सखी सब मंगल गाइ के ॥ 3 ॥ -उ जे घीउ परोसले ढार से , मोहन के मन भावे हो । -राधे जेंवनार बनाइ के , -रूकमिनी परसाद बनाइ के , -भँडु़वा जेंवन आइ के , -गुंडा सब जेंवन आइ के , -चलिका सब परोसन आइ के , -सखी सब मंगल गाइ के ॥ 4 ॥ -उ जे दही परोसले छेव7 से , मोहन के मन भावे हो । -राधे जेंवनार बनाइ के , -रूकमिनी परसाद बनाइ के , -भँडु़वा जेंवन आइ के , -गुंडा सब जेंवन आइ के , -चलिका सब परोसन आइ के , -सखी सब मंगल गाइ के ॥ 5 ॥ -उ जे चिन्नी8 परोसले मुट्ठी से , मोहन के मन भावे हो । -राधे जेंवनार बनाइ के , -रूकमिनी परसाद बनाइ के , -भँडु़वा जेंवन आइ के , -गुंडा सब जेंवन आइ के , -चलिका सब परोसन आइ के , -सखी सब मंगल गाइ के ॥ 6 ॥",magahi-mag -"हरी हरी गोबर घोलती -हरी हरी गोबर घोलती -गज मोती चौक पुरावो -कुम्भकलश अमृत भरियाजी -जानूं मोरित आज -आवो म्हारा रामचंद आवजो -जाकी जोती थी वाट -ऊँची अटारी रगमगी -दिवलो जले रे उजास -खेलामारूणी खेले सोगटा खोलो मनड़ा री बात -आबो म्हारा रामचंद आवजो -जेकी जोती थी वाट -लीली दरियाई को घाघरों -साड़ी रंग सुरंग -अंगिया पहने कटावकी जी -बंदा खोल�� सुजान -छींकत घोड़ीला जीण कस्या -बरजत हुवा असवार -राय आंगण बिच धन खड़ी -पीवू खड़ाजी , जीवो छींकन हार ।",malvi-mup -"छोटी-छोटी गइया -छोटीछोटी गइया छोटेछोटे ग्वाल , -छोटौ सो मेरौ मदन गोपाल । -आगेआगे गइया , पीछेपीछे ग्वाल , -बीच में मेरो मदन गोपाल । -छोटीछोटी गइया . . . -कालीकाली गइया गोरेगोरे ग्वाल , -श्याम वरन मेरौ मदन गोपाल ॥ -छोटीछोटी गइया . . . छोटौ सै मैरो . . . . . ॥ -घास खाएँ गइया , दूध पीवे ग्वाल , -माखन तो खावै मेरौ मदन गोपाल , -छोटीछोटी गइया . . . छोटौ सै मैरो . . . . . ॥ -छोटीछोटी लकुटी , छोटेछोटे हाथ , -बंसी बजावे मेरौ मदन गोपाल ॥ -छोटीछोटी गइया . . . छोटौ सै मैरो . . . . . ॥ -छोटीछोटी सखियाँ मधुबन बाग -रास रचावे मेरौ मदन गोपाल । -छोटीछोटी गइया . . . छोटौ सै मैरो . . . . . ॥ -छोटौ सौ मेरौ मदन गोपाल ॥",braj-bra -"512 -नूंहां होंदियां ख्याल जो पेखने1 दा मान मतियां वूह दियां महरियां ने -परी मूरतां सुघड़ राजइंद्रां2 चंदरानी इक मोम तबा3 इक नहरियां ने -इक करम बाग दीयां मोरनीया इक नरम मलूक इक जहरियां ने -अछा खाण पीवण लाड नाल चलन लैन देन दे विच लडहीरियां ने -बाहर फिरन जो बाहर दियां वाहना ने शरम विच वहालिया शहरियां ने -वारस शाह इक हुसन गुलाम लद अखी नाल गुलाम गहरियां ने",panjabi-pan -"561 -राजे आखया तुसां तकसीर1 कीती एह वडा फकीर रजानयां जे -नक कन वढा दयां चाढ़ सूली ऐवें कोई एह गल ना जानया जे -रजे जट ना जाणदे किस ताईं तुसीं अपने कदर पछानया जे -रन्नां खोह फकीरां दे राह मारन तंबू किबर2 गुमान दा तानयां जे -राती चोर ते दिने उधालियां ते शैतान वांगूं जग रानया जे -काज़ी शाह दा तुसां नूं करे झूठा मौजां सूलियां दीयां तुसां मानयां जे -एह नित हंकार ना मान रहिंदा कदी मौत तहकीक पछानयां जे -वारस शाह सराए दी रात वांगूं दुनियां खाब खयाल है जानया जे",panjabi-pan -"341 -मरद सुआद चेहरे हैन नेकियां दे सूरत रन्न दी मीम मौकूफ1 है नी -मरद आलम फाजल अते असल काबल किसे रंन नूं कौन वकफ2 है नी -सबर राह है मन्नयां नेक मरदां अते सबर दी वाख मातूफ3 है नी -दफतर मकर फरेब खचरवादी एहनां पिसतयां विच मलफूफ4 है नी -रन्नां रेशमी कपड़ा मला मेली मरद जौज़कोदार5 मसरूफ है नी -वारस शाह वलायती मरद मेवे अते रन्न मिसवाक6 दा सूफ7 है नी",panjabi-pan -"काजर के कजरौटी, काजर भल सोभेला हे -काजर1 के कजरौटी , 2 काजर भल3 सोभेला4 हे । -ललना , अँजबो5 बबुआ के आँख , बेसरिया6",magahi-mag -"आल्हा ऊदल -जन जा रुदल नैना गढ़ में बबुआ कहना मान हमार -प्रतना बोली रुदल स��न गैल रुदल बर के भैल अँगार -हाथ जोड़ के रुदल बोलल भेया सुनी बात हमार -कादर भैया तूँ कदरैलव् तोहरो हरि गैल ग्यान तोहार -धिरिक तोहरा जिनगी के जग में डूब गैल तरवार -जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में अम्बा जोर चली तरवार -टूबर देहिया तूँ मत देखव् झिलमिल गात हमार -जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में दिन रात चली तरवार -एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा बड़ मोहित होय जाय -हाथ जोड़ के आल्हा बोलल बाबू सुनव् रुदल बबुआन -केत्त मनौलों बघ रुदल के बाबू कहा नव् मनलव् मोर -लरिका रहल ता बर जोरी माने छेला कहा नव् माने मोर -जे मन माने बघ रुदल से मन मानल करव् बनाय -एतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जाय -दे धिरकारीरुदल बोलल भैया सुनीं गरीब नेवाज -डूब ना मूइलव् तूँ बड़ भाइ तोहरा जीअल के धिरकार -बाइ जनमतव् तूँ चतरा घर बबुआ नित उठ कुटतव् चाम -जात हमार रजपूतन के जल में जीबन है दिन चार -चार दिन के जिनगानी फिर अँधारी रात -दैब रुसिहें जिब लिहें आगे का करिहें भगवान -जे किछु लिखज नरायन बिध के लिखल मेंट नाहिं जाय",bhojpuri-bho -"उरइँयाँ -साँकर बजी दुआरें देखौ टेरन लगीं उरइँयाँ ; -गई अँदेरी रैन सगुनसीं बोलन लगीं चिरइँयाँ । -कुकरा की सुन बाँग उल्लुअन की धकधक भई छाती , -अँखियाँ हो गई चार चकई कीं पिया संग इठलाती । -धुँधरी हो गई जोत दिया में तेल बचौ न बाती ; -गलियारिन में गूँज रई अब साँईं की परभाती । -छिन में चोर सरीखीं दुक गई अनगिन सरग तरइँयाँ । -गई अँदेरी रैन सगुनसीं बोलन लगीं चिरइँयाँ । -घर के जेठे जगे , पौंर में खाँसें और खकारें ; -ओझा बब्बा महामाई के पौवे सपर दुआरें । -पीपर तरें मनौती करकें बाई सिव खों ढारें ; -चरनन ध्याँन लगा हियरा में आसचन्दन गारें । -मन्दिर के घंटा घाराने , कड़ीं बगर सें गइँयाँ ; -गई अँदेरी रैन सगुनसीं बोलन लगीं चिरइँयाँ । -हँसी पुरैन तला के बीचाँ , रै पानी सें न्यारी , -महकन लगी मदरसाक्यारी कौंरे फूलनवारी । -कीनें सोंनबारिया लैकें बखरी झार समारी ? -राईसी नच उठी किरन जाँ सतरंगी फगवारी । -रामराम की रटन लगा रई पिंजरा भीतर टुइँयाँ । -गई अँदेरी रैन सगुनसीं बोलन लगीं चिरइँयाँ । -डार उरैंन सगुन सें पूरे सुबरन चौक सलोंने ; -स्यानी बिटिया की ओली फिर भरी काऊ नें नोंने । -बखरी हो गई अमर सुहागिन हरसे चारउ कोंने , -हालफूल में सबई तराँ के रागरंग अब होंनें । -उठ डारें बल्दाऊ नोंनें खेतन सगुन हरइँयाँ ; -गई अँदेरी रैन सगुनसीं बोलन लगीं चिरइँयाँ ।",bundeli-bns -"चलो पंक्षी रे सब पावणा -चलो पंक्षी रे सब पावणा , -आरे घुँगू बाई को छे ब्याव -१ मिनी बाई का माथा प टोपलो , -आरे मिनी बाई चली रे बाजार -खारीक खोपरा लई लियाँ -सईड़ीयों चावा रे पान . . . -चलो पंक्षी . . . -२ मिनी बाई बाजार से आईया , -आरे ऊदरो पुछ हिसाब -ऐतरा म आया कुतराँ जेट जी -मिनी बाई भाँग ऊबी वाँट . . . -चलो पंक्षी . . . -३ हाड़ीयाँ न डोल बजावीयाँ , -आरे कबुतर नाच बताये -काबर वर मायँ बणी गई -चीड़ीयाँ गाव मँगला चार . . . -चलो पंक्षी . . . -४ घुस न माटी खोदीयाँ , -आरे डेडर कर रे गीलावों -मैयना ने काम लगावीयाँ -कोयल आई वई दवड़ . . . -चलो पंक्षी . . .",nimadi-noe -"मैं तो थारा हाजिर बन्दा जी, हमारी धन रूस क्यों गई -मैं तो थारा हाजिर बन्दा जी , हमारी धन रूस क्यों गई -कहो तो अम्मां बुलावैं जी , कहो तो चढ़वा हमीं चढ़ावैं जी -हमारी धन रूस क्यों गई -कहो तो भाभी बुलावै जी , कहो तो मंज्जा हमीं बिछावैं जी -हमारी धन रूस क्यों गई -कहो तो दौरानी बुलावैं जी , कहो तो दिया हमीं जलावैं जी -हमारी धन रूस क्यों गई -कहो तो बीबी बुलावैं जी , कहो तो सतिये हमीं धरावैं जी -हमारी धन रूस क्यों गई -कहो तो दाई बुलावैं जी , कहो तो बच्चा हमीं जनावैं जी -हमारी धन रूस क्यों गई -कहो तो बांदी बुलावैं जी , कहो तो पोतड़े हमीं धौवैं जी -हमारी धन रूस क्यों गई",haryanvi-bgc -"326 -चकी हानयां विच विचार पैंदी एहदी धुम्म तंदूर ते भठ है नी -कमजात कुपतड़ा वड कंजर डबी पुरे दे नाल दी चठ है नी -भैणे कार खोटा ठग माझड़े दा जेहा रन्न घरोली दा हठ है नी -मंग खान हराम मुशटंडयां नूं वडा सार हसधात1 दरी लठ है नी -मुशटंडड़े तुरत पछाण लईए कम्म डाह देहो एह तां जट है नी -एह जट है झुगड़े पट है नी एह तां चैधरी चैड़ चुपट है नी -गदों लदया सने एह छट है नी भावें वेलने दी एह तां लठ है नी -वारस शाह ना एसदा रस मिठा एह तां काठे कमाद दा गठ है नी",panjabi-pan -"52 -रात हस के खेड गुजारीया सू सुबह उठ के जीउ उदास कीता -राह जांदड़े नूं झुगी नजर आई डेरा चा मलाहां दे पास कीता -अगे पलंघ बेड़ी विच विछिआ सी उते खूब विछौना रास कीता -इथे जा वजा के वंझली नूं चा पलंग उते आम खास कीता -वारस शाह जां हीर नूं खबर होई तेरी सेज दा जट ने नास कीता",panjabi-pan -"ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो -ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो -एक न्हाणा न्हाण आले दो जणै -न्हा न्हा मस्त हुए कोए दिन याद करो -एक खाणा खाण आले दो जणै -खाए खाए मस्त हुए कोए दिन याद करो -ये जुल्मी नैण ��ुरे कोए दिन याद करो",haryanvi-bgc -"कारल्याच बी पेर ग सुने, मग जा आपुल्या माहेरा -1 . -कारल्याच बी पेर ग सुने , मग जा आपुल्या माहेरा , -कारल्याच बी पेरल सासूबाई आता तरी जाऊ का माहेरा । । -कारल्याच वेल येऊ दे सुने मग जा आपुल्या माहेरा , -कारल्याचा वेल आला सासूबाई आता तरी जाऊ का माहेरा । । -कारल्याला कारल येऊ दे सुने मग जा आपुल्या माहेरा , -कारल्याला कारल आल सासूबाई आता तरी जाऊ का माहेरा । । -कारल्याची भाजी चीर ग सुने मग जा आपुल्या माहेरा , -कारल्याची भाजी चिरली सासूबाई आता तरी जाऊ का माहेरा । । -कारल्याची भाजी केली सासूबाई आता तरी जाऊ का माहेरा , -कारल्याची भाजी खा ग सुने मग जा आपुल्या माहेरा । । -कारल्याची भाजी खाल्ली सासूबाई आता तरी जाऊ का माहेरा , -कारल्याच उष्ट काढ ग सुने मग जा आपुल्या माहेरा । । -कारल्याची उष्ट काढल सासूबाई आता तरी जाऊ का माहेरा । । -2 . -कारलीच बी पेर ग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा माहेरा -कारल्याच बी पेरल हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -कारल्याला पाणी घाल ग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा , माहेरा -कारल्याला पाणी घातल हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -कारल्याला बूड येऊ देग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा , माहेरा -कारल्याला बूड आल हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -कारल्याला मांडव घाल ग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा , माहेरा -कारल्याला मांडव घातला हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -कारल्याला फूल येऊ दे ग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा , माहेरा -कारल्याला फूल आल हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -कारल्याला कारल लागू दे ग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा , माहेरा -कारल्याला कारल लागल हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -कारल्याची भाजी कर ग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा , माहेरा -कारल्याची भाजी केली हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -कारल्याची भाजी खा ग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा , माहेरा -कारल्याची भाजी खाल्ली हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -भाजीचा गंज घास ग सूनबाई -मग जा आपल्या माहेरा , माहेरा -भाजीचा गंज घासला हो सासूबाई -आता तरी धाडाना , धाडाना -सासूबाई सासूबाई आता तरी धाडाना -मला काय पुसते पूस जा आपल्या सासर्‍याला -मांमाजी मांमाजी आता तरी धाडाना , धाडाना -मला काय पुसतेस पूस जा आपल्या दिराला -भाऊजी भाऊजी आता तरी धाडाना , धाडाना -मला काय पुसतेस पूस जा आपल्या जावेला -जाऊबाई जा���बाई आता तरी धाडाना , धाडाना -मला काय पुसतेस पूस जा आपल्या नंणदेला -वन्स वन्स आता तरी धाडाना , धाडाना -मला काय पुसतेस पूस जा आपल्या पतीला -पतिराज पतिराज आता तरी धाडाना , धाडाना -घेतळी चोळी लावली पाठी जाऊन बसली नदीच्या काठी",marathi-mar -"बावरियों छे फलाणी जेळू रो यार -बावरियों छे फलाणी जेळू रो यार -हेली म्हारो बावरियां ।",malvi-mup -"ईसुरी की फाग-22 -तोरे नैना मतबारे -तिन घायल कर डारे -खंजन खरल सैल से पैने -बरछन से अनयारे -तरबारन सैं कमती नइयाँ -इनसें सबरई हारे -' ईसुर ' चले जात गैलारे -टेर बुला कैं मारे । -भावार्थ -प्रिये , तुम्हारे नयन बहुत मतवाले हैं , जिन्होंने घायल कर दिया है । ये खंजन जैसे आकर्षक , विष के बुझे हुए , पर्वत शिखर की तरह नुकीले हैं और बरछी की तरह तीखे हैं । -ये नयन तलवारों से कम नहीं हैं जिनसे सब हार जाते हैं । ईसुरी कहते हैं कि ये नयन राह चलते को बुला कर मार देते हैं ।",bundeli-bns -"ये बिगाड़ो लाँगुरिया -नईनई फैशन की जोगिन ने ये बिगाड़ौ लाँगुरिया ॥ टेक ॥ -बिगाड़ौ लाँगुरिया , रे बिगाड़ौ लाँगुरिया ॥ नयीनयी . -पानी भरन को मैं चलूँ तो पीछे चल दे लाँगुरिया , -मेरे मन में ऐसीऐसी आवै कुआ ढकेलू लाँगुरिया ॥ -नयीनयी फैशन की . -गोबर थापन मैं चलूँ तो पीछे चलदे लाँगुरिया , -मेरे मन में ऐसीऐसी आबै गोबर में थापूँ लाँगुरिया ॥ -नयीनयी फैशन की . -रसोई तपन को मैं चलूँ तो पीछे आवै लाँगुरिया , -मेरेे मन में ऐसी2 आवै बेलन से मारूँ लाँगुरिया ॥ -नयीनयी फैशन की . -सेज पौढ़न को जब मैं जाऊँ पीछे से आवै लाँगुरिया , -मेरे मन में ऐसीऐसी आवै पलका से ढकेलूँ लाँगुरिया , -नयीनयी फैशन की .",braj-bra -"विवाह गीत -हामु तातला रूटा खासुँ रे गुपाल्या मुजिलाल । -याहिणि सुकला टुकड़ा खासे रे गुपाल्या मुजिलाल । -हामु लाड़ि लीजासूं रे गुपाल्या मुजिलाल । -हामु ताबलो पाणि पीसुँ रे गुपाल्या मुजिलाल । -याहिणि वासी पाणी पीसे रे , गुपाल्या मुजिलाल । -हामु तातला रूटा खासुं रे , गुपाल्या मुजिलाल । -वर पक्ष की महिलाएँ गा रही हैं कि हम गरम रोटी खाएँगे । समधन सूखे टुकड़े खाएगी क्योंकि हम दुल्हन को ले जायंेगे । हम ताजा पानी पीयेंगी और समधन बासा पानी पीयेगी ।",bhili-bhb -"कही मान लो छोड़ो नसे बाजी कही मान लो -कही मान लो छोड़ो नसे बाजी , कही मान लो । -चरस पिये धर्म , कर्म लाज शर्म जाय , -ज्ञान जाय ध्यान जाय , मान घट जाये । -कही . . . -भंग पिये वादी हो जात है सब अंग , -मदरा गांजो कर दे�� पैसे से तंग । -कही . . . -मदिरा पिये से हो जात है बदनाम । -थुकथुक तम्बाकू और बुरो काम । -कही . . .",bundeli-bns -"कछु नइया धना न्यारे की ठान मे भूलो मत झूठी शान मे -कछु नइयां धना न्यारे की ठान में , भूलो मत झूठी शान में । -पुरी गली के कये मैं आके , रोजऊ लड़ती सासससुर से -देखो रानी कहें समुझाय के , -घर मिट जैहे नाहक आनवान में । भूलो . . . -सोचो गोरी अपने मन में , उनने दुख सये बालापन में । -हम खों लिये फिरे हाथन में , -दुख होने न दिया छिनमान में । भूलो . . . -मातापिता ने कष्ट उठाये , हम खों इतने बड़े बनाये । -सूखी खाके समय बिताये , -आंच आने न दई कबऊ शान में । भूलो . . . -तुम जाने काहो करैयां , छोड़ो हठ अब पडूं मैं पैयां । -हम खें थूकत लोग लुगइयां , -चर्चा हो रई खेत खलिहान में । भूलो . . . -तुम तो धना न्यारे की ठाने , हम खों लोग देत है ताने । -भूलो . . .",bundeli-bns -"सेनुरा सेनुरा जनी करूँ, सेनुरा बेसाहम हे -सेनुरा सेनुरा जनी करूँ , सेनुरा बेसाहम1 हे । -धनि2 लागि3 जयबइ4 सेनुरा के हाट , से सेनुरा ले आयम5 -एतना कहिए दुलहा उठलन , चलि भेलन6 मोरँग7 हे । -मोरँग देसे सेनुरा सहत8 भेलइ9 सेनुरा लेआबल हे ॥ 2 ॥ -लेहु धनि सेनुरा से सेनुरा आउर टिकुली बेनुली10 हे । -धनि साटि लेहु अपन लिलार , चलहु मोर ओबर11 हे ॥ 3 ॥ -कइसे12 के साटि हम बेनुली , कइसे करूँ सेनुर हे । -कइसे के चलूँ हम ओबर , हम तो कुमार बार13 हे ॥ 4 ॥ -चुटकी भर लेहु न सेनुरबा , सोहगइलबा14 बेसाहहु15 हे । -भरी देहु धानि के माँग , धानि तोहर होयत हे ॥ 5 ॥ -चुटकी भरी लिहलन सेनुरबा , सोहगइलबा बेसाहल हे । -दुलहा भरी देलन धानि के माँग , अब धानि आपन हे ॥ 6 ॥ -बाबा जे रोबथिन मँड़उबा16 बीचे , भइया खँम्हवे धयले17 हे । -अमाँ जे रोबथिन घरे भेल18 अब धिया पर हाथे हे ॥ 7 ॥ -सखि सभ माथा बन्हावल19 लट छिटकावल20 हे । -अजी सखि , चलूँ गजओबर , अब भेल पर हाथ हे ॥ 8 ॥ -सेनुरा सेनुरा जे हम कयलूँ , सुनेरा21 त काल भेल हे । -सेनुरा से पड़लूँ सजन घर , नइहर22 मोर छूटल हे ॥ 9 ॥ -छूटि गेल भाई से भतीजबा , आउरो घर नइहर हे । -अब हम पड़लूँ परपूता23 हाँथे , सेनुर दान भेल हे ॥ 10 ॥",magahi-mag -"झीमी रे झीमी डो नी घामा लाकेन आयोम -झीमी रे झीमी डो नी घामा लाकेन आयोम -झीमी रे झीमी डो नी घामा लाकेन आयोम -आयोम का उदरी उदरी सुवाय सरावना चिचरी -आयोम का उदरी उदरी सुवाय सरावना चिचरी -सुवाय डो इयां माई टाला चिचरी चोजा -सुवाय डो इयां माई टाला चिचरी चोजा -सुबान्ना आयो इयां रानी झूला सुबाने -सुबान्ना आयो इयां रानी झूला सुबाने -सराबना बेटा जा सराबना बेटा कजली वन डो -सराबना बेटा जा सराबना बेटा कजली वन डो -बिंदरावन सेने जा कोन्जई लुटीज माट मागेजा -बिंदरावन सेने जा कोन्जई लुटीज माट मागेजा -बेटा लुटीज माट माये डो इयां आयोम लुटीज माट -बेटा लुटीज माट माये डो इयां आयोम लुटीज माट -माये माकान सोना कोडी आरूई अरूई जा -माये माकान सोना कोडी आरूई अरूई जा -सराबना बेटा अंधड़ा बा डो आधड़ी माई -सराबना बेटा अंधड़ा बा डो आधड़ी माई -केन कौडी सावींज जा बेटा गंगा सुमुदूर -केन कौडी सावींज जा बेटा गंगा सुमुदूर -ऐ ऐन डो इयां आयोम गंगा सुमुदूर ऐ ऐन -ऐ ऐन डो इयां आयोम गंगा सुमुदूर ऐ ऐन -माका विरा हे आगरू कीमी इयां बेटा गंगा सुमुदूर -माका विरा हे आगरू कीमी इयां बेटा गंगा सुमुदूर -घाव जा सागे चाल को डो ठोपडे -घाव जा सागे चाल को डो ठोपडे -टेन डा डो इयां माई छाती तेन ऐ ऐन -टेन डा डो इयां माई छाती तेन ऐ ऐन -डो इयां माई पूरुसम टेन ऐ ऐन डो इयां -डो इयां माई पूरुसम टेन ऐ ऐन डो इयां -माई टाला धार जा डोगे जा इयां नी बेटा -माई टाला धार जा डोगे जा इयां नी बेटा -स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq -"120 -रांझे पीरां नूं बहुत खुशहाल कीता दुआ दितियां ने जाह हीर तेरी -तेरे सब मकसूद1 हो गए हासल मदद हो गए पंजे पीर तेरी -जाह गूंज तूं विच मगवाड़2 बैठा बखशी गई है सब तकसीर3 तेरी -वारस शाह मियां पीरां कामलां4 ने कर छडी है नेक तकदीर तेरी",panjabi-pan -"उगि गेल चँदवा, छपित भेल हे सुरूजा -उगि गेल चँदवा , छपित1 भेल हे सुरूजा2 । -बइठहू न3 दुलरइता दुलहा , फूल केर हे सेजिया ॥ 1 ॥ -कइसे हम बइठू हे सासु , फूल केर हे सेजिया । -मोर दादा साहेब भींजत4 होइहें , चारो पहर रे रतिया ॥ 2 ॥ -दादा के देबो रे दुलहा , सोनामूठी5 रे छतवा6 । -छतबे इड़ोते7 रे दादा , चलत बरियतिया8 ॥ 3 ॥",magahi-mag -"165 -चूचक सयाल तों लिखके नाल चोरी हीर सयाल बह कही बतीत हैनी -साडी खैर है चाहुंदी खैर तुसां दी जेही खत ते लिखण दी रीत है नी -होर रांझे दी बात जो लिखीया जे एह तां गल बुरी अनानीत1 है नी -रखा चाए मसहिफ2 कुरान उस नूं कसम खाए के विच मसीत है नी -तुसीं मगर क्यों एस दे उठ पइयो एहदी असां दे नाल प्रीत है नी -असीं त्रिंजणां विच जा बहणिआं सानूं गाउणा एस दा गीत है नी -दिने छोड मझी वड़े झल घेले एस मुंडड़े दी एहा रीत है नी -रातीं आयके अला नूं याद करना वारस शाह दे नाल एह पीत हैनी",panjabi-pan -"जौ जश दे धरती माता -जौ1 जश दे धरती माता -जौ जश दे कुरम2 देवता -जौ जश दे भ���मि का भम्याल3 -जौ जश दे गंगा की सौणी4 धार -जौ जश दे पंचनाम देव -जौ जश दे भायों5 की जमात -जौ जश दे देऊ भूम गढ़वाल",garhwali-gbm -"कोसी के माँग में टीका शोभत है -कोसी के माँग में टीका शोभत है -सिनुरा सोहत अजब रंग हे कोसी माय -खेलते हैं चैहटिया । -खेलत है चैहटिया हे कोसीमाय -ओढ़त है ओढ़निया -कोसी के गला में हँसुली सोभत है -हरवा सोहत अजब रंग हे कोसीमाय -खेलत हैं चैहटिया । -कोसी के बाँहि में बाजुआ सोभत है -बजुआ सोहत अजब रंग हे कोसी माय -खेलत हें चैहटिया । -कोसी के पहुँचा में चुड़िया सोभत है -चुड़िया सोभत अजब रंग हे कोसी माय -खेलत हैं चैहटिया । -कोसी के डाँड़ में घघरा सोभत है -घघरा सोभत अजब रंग हे कोसीमाय -खेलत हैं चैहटिया । -कोसी के पैर में पायल सोभत है -पायल सोभत अजब रंग हे कोसी माय -खेलत हैं चैहटिया । -खेलत है चैहटिया हे कोसिका -आढ़त है ओढ़नियाँ ।",angika-anp -"रिमझिम-रिमझिम मेहा बरसे -रिमझिमरिमझिम मेहा बरसे , काळा बादळ छाया रे -पिया सूं मलबां गांव चली , म्हारे पग में पड ग्या छाला रे -रिमझिम . . . -भरी ज्वानी म्हांने छोड गया क्यूं , जोबन का रखवाला रे -सोलह बरस की रही कुंवारी , अब तो कर मुकलावां रे -रिमझिम . . . -घणी र दूर सूं आई सजनवां , थांसू मिलवा रातां रे -हाथ पकड म्हांने निकां बिठाया , कान में कर गया बातां रे -रिमझिम . . .",rajasthani-raj -"517 -गंढ1 फिरी रातीं विच खेड़यां दे घरो घरी विचार विचारयो ने -भलके खूह ते जायके करो कुशती इक दूसरे नूं खुम2 मारयो ने -चलो चल ही करन छनालबाजां3 सभ कम्म ते काज विसारयो ने -बाजी दितीयां ने पिउ बुढयां नूं लिबां4 मावां दे मुंह ते मारयो ने -शैतान दियां लशकरां फैल़सूफां5 बिना आतशी फन खिलारयो ने -गिलती मार लगोटड़े वट टुरियां सभो कपड़ा लतड़ा झाड़यो ने -सबा भन्न भंडार उजाड़ छोपां सने पूनियां पिड़े नूं साड़यो ने -तंग खिच त्यार असवार होइयां कडयालड़े घोड़ियां चाढ़यो ने -राती ला मैंहदी दिने पा सुरमे गुंद चूंडिया कम्म शिंगारयो ने -तेड़ लुंगियां टोकरां देन पिछों चुन कन्नियां लड़ां नूं झाड़यो ने -कजल पूछलां बालड़ां वयाहियां दे होठी सुरख दंदासड़ा चाढ़यो ने -जुलफां पलम पइयां गोरे मुखड़े ते ला बिंदियां हुसन उधाड़यो ने -गलां ठोडियां ते बने खाल दाने रड़े हुसन नूं चा नितारयो ने -खोल छातियां हुसन दे कढ लाटू वारस शाह नूं चा उजाड़यो ने",panjabi-pan -"दीवा किसने बैठ घड़ाइआं -दीवा किसने बैठ घड़ाइआं अर किसने दीवे लीया रे चुक���य -राजीड़ा रे महल दीवा बलै -दीवा रिछपाल घड़ाइयां और हरिचन्द लीया रे चुकाय -राजीड़ा रे महल दीवा बलै -दीवा तेरै किसने तेल पिरोइयां और किसने गेरी सै बात -राजीड़ा रे महल दीवा बलै -बेबे तेल पिरोइयां अर भावज मल गेरी सै बात -राजीड़ा रे महल दीवा बलै -दीवा बाल धरूं धमसाल मैं मेरे जीमे देवर जेठ -राजीड़ा रे महल दीवा बलै -दीवा बाल धरूं चन्दन रसोई में जित जीमे री मेरी ननदी का बीर -राजीड़ा रे महल दीवा बलै -दीवा बाल धरूं डूंगै ओबरे जित सोवै मेरी ननदी का बीर -राजीड़ा रे महल दीवा बलै -दीवा बाल धरूं चन्दन चौक जित खेले जी मेरा लाडणा पूत -राजीड़ा रे महल दीवा बलै",haryanvi-bgc -"मधानियाँ, ओये मेरेया डाडेया रब्बा -मधानियाँ , -हाय ओये मेरेया डाडेया रब्बा , -किन्ना जम्मियाँ किन्ना ने ले जाणीयाँ । -हाय छोले , -बाबुल तेरे मैहलां विच्चों -सत रंगिया कबूतर बोले । -हाय पावे , -बाबुल तेरे मैहलां विच्चों -ठंडी हवा पूरे दी आवे । -हाय फीता , -ऐना सकेयाँ वीरां ने -डोला टोर के अगां नू कीता । -हाय फीता , -ऐना सकीयां भाबियाँ ने -डोला टोर के कच्चा दुध पीता । -हाय कलियाँ , -मावां धीयाँ मिलन लग्गीयां -चारे कंधां ने चबारे दियां हल्लियाँ",panjabi-pan -"जूडो डो रइनी सुबान गइती रानी कोरोजीवा -जूडो डो रइनी सुबान गइती रानी कोरोजीवा -जूडो डो रइनी सुबान गइती रानी कोरोजीवा -खोलन माड़ ओजाकेन नी केबेन रजनी रोसावा -खोलन माड़ ओजाकेन नी केबेन रजनी रोसावा -हई हई हई -हई हई हई -सोलन माइ ओजाकेन कौन नी केबेन डो रजनी रोसावा -सोलन माइ ओजाकेन कौन नी केबेन डो रजनी रोसावा -टूटी हरी जूरी डो रइनी सुबान गइनी रानी का रोसावा -टूटी हरी जूरी डो रइनी सुबान गइनी रानी का रोसावा -हई हई हई -हई हई हई -स्रोत व्यक्ति परसराम , ग्राम लखनपुर",korku-kfq -"जीरो -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -यो जीरो जीव रो बैरी रे -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -पाडत कर पीरा पगला रे गया -म्हारा पडला घस गिया चांदी रा -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -यो जीरो जीव रो बैरी रे -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -सो रूपया की जोड़ी थांकी -म्हारो देवर भाग्यो लाखिनो -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -यो जीरो जीव रो बैरी रे -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -पीलो ओढ़ पीयरे चाली -म्हारो जीरो पड़ गयो पीलो रे -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -यो जीरो जीव रो बैरी रे -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -काजल घाल महेल मे चाली -म्हारो जीरो पड़ गयो कालो रे -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो -यो जीरो जीव रो बैरी रे -मत बाओ म्हारा परनिया जीरो",rajasthani-raj -"ईसुरी की फाग-18 -जौ जी रजउरजउ के लानैं -का काऊ से कानैं -जौ लौ जीने जियत जिन्दगी -रजुआ हेत कमाने -पैले भोजन करै रजऊआ -पाछे मो खौं खानै -रजउ रजउ को नाँव ' ईसुरी ' -लेत लेत मर जानै । -भावार्थ -अपनी प्रेयसी "" रजउ "" के विरह में तड़पते ईसुरी कहते हैं — मेरे ये प्राण रजउ के ही लिए हैं , मुझे किसी से क्या कहना . . . ? जब तक जीना है , जीवन है तब तक रजउ के हित के लिए ही कमाना है यानि उसका प्रेम अर्जित करना है । पहले रजउ भोजन करेगी फिर मैं खाऊँगा । ईसुरी कहते हैं मैं रजउ रजउ नाम लेते लेते ही मर जाऊँगा ।",bundeli-bns -"पहला फेरा लीजिए दादा की है पोती -पहला फेरा लीजिए दादा की है पोती -दूजा फेरा लीजिए ताऊ की है बेटी -तीजा फेरा लीजिए बाबल की है बेटी -चौथा फेरा लीजिए काकै की है बेटी -पांचमा फेर लीजिए मामै की है भाणजी -छटा फेरा लीजिए नाना की है धहौती -सातवां फेरा लीजिए लाडो होई पराई",haryanvi-bgc -"लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल -लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल -झूला झूलण हम आई रे -अम्मां नै भेजा है नौ मन सोना -बाबल नै बटवा बटोर रे -भैया ने भेजा है नीला सा घोड़ा -भाभी का सब सिंगार रे -नौ मन सोना मैं नो दिन पहनूं -फट जाए बटवा बटोर रे -नीला सा घोड़ा मैं सदर दौड़ाऊं -भाभी का अचल सुहाग रे -अम्मां कहे मेरे नित उठ आवो -बाबल कहे छट मास रे -भैया कहे मेरे काज परोजन -भाभी कहे क्या काम रे -फट जाए धरती मैं बीच समा जाऊं -भाभी नै बोले हैं बोल रे -अम्मां के होते भाभी ने बोले -पीछे से क्या होगा हाल रे -अम्मां को कहना मेरी नमस्ते -बाबल को कहना प्रणाम रे -भैया को कहना युग युग जीवे -भाभी की गोदी में लाल रे -लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल -झूला झूलण हम आई रे",haryanvi-bgc -"वेहड़े आ वड़ मेरे -भावें जाण ना जाण वे , वेहड़े आ वड़ मेरे । -मैं तेरे कुरबान वे , वेहड़े आ वड़ मेरे । -तेरे जिहा मैनूँ होर ना कोई , -ढूँढ़ा जंगल बेले रोही । -ढूँढ़ा ताँ सारा जहान वे , वेहड़े आ वड़ मेरे । -लोकाँ दे भाणें चाक मही दा , -राँझा ताँ लोकाँ विच्च कहींदा । -साडा ताँ दीन ईमान वे , वेहड़े आ वड़ मेरे । -मापे छोड़ लगी लड़ तेरे , -शाह इनायत साईं मेरे । -लाईआँ दी लज्ज1 पाल वे , वेहड़े आ वड़ मेरे ।",panjabi-pan -"पांचू तेरे कापड़े कोनै सिमाए ए बना -पांचू तेरे कापड़े कोनै सिमाए ए बना -दर्जी बेटा वह सीमे री मेरे मामा सिमाए -मैं तनैं बूझूं रे बना तनै किसी मिली मिरगा नैणी -साली मेरी कालियां री मेरी जोटल गोरी",haryanvi-bgc -"44 -पैसा खोल के हथ ते धरे जेहड़ा गोदी चाढ़ के पार उतारने हां -अते ढेकया मुफत जे कन्न खायें चा बेड़ियों जिमीं ते मारने हां -जेहड़ा कपड़ा दे ते नकद सानूं सभो ओसदा कम्म सवारने हां -जोरावरी जे आनके चढ़े बेड़ी अधवाटड़े डोब के मारने हां -डूमां अते फकीरां ते मुफतखोरां दूरों कुतियां वांग दुरकारने हां -वारस शाह जेहां पीर जादयां नूं मुढों बेड़ी दे विच ना वाड़ने हां",panjabi-pan -"ले रे ले रे ले रे बेटा जारी लोटा ले रे बेटा मुंडा धोये -ले रे ले रे ले रे बेटा जारी लोटा ले रे बेटा मुंडा धोये -ले रे ले रे ले रे बेटा जारी लोटा ले रे बेटा मुंडा धोये -मुंडा धोवे किया केरो मैं जाऊँ परदेशी रानी ढूँढे -मुंडा धोवे किया केरो मैं जाऊँ परदेशी रानी ढूँढे -रानी फीकेर सो बड़ो माय -रानी फीकेर सो बड़ो माय -रानी नहीं हो ये गेरु बुरा दिखे -रानी नहीं हो ये गेरु बुरा दिखे -स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq -"बोऊहो बोऊडो -बोऊहो बोऊडो -बोऊहो बोऊडो -काई ओ बोऊडो आना कोना -काई ओ बोऊडो आना कोना -फिर ऽ ओ सासु ओ सासु -फिर ऽ ओ सासु ओ सासु -सासु जागीया दुखे मारी सासु ओ -सासु जागीया दुखे मारी सासु ओ -आना कोना फिर ऽ ओ सासु -आना कोना फिर ऽ ओ सासु -हो सासु मारी हो सासु -हो सासु मारी हो सासु -इयां लाज कासू लाकेन -इयां लाज कासू लाकेन -सुयीनी सानी के सालेज ओ -सुयीनी सानी के सालेज ओ -सासु ओ . . . -स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq -"इस होरिलवे की दादी बडैतिन, दान बाँटे रे -इस होरिलवे की दादी बडैतिन1 दान बाँटे रे । -मेरा छोटासा होरिला , पलना झूले रे । -पलना झूले रे , झुनझुना खेले रे ॥ 1 ॥ -इस रे होरिलवे की नानी बड़ैतिन , दान बाँटे रे । -मेरा छोटासा होरिला , पलना झूले रे । -पलना झूले रे , झुलझुना खेले रे ॥ 2 ॥ -इस रे होरिलवे की अम्माँ बड़ैतिन , दान बाँटे रे । -मेरा छोटासा होरिलवा , पलना झूले रे ॥ 3 ॥",magahi-mag -"जगाओ फिर बापू के भाव -देस में कैसौ दंगा मचौ -खेल जौ सैतानन नें रचौ , -बरै जौ जातपाँत कौ नसा -देश की कर डारी दुरदसा , -जगाओ फिर बापू के भाव -किनारें तबइँ लगा पैऔ नाव । -दनुजता बोलत जिन्दाबाद -मनुजता हो रइ मुरदाबाद , -भीतरइँ भुँजत मुरादाबाद -बरेली बरत इलाहाबाद , -देहली मेरठ मोदीनगर , -अलीगढ़ चुरत गाजियाबाद । -भँवर में फँसी नाव खौं देख -डुबाबे पोंच जात जल्लाद । -महा साँतर जो लुंगा मरत -साँड़ से सबरइँ छुट्टाँ चरत , -सहर में जौन लफंगा बरत -बेइ पुंगा तो दंगा करत । -लैन नइँ देत काउ खौं चैन -बैन खों जे नइँ समझत बैन , -टूट परतइ इज्जत खों लेन -लोहू सें लीपत नीच उरैन । -मनुजतनधारी बिसधर नाग -लगा रए जे दंगन की आग , -उगल रए देस बैर कौ झाग -सहीदन के लोहू सें सिँचौ -उजारत नन्दनबनसौ बाग । -न चूकत अत्याचारी दाँव -देस खौं इनसें आज बचाव , -किनारें तबइँ लगा पैऔ नाव -जगाऔ फिर बापू के भाव । -एक हैं जाँके रामरहीम , -एक हैं जाँके कृष्णकरीम , -एक से तुलसीसूरकबीर -भरे रस सें रसखान रहीम , -एक से सबखौं बैद हकीम -एक सँग पुजतइ सइयद बली -इतै के सालिगरामसलीम । -बाबरे बैजू कौ संगीत -कि जीनें लए जड़चेतन जीत , -बौइ है तानसेन की तान -करे बस में सम्राट महान , -लता खौं का हिन्दुवइ सुनत ? -रफ खौं बस तुरकन के कान ? -विधाता कौ साँचौ है एक -हमइँ तुम करतइ भेद अनेक । -दौर कैं दो उगरें लग जाव -बीरबल अकबर जैसे चाव , -मेंट के भेदभाव के भरम -छोड़ दो सबरे कपटदुराव , -जगाऔ फिर बापू के भाव , -किनारें तबइँ लगा पैऔ नाव । -छिड़ी जब आजादी की जंग -लड़े गोरन सें सबरे संग -भगत सिंह चन्द्रसेखर आजाद -न भूलत कोउ बिसमिल की याद । -सहीदन कौ नायक असफाक , -निछावर हो गऔ बीर हमीद -करी ऊँची भारत की नाक ; -याद आ गओ हुमायूँ आज -बचा लइ करमवती की लाज , -आज के जे समाज के ताज -न इनखौं कौनउँ सरमलिहाज -बोउत रत रोज जहर के बीज -करत फिर जेइ कोढ़ में खाज , -बिगारत बेइ डाँकधर मर्ज -कि जिनके हाँतन होत इलाज । -जेइ रए कलपबृच्छ खौं काट -न सूजत इनखौं भावकुभाव , -जगाऔ फिर बापू के भाव -किनारे तबइँ लगा पैऔ नाव । -सिक्ख , मुसलिम , हिन्दू , ईसाई -सुमित में रतते सबरे भाई -कितै सें कीनें गुँजी लगाई -सगी माँ सबकी भारत माई -हिमालयसी जीकी ऊँचाई , -अरब सागर जैसी गहराई -पवन कै रइ जीकी प्रभुताई ; -जनम भर जाँकौ पानी पियो -देवतन जैसी देह बनाई । -जितै को रज में खोखो खेल -आज ज्वानी ऐसी गर्राई , -भाई की घिची काट रए भाई -खून सें खेलत क्रूर कसाई । -न रै गऔ इनखौं नकउ कूत -करोरन में जेइ कड़े कपूत -कि इन्नें माँ की कोख लजाई -जगत्तर भर में नाक कटाई । -डुबा डारो बापू कौ नाम -बिलख रए बरधासाबरमती -सिसक रऔ सबरौ सेवाग्राम । -थूक रऔ इनपै सब संसार -जेइ तो बरत भूमि के भार , -अहिंसा की नित हिंसा करत , -प्रेमपोथी चूले में धरत , -सत्त अभमन्यू कौ वध करत -जेइ तौ करवाउत टकराव । -नए हों चाय पुराने घाव -न इनपै नोंनमिर्च भुरकाव , -प्रेम की मरहम इन्हें लगाव । -भाइचारे के भरकें भाव , -नेह सें नित्त इन्हें सहलाव -आज फिर बिछरे गर्रे लगाव -प्रेम के अँसुवन सें सपराव , -आज फिर भरतमिलाप कराव -जगाऔ फिर बापू के भाव , -किनारें तबइँ लगा पैऔ नाव ।",bundeli-bns -"413 -सहती हो गुसे चा खैर पाया जोगी वेखदयां ही तुरत रज पया -मुंहों आखदा रोह दे नाल यारो कटक खेड़यां दे भावें अज पया -एह लै मकरियां ठकरियां रावला वे काहे वाचना एं ऐडा कुचज पया -ठूठे विच सहती चीना घत दिता जोगी दे कालजे वज फट पया -हथों छड जंबील1 चां जिमी मारे चीना डुल गया ठूठा भज पया -वारस शाह शराब खराब होया शीशा संग2 ते वज के भज पया",panjabi-pan -"जोगवा बेसाहन चलल मोर भइया रे टोनमा -जोगवा1 बेसाहन2 चलल मोर भइया रे टोनमा । -भइया चलले सँगे साथ रे टोनमा ॥ 1 ॥ -घुरि फिरि3 देखथिन बेटी दुलरइतिन बेटी रे टोनमा । -अँखियन से ढरे लोर4 रे टोनमा ॥ 2 ॥ -आगे आगे अवथिन5 भइया दुलरुआ भइया रे टोनमा । -पाछे पाछे भउजी6 चली आवे रे टोनमा ॥ 3 ॥ -भउजी के हाथ में सोने के सिंघोरबा7 रे टोनमा । -भइया हाथे तरवार रे टोनमा ॥ 4 ॥",magahi-mag -"किधरों आयियाँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ -किधरों आयियाँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ , -सौदागर राँझा , -किधरों आहे मल्लाह हो राँझा , -भला किधरों आये मल्लाह हो राँझा , -अटकों आयिन्याँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ , -सौदागर राँझा -झेलमों आये मल्लाह हो राँझा , -भला झेलमों आये मल्लाह हो राँझा , -बेड़ियाँ नाल ज़न्जीरियां ज़न्जीरियां , -सौदागर राँझा , -करदियाँ छैणों छैण हो राँझा , -भला करदियाँ छैणों छैण हो राँझा , -मैहलां दे पिछवाड़े पिछवाड़े , -सौदागर राँझा , -ठंडी चल बयार हो राँझा , -भला ठंडी चल बयार हो राँझा , -मैं जे तेनु आखया आखया , -सौदागर राँझा , -लट्ठे दे कपड़े न पा हो राँझा , -भला लट्ठे दे कपड़े न पा हो राँझा , -लट्ठे दे कपड़े खड़ खड़े , -सौदागर राँझा , -सुणसिया तेरी मां हो राँझा , -भला सुणसिया तेरी मां हो राँझा , -मैं जे तेनु आखया आखया , -सौदागर राँझा , -नंवी जुत्ती न पा हो राँझा , -भला नंवी जुत्ती न पा हो राँझा , -नंवी जुत्ती तेरी चीकणी चीकणी , -सौदागर राँझा , -सुणसिया तेरी माँ हो राँझा , -भला सुणसिया तेरी माँ हो राँझा , -मैहलां दे पिछवाड़े पिछवाड़े , -सौदागर राँझा -ठंडी चल बयार हो राँझा , -भला ठंडी चल बयार हो राँझा , -मैं जे तेनु आखया आखया , -सौदागर राँझा , -आ चल छान्वे बैठ हो राँझा , -भला आ चल छान्वे बैठ हो राँझा , ।",panjabi-pan -"दया करो म्हारा नाथ -दया करो म्हारा नाथ -हुँउ रे गरीब जन ऐकलो -१ बन म वनस्पति फुलियाँ , -आरे फुलिया डालम डाल -वाही म चन्दन ऐकलो -जाकी निरमल वाँस . . . -हुँउ रे गरीब . . . -२ कई लाख तारा ऊगीयाँ -ऊगीयाँ गगन का मायँ , -वहा म्हारो चन्दाँ ऐकलो -जाकी निर्मल जोत . . . -हुँउ रे गरीब . . . -३ अन्न ही चुगता चुंगी रयाँ , -आरे पंछी पंख पसार -वहा म्हारो हंसो ऐकलो -आरे मोती चुगचुग खाय… -हुँउ रे गरीब . . . -४ कहेत कबीर धर्मराज से , -आरे साहेब सुण लिजै -घट का परदा खोल के -आरे आपणो कर लिजे . . . -हुँउ रे गरीब . . .",nimadi-noe -"220 -डोगर जट ईमान नूं वेच खांदे सन्नां मारदे ते पाड़ा लांवदे ने -तरक कौल हदीस1 दी नित करदे चोरी यारी ब्याज कमांवदे ने -जहे आप होवन तेहियां औरतां नी बेटे बेटियां चोरियां लांवदे ने -जेहड़ा चोर ते राहजन2 होवे कोई उहदी बड़ी तारीफ सुनांवदे ने -मूंहों आख कुड़माइयां खोह लैंदे वेखो ते रब्ब मौत भुलांवदे ने -जेहड़ा पढ़े नमाज हलाल खावे ओहनूं मिहना मुतका लांवदे ने -वारस शाह मियां दो दो खसम दे दे नाल बेटियां वैर कमांवदे ने",panjabi-pan -"कद्रू-बनिता -कदू्र कानाग ह्वैन , बनिता का गरुड़ -कदू्र बनिता , दुई1 होली सौत , -सौति डाह छै , तौं मा । -कद्रू बोलदी तब -हे भुली बनिता , तेरो बेटा भानपँखी , -रंद सूर्य कालोक माँग2 -सूर्य भगवान को रथ चलौंद । -बोलदऊँ हे भुली , -सूर्य को रथ , कै रंग को होलो ? -तब बनिता बोलदे , -सूर्य को स्वेत रथ होलो । -तब नागूना3 की माता कना बैन बोदे -आज भुली बनिता , तेरा मेरा बीच , -कौल4 होई जाला -मैं सणी तू भुली , धरम दीयाल । -सूर्य को सफेद रथ होलो , -तब मैं , तेरीदासी होई जौलो । -अर कालो रथ होलो तब तू , -मेरी दासी , बणी जालो । -तब कौलकरार , करीगे नागू की माता , -रोंदड़ा5 लगौंदी6 तब , छुँयेड़ा7 चारदे , -मन मारीक अपणा , कालागिरि नाग । -याद करके वा , ध्यान धरदे । -तब औंद कद्रू को , कालागिरी नाग -अपनी माता का , चरणू मा गिर्दु8 -क्या हालू माता , मैं कू तै हुकूम , -केक याद करयूँ , त्वैन मैंई । -माता तब बाच9 , नी गाड़दी10 । -कालागिरि तब , सोच मा पड़ीगे -क्या ह्वै माता , इनी होणी होन्यार । -तब कदू्र बोलदे , क्या होण बेटा , -आज बिटे मैं , गरूड़ की माँ की दासी छऊँ । -कालागिरी पूदक्या कारण होलो ? -कदू्र न बोलेमेरा अर बनिता का बीच , -बचन होई गैन -गरुड़ की माँन बोले , सफेद रथ सूर्य को , -मैंन बोले सूर्य को काली रथ होलो । -सफेद रथ सूर्य को सची होलो -तब मेरा लाडा11 , भोल12 बिटे13 -मैन गरुड़ की माँ की , दासी होई जाण । -बनिता होली कनी स्या डैणा14 , -वीं की दासी , कनु होण बेटा , मैन ? -कालागिरि बोद : हे म��री माता , -नागू की माता छई तू , -बनिता तेरी मैंदासी बणौलू । -मैं अभी अपणा , सभी नागू बोलदौं -ऊँ सणी स्वर्ग लोक भेजदौं । -उदंकारी15 काँठा माँग16 , -जै वक्त सूर्य को , रथ औलू , -वै वक्त सब , अपणा नागू । -सूर्य का अग्वाड़ी पिछाड़ी , खड़ा करी द्यू लो -नागू का छैल17 से , सूर्य को रथ , -कालो होई जालो । -तब मेरी माता , बनिता देखली , -सूर्य को रथ , कालो ही कालो ? -कालागिरि नाग , तब नागू लीक , -उदंकारी काँठा , पौंछी गए ? -उदैकाल माँ नागून , -सूर्य को रथ घेरयाले ? -गौ सरूप पृथी , सूती बिजीगे -पृथी मा सूर्य को , झलकरो ऐगे ? -अँध्यारी पृथी , उयंकार होइगे , -तब निकलदे भैर18 , नागू की माता , -सूर्य की तरफ देखण लगदी -सूर्य का रथ की काली छाया , -तब देखेण लगदी । -तब लौंदी धावड़ी19 , कदू्र खुशी माँग -औ भुलि बनिता , देख सूर्य को रथ -कालो रथ छ त , तू मेरी दासी ह्वैजा , -सफेद रथ छ त , मैं तेरी दासी ह्वै जौलू । -तब गरुड़ की माता , देखदे सूर्य को रथ । -सूर्य कारथ तैन , काली छाया देखे -तब बोलदे बनिता -आज बिटी दीदी कदू्र मैं , तेरी दासी बणीग्यूँ । -तब ह्वैगे बनिता , नागू की दासी । -तब दणमण20 रोंदे , पथेणा नेत्र धोलदे । -जना कना21 बेटऊँ , चुली22 तनी रणू भलो । -मेरा बेटा भानपंखीन मेरो अपमान कराये । -मैं मँूग23 त बोले सफेद रथ सूर्य को , -अैर दखा त कालो रथ देखंद । -मैं कौल24 हारी करेऊं , दासी बणायूं । -तब गरुड़ की माता , -मन मारी , जी हारी , नखारो सांस लेंदे । -तब वीं को बेटा मिश्री गरुड़ , -रंद देवलोक मा भगवान मा बोद : -मैं घर जाँदू मेरी माँ पर क्वी कष्ट आई गए । -रौंड़दो दौड़ो औंद माँ का पास । -वै की मान औंदो दखी , -तब वीन पीठ फरकाई दीने । -मिश्री गरूण माँ का चरणू मा गिर्द । -कद्रू माता दणमण रोंदे -इनो बेटा नी होंदो मेरो , -तब त मैं खूब रदी -तब मिश्री गरुड़ बोद -क्या होई माता होणी होन्यार ? -तब माता बोदे : तेरा भाई भानपंखीन -मई माक झूठ बोले -कि सूर्य को रथ सफेद होंद -मैन नागू की माता दगड़े कौल करीन -आज ऊँकी दासी बणी गयूं । -तब मिश्री गरुड़ बोलदो -धीरज धर माता , मैं अपणो जायो25 नी बोली , -जू मैन त्वै छुड़ायो नी । -तब रौड़दौदौड़दो वो जांद -कालागिरी नाग का पास -हो कालागिरी नाग , तिन कपट करी -मेरी मां दासी किलै बणाये ? -तब कालागिरी नाग इनो बोलदो -हे मिश्री गरुड़ तू देवलोक मां रंदी -बख बिटी अमिर्त को घड़ो लैक हमू दियाल , -तेरी माता सणी हम छोड़ी दिऊला । -मिश्री गरुड़ होलो दिल को भोलो , -तब अमृत ल्याईक गरुड़ नाग देन्द �� -तब कालागिरि नागन सब नाग बोलैन -नहेकधुयेक औला , अमृत प्यूला । -तब नाग नहेण धुयेण जांदन , -भगवान सुँणदन , दौडदादौड़दा ऐग्या -गरुड़ , तिन यो क्या करे ? -जनो कपट ऊन त्वैक करे , -तनो कपट तू भी ऊँक कर -जबारेक वो नहेक औंदन , -तबारेक अमृत देवलोक धरी हौऊ । -तब मिश्री गरुड़ अमृत उठैक , -सुकीं26 देवलोक मां धरी आयें -तब औंदन नाग ऐन , ऊन अमिर्त नी पायो । -तब कालागिरी मिश्री गरुड़ मू औंद । -तब मिश्री गरुड़ का साथ माँज , -कालागिरी नाग जुद्ध करण लै गये । -मिश्री गरुड़न तब नाग मारयालीन , -तब कालागिरी नाग अकेलु रै गये : -तब कालागिरी नाग गरुड़ की डर , -मिश्रीदऊ मा घुसीगे । -तब माछी बणीक वो छाला आई गये , -तब मिश्री गरूड़न वा माछी मारी आले , -वख एक रिषी तप कदो छयो , -वीं माछी को खून वे रिषी का अंग पड़ीगे -वै रिषीन गरूड़ सराप दियाले -जनो तिन मेरो तप भंग करे , -तनी तेरी ये कुंड माज27 छाया पड़न से मृत्यु होई जान -जनो रिषीन सराप दिने गरुड़ सणी , -तनी भगवान मालूम होई गये । -भगवानन तब गरूड़ को कुंड मा , -घूमणो बद करी दीने -तब भगवान जी कालानाग नाथीक , -भैर ली ऐन -तुम भाई भाई छया गरुड़ो नागो , -अपस मा मेल से रवा । -तब मिश्री गरूड़क भगवान न बोले : -तू सिर्फ मैना28 राक एक नाग खाई ।",garhwali-gbm -"होजी नणदोई आया पावणा -होजी नणदोई आया पावणा -तमारी कईकई करूँ मनवार -नणदोई जी प्यारा आयाजी म्हारा यां पावणा -होजी तातो पाणी तो धरवाई देती -ना पीड़ो गयो परदेस नणदोई जी -रोटी तो बणाय देती -चूले लगाई गार नणदोई जी -झारी तो भरवाया देती -दासी रो दूखे हाथ नणदोई जी -ढाल्यो तो ढ़लवाय देती -म्हारा बाईजी गया रिसाय नणदोई जी -होजी ओरा आजो पावणा -तमारी फिर के करांगा मनवार -नणदोई जी प्यारा आयाजी म्हारा यां पावणा",malvi-mup -"होली गीत -टेक मुरारी जाण दो तुम से ना खेलां होरी । -चौक1 होरी की धूम मचाई हो साँवलिया खेल रहे बल जोरी । -कच्चे पक्के डोर रेसम के हो तोड़े । -तो झड़ गई कोर किनारी , लालजी ने बयाँ मरोड़ी । -जान दो तुमसे ना खेलां होरी । -चौक2 ददी बेचेन चली है गुवालन सिर पर दही केरी गोली । -घरघर कहती तुम लेवो रे दहियाँ तो मटकी में आन बसोई , -लालजी ने घांघर ढोली । -जान दो तुमसे ना खेलां होरी । -चौक3 पांय न बेऊ पायल सोहे , झालर करे झनकोरी । -गोरीगोरी बईयाँ हरीहरी चूड़ियाँ । -तो रंगीन रंगिया हाथ लालजी ने मेंदी विकोरी । -जान दो तुमसे ना खेलां होरी । -चौक4 खेलत गेंद गिरी है जमुना में तुने मेंरि गेंद चुराई �� -न हाकत हाथ ढूंढत आंगियाँ में । -एक गइ दूजी पाई , लालजी ने चोरी लगाई , -जान दो तुमसे ना खेलां होरी । -छाप धन गोकल धनधन बिन्द्रावन , धन हो जसोदा माई । -धन मयता नरसइया नू स्वामी , -तो मांगु ते बेउ कर जोड़ी , सदा संग रहूँगा तुम्हारी , -जान दो तुमसे ना खेलां होरी । -हे श्रीकृष्ण मुझै जाने दो , आपके साथ होली नहीं खेलना है । अरे साँवरे की धूम मचाई है और जबरन करके बरबस मेरे साथ होली खेलना चाहते हो । मेरी साड़ी के कच्चेपक्के धागे तोड़ दिये और किनारी निकलकर -गिर गई और श्रीकृष्ण ने मेरी बाँह मरोड़ दी । मुझे जाने दो , आपके साथ होली नहीं खेलना है । -ग्वालिन दही की मटकी सिर पर उठाकर दही बेचने चली और घरघर फिरकर कहती है दही ले लो । तो श्रीकृष्ण ने मटकी पकड़कर दही ढोल दिया । और होली खेलना चाहते हैं । गोपी कहती है कि मुझे जाने दो , आपके साथ होली नहीं खेलना है । -दोनों पैरों में पायजेब शोभायान हैं और पायजेब की झालर की झन्कार निकल रही है । गोरीगोरी कलाइयों में हरीहरी चूड़ियाँ शोभित हैं । और मेरे हाथों में मेहंदी लगी हुई है । लालजी श्रीकृष्ण ने मेरी मेहंदी हाथों पर लगी हुई बिखेर दी । मुझे जाने दो आपके साथ होली नहीं खेलना है । -श्रीकृष्ण गेंद खेल रहे थे । गेंद यमुना में गिर पड़ी और मेरे सिर चोरी लगाते हैं कि तूने मेरी गेंद चुरा ली और अंगिया में हाथ डालकर खोजते हैं । एक गेंद गई दूसरी मिल गई , श्रीकृष्ण ने मुझ पर चोरी डाली । जाने दो आपके साथ होली -नहीं खेलना है । -गोकुल , वुन्दावन और यशोदा माता धन्य हो , नरसिंह मेहता के स्वामी सांवळिया धन्य हो । दोनों हाथ जोड़कर वर माँगती हूँ कि सदा आपके साथ रहूँगी । जाने दो आपके साथ होली नहीं खेलना है ।",bhili-bhb -"314 -नयाना तोड़ के ढांडड़ी1 उठ नठी भन दोहनी दुध सब डोहलया ए -घत खैर इस कटक दे मोहरी नूं जट उठके रोह विच बोलया ए -किस लुचड़े देस दा जोगिया तूं ऐथे डंड2 की आन के बोलया ए -सूरत जोगियां दी अखी गुंडयां दी टाप कनकदी ते जिउ डोलया ए -जोगी अखियां कढके घत तिऊड़ी लै के खपरी हथ विच तोलया ए -वारस शाह हुण जोग तहकीक3 होया जीउ शागनी दा अगों बोलया ए",panjabi-pan -"170 -नाल रांझया कदी ना साक कीता नहीं दितियां असां कुड़माइयां वे -किथों रूलदयां गोलयां आकयां नूं मिलन एह सयालां दीयां जाइयां वे -नाल खेड़यां दे एहा साक कीजै दितीमसलत सभनां भाइयां वे -भलयां साकां दे नाल चा साक कीजो धुरों एह जो हुंदियां आइयां वे -व���रस शाह अगयारियां भखदियां नी किसे विच बारूद छुपाइयां वे",panjabi-pan -"देखि-देखि मुँह पियरायल, चेरिया बिलखि पूछे हे -देखिदेखि मुँह पियरायल , चेरिया बिलखि पूछे हे । -रानी , कहहु तूँ रोगवा के कारन , काहे मुँह झामर1 हे ॥ 1 ॥ -का कहुँ गे2 चेरिया , का कहुँ , कहलो न जा हकइ हे । -चेरिया , लाज गरान3 के बतिया , तूँ चतुर सुजान4 हहीं गे ॥ 2 ॥ -लहसि5 के चललइ त चेरिया , त चली भेलइ झमिझमि6 हे । -चेरिया , जाइ पहुँचल दरबार , जहाँ रे नौबत7 बाजहइ हे ॥ 3 ॥ -सुनि के खबरिया सोहामन8 अउरो मनभावन हे । -नंद जी उठलन सभा सयँ9 भुइयाँ10 न पग परे हे ॥ 4 ॥ -जाहाँ ताहाँ भेजलन धामन , 11 सभ के बोलावन हे । -केहु लयलन पंडित बोलाय , केहु रे लयलन डगरिन हे ॥ 5 ॥ -पंडित बइठलन पीढ़ा12 चढ़ि , मन में विचारऽ करथ13 हे । -राजा , जलम लेतन14 नंदलाल जगतर15 के पालन हे ॥ 6 ॥ -जसोदाजी बिकल सउरिया , 16 पलक धीर धारहु हे । -जलम लीहल तिरभुवन नाथ , महल उठे सोहर हे ॥ 7 ॥ -सुभ घड़ी सुभ दिन सुभ बार सुभ रे लगन आयल रे । -धनि हे , प्रगट भयेल17 बिसुन देओ , 18 अनन्द तीन लोक भेल हे ॥ 8 ॥ -हरखि हरखि देओ बरसथ19 फूल बरसावथ20 हे । -ललना , सुर मुनि गावथि21 गीत , मन ही मन गाजथि22 हे ॥ 9 ॥ -बाजन बाजये अपार नागर23 नट नाचत हे । -नाचहि गाय24 पमड़िया25 महल उठे सोहर हे ॥ 10 ॥ -नंदजी लुटवलन अनधन अरु गजओबर26 हे । -जसोदा जुटवन भंडार सकल सुख आगर हे ॥ 11 ॥ -सोने के थरिया27 भरी मोतिया , पंडितजी के आगेधरि हे । -पंडित लेहु न अपन दछिनमा , 28 पुतरफल पायल हे ॥ 12 ॥ -बाजन बाजय गहागही29 नंद सुख भूलल हे । -जसोदा सउरिया मैं पइसल , 30 सरग31 सुख लूटथ हे ॥ 13 ॥",magahi-mag -"छाँछ छोली रौड़ी -छाँछ1 छोली2 रौड़ी , -डाँड3 मा फूल फूल्याँ , आई रितु बौड़ी4 । -खणी5 जालो च्यूणो , -चार दिन होन्द , मनख्यों क्वू ज्यूणो6 । -सड़क की धूम , -द्वि दिनक रंदी , प्यारी जवानी की धूम7 । -भेरा8 लीगे भैराक9 , -द्वि दिन की जवानी प्यारी , बथौं10 सी हराक11 । -पाड़ काटे घास , -सदा नी रंदो प्यारी , यो दिन यो मास -आँगूड़ी का तौया , -सदा नी रंदा प्यारी , पाड़12 उन्दू छोया13 । -पड़ बैठे गोणी14 , -हौर चीज लेणी देणी , ज्वानी15 फेर न होणी । -लगी जालो तैक , -ज्वानी नो ओणी , मरी जाण हात फट कैक । -गौडी16 को मखन , -दुनियान मरी जाण , क्या लिजाण यखन । -थोड़ी को मकर , -दुनियान मरी जाण धरती अमर । -गंगा जी को औत17 -तराजू नौ18 तोलि लैणी , कै कि माया19 बौत20 -खलियाण दाँदो21 -माया लाँदा तोय मां , तू गंगा को जांदो -राजा जी की राणी -रगडू22 नो सूकि जाणा , रई स्यलवाणी23 पाणी -सड़के की ऊँटणी -तेरी मेरी माया सूआ , चूलू24 की चटणी -मौली25 जाली दूब -तेरा मन माया लाण , मेरा मन खूब -अंखेड की बूँकू26 -देणी लेणी फूंडो फूको27 , मैं माया कू भूकू -झंगोरा की बाल -जवानी भरी , सुरेसी , जैसा गौं का ताल -दाथुड़ा की धार -कखन दीखेणे पंछी , देवता की चार28 -दूद की जमुन29 -जनम जनम हूण30 , मूंगा माया को जनम31 -धरती अमर -तेरी मेरी माया सूआ , लपलप32 चमर33 । -हाती बुणी माणी34 -माया मसूरी मां लाई , दुटली35 तो जाणी -मंडुआ की धूंसी36 -अपना जोबन देखो , आफी ह्वैं छे खूसी -चाँदी को बटण37 -तोय कैन किकाये38 सूआ , माया को जतन -झंगोरा की धाण -जै कि माथा घनाघोर , आँखियों माँ पैछाण39 ।",garhwali-gbm -"उठ पिया आधी सी रात -उठ पिया आधी सी रात , कोई ढूंढो राजा अपने भातइये -ढूंढा धुर गुजरात , पाये ताऊ जाये पूत -हम तो री बहना अपनी बहना के बीर अपना भैया ढूंढ लो -हिरदय अंगीठी रे राजा जल रही उठ पिया आधी सी रात -सारा ढूंढा पिया मारवाड़ सगला ढूंढ डाला गंगा पार -पाये चाचा जाये पूत -हम तो अपनी बहना के बीर अपना भैया ढूंढ लो -सारा ढूंढा पिया मगध रे ढूंढा गौड बंगाल -अपना भैया ना मिला , मिल गया मामा जाया पूत -हम तो अपनी बहना के बीर अपना भैया ढूंढ लो -आगे चली ढूंढती मिल गये मैया जाये बीर -किन्नै री जीजी बोले हैं बोल किन दिया उलाहना -ताऊ जाये बोले हैं बोल चाचा जाये दिया उलाहना -ली बहना गले लगाय , आंसू पोंछे बहना सालू से -कोई कै दसिया के तेरा मढ़हा कोई कै दसिया का ब्याह -जाओ जीजी घर आपने लाऊंगा दो दल जोड़ -गये वह बजाज की दुकान , सालू बिसावै अपनी बहन को -गये हैं पंसारी की हाट , गोले मेवा मंगावै बहन को -गये हैं सराफ की दुकान , गहने मंगावै अपनी बहन को -लाद लूद सामान चल पड़े , आये बहन दरबार -किसियौ ने आंगन लिपाइयां भैया ने उलदा है भात जी -बहन सुभद्रा ने आंगन लिपाइयां भैया ने उलदा है भात जी -सूना आंगन भर गया मेरा आया माई जाया बीर -सूना आंगन भर गया मेरे आये भतीजे चार",haryanvi-bgc -"रानी डो रानी डो रानी माय बेरिया पालंगो -रानी डो रानी डो रानी माय बेरिया पालंगो -रानी डो रानी डो रानी माय बेरिया पालंगो -सोवेडो माय खुदुमा खुड हास -सोवेडो माय खुदुमा खुड हास -बार डो बाझोरी बये डो बाझोरी माय रीटा पालंगो सोवे -बार डो बाझोरी बये डो बाझोरी माय रीटा पालंगो सोवे -रीटा पालंगो सोवे डो माय रोचो मा रोचो रोवे -रीटा पालंगो सोवे डो माय रोचो मा रोचो रोवे -रानी डो रानी रानी डो माय बेरिया पालंगो सोवे -रानी डो रानी रानी डो माय बेरि��ा पालंगो सोवे -बार डो बांझोरी बार डो बांझोरी माटा रीटा पालंगो सोवे -बार डो बांझोरी बार डो बांझोरी माटा रीटा पालंगो सोवे -रीटा पालंगो सोवे डो माय रोचे मा रेचो रोवे -रीटा पालंगो सोवे डो माय रोचे मा रेचो रोवे -फूजो डो फूजो सीताराम जा फूजो डो माय नागर निशान झूरे -फूजो डो फूजो सीताराम जा फूजो डो माय नागर निशान झूरे -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ बाबा जी -तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ बाबा जी साथ रतनागर चौरी चढ़ै -तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ भाई जी साथ रतनागर चौरी चढ़ै -तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ मामा जी साथ रतनागर चौरी चढ़ै -तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ काका जी साथ रतनागर चौरी चढ़ै",haryanvi-bgc -"जसोदा तेरे लाला ने माटी खाई -जसोदा सुन माई , तेरे लाला ने माटी खाई ॥ टेक -अद्भुत खेल सखन संग खैल्यौ , इतनौ सौ माटी को डेल्यौ -तुरत श्याम ने मुख से मेल्यौ , जानै गटकगटक गटकाई ॥ 1 ॥ -माखन कू कबहूँ ना नाटी , क्यों लाला तैनें खाई माटी -धमकावै जसुदा लै साँटी , जाय नेंक दया नहिं आई ॥ 2 ॥ -ऐसौ स्वाद नांय माखन में , नाँय मिश्री मेवा दाखन में -जो रस ब्रजरजके चाखन में , जानें भुक्ति को मुक्ति कराई ॥ 3 ॥ -मुख के माँहि आँगुरी मेली , निकर परी माँटी की डेली -भीर भई सखियन की भेली , जाय देखें लोग लुगाई ॥ 4 ॥ -मोहन कौ म्हौड़ौ फरवायौ , तीन लोग वैभव दरसायौ -जब विश्वास जसोदाए आयौ , ये तो पूरन ब्रह्म कन्हाई ॥ 5 ॥ -जा रजकू सुरनर मुनि तरसें , धन्यभाग्य जो नितप्रति परसैं , -जिनकी लगन लगी होय हरसैं , कहें ‘घासीराम’ सुनाई ॥ 6 ॥",braj-bra -"जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग -जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग -पीली पीली पट्टियां सदा सुहाग -मेरी सांझी के औरे धोरै चोल्यां की मुट्ठी हे -मैं तने बुज्झूं संझा तेरी कै तोल्यां की गुट्ठी हे -हे मेरे बाप घड़ाई बहना बीरण मोल चुकाई -बेबे नो तोल्यां की गुट्ठी के",haryanvi-bgc -"फाग गीत -चन्दरमा री चांदणी तारा रो तेज मोळो रे । -बालमणा रो भाएलो परदेस नीकाळियो , -मूंडे मळियो नी । -हाँ रे मूंडे मळियो नी , जातोड़ा री पीठ देखी यो , -मूंडे मळियो नी । -एक युवती कहती है कि चन्द्रमा की चाँदनी और तारों का प्रकाश मंद है । मेरे बचपन का प्रेमी बिना मिले परदेश चला गया । मुझसे मिला भी नहीं , जाते हुए उसकी पीठ देखी । इससे वह क्षुब्ध है ।",bhili-bhb -"मात कहे बात भली सुन सुन्दरी -जब ��डकी की विवाह के बाद बिदाई होती है तब सभी महिलाये उसे विदा करते हुए यह सीख देती है । -मात कहे बात भली सुन सुन्दरी , -लक्ष धरी वात न निभाव्जे हो -सयानी कुल न ल्जाव्जे । -ससरा खअपना बाप सम जान्जे , -सासु ख माय सम जान्जे -ओ सयानी . . . -जेठ का सामन हलू हलू चालजे , -जेठानी का मान ख ब्धावजे -ओ सयानी . . . -देवर ख अपना भाई सम जान्जे , -देरानी ख सई सहेली सम जाणिजे -ओ सयानी . . . . -नन्द ख अपनी बैन सम जान्जे , -ननदोई जी आया मिज्वान -ओ सयानी . . . . -मात कहे बात भली सुन सुन्दरी , -लक्ष धरी बात न निभाव्जे -वो सयानी कुल न ल्जाव्जे",nimadi-noe -"77 -पास माउं दे हीर ने गल कीती माही महीं दा आणके छेड़या मैं -नित पिंड दे विच विचार पौंदी एह झगड़ा चा नबेड़या मैं -सुन्ना नित रूलें मंगू विच बेले माही सुघड़ ही आन सहेड़या मैं -माई करम जागे साडे मंगूयां दे साऊ असल जटेटड़ा घेरया मैं",panjabi-pan -"447 -सहती खंड मलाई दा थाल भरया चा कपड़े विच लुकाया ए -जेहा विच नमाज विशवास1 गैबों अजराईल2 बना लै आया ए -उते पंज रुपये सू रोक रखे जा फकर ते फेरड़ा पाया ए -असीं रूहां बहिश्तियां बैठयां नूं ताओ दोजखे दा किथों आया ए -तलब मींह दी वगया आन भुखड़ यारो आखरी दौर हुण आया ए -सहती बन्ह के हथ सलाम कता अगों मूल जवाब ना आया ए -आमल3 चोर ते चैधरी जट हाकम समां होर भी रब्ब विखाया ए",panjabi-pan -"नया घघरु डो माय नाया सुमारी -नया घघरु डो माय नाया सुमारी -नया घघरु डो माय नाया सुमारी -कौना जा खाधा लिजेटेन जूली डोने -कौना जा खाधा लिजेटेन जूली डोने -आफूज डोने आम सेनेवा -आफूज डोने आम सेनेवा -किमीन जा खाधा लिजेटेन जूली डोने -किमीन जा खाधा लिजेटेन जूली डोने -आफूज डोने आम सेनेवा -आफूज डोने आम सेनेवा -कुलारा जा खाधा लिजेटेन जूली डोने -कुलारा जा खाधा लिजेटेन जूली डोने -आफूज डोने आम सेनेवा -आफूज डोने आम सेनेवा -कुटूम्बा जा खाधा लिजेटेन जूली डोने -कुटूम्बा जा खाधा लिजेटेन जूली डोने -आफूज डोने आम सेनेवा -आफूज डोने आम सेनेवा -स्रोत व्यक्ति गुलाबी बाई और लक्ष्मण पर्ते , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq -"निहाली गीत -तारो माटि कालगो आवे वो , बांगड़ भड़के झुणि वो । -बयड़ि आतर ढुलगि वाजिवो , बांगड़ भड़के झुणि वो । -तारो माटि कालगो आवे वो , बांगड़ भड़के झुणि वो । -तारो माटि दीत्यो आवे वो , रेसमि भड़के झुणि वो । -तारो माटि जुवान्स्यो आवे वो , धनि भड़के झुणि वो । -बयड़ी आतर ढुलगि वाजीवो , बांगड़ भड़के झुणि वो । -बारात में महिलाएँ गीत गाती हैं -टेकरी की ओट में ढोलगी बजी है । बाँगड समधन चमक मत जाना । तेरा खसम कौन आ रहा है ? बाँगड़ चकमना मत । तेरा खसम दीत्या आ रहा है , रेशमी चमकना मत । तेरा खसम जुवानसिंह आ रहा है , धनी चमकना मत ।",bhili-bhb -"511 -सहती माउ नूं आखदी सुनी मांईए किस वासते जिउ तपांवनी ए -नुंह लाल जेही अंदर घतिया ई परख वाझ तूं लाल वजांवनी ए -तेरी पूंह पंजफूलड़ी1 पदमनी ए वाऊ लैन खुनों क्यों गवावनी ए -पई अंदरे हो बिमार चली जान बुझ के दुख वधावनी ए -भावे पई रहे दिन रात अंदर नाल शौक दे नहि बलांवनी ए -एह फुल गुलाब दा गुट अंदर पई दुखड़े नाल सुकावनी ए -अठ पहर ही ताड़के विच कोठे पतर पानां दे पई सुकावनी ए -वारस धी सयालां दी मारनी ए दस आप नूं कौन सदावनी ए",panjabi-pan -"किसुन जलम अब भेल, बधावा अब लेके चलऽ -किसुन जलम अब भेल , बधावा अब लेके चलऽ । -गावत मंगलचार , 1 सभे मिलि लेके चलऽ ॥ 1 ॥ -तेलिन लयलक2 तेल , तमोलिन बीरवा3 । -मालिन लौलक4 गुथि5 हार , जसोदा जी के आँगनऽ ॥ 2 ॥ -धनधन पंडित लोग , धने जोग रोहिनी6 । -धन भादों के रात , कन्हइया जी के जलम भेलइ ॥ 3 ॥ -धन जसोदा तोर भाग , कन्हइया तोरा7 गोद खेले । -हरखहि बरखहिं देओ , 8 आनन्द घरे घर मचल । -लुटवत9 अनधन धान , निहुछि10 के निछावर11 ॥ 4 ॥ -कउची12 के लगल पलना , कउची लागल हे डोर । -के रे13 डोलाबे बउआ14 पलना , के रे झूलनहार ॥ 5 ॥ -अगरचनन केरा पलना , रेसम लागल हे डोर । -जसोदा डोलाबथि15 पलना , किसुन झूलनहार ॥ 6 ॥ -सले सले16 झूलहइ17 पलना , मइया देखथि18 रूप । -नंद लुटावथि19 संपति , सभ भेलन नेहाल । -गावथि सुर मुनि कीरति , सिव नाचथ20 दे ताल ॥ 7 ॥ -जे इह सोहर गावथि , गाइ21 देथिन22 सुनाय । -अनधन बाढ़थि लछमी , बाढ़े23 कुल , अहियात24 ॥ 8 ॥ -बाँझ के मिलइ पुतर फल , भरइ25 मरछि26 के गोद । -जलम जलम फल पावहिं , पूरइ सभ मनकाम ॥ 9 ॥",magahi-mag -"गोरी दियां झान्जरां -गोरी दियां झांजरां बुलौन्दिया गैयाँ . . . -गोरी दियां , -गलियां दे विच दंड पौन्दियाँ गैयाँ . . . -गोरी दियां . -अथरी जवानी गल्लां पयी दसदी , -माह़ी गुस्से हो गया न गल वस दी , -राह जांदे राहियाँ नू सुनौन्दिया गैयाँ . -गोरी दियां . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . -काले जे दुपट्टे ने की पई नीर नी , -घुण्ड विच नैन ओहदे लए घेर ने , -मित्रां दा दिल तड़पौन्दिया गैयाँ . -गोरी दियन . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . -सान्बे जाण नखरे न अंग अंग दे , -वीणी उठे नाच्दे बिलोरी रंद गे , -अशिका दे लहू च नहौन्दिया गैयाँ . -गोरी दियां . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . -सांब के तू र��� लै निनाणे गोरिये , -रूप दा सिंगार जालीदार डोरिये , -नूरपुरी कोल शरामौन्दियाँ गैयाँ . -गोरी दियां झांजरां . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . -गलियां दे विच दंड पौन्दिया गैयाँ .",panjabi-pan -"आपे राँझा होई -राँझा राँझा करदी नी मैं , -आपे राँझा होई । -सद्दो नी मैनूँ धीदो राँझा , -हीर ना आखो कोई । -राँझा मैं विच्च मैं राँझे विच्च , -मैं नहीं ओह आप है आपणी , -आप करे दिलजोई । -राँझा राँझा करदी नी मैं , -आपे राँझा होई । -हत्थ खून्डी मेरे अग्गे , -मंगू मोढे भूरा लोई । -बुल्ला हीर सलेटी वेखो , -कित्थे जा खलोई । -राँझा राँझा करदी नी मैं , -आपे राँझा होई । -सद्दो नी मैंनूँ धीदो राँझा , -हीर ना आखो कोई ।",panjabi-pan -"नानो अम्बो नऽ गढ़ झूमको -नानो अम्बो नऽ गढ़ झूमको , -कुण भाई बेड़वा जाय रे । -असा नानाजी भाई पातला , -घोड़िला लिया हजार रे । -गया ते अमुक गांव का घोयरऽ , -व्हांका लोक भाग्या जाय रे । -मत भागो , मत भागो , लोग नऽ होणऽ , -हऊँ छे अमुक बैण को बीरो रे । -निकलो मोठी बैण भायरऽ -बौराजी खऽ लेवो पहेचाण रे । -ई घोड़िलो तो म्हारा बाप को , -बठणऽ वालो माड़ीजायो रे ।",nimadi-noe -"486 -जिवे सोहने आदमी फिरन बाहर किचरक दौलतां रहन छपाइयां नी -अज भावें तां बाग विच ईद होई खाधियां भुखयां ने मठीआइयां नी -अज कइयां दे दिलां दी आस पुजी जम जम जान बागो भरजाइयां नी -वसें बाग जुगां ताईं सने भाबी जियें खान फकीर मलाइयां नी -खाकतोदियां1 दे जिथे ढेर वडें तीरअंदाजां2 नें तानीयां लाइयां नी -अज जो कोई बाग वीच जा वढ़या मुंहों मगीयां दौलतां पाइयां नी -पानी बाझ सुकी दाडी खेडया दी मुन्न कढी है ढोहा नाइयां नी -सयाह भौर होइयां चशमां3 पयारयां दियां भरपूर पौंदे रहे सलाइयां नी -अज आब4 चड़ी ओहनां मोतियां नूं जीओ आईए भाबीए आइयां नी -वारस शाह हुन पानियां जोर कीता बहुत खुशी कीती मुरगाइयां नी",panjabi-pan -"इतनो करि काम हमारो -हमारो हो , इतनो करि काम हमारो २ -कानसराई और गिंजाई की बारी बनवा देना -मगरमच्छ का हँसला झूमै , चंद्रमा जड़वा देना -काँतर की मोइ नथ गढ़वाय दै , जामे लटकै बिच्छू कारो हो -इतनो करि काम हमारो -अंबर की मोइ फरिया लाय दै , बिजुरी कोर धरा देना -जितने तारे हैं अंबर में , उतने नग जड़वा देना -धरती को पट करों घाघरो , शेषनाग को नारो हो -इतनो करि काम हमारो -छत के ऊपर अट्टे के नीचे , चौमहला बनवा देना -बिन पाटी और बिन सेरये के , पचरंग पलँग नवा देना -दिन में जापै बूढ़ो सोवै , राति कों है जाइ बारो हो -इतनो करि काम हमारो",braj-bra -"मालू राजुला -रंगीली वैराट1 मा , रन्दो छयो रंगीलो दोलाशा2 -छौ राजा दोलाशाही , रंगीली को राजा -रंगीली दोलाशाही , ह्वैगे असी को विरबै3 -बुडयांदी4 बगत लगी , तीजा जसी5 जोन6 । -दोलाशाही राजा की , राणी पंवारी बतैं छै -वीं रांणी को विधाता गर्भ रई गए -एको दूजो मास लैगे , तीजो चौथो मास , -पाँचों सातों मास लैगे , आठों नवों मास , -दसाँ मास राणी , वैदन7 लगी गए -बुड्याँदी बगत हे राजा , कनो गरण8 लैगे । -विधाता की लेख9 छई , राजा को बेटा ह्वैगे -गया का बरमा10 बुलौंद राजा , काशी का पण्डित , -देखा मेरा बरमा , ये को राशभाग -तब बरमा , पातुड़ी देखदा ; -राजा इनोजरम , यो भौंपति भौंपाल -रंगीली को राजा जरमे , मालूशाही नाम होलो येको -हे राजा , गया को बरमौन कुछ अलप11 बतैले , -हे राजा , मालशाही को पंचुला ब्यौ करण -नितर12 तुम पर पाप लगण -सौक्यानी देश मा , सौक्यानी सोनूशाही , -सोनूशाही की नौनी , नौरंगी राजुला -तब गैन गया का बरमा13 , सौक्यानी देश मा , -सौक्यानी देस मा , माँगल छा गायेणा -राजा सोनशाही की , जरमी14 , नौरंगी राजुला -आनन्द बड़ई बजदी , सौक्यानो कोट मा -तब बोलदा गया का बरमा -हे राजा सोनूशाही , तेरी नौनी जरमे , -हमारा राजा दोलाशाही को , नौनो होलो मालूशाही , -अपणी नौनी की तू , जबान15 दी दे । -नौरंग राजुला होलो , दसरंग मालूशाही । -तब सोनूशाहीन , राजुला की जबान -दीयाले वीं , रंगीली वैराट । -पंचुला की नौनी छै , पंजुला को नौनो , -जौ जबान ह्वैगे , माँग जाग । -मँगल पिठाई लगे , ढोल दमौं जज्या । -पर राजुला को छौ , बल नाड़ी वेद16 , -ससुरा तैं तब वो पिड़ाये -राजा दोलाशाही , स्वर्गवास ह्वैगे । -मन्त्री तन्त्रियोंन , इनो मन्त्र करे -ई निरभागी ब्वारी17 का मांगण से -ससुरा मरी गए । -या ब्वारी हमून , कतई18 नी ल्यौण । -मालूशाही छोटू छ , तै मा नी सुपौणा -कि राजुला की करीं छै जुवान । -हे जी , बरसू19 बीती गैन20 तब , -पंचुला की नौनी , राजुला अक रंगीली , -सुघर21 तरुणी ह्वैगे । -बुराँस22 कोसी फूल , फूली गए राजुला । -रूप् की छलार23 आँख्यों मा वीं का , -जवानी भरेणी , पाणी कोसी ताल । -राजुला होली , राजों की बेटी , -देवी कोसी रूप होलो , -सूरज कोसी झल्यारो24 । -होई गए राजुला , ब्यौवोणा का लैख25 , -पर हे जी रंगीली का राज की -औणी26 नी छ जाणी27 । -पंचुला की नौनी माँगी छई , -तब बिटी28 करे , नी कैन29 खबर सार । -राजुला माँगण तब , औंदा दुरुदुरुन राजा , -राजुला होली भली बाँद30 , व्यवैक ल्यौण । -राजा सोनूशाही पर , भौत खरी31 ऐगे , -धरम को बाँ���्यूं छौ , शरम की मान्यूँ । -रंगीली राजान हमारो , कनो नाक कटाये , -ई बेटीन कनी दशा कराये । -बड़ाबड़ा राजा ऐन , टालदो रैन ऊंतैं32 । -पर जलन्धर देश मा , रन्द छा विधनी विजैपाल , -राजुला की चारजोइ , सूणी तब तौन , -घूमदाघूमदा आई गैन , सौकानी देशमा , -सेवा मानी , सेवा मानी , राजा सोनूशाही , -राजुला को डोला हमन , जलन्धर देश पौंछोण । -देन्दी छै ससुरा त , कट दे जुबान । -नितर33 तेरो सौकानी राजा , बाँजा34 डाली द्योला । -अपणा नौ35 का , विघनी छौं हम , विजैपाल छाँ । -डर का मारा सोनू शाहीन , ना किलै36 बोलणू छौ ? -राजुला की जुवान , वैन ऊं दियाले । -आठवाँ ऐत्वार37 , औली हमारी बरात , -तब विघ्नी विजेपाल , अपणा जलन्धर गैन । -रूवसी राजुला छई , आम जसी फाँक , -कनी तकदीर फूटे , गई जलन्धर देस ? -तब बोदी वा राजुला , चल चाची छमुना , -सारा जाँद अपणो देस देखाइयाल , -वण देखाइयाल वासो । -उच्च पर्वत बिटी38 , सारी दुनिया देखदी -हे चाची , शैरू 39 मा , के कु शैर पियारो ? -राजों मा कु राजा पियारो ? -मेरी तकदीर फूटे , गये जलन्धर देस । -तेरी तकदीर फूटे , बेटी गई जलन्धर देस , -ओ रंगीली बैराट मा , तेरी जुबान दियेणी छै -रंगीली को राजा छयो , नौरंग मालूशाही , -नौरंगू मालूशाही , दसरँगी राजुला । -ओ कख छ रंगीलो बैराट हे चाची । -ऊँचा पंवाली काँठा40 देख तै राजुला । -अच्छुत मैं जांदूं छमुना चाची , वै रंगीलीकोट मा , -हात धरे टालखी41 राजुला न , -वैराट42 पैटी गए राणी । -हाँ , सु कनो सोनशाही को , छयी इस्टदेव भैरव , -भैरव का कानू मा , खबर पौंछी गए । -विधनी विजैपाल , सोनगढ़ तोड़ी जाला -वो राजुला की , कनी43 मति44 हरे । -डेढ़ हात भैरों , जान्द राजुला की ढूँड , -वैराट को राजा , स्यो रंगीली मालूशाही , -मालू शाही का होला , रौल्या45 ओल्या46 घट । -तौं घटू मू पौंछीगे , तब रंगाली राजुला , -हे जी भैरव न , तब टाड47 कैले बाड -घर त त्वई राजुला , औणू होल -में सोनूशाही को , डेड हात भैरव -तेरो मड़ो48 मरयान , कुलदेव भैरव , -किलै49 रस्ता रोकदी , मैं जाण दे -छट छोड़े भैरव न , रस्ता राजुला भागी , -रूबसी राजुला पौंछीगे , रंगीला बैराट -राजुला से भी पैले , पौंछीगे भैरव , -मालूशाही क तैं , निन्दरा50 जाप51 ह्वेगे , -बार बरस की वे निन्दरा पड़ोगे -दस रंग राजुली को , हिया भरी औन्द , -हे मेरा भैरव , कनो करे त्वैन मैकू ? -तेरी जोई52 भैरव , जू राँड होयान । -लपटौन्दी53 झपटौदी54 मालूशाही नी बीज55 , -रूबसी राजुला , तब कागली लेखदो -मैं पंचुला की कन्या मालूशाही , -माँगणी56 कबूल कै छई । -विधनी व���जैपाल लिजाणा छन मंई57 , -त्वे बियाणी58 मंई त , -ऐ जाणू जलन्धर देस मा । -हीरा की गुण्ठी चढ़ाये वैका हात , -रोन्दीबराँदी राजुला , सौकानी देस मा ऐ गए । -तब डेढ़ हात भैरवन मालूशाही को -जाप59 खोली याले । -हीरा की गुण्ठी60 देखे , वैन अपणा हात , -तब राजा को , हिया भरी औंद , -राजुला मेरी राणी , होली मेरो पराणी । -हे राम , वा कतना , दुख सैणी होली , -आँसू छोड़दी होली , पथेणा61 नेतर । -हे राजा , तब धरे , जोगी को रूप , -कनो छोड़े रंगीलो वैराट , -माता जी छोड़ दी , वैका पथेणा नेतर , -कख गई होली , मालूशाही मेरो लाडो62 । -तब सूणदी माता , रंगीली बैराट को राजा -गै63 गुरू गोरख की थली64 -गुरू जी गोरख तब , वै सणी देन्दा विद्या । -बोदा तब गुरू गोरखनाथ -जा मेरा चेला , तू मां कर घर , -भोजन करी अऊ । -तब औन्द मालूशाही रंगीली वैराट -माता को शरीर तब भरी ओन्द -कनो65 दिखेन्दी66 मेरा मालूशाही की चार67 । -मेरो मालूशाही भी इनी ही छौ । -हे माता , एक सरूप् का कना कना होण्दान , -हे माता , तू मैं आशिर्वाद दे -आज भोरजन तेरा घर मा होलू । -पकौंदी भोजन तब बुडढ़ी माता , -हे जी माता को शरीर धीरज धरद -मेरो मालूशाही छयो पंचगास्या ज्वान । -यो पंचग्रासी हालो त मेरो मालू ही छ । -तब बुलाये वींन जोगी भोरजन जिमौणा -एक गास धरे जोगीन गाई का नौऊ68 ,",garhwali-gbm -"देव खितरपाल घड़ी-घड़ी का विघ्न टाल -देव खितरपाल1 घड़ीघड़ी का विघ्न टाल -माता महाकाली का जाया2 चंड भैरों3 खितरपाल -प्रचंड भैरों खितरपाल , काल भैरों खितरपाल -माता महाकाली का जाया , बूढ़ा महारुद्र का जाया",garhwali-gbm -"मालू राजुला -हैको गास छोड़े विरालीक1 तई । -तीसरो गास छोड़े अगनी का नऊ । -चौथो गास वो अफू भोरजन कर्द । -छोड़ याले तब साई न माता को थाल , -मालूशाही की माता झप2 अंगवाल3 मारदे । -तू जोगी नी छई तू छई बेटा मेरो । -किलै4 छोड़ी बेटा , सात राणी बौराणी ? -किलै छोड़ी राजा अपणी रैत5 मैत ? -नि छऊ माई मैं तेरो मालूशाही , -न मेरी राणी छई न मेरो राज । -मालूशाही माता दणमण6 रोन्दे : -तू बोल न बोल बेटा , तू मेरो मालू छई । -कनो7 निरमोही होई तु -कै8 पापीन भरमाई9 । -कंचन काया छै तेरी उजली आतमा , -केक बेटा त्वैन यो राखो रमाई ? -मैं नी छऊँ मेरी माता , तेरो जायो10 , -मैं छऊं माता गुरू गोरख को चेलो । -तब गाडे जोगीन बोकसाड़ी11 विद्या , -वैई12 बगत13 मा वो अन्तर्ध्यान ह्वैगे -छोड़ तब्री रंगीली वैराट , -चली गए वो जलन्धर देस मा -जलन्धर देस मा विषल्या का शैर14 । -वै शैर मा रन्दी छई वा राणी विषल्या , -जै रा���ी की छई विष की मगरी15 , -ऊ मगरियों मा विष चारियूं छयो , -जु तें पाणी पेंद छौं , विष खै मरी जांद छयो , -मालशाही जोगी पौंछीगे दोफरी का धाम , -विष की मगरी पाणी पीयाले । -जोगी तई तब विष लगो गए -ढली गये वो चन्दनसी गेंडो16 । -राणी विसल्या तब पाणी भरण ऐगे , -देखे वैन जोगी पड्यूं -हात हात भर की जटा बेत17 बेत भर का नंग18 , -पर मुखड़ी पर वैकी बाला19 सुरज की उद्यों20 छौं -वीं स्वाणी21 सूरत भोली मूरत देखी , -वीं दया ऐगे । -लक22 लगाये वींन , विष गाडीयाले , -जीतो23 होई गए मरयूं मालूशाही -तनी24 जीती25 रयान सुणली26 सभाई । -तब बोलदी विषल्या रौतेली -तुम मेरा नाथ साई , मैं तुम्हारी जोगीणा । -विसल्या मैं जाग जलन्धर देस , -जब घर औलू त्व विवै ल्यौलू । -रंगीली को राजा छऊँ , मैं रंगीली मालूशाही । -तिन मेरा पराण बचाया , -त्वै मैं विषल्या , भुलण्या नी विसरण्या । -हे जी , तब जांदू मालूशाही जलन्धर देस मा , -विघनी विजैपाल छा घट27 मू , -तब मिली गैन विधनी विजैपाल । -चार गारा मन्त्रीन साई न , -देखा दूं तब तौंका घटा बन्द होई गैन , -तब औंदन जोगी मू कये बिघनी विजैपाल , -हे भायों , केव घट बन्द होइन ? -हे भाई , तू छई मातमी28 जोगी , -हमारा घट बन्ध्या गैन । -तु कुछ तन्त्र जाणनी त -हमारो कारज साधी ले । -अहा , ई किसम को साधू हम नी मिलणो ? -तब बोलदो जोगीहे विघनी विजैपाल , -राजुला न व्यायान , तुमन मारीइ जाण । -जोगी पौंछीगे तब राजुला का पास , -राजुलीन देखे रूपवन्तो साई , -कनू देखेन्द यो मालूशाही की तरौं । -मालूशाही बोल्दराजुला रौतेली , -तेरा नौं को जोगी छौ , तेरा रूप को भोगी । -भौ29 कुछ होइ जान , मैन तू बेवैक ल्याणी । -तेरा बाना30 छोड़ी राजुला रंगीली बैराट , -तेरा बाना छोड़ी राजुला , राण्यों का भौन । -तेरा बाना छोड़ें राजुला , माता की माया , -तेरा बाना धरे जोगी को ध्यान । -आई गैन तबारे विघनी विजैपाल , -राजुला हमारी होली , तू जोगी कखन31 आयो ? -विघनी विजैपाल छा बांका भड़ , -ऊँ देखी पड़32 कम्पदा छा , डाल्यों33 का जड़ला34 । -ऊँन तब जुद्ध शुरू करीयाले । -मालूशाही होलो बोक्सा35 को चेला , -कनी खोली वैन बगसाड़ी36 विद्या -इना भैरव तब पैदा ह्वैन -जौन विघनी विजैपालू का कलेजा -कोरीकोरी खैन । -एक नी ऊँन छोड़ीन विघनी विजैपाल , -गाबा37 सी काटीक , निमो38 मी निचोड़ीन39 । -तब प्रफूल ह्वैगे राजुला राणी , -तुम होला स्वामी मेरा पूर्वला40 का सांगाती41 , -मैं तुमारी छऊँ , तुम मेरा छतर42 । -तब सिंगार करदी राजुला रंगीली , -आँख्यों गाजल43 चढौंदी , माथा वेंदी -भली गाड़दी44 स्यू45 द पाटी , फूलून सजैक । -तब सजीगे वींको औला46 सरी47 डोला , -नौरंग मालूशाही छौ दस रँगी राजुला । -रंगीलो मालूशाही औंद रंगीली वैराट , -रंगीली वैराट मा जै जै होंद",garhwali-gbm -"मृत्यु गीत -टांडो लाद चल्यो बणजारो । -टेक अरे मन लोभी थारो काई रयण को पतियारो । -चौक1 गिर पड्यो कोट , बिखर गइ माटी ॥ -माटी को हुइ गयो गारो , थारो कइ रयण को पतियारो । -मन लोभी थारो कइ रयण को पतियारो । -चौक2 वाड़ लगायो तुन बहुत रसीलो भाई -जेकि पेरी को रस न्यारोन्यारो । -थारो रयण को कइ पतियारो । -चौक3 बुझ गयो दीपक जळ गइ बाती ॥ -भाई थारा महल म पड़ि गयो अंधियारो । -थारो काइ रयण को पतियारो -मन लोभी , टांडो लाच चल्यो बणझारो , -थारो काइ रयण को पतियारो -चौक4 लेय कटोरो भिक मांगण निकल्यो ॥ -भाइ कोइ न नि दियो उधारो , -थारो रयण को काइ पतियारो । -टांडो लाद चल्यो बणझाारो , -थारो रयण को काइ पतियारो । -छाप कई ये कबीर सुणो भई साधु -ऐसा संत अमरापुर पाया , -थारो रयण को कइ पतियारो । -बणजारा अपना टांडा बैलों पर लादकर चला । अरे मानव तू उस बणजारे की -बालद के समान अल्प समय के लिए इस संसार में आया है । बणजारा अपने मार्ग -पर जाते हुए रात्रि में ठहरता है और सबेरा होते ही अपने गंतव्य की ओर टाण्डा -मालअसबाब बैलों पर लादकर चल पड़ता है , उसी के समान मानव तू भी दुनिया -में आया है और समय पूरा होने पर चल पड़ेगा । अरे मन तेरे रहने का क्या भरोसा -है , यानी कब दुनिया से जाना पड़ेगा , क्या भरोसा है ? -यह शरीर पंचत्व का बना है , कच्ची मिट्टी के कोट के समान है । जिस प्रकार कच्ची -मिट्टी का किला गिरकर बिखर जाता है और उस माटी का गारा हो जाता है , उसी -प्रकार कब जीव इस घर को छोड़कर चला जायेगा और यह पंचतव्व द्वारा निर्मित देह -मिट्टी गारा हो जायेगी । तेरा रहने का क्या भरोसा है ? अरे लोभी मन तेरा रहने का -क्या भरोसा है ? तात्पर्य है जो भी भजन , धरमपुण्य , भले कार्य करके अपने मोक्ष प्राप्ति -का मार्ग प्रशस्त कर । -अरे लोभी मानव तूने बहुत मीठे रस वाला गन्ने का खेत भरा , उस गन्ने की पेरी गन्ने -में कुछकुछ दूरी पर गठानें होती हैं , उन गठानों के बीच के भाग को पेरी कहते हैं के -रस की मिठास अलग होती है । जड़ के ऊपरी हिस्से की पेरी का रस ज्यादा मीठा होता -है और ऊपर जैसेजैसे पेरी आती है क्रमशः उन पेरियों के रस की मिठास कम होती -जाती है । -मनुष्य तू प्रारम्भ से ही भगवान की भक्ति में लग जा ���र उस भक्ति की मिठास को प्राप्त -कर , उसमें मजा ले । आगे क्या भरोसा है , कब तक दुनिया में रहना होगा ? -अरे मानव दीपक बुझ जाता है और फिर रहीसही बत्ती भी जल जाती है । अरे भाई दीपक -बुझा और तेरे महल में अंधेरा हुआ । जीव चला गया तो इस शरीर में अंधेरा हुआ और -शरीर की हलचल समाप्त हो जाती है । मानव तन तेरे रहने का क्या भरोसा है ? -इसलिए प्रारम्भ से ही चेत जा । कबीरदास जी कहते हैं कि जो मनुष्य प्रारम्भ से -ही चेत कर भगवान की भक्ति और भले कर्म धरमपुण्य कर लेते हैं , ऐसे संत -अमरापुर पा लेते हैं ।",bhili-bhb -"कर जोर खड़ी गिरिजा ढिग राज दुलारी -कर जोर खड़ी गिरिजा ढिंग राज दुलारी , -जगदंबे अंबे हिय की तुम जानन हारी । -कीन्हों न प्रगट तेइसें कारण बखान के , -कर देहू सफल सेवा , अब मातु हमारी । -कर जोर . . . -कह सके न शेष शारद महिमा अपार है , -बड़अगु पतिव्रत में जगलोक तुम्हारी । । -कर जोर . . . -कंचन कुंअरि सप्रेम विनय भाल कंठ से , -दीन्हीं असीस सिय को हंस शैल कुमारी । । -कर जोर . . .",bundeli-bns -"आमानी निलया घोड़ाकेन सिगारो ऐ जा बेटा -आमानी निलया घोड़ाकेन सिगारो ऐ जा बेटा -आमानी निलया घोड़ाकेन सिगारो ऐ जा बेटा -रागो बेटा मूलाकी चाकोरी सेने -इयानी बालपने रानी सेडो आयोम -जेमा सिरे बाये -इयानी बालपने रानी सेडो आयोम -सोलह किवाडू टालान आयोम हिन्डोरा झूले -आमानी निलया घोड़ाकेन सिगारो ऐ जा बेटा -रागो बेटा मूलाकी चाकोरी सेने -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"मेरे तो पीर उठे ननदी हँसत फिरे -मेरे तो पीर उठे ननदी हँसत फिरे ॥ 1 ॥ -बाहर बैठे ससुर हमारे , ससुर , तोरे पइयाँ पडूँ । -ननदी बिदा करो , झलाही1 बिदा करो ॥ 2 ॥ -बाहरे बैठे भैंसुर2 हमारे , भैंसुर तोरे पइयाँ पडूँ । -ननदी बिदा करो , झलाही बिदा करो ॥ 3 ॥ -बाहर बैठे सइयाँ हमारे , सइयाँ तोरे पइयाँ पडूँ । -ननदी बिदा करो , झलाही बिदा करो ॥ 4 ॥ -कंगन सोनार घरे , चुनरी रँगरेज घरे । -गंगा जमुना बाढ़ आई , कैसे बिदा करूँ ॥ 5 ॥ -मेरे से कंगन ले लो , मेरे से चुंदरी ले लो । -नइया चढ़ा ननदी बिदा करो ॥ 6 ॥",magahi-mag -"हुण मैं अनहद नाद बजाया -हुण मैं अनहद नाद बजाया , -तैं क्यों अपणा आप छुपाया , -नाल महिबूब सिर दी बाज़ी , -जिसने कुल तबक लौ साजी , -मन मेरे विच्च जोत बिराजी , -आपे ज़ाहिर हाल विखाया । -हुण मैं अनहद नाद बजाया । -जद ओह लाल लाली पर आवे , -सुफैदी सिआही दूर करावे , -अङणा अनहद नाद वजावे । -आपे प्रेमी भौर भुलाया । -हुण मैं अनहद नाद बजाया ।",panjabi-pan -"रमजनिया का दुखड़ा -रोईरोई कहतिया बुढ़िया रमजनिया , -का कहीं ए बाबा आपन दुख के कहनियाँ । -जेठवा बेटउआ के कइनी सगाई , -अइसन बिआ मिलल दुलहिनिया भेटाइल , -खटिया पर पानी ध के माँगे ले भोजनिया । का कहीं . . . -कबो उहो घरवा में झाड़ू ना लगावे , -दिनभर भतरा के मुँहवे निहारे , -भतरे के किरिया खाले मोर दुलहिनिया । का कहीं . . .",bhojpuri-bho -"जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी -जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी -जीजा बोलदा कोन्या -कहो तो जीजा तेरा हैट बण जाऊं -जीजा बोलदा कोन्या -पठ्यां के अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं -जीजा बोलदा कोन्या -जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी -जीजा बोलदा कोन्या -कहो तो जीजा तेरा चसमा बण जाऊं -जीजा बोलदा कोन्या -नैणा कै अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं -जीजा बोलदा कोन्या -जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी -जीजा बोलदा कोन्या -कहो तो जीजा तेरा बिसतर बण जाऊं -जीजा बोलदा कोन्या -तकिये कै अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं -जीजा बोलदा कोन्या -जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी -जीजा बोलदा कोन्या -कहो तो जीजा तेरी घड़ी बण जाऊं -जीजा बोलदा कोन्या -चेन के अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं -जीजा बोलदा कोन्या -जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी -जीजा बोलदा कोन्या",haryanvi-bgc -"सास मैं तो पाणी नै गई थी री -सास मैं तो पाणी नै गई थी री -बेटा तो तेरा नंगा खड्या था री -सास मेरी लीली बेच दे री -छेल नै साफा मांगा दे री -सास मैं तो बागां मैं गई थी री -बेटा तो तेरा नंगा खड्या था री -सास मेरे डांडे बेच दे री -छेल ने मुरकी गढ़ा दे री -सास मैं तो कुआं पै गई थी री -बेटा तो तेरा नंगा खड्या था री -सास मेरा दामण बेच दे री -छेल नै कुरता सिमा दे री -सास मैं तो गलिआं मैं गई थी री -बेटा तो तेरा नंगा खड्या था री",haryanvi-bgc -"हथलेवो दादा को ए पोती कर हथलेवो कराइयो -हथलेवो दादा को ए पोती कर हथलेवो कराइयो -हथलेवो ताऊ की ए बेटी कर हथलेवो कराइयो -हथलेवो बाबल की ए बेटी कर हथलेवो कराइयो -हथलेवो भाई की ए भाण कर हथलेवो कराइयो -हथलेवो मामा की ए भाणजी कर हथलेवो कराइयो",haryanvi-bgc -"अवध मे जन्मे राम सलोना -अवध में जन्मे राम सलोना -बंधनवारे बंधे दरवाजे -कलश धरे दोऊ कोना । अवध . . . -रानी कौशिल्या ने बेटा जाये -राजा दशरथ के छौना अवध . . . -रानी कौशिल्या ने कपड़े लुटाये -राजा दशरथ ने सोना । अवध . . . -हीरा लाल जड़े पलना में -नजर लगे न टोना । अवध . . .",bundeli-bns -"मैनूँ दर्द अवल्लड़े दी पीड़ -मैनूँ दर्द अवल्लड़े दी प���ड़ । -सहीओ दर्द अवल्लड़े दी पीड़ । -मैनूँ छड्ड गए आप लद्द गए , -मैं विच्च की तकसीर । -रातीं नींद न दिन सुख सुत्ती , -अक्खीं पलटिआ नीर । -तोपाँ ते तलवाराँ कोलों , -इशक दे तिखड़े तीर । -इशके जेड ना ज़ालम कोई , -एह ज़हमत1 बेपीर । -इक पल साएत2 आराम ना आवे , -बुरी ब्रिहों दी पीड़ । -बुल्ला सहु जे करे इनाएत , -दुख होवण तगयीर3 ।",panjabi-pan -"उड़ जा रे कागा लेजा रे तागा -उड़ जा रे कागा लेजा रे तागा जांदा तो जइये मेरै बाप कै -मैं तो नाम न जाणू बेब्बे गाम ना जाणू कौणसी तो मैड़ी तेरै बाप की -नाम बताद्यूं गाम बताद्यूं मैड़ी तो बताद्यूं मेरे बाप की -एक ऊंची सी मैड़ी लाल किवाड़ी , वो घर कहिए मेरे बाप का -एक मेरे बाप के चार धीअड़ थी , चारों तो ब्याही चारों कूट में -एक बागडण में दूजी खादर में तीजी हरियाणा चौथी देस में -मेरे सिर पर कागा हाथ भुआरी भरूंट भुवारूं में खड़ी खड़ी -मैं सट सट मारूं डस डस रोवूं रोवूं नाई का तेरे जीव नै",haryanvi-bgc -"225 -मसलत हीर दयां सौहरयां एह कीती मुड़ पेइड़े1 एह न घलनी जे -चाक मुड़ चम्बड़े विच सयालां एह गल कुसाक2 दी हलनी जे -आखर रन्ना दी जात बे वफा हुंदी जा पेईअड़ घरीं एह मलनी जे -वारस शाह दे नाल ना मिलनदेनी एह गल ना किसे उथलनी3 जे",panjabi-pan -"ईसुरी की फाग-4 -उनकी होय न हमसों यारी -उनसों होय हमारी -मन आनन्द गईं मन्दिर में , शिव की मूरत ढारी -परसत चरन मनक मुन्दरी में , मुख की दिसा निहारी -गिरजापति वरदान दीजिए , जौ मैं मनें बिचारी -ईसुर सोचें श्री कृष्ण खों , श्री बृखमान दुलारी -भावार्थ -वे हमसे प्रेम करें या न करें , हम उनसे प्रेम करते हैं । वे मन्दिर में गईं , शिव जी पर जल चढ़ाया , पर अपनी अंगूठी के -नग में जब मुखदशा निहारी तो अपने चेहरे की जगह उदासनिराश ईसुरी ही दिखाई दिए । मन्दिर में एक ब्राह्मण को -जाने से कौन रोक सकता है ? वृषमान नन्दिनी की तरह उसने वरदान मांगा कि हे गिरिजापति मेरी मनोकामना पूरी -करो ।",bundeli-bns -"हरे नोटिस आयारे राजा राम का -हरे नोटिस आयारे राजा राम का , -आरे तामील कर लेना -१ जमपती राजा आई बैठीयाँ , -अरे बैठीया पंख पसार -हंसराज को हो लई गया -लईगया स्वर्ग द्वार . . . . -नोटिस आयारे . . . . -२ काया सिंगारी राई आगणा , -झुरी रया सब लोग -साज बाज घर बाजी रयाँ -उड़े रंग गुलाला . . . . -नोटिस आयारे . . . . . . . -३ माता रोवे रे थारी जलमी , -बईण वार त्योहार -तीरया रोयवे थारी तीन घड़ी -दुसरो घर बार . . . . -नोटिस आयारे . . . . . . . -४ कहत कबिर धर्मराज से , -साहे��� सुण लेणा -अन्त का परदा हो खोल के -जीनको अन नी पाणी . . . . -नोटिस आयारे . . . .",nimadi-noe -"भजन -खेती खेड़ो हरि नाम की , तेमा मिलसे से लाभ ॥ -पाप ना पालवा कटावजो , धरमी हळे अपार ॥ -एची खेचिन बायरा लावजो , खेती कंचन थाय ॥ -खेती खेड़ो रे हरि नाम की , तेमा मिलसे से लाभ ॥ -ओमसोम दोउ वाळ दिया , हाँरे सुरता रास लगाय ॥ -रास पिराणा धरिन हातमा , -हाँ रे सूरा दिया ललकार , खेती खेड़ो रे हरि नाम की , -तेमा मिलसे रे लाभ ॥ -सत कारे माळा रोपजो , धरमी पयड़ी बंधाव ॥ -ग्यान का गोळा चलावणा , -हाँ रे पंछी उड़उड़ जाय , खेती खेड़ो रे हरि नाम की ॥ -ववन वकर जुपाड़जो , सोवन सरतो बंदाय , -कुल तारण बीज रे बोवणा , -हाँ रे खेती लटालुम थाय , खेती खेड़ो रे हरि नाम की ॥ -दावण आइ रे दयाल की , पाछी फेरी नि जाय ॥ -दास कबिर की रे विणती न रे , लज्जा राखो रे भगवान ॥ -खेती खेड़ो रे हरी नाम की , तेमा मिलसे रे लाभ ॥ -खेती खेड़ो रे हरी नाम की । -भगवान के नाम की खेती करो । भगवान का भजन करो , उसमें लाभ मिलेगा । -इस खेती में पाप के जो वृक्ष उगे हैं , उन्हें खुदवाओ । धर्म खूब करो और उन वृक्षों को खींचखाँचकर बाहर निकालो , जिनसे तुम्हारे जीवनरूपी खेती का सौन्दर्य बढे़गा । इसके बाद तुम्हारी खेती सोना ही जायेगी ।",bhili-bhb -"राजी हुए ऊं के दादा दादी खुसी हुई महतारी जी -राजी हुए ऊं के दादा दादी खुसी हुई महतारी जी -आज म्हारे बनड़े पर चंवर ढलैगा छत्र तनैगा बड़ा भारी जी -राजी हुए ऊं के ताऊ ताई खुसी हुई महतारी जी -आज म्हारे बनड़े पर चंवर ढलैगा छत्र तनैगा बड़ा भारी जी -राजी हुए ऊं के चाचा चाची खुसी हुई महतारी जी -आज म्हारे बनड़े पर चंवर ढलैगा छत्र बनैगा बड़ा भारी जी",haryanvi-bgc -"नवगुन लगल सनेह, सोहाग रात निंदिया -नवगुन1 लगल सनेह , सोहाग रात निंदिया । -सेहो पयसी सुतलन दुलरइता दुलहा , जवोरे दुलरइतिन दुलही हे ॥ 1 ॥ -ओते सुतूँ ओते सुतूँ सुगही हे , सोहाग रात निंदिया । -पुरबी चदरिया मइला भेल रे , सोहाग रात निंदिया ॥ 2 ॥ -एतना बचन धनि सुनहु न पयलन , सोहाग रात निंदिया । -चलि भेलन नइहरवा के बाट , सोहाग रात निंदिया ॥ 3 ॥ -घुरूँ घुरूँ2 आहु चलु मोर सेजरिया , सुहाग रात निंदिया । -संखा चुड़िया3 पहिराय देबो हे , सोहाग रात निंदिया ॥ 4 ॥",magahi-mag -"हाय ला दो पान पिटारी, हमारे जाने की तैयारी -हाय ला दो पान पिटारी , हमारे जाने की तैयारी -हाथ तुम तो राजा मेरे नीचे खड़े हो -हाय हम खड़े हैं अटारी , हमारे जाने की तैयारी -हाय तुम तो राजा मेरे ���ले दूकानों -ले जाओ छलला निसानी , हमारे जाने की तैयारी -हाय तुम तो राजा मेरे बम्बई चले हो -दे जाओ फोटू निसानी , हमारे जाने की तैयारी -डोली भी आ गई कहार भी आ गए -आ गये वो बीरण हजारी , हमारे जाने की तैयारी -डोली भी चल दई कहार भी चल दिये -चल दिये हम बीरण हजारी , हमारे जाने की तैयारी -डोली का पड़दा उठा के जो देखूं -राजा ने खाई है पछाड़ी , हमारे जाने की तैयारी -हाय तुम तो राजा मेरे चुपके भी हो जाओ -जाने की कर दूंगी टाली , हमारे जाने की तैयारी",haryanvi-bgc -"चनन काटिए काटि, पिढ़वा बनयबइ सिवसंकर हे -चनन काटिए काटि , पिढ़वा1 बनयबइ सिवसंकर हे । -से पिढ़वा रामजी बइठयबइ , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 1 ॥ -सोना के पइलवा2 में सेनुरा धरबहइ सिवसंकर हे । -सीता के मँगिवा भरयबइ , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 2 ॥ -सोना के परियवा3 में अछत धरबवइ सिवसंकर हे । -सेहु अछत रामजी चुमयबइ , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 3 ॥ -घुमावे चखली में सासु मनाइन4 सिवसंकर हे । -चुमिचुमि देल असीस , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 4 ॥ -जुगजुग जियजिन रामचंदर सिवसंकर हे । -होइहो अजोधेया के राजा , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 5 ॥",magahi-mag -"388 -असीं सबर करके चुप हो बैठे बहुत औखियां एह फकीरियां ने -नजर तले क्यों लिआवें तूं कन्न पाटे जैंदे हसदे ना जंजीनियां ने -जेहड़े दरशनी हुंडड़ी1 वाच बैठे सब चिठियां उन्हां ने चीरियां2 ने -तुसीं करो हया कुआरियो नी अजे दुध दियां दंदियां खीवियां ने -कही चंदरी लगी है आन मथे अखी भरदियां भौन भंबीरियां ने -मैं तां मार तलटियां3 पट सटां मेरी उंगली उंगली पीरियां ने -वारस शाह फौजदार दे मारने नूं सैना सारियां वेख कशमीरियां ने",panjabi-pan -"म्हारा घर मदनसिंह जलमियो -म्हारा घर मदनसिंह जलमियो । -हऊँ तो जोसी घर भेजूं बधाओ , -हमारा घर पोथीपुराण लई आवऽ । -पोथी वाचसे नानोसो बालुड़ो , पुराण वाचसेऽ ओको बाप । -मारूणी न मदनसिंह जलमियो । -हऊँ सोनी घर भेजूं बधाओ , -म्हारा घर कड़ातोड़ा लइ आवऽ । -तोड़ा पेरसे नानोसो बालुड़ो , कड़ा पेरऽ नाना को बाप । -मारूणी न मदनसिंह जलमियो । -हऊँ तो बजाजी घर भेजूं बधाओ , -म्हारा घर साड़ी वागो लई आवऽ । -साड़ी पेरऽ गा नाना की माय , -वागो पेरऽ नाना को बाप । -मारूणी न मदनसिंह जलमियो । -हऊँ तो दरजी घर भेजूँ बधाओ , -म्हारा घर झगोटोपी लई आवऽ । -झगो पेरऽ गा नानसो बालुड़ो , -टोपी पेरसे नाना को भाई । -मारूणी न मदनसिंह जलमियो । -हऊँ तो बीराजी घर भेजूँ बधाओ , -म्हारा घर पंचो पेळो लई आवऽ -पेळो पेरऽ गा नान�� की माउली , -पंचो बांधऽ गा नाना को बाप -हऊँ तो सबईघर भेजूँ बधाओ , -मारूणी न मदनसिंह जलमियो ।",nimadi-noe -"चंदा थारी चांदणी सी रात -चंदा थारी चांदणी सी रात -झालीजी रमवा नीकल्याजी म्हारा राज -रम्याखेल्या घड़ी दोयचार -ससराजी आणे आवियाजी म्हारा राज -चालो बऊ बड़ , चालो मोटा घर की नार -छोटा घर की धीमड़ी जी म्हारा राज -जेठजी आणे आवियाजी म्हारा राज -चालो बऊ बड़ , चालो मोटा घर की नार -मारूजी आणे आविया जी म्हारा राज मा -चालो भाभीसा , चालो मोटा घर की नार -मारूजी आणे आविया जी म्हारा राज -चालो मारूणी , चालो मोटा घर की नार -म्हें छोटा घर की धीवड़ी जी म्हारा राज",malvi-mup -"एरी बनड़ा चलै नां चलणदे -एरी बनड़ा चलै नां चलणदे , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया -बनड़ा सीस तेरे का सेहरा , बनड़ा कान तेरे के मोती -एरी उस की लड़ियां लहरा ले , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया -बनड़ा गल तेरे का तोड़ा , बनड़ा अंग तेरे का जामा -एरी उस की चोली लहरा ले , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया -बनड़ा हाथ तेरे की घड़ियां , बनड़ा पैर तेरे का जूता -एरी उस की चलगत लहरा ले , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया -बनड़ा हेठ तेरे की लीली , बनड़ा सेज तेरे की बनड़ी -एरी उस की जोड़ी लहरा ले , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया",haryanvi-bgc -"241 -टिले जाय के जोगी दे हथ जोड़े सानूं अपना करो फकीर सांई -तेरे दरस दीदार दे देखने नूं आया देस परदेस नूं चीर सांई -सिदक धार के नाल यकीन आया असीं चेलड़े ते तुसीं पीर सांई -बादशाह सचा रब्ब आलमां दा फकर ओसदे हैन वजीर सांई -बिना मुरशदां राह ना हथ आवन दुध बाझ ना रिझदी खीर सांई -याद हक दी सबर तसलीम निहचा1 तुसां जग देनाल की सीर2 सांई -फकर कुल जहान दा आसरा है ताबे फकर दी पीर अमीर सांई -मेरी मां ना बाप ना साक भाई चाचा ताया ना भैन ना वीर सांई -दुनियां विच हां बहुत उदास होया पैरों साडयों लाह जंजीर सांई -वारस छड तैनूं दस जां किथे नजर औना ए जाहिरा पीर सांई",panjabi-pan -"लरका गाड़ीवान के -तुम हौ लरका गाड़ीवान के -जतन सें गाड़ी हाँकौ । -अर्थकाम दो चका चढ़े हैं भौंरा बँधो धरम कौ , -धीरजधुरा , पटा परमारथ , कसना कसो करम कौ ; -भरे पंथ में छल के ककरा , और कपट के लोटें झकरा । -भवबाधा की कठिन चढ़ान पै , -तुम अगलबगल जिन झाँकौ । -बड़े भाग सें तुम्हें मिली है , जा दद्दा की गाड़ी , -दिन छित घरै लौटियो , ऊँघ न जइयो , करकें ठाड़ी , -संसयनिसा घिरन ना पाबै , भयभरका में गिरन न पाबै । -ई बैहड़ में कोस प्रमान पै , -स्वा��थ डारत है डाँकौ । -सत संगत गुलगुलौ सलीता तुम गाड़ी में डारौ , -सुमतिसखी रूठी , मनाय कें बिनती कर बैठारौ , -घामघमंड न देह तचाबै , रिस की लपट न नाच नचाबै । -खटला उसलें ना ईमान के , -तुम छिमाछाँयरो ढाँकौ । -बलबैभव दो बैल नहे हैं , इक लीला इक धौरा , -मरजादा कीं नाथें इनकीं , हैं संयम के जौरा , -भरैं रोस में बनें मुचर्रा , डर सें काँपें बन जायँ गर्रा । -कबी , ‘बुँदेला’ आतमग्यान कौ -तुम औगा लै लो बाँकौ ।",bundeli-bns -"कोठरिया जे लिपली ओसरा से अउरो देहरिया से -कोठरिया जे लिपली ओसरा से अउरो देहरिया से । -ललना , तइओ1 न चुनरिया मइल2 भेल , एक रे होरिलवा3 बिनु ॥ 1 ॥ -नइहर में दस सै भइया अउरो भतीजा हवे हेऽ । -ललना , तइओ न नइहर सोहावन लगे , एक रे मइया बिनु ॥ 2 ॥ -ससुरा में दस सै ससुर अउरो देवरा हेऽ । -ललना , तइओ न ससुरा सोहावन लगे , एक रे पुरुखवा बिनु ॥ 3 ॥ -देहिया में दस सै सारी अउरो चोली हेऽ । -ललना , तइओ न देहिया सोहावन लगे एक रे होरिलवा बिनु ॥ 4 ॥",magahi-mag -"बम भोला चले कैलास बुंदियाँ परं लगी -बम भोला चले कैलास बुंदियाँ परन लगीं -शिवशंकर चले कैलास बुंदियाँ परन लगीं -गौरा ने बोइ दई हरी हरी मेंहदी -बम भोला ने बोइ दई भाँग -बुंदियाँ परन लगीं -गौरा ने पीसि लई हरी हरी मेंहदी -शिवशंकर ने घोटि लई भाँग -बुंदियाँ परन लगीं -गौरा की रचि गई हरी हरी मेंहदी -बम भोला कों चढ़ि गई भाँग -बुंदियाँ परन लगीं",kanauji-bjj -"घुँघट चुक्क ओ सज्जणा -घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे । -जुल्फ कुंडल ने घेरा पाया , -बिसीअर1 हो के डंग चलाया । -वेख असाँ वल्ल तरस ना आया , करके खूनी अक्खीआँ वे । -घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे । -दो नैणा दा तीर चलाया , -मैं आजिज़ दे सीने लाया । -घायल करके मुक्ख छुपाया , चोरिआँ एह किन दस्सीआँ वे । -घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे । -बिरहों कटारी तूँ कस्स के मारी , -तद मैं होई बेदिल भारी । -मुड़ नाँ लई तैं सार हमारी , पतिआँ2 तेरीआँ कच्चीआँ वे । -घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे । -नेहुँ लगा ने मन हर3 लीता , -फेर ना आपणा दरशन कीता । -ज़हर प्याला मैं एह पीता , साँ अकलां मैं कच्चीआँ वे । -घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे ।",panjabi-pan -"बिच्छू उतारने का मंत्र -काली गाय कपने गई , हरे डूंगरे गई वहाँ से -चिरि फिरि सागड़े गोठाणे गई वाहाँ एक पोठो करीयो -एक पोठाम् बारेह विछु निकल्या , एक विछु च��टी पे चड्यो -मेर से निहि उतरे मेरा गुरू उतारा , -इस मंत्र को एक बार में नही उतरे तो 10 मिनिट बाद दुबारा बोलना और जहाँ -तक चढ़ा हुआ है वहाँ तक हाथ फेरतेफेरते नीचे की ओर लाते हैं । बिच्छू उतारने -के लिये रखोड़े का उपयोग करते हैं । बिच्छू उतारने के लिये अलगअलग मंत्र का -उपयोग करते हैं ।",bhili-bhb -"कन्यादान गीत -काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी । -गुंडी वटली हारू मांगे नदान बेनी । -काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी । -मांजरि कुतरि हारू मांगे नदान बेनो । -काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी । -सिरको पलंग हारू मांगे नदान बेनी । -काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी । -डोबा पाड़ा हारू मांगे नदान बेनो । -काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी । -तागली ने हार मांगे नदान बेनी । -काइ काइ दायजो हारू , मांगे नदान बेनी । -पागड़ि वनात हारू मांगे नदान बेनो । -दहेज में वरवधू क्या माँग रहे हैं ? इस पर वधू पक्ष की ओर से यह गीत गाया जाता है । -नासमझ बनी क्याक्या दायजे मंे माँग रही है ? उत्तर में गाते हैं घुण्डीबटलोई माँग रही है । नासमझ बना दहेज में क्याक्या माँग रहा है ? उत्तर में अनचाही वस्तु भैंस व पाड़ा माँगने का बताया है । नासमझ बनी दहेज में क्याक्या माँग रही है ? उत्तर में तागली और हार बताया है । बना दहेज में क्याक्या माँग रहा है ? अब उत्तर में वाँछित वस्तु पगड़ी और बनात कहा गया है ।",bhili-bhb -"353 -जेहड़ियां लैण उडारियां नाल बाजां उह बुलबुलां ठीक मरींदियां ने -उन्हां हरनियां दी उमर हो चुकी पानी शेर दी जूह जो पींदियां ने -उह डायनां जान कबाब होइयां जेहड़ियां बेड़ीयां नाल खहींदियां ने -उह इक दिन फेरसन आन घोड़े किडां जिंहां दियां नित सुनींदियां ने -जोकां इक दिन पकड़न चोड़ी अणियां लहू अनुपते नित जो पींदियां ने -दिल माल दीजे लख कंजरी नूं कदी दिलों महबूब ना थींदियां ने -इक दिन पकड़ियां जानगियां हाकमां दे पराई सेज जो नित चूड़ींदियां ने -इक दिन गड़े वसावसन उह घटां होठां जोड़के नित गरजींदियां ने -तेरे लवन मोढे साढे लवण नाड़े मुशकां किसे दीयां अज बझींदियां ने",panjabi-pan -"बेकदर को दिल दिया है देखना कैसे निभे -बेकदर को दिल दिया है देखना कैसे निभे -एक तो सरदी की मौसम दूसरे पाला पड़े -तीसरे राजा नहीं है रैन रो रो के कटे -एक तो गरमी महीना दूसरे लूआं चले -तीसरे टपके पसीना बूंद जीवन मैं पड़े -एक तो बरखा की मौसम दूसरे मैंहा पड़ै -���ीसरे बोले पपीहा ठेस सीने मैं लगे -एक तो सावन महीना दूसरे हींडा घले -तीसरे झूलेगी सखियां चीर सीन पै खिले",haryanvi-bgc -"402 -नैणूं योशबां अते अभोल घोगा डुबे आपणो आपणी वारियां नी -आवे भिखया घतियो आण चीना नाल फकर दे घोलयो यारियां नी -ओह लोहड़ा वडा कहर होया कम डोब सटया इनां लाड़ियां नी -वारस खपरी चाए पलीत कीती पईयां धोनीयां सेलियां सारियां नी",panjabi-pan -"पाट कर दोलिया चढ़ल माता कोसिका -पाट कर दोलिया चढ़ल माता कोसिका -गौ बलि भेलै । -मैया मत्र्य संसार , चलि भेलै । -आहो कहां गेल किअ भेल , -तहुँ बीर रानू चलू ओ चलू । -रानू मत्त्र्य संसार चलू ओ चलू । । -हमें तोरा पूछियौ माय कोसिका -वचन साधु भाव , गौ मैया । -किनका दुअरिया कोसी माय हेवै मेजमान -गौ किनका दुअरिया । -मत्तर्य संसार में बसैये पगुआ मलाह , -हौ हुनके दुअरिया । -रानू बीर हेवै मेजमान -हो हुनका दुअरिया । । -घड़ी एक चलबै गो कोसिका माय , -पहरपन्थ गौ बितलै । -मैया गौ जूमि गेलै कोसी माय -मत्र्य संसारा गौर जुमि गेलै -कहाँ गेल किअ भेल पगुआ रे मलहा -दुआरे ऊपर एलौ अनूप मेजमान -छलना वचन सुनै पगुआ रे मलहा -एकै हाथ ले लै पगुआ सिंहासन पाट -दोसर गंगाजल नीर । -पैर धोऊ पाट बैठू तहूँ माय गौ कोसिका -गौ कहि देहु ने कोसिका माय -पंथ के कुशल । -हमरो कुशल मलहा दस छै कुशल में -कुशल में दुनियां संसार । -कहु कहु कुशल मलहा अपन कुशल -रौ कहु रे कहु । -हमरो कुशल कोसीमाय दस छै कुशल में -कुशल में कुछ परिवार । -एक ते कुशल कोसीमाय -कहलो ने जाय छै गे मैया -बरहा कोसीमाय लयेलौं फुलबारी -सोहो रे फुलवारी गेलै सुखाय । -जब तोरा फूलै तो मलहा सूखल फुलवारी -तबे हमरा रे मलहा किअ देवे -रे हमरा के । -जब मोरा फूलैतो कोसीमाय सुखल फुलवारी -गो मैया कोसी गौ कोसी -गहबर देबौ बनाय । -फूल तोड़ी चढ़ेबौ कोसीमाय -नित गहरबा कोसीमाय -गौ नित चढ़ेबौ फूल तोड़ि । -आइयौ जाइयौ जाइयौ रौ मलहा -अपन रौ फुलवारी रो , -बाबू देखिहौ गे । -मलहा अपन फुलवारी देखिहौ गे -कानैत खिझैत मलहा दौड़ल चलि जाय रौ -जूमि जे गेलै मलहा अपन फुलवारी । -फूल देखिके हँसैये मलहा हँसैये विकरार -अहो दस पांच फूल तोड़ि लिए आबो । -हौ दस पांच । -कल जोड़ि के करैये मलहा -कोसी के प्रणाम , -रौ कोसी के प्रणाम । -जे तोहें कहले कोसी तुरत भै गेलै । -गौ माता सुखल फुलवरिया गेलै फुलाय -मालव सेवक जन दुहु कर जोड़ि , -गौ गरुआक बेरि कोसी माय -होऊ न सहाय । ।",angika-anp -"584 -खरल हांस मलकां मशहूर मुलकां जिथे शे’र कीता यारां वासते मैं -परख शे’र दी आप कर लैन शायर घोड़ा फेरया विच निखास दे मैं -पढ़न गभरू देस विच खुशी होके फुल बीजिया बास दे वासते मैं -वारस शाह ने अमल दी रास मैथे करां मान नमानड़ा कास ते मैं",panjabi-pan -"ईसुरी की फाग-14 -इन पै लगे कुलरियाँ घालन , भैया मानस पालन -इन्हें काटबो न चइयत तौ , काट देत जो कालन -ऐसे रूख भूँख के लानें , लगवा दये नंद लालन -जे कर देत नई सी ईसुर , मरी मराई खालन ।",bundeli-bns -"हे डोला हे डोला, हे डोला, हे डोला -हे डोला हे डोला , हे डोला , हे डोला -हे आघे बाघे रास्तों से कान्धे लिये जाते हैं राजा महाराजाओं का डोला , -हे डोला , हे डोला , हे डोला -हे देहा जलाइके , पसीना बहाइके दौड़ाते हैं डोला -हे डोला , हे डोला , हे डोला -हे हैय्या ना हैय्या ना हैय्या ना हैय्या -हे हैय्या ना हैय्या ना हैय्या ना हैय्या -पालकी से लहराता , गालों को सहलाता -रेशम का हल्का पीला सा -किरणों की झिलमिल में -बरमा के मखमल में -आसन विराजा हो राजा -कैसन गुजरा एक साल गुजरा -देखा नहीं तन पे धागा -नंगे हैं पाँव पर धूप और छांव पर -दौड़ाते हैं डोला , हे डोला हे डोला हे डोला -सदियों से घूमते हैं -पालकी हिलोड़े पे है -देह मेरा गिरा ओ गिरा ओ गिरा -जागो जागो देखो कभी मोरे धन वाले राजा -कौड़ियों के दाम कोई मारा हे मारा -चोटियाँ पहाड़ की , सामने हैं अपने -पाँव मिला लो कहारों . . . -कान्धे से जो फिसला ह नीचे जा गिरेगा -ह राजाओं का आसन न्यारा -नीचे जो गिरेगा डोला -हे राजा महाराजाओ का डोला -हे डोला हे डोला हे डोला हे डोला . . . . . .",khadi_boli-mis -"दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ -मैं क्यों कर जावाँ काअबे नूँ ? -दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । -लोकी सज्जदा काअबे नूँ करदे , -साडा सज्जदा यार प्यारे नूँ । -दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । -अउगुण1 वेख ना भुल्ल मीआँ राँझा , -याद करीं ऐस कारे नूँ । -दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । -मैं अनतारू तरन ना जाणा , -शरम पई तुध तारे नूँ । -दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । -तेरा सानी कोई नहीं मिलिआ , -ढूँढ़ ल्या जग सारे नूँ । -दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । -बुल्ला सहु दी प्रीत अनोखी , -तारे अउगुणहारे2 नूँ । -मैं क्यों कर जावाँ काअबे नूँ ? -दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ ।",panjabi-pan -"गरबा का गणपति -गरबा का गणपति -ऐजी सुमर गणपति को ध्यान -म्हारा गरबा में बेगा आवजोजी -सांते तम रिद्धिसिद्धि लावजोजी -म्हारा गरबा में बेगा आवजोजी -कंकूना पगल्या पधार जो -म्हारा गरबा में बेगा आवजो",malvi-mup -"अरे सायबा खेल���ऽ गई गनागौर -अरे सायबा खेलणऽ गई गनागौर , -अबोलो क्यों लियो जी महाराज । । -अरे सायबा , अबोलो देवरजेठ , -सायबजी सी ना , रहवा जी महाराज । । -अरे सायबा , पड़ी गेई रेशम गांठ , -टूटऽ रे पण ना छूटऽ जी महाराज । । -अरे सायबा , खाटो दूा अरू दही , -फाट्यो रे मन ना जुड़ जी महाराज । । -अरे सायबा , खेलणऽ गई गनागौर , -अबोलो क्यों लियो जी महाराज । ।",nimadi-noe -"झूला डरो कदब की डार -झूला डरो कदंब की डार -झूलें राधा प्यारी ना । झुला . . . -कौना झूले कौन झुलावे , -ऋतु मतवारी ना । झुला . . . -राधा झूलें श्याम झुलावें , -बदरा छाये ना । झुला . . . -कौना गावें कौना बजावें , -कौना नाचे ना । झुला . . . -सखियाँ गावें कृष्ण बजावें , -ग्वालें नाचे ना । झुला . . .",bundeli-bns -"420 -भला आख की आनिए नेक पाके जैदे पलू ते पढ़न नमाज आई -घर बार तेरा असीं कौण कोई जापे लद के घरों जहाज आई -नढे मोहनिए झोटे दोहनिए1 नी अजे तक ना इक थी बाज आई -वारस शाह जवानी दी उमर गुजरी अजे तक ना हिरस थीं बाज आई",panjabi-pan -"लंगुरिया - १ -करिहां चट्ट पकरि के पट्ट नरे में ले गयो लांगुरिया ॥ टेक ॥ -आगरे की गैल में दो पंडा रांधे खीर , चूल्ही फ़ूंकत मूंछे बरि गयीं फ़ूटि गयी तकदीर ॥ करिहां ॥ -आगरे की गैल में एक लम्बो पेड खजूर , ता ऊपर चढि के देखियो केला मैया कितनी दूरि ॥ करिहां ॥ -आगरे की गैल में एक डरो पेंवदी बेर , जल्दी जल्दी चलो भवन को दरशन को हो रही देर ॥ करिहां ॥ -आगरे की गैल में लांगुर ठाडो रोय , लांगुरिया पूरी भई भोर भयो मति सोय ॥ करिहां ॥",bhadrawahi-bhd -"मागू मागू वरदान देवी के मदिर भीतर -मांगूं मांगूं वरदान देवी के मंदिर भीतर । -मांगूं मैं लाल पीली चुड़ियां -सेंदुर भरी मांग देवी के मंदिर भीतर । -मांगूं मैं लाल चुनरिया . . . -गोटा जड़ी रे किनार -मांगूं मैं पांव महावर मैं पांव महावर -मेहंदी रंगे हाथ । -मांगूं मैं पांव में विछिया . . . -भरा पूरा परिवार देवी के मंदिर भीतर । मांगूं . . .",bundeli-bns -"मेरे नौसे का रूमाल खुसी से रंग दे री -मेरे नौसे का रूमाल खुसी से रंग दे री -मेरे बनरे का रूमाल खुसी से रंग दे री -याके दादा गिरबे धर दे दादी को लगादे ब्याज -याके बाबू गिरबे धर दे अम्मा ने लगादे ब्याज -याके ताऊ गिरबे धर दे ताई को लगादे ब्याज -याको मामा गिरबे धर दे मामी को लगादे ब्याज -मेरे नौसे का रूमाल खुसी से रंग दे री -मेरे बरने का रूमाल खुसी से रंग दे री",haryanvi-bgc -"बाबा कवने नगरिया जुआ खेललऽ -बाबा कवने नगरिया जुआ खेललऽ -कि हमरा के हारि अ‍इलऽ , हमरा के हारि ह‍इलऽ -बेटी अवध नगरिया जुआ खेललीं तऽ -तोहरा के हारि अ‍इलीं , तोहरा के हारि अइलीं । -बाबा कोठियाअँटरिया काहे ना हरलऽ -कि हमरा के हारि अ‍इलऽ , हमरा के हारि ह‍इलऽ -बेटी कोठियाअँटरिया हमार लछिमी तऽ -तू हऊ पराया धन तू हऊ पराया धन । -बाबा भैयाभ‍उज‍इया काहें ना हरलऽ -कि हमरा के हारि अ‍इलऽ , हमरा के हारि ह‍इलऽ -बेटी पुतवापतोहिया हमार लछिमी तऽ -तू हऊ परायाधनतू हऊ परायाधन । -बाबा ग‍इयाभँइसिया काहे न हरल कि -कि हमरा के हारि अ‍इलऽ , हमरा के हारि ह‍इलऽ -बेटी ग‍इयाभँइसिया हमार लछिमी तऽ -तू हऊ पराया धन तू हऊ पराया धन ।",bhojpuri-bho -"मोये बल रात राधका जी कौ -मोये बल रात राधका जी कौ , -करैं आसरौ की को । -दीन दयाल दूर दुख मेलत , -जिनको मुख है नीको । -पैले पार पातकी कर दए , -मोहन सौ पति जी को । -काँलों लगत खात सब कोऊ , -स्वाद कात ना थी को -ईसुर कछू काम की जानै , -कदमन के ढिंग झीकौं ।",bundeli-bns -"बागन भये बसन्त अबईयाँ -बागन भये बसन्त अबईयाँ , -न जा विदेसै सँईयाँ । -पीरी लता छता भई पीरी , -पीरी लगत कलईयाँ । -सूनी सेज नींद ना आवै , -विरहन गिनें तरँइँयाँ । -तलफत रहत रेंन दिन सजनी -का है राँम करइँयाँ ? -ईसुर कऐं सजा दो इनखाँ , -परों तुमाई पइँयाँ",bundeli-bns -"आल्हा ऊदल -नाम रुदल के सुन गैले सोनवा बड़ मंड्गन होय जाय -जे बर हिछलीं सिब मंदिर में से बर माँगन भेल हमार -एतो बारता है सोनवा के रुदल के सुनीं हवाल -घोड़ा बेनुलिया पर बघ रुदल घोड़ा हन्सा पर डेबा बीर -घोड़ा उड़ावल बघ रुदल सिब मंदिर में पहुँचल जाय -घोड़ा बाँध दे सिब फाटक में रुदल सिब मंदिर में गैल समाय -पड़लि नजरिया है सोनवा के रुदल पड़ गैल दीठ -भागल सोनवा अण्डल खिरकी पर पहुँचल जाय -सोने पलंगिया बिछवौली सोने के मढ़वा देल बिछवाय -सात गलैचा के उपर रुदल के देल बैठाय -हाथ जोड़ के सोनवा बोलल बबुआ रुदल के बलि जाओ -कहवाँ बेटी ऐसन जामल जेकरा पर बँधलव फाँड़ -बोले राजा बघ रुदल भौजी सोनवा के बलि जाओं -बारह वरिसवा बित गैल भैया रह गैल बार कुँआर -किला तूड़ दों नैना गढ़ के सोनवा के करों बियाह -एतनी बोली रानी सोनवा सुन गैल सोनवा बड़ मंड्गन होय जाय -भुखल सिपाही मोर देवर है इन्ह के भोजन देब बनाय -दूध मँगौली गैया के खोआ खाँड़ देल बनवाय -जेंइ लव जेंइ लव बाबू रुदल एहि जीबन के आस -कड़खा बोली रुदल बोलल भौजी सोनवा अरजी मान हमार -किरिया खैलीं मोहबा गढ़ में अब ना अन गराहों पान",bhojpuri-bho -"उठ ले रे ऊठ ले रोसन बांन बठावांगे -उठ ले रे ऊठ ले रोसन बांन बठावांगे -बटणे की खसबोई तेल चढावांगे -ऊठ ले रूप मोड़ बंधाले नै -रोसन छोरी गैल ब्याह करवाले नै -फेरे होलिये , विदा होली , बैठली डोले मैं -घर का सुणा दे हाल रोसन छोरी नैं -अस्सी बीघै धरती तेरे ब्याह मैं गैणा धरदी -ऊठ ले रे ऊठ ले रोसन बांन बठावांगे -बटने की खसबोई तेल चढावांगे",haryanvi-bgc -"नीकल चले दो भाई रे बन को -नीकल चले दो भाई रे बन को -१ अभी म्हारा आगणा म राम हो रमता , -रमताँ जोगी की लार -माता कोशल्याँ ढुढ़ण चली -अन खोज खबर नही आई रे . . . -बन को . . . -२ आगे आगे राम चलत है , -पिछे लक्ष्मण भाई -जिनके बीच मे चले हो जानकी -अन शोभा वरनी न जाई रे . . . -बन को . . . -३ राम बिना म्हारो रामदल सुनो , -लक्ष्मण बीना ठकूराई -सीता बीना म्हारी सुनी रसवाई -अन कुण कर चतुराई रे . . . -बन को . . . -४ हारे श्रावण गरजे , न भादव बरसे , -पवन चले पुरवाई -कोण झाड़ निच भीजता होयगँ -राम लखन सीता माई रे . . . -बन को . . . -५ भीतर रोवे माता कोशल्या , -बाहेर भारत भाई -राजा दशरथ ने प्राण तज्यो हैं -अन कैकई रई पछताई रे . . . -बन को . . . -६ हारे गंगा किनारे मगन भया रे , -आसण दियो लगाई -तुलसीदास आशा रघुवर की -अन मड़ीयाँ रहि बन्दवाई रे . . . -बन को . . .",nimadi-noe -"अब लगन लगी कीह करीए -अब लगन लगी कीह1 करीए ? -ना जी सकिए ते ना मरीए -तुम सुनो हमारी बैना2 , -मोहे रात दिने नहीं चैना , -हुण प्री3 बिन पलक न सरीए । -अब लगन लगी कीह करीए ? -एह एगन बिरहे दी जारी , -कोई हमरी प्रीत निवारी , -बिन दरशन कैसे तरीए ? -अब लगन लगी कीह करीए ? -बुल्ले पई मुसीबत भारी , -कोई करो हमारी कारी , -एह अजिहे दुख कैसे जरीए ? -अब लगन लगी कीह करीए ? -ना जी सकिए ते ना मरीए । -अब लगन लगी कीह करीए ?",panjabi-pan -"लीली लेमड़ी रे, लीलो नागरवल नो छोड़ -लीली लेमड़ी रे , लीलो नागरवल नो छोड़ -हे परभू परोड़ ना रे -म्हारे घर उतारा करता जाओ -उतारो नहीं करूँ रे -के म्हारे घर सीता जूवे वाट -सीता एकली रे -के जूवे रामलखमण नी वाट -लीली लेमड़ी रे , लीलो नागरवल नो छोड़ -हे परभू परोड़ ना रे -म्हारे घर दातन करता जाओ -दातन नहीं करूँ रे -के म्हारे घर सीता जूवे वाट -सीता एकली रे -के जूवे रामलखमण नी वाट -लीली लेमड़ी रे , लीलो नागरवल नो छोड़ -हे परभू परोड़ ना रे -म्हारे घर नहावन करता जाओ -नहावन नहीं करूँ रे -के म्हारे घर सीता जूवे वाट -सीता एकली रे -के जूवे रामलखमण नी वाट -लीली लेमड़ी रे , लीलो नागरवल नो छोड़ -हे परभू परोड़ ना रे -म्हारे घर भोजन करता जाओ -भोजन नहीं करूँ रे -के म���हारे घर सीता जूवे वाट -सीता एकली रे -के जूवे रामलखमण नी वाट -लीली लेमड़ी रे , लीलो नागरवल नो छोड़ -हे परभू परोड़ ना रे -म्हारे घर परोधन करता जाओ -परोधन नहीं करूँ रे -के म्हारे घर सीता जूवे वाट -सीता एकली रे -के जूवे रामलखमण नी वाट",gujarati-guj -"सामन आयौ बहना मेरी रँगीला -सामन आयौ बहना मेरी रंगीला जी , -एजी कोई आई हरियाली तीज ॥ 1 ॥ -कारे पीरे बदरा लगत सुहावने जी , -ऐजी कोई घटा उठी हैं घनघोर ॥ 2 ॥ -बादल गरजे चमके बीजुरी जी , -ऐजी कोई मोर करें बन शोर ॥ 3 ॥ -नहनी 2 बुँदियाँ मेहा बरसते जी , -ऐजी कोई पवन चलै झकझोर ॥ 4 ॥ -कोयल कूके हरियल डार पैजी , -ऐजी कोई दादुर कर रहे शोर ॥ 5 ॥ -पापी पपिया पिया 2 मति करे जी , -ऐजी तेरी डारूँगी पंख मरोर ॥ 6 ॥ -मेरे पिया तो छाये परदेश में जी , -एजी मेरौ जोबन लेत हिलोर ।",braj-bra -"167 -साडा माल सी सो तेरा हो गया जरा वेखना बरा खुदाइआं दा -तूं ही चटया ते तूं ही पालया ए ना एह बाप दा ते ना एह भाइयां दा -शाहूकार हो बैठी ऐ मार थैली खोह बैठी ऐं माल तूं साइयां दा -अग लैण आई घर सांभो ई एह तेरा है बाय ना भाइयां दा -गुडा हथ आया तुसां गुडियां दे अंनी चूही ते थोथयां घाइयां दा -वारस शाह दी मार ही वगे हीरे जेहा खोह लया वीर तूं भाइयां दा",panjabi-pan -"जा साजन या तेरी जवानी -जा साजन या तेरी जवानी -पूंजी मां धरती की -रही भुजा फड़क मेरी बी -तन्नै बिदा करती की",haryanvi-bgc -"ठुमक चलती चाल घोड़ी -ठुमक चलती चाल घोड़ी -अजब चलती चाल घोड़ी ठुमक । । -आगे घोड़ी तुम चलो री -पीछे से बाबा हुसियार घोड़ी ठुमक । । -ऊदी व पीली बादामी सफेद -चार रंग दे रहे बहार घोड़ी । ठुमक । । -आगे घोड़ी तुम चलो री -पीछे से ताऊ हुसियार घोड़ी । ठुमक । । -ऊदी व पीली बादामी सफेद -चार रंग दे रहे बहार घोड़ी । ठुमक । ।",haryanvi-bgc -"कालू भण्डारी -होलो कालू भण्डारी मालू1 मा को माल , -अन्न का कौठारा2 छा वैका , वसती3 का भण्डारा । -गाडू4 घटड़े5 छई , धारू6 मरूड़े7 , -धनमातो8 छौ , अनमातो9 , -जोवनमातो छौ कालू स्यो भण्डारी । -कालू भण्डारी छौ जब सोल बरस को , -आदी रात मा तैं सुपिनो होयो , -सुपिना मा देखे बैन स्या ध्यानमाला , -देखे वैन वरफानी काँठो10 -बरफानी कांठा देखे ध्यानमाला को डेरो11 । -चाँदी की सेज देखे , सेना का फूल , -आग जसो आँख देखी , दिया जसी जोत । -वाणसी अरेण्डी12 देखी , दईसी तरेण्डो13 , -नौणसी गलखी14 देखी , फूलूसी कुटखी15 । -हिया सूरज देख , पीठी मा चन्दरमा । -मुखड़ी को हास देखे , मणियों कू परकाश , -कुमालीसी ठाणा16 देखे , सोवन17 की ��टा । -तब चचड़ैक18 उठै कालू , भिभड़ैक19 बैठे , -तब जिया20 बोद21 : क्या ह्वैलो मेरा त्वई ? -आज को सुपिनो जिया , बोलणो नी औन्दो । -ना ले बेटा कालू सुपिना को बामो22 , -सुपिना मा बेटा , क्या नी देखेन्दो ? -कख नी जायेन्दो , क्या नी खायेन्दो ? -मैन ज्यूण मरण जिया हिंवाला ह्वैक औण , -तख रन्दी माता , वा बाँद23 ध्यानमाला । -कालू भण्डारी मोनीन24 मोयाले25 , -तब पैटी26 गए वो तैं नवलीगढ़ । -भैर27 को रूखो छयो कालू भीतर को भूखो । -कथी28 समझाये जियान29 वो , -चली आये वो ध्यानमाला का गढ़ । -ध्यानमाला औणी छै पाणी का पंद्यारा30 , -देखी औन्द कालू भण्डारीन वा , -हे मेरा परभू वा बिजली कखन छूटे हैं -सुपिना मा देखी छै जनी31 , तनी32 ही छ नौनी या -आछरीसी सची , सरप कीसी बची , -अर देखे ध्यानमालान कालू भण्डारी वो , -बांको ज्बान छौ वो , बुराँस कोसी फूल । -तू मेरी जिकुड़ी छै बांकी ध्यानमाला , -त्वै मा मेरो ज्यू छ । -सुपिना मा देखी तू , तब यख आयूँ , -आज तू मैसणी33 प्रेम की भीख दे । -तब ली गये वै तैं ध्यानमाला अपणा दगड़ा34 , -कुछ दिन इनी ही रैन वो गुपती रूप मा । -तब बोलदो कालू भण्डारी , -कब तैं रण रौतेली इनू लकी लूकीक । -तब ध्यानमाला का बुवा35 धरमदेव , -कालू भण्डारी मिलण गैगे । -सूण सूण धरमदेव , -मैं आयौं डाँड्यों36 टपीक37 , गाडू38 बगीक39 । -मैंन जिऊण मरण राजा , -तेरी नौनी ध्यानमाला ल्याण । -ऐलैन्दो बैलोन्दो तब राजा धरमदेव , -मेरा राजा मा आयाँ होला -हैका राज से पाँच भड़ , -साधी40 लौलो ऊँ तै जु कालू भण्डारी -ब्यौवोलो त्वे ध्यानमाला । -कालू भण्डारी का जोंखा41 बबरैन42 , -वैकी छाती का बाल जजरैन43 । -उठाये तब्री वैन नंगी शमशीर , -चली गये हैका शैर भडू साधण । -इतना मा गंगाड़ी हाट44 को रूपू , -आये ध्यानमाला मांगण । -ब्यौ को दिन तब निच्छै ह्वै गये -पकोड़ा पकीन , हल्दी रंगीन , -नवली गढ़ मा कनौ उच्छौ45 छाये । -कालू भण्डारी लड़दू रैये भडू का सात , -तैका कानू मा खवर नी पौंछी । -पिता की मरजी , अपणी नी छै वीं की , -करांदी46 छ किराँदो47 वा नौनी ध्यानमाला । -तब सुमिरण करदे वा कालू भण्डारी , -तेरी मेरी प्रीत दूजा जनम ताई । -किसमत फूटे मेरी विधाता , -जोडी को मलेऊ फंट्याओ । -तब दैखे वैन ध्यानमाला रोणी छै बराणी । -जाणी याले वैन होई गये कुछ खटको , -रौड़दोदौड़दो आये माला का भौन । -हे मेरी माला , क्या सोची छयो मैन , -अर क्या करी गये दैव ? -कालू भण्डारी , हे कालू भण्डारी , -मेरा पराणू को प्याो होलो कालू भण्डारी । -मेरो सब कुछ तू छ , मैं छऊँ तेर��� नारी । -देखे वीन कालू भण्डारी , क्वांसी48 आँख्योंन , -हाथ बुरैया49 छा वैका , खुटा50 छा फुक्यां51 , -काडो52सी होयूं छौ वो सूखीक । -मेरा बाबा येन कतना तरास सहे ? -गला लगाये वींन तब कालू भण्डारी , -मरण जिऊण मैंन येक ही जाण । -तब बोलदू कालू भण्डारी : -तेरी माया ध्यानमाला मैंकू स्वर्ग का सामल53 । -कु जाणी क्या हेन्द विधाता की लेख , -पर मैं औलू व्यौ का दिन , -तू मेरी माला आखरी फेरो ना फेरी । -तब वखन चलीगे वो कालू भण्डारी । -कुछ दिन बाद आये ब्वौ को दिन , -गंगाड़ीहाट मा तब बरात सजे , -ब्यौ का ढोल दमौऊँ धारू गाडू गाजीन । -नवलीगढ़ राज मा भी बजदे बड़ई , -मंगल स्नान होंदू , माला लैरेन्दी54 पैरेन्दी , -धार55 मा गँणी56 सी देखेदी माला । -बोलदी तब वींकी जिया57 मुल58 हैंसी , -ध्यानमाला होली राजौं का लैंख59 । -गंगाड़ोहाट का रूपू गंगसारा की -तब नबलीगढ़ बरात चढ़े । -मँगल पिठाई होये , षट रस भोजन । -तब व्यौ को लगन आये , फेरों की बगत , -छं फेरा फेरीन मालान , सातों नी फेरे -मैं अपणा गुरू देखण देवा । -तबरेक60 ऐ गये तख साधू एक , -कालू भण्डारी छ कालू भण्डारी , -पछाणीयाले61 मुखड़ी वैकी मालान -वीं की आँख्यों मा तब आस खिलीगे , -प्रफूल ह्वैगे तब वा ध्यानमाला -मेरा गुरू जी होला तरवारी62 नाच का गुरू , -मैं देखणू चाँदऊँ जरा नाच आज ऊँको । -तब गुरूसाधु वेदी का धोर63 ऐगे , -नंगी शमशीर चमकाई वैन , -एक फरकणा64 फुन्डो65 मारी , एक मारे उन्डो66 -पिंडालू67 सी काटीन वैन , मोदड़ा68 सी फाड़ीन । -कुछ भागीन , कुछ मान्या गईन , -मान्या गये वो रूपू गंगसारो भी । -तब वख मू ध्यानमाला ही छुटी गये । -लौटी औन्दू तब वीं मू कालू भण्डारी -ओ मेरी माला आज जनम सुफल होये , -अगास69 की जोन70 पाये मैंन फूलूसी डाली । -तब जुकड़ा71 लेगे हाथू मा धरीले वा -आज मेरा मन की मुराद पूरी होये । -तबरे लुक्यूँ उठे रूपू को भाई -लूला गंगोला वैको नऊँ छयो -मारी दिने वैन कालू भण्डारी धोखा मा । -रोये बराये तब राणी ध्यानमाला , -भटके जनी ऊखड़72 सी माछी । -मैं क तैं पायूँ सोहाग हरचे73 , -मैंक तैं मांगी भीख खतेण74 , -कनो मैंक तई दैव रूठे ? -रखे दैणी जंगापर वींन कालू को सिर , -बाई जांग पर धरे वो रूपू गैगसारो । -रौंदी बरांदी चढ़े चिता ऐंच , -सती होई गये तब ध्यानमाला",garhwali-gbm -"रंडुवा तो रोवै आधी रात -रंडुवा तो रोवै आधी रात सपने में देखी कामनी -कोई ना पीसे उसका पीसना कोई ना पूछै उसकी बात -हिलक हिलक रंडुवा रो रहा भाभी ने पूछी बात -सपने में देखी कामनी -कोई न रोटी ��णा देवे उसे कोई न पूछे उसकी बात -सपने में देखी कामनी",haryanvi-bgc -"कवन पुर तलाओ के मछरी -कवन पुर तलाओ1 के मछरी , नदी नाला में आयो जी , -बाबा प्यारे टोना2 । -नदी नाला में आयो जी भइया प्यारे टोना ॥ 1 ॥ -कहवाँ के अइसन3 गभरू4 जिनि जाल लगायो जी , -जिनि जाल लगायो जी , भइया प्यारे टोना ॥ 2 ॥ -कहवाँ के अइसन बेटिया जिनि लाल भोरायो जी , -बाबा प्यारे टोना । -जिनि लाल भोरायो जी , भइया प्यारे टोना ॥ 3 ॥ -कवन पुर के अइसन गभरू जिनि जाल लगायो जी , -बाबा प्यारे टोना । -जिनि जाल लगायो जी , भइया प्यारे टोना ॥ 4 ॥ -कवन पुर के अइसन बेटिया , जिनि लाल भोरायो जी -बाबा प्यारे टोना । -जिनि लाल भोरायो जी , भइया प्यारे टोना ॥ 5 ॥",magahi-mag -"रंग उड़े रे गुलाल इना घर में -रंग उड़े रे गुलाल इना घर में -पाणी पड़े रे तुबार इना घर में -जई ने कीजो कचेरी बिठईया से -दफ्तर के लिखईया से -दाई ने बेग बुलावे इना घर में -दाई बुलाय जच्चा क्या फरमाव -हम घर नाको मोड़ाय इना घर में -जई ने किजो उना सार का खिलईया से -पांसा का जितईया से -सासू जी ने बेग बुलाव इना घर में -सासू बुलाय बच्चा क्या फरमाव -कुवर अटोला में झेले इना घर में -आप तो जच्चा रानी -लाल लई सूता , गोपाल लई सूता -हमखे लगाई दौड़ादौड़ इना घर में -जाय ने कीजो कंठी का पेरईया से -चौसर का निरखईया से -जेठाणी खे बेग बुलाव इना घर में -जेठाणी बुलाय जच्चा क्या फरमावो -म्हारा चखे कुंकू धराय इना घर में -जाई ने कीजो उन पागां का पेरईया से -पेचां का निरखईया से -देराणी खे बेग बुलाव इना घर में -देराणी बुलाय जच्चा क्या फरमावो -देस इन रसोई निपाय इना घर में -म्हारा कोने खाट बिछाय इना घर में -नणदल खे बेग बुलाय इना घर में -नणदल बुलाय जच्चा क्या फरमाओ -म्हारा कंवळे सांतीपुड़ा मांडे इना घर में -पड़ोसण खे बेग बुलाव इना घर में -पड़ोसण बुलाय जच्चा क्या फरमावो -म्हारे इस दन मंगल गवाड़ो इना घर में -जोसीड़ा खे बेग बुलावो इना घर में -जोसीड़ो बुलाय जच्चा क्या फरमावो -म्हारा नाना को नाम धरावो इना घर में -ढोली बुलाय जच्चा क्या फरमावो -ढोली बुलाय जच्चा क्या फरमावो -दस दन ढोल बजाव इना घर में",malvi-mup -"358 -लख वैदगी वैद लगा थक्के धुरों टुटड़ी किसे ना जोड़नी वे -जिथे कलम तकदीर दी वग चुकी किसे वैदगी नाल ना जोड़नी वे -जिस कम्म विच वौहटड़ी होवे चगी सोई खैर असां हुण लोड़नी वे -वारस शाह अजार1 होर सब मुड़दे एह तकदीर ना किसे ने मोड़नी वे",panjabi-pan -"सब के बरदिया कोसी माय अमरपुर पहुंचल -सब के बरदिया कोसी माय अमरपुर पहुंचल -हमरो बरदिया उसर में लोटाय । -सब कोय बनीजल कोसीमाय पाकल बीड़ा पान , -हमहूँ बनिजवै कोसीमाय लंग अड़ाँची । -जब तोरा आहे बेपरिया पार देवों उतारि -वेपरिया किय देव दान । -घाटे वारे चढ़ेबो कोसीमाय हसाना बीड़ा पान -घरे घरे छौकी ज्योनार । -घरही जे जेबे सहुआ , सहुनिया बुधि रचबे -बिसरि जेबे कोसिका नाम । -जीबो मोरा जेतै कोसीमाय परानो किछु गे बचतै -तैयो ने विसिरवौ तोर नाम । ।",angika-anp -"गांजा बुबुलेयन मानेला जा सिडु बुबुलेयन मानेला -गांजा बुबुलेयन मानेला जा सिडु बुबुलेयन मानेला -गांजा बुबुलेयन मानेला जा सिडु बुबुलेयन मानेला -मानेला पान्तारी कोरा कीटजे मानेला -मानेला पान्तारी कोरा कीटजे मानेला -रही रुपों जड़ी तालान आमा रानी ताड़ान भोले -रही रुपों जड़ी तालान आमा रानी ताड़ान भोले -ओ बिडेजा मानेला -ओ बिडेजा मानेला -पान्तारी कोरा बो बिडे जा -पान्तारी कोरा बो बिडे जा -मानेला ईय भागो रानी साथ बुहार रानी सेगेवा जा मानेला -मानेला ईय भागो रानी साथ बुहार रानी सेगेवा जा मानेला -स्रोत व्यक्ति निशा , ग्राम आंवलिया",korku-kfq -"दादा केरा अँगना जामुन के गछिया -दादा केरा अँगना जामुन के गछिया । -सेइ तर1 दुलरइतिन बेटी ठाढ़ , से दादा न बोलइ ॥ 1 ॥ -रहियो2 न बोलइ , बटियो3 न बोलइ । -पनिया भरइते4 पनिहारिन , से दादा न बोलइ ॥ 2 ॥ -अनमा5 से देल दादा , धनमा6 से दिहले । -मोतिया दिहले अनमोल जी ॥ 3 ॥ -एक नहीं दिहले दादा , सिर के कँगहिया7 । -सासु ननद ओलहन8 देत , से दादा न बोलइ ॥ 4 ॥",magahi-mag -"विवाह -गीत - मोरे अंगनवा चनन गछरुख्वा -मोरे अंगनवा चनन गछरुख्वा अरे अछन बिछन होई गै डारि -तेहितर दुल्हे रामा घोडा दौरावैं अरे अरुझय दुल्हे रामा सिरपाग -अब कहाँ बाटियु पाणे जो नाम चाहे लगा सकते हैं -रामा धेरिया , पाडे रामा नतिनी अरे आई के छोडावौ सिरपाग -कैइसे कै आओं पाडे रामा पुतवा अरे पाडे रामा नतिया मोरा बाबा मडउवा में ठाढ -तब न लजानुयु पाडे रामा धेरिया पाड़ेहू रामा नतिनी जब रह्ल्यू बगलिया में ठाढ़ी -तब न लजानयौ पाडेह रामा पुतवा पादेह रामा नतिया मोरा बाबा जे देथै करिना दान",awadhi-awa -"कड़वी कचरी हे मां मेरी कचकची जी -कड़वी कचरी हे मां मेरी कचकची जी -हां जी कोए कड़वे सासड़ के बोल -बड़ा हे दुहेला हे मां मेरी सासरा री -मीठी कचरी है मां मेरी पकपकी री -हां जी कोए मीठे मायड़ के बाल -बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी -माय रंग��ई हे मां मेरी चुन्दड़ी री -अल्यां तो पल्यां हे मां मेरी घुँघरू री -हां जी कोए बीच दादर मोर -बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी -सास रंगाया हे मां मेरी पीलिया जी -अल्यां तो पल्यां हे मां मेरी छेकले जी -हां जी कोए बीच सासड़ के बोल -बड़ा ए दुहेला हे मां मेरी सासरा री -ओढूँ तो बाजै हे मां मेरी घुँघरू री -चालूँ तो बोलैं हे मां मेरी मोर -बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी -ओढूँ तो चिमकै हे मां मेरी छेकले जी -हां जी कोए खटकै छाती में बोल -बड़ा ए दुहेला मां मेरी सासरा री -सासरे में बहुअड़ हे मां मेरी न्यू रह्वै जी -हां जी कोए रंधै कढ़ाई में तेल -बड़ा हे दुहेला हे मां मेरी सासरा जी -पीहर में बेटी हे मां मेरी न्यूं रह्वै जी -हां जी कोए घिलड़ी में रम रह्या घी -बड़ा ए सुहेला हे मां मेरी बाप कै जी",haryanvi-bgc -"फाग गीत -झांज री झणकार में तो रोटा करती हुणी रे । -घूघरिया रो रणको में तो मोळो हुणियो रे , -छोरो थाकेलो । -हाँ रे छोरो थाकेलो , मेथी रो हंदाणो होदो रे -छोरो थाकेलो । -एक महिला रोटियाँ बनाते हुए फाग वालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करती है कि झाँझ की झँकार तो मुझे अच्छे सुनाई दे रही है , किन्तु नाचने वाले घुँघरुओं की आवाज से प्रतीत होता हे कि वह कमजोर है । उसके लिए मेथी दाने लड्डू बनाओ ताकि उसके पैरों में ताकत आये ।",bhili-bhb -"471 -सहती जा के हीर दे कोल बहके भेत यार दा सब समझया ई -जिसनूं मारके घरों फकीर कीतो उही जोगिड़ा होयके आया ई -उहनूं ठग के महियां चराइयां नी एथे आन के रंग वटाया ई -तेरे नैनां ने चा मलंग कीता मानों इसनूं चा भुलाया ई -ओह वी कन्न पड़वा के आन लथा आप वहुटड़ी आन सदाया ई -आप हो जुलेखां दे वांग सची उहनूं यूसफ चा बनाया ई -दिते कौल करार विसार सारे आंन सैंदे नूं कौंत1 बनाया ई -होया चाक पिंडे मली खाक रांझे कन्न पाड़ के हाल वजाया ई -देनेदार मवास2 हो कढ उसनूं कल मुहलियां नाल कुटाया ई -हो जाए निहाल ते करे जिआरत तैनूं बाग विच उस बुलाया ई -जिआरत मरद कफारत3 दी होसियाई नूर फकर दा वेखना आया ई -बहुत जुहद4 कीता मिले पीर पंजे मैंनूं कशपफ दा जोर विखाया ई -झब नजां5 लैके मिले हो रयत6 फौजदार तयार हो आया ई -इहदी नजर नूं आबेहयात उस दा केहा झगड़ा भाबीए लाया ई -चाक लायके कन्न पड़वायों ई नैनां वालीए गजब क्यों ढाया ई -बचे ऊह फकीरां तो हीर कुड़ीएहथ बन्ह के जिन्हां बखशाया ई -इके मार जासी इके तार जासी झुल मीह निअउं दा आया ई -अमल फौत7 ते वडी दसतार फुली केहा भीलने सांग बनाया ई -वारस कौल भुलायके खेड रूधे केहा नवां मखौल जगाया ई",panjabi-pan -"आरता ए आरता संझा माई आरता -आरता ए आरता संझा माई आरता -आरता के फूल चमेली की डाल्ही -नौ नौ नोरते दुरगा माई के -सोलां कनागत पितरां के -जाग सांझी जाग तेरै मात्थे लाग्या भाग -पीली पीली पट्टिआं सदा सुहाग -सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी -क्यांहे की मांग भरावैगी -स्यालू ओढूंगी मिसरू पहरूंगी -मोतिआं की मांग भराऊंगी -सूच्चयां का जूड़ा जड़ाऊंगी -धूंधाए कै ओढैगी के पहरेगी -क्यांहे की मांग भरावैगी -क्यांहे का जूड़ा ए जड़ावैगी -गूदड़ औढूंगी खादड़ पहरूंगी -ढेर्यां की मांग भराऊंगी -ल्हीखा का जूड़ा ए जड़ाऊंगी ।",haryanvi-bgc -"तूं क्यूँ रे पूत अकेलड़ा तेरा लाखी रे दादा तेरे साथ -तूं क्यूँ रे पूत अकेलड़ा तेरा लाखी रे दादा तेरे साथ -नौरंग रचा तेरा सेहरा -तंू क्यूं रे पूत अकेलड़ा तेरा काका रे ताऊ तेरे साथ -नौरंग रचा तेरा सेहरा -तूं क्यूं रे पूत अकेलड़ा तेरा लाखी रे बाब्बू तेरे साथ -नौरंग रचा तेरा सेहरा -तूं क्यूं रे पूत अकेलड़ा तेरा लाखी रे फूफा तेरे साथ -नौरंग रचा तेरा सेहरा -तूं क्यूं रे पूत अकेलड़ा तेरे भाइयां की जोड़ी तेरे साथ -नौरंग रचा तेरा सेहरा",haryanvi-bgc -"1 -अवल हमद1 खुदा दा विरद2 कीजे इश्क कीता सु जग दा मूल मियां -पहिलां आप ही रब्ब ने इशक कीता ते माशूक है नबी रसूल3 मियां -इशक पीर फकीर दा मरतबा है मरद इशक दा भला रसूल मियां -खुले तिनां दे बाग कलूख4 अंदर जिन्हा कीता है इशक कबूल मियां",panjabi-pan -"लाड़ी जी थारे कारने म्हें परपत लांग्या हो राज -लाड़ी जी थारे कारने म्हें परपत लांग्या हो राज -म्हाने भरदो लाल तमाखूड़ी -थारे किनने कयो थो मोजी डावड़ा -थारी गरजे परवत लांग्या हो राज -लाड़ीजी थारी कारने म्हें रूसविया गोतीड़ा मनाविया हो -म्हाने भरदो लाल तमाखूड़ी -थारे किनने कयो थो मौजी डावड़ा -थारा गरजे गोतीड़ा मनाविया हो राज -म्हें तो नई भरां लाल तमाखूड़ी -म्हारो नाजुक जिवड़ो कांपे हो राज -म्हारो नाजुक चिमटी दाजे हो राज -म्हें तो नई भरां लाल तमाखूड़ी -लाड़ीजी थारे कारने म्हें भम्मर जोड़ी लायो राज -लाड़ीजी थारे कारने म्हें दादाजी की जोड़ी से आयो हो राज -थारे किनने कयो थो मोजी डावड़ा",malvi-mup -"232 -तेरे वासते बहुत उदास हां मैं रब्बा मेल तूं चिरीं विछुंनियां नूं -हथी मापयां ने दिती जालमां नूं लगा लूण कलेजयां भुंनयां नूं -मौत अते संजोग ना टले मूले कौन मोड़दा साहयां पुनयां नूं",panjabi-pan -"सलौ -सलौ1 डारि2 ऐ गैना , डालि बोटो खै गैना । -फसल पात खै गना , बाजरो खाणो कै गैना । -सलौ डारि डाँड्यूं मा बैठी गैन खाड्यूं मा । -हात झींकड़ा लीन , सलौ हांकि दीन । -काकी पकाली पलेऊ , काला हकाल मलेऊ । -भैजी हकालू टोपीन , बौ हटाली धोतीन । -उड़द गथ खै गैना , छड़ी सारी कै गैना । -भैर देखा बिजोपट , फसल देखा सफाचट । -पड़ीं च बाल बच्चों की कनी रोवा रो , -हे नौंनों का बुबा जी , सलौ ऐन सलौ ।",garhwali-gbm -"खिल खिल गए दो दाणे अनार के -खिल खिल गए दो दाणे अनार के , हां हां खिल गए दो दाणे अनार के -मनैं नहाणा बणाया सभाल के , कैसे नहाऊं बिगैर दिलदार के -खिल खिल गए दो . . . -मनैं खाणा बनाया संभाल के , कैसे खाऊं बिगैर दिलदार के -खिल खिल गए दो . . . -मनैं चोपड़ सजाई संभाल के , कैसे खेलूं बिगैर दिलदार के -खिल खिल गए दो . . .",haryanvi-bgc -"134 -हीर आखया वाड़ के फले अंदर गल पा रसा मुंह घुट घतो -लैके कुतके कुढन माछियां दे धड़ धड़े ही मार के कुट घतो -टंगों पकड़ के लक विच पा जफी किसे बोबड़े दे विच सुट घतो -मारो एसनूं लाके अग्ग झुगी साड़ बाल के चीज सब लुट घतो -वारस शाह मियां डाहडी भंवरी दा जे कोई वाल दिसे सब पुट घतो",panjabi-pan -"शीश रामदेव जी ने पागा विराजे -शीश रामदेव जी ने पागा विराजे -पेचा रो अदक सरूप -हाथ मजीरा रामदेव जी ने -खांदे तंदूरा रा अदक सरूप -रूणीजा मंे रमी रया हो -कान में रामदेव जी ने मोती बिराजे -चूनी रो अदक सरूप -गळे रामदेव जी ने कंठी बिराजे -डोरा रो अदक सरूप -अंगे रामदेव जी ने बागी बिराजे -केसर रो अदक सरूप -हात रामदेव जी ने पोंची बिराजे -कड़ा रो अदक सरूप -पांव रामदेव जी ने मोजा बिराजे -मेंदी रो अदक सरूप",malvi-mup -"सरग बांदया रे साधू झोपड़ा -सरग बांदया रे साधू झोपड़ा , -आरे कलु म कीया अधवारा -१ घर बांदया रे घर की नीव नही , -आरे नही लाग्या सुतार -लावो घर के पारछी -घर बांदया कैलाश . . . -सरग बांदया . . . -२ घर ऊचा धारण नीचा , -दियो जड़ रे आकाश -सागर ताक जड़ावियाँ -जाको वस्तर अपार . . . -सरग बांदया . . . -३ घर छाया घर ना गले , -चटघट करी पास -नीरगुण पाणी झेलीयाँ -वो घर का रे माय . . . -सरग बांदया . . . -४ घर बांदया रे घर की नीव नही , -घर को रची गयो नाम -जहाँ सींगा न जलम लियो -दल्लू आया मेजवान . . . -सरग बांदया . . .",nimadi-noe -"का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै -का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै मोला मोहनी डार दिये ना -का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै मोला मो���नी डार दिये ना -रूपे के रुखुवा मा चड़ गिए तेहां -रूपे के रुखुवा मा चड़ गिए तेहां -मोर मनके मंदरस ला झार दिये ना -मोर मनके मंदरस ला झार दिये ना -मोर मनके मंदरस ला झार दिये गोंदा फूल -का तै -का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै मोला मोहनी डार दिये ना -उल्हवा पाना कस कवला करेजा -उल्हवा पाना कस कवला करेजा -भूंज डारे तेला बघार दिये ना -भूंज डारे तेला बघार दिये ना -भूंज डारे तेला बघार दिये गोंदा फूल -का तै -का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै मोला मोहनी डार दिये ना -तोर होगे आती अउ मोर होगे जाती -तोर होगे आती अउ मोर होगे जाती -रेंगते रेंगत आँखी मार दिये ना -रेंगते रेंगत आँखी मार दिये ना -रेंगते रेंगत आँखी मार दिये गोंदा फूल -का तै -का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै मोला मोहनी डार दिये ना -का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै मोला मोहनी डार दिये ना -का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै मोला मोहनी डार दिये ना -का तै मोला मोहनी डार दिये गोंदा फूल -का तै मोला मोहनी डार दिये ना",chhattisgarhi-hne -"मुँह आई बात ना रहिन्दी ए -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -झूठ आक्खाँ ते कुझ बचदा ए , -सच्च आखिआँ भाँबड़ मचदा ए , -जी दोहाँ गल्लाँ तो जचदा1 ए , -जच जच के जिहबा कहिन्दी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -जिस पाया भेद कलन्दर2 दा , -राह खोजिआ आपणे अन्दर दा , -उह वासी है सुख मन्दर दा , -जित्थे कोई ना चढ़दी लहिन्दी ए -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -इक लाज़िम3 बात अदब दी ए , -सानूँ बात मलूम सभ दी ए , -हर हर विच्च सूरत रब्ब दी ए , -किते ज़ाहर किते छुपेन्दी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -ऐथे दुनिआँ विच्च हनेरा ए , -एह तिलकण बाज़ी वेहड़ा ए , -वड़ अन्दर वेखो केहड़ा ए , -क्यों खुफतण4 बाहर ढूँढ़ेदी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -ऐथे लेखा पाओं पसारा ए , -एहदा वक्खरा भेद निआरा ए , -एह सूरत दा चमकारा5 ए , -जिवें चिणग दारू विच्च पैंदी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -किते नाज़ अदा दिखलाईदा , -तिे हो रसूल मिलाईदा , -किते आशिक बण बण जाईदा , -किते जान जुदाई सहिन्दी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -जदों ज़ाहर होए नूर हुरीं , -जल गए पहाड़ कोह तूर हुरीं , -तदों दार चढ़े मनसूर हुरीं , -ओत्थे शेखी पेश ना वैंदी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -जे ज़ाहिर कराँ इसरार6 ताईं , -सभ भुल्ल जावन तकरार7 ताईं , -फिर मारन बुल्ले यार ताईं , -ऐथे मुखफी गल्ली सोहेंदी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -असाँ पढ़िआ इलम तहिककी8 ए , -ओत्थे इको हरफ हकीकी ए , -होर झगड़ा सभ वधीकी ए , -ऐवें रौला पा पा बहिन्दी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -ऐ शाह अकल तूँ आया कर , -सानूँ अदब अदाब सिखाया कर , -मैं झूठी नूँ समझाया कर , -जो मूरख माहनूँ कहिन्दी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -वाह वाह कुदरत बेपरवाही ए , -देवें कैदी दे सिर शाही ए , -ऐसा बेटा जाया माई ए , -सभ कलमा उसदा कहिन्दी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -इस आजिज़ दा की हीला ए , -रंग ज़र्द ते मुखड़ा पीला ए , -जित्थे आपे आप वसीला ए , -ओत्थे की अदालत कहिन्दी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । -बुल्ला सहु9 असाँ थीं वक्ख नहीं , -बिन सहु थीं दूजा कक्ख10 नहीं , -पर वेखण वाली अक्ख नहीं , -ताँही जान जुदाइयाँ सहिन्दी ए । -मुँह आई बात ना रहिन्दी ए ।",panjabi-pan -"हो रबझब की गैल डिगर गया -हो रबझब की गैल डिगर गया मनैं कोन्या पाटा तोल । -हो पिया एक कसर कर गया बोग्या डूंगा क्यार । -मेरा जेठा बोली मारता तेरा बिना नलाया खेत । -हे मैं ठाके कसोला चाली मनैं जाये नलाया ईख । -रास्ते में डाकिया मिल गया बालम का ले रहा तार । -डाकिया बांच सुणावण लाग्या थारे गुजर गये भरतार । -हे मैं उलटी घर ने बाव्हड़ी कुरसी पे जेठा बैठा मूढ़े पर लम्बरदार । -हे मैं भीतर बड़ के रोई म्हारे गुजर गये भरतार -मेरी सासड़ धीर बन्धावे मत रोवे लाल की नार । -म्हारी छाती भी देखो हे बोझ भरी दस मास । -मेरी नणदल धीर बंधावै मत रोवे बीर की नार । -मेरा जेठा राजी हो रहा भाई के थ्यागे क्यार । -मेरा देवर राजी हो रहा भाई की थ्यागी नार । -पिनसिन ज्यादा बंध गई महीने के एक हजार । -मैं खेत बुवालूं हाली राखलूं हे दो चार ।",haryanvi-bgc -"बोडो सूय की माय बोडो इयानी माय माय -बोडो सूय की माय बोडो इयानी माय माय -बोडो सूय की माय बोडो इयानी माय माय -इयां रानी केन्डो निभाटी जीटा -इयां रानी केन्डो निभाटी जीटा -इयानी नागा कसूबा जा बेया बेटा -इयानी नागा कसूबा जा बेया बेटा -चोपार टेम जा वो मारे -चोपार टेम जा वो मारे -लंगड़ा घुड़गी सायोमयी डी माय -लंगड़ा घुड़गी सायोमयी डी माय -घुड़गी डीजे टेनडो बो मारे -एक जी पाय आगशो डाले -माय एकी जो पाय धरती -माय एकी जो पाय धरती -डाले डो मोके निवाय -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"अलफ अल्ला नाल रत्ता दिल मेरा -‘अलफ’ अल्ला नाल रत्ता1 दिल मेरा , -मैं ने ‘बे’ दी खबर ना काई । -‘बे’ पढ़दिआँ मैनूँ समझ ना आवे , -लज़्ज़त2 ‘अलफ’ दी आ��ं । -‘ऐन’ ते ‘गैन’ नूँ समझ न जाणाँ , -गल्ल ‘अलफ’ समझाईं । -बुल्लिआ कौल अलफ दे पूरे , -जेहड़े दिल दी करन सफाईं ।",panjabi-pan -"60 -रांझा आखदा एह जहान सुफना छड जावना ई मतवालीये नी -तुसां जिहे सरदारां नूं एह लाजम आये गये मुसाफरां पालीये नी -ऐडा हुसन दाना गुमान कीजे एह लै पलंघ ते सने निहालीये1 नी -वारस आसरा रब्ब दा रखया ई , उठ जावना ई नैना वालीए नी",panjabi-pan -"चलत पिरान कैसे रोयऊं पिरिया -चलत पिरान कैसे रोयऊं पिरिया -तुमका न रोयहूं पिरभु अपने को रोयऊं -के मोरी पार लगाई है उमरिया -देवरा जेठा के लरिका खिलायेउ -उन्हूं में दिन बिसरायेऊ पिरिया -देवरा जेठा कोउ काम न अइहैं -हम हूं को चनना लगायेऊ पिरिया",haryanvi-bgc -"बड़ सीजूं बड़ाला सीजूं -बड़ सीजूं बड़ाला सीजूं -सींजूं बड़ की डाली -आप किरसन जी झरोखे बैठे -सींजै राधा प्यारी",haryanvi-bgc -"दिल्ली सहर से पति खद्दर मंगा द्यों जी -दिल्ली सहर से पति खद्दर मंगा द्यो जी -हिन्दी लीलगर पै पीला रंग द्यो जी -अल्यां तै पल्यां मोर पपीहे -घूंघट पै ओउम सान्ती लिखा द्यो जी -पति प्यारे जी -जुग जुग जीओ सास ससुर जी -जिनने अमर बेल फेलाई जी",haryanvi-bgc -"सब दिन होत न एक समाना -सब दिन होत न एक समाना -एक दिन राजा हरिश्चन्द्र गृह कंचन भरे खजाना -एक दिन भरे डोम घर पानी -मरघट गहे निशाना सब दिन . . . . -एक दिन राजा रामचन्द्र जी , चढ़ के जात विमाना जी -एक दिन उनका वनवास भयो -दशरथ तजे प्राणा साधु सब . . . . -एक दिन अर्जुन महाभारत में , जीते इन्द्र समाना जी -एक दिन भीलन लुटी गोपिका -वही अर्जुन वही बाणा . . . . -एक दिन बालक भयो गोदीया मा -एक दिन भयो सयाना -एक दिन चिता जरे मरघट पे -धुआं जात असमाना . . . . -कहत कबीर सुनेउ भाई साधो -यह पद हे निर्वाणा -यह पद का जो अर्थ लगइहें -होनहार बलवाना , सब दिन . . .",bhojpuri-bho -"पथवरी ए तैं पथ की ए राणी -पथवरी ए तैं पथ की एक राणी -भूल्या नै राह तिसायां नै पाणी -बिछडूयां नै आण मिलाइओ हो राम -पथवारी ए तैं सींज कुआरी -नूं घर बर पाइओ हो राम -पथवारी ए तैं सींज सुहागण -पति की सेवा कराइओ हो राम -पथवारी ए तैं सींज सपूती -नूं पूत्तर घर पाइओ हो राम -पथवारी ए तैं सींज ए बूढ़ी -बैकुंठा मैं बासा पाइओ हो राम",haryanvi-bgc -"बहुआ जे चलली नहाय, तो सासू निरेखइ हे -बहुआ जे चलली नहाय , 1 तो सासू निरेखइ2 हे । -बहुआ , कवन मरद चित लायल , 3 गरभ जनावल हे ॥ 1 ॥ -सासू आधी राति जा हइ , अउरो पहर4 राति हे । -सासू , राती के आव हइ5 भँरवा , 6 तो होइ के खिड़की से हे ॥ 2 ॥ -बोलवहऽ7 गाँव के ���ठेरिया , 8 तो रेसम के जाल बुनऽ हे । -ओहि जाल बुझयबइ9 भँवरा , अछरँग 10 मोरा छुटि जइहें हे ॥ 3 ॥ -मचियाहि11 बैठल सासू बढ़यतिन , 12 चिन्ही लेहु13 अपना बेटा के हे । -सासु , अछरँग मोरा छोरि देहु हे ॥ 4 ॥",magahi-mag -"साढ़ जे मास सुहावणा सुआ रे -साढ़ जे मास सुहावणा सुआ रे -जै घर होता हर का लाल मैं हाली खंदावती -सामण जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं हिंदो घलावती -भाद्ड़ा जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर लाल मैं गूगा मनावती -असौज जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं पितर समोखती -कातक जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं दिवाली मनावती -मंगसर जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं सौड़ भरवाती -पोह जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं संकरात मनावती -माह जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं बसन्त मनावती -फागण जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं होली खेलती -चैत जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं गणगौर पूजती -बैसाख जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर का लाल मैं पंखा मंगावती -जेठ जे मास सुहावणा सुआ रे । -जै घर होता हर लाल मैं जेठड़ा मनावती -बारहए महीना होलिया सुआ रे । -तोडूं मरोडूं तेरा पींजड़ा जल में दूंगी बगाय -तेरी सेवा ना करूं सुआ रे । -म्हारी तो सेवा वै करै राधा ए जो हर आवैगा आज -जेाडूं संगोडूं तेरा पींजड़ा सुआ रे । -और चुगाऊं पीली दाल तेरी सेवा मैं करूं",haryanvi-bgc -"रंग डारो ना लला को अलकन में -रंग डारो ना लला को अलकन में । -पर जैं है मुकुट की झलकन में । -उड़त गुलाल लाल भये बादर , -परत आँख की पलकन में । -पकर पकर राधे मोहन खाँ , -मलत अबीर कपोलन में । -खेलत फाग परस पर ईसुर , -राधे मोहन ललकन में ।",bundeli-bns -"211 -काज़ी पड़ह निकाह ते घत डोली नाल खेड़या दे दिती टोर मियां -तेवरां बेवरां1 नाल जड़ाउ गहिने दम दौलतां नअमतां होर मियां -टमक2 महीं अते नाल ऊंठ घोड़े गहिणा पतरां3 ढगड़ा ढोर4 मियां -हीर खेड़या नाल न टुरे मूले पया पिंड दे विच एह शोर मियां -वारस हीर नूं घिंन के रवां होए5 जिवें माल नूं लै के चोर मियां",panjabi-pan -"जो दिल तेरा सो मेरा रे नइहर वाली -जो दिल तेरा सो मेरा रे नइहर वाली , मेरा रे अब्बा वाली ॥ 1 ॥ -तेरे कारन लाड़ो दिल्ली भी जायँगे । -अरे , टीके का करु1 बनिजार2 रे नइहर वाली । -मोतिये का करु बनिजार रे नइहर वाली । -जो दिल तेरा सो , मेरा रे नइहर वाली , मेरा रे भइया वाली ॥ 2 ॥ -तेरे कारन लाड़ो दिल्ली भी जायेंगे । -अरे , बेसर3 का करु बनिजार रे नइहर वाली । -चुनिये4 का करु बनिजार रे नइहर वाली । -जो दिल तेरा सो मेरा रे नइहर वाली , मेरा रे भइया वाली ॥ 3 ॥",magahi-mag -"35 -मुल्लां आखदा चूंडियां1 वेखदियां ई गैर शरह तूं कौन हैं दूर हो ओए -एथे लुचयां दी कोई थां नहीं पटे दूर कर हक मजूर हो ओए -अनहलक कहावना किबर2 करके ओढ़क मरेंगा वांग मंसूर हो ओए -वारस शाह न हिंग दी बास छिपे भावें रखीए विच काफूर हो ओए",panjabi-pan -"चढ़ लाडा, चढ़ रे ऊँचे रो -चढ़ लाडा , चढ़ रे ऊँचे रो , देखाधूं थारो सासरो रे -जांणे जाणें जोगीड़ो रा डेरा , ऐंडू के शार्रूं सासरो रे -चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचो रो , देखांधू थारा सुसरा रे -जाणें जाणें पड़गो रा वौरा , ऐड़ा रे थारा सुसरा रे -चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रे देखांधू थारो सासरो रे -जाणें जाणें पड़गा री "" बोंरी ' ऐड़ी तो थारी सासूजी रे -चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रो , देखांधू थारो सासरो रे -जाणें जाणें जोगीड़ा री छोरी , ऐड़ी तो थारी साली रे",rajasthani-raj -"लाट्टू मेरा बाजणा, बजार तोड़ी जाइयो जी। -लाट्टू मेरा बाजणा , बजार तोड़ी जाइयो जी । -मां मेरी ने भेजी कोथली , मेरा मां जाया आइयो जी । -उठ उठ बेबे तावली , तेरा बीर खड़ा दरबार जी । -कयूंकर उठूं कयूंकर बैठूं , बिछवां की चमकार जी । -बिछवां ऊपर हरा नगीणा , चुन्दड़ी छापेदार जी । -अगड़ पड़ोसन बूझण लागी , के के चीजां ल्यायो जी । -भरी पिटारी मोतियां की , जोड़े सोलां ल्यायो जी । -लाट्टू मेरा बाजणा , बजार तोड़ी जाइयो जी ।",haryanvi-bgc -"110 -एहदी वढ लुडके1 कोह जुंडयां नू गल घुट के डूंघड़े बोड़िये नी -सिर भन्न सू नाल मधानियां दे ढूही2 नाल खड़ताल3 तोड़िये नी -एहदा दातरी चाल चा ढिड पाड़ो सूई अखियां दे विच पोड़ये नी -वारस चाक तों एह ना मुड़े मूलों असीं रहे बहुतेरड़ा होड़िये नी",panjabi-pan -"बारहमासा -प्रथम मास असाढि सखि हो , गरज गरज के सुनाय । -सामी के अईसन कठिन जियरा , मास असाढ नहि आय ॥ -सावन रिमझिम बुनवा बरिसे , पियवा भिजेला परदेस । -पिया पिया कहि रटेले कामिनि , जंगल बोलेला मोर ॥ -भादो रइनी भयावन सखि हो , चारु ओर बरसेला धार । -चकवी त चारु ओर मोर बोले दादुर सबद सुनाई ॥ -कुवार ए सखि कुँवर बिदेश गईले , तीनि निसान । -सीर सेनुर , नयन काजर , जोबन जी के काल ॥ -कातिक ए सखी कतकि लगतु है , सब सखि गंगा नहाय । -सब सखी पहिने पाट पीतम्बर , हम धनि लुगरी पुरान ॥ -अगहन ए सखी गवना करवले , तब सामी गईले परदेस । -जब से गईले सखि चिठियो ना भेजले , तनिको खबरियो ना लेस ॥ -पुस ए सखि फसे फुसारे गईले , हम धनि बानि अकेली । -सुन मन्दिलबा रतियो ना बीते , कब दोनि होईहे बिहान ॥ -माघ ए सखि जाडा लगतु है , हरि बिनु जाडो न जाई । -हरि मोरा रहिते त गोद मे सोबइते , असर ना करिते जाड ॥ -फागुन ए सखि फगुआ मचतु है , सब सखि खेलत फाग । -खेलत होली लोग करेला बोली , दगधत सकल शरीर ॥ -चैत मास उदास सखि हो एहि मासे हरि मोरे जाई । -हम अभागिनि कालिनि साँपिनि , अवेला समय बिताय ॥ -बइसाख ए सखि उखम लागे , तन मे से ढुरेला नीर ॥ -का कहोँ आहि जोगनिया के , हरिजी के राखे ले लोभाई ॥ -जेठ मास सखि लुक लागे सर सर चलेला समीर । -अबहुँ ना सामी घरवा गवटेला , ओकरा अंखियो ना नीर ॥",bhojpuri-bho -"मेरा कैहा मान पिया -मेरा कैहा मान पिया , बाड़ी मत बोइए ; -सर पड़ेगी उघाई तेरे डंडा बाजै जाई , -पिया बाड़ी मत बोइए । -भावार्थ -' प्रियतम जी , मेरी बात मान लो , कपास मत बोओ । कर्ज सिर पर चढ़ जाएगा । सिर पर डंडे बजेंगे सो -अलग । प्रिय , मेरी बात मान लो , कपास मत बोओ । '",haryanvi-bgc -"कय गुने कलसा हे, कय गुने भार -कय1 गुने2 कलसा हे , कय गुने भार3 -बोल हे कलसवा हे , के4 लेत भार ॥ 1 ॥ -छव गुने कलसा हे , नव गुने भार । -बोलथि5 जनइया6 रिखी7 हम लेबो भार ॥ 2 ॥ -गंगाजल पानी देबो , पुंगीफल धान । -चउमक8 बराय9 देबो , सगरो10 इँजोर11 ॥ 3 ॥ -धन12 अनपुरना13 देइ , धन रउरा भाग । -कलसा धराइ गेल14 जनइया रिखी के मड़वा ॥ 4 ॥",magahi-mag -"ब्रह्मकौंल -तब भाभी मोतीमाला खोसी1 गए मोसी , -गात की घाघुरी छोड़े लाज का मारा । -तब सजाये वन रघुकण्ठी घोड़ी , -चल भाभी मोतीमाला श्रवण2 द्वारिका -मेरो भैजी कृष्ण त्वै जागणू होलो । -बाँठी छई वा भाभी मोतीमाला -हे लाडला बरमकौंल , मैं वचन बोलदू , -विमला रौतेलो होलो , जादव जायो -जब तू चन्द्रागिरि जालो । -मेरी भुली पत्थरमाला ब्याईक3 लालो । -तब जैक4 मैं द्वारिका जौलू , -नितर5 तू मेरी सात दाँ 6 टाड7 छोरी । -बरमकौंल न सूणे त्रिया को आणों8 -त्रिया को आणो ह्वैगे कपाल का मुँडारो9 । -माता आणो देन्दी10 मैं खाणो नी खाँदो , -बाबा आणो देन्दो , मैं काम नी जाँदो । -भाई आणो देन्दो मैं बाँट नी लेन्दो । -त्रिया को आणो ह्वैगे जिकुड़ी11 को बाण । -तब गैगे बरमी चन्द्रगिरि बीच , -तख रंद छयो गैरी नाग एक । -नागों मां कोण नाग भूपू नाग छायो । -रिंगदी12 अटाली13 छई वेकी , उड़दी14 डंडयाली15 , -त्रिकूट का घाँड16 छया लग्याँ काँसी का घूँघर । -भौन17 की चारी तरफ सात छई बाड़ी18 , -कनों भीतर जौलू सोचदू लाड��ो बरमी । -ज जैकार करदो , सत करदू याद विमला को , -सती होली मेरी माता , साती19 बाड़ी टपी जौलू । -तब मारे बरमीन रघुकुंठी घोड़ी थाप , -घोड़ी गगन मा चढ़ीगे , साती बाड़ी टपीगे । -पौंछी गए तब बरमी पत्थरमाला का भौन , -देखी तब वींन मोहनी मूरत साँवल सूरत -कंकरियालो माथो देखी वींन ढबरियाली पीठ । -मायादार20 आंखी देखीन , बुराँस21 को सी फूल । -नारी पत्थर माला तब मोहित ह्वै गए । -आँसुडी22 गेरदे वा , साँसुड़ी23 भरदे -कै24 राज25 कू26 होली , कै दसावर27 जालू ? -यख केक28 आयो वैरी का बदाण ? -केक पंथ ग भूली , बाटो गै डूली , -कै बैरीन भरमायो , साधून सन्तायो ? -तू अभी देख तेरी सौंली सूरत , -मेरो नाग डसी जालो । -लाडलो बरमी तब मुलकुल हैंसदो -सूण29 सूण पत्थरमाला , मैं पंथ नी भूल्यों30 , -वैरीन नी भरमायो , साधून नी सन्तायो । -आणा31 का ऊपर मेरी ज्वानी को विणास32 । -ब्याईक ली जाणी मैन तू पत्थरमाला । -जबरेक33 तेरु नाग नागलोक मां छ जायूं , -तबरेक34 द्वारिका चली जौला । -मुलकुल हैंसदी रानी पत्थरमाला -यू ही बल लीक यख आयी ? -कायरो नी होणू बरमी , सूण सूण -नारी चोरीक नी लि जाणी । -ठीक बोले त्वेन , अच्छा , हारी जीतीक जौलू । -लाडलो बरमी वींन पलंग बैठाये , -बजी गैन तबारे पलंग का घुंघर -घांडू का स्वर पौंछीन नागलोक -भिभड़ैक35 उठे भूपू नाग -सूणा सूणा र नागों , मैं घर जांदो , -मेरा गढ़ मा रिपु पैदा ह्वैग । -लौट आये तब नाग चन्द्रागिरि गढ़ मा । -वेका36 नाक को फुँकार चढ़न लैगे , -भादों को सी रवाड़ो37 उस्कारा38 भरण लैगे -थरथर कंपीगे बरमी , कबूतरसी बच्चा , -छिपी गैगे वो टुप39 पलंग मा । -हे रानी पत्थरमाला कु छ तेरो छिपायूँ ? -बतौ झट कैको आयो स्यो काल ? -हे मेा नाग कैन40 औणा41 साती42 बाड़ी43 टपीक44 , -तेरी मति कैन हरे ? -भौं कुछ45 बोल तू रानी पत्थरमाला , -यख मनखी की बास छ औणी । -तब नाग आणा देण लैगे -जु मेरी चन्द्रगिरी मा छिफ्यूं रलू , -वैसणी46 मां का सुगन्ध छन -अइऐ बरमी छेतरी47 को रोष , -छेतरी को रोष दूधसी उमाल । -नी रै सके छिप्यूँ बरमी , ऐगे भैर48 , -देखीक नाग मुलकुल हैंसदो -हाथी सामणे फ्यूँली को फूल , -बोल बोल छोरा , किलै49 तू आई , -के रांडो को होये यो कुल को विणास -सूण सूण नाग , मैन तू साधण50 , -साधीक त्वै पत्थरमाला ब्यैक ली जाण । -सुणीक बुरा वचन , नाग गुस्सा ऐगे , -कनो51 पकड़ीले52 नागन लाडलो स्यो बरमी । -बोल बोल छोरा तेरो कु छ बचौण वालो ? -सूणसूण नाग , मरी जौलू बीती , -पर वैरीक मैं बाबू53 नी बोलूँ । -दोसरो लपेटो मारी नागन -बोल बोल कू त्वै ब���ौण वालो ? -सूण सूण नाग , मैं बचौण वालो , -द्वारिका नारैण छ , कृष्ण भगवान । -गाडयाले नागन नागपाँस54 , -पड़ीगे भ्वां बरमी गेंडगू55 सी । -आंख्यों सेंवल56 सरीगे57 , दांतु मा कौड़ी58 । -सुपिनो ह्वैगे कृष्ण द्वारिका नारैण । -कमरी कुसाण59 लैगे , दूदो चचड़ाण60 -ओखी फफड़ाण61 लैगीन माता विमला की । -आदेशू लगौंदू मैं गुरु गोरख , -बचैक लावा मेरा बरमी । -तब कृष्णन भौंर भेज्यों वीं रमोली , -तख62 रंदू छयो सिदुवा रमोलो । -पौछीगे सिदुवा चन्द्रागिरी गढ़ मा , -छिपीगे नाग तिमंजल्या कोणी । -आदेशू लगौन्दू मैं गुरु सतनाथ , -भैर औ नाग आयो तेरो काल । -मात की दुहाई त्वै हे नाग , -गुरु से निगुरु ना होई । -सिदुवा छयो बांको भड़63 , -एक ही चोट मा तैन नाग , -जती लम्बो तती चौड़ो कर्याले । -तब आयो वो बरमी का पास , -मारे वैन निल्लाट64 को ताड़ो65 , -कांउर की जड़ी लिल्लाट66 थापे । -खड़ो उठीगे तब लाडलो बरमी , -यनी जीता रया सजन पुरुष , पिरेमी67 भगत । -रानी पत्थरमाला तब स्यूंदोला68 गाडदी69 , -धौली70 जसो71 फाट72 । -वेन्दुली73 रखदी कुमौं74 जसो घट75 । -लाडला बरमी की सजीगे रघुकुंठी घोड़ी , -बजीन ढोल76 दमों ब्यौ का । -चलीगे पत्थरमाला को डोला , बुरांस जनो फूल , -मोतीमाला न भी पूरा कन्या बचन । -मोतीमाला पत्थरमाला द्वी बेणी , -चली ऐन दखिण द्वारिका । -मोतीमाला ब्याहेण कृष्णक तैं , -बरमीन ब्याहे पत्थरमाला । -इना रैन भगवान कला का पूरा , -द्वारिका बीच लोग मंगल गांदा ।",garhwali-gbm -"जीजी का मुठी डो -जीजी का मुठी डो -जीजी का मुठी डो -जीजी का मुठी -जीजी का मुठी -जीजा का मुठी डो सिवे सिवे -जीजा का मुठी डो सिवे सिवे -डईते बोलेन रेवा परेन -डईते बोलेन रेवा परेन -बोकोते ओलेन डो तानी गेरा -बोकोते ओलेन डो तानी गेरा -स्रोत व्यक्ति चारकाय , ग्राम माथनी",korku-kfq -"बूबूडा भूना जुना चकान सुकू होली उभायेन -बूबूडा भूना जुना चकान सुकू होली उभायेन -बूबूडा भूना जुना चकान सुकू होली उभायेन -भुमका डो भुमकी डेन सुकू होली उभायेन -भुमका डो भुमकी डेन सुकू होली उभायेन -किलाडो मुटवा टेन आमा चुजा डावेन -किलाडो मुटवा टेन आमा चुजा डावेन -बागो डो बागोल्या नावापुरा आटी सेनेवा -बागो डो बागोल्या नावापुरा आटी सेनेवा -मावापुर हाटी जो चोजमा सिगार सेगेवा -मावापुर हाटी जो चोजमा सिगार सेगेवा -नारा डोटी की डोही रमी सेगेवा -नारा डोटी की डोही रमी सेगेवा -गावो जी कीला से मुटावा नारा ही की सेगेवा -गावो जी कीला से मुटावा नारा ही की सेगेवा -स���रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq -"सुरहिन गइया के गोबर मँगा ले ओ -सुरहिन गइया के गोबर मंगाले ओ -हाय , हाय मोर दाई खूंट धर अंगना लिपा ले ओ -खूंट धर अंगना लिपा ले ओ -हाय , हाय मोर दाई मोतियन चौंक पुरा ले ओ -मोतियन चौंक पुरा ले ओ -हाय , हाय मोर दाई सोने के कलसा मंढ़ाले ओ -सोने के कलसा मंढ़ाले ओ -हाय , हाय मोर दाई सोने के बतिया लगा ले ओ -सोने के बतिया लगा ले ओ -हाय , हाय मोर दाई सुरहिन घीव जला ले ओ -सुरहिन घीव जला ले ओ",chhattisgarhi-hne -"31 -भाबी रिज़क उदास जां हो टुरिया हुण कासनूं खलिआं हटकदियां हो -पहिले साड़के जीऊ नमानड़े नूं पिछे आ मलहम लावन लगदियां हो -भाई साक सन सो वख जुदा कीते तुसीं साक की साडीयां लगदियां हो -वारस शाह अकलड़े की करना तुसीं सते अकठीयां वगदियां हो",panjabi-pan -"पाँच नदिया रामा, एक बहइ धरवा रामा -पाँच नदिया रामा , एक बहइ1 धरवा रामा । -ताहि बीच कमल रे फुलायल हो राम ॥ 1 ॥ -फूल लोढ़े गेली बारी2 सारी3 मोरा अटकल डारी । -गुरु बिनु केउ न4 छोड़ावेइ5 हो राम ॥ 2 ॥ -फुलवा लोढ़िय लोढ़ि , भरली चँगेरिया6 राम । -सतगुरु अयलन लियावन हो राम ॥ 3 ॥ -छोडु़ छोड़ु संघ के सथिया , आझ7 मोरे आँचरवा हो राम । -सतगुरु के सँघवा , अब हम जायब हो राम ॥ 4 ॥ -कहत कबीर दास , पद निरगुनियाँ राम । -संत लोग लेहु न , विचारियऽ हो राम ॥ 5 ॥",magahi-mag -"शिव के मन माहि बसे काशी -शिव के मन माहि बसे काशी २ -आधी काशी में बामन बनिया , -आधी काशी में सन्यासी , शिव के मन -काही करन को बामन बनिया , -काही करन को सन्यासी , शिव के मन… -पूजा करन को बामन बनिया , -सेवा करन को सन्यासी , शिव के मन… -काही को पूजे बामन बनिया , -काही को पूजे सन्यासी , शिव के मन… -देवी को पूजे बामन बनिया , -शिव को पूजे सन्यासी , शिव के मन… -क्या इच्छा पूजे बामन बनिया , -क्या इच्छा पूजे सन्यासी , शिव के मन… -नव सिद्धि पूजे बामन बनिया , -अष्ट सिद्धि पूजे सन्यासी , शिव के मन…",kumaoni-kfy -"अबहीं बारी है हमारी उमिरिया बाबा -अबहीं बारी है हमारी उमिरिया बाबा -डारो शादी की अबहीं ना बेडिया बाबा -मै तोरी बगिया की नाजुक कलिया -डोले फिरूँ तोरे अँगना महलिया -तोहरे घरवा की हम हैं अंजोरिया बाबा -कच्चा घडा जैसन हमरी बदनिया -गलि जाई बाबा परी जब पनिया -छाई हमरे जीवन मे अन्हरिया बाबा -ब्याह की जल्दी ना करना तेयरिया -कर देना जब हो अठारह की उमिरिया -तोहरी महकी जब फुलवरिया बाबा",awadhi-awa -"जै री माता तू सतजुग की कहिए राणी -जै री माता तू सतजुग की कहिए र���णी -रसते में बाग लुगाया माता सतजुग की । -पाछा तो फिरके देखो रे लोको , -आम्ब अरनीबू झड़न लागे माता सतजुग की । -माता की राह में बांझ पुकारे , -माता देह री पुत्तर घर जाएं माता सतजुग की । -पाछा तो फिर के देखो रे लोगो -पुत्तर खिलांदी घर जाए माता सतजुग की ।",haryanvi-bgc -"भरथरी लोक-गाथा - भाग 3 -चल मिरगा ल राम -मय जियावॅव दाई -मोर अमरित पानी ल लावॅव ओ -जोगी लार्वव ओ , भाई ये दे जी । -घोड़ा मा मिरगा ल लादिके -भरथरी ये ओ -देखतो दीदी चले जावत हे -गोरखपुर म न -चले जावय गिंया -गोरखनाथ गुरु -धुनि रमे हे न -जेकर तीर म जाय भरथरी ओ -भरथरी ओ , भाई ये दे जी । -लगे हे धुनिबाबा के -गोरखनाथ के ओ -घोड़ा म मिरगा ल लादे हे -चले आवय गिंया -भरथरी ये न । मोहिनी ये दीदी -मोर मोहिनी बरोबर दिखय ओ , भरथरी ओ भाई ये दे जी । -गोरखनाथ के चेला ये -मोर चेलिन ओ -भरथरी ल कइसे देखत हे -मोहिनी ये गिंया । ये मोहावत हे ना -चेलिन बोलत हे ना -कहसन सुघ्घर हे ना -मोर कहां के लिखे भगवान ये ओ -जेहर भेजे ओ , बाई ये दे जी । -मोहिनी बरोबर मोहत हे -भरथरी ये राम -गोरखनाथ गुर के चरण मा -चले जावत हे न -सुनिले गुरु बात -मिरगा ल कहय , तय जिया देबे न -तोर पईया लागव बारंबार गा , बारंबार गा , भाई ये दे जी । -तब तो बोलय गुरू गोरखनाथ -सुनिले राजा मोर बात -मिरगिन के लागे सरापे न -चरण छुए नई दॅव । सराप ये गा -पाप धो लेबे न -जेकर पाछू चरण छूबे गा , ये दे छूबे जी , भाई ये दे जी । -तब तो बोलय भरथरी -सुन गुरु मोर बात -मिरगा जिया देना कहत हॅव -मिरगा ल गुरु । तय जिया दे गा -मोर मिरगिन सराप , मोला लगे हे न -ये ला मिटा देते न -मोर अइसे बोलय भरथरी ओ , भरथरी ओ , भाई ये दे जी । -गोरखनाथ गुरु कहत हे -मिरगा देहँव जियाय -तब तो बोलय भरथरी ल -जोग साधे ल रे -तोला परही बेटा -बारा साल मे न । जोग साधबे बेटा -तब जाके तोर पाप ह कटय गा , बैरी कटय गा -भाई ये दे जी । -लगे हे धुनि गुरु के -गोरखनाथ के न -जेमा आवत हे राम -का तो कूदय भरथरी ये -लगे हे धूनि गोरखनाथ के -जेमा जा कूदथे भरथरी ह -जीव ल देवत हे तियाग -सुन राजा मोर बात -गुरु गोरखनाथ जेला -देखत हे न -मय तो कइसे दुख म परेव ओ , ये परेव ओ , भाई ये दे जी । -भरथरी ये दे जीव ल -मोर बचावत हे राम -गुरु गोरखनाथ ये -धुनि मं जावे अमाय -भरथरी ल निकाल -गुरु मोर जावत हे -मोर मिरगा ल देवय जिआय , ये जिआय ओ , भाई ये दे जी । -आगू जनम के ये मिरगा -मोर साधू ये राम -छय आगर छय कोरी चेलिन ये -जेकर काला मिरगा -जनम लेके बेटा -सिंघलदीप म गा -��ाज करीस -जेला मारे तॅय बान -ये दे लागे सराप -मोर कइसे समझाय भरथरी ल , भरथरी ल ओ , भाई ये दे जी । -तब तो बोलय भरथरी ह -सुन गुरु मोर बात -जोग ल साधव मॅय अभी न -गुरु बोलत हे आज -सुन राजा मोर बात -हावस कच्चा कुंवर -जोग नई साधव रे -चार दिन के सुख ल , भोग ले गा , भोग ले गा , भाई ये दे जी । -जेकर पाछू म भरथरी -चले आबे बेटा -जोग सधा देहॅव तोला मय -पाप काटिहॅव तोर -अइसे बोलत हे न -भरथरी ल बात -भरथरी ये ओ -घर आवत हे न -मोर गुरु गोरखनाथ के चरण छुवय ओ , भाई ये दे जी । -घर मं , रंगमहल मं -मोर आइके ओ -कइसे माता ला बतावत हे -सुन दाई मोर बात -काला मिरगा ये ओ -मय तो दिहेंव जिआय -गोरखनाथ गुरु -जहां धुनि रमाय -मोर काला मिरगा ल जिआये ओ , जिआये ओ , भाई ये दे जी । -आनंद मंगल होवत हे -फुलवारानी ओ , बेटा ल गोदी मँ बैठारत हे -मोर देख गिंया -आनंद मंगल मनाय -अंगना मँ हीरा -मोर राजा के न -ये दे परजा ल ओ -मेवा मिठाई बँटाय -अब जेला देखय फुलवारानी ओ , भरथरी ओ , भाई ये दे जी । -बारा बरस के तोर ऊमर आय -अब आगे बेटा -तोर घर में बसा देवॅव -कय दिन के जिन्दगी , मोर बाचे बेटा -तोर सुख ल राम -देखि लेतेंव बेटा -ये दे जेखर पाछू नैना ग , सुख भोगे गा , भाई ये दे जी । -अइसे फुलवा सोचिके -सुनले महराज -का तो नाऊ ल बलावत हे -कइना खोजे बर न -लिख पाती भेजय -खोज के आवा गिंया -मोर उत्तर दिसा -नई तो पांय कहना -दक्षिण बर जाय -कइना नइ पावय न -मोर आके बात ल बोलय ओ , कइसे बानी ओ , भाई ये दे जी । -खोजतखोजत कइना ल -पथ बीच मँ ओ -जइसे पावत हे नाऊ ह -रानी ल देवय बताय -जइसे भरथरी आय -तइसे सुन्दर कइना -देखि आयेंव दाई -सुनरानी , मोर बात -समादेई ये ओ , मोर भरथरी के कइसे नारी -बनजाही ओ , भाई ये दे जी । -सुन्दर जांवर जोड़ी ये -दुनिया मां रानी -अइसे बोलत हावय नाऊ ह -जग मँ नाम कमाय -जइसे कइना ये न -तइसे राजा हमार -सादी कर देवा ओ -रानी ल बोलत हे ओ -जेकर बानी ल सुनत हे रानी ओ -भाई रानी ओ , भाई ये दे जी । -लिख के पतरिका भेजत हे -नेवता ल भेजय -सुनले कहत हावॅव बात ल -परतापी राजा , जेकर बेटा ये न -भरथरी ह ओ -मोर आनी बानी के राजे ल नेवता जावय ओ , भाई ये दे जी । -शादी के करे तियारी -ये दे रचे बिहाव -देख तो रानी सामदेई के -घर मा लानत हे न -गवना ल कराय -मोर रंगमहल मँ गिया -हीरा साहीं दीदी -दूनों दिखत हें न -मोर फुलवा बरोबर चमके ओ , रंगमहल ओ , भाई ये दे जी । -गवना कराके भरथरी -चल लानत हे राम -रंगमहल ल सजाये हे -फौजफटाका ओ -ये दे फोरत हे राम -संगी सहेली न -मंगल गीत सुना��� -मोर आनंद बधाई मनाय ओ , मनाय ओ , भाई ये दे जी । -एक दिन बइरी गुजरत हे -दूसर दिन ओ -तीन दिन के छइंहा मा -घर सौंपत हे न -भरथरी ल ओ -रानी सामदेई न -मोर राजा बनाय भरथरी ल , भरथरी ल ओ , भाई ये दे जी । -का तो गाजे के पराई ये -समय बीतत हे राम -जोगी के जोग बैरी दिन ये -चले आवय गिंया -मंगनी के बेटा -बारा बच्छर बर -आय रहिस दीदी -फुलवारानी ये ओ -जेला गय हे भुलाय -मोर तो सुरता लगे हे विचार ओ , -ए विचार ओ , भाई ये दे जी । -रंगमहल म जावत हे -भरथरी ये ओ -सामदेई जिहां पलंग म बइठे हे -भरथरी ये न -चले जावय दीदी -मोर पलंग के ओ -ये दे तीर म न -कइसे विधि कर हबरय ओ , ये हबरय हो , भाई ये दे जी । -पलंग मं पॉव ल रखत हे -जऊन समय म राम -गाज के देख तो पराई ये -खोनपलंग ए ओ -टूट जावय दीदी -धरती मं मढ़ाय -जेला देखत हावय भरथरी ओ , भरथरी ओ , भाई ये दे जी । -का तो जोनी मय पायेंव -का तो लागे हे पाप -का तो कारण पलंग मोर टूटगे -रानी देवव बताय -भेद नई जनँव ओ -मोला दे दे बताय -ये दे अइसे विधि भरथरी ओ -दाई पूछय ओ , भाई ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne -"जोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार में -जोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार में -हाय तुझे इसकी खबर कब होगी -बागे दे विच सपणी जे सुइए -ते कारदी ए मेनू मेनू -बच के निकलीं मेरेया माहिया -कि न लड़ जावे तैनू -लुट्टी हीर वे फकीर दी -हाल वे रब्बा मारी तेरेआं गमां दी . -चलो सहियो चल वेखण चलिए -रांझे दा चबारा -हीर विचारी इट्टां ढोवे -ते राँझा ढोवे गारा -लुट्टी हीर वे फकीर दी -हाल वे रब्बा मारी तेरेआं गमां दी . -चलो सहियो चल वेखण चलिए -रांझे पाई हट्टी -हीर निमाणी कम करेंदी -हाय न होवे खट्टी -लुट्टी हीर वे फकीर दी -हाल वे रब्बा मारी तेरेआं गमां दी .",panjabi-pan -"बिन देखे नन्दलाला कल न परे -बिन देखे नन्दलाला , कल न परे -मोर मुकुट मोरे ठाकुर जी खों सोहे । -सो फंुदरन बीच छिपी रही नन्दलाला , -छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . . -माथे खोरे मोरे ठाकुर जी खों सोहे -सो टिपकन बीच छिपी रही नन्दलाला , -छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . . -कंठन गोपें मोरे ठाकुर जी खों सोहे , -सो गोपन बीच छिपी रही नन्दलाला , -छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . . -हांथन कंगन मोरे ठाकुर जी खों सोहे , -सो घड़ियन बीच छिपी रही नन्दलाला , -छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . . -केसरिया बागो मोरे ठाकुर जी खों सोहे , -सो पनरस बीच छिपी रही नन्दलाला , छिपी रही . . . -पावन तो मोजा मोरे ठाकुर जी खों सोहें , -सो माहुर बीच छिपी रही नन्दलाला , -छिपी रही नन्दलाला ��� कल न परे . . .",bundeli-bns -"थारा माथा की बिंदी वो रनुबाई अजब बनी -थारा माथा की बिंदी वो रनुबाई अजब बनी । । -थारा टीका खऽ लागी जगाजोत वो -गढ़ छपेल रनुबाई अजब बनी । -थारा कान खऽ झुमका रनुबाई अजब बणया । -थारी लटकन ख लगी जगाजोत वो । । -गढ़ छपेल रनुबाई अजब बनी । । -थारा हाथ का कंगण अजब बन्या , -थारी अंगूठी ख लगी जगाजोत वो -गढ़ छपेल रनुबाई अजब बनी । । -थारी कम्मर को कदरो रनुबाई अजब बन्यो -थारा गुच्छा ख लागी जगाजोत वो -गढ़ छपेल रनुबाई अजब बनी । -थारा अंग की साड़ी रनुबाई अजब बनी -थारा पल्लव ख लगी जगाजोत वो -गढ़ छपेल रनुबाई अजब बनी -थारा पांय की नेऊर रनुबाई अजब बन्या -थारा रमझोल ख लगी जगाजोत वो -गढ़ छपेल रनुबाई अजब बनी । -हे रनुबाई तुम्हारे माथे कि बिंदी , शीश का टीका , कान के लटकन बहुत ही सुन्दर लग रहे है । तुम्हारे कान के कंगन , अंगूठी , कमरबंद , गुच्छे की घड़त न्यारी है । तुम्हारे झुमके अंग की साडी और उसके पल्लव की शोभा न्यारी है ।",nimadi-noe -"हालिड़े हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा -हालिड़े हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा घड़वाले हरियल बांस का -आया हो हालिड़े साढज मास बाजरा तै बोदे डूंगे क्यार में -थारा हो हालिड़े देस कुदेस बासी तै टुकड़े खाटी राबड़ी -म्हारा रे गोरी देस सुदेस दामण तै ऊपर चून्दड़ी -थारा रे गोरी देस कुदेस पाटी घघरिया धोली लूगड़ी -आइये हो हालिड़ा म्हारैड़े देस चावल रांधू ऊजले -आइये रै गोरी म्हारैड़े देस तील सिमादें रेसमी -हालिड़े हो हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा घड़ाले हरियल बांस का",haryanvi-bgc -"सांझी सांझा हे कनागत परली पार -सांझी सांझा हे कनागत परली पार -देखण चालो हे संज्ञा के लणिहार -वह तो देखिया भाला हे चन्दा लाम जड़ाम -देखण चाली हे सांति के लणिहार -वह तो देखिया भाला हे चन्दा लाम जड़ाम",haryanvi-bgc -"बारांमाह बुल्ले शाह -अस्सू लिक्खो सन्देस्वा1 वाचे हमरा पीओ । -गौने2 कीआ तुम काहिको , कलमल हमरा जीओ ॥ 1 ॥ -अस्सू असाँ तुसाडी आस । -साडी जिन्द तुसाडे पास । -जिगरे मुढ्ढ प्रेम दी लास । -दुःखां हड्ड सुकाए मास । -सूलाँ साड़िआँ ॥ 1 ॥ -सूलाँ साड़ी रही उरार । -मुट्ठी तदों ना गइआँ नाल । -उलटी प्रेम नगर दी चाल । -बुल्ला सहु दी कर सँभाल । -प्यारे मैं सारिआँ ॥ 1 ॥ -बैसाखी बीतन कठन से संग मीत ना होए । -किस किस आगे जा कहा इक्क मंडी भा दोए । -जे मैं होवाँ सुख , वैसाख 16 -कछा3 पौण ताँ पके साख । -जै घर लागी तै घर लाख4 । -कई बात ना सका आख । -कन्ताँ वालिआँ । -कन्ताँ वालिआँ डाढे ज़ोर । -मैं ताँ झूर झूर होईआं होर । -कंडे पुड़े कलेजे ज़ोर । -बुल्ला सहु बिन मन्दा सोर । -मैं घत्त गालिआँ ॥ 8 ॥ -भादरों भावे ताँ सखी पल पल हेत मिलाप । -जब घट5 देक्खो आपणा पर घट आप ही आप । -भादरों रब्ब ने भाग जगाया । -साहिब कुदरती सेती पाया । -हर विच्च हरि ने आप छुपाया । -शाह अनायत आप लखाया । -ताँ मैं लखिआ । -तहीएँ होन्दी उमर तसला । -पल पल मंगदे नैण तजला । -बुल्ला शाह करे लोहला । -मैं परेम रस चाखेआ ।",panjabi-pan -"मेरी सोने की सलाई साजन लेन चले -मेरी सोने की सलाई साजन लेन चले -जगमोतियन की माला लेन चले -बाबा जी तुम भी कैसे हारे -लाला जी तुम भी कैसे हारे -बीबी तेरे कारण हारे -बेटी लाडो तेरे कारण हारे -पोते के कारण जीत चले -बेटे के कारण जीत चले -मेरी सोने की सलाई साजन लेन चले -जगमोतियन की माला लेन चले",haryanvi-bgc -"जेरेमा रेपे डो कोवा हेचकेन -जेरेमा रेपे डो कोवा हेचकेन -जेरेमा रेपे डो कोवा हेचकेन -आम्बे नी पाला रोकोमा रोको डो साडी मारे -आम्बे नी पाला रोकोमा रोको डो साडी मारे -देठ जाने डो भूट जाने -देठ जाने डो भूट जाने -डोरानी आम्बे पाला रोकामारो कोडो साडी मारे -डोरानी आम्बे पाला रोकामारो कोडो साडी मारे -स्रोत व्यक्ति संगीता , ग्राम कुकड़ापानी",korku-kfq -"सूरज ऊगो हो केवड़ा के री परत -सूरज ऊगो हो केवड़ा के री परत -म्यानो रजाम सुहावनो -तम जागो हो सूरज जी हो राम -तम जागो ही गणपत जी हो राम -तम घर हो परजा केरो राज -तम जागो हो फलाणा जी हो राज -तम बैठो हो अक्खी बड़ की छाँह -तम लीजो हो श्रीकृष्ण को नाम -दीजो हो सूर्या गाय को दान -सूरज ऊग्यो के वड़ा के री परत -म्यानो श्याम सुहावणो -तम जागो हो फलाणा राम भांड -तम बैठो हो धतूरा अरंडिया छाँव -तम लई करवो मुख धोवी -तम लीजो अल्लाखुदा को नाम -तम दीजो हो तमारी माता को दान",malvi-mup -"डूगू ऐ रानी डो ऐ रानी आमानी डो नांगा किड़ी डो बान -डूगू ऐ रानी डो ऐ रानी आमानी डो नांगा किड़ी डो बान -डूगू ऐ रानी डो ऐ रानी आमानी डो नांगा किड़ी डो बान -डूगू ऐ रानी डो ऐ रानी आमानी डो नांगा किड़ी डो बान -ऐ राजा जा ऐ राजा इयानी जा -नांगा किडी ना सेंगो जा सांटी जा कोलाय -ऐ रानी डो ऐ रानी काल माकान -निडो रानी गेरवा सांटी डो कोमराय मारे -ऐ राजा जा ऐ राजा -इयानी जा कन्या कुवर केन कीन्जा खाडू मारे -आरा गोला जोमेजा राजा मू पाड़ा जाजोमे मारे -जा राजा ढिना मा ढिना जा काटा टिये -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"533 -जोगी कील घती परे विच चैंकी छुरी ओसदे विच खुभाइया सू -खाह कसम कुरान दी बैठ जट कसम चोर नू चा कराइया सू -ओहदे नाल तूं नाहियों अंग लाया छुरी पट के धौन रखाइया सू -फड़या हुसन दे माल दा चोर साबत ताए ओसनूं कसम खवाइया सू -वारस शाह रब्ब तूं छड पया झंजट ऐवे राइगां उमर गवाइया सू",panjabi-pan -"छतर फिरे चर्खी घरणावै -छतर फिरे चर्खी घरणावै -तोता लहरे ले रह्या ए -तोते ऊपर मोर झिगोरै -मोरणियां की लार ए -मंगतू बेटा ब्याह्वण चढ़ग्या -छतर फिरे चकडोर ए",haryanvi-bgc -"55 -होंठ सुरख याकूत जिउं लाल चमकण ठोडी सेब वलाइती सार विचों -नक अलफ हुसैनी दा पिपला1 ए जुलफ नाग खजाने दी बार विचों -दंद चंबे दी लड़ी कि हंस मोती दाणे निकले हुसन अनार विचों -लिखी चीन तसवीर कशमीर जटी कद सरू बहिश्त गुलजार विचों -गरदन कूंजदी उंगलियां रवां फलियां हथ कूलड़े बरग चिनार विचों -बाहां वेलणे वलिआं गुंनह मखण छाती संगमरमर संग धार विचों -छाती ठाठ दी उभरी पट खेहनूं सेउ बलख दे चुणे अंबार विचों -धुंनी बहिश्त दे हौज दा मुशक कुबा पेडू मखमली खास सरकार विचों -काफूर शहनां सरीर बांके हुसन साक सतून मीनार विचों -सुरखी होठों ही लोढ़ दंदासड़े दा खोज खतरी कतल बजार विचों -शाह परी दी भैण पंजफूल राणी गुझी रहे ना हीर हजार विचों -सइयां नाल लटकदी मान मती जिवें हरनियां त्रुठियां बार विचों -ठीक तेज तलवार दी शान वाली चमक निकली तेग दी धार विचों -फिरे छनकदी चा दे नाल जटी चढ़या गजब दा कटक कंधार विचों -लंका बाग दी परी कि इंद्रानी रूह निकली चंद दी धार विचों -पुतली पेखने दी नकश रूम वाले लधा परीं ने चंद उजाड़ विचों -जो कोई वेखदा उसदे हुसन ताईं जखम लगदा उस तलवार विचों -मत्थे आ लगन जेहड़े भौर आशक निकल जान तलवार दी धार विचों -इशक बोलदा नढी दे थाउं थांई राग निकले जील2 दी धार विचों -कजलबास3 जलाद सवान खूनी निकल दौड़या उड़क बजार विचों -वारस शाह जां नैना दा दाउ लगे कोई बचे न जूए दी हार विचों",panjabi-pan -"इस पेड़ नीचै आओ हे रुकमण -इस पेड़ नीचै आओ हे रुकमण , आओ हे रुकमण , गलियां मैं किरसन मुरारियां -अब कैसे आऊं स्याम सुन्दर , मदन मोहन , बाबा जी मंडप छाइयां -बाबा हमारे दान देंगे , दहेज देंगे , थाल भर मोतियन के देंगे -लोटा भर के नीर देंगे , पीओ हे जी तुम किरसन मुरारियां -इस पेड़ नीचै आओ हे रुकमण , आओ हे रुकमण , गलियां मैं किरसन मुरारियां -अब कैसे आऊं स्याम सुन्दर , मदन मोहन , ताऊ जी मंडप छाइयां -ताऊ हमा���े दान देंगे , देहज देंगे , थाल भर मोतियन के देंगे -लोटा भर के नीर देंगे , पीओ हे जी तुम किरसन मुरारियां -इस पेड़ नीचै आओ हे रुकमण , आओ हे रुकमण , गलियां मैं किरसन मुरारियां -अब कैसे आऊं स्याम सुन्दर , मदन मोहन , फूफा जी मंडप छाइयां -फूफा हमारे दान देंगे , देहज देंगे , थाल भर मोतियन के देंगे -लोटा भर के नीर देंगे , पीओ हे जी तुम किरसन मुरारियां",haryanvi-bgc -"ननदी भौजइया मिलि पनिया के चलली, जमुन दह हे -ननदी भौजइया मिलि पनिया के चलली , जमुन दह1 हे । -ननद , जब होतो मोरा नंदलाल , बेसर पहिरायब हे ॥ 1 ॥ -देबो मैं देबो तोरा ननदो हे , भइया के पियारी हहु2 हे । -ननद , जब होतो मोरा नन्दलाल , बेसर पहिरायब हे ॥ 2 ॥ -आधी रात बितलइ3 पहर रात , होरिला जनम लेलन हे । -भउजो , अब भेलो तोरा नंदलाल , बेसर पहिराबहु हे ॥ 3 ॥ -कहली हल4 हे ननद , कहली हल , भइया के दुलारी हहु हे । -ननद , नइ5 देबो तोहरा के बेसर , बेसरिया नइए देबो हे ॥ 4 ॥ -सभवा बइठल तोहें बाबूजी , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -बाबूजी , तोर पुतहू कहलन बेसरिया , बेसरिया दिलाइ देहु हे ॥ 5 ॥ -सउरी6 पइसल7 तुहूँ पुतहु न , सुनहऽ बचन मोरा हे । -पुतहु , देइ देहु नाक के बेसरिया , त बेटी घर पाहन हे ॥ 6 ॥ -नइ देबइ , नइ देबइ , नइ देबइ , हम नकबेसर हे । -बाबूजी , बेसर मिलल हे दहेज , बेसरिया नइए देबइ हे ॥ 7 ॥ -पोथी पढ़इते तुहूँ भइया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -भइया , तोर धनि कहलन बेसरिया दिलाइ देहु हे ॥ 8 ॥ -सउरी पइसल तुहुँ धनियाँ , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -धनि , देइ देहु अपन बेसरिया , बहिनी घर पाहुन हे ॥ 9 ॥ -नइ देबइ , नइ देबइ , नइ देबइ , नइ नकबेसर हे । -प्रभु हम कहाँ पयबो बेसरिया , बेसरिया हेराय गेलो8 हे ॥ 10 ॥ -चुप पहु , चुप रहु बहिनी , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -बहिनी , करबो में दोसर बिआह , त बलका9 पोसाय10 देहु हे ॥ 11 ॥ -लगे देहीं हाजीपुर बजरिया , बेसर हम लाइ देबो हे । -बहिनी , इनखा11 के देबइन बनवास , से चुप रहु , चुप रहु हे ॥ 12 ॥ -एतना बचन जब सुनलन , सुनहुँ न पावल हे । -धनि , नकिया से काढ़ि के बेसरिया भुइयाँ12 फंेकि देलन हे ॥ 13 ॥ -लेइ जाहु , लेइ जाहु , लेइ जाहु मोर नकबेसर हे । -ननदो , बनि जाहु मोर सउतिनियाँ , जे घर से निकासल हे ॥ 14 ॥ -काहे लागी लेबो बेसरिया , बेसरिया तोहरे छाजो13 हे । -भउजो , जीये मोर भाइ भतीजवा , उगल रहे14 नइहर हे । -काहे लागी दोसरा बिआह करबऽ , काहे लागी बेसर हे । -भइया , लेइ तोर रोगबलइया15 हमहीं जइबे सासुर हे ॥ 16 ॥",magahi-mag -"378 -केही दसी ए अकल सयाणयां नूं कदी नफर1 कदीम2 संभालीए नी -दौ��तमंद नूं जाणदा सभ कोई नेहुं नाल गरीब दे पालीए नी -गिधीं बोल ढंडोरड़ा जग सारे जिउ समझ लैखेड़यां वालीए नी -वारस शाह है इशक दा गउतकिया3 हुसन वालीए गरम निहालिए नी",panjabi-pan -"आ जैहो बड़ी भोर दही लैके -आ जैहों बड़ी भोर दही लैकें -आ जैहों बड़ी भोर । -ना मानो कुंड़री धर राखो । -मुतियन जड़ी है कोर । सखी री . . . -ना मानो मटुकी धर राखो -लिखें पपीरा मोर । सखी री . . . -ना मानो गहने धर राखो , -बाजूबंद अमोल । सखी री . . . -ना मानो मोई खों बिलमा लो , -जोड़ी बनत अमोल । सखी री . . . -चन्द्रसखी रस बस भई राधा । -छलिया जुगल किशोर । सखी री . . . -आ जैहों . . .",bundeli-bns -"जोगी आयो शहर में व्योपारी -जोगी आयो शहर में व्योपारी २ -अहा , इस व्योपारी को भूख बहुत है , -पुरिया पकै दे नथवाली , -जोगी आयो शहर में व्योपारी । -अहा , इस व्योपारी को प्यास बहुत है , -पनियापिला दे नथ वाली , -जोगी आयो शहर में व्योपारी । -अहा , इस व्योपारी को नींद बहुत है , -पलंग बिछाये नथ वाली -जोगी आयो शहर में व्योपारी २",kumaoni-kfy -"अंगिका फेकड़ा -चलोॅ हे हिरनी माय फूल तोड़ै लेॅ -फूलोॅ के गाछ तर ऐल्हौं जमाय -बेटी केॅ लेल्हखौं डोली चढ़ाय -ज्यौंज्यौं डोलिया डुलकल जाय -त्यौंत्यौं बेटी हकरल जाय -बोॅर बैठलोॅ बरोॅ तर -कनियाँय बैठली पीपरोॅ तर -बरोॅ केॅ लागलै दाँती -कनियाँय धूनेॅ छाती । -कनियाँय मनियाँय झिंगाझोर -कनयाँय माय केॅ लेॅ गेल चोर -दौड़ोॅ हो शहर के लोग । -झरिया ऐलै बुनरिया ऐलै -करका मेघ लगैलेॅ ऐलै -डाला कुण्डा घोॅर करोॅ -बेटी केॅ विदा करोॅ । -औठीपौठी लौका -बीच में गू खौका । -पांड़े पड़ोकी चुटिया में तेल -पांड़े के धियापुता खेलेॅ गुलेल -पांडे़ ढबढबढब । -यद्दू बेचेॅ कद्दू , बंगाली बेचेॅ पान -यद्दू के एक बेटा , सेहो गाड़ीमान -यद्दू दूर गेलेॅ हो । -अथरोबथरो सीमा गेली सीम तोड़े -नीमा गेली नीन तोड़े , दा बूढ़ी भात -अभी गोबरे हाथ । -ऊबु पान फूल पत्ता -गुलाबी रंग कच्चा -कटोरी में के आगिन -बुझाय देॅ मोरी भौजी । -ओ ना मा सी धं -गुरूजी पढ़ंग -चटिया लंग -बाजे मृदंग । -तार काटूँ , तनकुन काटूँ -काटूँ रे बनखज्जा -हाथी पर से घुंघर बोले -टन देॅ केॅ राजा -राजा के रजोली बेटी -भैया के दुपट्टा -हिच्च मारौं , घिच्च मारौं -चीचे हेनोॅ बच्चा ।",angika-anp -"291 -कुड़ीयां वेखके जोगी दी तबाअ1 सारी घरी हसदियां हसदियां आइयां ने -माए इक जोगी साडे नगर आया कन्नी उस ने मुंदरां पाइयां ने -नहीं बोलदा बुरा जबान विचों भावें भिछया नहीयों पाइयां ने -हथ खपरी फाहुड़ी मोढयां ते मेहर गानियां गले पहनाइयां ने -अरड़ाउंदा वांग जलालियां2 दे जटां वांग मदारियां छाइयां ने -ना ओह मुंडीया गोदड़ी नाथ जंगम ना उदासियां विच ठहराइयां ने -परेम मतियां अखियां रग भरियां सदा गूहड़ियां लाल सुहाइयां ने -खूनी बांकियां नशे दे नाल भरियां नैनां खीवियां3 सान चढ़ाइयां ने -कदे संगली सुट के शगन वाचे कदे सवाह ते औंसियां पाइयां ने -कदे किंग बजा के खड़ा रोवे कदे हसदे नाद घुकाइयां ने -अठे पहर अलाह नूं याद करदा खैर ओसनूं पांदियां माइयां ने -नशे बाझ भवां उहदियां मतियां4 ते मिरगाणीयां5 गले बणाइयां ने -जटां सोंहदियां छैल उस नढड़े नूं जिवें चंद गिरदे घटां आइयां ने -ना कोई मरदा ना किसे नाल लड़या नैनां उसदयां छहबरां6 लाइयां ने -कोई गुरु पूरा उसनूं आन मिलया कन्न पाड़ क मुंदरां पाइयां ने -वारस शाह चेला बाल नाथ दा ए झोकां7 प्रेम दियां किसे ने लाइयां ने",panjabi-pan -"469 -लिया हीर सयाल सो दीद करिए आ जाह ओ दिलबरा वासता ई -जाके आख रांझा तैनूं याद करदा घुंड लाह ओ दिलबरा वासता ई -सानूं महर दे नाल वखाल सूरत मुख माह ओ दिलबरा वासता ई -जुलफ नाग वांगूं कुंडल घत बेठी गलों लाह ओ दिलबरा वासता ई -दिने रात ना जोगी नूं टिकाण देंदो तेरी चाह ओ दिलबरा वासता ई -लोड़ें लुटिया नैणां दी सांग देके मुड़ जाह ओ दिलबरा वासता ई -गल कपड़ा इशक दे कुठियां देहों घाह ओ दिलबरा वासता ई -सदका सैदे दे नवें पयार वाला मिल जा ओ दिलबरा वासता ई -वारस शाह नजाम दा करज वडा सिरों लाह ओ दिलबरा वासता ई",panjabi-pan -"16 -करे आकड़ां खाके दुध चावल एह रज के खान दीयां मसतियां ने -आखन देवर नाल निहाल होइयां सानूं सभ शरीकनां हसदियां ने -एह रांझे दे नाल हन घयो शकर पर जीउ दा भेत न दसदियां ने -रन्नां डिगदियां देख के छैल मुंडा जिवें शहद विच मखियां फसदियां ने -इक तूं कलंक हैं असां लगा होर सब सुखालियां वसदियां ने -घरों निकलें जदों तूं मरें भुखा भुल जाण तैनूं सभे मसतियां ने",panjabi-pan -"578 -जाये माहियां पिंड विच जाये किहा नढी हीर नूं चाक लियाया जे -दाढ़ी खेड़यां दी सभ मुन सुटी पानी इक चुली नहीं लाया जे -सयालां आखया परहां ना जान किते जाके नढड़ी नूं घरी लियाया जे -आखो रांझे नूं जंझ बना लिआवे नढी हीर नूं डोलड़ी पाया जे -जो कुझ हैन नसीब सो दाज दीजे साथों तुसीं भी चा लजाया जे -उधर हीर ते रांझे नूं लै चले इधर खेडयां दा नाई आया जे -सयालां आखया खेड़यां नाल स��डे कोई खैर ना पुछणा पाया जे -हीर व्याह दिती मोई गई साथों मुंह धी दा नाही वखायाजे -ओवें मोड़ के नाई नूं टोर दिता , मुड़ फेर न असां थे आया जे -वारस तुसां ते ओह उमीद आही डंडा सुथरयां वांग वजाया जे",panjabi-pan -"लाल सूइ लाल डोरा, लाल दरजी बोलाइ के -लाल सूइ लाल डोरा , लाल दरजी बोलाइ1 के । -जुग जुग जियथी2 दुलहा दुलरइता दुलहा । -जिनकर जामा3 सिलामहिं4 ॥ 1 ॥ -लाल सूइ लाल डोरा , लाल दरजी बोलाइ के । -जुग जुग जियथिन दुलहिन दुलरइतिन दुलहिन । -जिनकर लहँगा सिलामहिं ॥ 2 ॥",magahi-mag -"अनहद मन म्हारो रमी रयो -अनहद मन म्हारो रमी रयो , -धुन लागी रे प्यारी -१ उस दरियाव की मछली , -आरे इस नाले में आई -नाले का पानी तोकड़ा -दरिया न समानी . . . -अनहद . . . -२ वस्तु घणी रे बर्तन छोटा , -आरे कहो कैसे समाणी -घर मे धरु तो बर्तन फुटे -बाहेर भरमाणी . . . -अनहद . . . -३ फल मीठा रे तरुवर ऊँचा , -आरे कहो कैसे रे तोड़े -अनभेदी ऊपर चड़े -गीरे धरती के माही . . . -अनहद . . . -४ बृह्मगीर बृह्मरुप है , -आरे बृह्म के हो माही -बृह्म में बृह्म मिल गये -बृह्म में समाये . . . -अनहद . . .",nimadi-noe -"का लेके अयले ननदिया, बोलाओ राजा बीरन के -का1 लेके2 अयले3 ननदिया , बोलाओ राजा बीरन4 के । -पाँच के टिकवा , 5 दस के टिकुलिया , 6 लेके आयल ननदिया ॥ 1 ॥ -हमर बहिनियाँ बहुत किछु लयलक7 । -ओकरा8 के पियरी पेन्हाउ , 9 बोलाबु राजा बीरन के ॥ 2 ॥",magahi-mag -"पिया, भरती मैं हो लै ने -पिया , भरती मैं हो लै ने , -पट जा छत्तरीपन का तोल -जरमन मैं जाकर लड़िए , -अपने माँबाप का नाँ करिए । -ओ तोपों के आगे उड़िए , -अपनी छाती मैं दे खोल । -पिया , भरती मैं हो लै ने , -पट जा छत्तरीपन का तोल -भावार्थ -' प्रियतम जाओ , फ़ौज में भरती हो जाओ । मुझे भी तो पता लगे कि तुम कितने बड़े क्षत्रिय हो । जाओ -और जाकर जर्मनों से लोहा लो । अपने मातपिता का नाम उज्ज्वल करो । जाओ , तोपों के सामने जाकर अड़ -जाओ । उनके सामने अपनी छाती खोल दो । फ़ौज में भरती हो जाओ , प्रियतम ताकि यह मालूम हो जाए कि -तुम वास्तव में सच्चे क्षत्रिय हो । '",haryanvi-bgc -"नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ -नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ -तागली जो घड़जे सोनी भाई , चांद का उजाळऽ -परण्यो निरखऽ दिवला री जोत । -नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ -हार जो घड़जो सोनी भाई चांद का उजाळ -परण्यो निरखऽ दिवला री जोत । -नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ",nimadi-noe -"एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन -एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन -दुई ठो छोडछाड़ दीन एक ठ�� कईबई नाहीं कीन -जवन कईबई नहीं कीन वोहमें मिला रुपैया तीन -दुई तो फाटफूट गै एक ठो चलबै नाहीं कीन -जवन चलबै नाहीं कीन ओसे गाँव बसावा तीन -दुई तो उजरि पुजरि गै एक ठो बसबई नाहीं कीन -जवन बसबई नाहीं कीन ओहमें कोहार बसावा तीन -दुई तो मरीखपि गै एक ठो अईबई नाहीं कीन -जवन अईबई नाहीं कीन उहै हांडी पकावा तीन -दुई तो फूटफाट गै एक ठो पकबई नाहीं कीन -जवन पकबई नाहीं कीन ओहमें चाउर पकावा तीन -दुई तो जरभुनि गै एक ठो भबई नहीं कीन -जवन भबे नाहीं कीन ओहमें पंडित खियावा तीन -दुई तो भागभूग गै एक ठो अईबई नहीं कीन -जवन अईबई नहीं कीन ओके मारा लाठी तीन -दुई तो ऐहमुरओहमुर परि गै एक ठो लगबै नाहीं कीन -जवन लगबै नाहीं कीन ओह्पे चला मुकदमा तीन -दुई तो छूट छाट गै एक में पेशिअई नहीं दीन -जवन पेशिअई नहीं दीन ओहमें सजा भई तीन -दुई तो भूलि भालि गए एकठो कटिबई नहीं कीन -जवन कटिबई नहीं कीन ओहमें साल लगे तीन -दुई तो पुरान धुरान रहे एक ठो गिनिबई नहीं कीन -जवन गिनिबई नहीं कीन ओहमें कविता कहा तीन -दुई तो हेरा हुरू गईं एक ठो यदिही नहीं कीन",awadhi-awa -"गोर गोर गोमती , गणगौर गीत -गणगौर राजस्थान का एक त्यौहार है जो चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की तीज को आता है इस दिन कुवांरी लड़कियां एवं विवाहित महिलायें शिवजी इसर जी और पार्वती जी गौरी की पूजा करती हैं पूजा करते हुए दूब से पानी के छांटे देते हुए गोर गोर गोमती गीत गाती हैं -गोर गोर गोमती , इसर पूजे पार्वती -म्हे पूजा आला गिला , गोर का सोना का टिका -म्हारे है कंकू का टिका -टिका दे टमका दे , राजा रानी बरत करे -करता करता आस आयो , मास आयो -छटो छ : मास आयो , खेरो खंडो लाडू लायो -लाडू ले बीरा ने दियो , बीरा ले भावज ने दियो -भावज ले गटकायगी , चुन्दडी ओढायगी -चुन्दडी म्हारी हरी भरी , शेर सोन्या जड़ी -शेर मोतिया जड़ी , ओल झोल गेहूं सात -गोर बसे फुला के पास , म्हे बसा बाणया क पास -कीड़ी कीड़ी लो , कीड़ी थारी जात है -जात है गुजरात है , गुजरात का बाणया खाटा खूटी ताणया -गिण मिण सोला , सात कचोला इसर गोरा -गेहूं ग्यारा , म्हारो भाई ऐमल्यो खेमल्यो , लाडू ल्यो , पेडा ल्यो -जोड़ जवार ल्यो , हरी हरी दुब ल्यो , गोर माता पूज ल्यो",rajasthani-raj -"चोरी माखन की दै छोड़ि कन्हैया -चोरी माखन की दै छोड़ि -कन्हैया मैं समझाऊँ तोय -एक लख धेनु नंद बाबा कें -नित घर माखन होय -दधि माखन तू रोज चुरावै -हँसी हमारी होय -चोरी माखन की दै छोड़ि -कन्हैया मैं समझाऊँ तोय . . .",braj-bra -"आणे का वायदा किया, हो आए ना बालमा -आणे का वायदा किया , हो आए ना बालमा -घूंघट की ओर से खोल दे अंखियां , चाले हैं ठण्डी हवा -हो आए ना बालमा -दरवाजे की ओर से देखो , हाथ पैरों से चल के देखो -डोले हे मोरा जिया , हो आए ना बालमा -हाथ की रेखा देखन वाले , देख मेरे ये भाग निराले -परदेसी ने ये क्या किया , हो आए ना बालमा",haryanvi-bgc -"95 -चूचक आखदा मलकीए जमदड़ी नूं गल घुट के काहे ना मारयो ई -घुटी ज़हर दी घोल ना दितीआ ई उह अज जवाब नितारियो ई -मंझ डूंगड़े धीआ न बोड़ीया ई वहिण रोड़ के मूल ना मारियो ई -वारस शाह खुदाए दा खौफ कीता कांरू वांग ना जिमी निघरियो ई",panjabi-pan -"धरणी रीटे साँपीण -धरणी रीटे साँपीण , -अगाश रीटली शीणी , -मणछ मगार लाणदो , -विपता भगवान दीणी । -हसा खाण , बांठी बुलाण , -कोया न बाटुड़ लाणो । -चार दिन मानछड़ो -मरेय न अंयागौर जाणो । -कूण कियो बांठो को मरीणो , -कूणी दुबड़िया लायो रीण । -पापी अपरादी ज्योंरा मेरा , -न माणदो कसी की गीण ।",garhwali-gbm -"झूमरली गीत -जमना किनारे कानो धेन चरावे , -राधाराणी राधाराणी पाणी जावे हो राज । -माता जसोदा रो कानूड़ो । -श्रीकृष्णजी की कान की झूमर राजधाजी ने ले ली थी , उसी पर गीत रचा गया । श्रीकृष्ण यमुना नदी के किनारे गौर चारण हेतु जाते हैं , राधा रानी भी यमुना पर जल भरने जाती हैं । माता यशोदा के श्रीकृष्ण । -जमना किनारे कानो बन्सी वजावे , -झिणि झिणि राग सुणावे हो राज । -माता यशोदा रो कानूड़ो । -यमुना के किनारे गौओं को चराते हुए श्रीकृष्ण मधुरमधुर राम सुनाते हैं । -हाथ पग धोवता गळनो निचवता , कानूड़ा रे छाटो लाग्यो हो राज । -आंगळी पकड़ी ने पुणचो पकड्यो , हार गळा रो लीदो हो राज । -मारी ककरिया फोड़ी गगरिया , दूर जइ ऊबो कानूड़ो हो राज । -माता जसोदा रो कानूड़ो । -राधा ने पानी की गागर भरी और पानी छानने का गलना धोया , हाथपैर धोये , श्रीकृष्ण पास ही खड़े थे , उन पर पानी के छींटे लगे । छींटे लगने से श्रीकृष्ण को राधा से मजाक करने का बहाना मिल गया । राधा ने भी जानकर उन पर छींटे उड़ाए थे । पानी के छींटे लगते ही श्रीकृष्ण ने राधाजी की अँगुली पकड़कर पोंची -पकड़ी और उनके गले का हार निकालकर कंकड़ मारकर गगरिया फोड़ दी और दूर एक तरफ जाकर खड़े हो गये । इतने में बहुत सी गोपियाँ आ गईं । राधा ने उन्हें बताया कि कान्हा ने मेरा हार निकाल लिया । माँ लड़ेगी तो क्या उत्तर दूँगी ? गोपियांे ने मशविरा किया और पानी लेकर घर की ���र चल पड़ी । सभी ने मिलकर -उपाय सोचा कि कान्हा की झूमर कीमती है , इसकी झूमर निकाल लो । गोपियों ने मटकिया उतारी और कुंज गली के गन्ने लेकर रास्ते में खाने लग गई । गोपियांे ने विचार किया कि कान्हा गन्ने का शौकीन है , गन्ना खाने के लिये बुलाना है और सभी को मिलकर पकड़ना है । राधा झूमर निकालेगी और इसके पास रहेगी । कान्हा -गौयें लेकर आये , गोपियों ने कहा -कुंज गळी रो हांटो मीठो मीठो , गांठ गांठ रो रस न्यारो न्यारो न्यारो रे । -आवो कान्हा हांटो खइलो , देखो हांटा रो रस मीठो रे , -मीठो मीठो मीठो रे । -कान्हा गन्ने की लालच में उनके बीच आ गया । गोपियाँ बोलीं इस गन्ने का स्वाद नहीं चखा , इसकी पेरपेर का रस अलगअलग है । कान्हा ने कहा थोड़ा सा गन्ना मुझे भी दो । गोपियों ने एक पेर तोड़कर दी , उन्हें गन्ना बहुत मीठा लगा और कहा थोड़ा और दे दो । इतने में गोपियों ने उन्हें घेर लिया और राधा से कहा इसकी झूमर निकाल ले । राधा ने झूमर निकाल ली और गोपियों के साथ चलती बनी । -कान्हा गायें घर ले गया और बाड़े में प्रवेश कराकर घर के ओटले पर खड़ा हो गया कि यशोदा माता कान में झूमर न देखकर पूछेगी तो क्या उत्तर दूँगा ? -कान्हो ऊबो घर रा ओटख् ऊबो ओटे ओट अण झूमरी रा कारणें । -कान्हो लोटे लोटे धूळा में , झूमर पाई वे तो दीजो । -कान्हा ओटले पर खड़ा रहा और धूल में लोटने लगा और रोरो कर कहने लगा मेरी झूमर गिर गई है किसी को मिली हो तो दे दो । यशोदाजी बाहर निकलीं और कहने लगीं -कान्हा मूंडो धोइली माखण खइलो , घमी गी तो घमणें दो -कान्हा ऊबके घूड़इ दूँ मोटी मोटी मोटी । -म्हारा कान्ह कुँवर री झूमर कोई पाई वे तो दीजो लालजी -लादी वे तो दीजो , म्हारा भोळा कान्ह री झूमर कोई पाई वे तो दीजो । -यशोदाजी कान्हा से कहती हैं कि कान्हा मुँह धो लो , मक्खन खा लो , गुम गई तो गुमने दो अबकी बार बड़ी झूमर घड़वा दूँगी । वे सभी से कहती हैं कि मेरे भोले कान्हा की झूमर किसी को मिली हो तो दे देना । कान्हा बात को छिपा रहा है सच नहीं बोल रहा है कि मैंने राधा का हार छीन लिया और राधा ने मेरी झूमर छीन ली । वह माता से कहता है कि गायें लड़ने लगीं मैं उनके बीच में आकर धूल मंे गिर पड़ा और झूमर निकलकर गिर पड़ी , खूब ढूँढ़ी पर न मिली । कान्हा माँ से पूछता है कि झूमर कितने रुपये की थी ? माता कहती हैं -एरे रे मेरे हीरा जड़िय , विचमें सोवण धागो । -म्हारा कान्ह कुँवरी झूमरी में , लाख रूप्यो ल��गो । -झूमर पाई वे तो दीजो , म्हारा कान्ह कुँवर री झूमरी , -कोइ ने लादी वे तो दीजो । -एरे रे मेरे हीरा जड़िया , विचमंे लालां पोई , -म्हारा कान्ह कुँवर री झूमरी , दड़ियां खेलत खोई खोई खोई । -झूमर पाई वे तो दीजो , झूमर लादी वे तो दीजो । -म्हारा नखराळा री झूमरी कोई पाई वे तो दीजो । -यशोदाजी कहती हैं कि झूमरी के आसपास हीरे जड़े हुए हैं और सोने के धागे से पिरोई हुई है । उसके बीच में लालें भी पिरोई हुई हैं । झूमरी में लाख रुपये लगे हैं । लोगों से कहती हैं कि मेरे कान्हा की झूमरी गेंद खेलते हुए गुम गई है । मेरे नखराले की झूमर किसी को मिली हो तो देना । जनसमूह एकत्रित हो गया क्योंकि -कान्हा की झूमर और वह भी हीरे मोती और लाल जड़ी हुई लाख रुपये की । -यशोदा ने विचार किया कि ऐसे तो झूमर मिलेगी नहीं । नारदजी मथुरा में आये हुये हैं उन्हें बुला लो तो ही झूमर मिलेगी । -मथुरा रे नगरी कागद मेल्यो , नारद ने बुलाओ । -मथुरा रे नगरी कागद मेल्यो , नारद दवड्यो आयो । -खुसी मनाओ मन रा माहीं , कान कुँवर री झूमरी राधा वना पावे नि । -म्हारा . . . -यशोदा ने नारदजी को पत्र लिखा , नारदजी दौड़े आये , उन्हें बात बताई । नारदजी बोले सभी मन में खुशी मनाओ , कृष्ण की झूमर राधा के बिना नहीं मिलेगी । राधा को बुलवाया और कहा झूमर कहाँ है ? राधा ने कहा मैंने नहीं ली । नारदजी ने कहा झूमर तूने ही ली है , दे दो । राधा कहती है मैंने नहीं ली है , आप लोग -चाहें तो -काळी देह ती नाग बुलइ लो , झूटी ब्यूं तो डसेला -कालिया दह से नाग बुलावो और मेरे गले में डालो , मैं झूठ बोल रही होऊँगी तो मुझे डसेगा । -धमण धमई दो गोळा तपय दो , झूटा वे वने दीजो । -झूमर पाई वे तो दीजो . . . । -राधा कहती हैं नहीं मानो तो भट्टी सुलगाओ और लोहे के गोले गरम करके मेरे हाथ में दे दो , मैंने ली होगी तो मेरे हाथ जलेंगे । नारदजी ने कहा राधा तेरे सिवाय झूमर का पता कोई नहीं बता सकता तू बता कहाँ मिलेगी ? राधा ने सोचा इस नारद की खोज मिटे , यह मेरे पीछे पड़ गया है , फजीते करा देगा । -नन्दगाँव गोदाणा रा बीच में , खोजो खोज लगावे । -बिरज भान री डावड़ी , यो उनको भरम बतावे । -झूमर पाई वे तो दीजो , लालजी लादी वे तो दीजो । -नखराळा री झूमरली , कोइ पाई वे तो दीजो । -राधा कहती हैं कि नंदगाँव और गोदाणा के बीच में कोई खोज करने वाला पता लगाये । वृषभान की पुत्री उनको भेद बता रही है । इस प्रकार कहा तो सभी लोग बिखर गये और झूमर खोजने लग�� । चुपके से राधाकृष्ण से मिली और कहा तेरी भी चुप और मेरी भी चुप और शाम को अँधेरा होने पर चुपके से आना , यह नारद पीछे पड़ गया है अपने फजीते करा देगा । -सांझ पड़े दन आतमें ने , छानेछाने अइजो । -हार तो देजइजो कानजी , झूमरली ले जइजो । -झूमर पाई वे तो दीजो . . . -राधा ने कहा शाम को सूर्यास्त के बाद चुपके से आना , मेरा हार दे जाना और झूमर ले जाना । राधा ने कहा वैसा ही कृष्ण ने किया और सभी मन में तो जानते ही थे कि झूमर राधा के ही पास है । कृष्ण झूमर लेकर आ गये और घर में शरमा कर बैठ गये । इस प्रकार प्रकरण समाप्त हुआ ।",bhili-bhb -"अयलन रूकमिन जदुराई हे, परछों बर नारी -अयलन1 रूकमिन जदुराई हे , परछों2 बर नारी । -नगरी में पड़लो3 हँकार4 हे , परछों बर नारी ॥ 1 ॥ -कंचन थारी सजाऊँ हे , परछों बर नारी । -मानिक दियरा बराऊँ हे , परछों बर नारी ॥ 2 ॥ -दस पाँच आगे पाछे चललन परिछे , गीत मधुर रस गावे हे । -रूकमिन हथिन5 चान6 के जोतिया7 बाल गोबिंदा8 सुकुमार हे ॥ 3 ॥ -काहे तों हहु9 हरि नीने10 अलसायल , काहे हहु मनबेदिल हे । -का तोर सासू नइ किछ देलन , का सरहज तोर अबोध हे ॥ 4 ॥ -नइ मोरा सासु हे नइ किछु देलन , नइ मोर सरहज अबोध हे । -मोर सासु हथिन लछमिनियाँ , सरहज मोर कुलमंती11 हे । -मोर ससुरार न भोराय12 हे , परिछों बर नारी ॥ 5 ॥",magahi-mag -"आऔ जौ कलजुग कौ पारौ -आऔ जौ कलजुग कौ पारौ । -सतयुग दैगव टारौ । -मौं देखी पंचयात होत है , -देखौ चिकनो दुआरौ । -कर पंचयात सरपंच चले गए , -कोंनौ भओ न निवारौ । -ईसुर कात चलौ भग चलिये -इतै न होत गुजारौ ।",bundeli-bns -"देववण को वर्णन -आजकल् छौं मैं बिचारण लग्यूं देवतों का वणूमां । -आकाश् लव्योणक1 कर खड़ा पर्व्वत का सिरौंमां । । -ठंडी हल्की तलती’ र सफा वायु का और सीतल् । -निर्मल् उज्ज्वल , सरस जल की उत्पती की जगींमां । । -जादा नत्दीक् रहण पर भी तेजवान् सूर्यदेव । -कड़ी दृष्टिन् कविमि यश नी देखदो तापकारी । । -और्नारोंदा , कृपण , टुकड्या , सख्त बुन्दून्यखेद । -वर्षा कर्दो पर बरफ का नर्म , हंस्दासि फूलून । । -ये तोहोंदन् अब फटिक या चांदि का ये पहाड़ । -नीला आकाश् निस तब हर्यां देवदारु विशाल । । -पौंदन् शोभा कतिनि , सूर्यचन्द्रप्रभा से । -क्या की देव्ता निछन यख यीं रम्यता भोगदारा ? -. . . . उड़दो मेरो मन यखन पर , फिनी अपणा गंगाड़2 , -प्यारा मैक् छन् फिरमि अपणा सारि3 सेरा4 व सौड़ । । -जोड़दा हात में यखन अपणी मां सि भागीरथी कू । -ई का गोदस्थित हि अपणा जन्म का गोदि गौंक ।",garhwali-gbm -"27 -��ूह छड कलबूत1 जिउं विदा हुंदा तिवें ऐह दरवेस सिधारिया ई -अन्न पाणी हज़ारे दा कसम कर के जीऊ झंग सिआलां नूं धारिया ई -कीता रिज़क2 ने खरा उदास रांझा चलो चली ही जिऊ पुकारिया ई -कच्छे वंझली मार के रवां3 होया वारिस वतन ते देस विसारिया ई",panjabi-pan -"मृत्यु गीत -टेक आर तुन मनक्या जनम गमायो हंसा , नाम नहिं जाण्यो राम को । -चौक1 हारे खाई न दिन गमाविया रे हंसा , -सोइ न गमाइ तुन रात रे , आरे हंसा सोइन गमाइ तुन रात रे -हीरा सरीका तुन जलम गमाया , -एको कवड़ी मोल नइ पायो हंसा नहिं जाण्यो राम को । -चौक2 तन की बणाइ तुन ताकड़ी , हांसा रे हांसा , -मन को बणायो सेर रे , आरे हांसा मनको बणायो तुनसेर रे । -सुरत नुरत दोनो डांडी लगाई , हांन थारा तोलणम कछु फेर -हांसा नाम निजाण्यो राम को । -चौक3 सकर विखरी रेत म रे हंसा , कसि पाछि आवे हाथ रे । -अरे हंसा कसि पछि आवे हाथ रे । -सरग सुवागणी ऊतरी रे , ऐसी किड़ियां बणकर चुंग । -हंसा नाम नि जाण्यो राम को । -छाप तिरगुणी घाट संत का मेळा -कसि पत उतरेगा पार रे । -कसि पत उतरेगा पार रे । -गऊ का दान तुम देवो मोरे हंसा । -तेरा धरम उतरारेगा पार , -हंसा नाम नि जाण्यो राम को । -अरे जीव तूने मानव जन्म खो दिया , राम का नाम नहीं जाना । -अरे मानव तूने खाकर दिन खो दिए और सोकर रात खो दी । हीरे के समान तूने -जन्म खो दिया । मानव जीवन का मूल्य एक कौड़ी के बराबर न पाया । राम का -नाम न जाना । -इस शरीर को तूने तराजू बनाई और मन का सेर बनाया । सुरतनिरत दोनों डांडी -लगाई और तेरे तौलने में कुछ कपट है , तूने राम का नाम न जाना । -अरे जीव शक्कर रेत में बिखर गई , वह अब हाथ में नहीं आ सकती , समय चला -गया अब क्या ? उस रेत में बिखरी शक्कर को चीटियाँ बनकर चुग अर्थात् और -चौरासी लाख योनियों में भटक । त्रिगुण घाट पर संतो का मेला किस प्रकार पार -उतरेगा ? गोदान करो , तेरा धरम पार उतारेगा । तूने राम का नाम न जाना ।",bhili-bhb -"391 -भाबी इक दरों लड़े फकीर सानूं तूं भी जिंद कढें नाल घूरियां दे -जे तैं हिंग दे निरख1 दी खबर नाहीं काहे पुछीए भा कस्तूरियां दे -मैं तां पट पड़ावना नांह होवे काहे खीज करिये नाल भूरियां दे -इनां जोगियां दे काई वस नाहीं घते रिजक ने वायदे दूरियां दे -जान भाबीए नी फकर नाग काले हक मिलन कमाईयां पूरियां दे -कोई दे बद दुआ ते गाल कढे पिछों फायदे की इन्हां झूरियां दे -लुछू लुछू करदी फिरे नाल फकरां लुच चालड़े एहनां बंगूरियां दे -वारस शाह फकीर दी रन्न ��ैरन जिवें मिरग ने वैरी अगूरियां दे",panjabi-pan -"ऐ भगवन ऐ भगवन इंज के ज्ञानी गले माजा भगवन रे -ऐ भगवन ऐ भगवन इंज के ज्ञानी गले माजा भगवन रे -ऐ भगवन ऐ भगवन इंज के ज्ञानी गले माजा भगवन रे -ऐ पूरी आम केन ज्ञानी घाले मकान ईयेन दोषना हेजे -ऐ पूरी आम केन ज्ञानी घाले मकान ईयेन दोषना हेजे -खांडा सोकड़ा टोचना पूरी ढोला ढागा टोचना पूरी -खांडा सोकड़ा टोचना पूरी ढोला ढागा टोचना पूरी -आमकेन ज्ञानी घाले मखान इयेन दोसना हेजे -आमकेन ज्ञानी घाले मखान इयेन दोसना हेजे -ऐ भगवन ऐ भगवन इंज के ज्ञानी गले माजा भगवन रे -ऐ भगवन ऐ भगवन इंज के ज्ञानी गले माजा भगवन रे -ऐ पूरी ऐ पूरी आमकेन ज्ञानी घाले मखान इयेन दोसना हेजे -ऐ पूरी ऐ पूरी आमकेन ज्ञानी घाले मखान इयेन दोसना हेजे -ऐ पूरी ऐ पूरी उनीड़ी उसरी सुबाय पूरी पूरी -ऐ पूरी ऐ पूरी उनीड़ी उसरी सुबाय पूरी पूरी -काडो चाका चिका डोगे पूरी -काडो चाका चिका डोगे पूरी -स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq -"मैया महक रहे तोरे बाग मदिरवा गर के -मैया महक रहे तोरे बाग , मंदिरवा एंगर के । -चम्पा चमेली केतकी फूली , -मैया फूल रही कचनार । मंदिरवा . . . -फूले गुलाब चांदनी बेला , -केवरा की है बहार । मंदिरवा . . . -कमल कुमुदनी मोंगरा फूलो , -फूल रहे गुलदाख । मंदिरवा . . . -दिन के राजा रात की रानी , -फूलन की भरमार । मंदिरवा . . . -भांतिभांति के फूल खिले हैं , -बरने कौन प्रकार । मंदिरवा . . . -उन फूलन के बने हैं गजरे , -देवी को होत शृंगार । मंदिरवा . . .",bundeli-bns -"रलियो मांडपड़ो सुवावणो जी -जी ओ पेलो यो खंब मोती भर्योजी जी ओ दूसरो -यो खंब हीरा भर्योजी जी ओ रचो म्हारे मांडप हेट -आज रलीयो मांडपड़ो सुवावणोजी । -जीओ तीसरो यो खंब चोखा भर्योजी जी ओ -चोथो यो खंब कंकु भर्योजी रचो म्हारा -मांडपड़ा हेट रलीयो मांडपड़ो सुवावणोजी । -जीओ पांचमो यो खंब सुपारी भर्योजी -जीओ छटो यो खंब नारेलाँ भर्योजी -जीओ रचो म्हारा मांडवा हेट रलीयो मांडपड़ो सुवावणोजी । -जीओ सातमो यो खंब हलदी भर्योजी -जीओ आठमो यो खंब लोगाँ भर्योजी -जीओ रचो म्हारा मांडवा हेट रलीयो मांडपड़ो सुवावणोजी । -जीओ नवमो यो खंब डोड़ा भर्योजी -जीओ रचो म्हारा मांडवा हेट रलीयो मांडपड़ो सुवावणोजी ।",malvi-mup -"लोरियाँ -1 -चंदा मामा , आरे आव , पारे आवऽ , -नदी के किनारे आवऽ -सोने की कटोरिया में -दूध भात ले ले आवऽ -बुचिया का मुंहवा में घूट घूट -अनेक जगह यह पंक्ति है “बबुआ के मुंहवा में घुटुक” । -2 -घुघुवा मन्ना , उपजे चन्ना , -एही पड़े आवेले बबुआ के मामा । -उठा ले ले कोरा , थमा दे ले लड्डू , -छेदा देले नाककान -पहिरा देले बाला । -3 -मामा मामी , अंगना , -बीच में मुचेंयना -मामी के ले गइले चोर , -मामा टकटोरेले । -4 -आउरे गइया नाटी , -दूध दे भरि कांटी । -आउरे गइया अगरी , -दुधवा दे भरि गगरी । -हुंकुरति आउ गइया , चोकरति आउ । -घुंचवा भरत दूध लिहले आउ । -तोरे घूंचवा सोन्हाई -मोरा बाबुल के पिआउ । -5 -आजा आजी के थूके ? -सोने के कि माटी के ? -आजाआजी सोने के , -पितिया पीताम्भर के -लोग बिराना माटी के । -6 -बबुआ कथू आवेले ? -घोड़वा चढ़ल आवेले । -कथक नाचत आवेला । -आजी कथू आवेली ? -डोला चढ़ल आवेली । -चवर डोलत आवेले । -7 -बचवा के माई गइली पहार -ले अइली गजमोहरा के हार । -कुछ घइली असहड़ , -कुछ घइली कसहड़ , -कुछ घइली बबुआ गर हार । -8 -मोरे बाबू , मोरे बाबू का करेले ? -कोइनी फोरिफोरि घर भरेले । -कोइनी का तेल में छपकि खेलेले । -कोइनी कहुए का बीज -9 -मोर बचवा मोर बचवा का करेले ? -मछरी मारिमारि मगइया धरेले । -रीन्हेली बहिना हींग जीरा लाइ , -खाले भइया पोंछ फहराइ । -अवरा कूकुर कबरा खाला , -पोछिया डोलाई , -चल लउंड़िया जूठ बटोरे , -घुंघरू बजाइ । -खरिका देली बारी बिटिया -नथुना फलाइ । -10 -हेलेहेले बबुआ , -कुसई में ढबुआ , -बाप दरबरुआ , -बेटवा लहैंडुआ -धिअवा नचनियां । -11 -बाबू बाबू कहीला , -चमन के रारी ला , -चन्दन भइले थोरा , -मोरे बाबूल के मुंह गोरा । -अंखिया रतनारी , -भहुआं सोहे कारी । -बाबू की चोरिनी महतारी । -चटनी महतारी , -बाबू की चोरिनी बा फूआ , -चटनी बा फूआ . . . . । -12 -अनर मनर पुआ पाकेला , -चीलर खोंइछा नोचेला । -चिलरू गइले खेतखरिहान , -ले अइले तिलठिया धान । -ओही धान के रिन्हली बरवीर , -नेवति अइली बाम्हन फजीर । -बम्हना के पुतवा दिहले असीस , -जीअसु बचवा लाख बरीस । -13 -आटा पाटा , बिलारी के बच्चा -बचवा का नव दस बेटा । -गोली गइया ह , नाटी गइया ह -धवरी ह , सोकनी ह । -खरवा खाले , पनिया पियेले , -कहवां जाले । -14 -जिन्हि बाबुल देखि सिहइहें -तिन्हि नउजी बिअइहें । -बीअहू के बिअइहें त मेंगुची बिअइहें । -15 -निनिया अवेले निनर वन से -उरदी मूंग ओही पटना से -खाट मांच निनिअउरा से । -16 -चिरई चोंचा मुंह के बेबहरा , -पण्डितन से करे बकताई । -उठि के चोंचा तोर खोंता उजारबि , -छुटि जइहें बकताई । -17 -हमार बाबू कथी के ? -नौ मन सोना हीरा के , -माई लवंग के , बाप चौवा चन्दन के । -पीतिया पीतम्बर के , -नर लोग सभ माटी कंे -हमार बबुआ सोना के । -18 -बबुआ बबुआ करेनी -चन्दन रगरेनी । -चन्दन भइले थोर , -बबुआ का मुंहवा गोर । -19 -आउरे निनिया नीनरवन से -बाबू हमार अइले पटना से । -20 -आऊरे गइया अगरी , -दुधवा ले आउ भरि गगरी -बाबू के पिआउ भर पेटुकी । -22 -पौढ़िये लालन , पालनै हौं झुलावौं -स्वर पद मुख चख कमल लसंत -लखि लोचन भंवर भुलावों -आज विनोद मोद मंजुल मनि -किलकनि खानि खुलावौ -तेइ अनुराग ताग गुहिये कह -मति मृगनयनि बुलानि -तुलसी भनित भलो भामिनि उर -सो पहिराइ फुलावों । -23 -सोइये लाल लाड़िले रघुराई -मगन मोद लिये गोद सुमित्रा -बारबार बलि जाई -हंसे हंसत अनरसे अनरसत -प्रतिबिंबनि ज्यों भाई -तुम सबके जीवन के जीवन सकल सुमंगल दाई । -24 -सो अपने चंचलपन सो -सो मेरे अंचल धन सो -पुष्कर सोता है निज सर में -भ्रमर सो रहा है पुष्कर में -गुंजन सोया कभी भ्रमर में -सो मेरे ग्रह गुंजन सो -तनिक पार्श्व परिवर्तन कर ले -उस नासापुटको भी भर ले -उभय पक्ष का मन तु हर ले -मेरे व्यथा विनोदन सो । -तेरी आँखों का सुस्पंदन -मेरे तप्त हृदय का चन्दन । -25 -चन्दा मामा दौड़े आव -आरे आव पारे आव -नदिया किनारे आव -सोनवा कटोरी में के -दूध भात लेले आव -बबुआ के मुँह में घुटूक । -26 -सुतेरे होरो लाल -तार बप्पा बांस काटै गेल -बांस के कटैया -तीन सेर मरूआ -कुटि पीसो तीन रोटी भेल -एक रोटी छोरा छोरी -एक रोटी बुढ़वॉ -तेखर रोटी बुढ़िया -छूछे अकेल -सून रे हीरो लाल -तोर बप्पा बांस काटे गेल । -27 -नै खोजहि माय के -नै लिहिं बाप के नाम -माय गेली कूटे पीसे -बाप गेली गाँव -चचा गेलो छप्परछारे -चाची के दुखली कान -यहाँ एगो बैठल छीयो -हमहि ठानेठास । -28 -अलिया के झलिया में -गोला बरद खेत खाय छो गे -कहमा गे डीह पर गे -डीह छूटल परबतिया गे -हाँकू बेटी लक्ष्मी -गोर में देबौ पैजनी -बाबू कहां गेल खुन गे -बाप गेलौ पुरनिया में -लै लौ लाल लाल बिछिया में",bhojpuri-bho -"जगेसर खेले हालरो वो -जगेसर खेले हालरो वो -माता कांकी बऊ घोल्यो थारो लोपणो -माता कांकी बऊ ने पुरविया मोती चौक -माता कांकी बऊ ने भरिया थारा बेड़ला -माता कांकी बऊ ने बोया थारा जाग -जगेसर खेले हालरो -माता कांकी बऊ खे दीजो नंद डीकरो -माता कांकी बऊ खे अखंड अपात -माता आसिहो चूड़ो ने अम्मर चांदली -आखियो धन केसरिया रो राज ।",malvi-mup -"आल्हा ऊदल -एत्तो बारता बा रुदल के आल्हा के सुनीं हवाल -केत्ता मनौलीं बघ रुदल के लरिका कहल नव मानल मोर -बावन कोस के गिरदा में बघ रुदल डिगरी देल पिटवाय -लिखल पाँती बघ रु���ल तिलरी में देल पठाय -तेली बनियाँ चलल तिलरी के लोहन में आफत काल -पाँती भेजवो नरबर गढ़ राजा मेदनी सिंह के दरबार -चलल जे राजा बा मेदनी सिंह मोहबा में पहुँचल जाय -आइल राजा मकरन्ना गढ़ मोरंग के राज पहुँचल वाय -चलल जे राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धराय -आइ राजा डिल्ली के सुरजन सिंह -बुढ़वा सैयद बन्नारस के नौं नौ पूत अठारह नात -ओनेहल बादल के थमवैया लोहन में बड़ चण्डाल -मियाँ मेहदी है काबुल के हाथ पर खाना खाय -उड़ उड़ लड़िहें सरगे में जिन्ह के लोथ परी जै खाय -चलल जे राजा बा लाखन सिंह लाखन लाख घोड़े असवार -नौ मन लोहा नौमनिया के सवा सौ मन के सान -उन्ह के मुरचा अब का बरनौ सौ बीरान में सरदार -आइल राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धराय -जेत्ता जे राजा बा लड़वैया रुदल तुरत लेल बोलाय -जेत्ता जे बा लड़वैया जिन्ह के सवा लाख असवार -एत्तो बारता बा राजा के रुदल के सुनीं हवाल",bhojpuri-bho -"जसी -रूप आगलि1 होली वा धर्मावती राणी , -रूप आगलि होली सेली2 सीतली3 । -भुका देखीक बा खाणू नी खांदी , -नांगा देखीक बस्तर नी लांदी । -जनी4 छई राणी बल तनी छयो राजा , -दान्यों मा दानी होलो बल हरिचन्द राजा , -रिंगदी5 डिंड्याली6 छै जैकी उड़दी7 अटाली8 , -धारु9 गरुड़े10 छै जैकी गाडू11 घटूडे12 । -ढुंगा13 जसो धन छयो मेघ जसो मन , -गाडू का ढुंगा पूजीन राजान , धारु का मशाण , -पर राजा का घर बेटा नी जरमे । -तब सुमरदो राजा पंचनाम देव , -जरमी गए नौनी एक वैकी देवतौं का वर न । -बुलौन्द राजा गया का बरमा14 , काशी का पंडित -तुम मेरा बरमो , देखा मेरी कन्या को राश भाग ? -भली होये नौनी तेरी राजा जसीली15 , जसी नौ16 की । -जौन17 सी टुकड़ी नौनी , फ्यूँलीसी कोंपली । -सेरा18 का बीच जना साट्यों19 की बोटली , -तनी कबलांदी20 डालीसी वा ह्वै सुघर तरुणी । -वीरुवा भण्डारी होलो भडू मा को भड़ , -नौं को ही बीर छयो बड़ा बाबू को बेटा । -लम्बी भुजा छई वैकी चौड़ी छई छाती , -वीरुवा भण्डारी वांको होलो ज्वान । -व्यौं की बात होये ढोल बज्या खुशी का , -नारैण आये लगसमी21 व्याण , -मादेवन जनी पारवती पाये । -वीरुवा जसी की बांधेणे मलेऊ22 जसी जोड़ी । -अगासन23 जोन24 पाये फूल तै मिले भौंर । -धरती तै स्वाग25 मिले , मनखी तैं भाग । -तब जसी बीरुवा को ह्वैगे माछी पाणी ज्यू , -एका बिना हैका26 नी खांदो , -एक बिना हैको नी रन्दो । -द्वि होला वो पर एकी होलो शरील । -धातुओं मा सोनू जनो होन्द जसी -तनी नारियों मा वा होली नार । -मायान27 लुपटाणे जिकुड़ी वीं की , -शर्त28 मा जनी होन्दी माखी29 -घर बार भूले बीरुवा भूले संगसार । -तब एक दिन वै सुपिनो ह्वै गये -सुपिना मा अपणो बुबा30 देखे वैन -चचड़ैक31 बैठे वीरु , भिबड़ेक32 बैठे । -मैं जान्दू गया जसी राणी , -मैंकू बणाऊं कलेऊ , गाड33 वस्तर मेरा । -तेरी माया34 मेरा दगड़ी35 ईश्वर कीसी छाँया । -मैना36 दुय्येक37 मा घर औलो , -आँगड़ी38 टालखी39 त्वैक लौंलो -रोन्दी दणमण40 तब जसी नारी , -तुम होला स्वामी मेरा सिर का छतर , -गला की माला होला , स्वाग की बेन्दी -छुड़ाये भण्डारीन वीं की अंग्वाल , -तब भण्डारी गया गैगे । -रातू की सेन्दी नी जसी तब , दिनू कू खांदी नी । -लांदी नी वा पैरेन्दी नी च , -वीं क तैं बस सोच एक ही होई च । -मैंलो ह्वैगे घुमैलो रूप वीं को , -फूल नी अलसै वा , घूल जसी ह्वैगे । -सासू छै वीं की पावती , -व्वारी41 देखी वीं की आँखी होंदी छई लाल , -ईन करे मेरा नौना पर जाप42 , -बै का नौ अब बै43 नी बोदो , -पूत पालीक होई ब्वारी भौंदो44 । -दांत किटकारी सासू कालसी भिटगदी45 । -भ्वाँ 46 तड़गे47 तमानो48 नी च ईं को , -अभागी राँड की जाई49 या , -पाणी तक को स्वारी50 नी भरोसो जैंको । -हलकदी51 ढलकदी तब एक दिन जसी , -पाणी पंद्यारा52 पैटे53 । -लोसेन्दी54 घाघुरी पैरी वींन , सूवापंखी55 धरे । -हिंवालू56 मा नन्दा जसी गागर लीक पाणीक गैगे । -पैटीन दीदी भुली चौदिशा बिटा57 -बीच मा चलदी जसी गैणी58 जनो59 । -दगड़ा60 दगड़याणी घर ऐन वर , -जसी पंद्यारा नहेन्दी च धोयेन्दी खूब कैकी । -तब हेरदे61 वा छैलुड़ी62 वा पाणी मांग63 , -दुई छैल64 देखीक वा चौदिशा नजर लांदी ।",garhwali-gbm -"हे मेरा पति बड़ा धोखे बाज मिरै तै दे गया धोखा -हे मेरा पति बड़ा धोखे बाज मिरै तै दे गया धोखा -हे ऊं नै न्यारी बिछा ली खाट मिरे ते फेर गया पाच्छा -सिखरी मैं झूलै चांद यार नै दे दिया रूका -रै उतर्या नै मिरे यार भतेरा बतला लिया होगा -ऊं नै धोला पैर्या कमीज सैड़दे हो लिया बैठ्या -हे मेरी जड़ तै तजूरी खोल रेल का ले लिया भाड़ा -मेरी जड़ तै ट्रंक खोल के गुलाबी ले लिया साफा -मेरी रुके मारै सास लाल मेरा सोवंता होगा -री क्यूं रूके मारै मेरी सास अटेली जा लिया होगा -हे लत्ते कपड़े काढ़ के पांद्यां नै धरदा होगा -न्यूं तो मैं बी जाण गई भीतर नै बड़दा होगा -हे थर थर तो मेरा गात काम्बा सीढ़ी पर तै पड़गी -भाज्जी तो मेरी नणदल आई भावज कड़ै डिगरगी -ऊपर चढ़कै देख नणद जी तेरा बीर आंवदा होगा -कन्धै ऊपर गोल बिसतरा लांवदा होगा -रसते कै मैं सै लेटडी उठै नाह्वंदा होगा -हाथ के मैं ��ंघा सीसा मांग जचांवदा होगा",haryanvi-bgc -"383 -अनी देखो नी वासता रब्ब दा जे वाह पै गया नाल कुपतयां दे -मगर हलां दे चोबर ला दीजन अके छेड़ दीजन मगर कटयां दे -अके वाढियां लावियां करन चोबर अके डाह दीजन हेठ झटयां दे -एह पुरानियां लानतां हैन जोगी गधे वांग लेटन विच घटयां दे -हीर आखदी बहुत है शौक तैनूं बीड फाहे नाल ठटयां दे -वारस शाह मियां खहड़े नाह पईए कन पाटयां रब्ब दयां पटयां दे",panjabi-pan -"मचिया बइठल तू अम्मा -मचिया बइठल तू अम्मा तो सुनहूँ बचन मोरा हे । -ललना हम लिपबई भाभी के सउरिया कंगनबाँ लेई लेबइन हे । -सउरी पइसल तुहूँ बहुआ त सुनहूँ बचन मोरा हे । -ललना दई देहूँ धिया के कंगनवा , धिया देस दूर बसे हे । -कंगनवे कारन पिया देश गेलन अउरो विदेस गेलन हे । -ललना न देबइन ननदी कंगनवाँ , ननदिय देसदूर बसे हे । -चुप रह चुप रह बहिनी , त सुनहूँ बचन मोरा हे । -हम करबो दूसर बिआह कंगनवाँ हम दिलाई देबो हे । -इतना बचनियाँ धनियाँ सुनलन , सुनहूँ न पौलन हे । -ललना झटसिन फेंकले कंगनवाँ अंगनवाँ बीच हे । -ललना ल न छिनरियो कंगनवाँ सवतिया बनके रहहूँ न हे ।",magahi-mag -"फुल्लां दी बहार राती आयों न -फुल्लां दी बहार राती आयों न -शाव्वा राती आयों न -फुल गये कुम्ला गोरी मन भायो न -शाव्वा राती आयों न -आसे पावां पासे पावां विच विच पावां कलियाँ -जे मेरा रान्जण न मिलया , मैं ढुंडियां सारियां गालियाँ -आसे पावां पासे पावां विच विच पान्वां रेशम -जे मेरा रान्जण न मिलया मैं ढूंडा सारा टेशन -राती आयों न . . . -इक मेरा रान्जण आयाशाव्वा -दिल दा सांजण आयाशाव्वा -दिल दी मस्ती आई शाव्वा -खिड़ खिड़ हस्दी आईशाव्वा -इक मेरा लाल गवाचा शाव्वा -लाल गुपाल गवाचाशाव्वा -नी सुण मेरिये माएशाव्वा -दीवा बाल चुबारेशाव्वा -नी मेरा दिल घबरायाशाव्वा -नी मेरा लाल न आयाशाव्वा -लाल गुपाल न आयाशाव्वा -राती आयों न . . .",panjabi-pan -"मेरी बुक्कल दे विच्च चोर -मुसलमान सड़ने तो डरदे , -हिन्दू डरदे गोर1 । -दोवें ऐसे दे विच्च मरदे , -एहो दोहाँ दी खोर2 । -मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । -किते रामदास किते फतह मुहम्मद -एहो कदीमी3 शोर । -मिट गया दोहाँ दा झगड़ा , -निकल पया कुझ होर । -मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । -अरश मनव्वर बांगाँ मिलिआँ , -सुणीआँ तखत लाहौर । -शाह अनायत कुंडिआँ पाइआँ , -लुक छुप खिच्चदा डोर । -मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । -जिस ढूँढाया तिस ने पाया , -ना झुर झुर होया मोर । -पीर पीराँ बगदाद असाडा , -मुरशद तखत ला��ौर । -मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । -ऐहो तुसीं वी आक्खो सारे , -आप गुड्डी आप डोर । -मैं दसनाँ तुसीं पकड़ ल्याओ , -बुल्ले शाह दा चोर । -मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । -नी मेरी बुक्कल दे विच्च चोर ।",panjabi-pan -"नृत्य गीत -पिपर्यापाणि न मालि पर सकर्यानो वेलो वो । -वेले वेले सुले जणिंग ठगो वो । -पिपर्यापाणि न मालि पर सकर्या नो वेलो वो । -आइणि तूते लाडा वालि , छल्ला पुर्यान वाएँ झुणि लागे वो । -मंगली तू ते लाडा वालि , कुवारला पुर्यान वाएँ झुणि लागे वो । -आरस्या वालो कुवो मारो , फुंदा वाली बाल्ट्ये पाणि भरो वो । -नि माने ते मा माने वो , फूंदा वाली बाल्ट्ये पाणि भरो वो । -यह गाली गीत है । पिपर्यापानी की माल ऊँची समतल भूमि पर शकरकंद की बेल है । बेल के सहारे सोलह औरतों को ठगूँ । समधन तू तो पति वाली है , छेला लड़के के पीछे मत लगे । मंगली तेरा भी पति है कुँवारे लड़के के पीछे मत लगे । मेरा कुआँ काँच वाला है , फुंदे वाली बाल्टी से पानी खींच रही हूँ , नहीं माने तो मत मान , फुंदे वाल बाल्टी से पानी खींच रही हूँ ।",bhili-bhb -"हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी -हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी , -मैत्थों कत्तिआ मूल ना जावे । -हुण दिन चढ़िया कद गुज़रे , -मैनूँ रातीं मुँह दिखलावे । -तक्कले नूँ वल पै पै जान्दे , -कौण लौहर लेआवे । -तक्कले तों वल लाह लुहारा , -मैंडा तन्द टुट्ट जावे । -घड़ी घड़ी एह झोले खान्दा , -छल्ली इक्क ना लाहवे । -पतिआँ नहीं जे बीड़ी बन्हां , -बएड़ हत्थ ना आवे । -चमड़िआँ नूँ चोपड़ नाहीं , -माहल पई भिरड़ावे । -तीली नहीं जो पूणी वट्टाँ -पिच्छों वच्छा गोहड़े खावे । -त्रिङण कत्तण कत्तण सइआँ , -बिरहों ढोल वजावे । -माही छिड़ग्या नाल मज्झीं दे , -हुण कत्तण किस ना भावे । -जित्त वल्ल यार उत्ते वल अक्खिआँ , -मेरा रूह उत्तेवल धावे । -गरज़ एह मैनूँ आण मिले , -हुण कौन वसीला जावे । -मैं मणाँ का कत्त ल्या बुल्ला , -जे सहु मैनूँ गल्ल लावे ।",panjabi-pan -"किस्सा ""कृष्ण जन्म"" -पृथ्वी कहण लगी ब्रह्मा से , लाज बचा द्यों नें मेरी । -उग्रसैन का कंस अधर्मी जिन्हें ऋषियों पे विपता गेरी ॥ -यज्ञहवन तपदान रहे ना होगी सूं बलहीन प्रभु । -संध्या तर्पण अग्निहोत्र कर दिए तेरातीन प्रभु । -वेद शास्त्र उपनिषदों में करता नुक्ताचीन प्रभु । -रामनाम सबका छुडवाया कुकर्म में लौलीन प्रभु । -जरासंध शीशपाल अधर्मी करते हैं हेराफेरी ॥ १ ॥ -गंगायमुना त्रिवेणी का बंद करया अस्नान प्रभु । -जहाँ साधू संत महात्मा योगी करया करै गुजरान प्रभु । -मंदिर और शिवाले ढाह दिए घाल दिया घमशान प्रभु । -हाहाकार मची दुनिया म्हं जल्दी चल भगवान प्रभु । -मैं मृतलोक म्हं फिरूं भरमती आके शरण लई तेरी ॥ २ ॥ -न्यायनीति और मनुस्मृति भूल गया संसार प्रभु । -भूल गया मर्याद जमाना होरी मारोमार प्रभु । -कोन्या ज्ञान रह्या दुनिया म्हं होग्ये अत्याचार प्रभु । -पत्थर बाँध कै ऋषि डुबो दिए जमुना जी की धार प्रभु । -संत भाजग्ये हिमालय पै मथुरा में डूबा ढेरी ॥ ३ ॥ -सतयुग म्हं हिरणाकुश मरया नृसिंह रूप धरया प्रभु । -त्रेता म्हं तने रावण मारया बण कै राम फिरया प्रभु । -कृष्ण बण कै कंस मार दे होज्या बृज हरया प्रभु । -कहै ‘मांगेराम’ रम्या सब म्हं , हूँ सवेक शाम तेरा प्रभु । -बृज म्हं रास दिखा दे आकै गोपी जन्म घरां लेरी ॥ ४ ॥",haryanvi-bgc -"सब लोके कय लालन कि जात संसारे (बाउल) -सब लोके कय लालन कि जात संसारे -लालन कय , जेतेर कि रूप , देखलाम ना ए नजरे । । -छुन्नत दिले हये मुसलमान , -नारी लोकेर कि हय विधान ? -वामन यिनि पैतार प्रमाण -वामनि चिनी कि धरे । । -केओ माला , केओ तसबि गलाय , -जाइते कि जात भिन्न बलाय -जेतोर चिह्न रय कार रे । । -गर्ते गेले कू पजल कय , -गंगाय गेले गंगाजल हय , -मूले एक जल , से ये भिन्न नय -भिन्न जानाय पात्र अनुसारे । -जगत बेड़े जेतेर कथा -लोके गौरव करे यथा तथा , -लालन से जेतेर फाता -बिकियेछे सात बजारे । ।",bengali-ben -"287 -मरद बाझ मीहरी पानी बाझ धरती आशक डिठड़े बाझ ना रजदे ने -लख सिरी अवल आवन यार यारां तों मूल ना भजदे ने -भीड़ां पैंदियां मरद बंडा लैदे परदे आशकां दे मरद कजदे ने -दा चोर ते यार दा इक सांयत नहीं वसदे मींह जो गजदे ने",panjabi-pan -"ससुर जी आगे सात प्रणाम -ससुर जी आगे सात प्रणाम -बहुअड़ नै भावैं फालसे जी राज -बागां री मेवा खाओ म्हारी बहुअड़ -कोई बागां में नहीं फालसे जी राज -जेठ जी आगे सात प्रणाम -बहुअड़ नै भावैं फालसे जी राज -भैसड़ दूधा पीयो बहू म्हारी जी -अब नहीं रितु है फालसे जी राज -देवर जी आगे सात प्रणाम -भाभी नै भावैं फालसे जी राज -देस्यां भाभी निंबुड़े चुखाये -कोई बागां में नहीं फालसे जी राज -राजा जी आगे सात प्रणाम -गोरी नै भावैं फालसे जी राज -पांच पियादे तो दस असवार -राजा जी चले बाग में जी राज -साथिड़े तोड़ै दाड़िम दाख जी -राजा जी तोड़ै फालसे जी राज -तोड़ ताड़ै कर बांधी चौपट पांड -जी कोई लाये महल में जी राज -खाओ सखियां खाओ घर की नार -बाकी ���े सइयां बांट दो जी राज -थम चिर जिओ ससुरा रे जी पूत -म्हारी भलीय पुजाई मन रली जी राज -थम चिर जिओ सजनिया री धीय -म्हारा बंस बधाया बाप का जी राज",haryanvi-bgc -"निऊँ कह रही धौली गाय -निऊँ कह रही धौली गाय , मेरी कोई सुनता नईं । -मेरे कित गए सिरी भगवान , मैं दुख पाय रई । -मेरा दूध पीवे संसार , घी से खायँ खिचड़ी , -मेरे पूत कमावें नाज मैंघे भा की रूई । -मेरी दहीए सुखी संसार , जब भी मेरे गल पै छुरी -भावार्थ -' यूँ कह रही है सफ़ेद गाय , मेरी बात कोई नहीं सुनता । मेरा भगवान कहाँ चला गया है ? मैं यहाँ दुख पा -रही हूँ । यह सारी दुनिया मेरा दूध पीती है । मेरे दूध से बने घी को खिचड़ी में डाल कर खाती है । मेरे पुत्र मेरे -बछड़े ही तो अनाज पैदा करते हैं । उन्हीं के परिश्रम से महंगे भाव में बिकने वाली रुई भी उगती है । मेरे दूध -से ही दही बनाकर खाता है यह संसार और सुखी रहता है । इसके बावजूद भी जब मैं बूढ़ी हो जाती हूँ तो छुरी मेरे -ही गले पर चलती है । '",haryanvi-bgc -"दिल रहौ दाबनी में बसकें -दिल रहौ दाबनी में बसकें , -मों फेरों इतखाँ तुम हँसकें । -झँझरीदार खुली ज्यों पुतरी -पटियन बीच रई लसकें । -दोई भोंय दाब कें बैठी -कानन लों खेंचें कसकें । -ईसुर प्रान कौन के लेतीं ? -राधा के माथै धसके ।",bundeli-bns -"नानी-सी गाय गटर-गैंगणी सौ पूला खाय -नानीसी गाय गटरगैंगणी , सौ पूला खाय , -माता जमुना को पाणी पे , न्हार सामऽ जाय , -ला ओ माय बकेड़ी ।",nimadi-noe -"भादो रैन भयामन दिसि घन घेरे हे -भादो रैन भयामन दिसि घन घेरे हे । -रोहिनी नछतर1 तिथि अठमी , लाल गोपाल भेले हे ॥ 1 ॥ -किरीट मुकुट घनस्याम से कुंडल कान सोभे हे । -ललना , संख चकर2 गदा पदुम चतुर भुज रूप किए हे ॥ 2 ॥ -उर वैजयन्ती के माल से देखि रूप मन मोहे हे । -ललना , बिहसि के बोले भगमान , तोहर हम पुतर हे ॥ 3 ॥ -पूरुब जलम बरदान तेही से तोर कोख अयली हे । -ललना , जनि तुहि अरपहुँ डरपहुँ3 जसोदा घर धरि आहू हे ॥ 4 ॥ -छूटि गेले बंधन जंजीर तो खुलि गेलइ फाटक हे । -ललना , वसुदेव लेलन हरि के गोद पहरु सब सूतल हे ॥ 5 ॥ -बिहसि बोलल महराज , देव जनि डरपहु हे । -ललना लेई चलु जमुना के पार , कमर नहीं भींजत हे ॥ 6 ॥ -यह सुनि के वसुदेव जी जमुना के पार भेलन हे । -ललना , जसोदा घर बाजत बधाई , महल उठल सोहर हे ॥ 7 ॥",magahi-mag -"बहणो सुणो लगा के कान -बहणो सुणो लगा के कान -के यहां की नारी कैसी थी -हरीचन्द चाले सरबस देके -बिकै कांसी मैं कुटम नै लेकै -बिकै कांसी में साथ सन्तान -वा तारा किसी बिचारी थी -बहणो सुणो . . . -अपणे स्वामी की समझांदी -बेद्यां के परमाण बतांदी -लंका नगरी के दरम्यान -रावण की प्यारी कैसी थी -बहणो सुणो . . . -चोदां साल सह्या दुखड़ा -छोड्या राज महल का सुखड़ा -जिसके पति राम भगवान -वा जनक दुलारी कैसी थी -बहणो सुणो . . . -अंधे थे रेाजा धिरतरासटर -पट्टी बांधी थी अपणी आंख पर -खुद बी बण गई पति समान -वा गन्धारी कैसी थी -बहणो सुणो . . .",haryanvi-bgc -"सब सखि चलो जमुना तट पे -सब सखि चलो जमुना तट पे -जहां श्याम बजा रहे बांसुरिया । -जमुना तट धेनु चराय रहें , -सिर ओढ़े कारी कामरिया । सब सखि . . . -जमुना तट रहस रचाये रहे , -संग नाचे राधा सांवरिया । सब सखि . . . -जमुना तट ग्वाल खेल रहे , -जमुना में कूदे सांवरिया । सब सखि . . . -जब काले नाग फुंकार दियो , -तब रंग बदल गयो सांवरिया । सब सखि . . . -जब श्याम ने नाग को नाथ लियो -तब प्रेम की बाजी बांसुरिया । सब सखि . . .",bundeli-bns -"436 -दिल फिकर ने घेरया बंद होया रांझा जीऊ गोते लख खा बैठा -हथों हूंझ धुआं सिर चा टुरया काले बाग विच ढेर मचा बैठा -अखीं मीटके रब्ब दा धयान धरया चारों तरफ ही धूनियां ला बैठा -वट मारके चारों तरफ उची उथे वलगना1 खूब बना बैठा -असां कूच कीता रब्ब सच करसी एट आख के डील जगा बैठा -भड़की अग जां ताओ ने ता कीता इशक मुशक विहायके जा बैठा -विच संघनी छां दे ला ताड़ी वांग बड़े तपसियां आ बैठा -वारस शाह उस वक्त नूं झूरदा ए जिस वेले अखियां ला बैठा",panjabi-pan -"कठड़े से आया हो राज -कठड़े से आया हो राज -कठड़े से आया म्हारा सगा नणदोई जी -प्यारा नणदोई जी कठड़े से आया हो राज -म्हारा सगी साका हेली जी -प्यारी साला हेली जी आया हो राज -पाणीड़ा समायो हो राज -पाणीड़ा समायो म्हारा सगा नणदोई जी -प्यारा नणदोई जी पाणी समोया हो राज -अब हम न्हावां हो राज -अब हम न्हावां म्हारा सगा नणदोई जी -प्यारी सलाहेली जी अब हम न्हावां हो राज -भोजन परोस्या हो राज -भोजन परोस्या म्हारा सगा नणदोई जी -प्यारा नणदोई जी थाल परोसी हो राज -अब हम जीमां हो राज -अब हम जीमां म्हारी सगी सालाहेली जी -प्यारी सालाहेली जी , अब हम जीमां हो राज -झारी भराई हो राज -झारी भराई म्हारा सगा नणदोई जी -प्यारा नणदोई जी , झारी भराई जी -अब हम पीवां हो राज -अब हम पावां हमारी सगी सालाहेली जी -प्यारी सालाहेली जी अब हम पावां हो राज -चौपड़ रलाई हो राज -चौपड़ रलाई म्हारा सगा नणदोई जी -प्यारा नणदोई जी चौपड़ रलाई हो राज -अब हम खेलां हो राज -अब हम खेलां म्हारी सगी सालाहेल�� जी -प्यारी सालाहेली अब हम जीतां हो राज -ढोल्यो ढलायो हो राज -ढोल्यो ढलायो म्हारा लगा नणदोई की -प्यारा नणदोई जी ढ़ाल्यो ढ़लायो हो राज -अब हम पौड़ां हो राज -अब हम पौड़ां म्हारी सगी साकाहेली जी -प्यारी साकाहेली अब हम पौडां हो राज",malvi-mup -"लाँगुरिया -रे लँगुरिया कमरा में भारी डाकौ पर गयौ ॥ टेक -कोई पर गयौ आधी रात ॥ लँगुरिया -मेरे ससुर गये देवी परसन कू , -चाहे सास भलेई लुटि जाय ॥ लँगुरिया -मेरे जेठ गये देवी जात कूँ , -चाहे जिठानी भलेई लुटि जाय ॥ लँगुरिया -मेरे देवर गये देवी जात कूँ , -चाहे दौरानी भलेई लुटि जाय ॥ लँगुरिया -. -. -. -ऐसे ही नाम लेते जाते हैं ।",braj-bra -"चाकी पै धर्या पीसणा चाकी का भार्या पाट -चाकी पै धर्या पीसणा चाकी का भार्या पाट -मेरे घर में जुलमी सास जगावै आधी रात -पीसण आई चाकी पै बेरी सांप फिरै -तैं मन्ने खा ले घर की राड़ मिटै -चाकी पै धर्या पीसणा चाकी का भार्या पाट -मेरे घर में जुलमी जिठाणी जगावै आधी रात -पीसण आई चाकी पै बैरी सांप फिरै -तैं मन्ने खा ले घर की राड़ मिटै -चाकी पै धर्या पीसणा चाकी का भार्या पाट -मेरे घर में जुलमी नणद जगावै आधी रात -पीसण आई चाकी पै बैरी सांप फिरै -तैं मन्ने खा ले घर की राड़ मिटै",haryanvi-bgc -"पड़ा रहा छपपनियां का काल -पड़ा रहा छपपनियां का काल -पड़ रहा कैसा री दुकाल -दिया री महंगाई नै मार -दमड़ी के हो गए चार -कपड़ा मिलै न टाट -अन्न दाल का टोटा पड़ गया -बालक सारे रोते डोलें -जीना जी का जंजाल -पड़ रहा छप्पनियां का काल -आया जमाई धड़का जी -कहां से लाउं सक्कर घी -मान महत मेरा सारा मर गया -कौन ओड़ निभावे करतार -पड़ रहा छप्पनियां का काल",haryanvi-bgc -"तू देख बीबी राधिके! यह कैसे वर आये -तू देख बीबी राधिके यह कैसे वर आये -चांद नहीं आए सूरज नहीं आये -हाथी के हौदे आहा हाथी के हौदे -ये तो आप सिरी किसन वर आये -सीस मुकट उनके सोहै मुख पे सोहै सेहरा -साथ में उनके चार दल आये -ढम ढम बजती बरात भी लाये -तू देख बीबी राधिके यह कैसे वर आये",haryanvi-bgc -"चोखा चावेला मेढा -चोखा चावेला मेढा -चोखा चावेला मेढा -चोखा चावेला मेढा -मनी आई ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर -मनी आई ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर -मनी आई ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर -मेरा काका मेरी काकी मनी आई -मेरा काका मेरी काकी मनी आई -मेरा काका मेरी काकी मनी आई -ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर -ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर -ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर -स्रोत व्यक्ति सीताराम , ग्राम भवरदी",korku-kfq -"96 -रातीं रांझे न�� कहीं जा आण ढोइयां चूचक सियाल मथे वट पाया ई -भाई छड महीं उठ जा घरीं तेरा तौर बुरा दिस आया ई -सिआलां किहा भाई साडे कम नाहीं जाए उधरे जिधरों आया ई -असां साहन ना रखया एह नढा धीयां चारना नहीं बनाया ई",panjabi-pan -"दोहरे -1 . -उसका मुख इक जोत है , घुँघट है संसार । -घुँघट में ओह छुप्प गया , मुख पर आँचल1 डार । -2 . -बुल्लिआ वारे जाईए ओहनाँ तों , जेहड़े गल्ली देण परचाअ । -सूई सलाई दान करन ते आहरण2 लैण छुपा । -3 . -बुल्लिआ इशक सज्जण दे आएके सानूँ कीतोसु डूम । -ओह प्रभ असाडा सखी है , मैं सेवा कुनों सूम । -4 . -बुल्लिआ आशक होयों रब्ब दा मलामत होई लाख । -लोग काफर आखदे तूँ आहो3 आहो आक्ख । -5 . -बुल्लिआ मुल्लाँ अते मशालची दोहाँ इक्को चित्त । -लोकाँ करदे चानणा आप अन्नेहरे नित्त । -6 . -बुल्लिआ मन मुंजोला4 मौज दा किते गोशे बैह के कुट्ट । -एह खजाना तैनूँ अरश दा तूँ सँभलसँभल के लुट्ट । -7 . -बुल्लिआ हिजरत विच्च इस्लाम दे मेरा नित्त है खास आराम । -नित्त नित्त मराँ ते नित्त नित्त जीवाँ मेरा नित्त नित्त कूच मुकाम । -8 . -बुल्ले शाह ओह कौण है उत्तम तेरा यार । -ओसे दे हत्थ कुरान है ओसे गल जुन्नार5 । -9 . -इट्ट खड़िक्के दुक्कड़ वज्जे तत्ता होवे चुल्ला । -आवण फकीर ते खा खा जावण राजी होवे बुल्ला । -10 . -बुल्लिआ हरिमन्दर में आए के कहो लेक्खा देओ बता । -पढ़े पंडित पांधे दूर कीए अहमक6 लीए बुला । -11 . -बुल्लिआ मैं मिट्टी घुम्यार दी गल्ल आख ना सकदी एक । -तत्तड़ मेरा क्यों घड़ेआ मत जाए अलेक सलेक । -12 . -होर ने सभ्भे गल्लड़िआँ अल्लाह अल्लाह दी गल्ल । -कुझ रौला पाया आत्माँ कुझ कागजाँ पाया झल्ल ।",panjabi-pan -"अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार -अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार -इंदिरावती हर पखारय तोरे पईयां -महूं विनती करव तोर भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया -अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार -इंदिरावती हर पखारय तोरे पईयां -महूं विनती करव तोर भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया -अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार -इंदिरावती हर पखारय तोरे पईयां -महूं विनती करव तोर भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया -सोहय बिंदिया सही , घाट डोंगरी पहार -सोहय बिंदिया सही , घाट डोंगरी पहार -चंदा सुरूज बने तोरे नैना -सोनहा धान अइसे अंग , लुगरा हरियर हे रंग -सोनहा धाने के अंग , लुगरा हरियर हे रंग -तोर बोली हवे जइसे मैना -अंचरा तोर डोलावय पुरवईया -महूं विनती करव तोर भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया -सरगुज�� हे सुग्घर , तोरे मउर मुकुट -सरगुजा हे सुग्घर , जईसे मउर मुकुट -रायगढ़ बिलासपुर बने तोरे बञहा -रयपुर कनिहा सही , घाते सुग्गर फबय -रयपुर कनिहा सही , घाते सुग्गर फबय -दुरूग बस्तर बने पैजनियाँ -नांदगांव नवा करधनियाँ -महूं विनती करव तोर भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया -अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार -इंदिरावती हर पखारय तोरे पइयां -महूं विनती करव तोरे भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया -अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार -इंदिरावती हर पखारय तोरे पइयां -महूं विनती करव तोर भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया -महूं विनती करव तोर भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया -महूं विनती करव तोर भुँइया -जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया",chhattisgarhi-hne -"हे कपड़े तों क्यूं ना धुआए मेरा ए बाबा -हे कपड़े तों क्यूं ना धुआए मेरा ए बाबा -हे कपड़े तो न्यूं ना धुआए मेरा बाबल -पाणी के भरे हैं तलाब जी -धोए धुआए री लाड्डो धरे री बिलंगणी -लाग रही तेरै ब्याह की -म्हारे तो कपड़े री लाड्डो उस दिन ऊजले -जिस दिन तुम रै साजन घर जाओ जी",haryanvi-bgc -"सभवा बइठल रउरा कवन बाबा -सभवा बइठल रउरा1 कवन बाबा , दहु2 बाबा हमरो जनेउ3 गे माई । -बेदिया बइठल हो बरुआ , रतन के जोत4 के माई ॥ 1 ॥ -केई5 देबे6 मूँज जनेउआ7 केई मिरिग छाल गे माई । -केई देवे पियर8 जनेउआ , बेदिया के बीच गे माई । -रतन के जोत गे माई ॥ 2 ॥ -बराम्हन देलन मूँज जनेउआ , नउआ9 मिरिग छाल गे माई । -बाबा देलन पियर जनेउआ , बेदिया के बीचे गे माई । -रतन के जोत गे माई ॥ 3 ॥ -सभवा बइठल रउरा कवन चच्चा , दहु चच्चा हमरो जनेउ गे माई । -बेदिया बइठल हो बरुआ , रतन के जोत गे माई ॥ 4 ॥ -केई देवे मूँज जनेउआ , केई मिरिग छाल गे माई । -केई देवे पियर जनेउआ , बेदिया के बीचे गे माई -रतन के जोत गे माई ॥ 5 ॥ -बराम्हन देलन मूँज जनेउआ , नउआ मिरिग छाल गे माई । -चच्चा देलन पियर जनेउआ , बेदिया के बीचे गे माई । -रतन के जोत गे माई ॥ 6 ॥",magahi-mag -"मेरठ जिले के मेरे भातड़िए -भात का गीत -मेरठ जिले के मेरे भातड़िए । -बीरा सबसब भाती आ जइयो -मेरै एक न आइयो भावजिया । -ओब्बो सबसब भाती रहै गये -तेरी पीछै से आ गई भावजिया । -बीरा सबसब बरतन ले आइयो -बीरा सबसब गहणे ले आइयो -मेरै एक न लाइयो गुँठड़िया -ओब्बो सबसब गहणे भूल आया -मेरी जेब मैं आ गई गुँठड़िया । -बीरा सबसब कपड़े ले आइयो -मेरै एक न लाइयो धोतरिया । -ओब्बो सबसब कपड़े भूल आया -मेरी गठड़ी मैं आ गई धोतरिया । -बीरा सबसब बरतन ले आइयो -मेरै एक न ��ाइयो बाटड़िया । -1ओब्बोबहिन -2गुँठड़िया अंगूठी -3धोतरियाघटिया किस्म की खद्दर -4बाटड़िया बड़ी कटोरी",khadi_boli-mis -"कलेवा गीत -सासु ने काइ काइ रांद्यो जवांयला । -आवस्या नो भोजन रांद्यो जवांयला । -खाइ ते सलोवलो करे जवांयला । -गुल ने घिंव ते नारब्यो जवांयला । -खासे तिं घणि मुझा आवसे जवांयला । -गीत में कहा गया है जवाँईजी सास ने भोजन में क्याक्या बनाया है ? उत्तर में कहा है सिवैयाँ बनाई हैं , खाएँ तो ‘सलोवलो’ इधरउधर होती हैं । उसमें गुड़घी डाला है , खाएँगे तब खूब मजा आएगा ।",bhili-bhb -"सूते पिया खरिहनवाँ हो, फागुन के महीनवा -सूते पिया खरिहनवाँ हो , फागुन के महीनवा । । टेक । । -कुकुर के नीन , भइल तन छीन , -मोती भइल बाटे दनवाँ हो , फागुन के महीनवा । । टेक । । -अइसे पिआसल पिया मन हुलासल , -गंगा बनल मोर नयनवा हो , फागुन के महीनवा । । टेक । । -बन के कोइलिया , बोले मीठ बोलिया , -हमके बुझाला सपनवा हो , फागुन के महीनवा । । टेक । । -कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho -"हेरा गइले बदरी में चनवां -हेरा गइले बदरी में चनवां1 रे गुइयां चैत महीनवां । -पागल पवनवां सुमनवा बटोरे , -नरमी चमेलियन के बंहियां मरोड़े -पांख झारि नाचेला मोरवा रे गुइयां चैत महीनवां । -कोइली के बोली मोरा जियरा जरावे , -घरआंगन मोहे तनिको ना भावे -देवरा पापी निरखे जोबनवां रे गुइयां , चैत महीनवां ।",bhojpuri-bho -"एक ही रे माय का सात लड़का -एक ही रे माय का सात लड़का -एक ही रे माय का सात लड़का -सात लड़का रे नगदी फिरीये रे -सात लड़का रे नगदी फिरीये रे -हाथ में कटोरा कांधा में झूलेना लियो बेटा रे नगदी फिरो रे -हाथ में कटोरा कांधा में झूलेना लियो बेटा रे नगदी फिरो रे -असली बेटा असली बाहू रे नगदी फिरो रे -असली बेटा असली बाहू रे नगदी फिरो रे -नगदी से नगदी फिरो रे बेटा मुठी भर ज्वारी मागी फिरो रे -नगदी से नगदी फिरो रे बेटा मुठी भर ज्वारी मागी फिरो रे -कांधा में झूलेना हाथ में कटोरा लियो रे बेटा नगदी फिरो रे -कांधा में झूलेना हाथ में कटोरा लियो रे बेटा नगदी फिरो रे -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"हल्दी गीत -मालवे ती हलदुलि मांगाई , पूड़ी बांधी । -मालवे ती हलदुलि मांगाई , पूड़ी बांधी । -मालवे ती हलदुलि मांगाई , घट्ये पिसाई । -मालवे ती हलदुलि मांगाई , वाटक्ये घुलाई । -मालवे से पूड़ी बाँधकर हल्दी बुलाई पूड़ी बाँधकर । मालवे से हल्दी बुलवाकर घट्टी में पीसी । मालवे से हल���दी बुलवाकर कटोरी मंे घोली ।",bhili-bhb -"218 -पैचां पिंड दयां सच तों तरक कीती काज़ी रिशवतां मारके चोर कीते -पहले होरनां नाल करार करके तम्हा वेख दामाद चा होर कीते -गल करे ईमान दी कढ छडनपैंच पिंड दे ठग ते चोर कीते -अशराफ1 दी बात मनजूर नाहीं चोर चैधरी अते लंडोर कीते -कां बाग दे विच कलोल करदे कूड़ा फोलने दे उते मोर कीते",panjabi-pan -"मैं अलबेली गुदाय आई गुदना -मैं अलबेली गुदाय आई गुदना -मैं जो गई पानी भरने संग गए अपना -टूट गयी रस्सी लटक गये अपना -मैं अलबेली . . . -मैं जो गई रोटी करने संग गए अपना -फूल गई रोटी पिचक गए अपना -मैं अलबेली . . . -मैं जो गई छोटी करने संग आये अपना -टूट गई कंघी चटक गए अपना -मैं अलबेली . . .",awadhi-awa -"होरी खेलन आयो स्याम -होरी खेलन आयो श्याम , आज याए रंग में बोरो री -आज याए रंग में बोरो री , आज याए रंग में बोरो री -याकी हरे बाँस की बाँसुरिया , याए तोरि मरोरो री . . . -होरी खेलन आयो श्याम . . .",braj-bra -"चौथ चन्दा गीत -१ . -खेलत खेलत एक कउड़ी पवनी -उ कउड़ी गंगा दहवऽली -गंगा मुझको बालू दिया , उ बालू गोड़िनिया लिया । -गोड़िनिया मुझको भार दिया , उ भार घसवहा लिया । -घसवहा मुझको घास दिया , उ घास गैया लिया । -गइया मुझको दूध दिया , उ दूध बिलैया लिया । -बिलइया मुझको चूहा दिया , उ चूहा चिल्होरिया लिया । -चिल्होरिया मुझको पाँख दिया , उ पाँख राजा लिया । -राजा मुझको घोड़ा दिया । -२ . -रामजी चले लछुमनजी चले , महावीरजी चले , लंका दाहन को । -तैंतीस कोट प्रदुम्न चले , जैसे मेघ चले बरिसावन को । -का करिहें उत्पात के नन्दन , का करिहें तपसी दोनों भइया । -मार दिहें उत्पात के नन्दन , काटि दिहें तपसी दोनों भइया । -३ . -सूर्यकुल वंशवा में जन्म लिहले रामचन्द्र , -कोशिला के कोख अवतार रे बटोहिया । -४ . -एक मती हरताल ताला , जहाँ पढ़ावे पंडित लाला । -पंडित लाला दिये असीस , जीओ बचवा लाख बरीस । -लाख बरीस की उमर पाई , दिल्ली से गजमोती मंगाई । -आव रे दिल्ली , आजम खाँव । आजम खाँव चलाया तीर , बचा कोई रहा न वीर । -जय बोलो जय रामा रघुवर , सीता मैया करे रसोइया -जेवें लछुमन रामा , ताहि के जूठन काठन पा गया हनुमाना । -सोने के गढ़ लंका ऊपर कूद गया हनुमाना । -५ . -बबुआ हो बबुआ , सिताब लाल बबुआ -बबुआ के माई बड़ा हई दानी , -लइकन के देखदेख भागे ली चुल्हानी । -घर में धोती टांगल बा , -बाकस में रुपेया कूदऽ ता -घर में धरबू चोर ले जाई -गुरुजी के देबू , नाम हो जाई । -बबुआ आँख मुनौना भाई , -बिना किछु लेहले चललऽ ना जाई । -६ . -छाते थे भाई छाते थे , -छातेछाते भूख लगी । -अनार की कलियाँ तोड़ लिया , बंगाली का छोकड़ा देख लिया । -धर टाँग पटक दिया , रोतेरोते घर गया । -घर का मालिक दौड़ा आया , दिल्लीकोस पुकारते आया । -आव रे दिल्लीआजम खाँव , आजम खाँव चलाया तीर , -बचा कोई रहा न वीर । -थरथर काँपे जमुनापुरी , -जमुनापुरी से आया वीर , मार गया दो छैला तीर । -छैला मांगे एक छलाई , दिल्ली से गजमोती मंगाई । -७ . -एक दिन सतराजीत के भाई , पहुँचे वन में जाई । -वहाँ भादो का बहार दिखलाए हुए थे -करते करते शिकार , खुद बन गए शिकार -हाथी घोड़ा से भी साज वे सजाए हुए थे । -सुनकर जामवन्त गुर्राया , उनको क्रोध और चढ़ि आया । -पहले बातों से बहलाए , वह शर्माए हुए था । -भारी होने लगी लड़ाई , जामवन्त को बात याद जब आई -हमको दर्शन देने आज रघुराई आए थे ।",bhojpuri-bho -"398 -लड़े जट ते कुटीए डूम नाई सिर जोगीड़े दे गल आइयां ई -आ कढीए वढीए एह फसता जग धूड़ काई एस पाइया ई -एस मार मंतर वैर पा दिता चानचक दी पई लड़ाइयां ई -हीर नहीं खांदी मार असां कोलों वारस गल फकीर ते आइयां ई",panjabi-pan -"सामन आयौ अम्मा मेरी -सामन आयौ अम्म मेरी सुहावनो जी , -एजी कोई सब सखि झूलति बाग । 1 । -चन्दन पटुली अम्मा बनवाय दे री , -एजी कोई रेशम डोरि मंगाय । 2 । -मैं भी झूलूँ अम्मा चंपाबाग में जी , -एजी कोई जाऊँ सहेलियन साथ । 3 । -इतनी सुनि के बोली माता मल्हनदे जी -एजी बेटी सुनले मेरी बात । 4 । -आल्हाऊदल बेटी घर हैं नहीं जी -एजी कोई जूझि गयौ मलिखान । 5 । -बारौ सौ भैया तेरौ ब्रह्माजीत है जी । -ऐजी कोई कौन झुलावे बेटी मेरी आज । 6 । -जो सुनि पावे बेटी पृथ्वीराज है री -एजी कोई कोपि चढ़ेंगे चौहान । 7 । -डोला तो लै जाय बेटी तेरौ बाग तेही , -एजी कोई बिगर जाय सब बात । 8 । -जो घर होते बेटी आल्हा ऊदल से जी -एजी तोय देते बाग झुलाय । 9 । -मानि कही तो बेटी घर झूलि ले री । -एजी कोई सामन लेउ मनाय । 10 ।",braj-bra -"आई रितु़ड़ी रे सुणमुणया रे -आई रितु़ड़ी1 रे सुणमुणया2 रे -आई गयो बालो3 वसन्त रे । -फूलण लैगी गाडू4 की फ्योंलड़ी5 -सेरा6 की मींडोली7 नैं डाली पैंया8 जामी । -कूली9 का ढीसोली10 , नैं डाली पैंया जामी । -चला दीदि भुलेऊँ , नैं डाली पैंया जामी । -क्वी मीटी काट्यौला , नैं डाली पैंया जामी । -क्वी दुंगा11 चाड़ यौला , नैं डाली पैयां जामी । -दूपत्ति12 ह्वे गये , नैं डाली पैंया जामी । -द्यू करा धूपाणों , नैं डाली पैंया जामी । -क्वी दूद चार्यौंला , नैं डाली पैंया जामी । -चौपत्ति ह्वे गये , नैं डाली पैंया जामी । -द्यवतों का सत्तन , नैं डाली पैंया जामी । -दूफौंकी ह्वे गये , नैं डाली पैंया जामी । -झपन्याली13 ह्वे गये , नैं डाली पैंया जामी । -चला छैलू14 बैठ्यौला , नैं डाली पैंया जामी । -धौली15 का किनारा , यो फूल के को16 ? -अनमन17 भांति को , यो फूल के को ? -सैरो18 बोण19 मोयेणे20 यो फूल के को ? -सैरो धौली धुमैली21 , यो फूल के को ? -देवतों सरोख्या22 , यो फूल के को ? -टोपी मा धर23 लेणू , यो फूल के को ? -धौली का किनारा , यो फूल के को ?",garhwali-gbm -"लचिका रानी -तीसरा खण्ड -रम्मा लचिका छोड़ी गेलै जबेॅ पोखरियो रे ना -रम्मा महीना दिन के छेलै लड़कबो रे ना -रम्मा लचिका केॅ हरि केॅ लै गेलै लक्ष्मीपुर के रजबो रे ना -रम्मा हठबा के पैलकै फलवो रे ना -रम्मा बालक पर होलै प्रभु के किरपबो रे ना -रम्मा बची गेलै लैके बदलबो रे ना -रम्मा कुलोॅ में बचलै एक फतींगबो रे ना -रम्मा घरोॅ में लै खातिर नममो रे ना -रम्मा छुटी गेलै जबेॅ अम्माओ रे ना -रम्मा पालन पोषन करै तबेॅ दादियो रे ना -रम्मा बालक बढ़ेॅ लागलै दिनेदिनमो रे ना -रम्मा जैसें बढ़ै छै दूजोॅ के चनमो रे ना -रम्मा दादी घरलकै बालक पर असरबो रे ना -रम्मा नाम घरलकै ऐकरोॅ रणबीरवो रे ना -रम्मा थोड़े रे समय में होलै तैयरवो रे ना -रम्मा पढ़ीलिखी होलै होसियरवो रे ना -रम्मा एक दिन खेलै लेॅ गेलै गुल्ली डण्टवो रे ना -रम्मा संगोॅ में पाँचछः लड़कवो रे ना -रम्मा खेलेखेलोेॅ में किरियाबो रे ना -रम्मा हरदम खैते रहेॅ बापोॅ के किरियावो रे ना -रम्मा है सुनी वोलै एक लड़कबो रे ना -रम्मा झूठे तों खाय छैं बाप के किरियावो रे ना -रम्मा कहियै नी मरलोॅ छौ तोरोॅ बापो रे ना -रम्मा वही नौरंग पोखरिया उपरवो रे ना -रम्मा तोरोॅ माय केॅ हरि केॅ लै गेलो छौ रजवो रे ना -रम्मा तहियो नहीं तोरा लजवो रे ना -रम्मा लड़का सिनी के सुनी बचनमो रे ना -रम्मा दौड़लोॅ ऐलोॅ रणवीर घरबो रे ना -रम्मा ददीयाँ सें कहलकै बचनमो रे ना -रम्मा सुनोॅ दादी हमरोॅ अरजवो रे ना -रम्मा सचसच तों कहोॅ हलवो रे ना -रम्मा कहाँ पर मरलोॅ छै हमरोॅ बपबो रे ना -रम्मा हमरा बतावोॅ सब हलवो रे ना -रम्मा नहीं तों बतैभौ सच बतियो रे ना -रम्मा गर्दन पर मारी कटरियो रे ना -रम्मा तेजी देवौ हम्में परनमो रे ना -रम्मा नहीं तेॅ कहोॅ सचसच बतवो रे ना -रम्मा रणवीर के सुनी बतियो रे ना -रम्मा कहेेॅ लागलै प्रीतम सिंह के मतवो रे ना -रम्मा कहै में फाटै मोरा छतियो रे ना -रम्मा मुहोॅ सें नही�� निकलै बतियो रे ना -रम्मा सुनोॅ बबुआ सब बतियो रे ना -रम्मा माय तोरोॅ हमरोॅ पुतौहुओ रे ना -रम्मा कैसें कहियौ उनकर दुरगतियो रे ना -रम्मा महिना दिन के छैले तों बलकवो रे ना -रम्मा तोरोॅ माय कहलकौ एक बचनमो रे ना -रम्मा जैवै हम्में पोखरिया असननमो रे ना -रम्मा नहीं मानलकौ कहनमो रे ना -रम्मा पोखरिया पर करि केॅ गेलौ हठबो रे ना -रम्मा वहाँ बैठलोॅ छेलै लक्ष्मीपुर के रजवो रे ना -रम्मा लैकेॅ साथें सेनमो रे ना -रम्मा जाय केॅ घेरी लेलकै पोखरियो रे ना -रम्मा बाबू तोरोॅ सुनलकौ खबरियो रे ना -रम्मा लेलकौ सजाय केॅ पलटनमो रे ना -रम्मा हुवेॅ लागलौ घमासान लड़ैयो रे ना -रम्मा बापदादा के गेलौ जनमो रे ना -रम्मा करिकेॅ लै गेलौ माय के हरनमो रे ना -रम्मा लै गेलौ आपनोॅ भवनमो रे ना -रम्मा कहाँ तक बतैय्यो दुरगतियो रे ना -रम्मा कहै में फाटै मोरा छतियो रे ना -रम्मा रणबीर पूछै ददियाँ सें पापी रजवा के ठिकनमो रे ना -रम्मा हमरा बताय दे ऊ रजवा के नाम ठिकनमो रे ना -रम्मा एतना सुनी ददियाँ समझावै रे ना -रम्मा मानी लेॅ बबुआ हमरोॅ कहनमो रे ना -रम्मा बड़ा बलशाली ऊ रजबो रे ना -रम्मा नहीं पारबे होकरा सें कभियो रे ना -रम्मा तबेॅ बोलै कुंवर रणवीरवो रे ना -रम्मा हौ दादी जनम के तिरियवो रे ना -रम्मा घर में बैठलोॅ पीन्ही केॅ चुड़ियो रे ना -रम्मा दादी मर्द के हाँसतौ पगड़ियो रे ना -रम्मा नाहक के लेलियै जनममो रे ना -रम्मा देवै हम्मू डुबाय केॅ खनदानमो रे ना -रम्मा दादी कहेॅ लागलै सब हलवो रे ना -रम्मा लक्ष्मीपुर के ऊ रजवो रे ना -रम्मा होकरोॅ नाम जयसिंह रजवो रे ना -रम्मा दुश्मन के मिललै ठिकनमो रे ना -रम्मा कुंवर भेलै वहाँ से रवनमो रे ना",angika-anp -"बन्ना तो हांडे अपने बाबा जी की गलियां -बन्ना तो हांडे अपने बाबा जी की गलियां -दादी तो फिरै रहसी रहसी रे महल में -सेर मोती बारूं जी बन्ने पै -मोती भी वारूं मैं तो हीरे भी वारूं -सेर मोती . . . -बन्ना तो घूमै अपने बाबुल की गलियां -अपने चाचा की गलियां -अम्मा चाची फिरें रहसी रहसी रे -सेर मोती . . . -बन्ना तो आया अपने मामा की गलियां -अपने फूफा की गलियां -मामू बुआ फिर हुलसी हुलसी रे -सेर मोती . . .",haryanvi-bgc -"इनपे लगे कुलरियाँ घालन -इनपे लगे कुलरियाँ घालन , -मऊआ मानस पालन । -इनै काटवौ ना चइयत तौ , -काट देत जै कालन । -ऐसे रूख भूख के लानैं , -लगवा दये नंद लालन । -जे कर देत नई सी ईसुर -मरी मराई खालन ।",bundeli-bns -"चलूँ चलूँ डगरिन भवन मोर, हम राजा दसरथ हे -चलूँ चलूँ डगरिन भवन मोर , हम राजा दसरथ हे । -डगरिन , मोर घर अयलन भगमान , भेलन1 नंदलाल2 मोरा हे ॥ 1 ॥ -एतना बचन जब सुनलन , सुनहुँ न पयलन3 हे । -राजा लेइ आहु डोलिया कहार , बुलइत4 नहीं जायम5 हे ॥ 2 ॥ -एतना सुनइते राजा दसरथ , डोलिया फनावल6 हे । -डगरिन चढ़ि चलूँ मोर महलिया , बालक नहबावहु7 हे ॥ 3 ॥ -हम लेबो हँथिया से घोड़वा अउरी गजमोतीए8 हे । -तमकि के बोलहकइ9 डगरिन , तबे नहबायब हे ॥ 4 ॥ -एतना सुनत राजा दशरथ , डगरिन अरज करे हे । -डगरिन ले लेहु सहन10 भंडार , बालक नहबावहु हे ॥ 5 ॥ -धन धन धन राजा दसरथ , धन कौसीला माता हे । -ललना , धन धन डगरिन भाग , ले राम नेहबावल हे ॥ 6 ॥",magahi-mag -"मैं तो थारा डेरा निरखण आई हो -मैं तो थारा डेरा निरखण आई हो म्हारी जोड़ी का जलाल -देखी थारी डेरियां की चितराई हो म्हारी जोड़ी का जलाल -मरदां माहिलो मरद भलो राठोरी हो म्हारी जोड़ी का जलाल -नारां माहिली नार भली भटियाणी हो म्हारी जोड़ी का जलाल -छींटां माहिली छींट भली मुलतानी हो म्हारी जोड़ी का जलाल -रुपया माहीं रुपया भलो बादशाही हो म्हारी जोड़ी का जलाल",haryanvi-bgc -"सिमरी के दिअरी हे झलमल लउकल -सिमरी1 के दिअरी2 हे झलमल लउकल3 दुनियाँ संसार हे । -सेहो सुनि बेटी के बाबा मनहिं बेदिल4 भेलन , ठोकि देलन5 बजर केवार6 हे ॥ 1 ॥ -अपना रसोइया7 से बाहर भेलि कवन बेटी , सुनऽ बाबा बचन हमार हे । -खोलु , खोलु बाबा हो बजर केवँरिया , अहो बाबा , साजन छेकले8 दुआर हे ॥ 2 ॥ -कइसे में खोलूँ बेटी बजरा केवँरिया हे , आजु मोरा अकिल हेरायल9 हे । -बहिआँ10 धरइते जी बाबा , कुइयाँ भँसिअइतऽ11 छुटि जाइल धिआ के संताप हे ॥ 3 ॥ -जँघिया भरोसे गे बेटी धिआ जलमवली , मुँह सूखे12 कइली दुलार हे । -बहियाँ धरइते गे बेटी , छाती मोरा फाटल , कुइआँ भँसवलो न जाय हे ॥ 4 ॥",magahi-mag -"531 -चुप हो जोगी सहज बोलया ए जटा कास नूं पकड़यो काहियां नूं -असीं छड जहान फकीर होए एहनां दौलतां ते बादशाहियां नूं -याद रब्ब दी छड कके करन झेडे ढूंढ़न उडदियां छड के फाहियां नूं -तेरे नाल ना चलियां नफा कोई मेरा इलम ना फुरे वियाहियां नूं -रन्न सचियां नूं करन चा झूठे रन्नां कैद करांदियां राहियां नूं -वारस कढ कुरान ते बहें मिंबर1 केहा अडयो मकर दियां फाहियां नूं",panjabi-pan -"जब पिया अयलन हमर अँगनमा -जब पिया अयलन1 हमर अँगनमा । -धमे धमे2 धमकइह3 सगर4 अँगनमा ॥ 1 ॥ -जब पिया अयलन हमर चउकठिया5 । -मचे मचे मचकहइ6 हमर चउकठिया ॥ 2 ॥ -जब पिया अयलन हमर सेजरिया । -थरे थरे काँपहइ7 हमर बा���ी8 देहिया ॥ 3 ॥ -जब पिया भरलन9 हमरा के गोदिया । -टपे टपे चुए लगल हमर पसिनमा10 ॥ 4 ॥ -छोड़ि देहु छोड़ि देहु , हमर अँचरवा । -हम भागि जयबो11 अब अपन नइहरवा ॥ 5 ॥ -हमर नइहरवा में चंपा के कलिया । -आनि देहु12 दुलहा त रहम13 ससुररिया ॥ 6 ॥",magahi-mag -"331 -इस पद्य में वारिस शाह अलगअलग पीरों गुरुओं के नाम बताता है और उन फिरकों तथा जातों के जिनको इन पीरों गुरुओं की ओट है । -महांदेव तों जोग दा पंथ बनया देवदत गुरु सन्यासियां दा -रामा नंद तों सभ वैराग होया श्री चंदहै गुरु सन्यासियां दा -ब्रह्म ब्राह्मनां दा राम हिंदुआं दा अते विशन महेश सभरासियां दा -सुथरा सुथरयां दा नानक उदासियां दा शाह मखण है मुंडे उपासियां दा -हजरत यद जलाल जलालियां दा ते अवीसकरनी खुले कासियां दा -जिवें शाह मदार मदारियां दा ते नसार अनसारियां तासिया दा -है विशश्टि वैराग वैरागियां दा श्री कृष्ण भगवान उभासियां दा -हाजी नौशहु जिवें नौशाहियां दा अते भगत कबीर जुलासियां दा -दसतगीर दा सिलसिला कादरी है अते फरीद है चिस्त अभासियां दा -शेख ठीहर है पीर जो मोचियां दा लुकमान लुहार तरखासियां दा -नामदेव गुरु सभ छींबियां दा शाह शमस सुनयारियां चासियां दा -खवाजा खिजर है पीर मुहानयां दा नकशबंद मुगलां चुगतासियां दा -राजा नल है गुरु अवारियां दा समस पीर सुनयारयां हासियां दा -हज़रत वलद आदम जुलाहयां दा शैतान समस तबरेज खुजासियां दा -सुलेमान पारस पीर नाइयां दा अली रगरेज लीलार दजासियां दा -इशक पीर है आशकां सारयां दा भुख पर है मसतयां हाथियां दा -सोटा पीर है विगड़यां तिगड़ियां दा दाउद पीर है जरा नवासियां दा -हसू तेली है पीर जो तेलियां दा सुलेमान है जिन्न भुतासियां दा -वारस शाह ज्यों राम है हिंदुआं दा ते रहमान है मोमनां खासियां दा",panjabi-pan -"बिदाई -1 -ये बेरा गाये जाने वाला गीत म कन्या ओकर दाई , ददा , भाई अउ सब्बो मयारूमन के पिरा भरे होथे । दाई ह दुख म इंहा तक की डारथे… -बेटी के संचरत जान पाइतेंव -अंडी के पान ला खा लेतेंव -कोखिया ला पार लेतेंव बांझ -बेटी ह घलो कतार हो जथे । वहू अनजान संग बने रिस्ता ले दुखी हे , जे ओला जीवन भरबर ओकर घर ले बिलग करके लेगत हे । ओकर ले बिछड़त दाई ददा भाई बहिनी के पिरा नई देखे जाय… -रहेंव मैं दाई के कोरा ओ -अंचरा मा मुंह ला लुकाय ओ -ददा मोर कहिथे कुआं में धसि जइतेंव -बबा कथे लेतेंव बैराग , ओ बेटी -काहे बर ददा कुआं में धसि जाबे -काहे बर बबा लेबे बैरा�� -बालक सुअना पढ़न्ता मोर ददा -मोला झटकिन लाबे लेवाय -सब ला बेटी ले बिछुड़े के पिरा हे फेर दाई के पिरा सबले जादा होथे । आखिर वो का कर सकथे ? ओकर कोख म पले बेटी ल सदा बर घर म तो नई रखे जा सके । बेटी ह पराया धन होथे । तेकर सेती दाई ह बेटी ल समझाबुझा के आसिरवाद देथे… -मंगनी करेंव बेटी , जंचनी करेंव ओ -बर करेंव बेटी , बिहाव करेंव ओ -जा जा बेटी , कमाबे खाबे ओ -मार दिही बेटी , रिसाय जाबे ओ -मना लिही बेटी , त मान जाबे ओ -जांवर जोड़ी संगे , बुढ़ा जाबे ओ -सुख दुख के रद्दा , नहक जाबे ओ -2 -मैं परदेसिन आवं -पर मुलुक के रद्दा भुलागेंव -अउ परदेसिया के साथ -दाई कइथे रोज आबे बेटी -ददा कइथे आबे दिन चार -भईया कइथे तीजा पोरा -भउजी कइथे कोन काम -मैं परदेसिन आवं -पर मुलुक के रद्दा भुलागेंव -अउ परदेसिया के साथ -3 -अतेक दिन बेटी तैं घर मोर रहे वो -आज बेटी भये रे बिरान -झिनबर डोला बिलमइते कहार भईया -मैं तो करी लेतेंव ददा संग भेंट -झिनबर डोला बिलमइते कहार भईया -मैं तो करी लेतेंव दाई संग भेंट -अतेक दिन बहिनी तैं घर मोर रहे वो -आज बहिनी भये रे बिरान -झिनबर डोला बिलमइते कहार भईया -मैं तो करी लेतेंव भाई संग भेंट -झिनबर डोला बिलमइते कहार भईया -मैं तो करी लेतेंव भउजी संग भेंट -4 -दुलरी के अंगना में एक पेड़ पारस -नोनी चिड़ियन करथे बसेर -आवत चिरईया मोर रूमझुम लगथे -नोनी जावत चिरईया सिमसान -संगी जहुंरिया दुनो बइठे ल अइहव -घर बेटी बिना रे अंधियार -5 -नीक नीक लुगरा निमार ले वो -आवो मोर दाई , बेटी पठोवत आंसू हारे वो -नोनी के छूटगे महतारी वो -आवो मोर दाई , बुता तो होगे तोर भारी वो -चार दिन दाई तैंहर खीझेस वो -आवो मोर दाई , मया गजब तैंह करस वो -नोनी के घर आज छूटगे वो -आवो मोर दाई , बाहिर म घर ल बनाही वो -नोनी के जोर तुम जोरितेव वो -आवो मोर दाई , रोवथे डण्ड पुकारे वो -पहुंना तो नोनी अब बनगे वो -आवो मोर दाई , बेटी के विदा तुम करिदेव वो -6 -दाई के रेहेंव में रामदुलारी -दाई तोरे रोवय महल वो -अलिन गलिन दाई रोवय -ददा रोवय मुसरधार वो -बहिनी बिचारी लुकछिप रोवय -भाई के करय दण्ड पुकार वो -तुमन रइहव अपन महल मा -दुख ला देइहव भूलाय वो -अंसुवन तुम झन ढारिहव बहिनी -सबे के दुखे बिसार वो -दुनिया के ये हर रित हे नोनी -दिये हे पुरखा चलाय वो -दाई ददा के कोरा मा रेहेन -अचरा मा मुह ला लुकाय वो -अपन घर तुमन जावव बहिनी -झन करव सोंच बिचार वो -7 -घर के दुवारी ले दाई रोवथे -आज नोनी होये बिराने ओ -घर ��े दुवारी ले ददा मोर रोवथे -रांध के देवइया बेटी जाथे -अपन कुरिया के दुवारी ले भईया मोर रोवथे -मन के बोधइया बहिनी जाथे -भीतरी के दुवारी भउजी मोर रोवथे -लिगरी लगइया नोनी जाथे -दाई मोर रोवथे नदिया बहथे -ददा रोवय छाती फाटथ हे -हाय हाय मोर दाई -भईया रोवय समझाथे -भउजी नयन कठोरे वो -8 -बर तरी खड़े हे बरतिया -बर तरी खड़े हे बरतिया -कि लीम तरी खड़े हे कहार -बर तरी खड़े हे बरतिया -बर तरी खड़े हे बरतिया -कि लीम तरी खड़े हे कहार -अइसन सैंया निरदइया -अइसन सैंया निरदइया -कि चलो चलो कहिथे बरात -दाई मोर रोवत हे महल में -दाई मोर रोवत हे महल में -कि ददा मोर रोवय दरबार -झिनबर डोला बिलमइतेंव -झिनबर डोला बिलमइतेंव -कि दाई संग करी लेतेंव भेंट -बड़े बड़े डोलवा चंदन के -बड़े बड़े डोलवा चंदन के -कि छोटे छोटे लगे हे कहार -अइसन सैंया निरदइया -अइसन सैंया निरदइया -कि चलो चलो कहिथे बरात -लकठा में खेती झन करबे गा -लकठा में खेती झन करबे -कि दुरिहा में बेटी झन बिहाय -लकठा के खेती गरवा खाथे गा -लकठा के खेती गरवा खाथे -कि दुरिहा के बेटी दुख पाय -तैं परदेसनिन हो गे वो -तैं परदेसनिन हो गे -कि जा परदेसिया के साथ -दाई कथे आबे रोज बेटी -दाई कथे आबे रोज बेटी -कि ददा कथे आबे दिन चार -भाई कथे आबे तीजा पोरा में -भाई कथे आबे तीजा पोरा में -कि भउजी कथे आये के का काम -अइसन सैंया निरदइया -अइसन सैंया निरदइया -कि चलो चलो कहिथे बरात -कि चलो चलो कहिथे बरात -कि चलो चलो कहिथे बरात",chhattisgarhi-hne -"सेर का सो गया हलवाई रे -सेर का सो गया हलवाई रे -नगर का सो गया हलवाई -अब मैं लाचार कलाकंद लाया हूँ गोरी -पांव सारू बिछिया घड़ाव जोजी -म्हारा अनवट रतन जड़ाव -आम पर केरी लग रई रे -आम पर केरी लग रई रे -गुड़का चढ़ गया भाव -सकर तो मेंगी हो गई रे -कलाकंद आम्बा को भावे रे -जलेबी मैदा की भावे -गोरी जोवे वाट भंवरजी मेलां कब आवे -पांव सारू बिछिया घड़ाव जोगी -कि अनवट रतन जड़ाव -भंवरजी अनवट रतन जड़ाव",malvi-mup -"मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी -मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । -ऐस कसुम्भे दे कंडे भलेरे , -अड़ अड़ चुनड़ी पाड़ी । -ऐस कसुम्भे दा हाकम करड़ा , -जालम ए पटवारी । -मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । -ऐस कसुम्भे दे चार मुकद्दम , -मुआमला मँगदे भरी । -होरन चुगेआ फूहेआ फूहेआ1 , -मैं भर लई पटारी । -मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । -चुग चुग के मैं ढेरी कीते , -लत्थे आण बपारी । -औक्खी घाटी मुसकल पैंडा , -सिर पर गठड़ी भारी । -मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । -अमलाँ2 वालिआँ सभ लँघ गइआँ , -रैह गई औगुणहारी । -सारी उमरा खेड गवाई , -ओड़क बाज़ी हारी । -मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । -अलस्त3 केहा जद अक्खिआँ लाइआँ , -हुण क्यों यार विसारी । -इक्को घर विच्च वसदिआँ रस्देआँ , -हुण क्यों रही न्यारी । -मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । -मैं कमीनी कुचज्जी कोहजी , -बेगुण कौण विचारी । -बुल्ले सहु दे लायक नाहीं , -शाह इनायत तारी । -मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी ।",panjabi-pan -"उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -एह सौण तेरे दरकार नहीं । -इक्क रोज़ जहानों जाणा ऐं , -जा कबर विच्च समाणा ऐं , -तेरा गोश्त कीड़िआँ खाणा ऐं , -कर चेता , मरग1 विसार नहीं , -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -तेरा साहा2 नेड़े आया है , -कुझ चोली दाज रँगाया ऐं , -क्यों आपणा आप वँजाया ऐं , -ऐ गाफल3 तैनूँ सार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -तूँ सुत्तिआँ उमर वँजाई ऐं , -तूँ चरखे तन्द ना पाई ऐं , -की करसें ? दाज त्यार नहीं , -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -तूँ जिस दिन जोबन4 मत्ती सैं , -तूँ नाल साइआँ दे रत्ती सैं , -हो गाफल गल्लीं वत्ती सैं , -एड भोरा तैनूँ सार नहीं , -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -तूँ मुढ्ढों बहुत कुचज्जी सैं , -निरलज्जेआँ दी निरलज्जी सैं , -तूँ खा खा खाणे रज्जी सैं , -हुण ताईं तेरा बार5 नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -अज्ज कल तेरा मुकलावा ऐं , -क्यों सुत्ती कर कर दावा ऐं , -अगडिट्ठिआँ नाल मिलावा ऐं , -इह भलके गरम बाज़ार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -तूँ ऐस जहानों जाएँगी , -फेर कदम ना ऐत्थे पाएँगी , -एह जोबन रूप वन्जाएँगी , -तै रैहणा विच्च संसार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -मंज़ल तेरी दूर दुराड़ी , -तूँ पौणा विच्चों जंगल वादी , -औखा पहुँचण पैर पियादी6 , -दिस्दी तूँ असवार नहीं -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -इक्क इकल्ली तनहा7 चल सें , -जंगल बरबर8 दे विच्च रूल सें , -लै लै तोशा9 एत्थों घल सें , -ओत्थे लैण उधार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -ओह खाली ए सुं´ हवेल्ली , -तूँ विच्च रैहसें इक इकेल्ली , -ओत्थे होसी होर ना बेल्ली , -साथ किसे दा बार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -जेहड़े सन देसाँ दे राजे , -नाल जिन्हाँ दे वजदे वाजे , -गए हो के बे तखते ताजे , -कोई दुनिआँ दा इतबार नहीं । -कित्थे है सुल्तान सिकन्दर , -मौत ना छड्डे पीर पैगम्बर , -सभे छड्ड छड्ड गए अडम्बर , -को�� एत्थे पाहेदार10 नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -कित्थे यूसफ माहे11कुनेआनी , -लई जुलैखा फेर जवानी , -कीती मौत ने ओड़क फानी , -फेर ओह हार श्ंिागार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -कित्थे तखत सुलेमान वाला , -विच्च हवा उड्डदा सी बाला12 , -ओह भी कादर13 आप सँभाला , -कोई जिन्दगी दा इतबार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -कित्थे मीर मुलक सुल्ताना -सभ्भे छड्ड छड्ड गए टिकाणा , -कोई मार ना बैठे ठाणा , -लश्कर दा जिन्हाँ शुमार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -फुल्ल फुल्ल चँबेली लाला , -सोसन सिम्बल सरू निराला , -बादे खिज़ाँ14 कीता बुरा हाला , -नरगस नित्त15 नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -जो कुझ करसें सो कुझ पासें , -नहीं ते ओड़क पिछोतासें , -सुंझी कूंज वाँङ कुरलासें , -खम्भाँ बाझ उडार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -डेरा करसें ओहनीं जाईं16 , -जित्थे शेर पलंघ बलाई , -खाली रैहसण महल सराईं , -फिर तूँ विरसेदार17 नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -असीं आज़ज़ विच्च कोट इलम दें , -ओसे आँदें विच्च कलम दे , -बिन कलमे दे नाहीं कम्म दे , -बाझों कलमे पार नहीं । -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । -बुला सहू बिन कोई नहीं , -एत्थों ओत्थे चौहीं सराईं , -सँभल सँभल के कदम टिकाईं , -फेर आवण दूजी वार नहीं -उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं ।",panjabi-pan -"आल्हा ऊदल -पानी पीयो मद पीयों भौजी अन गौ के माँस -तब ललकार सोनवा बोलल मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओं -फगुआ खेलावह मोर देवर के इन्ह के फगुआ देह खेलाय -घौरै अबिरवा सिब मंदिर में -केऊ तो मारे हुतका से केऊ रुदल के मैसे गाल -भरल घैलवा है काँदो के देहन पर देल गिराय -धोती भीं जल लरमी के पटुका भींजल बदामी वाल -मोंती चूर के डुपटा है कीचर में गैल लोटाय -बोले राजा बघ रुदल बाबू डेबा सुनी बात हमार -रण्डी के चाकर हम ना लागीं तिरिया में रहों लुभाय -भैं तो चाकर लोहा के सीता राम करे सो होय -बीड़ा मँगावल पनवाँ के भर भर सीसा देल पिलाय -पढि पढि मारे लौंड़ी के टिकुली टूक टूक उड़ जाय -भागल लौंड़ी है सोनवा के लौंड़ी जीव ले गैल पराय -लागल कचहरी इंदरमन के बँगला बड़े बड़े बबुआन -ओहि समन्तर लौंड़ी पहुँचल इंदरमन अरजी मान हमार -आइल रजा है बघ रुदल के डोला घिरावल बाय -माँग बिअहवा सोनवा के बरियारी से माँगै बियाह -है किछू बूता जाँघन में सोनवा के लावव छोड़ाव -मन मन झड़खे रजा इंदरमन बाबू मन मन करे गुनान -बेर बेर बरजों सोनवा के बहिनी कहल नव मानल मोर",bhojpuri-bho -"पिया लै दो हमें हरियल सारी -पिया लै दो हमें हरियल सारी , -पलका पै मचल रई हैं प्यारी -सूत महीन , झीन ना हौवै , -बड़ी मुलाम तरज बारी । -छोरन मोर पपीरा राजें , -जरद कोर की जरतारी । -बीचन बीच बेल बूटन सें -भरी होय कछु फुलवारी । -कहत ईसुरी सुनलो प्यारी , -भोर भगा है सुकमारी ।",bundeli-bns -"जाग जाग नरसिंह बीर बाबा -जाग जाग नरसिंह बीर बाबा , -रूपा को तेरो सोटा जाग , फंटिगू की तेरी मुद्रा जाग , -डिमरी रसोया जाग , केदारी रौल जाग -नेपाल तेरो चिमटा जाग , खरुबा की तेरी झोली जाग -तमा की पत्री जाग , सतमुख तेरो शंख जाग -नौं लड्या चाबुक जाग , ऊर्दमुखा तेरो नाद जाग । -गुरु गोरखनाथ का चेला जाग , -पिता भस्मासुर माता महाकाली जाग -लोह खम्ब जाग । जागरन्तो होई जाई बीर बाबा नरसिंह । -वीर तुम खेला हिण्डोला वीर उच्चा कैलासू , -हे बाबा तुम खेला सोवन हिंडोला -हे वीर तुम मारा झकोरा अब चौद भुवन मा , -हे वीर तीन लोक पृथि , सातौं समुद्र बाबा । -हिण्डोलो घूमद घूमद चढ़े बैकुण्ठ सभाई । बीर इन्द्र सभाई , -तब देवता जागदा होई गैन , लौंदन फूल किन्नरी । -शिव जी की सभाई पेंदन भाँग की कटोरी , -सुलपा की रौंण पेन्दनराठ वाली भाँग । -तब लैग्या भाँग का झकोरा । -तब जाँदू बाबू कविलासी गुम्फा -जाँदू गोरख सभाई , जाँदू बैकुंठ सभाई",garhwali-gbm -"कुण भाई जासे चाकरी कुण भाई जासे गढ़ रे गुजरात? -”कुण भाई जासे चाकरी , कुण भाई जासे गढ़ रे गुजरात ? -मोठा भाई जासे चाकरी , छोटा भाई जासे गढ़ रे गुजरात -कुण भाई की घोड़ी खऽ घूँघरू , -कुण भाई की घोड़ी खऽ जड़यो रे जड़ाव -मोठा भाई की घोड़ी खऽ घूँघरू , -छोटा भाई की घोड़ी खऽ जड़यो रे जड़ाव -कुण भाई लावसे चूनरी , कुण भाई लावसे दक्षिणारो चीर -एक भाई लावसे चूनरी , दूसरो भाई लावसे दक्षिणारो चीर -श्रावण आयो जी । ।",nimadi-noe -"पानी भरावन 1 -तरी नानी नानर नानी नानार रे नान , -आधी रातक बीचे दाई का चिरैया बोलय । -आधी रातक बीचे दाई का चिरैया बोलय । -ढप ढपा ढप ढप दाई सोने मिर्गा बोलय -सोने मिर्गा बोलत दाई , होथय बिहान । -उठो कि उठो सांघी , लूगरा समहारा । -लूगरा समहारा संगी बढ़ा झेलो लगाय । -काहिन लागे गघरी दाई , काहिन लागय गुठरी । -एक गगा सारय दाई , सातों ही समदूर । -सातो ही समदूर दाई , मारे हिलोरा । -तरी नानी नानर नानी नानार रे नान । -सोन टेटकी सोन भेजकी , पानी भरन देय । -ककड़ा मन कुँवर दाई , पानी भरन देय । -शब्दार्थ –सुई चिरैयापपीहा , सोन मिर्गा सोने का मुर्गा स्वर्ण मुर्गा जिसका रंग सोने जैसा हो , संघीसहेली , लूगरासाड़ी , झेलोदेर , टेटकीभेजकीमेंढक , समदूरसमुद्र नदी , ककड़ापन कुँवरकेकड़ा , सारयचले , डगा पग , गुदरीचोमल । -दुल्हन अपनी माँ से पूछती है – ऐ माँ आधी रात को यह कौन सी चिड़िया पक्षी बोलती है , माँ कहती हैं आधी रात को बारहएक बजे सुई नाम की चिड़िया पक्षी बोलती है । उसके बोलने का यही समय होता है । रात तीनचार बजे बाद ‘ढपढपा ढप ढप’ माँ सोन मुर्गा क्यों बोलता है । -सोन मुर्गा सोन कुकड़ी के बोलने से बेटी सुबह होती है । दुल्हन की सहेली बोली उठो सहेली , जल्दी उठो । सोन मुर्गा बोल रहा है । सुबह होने वाली है । जल्दी से अपनी साड़ी लूगरा संभालो । ठीक कर लो और जल्दी तैयार हो जाओ । -तब दुल्हन कहती है मुझे साड़ी सँवारने में थोड़ी देर लगेगी । जरा ठहरो । ऐ माँ पानी भरने जाने के लिये किस चीज के मटकी और किस चीज की गुडरी याने चोमल लगेगी । -ऐ बेटी घर में सोने की गागरी और चाँदी की चोमल रखी है । चोमल को सिर पर रखकर सोने की गागरी में पानी ले आओ । दुल्हन सहेलियों के साथ पानी लेनें चल दी । एक पग दो पग धरतेधरते वे समुद्र के तट पर पहुँच गई । गीत में सातों समुद्र के तट की बात कही गई है । पुराख्यानों में भी पृथ्वी पर सात समुद्र होने की बात आती है । सम्भवतया गी के अर्थ को व्यापकता देने के गरज से यह कल्पना की गई है । समुद्र का अर्थ यहाँ बड़े जलाशय या नदी के अर्थ में गाँव की समीपता को देखते हुए ले सकते है । -ऐ माँ सातों समुद्रों में बड़ीबड़ी लहरें उठ रही हैं । समुद्र के तट पर पहुँचकर गीत गाने वाली महिलाएँ और साथ में आये दोसी ने वहाँ चौक पूरा । उस पर नेग के रूप में पैसे रखे । कंडे की आग जलाये । हूमधूप दिया । दीप जलाया । अगरबती जलाये । उस पर दारू छुहाई । गीतकारिनों को तीन छाके एक पत्ते का दोना दारू पिलाई । फिर गीत गाते हुए महिलाओं ने समुद्र से पानी देने की प्रार्थना की । -हे सोने की मेंढक रानी । हे ककरामल कुँवर केकड़े हमें शुभ विवाह के लिये समुद्र से जल भरने दो । तब सोने के कलश में दोसी और महिलाएँ दुल्हन के साथ पवित्र जल लेकर घर आये ।",baiga-mis -"हाथऽ आरती हो बाघेसरी ठाड़ा रह्या -हाथऽ आरती हो , बाघेसरी ठाड़ा रह्या , -जोवऽ ते पोहा की बाट , -गढ़ रे गुजरात पोहो सबई आयो , -नहीं आई म्हारी भोळई निमाड़ । -भोळई निमाड़ का रे अमुक भाई , -काहे मंऽ रहया बिलमाय ? -कसोक छे रे देवी थारो मानवई -कसीक छे रे निमाड़ , -कालो घोड़ो रे खुर बाटळो -पातळियो छे असवार , -कांधऽ खड़ियो , रे हाथऽ लाकड़ी , -मोठा जी भाई , जै बोलता आवऽ -ज्वार रे तोर को रे , देवी म्हारो घावणो , -माया मंऽ रहयो बिलमाय",nimadi-noe -"हंसा फिरैं बिपत के मारे -हंसा फिरैं बिपत के मारे -अपने देस बिनारे । -अब का बेठें ताल तलईयाँ ? -छोड़े समुद्र किनारे । -चुन चुन मोती उगले उननें -ककरा चुनत बिचारे । -ईसुर कात कुटुम अपने सें , -मिलवी कौन दिनारे ?",bundeli-bns -"जीके जब जैसे दिन आये -जीके जब जैसे दिन आये । -कैसें जात बराये । -दिनन फेर के फेर सें । -स्यार सिंग खाँ धाये । -दिनन फेर से राय मुनईयाँ । -बाजै झपट दिखायें । -दिनन फेर सें सरपन ऊपर । -मिदरन मूँड़ उठाये । -बेर बेर जे खात ईसुरी , -बेर बीन तिन खाये ।",bundeli-bns -"तुसीं करो असाडी कारी -तुसीं करो असाडी कारी , -केही हो गई वेदन वारी । -ओह घर मेरे विच्च आया , -उस आ मैनूँ भरमाया , -पुच्छो जादू है कि साया , -ओह तां लौ हकीकत सारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -ओह मेरे दिल विच वस्सदा , -बैठा नाल असाडे हस्सदा , -पुच्छाँ बात ते उ नस्सदा , -लै बाज़ाँ वाँग उडारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -मैं सहु दरिआवाँ पईआँ , -ठाठाँ लहराँ दे मुँह गईआँ , -फड़ घुम्मण होर भवईआँ , -पुर बरखा रैण अंधकारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -सइआँ ऐड छनिछर1 चाए , -तारे खारेआँ हेठ छुपाए , -मुंज दीआँ रस्सिआँ नाग बणाए , -एहना शहराँ तो बलेहारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -एह जो मुरली काहन वजाई , -दिल मेरे नूँ चोट लगाई , -आह दे नारे करदी आही , -मैं रोवाँ ज़ारो ज़ारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -इशक दीवाने लीकाँ लाइआँ , -डाढिआँ घणिआँ सत्थाँ पाइआँ , -हाँ मैं बक्करी कोल कसाइआँ , -रहिन्दा सहम हमेशाँ भारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -इशक रूहेला2 नहीं छप्पदा , -अन्दर धरेआ बन्नीं नच्चदा , -मैनूँ देआ सुनेहड़ा सच्च दा , -मेरी करो कोई गमख्वारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -मैं की मेहर मुहब्बत जाणा , -सइआँ करदिआँ जोर घिङाणा , -गल गल मेवा की हदवाणा , -की की कोई वैद पसारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -नौ सहु जिसदा बाँस बरेली , -टुट्टी डालों रही इकेली , -कूके बेली बेली बेली , -ओही करे कोई दिलजारी । -तुसीं करो असाडी कारी । -बुल्ला सहु दे जे मैं जावाँ , -आपणा सिर धड़ फेर ना पावाँ , -ओत्थे जावाँ फेर ना आवाँ , -एत्थे ऐवं उमर गुजारी । -तुसीं करो असाडी कारी ।",panjabi-pan -"आई गेन ऋतु बौड़ी दॉई जनो फेरो -आई गेन ऋतु बौड़ी1 दॉई जनो फेरो2 , झुमैलो -ऊबा3 देसी ऊबा जाल��� , ऊँदा4 देसी ऊँदा , झुमैलो -लम्बीलम्बी पुंगड् यों5 मां , रअ् रअ् शब्द होलो , झुमैलो -गेहूँ की जौ की सारी , पिंगली6 होई गैने , झुमैलो -गाला गीत बसन्ती , गौं का छोरा7 छोरी , झुमैलो -डाँडी काँठी गुँजी ग्येन , ग्वैरू8 को गितूना , झुमैलो -छोटी नौनीनौनी , मिलि देल्यू9 फूल चढ़ाला झुमैलो : -जौं का माई रला , देला टालुकी10 अंगूड़ी11 , झुमैलो -मैतु12 बैण्युं कु अप्णी , बोलौला चेत मैना , झुमैलो ।",garhwali-gbm -"रातिए जे एलै रानु गउना करैले -रातिए जे एलै रानु गउना करैले , -कोहवर घर में सुतल निचित । -जकरो दुअरिया हे रानो कोसी बहे धार -सेहो कैसे सूते हे निचित । । -सीरमा वैसल हे रानो कोसिका जगावे , -सूतल रानो उठल चेहाय । -काँख लेल धोतिये हे रानो मुख दतमनि -माय तोहरा हँटौ हे रानो बाप तोरा बरजौ -जनु जाहे कोसी असनान । -हँटलो न माने रानो दबलो न माने -चली गेलै कोसी असनान । । -एक डूब लेल हे कोसी दुई डूब लेल -तीन डूब गेल भसियाय । -जब तुहू आहे कोसिका हमरो डुबइवे , -आनव हम अस्सी मन कोदारि । -अस्सी मन कोदरिया हे रानो , -बेरासी मन वेंट , -आगू आगू धसना धसाय । ।",angika-anp -"सबसें बौलौ रस की बानी -सबसें बौलौ रस की बानी , -कौन बड़ी जिन्दगानी , -येई बानी गजरा पेरावैं -येई उतारै पानी । -येई नरक की खानी -येई बानी बेकुन्ठ दिखावै । -ईसुर चले बैकुन्ठ घाम खाँ , -करके नाम निसानी ॥",bundeli-bns -"एक रंगमहल की खूँट -एक रंगमहल की खूँट -जिसमें कन्या नै जनम लिया । -एक रंगमहल की खूँट -जिसमें कन्या नै जनम लिया । -बाबा तुम क्यों हारे हो -दादसरा म्हारा जीत चला । -एक रंगमहल की खूँट………… -पोती तेरे कारण हारा हे -पोते के कारण जीत चला । -एक रंगमहल की खूँट……… -उसके पिताजी को फिकर पड़ ग्या -पिताजी तुम क्यों हारे हो -ससुरा तो म्हारा जीत चला । -एक रंगमहल की खूँट……… । -बेटी तेरे कारण हारा हे -बेटे के कारण जीत चला । -एक रंगमहल की खूँट………",khadi_boli-mis -"लहेरियो -इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा -म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा -म्हाने ल्याईदो नी बाईसा रा बीरा लहेरियो सा -म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा -म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा -म्हारा सुसराजी तो दिल्ली रा राजवी सा -म्हारा सासूजी तो गढ़ रा मालक सा -इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा -म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा -म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा -म्हारा जेठजी तो घर रा पाटवी सा -म्हारा ��ेठानी तो घर रा मालक सा -इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा -म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा -म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा -म्हारो देवरियो तो तारा बिचलो चंदो सा -महरी द्योरानी तो आभा माय्ली बीजळी सा -इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा -म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा -म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा -म्हारा सायब्जी तो दिल रा राजवी सा -म्हें तो सायब्जी रे मनडे री राणी सा -इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा -म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा -म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा -म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा",rajasthani-raj -"मेहल में सोर करियो राणी जच्चा -मेहल में सोर करियो राणी जच्चा -नगर में सोर करियो राणी जच्चा -जच्चा तूने बिछिया पेरिया सच्चा -कि अनबट जोर खुल्या राणी जच्चा -नगर में सोर करियो राणी जच्चा",malvi-mup -"भक्ती भरमणा दुर करो -भक्ती भरमणा दुर करो , -आरे ठगाई नही जाणा -१ कायन की साधु गोदड़ी , -आरे कायन का हो धागा -कोण पुरुष दर्जी भया -कुण सिवण हारा . . . -भक्ती . . . -२ हवा की बणी साधु गोदड़ी , -आरे पवन का हो धागा -मन सुतार दर्जी भया -वो सिवण हारा . . . -भक्ती . . . -३ काहाँ से आई रे हवा पवन , -आरे कहा से आया रे पाणी -कहा से आई रे मिर्गा लोचणी -कळु कब की छपाणी . . . -भक्ती . . . -४ आग आई रे हवा पवन , -आरे पीछे आया रे पाणी -बीच म आई रे मिर्गा लोचणी -कळु जब की छपाणी . . . -भक्ती . . . -५ धवळो घोड़ो रे मुख हंसळो , -आरे मोती जड़ीया रे लगाम -चंदा सुरज दुई पैगड़ा -प्रभू हूया असवार . . . -भक्ती . . .",nimadi-noe -"लोक गीत -मारो रंगीलो सामलियोऽऽऽ हाँ गावलड़ी सरावेऽऽऽ -मारो रंगीलो . . . । -माथा तो मुगट वाला बहु सोभे राज -कानुड़ा मा कुन्दल झलके न मन मोहे राज -गला मा हीरलावालू हार बहु सोभे राज -मुख पे मोरली बागने मन मोहे राज -मारो रंगीलो सामलियोऽऽऽ हाँ गावलड़ी सरावेऽऽऽ -मारो रंगीलो . . . । -खाँदे तो कामली वाला ने बहु सोभे राज -केड़ कन्दोरो लटके ने मन मोहे राज -पगे तो घुँगरू लटकेनो मन मोहे राज -मारो रंगीलो सामलियोऽऽऽ हाँ गावलड़ी सरावेऽऽऽ -मारो रंगीलो . . . । -मेरा मस्त प्रियतम गायें चराता है । उसके सिर पर मुकुट शोभित हो रहा है । उसके कानों में कुण्डल चमक रहे हैं और गले में हीरों का हार बहुत ही शोभायान हो रहा है । अपने मुँह पर बाँसुरी रखकर वह बजाता रहता है और मन को लुभाता र��ता है । उसके कंधो पर कामली शोभित है और कमर में कन्दौरा लटकर रहा है , पैरों में घुँघरू । ये सभी मन को लुभा रहे हैं ।",bhili-bhb -"223 -भाबी खिजां दी रूत जद आन पहुंची भौर आसरे ते जफर जालदे नी -सेउन बुलबुलां बूटयां सुकयां नूं फेर फुल लगन नाल डाल दे नी -असां जदों कदों उहनां पास जाना जेड़े महरम असाडड़े हाल दे नी -जिन्हां सूलियां ते लए चा झूटे मनसूर होरीं साडे नाल दे ने -वारस शाह जो गए नहीं मुड़दे लोक असां तों औना भालदे ने -मोजू चैधरी दा पुत चाक लया एह पेखने1 जुल जुलाल2 दे ने -एस इशक पिछे लड़न मरन सूरे सफां डोलदे खूनियां गालदे नी -भाबी इशक तो नसके ओह जांदे पुत्र होन जो किसे कंगाल दे नी -मारे बोलियां दे घरीं नहीं वड़दे वारस शाह होरी फिरन भालदे नी",panjabi-pan -"अजी केले से आवै हमें बांस -अजी केले से आवै हमें बांस , महल केला किन बोया -मुक्के मारूं पचास , धक्के देऊन डेढ़ सौ -गोरी महलों से करूंगा जवाब , चली जाओ बाप के -गोरी महलों से दूंगा निकाल , महल केला हम बोया -मेरे बीरा बाढ़ी के , गड्डी गढ़ला बाजनी -हमारे राजा ने दिया है जवाब , चली जाओ बाप के -गोरी नै एक बन लांघा , दूजा बन लांघा -तीजे में हुए नंदलाल , विपत में सम्पत भई -काहे का करूं ओढ़ना , काहे का करूं बिछावना -ए जी काहे की पिलाऊं रस घुट्टी , विपत में सम्पत भई -इतनी तो सुनि कै सासू आई , बहू घर चलो -सासड़ मुड़ तुड़ लगूं थारे पांय , पोता तो दूंगी गोद में -इतनी तो सुन कै जिठानी आई , बहू घर चलो -जिठानी मुड़ तुड़ लगूं थारे पैर , बेटा दूंगी गोद में -इतनी सी सुन कै नन्दल आई , भाभी रानी घर चलो -बीबी मुड़ तुड़ लगूं तेरे पैर , भतीजा दूंगी गोद में -इतना तो सुनि कै राजा भी आये , प्यारी घर चलो -राजा जी तुम ने दिया है जवाब , जाओ घर बाप के -पिया से रूठे गोरी ना सरै , ना सरै गोरी बाप के -प्यारी मुड़ तुड़ लगूं थारे पैर , हमारी रानी घर चलो",haryanvi-bgc -"ताछुम् ताछुम् -कोन्ती माता सूपिनो ह्वै गए , ताछुम् ताछुम् । -पांडु का सराधक1 चैंद गैण्डो , ताछुम् ताछुम् । -ओडू आवा नेडू मेरा पाँच पंडाऊँ , ताछुम् ताछुम् । -तुम जावा पंडऊँ गैंडानाकि खोज : ताछुम् ताछुम् । -सराध क चैंद पंडौ , गैंडा की खाल , ताछुम् ताछुम् । -तब पैट्या पंडौ , गैंडा की खोज , ताछुम् ताछुम् । -नारी दुरपता तप कना बैन बोदा , ताछुम् ताछुम् । -मैं भी मेरा स्वामी , संगमांग औंदू , ताछुम् ताछुम् । -भूख लगली , मैं भोरजन ह्वै जौलो , ताछुम् ताछुम् । -प्यास लगली , मैं जली ह्वै जौलौ , ताछुम् ताछुम् । -ऊकाल2 लगली , मैं लाठी बणी जौलो , ताछुम् ताछुम् । -पसीना होली स्वामी , रुमैल ह्वै जौलो , ताछुम् ताछुम् । -सेज की बगत मैं , नारी होई जौलो , ताछुम् ताछुम् । -जुद्ध लगलो , मैं कालिंका होई जौलो , ताछुम् ताछुम् । -त्वैकू नी होलू मेरी नारी , भूषण बस्तर , ताछुम् ताछुम् । -तू घर रली बैठी दुरपता , ताछुम् ताछुम् । -तब घूमदागैन पडऊँ , गैंडा की खोज , ताछुम् ताछुम् । -ऐ गैन पंडऊँ , हरियाली का ताल , ताछुम् ताछुम् । -वख देखी तौंन , सीतारामी गैण्डी , ताछुम् ताछुम् । -तब सीतारामी गैंडी , कना बैन बोदी , ताछुम् ताछुम् । -मैं छऊँ पंडौ , जनानी की जात , ताछुम् ताछुम् । -मैं मारी तुमारो , काम नी होण को , ताछुम् ताछुम् । -तुम जावा पंडौ , गागली का बण , ताछुम् ताछुम् । -मेरो स्वामी रंदो , वख स्वामीपाल , ताछुम् ताछुम् । -तब गैन पंडौं , गागली का बण , ताछुम् ताछुम् । -गैण्डा को ग्वैर , छयो नागार्जुन , ताछुम् ताछुम् । -मालू ग्वीरयाल मेरो , गैंडो नी खांदो , ताछुम् ताछुम् । -पीली छचरी , मेरा गैंडाक चैंदी , ताछुम् ताछुम् । -तब मारे पंडौं न , स्वामीपाल गैंडो , ताछुम् ताछुम् । -तब गाड़े पंडौन , गैंडा की खगोती3 , ताछुम् ताछुम् ।",garhwali-gbm -"कोइ सखि माथा बन्हावे, कोइ सखि उबटन हे -कोइ सखि माथा बन्हावे1 कोइ सखि उबटन हे । -कोइ सखि चीर सँम्हारे , कोइ रे समुझावत हे ॥ 1 ॥ -सासु के बन्दिहऽ2 पाँव , जेठानी बात मानिहऽ3 हे । -ननदी के करिहऽ पिरीत4 देवर कोर5 राखिहऽ6 हे ॥ 2 ॥ -भउजी जे बाँन्हथिन खोँइछा7 अँचरा बिलमावथि8 हे । -आज भवन मोरा सून9 भेल , ननद भेलन पाहुन हे ॥ 3 ॥ -बाबा जे हथिन10 निरमोहिया , त हिरिदिया11 कठोर भेल हे । -हमरा के सौंपलन रघुनंन्नन , अपना पलटि12 घर हे ॥ 4 ॥",magahi-mag -"अगे अगे चेरिया कवन चेरिया गे -अगे1 अगे चेरिया2 कवन चेरिया गे । -चेरिया अँगना बहारि3 देखूँ , भइया नहीं आयल हे ॥ 1 ॥ -केकरा4 सँघ बइठम5 चनन पीढ़वा6 । -केकरा से सोभे मोर माँड़ो7 भइया नहीं आयल हे ॥ 2 ॥ -सामी सँघे बइठम चनन पीढ़वा । -गोतिया से सोभे मोर माँड़ो , भइया नहीं आयल हे ॥ 3 ॥ -कइसे पेहरब8 इयरी पियरिया9 से कइसे रँगायब गोड़10 । -मोरा लेखे11 माँड़ो हे बिजुबन12 बिनु भइया न सोभे घीउढार13 ॥ 4 ॥ -चमकि के बोलहइ जे चेरिया । -झमकइते14 आवे तोरा भाइ , रखूं कोठीकान्हे15 अँजवार16 ॥ 5 ॥ -दुअरहिं घोड़े हिंहियायल17 डोला18 धमसायल19 हे । -आगे आगे आवथिन20 दुलरइता भइया , सँघ भउजी मोर हे ॥ 6 ॥ -डँड़िया21 ही आवल पोखर कान्हें22 देखूँ चेरी भइया केर23 सा��� । -भइया मोरा लखिया हजरिया24 । -लौलन25 इयरी पियरिया , भउजी सिर सेनुर हे ॥ 7 ॥ -चउका चनन26 हम बइठम , इयरी पियरी पेन्हिके27 हे ॥ 8 ॥ -अब हमरमाँड़ो राज गाजल28 होवे घिउढार बिधि हे । -बेदे बेदे29 भेल घिउढार , सुमंगल गावल हे ॥ 9 ॥",magahi-mag -"40 -तुसीं विच खुदा दे खानयां दे गोज1 वायगी दस क्यों मारदे हो -झूठ गैबता2 अते हराम करना मुशतजनी दे गैब क्यों सारदे हो -बास हलवियां दी खबर मुरदियां दी नाल दुआए दे जीऊंदे मारदे हो -अन्ने कोड़यां लूलयां वांग बैठे कुररा मरन जहान दा मारदे हो -शरह चाए सरपोश बनाया जे रवादार वडे गुनहगार दे हो -वारस शाह मुसाफरां आयां नूं चलो चल ही पये पुकारदे हो",panjabi-pan -"546 -सहती कुड़ी नूं सदके सौंपिओ ने मंजी विच ऐवान1 दे पाय के ते -पिंडों बाहर इक डूंमां2 दी कोठड़ी सी ओथे दिती ने थां बनायनके ते -जोगी पलंघ दे पास बहायओ ने आ बैठा ई शगन मनायके ते -नाढू शाह बनया मसत हो आशक माशूक नूं कोल बहायके ते -खेड़े आप जा घरी बेफिर सुते तामा3 बाज दे हथ फड़ायके ते -ओहनां खेह सिर घतके पिटना ए जिन्हां विआही सी धड़ी बनायके4 ते -वारस शाह फिर तिन्हां ने वैन करने जिन्हां विआहियों घोड़ियां गाय के ते",panjabi-pan -"अंबे तो खबं बळे रे दिवला -अंबे तो खबं बळे रे दिवला -जाणू चतुरभुज जनमियां -जुगजुग जिवजो दाई हमारा -आतोसो दीनड़ झेलियो -जुगजुग जीवजो सासू हमारा -दस दन कुंवर खेलाविया -जुगजुग जीवजो जेठाणी हमारा -चखेत फूंको मेलियो -जुगजुग जीवजो देराणी हमारा -कंवळे खाट बिछाविया -जुगजुग जीवजो नणांद हमारा -कूका ने झगल्यो लाविया -कूका ने झूल टोपी लाविया -जुग जुग जीवजो ढ़ोली हमारा -अंगणा में ढ़ोल घोराविया -जुग जुग जीवजो पड़ोसण हमारा -दस दन मंगल गाविया -जुग जुग जोशी हमारा -कूका को नाम धराविया ।",malvi-mup -"शिवशंकर जा शिवशंकर आपिया रहना टोल्लेन शिवशंकर -शिवशंकर जा शिवशंकर आपिया रहना टोल्लेन शिवशंकर -शिवशंकर जा शिवशंकर आपिया रहना टोल्लेन शिवशंकर -देव देवकि डो देव देवकि आलिया रहना मथुरा डो गोकुल मारे -देव देवकि डो देव देवकि आलिया रहना मथुरा डो गोकुल मारे -देव देवकि देव देवकि आलिया टावटेन बाकी हाजे डो देव देवकि -देव देवकि देव देवकि आलिया टावटेन बाकी हाजे डो देव देवकि -देव देवकि डो देव देवकि आमा डाई नी बारा -देव देवकि डो देव देवकि आमा डाई नी बारा -गावा पेटेली डो आलिया टावटेन बाकी हाजे -गावा पेटेली डो आलिया टावटेन बाकी हाजे -स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ��्राम मातापुर",korku-kfq -"कम्सी इयां कि डान्टे बारेन सेनेवाडो इयां आयोम -कम्सी इयां कि डान्टे बारेन सेनेवाडो इयां आयोम -कम्सी इयां कि डान्टे बारेन सेनेवाडो इयां आयोम -कम्सी इयां कि डान्टे बारेन सेनेवाडो इयां आयोम -कुआं किवारे राजा केन नी सुबान केन्डो इयां आयाम -कुआं किवारे राजा केन नी सुबान केन्डो इयां आयाम -कुआं किवारे राजा केन नी सुबान केन्डो इयां आयाम -राजा कोम नी बुरा नू डाडो -राजा कोम नी बुरा नू डाडो -राजा कोम नी बुरा नू डाडो -एकी बाजू बैठी जा रे राजा का छोरा मारो बेटी के पानी भरन दें -एकी बाजू बैठी जा रे राजा का छोरा मारो बेटी के पानी भरन दें -राजा को नकिन माका बलापना का डाउडान डो इयां आयोम -राजा को नकिन माका बलापना का डाउडान डो इयां आयोम -गिरबो केनेन इरवीनी जायकान गिडी गोयामा डाऊवा -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"ऊँचा री कोट सुरंग देवी जालमा -ऊंचा री कोट सुरंग देवी जालमा हरियल पीपल तेरे बार मेरी माय -हरियल पीपल पड़ी ए पंजाली तैं तो झूलै आज भवानी मेरी माय -कौन जै झूले मइया कौण झुलावै कौण जै झोटे देवै मेरी माय -देरी री झूलै मइया लोकड़िया झुलावै धणराज झोटे देवै मेरी माय -सीस राणी तेरे स्यालू री सोहै ऊपर जरद किनारी मेरी माय -हाथ राणी तेरे महंदा सोहै पोरी पोरी छलले बिराजैं मेरी माय -पैर राणी तेरे पायल सौहे बिछवे रुण झुण बाजे मेरी माय -सोवै के जागै मेरी सात भवानी तेरी सात सवाई मेरी माय -इब के तो गुनाए बकस मेरी जालमा तेरै जैजै करदा आऊं मेरी माय -बेटे री पोते मइया साथ री ल्याऊं नंगे पैरें आऊ मेरी माय",haryanvi-bgc -"झूला झूलन हम लागी हो रामा (कजली) -झूला झूलन हम लागी हो रामा , मिल गए साजनवा । -आज तलक हम किन्हीं न बतियाँ , साजन देखे घर की छतियाँ , -नैना से नैना मिलाए न रामा , मिल गए साजनवा । -एक सखि मोरे ढिंग आई , आँख दिखा मोहे बात सुनाई -ऐसी क्यूं रूठी साजन से , फिर गए साजनवा । -मैं बोली सखि लाज की मारी , गोरी हँसती देदे तारी , -कैसी करूँ अब जतन बताय सखि , मिल जायें साजनवा । -' कविता कोश ' में ' संगीत ' सम्पादककाका हाथरसी नामक पत्रिका के अक्तूबर 1945 के अंक से",khadi_boli-mis -"गौरव गाथा महतारी के -ये नाग मन के धरती जिंकर ले नग घलो थररात रिहिस । -फणीं अऊ छिन्दक राजा मन के ध्वज हा लहरात रिहिस । । -पाण्डव के पार्थ पौत्र परीक्षित ल जेन हा ललकारिन । -लड़त मेरठ के तीर रण में तक्षक हा उनला मारिस । । -अड़बड़ वीर मन के धरती ये छत्तीसगढ़ महतारी हे । -ज्ोमां रत्न भरे खान , सरलसुघर सुन्दर सुजानी हे । । -अइसन मनखे के माटी में बारुद बोवत हे मक्कार । -अइसन मनखे के चिंहारी कर करना हे नक्कार । । -ये वीरनारायण की धरती दाऊ दयाल के माटी हे । -इंकर रक्षा हित बर मिटना वीर मन के परिपाटी हे । । -मांदर के थाप सुनके इहां शेर के टांग घलो कांपथे । -आदिवासी के तीर विरोधी के देह घलो वोहा नापथे । । -काबर येमन भोलाभाला के मन मा जहर घोरथें । -लोहा के सिक्का के बल मा ईमान ला तोलथें । । -अउ कतका दिन तुमन अइसने कटवाहू ? -जेन दिन सब संभलहीं कुटका में बंट जाहू । । -वो दिन माटी के बेटा धरती के करजा उतारहीं । -अउ खोजखोज के सब मक्कार ला मारहीं । । -जंगल मा कोयली मैना पंख अपन फहराही । -धरती धान के बाली ले चारों मुड़ा लहराही । । -ताला के रुद्र छोड़ ताण्डव तब मंदमंद मुस्काहीं । -छत्तीसगढ़ के वासी कपूत जनगणमन ला गाही दे । ।",chhattisgarhi-hne -"ईसुरी की फाग-7 -कैयक हो गए छैल दिमानें -रजऊ तुमारे लानें -भोर भोर नों डरे खोर में , घर के जान सियानें -दोऊ जोर कुआँ पे ठाड़े , जब तुम जातीं पानें -गुन कर करकें गुनियाँ हारे , का बैरिन से कानें -ईसुर कात खोल दो प्यारी , मंत्र तुमारे लानें -भावार्थ -रजऊ तुम्हारे लिए कितने ही लोग छैला और दिवाने होकर रातरात भर गली में पड़े रहते हैं । अभी तो यह बात घर के लोगों को भी पता लग गई है । जब तुम पानी लेने जाती हो तो कितने ही लोग कुएँ के आसपास खड़े रहते हैं । कितने ही ओझाओं और गुनियों की सहायता से तुम्हारे साथ मिलन का उपाय कर रहे हैं कि उस बैरिन से ऐसी क्या बात कहें कि वह उनकी हो जाए । ईसुरी कहते हैं तुम्हारे लिए इतने जंतरमंतर किए हैं । अब तो तुम्हें अपने मन की बात खोल ही देनी चाहिए ।",bundeli-bns -"होरी खेलूँगी तोते नाय -होरी खेलूँगी श्याम तोते नाय हारूँ -उड़त गुलाल लाल भए बादर , भर गडुआ रंग को डारूँ -होरी में तोय गोरी बनाऊँ लाला , पाग झगा तरी फारूँ -औचक छतियन हाथ चलाए , तोरे हाथ बाँधि गुलाल मारूँ ।",bhadrawahi-bhd -"पलंग पर खेल रहो मेरो नन्दलाल -पलंग पर खेल रहो मेरो नन्दलाल -आओ दाई माई तुम भी खेलाओ -ये दाई माई बोल रहो मेरो नन्दलाला -आरो री सासु राणी तुम भी खेलाओ -ये दादी दादी बोल रहो मेरा नन्दलाल -आओ री जेठाणी राणी तुम भी खेलाओ -ये ताई ताई बोल रहो मेरो नन्दलाला -आओ री देवराणी राणी तुम भी खेलाओ -ये चाची चाची बोल रहो मेरो नन्दलाला -आओ भी नणद राणी तु�� भी खेलाओ -ये बूआ बूआ बोल रहो मेरो नन्दलाला",haryanvi-bgc -"500 -भाबी दस खां असीं जे झूठ बोला तेरी कल एहो जेही डौल सी नी -बागों धढ़कदी गरकदी आई ए तूं दस खेड़या दा तैनूं हौल सी नी -तेरी घोड़ी नूं अज अराम आया जेहढ़ी नित करदी पई औंल1 सी नी -बूटा सखना अज कर आई ए किसे तोड़ लया जेहढ़ा मौल सी नी",panjabi-pan -"गढ़ परवत से उतरी देवी महाकालिका -गढ़ परवत से उतरी देवी महाकालिका -सिंघा को असवार , सदा मतवाली -पांवन बिछिया सोहता हो देवी महाकालिका -थारा अनबट से लगी रयो बाद सदा मतवाली हो -हाथ खड़ग खप्पर धारणी हो देवी महाकालिका -मद रो प्यालो हाथ सदा मतवाली हो",malvi-mup -"बागां मांय रा लिम्बूड़ा तो नई नमे -बागां मांय रा लिम्बूड़ा तो नई नमे -नमे उनकी फलां भर डाळ -अमर बधावो समरथ बीर को -फलाणा राय तो नई नमे -नमे उनकी पागड़ली रा पेंच -जोड़ा बऊ तो नई नमें -नमें उनकी चूड़ा भरी बांव -अमर बधावो समरथ बीर को ।",malvi-mup -"कहा तक तोहे समझाऊ -कहा तक तोहे समझाऊ , -रे मन म्हारा -१ हाथी होय तो शाकल मंगाऊ , -पाव म जंजीर डलाऊ -लई हो मऊत थारा सिर पर डालू -दई . दई अकुंश चलाऊ . . . . . . -रे मन म्हारा . . . -२ लोहा होय तो ऐरण मंगाऊ , -उपर धमण धमाऊ -लई रे हथौड़ी जाको पत्र मिलाऊ -जंतर तार चलाऊ . . . -रे मन म्हारा . . . -३ सोना होय तो सुहागी मंगाऊ , -कयड़ा ताव तपाऊ -बंक नाल से फुक दई मारु -पाणी कर पिघळाऊ . . . -रे मन म्हारा . . . -४ घोड़ा होय तो लगाम मंगाऊ , -उपर झीण कसाऊ -चड़ पैगड़ा ऊपर बैठू -आन चाबुक दई न चलाऊ . . . -रे मन म्हारा . . . -५ ग्यानी होय तो ज्ञान बताऊ , -ज्ञान की बात सुणाऊ -कहत कबीरा सुणो भाई साधु -आड़ ज्ञानी से आङू . . . -रे मन म्हारा . . .",nimadi-noe -"उठो उठो ओ छोटी बऊ -उठो उठो ओ छोटी बऊ -उठो उठो ओ छोटी बऊ -केरनी मानी दाना बऊकुते -केरनी मानी दाना बऊकुते -मैं कैसी उठूं सासू -मैं कैसी उठूं सासू -म्हारा गोदी बालक रोवे -म्हारा गोदी बालक रोवे -सोने की डांडीया बाऊ -सोने की डांडीया बाऊ -रुपे की झूले ना में झूले -रुपे की झूले ना में झूले -स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq -"पैली भरोनी गीत -तरी नानार नानी पे तरी नानार नानी । 2 -बाय खूदन पैली सोहग पूरक तेली 2 -दाई ओ दाई ये , मोय भूख लागीस , -दाई ओ दाई ये , मोय भूख लागीस , -मोर सी नेकों तोर बाबा सी जा , -मोर सी नेकों तोर बाबा सी जा , -बाबा रे बाबा पे मोय भूख लागीस , बाबा रे -मोर सी नेकों पे तोर दादी सी जा मोर सी -दादी रे दादी पे मोय भूख लागीस 2 -मोर सी नैको तोर आजी सी जा 2 -दाई ओ दाई पायली नहीं भराय 2 -सैला उधा करनी पयली भार देबी 2 -दूल्हक बाबा चोरहा पे चोर चोर खाय 2 -दूल्हक दादी चोरहा पे चोरचोर खाय 2 -दुल्हक आजी चोरही पे चोरचोर खाय 2 -दुल्हक बहन चोरही पे चोरचोर खाय 2 -शब्दार्थ – पयली – आधी किलो का माप , नैकोमुझे नहीं , चोरटाचोर , मोर सीमोर पास । -पैली पयली भरोसी एक रस्म है । एक सूपे में जगनी और तिल्ली रखकर दोनों तिलहन भरवाती है । तब यह गीत गाया जाता है । गीत दोसी को संबोधित है । -दुल्हन की माँ कहती है दोसी इन दुल्हादूल्हन को जगती और तिल्ली उधार दिलवा दो । इतना कहते ही वहाँ उपस्थित सारी महिलाओं को और तिल्ली बाँट दी जाती है । फिर गीत गाकरजगनी और तिल्ली वापस माँग ली जाती है । तब गीत के माध्यम से दुल्हन कहती है । हे माँ मुझे भूख लगी है । माँ बोलीबेटा मेरे पास कुछ नहीं है , तुम अपने बाबा या पिता के पास जाओ । बाबा बोलेबेटी तुमने जो उधार दिया है , उसे वापस लो । तुम्हारी भूख शांत हो जाएगी । तब तुम्हारी पयली भर जायेगी । तुम चिंता मत करो । इस समय गीत चलता रहता है और जिनको जगनीतिल्ली दी गई , वे वापस करते जाते है । आगे गीत में आजी और दादा से मज़ाक करते हैं , कुछ ने जगनी या तिल्ली वापस नहीं लौटाई है । तब कहा गया है दूल्हा या दुल्हन के पिता चोर हैं , उन्होने जागती और तिल्ली चुरा ली है । इसी प्रकार आजाआजी , बहन आदि भी चोर हैं , जिन्होने तेरे हिस्से की जगनी और तिल्ली चुरा ली है । इसलिए तेरी पयली पूरा भराई नहीं है , खाली रह गई है । -रस्म और गीत के माध्यम से दूल्हा और दुल्हन को व्यवहारिता की जो सीख दी गई है , वह अत्यंत करूणामयी है । दूल्हादुल्हन को जीवन में जितना मिले , उसी से काम चलाना है । किसी से कोई अपेक्षा नहीं करनी चाहिए । अपनों से भी नहीं । तब ही अपना परिवार सुखी और स्वाभिमानी रह सकता है ।",baiga-mis -"गुड गुड का चिन्दी आई डो इयां माई -गुड गुड का चिन्दी आई डो इयां माई -गुड गुड का चिन्दी आई डो इयां माई -रीगी ओ इयां माई इयां भाई रीगी वो -रीगी ओ इयां माई इयां भाई रीगी वो -टोपी ना सीवे ओ इयां माई हो तो बेटा -टोपी ना सीवे ओ इयां माई हो तो बेटा -राज कमाय कोन्जई हो तो मोरी माई -राज कमाय कोन्जई हो तो मोरी माई -रात दिन राड मचाये , आखू बोचोगेवा जा कोन्जई -रात दिन राड मचाये , आखू बोचोगेवा जा कोन्जई -स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq -"होली भजन -टेक बिराणी जानकी हर लाए बिराणी । -चौक1 कहत मंदोदरी सुण पिया रावण कोण बुद्धि उपजाई । -उ���की जानकी तुम हर लाए । -वो तपसी दोनों भाई , पिया तुने एक न मानी , -जानकी हर लाए बिराणी । -चौक2 लिया जात की ओछी रे बुद्धि , उनकी करव बड़ाई , -दूर मण्डल से पकड़ बुलाऊँ , हे राम लखन दोनों भाई -पिया तुने एक न मानी । -जानकी हर लायो बिराणी । -चौक3 मेघनाथ सरीका पुत्र हमारा , कुम्भकरण सा भाई -लंका हमारी बनी है सोने की । -वो सात समन्दर नव खाई , पिया तुने एक न मानी । -जानकी हर लाए बिराणी । -चौक4 हनुमान सरीका है सेवक जिनका , लक्ष्मण है छोटा भाई , -जलती आगन में कूद पड़ेंगे , तो कोट गिणें न वो खाई , -पिया तुने एक न मानी । -जानकी हर लाए बिराणी । -छाप रावण मार राम घर आए , घरघर होत बधाई । -माता कौशल्या करत आरती , तो राज विभीषण पाई , -पिया तुने एक न मानी , -जानकी हर लाए बिराणी । -मंदोदरी अपने पति रावण से कह रही है कि पिया सुनो आपको किसने ऐसी बुद्धि दी कि पराई सीता का हरण कर ले आए ? वे दोनों तपस्वी दो भाई हैं , तूने मेरा कहा एक न माना । -रावण मंदोदरी से कहता है कि स्त्री जाति की बुद्धि बहुत कम होती है , तू उन तपस्वियों की प्रशंसा कर रही है । मैं दूर कहीं से भी उन्हे पकड़कर बुलाऊँ । मंदोदरी कहती है वे दोनों तपस्वी राम और लक्ष्मण दोनों भाई हैं , पिया तूने कहा एक न माना । -मंदोदरी कहती है मेघनाथ के समान हमारा पुत्र है और कुम्भकरण के समान आपका भाई है । हमारी लंका सोने की बनी हुई है । इसके आसपास सात समुद्र और नौ खाइयाँ हैं , जो इसे सुरक्षा प्रदान करते हैं । हे पिया आपने मेरी एक न मानी , पराई सीता को हर लाये । -हनुमान के समान राम का सेवक है और उनका छोटा भाई लक्ष्मण है । यह दोनों महाबली जलती आग में कूद पड़ेंगे । दोनों महाबलवान हैं , लंका के कोट और खाइयाँ उनके आगे कुछ काम न आयेंगी । हे पिया आपने एक न माना । -राम ने लंका पर चढ़ाई की , कुटुम्ब और सेना सहित रावण को मारा और राम घर आये । घरघर बधाई हो रही है , खुशियाँ मनाई जा रही है । माता कौशल्या भगवान राम की आरती कर रही हैं । लंका का राज्य भगवान राम ने विभीषण को दिया । पिया आपने एक न मानी और पराई जानकी का हरण कर ले आये ।",bhili-bhb -"जुत्ती मेरी नारान्वाल दी -जुत्ती मेरी नारान्वाल दी , -सितारेयाँ जडत जड़ी , -मेरेया राँझा , -जुत्ती होवे तां एवा जई , -पा जुत्ती मैं चल पई । -मेरे पबयाँ ते धूड़ पई । -मेरेया राँझा जुत्ती , -होवे तां एवा जई ।",panjabi-pan -"सुआ गीत-1 -और गीत के बीचबीच में ये दुहराई जाती हैं । गीत की गति तालियों के साथ आगे बढ़ती है । -तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना -कइसे के बन गे वो ह निरमोही -रे सुअना -कोन बैरी राखे बिलमाय -चोंगी अस झोइला में जर झर गेंव -रे सुअना -मन के लहर लहराय -देवारी के दिया म बरिबरि जाहंव -रे सुअना -बाती संग जाहंव लपटाय",chhattisgarhi-hne -"हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे -हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे , -मेरा राँझण माही मक्का , -नी मैं कमली आँ । -मैं ते मंग राँझे दी होई आँ , मेरा बाबल करदा धक्का1 , -नी मैं कमली आँ । -हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे , मेरे घर विच्च नौ सौ मक्का , -नी मैं कमली आँ । -विच्चे हाजी विच्चे गाज़ी2 , विच्चे चोर उचक्का , -नी मैं कमली आँ । -हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे , असाँ जाणा तख़त हज़ारे , -नी मैं कमली आँ । -जित वल्ल यार उते वल्ल काअबा , भावें फोल किताबाँ चारे3 , -नी मैं कमली आँ ।",panjabi-pan -"सुआ गीत-3 -तरी नरी नहा नरी नही नरी ना ना रे सुअना -तुलसी के बिरवा करै सुगबुगसुगबुग -रे सुअना -नयना के दिया रे जलांव -नयनन के नीर झरै जस औरवांती -रे सुअना -अंचरा म लेहव लुकाय -कांसे पीतल के अदली रे बदली -रे सुअना -जोड़ी बदल नहि जाय",chhattisgarhi-hne -"108 -हीर आखदी बाबला अमलियां तों नहीं अमल हटाया जा मियां -जेहड़ियां वादियां आदतां आन नाही रांझे चाकतों रिहा ना जा मियां -शीह चितरे रहन न मास बाझों झपट नाल एह रिज़क कमा मियां -वारस शाह दरगाह तों लया रांझा चाक बखशिया आप खुदा मियां",panjabi-pan -"ज़िकर ना इशक मज़ाजी लागे -ज़िकर ना इशक मज़ाजी लागे । -सूई सेवे ना बिन धागे । -इशक मज़ाजी दाता है । -जिस पिच्छे मस्त हो जाता है । -इशक जिन्हाँ दी हड्डीं पैंदा । -सोई निरजीवत मर जांदा । -इशक पिता ते माता ए । -जिस पिच्छे मस्त हो जाता ए । -आशक दा तन सुक्कदा जाए । -मैं खड़ी चन्द पर के साए । -वेख माशूकाँ खिड़ खिड़ हासे । -इशक बेताल पढ़ाता है । -जिस ते इशक एह आया है । -ओह बेबस कर दिखलाया है । -नशा रोम रोम में आया है । -इस विच्च न रत्ती ओहला है । -हर तरफ दिसेन्दा मौला है । -बुल्ला आशक वी हुण तरदा है । -जिस फिकर पीआ दे घर दा है । -रब्ब मिलदा वेक्ख उचरदा है । -मन अन्दर होया झाता है । -जिस पिच्छे मस्त हो जाता है ।",panjabi-pan -"सावन के सहनइया -सावन के सहनइया भदोइया के किचकिच हे , -सुगासुगइया के पेट , वेदन कोई न जानय हे । -सुगासुगइया के पेट , कोइली दुःख जानय हे , -एतना वचन जब सुनलन , सुनहूँ न पयलन हे । -पकी दिहले हथवा कुदारी बबूर तर हे , -डाँड़ मोरा फाटहे करइलो जाके , ओटियो चिल्हकि मारे हे । -राजा का कह���ँ दिलवा के बात , धरती अन्हार लागे हे ।",magahi-mag -"आलामा ऊरा टूटा जा बेटा -आलामा ऊरा टूटा जा बेटा -आलामा ऊरा टूटा जा बेटा -काजा चूजा निमाय डाये -काजा चूजा निमाय डाये -आलमा ऊरघा बाबा चावली आटकेन -आलमा ऊरघा बाबा चावली आटकेन -बेटा काजा चूजा निमाय डाये -बेटा काजा चूजा निमाय डाये -आलमा ऊरा टूटा जा बेटा -आलमा ऊरा टूटा जा बेटा -काजा चूजा निमाय डाये -काजा चूजा निमाय डाये -स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण पर्ते एवं सुकिया बाई , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq -"अच्छा अच्छा गहना चढ़इये रे, जेठ भैंसुरा -अच्छा अच्छा गहना चढ़इये रे , जेठ भैंसुरा1 । -बड़ा जतन के धियवा रे , जेठ भैंसुरा । -टिकवा2 ले गुरहँथियेसन्दर्भ त्रुटि : टैग के लिए समाप्ति टैग नहीं मिला दुलहिन को वस्त्राभूषण देता है रे , जेठ भैंसुरा ॥ 1 ॥ -अच्छा अच्छा गहना चढ़इये रे , जेठ भैंसुरा । -बड़ा जतन के धियवा रे , जेठ भैंसुरा । -नथिया3 ले गुरहँथिये रे , जेठ भैंसुरा ॥ 2 ॥ -अच्छा अच्छा गहना चढ़इये रे , जेठ भैंसुरा । -बड़ा जतन के धियवा रे , जेठ भैंसुरा । -हँसुली4 ले गुरहँथिये रे , जेठ भैंसुरा ॥ 3 ॥ -अच्छा अच्छा गहना चढ़इये रे , जेठ भैंसुरा । -बड़ा जतन के धियवा रे , जेठ भैंसुरा । -बजुआ5 ले गुरहँथिये रे , जेठ भैंसुरा ॥ 4 ॥ -अच्छा अच्छा कपड़ा चढ़इये रे , जेठ भैंसुरा । -बड़ा जतन के धियवा रे , जेठ भैंसुरा । -सड़िया ले गुरहँथिये रे , जेठ भैंसुरा ॥ 5 ॥",magahi-mag -"राजा राजा राजा जा हीरा कुंवरा -राजा राजा राजा जा हीरा कुंवरा -राजा राजा राजा जा हीरा कुंवरा -राजा मारे हीरा कुंवरा राजा मारे -राजा मारे हीरा कुंवरा राजा मारे -इयां लाज कुसुवाजा हीरा कुंवरा -इयां लाज कुसुवाजा हीरा कुंवरा -राजा मारे हीरा कुंवरा राजा मारे -राजा मारे हीरा कुंवरा राजा मारे -आमा लाज कुसुवाकेन सुईनी -आमा लाज कुसुवाकेन सुईनी -सानी केन हाकोयेज डो हीरा कुंवरी -सानी केन हाकोयेज डो हीरा कुंवरी -रानी मारे हीरा कुंवरी रानी मारे -रानी मारे हीरा कुंवरी रानी मारे -कुठी टाला मुठी ढाना मिया सारा -कुठी टाला मुठी ढाना मिया सारा -बारी सारा ढोगे माडो -बारी सारा ढोगे माडो -हीरा कुंवरी रानी मारे हीरा कुंवरी रानी मारे -हीरा कुंवरी रानी मारे हीरा कुंवरी रानी मारे -हीरा जोसी केन हाकोयेज डो हीरा कुंवरी -हीरा जोसी केन हाकोयेज डो हीरा कुंवरी -रानी मारे हीरा कुंवरी रानी मारे -रानी मारे हीरा कुंवरी रानी मारे -आमा लाज कुसुवा माका कैनीया कुंवर -आमा लाज कुसुवा माका कैनीया कुंवर -डाउवा हो हीरा कुंवरी रानी मारे -डाउवा हो हीरा कुंवरी रानी मारे -स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq -"सासरो छोड़यो देवी दूर, पीयर मेढ़ो रोपियो जी -सासरो छोड़यो देवी दूर , पीयर मेढ़ो रोपियो जी । -तांवा खण्या रे तलाव , अमरित अम्बो मवरियो जी । । -रनुबाई हुआ पणिहार , वहा रड़ऽ सासरवासेण जी । -की थारो पीयर दूर , की थारी सासू सौतेली जी । -नई म्हारो पीयर दूर , नई म्हारी सासू सौतेली जी । -हम पर ”सऊक को साल“ , तेगुण रड़ऽ सासरवासेण जी । । -हेडूँ थारो ”सऊक को साल“ , -बांझ घर पालणो झुलाड़सां जी ।",nimadi-noe -"581 -सयालां बैठ के सब विचार कीती भले आदमी गैरतां पाल दे नी -यारो गल मशहूर जहान उते सानूं मेहने हीर सयाल दे नी -पत रहेगी ना जेकर तोर दईए नढी नाल मुंढे महीवाल दे नी -कबर विच दऊस खंजीर होसन जेहड़े लाड करदे धन माल दे नी -औरत आपणी कोल जो गैर वेखन गैरत करन ना ओसदे हाल दे नी -मूंह तिन्हां दा वेखनां खूक1 वांगू कतल करो रफीक जो नाल दे नी -सयद शेख नूं पीर ना मूल जानो अमल करन जे उह चंडाल दे नी -होवे चूहड़ा तुरक हराम खावे मुसलमान वस उसदे नाल दे नी -दौलत मंद दऊस2 दी तरक सुहबत मगर लगिए नेक कंगाल दे नी -कदी कचकड़ां लाल ना होए जांदा जे परो दईए नाल लाल दे नी -जहर दे के मारिए हीर ताई गुनाहगार जो जुल जलाल3 दे नी -मार सुटया हीर नूं मापयां ने एह पखने उस दे खयाल दे नी -बद अमलियां जेहड़ियां करें चोरी महरम सभ तेरे वाल वाल दे नी -सानूं जनती साथ रवालना जे असां आसरा फजस कमाल दे नी -जेहड़े दोजखीं बन्ह के टोरनोगे वारस शाह फकीर दे नाल दे नी",panjabi-pan -"भटकणू छौं स्वर्ग मां (खुदेड़ गीत) -भटकणू छौं स्वर्ग मां , बाटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . -भटकणू छौं स्वर्ग मां , बाटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . -बीज छौं मै धरती कू माटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . -भटकणू छौं स्वर्ग मां , बाटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . -भटकणू छौं स्वर्ग मां . . . . . -ग्वाळा पैथर ग्वाया लैकी पौंछी ग्यौं परदेस मां . . . पौंछी ग्यौं परदेस मां . . . -ग्वाळा पैथर ग्वाया लैकी पौंछी ग्यौं परदेस मां . . . पौंछी ग्यौं परदेस मां . . . -बीड़ छौ मैं पर्बतूं जांठू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . -बीज छौं मै धरती कू माटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . भटकणू छौं स्वर्ग मां . . . . . -कखड़ी मुंगरी खाजा बुखणा अब नि औंदिन गौं बिटी . . . अब नि औंदिन गौं बटी . . . -कखड़ी मुंगरी खाजा बुखणा अब नि औंदिन गौं बिटी . . . अब नि औं��िन गौं बटी . . . -मेरु बि हक छौ यूं फरैं बांठू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . -बीज छौं मै धरती कू माटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . भटकणू छौं स्वर्ग मां . . . . . -डांडा कांठौं का भट्यौणम , गै त छौ घर बौड़ी की . . . गै त छौ घर बौड़ी की . . . -डांडा कांठौं का भट्यौणम , गै त छौ घर बौड़ी की . . . गै त छौ घर बौड़ी की . . . -रीति सूनी तिबार्यूं मां नातू खोज्याणू रौं . . . दिदौं . . . -भटकणू छौं स्वर्ग मां , बाटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . -बीज छौं मै धरती कू माटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . -भटकणू छौं स्वर्ग मां . . . ।",garhwali-gbm -"म्हारी सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी -म्हारी सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी -क्यांए की मांग भरावैगी -मिसरू पहरूंगी स्यालु औढूंगी -मोतियां की मांग भराऊंगी -म्हारी सांझी ए के जीमेगी के झूठेगी -क्यांए की चलुए भरावैगी -लाडू जीमूंगी पेड़ा झुठूंगी -इमरत की चलुए भराऊंगी",haryanvi-bgc -"465 -घर पेईअढ़े बड़ी हवा तैनूं दितयो छिबियां1 नाल अंगूठयां दे -अत सच दा सच हो नितरेगा कोई देस ना वसदे झूठया दे -जे तूं मारया असां ने सबर कीता नहीं जानद दाऊ एह घूठयां दे -जटी हो फकीरां दे नाल लडिए छना भेड़या ई नाल ठूठयां दे -सानूं बोलियां मार के निंददी सै युमन2 डिठयो टुकरा जूठयां दे -वारस शाह फकीर नूं छड़दी सै डिठे मोजजे इशक दे लूठयां दे",panjabi-pan -"नागरजा -केको भाग लालो , केन करलो स्नान । -तब बोदा सांवल भगीवान -तेरा बांजा वैराट मौसा , मैं चलदू बणौल । -यनी फैलाये भगवानन लीला -गायों का करेन गोठ , भैसू का खरक -नन्दू का यख लगीन दूध का धारा । -दूध का लगीन , नाज का कोठारा1 । -बालपन मा ही बणी गये कृष्णा -नन्दू को ग्वैरे2 , गायों को गोपाल । -गऊ चुगौंदू मोहन , वांसुली बजौंदू । -चला भाई ग्वैर छोरौं , मथुरा वृन्दावन , -बांसुली बजौला , कौथीक3 करला । -तब बजाई कृष्णा त्वैन मोहन मुरली , -तेरी मुरली सुणीक कामधेनुन चरणो4 छोड़याले , -सभी ग्वैर छोरा मोहित करयाला । -कुन्दन शैर मंग तेरी मुरली सणी , -रुक्मणी रोज रंदी सुणन लगीं । -कोंपलू5सी फलरुक्मणि सोना कीसी टुकड़ी । -तालसी माछी6 , सरप कीसी बच्ची । -सुण्याले तैंन मुरली अनबन7 भांती , -मन होइगे मोहित , चित चंचल । -भौ8 कुछ होई जाई मैंन मुरल्याक9 जाण । -एसी एकी बांसुली अफू10 कनू होलू ? -पाणी कीसी बूंद की , नौण11सी गोंदकी , -तै दिन वा रुकमणि लैरेन्दी12 पैरेन्दी , -चलदी चलदी आइगे अघबाट । -कृष्ण भगवान इना रैन छली , -बीच बाट मां नदी दने उपजाई । -अफू ह्वैगे भगवान धुनार13सी लम्ब�� । -लुहारसी कालो , भाड़ कोसी मुछालो14 । -तबरेकरुकमणि भली बणीक बांद -तख15 मुंग16 एक बोलण लैगे -हे धुनार छोरा तराई17 दियाल18 । -तराई क्या लेण छोरा तराई बोल्याल ? -तराई क्या बेल्ण मैंन , भौं कुछ19 दियान । -जनानी की जात , डोंडा20 मा बैठीगे , -आधी गाड बीच कृष्ण भगवान -डोंडू खडू21 करयाले , पाणी मा छोड़याले । -हे धुनार छोरा , मैं पल्या22 छोड़ गाड । -पाल्या छोड़ लिजौलू त्वे , पैले23 तराई दियाल । -कनु छै तू धुनार , अधबीच तराई तू लेन्दू , -हजारू को धन दिउलू करोडू की माया । -सुण सुण रुकमणी हजारू को धन , -नी मांगदू , न करोड़ की माया । -जरा रुबसी24 घीचीन25 राणी मैं भेना26 बोल्याल । -हि रि27 रि कैक डोंडू लैगे बगण28 , -डोंडू बगण लैगे , दिल लैगे डिगण । -तै दिन रुकमणि राणी रोंदी छ तुडादी29 , -ये काला औधूत तैं मैं भेना नी बोलौं । -एक दिन संसार न मरी जाण , -त्वै क तैं मैं कभी भेना नी बोलौं । -डोंडा का डांड तैन ढीलो करीले , -रुकमणि को शरील पंछीसी उड़ीगे । -ऐथर देखदी पेथर राणी , -हे भेना ठाकुर मैं पल्या छोड़ गाड । -गर्वियों का गर्व तोड़या त्वैन , -धजियों30 का तोड़या धज31 । -तब भगवान न हैको छदम धारे , -बणी गए प्रभु बांको चुरेड़32 । -हाथ मा धरयालीन33 चूड़ी अनमन भांति । -चूड़ी पैरयाला तुम स्वामियों की प्यारी , -राजमती34 चूड़ी होली , भानुमती35 छेको36 । -ढलकदी छणकदी37 रुकमणी औंदी , -बोल रे बोल चुरेड़ , चूड़ियों को मोल ? -तै दिन भगवान त्वैन वीं को हात पकड़याले , -राजौं की कन्या छई , क्या बैन बोदी : -हजारू को धन दिऊलू , करोडू की माया । -हे चुरेड़े तू मेरो हात छोड़ दे । -पैली मेरी चूड़ियों को मोल दियाल । -सुण्याल रुकमणि , तू मैं कू -रुबसी घीचीन भेना बोल्याल । -नौनी रुकमणि रोंदी छ तुड़ांदी , -हेरदी छ देखदी राणी तब बोदी -हे मेरा भेना , मेरो हाथ छोड़याल -तब ऐगी रुकमणि मथुरा वृन्दावन , -देख कना ऐन गोकुल का ग्वैर । -सुण रुकमणि बोद कृष्ण भगीवान् -बिना ब्यौ राणी त्वै नो रखदू । -कठा38 होई जावा मथुरा का ग्वैरू39 , -ई का साथ मेरो ब्यौ करी देवा । -ग्वैर छोरा क्वी40 बण्या बामण कुई औजी41 , -घैंट्या42 केला कुलैं43 का स्तंभ , -तै दिन तौंकू ब्यौ होई गये । -पूतना रागसेण रदी कंस की बैण44 । -कना बैन बोदू तब दुष्ट कंगस -कु जालू गोकल मेरा बैरी मान्यालो ? -तब पूतना रागसेण बोदेमैं जौलू गोकल मां -तू मेरा बैरी मारी औली त पूतना , -त्वै मैं आदा राज द्योलो । -तब पूतना रागसेण तयार होये । -नहेन्दी व धुयेन्दी तब वा , -स्यूंद शृंगार ���ब सजौण लगदे । -तब धरे पूतनान मोहनी को रूप , -अपनी दूधियों मांज विष चारियाले , -रमकदी छमकदी जांदी पूतना रागसेण , -रौड़दीदौड़दी गगे गोकुल का राज । -यसोदा का पास जांद मुंडली नवौदे । -तब पूतना रागसेण कना बैन बोदे -मैन सूणे दीदी तेरो नौनो होये । -उंडो दे दी दीदी अपणा नौना , -तुमारो बालक दीदी , भलो छ प्यारो । -कृष्ण भगवान गोद मा गाडदे । -तब पूतना रागसेण लाड करदे , -हाती खुटी फलोसदी , घीची45 छ पेंदी46 । -कृष्ण भगवान जी दीनू का दयाल , -नरु का नारैन भक्तू का राम ।",garhwali-gbm -"39 -असां फिका1 असूल नूं सही कीता गैर शरह मरदूद नूं मारना ई -असां दसणे कम्म इबादता दे , पुलसरात2 तों पार उतारना ई -फरज़ सुनतां वाजबां नफल3 वितरां नाल जायेज़ा सच नितारना ई -वारिस शाह जमात दे तारकां नूं ताज़िआनियां दुरियां मारना ई",panjabi-pan -"लेहऽ दुलरइता भइया कँधवा कोदरिया -लेहऽ1 दुलरइता भइया कँधवा2 कोदरिया3 । -परबत से जड़ी ला देहु भइया ॥ 1 ॥ -तोड़िए काटिए4 भइया बाँहलन मोटरिया । -लऽ न दुलरइतिन बहिनी जोग के जड़िया ॥ 2 ॥ -पिसिए कुटिए5 बहिनी भरल कटोरिया । -पीअऽ न दुलरइता दुलहा जोग के जड़िया ॥ 3 ॥ -हमें न पीबो सुघइ6 जोग के जड़िया । -हम भागी जायबो बाबा के पासे ॥ 4 ॥",magahi-mag -"काची करड़ नी गमरण बावड़ी -काची करड़ नी गमरण बावड़ी -लोंगा जड़ियो रे जड़ाव -तांबा पीतला ना गमरण बेड़ला -रेसम लाम्बी डोर -बेड़लो मेल्यो रे सखर पाळ -चूमकी चम्पा डाळ -डोर टूटी ने गडूलियो डूबियो -पाणी गयो रे पैताळ -काठा कसी लो गमरण कांछड़ा -लीजो पीपरिया नी वाट -घर जाता हो गमरण माता ने के -माता म्हारो माथो दूखे -ससराजी आणें आविया -माता म्हारो तो माथो दूखे -जेठजी आणे आविया -माता म्हारो तो माथो दूखे -देवरजी आणे आविया -माता म्हारो तो माथो दूखे -पीयूजी आणे आविया -घर जा ने बेटी -माता म्हारो माथो हो गूथो -पाटी पड़ाव -पियूजी आणे आविया",malvi-mup -"ईसुरी की फाग-13 -बखरी बसियत है भारे की दई पिया प्यारे की -कच्ची भींट उठी माटी की , छाई फूस चारे की -बे बंदेज बड़ी बे बाड़ा , जई में दस द्वारे की -एकऊ नईं किबार किबरियाँ , बिना कुची तारे की -ईसुर चाय निकारौ जिदना , हमें कौन उवारे की ।",bundeli-bns -"गोरबंद -लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ -ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ -ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ऐ ऐ ऐ गायाँ चरावती गोरबन्द गुंथियों -तो भेंसयाने ��रावती मैं पोयो पोयो राज मैं तो पोयो पोयो राज -म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ -ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ऐ ऐ ऐ ऐ खारासमद सूं कोडा मंगाया -तो बिकाणे तो गड़ बिकाणे जाए पोया पोया राज मैं तो पोया पोया राज -म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ -ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ऐ ऐ ऐ ऐ देराणी जिठणी मिल गोरबन्द गुंथियों -तो नडदल साचा मोती पोया पोया राज मैं तो पोया पोया राज -म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ -ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो -कांच री किवाडी माथे गोरबन्द टांकयो -तो देखता को हिवडो हरखे ओ राज हिवडो हरखे ओ राज -म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ -ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो -ऐ ऐ ऐ ऐ डूंगर चढ़ ने गोरबन्द गायो -तो झोधाणा तो झोधाणा क केडी हैलो सांभळो जी राज हैलो सांभळो जी राज -म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो -ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ -ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो",rajasthani-raj -"नद घर बजत बधा लाल हम सुनके आ -नंद घर बजत बधाए लाल हम सुनकें आए । -मथुरा हरि ने जनम लिया है , -गोकुल बजत बधाए । लाल हम . . . -कौना ने जाए जशोदा खिलाए , -बाबा नंद के लाल कहाए । लाल हम . . . -सोरा गऊ के गोबर मंगाए , -कंचन कलश धराये । लाल हम . . . -चंदन पटली धरायी जशोदा , -चौमुख दियल जलाये । लाल हम . . . -हीरालाल लुटाए यशोदा , -मनमोहन को कंठ लगाये । लाल हम . . . -नन्द घर बजत बधाए , लाल हम सुनकें आए ।",bundeli-bns -"सगरे समैया कोसिका सुति वैसि गमौले -सगरे समैया कोसिका सुति वैसि गमौले , -हे भादो मास -मैया फेंकल पलार कि भादो मासे । -सबहुक नैया कोसिका अमरपुर हे पहुँचल , -कि मोरै नैया -उसर गे लोटावे कि मोरे नैया । -देबहुं गे कोसिका जोढ़ी गे पाठी कि घर गेने -हे कोसिका चढ़ैवौ पाकल पान मैया घर गेने ।",angika-anp -"उठ जाग रै मुसाफिर किस नींद सो रह्या है -उठ जाग रै मुसाफिर किस नींद सो रह्या है -जीवण अमूल पिआरे क्यूं बखत खो रह्या है -रहणा न इत बणैगा दुनिया सरा सी फानी -इस मैं फंस्या तैं पियारे क्यूं ���स्त हो रह्या है -उठ जाग रे मुसाफिर -भाई पिता अर पुत्तर होगा न कोई साथी -क्यूं मोह का बोझा नाहक मैं ढो रह्या है -उठ जाग रे मुसाफिर -ले ले धरम का तीसा मत भूल रे दीवाने -नैकी की खेती कर ले क्यूं बखत खो रह्या है -उठ जाग रे मुसाफिर -किसती अमूल पा कै हिम्मत तै पार कर लै -इस जल असार जग मैं तैं क्यूं डबो रह्या है -उठ जाग रे मुसाफिर",haryanvi-bgc -"जन्म गीत -कांकड़ आंबो मोरिया रे भँवरा , एकेली क्या जाय -बाळा की माय साथी पूजण जाय सातमा सखी न ले जायगा -पयली चिट्ठी बाळा का दाजी क दीजो , -दाजी आव रे जायो सार , -दूसरी चिट्ठी रे बाळा की जि माय क दीजो , -जि माय आव व झूलो राळ -तीसरी चिट्ठी रे बाळ का मामा क दीजो -मामा आवरे गहणा लाव रे , -चौथी चिट्ठ रे बाळ की मामी क दीजो , -मामी आव वो झग्गा टोपी लाव वो , -पांचवी चिट्ठी रे बाळा का नाना दाजी क दीजो , -नाना दाजी आव रे लाड़ लड़वा , -छटी चिट्ठी रे बाळ की मोमइ क दीजो , -मोमइ आव रे बाळ न्हवाड़ , -सातवीं चिट्ठी रे बाळा की बुवा क दीजो , -बुवा आव वो पतासा वाट , -आठवीं चिट्ठी रे बाळ की मावसी क दीजो , -मावसी आव तो छग्गा टोपी लाव वो , -नवीं चिट्ठी रे बाळा की मामी क दीजो , -मामी आव वो गहणो पेराव वो । -ग्राम के काकड़ सीमा पर आम में बौर आ गये हैं । बालक की माता अकेली -जलवाय पूजन को नहीं जाती है , संग में सहेलियों को ले जाती हैं । -गीत में कहा गया है कि बालक का जलवाय पूजन का कार्यक्रम है , इसलिये -पहली चिट्ठी बालक के दादा को देना और लिखना कि दादा आओ और बालक -को उत्तम संस्कारित करो । दूसरी चिट्ठी बालक की दादी माँ को लिखना और लिखो -कि आकर बालक का पालना बाँधें । तीसरी चिट्ठी बालक के मामा को भेजो और लिखना -कि वह बालक के लिए गहने लायें । चौथी चिट्ठी बालक की मामी को भेजो कि वह बालक -के लिए झग्गाटोपी लायें । पाँचवी चिट्ठी बालक के नाना को लिखना कि वह लाड़प्यार -करें । छठी चिट्ठी बालक की नानी को लिखना कि वह आयें और बालक को स्नान करवायें । -सातवीं चिट्ठी बालक की बुआ को लिखना कि वह आकर बतासे बाँटे । आठवीं चिट्ठी बालक -की मौसी को देना कि वह बालक के लिए झग्गाटोपी लायें । नवीं चिट्ठी बालक की मामी -को देना कि वह आकर गहने पहनावें । -इस प्रकार गीत में जन्म संस्कार के बारे में प्रचलित रीतिरिवाज का वर्णन किया गया है ।",bhili-bhb -"554 -हीर आखया सुते सो सभ मुठे नींद मारया राजयां रानयां नूं -नींद वली ते गौंस ते कुतब मारे नींद मरया राह भदानयां नूं -एस नींद ने शाह फकीर कीते रो बैठे ने सकत विहानयां नूं -नींद शेर ते देव इमाम कुठे नींद मरया वडे सिआनयां नूं -सुते सोई वगुतड़े मैहर वांगूं गालब नीद है देव रजानयां नूं -नींद भठ झुकाया सुटयां सुलेमान ताईं देंदी नींद नी वकत विहानयां नूं -नींद पुतर यकूब दा खूह पाया सुनया होसियां यूसफ दे बानयां नूं -नींद जिबा कीता असमाईल तांई यूसफ पेट मछी विच पानयां नूं -नींद वेख जो ससी नूं वखत पाया फिरे ढूंढ़दी यार बाहनयां नूं -साढे तिंन हथ जिमी है मुल तेरा वारस शाह क्यों वले वलानया नूं",panjabi-pan -"आरता हे आरता सांझी माई आरता -आरता हे आरता सांझी माई आरता -आरते की फूल झवेलन बेल -इतने से भाइयां में कुणसा गोरा -चन्दा गोरा सूरज गोरा गोरा के रनयण काजल भर गेरे",haryanvi-bgc -"ईसुरी की फाग-9 -अब रित आई बसन्त बहारन , पानफूलफल डारन -हारनहद्दपहारनपारन , धामधवलजलधारन -कपटी कुटिल कन्दरन छाई , गै बैराग बिगारन -चाहत हतीं प्रीत प्यारे की , हाहा करत हजारन -जिनके कन्त अन्त घर से हैं , तिने देत दुखदारुन -ईसुर मौरझोंर के ऊपर , लगे भौंर गुंजारन ।",bundeli-bns -"कथी बिनु कोसी मुँह मलिन भेलों -कथी बिनु कोसी मुँह मलिन भेलों -कथी बिनु गुरमें शरीर । -पान बिनु मुँहमा मलिन भेलै सेवक -मधु बिनु गुरमै शरीर । -पनमा जे खेलियै सेवक , मुँहमां रंगेलियै हो , -लड्डू बिनु गुरमै शरीर । -लडुआ जे देले मलहा हृदय जुड़ाएल , -पाठी बिनु डोलैये शरीर । रो पाठी -कर जोड़ी मिनती करै छी मैया कोसिके -देवौं गे माता पाठी देवौं भोगार । -वेरिया परले कोसी माय कोई ना गौ गोहारी , -तहुँ न माय होइयो न सहाय , -गौ गरूआ के बेरि । -गावल सेवक जन दुअ कर जोड़ि -गरू वेर होउ ने सहाय ।",angika-anp -"भरथरी लोकगाथा का प्रसंग “शंकर पूजा, चम्पा को शंकर दर्शन” -हाथ म फुल धरके चढ़ावंव दीदी वो -हाथ म फुल धरके चढ़ावंव दीदी य -भोलेबाबा ल वो , शंकरजी ल ना -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -हाथ म फुल धरके चढ़ावंव दीदी य -भोलेबाबा ल वो , शंकरजी ल ना -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -बेल पान दुबी , दुधी रखेंव पूजा के थारी म -बेल पान नरियर दुबी रखेंव खलोक थारी म -बेल पान दुबी , दुधी रखेंव पूजा के थारी म -रखेंव पूजा के थारी म , रखेंव पूजा के थारी म -बिगड़ी बना दे मोरे , आयेंव तोर दवारी म -आयेंव तोर दवारी म , आयेंव तोर दवारी म -हाथ जोड़के माथ मैं नवावंव दीदी वो -शंकरबाबा ल वो , भोलेबाबा ल वो -शंकरबाबा ल वो , दीदी भोलेबाबा ल वो -हाथ म फुल धरके चढ़ाव��व दीदी य -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -माथ म चंदन तोरे , गले में नाग लपटे हे -गला में नाग लपटे हे , गला में नाग लपटे हे -मिरगा के छाला पहिने , जटा में गंगा लटके हे -जटा में गंगा लटके हे , जटा में गंगा लटके हे -सावन सोमवारी के गोहरावंव दीदी वो -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -हाथ म फुल धरके चढ़ावंव दीदी य -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -एक हाथ म जामुन धरे , दूसर म तिरछुल -दूसर म तिरछुल , बाबा दूसर म तिरछुल -अंगभरे राख चुपरे , गांजा ल पीये फुकफुक -गांजा ल पीये फुकफुक , गांजा ल पीये फुकफुक -इ गोधरे गांजा ल पीके गुस्साए हाबय वो -शंकरजी ल वो , दीदी भोलेबाबा ल वो -शंकरबाबा ल वो , दीदी भोलेबाबा ल वो -हाथ म फुल धरके चढ़ावंव दीदी य -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -भोलेबाबा ल वो , दीदी शंकरजी ल वो -– गाथा – -अब ये चम्पा दासी राहय ते रागी हौव -भगवान भोलेनाथ के पूजा करथे हा -भोलेनाथ राहय ते प्रसन्न हो जथे हौव -अउ किथे हा -बेटी हा -बेटी ते सो माँग , मे सो देबर तैयार हंव हौव -तब किथे बाबा हा -मोर ऊपर विपत आगे हे हौव -में का बताव बाबा हा -मोर बात ल रानी सामदेवी समझत नई ये हा -अउ बस मोला मार के हौव -चारझन दीवान ला आदेश देवा देहे हा -अउ फांसी देके ऑर्डर दे देहे हौव -अब मे फांसी में चढ़हूं बाबा हौव -तब भोलेनाथ किथे हा -जा बेटी हौव -तोला चिंता करे के बात नईये बात नईये -चम्पा दासी राहय तेन हौव -जाथे सुग्घर घर में हा -पीताम्बरी के साड़ी पहिन लेथे रागी हौव -पहिने के बाद हा -चारझन कहार रिथे डोला बोहईया हौव -जब डोला में बईठथे हा -तब , सब सखी सहेली रिथे हौव -मिलथे भेंटथे हा -अउ रोथे , अउ किथे बहिनी हो हा -जईसे में ससुराल जातहव हौव -वइसे मोला समझव , में जिंदगी भरके लिए फांसी में चघत हौव हा -अब ये चारझन कहार राहय तेन रागी हौव -ले जाथे हा -तब चम्पा दासी काय किथे जानत हस हौव -– गीत – -बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा या -सुनले कहार मोर बाते ल -बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा वो -सुनलव कहार मोर बाते ल -सौ शर्त जगा , तोला देवथव दान -सवर पति के गा , तोला देवथव दान -येदे तरी में डोला धिरलमाबे गा , धिरलमाबे गा , भाई येदे जी -येदे तरी में डोला धिमाबे गा , धिमा���े गा , भाई येदे जी -धिरेचधिर ये जावत थे , मोर जावय दीदी -डोला ल लेगथे राते के -धिरेचधिर ये जावत थे , मोर जावय दीदी -डोला ल लेगथे राते के -तरिया के पारे में वो , डोला रखे हावय -तरिया के पारे में वो , डोला रखे हावय -येदे चम्पा ह डोला ले उतरत थे , येदे उतरत थे , भाई येदे जी -येदे चम्पा ह डोला ले उतरत थे , येदे उतरत थे , भाई येदे जी",chhattisgarhi-hne -"की नै यो बाग लगाया -की नै यो बाग लगाया , की नै सींची डाली -हे इब गून्द मालण सेहरा -माली के नै बाग लगाया , मालण सींचे डाली -हे इब गून्द मालण सेहरा -की नै यो डाल झूकाइयां , की नै तोड़े फूल -हे इब गून्द मालण सेहरा -माली के नै डाल झूकाइयां , मालण तोड़े फूल -हे इब गून्द मालण सेहरा -की नै ये डोरे बटाइयां , की नै गून्द्या हार -हे इब गून्द मालण सेहरा -माली के नै डोर बटाइयां , मालण गूंद्या हार -हे इब गून्द मालण सेहरा -आंटी लगी सूत की , लाल लगे लख चार -हे इब गून्द मालण सेहरा -उड़ती लागी चीडकली , कोकट लागे मोर -हे इब गून्द मालण सेहरा -गूंद्या गुन्दाया तैयार हुआ , हुआ बन्दड़े के जोग -हे इब गून्द मालण सेहरा",haryanvi-bgc -"खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो -खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो । -बिजली चमके जियरा साले , मेरी लाड़ो । -दिलवा धड़के मेरी लाड़ो ॥ 1 ॥ -तेरा टीका लिए कबसे खड़ा मेरी लाड़ो । -खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो ॥ 2 ॥ -तेरा बेसर1 लिए कबसे खड़ा मेरी लाड़ो । -खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो ॥ 3 ॥ -बादल गरजे , जियरा साले मेरी लाड़ो , दिलवा धड़के मेरी लाड़ो । -अंदर आने दो जी लाड़ो , खोलो न केवड़िया ॥ 4 ॥ -तेरी बाली2 लिए कबसे खड़ा मेरी लाड़ो । -खोलो ना केवड़िया अंदर आने दो जी लाड़ो ॥ 5 ॥ -मेघवा3 गरजे , जियरा धड़के मेरी लाड़ो । -अंदर आने दो जी लाड़ो , खोलो न केवड़िया ॥ 6 ॥ -तेरा कँगन लिए कबसे खड़ा मेरी लाड़ो । -खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो ॥ 7 ॥ -बिजली चमके , जियरा साले मेरी लाड़ो । -अंदर आने दो जी लाड़ो ॥ 8 ॥",magahi-mag -अंगिका सोहर गीत (तृतीय खण्ड),angika-anp -"जसोदा झुलावे गोपाल पलना हो, कन्हैया पलना -जसोदा झुलावे गोपाल पलना हो , कन्हैया पलना । -चन्नन के उजे1 पलना बनल हे , ओकर2 में लगल रेसम फुदना3 ॥ 1 ॥ -पउअन4 में सभ रतन जड़ल हे , हँसहँस झुलावे मइया पलना । -नंद झुलावे , जसोदा झुलावे , आउर5 झुलावे बिरिज6 ललना ॥ 2 ॥",magahi-mag -"386 -मेरे हथ लौंदे1 तेरी लवे टोटन2 काई मारसीरा नाल मोहलयां दे -असीं घड़ांगे वांग कलबूत मो���ी करे चैड़ां वांग उललयां दे -मार इक चपेड़ ते दंद भन्नूं सुआद आउनी चुहलीयां3 बोल्लयां दे -वारस शाह तेरे घट वांग छड़ीअन नाल कुतकचां डंडयां ठलयां दे",panjabi-pan -"भरथरी लोक-गाथा - भाग 1 -घोड़ा रोय घोड़सार मा -घोड़सार मा ओ -हाथी रोवय हाथीसार मा -मोर रानी ये ओ , महल मा रोवय -मोर राजा रोवय दरबारे ओ , दरबारे ओ , भाई ये दे जी । -बोये मा सोना जमय नहीं -मोती मालूर डार -बारम्बार हीरा नई आवय -विकट दुःख मा ओ -मानुष चोला ए न , चल आथे दीदी -मोर जऊन समय कर बेरा ये , बाई बोलय ओ , रानी ये दे जी । -आमा लगाय अमुलिया -केकती केवड़ा लगाय -मूलिन लगाय दुधमोंगरा -पानी छींचछींच जगाय -काचा कली मत टोरवओ , मत टोरव ओ , भाई ये दे जी । -काचा कली मत टोरिबे -दुनिया पछताय -जग में अमर राजा भरथरी -बाजे तबला निसान -सुनिले भगवान -मोर कलपीकलप रानी रोवय ओ -भाई रोवय ओ , रानी ये दे जी । -बालक टेर ये बबूर के -पर के पथरा ल ओ -कय दिन नोनी ह का सहय -बालक टेर ये बबूर के -पर के पथरा ल ओ -कय दिन कइना ह का सहय -कइना तरमूर ओ , जेमा नइये दीदी -मोर लाठी के मार ल खावय ओ , बाई खाये ओ , रानी ये दे जी । -जऊने समय कर बेरा मा -सुनिले भगवान -कइसे विधि कर कइना रोवत हे -सतखण्डा ए ओ -सात खण्ड के ओगरी -बत्तीस खण्ड के न अंधियारी मा राम -साय गुजर मा -मोर कलपीकलप रानी रोवय -बाई रोवय ओ , रानी ये दे जी । -मोर ले छोटे अऊ छोटे के -सुन्दर गोदी मा ओ -देख तो दीदी बालक खेलत हें -मोर अभागिन के ओ -मोर गोदी मा राम -बालक नइये गिंया -मोर जइसे विधि कर रानी ओ -बाई रोवय ओ , बाई ये दे जी । -तरिया बैरी नदिया मा -संग जंवरिहा ओ -देख तो दीदी ताना मारत हें -छोटेछोटे के ओ -सुन्दर गोदी मा राम -बालक खेलत हँय न -मोर अभागिन के गोदी मा बालक ओ -बाई नइये ओ , आनी रोवय ओ , बाई ये दे जी । -सोते बैरी सतखण्डा ये -सोरा खण्ड के ओगरी -छाहें जेखर मया बइठे हे -फुलवा रानी ओ -चल सोचथे राम -सुनिले भगवान -मोला का तो जोनी ए दे दिये ओ -भगवाने ओ , बाई ये दे जी । -कइसे विधि कर लिखा ल -नई तो काटय दाई -का दुःख ला रानी का रोवत हे -बाल ऊ मर हे -बालक नई से गिंया -ठुकरावथे राम -मोर गलीगली रानी रोवय ओ -बाई रोवय ओ , रानी ये दे जी । -जऊने समय कर बेरा मँ सुनिले भगवान -बैकुंठ ले चले आवत हे -बाराभंजन के -बीच अंगना मा ओ -जोगी आइके राम -मोला भिक्षा ल देदे न बेटी ओ -बाई बोलय ओ , रानी ये दे जी । -थारी मा मोहर धरिके -फुलवारानी ओ -देखतो दीदी कइसे आवत हे -भिक्षा ले ले जोगी -सुनिले भगवान -जोगी बोलत हे राम -भ���क्षा लिहे नई आयेंब बेटी -तोर महिमा बुझे चले आयेंव ओ -बाई आयेंव ओ , रानी ये दे जी । -गोरा बदन करिया गय -चेहरा हर बेटी -कइसे वोहा कुम्हलाये हे -काबर रोवत हव ओ -मोला बतादे कइना -मोर जइसे विधि -जोगी बोलय ओ , बाई बोलय ओ , रानी ये दे जी । -फाट जातीस धरती हमा जातेंव -दुःख सहे नई जाय -सुनले जोगी मोर बाते ल -का तो दुःख ल राम -मय बतावॅव जोगी -संगी जंवरिहा -तरिया नदिया -ताना मारत हे राम -छोटेछोटे के न -सुन्दर गोदी मा ओ -बालक खेलत हे न -मोर अभागिन के गोदी मं बालक ओ -जोगी नईये ओ , बाई ये दे जी । -का तो जोगी मय कमाये हॅव -बालक नइये गिंया -कतेक कठिन दुःख काटत हॅव -गोदी बालक नईये दाई आज मोरे न -कठिन उपाय ओ -करि डारेंव गिंया -मोला कईसे विधि भगवान ये ओ -बाई गढ़े ओ , बाई ये दे जी । -जऊने समय कर बेरा में -सुनिले भगवान -जबधन बोलत हे जोगी ह -सुनिले बेटी बात -अमृत पानी ल ओ -तैंहर ले ले बेटी -सतनामे ल न -तैंहर लेइके ओ -पावन कर ले कइना -मोर बारा महिना मँ गोदी ओ -बालक होहय ओ , बाई ये दे जी । -बारा महीना मा गोदी मा -मोर बालक ओ -तैंहर खेला लेबे -जऊने समय कर बेरा मा -फुलवा रानी ओ -अमृत पानी ल झोंकत हे -जोगी आये हे न , चले आवत हे राम -मोर आजे आंगन जोगी जावय ओ -जोगी जावय ओ , बाई ये दे जी । -जग मा अमर राजा भरथरी -बाजे तबला निसान -जबधन रानी ह का बोलय -सुनिले भगवान -सतनाम ल ओ -मोर लेई के न -अमृत पानी ल राम , पावन करत हे ओ -मोर कइसे आंसू बइरी चलय ओ -बाई चलय ओ , रानी ये दे जी । -रोई रोई के -रानी ये ओ , पावन करत हे -देख तो दीदी फुलवा रानी -सुनिले भगवान -एक महीना ये राम -दुई महीना ये ओ -मोर दस के छॉय ह लागे ओ -बाई लागे ओ , रानी ये दे जी । -दस के छांह ह होइगे -फुलवा रानी ओ -खेखतो दीदी बालक होवत हे -मोर कासी ले न -पंडित बलाये राम मोर नामे धरे भरथरी ओ , -भरथरी ओ , भाई ये दे जी । -बारा बच्छर ऊमर जोगी हे -मोर लिखे हे ओ -देख तो दीदी मोर जोगे न -भरथरी ओ -नाम धरी के न -चले जावत हे राम -मोर पंडित ए न -मोर कइसे विधि कर जावे ओ -मोर कासी ओ , बाई ये दे जी । -जऊने समय कर बेरा मा -सुनिले भगवान -का मंगनी के ये बेटा ये -धूर खावत हे ओ -धुरे बाढ़त हे राम -मोर जइसे विधि कर लिखा ओ -बाइ बोलय ओ , रानी ये दे जी । -तीर कमंछा ल धरिके -भरथरी ये ओ -देखतो दीदी कइसे घूमत हे -अलियन खेलय ओ , गलियन मा गिंया -मोर जऊने समय कर बेरा ओ -बाई बोलय ओ , बाई ये दे जी । -मनेमन मा गूनत हे -मोर रानी ये ओ -का तो जोनी मां बेटा पाये हॅव -आधा ऊमर मा -मोर बेटा ये ओ -सुनिले ���गवान -भरथरी ये न -अंगना मा दीदी , चल बइठे हे ओ -भगवान ये न -मोर महिमा बुझे चले आये ओ -बाई भेजे ओ , रानी ये दे जी । -महिमा बुझे ल भेजे हे -भगवान ये ओ -देख तो दीदी भया मिरगा ल -फुदकफुदक गिंया -मिरगा नाचय ओ -बारा भंजन के -बीच अंगना मा राम -भरथरी ये न -चल बइठे हे राम -मोर जइसे विधि कर मिरगा ओ -बाई नाचे ओ , बाई ये दे जी । -का मोहनी कर मिरगा ये -मन ला मोहत हे ओ -पागल जादू बना दिहे -का मोहनी कर मिरगा ए ओ -भगवान ये ओ -मोहनी के मिरगा भेजाए हे -भरथरी ए न -मोर मोहागे दीदी -सुनिले दाई बात -मोला तीर कमंछा ल दे दे ओ -माई दे दे ओ , रानी ये दे जी । -तीर कमंछा ल दे दे ओ -सुनिले दाई बात -मिरगा मारे चले जाहँव न -भरथरी ल राम -फुलवा रानी ओ -समझावत हे न -सुनिले बेटा बात -मोर कहना वचन जोगी मान जाबे -राजा मान जाबे , रामा ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne -"दिलबर की करदा! -की करदा नी की करदा नी , -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा -इकसे घर विच्च वस्सदिआँ रस्सदिआँ , -नहीं हुन्दा विच्च परदा । -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा -विच्च मसीत नमाज़ गुज़ारे , -बुतखाने जा बड़दा । -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा -आप इक्को कई लक्ख घराँ दे , -मालक सभ घर घर दा । -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा -जित वल्ल वेखां उत वल्ल उहो , -हर दी संगत करदा । -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा -मूसा ते फरऔन1 बणा के , -दे हो के क्यों लड़दा । -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा -हाज़र नाजर ओहो हर थाँ , -चूचक किस नूँ खड़दा । -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा -ऐसी नाजुक बात क्यों कहिन्दा , -ना कैह सकदा ना जरदा । -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा -बुल्ला सहु दा इशक बघेला2 , -रत्त3 पीन्दा गोश्त चरदा । -कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा",panjabi-pan -"आल्हा ऊदल -कौन सकेला तोर पड़ गैल बाबू कौन ऐसन गाढ़ -भेद बताब तूँ जियरा के कैसे बूझे प्रान हमार -हाथ जोड़ के रुदल बोलल भैया सुन धरम के बात -पड़ि सकेला है देहन पर बड़का भाइ बात मनाव -पूरब मारलों पुर पाटन में जे दिन सात खण्ड नेपाल -पच्छिम मारलों बदम जहौर दक्खिन बिरिन पहाड़ -चार मुलुकवा खोजि ऐलों कतहीं नव जोड़ी मिले बार कुआँर -कनियाँ जामल नैना गढ़ में राजा इन्दरमन के दरबार -बेटी सयानी सम देवा के बर माँगल बाघ जुझर -बड़ि लालसा है जियरा में जो भैया के करौं -बियाह करों बिअहवा सोनवा से -एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा मन मन करे गुनान -जोड़ गदोइ अरजी होय गैल बबुआ रुदल कहना मान हमार -जन जा रुदल नैनागढ़ में बबुआ किल्ला तूरे मान के नाहिं -बरिया राजा नैना गढ़ के लोहन में बड़ चण्डाल -बावन दुलहा के बँधले बा साढ़े सात लाख बरियात -समधी बाँधल जब गारत में अगुआ बेड़ी पहिरलन जाय -भाँट बजनियाँ कुल्हि चहला भैल मँड़वा के बीच मँझार -एकहा ढेकहो ढेलफुरवा मुटघिंचवा तीन हजार -मारल जेबव् नैनागढ़ में रुदल कहना मान हमार -केऊ बीन नव्बा जग दुनिया में जे सोनवा से करे बियाह",bhojpuri-bho -"छम छम छनन अटरिआ चढ़गी गोदी में -छम छम छनन अटरिआ चढ़गी गोदी में ले कै ललणा -सासू बी आवै चरवा चढ़ावै नेग दिलाओ जच्चा -रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा -जिठानी बी आवै पिलंग बिछावै नेग दिलाओ जच्चा -रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा -नणन्द भी आवै सतिये लगावे नेग दिलाओ जच्चा -रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा -देवर भी आवै बंसी बजावे , नेग दिलाओ जच्चा -रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा",haryanvi-bgc -"कित रम गया जोगी मंढी सूनी -कित रम गया जोगी मंढी सूनी -जोगी करै मंढी की रकसा -मांग खुआवे उस नै झिकसा -कूण करेगा वा की परिकसा -जलगी लकड़ी बुझी धूणी -कित रम या जोगी मंढी सूनी -बात्तर कोठडी गुपत सिंघासण -जां रहता जोगी का आसण -ठाली नै सब तूंबे बासण -हे जी डिग ग्या मंदर बिना धूणी -कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी -यो जोगी यो कैसा हेला -धोवै मंठी नै आप रै मैला -छोड़ दिआ रंग अपणा पैला -हे जी बोलत नाही भया मुनी -कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी -सत गुरुआं ने दीना हेला -छोड़ मंढी ने ध्याया चेला -दो दिन का यो सारा मेला -हे जी कब तक रहेगी अफलातूनी -कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी",haryanvi-bgc -"रचौ-रचौ है वृन्दावन रास -रचौ रचौ है वृन्दावन रास -लँगुरिया चलै तो दर्शन कर आमें ॥ टेक ॥ -है कौन गाँव रानी राधिका , -तो कौन गाँव घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . -बरसाने की रानी राधिका , -तौ नन्दगाँव घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . -कौन वरन की रानी राधिका , -तौ कौन बरन घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . -गोरे बरन की रानी राधिका , -तौ श्याम बरन घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . -पहने कहा है रानी राधिका , -और कहा पहने घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . -लाल चुंदरिया राधे पहने है , -तौ पीताम्बर घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . -कहा करत है रानी राधिका , -तौ कहा करत घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . -निरत करत है रानी राधिका , -और मुरली बजावै घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै .",braj-bra -"113 -जिनां बेटियां मारियां रोज कयामत सिर तिनां दे वडा गुनाह मियां -मिलन खाणियां तिन्हां जाए अगे जिवें मारीयां जे तिवें खाह मि��ां -कहीआ माउं ते बाप दी असां मन्नी गल पलड़ा ते मुंह घाह मियां -इक चाक दी गलना करो मूले ओहदा हीर दे नाल निकाह मियां",panjabi-pan -"मुत्यु गीत -खोटो बेटो आज काम को -खोटो बेटो आज काम को , खोटो रूप्यो आज काम को । -एक दिन खोळो बांधि लिजियो राम ॥ 2 ॥ -खोटा रूप्या की ओरावणी करि दिजो राम , -खोटी बहु आज काम की राम , एक दिन भोजन बणाइ देवो , -खोटी बहु आज काम की राम ॥ 2 ॥ -आज को वो भोजन जिमाड़ि देवो राम ॥ 2 ॥ -खोटी बेटी आज काम की , एक दिन मसरू ओढ़ाई दीजो ॥ -खोटी बेटी आज काम की ॥ 2 ॥ -खोटो जवाँ आज काम को , एक दिन काण मोड़ाइ देवो राम , -खोटो जवाँ आज काम को ॥ -भजन में कहा गया है कि मातापिता के अन्तिम संस्कार के लिए खोटा पुत्र , -खोटा रुपया , खोटी बहू , खोटी बेटी , खोटा जवाँई सभी काम के हैं । खोटा पुत्र -भी अन्तिम संस्कार के लिए आवश्यक है क्योंकि मातापिता का अन्तिम संस्कार -अगर पुत्र न करे तो उसकी आत्मा को शान्ति नहीं मिलती है । खोआ रुपया भी -शव पर काम आ सकता है । खोटी बहू भी काम की है । मृतक के लिए भोजन -बनाती है । बेटी भी मसरू शव पर ओढ़ा देती है । जवाँई भी अन्तिम संस्कार के -लिए काम का है , क्योंकि नुक्ते में काण भाँजने के लिए बकरा लाता है । तात्पर्य -यह है कि इनके बिना मृतात्मा को शान्ति नहीं मिलती है ।",bhili-bhb -"तेरा नाम धिआईदा -तेरा नाम धिआईदा , -साँई तेरा नाम धिआईदा । -बुल्ले नालों चुल्ला चंगा , -जिस पर तुआम1 पकाईदा । -रत्न फकीराँ मजलस कीती , -भोरा भोरा खाईदा । -रंगड़2 नालों खिंगर3 चंगा , -जिस पर पैर घसाईदा । -बुल्ला सहु नूँ सोई पावे , -जेहड़ा बकरा बणे कसाई दा । -तेरा नाम धिआईदा ।",panjabi-pan -"सैयां बहिंया न गहो -सैयां बहिंया न गहो गलि गलियारे हो , -सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ टेक ॥ -गलि गलियारे शर्म लगत है , -गलि गलियारे शर्म लगति है , -ले चलि महल अटारे हो , -सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ १ ॥ -डेल डिलारे कसक लगति है , -डेल डिलारे कसक लगति है , -ले चलि खेत खितारे हो , -सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ २ ॥ -नदी के भीतर ऊब लगति है , -नदी के भीतर ऊब लगति है , -ले चलि नदी किनारे हो , -सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ ३ ॥ -काल कर्मगति संग चलति है , -काल कर्म गति संग चलति है , -ले चलि गुरु सहारे हो , -सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ ४ ॥ -उपरोक्त भाग भदावर क्षेत्र में होली के दहन के बाद में गाया जाने वाला गीत है , इस फ़ाग को गाने के तोड में पहले शरीर रूपी सुन्दरी अपने प्रीतम ईश्वर से कहती है , कि मुझे गलियों ���ें भक्ति करने के लिये मत कहो , गलियों में भक्ति करते हुये मुझे शर्म आती है , दूसरी पंक्ति में कहा है कि जंगल बीहड और पत्थरों में जाकर मुझे भक्ति करने को मत कहो , वहां पर मुझे भूख प्यास और शरीर में सर्दी गर्मी बरसात की चोट लगती है , एक विस्तृत क्षेत्र में ले कर चलो , जहां मै मौज से भक्ति कर सकूं , तीसरी पंक्ति में नदी रूपी संगति जो लगातार आगे से आगे चली जा रही हो , उसके साथ मुझे मत जोडो उसके साथ चलने में मुझे दूसरी प्रकार की भक्ति सम्बन्धी बातें उबाती है , मुझे समझ में नहीं आती है , इसलिये किसी एकान्त किनारे पर लेकर चलो , चौथी पंक्ति में कहा है कि सबके साथ नही चलने पर किया भी क्या जा सकता है , समय जो करवाता है , उसे करना पडता है , पीछे जो हम करके आये है , उसका भुगतान तो लेना ही पडेगा , इन सबके बाद जो जीवन की गति मिली है , उसके अनुसार चलना तो पडेगा ही , इसलिये किसी गुरु की शरण में लेकर चलो , जिससे भक्ति करने का उद्देश्य तो गुरु के द्वारा समझने को मिले . -रचयिता रामेन्द्र सिंह भदौरिया ज्योतिषाचार्य ३७ पंचवटी कालोनी जयपुर ३०२००६ -. . .",bhadrawahi-bhd -"आल्हा ऊदल -लागल कचहरी जब आल्हा के बँगला बड़ेबड़े बबुआन -लागल कचहरी उजैनन के बिसैनन के दरबार -नौ सौ नागा नागपूर के नगफेनी बाँध तरवार -बैठल काकन डिल्ली के लोहतमियाँ तीन हजार -मढ़वर तिरौता करमवार है जिन्ह के बैठल कुम्ह चण्डाल -झड़ो उझनिया गुजहनिया है बाबू बैठल गदहियावाल -नाच करावे बँगला में मुरलिधर बेन बजाव -मुरमुर मुरमुर बाजे सरंगी जिन्ह के रुन रुन बाजे सितार -तबला चटके रस बेनन के मुखचंद सितारा लाग -नाचे पतुरिया सिंहल दीप के लौंड़ा नाचे गोआलियरवाल -तोफा नाचे बँगला के बँगला होय परी के नाच -सात मन का कुण्डी दस मन का घुटना लाग -घैला अठारह सबजी बन गैल नौ नौ गोली अफीम -चौदह बत्ती जहरन के आल्हा बत्ती चबावत बाय -पुतली फिर गैल आँखन के अँखिया भैल रकत के धार -चेहरा चमके रजवाड़ा के लड़वैया शेर जवान -अम्बर बेटा है जासर के अपना कटले बीर कटाय -जिन्ह के चलले धरती हीले डपटै गाछ झुराय -ओहि समन्तर रुदल पहुँचल बँगला में पहुँचल जाय -देखल सूरत रुदल के आल्हा मन में करे गुनान -देहिया देखें तोर धूमिल मुहवाँ देखों उदास",bhojpuri-bho -"जगदेव पंवार -पंच देवों की सभा लगीं छई , -शिव जी ध्यान मा छा , देवी छई पारवती , -सभा का मुकुट तिरलोकी नारैण -तब इना बैन1 बोलदा : -क्वी दुनिया मा इनो वीर भी होलो -जो शीश काटीक दान देलो ? -जैन शीश को दान देण , -वैन गढ़वाल को राज लेण । -बखी बैठी छई चंचु भाट की बेटी कैड़ी कंकाली । -तब बोलदा भगवान , हे कैड़ी कंकाली -दुनिया को तोल लौ दू , पृथ्वी भाऊं2 । -क्वी दुनिया मा शीश काटीक दान भी देलो । -तू रन्दी कंकाली मृत्यु मण्डल3 मा । -मैं ल्यूलो भगवान पृथी को भेद , -तब कैड़ी कंकाली मृत्यु मण्डल ओंदी । -वै मलासीगढ़ में रन्द छयो वीं को बाबा4 चंचु भाट , -कैड़ी कंकाली छै मलासीगढ़ को प्यारी , -मन की मयाली5 छैणै वा कैड़ी कंकाली , -भूकों तई खलौंदी छई , रोदौं चण्यौन्दी6 , -भूकों देखीक अन्न नी छै खान्दी -नंगों देखीक वस्त्र नी छै लान्दी । -मालसीगढ़ का लोक वीं तई तब -आंख्यों मा पूजदा छया । -वखी वै गढ़ मा रन्द छयो एक बोतल भाट , -मति को होणू7 छयों , पेट को नीनू8 । -गरीब छयो भौत वो बेताल भाट , -चार नौना9 छया वैका10 , -जिकुड़ो11 का जना चीरा12 , भाग का जना कांडा13 । -भूख न रोंदा छा वो , वे सणी झुरोंदा14 -तब ककाली मू वैन अपणी विपता गाये : -हे कैड़ी कंकाली , तू होली देवी स्वरूप , -मैं छऊँ किस्मत को हारो , विपता को मारो । -मेरा होला ये चार बेटा , -तू ऊं सणी भीक मांगीक पाली दे दूँ । -जिकुड़ी क्वांसी15 छै कंकाली की -वींन बालीक पालणा स्वीकार करयाल्या । -मैंन जाण होलो दुनिया को भाऊ16 लेण , -तखी बिटी मांगीक भी लौलू यूं छोरौक । -कंकालीन तब हात धरे कमण्डल , -जोगीण को भेष बणाये , बभूत रमाए । -तब राज राज मा घूमदी कंकाली -घूमदी घूमदी ऐ गए धारा नगरी । -धारा नगरी मा रन्द छरूा जैदेव जगदेव पंवार , -जयदेव जगदेव होला पीठी17 जौंला भाई , -जयदेव जेठू होलू जगदेव काणसो18 । -जयदेव बल मा किरपण होलो । -मंगदारों देखीक जो द्वारू लगौंदो । -जगदेव मन को टुलो19 होलो , दिल को खुलो , -दानियों मा दानी होलो जगदेव पंवार । -कैड़ी कंकाली गै पैले जयदेव का पास , -द्वार पर जैक वींन अलख रमाई , -हे पहरदारू भीतर जैक बोला राजा मू इनो , -द्वार पर एक भिखारीन आई छ । -तब राजा जयदेव इनो कदो बूध20 , -सभी मुसद्यों21 तैं अफू22 जना23 जामा24 पैरोंद , -कंकाली तब वै पछाणी नी पौन्दी -तब बोलदू वोहे कैडी कंकाली , -हमारू राजा शिकार जायूं छ । -तब हैंसदी हैंसदी कंकाली लौटीक ओन्दी : -जनू सीखी छ तनी तुमूक होयान । -तब सूणीयाले या बात जगदेवन , -शरील उठौगे , लाज न बैठीगे । -न्यूते तब वैन वा कैडी कंकाली , -मैं मुख को मांग्यू त्वै दान द्यौंलो । -इनो दानी छयो जगदेव पँवार -दणक वेको हात नी छौ टिटगदो , -कया देऊं , कया देऊँ मन ���रदू छऊ । -तब एक एक करी वैन पूछौन अपणी राणी , -बोला , वीं भिखारीणो कया देण , कया देण ? -कैना रुप्या बोले , कैन बोले पैसा , -कैन हाथी बोल्या , कैन बोल्या घोड़ा । -वैकी छैः राण्योंन छैः जवाब दिन्या , -सातीं राणी छई चौहान्या25 राणी , -राजा की छोड़ी छै वा पुंगड़ी26 जनी गोड़ीं , -पर वैन वा भी पूछी लीने । -तब बोल्दी वैकी वा चौहान्या राणी -तुम मेरा सिर का छतर छयाई , -तुम वोलदाई त स्वामी त मैं -अपणू सिर देणक भी त्यार छऊं । -तब राजान एक एक करीक -सबी राण्यों तई सिर देणक पूछे । -तब बोलदी राणी : हे राजा , तुमू क्या होये । -जिन्दगी से प्यारी कभी भिखारिण क्या होली ? -चौहान्या राणीन तबी मर्दाना बस्तर पैरीन , -वीरु को भेष बणाये , सिरंगार सजाए , -हौर27 राण्यों न समझे खेल तमाशा छ जाणी , -देखदीं कती सजीं ल जनी बुरांससी डाली । -मैं पराणू भीख दी सकदूँ राजा । -देखी जगदेव न चौहान्या राणी , -आंख्यों से आंसू छुटीन , जिकुड़ी से सांस , -तू धन्य छै चौहानी , तिन मेरो नाक रखे । -तब पंवार का भुजा बलकण लै गेंन , -तब छेत्री हंकार चढ़ीगे मरद । -औ तू कैडी कंकाली , तू पतरा लीक -तब पंवारन सोनामुठी28 तेग29 गाडे30 -देखण देखण मा ही तलवार -वैकी धौणी31 से पार होई गए -कैडी कंकाली न सिर धरे कमण्डल पर -धारा नगरीन स्वर्ग चली गए । -बख वैठ्यां छया पंचनाम देवता , -सभा का मुकुट तिरलोकी नारैण छया । -तब बोलदी कंकालील्य , नारैण । -यो छ जगदेव को सिर । -दुनिया को तोल लायूं मैं पृथी को भाऊ । -तब परसन्न होया तिरलोकी नारैण , -जगदेव होलू प्राणू को निरमोही । -तब पंचनाम देवता धारानगरी ऐन , -सिर पर धड़ लगाए तब देवतौन । -तब कैडी कंकाली चौहान्या राणी मू बोदी : -यो छ सिर जगदेव को , जीता32 होई जालो । -तब चौहानी राणी ना करदी वीं कू -दिन्यू दान नी लियेन्दू , -थुक्यूं जूक नी चाटेन्दू । -तब देवतौंन वीं धड़ पर ही हैकू33 सिर उपजाए । -सेतापिंगला चौंल मारीन , -जीतों होई गए जगदेव पंवार । -देवतौंन तब वे गढ़वाल को राज दिने । -वचन चले दिल राई , जैसिंह सभाई , -वचन रहा जगदेव पंवार का जिसने -सिर काट कंकाली को दिया । -गढ़वाल देश को राज लिया ।",garhwali-gbm -"455 -तैनूं बड़ा हंकार है जोबने दा खातर तले ना किसे नूं लिआवना ए -जिन्हां जायो तिन्हां दे नाम धरने बड़ा आप नूं गौंस1 सदावना ए -होन त्रिमतां नहीं ते जग मुके वत किसे ना जग ते लिआवना ए -असां चिठियां घल सदयों तू साथों आपना आप छिपावना ए -करामात तेरी असां ढूंढ़ डिठी ऐवे शेखियां पया वखावन��� ए -चाक सदके बाग तों कढ छडूं अते होर ही महों कढावना ए -अन्न खावना ए रज गधे वांगूं कदे शुकर वजा ना लिआवना ए -छड बंदगी चोरां दी राह फड़यो वारस शाह फकीर सदावना ए",panjabi-pan -"454 -सच आख रन्ने केही धुमां पाइयां तुसां भोज राजा लती कुटया जे -दहसिर मारया भेत घरोगडे1 दे सने लंका दे उस नूं पुटया जे -कैंरों पांडवां दे कटक कई कूहनी मारे तुसां दे सभ नखुटया जे -कतल होए इमाम करब्बलां अंदर मार दीन वे वारसी सुटया जे -जो कोई शरम हया थी आदमी सी सने जात ते माल दे पुटया जे -वारस शाह फकीर तां नस आया पिछा उसदा कासनूं घुटया जे",panjabi-pan -"ज़ात इशक दी कौण -बुल्ला की जाणे , ज़ात इशक दी कौण । -ना सूहाँ ना कम्म बखेड़े , वं´े जागण सौण । -राँझे नूँ मैं गालिआँ देवाँ , -मन विच्च कराँ दुआई1 । -मैं ते राँझा इको होई , -दई लोकाँ नूँ अज़माई । -जिस वेले विच्च बेली दिस्से , -उस दीआँ लवाँ बलाईं । -बुल्ला सहु नूँ पासे छड्ड के , -जंगल वल्ल ना जाईं । -बुल्ला की जाणे , ज़ात इशक दी कौण । -ना सूहाँ ना कम्म बखेड़े , वें जागण सौण ।",panjabi-pan -"कित रै घडिये कढाईयां -कित रै घडिये कढाईयां -कित रै घडिये चमचा -मीट्ठी लागै पंजीरियां -मेरठ घढिये कढाईयां -दिल्ली घढिये चमचा -मीट्ठी लागै पंजीरियां -कुण जै ल्यावै कढाईयां -कुण जै खुरचैगा दाम -मीट्ठी लागै पंजीरियां -सुसरा ल्यावै कढाईयां -जेठा खुरचैगा दाम -मीट्ठी लागै पंजीरियां -कुण जै करै कढाईयां -कुण जै फेरै चमचा -मीट्ठी लागै पंजीरियां -सासड़ करैं कढाईयां -नणन्दल फैरे चमचा -मीट्ठी लागै पंजीरियां -कुण जै खागी पंजीरियां -कुण जै चाटैगा होठ -मीट्ठी लागै पंजीरियां -जच्चा खा गी पंजीरियां -कन्था चाटैगा होठ -मीट्ठी लागै पंजीरियां",haryanvi-bgc -"हमसे खिंचत न गगरिया कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया -हमसे खिंचत न गगरिया कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया -वोहि सासू मोरी जनम की बैरनि , -दुईदुई भरावें गगरिया , कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया -वोहि देवरा मोरे बचपन का साथी -काँधे टेकावै गगरिया मोरी छल्ला मुन्दरिया -अंटा चढ़े उइ सैयां जो देखैं , -कहैं इकइक उठावो गगरिया , कमर तोरी छल्ला मुन्दरिया -जो सैयां हमें इतना चाहत हो , -भोरै लगावौ कहरिया , कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया",awadhi-awa -"झाळ झपकऽ बिन्दी चमकऽ बोलऽ अमृत वाणी -झाळ झपकऽ , बिन्दी चमकऽ बोलऽ अमृत वाणी , -धणियेर आंगणऽ कुआ खणाया , हरिया एतरो पाणी , -जूड़ो छोड़ी न्हावण बठ्या , धणियेर घर की राणी , -धणियेर घर की राणी रनुबाई , बोलऽ अमृत वाणी । -आमुलड़ा री डाल म्हारी माता , सालुड़ो सुखाड़ऽ , -सालुड़ा रा रम्मक झम्मक , नाचऽ ठम्मक ठम्मक , -धणियेर घर की राणी रनुबाई , बोलऽ अमृत वाणी ।",nimadi-noe -"कउनी जलम देलन, फउनी करम लिखलन -कउनी1 जलम देलन , फउनी करम लिखलन । -कउनी भइया अवलन2 लियामन3 हो राम ॥ 1 ॥ -रामजी जलम देलन , बरमा4 जी करम लिखलन । -अहे अहे सखिया , जम5 भइया , अवलन लियावन हो राम ॥ 2 ॥ -एस कोस गेली रामा , दुइ कोस गेली राम । -अहे अहे सखि हे , घुरि फिरि ताकी6 हक मंदिल हो राम ॥ 3 ॥ -येही तो मंदिलवा मोरा , बड़ी सुख मिलल हो । -सेहो मंदिलवा अगिया7 धधकइ हो राम ॥ 4 ॥ -माता पिता रोबे लगलन , जड़ीबूटी देवन लगलन । -अहे अहे सखी हे , फिन8 न मनुस चोला9 पायम10 हो राम ॥ 5 ॥",magahi-mag -"भरथरी लोकगाथा का प्रसंग “रानी का चम्पा दासी को सजा देना” -अब ये चम्पा दासी राहय ते रागी हौव -जा के रानी सामदेवी ल किथे हा -रानी हौव -में तोला का बतावँव हा -कोन भेषे में भगवाने आ जथे हौव -अउ कोन भेषे में राजा आ जथे राजा आ जथे -वो योगी नोहय तोर राजा ऐ हौव -ओतका बात ल सुनथे , रानी राहय तेन हौव -एकदम जलबल के खाख हो जथे हा -जइसे नागिन फोंय करथे हौव -वइसे रानी उप्पर ले आके हौव -चप्पल उतार के हा -चम्पा दासी ल चार चप्पल मार देथे हौव -त पूछथे हा -ते कइसे मोला राजा ये किके केहे हौव -कइसे मे मोर राजा होइस तेला बता हा -तो किथे रानी , मोर बात ल थोकन मान हा -थोकन सुनले हौव -तब मोला मारबे हा -वो तोर राजा चे , योगी नोहय हौव -बतावय नहीं कि ओकर दांत में सोन के हीरा हे किके हा -बस ओतका बात ल कइय के रागी हौव -चम्पा दासी राहय तेन हा -– गीत – -बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा वो -सुन ले रानी मोर बाते ल -मोर बाते ल वो , नाने पने के में आये हौव -ऐदे आये हवव , तोरे संगे दासी बनी के , भाई येदे जी -राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी -येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी -बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी -जतका मारना तोला मारी ले , येदे मारी ले ना -काहत हाबय ये दासी ह -येदे पीठे ल ग , देवन लागथे दासी ह -मोर सखी मन वो , सहेली रोवत हाबे गा , भाई येदे जी -राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी -येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी -बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी -बोले बचन रानी सामदेवी , रानी सामदेवी -सुन लव दीवान मोर बाते ला , मोर बाते ल गा -चम्पा ये दासी ल लेगी के , येदे लेगी के ना -तुमन फांसी लगावव जी , भाई येदे जी -राजा बोलथे वो , करले ���मर राजा भरथरी -येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी -बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी -– गाथा – -ये चम्पा दासी राहय ते रागी हौव -रानी हा -मोर पीठ ल मार ले हौव -लेकिन पेट ल मत मार मत मार -जब से तें शादी होके आय हस हौव -तब से तोर संग में छेरिया बन के आय हव हा -मोर बात ल मान जा रानी हौव -मोर बात ल सुन ले रानी हा -अइसे कइके हौव -ऐ चम्पा दासी राहय ते रो रो के कलपत रिथे हा -ओकर सखी सहेली राहय तेन हौव -ओमन भी रोवत रिथे हा -सामदेवी राहय ते काकरो बात ल नई माने रागी हौव -चारझन दीवान ल आदेश दे देथे हा -अरे ये चंडालिन ल तें काय देखत हस हौव -कल के दिन योगी ल कहिसे , मोर पति ये किके हा -वो योगी चंडाल ह मोर पति हो सकथे हौव -लेजा येला फांसी में चढ़ा दे चढ़ा दौव -अइसे कइके दीवान मन ला आदेश दे देथे हौव -अब ये चम्पा दासी ल राहय तेन -चारझन दीवान ह धरथे रागी हौव -अउ काहत रिथे हा -– गीत – -बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा वो -सुनी लेवव मोर बाते ल -बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा ना -सुनी लेवव मोर बाते ल -मोर बाते ल ग , तुम सुनी लेवव -मोर बाते ल ग , तुम सुनी लेवव -येदे कही के रोवत हाबय वो , येदे हाबय वो , भाई येदे जी -येदे कही के रोवत हाबय वो , येदे हाबय वो , भाई येदे जी -एकादशी के उपासे हे , ये उपासे हे वो -चम्पा ये दासी ह आजे ना -एकाऐदशी के उपासे हे , ये उपासे दीदी -चम्पा ये दासी ह आजे ना -कतको रोवत हे या , कतको कलपय दीदी -कतको रोवत हे वो , कतको कलपय दीदी -येदे बाते नई सुनत ऐ दासी के , येदे दासी के , भाई येदे जी -येदे बाते नई सुनत ऐ दासी के , येदे दासी के , भाई येदे जी",chhattisgarhi-hne -"यूँ को राज रखो देवता -यूँ को राज रखो देवता , -माथा भाग दे देवता -यूँ का बेटाबेटी रखो देवता , -यूँ का कुल की जोत जगौ देवता । -यूँ का खाना जश दे , -माथा भाग दे देवता -यूँ की डाँडो काँठ्यों1 मा , -फूँलीं रौ फ्योंली2 डंड्यौली -यूँ कि साग सवाड़ी , -रौन रोज कलबली3 । -धरती माता सोनो बरखाओ , -नाजा4 का कौठारा5 दे , -धन का भंडारा दे ।",garhwali-gbm -"356 -मथा वेख के करो इलाज इसदा रखां नजर जो दयो फरमा मैंनूं -नाडी वेख के एस दी करां कारी देवे उठ के हथ दिखा मैंनूं -रोग कास तों चलया करो जाहर मजा मूंह दा एह बता मैंनूं -वारस शाह मियां छती रोग कटां मलकुल1 मौत दी याद दवा मैंनूं",panjabi-pan -"बुल्ले शाह की सीहरफी - 3 -अलफ आँवदिआँ तों मैं सदकड़े हाँ , -जीम जानदिआँ तों सिर वारनी हाँ । -मिठी प्रीत अनोखड़ी लग्ग रही , -घड़ी प��� ना यार सहारनी हाँ । -केहे हड्ड तकादड़े1 पए मैनूँ , -औसिआँ पावन्दी काग उडारनी हाँ । -बुल्ला सहु ते कमली मैं होई , -सुत्ती बैठी मैं यार पुकारनी हाँ । -बे बाज ना औन्दिआँ अक्खिआँ नी , -किते ओहलड़े बैह समझावनी हाँ । -होईआँ लाल अनाराँ दे गुल्लाँ वांगूँ , -किसे दुखड़े नाल छुपावनी हाँ । -मुड्ढ प्यार दीआँ जनम दीआँ तत्तीआँ नूँ , -लक्ख लक्ख नसीहताँ लावनी हाँ । -बुल्ला सहु दा शौक छुपाए के ते , -जाहर2 दूतिआँ3 दा गम खावनी हाँ । -ते ताए के इशक हैरान कीता , -सीने विच्च अलंबड़ा4 बालेआ ई । -मुक्खों कूकदिआँ आप नूँ फूक लई , -चुप्प कीतेआँ मैं तन जालिआ ई । -पापी बिरहों दा झक्खड़ झुल्लिआ तों , -लुक छुपे मेरा जीवन जालिआ ई । -बुल्ला सहु दी प्रीत दी रीत केही , -आही तत्तीआँ जाल सँभालिआ ई । -से सबूत जो अक्खिआँ लग्ग रहीआँ , -इक्क मत्त प्रेम दी जाणनी हाँ । -गूँगी डोरी हाँ गैर दी बात कोलों , -सद्द यार दी सही सेआ´दी हाँ । -आही फडीआँ5 प्यार मेरा , -सीने विच्च तेरा माण माणनी हाँ । -बुल्ला शाह तैनूँ कोई सिक्क नाहीं , -तैनूँ भावनी आँ कि ना भावनी हाँ । -जीम जान जानी मेरे कोल होवे , -किवें वस्स ना जान वसारनी हाँ । -दिने रात असह मिलण तेरीआँ , -मैं तेरे देखणे नाल गुजारनी हाँ । -घोल घोल घत्ती सल्ल हस्स करदा , -हरदम इसी दा नाम चितारनी हाँ । -बुल्ला शाह तैत्थों कुरबानी आँ मैं , -होर सभ कबीलड़ा वारनी आँ । -हे हाल बेहाल दा कौण जाणे , -औक्खा इशक हँडावणा यार दा ई । -नित्त जारीयाँ नाल गुलज़ारीयाँ6 मैं , -मुँह जोड़ गल्लाँ जग्ग सारदा ई । -हाए हाए मुठी किवें नेहुं छुपे , -मुँह पीलड़ा रंग वसारदा ई । -बुल्ला शाह दी कामना ज़ोर पाया , -मजजूब वाँगर चाहंगराँ7 मारदा ई । -खे खाब खयाल जहान होया , -बस बिरहों दीवानी दे वतनी हाँ । -मत नहीं अठवान8 दे मंतराँ दी , -नागाँ काजेआँ नूँ हत्थ घत्तनी हाँ । -ताणी गंढदी हाँ ऐन उल्हक9 वाली , -मैं महबूब दा कत्तणा कत्तणी हाँ । -बुल्ला शाह दे अम्ब रसंग लाहे , -पक्के बेर बबूला10 दे पट्टनी हाँ । -दाल दे दिलासड़ा दोस्ती दा , -तेरी दोस्ती नाल विकारनी हाँ । -झब आ अलख क्यों लखेआ ई , -अंजराँ बँधने थीं शरमावनी हाँ । -वावा पटिआँ छोटिआँ मोटिआँ नूँ , -हत्थ दे के ज़ोर हटावनी आँ । -बुल्ला सहु तेरे गल लावणे नूँ , -लक्ख लक्ख मैं शगन मनावनी आँ । -ज़ाल जौक दित्ते ज़ात अपणी दा , -रही कम्म नकम्मड़े साड़नी हाँ । -लक्ख चैन घोले तेरे दुक्खड़े तों , -सेजे सुत्तेआँ सूल लताड़नी हाँ । -���ज्ज चुक्किआ मत्त सुरत गइआँ , -लग्गा बिभूत गल पाड़नी हाँ । -बुल्ला सहु तेरे गल लग्गो नूँ , -लक्ख लक्ख शरीणिआँ धारनी हाँ । -रे रावला हुण रुला नाहीं , -मेरे नैण बेरागड़े हो रहे । -मुल्ला लक्ख तावीज पिला थक्के , -चंगी कौण आक्खे मापे रो रहे । -टूणे हारिआँ कामणाँ वालिआँ दे , -दारू हटके सभ खलो रहे । -बुल्ला शाह दे नाल हयात होणा , -हुण जान्दिआँ दे हत्थ धो रहे । -ज़े ज़ोर न ज़ारो जाबता होर कोई , -ज़ारो ज़ार मैं आँसू परोवनी हाँ । -मैत्थों चकिआ होई गैर हाजरी ए , -मूली कौन से बाग दी होवनी हाँ । -भौरा हस्स के आण बुलाँवदा ए , -मैं ते रात सारी सुक्ख दी सोवनी हाँ । -बुल्ला सहु मर जावना ऐं , -तेरे दुःखाँ दे धोवणे धोवनी हाँ । -सीन सभ्भे ही नाम तेरी साहिबी दे , -बैठी गीत वांगूँ गुण गाँवनी हाँ । -सज्जण सभ सहेलिआँ दिल दीआँ नूँ , -मैं ताँ होर खयाल सुनावणी हाँ । -जेही लगन सी एह उ लग्ग गई , -कक्खाँ विच्च ना भाह छुपावनी हाँ । -बुल्ले शाह तेरे अग्गे पैरी पवाँ , -ना हो दूर जो सुक्ख मनाँवदी हाँ । -शीन शुकर करो सबो रोज़ रैहणा , -जिन्नाँ शौक तेरा तावन्दा11 ए । -भंगी वांग उदास हैरान होई , -गाज़ी लक्ख पिच्छे दुःख लावन्दा ए । -तेरी ज़ात बिना है सच्ची बात केड़ी , -हत्थ लंबड़े12 वैहण लुड़ावन्दा ए । -बुल्ला सहु जो तेरे दा औक्खिआ ई , -ओह हुण प्यारे दा मोड़ जलावन्दा ए । -सुआद सबर ना सुक्ख सहेलिआँ नूँ , -भेत यार दा नहीं पछावन्दे नी । -खबर नहीं जो ओहना दी आशक हैं , -रब्ब दे गुल13 पाए के धुम मचांवन्दे नी । -जित्थे भाह लग्गे ओत्थे ठंड केही , -उत्तों तेल मुआतड़ा14 पावन्दे नी । -बुल्ला सहु तों कुरबान होवाँ , -ऐवें आशकाँ नूँ लूतिआँ15 लावन्दे नी । -जुआद ज़रब लग्गी साँग कलेजड़े च , -केही अग्ग लग्गी मैं खड़ी रोवनी हाँ । -तेरे दरस शराब अज़ाब होया , -फानी हो के ते खड़ी जीवनी हाँ । -ज़रा शौक दा जाम पिला मैनूँ , -बैठी बे खुद हार परोवनी हाँ । -बुल्ला शाह वेक्खाँ घर दे विच्च खली , -सिजदा करदी अते हत्थ जोड़नी हाँ । -फे फहम16 ना होर खयाल मैनूँ , -डिे यार दी तक्कड़ी जीवणी हाँ । -कदे सीख ते कहर खलो के दे , -जाम वसल17 दा बैठ मैं पीवनी हाँ । -मैं जाणदी इशक अखाड़िआँ नूँ । -सस्सी वाँग मैं रात कटीवणी हाँ । -बुल्ला शाह थीं दूर दराज़ होईआँ , -जेकर मिले महबूब ताँ जीवनी हाँ । -काफ कबूल जरूर जाँ इशक कीता , -आहे होर ते हुण काई होर होए । -हुण समझ लै भला की आखनी हाँ , -मैं सुंदर थीं तख्त लाहौर होए । -सभ्भे लोक पए हत्थ जोड़दे ने , -साडे कामनाँ दे गिले ज़ोर होए । -बुल्ला शाह दा भेत ना दस्सदी हाँ , -हम ताँ अन्ने वांगर मनसूर होए । -काफ केहीआँ कानीआँ लग्गीआँ ने , -गईआँ सल कलेजे नूँ डस्स गईआँ । -पट्ट पट्ट कड्ढां उत्तों होर लग्गे , -बन्द बन्द तों पट्ट के सट्ट घत्ताँ । -जिवें साहिबाँ साथ लुटा दित्ता , -तिवें कूंज वाँगर कुरलावनी हाँ । -बुल्ला शह दे इशक हैरान कीता , -औसिआँ पांवदी राह पुच्छनी हाँ ।",panjabi-pan -"99 -महीं चरन ना बाझ रंझेटड़े दे माही हार सभे झख मार रहे -कोई घुस जए कोई डुब जाए कोई शींह पाड़े कोई पार रहे -सयाल पकड़ हथयार ते हो गुंमा मगर लग के खोलिया चार रहे -वारस शाह चूचक पछोतावदा ए मूंगू ना छिड़े असीं हार रहे",panjabi-pan -"बार ही बारे विनवूं, गरवे से बाबुल -बार ही बारे विनवूं , गरवे से बाबुल -कातिक लगिन लिखाव हो -आलालीला बांस कटाव -नागर बेल मंडवा छवाव -सुलतान दूले , रामदूले आनि बाजिया वे -हातीड़ा हठसाल बांदो , घोड़ी ला घुड़साल बांदो -बराती खे देवो जनिवास , साजनसमधी सास सेरी -जवाली अनपोय लाया , तिमन्यो अनपोय लाया -नाड़ा को रंग बदरंग -बाबुल उनखे बांध दीजो -गजरा अनगूंथ लाया , रेणी अनरंग लाया -दुपट्टा को रंग भदरंग -काकुल उनखे बांध दीजो -सुलतान दूले राम दूले रूस चलिया दे",malvi-mup -"भुइयाँ गिरे नंदलाल, गोपाल लाल भुइयाँ गिरे -भुइयाँ1 गिरे नंदलाल , गोपाल लाल भुइयाँ गिरे ॥ 1 ॥ -काहे के छूरी से नार कटयलूँ , 2 अब काहे के झारि नहलयूलूँ3 ॥ 2 ॥ -काहे के पलना में लाल सुतयलूँ , काहे के डोरी डोलयलूँ । -सोने के पलना में लाल सुतयलूँ , रेसम के डोरी डोलयलूँ ॥ 3 ॥ -काहे के कटोरा में दूध भरयलूँ , अब काहे के सितुए4 पिलयलूँ5 । -सोने कटोरी में दूध भरयलूँ , अब रूपे के सितुए पिलयलूँ ॥ 4 ॥",magahi-mag -"धंधा पढ़ोनी और छोडोनी गीत -तरी नानी नानर नानी , तारी नानारे नान । -तरी नानी नानर नानी , तारी नाना रे नान । -जाम पाकय जम्नी दाई , बहड़ा पाकय नीम । -चार पैर के मिर्गा , अठारा कोडी सींग । -एहू धंधा जान बरथिगा , तबै खाबी भात । -शब्दार्थ पाकय पक गई , मिर्गा मुर्गा , कोडीएक कोडी बीस के बराबर , एहूइस , धंधापहेली , बरथियाबाराती , तबैतब -बारात जब दुल्हन के गाँव पहुँच जाती है । पहुँचते ही सबसे पहले जनवासा दिया जाता है । यानि बारतियों और दूल्हे को किसी अच्छे घर में ठहराया जाता है । सबको पानी पिलाया जाता है । इसके बाद दुल्हन के मातापिता सुआसासुआसिन दोसी एक बाटल दारू , नारियल , अगरबत्ती कंडे की ���ग और गाने वाली महिलाएं एक दौरी मटकी में भात , बाल्टी में दाल , पानी से भरा लोटा , दतून , दीप प्रज्ज्वलित कलश लिये बरातियों के पास आते हैं । जोहार रामरामी करके समधीसमधन से मिला भेंटी होती है । तब गीत गाने वाली महिलाएँ धंधापढ़ोनी और छोडोनी गीत गाती हैं । -गीत में कहती हैं हे दाई जामुन पक गए हैं । बहेड़ा भी पक गया है । नीम पर निम्बोली लग गई हैं । ऐसे पके पकाये मौसम में इस ‘धंधा’ पहेली का उत्तर दीजिए । -चार पैर के मुर्गा के अठारह कोडी 360 सींग हैं । बाराती इस पहेली का उत्तर देंगे , तभी सब बाराती भोजन करेंगे । यदि बहुत देर तक बराती उत्तर नहीं दे पाते हैं , तो एक बोतल दारू और पिलाई जाती है । -पहेली का उत्तर ‘सेही’ जानवर है , जिसके पीठ पर अनेक तीर जैसे काँटे होते हैं । अपने बचाव में सेही इन्हीं तीरों को चलाकर अपनी रक्षा करती हैं । सेही के तीरों काँटों के वार से शेर तक डर भाग जाता है । कोई न कोई बाराती इस अबूझ पहेली को बूझने में समर्थ हो ही जाता है और सबको भोजन नसीब हो जाता है । वास्तव में यह बरातियों की बूद्धि परीक्षा की ही रस्म है । इसके कारण समधियों से थोड़ी मज़ाक भी हो जाती है ।",baiga-mis -"272 -नाथ खोलह अखीं कहया रांझणे नूं बचा जाह तेराकम होया ई -फल आन लगा उस बूटड़े नूं जेहड़ा विच दरगाह दे बोया ई -हीर बखश दिती सचे रब्ब तैनूं मोती लाल दे नाल परोया ई -चढ़ दौड़के जित लै खेड़यां नूं बचा सौण1 तैनूं भला होया ई -कमर कस उदासीयां बन्ह लइआं जोगी तुरत तयार ही होया ई -खुशी हो के करो विदा मैंनूं हथ बनह के आन खलोया ई -वारस शाह जां नाथ ने हुकम कीता टिलयों उतरदा पतरा होया ई",panjabi-pan -"तेरौ जनम सुफल है जाय -तेरौ जनम सुफल है जाय लगायलै रज ब्रजधाम की । टेक । -काट दें पाप तेरे ब्रजराज , -लगाय लै परिकम्मा गिर्राज -बनें सब तेरे बिगड़े काज । -दोहा काम तेरे बिगड़े सभी , दें बनाय वृजचन्द । -करते भव से पार हैं , वे माधवचन्द मुकुन्द ॥ -हृदय के पट खोल और , करि झाँकी श्याम की ॥ 1 ॥ -मानसी गंगा कर स्नान , -प्रेम से चरनामृत कर पान , -लगा मंसा देवी से ध्यान । -दोहा दर्शन कर महादेव के , पूरन करें मुराद । -चकलेश्वर महादेव जी , हरें तेरी सब व्याधि ॥ -हरें तेरी सब व्याधि , लगा लौ तू शिव नाम की ॥ 2 ॥ -दान घाटी पै दूध चढ़ाय , -प्रेम सै दै परसाद लगाय , -बाँट विप्रन को भोग उठाय । -दोहा परिकम्मा कर नेम से , सात बार तू यार । -दण्डौती कर प्रेम से , है जाय भव से पार ॥ -हे जाय भव से पार , लगा रट तू राधेश्याम की ॥ -लगाय लै गोता चलती टैम , -धार कै हर पूनों कौ नैम , -करियो दर्शन उठिते खैम । -दोहा कीने जितने पाप हैं , धुलें सभी अज्ञान । -कामक्रोध और मोह को तजि मुरख नादान ॥ -कहते ‘गेंदालाल’ भजन कर पुतली चाम की ॥",braj-bra -"म्हारे घेर में आ रह्या री बटेऊ -म्हारे घेर में आ रह्या री बटेऊ , साथण का लणिहार -साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण -अपणी साथण नै घाघरा सिमा द्यूं नाड़ा झुब्बेदार , -साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण -अपणी साथण नै मैं चूंदड़ी रंगा द्यूं , फूल पड़े हजार , -साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण -अपणी साथण नै मैं सासरे खंदा द्यूं गैल बटेऊ जा , -साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण -अपणी साथण नै मैं तावली मंगा ल्यूं , भेजूं माई जाया बीर -साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण",haryanvi-bgc -"जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी -जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी -जच्चा तै म्हारी कुछ नां जाणै जी -जच्चा तै म्हारी कीड़ी तै डरपै जी -सांप मार सिराणै दीन्यां बीच्दू मार बगल मैं दीन्यां -जच्चा तै म्हारी कीड़ी तै डरपै जी -जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी -जच्चा तै म्हारी कुछ नहीं खाती जी -चार कनस्तर घी के खागी नौ बोरी तै खांड जी -जच्चा तै म्हारी कुछ नहीं खाती जी -जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी -जच्चा तै म्हारी लड़ना नां जाणै जी -आई गई का लहंगा पाड़ै सास नणन्द की चुटिया जी -जच्चा तै म्हारी लड़ना नां जाणै जी -जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी",haryanvi-bgc -"72 -केहड़े चौधरी दा पुतर कौन जातों किहा अकल शहूर1 दा कोट2 है नी -एह नूं रिज़क ने किवें उदास कीता केहड़े पीर दी एसनूं ओट है नी -फौजदार वांगूं कर कूच धाना3 जिवें मार नगारे दी चोट है नी -किनां जटां दा पोतरा है कौन हुंदा वतन एस दा केहड़ा कोट है नी",panjabi-pan -"बड़े जनत से पाली बारी बन्नी -बड़े जनत से पाली बारी बन्नी , -अब ना राखी जाय मोरे लाल -दूध पिलाए पलना झुलाए , -हो रही आज परायी मोरे लाल । -जब से बेटी भयी सयानी , -ब्याह रचन की ठानी मोरे लाल । -कन्यादान पिता ने कीन्हा , -डोली विदा कर दीन्हीं मोरे लाल । -अंगना में बेटी रुदन मचावें , -काहे भेजत परदेश मोरे लाल । -भैया भेज हम तुम्हें बुला लें , -बाबुल करत कलेष मोरे लाल । -रहियो जनम भर सुख में बेटी , -राखियो घर की लाज मोरे लाल ।",bundeli-bns -"हे दादा कै छजै लाडो तूं क्यूं खड़ी -हे दादा कै छजै लाडो तूं क्यूं खड़ी -रे मैं देखूं सू छैल बनै की बाट -केसरिया आवै रंग भरया -हे वो आवैंगे तोरी कैसे फूल -म्हारी लाडो कली अनार की -हे बापू कै छजे लाडो तूं क्यूं खड़ी -रे मैं देखूं सू छैल बनै की बाट -केसरिया आवै रंग भर्या -हे वो आवैंगे तोरी कैसे फूल -म्हारी लाडो कली अनार की -हे ताऊ कै छजै लाडो तूं क्यूं खड़ी -रे मैं देखूं सू छैल बनै की बाट -केसरिया आवैं रंग भर्या -हे वो आवैंगे तोरी कैसे फूल -म्हारी लाडो कली अनार की",haryanvi-bgc -"लाल मेरी अँगिया न छूऔ -लाल मेरी अँगिया न झूऔ , -तिहारे करूँगी कपोलन लाल ॥ टेक -यह अँगिया नाहिं धनुष जनक को , -छुबत टुटौ तत्काल ॥ लाल . -नहिं अँगिया गौतम की नारी , -छुबत उड़ी नन्दलाल ॥ लाल . -गिरिधर धारि भये गिरधारी , -नहिं जानौ बृजलाल ॥ लाल . -जावौ तुम खाबौ सुदामा के तन्दुल , -गैयन के प्रतिपाल ॥ लाल . -कहा बिलोकत कुटिल भृकुटि कर , -नाहिं है पूतना काल ॥ लाल . -यह अँगिया काली नहिं समझो , -नथ्यौ जाय पाताल ॥ लाल . -इतनी सुन मुसकाय साँवरे , -लियौ अबीर गुलाल ॥ लाल . -‘सूरश्याम’ मुख मसक छिड़क अंग , -सखियाँ करीं निहाल ॥ लाल .",braj-bra -"हिंगलू भरी बादल लाव -हिंगलू भरी बादल लाव -म्हारा मानगुमानि ढोला -वा तो फलाणा राम आंगण ढोलो रे -म्हारा मालगुमानी ढोला -वे तो फलाणा राम हैं पोंच वाला रे -वी तो आवता सा जानीड़ा जिमाड़े रे",malvi-mup -"53 -लै के सठ सहेलियां नाल आई हीर मतड़ी रूप गयान दी जी -बुक मोतियां दे कन्नीं चमकदे सन कोई रूप ते परी दी शान दी जी -कुड़ती सोंहदी हिक दे नाल फबी होश रही न जिमीं असमान दी जी -उहदे नक बुलाक ज्यों कुतब तारा1 जोबन भिनड़ी कहर तूफान दी जी -आ नी बुंदयां वालीए टलीं मोईये अगे कई गये तंबू तान दी जी -वारस शाह मियां जटी लैहड़ लुटी फिरे भरी हंकार ते मान दी जी",panjabi-pan -"मेरी बावन गज की बूंद -मेरी बावन गज की बूंद सास डीब के बीच धरी हे री डीबे के बीच धरी -ओढ़ पहर पाणी जां सास पाड़छे में आण खड़ी हे री पाड़छे में आण खड़ी -पाणी भर के उल्टी आऊं , सास सन्टर के बीच खड़ी हे री सन्टर के बीच खड़ी -सासू जल्दी सी दौघड़ तार मेरी तो नाड़ी छूट लई हे री नाड़ी छूट लई -बाहरणै ते आया भरतार आज मां किसी खाट घली हे री किसी खाट घली -बेटा कहूं कही ना जा तेरी नोटंकी के नजर हुई तेरी रे नोटंकी नजर हुई -बैदा लेले डेढ़ हजार मेरी नौटंकी नै कर दै खड़ी हे रे नौटंकी करदे खड़ी -बच्चा पीसा ल्यूं ना एक तेरी नौटंकी मरी पड़ी हे रे नौटंकी मरी पड़ी -तनै याके करी भगवान मेरी तो माया लूट लई हे रे माया लूट लई -म्हारी सास केसी जोट आज इकले नै छोड़ चली हे रे इकलै ने छोड़ चली -पिलंग्या पै सोवण आली आज धरती में ल्हास पड़ी हे री धरती में ल्हास पड़ी -तेरा देबी बरगा रूप मुट्ठी भर राख होई हे रे मुट्ठी भर राख होई",haryanvi-bgc -"5 -मौदूद1 दा लाडला पीर विश्ती शकरगंज मसऊद भरपूर है जी -बाइआं कुतबां दे विच है पीर कामल जैंदी आजज़ी जु़हद मनजू़र है जी -खानदान विच चिशत दे कामलीअत शहिर फकर दा पटण2 मशहूर है जी -शकरगंज ने आणि मकान कीता दुखदरद पंजाब दा दूर है जी",panjabi-pan -"गढ़ छोड़ रुकमण बाहर आई -गढ़ छोड़ रुकमण बाहर आई -चौरी तो छाई म्हारे साजना -क्यूंकर आऊं म्हारे राज बन्दड़े -आगै मेरा लाखी दादा आ डट्या -तेरे दादा कै मेरी दादी बिवादूं -चौरी नै राखां जगमगी -क्यूंकर आऊ मेरे राजा बन्दड़े -आगै मेरा लाखी ताऊ आ डट्या -तेरे ताऊ कै मेरी ताई बिवादूं -चौरी ने राखां जगमगी",haryanvi-bgc -"होली गीत -टेक मुरारी झपटियो मेरो चीर मुरारी । -चौक1 राती घांगर रंग सिर पर झपटी वैसिया वरणी साड़ी । -कच्चे पक्के डोर रेसम के हो तोड़े -तो झड़गइ कोर किनारी , देखो रे अनोखा खिलाड़ी , -झपटियो मेरो चीर मुरारी । -चौक2 सात सखी मिल गई जमना पे -वहाँ बैठे कृष्ण मुरारी , -घर मेरा दुर घांगर सिर भारी , तो में नाजुग पणियारी -देखो रे अनोखा खिलाड़ी , झपटियो मेरो चीर मुरारी । -चौक3 कुएं पे जाऊँ तो रे किच मचत है , -जमना बेहती है गेहरी । -गोकुल जाऊँ तो रंग से भींजूं -तो अण साँवरा से मैं हारी , देखो रे अनोखा खिलाड़ी , -झपटियो मेरो चीर मुरारी । -चौक4 आगल सुणत मोरि बगल सुणत हैं , -सासू सुणेंगा देगि गाली , -पिउजी सुणेंगा तो पकड़ बुलावे , तो बात भई बड़ि भारी , -देखो रे अनोखा खिलाड़ी , झपटियो मेरो चीर मुरारी । -छाप बाई पड़ोसण अरज करत है , -विनती करकर हारी । -ऐसी सिख काऊ को नहिं देना । -तो चन्द्रसखी बलिहारी , -देखो रे अनोखा खिलाड़ी , -झपटियो मेरो चीर मुरारी । -गोपी कहती है कि श्रीकृष्ण ने मेरा चीर छपटकर छीन लिया । लाल मटकी मेरे सिर पर और वैसे ही रंगी की साड़ी थी , उस साड़ी में कच्चेपक्के रेशम के धागे थे , वे तोड़ दिये । धागे टूटने से साड़ी की कोर बार्डर निकलकर अलग हो गई । देखो रे अनोखे खिलाड़ी को , मेरा चीर झपट लिया । -मैं सखियों के साथ यमुना पर पहुँची , वहाँ श्रीकृष्ण मिल गये । मेरे सिर पर भारी मटकी , मेरा घर दूर है और मैं कोमल नाजुक पणिहारी हूँ । मुझे रोको मत , मटकी का वजन लग रहा है । दूर जाना है और मैं नाजुक हूँ , फिर भी कृष्ण न माने और मेरी चीर ���ाड़ी छीन ली । -गोपी कहती है कि कुएँ पर जाऊँ तो कीचड़ मचता है अर्थात् कुएँ पर पानी से भिगो देते हैं । यमुना पर जाती हूँ तो यमुना गहरी बहती हैं अर्थात् वहाँ भी मुझे भिगो देते हैं । गोकुल में जाऊँ तो रंग से भीगूँ मुझे श्रीकृष्ण रंग से सराबोर कर देते हैं । मैं इस साँवरे श्रीकृष्ण से हार गई । इस अनोखे खिलाड़ी से हार गई । मेरी चीर झपट लिया । -एक गोपी कहती है मेरे अगलबगल के आसपास रहने वाले और मेरी सास सुनेगी तो मुझे गाली देगी । मेरे पति सुनेंगे तो बड़ी भारी बात हो जायेगी बखेड़ा हो जायेगा । मुझे पकड़कर बुलवायेंगे । देखो इस अनोखे खिलाड़ी को मेरी चीर छीन लिया । -पड़ोस की बाई से कहती है कि मैं विनती करकर हार गई कि ऐसी सीख किसी को न देना पराई स्त्री के चीर को कोई न झपटे , इस अनोखे खिलाड़ी कृष्ण को देखो , मेरी चीर झपट लिया ।",bhili-bhb -"158 -चूचक सयाल ने लिखया रांझया नूं नढी हीर दा चाक उह मुंडड़ा जे -सारा पिंड डरे एस चाक कोलों सिर माहीया दे उस दा कुंडड़ा जे -असां जट ही जान के चाक लाया देइये त्राह जे जानिये गुंडड़ा जे -एडा गभरू घरों क्यों कढया जे लंडा नहीं कमजोर ना टुंडड़ा जे -सिर सोंहदिहां बोदिदां नढड़े दे कन्नीं लाडले दे बने बुंदड़ा जे -वारस शाह ना किसे नूं जानदा ए पास हीर दे रात दिन हुंदड़ा जे",panjabi-pan -"मेरा नैफा डिगर ग्या भरतार मेरे तै लड़कै -मेरा नैफा डिगर ग्या भरतार मेरे तै लड़कै -हे री लड़ कै -उन्ने चिट्ठी गेरी ना तार गुस्सै में भर कै -हे री भर कै -मन्ने दस का गेर्या तार , पांच की चिट्ठी -हे री चीट्ठी -मेरा बांच रह्या भरतार गोड्या मैं धर के -हे री धर कै -ओ आया आधी रात लील्ले घोड़े पै चढ़कै -हे री चढ़ कै -ओ बैठ्या भाइआं बीच नमस्ते करके -हे री करके -भाई कित गई मेरी हूर बतलादे -भाई बतलादे -भाई मरगी तेरी हूर कूएं मैं पड़ कै -हे री पड़ कै -भोत रोया मेरा भरतार ओबरे मैं बड़ कै -हे री बड़ कै -तेरा ल्याया रेसमी सूट करेवा भर कै -हे री भर कै -तेरा ल्याया बूंट बिलाती करेवा भर कै -हे री भर कै -तेरी पहरै छोटी सोक कूएं पै चढ़ कै -हे री चढ़ कै -मैं करूं सुपनै मैं बात पति तै अड़ कै -हे री अड़ कै -मैं तो तोडूंगी उसकी नाड़ कूएं पै चढ़ कै -हे री चढ़ कै",haryanvi-bgc -"अंगिका फेकड़ा -लुक्खी बनरिया दालभात खो -सैंया बोलैलकौ पटना जो । -सुनरी जैती धरमपुर हाट -माय लेॅ साड़ी , बहिनी लेॅ चोली -पीसी लेॅ रतनारी साड़ी -वियोग मरेॅ नूनू के चाची -रहोॅरहोॅ चाची , धीरज बान्होॅ छाती -तोहरा देभौं चाची गुड़ोॅ के चक्की । -हा हुस रे सुगना । -तोहरा मचान पर के छौ ? -भैया छै , भौजी छै । -की करै छौ ? -कोठी पारी बैठली छै । -भैया मारै भौजी केॅ -भौजी रूसल जाय छै -घुरोॅ हे भौजी घुरोॅघुरोॅॅ -पहिनोॅ लुंगा नया पटोर -तोरोॅ भैया बड़ा कठोर । -चान मामू , चान मामू कचिया दे -कचिया कुटबाय लेॅ । -सेहो कचिया कथी लेॅ ? -घसवा गढ़ावै लेॅ । -सेहो घसवा कथी लेॅ ? -बैलवा खिलावै लेॅ । -सेहो गोबर कथी लेॅ ? -ऐंगना निपावै लेॅ । -सेहो ऐंगनां कथी लेॅ ? -गेहूँमा सुखावै लेॅ । -सेहो गेहुमा कथी लेॅ ? -पुड़िया छकावै लेॅ । -सेहो पुड़िया कथी लेॅ ? -नूनू केॅ जिम्हावै लेॅ । -बाबू हो भैया हो -सुगां फोकै छौं धान हो -केॅ मोॅन ? -बीस मोॅन । -बीसू राय के बेटवा -लाला पगड़िया मथवा -भैया ऐलै घोड़ी पर -भौजी ऐलै खड़खड़िया पर -टुनटुनमा ऐलै छितनी पर -भैया केॅ देलियै लोटबे पानी -भौजी केॅ देलियै कटोरबे पानी -टुनटुनमा केॅ देलियै चुकुड़बे पानी -भैया सुतलै सीरा घोॅर -भौजी सुतलै भनसा घोॅर -टुनटुनमा सुतलै चुलही पिछुआड़ ।",angika-anp -"दसमास रे बेटा बोझ मरी थी -दसमास रे बेटा बोझ मरी थी -मायड़ ने निरणा दे चढ़या -अपणी मायड़ नै मैं बांदी री ल्यादूं -बड़े ए साजन की धीअड़ी -बारां मास रे बीरा गोद खिलाया -बाहण का निरणा दे चल्या -अपणी बाहण नै मैं अगड़ घड़ा दयूं -ऊपर नौरंग चूंदड़ी",haryanvi-bgc -"विदाई का गीत -१ . -खेलत रहलीं सुपली मउनिया , आ गइले ससुरे न्यार । -बड़ा रे जतन से हम सिया जी के पोसलीं , सेहु रघुवर लेले जाय । -आपन भैया रहतन तऽ डोली लागल जइतन , बिनु भैया डोलिया उदास । -के मोरा साजथिन पौती पोटरिया , के मोरा देथिन धेनु गाय । -आमा मोरे साजथिन पावती पोटरिया , बाबाजी देतथिन धेनु गाय । -केकरा रोअला से गंगा नदी बहि गइलीं , केकरे जिअरा कठोर । -आमाजी के रोअला से गंगाजी बहि गइलीं , भउजी के जिअरा कठोर । -गोर परूँ पइयाँ परूँ अगिल कहरवा , तनिक एक डोलिया बिलमाव । -मिली लेहु मिली लेहु संग के सहेलिया , फिर नाहीं होई मुलाकात । -सखिया सलेहरा से मिली नाहीं पवलीं , डोलिया में देलऽ धकिआय । -सैंया के तलैया हम नित उठ देखलीं , बाबा के तलैया छुटल जाय । -२ . -राजा हिंवंचल गृहि गउरा जी जनमलीं , शिव लेहले अंगुरी धराय । -बसहा बयल पर डोली फनवले , बाघ छाल दिहलन ओढ़ाय । -3 -बर रे जतन हम आस लगाओल , पोसल नेहा लगाय -सेहो धिया आब सासुर जैती , लोचन नीर बहाय -जखन धिया मोर कानय बैसथिन , सखी मुख पड़ल उदास -अपन सपथ देहि सखी के बोधल , डोलिया में दिहले चढाय . लोचन नीर बहाय . . . -गाम के पछिम एक ठूंठी रे पाकरिया , एक कटहर एक आम -गोर रंग देखि जुनी भुलिहा हो बाबा , श्यामल रंग भगवान . लोचन नीर बहाय . . .",bhojpuri-bho -"अइपन पिसिले, कोहबर लिखिले -अइपन1 पिसिले , कोहबर लिखिले , लिखली मनचित लाय2 रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखों कोहबर ॥ 1 ॥ -ताहि कोहबर सुतलन कवन दुलहा , जवरे सजनवाँ के धिया रे । -दिलजान लिखलों कोहबर , मनमोहन लिखलों कोहबर ॥ 2 ॥ -ओते सूतूँ , ओते सूतूँ , सुगइ कवन सुगइ , तोरे पीठे3 गरमी बहूत रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 3 ॥ -अतिना4 बचन जब सुनली कवन सुगइ , रूसि नइहर चलि जाय रे । -दिलजान लिखलों कोहबर , मनमोहन लिखलांे कोहबर ॥ 4 ॥ -रहिया में रे भंेटलन भइया , कवन भइया , कहाँ बहिनी चललू अकेल रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 5 ॥ -लाज सरम केरा बात जी भइया , कहलो न जाए , परपूता5 बोलले कुबोल रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 6 ॥ -हँसि हँसि चिठिया जे लिखथिन कवन दुलहा , -देहुन गल6 पियारो7 सरहज हाँथ रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 7 ॥ -मानु मानु8 ननद हे हमरी बचनियाँ , -आजु सोहाग केरा रात रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 8 ॥ -कइसे में मानूँ हे भउजी , तोहर बचनियाँ , -परपूता बोलले कुबोल रे । -संखा चुरी9 देलन मसकाय10 रे , डाँसल सेजिया11 उदासे12 रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 9 ॥ -मानु मानु ननद हे हमरी बचनियाँ । -फेनु कै13 सेजिया डसायब रे , फेनु देबो संखा चूरी पेन्हाय रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 10 ॥ -मानली कवन सुगइ चललि बिहँसि रे । -दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 11 ॥",magahi-mag -"171 -खेड़यां भेजया असां थे इक नाई करन मिंनतां चाए एहसान कीचै -भले जट बूहे उते आन बैठे एह छोकरी उन्हां नूं दान कीचै -रल्ल भाइयां एह सलाह दिती किहा असांदा सभ प्रवान कीचै -अन्न धन दा कुझ विसाह नाहीं अते बाहां दा ना गुमान कीचै -जिथे रब्ब दे नाम दा जिकर आवे लख बेटियां चा कुरबान कीचै -वारस शाह मियां नहीं करो आकड़ फरऔण1 जेहां वल ध्यान कीचै",panjabi-pan -"जिद्दिन लाडो तेरा जनम हुआ -जिद्दिन लाडो तेरा जनम हुआ है जनम हुआ है -हुई है बजर की रात -पहरे वाले लाडो सो गए लग गए चन्दन किवाड़ -टूटे खटोले तेरी अम्मा वो पौढ़े बाबल गहर गम्भीर -गुड़ की पात तेरी अम्मा वह पीवै टका भी खरचा न जाय -सौ सठ दिवले बिटिया बाल धरे हैं तो भी गहन अंधेर -जिस दिन लल्ला तेरा जनम हुआ है हुई है स्वर्ण की रात -सूतो के पलंग लल्ला अम्मा भी पौढ़े सुरभि का घृत मंगाय -बूरे की पात तेरी अम्मा तो पीवै बाबल लुटावै दाम -एक दिवला रे लल्ला बाल धरा है चारों ही खूंट उजाला -जिद्दिन लल्ला तेरा जन्म हुआ है हुई स्वर्ण की रात",haryanvi-bgc -"258 -संझा1 लोक बखील ते बाब मंदी मेरा रब्ब बखील ना लोड़ीए जी -कीजे गौर ते कम्म बना दीजे मिले दिलां नूं नांह विछोड़ीए जी -एह हुकम ते हुसन ना नित रैंहदे नाल आजजां करो ना जोरीए जी -जो कोई कम्म गरीब दा करे जाया सगों उसनूं हटकिये होड़ीए जी -बेड़ा लदया होया मुसाफरां दा पार लाईए विच ना बोड़ीए जी -जिमी नाल ना मारिये मूल ओहनां हथीं जिनां नूं चाढ़िये घोड़ीए जी -भला करंदयां ढिल ना मूल करिये किसा दूर दराज ना टोरीए जी",panjabi-pan -"पति पढ़ण चले -कम उम्र का अधपढ़ा पति -पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच -परचा भूल गए मास्टर नै मारा रूल । -पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच… -पति रोवण लगे ये वे आए गोरी पास -मास्टर क्यूँ मारा रे मेरा याणा –सा भरतार -पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच… -बेब्बे यूँ मार्या ये कि नौंवीं हो गया फ़ेल । -पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच… -मास्टर यूँ न जाणै ओ , तेरे से ज्यादा ज्ञान -मैं तो आप पढ़ा लूँगी , हो दसवीं करादूँ पास -पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच… -पति पढ़ण चले वे आए गोरी पास -हरफ़ भूल गए वो गोरी नै मारी लात -पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच… -पति रोवण लगे ये वो आए अम्मा पास -बेट्टा चुप रह्वो रे , बहुओं का आग्या राज । -पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच… -पढ़ाई पूरी किए बिना शादी कर लेने से क्या दुर्गति होती है , इस गीत में सहज भाव से बताया गया है । पत्नी पढ़ी –लिखी है । वह पति को खुद पढ़ा लेने की ज़िम्मेदारी लेती है पर सफल नहीं हो पाती है",khadi_boli-mis -"जन्म गीत -हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । -आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । -मामा दाजी की नजर लागी मारा सोनीड़ा , -रोवऽ सारी रात । -हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । -आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । -सगी जिमाय की नजर लागी मारा सोनीड़ा , -रोवऽ सारी रात । -हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । -आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । -मामा की नजर लागी मारा सोनीड़ा , -रोवऽ सारीरात । -हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । -आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । -मामी की नजर ���ागी मारा सोनीड़ा , -रोवऽ सारीरात । -हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । -आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । -मावसी की नजर लागी मारा सोनीड़ा , -रोवऽ सारीरात । -हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । -आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । -फुई की नजर लागी मारा सोनीड़ा , -रोवऽ सारीरात । -हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । -आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । -काकी की नजर लागी मारा सोनीड़ा , -रोवऽ सारी रात । -हिलमिलकर मेरे शिवाजी पालना बधाओ । शायद नाना की नजर मेरे बालक -को लगी है , जिसके कारण मेरा बालक पूरी रात रोता है । इसी प्रकार दादा , माँ , -मामा , मामा , मौसी , बुआ और काकी की नजर लगने का उल्लेख किया गया है ।",bhili-bhb -"आवे अचक मेरी बाखर में -आवे अचक मेरी बाखर में , होरी को खिलार ॥ -डारत रंग करत रस बतियाँ , -सहजहि सहज लगत आवे छतियाँ । -ये दारी तेरौ लगवार ॥ होरी को . आवै . -जानत नाहिं चाल होरी की , -समझत बहुत घात चोरी की । -आखिर तो गैयन को ग्वार ॥ होरी को . आवै . -गारी देत अगाड़ी आवै , -आपहु नाचै और मोहि नचावै । -देखत ननदी खोले किवार ॥ होरी को . आवै . -सालिगराम बस्यों ब्रज जब से , -ऐसो फाग मच्यो नहिं तब ते । -इन बातन पै गुलचा खाय ॥ होरी को . आवै .",braj-bra -"हो जावो नी कोई मोढ़ लयावो -हो जावो नी कोई मोढ़ लयावो , नी मेरे नाल गया अज लड़के -ओ अल्ला करे जे आवे सोहणा , देवां जान कदमा विच धर के -हो छल्ला बेरी ओये बूरे , वे वतन माही दा दूरे -वे जाणा पहले पूरे , वे गल सुण छलया , चोरा -वे काहदा लाया ही झोरा -हो छल्ला खू ते धरिये , छल्ला खू ते धरिये -गल्लां मूह ते करिए , वे सच्चे रब तों डरिये -वे गल सुण छलया , ढोला -वे रब्ब तों काहदा ई ओहला -हो छल्ला कालियां मरचां , वे मोहरा पी के मरसां -तेरे सिरे चढ़सा , वे गल सुण छलया , कावां -वे मावां ठंडिया छावां -हो छल्ला गल दी गानी , वे तुर गए दिलां दे जानी -वे मेरी दुखां दी कहानी , वे आ के सुण जा ढोला -वे तेतों कादा ई ओहला -वे छल्ला पाया ई गहने , ओये सजन बेली ना रहने -ओ दुःख जिन्द्ढ़ही दे सहने , वे गल सुण छलया , ढोला",panjabi-pan -"मोरा बाँके दुलहवा चलल आवे -मोरा बाँके दुलहवा चलल1 आवे । -बिरदावन से गभरूआ2 चलल आवे ॥ 1 ॥ -जब गभरू आयल हमर नगरिया हे । -गहगह बाजन बजत आवे ॥ 2 ॥ -जब गभरू आयल हमर मँडउवा3 हे । -आजन बाजन गूंजन लागे ॥ 3 ॥ -जब गभरू आयल हमरो कोहबरिया हे । -बेला फूल मौरिया4 धमकन लागे ॥ 4 ॥ -काहाँ बितयलऽ5 गभरू आजु दुपहरिया हे । -कइसे कइसे गभरू चलल आवे ॥ 5 ॥ -हम तो बि���ीलूँ6 बाघे7 दुपहरिया हे । -तोहरे8 लोभे हम तो चलल आऊँ9 ॥ 6 ॥ -चलते चलते मोरा गोड़10 पिरायल11 हे । -हम तोहर बनल गुलाम आऊँ ॥ 7 ॥",magahi-mag -"दीवा जसी ज्योति -चन्दी गड़ी बन्दी , -कैकी सुआ ह्वैली इनी , लगुती1 सी लफन्दी , -दीवा जसी ज्योति । -चदरी , की खाँप -कैकी सुआ ह्वैली इनी , सैलूजसी लाँप , -दीवा जसी ज्योति । -पाणी जसी पथलीं2 -रुआँ3 जसी हपली4 । -डाली जसी सुड़सड़ी , -कंठ की सी बड़ली । -बखर्यों की तान्द , -कैकी सुआ ह्वैली इनी , टपरान्दी चकोर , -दीवा जसी ज्योति । -धुआँ जसी धुपेली , -नौ गज की धमेली । -राजुला जसी राणी , -केला जसी हतेली । -की टकोर , -कैकी सुआ ह्वैली इनी , टपरान्दी चकोर , -दीवा जसी ज्योति । -स्वींणा सी लिख्वार की , -पिरथी की सि मोल । -बालो सूरिज बाँको , -सोना जसीतोल । -वास की बडुली -मिरग सी आँखी सुआ कुमर्यालि लटूत्ता , -दीवा जसी ज्योति । -नौ सोर मुरली का , -गिताँग जसी गैली । -बुराँस जनी फूल , -फ्योंलि जनी रौतेली । -लगुड़ी लचीली , -कै चाल चलदी सुआ , साज सी सजीली -दीवा जसी ज्योति ॥",garhwali-gbm -"479 -जो कोई एस जहान ते आदमी ए रोंदा मरेगा उमर ते झूरदा जी -सदा खुशी नाहीं किसेनाल निभदी एह जिंदगी भेश जंबूर1 दा जी -बंदा जीऊने दी नित करें आसा अजराईल सिर दे उते घूरदा जी -वासर शाह इक हशक दे खड़नहारा डाल डाल ते खाल खजूर दा जी",panjabi-pan -"ऐसी हो प्रीत निभावजो -ऐसी हो प्रीत निभावजो , -आरे जग मे होय नी हाँसी -१ बैठ्या बामण चन्दन घसे , -आरे थाड़ी कुबजा हो दासी -फुल फुल्यो रे गुलाब को -माला गुथो हो खासी . . . -ऐसी हो प्रीत . . . -२ राम नाम संकट भयो , -आरे दिल फिरे हो उदासी -तुम हो देवन का हो देवता -राखो लाज हमारी . . . -ऐसी हो प्रीत . . . -३ जल डुबता बर्तन तिरिया , -आरे तिरिया कंुजर हाथी -पथ राख्यो रे पहेलाद को -लाज द्रोपता राखी . . . -ऐसी हो प्रीत . . . -४ दास दल्लु की हो बिनती , -आरे राखो चरण लगाई -मृत्यू सी हमक छोड़ावजो -मन म चिंता हो लागी . . . -ऐसी हो प्रीत . . .",nimadi-noe -"राधा रंगीली मेरो नाम -राधा रंगीली मेरो नाम -श्याम रे आइ जइयो -जमुना किनारे मेरी ऊँची हवेली -मैं ब्रज की गोपिका नवेली -बरसानो मेरो गाम -कि बंसी बाजाइ जइयो -राधा रंगीली मेरो नाम -श्याम रे आइ जइयो",braj-bra -"भइया के घर में भतीजा जलम भेल, हम तो बधइया माँग अयलो -बधैया -भइया के घर में भतीजा जलम भेल , हम तो बधइया1 माँग अयलो2 ॥ 1 ॥ -अगिला3 हर के बरदा4 माँगही , पिछला हर हरवाहा । -हो भइया , हम तो बधइया माँगेअयली ॥ 2 ॥ -दूधदही ला5 सोरही6 माँगही , -धीया7 लागी भँइसिया , 8 हो भइया , हम तो बधइया माँगे अयली ॥ 3 ॥ -बाहर9 के हम नोकर चाहही , घरवा बहारन के दाइ , हो भइया । -गोड़ धोमन10 के चेरिया चाहही , पैर दामन11 के लौंड़िया , 12 हो भइया ॥ 4 ॥ -तीरथ बरत के डोली चाहही , सामी13 चढ़न के हाथी , हो भइया । -हम तो बधइया माँगे अइली , हो भइया ॥ 5 ॥",magahi-mag -"लीली घोड़िया बर असबरवा -लीली घोड़िया बर असबरवा , हाथ सोबरन के साँट1 हे सखी । -राति देखल घर मोरे आयल , पेन्हि ओढ़ि धीय जमाइ2 हे सखी ॥ 1 ॥ -औंठीपौंठी3 सूतल सारी4 सरहजबा5 पोथानी6 सूतल नीचे सास हे । -ओते सुतूँ7ओते सुतूँ सासु पंडिताइन , लगि जयतो8 पेरवा9 के धूर हे ॥ 2 ॥ -किया तोंहे हउ बाबू सात पाँच के जलमल , किया मलहोरिया10 तोहर बाप हे । -नइ हम हिअइ11 सासु , सात पाँच के जलमल । -हम हिअइ पंडितवा के पूत हे । -मलहोरिया हइ12 रउरे लगवार13 हे ॥ 4 ॥ -अइसन जमइया माइ हम न देखलूँ , रभसि रभसि14 पारे गारी हे ॥ 5 ॥",magahi-mag -"252 -घोड़ा सबर दा जिगर1 दी वाग दे के नफस2 मारना कम्म भुझंगयां दा -छड हुकम ते जर फकीर होना एह कम्म है माहनूयां चंगयां दा -हशक करन ते तेग दी धार कपन नहीं कम्म एह भुखयां नंगयां दा -ऐथे थां नाहीं अड़बगयां दी एह कम है सिरां तों नंगयां दा -शोक मेहर ते सिदक यकीन बाझों किहा फायदा टुकड़यां मंगयां दा -वारस शाह जो इशक दे रंग रते हुंदे आप ही रंग बेरंगयां दा",panjabi-pan -"तुमने नाम कमायो पवन सुत -तुमने नाम कमायो पवन सुत , -तुमने नाम कमायो -होतऊं से सूरज खों लीलो , -जग कीन्हों अंधियारो । -पवन सुत तुमने नाम कमायो । । -देवन जाय करी जब बिनती -देवन कष्ट निवारो । -पवन सुत तुमने नाम कमायो । । -सात समुन्दर तुमने नाके -काहे खो सेतु बंधायो । -पवन सुत तुमने नाम कमायो । । -लंका बात तनिक सी कहिए -रामचन्द्र भटकायो । -पवन सुत तुमने नाम कमायो । । -तुलसीदास आस रघुबर की -हरि चरनन चित लायो । -पवन सुत तुमने नाम कमायो । ।",bundeli-bns -"मस्त मतवारे दानवारे गज तीन कोट -मस्त मतवारे दानवारे गज तीन कोट , -चार कोट चर्ष चारू चन्दल विधान है । -साँढिया सवारन पाँच कोट लों संवार को , -आठ कोटजान सान माल के समान है । -ईसुर चतुरंग चमूँ कोट साठ देखी मैं , -साहब की साहबी सरस बेवखान है । -एतो बरात जात साथ लिये अवधनाथ , -आकत दैं डंका , चोब धूमत निसान हैं ।",bundeli-bns -"अचक आय अँगुरी पकरी -जाने कैसी करी अचक आय अँगुरी पकरी ॥ टेक -अँगुरी पकर मेरी पहुँचौ पकर्यौ , -अब कित जाऊँ गिरारौ सकरौ । -मिलवे की लागी धक री ॥ जानै . -जो सुनि पावेगी सास हमारी , -नित उठि रार मचावेगी भार��� । -मोतिन सौं भरी माँग बिगरी ॥ जानै . -श्री मुख चन्द्र कमरिया बारौ , -सालिगराम प्रानन कौ प्यारौ । -अन्तर कौ कारौ कपटी ॥ जानै .",braj-bra -"मैं तो धुर टांडे तै आया परी -मैं तो धुर टांडे तै आया परी -तेरी सुण के धमक बाजे की -थोड़ा सा नीर पिला दे परी -मैं तो प्यासा मरूं सूं नीर का -तैं तो कोन्या नीर का प्यासा जले -तैं तो भूखा फिरै सै बीर का -मेरी मूट्ठी मंह की गूट्ठी परी -गूट्ठी मैं सबज नगीना -मैं तो पाणी रे पीके जांगा नार -चाहे हो जाओ एक महीना",haryanvi-bgc -"बरजोरा कौ समरपन -कठिन जेठ कौ घाम तचैं , गुस्सा में सूरज , -बरजोरा बिलमो पहूज के नीरेंतीरें -आठ बिना कढ़ गए न एकउ फँसो बटोही -दारचूनघी निगट रही है धीरेंधीरें । -सात डाकुअन कौ पहरौ है नदीघाट पै -बीस ज्वान बरजोर सिंह के हैं रखवारे , -हुकुम कठिन है सब रस्तागीरन कों लूटौ , -निकर न पाबै कोऊ सम्पत बिना निकारे । -तपैं ग्रीष्म महाराज बुँदेलन की धरती है -नीचें तचै ततूरी , ऊपर अँगरा बरसें , -डरे जनावर भार भटोलन भीतर हाँपैं , -मानुसपच्छी कठिन समइया कढ़ें नघर सें । -संगै छै असवार बाई जू भाजत आबैं , -उनके तन के ऊपर चढ़ गइ धूरइधूरा -ऐसौ लगै कि दौर रही है सिंह भवानी , -संगै दौरत आँय अघोरी भूतभभूरा । -तान तुपकियाँ ठाड़े ह्वै गए सातउ डाँकू , -गैल छैंक लई , ‘रोकौ धोरे’ , हाँक लगाई ; -गोरा धरें पछारी , आँगें करिया रोकें , -का अनहोनी , चौंकी रानी लक्ष्मीबाई । -बोली , ‘को हौ ठाकुर ? गैल काए खाँ छैंके ? -का अनवाद करो घोरन नें ? रहे रुकाई । -बूढ़ौ दउवा बालो , ‘हम हैं डाकू ठाकुर , -लूटन आए तुम्हें’ , तुरन्त आँख चढ़ आई -रानी बोली , ‘को है मुखिया ? ’ ‘है बरजोरा’ -‘कितै ? ’ ‘परे सोउत हैं , उतै करौंदी छाँई । ’ -”चलौ बताऔ , दोदो बातें करकें जैहें“ -पीछेंपीछें डाँकू , आँगें लक्ष्मीबाई । -संगी दओ जगाय , उठो तुरतई बरजोरा -देखो आउत घुड़सवार बक्षस्थल तानें -चढ़ती उम्मर , ेख न निकरी , पैनी आँखें , -टेढ़ी बाँधें पाग , भाल मोती लहरानें । -दगदग दमकै माथौं ईंगुर पोतो मानों -राजन की पोसाक बिधाता रूप समारौ , -लै पाँचउ हँतयार हाँत में नंगौ तेगा -चढ़ तुरंग की पीठ स्वयं बीरत्व पधारौ । -पाँव रकेबन जमे , कसो पीठी सें बालक -बघवाबै चहुँओर बैरियन की घातन में , -सने रकत में वस्त्र , अस्व ज्यों बिजलीकौंधा , -ऐसौ लगै सजीवन यौवन कूँदौ रन में । -ठाढ़ौ भओ तुरन्त समर बागी बरजोरा , -तड़पी रानी , ‘क्यों तुमनें मारग रुकवाओ ? ’ -डाँकू उत्तर देत , ”लूट है रोजी अपनी , -को हौ अपुन ? कहाँ के ? हमनें चीन्ह न पाओ । “ -”आँखें खोलौ , चीनौं , खोलौ कान सुनाबैं -अँगरेजन सें छिड़ गओ है संग्राम भयंकर -मरबे और मारबे हेत फिरौं भन्नानी । -गओ मोरचा टूट हमाओ झाँसीवारौ , -धाबा करो कालपी में अब बजहै तेगा -हूहै बरछीबन्दूकन के संग सगाई -खारकछारन में जमना के चुकहै नेगा । -मूँछ मुँछारे मुंस तुम्हारी क्षत्री काया -पौरुष जो है ? बने आज अबला के घाती -मैं नारी ह्वै जूझ रही भारतबैरी सें -रे क्षत्री नर , हाय न फट गई तोरी छाती -अपनी झाटसी गई गड़ौ दुसमन कौ झंडा , -बीर सिपाही तरवारन कौ पी गए पानी -धरती कर गए लाल रकत कौ लिख गए साकौ , -जूझे आठ हजार लाल प्रानन के दानी । -तुमनें रस्ता रोकी , बैरी लगे पछारीं -मजल चले हैं घोरे , घायल देह हमारी -आगी उगलै धरती झोराँ लपट झँझाबै -कारे कोसन बसी कालपी जेठ दुफारी । -देखौ मोरे संगी , पाँच पुरुस ; दो नारी -मैं , जा सुन्दर , पक्की मोरी संग सहेली -घोरे देखौ सात हमाए हाँपी छोड़ंे -घावन भरे सरीर करारी विपदा झेली । -पसु हैं घोंरे , जान देत , अबला है संगिन -तुम हौ क्षत्री मुंस , छैक लइ गैल हमाई -हे राणा , हे सिवा , हमें अब दोस न दिइयो“ -लम्बी भरी उसाँस , चुप्प भई लक्ष्मीबाई । -देखत मौं रह गओ रानी कौ ठाँड़ो ठाकुर -रोमरोम जग परौ सिथिलसी ह्वै गई बानी , -लैन हिलोरें लगो रकत पुरखन कौ तातौ -तुरग दिखानों सिंह , छबीली सिंह भवानी । -सन्तमण्डली जैसें बालमीक मन पलटौ , -अंगुलिमाल कान ज्यों परी बुद्ध की बानी , -रानी की उसाँस बरछीसी हुकी हृदय में , -डाँकपन की भई कुटिलता पानीपानी । -टपरटपर आँखिन से अँसुवा टपकन लागे -घूँटे टेक दए , नंगी लइ खेंच सिरोही , -बाई साब के आँगें भींजी बनो बिलइया -बौ बरजोरा दस्युराज कट्््र निरमोही । -आत्मघात करबे की मन में बात बिचारी -‘खबरदार हो’ , रानी नें ललकार लगाई -”प्रान कर रहे दान तौ फिर बैरी संग जूझौ -घरी दो घरी राकौ , करौ सहाय हमाई । “ -झटका दैकें ह्वै गओ ठाड़ौ , तन गई छाती -सिथिल अंग में जैसें महासक्ति घुस आई , -दई हुंकार कि जैसे बन में सिंह डड़ीकै -‘बढ़ौ साथियो’ बरजोरा तरवार घुमाई । -”पार पहूज होय गोरन कौ मोहरा मारौ -रजपूती की लाज बचालो बढ़कें प्यारे -धजीधजी काया , खपरी हो टूँकाटूँका -चलो बहादो मोरे भइय रकत पनारे । “ -लैलै निज हथयार सज गये उनतिस जोधा -आँगेंआँगें भैंससाबाँधी तोप हँकाई -दो संगी रानी नें छोड़ें , पाँचइ लैकें -सुमिर गजानन कों , घोरे कैं एड़ लगाई । -टपकटपक टपटपटप घोरे भाजन लागे -उड़ी गुंग धूरा की , छिन में उड़ गई रानी -हाँत जोर के अंतिम नमन करो डाँकू नें -चूम लई तरबार , आँख कौं पोंछो पानी ।",bundeli-bns -"सावां गीत -ऊँचा मां भाले रे ढेड्या सरग मारी भाणिंगलो -नेचो मां भाले रे ढेड्या सरग मारी भाणिंगलो -खाटले मां बसेरे ढेड्या सरग मारी भाणिंगलो -उटले मां बसेरे ढेड्या सरग मारी भाणिंगलो -सावां लाने वालों को बधाकर स्वागत कर घर में ले जाते हैं फिर औरतें गीत -गाती हैं । सावां लाने वालो को कहती हैं कि तुम ऊपर आसमान की ओर मत -देखो सरग आसमान हमारा भानजा लगता है । धरती , खटिया और चबूतरे पर -मत बैठो , ये भानेजभानजी लगते हैं ।",bhili-bhb -"बलम मति जइयह -बलम मति जइयह . . . अ . . . बिदेसवा न . . . -सजन हम कइसे जियब . . . -पिया हम जीजी मरब . . . -न हमके सतइयह . . . -बलम मति जइयह . . . -सजन जनि जइयह . . . -बिदेसवा न . . . अ . . .",bhojpuri-bho -"सभवा बइठल तोहें दादा -सभवा बइठल तोहें दादा , सभे1 दादा उठिकर । -हे साजहु बरियतिया उठिकर , हे साजहु -बरियतिया उठिकर ॥ 1 ॥ -मचिया बइठली तोहें दादी , सभे दादी उठिकर । -हे साजहु डाला दउरवा2 उठिकर , हे साजहु -डाला दउरवा उठिकर ॥ 2 ॥ -ससुरा से आयती बहिन सभे , बहिनी उठिकर । -हे आँजहु3 भइया अँखिया उठिकर ॥ 3 ॥ -कथि4 लाय5 मुहँमा उगारब6 कथिलाय । -हे आँजहु भइया के अँखिया उठिकर ॥ 4 ॥ -तेल रे उबटन लाए मुहँमा उगारब । -कजरवा7 लाय हे आँजब भइया के अँखिया उठिकर ॥ 5 ॥",magahi-mag -"अमीर गरीब में पड़ी जो खाई -अमीर गरीब में पड़ी जो खाई । -गांधी बाब्बू नै कोन्या भाई । । -गरीब मजूरां का हक दिलाया । -अमीरां तै यूं उपदेस सुनाया । । -धन नै सांझा समझो भाई । -नहीं तो कहलाओगे कसाई । ।",haryanvi-bgc -"395 -जिनां नाल फकीर दे अड़ी बधी हथ धो जहान थी चलियां ने -आ टलीं कुआरिये डारिये नी केहियां चाइयां धजां अवलियां ने -होवे शर्म हया उनां कुआरियां नूं जेड़ियां नेक सोहबत विच रलियां ने -कारे हथियां कुआरियां वेहु भरियां भला क्यों कर रहन नचलियां ने -मुनस मंगदियां जोगिया नाल लड़के राती औखियां होण अकलियां ने -पिछे चरखड़ा रूल है सड़न जोगी कदे चार ना लाहियो छलियां ने -जिथे गभरू होण जा खहे उथे परे मारके बहे पथलियां ने -टल जाह फकीर तों गुंडीए नी आ कुआरिये राहां कयों मलियां ने",panjabi-pan -"298 -हमी वडे फकीर सत पीढ़ीए हां रसम जग दा हमी जानने हां -कंद मूल उजाड़ विच खायके ते बनवास लै के मौज मानने हां -नगर विच ना आतमा परचदा ए उदयान1 बह के तम्बू तानने हां -वारस तीरथ जोग बैराग होवे रूप तिनां दा हमीं पछानने हां",panjabi-pan -"आल्हा ऊदल -मारे टापन के रोनन से रुदल के देल उठाय -बोलल घोड़ा रुदल के बाबू पलटन इंदरमन के पहुँचल आय -फाँद बछेड़ा पर चढि गैल पलअन में पहुँचल बाय -बलो कुबेला अब ना चीन्हे जाते जोड़ देल तरवार -पड़ल लड़ाइ इंदरमन में रुदल से पड़ गैल मार -ऐसी लड़ाई सिब मंदिर में अब ना चीन्हे आपन पराय -गनगन गनगन चकर बान बोले जिन्हके बलबल बोले ऊँट -सनसन सनसन गोली बरसे दुइ दल कान दिहल नाहिं जाय -दसो तिरंगा इंदरमन के रुदल काट कैल मैदान -गोस्सा जोर भैल इंदरमन खींच लेल तरवार -जौं तक मारल बघ रुदल के अस्सी मन के ढालन पर लेल बचाय -ढलिया कट के बघ रुदल के गद्दी रहल मरद के पास -बाँह टूट गैल रुदल के बाबू टूटल पं के हाड़ -नाल टूट गैल घोड़ा के गिरल बहादूर घोड़ा से -धरती पर गिरल राम राम चिचियाय -पड़ल नजरिया है देवी रुदल पर पड़ गैल दीठ -आइल देवी इंद्रासन के रुदल कन पहुँचल बाय -इमिरित फाहा दे रुदल के घट में गैल समाय -तारु चाटे रुदल के रुदल उठे चिहाय चिहाय -प्रान बचावे देबी बघ रुदल के रुदल जीव ले गैल पराय -भागल भागल चल गैले मोहबा में गैल पराय",bhojpuri-bho -"ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता -ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता1 । -ना हम हिन्दू ना तुर्क जरूरी , -ना इशक दी है मनजूरी , -आशक ने हरि जीता । -ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता । -वक्खो ठग्गाँ शोर मचाया , -जम्मणा मरना चा बणाया , -मूरख भुल्ले रौला पाया , -जिस नूँ आशक ज़ाहर कीता । -ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता । -बुल्ला आशक दी बात न्यारी , -प्रेम वालिआ बड़ी करारी2 , -मूरख दी मत्त ऐवें मारी , -वाक सुखन3 चुप्प कीता । -ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता ।",panjabi-pan -"उलटे होर ज़माने आए -उलटे होर ज़माने आए -उलटे होर ज़माने आए । -काँ गालड़ नूँ मारन लग्गे , -चिड़िआँ जुरे1 खाए । -उलटे होर ज़माने आए । -इराकिआँ2 नूँ चाबक पैदे , -गधो खूत3 खवाए -उलटे होर ज़माने आए । -अगले जाए बकाले बैठे , -पिछरिआँ फरश वछाए । -उलटे होर ज़माने आए । -बुल्ला हुकम हजूरों आया , -तिस नूँ कौण हटाए । -उलटे होर ज़माने आए ।",panjabi-pan -"गोरी के जोबना -गोरी के जोबना हुमकन लगे , -जैसे हिरनियों के सींग । -मूरख जाने खता फुनगुनू , -वे तो बाँट लगावे नीम । -भावार्थ -' गोरी के उरोज उभरने लगे , -हिरनी के सींगों समान -मूर्ख उन्हें फोड़ेफुन्सी समझ रहा है -और वह उन पर नीम के पत्ते रगड़ कर लगा रहा है '",bundeli-bns -"कहमा लहैले कोसी माय -कहमा लहैले कोसी माय -कहाँ लट झारले गे -कहमा कइले सिंगार -सैरा नह���लों सेवक हो -बाटे लट झारलौं -गहबर कइलों सोलहो सिंगार -कथी बिनु आहे कोसिका -मुहँमां मलिन भेलौ -कथी बिनु डोलै हे सरीर -पान बिनु आहो सेवक -मुँहमां मलिन भेलै -लडु ले डोलैयै सरीर -चढ़इबौ गे कोसी माय -खीर पान भोजन -पाठी देबौ कोसी माय चढ़ाय -गावल सेवक जन दुहु कल जोड़ि -बिपति के बेरी मैया कोसिका -होखु ने सहाय ।",angika-anp -"खेलते रहली सुपलो मउनिया -खेलते रहली सुपलो मउनिया1 आइ परल कवन लाल दुलहा । -किए2 धानि खेलब हे सुपली मउनिया , किय धानि चलब3 हे हमर देसवा ॥ 1 ॥ -कवन हटिया कवन बटिया , कवन नगरिया लिआइ जयबऽ4 । -जहाँ नहीं हटिया , जहाँ नहीं बटिया , पटना नगरिया लिआइ जयबो ॥ 2 ॥ -केकरा5 सँगे उठबइ हे , केकरा सँगे बइठबइ , केकरा ठेहुनिया लगाइ6 देबऽ । -दीदी सँगे उठिहऽ7 हे भउजी सँगे बैठिहऽ , मइया ठेहुनिया लगाइ देबो ॥ 3 ॥ -जैसन जनिहे मइया अपन धियवा , ओयसहिं जनिहे मइया हमर धनिया । -ओलती8 के पनिया बड़ेड़ी9 नहीं जइहें , धिया के दुलार दुतोह नहीं पइहें ॥ 4 ॥",magahi-mag -"मोछंग -1 . -धारमं1 बैठिकी पूर्ण निश्चिन्त हैवे -आ , सुणौदौं सुणा आज मोछंग कू । -साज मां साज ली , राग मां बाजली -चित्त की क्वो छिपीं आह भी खोलली । -2 . -देश का हर्ष मां , दुख मां , प्रेम मां -ईश की भक्ति मां , ठाठ से बाजली । -ताल मां , तान मां , कान मां गूंजली -ई सुणी , चित मां चाह भी सूजली -3 . -एक ही गूंज से गूंजलो विश्व यो -देश मां जाग भी , जोश भी फैललो । -मातृभाषा भरीं एक या द्वो कड़ी -भाव शृंगार को रूप भी खोलली ॥ -4 . -धार ये , गाड़2 वो , डांडि3 मैदान से -एक ही भौण4 मां ये हुँगारा भरी । -ओर से पोर तैं गाजली , गूंजली -आज मोछंग का गीतसंगीत मां ॥ -5 . -वार की पार की , जोड़ि की तोड़ि की -बात द्वी , की गढ़ी ढंग से बोलली । -ह्वै सक्यो तो भला रांगसाहित्य मां -या रँगाली न क्या आपका चित्तकू ? -6 . -रोपिकी आश को तार आकाश मां -भाव का झूलना मां झुलाली अभी । -मस्त होली अफ्वी , आपकू तैं रिझै -कल्पनाभावनाका नया राग मां ? -7 . -ई सुणी जागलो आपका ख्याल मां -जाति को प्यार , औ देश सेवा अभी । -जागला आप ही रोंगटा गात मां -चित्त मां ज्ञान की जोत भी भासली ॥",garhwali-gbm -"399 -सहती आखया उठ खेल बांदी खैर पा फकीर नूं कडीए नी -आटा घतके ते देईए बुक चीनी विचों अलख फसाद दी वढीए नी -देह भिछया वेहड़यों कढ आईए होड़ा विच बरूहां दे गडीए नी -अमां आवे ते भाबी तों वख होईए साथ ऊठ बलद दा छडीए नी -जेहड़ा आकड़ां पया वखांवदा ए जरा वेहड़यों एसनूं कढीए नी -वारस शाह देनाल दो हथ करीए अ��ी उठ तंू सार दीए हडीए नी",panjabi-pan -"विदाई गीत -लाडि पछि फिरिन् भाल , तारो बावो पछि बुलावे । -लाडि पछि फिरिन् भाल , तारी माय पछि बुलावे । -लाडि पछि फिरिन् भाल , तारो भाइ पछि बुलावे । -लाडि पछि फिरिन् भाल तारी भोजाइ पछि बुलावे । -बारात रवाना होने को है , दूल्हा आगे चल रहा है , दुल्हन का भाई दुल्हन को उठाये हुए उसके पीछे चल रहा है । मार्मिक क्षण हैं आँखों मे अश्रु लिये वर पक्ष की महिलाएँ यह गीत गाती हैं -दुल्हन से कहा गया है कि तू पीछे मुड़कर देख , तेरे पिताजी वापस बुला रहे हैं । आगे इसी प्रकार माता और भाईभौजाई के बारे में कहा गया है ।",bhili-bhb -"अंगिका बुझौवल -तर खमेरी ऊपर झण्डा -जेकरोॅ पात सहस्सर खण्डा । -ओल -हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी , बीच में मकइया -फरै में लदबद , खाय में मिठैइया । -पानी के सिंघाड़ा -चलोॅ पाँचो भाय पाण्डव चरका पथलोॅ के पार करी दीहोॅ । -अंगुरीदाँत -एक मुट्ठी नारोॅ -सौंसे घरोॅ छारोॅ । -सिन्दूर -हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी , बीच में सड़कवा -फरेॅ लागलै काली माय , छोड़ी देलकै बन्दूकवा । -सलाम -चार कबूतर चार रंग -भाड़ी में ढूकेॅ एके रंग । -पान -हेती टा चुकड़ी में तीन बचवा -किरीन के धाव लागल उड़ बचवा । -अंडी -इती टा भालमियाँ -हेत्तेॅ ठो पुछड़ी -सूई -आँखीतर गुजुरगुजुर -गुजुर तर फें फें -फें फें तर फदर फदर -सुनेॅ तेॅ कें कें -आँख , नाक , मुख , कान -एक महल में दू दरवाजा -ऐलै लटकन मारोॅ पटकन -नाक -बाप रे बाप -ऊपर से गिरलै बड़का चाप -घोॅर भागलै दुआर दै केॅ -हम्में कोन दै केॅ भागवै रे बाप -जालमछली -तोॅर टाटी ऊपर टाटी -बीच में नाचेॅ गोली पाठी -जीभ -चार कबूतर चार रंग -भाँड़ी में ढूकेॅ तेॅ एक्के रंग -पान , सुपारी , चूना , कत्था -सूतसूत पर आग बरेॅ -लेकिन सूत एक नै जरेॅ -बिजली का तार -घोटोॅ घोटोॅ डिबिया -लाल लाल बिबिया -मसूर -लाल हाथी उजरोॅ सूँढ़ -बूटकी अँकुरी -तोॅर गदगद ऊपर फेन -तेकरोॅ बेटा रतन सेन -भात",angika-anp -"माई री मैं टोना करिहों -माई री मैं टोना करिहों मई री मैं टोना करिहों -कागा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरया की आँख रे 2 -इन तीनन को सुर्मा करिहों 2 सुर्मा बनाय पिया की आखिन लगैहों 2 -वो ओ तके न पराई नार रे २ माई री मैं टोना करिहों २ -कागा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरैया की आँख रे 2 -इन तीनन को ताबीज बनैहों २ बांधूं बांधूं पिया के हाथ रे 2 -बाँधे ताबीज पिया हाथ न हिलैहे२ वो तो छुवे न पराई नार रे २माई री मैं टोना करिहों २ -का��ा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरैया की आँख रे 2 -इन तीनन को भसम बनैहों २ लगाऊं पिया के पैर रे २भसम -भसम लगायपिया पैर न चलिहें २ वो तो चढ़े न पराई सेज रे २ माई री मैं टोना करिहों 2",khadi_boli-mis -"बूड़ सालो बेटी डोर -बूड़ सालो बेटी डोर -बूड़ सालो बेटी डोर -बेटी डो आमानी सिर बेड़ा जेमाजे सेगे -बेटी डो आमानी सिर बेड़ा जेमाजे सेगे -माय का भीडो लावड़ डो -माय का भीडो लावड़ डो -बा भी का लावड़ डो -बा भी का लावड़ डो -बेटी डो आमानी सिर बेडो धिनी काडो सेगे -बेटी डो आमानी सिर बेडो धिनी काडो सेगे -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"आवत देखेऊँ सासू दुई बनिजरवा हो न -अवधी बोली में गाया जाने वाला जाता गीत है यह । इसमे पितृसत्ता का कई रूप दिखाई देता है । भारत में औरतों को अपने दुःख को छिपाने के लिए बचपन से तैयार किया जाता है । उन्हें दुःख सहने के लिए तैयार किया जाता है । -आवत देखेऊँ सासू दुई बनिजरवा हो न -सासू एक गोरा एक सांवर हो न -गोरा तो हवें सासू ननदी के भईया हो न -सासू संवरा हमरा वीरन भैया हो न -बरहे बरिसवा पे लौटें वीरन भईया हो न -सासू आजू काउ सिझई रसोइया हो न -बनाई डारा मोरी बहुअरी किनकी के भतवा हो न -बनाई डारा ताले के सगवा हो -अगिया लगाऊं सासू झींगवा के भतवा हो -सासू बरजा पड़ई ताले सगवा हो न -बनई डरबई मोरे सासू सऊँआ के भतवा हो न -सासु कुंनुरू करेला के भजिया हो न -जेवन बैठे हैं सार बहनोइया हो न -रामा भयवा के ढूरल असुइया हो न -किया तू मोहाना भईया माई के कलेउआ हो न -भैया किया तुहूँ धना के सेजरिया हो न -नहीं हम मोहाने बहिनी माई के कलेउआ हो न -बहिनी नहीं हम धना के सेजरिया हो न -बहिनी हमरो ये तोहरी बिपतिया हो न -हमारी बिपतिया भैया बान्ह्या तू गठरिया हो न -भईया जिन कहेया बाबा के अगवा हो न -बाबा सभवा बैठ पछितैइहैं हो न -हमारी बिपति भैया बन्ह्या तू गठरिया हो न -भईया जिन कहेया माई के अगवा हो न -माई छतिया बिहड़ीं मरी जैइहैं हो न -हमरी बिपति भईया बन्ह्या तू गठरिया हो न -भईया जिन कहेया चाची के अगवा हो न -‘चाची झगडा लगायी तनवा मरिहैंई हो न -हमरा बिपति भईया बन्ह्या तू गठरिया हो न -भईया जिन कह्यया भउजी के अगवा हो न -भऊजी राम रसोइया ताना मरिहैई हो न -हमरी बिपति भईया बन्ह्या तू गठरिया हो न -जिन कह्यया बहिनी के अगवा हो न -बहिनी मोर सुनि ससुरे न जैइहैंई हो न -भईया जाई कह्यया अगुआ के अगवा हो न -रामा जे न मोर किन्ही अगुवैया ह�� न",awadhi-awa -"324 -अनी सुणो भैणां कोई जट जोगी वडा जूठ भारा किसे गांव दा नी -झगड़ैल मरकनां घंड हूझर चरकटा जेहा किसे थांव दा नी -परदेसियां दी नही डौल दिसदी एह तां वाकफ है हीर दे नांवदा नी -गल आख के हथां ते पवे मुकर आप लांवदा आप बुझांवदा नी -हुणे भन्न खपर तोड़े सेलियां नूं नाल जटां दी जूड़ खुहांवदा नी -जे मैं उठ के पान पत लाह सुटां कौन पैंच एह किस गरांव दा नी -अखे डूम मोची अखे ढंड कंजर अखे चूहड़ा किसे सराउंदा नी -वारस शाह मियां वाह ला रहियां एह तां झगड़यों बाज ना आंवदा नी",panjabi-pan -"वान्ना वगडा न वायरा वायरे, -वान्ना वगडा न वायरा वायरे , -कन्ने घूमरियो घुम तो गायरे , -रासे रमे , रासे रमे , -गोप गोपियों नी संग , -जामयो वृन्दावन ने मार गड़े रंग , -वान्ना वगडा न वायरा वायरे , -कन्ने घुमरिया घूम तो गायरे . -घेरी घेरी , घेरी घेरी , -एनी वागे मुरलियो , -गौरी गौरी राधा ने , -सुंदर श्यामडियो , -वान्ना वगडा न वायरा वायरे , -कन्ने घुमरिया घूम तो गायरे .",gujarati-guj -"बगिया मति अइहा हो दुलहा -बगिया मति1 अइहा2 हो दुलहा , डेहुरिया3 मति हो छुइहा4 । -पोसल चिरइँया5 हो दुलहा , उड़ाइ मति हो दीहा6 ॥ 1 ॥ -बगिया हम अइबो7 हे सासु , डेहुरिया हम हे छुइबो8 । -पोसल चिरइँया हे सासु , उड़ाइ हम हे देबो ॥ 2 ॥ -सड़क मति अइहा हे दुलहा , ओहरिया9 मति हे छुइहा । -पोसल सुगवा हे दुलहा , उड़ाइ मति हो दीहा ॥ 3 ॥ -सड़क हम अइबो हे सासु , ओहरिया हम हे छुइबो । -पोसल सुगवा हे साुस उड़ाइ हम हे देबो ॥ 4 ॥ -मड़वा मति अइहो हो दुलहा , कलसवा मति हो छइहा । -बरल10 चमुकवा11 हे दुलहा , बुताइ12 मति हे दीहा ॥ 5 ॥ -मड़वा हम अइबो हे सासु , कलसवा हम हे छुइबो । -बरल चमुकवा हे सासु , बुताइ हम हे देबो ॥ 6 ॥ -कोहबर मति जइहा हे दुलहा , सेजिया मति हे छुइहा । -पोसल बेटिया हे दुलहा , रुलाइ मति हे दीहा ॥ 7 ॥ -कोहबर हम जयबो हे सासु , सेजिया हम हे छुइबो । -पोसल बेटिया हे सासु , रूलाइ हम हे देबो ॥ 8 ॥",magahi-mag -"197 -काज़ी सदया पढ़न नकाह नूं जी हीर वेहर बैठी नहीं बोलदी ए -मैं तां मग रंझेटे दी हो चुकी मां कुफर दे गैब कयों लोलदी ए -निज़ाह1 वकत शैतान जे दे पानी पई जान गरीब दी डोलदी ए -असां मंग दरगाह थीं लया रांझा सिदक सच जबान पहे बोलदी ए -असंा जान रंझेटे दे पेश कीतो लख खेड़यां नूं चा घोलदी ए -मखन नजर रंझेटे दी असां कीती सुंजी मां कयों छाह नूं रोलदी ए -अंने मेउ2 वांगू वारस शाह मियां पई मूत विच मछियां टोलदी ए",panjabi-pan -"आया तीजां का त्योहार -आया तीजां का त्योहार -आज मेरा बीरा आवैगा -सामण में बादल छाए -सखियां नै झुले पाए -मैं कर लूं मौज बहार -आज मेरा बीराा आवैगा -आया तीजां का त्योहार -आज मेरा बीरा आवैगा -मेरे मन में चाव घणा सै -क्या सुंदर समै बणा सै -मन्नै कर द्यो तुरत तैयार -आज मेरा बीरा आवैगा -आया तीजां का त्योहार -आज मेरा बीरा आवैगा",haryanvi-bgc -"सुणा मेरा स्वामी जी सावण आयो -सुणा मेरा स्वामी जी सावण1 आयो । -रूणझुणया2 वर्षा , घनघोर लाया । -दौड़ी दौड़ी कुयेड़ी3 , डाडू मा आयो । -कुयेड़ी न स्वामी , अंधियारों छायो ।",garhwali-gbm -"टेरत है घनश्याम तुम्हे तो -टेरत हैं घनश्याम तुम्हें तो -कोई टेरत है नन्दलाल -टेरतटेरत दूर निकल गईं , -लेत तुम्हारो नाम । तुम्हें तो . . . -गोरीगोरी उमर की छोटी , -राधा उनका नाम । तुम्हें तो . . . -कहां का रहना , कहां का मिलना , -कहां भई पहचान । तुम्हें तो . . . -गोकुल रहना , मथुरा मिलना , -बरसाने पहचान । तुम्हें तो . . . -टेरत हैं घनश्याम . . .",bundeli-bns -"520 -दंद मीट घसीट के हड गोडेरो रो करे जारी बुरे हीलियां नी -नक चाढ़ दंदीकड़ा1 वट रोवे कढ अखियां नीलियां पीलियां नी -थराथर कवे आखे मोई लोको कोई करे झाड़ा बुरे हीलियां नी -मेरे लिंग ते पैर बेसुरत होई पाव जीवने काज2 कलीलियां3 नी -वारस शाह शतूंगड़े हथ जोड़न सहती गुरु ते असीं सब चेलियां नी",panjabi-pan -"रे बीरा साढ़ तो पहलड़ा मास -रे बीरा साढ़ तो पहलड़ा मास -मेरा माई जाया -हाली हल बीरा जोतिआ जी -रे बीरा सामण तो दूजा ए मास -मेरा माई जाया -रिम झिम रिम झिम मेंहा बरसिआ जी -रे बीरा भादों तो तीजा ए मास -मेरा माई जाया -खिलै कन्डेली बीरा बीजली -रे बीरा आसोज तो चौथा ए मास -मेरा माई जाया -ओ बीरा कातक तो पांचमां ए मास -मेरा माई जाया -कातक रचै ए दीवालिआं जी -रे बीरा मंगसर तो छठा ए मास -मेरा माई जाया -मंगसर मांग भराइयां जी -रे बीरा पोह तो सातमां ए मास -मेरा माई जाया -पोह ए जाड़ा ए घणा जी -रे बीरा माह तो आठमां ए मास -मेरा माई जाया -माहे माझल न्हाइआं जी -रे बीरा फागुण तो नोमां ए मास -मेरा माई जाया -फागण फगवा पिआ खेलिआं जी -रे बीरा चेत तो दसमां ए मास -मेरा माई जाया -चेते केसू फूलिआं जी -रे बीरा बैसाखे ग्यारमां ए मास -मेरा माई जाया -बसाखे केसू ढल गया जी -रे बीरा जेठ बारहमां ए मास -मेरा माई जाया -जेठे लूंआं चल रही जी -रे बीरा पूगै सै बारां ए मास -मेरा माई जाया",haryanvi-bgc -"आ गऔ बेईमानी कौ पारौ -आ गऔ बेईमानी कौ पारौ , -इतै न डेरा डारौ , -पंचन में परपंच जुरत है । -करैं न बारो न्या��ौ । -मों देखी पंचयात करत हैं । -तकें चीकनो व्दारौ । -ईसुर कात सवै के मन की -जौ तगड़ा तौ डारौ ।",bundeli-bns -"300 -सुनी जोगीआ गभरूआ छैल बांके नैनां खीवियां मसत दिवानियां वे -कन्नीं मुंदरां सुंदरां सेलियां नी दाहड़ी पट सिर भवां मुनानियां वे -विचों नयन हसन होठ भेत दसन अखीं मीचदा नाल बहानियां वे -किस मुंनयों कन्न किस पाड़योनी तेरा वतन है कौन दीवानियां वे -कौन जात ते कासनूं जोग लया सच सच ही दस मसतानियां वे -एस उमर की पायदे पए तैनूं क्यों भौणा ए देस बेगानियां वे -किसे रन्न भाबी बोली मारीया हो हिक साडीया सू नाल ताहनियां वे -विच त्रिंजणां पवे विचार तेरी होवे जिकर तेरा चकी हानियां वे -बीबा दस शिताब1 है जी जांदा असीं धुप दे नाल मर जानियां वे -करन मिनतां मुठियां भरन बहके हुा पुछ के असीं टुर जानियां वे -वारस शाह गुमान न करीं मियां ऐवें हीर दया माल खजानियां वे",panjabi-pan -"उठ पआ जी मेरे दरद कालजे -उठ पआ जी मेरे दरद कलेजे -पा दओ नी मेरे माहीए वल चिठ्ठीआं -जा पहुंची चिट्ठी विच नि कचहरी -पढ़ लई नी माही पट्टां उत्ते धर के -छुट गईआं नि हत्थों कलमां दवातां -झुल पई नी हनेरी चार चुफेरे -तुर पआ नी जानी शिखर दुपहरे -आ गिया नी माही विच तबेले -आ माही साडी नब्ज़ जो फड़ लई -दस गोरिये कित्थे दरद कलेजे -मिट गया जी मेरे दरद कलेजे",panjabi-pan -"रोमैं लयें रागनी जी की -रोमैं लयें रागनी जी की । -लगे सुनत मैं नीकी । -कौऊ सास्त्र पुरान अठारा । -चार बेद सो झीकी । -गैरी भौत अथाह भरी है । -थायमिलै ना ई की । -ईसुर साँसऊँ सुरग नसैनी , -रामायण तुलसी की ।",bundeli-bns -"होली खेले लाड़ली मोहन से -होली खेले लाड़ली मोहन सें । -बाजत ताल मृदंग झांझ ढप -शहनाई बजे सुर तानन से । होली . . . -भर पिचकारी मोरे सन्मुख मारी -भीज गईं मैं तन मन से । होली . . . -उड़त गुलाल लाल भये बादल -रोरी भलें दोऊ गालन सें । होली . . . -फगुआ मिले बिन जाने न दूंगी -कह दो यशोदा अपने लालन सें । -होली खेले लाड़ली मोहन सें ।",bundeli-bns -"विवाह गीत -मारे अंगठे विछु झूल्यो राज , आज की चालण छूड़ दे । -मारे अंगठे विछु झूल्यो राज , आज की चालण छूड़ दे । -नानड़ियो विछु झूल्यो राज , आज चालण छूड़दे । -नानड़ियो विछु झूल्यो राज , आज चालण छूड़दे । -मारा पील्ये विछु चढ़ियो राज , आज चालण छूड़दे । -मारा पील्ये विछु चढ़ियो राज , आज चालण छूड़दे । -मारी सातल्ए विछु चढ़ियो राज , आज की चालण छूड़दे । -मारी कमर विछु चढ़ियो राज , आज की चालण छूड़दे । -म��री कमर विछु चढ़ियो राज , आज की चालण छूड़दे । -मारी छाल्ए विछु चढ़ियो राज , आज की चालण छूड़दे । -नानड़ियो विछु झूल्यो राज , आज की चालण छूड़ दे । -मारो जेठ उतारे मारी जेठाणी कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । -मारो जेठ उतारे मारी जेठाणी कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । -मारो देवर उतारे मारी देवराणी कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । -मारो देवर उतारे मारी देवराणी कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । -मारो सेसरो उतारे मारी सासु कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । -मारो सेसरो उतारे मारी सासु कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । -मारे अंगठे विछु झूल्यो राज , आज की चालण छूड़ दे । -महिला अपने पति से कहती है कि मेरे अँगूठे में बिच्छू ने काटा है । आज का चलना छोड़ दो । मेरी पिंडली तक बिच्छू चढ़ गया है , आज का चलना छोड़ दो । मेरी जंघा तक बिच्छू चढ़ गया है , आज का चलना छोड़ दो । मेरी कमर तक बिच्छू चढ़ गया है , आज का चलना छोड़ दो । मेरी छाती तक बिच्छू चढ़ गया है , आज का चलना छोड़ दो । मेरे जेठ उतारें तो जेठानी नाराज होती हैं , आज का चलना छोड़ दो । मेरा देवर उतारें तो देवरानी नाराज होती है , आज का चलना छोड़ दो । मेरे ससुर उतारते हैं तो सासू नाराज होती है , आज का चलना छोड़ दो ।",bhili-bhb -"कृष्ण हारा हइलाम गो (भाटियाली) -कृष्ण हारा हइलाम गो , -कृष्ण हारा हइया कान्दछि गो वने निशि दिने -ओ गो , आमार मत दीन दुःखिनी , -के आछे आर वृन्दावने । । -सखी गो , यार ये ज्वाला सेइ जाने -अन्य कि आर जाने -आमार अरण्ये रोदन करा , -कार काछे कइ , केवा शोने । । -सखी गो , नयन दिलाम रूपे नेहारे -प्राण दिलाम तार सने । -ओ गो , देह दिलाम , अंगे वसन , -मन दिलाम तार श्रीचरणे । । -सखी गो , कृष्ण सून्य देह गो आमार , -काज कि ए जीवने । -अधीन कालाचाँद , कय , -राइ मरिल श्याम बिहने । ।",bengali-ben -"ईसुरी की फाग-21 -रोजई मुस्का कें कड़ जातीं -हमसै कछू न कातीं -जा ना जान परत है दिल की -काये खों सरमातीं -जब कब मिलैं गैल खोरन में -कछू कान सौ चातीं -ना जानै काहे कौ हिरदो -कपटन सोउ दिखातीं -ईसुर कबै कौन दिन हू है -जबै लगाबै छाती । -भावार्थ -ईसुरी अपनी प्रेयसी से संवाद न होने पर कहते हैं — तुम रोज मुस्कुरा कर निकल जाती हो और मुझसे कुछ कहती नहीं हो । पता ही नहीं लगता तुम्हारे दिल में क्या है , क्यों शर्माती हो ? जब कभी गलीकूचों में मिलती हो तो लगता है कि कुछ कहना चाहती हो । न जाने तुम्हारा ह्रदय किसका बना है , मुझे तो लगता ���ै तुम कपटी भी हो । -ईसुरी कहते हैं — वह दिन कब आएगा जब मैं तुम्हें अपने ह्रदय से लगाऊँगा . . . ?",bundeli-bns -"बन के करिखा सिउजी, बने धधकवलन -बन के करिखा1 सिउजी , बने2 धधकवलन3 । -ओहे करिखा सिउजी , भभूति चढ़वलन4 ॥ 1 ॥ -कहवाँ नेहयलऽ सिउजी , कहवाँ छोड़लऽ झोरी5 -कउने अमलिए6 सिउजी , मोतिया हेरवलऽ7 ॥ 2 ॥ -जमुना नेहइली गउरा देइ , गंगा छूटल झोरी । -भँगिए8 अमलिए गउरा देइ , मोतिया हेरइली ॥ 3 ॥ -देखलों में देखलों गउरा देइ , तोहरो नइहरा9 । -फूटल थारी10 गउरा देइ , चुअइत11 लोटा । -लाजे न परसे12 गउरा देइ , तोहरो महतारी ॥ 4 ॥ -जब तुहूँ उकटलऽ13 सिउजी , हमरो नइहरा । -हमहूँ उकटबो सिउजी , तोरो बपहरा14 ॥ 5 ॥ -सातो कोठिलवा15 सिउजी , सातो में पेहान16 । -हाँथ नावे17 चलली सिउजी , एको में न धान ॥ 6 ॥ -छनियाँ18 एक देखली सिउजी , ओहो तितलउका19 । -चेरिया एक देखलीं सिउजी , सबुजी20 सेयान । -बावाँ21 गोड़22 लँगड़ी , दहिना आँख कान23 ॥ 7 ॥ -बएला24 एक देखली सिउजी , गोला25 रे बरधवा26 । -कउआ27 मारे ठोकर सिउजी , दँतवा निपोरे28 ॥ 8 ॥",magahi-mag -"घुघुती ना बासा -घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा -घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा । -तेर घुरु घुरू सुनी मै लागू उदासा -स्वामी मेरो परदेसा , बर्फीलो लदाखा , घुघुती ना बासा -घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा । -रीतू आगी घनी घनी , गर्मी चैते की -याद मुकू भोत ऐगे अपुना पति की , घुघुती ना बासा -घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा । -तेर जैस मै ले हुनो , उड़ी बेर ज्यूनो -स्वामी की मुखडी के मैं जी भरी देखुनो , घुघुती ना बासा -घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा । -उड‌ी जा ओ घुघुती , नेह जा लदाखा -हल मेर बते दिये , मेरा स्वामी पासा , घुघुती ना बासा -घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा ।",kumaoni-kfy -"रे गगन गरजै झिमालै बिजली -रे गगन गरजै झिमालै बिजली -पड़ै बुन्दिया भरैं क्यारी -समै बिरखा लगै प्यारी -कहां गए सेज के रसिया -लगा गये एक के तकिया -कहां गए बाग के माली -लगा गए एक सी डाली -रे गगन गरजै झिमालै बिजली -पड़ै बुंदियां भरै क्यारी -समै बिरखा लगै प्यारी",haryanvi-bgc -"खूब बनी तेरी अँखिया, हाँ रे बने आज की रतिया -खूब बनी तेरी अँखिया , हाँ रे बने आज की रतिया । -खूब बना तेरा सेहरा1 हाँ रे बने आज की रतिया । -लरिया2 लगाएँ सब सखियाँ , हाँ रे बने आज की रतिया ॥ 1 ॥ -खूब बनी तेरी अँखिया , लाल बने आज की रतिया । -खूब सजा तेरा जोड़ा3 हाँ रे बने आज की रतिया । -सनदल4 ��गाएँ सब सखियाँ , हाँ रे बने आज की रतिया ॥ 2 ॥ -खूब बनी तेरी अँखियाँ , हाँ रे बने आज की रतिया । -खूब सजा तेरा बीड़ा5 हाँ रे बने आज की रतिया । -सुरखी6 लगाएँ सब सखियाँ , लाल बने आज की रतिया ॥ 3 ॥ -खूब बनी तेरी लाड़ो , हाँ रे बने आज की रतिया । -घूँघट लगाएँ सब सखियाँ , लाल बने आज की रतिया । -खूब बनी तेरी अँखियाँ , हाँ रे बने आज की रतिया ॥ 4 ॥",magahi-mag -"पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पाणी नै चाली जी -पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पाणी नै चाली जी -सास नणद मुख मोड्या जी -पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पानी नै चाली जी -सारै सहर नै सराई जी -के पीला तेरी माय रंगाया जी -के ननसालै तै आया जी -ना पीला मेरी माये पुचाया जी -ना मेरी ननसालै ते आया जी -म्हारी सासू का जाया जी -म्हारी नणदी का बीरा जी -ऊं नै म्हारी साध पिराई जी -पीला तै ओढ म्हारी जच्चा मुढ़लै पै बैठी जी -जच्चा आंखा ना खोलै जी -दिल्ली सहर तै साएबा बैद बुला द्यो जी -जच्चा की नाड़ी दिखा द्यो जी -जच्चा का राजन बिलक्या डोलै जी -ताप नहीं इसके सिरवा नहीं सै जी -छठै महीने इसनै आसा बन्धी सै जी -पड़दे के औले जच्चा बोले -क्यूं लुटाओ सारे घर नै जी -पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पानी नै चाली जी",haryanvi-bgc -"रुमाल -लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो -म्हारी लाल ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो -छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो -लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो -छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो -म्हारी लाल ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो -आप रे कारण म्हे तो बाग़ लगायो सा -घुमण रे मिस आजो नैना रा लोभी -हरियो रुमाल म्हारो लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो -छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो -आप रे कारण म्हे तो थाळ परोस्यो सा -आप रे कारण म्हे तो भोजन परोस्यो सा -जीमण रे मिस आजो नैना रा लोभी -हरियो रुमाल म्हारो लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो -लाल ननद भाई रा बीरा रे रुमाल म्हारो लेता जैजो -आप रे कारण म्हे तो होद भरायो सा -नहावण रे मिस आजो नैना रा लोभि -हरियो रुमाल म्हारो लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो -छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो -लेता जैजो जी दिल्डो देता जैजो -छोटी ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो -म्हारी लाल ननद बाई रा बीरा रे रूमाल म्हारो लेता जैजो",rajasthani-raj -"घूमर गीत -ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ -घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जा��्याँ -ओ म्हाने रमता ने काजळ टिकी लादयो ऐ माँ -घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ म्हाने रमता ने लाडूङो लादयो ऐ माँ -घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ म्हाने परदेशियाँ मत दीजो रे माँ -घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ म्हाने राठोडा रे घर भल दीजो ऐ माँ -घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्यां -ओ म्हाने राठोडा री बोली प्यारी लागे ऐ माँ -घूमर रमवा म्हें जास्याँ -ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्यां -ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ -घूमर रमवा म्हें जास्याँ . . .",rajasthani-raj -"हारे वाला ऊँची-नीची सरवर पाल -हारे वाला ऊँचीनीची सरवर पाल -जमई धावे धोपती जी म्हारा राज -हांरे वाला कोनस राम रा गज भीम -कोणजी घर पावणा जी म्हारा राज -हां वो दासी तातासा पाणी समोव -जमई न्हावे न्हावणा जी म्हारा राज -हां वो बाई ताता सा भोजन परोस -जमई जीने जीमणा जी म्हारा राज -हां वो दासी ठंडी सी झारी भरलाव -जमई पीवे पीवणी जी म्हारा राज -हां वो दासी पाना रा विड़ला लगाव -जमई बीड़ा चावसी जी म्हारा राज -हां वो दासी मेलां में दिवलो संजोव -चमई चौपड़ खेलरन्यां जी म्हारा राज -हां वो दासी तेलां री खबर मंगाव -न्योण हारिया ने कोण जीत्याजी म्हारा राज -हां वो वाई हरिया सातापाचां री -रामां री बाई जीत्याजी म्हारा राज -हां रे वाला आई जमायां ने रीस -वाई ने ताज्या ताजणा जी म्हारा राज -हां रे वाला आई जमाई जी ने रीस -भेलां से नीचे ऊतरियाजी म्हारा राज -हां रे वाला दईदई दादाजी री आन -वाई ने पाछा फेरिया जी म्हारा राज -हां रे वाला दईदई वीराजी री आन -वाई ने पाछा फेरियाजी म्हारा राज",malvi-mup -"लाडो ए बागां का जाना छोड़ दो -लाडो ए बागां जाना छोड़ दो आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां -हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां , ले रहे हैं ढाल तलवारियां -लाडो ए कुए जाना छोड़ दो , आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां -हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां , ले रहे हैं ढाल तलवारियां -लाडो ए गलियां जाना छोड़ दो , आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां -हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां , ले रहे हैं ढाल तलवारियां",haryanvi-bgc -"442 -असां किसे दे नाल नहीं कुझ मतलब सिरो पा लै के खुशी हो रहे -लोकां मेहने मार बेपती कीती मारे शरम दे अदरी रो रहे -गुसे नाल एह वाल पैकान1 वांगू साडे जिसम दे तीर खलो रहे -वारस शाह ना संग नूं रंग आवे लख सूहे जे विच डबो रहे",panjabi-pan -"आठ सयँ बाजन मोरा नइहर बाजे, आठ सयँ सासुर हे -आठ सयँ बाजन1 मोरा नइहर बाजे , आठ सयँ सासुर2 हे । -ललना , सोरह सयँ बजर दरबजवा , 3 अलबेला नहीं जागए हे ॥ 1 ॥ -कतेक नीन4 सोव हऽ तू साहेब , अउरू सिर साहेब हे । -चूरी फेंकि मारली , नेपुर5 फेंकि , अउरो कँगन फंेकि हे । -सोरहो आभरन फेंकि मारली , अलबेला नहीं जागल हे ॥ 2 ॥ -हम तो जनली6 रामजी बेटा देतन , बेटिया जलम लेलक हे । -ललना , सेहो सुनि सासु रिसियायल , 7 अउरो गोसियायल8 हे । -सासुजी , तरबो9 चटइया नहीं दीहलन , पलँग मोर छीनि लेलन हे ॥ 3 ॥ -हम तो जनली राम बेटा देतन , बेटिया जलम लेलक हे । -सेहो सुनि परमु रिसियायल , मुँहो नहीं बोलल हे ॥ 4 ॥ -ननदी मोरा गरियाबए , 10 गोतनी घुघुकावय11 हे । -एक डगरिनियाँ मोर माय , जे कोर12 पइसी बइठल हे ॥ 5 ॥ -हम त जनली रामजी बेटा देतन , बेटिया जलम लेलक हे । -सेहो सुनि ससुर जी रोसायल , 13 आउर14 गोसायल हे । -सोंठवा हरदिया न कीन15 लयलन , मुँहवा फुलायल हे ॥ 6 ॥",magahi-mag -"अंगिका फेकड़ा -बाबू हो भैया हो -सुग्गा फोकै छौं धान हो -केॅ मोॅन ? -बीस मोॅन । -बीसू राय के बेटवा -लाल पगड़िया मॅथवा -ढोल बाजे डिग्गिर बाजे -बाजे रे शहनैया -राजा बेटी धरहर नाँचै -रतन जमइया । -चल गे चिलरोॅ मोर खलिहान -खोयछा भरी देबौ रामसारी धान -वही धान के कुटिहें चूड़ा -नेतोॅ जमैहिएं कोॅरकुटुम -सब्भै तोरा दिएॅ आशीष -चिरयुग जिऐ नूनू , लाख बरिस । -हा हुस रे पर्वत सुगा -हमरोॅ खेत नै जैहियैं सुगा -मामू खेत जैहियैं सुगा -एक्के सीसोॅ लीहें सुगा -घोंघा में भात रान्हियें -सितुआ में माँड़ पसैहियें सुगा -आपनें खैइहैं दालभात -बेटाबेटी केॅ खिलैयैं माँड़भात -आपनें सुतिहें मचोल पर -बेटाबेटी केॅ सुतैहियैं डमखोल पर । -बिल्लो मौसी कहाँ जाय छैं ? -माछोॅ मारेॅ । -केना मारबे ? -छुपुर छैंया । -केना बनैवे ? -हसुआकचिया । -केना धाबे ? -कठौती पानी । -केना खैबे ? -कुटुरमुटुर । -केना सुतबे ? -नम्मा चौड़ा । -केना सतभेॅ ? -फोंफोंफों ।",angika-anp -"322 -कल जायके नाल चवाा चावड़1 सनूं भड भडार कढायो वे -अज आन वड़यों जिन वांग वेहड़े वैर फल दा आन जगायो वे -जदों आ वड़यो विच चूहड़यां दे किनां शामतां2 आन फहायो वे -वारस शाह रजा दे कम वेखो अज रब्ब ने ठीक कुटायो वे",panjabi-pan -"कहाँ का सवदागर लिए जा है जी अम्माँ -कहाँ का सवदागर1 लिए जा है2 जी अम्माँ । -पतली कमरिया छुरिया3 बाल है जी अम्माँ । -अम्माँ , कहाँ का सवदागर लिए जा रहा है जी अम्माँ ॥ 1 ॥ -दादी सब दादी बीबी , मुख देखें हैं जी ���म्माँ । -घूँघट खोले हैं जी अम्माँ । -पतली कमरिया छुरिया बाल है जी अम्माँ । -अम्माँ , कहाँ का सवदागर लिए जा रहा है जी अम्माँ । -कहाँ का बनजारा4 लिए जा हैं जी अम्माँ ॥ 2 ॥",magahi-mag -"23 -साडा हुसन पसंद न लयावना एं जा हीर सयालां दी वयाह लयावीं -वाह वंजली प्रेम दी घत जाली कोई नढी सयालां दी फाह लयावीं -तैनूं वल है रन्नां वलावने दा रानी कोकलां महल तों लाह लयावीं -वारस शाह जे कढनी मिले नाहीं रातीं कंध पछवाड़यों ढाह लयावीं",panjabi-pan -"धीर धीर साथ म्हारा गाव -धीर धीर साथ म्हारा गाव , -असी म्हारी हँसी न उड़ाओ जिजिबाई धीरधीर साथ म्हारा गाओ -पिऊ तो म्हारा परदेस जाइल छे , सासु बाई देगा मख गाळ -ओ जीजी बाई धीर धीर साथ म्हारा गाओ । -हउ छे खेडा की रीत काई जाणू , -नन्द बाई ख गावण की हौस , म्हारी जीजी बाई , -धीर धीर साथ म्हारा गाओ",nimadi-noe -"जच्चा हाय मैया हाय दैय्या करती फिरै -जच्चा हाय मैया हाय दैय्या करती फिरै हांडी सा पेट घुमाती फिरै । -दाई आवै होलड़ जनावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । -जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । -सासड़ आवै सथिया धरावै वाने बी नेग दिलावती फिरै । -जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । -जिठानी आवै पलंगा बिछावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । -जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । -दौरानी आवै दीवा बलावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । -जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । -नणदल आवै दूधी धुलावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । -जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै । -पड़ोसन आवै गीत गवावै वानै बी नेग दिलावती फिरै । -जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै ।",haryanvi-bgc -"जिस तन लग्या इशक कमाल -जिस तन लग्या इशक कमाल । नाचे बेसुर ते बेताल । -दरद मन्दाँ नूँ कोई ना छेड़े , -आपे आपणा दुःख सहेड़े , -जम्मणा जीऊणा मूल हुगेड़े1 , -आपणा बुज्झ आप ख्याल । -जिस तन लग्या इशक कमाल । -जिसने वैर इशक दा कीता , -धुर दरबारों फतबा2 लीता , -जदों हजूरों प्याला पीता , -कुझ ना रेहा जवाब सवाल । -जिस तन लग्या इशक कमाल । -जिस दे अन्दर वसेया यार , -उेआ यारो यार पुकार , -ना ओह चाहे राग ना तार , -ऐवें बैठा खेले हाल । -जिस तन लग्या इशक कमाल । -बुल्ला सहु नगर सच्च पाया , -झूठा रौला सभ मुकाया , -सच्चिआँ कारन सच्च सुणाया , -पाया उस दा पाक जमाल । -जिस तन लग्या इशक कमाल ।",panjabi-pan -"243 -एह जग मुकाम फनाह1 दा ए सभा रेत दी कंध एह जीवना ई -छां बदलां दी उमर बंदयां दी अजराईल2 ने पाड़ना सीवन��� ई -एह जहान हैगा एथे सेहर मेला किसे नित ना हुकम ते थीवना ई -वारस शाह मियां अंत खाक होना लख आबेहयात3 जे पीवना ई",panjabi-pan -"249 -तुसीं जोग दा पंथ बताओ मैंनूं शौक जागया हरफ1 नगीनयां दे -एस जोग दे पंथ विच आ वड़या छपन ऐब सवाब कमीनयां दे -हिरस अग ते सबर दा पवे पानी जोग ठंड घते विच सीनयां दे -इक फकर ई रब्ब दे रहन साबत होर थिड़कदे अहल2 खजीनयां दे -तेरे दर ते आन मुथाज होए असीं नौकर हां बाझ महीनयां दे -वारस हो फकीर मैं नगर मंगां छडां वायदे एहनां रोजीनयां3 दे",panjabi-pan -"ब्रह्मकौंल -प्रभो , जौं1 से गंगा पैदा होई , -सोई चरण सुमिरण करदौं । -जु चरण रैन नन्द का आंगण , -जु चरण रैन जसोदा की गोदी , -सोई चरण सुमिरण करदौं । -प्रभो , एक दां कृष्ण भगवान -द्वारिका मा बैठीक खेलणा छा पासो2 । -छुयौं3 पर छुई ऐन4 , नारद जी न बोले ; -हिमाचल कांठा5 मा जौलाताल -राजकुमारी रंदी तख एक मोतीमाला -सोना का पासा छन वीं मू , -चाँदी की छन चौकी । -रूप की आछरी6 छ वा दिवा7 जसी8 जोत , -रघुकुँठी घोड़ी साजी वैन9 , -लाडलो बरमी पौंछे10 कृष्ण पास । -बोल बोल दिदा11 , क्या काम होलू मैकू ? -तब बोलदा कृष्ण भगवान मन की बात -त्वै12 जाणू होलू13 बरमी हिंवचल काँठा , -सोना का पासा लौणन , चांदी कीचौकी -जौलाताल रैंदा14 बल मोतीमाला , -जीतीक लौण भुला15 मोतीमाला मैकू तई । -तब चलीगे बरमी हिंवचल काँठा , -सत होलू सत विमला रौतेली , -सत पीनी होली मैन सहस्त्रधारी ददी , -मेरी रगुकुँठी घोड़ी गगन चढ़यान । -तब गगन मा चढ़ीगे , अगास उड़ीगे , -रघुकुँठी घोड़ी वा वैकी । -पौछीगे बरमी हिंवचल कांठा -जौलाताल मू वो नहेण लैगे । -तब जाँदीन चेली16 पाणी भरण , -तब आई गए सौंली शारदा -रूप की प्यासी छै वा मोतीमाला की दासी -सौंली शारदा तब दृष्टि घुमौंदी , -देखीले तन लाडलो बरमी -साँवली सूरत वैकी , मोहनी मूरत । -रौड़दीदौडदी गै17 बल सौंली शारदा , -मोतीमाला का त पास -अंगूठी गैणुवा18 जीं का , बाल काली बादुली19 । -चीणा20 जसी चम21 फ्यूँली22 जसो फूल -नौण23 सी लुटकी24 हिंसर25 सी गुन्दकी , -मोतीमाला होली बांदू26 मां की बांद , -चांदू मा की चांद होली , कृष्ण त्वई लैख27 । -रूप का रसिया छया कृष्ण , फूलू का हौंसिया28 । -सीलो ज्यू29 भगवान को रसपैस30 गए , -पूछे ऊन एक एक करी सब ज्वान31 , -पर वख जाणक कैन हुँगारो32 नी भरे । -तब रगड़े कृष्णन बदन अपणो , -पैदा होई गए कनी भौंरों की टोली । -भेजीन तब भौंरा हिवंचल काँठा , -ब्रह्मकोट रंदो छयो लाडलो ब्रह्मकौंल । -बथौं सी उड़ीन भौंरा , अगास चढ़ीन , -घूमदा घूमदा गैन ब्रह्मकौंल का भौन । -बठीन वो देणी भुजा मा बरमी की , -जाणीयाले तब वैन बड़ा भाई को रैबार33 आयो । -तब तैयार होन्दू द्वारिका जाणक , -हे मेरी जिया34 विमला सहस्त्रधारी , -मैंन जाण द्वारिका , मैं कू आयूं हुकम छ -नि जाणू बेटा , दखिण द्वारिका , -वीं रतन द्वारिका रंदो कालो नाग । -लाडला बरमीन बल एक नी माणी , -मरण वचण जिया , मैन द्वारिका जाण । -सुण सुण मोती , पीफल चौरी35 देख , -सौंली36 सूरत कू कुई चौरी मू बैठ्यूँ छ । -रतन्याली37 आँखी छन वेकी , पतन्याली फिली38 । -मोतीमाला तब देखी बरमी को रूप : -जा दू जा दू शारदा वै लाऊ बुलाई । -शारदा तब ऐगी बरमी का पास , -छेद39 छेदी पूछदी तब वैसे बात । -मैं विमला को जायों40 छऊँ , जाति को जादव , -मिलण आयूँ मैं भाभी मोतीमाला । -मोतीमाला कन्या छ कुँवारी , -तीन सौ साठ राजा ऐन आज तैं , -कुछ हारी गैन , कुछ मान्या गैन । -बोल बोल बरमी , तेरी वा भाभी होई कनाई41 ? -सौंली शारदा मुलकुल42 हैंसण लैगे : -केकू43 आई होलू छोरा , वैरी का वदाण44 , -वैरी का वदाण आई , काल का डिल्याण । -फ्यूँली को फूल देखी वीं दया ऐगे । -तब बोलदी शारदाः जिया को लाडलो होलू तू , -अगास को गैणो होलू तू , कै दिल को फूल । -राणी मोतीमाला छ पांसा की शौकी , -तिन45 हारीक बरमी मान्या जाण -पर जु बचणू चाँदू46 त मेरी बात सुण्याला , -जै47 चौकी मा बिठाली , वीं मा न तू बैठी । -तब सौली शारदा ली गए वे मौती का भौन । -सेवा मानी सेवा , भाभी मेरी मोतीमाला । -मोतीमाला न उठीक बैठाये बरमी , -बैठीक जिमाये खटरस भोजन । -खिलैक पिलैक तब वा बोलण लैग -सुण्याल बरमी जरा पांसुड़ी48 खेल्याल । -गाडीन वींन चाँदी का चौपड़ , सोना की पाँसुड़ी -अपणी चौकी गाडे49 वींन50 , बैठी गए , -बैठैयाले बरमी हैका51 चौकी पर । -तब लाडलो बरमी पाँसा दऊ52 देन्द -पैला दऊ हारिगे बरमी , रघुकुँठी घोड़ी , -तब हारीन बरमीन कानू का कुण्डल , -तब हारीन बरमीन हाथू का मणिबंध । -हाथू का मणिबंध , गात का बस्तर । -तब छूटिगे बरमी , खाली मासपिंड । -माता की बोलीं तब याद औंदी । -कैं घड़ी माँ पैटी53 हालू मैं ये हिंवंचल काँठा , -प्रभु ई विपत से मैं आज कू बचालू ? -याद आये तबारी शारदा बोलीं , -बोले बरमीनः भाभी मैं तीस लैगे । -जादू मेरी सौंली पाणी लौमोतीन बोले -तब मुँडली54 ढगड्योंद55 लाडलो बरमी , -तू पिलौ भाभी अपणा हाथ पाणी , -चेली56 को लायू57 पाणी मैं नी पेन्दो । -तब जाँदी मोतीमाला पाणी पन्यारी58 , -लाडला बरमी क पाणी लौंदी59 बाँज60 को जड्यों61 कू । -बरमीन हार चौकी छोड़े , मोती की चौकी बैठे । -मोतीमाला लौटीक देखदी -मेरी चौकी छोड़ बरमी , पाणी पे तू -जगा उठा की होण या बैठा की ? -मैन तब पेण पाणी , जब पांसू खेल्यान । -बबराँदी62 छ ककलाँदी63 मोतीमाला , -मड़ो64 मन्यान65 तेरो जैन धोका करे । -खेलण बेठीन दुई फेर पाँसुड़ी -बरमीन पैला दाऊ जीतले रघुकुण्ठी घोड़ी , -कानू का कुण्डल जीतेन , तब हाथू का मणिबंध । -विजोरिया हँसुली जीती , झंझरियाली बेसर , -सोवन पाँसुड़ी जीतीले , चाँदी की चौकी ।",garhwali-gbm -"अजी सुन्दर गल में माल मात -अजी सुन्दर गल में माल मात , तेरी सुन्दर सिंह सवारी है । -सुन्दर लौकड़िया खड़ा तेरे , सुन्दर भैरों बलकारी है । । -सुन्दर चौरासी भवन तेरे , सुन्दर जगजोत तिहारी है । -सुन्दर तेरे चरण निरख माता , दुरवासा रिसी बलिहारी है । ।",haryanvi-bgc -"हाँजी म्हारे आँगन कुओ -हाँजी म्हारे आँगन कुओ खिनयदो हिवड़ा इतरो पानी -हाँजी जुड़ो खोलर न्हावा बेठी ईश्वरजी री रानी -हाँजी झाल झलके झुमना रल के बोले इमरत बानी -हाँजी इमरत का दो प्याला भरिया कंकुरी पिगानी",rajasthani-raj -"काली हो गोलन बेटी काली हो गोलेन -काली हो गोलन बेटी काली हो गोलेन -काली हो गोलन बेटी काली हो गोलेन -काली हो गोलन बेटी जूरेना -काली हो गोलन बेटी जूरेना -तेरा मायू से गोदी वो बेटी रावसी बोली -तेरा मायू से गोदी वो बेटी रावसी बोली -सुसरा से गोदी वो बेटी काली हो गोलेन -सुसरा से गोदी वो बेटी काली हो गोलेन -काली हो गोलन बेटी जूरेना -काली हो गोलन बेटी जूरेना -तेरा भाई से गोदी बेटी रावसी बोली -तेरा भाई से गोदी बेटी रावसी बोली -सुसरा से गोदी वो बेटी जूरेना -सुसरा से गोदी वो बेटी जूरेना -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"बुन्देली भूम -धन्न है जा बुन्देली भूम , इतै की माटी खौं लएँ चूम , -इतै के कनकन में भगवान , इतै के फूले फिरैं किसान । -हरीरे खेतन में , खुसी भई चेतन में । -ई धरनी पै आकैं मिटबै , सबइ काउ की पीरा , -भारत भर में जाहर भइया , ई धरनी के हीरा । -जगत में जाहर बीर अनेक , अमर भई बुन्देलन की टेक , -दया नित करबैं जुगल किसोर , चलै नई कभऊँ काउ कौ जोर । -सुहानी धरनी है , नाजधन भरनी है । -पन्ना उर खजुराहो के जे मन्दिर बने सुहाने । -सिल्पकला देबी के दरसन , मिलैं कितऊँ नइँ , छाने ; -धन्न हैं चित्रकार के हाँत , कि जिनके चित्र करत रएँ बात , -निरख कैं कलाधरम के क्षेत्र , सुफल हो जाबैं सबके नेत्र । -ओरछा विदिसा के , चलत जा रए साके । -लक्ष्मीबाई छत्रसाल की हो गई अमर कहानी । -अबैअबै नौ हरीभरी हैं , उनकीं जे रजधानी ; -परी जाँ ऊ घुरवन की टाप , सत्रु कौ कर दओ अड्डा साप , -देखकैं बीरन की तरवार , भगे सब हथियारन खौं डार । -जुद्ध के खेतन में , हुकारैं देतन में । -चम्बल केन धसान बेतवा , कइअक नदियाँ बै रईं । -अपनी ऊ कलकल की धुन में , जैजै , जैजै कै रई ; -नदी जे जामनेर सजनाम , कछारैं जिनकी हैं सुखधाम । -सबई के संगम तीरथ भूम , धरम की राही धरा पै धूम ; -नर्मदा मइया के , बिन्ध्य की गइया के । -बनदेवी कौ रूप सजाबैं , सेजौ सलई सगौंना । -जैसें कौंनउँ नइ दुलहिन कौ , हो कैं आ गओ गौंना ; -कितऊँ हैं हरे भरे मैदान , कितऊँ परबत हैं कऊँ सुनसान । -सुरीले पंछी , नौने रूख , मिटाबैं सब तनमन की भूख । -सुहानी छाया में , प्रकृति की माया में ।",bundeli-bns -"182 -राती विच रलाइके माहिये नूं कुड़ियां हीर दे पास लै आइयां नी -हीर आखया औंदे नूं बिसमिला1 अज दौलतां मैं घर आइयां नी -रांझे आखया हीर दा वयाह हुंदा असीं वेखणे आइयां माइयां नी -सूरज चढ़ेगा मगरबों2 जिवें कयामत तौबा तरक कर कुल बुराइयां नी -जिन्हां मही दा चाक सां सुणी नढी सोई खेड़यां दे हथ आइयां नी -ओसे वकत जवाब है मालकां नूं हिक धाड़विआं अगे लाइयां नी -एह सहेलियां साक ते सैन तेरे सभे मासीयां फुफीयां ताइयां नी -तुसां वहुटियां बण दी नीत बधी लीकां हद ते पज के लाइयां नी -आस असां दी केही है नढीए नी जिथे खेढ़यां जरां वखाइयां नी -वारस शाह अलाह नूं सौंपियों तूं सानूं छड के होर र लाइयां नी",panjabi-pan -"513 -जाय मंजयों उठ के किवे तिलके हीर पैर हलायक चुसत होवे -वांग रोगियों रात दिनरह ढठी किव हीर बीबी तंदरूसत होवे -एह वडा अजाब1 हैं मापयां नूं नुंह धी बूहे उते सुसत होवे -वारस शाह मियां क्यों ना हीर बोले सहती जेहियां दी जिन्हां नु पुशत2 होवे",panjabi-pan -"तेरे माथे मुकुट विराज रह्यौ -श्री गोवर्धन महाराज , महाराज -तेरे माथे मुकुट बिराज रह्यौ -तौपे पान चढ़े , तौपे फूल चढे़ , तो पै पान . . . -और चढ़े दूध की धार , हाँ धार । तेरे माथे . -तेरे गले में कण्ठा सोह रह्यौ , तेरे गले में . . . -तेरी झाँकी बनी विशाल , विशाल , -तेरे माथे मुकुट विराज रह्यौ । श्री . -तेरी झाँकी बनी विशाल , विशाल , -तेरे माथे मुकुट बिराज रह्यौ । श्री . -तेरी सात कोस की परिक्रमा , तेरी सात . . . -चकलेश्वर है विश्राम , विश्राम -तेरे माथे मुकुट बिराज रह्यौ ॥ श्री .",braj-bra -"आजादी की हुई लड़ाई -आजादी की हुई लड़ाई । -गांधी ने एक फौज बनाई । । -बरछी तीर तलवार न जिस पै । -सत अहिंसा का हथियार था जिस पै । । -लिए हाथ में तिरंगा झंडा । -फोड़ा अंगेजां का भंडा । ।",haryanvi-bgc -"सुन मेरी मैया, मैं पडूँ तेरे पैंया -सुन मेरी मैया , मैं पडूँ तेरे पैंया , -मेरो छोटौ सौ काम कराय दै , -राधा गोरी से ब्याह रचाय दै । -राधासी गोरी मेरे मन में बसी है , -ग्वाल उड़ावे नहीं मेरी हँसी है । -मौकूँ छोटीसी दुल्हनियाँ लाय दै , -अपने हाथों से दुल्हा बनाय दै ॥ सुन . -सेवावो मैया तेरी रोज करेगी , -जोड़ी तो मैया मेरी खूब जमेगी । -नन्द बाबा कूँ तू नेंक समझाय दै , -दाऊ भैया कूँ नेंक संग पठाय दै ॥ सुन . -गाँव बरसानी जाकौ सब जग जाने , -गाय न चराऊं तेरी तू न मेरी मानें । -अब सोमनाथ काऊँ कूँ पठाय दै , -रमेश भैया कूँ तू बुलवाय दै ॥ -मेरो छोटौ सौ काम कराय दै , -राधा गोरी से ब्याह रचाय दै ॥",braj-bra -"295 -गली जायके किवें लिआओ उसनूं रत्न पुछीए केहड़े थाउं दा नी -खेह लायके देस विच फिरे भौंदा अते भिच्छया मंगके खांवदा नी -वेखां केहड़े देस दा चैधरी ए अते जात दा कौन सदांवदा सी -वेखां खबरे रोहीओं माझयों बेट वलों रावी बयास दा अते झनांव दा नी -फिरे त्रिंजणां विच खुआर हुंदा विच वेहड़यां फेरियां पांवदा नी -वारस शाह मुड़ टोह एह कासदा नी कोई एसदा भेत ना पांवदा नी",panjabi-pan -"नृत्य गीत -आंबि सांबि खेलो वो लिलरियो । -गेंद्यो फूल खेलो वो लिलरियो । -आइणि रांड के धरो वो लिलरियो । -गेंद्यो फूल खेलो वो लिलरियो । -आइणि रांड के धरो पुण डरो निहिं । -एक दूसरी के गले और कमर में हाथ डालकर , हाथ पकड़कर नाचते हुए महिलाएँ यह गीत गाती हैं । आमनेसामने दो भागों में बँटकर यह गीत गाया जाता है आमनेसामने लिलरिया खेल रही हूँ । गेंदा का फूल खेल रही हूँ लिलरियो । समधन को पकडूँ , परन्तु डरूँ नहीं ।",bhili-bhb -"ऐसे वैसे देस में लोभाना मियाँ बँदरा -ऐसे वैसे देस में लोभाना1 मियाँ बँदरा2 । -दान माँगे दुलहा , दहेज माँगे दुलहा । -छोटकी साली दहेज माँगे दुलहा ॥ 1 ॥ -ऐसे वैसे देस में लोभाना मियाँ बँदरा । -दान माँगे दुलहा , दहेज माँगे दुलहा । -छोटका साला , दहेज माँगे दुलहा ॥ 2 ॥ -कुटनिया3 के देस में लोभाना मियाँ बँदरा । -छिनलिया4 के देस में लोभाना मियाँ बँदरा ॥ 3 ॥",magahi-mag -"88 -चूचक आखदा कूड़ियां करें गल्लां हीर खेडदी विच सहेलियां दे -पींधां पायके सइयां दे नाल झूटे त्रिंजण जोड़दी विच हवेलियां दे -एह चुगल जहान दा मगर लगा फकर जानदे हां नाल सेलियां दे -कदी नाल मदारियां भंग घोटे कद��� जा नचे नाल चेलियां दे -नहीं चूहड़े दा पुतर होवे सयद घोड़े होन नाहीं पुत लेलियां दे -वारस शह फकीर न होण हरगिज पुतर नाइयां मोचियां तेलियां दे",panjabi-pan -"चाकी बड़ी दुखदाई बलम मेरे झो के तवाई -चाकी बड़ी दुखदाई बलम मेरे झो के तवाई -निंदरिया की आमें जम्हाई मोहे बरो अलकस आवे -सासू मेरी किल्ल मचावे आधी रात ते मोहे जगावे -सगरी रात जगाई बलम मेरे झो के तवाई -पिया मेरे अंजन मंगवा दे जल्दी तूं चाकी लगवा दे -आजारोज पिसाई बलम मेरे झो के तवाई -चाकी में काम होय बन्दवा को के या काम होवे रंडवा को -मैं या ते बहुत दुख पाई बलम मेरे झो के तवाई",haryanvi-bgc -"चालो गजानंद (विवाह गीत) -चालो गजानंद जोसी क्याँ चालाँ -चालो गजानंद बजाजी क्याँ चालाँ -कई आछाआछा लगनाँ लिखावाँ गजानंद -कोटारी गाद्धी पे नोबत बाजे । -नोबत बाजे इंदर गड़ गाजे -नोबत बाजे इंदर गड़ गाजे -तो झीणीझीणी झालर बाजे गजानंद -कोटारी गादी पे नोबत बाजे । -चालो गाजानंद सोनी क्याँ चालाँ -चालो गजानंद माली क्याँ चालाँ -तो आछाआछा गेणा मोलवाँ गजानंद -तो आछाआछा सेवरा मोलावाँ गजानंद -कोटारी गादी पे नोबत बाजे । -इसी तरह शादी में दूल्हादुल्हन से जुड़ी चिज़ों के नाम लेतेलेते यह गीत लम्बा होता चला जाता है ।",malvi-mup -"ये बेटा जा ये बेटा पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे -ये बेटा जा ये बेटा पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे -ये बेटा जा ये बेटा पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे -ये मां डो ये मां डो पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे -ये मां डो ये मां डो पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे -स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq -"लोभ मोह उड़ै दोनूं ए कोन्यां धर्म तुलै सै हमेस -लोभ मोह उड़ै दोनूं ए कोन्यां धर्म तुलै सै हमेस -चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस -लोहा पीतल उड़ै दोनूं ए कोन्यां सोना तुलै सै हमेस -चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस -दूध दही का उड़ै घाटा ए कोन्यां माक्खन तुलै सै हमेस -चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस",haryanvi-bgc -"पाणी भर भर गइआँ सभ्भे -पाणी भर भर गइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार । इक्क भर आइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार । -इक्क भर आइआँ , इक्क भर चल्लिआँ । -इक्क खलिआँ बाँ पसार । -हार हमेलाँ1 पाइआँ गल विच्च , बाहीं छणके चूड़ा । -कन्नी बुक्क बुक्क मछरीआले2 , सभ आडंबर कूड़ा । -अग्गे सहु ने झात ना पाई , ऐवें गया शिंगार । -पाणी भर भर गइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार । -हत्थीं महिन्दी पैरीं महिन्दी , सिर ते धड़ी3 गुन्दाई । -तेल फुलेल पानाँ दा बीड़ा , दन्दी मिस्सी4 लाई । -कोई सु सद्द पईओ ने , डाढी विसरिआ घर बार । -पाणी भर भर गइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार । -बुल्ला सहु दे पंध पवें जे , तां राह पछाणें । -पऊँ सताराँ पासिओं मंगदा , दाअ प्या त्रैकाणे । -गूँगी डोरी कमली होई , जान दी बाज़ी हार । -पाणी भर भर गइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार ।",panjabi-pan -"कोण ज खेलै मां गींड खुली -कोण ज खेलै मां गींड खुली कोण जै मारैगा टोर -मैं बणजारी ओ राम की -यहां किसी का नाम लिया जा सकता है खेलै मां गींड खुली -किसी अन्य व्यक्ति का नाम लिया जा सकता है मारैगा टोर -मैं बणजारी ओ राम की",haryanvi-bgc -"अगर चन्दन का बण्या रे किवाड़ -अगर चन्दन का बण्या रे किवाड़ , -बावन चन्दन की कोठड़ी , -कोठड़ी मऽ बठ्या राणी रनुबाई नार हो , -बाळा कुंवर की मावली । -भोळा हो धणियेर , भोळा तुम्हारो राज , -तो नव दिन पियर हम जावां जी । -तुम देवी मूरख गंवार , -नव दिन पीयर मत जाओ । -तपऽ तपऽ चैत केरो घाम , -कड़ी को बाळो कुम्हलई जासे -तुम्हारा बाला खऽ राखो तुम्हारा पास , -नव दिन पियर हम जावां जी । ।",nimadi-noe -"577 -राहो राह सयालां दी जूह आए हीर आखया वेखके जूह मियां -जिथे खेडदी सी नाल खुशियां दे तकदीर सुटी विच खूह मियां -जदों जंझ आई घर खेड़यां दी चढ़ा तदों तूफान आया सिर नूंह मियां -डिठी थां जिथे कैदो फाटयां सी नाल सहेलियां बन्ह धरूह मियां",panjabi-pan -"कवने रइया हरदी बेसाहल हे -कवने रइया1 हरदी बेसाहल2 हे । -कवने देई3 पिसतन4 लगतउ5 गे6 बेटी उबटन7 ॥ 1 ॥ -दादा रइया हरदी बेसहलन , दादी देइ पिसलन , -लगतउ गे बेटी उबटन , लगतउ गे बेटी तेलफुलेल ॥ 2 ॥ -कवने रइया हरदी बेसाहल हे । -कवने देइ पिसतन , लगतउ गे बेटी उबटन ॥ 3 ॥ -बाबू रइया हरदी बेसहलन , मइया देइ पिसलन । -लगतउ गे बेटी उबटन , लगतउ गे बेटी तेल फुलेल ॥ 4 ॥",magahi-mag -"वृन्दावन से चलिये गवन्त्री -वृन्दावन से चलिये गवन्त्री , कजरी बन में आई , मेरे राम । -कजरी बन में सिंह धडू कै , गैया सिंह ने घेरी , मेरे राम । -सुन रे सिंहनी जाये , मुझे मत भछियो घर में बछडू रांभै , मेरे राम । -चांद सूरज मेरे साक्सी होइयो , बछडू चूंघातेई आऊं , मेरे राम । -गंगा जमुना मेरे साक्सी होइयो , बछडू चूंघातेई आंऊं , मेरे राम । -कजरी बन ते चली गवन्त्री , वृन्दावन में आई , मेरे राम । -ले रे बछडू दुधवा पी ले , बचनों की बांधी माय , मेरे राम । -बचनों का दूध अम्मा हरबी न पीऊं चलूंगा तुम्हारे साथ , मेरे राम । -आगे बछ��ू पीछे गवन्त्री , कजरी बन में आई , मेरे राम । -ले रे मामा मुझे भछण कर ले , पीछे गवन्त्री माय , मेरे राम । -काहे का मामा काहे का भानजा , काहे की गवन्त्री भैन , मेरे राम । -सत का माता , धरम का भानजा , नेम की गवन्त्री भैन , मेरे राम । -अपने भानजे को मैं लाख टके दूंगा , अतलस मसरू भैन , मेरे राम । -लेई लाय कै चली गवन्त्री , वृन्दाबन में आई , मेरे राम । -किसने रे बेटा सिख बुध दीनी , किने पड्ढाये चटसाल , मेरे राम । -सोने से भरे बेटा खुद मुढ़वा दूं , रूपे से दोनों सींग , मेरे राम । -अपने बेटा पे मैं सब कुछ वारूं , ऐसा मीठा बोल , मेरे राम ।",haryanvi-bgc -"माथे मटुक्डी महिनी गोरी -माथे मटुक्डी महिनी गोरी हूँ मय हारण हाली , रे गोकुल मां -ओ मोरा श्याम मुझने हरी व्हाला . . . . -सांकळी शेरी माँ म्हारा ससराजी मऴया , -मुने लाजू करी या ने घणी हाम रे . . गोकुल मां , -हो मोरा श्याम मुझने हरी व्हाला , -माथे मटुक्डी महिनी गोरी हूँ मय हारण हाली , रे गोकुल मां -ओ म्हारा श्याम मुझने हरी व्हाला . . . . -सांकळी शेरी माँ म्हारा जेठजी मऴया -मुने झिणु बोल्या ने घणी हाम रे . . . . गोकुल मां -हो मोरा श्याम मुझने हरी व्हाला -माथे मटुक्डी महिनी गोरी हूँ मय हारण हाली रे गोकुल मां -ओ म्हारा श्याम मुझने हरी व्हाला . . . . -सांकळी शेरी माँ म्हारा सासुजी मऴया , -मुने पाए लाग्या ने घणी हाम रे . . . गोकुल मां . . -हो मोरा श्याम मुझने हरी व्हाला , -माथे मटुक्डी महिनी गोरी हूँ मय हारण हाली , रे गोकुल मां -ओ म्हारा श्याम मुझने हरी व्हाला . . . . -सांकळी शेरी मां म्हारा परणयाजी मऴया , -मुने प्रीत करया नी घणी हाम रे . . . ऐ गोकुल मां . . -हो मोरा श्याम मुझने हरी व्हाला रे , -माथे मटुक्डी महिनी गोरी हूँ मय हारण हाली , रे गोकुल मां -ओ म्हारा श्याम मुझने हरी व्हाला . . . .",gujarati-guj -"177 -चूचक सयाल नेकौल विसार दिते जदों हीर नूं पाया माइयां नी -कुड़ियां झंग सयाल दीयां धुन्बला हो सभे पास रंझेटेदे आइयां नी -उथे वयाह दे सब समान होए गंढी फेरियां देस ते नाइयां नी -ओए मूरखा पुझ तू नढड़ी नू मेरे नाल तू केहीया चाइयां नी -हुन तेरी रझेटया गल कीकूं तूं हीं रात दिन महीं चराइयां नी",panjabi-pan -"आजे डो कोन्जई आजे डो कोन्जई राजो -आजे डो कोन्जई आजे डो कोन्जई राजो -गुद्दी सुबाई आमा कोरा काकेडा पढाई डो -कोन्जई रोचो न रोचो माराटेन बोचोवा डो -कोन्जई आम नी इयां नी कोन्जई कोन्जई -आमा गाव नी ऐल्ले नी वाने डो कोन्जई -स्रोत व्यक्ति माखन , ग्र���म आमाखाल",korku-kfq -"भरथरी लोक-गाथा - भाग 8 -जोग ल गुरु मय साधिहॅव -मया छोडिहॅव राम -अइसे ग बानी ल बोलत हे -जोग ल गुरु साधिहॅव -नई तो मया म जॉव -अइसे बानी राजा बोलत हे -गुरु बोलत हे राम -देखतो बानी ल न -चुटकी मारत हे ओ -मोर लानत हे न -गेरुआ कपड़ा -भरथरी ल ओ -दाई देवत हे न -बानी बोलत हे न -ए दे भिक्षा माँगे चले जाबे गा , चले जाबे गा , भाई ये दे जी । -रंगमहल म भीख ल -माँगी लाबे लला -चेकर पाछू धुनि देहँव -धुनि देहँव तोला -तिलक करिहॅव बेटा -नाम ले लेबे न गोरखनाथ के ओ -ये दे अइसे बानी राजा बोलय ओ , गुरु बोलय ओ , भाई ये दे जी । -गरके माला ल देवत हे -भरथरी ये ओ -देखतो दीदी मोर चेला ल -मोर सर के सरताज -गुरु देवय दीदी -राजा भरय आवाज -मोर राजे अऊ पाठे ल छोड़य ओ , ये दे छोड़य ओ , भाई ये दे जी । -का तो गेरुआ रंग के -कपड़ा ल पहिर के राम -भिक्षा माँगे चले जावत हे -रानी कमंडल ओ -चिमटा ल धरे -भरथरी ये न -मोर मगन होके राम -गुरु गोरख के -नाम गावत दाई -रेंगना रेंगय ना -चले जावय हीरा -मोर आनन्द मंगल गावय ओ , बाई गावय ओ , भाई ये दे जी । -ये रामा , ये रामा , ये रामा , ये रामा , ये रामा ओ -भरथरी हर ओ आनंद मंगल गाई के -कइसे जावत हे -गेरुआ कपड़ा , हाथ म चिमटा धरे हे -नाचतनाचत दीदी -रंगमहल बर आवत हे रामा ये दे जी -गांव के पनिहारिन -जेला देखत हें -गांव के जमों पनिहारिन -पानी भरे ल ओ -देखतो गये हावय कुआँ म -भरथरी ल ओ -देखत हें पनिहारिन -मुंड के गघरा मुंह म बैरी रे रहिगे -मुड़ियाये हें ओ -माड़ी के हँवला माड़ी म रहिगे -बाल्टी डारे हें ओ -रस्सी तिरैया ह तिरत हे -मोहनी अब राम देखती ये दे का मोहाये , राम ये दे जी । -जऊने समय के बेरा म -भरथरी हर ओ -भिक्षा माँगे महल मँ जावय -डंका पारत हे नाम गुरु गोरखनाथ के -बानी सुनत हे ओ -रंगमहल के रानी -चेरिया ल बलाय -सुनले भगवान मोर बात ल -भीख मांगे ल ओ -देखतो आय कोन अँगना मँ -भीख ले जा चम्पा -हीरा मोती अऊ जवाहर -मोर भेजत हे ओ -धरके चम्पा चले का आवय , रामा ये दे जी । -थारी म मोहर धरिके -चले आवत हे राम -जेला देखत हावय भरथरी -भिक्षा ले ले जोगी -अइसे बानी चम्पा का बोलय -सुनले चम्पा मोर बात -तोर हाथे भीख ओ मय तो नई लेवॅव -भिक्षा देवा दे तय रानी सो -अइसे बोलत हे बात -अतका सुनत हावय चम्पा हर -मन म सोचत हे बात -का कहँव राजा जस लागत हे , भाई ये दे जी । -मोरे राजा कस लागत हे -भरथरी कस ओ -मुहरन दीदी ओ का करय -मन म करत हे ओ -ये दे न विचार ल करिके -भरथरी ये ओ -कइसे बइरी मुसकी धरय -मुसकावत हे राम -हीरा कस दांत झलक जावय -चम्पा देखत हे ओ -मोहर ल धरके दौरत जावय -रानी मेर आके राम -सुन तो रानी -कहिके का बोलय -जोगी बनि के घर में आय हवय , भरथरी ये ओ , भाई ये दे जी । -जोगी के रुप म आय हे -सुनिले रानी मोर बात -नोहय जोगी ओ तो राजा ये -भरथरी कस ओ -अइसे दिखत हावय -सुन रानी -बानी सुन के राम -का तो बोलत हावय रानी हर -सुनिले चम्पा मोर बात -झन कहिबे झूठ लबारी ल -कुआं देहव खनाय -जेमा गड़ा देहँव न चम्पा -सामदेई ओ अइसे बानी ल हीरा का बोलय , रामा ये दे जी । -ये रामा , ये रामा , ये रामा ये , रामा ये रामा हो -बोली सुनिके -देख तो दीदी -सामदेहई ह ओ -थारी म मोहर धरे हे -चले आवय दीदी -सुन्दर बानी ल बोलत हे -सुनले जोगी मोर बात भीख माँगे तु आये , ले आय हो , रामा ये दे जी । -अतका बानी ल राजा सुनत हे -भरथरी न ओ -दे दे कइना मोला भीखे ल -माँगत हावॅव दाई -देख दाँत ओ -झलक जावय -मोहनी सही ओ -दिखत हावे भरथरी ह -सामदेई ये ओ -चिन डारय दाई -मुँह ल देखत हे राम , सुनले राजा मोर बात ल , रामा ये दे जी । -आनंद बधाई मना लेवा -सुनले राजा मोर बात -रंगमहल ल झन छोड़व -नव खण्ड ए ओ -नौ लाख नौ कोरी देवता हे -भरे दरबार ये -जिहां ल छोड़े राजा -जोगी बनेव -का तो करँव उपाय -जोगी के भेख राजा का धरेव -झनि धरव राजा -रंगमहल मँ आनन्द करव -अइसे बानी बोलत हे ओ देखतो कइना दाई सामदेई , रामा ये दे जी । -ना तो हरके बइरी मानत हे -भरथरी ये राम -बरजे बात ल दाई नई मानत -सुनले रानी मोर बात -भिक्षा माँगे ल चले आये हँव -भीख ल दे देवा वो -अइसे बानी ल रानी बोलत हे -सुनले राजा मोर बात -भीख तो मे बइरी नई देवॅव -घर के नारी अब तो -सुनले राजा मोर बात ल -बानी सुनत हे ओ -देखतो दीदी भरथरी ह -नई तो मानॅव कइना -कइसे बनी ल राजा का बोलय , रामा ये दे जी । -नई तो मानत हावय -हरके अऊ बरजे बात ल -कइना नई तो मानय -भीख नई देवय राम -लौट जोगी चले जावत हे -गोरखपुर म ओ -गोरखनाथ गुरु ल का बोलय -सुनले गुरु मोर बात -बाते ल मोर थोरकुन सुन लेवा -भिक्षा माँगेव गुरु -भिक्षा बइरी नई तो देइस हे -घर के नारी ये गा -का धन करँव उपाय ल -अइसे बोलत हे राम -बोली सुनत हावय गुरु ये -बानी का बोलय ओ -का कर डारव उपाय ल -चुटकी मारत हे राम देख तो गुरु गोरखनाथ , रामा ये दे जी । -चुटकी बइरी ल मार के -जेला सुनथे दाई ओ -का करिके उपाय ल ओ -मॅय ह कहॅव बेटा -ना ता तोला मॅय रांखव -भिक्षा ले आवा रे -तेखर पाछू चेला मानॅव -अइसे बोलत हे ना -गुरु गोरखनाथ हर -बेटा कहिके तोला जऊन देखय -मया देहय रे -भीख ले आबे न सुनले राजा भरथरी , भाई ये दे जी । -कलपीकलप राजा रोवत हे -भरथरी ये ओ -नई तो बइरी चोला के ये उबारे ये राम -अइसे बानी ल राजा बोलत हे -मय तो रुखे ल ओ -ये दे लगाय बबूर के -आमा कहां ले होय -का धन करव उपाय ल , बइरी ये दे जी । -सुनले गुरु मोर बात ल -प्रान देहॅव मॅय -नई तो राखव मोला चेला जी -क्षतरी के बानी जनम लिहेंव -जीव ल दे देंहव -राम अइसे बानीं बोलय भरथरी ह -बाई बोलय ओ , रामा ये दे जी । -चुटकी बजावत हे गुरु -बानी बोलत हे दाई ओ -सुनले राजा भरथरी ग -चिमटा देवत हॅव आव -पाचे पिताम्बर गोदरी -टोपी रतन जटाय -जेला लगालय भरथरी -चले जाहव बेटा -राज उज्जैन शहर म -भिक्षा ले आहा ग -मांग लेबे भिक्षा सामदेई सो -बेटा कहिके तोला -जऊने समय भीख देहय न -चेला लेहँव बनाय -अइसे बोलत हावय गुरु -गोरखनाथ ये ओ , बानी ल सुनत हे राजा ह , भाई ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne -"लचके लवँगियाँ के डाँढि ,गोरिया पतरी -लचके लवँगियाँ के डाँढि , गोरिया पतरी । -जइसे लचके लवँगियाँ के डाँढि । । टेक । । -अमवाँ महुइया के घनी फुलवरिया , -अरे पाकल निबुआ अनार , आहो रामा । । टेक । । -केथिया नियन गोरी पातरि हईं , -आरे , केथिया नियन सुकुवार । । टेक । । -पनवा नियन गोरी पातरि हई , -फुलवा नियन सुकुवार । । टेक । । -कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho -"बाबा हो धन लोभित धनवे लोभाइ गेल -बाबा हो धन लोभित1 धनवे2 लोभाइ3 गेल । -सातो नदिया पार कयलऽ4 । -केहि5 अइहें6 केहिं जइहें , सनेस7 पहुँचइहें । -कउन भइया बाट बहुरयतन , अम्मा से भेंट होयतन8 हे ॥ 1 ॥ -नउआ9 अयतन , बरिया10 जयतन , सनेस पहुँचयतन हे । -कवन भइया बाट बहुरयतन , अम्मा से मिलन होयतन हे ॥ 2 ॥",magahi-mag -"293 -मुठी मुठी ए गल ना करो अड़ीयो मैं तां सुनदयां ही मर गई जे नी -तुसां इक जदाकनी गल टोरी खली1 तली ही मैं रूढ़ गई जे नी -गये टुट सतरान2 ते अकल डुबी मेरे धूह कलेजड़े पई जे नी -कीकूं कन्न पड़ाय के जींवदा ए गलां सुनदयां ई जिंद गई जे नी -उहदा दुखड़ा रोवना जदों सुनयां मुठी मीट3 के मैं बह गई जे नी -मसू भिन्नड़ा4 जो लैंदियां ने जिंद सुनदयां ई निकल गई जे नी -किवें वेखीए ओस मसतानड़े नूं जैदा धुम त्रिंजणा पई जे नी -वेखां केहड़े देश दा एह जोगी उस तों कौन पयारी रूस गई जे नी -अक पोसत धतूरा ते भंग पी के मौत ओस ने क्यों मुल लई जे नी -जिसदा मां न बाप न भैण भाई कोई कौन करेगा ओसदी सही जे नी",panjabi-pan -"कोरो घड़ियों बीरा पीली हल्दी -कोरो घड़ियों बीरा पीली हल्दी नौतण आई भातई -मेरे घर आ��ए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइये -क्योंकर आऊं मेरी मां की जाई ढैर खड़ी मेरी लावणी -ढैर जै बीरा मजूर खंदादे गाड़ी लगा दे ढोवणी -मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए -क्यूंकर आऊं मेरी जामण जाई मेरे घर बालक रोवणा -बालक रै बीरा धाय लगा दूं पलणा घालू बीरा झूलणा -आती जाती बीरा झोटा लगा दूं मेरे घर बिरद उपाइये -मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए -क्यूंकर आऊं मेरी मां की जाई मेरे घर नार सुलाखनी -अपणा बीरा नै चारए विहावाद्यूं दो गोरी दो सांवली -सांवली तो बीरा तपै रसोई गोरी ढोलै बीजणा , -मेरे घर आइए बीरा मेरा मां का जाया मेरे घर बिरद उपाइए",haryanvi-bgc -"497 -लुड़ गई जे मैं रतड़ पाट चली कुड़ियां पिंड दिया अज दीवानियां ने -चोचे1 लांदियां धीयां पराइयां नूं वेदरद ते अंत वेगानियां ने -मैं वेदोश अते वेखबर ताई रंग रंग दियां लांदियां कानियां2 ने -मसत फिरन उनमाद3 दे नाल भरियां चेडो चला चलन मसतानियां ने",panjabi-pan -"समधी भँडुआ के मुँहवा कैसन लगेला -समधी भँडुआ के मुँहवा कैसन1 लगेला2 -जैसन बानर के मुँहवा ओएसन3 लागेला । -जैसन लँगुर4 के मुहँवा ओएसन लागेला ॥ 1 ॥ -समधी भँडुआ के मोछवा5 कैसन लागेला , हे कैसन लागेला । -जैसन बोतुआ6 के पुछिया7 ओएसन लागेला ॥ 2 ॥ -समधी भँडुआ के दँतवा कैसन लागेला । -जैसन खुड़पी8 के नोखवा9 ओएसन लागेला ॥ 3 ॥ -समधी भँडुआ के दढ़िया10 कैसन लागेला । -जैसन फेदवा11 के झोंटवा12 ओएसन लागेला ॥ 4 ॥ -समधी भँडुआ के पेटवा कैसन लागेला । -जैसन भतवा13 के हँढ़िया , ओएसन लागेला ॥ 5 ॥ -समधी भँडुआ के टँगवा कैसन लागेला । -जैसन फौंड़ा14 के लकड़ी , ओएसन लागेला ॥ 6 ॥",magahi-mag -"विवाह गीत -अतरि जुवानिमा लेहर्यो फुंदो , धड़े मेलिन् नाचो वो । -नि माने ते मा माने लहर्यो फुंदो , मेलिन नाचों वो । -फुंदा वाली धन्लि मारि उभिकरो , फुंद्याली दवड़ाउंवो । -नि माने ते मा माने उभिकारो , फुंद्याली दवड़ाउंवो । -अतरि जुवान मा लेहर्यो फुंदो , धड़े मेलिन् नाचो वो । -दुल्हन के आँगन में महिलाएँ नाचते हुए गा रही हैं -इतनी जवानी मंे चोटी का लहर्या फंुदा एक तरफ करके नाच रही हूँ । न माने तो मत माने । मेरी कमर में फुंदे लगे हैं , उसे खड़ी करके और दौड़ाऊँ । मन न माने तो खड़ी करूँ और दौड़ाऊँ ।",bhili-bhb -"कान्हा के होली -रंग बगरे हे बिरिज धाम मा -कान्हा खेले रे होली -वृन्दावन ले आये हवे -गोली ग्वाल के टोली -कनिहा में खोचे बंसी -मोर मुकुट लगा���े -यही यशोदा मैया के -किशन कन्हैया आए -आघू आघू कान्हा रेंगे -पाछु ग्वाल गोपाल -हाथ में धरे पिचकारी -फेके रंग गुलाल -रंग बगरे हे . . . -दूध दही के मटकी मा -घोरे रहे भांग -बिरिया पान सजाये के -खोचे रहे लवांग -ढोल नंगाडा बाजे रे -फागुन के मस्ती -होगे रंगारंग सबो -गाँव गली बस्ती -रंग बगरे हे . . . -गोपी ग्वाल सब नाचे रे -गावन लगे फाग -जोरा जोरी मच जाहे -कहूँ डगर तैं भाग -ग्वाल बाल के धींगा मस्ती -होली के हुड्दंग -धानी चुनरी राधा के -होगे रे बदरंग -रंग बगरे हे . . . -करिया बिलवा कान्हा के -गाल रंगे हे लाल -गली गली माँ धुमय वो -मचाये हवे धमाल -रास्ता छेके कान्हा रे -रंग गुलाल लगाये -एती ओती भागे राधा -कैसन ले बचाए -रंग बगरे हे . . . -आबे आबे कान्हा तैं -मोर अंगना दुवारी -फागुन के महिना मा -होली खेले के दारी -छत्तीसगढ़िया मनखे हमन -यही हमार चिन्हारी -तोर संग होली खेले के -आज हमार हे बारी -रंग बगरे हे . . .",chhattisgarhi-hne -"चढ़ज्या रे बन्दड़े तावला -चढ़ज्या रे बन्दड़े तावला -तनै क्यूं झड लाए -पीले रे बना तेरे कपड़े -तेरे नैणां में स्याई -बाग पकड़ बना चढ़ ग्या -अपणी चितराई -आगै चितर बना लाडला -पाछे सब भाई",haryanvi-bgc -"मैं बैठ्या खेत के डोले पै -मैं बैठ्या खेत कै डोले पै -कित जासै सिखर दुपहरै नै ? -मेरी जान कालजा खटकै -मत जाइए जी , जी भटकै -लिए देख चार घड़ी डटके -खसबू आरई फूल झारे मैं । -भावार्थ -' मैं खेत की मेंड़ पर बैठा हूँ , इस प्रखर दोपहरी में तू कहाँ जा रही है । प्रिय , मेरा हृदय धड़क रहा है । तू -मत जा । मेरा मन भटकता है । चार क्षण के लिए यहाँ खड़ी हो जा । देख , फूल झर रहे हैं और उनकी सुगन्ध -फैल रही है ।",haryanvi-bgc -"जमुना किनारे मोरा गाव -जमुना किनारे मोरा गांव , -संवरिया आ जाना । -जो कृष्ण मोरा गांव न जानो । -बरसाना मोरा गांव , -संवरिया आ जाना । जमुना . . . -जो कान्हा मोरा नाम न जानो , -राधा नवेली मोरा नाम । -संवरिया आ जाना । जमुना . . . -जो कान्हा मोरा धाम न जानो -ऊंची हवेली मेरा धाम । -संवरिया आ जाना । जमुना . . .",bundeli-bns -"जे देवी दयाल भई मोरे अगना -जे देवी दयाल , भई मोरे अंगना -देवी के हाथन दूध औ जलेबी -जो जूठन डाल चली मोरे अंगना । जे देवी . . . -देवी के हाथन फूलों की माला -जे माला डाल चली मोरे अंगना । जे देवी . . . -मैया के हाथन मोहरे अशर्फी -जे मोहरें डाल चली मोरे अंगना । जे देवी . . . -मैया के हाथन उड़िया झडूले -जे पलना डाल चली मोरे अंगना । जे देवी . . .",bundeli-bns -"तेरा दादा रै बरजै बन्दड़े ��ांझै चढ़िये -तेरा दादा रै बरजै बन्दड़े सांझै चढ़िये -धूप पडै धरती तपै -उस बन्दड़ी के चा मैं मिरगां नैणी के चा मैं -धूप गिणै ना सर्दी गिणै -तेरा ताऊ रै बरजै बन्दड़े सांझै चढिये -धूप पड़ै धरती तपै -उस बन्दड़ी के चा मैं मिरगां नैणी के चा मैं -धूप गिणै ना सर्दी गिणै -तेरा बाब्बू रै बरजै बन्दड़े सांझै चढिये -धूप गिणै ना सर्दी गिणै -तेरा काका रै बरजै बन्दड़ै सांझै चढिये -धूप पड़ै धरती तपै -उस बन्दड़ी के चा मैं मिरगां नैणी के चा मैं -धूप गिणै ना सर्दी गिणै",haryanvi-bgc -"चिडिया चटाचट बोले -चिडिया चटाचट बोले , पटापट बोले , -बधायो मेरे अँगना में डोले ॥ 2 -पहलो बधायो ससुर घर आयो , -सासु न मुख से बोले , बधायो मेरे अँगना में डोले ॥ चिडिया . . . -दूजो बधायो जेठ . . .",braj-bra -"अपणे तन दी खबर ना कोई -अपणे तन दी खबर ना कोई , -साजन दी खबर लिआवे कौण ? -इक जम्मदे इक मर मर जांदे , -एहो आवा गौण । -ना हमखाकी ना हम आतिश , -ना पाणी ना पौण । -कुप्पी दे विच्चरोड़ खड़कदा , -मूरख आखे बोले कौण । -बुल्ला साँई घट घट रविया , -ज्यों आटे विच्च लौण1 । -साजन दी खबर लिआवे कौण ?",panjabi-pan -"हरणे नै भारत का कलेस -हरणे नै भारत का कलेस । -गांधी नै योह् दिया उपदेस । । -हिन्दू मुसलम सिख ईसाई । -आपस में सब भाई भाई । । -सब के दिल में बात समाई । -फिर कौन्या कदी करी लड़ाई । ।",haryanvi-bgc -"227 -हथ बन्न के गल विच पा पला कहीं उसनूं दुआ सलाम मेरा -मैंनूं बैरियां ते बस पाईयो ने सांइयां चा विसारया नाम मरो -माझू वाह1 विच बोढ़िए मापयां ने उन्हां नाल नाहीं कोई काम मेरा -हथ जोड़ के रांझे दे पैर पकड़ी इक एतना कहि पैगाम मेरा -वारस नाल बे वारसां रहम कीजे मेहरबान होके आयो शाम मेरा",panjabi-pan -"गंगा माई, गाडू रिंग्या ओद -गंगा माई , गाडू1 रिंग्या2 ओद , -गंगा माई , इनी मातमी माई , -त्वैन उत्पइ लिने , हिमालै का गोद । -गंगा जी , रीटी जाली काई , -विष्णु चरण से छूटी , शिव जटा समाई । -गंगा माई , इनी मातमी माई , शिव जटा समाई -गंगा जी , रीटी जाली काई , -शिव जटान छूटे , मृत्यु मंडल आई -गंगा माई , इनी मातमी माई , मृत्यु मंडल आई -गंगा जी , तराजू का झोका , -तेरी जातरा3 औंदा , देसूदेसू का लोका । -गंगा जी , अखोडू की साई , -सोवन की जटा माता , मोती भरी ले बाँही -गंगा माई , इनी मातमी माई , मोत्यों भरी ले बांही । -आँगड़ा की तणी , गंगा जी , -आगआग चले माता , पीछपीछ हीरों की कणी । -गंगा जी , लमडाई लोड़ी , -आग आग चले माता , पीछपीछ गौ की जोड़ी । -गंगा माई , इनी मातमी माई , पीछ गौ की जोड़ -गंगा जी मँडवा की माणी , -चाँदी सी चलक माता , सुहागसी स्वाणी । -गंगा माई इनी मातमी माई , सुहाग सी स्वाणी -गंगा जी , कागजू की स्याई , -भगतू का खातर माता , मृत्यु मंडल आई । -गंगा जी , औंलू को अचार , -पंचनाम देव माता , करदा जैजैकार । -गंगा माई , इनी मातमी माई , करदा जैजैकार ।",garhwali-gbm -"मैया के भुवन मे हरे चदन बिरछा -मैया के भुवन में हरे चंदन बिरछा -लंगुरा डार कटाय हो मां -हँसहँस पूंछे देवी जालपा काहे की -खातिर कटाये हो मां । -मैया खों तो कइये मां चदन पलकियां -मड़खों बजर किवार हो मां । मैया . . . -उठा पलंगवा बीरा लंगुरवा -डारे बढ़ई की दुकान हो मां । मैया . . . -बढ़ई तो कइये चतुर सुजार -जो रुचिरुचि पलंग बनाये हो मां । मैया . . .",bundeli-bns -"193 -जिवें लोक निगाहे ते रतन थमन भड़थू मारदे रंग लांदियां ने -भड़थू मारके फुमनियां घतदियां ने इक आऊंदियां ने इक जांदियां ने -जेहड़ियां सिदकदे नाच नाल औंदियां ने कदम चुम मुराद सभ पांदियां ने -वारस शाह दा चूरमा कुट के ते देह फातया बंड वंडांदियां ने",panjabi-pan -"भाँवर गीत -वर पक्ष पाच फेरा फिरजि बेना , पारकि लाड़ी छे । -वधू पक्ष पाच फेरा फिरजि बेनी , पारको लाड़ो छे । -वधू पक्ष लाकड़ि काटि देजि बेनी , लाड़ो टेकेटेके चाले । -वर पक्ष लाकड़ि काटि देजि बेना , लाड़ी टेकेटेके चाले । -यह गीत भाँवर के समय वरवधू के लिये गाया जाता है । वास्तविक रूप से -चार फेरे में दूल्हा आगे रहता है और तीन फेरे मंे दुल्हन आगे रहती है । -गीत में कहा गया है बना पाँच फेरे फिरना लाड़ी पराई है । इसी प्रकार बनी को -कहा है पाँच फेरे फिरना दूल्हा पराया है । दूल्हेदुल्हन की हँसी करते हुए कहा -गया है बनी लकड़ी काटकर देना , बना उसे टेकते हुए चलेगा । फिर दूल्हे को -कहा है लकड़ी काटकर देना , दुल्हन उसे टेकते हुए चलेगी ।",bhili-bhb -"जोगी ढ़ुढ़ण हम गया -जोगी ढ़ुढ़ण हम गया , -कोई न देखयो रे भाई -१ एक गूरु दुजो बालको , -तीजो मस्त दिवानो -छोटा सा आसण बैठणा -जोगी आया हो नाही . . . . -. . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . -२ जोगि की झोली जड़ाव की , -हीरा माणीक भरीया -जो मांगे उसे दई देणा -जोगी जमीन आसमानाँ . . . . -. . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . -३ आठ कमल नौ बावड़ी , -जीन बाग लगाई -चम्पा चमेली दवणो मोंगरो -जीनकी परमळ वासँ . . . . -. . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . -४ पान छाई जोगी रावठी , -फुल सेज बिछाई -चार दिशा साधु रमी रया -अंग भभुत लगाईँ . . . . -. . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . .",nimadi-noe -"फाग गीत -नाचण तो नाचण चाली ढोल गेरो वाजे रे । -होळी आगे गेरिया झरावर नाचे रे , हालो देखाने । -हाँ रे हालो देखाने हवजी वालो जायो नाचे रे , हालो देखाने । -एक पत्नी कहती है कि नाचने वाली नाचने का चली , ढोल अच्छा बज रहा है , देखने को चलो । मेरा पति भी नाच रहा है ।",bhili-bhb -"चलो म्हारा राजीड़ा जी सहरां मैं चाली -चलो म्हारा राजीड़ा जी सहरां मैं चाली -जे कोई जो जे कोई बालक पकड़ै आंगली जी -बोली ए धन मूरख गंवार -बिन जायां कैसे पकड़ै आंगली जी -लीप्या पोत्या बांझडली कै सोभ -ना कोई जी ना कोई बाल खेलैं आंगणै जी",haryanvi-bgc -"गीले गीले जौ का पीसना री -गीले गीले जौ का पीसना री -नीका पीसूं उड़ उड़ जाय , मोटा पीसूं कोई न खाय -चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री -इतना आटा मैं पीसा री जितना नदियां रेत -चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री -इतनी रोटी मैं पोयी री जितने पीपल पात री -चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री -इतने चावल मैं कुट्टे री जितने समंदर मोतियां -चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री -रोटी रोटी बाट ली री रह गई रोटी एक री -छोटा देवर लाडला री वह भी ले गया खोस री -चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री -कड़छी कड़छी चावल बटा लिये री रह गई कड़छी एक री -छोटी नणदल लाडलो री वह भी ले गई खोस री -चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री",haryanvi-bgc -"लावा न छींटऽ ह कवन भइया -लावा1 न छींटऽ ह2 कवन भइया , बहिनी तोहार हे । -अँगूठा न धरऽ ह3 कवन दुलहा , सुगइ तोहार4 हे ॥ 1 ॥ -लावा न छींटऽ ह कवन भइया , बहिनी तोहार हे । -अँगूठा न धरऽ ह कवन दुलहा , सुगइ तोहार हे ॥ 2 ॥",magahi-mag -"बई जी पांच बधावा म्हारे आविया -बई जी पांच बधावा म्हारे आविया -बई जी पांचा री नवीनवी भांत -झेलो हो रायां री बाई ओ लम्बो -बईजी पेलो बधावो म्हारे आवियो -बईजी भेजो म्हारा ससराजी री पोल -झेलो हो रायां री बाई ओ लम्बो -बई जी ससराजी रंग से बधाविया -बईजी सासू ने लियो खोले झेल -झेलो हो . . . -बईजी थांका बीरा म्हारी सेरी नीकल्या -बईजी करी गया आड़ी टेड़ी बात -झेलो हो . . . -बईजी तांबापीतल होय तो बदलां -बईजी थांका बीरा बदल्या नी जाय -बईजी कागत होय तो बांचलां -झेलो हो . . . -बईजी दूसरो बधावो म्हारे आवियो -बईजी भेजो म्हारा जेठजी पोल -बईजी रंग से बधाविया जेठजी -बईजी जेठाणी ने लियो खोला झेल -बईजी तीसरो बधावो म्हारे आवियो -बईजी भेजो म्हारा दादाजी री पोल -बईजी दादाजी रंग से बधाविया -माता ने लियो खोल्यां झेल -झेलो हो . . . -बईजी चौथो बधावो म्हारे आवियो -बईजी भेजो म्हारा वीराजी री पोल -बईजी वीराजी रंग से बधाविया -बईजी भावज लागे म्हारा पांव -झेलो हो . . . -बईजी पांचवों बधावो म्हारे आवियो -बईजी भेजो म्हारा सायबजीरी पोल -बईजी सायब रंग से बधाविया -बईजी सायबन लियो खोल्यां झेल",malvi-mup -"वीरांगना अवंतीबाई -इनकी शौर्यगाथा पर बाबू वृन्दावनलाल वर्मा ने ‘रामगढ़ की रानी’ उपन्यास लिखा है तथा केंद्रीय सरकार ने इनकी स्मृति में विशेष डाक टिकट जारी किया है । -धन्न भूम भई मनकेड़ी की , जितै अवतरीं रानी , -जुगनजुगन नौ जाहर हो गई उनकी अमर कहानी ; -बड़े प्रेम सैं चबा चुकी तीं , देसप्रेम कौ बीरा , -जियतजियत नौ ई धरनी की , दूर करत रई पीरा । -नगर मण्डला के बीरन में ऐसे भाव भरे ते , -प्रान हाँत पै धर गोरन सैं , अपनें आप लरे ते , -थरथर प्रान कँपे गोरन के , ई रानी के मारैं , -डारडार हँतयार भगे ते , सुनसुन कै ललकारैं । -हलहल गऔ रानी के मारें , बाडिंगटन कौ आसन , -सोससोस रै गए ते दुसमन , अब का करबैं सासन । -ऐसौ परो खदेरौ उनपै , प्रान बचाकैं भागे , -कजन बचे रए रानी जू सैं , भाग सबई के जागे । -सुनसुन कै दुक गए ते दुसमन , ऊ घुरवा कौ टापैं , -लाललाल मों देख जुद्ध में , जिऊ अरियन के काँपैं । -एक हाँत पाछैं रइँ उनसै , झाँसीवारी रानी , -ई धरनी कौ कनकन कै रओ , उनकी सुजस कहानी । -राज रामगढ़ की रानी की , है काँ किलौ पुरानौ ? -अपुन इए अब आजादी की , निउँ कौ पथरा मानौ । -अमर बीरता के साके की , दै रओ किलौ गबाई , -जी के भीतर देसभक्ति की , जगमग जोत जगाई । -ऐसी अमर बीर रानी खौं , भूले काय कुजानें , -जस की डोर दौर कै भइया , अपनी तरपै तानें । -स्वार्थ भाव के इँदयारे में , नीतन्याय खौं भूले , -उल्टीसूदी बातें गड़कै , ऊसई फिर रए फले । -देसप्रेम की मीठौ अमरत , अपनें मन में घोलो , -बीर अवंतीबाई जू की , एक साथ जय बोलो । -महातीर्थ सी कर्म भूमि के , दरसन करबे जइयौ , -भक्तिभाव सैं चिर समाधि पै , श्रद्धासुमन चढ़इयौ ।",bundeli-bns -"भइया किरिया बेसरिया हम लेबो -भइया किरिया1 बेसरिया हम लेबो । -भइया किरिया बेसरिया हम ना देबो ॥ 1 ॥ -जब तुम ननदो , बधावा लेने अइहो । -भइया किरिया , हम भी किवाड़ हनी देबो2 ॥ 2 ॥ -जल तुम भाभी , किवाड़ हनी देबो3 -भइया किरिया , हम भी दीवार फाँदी ऐबो4 ॥ 3 ॥ -जब तुम ननदो , दीवार फाँदी अइहो । -भइया किरिया , हमहु नइहर चलि जैबो ॥ 4 ॥ -जब तुम भाभी , नैहर चलि जइहो । -भइया किरिया , हम भी हलकारा5 भेज देबो ॥ 5 ॥",magahi-mag -"सुण कमला गोरी भाण हे बेबे -सुण कमला गोरी भाण हे बेबे -बिगड़ी भारत ���ाल हे बेबे -सरम जगत में ना रही -दो दो छोटी घाल के ए बेबे -गल मैं डुपट्टा घाल के ए बेबे -चलैं गालां के मांह् ए बेबे -सरम जगत में ना रही -ढाई गज की सिलवार हे बेबे -गल पंतरी का सिगार हे बेबे -सरम जगत में ना रही -आंख्यां मैं स्याही घाल के हे बेबे -मात्थे पै बिन्दी लाय के हे बेबे -सरम जगत में ना रही -आंख्यां मैं स्याही घाल के हे बेबे -पड़ै बहुआं ते बाद हे बेबे -सरम जगत में ना रही -ताऊ अर चाचे देखते हे बेबे -देखैं भाई अर बाप हे बेबे -चालैं छाती काढ के हे बेबे -सरम जगत में ना रही -छोड़ो इस पहरान ने हे बेबे -ले ल्यो पुराणी चाल हे बेबे -दामन चूंदड़ी का पहरान हे बेबे -हो जा भारत में नाम हे बेबे -सरम जगत में ना रही",haryanvi-bgc -"आज अध-रतिहा मोर फूल बगिया मा -आज अधरतिहा मोर फूल बगिया मा -आज अधरतिहा हो -चन्दा के डोली मा तोला संग लेगिहव -बादर के सुग्घर चुनरिया मा रानी -आज अधरतिहा हो -आज अधरतिहा मोर फूल बगिया मा -आज अधरतिहा हो -चन्दा के डोली मा बड़ डर लागे बड़ निक लागे -तोर गलबहियां में बड़ निक लागे -तोर गलबहियां में आज अधरतिहा हो -आज अधरतिहा मोर फूल बगिया मा -आज अधरतिहा हो -बन नहीं रहिबो ते गाँव नहीं रहिबो -रहिबो मया के नगरीया मा रानी -रहिबो मया के नगरीया मा राजा -आज अधरतिहा हो -आज अधरतिहा मोर फूल बगिया मा",chhattisgarhi-hne -"547 -अधी रात रांझे परी याद कीता तुरा1 खिजर दा हथ लै बोलया ए -शकरगंज दा पकड़रूमाल चुमे अते मुंदरी शहबाज दा तोलया ए -खंजर कंढ मखदूम2 जहानिए दा विचों रूह रंझेटे दा डोलया ए -पीर बहावदीन जिकरिए धमक दिती कंध डाह के राह नूं खोलया ए -खूंडी सयद जलाल बुखारिए दी विचों अतर ते मुशक नूं झोलया ए -जाह बैठा ए कासनूं उठ जटा एवा नहीं तेरा राह खोलया ए -वारस शाह पछोतावे बंदगी नूं अजराईल3 जद धौन चढ़ बोलया ए",panjabi-pan -"सास मन्ने नेवरी घड़ा दे री -सास मन्ने नेवरी घड़ा दे री -हे री नेवरी पै नान्ही नान्ही बूंद -नेवरी में बाज्जा घला दे री -बहू तन्ने बाज्जा भावै ए -हे री मेरा लाल लड़ाइआं बीच -बहू मेरा के जीवणा सै री -सास मन्ने नेवरी घड़ा दे री",haryanvi-bgc -"सासू तो बीरा चूले की आग -सासू तो बीरा चूले की आग -ननद भादों की बीजली -सौरा तो बीरा काला सा नाग -देवर सांप संपोलिया -राजा तो बीरा मेंहदी का पेड़ -कदी रचै रे कदी ना रचै",haryanvi-bgc -"डोलो सजायो रे राई आंगणा -डोलो सजायो रे राई आंगणा , -आरे तिरीया हल्द लगावे -१ यम न झंडा रोपीया , -आरे रोपीया काया का माय -लुट सके तो लुट ले -लुट लिया हो बाजार . . . -डोलो . . . -२ बम का हो बाजा बजी रया , -आरे बाजी रया रणवास -सखीयन मंगल गावियाँ -हुई रई जयजय कार . . . -डोलो . . . -३ हाथ म कंडो धरी लियो , -आरे पाछ रड़ परिवार -बिच म रे काया जाई रई -गई स्वर्ग द्वार . . . -डोलो . . . -४ भाई रे बंधू थारा आई गया , -आरे सजी धजी रे बारात -भाई रोव न थारी तिरीया -चला रेवा किनार . . . -डोलो . . . -५ रेवा जी के घाट पे , -आरे सल दियो हो रचाय -आग लगाई न पछा आवियाँ -पाणी अंग लगाय . . . -डोलो . . .",nimadi-noe -"धन जोबन में सन्नाई -धन जोबन में सन्नाई जैसे पक रही मूंगफरी सी -अब बढ़ने पर रही है सटके रोजनरी सी -काजर मत सारै , चन्दा ग्रहण परैगौ -मुख पै पल्ला लार कोई नर लूम मरैगो",haryanvi-bgc -"एसे एसे मँडई कोंडागाँव चो -एसे एसे मँडई कोंडागाँव चो -तुके चूड़ी पिंधायँदे मोचो नाव चो -एसे एसे मँडई कोंडागाँव चो -तुके चूड़ी पिंधायँदे मोचो नाव चो । -एयँदे एयँदे मँडई कोंडागाँव चो -मके चूड़ी पिंधासे तुचो नाव चो -एयँदे एयँदे मँडई कोंडागाँव चो -मके चूड़ी पिंधासे तुचो नाव चो । -काजर लगाउन एयँदे टिकली सजाउन -काजर लगाउन एयँदे टिकली सजाउन -बिछिया लगाउन एयँदे पयँरी बजाउन -बिछिया लगाउन एयँदे पयँरी बजाउन -भरे बजार में चिन्हुन मके तुइ -भरे बजार में चिन्हुन मके तुइ -मके चूड़ी ऽ ऽ -मके चूड़ी पिंधासे तुचो नाव चो । -एसे एसे मँडई कोंडागाँव चो -तुके चूड़ी पिंधायँदे मोचो नाव चो । -मँडई बुलायँदे तुके खाजा खवायँदे -मँडई बुलायँदे तुके खाजा खवायँदे -झुलना झुलाउन तुके सरकस दखायँदे -झुलना झुलाउन तुके सरकस दखायँदे -हात के तुचो धरुन सँग ने मयँ -हात के तुचो धरुन सँग ने मयँ -तुके चूड़ी ऽ ऽ -तुके चूड़ी पिंधायँदे मोचो नाव चो । -एयँदे एयँदे मँडई कोंडागाँव चो -मके चूड़ी पिंधासे तुचो नाव चो । -पान खवायँदे तुके चटनीचमन चो -पान खवायँदे तुके चटनीचमन चो । -गोदना गोदायँदे हाते मयँ तो तुचो नाव चो -गोदना गोदायँदे हाते मयँ तो तुचो नाव चो । -मया चो बाँसुरी बजाउन मयँ -मया चो बाँसुरी बजाउन मयँ -तुके चूड़ी ऽ ऽ -तुके चूड़ी पिंधायँदे मोचो नाव चो । -एसे एसे मँडई कोंडागाँव चो -तुके चूड़ी पिंधायँदे मोचो नाव चो । -एयँदे एयँदे मँडई कोंडागाँव चो -मके चूड़ी पिंधासे तुचो नाव चो । -एसे एसे मँडई कोंडागाँव चो -तुके चूड़ी पिंधायँदे मोचो नाव चो । -एयँदे एयँदे मँडई कोंडागाँव चो -मके चूड़ी पिंधासे तुचो नाव चो । -ला ला ला ला ला ला ला ला ला -हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ",chhattisgarhi-hne -"ऊँचि डांड्यू तुम नीसि जावा -ऊँचि डांड्यू तुम नीसी जावा -घणी कुलायो तुम छाँटि होवा -मैकू लगी छ खुद मैतुड़ा की -बाबाजी को देखण देस देवा -मैत की मेरी तु त पौण प्यारी -सुणौ तु रैवार त मा को मेरी -गडू गदन्य व हिलाँस कप्फू -मैत को मेर तुम गीत गावा -भावार्थ -' हे ऊँची पहाड़ियो तुम नीची हो जाओ । -ओ चीड़ के घने वृक्षो तुम समने से छँट जाओ । -मुझे मायके की याद सता रही है , -मुझे पिता जी का देस देखने दो । -ओ मेरे मायके की हवा -मेरी माँ का सन्देश सुना । -ओ नदीनालो ओ हिलाँस पक्षी ओ कप्फू -तुम सब मिल कर मेरे मायके का गीत गाओ । '",garhwali-gbm -"सभवा बइठल तोहे बाबू साहेब, अउरी सिर साहेब हे -सभवा1 बइठल तोहे बाबू साहेब , अउरी सिर साहेब हे । -साहेब , मोर नइहर लोचन2 पठइती , तो बाबू जी अनन्द होइतन हे ॥ 1 ॥ -बाबूजी होयथीं अनदंे मन , मइया हरखि जयतइ हे । -बहिनी के जुड़ा जयतइ छतिया , भइया मोर हुलसि जायत हे ॥ 2 ॥ -मोर पिछुअरवा3 नउआ4 भइया तोही मोर हित बसे हे । -नउआ , चली जाहु हमर ससुररिया , दुलरइतिन देइ5 के नइहर हे ॥ 3 ॥ -कहाँ के हहु तोंहि हजमा , 6 त केकर7 पेठावल हे । -ललना , कउन बाबू के भेल नंदलाल , लोचन लेइ आवल हे ॥ 4 ॥ -कवन पुर8 के हम हीअइ नउआ , कवन बाबू पेठावल9 हे । -ललना , कवन बाबू के भेलइन नंदलाल , लोचन लेइ आवल हे ॥ 5 ॥ -लेहु हो नउआ , तूं साल अउ दोसाला लेहु हे । -नउआ , लेहु तोंहि पटुका पटोर10 लहसि घर जाहुक हो ॥ 6 ॥ -मइया , जे हमर दुलरइतिन मइया , सुनहट बचन मोर हे । -मइया , अइसन भेजिहऽ पियरिया , 11 कि देखि के हिरदय साले हे ॥ 7 ॥ -भउओ , जे हमरो दुलरइतिन भउजो , सुनहट वचन मोरा हे । -भउजो , अइसन भेजिह सोंठउरवा , 12 -जे गोतनी के हिरदय साले हे ॥ 8 ॥",magahi-mag -"राजे गंगा किनारे एक तिरिया सू ठाड़ी अरज करे -राजे गंगा किनारे एक तिरिया सू ठाड़ी अरज करे -गंगे एक लहर हमें देऊ कि जा में डूब जाइयों -कै दुख री तोहे सासुरी सुसर को कै तेरे पिया परदेस -के दुख री तेरे मात पिता को के मां जाये बीर -काहे दुख डूबियो -ना दुख री मोहे सासुरी सुसर कऊ ना मेरे पिया परदेस -ना दुख री मोहे मात पिता को ना मा जाये बीर -सासु बहु कहि नाए बोले ननद भाभी ना कहे -ना हो राजे वे मोहे बांझ कहीं टेरै सो काटो गई",haryanvi-bgc -"अणी ए गणी मेरी नणदी मनरा फिरै -मेरी नणदी मनरा फिरै -मेरी नणदी मनरे नै ल्याओ रे बुलाय -चूड़ा तै मेरी जान , -चूड़ा तै हाथी दाँत का -हरी तै चूड़ी री नणदी ना पहरूँ -हरे मेरे राजा जी के खेत -बलम जी के खेत -चूड़ा तै हाथी दाँत का -री नणद�� ना पहरूँ -मेरे राजा जी के केश -बलम जी के केश -चूड़ा तै हाथी दाँत का -ना पहरूँ -मेरे राजा जी के दाँत -बलम जी के दाँत -चूड़ा तै हाथी दाँत का",haryanvi-bgc -"जच्चा की चटोरी जीभ जलेबी मंगवा द्यो नां -जच्चा की चटोरी जीभ चलेबी मंगवा द्यो नां -उसकी सासू गिरवै रखद्यो ससुरै का लगवा द्यो ब्याज -जलेबी मंगवा द्यो नां -उसकी जिठाणी नै गिरवै रखद्यो जेठै का लगा द्यो ब्याज -जलेबी मंगवा द्यो नां -उसकी देवरानी गिरवै रखद्यो देवर का लगा द्यो ब्याज -जलेबी मंगवा द्यो नां -उसकी ननद ने गिरवै रखद्यो ननदोइए का लगा द्यो ब्याज -जलेबी मंगवा द्यो नां -जच्चा की चटोरी जीभ जलेबी मंगवा द्यो नां",haryanvi-bgc -"बरसे महाराज झड़ाझड़ियाँ -बरसे महाराज झड़ाझड़ियाँ , सो धरती जैजैकार करै । -पानी कौ पहलौ गिरो , मुतियन की लर झिलमिला उठी , -कुछ सौंधीसौंधी महँक जगी , सोई माटी कुलबिला उठी ; -बह चलीं उरतियाँ गलिनगलिन , लरकन की गोलें जुरयाईं , -कलकत उघरारे निकर परे , वे खेल चले चाईमाई ; -सबनें जीऐसौ पाओ है , या अमरित की रसधार झरै । -भर गुच्छन जमना फूट कढ़ी गौहान हार गोरीनारी , -जैसे धरती खें उढ़ा गओ , कोउ पीरुइया प्यारीप्यारी ; -सूकी कँदिया सकत्यान लगी , बिरछन पै आई नई उल्हन , -जुड़रक में उतर खैजुअन सें चिनगुनीचिरइयाँ लगीं चुनन ; -नाचत करहायँ , मितकरे मगन , भारई अलग झनकार भरै । -निँग चलीं गिँजाई गैल धरें , ई पखनीपखना मौज करें , -लजबन्ती बीरबहूटिन सें हरयारी सेंदुर माँग भरें । -फिर रहे कैंचुवा , पौहन के गुलगुले गिलाए में सरकत , -कुछ ऐसउ कीरा बिचर परे , जिनखें दिखतइँ छाती धरकत , -मालिक कौ भारी कटखानों , अनगिन्ते जीव निकार घरै । -हिलुरो जल कंडीउतरावन , जब गिरो कलफया भदरभदर , -नद्दीनारे गड़गड़ा उठे , पा धुआँधार की झिमरझिमर ; -अब आसातिसना दौर परी , छा गई जीउका जलाबम्म , -करमार जुड़ाने बैठे हैं , करतूती कूदे घमाघम्म , -कोउ ब्यामा छाँटै बौंड़बौंड़ , कोउ पूँछ पकर जग पार करै । -बरसे महाराज झड़ाझड़ियाँ , सो धरती जैजैकार करै । ।",bundeli-bns -"ईसवर के गुण गाइये मेरी बहना -ईसवर के गुण गाइये मेरी बहना -आर्यों का प्रण पुगाइये मेरी बहना -पुगाइये मेरी बहना -जै तेरा सुसरो पानी हे मांगै -तो कच्चा दूध पिलाइये मेरी बहना -पिलाइये मेरी बहना -जै तेरा जेठा रास्तो मैं मिल जाय -तो दस डंग परै के निकलिये मेरी बहना -निकलिये मेरी बहना -जै तेरा कन्था मारण चड्ढ जा -तो पत्थर सी बन ज्याइये मेरी बहना -बन ज्योई��े मेरी बहना -ईसवर का गुण गाइये मेरी बहना -आर्यों का प्रण पुगाइये मेरी बहना",haryanvi-bgc -"गढ़ू सुम्याल (सुमरियाल) -ले मेरी जिया1 , मैं राणी आज लायूँ , -आरुणी जंगल , जड़ी खाली बूटी , -घास काटीक लाली , भैंसी मेरी चराली , -तेरी सेवा करली माता , ब्वारी2 तेरी सुरमा -तबरी3 बिटैने4 तौंकी , होणीखाणी ह्वैगे -गढ़ू सुमन्याल , चैन की मुरली बजौन्द -अन्न का भण्डार ह्वैन , ऊँका धन का कोठारा , -तौंक तई तै , आरुणी जंगल मा ही , सोनों बरखे -तब सूणीयाले दीपू बडान5 , तौंकी होणी खाणी , -ऐ दिन वैन , हात धरे लाठी , -रोन्दोबरांदो तब , आइ गए आरुणी जंगल । -जदेऊ6 पाँछो मेरा , बड़ा जी जेटा पाठा । -आशीष मेरा बेटा , गढू माल -नी रये क्वीकत , बेटा हमारा वंश मा । -बार बरस को मामलो7 , ऐला तैला सलाण रैगे । -तेरा बाबून तरवार मारे , तू तरवार मारलो , -तू होलू बेटा छेतरी बंगल , हमारू अंगस8 -तिन जाणा बेटा , तैला9 मैला सलाण , -मामलो उगै10 लौण । -तब जिया लीलादेई , इना बैन बोदी : -जि जााू बेटा , तै सलाण बैरियों का , -नि जाण गढू , काल का डिस्याण11 । -तौं सलाण्योंन12 , तेरो बाबू मारे , -तू होलू गढ़ मेरो , एकलो एकून्त -हे जिया , सचू होलू मैं , ई बाबू को बेटा , -सलाण साथीक लौलू , बैरी बाँधीक -पैरीने13 वैन14 अपणी , ऐड़ी हत्यारी15 -सुरमा रौतेली , पथेणा16 नेतर छोड़ दे : -कना जाला स्वामी , विराणा विदेश , -आरुणी वण मा हम , आनन्द रौला । -आज जाणू छौं सुरमा , भोल औलू बौड़ी17 , -कायरो18 नी करणो , तिन ज्यू अपणो -जाणक जावा स्वामी , एक बात मेरी ली जावा , -एकुला न चल्या बाट , विराणी19 न बैठ्याँ खाट । -प्रफूल ह्वैक दीपू , गैगे अपणा दीपू कोट । -गढू बैठे अपणी , भँवरपंख घोड़ी , -सलाण मा तब , खबर या पौंछीगे -जेको बाबू हम लोग न मारे , -वैको बेटा यख पौंछीगे -तब खोदीयाले तौन , सौ जरीब खाड20 -बख मा पलंग बिछैगे , पलंग मा चदर । -सलाण का लोक तब , कठा21 होई गैन , -औ ज्वान ज्वान छोरी , स्यूँद22 गाडदी23 -अब आयो हमारो पदान24 -तौं लोगून बड़ो , सतभौ दिखाए , -लाई ऐन तब बै , पलंग मा बैठौणा । -याद आये तब गढू , सुरमा की बोलीं -पलंग मारी वेन , बेत की चोट , -चदर उन्दू लैगे , खाड देखेण गैरी । -भली मैमानी25 करी , तुमन मेरी भायों , -तुमारो ऐसा न , कबी न भूलूँ । -कनो होये माल26 , घोड़ी असवार -छौलोबुक27 छौलो , ह्वैगे घोड़ी -कलासी कच्यैन28 वैन , गाबा29 सी काटीन -साधीयाले तैन , स्यो सलाण , -मामलो उगाई याले -गज करो30 , मुण्ड करो , स्यूँदी सुप्पो लगैले । -खिमासारी तब , पैटीगे31 माल , -घर मू दीप न मदों , मन्सूबा ठाण��याल्या , -गढू़ न मरी जाण , सुरमा मैन अपणा नौनाक32 ल्यौण । -तब वो सुरमा का मामों , एक खाल रुप्या देन्द , -सुरमा रौतेली , बुलैले मामाकोट । -दीपीकोट बिटी33 ह्वैन बरात की त्यारी -सुरमा की माम्योंन , देखे सुरमा रूपवन्ती , -तीन जाणी नी , ना पछाणी , सोचे -या हैकी सौत आई , कखन काल हमारी । -अनजाणा मा तौन , बीं विष खेलैले , -सुरमा अंगुडी34 छई , पघुण्डी ढलीगे । -दीपून धरयाले तब , वा डोला पर , -पर विधाता की लेख , इनी होंदी -रस्ता मा गढू़ माल , खाणा छौ पकौणू । -सुरमा रौतेली की , तब आँखी खुलीन , -रोन्दी छ तुड़ादी तब , वा चाखुड़ी35 सी बराँदी । -मैं छऊँ सुरमा राणी , गढ़ू माल की , -कु छ मैं सणी , डोला पर लिआणू । -डोला से नजर लगे , माल का रस्वाड़ा36 , -भादों जसो बेला37 छयो , मगन पड्यूँ , -डेड हात पीठ छई , डेड हात छाती । -होलू त सी होलू मेरो , स्वामी प्यारो । -फेंकदी तब गारा , सुरमा रस्वाड़ा मा , -टपराँदो38 तब गढ़ू सुमन्याल -अला39 कैको आये यो काल , -कैन मेरा रस्वाड़ो पथराये । -डोला से देखे वैन , हात अगाड़ी बढ़द , -उंडो देखे वैन फुंडो , रौड़दो छ दौड़दो । -गढू़ माल , डोला मु जाँदो , -सुरमा रौतेली माथो नवौंदी -मैं छऊँ स्वामी , विपता की मारी , -किस्मत की हारी , छऊँ तुमारी नारी । -दुश्मनुन जैर खलै , मैं बेहोश होयूँ , -तुमारा बड़ा40 जीने41 , या कुदरत कराये । -गढ़ू माल चढ़े , छेतरी को रोष , -तैकी छाती का , बाल बवरैन -ओंठ बबलैन वैका , भुजा फफड़ैन -आँख्यों मा वैका लोइ सरे , -दीपू बडान , यो क्या त करे ? -मारीन तब बैन , दीपू का साती लड़ीक , -दी बड़ा भी दगड़े , स्वर्ग पौंछाए -तब दीपीकोट मा वैन -कोटू बोणो कर याले -बैरी को एक नी रखे , -रीझाना कोसी शेष । -तब सुरमा लोक , गूढ़ू सुन्याल , -खिमासारी ऐगे , -माता न बोलो भेंटें , -ब्वारीन सासू का पैर छुयाँ , -खिमासारी कोट मा , बजे आनन्द बढ़ -मर्द मरी गैन , बोल रई गैन , -मर्दू का पँवाढ़ा , गाया गैन",garhwali-gbm -"चलो अनन्दी, चलो झुलवाए माय -चलो अनन्दी , चलो झुलवाए माय -गेरीगेरी अमली री डाल -चलो झुलवाए माय -रमवा सरको यो चौक -चालो झुलवाए माय -रमवा सरकी या रात -शरद पूनम की या रैन -चालो झुलवाए माय -पाँवों ने बिछिया सोवताए माय -थारी अनबट से लागी रया बाद",malvi-mup -"सालय ईटा जड़ा ऊमन जे -सालय ईटा जड़ा ऊमन जे -सालय ईटा जड़ा ऊमन जे -सालय पला ऊल खेंडो बेटी मारे -सालय पला ऊल खेंडो बेटी मारे -अमा भाभी भाने बेटी -अमा भाभी भाने बेटी -अमा माये भाने बेटी मारे -अमा माये भाने बेटी मारे -बाय इजा ऐजे बेटी -बाय इजा ऐजे बेटी -रोचो रोचोनी जोम डो बेटी मारे -रोचो रोचोनी जोम डो बेटी मारे -स्रोत व्यक्ति सुनीता , ग्राम मकड़ाई",korku-kfq -"तू कति चूमण छै! -तू कति चूमण छै -सर बियाँरा1 क्या धरे बौ2 हे । -त्यरा दादू3 क रोटी धरे । -खंडकि4 तोड़िक मैं दियाल वौ हे -छीः तू कति मंगणया छै । -छीः तु कति चूमण5 छै । -सर बियांरा क्या धरे बौ हे -तेरा दादूक बुखणा , धरेन -एक खौंकाल6 मैं दियाल बौ हे -छीः तू कति मंगण्या छै -छीः तू कति निदऊ7 छै -सर जटोली8 क्या करे बौ हे -तेरा दादून नर्यूल दे तो -टुकड़ा तोड़िइ में दियाल बौ हें ।",garhwali-gbm -"कहमा उपजल कोसिका -कहमा उपजल कोसिका -आलरिझालरि गुअबा हेऽ -कहमा पाकल बीड़ा पान -तिरहुत उपजल कोसि माय -झालरि गुअबा हेऽ -मोरंग उपजल पाकल बीड़ा पान -कथी कांति कतरब कोसि माय -झालरि गुअबा हेऽ -कथी कांति कतरब पाकल बीड़ा पान -सोना कांति कतरब कोसि माय -झालरि गुअबा हेऽ -रूपा कांति कतरब पाकल बीड़ा पान -पान लिऔ पान लिऔ -रैया रनपाल हो -जाहो हो रनपाल मोरंग सन राज -साधियो मे साधियो रनपाल -मथुरा गुंजन कौल -कइसे हम लेबै कोसी माय -पाकल बीड़ा पान हेऽ -मैया हे बिना साधले -मथुरा गुंजन कौल -मथुरा गुंजन बड़ हे जुझार -जाहो जाहे रनपाल साधहो -मथुरा गंुजन कौल -बेर बखत पड़ितै तू लिहऽ -कोसिका के नाम -एक कोस चलले रनपाल -दोसर कोस चलले -तेसर कोस जूमि गेलै मोरंग राज -कोसिका सुमैर के भिड़ले रनपाल -लगाबे बान काछ हेऽ -काटि सिर मथुरा के फेंके रनपाल -गिरे सिर कोसिका लगीच हेऽ -गाबल सेवक दुहु कल जोड़ि -बिपति बेरिया मइया होय न सहाय ।",angika-anp -"जो बदनवारो कहा लये जाती -जो बंदनवारो कहां लये जातीं , -किते लये जाती हैं । जो . . . -नगर अयोध्या में सुत भये सजनी , -राजा महीपत के नाती , उतईं जातीं -राजा दशरथ के पुत्र भये हैं -रघुकुल वंश उजार दई बाती , उतईं लये जातीं -रानी कौशिल्या की कूख जुड़ानी -राजा दशरथ की छाती , उतई लये जातीं -सब सखियन खों दान दये हैं -फूली नाहिं समाती । उतईं . . .",bundeli-bns -"115 -अखीं लगियां मुड़न ना बीर मेरे बीबा वार घती बलहारियां वे -वहिण पए दरया नहीं कदी मुड़दे वडे ला रहे जोर जारियां वे -लहू किउं करना निकले भाई ओथेां जिथे लगियां तेज कटारियां वे -लगे दसत इक वार ना बंद कीचन वैद लिखदे बैदगिआं सारियां वे -सिर दितयां बाझ ना इशक पके एह नहीं सुखालियां यारियां वे -वारस शाह मियां भाई वरजदे नी देखो इशक बणाइयां खुआरियां वे",panjabi-pan -"वर शृँगार गीत -यो तो वाड़ि मा कहेलो नवे���ो बेनो । -तूखे कुण ते सिंगार , तुखे कुण ते सिंगारे । -मिस काको ते सिंगारे , मिसे काको ते सिंगारे । -यो तो वाड़ी मा कहेलो , नवेलो बेना । -तुखे कुण ने सिंगार्या , नवेला बेना । -मेखे भाई ने सिंगार्या , भाई ने सिंगार्या । -पाटी से सिणगारो वो , पुनि बहणी । -बेना भाइ ना सासरिये , रमि आवजे । -हे दूल्हे तुम्हारे काका , तुम्हारे भाई तुम्हारा शंृगार कर रहे हैं । हे पुनी बहिन पाटी ओड़ाई का शृंगार कर दुल्हिन के कपड़े रखो ।",bhili-bhb -"साँकर कन्नफूल की लटकें -साँकर कन्नफूल की लटकें । -दोई गालन में छुटकें । -कबहूँ हाल भुजन को लेतीं । -छूती गाल झपट कैं । -कमऊँ कमऊँ तो रूरकी रातीं , -कमऊँ होत दो फटकें -कमऊँ होय कानन कौ कुन्डल , -कमऊँ जाँय पलटकें । -ईसुर दुरें गरे लगवे खों । -साँप साँकरे अटके ।",bundeli-bns -"मत्थे ते चमकन वाल -मत्थे ते चमकन वाल -मेरे बनड़े दे . . . -लाओ नी लाओ एन्नु शगनां दी मेहँदी -मेहँदी करे हाथ लाल -मेरे बनड़े दे . . . -पाओ नी पाओ एन्नु शगनां दा गाना -गाने दे रंग ने कमाल -मेरे बनड़े दे . . . -आईंआं नी आईंआं भेणां मेहँदी ले के -भेणां नु किन्ने ने ख्याल -मेरे बनड़े दे . . .",panjabi-pan -"विवाह गीत -मांदलया मांदलि वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । -तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । -मांदलया मांदलि वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । -तल्या तलि रे वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । -तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । -दुल्ग्या ढुलगि वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । -तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । -कुंड्या कूंडि रे वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । -तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । -फेफर्या फफर्यो वजाड़ रे घड़िक नाचि भालां रे । -तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । -विवाह के अवसर पर स्त्रियाँ नृत्य करती हुई गीत गाती हैं -हे मांदल वादक हे थाली वादक हे ढोलक वाले नगड़िया वाले , शहनाई वाले भाई तुम सुरताल में बजाओ , हम थोड़ी देर नाच लें । तुम्हारे वाद्यों में सुरताल है और हमारे पाँव भी नृत्य करने के लिए थिरक रहे हैं ॥",bhili-bhb -"आणो आयो रे पारीब्रम्ह को -आणो आयो रे पारीब्रम्ह को , -आरे सासरिया को जाणो -१ चलो म्हारा संग की हो सहेलीया , -आपुण पाणी क चाला -उंडो कुवो न मुख साकड़ो -आन रेशम डोर लगावा . . . -आणो आयो रे . . . -२ चलो म्हारा संग की हो सहेलीया , -आपुण बाग म चाला -चंपा चमेली दवणो मोगरो -फूल गजरा गुथावा . . . -आणो आयो रे . . . -३ चलो म्हारा स���ग की हो सहेलीया , -आपुण शीश गुथावा -कछु गुथा न कछु गुथणा -मोतीयाँ भांग सवारा . . . -आणो आयो रे . . . -४ चलो म्हारा संग की हो सहेलीया , -आपुण चोली सीलावा -कछु सीवी न कछु सीवणा -चोली अंग लगावा . . . -आणो आयो रे . . . -५ कहत कबीर धर्मराज से , -साहेब सुण लेणा -सेन भगत जा की बिनती -राखो चरण आधार . . . . -आणो आयो रे . . .",nimadi-noe -"हल्दी गीत -तेल लेवो बनी तारो सरगयो तेल । -तुखे मसे वो गोरी बनी पीठी रोलो ॥ -ऊं डे कुवे नोका दे वड़ो , काला लाड़ा कूचोल से । -तू ते नाहिले वो , नाहिले वो , गोरी बनी । -नवला पोतल्या पांधरले वो , गोरी बनी । -गीत गाते हुए लाड़ी दुल्हन को हल्दी का उबटन लगाया जा रहा है । लाड़ी को प्रसन्न करने के लिए इस गीत में कहा गया है कि तुझे तेलरोलां मल रहे हैं । काले लाड़े को गहरे कुएँ का कीचड़ मलेंगे । हल्दी मलने के बाद स्नानकर लाड़ी को नये कपड़े पहनने के लिए आग्रह किया गया है ।",bhili-bhb -"चेतावनी -अलो भायूं क्या छ ? कख तइं पड़यूं घर मां । -विदेस्यूं न देखा ? कनि कनि कन्याले जगत मां । -करा प्यारों अब त , जतन कुछ अप्णा विषय मां । -न खोवा हे चुच्चों , निज दिन अमोला मुफत मां ।",garhwali-gbm -"514 -हीर आखया बैठ के उमर सारी मैं ते आपने आप नूं साड़नी हां -मतां बाग गयां मेरा जिउ लगे अंत एह भी पड़तना पाड़नी हां -पई रोणियां मैं लेख आपने नूं कुझ किसे दा नही विगाड़नी हां -वारस शाह मियां तकदीर आखे वेख नवां पसार पसारनी हां",panjabi-pan -"गोरी कठिन होत है कारे -गोरी कठिन होत है कारे , -भरे हैं मद मतवारे । -कारे रंग के काट खात जब -जिहर न जात उतारे । -काम के बान कामनिन खाँ भये , -कारे नन्द दुलारे । -पटियँन जात उनारे । -ककरेजी खौं पैर ‘ईसुरी’ , -खकल करेजे डारे ।",bundeli-bns -"200 -कलबुल मोमनी1 अरश अल्लाह काज़ी अरश अल्लाह दा ढाह नाहीं -जिथे रांझे दे इशक मुकाम कीता ओथे खेड़यां दी कोई जाह नाहीं -एह चढ़ी गुलेल है इशक वाली ओथे होर कोई चाड़ लाह नाहीं -जिस जीवने काज ईमान वेचां एह कौन जो अंत फनाह नाहीं -जेहा रंघड़ा विच ना पीर कोई अते लुधरां दा बादशाह नाहीं -वारस शाह मियां काज़ी शरह दे नूं नाल अहल तरीकत2 दे वाह नाहीं",panjabi-pan -"कोठे ऊप्पर कोठड़ी -बहू की शर्त व ताकत -कोठे ऊपर कोठड़ी , मैं उस पर रेल चला दूँगी । -जो सासू मेरी प्यार करै , मैं तेरे पाँव दबा दूँगी -जो सासू मेरी लड़ै लड़ाई , रोट्टी से तरसा दूँगी ॥ -कोठे ऊपर कोठड़ी… -जो जिठाणी प्यार करै , तेरा सारा काम करा दूँगी । -जो जिठाणी लड़ै लड़ाई , दो चूल्हे कर��ा दूँगी । -कोठे ऊपर कोठड़ी… -जो देवर मेरा प्यार करै , एम ए पास करा दूँगी । -जो देवर मेरा लड़ै लड़ाई , मूँगफली बिकवा दूँगी । -कोठे ऊपर कोठड़ी… -जो नणदल मेरी प्यार करै , तेरा ब्याह करा दूँगी -जो नणदल मेरी लड़ै लड़ाई , मैके को तरसा दूँगी । -कोठे ऊपर कोठड़ी…",khadi_boli-mis -"देवी गीत-लगत चईत महिनवा देबी जी -लगत चईत महिनवा देबी जी आई गईं भवनवा -मईया के मागिय में लाल लाल सिंदुरवा -चमचम चमके टिकुलिया -देबी जी आई गईं भवनवा -मईया के हथवा में लाल लाल चुडिया -चमचम चमके कंगनवा -देबी जी आई गईं भवनवा -मईया के अंगे लहंगा सोहे -चमचम चमके चुनरिया -देबी जी आई गईं भवनवा -मईया के पैरों में पायल सोहे -चमचम चमके बिछुववा -देबी जी आई गईं भवनवा",awadhi-awa -"3 -चारे यार रसूल दे चार गौहर1 सभे इक थीं इक चड़हंदड़े ने -अबू बकर ते उमर , उसमान , अली आपो आपणे गुणीं सोहंदड़े ने -जिना सिदक यकीन तहिकीक कीता राह रब्ब दे सीस विकंदड़े ने -शोक सिदक यकीन तहिकीक कीता वाह वाह ओह रब्ब दे बंदड़े ने",panjabi-pan -"नाडी जोता कांडोवेन जा नाना बेटा -नाडी जोता कांडोवेन जा नाना बेटा -काली ग्वाली जा सिव सेने -आमा आटानी डियावेन जा नाना बेटा -सावा बारी पारे न आमा आटा डियायेन -बाहू तो नौ बाजे आमा आटा डियायेन -सावा बारी पारेन आमा आटा डियायेन -आमा आटा जोमे वाजा नाना बेटा -आमा आटा जोमे नारे -इये रागेज वाने माडो इयां आयोम -इये रागेज वाने ना रे -आमा चोजा जूरेना ना रे नाना बेटा -आमा चोजा जूरेना ना रे -इयेन रानी जूरेना नारे इयां आयोम -इयां रानी जूरेना नारे -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"तीजां बड़ा त्योहार सखी हे सब बदल रही बाना -तीजां बड़ा त्योहार सखी हे सब बदल रही बाना -हे निकली बिचली गाल़ जेठानी मार दिया ताना -हे जिनका पति बसें परदेस ऐसे जीने से मर जाना -हे बांदी ल्यावो कलम दवात पति पै गेरूं परवाना -लिखी सब को राम राम गोरी के घर पै आ जाना -चाहे लगियो डेढ़ हज़ार तने अपना नाम कटवाना",haryanvi-bgc -"ऐ माय डो ऐ माय डो माय -ऐ माय डो ऐ माय डो माय -इंज सेनेवा चारी कोना तीरथो -बारेन डो सेने बोले -ऐ कोन जा ऐ कोन आमानी उरगा टालान -गंगा जमुना डो सुबान केरे -ऐ कोन जा ऐ कोन चारी कोना -चोजा सांटी चारी कोना -तीरथो बारेन डो सेने बोले -ऐ कोन जा ऐ कोन अमानी उरागेन -गंगा जमुना डो सुबान केरे -स्रोत व्यक्ति गंगू बाई , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"अकूम्बे-अकूम्बे म्हारो घर भरियो जी जमई जी -अकूम्बेअकूम्बे म्हारो घर भरियो जी जमई जी -कागद छाया म्हारा मेल -हो जमई आया सासरे -मौजा पेरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी -मेंदी निरखी ने मेलां आव -हो रंगीला आया सासरे -जामा पेरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी -सोना निरखी ने मेलां आव -हो लिखन्दा आया सासरे -पटका पैरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी -दुलमन निरखी ने मेलां आव -हो हंसाकू आया सासरे -कंठी पेरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी -चऊँसर निरखी ने मेलां आव -हो रिसाकू आया सासरे -मोती पेरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी -लीलम निरखी ने मेलां आव -हो केसरिया आया सासरे -चीरा पेरो तो म्हारा चौमें हो जमई जी -पेचां निरखी ने मेलां आव -हो छबीला आया सासरे -तेजी बैठो तो म्हारा चौक में हो जमई जी -चाबुक निखरी ने मेलां आव -हो रंगीला आया सासरे",malvi-mup -"आजा-बे हीरा मोर जोहथों रद्‍दा तोर -आजाबे हीरा मोर -आजाबे हीरा मोर -जोहथों रद्‍दा तोर -थाड़े घठोंधा मा रे -असाढ़ करथे घुरुरघारर -सावन म बरसे झिमिरझामर -तोर सुरता म रो रोके -बोहागे आंखी के काजर -भींजगे लुगरा के छोर -सुहावे नहीं अंगना घरदुवार -बिरखाहे सुर सिंगार -तोर बिना चारो कोती -लगथे कुलुप अंधियार -आके कर दे अंजोर -आँसू चलथे झरझरझर -हिरदे कांपे थरथरथर -बिन धारन कस पटिया -होगेंव में निचट अधर -कबले भेजबे खबर सोंच -आजाबे हीरा मोर -आजाबे हीरा मोर -जोहथों रद्‍दा तोर -थाड़े घठोंधा मा रे",chhattisgarhi-hne -"507 -असी वयाह आंदी कूंज फाह आंदी साडे भा दी बनी है औखड़ी नी -वेख हक हलाल नूं अग लगसी रहे खसम दे नाल एह खोखड़ी1 नी -जदों आई तदोकना रही ढठी कदी हो ना लैंबी ए सौखड़ी नी -लोहलथड़ी जदों दी वयाह आंदी कलां कलदी जरा है चोखड़ी नी -वारस शाह उह अन्न ना दुध खांदि दुख नाल नाल सुकांवदी नी",panjabi-pan -"नागलोक में अर्जुन -द्रोपती अर्जुन , सेयां छया । -रातुड़ी1 होये थोड़ा , स्वीणा2 ऐन भौत3 -सुपिना मा देखद अर्जुन -बाली4 वासुदन्ता , नागू की धियाणी5 । -मन ह्वैगे मोहित , चित्त ह्वैगे चंचल । -वीं की ज्वानी मा , कनो उलार6 छौ , -वीं की आँख्यों मा , माया7 का रैबार8 छौ । -समलीक मुखड़ी वीं की , अर्जुन सोचण लैगे -कसु9 कैक जौलू , नाग लोक मा । -तैं नाग लोक मा , नाग होला डसीला , -मुखड़ी का हंसीला होला , पेट का गसीला । -मद पेन्दा हाथी होला , सिंगू वाला खाडू10 , -मरक्बाल्या भैंसा होला , मैं मार्न औला । -लोहा की साबली होली , लाल बणाई -चमकदी तरवीरी होली , उंकी पल्याई11 । -नागू की चौकी बाड़ , होली पैहरा , -कसु कैक जौलू मैं , त���ं नागलोक मा । -कमर कसदो अर्जुन तब , उसकारा भरदो । -मैन मरण बचण , नागलोक जाण । -रात को बगत छयो , दुरपदा सेयीं छयी , -वैन कुछबोल न चाल्यों , चल दिने नागलोक । -मदपेन्दा हाती वैन , चौखालू चीरेन , -लुवा की साबली , नंगून तोड़ीन । -तब गैं अरजुन , वासुदन्ता का पास । -तब देखी वासुदन्ता , हाम12 से हाम13 , -धाम से14 धाम , पूनो जसो चाम । -नोणीवालो15 नामो , जीरा16 वालो पिंड17 , -सुवर्ण तरुणी देई , चन्दन की लता , -पायी पतन्याली , आँखी रतन्याला , -हीरा कीसी जोत , जोन सी उदोत । -तब गै अरजुन , सोना रूप बणी , -बासुदन्तान वो , उठीक बैठाये अर्जुन , -वीं को मन मोहित होई गये -तब वींन जाण नी दिने घर वो -तू होलो अर्जुन , मेरो जीवन संगाती , -तू होलो भौंर , मैं होलू गुलाबी फूल , -तू होलो पाणी , मैं होलू माछी -तू मेरो पराण छई , त्वै मैं जाा न देऊँ । -तब तखी रगे अरजुन , कई दिन तई । -जैन्तीवार मा , दुरपदा की निंदरा खुले , -अर्जुन की सेज देखे , वीनकख गैहोला नाथ ? -जाँदी दुरपदा , कोन्ती मात का पास -हे सासु रौल तुमन , अपणू बेटा भी देखे ? -तब कोन्ती माता , कनो स्वाल देन्दी -काली रूप धरे , अर्जुन तिन भक्ष्याले , -अर भैंमू सच्ची होण क आई गए । -तब कड़ा बचन सुणीक दुरपती , -दममण रोण लगदे । -तब जांदे दुरपती , बाणू कोठड़ी , -वाण मुट्ठी वाण , तुमन अर्जुन भी देखे -तब बाा बोदान , हम त सेयां छा , -हमून नी देखे , हमून नी देखे -औंदा मनखी , पूछदी दुरपता , -जाँदा पंछियो , तुमन अर्जुन भी देखे -रोंदी छ बरांदी तब , दुरपता राणी , -जिकुड़ी पर जना , चीरा धरी होन । -तीन दिन होईन , वीन खाणो नी खायो , -लाणो नी लायो । -तब औंद अर्जुन को , सगुनी कागा -तेरो स्वामी दुरपती , ज्यूंदो छ जागदो । -नागलोक जायूं छ , वासुदन्ता का पास -तब दुरपता को साँस ऐगे , -पर बासुदन्ता को , नौ सुणीक वा -फूलसी मुरझैगी , डालीसी अलसैगी । -तबरेक रमकदो छमकदो -अर्जुन घर ऐगे ।",garhwali-gbm -"बापू अबै न आए! -ओरी बापू अबै न आए , -अबै लौ खैबे कछू न ल्याए , -सुनत दृग माता के भर आए , बोली तनिक लाल गम खाव , -बेई करै का तीन दिना सें , परै न कछू उपाव , -बचन माता कए हैं । -अबइयाँ बे भए हैं । । -कोड़ीकाड़ परो है जाड़ौ , तन पै उन्ना नइयाँ , -अब तौ उनकी लाजबचइया , तुम हौ राम गुसइयाँ , -ऊसइँ रातैं हतो बुखार -उनैं , फिर भारी परो तुसार , -मरे खाँ मारत है करतार , भँजा रओ जनमजनम के दाव । -तरा ऊमैंसें गए ते छोड़ कातते ल्याय सिंगारे तोड़ , -तला के चोरी सें , -चाहे सैजोरी सें । । -भँुसारौ हो गओ , छुटक गई , गेरऊँगेर ���रइयाँ , -जानें काए तुमाए बापू , आए अबै लौ नइयाँ , -बहन लागो आँखन सें नीर , -छूट रओ माँबेटा कौ धीर , -ओरी चली तला के तीर , उतइँ कछु पूँछौ पतौ लगाव । -माए बापू भर आ जाय ँ , हम ना खैबे कभउँ मगायँ , -चलौ माता चलिए , -पतौ उनकौ करिए । । -गतिया बाँध दई पटका की , लरकै करो अँगारें , -चिपका लए हाँत छाती सें , खुद निग चली पछारें , -पूछन लागी नायँ और मायँ , -कछू आपस में लोग बतायँ , -तौ बड़कै पूछो मात अगायँ , ”भइया साँची बात बताव । -करत हौ तुम जा कीकी बात मोरौ जियरा बैठो जात , -बता दो साँसीसी , -लगी है गाँसीसी । “ -”आज तला के पार डुकरिया मर गओ एक बटोई , -परदेसीसौ लगत संग मैं ऊके नइयाँ कोई , -सिँघारे लएँ तनिकसे संग , -ककुर गओ है जाड़े में अंग , -तन को पर गऔ नीलौ रंग” सुनतन लगो करेजें घाव । -जाकें चीन्हीं पति की लास , मानौ टूट परो आकास , -झमासौ आ गओ है , -अँधेरौ छा गओ है । । -”कितै छोड़ गए बापू मोखाँ , तुम काँ जातों मइया“ -गेरउँ गेर हेर कै रोबै मनौ अबोध लबइया , -थरथर काँपै और चिल्लाय , -हतो को जो ऊखाँ समझाय ? -देख दुख धरती फाटी जाय , देख दुख दुख कौ टूटौ चाव । -जौ लौ खुले मात कै नैन , बाली लटपट धीरे बैन , -‘न बेटा घबराओ , -आओ एंगर आओ । । -”बापू नें तौ मौखाँ छोड़ो , मैं तोय छोड़ चली हौं , -तोरे नाजुक हाथ लाड़ले , अब मैं सौपौं कीहौं ? -माँ धरती , बापू आकास , -तुमारे , करौ उनइँ की आस , “ -जौ लौ बाबा ईसुरदास आ गये , बोले , ना घबराव । -उठा कै बालक बाले , ”मात , करौ ना चिन्ता कौनउँ , भाँत , -न दुख हूहै ईहौं , -कै जौ लौ मैं जी हाँ । । “",bundeli-bns -"हरे रामा आज बृज मे श्याम -हरे रामा आज बृज में श्याम , -बने मनिहारी रे हारी । -वृन्दावन की कंुज गलिन में -टेरत कृष्ण मुरारी रामा , -हरे रामा है कोई बृज में -चुड़ियां पहरन वारी रे हारी । -खोल किवाड़ राधिका निकरी , -चुड़ियां वारी रामा , -हरे रामा वो पहराव पिया को -जो लगे प्यारी रे हारी । । -हाथ पकड़ पहरावन लागे , -लाल हरीरी पीली रामा , -हरे रामा मोहन निरखत जात , -ये राधा भोली भाली रे हारी । -हरे रामा . . .",bundeli-bns -"306 -आ वड़े हां उजड़े पिंड अंदर काई कुड़ी ना त्रिंजणी गांवदी ए -नाह किलकली पांवदी ना सम्मी1 पबी मार नी धरत कंबांवदी ए -नहीं झहेटड़ी दा गीत गांदियां ने ते गिधड़ा कोई ना पांवदी ए -वारस शाह छड जाईए एह नगरी ऐसी तबह2 फकीर दी आंवदी ए",panjabi-pan -"रोहेण बाई थारी कोठरी हो माता -रोहेण बाई थारी कोठरी हो माता , -अगर रह्यो महेकाय । -कि हो गन्धीड़ो बसी गयो , -की हो फूली फुलवाड़ी । -न��ीं हो गन्धीड़ो बसऽ म्हारी सई हो । -नहीं हो फूली फुलवाड़ी , -आया चन्द्रमा राजा , बठ्या म्हारी कोठरी , -अगर रह्यो महेकाय ।",nimadi-noe -"मोटी मोटी बून्दां झले पै आई -मोटी मोटी बून्दां झले पै आई -तो गाबरू नै चाद्दर ताणी , हो मन्ने तेरी सोंह -जद वोह् चाद्दर भीजण लागी -तो गाबरू नै छतरी ताणी , हो मन्ने तेरी सोंह -जद वोह् छतरी भीजण लागी -तो गाबरू नै बैल जुड़ाई , हो मन्ने तेरी सोंह -बाजणी सी बैल बिदकणे से नारे -तो गाबरू नै बांह तुड़ाई , हो मन्ने तेरी सोंह",haryanvi-bgc -"करमा गीत-6 -रांधत देखेंव मोगरी मछरी -परसत देखेंव भोंगा सागे । -अइसन सुआरी बर -बड़ गुस्सा लागे । -भारतें तुतारी दुई चारें । -माहिरा तुतारी दुई चारें । -चलि देबों मइके हमारे । -मसके देइ मइके तुम्हारे । -कर लेब दूसर बिहांव । -कर लेइहा दूसर बिहाव -हमर सूरत कहां पइहा । -अइसन सुधरई का करबो । -चिटको तो चाल कहर नइहे ।",chhattisgarhi-hne -"छोटे से मोरे मदन गोपाल (लोरी) -छोटीछोटी गैयाँ -छोटेछोटे ग्वाल -छोटे से मोरे मदन गोपाल -कहाँ गईं गैयाँ , कहाँ गए ग्वाल -कहाँ गए मोरे मदन गोपाल । -हारे गईं गैयाँ , पहाड़ गए ग्वाल -खेलन गए मोरे मदन गोपाल -का खाएँ गैयाँ ? का खाएँ ग्वाल -का खाएँ मोरे मदन गोपाल ? -घास खाएँ गैयाँ , दूध पिएँ ग्वाल -माखन खाएँ मोरे मदन गोपाल । -छोटीछोटी गैयाँ -छोटेछोटे ग्वाल -छोटे से मोरे मदन गोपाल",bundeli-bns -"पीहर मेरो मालवो -पीहर मेरो मालवो -कचरी री जाणू आर्यो सब सूं बड़ो तरबूज -मेरो तो मन माने नाय मुलक तेरो गिदावड़ो -पीहर मेरो मालवो -हंसा आयो मेरे पावुनो हंसा सूं हंस बोलयो -कैसे करो आवणो -हंसा आयो हंस हंस सीढ़ी चढ़ गयो हंस कर पकड़ी मेरी बांह -लखेरी चूड़ो कांच को झड़ गयो तेरो के गयो गंवार -कचेहरा को घर गयो",haryanvi-bgc -"मइया तुम नाहक खिसयातीं -मइया तुम नाहक खिसयातीं । -इनके कँयँ लग जाती । -पानी मिला दूध में बैचैं । -तासें गाड़ौ कातीं । -जे तौ अपने सगे खसम खाँ । -साँसौं नई बतातीं । -ईसुर जे बृज की बृजनारीं । -धजी कै साँप बनातीं ।",bundeli-bns -"को जी होलो औंणू? -‘घुगतिबसूती’ घूरी घुगति डालि म , -उज्यालि मयलि घूरी घुगती डालि म -रीटिफीरि आई ऋतु , -धड़म बाजी लाठी । -फूलु की फूल्यालि आई , -गिंवड् यूँ की बाटी ॥ घुगति बसूती . -डाँडी हैरि डालि मौलि , -रंगमती बँसूला । -धरती क कंठ आज , -फूलु की हंसुली ॥ घुगति बसूती . -पंथ्या धौलू1 फ्योंलि2 , आरु -लय्या3 फूशे बुरांस4 । -घुंगटंयालि ठुमकदी आई , -झपन्यालों , हिलाँस ॥ घुगति ब��ूती . -पैत्वल्यों पराजआज , -कंठ की बडुली । -आज को जी होलु औंणू ? -डुलदी च लटुली ॥ घुगति बसूती .",garhwali-gbm -"पुरइन पात चढ़ि सुतली गउरा देइ -पुरइन पात चढ़ि सुतली1 गउरा देइ । -सपना देखली अजगूत2 हे ॥ 1 ॥ -टोला पड़ोसिन तुहूँ मोरा गोतनी । -सपना के करू न बिचार हे ॥ 2 ॥ -तुहूँ इयानी3 गउरा तुहूँ सेयानी । -तुहूँ पंडितवा के धिया हे ॥ 3 ॥ -मोरँग4 देस बाजन एक बाजे । -सिवजी के होयलइन5 बियाह हे ॥ 4 ॥ -पेन्हऽ गउरा देइ इयरी से पियरी । -सउतिन परिछ6 घर लावऽ7 हे ॥ 5 ॥ -पुतहू जे रहतइ परिछि घर लइती8 । -सउतिन परिछलो9 न जाय हे ॥ 6 ॥ -डँड़िया10 उधारि जब देखलिन गउरा देइ । -इतो11 हइ12 बहिन हमार हे ॥ 7 ॥ -देस पइसि13 बहिनी बरो14 न मिलल । -तुहूँ भेल सउतिन हमार हे ॥ 8 ॥ -अइसन असीस बहिनी हमरा के दीह । -जुग जुग बढ़ी अहिवात हे ॥ 9 ॥ -मँगिया के जुड़ल15 सीतल रहिहऽ हे बहिनी । -कोखिया16 के होइहऽ17 बिहून18 हे ॥ 10 ॥ -सार19 पइसी बहिनी गोबर कढ़िहऽ20 । -सिव जी के पास मत जाहु हे ॥ 11 ॥",magahi-mag -"सूरत सिंह पहुंची बन्धवा ले रे -सूरत सिंह पहुंची बन्धवा ले रे रे तनें कह रही बाहण मां जाई -पहुंची के बंधवा ल्यूं हे इक बिर बागां में जाणा -चन्दरा मैं भाजा आया हे हे मनें रोटी भी ना खाई -चन्दरा भूल गया था हे सुरजकौर न याद दिवाई -चन्दरा पहुंची बांधदे हे कह रहा सै सुरत सिंह भाई -पहुंची ठाके बांध ले रे गंगा में धो के सुखाई -मैं चमरे की जाई रे रे मिट जाएगा सुरत सिंह भाई -चमरे का बण के बंधा लूं रे बांधौ ना बाहण मां जाई -चन्दरा पहुंची बांधी हे पहुंचे पै आंसू आई -चन्दरा साच बता दे किस दुख में आंसू ल्याई -नवमी का दिन धर राख्या रे तेरा जीजा फांसी टूटे -सुरत सिंह कुछ भी न बोल्या हे जीजा के बदले में मर गया",haryanvi-bgc -"कहना से ऊनई कारी बदरिया -कहना से ऊनई कारी बदरिया -कहना बरस गये मेघ मोरे लाल । -ससुरे से उनई अरे कारी बदरिया , -मयके बरस गये मेह मोरे लाल । -कौना ने बो दई लटक कंकुनिया , -कौना ने सठिया धान मोरे लाल । -ससुरा ने बो दई लटक कंकुनिया -बाबुल ने सठिया धान मोरे लाल । -कौना के नींदे घर की निदइया , -कौना के लगे हैं मजूर मोरे लाल । -ससुरा के नींदे घर के निंदइया , -बीरना के लगे हैं मजूर मोरे लाल । -कौना के काटे बे घर के कटइया , -कौना के काटे मजूरे मोरे लाल । -ससुरा के काटे घर के कटइया , -बीरना के काटे मजूर मोरे लाल । कहना . . .",bundeli-bns -"दीवा कै मण रै दीवा कै मण -दीवा कै मण रै दीवा कै मण गाल्या लोहरे तो कै मण जाल्या कोयला जे -दीवा नौ मण रै दीवा नौ मण गाल्या लोहरे दीवा दस मण जाल्या कायला जे -बात्ते रै तेरे बात्त घाल्यूं सवा सेर की घड़ीए उजेऊं तेलको जे -भर चास्सूं रै भर चास्सूं म्हारै संकर की धनसाल -घर प्यारे कै चांदणो जे -भर चास्सूं रै भर चास्सूं म्हारे रामसिंह की धमसाल -घर राम सरन कै चांदणो जे",haryanvi-bgc -"80 -खुआजा खिजर ते शकरगंज बोज़ खोरी मुलतान दा जिकरिया पीर नूरी -होर सयद जलाल बुखारिया सी अते लाल शाहबाज ते बहशत हूरी -तुररा खिजर रूमाल शकरगंज दित्ता अते मुंदरा लाल शहबाज नूरी -खंजर सयद जलाल बुखारीये दा खूंडी जिकरीए मीर ने हिक बूरी -तैनूं भीड़ पवे करीं याद जटा वारस शाह ना जानना पलक दूरी",panjabi-pan -"बिछिया तो म्हें झटझट पेरिया -बिछिया तो म्हें झटझट पेरिया -सोकनिया रा डर से -अनबट री जगाजोत हो -कूंकड़ो झट बोल्यो मारूजी -भैंस मंगाऊँ , मिनकी पालां -कूंकड़ा रो साल मिटावां -सोकड़ नो भरमायो , बैरन रो भरमायो -कूंकड़ो झट बोल्यो मारूजी",malvi-mup -"अमर बेल उदय पै छाई -अमर बेल उदय पै छाई -जिस तलै म्हारी लाडो खेलण आई -हंस के उसके दादा ने गोद खिलाई -कहो म्हारी लाडो किसा बर ढूंढा -काला मत ढूंडो कुल ना लजावै -भूरा मत ढूंडो जलदी पसीजै -ओच्छा मत ढूंडो सब दिन खोटा -लम्बा मत ढूंडो सांगर तोडै -इसा बर ढूंडो जिसी थारी लाडो -कंवर कन्हीया मथुरा का बासी",haryanvi-bgc -"सीस बनै के सेहरा सोए -सीस बनै के सेहरा सोए -लड़िआं पै भगवान -बना मन मंदिर आलीसान -कान बनै के मोती सोए -सच्च्यां पै भगवान -बना मन . . . -गल्ल बनै के तोड़ा सोए -जामै पै भगवान -बना मन . . . -हाथ बनै के घड़िआं सोए -गुट्ठी पै भगवान -बना मन . . . -पैर बनै के जूता सोए -महफिल पै भगवान -बना मन . . . -हेठ बनै के लील्ली सोए -जोड़ी पै भगवान -बना मन . . .",haryanvi-bgc -"विवाह -गीत - मोरे पिछवरवाँ धन बसियरिया -मोरे पिछवरवाँ धन बसियरिया -गलियाँ फिरही श्री राम रे -अस कोऊ नाही रे नगर अयोध्या राम पियासन जांये -भीतर से निकरी हैं सीता रानियवाँ हथवा गेडुवा जुड़ पानि -बैइठो न राम हो ऊँचे चबूतरा पियहु गेडुआ जुड़ पानि -केकर हौ तुन्ह बरी दुलारी केकर करिना कुआँर -केकरे घरा तू बेही बटुयु केकरि करिना कुआरि -रजा जनक कै बरी दुलारी उन्ही कै करिना कुआरि -राजा दसरथ घरा बेही बाटी राम कै होई बहुआरि -यतना बचन सुने राम से लक्षमन गलियाँ में हेरहिं कहार -अरे अरे कन्हरा भईया सोने कै डोलिया सजाओ मोरे भईया सीता अवध पहुचाओ -यतना बचन सुनी सीता रनिवा गलियाँ में छोड़हीन भोकार -अस कोयू ���ाही नगर अयोध्या राम मिले ठगहार",awadhi-awa -"दादा आंगेना तांबा गाड़ी रे -दादा आंगेना तांबा गाड़ी रे -दादा आंगेना तांबा गाड़ी रे -जोगी रामे तो रामे बाबेना बेटी के झोलीयों -जोगी रामे तो रामे बाबेना बेटी के झोलीयों -पातेली इतेने लागीयो रे -पातेली इतेने लागीयो रे -चारोटियाँ टूटेने लागीयो -चारोटियाँ टूटेने लागीयो -स्रोत व्यक्ति सुलोचना , ग्राम नानी मकड़ाई",korku-kfq -"उपरे परबतवा पर हारिल सुगवा -उपरे परबतवा पर हारिल सुगवा , अहो उनकर रातुल1 -दुनु ठोर , से एहो नाया कोहबर । -सेहो पइसि सूतल दुलहा दुलरइता दुलहा , जवरे सजनमा -केर धिया , से एहो नाया कोहबर ॥ 1 ॥ -ओते2 सुतूँ3 ओते सुतूँ दुलहिन दुलरइता दुलहिन । -मोरे रे चदरिया मइल होय , नाया कोहबर ॥ 2 ॥ -एतना बचनियाँ जब सुनलन दुलरइती सुहवे4 हे । -खाट छोड़िए भुइयाँ5 सोइ गेलन6 ए नाया कोहबर ॥ 3 ॥ -सरिया7 खेलइते तोहें दुलरइता सरवा8 हे । -रूसल बहिनियाँ बँउसी देह9 त , एहो नाया कोहबर ॥ 4 ॥ -उठूँ बहिनी , उठूँ बहिनी , हमर बोलिया हे । -उठिकर चिरवा सँम्हारू , त एहो नाया कोहबर ॥ 5 ॥ -कइसे के उठियो अउ10 चिरवा सँभाएि हे । -राउर बहनोइया बोलय कुबोल त , एहो नया कोहबर ॥ 6 ॥ -बोले देहुन बोले देहुन , कुबोली बोलिया हे । -कुलमन्ती सहहे11 कुबोल , एहो नाया कोहबर ॥ 7 ॥",magahi-mag -"हम धनी जी खिचड़ी की साध -हम धनी जी खिचड़ी की साध -खिचड़ी हाल मंगा द्यो जी । -खिचड़ी हे गोरी मायड़ भावज पै मांग -हम पै मेवा मीसरी जी । -हम धनी जी पीला की साध -पीला हाल मंगा द्यो जी । -पीला ए गोरी मायड़ भावज पै मांग -हम पै नौरंग चूंदड़ी जी । -हम धनी जी खिचड़ी की साध -खिचड़ी हाल मंगा द्यो जी ।",haryanvi-bgc -"कानो बड़ाई करो बीर हनुमान की -कानों बड़ाई करों बीर हनुमान की । -सिंधु पार कूंद पड़े बाग तो उजार आये -लंका जलाये आये , छन में रावण की । कानों . . . -रावण के देश गये , सिया खों संदेश दये -मुद्रिका को तो दे आये , -सिया खों राजा राम की । कानों . . . -कहते हैं रामचंद्र सुनो भैया लक्ष्मण , -होते न हनुमान तो पाउते न जानकी । कानों . . . -तुलसीदास आस रघुबर की , -निसदिन मैं गाऊँ , श्री रामचंद्र जानकी । कानों . . .",bundeli-bns -"बैठल सिया मनमारी से रामे रामे -बैठल सिया मनमारी1 से रामे रामे । -अब सिया रहली2 कुमारी , से रामे रामे ॥ 1 ॥ -गाइ के गोबर अँगना नीपल3 । -मोतियन चौका पुराइ4 से रामे रामे । -धनुस देलन5 ओठगाँइ6 से रामे रामे ॥ 2 ॥ -दसहिं देस के भूप सब आयल7 । -धनुसा देखिये मुरझाइ , से रामे रामे ॥ 3 ॥ -अजोधा ��गरिया से राम लछुमन आयल । -धनुसा देखिये मुसकाइ , से रामे रामे ॥ 4 ॥ -गुरु अगेयाँ8 पाइ के रामजी धनुसा उठयलन । -धनुस कइलन9 तीन खंड , से रामे रामे । -अब सिय होयतो बियाह , से रामे रामे ॥ 5 ॥ -मुनि सब जय जय बोले , से रामे रामे । -सखी सब फूल बरसाये , से रामे रामे ॥ 6 ॥",magahi-mag -"143 -धरोई रब्ब दी न्यायों कमायो पैंचो भरे देस विच फाटया कुटवा हां -मुरशद बखशया सी ठूठा भन्नया ने धुरों जढ़ां थी ला मैं पुटया हां -मैं मारया वेखदे मुलक सारे धूह करंके मोए वांग कुटया हां -हड गोडड़े भन्न के चूरा कीते अड़ीदार गदों वांग सुटया हां -वारस शाह मियां वडा गजब होया रो रो के बहुत नखुटया हां",panjabi-pan -"बीबी हमारी है चांद तारा -बीबी हमारी है चांद तारा -वो चांद तारा बर मांगती है -बर ढूंढण बाई जी का दादा जी निकसा -बर ढूंढण बाई जी का बापू जी निकसा -चांरू तरफ बर वे ढूंढते हैं -एफे पास के बन्ने भोत हैं । -बीए पास बर ओ मांगती है",haryanvi-bgc -"118 -शौक नाल बजायके वंझली नूं पंजां पीरां अगे खड़ा गांवदा ए -कदी ऊधो1 ते काहन2 दे बिशन पदे कदी माझ बिहारी दी लांवदा ए -कदी ढोल अते मारवाण छोंदेंदा कदी बूबना चा सुनांवदा ए -मलकी नाल जलाली नूं खूब गावे विच झीवरी दी कली लांवदा ए -कदी सोहणी ते महींवाल वाला नाल शौक दे सद सुनांवदा ए -सारंग नाल तिलंग शहानयां दे राग सूही दा भोग विच पांवदा ए -सोरठ गूजरी पूरबी ललत भैरों जोग राग दी जील वजांवदा ए -टोडी मेघ मलहार धनासरी ते जैतसरी नू नाल रलांवदा ए -मालसरी ते परज बिहाग बोले नाले मालवा विच वजांवदा ए -किदारा अते बिहागड़ा राग मारू नाले कानडे़ दीआं सुरां लावंदा ए -कलयान दे नाल मालकोंस बोले नट मंगल चार सुणांवदा ए -बरवा नाल पलासीया भीम बाले दीपक राग दी तार वजांवदा ए -जंगला नाल पहाड़ी झंजोटियां दे गौड़ी नाल आसा खड़ा गांवदा ए -रामकली बसंत हिंडोल गावे ते मुंदावनी दीयां सुरां लांवदा ए -खड़ा नाल बहार दे ठाठ करदा वारस शाह नूं तुरत रिझांवदा ए",panjabi-pan -"डाची वालेया मोड़ मुहाल वे -डाची वालेआ मोड़ मुहार वे -सोहणी वालेआ लै चल नाल वे -डाची वालेआ मोड़ मुहार वे . . . -तेरी डाची दे गल विच्च टल्लीआं -वे मैं पीर मनावन चलीआं -तेरी डाची दी सोहनी चाल वे -ओये डाची वालेया मोड़ मुहार वे . . . -तेरी डाची थलां नू चीरनी -वे मैं पीरां नू सुख्खनी आ खीरनी -आके तक्क जा साडा हाल वे -ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे . . . -तेरी डाची दे चुम्नीआं पैर वे -तेरे सिर दी मंगनीआं खैर वे -साडी ज��ंदड़ी नू एन्ज न गाल वे -ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे . . . -तेरी डाची तों सदके मैं जानीआं -पंजा पीरां नू पई मैं मनानिआँ . -सुख्खां सुखनिआँ तेरियां लाल वे -ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे . . . -डाची वालेआ मोड़ मुहार वे -सोहणी वालेआ लै चल नाल वे . . .",panjabi-pan -"305 -रांझा खपरी पकड़ गदा1 चढ़यां सिंगी दुआर ही दुआर वजांवदा ए -कोई दे सीधा कोई दे टुकड़ कोई थाल परोस लिआंवदा ए -कोई आखदी जोगीड़ा नवां आया कोई रोह दियां भवां चढ़ांवदा ए -कोई दे गाली धाड़े मार फिरदा कोई बोलदी जो मन भांवदा ए -कोई जोड़के हथ ते करे मिंनतां सानूं आसरा फकर दे नांवदा ए -कोई आखदी मसतया चाक फिरदा नाल मस्तियां पाटदा जांवदा ए -कोई आखदी मसत दीवानड़ा ए चोरां चोबरां वांग दिस आंवदा ए -लड़े भिड़े ते गाली दे लोकां ठठे मारदा लोड़ कमांवदा ए -आटा कनक दा ते घिउ लए बहुता दाना टुकड़ा गोद2 न लांवदा ए -वारस शाह रंझेटड़ा चंद चढ़या घरो घरी मुबारकां लयांवदा ए",panjabi-pan -"माझे-माझे दियरा परि गेल -माझेमाझे दियरा परि गेल -ओहि पर लागि गेल कमलक फूल -नान्हीनान्ही डलिया बुने छौड़ी मलिनियाँ -तोड़िली हे कमला फूल -कोन फूल ओढ़न कोन फूल पहिरन -कोन फूल हे कोसिका के सिंगार -ऐली फूल ओढ़न बेली फूल पहिरन -चमेली फूल कोसिका के हे सिंगार ।",angika-anp -"आल्हा ऊदल -जान छोड़ देल इंदरमन के जब सोनवा देल जवाब -केतना मनौलीं ए भैया के भैया कहा नव मनलव मोर -रात सपनवाँ सिब वाबा के -एतनी बोली सुनल इंदरमन राजा के के भैल अँगार -सोत खनाबों गंगा जी के सिब के चकर देब मँगवाय -फूल मँगाइब फुलवारी से घरहीं पूजा करु बनाय -तिरिया चरित्तर केऊ ना जाने बात देल दोहराय -करे हिनाइ बघ रुदल के -ऊ तो निकसुआ है सोंढ़ही के राजा झगरु देल निकाल -सेरहा चाकर पर मालिक के से सोनवा से कैसे करै बियाह -पाँचो भौजी है सोनवा के संगन में देल लगाय -मुँगिया लौंड़ी के ललकारे लौंड़ी कहना मान हमार -जैसन देखिहव् सिब मंदिर में तुरिते खबर दिहव् भेजवाय -मूरत देखे सिब बाबा के सोनवा मन मन करे गुनान -लौंड़ी लौंड़ी के ललकारे मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओं -फूल ओराइल मोर डाली के फुलवारी में फूल ले आ वह जाय -एतनी बोली लौंड़ी सुन के लौंड़ी बड़ मंगन होय जाय -सोनक चंपा ले हाथन माँ फुलवारी में जेमल बनाय -बैठल राजा डेबा ब्राहमन जहवाँ लौंड़ी गेल बनाय -कड़खा बोली लौंड़ी बोलल बाबू सुनीं रजा मोर बात -कहाँ के राजा चलि आइल फुलवारी में डेरा देल गिराय",bhojpuri-bho -"सर्प दंश से सम्बन्धित मंत्र -बड़वा नीम की पाँच टहनी पत्ते वाली लेता है और पीड़ित व्यक्ति के सामने बैठकर सर्प का जहर उतारने के लिए मंत्र बोलता है , नीम की टहनियों को पीड़ित व्यक्ति के सिर से झाड़ा डालता है । -जिसे सर्प काटा हो उसे पूर्व दिशा की ओर मुँह करके जमीन पर बैठा देते हैं , लाल धागा भीलट बाबा की मान लेकर बड़वा पीड़ित के दाहिने हाथ में बाँध देता । मान यह लेता है कि जहर उतर जायेगा तो सवा पाव शक्कर , पेठा , गेहूँ का आटा , घी लेकर प्रसाद बनाकर भीलट बाबा को भोग लगाकर , सबसे पहले भानेज -को प्रसाद देकर बाद में दूसरे लोगों को बाटूँगा । -मंत्र1 -चालक चलावनि बोर की मिठी लगडोडा -परोलो की पपड़ी काली कुत्ती गले काम से दर में घुसी -हाल हेर करी पकड़ा नवनागनी नव वाटा पड़या तो एक -वाटो दिवड़ खाई गयो कुआँमर जड़ी ताहॉ आया साथ हाथी -हाथी , हाथी रिस करें रोटा , रोटी भान दिया , -ताह निकलीयो कालो नाग नाग का बेटा का नाम डुचकियो , -उदालाल , पानलाल , धामन सुरित निल बागरे छिट परनी , -मंत्र2 -माथे काटनी नी मुड़ल में मेकिस जिप काटीन आरती में -मेकिस हजुर जामनी दाँव पाय खड़ो रहीन धोग दिस -मंत्र3 -दरिया न काँटा वाकि वड़ली न चाहाँ बाधीयो हिरन हिडोलो -दरिया न काँटा वड़ली न चाहाँ हिचारू छिट परली नागन , -दरिया न काँटा वाकि वड़ली न चाहाँ हिचारू लाड़ी , बाडी नागन फुफल , फुगारी -दरिया न काँटा वाकि वड़ली न चाहाँ बाधीयो हिरन हिडोलो , -ताहा हिचारू दिवेदो नागन धामन की नागन , -दरिया न काँटा वाकि वड़ली न चाहाँ बाँधीयो हिरन हिडोलो , -चाहा गुयरो गुहराव छीबरो नागन , -दरिया न काँटा वाकि वड़ली न चाहाँ बाधीयो हिरन हिंडोलो , -भुई सापन दरछायी -दरिया न काँटा वाकि वड़ली न चाहाँ बाधीयो हिरन हिंडोलो , -आम्बासम्बा हिदल नाखे भिलड़ बाबो धुराव न दखनाव , -हवा चाले हिड़ल हिचे , हिचे , हिचे टुट पड़ीयो , -दरियाम पड़यो , रहीयो मगर माछलो चुसि डासियो खाई गयो -धरती गुजपिय उतारू मारसी नि उतरेतो तो सवाँ हाथ डन्डो उतारू -सातपुड़ी जमीन माता इस्माल जोगी निकालियो -तो कपन गाय न गोह आयो , ग्वालीया पोरिया हतला ग्वालियर -पोरिया क इस्माइल जोगी पूछियो कि निल्लो , पिल्लो वासड़ो -देखियो नी पोरिया कहीयो कि भरिया डूँगर में छ बाबा -निलो , पिल्लो वासड़ो ढंूढतोढूंढतो गयो , भरिया डूँगर में -जड़ गयो वासड़ो सोलह लौंग , सुपारिया , हाथ में लेदी -गुगेड़ी लाकुड़ काखम में लेधा झोलना च���टियालो नारियल -अगरबत्ती लोबान चुनियो कुकड़ा कोरी भाटी नो दारू -काचा सुत , सुती देधो वासड़ा मर पूजा पाट -कर देदी दाऔ झाटको मारियो तो दुधियो तलाब बनियो -जेवडियो झाटको मारियो तो खुन न तलाव बनियो -वासड़ो काटिन दाबल बनाया , जाल , कालो नाग -फुक मारिया निल्ली , पिल्ली जमीन हईगई स्वर्ग में निल्लो , पिल्लो बाण फुट गयो , -मंत्र4 -अम्बी न साम्बी जाल फेकेरे काला नागक धखा लागियो -काला नाग धरया गियो न दाबला भरने लागिया , -रामलो , धामलो तपन लागियो आबी न तुलवारा मार , -अदलिया फेरम रातु न दिसु गोबा वधवा लागिया , -कागनी फेरम रातु न दिसु गोबा वधवा लागिया , -आम्बीसाम्बी न जाल फेकेरे जोगी धुचकिया , -नागन काजे धरी लेदो न दाबल मे भरी लेधो , -चोकिया फेरन रातु न दिसु गोबा वधवा लागिया , -आम्बी रे साम्बी जाल रे फेकेरे जोगी , लाड़ी बान्ड़ी , -नागन फुफल फुगार , -मादल फेरू रातु न दिसु वधवा लागिया गोबा , -आम्बी रे साम्बी जाल रे फेकेरे जोगी उदालाल पानलाल , -रातु रे दिनु रे वधवा लागिया रे गोबा धोल फेरू , -रातु रे दिनु रे वधवा लागिया रे गोबा स्वर्ग ठलारो मार देधा , -गोबा वधबा लागिया चटकिया फुटकिया , -रामला गामला तपने लागिया , -तिरसठ जात न जनवार डोलन लागिया -तिरसठ जात न जनवार दाबला -म भरीन जोगी शोरी मामा न -झोपल गयो शोरी मामा -काई की काई भाई काई लाइयो जोगी बोलियो -तिरसठ जात ना जनवार दाबला -म भरीन लाईरियो शोरी मामा -कहियो की जोगी इन्छु कटियाला -जनवार काजे डुडिया में बसाड़ी न -समुद्र पली पार कर देजी -कापन गाय न गोह लागिया -बिच्च म गुवालिया पोरिया आया जोगी काजे पूछन लागियो , -इन्हु दाबला म काई लिजाई जोगी बाबा देधो दाबलो खोलिन -गुवालिया पोरिया देखिन घबराय गया -तिरसठ जनवार कहाँ ती लायो , -कुसल दाँत लहरीयो फेन वालो तो रेड़ भात -ना तो गुवालिया पोरियो -बोलिया कि जा बाबा इन्हूंक समुदु पली घड़ छोड़िया -दरिया न काट वाकि वरली -इस्माइल जोगी जाई हिडोल बाधियो -हिचतहिचत दुट पड़यो गयो मगरमाच्छला -चुसी डसी खाई गयो , -यह मंत्रांे के बाद में सभी देवीदेवता काम नाम बोलते हैं । -सातपुड़ी जमीन मुण्डीया सी राफ वासींग नाग , -बैलाबाबा , कुण्डी राणादेव , नाक में कुहतादेव , खाक में भवरा , -एक तागीया बबल , थानिया सुपड़ काडिया , शिवाबाबा , -महेश्वर वाला डेरा , नर्मदा माई , फुलबाई माता , बाघेश्वरी माता , -काली माई , कालका माता , डामरा माता , महीमाता , गायमुख माता , -भिलड़ देव , खेड़ा देवती , रानी काजल , भेस्टा कंुवर देव , नाहाराजा कुंवर । -ऊँकारजी बाबा , सिंगाजी बाबा , गणपति बाबा , -बलवारी बाबा , हनुमान , महाकालडेरा बाबा , हुनमान बाबा , -रामभगवान , भिमा , माता कुन्ती , सितामाता , महादेव गोरा , -चाँद , सूरज , मालदेव , उगवना , बुड़वना , तरफ मारा दरवाजे । -यह मंत्र पूरा होने पर सर्प का जहर उतर जाता है , फिर उतारने वाला या बड़वा जंगल में जाता है और जंगली जड़ीबूटी खोजकर लाता है । जड़ीबूटी को बारीक पीसकर , पानी में घोलकर पिला देते हैं और वह सर्प का काटा हुआ अच्छा हो जाता है ।",bhili-bhb -"सावन बीते जात हमखो ससुराल मे -सावन बीते जात हमखों ससुराल में , -भइया भूले भरम जाल में । -जिस दिन कीन्हीं विदा हमारी , -सब घर रुदन कियो तो भारी , -अब क्यों हमरी सूरत बिसारी , -वा दिन रो रये खड़े खड़े द्वार में । भइया . . . -असड़ा मेरी विदा कर दई ती , -रोरो व्याकुल मैं हो गई थी । -वा दिन तुमने जा कै दई ती , -हम लुआवे आये दिना चार में । भइया . . . -संग की सखियां मायके जावें , -हम अपने मन में पछतावें , -भइया आवें तो हम जावें , -बहिन डूब रहीं आंसुओं की धार में । भइया . . . -पूनो तक लो बाट निहारी , -लुआवे आये न बिरन हजारी -जो कऊं हुइयें याद हमारी , -तो आहें जरूर आज काल में । भइया . . .",bundeli-bns -"लचिका रानी -तीसरा खण्ड -रम्मा लचिका छोड़ी गेलै जबेॅ पोखरियो रे ना -रम्मा महीना दिन के छेलै लड़कबो रे ना -रम्मा लचिका केॅ हरि केॅ लै गेलै लक्ष्मीपुर के रजबो रे ना -रम्मा हठबा के पैलकै फलवो रे ना -रम्मा बालक पर होलै प्रभु के किरपबो रे ना -रम्मा बची गेलै लैके बदलबो रे ना -रम्मा कुलोॅ में बचलै एक फतींगबो रे ना -रम्मा घरोॅ में लै खातिर नममो रे ना -रम्मा छुटी गेलै जबेॅ अम्माओ रे ना -रम्मा पालन पोषन करै तबेॅ दादियो रे ना -रम्मा बालक बढ़ेॅ लागलै दिनेदिनमो रे ना -रम्मा जैसें बढ़ै छै दूजोॅ के चनमो रे ना -रम्मा दादी घरलकै बालक पर असरबो रे ना -रम्मा नाम घरलकै ऐकरोॅ रणबीरवो रे ना -रम्मा थोड़े रे समय में होलै तैयरवो रे ना -रम्मा पढ़ीलिखी होलै होसियरवो रे ना -रम्मा एक दिन खेलै लेॅ गेलै गुल्ली डण्टवो रे ना -रम्मा संगोॅ में पाँचछः लड़कवो रे ना -रम्मा खेलेखेलोेॅ में किरियाबो रे ना -रम्मा हरदम खैते रहेॅ बापोॅ के किरियावो रे ना -रम्मा है सुनी वोलै एक लड़कबो रे ना -रम्मा झूठे तों खाय छैं बाप के किरियावो रे ना -रम्मा कहियै नी मरलोॅ छौ तोरोॅ बापो रे ना -रम्मा वही नौरंग ��ोखरिया उपरवो रे ना -रम्मा तोरोॅ माय केॅ हरि केॅ लै गेलो छौ रजवो रे ना -रम्मा तहियो नहीं तोरा लजवो रे ना -रम्मा लड़का सिनी के सुनी बचनमो रे ना -रम्मा दौड़लोॅ ऐलोॅ रणवीर घरबो रे ना -रम्मा ददीयाँ सें कहलकै बचनमो रे ना -रम्मा सुनोॅ दादी हमरोॅ अरजवो रे ना -रम्मा सचसच तों कहोॅ हलवो रे ना -रम्मा कहाँ पर मरलोॅ छै हमरोॅ बपबो रे ना -रम्मा हमरा बतावोॅ सब हलवो रे ना -रम्मा नहीं तों बतैभौ सच बतियो रे ना -रम्मा गर्दन पर मारी कटरियो रे ना -रम्मा तेजी देवौ हम्में परनमो रे ना -रम्मा नहीं तेॅ कहोॅ सचसच बतवो रे ना -रम्मा रणवीर के सुनी बतियो रे ना -रम्मा कहेेॅ लागलै प्रीतम सिंह के मतवो रे ना -रम्मा कहै में फाटै मोरा छतियो रे ना -रम्मा मुहोॅ सें नहीं निकलै बतियो रे ना -रम्मा सुनोॅ बबुआ सब बतियो रे ना -रम्मा माय तोरोॅ हमरोॅ पुतौहुओ रे ना -रम्मा कैसें कहियौ उनकर दुरगतियो रे ना -रम्मा महिना दिन के छैले तों बलकवो रे ना -रम्मा तोरोॅ माय कहलकौ एक बचनमो रे ना -रम्मा जैवै हम्में पोखरिया असननमो रे ना -रम्मा नहीं मानलकौ कहनमो रे ना -रम्मा पोखरिया पर करि केॅ गेलौ हठबो रे ना -रम्मा वहाँ बैठलोॅ छेलै लक्ष्मीपुर के रजवो रे ना -रम्मा लैकेॅ साथें सेनमो रे ना -रम्मा जाय केॅ घेरी लेलकै पोखरियो रे ना -रम्मा बाबू तोरोॅ सुनलकौ खबरियो रे ना -रम्मा लेलकौ सजाय केॅ पलटनमो रे ना -रम्मा हुवेॅ लागलौ घमासान लड़ैयो रे ना -रम्मा बापदादा के गेलौ जनमो रे ना -रम्मा करिकेॅ लै गेलौ माय के हरनमो रे ना -रम्मा लै गेलौ आपनोॅ भवनमो रे ना -रम्मा कहाँ तक बतैय्यो दुरगतियो रे ना -रम्मा कहै में फाटै मोरा छतियो रे ना -रम्मा रणबीर पूछै ददियाँ सें पापी रजवा के ठिकनमो रे ना -रम्मा हमरा बताय दे ऊ रजवा के नाम ठिकनमो रे ना -रम्मा एतना सुनी ददियाँ समझावै रे ना -रम्मा मानी लेॅ बबुआ हमरोॅ कहनमो रे ना -रम्मा बड़ा बलशाली ऊ रजबो रे ना -रम्मा नहीं पारबे होकरा सें कभियो रे ना -रम्मा तबेॅ बोलै कुंवर रणवीरवो रे ना -रम्मा हौ दादी जनम के तिरियवो रे ना -रम्मा घर में बैठलोॅ पीन्ही केॅ चुड़ियो रे ना -रम्मा दादी मर्द के हाँसतौ पगड़ियो रे ना -रम्मा नाहक के लेलियै जनममो रे ना -रम्मा देवै हम्मू डुबाय केॅ खनदानमो रे ना -रम्मा दादी कहेॅ लागलै सब हलवो रे ना -रम्मा लक्ष्मीपुर के ऊ रजवो रे ना -रम्मा होकरोॅ नाम जयसिंह रजवो रे ना -रम्मा दुश्मन के मिललै ठिकनमो रे ना -रम्मा कुंवर ���ेलै वहाँ से रवनमो रे ना",angika-anp -"मधु माय डो मधु माय डो धरती तमाशो डोगे भाई रे -मधु माय डो मधु माय डो धरती तमाशो डोगे भाई रे -मधु माय डो मधु माय डो धरती तमाशो डोगे भाई रे -मधु माय डो मधु मायनी बारह डो बारह चौबीसो -मधु माय डो मधु मायनी बारह डो बारह चौबीसो -घंटा धरती तमशो डोगे भाई रे -घंटा धरती तमशो डोगे भाई रे -आजुमे भगवान आजुमे भगवान धरती तमाशो डो डो डो -आजुमे भगवान आजुमे भगवान धरती तमाशो डो डो डो -इयां ऊमर पकायेन भाई रे -इयां ऊमर पकायेन भाई रे -मधु माय डो मधु माय डो धरती डो पताला तमाशो डो डो डो -मधु माय डो मधु माय डो धरती डो पताला तमाशो डो डो डो -इयां ऊमर बिताय भाई रे -इयां ऊमर बिताय भाई रे -मधु माय डो मधु माय डो आकाव डीडोम नी नूटेन -मधु माय डो मधु माय डो आकाव डीडोम नी नूटेन -नी समय बितावेन भाई रे -नी समय बितावेन भाई रे -अजुमे भगवान अजुमे भगवान आयोम डो बा बाने भाई रे -अजुमे भगवान अजुमे भगवान आयोम डो बा बाने भाई रे -मधु माय डो मधु माय डो बाड़ा नी टाला चीचानी -मधु माय डो मधु माय डो बाड़ा नी टाला चीचानी -बोहरा पेढ़नावन भाई रे -बोहरा पेढ़नावन भाई रे -आजुमे भगवान अजुमे भगवान पूरी पन्सी नी भुरा भाई रे -आजुमे भगवान अजुमे भगवान पूरी पन्सी नी भुरा भाई रे -स्रोत व्यक्ति चूड़ामन , लक्ष्मण पर्ते , ग्राम जामनिया कलां",korku-kfq -"ननदिया माँगे फुलझड़ी हे, हम न देवइ -ननदिया माँगे फुलझड़ी हे , हम न देवइ1 । -झलाही2 माँगे मोती लड़ी हे , हम न देवइ ॥ 1 ॥ -राजाजी , सोवे कि जागे हे , हम न देवइ । -अप्पन3 बहिनी के बरजू4 हे , हम न देवइ ॥ 2 ॥",magahi-mag -"हरता तो फरता मारूजी हो पूछे -हरता तो फरता मारूजी हो पूछे -मटकी ना मोती क्याँ मेलिया -एकज मोती राजा दई ने दीदो -हरता तो फरता मारूजी हो पूछे -मटकी ना मोती क्यां मेल्या -एकज मोती राजा सासू ने दीदो -कुंवर पटोला झेलिया -हरता . . . -एकज मोती राजा जेठाणी ने दीदो -दस दन खूणे खाट ढलाविया -हरता तो . . . -एकज मोती राजा जेठाणी ने दीदो -दस दन दिवलो संजोवियो -हरता तो . . . -एकज मोती राजा नणदल ने दीदो -कंवले सांतीपूड़ा मंडाविया -हरता तो फरता सुगणी रा सायबा पूछे -एकज मोती राजा ढोली ने दीदो -दस दन ढोल गरासिया -हरता तो . . . -एकज मोती राजा पड़ोसन ने दीदो -दस दन मंगल गवाड़िया",malvi-mup -"मोय ब्रज बिसरत नैया -मोय ब्रज बिसरत नैयां , -सखी री मोय तो ब्रज बिसरत नैयां । । -सोने सरूपे की बनी द्वारिका , -गोकुल जैसी छवि नइयां । -मोय सखी . . . -उज्जवल जल जमुना की धारा , -बाकी भांति जल नैयां । -मोय सखी . . . -जो सुख कहियत मात जशोदा , -सो सुख सपने नैयां । -मोय सखी . . .",bundeli-bns -"तुम खाँ देखौ भौत दिनन में -तुम खाँ देखौ भौत दिनन में । -अबलाखा ती मन में । -हमरी तुमरी प्रीत पुरानी । -छूटी वाला पन में । -दरसन दियौ न्यारे परकें , -छिप जिन जाव सकन में -हम तुम इक संगे खेले हैं । -मथुरा बिन्द्रावन में । -भली करा दई भेंट ईसुरी , -विध नैं येइ जनम में ।",bundeli-bns -"562 -जदों शरह1 दी आनके रजूह2 होए काजी आखया करो ब्यान मियां -दिओ खोल सुनायके बात मैंनूं करां उमर खताब दा निआउं मियां -खेड़े आखया हीर सी साक चंगा घर चूचके सयाल दे जान मियां -अजू खेड़े दे पुत नूं खैर कीता होर ला थके लख तरान मियां -जंज जोड़के असां विआह आंदी टके खरच कीते ढेर दान मियां -लख आदमी दी ढुकी प्रथवी सी हिंदू सिख अते मुसलमान मियां -असां लायके दम विआह आंदी देस मुलक रहया सभो जान मियां -असां खोल्ह के हाल बियान कीता झूठ बोलना बहुत नुकसान मियां -रावन वांग लै चलया सीता ताईं एह छोहरे तेज जबान मियां",panjabi-pan -"296 -लैन जोगी नूं आइयां धुन्बला1 हो चलो गल बना सवारीए नी -सभे बोलियां जो नमसकार जोगी क्यों नी साईं सवारीये पयारीए नी -वडी मेहर होई एस देस उते वेहड़े हीर दे नूं चलो तारीए नी -मंग नगर अतीत है अजे खाना बातां शोक दीयां चा वसारीए नी -वारस शाह तुसीं घरों खा आइयां नाल चावड़ा2 लौ घुमकारीए नी",panjabi-pan -"वार झूलनी -री रीना रीहल रीना , री रीना रीना हो , कि -री रीना रीहल रीना , री रीना रीना हो । -दे दाई गोड़ चुटकी जाव मड़ीला हाट हो । 2 -तै कहाँ जाबी पूतो आ रे भोरे हो । 2 -दे दाई डबरी पैरी जाव मड़ीला ना हाट हो । 2 -तै कहाँ जाबी पूता आ रे अर भोरे हा । 2 -दे दाई कमर करधन जाव मड़ीला हाट हो । 2 -दे दाई हाथ के गुजरिया , जाव मड़ीला हाट हो । 2 -दे दाई बाँह का बहंकर , जाव मड़ीला हाट हो । 2 -दे दाई गले का सुतिया , जाव मड़ीला हाट हो । 2 -दे दाई कान के ढार , जाव मड़ीला हाट हो । 2 -शब्दार्थ – मड़ीलामंडला के , भोरेसुबह , जाबीजाना , हाटबाज़ार । -एक बैगिन लड़की माँ से कहती है माँ मुझे तुम्हारे गहने दे दो । मैं गहने पहनकर मंडला के हाट घूमने जाऊँगी । माँ बोलीतुम मंडला क्यों जा रही हो । लड़की कहती है माँ पहले मुझे गहने तो दे दो । फिर मैं बताऊँगी । इस पर माँ कहती है तुझे क्या चाहिए – मैं पैर की ऊँगली से लगाकर सिर तक के गहने दे दूँगी । तुम सुबह से तैयार हो गई हो अच्छा तुम गहनों के नाम बताओ । तब लड़की कहती है माँ मुझे ऊँगलियों की चुटकी , पाँव की पैरी , कमर की करधनी , हाथ के गुजरिया , बाँह का बहूँटा , गले की सुतिया और कान का सोने का ढार दे दो । मैं इनको पहनकर सहेलियों के संग मंडला शहर के बाजार में घूमने जाऊँगी । -शरीर के विभिन्न अंगों के आभूषणों के नाम उनके पहनने के अनुसार इस बैगा गीत में बहुत खूबसूरत से पिरोये गए हैं । स्त्री के आभूषण की चाह को भी व्यक्त किया गया है ।",baiga-mis -"301 -रांझे आखया खयाल ना पवो मेरे सींह सप फकीर दा देस केहा -कूंजां वांग ममोलयां देस छडे असां जात सफात ते भेस केहा -वतन दमां दे नाल ते जात जोगी साडा साक कबीलड़ा खेस1 केहा -जेहड़ा वतन ते जात वल धयान रखे दुनियां दार है उह दरवेश केहा -दुनियां नाल पैंवदा है असां केहा पत्थर जोड़ना नाल सरेश केहा -जिनां खाक दर खाक फनाह2 होना वारस शाह फिर तिनां नूं ऐश केहा",panjabi-pan -"मृत्यु गीत -राम भजो रे , भगवान मारो मन काई म लागी रयो । -राम भजो रे , भगवान मारो मन काई म लागी रयो । -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -भगवान मारो मन बेटाबहु म रमी रयो रे राम । -भगवान मारो मन बेटाबहु म रमी रयो रे राम । -भगवान मारो मन कई मा लागी रयो । -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -भगवान मारो मन खेतीवाड़ी म लगी रयो । -भगवान मारो मन खेतीवाड़ी म लगी रयो । -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -मारो मन छोरी जवाँई म लगी रयो ॥ -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -मारा मन कइ मा लगी रयो ॥ -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -मारो मन नातीपोती म लगी रयो ॥ -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -मारो मन कइ मा लगी रयो ॥ -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -मारो मन घरबार म लगी रयो ॥ -राम भजो रे , भगवान राम भजो रे । -मानव के अन्तिम क्षणों में जब केवल श्वाँस बाकी रहती है , उस समय की दशा -का इस मृत्यु गीत में वर्णन किया गया है । -राम का भजन करो । हे भगवान मेरा मन किसमें लगा हुआ है जिससे मेरा जीव अटका -है । मरणासन्न दशा वाले मनुष्य से कहलाया गया है कि मेरा गन अपने पुत्रो और बहुओं -में लगा हुआ है । इस सभी का मोह मेरी आत्मा को रोके हुए है । आगे कहा गया है कि -मेरा मन खेतीबाड़ी के मोह में अटका हुआ है । मेरी खेतीबाड़ी इतनी बड़ी और अच्छी -है । यह संसार मोह माया है इसमें जीव अटका है । लड़की और जवाँई के मोह में मेरा -जीव अटका है । नाती और पोती का मोह भी रोके हुए हैं । घरबार का मोह भी -रुकावट डाल��ा है । -गीत का मुख्य उद्देश्य यह है कि माया मोह के सांसारिक बंधनों में मनुष्य पड़ा -रहता है । राम का भजन करना चाहिए जिससे मनुष्य को मुक्ति प्राप्त होती है । -लोगों को भगवान के भजन की ओर प्रेरित करने के प्रयास में ये उदाहरण दिये हैं ।",bhili-bhb -"184 -लगे नुगदियां तलन ते सकरपारे ढेर लांवदे ने वड़ घेरवां दे -तले खूब जलेब गुलभिशत बूंदी लडू टिकियां भिनड़े मेवरां दे -मैदा खंड ते घिउ पा रहे जफी भाबी लाडली नाल जिउं देवरां दे -कलाकंद मखानयां सुआद मिठे पकवान गन्ने नाल तेवरां दे -होर जहान दी रसद आई , बाजूबद बंने सभा जमाह हाई नाल तेवरा दे",panjabi-pan -"भक्ति दान मोहे दिजीये -भक्ति दान मोहे दिजीये , -देवन के हो देवा -करु संत की सेवा . . . -भक्ति दान . . . -१ नही रे मांगूँ धन सम्पदा , -सुन्दर वर नारी -सपना म रे मांगूँ नही -मोहे आन तुम्हारी . . . -भक्ति दान . . . -२ तीरथ बरत मोसे ना बने , -कछू सेवा ना पुजा -पतीत ठाड़ो परभात से -आरु देव न दुजा . . . -भक्ति दान . . . -३ करमन से रिध सिद्ध घणा , -वैकुंठ निवासा -किंचित वर मांगूँ नही -जब लग तन स्वासा . . . -भक्ति दान . . .",nimadi-noe -"सुच्ची वास्कट वालेया -सुच्ची वास्कट वालेया सोने दे बटन लवा , -शाला तूं जीवें मुरादां वेखी माँ , -अज मेरे राजे दी जंज चड़ी मुरादां नाल , -जीवण जोगे दी जंज चड़ी मुरादां नाल , -इस मेरे सोणे दी माँ खुश पई थीन्दी ए , -जीवण जोगे दी माँ खुश पई थीन्दी ए , -लाल माण के न माण , -सोणेया माण के न माण , -चूड़े वाली वोटी आण , -टिक्के वाली वोटी आण . -चंबा कें राया कें राई चम्बेल , -मरुआ कें राया साडे बुए दे चहुँ चफेर , -सुच्ची वास्कट वालेया सोने दे बटन लवा , -शाला तूं जीवें मुरादां वेखी माँ .",panjabi-pan -"नख पै धरि के श्री गिरिराज -नख पै धरि के श्री गिरिराज , नाम गिरिधारी पायौ है ॥ टेक -सुरपति पूजन बन्द करायौ , श्री गोवरधन कू पुजवाओ ॥ -नन्द बाबा और जसुदा मात , संग में बलदाऊ जी भ्रात । -सकल परिवारकुटुम लै साथ , करी पूजा विधि सौं निज हाथ । -दोहा एक रूप से पूजन है , एक ते रहे पुजाय । -सहस भुजा फैलाय के माँगमाँग के खाँय ॥ -सवा लाख मन सामग्री को भोग लगायौ है ॥ नख पै . -ब्रजवासी ब्रज गोपी आई , वह पकवान डला भर लाईं । -चली कोई उल्टी पटिया पार , चली कोई इक द्रग अंजन सार । -कान में नथनी झलकेदार , नाक में करनफूल लिये डार । -दोहा उलटेसीधे अंग में , गहने लीने डार । -उलटे पहरे वस्त्र सब , उलटौ कर शृंगार ॥ -प्रेम मगन वश भईं बदन कौ होश गमायौ है ॥ नख पै . -पूजा ��रि परिक्रमा दीनी , करि दण्डौती स्तुती कीनी । -सबन मिलि बोलौ जब जैकार , बढ़ौ सुरपति कौ क्रोध अपार । -मेघमालों से कहै ललकार , ब्रज कौ करि देउ पयिाढार ॥ -दोहा उमड़ घुमड़ि कर घेर ब्रज , उठी घटा घनघोर -चमचम चमकै बीजुरी , चौंके ब्रज के मोर ॥ -मूसल धार अपार मेह सुरपति बरसायो है ॥ नख पै . -ब्रजवासी मन में घबराए , कृष्ण चन्द्र के जौरें आए । -कोप इन्दर ने कीयो आज , सहाई को ब हो महाराज । -छोड़ि ब्रज कहाँ कू जामें भाज , आपके हाथ हमारी लाज ॥ -दोहा लाज आपके हाथ है , ब्रज को लेउ बचाय । -जो उपाय कछु ना करौ , पल में बज बहि जाय ॥ -श्री गिर्राज मुकुट बारे ने ध्यान लगायौ है ॥ नख पै . -ब्रजवासिन मन धीर धरायौ , सबरौ ब्रज इकठौर बुलायौ । -लियो गोवरधन नख पै धार , दाऊ हल मूसर लियौ संभार ॥ -संग में गोपी , गऊ और ग्वारि , कियौ गिरि तले ब्रजविस्तार ॥ -दोहा सात रात और सात दिन , बरसै मेघ अघाय । -जैसे ताते तबे पै , बूँद छन्न ह्वै जाय ॥ -गोप करें आनन्द नाँय छींटा तक आयौ है ॥ नख पै . -मधुरमधुर बाँसुरी बजाई , सब ब्रजमें आनन्द रह्यौ छाई । -इन्द्र ने नारद लियौ बुलाय , खबर तुम ब्रज की लाऔ जाय । -चले मुनि मृत्युलोक को धाय , ब्रज की लीला देखी आय ॥ -दोहा ब्रज की लीला देखके , उल्टौ कियौ पयान । -इन्द्रपुरी में जायकै , मुनि ने कियौ बखान ॥ -तीन लोक करतन के करता तै बैर बढ़ायै हे ॥ नख पै . -इन्द्र ने इन्द्रासन छोड़ा , सुरभी श्याम बरनु घोड़ा । -चलौ अहरापति हाथी साथ , इन्द्र मन थररथरर थर्रात । -पहुँचौ जहाँ त्रिलोकी नाथ , इन्द्र ने आय नवायौ माथ ॥ -दोहा चरनन में वो गिर परौ , क्षमा करौ अपराध । -हे जगकर्ता आपकी , लीला अगमअगाध ॥ -घासीराम गोरधनवासी ने हरिजस गयौ है ॥ नख पै .",braj-bra -"294 -रब्ब झूठ ना करे जे होये रांझा तां मैं चैड़ होई मैनूं पटया सू -होया चाक पिंडे मली खाक रांझे लाह नंग नामूस नूं सुटया सू -बुकल विच चोरी चोरी हीर रोवे घड़ा नीर दा चा उलटया सू -वारस शाह इस इशक दे वनज विचों जफर जाल की खटयां वटया सू",panjabi-pan -"मृत्यु गीत -मायारो मोओ जाळ देखन डोलो जियो । -भजियो नहिं भगवान गाफल भूलो जियो । -जिवड़ा रे जोइ ने हाल आखर मरनु जियो । -लोभी सोच विचार दोरो तरनों जियो । -जल ऊंडो सेंसार दोनों तरनों रे हो जी ॥ -थारे बांदण पचरंग पाग , सेली सोहे जियो । -मोतिड़ा तपे ले ललार , लुणिया लड़के जियो । -जिवड़ा से जोइ ने हाल , आखर मरनु जियो । -लोभी सोच विचार , आखर मरन्हु जियो । -जल उंडो सेंसार , दोरो तरनू रे हो जी ��� -सांवलिया घर नार , मेलां बेटी जियो । -दरपण लेती हाथ मुखड़ो मुखड़ो देखे हो जी । -जिवड़ा रे जोइ ने हाल , आखर मरनु जियो । -लोभी सोच विचार नेसे मरणु जियो । -जळ उंडो सेंसार दोरो तरणों रे हो जी ॥ -आंधळा रे भजले राम , रटले माळा जियो । -सुरता रे भजले राम , रटले माळा जियो । -बोलिया कसन मुरार , बंसी वाळा रे हो जी । -जिवड़ा रे जोइ ने हाल , आखर मरनु जियो । -लोभी सोच विचार नेसे मरणु जियो । -जळ उंडो संेसार दोरो तरणू रे हो जी ॥ -इस दुनिया में माया मोह का जाल बहुत बड़ा है । अरे मानव तू इस जाल में -पड़कर मस्त हो रहा है । मेरा लड़का , मेरा घर , मेरा धन , मेरी पत्नी ये सब माया -ने जाल बिछा रखा है । और मनुष्य इसी में उलझकर उस कर्ता भगवान को भूल -जाता है और उसका भजन नहीं करता है । अरे जीव तू यह जानकर चल कि आखिर -मरना तो है । यह धन , पुत्र , पौत्र , पत्नी सब यहीं छूट जायेंगे , कोई साथ नहीं आयेगा । -तू अपने मोक्ष के लिए भी कुछ काम कर अर्थात् भगवान का भजन भी कर । तू यह -विचार कर कि यह संसार रूपी समुद्र बहुत गहरा है , इससे पार उतरना बहुत कठिन है । -बस एक मात्र उपाय है तू भगवान को मत भूल । भजन में मानव को शिक्षा दी है कि -तू बहुत धनवान हो गया और सिर पर पचरंगी पगड़ी शोभायमान हो रही है , गले में स्वर्ण -की कंठी पहने है । पगड़ी के तिल्लों के मोती झूल रहे हैं और खूब शोभा पा रहा है । अरे -लोभी तू यह जानकर चल कि आखिर मरना है । यह संसार रूपी समुद्र खूब गहरा है , -इससे पार उतरना यानी मोक्ष प्राप्ति कठिन है । भगवान की भक्ति ही तुझे पार उतार -सकती है । -मानव तेरे घर में सुन्दर स्त्री है , महल में निवास है , हाथ में दर्पण लेकर अपना मुख निहारती -है । तू सुखभोग में लिप्त है । तूने कभी विचार किया कि अन्त में मरना है । आगे के लिए -क्या किय ? मुक्ति हेतु कुछ किया कि नहीं । अरे उस भगवान का भजन कर , जो तुझे पार -उतारेगा । -अरे मनुष्य तू इस मायामोह में अंधा हो रहा है । भगवान का भजन कर ले , उनके नाम की -माला जप ले । कृष्ण मुरारी बंशीवाले ने भी गीता में उपदेश दिया है कि शुद्ध भाव से मुझमें -मन लगा ली तो मुक्ति हो जायेगी । अरे लोभी सोच ले , मरना तो है ही और मरकर पार -उतरना कठिन है इसलिए मायामोह के फंदे से निकलकर भगवान का भजन कर ले । नहीं -तो फिर चौरासी लाख योनियों में भटकना पड़ेगा ।",bhili-bhb -"ऊँची ए मड़वा छरइह दुलरइते बाबा -ऊँची ए मड़वा छरइह1 दुलरइते2 बाबा । -ऊँची होतो3 नाम तोहार हे ॥ 1 �� -झारी4 गलइचा5 बिछइह6 दुलरइते भइया । -ऊँची होतो नाम तोहार हे ॥ 2 ॥ -धरती में नजर खिरइह7 दुलरइते बर । -देखतो नगरी के लोग हे ॥ 3 ॥",magahi-mag -"बूँदा मनकौ हरन तुमारौ -बूँदा मनकौ हरन तुमारौ । -जो लयें लेत हमारौ । -बनौ रात घूंघट के भीतर । -करै रात उजियारौ । -अच्छे रंग धरे कारीगर । -लाल , हरीरो , कारौ । -ईसुर ऐसें डसें लेत है । -जैसे नाँग लफारौ ।",bundeli-bns -"चइत में बरूआ बिदा भेल -चइत1 में बरूआ बिदा भेल , बैसाख पहुँचल2 हे ॥ 1 ॥ -जइबो3 में जइबो ओहि देस , जहाँ दादा अप्पन4 हे । -उनखर5 चरन पखारी के , हम पंडित होयब हे । -हम बराम्हन6 होयब हे ॥ 2 ॥ -जइबो में जइबो ओहि देस , जहाँ नाना अप्पन नाना हे । -उनखर चरन पखारी के , हम पंडित होयब हे । -हम बराम्हन होयब हे ॥ 3 ॥",magahi-mag -"बाना, माँगे दुलहवा बहार -बाना , माँगे दुलहवा बहार1 बहार देउँ सरहज2 । -बाना , माँगे दुलहवा ननद के , ननद देउँ सरहज ॥ 1 ॥ -माथा में दुलहा के मउरी न हइ । -बाना , माँगे दुलहा मोती के हार , हार देउँ सरहज ॥ 2 ॥",magahi-mag -"मृत्यु गीत -पावो फाटियो ने सुरिमल उगिया रे भँवरा । -पावो फाटियो ने सुरिमल उगिया रे भँवरा ॥ -जीविता क तो नि दी रोटी रे भँवरा । -जीविता क तो नि दी रोटी रे भँवरा ॥ -मरिया पाछे बेटो लाड़ु उड़ाया रे भँवरा । -मरिया पाछे बेटो लाड़ु उड़ाया रे भँवरा ॥ -जीविता क तो बेटो कपड़ा नि पेराया रे भँवरा । -जीविता क तो बेटो कपड़ा नि पेराया रे भँवरा । -मर्या पाछे बेटो मसरू ओढ़ाया रे भँवरा । -मर्या पाछे बेटो मसरू ओढ़ाया रे भँवरा ॥ -जिवता क तो बहु हिचके नि हिचाड्यो रे भँवरा । -जिवता क तो बहु हिचके नि हिचाड्यो रे भँवरा । -मर्या पाछे बहु हिचके हिचाड़े रे भँवरा । -मर्या पाछे बहु हिचके हिचाड़े रे भँवरा ॥ -जिवता क तो बेटो कुद्यां नि उँघळायो रे भँवरा । -जिवता क तो बेटो कुद्यां नि उँघळायो रे भँवरा ॥ -मर्या पाछे बेटो खुब ऊँघळावे रे भँवरा । -मर्या पाछे बेटो खुब ऊँघळावे रे भँवरा ॥ -महिलाएँ जनसामान्य का शिक्षा देती हैं हे जीव प्रभात और सूर्योदय होता है । -जीवित रहते मातापिता को पुत्र ठीक से भोजन नहीं देता है और नुक्ते में लड्डू -जिमाता है । जीवित रहते हुए पुत्र मातापिता को ठीक से वस्त्र लाकर नहीं पहनाता -है और मरने के बाद मसरू ओढ़ाता है । जब तक सासससुर जीवित रहें , तब तक -बहू ने झूले पर नहीं झुलाया और मरने के बाद खूब झुलाती है । इस क्षेत्र के आदिवासियों -में मरने के बाद झूले पर झुलाया जाता है । कुटुम्ब के लोगों के अ��ावा दूसरे मातम के -लिए आने वाले भी मृत शरीर को झूला देकर झुलाते हैं । -जीवित रहते हुए मातापिता को नहलाया नहीं और मरने के बाद खूब नहलाते हैं । गीत में यह बताया गया है कि मातापिता की सेवा पुत्र और पुत्रवधू को ठीक से करना -चाहिए । मरने के बाद के कार्य तो चली आ रही परम्परा है ।",bhili-bhb -"पाल पोस बेटी करी सयानी -पाल पोस बेटी करी सयानी -हो गई आज पराई मोरे लाल । -बाबुल कहे बेटी हँस घर जाओ । -माता कहें जल्दी बुलाओ मोरे लाल । पाल . . . -ससुर जानियो बाबुल की नाईं -सासो खों जानो माता मोरे लाल । पाल . . . -जेठ जानियों बीरन बड़े से -जेठानी खों जानो भाभी मोरे लाल । पाल . . . -देवर को जानियो हल्के से बीरन । -देवरानी से करियो दुलार मोरे लाल । पाल . . . -छोटी ननद खों जानों छोटी बहिना -प्यार से रहियो ससुराल मोरे लाल । पाल . . .",bundeli-bns -"होरे कू खाडू रुड मा रुड आजे डो -होरे कू खाडू रुड मा रुड आजे डो -होरे कू खाडू रुड मा रुड आजे डो -जल्मी आयोम सोने की किवाडू खोलो -जल्मी आयोम सोने की किवाडू खोलो -हीरा लाल टेगेनवा डो जल्मी आयोम -हीरा लाल टेगेनवा डो जल्मी आयोम -स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq -"रथ ठाड़े करो रघुबीर -रथ ठांड़े करो रघुबीर , -तुम्हारे संग मैं चलूं वनवास खों । -अरे हां जी तुम्हारे , -काहे के रथला बने , है -अरे काहे के डरे हैं बुनाव -तुम्हारे संग . . . -अरे हां हो हमारे , -चन्दन के रथला बने , -और रेशम डरे हैं बुनाव , -तुम्हारे संग . . . -अरे हां जी तुम्हारे , -रथ में को जो बैठियो , -और हां जी रानी सीता , -रथ में बैठियो , -राजा राम जी हैं हांकनहार , -तुम्हारे संग . . . -रथ ठांड़े करो . . .",bundeli-bns -"नैनन साभरिया लग रैहै -नैनन साभरिया लग रैहै । -जो तै जमुनै , जै हैं । -जिनकौं राज जिनहूँ की रइयत , -उनकी कीसौं के है । -चाहत है जो अपने कुल की , -बाहर पाँव न दैहैं । -‘ईसुर’ स्याम मिलैं कुंजन में , -मन माई कर लै हैं ।",bundeli-bns -"ऐजा अगनी मेरा मातलोक -ऐजा अगनी1 मेरा मातलोक2 , मेरा मातलोक -त्वै बिना , अगनी , ब्रह्मा , भूखो रैगे , ब्रह्मा भूखे रैगे -कनु3 कैकि औंलू , कनु कैकि ओलू , तेरा मातलोक -तेरा मातलोक यो बुरो अत्याचार , यो बुरो अत्याचार -क्या होलो अगनी बड़ो अत्याचार , बुरो अत्याचार -मायाधीया4 मायाधीया ऊजोपैंछों5 -बेटाबाबू को लेखोजोखो6 -ब्वारी7 ह्वै की सासू अड़ाली8 -नौनो9 ह्वै का बाबू पढ़ालो -नगरी का लोको10 नगरी का लोको तै मातलोक । -मी11 तैं लत्याला12 थक थूकाला , -कनु कैकि औलो , कनु कैकि ओलो त��� मातलोक ? -तुमारा लोक मा बढ़ो अत्याचार -तुमारा लोक को तुमारा लोक को खोटो चलण13 । -ऐजा अगनी ऐजा अगनो मेरा मातलोक , -त्वै बिना अगनी ब्रह्मा भूखो रैगे ।",garhwali-gbm -"ताकतवर बलवान बना -ताकतवर बलवान बना , क्यूं भुंडी सकल बनाई रे -के बुज्झेगा मन मेरे की घणी मुसीबत आई रे -दइ्र खुदा ने टांग बड़ी जो दो दो गज तक जाती रे -ऊपर बोज्झा लदे घणा जब तीन तीन बल खाती रे -पेट उभरमा छाती चठमा इडर से सज जाती रे -लगें रगड़के इडर के ना मिलता कोई हिमाती रे -धन धन तेरे नाती तेरी माता बाबल भाई रे -के बुज्झेगा मन मेरे की घणी मुसीबत आई रे",haryanvi-bgc -"तुम काहे न बोलो अपने लाल से -तुम काहे न बोलो अपने लाल से । -तेरा टीका जो उलझा लाड़ो माँग से । -तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से । -खेलवड़िया1 सुलझावे अपने हाथ से ॥ 1 ॥ -तुम काहे न बोलो गेंदवा2 लाल से । -तेरा बेसर जो उलझा लाड़ो नाक से । -तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से । -खेलवड़िया सुलझावे अपने हाथ से ॥ 2 ॥ -तुम काहे न बोलो गेंदवा लाल से । -तेरा बाली जो उलझा लाड़ो कान से । -तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से । -तेरा बनरा3 छोड़ावे अपने हाथ से ॥ 3 ॥ -तुम काहे न बोलो गंेदवा लाल से । -तेरा माला जो उलझा लाड़ो गले से । -तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से ॥ 4 ॥ -तुम काहे न बोलो गंेदवा लाल से । -तेरा सूहा4 जो उलझा लाड़ो जान5 । -तेरा छापा जो उलझा लाड़ो जान से । -तेरा दुलहा सुलझावे अपने हाथ से । -तुम काहे न बोलो गंेदवा लाल से ॥ 5 ॥",magahi-mag -"रचि रचि रचलूँ सबुज रँग सेजिया -रचि रचि1 रचलूँ2 सबुज रँग सेजिया । -सुरुज जोति सेजिया , मोती लगल सेजिया ॥ 1 ॥ -धायल , धूपल3 अयलन दुलहा दुलरइता दुलहा । -बइठूँ , बइठूँ बइठूँ दुलहा सबुजे रँगे सेजिया ॥ 2 ॥ -कइसे के बइठूँ धनि , तोहरा हे सेजिया । -तूँ तो लगैलऽ धनि , हमर बहिनी चोरिया ॥ 3 ॥ -बाबा किरिया4 भइया किरिया , परभु तोहर दोहइया । -हम न लगवली तोर बहिनियाँ के चोरिया ॥ 4 ॥ -टका5 चार बिगवौ6 हम पयबो सगरो7 धनियाँ । -कहमा त पयबो धनि , अपन बहिनियाँ ॥ 5 ॥ -अँचरा8 बिछयबो ताहाँ9 रे परभु पयबो । -कहमा त पयबो परभु , हमहुँ सहोदर भइया ॥ 6 ॥",magahi-mag -"बाबुल मेरो ब्याह रचाओ -रचाओ हो बाबुल मेरो ब्याह रचाओ २ -कैऊ कल्प बीत गये याकों -तौऊ भई नहिं शादी है -ब्रह्मा विष्णु गोद खिलाये -महादेव की दादी है . . . .",braj-bra -"आल्हा ऊदल -लै डुबावत बा आल्हा के गंगा में डुबावत बाय -फाँद बछेड़ा पर चढ़ गल गंगा तीर पहुँचल बाय -पड़ल लड़ाई है छोटक से -तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोला उन्ह के खटर खटर तरवार -जै से छेरियन में हुँड्डा पर वैसे पलटन में पड़ल रुदल बबुआन -जिन्ह के टॅगरी धै के बीगे से त . चूरचूर हाये जाय -मस्तक भरे हाथी के जिन्ह के डोंगा चलल बहाय -थापड़ भोर ऊँटन के चारु सुँग चित्त होय जाय -सवा लाख पलटन कर गल छोटक के -जौं तक मारे छोटक के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय -भागल तिलंगा छोटक के राजा इंदरमन के दरबार -कठिन लड़ंका बा कघ रुदल सभ के काट केल मैदान -एत्ता बारता इंदरमन के रुदल के सुनौं हवाल -लैं उतारल बजड़ा से धरती में देल धराय -आखा खोल के रुदल देखे छाती मारे ब के हाथ -लै चढ़ावल पलकी पर दुरगौली में गैल बनाय -एत्तो बारता बा आल्हा के इंदरमन के सुनीं हवाल -बीड़ा पड़ गैल इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठाय -मारु बाजा बजवावे बाजा बोले जुझाम जुझाम -एकी एका दल बटुरे दल बावन नब्बे हजार -बावन मकुना खोलवाइन एकदंता तीन हजार",bhojpuri-bho -"हमरो कवन बाबू बिरीछ तर खाड़ा गे माइ -हमरो कवन बाबू बिरीछ1 तर खाड़ा गे माइ । -थर थर काँपइ गे माइ ॥ 1 ॥ -हथिया पियासल आवइ , सुढ़ँवा उनारइ2 गे माइ । -घोड़वा भूखल आवइ लगमियाँ3 चिबावइ4 गे माइ ॥ 2 ॥ -लोगवन5 रउदाइल6 आवइ , पैरवो न धोवइ गे माइ । -दुलहा झउराहा7 आवइ , सिरबो न नेवावइ8 गे माइ ॥ 3 ॥ -हथिया के पोखरा देवइ , सुँढ़वो न उनारइ गे माइ । -घोड़वा के दाना देबइ , लहलह दुभिया9 गे माइ ॥ 4 ॥ -लोगवन के पटुर10 देवइ , पैरवा जे धोवइ गे माइ । -दुलहा के कनिया11 देबइ , सिरवा नेवावइ गे माइ ॥ 5 ॥",magahi-mag -"सावां गीत -सांवग्या तारि पावलि तिरिविरि वाजे । -सांवग्या तारि पावलि तिरिविरि वाजे । -होठ तारो टुट्लो ने हात तारो ढोटल्यो । -होठ तारो टुट्लो ने हात तारो ढोटल्यो । -मेलों तारा लाकड़ा चालो काहाँ वाले । -मेलों तारा लाकड़ा चालो काहाँ वाले । -डोला तारा फुदला , कान्टा तारा टुट्ला । -डोला तारा फुदला , कान्टा तारा टुट्ला । -साम्हले काहाँ , मेलों तारा लाकड़ा । -चालो काहाँ वाले । -बइल्या तारा दाल खिचड़ि खाय , पावर्यो लार घुट्ये । -मेल दउं तारा लाकड़ा , रखड़ो उडिग्यो । -सांवग्या तारि पावलि तिरिविरि वाजे । -मेल दउं तारा लाकड़ा , घणीं भंुडि वाजे । -सावां लेकर आने वालों को सांवग्या कहते हैं । सांवग्या बाँसुरी बजाते हैं । -सावां बधाते समय गीत में कहा गया है कि तुम्हारी बाँसुरी अच्छी नहीं बज रही है । तेरा होंठ टूटा हुआ और हाथ भी टूटा है , जिसके कारण बाँसुरी की धुन कहाँजा रही है ? तेरी आँखें फूटी हुई हैं , कान ट���टे हुए हैं , तू सुनता किधर है । तेरे बैल , दाल और खिचड़ी खा रहे हैं । गाड़ीवान लार घुटक रहा है । अन्त में कहा गया है कि बाँसुरी बहुत खराब बज रही है । -सावां भरने के दिन दोनों पक्ष के लोग विवाह की तिथि निश्चित कर लेते हैं । चन्द्रमा और तारों को देखकर मुहूर्त्त स्वयं निकाल लेते हैं । निश्चित तिथि को लड़केलड़की को बाने बिठाते हैं ।",bhili-bhb -"सगरै समैया सुरी माँ सुति बैसि गमावलि -सगरै समैया सुरी माँ सुति बैसि गमावलि -भादय मास सुरी माँ साजलि बरात है , भादव मास । -जब हम हे कोसी माँ साजलों बरियात , -तोरा लय कोसी तैयार छलै पाटी अरू लरूआ मिठाई -हे तोरा लय । । -धुरे धुरे कोसि माँ सन्देश देबै चढ़ाय -हे तोरा लय । । -जब हम पहुंचल नदिया किनरबा -होबे लागल तोरे बोलहाई हे । -सन सन केसिया हे कोसीमाय तोहर अँखिया डरावन -पार करू पार करू तोंही बूढ़ी हे माँ । -हेरै हेतै घर में सासु -कतहुँ ने देखै छियै घर में सलहेस के उपाय -अहि पार देवो कोसी माँ दूध देवौ ढार । -खन नैया खेबै खन नैया भसियावै -केना हेतै सुरि माँ के विवाह । -अहि पार देवी मलहा कान दूनू सोनमा , -पार भेले गला गिरिमल हार -तोहर सोनमां कोसी माँ तोहरे भावे -हुकुमे देवै सुरी माँ के पार उतारि । ।",angika-anp -"सगरै समैया कोसिका हँसी खेलि वितेलिये -सगरै समैया कोसिका हँसी खेलि वितेलिये -से भादव मासे -कोसीमैया लागै छै पहाड़ से भादव मासे । -एक ते अन्हार राती दोसर बसात घाती -सूझै नाहीं -मैया गे रेत के बहाव से सूझे नाहीं -मलरि मलरि कोसिका करै अनघोल से नदी बीचे -कोसी मैया मन डरपाय से नदी बीचे । -फाटल नबेरिया कासिका गून पतबार से टुटि गेलै -मैया गे लागहु गोहारि से दया करू । -गोड़ लागौ पैया पड़ौ मैया सतवंती से राखि लेहू -मैया गे हमर सोहाग से राखि लेहू ।",angika-anp -"संतर्या वे रस देया भरया -संतर्या वे रस देया भरया , -माही गंगा दे राह विच लड्या , -के एत्थों दिल सड़या , -वन्जारेया , वारी मेरी जाण , -लगें पियारेया । -संतरा ते फुट्टियाँ फुट्टियाँ , -माही दफ्तरों मंगियाँ छुट्टियाँ , -के छुट्टी नहियों मिलदी , -वनजारेया , वारी मेरी जाण , -लगें पियारेया । -संतरा ते रस पयी चोवे , -माही भरी कचेहरी रोवे , -के छुट्टी नहियों मिलदी , -वनजारेया , वारी मेरी जाण , -लगें पियारेया । -तेरे भाइयाँ ने वण्ड लए भांडे , -न जावीं बिशार्मा लेणे , -के इको भांडा आउगा , -वनजारेया , वारी मेरी जाण , -लगें पियारेया । -सानु इको भांडा बथेरा , -थ���ल मेरा ते कौल तेरा , -ते काके दी गिलासी आ , -वनजारेया , वारी मेरी जाण , -लगें पियारेया । -तेरे भाइयां ने वण्ड लए मकान , -न जावीं बिशार्मा लेणे , -के इको मकान आउगा , -वनजारेया , वारी मेरी जाण -लगें पियारेया । -सानु इको मकान बथेरा , -कमरा तेरा ते हाल मेरा -ते काके दी कोठी आ , -वनजारेया , वारी मेरी जाण -लगें पियारेया । -तेरे भाइयां ने वण्ड लए गहने -न जावीं बिशरमा लेणे -के इको गहना आउगा , -वनजारेया , वारी मेरी जाण -लगें पियारेया । -सानु इको गहना बथेरा -छाप मेरी ते हार तेरा , -ते काके दी जंजीरी आ -वन्जारेया वारी मेरी जान -लगें पियारेया ।",panjabi-pan -"होत आवेरो म्हारा धाम को -होत आवेरो म्हारा धाम को , -गुरु न भेज्यो परवाणो -१ हम कारज निर्माण किया , -आरे परमेश्वर को जाणु -मुल रच्यो निजधाम को -जाकर होय रे ठिकाणु . . . -होत आवेरा . . . -२ ओ सल्ला बिहार के , -काई लावो रे बयाना -कस के कमर को जायगो -जामे साधु समाना . . . -होत आवेरा . . . -३ बहु सागर जल रोखीयाँ , -देव जबर निसाणी -चेहरा हो देखो निहार के -काहे दल को हो धाम . . . -होत आवेरा . . . -४ नाम शब्द को राखजो , -आरे बैकुंट को जाणु -सब संतन का सार है -चाहे होय परवाणो . . . -होत आवेरा . . . -५ तीरुवर परवाणो कीजीये , -नही देणा रे भेद -गुरु मनरंग पहिचाणिया -मानो वचन हमारो . . . -होत आवेरा . . .",nimadi-noe -"माँग लाड़ो टीका सोभे, मोतिये की बहार -माँग लाड़ो टीका सोभे , मोतिये की बहार । -लाड़ो हवले1 चलि आओ । -ए बोलवे दिलवर जान , लाड़ो हवले चलि आओ ॥ 1 ॥ -नाक लाड़ो बेसर सोभे , चुनिये2 की बहार । -हवले चलि आओ , देखे दिलबर जान ॥ 2 ॥ -कान लाड़ो बाली सोभे , झुमके की बहार । -हवले चलि आओ लाड़ो , देखे आशिक जार ॥ 3 ॥ -गले लाड़ो माला सोभे , सिकड़ी की बहार । -हवले चलि आओ लाड़ो , देखे दिलबर जान ॥ 4 ॥ -साँवली सलोनी लाड़ो , सर के लम्बे बाल । -हवले चलि आओ लाड़ो , देखें दिलवर जान ॥ 5 ॥ -जान लाड़ो सूहा सोभे , छापे की बहार । -हवले चलि आओ लाड़ो , देखे आशिक जार ॥ 6 ॥",magahi-mag -"भज ले हरि को, नाम रे मन तु -भज ले हरि को , नाम रे मन तु -१ बाल पणो तुन खेल म गमायो , -ज्वानी म तीरीया का साथ -काम रे धंदा म वा भी गमाई -नई लियो राम को नाम . . . -रे मन तु . . . -२ आयो हो बुड़ापो न लग्यो हो कुड़ापो , -डोलन लाग्यो सारो -शरीर आखं सी सुझतो नही रे -पड़यो पलंग का माही . . . -रे मन तु . . . -३ राम नाम को घट म हो राखो , -राखो दिन और रात -मुक्ति होय थारी आखरी घड़ी रे -भेज वैकुन्ठ धाम . . . -रे मन तु . . . -४ कहत कबीरा सुणो भाई साधू , -घट म राखो राम -मनुष जलम काई भाव मिल्यो रे -नई मिल अयसो धाम . . . -रे मन तु . . .",nimadi-noe -"117 -पंजां पीरां नूं रांझे ने याद कीता जदों हीर सुनेहुड़ा घलया ए -माउं बाप काजी सभे गिरद होए गिला सारयां दा सिर झलया ए -पंजां पीरां अगे हथ जोड़ खला जीर रोंदयां मूल न ठल्लया ए -बचा कौन मुसीबतां पेश आइयां विचों जी साडा थरथलया ए -मेरी हीर नूं वीर हैरान कीता काजी माउं ते बाप पथलया ए -मदद करो खुदा दा वासता जे मेरा इशक खराब हो चलया ए -बहुत प्यर दिलासड़े नाल पीरां मियां रांझे दा जीउ तसलया ए -तेरी हीर दी मदद ते मियां रांझा मखदूम जहांनियां घलया ए -दो तिन सद1 सुना खां वंझली दे साडा गावणे ते जीऊ हलया ए -वारस शाह हुण जट तयार होया लै के बंझली राग विच रलया ए",panjabi-pan -"फाग गीत -ढोल रो धमेड़ो में तो रोटा करती हुणियो रे ॥ -घुघरिया रो रणको में तो मोलो हुणियो रे , महिनो फागण रो । -हाँ रे महिनो फागण रो , फागण रो महिनो एलो जाये रे , -महिनो फागण रो ॥ -फाग की रसिक महिला कहती है कि ढोल की आवाज तो मैंने रोटी बनाते हुए सुनी , किन्तु नाचने वालों के पैरों के घुँघरुओ की आवाज बहुत ही कम सुनाई दी जिससे सुनने में मजा नहीं आया । फाल्गुन का महीना यों ही बीत रहा है अर्थात फाग का आनन्द नहीं आ रहा है । नाचने वालांे के पैरों के घुँघरुओं की आवाज सुनाई नहीं देती है ।",bhili-bhb -"ऊठ बहू मेरी पीस ले -ऊठ बहू मेरी पीस ले यो दिन धोला लिकड़ आया हे । -तन्नै कै सासू पीसणा मैं काच्ची नींद जगाई हे । -सेजां पै तै बालम बोल्या सुण ले अम्मां मेरी हे । -भले घरां की ब्याह के ल्याणा इब नां चालै थारी हे । -भरी सी मैं झोट्टी ल्यूंगा छोटा बीरा ल्यूंगा पाली हे । -बलध्यां की मैं जोड़ी ल्यूंगा बाबल ल्यूंगा हाली हे । -भारी सी मैं चाक्की ल्यूंगा थम ने ल्यूं पिनहारी हे । -गोबर कूड़ा थमै करोगी गरज पड़ै रह जाइयो हे ।",haryanvi-bgc -"कलसा गोदोनी -तरी नानी नानी नानरी , नानी तरी नानी नाना रे नान । -तरी नानी नानी नानर नानी , तरी नानी नाना रे नान । -कोने नगर के माजना माती , कोने नगर के कुम्हार । दैया … -कोने नगर के माजना माटी , कोने नगर के कुम्हार । -आँजना गढ़ के माजना माती , कुंजना गढ़ के कुम्हार । दैया ॥ -आँजना गढ़ के माजना माती , कुंजना गढ़ के कुम्हार । -सबखा तो गढ़बे असानातैसाना , मोर नाने माना चित लगाय । दैया -कारी गैयन के गोबरी माँगावय , कलसा के चिन्हे बनाय । दैया -साते सुआसा साते सुआसिन , सोयगने मोर दाई । -कलसा कोन गोदय तोर , नानों यो सं��ही गूँगची । -को दना रिंगीरिंगी कलसा गोदाय उउ । दाई -आनो यो संगही लकड़ी को बीजाउ , रिंगी रिंगी कलसा गोदा । दाई -आन यो संगही लोडा को दाना रिंगी रिंगी कलसा गोदाय । दाई -दूल्हाकर बहिन बहोतय मायासुर , कलसा ला य ही आनया , -संग हो मनरूपी ढाने कलसा ला वही गोदाय उउ । -तोर दैया कलसा ला ओही गोदाय तोरे । -शब्दार्थ –माजना माटीपवित्र जगह की मिट्टी , गढ़बेगढ़े , असानातैसानाऐसेवैसे , चिन्हे अलंकरण , संगहीसखिसहेली , रिंगीरिंगी धीरेधीरे , मयासुरममतालू । -दुल्हन की माँ कुम्हार की दूकान पर गई और कुम्हार से पूछती है कुम्हार भाई तुम कहाँ के रहने वाले हो और कहाँ से कलश घडा बनाने के मिट्टी लाते हो । -कुम्हार ने कहा माँ मैं कुंजनगढ़ का रहने वाला हूँ और अंजनीगढ़ से कलश बनाने की मिट्टी लाता हूँ । माँ ने कहायह तो अच्छा है । लेकिन मेरे लिए ऐसा वैसा साधारण कलश मत गढ़ना , ऐसा तो औरों के लिए गढ़ना । मेरे घर शुभ विवाह है । अच्छा मन लगाकर सुंदर कलश गढ़ना । -कुम्हार कहता है – हाँ बाई मैं मन लगाकर ही कलश घढ़कर दूंगा । लेकिन पैसे भी अच्छे लूँगा । दुल्हन की माँ कहती है – भैया अच्छे पैसे दूँगी । तेरा नेग भी दूँगी । दुलहन की माँ कलश लेकर लौटी । सुआसासुआसिन और दोसी को बुलाया । एक बाटल दारू और काली गाय का गोबर मंगवाया । पत्तल में लाल सफ़ेद घूगची , ककड़ी खीरा के सूखे बीज , पीलीसफ़ेद मक्का के दाने रखे और लाल मिर्च भी रखी । फिर कहती है – सुआसिन जल्दी से कलश को गोबर आदि से सजाओ । गीत गानेवालियों को माँ ने कहातुम गीत गाओ । कलश दूल्हे की बहन ही घर में लाई । सुआसिनों ने कहा तुम कलश को गोबर की रेखाएँ बनाकर सजाओ । उस पर घूँगची , दाल , ज्वार , मक्का और खीरा के बीज के दानों से अलंकरण करो । ऊपर से मिर्ची के बीज भी लगाओ । कहींकहीं लाल मिर्च भी चिपका दो । एक पंक्ति में खीरा के बीज , दूसरी पंक्ति में घूगची और एक लाइन में धान के बीज लगाओ । जिससे कलश सुंदर ढंग से सज जाए । लाल मिर्ची के कारण कलश को किसी की नजर नहीं लगेगी । सुआसिने इसी प्रकार कलश को अलंकृत करती हैं ।",baiga-mis -"चल्यौ अइयौ रे श्याम मेरे पलकन पे -चल्यौ अइयौ रे श्याम मेरे पलकन पे चल्यौ अइयो रे ॥ टेक -तू तो रीझौ मेरे नवल जीवना , तू तौ . . . -मैं रीझी तेरे तिलकन पै , तेरे तिलकन पै ॥ चल्यौ . -तू तौ रीझौ मेरी लटक चाल पै , तू तौ . . . -मैं रीझी तेरी अलकन पै , तेरी अलकन पै ॥ चल्यौ . -‘पुरुषोत्तम’ प्रभु की छबि निर���े , पुरुषोत्तम . . . -अबीर गुलाल की झलकन पै , अरी झलकन पै । चल्यौ .",braj-bra -"485 -तेरियां गल्हां ते दंदां दे दाग दिसन अज सोधियां ठाकरां चेलियां नी -अज नहीं अयालियां खबर लधी बबिआड़ ने पीड़ियां छेलियां नी -अज खेड़यां दे नाल मसतियां दे हथनियां हाथियां ते चा पेलियां नी -छुटा झांजड़ा बाग दे सुफे1 विचों लाह कूड़िया सभ जा मेलिया2 नी -थक टुट के घर कदी आ पईए लगियां मुठीयां भरन सहेलियां नी",panjabi-pan -"इब की छोरी न्यूं बतलाई -इब की छोरी न्यूं बतलाई -काली वायल मंगावांगे -पाइआ पाइआ गेरैं सितारे -गोट्यां की लार लगावांगे -इब की बहुअड़ न्यूं बतलाई -भार्या दाम्मण सिलावांगे -सारी बेबे कट्ठी हो कै -ठोक्कर मार दिखावांगे -इब के छोरे न्यूं बतलावे -आपी नाम कटावांगे -बूठ्यां नै तो घाला नौकरी -कुरसी मेज बिछांवांगे -इब के बूड्ढे न्यूं बतलाए -आपां नौक्कर चाल्लांगे -घणे दिनां मैं छूट्टी आवैं -बुड्ढिआं ने प्यारे लागांगे -दोहरी तो हम धोत्ती बांधां -गाभरूआं ने गोड्डांगे -इब की बूड्ढी न्यूं बतलाई -नाभी सूट सिमावांगे -धोले तो हम ओढ़ैं डपट्टे -कालिज पड्ढण जावांगे -जो मेरी बेबे पै चाल्यां नां जागा -रिकसा भाड़ा कर ल्यांगे -हाथ्यां मैं हम झोला ले लैं -हाथ पकड़ कै चाल्लांगे",haryanvi-bgc -"होड़ा सांही घोड़ा पालंगो डो आयोम डी पालंगो आम सुबाय -होड़ा सांही घोड़ा पालंगो डो आयोम डी पालंगो आम सुबाय -होड़ा सांही घोड़ा पालंगो डो आयोम डी पालंगो आम सुबाय -होड़ा सांही घोड़ा पालंगो डो आयोम डी पालंगो आम सुबाय -इयां पालंगो बाने जा बेटा आमा रानी का भौरा पालंगो -इयां पालंगो बाने जा बेटा आमा रानी का भौरा पालंगो -इयां पालंगो बाने जा बेटा आमा रानी का भौरा पालंगो -आमा ऊरा आमा दारोम डो आयोम -आमा ऊरा आमा दारोम डो आयोम -आमा ऊरा आमा दारोम डो आयोम -चोज सांही बुरा माडी माडी येरे -चोज सांही बुरा माडी माडी येरे -चोज सांही बुरा माडी माडी येरे -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"सखी री मेरे उमड़ आये बदरा -सखी री मेरे उमड़ आये बदरा -आये आये री मेरे घर की तलवटी -पहिला बधावा मेरे बाबुल बार -दूजा बधावा मेरे माई जाये बीर -बाप बधावे री सखी जन्म पाया -बीर बधावे नौरंग चूंदड़ी -तीजा बधावा सखी री मेरे ससुरे के बार -चौथा बधावा मेरे लखपत जेठ के -ससुर बधावे सखी री मैंने यह घर पाया -जेठ बधावे सखी री मैंने आधा धन पाया -पांचमां बधावा मेरे राजड़े के बार -उसी बधावे मेरा मन रहसिया -राजड़े बधावे सखी मैंने यह घर पाया -अन्न धन पाया दूध पूत पाया -इसी बधावे मेरा मन रहसिया",haryanvi-bgc -"छठिआ पूजे ला न्योछन -छठीपूजन -छठिआ पूजे ला1 ननदी ठाढ़ , अँगनमा , 2 हमरा के भउजो तूँ का देबऽ ना । -छठी पूजइया3 ननदो साठ रूपइया , हमरो से ननदो झट ले लहु4 ना ॥ 1 ॥ -साठ रूपइया भउजी घर दऽ पउतिया , 5 लाख रूपइया त दुजइया लेबो ना ॥ 2 ॥ -जब त ननदिया होरिला ले के चललन , 6 लाख रूपइया झट फेंकि देल ना ॥ 3 ॥",magahi-mag -"भँवर म्हाने खेलण दयो गणगौर -इस गीत में पत्नि पति से गणगौर उत्सव में शृंगार पदार्थ लाकर देने का निवेदन करती है . . . -भँवर म्हाने खेलण दयो गणगौर -ऐसी म्हारी -लाड बरण का बीर -भँवर म्हाने पूजन दयो गणगौर -माथे पे मेमद ल्याओ ऐसी -म्हारी रखडी रतन जडायो -भँवर म्हाने चूडला ल्याओ -भँवर म्हारे पाँव मैं पायल ल्याओ -ऐसा म्हारा -बिछुआ जुटणा बैठ घडायो -भँवर म्हाने खेलण दयो गणगौर",rajasthani-raj -"करेला असन करू होगे का ओ तोर मया -करेला असन करू होगे का ओ तोर मया -ये सनानना करेला असन करू होगे य मोर मया -करेला असन करू होगे का ओ , करेला असन करू होगे का य मोर मया -ये सनानना करेला असन करू होगे य मोर मया -हाय रे तिवरा के ड़ार , टुरी तेल के बघार -ये गजब लागे वो गजब लागे -ये गजब लागे सँगी , जेमा मिरचा मारे झार -गजब लागे , -ये सनानना करेला असन करू होगे य तोर मया -हाय रे धनिया के पान , मिरी बँगाला मितान -गजब लागे वो , गजब लाबे -ये गजब लागे वो ये गजब लागे -ये गजब लागे सँगी , जेमा मिरी के बरदान -गजब लागे , -ये सनानना करेला असन करू होगे य तोर मया -हाय रे जिल्लो के भाजी , खाय बर डौकी डौका राजी -ये गजब लागे वो गजब लागे -ये गजब लागे सँगी , जेमा सुकसी मारे बाजी -गजब लागे , -ये सनानना करेला असन करू होगे य तोर मया",chhattisgarhi-hne -"आले गीले चन्दन कटाय मेरे बाबा -आले गीले चन्दन कटाय मेरे बाबा -और जाय धरे धरमसाला जी -नई बनाई अट्टालिका जी -जिस चढ़ देखे बीबी का बाबा -कितनी आई है बरात जी -देख डरा बीबी का दादा -यह दल कहां समाय जी -नौ लख घाड़े सवा लख हाथी -गाड़ियों की लगी है कतार जी -क्यों लरजो मेरे भोले से बाबा -राम करै बेड़ा पार जी -वह आवैं मेरे ताऊ चाचा -वह आवैं मेरे मामा फूफा -हंस हंस लेंगे बरात जी -मत घबरा मत घबरा मेरे बाबा -वही लगावैं पार जी",haryanvi-bgc -"लाला लाला लोरी दूध भरी कटोरी -लाला लाला लोरी दूध भरी कटोरी -लाला की मां पाणी जा , लाला दूध मलाई खा -लाला रे ललणिया रे बारह गज का तणिया रे -चंद��� मामा आयेगा दूध मलाई लायेगा",haryanvi-bgc -"हे सरावेन जा हे सरावेन जा -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -सोना कावड़ी कान्डा ने माय बापू का कान्डाय मारे -सोना कावड़ी कान्डा ने माय बापू का कान्डाय मारे -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -अन्धा माडो अन्धा बा नी डागा टाटोम जा हेयन मारे -अन्धा माडो अन्धा बा नी डागा टाटोम जा हेयन मारे -बारा कोसो कंजली वन में बारा कोसोन जा बिन्दरावन में जा -बारा कोसो कंजली वन में बारा कोसोन जा बिन्दरावन में जा -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -बारा डो बारा चोबीस कोसोन बावरी डानी आनूकी मारे -बारा डो बारा चोबीस कोसोन बावरी डानी आनूकी मारे -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -चिड़िया नूडून चंकोर नूडून बावरी डानी जा आनुकी मारे -चिड़िया नूडून चंकोर नूडून बावरी डानी जा आनुकी मारे -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -राजा दशरथ तीर का मीन जा कुड़ाय मारे -राजा दशरथ तीर का मीन जा कुड़ाय मारे -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -हे सरावेन जा हे सरावेन जा -बारा नी बारा चोबीस कोसोन बावरी डानी जा आनू मारे -बारा नी बारा चोबीस कोसोन बावरी डानी जा आनू मारे -स्रोत व्यक्ति राधा , ग्राम कुकड़ापानी",korku-kfq -"516 -वकत फजर1 दे उठ सहेलियो नी तुसां अपने आहरी ही आवना जे -माऊ बाप नूं खबर ना करो काई भुलके बाग नूं पासनां लावना जे -वहुटी हीर नूं बाग लै चलना जे जरां एस दा जीउ वलावना जे -लावन फरनि विच कपाह भैनां किस पुरूष नूं नही वखावना जे -राह जादियां नूं पुछन लोक अड़ियो कोई इफतरां2 चा बनावना जे -खेडो समीयां ते ततो पबीयां3 नि भलक खूह नूं रंग लगावनां जे -वड़ो वट लगोटड़े विच पैली बन्ना वट सभ पुट वखावना जे -बन्ह झोलियां चुनो कपाह सभ ते मुदासयां रंग सहावना जे -वडे रंग सोहन इको जेडियां दे राह जांदयां दे सांग लावना जे -चरखे चाए भरोटड़े4 कज उठो किसे पूनि नूं हथ लावना जे -वारस शाह मियां एहो अरथ होया सभनां अजूदे फलेनूं जावना जे",panjabi-pan -"318 -जोगी मंग के पिंड तयार होया आटा मेलके खपरा पूरया ए -किसे हस के रूग चा पाया ए किसे जोगी नूं चा वडूरया ए -वारस खेड़यां दी झात पाईया सू जिवें चैधवी दा चंद पूरया ए",panjabi-pan -"पावी मामा सेनेवाडो गंगाय ऐली आयोम पावी मामा डो सेने -पावी मामा सेनेवाडो गंगाय ऐली आयोम पावी मामा डो सेने -पावी मामा सेनेवाडो गं��ाय ऐली आयोम पावी मामा डो सेने -पावी मामा बाकी सेने सरवन बेटा पावी जा मामा बाकी सेने -पावी मामा बाकी सेने सरवन बेटा पावी जा मामा बाकी सेने -चिरसो ईटान चिरसो बाना नी भुरुम केन्जा -चिरसो ईटान चिरसो बाना नी भुरुम केन्जा -सरावेन बेटा पावी मामा बाकी सेने -सरावेन बेटा पावी मामा बाकी सेने -पावी मामा सेनेवाडो गंगाय ऐली आयोम पावी मामा डो सेने -पावी मामा सेनेवाडो गंगाय ऐली आयोम पावी मामा डो सेने -जूडो ईटान सोनारु कूला भूरुम केन्जा -जूडो ईटान सोनारु कूला भूरुम केन्जा -सरावेना बेटा पावी मामा बाकी सेने -सरावेना बेटा पावी मामा बाकी सेने -मिया के ढोम टाव का टावनी ईराकुजा -मिया के ढोम टाव का टावनी ईराकुजा -सरावेना बेटा बारी केढोम टाव का टाव ईराकू रे -सरावेना बेटा बारी केढोम टाव का टाव ईराकू रे -पावी मामा बाकी सेने सरावेना बेटा -पावी मामा बाकी सेने सरावेना बेटा -स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq -"कारे सबरे होत बिकारे -कारे सबरे होत बिकारे , -जितने ई रंग बारे । -कारे नाँग सफाँ देखत के , -काटत प्रान निकारे । -कारे भमर रहत कमलन पै , -ले पराग गुंजारें । -कारे दगावाज हैं सजनी , -ई रंग से हम हारे । -ईसुर कारे खकल खात हैं , -जिहरन जात उतारे ।",bundeli-bns -"मांगलिक गीत -1 राजस्थानी -1 राजस्थानी -गीत चौथ गणेश जी -सात बहना का गीत -गीत शीतला माता का -गीत पाबूजी का -गीत -1 . -2 राजस्थानी -मदारजी का गीत -तुलसीदास जी -सूरजजी का गीत -खटमल का गीत -बींजा भाणजा -घेवर का गीत -सिंगाड़ा का गीत -जामुन का गीत -नारंगी का गीत -जलेबी का गीत -केसर का गीत -दाई के गीत -4 राजस्थानी -5 राजस्थानी -जापे का गीत -साठा जापा -न्हावण , जापाजलवा के गीत -1 राजस्थानी -2 राजस्थानी -2 राजस्थानी -3 राजस्थानी -4 राजस्थानी -5 -पीपली -चूड़े के गीत -1 राजस्थानी -5 राजस्थानी -ननद मजाक का गीत -1 राजस्थानी -बधाई का गीत -बधावा का गीत -1 राजस्थानी -1 राजस्थानी -दूब लाने का गीत -1 राजस्थानी -किवाड़ी खुलाने का गीत -गणगौर पूजने से पहले का गीत -नोट जंवारा का गीत -1 राजस्थानी -पाटा धोने का गीत -पाटा धोने के बाद का गीत -गौर पूजते समय का गीत -गौर पूजने के बाद आरती -सीठना -चूंदड़ी का गीत -गणगौर के गीत -1 राजस्थानी -2 राजस्थानी -4 राजस्थानी -5 राजस्थानी -6 राजस्थानी -7 राजस्थानी -8 राजस्थानी -9 राजस्थानी -1 -2 राजस्थानी -1 राजस्थानी -गणगौर लाने के बाद गाना -गौर की आरती का गीत -1 राजस्थानी -गणगौर को पानी पिलाने का गीत -गौर बिन्दोरे का गीत -मेहंदी का गीत -दिया का गीत -काजल का गीत -टीकी का गीत -गौर के विदा का गीत",rajasthani-raj -"अन्दर से लाड्डो बाहर निकलो -अन्दर से लाड्डो बाहर निकलो -कँवर चौंरी चढ़ गयौ -होय लो न रुकमण सामणी -मैं कैसे निकलूँ मेरे कँवर रसिया -लखिया सा बाबा मेरी सामणी । -तेरे बाबा को अपणी दादी दिला दूँ -होय लो न रुकमण सामणी । -मैं कैसे निकलूँ मेरे कँवर रसिया -लखिया सा ताऊ मेरी सामणी -तेरे ताऊ को अपणी ताई दिला दूँ -होय लो न रुकमण सामणी -मैं कैसे निकलूँ मेरे कँवर रसिया -लखिया सा भाई मेरी सामणी -तेरे भाई को अपणी बाहण दिला दूँ , -होय लो न रुकमण सामणी -मैं कैसे निकलूँ मेरे कँवर रसिया -लखिया सा बाबुल मेरी सामणी -तेरे बाबुल को अपणी अम्मा दिला दूँ -होय लो न रुकमण सामणी ।",khadi_boli-mis -"मचिया बइठल तुहूँ सासु, त सुनहऽ बचन मोरा हे -मचिया बइठल तुहूँ सासु , त सुनहऽ बचन मोरा हे । -सासु , सपन देखलूँ अजगूत , 1 बालक एक सुन्नर2 हे ॥ 1 ॥ -चुप रहुँ चुप रहुँ , पुतहू , 3 त सुनहऽ बचन मोरा हे । -पुतहू सुनि पइँहें गँमवा4 के लोग करतइ उपहाँस तोरो हे ॥ 2 ॥ -आज हकइ सोने के रात , बबुआ एक जलम लेता हे । -पुतहू , आज चानी केरा रात , होरिलवा जलम लेता हे ॥ 3 ॥ -घड़ी रात बीतल पहर रात , अउरी अधिए5 रात हे । -ललना , जलम लिहल नंदलाल , महल उठे सोहर हे ॥ 4 ॥ -सासु मोरा उठलन गवइत , ननद बजइवत हे । -ललना , सामीजी त मालिन फुलवरिया , मालिन सँग सारी6 खेलथ हे ॥ 5 ॥ -ऐहो एहो राजा दुलरइता राजा , सुनहऽ बचन मोरा हे । -राजा , तोहरा के भेलो नंदलाल , महल उठे सोहर हे ॥ 6 ॥ -पसवा7 त गिरलइ बेल तर , कउरिया8 बबूर तर हे । -राजा , चलि भेलन अपन महलिया , महल उठे सोहर हे ॥ 7 ॥ -कोठे चढ़ि देखथिन दुलरइतिन , झर रे झरोखे लगी हे । -चेरिया , आज रे उजाड़ी देहीं बगिया , त फूल छितराइ9 देहीं हे ॥ 8 ॥ -महल में जुमलइ10 मलिनियाँ , त कर जोड़ी खाड़ा भेलइ हे । -रानी , काहे लागी उजड़हइ बगिया , त काहे लागी फूल छितरहइ हे ॥ 9 ॥ -काहे लागी बाँधहहु मलिया , त काहे लागी लोरझोर11 हे । -रानी , बरजहु अपन कोठीवाल , 12 बगिया मत सून13 करूँ हे ॥ 10 ॥ -मैं तोरा पूछूँ मलिनियाँ , त सुनहऽ बचन मोरा गे । -मालिन , कइसे कइसे कयलें बिलास , मोरा के समुझाय देंही गे ॥ 11 ॥ -रसेरसे14 बेनियाँ15 डोलौलूँ , आउ16 फूल छितराउलूँ हे । -रानी , भउँरे17 रूपे राजा उहाँ18 गेलन , सभे रस चूसि लेलन हे ॥ 12 ॥",magahi-mag -"ओरै धोरै धरे अनार -ओरै धोरै धरे अनार -ये भई सिब्बू तेरे यार -ओरै धोरै धरे अनार -जीवो भई सिब्बू त���रे यार",haryanvi-bgc -"दूर-दूर की म्हारी मोठी बईण तुखऽ लेणऽ कुण जासे -दूरदूर की म्हारी मोठी बईण तुखऽ लेणऽ कुण जासे , -जासे हो म्हारो नानो भाई , घोड़ी कुदावतो लावसे । -घोड़ा का टापुर वाज्या , बइण कहे कि म्हारो भाई आयो , -पांयण पींजण को ठुमको वाज्यो , -भाई कहे कि म्हारी बइण आई ।",nimadi-noe -"समदण तेरे नैनों में कालीघटा -समदण तेरे नैनों में कालीघटा -प्यारी समदण को बिछिया सोवे -अनबट समदण को तोड़ा सोवे -सांकला में होय रई लटा पटा ।",malvi-mup -"498 -भाबो जानदें हां असी सभ चालें जेहड़े मुंग ते चनें खिड़ावनी ए -आप खेंडदिए किसें चालयां नूं सानूं मसतियां चा बनावनी ए -चीचो चीच कंडालियां आप खेडें चिठा मापियां नाल वलावनी ए -आप रहे बेगरज बेदोश बैठी माल खेड़यां दा लुटवाउनी ए",panjabi-pan -"जोडूं हाथ बलम तैं तेरे आगे -जोडूं हाथ बलम तैं तेरे आगे अब तूं मुंह से कहदे -छठ देखण ने मैं जाऊं बलमा एक रुपया दे दे -कहा कहे तूं धरती फारै सुणिये मेरी प्यारी -छठ देखण ना जाया करती भले घरां की नारी -संग सहेली जाये चोक की मैं कैसे रुक जाऊं -वहां दो आने की पऊवा बिकती जाय जलेबी खाऊं -लड्डू पेड़ा और जलेबी सभी माल आजांगै -छठ पै ऐसे नंग आवैं चोंट चोंट खा जांगे -ऐसो क्या मेरो हाथ नहीं हैं जो मैं चुटवा लूंगी -काढ़ पना मोढे पर मारूं सौ सौ गारी दूंगी -मुंह से तो तूं समझा ली ईब लाठी धर लूंगा -हरसुख नाट गयो है मुंह ते जाण कभी ना दूंगा -देखा जावै तू और हरसुख कैसे लठ धरोगे -पीहर जाये रहूंगी जब मेरो काहे करोगे -देखा जाए तेरो पीहर कब लौ नार डटेगी -नई उमर बालक ना पैदा केसे उमर कटेगी -कहा करूं कित जाए छाती पै पहार धर्यो है -औरो जाय करूंगी क्या पानी सो देस भर्यो है -देखूं तोहे नार आबदार कैसे खसम करेगी -काहे रंडवा के घर पिटती रोज फिरेगी",haryanvi-bgc -"हे दे सोई हे साड़’र मास -हे दे सोई हे साड़’र मास , हे दे उठा हे कात्यक मास -हे तम पीलंग भरा के देयां नै सुवाओ -हे तम देयां नै सुवा कै गंगा जी पहुंचाओ -हे तम गंगा जी पहुंचा के गौ धरम कराओ -हे तम गौ धरम करा के खीर रंधाओ -हे तम खीर रंधा के बीपर जिमाओ -हे तम बीपर जिमाके दिछणा दिलाओ",haryanvi-bgc -"बुझो बूझो गोरखनाथ अमरित बानी -बुझो बूझो गोरखनाथ अमरित बानी -बरसे कमरा भींजे ल पानी जी -कौआ के डेरा मा पीपर के बासा -मुसवा के बिला म बिलई होय नासाजी -बूझो बूझो . . . . . -तरी रे घैला उप्पर पनिहारी -लइका के कोरा म खेले महतारी जी -बुझोबुझो -भागे ले कुकुर भूँके ले चोर -मरगे ���नखे झींकत हे डोर जी -बुझोबुझो -बांधे ले घोड़ा , भागे ले खूंटा -चढ़ के नगाड़ा बजावत हे ऊंटा जी -बुझोबुझो -पहली हे पूछें पीछे भय माई -चेला के गुरू लागत हे पाईं जी -बुझोबुझो",chhattisgarhi-hne -"8 -इक तखत हजारे दी गल कीजे जित्थे रांझयां रंग मचाया ए -छैल गभरू मसत अलबेलड़े नी सुंदर इक थीं इक सवाया ए -वाले कोकले मुंदरे मझ1 लुंगी नवां ठाठ ते ठाठ चड़हाया ए -केही सिफत हज़ारे दी आख सकां गोया मिशत ज़मीं ते आया ए",panjabi-pan -"175 -हीर आखया रांझया कहर होया एथों उठ के चल जे चलना ई -दोवें उठ के लंबड़े राह1 पईए कोई असां ने देस ना मलना ई -जदों झुगड़े वड़ी मैं खेड़यां दे किसे असां नूं मोड़ ना घलना ई -मां बाप ने जदों वयाह दिती कोई असंा दा जोर ना चलना ई -असीं इशक दे आन मैदान रूझे2 बुरा सूरमे नूं रनों भजना ई -वारस शाह दे इशक फिराक दौड़े एह कटक फिर आख किस झलना ई",panjabi-pan -"काली ग्वाली खिटी टालान -काली ग्वाली खिटी टालान -काली ग्वाली खिटी टालान -रेइनी जाम्बू सुबुकेन बल कुयेरा -रेइनी जाम्बू सुबुकेन बल कुयेरा -रेइनी जाम्बू चूटी लियेन -रेइनी जाम्बू चूटी लियेन -रमा चाचू का भूली वाजा बेटा मारे -रमा चाचू का भूली वाजा बेटा मारे -रमा चाचू बनजा बेटा -रमा चाचू बनजा बेटा -अमा रानी का भूली वाजा बेटा मारे -अमा रानी का भूली वाजा बेटा मारे -स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq -"मारत बिना अन्न हर सालै -मारत बिना अन्न हर सालै -पनमेसुर का पालै ? -काय खाँ दुख दयैं रात हौं ? -काटइ करौ हलालै । -सबै समेट इकटठौ लै जा -कात काय न कालैं , ? -नोंनौ लगै अकेलो ईसुर -जब सब भिक्छ बड़ा लै ।",bundeli-bns -"कउन बन उपजे हे नरियर, कउन बन उपजे अनार हे -कउन1 बन उपजे2 हे नरियर , कउन बन उपजे अनार हे । -ललना , कउन बन उपजे गुलाब , तो चुनरी रँगायब हे ॥ 1 ॥ -बाबा बन उपजे हे नरियर , भइया बन अनार हे । -ललना , सामी3 बन उपजे गुलाब , त चुनरी रँगायब हे ॥ 2 ॥ -से चुनरी पेन्हथिन4 सुगही , 5 दुलरइतिन6 सुगही हे । -ललना , पेन्हिए चललन पानी लावे , चुकवन7 पानी भरे हे ॥ 3 ॥ -बटियन8 पूछऽ हे बटोहिया , त कुआँ पनिहारिन हे । -ललना , केकर हहु तोंहि बारीभोरी , 9 कउन भइया के दुलारी हे । -ललना कउन पुरुसवा के नारी , त चुकवा लेइ पानी भरे हे ॥ 4 ॥ -बाबा के हम हीअइ10 बारी , 11 त भइया के दुलारी हे । -ललना , सामी जी के अलप12 सुकुमारि , चुकवा सन13 पानी भरी हे ॥ 5 ॥ -मचिया बइठल तुहूँ सासुजी , सुनहऽ बचन मोरा हे । -ललना , रहिया में मिलल एक रजवा14 त बदन निहारइ हे । -ललना , बोले ��गल बचन कुबोल , 15 करे लगल हाँसी हे ॥ 6 ॥ -कइसन16 हइ उजे17 रजवा , कइसन रँग हाथी हे । -ललना , कइसन हकइ18 महाउत , 19 कहि समुझावहु हे ॥ 7 ॥ -करिया रंग के हथिया से गोरे महाउत हे । -ललना , सुन्नर बदन के जे रजवा से बदन निहारइ हे ॥ 8 ॥ -हँसिहँसि बोलथिन20 सासुजी , तुहूँ बहू बोदिल21 हे । -ललना , रजवा हकइ मोर बेटवा , आयल परदेश करि हे । -ललना , दुअरे बाँधल हकइ हथिया , तोहर परभु आयल हे ॥ 9 ॥",magahi-mag -"माई तुम्हरे श्याम कौन गुण कारे -माई तुम्हरे श्याम कौन गुण कारे , -कौन गुण कारे । माई तुम्हरे श्याम . . . -गोरे नन्द बाबा , सो गोरी यशोदा -सो गोरे ही हैं , बलराम तुम्हारे , -बलराम तुम्हारे । माई तुम्हरे श्याम . . . -कारे जिन कहो ग्वालन -कारे ही हैं जग के उजियारे , -मोरी आँख के तारे । माई तुम्हरे श्याम . . . -खेलत गेंद गिरी जमुना में -सो नागनाथ जैसे हो गये कारे , -एही गुन कारे । माई तुम्हरे श्याम . . .",bundeli-bns -"264 -रांझे आखया मगर ना पौ मेरे कदी कैहर दी वाओ हटाईए जी -गुरु मत तेरी सानूं ना फबे गल घुट के चा लंघाईए जी -पहले चेलयां नूं चाए हीज1 करीए पिछों जोग दी रीत बताईए जी -इक वार जो सना दस छडो घड़ी मुड़ी ना गुरु अकाईए जी -करतूत जे एहो सी सभ तेरी मुंडे ठग के लीक ना लाईए जी -वारस शाह शागिरद ने चेलड़े नूं काई भली ही मत सिखाईए जी",panjabi-pan -"364 -मेरे नाल की पाया ई वैर चाका मथा सौंकनां वांग की डाहया ई -ऐवें घूरके मुलक नूं फिरे खांदा कदी जोतरा मूल ना वाहया ई -किसे जोगिड़े पकड़ फकीर कीतो अनजान ककूहड़ा1 फाया ई -बुढी बाप मां नूं रांेदड़ी छड आयों ओहदा अरश दा किंगरा ढाया ई -पेट रखके आपणा आप पाले किते रन्न नूं चा त्राहया ई -सुआह लाईया बानना उलट आई ऐवें कपड़ा चीथड़ा लाहया ई -वारस आखनी हां टल जाह साथों भौंदू2 साध लधोंदड़ा3 ई",panjabi-pan -"मैं होरी कैसे खेलूँ री -मैं होरी कैसे खेलूँ री जा साँवरिया के संग रंग मैं होरी -कोरेकोरे कलश मँगाये उनमें घोरौ रंग । -भर पिचकारी ऐसी मारी चोली हो गई तंग ॥ रंग में . -नैनन सुरमा दाँतन मिस्सी रंग होत भदरंग । -मसक गुलाल मले मुख ऊपर बुरौ कृष्ण कौ संग ॥ रंग में -तबला बाज सारंगी बाजी और बाजी मृदंग । -कान्हा जी की बाँसुरी बाजे राधाजी के संग ॥ रंग में -चुनरी भिगोये , लहँगा भिगोये छूटौ किनारी रंग । -सूरदास कौ कहा भिगोये कारी कामर अंग ॥ रंग में",braj-bra -"फाग गीत -म्हू तो म्हारा घर में हूती , कांकरिया कुण मारे रे । -घरघर रा कांकरिया माहे घायल वेगी यो , -परी परणाओ । -हाँ रे परी परणावो , देस ने परदेस वचमें यो , -परी परणाओ । -एक नवयौवना कहती है कि मैं तो अपने घर में सोई हुई हूँ । कंकड़ कौन मार रहा है ? पास के घरों के लड़कों से में घायल हो गई हूँ , मेरा ब्याह देशपरदेश में कहीं भी कर दो ।",bhili-bhb -"बाना गीत -कुणे कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो । -बइण कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो । -कुणे कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो । -भोजाई कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो । -कुणे कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो । -भाई कह्यो ने गुदड़ये बठो रे बनो । -जमीन पर गादी बिछाकर दूल्हादुल्हन को बैठाते हैं , जिसे बाना बैठाना कहा जाता है । दूल्हे के बाने बैठने पर गीत में प्रश्नोत्तर किये गये हैं कि किसनेकिसने कहा जब दूल्हा गादी पर बैठ गया ? उत्तर में कहा है कि बहन , भौजाई व भाई ने कहा , तब बना गादी पर बैठा ।",bhili-bhb -"न्यूं कह रही धौली गाय -न्यूं कह रही धौली गाय -मेरी कोई सुणता नाई -मेरे कितने सिरी भगवान -मैं दुख पा रही -मेरा दूध पिवै संसार -घी तै खावै खीचड़ी -मेरे पूत कमावें नाज -मैंघे भा की रूई -जब भी मेरे गल पै छुरी",haryanvi-bgc -"सभवा बइठल तोहें बाबा -सभवा बइठल तोहें बाबा , बाबा बगिया1 में कइसन2 इँजोर3 ? -तूं नहीं जाने दुलरइतिन बेटी , आयल घेरी4 बरिआत ॥ 1 ॥ -कउन रँग हथिन5 बर बरियतिया , कउन रँग हुनकर6 दाँत । -सोने रँग बरवा , रूपे रँग बरियतिया , पनमा रँगल हुनकर दाँत ॥ 2 ॥",magahi-mag -"द्वी हजार आठ भादौं का मास -द्वी हजार आठ भादौं का मास -सतपूली मोटर बौंगीन1 खास -से2 जावा भै बन्दो अब रात ह्वैगी -रुणझुण , रुणझुण बारसि लैगे , -काल की सी डोर3 निदंरा यैगे -घनघोर निंदरा जूब सबू येगी -मोटर का छत पांणी भोरे गे -भादौं का मैना रुणझुण पांणी -हे पापी नयार क्या बात ठांणी -सबेरी उठीकी जब औंदा भैर -बौगीकि4 औंदान सांदण खैर5 -डरैबर6 कलैंडर सबी कठा होवा -अपणी गाड्यो मा पत्थर मोरा -गरी ह्वै जाली गाड़ी रुकि जालो पाणीं -हे पापी नयार क्या बात ठांणी -अब तोड़ा जंदेऊ कफङ्यों खोला -हे राम , हे राम हे शिव बोला -डरैबर कलैंडर सबी भेंटी7 जौला -ब्याखन बिटीन येखूली रौला -भग्यानू की मोटर छाला8 लैगी -अभाग्यों की मोटर डूबण लैगी -शिवानन्दी को छयो गोबरदन दास -द्वी हजार रुप्या छया तैका पास -गाड़ी बगदी जब तैन देखी -रुप्यों की गड़ोली9 नयार10 फेंकी -हे पापी नयार कमायों त्वैकू -मंगसीर का मैना ब्यो छऊ मैकू -सतपूली का लाला तुम घौर जैल्या -मेरी हालत मेरी माँमा बोलल्या -मेरी माँ मा बोल्यान तू माजी मेरी -तो रयो माँ ज��� गोदी को तेरी -मेरी माँ को बोल्यान नी रयी सास -सतपूली मोटर बौगोन खास ।",garhwali-gbm -"डुकरो कौ सोच -भरी तलइया में उनकी भैंसे लोरें , -बैठी डुकरो सोच करें जिँदगानी कौ , -कसैं कछोटा धुतिया फटीपुरानी कौ । -बाबुल के घर कौ सपनों -लिपोपुतो आँगन अपनों , -पहिर पाँव में पैजनियाँ , -ठुमकठुमक नाची रनियाँ । -दिन भर घरघूला बनायँ दिन भर फोरें , -दिन भर बच्छा पकरें गइया ब्यानी कौ । -घर बाहर कौ ग्यान बढ़ौ , -तरुनाई कौ रंग चढ़ौ , -अब भोरो बिटियानहियाँ । -गदरानी पिँड़रीबहियाँ । -चढ़ैं दौर कें आमन की अमियाँ टोरे , -मैरा पै गुफना भन्नाय घुमानी कौ । -लगनमहूरत सुधवाई , -दूल्हा सँग बरात आई , -दई नें पटकी कठिन घरी , -छूटी मइया की बखरी । -रोदन की चिग्घारें धरती हिलकोरें , -सागर उमड़ परो अँखियन के पानी कौ । -दैबी छूटोँ , मठ छूटे , -गाँव गली पनघट छूटे , -छुईमुई मुरझयाय गई , -मैं ससुरारै आय गई । -मन कौं कस गई कुलमरजादा की डारे -तनट रा कौ सासन सास भुमानी कौ । -भुनसारें जब झमक जगै , -फूलन लदी कनैर लगै , -मन उरझौ रसरँगिया में , -तीतुर सोबैं अँगिया में । -चित्तरसारी सें उतरें निहुरेंनिहुर , -चिहुँटी काट गओ राछरौ जिठानी कौ । -चैत जुन्हइया की रातें , -कन्त कन्हइया की घातें , -भरै मुरहिया कौरो में , -छूटें काट कखौरी में । -भगें , गिर परें , कोउ काउ कौं झकझोरें । -चढ़ै न उतरै , बुरऔ नसा है ज्वानी कौ । -जिदना सें जा सृष्टि चली , -कभउँ न हारो काल बली , -हमनें कितने जतन रचे , -काल झकोरन सें न बचे । -नौ लरका बिटियन सें चौंचचौंच जोरें , -फूटौ रूप गरूर बुलबुला पानी कौ । -उड़ गई चाल मरोरा की , -हँसी बतासाफोरा की , -माहुर विषधर करिया है , -मेंहदी बनी अँगरिया है । -कजरा काटत है अब अँखियन की कोरें , -नाती देख हँसैं पुपलौ मौं नानी कौ । -बिरधापन नें दई पटकी -फूटी माखन की मटकी , -मधुवन रहो न रसलीला , -मठामहेरिउ में हीला । -बेसुध बैठीं सुधियन की गाँठें छोरें , -छोड़ कन्हइया संग गओ ब्रजरानी कौ ।",bundeli-bns -"इल्मों बस करीं ओ यार -इल्मों बस करीं ओ यार -इक्को अलफ तेरे दरकार , -इल्मों बस करीं ओ यार । -जान्दी उमर नहीं इतबार , -इल्मों ना आवे विच्च शुमार । -इक्को अलफ तेरे दरकार -इल्मों बस करीं ओ यार । -इल्मों मीआँ जी कहावें , -तम्बा चुक्क चुक्क मन्डी जावें । -धेला लै के छुरी चलावें , -एह ताँ वड्डी जुल्म दी कार । -इल्मों बस करीं ओ यार । -इल्मों शेख मसाइख1 कहावें , -उल्टे मसले घरे बणावंे । -बेइल्माँ नूँ लुट्ट खावे��� , -उल्टे झूठे करें इकरार । -इल्मों बस करीं ओ यार । -बहुता इल्म अज़राईल2 ने पढ़िआ , -झुग्गा झाया ओहदा सढ़िआ । -तोक लाअनत दा गल पढ़िआ , -ओड़क चल्लिआ बाज़ी हार । -इल्मों बस करीं ओ यार । -उमर गुज़ारी विच्च मसीतीं , -अन्दर भरेआ नाल पलीतीं3 । -वाहद नीयत इक ना कीती , -ऐवें कीती हाल पुकार । -इल्मों बस करीं ओ यार । -पढ़ पढ़ लिख लाए ढेर , -पए कुरआन किताब चुफेर । -गिरदे चानण विच्च अन्धेर , -पुच्छो राह दी खबर ना सार । -इल्मों बस करीं ओ यार । -ज्यों ज्यों पढ़दा इल्म वधेरे , -त्यों त्यों पैन्दें झगड़े झेड़े । -माही जावे परे परेरे , -होन्दी जिन्दो जिन्द पुकार । -इल्मों बस करीं ओ यार । -ज्यों खोजी नूँ खोज अगेरे , -इल्म वी आड़क परे परेरे -हरदम फिरदी मौत चुफेरे , -जाणे नहीं मरद गवार । -इल्मों बस करीं ओ यार । -इल्मों पए हजाराँ फस्ते , -राही अटक रहे विच्च रस्ते । -सारे हिजर दे बेदिल खस्ते , -प्या विछोड़े दा सिर भार । -इल्मों बस करीं ओ यार ।",panjabi-pan -"संजा फूली आंगणऽ माय -संजा फूली आंगणऽ माय , -कि पूजणऽ चलो जी । -चांद सूरजऽ दुई भाई , -कि मीलणऽ चलोजी । । -कि जिनका हाथ सोन्ना की तलवार , -कि धोळा घोड़ा पर असवार -कि जिनका माथऽ पचरंग पाग , -कि जिनका गळा मंऽ सतरंग हार । -संजा फूली आंगणऽ माय , -कि पूजणऽ चलोजी । -चांद सूरज दुई भाई , -कि मीलणऽ चलोजी । ।",nimadi-noe -"मैं फैशन वाली बलम मोर बनिया -मैं फैशन वाली बलम मोर बनिया -मैं फैशन वाली . . . . . . -ऊँचा चउतरा औ नीची दुकानइया -मैं बेचू हल्दी बलम बेचे धनिया -मैं फैशन वाली . . . . . -सासू मोर बेलईं ननद मोर सेकईं -मैं बैठी जेंऊँ बलम भरईं पनिया -मैं फैशन वाली . . . . . -सास मोर मारईं ननद ललकारईं -मैं बैठी रोऊँ बलम लेईं कनिया -मैं फैशन वाली बलम मोर बनिया -मैं फैशन वाली . . . . . . .",awadhi-awa -"बइण जिन घर आनन्द बधाओ -बइण जिन घर आनन्द बधाओ । । -हऊँ तो अचरज मन माही जाणती , -हऊँ तो बाग लगाऊँ दुई चार , -ओ तो आई मालण , फुलड़ा लई गई , -म्हारो बाग परायो होय , -हऊँ तो अम्बा लगाऊँ दस पाँच , -ओ तो आई कोयळ कैरी लई गई , -म्हारो अम्बो परायो होय , -हऊँ तो पुत्र परणाऊँ दुई चार , -ओ तो आई थी बहुवर , -पुत्र लई गई , म्हारो पूत पराया होय , -हऊँ तो कन्या परणाऊँ दुई चार , -ओ तो आया साजन , कन्या लई गया , -म्हारी कन्या पराई होय , -एक सास नणद सी सरवर रहेजे , -जीभ का बल जीतजे । । -एक देराणी जेठाणी सी सरवर रहेजे , -काम का बल जीतजे । । -एक धणी सपूता सी सरवर रहेजे , -कूक का बल जीतते । ।",nimadi-noe -"घुमेरदार लंजो -बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -घुमेरदार लंजो . . . -अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -म्हारे माथा ने मैमद लाइजो और रखडी रतन जड़ाई जो . . . -बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -घुमेरदार लंजो . . . -अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -म्हारी बैयाँ ने चुडलो लाइजो , म्हारी नथनी रतन जड़ाई जो . . . -बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -घुमेरदार लंजो . . . -अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -पगल्या ने पायल लाइजो म्हारा बिछया रतन जड़ाई जो . . . -बादिला लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -आलीजा लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो -घुमेरदार लंजो . . . -अन्दाता लेता आइजो जी घुमेरदार लंजो",rajasthani-raj -"सुणजो हो म्हारा सगुण साहेब जी -सुणजो हो म्हारा सगुण साहेब जी , -म्हारा पियर पत्रिका भेज जो । -एक आई गयो मेहलो न भीगी गयो कागद , -गोरी को संदेशो रही गयो । । -हुई गई रे वीरा म्हारा मण्डप की बिरियां , -सासूजी मसलो बोलिया । -परसो न हो बहुवर मुट्ठीभर चोखा , ऊपर मुट्ठी खांड की । । -हुई गई रे वीरा म्हारा मण्डप खऽ वार , -नणंदजी मसलो बोलिया । -एक पेरो न हो भावज दक्षिण रो चीर , -अंगिया जो , जड़ाव की । । -एक बेडुलो लई न पनघट चाली , -बेडुलो जो धरियो सरवर पाळ । -चोमळ टांगी चम्पा डाळ धमकी रऽ रे वीरजी की गाड़िला । । -घमकी नऽ रे घूँघर माळ -एक झपकी नऽ रे म्हारा वीराजी की पाग , -चमक्यो रे भावजजी रो चूड़ीलो । । -एक झटपट हो गोर घर खऽ आई , -विराजी खऽ दिया समझाई न । -एक वीराजी नऽ हो भेज्यो बहण खऽ संदेशो , -केतरीक लागऽ पेरावणी । । -ससरा खऽ रे वीरा म्हारा सेलो नऽ पाग , -सासू खऽ पोयचो पेरावजो । -जेठ खऽ रे वीरा म्हारा सेळो नऽ पाग , -जेठाणी खऽ चूनर पेरावजो । । -देवर खऽ रे वीरा म्हारा सेळो नऽ पाग , -देराणी खऽ चूनर पेरावजो । -एक नणंद खऽ दक्षिणा रो चीर । । -बौणई खऽ रे वीरा म्हारा पांचई कपड़ा , -बहण खऽ पेळो पेरावजो । -एक भाणेज खऽ हो अंगो नऽ टोपी , -पड़ोसेण खऽ कापड़ो देवाड़जो । । -जात खऽ रे वीरा म्हारा मुट्ठी भर चांवल , -गांव मंऽ तमोल बटाड़जो । -भली करी रे म्हारा माड़ी का जाया , -सासू नणंद मंऽ करऽ उजळई ।",nimadi-noe -"सामन भदोइया क निसि अधिरतिया -सामन1 भदोइया2 क निसि अधिरतिया , मलका मलके3 सारी रात हे । -बिजली चमके चहुँ ओर हे । -खाट छोड़िए भुइयाँ4 सुतली दुलरइतिन बेटी , रोइ रोइ कयल5 बिहान6 हे । -दुअरे से अयलन दादा दुलरइता दादा , बेटी से पूछे साधु बात7 हे । -कउन संकटिया8 तोरा आयल गे बेटी , रोइ रोइ कयल बिहान हे ॥ 2 ॥ -हमरा सुरतिया जी दादा तोरे न सोहाये , खोजी देलऽ लड़िका दमाद हे । -हमर करम बराबर गे बेटी , जानो धरम तोहार हे ॥ 3 ॥ -उतम कुल बेटी तोहरा बिआहलूँ9 देखलूँ छोट न बड़ हे । -पूरब खेत बेटी ककड़ी जे बुनलूँ10 ककड़ी के भतिया11 सोहामन हे ॥ 4 ॥ -न जानू बेटी गे तीता कि मीठा , कइसन ककड़ी सवाद12 हे । -सोनमा रहइत बेटी तोहरा डहइती13 रूपवा डहलों न जाय हे ॥ 5 ॥ -कुइयाँ14 रहइत बेटी फिनु से15 उढ़ाहती16 समुदर उढ़ाहलेा न जाय हे । -बेटा रहइत बेटी फिनु से बिवाहती , बेटी कियाहलो न जाय हे ॥ 6 ॥",magahi-mag -"सासागन हेजे केन कूटूम्बे सासागन ऐजेकेन -सासागन हेजे केन कूटूम्बे सासागन ऐजेकेन -सासागन हेजे केन कूटूम्बे सासागन ऐजेकेन -सासागन हेजे केन कूटूम्बे सासागन ऐजेकेन -आम बाकी सोस बाकी सासाकूनी सायेने -आम बाकी सोस बाकी सासाकूनी सायेने -आम बाकी सोस बाकी सासाकूनी सायेने -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"कैसे रुप बड़ायो रे नरसींग -कैसे रुप बड़ायो रे नरसींग -१ ना कोई तुमरा पिता कहावे , -ना कोई जननी माता -खंब फोड़ प्रगट भये हारी -अजरज तेरी माया . . . -रे नरसींग . . . -२ आधा रुप धरे प्रभू नर का , -आधा रे सिंह सुहाये -हिरणाकुष का शिश पकड़ के -नख से फाड़ गीरायो . . . -रे नरसींग . . . -३ गर्जना सुन के देव लोग से , -बृम्हा दिख सब आये -हाथ जोड़ कर बिनती की नी -शान्त रुप करायो . . . -रे नरसींग . . . -४ अन्तर्यामी की महीमा ना जाणे , -वेद सभी बतलाये -हरी नाम को सत्य समझलो -यह परमाण दिखायो . . . -रे नरसींग . . . . . . .",nimadi-noe -"सूरज कौंल (सूरज कुँवर) -एक दिन कुंवर त्वैक1 , राति का बीखैमा2 , -नागू का सूरजू बाला , सुपीनो ह्वै गये । -राति हैवै थोड़ा त्वीन , स्वोंणो जम्पे भौत , -पौछिगे सूरजू , जैकी ताता लूहागढ़ । -सुपीना मा देखे तिन राणी जोत माला , -देख्याले सूरजू तिन , राणी को बंगला । -जै राणी को होलो आज ठैठाई को रंग , -सुतरी3 पलंग जैं को नेलू झमकार । -कवासुली4 सेज जैंको धावणिया घांड , -हिया च सुरीज5 जैंको पीठी चंदरमा । -कमरी दिखेंद जैंकी कुमाली सी ठांणा , -बिणोटी दिखेंद जैंकी डांडा सी चुडीणा । -सिंदोली6 दिखेंद जैकि धौली7 जैसो फाट8 , -फिलीरी दिखेद जैकि धोबी सी मुंदरी , -नाकुणी दिखेंद जैंकि खडक सी धार , -ओठणी दिखेंद जैकि दालिमा सी फूल , -दांतुणी दिखेंदी जैकि जाई जैसी कली । -बैठायो को रंग तै को कोठायँ टूटद , -सोवन9 सिन्वाणी10 जैकी रूपा11 की पैद्धाणी12 । -रांड की जोतरा देंदा जलमू की बोली , -तु हवेलू कुंवर सांचू सिंहणी सपूत , -तू ऐल्यो कंवर मेरा ताता लूहा गढ़ । -सिंहणी को ह्वैलो ऐलो ये बांका भोटंत , -स्यालणी13 को ह्वेलो रैल्यो भीमली बजार । -नौ दिन नौ राति बाला गिजनारै गये , -नौ लाख कैतुरी कौल धाम झअल एगे । -धाम झअल येगे बेटा सभा सुन्न रैगे , -चचड़ैकी14 उठीकौल बवरैकी15 बीज । -जाग दो ह्वे जांदी हे नाग सुरीज । -जागदो ह्वे गये बाला कांटो को सुरीज । -तेरि जिया16 नागीण बाला धावड़ी17 लगौंदा । -किलैकी सुरजू बेटा कछड़ी नी औन्दो , -किलैकी सूरजू आज ठउ नी जिमदो । -नौ दिन ह्वेगैना मैंन सूरजू नि देख्यो , -कागई सूरजू मेरा यकुला येकन्तू । -त्वी बिना कुंवर तेरी भीमली सुन्न ह्वेगी । -तेरी भुली सूरजी त्वे धावड़ी लगौंदा , -त्वीकुणी सूरज कनी उनिन्दा पड़ी च । -घाम झअल यैगे बेटा , सभा सुन्न ह्वेगे । -चचडैकि उठी कौल बवरैकि बीजे । -ऐगये सूरजू कौल नौरंगी तिवारी । -मैं सणी जिया ब्वै आज सुपीनो ह्वेगे , -सुपीन मा देखे मैंन राणी जोतमाला -मैंन जाणा इजा वे ताता लूहागढ़ । -रांड की जोतरा देंदा , जलमू की बोली , -सिहणीं को ह्वेली ऐली ताता लूहागढ़ । -स्यालणी को ह्वैलो रैलो भिमली बाजार । -क्वी सोरो18 जांचदो वैकू बांटबांटी देन्दो । -क्वी बैरी जांचदो मीकू हत्यारा भीड़ देन्दू । -तिरया को जांचणो मीकू मारणो ह्वे गयी । -मोरणो ह्वे जाना जिया जोतरा का बाना । -भौंकुछ ह्वे जाना मैंन जाणा लूहागढ़ -कित19 लेलो जोतरा इजा किन रौलो नाटो20 , -ह्वेगैना जिया ब्वे मेरा बांही का बचन । -त्वेतई जिया ब्वै बाला , बुझौणी बुझौंद , -नि जाणों कुंवर मेरा बैरा का भकौंणा , -निल्हौणो सूरजू तिन जोतरा को भामों । -नि जाणो सूरजू बाला ताता लूहागढ़ । -तू छई कुंवर मेरो इकलो यकन्तो -तु छई कुंवर मेरो कांठा सि सूरज । -तू छई कुंवर मेरो चन्दन सि गेंद , -तू छई कुंवर बाला पालिंगा सि गेंद । -तू ह्वेलू सूरजू मेरा धार्णिया सि ठुंसू । -तेरो बाबू गैछो21 बेटा घर बौड़ी22 नि होये , -तेरो दादो गैछो बेटा बौड़ी कि निआयो , -जो गैना भोटन्त बेटा बौड़ी23 की नि आयो , -तेरो दिदा24 बरमी रैगे बरमी डुग्यूँ पर । -तेरी तिल्लू25 बाखारि26 बेटा छटपट छ्यूंदा27 , -मान्याल कुंवर त्वेकु असगुन ह्वेगे । -हून्दी मऊ कु बेटा कांदली नि हून्दी ,",garhwali-gbm -"460 -हथ बन्ह के करे सलाम सहती दिलों जान थी चेलड़ी तेरियां मैं -करां बांदियां वांग बजा खिदमत नित पां��दी रहांगी फेरियां मैं -पीर सच दा असां तहकीक1 जाता नाल सिदक मुरीद हां तेरियां मैं -करामात तेरी उते सिदक कीता तेरे हुकम दे नफस ने घेरियां मैं -साडी जान ते माल ते हीर तेरी नाले सने सहेलियां तेरियां मैं -असां किसे दी गलना कदी मन्नी तेरे इसम2 आजम3 हुब4 घेनियां मैं -इक फकर अलाह दा रख तकवा5 होर ढा बैठी सभ ढेरियां मैं -पूरी नाल हिसाब दे हो सकां वारस शाह की करां शेरियां6 मैं",panjabi-pan -"चाँवर गीत -राजा नी बेटी नहीं नवे , नहीं नवे । -वाण्या नो बेटो , उरो नवे , परो नवे । -एक फेरो फिर जी बनी , चार को बनो छे । -बनी पयणाय जाजी ने , पछी आवती रहजी । -फेरे के समय वधू को कहा गया है कि वधू , राजा की लड़की है वह झुकेगी नहीं । बनिया का बेटा इधर झुकता है उधर झुकता है । बनी को फेरे के लिए कहा है । एक फेरा फिर , बना पराया है । दुल्हन अड़ रही है । सहेलियाँ कह रही हैं ब्याह कर ले फिर वापस पीहर आ जाना ।",bhili-bhb -"पहिला दरद जब आयल, सासु गोड़ लागले हे -पहिला दरद जब आयल , सासु गोड़1 लागले हे । -सासु , अब न करम अइसन2 काम , दरद अँग सालइ3 हे ॥ 1 ॥ -दोसर दरद जब उठल , ननदी गोड़ लागल हे । -ननदी , अब न जयबइ सामी सेज , दरद हिया सालइ हे ॥ 2 ॥ -तेसर दरद जब उठल , होरिला जलम लेल हे । -बजे लागल अनन्द बधइया , महल उठे सोहर हे ॥ 3 ॥",magahi-mag -"बल्ला - बल्ला हे सेन्द्रा ऐ जा लाड़ा -बल्ला बल्ला हे सेन्द्रा ऐ जा लाड़ा -बल्ला बल्ला हे सेन्द्रा ऐ जा लाड़ा -बल्ला बल्ला हे सेन्द्रा ऐ जा लाड़ा -लाड़ा आमानी रायनी जामू कोपा -लाड़ा आमानी रायनी जामू कोपा -लाड़ा आमानी रायनी जामू कोपा -बुरुबुरु टेन सेन्द्रा ऐ जा डो लाड़ी -बुरुबुरु टेन सेन्द्रा ऐ जा डो लाड़ी -बुरुबुरु टेन सेन्द्रा ऐ जा डो लाड़ी -लाड़ी अमानी कुकरु कुन्डा कोपा -लाड़ी अमानी कुकरु कुन्डा कोपा -लाड़ी अमानी कुकरु कुन्डा कोपा -स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq -"359 -एह विच कुरान दे हुकम होया गल फकर दी नूं नाहीं हसिये नी -जो कुझ कहन फकीर सो रब्ब करदा आखे फकर दे तों नाही नसिये नी -होवे खैर ते देही दा रोग जाये नित पहनीए खावीए वसिये नी -भला बुरा जो देखिये मसट करिये भेत फकर दा मूल ना दसिये नी -हथ बन्ह फकीर ते सिदक कीजे नाही टोपियां सेलियां खसिये नी -दुख दरद तेरे सभे जान कुड़ीए भेत जिऊ दा खोल जां दसिये नी -मुख खेल विखाए तां होवे चंगी आली भोली अयानिये ससिये नी -रब्ब आन सबब जां मेलदा ए खैर हो जांदी नाल लसिये नी -सुलह कीतयां फते जे रब्ब आवे क���र जंग ते मूल ना कसिये नी -तेरे दरद दा सब इलाज मैथे वारस शाह नूं भेद जे दसिवये नी",panjabi-pan -"घन गजरत आवै सोहाग बिरवा -घन गजरत आवै सोहाग बिरवा -घन उमड़त आवै सोहाग बिरवा -ओ के बाबा के अंगना सोहाग बिरवा -ओ के बाबल के अगना सोहाग बिरवा -ओ की दादी रानी सींचै भर गडुवा -ओ की अम्मा रानी सींचै भर गडुवा",haryanvi-bgc -"कौन फूल फूले अजहिन सजहिन -कौन फूल फूले अजहिन सजहिन -कौन फूल आधी रात या गुइयाँ -बेला फूल फूले अजहिन सजहिन -उमर फूले आधी रात गुइयाँ -वहाँ फूले खोसे कहरा वेट उना भरत है -राजा घर पानी या गुइयाँ -राजवा की बेटी अंचल चंचल -कहरा का देख लुभाय या गुइयाँ -कहरा वेट उना पैया तोरे लागू -हमहू चलब तुम्हरे साथ या गुइयाँ -तुम्हरे तो रनिया थाली या लोटा -हमरे थलिया नहीम आय या गुइयाँ . . .",bundeli-bns -"पहिला सगुनवाँ तिल-चाउर हे बाबू, तब कए डटारेबो पान -पहिला सगुनवाँ1 तिलचाउर हे बाबू , तब कए डटारेबो2 पान । -लगनियाँ3 अइले उताहुल4 सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 1 ॥ -ससुर बोलएबो कवन5 दुलहा हो बाबू । -लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 2 ॥ -कइसे6 में आएब ससुर बढ़इता7 हे , ससुर राउर8 नदिया झिलमिल पानी । -लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 3 ॥ -काल्ह9 कटएबो चन्नन गछिया हे बाबू , परसों10 बनएबो डेंगी नाव , -ताहि11 रे चढ़ि आवहु12 हे । -सगुनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 4 ॥ -धीरे खेवऽ13 मधुरे खेवऽ , मलहवा भइया हे , बाबू , भिजले14 कवन दुलहा सिर पगिया । -कवन सुगइ15 सिर सेनुर16 नयनवाँ भरी काजर । -लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 5 ॥ -कथिय17 सुखयबऽ18 सिर सेनुर , नयनवा भरी काजर । -लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 6 ॥ -रउदे19 सुखाएब झिलमिल पगिया हे बाबू । -छँहिरे20 सुखाएब सिर सेनुर , नयनवाँ भरी काजर । -लगनियाँ अइले उताहुल , सगुनवाँ भला हम पाएब हे ॥ 7 ॥",magahi-mag -"जब तौं घर तैं लीकड़या गभरू सेर जुआन -जब तौं घर तैं लीकड़या गभरू सेर जुआन -हो गया सौण कसौण गभरू सेर जुआन -हाय हाय गभरू सेर जुआन -बाम्मै बोल्ली कोतरी दहणै बोल्या काग -गभरू सेर जुआन हाय हाय गभरू सेर जुआन -मारी क्यों ना कोतरी तैने मार्या क्यों ना काग -हाय हाय गभरू सेर जुआन -कनअ तेरी बांधी पालकी कनअ तेरा कर्या सिंगार -हाय हाय गभरू सेर जुआन -भाइयां बांधी पालकी भाइयां ने कर्या सिंगार -हाय हाय गभरू सेर जुआन -सुसरा का प्यारा हाय सासड़ का प्यारा हाय हाय -हाय हाय गभरू सेर जुआन",haryanvi-bgc -"देस के हो रे थे बारां बाट -देस के हो रे थे बारां बाट । -बणिया बाह्मण अर कोई जाट । -अर कोई था अछूत कहलाया । -बाब्बू का दिल था भर आया । । -बाब्बू ने मिटाई छू आछूत । -सब सैं भारत मां के पूत । ।",haryanvi-bgc -"127 -हीर माउं नूं आण सलाम कीता माउं आखदी आ नी नहरिए नी -बड़बोलीए गोलिए बेहयाये खंडो टिडिए गुल बहरिए नी -तूं आयके साड़के लोहड़ दिता लिंग घडूंगी नाल मुतहरिए1 नी -अक उठसी आखनी हां टल जा उधलो महर रांझे देनाल दिए महरिए नी -साहनां नाल रहें दिन रात खैंहदी आ टली कुपतीए रहड़िए नी -अज रात नूं जू वाह2 डोबां तेरी सायत आवंदी कहरिए नी -वारस शाह जदों कपड़धड़ी होसी बेखीं नाल ढाहा उते लहरिए नी",panjabi-pan -"भेरूजी गोतन बाजूटिया रा सावला -भेरूजी गोतन बाजूटिया रा सावला -उनी सुतारण ले लाव ललकार -हातां री झालो देती आवे रे गुड़ री गूजरी -भेरू जी जो तम कलस्या रा सावला -उनी कुमारण से लाव ललकार -भेरूजी जो तम तेलसिंदूर सावला -उनी तेलण खे लाव ललकार -भेरूजी जो तम नायका रा सावला -उनी कंठालण ले लाव ललकार -भेरूजी जोतम मेवा रा सावला -उनी मालण खे लाव ललकार -भेरूजी जो तम बीड़ा रा सावला -उनी तंवोलण खे लाव ललकार -भेरूजी जो तम घुघरा रा सावला -उनी सुनारण खे लाव ललकार -भेरूजी जो तम घीखिचड़ा रा सावला -उनी कलालण खे लाव ललकार -भेयजी जो तम घीखिचड़ा रा सावला -उनी बऊ खे लाव ललकार -भेरूजी जो तक भेंट का सावला -तो तम उना सेवक ले लाव ललकार -भेरूजी जो तम आरती का सावला -तो तम उनी कुंवासी खे लाव ललकार",malvi-mup -"गांधी का फोटू खिंचा है सांवरिआ -गांधी का फोटू खिंचा है सांवरिआ -मेरे सुसर जी का स्योने का बंगला -डाका पड़ै लुट जाय हो सांवरिया -गांधी जी का फोटू . . . -मेरे जेठ जी का काठ का बंगला -आग लगे जल जो हो सांवरिया -गांधी जी का फोटू . . . -मेरे देवर जी का कागज का बंगला -हवा लगे उड़ जाय हो सांवरिया -गांधी जी का फोटू . . . -मेरे कन्थ जी का पान्नां का बंगला -दोन्नू रल मिल हवा खंय हो सांवरिया -गांधी जी का फोटू . . .",haryanvi-bgc -"6 -यारां असां नूं आन सवाल कता इशक हीर दा नवां बनाइये जी -इस प्रेम दी झोंक दा सब किस्सा जीभ सोहणी नाल सुनाइये जी -नाल अजब बहार दे शेअर करके रांझे हीर दा मेल मिलाइये जी -नाल दोसतां मजलसां1 विच बह के मजा हीर दे इशक दा पाइये जी",panjabi-pan -"भरथरी लोक-गाथा - भाग 10 -भरथरी के ओ -सेना ल देखत हे गुरु -भीख ले आवय ओ -मगन हो गए गुरु -बेटा कहिके मोला -का दिये बहिनी बानी ल -मिरगिन के सराप -आज धोवय भरथरी ��े -बानी बोलत हे राम गुरु के चरण म का गिरय , रामा ये दे जी । -छय आगर छय कोरी सेना ल -बइरी देखत हे राम -का तो डतरी जनम लेवय -गुरु गोरख के ओ -सेवा म बईया लगावत हे -दस लाख हाथी का तो जंगल में छोड़त हे -मोर देवत हे राम -ये दे मोहतिया ल दाने म -जतका धन ये ओ हाथी में लदाय -मोर हीरा ये ओ -का तो देवत हावय बाम्हन ल -जोगी देवत हे राम -छय आगर छय कोरी नारिन ये -जोग साधत हे ओ -गुरु गोरखनाथ के चेलिन न -मोर बनावय हीरा -रंगमहल के जतका ओ -मोर चेरिया ल ओ -चेलिन बना देवय -गुरु के चरन म राम -अइसे बानी ल हीरा बोलय राम , रामा ये दे जी । -अतका ल देखत हे गुरु ये -गोरखनाथ ये ओ -धुनि म का बइरी बइठे हे -भरथरी ल राम -धुनि के बानी बताये ल -तिलकसार म ओ -गद्दी म को तो बइठ जावय -गुरु गोरखनाथ -सुन्दर बानी ल बोलत हे -सुन राजा मोर बात -जोग रे साधत हव आज तुमन -जीत होही तुॅहार -पांच पिताम्बर गोदरी -मोती रतन जटाय -आज सऊँप देवव तोला ग -ये दे चिमटा ल ओ -दंड कमंडल ल का देवॅव -गुरु के बानी ये राम जेला सीखे बर का परय , रामा ये दे जी । -सुनले राजा मोर बात -बानी बोलय गुरु गोरख हर -बारा साल ले ग -बइरी भिक्षा ल तुम माँगव -अइसे बानी ल न -गुरु गोरखनाथ ह बोलत हे -का करँव भगवान -विधि के लिख्खा हर नई टरय -रानी सामदेई ये ओ -गुरु के चरन म गिरत हे -सुन गुरु मोर बात -कच्चा कुआँरी के ऊमर -रही जातेंव गुरु -ना तो दुःख बइरी मय पातेंव -आज होगीस बिहाव -जोग साधव -मोर जोड़ी ल -मोला दे दव बताय -कइसे विधि ल बहरी मॅय जियॅव -जिन्दगी म मोर सुख बइरी नइ तो लिखे हे , गुरु ये दे जी । -का तो बात के पराई ये -मोर छाती के ओ -देखतो दीदी पराऊल ये -कइना रोवत हे राम -देख तो दीदी सामदेई हर -परगे गुरु गोहार -देख जंगल के पैरो में -रानी रोवत हे राम -बानी बोलत मोर गुरु ल -सुनले गुरु मोर बात -गुरु गुरुआइन तुम छोड़व -जोड़ी लेहव हमार -का धन करॅव उपाय ल -नई तो सुख ये ओ -मोर करम म लिखे ना -मोला देता बताय अइसे बोलत हे बानी ल , रामा ये दे जी । -चुटकी मारय गुरु गोरखनाथ -गोरखनाथ ये ओ -रानी ल का समझावत है -सुन रानी मोर बात -पति के सेवा ओ तुम करव -जेमा होहय नाम -अइसे बोलत हावय गुरु हर -सुनले रानी मोर बात -पति के सेवा म सुख पाहा -पति रहि तुम्हार -जोग साधय भरथरी हर -जोग होहय ओ आज -जोगी के साथ बइरी तुम रहव -अतका बानी ल ओ -का तो कइना ये दे सुनत हे , भाई सुनत हे , रामा ये दे जी । -गुरु के बानी ल सुनिके -भरथरी ये राम -पईंया लागत हावय गुरु के -माथा टेकत हे ओ -गुरु गो���ख के चरणों में -बानी बोलत हे न -पीत पिताम्बर के गोदरी -टोपी रतन जटाय -काने जनेऊ ये -हाथ खप्पर ये गा -जेला देवत हे गुरु ह -भरथरी ल आज भिक्षा माँगन चले जावत है , रामा ये दे जी । -का तो डहर म नदी परय -जोगीन बइठे हे दाई ओ -जोगी चले जावय रद्दा म -का तो डहर म जोगी ठाढ़े -जोगीन बइठे हे दाई ओ -का तो डहर म -नदिया आये हे राम -जेमा भरी पूरा चलत हे -का तो करॅव उपाय -कइसे बइरी नदी नहकॅव -कइसे जाहॅव देस -कौरु कमंछल के नगरी -नैना रानी जिहाँ -भारी जादू ल जानय गा -कइसे जीतॅव मॅय -राजा अइसे अ सोचत हे -जेला देखत हे न -बइठे तीर म -जोगीन न -सुनले राजा मोर बात -कहां जाइके तुम धरना धरेंव , रामा ये दे जी । -गुरु गोरखनाथ के -मोर बानी ये जोगिन ओ -जावत हॅव कामरु देश मँ -जोग साधे ल ओ -गुरु गोरखनाथ के बात ल -घर के रेगेंव कइना -बीच मँ नदीनाला परे -कइसे होहॅव पार -मने मन म बइठे सोचत हव -ये दे बात ल राम -जेला सुनत हावय जोगीन न -का तो बानी बोलय महराज -का तो बोलत हावय जोगीन ये -सुनले राजा मोर बात -गढ़ उज्जैन मँ राजा भरथरी हावय -जेकर रानी ये गा -सामदेई जेकर नॉव ये -जेकर सुमरन ओ कर लिहा -नदी हो जाहा पार -तेकर पाछू अ बोलत हे -पाहा कारी नाग -सुमरिहा सामदेई ल -मुँह हो जाही बंद कारी नागिन के -जेकर आगू म ओ -बइठे हे नैना रानी ये -जहां परी के भेष देवता धरे -जिहां बइठे हे , रामा ये दे जी । -सुनत हे वचन राजा ये -मोर जोगी ये दाई ओ -का तो सुमिरन ल करय -सामदेई ल आज -सामदेई के सुमिरन करय -नदी के पूरा अटाय -सुक्खा पर जावय नदिया हर -भरथरी ह आज -देख तो दीदी -कइसे नाचत हे -नाच के होवत हे पार -ठउके डहर मँ बइठे रहय -मोर नागिन ये ओ -मुँह ल खोलत हे -दौड़त हे -ये दे चाबेला राम -भरथरी देख के भागत हे -सुरता आवत हे न -सुमरिन करत हे सामदेई के नामे -नागिन के खुले मुंह बंद होई जावे -भरथरी ये ओ -जेकर पाछू रेंगत हे -रेंगना रेंगय राम -कोसेकोसे के बइरी रेंगना ये -रेंगत हावय -चार अऊ दस कोस रेंगना ये -बीस कोस ये ओ -लगे दरबार परी के गद्दी म बइठे जिहा -पहुचगे भरथरी , रामा ये दे जी । -पीत पिताम्बर गोदरी -टोपी जेमा रतन जड़ाय -काँधे जनेऊ , हाथे खप्पर -दउड़त आवत है भरथरी -परी देखय महराज -सुन ले जोगी हमार -न तो जी तुम ये दे जोग साधव -बानी बोलत हे राम -जऊने ल सुनत हे राजा ये -का करॅव भगवान -जोग बिना के बइरी नई रहॅव -जी हर जाहय हमार -अइसे बानी ल बोलत हे , रामा ये दे जी । -जाके परी के देस में -मारे जावत हे दाई ओ -देवता के पावत हे आदेश -सुनले परी ओ बात -धरके ले आवा तुम जोगी ल -कनिहा कसत हे राम -देख तो परी मन का धरॅय -आघू पाछू म ओ -झूम के तीर म चपक जावॅय -भरथरी ल राम -कइसे विधि के रे मोहत हें -ये के दे डहर म -डहरे म मोहत हे -बानी बोलत हे राम -सुन ले जोगी हमर बाते ल -सुन्दर दिखत हन ओ -ना तो जोगी तुम जोग साधव -कर लव बिहाव हमार संग म बइरी ग तुम रहव , भाई ये दे जी । -मने मन म बइरी गुनत हे -भरथरी ह ओ -का तो जोगी के मैं भेख धरेंव -कहना नई माने राम -अइसन सुघ्घर देख परी हे -मन ल मोहत हे मोर -छल कपट बइरी करत हे -जोग हो जाही मोर -आज अधूर बइरी का रईहॅव -पन म करम हे हार -अइसे विधि बोलिके भरथरी हर ओ -का तो बानी दाई बोलत हे -सुनले कइना मोर बात -ना तो बइरी मय सँग धरॅव -जोग साधिहँव ओ जोग के लागे हे आस , भाई ये दे जी । -अतका बानी ल सुनत हे -मोर परी ये ओ -जाके देवता मेर गोहार पारॅय -पहुँची जावत हे राम -सुन्दर मजा अब बइठे हे -कामरुप कुमार नैन रानी -नैना का मारय -का तो मारत हे राम -सुआ के जादू ल मारत हे -सामदेई ल न -सुमिरन करय भरथरी ये -सुमिरन पावत हे सामदेई -रूपदेई ल -दऊड़त जावय बलाये ल -सुनले बहिनी मोर बात -भांटो तुँहर परय मोर जंगल म -कमरुलदेसे में आज -लेके आवा ओ बचाये ओ , रामा ये दे जी । -सामदेई रूपदेई रानी मन -दूनो आवत हे दाई ओ -कमरु देस में जादू ल -नैना मारत हे न -नैना के बान ल का टोरय -सुवा मारत हे न -सुवा के जादू ल नई चलन देवॅय -बिलाई मारत है ना -बिलाई के जादू ल टोरत हें -मिरगा जादू ये राम -हाथी घोड़ा कर जादू ये -कुकुर बिच्छी के रे -जादू ल टोरत हें -जादू मारत हें राम -देखतो टेटका अऊ मेचका के -मच्छर माछी के न -जम्मो जादू ल बइरी टोरत हे -सामदेई अऊ रूपदेई ये ओ -जऊने ल देखत हे भरथरी , रामा ये दे जी । -कोपे मारे गुस्सा होवत हे -नैना रानी ये दाई ओ -का तो बइरी बानी का बोलय -दूसरा जादू ये -देखतो दीदी का तो छोड़त हे -जऊँहर का दिहा राख -कोप मन गुस्सा होइके जादू छोड़त हे राम -देखतो दीदी कारी चूरी चाऊँर -मोर मारत हे ना -ये दे भेड़िया बना देहॅव -नई तो बोकरा बनॉव -अइसे जादू रानी मारत हे -जादू टोर देवय राम -सामदेई रूपदेई पहुचें हे -ये दे जादू ये राम -घोड़ा के जादू ल मारत हे -जादू टोरय भगवान -का तो विधि बैरी का काटव ओ , रामा ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne -"आल्हा ऊदल -पलटन चल गैल रुदल के मँडवा में गैल समाय -बैठल दादा है सोनवा के मँड़वा में बैठल बाय -बूढ़ा मदन सिंह नाम धराय -प्रक बेर गरजे मँडवा में जिन्ह के दलके दसो दुआर -बोलल राजा बूढ़ा मदन सिंह सारे रुदल सुनव बात हमार -कत बड़ सेखी है बघ रुदल के मोर नतनी से करै बियाह -पड़ल लड़ाइ है मँड़वा में जहवाँ पड़ल कचौंधी मार -नौ मन बुकवा उड़ मँड़वा में जहवाँ पड़ल चैलिअन मार -ईटाँ बरसत बा मँड़वा में रुदल मन में करे गुनान -आधा पलटन कट गैल बघ रुदल के सोना के कलसा बूड़ल माँड़ों में -धींचे दोहाइ जब देबी के देबी माँता लागू सहाय -घैंचल तेगा है बघ रुदल बूढ़ा मदन सिंह के मारल बनाय -सिरवा कट गैल बूढ़ा मदन सिंह के -हाथ जोड़ के समदेवा बोलल बबुआ रुदल के बलि जाओं -कर लव बिअहवा तूँ सोनवा के नौ सै पण्डित लेल बोलाय -अधी रात के अम्मल में दुलहा के लेल बोलाय -लै बैठावल जब सोनवा के आल्हा के करै बियाह -कैल बिअहवा ओह सोनवा के बरिअरिया सादी कैल बनाय -नौ सै कैदी बाँधल ओहि माँड़ों में सभ के बेड़ी देल कटवाय -जुग जुग जीअ बाबू रुदल तोहर अमर बजे तरवार -डोला निकालल जब सोनवा के मोहबा के लेल तकाय -रातिक दिनवाँ का चलला में मोहबा में पहुँचल जाथ",bhojpuri-bho -"हरि संग डारि-डारि गलबहियाँ (कजली) -हरि संग डारिडारि गल बहियाँ झूलत बरसाने की नारि । -करि आलिंग प्रेमरस भीजत अंचल अलक उघारि । -श्रीधर ललित जुगल छबि ऊपर डारत तनमन वारि । -"" कजली कौमुदी "" से जिसके संग्रहकर्ता थे श्री कमलनाथ अग्रवाल -' कविता कोश ' में ' संगीत ' सम्पादककाका हाथरसी नामक पत्रिका के जुलाई 1945 के अंक से",khadi_boli-mis -"कउने नगर ले खातू मंगाए हो -कउने नगर ले खातू मंगाए हो कउन नगर गर बीजे हो माय -ओ मय्या कउन नगर गर बीजे हो माय -कउने नगर ले खातू मंगाए हो कउन नगर गर बीजे हो माय -ओ मय्या कउन नगर गर बीजे हो माय -अहा गढ़ हिंग्लाजे ले खातू मंगाए हो गढ़ नरहूर गर बीजे हो माय -ओ मय्या गढ़ नरहूर गर बीजे हो माय -कउने ह लाए मय्या खातू अउ माटी हो कउन ह लाए बा के बीजे हो माय -ओ मय्या कउने लाए बा के बीजे हो माय -अहो पंड़वा ह लाए मय्या खातू अउ माटी हो उहीमन लाए बा के बीजे हो माय -ओ मय्या उहीमन लाए बा के बीजे हो माय -कउने बनाये मय्या तोरे फुलवरिया कउन ह बोये बा के बीजे हो माय -ओ मय्या कउन ह बोये बा के बीजे हो माय -अहो लंगुरा बनाये मय्या तोरे फुलवरिया पंड़वामन बोये बा के बीजे हो माय -ओ मय्या पंड़वामन बोये बा के बीजे हो माय -काहिन के मय्या कलसा बनाये हो काहे के दियना जलाए हो माय -ओ मय्या काहे के दियना जलाए हो माय -अहो दामी के मय्या कलसा बनाये हो सुरहिन घीव के दियना जलाए हो माय -ओ मय्या सुरहि�� घीव के दियना जलाए हो माय -कउन चघे हे नवरात हो मय्या कउने करे हे रखवारे हो माय -ओ मय्या कउने करे हे रखवारे हो माय -अहो पंड़वा चघे हे नवरात हो मय्या मोर लंगुर करे हे रखवारे हो माय -ओ मय्या लंगुर करे हे रखवारे हो माय -अहो तोरे सरन मा हम आयेहन मय्या मोर बेड़ा लगा देबे पारे हो माय -ओ मय्या बेड़ा लगा देबे पारे हो माय -ओ मय्या बेड़ा लगा देबे पारे हो माय -ओ मय्या बेड़ा लगा देबे पारे हो माय",chhattisgarhi-hne -"191 -लाल लुंगियां अते मताअ लाचे नाल रेशम खेस सलारियां ने -माणक चौंक पटामलां डोरिए सन बूंदा होर पंजदानियां सारियां ने -चोंप छैला ते चार सुतये सन चंदा मोरां दे बान्हणू1 कारियां ने -सालू तीहरे चादरां बाफते दीयां नाल भोशनां दे फुलकारियां ने -वारस शाह चिकनी सिरोपाउ खासे ते पाष्ठाकियां मिलदया भारियां ने",panjabi-pan -"आओ री राधे बैठो पिलंग पर -आओ री राधे बैठो पिलंग पर तुम हमारे मन की भाई हो राम । -हरा हरा गोबर राधे अंगवना लिपाऊं चन्दन चौंक पुराऊं हो राम । -नाई का लड़का री राधे बैगे बुलाऊं नगर बुलावा दुवाऊं हो राम । -आओ री राधे बैठो मंडप में हम थरी गोद पुरावैं हो राम । -आप भी खाओ री राधे सखियां नै खिलाओ घर मत लेकर जाइयो हो राम । -खेल मेल कर राधे घर धाम गई माता ने गोद पुराई हो राम । -कहा ये राधे कहां री गई थी किन्ह थारी गोद पुराई हो राम । -खेलत खेलत माता नन्द घर गई नन्दरानी गोद भराई हो राम । -आप भी खाओ राधे सखियां नै खिलाओ घर मत लेकर जाना हो राम । -अब तो गई थी राधे फिर मत जाना नन्द घर हुई है सगाई हो राम -इस रै ब्रज राधे लोक बुरे हैं ठग ठग करै सगाई हो राम ।",haryanvi-bgc -"आया री लाड़ो सो तेरा बर आया -आया री लाड़ो सो तेरा बर1 आया । -टीका2 लाया री लाड़ो , मोतिया लाया री । -आया री लाड़ो सो तेरा बर आया ॥ 1 ॥ -बेसर लाया री लाड़ो चुनिया3 लाया री । -आया री लाड़ो सो तेरा बर आया ॥ -आया री लाड़ो सो तेरा बना आया ॥ 2 ॥ -बाली4 लाया री लाड़ो , झुमका लाया री । -आया री लाड़ो सो तेरा बर आया ॥ 3 ॥ -कँगन लाया री लाड़ो पहुँची5 लाया री । -आया री लाड़ो सो तेरा बर आया ॥ 4 ॥ -सूहा6 लाया री लाड़ो छापा7 -आया री लाड़ो सो तेरा बर आया ॥ 5 ॥",magahi-mag -"आज होरिलवा के देखन चलूं -न्योछन -आज होरिलवा के देखन चलूं । -आज होरिलवा के चूमन चलूँ ॥ 1 ॥ -मोर होरिलवा हइ1 पुनियाँ2 के चनवा3 । -अपन होरिलवा के खेलावँन4 चलूँ ॥ 2 ॥ -राइ5 नोन6 लेके निहुँछन7 चलूँ । -अपनअपन नजरी8",magahi-mag -"रुनुक झुनुक बिछिया बाजल, पिया पलँग पर हे -���ुनुक झुनुक बिछिया1 बाजल , पिया पलँग पर हे । -ललना , पहरि कुसुम रँग चीर , पाँचो रँग अभरन2 हे ॥ 1 ॥ -जुगवा खेलइते तोंहे देवरा त , सुनहऽ बचन मोरा हे । -देवरा , भइयाजी के जलदी बोलावऽ , हम दरदे बेयाकुल हे ॥ 2 ॥ -जुगवा खेलइते तोंहे भइया त , सुनहऽ बचन मोरा हे । -भइया , तोर धनि दरद बेयाकुल , तोरा के बोलावथु3 हे ॥ 3 ॥ -पसवा त गिरलइ बेल तर , अउरो बबूर तर हे । -ललना , धाइ के पइसल गजओबर , कहु धनि कूसल हे ॥ 4 ॥ -डाँर4 मोर फाटहे करइली जाके , ओटिया चिल्हकि मारे हे । -राजा , का कहूँ दिलवा के बात , धरती मोर अन्हार लागे हे ॥ 5 ॥ -घोड़ा पीठे होबऽ असवार त डगरिन5 बोलवहु हे ॥ 6 ॥ -हथिया खोलले हथिसरवा , त घोड़े घोड़सार खोलल हे । -राजा , घोड़े पीठ भेलन असवार , त डगरिन बोलावन हे ॥ 7 ॥ -के मोरा खोले हे केवड़िया त टाटी फुरकावय6 हे । -कउन साही7 के हहु तोही बेटवा , कतेक8 राते आयल हे ॥ 8 ॥ -हम तोरा खोलऽ ही केवड़िया त टाटी फुरकावहि हे । -डगरिन , दुलरइता9 साही के हम हीअइ बेटवा , एते राते आयल हे ॥ 9 ॥ -किया तोरा माय से मउसी10 सगर11 पितियाइन12 हे । -किया तोरा हथु गिरिथाइन13 कते राते आयल हे ॥ 10 ॥ -न मोरा माय से मउसी , न सगर पितिआइन हे । -डगरिन , हथिन मोर घर गिरिथाइन एते राते आयल हे ॥ 11 ॥ -हथिया पर हम नहीं जायब , घोड़े गिरि जायब हे । -लेइ आबऽ रानी सुखपालक , 14 ओहि रे चढ़ि जायब हे ॥ 12 ॥ -जवे तोरा होयतो त बेटवा , किए देबऽ दान दछिना हे । -जबे तोरा होयतो लछमिनियाँ , त कहि के सुनावह हे ॥ 13 ॥ -डगरिन , जब मोरा होयतो त बेटवा , त कान दुनु सोना देबो हे । -डगरिन , जब होयत मोरा लछमिनियाँ , पटोर15 पहिरायब हे ॥ 14 ॥ -सोने के सुखपालकी चढ़ल डगरिन आयल हे । -डगरिन बोलले गरभ सयँ , सुनु राजा दसरथ ए ॥ 15 ॥ -राजा , तोर धनि हथवा के साँकर , 16 मुहँवा के फूहर हे । -नहीं जानथू17 दुनियाँ के रीत , दान कइसे हम लेबो हे ॥ 16 ॥ -काहेला डगरिन रोस करे , काहेला बिरोध करे हे । -डगरिन हम देबो अजोधेया के राज , लहसि18 घर जयबऽ हे ॥ 17 -इयरी पियरी पेन्हले डगरिन , लहसि घर लउटल हे । -जुगजुग जियो तोर होरिलवा , लबटि अँगना आयब हे ॥ 18 ॥",magahi-mag -"राजा पतले रे राजा पतले रे -राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर । -सिखर धपैरी मत आइयो रे बालमा जागे रे ननद अर सास । -राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर । -सई सांझ मत आइयो रे बालमा जागे रे गली का पहरेदार । -आधी रात चले आइयो रे बालमा सोवै ननद अर सास । -राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर ।",haryanvi-bgc -"पाँच-पाँच पनवाँ के बिरवा त बिरवा सोहामन जी -पाँचपाँच पनवाँ के बिरवा1 त बिरवा सोहामन जी । -अजी ननद , एहो बिरवा भइया जी के हाथे त मैया के मनावहु जी ॥ 1 ॥ -कि अजी भउजी , नाउन2 , कि अजी भउजी , भाँटिन । -कि अजी भउजी , तोरा बाप के चेरिआ जी ॥ 2 ॥ -न एजी ननद , नाउन , न एजी ननद , भाँटिन । -न एजी ननद , मोरा बाप के चेरिया जी । -अजी ननद , मोरा प्रभु जी के बहिनी , ननद बलु3 लगबऽ जी ॥ 3 ॥ -जुगवा खेलइते भइया , बेलतेरे , अउरो बबुरतरे जी । -अजी भइया , प्राण पेयारी मोर भउजिया , त केसिया4 भसमलोटे जी ॥ 4 ॥ -जुगवा छोरलन राजा बेलतरे , अउरो बबुरतरे जी । -कि अरे लाला , भाई चलले , गजओबर , कहू जी धनि कूसल हे ॥ 5 ॥ -लाज सरम केरा बात , कहलो न जाय , सुनलो न जाय । -कि अजी प्रभु , मरलों करमवा के पीरा5 त ओदर6 चिल्हकि मारे हे ॥ 6 ॥ -कहितऽ त अजी धनियाँ , जिरवा7 के बोरसी भरइतों , लवँगिया के पासँघ8 जी । -कहितऽ त अजी धनियाँ , अपन अम्माँ के बोलइतों , रतिया सोहानन जी ॥ 7 ॥ -कहितऽ त अजी धनियाँ , सोए रहूँ , अउरो बइठि रहूँ । -अजी धनि , मानिक दीप बरएबों त रतिया सोहावन जी ॥ 8 ॥ -न कहुँ अजी प्रभुजी , सोए रहु , न कहुँ बइठि रहु । -अजी प्रभु , बुति9 जइहें मानिक दीप , रतिया भेयावन जी ॥ 9 ॥ -बुति जइहें जीरवा के बोरसी , लवंगिया के पासँघि जी । -अजी प्रभु , सोए जइहें तोहर अम्माँ , त रतिया भेयावन जी ॥ 10 ॥ -हम त जनति धनि , बिरही10 बोलित , अउरो बिरही बोलित जी । -अजी धनि , लरिके मैं गवना करइती , विदेस चलि जइती , बिरही नहीं सुनती जी ॥ 11 ॥",magahi-mag -"वर्षा का गीत -ऊँडा कुवा मा पलोक पाणी , काइ करि भरूँ रे मेघ बाबा , -ढूडी वोढूडी वो । -ऊँडा कुवा मा पलोक पाणी , काइ करि भरूँ रे मेघ बाबा , -ढूडी वोढूडी वो । -खुदराखलया कुकाइ गुया , लावर्या तितर्या तीस्या मरे , -गाय गोधा भूखा मरे , वरस रे मेघ बाबा , -ढूडी वोढूडी वो । -सुपड़ा अतरोक बलावो , चोखा अतरी विजली , -वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वोढूडी वो । -सुपड़ा अतरोक बलावो , चोखा अतरी विजली , -वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वोढूडी वो । -गाज ने गुरबो करि रहेगा , विजली हये भलाभल , -वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वोढूडी वो । -गाज ने गुरबो करि रहेगा , विजली हये भलाभल , -वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वोढूडी वो । -खयड़े ने बयड़े रेलछेल पाणी , कमली ना घर पर पाणीं निहिं , -वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वो ढूडी वो । -खयड़े ने बयड़े रेलछेल पाणी , कमली ना घर पर पाणीं निहिं , -वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वो ढूडी वो । -वर्षा नहीं होने से पानी का संकट हो जाता है तो वर्षा हेतु सभी लोग कामना करत�� हैं । सभी लोग रात्रि में प्रत्येक घर जाकर ढूडी गीत गाते हैं । गीत में कहा है -कूप गहरा है उसमें पाव भर पानी है , किस प्रकार पानी भरूँ बादल बाबा ? नाले सूख गये हैं , लावा व तीतर पक्षी प्यासे मर रहे हैं , गायबछड़े भूखे मर रहे हैं , मेघ बादल बाबा बरसो । सूप के समान छोटा बादल हो रहा है उसमें चावल के समान बिजली चमक रही है , हे बादल बरसो । गर्जना हो रही है , बिजली खूब चमक रही है , हे मेघ बरसो छोटी पहाड़ियों व जंगल में पानी खूब बरस रहा है । कमली के घर पर पानी नहीं है , हे बादल बरसो । -इस प्रकार प्रत्येक घर पर जाते हैं । गीत गाते समय किसी लड़के को बोपिया , लेचका , ढुचक्या व लड़कियों में से किसी को कोयल बनाते हैं । ये नामधारी पक्षी गीत के साथ उन पक्षियों की मधुर आवाज निकालते हैं । जिनके घर जाते हैं उस घर की महिला सूपड़े में पानी लेकर ढूडी वालों पर उछालती है । सभी घर से -अनाज दिया जाता है । -प्रातः एकत्रित अनाज को पिसाते हैं और नदीनाले के किनारे सभी जाकर मक्का के पान्ये बनाते हैं । एक लड़का हाथ में पान्या लेकर खड़ा रहता है और एक लड़का पानी में डूबता है । बाहर पान्या लिया हुआ लड़का उसके डूबते ही पान्या खाना प्रारम्भ करता है और जब तक वह पानी से बाहर न निकले तब तक पान्या खा जाता है , तो पानी आने का शुभ शगुन मानते हैं । अगर डूबने वाला लड़का पान्या खाने के पूर्व निकल आता है तो पानी देर से आता है ऐसी मान्यता है । फिर सभी उपस्थित लोग दालपान्या खाते हैं ।",bhili-bhb -"मैं शिकारी कू जाऊहो मोरी बेटी -मैं शिकारी कू जाऊहो मोरी बेटी -मैं शिकारी कू जाऊहो मोरी बेटी -मैं शिकारी कू जाऊहो मोरी बेटी -आओ बेटी मेरा रोटी न पोवे -आओ बेटी मेरा रोटी न पोवे -आओ बेटी मेरा रोटी न पोवे -मोरा हाथ न जले रे मोरा आबा -मोरा हाथ न जले रे मोरा आबा -मोरा हाथ न जले रे मोरा आबा -स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq -"बाबा जी के कमरै मैं बन्ना जी बुलाए -बाबा जी के कमरै मैं बन्ना जी बुलाए -बाबल जी के कमरै मैं बन्ना जी बुलाए -देख म्हारी लाड्डो यो कैसे वर आए -चन्दा नहीं आए सूरज नहीं आए -हात्थी के होदे राजा राम चन्दर आए",haryanvi-bgc -"हाँ, हाँ, हाँ मेरा भोला है राजा -हाँ , हाँ , हाँ मेरा भोला है राजा । -कमरे में दाई काहेको1 आई , -राजा जी , मेरी नाफे2 टली3 थी ॥ 1 ॥ -हाँ , हाँ , हाँ मेरा भोला है राजा । -हाँ , हाँ , हाँ मेरा सुरमा4 सिपाही । -रानी पीली साड़ी काहे को पेन्हे थी । -राजा जी , मैं तो न्योते गई थी ॥ 2 ॥ -राजा जी , मेरा भोला है राजा । -रानी कमरे में कौन रोया था । -राजा जी , दो ये बिल्ले5 लड़े थे । -राजा जी , मेरा भोला है राजा । -राजा जी , मेरा सीधा है राजा ॥ 3 ॥",magahi-mag -"304 -हमी भिखया वासते त्यार होए तुसीं आनके रिकतां छेड़दियां हो -असां लाह पंजालियां जोग छडी तुसी फेर मुड़ जोग नूं गेड़दियां हो -असीं छड झेड़े जोगी जो बैठे तुसीं फेर अलूद लबड़ियां1 हो -पिछों आखसो मूतने आन लगे अन्ने खूह विच सग क्यों रोड़दियां हो -वारसा भिखया वासते चले हांरी तुसी आन के काह खहेड़दियां हो",panjabi-pan -"लोक गीत -ये वाहली वाजे , ये आभी तोलाए , -हरियो डंगर गहरो बल्यो । -ये वाहली बाजे , ये आभी तोलाए , -हरियो डूंगर गहरो वल्यो । -मोरपपीहा बोलि रहया , मेघ गगड़ी रहया , -सुपड़ा एवड़ो बलावो ने चोखा अतरी विजली । -रे काढ्यो रे बलाओ , हइ रहि विजली । -खांदे लेधो बलावो , कांखे लेधि विजली , -हातेम् लेधि वाहली , खांद पर लेधि कुराड़ी , -काइ रे मेंघला काहाँ वरसजे ? -पाप नी जमी वरसजे , तिं पाप धोवाए । -काइ रे मेंघला धरमनी जमि वरसि निहिं जाण्यो । -वर्षा आगमन के समय प्रकृति का रूप किस प्रकार दिखाई देता है , उसका -वर्णन इस गीत में बताया गया है -सुरभि हवा में पानी की खुशबू वाली भीनी सुगन्ध आ रही है । ये जलभरी हवाएँ मानसून आ रही हैं । हरा जंगल और गहरा गया है । मोर और पपीहे बोल रहे हैं । बादल गर्जना कर रहे हैं । सूप के समान बादल और उसमें चावल के समान बहुत छोटी बहुत छोटी बिजली चमक रही है । इन्द्रदेव ने कन्धे पर बादल लिया , -काँख में बिजली ली , हाथ में वायु ली , कन्धे पर कुल्हाड़ी ली है । मेघ कहाँ बरसेंगे ? पाप की भूमि पर बरसें , जिससे पाप धुल जायेगा । -हे मेघ क्या धर्मभूमि में बरसने वर्षा आने के संकेत इस प्रकार मानते हैं -1 खेड़िया चीड़ा बोलता है तो वर्षा की संभावना रहती है । -2 कोयल बोलती है तो वर्षा की संभावना रहती है । -3 चूही ज्यादा आवाज करती है तो ज्यादा वर्षा होती है । -4 टुचक्यु पक्षी बोलता है तो बादल होते हैं और पानी बरसता है । यह पक्षी मेघ -राजा का जवाँई कहलाता है । -5 बोपियो चिड़ियाजुपोरेजुपो करके आवाज करती है तो पानी आता है -खेत जल्दी जोतो पानी आने वाला है । -6 बोपियो खरखर करके बोलती है तो पानी बरसना बन्द होने का संदेश मानते -हैं । अगर खेती तैयार नहीं करते हैं तो चिड़िया किसानों को गालियाँ देती हैं । -7 देतेड़ा पक्षी सुखेसुखे देतेड़देतेडू बोलता ह�� तो वर्षा होती है । -8 लेचका पक्षी लेचकालेचका बोलता है , कुकुकुकु भी बोलता है तो वर्षा होती -है एवं अच्छी फसल पकने के बाद मकुपाक्यु , मकुपाक्यु करके बोलता है ।",bhili-bhb -"देस यो बसेल छे लीमड़ा की आड़ मऽ -देस यो बसेल छे लीमड़ा की आड़ म । -मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । -गणागौर पूजाँगा रथ बौडावाँगा । -काकी का संगात झालरियो गावाँगा । -खावाँगा रोटा अमाड़ी की भाजी । -भाभी क लावजो करी न राजी । -धाणी सेकाडाँगा सोमइ की भाड़ म । -मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । -ज्वार को खीचड़ो तमरा लेण राँधाँगा । -बाटी को दाळ सी पल्लव बाँधाँगा । -खीर की भजा सी कराँ वरावणी । -चरखा मीठा ताया की पक्की पेरावणी । -महीघाट भूल्यो रे हउँ जाफा लाड़ म । -मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । -मइसर का घाट प कूदी न न्हावाँगा । -बाबा मजार प पाँय लागी आवाँगा । -देवी की गादी प टेकाँगा माथो । -राजवाड़ा म उनको छे गाथो । -किल्लो न मन्दिर छे रेवा कराड़ म । -मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । -"" नाँगा देव "" देखण बडवाणी जावाँगा । -खजूरी सिंगा का पगल्या पूजी आवाँगा । -अंजड़ की बयड़ी प देवी को धाम छे । -ऊन का मंदिर म हुनर को काम छे । -छिरवेल महादेवजी बठ्या पहाड़ म । -मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । -नागलवाड़ी म "" नागराज "" ख़ास छे । -खरगुण म "" बाकी माता "" को वास छे । -कुंदा धड़ मंदिर न मज्जिद पास छे । -भोळा का हात म सबकी रास छे । -घाम घणों पड़ज जेठ न असाड़ म । -मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । -ठीकरी म खांडेराव की आवज सवारी । -गाड़ा ऊ खइचज घणा भारी भारी । -खंडवा म धूणी वाळा दादा अवतारी । -आन सिवा बाबा की महिमा छे न्यारी । -ओंकार तारजो पड्यो हउँ खाड़ म । -मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म ।",nimadi-noe -"गोरी सई सांज की कहां गई -गोरी सई सांज की कहां गई कोई कहां लगाई सारी रात -एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । -राजा बड़े जेठ कै रतजगा कोई वहीं गवाई सारी रात -एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । -गोरी न तेरी हात्तन मेहंदा रच रहे कोई ना तेरे नैनां नींद -एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । -राजा महंदा की बिरया सो गई कोई न्यूं ना नैनां नींद -एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । -गोरी कलेजा तेरा धड़क रह्या कोई पैर रहे थर्राये -एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । -राजा नाचत कलेजा धड़द्यक रह्या कोई पैर रहे थर्राये -एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये ।",haryanvi-bgc -"टेन अबो डिन का डान, टेन अबो डिन का डान -टेन अबो डिन का डान , टेन अबो डिन का डान -टेन अबो डिन का डान , टेन अबो डिन का डान -टियां दिना टेन हैई का बान -टियां दिना टेन हैई का बान -टियां दिना टेन हैई का बान -टियां दिना टेन हैई का बान -टाड़ई पोयरा इनी का मोका -टाड़ई पोयरा इनी का मोका -स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq -"मैं कुझ हो गई होर नी -मैनूँ कौण पछाणे , -मैं कुझ हो गई होर नी । -हाजी मैनूँ सबका पढ़ाया , -ओत्थे गैर न आया जाया , -मुतलक1 ज़ात जमाल2 विखाया , -वहदत3 पाया जोर नी -मैं कुझ हो गई होर नी । -अव्वल होके ला मकानी -ज़ाहिर बातन दिसदा जानी , -रही न मेरी नाम निशानी -मिट गया झगड़ा शोर नी -मैं कुझ हो गई होर नी । -प्यार आप जमाल विखाली , -होए कलंदर मस्त मवाली , -हंसाँ दी हुण वेख के चाली , -भुल्ल गई कागाँ टोर नी । -मैं कुझ हो गई होर नी ।",panjabi-pan -"श्याम लखत छबि बाकी राधिका जी की -श्याम लखत छबि , बांकी राधिका जी की -चटक चुनरी घेर घांघरा , -अंगिया की छबि बांकी , राधिका जी की । श्याम . . . -कर कपोल नैना रतनारे , -चितवन की छबि बांकी , राधिकाजी की । श्याम . . . -कानन कुण्डल माथे बेंदी , -बैसर की छबि बांकी , राधिकाजी की । श्याम . . . -चूड़ी लाल जड़ाउ कंगना , -बाजू की छबि बांकी , राधिकाजी की । श्याम . . . -पांव पैजनियां कमर करधनियां , -बिछुआ की छबि बांकी , राधिकाजी की ।",bundeli-bns -"क्याहै की तेरी चिलम तमाखू -क्याहै की तेरी चिलम तमाखू -क्याहै का नेचा जडिआ जी -माटी की मेरी चिलम तमाखू -रुपें नेचा जडिआ जी -जडिआ जडिआ लाल -बेढ़ा भाइआं नाल भरिआ जी -इन भाइयां में . . . . . . . . . . . बैठ्या -मुख तै फुलड़े झड़ियां जी -झड़िआं झड़िआं लाल -बेढ़ा भाइआं नाल भरिआ जी",haryanvi-bgc -"तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ -बहुड़ी वे तबीबा1 मैंडी जिन्द गईआ । -तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । -इशक डेरा मेरा अन्दर कीता । -भरके ज़हिर पिआला मैं पीता । -झब दे आवीं वे तबीबा नहीं ते मैं मर गईआ । -तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । -छुप गिआ सूरज बाहर रहि गई आ लाली । -होवाँ मैं सदके मुड़ जे दें विखाली । -मैं भुल्ल गईआ तेरे नाल गईआ । -तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । -तेरे इशक दी सार वे मैं ना जाणा । -एह सिर आया ए मेरा हेठ वदाणाँ । -सट्ट पई इशक दी ताँ कूकाँ दईआ2 । -तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । -ऐस इशक दे कोलों सानूँ हटक3 ना माए । -लाहू जांदड़े बेड़े मोड़ कौण हटाए । -मेरी अकल भुल्ली नाल मुहाणिआँ दे गईआ । -तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । -ऐस इशक दी झंगी विच्च मोर बुलेन्��ा । -सानूँ काबा ते किबला प्यारा यार देसेन्दा । -सानूँ घायल करके फिर खबर न लईआ । -तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । -बुल्ला शाह अनयात दे बहि बूहे । -जिस पहिनाए सानूँ सावे4 सूहे5 । -जाँ मैं मारी उडारी मिलपिआ वहीआ । -तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ ।",panjabi-pan -"अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया -अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया -गूलर फरे ले हड़फोर -गोरिया के उठेलाहा छाती के जोबनवाँ -पिया के खेलवना रे होइ",bhojpuri-bho -"82 -हीर गई जां नदी ते लैण पानी कैदो आन के मुख वखांवदा ए -असीं भुख ने मार हैरान कीते आन सवाल खुदाय दा पांवदा ए -रांझा पुछदा हीर नूं एह लंगा हीरे कौन फकीर किस थांवदा ए -वारस शाह मिआं जिवें पुछ के ते कोई उपरों लून चा लांवदा ए",panjabi-pan -"अठवारा -॥ दोहरा ॥ -छनिछर वारउतावले वेख सज्जण दी सो । -असाँ मुड़ घर फेर ना आवणा जो होणी होग सो हो । -वाह वाह छनिछर वार वहीले । -दुःख सज्जन दे मैं दिल पीले । -ढूँडां औझड़ जंगल बेले । अद्धड़ी ैनं कुवल्लड़े वेले । -बिरहों घेरिआँ ॥ 1 ॥ -खड़ी तांघाँ तुसाड़िआँ तांघाँ । -रातीं सुत्तड़े शेर उलांघाँ1 । -उच्ची चढ़ के कूकाँ2 चांघाँ3 । -सीने अन्दर रड़कण सांघाँ4 । -प्यारे तेरिआँ ॥ 2 ॥ -॥ दोहरा ॥ -बुद्ध सुद्ध रही महबूब दी सुद्ध आपणी रही ना होर । -मैं बलिहार ओस दे जो खिच्चदा मेरी डोर । -बुद्ध सुद्ध आ गया बुधवार । -मेरी खबर लए दिलदार । -सुखाँ दुखाँ तों घत्ताँ वार । -दुखाँ आण मिलाया यार । -प्यारे तारिआँ ॥ 3 ॥ -प्यारे चल्लण न देसाँ चल्लिआं । -लै के नाम जुल्फ दे वल्लेआं । -जाँ ओह चल्लिआ ताँ मैं छल्लिआं । -ताँ मैं रक्खसाँ दिल रल्लिआं । -लैसाँ वारिआँ ॥ 4 ॥",panjabi-pan -"लोक गीत -सोरी काँकड़ आम्बे मोरियो रेऽऽऽ -हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ । -सोरी काँकड़ आम्बे मोरियो रेऽऽऽ । -हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ । -सोरा तमे हूँ भाली न मोहवायो हो राज -हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ । -तारो बोर ड़ो भाली न मोहवायो -हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ । -सोरी हूँ भाली न मोहवायो हो राज -हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ । -तारो पागुलो भाली न मोहवाया -हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ । -सोरी काँकड़ आम्बे मोरियो रेऽऽऽ -हो राज आम्बे झरे मोरिया रेऽऽऽ । -छोरी बंजर भूमि पर खड़े आम वृक्ष पर मंजरियाँ ढेर सारी आई हैं । छोरा तू ने मुझसे पूछा है , पर तेरे देखने का तरीका मुझे ऐसावैसा लग रहा है । तू मुझ पर मोहित क्यों हो गया है ? ऐसा तूने मुझमें क्या देखा है ? ते��े सिर बोर और अन्य गहने देखकर मैं मोहित हो गया हूँ । छोरी तू क्या देखकर मुझ पर मोहित हो गयी है ? आम पर मंजरियाँ बहुत आई हैं । छोरा तेरे सिर पर साफा देखकर मैं तुझ पर मोहित हो गयी हूँ । छोरा बंजर भूमि पर खड़े आम पर मंजरियाँ ढेर सारी आयी हैं ।",bhili-bhb -"समना भदोइया के रतिया, अँगन घहरायल हे -समना1 भदोइया के रतिया , अँगन2 घहरायल3 हे । -ललना , बरसेला4 मोतिया के बूंद तो देखते सोहामन5 हे ॥ 1 ॥ -सासु जे सुतलन6 ओसरवा , ननद गजओबर7 हे । -सइयाँ मोरा रंगमहलिया , त कहिं के जगावहु हे ॥ 2 ॥ -जिरवा के बोरसी भरावल , लौंगिया के पसँघ8 देल हे । -ललना , चंपा के फुलवा महामँह , देखते सोहामन हे ॥ 3 ॥ -आधि रात बीतलइ , पहर रात , बबुआ जलम लेल हे । -ललना , बाजे लागल अनंद बधावा , महल उठे सोहर हे ॥ 4 ॥ -सासु के भेजबइ नउनियाँ , ननदी घर बैरिन हे । -गोतनी घर रउरे परभु जाहु , महल उठे सोहर हे ॥ 5 ॥ -सासु के देबइन9 खटियवा , ननदी मचोला देबइन हे । -गोतनी के देबइन पलँगिया , हम धनि पाँव तरे हे ॥ 6 ॥ -सासु लुटवलन रुपइया , ननदी ढेउआ10 देलन हे । -गोतनी लुटवलन गउआ , गोतिया घर सोहर हे ॥ 7 ॥ -सासु जे उठलन गावइत , ननदी बजावइत हे । -गोतनी जे उठलन बिसमाथल11 गोतिया घर सोहर हे ॥ 8 ॥",magahi-mag -"कद की देखूं थी बाट माई -कद की देखूं थी बाट माई जाए सब तै रे पहला न्योतियां -कित सी अक लाई सै वार सब तै रे पहला न्योतियां -तेरी भावज ने ला दई वार अपना हे कुंवर सजावतीं -कद की देखूं बाट सब तै रे पहला न्योतियां -दर्जी ने लाई सै वार कपड़े सिवावतीं -सुनरै ने लाई सै वार तेरा हे हंसला घड़ावतीं -तै कित जाइ्र सै वार भाई जाए सब तै रे पहला न्योतियां -माईड़ ने लाई सै वार तेरा हे चून्दड़ रंगावतीं -बाबल ने लाई सै वार तेरा हे हंसला घड़ावतीं",haryanvi-bgc -"गढ़ माता को प्यारो, सुमन, सुमन सपूत ले -गढ़ माता को प्यारो , सुमन , सुमन सपूत ले । -अखोडू को कीच , सुमन , अखोडू को कीच , -ढंडक शुरु ह्वैगे , सुमन , रवाई का बीच । -घाघरी को फेर , सुमन , घाघरी को फेर , -गढ़माता की जिकुड़ी , सुमन , पैनो लागे तीर । -गढ़माता को वीर , सुमन , पैनो लागे तीर ले , -बजायो त धण , सुमन , बजायो त घण , -मरि जाण बल , सुमन , घर नी रण -नौ लखो हार , सुमन , नौ लखो हार , -त्वैन शुरु कन्याले , सुमन , आजादी परचार -गांधी जी का चेला , सुमन , आजादी परचार , -काटी जालो कुरो , सुमन , काटी जालो करो -यो सुमन ढंडकी ह्वैगे , होई जाणो सूरो , -कपड़ा को गज , सुमन , कपड़ा को गज , -आँगण का बीच , सुमन झण्डा देन्द सज । -घास काटे सुमन , घास काटे च्वान , -तेरा साथी छन , सुमन , इसकूली ज्वान -देवता का भोग , सुमन , देवता को भोग , -तेरा साथी छन , सुमन गौं गौं का लोग -बाखुरी को कान , सुमन , बाखरी को कान , -सुफ्ल होइगे , सुमन , तेरो स्यो बलिदान -गढ़माता को वीर सुमन , तेरो स्यो बलिदान",garhwali-gbm -"59 -कूके मार ही मार के पकड़ छमकां परी आदमी ते कहरवान होई -रांझे उठ के आखया वाह सजन हीरहस के ते मेहरबान होई -कछे वंझली कन्नां दे विच वाले जुलफ मुखड़े ते परेशान होई -भिंने वाल चुने मत्थे चंद रांझा नैनी कजले दी घमसान होई -सूरत यूसफ दी देख तैमूर बटी सने मलकी बहुत हैरान होई -नयन मसत कलेजड़े विच धाने हीर घोल घती कुरबान होई -आ बगल विच बैठके करें गलां जिवें विच किरबान1 कमान होई -भला होया मैं तैनूं ना मार बैठी कोई नहीं सी गल बेशान होई -रूप जट दा वेख के चाट लगी हीर वार घती सरगरदाठ2 होई -वारस शह ना थां दम मारने दी चार चशम3 दी जदों घमसान होई",panjabi-pan -"बाडीवाला बाडीखोल बाडी की किँवाडी खोल -दूब लाने का गीत -बाडीवाला बाडीखोल बाडी की किँवाडी खोल , -छोरियाँ आई दूब लेणथे कुण्याजी री बेटी हो , -कुण्याजी री भेँण हो , -के थारो नाम है , -म्हेँ बिरमादासजी री बेटी हाँ , -ईसरदासजी री भेँण हाँ , -रोवाँ म्हारो नाम है ।",nimadi-noe -"चलो बमना बालकों घरमा -चलो बमना बालकों घरमा -चलो बमना बालकों घरमा -चलो बमना बालकों घरमा -बालकों घर में बालक रोये -बालकों घर में बालक रोये -बंझोरी घर में बिडकी रोवे -बंझोरी घर में बिडकी रोवे -बालकों घर में सोना की झूल -बंझोरी घर में लोहा की झूल +"मैंने मन मुदरी मैं गाड़ौ +मैंने मन मुदरी मैं गाड़ौ । +राम नाम ना छाँड़ौ । +तन कंचन की डार दई है , +सुखा खटाई काड़ौ । +नैम को बाँध धरम को पलवा , +प्रेंम तराजू जाड़ौ । +तिसना तौल धरी जा ईसुर +रंग रसना से माड़ौ ॥",bundeli-bns +"आल्हा ऊदल +घैचल तेगा राजा इंदरमन सोनवा पर देल चलाय +जौं तक मारल इंदरमन के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय +लोधिन गिरे इंदरमन के सोनवा जीव जे गैल पराय +तब ललकारे रुदल बोलल भैया सुनीं हमार एक बात +पलटन चल गैल बघ रुदल के गंगा तीर पहुँचल बाय +डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा तीर पहुँचल बाय +डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा करे असनान +चलल जे पलटन फिर ओजनी से नेना गढ़ पहुँचल बाय +हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू समदेवा के बलि जाओं +कर दव बिअहवा सोनवा के काहे बड़ैबव राड़ +एतनी बोली समदेवा सुन के राजा बड़ मंगन होय जाय +तूँ सोनवा के कर जव बिअहवा काहे ब��ढ़बव राड़ +एतनी बोली रुदल सुन के बड़ मंगन होय जाय +सुनीं बारता समदेवा के +काँचे महुअवा कटवावे छवे हरिअरी बाँस +तेगा के माँड़ो छ्ँवौले बा +नौ सै पण्डित के बोलावाल मँड़वा में देल बैठाय +सोना के कलसा बैठौले बा मँड़वा में +पीठ काठ के पीढ़ा बनावे मँडवा के बीच मझार +जाँघ काट के हरिस बनावे मँड़वा के बीच मझार +मूँड़ी काट के दिया बरावे मँड़वा के बीच मझार",bhojpuri-bho +"460 +हथ बन्ह के करे सलाम सहती दिलों जान थी चेलड़ी तेरियां मैं +करां बांदियां वांग बजा खिदमत नित पांवदी रहांगी फेरियां मैं +पीर सच दा असां तहकीक1 जाता नाल सिदक मुरीद हां तेरियां मैं +करामात तेरी उते सिदक कीता तेरे हुकम दे नफस ने घेरियां मैं +साडी जान ते माल ते हीर तेरी नाले सने सहेलियां तेरियां मैं +असां किसे दी गलना कदी मन्नी तेरे इसम2 आजम3 हुब4 घेनियां मैं +इक फकर अलाह दा रख तकवा5 होर ढा बैठी सभ ढेरियां मैं +पूरी नाल हिसाब दे हो सकां वारस शाह की करां शेरियां6 मैं",panjabi-pan +"लंगुरिया - १ +करिहां चट्ट पकरि के पट्ट नरे में ले गयो लांगुरिया ॥ टेक ॥ +आगरे की गैल में दो पंडा रांधे खीर , चूल्ही फ़ूंकत मूंछे बरि गयीं फ़ूटि गयी तकदीर ॥ करिहां ॥ +आगरे की गैल में एक लम्बो पेड खजूर , ता ऊपर चढि के देखियो केला मैया कितनी दूरि ॥ करिहां ॥ +आगरे की गैल में एक डरो पेंवदी बेर , जल्दी जल्दी चलो भवन को दरशन को हो रही देर ॥ करिहां ॥ +आगरे की गैल में लांगुर ठाडो रोय , लांगुरिया पूरी भई भोर भयो मति सोय ॥ करिहां ॥",bhadrawahi-bhd +"दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ +मैं क्यों कर जावाँ काअबे नूँ ? +दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । +लोकी सज्जदा काअबे नूँ करदे , +साडा सज्जदा यार प्यारे नूँ । +दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । +अउगुण1 वेख ना भुल्ल मीआँ राँझा , +याद करीं ऐस कारे नूँ । +दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । +मैं अनतारू तरन ना जाणा , +शरम पई तुध तारे नूँ । +दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । +तेरा सानी कोई नहीं मिलिआ , +ढूँढ़ ल्या जग सारे नूँ । +दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ । +बुल्ला सहु दी प्रीत अनोखी , +तारे अउगुणहारे2 नूँ । +मैं क्यों कर जावाँ काअबे नूँ ? +दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ ।",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +पलटन चल गैल रुदल के मँडवा में गैल समाय +बैठल दादा है सोनवा के मँड़वा में बैठल बाय +बूढ़ा मदन सिंह नाम धराय +प्रक बेर गरजे मँडवा में जिन्ह के दलके दसो दुआर +बोलल राजा बूढ़ा मदन सिंह सारे रुदल सुनव बात हमार +कत बड़ सेखी है बघ रुदल के मोर नतनी से करै बियाह +पड़ल लड़ाइ है मँड़वा में जहवाँ पड़ल कचौंधी मार +नौ मन बुकवा उड़ मँड़वा में जहवाँ पड़ल चैलिअन मार +ईटाँ बरसत बा मँड़वा में रुदल मन में करे गुनान +आधा पलटन कट गैल बघ रुदल के सोना के कलसा बूड़ल माँड़ों में +धींचे दोहाइ जब देबी के देबी माँता लागू सहाय +घैंचल तेगा है बघ रुदल बूढ़ा मदन सिंह के मारल बनाय +सिरवा कट गैल बूढ़ा मदन सिंह के +हाथ जोड़ के समदेवा बोलल बबुआ रुदल के बलि जाओं +कर लव बिअहवा तूँ सोनवा के नौ सै पण्डित लेल बोलाय +अधी रात के अम्मल में दुलहा के लेल बोलाय +लै बैठावल जब सोनवा के आल्हा के करै बियाह +कैल बिअहवा ओह सोनवा के बरिअरिया सादी कैल बनाय +नौ सै कैदी बाँधल ओहि माँड़ों में सभ के बेड़ी देल कटवाय +जुग जुग जीअ बाबू रुदल तोहर अमर बजे तरवार +डोला निकालल जब सोनवा के मोहबा के लेल तकाय +रातिक दिनवाँ का चलला में मोहबा में पहुँचल जाथ",bhojpuri-bho +"डूगू ऐ रानी डो ऐ रानी आमानी डो नांगा किड़ी डो बान +डूगू ऐ रानी डो ऐ रानी आमानी डो नांगा किड़ी डो बान +डूगू ऐ रानी डो ऐ रानी आमानी डो नांगा किड़ी डो बान +डूगू ऐ रानी डो ऐ रानी आमानी डो नांगा किड़ी डो बान +ऐ राजा जा ऐ राजा इयानी जा +नांगा किडी ना सेंगो जा सांटी जा कोलाय +ऐ रानी डो ऐ रानी काल माकान +निडो रानी गेरवा सांटी डो कोमराय मारे +ऐ राजा जा ऐ राजा +इयानी जा कन्या कुवर केन कीन्जा खाडू मारे +आरा गोला जोमेजा राजा मू पाड़ा जाजोमे मारे +जा राजा ढिना मा ढिना जा काटा टिये +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"सावन +सावन आए ओ री सखी री , मंदिर छावै सब कोय रे +अरे , हमरा मंदिरवा को रे छैहें , हमरे तो हरी परदेस रे +काह चीर मैं कगदा बनावौं , काहेन की मसियाली रे +अरे , कोहिका मैं बनवों अपना कैथवा , चिठिया लिक्खहि समुझाई के +अंचरा चीरी मैं कगदा बनावहु , अंसुअन की मसियाली रे +अरे , लहुरा देवरवा बनवों कैथवा , चिठिया लिखहि समुझाई के +अरे अरे कागा तोहे देबै धागा , सोनवा मेढौबे तोरी चोंच रे +अरे , जाई दिह्यो मोरे पिय का संदेसवा , चिठिया पढयो समुझाई के +नहाइ धोई राजा पुजवा प बैठे , चिठिया गिरी भहराई के +अरे , चिठिया बांचे बाँची सुनावै , पटर पटर चुवै आंस रे +सुन सुन कागा हमरा संदेसवा , रानी का दिह्यो समुझाई के +अरे , बरिया बोलाइ रानी बँगला छ्वावैं , हमरा आवन नहीं होए रे +सावन मा रानी चुनरी रंगैहैं , पहिरहि मनचित लाइ के +अरे , सब सखियन संग झूलन जैहैं हमर��ही सुधि बिसराई के",awadhi-awa +"मैं तोहे पूछूँ रे भवरिला +मैं तोहे पूछूँ , रे भवरिला , +सब रस काहे का होय , +रटणऽ करो रे अपणा देश मऽ +रस अम्बो , रस आमली , +सब रस लिम्बुआ को होय , +रटणऽ करो रे अपणा देश मऽ +मैं तोहे पूछूँ , रे भवरिला , +सब रंग काहे का होय , +रंग छापा रे रंग चूनड़ी , +सब रंग कुसुमळ होय , +रटणऽ करो रे अपणा देश मऽ +मैं तोहे पूछूँ , रे भवरिला , +सब सुख काहे का होय , +सुख सासरो , सुख मायक्यो , +सब सुख पुत्र को होय , +रटणऽ करो रे अपणा देश मऽ",nimadi-noe +"493 +मुठी मुठी मैंनूं कोई असर होया अज कम्म ते जियो ना लगदा नी +भुली विसरी बूटी मैं लंघ गई इके पया भुलावड़ा ठगदा नी +तेवर लाल दिसे मैंनूं अज खेड़या दा जिवें लगे अलमड़ा1 अगदा नी +मैंनूं याद आए मैंनूं सोई सजन जैदा मगर उलांवड़ा जगदा नी +खुल खुल जांदे बंद चोलड़ी दे अज गल मेरे कोई लगदा नी +घर बार विचों डर आंवदा ए जिवे किसे ततारचा2 अगदा नी +इक जोवने दी नईं3 अज ठाठ दिता बूबन4 आवदा पानी ते झगदा नी +वारस शाह बला ना मूल सानूं मैंनूं भला नहीं कोई लगदा नी",panjabi-pan +"घुँघट चुक्क ओ सज्जणा +घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे । +जुल्फ कुंडल ने घेरा पाया , +बिसीअर1 हो के डंग चलाया । +वेख असाँ वल्ल तरस ना आया , करके खूनी अक्खीआँ वे । +घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे । +दो नैणा दा तीर चलाया , +मैं आजिज़ दे सीने लाया । +घायल करके मुक्ख छुपाया , चोरिआँ एह किन दस्सीआँ वे । +घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे । +बिरहों कटारी तूँ कस्स के मारी , +तद मैं होई बेदिल भारी । +मुड़ नाँ लई तैं सार हमारी , पतिआँ2 तेरीआँ कच्चीआँ वे । +घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे । +नेहुँ लगा ने मन हर3 लीता , +फेर ना आपणा दरशन कीता । +ज़हर प्याला मैं एह पीता , साँ अकलां मैं कच्चीआँ वे । +घुँघट चुक्क ओ सज्जणा , हुण शरमाँ काहनूँ रक्खीआँ वे ।",panjabi-pan +"पिया, भरती मैं हो लै ने +पिया , भरती मैं हो लै ने , +पट जा छत्तरीपन का तोल +जरमन मैं जाकर लड़िए , +अपने माँबाप का नाँ करिए । +ओ तोपों के आगे उड़िए , +अपनी छाती मैं दे खोल । +पिया , भरती मैं हो लै ने , +पट जा छत्तरीपन का तोल +भावार्थ +' प्रियतम जाओ , फ़ौज में भरती हो जाओ । मुझे भी तो पता लगे कि तुम कितने बड़े क्षत्रिय हो । जाओ +और जाकर जर्मनों से लोहा लो । अपने मातपिता का नाम उज्ज्वल करो । जाओ , तोपों के सामने जाकर अड़ +जाओ । उनके सामने अपनी छाती खोल दो । फ़ौज में भरती हो जाओ , प्रियतम ताकि यह मालूम हो जाए कि +तुम वास्तव में सच्चे क्षत्रिय हो । '",haryanvi-bgc +"118 +शौक नाल बजायके वंझली नूं पंजां पीरां अगे खड़ा गांवदा ए +कदी ऊधो1 ते काहन2 दे बिशन पदे कदी माझ बिहारी दी लांवदा ए +कदी ढोल अते मारवाण छोंदेंदा कदी बूबना चा सुनांवदा ए +मलकी नाल जलाली नूं खूब गावे विच झीवरी दी कली लांवदा ए +कदी सोहणी ते महींवाल वाला नाल शौक दे सद सुनांवदा ए +सारंग नाल तिलंग शहानयां दे राग सूही दा भोग विच पांवदा ए +सोरठ गूजरी पूरबी ललत भैरों जोग राग दी जील वजांवदा ए +टोडी मेघ मलहार धनासरी ते जैतसरी नू नाल रलांवदा ए +मालसरी ते परज बिहाग बोले नाले मालवा विच वजांवदा ए +किदारा अते बिहागड़ा राग मारू नाले कानडे़ दीआं सुरां लावंदा ए +कलयान दे नाल मालकोंस बोले नट मंगल चार सुणांवदा ए +बरवा नाल पलासीया भीम बाले दीपक राग दी तार वजांवदा ए +जंगला नाल पहाड़ी झंजोटियां दे गौड़ी नाल आसा खड़ा गांवदा ए +रामकली बसंत हिंडोल गावे ते मुंदावनी दीयां सुरां लांवदा ए +खड़ा नाल बहार दे ठाठ करदा वारस शाह नूं तुरत रिझांवदा ए",panjabi-pan +"357 +इस पद्य में शरीर की बहुत सारी बीमारियों के नाम हैं । +खंघ खुरक ते साह ते अख आई सूल दंद दी पीड़ गुवावना हां +केलज तपदिक ते मोहरका ताप ओहनूं काढ़यां नाल हटावना हां +सरसाम सैदा जुकाम नजला एह शराबतां नाल हटावना हां +लूत फोड़यां अते गंभीर चंबल तेल लायके जड़ों पुटावना हां +अधरंग मुख भौं गया होवे जिसदा शीशा हलब दा कड दिखावना हां +मिरगी होग तां लाहके पैर छितर रख नक ते चा सुंघावना हां +झोला मार जाए जिन्हां रोगियां नूं तिन्हां तेल सुहांजना लावना हां +बांह सुक जाए तंग सुन होवे तदों तेल अरिंड लगावना हां +रन्न मरद नूं काम जे करे गलबा धनिया घोट के चा पिआवना हां +नामरद ताई चीच बोहटियां दा तेल कढ के नित मलावना हां +जे किसे नूं बाद फिरंग होवे रस कपूर ते लौंग दिवावना हां +परमेह सुजाक ते छाह शूते ओहनूं इंदरी झाड़ करावना हां +अतिसार नबाहिया सूल जिसनूं ईसबगोल ही चा फकावना हां +वारस शाह जेहड़ी उठ बहे नाहीं ओहनूं हथ भी मूल ना लावना हां",panjabi-pan +"दूधन भरी तलावड़ी लोणी बांधी पाळ +दूधन भरी तलावड़ी , लोणी बांधी पाळ +वहां भोळा धणियेर न्हावण करऽ +रनुबाई हुआ पणिहार +न्हावतज धोवतऽ मथो मथ्यो , कुणऽ घर जासां मेजवान , +कुणऽ घर अम्बा आमली , कुणऽ घर दाड़िम अनार , +ऊ घर सूखा केवड़ा हो , रनुबाई मेहका ल���य । +दूर का अमुक भाई अरजकरऽ , उनऽ घर हुसाँ मेजवान । ।",nimadi-noe +"आल्हा ऊदल +भोग चढ़ाइब अदमी के देबी अरजी मानव् हमार +एतनी बोली देबी सुन गैली देबी जरि के भैली अँगार +तब मुँह देबी बोलली बबुआ सुनीं रुदल महराज +बेर बेर बरजों बघ रुदल के लरिका कहल नव् मनलव् मोर +मरिया राजा नैना गढ़ के नैंनाँ पड़े इन्दरमन बीर +बावन गुरगुज के किल्ला है जिन्ह के तिरपन लाख बजार +बावन थाना नैना गढ़ में जिन्ह के रकबा सरग पताल +बावन दुलहा के सिर मौरी दहवौलक गुरैया घाट +मारल जैबव् बाबू रुदल नाहक जैहें प्रान तोहार +पिण्डा पानी के ना बचबव् हो जैबव् बन्स उजार +एतनी बोली रुदल सुन गैल तरवा से लहरल आग +पकड़ल झोंटा है देबी के धरतो पर देल गिराय +आँखि सनीचर है रुदल के बाबू देखत काल समान +दूचर थप्पर दूचर मुक्का देबी के देल लगाय +लै के दाबल ठेहुना तर देबी राम राम चिचियाय +रोए देबी फुलवारी मैं रुदल जियरा छोड़व् हमार +भेंट कराइब हम सोनवा सें +एतनी बोली रुदल सुन के रुदल बड़ मंगन होय जाय +प्रान छोड़ि देल जब देबी के देबी जीव ले चलल पराय +भागल भागल देबी चल गैल इन्द्रासन में पहुँचल जाय +पाँचों पण्डु इन्द्रासन में जहवाँ देबी गैल बनाय",bhojpuri-bho +"हरियर हरियर मोर मड़वा में दुलरू वो +हरियर हरियर मोर मड़वा में दुलरू वो +काँचा तिली के तेल +कोने तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो +कांचा तिली के तेल +ददा तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो +दाई आनय तिली के तेल +कोन चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो +कोन देवय अंचरा के छाँव +फूफू चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो +दाई देवय अँचरा के छाँव +रामलखन के मोर तेल चढ़त थे +बाजा के सुनव तुमन तान",chhattisgarhi-hne +"चलो म्हारा राजीड़ा जी सहरां मैं चाली +चलो म्हारा राजीड़ा जी सहरां मैं चाली +जे कोई जो जे कोई बालक पकड़ै आंगली जी +बोली ए धन मूरख गंवार +बिन जायां कैसे पकड़ै आंगली जी +लीप्या पोत्या बांझडली कै सोभ +ना कोई जी ना कोई बाल खेलैं आंगणै जी",haryanvi-bgc +"172 +चूचके फेर के गंढ1 सदाए घले आबन चौधरी सारयां चकरां दे +हथ देह रुपया पले पाए शकर सवाल पोंदे छोहरां2 बकरां3 दे +कहया लागियां सन नूं सन4 मिलया तेरा साक होया नाल ठकरां5 दे +धरया ढोल जटेटियां देहुं वेलां छने लिऔंदियां आनयां शकरां दे +रांझ हीर सुनया दलगीर होए दोवें देण गाली नाल अकरां6 दे",panjabi-pan +"माथा न मेंमद लाओ +माथा न मेंमद लाओ , भंवर म्हांरी रखडी रतन जडाय । +ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो , भंवर म्हांने खेलण द्��ों गणगौर । +खेलण द्यो गणगौरगणगौर , भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर । +जी म्हांरी सहेल्यां . . . . . . . . . . +के दिन की गणगौर , सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव । +सोळा दिन की गणगौर , भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव । +ओजी म्हांरी सहेल्यां . . . . . . . . . . +सहेळ्यां ने ऊभी राखो , सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो । +जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट , सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर । +खेलण द्यो गणगौर",rajasthani-raj +"546 +सहती कुड़ी नूं सदके सौंपिओ ने मंजी विच ऐवान1 दे पाय के ते +पिंडों बाहर इक डूंमां2 दी कोठड़ी सी ओथे दिती ने थां बनायनके ते +जोगी पलंघ दे पास बहायओ ने आ बैठा ई शगन मनायके ते +नाढू शाह बनया मसत हो आशक माशूक नूं कोल बहायके ते +खेड़े आप जा घरी बेफिर सुते तामा3 बाज दे हथ फड़ायके ते +ओहनां खेह सिर घतके पिटना ए जिन्हां विआही सी धड़ी बनायके4 ते +वारस शाह फिर तिन्हां ने वैन करने जिन्हां विआहियों घोड़ियां गाय के ते",panjabi-pan +"बाबा जी के कमरै मैं बन्ना जी बुलाए +बाबा जी के कमरै मैं बन्ना जी बुलाए +बाबल जी के कमरै मैं बन्ना जी बुलाए +देख म्हारी लाड्डो यो कैसे वर आए +चन्दा नहीं आए सूरज नहीं आए +हात्थी के होदे राजा राम चन्दर आए",haryanvi-bgc +"आला नी टफडी नी ढाना काला में बेटी +आला नी टफडी नी ढाना काला में बेटी +आला नी टफडी नी ढाना काला में बेटी +आला नी टफडी नी ढाना काला में बेटी +टीयां रे आयोमा लाड़ टीयांमेन बेटी टीयांटेन +टीयां रे आयोमा लाड़ टीयांमेन बेटी टीयांटेन +टीयां रे आयोमा लाड़ टीयांमेन बेटी टीयांटेन +बाड़ी लाड़ टीयांटेन +बाड़ी लाड़ टीयांटेन स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"कचरिया तोरो व्याव री -कचरिया तोरो व्याव री , -खरबूजा नेंवतें आइयो । -आलू दूल्हा भटा बराती , -चिरपोंटी सज ल्यइयों , -सजी गड़ेलू बजे तूमरा , -कुम्हड़ा ढोल बजैयो । कचरिया . . . -चले फटाका आतिशबाजी , -गुइयां आन चलैयो । कचरिया . . . -केला करेला भये मामा जू , -कैथा ससुर बुलैयो , -सेमे घुइयां भई गोरैयां , -मिरचे दौड़ लगैयों । कचरिया . . . -पांव पखरई में आये डंगरा , -कन्यादान कलीदो दैयो । -परियो सकारे उठियो अबेरे , -दुफरे चौका लगैयो । कचरिया . . . -मोड़ा मोड़ी मांगे कलेवा , -दो घूंसा दे दैयो । कचरिया . . .",bundeli-bns +"410 +हीरे करां मैं बहुत हया तेरा नहीं मारां सू पकड़ पथलके नी +सभो पान पत एस दी लाह सटां लख वाहरां दये जे घलके नी +जेहड़ा मार चतौड़ गढ़ शाह अकबर ढाह मोरचे लए मुचलके नी +जिउं जिउं शरम दा मारया चुप करां नाल मसतियां आंवदी चलके नी +तेरी पकड़ संघी जिंद कढ छडां मेरे खुस ना जाणगे तुलके नी +भला आख की खटना वटना एं वारस शह दे नाल पिड़ मलके नी",panjabi-pan +"487 +तेरे चंबे दे सेहरे हुसन वाले अज किसे हुशनाक ने लुट लए +किसे जालम वे दरद कसीस दितो बद बद कमान दे टुट गए +जेहड़े नित निशान छुपांवदी सै किसे तीरअंदाज ने चुट1 लए +वारस शाह ओह दरगा दे लाट चुरान जेहड़े पहलड़े रोज हो जुट लए",panjabi-pan +"बैठल सिया मनमारी से रामे रामे +बैठल सिया मनमारी1 से रामे रामे । +अब सिया रहली2 कुमारी , से रामे रामे ॥ 1 ॥ +गाइ के गोबर अँगना नीपल3 । +मोतियन चौका पुराइ4 से रामे रामे । +धनुस देलन5 ओठगाँइ6 से रामे रामे ॥ 2 ॥ +दसहिं देस के भूप सब आयल7 । +धनुसा देखिये मुरझाइ , से रामे रामे ॥ 3 ॥ +अजोधा नगरिया से राम लछुमन आयल । +धनुसा देखिये मुसकाइ , से रामे रामे ॥ 4 ॥ +गुरु अगेयाँ8 पाइ के रामजी धनुसा उठयलन । +धनुस कइलन9 तीन खंड , से रामे रामे । +अब सिय होयतो बियाह , से रामे रामे ॥ 5 ॥ +मुनि सब जय जय बोले , से रामे रामे । +सखी सब फूल बरसाये , से रामे रामे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"436 +दिल फिकर ने घेरया बंद होया रांझा जीऊ गोते लख खा बैठा +हथों हूंझ धुआं सिर चा टुरया काले बाग विच ढेर मचा बैठा +अखीं मीटके रब्ब दा धयान धरया चारों तरफ ही धूनियां ला बैठा +वट मारके चारों तरफ उची उथे वलगना1 खूब बना बैठा +असां कूच कीता रब्ब सच करसी एट आख के डील जगा बैठा +भड़की अग जां ताओ ने ता कीता इशक मुशक विहायके जा बैठा +विच संघनी छां दे ला ताड़ी वांग बड़े तपसियां आ बैठा +वारस शाह उस वक्त नूं झूरदा ए जिस वेले अखियां ला बैठा",panjabi-pan +"मजूरी कई के . भोजपुरी +मजूरी कइ के +हम मजूरी कइ के . . . +जी हजूरी कइ के . . . +अपने सइयाँ के . . . अपने बलमाँ के पढ़ाइब +हम मजूरी कइ के . . . +जी हजूरी कइ के . . . +रातदिन खटिबे +काम सब करिबे +कुलकानि लइ के +भला का करिबे +तन अंगूरी कइ के +मन सिन्दूरी कइ के +सिच्छा पूरी हम कराइब +अपने राजा के . . . अपने बाबू के . . . अपने राजा के पढ़ाइब +हम मजूरी कइ के . . . +जी हजूरी कइ के . . . हम मजूरी कइ के . . .",bhojpuri-bho +"फलाणा राय का मेल पे सारस बोली रई +फलाणा राय का मेल पे सारस बोली रई +पिया म्हने भम्मर घड़ाव +गेली हुवा गोरी मूरख गंवार +भम्मर तो कई पेरणो +भम्मर पेरी ने पाणी नीकलां +देख हमारा देवरजेठ , देख चतर सायबा ।",malvi-mup +"हो रबझब की गैल डिगर गया +हो रबझब की गैल डिगर गया मनैं कोन्या पाटा तोल । +हो पिया एक कसर कर गया बोग्या डूं���ा क्यार । +मेरा जेठा बोली मारता तेरा बिना नलाया खेत । +हे मैं ठाके कसोला चाली मनैं जाये नलाया ईख । +रास्ते में डाकिया मिल गया बालम का ले रहा तार । +डाकिया बांच सुणावण लाग्या थारे गुजर गये भरतार । +हे मैं उलटी घर ने बाव्हड़ी कुरसी पे जेठा बैठा मूढ़े पर लम्बरदार । +हे मैं भीतर बड़ के रोई म्हारे गुजर गये भरतार +मेरी सासड़ धीर बन्धावे मत रोवे लाल की नार । +म्हारी छाती भी देखो हे बोझ भरी दस मास । +मेरी नणदल धीर बंधावै मत रोवे बीर की नार । +मेरा जेठा राजी हो रहा भाई के थ्यागे क्यार । +मेरा देवर राजी हो रहा भाई की थ्यागी नार । +पिनसिन ज्यादा बंध गई महीने के एक हजार । +मैं खेत बुवालूं हाली राखलूं हे दो चार ।",haryanvi-bgc +"जोडूं हाथ बलम तैं तेरे आगे +जोडूं हाथ बलम तैं तेरे आगे अब तूं मुंह से कहदे +छठ देखण ने मैं जाऊं बलमा एक रुपया दे दे +कहा कहे तूं धरती फारै सुणिये मेरी प्यारी +छठ देखण ना जाया करती भले घरां की नारी +संग सहेली जाये चोक की मैं कैसे रुक जाऊं +वहां दो आने की पऊवा बिकती जाय जलेबी खाऊं +लड्डू पेड़ा और जलेबी सभी माल आजांगै +छठ पै ऐसे नंग आवैं चोंट चोंट खा जांगे +ऐसो क्या मेरो हाथ नहीं हैं जो मैं चुटवा लूंगी +काढ़ पना मोढे पर मारूं सौ सौ गारी दूंगी +मुंह से तो तूं समझा ली ईब लाठी धर लूंगा +हरसुख नाट गयो है मुंह ते जाण कभी ना दूंगा +देखा जावै तू और हरसुख कैसे लठ धरोगे +पीहर जाये रहूंगी जब मेरो काहे करोगे +देखा जाए तेरो पीहर कब लौ नार डटेगी +नई उमर बालक ना पैदा केसे उमर कटेगी +कहा करूं कित जाए छाती पै पहार धर्यो है +औरो जाय करूंगी क्या पानी सो देस भर्यो है +देखूं तोहे नार आबदार कैसे खसम करेगी +काहे रंडवा के घर पिटती रोज फिरेगी",haryanvi-bgc +"ऊंची हे दोघड़, नीचा ए बारणा +ऊंची हे दोघड़ , नीचा ए बारणा +मैं समझाऊं समझ म्हारी लाडा +सोहरे के घर जाना हे होगा +जोहड़ बिराणा कुआं बिराणा +नीची तरफ लखाणा हे होगा +बड़ा हे कुणबा बड़ा परवार +भीत्तर बड़ के जीमणा होगा +सासूससूरे की टहल बजाणा +पति अपणे का हुकम बजाणा",haryanvi-bgc +"इन्दवा ते रसबिन्दवा दो सके भराह +इन्दवा ते रसबिन्दवा , +दो सके भराह , +दिन्ने जांदे नोकरी , +कर आंदे बपार , +चल तेरी मेरी , +चल कोडी फेरी , +कई दिलां दी लैया वे इन्दवे , +कई लाई गावैया वे इन्दवे , +इन्दवा पुतर पठानी दा , +में इक राजे दी धी , +इन्दवे मारी पश्तो , +में न समझी , +इन्दवे चुकया चिमटा , +मै समझ गई , +चल तेरी मेरी , +चल कोडी फेरी , +कई दिलां दी लैया वे इन्दवे , +कई लाई गावैया वे इन्दवे , +चल इन्दवे उस देस नु , +जिथे पकन अनार , +तू तोड़ें में वेचसां , +इक धेले दे चार , +चल तेरी मेरी , +चल कोडी फेरी , +कई दिलां दी लैय्या वे इन्दवे , +कई लाई गवाय्या वे इन्दवे , +चल तेरी मेरी , +चल कोडी फेरी ।",panjabi-pan +"आमानी निलया घोड़ाकेन सिगारो ऐ जा बेटा +आमानी निलया घोड़ाकेन सिगारो ऐ जा बेटा +आमानी निलया घोड़ाकेन सिगारो ऐ जा बेटा +रागो बेटा मूलाकी चाकोरी सेने +इयानी बालपने रानी सेडो आयोम +जेमा सिरे बाये +इयानी बालपने रानी सेडो आयोम +सोलह किवाडू टालान आयोम हिन्डोरा झूले +आमानी निलया घोड़ाकेन सिगारो ऐ जा बेटा +रागो बेटा मूलाकी चाकोरी सेने +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"घन गजरत आवै सोहाग बिरवा +घन गजरत आवै सोहाग बिरवा +घन उमड़त आवै सोहाग बिरवा +ओ के बाबा के अंगना सोहाग बिरवा +ओ के बाबल के अगना सोहाग बिरवा +ओ की दादी रानी सींचै भर गडुवा +ओ की अम्मा रानी सींचै भर गडुवा",haryanvi-bgc +"आठ बुल्दां का रे हालिड़े नीरणा +आठ बुल्दां का रे हालिड़े नीरणा चार हालियां का छाक +बरसण लागी रे हालिड़े बादली +डौले ते डौले हालिड़े मैं फिरी हमने ना पाया थारा खेत +बरसण लागी रे हालिड़े बादली +ऊंचे तै चढ़ के गोरी देख लो गोरे बुल्द के बंध री टाल +बरसण लागी रे हालिड़े बादली +कित सी अब बौवां रै गोरी बाजरा कित सी अक जवार +बरसण लागी रे हालिड़े बादली +थालियां में बोइए हालिड़े बाजरा डहरां में बोइए जवार +बरसण लागी रे हालिड़े बादली +कितना बधा सै हालिड़े बाजरा कितनी बधी सै जवार +बरसण लागी रे हालिड़े बादली +छोटी रै पोरी गोरी बाजरा लाम्बी रै पोरी जवार +बरसण लागी रे हालिड़े बादली",haryanvi-bgc +"उठो उठो ओ छोटी बऊ +उठो उठो ओ छोटी बऊ +उठो उठो ओ छोटी बऊ +केरनी मानी दाना बऊकुते +केरनी मानी दाना बऊकुते +मैं कैसी उठूं सासू +मैं कैसी उठूं सासू +म्हारा गोदी बालक रोवे +म्हारा गोदी बालक रोवे +सोने की डांडीया बाऊ +सोने की डांडीया बाऊ +रुपे की झूले ना में झूले +रुपे की झूले ना में झूले +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"साँकर कन्नफूल की लटकें +साँकर कन्नफूल की लटकें । +दोई गालन में छुटकें । +कबहूँ हाल भुजन को लेतीं । +छूती गाल झपट कैं । +कमऊँ कमऊँ तो रूरकी रातीं , +कमऊँ होत दो फटकें +कमऊँ होय कानन कौ कुन्डल , +कमऊँ जाँय पलटकें । +ईसुर दुरें गरे लगवे खों । +साँप साँकरे अटके ।",bundeli-bns +"सबस���ं बौलौ रस की बानी +सबसें बौलौ रस की बानी , +कौन बड़ी जिन्दगानी , +येई बानी गजरा पेरावैं +येई उतारै पानी । +येई नरक की खानी +येई बानी बेकुन्ठ दिखावै । +ईसुर चले बैकुन्ठ घाम खाँ , +करके नाम निसानी ॥",bundeli-bns +"नवगुन लगल सनेह, सोहाग रात निंदिया +नवगुन1 लगल सनेह , सोहाग रात निंदिया । +सेहो पयसी सुतलन दुलरइता दुलहा , जवोरे दुलरइतिन दुलही हे ॥ 1 ॥ +ओते सुतूँ ओते सुतूँ सुगही हे , सोहाग रात निंदिया । +पुरबी चदरिया मइला भेल रे , सोहाग रात निंदिया ॥ 2 ॥ +एतना बचन धनि सुनहु न पयलन , सोहाग रात निंदिया । +चलि भेलन नइहरवा के बाट , सोहाग रात निंदिया ॥ 3 ॥ +घुरूँ घुरूँ2 आहु चलु मोर सेजरिया , सुहाग रात निंदिया । +संखा चुड़िया3 पहिराय देबो हे , सोहाग रात निंदिया ॥ 4 ॥",magahi-mag +"उच्चो सो पीप्पल कोपळयो हो देवी +उच्चो सो पीप्पल कोपळयो हो देवी , +वहाँ बठी गाय गोठाण । +चादर पिछोड़ी को गाळयो हो देवी , +रनुबाई भात लई जाय । +अवतज जो धणिएरजी न देखिया , +हो राजा +एक जो मारी , दूसरी , न हो राजा +तीसरी मऽ जोड़या दुई हाथ । +जो तुम धणियेर सोठी मारसो हो राजा +नहीं म्हारो माय न बाप , +नहीं हमारी माय न मावसी हो राजा , +कुण म्हारो आणो लई जाय । +कलयुग म अमुक भाई मानवी राजा +ऊ तुम्हारो आणो लई जाय । +अमुक भाई दीसे तुमख बाजुट हो राजा +लाड़ीबाई लागसे तुम्हारा पाँय ।",nimadi-noe +"96 +रातीं रांझे ने कहीं जा आण ढोइयां चूचक सियाल मथे वट पाया ई +भाई छड महीं उठ जा घरीं तेरा तौर बुरा दिस आया ई +सिआलां किहा भाई साडे कम नाहीं जाए उधरे जिधरों आया ई +असां साहन ना रखया एह नढा धीयां चारना नहीं बनाया ई",panjabi-pan +"जुग जुग जियेगा, सो मेरा लाल बना +जुग जुग जियेगा , सो मेरा लाल बना । +लाड़ो1 लावेगा2 सो मेरा लाल बना ॥ 1 ॥ +बने , मैं जानूँ सेहरे सजे । +सेहरे बीच बने3 के लाल लगे । +लड़ियों बीच बने के लाल लगे । +सो लावेगा , लाड़ो लावेगा , मेरा लाल बना ॥ 2 ॥ +बने मैं जानूँ जोड़े सजे । +जोड़े बीच बने के लाल लगे । +समले4 बीच बने के लाल लगे ॥ 3 ॥ +बने मैं जानूँ बीड़े सजे । +सुरखी5 बीच बने के लाल लगे । +लाड़ो लावेगा सो मेरा लाल बना , दुलहिन लावेगा ॥ 4 ॥ +बने मैं जानूँ लाड़ो सजी । +घूँघट बीच बने के लाल लगे । +सूरत बीच बने के चाँद छुपे । +लाड़ो लावेगा , सो मेरा लाल बना , लाड़ो लावेगा ॥ 5 ॥",magahi-mag +"517 +गंढ1 फिरी रातीं विच खेड़यां दे घरो घरी विचार विचारयो ने +भलके खूह ते जायके करो कुशती इक दूसरे नूं खुम2 मारयो ने +चलो चल ही करन छनालबाजां3 सभ कम��म ते काज विसारयो ने +बाजी दितीयां ने पिउ बुढयां नूं लिबां4 मावां दे मुंह ते मारयो ने +शैतान दियां लशकरां फैल़सूफां5 बिना आतशी फन खिलारयो ने +गिलती मार लगोटड़े वट टुरियां सभो कपड़ा लतड़ा झाड़यो ने +सबा भन्न भंडार उजाड़ छोपां सने पूनियां पिड़े नूं साड़यो ने +तंग खिच त्यार असवार होइयां कडयालड़े घोड़ियां चाढ़यो ने +राती ला मैंहदी दिने पा सुरमे गुंद चूंडिया कम्म शिंगारयो ने +तेड़ लुंगियां टोकरां देन पिछों चुन कन्नियां लड़ां नूं झाड़यो ने +कजल पूछलां बालड़ां वयाहियां दे होठी सुरख दंदासड़ा चाढ़यो ने +जुलफां पलम पइयां गोरे मुखड़े ते ला बिंदियां हुसन उधाड़यो ने +गलां ठोडियां ते बने खाल दाने रड़े हुसन नूं चा नितारयो ने +खोल छातियां हुसन दे कढ लाटू वारस शाह नूं चा उजाड़यो ने",panjabi-pan +"मोरा पिछुअड़वा बबुरी के गछिया +मोरा पिछुअड़वा1 बबुरी2 के गछिया3 , +हाँ जी मालिन , बबुरी फुलले कचनरवा । +से फूल लोढ़ले4 दुलहा कवन दुलहा , +हाँ जी मालिन , गूँथि जे दहु5 निरमल हरवा6 ॥ 1 ॥ +से हार पहिरले दुलहा कवन दुलहा , +हाँ जी मालिन , पेन्हि चलले ससुररिया । +बीचे रे कवन पुर में घेड़ा दउड़वलन7 +हाँ जी मालिन , टूटि जे गेल निरमल हरवा ॥ 2 ॥ +पनिया भरइते तोंहिं कुइयाँ पनिहारिन , +हाँ जी मालिन , चूनि जे देहु निरमल हरवा । +येहु निरमल हरवा बाबू , माइ रे बहिनी चुनथुन8 +अउरो चुनथुन पातर9 धनियाँ ॥ 3 ॥ +माइ रे बहिनी चेरिया घर घरुअरिया10 +पातरी धनि हथिन11 नइहरवा । +मँचिया बइठले तोहिं अजी सरहजिया , +हाँ जी मालिन , कउना12 हिं रँगे पातर धनियाँ ॥ 4 ॥ +जनि13 रोउ14 जनि कानू15 अजी ननदोसिया , +हाँ जी मालिन , सामबरन16 मोर ननदिया । +येहो सरहजिया माइ हे जँगली छिनार , +हाँ जी मालिन , दूसि17 देलन पातर धनियाँ ॥ 5 ॥",magahi-mag "अंगिका फेकड़ा -घुघुआ घू , मलेल फूल -घुघुआ मना , उपजल धना -सब धान खाय गेल सुग्गा मैना -मन्ना रे मन्ना लब्बोॅ घर उठेॅ -पुरानोॅ घर बैठेॅ । -अटकनमटकन , दहिया चटकन -खैरा गोटी रस रस डोले -माघ मास करेला फूले -नाम बताव के तोहें गोरी -जमुआ गोरी -तोहोरोॅ सोहाग गोरी -लाग लगावेॅ , खीर पकावेॅ -मिट्ठोॅ खीर कौनें खाय -दीदी खाय , भैयाँ खाय -कान पकड़लेॅ बिनू जाय । -झाँयझूँ खपड़ी धीपेॅ -लाबा फूटेॅ , महुआ टुभुक । -कन्ना गुजगुज , महुआ डार -कहिया जैभेॅ गंगा पार -गंगा पार में खेती के आढ़ -तेलियाँ मारथौं चढ़ले लात -हमरोॅ हाथ लाल , हमरोॅ हाथ लाल । -कन्ना गुजगुज , महुआ डार -केके जैभेॅ गंगा पार -गंगा पार में बाघ छै , बघनिया छै -सिकरी डोलाबै छै -गंगा पार में उपजल धान -धीया पूता के काटबै कान । -अड़गड़ मारूँ , बड़ घर मारूँ -बासी भात खेलिखलि खाँव । -नूनू खाय दूध भत्ता , बिलैयाँ चाटेॅ पत्ता -चाटलेॅचाटलेॅ गेल पिछुआड़ -झाँझीं कुत्ती लेल लिलुआय -वहाँ से आयल गंगा माय -गंगा मैया दिएॅ आशीष -जीयेॅ नूनू बाबू लाख बरीस -नया घोॅर उठो पुरानोॅ घोॅर खसो । -हरदी के दग दग -माँटी के बेसनोॅ -हम नै जैबोॅ -मामू के ऐंगनोॅ -मामू के बेटी -बड़ झगड़ाही -माँगेॅ थारी -दिएॅ कढ़ाही ।",angika-anp -"मेरी भूरी भूरी पींडी री सासड़ काली जराब -मेरी भूरी भूरी पींडी री सासड़ काली जराब -मन्नै सोला सिंगार करे री सासड़ बलमा नदान -बाहर सै बालम आया री माता कहां गई साजन जाई -टगटग महलों चढ़गी रे बेटा कर के सिंगार -तैं सोच समझ के जइयो रे बेटा बहू सै जुआन -तन्नै खाटी ल्हासी प्याई री सासड़ रह गया नदान -मन्नै हंस के दूध पीए री सासड़ हो गी जुआन -दिन दस पीहर चली जा री बहुअड़ कर ल्यूं जुआन -ऊपर तै नीचे पटक री माता हो ज्या नुकसान -तै ओड ओड बोल ना बोलै रे बेटा बहू सै जुआन",haryanvi-bgc -"बुंदली हम मुट्ठी भर दौना अरे दइया -बुंदली1 हम मुट्ठी भर दौना2 अरे दइया , कोड़बइ3 हम कइसे । -कोड़बइ हम सोने के खुरपिया4 पटयबो5 दौना कइसे ॥ 1 ॥ -पटयबो हम दुधरा6 के धरवा7 अरे लोढ़बो8 दौना कइसे । -लोढ़बइ हम सोने के चँगेरिया , अरे इयबा9 गाँथबइ हम कइसे ॥ 2 ॥ -गाँथइ हम रेशम के डोरिया , पेन्हैबो10 दौना कइसे । -पेन्हैबो हम दुलरइतिन देइ के गरवा , देखबो दौना कइसे ॥ 3 ॥ -सारी सरहज सब ढूका11 लगलन , अरे दइबा देखहू न पउली12 ।",magahi-mag -"रिमझिम बरसे पनियाँ -रिमझिम बरसे पनियाँ , -आवा चली धान रोपे धनियाँ । -लहरत बा तलवा में पनियाँ , -आवा चली धान रोपे धनियाँ । -सोने के थारी मं ज्योना परोसैं , -पिया कां जेंवाईं आईं धनियाँ । -झंझरे गेरुआ मं गंगा जल पनियाँ , -पिया कां घुटावैं आईं धनिया । -लौंगाइलाची के बीरा जोरावैं , -पिया कां कूँचावैं आईं धनियाँ । -धान रोपि कर जब घर आयों , -नाच्यो गायो खुसी मनायो । -भरि जईहैं कोठिला ए धनियाँ , -आवा चली धान रोपै धनियाँ ।",awadhi-awa -"भरती हो लै रे थारे बाहर खड़े रंगरूट -भरती हो लै रे थारे बाहर खड़े रंगरूट -याँ ऐसा रखते मध्यम बाना -मिलता पटिया पुराना ; -वाँ मिलते हैं फुलबूट । -भरती हो लै रे थारे बाहर खड़े रंगरूट +एक मटर पैलेॅ छी +एँड़िया तर नुकैलेॅ छी +सातो गोतनी पीसै छै +एक गोतनी रूसली +केकरा लेॅ ? +बुढ़वा लेॅ । +बुढ़वा गेलोॅ छै बारी +कौआँ नोचै छै दाढ़ी +छोड़ , छोड़ रे कौआ +अब नै जैबौ बारी +हाथी पर हथमान भैया +घोड़ा पर रजपूत +डोली पर बिहौती कनियाँ +खोपोॅ हुएॅ मजबूत । +एक तारा दू तारा +मदन गोपाल तारा +मदना के बेटी बड़ी झगड़ाही +अक्का गोलगोल , पक्का पान +शिवोॅ के बेटी कन्यादान +काना रे कनतुल्लातुल्ला +पीपर गाछी मारे गुल्ला +साँप बोले कोंकों , कबुत्तर माँगे दाना +हम्में तोरोॅ नाना । +आव आव रे पर्वत सुगा +अण्डा पारीपारी देॅ जो । +तोहरा अण्डा आग लागौ +नूनू आँखी नीन गे +आव रे कौआ उचरी केॅ +नूनू खैतोॅ कुचरी केॅ +आव रे कौआ ओर सें +नूूनू खैतोॅ कौर सें । +नूनू के माय कुछुए नै खाय +ऐंगन एत्तेॅ गो रोटी खाय +पानी पियैलेॅ पोखर जाय +पोखरी के कछुआ लेलक लुलुआय +वहाँ के पियासली कुइयाँ जाय +कुइयाँ के बेंगवा लेल लुलआय +वहाँ के पियासली गंगा जाय +गंगा माँता दिएॅ आशीष +चिर युग जिएॅ नूनू लाख बरीस +लाख बरिस के खुण्डाखुण्डी +लाख बरिस के नूनू हमरोॅ ।",angika-anp +"हरे रामा आज बृज मे श्याम +हरे रामा आज बृज में श्याम , +बने मनिहारी रे हारी । +वृन्दावन की कंुज गलिन में +टेरत कृष्ण मुरारी रामा , +हरे रामा है कोई बृज में +चुड़ियां पहरन वारी रे हारी । +खोल किवाड़ राधिका निकरी , +चुड़ियां वारी रामा , +हरे रामा वो पहराव पिया को +जो लगे प्यारी रे हारी । । +हाथ पकड़ पहरावन लागे , +लाल हरीरी पीली रामा , +हरे रामा मोहन निरखत जात , +ये राधा भोली भाली रे हारी । +हरे रामा . . .",bundeli-bns +"बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +हारो नीलो मंडवा ईटा पान बीड़ा जा आम ढोये +हारो नीलो मंडवा ईटा पान बीड़ा जा आम ढोये +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +साभा टाला जा पान बीड़ा जा आम टूले +साभा टाला जा पान बीड़ा जा आम टूले +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +सिलसिल पाठा आंगुलेजा बालेमा रे +सिलसिल पाठा आंगुलेजा बालेमा रे +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +सीर जगा सिर सोटकेन जा बालेमा रे +सीर जगा सिर सोटकेन जा बालेमा रे +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +आढा राटो खेबरा बानेजा बालेमा रे +आढा राटो खेबरा बानेजा बालेमा रे +स्रोत व्यक्ति झीमू बाई , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"जोगनी मा जोगनी जो���नी से डो आयोम +जोगनी मा जोगनी जोगनी से डो आयोम +जोगनी मा जोगनी जोगनी से डो आयोम +जोगनी मा जोगनी जोगनी से डो आयोम +आयोम टोने कोराटेन डो जोगनी सेने +आयोम टोने कोराटेन डो जोगनी सेने +आयोम टोने कोराटेन डो जोगनी सेने +आमानी डोडोगेन जोगनी से डो आयोम +आमानी डोडोगेन जोगनी से डो आयोम +आमानी डोडोगेन जोगनी से डो आयोम +आयोम इयां ढाढागेन डो रानी मारे +आयोम इयां ढाढागेन डो रानी मारे +आयोम इयां ढाढागेन डो रानी मारे +माय नी बिसी खालीये जा बेटा +माय नी बिसी खालीये जा बेटा +माय नी बिसी खालीये जा बेटा +बेटा जोगनी टावटेन जा आम सेने +बेटा जोगनी टावटेन जा आम सेने +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो +खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो । +बिजली चमके जियरा साले , मेरी लाड़ो । +दिलवा धड़के मेरी लाड़ो ॥ 1 ॥ +तेरा टीका लिए कबसे खड़ा मेरी लाड़ो । +खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो ॥ 2 ॥ +तेरा बेसर1 लिए कबसे खड़ा मेरी लाड़ो । +खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो ॥ 3 ॥ +बादल गरजे , जियरा साले मेरी लाड़ो , दिलवा धड़के मेरी लाड़ो । +अंदर आने दो जी लाड़ो , खोलो न केवड़िया ॥ 4 ॥ +तेरी बाली2 लिए कबसे खड़ा मेरी लाड़ो । +खोलो ना केवड़िया अंदर आने दो जी लाड़ो ॥ 5 ॥ +मेघवा3 गरजे , जियरा धड़के मेरी लाड़ो । +अंदर आने दो जी लाड़ो , खोलो न केवड़िया ॥ 6 ॥ +तेरा कँगन लिए कबसे खड़ा मेरी लाड़ो । +खोलो ना केवड़िया अंदर जाने दो जी लाड़ो ॥ 7 ॥ +बिजली चमके , जियरा साले मेरी लाड़ो । +अंदर आने दो जी लाड़ो ॥ 8 ॥",magahi-mag +"मेरी दीनी है मटुकिया फोर +मेरी दीनी है मटुकिया फोर जसौदा तेरे लाला ने ॥ टेक ॥ +दधिकी मटकी सिर पर धरकर मैं उठधाई बड़े भीर । +लूटलूट दधि मेरौ खायौ मटुकी तो दीनी फोर ॥ जसोदा . +मटुकी की तो मटकी फोरी बइयाँ दई मरोर । +मोसे कहै मेरे संग नाचदै कर बिछुअन घनघोर ॥ जसोदा . +इत जाऊँ तो जमुना गहरी ऊँची लेत हिलोर । +इत जाऊँ तो निकसन दैं न ग्वाल बड़े ही कठोर ॥ जसोदा . +मोय अकेली जान कै कान्हा बहुत दिखाबे जोर । +कहा करूँ कित जाऊँ याने करकर डारी तोर ॥ जसोदा . +नाम बिगारौ तिहारौ याने ली बेशरमाई ओढ़ । +साड़ी झटकि मसिक दई चोली माला दीनी तोड़ ॥ जसोदा .",braj-bra +"341 +मरद सुआद चेहरे हैन नेकियां दे सूरत रन्न दी मीम मौकूफ1 है नी +मरद आलम फाजल अते असल काबल किसे रंन नूं कौन वकफ2 है नी +सबर राह है मन्नयां नेक मरदां अते सबर ��ी वाख मातूफ3 है नी +दफतर मकर फरेब खचरवादी एहनां पिसतयां विच मलफूफ4 है नी +रन्नां रेशमी कपड़ा मला मेली मरद जौज़कोदार5 मसरूफ है नी +वारस शाह वलायती मरद मेवे अते रन्न मिसवाक6 दा सूफ7 है नी",panjabi-pan +"घर की मांडण बेटी अमुक बाई दीनी +घर की मांडण बेटी अमुक बाई दीनी , +तवंऽ जाई समझ्या दयालजी । +आला नीळा बाँस की बाँसरी , वो भी बाजती जाय , +अमुक भाई की बईण छे लाड़ली , वो भी सासरऽ जाय , +पछा फिरी , पछा फिरी लाड़ीबाई , +पिताजी खऽ देवो आशीस । +खाजो पीजो पिताजी , राज करजो , +जिवजो ते करोड़ बरीस । । +छोड्यो छे मायको माहिरो , छोड्यो पिताजी को लाड़ +छोड़ी छे भाई केरी भावटी , छोड्यो फुतळयारो ख्याल । +छोड्यो छे सई करो सईपणो , +लाग्या दुल्लवजी का साथ ।",nimadi-noe +"मन्नै तो पिया गंगा न्हुवादे +मन्नै तो पिया गंगा न्हुवादे जा रा सै संसार , हां ए जा रा सै संसार +तन्नै तो गोरी क्यूंकर न्हुवाद्यूं हात्तड़ पड़ री भैंस , हां ए हात्तड़ पड़ री भैंस +एक जनत पिया मैं बतलाद्यूं कर दे बेड़ा पार , हां ए कर दे बेड़ा पार +खूंटी पै मेरा दामण लटकै चंुदड़ी छापेदार , हां ए चूंदड़ी छापेदार +डब्बे में मेरी नाथ धरी सै पहर काढियो धार , हां ए पहर काढियो धार +बाहर तै एक मोडिया आया बेब्बे भिछा घाल , हां ए बेब्बे भिछा घाल +बेब्बे तो तेरी न्हाण गई सै जीज्जा काढै धार , हां ए जीज्जा काढे धार +खुंटा पड़ागी जेवड़ा तुड़ागी भाजगी सै भैंस , हां ए भाजगी सै भैंस +डंडा लैके पाछे होलिया लैण गया था भैंस , हां ए लैण गया था भैंस +गाती खुलगी पल्ला उडग्या मूंछ फड़ाके ले , हां ए मूंछ फड़ाके ले +गलियां में यो चरचा हो रही देखी मुछड़ नार , हां ए देखी मुछड़ नार +कोट्ठे चढकै रुक्कै मारे कोई मत भेज्जे न्हाण , हां ए कोए मत भेज्जो न्हाण",haryanvi-bgc +"अपणे तन दी खबर ना कोई +अपणे तन दी खबर ना कोई , +साजन दी खबर लिआवे कौण ? +इक जम्मदे इक मर मर जांदे , +एहो आवा गौण । +ना हमखाकी ना हम आतिश , +ना पाणी ना पौण । +कुप्पी दे विच्चरोड़ खड़कदा , +मूरख आखे बोले कौण । +बुल्ला साँई घट घट रविया , +ज्यों आटे विच्च लौण1 । +साजन दी खबर लिआवे कौण ?",panjabi-pan +"मस्त मतवारे दानवारे गज तीन कोट +मस्त मतवारे दानवारे गज तीन कोट , +चार कोट चर्ष चारू चन्दल विधान है । +साँढिया सवारन पाँच कोट लों संवार को , +आठ कोटजान सान माल के समान है । +ईसुर चतुरंग चमूँ कोट साठ देखी मैं , +साहब की साहबी सरस बेवखान है । +एतो बरात जात साथ लिये अवधनाथ , +आकत दैं डंका , चोब धूमत निसान हैं ।",bundeli-bns +"ईसुरी की फाग-25 +जाके होत विधाता डेरे +को कर सकत सहेरे । +पाव रती के जोड़ लगाए +परे हाथ के फेरे । +अदिनदिना जब आन परत हैं +दालुद्दर नै घेरे । +मारेमारे फिरत ' ईसुरी ' +संजा और सबेरे । +भावार्थ +महाकवि ' ईसुरी ' अपनी प्रेयसी ' रजऊ ' से कहते हैं — जिसके स्वयं विधाता ही प्रतिकूल है उसकी सहायता भला कौन कर सकता है । जैसेतैसे पावरत्ती जोड़ कर कुछ हैसियत बनाता हूँ लेकिन फिर वही दिन आ जाते हैं । बुरे दिनों में दरिद्रता ही घेर लेती है । ईसुरी कहते हैं — ऐसे में सुबह शाम मारामारा भटकता फिरता हूँ ।",bundeli-bns +"बिरहा +जौ मैं जनतिउँ ये लवँगरि एतनी महकबिउ हो । +लवँगरि रँगतिउँ छयलवा के पाग सहरबा म मगकत हो । +अरे अरे कारी बदरिया तुहहिं मोरि बादरि हो । +बदरी जाइ बरसहु वहि देस जहाँ पिए छाए हो । +बाउ बहइ पुरवइया त पछुवा झकोरइ हो । +बहिनी दिहेऊँ केवँरिया ओढ़काई सोवउँ सुख नींदरि हो । । +की तुँइ कुकुर बिलरिया , सहर सब सोवइ हो । +की तुँइ ससुर पहरुवा , केंवरिया भड़कायेउ हो । +ना हम कुकुर बिलरिया न ससुर पहरुवा हो । +धना हम अही तोहरा नयकबा बदरिया बोलायेसि हो । । +आधी राति ‌बीति गई बतियाँ , तिहाई राति चितियाँ हो । +रामा बारह बरस का सनेह जोरत मुरगा बोलइ हो । । +तोरउँ मैं मुरगा का ठोर गटइया मरोरउँ हो । +रामा काहे किहेउ भिनसार त पियहिं जतायेउ हो । । +काहे रानी तोरहु ठोर गटइया मरोरहु हो । +रानी हौइगे धरमवाँ कै जून भोर होत बोलेउँ हो । ।",awadhi-awa +"जवाहर लाल भी रह्या करें थे +जवाहर लाल भी रह्या करें थे साथ गांधी की +सब दुनिया नै मानी साची बात गांधी की +चरचा थी खूब होण लागी दिन रात गांधी की +सरब बियापक थे एक नहीं थी जात गांधी की +हाथ हथकड़ी पायां बेड़ी यो गहणा गांधी का +सौ सौ बार हुआ जेलां में रहणा गांधी का +जो मिल रा सै सुराज हम नै यो लहणा गांधी का +मिल कै नै सारी कौम रहो यो कहणा गांधी का +हिन्द की ऊंची कर दी सज्जनों सान गांधी नै +चकरबरती राजा करै हैरान गांधी नै +देस की खातर खो दी अपनी जान गांधी नै +एक बार फिर पैदा कर भगवान गांधी नै",haryanvi-bgc +"521 +हीर मीट के दंद बेसुध पई सहती हाल ते शोर पुकारया ए +काले नाग ने फन फला वडा डंग वहुटी दे पैर नूं मारया ए +कुड़ियां वांग किती1 आ गई बाहर लोको कम्म ते काज विसारया ए +मंजे पायके हीर नू घरी आंदा जटी पीलड़े रंग नूं हारया2 ए +वेखो फारसी तोड़के नजम नसरों एह मकर घिउ वांग नतारयाा ए +अगे किसे किताब विच न���ीं पढ़या जेहा खचरियां खचर पसारया ए +शैतान ने आन सलाम कीती तुसां जितया ते असां हारया ए +अफलातून दी रीस3 मकराज4 कीती वारस कुदरतां वेखके वारया ए",panjabi-pan +"दादा आंगेना तांबा गाड़ी रे +दादा आंगेना तांबा गाड़ी रे +दादा आंगेना तांबा गाड़ी रे +जोगी रामे तो रामे बाबेना बेटी के झोलीयों +जोगी रामे तो रामे बाबेना बेटी के झोलीयों +पातेली इतेने लागीयो रे +पातेली इतेने लागीयो रे +चारोटियाँ टूटेने लागीयो +चारोटियाँ टूटेने लागीयो +स्रोत व्यक्ति सुलोचना , ग्राम नानी मकड़ाई",korku-kfq +"बलम मति जइयह +बलम मति जइयह . . . अ . . . बिदेसवा न . . . +सजन हम कइसे जियब . . . +पिया हम जीजी मरब . . . +न हमके सतइयह . . . +बलम मति जइयह . . . +सजन जनि जइयह . . . +बिदेसवा न . . . अ . . .",bhojpuri-bho +"गुलगुल भजिया खा ले +गुलगुल भजिया खाले +गुलगुल भजिया खाले +गुलगुल भजिया खाले +गुलगुल भजिया खाले +गोरी तैं धनिया डोली +मोर संग तैं हर ददरिया गाले मन के गोरी +मोर संग तैं हर ददरिया गाले +संग म जाबे , तरिया जाबे वो +गुलगुल भजिया खाले +गुलगुल भजिया खाले +गोरी तैं धनिया डोली +मोर संग तैं हर ददरिया गाले +मन के गोरी +मोर संग तैं हर ददरिया गाले +संग म जाबे , तरिया जाबे वो +खट्टा हाबय अमली गोरी जाम खाले वो +गोरी जाम खाले वो +गोरी जाम खाले +खट्टा हाबय अमली गोरी जाम खाले वो +गोरी जाम खाले वो +गोरी जाम खाले +कतेक मंझन के रेंगे बासी खाके वो +गोरी धनिया डोली +गुलगुल भजिया खाले +गुलगुल भजिया खाले +गोरी तैं धनिया डोली +मोर संग तैं हर ददरिया गाले +मन के गोरी +मोर संग तैं हर ददरिया गाले +संग म जाबे , तरिया जाबे वो +मोटर हाबय टेसन म छूट गेहे रेल +छूट गेहे रेल +छूट गेहे +मोटर हाबय टेसन म छूट गेहे रेल +छूट गेहे रेल +छूट गेहे +गली गली म बेचत हे तेलिन टुरी तेल +गोरी धनिया डोली +गुलगुल भजिया खाले +गुलगुल भजिया खाले +गोरी तैं धनिया डोली +मोर संग संग म ददरिया गाले +मन के गोरी +मोर संग संग म ददरिया गाले +संग म जाबे , तरिया जाबे वो +कुंदरू करेला बारी म बोले वो +बारी म बोले वो +बारी म बोले +कुंदरू करेला बारी म बोले वो +बारी म बोले वो +बारी म बोले +तोर आगे लेवइया गली म रोले वो +गोरी धनिया डोली +गुलगुल भजिया खाले +गुलगुल भजिया खाले +गुलगुल भजिया खाले +गोरी तैं धनिया डोली +मोर संग तैं हर ददरिया गाले +मन के गोरी +मोर संग तैं हर ददरिया गाले +संग म जाबे , तरिया जाबे वो",chhattisgarhi-hne +"35 +मुल्लां आखदा चूंडियां1 वेखदियां ई गैर शरह तूं कौन है��� दूर हो ओए +एथे लुचयां दी कोई थां नहीं पटे दूर कर हक मजूर हो ओए +अनहलक कहावना किबर2 करके ओढ़क मरेंगा वांग मंसूर हो ओए +वारस शाह न हिंग दी बास छिपे भावें रखीए विच काफूर हो ओए",panjabi-pan +"मचिया बइठली तोंही मइया, त सुनहऽ बचन मोरा हे +मचिया बइठली1 तोंही मइया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +मइया , हमहूँ लीपलियइ2 त सउर , 3 हमहूँ कछु दान चाही हे ॥ 1 ॥ +सउरी पइसल तोंहे बहुआ , त सुनहऽ बचन मोर हे । +बहुआ , देइ देहु नाक के बेसरिया , दुलारी धिया4 पाहुन5 हे ॥ 2 ॥ +एतना बचन जब सुनलन , सासु से अरज करे हे । +सासुजी हम कहाँ पयबो बेसरिया , बेसरिया हेराइ6 गेल हे ॥ 3 ॥ +जुगवा7 खेलइते तोंहे भइया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +भइया हमरा के दान किछु चाही , सउर हम लीपलि हे ॥ 4 ॥ +एतना बचन जब सुनलन , धनि से कहे लगलन हे । +धनि देइ देहु नाक के बेसरिया , बहिन घर पाहुन हे ॥ 5 ॥ +एतना बचन जब सुनलन , परभु से अरज करे हे । +परभुजी , कहाँ हम पायब8 बेसरिया , बेसरिया भुलाई गेल हे ॥ 6 ॥ +चुप रहु , चुप रहु बहिनी , त बहिनी दुलारी बहिनी हे । +कर लेबो दोसर बिआह , बेसर पहिरायब हे ॥ 7 ॥ +एतना बचन जब सुनलन , सुनहु न पावल हे । +परभुजी , मत करू दोसर बिआह , बधइया9 हम देइ देवइ हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"हालिड़े हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा +हालिड़े हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा घड़वाले हरियल बांस का +आया हो हालिड़े साढज मास बाजरा तै बोदे डूंगे क्यार में +थारा हो हालिड़े देस कुदेस बासी तै टुकड़े खाटी राबड़ी +म्हारा रे गोरी देस सुदेस दामण तै ऊपर चून्दड़ी +थारा रे गोरी देस कुदेस पाटी घघरिया धोली लूगड़ी +आइये हो हालिड़ा म्हारैड़े देस चावल रांधू ऊजले +आइये रै गोरी म्हारैड़े देस तील सिमादें रेसमी +हालिड़े हो हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा घड़ाले हरियल बांस का",haryanvi-bgc +"चाकी पै धर्या पीसणा चाकी का भार्या पाट +चाकी पै धर्या पीसणा चाकी का भार्या पाट +मेरे घर में जुलमी सास जगावै आधी रात +पीसण आई चाकी पै बेरी सांप फिरै +तैं मन्ने खा ले घर की राड़ मिटै +चाकी पै धर्या पीसणा चाकी का भार्या पाट +मेरे घर में जुलमी जिठाणी जगावै आधी रात +पीसण आई चाकी पै बैरी सांप फिरै +तैं मन्ने खा ले घर की राड़ मिटै +चाकी पै धर्या पीसणा चाकी का भार्या पाट +मेरे घर में जुलमी नणद जगावै आधी रात +पीसण आई चाकी पै बैरी सांप फिरै +तैं मन्ने खा ले घर की राड़ मिटै",haryanvi-bgc +"बारात के रास्ते का गीत +आंबा मा मेलो भेलो हयो रे केसरिया लाल । +बाष्ट्या ऊपर जोबन झोला खाय रे केसरि��ा लाल । +आमल्या मा मेलो भेलो हयो रे केसरिया लाल । +हार ऊपर जोबन झोला खाय रे केसरिया लाल । +जांबुड़ा मा मेलो भेलो हयो रे केसरिया लाल । +तागल्या ऊपर जोबन झोला खाय रे केसरिया लाल । +सिंद्यां मा मेलो भेलो हयो रे केसरिया लाल । +लंगर्या ऊपर जोबन झोला खाय रे केसरिया लाल । +बारात जा रही है , छायादार वृक्षों को देखकर रुकते हैं । सभी एकत्रित हो जाते हैं वहाँ गीत गाते हैं । सभी महिलापुरुष गहनों से सजे हुए हैं । +आम के कुँज में मेला लग गया है जो केसरिया और लाल है । बाष्ट्या पर जवानी झूम रही है । इमली के वृक्षों में मेला लगा है जो केसरिया और लाल है । हार पर जवानी झूम रही है । जामुन के पेड़ों पर मेला लगा है केसरिया लाल । तागली पर जवानी झूम रही है । सिंदी के वृक्षों में मेला लगा है केसरिया लाल , लंगर पर जवानी झूम रही है । +बारात दुल्हन के गाँव के बिल्कुल पास पहुँच गई , जहाँ से बारात की हल चल गाँव में सुनाई पड़ रही है , वहाँ गीत गाया जाता है । यह ‘निहाली गीत’ है ।",bhili-bhb +"या पंचाती धरमसाला क्यूं करदा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला क्यूं करदा झूठी मेर रे +पांचां पै तनै लई मांग कै सुकरम भोत कमाऊंगा +दूसर भगती करूं परेम तै हर के दरसन पाऊंगा +नित रहूं हरी का पाली क्यूं धरदा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . . +याहदी ब्याह्दी दूत भेज के पांचो तनै समझाते हैं +करणा हो सो कर ले रे बंदे कार करे दिन आते हैं +घर खो सै न ततकाल क्यूं करदा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . . +पांचों पंच करेंगे दावा लेखा हो दरबार रे +जिब तेरे पै मार पड़ेगी झूठा पड़ै करार रे +झूठा का मुखड़ा काला रे क्यूं करै झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . . +जिन खातर तैं पच पच मरदा वे सब धौरे धर जांगे +जिब तेरे पै बखत पड़ैगा सारै धोखा कर जांगे +तब होगा देस निकाला क्यूं धरदाा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . . +तेरै देखत कितणे हो लीए हो हो कै सब चले गए +ना कोए रह्या ना कोए रहण पाया काल चाक्की में दले गए +चातर दलन आला क्यूं करदा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . .",haryanvi-bgc +"39 +असां फिका1 असूल नूं सही कीता गैर शरह मरदूद नूं मारना ई +असां दसणे कम्म इबादता दे , पुलसरात2 तों पार उतारना ई +फरज़ सुनतां वाजबां नफल3 वितरां नाल जायेज़ा सच नितारना ई +वारिस शाह जमात दे तारकां नूं ताज़िआनियां दुरियां मारना ई",panjabi-pan +"कही मान लो छोड़ो नसे बाजी कही मान लो +कही मान लो छोड़ो नसे बाजी , कही मान लो । +चरस पिये धर्म , कर्म लाज शर्म जाय , +ज्ञान जाय ध्यान जाय , मान घट जाये । +कही . . . +भंग पिये वादी हो जात है सब अंग , +मदरा गांजो कर देत पैसे से तंग । +कही . . . +मदिरा पिये से हो जात है बदनाम । +थुकथुक तम्बाकू और बुरो काम । +कही . . .",bundeli-bns +"मोजा पेरो, मोजा पेरो, मोजा पैरो राज +मोजा पेरो , मोजा पेरो , मोजा पैरो राज +मोजा ऊपर मेंदी सोये +पेरण री चतराई +हो म्हारा रंगीला जमाई +थाने गाल गावां राज +गाल गावां , गीत गावां +इना कररन्यां लाड़ जी +म्हारो बई से टेढ़ा बोलो +यां पर आवे रीस हो +म्हारा खांतीला जमई +थाने गाल गावां राज । +आप लापर , बाप लापर +लापर सोई परवार जी +काकाकाकी वे बी लापर +जेका भतीजा आप हो +मामामामी वे बी लापर +जेका भाणेज आप ही +भाईभाभी वे बी लापर +जेका भाई आप हो +बूवाफूफा वे बी लापर +जेका भतीजा आप हो +बेनबेनोई वे बी लापर +जेका साला आप हो +मावसीमावसा वे बी लापर +जेका भतीजा आप हो +आजाआजी वे बी लापर +जेका नात्या आप हो +मायबाप वे बी लापर +जेका जामा आप हो +जामा पेरो , जामा पेरो , जामा पेरो राज । +जामा ऊपर सोना सोहे +पेरण री चतराई +हो म्हारा लिखन्दा जमई +पटका ऊपर हुलमन सोवे +पेरण री चतराई +हो म्हारा हंसालू जमाई +कंठी ऊपर डोरा सोहे +पेरण दी चतुराई +हो म्हारा रिसाकू जमाई +पागां ऊपर बेचां सोवे +हो म्हारा छबीला जमाई +तेजी ऊपर चाबुक सोवे +बैठण री चतूराई +हो म्हारा प्यारा जमाई +कड़ा ऊपर पोंची मोवे +मोती ऊपर चूनी सोवे +हो म्हारा नखराला जमाई",malvi-mup +"गुनी जनन सें +या तौ सब कृपा तुम्हार आय । +मैंने कुछ डरेपरे रोरा +जब गाँस बए जाघनताघन , +तुम ओखें मन्दिर कहन लगे +थापो देबी कौ सिंघासन ; +यौ धुजानारियल तुम जानों +मोरौ कन्नी कौ कार आय । +मैंनें माटी में डार दए +कुछ रकतपीसना के दानें , +तब चनाचरपटा मुठीमुठी +तुमनें हीरामुतियाँ मानें ; +यौ घटीमुनाफा तुम जानों +मोरौ अँधरौ रुजगार आय । +जब गमइँगाँव की भासा में +मैंनें अपनौ जी बहराओ +तब सुखदुख के इन बोलन में , +तुमनें कुछ अपनोंसौ पाओ ; +जेखें तुम कबिता कहन लगे +वा हिरदे कै उलछार आय ।",bundeli-bns +"मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै +मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै +हेरी बागां में जाऊं तो माली ललचै +मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै +हेरी तालां पै जाऊन तो धोबी ललचै +मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै +हेरी सेज पे जाऊं तो बलमा ललचै +मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै",haryanvi-bgc +"होरी तौ खेलूंगी हरि सौं +होरी तौ खेलूंगी हरि सौं , कहौ कोई श्यामसुन्दर सौं ॥ +आयौ बसन्त सभी बन फूले , खेतन फूली है सरसों । +मैं पीरी भई श्याम के विरह में निकसत प्राण अधर सौं ॥ +कहौ जाय बंशीधर सौ ॥ होरी तौ . +फागुन में सब होरी खेलत हैं , अपने अपने वर सौं । +पिया के वियोग में जोगिन हुइ निकसी , धूरि उड़ावत घरसों । +चली मथुरा की डगर सों । होरी तौ . +ऊधौ जाय द्वारिका में कहियो , इतनी अरज मोरी हरिसों । +विरहविथा से जियरा जरत है , जबसे गये हरि घर सों ॥ +दरश देखन को तरसों । होरी तौ . +‘सूरदास’ मोरी इतनी अरज है , कृपासिंधु गिरधर सौं । +गहरी नदिया नाव पुरानी , किमि उबरें सागर सों ॥ +अरज मेरी राधावर सों ॥ होरी तौ .",braj-bra +"कात्यक बदी अमावस आई +कात्यक बदी अमावस आई दिन था खास दिवाली का +आंख्यां के म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का +सबी पड़ोसी बच्चां खात्तर खील खिलोने ल्यावें थे +दो बच्चे हाली के बैट्ठै उन की ओर लखावें थे +रात कूच की बची खीचड़ी घोल सीत में खावें थे +दो कुत्ते बैट्ठे मगन हुए उनकी ओर लखावें थे +तीन कटोरे एक बखोरा काम नहीं था थाली का +आंख्यां कै म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का +कहीं कहीं तो खीर पके कहीं हलुवे की मंहकार ऊठ री +हाली री बहू एक ओड़ ने खड़ी बाजरा कूट री +हाली बैठ्या खाट बिछा कै पांयतांकानी टूट री +हुक्का भर के पीवण लाग्या चिलम तलै तै फूट री +चाकी धोरे डंडूक पड़ा था जर लाग्या एक फाली का +आंख्यां कै म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का",haryanvi-bgc +"सिंगाजी- +ऊँचो माळो डगमाळ , टोंगल्या बूडन्ती ज्वार +कााचओ सूत की मेहताब देव की गोफण बणाई , +राधा राणी होर्या टोवण जाई । +हरम्याधरम्या का होर्या उड़ी जाजो , +ने पानी को खाजो सगळो खेत । । +सिंगाजी महाराज का महल ऊँचा है । कच्चे सूत की देव की मेहताब तथा गोफण +बनाई है । ज्वार घुटनों के ऊपर तक बड़ी है । राधा रानी तोते उड़ाने जाती हैं । धर्मात्मा +का खेत छोड़ देना और पापी का खेत चुग लेना ।",bhili-bhb +"381 +पते डाचियां दे पूरे लांवना एं देंदा मेहने शामतां दौड़ियां वे +मथा डाइयो ई नाल कुआरियां दे तेरियां लौंदियां जोगियां मौरियां वे +तेरी जीभ मवेसियां हथ आलत अते चितड़ी लड़दियां धौरियां वे +खैर मिले सो लए ना नाल मसती मगे दुध ते पान फलौरियां वे +इक देन आटा इक टुक चपा भर देन ना चाटियां कोरियां1 वे +एस अन्न नूं ढूंढ़दे ओह फिरदे चढ़न हाथीयां ते होन चोरियां वे +वडे कमलयां दी असां भंग झाड़ी एथे केहियां वललियां सोरियां वे +सोटा वडा इलाज कुपतयां दा तेरियां वारस भैड़ियां दिसदीयां तौरियां वे",panjabi-pan +"सासरो छोड़यो देवी दूर, पीयर मेढ़ो रोपियो जी +सासरो छोड़यो देवी दूर , पीयर मेढ़ो रोपियो जी । +तांवा खण्या रे तलाव , अमरित अम्बो मवरियो जी । । +रनुबाई हुआ पणिहार , वहा रड़ऽ सासरवासेण जी । +की थारो पीयर दूर , की थारी सासू सौतेली जी । +नई म्हारो पीयर दूर , नई म्हारी सासू सौतेली जी । +हम पर ”सऊक को साल“ , तेगुण रड़ऽ सासरवासेण जी । । +हेडूँ थारो ”सऊक को साल“ , +बांझ घर पालणो झुलाड़सां जी ।",nimadi-noe +"बोहत सताई ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे +बोहत सताई ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे +बालक छोड्डे रोवते रै तन्नै बोहत सताई रे +डालड़ी में छोड्या पीसणा +अर छोड्डी सै लागड़ गाय +नगोड़े ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे +कातनी में छोड्या कातना +अर छोड़ै सैं मां अर बाप +नगोड़े ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे +बहोत सताई ईखड़े रे तन्नै बोहत सताई रे +बालक छोड्डे रोवते तन्नै बोहत सताई रे",haryanvi-bgc +"घरवा से इकसल जसोदा रानी, सुभ दिन सामन हे +घरवा से इकसल1 जसोदा रानी , सुभ दिन सामन2 हे । +ललना , जमुना के इरि झिरि3 पनियाँ सोहामन हे ॥ 1 ॥ +सात पाँच मिललन सँघतिया4 से सोने घइला5 माथे लेलन हे । +गावहिं मंगल गीत , देखत सुर मोहहिं हे ॥ 2 ॥ +केउ सखी मुँह धोवे , केउ सखी हँसि हँसि पानी भरे हे । +ललना , केउ एक पार तिरियवा कपसि6 लोर7 ढारइ हो ॥ 3 ॥ +नइ8 हकइ9 नावोड़िया10 अउरो मलहवा भइया हे । +ललना , केहि विधि उतरब पार , तिरिया एक रोवइ हे ॥ 4 ॥ +बाँधि के काँछ कछौंटा11 अउर छाती12 घइला लेइ हे । +जाइ जुमल13 जमुना पार , काहे गे तिरिया रोवहिं गे ॥ 5 ॥ +की14 तोर नइहर15 दूर कि सासुर16 दुख पड़ल हे । +तिरिया , की तोर कंत बिदेस कवन दुख दुखित हे ॥ 6 ॥ +नइ मोरा नइहर दूर , न सासुर दुख पड़ल हे । +नइ मोरा कंत विदेश , कोख17 दुख दुखित हे ॥ 7 ॥ +सात पुतर दइब18 देलन , कंस सभ हर लेलन हे । +ललना , अठवें गरभ नगिचायल19 सेकरो20 भरोसा नइ हे ॥ 8 ॥ +चुप रहुँ , चुप रहुँ देवोकी , त सुनह बचन मोरा हे । +अपना बलक मोरा दींहऽ त हम पोसपाल देबो हे ॥ 9 ॥ +नौन , 21 चाउर22 तेल पइँचा23 भेल , सभे , चीज पइँचा भेल हे । +कोखवा उधार नइ सुनली , कइसे धीरजा बाँधव हे ॥ 10 ॥ +किया24 साखी25 सुरजवा त किया साखी गंगा माता हे । +ललना , किया साखी सुरुज के जोत , धरम मोर साखी हथि हे ॥ 11 ॥ +हो गेल26 कौलकरार27 बचन हम पालब हे । +लाख देतन मोरा कंस तइयो28 नई मानब हे ॥ 12 ॥ +आयल भादो के रात , किसुन29 पख30 अठमी हे । +लिहलन किसुन अवतार , सकल जग जानहु हे ॥ 13 ॥ +खुल गेल बजर केव��ँड़ , पहरु31 सभ सूतल32 हे । +देवोकी ले भागलन जसोदा के द्वार , महल उठे सोहर हे ॥ 14 ॥ +जो एहि मंगल गाबहिं गाइ सुनावहिं हे । +जलमजलम33 अहियात34 पुतर फल पावहिं हे ॥ 15 ॥",magahi-mag +"ऐ कपुलिच डो ऐ कपुलिच +ऐ कपुलिच डो ऐ कपुलिच +ऐ कपुलिच डो ऐ कपुलिच +आमा कूड़ी गंगा जमुना बाकी चचबुज कपुलिच +आमा कूड़ी गंगा जमुना बाकी चचबुज कपुलिच +ऐ कपुलिच ऐ कपुलिच +ऐ कपुलिच ऐ कपुलिच +इयां कीन नी बाड़ा बाड़ा लेखा मायडो कपुलिच +इयां कीन नी बाड़ा बाड़ा लेखा मायडो कपुलिच +ऐ कपुलिच ऐ कपुलिच +ऐ कपुलिच ऐ कपुलिच +आम केननी सुन्दर गोवन नी जेवांजा कपुलिच +आम केननी सुन्दर गोवन नी जेवांजा कपुलिच +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"निकलो डो फोकले बाई बायरो +निकलो डो फोकले बाई बायरो +निकलो डो फोकले बाई बायरो +जुम्का दादा लेने को आया +जुम्का दादा लेने को आया +मैं कैसी निकलो मारो भैया +सास ससूरा लागे भैया भैया सोना किवाड़ +सास ससूरा लागे भैया भैया सोना किवाड़ +मैं कैसी निकलो मारो भैया +आना जाना रास्ता एकली +आना जाना रास्ता एकली +बुलेइ लेवो हरदा सोनारो +बुलेइ लेवो हरदा सोनारो +खोली लेवो ऐजे सोनार किवाड़ +खोली लेवो ऐजे सोनार किवाड़ +निकालो डो इये बाई बाहर +दादा बीरा लेने को आयो +मैं कैसी निकलूं भैया +स्रोत व्यक्ति मुलायम , ग्राम भोजूढाना",korku-kfq +"मिया किलो ज्वारी जा डाई बारी किलो ज्वारी मारे +मिया किलो ज्वारी जा डाई बारी किलो ज्वारी मारे +मिया किलो ज्वारी जा डाई बारी किलो ज्वारी मारे +गूड़ होय तो माखी झूमे गूड़ नहीं तो माखी उड़े +गूड़ होय तो माखी झूमे गूड़ नहीं तो माखी उड़े +अपना डाई जीव का प्यारा दूसरा डाई बात का प्यारा +अपना डाई जीव का प्यारा दूसरा डाई बात का प्यारा +स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"पग में लगत महाउर भारी +पग में लगत महाउर भारी , +अत कोमल है प्यारी , +आद रती को लाँगा पैरें । +तिलकी औड़ें सारी । +खसखस की इक अँगिया तन मैं +आदी कौर किनारी +रती रती के बीच ईसुरी , +एक नायका ढारी ।",bundeli-bns +"तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ +बहुड़ी वे तबीबा1 मैंडी जिन्द गईआ । +तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । +इशक डेरा मेरा अन्दर कीता । +भरके ज़हिर पिआला मैं पीता । +झब दे आवीं वे तबीबा नहीं ते मैं मर गईआ । +तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । +छुप गिआ सूरज बाहर रहि गई आ लाली । +होवाँ मैं सदके मुड़ जे दें विखाली । +मैं भुल्ल गईआ तेरे नाल गईआ । +तेरे इशक नचाय�� करके थईआ थईआ । +तेरे इशक दी सार वे मैं ना जाणा । +एह सिर आया ए मेरा हेठ वदाणाँ । +सट्ट पई इशक दी ताँ कूकाँ दईआ2 । +तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । +ऐस इशक दे कोलों सानूँ हटक3 ना माए । +लाहू जांदड़े बेड़े मोड़ कौण हटाए । +मेरी अकल भुल्ली नाल मुहाणिआँ दे गईआ । +तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । +ऐस इशक दी झंगी विच्च मोर बुलेन्दा । +सानूँ काबा ते किबला प्यारा यार देसेन्दा । +सानूँ घायल करके फिर खबर न लईआ । +तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ । +बुल्ला शाह अनयात दे बहि बूहे । +जिस पहिनाए सानूँ सावे4 सूहे5 । +जाँ मैं मारी उडारी मिलपिआ वहीआ । +तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ ।",panjabi-pan +"424 +भला कुआरीए सांगक्यों लावनी ए चिबे होठ क्यों पई बनावनी ए +भला जोगी नूं पई भरमावनी ए अते जी क्यों पई लमकावनी ए +लगे वस तां हुणे कटवानी ए सड़ी होई क्यों लूतियां लावनी ए +ऐडी लटक दे नाल क्यों करे गलां सैदे नाल नकाह पढ़ावनी ए +वारस शाह दे नाल उठ जाह ऊधल केहियां पई बुझारतां पावनी ए",panjabi-pan +"विवाह गीत +चिकल्या घर जाओ बना , +चिकल्या घर जाओ बना । +तरवार विसाई ने वेधा घर आवो बना । +वाणिला घर जाओ बना । +पाधां विसाई ने वेधा घर आवो बना ॥ +इस गीत में दूल्हे से कहा गया है कि तुम सिकलीगल तलवार बनाने वाले के घर जाओ और तलवार लेकर जल्दी घर आओ । महाजन के यहाँ जाओ और पगड़ी लेकर जल्दी घर आओ ।",bhili-bhb +"सेर बाजार रे घूमाटेन जा सरावेन +सेर बाजार रे घूमाटेन जा सरावेन +आवेण माय सूरतो वा सूरतो बान डूगू +चांदी सोना ओजावेजा सरावेन +साजे माय की साजाबा बान डूगू +ऐ सरावेन ऐ सरावेन +आंधा मायनी आंधा बा नी डूगू मा बोले +ऐ सरावेन ऐ सरावेन +आंधा माय डो आंधा बानी आकोज अरिको गोमगजा सरावेन +आंधा माय मांधा बानी आटा गोमरेज जा सरावेन +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"दादा जी नै गोद भरी मेवा सै +दाद जी नै गोद भरी मेवा सै +बापू जी ने गोद भरी मेवा सै +दादी जी नै रच रच हो मांग समारी +अम्मा जी नै रच रच हो मांग समारी +पूछत जनक कहो सिआ प्यारी +मामा जी ने गोद भरी लड्डूआं सै +फूफा जी नै गोद भरी लड्डूआं सै +मामी जी नै रच रच हो मांग समारी +बूआ जी नै रच रच हो मांग समारी +पूछत जनक कहो सिआ प्यारी",haryanvi-bgc +"कहमा बहैले कोसीमाय +कहमा बहैले कोसीमाय , +कहाँ लट हे झारले +कहमा कोसीमाय कयले सिंगार । +कमला नहैलों तिरहुत लट झारलों +गहबर कैलों सिंगार । +किअ देय समदव मैया कमलेसरी +किअ देय समदव कोसीमाय । +पान द���य समदव मैया कमलेसरी +पाठी देय समदव कोसीमाय । ।",angika-anp +"बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने न दिवाला बालेवा भाई +बालटेन घर में सोने न दिवाला बालेवा भाई +बालटेन घर में सोने न दिवाला बालेवा भाई +बाजंती घर में कांस की दिवाला हिन्दोरे +बाजंती घर में कांस की दिवाला हिन्दोरे +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"भादो रैन भयामन दिसि घन घेरे हे +भादो रैन भयामन दिसि घन घेरे हे । +रोहिनी नछतर1 तिथि अठमी , लाल गोपाल भेले हे ॥ 1 ॥ +किरीट मुकुट घनस्याम से कुंडल कान सोभे हे । +ललना , संख चकर2 गदा पदुम चतुर भुज रूप किए हे ॥ 2 ॥ +उर वैजयन्ती के माल से देखि रूप मन मोहे हे । +ललना , बिहसि के बोले भगमान , तोहर हम पुतर हे ॥ 3 ॥ +पूरुब जलम बरदान तेही से तोर कोख अयली हे । +ललना , जनि तुहि अरपहुँ डरपहुँ3 जसोदा घर धरि आहू हे ॥ 4 ॥ +छूटि गेले बंधन जंजीर तो खुलि गेलइ फाटक हे । +ललना , वसुदेव लेलन हरि के गोद पहरु सब सूतल हे ॥ 5 ॥ +बिहसि बोलल महराज , देव जनि डरपहु हे । +ललना लेई चलु जमुना के पार , कमर नहीं भींजत हे ॥ 6 ॥ +यह सुनि के वसुदेव जी जमुना के पार भेलन हे । +ललना , जसोदा घर बाजत बधाई , महल उठल सोहर हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"हां जी बमण बैठो अंगणा धी रै जमूंगी बमणा +हां जी बमण बैठो अंगणा धी रै जमूंगी बमणा +के सरिआ मारू के होलरा हो ललणा +धी रै जणै तेरी अगड़ पड़ोसण देवर जेठानी +तैं जणेगी ललणा +केसरिआ मारू . . . . . . . +ये नो ये दस मास होए सै जाम दिश ललणा +केसिरआ मारू . . . . +अन्य संबंधियों के नाम लेकर इसे आगे बढ़ा लिया जाता है",haryanvi-bgc +"225 +मसलत हीर दयां सौहरयां एह कीती मुड़ पेइड़े1 एह न घलनी जे +चाक मुड़ चम्बड़े विच सयालां एह गल कुसाक2 दी हलनी जे +आखर रन्ना दी जात बे वफा हुंदी जा पेईअड़ घरीं एह मलनी जे +वारस शाह दे नाल ना मिलनदेनी एह गल ना किसे उथलनी3 जे",panjabi-pan +"होजी नणदोई आया पावणा +होजी नणदोई आया पावणा +तमारी कईकई करूँ मनवार +नणदोई जी प्यारा आयाजी म्हारा यां पावणा +होजी तातो पाणी तो धरवाई देती +ना पीड़ो गयो परदेस नणदोई जी +रोटी तो बणाय देती +चूले लगाई गार नणदोई जी +झारी तो भरवाया देती +दासी रो दूखे हाथ नणदोई जी +ढाल्यो तो ढ़लवाय देती +म्हारा बाईजी गया रिसाय नणदोई जी +होजी ओरा आजो पावणा +तमारी फिर के करांगा मनवार +नणदोई जी प्यारा आयाजी म्हारा यां पावणा",malvi-mup +"विवाह गीत +मांदलया मांदलि वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । +तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । +मांदलया मांदलि वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । +तल्या तलि रे वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । +तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । +दुल्ग्या ढुलगि वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । +तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । +कुंड्या कूंडि रे वजाड़ रे , घड़िक नाचि भालां रे । +तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । +फेफर्या फफर्यो वजाड़ रे घड़िक नाचि भालां रे । +तारा हात मा चालो रे , मारा पाय मा चालो रे । +विवाह के अवसर पर स्त्रियाँ नृत्य करती हुई गीत गाती हैं +हे मांदल वादक हे थाली वादक हे ढोलक वाले नगड़िया वाले , शहनाई वाले भाई तुम सुरताल में बजाओ , हम थोड़ी देर नाच लें । तुम्हारे वाद्यों में सुरताल है और हमारे पाँव भी नृत्य करने के लिए थिरक रहे हैं ॥",bhili-bhb +"बीबी हमारी है चांद तारा +बीबी हमारी है चांद तारा +वो चांद तारा बर मांगती है +बर ढूंढण बाई जी का दादा जी निकसा +बर ढूंढण बाई जी का बापू जी निकसा +चांरू तरफ बर वे ढूंढते हैं +एफे पास के बन्ने भोत हैं । +बीए पास बर ओ मांगती है",haryanvi-bgc +"घुघुती ना बासा +घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा +घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा । +तेर घुरु घुरू सुनी मै लागू उदासा +स्वामी मेरो परदेसा , बर्फीलो लदाखा , घुघुती ना बासा +घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा । +रीतू आगी घनी घनी , गर्मी चैते की +याद मुकू भोत ऐगे अपुना पति की , घुघुती ना बासा +घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा । +तेर जैस मै ले हुनो , उड़ी बेर ज्यूनो +स्वामी की मुखडी के मैं जी भरी देखुनो , घुघुती ना बासा +घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा । +उड‌ी जा ओ घुघुती , नेह जा लदाखा +हल मेर बते दिये , मेरा स्वामी पासा , घुघुती ना बासा +घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा ।",kumaoni-kfy +"101 +मलकी गल सुनापवदी चूचके नूं लोक बहुत दिंदे बद दुआ मियां +बारां बरस महीं उस चारियां सी नहीं कीती सू चूं चरां मियां +हक खोह के चाए जवाब दिता महीं छड के घरां नूं जाह मियां +पैरीं लग के जाह मना ओहनूं मत पवी फकीर दी आह मियां +वारस शाह फकीर ने चुप वटी ओहदी चुप ही देगी रूढ़ा मियां",panjabi-pan +"364 +मेरे नाल की पाया ई वैर चाका मथा सौंकनां वांग की डाहया ई +ऐवें घूरके मुल��� नूं फिरे खांदा कदी जोतरा मूल ना वाहया ई +किसे जोगिड़े पकड़ फकीर कीतो अनजान ककूहड़ा1 फाया ई +बुढी बाप मां नूं रांेदड़ी छड आयों ओहदा अरश दा किंगरा ढाया ई +पेट रखके आपणा आप पाले किते रन्न नूं चा त्राहया ई +सुआह लाईया बानना उलट आई ऐवें कपड़ा चीथड़ा लाहया ई +वारस आखनी हां टल जाह साथों भौंदू2 साध लधोंदड़ा3 ई",panjabi-pan +"हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी +हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी , +मैत्थों कत्तिआ मूल ना जावे । +हुण दिन चढ़िया कद गुज़रे , +मैनूँ रातीं मुँह दिखलावे । +तक्कले नूँ वल पै पै जान्दे , +कौण लौहर लेआवे । +तक्कले तों वल लाह लुहारा , +मैंडा तन्द टुट्ट जावे । +घड़ी घड़ी एह झोले खान्दा , +छल्ली इक्क ना लाहवे । +पतिआँ नहीं जे बीड़ी बन्हां , +बएड़ हत्थ ना आवे । +चमड़िआँ नूँ चोपड़ नाहीं , +माहल पई भिरड़ावे । +तीली नहीं जो पूणी वट्टाँ +पिच्छों वच्छा गोहड़े खावे । +त्रिङण कत्तण कत्तण सइआँ , +बिरहों ढोल वजावे । +माही छिड़ग्या नाल मज्झीं दे , +हुण कत्तण किस ना भावे । +जित्त वल्ल यार उत्ते वल अक्खिआँ , +मेरा रूह उत्तेवल धावे । +गरज़ एह मैनूँ आण मिले , +हुण कौन वसीला जावे । +मैं मणाँ का कत्त ल्या बुल्ला , +जे सहु मैनूँ गल्ल लावे ।",panjabi-pan +"नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ +नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ +तागली जो घड़जे सोनी भाई , चांद का उजाळऽ +परण्यो निरखऽ दिवला री जोत । +नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ +हार जो घड़जो सोनी भाई चांद का उजाळ +परण्यो निरखऽ दिवला री जोत । +नीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ",nimadi-noe +"कथी लेेेॅ लगेलियै हे कोसी माय +कथी लेॅ लगेलियै हरिहर बीट बाँस हे +कथी लेॅ बढ़ेलियै हे कोसी माय +लामीलामी केसिया हे +कथी लेॅ कयलियै पातरे बलमुआ हे +कथी लेॅ पोसलियै जेठ भाय हे +खाय लेॅ लगैलिये हे कोसी माय +आमजामुन गछिया हे +गिरहि लेॅ लगैलियै हरिहर बीट बाँस हे +जूड़ा लेॅ बढ़ैलियै हे कोसी माय +लामीलामी केसिया हे +भोगे लेॅ जे कयलियै पातरे बलमुआ हे +लोकना जाय ले पोसलिये जेठ भय हे +खाइयो नै भेले हे कोसी माय आमजमुनमा हे +बान्हियों नै भेले गिरहि धर हे +तोहरे जे ऐनें हे कोसी माय +नामी केस टूटी भाँसले हे +तोहरे जे ऐनें पिया गेल परदेश हे +बड़ी देर लगलो रे मलहा , +भेलो देरे से कुबेर +रोयतें होइतै गोदी रे बलकबा +झट से पार देहि रे उतारी",angika-anp +"चिर्मी +चिरमी रा , +चिरमी रा , +चिरमी रा डाणा चार +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +चढ़ती ने दीखे मेड्तो +उतरती ने दीख��� अजमेर +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +चढ़ती रो चमक्यो चुडलो सा +उतरती ने चमक्यो नोसर हार +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +चिरमी बाबोसा री लाडली सा +चिरमी बाबोसा री लाडली सा +या तो दौड़ी दौड़ी पीहर जाए +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +म्हारी पीहरियारी रे चुनडी सा +म्हे तो ओडूं वार त्यौहार +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +ऊपर रे डाले म्हारा जेठजी सा +काईँ नीचले डाला भरतार . . . +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +के वारि जाऊं चिरमी ने +के वारि जाऊं चिरमी ने +के वारि जाऊं चिरमी ने",rajasthani-raj +"मै देख आई गुइया री +मैं देख आई गुइयां री , +जे पारबती के सैंया +सांप की लगी लंगोटी , +करिया चढ़ो , कंधइयां री , +जे पारबती के सैयां । +गांजे भांग की लगी पनरियां , +पीवें लोग लुगइयां री , +जे पारबती के सैयां । मैं देख . . . +साठ बरस के भोले बाबा , +गौरी हैं लरकइयां री , +जे पारबती के सैयां । मैं देख . . . +तुलसी दास भजो भगवाना , +हैं तीन लोक के सैयां री , +जे पारबती के सैयां । मैं देख . . . +मैं देख आई गुइयां री , +जे पारबती के सैयां । मैं देख . . .",bundeli-bns +"मेहा बरसने को है शाबास +मेहा बरसने को है शाबास +बादल गरजने को है शाबास +बिजली चमकने को है शाबास +जच्चा तूने बिछियां पेरिया आज +सुवाग बड़ाने को शाबास +जच्चा तूने तोड़ा पेरिया आज +पिया के जगाने को शाबास +जच्चा तूने चुड़िलो पेरिया आज +पिया के रिझाने को शाबास +जच्चा तूने बेटा जाया आज +बंस बढ़ाने को शाबास +जच्चा तूने पीड़ी जाई आज +साजन बुलाने को शाबास",malvi-mup +"काहे कटोरी तेरा उबटन हाँ जी बेटी, काहे कटोरी है तेल +काहे1 कटोरी तेरा उबटन हाँ जी बेटी , काहे कटोरी है तेल । +सोने कटोरी है तेरा उबटन , और रूपे कटोरी है तेल ॥ 1 ॥ +कौन लगावे तेरा उबटन , हाँ जी बेटी , कौन लगावे तेल । +दादी लगावे उबटन हाँ जी बेटी , नानी लगावे तेल ॥ 2 ॥ +सहानी लाड़ो2 कौम लगावे तेल । +अम्माँ , लगावे तेल हाँ जी लाड़ों , चाची लगावे तेल ॥ 3 ॥ +बाली3 भोली कौन लगावे तेल । +हाँ जी बेटी , कौन लगावे उबटन , कौन लगावे तेल ॥ 4 ॥",magahi-mag +"खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म +खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म । +इस वेहड़े विच्च आला सोंहदा , +आले दे विच्च ताकी । +ताकी दे विच्च सेज विछावाँ , +नाल पीआ संग रातीं । +इस वेहड़े दे नौ दरवाजे़ , +दसवाँ गुप्त रखाती । +ओस गली दी मैं सार ना जाणा , +जहाँ आवे पीआ जाती । +इस वेहड़े विच्च चरखा सोंहदा , +आले दे विच्च ताकी । +आपणे पीआ नूँ याद करेसाँ , +चरखे दे हर फेरे । +इस वेहड़े विच्च मकना1 हत्थी , +संग�� नाल कहेड़े । +बुल्ले शाह फकीर साईं दा , +जागदिआँ को छेड़े । +खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म । +खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म ।",panjabi-pan +"इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला +इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला , +इस वेले बाबल जागे पुण करने दा वेला , +बाबल पुण करे दान करे गंगा दा इसनान करे , +नाल लिआवे वरघर पुण कने दा वेला । +इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला , +इस वेले भैया जागे पुण करने दा वेला , +भैया पुण करे दान करे गंगा दा इसनान करे , +नाल लिआवे दाजो पुण करने दा वेला । +इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला , +इस वेले चाचा जागे पुण करने दा वेला , +चाचा पुण करे दान करे गंगा दा इसनान करे , +नाले लैआवे गुलियाँ पुण करें दा वेला । +इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला , +इस वेले मामा जागे पुण करने दा वेला , +मामा पुण करे दान करे गंगा दा इसनान करे , +नाले लै आवे चूड़ा पुण करने दा वेला ।",panjabi-pan +"गोखुला में बाजले बधइया तो अउरो बधइया बाजे हे +बधैया +गोखुला में बाजले बधइया1 तो अउरो बधइया बाजे हे । +ललना , जलमल सीरी2 नंदलाल , नंद घर सोहर हे ॥ 1 ॥ +सोने के हँसुआ बनायम , 3 गोपाल नार4 छीलम5 हे । +ललना सोने के चौकिया6 बनायम , किसुन नेहलायम7 हे ॥ 2 ॥ +पीयरे8 बस्तर9 अंग पोछम , पीतामर पहेरायम10 हे । +पइरबा11 में पइजनी पहरायम , गोपाल के नेहलायम हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"चालो गजानंद (विवाह गीत) +चालो गजानंद जोसी क्याँ चालाँ +चालो गजानंद बजाजी क्याँ चालाँ +कई आछाआछा लगनाँ लिखावाँ गजानंद +कोटारी गाद्धी पे नोबत बाजे । +नोबत बाजे इंदर गड़ गाजे +नोबत बाजे इंदर गड़ गाजे +तो झीणीझीणी झालर बाजे गजानंद +कोटारी गादी पे नोबत बाजे । +चालो गाजानंद सोनी क्याँ चालाँ +चालो गजानंद माली क्याँ चालाँ +तो आछाआछा गेणा मोलवाँ गजानंद +तो आछाआछा सेवरा मोलावाँ गजानंद +कोटारी गादी पे नोबत बाजे । +इसी तरह शादी में दूल्हादुल्हन से जुड़ी चिज़ों के नाम लेतेलेते यह गीत लम्बा होता चला जाता है ।",malvi-mup +"शेरो पे हो गई सवार सवार महारानी +शेरों पे हो गई सवार , सवार महारानी । +माली पे हो गई दयाल , दयाल महारानी । शेरों . . . +शेरों सवार मैया महलों गई थीं +राजा पे हो गई दयाल , दयाल महारानी । शेरों . . . +शेरों सवार मैया मंदिर गई थीं +भक्तों पे हो गई दयाल , दयाल महारानी । शेरों . . . +शेरों सवार मैया मेरे घर आओ +हम पे भी हो जाओ दयाल । शेरों . . .",bundeli-bns +"विवाह गीत +हांव ते काठी विछण गयली व झारी वणझारी । +हांव ते काठी विछण गयली व झारी वणझारी । +काला विछु ने चढकायो व झारी वणझारी । +काला विछु ने पटकायो व झारी वणझारी । +मिं ते काठी विछण गयली व कालो विछु ने चटकायो । +मारो जेठ उतारे मारी जेठाणी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो जेठ उतारे मारी जेठाणी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो देवर उतारे मारी देवराणी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो देवर उतारे मारी देवराणी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो सेसरो उतारे मारी सासूजी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो सेसरो उतारे मारी सासूजी कुरकाय व झारी वणझारी । +मायो सायबो उतारे विछु सेड़ो सेड़ो उतरे व झारी वणझारी । +मायो सायबो उतारे विछु सेड़ो सेड़ो उतरे व झारी वणझारी । +मिं ते काठी विछण गयली , काला विछु ने चटकायो व झारी वणझारी ॥ +मैं तो काठी चुनने को गई थी । काले बिच्छू ने काटा । मेरा जेठ उतारे , मेरी जेठानी नाराज होती है । मेरा देवर उतारे , मेरी देवरानी नाराज होती है । मेरे ससुर उतारे , मेरी सास नाराज होती है । मेरे स्वामी उतारते हैं , तो बिच्छू सरसर उतरता है ।",bhili-bhb +"लोहड़ी का गीत +पंजाब में लोहड़ी त्यौहार आने के कई दिन पहले युवा लड़केलड़कियां द्वार द्वार पर जा कर गाना गा गा कर लकड़ियाँ तथा मेवा मांग कर इकट्ठा कर लोहड़ी की रात आग जला कर नाचते गातें व फल मेवा खाते हैं । +कंडा कंडा नी लकडियो कंडा सी +इस कंडे दे नाल कलीरा सी +जुग जीवे नी भाबो तेरा वीरा सी , +पा माई पा , काले कुत्ते नू वी पा +कला कुत्ता दवे वदायइयाँ , +तेरियां जीवन मझियाँ गईयाँ , +मझियाँ गईयाँ दित्ता दुध , +तेरे जीवन सके पुत्त , +सक्के पुत्तां दी वदाई , +वोटी छम छम करदी आई ।",panjabi-pan +"लीला लीम की लिम्बोली पाकीजी +लीला लीम की लिम्बोली पाकीजी +सावण फेर आयेगा +दाऊजी दूर मती दीजो +माता नई बुलावेगा",malvi-mup +"अँखिआ त हवऽ दुलरू रतन के जोतवा +अँखिआ त हवऽ1 दुलरू2 रतन के जोतवा3 ओठवनि4 चुअले5 गुलाब हे । +अतिना6 सुरति7 तोरा हलवऽ8 दुलरू , कउना बिधि रहलऽ कुआँर9 हे । +बाबा जे हमर दर रे देवनियाँ10 पितिया11 जोतले12 कुरखेत13 हे । +भइया जे हमर जिरवा लदनिया14 ओहे बिधि रहली कुआँर हे ॥ 2 ॥ +बाबा जे छोड़लन दर रे देवनियाँ , पितिया छोड़लन कुरखेत हे । +भइया जे छोड़लन जिरवा लदनियाँ , अब मोरा होएत बियाह हे ॥ 3 ॥ +केकर नदिया हे झिलमिल पनियाँ , केकर नदिया में बहले सेवार हे । +केकर नदिया में चेल्हवा15 मछरिया , कउन दुलहा नावे16 जाल हे ॥ 4 ॥ +सासु के नदिया में झिलमिल पनियाँ , ससुर के ��दिया बहले सेवार हे । +सरवा17 के नदिया चेल्हवा मछरिया , कवन दुलहा नावे जाल हे ॥ 5 ॥ +एक जाल नवलऽ18 दुलहा दुइ जाल नवलऽ , बझि गेलबऽ19 घोंघवा20 सेवार हे । +तीसरहिं जलवा जब नवलऽ दुलरू , बझि गेल कनिया21 कुआँर हे ॥ 6 ॥ +कउना रिखइया22 के हहु तुहूँ नाती परनाती हे , कउना रिखइया के हहु तुहूँ पूत हे । +कउने भरोसे23 तुहूँ जलवा लगवलऽ , कहवाँहिं बेख24 तोहार हे ॥ 7 ॥ +कवन सिंह के हीं25 हम नाती परनाती , कवन सिंह के हम पूत हे । +जँघिया भरोसे26 हम जलावा लगवली , कवन पुर बेख हमार हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"मेरा राँझा हुण कोई होर +मेरा राँझा हुण कोई होर । +तखत मनव्वर बाँगाँ मिलीआँ , +ताँ सुणीआँ तखत लाहौर । +इशके मारे ऐवें फिरदे , +जिवें जंगल दे विच्च ढोर । +राँझा तखत हज़ारे दा साईं , +हुण ओत्थों होया चोर । +बुल्ला शाह असाँ मना नाहीं , +कबर धाए कोई होर । +मेरा राँझा हुण कोई होर ।",panjabi-pan +"ईसुरी की फाग-12 +इक दिन होत सबई का गौनों +होनों औ अनहोंनों । +जाने परत सासरें साँसऊँ +बुरऔ लगै चाय नौंनों +जा ना बात काउ के बस की +हँसी मचै चाय रौंनों +राखौ चायें जौनों ईसुर +दयें इनईं भर सोनों ।",bundeli-bns +"हलबल हलबल नदी बह सै +हलबल हलबल नदी बह सै +रायजादा न्हाण सिंजोया जी राज +गैर बखत मत न्हाओ रायजादा +कठिन कठारो होय सै जी राज +सांझ बखत थम रायजादा न्हाओ +रायजादा बात सुगन को होय सै जी राज +किसीयां को सै रतन कचोड़ी +किसयां का सै मोतीडारां हार जी राज +समधी को सै रतन कचौड़ी +बन्ना जी का सै मोतीडारां हार जी राज +हार सोहबे हीबड़े के ऊपर +मोतीडा लेंगा झिलारा जी राज",haryanvi-bgc +"ओरै धोरै धरी दातनां +ओरै धोरै धरी दातनां +ये भरपाई तेरी साथनां +ओरै धोरे धरी दातनां +जीवो भरपाई तेरी साथना",haryanvi-bgc +"दुअरे अवइते समधी लवँग गमल हे +दुअरे अवइते1 समधी लवँग गमल2 हे । +मड़वा अबइते कपुसार3 हे । +धन धन रसोइया तोरा कवन साही । +समधी अइले जेवनार हे ॥ 1 ॥ +दुअरे अवइते समधी लवँग गमकल हे । +मड़वा अवइते कपुसार हे । +धन धन रसोइया तोरा कवन साही । +समधी अइले जेवनार हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"सूरज कौंल (सूरज कुँवर) +सजैदे बखड्या घोड़ी कांसी का घूंघर , +घोड़ी को पैरेदे मेरी नेओरी की माला । +सजयाले सूरजूतिना सरपेंच कलंकी , +पैर्याले कुंवर तिन बखतरो जामो । +काँघि माँ धर्याले तिन चौंसी को गलेप , +धर्माले बगल तिन , पैनी समशीर +सजीगे सूरजू आज कांठ सी सूरज , +ह्वेगये कुंवर झट घोड़ी को सवारी । +मार्याले घोड़ी को तिन निगुरो कुरडा , +तेरी घोड़ी जै लागी बाला ��ीं काली बदली । +तेरी घोड़ी पहुँची बाला सूरज मंडल , +तेरी घोड़ी पहुँची गे , बाला वे मेघ मंडल । +तेरी घोड़ी यैगये बाला वीं थाली चौरडी । +पौंछिगे1 सूरजू आज नागणीं का सेरा2 , +मिलीगे कुंवर त्वीकू हिमा मारछयाल । +त्वीकुणी कुंवर हिमा बुझौंणी बुझौंद , +नागणीं का सेरा बाला चुड़ीणू का घेरा , +मल्यो रंग घोड़ी तेरी धावड़ी लगौंद । +नौ दिन नौ राति रैगे नागिण्यों का घेरा , +बिपदा का मारा जादू गुरु का सुपीना । +रैगउं गुरजी आज चुड़ींण का घेरा , +फूक्याले गुरु न गाड़ी धुनी की बभूत । +चचड़ैकी उठी बालो बबरैकी बीजे , +गाड्याले कुंवर तिन नंगी समशीर , +मार्याले कुंवर तिन रांड कि चुड़ीण । +घोड़ी को सवार पौंछी3 उचां खैटाखाल , +धार मा बैठीक तिन आसण लगाये । +खैटाखाल रौंदी बाला खैट की अछरी4 , +बजौण सूरजू बैठी नौसुर बांसुरी : +मुरली की धुन पौछी धार वार पार , +मुरली को सुर पौछी आछरयूं का कान , +नौछमी मुरली बाजी अनमनी भाँति , +डांडि कांठी गूँजी गये मुरली को सुर । +सूणीं सूणीं सुरसौरी बेसुध ह्वेगेना , +को ह बोलू हौंसिया5 इनो बंसी को बजैया +अछरी निमानी यैने सूरजू का पास , +राणियूं को रसिया छैंठे फूलू को हौंसिया । +नौदिन नौराति रैग आछिरयूं की फेरा , +आछिरयूं तैं बाला तब बुझोणी बुझौंद , +मैंन जाणा दगड्यों6 आज बालुरी भौटन्त , +मैंन लाणा दगडूँयों आज जोतरा को डोला । +मौटेन्त औलू रौलो भी तुम्हारा पास , +पौछिगे सूरजू हुणियों का देश , +एक खुट्यू को राज जौकि बोली निबिगींदी । +फेंक्याले सूरजू तिन पजाबी चुंगटी । +पोड़िगे राक्सु जख मां काली को ज्वाप , +तेरी घोड़ी पहुँची में तब बिषैली कांठी , +नौ दिन ह्वैगेन तब त्वीकू विष लागी गेयै । +एक हड़ सूरजू तेरा किरम पड़ी गेना , +तब जांद सूरजू फेर गुरु का सुपीना +रैगउं गुरु जी आज बिषूली कांठ्यूं । +गाड़ी याला गुरु न संजीवनी विद्या , +हैंसदाज्यूँ दाल7 बालों बबरैकि बीज , +तेरी घोड़ी जैलागी गैरी रुंदरी । +तेरी घोड़ी पौछिगे बाला वे बांका भोटन्त , +जै लाग्या कुंवर बालां ताता लूहागढ़ । +चान्दनी का चौक बाला घुड़दौड़ लगौंद , +देख्याले सूरजू तिना भावी को बंगला । +नजरु ये गये त्वीकू राणी जोतमाला , +नजरु यैगये बाँकू घोड़ी को सवार । +जाधऊँ हे छोरी स्वारा पूर्व की मोरी , +को बैख यैहोलो मेरी चान्दनी का चौक । +ओडू येजादी मेरी आज स्वारा छोरी , +ल्ही औदी सूरजू मेरा छतीश अवासू । +बैठिगे कुंवर जैकि सुतरी8 पलंग , +त्वी सणी जोतर�� बाला बोली मरदी । +तब बैठी पलंग पैली पांसा खेली याला , +गाड़ीने जोतरा तीन हार जीत पांसा । +रांड की जोतरा पैली भोजन दीयाला , +नौ दिन ह्वेगेना मिना भोजन नी जीम्यों । +भोजन जिमै की खेल हार जीत पांसा । +बणैन जोतरा तिन बावन बिजन9 , +निर्पाणी10 की खीर सौर सदबेली घिऊ । +औ बाला सूरजू झट भोजन जीम्याल , +भोजन जीमिकि गाड़े हार जीत पांसा । +गाड़ीन जोतरा तिन हस्ती दाँत पाँसा , +खेलण बैठीगे बाला पांसड्यों को खेल , +खेलदखेलद नौ दिन ह्वेई गेना । +खेलदखेलद हारमान होइगे , +बोलद सूरजू भारी प्यास लगीगे । +जाधऊं तू स्वाणीं छोरी जल लेऊ भोरी , +हरगिज नी पिऊँ पाणी छोरी को लयूं । +अपणा हाथ को पाणी मीं तै पिलै याल , +तब लौंद जोतरा भैर11 जेकी जल भोरी । +झट उठे सूरजू बैठे जीत की तरफ , +पैलेपैले12 को दऊं डाले धरती का नऊं , +दूजो दंऊ डाले पंचदेवों का नऊँ । +तीजो दऊं जीते तिन धन दी दरब , +चौथी दऊं जीते तिन भावी को बंगला । +पांच्चीं दऊं जीते तिना राणी जोतमाला , +जै लाग्ये , जोतरा बालो नौरंग तिवारी । +राणी का आवास मा जांदा छतीस भवन , +पैर्याले जोतरा तिन ल्होसेडो घाघरो । +पैर्याले जोतरा तिन मखमखी आंगी , +धर्याले शिर मा तिन पामड़ी दुशालो । +पाये का पोलियां पैर्या शिर शीसफूल , +तेरा नौ कू सूरजू मिना स्वाँग धरियाले । +यैगये जोतरा तब गगन सोड्यूं पर , +पौछिगे जोतरा जैकि चाँदनी का चौक । +तेरा बाना जोतरा छोड़े नौ लाख कैतुरा , +सजी गये जोतरा तेरो औला सारी डोला । +मार्याले घोड़ा कू तिना निगुरों कुरड़ो , +पोछिगे सूरजू यैको नौ लाख कैतुरा । +तेरी घोड़ी पोंछिगे बाला भीमली बजार , +पौछिगे भीमली बाला जोतरा को डोला । +धर्याले जोतरा राणी छतीसू अवास , +नौलाख कैतुरा तैका मांगल गयेला । +बाजली भीमली आज आनन्द बधाई । +नौरंग तिवारी तख हास बरेंद , +बुलायें सूरजू तिन भुली13 सूरजी , +घर बौड़ी14ह्वेऊं भुली राजे दैजो ल्हीजा । +दियाले सुरजी त्वीक द्वी बैलों की जोड़ी , +गायूं गोठियार देई बाखुरियों की ताँदी +तू हवेली सूरजू सोंचो सिंहणो को जायो ।",garhwali-gbm +"तुमनें मोह टोर दऔ सँइँयाँ +तुमनें मोह टोर दऔ सँइँयाँ , +खबर हमारी नँइँ याँ । +कोंचन में हो निपकन लागीं +चुरियँन छोड़ी बहियाँ । +सूकी देह छिपुरिया हो रई +हो गए प्रान चलैयाँ । +जो पापिन ना सूकीं अंखियाँ +झर झर देत तलैयाँ । +उनें मिलादो हमें ईसुरी +लाग लाग के पैंयाँ ।",bundeli-bns +"बादल देख डरी सखी री बादल देख डरी +बादल देख डरी सखी री बादल देख डरी +कालीकाली घटा उमड़ आई , +बरसत झरीझरी । सखी री . . . +जित जाऊं उत पानीपानी +भई सब भूमि हरि । सखी री . . . +फूले फूल क्यारिन बगियन , +लगे सुहावन खेत सखी री । सखी री . . . +मेरे पिया परदेश बसत हैं , +चैन न एक घरी । सखी री . . . +आ जावें परदेश से प्रीतम , +ऐसो करो जतन तो कछु री । बादल . . . +मैं तो राह तकत हूं पिया की , +द्वारे खड़ी खड़ी । सखी री . . .",bundeli-bns +"मैं होरी कैसे खेलूँ री +मैं होरी कैसे खेलूँ री जा साँवरिया के संग रंग मैं होरी +कोरेकोरे कलश मँगाये उनमें घोरौ रंग । +भर पिचकारी ऐसी मारी चोली हो गई तंग ॥ रंग में . +नैनन सुरमा दाँतन मिस्सी रंग होत भदरंग । +मसक गुलाल मले मुख ऊपर बुरौ कृष्ण कौ संग ॥ रंग में +तबला बाज सारंगी बाजी और बाजी मृदंग । +कान्हा जी की बाँसुरी बाजे राधाजी के संग ॥ रंग में +चुनरी भिगोये , लहँगा भिगोये छूटौ किनारी रंग । +सूरदास कौ कहा भिगोये कारी कामर अंग ॥ रंग में",braj-bra +"पिळो रंगावो जी +पाँच मोहर को साहिबा पिळो रंगावो जी +हाथ बतीसी गज बीसी गाढा मारू जी +पिळो रंगावो जी +दिल्ली सहर से साईबा पोत मंगावो जी +जैपर का रंगरेज बुलावो गाढा मारू जी +पिळो रंगावो जी +पिला तो पल्ला साईबा बन्धन बन्धाऊँ जी +अध बीच चाँद चपाऊँ गाढा मारू जी +पिळो रंगावो जी +रंग्यो ऐ रंगायो जच्चा होया संजोतो जी +पण बेरे माएं पकडायो जी गाढा मारूं जी +पिळो रंगावो जी +पिळो तो औढ़ म्हारी जच्चा पाटे पर बैठी जी +दयोराणी जेठाणी मुखड़ो मोड्यो गाढा मारूं जी +पिळो रंगवो जी +पिळो तो औढ़ म्हारी जच्चा सर्वर चाली जी +सारो ही सहर सरायो गाढा मारू जी +पिळो रंगावो जी",rajasthani-raj +"पंखिडा रे उड़ी जाजे पावागढ़ रे +पंखिडा रे उडी ने जाजो पावागढ़ रे +मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +मरी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +ओला गाम न सुथारी वीरा वहला आवो रे . . . +मारी महाकाली ने माटे रुडो बाजोट लावो रे +मारी कालका मां ने रुडो बाजोट लावो रे . . +सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे +मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . . +ओला ओला गाम न रे मणीहारा वीरा वहला आवो रे +मारी महाकाली ने माटे रुडो चुडलो लावो रे +मारी कालका माँ ने माटे रुडो चुडलो लावो रे +सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे +मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . . +ओ���ा गाम न रे सोनिडा वीरा वहला आवो रे +मारी महाकाली न माटे रूडा झांझर लावो रे +मारी कालका मां ने रूडा झांझर लावो रे +सारा लावो सुंदर लावो वहला आवो रे +मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . . +ओला गाम ना रे दोशिडा वीरा वहला आवो रे +वीरा वहला आवो रे +मारी महाकाली ने माटे रूडी चुंदरी लावो रे +मारी कालका माँ ने काल रूडी चुंदरी लावो रे +सारी लावो सुंदर लावो वहला आवो रे +मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . . +ओला गाम ना रे कुम्भारी वीरा वहला आवो रे +मारी महाकाली ने माटे रुडो गरबो लावो रे +मारी कालका माँ ने काल रुडो गरबो लावो रे +सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे . . +मारी महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे . . . +पंखिडा रे ओ पंखिडा रे . . .",gujarati-guj +"सरौता कहाँ भूलि आये प्यारे नन्दोइय़ा +सरौता कहाँ भूलि आये प्यारे नन्दोइय़ा +सास खाए बर्फी ननद खाए प़ेड़ा +मैं बेचारी रबड़ी खाऊन +दोना चाटे सैय्याँ सरोता +सास को लाये एटलस ननद को मखमल +मैं बेचारी रेशम पहनूं +टाट लपेटे सैय्याँ सरोता +सास म्हारी रिक्शा चाले नन्द चढ़े तांगा +मई बेचारी मोटर चालूँ +पैदल चाले सैय्याँ सरोता +सासू म्हारी खटिया सोवें ननन्द बिछोना +मैं बेचारी पलन्गा सौउं +भुइयां सोवें सैय्यां सरोता",awadhi-awa +"जौ जी रजऊ रजऊ के लानें +जौ जी रजऊ रजऊ के लानें +का काऊ सें कानें । +जौं लों जीनें जियत जिन्दगी +रजऊ के हेत कमानें । +पेले भोजन करें रजऊ आ , +पाछे कें मोय खानें । +रजऊ रजऊ कौ नाँव ईसुरी +लेत लेत मर जानें ।",bundeli-bns +"78 +मखण खंड पराउंठे खाह मियां मझीं छेड़ रे रब्ब दे आसरे ते +हस खेड रंझेटिआ जाल मियां गुजर आवसी दुध दे कासड़े ते +हीर आखया रब्ब रजाक1 तेरा मियां जाईं ना लोकां दे हासड़े ते +मझीं छेड़ देवीं झल विच झंगडे2 दे आप हो बहीं इक पासड़े ते",panjabi-pan +"विदाई गीत +सासरे केलवता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +माय के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +बास के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +भाइ के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +भोजाइ के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +बहणिस् के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +बणवि के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +फुवाक के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +फुई के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +विदाई हो रही है आँगन में पहुँचने पर वर पक्ष की महिलाएँ गीत में कह रही हैं लाड़ी तुझे ससुराल अच्छा नहीं लगेगा । माता , पिता , भाई , भावज , बहिन , बहनोई , फूफा और बुआ को छोड़ते हुए तुझे अच्छा नहीं लगेगा ।",bhili-bhb +"मेरी पींघ तले री लांडा मोर +मेरी पींघ तले री लांडा मोर +रे बीरा बारी बारी जां +मैं तो लाऊंगी मेरे बीरै के हाथ +रे बीरा बारी बारी जां +मीट्ठी तो कर दे री मोस्सी कोथली , सामण री आया गूंजता +जाऊंगी री मेरी बेब्बे के देस , सामण री आया गूंजता +किसीयां के दुख में बेब्बे दूबली +किसीयां नै बोल्ले सैं बोल , सामण री आया गूंजता +सासड़ के दुःख में बीरा दूबली +नणदी नै बोले सैं बोल , सामण री आया गूंजता +नणदी ने भेजांगे बेब्बे सासरै +सासू नै चक लगा राम , सामण री आया गूंजता",haryanvi-bgc +"सिंहनाद +पैलि गढ़देश त्वीकू नमस्कार छ । +तेरि हम पर दयादृष्टी अपार छ । +तेरि दया म हमकू बड़ी मौज छ । +वीरपुत्र की तेरी खड़ी फौज छ । +पैलि उन्नीस सौ पन्द्र का लाम मा । +जर्मनीफ्रांस का घोर संग्राम मा । +सातसागर तरी देश का का कू । +जाति का और ब्बे1 बाबु का नाम कू । +ये गया बेधड़क बैठि की जाज मा । +देरि ही नी करे राज का काज मा । +लोग ब्बेबाबु भी छोड़ि गैने इख । +घर क्वी भागि ही लौटि ऐने इख । +फ्रांस की भूमि जो खून से लाल छ । +उख लिख्यूं खून से नाम गढ़वाल छ । +रैंदि चिंता बड़ौं तैं बड़ा नाम की । +काम की फिर्क रैंदी , न ईनाम की । +‘राठ’ मा गोठ गौं को अमरसिंह छयो । +फ्रांस को लाम मा भर्ति ह्वै की गयो । +ज्यौं करी घर मूँ , लाम पर दौड़िगे । +फ्रांस मां , स्वामि का काम पर दौड़िगे । +नाम लेला सभी माइ का लाल को । +जान देकी रखे नाम गढ़वाल को । +शास्त्र मा कृष्ण जी को लिख्यूँ साफ छ । +धर्म का वास्ता खून भी माफ छ । +न्याय का वास्ता सैरि दुनिया लड़े । +भाइ तें भाइ को खून करनो पड़े । +आतमा अमर छ , बीर नी मरदन । +शोक ऊँ कू किलै खामखाँ करदन । +रणम करन से मिलदो स्वर्गधाम छ । +जीत ह्वैगे त होन्दो अमर नाम छ । +भार्या वे कि छै देवकी नाम की । +वा सती छै बड़ी भक्त ही राम की । +स्वामिजी तब बटी2 लाम पर ही रया । +चिट्ठी भी वो कभो भेजदा ही छया । +जब कभी स्वामि की चिट्ठी आंदी छई । +देवकी वींवीं सब्यूं मू पढ़ांदी छई । +चिट्ठी सुणी खुशी हूँदि दै देवसु । +स्वामि की याद से रुंदि छै देवकी । +सासुससुरा कि सेवा म रांदी छई । +कै का मुख पर नजर ��ी लगांदी छई । +स्वामि का नाम को व्रत लेंदी छई । +भूखाप्यासौं तई3 भीख देंदी छई । +जब कभी स्वामि की याद आंदी छई । +रातदिन रुंदि रुंदि बितांदी छई । +स्वामिजी छन म्यरा4 फ्रांस की लाम मा +घर छौं भी अफू लोलि आराम मा । +वो न जाणे कया कष्ट सहणा छन ? +या कखी भूखाप्यासा हि रहणा छन । +पेटमोरी कि या भी नि खांदी छई । +रात दिन स्वामि की सोच रांदी छई । +एक दिन वो छया घर मु जब छया । +हैंसदाखेलदा ही कना दिन गया । +भूख नी छै हमू प्यास नी छै कभी । +रात दिन प्रेम पूर्वक बितैने सभी । +हाय भगवान वे जर्मनी को मरे । +पापि न या किलै घौं लड़ाई करे । +साथ का लोग घर बौड़ि5 गैने सभी । +वो न जाणे लिै की नि ऐने अभी । +चिट्ठी भी भौत दिन से नि आई इख । +तब बटी कुछ खबर भी निपाई इख । +ऊँकि चिट्ठी किलैक नि आंदी होली ? +काम से सैत6 फुरसत नि रांदी होली ? +घर च जो अफू लोलि आराम मा +वा क्या जाणो कि क्या बीतदीं लाम मा । +चैत भी बौड़ि बौड़ीक ऐगे इख । +देवकी बाठा देखो कि रेगे इख । +डांडिकांठी सभी हैरि ह्वैने चुचों । +डालिबूटी सभी मोलि गैने चुचों । +घुगति भी लाम से लौटि ऐने इख । +फूल कै भाति का फूलि गैने इख । +चन्द्रमा को जबौं लौअि ऐगे कभी । +रौतु को नौनु भी घर ऐगे अभी । +देवि दैव्तौं तई भी मनांदी छई । +रात दिन वा पुछारू पुछांदी छई । +पुछणु कू बाट का बट्बै मू गये । +औंदा जांदौं तई पूछदी वा रये । +रात दिन एक सी बितांदी छई । +हर घड़ी स्वामि की सोच रांदी छई । +पर लिख्यूँ भाग मा जोकि जैका रयो । +फिर वही अंतमा ह्वै कि रहणो छयो । +फ्रांस से मौत को तार छूटी गये । +”देवकी को बलभाग फूटी गये“ । +आदमी सोच दो त बड़ी दूर छ । +हून्द वी जो विधाता कु मंजूर छ । +वैन जो कुछ करे न्याय , सहणो पड़े । +सबकु मजबूर चुपचाप रहणो पड़े । +रोज दुखः सुख इथा ? आप सहणा छवाँ । +एक दिन , जब जरा घाम छौ धार7 मा । +रूम्कै8 पड़णी छई सैरि9 संसार मा । +बोण10 का गोरु जब घअर आणा छया +पंछि अपड़ा बसेरों मु जाणा छया । +गौंकि सब बेटिब्बारी11 मि धाणी12 बटी13 । +रमकदीझमकदी14 घासपाणी बटी । +क्वीं थकीं , क्वीं डरीं , क्वीं कणाणी छई । +भारि कै15 बै करी घअर आणी छई । +घअर मू कैकि सासु खिजेणी16 छनअ । +जो नि देणो इनी मैकि देणी छनअ । +क्वो करवी दूदिको नोनु17 रोणू छयो । +यां परै द्वी झणों18 झगड़ा होणू छयो । +क्वी पंदेरी19 पंदेरा मु आणी छई । +वाजि20 लमडेर21 , जन्दी22 लगाणी छई । +कुटणु कू ब्वारिभारी ल्हि जाणी छनअ । +क्वी झणो गौड़िभैंसी पिजाणी23 छनअ । +ज्वान जोरा ��माखू उडाणा छया । +बूडबुड्डया मि बरड़ांद24 जाणा छया । +मौज हूणी छई इनि जबारी उखअ +काबुली एक ऐगे तबारी उखअ । +लम्बु भारी बदन एक चोला छयो । +हींग देंदो रुप्ये एक तोला छयो । +कैरणी25 आंखि , मैलोकुचैलो बड़ो । +भूतसी , ऐकि सोंदिष्ट26 ह्वेगे खड़ो । +आज तक जो क्या सूणि छै जै न भी । +भूत सैंदिष्ट देखी नि छो कैन भी । +देखि तै छोटा छोरा भग्या रात मा । +आज क्या हूणिजाणी ण , परमात्मा । +नौनु व ेदखि ; की एक रोये जबअ । +बूडबुड्यों को यो हुक्म होये तबअ । +रात रहणू जगा तै नि देलो कईअ । +नौनु सैंल्यूंपल्यूं27 जी छले लो28 कुई । +दूर गौं से अलग एक कूड़ो29 छयो । +घअर , तैं रात बती आदमी नी रयो । +देवकी एक विधवा विचारी छई । +वा अफी पापि किस्मत कि मारी छई । +स्वामि का नाम को व्रत ल्हेंदी छई । +भूखाप्यासों तई भीख देंदी छई । +चौक मा काबुली पोंछि ऊंका गये । +पापि बाकारुणा30 कैकि रोणू रये । +”दीदि देदे जगा आज की रात ही । +फेर चलि जौलु मी मोलपरभात ही“ +भोलिभालि , कपटछल नि जणदी छई । +हौरू को दिल भि अपणोंसि गणदी छई । +छै दयावन्ति घ्ज्ञरकी अकेली रई । +खालि छो ओबरो31 बोड32 रांदी छई । +ओबरा का किनारा जगा रात मा +पेट भोरी मिले खाणु भी साथ मा । +जबकि संसार समसूत33 ह्वेगे छई । +कुक भुकणा छया दूर , गौं मा कई । +गाड34गदरों कु स्वीं स्याट होणू छयो । +सालि35 का मूड़ि36 की स्याल् रोणू छयो । +सैरि संसार आराम पाणी छई । +नींद पर काबुली तैं नि आणी छई । +खड़उठी वो , सुरक भैर आणू छयो । +बौड की देलि भू बैठि जाणू छयो । +आंदोजांदो छयो द्वार भी खेल दो । +देकि धक्का , छयो रोष मा बोल दो । +जो भलो चांदि तब खोलिदे द्वार तू । +खांमखां केकु खांदी म्यरी मार तू ? +दूर छौ गों , विचारी अकेली रई । +क्या करो ? वेकि सब बात सुणणी छई । +रुन्दि छै भारि , धिडुड़ी37 सि रिटणी38 छई । +भांडाकूंडा लगै द्वार किटणी छई । +काबुली भैर , भीतर छई वा खड़ी । +नी खुल्या द्वार जब देर ह्वेगे बड़ी । +भागसेद्वार भी एक कच्चो रये । +फेर भीतर की सांकल भी टूटी गये । +जबकिकैको बुरो वक्त आंदअइण अ । +खून भी वैकु आपड़ो नि रांदअ इखअ । +अपड़ि छाया जु रहंदी सदा साथ मा । +साथ नी रैंद वा भी चुचों , रात मा । +मिरग पर बाण मरदअ शिकारी जबअ । +खून ही पेड़ अपड़ी बतान्दअ तबअ । +लाल आंखी करी , छौ छुरा हाथ मा । +पौंछिगे काबूली क्रोध का साथ मा । +वीन बोलेअरे , भैर जा , मान तू । +खांमखां खुंदि अपड़ी किलै ज्यान तू ? +खूंदु छै उख , जखी खांदु छै गास तू । +कै मुलक को छई चोर���दमाश तू ? +तू सियींसिंहणी तैं जगाणू छई +आगि पर हाथकेकू लगाणू छई । +पर नि मान्यो कतै , वीं डराणू रये । +होरि39 डडो पकड़णू कु आणू रये । +स्वामि सुमरी , उठी बात की बात पर । +खैंचि खुंकरी सिंराणा बटी हाथ पर । +मूलिगे क्या च वा , नी रई होश मा । +भूखिसी सिंहणी वा छुटे रोश मा । +क्रोध से वे परैं ब्रजसी टूटिगे । +हाथ से काबुली को छुरा छूटिगे । +बिजलीसी रात खुकरी चमकणी छई । +आगसी तन बदन वीं का जगणी छई ॥",garhwali-gbm +"396 +भला दस भाबी केहा वैर चायो भईया पिटड़ी नूं पई लूहनी एं +अनहोईयां गलां दे नाउं लै के घा अलड़े पई खडूहनी एं +आप छाननी छेकदी दूसरी नूं ऐवें कंडयां तों पई धूहनी एं +सोहणी होई नाहीं तूं तां गजब चाया खून खलकदा पई नचूंहनी एं +आप चाक हंडायके छड आइएं हुण खलक नूं पई वडूहनी एं +आख भाई नूं हुणे चंडा छडूं जेहे असां नूं मेहणे लूहनी एं +आप कमली लोकां दे लाग लाए खचर वादियां दी वडी खूहनी एं +वारस शाह कहे बघयाड़ीए नी मुंडे मोहनी ते झोटे दोहनी एं",panjabi-pan +"धीर धीर साथ म्हारा गाव +धीर धीर साथ म्हारा गाव , +असी म्हारी हँसी न उड़ाओ जिजिबाई धीरधीर साथ म्हारा गाओ +पिऊ तो म्हारा परदेस जाइल छे , सासु बाई देगा मख गाळ +ओ जीजी बाई धीर धीर साथ म्हारा गाओ । +हउ छे खेडा की रीत काई जाणू , +नन्द बाई ख गावण की हौस , म्हारी जीजी बाई , +धीर धीर साथ म्हारा गाओ",nimadi-noe +"465 +घर पेईअढ़े बड़ी हवा तैनूं दितयो छिबियां1 नाल अंगूठयां दे +अत सच दा सच हो नितरेगा कोई देस ना वसदे झूठया दे +जे तूं मारया असां ने सबर कीता नहीं जानद दाऊ एह घूठयां दे +जटी हो फकीरां दे नाल लडिए छना भेड़या ई नाल ठूठयां दे +सानूं बोलियां मार के निंददी सै युमन2 डिठयो टुकरा जूठयां दे +वारस शाह फकीर नूं छड़दी सै डिठे मोजजे इशक दे लूठयां दे",panjabi-pan +"सुन लो तुम ध्यान से जिठानी +सुन लो तुम ध्यान से जिठानी , +हमई रोज भरवीं न पानी +हींसा बटाने खों सब कोई बराबर +करवे खों काम देवरानी । हमई . . . +संझली ओ मंझली खों नईनई धुतियाँ +पेहरत हों मैं तो पुरानी +हमई रोज भरवीं ना पानी । सुन . . . +सासससुर इनसे तनकऊ न बोलें +हमखों कहत मनमानी , +हमई रोज भरवीं ना पानी । सुन . . . +खावे खों बैठूं मैं सबसे पछारे , +तोऊ पे करें निगरानी +हमई रोज भरवीं ना पानी । सुन . . . +आई बहिन मोरी चारई दिना खों , +तनकऊ न कोऊं खों सुहानी +हमई रोज भरवीं ना पानी । सुन . . .",bundeli-bns +"म्हारा माथा की बिंदी-म्हारा कपाळ खऽ लगऽ +म्हारा माथा की बिंदीम्हारा कपाळ खऽ लगऽ । +���िन्दी हेड़ डब्बी मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । +थारा माथा की बेसर म्हारी दाड़ी मऽ लगऽ । +बेसर हेड़ डब्बी मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । +थारा गला की तागली म्हारी छाती मऽ लगऽ । +तागली हेड़ खूटी मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । +थारा हाथ का बाजूबन्द म्हारी , पूट मऽ लगऽ । +बाजूबन्द हेड़ आलऽ मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । +थारी कड़ी को कदरा , म्हारी कम्मर मऽ लगऽ । +कदरो हेड़ उस्य ऽ मेल फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । । +थारा पांय का कड़ा म्हारा पांय मऽ लगऽ । +कड़ा हेड़ पायतऽ मेल , फिरी पेरजे ओ मिरगा नयनी । ।",nimadi-noe +"कन्यादान गीत +बेनि भाई आवे तिं , अड़ि जाजी वो । +भाइ पइस्या आले तिं , छुड़ि देजी वो । +बेनि काको आवे तिं , अड़ि जाजी वो । +काको बुकड़ि आले तिं , छुड़ि देजी वो । +बेनि बणवि आवे तिं , अड़ि जाजी वो । +बणवि करोंदि आले तिं , छुड़ि देजी वो । +बेनि बहणिस् आवे तिं , अड़ि जाजी वो । +बहिण छल्लो आले तिं , छुड़ि देजी वो । +वधू पक्ष वाले कन्यादान करते हैं और दुल्हन से गीत में कहा गया है कि हे बनी भाई कन्यादान के लिए आए तब उसे पकड़ लेना , जब रुपये दे तब छोड़ना । काका आएँ तक उन्हें पकड़ लेना , बकरी दें तब छोड़ना । बहनोई आएँ तो उन्हें भी पकड़ लेना , करोंदी दें तब छोड़ना । बहन आए तो उसे भी पकड़ लेना , छल्ला दें तब छोड़ना ।",bhili-bhb +"जीके जब जैसे दिन आये +जीके जब जैसे दिन आये । +कैसें जात बराये । +दिनन फेर के फेर सें । +स्यार सिंग खाँ धाये । +दिनन फेर से राय मुनईयाँ । +बाजै झपट दिखायें । +दिनन फेर सें सरपन ऊपर । +मिदरन मूँड़ उठाये । +बेर बेर जे खात ईसुरी , +बेर बीन तिन खाये ।",bundeli-bns +"304 +हमी भिखया वासते त्यार होए तुसीं आनके रिकतां छेड़दियां हो +असां लाह पंजालियां जोग छडी तुसी फेर मुड़ जोग नूं गेड़दियां हो +असीं छड झेड़े जोगी जो बैठे तुसीं फेर अलूद लबड़ियां1 हो +पिछों आखसो मूतने आन लगे अन्ने खूह विच सग क्यों रोड़दियां हो +वारसा भिखया वासते चले हांरी तुसी आन के काह खहेड़दियां हो",panjabi-pan +"फाग गीत +म्हू तो म्हारा घर में हूती , कांकरिया कुण मारे रे । +घरघर रा कांकरिया माहे घायल वेगी यो , +परी परणाओ । +हाँ रे परी परणावो , देस ने परदेस वचमें यो , +परी परणाओ । +एक नवयौवना कहती है कि मैं तो अपने घर में सोई हुई हूँ । कंकड़ कौन मार रहा है ? पास के घरों के लड़कों से में घायल हो गई हूँ , मेरा ब्याह देशपरदेश में कहीं भी कर दो ।",bhili-bhb +"हिलाँसी +आज हिलाँसी1 बड़ी स��ेरी , +कख2 से तु उड़िकी चलि आई ? +बाटु3 भुलीं या मेरा घर से , +रैबारू4 बणिकी तैं आई +औन्दी5 छै चुप कैकी औन्दी , +किलै6 सुणाई अपणी बोली ? +आज अणमणो7 छौं दिनभर मैं , +लगीं छ मन पर भारी गोली । +2 . +भुलन बैठि छौं जब सब कुछ , +मैं बिसराई खुद8 तिन बौड़ाये9 । +बच्चौं की प्यारा सजनू की +तरफ किलै सुरता10 दौड़ाये ? +बोलबोल प्यारा पहाड़ से +क्याक्या खबर अरी तू लाई ? +एकएक करिकी तैं सुणऊ +वख11 की सब बातैं मैं थाई12 । +3 . +अजौं13 रयों14 छौ कि सूखिगे +गदनौं15 को सेल्वाणी16 पाणी ? +डालीबुटली17 मौलि18 गैन क्या +कतनि19 होइने आमू की दाणी20 ? +दुफरा21 मा अब बजौन्द की ना +अलगोजा क्वी उलारु22 पराणी23 ? +ग्वैर24 गोरु माल्ही जाँदान क्या +तुमड़ों25 पर लटकैकी पाणी ? +4 . +हौर26 सुणो तू मेरा घर पर आई +छै क्या कुछ बिपता27 सी ? +म्यरी28 सैंजड्ा29 देखि होली तिन30 +छाई ह्वली जैं31 परैं उदासी । +रोज लोगु की नजर बचैकी +ह्वली बगौणी32 ज्वा33 द्वी आँसू । +जाणदू छौं म्यरी हिलाँसी +प्राण च वीं34 को भारी क्वाँसू35 । +5 . +हाल बतैकी झटपट उड़िजा , +बात बतैदे सारा घर की । +निर्दय छन यख पकड़ि लेन्दान , +ये बात होईं या भारी डर की । +उड़ जा तू अपणी डाँड्यूँ36 मा , +पे गंगा को ठंडो पाणी । +फेर37 ना ऐ38 यख ना तू बोली , +होण दे मेरो निठुरो पराणी । +6 . +यख को क्या रैबार39 ल्हि जैली , +कैदी छौं कुछ बोलि नि सकदू । +बन्धन से ज्यादा दुनियाँ मा , +हैको40 कुछ दुख होइ नि सकदू । +ये बन्धन तोड़णू कू तैं ही , +ये सब दुख सन41 मैं सहणू छौं । +भूखप्यास गर्मीसर्दी को , +कष्ट भूलि की भी रहणू छौं । +7 . +पर जरूर तू इथगा42 बोली , +बड़ो सुखी छौं याद ना कैने । +औलो43औलो ईं आशा पर , +अपणा मन ब्यलमाई44 रैने । +घबड़ाई की कुछ नी होन्दो , +कटदी जाला यख का ये दिन । +जनु कुछ भी हँसदो रोन्दो ।",garhwali-gbm +"डोहा गीत +चार कुटड़ी ने चार दिवल्या , झग मलोजी । +दिवल्यो लगाड़ुं ती एकली वो नणद बाई । +दलनों दलों ती एकली वो नणद बाई । +पाणिलों भरों ती एकली वो नणद बाई । +भाभी , ननद से कहती है कि कोठरी के चार खूँट में चार दीपक हैं । घर में दीया +लगाऊँ , पानी भरने जाऊँ अकेली रहती हँू , मेरे साथ में कोई नहीं है ।",bhili-bhb +"दरद हमने सहे ये सैयां के लाल कैसे कहाये +दरद हमने सहे ये सैयां के लाल कैसे कहाये +आओ सास रानी बैठो पलंग पर +हमारा न्याव चुकाओ सैयां के लाल कैसे कहाये +चाहे बहू मारो चाहे बहू छोड़ो +लाल तो बेटे के कहाये , तुम्हारे लाल कैसे कहाये +आओ नणद रानी बैठो पलंग पर +हमारा न्याव चुकाओ सैयां के लाल क��से कहाये +चाहे भाभी मारो चाहे गरियाओ +लाल तो भैया के कहाये , तुम्हारे लाल कैसे कहाये +मैं पड़ीसूं वीर की कैद लाल मेरी कैद छुड़ाओ जी महाराज +मां मैं क्यूँकर जनम जे ल्यू +टुटी खटिया फटी गुदड़िया छोरड़ा कह कै बोलो जी महाराज +जो लाला थम जनम ले ल्यो , सूतो के पिलंगा मखमल के गद्दा +किरसन कह कै बोलें हर कह कै बोलें जी महाराज +आधी सी रात अर खुले हैं किवाड़ पहरेदार सोये जी महाराज",haryanvi-bgc +"पनिया कैसे जाऊ सावरिया मै +पनियां कैसे जाऊ सांवरिया मैं , +रसिया रोके मोखों डगरिया में । +घूंघट की ओर चोट तक मारे , +कांकरिया घाले गगरिया में । रसिया . . . +केसरिया रंग अबीर अरगजा , +भरिभरि डारे चुनरिया में । रसिया . . . +लख या हाल हंसे नर नारी , +दे दे ताल बजरिया में । रसिया . . . +कंचन कुँअरि करी बदनामी , +नाहक अवध नगरिया में । रसिया . . .",bundeli-bns +"मुत्यु गीत +खोटो बेटो आज काम को +खोटो बेटो आज काम को , खोटो रूप्यो आज काम को । +एक दिन खोळो बांधि लिजियो राम ॥ 2 ॥ +खोटा रूप्या की ओरावणी करि दिजो राम , +खोटी बहु आज काम की राम , एक दिन भोजन बणाइ देवो , +खोटी बहु आज काम की राम ॥ 2 ॥ +आज को वो भोजन जिमाड़ि देवो राम ॥ 2 ॥ +खोटी बेटी आज काम की , एक दिन मसरू ओढ़ाई दीजो ॥ +खोटी बेटी आज काम की ॥ 2 ॥ +खोटो जवाँ आज काम को , एक दिन काण मोड़ाइ देवो राम , +खोटो जवाँ आज काम को ॥ +भजन में कहा गया है कि मातापिता के अन्तिम संस्कार के लिए खोटा पुत्र , +खोटा रुपया , खोटी बहू , खोटी बेटी , खोटा जवाँई सभी काम के हैं । खोटा पुत्र +भी अन्तिम संस्कार के लिए आवश्यक है क्योंकि मातापिता का अन्तिम संस्कार +अगर पुत्र न करे तो उसकी आत्मा को शान्ति नहीं मिलती है । खोआ रुपया भी +शव पर काम आ सकता है । खोटी बहू भी काम की है । मृतक के लिए भोजन +बनाती है । बेटी भी मसरू शव पर ओढ़ा देती है । जवाँई भी अन्तिम संस्कार के +लिए काम का है , क्योंकि नुक्ते में काण भाँजने के लिए बकरा लाता है । तात्पर्य +यह है कि इनके बिना मृतात्मा को शान्ति नहीं मिलती है ।",bhili-bhb +"उलटे होर ज़माने आए +उलटे होर ज़माने आए +उलटे होर ज़माने आए । +काँ गालड़ नूँ मारन लग्गे , +चिड़िआँ जुरे1 खाए । +उलटे होर ज़माने आए । +इराकिआँ2 नूँ चाबक पैदे , +गधो खूत3 खवाए +उलटे होर ज़माने आए । +अगले जाए बकाले बैठे , +पिछरिआँ फरश वछाए । +उलटे होर ज़माने आए । +बुल्ला हुकम हजूरों आया , +तिस नूँ कौण हटाए । +उलटे होर ज़माने आए ।",panjabi-pan +"जीवन श्री जगन्नाथ जाल सें निनोरौ +��ीवन श्री जगन्नाथ जाल सें निनोरौ । +थाकें ना हातपाँव , कोऊ ना घरै नाँव , +चलत फिरत चलौ जाँव , घोरूआ न घोरों । +जीवन श्री . . . +बानी रहै बान तान , इज्जत के संग सान , +दीनबन्धु दीनानाथ रै गऔ दिन थोरों । +जीवन जौ . . . +हाँत जोर चरन परत , चरनामृत घोय पियत +जियत राँम देखोंना , दूसरे को दोरौं । +जीवन श्री . . . +ईसुरी परभाति पड़त , आवरदा सोऊ बड़त , +कीचड़ में सनौ मऔ , नीर ना बिलोरों । +जीवन श्री . . .",bundeli-bns +"सत की साथण पाणी नै चाली +सत की साथण पाणी नै चाली , या तुलसां गैल होली हो राम +भरण गई जल जमना की झारी हो राम +सत की साथण न्यू उठ बोली या तुलसां ओड कुवारी हो राम +भरण गई जल जमना की झारी हो राम +लोटा भी पटक्या , झारी भी पट्की या रोंदड़ी घर आई हो राम",haryanvi-bgc +"फाग गीत +राते तो हाऊजी थारो जायो बारे रेग्यो ओ । +राते तो हाऊजी थारो जायो बारे रेग्यो ओ । +पाड़ोसण री भीत माथे पगल्या मंडिया ओ , +वरजो जाया ने , +हाँ रे वरजो जाया ने , लाड़कियो मोमाळ लाजे ओ , +वरजो जाया ने । +एक बहू अपनी सास से अपने पति की शिकायत शिष्टता के साथ करती है कि सासूजी रात्रि में आपके पुत्र घर में नहीं आए । सुबह मैंने उनके पदचिन्ह पड़ोसन की दीवार पर मढ़े हुए देखे , आप उन्हें रोकिए , क्योंकि प्रतिष्ठित ममसाल भी लज्जा महसूस करेगा , उनकी प्रतिष्ठा भी जायेगी ।",bhili-bhb +"ग्वालिन करि दे मौल दही कौ +ग्वालिन करि दै मोल दही कौ मोकूमाखान तनक चखाय ॥ टेक +सुन गोरी बरसाने वारी , +नेंक चखाय दै माखन प्यारी +आज मान लै बात हमारी । +मटुकी के दरसन करबाय दे , क्यों राखी दुबकाय ॥ 1 ॥ +नाय तौ आज समझ ले मन में , +काऊ दिन हाथ परैगी बन में , +सबरी कसर निकरूँ छिन में , +लकुटी मार फोर दऊँ मटकी , लउँगो दान चुकाय ॥ 2 ॥ +साँच समझलै नाहै धोखौ , +जा दिन मेरौ लग जाय मोकौ , +दही तेरौ बिकवाय दउँ चोखौ । +चारी करें ाज तेरे घर में पहले दउँ जताय ॥ 3 ॥ +पनघट पै भरवे जाय पानी , +मोय तेरी गागरि लुढ़कानी , +यही हमारी रीति पुरानी । +अबहु समझि ‘श्याम’ समझावै , फिर पाछे पछताय ॥ 4 ॥",braj-bra +"शिव शकर चले कैलाश +शिव शंकर चले कैलाश , +बुंदियां पड़न लगीं +कौना ने बो दई हरीहरी मेहंदी +कौना ने बो दई भांग , बुंदियां पड़न लगी । । +गौरा ने बो दई हरीहरी मेहंदी +भोला शंकर ने बो दई भांग । बुंदियां . . . +कौना ने बांटी हरीहरी मेहंदी , +कौना ने बांटी भांग । बुंदियां . . . +गौरा ने बांटी हरीहरी मेहंदी , +शंकर ने बांटी भांग । बुंदियां . . . +कौना रचाई हरीहरी मेहंदी , +कौना ने पी ��ई भांग । बुंदियां . . . +गौरा के रच गई हरीहरी मेहंदी , +शिवशंकर ने पी लई भांग । बुंदियां . . . +भोला शंकर को चढ़ गई भांग , बुंदियां . . .",bundeli-bns +"सरग बांदया रे साधू झोपड़ा +सरग बांदया रे साधू झोपड़ा , +आरे कलु म कीया अधवारा +१ घर बांदया रे घर की नीव नही , +आरे नही लाग्या सुतार +लावो घर के पारछी +घर बांदया कैलाश . . . +सरग बांदया . . . +२ घर ऊचा धारण नीचा , +दियो जड़ रे आकाश +सागर ताक जड़ावियाँ +जाको वस्तर अपार . . . +सरग बांदया . . . +३ घर छाया घर ना गले , +चटघट करी पास +नीरगुण पाणी झेलीयाँ +वो घर का रे माय . . . +सरग बांदया . . . +४ घर बांदया रे घर की नीव नही , +घर को रची गयो नाम +जहाँ सींगा न जलम लियो +दल्लू आया मेजवान . . . +सरग बांदया . . .",nimadi-noe +"नानी नानी पापड़ी ने हाथ में चट्टियो +नानी नानी पापड़ी ने हाथ में चट्टियो +यूं दे भणे बाल ब्रहमचारी +भजो भैरवानन्द आनन्द कारी +फलाणा राम का रजपाल बाबा भेरू +फलाणी बऊ त भई बाप बाबा भेरू +फलाणा जमई छड़ीदार बाबा भेरूरा",malvi-mup +"मेरा मन ते रपटा पैर फूट गई झारी +मेरा मन ते रपटा पैर फूट गई झारी +मेरा फट गया दखिनी चीर उलझ गई सारी +मेरी सखी पड़ी बीमार मेरी ड्योढ़ी में +एक बड़ा है गोपाल बैद बनवारी +जंगल की बूटी डाल फिरे झोली में +अरी बुलाओ गोपाल बैद बनवारी +राधा ने घूंघट काढ़ नबज दिखलायी +तेरे ताप नहीं नहीं कोई बिमारी +तू करवाले अपना ब्याह दूर होय बिमारी +राधा हो गई आग यह बात सही नहीं गई +वह बोली झट से सत्य तुम कान्ह सुनाई +तुम्हारे पतले पतले हाथ चांद सा मुखड़ा +करवालो तुम्हीं ब्याह बांध के सेहरा",haryanvi-bgc +"जसोदा झुलावे गोपाल पलना हो, कन्हैया पलना +जसोदा झुलावे गोपाल पलना हो , कन्हैया पलना । +चन्नन के उजे1 पलना बनल हे , ओकर2 में लगल रेसम फुदना3 ॥ 1 ॥ +पउअन4 में सभ रतन जड़ल हे , हँसहँस झुलावे मइया पलना । +नंद झुलावे , जसोदा झुलावे , आउर5 झुलावे बिरिज6 ललना ॥ 2 ॥",magahi-mag +"चोखा चावेला मेढा +चोखा चावेला मेढा +चोखा चावेला मेढा +चोखा चावेला मेढा +मनी आई ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर +मनी आई ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर +मनी आई ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर +मेरा काका मेरी काकी मनी आई +मेरा काका मेरी काकी मनी आई +मेरा काका मेरी काकी मनी आई +ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर +ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर +ओ इन्दरा बेटी सुमुदुर +स्रोत व्यक्ति सीताराम , ग्राम भवरदी",korku-kfq +"मनियाँ +प्राची नवल दुलइया के नइँ खुले अधर अरुनारे , +चमक रए नभ , रजनिभुजाई के नैना रतनारे । +पै चंदा मामा के मौं पै छाई कछु पियराई , +भृगू तरइया कछुँ ऊँचे सैं उतर धरा नियराई । +अँधयारी के आँचर भीतर दुकौ हतौ उजियारौ , +जीतै अब नौ बखरी में नइँ दिखा परौ भुन्सारौ , +पै कछुकछु जोतीसरूप की जोती मलिन भई सी , +जी सैं मनियाँ मन में भुन्सारे की जान गई ती । +उठी समार भार जोबन कौ उठतन लइ अँगड़ाई , +आलस जीतन खौं साहस नैं मनों कमान चढ़ाई । +अल्हड़पन के भाव अगअंगन में उमग रए ते , +किरतिमता खौं दैन चिनौती मानो सजग भए ते । +बिन कलंक मौं पै रिखिच रई ती रेखा संजमता की , +जी सैं चन्दा हार मान गऔ रातें उज्जलता की । +सावक कलभकुंभ से दोऊ उकस उरोज रए ते , +काम मावती के अंकुसभय नइँ भयभीत भए ते । +कसकै जूरौ , मार कछौटा , टइया दै कैं डेरौ , +चल दई मनियां गइया दोबे , नइँ काऊ खौं टेरौ । +बच्छा मेल लगाकैं लौना दो लइ कारी गइया , +लगी फटन पोरी पौ , होउन लागी बिदा जुनइया । +तौ नौं बँदी भई उसरा की डिड़की भैंस लखैरी , +ढील पड़ेरू दोऊ हाँतन काड़ौ दूद पसेरी । +अब बखरी में भऔ उजयारौ , आ गई बड़ी भुजाई , +तीके संग मठा भमाउन की सब तार लगाई । +मठा भमत में भौजाई की बजन लगी करधौनी , +हँसी मनइँ मन मनियाँ सुन कै मन्दमन्द धुन नौनी । +लख मुसकाबौ भौजाई नें ढीली करी मथानी , +नैनूँ काड़ लगा दओ गलुअन , मनियाँ मनैं लजानी । +तौ नौ रोओ भतीजौ , दौरी तुरत ताय मौंगाबे , +उठा ल्याइ तीखौं नैनूँ के संगै खाँड़ खुआबे । +देख उरइयाँ , उठा परए खौं बैलन पै धर ज्वाँरी , +चल दइ मनियाँ बड़े खेत की भरवे क्यारीक्यारी , +साँची सरल भाव की मूरत सबइ गनन में नौनी , +उन नौनी धनसी नइँ जो घर करै न राँटापौनी । +माउठ के मुतियन के संगै खेतन में जा खेली , +जाक तन नै सरदीगरमी की बिपता है झेली । +ऐसीं बिटियाँ करती नइयाँ घर में न्यारकन्यारौ , +‘मित्र’ कऊँ रएँ , करती रउतीं दोउ कुल में उजायारौ । ।",bundeli-bns +"भारत सिरताज हमारा, भगतसिंघ प्यारा +भारत सिरताज हमारा , भगतसिंघ प्यारा । +चूमि लियो तू फाँसी के फंदा , +धूम्रपान मचे हाहाकारा । । टेक । । +ई अंगरेज अधम अभिमानी , +देखत देखत देस उजारा । । टेक । । +जीयो भगतसिंघ मस्त रहो तुम , +चमकत गगन सितारा । । टेक । । +गावत फाग इयादि परत है , +भींजत आँखि हमारा । । टेक । । +कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho +"झुला दो माई श्याम परे पलना +झुला दो माई श्याम परे पलना । +काऊ गुजरिया की नजर लगी है , +सो रोवत है ललना । +झुला दो . . . +राई नौन उतारो जसोदा , +सो खुशी भये ललना । +झुला दो . . . +जो मोरे ललना खों पलना झुलावैं +दैहों जडाऊं कंगना । +झुला दो . . .",bundeli-bns +"260 +चेलयां गुरु दा हुकम परवान कीता जा सुरग दियां सिरियां मेलियां ने +सब तिंन सौ सठ जां भवे तीरथ वाच गुरां मंतरां कीलियां ने +नौ नाथ बवंजड़ा वीर आए चैसठ जोगनी नाल रसीलियां ने +छे छती ते दस अवतार आए विच आबहयात दे झीलियां ने",panjabi-pan +"किस रुत बाड़ी बोईएगी +किस रुत बाड़ी बोईएगी +किस रुत होया है नल़ा +बसाख बाड़ी बोईएगी +साढत होया है नला +वा तै नली नलाई स्यों हुई +वा हुई खिलण के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चौलणां +चुगी चुगाई स्यों हुई +फेर वा हुई लोढण के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +लुढी लुढाई स्यों हुई +फेर वा हुई पिनण के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +पिनी पिनाई स्यों हुई +फेर वा हुई कातण के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +कती कताई स्यों हुई +फेर वा हुई जुलाहे जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +वा तै बणी बणाई स्यों हुई +हुई लीलगर के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +रंगी रंगाई स्यों हुई +हुई दर्जी के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +सिमी सिमाई स्यों हुई +वा हुई म्हारी हत लाडो कै जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां",haryanvi-bgc +"देवी गीत-सेरों पे होके सवार महरानी +सेरों पे होके सवार महरानी +मेरे घरवा आइन महरानी +निबिया के तरे तरे आयीं महरानी +अब निबिया झपसन लाग महरानी +अमवा के तरे तरे आइन महरानी +अब अमवा बौरन लाग महरानी +तलवा के तीरे तीरे आयीं महरानी +अब तलवा लहरान लाग महरानी +महलों के तरे तरे आयीं महरानी +अब रानिय गर्भन लाग महरानी",awadhi-awa +"ये ही लँड़ भँइसुरा के, लामा लामा टाँग रे +ये ही लँड़ भँइसुरा1 के , लामा लामा2 टाँग3 रे । +ये ही टाँगे लँघलक4 मँड़वा5 हमार रे ॥ 1 ॥ +ये ही लँड़ भँइसुरा के , बड़के बड़के6 आँख रे । +ये ही आँखे देखलक7 गउरी8 हमार रे ॥ 2 ॥ +ये ही लँड़ भँइसुरा के , बड़के बड़के हाँथ रे । +ये ही हाँथे छुअलक9 गउरी हमार रे ॥ 3 ॥ +ये ही लँड़ भँइसुरा के , बड़के बड़के दाँत रे । +से ही दाँते हँसलक10 मड़वा हमार रे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"मुठी एक डँड़वा गौ कोसिका अल्पा गे बय सबा +मुठी एक डँड़वा गौ कोसिका अल्पा गे बयसबा +गे भुइयाँ लोटे नामी नामी केश +कोसी माय लौटे छौ केश । +केशबा सम्हारि कोसी जुड़बा गे +बन्हाओलजुड़बा गे बन्हाओल +कोसी गे खोपबा कुहुकै मजूर । +उतरहि राज से एैले हे रैया हो रनपाल +से कोसी के देखि देखि सूरति निहारै +सूरति देखि धीरज नै रहे धीर । +किए तोरा कोसिका चेक��� पर गढ़लक , +किए जे रूपा गढ़लक , सोनार +नै हो रनपाल चेका पर गढ़लक +नै रूपा गढ़लक सोनार +अम्मा कोखिया हो रनपाल हमरो जनम भेल +सूरति देलक भगवान से हमरों सूरतिया । +गाओल सेवक जन दुहु कर जोड़ी +गरूआ के बेरि होहु ने सहाय ।",angika-anp +"कैसे चीर बड़ायो प्रभू ने +कैसे चीर बड़ायो प्रभू ने , +सभी देख बिसमायो +१ कौरव पांडव मिल आपस में , +जुवा को खेल रचायो +डाल कपट का पासा सकुनी न +पांडव राज हरायो . . . +प्रभू ने . . . +२ द्रुपद सुता को बीच सभा में , +नगन करण को लायो +पकड़ केश वो खईचण लाग्यो +तुम बिन किनको सहारो . . . +प्रभू ने . . . +३ दुःशासन ने पकड़ केश से , +चीर बदन से हटायो +खैचतखैचत अन्त नी आयो +अम्बर ढेर लगायो . . . +प्रभू ने . . . +४ भीष्म द्रोण दुर्योधन राजा , +मन मे सब सरमाये +पालन करता हरी की शरण में +तिनको कौन दुखाये . . . +प्रभू ने . . .",nimadi-noe +"अमे महियारा रे गोकुल गाम ना +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना , +म्हारे नहीं वेचवा ने जावा . . . . . . महियारा रे गोकूळ गाम ना +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना . +मथुरा नि वाट महि वेचवा ने निसरी , +नटखट ऐ नंदकिशोर मांगे छे दाळजी , +म्हारे दाळ देवा ने लेवा . . . महियारा रे गोकूळ गाम ना , +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना . +मावडी जसोदा जी कानजी ने वारो , +दुखड़ा झीले हज़ार नंदजी नो लालो , +म्हारे दुःख सहवा ने कहवा . . . . . . . . . . . . . महियारा रे गोकूळ गाम ना , +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना . +जमना ने तीरे कानो वासली वगाडतो , +भुलावे भान शान ऊंघ थी जगाडतो , +म्हारे सखी जोवा ने जावा . . . . . . महियारा रे गोकूळ गाम ना , +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना .",gujarati-guj +"547 +अधी रात रांझे परी याद कीता तुरा1 खिजर दा हथ लै बोलया ए +शकरगंज दा पकड़रूमाल चुमे अते मुंदरी शहबाज दा तोलया ए +खंजर कंढ मखदूम2 जहानिए दा विचों रूह रंझेटे दा डोलया ए +पीर बहावदीन जिकरिए धमक दिती कंध डाह के राह नूं खोलया ए +खूंडी सयद जलाल बुखारिए दी विचों अतर ते मुशक नूं झोलया ए +जाह बैठा ए कासनूं उठ जटा एवा नहीं तेरा राह खोलया ए +वारस शाह पछोतावे बंदगी नूं अजराईल3 जद धौन चढ़ बोलया ए",panjabi-pan +"खेलते रहली सुपलो मउनिया +खेलते रहली सुपलो मउनिया1 आइ परल कवन लाल दुलहा । +किए2 धानि खेलब हे सुपली मउनिया , किय धानि चलब3 हे हमर देसवा ॥ 1 ॥ +कवन हटिया कवन बटिया , कवन नगरिया लिआइ जयबऽ4 । +जहाँ नहीं हटिया , जहाँ नहीं बटिया , पटना नगरिया लिआइ जयबो ॥ 2 ॥ +केकरा5 सँगे उठबइ हे , केकरा सँगे बइठबइ , केकरा ठेहुनिया लगाइ6 देबऽ । +दीदी सँगे उ��िहऽ7 हे भउजी सँगे बैठिहऽ , मइया ठेहुनिया लगाइ देबो ॥ 3 ॥ +जैसन जनिहे मइया अपन धियवा , ओयसहिं जनिहे मइया हमर धनिया । +ओलती8 के पनिया बड़ेड़ी9 नहीं जइहें , धिया के दुलार दुतोह नहीं पइहें ॥ 4 ॥",magahi-mag +"सरजू के तीर चलो गोरी +सरजू के तीर चलो गोरी , +जहाँ राजकुंअरि खेलें होरी । +सखन सहित इत जनक दुलारी , +अनुज सखन संग रघुबीरा जी । जहाँ . . . +भरि अनुराग फाग सब गावत , +खेलत सब हिलमिल होरी । जहाँ . . . +केसर रंग भरे पिचकारी , +मलत कपोलन पे रोरी । जहाँ . . . +अपनीअपनी घात तके दोऊ , +दाव करत बरजोरी । जहाँ . . . +कंचन कुंअरि नृपत सुत हारे , +जीती जनक किशोरी । +सरजू के तीर . . .",bundeli-bns +"जै री माता तू सतजुग की कहिए राणी +जै री माता तू सतजुग की कहिए राणी +रसते में बाग लुगाया माता सतजुग की । +पाछा तो फिरके देखो रे लोको , +आम्ब अरनीबू झड़न लागे माता सतजुग की । +माता की राह में बांझ पुकारे , +माता देह री पुत्तर घर जाएं माता सतजुग की । +पाछा तो फिर के देखो रे लोगो +पुत्तर खिलांदी घर जाए माता सतजुग की ।",haryanvi-bgc +"छठिआ पूजे ला न्योछन +छठीपूजन +छठिआ पूजे ला1 ननदी ठाढ़ , अँगनमा , 2 हमरा के भउजो तूँ का देबऽ ना । +छठी पूजइया3 ननदो साठ रूपइया , हमरो से ननदो झट ले लहु4 ना ॥ 1 ॥ +साठ रूपइया भउजी घर दऽ पउतिया , 5 लाख रूपइया त दुजइया लेबो ना ॥ 2 ॥ +जब त ननदिया होरिला ले के चललन , 6 लाख रूपइया झट फेंकि देल ना ॥ 3 ॥",magahi-mag +"पहला फेरा लीजिए दादा की है पोती +पहला फेरा लीजिए दादा की है पोती +दूजा फेरा लीजिए ताऊ की है बेटी +तीजा फेरा लीजिए बाबल की है बेटी +चौथा फेरा लीजिए काकै की है बेटी +पांचमा फेर लीजिए मामै की है भाणजी +छटा फेरा लीजिए नाना की है धहौती +सातवां फेरा लीजिए लाडो होई पराई",haryanvi-bgc +"किस्सा ""कृष्ण जन्म"" +पृथ्वी कहण लगी ब्रह्मा से , लाज बचा द्यों नें मेरी । +उग्रसैन का कंस अधर्मी जिन्हें ऋषियों पे विपता गेरी ॥ +यज्ञहवन तपदान रहे ना होगी सूं बलहीन प्रभु । +संध्या तर्पण अग्निहोत्र कर दिए तेरातीन प्रभु । +वेद शास्त्र उपनिषदों में करता नुक्ताचीन प्रभु । +रामनाम सबका छुडवाया कुकर्म में लौलीन प्रभु । +जरासंध शीशपाल अधर्मी करते हैं हेराफेरी ॥ १ ॥ +गंगायमुना त्रिवेणी का बंद करया अस्नान प्रभु । +जहाँ साधू संत महात्मा योगी करया करै गुजरान प्रभु । +मंदिर और शिवाले ढाह दिए घाल दिया घमशान प्रभु । +हाहाकार मची दुनिया म्हं जल्दी चल भगवान प्रभु । +मैं मृतलोक म्हं फिरूं भरमती आके शरण लई तेरी ॥ २ ॥ +न्यायनीति और मनुस्मृति भूल गया संसार प्रभु । +भूल गया मर्याद जमाना होरी मारोमार प्रभु । +कोन्या ज्ञान रह्या दुनिया म्हं होग्ये अत्याचार प्रभु । +पत्थर बाँध कै ऋषि डुबो दिए जमुना जी की धार प्रभु । +संत भाजग्ये हिमालय पै मथुरा में डूबा ढेरी ॥ ३ ॥ +सतयुग म्हं हिरणाकुश मरया नृसिंह रूप धरया प्रभु । +त्रेता म्हं तने रावण मारया बण कै राम फिरया प्रभु । +कृष्ण बण कै कंस मार दे होज्या बृज हरया प्रभु । +कहै ‘मांगेराम’ रम्या सब म्हं , हूँ सवेक शाम तेरा प्रभु । +बृज म्हं रास दिखा दे आकै गोपी जन्म घरां लेरी ॥ ४ ॥",haryanvi-bgc +"विवाह गीत +१ . +काहे को ब्याहे बिदेस अरे सुन बाबुल मोरे +मैं बाबुल तोरे आंगन की पंक्षी +फ़ुदक फ़ुदक उड़ि जाउं रे +सुन बाबुल मोरे +मैं बाबुल तोरे आंगन की गंइया +जहां बांधो , बंध जाऊं रे +सुन बाबुल मोरे +चार बरस पहले गुड़िआ छोड़ा +छुटा बाबुल तोरा देस रे +सुन बाबुल मोरे +जाई डोली पहूंचि अवधपुर +छूटा जनक तोरा देस रे +सुन बाबुल मोरे +२ . +सेनुरा बरन हम सुन्दर हो बाबा , इंगुरा बरन चटकार हो +मोतिया बरन बर खोजिहा हो बाबा , तब होइ हमरा बियाह हो +ताल सुखीय गईले पोखरा सुखीय गईले , इनरा परे हाहाकार हो +बेटी के बाबुजी के दलकी समा गईले कईसे में होईहे बियाह हो +जाई ना बाबा अवधपुर नगरिया राजा दशरथ के दुआर हो +राजा दशरथ के चार बेटवा , चारु सं बाड़े कुंवार हो +चार भईया में सुन्दर बर सांवर उनके के तिलक चढ़ाव हो +ताल भरीय गईले पोखरा भरीये गईले इनरा पर परे झझकार हो +बेटी के बाबुजी के खुसिया समा गईल , अब होईहे धर्म बियाह हो . +हमारे समाज में हर रश्म के लिये गीत हैं और ये गीत ऐसे ही नहीं हैं . ये अपने समाज और अपनी परंपरा से जुड़े हुएं हैं . इनका स्रोत पौराणिक संदर्भ और प्राण लोक जीवन है . +संकलन रीता मिश्र",bhojpuri-bho +"हाथों का घड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +हाथों का घड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +हाथों का घड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +हाथों का घड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +दोती का लड़ियां संभाले रे +दोती का लड़ियां संभाले रे +संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +पगड़ी का लड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हे राजा +संभालो तो संभालो रे नाना सा दुल्हे राजा +घड़ी का लड़िया संभालो रे +संभालो तो संभालो रे नाना सा दुल्हे राजा +अंग्गा का लड़िया संभालो रे +संभालो तो ��ंभालो नाना सा दुल्हे राजा +स्रोत व्यक्ति गोपाल , ग्राम जूनापानी",korku-kfq +"जूडो डो रइनी सुबान गइती रानी कोरोजीवा +जूडो डो रइनी सुबान गइती रानी कोरोजीवा +जूडो डो रइनी सुबान गइती रानी कोरोजीवा +खोलन माड़ ओजाकेन नी केबेन रजनी रोसावा +खोलन माड़ ओजाकेन नी केबेन रजनी रोसावा +हई हई हई +हई हई हई +सोलन माइ ओजाकेन कौन नी केबेन डो रजनी रोसावा +सोलन माइ ओजाकेन कौन नी केबेन डो रजनी रोसावा +टूटी हरी जूरी डो रइनी सुबान गइनी रानी का रोसावा +टूटी हरी जूरी डो रइनी सुबान गइनी रानी का रोसावा +हई हई हई +हई हई हई +स्रोत व्यक्ति परसराम , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"84 +हीर आखदी रांझिणा बुरा कीतो साडा कम है नाल वैराइयां दे +साडी खोज नूं तक के करे चुगली दिने रात है विच बुरिआइयां दे +मिले सिरां नूं एह विछोड़ देंदा भंग घतदा विच कुड़माइयां दे +बाबल अंमड़ी थे जाए ठिठ करसी जाए आखसी पास भरजाइयां दे",panjabi-pan +"सुख नींदरा म क्यो सोयो मुसाफीर +सुख नींदरा म क्यो सोयो मुसाफीर +१ पंथी रे उबा पथ के उपर , +तेरा साथी कोई ना ही +गठरी बांदी सीर पर धरी +कर चलने की सुध . . . +मुसाफीर . . . +२ वाटवाट बंद रे मोहरीयाँ , +हरिया देख मती भुल +चलने की तु कर ले तईयारी +रहने की सब झुट . . . +मुसाफीर . . . +३ माता पिता सुत बन्धु जना रे , +पनघट की ये नारी +सब मिलकर ये छोड़ जायेगे +सपना के दिन चार . . . +मुसाफीर . . . +४ कहेत कबीरा सुणो भाई साधु , +सुमरो श्रीजन हारा +राम नाम बिना मुक्ती नी होयगा +बहुत पड़ेगा मार . . . +मुसाफीर . . .",nimadi-noe +"मैं शिकारी कू जाऊहो मोरी बेटी +मैं शिकारी कू जाऊहो मोरी बेटी +मैं शिकारी कू जाऊहो मोरी बेटी +मैं शिकारी कू जाऊहो मोरी बेटी +आओ बेटी मेरा रोटी न पोवे +आओ बेटी मेरा रोटी न पोवे +आओ बेटी मेरा रोटी न पोवे +मोरा हाथ न जले रे मोरा आबा +मोरा हाथ न जले रे मोरा आबा +मोरा हाथ न जले रे मोरा आबा +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"रैबार +पौन तू प्राण मेरी , दासि छौमें भि तेरी । +जैं दिशा भौंर1 मेरो , तैं दिशा भारी फेरो । +देखि स्वामी को डेरो , बोलि रैबार2 मेरो । +भौंर तू प्राण मेरो , केशरू को रसिया । +बागों को तू कसिया , फूलु को छू हसिया । +कै3 विराणी हि जाई4 , देखिकी तू ना भूल । +भौर अलसीगे5 तेरो , यो गुलाबी सी फूल । +भौर की आश धरी , फूली गुलाब कली । +भौर विदेशु रम्यों , नी छ या बात भली । +खूब मैदान बड़ा , बाटामां त्वै मिलला । +हौंसिया6 लोग रंदा7 , सेठुका गांऊ भला । +सेरो8 चोसरसी बिछयूं , चौकोण्��ों चारि गाउ । +नैर सीं कूल भली , पट्टि चौरास नाऊं । +नौर नोट्याल9 रहंदा , खूब ज्यूंदीको सेरो । +नैणिकी कूल भली , जा गड्यालू10 को डेरो । +किलकिलेश्वर छै तखी11 मैति12 मादेव मेरो । +‘महन्तयोगीन्द्र’ पूरी राखला ध्यान तेरो ।",garhwali-gbm +"पूरना पूरी करो माई... +पूरना पूरी करो माई . . . +कि अम्बे मोरी काहे की ईंट पराई +काहे को गारा रे माई +कि अम्बे मोरी सोने की ईंट पराई +चंदन लगो गारा री माई । पूरना . . . +कि अम्बे मोरी काहे के दीया जराये +काहे की डरी बाती री माई । पूरना . . . +कि अम्बे मोरी सोने की दीया जराये +कपूर लगी बाती री माई । पूरना . . . +कि अम्बे मोरी कैसी बनी तेरी मूरत +दरश हमें दे दो री माई । पूरना . . .",bundeli-bns +"244 +हथ कंगना पौचियां फब रहियां कंनी चमकदे सोने दे बुंदड़े नी +मझ पट दीयां लुडियां खेस उते सिर भिंने फुलेल दे जुंदड़े नी +सिर कूच के बारियां दार छले कजल भिंनड़े नयन नचुंडड़े नी +खान पीन पहरन सिरों मापयां दे तुसां जेहे फकीर क्यों हुंदड़े नी",panjabi-pan +"नन्द ते भाबो रल मिल बेठियाँ ते +नन्द ते भाबो रल मिल बेठियाँ ते +करदियाँ कोल कलाप +जे मेरे घर लड़का होया नी नणदे देसा में फुलजडियाँ +वीरन दे घर लड़का जे होया +लोक वदइयां दे +लोक वदायियाँ लै जे बैठे वे राजे +भैण वदायियाँ दे +भैण वदायियाँ नहीं जे लैंदी वे लोको +मंगदीये फुलजडियाँ +फुलजडियाँ वडे शावां दे घर नी भैणे +साडे नहीं फुलजडियाँ +ओ गई ओ गई रुस वे गई ए भैणा +ओ गई ए अटकों पार +वीरन ने फुलजडियाँ दित्तियां वे लोको +आन्दिसू भैण मना",panjabi-pan +"378 +केही दसी ए अकल सयाणयां नूं कदी नफर1 कदीम2 संभालीए नी +दौलतमंद नूं जाणदा सभ कोई नेहुं नाल गरीब दे पालीए नी +गिधीं बोल ढंडोरड़ा जग सारे जिउ समझ लैखेड़यां वालीए नी +वारस शाह है इशक दा गउतकिया3 हुसन वालीए गरम निहालिए नी",panjabi-pan +"580 +रांझे जायके घरी अराम कीता गंढींफेरियां1 सू विच भाइयां दे +सारा कोड़मा आयके गिरद होया बैठा पंच हो विच भरजाइयां दे +चलो भाईयो वयाह के हीर लयाईए सयाल लई हुनाल दुआइयां दे +जंज जोड़ के रांझे ने तैयार कीती टमक चा बधो मगर नाइयां दे +बाजे दखनी धरगां2 दे नाल वजन लख संग छटन सिर नाइयां दे +वारस शाह विसाह की जिंदगी दा बंद बकरा दसत3 कसाइयां दे",panjabi-pan +"गांधी बाब्बू का आया जमाणा +गांधी बाब्बू का आया जमाणा । +देवर पियारे जेल तम जाणा । । +जद तै फिरंगी का राज होेया सै । +भारत अन्न नै मोहताज होया सै । । +अब यू राज मिटाणा । +देवर पियारे जेल त�� जाणा । ।",haryanvi-bgc +"69 +तेरे नाम तों जान कुरबान कीती माल जान तेरे उतों वारया ई +पासा जान दा सीस मैं ला बाजी तुसां जितया ते असां हारया ई +रांझा जीउ दे विच यकीन करके महिर चूचके पास सिधारया ई +अगे पैंचनी हो के हीर चली कोल रांझे नूं जा खलारया ई",panjabi-pan +"फाग गीत +राम ने लछमण री जोड़ दोई अगियाधारी रे ॥ +सीताजी रा वेर में लंका ने बाली रे , +रावण मारियो । ं +हाँ रे रावण मारियो , राज तो विभीषण करिया रे , +रावण मारियो ॥ +रामलक्ष्मण दोनों की जोड़ आज्ञाकारी है , सीताजी के बैर में रावण को मारा और राज्य विभीषण ने किया ।",bhili-bhb +"कदली के वन में घउर लगल हे, फूलल कोसुम गुलाब +कदली के वन में घउर1 लगल हे , फूलल कोसुम2 गुलाब । +ओही3 रँग रँगबइ4 साहेब के पगिया , पहिरथ5 होरिला6 के बाप ॥ 1 ॥ +हरदी आउ सोंठ में बड़ खरच भेलइ , 7 हमरा दँहजल8 सब लोग ॥ 2 ॥ +तोहुँ9 त हो 10 परभु दरोजवा11 पर बइठऽ , हमहुँ बूझब12 सभ लोग । +हम धनी जाही13 दरोजवा पर बइठे , तोंही बूझऽ सभ लोग ॥ 3 ॥ +भठवा14 के देबइ चढ़े के घोड़वा , भाटिन15 के लहँगा पटोर16 । +चमरा के देबइ दुनूँ17 कान सोनमा , 18 डगरिन के पीयरी रँगाई ॥ 4 ॥ +गोतिया के देबइन भातभतखहिया , 19 गोतनी के हलुआ घटाई20 । +ननदोसिया21 के देबइन चढ़े के हँथिया , चढ़े के घोड़वा , +ननदी के गदहा टिपोर22 ॥ 5 ॥",magahi-mag +"551 +सहति लई मुराद ते हीर रांझा रवां1 हो चले लाड़े लाड़ियां नी +रातोरात गए लैके बाज कूंजां सिरिया नागां दियां शिहां2 लताड़ियां नी +आपो धाप लैके वाहोदाही नसे जयों बघयाड़ां ने तडियां पाड़ियां नी +जड़ा दीन इमान दी कटते नूं एह महरियां तेज कुहाड़ियां नी +मियां जिन्हां वेगानड़ी नार रावी3 मिलन दोजखी4 ताओ चवाड़ियां नी +वारस शाह नाइयां नाल जग बधां आप मुनवायके खेड़यां दाड़ियां नी",panjabi-pan +"हरजी उगन तै परभात +हरजी उगन तै परभात , +मात जसोधा दांदण मांगिया +हरजी मांग रही बरचार , +बहुए हठीली दांदण ना देई हरे राम +बेटा तेरी बहू ओछे घर की धीय +दांदण मांगी हमने ना दई हरे राम +मां मेरी ल्यावां गंगा जल नी , +दांदण त्यावां हरियल केलकी हरे राम । +बेटा ओह दांदण रुकमण नै देओ , +म्हारा तो औसर चूकिया हरे राम । +माता कहो तो मन तै बिडारां +कहो तो घाले इस कै बाप कै हरे राम । +बेटा क्यांहने तो मन तै बिडारै +क्यांहने घाले इसके बाप के हरे राम । +बेटा याह् धण जन्मेगी पूत , +बेल बधैगी थारे बाप की हरे राम । +बेटा याह धण जन्मेगी धीय , +लाड़ जमाई आवें पाहुणे हरे राम । +रुकमण उठो न करो न सिंगार , +बि��द उमासी थारे बाप कै । +हर जी झूठे तुम किसन मुरार +सावण मासै कैसी बिरदली हरे राम । +रुकमण उठो न करो न सिंगार , +बेटा तो जाया माई जाये बीर कै हरे राम । +हरजी अब कै तो बोले हो साच , +आसा तो कहिए म्हारी भावजीं हरे राम । +रुकमण कातै थी लम्बे लम्बे तार , +हरजी नै देखे हंस पड़ी हरे राम । +रुकमण चरखे नै देयो उठाय , +तुम चालो म्हारे साथ मैं हरे राम । +हरजी आप तो घोड़ै असवार , +रुकमण नै बहल जुड़ाई हरे राम । +हरजी चले सैं मांझल रात , +दिन उगायो सुघड़ सासरे हरे राम । +हर जी आये सैं रुकमण घाल +आंगण बैठ्ये ऊमण घूमणे हरे राम । +बेट्टा बहुआं बिन घोर अन्धेर , +पोतां बिन आंगन भिनभिना हरे राम । +हरजी चले सैं रथ जुड़वाए , +सूरज उगायो सुघड़ सासरै हरे राम । +रुकमण उठो न करोए सिंगार , +तड़कै तो चालां अपण देस हरे राम । +माता महलां ते नीच्चै उतर आ , +पांय तो पड़ै तेरी कुल वधू हरे राम । +बेटा तुम जीओ बरस करोड़ +पांय पड़ेगी अपणी मांय कै हरे राम । +माता ऐसे तो बोल न बोल , +मायां कै धीयां कैसे पग पड़ै हरे राम । +माता तुम मेरे सिर की ताज , +रुकमण तो कहिए पग की मोचड़ी हरे राम ।",haryanvi-bgc +"पाट कर दोलिया चढ़ल माता कोसिका +पाट कर दोलिया चढ़ल माता कोसिका +गौ बलि भेलै । +मैया मत्र्य संसार , चलि भेलै । +आहो कहां गेल किअ भेल , +तहुँ बीर रानू चलू ओ चलू । +रानू मत्त्र्य संसार चलू ओ चलू । । +हमें तोरा पूछियौ माय कोसिका +वचन साधु भाव , गौ मैया । +किनका दुअरिया कोसी माय हेवै मेजमान +गौ किनका दुअरिया । +मत्तर्य संसार में बसैये पगुआ मलाह , +हौ हुनके दुअरिया । +रानू बीर हेवै मेजमान +हो हुनका दुअरिया । । +घड़ी एक चलबै गो कोसिका माय , +पहरपन्थ गौ बितलै । +मैया गौ जूमि गेलै कोसी माय +मत्र्य संसारा गौर जुमि गेलै +कहाँ गेल किअ भेल पगुआ रे मलहा +दुआरे ऊपर एलौ अनूप मेजमान +छलना वचन सुनै पगुआ रे मलहा +एकै हाथ ले लै पगुआ सिंहासन पाट +दोसर गंगाजल नीर । +पैर धोऊ पाट बैठू तहूँ माय गौ कोसिका +गौ कहि देहु ने कोसिका माय +पंथ के कुशल । +हमरो कुशल मलहा दस छै कुशल में +कुशल में दुनियां संसार । +कहु कहु कुशल मलहा अपन कुशल +रौ कहु रे कहु । +हमरो कुशल कोसीमाय दस छै कुशल में +कुशल में कुछ परिवार । +एक ते कुशल कोसीमाय +कहलो ने जाय छै गे मैया +बरहा कोसीमाय लयेलौं फुलबारी +सोहो रे फुलवारी गेलै सुखाय । +जब तोरा फूलै तो मलहा सूखल फुलवारी +तबे हमरा रे मलहा किअ देवे +रे हमरा के । +जब मोरा फूलैतो कोसीमाय सुखल फुलवारी +गो मैया कोसी गौ कोसी +गहबर देबौ बनाय । +फूल तोड़ी चढ़ेबौ कोसीमाय +नित गहरबा कोसीमाय +गौ नित चढ़ेबौ फूल तोड़ि । +आइयौ जाइयौ जाइयौ रौ मलहा +अपन रौ फुलवारी रो , +बाबू देखिहौ गे । +मलहा अपन फुलवारी देखिहौ गे +कानैत खिझैत मलहा दौड़ल चलि जाय रौ +जूमि जे गेलै मलहा अपन फुलवारी । +फूल देखिके हँसैये मलहा हँसैये विकरार +अहो दस पांच फूल तोड़ि लिए आबो । +हौ दस पांच । +कल जोड़ि के करैये मलहा +कोसी के प्रणाम , +रौ कोसी के प्रणाम । +जे तोहें कहले कोसी तुरत भै गेलै । +गौ माता सुखल फुलवरिया गेलै फुलाय +मालव सेवक जन दुहु कर जोड़ि , +गौ गरुआक बेरि कोसी माय +होऊ न सहाय । ।",angika-anp +"393 +हाय हाय फकीर दे नाल बोले बुरे सहतिये तेरे अपौड़1 होए +जिन्हां नाल फकीर दे अड़ी बधी सने माल ते जान दे चैड़ होए +मन पाटयां नाल किस जिद बधी पस पेश2 थी अत नूं दौड़ होए +रहे औंत नखसमी रन्न सुन्नी जेहड़ी नाल पलंगां दे कौड़ होए +एहो जेहयां नूं छोड़ीए मूल नाहीं जानां इशक ते फकर दे दौर होए +वारस शाह लड़ाई दा मूल बोलन वेखो दोहां दे ओढ़ ते पौड़ होए",panjabi-pan +"बोलोॅ भैया रामे राम हो माय +बोलोॅ भैया रामे राम हो माय +कोशी सन बेदरदी जग में कोय नय । +चीन देश में नदी ह्वांगहो +चीनक शोक कहाय । +भारत के उत्तर बिहार में +निष्ठुर कोशी माय । । +बोलोॅ भैया . . . . +जहँ उपजै छल कनकजीर +अरू नाजिर पलिया धान । +ताहि ठाम के नारीनर के +अल्हुआ राखै प्राण । । +बोलोॅ भैया . . . . . . . +जतय चलै छल मोटर गाड़ी +पानी ततय अथाह । +बासडीह के कुण्ड बनौलक +बांसो न लैअछि थाह । । +बोलोॅ भैया . . . . . . . . +धन दौलत सब कुछ हरलक ई +किछु नहि छोड़लक शेष । +मलेरिया काला बुखार पिलही देलक सन्देश । । +बोल ोॅ भैया . . . . . . . . . . +कतह से आनव दवा +कुनायन दूध गाय के , धान । +कतह से आनव साबूदाना +कोना के बाँचत प्राण । । +बोलोॅ भैया . . . . . . . +धैरज राखह मंगरू भैया +मन नहि करक मलान । +समय पाय तरूवर फरैत अछि +जानत सकल जहान । । +कोशी बाँधक हित तत्पर छथि +वृद्ध युवक ओ बाल । +भारत के सेवक समाज +श्रमदानी दल बेहाल । । +उपद्रवी दुष्टा कोशी के +भेटतय खूब सजाय । +बाँधि के मुसुक बाँध सब +क्यों मिलि जेल में देत ढुकाय । । +जहिना नन्दन स्वर्ग लोक में +रखइछ अनुपम वेश । +ताहू से बढ़ि चढ़ि के हेतौ +तोहर मिथिला देश । । +बोलोॅ भैया . . . . . . .",angika-anp +"राम और लिछमन दसरथ जी के बेटे +राम और लिछमन दसरथ जी के बेटे , दोनूं बन खण्ड मैं जां , +हेरी मन्नै राम मिले भगवान +एक बन चाले रामा दो बन चाले रामा , तीजै मैं लग आई प्यास , +हेरी मन्नै राम मिले भगवान +जोहड़ बी रीते रामा कुएं भी रीते , रीता सारा बनबास +हेरी मन्नै राम मिले भगवान +छोटा सा छोरा गऊए चरावै , एक घूंट पाणीड़ा पिला , +हेरी मन्नै राम मिले भगवान",haryanvi-bgc +"पियवा, त पियवा से पातर पियवा, सुनहु बचन मोरा हे +पियवा1 , त पियवा से पातर2 पियवा , सुनहु बचन मोरा हे । +पियवा , एक पेड़ अमवा3 लगवतऽ त फलवा हम खइती हे ॥ 1 ॥ +धनिया , जे तुहुँ सुघरि धनिया , सुनहु वचन मोरा ए । +धनिया , एक तुहुँ बेटवा पझइतऽ4 त सोहर हम सुनती हे ॥ 2 ॥ +उठि उठि चलि भेलन बिपर5 धरे , अउरो से विपर धरे हे । +विपर , तोहरे चरन धोइए पीयबो , पुतर एक होयतो हे ॥ 3 ॥ +पुरुब के चनमा6 पछिम होय , सुरुज पछिम उदे हे । +बहुआ तरसि तरसि जीउ जयतो , पुतर कहाँ पयबऽ हे ॥ 4 ॥ +उहँउ7 से चलि भइली सासु लगे , अउरो से सासु लगे हे । +सासुजी , रउरेहुँ चरन धोइ पीयबो , पुतर एक होयतो हे ॥ 5 ॥ +पुरुब के चनमा पछिम होय , सुरुज पछिम उदे हे । +बहुआ तरसि तरसि जीउ जयतो , पुतर कहाँ पयबऽ हे ॥ 6 ॥ +उहँउ से चलि भेलन गोतनी से , अउरो गोतनी लगी हे । +गोतनी रउरे चरन धोइ पीतूँ , पुतर एक होयतो हे ॥ 7 ॥ +पुरुब के चनमा पछिम होय , सुरुज पछिम उदे हे । +बहुआ , तरसि तरसि जीउ जयतो , पुतर कहाँ पयबऽ हे ॥ 8 ॥ +उहँउ से चललन ननदी लगी , अउरो ननदी लगी हे । +ननदी तोहरो चरन धोइ पीयबो , पुतर एक होयतो हे ॥ 9 ॥ +पुरुब के चनमा पछिम होय , सुरुज पछिम उदे हे । +भउजो , तरसि तरसि जीउ जयतो , पुतर कहाँ पयबऽ हे ॥ 10 ॥ +नहाइधोआइ8 ठाढ़ा भेल9 सुरुज गोड़ लागल हे । +सुरुज , हम पर होअन देयाल , 10 पिया हो ताना मारल हे ॥ 11 ॥ +आधी रात गयली पहर रात , अउरो पहर राती हे । +बीचे राती ललना जलम भेल , महल उठे सोहर हे ॥ 12 ॥ +आबह बिप्र आबह चउकि11 चढ़ि बइठह हे । +तोहरे कहल12 नंदलाल , तोहर गोड़ पूजब हे ॥ 13 ॥ +आवह सासु , तूँ आवह , जाजिम चढ़ि बइठह हे । +तोहरे कहल नंदलाल , तोहर पाँव पूजब हे ॥ 14 ॥ +आवह गोतनी , तूँ आवह , मचिया चढ़ि बइठह हे । +तोहरे कहल मोरा लाल , तोहरो पाँव पूजब हे ॥ 15 ॥ +आवह ननदो , तूँ आवह , चटइया चढ़ि बइठह हे । +तोहरे कहल मोरा लाल , तोहरो पियरी पहिरायब हे ॥ 16 ॥",magahi-mag +"उजड़ा खेड़ान रहनी जाल डो काटा आरगा जानोम +उजड़ा खेड़ान रहनी जाल डो काटा आरगा जानोम +उजड़ा खेड़ान रहनी जाल डो काटा आरगा जानोम +डो रानी एजे रहनी जाल ईटा डो रानी +डो रानी एजे रहनी जाल ईटा डो रानी +आलो आचारा बीले डो आलो आचार बीले +आलो आचारा बीले डो आलो आचार बीले +इंज बागोन बागोन ��ाजा इयां बानी डीडोवा +इंज बागोन बागोन राजा इयां बानी डीडोवा +जा राजा ईयन शरोम ऐजेवा +जा राजा ईयन शरोम ऐजेवा +शडी रुपया ईवन रानी मानी गालां ईयन +शडी रुपया ईवन रानी मानी गालां ईयन +डो रानी आमेन चोजा शरोम ऐजेवा +डो रानी आमेन चोजा शरोम ऐजेवा +स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण पर्ते एवं सुकिया बाई , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"पहिला दरद जब आयल, सासु गोड़ लागले हे +पहिला दरद जब आयल , सासु गोड़1 लागले हे । +सासु , अब न करम अइसन2 काम , दरद अँग सालइ3 हे ॥ 1 ॥ +दोसर दरद जब उठल , ननदी गोड़ लागल हे । +ननदी , अब न जयबइ सामी सेज , दरद हिया सालइ हे ॥ 2 ॥ +तेसर दरद जब उठल , होरिला जलम लेल हे । +बजे लागल अनन्द बधइया , महल उठे सोहर हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"कते जल बहे छै बहिन कमलेसरी +कते जल बहे छै बहिन कमलेसरी , +मैया हे कते जल बहे छै हे । +ठेहुना जल बहे छै मैया कमलेसरी हे , +अगम जल मैया बहे कोसीधार +से अगम जल । +कहमा नहैले कोसीमाय +कहमा लट हे झारले +कहमा कैले सोलहो सिंगार । +बाराहछेत्रा से पलै कोसीमाय , +बाटिहि नहैले , +गहबर कैले सोलहो सिंगार । +जीरवा सन के दँतवा से कोसीमाय , +सिहारी फोड़ल माथ । +बानन छेदी कोसीमाय खाट देवो घोराय , +गे सोना से , +डँड़वा देवो छराय , गे सोना से । +अगिया लगेबों सेवक , +रानू सरदार छी हमर लोग ।",angika-anp +"विदाई गीत +लाडि पछि फिरिन् भाल , तारो बावो पछि बुलावे । +लाडि पछि फिरिन् भाल , तारी माय पछि बुलावे । +लाडि पछि फिरिन् भाल , तारो भाइ पछि बुलावे । +लाडि पछि फिरिन् भाल तारी भोजाइ पछि बुलावे । +बारात रवाना होने को है , दूल्हा आगे चल रहा है , दुल्हन का भाई दुल्हन को उठाये हुए उसके पीछे चल रहा है । मार्मिक क्षण हैं आँखों मे अश्रु लिये वर पक्ष की महिलाएँ यह गीत गाती हैं +दुल्हन से कहा गया है कि तू पीछे मुड़कर देख , तेरे पिताजी वापस बुला रहे हैं । आगे इसी प्रकार माता और भाईभौजाई के बारे में कहा गया है ।",bhili-bhb +"अरे ए मियाँ बँदरे, सहानी नइया लागी +अरे ए मियाँ बँदरे1 सहानी2 नइया3 लागी । +कोठे चढ़ि अम्माँ देखे जी , सहाना माली आया । +सहाना सेहरा लाया रे ॥ 1 ॥ +अरे ए मियाँ बँदरे , नवेली नइया लागी । +अरी ए खेलवड़िये4 सहानी नइया लागी ॥ 2 ॥ +कोठे चढ़ि दादी देखें जी सहाना दरजी आया । +अरे ए मियाँ बँदरे , सहाना जोड़ा लाया रे , सहाना जोड़ा लाया ॥ 3 ॥ +कोठे चढ़ि नानी देखें जी , सहाना तँमोली आया जी । +सहाना बीड़ा लाया जी , सहाना बीड़ा लाया । +अरे ए मियाँ बँदरे , सहाना बीड़ा लाया ॥ 4 ॥ +��ोठे चढ़ि अम्माँ देखें जी , सहाना डोला आया । +सहाना डोला आया जी , सहानी लाड़ो आई । +अरी ए मियाँ बँदरे , सहानी नइया आई ॥ 5 ॥",magahi-mag +"301 +रांझे आखया खयाल ना पवो मेरे सींह सप फकीर दा देस केहा +कूंजां वांग ममोलयां देस छडे असां जात सफात ते भेस केहा +वतन दमां दे नाल ते जात जोगी साडा साक कबीलड़ा खेस1 केहा +जेहड़ा वतन ते जात वल धयान रखे दुनियां दार है उह दरवेश केहा +दुनियां नाल पैंवदा है असां केहा पत्थर जोड़ना नाल सरेश केहा +जिनां खाक दर खाक फनाह2 होना वारस शाह फिर तिनां नूं ऐश केहा",panjabi-pan +"हिरणी हरि क पुकारे जंगल मऽ +हिरणी हरि क पुकारे जंगल मऽ +१ हिरणी रे बन म घुमण लागी , +पार्दी न फन्द लगायो +चौ तरफा से घेरो हो नाख्यो +हिरणी क राम अधारो . . . +जंगल मऽ . . . +२ जब रे पार्दी न फन्द लगायो , +न चल्यो हिरणी का पास +हिरणी बिचारी मन घबराणी +न पार्दी क ढ़सी गयो नाग . . . +जंगल मऽ . . . +३ मन म रे पार्दी ऐसा डरा रे , +न खौब रयो पछताई +चौ तरफा सी आग लगी रे +न हिरणी क ली रे बचाई . . . +जंगल मऽ . . . +४ हिरणी जब निकल हो आई , +आई प्रभू का द्वार +प्रभू जी सी कर अरदास +न हरी जी न लाखी लाज . . . +जंगल मऽ . . . +५ कहत कबीर सुणो भाई साधू , +एक पंथ निरबाणी +जनमजनम की दासी तुम्हारी +न रवा प्रभू जी की साथ . . . +जंगल मऽ . . .",nimadi-noe +"आल्हा ऊदल +निकलल पलटन लहरा के बाबू मेघ झरा झर लाग +झाड़ बरुदन के लड़वैया साढ़े साठ लाख असवार +चलल जे पलटन है लहरा के सिब मंदिर के लेल तकाय +बावन दुआरी के सिब मंदिर बावनों पर तोप देल धरवाय +रुदल रुदल घिराइल सिव मंदिर माँ +जरल करेजा है रुदल के घोड़ा पर फाँद भेल असवार +ताल जो मारे सिब मंदिर में बावनों मंदिर बिरल भहराय +बोलल राजा लहरा सिंह रुदल कहना मानव हमार +डेरा फेर दव अब एजनी से तोहर महाकाल कट जाय +नाहिं मानल बघ रुदल बाबू सूनीं धरम के बात +बातन बातन में झगड़ा भैल बातन बढ़ल राड़ +बातक झगड़ा अब के मेटे झड़ चले लागत तरवार +तड़तड़ तड़तड़ लेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार +सनसन सनसन गोली उड़ गैल दुइ दल कान दिलह नाहिं जाय +झाड़ बरुदन के लड़वैया सै साठ गिरल असवार +जैसे बढ़इ बन के कतरे तैसे कूदि काटत बाय +आधा गंगा जल बहि गैल आधा बहल रकत के धार +ऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवार +ढलिया बहि बहि कछुआ होय गैल तरुअरिया भैल धरियार +छूरि कटारी सिंधरी होय गैल धै धै तिलंगा खाय +नब्बे हजारन के पलटन में दसे तिलंगा बाँचल बाय",bhojpuri-bho +"लाडो ए बागां का जाना छोड़ दो +लाडो ए बागां जाना छोड़ दो आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां +हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां , ले रहे हैं ढाल तलवारियां +लाडो ए कुए जाना छोड़ दो , आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां +हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां , ले रहे हैं ढाल तलवारियां +लाडो ए गलियां जाना छोड़ दो , आ रहे हैं तुम्हारे भरतारियां +हो रहे हैं घोड़े पै सवारियां , ले रहे हैं ढाल तलवारियां",haryanvi-bgc +"मुरली +हमार मुरली भइल बा चोरी , मुरलिया दिलाइ दऽ ए भाई । +सूतल रहलीं कदम के छैयां धर बंसी सिरहानी , +एतने में आ गइल निदिया बैरी , हो गइल मुरली के हानी , +मुरलिया दिलाइ दऽ ए भाई । +ओहि मुरली में प्राण बसल बा छछन जिअरवा मोरी , +जैसे हम हईं तोहरो दुलरुआ ओइसहीं मुरलिया मोरी , +मुरलिया दिखलाइ दऽ ए भाई ।",bhojpuri-bho +"लिपि पोति अयलो कोठरिया, चननवाँ छिरकि अयलों हे +लिपि पोति अयलो1 कोठरिया , चननवाँ छिरकि2 अयलों हे । +ए ललना , घुमि फिरि अयलन3 रघुनन्नन , सेजिया मोहि डँसि4 देहु हे ॥ 1 ॥ +सोनहिं के मोरा नइहर , ओरियनि5 , ओलती6 चुए हे । +ए ललना , सातहिं7 भइया के हम बहिनियाँ , सेजियवा हम कइसे8 डाँसब9 हे ॥ 2 ॥ +एतना बचन राजा सुनलन10 , सुनहुँ न पवलन11 हे । +ए ललना , चढ़ि गेलन घोड़े असवार12 , मधुबन जायब13 हे ॥ 3 ॥ +एतना बचन धनि14 सुनलन , सुनहुँ न पवलन हे । +ए ललना , धरि लेलन घोड़े के लगाम , हमहुँ जोउरे जायब हे ॥ 4 ॥ +सोनहिँ के तोरा नइहर , ओरियनि मोती चुए हे । +ए धनि , सातहिँ15 भइया के तुहूँ बहिनियाँ , कइसे तुहूँ बन जयबो16 सेजिया डाँसब हे ॥ 5 ॥ +फिरहुँ फिरहुँ ए राजा जी , फेनुकै17 सेजिया डाँसब हे ॥ 6 ॥ +लिपि पोति अयलो कोठरिया , चननवा छिरकि अयलों हे । +ए ललना , डाँसि जे देलो18 लाली पलँगिया , सोवहु राजा रघुनन्नन हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"368 +घरों सखना फकर ना डूम जाये अनी खेड़यां दिए मगखोरीए नी +कोई बड़ी असां तकसीर1 है कीती सदा हुसन दा बखश लै गोरीए नी +जो कुझ सरे सो फकर नूं खैर दीजे नहीं देय जवाब चा टोरीए नी +वारस शाह कुझ रब्ब दे नाम देईए नहीं आजजां दा कुझ जोगीए नी",panjabi-pan +"आम अमलिया की नन्ही-नन्ही पतियाँ +आम अमलिया की नन्हीनन्ही पतियाँ +निबिया की शीतल छाँह +वहि तरे बैइठीं ननद भौजाई +चालैं लागि रावन की बात । +तुम्हरे देश भउजी रावन बनत है +रावन उरेह दिखाव +तो मैं एतना उरैहौं बारी ननदी +जो घर करो न लबार +भावार्थ +आम और इमली की नन्हींनन्हीं पत्तियाँ हैं +नीम की शीतल छाया है +उसी के नीचे बैठी हैं ननद भौजाई +तभी रावण की बात चलने लगी । +' हे भावज , तुम्हारे देश में रावण बनता है +रावण का चित्र खींचकर दिखाओ । ' +' चित्र तो मैं अवश्य खींचकर दिखाऊँ , प्यारी ननद +यदि घर में तुम इसकी चर्चा नहीं करो । '",bundeli-bns +"359 +एह विच कुरान दे हुकम होया गल फकर दी नूं नाहीं हसिये नी +जो कुझ कहन फकीर सो रब्ब करदा आखे फकर दे तों नाही नसिये नी +होवे खैर ते देही दा रोग जाये नित पहनीए खावीए वसिये नी +भला बुरा जो देखिये मसट करिये भेत फकर दा मूल ना दसिये नी +हथ बन्ह फकीर ते सिदक कीजे नाही टोपियां सेलियां खसिये नी +दुख दरद तेरे सभे जान कुड़ीए भेत जिऊ दा खोल जां दसिये नी +मुख खेल विखाए तां होवे चंगी आली भोली अयानिये ससिये नी +रब्ब आन सबब जां मेलदा ए खैर हो जांदी नाल लसिये नी +सुलह कीतयां फते जे रब्ब आवे कमर जंग ते मूल ना कसिये नी +तेरे दरद दा सब इलाज मैथे वारस शाह नूं भेद जे दसिवये नी",panjabi-pan +"हौनी दो पग चलत अँगरैं +हौनी दो पग चलत अँगरैं , +सब तन चलत पिछारैं । +जैसुइ जान घरों आँगे खाँ , +मार देह का धारें । +करमन वचन करत है ओई , +होनी जौन विचारे +सुर मुन नर आकुल है , ‘ईसुर’ , +ई होनी के मारे ।",bundeli-bns +"मोसे भुअन चढ़ो न जाय लगुरिया +मोसे भुअन चढ़ो न जाय लंगुरिया +ऐसी धमक लगे पायल की । +मेरे ससुरा चले देवी दर्शन खों +लिये ध्वजा नारियल हाथ लंगुरिया , +ऐड़ी धमक लगे पायल की । +मेरा जेठा चले देवी दरशन खों । +लिये लाल चुनरियां हाथ लंगुरिया । +ऐड़ी धमक लगे पायल की । +मेरे देवरा चले देवी दरशन खों । +लिये हार फूलन के हाथ लंगुरिया । +ऐड़ी धमक लगे पायल की । +मेरे साजन चले देवी दरशन खों । +लिये गोद ललनवा हाथ लंगुरिया । +ऐड़ी धमक लगे पायल की ।",bundeli-bns +"72 +केहड़े चौधरी दा पुतर कौन जातों किहा अकल शहूर1 दा कोट2 है नी +एह नूं रिज़क ने किवें उदास कीता केहड़े पीर दी एसनूं ओट है नी +फौजदार वांगूं कर कूच धाना3 जिवें मार नगारे दी चोट है नी +किनां जटां दा पोतरा है कौन हुंदा वतन एस दा केहड़ा कोट है नी",panjabi-pan +"उड़ जा रे कागा लेजा रे तागा +उड़ जा रे कागा लेजा रे तागा जांदा तो जइये मेरै बाप कै +मैं तो नाम न जाणू बेब्बे गाम ना जाणू कौणसी तो मैड़ी तेरै बाप की +नाम बताद्यूं गाम बताद्यूं मैड़ी तो बताद्यूं मेरे बाप की +एक ऊंची सी मैड़ी लाल किवाड़ी , वो घर कहिए मेरे बाप का +एक मेरे बाप के चार धीअड़ थी , चारों तो ब्याही चारों कूट में +एक बागडण में दूजी खादर में तीजी हरियाणा चौथी देस में +मेरे सिर पर कागा हाथ भुआरी भरूंट भुवारूं में खड़ी खड़ी +मैं सट सट मारूं डस डस रोवूं रोवूं नाई का तेरे जीव नै",haryanvi-bgc +"आ जैहो बड़ी भोर दही लैके +आ जैहों बड़ी भोर दही लैकें +आ जैहों बड़ी भोर । +ना मानो कुंड़री धर राखो । +मुतियन जड़ी है कोर । सखी री . . . +ना मानो मटुकी धर राखो +लिखें पपीरा मोर । सखी री . . . +ना मानो गहने धर राखो , +बाजूबंद अमोल । सखी री . . . +ना मानो मोई खों बिलमा लो , +जोड़ी बनत अमोल । सखी री . . . +चन्द्रसखी रस बस भई राधा । +छलिया जुगल किशोर । सखी री . . . +आ जैहों . . .",bundeli-bns +"दिल रहौ दाबनी में बसकें +दिल रहौ दाबनी में बसकें , +मों फेरों इतखाँ तुम हँसकें । +झँझरीदार खुली ज्यों पुतरी +पटियन बीच रई लसकें । +दोई भोंय दाब कें बैठी +कानन लों खेंचें कसकें । +ईसुर प्रान कौन के लेतीं ? +राधा के माथै धसके ।",bundeli-bns +"मन भवरा तो लोभीया +मन भवरा तो लोभीया , +आरे माया फुल लोभाया +चार दिन का खेलणा +मीट्टी में मील जाणा . . . +मन भवरा . . . +१ ऊंग्यो दिन ढल जायेगा , +फुल खिल्या कोमलाया +चड़याँ हो कलश मंदिर म +जम मारीयाँ हो जाय . . . +मन भवरा . . . +२ कीनका छोरा न कीनकी छोरीया , +कीनका माय नी बाप +अन्त म जाय प्राणी एकलो +संग म पुण्य नी पाप . . . +मन भवरा . . . +३ यही रे माया के हो फंद को , +भरमी रयो दिन रात +म्हारोम्हारो करत मरी गयो +मिट्टी मांस का साथ . . . +मन भवरा . . . +४ छत्रपति तो चली गया , +गया लाख करोड़ +राज करंता तो नही रया +जेको हुई गयो खाक . . . +मन भवरा . . . +५ पींड गया काया झरझरी , +जीनका हुई गया नाश +कहत कबीरा धर्मराज से +निर्मल करी लेवो मन . . . +मन भवरा . . .",nimadi-noe +"बनड़े सीस तेरे का सेहरा +बनड़े सीस तेरे का सेहरा , बनड़े कान तेरे के मोती +मोहे बखसो ना जी बनड़ा +बनड़ी जो देखो सोए मांगों , घर के लडैंगे ए बनड़ी +रायबर घर क्यां तै डरो था , क्यों परणों थे जी बनड़ा +बनड़ी बालक सा ब्हाह्या था , अब सुध आई है बनड़ी +बनड़ा गल तेरे का तोड़ा , बनड़ा अंग तेरे का जामा +मोहे बखसो ना जी बनड़ा +बनड़ी जो देखो सोए मांगों , घर के लड़ैंगे ए बनड़ी +रायबर घर क्यां तै डरो था , क्यों परणों थे जी बनड़ा +बनड़ी बालक सा ब्हाह्या था , अब सुध आई है बनड़ी +बनड़ा हाथ तेरै की घड़िआं , बनड़ा पैर तेरे का जूता +मोहे बखसो ना जी बनड़ा",haryanvi-bgc +"जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी +जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी +जीजा बोलदा कोन्या +कहो तो जीजा तेरा हैट बण जाऊं +जीजा बोलदा कोन्या +पठ्यां के अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं +जीजा बोलदा कोन्या +जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी +जीजा बोलदा कोन्या +कहो तो जीजा तेरा चसमा बण जाऊं +जीजा बोलदा कोन्या +नैणा कै अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं +जीजा बोलदा कोन्या +जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी +जीजा बोलदा कोन्या +कहो तो जीजा तेरा बिसतर बण जाऊं +जीजा बोलदा कोन्या +तकिये कै अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं +जीजा बोलदा कोन्या +जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी +जीजा बोलदा कोन्या +कहो तो जीजा तेरी घड़ी बण जाऊं +जीजा बोलदा कोन्या +चेन के अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं +जीजा बोलदा कोन्या +जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी +जीजा बोलदा कोन्या",haryanvi-bgc +"गहूँ काटणनीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ +गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं रे साहेबजी , गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं । +गहूँ काटणऽ म्हारी भौजाई खऽ भेजो , +उनकी रसोई हम रांधा साहेबजी , गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं । +गहूँ काटणऽ म्हारी देराणी खऽ भेजो , +उनको पाणी हम भरां साहेबजी , गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं । +गहूँ काटणऽ म्हारी सौतऽ भेजो , +हम सेजां हम सोवां साहेब जी , गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं ।",nimadi-noe +"सब के बरदिया कोसी माय अमरपुर पहुंचल +सब के बरदिया कोसी माय अमरपुर पहुंचल +हमरो बरदिया उसर में लोटाय । +सब कोय बनीजल कोसीमाय पाकल बीड़ा पान , +हमहूँ बनिजवै कोसीमाय लंग अड़ाँची । +जब तोरा आहे बेपरिया पार देवों उतारि +वेपरिया किय देव दान । +घाटे वारे चढ़ेबो कोसीमाय हसाना बीड़ा पान +घरे घरे छौकी ज्योनार । +घरही जे जेबे सहुआ , सहुनिया बुधि रचबे +बिसरि जेबे कोसिका नाम । +जीबो मोरा जेतै कोसीमाय परानो किछु गे बचतै +तैयो ने विसिरवौ तोर नाम । ।",angika-anp +"383 +अनी देखो नी वासता रब्ब दा जे वाह पै गया नाल कुपतयां दे +मगर हलां दे चोबर ला दीजन अके छेड़ दीजन मगर कटयां दे +अके वाढियां लावियां करन चोबर अके डाह दीजन हेठ झटयां दे +एह पुरानियां लानतां हैन जोगी गधे वांग लेटन विच घटयां दे +हीर आखदी बहुत है शौक तैनूं बीड फाहे नाल ठटयां दे +वारस शाह मियां खहड़े नाह पईए कन पाटयां रब्ब दयां पटयां दे",panjabi-pan +"सुहाग मांगण गई आं +सुहाग मांगण गई आं +गोरा पारबती के आगै +गोरा बनड़ा है हरियाला +नया नवेला सत मतवाला +अरी मैं ना जाणू +चोलीचुन्नी हो के लाग्या +ऐ री मैं ना जाणू +फूल चमेली होके लाग्या +ए री मैं ना जाणूं +मिसरी मेवा हो के लाग्या",haryanvi-bgc +"300 +सुनी जोगीआ गभरूआ छैल बांके नैनां खीवियां मसत दिवानियां वे +कन्नीं मुंदरां सुंदरां सेलियां नी दाहड़ी पट सिर भवां मुनानियां वे +विचों नयन हसन होठ भेत दसन अखीं मीचदा नाल बहानियां वे +किस मुंनयों कन्न किस पाड़योनी तेरा वतन है कौन दीवानियां वे +कौन जात ते कासनूं जोग लया सच सच ही दस मसतानियां वे +एस उमर की पायदे पए तैनूं क्यों भौणा ए देस बेगानियां वे +किसे रन्न भाबी बोली मारीया हो हिक साडीया सू नाल ताहनियां वे +विच त्रिंजणां पवे विचार तेरी होवे जिकर तेरा चकी हानियां वे +बीबा दस शिताब1 है जी जांदा असीं धुप दे नाल मर जानियां वे +करन मिनतां मुठियां भरन बहके हुा पुछ के असीं टुर जानियां वे +वारस शाह गुमान न करीं मियां ऐवें हीर दया माल खजानियां वे",panjabi-pan +"निहाली गीत +काचा रे सूते ने , जाले विणाउं रे ढेड्या । +नाइं रे विणे ने , लाते जमाउं रे ढेड्या । +ऊंडा रे तलाव मा , माछलि पकड़ाऊं रे ढेड्या । +नांइ रे पकड़े ते , लाते जमाउं रे ढेड्या । +तुमसे कच्चे सूत की जाल बनवाऊँ , नहीं बुने तो लात जमा दूँगी । गहरे तालाब में तुमसे मछली पकड़वाऊँ , नहीं पकड़ पाये तो लात जमा दूँगी ।",bhili-bhb +"कठड़े से आया हो राज +कठड़े से आया हो राज +कठड़े से आया म्हारा सगा नणदोई जी +प्यारा नणदोई जी कठड़े से आया हो राज +म्हारा सगी साका हेली जी +प्यारी साला हेली जी आया हो राज +पाणीड़ा समायो हो राज +पाणीड़ा समायो म्हारा सगा नणदोई जी +प्यारा नणदोई जी पाणी समोया हो राज +अब हम न्हावां हो राज +अब हम न्हावां म्हारा सगा नणदोई जी +प्यारी सलाहेली जी अब हम न्हावां हो राज +भोजन परोस्या हो राज +भोजन परोस्या म्हारा सगा नणदोई जी +प्यारा नणदोई जी थाल परोसी हो राज +अब हम जीमां हो राज +अब हम जीमां म्हारी सगी सालाहेली जी +प्यारी सालाहेली जी , अब हम जीमां हो राज +झारी भराई हो राज +झारी भराई म्हारा सगा नणदोई जी +प्यारा नणदोई जी , झारी भराई जी +अब हम पीवां हो राज +अब हम पावां हमारी सगी सालाहेली जी +प्यारी सालाहेली जी अब हम पावां हो राज +चौपड़ रलाई हो राज +चौपड़ रलाई म्हारा सगा नणदोई जी +प्यारा नणदोई जी चौपड़ रलाई हो राज +अब हम खेलां हो राज +अब हम खेलां म्हारी सगी सालाहेली जी +प्यारी सालाहेली अब हम जीतां हो राज +ढोल्यो ढलायो हो राज +ढोल्यो ढलायो म्हारा लगा नणदोई की +प्यारा नणदोई जी ढ़ाल्यो ढ़लायो हो राज +अब हम पौड़ां हो राज +अब हम पौड़ां म्हारी सगी साकाहेली जी +प्यारी साकाहेली अब हम पौडां हो राज",malvi-mup +"विदाई गीत +पीपर्या पाणिन माली पर ताड़ेनो पाते रो । +याहयणी तारो वाजो मांगो , मीन मकी भालूँ वो । +पीपर्या पाणिन माली पर , बोरिनो झीकरो । +झीकरेझीकरे आव वो , याहयणी पाणि मी वताड़ूवो । +पीपर्यापानी नामक गाँव के पठार पर ताड़ के पत्ते हैं । समधन से कहना है कि तेरा बाजा माँगता हूँ , नहीं तो तेरी मक्का की रखवाली नहीं करूँगा । आगे कहा गया कि पठार पर बेर के काँटे हैं तू काँटो से होकर आ , मैं तुझे पानी बता दूँगा ।",bhili-bhb +"नदिया के किनारे लहालही दुभिया +नदिया के किनारे लहालही1 दुभिया2 चरले सोरहिया के गाय हे । +ओही3 रे बछरवा4 के गभरू5 बनवलों , पियले कटोरवे दूध हे ॥ 1 ॥ +दुधवा पिअइते बाबू अझुरी पसारे6 माँगल7 मउरी गँथाए हे । +होए द बिहान8 पह फटे9 द दुलरुआ , बसि जइहें सहर बजार हे ॥ 2 ॥ +सोनवा चोरायम10 मउरी बनायम11 मोतिअनि लगले जे लर हे । +साँकरि साँकरि गलिया कवन भँडुआ , साँकरि रउरी दुआर12 हे ॥ 3 ॥ +जहाँ ए कवन बाबू लगत दुअरिया , झरले मउरिया के लर हे ॥ 4 ॥ +अपन रसोइया13 से बाहर भेलन कवन सुगइ14 । +कइसे में लोकू15 छैल जी के मउरिया , झुकि परे गाँव के लोग हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"315 +जटी बोलके दुध दी कसर कढी सब अड़तने पड़तने पाड़ सुटे +पुने दादे पड़दादे जोगीड़े दे सभे टगने ते साक चाढ़ सुटे +जोगी रोह दे नाल खढ़ लत घती धरौल मारके दंद सब झाड़ सुटे +जटी जिमी ते पटड़े वांग ढठी जिवें वाहरू फड़के धाढ़ सुटे +वारस शाह मियां जिवें मार तेसा फरहाद ने चीर पहाड़ सुटे",panjabi-pan +"अँगना में बतासा लुटायम हे, अँगना में +आँख अँजाई +अँगना में बतासा1 लुटायम2 हे , अँगना में ॥ 1 ॥ +सासू जे ऐतन3 देवोता4 मनौतन5 । +उनका के पीरी6 पेन्हायम7 हे , अँगना में ॥ 2 ॥ +देवोतो मनावे में कसरमसर8 करतन9 । +धीरे से पीरी उतार लेम हे , अँगना में ॥ 3 ॥ +गोतिनी जे ऐतन पंथ10 रँधौतन11 । +उनको के पीरी पेन्हायम हे , अँगना में ॥ 4 ॥ +पंथ रँधावे में कसरमसर करिहें । +धीरे से पियरी उतार लेम हे , अँगना में ॥ 5 ॥ +ननद जे ऐतन आँख अँजौतन12 । +उनको के कँगना पेन्हायम हे , अँगना में ॥ 6 ॥ +आँख अँजौनी में कसरमसर करतन । +धीरे से कँगना उतार लेम हे , अँगना में ॥ 7 ॥ +यह गीत मुस्लिमपरिवारों में भी प्रचलित है , लेकिन दोनों में भाषा के साथ रस्मरिवाजों में अंतर है । दे . खंड 4 , गीत सं . 6",magahi-mag +"जसी +झपन्याली डाली का छैल देखे वींन , +पदमू रौत छौ बैठ्यूँ जख मांज । +नजीक जांदी जसी , सेवा लगौन्दो +मुलमुल1 हैसदो पदमू रौत । +मुख मोड़ी जसीन , शरमैंन आंखी , +गोरी गल्वाड़ी2 वीं की भरेन ज्वानी का ल्वेन । +देखदो रै गए पदमू वीं रूप की जोत , +जसीन हात पकड़ीक वो भ्वां बैठाये । +पदमू सणी जनू सेयां मा होश आये , +काख3 गाडे4 वेन वा , धौंपेली5 मलासे , +वखी मू फुल्याँ वण का फूलून +वा डांडू6 की आछरी7 जनी सजाये । +दीदी की छुई8 लगीन दीदी का नौनों की , +मैत9 खबर सार सुणाई , सैसर10 की भी । +तब भेना11 का खुटो12 मा सेवा लैक , +घर को पयाणो , तैन कैले । +चौक का छोड़ जब जसी आये , +चट नजर रौल13 की लैंगे , +ब्वारी14 की देखे वींन फूलू भरी स्यूंद15 पाटी , +सासू की जिकुड़ी16 जनी किरमोलीन काटी । +सुबेरी बिटी17 तू पद्यारा18 रै बेगणी , +दुनिया दुखैण्णी तू ब्वारी क्यूं च । +एतरीं19 बगत20 तू क्या करदी रई , +बुवा21 छौं आयों तेरो वख या बई22 , +भाई छौ आयों या मामा तेरो ? +ना बोला सासु जी तु यनी बात , +दिन की न बणावा यनी रात । +विराणा बैख23 वैबाबु का सामान । +पदमू रौत होन्द मेरो भेना24 , +पंद्यारा मिले वो बीच बाट +दिदी की खूश खबर पूछे मैंन । +ना लावा ठणा25 मैं विष खोलों , +गंगा फाल26 द्यूलो , अबि मरी जौलों । +सासू बुडड़ी छै बुवारी की बैरी , +वींन ब्वारी को मुख गबदाये +लबार27 , पातर28 छै तू दारी29 , +बार30 पार लैक मेरा नौना बमौन्दी31 । +ढाटी32 जिकुड़ो तेरी बाघ खालो , +दाग33 लगेक ज्वानी पर यख आई केक ? +देख त्वै आज मैं ज्यूंदा34 न छोड़ों । +बुडड़ीन तब कटार मारे , खून की धार बगे । +धार की गेंडकी35 सी रूड़े36 जसी , +निमो37 का बग्वान38 दिने धोली । +भण्डारी तब सुपिनो ह्वै गए बुरो , +बाटा लग्यूं छौ वो घर पौंछीगे । +इथैं देखद उथैं जसी भैर39 नी आई । +तब भट्यांद40 भण्डज्ञरी वीरूवा +भैर औदू , भैर जसी मेरी राणी । +बाटा को थक्यूं छौं , घाम को सुक्यू , +गंगा जी को सेलो41 पाणी दी जा । +भैर आये तब जिया42 वेकी पावती , +मुख झोसो43 छौ पड़यूं वींका मोसो44 +पूछद तब भण्डारी , वैं जसी का च ? +आँख्यों मा जिया का रात पड़ी गए । +न ले मेरा वीं पातर को नऊँ45 , +पदमू रौत आई छौ वीं को भेना46 , +पाणी पंद्यारा वा पाप करीक आए । +अपणा पापन बेटा , वींन मौत अपणी अफी बुलाए । +हकदक47 रै गए भण्डारी भारी +हा , त्वैन मेरी जोड़ी को मलेऊ48 फँट्याए49 ? +कख जैक पौणा मैन जसी जसी नार ? +तब रोन्दू बबरान्दू भण्डारी जांदू निमौं का बग्वान । +वींकी पिंगूली मुखुड़ी देखद , कौडी सरीं दाँतुड़ी । +हा , जसी तू मैं छोड़ी कै का घर गई ? +कै देवन हरे तेरी या अल्हर ज्वानी । +फफड़ँद50 छ वीरूवा लफरांद51 छ , +कना कना कारणा कर्द । +अंग्बाल52 मारीक वीं बेहोश ह्वै जाँद । +तब वैका सुपिना मा औन्दन मादेव पारबती । +धीरज धरौन्दन , जतन करौन्दन । +तब वीरूवा गंगाजल को लगोंद छीटो , +सते53 होली तू दुयो54 की जाई55 , एक की जोई56 , +त उठी जा सैयाँ की च���र । +जु त्वैन नी करे हो पाप , मन रै हो साफ57 , +जु कैक खोटी नी बोली , पराई नी ताकी होली , +त तू खड़ी होई जा जसी मेरी नार , +बिंजी58 जा बिंजी , हे सेयाँ की चार । +प्रभु की माया देखासतियों को सत +जसी कबलाण59 लैगे , आँख्योंन टपराण60 लैगे , +बीरु न वा साँका61 लैले , हरचीं62 जनी पैले63 ।",garhwali-gbm +"ओजी पांच बधावा म्हारे आवियाजी +ओजी पांच बधावा म्हारे आवियाजी +ओजी पांचां री नवीनवी भांत +नारेळ म्हारा बार , सुपारी म्हारे ऑगणे जी +होजी चारोली चौबारिये रे मांय +दाख म्हारा मेहल में जी ।",malvi-mup +"फाग गीत +एक तो खाती रा बेटा , म्हारो काम करजे रे । +भाएलो परणीजे तोरण हकड़ो घड़े जे रे । +लीला डांडा रो । +हाँ रे लीला डांडा रो मोर ने पपीहा वाळो रे , +लीला डांडा रो । +एक लड़की सुतार के पुत्र से आग्रह करती है कि एक काम मेरा करना , मेरा प्रेमी ब्याह करने जा रहा है , उसके लिये हरी लकड़ी का छोटा तोरण घड़ना और उस पर मोरपपीहे घड़कर लगाना ।",bhili-bhb +"158 +चूचक सयाल ने लिखया रांझया नूं नढी हीर दा चाक उह मुंडड़ा जे +सारा पिंड डरे एस चाक कोलों सिर माहीया दे उस दा कुंडड़ा जे +असां जट ही जान के चाक लाया देइये त्राह जे जानिये गुंडड़ा जे +एडा गभरू घरों क्यों कढया जे लंडा नहीं कमजोर ना टुंडड़ा जे +सिर सोंहदिहां बोदिदां नढड़े दे कन्नीं लाडले दे बने बुंदड़ा जे +वारस शाह ना किसे नूं जानदा ए पास हीर दे रात दिन हुंदड़ा जे",panjabi-pan +"कहिये री उस खाती के लड़के ने +कहिये री उस खाती के लड़के ने खाती के लड़के ने +चौकी तै ल्यावै म्हारे लाल ने +चौकी तै ल्यावै हमारे राय रतन सिंह नै छेल बदनसिंह ने +हर मथुरा जी के लाल ने +कहिये री उस कुम्हरे के लड़के ने कुम्हरे के लड़के ने +कूंडा तै ल्यावै म्हारे लाल ने +कहिये री उस चमरे के लड़के ने चमरे के लड़के ने +जूते तै ल्यावै म्हारे लाल ने +कहिये री उस दर्जी के लड़के ने दर्जी के लड़के ने +कपड़े तो ल्यावै म्हारे लाल ने +कहिए जी उस मामा जी भड़वे ने मामा जी भड़वे ने +जामा तै ल्यावै म्हारे लाल ने +कहिए री उस म्हारे समधि ने म्हारे समधी ने +बनड़ी तै ब्याह्वै म्हारे लाल ने +बनड़ी तै ल्यावै म्हारे राय रत्न सिंह ने छेल बदन सिंह ने +हर मथुरा जी के लाल ने",haryanvi-bgc +"जुरि आयौ दल रसिया गोरी को +जुरि आयौ दल रसिया गोरी को , जुरि आयौ रे ॥ टेक +इत राधा सिर छत्र बिराजै , उत मोहन गिरधारी कौ । +इत ‘राधा जय’ गावैं सहचरी , उतगावै बनवारी कौ ॥ जुरि . +हमरी राधा रूप की रासी , रस क��� रास बिहारी कौ । +हमरी राधा वृन्दावन रानी , हमरौ राज बिहारी कौ ॥ जुरि . +झांझ ढप अप अप जै बोलत , जै राधा जै मुरारी कौ । +प्रेम उमड़घुमड़ दलआवत , साँवरी गोरी जोरी कौ ॥ जुरि .",braj-bra +"मिनती से बोलले गउरा देइ, सुनहु महादेव हे +मिनती1 से बोलले गउरा देइ , सुनहु महादेव हे । +मोरा नइहरवा में जग2 होले , जग देखे जायम3 हे ॥ 1 ॥ +मिनती से बोलथिन4 महादेव , सुनहु गउरा देइ हे । +बिना रे नेवतले5 गउरा जनि6 जाहु , तोहरो7 आदर नाहिं हे ॥ 2 ॥ +केकरो8 कहलिया9 गउरा नाहिं कएलन10 अपने चलि गेलन हे । +नाहिं चिन्हे11 माए बाप , नाहिं चिन्हे नगर के लोगवा हे ॥ 3 ॥ +एक त चिन्हले12 बहिनी गाँगो13 उठि अँकवार14 कइले हे । +बिना रे नेवतले बहिनी आएल , तोहरो आदर नाहिं हे ॥ 4 ॥ +कने15 गेल , किया भेल16 बराम्हन , अगिनी कुंड खानहु17 हे । +जब रे बराम्हन कुंड खनलन18 गउरा कूदि पड़लन हे ॥ 5 ॥ +जब रे गउरा कूदि पड़लन , महादेव धावा चढ़लन19 हे । +मिनती से बोललन सासु , सुनहु महादेव हे ॥ 6 ॥ +मोरा घर आजु जग होले20 जग जनि भाँड़हु21 हे । +गउरा के बदल22 गउरा देहब , फिनु शिव परिछब23 हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"95 +चूचक आखदा मलकीए जमदड़ी नूं गल घुट के काहे ना मारयो ई +घुटी ज़हर दी घोल ना दितीआ ई उह अज जवाब नितारियो ई +मंझ डूंगड़े धीआ न बोड़ीया ई वहिण रोड़ के मूल ना मारियो ई +वारस शाह खुदाए दा खौफ कीता कांरू वांग ना जिमी निघरियो ई",panjabi-pan +"मियाँ बँदरे को लागि जइहें चोट रे +मियाँ बँदरे1 को लागि जइहें2 चोट रे । +कँगनवाँ मैं ना पेन्हू रे ॥ 1 ॥ +ए नइहर वाली अस्सी मुहर का कँगना तुम्हारा । +पाँचे मोहर की है कील3 रे , कँगनवाँ मैं ना पेन्हूँ रे ॥ 2 ॥ +ए नइहरवाली , कँगना , तुम्हारा , राते उतारो । +भारे पेन्ह रे , कँगनवाँ मैं ना पेन्हूँ रे । +मियाँ बँदरे को लागि जइहें चोट रे , कँगनवाँ मैं ना पेन्हूँ रे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"चलो मनवा रे जहाँ जाइयो +चलो मनवा रे जहाँ जाइयो , +आरे संतन का हो द्वार +प्रेम जल नीरबाण है +आरे छुटी जायगा निवासी . . . . +चलो मनवा . . . +१ मन लोभी मन लालची , +आरे मन चंचल चोर +मन का भरोसाँ नही चले +पलपल मे हो रोवे . . . . +चलो मनवा . . . +२ मन का भरोसाँ कछु नही , +आरे मन हो अदभुता +लई जाय ग दरियाव मे +आरे दई दे ग रे गोता . . . +चलो मनवा . . . +३ मन हाथी को बस मे करे , +आरे मोत है रे संगात +अकल बिचारी क्या हो करे +अंकुश मारण हार . . . +चलो मनवा . . . +४ सतगुरु से धोबी कहे , +आरे साधु सिरीजन हार +धर्म शिला पर धोय के +मन उजला हो करे . . . +चलो मनवा . . . . .",nimadi-noe +"कउन बैरिन सेजिया डँसावल +कउन बैर��न सेजिया डँसावल , 1 दियरा2 बरावल3 हे । +अरे , कउन बैरिन भेजले दरदिया , करेजे मोरा सालय हो ॥ 1 ॥ +चेरिया बैरिन सेज डाँसल , दियरा बरायल हे । +ननद भइया भेजलन दरदिया , दरदे करेजे सालय हे ॥ 2 ॥ +अब नहीं पिया सँग सोयबो , न बबुआ खेलायब हे । +ललना , अब नहीं नयना मिलायब , दरद करेजे साले हे ॥ 3 ॥ +आधी राती गेल , पहर राती , होरिला जलम लेल हे । +ललना , बजे लागल अनन्द बधावा , महल उठे सोहर हे ॥ 4 ॥ +अब हम पिया सँघे जायब , नयन जुड़ायब हे । +ललना , अब हम बबुआ खेलायब , अब हम सहब4 दुख हे ॥ 5 ॥ +होयते जे बबुआ के बिआह , अउर जग मूड़न5 हे । +ललना , होयत बबुआ के कनछेदन6 ननद न बोलायब हे ॥ 6 ॥ +होयते बबुआ केरा बिआह , आउर जगमूड़न हे । +ललना , होयत बबुआ के कनछेदन , अपने से आयम हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का +कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का +आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ +कितै बणैं थी खीर , कितै हलवे की खुशबू ऊठ रही +हाळी की बहू एक कूण मैं खड़ी बाजरा कूट रही । +हाळी नै ली खाट बिछा , वा पैत्याँ कानी तैं टूट रही +भर कै हुक्का बैठ गया वो , चिलम तळे तैं फूट रही ॥ +चाकी धोरै जर लाग्या डंडूक पड़्या एक फाहळी का +आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ +सारे पड़ौसी बाळकाँ खातिर खीलखेलणे ल्यावैं थे +दो बाळक बैठे हाळी के उनकी ओड़ लखावैं थे । +बची रात की जळी खीचड़ी घोळ सीत मैं खावैं थे +मगन हुए दो कुत्ते बैठे साहमी कान हलावैं थे ॥ +एक बखोरा तीन कटोरे , काम नहीं था थाळी का +आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ +दोनूँ बाळक खीलखेलणाँ का करकै विश्वास गये +माँ धोरै बिल पेश करया , वे लेकै पूरी आस गये । +माँ बोली बाप के जी नै रोवो , जिसके जाए नास गए +फिर माता की बाणी सुण वे झट बाबू कै पास गए । +तुरत ऊठकै बाहर लिकड़ ग्या पति गौहाने आळी का +आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ +ऊठ उड़े तैं बणिये कै गया , बिन दामाँ सौदा ना थ्याया +भूखी हालत देख जाट की , हुक्का तक बी ना प्याया +देख चढी करड़ाई सिर पै , दुखिया का मन घबराया +छोड गाम नै चल्या गया वो , फेर बाहवड़ कै ना आया । +कहै नरसिंह थारा बाग उजड़ग्या भेद चल्या ना माळी का । +आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥",haryanvi-bgc +"583 +संन यारां सौ असी नबी हिजरत लमे देस दे विच तयार होई +अठारां सौ बाईसया सनमती दा राजे विक्रमाजीत दे सार होई +चोर चैधरी यार ते पाक दामन भूत मंडली इक दो चार होई +वारस शाह जिन्हां केहा पाक कलमा , बड़ी तिन्हां दी आकबत पार होई",panjabi-pan +"साँवन के सहनइया भदोइया के किच-किच ए +साँवन के सहनइया1 भदोइया2 के किचकिच3 ए । +सुगासुगइया4 के पेट , 5 बेदन6 कोई न जानये हे । +सुगासुगइया के पेट , कोइली दुख जानये हे ॥ 1 ॥ +अँगना बहारइत चेरिया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +चेरिया , मोरा परभु बइठल बँगलवा , 7 से जाइके बोलाइ देहु हे ॥ 2 ॥ +जुगवा8 खेलइते9 तोंहों बबुआ , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +बबुआ , रउरे धनि दरदे बेयाकुल , रउरा के बोलाहट10 हे ॥ 3 ॥ +पसवा त गिरलइ11 बेल तर , 12 अउरो13 बबूर तर हे । +ललना , धाइ14 पइसल गजओबर , 15 कहऽ धनि कूसल हे ॥ 4 ॥ +डाँड़ मोरा फाट हे कसइली जाके , ओटिया16 चिल्हकि17 मारे हे । +परभुजी , बारह बरिसे मइया रूसल , सेहो बउँसी लाबह18 हे ॥ 5 ॥ +मचिया बइठल तोहें मइया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +मइया , तोर पुतहू19 दरद बेयाकुल , तोरा के बोलाहट हे ॥ 6 ॥ +तुहूँ त हऽ मोर बबुआ , त रउरो बंसराखन20 हे । +बबुआ , तोर धनि बचन कुठार , बोलिया करेजे साले हे ॥ 7 ॥ +सउरिया21 बइठल तोहें धनिया त सुनहऽ बचन मोरा हे । +धनि , बारह बरिस मइया रूसल , कहल नहिं मानये हे ॥ 8 ॥ +लेहु परभु नाक के बेसरिया22 त मइया के समद23 दहु हे । +परभुजी , बारहे बरिस चाची रूसल , उनखे24 समद दहु हे ॥ 9 ॥ +मचिया बइठल तोहे चाची , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +चाची , तोर पुतहू दरद बेयाकुल , तोरा के बोलाहट हे ॥ 10 ॥ +सामन25 के समनइया26 तो , भादो के किचकिच हे । +बबुआ , वह हकइ27 पुरबा से पछेया , जड़इया28 मोरा लागये हे ॥ 11 ॥ +घड़ी रात गेलइ पहर रात होरिला जलम लेल हे । +ललना , बज लगल अनन्द बधावा , महल उठे सोहर हे ॥ 12 ॥ +अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे । +चेरिया , झट दए बाँटऽन29 सोंठउरा30 से होरिला जलम लेल हे ॥ 13 ॥",magahi-mag +"मोती लगल सेजिया, मुँगे लगल सेजिया +मोती लगल सेजिया , मुँगे1 लगल सेजिया । +चाँद देलन जोतिया , सुरुज देलन मोतिया ॥ 1 ॥ +ताहि पर2 सुतलन दुलहा दुलरइता दुलहा । +आइ गेलइन3 हे हुनुँके4 सुखनीनियाँ5 ॥ 2 ॥ +नीनियाँ बेयागर6 दुलहा तानलन7 चदरिया । +दुलहिन सूतल मुख मोर8 सबुज सेजिया ॥ 3 ॥ +अब न जायब हम परभु जी के सेजिया । +उनखा9 पियार10 हकइन11 सबुज सेजे नीनियाँ ॥ 4 ॥",magahi-mag +"काहे बेयाही बिदेस रे, लखिया बाबुल मोरे +काहे बेयाही1 बिदेस रे , लखिया2 बाबुल3 मोरे । +हम तो रे बाबुल बेले4 की कलियाँ , घर घर माँगी जायँ रे । +लखिया बाबुल मोरे ॥ 1 ॥ +हम तो रे बाबुल खूँटे की गइया । +जिधर हाँको हँक5 जाय रे , लखिया बाबुल मोरे । +काहे को ब��याही बिदेस रे , लखिया बाबुल मोरे ॥ 2 ॥ +ताको भरी6 मैंने गुड़िया न छोड़ी । +छोड़ा सहेला7 साथ रे , सुन बाबुल मोरे ॥ 3 ॥ +भइया को दिए हो बाबू , महला दुमहला8 । +हमको दिए हो बिदेस रे , लखिया बाबुल मोरे ॥ 4 ॥ +कोठे के नीचे पलकिया जो निकली । +बीरन9 ने खाई पछार रे , सुन बाबुल मोरे । +काहे को बेयाही बिदेस रे , सुन बाबुल मोरे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"हो जावो नी कोई मोढ़ लयावो +हो जावो नी कोई मोढ़ लयावो , नी मेरे नाल गया अज लड़के +ओ अल्ला करे जे आवे सोहणा , देवां जान कदमा विच धर के +हो छल्ला बेरी ओये बूरे , वे वतन माही दा दूरे +वे जाणा पहले पूरे , वे गल सुण छलया , चोरा +वे काहदा लाया ही झोरा +हो छल्ला खू ते धरिये , छल्ला खू ते धरिये +गल्लां मूह ते करिए , वे सच्चे रब तों डरिये +वे गल सुण छलया , ढोला +वे रब्ब तों काहदा ई ओहला +हो छल्ला कालियां मरचां , वे मोहरा पी के मरसां +तेरे सिरे चढ़सा , वे गल सुण छलया , कावां +वे मावां ठंडिया छावां +हो छल्ला गल दी गानी , वे तुर गए दिलां दे जानी +वे मेरी दुखां दी कहानी , वे आ के सुण जा ढोला +वे तेतों कादा ई ओहला +वे छल्ला पाया ई गहने , ओये सजन बेली ना रहने +ओ दुःख जिन्द्ढ़ही दे सहने , वे गल सुण छलया , ढोला",panjabi-pan +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 1 +घोड़ा रोय घोड़सार मा +घोड़सार मा ओ +हाथी रोवय हाथीसार मा +मोर रानी ये ओ , महल मा रोवय +मोर राजा रोवय दरबारे ओ , दरबारे ओ , भाई ये दे जी । +बोये मा सोना जमय नहीं +मोती मालूर डार +बारम्बार हीरा नई आवय +विकट दुःख मा ओ +मानुष चोला ए न , चल आथे दीदी +मोर जऊन समय कर बेरा ये , बाई बोलय ओ , रानी ये दे जी । +आमा लगाय अमुलिया +केकती केवड़ा लगाय +मूलिन लगाय दुधमोंगरा +पानी छींचछींच जगाय +काचा कली मत टोरवओ , मत टोरव ओ , भाई ये दे जी । +काचा कली मत टोरिबे +दुनिया पछताय +जग में अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निसान +सुनिले भगवान +मोर कलपीकलप रानी रोवय ओ +भाई रोवय ओ , रानी ये दे जी । +बालक टेर ये बबूर के +पर के पथरा ल ओ +कय दिन नोनी ह का सहय +बालक टेर ये बबूर के +पर के पथरा ल ओ +कय दिन कइना ह का सहय +कइना तरमूर ओ , जेमा नइये दीदी +मोर लाठी के मार ल खावय ओ , बाई खाये ओ , रानी ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा मा +सुनिले भगवान +कइसे विधि कर कइना रोवत हे +सतखण्डा ए ओ +सात खण्ड के ओगरी +बत्तीस खण्ड के न अंधियारी मा राम +साय गुजर मा +मोर कलपीकलप रानी रोवय +बाई रोवय ओ , रानी ये दे जी । +मोर ले छोटे अऊ छोटे के +सुन्दर गोदी मा ओ +देख तो दीदी बालक खेलत हें +मोर अभागिन के ओ +मोर गोदी मा राम +बालक नइये गिंया +मोर जइसे विधि कर रानी ओ +बाई रोवय ओ , बाई ये दे जी । +तरिया बैरी नदिया मा +संग जंवरिहा ओ +देख तो दीदी ताना मारत हें +छोटेछोटे के ओ +सुन्दर गोदी मा राम +बालक खेलत हँय न +मोर अभागिन के गोदी मा बालक ओ +बाई नइये ओ , आनी रोवय ओ , बाई ये दे जी । +सोते बैरी सतखण्डा ये +सोरा खण्ड के ओगरी +छाहें जेखर मया बइठे हे +फुलवा रानी ओ +चल सोचथे राम +सुनिले भगवान +मोला का तो जोनी ए दे दिये ओ +भगवाने ओ , बाई ये दे जी । +कइसे विधि कर लिखा ल +नई तो काटय दाई +का दुःख ला रानी का रोवत हे +बाल ऊ मर हे +बालक नई से गिंया +ठुकरावथे राम +मोर गलीगली रानी रोवय ओ +बाई रोवय ओ , रानी ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा मँ सुनिले भगवान +बैकुंठ ले चले आवत हे +बाराभंजन के +बीच अंगना मा ओ +जोगी आइके राम +मोला भिक्षा ल देदे न बेटी ओ +बाई बोलय ओ , रानी ये दे जी । +थारी मा मोहर धरिके +फुलवारानी ओ +देखतो दीदी कइसे आवत हे +भिक्षा ले ले जोगी +सुनिले भगवान +जोगी बोलत हे राम +भिक्षा लिहे नई आयेंब बेटी +तोर महिमा बुझे चले आयेंव ओ +बाई आयेंव ओ , रानी ये दे जी । +गोरा बदन करिया गय +चेहरा हर बेटी +कइसे वोहा कुम्हलाये हे +काबर रोवत हव ओ +मोला बतादे कइना +मोर जइसे विधि +जोगी बोलय ओ , बाई बोलय ओ , रानी ये दे जी । +फाट जातीस धरती हमा जातेंव +दुःख सहे नई जाय +सुनले जोगी मोर बाते ल +का तो दुःख ल राम +मय बतावॅव जोगी +संगी जंवरिहा +तरिया नदिया +ताना मारत हे राम +छोटेछोटे के न +सुन्दर गोदी मा ओ +बालक खेलत हे न +मोर अभागिन के गोदी मं बालक ओ +जोगी नईये ओ , बाई ये दे जी । +का तो जोगी मय कमाये हॅव +बालक नइये गिंया +कतेक कठिन दुःख काटत हॅव +गोदी बालक नईये दाई आज मोरे न +कठिन उपाय ओ +करि डारेंव गिंया +मोला कईसे विधि भगवान ये ओ +बाई गढ़े ओ , बाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा में +सुनिले भगवान +जबधन बोलत हे जोगी ह +सुनिले बेटी बात +अमृत पानी ल ओ +तैंहर ले ले बेटी +सतनामे ल न +तैंहर लेइके ओ +पावन कर ले कइना +मोर बारा महिना मँ गोदी ओ +बालक होहय ओ , बाई ये दे जी । +बारा महीना मा गोदी मा +मोर बालक ओ +तैंहर खेला लेबे +जऊने समय कर बेरा मा +फुलवा रानी ओ +अमृत पानी ल झोंकत हे +जोगी आये हे न , चले आवत हे राम +मोर आजे आंगन जोगी जावय ओ +जोगी जावय ओ , बाई ये दे जी । +जग मा अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निसान +जबधन रानी ह का बोलय +सुनिले भगवान +सतनाम ल ओ +मोर लेई के न +अमृत पानी ल राम , पावन करत हे ओ +मोर कइसे आंसू बइरी चलय ओ +���ाई चलय ओ , रानी ये दे जी । +रोई रोई के +रानी ये ओ , पावन करत हे +देख तो दीदी फुलवा रानी +सुनिले भगवान +एक महीना ये राम +दुई महीना ये ओ +मोर दस के छॉय ह लागे ओ +बाई लागे ओ , रानी ये दे जी । +दस के छांह ह होइगे +फुलवा रानी ओ +खेखतो दीदी बालक होवत हे +मोर कासी ले न +पंडित बलाये राम मोर नामे धरे भरथरी ओ , +भरथरी ओ , भाई ये दे जी । +बारा बच्छर ऊमर जोगी हे +मोर लिखे हे ओ +देख तो दीदी मोर जोगे न +भरथरी ओ +नाम धरी के न +चले जावत हे राम +मोर पंडित ए न +मोर कइसे विधि कर जावे ओ +मोर कासी ओ , बाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा मा +सुनिले भगवान +का मंगनी के ये बेटा ये +धूर खावत हे ओ +धुरे बाढ़त हे राम +मोर जइसे विधि कर लिखा ओ +बाइ बोलय ओ , रानी ये दे जी । +तीर कमंछा ल धरिके +भरथरी ये ओ +देखतो दीदी कइसे घूमत हे +अलियन खेलय ओ , गलियन मा गिंया +मोर जऊने समय कर बेरा ओ +बाई बोलय ओ , बाई ये दे जी । +मनेमन मा गूनत हे +मोर रानी ये ओ +का तो जोनी मां बेटा पाये हॅव +आधा ऊमर मा +मोर बेटा ये ओ +सुनिले भगवान +भरथरी ये न +अंगना मा दीदी , चल बइठे हे ओ +भगवान ये न +मोर महिमा बुझे चले आये ओ +बाई भेजे ओ , रानी ये दे जी । +महिमा बुझे ल भेजे हे +भगवान ये ओ +देख तो दीदी भया मिरगा ल +फुदकफुदक गिंया +मिरगा नाचय ओ +बारा भंजन के +बीच अंगना मा राम +भरथरी ये न +चल बइठे हे राम +मोर जइसे विधि कर मिरगा ओ +बाई नाचे ओ , बाई ये दे जी । +का मोहनी कर मिरगा ये +मन ला मोहत हे ओ +पागल जादू बना दिहे +का मोहनी कर मिरगा ए ओ +भगवान ये ओ +मोहनी के मिरगा भेजाए हे +भरथरी ए न +मोर मोहागे दीदी +सुनिले दाई बात +मोला तीर कमंछा ल दे दे ओ +माई दे दे ओ , रानी ये दे जी । +तीर कमंछा ल दे दे ओ +सुनिले दाई बात +मिरगा मारे चले जाहँव न +भरथरी ल राम +फुलवा रानी ओ +समझावत हे न +सुनिले बेटा बात +मोर कहना वचन जोगी मान जाबे +राजा मान जाबे , रामा ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"ढप सौ ढाल सरीसौ चइये +ढप सौ ढाल सरीसौ चइये । +मित औईसौं कइये । +सुखमें रयै पछारँ भारी । +दुख में ऑगू रइये । +सबई अनी के अस्त्र बचावैं +तऊ स्वारथ ना कइये । +काम देय मौका पै ईसुर +आजावै जाँ चइये ।",bundeli-bns +"काजर के कजरौटी, काजर भल सोभेला हे +काजर1 के कजरौटी , 2 काजर भल3 सोभेला4 हे । +ललना , अँजबो5 बबुआ के आँख , बेसरिया6",magahi-mag +"हे री सासड़ आजपाणी नै जांगी +हे री सासड़ आजपाणी नै जांगी घल रह्या खटकै का डोल +हे री मन्ने झट दे दोघड़ तारी पास्या खटके का डोल +हेरी एक राही जांदा बटेऊ दीखै माई जाया बीर +रे कूएं की पनिहारी इक घूंट नीर पिलादे +रे बीरा एक बर घर नै चाल प्याद्यूंगी गऊआं का दूध +ए बहू आज पाणी नै गई थी ल्याई किस ने साथ +ए री सासड़ झट दे दोघड़ तार आया मेरा माई जाया बीर +हे री सासड़ एक बार दूध पिला दे पीवै माई जाया बीर +रे बीरा एक बर घर ने चाल पूछूं घर कां की बात +ए बेबे घर के राजी खुसी सैं मरगी बुड्ढिया सी मां +रे बीरा तारूं हार सिंगार हो ल्यूं रे तेरी साथ +रे बीरा चलदी के गोडे टूटे कित सी आवै रे गाम +गोरी तावली तावली चाल आजा ले ल्यूं अपण रे साथ +ए री माता खोलो अजड़ किवाड़ ल्याया पतंगा सी नार +रे बेटा किसका बस्या उजाड्या किस का कर आया नास +ए री माता ना मन्ने बस्या उजाडा ना मैं कर आया नास +री माता कूएं पे जल ने भरै थी होली म्हारी साथ +हे री मायड़ जल नै भयं थी बण गया माई जाया बीर +ए रे जित ल्याया उत छोड़ आ ना कर द्यूंगी तेरा नास",haryanvi-bgc +"बोला-बोला सगुन बोला, बोला-बोला सगुन बोला +बोलाबोला सगुन बोला , बोलाबोला सगुन बोला , +जौ जस देने कूरम देवता , जौ जस देने धरती माता , +जौ जस देने खोली का गणेश , जौ जस देने मोरी का नारैण , +जौ जस देने भूमि को भूम्याल , जौ जस देने पंचनाम देवता । +जौ जस देने पितर देवता , +तुमारी थाती मा यो कारीज कीयों , यो कारिज सुफल फलयाना ।",garhwali-gbm +"236 +लिखया एह जवाब रंझेटड़े ने जदों जी विच ओसदे शोर पए +पहले दुआ सलाम प्यारां नूं मंझू वाह फिराक1 दे बोड़ पए +असां जान ते माल दरपेश कीता तुसी लगड़ी परीत नूं तोड़ गए +उसे रोज दे असी फकीर होए जिस रोज दे हुसन ते चोर पए +साडी ज़ात सफात बरबाद करके लड़ खेड़यां दे नाल जोड़ गए +आप हस्स के सौहरा मलया जे साडे रूह दा रसा नचोड़ गए +वारस शाह मियां मिलियां वाहरां2 नूं धड़वैल3 वेखो जोरो जोर गए",panjabi-pan +"127 +हीर माउं नूं आण सलाम कीता माउं आखदी आ नी नहरिए नी +बड़बोलीए गोलिए बेहयाये खंडो टिडिए गुल बहरिए नी +तूं आयके साड़के लोहड़ दिता लिंग घडूंगी नाल मुतहरिए1 नी +अक उठसी आखनी हां टल जा उधलो महर रांझे देनाल दिए महरिए नी +साहनां नाल रहें दिन रात खैंहदी आ टली कुपतीए रहड़िए नी +अज रात नूं जू वाह2 डोबां तेरी सायत आवंदी कहरिए नी +वारस शाह जदों कपड़धड़ी होसी बेखीं नाल ढाहा उते लहरिए नी",panjabi-pan +"209 +जेहड़े इक दे नाम ते महव होए मंजू़र खुदाय दे राह दे नी +जिन्हां सिदक यकीन तेहकीक1 कीता मकबूल दरगाह अल्लाह दे नी +जिनां नाउं महबूब दा बिरद कीता उह साहिब मरातबे जाह2 दे नी +जेहड़े वढीयां खायके हक डोबण ओह चोर ���चकड़े राह दे नी +एह कुरान मजीद दे माइने नी जेहड़े शेअर मीऐ वारस शाह दे नी",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +पड़ गैल बीड़ा जाजिम पर बीड़ा पड़ल नौ लाख +हे केऊ रजा लड़वैया रुदल पर बीड़ा खाय +चौहड़ काँपे लड़वेया के जिन्ह के हिले बतीसो दाँत +केकर जियरा है भारी रुदल से जान दियावे जाय +बीड़ा उठावल जब लहरा सिंड्घ कल्ला तर देल दबाय +मारु डंका बजवावे लकड़ी बोले जुझाम जुझाम +एको एका दल बटुरल जिन्ह के दल बावन नवे हजार +बूढ़ बियाउर के गनती नाहिं जब हाथ के गनती नाहिं +बावन मकुना के खोलवाइन रजा सोरह सै दन्तार +नब्वे सै हाथी के दल में ड़ड़ उपरे नाग डम्बर उपरे मेंड़राय +चलल परवतिया परबत के लाकट बाँध चले तरवार +चलल बँगाली बंगाला के लोहन में बड़ चण्डाल +चलल मरहट्टा दखिन के पक्का नौ नौ मन के गोला खाय +नौ सौ तोप चलल सरकारी मँगनी जोते तेरह हजार +बावन गाड़ी पथरी लादल तिरपन गाड़ी बरुद +बत्तिस गाड़ी सीसा जद गैल जिन्ह के लंगे लदल तरवार +एक रुदेला एक डेबा पर नब्बे लाख असवार +बावन कोस के गिरदा में सगरे डिगरी देल पिवाय +सौ सौ रुपया के दरमाहा हम से अबहीं लव चुकाय +लड़े के बोरिया भागे नौ नौ मन के बेड़ी देओं भरवाय +बोगुल फूँकल पलटन में बीगुल बाजा देल बजाय",bhojpuri-bho +"सेर का सो गया हलवाई रे +सेर का सो गया हलवाई रे +नगर का सो गया हलवाई +अब मैं लाचार कलाकंद लाया हूँ गोरी +पांव सारू बिछिया घड़ाव जोजी +म्हारा अनवट रतन जड़ाव +आम पर केरी लग रई रे +आम पर केरी लग रई रे +गुड़का चढ़ गया भाव +सकर तो मेंगी हो गई रे +कलाकंद आम्बा को भावे रे +जलेबी मैदा की भावे +गोरी जोवे वाट भंवरजी मेलां कब आवे +पांव सारू बिछिया घड़ाव जोगी +कि अनवट रतन जड़ाव +भंवरजी अनवट रतन जड़ाव",malvi-mup +"अलफ अल्ला नाल रत्ता दिल मेरा +‘अलफ’ अल्ला नाल रत्ता1 दिल मेरा , +मैं ने ‘बे’ दी खबर ना काई । +‘बे’ पढ़दिआँ मैनूँ समझ ना आवे , +लज़्ज़त2 ‘अलफ’ दी आईं । +‘ऐन’ ते ‘गैन’ नूँ समझ न जाणाँ , +गल्ल ‘अलफ’ समझाईं । +बुल्लिआ कौल अलफ दे पूरे , +जेहड़े दिल दी करन सफाईं ।",panjabi-pan +"हाय ला दो पान पिटारी, हमारे जाने की तैयारी +हाय ला दो पान पिटारी , हमारे जाने की तैयारी +हाथ तुम तो राजा मेरे नीचे खड़े हो +हाय हम खड़े हैं अटारी , हमारे जाने की तैयारी +हाय तुम तो राजा मेरे चले दूकानों +ले जाओ छलला निसानी , हमारे जाने की तैयारी +हाय तुम तो राजा मेरे बम्बई चले हो +दे जाओ फोटू निसानी , हमारे जाने की तैयारी +डोली भी आ गई कहार भी आ गए +आ गये वो बीरण हजारी , हमारे जाने की तैयारी +डोली भी चल दई कहार भी चल दिये +चल दिये हम बीरण हजारी , हमारे जाने की तैयारी +डोली का पड़दा उठा के जो देखूं +राजा ने खाई है पछाड़ी , हमारे जाने की तैयारी +हाय तुम तो राजा मेरे चुपके भी हो जाओ +जाने की कर दूंगी टाली , हमारे जाने की तैयारी",haryanvi-bgc +"57 +जवानी कमली ते राज चूचके दा ओथे किसे दी की परवाह मैंनूं +मैं तां धरूह के पलंघ तों चा सुटां आया किधरों एह बादशाह मैनूं +नाढू शाह दा पुत कि शेर हाथी पास ढुकयां लयेगा ढाह मैंनूं +नाहीं पलंघ ते एस नूं टिकन देना ला रहेगा लख जे वाह मैंनूं +एह बोलदा पीर बगदार गुगा मेले आन बैठा वारस शाह मैंनूं",panjabi-pan +"402 +नैणूं योशबां अते अभोल घोगा डुबे आपणो आपणी वारियां नी +आवे भिखया घतियो आण चीना नाल फकर दे घोलयो यारियां नी +ओह लोहड़ा वडा कहर होया कम डोब सटया इनां लाड़ियां नी +वारस खपरी चाए पलीत कीती पईयां धोनीयां सेलियां सारियां नी",panjabi-pan +"ताछुम् ताछुम् +कोन्ती माता सूपिनो ह्वै गए , ताछुम् ताछुम् । +पांडु का सराधक1 चैंद गैण्डो , ताछुम् ताछुम् । +ओडू आवा नेडू मेरा पाँच पंडाऊँ , ताछुम् ताछुम् । +तुम जावा पंडऊँ गैंडानाकि खोज : ताछुम् ताछुम् । +सराध क चैंद पंडौ , गैंडा की खाल , ताछुम् ताछुम् । +तब पैट्या पंडौ , गैंडा की खोज , ताछुम् ताछुम् । +नारी दुरपता तप कना बैन बोदा , ताछुम् ताछुम् । +मैं भी मेरा स्वामी , संगमांग औंदू , ताछुम् ताछुम् । +भूख लगली , मैं भोरजन ह्वै जौलो , ताछुम् ताछुम् । +प्यास लगली , मैं जली ह्वै जौलौ , ताछुम् ताछुम् । +ऊकाल2 लगली , मैं लाठी बणी जौलो , ताछुम् ताछुम् । +पसीना होली स्वामी , रुमैल ह्वै जौलो , ताछुम् ताछुम् । +सेज की बगत मैं , नारी होई जौलो , ताछुम् ताछुम् । +जुद्ध लगलो , मैं कालिंका होई जौलो , ताछुम् ताछुम् । +त्वैकू नी होलू मेरी नारी , भूषण बस्तर , ताछुम् ताछुम् । +तू घर रली बैठी दुरपता , ताछुम् ताछुम् । +तब घूमदागैन पडऊँ , गैंडा की खोज , ताछुम् ताछुम् । +ऐ गैन पंडऊँ , हरियाली का ताल , ताछुम् ताछुम् । +वख देखी तौंन , सीतारामी गैण्डी , ताछुम् ताछुम् । +तब सीतारामी गैंडी , कना बैन बोदी , ताछुम् ताछुम् । +मैं छऊँ पंडौ , जनानी की जात , ताछुम् ताछुम् । +मैं मारी तुमारो , काम नी होण को , ताछुम् ताछुम् । +तुम जावा पंडौ , गागली का बण , ताछुम् ताछुम् । +मेरो स्वामी रंदो , वख स्वामीपाल , ताछुम् ताछुम् । +तब गैन पंडौं , गागली का बण , ताछुम् ताछु���् । +गैण्डा को ग्वैर , छयो नागार्जुन , ताछुम् ताछुम् । +मालू ग्वीरयाल मेरो , गैंडो नी खांदो , ताछुम् ताछुम् । +पीली छचरी , मेरा गैंडाक चैंदी , ताछुम् ताछुम् । +तब मारे पंडौं न , स्वामीपाल गैंडो , ताछुम् ताछुम् । +तब गाड़े पंडौन , गैंडा की खगोती3 , ताछुम् ताछुम् ।",garhwali-gbm +"संतन अयलन सम गहँकी, गुरु हाट लगवलन हे +संतन अयलन सम1गहँकी2 गुरु हाट लगवलन हे । +भाव उठल पँचरँग के , सभे सौदागर हे । +हम बेपारी3 निरगुन नाम के , हाटे चले न हो भाइ ॥ 1 ॥ +सत सुकरीत4 हइ पलना , सम देल गल5 डंडी जी । +गेयान दसेरा6 बान्ह के7 पूरा करके रक्ख जी । +सौदा करे संतन चललन , आगे रोकइ जमराइ8 ॥ 2 ॥ +मोजरा9 माँग हइ नाम के हो , हम तो बनिजारा । +हम तो बेपारी निरगुन नाम के हो लाऊँ नाम के माला । +सतगुरु बसथिन सतलोक में हो , उनखर10 छबि देखहु भाइ ॥ 3 ॥ +देखि छबि जमवा11 कायल भेल हो , मथवा देलक नेवाय । +कहल कबीर पुकार के हो सुनहु संत समाज । +जे जे सौदा करे नाम के हो , ओहि पूँजी हो भाइ ॥ 4 ॥",magahi-mag +"अपने ओसरवां कोशिल्या रानी राम के उलारेली +अपने ओसरवां कोशिल्या रानी राम के उलारेली राम के दुलारेली हो +आरे उलटी उलटी राम के देखेली देखत नीक लागेला +भीखिया मांगत दुई ब्राह्मण रानी से अरज करें +रानी कवन कवन तप कईलू त राम गोदी बिहसेले +माघ ही मॉस नहईलीं अगिनी नाही तपली हो +ए ब्राह्मन जेठ नाही बेनिया दोलावली त राम गोद बिहसेलें हो +कातिक मॉस नहईलीं तुलसी दियना बरीलें हो +ए ब्राह्मन कातिक में आवलाँ के दान कईलीं त राम गोदी बिहसेलें हो +भूखल रहलीं एकादशी त द्वादशी के पारण करीं +ए ब्राह्मण भूखले में विप्र के जेववलीन त राम गोद बिहसेलें हो",bhojpuri-bho +"ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता +ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता1 । +ना हम हिन्दू ना तुर्क जरूरी , +ना इशक दी है मनजूरी , +आशक ने हरि जीता । +ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता । +वक्खो ठग्गाँ शोर मचाया , +जम्मणा मरना चा बणाया , +मूरख भुल्ले रौला पाया , +जिस नूँ आशक ज़ाहर कीता । +ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता । +बुल्ला आशक दी बात न्यारी , +प्रेम वालिआ बड़ी करारी2 , +मूरख दी मत्त ऐवें मारी , +वाक सुखन3 चुप्प कीता । +ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता ।",panjabi-pan +"मैंडे के नीचे लाडो दो जणें खेलें +मैंडे के नीचे लाडो दो जणें खेलें +एक सुसरा एक बाप +कुणसा है राह्या कुणसा है जीत्या +किसियो के लग रहे दाव +बाबल हार्या सुसरा जीत्या +बन्दड़े के लग रहे दाव +बाबल तेरा लाडो उस दिन हार्या +जिस दिन जनमी थी धी +टूटी खटोली तेरी माय���़ सौवे +तेरा बाप फिरै उदास +चौसठ दीवे बाल धरे थे +फेर बी घोर अंधेर +सुसरा तेरा लाडो उस दिन जीत्या +जिस दिन जनम्यां था पूत +लाल पिलंग तेरी सासड़ सोई +तेरा ससुर खर्चे दाम +एक कज दीवला बाल धर्या था +च्यारूं कूट उजाला",haryanvi-bgc +"जाना जरूर देवी दर्शन खो +जाना जरूर देवी दर्शन खों । +कोआ चढ़ा आये ध्वजा नारियल +कोआ चढ़ा आये बेला के फूल +चमेली के फूल देवी दर्शन खों । जाना . . . +आजुल चढ़ा आए ध्वजा नारियल +आजी चढ़ा आईं बेला के फूल +चमेली की फूल देवी दर्शन खों । जाना . . . +कोआ चढ़ा आये पान सुपाड़ी , +कोआ चढ़ा आये जूही के फूल +चमेली के फूल देवी दर्शन खों । जाना . . . +बाबुल चढ़ा आये पान सुपाड़ी , +अम्मा चढ़ाय आयीं जूही के फूल +चमेली के फूल देवी दर्शन खों । जाना . . . +मैया चढ़ा आयीं चूनर साड़ी +भाभी चढ़ाय आईं गेंदा के फूल +चमेली के फूल देवी दर्शन खों । जाना . . .",bundeli-bns +"सिमरी के दिअरी हे झलमल लउकल +सिमरी1 के दिअरी2 हे झलमल लउकल3 दुनियाँ संसार हे । +सेहो सुनि बेटी के बाबा मनहिं बेदिल4 भेलन , ठोकि देलन5 बजर केवार6 हे ॥ 1 ॥ +अपना रसोइया7 से बाहर भेलि कवन बेटी , सुनऽ बाबा बचन हमार हे । +खोलु , खोलु बाबा हो बजर केवँरिया , अहो बाबा , साजन छेकले8 दुआर हे ॥ 2 ॥ +कइसे में खोलूँ बेटी बजरा केवँरिया हे , आजु मोरा अकिल हेरायल9 हे । +बहिआँ10 धरइते जी बाबा , कुइयाँ भँसिअइतऽ11 छुटि जाइल धिआ के संताप हे ॥ 3 ॥ +जँघिया भरोसे गे बेटी धिआ जलमवली , मुँह सूखे12 कइली दुलार हे । +बहियाँ धरइते गे बेटी , छाती मोरा फाटल , कुइआँ भँसवलो न जाय हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"455 +तैनूं बड़ा हंकार है जोबने दा खातर तले ना किसे नूं लिआवना ए +जिन्हां जायो तिन्हां दे नाम धरने बड़ा आप नूं गौंस1 सदावना ए +होन त्रिमतां नहीं ते जग मुके वत किसे ना जग ते लिआवना ए +असां चिठियां घल सदयों तू साथों आपना आप छिपावना ए +करामात तेरी असां ढूंढ़ डिठी ऐवे शेखियां पया वखावना ए +चाक सदके बाग तों कढ छडूं अते होर ही महों कढावना ए +अन्न खावना ए रज गधे वांगूं कदे शुकर वजा ना लिआवना ए +छड बंदगी चोरां दी राह फड़यो वारस शाह फकीर सदावना ए",panjabi-pan +"अबहीं बारी है हमारी उमिरिया बाबा +अबहीं बारी है हमारी उमिरिया बाबा +डारो शादी की अबहीं ना बेडिया बाबा +मै तोरी बगिया की नाजुक कलिया +डोले फिरूँ तोरे अँगना महलिया +तोहरे घरवा की हम हैं अंजोरिया बाबा +कच्चा घडा जैसन हमरी बदनिया +गलि जाई बाबा परी जब पनिया +छाई हमरे जीवन मे अन्हरिया बाबा +ब्याह की जल्दी ना करना तेयरिया +कर देना जब हो अठारह की उमिरिया +तोहरी महकी जब फुलवरिया बाबा",awadhi-awa +"छाँछ छोली रौड़ी +छाँछ1 छोली2 रौड़ी , +डाँड3 मा फूल फूल्याँ , आई रितु बौड़ी4 । +खणी5 जालो च्यूणो , +चार दिन होन्द , मनख्यों क्वू ज्यूणो6 । +सड़क की धूम , +द्वि दिनक रंदी , प्यारी जवानी की धूम7 । +भेरा8 लीगे भैराक9 , +द्वि दिन की जवानी प्यारी , बथौं10 सी हराक11 । +पाड़ काटे घास , +सदा नी रंदो प्यारी , यो दिन यो मास +आँगूड़ी का तौया , +सदा नी रंदा प्यारी , पाड़12 उन्दू छोया13 । +पड़ बैठे गोणी14 , +हौर चीज लेणी देणी , ज्वानी15 फेर न होणी । +लगी जालो तैक , +ज्वानी नो ओणी , मरी जाण हात फट कैक । +गौडी16 को मखन , +दुनियान मरी जाण , क्या लिजाण यखन । +थोड़ी को मकर , +दुनियान मरी जाण धरती अमर । +गंगा जी को औत17 +तराजू नौ18 तोलि लैणी , कै कि माया19 बौत20 +खलियाण दाँदो21 +माया लाँदा तोय मां , तू गंगा को जांदो +राजा जी की राणी +रगडू22 नो सूकि जाणा , रई स्यलवाणी23 पाणी +सड़के की ऊँटणी +तेरी मेरी माया सूआ , चूलू24 की चटणी +मौली25 जाली दूब +तेरा मन माया लाण , मेरा मन खूब +अंखेड की बूँकू26 +देणी लेणी फूंडो फूको27 , मैं माया कू भूकू +झंगोरा की बाल +जवानी भरी , सुरेसी , जैसा गौं का ताल +दाथुड़ा की धार +कखन दीखेणे पंछी , देवता की चार28 +दूद की जमुन29 +जनम जनम हूण30 , मूंगा माया को जनम31 +धरती अमर +तेरी मेरी माया सूआ , लपलप32 चमर33 । +हाती बुणी माणी34 +माया मसूरी मां लाई , दुटली35 तो जाणी +मंडुआ की धूंसी36 +अपना जोबन देखो , आफी ह्वैं छे खूसी +चाँदी को बटण37 +तोय कैन किकाये38 सूआ , माया को जतन +झंगोरा की धाण +जै कि माथा घनाघोर , आँखियों माँ पैछाण39 ।",garhwali-gbm +"इल्मों बस करीं ओ यार +इल्मों बस करीं ओ यार +इक्को अलफ तेरे दरकार , +इल्मों बस करीं ओ यार । +जान्दी उमर नहीं इतबार , +इल्मों ना आवे विच्च शुमार । +इक्को अलफ तेरे दरकार +इल्मों बस करीं ओ यार । +इल्मों मीआँ जी कहावें , +तम्बा चुक्क चुक्क मन्डी जावें । +धेला लै के छुरी चलावें , +एह ताँ वड्डी जुल्म दी कार । +इल्मों बस करीं ओ यार । +इल्मों शेख मसाइख1 कहावें , +उल्टे मसले घरे बणावंे । +बेइल्माँ नूँ लुट्ट खावें , +उल्टे झूठे करें इकरार । +इल्मों बस करीं ओ यार । +बहुता इल्म अज़राईल2 ने पढ़िआ , +झुग्गा झाया ओहदा सढ़िआ । +तोक लाअनत दा गल पढ़िआ , +ओड़क चल्लिआ बाज़ी हार । +इल्मों बस करीं ओ यार । +उमर गुज़ारी विच्च मसीतीं , +अन्दर भरेआ नाल पलीतीं3 । +वाहद नीयत इक ना कीती , +ऐवें कीती हाल पुकार । +इल्मों बस करीं ओ यार । +पढ़ पढ़ लिख लाए ढेर , +पए कुरआन किताब चुफेर । +गिरदे चानण विच्च अन्धेर , +पुच्छो राह दी खबर ना सार । +इल्मों बस करीं ओ यार । +ज्यों ज्यों पढ़दा इल्म वधेरे , +त्यों त्यों पैन्दें झगड़े झेड़े । +माही जावे परे परेरे , +होन्दी जिन्दो जिन्द पुकार । +इल्मों बस करीं ओ यार । +ज्यों खोजी नूँ खोज अगेरे , +इल्म वी आड़क परे परेरे +हरदम फिरदी मौत चुफेरे , +जाणे नहीं मरद गवार । +इल्मों बस करीं ओ यार । +इल्मों पए हजाराँ फस्ते , +राही अटक रहे विच्च रस्ते । +सारे हिजर दे बेदिल खस्ते , +प्या विछोड़े दा सिर भार । +इल्मों बस करीं ओ यार ।",panjabi-pan +"बहरी के कोहबर लाल गुलाब हे +बहरी1 के कोहबर लाल गुलाब हे । +भीतर के कोहबर पनमें2 छवावल हे ॥ 1 ॥ +ताहि पइसी3 सुतलन4 सजन के बेटा जी । +जबरे5 लगके6 सुतलन दुलरइता देवा के बेटी जी ॥ 2 ॥ +गरजे लागल मेघवा , बरसे लागल मेघ जी । +भींजे लागल दुलहा दुलहिन , जुटल7 सनेह जी ॥ 3 ॥ +खोलूँ धनि , खोलूँ धनि , अपन घूँघुट जी । +तोहर मुहँमाँ8 लगहे9 बड़ सोहामन10 जी ॥ 4 ॥ +जब रउरा11 मुहँमाँ लगे सोहामन जी । +काहे12 हमर बाबा से माँगलऽ दहेज जी ॥ 5 ॥",magahi-mag +"टेइंज मकन टेइंज का टयन +टेइंज मकन टेइंज का टयन +टेइंज मकन टेइंज का टयन +गफन मकन हैई का बान +गफन मकन हैई का बान +इनी का मोका लेगे मकन लेगे फा +इनी का मोका लेगे मकन लेगे फा +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"नाया रे जोमन सइयाँ लवलन पनियाँ भेजल हो राम +नाया रे जोमन1 सइयाँ लवलन2 पनियाँ भेजल3 हो राम । +सिर लेले सोनेे गेंडुरिया4 गेडुर सिर गागर हो राम ॥ 1 ॥ +देखलूँ हम कुइयाँ केरा5 रीत6 अलि घबड़ायल हो राम । +कुइयाँ पर भेलइ बड़ा भीर , घयली7 मोर टूटल हो राम । +का लेके होबइ8 हजूर9 बाँह मोर टूटल हो राम ॥ 2 ॥ +सास मोर सूतलइ कोठरिया , ननद कोठा ऊपर हो राम । +सामी मोरा सूतलन अगम घर , कइसे उनखा10 जगइती11 हो राम ॥ 3 ॥ +उठुउठु ननदी अभागिन , भइया के जगावहु हो राम । +पाँच चोर घरवा में घूसल , परान के बचावहु हे राम ॥ 4 ॥ +नहिं उठइ ननदी अभागिन , भइया के जगावइ हो राम । +पाँचो चोर घरवा में घूसल , नहीं परान बाँचत हो राम ॥ 5 ॥ +सुखिया12 हइ13 संसार , सुखे रे नीन सोवइह14 हो राम । +दुखिया दास कबीर , हरि के नाम गावत हो राम ॥ 6 ॥",magahi-mag +"45 +रांझा मिन्नतां करके थक रिहा अंत हो कंडे परां जा बैठा +छड अग बेगानड़ी हो गोशे1 प्रेम ढांडरी2 वख जगा बैठा +गावे सद3 फिराक दे नाल रोवे अते वंझली शबर वजा बैठा +जो कोई आदमी त्रीमत मरद हैस�� पतन छोड़ सभा ओथे जा बैठा +रन्नां लुडन झबेल दीयां भरन मुठी पैर दोहां दे विच टिका बैठा +गुसा खाइके लए झबेल झइयां एह दोहा इक बना बैठा +पिडा बाहुड़ीं जट लजाग रन्ना केहा शुगल तूं आन मचा बैठा +वारस शाह इस मोहियां मरद रन्नां नहीं जाणदे कौन बला बैठा",panjabi-pan +"सात सखिआं के झूमके राधे न्हाण चाली हो राम +सात सखिआं के झूमके राधे न्हाण चाली हो राम +आगे किसन हर मिल गए राधे तैं कित चाली हो राम +थारी तै बरजी नार हूं म्हारी सास खुंदाई हो राम +जिब पिरभू धोरे भया सीली बाल चलाई हो राम +केले बरगी कामनी राधे थर थर कांबी हो राम +जिब पिरभू नरै दया ए आई काली कम्बली पूंचाही हो राम +काली कम्बली न औढ़ैं हम तो कालै हो ज्यां हो राम +जिब पिरभू नै दया ए आई पीली साड़ी पूंचाही हो राम +तम चिर जीओ बेटा नंद के म्हारा मान बधाया हो राम",haryanvi-bgc +"चंचली घोड़ी चांदनी मथुरा तै आई +चंचली घोड़ी चांदनी मथुरा तै आई +ले मेरे बाबा मोल तेरी होगी बड़ाई +कितना लीली का मोल सै कितने में चुकाई +नौ सौ घोड़ी का मोल है दस सौ में चुकाई +चढ़ म्हारे लाडले तेरी देखें चतुराई +आप चतुर बन्ना लाडला पीछे सब भाई +दामां की बोरी खरचैं सब भाई +चंचल घोड़ी चांदनी मथुरा तै आई +उपर्युक्त गीत का रूपान्तर निम्न प्रकार भी मिलता है +एक घोड़ी मथुरा से आई +लेदे दादा तेरी याहे बड़ाई +के लख मोल सै के लख नै चुकाई +पीले बन्ना तेरे कपड़े नैना में स्याई +बाग पकड़ बन्ना चढ़ गया अपणी चतराई +आगै चतर बन्ना लाडला पाछै सब भाई +परस तलै कै लिकड़े देखैं सब लोग लुगाई +खूब बणे राव का बेटा जणू छेल सिपाई +दामां की बोरी भरी खर्ची सब भाई +सम्बंधी कै छोरी घणी ब्याओ सारे भाई",haryanvi-bgc +"हमरो कवन बाबू बिरीछ तर खाड़ा गे माइ +हमरो कवन बाबू बिरीछ1 तर खाड़ा गे माइ । +थर थर काँपइ गे माइ ॥ 1 ॥ +हथिया पियासल आवइ , सुढ़ँवा उनारइ2 गे माइ । +घोड़वा भूखल आवइ लगमियाँ3 चिबावइ4 गे माइ ॥ 2 ॥ +लोगवन5 रउदाइल6 आवइ , पैरवो न धोवइ गे माइ । +दुलहा झउराहा7 आवइ , सिरबो न नेवावइ8 गे माइ ॥ 3 ॥ +हथिया के पोखरा देवइ , सुँढ़वो न उनारइ गे माइ । +घोड़वा के दाना देबइ , लहलह दुभिया9 गे माइ ॥ 4 ॥ +लोगवन के पटुर10 देवइ , पैरवा जे धोवइ गे माइ । +दुलहा के कनिया11 देबइ , सिरवा नेवावइ गे माइ ॥ 5 ॥",magahi-mag +"तुम द्यावता +तुम द्यावता मीं दासी , +तुम रोज रोज सोदा1 होन्दा , +मी होन्दी जान्दी बासी । +तुम राली मां घाँडी +तुम दिप्प हिरेन्दो जै मुखनी +मी काँचे च्ची हाँडी । +तुम स्व��ती मीं चोली , +तुम पूर्ण रूप छाँ भंडारा , +मीं रोज तिसाली लोली । +तुम पराण मी काया , +तुम योगी छा उच्च विरागी , +मीं धूल भरा छौं माया । +तुम डाली मीं दाणी , +तुम जीवन का , नव अंकुरा , +मीं छौं रस वालो पाणी +तुम गौं स्वरूप मीं तैलो +तुम अपराध्यूँ की छिमा छयाँ +मीं बगत बगत को गैलो ।",garhwali-gbm +"भांवर +1 +जनम जनम के गांठ जोर दे , ऐ दोसी +गांठे गठुरी झनि छूटे , ऐ दोसी +तोर दाई हारे मोर बबा जीते , ऐ दोसी +एक पूरा खदर ला दुई घर छाये , ये दोसी +गांठे गठुरी झनि छूटे , ये दोसी +2 +कामा उलोथे कारी बदरिया +कामा ले बरसे बूंद +सरग उलोथे कारी बदरिया +धरती मा बरसे बूंद +काकर भींजे नवरंग चुनरी +काकर भींजे उरमाल +सीता के भींजे नवरंग चुनरी +राम के भींजे उरमाल +कइसे के चिन्हव सीता जानकी +कइसे के चिन्हव भगवान +कलसा बोहे चिन्हेंव सीता जानकी +मकुट खोंचे भगवान +कामा में चिन्हव सीता जानकी +कामा में चिन्हव भगवान +जामत चिन्हेंव अटहर कटहर +मौरत चिन्हेंव आमा डार +चउक मा चिन्हेंव सीता जानकी +मटुक मा चिन्हेंव राम +आगू आगू मोर राम चलत हे +पाछू लछिमन भाई +अउ मंझोलन सीता जानकी +चित्रकूट बर चले जाई +3 +मधुरी मधुरी पग सारव हो दुलही नोनी +तुंहर दुलरू के अंग झन डोलय हो +एक भांवर जुगजुग होगे मोर नोनी +तुंहर दुलरू के अंग झन डोलय हो +दुई भांवर दुई जुग होगे मोर नोनी +वो तो कजरारी नैना धराये हो +तीन भांवर तीन जुग होगे मोर नोनी +वो तो डोलत कलस जलपानी हो +चार भांवर चार जुग होगे मोर नोनी +तोर दुलरू ह मरत हे पियासे हो +पांच भांवर पांच जुग होगे मोर नोनी +तोर ससुर ह मरत हे पियासे हो +छै भांवर छै जुग होगे मोर नोनी +वो दे तोर देवरा मरत हे पियासे हो +सात भांवर सात जुग होगे मोर नोनी +अब चलो चलो कहत हे बराते हो +4 +भांवर परत हे , भांवर परत हे +हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के +होवत हे दाई , मोर रामे सीता के बिहाव +होवत हे दाई , मोर रामे सीता के बिहाव +एक भांवर परगे , एक भांवर परगे +हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के +अगनी देवता दाई , हाबय मोर साखी +अगनी देवता दाई , हाबय मोर साखी +दुई भांवर परगे , दुई भांवर परगे +हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के +गौरी गनेस दाई , हाबय मोर साखी +गौरी गनेस दाई , हाबय मोर साखी +तीन भांवर परगे , तीन भांवर परगे +हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के +देवे लोके दाई , हाबय मोर साखी +देवे लोके दाई , हाबय मोर साखी +चार भांवर परगे , चार भांवर परगे +हो नोनी दुलर के , दाई नोनी दुलर के +दु��रू के नोनी , तोर अंग झन डोलय +दुलरू के नोनी , तोर अंग झन डोलय +पांच भांवर परगे , पांच भांवर परगे +हो देव नरायन , दाई देव नरायन +डोलय दाई मोर , कलसा के भर जलपानी +डोलय दाई मोर , कलसा के भर जलपानी +छै भांवर परगे , छै भांवर परगे +हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के +दुलरू ह दाई , मोर मरत हे पियासे +दुलरू ह दाई , मोर मरत हे पियासे +सात भांवर परगे , सात भांवर परगे +हो नोनी दुलर के , हो नोनी दुलर के +चलो चलो दाई , मोर कहत हे बराते +चलो चलो दाई , मोर कहत हे बराते",chhattisgarhi-hne +"रनुबाई धणियेर जी सु बिनवऽ +रनुबाई धणियेर जी सु बिनवऽ +पियाजी हम खऽ ते टीकी घड़ावऽ +टीकी का हम सांदुला । । +रनुबाई तुम खऽ ते टीकी नी साजऽ +तुम रूप का सांवला । । +पियाजी का सांवळा , हमारी माय मावसी सो भी साँवळई +पियाजी हम सांवळा , हमारी कूक बालुड़ो सो भी सांवळो +पियाजी हमारा मन्दिर तुम आओ , +तो तुम भी होओगा सांवळा जी । +व्हाँ सी देवी गवरल नीसरी +आगऽ जाइऽ न पणिहारी खऽ पूछऽ +पाणी भरन्ती हो बईण पणिहारी । +देखी म्हारी पियरा री बाट , +हम काई जाणां वो देवी गवरल । +आगऽ जाई नऽ गुहाळया खऽ पूछ , +ऊ बातवऽ तुम्हारो मायक्यो +धेनु चरावन्ता हो भाई गउधन्या +देखी म्हारा पियरा री वाट ? +हम रोष भर्या संचरिया जी । +हम काई जाणां वो देवी गवरल +आगऽ जाई नऽ किरसाण खऽ पूछऽ +ऊ बतावऽ तुम्हारो मायक्यो । +हाळ हाकन्ता हो भाई किरसाण +देखी म्हारा पियरा री वाट । +हम काई जाणां हो देवी गवरल +आगऽ जाइ नऽ डोकरी खऽ पूछऽ +ऊ बतावऽ तुम्हारो मायक्यो । +सूत कातती ओ बाई डोकरी +देखी म्हारा पियरा री वाट +हम रोष भर्या संचरिया जी । +केळ , खजूर का वन भर्या जी +व्हाँ छे तुम्हारो पियरो । जाओ बेटी गवरल । । +व्हाँ सु भोला धणियेर निसर्या +आगऽ जाइ नऽ पणिहारी सू पूछऽ +पाणि भरन्ती हो पणिहारिन +देखी म्हारी गवरल नार +हम हंसतऽ विणसिया जी +केळ खजूर का वन भर्या जी +व्हाँ छे थारी गवरल नार +आगऽ जाइ नऽ देखी गवरल नार +धणियेर राजा बोलिया +टीकी सोहऽ गवरल नार +हम हंसतऽ विणसिया जी",nimadi-noe +"भइया किरिया बेसरिया हम लेबो +भइया किरिया1 बेसरिया हम लेबो । +भइया किरिया बेसरिया हम ना देबो ॥ 1 ॥ +जब तुम ननदो , बधावा लेने अइहो । +भइया किरिया , हम भी किवाड़ हनी देबो2 ॥ 2 ॥ +जल तुम भाभी , किवाड़ हनी देबो3 +भइया किरिया , हम भी दीवार फाँदी ऐबो4 ॥ 3 ॥ +जब तुम ननदो , दीवार फाँदी अइहो । +भइया किरिया , हमहु नइहर चलि जैबो ॥ 4 ॥ +जब तुम भाभी , नैहर चलि जइहो । +भइया किरिया , हम भी ह���कारा5 भेज देबो ॥ 5 ॥",magahi-mag +"258 +संझा1 लोक बखील ते बाब मंदी मेरा रब्ब बखील ना लोड़ीए जी +कीजे गौर ते कम्म बना दीजे मिले दिलां नूं नांह विछोड़ीए जी +एह हुकम ते हुसन ना नित रैंहदे नाल आजजां करो ना जोरीए जी +जो कोई कम्म गरीब दा करे जाया सगों उसनूं हटकिये होड़ीए जी +बेड़ा लदया होया मुसाफरां दा पार लाईए विच ना बोड़ीए जी +जिमी नाल ना मारिये मूल ओहनां हथीं जिनां नूं चाढ़िये घोड़ीए जी +भला करंदयां ढिल ना मूल करिये किसा दूर दराज ना टोरीए जी",panjabi-pan +"6 +यारां असां नूं आन सवाल कता इशक हीर दा नवां बनाइये जी +इस प्रेम दी झोंक दा सब किस्सा जीभ सोहणी नाल सुनाइये जी +नाल अजब बहार दे शेअर करके रांझे हीर दा मेल मिलाइये जी +नाल दोसतां मजलसां1 विच बह के मजा हीर दे इशक दा पाइये जी",panjabi-pan +"राजा बोया गरिया छोहरवा रे +राजा बोया1 गरिया2 छोहरवा रे । +बदमवाँ मोरा मन भावे रे ॥ +अँगना में लेमु3 बोया , दुअरे4 अनार बोया जी , राजा बोया गरिया ॥ 1 ॥ +अँगने में लेमु फला , दुअरे अनार फला जी । +राजा फला है छोहरवा , बदमवाँ , बदमवाँ मोरा मन भावे जी ॥ 2 ॥ +अँगने का लेमु पका , 5 दुअरे अनार पक्का । +पका है गरिया , छोहरवा , बदमवाँ , बदमवाँ मोरा मन भावे जी ॥ 3 ॥ +अँगने का लेमुआ तोड़ा , दुअरे अनार तोड़ा । +राजा तोड़ा है गरिया , छोहरवा , बदमवाँ , बदमवाँ मोरा मन भावे जी ॥ 4 ॥ +गैलूँ6 मैं बिंदाबने , 7 हुँएँ हैं नंदलाल । +होरिलवा मोरा मन भावे रे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"जसोदा तोहर भाग बड़ा लहबर नंदरानी +बधैया +जसोदा तोहर भाग बड़ा लहबर1 नंदरानी । +देवोकी2 तोहर भाग बड़ा लहबर हे रानी ॥ 1 ॥ +काहाँ जलमलन3 हे जदुनन्नन , काहाँ बाजत हे बधावा नंदरानी । +देवोकी घर में जलमलन जदुनन्नन , गोकुला में बाजत बधावा नंदरानी ॥ 2 ॥ +काहे के छूरी से नार छिलायल , 4 काहे के खपर5 नेहलायल नंदरानी । +सोने के छूरी से नार छिलायल , रूपे के खपर नेहलायल नंदरानी ॥ 3 ॥ +काहे के उजे6 अँगिया7 टोपिया , केकरा के तू पहिरयबऽ नंदरानी । +रेसमी के उजे अँगिया टोपिया , केकरा के तू पहिरयबऽ नंदरानी । +रेसमी के उजे अँगिया टोपिया , अपन लाला के पहिरायब नंदरानी ॥ 4 ॥ +केरे8 लुटवथि अन , धन , लछमी , केरे लुटावथि मोती नंदरानी । +नंद लुटावथि अन , धन , लछमी , जसोदा लुटावथि मोती नंदरानी ॥ 5 ॥ +अइसन9 जलम लिहल जदुनन्नन , घर बाजे बधावा नंदरानी ॥ 6 ॥",magahi-mag +"पाँच सुपारी बाँटु री, अब नेवतब कुल-परिवार, लालजी के मूरन हे +पाँच सुपारी बाँटु1 री , अब नेवतब2 कुलपरिवार , लालजी के मूरन हे । +पाँच सुपारी बाँटु री , मोरे अलख हुलरुए3 के मूरन हे ॥ 1 ॥ +अब बम्हना बसे जे बनारस , अब हजमा कुरखेत4 लालजी के मूरन हे । +ए सवासिन5 बसे ससुर घर , अब किन6 रे परिछेबाल7 लालजी के मूरन हे ॥ 2 ॥ +अब बम्हना के चिठिया पेठाइय , अब हजमा के पकरि मँगाइय , लालजी के मूरन हे । +ए सवासिन के डोलिया फनाइय8 उहे रे परिछेबाल , लालजी के मूरन हे ॥ 3 ॥ +नव मन गेहुँमा9 मँगाइय , अब नेवतब कुल परिवार , लालजी के मूरन हे । +नव मन घिआ10 मँगाइय , अब नेवतब कुल परिवार , लालजी के मूरन हे ॥ 4 ॥ +नव थान11 कपड़ा मँगाइय , हम नेवतब सब परिवार , लालजी के मूरन हे । +पहिला अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय12 लालजी के मूरन हे ॥ 5 ॥ +दूसरा अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय , लालजी के मूरन हे । +तीसरा अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय , लालजी के मूरन हे ॥ 6 ॥ +चउथा13 अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय , लालजी के मूरन हे । +हजमा के लुलुहा14 कटाइय , नउनिया के देहु बनवास , लालजी के मूरन हे ॥ 7 ॥ +पँचमा अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय , लालजी के मूरन हे । +हजमा के सोनवा गढ़ाइय , नउनिया के लहरापटोर15 लालजी के मूरन हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"हे मनै ल्याओ न हल्दी की गांठ रे +हे मनै ल्याओ न हल्दी की गांठ रे +गोरा मुखड़ा चीतियां बे +हे मनै ल्याओ न जीरी के चावल हे +गोरा मुखड़ा चीतियां हे +हे तेरा कीन्हें सुहागण चीता सै भावन रे +काजल घालां नयन भरा रे +हे मेरी बेबे सुहागन चीता सै भावन हे +काजल घाला नयन भरा हे",haryanvi-bgc +"डँडा गीत +तोर अस जोड़ी हो ललना , मोरे अस जोड़ी +कबहू न गढ़े भगवान मोरे ललना ॥ +कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी । +कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी । +मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी । +मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी । +कउन महीना मे बिहाव मोरे ललना । +माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी । +माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी । +मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी +मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी +फागुन महीना मे बिहाव मोर ललना ॥ +कोरवन पाइ–पाइ भँवर गिंजारे । +खोरवन पाइ –पाइ भंवर गिंजारे । +भँवर गिंजारे हो ललना , भँवर गिंजारे । +पर्रा मे लगिंन लगाय मोरे ललना ॥",chhattisgarhi-hne +"तुसीं करो असाडी कारी +तुसीं करो असाडी कारी , +केही हो गई वेदन वारी । +ओह घर मेरे विच्च आया , +उस आ मैनूँ भरमाया , +पुच्छो जादू है कि साया , +ओह तां लौ हकीकत सारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +ओह मेरे दिल विच वस्��दा , +बैठा नाल असाडे हस्सदा , +पुच्छाँ बात ते उ नस्सदा , +लै बाज़ाँ वाँग उडारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +मैं सहु दरिआवाँ पईआँ , +ठाठाँ लहराँ दे मुँह गईआँ , +फड़ घुम्मण होर भवईआँ , +पुर बरखा रैण अंधकारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +सइआँ ऐड छनिछर1 चाए , +तारे खारेआँ हेठ छुपाए , +मुंज दीआँ रस्सिआँ नाग बणाए , +एहना शहराँ तो बलेहारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +एह जो मुरली काहन वजाई , +दिल मेरे नूँ चोट लगाई , +आह दे नारे करदी आही , +मैं रोवाँ ज़ारो ज़ारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +इशक दीवाने लीकाँ लाइआँ , +डाढिआँ घणिआँ सत्थाँ पाइआँ , +हाँ मैं बक्करी कोल कसाइआँ , +रहिन्दा सहम हमेशाँ भारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +इशक रूहेला2 नहीं छप्पदा , +अन्दर धरेआ बन्नीं नच्चदा , +मैनूँ देआ सुनेहड़ा सच्च दा , +मेरी करो कोई गमख्वारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +मैं की मेहर मुहब्बत जाणा , +सइआँ करदिआँ जोर घिङाणा , +गल गल मेवा की हदवाणा , +की की कोई वैद पसारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +नौ सहु जिसदा बाँस बरेली , +टुट्टी डालों रही इकेली , +कूके बेली बेली बेली , +ओही करे कोई दिलजारी । +तुसीं करो असाडी कारी । +बुल्ला सहु दे जे मैं जावाँ , +आपणा सिर धड़ फेर ना पावाँ , +ओत्थे जावाँ फेर ना आवाँ , +एत्थे ऐवं उमर गुजारी । +तुसीं करो असाडी कारी ।",panjabi-pan +"पथवरी ए तैं पथ की ए राणी +पथवरी ए तैं पथ की एक राणी +भूल्या नै राह तिसायां नै पाणी +बिछडूयां नै आण मिलाइओ हो राम +पथवारी ए तैं सींज कुआरी +नूं घर बर पाइओ हो राम +पथवारी ए तैं सींज सुहागण +पति की सेवा कराइओ हो राम +पथवारी ए तैं सींज सपूती +नूं पूत्तर घर पाइओ हो राम +पथवारी ए तैं सींज ए बूढ़ी +बैकुंठा मैं बासा पाइओ हो राम",haryanvi-bgc +"रचौ-रचौ है वृन्दावन रास +रचौ रचौ है वृन्दावन रास +लँगुरिया चलै तो दर्शन कर आमें ॥ टेक ॥ +है कौन गाँव रानी राधिका , +तो कौन गाँव घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . +बरसाने की रानी राधिका , +तौ नन्दगाँव घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . +कौन वरन की रानी राधिका , +तौ कौन बरन घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . +गोरे बरन की रानी राधिका , +तौ श्याम बरन घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . +पहने कहा है रानी राधिका , +और कहा पहने घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . +लाल चुंदरिया राधे पहने है , +तौ पीताम्बर घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . +कहा करत है रानी राधिका , +तौ कहा करत घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै . +निरत करत है रानी राधिका , +और मुरली बजावै घनश्याम ॥ लँगुरिया चलै .",braj-bra +"आलाम�� ऊरा टूटा जा बेटा +आलामा ऊरा टूटा जा बेटा +आलामा ऊरा टूटा जा बेटा +काजा चूजा निमाय डाये +काजा चूजा निमाय डाये +आलमा ऊरघा बाबा चावली आटकेन +आलमा ऊरघा बाबा चावली आटकेन +बेटा काजा चूजा निमाय डाये +बेटा काजा चूजा निमाय डाये +आलमा ऊरा टूटा जा बेटा +आलमा ऊरा टूटा जा बेटा +काजा चूजा निमाय डाये +काजा चूजा निमाय डाये +स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण पर्ते एवं सुकिया बाई , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"479 +जो कोई एस जहान ते आदमी ए रोंदा मरेगा उमर ते झूरदा जी +सदा खुशी नाहीं किसेनाल निभदी एह जिंदगी भेश जंबूर1 दा जी +बंदा जीऊने दी नित करें आसा अजराईल सिर दे उते घूरदा जी +वासर शाह इक हशक दे खड़नहारा डाल डाल ते खाल खजूर दा जी",panjabi-pan +"साल्यो पतली कासूँ पड़गी पीवर बस के +जीजा सलहज की नोकझोंक +साल्यो पतली कासूँ पड़गी पीवर बस के +जीज्यो पियो बसे परदेसों फीकर करके +साल्यो तार दूँ या चीठी बुलादुं तडके +जीज्यो मत दे तार चीठी गयो है लडके +जीज्यो गोदी धर ले चाल्यो , चोबारो छोटो +साल्यो बोल मत बोलो जीजो है छोटो +जीज्यो चूंदरी रंगादे कमाई करके +साल्यो बोल मत बोलो जीजो है छोटो +जीज्यो पागडी रंगाले कमाई करके +जीज्यो बाँध क्यों न आवे जमाई बनके ।",rajasthani-raj +"578 +जाये माहियां पिंड विच जाये किहा नढी हीर नूं चाक लियाया जे +दाढ़ी खेड़यां दी सभ मुन सुटी पानी इक चुली नहीं लाया जे +सयालां आखया परहां ना जान किते जाके नढड़ी नूं घरी लियाया जे +आखो रांझे नूं जंझ बना लिआवे नढी हीर नूं डोलड़ी पाया जे +जो कुझ हैन नसीब सो दाज दीजे साथों तुसीं भी चा लजाया जे +उधर हीर ते रांझे नूं लै चले इधर खेडयां दा नाई आया जे +सयालां आखया खेड़यां नाल साडे कोई खैर ना पुछणा पाया जे +हीर व्याह दिती मोई गई साथों मुंह धी दा नाही वखायाजे +ओवें मोड़ के नाई नूं टोर दिता , मुड़ फेर न असां थे आया जे +वारस तुसां ते ओह उमीद आही डंडा सुथरयां वांग वजाया जे",panjabi-pan +"तूं तै चाल घोड़ी चाल मेरे दादा कै दरबार +तूं तै चाल घोड़ी चाल मेरे दादा कै दरबार +मैं तो अभी चलूं महाराज मन्नै बड़े घरां की लाज +बन्ना जीमै बूरा भात घोड़ी चरै चणा की दाल +तूं तै चाल घोड़ी चाल मेरे ताऊ के दरबार +मैं तो अभी चलूं महाराज मन्ने बड़े घरां की लाज",haryanvi-bgc +"इशक असाँ वल आया +ओह इशक असाँ वल आया जे । +ओह आया मैं मन भाया जे । +पहलो करदा आवण जावण , +फिर उँगली रक्ख के बन्न बहावण । +पिच्छों सभ समाया जे , +ओह इशक असाँ वल आया जे । +ओह आया मैं मन भाया जे । +मैंने सबक खलीलों पढ़िआ , +नारों हो गुलज़ारों वड़ेआ । +ओधरों असर कराया जे , +ओह इशक असाँ वल आया जे । +ओह आया मैं मन भाया जे । +हेठ आरे देहो खलोती , +कंधी जुल्म महबूबा चोटी । +ओस आपणा आप चीराया जे , +ओह इशक असाँ वल आया जे । +ओह आया मैं मन भाया जे । +बसख दे विच्च मोती लटके , +रस लबाँ दी पीवो गटकें +इस सालम जिस्म पढ़ाया जे , +ओह इशक असाँ वल आया जे । +ओह आया मैं मन भाया जे । +सानूँ आपणे काफर काफर , +गिला गुजारी करदे वाफरं +जिन्हाँ इश्क ना मूल लगाया जे , +ओह इशक असाँ वल आया जे । +ओह आया मैं मन भाया जे । +मुँह दे उत्ते मली स्याही , +लज लेहादी धो सभ लाही । +असाँ नंग नामूस गवाया जे , +ओह इशक असाँ वल आया जे । +ओह आया मैं मन भाया जे । +मज़हबाँ दे दरवाजे उच्चे , +कर कर झगड़े खले विगुच्चे । +बुल्लामोरिओं इश्क लँघाया जे , +ओह इशक असाँ वल आया जे । +ओह आया मैं मन भाया जे ।",panjabi-pan +"चलै तो दर्शन करि आवैं +देवी मैया कौ जुड़ौ है दरबार , +लँगुरिया चलै तो दर्शन करि आबें ॥ टेक +बाग तमाशे हम गये , देख बाग तमाशे . . . +डाली डाली पै लगी हैं तस्वीर ॥ लँगुरिया . +ताल तमाशे हम गये , देख ताल तमाशे हम गए . . . +घाट घाट पै लगा दयीं तस्वीर ॥ लँगुरिया . +कुआ नहाने हम गये , कुआ पै नहाने . . . +गगरी गगरी पै लगी वहाँ तस्वीर ॥ लँगुरिया . +महल तमाशे हम गये , देख महल तमाशे . . . +खिड़की2 पै लगा दयीं तस्वीर ॥ लँगुरिया . +सेज पौढ़न जब हम गये , सेज पौढ़न . . . +तकिया 2 पै लगी वहाँ तस्वीर ॥ लँगुरिया .",braj-bra +"55 +होंठ सुरख याकूत जिउं लाल चमकण ठोडी सेब वलाइती सार विचों +नक अलफ हुसैनी दा पिपला1 ए जुलफ नाग खजाने दी बार विचों +दंद चंबे दी लड़ी कि हंस मोती दाणे निकले हुसन अनार विचों +लिखी चीन तसवीर कशमीर जटी कद सरू बहिश्त गुलजार विचों +गरदन कूंजदी उंगलियां रवां फलियां हथ कूलड़े बरग चिनार विचों +बाहां वेलणे वलिआं गुंनह मखण छाती संगमरमर संग धार विचों +छाती ठाठ दी उभरी पट खेहनूं सेउ बलख दे चुणे अंबार विचों +धुंनी बहिश्त दे हौज दा मुशक कुबा पेडू मखमली खास सरकार विचों +काफूर शहनां सरीर बांके हुसन साक सतून मीनार विचों +सुरखी होठों ही लोढ़ दंदासड़े दा खोज खतरी कतल बजार विचों +शाह परी दी भैण पंजफूल राणी गुझी रहे ना हीर हजार विचों +सइयां नाल लटकदी मान मती जिवें हरनियां त्रुठियां बार विचों +ठीक तेज तलवार दी शान वाली चमक निकली तेग दी धार विचों +फिरे छनकदी चा दे नाल जटी चढ़या गजब दा कटक कंधार वि���ों +लंका बाग दी परी कि इंद्रानी रूह निकली चंद दी धार विचों +पुतली पेखने दी नकश रूम वाले लधा परीं ने चंद उजाड़ विचों +जो कोई वेखदा उसदे हुसन ताईं जखम लगदा उस तलवार विचों +मत्थे आ लगन जेहड़े भौर आशक निकल जान तलवार दी धार विचों +इशक बोलदा नढी दे थाउं थांई राग निकले जील2 दी धार विचों +कजलबास3 जलाद सवान खूनी निकल दौड़या उड़क बजार विचों +वारस शाह जां नैना दा दाउ लगे कोई बचे न जूए दी हार विचों",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +चलल जे भँटवा बा नैना गढ़ से दुरगौली में पहुँचल बाय +हाथ जोड़ के भँटवा बोलल बाबू आल्हा सुनीं महराज +तेगा नव चलिहें नैना गढ़ में धरम दुआरे होई बियाह +हाथ जोड़ के आल्हा बोलल भँअवा सुनव धरम के बान +हम नव जाइब नैना गढ़ में बिदत होई हमार +किरिया धरावे भँटवा है बाबू सुनीं आल्हा बबूआन +जे छल करिहें राजा से जिन्ह के खोज मंगा जी खाय +चलल पलकिया जब आल्हा के नैनागढ़ चलल बनाय +घड़ी अढ़ाई के अंतर में नैनागढ़ पहुँचल जाय +नौ से कहंरा साथे चल गैल नैना गढ़ पहुँचल जाय +जवना किल्ला में बैठल इंदरमन तहवां आल्हा गैल बनाय +छरपल राजा इंदरमन आल्हा कन गैल बनाय +पकड़ल पहुँचा आल्हा के धरती में देल गिराय +बावन पाँती मुसुक चढ़ावे आखा में देल कसाय +लै चढ़ावल बजड़ा पर बात भैया छोटक के बलि जाओं +लै डुबावव आल्हा के गंगा दव डुबाय +सवा लाख पलटन तैयारी होय गेल छोटक के गंगा तीर पहुँचल बाय +लै डुबावत बा गंगा में आल्हा के डुबावत बाय +अम्बर बैटा जासर के आल्हा नव डूबे बनाय +रुदल आइल इंद्रासन से डेरा पर पहुँचल बाय +रोय कहँरिया दुरगौली में बाबू रुदल बात बनाव",bhojpuri-bho +"चाकी बड़ी दुखदाई बलम मेरे झो के तवाई +चाकी बड़ी दुखदाई बलम मेरे झो के तवाई +निंदरिया की आमें जम्हाई मोहे बरो अलकस आवे +सासू मेरी किल्ल मचावे आधी रात ते मोहे जगावे +सगरी रात जगाई बलम मेरे झो के तवाई +पिया मेरे अंजन मंगवा दे जल्दी तूं चाकी लगवा दे +आजारोज पिसाई बलम मेरे झो के तवाई +चाकी में काम होय बन्दवा को के या काम होवे रंडवा को +मैं या ते बहुत दुख पाई बलम मेरे झो के तवाई",haryanvi-bgc +"आंगन बरसै सोहाग बदरी भीतर दुलारी न्हाय +आंगन बरसै सोहाग बदरी भीतर दुलारी न्हाय +दादी ने सोहाग दीन्हा भर मांगो के बीच +बदरिया बरसै +पोस्त बोया बन्ने के बाबा , दादी बोवै लाल महेंदी +आज यहीं रहो रे बन्ने , बरसती है सोहाग बदरी +बदरिया बरसै +अम्मा चाची ने भर दिया गुलाल , मामी भाभी ने गूंथे फूल +ब��बी हमारी सजी राधा सी , बरसती है सोहाग बदरी +बदरिया बरसै",haryanvi-bgc +"जन्म गीत +कांकड़ आंबो मोरिया रे भँवरा , एकेली क्या जाय +बाळा की माय साथी पूजण जाय सातमा सखी न ले जायगा +पयली चिट्ठी बाळा का दाजी क दीजो , +दाजी आव रे जायो सार , +दूसरी चिट्ठी रे बाळा की जि माय क दीजो , +जि माय आव व झूलो राळ +तीसरी चिट्ठी रे बाळ का मामा क दीजो +मामा आवरे गहणा लाव रे , +चौथी चिट्ठ रे बाळ की मामी क दीजो , +मामी आव वो झग्गा टोपी लाव वो , +पांचवी चिट्ठी रे बाळा का नाना दाजी क दीजो , +नाना दाजी आव रे लाड़ लड़वा , +छटी चिट्ठी रे बाळ की मोमइ क दीजो , +मोमइ आव रे बाळ न्हवाड़ , +सातवीं चिट्ठी रे बाळा की बुवा क दीजो , +बुवा आव वो पतासा वाट , +आठवीं चिट्ठी रे बाळ की मावसी क दीजो , +मावसी आव तो छग्गा टोपी लाव वो , +नवीं चिट्ठी रे बाळा की मामी क दीजो , +मामी आव वो गहणो पेराव वो । +ग्राम के काकड़ सीमा पर आम में बौर आ गये हैं । बालक की माता अकेली +जलवाय पूजन को नहीं जाती है , संग में सहेलियों को ले जाती हैं । +गीत में कहा गया है कि बालक का जलवाय पूजन का कार्यक्रम है , इसलिये +पहली चिट्ठी बालक के दादा को देना और लिखना कि दादा आओ और बालक +को उत्तम संस्कारित करो । दूसरी चिट्ठी बालक की दादी माँ को लिखना और लिखो +कि आकर बालक का पालना बाँधें । तीसरी चिट्ठी बालक के मामा को भेजो और लिखना +कि वह बालक के लिए गहने लायें । चौथी चिट्ठी बालक की मामी को भेजो कि वह बालक +के लिए झग्गाटोपी लायें । पाँचवी चिट्ठी बालक के नाना को लिखना कि वह लाड़प्यार +करें । छठी चिट्ठी बालक की नानी को लिखना कि वह आयें और बालक को स्नान करवायें । +सातवीं चिट्ठी बालक की बुआ को लिखना कि वह आकर बतासे बाँटे । आठवीं चिट्ठी बालक +की मौसी को देना कि वह बालक के लिए झग्गाटोपी लायें । नवीं चिट्ठी बालक की मामी +को देना कि वह आकर गहने पहनावें । +इस प्रकार गीत में जन्म संस्कार के बारे में प्रचलित रीतिरिवाज का वर्णन किया गया है ।",bhili-bhb +"पहार ऊपर मोर धानर बाजे +पहार ऊपर +पहार ऊपर मोर धानर बाजे +पेरि देबे तेलिया मोर कांचा तिली के तेल +कोन तोर लाने नोनी अटना के हरदी +पटना के हरदी बने +कोन तोर सिरही चढ़ाये , चंदन रूप अगनी +सजन घर मड़वा गड़े +ददा तोर लाने नोनी अटना के हरदी +पटना के हरदी बने +दाई तोर सिरही चढ़ाये , चंदन रूप अगनी +सजन घर मड़वा गड़े",chhattisgarhi-hne +"बिछिया तो म्हें झटझट पेरिया +बिछिया तो म्हें झटझट पेरिया +सोकन��या रा डर से +अनबट री जगाजोत हो +कूंकड़ो झट बोल्यो मारूजी +भैंस मंगाऊँ , मिनकी पालां +कूंकड़ा रो साल मिटावां +सोकड़ नो भरमायो , बैरन रो भरमायो +कूंकड़ो झट बोल्यो मारूजी",malvi-mup +"हमना तुम खाँ बदी विचारैं +हमना तुम खाँ बदी विचारैं । +बचन अगारूँ हारैं । +सिम्भू कऔ कइलास बरफ सौ । +सिर पै गंगा धारें । +बाहर कड़े फेर नई मुरकत +ज्यों गज दन्त निकारैं । +वाँहन गही सो छूटत नईयाँ +हाड़ल कैसी डारें । +सत सैं ईसुर हरत सुनी ना , +सती सहत है मारैं ।",bundeli-bns +"मोरे क्यों गेरेस भूल +मोरे क्यों गेरेस भूल , +रूप खिल दिया सरसों का फूल +क्यों बोले से बात दरद की । +मेरे चुभ से ऐणी रे करद की , +मालुम पट जा वीर मरद की , +पा पीटें हवालात में । भावार्थ -' चलो भाइयो , चलो फ़ौज में भरती हो जाओ । देखो , तुम्हें लेने के लिए रंगरूट तुम्हारे दरवाज़े पर आए हैं । -यहाँ तुम्हारा बानावेशसाधारण किस्म का है क्योंकि यहाँ तुम्हें पहनने को फटेपुराने कपड़े ही मिलते हैं । जबकि -वहाँ फ़ौज में तुम्हें नए कपड़ों के साथसाथ फुलबूट भी पहनने को मिलेंगे । चलो भाइयो , चलो । फ़ौज में भरती -हो जाओ । '",haryanvi-bgc +पत्नी अपने पति से मिलने के लिए सिपाही का रूप धर कर पलटन में पति के पास पहुँच गई है । वहीं पर दोनों +के बीच यह वार्तालाप हो रहा है । +' अरी तू यह क्या भूल कर रही है । देख तो तेरा रूप सरसों के फूलों की तरह खिला हुआ है । तू ऐसी बात +क्यों कहती है जिसे सुनकर पीड़ा होती है ? यदि दूसरों को यह भेद मालूम पड़ गया कि यह वीर मर्द कौन है तो +पीटपीट कर हवालात में बन्द कर देंगे ।",haryanvi-bgc +"59 +कूके मार ही मार के पकड़ छमकां परी आदमी ते कहरवान होई +रांझे उठ के आखया वाह सजन हीरहस के ते मेहरबान होई +कछे वंझली कन्नां दे विच वाले जुलफ मुखड़े ते परेशान होई +भिंने वाल चुने मत्थे चंद रांझा नैनी कजले दी घमसान होई +सूरत यूसफ दी देख तैमूर बटी सने मलकी बहुत हैरान होई +नयन मसत कलेजड़े विच धाने हीर घोल घती कुरबान होई +आ बगल विच बैठके करें गलां जिवें विच किरबान1 कमान होई +भला होया मैं तैनूं ना मार बैठी कोई नहीं सी गल बेशान होई +रूप जट दा वेख के चाट लगी हीर वार घती सरगरदाठ2 होई +वारस शह ना थां दम मारने दी चार चशम3 दी जदों घमसान होई",panjabi-pan +"पीतल की बालटी आले +पीतल की बालटी आले ढोवै सै बालू रेत +‘रे बीरा बखतै दिल्ली जाइये लाइये गुलाबी छींट’ +‘हे मैं सारे सहर में घूम्या न पाई गुलाबी छींट +मेरा बाबल बखते उठ्���ा ल्याया गुलाबी छींट +मेरी भावज रोवण लाग्यी ‘म्हारी घर का कर दिया नास’ +‘कार्तिक की करी लामणी भादवे का खोदा न्यार +चलती ने ते मिले जवाब’",haryanvi-bgc +"चलो पंक्षी रे सब पावणा +चलो पंक्षी रे सब पावणा , +आरे घुँगू बाई को छे ब्याव +१ मिनी बाई का माथा प टोपलो , +आरे मिनी बाई चली रे बाजार +खारीक खोपरा लई लियाँ +सईड़ीयों चावा रे पान . . . +चलो पंक्षी . . . +२ मिनी बाई बाजार से आईया , +आरे ऊदरो पुछ हिसाब +ऐतरा म आया कुतराँ जेट जी +मिनी बाई भाँग ऊबी वाँट . . . +चलो पंक्षी . . . +३ हाड़ीयाँ न डोल बजावीयाँ , +आरे कबुतर नाच बताये +काबर वर मायँ बणी गई +चीड़ीयाँ गाव मँगला चार . . . +चलो पंक्षी . . . +४ घुस न माटी खोदीयाँ , +आरे डेडर कर रे गीलावों +मैयना ने काम लगावीयाँ +कोयल आई वई दवड़ . . . +चलो पंक्षी . . .",nimadi-noe +"545 +जोगी आखया फिरे न मरद औरत पवे किसे दा नहीं परछावना ओए +करां बैठ नवेकला जगत गोशे कोई नहीं जे छिंज1 पवावना ओए +कन सन2 विच बहुटड़ी3 आन फाथी नाही सहम ते शोर करावना ओए +हको आदमी आवना मिले साथे औखा सप दा रो गवावना ओए +कुआरी कुड़ी दा रख विच पैर पाईए नाहीं होर किसे एथे आवना ओए +सप्प नस जाए छाल मार जाए खरा औखड़ा छिला4 कमावना ओए +लिखया सत सैवार कुरान अंदर नहीं छड नमाज पछतावना ओए +वारस शाह कोई दिन बंदगी कर मुड़ वत ना जग ते आवना ओए",panjabi-pan +"ससरा अबोले, सासू अबोले +ससरा अबोले , सासू अबोले +किनी पत मंदरियां आवां हो +जेठ अबोले , जेठानी अबोले +किनी पत मंदरिये आवां हो +सास मनावां , ससरा मनावां +डंकारा समूचे आया हो +जेठ मनावां जेठानी मनावां +तेलसिन्दूर लई आवां हो +देवर अबोले , देवराणी अबोले +देवर मनावां , देवराणी मनावां +फलड़ा लई ने आवां हो +यो मड़ गाजे , भेरूजी नौबत बाजे +पुत्र अबोले , कुलबऊ अबोले +पुत्र मनावां , कुलबऊ मनावां +घीखिचड़ी लई ने आवां हो +मो मड़ गाजे , भैरूजी नौबत बाजे +नणंद अबोले , पनदोई अबोले +नणंद मनावां , नणदोई मनावां +आरती लई ने आवां हो +स्वामी अबोले , सोकड़ अबोले +किनी पत मंदरिये आवां हो +स्वामी मनावां , सोकड़ मनावां +रूपयो नारेक लई ने आवां हो",malvi-mup +"चक्ले मैं राछ घलादो री चकले में +चक्ले मैं राछ घलादो री चकले में +रलदू न पीसण लादो री चकले में +पीसैगा मोटा मारूंगी सोटा +चलदे का पाडूं लंगोटा री चकले में +चकले में राछ घलादो री चकले में",haryanvi-bgc +"तुम तो जाओ संजा बेण सासरऽ +तुम तो जाओ संजा बेण सासरऽ । +तुम्हारा सासरऽ सी , +हत्थी भी आया , घोड़ा भी आया , +पालकी भी आ�� , म्याना भी आया , +तुम तो जाओ संजा बेणा सासरऽ +हत्थी सामनऽ उभाड़ो घोड़ा घुड़साल बंधाड़ो , +पालकी छज्जा उतारो , म्याना धाबा रखाड़ो , +हऊँ तो नहीं जाऊँ दादाजी सासरऽ ।",nimadi-noe +"इस होरिलवे की दादी बडैतिन, दान बाँटे रे +इस होरिलवे की दादी बडैतिन1 दान बाँटे रे । +मेरा छोटासा होरिला , पलना झूले रे । +पलना झूले रे , झुनझुना खेले रे ॥ 1 ॥ +इस रे होरिलवे की नानी बड़ैतिन , दान बाँटे रे । +मेरा छोटासा होरिला , पलना झूले रे । +पलना झूले रे , झुलझुना खेले रे ॥ 2 ॥ +इस रे होरिलवे की अम्माँ बड़ैतिन , दान बाँटे रे । +मेरा छोटासा होरिलवा , पलना झूले रे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"क्याहै की तेरी चिलम तमाखू +क्याहै की तेरी चिलम तमाखू +क्याहै का नेचा जडिआ जी +माटी की मेरी चिलम तमाखू +रुपें नेचा जडिआ जी +जडिआ जडिआ लाल +बेढ़ा भाइआं नाल भरिआ जी +इन भाइयां में . . . . . . . . . . . बैठ्या +मुख तै फुलड़े झड़ियां जी +झड़िआं झड़िआं लाल +बेढ़ा भाइआं नाल भरिआ जी",haryanvi-bgc +"सासू तो बीरा चूले की आग +सासू तो बीरा चूले की आग +ननद भादों की बीजली +सौरा तो बीरा काला सा नाग +देवर सांप संपोलिया +राजा तो बीरा मेंहदी का पेड़ +कदी रचै रे कदी ना रचै",haryanvi-bgc +"नृत्य गीत +पिपर्यापाणि न मालि पर सकर्यानो वेलो वो । +वेले वेले सुले जणिंग ठगो वो । +पिपर्यापाणि न मालि पर सकर्या नो वेलो वो । +आइणि तूते लाडा वालि , छल्ला पुर्यान वाएँ झुणि लागे वो । +मंगली तू ते लाडा वालि , कुवारला पुर्यान वाएँ झुणि लागे वो । +आरस्या वालो कुवो मारो , फुंदा वाली बाल्ट्ये पाणि भरो वो । +नि माने ते मा माने वो , फूंदा वाली बाल्ट्ये पाणि भरो वो । +यह गाली गीत है । पिपर्यापानी की माल ऊँची समतल भूमि पर शकरकंद की बेल है । बेल के सहारे सोलह औरतों को ठगूँ । समधन तू तो पति वाली है , छेला लड़के के पीछे मत लगे । मंगली तेरा भी पति है कुँवारे लड़के के पीछे मत लगे । मेरा कुआँ काँच वाला है , फुंदे वाली बाल्टी से पानी खींच रही हूँ , नहीं माने तो मत मान , फुंदे वाल बाल्टी से पानी खींच रही हूँ ।",bhili-bhb +"श्याम मोते खेलौ न होरी +पा लागूँ कर जोरी , श्याम मोते खेलौ न होरी ॥ टेक +गौएं चरायन को निकली हूँ , सासननद की चोरी । +चुनरी मोरी रंग में न बोरो , इतनी अरज सुनो मोरी , +करौ न बहियाँ झकझोरी ॥ 1 ॥ +छीनछपट मोरे हाथ से गागर , जोर ते बहियाँ मरोरी , +दिल धड़कत है सांस चढ़ते है , देह कंपति सब मोरी , +दुख नहिं जात कहौ री ॥ 2 ॥ +अबीर गुलाल लपेटि गयौ मुखसे , सारी सुरंग रंग ���ोरी । +सासु हजारन गारी दइहै , बालम जियत न छोरी , +हृदय आतंक छयौ री ॥ 3 ॥ +फाग खेल कै तैनें रे मोहन , कीनी का गति मोरी ॥ +‘सूरदास’ मोहन छबि लखिकै , अति आनन्द भयौ री , +सदा उर बास करौ री ॥ 4 ॥",braj-bra +"कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई +कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई । +आहि रे बालम चिरई , आहि रे बालम चिरई । +बनबन ढुँढली दरदर ढुँढली ढुँढली नदी के तीरे +सांझ के ढुँढली रात के ढुँढली ढुँढली होत फजीरे +जन में ढुँढली मन में ढुँढली ढुँढली बीच बजारे +हियाहिया में प‍इसि के ढुँढली ढुँढली विरह के मारे +कवने अँतरे में सम‍इलू आहि रे बालम चिरई +कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई । +गीत के हम हर कड़ी से पुछलीं पुछलीं राग मिलन से +छंदछंद लय ताल से पुछलीं पुछलीं सुर के मन से +किरनकिरन से जाके पुछलीं पुछलीं नल गगन से +धरती और पाताल से पुछलीं पुछलीं मस्त पवन से +कवने सुगना पर लोभ‍इलू आहि रे बालम चिरई +कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई । +मंदिर से मस्जिद तक देखलीं , गिरिजा से गुरुद्वारा +गीता और कुरान में देखलीं , देखलीं तीरथ सारा +पंडित से मुल्ल तक देखलीं , देखली घरे कसाई +सगरी उमिरिया छछलत जियरा , कैसे तोहके पाईं +कवने बतिया पर कोहँइलू , आहि रे बालम चिरई +कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई ।",bhojpuri-bho +"251 +तुसी बखशना तां जोग किरपा दान करदयां ढिल ना लोड़ीए जी +जेहड़ा आस करके डिगे आन दुआरे जी ओसदा चा ना तोड़ीए जी +सिदक बनके जेहड़ा आ चर्ण लगे पार लाईए विच ना बोड़ीए जी +वारस शाह मियां जैंदा कोई नाहीं मेहर उसतों नांह विछोड़ीए जी",panjabi-pan +"200 +कलबुल मोमनी1 अरश अल्लाह काज़ी अरश अल्लाह दा ढाह नाहीं +जिथे रांझे दे इशक मुकाम कीता ओथे खेड़यां दी कोई जाह नाहीं +एह चढ़ी गुलेल है इशक वाली ओथे होर कोई चाड़ लाह नाहीं +जिस जीवने काज ईमान वेचां एह कौन जो अंत फनाह नाहीं +जेहा रंघड़ा विच ना पीर कोई अते लुधरां दा बादशाह नाहीं +वारस शाह मियां काज़ी शरह दे नूं नाल अहल तरीकत2 दे वाह नाहीं",panjabi-pan +"मैं अलबेली गुदाय आई गुदना +मैं अलबेली गुदाय आई गुदना +मैं जो गई पानी भरने संग गए अपना +टूट गयी रस्सी लटक गये अपना +मैं अलबेली . . . +मैं जो गई रोटी करने संग गए अपना +फूल गई रोटी पिचक गए अपना +मैं अलबेली . . . +मैं जो गई छोटी करने संग आये अपना +टूट गई कंघी चटक गए अपना +मैं अलबेली . . .",awadhi-awa +"मति मारौ श्याम पिचकारी +मति मारौ श्याम पिचकारी , अब देऊँगी मैं गारी ॥ टेक +भीजैगी लाज नई मेरी अँगिया , चूँदरि बिगरैगी न्यारी । +देखैगी सास रिसायेगी मोपै , संग की ऐसी हैं दारी , +हँसेंगी दैदै तारी ॥ मति मारौ . +घाटबाट सब सों अटकत हौ , लैलै रारि उधारी । +कहाँ लौं तेरी कुचाल कहौं मैं , एकएक ब्रजनारी , +जानति करतूत तिहारी ॥ मति मारौ . +मूठि अबीर न डारौ दृगन में , दूखेंगी आँखि हमारी । +‘नारायण’ न बहुत इतराबौ , छाँड़ौ डगर गिरधारी , +नयेनये तुम हो खिलारी ॥ मति मारौ .",braj-bra +"सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुर-खुटुर चले नु ए +सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुरखुटुर चले नु ए । +चली गइले आमा के बोलावे +चलहु ए आमा चलहु मोरा अंगना चलहु ए , +मोर धनि बेदनेबेआकुल झँझिरिया धइले लोटेली हे । +नाहीं जाइब ए बबुआ नाहीं जाइब , तहरा अँगनवाँ नाहीं जाइब हे , +तहरा धनि बोलेली बिरहिया , सहल नाहीं जाला नु ए । +चलहु ए मामी चलहु , मोरे अंगना चलहु हे +मोर धनि बेदनेबेआकुल झंझरिया धरी लोटेली हे । +नाहीं जाइब ए बबुआ नाहीं जाइब , तोर धनि बोलेली +बिरही कड़कवा , मोरे हिया लागेला हे । +महतारी , भाभी के बाद बहिन के पास गए और फिर अन्त में +लोटहु ए धनि लोटहु झंझरिया धरी लोटहु ए । +आमा के बोलेलू बिरहिया सहल नाहीं जाला नु ए । +बहिन , भाभी . . . के बोलेलू बिरहिया सहल नाहीं जाला नु ए । +नउजी अइहें सासु , नउजी अइहें ननदो , नउजी अइहें गोतिन , नउजी अइहें हो नउजीचाहे न +प्रभुजी ओढ़ि लेब ललका रजइया सउरिया हमी लिपबऽ नु ए । ललका रजइयाकफन +घरी रात बितले पहर रात , अउरी छने रात हे +ललना अधेराती होरिला जनमले , महलिया उठे सोहर ए +मोरा पिछुअरवा बजनिया भैया , भैया धीरेधीरे बजवा बजइह , +ननदवा जनि जानस हे । +ललना सुनि लहली लउरी ननदिया , बेसरिया हम बधइया लेब हे , लउरीछोटी +सभवा बइठल बाबा बानी , सरब गुन आगर बानी हे , बेसरियानकबेसर , नाक का एक आभूषण +भउजो के भइले नन्दलाल , बेसरिया हम बधइया लेब हे । +उहवाँ से बाबा उठि आवे ले , अंगना में ठारा भइले हे +बबुआ देइ घालऽ नाक के बेसरिया दुलारी धिअवा पाहुन हे । फुफुतियाफांड +नाक में से कढ़ली बेसरिया फुफुतिया में चोरावेली हे +इहे बेसरिया हमके बाबा दहले , बधइया तोहके नाहीं देब हे ।",bhojpuri-bho +"ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी +ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी +ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी +काहे से गाऊं राधे +काहे से बजाऊं राधे +काहे से लाऊं गय्या हेरी जी +ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी +मुख से गाओ रामा +हाथों से बजाओ रामा +सीटी से लाओ ग��्या हेरी जी +ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी +सोने की नांही रामा +चांदी की नांही रामा +हरे हरे बांस की पोरी जी +ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी +तेरी तो बंसी रामा +वो धरी है ताक पै +मेरे सिर ला देयी चोरी जी +ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी",haryanvi-bgc +"283 +भते बेलयां विच लै जाए जटी पींघां पींघदी नाल पयारियां दे +एह परेम पयालड़ा छकयो ई नयन मसत सन नाल खुमारियां दे +वाहे वंझली ते फिरे मगर लगा सांझ घिन्न केनाल कवारियां दे +जदों वयाह होया तदों वेहड़ बैठी डोली चढ़या नाल खवारियां दे +धारां खांगड़ा दियां झोकां हथोयां दियां मजे यारियां घोल कवारियां दे +मेसां नांरां दियां लाड नडियां दे पुछो हाल न इशक विच मारियां दे +जटी वयाह दिती रिहा नढड़ा तूं सुन्ने सखने टोक पटारियां दे +गुंडन वालियां ईमान शराबियां दे अंत फिरदा ए वांग वगारिां दे +गंुडी रन्न बुढी होई बने हाजन फिरे मोरछड़ गिरद मजारियां दे +बुढा हो के चोर मसीत वड़या रत्न फिरदा ई नाल मदारियां दे +परां जाह जटा मार छडनीगे नहीं छिपदे यार कुआरियां दे +कारीगरी मौकूफ1 कर मियां चाका तैंथे वल है पावने झारियां दे",panjabi-pan +"लचिका रानी +तीसरा खण्ड +रम्मा लचिका छोड़ी गेलै जबेॅ पोखरियो रे ना +रम्मा महीना दिन के छेलै लड़कबो रे ना +रम्मा लचिका केॅ हरि केॅ लै गेलै लक्ष्मीपुर के रजबो रे ना +रम्मा हठबा के पैलकै फलवो रे ना +रम्मा बालक पर होलै प्रभु के किरपबो रे ना +रम्मा बची गेलै लैके बदलबो रे ना +रम्मा कुलोॅ में बचलै एक फतींगबो रे ना +रम्मा घरोॅ में लै खातिर नममो रे ना +रम्मा छुटी गेलै जबेॅ अम्माओ रे ना +रम्मा पालन पोषन करै तबेॅ दादियो रे ना +रम्मा बालक बढ़ेॅ लागलै दिनेदिनमो रे ना +रम्मा जैसें बढ़ै छै दूजोॅ के चनमो रे ना +रम्मा दादी घरलकै बालक पर असरबो रे ना +रम्मा नाम घरलकै ऐकरोॅ रणबीरवो रे ना +रम्मा थोड़े रे समय में होलै तैयरवो रे ना +रम्मा पढ़ीलिखी होलै होसियरवो रे ना +रम्मा एक दिन खेलै लेॅ गेलै गुल्ली डण्टवो रे ना +रम्मा संगोॅ में पाँचछः लड़कवो रे ना +रम्मा खेलेखेलोेॅ में किरियाबो रे ना +रम्मा हरदम खैते रहेॅ बापोॅ के किरियावो रे ना +रम्मा है सुनी वोलै एक लड़कबो रे ना +रम्मा झूठे तों खाय छैं बाप के किरियावो रे ना +रम्मा कहियै नी मरलोॅ छौ तोरोॅ बापो रे ना +रम्मा वही नौरंग पोखरिया उपरवो रे ना +रम्मा तोरोॅ माय केॅ हरि केॅ लै गेलो छौ रजवो रे ना +रम्मा तहियो नहीं तोरा लजवो रे ना +रम्मा लड़का सिनी के सुनी बचनमो रे ना +रम्मा दौड़लोॅ ऐलोॅ रणवीर घरबो रे ना +रम्मा ददीयाँ सें कहलकै बचनमो रे ना +रम्मा सुनोॅ दादी हमरोॅ अरजवो रे ना +रम्मा सचसच तों कहोॅ हलवो रे ना +रम्मा कहाँ पर मरलोॅ छै हमरोॅ बपबो रे ना +रम्मा हमरा बतावोॅ सब हलवो रे ना +रम्मा नहीं तों बतैभौ सच बतियो रे ना +रम्मा गर्दन पर मारी कटरियो रे ना +रम्मा तेजी देवौ हम्में परनमो रे ना +रम्मा नहीं तेॅ कहोॅ सचसच बतवो रे ना +रम्मा रणवीर के सुनी बतियो रे ना +रम्मा कहेेॅ लागलै प्रीतम सिंह के मतवो रे ना +रम्मा कहै में फाटै मोरा छतियो रे ना +रम्मा मुहोॅ सें नहीं निकलै बतियो रे ना +रम्मा सुनोॅ बबुआ सब बतियो रे ना +रम्मा माय तोरोॅ हमरोॅ पुतौहुओ रे ना +रम्मा कैसें कहियौ उनकर दुरगतियो रे ना +रम्मा महिना दिन के छैले तों बलकवो रे ना +रम्मा तोरोॅ माय कहलकौ एक बचनमो रे ना +रम्मा जैवै हम्में पोखरिया असननमो रे ना +रम्मा नहीं मानलकौ कहनमो रे ना +रम्मा पोखरिया पर करि केॅ गेलौ हठबो रे ना +रम्मा वहाँ बैठलोॅ छेलै लक्ष्मीपुर के रजवो रे ना +रम्मा लैकेॅ साथें सेनमो रे ना +रम्मा जाय केॅ घेरी लेलकै पोखरियो रे ना +रम्मा बाबू तोरोॅ सुनलकौ खबरियो रे ना +रम्मा लेलकौ सजाय केॅ पलटनमो रे ना +रम्मा हुवेॅ लागलौ घमासान लड़ैयो रे ना +रम्मा बापदादा के गेलौ जनमो रे ना +रम्मा करिकेॅ लै गेलौ माय के हरनमो रे ना +रम्मा लै गेलौ आपनोॅ भवनमो रे ना +रम्मा कहाँ तक बतैय्यो दुरगतियो रे ना +रम्मा कहै में फाटै मोरा छतियो रे ना +रम्मा रणबीर पूछै ददियाँ सें पापी रजवा के ठिकनमो रे ना +रम्मा हमरा बताय दे ऊ रजवा के नाम ठिकनमो रे ना +रम्मा एतना सुनी ददियाँ समझावै रे ना +रम्मा मानी लेॅ बबुआ हमरोॅ कहनमो रे ना +रम्मा बड़ा बलशाली ऊ रजबो रे ना +रम्मा नहीं पारबे होकरा सें कभियो रे ना +रम्मा तबेॅ बोलै कुंवर रणवीरवो रे ना +रम्मा हौ दादी जनम के तिरियवो रे ना +रम्मा घर में बैठलोॅ पीन्ही केॅ चुड़ियो रे ना +रम्मा दादी मर्द के हाँसतौ पगड़ियो रे ना +रम्मा नाहक के लेलियै जनममो रे ना +रम्मा देवै हम्मू डुबाय केॅ खनदानमो रे ना +रम्मा दादी कहेॅ लागलै सब हलवो रे ना +रम्मा लक्ष्मीपुर के ऊ रजवो रे ना +रम्मा होकरोॅ नाम जयसिंह रजवो रे ना +रम्मा दुश्मन के मिललै ठिकनमो रे ना +रम्मा कुंवर भेलै वहाँ से रवनमो रे ना",angika-anp +"ऊपर बादल घुमड़ाये हो +ऊपर बादल घुमड़ाये हो , +नीचे गोरी पनियां खों निकरी । ऊपर . . . +जाय जो कइयो उन राजा ससुर से , +अंगना में कुइयां खुदाव हो , +तुम्हारी बहू पनियां खों निकरी । ऊपर बादल . . . +जाय जो कइयो उन राजा जेठ से , +सोने के घइला मंगाव हो , +तुम्हारी बहू पनियां खों निकरी । ऊपर बादल . . . +जाय जो कइयो उन राजा नन्देऊ से , +मुतियन कुड़री जड़ाव हो , +तुम्हारी सरहज पनियां खों निकरी । ऊपर बादल . . . +जाय जो कइयो उन राजा देवर से , +रेशम की रस्सी मंगाव हो , +तुम्हारी भौजी पनियां खों निकरी । ऊपर बादल . . . +जाय जो कइयो उन राजा साहब से , +कुंअला पे गर्रा डराव हो , +तुम्हारी धना पनियां खों निकरी , +ऊपर बादल घुमड़ाये हो , +नीचे गोरी पनियां खों निकरी ।",bundeli-bns +"भर डोंगर मऽ झूला बंध्या हो +भर डोंगर मऽ झूला बंध्या हो , +म्हारी रनुबाई झुलवा जाय जी । +झुलतऽ झुलतऽ तपेसरी आया , +हम खऽ ते भिक्षा देवो जी । +थाल भरी मोती राणी रनुबाई न लिया , +ये भिक्षा तुम लेवा जी । +काई करूँ हो थारा माणक मोती , +अन्न की भिक्षा देवो जी । +खेत नी वायो , खळो नी घायो , काय की भिक्षा देवाँ जी । +आवसे रे चईत को महीनो , जासां हमारा पीयर जी । +लावसा रे गहुँआ की बाळद , तव जाई भिक्षा दीसां जी ।",nimadi-noe +"अप्पन बलेमु जी के बुझा लेबइ हे सखिया +अप्पन1 बलेमु2 जी के बुझा3 लेबइ हे सखिया । +अप्पन सइयाँ जी के समुझा लेबइ हे सखिया ॥ 1 ॥ +काहे के बाजुबन4 काहे के टिकुली हे । +काहे के नथिया झमकयबइ5 हे सखिया ॥ 2 ॥ +सोने के बाजुबन , रूपे के टिकुलिया हे । +परेम6 के नथिया झमकयबइ हे सखिया ॥ 3 ॥ +कथि के सेजिया कथि के रे झालर । +कथि के बेनिया7 डोलयबइ8 हे सखिया ॥ 4 ॥ +परेम के सेजिया , परेम के झालर । +परेम के बेनिया डोलयबइ हे सखिया ॥ 5 ॥ +सोने रूप सइयाँ मोरा परेम पियासल । +हम धनि परेम पियासी हे सखिया ॥ 6 ॥ +अध राति ले9 हम रँग रस बिलसली10 । +कउनी मोरा अँखिया झँपायल11 हे सखिया ॥ 7 ॥ +भारे उठि देखली सइयाँ मोरा भागल । +सइयाँ के कहाँ जाइ खोजूँ हे सखिया ॥ 8 ॥ +रने बने खोजलूँ राहे बाटे घुमलूँ । +कउन सइयाँ के बतावे हे सखिया ॥ 9 ॥ +बटिया में मिललन सतगुरु हमरा । +ओहि सइयाँ से मिलवलन हे सखिया ॥ 10 ॥",magahi-mag +"ऊंची तेरी खाई ऊंचा नीचा कोट +ऊंची तेरी खाई ऊंचा नीचा कोट +ढाणां बसै बाबा भूमिया की ओट +काहे का दिवला काहे की बात +काहे का घी बलै सारी रात +अगड़ चन्दन का दिवला निर्मल बात +सुरही का घी बलै सारी रात +तेरी बाबा भोमिया उत्तम जात +जू जन्मा छट्ट चौदस की रात +बेटियां का बाबा माईयर बाप +बहुआं का सै बाबा रिछापाल",haryanvi-bgc +"गढ़ू सुम्याल (सुमरिया��) +खिमासारी1 हाट रन्दो , गढ़ू2 स्यो सुमन्याल3 , +मालू4 मा को माल होलो , वो सुमन्याल +तरवर्यिा5 माल होलू , गढ़ू त सुमन्याल +जैका बाबू दादान , तरवार मारे , +वेको बेटा भी , तरवार मारी लालो +खिमासारी हाट मा , पड़े धुरमी6 अकाल , +तड़की तड़फी मरीन , लोक उखड़7सा माछा8 , +जागू9जागू पड़ीन , डाला कासा गेंडा10 +स्वागीण11 रांड ह्वैन , कोली12 का मरीन बाला13 , +ज्वाती14 नी भुंचा15 कैन , जिन्दगीनी भोगी +तड़ीतपड़ीकरीं , कमाई सब खाई याले , +भूख मरण लैगे , गढ़ू सुमन्याल +चल मेरी जिया16 , लीला देई , +आरुणी17 जंगल जौला , जड़ीबूटी खौला +माता लीक तब गढ़ू , माल ऐगे आरुणी जंगल , +जिया लीला देईतब , बोलण लै गए : +कनो कलोबलो18 वण छ , देखदौं मेरा गढू़ , +सुणदौ19 , दीपीकोट20 मा रन्दो , तुमारो बड़ा21 दीपू , +तू लीजा वख22 , मेरी नौ लाख हँसुली23 , +अपणा बड़ा24 मुँगै25 , भैंसी लीओ मोल +आरुणी जंगल मा , दूध पर दिन बितौला +तिन ठीक बोले मेरी जिया , +धरे गढू़ मालन , नौ लाख हँसुली , +जाई लगै ते , दीपीकोट मा +ओ मेरी जदेऊ26 मान्यान , तुम मेरा बड़ा जी +खिमासारी हाट मा , पड़ीगे अकाल +मेरी जियान दिने , या नौ लाख हँसुली , +तुम देवा बड़ा जी , मैं भैंसी दुधाल +दीपू बडान तब , गढू़ की आदर करे खातर +पकाये मालक27 , निरपाणी की खीर । +सुतपुल्या28 घीऊ29 दिने , पौंडल्या30 दई , +खिलायेपिलाये वैन , गढू़ सुमन्याल +तब दीपून मन्सूबा ठाणो , मन्त्र किराये , +बुलाया तब वैन , वैका सात लड़ीक , +हे मेरा बेटों , ये मारी द्यान , +नितर31 येई32 छुटेड़33 , भैंस क्वी द्यान +बाटा लैग्या स्ये , दीपू का साती सपूत , +तब बोलदू दीपू , जा मेरा गढ़ू़ माल , +डाँडा34 मरुढ़ो35 होली , लैंदी36 भैंसी +तब अगाड़ी फुल्डू , बाटा लगे गढ़ू माल , +साती भायों का मन मा , कपट सूझीगे +गाडीन37 साती , गंगलोड़ी38 हात , +पर विधाता की , माया देखा , +तब गढ़ू सुमन्याल की , भुजा नलकदाब39 , +आँखी फफराँदी40 , तब वा वैकी +क्या जी होई होलो , यो सगुन , +तब घूमीक पिछाड़े , देखद गढ़ू सुमन्याल +भलू करे भायों , तुमून मैं नी मारयों , +तुम साती भाई मेरा , कौजाड़ा41 मुंगक42 नी छा +तब चली गैन , वीं डाँडा मरोड़ी , +दिखाए साती भयोंन भैंसी एक छुटेड़ +या च मेरा दिदा43 , भैंसी दुधाल , +सात पथा सबेर देंदी या , सात पथा साँज +उठै गढ़ू मालन , भैंसी कखरियाली44 धरीले , +रौंड़दों45दौड़दो , आरुणी जंगल ऐगे , +ले मेरी जिया , तेरा जिठाणा को दिन्यूँ भैंसो । +तब कायरी46 होन्दी , जिया47 लीला दे , +छोड़ दी पथेणा48 नेतर49 । +इना भैंसा मा गै , मेरी नौ लाख हँसुली , +सत��� होली मैं , आपणी माता की जाई , +सते होला जु , पंचनाम देवता +त ई भैंसी पर , दूद आई जान +तब आरुणी जंगल वा , जड़ी खलौंदी बूटी , +भैंसी पर दूध , पैदा ह्वैगे +गढ़ू माल तब , चैन की निन्द सेंद , +भैंसी चरोंद , दूद घुटक पेंद +आरुणी जंगल होलू , भलो रौंत्यालु50 , +डाँडी51 काँठी52 जनी , मन मोहदी । +गढ़ू सुमन्याल होलू , उलान्या53 मुरल्या54 , +मुरली त होली वैकी , जनी जादून भरी +तै जंगल मा रन्दी छई , सुरमा एक रौतेली , +रोज मोहन मुरली सुणदी , +मन मा मन्सूबा गणदी55 +इनी तैकी मुरली , अफू56 कनो होलू ? +तब वींको चित्त , ह्वैगे चंचल , मन ह्वैगे उदास , +दीदी भुल्यों मा , कना वैन बोदी : +जावा दीदी भुल्यों , तुम घर जावा , +मेरी माँ मु बोल्यान , सुरमा बाघन खैयाले । +जावा मेरी दगड्याण्यों57 , तुम घर जावा , +मेरी माँ मु बोल्यान , सुरमा भेल58 पड़गे । +जावा मेरी जोड़ी सौंजड्यों59 , मैत60 जावा , +मेरी मां मु बोल्यान , सुरमा गाड61 बगगे62 । +बाबरो ह्वैगे पराण , मुरल्या की खोज पैठीगे63 , +मरणू होई जान , मैन मुरल्याक जाणा । +गढ़ू माल होलू , तानियो64 मा को तानी , +सुरमा देखीक , मुरली छिणै देन्द । +नौ दिन नौं रात , ह्वैगीन मुरल्या की खोज , +पर रौतेलीन , कखी मुरल्या नी पायो । +दसवाँ रोज देखेणे , गढू स्यो सुमन्याल , +काँठा मा कोसी सुरीज , शेर कोसी बच्चा । +ढकुली65 ढवौन्दी सुरमा , माथो नवौंदी : +मैं तुमारी राणी छौं प्रभु , तुम मेरा पराणी +लीगे तब गढू वीं तै , जीया का पास",garhwali-gbm +"मचिया बइठल तुहूँ सासु, त सुनहऽ बचन मोरा हे +मचिया बइठल तुहूँ सासु , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +सासु , सपन देखलूँ अजगूत , 1 बालक एक सुन्नर2 हे ॥ 1 ॥ +चुप रहुँ चुप रहुँ , पुतहू , 3 त सुनहऽ बचन मोरा हे । +पुतहू सुनि पइँहें गँमवा4 के लोग करतइ उपहाँस तोरो हे ॥ 2 ॥ +आज हकइ सोने के रात , बबुआ एक जलम लेता हे । +पुतहू , आज चानी केरा रात , होरिलवा जलम लेता हे ॥ 3 ॥ +घड़ी रात बीतल पहर रात , अउरी अधिए5 रात हे । +ललना , जलम लिहल नंदलाल , महल उठे सोहर हे ॥ 4 ॥ +सासु मोरा उठलन गवइत , ननद बजइवत हे । +ललना , सामीजी त मालिन फुलवरिया , मालिन सँग सारी6 खेलथ हे ॥ 5 ॥ +ऐहो एहो राजा दुलरइता राजा , सुनहऽ बचन मोरा हे । +राजा , तोहरा के भेलो नंदलाल , महल उठे सोहर हे ॥ 6 ॥ +पसवा7 त गिरलइ बेल तर , कउरिया8 बबूर तर हे । +राजा , चलि भेलन अपन महलिया , महल उठे सोहर हे ॥ 7 ॥ +कोठे चढ़ि देखथिन दुलरइतिन , झर रे झरोखे लगी हे । +चेरिया , आज रे उजाड़ी देहीं बगिया , त फूल छितराइ9 देहीं हे ॥ 8 ॥ +महल में जुमलइ10 मलिनिया�� , त कर जोड़ी खाड़ा भेलइ हे । +रानी , काहे लागी उजड़हइ बगिया , त काहे लागी फूल छितरहइ हे ॥ 9 ॥ +काहे लागी बाँधहहु मलिया , त काहे लागी लोरझोर11 हे । +रानी , बरजहु अपन कोठीवाल , 12 बगिया मत सून13 करूँ हे ॥ 10 ॥ +मैं तोरा पूछूँ मलिनियाँ , त सुनहऽ बचन मोरा गे । +मालिन , कइसे कइसे कयलें बिलास , मोरा के समुझाय देंही गे ॥ 11 ॥ +रसेरसे14 बेनियाँ15 डोलौलूँ , आउ16 फूल छितराउलूँ हे । +रानी , भउँरे17 रूपे राजा उहाँ18 गेलन , सभे रस चूसि लेलन हे ॥ 12 ॥",magahi-mag "आल्हा ऊदल -कौन सकेला तोर पड़ गैल बाबू कौन ऐसन गाढ़ -भेद बताब तूँ जियरा के कैसे बूझे प्रान हमार -हाथ जोड़ के रुदल बोलल भैया सुन धरम के बात -पड़ि सकेला है देहन पर बड़का भाइ बात मनाव -पूरब मारलों पुर पाटन में जे दिन सात खण्ड नेपाल -पच्छिम मारलों बदम जहौर दक्खिन बिरिन पहाड़ -चार मुलुकवा खोजि ऐलों कतहीं नव जोड़ी मिले बार कुआँर -कनियाँ जामल नैना गढ़ में राजा इन्दरमन के दरबार -बेटी सयानी सम देवा के बर माँगल बाघ जुझर -बड़ि लालसा है जियरा में जो भैया के करौं -बियाह करों बिअहवा सोनवा से -एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा मन मन करे गुनान -जोड़ गदोइ अरजी होय गैल बबुआ रुदल कहना मान हमार -जन जा रुदल नैनागढ़ में बबुआ किल्ला तूरे मान के नाहिं -बरिया राजा नैना गढ़ के लोहन में बड़ चण्डाल -बावन दुलहा के बँधले बा साढ़े सात लाख बरियात -समधी बाँधल जब गारत में अगुआ बेड़ी पहिरलन जाय -भाँट बजनियाँ कुल्हि चहला भैल मँड़वा के बीच मँझार -एकहा ढेकहो ढेलफुरवा मुटघिंचवा तीन हजार -मारल जेबव् नैनागढ़ में रुदल कहना मान हमार -केऊ बीन नव्बा जग दुनिया में जे सोनवा से करे बियाह",bhojpuri-bho -"गुलगुल भजिया खा ले -गुलगुल भजिया खाले -गुलगुल भजिया खाले -गुलगुल भजिया खाले -गुलगुल भजिया खाले -गोरी तैं धनिया डोली -मोर संग तैं हर ददरिया गाले मन के गोरी -मोर संग तैं हर ददरिया गाले -संग म जाबे , तरिया जाबे वो -गुलगुल भजिया खाले -गुलगुल भजिया खाले -गोरी तैं धनिया डोली -मोर संग तैं हर ददरिया गाले -मन के गोरी -मोर संग तैं हर ददरिया गाले -संग म जाबे , तरिया जाबे वो -खट्टा हाबय अमली गोरी जाम खाले वो -गोरी जाम खाले वो -गोरी जाम खाले -खट्टा हाबय अमली गोरी जाम खाले वो -गोरी जाम खाले वो -गोरी जाम खाले -कतेक मंझन के रेंगे बासी खाके वो -गोरी धनिया डोली -गुलगुल भजिया खाले -गुलगुल भजिया खाले -गोरी तैं धनिया डोली -मोर संग तैं हर ददरिया गाले -मन के गो��ी -मोर संग तैं हर ददरिया गाले -संग म जाबे , तरिया जाबे वो -मोटर हाबय टेसन म छूट गेहे रेल -छूट गेहे रेल -छूट गेहे -मोटर हाबय टेसन म छूट गेहे रेल -छूट गेहे रेल -छूट गेहे -गली गली म बेचत हे तेलिन टुरी तेल -गोरी धनिया डोली -गुलगुल भजिया खाले -गुलगुल भजिया खाले -गोरी तैं धनिया डोली -मोर संग संग म ददरिया गाले -मन के गोरी -मोर संग संग म ददरिया गाले -संग म जाबे , तरिया जाबे वो -कुंदरू करेला बारी म बोले वो -बारी म बोले वो -बारी म बोले -कुंदरू करेला बारी म बोले वो -बारी म बोले वो -बारी म बोले -तोर आगे लेवइया गली म रोले वो -गोरी धनिया डोली -गुलगुल भजिया खाले -गुलगुल भजिया खाले -गुलगुल भजिया खाले -गोरी तैं धनिया डोली -मोर संग तैं हर ददरिया गाले -मन के गोरी -मोर संग तैं हर ददरिया गाले -संग म जाबे , तरिया जाबे वो",chhattisgarhi-hne -"गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा -चक्कर मा घोड़ा , नई छोड़व मैं जोड़ा -झुलाहूँ तोला वो , हाय झुलाहूँ तोला वो -नदिया मा डोंगा , नई छोड़व मैं जोड़ा -तौराहूँ तोला वो , हाय तौराहूँ तोला वो -गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो -गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो -चक्कर मा घोड़ा , नई छोड़व मैं जोड़ा -झुलाहूँ तोला वो , हाय झुलाहूँ तोला वो -नदिया मा डोंगा , नई छोड़व मैं जोड़ा -तौराहूँ तोला वो , हाय तौराहूँ तोला वो -गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो -गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो -संगी जउहरिय नई छोड़ही तोर संग गोरी वो -गोरी वो , गोरी वो , गोरी वो -संगी जउहरिय नई छोड़ही तोर संग , में बन जाहूं चकरी , तैं उड़बे पतंग -चटभइंया बोली तोर निक लागे वो , तोर बोलीठोली हा गुरतुर लागे वो -गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो -गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो -तरिया के पानी लागे है बनी गोरी वो -गोरी वो , गोरी वो , गोरी वो -तरिया के पानी लागे है बानी , दुरिहा घुजके भरबे , कर छेड़कानी -बेलबेल्हा टुरा घटौन्दा के तीर , बइठे बजावत रइथे सिटी -गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो -गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो",chhattisgarhi-hne -"हमका मेला में चलिके घुमावा पिया -हमका मेला में चलिके घुमावा पिया -झुलनी गढ़ावा पिया ना । -अलता टिकुली लगइबे -मंगिया सेनुर से सजइबे , -हमरे उँगरी में मुनरी पहिनाव��� पिया -मेला में घुमावा पिया ना । -हँसुली देओ तुम गढ़ाई -चाहे कितनौ हो महंगाई , -हमे सोनरा से कंगन देवावा पिया -हमका सजावा पिया ना । -बाला सोने के गढ़इबे -चाँदी वाली करधन लइबे , -छागल माथबेनी हमके बनवावा पिया -झुमकिउ पहिनावा पिया ना । -कड़ेदीन की जलेबी -मिठाईलाल वाली बरफी , -डंगर हेलुआई के एटमबम लियावा पिया -इमरती खियावा पिया ना । -गऊरी शंकर धाम जइबे -अम्बा धाम के जुड़इबे , -इही सोम्मार रोट के चढावा पिया -धरम तू निभावा पिया ना ।",bhojpuri-bho -"जीरा रगरि रगरि हम पिसलूँ -जीरा रगरि रगरि1 हम पिसलूँ । -जीरा पीले बहू , जीरा पीले धनी ॥ 1 ॥ -पाग2 के पेंच3 में छानली हे । -जीरा पीले जरा , जीरा पीले जरा ॥ 2 ॥ -होअत बलकवा के दूध । -जीरा पीले जचा , जीरा पीले जचा ॥ 3 ॥ -हम बबा के अलरी दुलरी4 । -हमरा न जीरा ओल्हाय , 5 जीरा कइसे पीऊँ ॥ 4 ॥",magahi-mag -"321 -आ कुवारिए ऐड अपराधने नी धका देह ना हिक दे जोर दा नी -बुंदे कुंदले नथ ते हस कड़ियां बैठी रूप बनायके मोर दा नी -आ नढीए रिकतां छेड़ नाही एह कमनाहीं धुंम शोर दा नी -वारस शाह फकीर गरीब उते वैर कढयो ई किसे खोर दा नी",panjabi-pan -"कोहबर वइठल ओहे धनि सुन्नर, काहे धनि बदन मलीन -कोहबर वइठल ओहे धनि सुन्नर , काहे धनि बदन मलीन । -तनि एक1 अहे धनि मुहमा पखारह2 खिलि जयतो बदन तोहार ॥ 1 ॥ -मलिया के बघिया3 में फुलवा फुलायल , फूल फूलल कचनार । -ओहे फूल लागि4 हइ जियरा बेयाकुल , मोर बदन कुम्हलाय ॥ 2 ॥ -मलिया के बघिया फेड़5 अमरितंवा6 फूल फरि भेल भुइआँ नेब7 । -तेहि अमरित फूल लागि जियरा बेयाकुल , मोर बदन कुम्हलाए ॥ 3 ॥ -कथिए पिसायब , कथिए उठायब , कथिए घरब हम सहेज । -लोढ़े पिसाएब , हँथवे उठायब , कटोरवे रखब सहेज ॥ 4 ॥ -सेहि पीइ8 अहे धनि , सुतह हमर सेजिय , खिलि जयतो बदन तोहार । -लोढ़े पिसायल , हँथवे उठायल , कटोरवे रखल सहेज ॥ 5 ॥ -सेहि पीइ एहो धनि सुतलन सेजरिया , खिलि गेलन बदन अपान9 । -मलियन10 तेल कटोरवन11 उबटन , तेल लगावे आठो अँग ॥ 6 ॥ -तेल लगवइत12 एक बात पूछल , कह परभु जलम के बात । -हमरो जलम भेल , नगर बधावा भेल , भे गेलइ13 चहुँ दिस इँजोर ॥ 7 ॥ -बड़ जेठ लोग सभ आसीस देलन , राजा भगीरथ होय । -तुहूँ कहहु धनि अपन जलमिया , कहली हम सब हे अपान ॥ 8 ॥ -जाहि दिन अजी परभु , हमरो जलम भेल , बाबा सूतल चदरी तान । -झोंकि दिहल चेरिया मिरचा14 के बुकनी15 सउरी16 में पड़ल हरहोर ॥ 9 ॥ -बाबा जे जड़लन17 बजड़ केमड़िया18 मामा19 उठल झउराय20 । -गड़ल गडु़अवा21 हमर उखड़ावल22 होइ गेलन जीउ जंजाल ॥ 10 ॥",magahi-mag -"निकलो डो फोक��े बाई बायरो -निकलो डो फोकले बाई बायरो -निकलो डो फोकले बाई बायरो -जुम्का दादा लेने को आया -जुम्का दादा लेने को आया -मैं कैसी निकलो मारो भैया -सास ससूरा लागे भैया भैया सोना किवाड़ -सास ससूरा लागे भैया भैया सोना किवाड़ -मैं कैसी निकलो मारो भैया -आना जाना रास्ता एकली -आना जाना रास्ता एकली -बुलेइ लेवो हरदा सोनारो -बुलेइ लेवो हरदा सोनारो -खोली लेवो ऐजे सोनार किवाड़ -खोली लेवो ऐजे सोनार किवाड़ -निकालो डो इये बाई बाहर -दादा बीरा लेने को आयो -मैं कैसी निकलूं भैया -स्रोत व्यक्ति मुलायम , ग्राम भोजूढाना",korku-kfq -"लागी लगी रे दुई दुई हाथ मेहँदी रंग लागी -लागी लगी रे दुई दुई हाथ मेहँदी रंग लागी , -मेहँदी तोडं न ख हाउ गई न म्हारो , छोटो देव्रियो साथ मेहँदी रंग लागी । -तोडी ताडी न मन खोलो भर्यो न हउ लगी गई घर की वाट मेहँदी रंग लागी । -अगड दगड को लोय्डो न ब्र्हन्पुर की सील मेहँदी रंग लागी -लसर लसर हउ मेहँदी वाटू न म्हारा बाजूबंद झोला खाय मेहँदी रंग लागी -देवर रंग तीची अन्गालाई न हउ रंगु ते दुई हाथ , मेहँदी रंग लागी -द ओ जेठानी थारो झुमकों न द ओ देरानी थारो हार मेहँदी रंग लागी -द ओ पडोसन थारो दिव्लो न , द ओ अडोसन तेल मेहँदी रंग लागी -खट खट खट हउ पैडी चढ़ी न गई ते तीजजे मॉल मेहँदी रंग लागी -जगेल होता तेका सोई गया न मुख पर डाल्यो रुमाल मेहँदी रंग लागी -अग्न्ठो पकडी न मन स्यामी ज्गाद्योअसो नही जाग्यो मुर्ख गंवार मेहँदी रंग लागी -खट खट खट हउ पैडी उतरी न आई ते नीच मॉल मेहँदी रंग लागी -ल ओ जेठानी थारो झुमकों न , ल ओ देरानी थारो हार मेहँदी रंग लागी -ल ओ पडोसन थारो दिव्लो न ल ओ अडोसन थारो तेल मेहँदी रंग लागी -असो देवर बताव ओकी माय ख न हउ केख बताऊ बेऊदुई हाथ मेहँदी रंग लागी -असी सासु की कुख ख हीरा जडया न , जाया ते हीरालाल मेहँदी रंग लागी -लागी लागी रे दुई दुई हाथ मेहँदी रंग लागी",nimadi-noe -"चन्दन से भरी हो तळाई -चन्दन से भरी हो तळाई , -राणी रनुबाई पाणी खऽ संचरिया । -आगऽ जाऊँ तो डर भय लागऽ , -पाछऽ रहूँ तो घागर नहीं डूबऽ -सिर लेऊँ तो बाजूबंद भींजऽ कड़ऽ लेऊं तो बाळों रड़ऽ",nimadi-noe -"राम जूर जूर गारोरी गारोरी बेटा बिजोरा -राम जूर जूर गारोरी गारोरी बेटा बिजोरा -राम जूर जूर गारोरी गारोरी बेटा बिजोरा -बेट केन नौ महिना पेटो में समायो गारोरी बेटा -बेट केन नौ महिना पेटो में समायो गारोरी बेटा -बेटा के काचा ढूंढ खिलायो गारोरी -बेटा के काचा ढूंढ ��िलायो गारोरी -बेटा मे सूखा जगह सुलायो -बेटा मे सूखा जगह सुलायो -माय तो आला जगा सोइयो गारोरी -माय तो आला जगा सोइयो गारोरी -मेठा नी ढीबा जा बेटा बिजोरा गारोरी -मेठा नी ढीबा जा बेटा बिजोरा गारोरी -बेटा बिजोरा बूलू नी पालकी जा बेटा -बेटा बिजोरा बूलू नी पालकी जा बेटा -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"444 -पया लानत दा तौक शैतान दे गल ताहीं रब्ब ने अरश ते चाढ़ना ई -झूठ बोलया जिनां वयाज खाधा तिनां विच बहिश्त ना वाड़ना ई -असी जिउ दी मैल चुका बैठे वत करां ना सीऊना पाड़ना ई -सानूं मार लै भाईअड़ां पिटयां नूं चाढ़ सेज उते जिसनूं चाड़ना ई -अगे जोगी तों मार मुकाया ई हुण होर की पड़तना पाड़ना ई -घर बार तों चा जवाब दितो होर आख की सच नितारना ई -मेरे नाल ना वारसा बोल एवें मते हो जाए कोई कारना ई",panjabi-pan -"290 -माही मुंडयो घरी जा कहना जोगी मसत कमला इक आ वड़या -कन्नी ओस दे सेहलियां1 मुंदरां ने दाहड़ी पटे भवां मुणा वड़या -किसे नाल कुदरत छल जगलां थीं किसे भुल भुलावड़े आ वड़या -जहां नाऊं मेरा कोई जाए लैंदा रब्ब महांदेव तों दौलतां लया वड़या -वारस कम सोई जेहड़े रब्ब करसी मैं तां उसदा भेजया आ वड़या",panjabi-pan +लागल कचहरी जब आल्हा के बँगला बड़ेबड़े बबुआन +लागल कचहरी उजैनन के बिसैनन के दरबार +नौ सौ नागा नागपूर के नगफेनी बाँध तरवार +बैठल काकन डिल्ली के लोहतमियाँ तीन हजार +मढ़वर तिरौता करमवार है जिन्ह के बैठल कुम्ह चण्डाल +झड़ो उझनिया गुजहनिया है बाबू बैठल गदहियावाल +नाच करावे बँगला में मुरलिधर बेन बजाव +मुरमुर मुरमुर बाजे सरंगी जिन्ह के रुन रुन बाजे सितार +तबला चटके रस बेनन के मुखचंद सितारा लाग +नाचे पतुरिया सिंहल दीप के लौंड़ा नाचे गोआलियरवाल +तोफा नाचे बँगला के बँगला होय परी के नाच +सात मन का कुण्डी दस मन का घुटना लाग +घैला अठारह सबजी बन गैल नौ नौ गोली अफीम +चौदह बत्ती जहरन के आल्हा बत्ती चबावत बाय +पुतली फिर गैल आँखन के अँखिया भैल रकत के धार +चेहरा चमके रजवाड़ा के लड़वैया शेर जवान +अम्बर बेटा है जासर के अपना कटले बीर कटाय +जिन्ह के चलले धरती हीले डपटै गाछ झुराय +ओहि समन्तर रुदल पहुँचल बँगला में पहुँचल जाय +देखल सूरत रुदल के आल्हा मन में करे गुनान +देहिया देखें तोर धूमिल मुहवाँ देखों उदास",bhojpuri-bho +"बरजोरा कौ समरपन +कठिन जेठ कौ घाम तचैं , गुस्सा में सूरज , +बरजोरा बिलमो पहूज के नीरेंतीरें +आठ बिना कढ़ गए न एकउ फँसो बटोही +दारचूनघी निगट रही है धीरेंधीरें । +सात डाकुअन कौ पहरौ है नदीघाट पै +बीस ज्वान बरजोर सिंह के हैं रखवारे , +हुकुम कठिन है सब रस्तागीरन कों लूटौ , +निकर न पाबै कोऊ सम्पत बिना निकारे । +तपैं ग्रीष्म महाराज बुँदेलन की धरती है +नीचें तचै ततूरी , ऊपर अँगरा बरसें , +डरे जनावर भार भटोलन भीतर हाँपैं , +मानुसपच्छी कठिन समइया कढ़ें नघर सें । +संगै छै असवार बाई जू भाजत आबैं , +उनके तन के ऊपर चढ़ गइ धूरइधूरा +ऐसौ लगै कि दौर रही है सिंह भवानी , +संगै दौरत आँय अघोरी भूतभभूरा । +तान तुपकियाँ ठाड़े ह्वै गए सातउ डाँकू , +गैल छैंक लई , ‘रोकौ धोरे’ , हाँक लगाई ; +गोरा धरें पछारी , आँगें करिया रोकें , +का अनहोनी , चौंकी रानी लक्ष्मीबाई । +बोली , ‘को हौ ठाकुर ? गैल काए खाँ छैंके ? +का अनवाद करो घोरन नें ? रहे रुकाई । +बूढ़ौ दउवा बालो , ‘हम हैं डाकू ठाकुर , +लूटन आए तुम्हें’ , तुरन्त आँख चढ़ आई +रानी बोली , ‘को है मुखिया ? ’ ‘है बरजोरा’ +‘कितै ? ’ ‘परे सोउत हैं , उतै करौंदी छाँई । ’ +”चलौ बताऔ , दोदो बातें करकें जैहें“ +पीछेंपीछें डाँकू , आँगें लक्ष्मीबाई । +संगी दओ जगाय , उठो तुरतई बरजोरा +देखो आउत घुड़सवार बक्षस्थल तानें +चढ़ती उम्मर , ेख न निकरी , पैनी आँखें , +टेढ़ी बाँधें पाग , भाल मोती लहरानें । +दगदग दमकै माथौं ईंगुर पोतो मानों +राजन की पोसाक बिधाता रूप समारौ , +लै पाँचउ हँतयार हाँत में नंगौ तेगा +चढ़ तुरंग की पीठ स्वयं बीरत्व पधारौ । +पाँव रकेबन जमे , कसो पीठी सें बालक +बघवाबै चहुँओर बैरियन की घातन में , +सने रकत में वस्त्र , अस्व ज्यों बिजलीकौंधा , +ऐसौ लगै सजीवन यौवन कूँदौ रन में । +ठाढ़ौ भओ तुरन्त समर बागी बरजोरा , +तड़पी रानी , ‘क्यों तुमनें मारग रुकवाओ ? ’ +डाँकू उत्तर देत , ”लूट है रोजी अपनी , +को हौ अपुन ? कहाँ के ? हमनें चीन्ह न पाओ । “ +”आँखें खोलौ , चीनौं , खोलौ कान सुनाबैं +अँगरेजन सें छिड़ गओ है संग्राम भयंकर +मरबे और मारबे हेत फिरौं भन्नानी । +गओ मोरचा टूट हमाओ झाँसीवारौ , +धाबा करो कालपी में अब बजहै तेगा +हूहै बरछीबन्दूकन के संग सगाई +खारकछारन में जमना के चुकहै नेगा । +मूँछ मुँछारे मुंस तुम्हारी क्षत्री काया +पौरुष जो है ? बने आज अबला के घाती +मैं नारी ह्वै जूझ रही भारतबैरी सें +रे क्षत्री नर , हाय न फट गई तोरी छाती +अपनी झाटसी गई गड़ौ दुसमन कौ झंडा , +बीर सिपाही तरवारन कौ पी गए पानी +धरती कर गए लाल रकत कौ लिख ग�� साकौ , +जूझे आठ हजार लाल प्रानन के दानी । +तुमनें रस्ता रोकी , बैरी लगे पछारीं +मजल चले हैं घोरे , घायल देह हमारी +आगी उगलै धरती झोराँ लपट झँझाबै +कारे कोसन बसी कालपी जेठ दुफारी । +देखौ मोरे संगी , पाँच पुरुस ; दो नारी +मैं , जा सुन्दर , पक्की मोरी संग सहेली +घोरे देखौ सात हमाए हाँपी छोड़ंे +घावन भरे सरीर करारी विपदा झेली । +पसु हैं घोंरे , जान देत , अबला है संगिन +तुम हौ क्षत्री मुंस , छैक लइ गैल हमाई +हे राणा , हे सिवा , हमें अब दोस न दिइयो“ +लम्बी भरी उसाँस , चुप्प भई लक्ष्मीबाई । +देखत मौं रह गओ रानी कौ ठाँड़ो ठाकुर +रोमरोम जग परौ सिथिलसी ह्वै गई बानी , +लैन हिलोरें लगो रकत पुरखन कौ तातौ +तुरग दिखानों सिंह , छबीली सिंह भवानी । +सन्तमण्डली जैसें बालमीक मन पलटौ , +अंगुलिमाल कान ज्यों परी बुद्ध की बानी , +रानी की उसाँस बरछीसी हुकी हृदय में , +डाँकपन की भई कुटिलता पानीपानी । +टपरटपर आँखिन से अँसुवा टपकन लागे +घूँटे टेक दए , नंगी लइ खेंच सिरोही , +बाई साब के आँगें भींजी बनो बिलइया +बौ बरजोरा दस्युराज कट्््र निरमोही । +आत्मघात करबे की मन में बात बिचारी +‘खबरदार हो’ , रानी नें ललकार लगाई +”प्रान कर रहे दान तौ फिर बैरी संग जूझौ +घरी दो घरी राकौ , करौ सहाय हमाई । “ +झटका दैकें ह्वै गओ ठाड़ौ , तन गई छाती +सिथिल अंग में जैसें महासक्ति घुस आई , +दई हुंकार कि जैसे बन में सिंह डड़ीकै +‘बढ़ौ साथियो’ बरजोरा तरवार घुमाई । +”पार पहूज होय गोरन कौ मोहरा मारौ +रजपूती की लाज बचालो बढ़कें प्यारे +धजीधजी काया , खपरी हो टूँकाटूँका +चलो बहादो मोरे भइय रकत पनारे । “ +लैलै निज हथयार सज गये उनतिस जोधा +आँगेंआँगें भैंससाबाँधी तोप हँकाई +दो संगी रानी नें छोड़ें , पाँचइ लैकें +सुमिर गजानन कों , घोरे कैं एड़ लगाई । +टपकटपक टपटपटप घोरे भाजन लागे +उड़ी गुंग धूरा की , छिन में उड़ गई रानी +हाँत जोर के अंतिम नमन करो डाँकू नें +चूम लई तरबार , आँख कौं पोंछो पानी ।",bundeli-bns +"एमन मानव-जनम आर कि हबे? (बाउल) +एमन मानवजनम आर कि हबे ? +मन या कर त्वराय कर एइ भावे । +अन्तर रूप सृष्टि करलने साँइ +शुनि मानवेर तुलना किछुर नाइ +देवमानवगण करे अराधन जन्म निते मानवे +कत् भाग्यरे फल ना जानि , +मनेर पेयेछ एइ मानव तरणी , +येन मरा ना डोबे । । +एइ मानुषे हवे माधुर्य भजन , +ताइते मानुष रूप एइ गठिल निरंजन +एबार ठकिले आर ना देखि किनार , +लालन कय कातर भावे । ।",bengali-ben +"सभवा बइठल तोहें बाबा +सभवा बइठल तोहें बाबा , बाबा बगिया1 में कइसन2 इँजोर3 ? +तूं नहीं जाने दुलरइतिन बेटी , आयल घेरी4 बरिआत ॥ 1 ॥ +कउन रँग हथिन5 बर बरियतिया , कउन रँग हुनकर6 दाँत । +सोने रँग बरवा , रूपे रँग बरियतिया , पनमा रँगल हुनकर दाँत ॥ 2 ॥",magahi-mag "स्वारथ को व्यवहार जगत मे स्वारथ को व्यवहार स्वारथ को व्यवहार जगत में स्वारथ को व्यवहार बिन स्वारथ कोऊ बात न पूछे @@ -18614,68 +5769,68 @@ folksong,language मतलब के सब यार । जगत में . . . यह माया तुम छोड़ो प्यारे , भजो जगत करतार । जगत में . . .",bundeli-bns -"चलो मनवा रे जहाँ जाइयो -चलो मनवा रे जहाँ जाइयो , -आरे संतन का हो द्वार -प्रेम जल नीरबाण है -आरे छुटी जायगा निवासी . . . . -चलो मनवा . . . -१ मन लोभी मन लालची , -आरे मन चंचल चोर -मन का भरोसाँ नही चले -पलपल मे हो रोवे . . . . -चलो मनवा . . . -२ मन का भरोसाँ कछु नही , -आरे मन हो अदभुता -लई जाय ग दरियाव मे -आरे दई दे ग रे गोता . . . -चलो मनवा . . . -३ मन हाथी को बस मे करे , -आरे मोत है रे संगात -अकल बिचारी क्या हो करे -अंकुश मारण हार . . . -चलो मनवा . . . -४ सतगुरु से धोबी कहे , -आरे साधु सिरीजन हार -धर्म शिला पर धोय के -मन उजला हो करे . . . -चलो मनवा . . . . .",nimadi-noe -"नवमी गीत -१ . -हमरा शीतलऽ मइया बड़ दुलरी , -मइया बड़ दुलरी मइया डोला चढ़ि आवेली हमार नगरी । -जाउ हम जनतीं अइहें हमार नगरी जाउयदि -मइया डगर बहरतीं दहिनवें अंचरी । -२ . -नीमिया के डाढ़ मइया गावेली हिंडोलवा कि झूलिझूलि ना । -झूलतऽ झूलतऽ मइया के लगली पिअसिया कि चलि भइली ना -मलहोरिया दुआर , मइया चलि भइली ना -सुतल बाड़े कि जागल रे मलिया -बूँद एक आहि के पनिया पिआव कि बूँद एक -कइसे में पनिया पिआईं मैया -कि बालका तोहार मोरे गोद -लेहु नाहि मालिनी बालका , सुताव सोने के खटोलवा कि बूँद एक -मोहिके पनिआ पिआव । -एक हाथ लेहली मालिन झँझरे गड़ुअवा -दोसरे हाथ सिंहासन -जइसन मालिन हमरे जुड़वलू ओहिसन पतोहिया जुड़ास , -धिअवा जुड़ास धीया बाढ़ो ससुरे , पतोह बाढ़ो नइहर -मइया केकरा के दीले असीस । -धीया बाढ़ो ससुरा , पतोह बाढ़े नइहर -३ . -मइया के दुआरे हरियर पीपर -लाल धजा फहराई ए माया -मोहिनी भवानी जगतारन माया -अंचरा पसार भीख मांगेली बहुआरो देई -हमके सेनुरा भीख देई ए माया , मोहिनी भवानी -पटुका पसार भीख मांगेले कवन राम -हमके पुतवा भीख देई ए माया , मोहिनी भवानी . . . -४ . -कहाँ रहनी ए मइया कहाँ रहनी -मइया पकवल रोटिया सेराई गइले , रउरा चरन में , -उहें रहनी उहें असी कोस के पयेंतवा -चलतऽ बटिया बिलम लगले -कहाँ रहनी ए मइया . . .",bhojpuri-bho +"जिनकौ सेर-सवेरे खइये +जिनकौ सेरसवेरे खइये , +जिये बिसेख डरइये । +नौदस माँस गरम में राखौं । +जिनैं पीठ ना दइये । +नरनारी को कौन बलाबल , +जिनकी संगत गइये । +सब जग रूठौरूठौ रन दो , +राम न रूठौ चइये । +ईसुर चार भुजा बारे खाँ , +का दो भुजा निरइये ।",bundeli-bns +"220 +डोगर जट ईमान नूं वेच खांदे सन्नां मारदे ते पाड़ा लांवदे ने +तरक कौल हदीस1 दी नित करदे चोरी यारी ब्याज कमांवदे ने +जहे आप होवन तेहियां औरतां नी बेटे बेटियां चोरियां लांवदे ने +जेहड़ा चोर ते राहजन2 होवे कोई उहदी बड़ी तारीफ सुनांवदे ने +मूंहों आख कुड़माइयां खोह लैंदे वेखो ते रब्ब मौत भुलांवदे ने +जेहड़ा पढ़े नमाज हलाल खावे ओहनूं मिहना मुतका लांवदे ने +वारस शाह मियां दो दो खसम दे दे नाल बेटियां वैर कमांवदे ने",panjabi-pan +"रातिए जे एलै रानु गउना करैले +रातिए जे एलै रानु गउना करैले , +कोहवर घर में सुतल निचित । +जकरो दुअरिया हे रानो कोसी बहे धार +सेहो कैसे सूते हे निचित । । +सीरमा वैसल हे रानो कोसिका जगावे , +सूतल रानो उठल चेहाय । +काँख लेल धोतिये हे रानो मुख दतमनि +माय तोहरा हँटौ हे रानो बाप तोरा बरजौ +जनु जाहे कोसी असनान । +हँटलो न माने रानो दबलो न माने +चली गेलै कोसी असनान । । +एक डूब लेल हे कोसी दुई डूब लेल +तीन डूब गेल भसियाय । +जब तुहू आहे कोसिका हमरो डुबइवे , +आनव हम अस्सी मन कोदारि । +अस्सी मन कोदरिया हे रानो , +बेरासी मन वेंट , +आगू आगू धसना धसाय । ।",angika-anp +"अम्बे दयाल भईं भईं मोरे अगना देवी दयाल भईं +अम्बे दयाल भईं , भईं मोरे अंगना देवी दयाल भईं । +मैया के द्वारे सोने के कलश , मोती झिलमिल करें +करें मोरे अंगना , देवी दयाल भईं । +मैया के मड़ पे , पानी चढ़ाऊं रपटे छूट रहीं +रहीं मोरे अंगना , देवी दयाल भईं मोरे अंगना । । +मैया के हाथों में सोने केर कंगना +कंगना झिलमिल करे , करे मोरे अंगना । +देवी दयाल भईं मोरे अंगना । +मैया के पैरों में पायल और बिछुआ +झनझुन होय रहे , रहे मोरे अंगना +देवी दयाल भईं माई मोरे अंगना ।",bundeli-bns +"पहिला सगुनमा तिल-चार हे, तब कय डटारेवो पान हे +पहिला सगुनमा तिलचार हे , तब कय डटारेवो पान हे । +देहु गन1 दुलरइते बाबा के हाथ , सगुनमा भल हम पयलूँ हे । +लगनियाँ भेलइ उताहुल , सगुनमा भल2 हम पयलूँ हे ॥ 1 ॥ +कानीकानी3 चिठिया लिखथिन दुलरइते बाबू , अहे भाँमर4 नदिया अइलइ5 तूफान हे । +लंगनियाँ अलइ उताहुल , सगुनमा भल हम पयलूँ हे ॥ 2 ॥ +सुपती6 खेलइते त��हें दुलरइते बहिनों हे , बहिनी भाँमर +नदिया देही न मनाई हे । +लगनियाँ मोर उताहुल , सगुनमा भल हम पयलूँ हे ॥ 3 ॥ +पुजबो7 में भाँवर नदिया , सेनुरे पिठार8 अहे भइया भउजी +उतरे देहु पार हे । +लगनियाँ अलइ उताहुल , सगुनमा भल हम पयलूँ हे ॥ 4 ॥",magahi-mag "परघनी 1 बड़ेबड़े देवता रेंगत हे बरात @@ -18804,379 +5959,1697 @@ folksong,language कि अब देखो अब देखो हो ललना कि अब देखो अब देखो हो ललना कि अब देखो अब देखो हो ललना",chhattisgarhi-hne -"केलवा जे फरये ला घवद से ओहपर -केलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय -उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय -उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय -सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय -नारियलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय -उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय -उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय -सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय -अमरुदवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय -उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय -उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय -सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय",bhojpuri-bho -"पोड़ोसी माय डो पोड़ोसी माय डो माय डो -पोड़ोसी माय डो पोड़ोसी माय डो माय डो -पोड़ोसी माय डो पोड़ोसी माय डो माय डो -उरागा टालाड़ इयानी माय डो बान डूगू -उरागा टालाड़ इयानी माय डो बान डूगू -हिरामन बेटा जा हिरमन बेटा बेटा आमा -हिरामन बेटा जा हिरमन बेटा बेटा आमा -मायनी गाडा कोराटेन ओलेन मारे -मायनी गाडा कोराटेन ओलेन मारे -ऐ माय डो पोड़ोसी माय डो इयां मायनी -ऐ माय डो पोड़ोसी माय डो इयां मायनी -दुखिया सुखिया घाले मारे -दुखिया सुखिया घाले मारे -ऐ माय डो इयां माय डो चोज सांटी -ऐ माय डो इयां माय डो चोज सांटी -गाडा कोरा टेन ओलेन मारे -गाडा कोरा टेन ओलेन मारे -ऐ बेटा इयां जा बेटा उरागा टाला -ऐ बेटा इयां जा बेटा उरागा टाला -दुखिया सुखिया जा ढोगे मारे -दुखिया सुखिया जा ढोगे मारे -स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq -"के दुःख री तन्नै सास का, के तेरे पिया परदेस -के दुःख री तन्नै सास का , के तेरे पिया परदेस । -ना दुःख री मन्नै सास का , कोए ना मेरे पिया परदेस । -एक दुःख री मन्नै कोख का , कोए या मेरे मारै सै मान । -तेरे री बाहण के सात पुत्तर , कोए एक उधारा जै लेय । -सुन्नै री चांदी मिलैंसे उधारे , कोए लाल उधारे ना देय । -गेहूं चावल मिलैंसे उधारे , कोए लाल उधारे न देय । -मेरे पिछोकड़े खात्ती का , कोए ल्याऊं छुरीअ घड़वाय । -चीरूं ए फोडूं या कोख नै , या कोए मेरे मारै सै मान । -खाल कढ़ा के भूस भराऊं , कोए भुस में दिला द्यूंगी आग । -बारह बरस में कोख बाहुड़ी , जनमे सैं अरजन सरजन से लाल । -सास बुलाऊं नणद बुलाऊं कोए नेग दिलाद्यूं जी आज ।",haryanvi-bgc -"हे मनै ल्याओ न हल्दी की गांठ रे -हे मनै ल्याओ न हल्दी की गांठ रे -गोरा मुखड़ा चीतियां बे -हे मनै ल्याओ न जीरी के चावल हे -गोरा मुखड़ा चीतियां हे -हे तेरा कीन्हें सुहागण चीता सै भावन रे -काजल घालां नयन भरा रे -हे मेरी बेबे सुहागन चीता सै भावन हे -काजल घाला नयन भरा हे",haryanvi-bgc -"470 -लैके सोहणी मोहणी हंस राणी मिरग मोहनी जा के घलनी हां -तेेरिआं पीरिआं अजमतां1 वेखके मैं बांदी होके घरां नूं चलनी हां -पीर पीर दी देख मुरीद होई तेरिआ जुतिआं सिर ते चलनी हां -मैंनूं मेल मुराद बलोच साइयां तेरे पैर मैं आण के मलनी हां -वारस शाह कर तरक बुरयाइयां दी दरबार अलाह दा मलनी हां",panjabi-pan -"283 -भते बेलयां विच लै जाए जटी पींघां पींघदी नाल पयारियां दे -एह परेम पयालड़ा छकयो ई नयन मसत सन नाल खुमारियां दे -वाहे वंझली ते फिरे मगर लगा सांझ घिन्न केनाल कवारियां दे -जदों वयाह होया तदों वेहड़ बैठी डोली चढ़या नाल खवारियां दे -धारां खांगड़ा दियां झोकां हथोयां दियां मजे यारियां घोल कवारियां दे -मेसां नांरां दियां लाड नडियां दे पुछो हाल न इशक विच मारियां दे -जटी वयाह दिती रिहा नढड़ा तूं सुन्ने सखने टोक पटारियां दे -गुंडन वालियां ईमान शराबियां दे अंत फिरदा ए वांग वगारिां दे -गंुडी रन्न बुढी होई बने हाजन फिरे मोरछड़ गिरद मजारियां दे -बुढा हो के चोर मसीत वड़या रत्न फिरदा ई नाल मदारियां दे -परां जाह जटा मार छडनीगे नहीं छिपदे यार कुआरियां दे -कारीगरी मौकूफ1 कर मियां चाका तैंथे वल है पावने झारियां दे",panjabi-pan -"बजरंग बली- -उँचो माळो डगमाळ , टोंगल्या बूडन्ती ज्वार । । -काचा सूत की बजरंग बली की गोफण , -सावळ राणी होर्या टोवण जाई । । -हरमीधरमी का होर्या उड़ी जाजो , -ने पापी का खाजो सगळो खेत । । -बजरंग बली का महल ऊँचा है और ज्वार घुटने से ऊपर तक की है । बजरंग -बली की गोफण कच्चे सूत की बनाई है । सावल रानी तोते उड़ाने जाती हैं । -धरमी के खेत छोड़कर तोतो , पापी का खेत सारा चुग लेना । हनुमानजी की पत्नी -सावल रानी को माना है ।",bhili-bhb -"हे री सखी सावन मास घिरण लाग्यो -हे री सखी सावन मास घिरण लाग्यो -ननदी ऐसा खत लिखवा दो मेरे प्रीतम को बुलवा दो -भाभी मेरा बीर नहीं आवै वो तो पहुंचा ज़िला मुलतान में -ननदी अपने बाबल ने कहदे मन्ने अपने घर घलवा दे -मेरी माता खुसी मनावे आ गई मरवण आज -बेटी तेरी साथ की झूलें तुम भी झूलो चम्पा बाग में -एरी सब सखियां हार सिंगारै हमते तारें हार सिंगार नै -एरी मेरे बांई हाथ को कांगणी ले गया काग उठाय के -आने पटकी ज़िला मुलतान में तित बैठा नर सुलतान जी -आइयो री मेरी कांगणी किस विध आई मेरे पास री -ऐसी सब सखियां झूला झूलें आई ना कुंवर निहालदे -उसका मां बाप सब रोया उसकी रावै छोटी बाहण जी -परितम भले वक्त पर आये सिर के केस जलन नहीं पाये -हाथ की मैहंदी छूटण नहीं पाई माथे की बिंदी छूटन नहीं पाई -रह गई कुंवर निहाल दे",haryanvi-bgc -"हरियर लेमुआ हे हरियर जोवा केरा खेत1 -हरियर1 लेमुआ2 हे हरियर जोवा3 केरा4 खेत ॥ 1 ॥ -एक अचरज हम सुनलूँ , दुलरइते बाबू के मड़वा5 जनेऊ । -मड़वहिं बैठल दुलरइते बाबू , गेंठ जोड़ि6 दुलरइते सुहवे7 हे ॥ 2 ॥ -बेदिअहिं8 घीउ9 हे ढारिये गेल , सगरो10 भेइ गल इजोर11 । -सरग12 अनंद भेल पितर लोग , अबे बंस बाढ़ल13 मोर ॥ 3 ॥",magahi-mag -"भानु भौंपेलो -अपणा कूड़ा1 भितर , त्वै जगा नी देऊँ , त्वै जगा नी देऊँ । -मैं मर्द को , मुख नी देखदू , -वैको छैल2 भी , धोरा3 नी पड़ण देन्दू । -पर फेर वींन , पैरु से सिर तक न्याले4 , -माल का शेर जना मोछ छा -डवराली डीठ , गजभर की पीठ , कंकर्यालो5 माथो । -तब अमरावती नौनी , मोहित ह्वै गए -पकड़ीले छोरा की पाखुड़ी6 , लीगे सुतरी7 पलंग -हे छोरा तू कुछ , खेलबोल भी जाणदी ? -तब गाड़े वींन , हस्तिदन्त पाँसो , -खेलण लैग्या दुये , वीं डाँडा मरुड़ी । -तब ऊँकी आँख्यों से , मिलीन आँखी , -दिल से दिल , जुड़ी गैन । -तब एक ह्वै गैन वो , जना8 धरती अगास , -ऊँका पराणू मा , प्रीत समाये । -कख छयो , घास काटणो , -दिन भर छोरा , अमरावती का सात , मौज मा रन्दो । -फूलू सीं हैंसदा छन दुये , -पंच्छियोंसी बोलदा छन । -मोससी नाचदा छन , वो बणूबणू माँज9 । -तब और छानी वालौंन , चुगली खाई -ब्याले छोरा , भूत जनो आये , -आज रजा की नौनी दगड़े , खेलबोल कर्द । -तौन लिखी घणी कागली , भेजे कालूनी कोट , -हे सजू कलूनी , तिन अपणी नौनी दगड़े10 -यो नौकर भेजे कि जार ? -सज कलूनी तब भौत गुस्सा ऐगे , -नौनी अमरावती माँगी होली , -ग्वाड़छोड़ का रजा , गुरू ज्ञानचन्द की । -तब लेखदो राजा तरवारी सवाल , करड़ा बयान -हे राजा ज्ञानचन्द , छोटी बेटी बाप भौंदी , -ठुली11 बेटी आप भौंदी । -मेरी बेटी लिजालू त , तुरन्त ली जाई , -पिछाड़ी तू वीं का , भराँस12 न रई । -गुरू ज्ञानचन्द , गुस्सा ऐगे भौत -कैको आई होलो , रूठो ऊठो काल ? -जैन हमारी यांद13 रखणी चाये । -राजान हात्योंन का , हलका14 पैटाया15 , -पैटेले रैदल16 सैदल । -कना पैटीन , रण का हत्यार , -पैटी गए गुरू ज्ञानचन्द की फौजी बरात । -कालूनी कोट मा , ग्वीराल17 सी फूलीगे , -शेर18 मा जगा नी होंदी , जंगलू डेरा पड्याँ , -लेखी कागूली वीं डाँडा मरोड़ी सजू कलूनींन , -हे बेटी अमरा , घर आई जान । -तेरी होली गरै19 की शान्ती । -स्वामी , आज जौलू , भोल20 यखी21 औलू । -तब जाँदी अमरावती , कलूनी कोट मा , -कलूनी कोट मा , ग्वीराल फूल्यूँ छ -पिता जी का शेर22 मा , क्या तमाशो होल ? -पौंछी गए अमरा , पिता का भौन -पितान वीं का , ब्यौ की बात नो सुणाई । -राजा बेटी की , नहोणी धुवेणी करौन्द -अनमन भाँति का , बस्तर पैरोंद । -घर से भैर23 वीं जाण नी देन्दो । -भानू भौपेलो डाँडा मरोड़ी भैंसी चुगौन्दू , -होई गए जब श्यामली बगत , -वैन देखे , अमरा नी आई । -प्रेम की डोरीन बँध्यूँ छयो , -रौड़दोदौड़दो , कालूनी कोट चली आये । -तब खोलीवालो24 बोद , भितर जाण को हुकम नी च । -माई मरदान को वेला , इथैं25 देखद उथैं26 , -देखे वैन राणी अमरावती , पूरब की मोरी27 -फेंके दुपटा तब अमरा न , भौंपेलो भीतर गाड़े । -औन्दी तबारी राणी की माता , भोजन लौंदी , -तब देखदी भानु भौंपला , तब बोदी -हट छोरी , त्वैन कनो छोरा यों मराये , -भैर तेरी बरात आई छ , -यतनों मा येकी28 सगून29 नी पूगणो30 । -तब बोदी31 राणी अमरावती : -हे जिया32 , तौं33 माचदू34 क बोल , चली जावा । -भानु मेरो कलेजी को भेंडू35 , जिकुड़ी को साल36 । -हे छोरी अमरा , त्वैन कनो छोरा मराये ? -हे छोरा , अमरा का फरपंचू37 कतै38 न पड़ , -भैर39 वीं की बरात आई छ । -हाथ्यों का हलका40 होला , घोड़ो का मलका41 । -मैंन मरण जिऊण अमरा मेरी छ : -डाँडा मरुड़ी हमून फेरा फेरयालीन । -हे सासु , तुम छन माता का समान , -न छीना अपणी , नौनी को सुहाग । -हे सासु , इनी बुद्धि बतावा , -जाँ से तुमारी बेटी , बैरी न लिजै सको । -हे बेटा , सते छई तू जु राजू अंगस42 -तू रागसाड़ी राज से , मांकाली घोड़ो जीती लौलो । -तब मैं अपणी बेटी अमरावती -त्वै दगड़े43 बेवोलो । -आज मैं वीं , सैसर44 भेजलो , -भोल45 वापीस बुलै दिओलो । -हे सासु परसे , तब तेरी बेटी -दोघर्या46 होई जाली । -जाणक मैं जौलू वख , पर बतौ तू -कथा47 दिन जाणका छन कथा औण का । -बार बर्स जाण का छन , बार बर्स औण का । -चौबीस बरस मा , अमरा बुधर्या ह्वै जाली । -जु48 त्वै49 पर छेतरी50 हंकार51 त -चौबीस बरस तक का वचन लीले । -एक धज52 तोड़ी मैं बामण53 दिऊलो , -गुरु ज्ञानचन्द का सात अजुड़दो54 करै द्यूलो । -चौबीस बर्स तक अमरा तेरी बाँद55 छ । -वचन मांग्याल्या वैन , धरम दियाले , -सजाई वैन अपणी घोड़ी , होई गए सवार -मारी घोड़ी पर वैन , निगर कुलड़ा , -तब उड़ी घोड़ी पवन का समान , -उडी माल बाँज सी पतेलो56 , -नी समझी वैन , उतारी को बथौं57 -नी समझी वैन , उकाली को धाम । -मेरो माल सास58 नी ससदो , -थूक नी घूटदो , ढाँव नी रुकदो । -तब जाँद वो , तीसरा रोज",garhwali-gbm -"506 -सहतीं हीर दे नाल पका मसलत बड़ा मकर फैलायके बोल दी ए -गरदानदी मकरां मुतवलां1 नूं अते कनज़2 फरेब दी खोल दी ए -इबलीस3 मलफूफ4 खनाम विचों लै रवायतां जायजां बोल दी ए -अफाकुल हदिस5 मनसूख कीती किताब लाईन अला वाली फोलदी ए -तेरे यार फिकर दिन रात मैंनूं जान मापयां तो पई डोलदी ए -वारस शाह सहती अगे मां बुढी वडे गजब दे कीरने फोलदी ए",panjabi-pan -"हो रास्ते में पड़ गयो झील, छेल तेरे आने जाने में -हो रास्ते में पड़ गयो झील , छेल तेरे आने जाने में -हो तेरा बाप घर पर नहीं , छेल तेरी मय्या बुला रही सै -हो मेरी अम्मां गंगा नीर , नीर के दोष लगावो मत ना -हो तेरा भय्या घर पर नहीं , छेल तेरी भाभी बुला रही सै -हो मेरी भाभी जमना नीर , नीर के दोष लगावो मत ना -हो तेरा जीजा घर पर नहीं , छेल तेरी बहिन बुला रही सै -हो मेरी बहिन कच्चा दूध , दूध के दोष लगावो ना",haryanvi-bgc -"मैं तो अकेली राजा घर न लुटाऊँगी -मैं तो अकेली राजा घर न लुटाऊँगी , -घर न लुटाऊँगी , नेग भी चलाऊँगी । -मैं तो अकेली राजा घर न लुटाऊँगी , -सासु अइहें किया मोरा होइहें । -देवता मनाने अपनी मइया को बुराऊँगी , -मैं तो अकेली राजा घर न लुटाउँगी । -गोतनी नहीं अइहें किया मोरा होइहें , -हलुआ घाटन अपनी भाभी को बुराऊँगी । -मैं तो अकेली राजा घर न लुटाऊँगी , -ननदी न अइहें किया मोरा होइहें । -काजर पारन को बहिनी को न बुलाउँगी , -मैं तो अकेली राजा घर न लुटाऊँगी ।",magahi-mag -"ऐ बैना डो ऐ बैना चोज सांटी -ऐ बैना डो ऐ बैना चोज सांटी -उनिड़ी उसरी डो आम सुबाये -ऐ डाई जा ऐ डाई इयां ऊनी -केने केरसा जा डोडो मारे -ऐ बैना डो ऐ बैना टाला चिछरी डो आम सुबाये -इंज बागोन बागोन जा डाई इयां ऊनी -ऊँऐन्टेन हाकोज अगरा गोमढून मारे -बाकीमा हिगरा इयां डो बैना इंज -बीसे बा रोगों जा डाई टेंगन -स्रोत व्यक्ति कड़मी बाई , ग्राम रोशनी",korku-kfq -"सुसरै जी से अरज करूं थी -सुसरै जी से अरज करूं थी -मन्नै हरी हरी दाख मंगाद्यो जी -बहू इस रुत मै��� दाख नहीं सै -मेवा मिसरी खाल्यो जी -बालम जी से अरज करूं थी -मन्नै हरी हरी दाख मंगाद्यो जी -ओ गए पंसारी की दुकान पै -ल्याए हरी हरी दाख तुला कै -खा कै सोई पिलंग पै -बालम तै कर री बात बड़े प्यार तै -जो गोरी थम छोरी जणोगी -बुरी बात करो गी हम तै -जो गोरी थम पुत जणोगी -दाख मंगा द्यूं और कहीं तै",haryanvi-bgc -"553 -पहलां बाहरों आन मुरद मिलाया अगे कटक1 बलोचां ने चाढ़ दिते -पकड़ तरकशां2 तीर कमान दौड़े खेड़े नाल हथयारां दे मार दिते -मार बरछियां आन बलोच कड़के तेगां मारके पिंड विच वाड़ दिते -वारस शाह जां रब्ब ने मेहर कीती बदल कहर दे लुतफ3 ने फाड़ दिते",panjabi-pan -"ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी -ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी -ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी -काहे से गाऊं राधे -काहे से बजाऊं राधे -काहे से लाऊं गय्या हेरी जी -ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी -मुख से गाओ रामा -हाथों से बजाओ रामा -सीटी से लाओ गय्या हेरी जी -ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी -सोने की नांही रामा -चांदी की नांही रामा -हरे हरे बांस की पोरी जी -ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी -तेरी तो बंसी रामा -वो धरी है ताक पै -मेरे सिर ला देयी चोरी जी -ढुंढ़वा दो बंसी मोरी जी",haryanvi-bgc -"हड़द चढ़ौनी -तरी नानी तरी नानी तरी तरी नानी , -तरी नानी नाना रे नान । दैया -कहाँ है हरदी तोरे जनामन , -कहाँ है तोरे थान । दैया 2 -घैली कछारे है तोरे जनामन , -सिल समदूर है तोर तोर थान । , दैया 2 -अँगरीअँगरी चढ़ जा रे हरदी , -डबरीना सिल चढ़ही जाय । दैया 2 -जंगिहा जंगिहा चाड जा रे हरदी , -कनिहा न सिल चढ़ही जाय । देया 2 -छतिया छतिया चढ़ जा रे हरदी , -माथेन सील चढ़ही जाय । दैया 2 -माथे मा सील चढ़ही जाय । -शब्दार्थ – जनमानजन्म , थानस्थान , गाँठी गले की , सिलभीगना , अंगरीऊँगली , जांगहाजांघ , घैली कछारएक जंगल का नाम , कनिहाकमर । -दोसी सुआसिन एक थाली में लहलड़े और नारियलअगरबत्ती रखते है । साथ ही एक बोतल मंद दारू के साथ दुल्हन के गले की भवरी माला , लाल मोती की गाठी माला , चाँदी की सूतिया माला रखते हैं । घर के देवी देवता का सुमिरण करते हैं और कहते है आज इस घर में विवाह होने जा रहा है । देखना हमसे कोई छल छिद्र न करना । हे धरती माता ठाकुर देवता माता महरानी चाँदसूरज देवता दस ऊँगली की विनती , पाँच ऊँगली की सेवा है । ‘देख जात रवा आगू आत रवा पाछू , संकट में सहारे रहबे । कुछ बाधा ना आय । ‘ ऐसे वचन कहते हुए हल्दी दूल्हादुल्हन सुआसिन लगाती हैं । गीत में आए शरीर के अंगों पर क्रमश : हल्दी चढ़ाई जाती है । -हल्दी कहती है – घैली कछिया के घर मेरा जनम हुआ है और समुद्र मेरा स्थान है । हे हलदी तू पहले मेरी दुल्हन की अँगुली में लग जा । एकएक ऊँगली में लग जा । बाँह , छाती , जाँघ , कमर और माथे पर चढ़ जा । सिल चढ़ जाओ यानि पूरे शरीर में भींग जाओ । फैल जाओ । इससे हमारे दुल्हा और दुल्हन का शरीर चमक जायेगा । हल्दी लगाने के बाद दोसी आशीष वचन कहता है – दूल्हादुल्हन की हंस जोड़ी , परेवा तोतामैना जोड़ी सारस जोड़ी सदैव बनी रहे । जैसे वे जीते हैं , वैसे हमारे दुल्हा –दुल्हन की जोड़ी जीती रहे ।",baiga-mis -"देवी गीत-देबी दयाल भईं अंगन मोरे -देबी दयाल भईं अंगन मोरे होय निसरी -मईया के अँखियाँ आमे कै फकियाँ -भौहें कमान तनी अंगन मोरे होय निसरी -मईया कै दतवा अनारे कै दाना -जिभिया कमल की कलि अंगन मोरे होय निसरी -मईया कै गलवा में मुंडों की माला -हथवा कमल की कलि अंगन मोरे होय निसरी -मैया के हथवा में लौंगा कै डरिया -मोरे बेदिया पै धै निसरी अंगन मोरे होय निसरी",awadhi-awa -"कउन बैरिन सेजिया डँसावल -कउन बैरिन सेजिया डँसावल , 1 दियरा2 बरावल3 हे । -अरे , कउन बैरिन भेजले दरदिया , करेजे मोरा सालय हो ॥ 1 ॥ -चेरिया बैरिन सेज डाँसल , दियरा बरायल हे । -ननद भइया भेजलन दरदिया , दरदे करेजे सालय हे ॥ 2 ॥ -अब नहीं पिया सँग सोयबो , न बबुआ खेलायब हे । -ललना , अब नहीं नयना मिलायब , दरद करेजे साले हे ॥ 3 ॥ -आधी राती गेल , पहर राती , होरिला जलम लेल हे । -ललना , बजे लागल अनन्द बधावा , महल उठे सोहर हे ॥ 4 ॥ -अब हम पिया सँघे जायब , नयन जुड़ायब हे । -ललना , अब हम बबुआ खेलायब , अब हम सहब4 दुख हे ॥ 5 ॥ -होयते जे बबुआ के बिआह , अउर जग मूड़न5 हे । -ललना , होयत बबुआ के कनछेदन6 ननद न बोलायब हे ॥ 6 ॥ -होयते बबुआ केरा बिआह , आउर जगमूड़न हे । -ललना , होयत बबुआ के कनछेदन , अपने से आयम हे ॥ 7 ॥",magahi-mag -"कही पेठाएम ससुर जी से, -कही पेठाएम1 ससुर जी से , -झट दिना2 गवना करावऽ अगहन में । -डेरा पड़ल हइ3 राजा बघिअन में ॥ 1 ॥ -कही पेठाएम बारी दुलहिन जी से , -थोड़ा दिन गम खालऽ नइहर में । -डेड़ा पड़ल राजा के बघिअन में , -झूलन पड़ल राजा के बघिअन में ॥ 2 ॥ -कही पठाएम भइँसुर4 जी से , -झट दिना गवना करावऽ अगहन में । -डेरा पड़ल राजा के बघिअन में , -झूलन पड़ल राजा के बघिअन में ॥ 3 ॥ -कही पेठाएम बारी भावह5 जी से , -थोड़ा दिन गम खालऽ नइहर में । -डेरा पड़ल राजा के बघिअन में , -झूलन पड़ल राजा के बघिअन में ॥ 4 ॥ -कही पेठाएम देवर जी से , -झट दिना गवना करावऽ अगहन में । -डेरा पड़ल राजा के बघिअन में , -झूलन पड़ल राजा के बघिअन में ॥ 5 ॥ -कही पेठाएम बारी भउजी जी से , -थोड़ा दिन गम खालऽ नइहर में । -डेरा पड़ल राजा के बघिअन में , -झूलन पड़ल राजा के बघिअन में ॥ 6 ॥ -कही पेठाएम सइँया जी से , -झट दिना गवना करावऽ अगहन में । -डेरा पड़ल राजा के बघिअन में , -झूलन पड़ल राजा के बघिअन में ॥ 7 ॥ -कही पेठाएम बारी धनि जी से , -दोसर खसम करलऽ नइहर में । -डेरा पड़ल राजा के बघिअन में , -झूलन पड़ल राजा के बघिअन में ॥ 8 ॥ -कही पेठाएम सामी जी से , -तोरा अइसन गुलाम रखम6 नइहर में । -डेरा पड़ल राजा के बघिअन में , -झूलन पड़ल राजा के बघिअन में ॥ 9 ॥",magahi-mag +"लोभ मोह उड़ै दोनूं ए कोन्यां धर्म तुलै सै हमेस +लोभ मोह उड़ै दोनूं ए कोन्यां धर्म तुलै सै हमेस +चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस +लोहा पीतल उड़ै दोनूं ए कोन्यां सोना तुलै सै हमेस +चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस +दूध दही का उड़ै घाटा ए कोन्यां माक्खन तुलै सै हमेस +चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस",haryanvi-bgc +"मैं कुझ हो गई होर नी +मैनूँ कौण पछाणे , +मैं कुझ हो गई होर नी । +हाजी मैनूँ सबका पढ़ाया , +ओत्थे गैर न आया जाया , +मुतलक1 ज़ात जमाल2 विखाया , +वहदत3 पाया जोर नी +मैं कुझ हो गई होर नी । +अव्वल होके ला मकानी +ज़ाहिर बातन दिसदा जानी , +रही न मेरी नाम निशानी +मिट गया झगड़ा शोर नी +मैं कुझ हो गई होर नी । +प्यार आप जमाल विखाली , +होए कलंदर मस्त मवाली , +हंसाँ दी हुण वेख के चाली , +भुल्ल गई कागाँ टोर नी । +मैं कुझ हो गई होर नी ।",panjabi-pan +"ऊंची सी अटारी मेरी पानै फूले +ऊंची सी अटारी मेरी पानै फूले छाई री कटै कैसे रात +पानै फूले छाई मेरी सासू खाट बिछाई री कटै कैसे रात +सासू खाट बिछाई सासू सोवण खंदाई री कटै कैसे रात +सोवण खंदाई मैं तो दूध कटौरा लेगी री कटै कैसे रात +दूध कटोरा लेगी राजा पीठ मोड़ के सोग्या री कटै कैसे रात +पीठ मोड़ कै सोग्या मैं तो धाल खटोला सोई री कटै कैसे रात +आधी सी रात मैं तो नीचै उतर आई री कटै कैसे रात +नीचै उतर आई सासू पीसण लागई री कटै कैसे रात +पीसण खंदाई मेरा हाथ पकड़ कै खींच्या री कटै कैसे रात +हाथ पकड़ कै खींच्या मन्ने सड़सड़ मारण लाग्या री कटै कैसे रात +आज्या री सासू मन्नै तैं ए छुड़ाइयो री कटै कैसे रात +पीट पाट के कुणे गेरी सेर पेड़े ल्याया री कटै कैसे रात +सेर पेड़े ल्याया मन्नै छाई पेड़े खाए री कटै कैसे रात +ढ़ाई पेड़े खाए फेर लोटा झारी ल्याया री कटै कैसे रात +लोटा झारी ल्याया मन्नै डेढ़ चलू पीई री कटै कैसे रात +डेढ़ चलू पीई मेरै जाडा चढदा आया री कटै कैसे रात +जाडा चढदा आया मन्नै सोड़ सोडिए ओढै री कटै कैसे रात +गरमी चढगी आई मेरे पंखा ढोलण लाग्या री कटै कैसे रात +पंखा ढोलण लाग्या इतणै दिन लिकड़ आया री कटै कैसे रात +दिन लिकड़ आया री सासू के पैर दाबे री कटै कैसे रात",haryanvi-bgc +"सबु कि बौ, बदेणि बौ +सबु कि बौं1 , बदेणि2 बौ +त्यारो घुँघरू बाज्यो छम । +धणा गौं का बाठा औंदी तु बाँदी +दुहाते3 माया4 बाँटदी जाँदी +गजब कदी तू आँख्यौंन खाँदी +इतरि नि छै तू जमकम । +हातु नि पकड़ंदी , भुयाँ नी धरेंदी +क्वी धड़ि आँख्यौंन फंुडुनी करेंदी +तरसेंद त्वै पर , जै भी दिखेंदी +चालिसि चंचल चमचम । +बीच बजार मा मेलो लग्यूँ च +हर कौथगेर5 त्वे पर मर्यूँ च +खौल कि तेरो खिरचा खत्यूँ च +खिरचा खत्यूँ च छम छम ।",garhwali-gbm +"रावण सारी पूवन सारी सूमार घरी +रावण सारी पूवन सारी सूमार घरी +रावण सारी पूवन सारी सूमार घरी +गाड़ी लिए सूबाय डो रावण सारी +गाड़ी लिए सूबाय डो रावण सारी +कोनी टामसो ढोगेमा डो रावण सारी रावण सारी डो +कोनी टामसो ढोगेमा डो रावण सारी रावण सारी डो +पूवन सारी कोनी टामसो ढोगेमा डो रावण सारी +पूवन सारी कोनी टामसो ढोगेमा डो रावण सारी +माया टामसो ढोगेमा डो रावण सारी +माया टामसो ढोगेमा डो रावण सारी +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठ , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"आल्हा ऊदल +पड़ल नजरिया है पण्डो के देबी पर पड़ गैलि दिष्ट +रोए पण्डो इन्द्रासन में देबी सुनीं बात हमार +तीन मुलुक के तूँ मालिक देबी काहे रोवव् जार बेजार +तब ललकारे देबी बोली पण्डो सुनीं बात हमार +आइल बेटा जासर के बघ रुदल नाम धराय +सादी माँगे सानवा के वरिअरिया माँगे बियाह +जिब ना बाँचल मोर देबी के पण्डो जान बचाई मोर +एतनी बोली पण्डो सुन गैल पण्डो रोए मोती के लोर +थर थर काँपें कुल्हि पण्डो देबी सुनीं बात हमार +बरिया राजा बघ रुदल लोहन में बड़ चण्डाल +भार्गल देबी इंद्रासन सें अब ना छूटल प्रान हमार +भागल देबी इन्द्रासन सें नैना गढ़ में गैल बनाय +बावन केवाड़ा का अण्डल में जेह में सोनवा सूति बनाय +लग चरपाइ चानिन के सोनन के पटरी लाग +चारों लौंड़ी चारों बगल में बीचे सानवा सूति बनाय +पान खवसिया पान लगावे केऊ हाथ जोड़ भैल ठाढ़ +केऊ तो लौंड़ी जुड़वा खोले केऊ पानी लेहले बाय +ओहि समन्तर देबी पहुँचल सोनवा कन पहुँचल बाय +लै सपनावे र��नी के सोनवा सुनीं बात हमार +आइल राजा बघ रुदल फुलवारी में डेरा गिरौले बाय +माँगै बिअहवा जब सोनवा के बरिअरिया माँगैं बियाह",bhojpuri-bho +"473 +हीर नहायके पट दा पहन तेवर वाली अतर फुलेल लगांवदी ए +वल पायके मेढियां खूनियां नूं गोरे मुख ते जुलफ पलमांवदी ए +कजल भिनड़े नैन अपराध लुटे दोवे हुसन दे कटक लै धांवदी ए +मल वटना होठां ते ला सुरखी नवां लोहड़ ते लोहड़ चड़ांवदी ए +सिरीसाफ1 दा मोछना पहन उते कन्नी डडियां वालीयां पांवदी ए +कीमख़ाब दीचोलड़ी झब रही बाक चैक ते तोड़ बलांवदी ए +घत झांजरां लोड़ दे सिर कडके हीर सयाल लटकदी आवदी ए +टिका बिंदली बनी है नाल लूहला वांग मोर दे पैलां पांवदी ए +हाथी मस्त छुटा छन छन करके कतल आम खलकत हुंदी जांवदी ए +नैन मस्त ते लोहड़ दंदासड़े दा शाह परी छनकदी आंवदी ए +कदे कढक घुंड लुड़ा देंदी कदे खोलके मार मुकांवदी ए +घुंड लाह के कटक विखा सारी जटी रूठड़ा यार मनांवदी ए +मालक माल देवें सब खोल दौलत वखो वख कर चा विखांवदी ए +वारस शाह तां परी दी नजर चढ़या खलकत सैफियां2 फूक दी आंवदी ए",panjabi-pan +"जानी छज्जै तै ईंट गिरी होती +जानी छज्जै तै ईंट गिरी होती +मेरी बच गई ज्यान मरी होती +जानी तुम तो फिरी किन सैलां नै +मेरी भरीए जिवानी थारे महलां मैं +घोड़ै के आगे खूंटी नहीं +परदेसी बालम की छुट्टी नहीं +ज्यानी घोड़ै कै आगै दाणा नहीं +परदेसी बालम का आणा नहीं +ज्यानी घोड़ै कै आगै घास नहीं +परदेसी बालम की आस नहीं +ज्यानी कल्ले दुकल्ले मत आया करो +यारों की जोड़ी ल्याया करो +ज्यानी धूप पड़ै जद आया करो +यारों की जोड़ी ल्याया करो +ज्यानी रीता रूमाल मत ल्याया करो +मथरा के पेड़े थम ल्याया करो",haryanvi-bgc +"475 +घुंड लाह के हीर दीदार दिता रिहा होश ना अकल थी ताक कीता +लंक बाग दा परी ने झाक देके सीना चाक1 दा पाड़ के चाक2 कीता +बन्न मापयां जालमां टोर दिती तेरे इशक ने मार गमनाक कीता +मां बाप ते अंग भुला बैठी असां चाक नूं आपणा साक कीता +तेरे बाझ ना किसे नूं अगे लाया गवाह हालदा मैं रब्ब पाक कीता +देख नवी नरोई अयान तेरे सीना साढ़ के बिरहों ने खाक कीता +अला जाणदा ए एहनां आशकां ने मजे जोक ते चा तलाक3 कीता +वारस शह लैं चलनां तुसां सानूं किस वासते जीउ गमनाक कीता",panjabi-pan +"एक पईसा के भाजी ला +एक पईसा के भाजी ला , दू पईसा बेचे गोई +गोंदली ला रखे जी मां डार के +अवो मची अम्मा वो , अवो पेड़ हम्मा वो +बईठे मरारिन बजार में +पररा में केरा संतरा धरके , ब���ठे रइथस कोर कोर में +एक बेर लेवैया हा दु बेर आथे , हँसत रइथे तोर संग में +खटमेचिया टुरा हा मेछा ला एठियाके +खटमेचिया टुरा हा मेछा ला एठियाके , पईसा देथे आँखी मार के +गोई बजार में +एक पईसा के भाजी ला , दू पईसा बेचे गोई +गोंदली ला रखे जी मां डार के +अवो मची अम्मा वो , अवो पेड़ हम्मा वो +बईठे मरारिन बजार में +गोड मा हे मेंहदी , झमके मुंदरी , खोपा के मोगरा महके +बंगला के पान खाये , मुंहे रचाये , छंड़त है लुगरा तोर मुड़ के +हरियर भाटा ला आघु मा रख दे , कड़हा भाटा ला पानी छिच दे +गोई बजार में +एक पईसा के भाजी ला , दू पईसा बेचे गोई +गोंदली ला रखे जी मां डार के +अवो मची अम्मा वो , अवो पेड़ हम्मा वो +बईठे मरारिन बजार में",chhattisgarhi-hne +"अजी केले से आवै हमें बांस +अजी केले से आवै हमें बांस , महल केला किन बोया +मुक्के मारूं पचास , धक्के देऊन डेढ़ सौ +गोरी महलों से करूंगा जवाब , चली जाओ बाप के +गोरी महलों से दूंगा निकाल , महल केला हम बोया +मेरे बीरा बाढ़ी के , गड्डी गढ़ला बाजनी +हमारे राजा ने दिया है जवाब , चली जाओ बाप के +गोरी नै एक बन लांघा , दूजा बन लांघा +तीजे में हुए नंदलाल , विपत में सम्पत भई +काहे का करूं ओढ़ना , काहे का करूं बिछावना +ए जी काहे की पिलाऊं रस घुट्टी , विपत में सम्पत भई +इतनी तो सुनि कै सासू आई , बहू घर चलो +सासड़ मुड़ तुड़ लगूं थारे पांय , पोता तो दूंगी गोद में +इतनी तो सुन कै जिठानी आई , बहू घर चलो +जिठानी मुड़ तुड़ लगूं थारे पैर , बेटा दूंगी गोद में +इतनी सी सुन कै नन्दल आई , भाभी रानी घर चलो +बीबी मुड़ तुड़ लगूं तेरे पैर , भतीजा दूंगी गोद में +इतना तो सुनि कै राजा भी आये , प्यारी घर चलो +राजा जी तुम ने दिया है जवाब , जाओ घर बाप के +पिया से रूठे गोरी ना सरै , ना सरै गोरी बाप के +प्यारी मुड़ तुड़ लगूं थारे पैर , हमारी रानी घर चलो",haryanvi-bgc +"देस यो बसेल छे लीमड़ा की आड़ मऽ +देस यो बसेल छे लीमड़ा की आड़ म । +मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । +गणागौर पूजाँगा रथ बौडावाँगा । +काकी का संगात झालरियो गावाँगा । +खावाँगा रोटा अमाड़ी की भाजी । +भाभी क लावजो करी न राजी । +धाणी सेकाडाँगा सोमइ की भाड़ म । +मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । +ज्वार को खीचड़ो तमरा लेण राँधाँगा । +बाटी को दाळ सी पल्लव बाँधाँगा । +खीर की भजा सी कराँ वरावणी । +चरखा मीठा ताया की पक्की पेरावणी । +महीघाट भूल्यो रे हउँ जाफा लाड़ म । +मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । +मइसर का घाट प कूदी न न्हावाँगा । +बाबा मजार प पाँय लागी आवाँगा । +देवी की गादी प टेकाँगा माथो । +राजवाड़ा म उनको छे गाथो । +किल्लो न मन्दिर छे रेवा कराड़ म । +मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । +"" नाँगा देव "" देखण बडवाणी जावाँगा । +खजूरी सिंगा का पगल्या पूजी आवाँगा । +अंजड़ की बयड़ी प देवी को धाम छे । +ऊन का मंदिर म हुनर को काम छे । +छिरवेल महादेवजी बठ्या पहाड़ म । +मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । +नागलवाड़ी म "" नागराज "" ख़ास छे । +खरगुण म "" बाकी माता "" को वास छे । +कुंदा धड़ मंदिर न मज्जिद पास छे । +भोळा का हात म सबकी रास छे । +घाम घणों पड़ज जेठ न असाड़ म । +मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म । +ठीकरी म खांडेराव की आवज सवारी । +गाड़ा ऊ खइचज घणा भारी भारी । +खंडवा म धूणी वाळा दादा अवतारी । +आन सिवा बाबा की महिमा छे न्यारी । +ओंकार तारजो पड्यो हउँ खाड़ म । +मीठो वाड़ चाखजो आइ न निमाड़ म ।",nimadi-noe +"माता गांधी बड़ों भागी छ +माता गांधी बड़ों भागी छ , +देश सेवा को अनुरागी छ । +बकरी को दूद सी खाँदू छ । +खादी को लाणू वो लाँदू छ , +पन्द्रह अगस्त हमू दिलेगी बो , +अंग्रेज सणी भगेगी बो , +आजादी हमू दिलेगी , बो । +राजू किसाणू दिलेगी , बो । +”ह्वे जाणो मेंबर सची , प्यारा कांग्रेस मा , +तिरंगो सो झंडा देखे , भायो बाजारु मा । “ +क्रांतिकारियों को आता देखकर किसान कह उठता है +चला भाई देखि ओला , गांधी की पलटन दा । +अगणे गांधी सूबेदार , पिछने जबाहीर दा । +पेलि तिरंगो झंडा उठे , लन्दन का बची दा । +जौन तिरंगो झंडा छीने , अंग्रेजों को मोरी दा । +मोतीलाल को वीर जवाहर , भारत को राजा दा ॥",garhwali-gbm +"ए गौरा ए गौरा चाउकी सिन्दूर सेला आचर घाटी +ए गौरा ए गौरा चाउकी सिन्दूर सेला आचर घाटी +ए गौरा ए गौरा चाउकी सिन्दूर सेला आचर घाटी +ए गौरा ए गौरा चाउकी सिन्दूर सेला आचर घाटी +विंज डो गौरा मारे +विंज डो गौरा मारे +विंज डो गौरा मारे +महादेव ए महादेव आम हुगां सेनेवारे जा महादेव रे +महादेव ए महादेव आम हुगां सेनेवारे जा महादेव रे +महादेव ए महादेव आम हुगां सेनेवारे जा महादेव रे +ऐ गौरा ऐ गौरा इयां पहाड़ सेनेवाडो गौरा मारे +ऐ गौरा ऐ गौरा इयां पहाड़ सेनेवाडो गौरा मारे +ऐ महादेवा ऐ महादेव गंगा जल में नहीं ले रे नहीं लेरे महादेव +ऐ महादेवा ऐ महादेव गंगा जल में नहीं ले रे नहीं लेरे महादेव +ऐ महादेव ऐ महादेव आम कु लिला कुर्ता कमीज डरोम +ऐ महादेव ऐ महादेव आम कु लिला कुर्ता कमीज डरोम +जा महादेव ऐ महादे��� ऐ महादेव आमा निजा +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"82 +हीर गई जां नदी ते लैण पानी कैदो आन के मुख वखांवदा ए +असीं भुख ने मार हैरान कीते आन सवाल खुदाय दा पांवदा ए +रांझा पुछदा हीर नूं एह लंगा हीरे कौन फकीर किस थांवदा ए +वारस शाह मिआं जिवें पुछ के ते कोई उपरों लून चा लांवदा ए",panjabi-pan +"आजादी की हुई लड़ाई +आजादी की हुई लड़ाई । +गांधी ने एक फौज बनाई । । +बरछी तीर तलवार न जिस पै । +सत अहिंसा का हथियार था जिस पै । । +लिए हाथ में तिरंगा झंडा । +फोड़ा अंगेजां का भंडा । ।",haryanvi-bgc +"तालरिया मगरिया .. +तालरिया मगरिया रे मोरू बाई लारे रया +आयो रे धोरां वाळो देश बीरो बिण्जारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +बीरो बिण्जारो रे यो म्हाने लागे प्यारो रे +आयो रे धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे +आयो रे धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे +कुण थाने बोल्या रे मोरू बाई बोलणा +कुण तो दिनी झिणी गाळ बीरो बिण्जारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +आयो रे धोरां वाळो देश बीरो बिण्जारो रे +आयो रे धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे +सासूजी बोल्या रे मोरू बाई ने बोलणा +नळदल तो दिनी झिणी गाळ बीरो बिण्जारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +आयो रे धोरा वाळो देश बीरो बिण्जारो रे +आयो रे धोरा वाळो देश बीरो बिण्जारो रे",rajasthani-raj +"सात पीडे इवाय काडो +सात पीडे इवाय काडो +सात पीडे इवाय काडो +सात पीडे इवाय डो बोले +सात पीडे इवाय डो बोले +इवाय इयानी डो +इवाय इयानी डो +वूले का लियेन लाडली बेटी डो +वूले का लियेन लाडली बेटी डो +जुमुकारी ने निमाये माका निमाये डो इवाय +जुमुकारी ने निमाये माका निमाये डो इवाय +बान माका हजार रुपया दी नाला में डुबाया रे +बान माका हजार रुपया दी नाला में डुबाया रे +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"जन्म गीत +महादेव बाबो न कोरो कागद दी मोकल्यो , +काइ मान वाळी कतरिक दूर । । +आउँ रे आउँ बाबा , आरती को करूँ रे सेमान । । +आउँ रे आउँ बाबा , नर्याल मोलाउँ रे । +आउँ रे आउँ बाबा , कंकु मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , चोखा मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , अबिर मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , गुलाल मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , चन्दण मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , अगरबत्ती मोलाउँ रे । ं +आउँ रे आउँ बाबा , कपूर म��लाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , फूल मोलाउँ रे । । +बाबा जन्म के बाद चारपाँच वर्ष के बीच महादेवजी की मान देने की प्रथा है । +गीत में कहा गया है कि महादेवजी ने कोरा कागज दे भेजा है । मान वाली महिला +कितनी दूरी से आ रही है ? +उत्तर में कहा गय है कि मैं आ रही हूँ । नारियल , कंकु , चावल , अबीर , गुलाल , चंदन , +अगरबत्ती , कपूर और फूल पूजा के लिए खरीद रही हूँ । इस कारण आने में विलम्ब हो +रहा है । +महादेवजी की मान देने के लिए पहुँचे और जाजम बिछाकर भगवान शिव के सम्मुख +बैठ गई । साथ में सभी सम्बन्धी पुरुषमहिला रहते हैं और पूजन करने वाले पूजन +करते हैं और महिलाएँ गीत गाती हैं ।",bhili-bhb +"मानसरोवर थारो बाप हो रनादेव +मानसरोवर थारो बाप हो रनादेव , +भर्योतुर्यो भण्डार थारो ससरो हो रनादेव । +बहती सी गंगा थारी माय हो रनादेव , +भरीपूरी बावड़ी थारी सासू हो रनादेव । +सरावण तीज थारी बईण हो रनादेव , +कड़कती बिजळई थारी नणंद हो रनादेव । +गोकुल को कान्ह थारो भाई हो रनादेव , +तरवरतो बिच्छू थारो देवर हो रनादेव । +गुलाब को फूल थारो बाळो हो रनादेव , +झपलक दीवलो थारो जँवई हो रनादेव । +कवळा की केळ थारी कन्या हो रनादेव , +बाड़ उपर की वांजुली थारी दासी हो रनादेव । +पळा वाळई नार थारी सौत हो रनादेव । +उगतो सो सूरज थारो स्वामी हो रनादेव ।",nimadi-noe +"हे दे सुत्तीड़ा साढ मास +हे दे सुत्तीड़ा साढ मास , हे दे उट्ठीडा कात्यग मास +उठूं सूं उठावां सां , छींके हाथ घलावां सां +छींके धरी चार कचोरी , आप खा के बाहमण दीजै +आप खा लाहा हो , बाहमण दीजै कहा हो +बाहमण नै दीजै बुड्डी सी गां , आगे पिच्छोकड़ मूते वा",haryanvi-bgc +"खुनुर खुनुर सुर में बाजे +खुनुर खुनुर +खुनुर खुनुर सुर में बाजे +चुटकी चटक बोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +खुनुर खुनुर +रुनझुन रुनझुन सुनगुन सुनगुन +थिरक थिरक के बोले +थिरक थिरक के बोले +रुनझुन रुनझुन सुनगुन सुनगुन +थिरक थिरक के बोले +थिरक थिरक के बोले +मांदर थाप थाप सुन नाचे +मांदर थाप +मांदर थाप थाप सुन नाचे +नवरस नवरंग घोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +खुनुर खुनुर +कैसन हे तोर सांचा खांचा +कैसन हे सिरजैया +कैसन हे सिरजैया +कैसन हे तोर सांचा खांचा +कैसन हे सिरजैया +कैसन हे सिरजैया +चाल चलत कनिहा मटके सखि +चाल चलत +चाल चलत कनिहा मटके सखि +ताना मारे ठोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +खुनुर खुनुर +सुर के बही धनी सुर बैहा +सुर के सुर म बोले +सुर के सुर म बोले +सुर के बही धनी सुर बैहा +सुर के सुर म बोले +सुर के सुर म बोले +अवघट घाटबाट नइ चिन्हे +अवघट +अवघट घाटबाट नइ चिन्हे +संग संगवारी डोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +खुनुर खुनुर +खुनुर खुनुर सुर में बाजे +चुटकी चटक बोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे या +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +चिटको सरम नइ लागे +चिटको सरम नइ लागे +चिटको सरम नइ लागे",chhattisgarhi-hne +"बिन देखे नन्दलाला कल न परे +बिन देखे नन्दलाला , कल न परे +मोर मुकुट मोरे ठाकुर जी खों सोहे । +सो फंुदरन बीच छिपी रही नन्दलाला , +छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . . +माथे खोरे मोरे ठाकुर जी खों सोहे +सो टिपकन बीच छिपी रही नन्दलाला , +छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . . +कंठन गोपें मोरे ठाकुर जी खों सोहे , +सो गोपन बीच छिपी रही नन्दलाला , +छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . . +हांथन कंगन मोरे ठाकुर जी खों सोहे , +सो घड़ियन बीच छिपी रही नन्दलाला , +छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . . +केसरिया बागो मोरे ठाकुर जी खों सोहे , +सो पनरस बीच छिपी रही नन्दलाला , छिपी रही . . . +पावन तो मोजा मोरे ठाकुर जी खों सोहें , +सो माहुर बीच छिपी रही नन्दलाला , +छिपी रही नन्दलाला । कल न परे . . .",bundeli-bns +"296 +लैन जोगी नूं आइयां धुन्बला1 हो चलो गल बना सवारीए नी +सभे बोलियां जो नमसकार जोगी क्यों नी साईं सवारीये पयारीए नी +वडी मेहर होई एस देस उते वेहड़े हीर दे नूं चलो तारीए नी +मंग नगर अतीत है अजे खाना बातां शोक दीयां चा वसारीए नी +वारस शाह तुसीं घरों खा आइयां नाल चावड़ा2 लौ घुमकारीए नी",panjabi-pan +"कुरडी कूड़ा हे जी गेरती +कुरडी कूड़ा हे जी गेरती +कान गई भनकार +बेटा तै जाया माई जाया बीर कै +पिरस चढ़न्ता सुसरा बूझिया +कहो तै पीहर जां +बेटा तै जाया . . . +हम नहीं जाणा म्हारी कुल बहू +जेठ तेरे नै हे बूझ +धार कढ़ता जेठा बूझिया +कहो ते पीहर जां +बेटा तै जाया . . . +हम नहीं जाणां म्हारी कुल बहू +देवर तेरे नै हे बूझ +खुलिया खेलन्ता देवर बूझिया +कहो ते पीहर जां +बेटा तै जाया . . . +हम नहीं जाणां म्हारी भावज जी +कन्धे तेरे नै हे बूझ +कहो तै पीहर जां +बेटा तै जाया . . . +हम नहीं जाणां म्हारी गोरडी +सास तेरी नै हे बूझ +बेटा तै जाया माई जाया बीर कै",haryanvi-bgc +"आणो आयो रे पारीब्रम्ह को +आणो आयो रे पारीब्रम्ह को , +आरे सासरिया को जाणो +१ चलो म्हारा संग की हो सहेलीया , +आपुण पाणी क चाला +उंडो कुवो न मुख साकड़ो +आन रेशम डोर लगावा . . . +आणो आयो रे . . . +२ चलो म्हारा संग की हो सहेलीया , +आपुण बाग म चाला +चंपा चमेली दवणो मोगरो +फूल गजरा गुथावा . . . +आणो आयो रे . . . +३ चलो म्हारा संग की हो सहेलीया , +आपुण शीश गुथावा +कछु गुथा न कछु गुथणा +मोतीयाँ भांग सवारा . . . +आणो आयो रे . . . +४ चलो म्हारा संग की हो सहेलीया , +आपुण चोली सीलावा +कछु सीवी न कछु सीवणा +चोली अंग लगावा . . . +आणो आयो रे . . . +५ कहत कबीर धर्मराज से , +साहेब सुण लेणा +सेन भगत जा की बिनती +राखो चरण आधार . . . . +आणो आयो रे . . .",nimadi-noe +"483 +अगों रायबां1 शैरफां 2 बोलियां ने केहा मथा तूं भाबीए खेड़या ई +भाबी आख की लघो ई टहक आईए सोयनचिड़ी वांगू रंग फेरया ई +मोई गई सै जीवदी आन वड़िए सच आख की सच सहेड़या ई +अज रंग तेरा भला नजर आया सभो सुख ते दुख नवेड़या ई +नैना शोख होए रंग चमक आया किसे जोबनेदा खूह गेड़या ई +हाथी मसत आशक भावे बाग वाला तेरी संगली नाल खहेड़या ई +कदम चुसत ते साफ कनौतियां ने हथ चाबक3 असवार न फेरया ई +वारस शाह अज हुसन मैदान चढ़ के घोड़ा शाहसवार ने छेड़या ई",panjabi-pan +"पुरइन पात चढ़ि सुतली गउरा देइ +पुरइन पात चढ़ि सुतली1 गउरा देइ । +सपना देखली अजगूत2 हे ॥ 1 ॥ +टोला पड़ोसिन तुहूँ मोरा गोतनी । +सपना के करू न बिचार हे ॥ 2 ॥ +तुहूँ इयानी3 गउरा तुहूँ सेयानी । +तुहूँ पंडितवा के धिया हे ॥ 3 ॥ +मोरँग4 देस बाजन एक बाजे । +सिवजी के होयलइन5 बियाह हे ॥ 4 ॥ +पेन्हऽ गउरा देइ इयरी से पियरी । +सउतिन परिछ6 घर लावऽ7 हे ॥ 5 ॥ +पुतहू जे रहतइ परिछि घर लइती8 । +सउतिन परिछलो9 न जाय हे ॥ 6 ॥ +डँड़िया10 उधारि जब देखलिन गउरा देइ । +इतो11 हइ12 बहिन हमार हे ॥ 7 ॥ +देस पइसि13 बहिनी बरो14 न मिलल । +तुहूँ भेल सउतिन हमार हे ॥ 8 ॥ +अइसन असीस बहिनी हमरा के दीह । +जुग जुग बढ़ी अहिवात हे ॥ 9 ॥ +मँगिया के जुड़ल15 सीतल रहिहऽ हे बहिनी । +कोखिया16 के होइहऽ17 बिहून18 हे ॥ 10 ॥ +सार19 पइसी बहिनी गोबर कढ़िहऽ20 । +सिव जी के पास मत जाहु हे ॥ 11 ॥",magahi-mag +"रोहतक में पाणी बड्ग्या +रोहतक में पाणी बड्ग्या सुण भैणां हे कोलज में +उडै पड्ढैं दुनिया के लाल जुलम बड़ा भारी हे कोलज में +छोर्यां मैं झांखी पाड़ी एक पट्ढै छोरा हुंसिआर हे कोलज में +ऊं के ऊपर धोला कमीज जुलम बड़ा भारी हे कोलज में +वोह् तो डूब लिया होया जुलम बड़ा भारी है हे कोल�� में +ऊं का बूढा बाब्बू रोवै रे मैंने बौत पड्ढाया +मिरे लाल जुलम बड़ा भारी होया हे कोलज में +कोलज में जुलम बड़ा भारी हे कोलज में +ऊं की बूढी माता रोवै हे मनै एक जाया नंद लाल +ऊं की छोटी भैणां रोवै हे कोलज में +मेरै कूण भरेगा भात , जुलम बड़ा भारी हे कोलज में +ऊं की ब्याही तिरिया रोवै हे कोलज में +मनै कर के बैठा गया रांड जुलम बड़ा भारी हे कोलज में",haryanvi-bgc +"1 +अवल हमद1 खुदा दा विरद2 कीजे इश्क कीता सु जग दा मूल मियां +पहिलां आप ही रब्ब ने इशक कीता ते माशूक है नबी रसूल3 मियां +इशक पीर फकीर दा मरतबा है मरद इशक दा भला रसूल मियां +खुले तिनां दे बाग कलूख4 अंदर जिन्हा कीता है इशक कबूल मियां",panjabi-pan +"पल्लो लटके +अँखियों में छोटेछोटे सपने सजाइके +बहियों में निंदिया के पंख लगाइके +चँदा में झूले मेरी बिटिया रानी +चाँदनी रे झूम , हो , चाँदनी रे झूम . . . +यही तो कली है प्यारी मेरी सारी बगिया में +मैंने यही मोती पाया जीवन नदिया में +ममता लुटाऊं ऐसी मच जाए धूम +चाँदनी रे झूम , हो , चाँदनी रे झूम . . . +निंदिया के संगसंग राजा कोई आएगा +बिंदिया लगाएगा रे माला पहनाएगा +लेगा फिर प्यारेप्यारे मुखड़े को चूम +चाँदनी रे झूम , हो , चाँदनी रे झूम . . . +आ : पल्लो लटके रे म्हारो पल्लो लटके २ +ज़रा सा टेढ़ो हो जा बालमा म्हारो पल्लो लटके +कि : गोरी जियो भटके रे म्हारो जियो भटके २ +ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ +ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके +आ : इस खातिर से तेरे द्वार लियो मैं ने पल्लो डार २ +पर छाती में ना सीधो लागे म्हारे नैन कटार +ज़रा सा आ ज़रा सा ऊँ +ज़रा सा टेढ़ो हो जा बालमा म्हारो पल्लो लटके . . . +कि : मूंगे जैसे लाले होंठ मोती जैसे गोरे गाल २ +ज़रा सा घुंघटा ऊपर फेर दिखादे मो को भी ये माल +ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ +ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके . . . +आ : मैं हूँ जिस बस्ती की हूर नगर गुलाबी है मशहूर २ +? ? ? ? ? +कि : गोरी हँस के बैया डाल यही पे दिखला तू ? ? ? ? ? ऊर +ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ +ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके . . .",rajasthani-raj +"सैयां बहिंया न गहो +सैयां बहिंया न गहो गलि गलियारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ टेक ॥ +गलि गलियारे शर्म लगत है , +गलि गलियारे शर्म लगति है , +ले चलि महल अटारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ १ ॥ +डेल डिलारे कसक लगति है , +डेल डिलारे कसक लगति है , +ले चलि खेत खितारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ २ ॥ +नदी के भीतर ऊब लगति है , +नदी के भीतर ऊब लगति है , +ले चलि नदी किनारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ ३ ॥ +काल कर्मगति संग चलति है , +काल कर्म गति संग चलति है , +ले चलि गुरु सहारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ ४ ॥ +उपरोक्त भाग भदावर क्षेत्र में होली के दहन के बाद में गाया जाने वाला गीत है , इस फ़ाग को गाने के तोड में पहले शरीर रूपी सुन्दरी अपने प्रीतम ईश्वर से कहती है , कि मुझे गलियों में भक्ति करने के लिये मत कहो , गलियों में भक्ति करते हुये मुझे शर्म आती है , दूसरी पंक्ति में कहा है कि जंगल बीहड और पत्थरों में जाकर मुझे भक्ति करने को मत कहो , वहां पर मुझे भूख प्यास और शरीर में सर्दी गर्मी बरसात की चोट लगती है , एक विस्तृत क्षेत्र में ले कर चलो , जहां मै मौज से भक्ति कर सकूं , तीसरी पंक्ति में नदी रूपी संगति जो लगातार आगे से आगे चली जा रही हो , उसके साथ मुझे मत जोडो उसके साथ चलने में मुझे दूसरी प्रकार की भक्ति सम्बन्धी बातें उबाती है , मुझे समझ में नहीं आती है , इसलिये किसी एकान्त किनारे पर लेकर चलो , चौथी पंक्ति में कहा है कि सबके साथ नही चलने पर किया भी क्या जा सकता है , समय जो करवाता है , उसे करना पडता है , पीछे जो हम करके आये है , उसका भुगतान तो लेना ही पडेगा , इन सबके बाद जो जीवन की गति मिली है , उसके अनुसार चलना तो पडेगा ही , इसलिये किसी गुरु की शरण में लेकर चलो , जिससे भक्ति करने का उद्देश्य तो गुरु के द्वारा समझने को मिले . +रचयिता रामेन्द्र सिंह भदौरिया ज्योतिषाचार्य ३७ पंचवटी कालोनी जयपुर ३०२००६ +. . .",bhadrawahi-bhd +"577 +राहो राह सयालां दी जूह आए हीर आखया वेखके जूह मियां +जिथे खेडदी सी नाल खुशियां दे तकदीर सुटी विच खूह मियां +जदों जंझ आई घर खेड़यां दी चढ़ा तदों तूफान आया सिर नूंह मियां +डिठी थां जिथे कैदो फाटयां सी नाल सहेलियां बन्ह धरूह मियां",panjabi-pan +"वर शृँगार गीत +यो तो वाड़ि मा कहेलो नवेलो बेनो । +तूखे कुण ते सिंगार , तुखे कुण ते सिंगारे । +मिस काको ते सिंगारे , मिसे काको ते सिंगारे । +यो तो वाड़ी मा कहेलो , नवेलो बेना । +तुखे कुण ने सिंगार्या , नवेला बेना । +मेखे भाई ने सिंगार्या , भाई ने सिंगार्या । +पाटी से सिणगारो वो , पुनि बहणी । +बेना भाइ ना सासरिये , रमि आवजे । +हे दूल्हे तुम्हारे काका , तुम्हारे भाई तुम्हारा शंृगार कर रहे हैं । हे पुनी बहिन पाटी ओड़ाई का शृंगार कर दुल्हिन के कपड़े रखो ।",bhili-bhb +"आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +तरँगीतरँगी जा रे काकड़ा कलारपारा । +बायले बिती सोए मनुस बिता जागे +अति सुँदर काकड़ा मँद बिकुक लागे । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +तरँगीतरँगी जा रे काकड़ा मुरियापारा । +बायले बिती सोए मनुस बिता जागे +अति सुँदर काकड़ा मसनी मारुक लागे । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +तरँगीतरँगी जा रे काकड़ा हलबापारा । +बायले बिती सोए मनुस बिता जागे +अति सुँदर काकड़ा चिवड़ा कुटुक लागे । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +तरँगीतरँगी जा रे काकड़ा गाँयतापारा । +बायले बिती सोए मनुस बिता जागे +अति सुँदर काकड़ा माँडो मारुक लागे । +अति सुँदर काकड़ा मँद बिकुक लागे +अति सुँदर काकड़ा मसनी मारुक लागे +अति सुँदर काकड़ा लाई फोड़ुक लागे +अति सुँदर काकड़ा चिवड़ा कुटुक लागे +अति सुँदर काकड़ा माँडो मारुक लागे ।",chhattisgarhi-hne +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 10 +भरथरी के ओ +सेना ल देखत हे गुरु +भीख ले आवय ओ +मगन हो गए गुरु +बेटा कहिके मोला +का दिये बहिनी बानी ल +मिरगिन के सराप +आज धोवय भरथरी ये +बानी बोलत हे राम गुरु के चरण म का गिरय , रामा ये दे जी । +छय आगर छय कोरी सेना ल +बइरी देखत हे राम +का तो डतरी जनम लेवय +गुरु गोरख के ओ +सेवा म बईया लगावत हे +दस लाख हाथी का तो जंगल में छोड़त हे +मोर देवत हे राम +ये दे मोहतिया ल दाने म +जतका धन ये ओ हाथी में लदाय +मोर हीरा ये ओ +का तो देवत हावय बाम्हन ल +जोगी देवत हे राम +छय आगर छय कोरी नारिन ये +जोग साधत हे ओ +गुरु गोरखनाथ के चेलिन न +मोर बनावय हीरा +रंगमहल के जतका ओ +मोर चेरिया ल ओ +चेलिन बना देवय +गुरु के चरन म राम +अइसे बानी ल हीरा बोलय राम , रामा ये दे जी । +अतका ल देखत हे गुरु ये +गोरखनाथ ये ओ +धुनि म का बइरी बइठे हे +भरथरी ल राम +धुनि के बानी बताये ल +तिलकसार म ओ +गद्दी म को तो बइठ जावय +गुरु गोरखनाथ +सुन्दर बानी ल बोलत हे +सुन राजा मोर बात +जोग रे साधत हव आज तुमन +जीत होही तुॅहार +पांच पिताम्बर गोदरी +मोती रतन जटाय +आज सऊँप देवव तोला ग +ये दे चिमटा ल ओ +दंड कमंडल ल का देवॅव +गुरु के बानी ये राम जेला सीखे बर का परय , रामा ये दे जी । +सुनले राजा मोर बात +बानी बोलय गुरु गोरख हर +बारा साल ले ग +बइरी भि���्षा ल तुम माँगव +अइसे बानी ल न +गुरु गोरखनाथ ह बोलत हे +का करँव भगवान +विधि के लिख्खा हर नई टरय +रानी सामदेई ये ओ +गुरु के चरन म गिरत हे +सुन गुरु मोर बात +कच्चा कुआँरी के ऊमर +रही जातेंव गुरु +ना तो दुःख बइरी मय पातेंव +आज होगीस बिहाव +जोग साधव +मोर जोड़ी ल +मोला दे दव बताय +कइसे विधि ल बहरी मॅय जियॅव +जिन्दगी म मोर सुख बइरी नइ तो लिखे हे , गुरु ये दे जी । +का तो बात के पराई ये +मोर छाती के ओ +देखतो दीदी पराऊल ये +कइना रोवत हे राम +देख तो दीदी सामदेई हर +परगे गुरु गोहार +देख जंगल के पैरो में +रानी रोवत हे राम +बानी बोलत मोर गुरु ल +सुनले गुरु मोर बात +गुरु गुरुआइन तुम छोड़व +जोड़ी लेहव हमार +का धन करॅव उपाय ल +नई तो सुख ये ओ +मोर करम म लिखे ना +मोला देता बताय अइसे बोलत हे बानी ल , रामा ये दे जी । +चुटकी मारय गुरु गोरखनाथ +गोरखनाथ ये ओ +रानी ल का समझावत है +सुन रानी मोर बात +पति के सेवा ओ तुम करव +जेमा होहय नाम +अइसे बोलत हावय गुरु हर +सुनले रानी मोर बात +पति के सेवा म सुख पाहा +पति रहि तुम्हार +जोग साधय भरथरी हर +जोग होहय ओ आज +जोगी के साथ बइरी तुम रहव +अतका बानी ल ओ +का तो कइना ये दे सुनत हे , भाई सुनत हे , रामा ये दे जी । +गुरु के बानी ल सुनिके +भरथरी ये राम +पईंया लागत हावय गुरु के +माथा टेकत हे ओ +गुरु गोरख के चरणों में +बानी बोलत हे न +पीत पिताम्बर के गोदरी +टोपी रतन जटाय +काने जनेऊ ये +हाथ खप्पर ये गा +जेला देवत हे गुरु ह +भरथरी ल आज भिक्षा माँगन चले जावत है , रामा ये दे जी । +का तो डहर म नदी परय +जोगीन बइठे हे दाई ओ +जोगी चले जावय रद्दा म +का तो डहर म जोगी ठाढ़े +जोगीन बइठे हे दाई ओ +का तो डहर म +नदिया आये हे राम +जेमा भरी पूरा चलत हे +का तो करॅव उपाय +कइसे बइरी नदी नहकॅव +कइसे जाहॅव देस +कौरु कमंछल के नगरी +नैना रानी जिहाँ +भारी जादू ल जानय गा +कइसे जीतॅव मॅय +राजा अइसे अ सोचत हे +जेला देखत हे न +बइठे तीर म +जोगीन न +सुनले राजा मोर बात +कहां जाइके तुम धरना धरेंव , रामा ये दे जी । +गुरु गोरखनाथ के +मोर बानी ये जोगिन ओ +जावत हॅव कामरु देश मँ +जोग साधे ल ओ +गुरु गोरखनाथ के बात ल +घर के रेगेंव कइना +बीच मँ नदीनाला परे +कइसे होहॅव पार +मने मन म बइठे सोचत हव +ये दे बात ल राम +जेला सुनत हावय जोगीन न +का तो बानी बोलय महराज +का तो बोलत हावय जोगीन ये +सुनले राजा मोर बात +गढ़ उज्जैन मँ राजा भरथरी हावय +जेकर रानी ये गा +सामदेई जेकर नॉव ये +जेकर सुमरन ओ कर लिह�� +नदी हो जाहा पार +तेकर पाछू अ बोलत हे +पाहा कारी नाग +सुमरिहा सामदेई ल +मुँह हो जाही बंद कारी नागिन के +जेकर आगू म ओ +बइठे हे नैना रानी ये +जहां परी के भेष देवता धरे +जिहां बइठे हे , रामा ये दे जी । +सुनत हे वचन राजा ये +मोर जोगी ये दाई ओ +का तो सुमिरन ल करय +सामदेई ल आज +सामदेई के सुमिरन करय +नदी के पूरा अटाय +सुक्खा पर जावय नदिया हर +भरथरी ह आज +देख तो दीदी +कइसे नाचत हे +नाच के होवत हे पार +ठउके डहर मँ बइठे रहय +मोर नागिन ये ओ +मुँह ल खोलत हे +दौड़त हे +ये दे चाबेला राम +भरथरी देख के भागत हे +सुरता आवत हे न +सुमरिन करत हे सामदेई के नामे +नागिन के खुले मुंह बंद होई जावे +भरथरी ये ओ +जेकर पाछू रेंगत हे +रेंगना रेंगय राम +कोसेकोसे के बइरी रेंगना ये +रेंगत हावय +चार अऊ दस कोस रेंगना ये +बीस कोस ये ओ +लगे दरबार परी के गद्दी म बइठे जिहा +पहुचगे भरथरी , रामा ये दे जी । +पीत पिताम्बर गोदरी +टोपी जेमा रतन जड़ाय +काँधे जनेऊ , हाथे खप्पर +दउड़त आवत है भरथरी +परी देखय महराज +सुन ले जोगी हमार +न तो जी तुम ये दे जोग साधव +बानी बोलत हे राम +जऊने ल सुनत हे राजा ये +का करॅव भगवान +जोग बिना के बइरी नई रहॅव +जी हर जाहय हमार +अइसे बानी ल बोलत हे , रामा ये दे जी । +जाके परी के देस में +मारे जावत हे दाई ओ +देवता के पावत हे आदेश +सुनले परी ओ बात +धरके ले आवा तुम जोगी ल +कनिहा कसत हे राम +देख तो परी मन का धरॅय +आघू पाछू म ओ +झूम के तीर म चपक जावॅय +भरथरी ल राम +कइसे विधि के रे मोहत हें +ये के दे डहर म +डहरे म मोहत हे +बानी बोलत हे राम +सुन ले जोगी हमर बाते ल +सुन्दर दिखत हन ओ +ना तो जोगी तुम जोग साधव +कर लव बिहाव हमार संग म बइरी ग तुम रहव , भाई ये दे जी । +मने मन म बइरी गुनत हे +भरथरी ह ओ +का तो जोगी के मैं भेख धरेंव +कहना नई माने राम +अइसन सुघ्घर देख परी हे +मन ल मोहत हे मोर +छल कपट बइरी करत हे +जोग हो जाही मोर +आज अधूर बइरी का रईहॅव +पन म करम हे हार +अइसे विधि बोलिके भरथरी हर ओ +का तो बानी दाई बोलत हे +सुनले कइना मोर बात +ना तो बइरी मय सँग धरॅव +जोग साधिहँव ओ जोग के लागे हे आस , भाई ये दे जी । +अतका बानी ल सुनत हे +मोर परी ये ओ +जाके देवता मेर गोहार पारॅय +पहुँची जावत हे राम +सुन्दर मजा अब बइठे हे +कामरुप कुमार नैन रानी +नैना का मारय +का तो मारत हे राम +सुआ के जादू ल मारत हे +सामदेई ल न +सुमिरन करय भरथरी ये +सुमिरन पावत हे सामदेई +रूपदेई ल +दऊड़त जावय बलाये ल +सुनले बहिनी मोर बात +भ��ंटो तुँहर परय मोर जंगल म +कमरुलदेसे में आज +लेके आवा ओ बचाये ओ , रामा ये दे जी । +सामदेई रूपदेई रानी मन +दूनो आवत हे दाई ओ +कमरु देस में जादू ल +नैना मारत हे न +नैना के बान ल का टोरय +सुवा मारत हे न +सुवा के जादू ल नई चलन देवॅय +बिलाई मारत है ना +बिलाई के जादू ल टोरत हें +मिरगा जादू ये राम +हाथी घोड़ा कर जादू ये +कुकुर बिच्छी के रे +जादू ल टोरत हें +जादू मारत हें राम +देखतो टेटका अऊ मेचका के +मच्छर माछी के न +जम्मो जादू ल बइरी टोरत हे +सामदेई अऊ रूपदेई ये ओ +जऊने ल देखत हे भरथरी , रामा ये दे जी । +कोपे मारे गुस्सा होवत हे +नैना रानी ये दाई ओ +का तो बइरी बानी का बोलय +दूसरा जादू ये +देखतो दीदी का तो छोड़त हे +जऊँहर का दिहा राख +कोप मन गुस्सा होइके जादू छोड़त हे राम +देखतो दीदी कारी चूरी चाऊँर +मोर मारत हे ना +ये दे भेड़िया बना देहॅव +नई तो बोकरा बनॉव +अइसे जादू रानी मारत हे +जादू टोर देवय राम +सामदेई रूपदेई पहुचें हे +ये दे जादू ये राम +घोड़ा के जादू ल मारत हे +जादू टोरय भगवान +का तो विधि बैरी का काटव ओ , रामा ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"447 +सहती खंड मलाई दा थाल भरया चा कपड़े विच लुकाया ए +जेहा विच नमाज विशवास1 गैबों अजराईल2 बना लै आया ए +उते पंज रुपये सू रोक रखे जा फकर ते फेरड़ा पाया ए +असीं रूहां बहिश्तियां बैठयां नूं ताओ दोजखे दा किथों आया ए +तलब मींह दी वगया आन भुखड़ यारो आखरी दौर हुण आया ए +सहती बन्ह के हथ सलाम कता अगों मूल जवाब ना आया ए +आमल3 चोर ते चैधरी जट हाकम समां होर भी रब्ब विखाया ए",panjabi-pan +"मथुरा मे जन्मे नद के कुमार... +मथुरा में जन्मे नंद के कुमार . . . +खुल गई बेड़ी खुल गये किवाड़ +जागत पहरुआ सो गयें द्वार । मथुरा . . . +गरजे ओ बरसे घटा घनघोर +ले के वासुदेव चले गोकुल के द्वार । मथुरा . . . +बाढ़ी वे जमुना आई चरणन लाग +छू के चरणाबिंद हो गई पार । मथुरा . . . +देवकी के मन में आनंद अपार +गोकुल में हो रहो मंगलचार । मथुरा . . .",bundeli-bns +"माता! किन तेरा बाग लगाइयां +माता किन तेरा बाग लगाइयां किन तेरा सींजा सै पेड़ । +माली के नै बाग लगाइयां मालण सींजा सै पेड़ । +सोवे सोवे हे मजेन्दरा राणी नीन्द मैं । । +माता किन तेरी डाल झुकाई अर किन तेरा तोड़ा सै फल । +माली कै ने डाल झुकाई मेरी मालन तोड़ा फल । +सोवे सोवे हे मजेन्दरा राणी नीन्द में । । +माता बालक छेल गाल मकें खेलैं चढ़गा ताप । +माता लकड़दी माता न्यूं लकड़ जनों बाजरीया की हुनियार +सोवो सोवो हे बसन्ती ��ाणी नीन्द में । । +माता भरदी माता न्यूं भरै जणों पील्हां की हुनियार । +सोवो सोवो हे गुमाणन राणी नीन्द में । । +माता ढलदी माता न्यूं ढल जणों पालै ज्यूं झड़जाए । +सोवो सोवो हे बसन्ती राणी नीन्द में । ।",haryanvi-bgc +"अगवाड़े तो बई जी रा बीरा +अगवाड़े तो बई जी रा बीरा +पिछवाड़े नणदोई जी +हिरतीफिरती बातां पूछूँ +के लाया नणदोई जी +जीमवाने घेवर लाया +खेलवाने चौपड़ जी +ओड़वाने सालू लाया +ओड़ी सालाहेली जी +बिछिया घड़ावे म्हारा सगा नणदोई जी +अनबट की साई उनका साका से लगाई जी",malvi-mup +"433 +मैंनूं रब्ब बाझों नहीं तांघ काई सभ डंडियां1 गमां ने मलियां नी +जिथे सिंह बुकन शूकन नाग काले बघयाड़ घतन नित जलियां2 नी +सारे देस ते मुलक दी सांझ टुटी साडियां किसमतां जंगलीं चलियां नी +चिला3 कट के पढ़ां कलाम डादी भीड़ां वजियां आन अवलियां नी +कीतियां मेहनतां आशकां दुख झागे रातां जांदियां हैन अकलियां नी",panjabi-pan +"सुवारिया री बेटी भेरूजी थारी सेवा अई रे +सुवारिया री बेटी भेरूजी थारी सेवा अई रे +थारी सेवा अई , ने बाजुट लाई रे +काका मतवाला थें म्हारी नींद गमाई रे +नींद गमाई , सारी रैन जगाई रे +चावुकड़े चमकाई रे +कंठालियारी बेटी भेरूजी थारी सेवा आई रे +थारी सेवा आई , नारेक लाई रे +तेली री बेटी भेरूजी , थारी सेवा आई रे +थारी सेवा आई , तेलसिन्दूर लाई रे +माली की बेटी भेरूजी , थारी सेवा आई रे +थारी सेवा आई , फुलड़ा लाई रे +तमोली की बेटी भेरूजी , थारी सेवा आई रे +थारी सेवा जाई , बिड़ला लाई रे +हलवाई की बेटी भेरूजी , थारी सेवा आई रे +थारी सेवा आई , सिरनी लाई रे +सेपकरी बेटी भेरूजी थारी सेवा आई रे +थारी सेवा आई , गुड़गोकर लाई रे +काक मतवाला थें म्हारी नींद गमाई रे +नींद गमाई , सारी रैन जगाई +चावुकड़े चमकाई रे ।",malvi-mup +"सगरे समैया कोसी माय सुती बैठी हे गमोली +सगरे समैया कोसी माय सुती बैठी हे गमोली +कोसी माय भादो मास उमड़ल हे नदिया +धीरे नैया खेबिहें रे मलहा , +मधुरे नैया रे खेबहें मलहा +नाजुक छेलै रे सखि सब सहेलिया +जैं हमे आहे बहिनो पार देबौ उतारिये +हमरा के बहिनो किए देबैं दानमा +जब हम आरे मलहा +बसबै सासुरेनगरिया +तबे देबौ आरे मलहा +छोटकी रे ननदिया दनमा +छोटकी ननदि बहिनों गे +कइसे लेबौ गे दनमा +तोर ननदि गे बहिनो +लागे मोर बहिकनयाँ +देबौ रे देबौ रे मलहा +गला गिरमल हरबा +आरो देबौ हाथ के रे बलिया +झट करे रे पार ।",angika-anp +"डूंगी सी डाबर रे कै फूलां की महकार +डूंगी ���ी डाबर रे कै फूलां की महकार +लीला सा घोड़ा रे कौन करै असवार +के मैं सूं चन्दा हे संझा का लणिहार +आ मेरे माई जाये रे के बैठो तखत बिछाय +थारे घोड़ियां ने दाना रे तमनै रस भर खीर",haryanvi-bgc +"गोरी दियां झान्जरां +गोरी दियां झांजरां बुलौन्दिया गैयाँ . . . +गोरी दियां , +गलियां दे विच दंड पौन्दियाँ गैयाँ . . . +गोरी दियां . +अथरी जवानी गल्लां पयी दसदी , +माह़ी गुस्से हो गया न गल वस दी , +राह जांदे राहियाँ नू सुनौन्दिया गैयाँ . +गोरी दियां . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . +काले जे दुपट्टे ने की पई नीर नी , +घुण्ड विच नैन ओहदे लए घेर ने , +मित्रां दा दिल तड़पौन्दिया गैयाँ . +गोरी दियन . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . +सान्बे जाण नखरे न अंग अंग दे , +वीणी उठे नाच्दे बिलोरी रंद गे , +अशिका दे लहू च नहौन्दिया गैयाँ . +गोरी दियां . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . +सांब के तू रख लै निनाणे गोरिये , +रूप दा सिंगार जालीदार डोरिये , +नूरपुरी कोल शरामौन्दियाँ गैयाँ . +गोरी दियां झांजरां . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . +गलियां दे विच दंड पौन्दिया गैयाँ .",panjabi-pan +"मेहँदी तोड़न चली हैं अरूसा बेटी, दुलहे ने पकड़ी है बाँह +मेहँदी तोड़न चली हैं अरूसा1 बेटी , दुलहे ने पकड़ी है बाँह । +दुलहा लगावें बाईं कानी अँगुलिया , मेरी लाड़ो लगावें +दोनों हाथ , मेहँदी मेरी रे ॥ 1 ॥ +दुलहा सुखावेें घड़ी रे पहरिया , मोरी लाड़ो सुखावें सारी रात । +लगावे उमराव2 मेहँदी मेरी रे , लगावे सरदार मेहँदी रे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"छैला छलन चलौ नव काजर +छैला छलन चलौ नव काजर , +दयैं राधा बृज नागर । +मुकती भोल बिकैं मथरा में , +कजरौटन के आगर । +श्री वृषभानमनदर में दीपक , +है सनेह कौ सागर । +कोयन भीतर रेखा गागई , +परती दिखा उजागर । +कात ईसुरी तुम लौ रावै +प्रान हमारे हाजर ।",bundeli-bns +"मेरी नाजुक नरम कलाई रे +मेरी नाजुक नरम कलाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +अपने ससुर की मैं ऐसी लाडली +आंगन में कुई खुदवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +अपने जेठ की मैं ऐसी लाडली +रेसम की डोर बंटवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +अपने देवर की मैं ऐसी लाडली , +सोने की झारी मंगवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +अपने पिया की मैं ऐसी लाडली , +दो दो पनिहारी रखवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +सास ननद मेरी जनम की बैरन , +आंगन की कुई मुंदवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +दौरानी जेठानी मेरी जनम की बैरन , +लगी पनिहारी हटवाई री , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . .",haryanvi-bgc +"टेन अबो डिन का डान, टेन अबो डिन का डान +टेन अबो डिन का डान , टेन अबो डिन का डान +टेन अबो डिन का डान , टेन अबो डिन का डान +टियां दिना टेन हैई का बान +टियां दिना टेन हैई का बान +टियां दिना टेन हैई का बान +टियां दिना टेन हैई का बान +टाड़ई पोयरा इनी का मोका +टाड़ई पोयरा इनी का मोका +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"561 +राजे आखया तुसां तकसीर1 कीती एह वडा फकीर रजानयां जे +नक कन वढा दयां चाढ़ सूली ऐवें कोई एह गल ना जानया जे +रजे जट ना जाणदे किस ताईं तुसीं अपने कदर पछानया जे +रन्नां खोह फकीरां दे राह मारन तंबू किबर2 गुमान दा तानयां जे +राती चोर ते दिने उधालियां ते शैतान वांगूं जग रानया जे +काज़ी शाह दा तुसां नूं करे झूठा मौजां सूलियां दीयां तुसां मानयां जे +एह नित हंकार ना मान रहिंदा कदी मौत तहकीक पछानयां जे +वारस शाह सराए दी रात वांगूं दुनियां खाब खयाल है जानया जे",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +कैंड़ा लागल है देहन माँ दुइ डण्ड खेलौं बनाय +बावन गज के धोती बाँधे उलटी चरना लेल लगाय +बावन कोठी के कोठवार देहन में लेल लगाय +पलहथ रोपल अखड़ा में रुदल डण्ड कैल नौ लाख +मूँदल भाँजे मन बाइस के साढ़े सत्तर मन के डील +तीस मन के नेजम है रुदल तूर कैल मैदान +ताल जे मारे फुलवारी में महराजा सुनीं मोर बात +फुलवा झरि गेल फुलवारी के बन में गाछ गिरल भहराय +जल के मछरी बरही होय गैल डाँटें कान बहिर होय जाय +बसहा चढि सिब जी भगले देबी रोए मोती के लोर +कहाँ के राजा एत बरिया है मोर फुलवारी कैल उजार +सुने पैहें रजा इन्दरमन हमरो चमड़ी लिहें खिंचाय +सतौ बहिनियाँ देबी इन्द्रासन सें चलली बनाय +घड़ी अढ़ाइ का अन्तर में पहुँचली जाय +रुदल सूरत फुलवारी में जहवाँ देबी जुमली बनाय +देखल सूरत रुदल के देबी मन मन करे गुनान +बड़ा सूरत के ई लरिका है जिन्ह के नैनन बरै इँजोर +पड़िहें समना इन्दरमन का इन्ह के काट करी मैदान +नींद टूट गैल बघ रुदल के रुदल चितवै चारों ओर +हाथ जोड़ के रुदल बोलल देबी सुनीं बात हमार +बावन छागर के भोग देइ भैंसा पूर पचास",bhojpuri-bho +"उते पातलि गाडायो +उते पातलि गाडायो +उते पातलि गाडायो +उते पातलि गाडायो +गाडायो रे किनेरा राजा +गाडायो रे किनेरा राजा +गाडायो रे किनेरा राजा +कैसे किवाड़ खोलूँ +कैसे किवाड़ खोलूँ +कैसे किवाड़ खोलूँ +स्रोत व्यक्ति गोपाल , ग्राम जू��ापानी",korku-kfq +"ओं नमो वभूत, माता वभूत, पिता बभूत (राखावली) +ओं नमो वभूत1 , माता वभूत , पिता बभूत , +वभूत तीन लोक तारिणी । +ओं नमौ वभूत , माता वभूत , पिता वभूत , +सब दोष की निवारिणी । +ईश्वरल औणी2 गोजलि छाणी3 , +अनन्त सिद्धों ने मस्तक चढ़ावणी । +चढ़े वभूत नि पड़े हाऊ , +रच्छा करे आतम विश्वासी गुरू गोर्क4 राऊ । +जरे जरे5 धरेतरी6 फले , धरेतरी मात गायत्री7 चरे , +सुषे सुषे8 अगनि मुख जले । +स्या वभूत नौ नाथ पुर्षकूं चढ़े , +स्या वभूत हैंसदा कमल कूं चढ़े । +चतुर्थी वभूत चार वेद कूं चढ़े , +पंचमें वभूत पंचदेव कूं चढ़े । +हंसन देखे तुमारू नाऊं , +आप गुरू दाता तारो , ज्ञान खड्ग ले कालै मारो । +औंदी डैकणो9 द्यालो पताल , +त्वै देऊं रे डाकणी बजुर का ताल । +दुख10 नावे सुष बैठे बस कंुवार किकरे माया , +इस पिंड की अमर काया । +अमर पथी बजुर11 की काया । +घर घर गोरक वैकर सिद्धि काया निरमल निधी । +सोल कला सा पिंड वाला घट पिंडक गोरक रखवाला ।",garhwali-gbm +"डोलो सजायो रे राई आंगणा +डोलो सजायो रे राई आंगणा , +आरे तिरीया हल्द लगावे +१ यम न झंडा रोपीया , +आरे रोपीया काया का माय +लुट सके तो लुट ले +लुट लिया हो बाजार . . . +डोलो . . . +२ बम का हो बाजा बजी रया , +आरे बाजी रया रणवास +सखीयन मंगल गावियाँ +हुई रई जयजय कार . . . +डोलो . . . +३ हाथ म कंडो धरी लियो , +आरे पाछ रड़ परिवार +बिच म रे काया जाई रई +गई स्वर्ग द्वार . . . +डोलो . . . +४ भाई रे बंधू थारा आई गया , +आरे सजी धजी रे बारात +भाई रोव न थारी तिरीया +चला रेवा किनार . . . +डोलो . . . +५ रेवा जी के घाट पे , +आरे सल दियो हो रचाय +आग लगाई न पछा आवियाँ +पाणी अंग लगाय . . . +डोलो . . .",nimadi-noe +"2 +दूई ना’त रसूल मकबूल वाली जैंदे हक्क नजू़ल1 लोलाक2 कीता +खाकी आख के मरतबा वडा दित्ता सब खलक दे ऐब तों पाक कीता +सरवर3 होए के औलिआ अंबीआ दा अगे हक्क दे आप नू ख़ाक कीता +करो उमती उमती रोज़ किआमत खुशी छडके जीउ गमनाक कीता",panjabi-pan +"छपनिया काल रे छपनिया काल +ओ म्हारो छप्पन्हियो काल्ड +फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में . +बाजरे री रोटी गंवार की फल्डी +मिल जाये तो वह ही भली +म्हारो छप्पन्हियो काल्ड +फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में .",rajasthani-raj +"रुनुक झुनुक बिछिया बाजल, पिया पलँग पर हे +रुनुक झुनुक बिछिया1 बाजल , पिया पलँग पर हे । +ललना , पहरि कुसुम रँग चीर , पाँचो रँग अभरन2 हे ॥ 1 ॥ +जुगवा खेलइते तोंहे देवरा त , सुनहऽ बचन मोरा हे । +देवरा , भइयाजी के जलदी बोलावऽ , हम दरदे बेयाकुल हे ॥ 2 ॥ +जुगवा खेलइते तोंहे ��इया त , सुनहऽ बचन मोरा हे । +भइया , तोर धनि दरद बेयाकुल , तोरा के बोलावथु3 हे ॥ 3 ॥ +पसवा त गिरलइ बेल तर , अउरो बबूर तर हे । +ललना , धाइ के पइसल गजओबर , कहु धनि कूसल हे ॥ 4 ॥ +डाँर4 मोर फाटहे करइली जाके , ओटिया चिल्हकि मारे हे । +राजा , का कहूँ दिलवा के बात , धरती मोर अन्हार लागे हे ॥ 5 ॥ +घोड़ा पीठे होबऽ असवार त डगरिन5 बोलवहु हे ॥ 6 ॥ +हथिया खोलले हथिसरवा , त घोड़े घोड़सार खोलल हे । +राजा , घोड़े पीठ भेलन असवार , त डगरिन बोलावन हे ॥ 7 ॥ +के मोरा खोले हे केवड़िया त टाटी फुरकावय6 हे । +कउन साही7 के हहु तोही बेटवा , कतेक8 राते आयल हे ॥ 8 ॥ +हम तोरा खोलऽ ही केवड़िया त टाटी फुरकावहि हे । +डगरिन , दुलरइता9 साही के हम हीअइ बेटवा , एते राते आयल हे ॥ 9 ॥ +किया तोरा माय से मउसी10 सगर11 पितियाइन12 हे । +किया तोरा हथु गिरिथाइन13 कते राते आयल हे ॥ 10 ॥ +न मोरा माय से मउसी , न सगर पितिआइन हे । +डगरिन , हथिन मोर घर गिरिथाइन एते राते आयल हे ॥ 11 ॥ +हथिया पर हम नहीं जायब , घोड़े गिरि जायब हे । +लेइ आबऽ रानी सुखपालक , 14 ओहि रे चढ़ि जायब हे ॥ 12 ॥ +जवे तोरा होयतो त बेटवा , किए देबऽ दान दछिना हे । +जबे तोरा होयतो लछमिनियाँ , त कहि के सुनावह हे ॥ 13 ॥ +डगरिन , जब मोरा होयतो त बेटवा , त कान दुनु सोना देबो हे । +डगरिन , जब होयत मोरा लछमिनियाँ , पटोर15 पहिरायब हे ॥ 14 ॥ +सोने के सुखपालकी चढ़ल डगरिन आयल हे । +डगरिन बोलले गरभ सयँ , सुनु राजा दसरथ ए ॥ 15 ॥ +राजा , तोर धनि हथवा के साँकर , 16 मुहँवा के फूहर हे । +नहीं जानथू17 दुनियाँ के रीत , दान कइसे हम लेबो हे ॥ 16 ॥ +काहेला डगरिन रोस करे , काहेला बिरोध करे हे । +डगरिन हम देबो अजोधेया के राज , लहसि18 घर जयबऽ हे ॥ 17 +इयरी पियरी पेन्हले डगरिन , लहसि घर लउटल हे । +जुगजुग जियो तोर होरिलवा , लबटि अँगना आयब हे ॥ 18 ॥",magahi-mag +"सासु जे गेलन दाल दरे हे, ननद जे गेलन पानी भरे +सासु जे गेलन दाल दरे1 हे , ननद जे गेलन पानी भरे । +हमें प्रभु छेकलन2 डेउढ़िया , 3 अब धनि असगर4 हे ॥ 1 ॥ +सासु जे अयलन दाल दर के , ननद जे अयलन पानी भर के हे । +बहुआ , काहे तोर मुँहवा पियरायल , देह दुबराएल5 हे ॥ 2 ॥ +लाज सरम के बात सासु कहलो न जाय , सुनलो न जाय । +सासुजी , तोहर बेटा छेकलन डेउढ़िया , त बहियाँ मुरूकि6 गेल हे ॥ 3 ॥ +जब हम जनती धनि कि लउरी7 बारी , 8 अउरो दुलारी बारी । +लरिके9 में गवना करइती , बिदेस चलजइती बिरहिआ नहीं सुनती हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"सब सखि चलो जमुना तट पे +सब सखि चलो जमुना तट पे +जहां श्याम बजा रहे बांसुरिया �� +जमुना तट धेनु चराय रहें , +सिर ओढ़े कारी कामरिया । सब सखि . . . +जमुना तट रहस रचाये रहे , +संग नाचे राधा सांवरिया । सब सखि . . . +जमुना तट ग्वाल खेल रहे , +जमुना में कूदे सांवरिया । सब सखि . . . +जब काले नाग फुंकार दियो , +तब रंग बदल गयो सांवरिया । सब सखि . . . +जब श्याम ने नाग को नाथ लियो +तब प्रेम की बाजी बांसुरिया । सब सखि . . .",bundeli-bns +"छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर आरसी । +थारी बेटी राज करेगी , हम पढ़ांगे फारसी । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर लोटा । +ऐसे घर में ब्याहवण आए , जड़ै पाणी का भी टोटा । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर बदाम । +एक सखि नै छोड़ के , मैं सब नै करूं प्रणाम । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर तोता । +जगदेव के ब्याहवण आया , आत्मा राम का पोता । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर केसर । +सासू मेरी पारवती , सोहरा परमेसर । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर खीरा । +थारी बेटी नै न्यूं राखूं , ज्यूं अंगूठी में हीरा । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर बाली । +दूजा छन्न मैं तद सुनाऊं , जब हाथ जोड़ै मेरी साली । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर आला +बटुए से मुख आली साली मेरी , सोह्णा सा मेरा साला । ।",haryanvi-bgc +"सगरे समैया कोसिका सुति वैसि गमौले +सगरे समैया कोसिका सुति वैसि गमौले , +हे भादो मास +मैया फेंकल पलार कि भादो मासे । +सबहुक नैया कोसिका अमरपुर हे पहुँचल , +कि मोरै नैया +उसर गे लोटावे कि मोरे नैया । +देबहुं गे कोसिका जोढ़ी गे पाठी कि घर गेने +हे कोसिका चढ़ैवौ पाकल पान मैया घर गेने ।",angika-anp +"119 +राजी हो पंजां पीरां हुकम कीता बच्चा मंग दुआ जो मंगनी है +अज हीर जटी मैंनू बखश उठो रंगन शोक दे नाल ओह रंगनी है +मैंनूं लाए बभूत मलंग1 करना बचा ओह भी तेरी मलंगनी है +जेहे नाल लगीये तेहे हो रहीए नंग नाल बोली ओ भी नंगनी है +वारस शाह ना सोहे उधाल जटी , नही मापिआं दे घर लंबनी है",panjabi-pan +"इनी भूम आवो नीपजे +इनी भूम आवो नीपजे +अदा का कतरिया पान +गंगाजमना उतावळी +तिरवेणी अस्नान +जियन फलाणा राय सांपड़े +कई उदके कन्यादान +चना चवन्तो आवियो +गोरी दुलहन थारो कंत +चूना भरी छे कांथली +ओका ऊलण वास्या दंत +इनी भूम आदो नीपजे +इना आदा का कतरिया पान +गंगाजमना उतावळी +तिरवेणी अस्नान +जियन फलाणा राम सांपड़े +कई झेले कन्यादान +लोंग चवन्तो आवियो +गोरी थारो दुल्हन कंत +लौंग भरी छे कांथली +वाका कपूर वास्या दंत । +एक बणज हम इन्दौर से करस्यां +बिछिया की जोड़ी भले लई आस्यां +एक बणज हम देवास से करस्यां +तोड़ा की जोड़ी भले लई आस्यां",malvi-mup +"तेरा तीजन सूना होय +तेरा तीजन सूना होय , बाबुल तेरी धीय बिना +मेरी बहूआं कातेंगी हे , कि लाडो बेटी जाय घरां +तेरा पैंहड़ा रता होय , बाबुल तेरी धीय बिना +मेरी पोती भरैंगी हे , कि लाडो बेटी जाय घरां +मैं तो गुड़िया भूली हे , बाबुल तेरे आले में +मेरी पोती खेलेंगी हे , कि लाडो बेटी जाय घरां +तेरे गोबर बिछ रहा है , बाबुल तेरी धीय बिना +मेरी बहूआं गेरेंगी हे , कि लाडो बेटी जाय घरां +मेरा बहली अटक्यो हे , बाबुल तेरी गलियां में +दो ईंट कढ़वा दे हे , कि लाडो बेटी जाय घरां +तुझे बाबुली कौन कहे , बाबुल तेरी धीय बिना +आसूं तो भर आये नैन , कि लाडो बेटी जाय घरां",haryanvi-bgc +"यारी बेवकूपन सें करबौ +यारी बेवकूपन सें करबौ , +होत सुगर कौ मरवौ । +बिना ज्ञान मूरख ना जानें । +बनवौ और बिगरवौ , +अपुनयाई में बन हैं कैसें +एकई गैल डिगरवौ ? +जरिया कैसो जार ईसुरी +मुसकिल परे निनरवौ ।",bundeli-bns +"बाबा हो धन लोभित धनवे लोभाइ गेल +बाबा हो धन लोभित1 धनवे2 लोभाइ3 गेल । +सातो नदिया पार कयलऽ4 । +केहि5 अइहें6 केहिं जइहें , सनेस7 पहुँचइहें । +कउन भइया बाट बहुरयतन , अम्मा से भेंट होयतन8 हे ॥ 1 ॥ +नउआ9 अयतन , बरिया10 जयतन , सनेस पहुँचयतन हे । +कवन भइया बाट बहुरयतन , अम्मा से मिलन होयतन हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"नत्थू राम! तन्नै सरम ना आई +नत्थू राम तन्नै सरम ना आई , बाब्बू कै गोली मारी । +तेरे करमां नै रोण लाग री , बैठी योह् दुनिया सारी । +बाब्बू ने कह्या राम राम , अर जग तै किया किनारा । +राम के मंदिर में जा पोंह्चा , सिरी राम का पियारा । +काच्चा कुनबा छोड़ के बाब्बू , सुरग लोक मैं सोगे । +भारत के सब नर नारी अब , बिना बाप के होगे ।",haryanvi-bgc +"कथी बिनु कोसी मुँह मलिन भेलों +कथी बिनु कोसी मुँह मलिन भेलों +कथी बिनु गुरमें शरीर । +पान बिनु मुँहमा मलिन भेलै सेवक +मधु बिनु गुरमै शरीर । +पनमा जे खेलियै सेवक , मुँहमां रंगेलियै हो , +लड्डू बिनु गुरमै शरीर । +लडुआ जे देले मलहा हृदय जुड़ाएल , +पाठी बिनु डोलैये शरीर । रो पाठी +कर जोड़ी मिनती करै छी मैया कोसिके +देवौं गे माता पाठी देवौं भोगार । +वेरिया परले कोसी माय कोई ना गौ गोहारी , +तहुँ न माय होइयो न सहाय , +गौ गरूआ के बेरि । +गावल सेवक जन दुअ कर जोड़ि +गरू वेर होउ न��� सहाय ।",angika-anp +"मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी +मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । +ऐस कसुम्भे दे कंडे भलेरे , +अड़ अड़ चुनड़ी पाड़ी । +ऐस कसुम्भे दा हाकम करड़ा , +जालम ए पटवारी । +मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । +ऐस कसुम्भे दे चार मुकद्दम , +मुआमला मँगदे भरी । +होरन चुगेआ फूहेआ फूहेआ1 , +मैं भर लई पटारी । +मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । +चुग चुग के मैं ढेरी कीते , +लत्थे आण बपारी । +औक्खी घाटी मुसकल पैंडा , +सिर पर गठड़ी भारी । +मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । +अमलाँ2 वालिआँ सभ लँघ गइआँ , +रैह गई औगुणहारी । +सारी उमरा खेड गवाई , +ओड़क बाज़ी हारी । +मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । +अलस्त3 केहा जद अक्खिआँ लाइआँ , +हुण क्यों यार विसारी । +इक्को घर विच्च वसदिआँ रस्देआँ , +हुण क्यों रही न्यारी । +मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी । +मैं कमीनी कुचज्जी कोहजी , +बेगुण कौण विचारी । +बुल्ले सहु दे लायक नाहीं , +शाह इनायत तारी । +मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी ।",panjabi-pan +"लाडो दूर मत खेलण जा हे +लाडो दूर मत खेलण जा हे +सजन इब आवेंगे +वे तो आवेंगे घोड़े असवार +डोलै में तनै ले जावेंगे +मैं तो कूद पडूंगी बाबा जी की गोद +मैं तो कूद पडूंगी बाबल जी की गोद +फेर क्यूंकर ले जेंगे +मैं तो कूद पड़ूंगी ताऊ जी की गोद +मैं तो कूद पडूंगी चाचा जी गोद +फेर क्यूंकर ले जेंगे +मैं तो कूद पडूंगी मौसा जी की गोद +मैं तो कूद पडूंगी फूफा जी की गोद +फेर क्यूंकर ले जेंगे",haryanvi-bgc +"342 +दोस्त सोई जो बिपत विच भीड़ कटे यार सोई जो जान कुरबान होवे +शाह सोई जो काल विच भुख कटे कुल बात दा जो निगाहबान होवे +गां सोई जो सयाल विच दुध देवे सोई बादशाह जो शाहबान1 होवे +नार सोई जो माल बिन जफर जाले पयादा सोई जो भूत समान होवे +इमसाक है असल हफीम बाझों गुस्से बिना फकीर दी जान होवे +सोई रोग जो नाल इलाज होवे तीर सोई जो नाल कमान होवे +कंजर सोई जो गैरतों बाझ होवे जिवें भाबड़ा2 बिना अशनान होवे +कसबा सोई जो वैरी बिन पया वसे जलाद सोई जो मेहर बिन जान होवे +सयद सो जो शूम ना होवे कायर जानी3 सिआह ते ना कहरवान होवे +चाकर औरतां सदा बेउजर होवन बते आदमी बे नुकसान होवे +कवारी सोई जो करे हया बहुती नीवीं नजर ते बाझ जबान होवे +बिना जंग ते चोर दे मुलक वसे पेट सोई बिन अन्न ते पान होवे +परां जाह तूं भुखया चोबरा वे मतां मंगणों कोई वधान4 होवे +वारस शाह फकीर बिन हिरस5 गफलत याद रब्ब दी विच गलतान होवे",panjabi-pan +"जीरो +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +मत ���ाओ म्हारा परनिया जीरो +यो जीरो जीव रो बैरी रे +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +पाडत कर पीरा पगला रे गया +म्हारा पडला घस गिया चांदी रा +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +यो जीरो जीव रो बैरी रे +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +सो रूपया की जोड़ी थांकी +म्हारो देवर भाग्यो लाखिनो +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +यो जीरो जीव रो बैरी रे +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +पीलो ओढ़ पीयरे चाली +म्हारो जीरो पड़ गयो पीलो रे +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +यो जीरो जीव रो बैरी रे +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +काजल घाल महेल मे चाली +म्हारो जीरो पड़ गयो कालो रे +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो +यो जीरो जीव रो बैरी रे +मत बाओ म्हारा परनिया जीरो",rajasthani-raj +"173 +मिली जा वधाई जा खेड़यां नूं लुडी मारके झुंमरा1 घत दे ने +छालां मार उपुठियां खुशी होए के लाए मजलसां खेड़दे वत दे ने +भुले कुड़म मिले सानू शरम बाले रजे जट वडे अहिल पत दे ने +वारस शाह दी शीरनी वंडदिआं ने वडे देगचे दुध ते भत दे ने",panjabi-pan +"धन धन हो सूर्या गाय +धन धन हो सूर्या गाय +सींगड़ली सौभाग भरी +तूने दियो है घड़ो भर दूद +बछवो आनन्द करे +धनधन हो फलाणी बऊ तमारी कूख +कखड़ीली सौभाग भरी +तमने जाया है फलाणा राय सरखा पूत +तो मनड़ा री आस पूरी करी +राणी बैठी है तखत विछाय +बऊबेटी पास खड़ी +बऊबेटी को लपे लिलार +मोतीड़ा से मांग भरी",malvi-mup +"जाग जाग नरसिंह बीर बाबा +जाग जाग नरसिंह बीर बाबा , +रूपा को तेरो सोटा जाग , फंटिगू की तेरी मुद्रा जाग , +डिमरी रसोया जाग , केदारी रौल जाग +नेपाल तेरो चिमटा जाग , खरुबा की तेरी झोली जाग +तमा की पत्री जाग , सतमुख तेरो शंख जाग +नौं लड्या चाबुक जाग , ऊर्दमुखा तेरो नाद जाग । +गुरु गोरखनाथ का चेला जाग , +पिता भस्मासुर माता महाकाली जाग +लोह खम्ब जाग । जागरन्तो होई जाई बीर बाबा नरसिंह । +वीर तुम खेला हिण्डोला वीर उच्चा कैलासू , +हे बाबा तुम खेला सोवन हिंडोला +हे वीर तुम मारा झकोरा अब चौद भुवन मा , +हे वीर तीन लोक पृथि , सातौं समुद्र बाबा । +हिण्डोलो घूमद घूमद चढ़े बैकुण्ठ सभाई । बीर इन्द्र सभाई , +तब देवता जागदा होई गैन , लौंदन फूल किन्नरी । +शिव जी की सभाई पेंदन भाँग की कटोरी , +सुलपा की रौंण पेन्दनराठ वाली भाँग । +तब लैग्या भाँग का झकोरा । +तब जाँदू बाबू कविलासी गुम्फा +जाँदू गोरख सभाई , जाँदू बैकुंठ सभाई",garhwali-gbm +"407 +हथ चाय मुतहिर ते कड़किया ई तैनूं आवंदा जग सभ सुंझ रन्ने +चावल नयामतां कणक तूं आप खावे ��ैर देन ते कीतियां खुंझ रन्ने +खड़ देह चीना घर खावदां दे नहीं मारके करूंगा मुंज रन्ने +पट चिडबियां चैड़ियां घत सुटू ला बहें जे वैर दी चुंझ रन्ने +सिर फौहड़ी मारके दंद झाडूं टगां भन्नके करूंगा लुंज रन्ने +तेरी बरी सूई हुने फोल सुटां बैठी रहेंगी उंज दी उंज रन्ने +वारस शाह सिर चाढ़ वगाड़ीए तूं हाथी वांग मैदान विच गुंज रन्ने",panjabi-pan +"खुलपित +मेरी विचारी तिन जीवन मा +खैरी ही खैरी खैने ॥ +रात नि खुल्दी घास पाणि कै , तू पुगड़ों1 मा जान्दी +भूखीतीसीथकींपितीं , दवफरम घौरउ आन्दी , +रुखा सूखा द्वी गफ्रा2 खाया , बोणूं फिर चली जान्दी , +घासैबिठगी , लखड़ा गडोली , ढै ढै मण की लान्दी , +उकलि3उन्दारी4 कटदीनपदी +जीवन का दिन गैने ॥ +जीबन घिसिगे माटे दगड़ी , भाग बिदेसू ही रैगे , +जौंकि कुयेड़ी सैरी मंथा , सौंण बाखदो ऐगे , +ओल पचैन तिन रुड़यूं5 का , पूसौ देखे फालो , +दिनद्वफरा भी गैंणा गणन , उज्यलो बेखी कालो , +रैगे लौंकी जिकुड़ि कुयेड़ी , +आंखि भ्वरीं ही रैने ॥ +कागा बसदा , ब्बल्दी आला , लोलि6 आग भी भभरान्दी , +रोज ससेंई मौन बुथ्योन्दी , चिट्ठी ही ऊंकी आन्दी , +भुंचे गई तू सोच फिकरमा , जीवन का दिन कम होन्दा , +मोरि नि सकदी , बिग्चि नि सकदी , आख्यूं का खुलदनच्यूंदा , +सौंजड़या तेरी क्वी परदेसू +क्वी अपड़ा मैतू ऐने ॥",garhwali-gbm +"म्हारे आलीजा री चंग +म्हारे आलीजा री चंग , बाजै अलगौजा रे संग , +फागण आयो रे +रूंखरूंख री नूंवी कूपळा , गीत मिलण रा अब गावै +बनबागां म काळा भंवरा , कळीकळी ने हरसावै +गूंझै ढोलक ताल मृदंग , बाजे आलीजा री चंग +फागण आयो रे +आज बणी हर नारी राधा , नर बणिया है आज किसन +रंग प्रीत रो एडो बिखर्यो , गलीगली है बिंदराबन +हिवडैहिवडै उठे तरंग , बाजे आलीजा री चंग +फागण आयो रे",rajasthani-raj +"272 +नाथ खोलह अखीं कहया रांझणे नूं बचा जाह तेराकम होया ई +फल आन लगा उस बूटड़े नूं जेहड़ा विच दरगाह दे बोया ई +हीर बखश दिती सचे रब्ब तैनूं मोती लाल दे नाल परोया ई +चढ़ दौड़के जित लै खेड़यां नूं बचा सौण1 तैनूं भला होया ई +कमर कस उदासीयां बन्ह लइआं जोगी तुरत तयार ही होया ई +खुशी हो के करो विदा मैंनूं हथ बनह के आन खलोया ई +वारस शाह जां नाथ ने हुकम कीता टिलयों उतरदा पतरा होया ई",panjabi-pan +"मेरी बुक्कल दे विच्च चोर +मुसलमान सड़ने तो डरदे , +हिन्दू डरदे गोर1 । +दोवें ऐसे दे विच्च मरदे , +एहो दोहाँ दी खोर2 । +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । +किते रामदास किते फतह मुहम्मद +एहो कदीमी3 ��ोर । +मिट गया दोहाँ दा झगड़ा , +निकल पया कुझ होर । +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । +अरश मनव्वर बांगाँ मिलिआँ , +सुणीआँ तखत लाहौर । +शाह अनायत कुंडिआँ पाइआँ , +लुक छुप खिच्चदा डोर । +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । +जिस ढूँढाया तिस ने पाया , +ना झुर झुर होया मोर । +पीर पीराँ बगदाद असाडा , +मुरशद तखत लाहौर । +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । +ऐहो तुसीं वी आक्खो सारे , +आप गुड्डी आप डोर । +मैं दसनाँ तुसीं पकड़ ल्याओ , +बुल्ले शाह दा चोर । +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । +नी मेरी बुक्कल दे विच्च चोर ।",panjabi-pan +"जच्चा ने बच्चा जाया है, दिन खुसी का आया है +जच्चा ने बच्चा जाया है , दिन खुसी का आया है । +जच्चा तेरी सासू आवेगी , वो चरुवा चढ़ाई नेग मांगेगी । +तुम उनका नेग दिला देना , नहीं तुम पर झगड़ा डालेगी । +जच्चा तेरी जिठानी आवेगी , वो परदा टंकाई नेग मांगेगी । +तुम उनका नेग दिला देना , नहीं तुम पर झगड़ा डालेगी । +जच्चा तेरी दौरानी आवेगी , वो पलंग बिछाई नेग मांगेगी । +तुम उनका नेग दिला देना , नहीं तुम से रार मचायेगी । +जच्चा तेरी नन्दल आवेगी , सतिये धराई नेग मांगेगी । +तुम उनका नेग दिला देना , नहीं तुम से रार मचायेगी ।",haryanvi-bgc +"303 +असां अर्ज कीती तैनूं गुरु करके बाल नाथ दियां तुसी निशानियां हो +तैनूं छडया किवे है जालमा ने कशमीर दियां तुसी खरमानियां हो +साडी आजजी तुसी ना मनदे हो गुसे नाल पसारदे आनियां हो +वारस आखया महर दे चलो वेहड़े तुसी नहीं करदे मेहरबानियां हो",panjabi-pan +"233 +कैद आबखुरदी1 खिची वांग किस्मत कोइल लंका दे बाग दी गई दिल्ली +मैंना लई बंगालयों चाक कमले खेड़ा पया अजगैब2 दी आन बिल्ली +चुसती आपने पकड़ना हार हिमत हीर नाहिओं इशक दे विच ढिल्ली +कोई जाईके पकड़ फकीर कामल फकर मारदे विच रजा किल्ली +वारस शाह मसतानड़ा ही लिला सेली गोदड़ी3 पहन हो शेख चिल्ली",panjabi-pan +"माय चली कैलाश को +माय चली कैलाश को , +आरे कोई लेवो रे मनाय +१ पयलो संदेशो उनकी छोरी न क दिजो +आरे दूजा गाँव का लोग . . . . +माय चली . . . +२ तिसरो संदेशो उनका छोरा न क दिजो +चवथो साजन को लोग . . . . +माय चली . . . +३ हरा निला वास को डोलो सजावो +उड़े अबिर गुलाल . . . . +माय चली . . . +४ कुटुंब कबिलो सब रोई रोई मनाव +आरे मुख मोड़ी चली माय . . . . +माय चली . . . +५ बारह बोरी की उनकी पंगत देवो +आरे उनकी होय जय जयकार +माय चली . . .",nimadi-noe +"उमके जोबन जियरा जरि गइले हो +उमके जोबन जियरा जरि गइले हो , +सैंया बयरागी निकल गइले हो । । टेक । । +किया ओह�� देसवा में टेसो ना फूले , +किया बने अमँवा मोजरि गइले हो । । टेक । । +किया ओही देसवा में मोरवो ना बोले , +किया ए पपीहरा मरि गइले हो । । टेक । । +कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho +"मेहल में सोर करियो राणी जच्चा +मेहल में सोर करियो राणी जच्चा +नगर में सोर करियो राणी जच्चा +जच्चा तूने बिछिया पेरिया सच्चा +कि अनबट जोर खुल्या राणी जच्चा +नगर में सोर करियो राणी जच्चा",malvi-mup +"रे बीरा साढ़ तो पहलड़ा मास +रे बीरा साढ़ तो पहलड़ा मास +मेरा माई जाया +हाली हल बीरा जोतिआ जी +रे बीरा सामण तो दूजा ए मास +मेरा माई जाया +रिम झिम रिम झिम मेंहा बरसिआ जी +रे बीरा भादों तो तीजा ए मास +मेरा माई जाया +खिलै कन्डेली बीरा बीजली +रे बीरा आसोज तो चौथा ए मास +मेरा माई जाया +ओ बीरा कातक तो पांचमां ए मास +मेरा माई जाया +कातक रचै ए दीवालिआं जी +रे बीरा मंगसर तो छठा ए मास +मेरा माई जाया +मंगसर मांग भराइयां जी +रे बीरा पोह तो सातमां ए मास +मेरा माई जाया +पोह ए जाड़ा ए घणा जी +रे बीरा माह तो आठमां ए मास +मेरा माई जाया +माहे माझल न्हाइआं जी +रे बीरा फागुण तो नोमां ए मास +मेरा माई जाया +फागण फगवा पिआ खेलिआं जी +रे बीरा चेत तो दसमां ए मास +मेरा माई जाया +चेते केसू फूलिआं जी +रे बीरा बैसाखे ग्यारमां ए मास +मेरा माई जाया +बसाखे केसू ढल गया जी +रे बीरा जेठ बारहमां ए मास +मेरा माई जाया +जेठे लूंआं चल रही जी +रे बीरा पूगै सै बारां ए मास +मेरा माई जाया",haryanvi-bgc +"वर्षा का गीत +ऊँडा कुवा मा पलोक पाणी , काइ करि भरूँ रे मेघ बाबा , +ढूडी वोढूडी वो । +ऊँडा कुवा मा पलोक पाणी , काइ करि भरूँ रे मेघ बाबा , +ढूडी वोढूडी वो । +खुदराखलया कुकाइ गुया , लावर्या तितर्या तीस्या मरे , +गाय गोधा भूखा मरे , वरस रे मेघ बाबा , +ढूडी वोढूडी वो । +सुपड़ा अतरोक बलावो , चोखा अतरी विजली , +वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वोढूडी वो । +सुपड़ा अतरोक बलावो , चोखा अतरी विजली , +वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वोढूडी वो । +गाज ने गुरबो करि रहेगा , विजली हये भलाभल , +वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वोढूडी वो । +गाज ने गुरबो करि रहेगा , विजली हये भलाभल , +वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वोढूडी वो । +खयड़े ने बयड़े रेलछेल पाणी , कमली ना घर पर पाणीं निहिं , +वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वो ढूडी वो । +खयड़े ने बयड़े रेलछेल पाणी , कमली ना घर पर पाणीं निहिं , +वरस रे मेघ बाबा , ढूडी वो ढूडी वो । +वर्षा नहीं होने से पानी का संकट हो जाता है तो वर्षा हेतु सभी लोग कामना करते हैं । सभी लोग रात्रि में प्रत्येक घर जाकर ढूडी गीत गाते हैं । गीत में कहा है +कूप गहरा है उसमें पाव भर पानी है , किस प्रकार पानी भरूँ बादल बाबा ? नाले सूख गये हैं , लावा व तीतर पक्षी प्यासे मर रहे हैं , गायबछड़े भूखे मर रहे हैं , मेघ बादल बाबा बरसो । सूप के समान छोटा बादल हो रहा है उसमें चावल के समान बिजली चमक रही है , हे बादल बरसो । गर्जना हो रही है , बिजली खूब चमक रही है , हे मेघ बरसो छोटी पहाड़ियों व जंगल में पानी खूब बरस रहा है । कमली के घर पर पानी नहीं है , हे बादल बरसो । +इस प्रकार प्रत्येक घर पर जाते हैं । गीत गाते समय किसी लड़के को बोपिया , लेचका , ढुचक्या व लड़कियों में से किसी को कोयल बनाते हैं । ये नामधारी पक्षी गीत के साथ उन पक्षियों की मधुर आवाज निकालते हैं । जिनके घर जाते हैं उस घर की महिला सूपड़े में पानी लेकर ढूडी वालों पर उछालती है । सभी घर से +अनाज दिया जाता है । +प्रातः एकत्रित अनाज को पिसाते हैं और नदीनाले के किनारे सभी जाकर मक्का के पान्ये बनाते हैं । एक लड़का हाथ में पान्या लेकर खड़ा रहता है और एक लड़का पानी में डूबता है । बाहर पान्या लिया हुआ लड़का उसके डूबते ही पान्या खाना प्रारम्भ करता है और जब तक वह पानी से बाहर न निकले तब तक पान्या खा जाता है , तो पानी आने का शुभ शगुन मानते हैं । अगर डूबने वाला लड़का पान्या खाने के पूर्व निकल आता है तो पानी देर से आता है ऐसी मान्यता है । फिर सभी उपस्थित लोग दालपान्या खाते हैं ।",bhili-bhb +"426 +दोहां वट लंगोटड़े लई मुहली कारे वेख लौ मुंडयां मोहनियां दे +निकल झट1 कीता सहती रावले ते दासे भनयों ने नाल थोहनियां दे +जट मार मधानियां पीह सटया भनया नाल दुध दोहनियां2 दे +नवाब हुसैन खां दे जिवें नाल लड़या वूसमंद3 हैसी विच चूहनियां4 दे",panjabi-pan +"उलान्या मास ऐगे, खुदेड़ वगत +उलान्या मास ऐगे , खुदेड़ वगत , +बार रितु बौडी ऐन , बार फूल फूली गैन +औंदौ की मुखड़ी न्याल्दू , +जांदौं की पिल्वाड़ी । +एक दाणी चौलू बोदी , मैं उमली औं , +निरमैतीण छोरी बोदी , मैं मैंत जौं +भग्यान्यौं का भाग होला , +जौंका पीठी जौंला भाई +मैत बोलाला , रीत जणाला +जौं दिशौं ध्याण्यो का गोती होला मैती , +तौ दिशौं ध्याणी मैत जाली देसु +सरापी जायान माँजी , विधाता का घर +जनी कनी पुतरी चुली माँ जी , +एक विराली पालदी +कुत्ता पालदो , पैरो जागा देन्दो । +केक पाली होलू माँ जी , +मैं निरासू सी फूल ।",garhwali-gbm "घुमवन बइठलन कउन मइया सिवसंकर हे घुमवन बइठलन कउन1 मइया सिवसंकर हे । बहमाँहि2 भेल अनंद , कहहु सिवसंकर हे ॥ 1 ॥ @@ -19190,314 +7663,1436 @@ folksong,language नउनियाँ जे रूसलइ14 पटोर ला15 सुनहु सिवसंकर हे ॥ 5 ॥ देबो गे नउनियाँ से सोने रूपे पीत पटम्मर हे । देबो हम अजोधा के राज , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 6 ॥",magahi-mag -"पांच मोहर का साहबा! पीला मंगाद्यो जी -पांच मोहर का साहबा पीला मंगाद्यो जी । -कोई पांच पचीसी गढ़ बी सी गाढा मारू जी । -गाढा मारू जी पीला रं गद्यो जी । -किन म्हारी भोली साधण ल्याय दिखाया जी । -किन थारे आल लगाई जी । -गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । -छोटी सी नणदल , साहबा आल लगाई जी । -अल्ले तै पल्ले साहबा मोर पपेया जी । -बीच बीच लाल हजारी जी । -गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । -कोए सास नणद मुख जोड्या जी । -गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । -आंख ना खोले जच्चा मुख तै ना बोले जी । -कोए जच का राजन कुम्हला डोले जी । -गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । -दिल्ली सहर तै साहबा बैद बुलाद्यो जी । -कोए जच की नाड़ी दिखाद्यो जी । -गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । -झाडै तो झाडै रे बैदा रोक रुपैया जी । -कोए जच्चा के जीव की बधाई जी । -गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । -आंख्यां भी खोले जच्चा मुख से भी बोले जी । -कोई जच्चा का राजन हंसता डोले जी -मैं मन ल्यूं थी म्हारा सुघड़ साहबे का जी । -कोए प्यारी सू के दुप्यारी जी । -गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी ।",haryanvi-bgc -"माथा पर लीवि गोबर टोपली हो -माथा पर लीवि गोबर टोपली हो , -तू कां चली नार । । -जै मठ रनुबाई आसन बठिया , -ओ मठ लिपवा जावां ओ रनादेव , -एक बालुड़ो दऽ । । -एक बालुड़ो का कारण , म्हारो जनम अकारथ जाय , -एक दीजे लूलो पांगलो हो , म्हारी सम्पति को रखवालो , -म्हारा कुळ को हो उजालो , -एक बालुड़ो दऽ । ।",nimadi-noe -"क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले -क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले -एक तो नहाना बनाया दूसरे नहाते नहीं -तीसरे हाजिर घड़ी हूं चौथे दिल मिलता नहीं -एक तो खाना बनाया दूसरे खाते नहीं -तीसरे हाजिर खड़ी हूं चौथे दिल मिलता नहीं",haryanvi-bgc -"नैना ना मारौ लग जै हैं -नैना ना मारौ लग जै हैं । -मरम पार हो जै हैं । -बख्तर जुलम कहा कर लै हैं । -ढाल फार कढ़ जै हैं । -नैनाँ मार चली ससुर खाँ , -डरे कलारत रै हैं । -ओखद मूर , एक ना लग है । -वैद गुनी का कै है ? -कात ‘ईसुरी’ सुन लो प्यारी , -दरस दवाई दै हैं ?",bundeli-bns -"तेरा तीजन सूना होय -तेरा तीजन सूना होय , बाबुल तेरी धीय बिना -मेर�� बहूआं कातेंगी हे , कि लाडो बेटी जाय घरां -तेरा पैंहड़ा रता होय , बाबुल तेरी धीय बिना -मेरी पोती भरैंगी हे , कि लाडो बेटी जाय घरां -मैं तो गुड़िया भूली हे , बाबुल तेरे आले में -मेरी पोती खेलेंगी हे , कि लाडो बेटी जाय घरां -तेरे गोबर बिछ रहा है , बाबुल तेरी धीय बिना -मेरी बहूआं गेरेंगी हे , कि लाडो बेटी जाय घरां -मेरा बहली अटक्यो हे , बाबुल तेरी गलियां में -दो ईंट कढ़वा दे हे , कि लाडो बेटी जाय घरां -तुझे बाबुली कौन कहे , बाबुल तेरी धीय बिना -आसूं तो भर आये नैन , कि लाडो बेटी जाय घरां",haryanvi-bgc -"307 -चल जोगीया असीं विखा लयाईए जिथे त्रिंजणी छोहरियां गांदियां ने -लै के जोगी नूं आन विखाइयो ने इके वहुटियां छोप1 पांदियां ने -इक नचदियां मसत मलंग बनके इक सांग झुहेटी दा लांदियां ने -रंग दी हेम महीन करके वारस शाह नूं गीत सुनांदियां ने",panjabi-pan -"पिंडदान के गीत -1 -सरगे से आवेले कवन देव पितरों के नाम लेकर -बेटा से अरज करे बेटा के होइहें कुल’क -नयकवा अंगन जगिया रोपिहें -गया में पिंडा परिहें । -दुअरे से आवेलं कवन बेटा पिता से अरज करें । -पिता हम होइबों कुल के नयकवा , अंगने जगिया रोपबों , -गया में जगिया रोपबों -सरगे से ऑवेली कवन देइ पितराइन लोग -बहू से अरज करें -बहू के होइहें लाली दुलहिनीयां चउरु चढ़ि बइठिहें -कवन बाबू का दाहिन । -ओबरी ले निकलेली कवन देइ सासु से अरज करें हो , -हाथ का सिन्होरा लेले । -सासु हम होइबों लाली दुलहिनियां -चऊक चढ़ि बइठों कवन बाबू के दहिन -2 -अमवा लगवले कवन सुख सुनहू राजा दशरथ -जवले मउर नाही लगिहे कवन सुख सुनहु राजा दशरथ -टिकोरा , आम , का लगले कवन सुख सुनहू राजा दशरथ -टिकोरा आम लगले कवन सुख सुनहु . . . -जवले पुत्र नाहि जनमिहे सुनहु",bhojpuri-bho -"प्रथम चरन गणपति को -प्रथम चरन गणपति को , प्रथम चरन गणपति को -गणपति को मनाव , गणपति को मनाव , -प्रथम चरन गणपति को । -काकर पुत्र गणपति भयो , काकर हनुमान , काकर हनुमान -काकर पुत्र भैरो , भैरो , भैरो , भैरो । -काकर लक्षमणराम , काकर लक्षमणराम , -प्रथम चरन गणपति को -गणपति को मनाव , गणपति को मनाव , -प्रथम चरन गणपति को । -होली है . . . . . . . . -गौरी के पुत्र गणपति भयो , अंजनी के हनुमान , अंजनी के हनुमान -कालका के पुत्र भैरो , भैरो , भैरो , भैरो । -कौशिल्या के राम , कौशिल्या के राम , -प्रथम चरन गणपति को -गणपति को मनाव , गणपति को मनाव , -प्रथम चरन गणपति को । -होली है . . . . . . . .",chhattisgarhi-hne -"आयो मैंना चैत को, हे दीखो हे राम -आयो मैंना चैत को , हे दीखो1 हे राम । -उठिक फुलारी झुसमुस2 , लगी गैना निज काम ॥ -मास आय वैशाख को , सुणली पतिव्रता खास । -ग्यूँ जौ का पूलों मुड़े , कमर पड़ी गये झास ॥ -आयो मैना जेठ को , भक्का3 हैगे मौत । -स्वामिका नी होणते , समझि रयूं मैं मौत ॥ -मास पैलो बसगाल को , आयो अब आषाढ़ । -मैं पापिणि झुरिझुरि , मरो मास रयो न हाड़ ॥ -मास दूसरो गसग्याल को , आयो अब घनघोर । -बादल कुयेड़ि झूकिगे , वर्षा लगि झकझौर ॥ -भादों मैना आइक , मन समझा यो भौत । -या स्वामी घर आवन , या प्रभु ह्वै जो मौत ॥ -आयो मास असूज को , बादल गैंन दूर । -साटी झंगोरे सब पक्यो , निम्बू पाक्याचूर ॥ -आई देवाली कातिकी , चढ़िगे घर घर तैक । -यूंदींनू बिन स्वामि को ज्यू क्या लगलो कैक ॥ -आय मास मंगसीर को , हे बहिनो हे राम । -पतिदेव की फिक्र मां रयो हाड़ ना चाम ॥ -पूष मास को ठण्ड बड़ी , धर धर काँपद गात । -कनि होली भग्यांनसीं , छनपति जौं का साथ ॥ -लाग्यो मैना मांघ को , ठण्ड आबिगे दूर । -पति का घर निहोणसे , ज्यू यो ह्वैगे चूर ॥ -फागुन मैना आइगे , हरि भरि गैन सार । -सैं पापिण तनि हीरयो यकुला4 बांदर कि चार ॥",garhwali-gbm -"मलिया के अँगना कसइलिया के डरवा -मलिया1 के अँगना कसइलिया2 के डरवा3 । -लचकि लचकि भेल डार हे ॥ 1 ॥ -घर के बाहर भेलन , दुलरइता दुलहा । -तोड़लन कसइलिया के डार हे ॥ 2 ॥ -घर के बाहर भेलन , दुलरइता दादा । -मालिन ओरहन4 देइ हे ॥ 3 ॥ -बरजहुँ हो बाबू , अपन दुलरुआ5 । -तोड़ल कसइलिया के डार हे ॥ 4 ॥ -जनु कुछु कहऽ मालिन , हमरा दुलरुआ । -हम देबो कसइलिया के दाम6 हे ॥ 5 ॥",magahi-mag -"हरजी उगन तै परभात -हरजी उगन तै परभात , -मात जसोधा दांदण मांगिया -हरजी मांग रही बरचार , -बहुए हठीली दांदण ना देई हरे राम -बेटा तेरी बहू ओछे घर की धीय -दांदण मांगी हमने ना दई हरे राम -मां मेरी ल्यावां गंगा जल नी , -दांदण त्यावां हरियल केलकी हरे राम । -बेटा ओह दांदण रुकमण नै देओ , -म्हारा तो औसर चूकिया हरे राम । -माता कहो तो मन तै बिडारां -कहो तो घाले इस कै बाप कै हरे राम । -बेटा क्यांहने तो मन तै बिडारै -क्यांहने घाले इसके बाप के हरे राम । -बेटा याह् धण जन्मेगी पूत , -बेल बधैगी थारे बाप की हरे राम । -बेटा याह धण जन्मेगी धीय , -लाड़ जमाई आवें पाहुणे हरे राम । -रुकमण उठो न करो न सिंगार , -बिरद उमासी थारे बाप कै । -हर जी झूठे तुम किसन मुरार -सावण मासै कैसी बिरदली हरे राम । -रुकमण उठो न करो न सिंगार , -बेटा तो जाया माई जाये बीर कै हरे राम । -हरजी अब कै तो बोले ���ो साच , -आसा तो कहिए म्हारी भावजीं हरे राम । -रुकमण कातै थी लम्बे लम्बे तार , -हरजी नै देखे हंस पड़ी हरे राम । -रुकमण चरखे नै देयो उठाय , -तुम चालो म्हारे साथ मैं हरे राम । -हरजी आप तो घोड़ै असवार , -रुकमण नै बहल जुड़ाई हरे राम । -हरजी चले सैं मांझल रात , -दिन उगायो सुघड़ सासरे हरे राम । -हर जी आये सैं रुकमण घाल -आंगण बैठ्ये ऊमण घूमणे हरे राम । -बेट्टा बहुआं बिन घोर अन्धेर , -पोतां बिन आंगन भिनभिना हरे राम । -हरजी चले सैं रथ जुड़वाए , -सूरज उगायो सुघड़ सासरै हरे राम । -रुकमण उठो न करोए सिंगार , -तड़कै तो चालां अपण देस हरे राम । -माता महलां ते नीच्चै उतर आ , -पांय तो पड़ै तेरी कुल वधू हरे राम । -बेटा तुम जीओ बरस करोड़ -पांय पड़ेगी अपणी मांय कै हरे राम । -माता ऐसे तो बोल न बोल , -मायां कै धीयां कैसे पग पड़ै हरे राम । -माता तुम मेरे सिर की ताज , -रुकमण तो कहिए पग की मोचड़ी हरे राम ।",haryanvi-bgc -"ऐसी को खेले तोसे होरी -ऐसी को खेले तोसे होरी ॥ टेक -बारबार पिचकारी मारत , तापै बाँह मरोरी । ऐसी . -नन्द बाबा की गाय चराबो , हमसे करत बरजोरी । -छाछ छीन खाते ग्वालिन की , करते माखन चोरी । ऐसी . -चोबा चन्दन और अरगजा , अबीर लिये भर झोरी । -उड़त गुलाल लाल भये बादर , केसरि भरी कमोरी । ऐसी . -वृन्दावन की कुंज गलिन में , पावौं राधा गोरी -‘सूरदास’ आश तुम्हरे दरश की , चिरंजीवी ये जोरी । ऐसी .",braj-bra -"ईख नलाई के फल पाई -ईख नलाई के फल पाई -ईख नलाई मन्ने कंठी घड़ाई -ले गया चोर बहू के सिर लाई -सुसरा तै लडूंगी पीठ फेर कै लडूंगी -आजा हे सासड़ तन्ने डंडा तै घडूंगी -जेठ तै लडूंगी दिल खोल के लडूंगी -आजा हे जिठानी तेरा धान सा छउूंगी -देवर तै लडूं घूंघट खोल कै लडूंगी -आजा हे द्यौरानी तन्नै खूटिया धरूंगी -पड़ोसी तै लडूंगी दिल खोल के लडूंगी -आजा हे पड़ोसन तन्नै पाड़ के धरूंगी -बालम तै लडूंगी महलां बैठी हे लडूंगी -आजा हे सोकन तेरा डंडा बित्ती घडूंगी",haryanvi-bgc -"हौनी दो पग चलत अँगरैं -हौनी दो पग चलत अँगरैं , -सब तन चलत पिछारैं । -जैसुइ जान घरों आँगे खाँ , -मार देह का धारें । -करमन वचन करत है ओई , -होनी जौन विचारे -सुर मुन नर आकुल है , ‘ईसुर’ , -ई होनी के मारे ।",bundeli-bns -"कित तै आए अर्जन पांडे -कित तै आये अर्जन पाण्डे ? कित तै आये अनुमान ? -हनुमान पियारे । -आगम तैं आये अर्जन पाण्डे , पाच्छम तै आये हनुमान । -ये किन जाये अर्जन पाण्डे ? ये किन जाये हनुमान ? -कुन्ती ने जाये अर्जन पाण्डे , अंजनी ने ज��ये हनुमान । -कित उतरैंगे अर्जन पाण्डे ? कित उतरैंगे हनुमान ? -समंदर उतरैं अर्जन पाण्डे , मंदर में उतरैं हनुमान ? -कित बैठैंगे अर्जन पाण्डे ? कित बैठैंगे हनुमान ? -चन्दन चौकी अर्जन पाण्डे , लाल पिलंग हनुमान । -के पहरैंगे अर्जन पाण्डे ? के पहरैंगे हनुमान ? -चोला बस्तर अर्जन पाण्डे , लाल लंगोटा हनुमान । -के जीमेंगे अर्जन पाण्डे ? के जीमेंगे हनुमान ? -बूरा चावल अर्जन पाण्डे , सरस मलीदा हनुमान । -कद सुमरैंगे अर्जन पाण्डे , कद सुमरैंगे हनुमान । -सुख में समुरैं अर्जन पाण्डे , भीड़ पड़ी पै हनुमान । -या किन तोड़ी लाल पिलंगिया ? या किन तोड़ी गढ़ लंक ? -अर्जन तोड़ी लाल पिलंगिया , हनु तोड़ी गढ़ लंक । -जैसे कारज राजा रामचन्दर के सारे । -वैसे हमारे दादा , ताऊ पिता के नाम के सारे । -हनुमान पियारे ।",haryanvi-bgc -"457 -पंड झगड़यां दी कही खोह्ल बैठों वडा महजरी1 ए गूंगा लटबावला वे -असां इक रसाल2 है भाल आंदा भला दस खां की है रावला वे -उते रखया की है नजर तरी गिने आप नूं बहुत उतावला वे -दसे बिना ना जापदी जात तेरी छड़े बाझ ना थीवदा चावला वे -की रोक है कासदा एह बासन3 सानूं दस खां सोहणिआं सांवला वे -सहज नाल सभ कम निरवाह हुंदे वारस शाह ना हो उतावला वे",panjabi-pan -"करन्ड कस्तूरी भरिया छाबा भरिया फूलड़ा जी -करन्ड कस्तूरी भरिया , छाबा भरिया फूलड़ा जी । -तुम भेजो हो धणियेर रनुबाई , जो हम करसां आरती जी -थारी आरतड़ी ख आदर दीसाँ , -देव दामोदर भेंटसा जी । । -करन्डी कस्तूरी भरिया , छाबा भरिया फूलड़ा जी । ।",nimadi-noe -"सुवारिया री बेटी भेरूजी थारी सेवा अई रे -सुवारिया री बेटी भेरूजी थारी सेवा अई रे -थारी सेवा अई , ने बाजुट लाई रे -काका मतवाला थें म्हारी नींद गमाई रे -नींद गमाई , सारी रैन जगाई रे -चावुकड़े चमकाई रे -कंठालियारी बेटी भेरूजी थारी सेवा आई रे -थारी सेवा आई , नारेक लाई रे -तेली री बेटी भेरूजी , थारी सेवा आई रे -थारी सेवा आई , तेलसिन्दूर लाई रे -माली की बेटी भेरूजी , थारी सेवा आई रे -थारी सेवा आई , फुलड़ा लाई रे -तमोली की बेटी भेरूजी , थारी सेवा आई रे -थारी सेवा जाई , बिड़ला लाई रे -हलवाई की बेटी भेरूजी , थारी सेवा आई रे -थारी सेवा आई , सिरनी लाई रे -सेपकरी बेटी भेरूजी थारी सेवा आई रे -थारी सेवा आई , गुड़गोकर लाई रे -काक मतवाला थें म्हारी नींद गमाई रे -नींद गमाई , सारी रैन जगाई -चावुकड़े चमकाई रे ।",malvi-mup -"इतल पीतल -इतळ पीतळ रो भर लाई बेवड़ो -रे झांझरिया मारा छैल -कोई कांख मेला टाबरिया री आन -मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये -सासू बोले छे म्‍हाने बोलणा -रे झांझरिया मारा छैल -कोई बाईसा देवे रे म्‍हाने गाल -मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये -आया बीरो सा म्‍हाने लेवा ने -रे झांझरिया मारा छैल -ज्‍यारी कांई कांई करूं मनवार -मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये -थारे मनाया देवन ना मानूं -रे झांझरिया मारा छैल -थारा बड़ोडा़ बीरोसा ने भेज -मैं जाऊं रे जाऊं रे पीहरिये -काळी पड़गी रे मन की कामळी -रे झांझरिया मारा छैल -म्‍हारा आलीजा पे म्‍हारो सांचो जीव -मैं जाऊं रे जाऊं रे सासरिये",rajasthani-raj +"दल रे बादल बिन चमक्यो तारे +दल रे बादल बिन चमक्यो तारे +कि सांझ पड़े पियु लागे प्यारे +कई रे जुवाब करूँ रसिया से +को रसियाजी तमखे किने बिलमाया +तो छोटी का जात बड़ी बिलमाय +बिछिया को रस अनवट लीनो +तो अनवट को रस रामचन्द्र लीनो +कई रे जुवाब करूँ रसिया से +जवाब करूँगी , सवाल करूँगी +केसरिया रा नैणां में रीझ रहूंगी +पातलिया रा नैणां में रीझ रहूंगी +केसरिया , पातलिया आदि पति के सम्बोधन हैं । ‘अनवट’ अँगूठे का गहना है । ‘रामचन्द्र’ पति का पर्याय है ।",malvi-mup +"लाल सूइ लाल डोरा, लाल दरजी बोलाइ के +लाल सूइ लाल डोरा , लाल दरजी बोलाइ1 के । +जुग जुग जियथी2 दुलहा दुलरइता दुलहा । +जिनकर जामा3 सिलामहिं4 ॥ 1 ॥ +लाल सूइ लाल डोरा , लाल दरजी बोलाइ के । +जुग जुग जियथिन दुलहिन दुलरइतिन दुलहिन । +जिनकर लहँगा सिलामहिं ॥ 2 ॥",magahi-mag +"बेटी के दादा सौदागर रे टोनमा +बेटी के दादा सौदागर रे टोनमा1 । +हथिया चढ़ल जोग2 बेचथी रे टोनमा ॥ 1 ॥ +बेटा के बाप भँडुहवा3 रे टोनमा । +गदहा चढ़ल जोग खरीदथी4 रे टोनमा ॥ 2 ॥ +चउका5 चढ़ल बेटी बिहँसथी रे टोनमा ॥ 3 ॥",magahi-mag +"तूँ आया है +बेली जित घर तेरा फेर होया , +ओह जल थल माटी ढेर होया , +तन राख उड्डी ताँ ढेर होया । +इशक मैत्थों आया है । +तूँ आया है , मैं पाया है । +जकड़ीए सिर कलवत्र दित्तो ई , +यूसफ हट्टो हट्ट विकेओ ई , +इबराहीम चिखा विच्च पाएओ ई । +ऐ कौण क्या लै आया है +तूँ आया है , मैं पाया है । +इकनाँ दे पोश लुहाईदा , +इक्क आरिआँ नाल चिराईदा , +इक्क सूली चाए दिवाईदा । +कर किस गल्ल दा सधराया है । +तूँ आया है , मैं पाया है । +बुल्ला सहु दे कारन करन कर , +तन भी एह मन आ हरन कर , +विच्च दिल दे लोहा मारन कर । +लोहार किन अटकाया है । +तूँ आया है , मैं पाया है ।",panjabi-pan +"हमसे खिंचत न गगरिया कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया +हमसे खिंचत न गगरिया कमर मोरी छल्ला मुन्���रिया +वोहि सासू मोरी जनम की बैरनि , +दुईदुई भरावें गगरिया , कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया +वोहि देवरा मोरे बचपन का साथी +काँधे टेकावै गगरिया मोरी छल्ला मुन्दरिया +अंटा चढ़े उइ सैयां जो देखैं , +कहैं इकइक उठावो गगरिया , कमर तोरी छल्ला मुन्दरिया +जो सैयां हमें इतना चाहत हो , +भोरै लगावौ कहरिया , कमर मोरी छल्ला मुन्दरिया",awadhi-awa +"मोरा बाँके दुलहवा चलल आवे +मोरा बाँके दुलहवा चलल1 आवे । +बिरदावन से गभरूआ2 चलल आवे ॥ 1 ॥ +जब गभरू आयल हमर नगरिया हे । +गहगह बाजन बजत आवे ॥ 2 ॥ +जब गभरू आयल हमर मँडउवा3 हे । +आजन बाजन गूंजन लागे ॥ 3 ॥ +जब गभरू आयल हमरो कोहबरिया हे । +बेला फूल मौरिया4 धमकन लागे ॥ 4 ॥ +काहाँ बितयलऽ5 गभरू आजु दुपहरिया हे । +कइसे कइसे गभरू चलल आवे ॥ 5 ॥ +हम तो बितीलूँ6 बाघे7 दुपहरिया हे । +तोहरे8 लोभे हम तो चलल आऊँ9 ॥ 6 ॥ +चलते चलते मोरा गोड़10 पिरायल11 हे । +हम तोहर बनल गुलाम आऊँ ॥ 7 ॥",magahi-mag +"582 +हीर जानबहक तसलीम1 होई उन्हां दफन कर खत लिखाया ई +वली गौस ते कुतब सब खतम होए मौत सच है रब्ब फरमाया ई +असां सबर कीता तुसां सबर करना हुकम इनाकामईलुन आया ई +कुला शैई खलाकुने इलाबजाहु हुकम विच कुरान दे आया ई +असां होर उमैद सी होर रोई खाली जा उमैद फरमाया ई +रजा कतइ टले ना कदी हरगिज लिख आदमी तुरत भजवाया ई +डेरा पुछ के धीदो जा वड़या खत रोए के हथ फड़ाया ई +हुन माजूल2 होयों तखत जिंदगी3 तों तैनूं हुकम तगइयर4 दा आया ई +मेरे माल नूं खैर है कासदा ओए आख कासनूं डुसकना लाया ई +तेरे माल नूं धाड़वी ओह पया जिस तों कदी नां किसे छुड़ाया ई +हीर मोई नूं अठवां पहर होया मैंनूं सयालां ने अज भजवाया ई +वारस शाह मियां गल ठीक जाणी तैथों कूच दा आदमी आया ई",panjabi-pan +"दुखिया-दीन गमइयाँ +हम हैं दुखियादीन गमइयाँ , +जिनकौ कोउ जगत में नइयाँ । +फिरैं ऊसई चटकाउत पनइयाँ , कहाबै अपढ़ा देहाती , +दो रोटन के लानें मारें रातदिना छाती । +तौऊ ना मिल पाबै , +न सुख सैं खा पाबै । +गइयनबछलन की सेवा कर हमनें धोई सारै , +दूधदही की सहरनिवासी मारैं मस्त बहारैं । +हम खुद समाँबसारा खात , +तुमैं गैहूँपिसिया दै जात । +नाँन भर बदले में लै जात , बनाबैं खुदई दियाबाती , +दिया लैं संजा कैं उजयार , नहीं तौ लेत नकरियाँ बार । +गुजर हम कर लइए , +लटीनौनी सइए । +तिलीकपास करै पैदा हम , तुमनें मील बना लए , +जब हम उन्ना लैबे आए , दो के बीस गिना लए । +बराई होय हमारे खेत , +और तुम सुगर मील कर लेत , +सक्कर कंटरौल सैं देत , बात कछु स���झ नहीं आती , +महुआ बीनबीन हम ल्यायँ , तुम्हारी डिसलरियाँ खुल जायें । +सदाँ श्रम हम करबै +तुमारे घर भरबै । +हम खुद रहैं झोपड़ी में और तुमखाँ महल बनाबै , +कैसौ देसकाल आओ , हम तौउ गमार कहाबैं । +अपनी दो रोटिन के हेत , +पेट हम अनगिनते भर देत , +हक्क न हम काहू कौ लेत , चोरी हमें नहीं भाती , +हम सें कोउ कछू कै जाय , तौउ हम माथौ देत नबाय । +अनख ना मन लेबैं , +मधुर उत्तर देबैं । +जो कछु मिलै ओइ मैं अपनी , गुजरबसर कर राबैं , +छोड़ पराई चुपरी , अपनी सूखी सुख सें खाबैं +हमैं ना कछू ईरखादोस , +हमैं है अपने पै सन्तोस , +और ना हम ईमानफरोस , भई सम्पत कीकी साथी , +रखत हैं मन में एक बिचार , बनैं ना हम भारत कौ भार , +चाहे सर कट जाबै , +चाहे जी कड़ जाबै । +तिली , कपास , अन्न , गन्ना , घी , लकड़ी , मिर्च मसाले , +पत्थर ईंट , चून , बाबूजी , देबैं गाँवन वाले । +जितै हम देत पसीना डार , +उतैबस जात नओ संसार । +सजै धरती माँ कौ सिंगार करै कउवा दूधाभाती । +सजें जब खेत और खरयान , उतै औतार लेत भगवान , +भूखज्वाला भागे , +नओ जीवन जागै । +देखौ बाबू जी , तुम मन सें , ओर हम तन सें काले , +इतने से अटन्तर पै तुम खाँ , हम देहाती साले , +परोसी कौ सुखदुख निज मान , +देत हम एक दूजे पै जान , +हमारें नइयाँ स्वार्थ प्रधान , सहर में को कीकौ साथी । +परोसी कौ मर जाबै बाप , रेडियो खोलें बैठे आप । +गरब जी कौ तुमखाँ । +बुरओ है ऊ हलखाँ । । +चहत चौंच भर नीर चिरइया , सागर कौ का करनै , +दो रोटी के बाद सुक्ख सैं , सतरी में जा परनै । +किबारे खले डरे रन देत , +जितै चाहौ मन , सो चल देत , +हमारी चोर बलइयाँ लेत , कछू ना चिन्ता मन राती । +सम्पत आउत में दुख देत , जात में तौ जीरा हर लेत , +अरे बाबा छोड़ी । +तुमारी तीजोड़ी । ।",bundeli-bns +"494 +अज किसे भाबी तेरे नाल कीती चार यार फड़े गुनहगारियां नूं +भाबी अज तेरे नाल ओह बनी दुध हथ लगा दुधा धारियां नूं +तेरे नैनां दियां नोकां दे खत बने वाढी मिलदीयां है जिवें कटारियां नूं +हुकम होर दा होर अज हो गया अज मिली पंजाब कंधारियां नूं +तेरे जोबन दा रंग किस लुट्ट लया हनुमान जियो लंक उतारयां नूं +हथ लग गई सैं किसे यार ताईं जियों कसतूरी दे भाओ बपारियां नूं +तेरी त्रकड़ी दियां कसां ढिलियां ने किसे तोलिया लौंग सपारियां नूं +चूड़े बिड़े ते हार शिंगार टुटे ठोकर लग गई मिना कारियां नूं +वारस शाह जिन्हां मलें अतर शिशें उन्हां की करना फौजदारियां नूं",panjabi-pan +"जिद्दिन लाडो तेरा जनम हुआ +जिद्दिन लाडो तेरा ��नम हुआ है जनम हुआ है +हुई है बजर की रात +पहरे वाले लाडो सो गए लग गए चन्दन किवाड़ +टूटे खटोले तेरी अम्मा वो पौढ़े बाबल गहर गम्भीर +गुड़ की पात तेरी अम्मा वह पीवै टका भी खरचा न जाय +सौ सठ दिवले बिटिया बाल धरे हैं तो भी गहन अंधेर +जिस दिन लल्ला तेरा जनम हुआ है हुई है स्वर्ण की रात +सूतो के पलंग लल्ला अम्मा भी पौढ़े सुरभि का घृत मंगाय +बूरे की पात तेरी अम्मा तो पीवै बाबल लुटावै दाम +एक दिवला रे लल्ला बाल धरा है चारों ही खूंट उजाला +जिद्दिन लल्ला तेरा जन्म हुआ है हुई स्वर्ण की रात",haryanvi-bgc +"आमा उरान चौडी डो इयां कोन्जई +आमा उरान चौडी डो इयां कोन्जई +आमा उरान चौडी डो इयां कोन्जई +दूसरा उरान बाने डो इयां कोन्जई +दूसरा उरान बाने डो इयां कोन्जई +सैताना उरान माडी ना बसायो मारी बेटी +सैताना उरान माडी ना बसायो मारी बेटी +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"गोखड़ा ऊपर गोखड़ो, जां मेंदी को झाड़ +गोखड़ा ऊपर गोखड़ो , जां मंेदी को झाड़ +हो मेंदी म्हें बोई हो राज +छोटो देवर लाड़लो +वो मेंदी को रखवाल +हो मेंदी म्हें बोई हो राज +नानी नणदल लाड़ली +वां मेंदी चूंटन जाय +लसरलसर मेंदी बाटूं +झबियां झोला खाय +देवर की राची चीटी आँग की +भावज रा दोई हाथ +मेंदी लगाया पाणी चली +सामे मिल्या नाय +हँस्या था , पण बोल्या नी +मन में राख्यो दाव +बेड़ो लाई परंडी मेल्यो +घर मे मची रार +धम धमा धम होणे लाग्यो +छोरो पाड़े चीख +छोरा की टूटी टांगड़ी +छोरी को कचड़घाण +पाड़पड़ोसण बेनली , म्हारो छोरो छानो राख +मैं कई राखूं , बेनूली , घरघर मची रार +म्हारी सासू ने यूं कयो , बऊ पोल में दीवो मेलजे +हूँ भोली ने यूँ सुण्यो , बऊ सोड़ में दीवो मेलजे +सोड़ बले , सासू बले , म्हारो हियो हिलोड़ा लेय +म्हारी सासू ने यूं कयो , बऊ भैस खे कुंडो मेलजे +हूँ भोली ने यूँ सुण्यो , बऊ जेठ खे कुंडो मेलजे +गोखड़ा ऊपर गोखड़ा , जेपे कालो नाग +खाई थी , पण बच गई , परण्या थारा भाग",malvi-mup +"मुझ सेवक की लाज राख +मुझ सेवक की लाज राख जगदम्बा बेरी आली हे +मात संत हितकारी करी तन्नै सिंह सवारी हे +मात सदा तेरे पै छत्र सुवर्ण साजै +नगरकोट तज मेले के दिन बेरी आन बिराजै",haryanvi-bgc +"513 +जाय मंजयों उठ के किवे तिलके हीर पैर हलायक चुसत होवे +वांग रोगियों रात दिनरह ढठी किव हीर बीबी तंदरूसत होवे +एह वडा अजाब1 हैं मापयां नूं नुंह धी बूहे उते सुसत होवे +वारस शाह मियां क्यों ना हीर बोले सहती जेहियां दी जिन्ह��ं नु पुशत2 होवे",panjabi-pan +"कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ +कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ +मालिक मेरे ने बाग लुआया , +खूब खिलीं कलिएँ +कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ +मौतमलिन फिरै बाग मैं , +हात लई डलिए +कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ +कचे पाकाँ की सैर नै जानी , +तोड़ रई कलिएँ +कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ +भावार्थ +' जीवन की इन गलियों में कुछ दिन और बिता ले , रे जीव मालिक ने यह बाग लगाया है , ख़ूब कलियाँ +खिली हैं इस बाग में । कुछ और दिन जी ले । अपने हाथ में टोकरी लिए मौत रूपी मालिन इस बाग में घूम रही +है । जीवन , बस , कुछ ही दिन और शेष है । वह मौत रूपी मालिन कच्चे और पक्के में कोई भेद नहीं करती , +खिली और अधखिली कली का अन्तर उसे पता नहीं है , वह तो वे सब कलियाँ तोड़ लेती है , जो उसके हाथ लगती +हैं । कुछ और दिन घूम ले तू इन गलियों में , ओ जीव '",haryanvi-bgc +"मगन मन डोले रे जय अम्बे बोले +मगन मन डोले रे जय अम्बे बोले +तो पर भैया जाऊं बलिहारी +देखत रूप सलोने । मगन मन . . . +जगमत जलती ज्योति तुम्हारी +घनघन घंटा बोले । मगन मन . . . +देख रहे तोह सब नर नारी +एकटक अंखिया खोले । मगन मन . . .",bundeli-bns +"आया तीजां का त्योहार +आया तीजां का त्योहार +आज मेरा बीरा आवैगा +सामण में बादल छाए +सखियां नै झुले पाए +मैं कर लूं मौज बहार +आज मेरा बीराा आवैगा +आया तीजां का त्योहार +आज मेरा बीरा आवैगा +मेरे मन में चाव घणा सै +क्या सुंदर समै बणा सै +मन्नै कर द्यो तुरत तैयार +आज मेरा बीरा आवैगा +आया तीजां का त्योहार +आज मेरा बीरा आवैगा",haryanvi-bgc +"रखडी ऊपर रखडी जाण +रखडी ऊपर रखडी जाण +आगे बोरलो +जाण आगे बोरलो +आगाँ सरको जी पंडत का +बेटा भरवा द्यो चरी +आगाँ सरको जी ज्योश्याँ +रा बेटा भरवा द्यो चरी",rajasthani-raj +"331 +इस पद्य में वारिस शाह अलगअलग पीरों गुरुओं के नाम बताता है और उन फिरकों तथा जातों के जिनको इन पीरों गुरुओं की ओट है । +महांदेव तों जोग दा पंथ बनया देवदत गुरु सन्यासियां दा +रामा नंद तों सभ वैराग होया श्री चंदहै गुरु सन्यासियां दा +ब्रह्म ब्राह्मनां दा राम हिंदुआं दा अते विशन महेश सभरासियां दा +सुथरा सुथरयां दा नानक उदासियां दा शाह मखण है मुंडे उपासियां दा +हजरत यद जलाल जलालियां दा ते अवीसकरनी खुले कासियां दा +जिवें शाह मदार मदारियां दा ते नसार अनसारियां तासिया दा +है विशश्टि वैराग वैरागियां दा श्री कृष्ण भगवान उभासियां दा +हाजी नौशहु जिवें नौशाहियां दा अते भगत कबीर जुलासियां दा +दसतगीर दा स���लसिला कादरी है अते फरीद है चिस्त अभासियां दा +शेख ठीहर है पीर जो मोचियां दा लुकमान लुहार तरखासियां दा +नामदेव गुरु सभ छींबियां दा शाह शमस सुनयारियां चासियां दा +खवाजा खिजर है पीर मुहानयां दा नकशबंद मुगलां चुगतासियां दा +राजा नल है गुरु अवारियां दा समस पीर सुनयारयां हासियां दा +हज़रत वलद आदम जुलाहयां दा शैतान समस तबरेज खुजासियां दा +सुलेमान पारस पीर नाइयां दा अली रगरेज लीलार दजासियां दा +इशक पीर है आशकां सारयां दा भुख पर है मसतयां हाथियां दा +सोटा पीर है विगड़यां तिगड़ियां दा दाउद पीर है जरा नवासियां दा +हसू तेली है पीर जो तेलियां दा सुलेमान है जिन्न भुतासियां दा +वारस शाह ज्यों राम है हिंदुआं दा ते रहमान है मोमनां खासियां दा",panjabi-pan +"कृष्ण हारा हइलाम गो (भाटियाली) +कृष्ण हारा हइलाम गो , +कृष्ण हारा हइया कान्दछि गो वने निशि दिने +ओ गो , आमार मत दीन दुःखिनी , +के आछे आर वृन्दावने । । +सखी गो , यार ये ज्वाला सेइ जाने +अन्य कि आर जाने +आमार अरण्ये रोदन करा , +कार काछे कइ , केवा शोने । । +सखी गो , नयन दिलाम रूपे नेहारे +प्राण दिलाम तार सने । +ओ गो , देह दिलाम , अंगे वसन , +मन दिलाम तार श्रीचरणे । । +सखी गो , कृष्ण सून्य देह गो आमार , +काज कि ए जीवने । +अधीन कालाचाँद , कय , +राइ मरिल श्याम बिहने । ।",bengali-ben +"बाबा के दुलरुआ कवन बाबू हे +बाबा के दुलरुआ कवन बाबू हे । +बन बीचे महल उठाइ माँगय हे ॥ 1 ॥ +बन बीचे महल सजाइ माँगय हे । +महल बीचे जंगला1 कटाइ माँगय हे ॥ 2 ॥ +महल बीचे सेजिया डसाइ माँगय हे । +सासु जी के बेटिया सोलाइ2 माँगय हे ॥ 3 ॥ +हंसराज3 घोड़ा दहेज माँगय हे । +दुलरुआ सरवा4 खवास5 माँगय हे ॥ 4 ॥ +छोटकी सरिया6 लोकदिनियाँ7 माँगय हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"पार्वती के पुत्र गजानन पलना झूल रहे +पार्वती के पुत्र गजानन पलना झूल रहे । +कौन महीना तेरो जनम भयो हैं , +कौने नाम धरायो । गजानन . . . +पार्वती के पुत्र गजानन पलना झूले रहे । +भर भादों में जनम भयो गणपति नाम धराओ । +गजानन . . . +को जो झूले को जो झुलावें +को जो बलैया लेय । गजानन . . . +गणपति झूले गौरा झुलावें +शम्भु बलैयां लेय । गजानन . . . +पार्वती के पुत्र गजानन पलना झूल रहे ।",bundeli-bns +"आमानी माय केन लीला साडी +आमानी माय केन लीला साडी +आमानी माय केन लीला साडी +ऐ बेरे जा राजा +ऐ बेरे जा राजा +शेर बाजारे घुमीया रे +शेर बाजारे घुमीया रे +इयानी मायकेन पाप मांडी मंडिकेन्डो रानी +इयानी मायकेन पाप मांडी मंडिक���न्डो रानी +शेर बाजार घुमायो रे +शेर बाजार घुमायो रे +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"20 +सिधा हो रोटियां खा जटा अतां कास नूं एडीयां चाइयां1 नी +घर बाहर वसार खवार2 होइयां झोकां प्रेम दीयां जिहना नूं लाइयां नी +जुलफां कालियां कुंडियां नाग काले जोकां हिक ते आन बहाइयां नी +वारस शाह एह जिहनां दा चंद देवर घोल घतिआं सभ भरजाइयां नी",panjabi-pan +"520 +दंद मीट घसीट के हड गोडेरो रो करे जारी बुरे हीलियां नी +नक चाढ़ दंदीकड़ा1 वट रोवे कढ अखियां नीलियां पीलियां नी +थराथर कवे आखे मोई लोको कोई करे झाड़ा बुरे हीलियां नी +मेरे लिंग ते पैर बेसुरत होई पाव जीवने काज2 कलीलियां3 नी +वारस शाह शतूंगड़े हथ जोड़न सहती गुरु ते असीं सब चेलियां नी",panjabi-pan +"573 +इस पद्य में इंद्र की बहुत सारी पुरियों के नाम हैं +जिवें इंदर ते कहर दी नजर करके महखासरो पुरी लुटवाया ई +सुरग पुरी अमरापुरी इंद्रपुरी देवपुरी मख वासते लाया ई +कहर घती जे भदरका मारयो ई चंड मुंड सभ भसम कराया ई +रकत बीज महखासरों लाह सुटे परचंड कर पलक विच आया ई +ओह कोप करी जेहड़ा पया रावन रामचंद तों लंक लुटवाया ई +ओह कोप करी जेहड़ा पांडवां तों कुरक्षेत्र दे विच करवाया ई +द्रोपदी चाड़ जो लायक भील भीखम जेहड़ा कौरवां दे गल पाया ई +करोध घतके जोय हरनाकशे ते नाल नखा दे ढिड पढ़वाया ई +घत करो जो द्रोपदी नाल होई वेद नाल पुरान बचाया ई +घत करोप जो राम नाल नील लछमन कंभकरन ते बाब कराया ई +घत करोप जिउ सीता मारिच मारयो महांदेव दा कुंड काप भनाया ई +घत करोप करी जेहड़ा सिरा इतनायां दे चिखा बूहे दे विच कराया ई +एसदा आखना रब्ब मनजूर कीता तुरत ाहर नूं अग लगाया ई +वारस शाह मियां वांग शहर लंका चारों तरफ ही अग मचाया ई",panjabi-pan +"230 +मीएं रांझे मुलां नूं जा कहया चिठी लिखो जा सजनां प्यारयां नूं +तुसां सौहरे जा अराम कीता असीं ढोए हां सूल अगयारयां नूं +अग भड़क के जिमीं असमान साड़े चा लिखया जे दुखां सारयां नूं +मैंथों ठग के महीं चरा लइयां रन्नां सच ते तोड़दियां तारयां नूं +गिला वेखो जयों यार ने लिखया ए सजन लिखदे जिवें प्यारयां नूं +वारस शाह ना रब्ब बिना तांघ काई किवें जितीए पासयां हारयां नूं",panjabi-pan +"ऊँची ए मड़वा छरइह दुलरइते बाबा +ऊँची ए मड़वा छरइह1 दुलरइते2 बाबा । +ऊँची होतो3 नाम तोहार हे ॥ 1 ॥ +झारी4 गलइचा5 बिछइह6 दुलरइते भइया । +ऊँची होतो नाम तोहार हे ॥ 2 ॥ +धरती में नजर खिरइह7 दुलरइते बर । +देखतो नग��ी के लोग हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"राजा दशरथ के चारो लाल दिन-दिन प्यारे लगे +राजा दशरथ के चारों लाल दिनदिन प्यारे लगें +अंगना में खेलें चारों भैया , +चलत घुटरुअन चाल , दिनदिन प्यारे लगे । राजा . . . +खुशी भई है तीनऊ मैया । +दशरथ खुशी अपार , दिनदिन प्यारे लगे । राजा . . . +गुरू की दीक्षा लेके उनने +मारे निशाचर तमाम , दिन दिन प्यारे लगें । राजा . . . +स्वयंबर भयो जनक नगर में +ब्याहे चारोंभाई , दिनदिन प्यारे लगें । राजा . . . +ब्याह के आये अवध नगर खों +खुशी भये नर नारि , दिनदिन प्यारे लगें । राजा . . .",bundeli-bns +"हे राजा राणी चले बनबास बड़ तले ला लिया डेरा +हे राजा राणी चले बनबास बड़ तले ला लिया डेरा +हे राणी सो गई चुंदड़ी तान सरप ने दे लिया घेरा +हे री मैं पल्ला उघाड़ जरा देखूं अंखियां खोलदी कोन्यां +हे री मैं ने मुख से करी दो बात मुखड़े सै बोलदी कोन्या +हे री मैं ने पहुंचे से पकड्या हात नाड़ी तो उस की चालदी कोन्यां +हे री वो रोया बड़ के लाग मेरे तो मां बाप बी कोन्यां +हे री वो रोया नदियां बीच मेरे तो एक लाल बी कोन्यां +ए रे कटवा दूं चन्दन रूख अड़ै तो कोई रूख बी कोन्यां +ए रे चिणवा दूं चिता के बीच मेरे तो कोई गैल बी कोन्यां +ए रे मनै ढूंढी सारी बिलात इसा तो कोई फूल बी कोन्यां",haryanvi-bgc +"आल्हा ऊदल +पानी पीयो मद पीयों भौजी अन गौ के माँस +तब ललकार सोनवा बोलल मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओं +फगुआ खेलावह मोर देवर के इन्ह के फगुआ देह खेलाय +घौरै अबिरवा सिब मंदिर में +केऊ तो मारे हुतका से केऊ रुदल के मैसे गाल +भरल घैलवा है काँदो के देहन पर देल गिराय +धोती भीं जल लरमी के पटुका भींजल बदामी वाल +मोंती चूर के डुपटा है कीचर में गैल लोटाय +बोले राजा बघ रुदल बाबू डेबा सुनी बात हमार +रण्डी के चाकर हम ना लागीं तिरिया में रहों लुभाय +भैं तो चाकर लोहा के सीता राम करे सो होय +बीड़ा मँगावल पनवाँ के भर भर सीसा देल पिलाय +पढि पढि मारे लौंड़ी के टिकुली टूक टूक उड़ जाय +भागल लौंड़ी है सोनवा के लौंड़ी जीव ले गैल पराय +लागल कचहरी इंदरमन के बँगला बड़े बड़े बबुआन +ओहि समन्तर लौंड़ी पहुँचल इंदरमन अरजी मान हमार +आइल रजा है बघ रुदल के डोला घिरावल बाय +माँग बिअहवा सोनवा के बरियारी से माँगै बियाह +है किछू बूता जाँघन में सोनवा के लावव छोड़ाव +मन मन झड़खे रजा इंदरमन बाबू मन मन करे गुनान +बेर बेर बरजों सोनवा के बहिनी कहल नव मानल मोर",bhojpuri-bho +"संग चलूँगी उड़ने जहाज में +वारे लाँग���रिया संग चलूँगी उड़ने जहाज में , +कोई बैठूँ ना मोटर कार ॥ टेक ॥ +वारे लाँगुरिया वा दिन गयौ तू भूलिकै , +कोई लिख2 भेजे तैंने तार ॥ 2 ॥ +वारे लाँगुरिया अब न आऊँ तेरे फन्दे में , +कोई लीजो सोच विचार ॥ 3 ॥ +वारे लाँगुरिया वायदे तिहारे झूठे पड़ि रहे , +अब है गई हूँ मैं हुशियार ॥ 4 ॥ +वारे लाँगुरिया ‘प्रभु’ तौ बिठावै उड़ने जाहज में , +वोई बेड़ा लगावे पल्लीपार ॥ 5 ॥",braj-bra +"बाबा के अँगना लवँग केर गछिया +बाबा के अँगना लवँग केर गछिया1 । +फूल चुअए2 चारो कोना , रे मेरो टोना ॥ 1 ॥ +फूल चुन चुन तबीज3 बनैलों4 । +बान्हू5 दुलरइता दुलहा बाजू6 रे मेरो टोना ॥ 2 ॥",magahi-mag +"129 +सड़े लेख साडे लज पई तैनूं वडी सोहणी देही नूं लीक लगी +नित करें यारी नित करें तोबा नित करें पखंड ते नित ठगी +असीं मन्हा कर रहे हां मुड़े नाहीं तैनूं किसे फकीर दी कही वगी +वारस शह खंड ते दुध खांदी मारी फिटक दी गई जे हो वगी",panjabi-pan +"हे मेरे नौकर गए भरतार +हे मेरे नौकर गये भरतार मिरा जी लागता कोन्या +ऊं नै खत गैर्या ना तार रपिये भेजता कोन्या +डाई का गैर्या तार तार नै हे बांचता कोन्या +हे वो आया महल के बीच महल में च्यान्दणां कोन्या +ऊं नै देख्या पल्ला ऊघाड़ के आंखियां खोलती कोन्या +पौंचे तै पकड्या हाथ के नाड़ी चालती कोन्या +बुलवा द्यूं बैद भतेरे आड़ै को बैद बी कोन्या +हे वो रोया बड़ के लाग मेरे मांबाप बी कोन्या +फिर आया रै च्यारूं कूंट तेरे रे केस्सी की हूर बी कोन्या",haryanvi-bgc +"होरी कौ खिलार +होरी कौ खिलार , सारी चूंदर डारी फार ॥ टेक +मोतिन माल गले सों तोरी , लँहगा फरिया रंग में बोरी । +कुमकुम मूँठा मारे मार ॥ होरी कौ . +ऐसौ निडर ढीठ बनवारी , तक मारत नैनन पिचकारी , +कर सों घूँघटपट देत टार ॥ होरी कौ +राह चलत में बोली मारै , चितवन सौं घायल कर डारे ॥ +ग्वालबाल संग लिये पिचकार ॥ होरी कौ . +भरिभरि झोर अबीर उड़ावै , केशर कीच कुचहिं लगावै । +या ऊधम सों हम गईं हार ॥ होरी कौ . +ननद सुने घर देवै गारी , ऐसे निलज्ज भये गिरधारी ॥ +विनय करत कर जोर तुम्हार ॥ होरी कौ . +जब सों हम ब्रज में हैं आई , ऐसी होरी नाहिं खिलाई । +दुलरौ तिलरो तौरौ हार ॥ होरी कौ . +कसकत आँख गुलाल है डाला , बड़े घरन की हम ब्रजबाला । +तुम ठहरे ग्वारिया गँवार ॥ होरी कौ . +ऐसौ ऊधम तुम नित ठानौ , लाख कहैं पर एक न मानों , +बलिहारी हम ब्रज की नार ॥ होरी कौ . +धनिधनि होरी के मतवारे , प्रेमिनभक्तन प्रान पियारे । +‘अवधबिहारी’ चरन चित धार ॥ होरी कौ .",braj-bra +"राजा पतले रे राजा पतले रे +राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर । +सिखर धपैरी मत आइयो रे बालमा जागे रे ननद अर सास । +राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर । +सई सांझ मत आइयो रे बालमा जागे रे गली का पहरेदार । +आधी रात चले आइयो रे बालमा सोवै ननद अर सास । +राजा पतले रे राजा पतले रे जिसे पतंग में डोर ।",haryanvi-bgc +"मेरी बिचारी +बालापन1 से ही मिन2 गैल्या3 , सदा दुख का दीन बितैने , +खोटीखारी4 लोखू5 की सुणिने , इथैंउथैं6 की ठोकर खैने । +हूँद7 कंपिकी कटीने रात , रूड़ो8 डाल्यूँ9 का छैल10 बितैने , +वर्षा ऋतु मा दिवरों उनाये , कई एक चिन्ता तब ऐने । +2 . +कभी कबड्डी गिलिडंडा ही , खेलिखेलिकी दीन गँवैने , +पढ़िलिखि छौं फिर कविता कैने , ओरपोर11 का ध्यान मिटैने । +इना मयाल्दू12 त्वै ये की भी , द्वी छूवी13 त्वैमा कभि नि लगैने , +अपणा दुख का दुखड़ा सुणैकी , रोज त्यारा भी आँसू बगैने । +3 . +कभी खूब सी आँगड़ी14 चदरी , धोती मैं त्वै कुनी ल्हायो , +मेरा मोर15 तिन अरो बिचारी , कभी पेट भरि खाणु नि खायो । +हँसुलीधगुली16 दूर रई पर , एक सूत भी मिन17 नि गढ़ायो18 , +त्यरा19 नाक को मुरखलु20 तक भी , पापी पेट की भेंट चढ़ायो । +4 . +लाईंपैरीं21 देखि बिराणी22 , कभी त्वै कु तैं डाह नि आयो , +अलाणि23 चीज ल्हाँ , फलाणि24 ल्हाँ , बोलकि मेरो ज्यू25 नि जलायो । +जाणदू छौं मैं कभी एक दिन भी , त्वै सन सुख नि दे पायो , +किन्तु त्वै सनै रत्ती भर भी , पछतावा याँ को नि आयो । +5 . +ऐ26 छौ त्वै सन सुखी करण को , मैं मु27 जब कुछ समय बिचारी , +हाय विधाता निष्ठुर त्वै सन , छिनण लग्यूँ छ मैं से प्यारी । +चोट लगैकी भारी मन पर , जाणी छै तू अरी अगाड़ी28 , +जै29 ले , कखी जग्वाली30 मैं सन , औलो मैं भी त्यरा पिछाड़ो31 ।",garhwali-gbm +"110 +एहदी वढ लुडके1 कोह जुंडयां नू गल घुट के डूंघड़े बोड़िये नी +सिर भन्न सू नाल मधानियां दे ढूही2 नाल खड़ताल3 तोड़िये नी +एहदा दातरी चाल चा ढिड पाड़ो सूई अखियां दे विच पोड़ये नी +वारस चाक तों एह ना मुड़े मूलों असीं रहे बहुतेरड़ा होड़िये नी",panjabi-pan +"बागां मांय रा लिम्बूड़ा तो नई नमे +बागां मांय रा लिम्बूड़ा तो नई नमे +नमे उनकी फलां भर डाळ +अमर बधावो समरथ बीर को +फलाणा राय तो नई नमे +नमे उनकी पागड़ली रा पेंच +जोड़ा बऊ तो नई नमें +नमें उनकी चूड़ा भरी बांव +अमर बधावो समरथ बीर को ।",malvi-mup +"सैयां बहिंया न गहो +सैयां बहिंया न गहो गलि गलियारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ टेक ॥ +गलि गलियारे शर्म लगत है , +गलि गलिय���रे शर्म लगति है , +ले चलि महल अटारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ १ ॥ +डेल डिलारे कसक लगति है , +डेल डिलारे कसक लगति है , +ले चलि खेत खितारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ २ ॥ +नदी के भीतर ऊब लगति है , +नदी के भीतर ऊब लगति है , +ले चलि नदी किनारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ ३ ॥ +काल कर्मगति संग चलति है , +काल कर्म गति संग चलति है , +ले चलि गुरु सहारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ ४ ॥ +उपरोक्त भाग भदावर क्षेत्र में होली के दहन के बाद में गाया जाने वाला गीत है , इस फ़ाग को गाने के तोड में पहले शरीर रूपी सुन्दरी अपने प्रीतम ईश्वर से कहती है , कि मुझे गलियों में भक्ति करने के लिये मत कहो , गलियों में भक्ति करते हुये मुझे शर्म आती है , दूसरी पंक्ति में कहा है कि जंगल बीहड और पत्थरों में जाकर मुझे भक्ति करने को मत कहो , वहां पर मुझे भूख प्यास और शरीर में सर्दी गर्मी बरसात की चोट लगती है , एक विस्तृत क्षेत्र में ले कर चलो , जहां मै मौज से भक्ति कर सकूं , तीसरी पंक्ति में नदी रूपी संगति जो लगातार आगे से आगे चली जा रही हो , उसके साथ मुझे मत जोडो उसके साथ चलने में मुझे दूसरी प्रकार की भक्ति सम्बन्धी बातें उबाती है , मुझे समझ में नहीं आती है , इसलिये किसी एकान्त किनारे पर लेकर चलो , चौथी पंक्ति में कहा है कि सबके साथ नही चलने पर किया भी क्या जा सकता है , समय जो करवाता है , उसे करना पडता है , पीछे जो हम करके आये है , उसका भुगतान तो लेना ही पडेगा , इन सबके बाद जो जीवन की गति मिली है , उसके अनुसार चलना तो पडेगा ही , इसलिये किसी गुरु की शरण में लेकर चलो , जिससे भक्ति करने का उद्देश्य तो गुरु के द्वारा समझने को मिले . +रचयिता रामेन्द्र सिंह भदौरिया ज्योतिषाचार्य ३७ पंचवटी कालोनी जयपुर ३०२००६ +. . .",bhadrawahi-bhd +"विदाई गीत +पांच डांडानी तारी झोपड़ी वो लाड़ी । +एक इटड़ी नो तारो भीतड़ी वो लाड़ी । +पांच डांडानी तारी झोपड़ी वो लाड़ी । +एक सड़का नो तारो नीपणो वो लाड़ी , +पांच डांडानी तारी झोपड़ी वो लाड़ी । +दुल्हन अपने पिता के घर से जब विदा होती है , तब वर पक्ष की महिलाएँ ये गीत गाती हैं लाड़ी से कहा है कि तेरा घर पाँच डाण्डे का है अर्थात् बहुत छोटा है । एक ईंट की दीवार है । घर में जगह कम है एक बार में झाड़ू लग जाती है ।",bhili-bhb +"419 +हीर आखया एह चवाई1 केहा ठूठा भन्न फकीर नूं मारना की +जिन्हां इक अलाह दा आसरा ए उनां फकां दे नाल काहढ़ना की +जेहड़े क���्न पड़ा फकीर होए भला ओहनां दा पड़तना2 पाड़ना की +थोड़ी गल दा बहुत वधान करके सौरे कम्म नूं चा वगाड़ना की +मरे बूहे ते फकर नूं गारया ई वसदे घरां तूं चा उजाड़ना की",panjabi-pan +"अंगिका फेकड़ा +लुक्खी बनरिया दालभात खो +सैंया बोलैलकौ पटना जो । +सुनरी जैती धरमपुर हाट +माय लेॅ साड़ी , बहिनी लेॅ चोली +पीसी लेॅ रतनारी साड़ी +वियोग मरेॅ नूनू के चाची +रहोॅरहोॅ चाची , धीरज बान्होॅ छाती +तोहरा देभौं चाची गुड़ोॅ के चक्की । +हा हुस रे सुगना । +तोहरा मचान पर के छौ ? +भैया छै , भौजी छै । +की करै छौ ? +कोठी पारी बैठली छै । +भैया मारै भौजी केॅ +भौजी रूसल जाय छै +घुरोॅ हे भौजी घुरोॅघुरोॅॅ +पहिनोॅ लुंगा नया पटोर +तोरोॅ भैया बड़ा कठोर । +चान मामू , चान मामू कचिया दे +कचिया कुटबाय लेॅ । +सेहो कचिया कथी लेॅ ? +घसवा गढ़ावै लेॅ । +सेहो घसवा कथी लेॅ ? +बैलवा खिलावै लेॅ । +सेहो गोबर कथी लेॅ ? +ऐंगना निपावै लेॅ । +सेहो ऐंगनां कथी लेॅ ? +गेहूँमा सुखावै लेॅ । +सेहो गेहुमा कथी लेॅ ? +पुड़िया छकावै लेॅ । +सेहो पुड़िया कथी लेॅ ? +नूनू केॅ जिम्हावै लेॅ । +बाबू हो भैया हो +सुगां फोकै छौं धान हो +केॅ मोॅन ? +बीस मोॅन । +बीसू राय के बेटवा +लाला पगड़िया मथवा +भैया ऐलै घोड़ी पर +भौजी ऐलै खड़खड़िया पर +टुनटुनमा ऐलै छितनी पर +भैया केॅ देलियै लोटबे पानी +भौजी केॅ देलियै कटोरबे पानी +टुनटुनमा केॅ देलियै चुकुड़बे पानी +भैया सुतलै सीरा घोॅर +भौजी सुतलै भनसा घोॅर +टुनटुनमा सुतलै चुलही पिछुआड़ ।",angika-anp +"नर नारी की हो गई इक दिन +नर नारी की हो गई इक दिन आपस में लड़ाई +मो ते झगड़ा करके पिया सुख नहीं सोवगे । +चाकी भी चलावै जेघर धर के पानी ढोवेगो +जा लखन ते न खालेगी सिकी ते सिकाई +नर नारी की . . . +चुपकी रह बेहुद्दी ज्यादा बात न बनावै +मो बिन जी के न गोदी में छोरा खिलावै +पीर में रह लेती क्यों करवाया ब्याह सगाई +नर नारी की . . . +जै कहीं हो तकरार ले तूं लाठी का सहारो +धोती कमीज बिन रह जायेंगो उधारो +चाकी में आटे की हो जाये लहमा में पिसाई +नर नारी की . . . +हाथिन में हथफूल तेरो सोभा है बदन की +फेर भी बुराईदारी करे मरदन की +बे अंजन की रेल ठाडी चले न चलाई +नर नारी की . . .",haryanvi-bgc +"मिली जुली गावे के बधैया, बधैया गाव सोहर हो +मिली जुली गावे के बधइया , बधइया गाव सोहर हो +आज क्रिशन के होइहे जनमवा , जगत गाई सोहर हो ॥ +नन्द बाबा देवे धेनू गैया लुटावे धन यशोदा मैया हो +यहवा घर घर बाजता बधैया , महलिया उठे ��ोहर हो ॥",bhojpuri-bho +"राधा चली गई मेले +राधा चली गई मेले +स्याम जी रह गए अकेले +इस मेले में के के बिकत है +नींबू नुरंगी केले +स्याम जी रह गये अकेले +तात्ता सा पाणी साबण की टिकिआ +न्हा कै नुहा कै चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +राधा चली गई मेले +स्याम जी रह गए अकेले +तात्ती सी पूरी अर गुलदाणा +खा कै खिला कै चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +राधा चली गई मेले +दमड़ी के तीन पान बीड़ा लगाया +चाव कै चबा कै चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +सीसै की बोतल मीनैं का प्याला +पी के पिला के चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +राधा चली गई मेले +फूलों की सेज मोती झालर के तकिए +सो कै सुला कै चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +इस मेले में के के बिकत है +नींबू नुरंगी केले +स्याम जी रह गए अकेले",haryanvi-bgc +"हे री सखी सावन मास घिरण लाग्यो +हे री सखी सावन मास घिरण लाग्यो +ननदी ऐसा खत लिखवा दो मेरे प्रीतम को बुलवा दो +भाभी मेरा बीर नहीं आवै वो तो पहुंचा ज़िला मुलतान में +ननदी अपने बाबल ने कहदे मन्ने अपने घर घलवा दे +मेरी माता खुसी मनावे आ गई मरवण आज +बेटी तेरी साथ की झूलें तुम भी झूलो चम्पा बाग में +एरी सब सखियां हार सिंगारै हमते तारें हार सिंगार नै +एरी मेरे बांई हाथ को कांगणी ले गया काग उठाय के +आने पटकी ज़िला मुलतान में तित बैठा नर सुलतान जी +आइयो री मेरी कांगणी किस विध आई मेरे पास री +ऐसी सब सखियां झूला झूलें आई ना कुंवर निहालदे +उसका मां बाप सब रोया उसकी रावै छोटी बाहण जी +परितम भले वक्त पर आये सिर के केस जलन नहीं पाये +हाथ की मैहंदी छूटण नहीं पाई माथे की बिंदी छूटन नहीं पाई +रह गई कुंवर निहाल दे",haryanvi-bgc +"मीट्ठी तो कर दे री मोस्सी कोथली +मीठी तो कर दे मेरी मां कोथली जांगा बाहण कै री देस +मीहां नै झड़ ला दिए +क्यूँ कर जागा रे बेटा बाहण के देस आगे रे नदी ए खाय +सिर पै तो धर ल्यूँ मेरी मां कोथली छम दे सी मारूंगा छाल +मीहां नै झड़ ला दिए +आगै तो बैठी बाहण पा गई कह बीरा घर की रै बात +मीहां नै झड़ ला दिए +अम्मा बी राजी बाबल बी राजी बीरा तो आया लणिहार +मीहां नै झड़ ला दिए +तीजां का आया त्यौहार मौसी री बेबे घल दे +मीहां नै झड़ ला दिए +तीजां का आया सै त्यौहार लाडो तो घर नै आ गई +मीहां नै झड़ ला दिए",haryanvi-bgc +"पांच बधावा म्हारे आविया +पांच बधावा म्हारे आविया +पांचों री नवीनवी भांत +घड़ा मारूजी पेलो बधावो कांकड़े आवियो +कांकड़िया रे म्हारा खेतघणा घड़ामारू +धंवला तो धोरी म्हारयां हल बावे +दूसरो बधावो बागां में आवियो +नारेलांरी लागी लटालूम +दाखचारोल्यां म्हारायां बहुफले +तीसरो बधावो ड्योढ़ी पे आवियो +हस्ती झूले छे दरबार घड़ा मारूजी +बांदिया लखेना तेजन जौ चरे +चौथो बधावो रसोई में आवियो +जीमे म्हारा आलीसा रो सांत +घीव कचोले , दूद वाटके +पांचवों बधावो ओवरी में आवियो +सायधन जायो छे पूत घड़ा मारूजी +नौबत बाजी , सक्कर बांटजो",malvi-mup +"अजी सुन्दर गल में माल मात +अजी सुन्दर गल में माल मात , तेरी सुन्दर सिंह सवारी है । +सुन्दर लौकड़िया खड़ा तेरे , सुन्दर भैरों बलकारी है । । +सुन्दर चौरासी भवन तेरे , सुन्दर जगजोत तिहारी है । +सुन्दर तेरे चरण निरख माता , दुरवासा रिसी बलिहारी है । ।",haryanvi-bgc +"बारा जीरा खोदियो रे राजा मारे +बारा जीरा खोदियो रे राजा मारे +बारा जीरा खोदियो रे राजा मारे +बारा झीरा डो खोदियो रे +बारा झीरा डो खोदियो रे +चोज सांटी बारा झीरा खोदियो जा राजा बोले +चोज सांटी बारा झीरा खोदियो जा राजा बोले +चोज सांटी बारा झीरा खोदियो रे +चोज सांटी बारा झीरा खोदियो रे +बारा जीरा गांजा बीजो बिडेवाडो रानी मारे +बारा जीरा गांजा बीजो बिडेवाडो रानी मारे +बारा झीरा गांजा बीजो बीडे बोले +बारा झीरा गांजा बीजो बीडे बोले +गांजा बीजो चोज कामू हाजेवाला राजा बोले +गांजा बीजो चोज कामू हाजेवाला राजा बोले +गांजा बीजो जा चोज सांटी हाजे बोले +गांजा बीजो जा चोज सांटी हाजे बोले +गांजा पाला मलाटीये वा डो रानी मारे +गांजा पाला मलाटीये वा डो रानी मारे +गांजा पाला डो मलाटीवा +गांजा पाला डो मलाटीवा +गांजा नासा नूनू वाडो रानी मारे +गांजा नासा नूनू वाडो रानी मारे +गांजा नासा डो नून बोले +गांजा नासा डो नून बोले +ढिका भेरे कजलीबन बिन्दाराबन +ढिका भेरे कजलीबन बिन्दाराबन +गिटीज केनजा राजा मारे ढिका भेरे +गिटीज केनजा राजा मारे ढिका भेरे +कजलीबनन बिन्दराबनन गिटीज केरे +कजलीबनन बिन्दराबनन गिटीज केरे +स्रोत व्यक्ति सिटारा बाई , ग्राम रोशनी",korku-kfq +"विदाई गीत +लाड़ी कर वो येल्यां , वेल्यां घर जावां वो । +तारो एक लो सेसरो , प्यार वाट चाहे वो । +लाड़ी कर वो यंल्यां , वेल्यां घर जावां वो । +तारी एक ली सासू प्यार वाट चाहे वो । +लाड़ी कर वो येल्यां , वेल्यां घर जावां वो । +वर पक्ष की ओर से कहा गया है कि लाड़ी जल्दी घर चलो । तेरे ससुर और सास घर का इन्तजार कर रहे हैं ।",bhili-bhb +"भइया के घर में भतीजा जलम भेल, हम तो बधइया म��ँग अयलो +बधैया +भइया के घर में भतीजा जलम भेल , हम तो बधइया1 माँग अयलो2 ॥ 1 ॥ +अगिला3 हर के बरदा4 माँगही , पिछला हर हरवाहा । +हो भइया , हम तो बधइया माँगेअयली ॥ 2 ॥ +दूधदही ला5 सोरही6 माँगही , +धीया7 लागी भँइसिया , 8 हो भइया , हम तो बधइया माँगे अयली ॥ 3 ॥ +बाहर9 के हम नोकर चाहही , घरवा बहारन के दाइ , हो भइया । +गोड़ धोमन10 के चेरिया चाहही , पैर दामन11 के लौंड़िया , 12 हो भइया ॥ 4 ॥ +तीरथ बरत के डोली चाहही , सामी13 चढ़न के हाथी , हो भइया । +हम तो बधइया माँगे अइली , हो भइया ॥ 5 ॥",magahi-mag +"जब से मन मोहन बिछुरे हैं +जब से मन मोहन बिछुरे हैं , +भारी कसट परे हैं । +दिन ना चैन रात ना निंदिया , +खानपान बिसरे हैं । +भूसन बसन सवह हम त्यागे , +जे तन जात जरे हैं । +ईसुर स्याम सौत कुवजा पै , +जोगिन भेष धरे हैं ॥",bundeli-bns +"गढ़ छोड़ रुकमण बाहर आई +गढ़ छोड़ रुकमण बाहर आई +चौरी तो छाई म्हारे साजना +क्यूंकर आऊं म्हारे राज बन्दड़े +आगै मेरा लाखी दादा आ डट्या +तेरे दादा कै मेरी दादी बिवादूं +चौरी नै राखां जगमगी +क्यूंकर आऊ मेरे राजा बन्दड़े +आगै मेरा लाखी ताऊ आ डट्या +तेरे ताऊ कै मेरी ताई बिवादूं +चौरी ने राखां जगमगी",haryanvi-bgc +"तारा विना श्याम मने एकलडु लागे +तारा विना श्याम मने एकलडु लागे +रास रमवा ने वहलो आवजे . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे . . . +शरद पूनम नी रातडी ओह ओह +चांदनी खिली छे भली भांत नी +तू न आवे तो श्याम रास जामे न श्याम +रास रमवा ने वहलो आव आव श्याम . . . . +श्याम श्याम . . . . . +तारा विना श्याम मने एकलडु लागे +रास रमवा ने वहलो आवजे . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे . . . +अंग अंग रंग से अनंग नो +रंग केम जाए तारा संग नो +पायल झंकार सुनी रोदिया नो नाद सुनी +रास रमवा ने वहलो आव आव श्याम +तारा विना श्याम मने एकलडु लागे +रास रमवा ने वहलो आवजे . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे . . . +गरबे घुमती गोपियो सुनी छे गोकुल नी शेरीयो +सुनी सुनी शेरियो मां गोकुल नी गलियों मां +रास रमवा ने वहलो आव आव श्याम . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे +रास रमवा ने वहलो आवजे . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे . . .",gujarati-guj +"भजन +सरग झोपड़ा बांदिया , ने बणा लिया रे दुवार , +सरग झोपड़ा रे बांदिया ॥ +घर ऊँचा रे धारण नीचा , धरे नेवा नीची रे निकास ॥ +बारी रे छ छ सब धरिया +बिच बारी रे लगाय , सरग झोपड़ा रे बांदिया ॥ +बिना टाकी का घर घड़िया , नहिं लाग्या रे सुतार ॥ +हीरा मुद्रिका जड़ाविया +घरे मेल बनिया केवलास , सरग झोपड़ा रे बांदिया ॥ +खम्बा रे दीपक जले हाँ रे जाका रे भया उजाळा +तन की रे बत्ती बणाविया , सरग झोपड़ा रे बणाविया ॥ +धवळा घोड़ा मुख हासन , हीरा जड़िया पलाण ॥ +चांद सूरी मन पेगड़ा , हाँ रे उड़ी हुया असवार ॥ +सरग झोपड़ा बांदिया । +तुम्हारा झोपड़ा स्वर्ग में बने , हमेशा इसका प्रयास करना । तुम्हारे झोपड़े का चौड़ा द्वार हो , घर ऊँचा हो , जिसके निकास का द्वार छोटा होना चाहिए । जिस घर के दरवाजे में हीरामोती जड़ें हों । उस घर के सामने जलने वाले दीपक की रोशनी से सारा जग प्रकाशित हो । यह सब तुम्हारे आचरण से ही सम्भव है ।",bhili-bhb +"अंगिका बुझौवल +माटी रोॅ घोड़ा माटी रोॅ लगाम +ओकरा पर चढ़ेॅ खुदबुदिया जुआन +भात +करिया जीन लाल घोड़ा +चढ़ेॅ उतरेॅ सिपाही गोरा । +तबा , आग , रोटी +भरलोॅ पोखरी में चान गरगराय । +घी से भरी कड़ाही में पूआ +भरलोॅ पोखरी में टिटही नाँचै । +बालू से भरी खपड़ी में भूजा +टुपटाप करै छैं , कपार कैन्हें फोड़ै छैं +नेङा ऐसन डेङा तोहें रात कैन्हें चलै छैं । +साँप महुआ से ‘’ टुपटाप करते हो , महुआ गिराते हो , +और सर क्यों फोड़ते हो । ‘’ +महुआ , तुम ऐसे नंगधड़ंग रात को क्यों चलते हो ? +फूलफूल मखचन्नोॅ के फूल +पैन्हें छिमड़ी तबेॅ फूल । +दिया की बत्ती और लौ +एक सङ दू साथी रहै +एक चललै एक सूती रहलै +तैयो ओकरोॅ साथ नै छुटलै । +चक्की के दोनों पल्ले +यहाँ , महाँ , कहाँ , छोॅ गोड़ दू बाँहाँ +पीठी पर जे नाङड़ नाचेॅ से तमासा कहाँ ? +तराजू ६ डोरियाँ , दो पलरे और डंडी पर पूँछ जैसी मूँठ +चलै में लचपच , बैठै में चक्का +हाथ नै गोड़ नै मारै लचक्का । +साँप +पानी में निसदिन रहेॅ +जेकरा हाड़ नै माँस +काम करेॅ तरुआर के +फिनु पानी में बाँस । +जोंक +फूलेॅ नै फरेॅ +सूप भरी झरेॅ । +बोहाड़न +एक गाँव में ऐसनोॅ देखलौं बन्नर दूहेॅ गाय +छाली काटी बीगी दियेॅ , दूध लियेॅ लटकाय । +पासी , ताड़खजूर का पेड़ , ताड़ी +एक टा फूल छियत्तर बतिया । +केले की खानी +पानी काँपै , कुइयाँ काँपै +पानी में कटोरा काँपै +चाँद +लाल गाय खोॅर खाय +पानी पीयेॅ मरी जाय । +आग +ऊपर सें गिरलै धामधूम +धुम्मा रे तोहरोॅ माथा सूंघ । +ताड़ +हिन्हौ नद्दी , हुन्हौ नद्दी +बीच में हवेली +हवेली करेॅ डगमग +माँग अधेली । +नाव",angika-anp +"खम्मा मारा नंदजी ना लाल +खम्मा मारा नंदजी ना लाल +मोरली क्यां रे वगाडी +हूँ तो रे सूती थी मारा शयन भवन मां +सांभळ्यो मोरली नो राग +मोरली क्यां रे वगाडी +खम्मा मारा नंदजी ना लाल +मोरली क्यां रे वगाडी . . . +भर नींदर माथी झबकी ने जागी +भूली गई हूँ तो भान शान +मोरली क्यां रे वगाडी +खम्मा मारा नंदजी ना लाल +मोरली क्यां रे वगाडी . . .",gujarati-guj +"लोक गीत +ये वाहली वाजे , ये आभी तोलाए , +हरियो डंगर गहरो बल्यो । +ये वाहली बाजे , ये आभी तोलाए , +हरियो डूंगर गहरो वल्यो । +मोरपपीहा बोलि रहया , मेघ गगड़ी रहया , +सुपड़ा एवड़ो बलावो ने चोखा अतरी विजली । +रे काढ्यो रे बलाओ , हइ रहि विजली । +खांदे लेधो बलावो , कांखे लेधि विजली , +हातेम् लेधि वाहली , खांद पर लेधि कुराड़ी , +काइ रे मेंघला काहाँ वरसजे ? +पाप नी जमी वरसजे , तिं पाप धोवाए । +काइ रे मेंघला धरमनी जमि वरसि निहिं जाण्यो । +वर्षा आगमन के समय प्रकृति का रूप किस प्रकार दिखाई देता है , उसका +वर्णन इस गीत में बताया गया है +सुरभि हवा में पानी की खुशबू वाली भीनी सुगन्ध आ रही है । ये जलभरी हवाएँ मानसून आ रही हैं । हरा जंगल और गहरा गया है । मोर और पपीहे बोल रहे हैं । बादल गर्जना कर रहे हैं । सूप के समान बादल और उसमें चावल के समान बहुत छोटी बहुत छोटी बिजली चमक रही है । इन्द्रदेव ने कन्धे पर बादल लिया , +काँख में बिजली ली , हाथ में वायु ली , कन्धे पर कुल्हाड़ी ली है । मेघ कहाँ बरसेंगे ? पाप की भूमि पर बरसें , जिससे पाप धुल जायेगा । +हे मेघ क्या धर्मभूमि में बरसने वर्षा आने के संकेत इस प्रकार मानते हैं +1 खेड़िया चीड़ा बोलता है तो वर्षा की संभावना रहती है । +2 कोयल बोलती है तो वर्षा की संभावना रहती है । +3 चूही ज्यादा आवाज करती है तो ज्यादा वर्षा होती है । +4 टुचक्यु पक्षी बोलता है तो बादल होते हैं और पानी बरसता है । यह पक्षी मेघ +राजा का जवाँई कहलाता है । +5 बोपियो चिड़ियाजुपोरेजुपो करके आवाज करती है तो पानी आता है +खेत जल्दी जोतो पानी आने वाला है । +6 बोपियो खरखर करके बोलती है तो पानी बरसना बन्द होने का संदेश मानते +हैं । अगर खेती तैयार नहीं करते हैं तो चिड़िया किसानों को गालियाँ देती हैं । +7 देतेड़ा पक्षी सुखेसुखे देतेड़देतेडू बोलता है तो वर्षा होती है । +8 लेचका पक्षी लेचकालेचका बोलता है , कुकुकुकु भी बोलता है तो वर्षा होती +है एवं अच्छी फसल पकने के बाद मकुपाक्यु , मकुपाक्यु करके बोलता है ।",bhili-bhb +"समना भदोइया के रतिया, अँगन घहरायल हे +समना1 भदोइया के रतिया , अँगन2 घहरायल3 हे । +ललना , बरसेला4 मोतिया के बूंद तो देखते सोहामन5 हे ॥ 1 ॥ +सासु जे सुतलन6 ओसरवा , ननद गजओबर7 हे । +सइयाँ मोरा रं���महलिया , त कहिं के जगावहु हे ॥ 2 ॥ +जिरवा के बोरसी भरावल , लौंगिया के पसँघ8 देल हे । +ललना , चंपा के फुलवा महामँह , देखते सोहामन हे ॥ 3 ॥ +आधि रात बीतलइ , पहर रात , बबुआ जलम लेल हे । +ललना , बाजे लागल अनंद बधावा , महल उठे सोहर हे ॥ 4 ॥ +सासु के भेजबइ नउनियाँ , ननदी घर बैरिन हे । +गोतनी घर रउरे परभु जाहु , महल उठे सोहर हे ॥ 5 ॥ +सासु के देबइन9 खटियवा , ननदी मचोला देबइन हे । +गोतनी के देबइन पलँगिया , हम धनि पाँव तरे हे ॥ 6 ॥ +सासु लुटवलन रुपइया , ननदी ढेउआ10 देलन हे । +गोतनी लुटवलन गउआ , गोतिया घर सोहर हे ॥ 7 ॥ +सासु जे उठलन गावइत , ननदी बजावइत हे । +गोतनी जे उठलन बिसमाथल11 गोतिया घर सोहर हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"उ जे पत्तल परसले परास के +उ जे पत्तल1 परसले परास2 के , मोहन के मन भावे हो । +राधे जेंवनार बनाइ के , +रूकमिनी परसाद बनाइ के , +भँडु़आ सब जेवन3 आइ के , +गुंड़ा सब जेंवन आइ के , +चलिका4 सब परोसन आइ के , +सखी सब मंगल गाइ के ॥ 1 ॥ +उ जे भात परोसले बूक5 से , मोहन के मन भावे हो । +राधे जेंवनार बनाइ के , +रूकमिनी परसाद बनाइ के , +भँडु़वा जेंवन आइ के , +गुंडा सब जेंवन आइ के , +चलिका सब परोसन आइ के , +सखी सब मंगल गाइ के ॥ 2 ॥ +उ जे दाल परोसले ढार6 से , मोहन के मन भावे हो । +राधे जेंवनार बनाइ के , +रूकमिनी परसाद बनाइ के , +भँडु़वा जेंवन आइ के , +गुंडा सब जेंवन आइ के , +चलिका सब परोसन आइ के , +सखी सब मंगल गाइ के ॥ 3 ॥ +उ जे घीउ परोसले ढार से , मोहन के मन भावे हो । +राधे जेंवनार बनाइ के , +रूकमिनी परसाद बनाइ के , +भँडु़वा जेंवन आइ के , +गुंडा सब जेंवन आइ के , +चलिका सब परोसन आइ के , +सखी सब मंगल गाइ के ॥ 4 ॥ +उ जे दही परोसले छेव7 से , मोहन के मन भावे हो । +राधे जेंवनार बनाइ के , +रूकमिनी परसाद बनाइ के , +भँडु़वा जेंवन आइ के , +गुंडा सब जेंवन आइ के , +चलिका सब परोसन आइ के , +सखी सब मंगल गाइ के ॥ 5 ॥ +उ जे चिन्नी8 परोसले मुट्ठी से , मोहन के मन भावे हो । +राधे जेंवनार बनाइ के , +रूकमिनी परसाद बनाइ के , +भँडु़वा जेंवन आइ के , +गुंडा सब जेंवन आइ के , +चलिका सब परोसन आइ के , +सखी सब मंगल गाइ के ॥ 6 ॥",magahi-mag +"मेरे नौसे का रूमाल खुसी से रंग दे री +मेरे नौसे का रूमाल खुसी से रंग दे री +मेरे बनरे का रूमाल खुसी से रंग दे री +याके दादा गिरबे धर दे दादी को लगादे ब्याज +याके बाबू गिरबे धर दे अम्मा ने लगादे ब्याज +याके ताऊ गिरबे धर दे ताई को लगादे ब्याज +याको मामा गिरबे धर दे मामी को लगादे ब्याज +मेरे नौसे का रूमाल खुसी से रंग दे री +मेरे ��रने का रूमाल खुसी से रंग दे री",haryanvi-bgc +"सुन मेरी मैया, मैं पडूँ तेरे पैंया +सुन मेरी मैया , मैं पडूँ तेरे पैंया , +मेरो छोटौ सौ काम कराय दै , +राधा गोरी से ब्याह रचाय दै । +राधासी गोरी मेरे मन में बसी है , +ग्वाल उड़ावे नहीं मेरी हँसी है । +मौकूँ छोटीसी दुल्हनियाँ लाय दै , +अपने हाथों से दुल्हा बनाय दै ॥ सुन . +सेवावो मैया तेरी रोज करेगी , +जोड़ी तो मैया मेरी खूब जमेगी । +नन्द बाबा कूँ तू नेंक समझाय दै , +दाऊ भैया कूँ नेंक संग पठाय दै ॥ सुन . +गाँव बरसानी जाकौ सब जग जाने , +गाय न चराऊं तेरी तू न मेरी मानें । +अब सोमनाथ काऊँ कूँ पठाय दै , +रमेश भैया कूँ तू बुलवाय दै ॥ +मेरो छोटौ सौ काम कराय दै , +राधा गोरी से ब्याह रचाय दै ॥",braj-bra +"योई पीयर, योई सासरो वो जगदम्बा +योई पीयर , योई सासरो वो जगदम्बा +योई दुखियारो विश्राम +पाँवों ने बिछिया सोवताए माय +थारा अनबट से लागी रयो बाद",malvi-mup +"232 +तेरे वासते बहुत उदास हां मैं रब्बा मेल तूं चिरीं विछुंनियां नूं +हथी मापयां ने दिती जालमां नूं लगा लूण कलेजयां भुंनयां नूं +मौत अते संजोग ना टले मूले कौन मोड़दा साहयां पुनयां नूं",panjabi-pan +"बिरही कौ बसकारौ +परचा रइ पुरबइया तनमन में आग , +सैरे की तान लगै ईसुर की फाग । +बरत नए गाबे नें झुलसा दए गाँव , +दहक उठे अबा घने मेघन की छाँव । +जोगीबैरागी के डगमग भए पाँव , +अलबेली आगी कौ अलबेलौ दाँव । +कौसिक से रिसी आज गा रए विहाग , +मियाँ की मलार लगै ज्यों दीपक राग । +धरनी तिलोत्तमा ने कर लऔ सिंगार , +मुसकाए नारायन , देवता बलहार । +अरुन अगन मुख सोहैसूरज सी झार , +गौरासुत देवतन के सेना आधार । +गरबीले बाहन की बानी दई आग , +बदरा के हिऐ पैठ गूँजी बन राग । +ज्वालामुख पर्वत ज्यों फूट परौ आज , +लरम नए पत्तन पै आगी कौ राज । +जग्गहुवन करबे खों है साकिल नाज , +आहूती खेतन में दई सज कें साज । +मित्र बरुन भूले सब तप औ बैराग ; +तखतन घृताची खौं उमड़ौ अनुराग । +गरमी सें रार रोर कामरूप काम , +इन्द्रधनुष मोरमुकुट धर लए घनश्याम । +रिसीमुनी देवता लों तलफें निज धाम , +ई सें तौ सियरौ गऔ जेठमास घाम । +कनकन में पैठ गई जीवन की आग ; +सैरे की तान लगै ईसुर की फाग ।",bundeli-bns +"कचरिया तोरो व्याव री +कचरिया तोरो व्याव री , +खरबूजा नेंवतें आइयो । +आलू दूल्हा भटा बराती , +चिरपोंटी सज ल्यइयों , +सजी गड़ेलू बजे तूमरा , +कुम्हड़ा ढोल बजैयो । कचरिया . . . +चले फटाका आतिशबाजी , +गुइयां आन चलैयो । कचरिया . . . +केला करेला भये मामा जू , +कैथा ससुर बुलैयो , +सेमे घुइयां भई गोरैयां , +मिरचे दौड़ लगैयों । कचरिया . . . +पांव पखरई में आये डंगरा , +कन्यादान कलीदो दैयो । +परियो सकारे उठियो अबेरे , +दुफरे चौका लगैयो । कचरिया . . . +मोड़ा मोड़ी मांगे कलेवा , +दो घूंसा दे दैयो । कचरिया . . .",bundeli-bns +"समधी भँडुआ के मुँहवा कैसन लगेला +समधी भँडुआ के मुँहवा कैसन1 लगेला2 +जैसन बानर के मुँहवा ओएसन3 लागेला । +जैसन लँगुर4 के मुहँवा ओएसन लागेला ॥ 1 ॥ +समधी भँडुआ के मोछवा5 कैसन लागेला , हे कैसन लागेला । +जैसन बोतुआ6 के पुछिया7 ओएसन लागेला ॥ 2 ॥ +समधी भँडुआ के दँतवा कैसन लागेला । +जैसन खुड़पी8 के नोखवा9 ओएसन लागेला ॥ 3 ॥ +समधी भँडुआ के दढ़िया10 कैसन लागेला । +जैसन फेदवा11 के झोंटवा12 ओएसन लागेला ॥ 4 ॥ +समधी भँडुआ के पेटवा कैसन लागेला । +जैसन भतवा13 के हँढ़िया , ओएसन लागेला ॥ 5 ॥ +समधी भँडुआ के टँगवा कैसन लागेला । +जैसन फौंड़ा14 के लकड़ी , ओएसन लागेला ॥ 6 ॥",magahi-mag +"508 +हाथि फौज दा वडा शिंगार हुदा अते घोडे शिंगार ने दलां दे नी +अछा पहरना खावना शान शौकत एह सभ बिना ने जरां दे नी +घोड़े खान खटन करामात करदे अखि वेखदया जान बिन परां दे नी +मझां गाई शिंगार ने सथ तले अते नूंहां शिंगार ने घरां दे नी +खैरखाह दे नाल बदखाह1 होना एह कम है कुतयां खरां2 दे नी +मशहूर है रसम जहान अंदर पयार बहुटियां दे नाल वरां दे नी +दिल औरतां लैण पयार कर के एह गभरू मिरग ने सरां दे नी +तदों रन्न बदखाह3 नूं अकल आवे जदों लत लगे विच फरां4 दे नी +वारस शाह उह इक ना कसी हुंदे जिन्हां वैर कदीम थीं जड़ां दे नी",panjabi-pan +"राधा अलबेली को आनन +राधा अलबेली को आनन । +तकै नन्द को कानन । +राखैं रहत चकोर चित्त में । +ज्यों चन्दा की मानन । +हँसी करन रसबस करवे खाँ , +मानौ रस की खानन । +भारत सौ पारत हेरन में , +पारथ कैसे बानन । +ईसुर कात श्याम नई छाँड़त , +जब से लागे जानन ।",bundeli-bns +"श्याम लखत छबि बाकी राधिका जी की +श्याम लखत छबि , बांकी राधिका जी की +चटक चुनरी घेर घांघरा , +अंगिया की छबि बांकी , राधिका जी की । श्याम . . . +कर कपोल नैना रतनारे , +चितवन की छबि बांकी , राधिकाजी की । श्याम . . . +कानन कुण्डल माथे बेंदी , +बैसर की छबि बांकी , राधिकाजी की । श्याम . . . +चूड़ी लाल जड़ाउ कंगना , +बाजू की छबि बांकी , राधिकाजी की । श्याम . . . +पांव पैजनियां कमर करधनियां , +बिछुआ की छबि बांकी , राधिकाजी की ।",bundeli-bns +"अतिकौ पिवइया सुलफा गाँजे कौ +रे लँगुरिया अति कौ पिवइया सुलफा गाँजे कौ , +जाकी खोल दऊँगी मैं पोल ॥ लँगुरिया . +मेरौ झूमर बेच सुलफा ले आयौ . +और हरवा कौ करि आयौ मोल ॥ लँगुरिया . +मेरे हरवा कूँ बेच सुलफाा ले आयो , +और पेन्डल कौ करि आयौ मोल ॥ लाँगुरिया . +इसी तरह जेवरों के नाम लेते जाते हैं +जाने सभी कुछ बेचौ सुलफा गाँजे कूं +और मोसे है बोलत बोल ॥ लँगुरिया .",braj-bra +"लाट्टू मेरा बाजणा, बजार तोड़ी जाइयो जी। +लाट्टू मेरा बाजणा , बजार तोड़ी जाइयो जी । +मां मेरी ने भेजी कोथली , मेरा मां जाया आइयो जी । +उठ उठ बेबे तावली , तेरा बीर खड़ा दरबार जी । +कयूंकर उठूं कयूंकर बैठूं , बिछवां की चमकार जी । +बिछवां ऊपर हरा नगीणा , चुन्दड़ी छापेदार जी । +अगड़ पड़ोसन बूझण लागी , के के चीजां ल्यायो जी । +भरी पिटारी मोतियां की , जोड़े सोलां ल्यायो जी । +लाट्टू मेरा बाजणा , बजार तोड़ी जाइयो जी ।",haryanvi-bgc +"विधना करी देह न मेरी +विधना करी देह न मेरी , +रजऊ के धर की देरी । +आवत जात चरन की घूरा +लगत जात हर बेरी । +लागी आन कान के ऐंगर , +बजन लगी बजनेरी । +उठत चात अब हाट ईसुरी +बाट भौत दिन हेरी ।",bundeli-bns +"कैसे कटी जिनगी हमार +कइसे कटी जिनगी हमार +दई हो का हम कइलीं तुहार कि दु : ख हमें दे +दिहल . . अ . . . +कि सुख मोर ले लिहल . . . अ . . . अ . . +चारों तरफ भईंल अन्हार +हे सिरजनहार लगा द पार कि बड़ा दु : ख दे दिहल . . . अ . . .",bhojpuri-bho +"शृंगार बसन्ती है +श्याम श्याम सलौनी सूरत कौ सिंगार बसन्ती है ॥ टेक +मोर मुकुट की लटक बसन्ती , चन्द्रकला की चटक बसन्ती +मुख मुरली की मटक बसन्ती । +सिर पै पेच श्रवनकुण्डल छबिदार बसन्ती है ॥ श्यामा . +माथे चन्दन लग्यौ बसन्ती , पट पीताम्बर कस्यौ बसन्ती +मेरे मनमोहन बरयौ बसन्ती । +गुंजमाल गल सोहैं फूलन हार बसन्ती है ॥ श्यामा . +कनक कडूला हस्त बसन्ती , चलै चाल अलमस्त बसन्ती +पहर रहे हैं वस्त्र बसन्ती ॥ +रुनकझुनक पग नूपुर की झनकार बसन्ती है ॥ श्यामा . +संग ग्वालन कौ गोल बसन्ती बजे चंग ढपढोल बसन्ती +बोल रहे हैं बोल बसन्ती ॥ +सब सखियान में राधेजी सरदार बसन्ती है ॥ श्यामा . +परम प्रेम परसाद बसन्ती , लगे रसीलौ स्वाद बसन्ती +है रही सब मरियाद बसन्ती ॥ +‘घासीराम’ नाम छीतरमल सार बसन्ती है ॥ +श्यामा श्यामा सलौनी सूरत कौ शृंगार बसन्ती है ॥",braj-bra +"कदी मोड़ मुहाराँ +कदी मोड़ मुहाराँ ढोलेआ । +तेरीआँ वाटाँ तों सिर घोलेआ । +मैं न्हाती धोती रह गई , +कोई गन्ढ माही दिल बह गई । +कोई सुखन1 अवल्ला बोलेआ । +कदी मोड़ मुहाराँ ढोलेआ । +बुल्ला सहु कदी घर आवसी , +मेरी बलदी भा2 बुझावसी । +जीहदे दुःखाँ ने मुँह खोलेआ , +कदी मोड़ मुहाराँ ढोलेआ । +कदी मोड़ मुहाराँ ढोलेआ , +तेरीआँ वाटाँ तों सिर घोलेआ ।",panjabi-pan +"मधु माय डो मधु माय डो धरती तमाशो डोगे भाई रे +मधु माय डो मधु माय डो धरती तमाशो डोगे भाई रे +मधु माय डो मधु माय डो धरती तमाशो डोगे भाई रे +मधु माय डो मधु मायनी बारह डो बारह चौबीसो +मधु माय डो मधु मायनी बारह डो बारह चौबीसो +घंटा धरती तमशो डोगे भाई रे +घंटा धरती तमशो डोगे भाई रे +आजुमे भगवान आजुमे भगवान धरती तमाशो डो डो डो +आजुमे भगवान आजुमे भगवान धरती तमाशो डो डो डो +इयां ऊमर पकायेन भाई रे +इयां ऊमर पकायेन भाई रे +मधु माय डो मधु माय डो धरती डो पताला तमाशो डो डो डो +मधु माय डो मधु माय डो धरती डो पताला तमाशो डो डो डो +इयां ऊमर बिताय भाई रे +इयां ऊमर बिताय भाई रे +मधु माय डो मधु माय डो आकाव डीडोम नी नूटेन +मधु माय डो मधु माय डो आकाव डीडोम नी नूटेन +नी समय बितावेन भाई रे +नी समय बितावेन भाई रे +अजुमे भगवान अजुमे भगवान आयोम डो बा बाने भाई रे +अजुमे भगवान अजुमे भगवान आयोम डो बा बाने भाई रे +मधु माय डो मधु माय डो बाड़ा नी टाला चीचानी +मधु माय डो मधु माय डो बाड़ा नी टाला चीचानी +बोहरा पेढ़नावन भाई रे +बोहरा पेढ़नावन भाई रे +आजुमे भगवान अजुमे भगवान पूरी पन्सी नी भुरा भाई रे +आजुमे भगवान अजुमे भगवान पूरी पन्सी नी भुरा भाई रे +स्रोत व्यक्ति चूड़ामन , लक्ष्मण पर्ते , ग्राम जामनिया कलां",korku-kfq +"450 +रन्न दहसरे1 नाल जो गाह कीता राजे भोज नूं दन लगामियां ने +सिरकप ते नाल सलवान राजे वेख रन्नां ने कीतियां खामियां ने +मरद हैन जा रखदे हेठ सोट सिरी चाड़ियां उन्हां ने कामियां ने +वारस नही दाहड़ी नक कनपाटे कौन भरेगा तिन्हां दियां हामियां ने",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +लै डुबावत बा आल्हा के गंगा में डुबावत बाय +फाँद बछेड़ा पर चढ़ गल गंगा तीर पहुँचल बाय +पड़ल लड़ाई है छोटक से +तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोला उन्ह के खटर खटर तरवार +जै से छेरियन में हुँड्डा पर वैसे पलटन में पड़ल रुदल बबुआन +जिन्ह के टॅगरी धै के बीगे से त . चूरचूर हाये जाय +मस्तक भरे हाथी के जिन्ह के डोंगा चलल बहाय +थापड़ भोर ऊँटन के चारु सुँग चित्त होय जाय +सवा लाख पलटन कर गल छोटक के +जौं तक मारे छोटक के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय +भागल तिलंगा छोटक के राजा इंदरमन के दरबार +कठिन लड़ंका बा कघ रुदल सभ के काट केल मैदान +एत्ता बारता इंदरमन के रुदल के सुन���ं हवाल +लैं उतारल बजड़ा से धरती में देल धराय +आखा खोल के रुदल देखे छाती मारे ब के हाथ +लै चढ़ावल पलकी पर दुरगौली में गैल बनाय +एत्तो बारता बा आल्हा के इंदरमन के सुनीं हवाल +बीड़ा पड़ गैल इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठाय +मारु बाजा बजवावे बाजा बोले जुझाम जुझाम +एकी एका दल बटुरे दल बावन नब्बे हजार +बावन मकुना खोलवाइन एकदंता तीन हजार",bhojpuri-bho +"नाते रिस्ते सम्पदा, सजन सलौनौं गात +नाते रिस्ते सम्पदा , सजन सलौनौं गात , +ईसुर जा सिंसार में , सबई अखारत जात । +मरम न जानें जौ जगत , लाखन करौ उपाय , +ईसुर सोसत रात हैं , ईसुर एक सहाय । +साँसन को सब खेल है , मन जिन लेव उसाँस , +ईसुर राधा रटत रऔ , चारक लगनें बाँस । +मानस मन माया फँसौं , सबकौ बेरी काम , +ईसुर काम आवै नहीं , हड़रा , मज्जा चाम ।",bundeli-bns +"कहमा लहैले कोसी माय +कहमा लहैले कोसी माय +कहाँ लट झारले गे +कहमा कइले सिंगार +सैरा नहेलों सेवक हो +बाटे लट झारलौं +गहबर कइलों सोलहो सिंगार +कथी बिनु आहे कोसिका +मुहँमां मलिन भेलौ +कथी बिनु डोलै हे सरीर +पान बिनु आहो सेवक +मुँहमां मलिन भेलै +लडु ले डोलैयै सरीर +चढ़इबौ गे कोसी माय +खीर पान भोजन +पाठी देबौ कोसी माय चढ़ाय +गावल सेवक जन दुहु कल जोड़ि +बिपति के बेरी मैया कोसिका +होखु ने सहाय ।",angika-anp +"भटकणू छौं स्वर्ग मां (खुदेड़ गीत) +भटकणू छौं स्वर्ग मां , बाटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . +भटकणू छौं स्वर्ग मां , बाटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . +बीज छौं मै धरती कू माटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . +भटकणू छौं स्वर्ग मां , बाटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . +भटकणू छौं स्वर्ग मां . . . . . +ग्वाळा पैथर ग्वाया लैकी पौंछी ग्यौं परदेस मां . . . पौंछी ग्यौं परदेस मां . . . +ग्वाळा पैथर ग्वाया लैकी पौंछी ग्यौं परदेस मां . . . पौंछी ग्यौं परदेस मां . . . +बीड़ छौ मैं पर्बतूं जांठू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . +बीज छौं मै धरती कू माटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . भटकणू छौं स्वर्ग मां . . . . . +कखड़ी मुंगरी खाजा बुखणा अब नि औंदिन गौं बिटी . . . अब नि औंदिन गौं बटी . . . +कखड़ी मुंगरी खाजा बुखणा अब नि औंदिन गौं बिटी . . . अब नि औंदिन गौं बटी . . . +मेरु बि हक छौ यूं फरैं बांठू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . +बीज छौं मै धरती कू माटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . भटकणू छौं स्वर्ग मां . . . . . +डांडा कांठौं का भट्यौणम , गै त छौ घर बौड़ी की . . . गै त छौ घर बौड़ी की . . . +डांडा कांठौं का भट्यौणम , गै त छौ घर बौड़ी की . . . गै त छौ घर बौड़��� की . . . +रीति सूनी तिबार्यूं मां नातू खोज्याणू रौं . . . दिदौं . . . +भटकणू छौं स्वर्ग मां , बाटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . . +बीज छौं मै धरती कू माटू खोज्याणू छौं . . . दिदौं . . +भटकणू छौं स्वर्ग मां . . . ।",garhwali-gbm +"हवन का गीत +कहाँ से लाउँ राम जी , काहाँ से लाउँ लछमण ॥ +काहाँ से लाउँ हनुमान , लंको को बाण पछो फिर जाय ॥ +गाड़ी ती लाउँ राम को , गोदी से लाउँ लछमण ॥ +उड़ी न तो आवे हनुमान , लंका को बाण पछो फिर जाय ॥ +काहाँ उतारूँ राम , काहाँ उतारूँ लछमण , +काहाँ उतारूँ हनुमान , लंका को बाण पछो फिर जाय ॥ +ओटला प उतारूँ राम , न पाळना प उतारूँ लछमण ॥ +मंदिर म उतारूँ हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +काय न्हवाडूं राम काय न्हवाडूं लछमण , +काय ति न्हवाडूं हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +जळ से न्हवाड़ूं राम , गंगा जळ से लछमण ॥ +जमना जळ से न्हवाडू़ं हुनमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +काय पेराउं राम , काय पेराऊं लछमण ॥ +काय तो पेराउँ हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +धोती पेराउँ राम कुरतो पेराउँ लछमण , +लाल लंगोटो पेराऊँ हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +काय जिमाड़ूं राम , काई जिमाडूं़ लछमण ॥ +काय तो जिमाडू़ं हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +खीर जिमाडूं़ राम , पूड़ी जिमाडू़ं लछमण ॥ +तेल तो चढ़ाउं रे हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +काय कवाए रामजी , काय कवाए लछमण ॥ +काय तो करवाए हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +पती कवाए राम , पुत्र कवाए लछमण ॥ +खेड़ापति तो कवाए हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +किससे राम को लाऊँ , किससे लक्ष्मणजी को लाऊँ और किस सवारी से हुनमान +को लाऊँ ? श्रीराम को गाड़ी में बिठाकर लाऊँ और लक्ष्मणजी को गोद में उठाकर +लाऊँ , हनुमान जी तो उड़कर आयेंगे । +श्रीरामजी , लक्ष्मणजी तथा हनुमानजी को कहाँ उतारूँ ? ओटले पर श्रीराम को , पालने +पर लक्ष्मणजी को और मन्दिर में हनुमानजी को उतारूँ । +श्रीराम , लक्ष्मणजी तथा हनुमानजी को किससे स्नान करवाऊँ ? श्रीराम को जल से , +गंगाजल से लक्ष्मणजी को और यमुनाजी के जल से हनुमानजी को स्नान करवाऊँ । +श्रीराम , लक्ष्मणजी तथा हुनमानजी को क्या पहनाऊँ ? श्रीरामजी को धोती , लक्ष्मणजी +को कुर्ता और हनुमानजी को लाल लंगोटा पहनाऊँ । +श्रीराम , लक्ष्मणजी तथा हनुमानजी को क्या जिमाऊँ ? श्रीराम को खीर , श्री लक्ष्मणजी +को पूरी जिमाऊँ और हुनमानजी को तेल चढ़ाऊँ । +श्रीराम , लक्ष्मण तथा हनुमानजी क्या कहे जाते हैं ? श्रीराम पति , श्रीलक्ष्मणजी पुत्र और +हनुमानजी खेड़ापति कहलाते हैं । लंका का बाण वापस फिर जाय ।",bhili-bhb +"अंगिका बुझौवल +तर खमेरी ऊपर झण्डा +जेकरोॅ पात सहस्सर खण्डा । +ओल +हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी , बीच में मकइया +फरै में लदबद , खाय में मिठैइया । +पानी के सिंघाड़ा +चलोॅ पाँचो भाय पाण्डव चरका पथलोॅ के पार करी दीहोॅ । +अंगुरीदाँत +एक मुट्ठी नारोॅ +सौंसे घरोॅ छारोॅ । +सिन्दूर +हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी , बीच में सड़कवा +फरेॅ लागलै काली माय , छोड़ी देलकै बन्दूकवा । +सलाम +चार कबूतर चार रंग +भाड़ी में ढूकेॅ एके रंग । +पान +हेती टा चुकड़ी में तीन बचवा +किरीन के धाव लागल उड़ बचवा । +अंडी +इती टा भालमियाँ +हेत्तेॅ ठो पुछड़ी +सूई +आँखीतर गुजुरगुजुर +गुजुर तर फें फें +फें फें तर फदर फदर +सुनेॅ तेॅ कें कें +आँख , नाक , मुख , कान +एक महल में दू दरवाजा +ऐलै लटकन मारोॅ पटकन +नाक +बाप रे बाप +ऊपर से गिरलै बड़का चाप +घोॅर भागलै दुआर दै केॅ +हम्में कोन दै केॅ भागवै रे बाप +जालमछली +तोॅर टाटी ऊपर टाटी +बीच में नाचेॅ गोली पाठी +जीभ +चार कबूतर चार रंग +भाँड़ी में ढूकेॅ तेॅ एक्के रंग +पान , सुपारी , चूना , कत्था +सूतसूत पर आग बरेॅ +लेकिन सूत एक नै जरेॅ +बिजली का तार +घोटोॅ घोटोॅ डिबिया +लाल लाल बिबिया +मसूर +लाल हाथी उजरोॅ सूँढ़ +बूटकी अँकुरी +तोॅर गदगद ऊपर फेन +तेकरोॅ बेटा रतन सेन +भात",angika-anp +"आवत देखेऊँ सासू दुई बनिजरवा हो न +अवधी बोली में गाया जाने वाला जाता गीत है यह । इसमे पितृसत्ता का कई रूप दिखाई देता है । भारत में औरतों को अपने दुःख को छिपाने के लिए बचपन से तैयार किया जाता है । उन्हें दुःख सहने के लिए तैयार किया जाता है । +आवत देखेऊँ सासू दुई बनिजरवा हो न +सासू एक गोरा एक सांवर हो न +गोरा तो हवें सासू ननदी के भईया हो न +सासू संवरा हमरा वीरन भैया हो न +बरहे बरिसवा पे लौटें वीरन भईया हो न +सासू आजू काउ सिझई रसोइया हो न +बनाई डारा मोरी बहुअरी किनकी के भतवा हो न +बनाई डारा ताले के सगवा हो +अगिया लगाऊं सासू झींगवा के भतवा हो +सासू बरजा पड़ई ताले सगवा हो न +बनई डरबई मोरे सासू सऊँआ के भतवा हो न +सासु कुंनुरू करेला के भजिया हो न +जेवन बैठे हैं सार बहनोइया हो न +रामा भयवा के ढूरल असुइया हो न +किया तू मोहाना भईया माई के कलेउआ हो न +भैया किया तुहूँ धना के सेजरिया हो न +नहीं हम मोहाने बहिनी माई के कलेउआ हो न +बहिनी नहीं ���म धना के सेजरिया हो न +बहिनी हमरो ये तोहरी बिपतिया हो न +हमारी बिपतिया भैया बान्ह्या तू गठरिया हो न +भईया जिन कहेया बाबा के अगवा हो न +बाबा सभवा बैठ पछितैइहैं हो न +हमारी बिपति भैया बन्ह्या तू गठरिया हो न +भईया जिन कहेया माई के अगवा हो न +माई छतिया बिहड़ीं मरी जैइहैं हो न +हमरी बिपति भईया बन्ह्या तू गठरिया हो न +भईया जिन कहेया चाची के अगवा हो न +‘चाची झगडा लगायी तनवा मरिहैंई हो न +हमरा बिपति भईया बन्ह्या तू गठरिया हो न +भईया जिन कह्यया भउजी के अगवा हो न +भऊजी राम रसोइया ताना मरिहैई हो न +हमरी बिपति भईया बन्ह्या तू गठरिया हो न +जिन कह्यया बहिनी के अगवा हो न +बहिनी मोर सुनि ससुरे न जैइहैंई हो न +भईया जाई कह्यया अगुआ के अगवा हो न +रामा जे न मोर किन्ही अगुवैया हो न",awadhi-awa +"म्हारे घेर में आ रह्या री बटेऊ +म्हारे घेर में आ रह्या री बटेऊ , साथण का लणिहार +साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण +अपणी साथण नै घाघरा सिमा द्यूं नाड़ा झुब्बेदार , +साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण +अपणी साथण नै मैं चूंदड़ी रंगा द्यूं , फूल पड़े हजार , +साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण +अपणी साथण नै मैं सासरे खंदा द्यूं गैल बटेऊ जा , +साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण +अपणी साथण नै मैं तावली मंगा ल्यूं , भेजूं माई जाया बीर +साथण चाल पड़ी मेरे डब डब भर आये नैण",haryanvi-bgc +"206 +लिखया विच किताब कुरान दे जी गुनाहगार खुदा दा चोर है नी +हुकम माउ ते बाप दा मंन लैना जेहड़ा राह तरीकत1 दा ज़ोर है नी +जिन्हां ना मनया पछोतावणगे पैर देखके झूरदा मोर है नी +जो कुझ माउं ते बाप ते असीं करीए ओथे तुध दा कुझ ना ज़ोर है नी",panjabi-pan +"हे दे सोई हे साड़’र मास +हे दे सोई हे साड़’र मास , हे दे उठा हे कात्यक मास +हे तम पीलंग भरा के देयां नै सुवाओ +हे तम देयां नै सुवा कै गंगा जी पहुंचाओ +हे तम गंगा जी पहुंचा के गौ धरम कराओ +हे तम गौ धरम करा के खीर रंधाओ +हे तम खीर रंधा के बीपर जिमाओ +हे तम बीपर जिमाके दिछणा दिलाओ",haryanvi-bgc "रहो रहो बांझड़ली दूर रहियो रहो रहो बांझड़ली दूर रहियो तेरी ए तेरी लावण सै म्हारे फल झड़ै @@ -19505,152 +9100,3016 @@ folksong,language हम हां ए हम भाई भतीजा आली भाई ए भतीजा तेरी भाए सपूती तेरे ए तेरे हिबड़ै बांझल दौं बलै",haryanvi-bgc -"आज अनंद भलइ हमर नगरी -बधैया -आज अनंद भलइ1 हमर नगरी । -मोर दादा लुटावे अनधन सोना , मोर दादी लुटावे मोती के लरी2 ॥ 1 ॥ -बाबूजी लुटावथ3 कोठीअटारी , मइया लुटाबे फूल के झरी । -मोबारख4 होय होरिला तोहरो गली ॥ 2 ॥",magahi-mag -"अंगिका बुझौवल -तोहरा कन गेलाँ -लेॅ केॅ बैठलाँ । -पीढ़ा -तोहरा कन गेलाँ -खोली केॅ बैठलाँ । -जूत्ता -चानी हेनोॅ चकमक , बीच दू फक्का -जे नै जानेॅ , जे नै जानेॅ ओकरोॅ हम्में कक्का । -दाँत -हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी -बीच में गोला पट्टी । -जीभ -हाथ गोड़ लकड़ी पेट खदाहा -जे नै बूझै ओकरोॅ बाप गदहा । -नाव -फरेॅ नै फूलै , ढकमोरै गाछ । -पान -जड़ नै पत्ता , की छेकोॅ ? -अमरलत्ता -तोहरा घरोॅ में केकरोॅ पेट चीरलोॅ । -गेहूँ -चलै में रीमझीम , बैठै में थक्का -चालीस घोॅर , पैतालीस बच्चा । -रेल -खेत में उपजै , हाट बिकाबै -साधूब्राह्मण सब कोय खाबै -नाम कहैतें लागै हस्सी -आधा गदहा , आधा खस्सी । -खरबूजा -लाल गे ललनी , लाल तोरोॅ जोॅड़ -हरिहर पत्ता , लाल तोरोॅ फोॅर । -खमरूआ -राग जानै गाना नै जानै -गाय ब्राह्मण एक्को नै मानै -जों कदाचित जंगल जाय -एक हापकन बाघौ केॅ खाय । -मक्खन -हमरोॅ राजा केॅ अनगिनती गाय -रात चरै दिन बेहरल जाय । -तारा -हिनकी सास आरो हमरी सास दोनों माय घी -तोहें बूझोॅ हम्में जाय छी । -ससुरपुतोहू -साँपोॅ हेनोॅ ससरै , माँड़ रं पसरै -सभै छोड़ी केॅ नाक केॅ पकड़ै । -पोटा -एक गाछ मनमोहन नाम -बारह डार , बारह नाम । -बरस , दिन , तिथि -एक जोगी आवत देखा -रंगरूप सिन्दूर के रेखा -रोज आबै , रोज जाय -जीवजन्तु केकरो नै खाय । -सूरज",angika-anp -"पियवा जे चललन गोरखपुर, धनियाँ अरज करे हे -पियवा जे चललन गोरखपुर , धनियाँ अरज करे हे । -परभुजी , हमरा लइहऽ1 कँगनमा , कँगनमा हम पहिरब हे ॥ 1 ॥ -अँगना खेलइते2 तोहें ननदी त भउजी से बचन बोले हे । -भउजी , तोहरा के होतो नंदलाल , हमरा तोंही3 का4 देबऽ हे ॥ 2 ॥ -तू हमर लउरी5 ननदिया , आउर6 सिर साहेब हे । -हम देबो गोरखपुर के कँगना , होरिला जमे7 होयत हे ॥ 3 ॥ -गोड़ हाथ पड़त8 ननदिया , आदित9 मनायल10 हे । -आदित , मोर भउजी बेटवा बिययतन11 बधइया हम कँगनमा लेबइ हे ॥ 4 ॥ -आधी रात बितलइ , पहर रात , होरिला जलम लेल हे । -बाजे लागल आनंद बधावा , महल उठे सोहर हे ॥ 5 ॥ -मचिया बइठल तोंहे भउजो त सुनह बचन मोरा हे । -कहलऽ तू हमरा कँगनमा , कँगनमा बधइया लेबो हे ॥ 6 ॥ -नऽ देबो , हे ननदो , नऽ देबो , पीआ के अरजल12 हे । -कँगना हइ पीया के कमइया , 13 कँगनमा हम कइसे देबो हे ॥ 7 ॥ -सुनहऽ हो आदित , सुनहऽ , हम तोर गोड़ धरी हे । -आदित , भउजी मोर बेटिया बिययतन बधइया न दे हथन14 हे । -कोदो15 के भतवा के पंथ16 पड़े , जबे भोर होयत हे ॥ 8 ॥ -बेटवा क सोहर हम सुनम , हम बधइया दे��� हे । -पहिला अरजन17 के कँगनमा , से हो रे पहिरायम हे ॥ 9 ॥ -भइया के दसो दरबजवा , दसो घर दीप जरे हे । -आदित , भउजी के होवइन होरिलवा , बसमतिया18 के पंथ पड़े हे ॥ 10 ॥",magahi-mag -"गाढ़ो जोती न रणु बाई आया -गाढ़ो जोती न रणु बाई आया -यो गोडो कुण छोड़ोवे -गाढ़ो छोज्ञावे ईश्वरजी हो राजा -वे थारी सेवा संभाले -सेवा संभाले माता अगड़ घड़ावे , सासरिये पोचावे -सासरिये नहीं जाँवा म्हारी माता पिपरिया में रे वां -भाई खिलावां भतीजा खिलावां , तो भावज रा गुण गांवा",rajasthani-raj -"407 -हथ चाय मुतहिर ते कड़किया ई तैनूं आवंदा जग सभ सुंझ रन्ने -चावल नयामतां कणक तूं आप खावे खैर देन ते कीतियां खुंझ रन्ने -खड़ देह चीना घर खावदां दे नहीं मारके करूंगा मुंज रन्ने -पट चिडबियां चैड़ियां घत सुटू ला बहें जे वैर दी चुंझ रन्ने -सिर फौहड़ी मारके दंद झाडूं टगां भन्नके करूंगा लुंज रन्ने -तेरी बरी सूई हुने फोल सुटां बैठी रहेंगी उंज दी उंज रन्ने -वारस शाह सिर चाढ़ वगाड़ीए तूं हाथी वांग मैदान विच गुंज रन्ने",panjabi-pan -"पल्लै पड़ि गई बारह बीघा में -पल्लै पड़ि गई बारह बीघा में लगा दई भुटिया ॥ -ससुर भी सोबै सास भी सोवें दै दै टटिया । -हम लाँगुर दोनों मैंड़ पै डोलें लै लै लठिया ॥ -पल्ले पड़ि गई . -जेठ भी सोवै जिठानी भी सोवै दै दे टटिया । -हम लांगुर दोनों मैंड़ पर डोलें लै लै लठिया ॥ -पल्ले पड़ि गई . -देवर भी सोवै दौरानी भी सोवै दै दै टटिया । -हम लांगुर दोनों मैंड़ पर डौलें लै लै लठिया ॥ -पल्ले पड़ि गई . -बालम भी सोवै सौतन भी सोवे दै दै टटिया । -हम लांगुर दोनों मैंड पर डोलें लै लै लठिया ॥ -पल्ले पड़ि गई .",braj-bra -"ढेल तो परवत भई रे आंगणो भयो परदेश -ढेल तो परवत भई रे , आंगणो भयो परदेश -म्हारा वीरा रे , तीरथऽ करी नऽ वेगा आवऽ । -कचेरी बसन्ता थारा पिता वाटऽ जोवेऽ रे -झुलवा झुलन्ती थारी माता । -म्हारा वीरा रे , तीरथ करी नऽ वेगा आवऽ -गैय्या धुवन्ता थारा भाई वाटऽ जोवऽ रे , -महिया विलन्ती थारी भावज । -म्हारा वीरा रे , तीरथ करी नऽ वेगा आवऽ । -घोड़ीला बसन्ता थारा पुत्र वाटऽ जोवऽ रे , -रसोई करन्ती थारी बहुवर -म्हारा वीरा रे तीरथऽ करी नऽ वेगा आवऽ । -सासर वासेण थारी बईण वाटऽ जोवऽ रे , -फुतल्या खेलन्ती थारी कन्या । -म्हारा वीरा रे , तीरथऽ करी नऽ वेगा आवऽ ।",nimadi-noe -"पाँच लाडू पाँच धरिया -पाँच लाडू पाँच धरिया -फलाणा राय पाँच पड़िया -नाचरे म्हारा गणपति -गणपतियो तो नाचेगो -सेरी में धूम मचायेगो -नाचरे म्��ारा गणपति",malvi-mup -"552 -इक जाण भन्ने1 बहुत नाल खुशी भला होया फकीर दी आस होई -इक जाण रोंदे जूह खेड़यां दी अज देखो ते चैड़ नखास2 होई -इक नाल डंडे नंगे जान भन्ने यारो पई सी हीर उदास होई -इक चितड़ वजांवदे जान भंउदे जो मुराद फकीर दी रास होई -वारस शाह ना सुंदयां ढिल लगदी जदों उसतरे नाल पटास होई",panjabi-pan -"244 -हथ कंगना पौचियां फब रहियां कंनी चमकदे सोने दे बुंदड़े नी -मझ पट दीयां लुडियां खेस उते सिर भिंने फुलेल दे जुंदड़े नी -सिर कूच के बारियां दार छले कजल भिंनड़े नयन नचुंडड़े नी -खान पीन पहरन सिरों मापयां दे तुसां जेहे फकीर क्यों हुंदड़े नी",panjabi-pan +"जो बदनवारो कहा लये जाती +जो बंदनवारो कहां लये जातीं , +किते लये जाती हैं । जो . . . +नगर अयोध्या में सुत भये सजनी , +राजा महीपत के नाती , उतईं जातीं +राजा दशरथ के पुत्र भये हैं +रघुकुल वंश उजार दई बाती , उतईं लये जातीं +रानी कौशिल्या की कूख जुड़ानी +राजा दशरथ की छाती , उतई लये जातीं +सब सखियन खों दान दये हैं +फूली नाहिं समाती । उतईं . . .",bundeli-bns +"5 +मौदूद1 दा लाडला पीर विश्ती शकरगंज मसऊद भरपूर है जी +बाइआं कुतबां दे विच है पीर कामल जैंदी आजज़ी जु़हद मनजू़र है जी +खानदान विच चिशत दे कामलीअत शहिर फकर दा पटण2 मशहूर है जी +शकरगंज ने आणि मकान कीता दुखदरद पंजाब दा दूर है जी",panjabi-pan +"पांचू तेरे कापड़े कोनै सिमाए ए बना +पांचू तेरे कापड़े कोनै सिमाए ए बना +दर्जी बेटा वह सीमे री मेरे मामा सिमाए +मैं तनैं बूझूं रे बना तनै किसी मिली मिरगा नैणी +साली मेरी कालियां री मेरी जोटल गोरी",haryanvi-bgc +"ऊधो ऐसी कइयो हरि से +ऊधो ऐसी कइयो हरि सें , +नंदलाला गिरधर सें । +कै गये ते दस पांच रोज की , +बीत गई हैं बरसें । ऊधो . . . +खान पान निस नींद न आवे , +प्राण रात दिन तरसें । ऊधो . . . +अब तो ये आंखन के अंसुआ , +होड़ लगाये बरसें । ऊधो . . .",bundeli-bns +"120 +रांझे पीरां नूं बहुत खुशहाल कीता दुआ दितियां ने जाह हीर तेरी +तेरे सब मकसूद1 हो गए हासल मदद हो गए पंजे पीर तेरी +जाह गूंज तूं विच मगवाड़2 बैठा बखशी गई है सब तकसीर3 तेरी +वारस शाह मियां पीरां कामलां4 ने कर छडी है नेक तकदीर तेरी",panjabi-pan +"मांगलिक गीत +1 राजस्थानी +1 राजस्थानी +गीत चौथ गणेश जी +सात बहना का गीत +गीत शीतला माता का +गीत पाबूजी का +गीत +1 . +2 राजस्थानी +मदारजी का गीत +तुलसीदास जी +सूरजजी का गीत +खटमल का गीत +बींजा भाणजा +घेवर का गीत +सिंगाड़ा का गीत +जामुन का गीत +नारंगी का गीत +जलेबी का गीत +केसर का गीत +दाई के गीत +4 राजस्थानी +5 राजस्थानी +जापे का गीत +साठा जापा +न्हावण , जापाजलवा के गीत +1 राजस्थानी +2 राजस्थानी +2 राजस्थानी +3 राजस्थानी +4 राजस्थानी +5 +पीपली +चूड़े के गीत +1 राजस्थानी +5 राजस्थानी +ननद मजाक का गीत +1 राजस्थानी +बधाई का गीत +बधावा का गीत +1 राजस्थानी +1 राजस्थानी +दूब लाने का गीत +1 राजस्थानी +किवाड़ी खुलाने का गीत +गणगौर पूजने से पहले का गीत +नोट जंवारा का गीत +1 राजस्थानी +पाटा धोने का गीत +पाटा धोने के बाद का गीत +गौर पूजते समय का गीत +गौर पूजने के बाद आरती +सीठना +चूंदड़ी का गीत +गणगौर के गीत +1 राजस्थानी +2 राजस्थानी +4 राजस्थानी +5 राजस्थानी +6 राजस्थानी +7 राजस्थानी +8 राजस्थानी +9 राजस्थानी +1 +2 राजस्थानी +1 राजस्थानी +गणगौर लाने के बाद गाना +गौर की आरती का गीत +1 राजस्थानी +गणगौर को पानी पिलाने का गीत +गौर बिन्दोरे का गीत +मेहंदी का गीत +दिया का गीत +काजल का गीत +टीकी का गीत +गौर के विदा का गीत",rajasthani-raj +"आज वृन्दावन रहस रच्यो है +आज वृन्दावन रहस रच्यो है , +मैं भी देखन जाऊँगी । +सोलह शृंगार करूँ मोरी सजनी +मुतियन माँग भराऊँगी । आज वृन्दावन . . . । +ओढ़के मैं तो पचरंग चूनर +श्याम को खूब रिझाऊँगी । आज वृन्दावन . . . । +मोहन दान दही मांगे +कंस को जोर दिखाऊँगी । आज वृन्दावन . . . । +ऐसो रहस देख मेरी सजनी +प्रेम मगन हो जाऊँगी । आज वृन्दावन . . . ।",bundeli-bns +"कौन फूल फूले अजहिन सजहिन +कौन फूल फूले अजहिन सजहिन +कौन फूल आधी रात या गुइयाँ +बेला फूल फूले अजहिन सजहिन +उमर फूले आधी रात गुइयाँ +वहाँ फूले खोसे कहरा वेट उना भरत है +राजा घर पानी या गुइयाँ +राजवा की बेटी अंचल चंचल +कहरा का देख लुभाय या गुइयाँ +कहरा वेट उना पैया तोरे लागू +हमहू चलब तुम्हरे साथ या गुइयाँ +तुम्हरे तो रनिया थाली या लोटा +हमरे थलिया नहीम आय या गुइयाँ . . .",bundeli-bns +"उठ गए गवाँढों यार +उठ गए गवाँढों यार +उठ गए1 गवाँढों यार , +रब्बा हूण की करीए ? +उठ गए हुण रहिन्दे नाहीं , +होया साथ तिआर2 , +रब्बा हूण की करीए ? +उठ गए गवाँढों यार । +डाँझ3 कलेजे बलबल उठ दी , +भड़के विरहों नार , +रब्बा हूण की करीए ? +उठ गए गवाँढों यार । +बुल्ला सहु प्यारे बाझों4 , +रहे उरार ना पार , +रब्बा हुण की करीए ? +उठ गए गवाँढों यार ।",panjabi-pan +"कलेवा गीत +सासु ने काइ काइ रांद्यो जवांयला । +आवस्या नो भोजन रांद्यो जवांयला । +खाइ ते सलोवलो करे जवांयला । +गुल ने घिंव ते नारब्यो जवांयला । +खासे तिं घणि मुझा आवसे जवांयला । +गीत में कहा गया है जवाँईजी सास ने भोजन में क्याक्या बनाया है ? उत्तर में कहा है सिवैयाँ बनाई हैं , खाएँ तो ‘सलोवलो’ इधरउधर होती हैं । उसमें गुड़घी डाला है , खाएँगे तब खूब मजा आएगा ।",bhili-bhb +"झूला डरो कदब की डार +झूला डरो कदंब की डार +झूलें राधा प्यारी ना । झुला . . . +कौना झूले कौन झुलावे , +ऋतु मतवारी ना । झुला . . . +राधा झूलें श्याम झुलावें , +बदरा छाये ना । झुला . . . +कौना गावें कौना बजावें , +कौना नाचे ना । झुला . . . +सखियाँ गावें कृष्ण बजावें , +ग्वालें नाचे ना । झुला . . .",bundeli-bns +"आम्बो कि साई गहरो डो रानी +आम्बो कि साई गहरो डो रानी +चीचा कि साई गहरा डो रानी +गहरा साई बौरा पलेंगो बिले डो रानी +गहरा साई बौरा पलेंगो डो बिले +आमा बूलू तकिया डो रानी +आमा बूलू तकिया डो रानी +इयां कापार डोगे मारे +आमा कपारेन सिखू बाने राजा +आमा कपारेन सीखू बाने +कपिली गई नी ईयनी जा राजा +आमा कपारेन सीखू बाने +चाँदो सूरजो ईमनी जा राजा +आमा कपारेन सीखू बाने +आमा मेनेन डगा डो रानी +आमा मेनेन डागा मारे +इयां मेनेन डगा बाने राजा +इयां मेनेन डागा बाने +स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"दीवा किसने बैठ घड़ाइआं +दीवा किसने बैठ घड़ाइआं अर किसने दीवे लीया रे चुकाय +राजीड़ा रे महल दीवा बलै +दीवा रिछपाल घड़ाइयां और हरिचन्द लीया रे चुकाय +राजीड़ा रे महल दीवा बलै +दीवा तेरै किसने तेल पिरोइयां और किसने गेरी सै बात +राजीड़ा रे महल दीवा बलै +बेबे तेल पिरोइयां अर भावज मल गेरी सै बात +राजीड़ा रे महल दीवा बलै +दीवा बाल धरूं धमसाल मैं मेरे जीमे देवर जेठ +राजीड़ा रे महल दीवा बलै +दीवा बाल धरूं चन्दन रसोई में जित जीमे री मेरी ननदी का बीर +राजीड़ा रे महल दीवा बलै +दीवा बाल धरूं डूंगै ओबरे जित सोवै मेरी ननदी का बीर +राजीड़ा रे महल दीवा बलै +दीवा बाल धरूं चन्दन चौक जित खेले जी मेरा लाडणा पूत +राजीड़ा रे महल दीवा बलै",haryanvi-bgc +"देस के हो रे थे बारां बाट +देस के हो रे थे बारां बाट । +बणिया बाह्मण अर कोई जाट । +अर कोई था अछूत कहलाया । +बाब्बू का दिल था भर आया । । +बाब्बू ने मिटाई छू आछूत । +सब सैं भारत मां के पूत । ।",haryanvi-bgc +"रोहेण बाई थारी कोठरी हो माता +रोहेण बाई थारी कोठरी हो माता , +अगर रह्यो महेकाय । +कि हो गन्धीड़ो बसी गयो , +की हो फूली फुलवाड़ी । +नहीं हो गन्धीड़ो बसऽ म्हारी सई हो । +नहीं हो फूली फुलवाड़ी , +आया चन्द्रमा राजा , बठ्या म्हारी कोठरी , +अग�� रह्यो महेकाय ।",nimadi-noe +"53 +लै के सठ सहेलियां नाल आई हीर मतड़ी रूप गयान दी जी +बुक मोतियां दे कन्नीं चमकदे सन कोई रूप ते परी दी शान दी जी +कुड़ती सोंहदी हिक दे नाल फबी होश रही न जिमीं असमान दी जी +उहदे नक बुलाक ज्यों कुतब तारा1 जोबन भिनड़ी कहर तूफान दी जी +आ नी बुंदयां वालीए टलीं मोईये अगे कई गये तंबू तान दी जी +वारस शाह मियां जटी लैहड़ लुटी फिरे भरी हंकार ते मान दी जी",panjabi-pan +"म्हारे बंदड़े का सोन्हा जामां +म्हारे बंदड़े का सोन्हा जामां +ऊपर धार बंधी री बटणां की । +चाची ताई मंगल गावैं सारे बगड़े की , +लोंग बखेर हे बाहण बंदड़े की । +चाचे ताऊ मामे फूफे री बराती , +चढ़ गई झाज बनी के सुसरे की ।",haryanvi-bgc +"चलो बमना बालकों घरमा +चलो बमना बालकों घरमा +चलो बमना बालकों घरमा +चलो बमना बालकों घरमा +बालकों घर में बालक रोये +बालकों घर में बालक रोये +बंझोरी घर में बिडकी रोवे +बंझोरी घर में बिडकी रोवे +बालकों घर में सोना की झूल +बंझोरी घर में लोहा की झूल +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"398 +लड़े जट ते कुटीए डूम नाई सिर जोगीड़े दे गल आइयां ई +आ कढीए वढीए एह फसता जग धूड़ काई एस पाइया ई +एस मार मंतर वैर पा दिता चानचक दी पई लड़ाइयां ई +हीर नहीं खांदी मार असां कोलों वारस गल फकीर ते आइयां ई",panjabi-pan +"अंगिका फेकड़ा +बाबू हो भैया हो +सुग्गा फोकै छौं धान हो +केॅ मोॅन ? +बीस मोॅन । +बीसू राय के बेटवा +लाल पगड़िया मॅथवा +ढोल बाजे डिग्गिर बाजे +बाजे रे शहनैया +राजा बेटी धरहर नाँचै +रतन जमइया । +चल गे चिलरोॅ मोर खलिहान +खोयछा भरी देबौ रामसारी धान +वही धान के कुटिहें चूड़ा +नेतोॅ जमैहिएं कोॅरकुटुम +सब्भै तोरा दिएॅ आशीष +चिरयुग जिऐ नूनू , लाख बरिस । +हा हुस रे पर्वत सुगा +हमरोॅ खेत नै जैहियैं सुगा +मामू खेत जैहियैं सुगा +एक्के सीसोॅ लीहें सुगा +घोंघा में भात रान्हियें +सितुआ में माँड़ पसैहियें सुगा +आपनें खैइहैं दालभात +बेटाबेटी केॅ खिलैयैं माँड़भात +आपनें सुतिहें मचोल पर +बेटाबेटी केॅ सुतैहियैं डमखोल पर । +बिल्लो मौसी कहाँ जाय छैं ? +माछोॅ मारेॅ । +केना मारबे ? +छुपुर छैंया । +केना बनैवे ? +हसुआकचिया । +केना धाबे ? +कठौती पानी । +केना खैबे ? +कुटुरमुटुर । +केना सुतबे ? +नम्मा चौड़ा । +केना सतभेॅ ? +फोंफोंफों ।",angika-anp +"जुत्ती मेरी नारान्वाल दी +जुत्ती मेरी नारान्वाल दी , +सितारेयाँ जडत जड़ी , +मेरेया राँझा , +जुत्ती होवे तां एवा जई , +पा जुत्ती मैं चल पई । +मेरे पबयाँ ते धूड़ पई । +मेरेया राँझा जुत्ती , +होवे तां एवा जई ।",panjabi-pan +"386 +मेरे हथ लौंदे1 तेरी लवे टोटन2 काई मारसीरा नाल मोहलयां दे +असीं घड़ांगे वांग कलबूत मोची करे चैड़ां वांग उललयां दे +मार इक चपेड़ ते दंद भन्नूं सुआद आउनी चुहलीयां3 बोल्लयां दे +वारस शाह तेरे घट वांग छड़ीअन नाल कुतकचां डंडयां ठलयां दे",panjabi-pan +"ऊ जे जब रे गोहुम केरे ओबटन +ऊ जे1 जब2 रे गोहुम केरे ओबटन3 राई4 सरसो के तेल , अउरो5 फुलेल । +से बेटा बइठल ओबटन6 दुलरइता बइठल ओबटन ॥ 1 ॥ +लगवलऽ7 मइयो8 सोहागिन , हाँथ कँगन डोलाय , नयना घुमाए । +से बेटा बइठल ओबटन , दुलरइता बइठल ओबटन ॥ 2 ॥ +लगवल चाची सोहागिन , हाँथ कँगन डोलाय , नयना घुमाय । +से बेटा बइठल ओबटन , दुलरइता बइठल ओबटन ॥ 3 ॥ +लगवल फूआ9 सोहागिन , हाँथ कँगना डोलाए , नयना घुमाए । +से बेटा बइठल ओबटन , दुलरइता बइठल ओबटन ॥ 4 ॥",magahi-mag +"ल्हुक बैठ हे राणी रुकमण राणी +ल्हुक बैठ हे राणी रुकमण राणी , तेरे डूडूडे आए +क्यूंकर ल्हुक जां री मेरी दादी , मेरे दादा ने बुलाए +ल्हुक बैठ हे राणी रुकमण राणी , तेरे टूडूडे आए +क्यूंकर ल्हुक जां री मेरी अम्मां , मेरे बाबल ने बुलाए +ल्हुक बैठ हे राणी रुकमण राणी , तेरे डूडूडे आए +क्यूंकर ल्हुक जां री मेरी ताई , मेरे ताऊ ने बुलाए",haryanvi-bgc +"कहमाँहि किसुन जी जलम लेलन +कहमाँहि किसुन1 जी जलम लेलन , कहमाँहि बाजत बधावा2 +सुनहु जदुनन्नन3 हे । +मथुराहिं किसुनजी जलम लेलन , गोखुला4 में बाजत बधावा , +सुनहु जदुनन्नन हे ॥ 1 ॥ +कयराहिं5 काटीकुटी खँम्हवा6 गड़ावल7 छोटेमोटे +मँड़वा बनावल , सुनहु । +खरही8 काटीकुटी9 मड़वा छवायबइ10 मँड़वा में कलसा +धरयबइ11 सुनहु ॥ 2 ॥ +ओकरा12 में भरबई13 गंगा पानी , ओकरा में धरबइ कसइलिया14 सुनहु । +ओकरा में धरबइ पलबिया15 ओकरा में धरबइ पनफूलवा16 सुनहु ॥ 3 ॥ +बारबइ17 हम मानिक दियरा18 झलमल करतइ19 दियरा , सुनहु जदुनन्नन हे । +मँड़वहिं रखबइ20 हरदिया , पूजबइ हम गउरीगनेसवा21 सुनहु जदुनन्नन हे ॥ 4 ॥ +उपरे22 अनंद पितर लोग , अब बंश बाढ़ल मोर , सुनहु जदुनन्नन हे । +मँड़वहिं हो गेल इँजोर23 सुनहु जदुनन्नन हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"139 +उहनूं फाटके कुट चकचूर कीता छालीं लायके पास ते धाइयां ने +हथीं बाल सुआतड़े काहने वडे भांवड़ बाल लैं आइयां ने +झुगी साड़ के भाडड़े भन्न सारे कुकड़ कुतियां चा भजाइयां ने +फौजां शाह दीयां वारसा मार पथर मुड़के फेर लहौर वल आइयां ने",panjabi-pan +"जा भाग्यानी तू मैत न्है जा +जा भाग्यानी तू मैत न्है जा +मेरो रैवार बई मूं ली जा +इनु बोल्यान तुम बई मूं मेरी +खुद लगी छ बल बई तेरी +बाबा को बोयान तुमन भलों करे +रुपयों खैक मेरो बुरो करे +बाबा न दिने चौ डाण्डों पोर +भायों न करे रुपयों जोर +भौजी क बोल्यान मैं जागी रौ लो +यूँ की हालात तबो लौलो +ये गौं छ पाणी दूरो +मऊ पूस क छ जाड़ो बूरो +भावार्थ +' जा भाग्यशालिनी , तू पीहर को चली जा , +मेरा सन्देश माँ के पास ले जा । +ऐसे कहना : तुम मेरी माँ हो , +तुमसे मिलने की बहुत भूख लगी है , माँ +पिता से कहनातुमने अच्छा किया , +रुपए खाकर तुमने मेरा बुरा कर डाला । +पिता ने मुझे चार पहाड़ों के पार दे दिया +भाइयों ने भी रुपया लेने पर ज़ोर दिया । +भाई जी से कहना : मैं बाट जोहूंगी +यहाँ की हालत तभी सुन लेना । +इस गाँव का पानी बहुत दूर है , माँ +माघपूस का जाड़ा भी बहुत बुरा है । '",garhwali-gbm +"लाला लाला लोरी दूध भरी कटोरी +लाला लाला लोरी दूध भरी कटोरी +लाला की मां पाणी जा , लाला दूध मलाई खा +लाला रे ललणिया रे बारह गज का तणिया रे +चंदा मामा आयेगा दूध मलाई लायेगा",haryanvi-bgc +"हुण बस्स कर जी +बस्स कर जी हुण बस्स कर जी । +इक्क बात असाँ नाल हस्स कर जी । +तुसीं दिल मेरे विच्च वसदे हो , +ऐवें सात्थों दूर क्यों नसदे हो , +नाले घत्त जादू दिल खसदे हो , +हुण कित्त वल्ल जासो नस्स कर जी । +बस्स कर जी हुण बस्स कर जी । +तुसीं मोएआँ नूँ मार ना मुक्कदे सी , +खिद्दो वाँग खूंडी नित्त कुट्टदे सी , +गल्ल करदेआँ दा गल घुट्टदे सी , +हुण तीर लगाओ कस्स कर जी । +बस्स कर जी हुण बस्स कर जी । +तुसीं छुपदे हो असाँ पकड़े हो , +असाँ नाल जुल्फ दे जकड़े हो , +तुसीं अजे छुपण नूँ तकड़े हो , +हुण जाण ना मिलदा नस्स कर जी । +बस्स कर जी हुण बस्स कर जी । +बुल्ला सहु मैं तेरी बरदी1 हाँ , +तेरा मुक्ख वेक्खण नूँ मरदी हाँ , +नित्त सौ सौ मिन्नताँ करदी हाँ , +हुण बैठ पिंजर विच्च धस्स कर जी । +बस्स कर जी हुण बस्स कर जी ।",panjabi-pan +"लरका गाड़ीवान के +तुम हौ लरका गाड़ीवान के +जतन सें गाड़ी हाँकौ । +अर्थकाम दो चका चढ़े हैं भौंरा बँधो धरम कौ , +धीरजधुरा , पटा परमारथ , कसना कसो करम कौ ; +भरे पंथ में छल के ककरा , और कपट के लोटें झकरा । +भवबाधा की कठिन चढ़ान पै , +तुम अगलबगल जिन झाँकौ । +बड़े भाग सें तुम्हें मिली है , जा दद्दा की गाड़ी , +दिन छित घरै लौटियो , ऊँघ न जइयो , करकें ठाड़ी , +संसयनिसा घिरन ना पाबै , भयभरका में गिरन न पाबै । +ई बैहड़ में कोस प्रमान पै , +स्वारथ डारत है डाँकौ । +सत संगत गुलगुलौ सलीता तुम गाड़ी में डारौ , +सुमतिसखी रूठी , मनाय कें बिनती कर बैठारौ , +घामघमंड न देह तचाबै , रिस की लपट न नाच नचाबै । +खटला उसलें ना ईमान के , +तुम छिमाछाँयरो ढाँकौ । +बलबैभव दो बैल नहे हैं , इक लीला इक धौरा , +मरजादा कीं नाथें इनकीं , हैं संयम के जौरा , +भरैं रोस में बनें मुचर्रा , डर सें काँपें बन जायँ गर्रा । +कबी , ‘बुँदेला’ आतमग्यान कौ +तुम औगा लै लो बाँकौ ।",bundeli-bns +"दिलबर की करदा! +की करदा नी की करदा नी , +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा +इकसे घर विच्च वस्सदिआँ रस्सदिआँ , +नहीं हुन्दा विच्च परदा । +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा +विच्च मसीत नमाज़ गुज़ारे , +बुतखाने जा बड़दा । +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा +आप इक्को कई लक्ख घराँ दे , +मालक सभ घर घर दा । +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा +जित वल्ल वेखां उत वल्ल उहो , +हर दी संगत करदा । +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा +मूसा ते फरऔन1 बणा के , +दे हो के क्यों लड़दा । +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा +हाज़र नाजर ओहो हर थाँ , +चूचक किस नूँ खड़दा । +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा +ऐसी नाजुक बात क्यों कहिन्दा , +ना कैह सकदा ना जरदा । +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा +बुल्ला सहु दा इशक बघेला2 , +रत्त3 पीन्दा गोश्त चरदा । +कोई पुच्छो खाँ दिलबर की करदा",panjabi-pan +"21 +अठखेलया1 अहंल2 दीवानया वे थुकां मोढयां दे उतों सटना एं +चीरा बंन के भंबड़े3 वाल चोपड़ विच त्रिंजणा फेरियां घतना एं +रोटी खांदयां लून जे पवे थोड़ा चा अंगणे विच पलटना एं +कम करें नाहीं हच्छा खाएं पहनें जढ़ आपने आप नूं पटना एं",panjabi-pan +"155 +मही छड माही उठ जाए भुखा उहदे खाने दी खबर ना किसे कीती +भता फेर ना किसे ल्यावणा ए एदूं पिछली बाबला हो बीती +मसत होय बेहाल ते महर कमला जिवें किसे अबदाल1 ने भंग पीती +किते एसनूं झब वयाह देईये एहो महर दे जीऊ दे विच सीती",panjabi-pan +"62 +मान मतीए रूप गुमान भरीए अठ खेलिए1 रंग रंगीलीए नी +आशक भौर फकीर ते नाग काले बाझ मंतरां मूलन कीलीए नी +एह जोबना ठग बजार दा ए टूने हारीए छैल छबीलीए नी +वारस शाह बिन करदो2 ज़िबह3 कर के बोल नाल जबान रसीलीए नी",panjabi-pan +"बरसाने में सामरे की होरी रे +बरसाने में सामरे की होरी रे ॥ टेक +उड़त गुलाल लाल भये बदरा , मारत भरि भरि झोरी रे ॥ +कै मन तो यानै रंग घुरायौ , कै मन केशरि घोरी रे । +नौ मन तो यानै रंग घुरायो , दस मन केशर घोरी रे । +कौन गाम के कुँवर कन्हैया , कौन गाम की गोरी रे । +नन्दगाँव को कुमर कन��हैया , बरसाने की गोरी रे । +कहा हाथ में कृष्ण कन्हैया , कहा हाथ में लिये गोरी रे । +ढाल हाथ में कुमर कन्हैयाजी , लठा हाथ में गोरी रे । +कहा कर रहे ग्वाल बाल सब , कहा करें सब गोरी रे । +ढाल रोपिरहे ग्वाल बाल सब , लठा चलाय रहीं गोरी रे ॥",braj-bra +"सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा । +दुक्खाँ सुक्खाँ कीता एक्का , ना कोई सहुरा ना कोई पेक्का , +दरद विहूणा1 पई दर तेरे , तूँ हैं दरद हन्झाई2 दा । +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा । +कढ्ढ कलेजा करनीआँ बेरे3 , एह भी नहीं लाएक तेरे , +होर तौफीक4 नहीं विच्च मेरे , पीओ कटोरा पाणी दा । +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा । +हुण क्यों रोन्दे नैण निरासे , आपे ओड़क फाही फासे , +हुण ताँ छुट्टण औखा होया , चारा नहीं निमाणी दा । +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा । +बुल्ला सहु प्या हुण गज्जे हश्क दमामा सिर ते वज्जे , +चार दिहाड़े गोएल वासा5 , ओड़क कूच नक्कारे दा , +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा ।",panjabi-pan +"322 +कल जायके नाल चवाा चावड़1 सनूं भड भडार कढायो वे +अज आन वड़यों जिन वांग वेहड़े वैर फल दा आन जगायो वे +जदों आ वड़यो विच चूहड़यां दे किनां शामतां2 आन फहायो वे +वारस शाह रजा दे कम वेखो अज रब्ब ने ठीक कुटायो वे",panjabi-pan +"अहे मोरा पिछुअड़ा लवँगिया के गछिया +अहे मोरा पिछुअड़ा1 लवँगिया के गछिया2 । +लवँग चुअले3 सारी रात हे । +अहे लवँग चुनि चुनि सेजिया डँसवलों । +बीचे बीचे रेसम के डोरा हे ॥ 1 ॥ +अहे ताहि पइसि4 सुतले , दुलहा कवन दुलहा । +जउरे सजनवा केरा धिया हे । +अहे ओते ओते5 सुतहु कवन सुगइ । +तोरा गरमी मोरा ना सोहाय हे ॥ 2 ॥ +अहे अतिना6 बचनियाँ जब सुनत कवन सुगइ । +रोअत नइहरवा चलि जाय हे । +अहे मोरा पिछुअड़वा मलहवा रे भइया । +मोहि के7 पार उतारऽ हे ॥ 3 ॥ +अहे राति अमल8 बहिनी अतही9 गँवावऽ10 । +भोरे11 उतारब पार हे ॥ 4 ॥ +अहे भला जनि बोलइ भइया , मलहवा भइया । +तोरो बोली मोहिं न सोहाय हे । +अहे चान12 सुरुज अइसन अपन परभु तेजलों13 । +तोहरो के सँग नहीं जायब हे ॥ 5 ॥ +अहे एके नइया आवले लवँग इलाइची । +दोसरे नइया आवे पाकल पान हे । +अहे तीसरे नइया आवलें ओहे पनखउका14 । +उनके साथ उतरव पार हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"जीजी का मुठी डो +जीजी का मुठी डो +जीजी का मुठी डो +जीजी का मुठी +जीजी का मुठी +जीजा का मुठी डो सिवे सिवे +जीजा का मुठी डो सिवे सिवे +डईते बोलेन रेवा परेन +डईते बोलेन रेवा परेन +ब���कोते ओलेन डो तानी गेरा +बोकोते ओलेन डो तानी गेरा +स्रोत व्यक्ति चारकाय , ग्राम माथनी",korku-kfq +"बस देख ली आजादी हामनै म्हारे हिन्दुस्तान की +बस देख ली आजादी हामनै म्हारे हिन्दुस्तान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की । । +न्यूं कहो थे हाळियाँ नै सब आराम हो ज्यांगे +खेतों में पानी के सब इंतजाम हो ज्यांगे । +घणी कमाई होवैगी , थोड़े काम हो ज्यांगे +जितनी चीज मोल की , सस्ते दाम हो ज्यांगे । +आज हार होगी थारी कही उलट जुबान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥ +जमींदार कै पैदा होज्याँ , दुख विपदा में पड़ज्याँ सैं +उस्सै दिन तैं कई तरहाँ का रास्सा छिड़ज्या सै । +लगते ही साल पन्द्रहवाँ , हाळी बणना पड़ज्या सै +घीदूध का सीच्या चेहरा कती काळा पड़ज्या सै । +तीस साल में बूढ़ी होज्या आज उमर जवान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥ +पौहमाह के महीने में जाडा फूक दे छाती +पाणी देती हाणाँ माराँ चादर की गात्ती । +चलैं जेठ में लू , गजब की लगती तात्ती +हाळी तै हळ जोड़ै , सच्चा देश का साथी । +फिर भी भूखा मरता , देखो रै माया भगवान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥ +बेईमानी तै भाई आज धार ली म्हारे लीडर सारों नै +रिश्वत ले कै जगहां बतावैं आपणे मिन्तर प्यारों नै । +कर दिया देश का नाश अरै इन सारे गद्दारों नै +आज कुछ अकल छोडी ना हाळी लोग बिचारों मैं । +आज तो कुछ भी कद्र नहीं है एक मामूली इंसान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥",haryanvi-bgc +"बन के करिखा सिउजी, बने धधकवलन +बन के करिखा1 सिउजी , बने2 धधकवलन3 । +ओहे करिखा सिउजी , भभूति चढ़वलन4 ॥ 1 ॥ +कहवाँ नेहयलऽ सिउजी , कहवाँ छोड़लऽ झोरी5 +कउने अमलिए6 सिउजी , मोतिया हेरवलऽ7 ॥ 2 ॥ +जमुना नेहइली गउरा देइ , गंगा छूटल झोरी । +भँगिए8 अमलिए गउरा देइ , मोतिया हेरइली ॥ 3 ॥ +देखलों में देखलों गउरा देइ , तोहरो नइहरा9 । +फूटल थारी10 गउरा देइ , चुअइत11 लोटा । +लाजे न परसे12 गउरा देइ , तोहरो महतारी ॥ 4 ॥ +जब तुहूँ उकटलऽ13 सिउजी , हमरो नइहरा । +हमहूँ उकटबो सिउजी , तोरो बपहरा14 ॥ 5 ॥ +सातो कोठिलवा15 सिउजी , सातो में पेहान16 । +हाँथ नावे17 चलली सिउजी , एको में न धान ॥ 6 ॥ +छनियाँ18 एक देखली सिउजी , ओहो तितलउका19 । +चेरिया एक देखलीं सिउजी , सबुजी20 सेयान । +बावाँ21 गोड़22 लँगड़ी , दहिना आँख कान23 ॥ 7 ॥ +बएला24 एक देखली सिउजी , गोला25 रे बरधवा26 । +कउआ27 मारे ठोकर सिउजी , दँतवा निपोरे28 ॥ 8 ॥",magahi-mag +"कित तै ��ए अर्जन पांडे +कित तै आये अर्जन पाण्डे ? कित तै आये अनुमान ? +हनुमान पियारे । +आगम तैं आये अर्जन पाण्डे , पाच्छम तै आये हनुमान । +ये किन जाये अर्जन पाण्डे ? ये किन जाये हनुमान ? +कुन्ती ने जाये अर्जन पाण्डे , अंजनी ने जाये हनुमान । +कित उतरैंगे अर्जन पाण्डे ? कित उतरैंगे हनुमान ? +समंदर उतरैं अर्जन पाण्डे , मंदर में उतरैं हनुमान ? +कित बैठैंगे अर्जन पाण्डे ? कित बैठैंगे हनुमान ? +चन्दन चौकी अर्जन पाण्डे , लाल पिलंग हनुमान । +के पहरैंगे अर्जन पाण्डे ? के पहरैंगे हनुमान ? +चोला बस्तर अर्जन पाण्डे , लाल लंगोटा हनुमान । +के जीमेंगे अर्जन पाण्डे ? के जीमेंगे हनुमान ? +बूरा चावल अर्जन पाण्डे , सरस मलीदा हनुमान । +कद सुमरैंगे अर्जन पाण्डे , कद सुमरैंगे हनुमान । +सुख में समुरैं अर्जन पाण्डे , भीड़ पड़ी पै हनुमान । +या किन तोड़ी लाल पिलंगिया ? या किन तोड़ी गढ़ लंक ? +अर्जन तोड़ी लाल पिलंगिया , हनु तोड़ी गढ़ लंक । +जैसे कारज राजा रामचन्दर के सारे । +वैसे हमारे दादा , ताऊ पिता के नाम के सारे । +हनुमान पियारे ।",haryanvi-bgc +"मलिया के अँगना कसइलिया के डरवा +मलिया1 के अँगना कसइलिया2 के डरवा3 । +लचकि लचकि भेल डार हे ॥ 1 ॥ +घर के बाहर भेलन , दुलरइता दुलहा । +तोड़लन कसइलिया के डार हे ॥ 2 ॥ +घर के बाहर भेलन , दुलरइता दादा । +मालिन ओरहन4 देइ हे ॥ 3 ॥ +बरजहुँ हो बाबू , अपन दुलरुआ5 । +तोड़ल कसइलिया के डार हे ॥ 4 ॥ +जनु कुछु कहऽ मालिन , हमरा दुलरुआ । +हम देबो कसइलिया के दाम6 हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"मुख तै बोलो रे जै जै सीता राम +मुख तै बोलो रे जै जै सीता राम +बड़े भाग मानस तन पाया सुर दुरलब सब ग्रंथांे नै गाया +राम भजन का करतब बणाया तज द्यो छोटे काम +बिरथा मत डोलो रे जै जै सीता राम +राम नाम है रतन अमोला संत जन्यां नै खूब टिटोल्या +एक रत्ती अर बावन तोला पूरे कर दे काम +हिरदै मैं तोलो रै जै जै सीता राम +आठ परकार काम नै त्यागो भगवत भगती मैं तम लागो +सोए भोत दिनां तै जागो कोडी लागै ना दाम +त्यार तम हो ल्यो रे जै जै सीता राम +इष्ट धरम आसरम का राखो मुख तै झूठ कदे ना भाखो +गाम गाम हो आसरम लाखों बने देस हरी धाम +पाप को धो ल्यो रे जै जै सीता राम +गऊ बैल्यां की सेवा करल्यो सेवा करके पार उतरल्यो +ईसवर भगती मैं चित धरल्यो ले ईसवर का नाम +आसरम खोलो रै जै जै सीता राम",haryanvi-bgc +"तांघ माही दी जलीआँ +तांघ माही दी जलीआँ , +नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । +कउडी दमड़ी पल्ले ना काई , +पार वंडण नूँ मै�� सधराई , +नाल मलाहाँ दे नहीं अशनाई1 , +झेड़ा कराँ वलल्लीआँ । +तांघ माही दी जलीआँ , +नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । +नैं2 चन्दल3 दे शोर किनारे , +घुम्मण घेर विच्च ठाठाँ मारे , +डुब्ब डुब्ब मोए तारू भारे , +जे शोर कराँ ताँ झल्लीआँ । +तांघ माही दी जलीआँ , +नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । +नैं चन्दल दीआँ तारू फाटाँ4 , +खाली उडीकाँ माही दीआँ वाटाँ , +इशक माही दे लाइआँ चाटाँ , +जे कूकाँ ताँ मैं गलिआँ । +तांघ माही दी जलीआँ , +नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । +नैं चन्दल दे डूंघे पाए , +तारू गोते खान्दे आए , +माही मुंडे पार सिधाए , +मैं केवल रहीआँ कलीआँ । +तांघ माही दी जलीआँ , +नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । +पार झनाओं जंगल बेले , +ओत्थे खूनी शेर बघेले , +झब रब्ब मैनूँ माही मेले , +मैं इस फिकर विच्च गलिआँ । +तांघ माही दी जलीआँ , +नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ । +अद्धी रात लटकदे तारे , +इक्क लटके इक्क लटकणहारे , +मैं उठ आई नदी किनारे , +हुण पार लंघण नूँ खलीआँ । +तांघ माही दी जलीआँ , +नित्त काग उडावाँ कल्लिआँ ।",panjabi-pan +"खिटी का खिटी टाला कलमी आमे वोचोकेन जा +खिटी का खिटी टाला कलमी आमे वोचोकेन जा +बाला कुवेरो काली कुबेरा खिटी टाला कल्मी अम्बे बोचोकेन जा +बाला कुवेरा सिपीर सिपीर कोयो ऐचकेन डेई अम्बे बोचोकेन जा +बाला कुवेरा सिपीर सिपीर कोयो ऐचकेन कल्मी आमे बोचोकेन जा +बाला कुवेरा कैरी आमे शाला की जा +बाला कुवेरा मिया पाडा राजा जोजे मिया पाडा +रानी जोपे राजा मनसा पुराकीजा +वाला कुवेरा मिया पाडा रानी जोपे मिया पाडा +राजा जोपे रानी मन्सा जूरा की जा वाला कुवेरा +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"पायां में पैजणियां लाला छुन्नक डोलेगा +पायां में पैजणियां लाला छुन्नक डोलेगा । +हरी जरी की टोपली बजार तक डोलेगा । +दादा कह के बोलेगा दादी की गोद खेलेगा । +पाया में पैजणियां लाला छुन्नक छुन्नक डोलेगा । +ताऊ कहके बोलेगा ताई की गोद खेलेगा । +पाया में पैजणियां लाला छुन्नक छुन्नक डोलेगा ।",haryanvi-bgc +"बन्ना तो हांडे अपने बाबा जी की गलियां +बन्ना तो हांडे अपने बाबा जी की गलियां +दादी तो फिरै रहसी रहसी रे महल में +सेर मोती बारूं जी बन्ने पै +मोती भी वारूं मैं तो हीरे भी वारूं +सेर मोती . . . +बन्ना तो घूमै अपने बाबुल की गलियां +अपने चाचा की गलियां +अम्मा चाची फिरें रहसी रहसी रे +सेर मोती . . . +बन्ना तो आया अपने मामा की गलियां +अपने फूफा की गलियां +मामू बुआ फिर हुलसी हुलस��� रे +सेर मोती . . .",haryanvi-bgc +"406 +जोगी गजब दे सिरे ते सट खपर पकड़ उठया मारके छोड़या ई +लै के फाबड़ी घुलन तयार होया मार वेहड़े दे विच अपौड़िया ई +साड़ बालके जिऊ मूंखाक कीता नाल कावड़ां1 दे जट कौड़िया ई +जेहा महर दे हथ दा बानभुचर2 वारस शाह फकीर ते दौड़िया ई",panjabi-pan +"करमा गीत-1 +चलो नाचे जाबा रे गोलेंदा जोड़ा +करमा तिहार आये है , नाचे जाबो रे । +पहली मैं सुमिरौं सरस्वती माई रे +पाछू गौरी गणेशरे गोलेंदा जोड़ा . . . । । +गांव के देवी देवता के पइंया लगारे +गोड़ लागौ गूरुदेव के रे गोलेंदा जोड़ा . . । ।",chhattisgarhi-hne +"जसोदा तेरे लाला ने +जसोदा तेरा लाला ने मेरी दीनी है मटुकिया फोर ॥ टेक +अरे याने बैंया मेरी झटकी , सिर पै से मटकी पटकी । +मेरे यही जिगर में खटकी । +दोहा मटकी डारी फोर कर , माखन दयौ बिगार । +गैल रोक ठाड़ो भयौ , जाने बादर डारे फार ॥ +मोय अकेली जान के कान्हा दिखावे जोर । ज . +याकू जोर ब्रज कौ भारी , अरे मोय दीनी लाखन गारी । +जाने बहुत करी मेरी ख्वारी । +दोहा ख्वारी अति भारी , करी मन में करूँ विचार । +दिल गोता खाता मेरा , पड़ा हुआ मझधार ॥ +कहाँ करूँ कित जाऊँ अरे जाने करकर डारी तोर ॥ ज . +कहूँ कंस राजा से मैं जाय , अरे जाय लेगौ पकरि मँगाय । +वाय सब हाल कहूँ समझाय । +दोहा समझा कर सब हाल मैं , कान्हा लऊँ बुलाय । +मार लगावै बाँस से , सब मालुम पड़ जाय ॥ +है सब को मालूम अरे ये है माखन कौ चोर ॥ ज .",braj-bra +"371 +तू छातियां नाल ओह मसभिंना तदों दोहां दा जी रल गया सी नी +ओह वझली नाल तूं नाल लटकां जिउ दोहांदा दोहां ने लाया सी नी +ओह इशक दे हट बका रिहा मझी किसे दियां चारदा रिहा सी नी +नाल शोक दे महीं चारदा सी तेरा वयाह होया लुड़1 सी नी +तूसी चढ़ा डोली ओह हिक मण टमक2 चायके नाल लैगया सी नी +हुण कन्न पड़ा फकीर होया नाल जोगियां दे रत्न गया सी नी +अज पिंड तुसाडड़े आन वड़या अजे लंघ के अगां ना गया सी नी +हुण संगली सुट के शगन बोलां चुआ सौ रयां ते गुना पया सी नी +वारस शाह मैं पतरी फोल डिठी कुरआ3 एह नजूम दा पया सी नी",panjabi-pan +"जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग +जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग +पीली पीली पट्टियां सदा सुहाग +मेरी सांझी के औरे धोरै चोल्यां की मुट्ठी हे +मैं तने बुज्झूं संझा तेरी कै तोल्यां की गुट्ठी हे +हे मेरे बाप घड़ाई बहना बीरण मोल चुकाई +बेबे नो तोल्यां की गुट्ठी के",haryanvi-bgc +"म्हारो मन लाग्यो बैराग से +म्हारो मन लाग्यो बैराग से , +आरे रमता जोगी की लार +१ पाव बांध्या हो मीरा घुंगरु , +आरे हाथ ली करताल +दुजा हाथ मीरा तुमड़ा +गुण गाया गोपाल . . . +म्हारो मन . . . +२ एक लाख मीरा सासरो , +आरे दुजा मामा ममसाल +तीजा लाग रे मीरा मावसी +चवथा माय न बाप . . . +म्हारो मन . . . +३ जहेर का प्याला राणा भेजीयाँ , +आरे भेज्याँ दासी का हाथ +जावो दासी मीरा क दई आवो +आमरीत लीजो नाम . . . +म्हारो मन . . . +४ जावो दासी होण देखी आवो , +आरे मीरा जीवती की मरती +मरी होय तो वक फेकी दिजो +मीरा जैसी की वैसी . . . +म्हारो मन . . .",nimadi-noe +"तोरे को पुकारे रोडो डो आयोम आजे +तोरे को पुकारे रोडो डो आयोम आजे +तोरे को पुकारे रोडो डो आयोम आजे +बिडे डो गंगा आयोम सोने का किवाड़ खोले +बिडे डो गंगा आयोम सोने का किवाड़ खोले +सोने की किवाड़ टाला दियो भीत अर्जुन कीन्च टेगेन +सोने की किवाड़ टाला दियो भीत अर्जुन कीन्च टेगेन +बिडे डो गंगा आयोम सोने का किवाड़ डो खोले +बिडे डो गंगा आयोम सोने का किवाड़ डो खोले +सोने की किवाड़ टाला भाग भगवान टाकींज टेगेन +सोने की किवाड़ टाला भाग भगवान टाकींज टेगेन +बिडे डो गंगा आयोम सोने के किवाड़ खोले +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"होली गीत +होळी आज न काल , होळी चली रे लोल ॥ +होळी को मोटो तिवार , होळी चली रे लोल ॥ +पड़ी को मोटो तिवार , होळी चली रे लोल ॥ +पांचम को मोटो तिवार , होळी चली रे लोल ॥ +सांतव की सीतळा पुजाई , होळी चली रे लोल ॥ +होली आजकल है । होली का त्यौहार समाप्त होने चला है । होली का त्यौहार बड़ा है । पंचमी और सप्तमी को रंग से होली खेलते हैं । पूर्णिमा के दूसरे दिन धुलेन्डी पर होली की धूम मचती है । सप्तमी के दिन शीतला पूजन और छठ के दिन बना हुआ भोजन करते हैं । सप्तमी का दिन होली का अन्तिम दिन होता है ।",bhili-bhb +"गोवर्धन पूजा +होरे +पूजा परय पुजेरी के संगी हेय +अरेरेरे धोवा चाऊर चढ़ाई हे हेय +पूजा परत हे मोर गोवर्धन के ददा शोभा बरन नहीं जाए हे +होयेह +धमधा बांधेव पचेरी रे भेड़ा हेय +अरे गांठे दिये हरेरईहा हेय +गाय केहेव धावर वो तेल पठरे दे घोरे रईहा हे +आरारारारारारारा +हरदी पिसेंव कसौंदी वो दाई हेय +अउ घस घस पिसेंव आदा हेय +गाय केहेव धावर वो तें सोहई पहिरले सादा हे हे +होयेह +हरिना हरिना तें दिखे रे भेड़ा हेय +अरे हरिन सुवा के चोंच ऐ हेय +हरिन बरोबर मोर भेड़ा दिखत हे ददा बरे सुरूज के जोंड़ ऐ हे +होओओ +कोन दिये रे दिन जलय गा संगी हेय +अउ कोन जलय सरी रात हेय +कोन दिया रे मड़नी में ज��य कोन जले दरबार ऐ अररारारा +ऐऐह +सुरूज दिया दिन जलय रे भईया हेय +अरे चन्दा जलय सरी रात हेय +लक्ष्मी दिया तो मड़नी में जलय पुत्र जलय दरबार ऐ अररारारा +आरारारारारारारा +पीपर पान ला लुही गा संगी हेय +अउ बोइर पान बनिहार हेय +मैं तो मानत हव देवरी ददा मोर भेड़न गे हे बनिहार अररारारा +बोल दे गोवर्धन भगवान की जय",chhattisgarhi-hne +"पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पाणी नै चाली जी +पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पाणी नै चाली जी +सास नणद मुख मोड्या जी +पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पानी नै चाली जी +सारै सहर नै सराई जी +के पीला तेरी माय रंगाया जी +के ननसालै तै आया जी +ना पीला मेरी माये पुचाया जी +ना मेरी ननसालै ते आया जी +म्हारी सासू का जाया जी +म्हारी नणदी का बीरा जी +ऊं नै म्हारी साध पिराई जी +पीला तै ओढ म्हारी जच्चा मुढ़लै पै बैठी जी +जच्चा आंखा ना खोलै जी +दिल्ली सहर तै साएबा बैद बुला द्यो जी +जच्चा की नाड़ी दिखा द्यो जी +जच्चा का राजन बिलक्या डोलै जी +ताप नहीं इसके सिरवा नहीं सै जी +छठै महीने इसनै आसा बन्धी सै जी +पड़दे के औले जच्चा बोले +क्यूं लुटाओ सारे घर नै जी +पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पानी नै चाली जी",haryanvi-bgc +"ठुमक चलती चाल घोड़ी +ठुमक चलती चाल घोड़ी +अजब चलती चाल घोड़ी ठुमक । । +आगे घोड़ी तुम चलो री +पीछे से बाबा हुसियार घोड़ी ठुमक । । +ऊदी व पीली बादामी सफेद +चार रंग दे रहे बहार घोड़ी । ठुमक । । +आगे घोड़ी तुम चलो री +पीछे से ताऊ हुसियार घोड़ी । ठुमक । । +ऊदी व पीली बादामी सफेद +चार रंग दे रहे बहार घोड़ी । ठुमक । ।",haryanvi-bgc +"बुन्देली भूम +धन्न है जा बुन्देली भूम , इतै की माटी खौं लएँ चूम , +इतै के कनकन में भगवान , इतै के फूले फिरैं किसान । +हरीरे खेतन में , खुसी भई चेतन में । +ई धरनी पै आकैं मिटबै , सबइ काउ की पीरा , +भारत भर में जाहर भइया , ई धरनी के हीरा । +जगत में जाहर बीर अनेक , अमर भई बुन्देलन की टेक , +दया नित करबैं जुगल किसोर , चलै नई कभऊँ काउ कौ जोर । +सुहानी धरनी है , नाजधन भरनी है । +पन्ना उर खजुराहो के जे मन्दिर बने सुहाने । +सिल्पकला देबी के दरसन , मिलैं कितऊँ नइँ , छाने ; +धन्न हैं चित्रकार के हाँत , कि जिनके चित्र करत रएँ बात , +निरख कैं कलाधरम के क्षेत्र , सुफल हो जाबैं सबके नेत्र । +ओरछा विदिसा के , चलत जा रए साके । +लक्ष्मीबाई छत्रसाल की हो गई अमर कहानी । +अबैअबै नौ हरीभरी हैं , उनकीं जे रजधानी ; +परी जाँ ऊ घुरवन की टाप , सत्रु कौ कर दओ अड्डा साप , +देखकैं बीरन की तरवार , भगे सब हथियारन खौं डार । +जुद्ध के खेतन में , हुकारैं देतन में । +चम्बल केन धसान बेतवा , कइअक नदियाँ बै रईं । +अपनी ऊ कलकल की धुन में , जैजै , जैजै कै रई ; +नदी जे जामनेर सजनाम , कछारैं जिनकी हैं सुखधाम । +सबई के संगम तीरथ भूम , धरम की राही धरा पै धूम ; +नर्मदा मइया के , बिन्ध्य की गइया के । +बनदेवी कौ रूप सजाबैं , सेजौ सलई सगौंना । +जैसें कौंनउँ नइ दुलहिन कौ , हो कैं आ गओ गौंना ; +कितऊँ हैं हरे भरे मैदान , कितऊँ परबत हैं कऊँ सुनसान । +सुरीले पंछी , नौने रूख , मिटाबैं सब तनमन की भूख । +सुहानी छाया में , प्रकृति की माया में ।",bundeli-bns +"अनहद मन म्हारो रमी रयो +अनहद मन म्हारो रमी रयो , +धुन लागी रे प्यारी +१ उस दरियाव की मछली , +आरे इस नाले में आई +नाले का पानी तोकड़ा +दरिया न समानी . . . +अनहद . . . +२ वस्तु घणी रे बर्तन छोटा , +आरे कहो कैसे समाणी +घर मे धरु तो बर्तन फुटे +बाहेर भरमाणी . . . +अनहद . . . +३ फल मीठा रे तरुवर ऊँचा , +आरे कहो कैसे रे तोड़े +अनभेदी ऊपर चड़े +गीरे धरती के माही . . . +अनहद . . . +४ बृह्मगीर बृह्मरुप है , +आरे बृह्म के हो माही +बृह्म में बृह्म मिल गये +बृह्म में समाये . . . +अनहद . . .",nimadi-noe +"मेरो गढ़ ददरेड़ी बड़ो सहर हिन्दुवाना +मेरो गढ़ ददरेड़ी बड़ो सहर हिन्दुवाना +अमर का पोता जेवर सिंह चौहाना +मरद निछत्तर छत्तरधारी राणा +बादसाही सूबा आम खास में थाना +मदद इलाही कला सवाई +नौबत में लागी धाई +जाहर पीर मरद अवतारी +जंग जीत पीरी पाई +कलजीवन सूं गोरख आया +चौदह सौ चेला संग लाया +आ बागां में डेरा लाया +बारह बरस का सूखा बाग हराया +फूलों का डौना माली भर के ल्याया +अम्मा बाछल जाए दिखाया +औधड़ चेला ने जाए अलख जगाया +राणी भिच्छा लाई गुर की रिच्छा +सेवा में बाछल आई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +वाछल माता जनमत की बांझ कहावै +पुत्र की खातिर सेवा हित कहलावे +मौला गोद भरेगा न्यूं सतगुर समझावै +सेवा सहणी गुरु की करणी +खुसी रही बाछल माई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +बारह बरस तक सेवा साधी गहरी +गोरख नाथ का परचा +हर दम हाल हजूरी +काछल का जौड़ा जिनें थी मजबूरी +बाछल का गूगा लिखी अरस ते पीरी +जौड़ा ने बाद मंडायो धुन्ध मचायो +दिल्ली में चुगली खाई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +चढ़ा बादसाह ले ली फौज अमोही +ददरेड़े छाया जित गूगासिंह की रोही +चढ़ा बाला ‘भाणजा’ लेली हाथ सरोही +चढ़े हिसाबा लसकर दाना +इन्दल कर दिया राही राही +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +चढ़ा भज्ज��� भाई जिनने +लोथण कर दिया घारा +चढ़ा वीर ब्राह्मण नरसिंह मतवारा +वा फत्ते सिंह ने रण में खड्ग संभाला +वा गूगा जी के गले में भूमतिमाला +जिनकी बणी रहे चतुराई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +गूगा जी की मदद पीरपी राणी +समसेर उठाई जागीबामी भुजा भवानी +धड़सीस उड़ायो जिने वार करो हकानी +चौहान गोत्र की कर गयो अमर निसानी +गूगा ने सैर बैर जब लिया +लोथ जिनों की तड़ पाई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +बादसाह के जी पै बह गई कारी +लीला ने दोनों टाप धरी अम्बारी +गूगा ने आया लटका नीचे पटका +काण करूं तेरे तखत की +तो को कहा मारूं बादसाह भाई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +जंग जीत के सिर जोड़ां का ल्याया +इनको बिसवा दे दे ले मेरी बाछल माता +गूगा तनें बुरी करी ये +मेरी सगी बाहण का जाया +ददरेड़ा तै सुण कै करण पुरे में आया +अर्जुल्ला पाअी जब लीला सुधां समाया +भूडां बीच मैड़ी छाई +जाहर पीर मरद अवतारी . . .",haryanvi-bgc +"31 +भाबी रिज़क उदास जां हो टुरिया हुण कासनूं खलिआं हटकदियां हो +पहिले साड़के जीऊ नमानड़े नूं पिछे आ मलहम लावन लगदियां हो +भाई साक सन सो वख जुदा कीते तुसीं साक की साडीयां लगदियां हो +वारस शाह अकलड़े की करना तुसीं सते अकठीयां वगदियां हो",panjabi-pan +"मधानियाँ, ओये मेरेया डाडेया रब्बा +मधानियाँ , +हाय ओये मेरेया डाडेया रब्बा , +किन्ना जम्मियाँ किन्ना ने ले जाणीयाँ । +हाय छोले , +बाबुल तेरे मैहलां विच्चों +सत रंगिया कबूतर बोले । +हाय पावे , +बाबुल तेरे मैहलां विच्चों +ठंडी हवा पूरे दी आवे । +हाय फीता , +ऐना सकेयाँ वीरां ने +डोला टोर के अगां नू कीता । +हाय फीता , +ऐना सकीयां भाबियाँ ने +डोला टोर के कच्चा दुध पीता । +हाय कलियाँ , +मावां धीयाँ मिलन लग्गीयां +चारे कंधां ने चबारे दियां हल्लियाँ",panjabi-pan +"भजन हरि का कर प्राणी +भजन हरि का कर प्राणी +दो दिन की है तेरी जिन्दगाणी +गरभ में जब दुख पाया था +धियान प्रभु सै लगाया था +अब क्यूं करता मनमाणी +भजन हरि का कर प्राणी +जब धरम राज कै जावैगा +वहां तोहे कौन छुड़ावैगा +माया संग नहीं जाणी +भजन हरि का कर प्राणी +माया देख के फूल ग्या +प्रभु को बिल्कुल भूल गया +माया साथ नहीं जाणी +भजन हरि का कर प्राणी",haryanvi-bgc +"अंग्रेज जमाना नेरु, गरीब को तबाई, झम +अंग्रेज जमाना नेरु , गरीब को तबाई , झम । +अंग्रेजी जमाना नेरु , बेंट थई बेगार झम ॥ +अंग्रेजी जमाना नेरु , अमीरु की शान , झम । +गरीबू की कमई नेरु , अमीरुन चाटी , झम ॥ +जनता का मुख नेरु , कनो लगयो ताला , झम । +दस का प्राण देदी नेरु , कांगरेसी टोली , झम ॥ +सुमन , नगेन्द्र मोलू नेरु , गढ़वाल का वीर , झम । +भारत का गरीब नेरु , तेरा ही सास , झम ॥",garhwali-gbm +"ठुमुक-ठुमुक नाच रह्यो श्याम आगन मे झाक रही मैया +ठुमुकठुमुक नाच रह्यो श्याम , आंगन में झांक रही मैया । +मैया को देख हँसो श्याम , शरम गयेा बारों । कन्हैया . . . +सर पे बंधो मोर मुकुट , मोहन ने उतार दियो +हाथों में बाजूबंद , मोहन ने डार दियो +कर न सकूं मैं बयान , शरम गयो बारों । कन्हैया . . . +कमर में करधोनी , मोहन ने उतार दई +पीताम्बर पट की किनारी भी फाड़ दई +अंगना में लोट गयो , श्याम शरम गयो बारों । कन्हैया . . . +दौड़ी आई मैया , झट गोद में उठाय लियो +आंचल से आंसु पोंछ , गोद में बिठाय लियो +चंदा को देख हँसो श्याम , शरम गयेा बारों । कन्हैया . . .",bundeli-bns +"जुवारना गीत +वधू पक्ष सुदो रहिन् जुवारजी रे लाड़ा , +निंगवाल्या ना देउस आकरा , +सुदो रहिन् जुवार जी । +सुदि रहिन् जुवारजी वो बेनी , +जयोवयो फगाइ देजी । +वर पक्ष सुदि रहिन् जुवारजी वो लाड़ी , +देउस हामरा आकरा । +सुदो रहिन् जुवारजी रे लाड़ा , +जयोवयो फगाइ देजी । +आँगन में विदाई के समय वरवधू के हाथों में चावल रखकर उस पर पानी डालते हैं । दोनों एक साथ चावल धरती माता को चढ़ाकर हाथ जोड़ते हैं । +वधू पक्ष की महिलाएँ वर को कहती हैं कि सीधा रहकर अर्थात् ठीक तरह ‘जुवारना’ हमारे देवता बहुत तीखे हैं , नहीं तो नाराज हो जाएँगे । वधू से कहती हैं कि तू इधरउधर फेंक देना । वर पक्ष की महिलाएँ वधू से कह रही हैं कि लाड़ी तू ठीक से ‘जुवारना’ हमारे देवता बहुत तीखे हैं । वर से कहती हैं तू इधरउधर फेंक देना ।",bhili-bhb +"हल्दी गीत +मालवे ती हलदुलि मांगाई , पूड़ी बांधी । +मालवे ती हलदुलि मांगाई , पूड़ी बांधी । +मालवे ती हलदुलि मांगाई , घट्ये पिसाई । +मालवे ती हलदुलि मांगाई , वाटक्ये घुलाई । +मालवे से पूड़ी बाँधकर हल्दी बुलाई पूड़ी बाँधकर । मालवे से हल्दी बुलवाकर घट्टी में पीसी । मालवे से हल्दी बुलवाकर कटोरी मंे घोली ।",bhili-bhb +"चढ़ज्या रे बन्दड़े तावला +चढ़ज्या रे बन्दड़े तावला +तनै क्यूं झड लाए +पीले रे बना तेरे कपड़े +तेरे नैणां में स्याई +बाग पकड़ बना चढ़ ग्या +अपणी चितराई +आगै चितर बना लाडला +पाछे सब भाई",haryanvi-bgc +"गोरी सई सांज की कहां गई +गोरी सई सांज की कहां गई कोई कहां लगाई सारी रात +एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । +राजा बड़े जेठ कै रतजगा कोई वहीं गवा��� सारी रात +एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । +गोरी न तेरी हात्तन मेहंदा रच रहे कोई ना तेरे नैनां नींद +एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । +राजा महंदा की बिरया सो गई कोई न्यूं ना नैनां नींद +एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । +गोरी कलेजा तेरा धड़क रह्या कोई पैर रहे थर्राये +एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये । +राजा नाचत कलेजा धड़द्यक रह्या कोई पैर रहे थर्राये +एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये ।",haryanvi-bgc +"सखिया चलो चले दरशन खो +सखियां चलो चलें दरशन खों , +बृज में झूल रहे गोपाल । +को जो झूले को जो झुलावें , +को जो खेंचे डोर । बृज में झूल रहे गोपाल । +राधा झूलें कृष्ण झुलावें , +सखियां खैंचे डोर । ब्रज में झूल रहे गोपाल । +काहे को तोरो बनो हिंडोला , +काहे की लागी डोर । ब्रज . . . +चन्दन काठ को बनो हिंडोला , +रोशम लागी डोर । ब्रज . . . +चहुं दिशि छाई कारी बदरिया , +पवन चलत झकझोर । झूला . . .",bundeli-bns +"हाथऽ आरती हो बाघेसरी ठाड़ा रह्या +हाथऽ आरती हो , बाघेसरी ठाड़ा रह्या , +जोवऽ ते पोहा की बाट , +गढ़ रे गुजरात पोहो सबई आयो , +नहीं आई म्हारी भोळई निमाड़ । +भोळई निमाड़ का रे अमुक भाई , +काहे मंऽ रहया बिलमाय ? +कसोक छे रे देवी थारो मानवई +कसीक छे रे निमाड़ , +कालो घोड़ो रे खुर बाटळो +पातळियो छे असवार , +कांधऽ खड़ियो , रे हाथऽ लाकड़ी , +मोठा जी भाई , जै बोलता आवऽ +ज्वार रे तोर को रे , देवी म्हारो घावणो , +माया मंऽ रहयो बिलमाय",nimadi-noe +"आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे बाबा हुसियार घोड़ी +आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे बाबा हुसियार घोड़ी +ले चल बजारम बजार घोड़ी +आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे ताऊ हुसियार घोड़ी +ले चल बजारम बजार घोड़ी +आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे चाचा हुसियार घोड़ी +ले चल बजारम बजार घोड़ी +आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे मामा हुसियार घोड़ी +ले चल बजारम बजार घोड़ी",haryanvi-bgc +"जै हिन्द, अखीडू की साई, नेता जी, जै हिन्द +जै हिन्द , अखीडू की साई , नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , बर्लिन पौंछीन नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , आजादी ताई नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , आरसी को ऐना नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , हिटलर मिलीक नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , सिंगापुर गैना नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , हिन्द लुबा गड़ी सरी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , सिंगापुर जैक नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , फौज खड़ी करी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , कपड़ो की गाजी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , न���ता जी लगै नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , हिन्द , प्राण की बाजी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , फाँडी जाली ऊन नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , सुफल फलीगे नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , तुमारो खून , नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , बाखरा की गूदी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , धनि ऊँ मात पितौंक जै हिन्द , +जै हिन्द , जौन पिलाये दूदी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , लगोठी का बाद नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , त्वैन लड़े लड़ै नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , हम होया आजाद नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , धातु गड़े पारो नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , मा गुंजीगे नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , को नारो नेता जी , जै हिन्द , +सड़की को सूत , सुमन , सडकी को सूत ले , +टीरी मा पैदा ह्वैगे , सुमन , सुमन सपूत ले",garhwali-gbm +"आईजा म्हारी समदण लिम्बू तळे +आईजा म्हारी समदण लिम्बू तळे +दारी बिछिया पेरे लिम्बू तळे +थारी अनबट री झलक बतईजा म्हारे +रिझईजा म्हाने",malvi-mup +"निऊँ कह रही धौली गाय +निऊँ कह रही धौली गाय , मेरी कोई सुनता नईं । +मेरे कित गए सिरी भगवान , मैं दुख पाय रई । +मेरा दूध पीवे संसार , घी से खायँ खिचड़ी , +मेरे पूत कमावें नाज मैंघे भा की रूई । +मेरी दहीए सुखी संसार , जब भी मेरे गल पै छुरी +भावार्थ +' यूँ कह रही है सफ़ेद गाय , मेरी बात कोई नहीं सुनता । मेरा भगवान कहाँ चला गया है ? मैं यहाँ दुख पा +रही हूँ । यह सारी दुनिया मेरा दूध पीती है । मेरे दूध से बने घी को खिचड़ी में डाल कर खाती है । मेरे पुत्र मेरे +बछड़े ही तो अनाज पैदा करते हैं । उन्हीं के परिश्रम से महंगे भाव में बिकने वाली रुई भी उगती है । मेरे दूध +से ही दही बनाकर खाता है यह संसार और सुखी रहता है । इसके बावजूद भी जब मैं बूढ़ी हो जाती हूँ तो छुरी मेरे +ही गले पर चलती है । '",haryanvi-bgc +"आरता ए आरता संझा माई आरता +आरता ए आरता संझा माई आरता +आरता के फूल चमेली की डाल्ही +नौ नौ नोरते दुरगा माई के +सोलां कनागत पितरां के +जाग सांझी जाग तेरै मात्थे लाग्या भाग +पीली पीली पट्टिआं सदा सुहाग +सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी +क्यांहे की मांग भरावैगी +स्यालू ओढूंगी मिसरू पहरूंगी +मोतिआं की मांग भराऊंगी +सूच्चयां का जूड़ा जड़ाऊंगी +धूंधाए कै ओढैगी के पहरेगी +क्यांहे की मांग भरावैगी +क्यांहे का जूड़ा ए जड़ावैगी +गूदड़ औढूंगी खादड़ पहरूंगी +ढेर्यां की मांग भराऊंगी +ल्हीखा का जूड़ा ए जड़ाऊंगी ।",haryanvi-bgc +"ढेरिया जे सोभले गेहमा केरा, चउ���ट चनन केरा हे +ढेरिया1 जे सोभले गेहमा2 केरा , 3 चउखट4 चनन केरा हे । +ए ललना , बहुआ5 जे सोभले गोदी में , होरिलवा6 लेले हे ॥ 1 ॥ +दुअरे ही बाजे बजनियाँ , अँगना मदागिन7 बेटी हे । +ए ललना , ओबरी8 में नाचे ननद रानी , कँगनवाँ हम बधइआ लेबो हे ॥ 2 ॥ +बजनियाँ के देबइ सोने बजवा , मदागिन बेटी कंचनथारी हे । +ए ललना , ननद रानी ला9 बेसरि गढ़इबो , कँगनवसाँ नहीं बधइया देबो हे ॥ 3 ॥ +सासु के देबइन10 करुआ तेल , 11 ननदी के तीसी के तेल हे । +ए ललना , गोतनी के देबइन चमेली तेल , हम गोतनी पाँइच12 हे ॥ 4 ॥ +सासु के देबइन खटोलवा , त ननदो के मचोलवा देबइन हे । +ए ललना , गोतनी देबइन पलँगवा , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 5 ॥ +सासु के देबइन धनइया13 भारत , ननदो के कोदइया14 भात हे । +ए ललना , गोतनी के देबइन बसमतिया15 भात , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 6 ॥ +सासु के देबइन रहरी16 दाल , ननदो अँकटी17 दाल हे । +ए ललना , गोतनी के देबइन मूँग दाल , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 7 ॥ +सासु के देबइन सोंठउरा , ननदो के धँधउरा18 हे । +ए ललना , गोतनी के देबइन लड्डू , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 8 ॥ +सासु के देबइन चाउर19 के हलुआ , ननदी खँखोरी20 देबो हे । +ए ललना , गोतनी के देबइन सुज्जी के हलुआ , हम गोतनी पाँइच हे ॥ 9 ॥ +सासु जे उठलन21 गावइत , ननद बजावइत हे । +ए ललना , गोतनी उठलन बिसमादल , 22 गोतिया घरवा सोहर हे ॥ 10 ॥ +सासु लुटवलन रुपइया , त ननदो असरफी हे । +ए ललना , गोतनी लुटवलन छेदमवाँ , 23 हम मुरछाइ24 गिरली हे ॥ 11 ॥ +सभवा बइठल रउरा परभुजी , सुनहऽ बचन मोरा जी । +परभुजी , गोतनी लुटवलन छेदमवाँ , त हम मुरछाइ गिरली हे ॥ 12 ॥ +चुप रहु , चुप रहु धनियाँ , तुहूँ चधुराइन25 हे । +ए धनियाँ , उनको जे होतइन होरिलवा , छेदमवाँ उनका फेर दीह हे ॥ 13 ॥",magahi-mag +"राजी हुए ऊं के दादा दादी खुसी हुई महतारी जी +राजी हुए ऊं के दादा दादी खुसी हुई महतारी जी +आज म्हारे बनड़े पर चंवर ढलैगा छत्र तनैगा बड़ा भारी जी +राजी हुए ऊं के ताऊ ताई खुसी हुई महतारी जी +आज म्हारे बनड़े पर चंवर ढलैगा छत्र तनैगा बड़ा भारी जी +राजी हुए ऊं के चाचा चाची खुसी हुई महतारी जी +आज म्हारे बनड़े पर चंवर ढलैगा छत्र बनैगा बड़ा भारी जी",haryanvi-bgc +"करमा गीत-2 +हौरे हौरे । धीच वेनी भुजा डारे +मांग में तो सेंदूरा बिराजे +धीच वेनी भुजा डारे +हाजी पैर के पयरी ललकारे धीच +पिंडरी चुरुवा ललकारे धीच +जांध के जंधिया ललकारे धीच +कनिहा लहंगा ललकारे धीच +छाती के चालिया ललका धीच +गला सुतली ललकारे धीच +नाक नथुली ललकारे धीच +माध के मधोचा ललकारे ध���च",chhattisgarhi-hne +"13 +पिंडा छांट के आरसी नाल देखन तिनां ढंग केहा हल वाहुना ई +पिंडा पाल1 के चोपड़े पटे जिहना किसे रन्न की उहनां नूं चाहुना ई +जिहड़ा भूई दे मामले करे मुंडा एस तोड़ ना मूल निबाहुना ई +दिहें वंझली वाहे ते रात गावे किसे रोज दा ऐह प्राहुना ई",panjabi-pan +"1 गंगा जी तेरे खेत मैं... +गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही । +शिवजी के करमंडल कै , विष्णु जी का लाग्या पैर । +पवन पवित्र अमृत बणकै , पर्बत पै गई थी ठहर । । +भागीरथ नै तप कर राख्या , खोद कै ले आया नहर । । । +साठ हज़ार सगर के बेटे , जो मुक्ति का पागे धाम । +अयोध्या कै गोरै आकै , गंगा जी धराया नाम । । +ब्रह्मा विष्णु शिवजी तीनो , पूजा करते सुबह शाम । । । +सब दुनिया तेरे हेत मैं , किसी हो रही जय जयकार . . . . कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही +गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही । +अष्ट वसु तन्नै पैदा किये , ऋषियों का उतार्या शाप । +शांतनु कै ब्याही आई , वसुओं का बनाया बाप । । +शील गंग छोड कै स्वर्ग मैं चली गई आप । । । +तीन चरण तेरे गए मोक्ष मैं , एक चरण तू बणकै आई । +नौसै मील इस पृथ्वी पै , अमृत रूप बणकै छाई । । +यजुरअथर्वसाम च्यारों वेदों नै बड़ाई गाई । । । +शिवजी चढ़े थे जनेत मैं , किसी बरसी थी मूसलधार . . . . कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही +गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही । +गौमुख , बद्रीनारायण , लछमन झूला देखि लहर । +हरिद्वार और ऋषिकेश कनखल मैं अमृत की नहर । । +गढ़मुक्तेश्वर , अलाहबाद और गया जी पवित्र शहर । । । +कलकत्ते तै सीधी होली , हावड़ा दिखाई शान । +समुन्द्र मैं जाकै मिलगी , सागर का घटाया मान । । +सूर्य जी नै अमृत पीकै अम्बोजल का किया बखान । । । +इक दिन गई थी सनेत मैं , जित अर्जुन कृष्ण मुरार . . . . कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही +गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही । +मौसिनाथ तेरे अन्दर जाणकै मिले थे आप । +मानसिंह भी तेरे अन्दर छाण कै मिले थे आप । । +लख्मीचंद भी तेरे अन्दर आण कै मिले थे आप । । । +जै मुक्ति की सीधी राही तेरे बीच न्हाणे आल़ा । +पाणछि मैं वास करता , एक मामूली सा गाणे आल़ा । । +एक दिन तेरे बीच गंगे मांगेराम आणे आल़ा । । । +राळज्यागा तेरे रेत मैं कित टोहवैगा संसार . . . . कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही +गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही ।",haryanvi-bgc +"खूंटी पै तै झोला तार कै रै +खूंटी पै तै झोला तार कै रै +मन्ने झोला दीए पकड़ा +रै मन्ने जाणा नौकरी +पोली में बिस्तर गेर कै रे +रे वो बैठ्या तखत बिछाय +रै गोरी कह दे जाण की +जाणै की कहैगी तेरी मां +ओ पिआ जाणे की कहूं ना मूल जी +के गए थे नौकरी बूझ कै +मूड् तुड् महलें चढ़ गई +चीरे वाला चमकदा जाय +री नदियां की ओट में हो लिआ +महलां तै नीचै ऊतरी +पोलां मैं मेरी सास +री औबरै मैं बड़ कै रो पड़ी +किस का पीसूं पीसणा +री सासड़ किस के खिलाऊं नंदलाल +री मन्नै किस के भरोसै छोडग्या +जेठा का पीसो पीसणा +ए बहू देवर के खिलाले नंदलाल +री तन्नै म्हारै भरोसै छोड़ग्या +बगड़ बखेरूं पीसणा री सासड़ +बालकां की तोडूं नाड़ +री मन्नै राम भरोसै छोड़ग्या +बीरण आया लेण नै री सासड़ +मैं तो चली बीरण के साथ +पीहर मैं दिनड़े तोड़ ल्यूं +भाभी तान्नै मारदी री +म्हारा ग्या ननदोई परदेस +छात्ती पै छलेवा छोड़ग्या +बार तै मायड़ आ गई +ए बेट्टी किस नै बोले बोल +ए बेट्टी साच्ची साच बता दीए +भावज तान्ने मारदी री मायड़ +तेरा ग्या री जमाई परदेस +री छात्ती पै छलेवा छोड़ग्या",haryanvi-bgc +"मोरू भाई पांवणा +आया आया रे +मोरू भाई पांवणा +कांई आगे धोरा वाळो देश +बीरो बणजारो रे +कांई आया म्‍हारा देवर जेठ +बीरो बणजारो रे +सासू रांध्‍या रे मोरू भाई बांकळा +म्‍हारी नणद बिलोवे खाटी छाछ +बीरो बणजारो रे +मंगरिया उंछाळू रे +मोरू भाई बांकळा +नदिया में लिमोऊं खाटी छाछ +बीरो बणजारो रे +माथा धोऊं रे +मोरू भाई मेट सूं +कांई घालूं चमेली रो तेल +बीरो बणजारो रे",rajasthani-raj +"कन्हैया तोरी चितवन लगत प्यारी +कन्हैया तोरी चितवन लगत प्यारी । +सावन गरजे भादों बरसे , +बिजुरी चमके न्यारी । कन्हैया . . . +मोर जो नाचें पपीहा बोले , +कोयल कूक लगे प्यारी । कन्हैया . . . +नन्हींनन्हीं बुंदियामेहा बरसे , +छाई घटा अंधियारी । कन्हैया . . . +राधा झूले कृष्ण झुलावें , +जोड़ी जुगल प्यारी । कन्हैया . . . +सब सखियां मिल झूला गावें , +नाचे दैदै तारी । कन्हैया . . .",bundeli-bns +"मैं बैठ्या खेत के डोले पै +मैं बैठ्या खेत कै डोले पै +कित जासै सिखर दुपहरै नै ? +मेरी जान कालजा खटकै +मत जाइए जी , जी भटकै +लिए देख चार घड़ी डटके +खसबू आरई फूल झारे मैं । +भावार्थ +' मैं खेत की मेंड़ पर बैठा हूँ , इस प्रखर दोपहरी में तू कहाँ जा ���ही है । प्रिय , मेरा हृदय धड़क रहा है । तू +मत जा । मेरा मन भटकता है । चार क्षण के लिए यहाँ खड़ी हो जा । देख , फूल झर रहे हैं और उनकी सुगन्ध +फैल रही है ।",haryanvi-bgc +"अम्माँ बाबे दी भलिआई +अम्माँ बाबे दी भलेआई , ओह हुण कम्म असाड़े आई । +अम्माँ बाबा चोर दो राहाँ दे , पुत्तर दी वडेआई । +दाणे उत्तों गुत्त बिगुत्तीघ्ज्ञर घर पई लड़ाई । +असाँ कज्जीए तदाहींजाले , जहाँ कणक आहना टरघाई । +खाए खैराँ ते फाटीए जुम्माँ , लटी दस्तक लाई । +बुल्ला तोते मार बागाँ थीं कड्ढे , उल्लू रहण उस जाई । +अम्माँ बाबे दी भलेआई , ओह हुण कम्म असाड़े आई ।",panjabi-pan +"बाबू हवले हवले जइयो ससुर के गलिया +बाबू हवले हवले1 जइयो2 ससुर के गलिया । +तुमरे सेहरे ऊपर खिली है , अनार कलिया । +अनार कलिया जी , गुलाब कलिया ॥ 1 ॥ +बाबू हवले हवले जइयो , साले की गलिया । +तुमरे सेहरे पर फूली है , अनार कलिया । +बाबू लाड़ो3 लेते अइयो4 अब्बा की गलिया ॥ 2 ॥",magahi-mag +"हाथ जोड़ौ गुरु जी परणाम +हाथ जोड़ौ गुरु जी परणाम , +पैले1 माया हरि को परणाम , +जौन उपजाई सकल संसार । +जुवार2 लगोंदू देवी जी पार्वती , +जींका सत से होये अनिधि पुराण । +जुवार लगोंदू गुरु जी गोरख +हाथ जोड़िक अरज गुरु जी गोरख । +मैंक देण गुरु जी सकल संसार , +चँद सूरज देण पौण3 पाणी4 +मैंक देण गुरुजी विधना5 को भार ।",garhwali-gbm +"कहमा उपजल कोसिका +कहमा उपजल कोसिका +आलरिझालरि गुअबा हेऽ +कहमा पाकल बीड़ा पान +तिरहुत उपजल कोसि माय +झालरि गुअबा हेऽ +मोरंग उपजल पाकल बीड़ा पान +कथी कांति कतरब कोसि माय +झालरि गुअबा हेऽ +कथी कांति कतरब पाकल बीड़ा पान +सोना कांति कतरब कोसि माय +झालरि गुअबा हेऽ +रूपा कांति कतरब पाकल बीड़ा पान +पान लिऔ पान लिऔ +रैया रनपाल हो +जाहो हो रनपाल मोरंग सन राज +साधियो मे साधियो रनपाल +मथुरा गुंजन कौल +कइसे हम लेबै कोसी माय +पाकल बीड़ा पान हेऽ +मैया हे बिना साधले +मथुरा गुंजन कौल +मथुरा गुंजन बड़ हे जुझार +जाहो जाहे रनपाल साधहो +मथुरा गंुजन कौल +बेर बखत पड़ितै तू लिहऽ +कोसिका के नाम +एक कोस चलले रनपाल +दोसर कोस चलले +तेसर कोस जूमि गेलै मोरंग राज +कोसिका सुमैर के भिड़ले रनपाल +लगाबे बान काछ हेऽ +काटि सिर मथुरा के फेंके रनपाल +गिरे सिर कोसिका लगीच हेऽ +गाबल सेवक दुहु कल जोड़ि +बिपति बेरिया मइया होय न सहाय ।",angika-anp +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 2 +का तो भगवान हर महिमा +तोर बुझे ल ओ +ए दे जोगी तोला भेजे हे +झनी जाबे बेटा +मिरगा मार राम +डोंगरीबहार मा +बघुआ भालू ओ +जिहां रहिथे लाला +मोर हरके अऊ बरजे ल माना ओ +जोगी माना ओ , बाई ये दे जी । +हरके अऊ बरजे ल नई मानय +सुनिले दाई बात +बैकुंठ के भगवाने हर +मोर छले ल ओ +ओहर भेजे दाई +मोला तीर कमंछा ल दे दे ओ +रानी दे दे ओ , रानी ये दे जी । +घोड़ घोड़सार मा जाइके +भरथरी ये ओ +देख तो दीदी घोड़ा साजत हे +बारा भंजन के +बीच अंगना मा ओ +घोरा लाइके न +सम्हरा के गिंया +घोड़ा दुलदुलिया +बारा मरद के , साज के कसे हे न +मोर चिकमिक चिकमिक दिखय ओ +बाई घोड़ा ओ , भाई ये दे जी । +घोड़ा दुलदुलिया ल लाई के +लिलि हंसा घोड़ा +अंगना मं लान खड़ा करत हे +तीर कमंछा दाई +मोला दे देबे ओ +मय हरके अऊ बरजे नई मानव ओ +नई मानव ओ , भाई ये दे जी । +साये गुजर ले उतर के , चले आवत हे ओ +तीर कमंछ ल दे वत हे +भरथरी ये राम +चल धरत हे न +तीर कमंछा ल ओ +मोर घोड़ा मा होय सवार ओ , +सवार ओ , भाई ये दे जी । +आगूआगू मिरगा दौड़य +जैखर पीछू मा ओ +देख तो दीदी भरथरी ये +सांप सलगनी ओ +दीदी दुरंगिनी न +हरिना के उचार +कुकुर ढुरकी ये ओ +बागचोपी ए न +मोर मारत हे मिरगा सपेटा ओ +ये सपेटा ओ , भाई ये दे जी । +जेकर पीछू मा भरथरी +चले जावत हे ओ +देख तो दीदी कुकुर ढुरकी ये +बारापाली के न +पथरा के ओधा +जेमा जाई के न , मोर मिरगा ये न +चल पहुंचत हे राम +मोर छै कोरी छै आगर मिरगीन +चल बइठे हे ओ , भाई ये दे जी । +छै आगर छै कोरी मिरगिन मन +ये दे बइठे हें ओ +काल मिरगा पहुंचगे +सुनिले भगवान +रानी बोलत हे न +सिंघलदीप के ओ +तिलक रानी ये न +सुनिले राजा मोर बात +छुटे कारी ये ओ +मोर पछीना ए न +तोला का तो दुःख जोड़ परे ओ +मोला बता दे ओ , भाई ये दे जी +जऊने समय कर बेरा मा +मोर मिरगा ये ओ +देथे मिरगिन के जवाब ला +सुनिले मिरगिन बात +काल मिरगा ये राम , मोला आये हे ओ +एक जोगी ये न +ओ कुदावत ओ +मोर चोला ल लेबे बचाय ओ , +ये बचाये ओ , भाई ये दे जी । +जब बोलय मोर मिरगिन ह +सुनिले जोगी बात +कहना वचन ल ओ मान जाबे +छै आगर छै कोरी मिरगिन +माल छटवां निमार +मोर काला मिरगा मत मारव ओ +जोगी मारव ओ , भाई ये दे जी । +कहना वचन जोगी नई मानय +सुनिले भगवान +देख तो बेटा भरथरी ये +गऊ मारे मा ओ +हैता लगथे न +तिरिया मोर राम +पाप परथे ओ +छतरी के पिला , रनबर रेगे राम +मय हर छतरी जोनी ये दे धरेंव ओ +भाई धरेंव ओ , रानी ये दे जी । +काला मिरगा ला मारिहँव +तिरिया मारँव ओ +भारी पाप मोला पिरथे +भरथरी ये न +एके गांछ गिंया मोर मारत हे ओ +दसरैया ए राम । मोर तीने गांछ मा +मोर छाती ओ । मोर बन ओ । +ओदरत हे ओ , ओद��त हे ओ , भाई ये दे जी । +राम अऊ राम ल कहिके +मोर मिरगा ये ओ +देखतो जमीन मा गिरिगे +सुनिले भगवान +मोर रानी ये ओ +छै आगर छै कोरी +मोर गरुगोहारे ल पारँय ओ +चल रोवय ओ , चल रोवय ओ , भाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा मा +सुनिले भगवान +गाजे के बैरी पराई ये +जोड़ी छुटय ओ +रानी कलपत हे न +मोर भरथरी ओ +मोर घोड़ा मा राम +काला मिरगा ल न , चल लादत हे राम +मोर घरे के रद्दा पकड़य ओ , ये पकड़य ओ , भाई ये दे जी । +एक कोस रेंगय दुसर कोस +तीसर कोस ओ +गोरखपुर के गुरु का आवे +गोरखपुर के गुरु +चले आवत हे राम +भरथरी ये न +जेला देखय दीदी +मोर घोड़ ले ये दे उतरय ओ +ये उतरय ओ , भाई ये दे जी +चरन छुए के आस ये +सुनिले गुरु मोर बात +कहना वचन मोर मान जाबे +गुरु बोलत हे न +गोरखनाथ ये ओ +गोरखपुर के गुरु +सुनले भरथरी बात +तोला लगे सरापे मिरगिन के ओ , +ये मिरगिन के ओ , भाई ये दे जी । मिरगिन के लगे सरापे ह +मोर चरण ल हो +तुमन ये दे झन छुआ +भरथरी ये ओ +जोगी ल भरे जवाब +सुनले गुरू मोर बात +कहना मानो राम +मोरमा दोष नईये +भगवान ये ओ +मोर महिमा बुझे माया मिरगा ओ +ये भेजाये ओ , भेजाये ओ , जोगी ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा म +सुनिले गुरु मोर बात +कइसे कटिही मोर पाप +जोगी भरे जवाब +गोरखपुर के न +मोर गुरु ये ओ +सुनले जोगी मोर बात +भरथरी ये न +मन तउरत है राम +धरधर दीदी , चल रोवत हे ओ +मोर जइसे विधि कर बेरा में , गुरु बोलय ओ , भाई ये दे जी । +साते जोनी सात महिमा ये +सात बुझे ल ओ +तैंहर ये दे बन जाबे +दुनिया मा ये दे एक सत रहिही +मान जाबे जोगी , तैंहर जोगी बन जाबे +जोगी भेखे ल न +धरि लेबे लला +डोंगरी मं गिया । मोर तपसिया +करिबे ओ , जोगी बोलय ओ , भाई ये दे जी । +सिंग दरवाजा म भरथरी +चला आवथे ओ +देख तो दीदी मोरा घोड़ा मा +सिंग दरवाजा मा आइके +भरथरी ये ओ । देखतो दीदी मोर घोड़ा मा +खड़ा होवय अगिंया +फुलवारानी ओ , मोर सोंचत हे न +मोर गौरा बदन काला हो गय ओ +दाई हो गय ओ , भाई ये दे जी । +जग मा अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निसान +का विधि के गारी देवत हे +भरथरी ये ओ । मोर घोड़ा ल न +बारामरद के । मोरे अंगना मा राम +खड़ा करिके न +मोर मिरगा ल ए दे उतारे ओ , ए उतारे ओ , भाई ये दे जी । +सुनले दाई मोर बात ल +पइंया ठेंकत हँव ओ +आर्सिवाद मोला दे देबे +कहना नई मानेंव राम +गलती करेंव दाई +क्षमा कर देबे ओ +मैंहर जोगी के रूप ल धरॅव ओ , बाई ये दे जी । +दुनिया मा एक नारी हे +मोर माता ए ओ +बाल ब्रह्मचारी ओ मय रहिहंव +भरथरी ये न । मोर भरे जवाब +फुलवारानी ओ । समझ���वत हे न +सुनले बेटा मोर बात +मोर एक बेटा । मोर कइसे असुभ दियना +बारे ओ , बाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा म +सुनिले भगवान +का दुःख ला गोठियावॅव मय +भरथरी ये ओ +बीच अंगना म राम +चल बइठे हे न +फुलवारानी ओ । सुनिले बेटा मोर बात +मोर कइसे के होय गुस्सा ओ , चल बोल ओ , भाई ये दे जी । +काला मिरगा ल लाये हस +सुनिले बेटा बात +का मिरगिन दिये सरापे न +हाल दिये बताय +मिरगिन न दाई +मोला गारी ये ओ +मोला दे हे सराप भरभर ये न +दुःख ल बतावॅत ओ , बतावॅत ओ +भाई ये दे जी । +जबधन बोलत हे भरथरी +सुनिले दाई बात +का दुःख ला गोठियावव ओ +गऊ मारे मा ओ +हैता लगथे दाई +तिरिया के मय । जोड़ी छोड़ा पारेंव न",chhattisgarhi-hne +"जगेसर खेले हालरो वो +जगेसर खेले हालरो वो +माता कांकी बऊ घोल्यो थारो लोपणो +माता कांकी बऊ ने पुरविया मोती चौक +माता कांकी बऊ ने भरिया थारा बेड़ला +माता कांकी बऊ ने बोया थारा जाग +जगेसर खेले हालरो +माता कांकी बऊ खे दीजो नंद डीकरो +माता कांकी बऊ खे अखंड अपात +माता आसिहो चूड़ो ने अम्मर चांदली +आखियो धन केसरिया रो राज ।",malvi-mup +"निहाली गीत +तारो माटि कालगो आवे वो , बांगड़ भड़के झुणि वो । +बयड़ि आतर ढुलगि वाजिवो , बांगड़ भड़के झुणि वो । +तारो माटि कालगो आवे वो , बांगड़ भड़के झुणि वो । +तारो माटि दीत्यो आवे वो , रेसमि भड़के झुणि वो । +तारो माटि जुवान्स्यो आवे वो , धनि भड़के झुणि वो । +बयड़ी आतर ढुलगि वाजीवो , बांगड़ भड़के झुणि वो । +बारात में महिलाएँ गीत गाती हैं +टेकरी की ओट में ढोलगी बजी है । बाँगड समधन चमक मत जाना । तेरा खसम कौन आ रहा है ? बाँगड़ चकमना मत । तेरा खसम दीत्या आ रहा है , रेशमी चमकना मत । तेरा खसम जुवानसिंह आ रहा है , धनी चमकना मत ।",bhili-bhb +"मागू मागू वरदान देवी के मदिर भीतर +मांगूं मांगूं वरदान देवी के मंदिर भीतर । +मांगूं मैं लाल पीली चुड़ियां +सेंदुर भरी मांग देवी के मंदिर भीतर । +मांगूं मैं लाल चुनरिया . . . +गोटा जड़ी रे किनार +मांगूं मैं पांव महावर मैं पांव महावर +मेहंदी रंगे हाथ । +मांगूं मैं पांव में विछिया . . . +भरा पूरा परिवार देवी के मंदिर भीतर । मांगूं . . .",bundeli-bns +"अब लगन लगी कीह करीए +अब लगन लगी कीह1 करीए ? +ना जी सकिए ते ना मरीए +तुम सुनो हमारी बैना2 , +मोहे रात दिने नहीं चैना , +हुण प्री3 बिन पलक न सरीए । +अब लगन लगी कीह करीए ? +एह एगन बिरहे दी जारी , +कोई हमरी प्रीत निवारी , +बिन दरशन कैसे तरीए ? +अब लगन लगी कीह करीए ? +बुल्ले पई मुसीबत भारी , +कोई क���ो हमारी कारी , +एह अजिहे दुख कैसे जरीए ? +अब लगन लगी कीह करीए ? +ना जी सकिए ते ना मरीए । +अब लगन लगी कीह करीए ?",panjabi-pan +"कवन साही अइसन लाली दरवजवा +कवन साही अइसन1 लाली दरवजवा , मानिक जड़ले केवाँड़ हे । +कवन दुलहा अइसन बड़ा दुलरूआ , खेलले पासा2 जोड़ हे ॥ 1 ॥ +कवन भँडु़आ अइसन लाली दरवजवा , मानिक जड़ले3 केवाँड़4 हे । +कवन दुलहा अइसन बड़ा दुलरूआ , खेलले पासा जोड़ हे ॥ 2 ॥ +अँखवा5 जनि6 मटकइह7 दुलहा , धरती जनि लइह8 डीठ हे । +देखन अइहें9 ससुरारी के लोगवा , कइसन सुन्नर दमाद हे ॥ 3 ॥ +अँखिया दुलरुआ के आमि10 के फँकवाँ11 नकवा सुगवा के ठोर हे । +जइसन झलके अनार के दाना , ओइसन12 दुलरूआ के दाँत हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"आल्हा ऊदल +चलल जे भँटवा बा नैना गढ़ से दुरगौली में पहुँचल बाय +हाथ जोड़ के भँटवा बोलल बाबू आल्हा सुनीं महराज +तेगा नव चलिहें नैना गढ़ में धरम दुआरे होई बियाह +हाथ जोड़ के आल्हा बोलल भँअवा सुनव धरम के बान +हम नव जाइब नैना गढ़ में बिदत होई हमार +किरिया धरावे भँटवा है बाबू सुनीं आल्हा बबूआन +जे छल करिहें राजा से जिन्ह के खोज मंगा जी खाय +चलल पलकिया जब आल्हा के नैनागढ़ चलल बनाय +घड़ी अढ़ाई के अंतर में नैनागढ़ पहुँचल जाय +नौ से कहंरा साथे चल गैल नैना गढ़ पहुँचल जाय +जवना किल्ला में बैठल इंदरमन तहवां आल्हा गैल बनाय +छरपल राजा इंदरमन आल्हा कन गैल बनाय +पकड़ल पहुँचा आल्हा के धरती में देल गिराय +बावन पाँती मुसुक चढ़ावे आखा में देल कसाय +लै चढ़ावल बजड़ा पर बात भैया छोटक के बलि जाओं +लै डुबावव आल्हा के गंगा दव डुबाय +सवा लाख पलटन तैयारी होय गेल छोटक के गंगा तीर पहुँचल बाय +लै डुबावत बा गंगा में आल्हा के डुबावत बाय +अम्बर बैटा जासर के आल्हा नव डूबे बनाय +रुदल आइल इंद्रासन से डेरा पर पहुँचल बाय +रोय कहँरिया दुरगौली में बाबू रुदल बात बनाव",bhojpuri-bho +"389 +सैनत मारके हीर ने जोगीड़े नूं कहया चुप कर एस भुकावनी हां +तेरे नाल जे एस ने वैर चाया मथा एसदे नाल मैं लावनी हां +करां गल गलायने नाल इसदे गल एसदे रेशटा1 पावनी हां +वारस शाह मियां राजे याद अे एसनूं कंजरीवांग नवाचनी हां",panjabi-pan +"चइत में बरूआ बिदा भेल +चइत1 में बरूआ बिदा भेल , बैसाख पहुँचल2 हे ॥ 1 ॥ +जइबो3 में जइबो ओहि देस , जहाँ दादा अप्पन4 हे । +उनखर5 चरन पखारी के , हम पंडित होयब हे । +हम बराम्हन6 होयब हे ॥ 2 ॥ +जइबो में जइबो ओहि देस , जहाँ नाना अप्पन नाना हे । +उनखर चरन पखारी के , हम पंडित होयब हे । +हम बराम्हन होयब हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"हो जाओ हो जाओ दयाल महामाई अबकी बेर +हो जाओ हो जाओ दयाल महामाई अबकी बेर +सोरह गऊ के मैया गोबर मंगाये मोरी माता +तो रुचरुच भुवन लिपाये मोरी माता +तो मुतियन चौक पुराये मोरी माता +तो चंदन के पलना डराये मोरी माता । +अबकी बेर +चंदन पटरी डराओ मोरी माता +चौमुख दिया जलाओ मोरी माता +अबकी बेर +अपने ललन खों कंठ लगायें मोरी माता +अबकी बेर",bundeli-bns +"बोऊहो बोऊडो +बोऊहो बोऊडो +बोऊहो बोऊडो +काई ओ बोऊडो आना कोना +काई ओ बोऊडो आना कोना +फिर ऽ ओ सासु ओ सासु +फिर ऽ ओ सासु ओ सासु +सासु जागीया दुखे मारी सासु ओ +सासु जागीया दुखे मारी सासु ओ +आना कोना फिर ऽ ओ सासु +आना कोना फिर ऽ ओ सासु +हो सासु मारी हो सासु +हो सासु मारी हो सासु +इयां लाज कासू लाकेन +इयां लाज कासू लाकेन +सुयीनी सानी के सालेज ओ +सुयीनी सानी के सालेज ओ +सासु ओ . . . +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"देवी गीत-लगत चईत महिनवा देबी जी +लगत चईत महिनवा देबी जी आई गईं भवनवा +मईया के मागिय में लाल लाल सिंदुरवा +चमचम चमके टिकुलिया +देबी जी आई गईं भवनवा +मईया के हथवा में लाल लाल चुडिया +चमचम चमके कंगनवा +देबी जी आई गईं भवनवा +मईया के अंगे लहंगा सोहे +चमचम चमके चुनरिया +देबी जी आई गईं भवनवा +मईया के पैरों में पायल सोहे +चमचम चमके बिछुववा +देबी जी आई गईं भवनवा",awadhi-awa +"अमुक भाई वालई खऽ राखड़ी भरात +अमुक भाई वालई खऽ राखड़ी भरात , +पिया हमखऽ दे राखड़ी घड़ई देव , असी गरमी से । +उंढालई सेज पिया मोहे न सुहाये , +जुदा जुदा पलंग तुलई देव , असी गरमी से । +चौमासा की सेज पिया मोहे न सुहाये , +पिया हमखऽ ते पियर पहुँचई देव , असी गरमी से । +स्याला की सेज पिया बहुत रसालई , +पिया हमखऽ ते हिया सी लगई लेव , इनी गरमी से ।",nimadi-noe +"घेरनी बादला बिटकेन जा +घेरनी बादला बिटकेन जा +इयां बेटा इया बूलून चोजा डानी चोंडोयेन +ऐ रानी डो ऐ रानी डोइयां रानी +इयां माय केन बड़ा भोजन के लाये +ऐ राजा जा ऐ राजा इयां राजा +आमा माय के मोनय ढीना सारेज ढाने जेवा +ऐ रानी डो ऐ रानी डो इयां रानी इयां माय के बरु +ऐ राजा जा ऐ राजा इयां राजा +आमा माय के अला पूनी चीनी पूनी के लाये +ऐ रानी डो ऐ रानी डो इयां रानी कटारी +ईली रानी इयां केलेजा सो बोगे +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"ईसवर के गुण गाइये मेरी बहना +ईसवर के गुण गाइये मेरी बहना +आर्यों का प्रण पुगाइये मेरी बहना +पुगाइये मेरी बहना +जै तेरा सुसरो प���नी हे मांगै +तो कच्चा दूध पिलाइये मेरी बहना +पिलाइये मेरी बहना +जै तेरा जेठा रास्तो मैं मिल जाय +तो दस डंग परै के निकलिये मेरी बहना +निकलिये मेरी बहना +जै तेरा कन्था मारण चड्ढ जा +तो पत्थर सी बन ज्याइये मेरी बहना +बन ज्योईये मेरी बहना +ईसवर का गुण गाइये मेरी बहना +आर्यों का प्रण पुगाइये मेरी बहना",haryanvi-bgc +"जन्म के गीत-1 +महला मां ठाढि बलमजी +अपन रनिया मनावत हो +रानी पीलो मधुपीपर , +होरिल बर दूध आहै हो । +कइसे के पियऊँ करुरायवर +अउ झर कायर हो +कपूर बरन मोर दाँत +पीपर कइसे पियब हो +मधु पीपर नइ पीबे +त कर लेहूं दूसर बिहाव +पीपर के झार पहर भर +मधु के दुइ पहर हो +सउती के झार जनम भर +सेजरी बंटोतिन हो +कंचन कटोरा उठावब +पीलडूं मधु पीपर हो",chhattisgarhi-hne +"कवने रइया हरदी बेसाहल हे +कवने रइया1 हरदी बेसाहल2 हे । +कवने देई3 पिसतन4 लगतउ5 गे6 बेटी उबटन7 ॥ 1 ॥ +दादा रइया हरदी बेसहलन , दादी देइ पिसलन , +लगतउ गे बेटी उबटन , लगतउ गे बेटी तेलफुलेल ॥ 2 ॥ +कवने रइया हरदी बेसाहल हे । +कवने देइ पिसतन , लगतउ गे बेटी उबटन ॥ 3 ॥ +बाबू रइया हरदी बेसहलन , मइया देइ पिसलन । +लगतउ गे बेटी उबटन , लगतउ गे बेटी तेल फुलेल ॥ 4 ॥",magahi-mag +"मंगलाचार मंगलाचार बड़ा सरकार बड़ा दरबार +मंगलाचार मंगलाचार बड़ा सरकार बड़ा दरबार । +राज मुहल्ली राज मुसद्दी , जुगजुग जीवै राजाधिराज । +माराज बोलाँदा बद्रीनाथ जै जै कार जै जै कार +पूरबी पच्छिम घाट को राज बड़े , +उत्तरी दक्षिणी घाट को राज बढ़े , +बेटी बेटान को राज बढ़े नाती पूतान को राज बढ़े , +कुल का दिव्वा सब पर नेह करे , +दाता धाता गुण से भरपूर करे , +ग्यानी पंडित सदा गरीब रये , छत्री का हथ रच्छा को सस्त्र रये , +मूसा1 घाँड2 पैरावै दुलाँ3 बैठे , कागा घाँड पैरावे देस फिरे , +घुंड घुंडौ4 की दाल , कमर कमर5 को भात , +चक्खल चक्खल6 जागिर माँ , +जै सिरी7 ठाकरो जै जै कार सामन्या8 ठाकरो सामन्या सा ।",garhwali-gbm +"गुदना हरें गोद गुदनारी +गुदना हरें गोद गुदनारी । +कसकत बाँय हमारी । +हातन में लिख गुर गोविन्दा , +हिरदें कुँज बिहारी +गालन में लिख छब मोहन की । +फूलन फूल हजारी । +माथैं लिख दे गोबर धन की , +मूरत , प्रान प्यारी । +ईसुर चीन लये राधा ने , +ठाँडे हसत बिहारी ॥",bundeli-bns +"हम तुमसे पूछे रानी रुकमणि +हम तुमसे पूछें , ए रानी रुकमणि । +कृष्ण वर कैसे पायें , मोरे लाल । हम . . . +चार महीना तो घुमड़ जल बरसो , +हम उरिया तरें ठांड़े मोरे लाल । हम . . . +चार महीना के जाड़े परत हैं , +हमने ग��गा नहाई मोरे लाल । हम . . . +चार महीना की गरमी पड़त है । +पंचवटी तप कीन्हें मोरे लाल । हम . . . +इतने तप हम किये हैं माया , +जब कृष्ण वर पाये मोरे लाल । हम . . .",bundeli-bns +"500 +भाबी दस खां असीं जे झूठ बोला तेरी कल एहो जेही डौल सी नी +बागों धढ़कदी गरकदी आई ए तूं दस खेड़या दा तैनूं हौल सी नी +तेरी घोड़ी नूं अज अराम आया जेहढ़ी नित करदी पई औंल1 सी नी +बूटा सखना अज कर आई ए किसे तोड़ लया जेहढ़ा मौल सी नी",panjabi-pan +"अकूम्बे-अकूम्बे म्हारो घर भरियो जी जमई जी +अकूम्बेअकूम्बे म्हारो घर भरियो जी जमई जी +कागद छाया म्हारा मेल +हो जमई आया सासरे +मौजा पेरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी +मेंदी निरखी ने मेलां आव +हो रंगीला आया सासरे +जामा पेरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी +सोना निरखी ने मेलां आव +हो लिखन्दा आया सासरे +पटका पैरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी +दुलमन निरखी ने मेलां आव +हो हंसाकू आया सासरे +कंठी पेरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी +चऊँसर निरखी ने मेलां आव +हो रिसाकू आया सासरे +मोती पेरो तो म्हारा चौक में हो जमई जी +लीलम निरखी ने मेलां आव +हो केसरिया आया सासरे +चीरा पेरो तो म्हारा चौमें हो जमई जी +पेचां निरखी ने मेलां आव +हो छबीला आया सासरे +तेजी बैठो तो म्हारा चौक में हो जमई जी +चाबुक निखरी ने मेलां आव +हो रंगीला आया सासरे",malvi-mup +"उठ पिया आधी सी रात +उठ पिया आधी सी रात , कोई ढूंढो राजा अपने भातइये +ढूंढा धुर गुजरात , पाये ताऊ जाये पूत +हम तो री बहना अपनी बहना के बीर अपना भैया ढूंढ लो +हिरदय अंगीठी रे राजा जल रही उठ पिया आधी सी रात +सारा ढूंढा पिया मारवाड़ सगला ढूंढ डाला गंगा पार +पाये चाचा जाये पूत +हम तो अपनी बहना के बीर अपना भैया ढूंढ लो +सारा ढूंढा पिया मगध रे ढूंढा गौड बंगाल +अपना भैया ना मिला , मिल गया मामा जाया पूत +हम तो अपनी बहना के बीर अपना भैया ढूंढ लो +आगे चली ढूंढती मिल गये मैया जाये बीर +किन्नै री जीजी बोले हैं बोल किन दिया उलाहना +ताऊ जाये बोले हैं बोल चाचा जाये दिया उलाहना +ली बहना गले लगाय , आंसू पोंछे बहना सालू से +कोई कै दसिया के तेरा मढ़हा कोई कै दसिया का ब्याह +जाओ जीजी घर आपने लाऊंगा दो दल जोड़ +गये वह बजाज की दुकान , सालू बिसावै अपनी बहन को +गये हैं पंसारी की हाट , गोले मेवा मंगावै बहन को +गये हैं सराफ की दुकान , गहने मंगावै अपनी बहन को +लाद लूद सामान चल पड़े , आये बहन दरबार +किसियौ ने आंगन लिपाइयां भैया ने उलदा है भात जी +बहन सुभद्रा ने आंगन लिपाइयां भैया ने उलदा है भात जी +सूना आंगन भर गया मेरा आया माई जाया बीर +सूना आंगन भर गया मेरे आये भतीजे चार",haryanvi-bgc +"प्रथम चरन गणपति को +प्रथम चरन गणपति को , प्रथम चरन गणपति को +गणपति को मनाव , गणपति को मनाव , +प्रथम चरन गणपति को । +काकर पुत्र गणपति भयो , काकर हनुमान , काकर हनुमान +काकर पुत्र भैरो , भैरो , भैरो , भैरो । +काकर लक्षमणराम , काकर लक्षमणराम , +प्रथम चरन गणपति को +गणपति को मनाव , गणपति को मनाव , +प्रथम चरन गणपति को । +होली है . . . . . . . . +गौरी के पुत्र गणपति भयो , अंजनी के हनुमान , अंजनी के हनुमान +कालका के पुत्र भैरो , भैरो , भैरो , भैरो । +कौशिल्या के राम , कौशिल्या के राम , +प्रथम चरन गणपति को +गणपति को मनाव , गणपति को मनाव , +प्रथम चरन गणपति को । +होली है . . . . . . . .",chhattisgarhi-hne +"अवध मे जन्मे राम सलोना +अवध में जन्मे राम सलोना +बंधनवारे बंधे दरवाजे +कलश धरे दोऊ कोना । अवध . . . +रानी कौशिल्या ने बेटा जाये +राजा दशरथ के छौना अवध . . . +रानी कौशिल्या ने कपड़े लुटाये +राजा दशरथ ने सोना । अवध . . . +हीरा लाल जड़े पलना में +नजर लगे न टोना । अवध . . .",bundeli-bns +"चिरइयाँ बोलन लगीं +पिया जागउ भई भिनुसार +चिरइयाँ बोलन लगीं",kanauji-bjj +"नद घर बजत बधा लाल हम सुनके आ +नंद घर बजत बधाए लाल हम सुनकें आए । +मथुरा हरि ने जनम लिया है , +गोकुल बजत बधाए । लाल हम . . . +कौना ने जाए जशोदा खिलाए , +बाबा नंद के लाल कहाए । लाल हम . . . +सोरा गऊ के गोबर मंगाए , +कंचन कलश धराये । लाल हम . . . +चंदन पटली धरायी जशोदा , +चौमुख दियल जलाये । लाल हम . . . +हीरालाल लुटाए यशोदा , +मनमोहन को कंठ लगाये । लाल हम . . . +नन्द घर बजत बधाए , लाल हम सुनकें आए ।",bundeli-bns +"देववण को वर्णन +आजकल् छौं मैं बिचारण लग्यूं देवतों का वणूमां । +आकाश् लव्योणक1 कर खड़ा पर्व्वत का सिरौंमां । । +ठंडी हल्की तलती’ र सफा वायु का और सीतल् । +निर्मल् उज्ज्वल , सरस जल की उत्पती की जगींमां । । +जादा नत्दीक् रहण पर भी तेजवान् सूर्यदेव । +कड़ी दृष्टिन् कविमि यश नी देखदो तापकारी । । +और्नारोंदा , कृपण , टुकड्या , सख्त बुन्दून्यखेद । +वर्षा कर्दो पर बरफ का नर्म , हंस्दासि फूलून । । +ये तोहोंदन् अब फटिक या चांदि का ये पहाड़ । +नीला आकाश् निस तब हर्यां देवदारु विशाल । । +पौंदन् शोभा कतिनि , सूर्यचन्द्रप्रभा से । +क्या की देव्ता निछन यख यीं रम्यता भोगदारा ? +. . . . उड़दो मेरो मन यखन पर , फिनी अपणा गंगाड़2 , +प्यारा मैक् छन् फिरमि अपणा सार���3 सेरा4 व सौड़ । । +जोड़दा हात में यखन अपणी मां सि भागीरथी कू । +ई का गोदस्थित हि अपणा जन्म का गोदि गौंक ।",garhwali-gbm +"कित रै घडिये कढाईयां +कित रै घडिये कढाईयां +कित रै घडिये चमचा +मीट्ठी लागै पंजीरियां +मेरठ घढिये कढाईयां +दिल्ली घढिये चमचा +मीट्ठी लागै पंजीरियां +कुण जै ल्यावै कढाईयां +कुण जै खुरचैगा दाम +मीट्ठी लागै पंजीरियां +सुसरा ल्यावै कढाईयां +जेठा खुरचैगा दाम +मीट्ठी लागै पंजीरियां +कुण जै करै कढाईयां +कुण जै फेरै चमचा +मीट्ठी लागै पंजीरियां +सासड़ करैं कढाईयां +नणन्दल फैरे चमचा +मीट्ठी लागै पंजीरियां +कुण जै खागी पंजीरियां +कुण जै चाटैगा होठ +मीट्ठी लागै पंजीरियां +जच्चा खा गी पंजीरियां +कन्था चाटैगा होठ +मीट्ठी लागै पंजीरियां",haryanvi-bgc +"अरे मन चेतत काहे नाही +अरे मन चेतत काहे नाहीं +काम क्रोध लोभ मोह में , +खोवत जन्म वृथा ही । अरे मन . . . +झूठो यह संसार समन सम , +उरझि रहौ ता माही । अरे मन . . . +रे मूरख सिया राम भजन बिन , +शुभ दिन बीते जाहीं । अरे मन . . . +राम नाम की सुध न लेत हो , +विष रस चाखन चाही । अरे मन . . . +अजहूं चेत रहौ मन मेरो , +फिर पीछे पछता ही । अरे मन . . . +कंचन कुंअरि थकत भई रसना , +बकतबकत तो पाही । अरे मन . . .",bundeli-bns +"584 +खरल हांस मलकां मशहूर मुलकां जिथे शे’र कीता यारां वासते मैं +परख शे’र दी आप कर लैन शायर घोड़ा फेरया विच निखास दे मैं +पढ़न गभरू देस विच खुशी होके फुल बीजिया बास दे वासते मैं +वारस शाह ने अमल दी रास मैथे करां मान नमानड़ा कास ते मैं",panjabi-pan +"हम तो दरदे बेयाकुल, ननदिया के हाँसी बरे +हम तो दरदे1 बेयाकुल , ननदिया के हाँसी2 बरे3 । +सासु तोर पइयाँ4 परू5 रूसिनिया6 के बिदा करूँ । +छिनरिया7 के बिदा करूँ , सतभतरी8",magahi-mag +"चलत पिरान कैसे रोयऊं पिरिया +चलत पिरान कैसे रोयऊं पिरिया +तुमका न रोयहूं पिरभु अपने को रोयऊं +के मोरी पार लगाई है उमरिया +देवरा जेठा के लरिका खिलायेउ +उन्हूं में दिन बिसरायेऊ पिरिया +देवरा जेठा कोउ काम न अइहैं +हम हूं को चनना लगायेऊ पिरिया",haryanvi-bgc +"दिल्ली सहर से पति खद्दर मंगा द्यों जी +दिल्ली सहर से पति खद्दर मंगा द्यो जी +हिन्दी लीलगर पै पीला रंग द्यो जी +अल्यां तै पल्यां मोर पपीहे +घूंघट पै ओउम सान्ती लिखा द्यो जी +पति प्यारे जी +जुग जुग जीओ सास ससुर जी +जिनने अमर बेल फेलाई जी",haryanvi-bgc +"विवाह -गीत - मोरे पिछवरवाँ धन बसियरिया +मोरे पिछवरवाँ धन बसियरिया +गलियाँ फिरही श्री राम रे +अस कोऊ नाही रे नगर अयोध्या राम पियासन जांये +भीतर से निकरी हैं सीता रानियवाँ हथवा गेडुवा जुड़ पानि +बैइठो न राम हो ऊँचे चबूतरा पियहु गेडुआ जुड़ पानि +केकर हौ तुन्ह बरी दुलारी केकर करिना कुआँर +केकरे घरा तू बेही बटुयु केकरि करिना कुआरि +रजा जनक कै बरी दुलारी उन्ही कै करिना कुआरि +राजा दसरथ घरा बेही बाटी राम कै होई बहुआरि +यतना बचन सुने राम से लक्षमन गलियाँ में हेरहिं कहार +अरे अरे कन्हरा भईया सोने कै डोलिया सजाओ मोरे भईया सीता अवध पहुचाओ +यतना बचन सुनी सीता रनिवा गलियाँ में छोड़हीन भोकार +अस कोयू नाही नगर अयोध्या राम मिले ठगहार",awadhi-awa +"हरणे नै भारत का कलेस +हरणे नै भारत का कलेस । +गांधी नै योह् दिया उपदेस । । +हिन्दू मुसलम सिख ईसाई । +आपस में सब भाई भाई । । +सब के दिल में बात समाई । +फिर कौन्या कदी करी लड़ाई । ।",haryanvi-bgc +"बड़े जनत से पाली बारी बन्नी +बड़े जनत से पाली बारी बन्नी , +अब ना राखी जाय मोरे लाल +दूध पिलाए पलना झुलाए , +हो रही आज परायी मोरे लाल । +जब से बेटी भयी सयानी , +ब्याह रचन की ठानी मोरे लाल । +कन्यादान पिता ने कीन्हा , +डोली विदा कर दीन्हीं मोरे लाल । +अंगना में बेटी रुदन मचावें , +काहे भेजत परदेश मोरे लाल । +भैया भेज हम तुम्हें बुला लें , +बाबुल करत कलेष मोरे लाल । +रहियो जनम भर सुख में बेटी , +राखियो घर की लाज मोरे लाल ।",bundeli-bns +"मैनूँ दर्द अवल्लड़े दी पीड़ +मैनूँ दर्द अवल्लड़े दी पीड़ । +सहीओ दर्द अवल्लड़े दी पीड़ । +मैनूँ छड्ड गए आप लद्द गए , +मैं विच्च की तकसीर । +रातीं नींद न दिन सुख सुत्ती , +अक्खीं पलटिआ नीर । +तोपाँ ते तलवाराँ कोलों , +इशक दे तिखड़े तीर । +इशके जेड ना ज़ालम कोई , +एह ज़हमत1 बेपीर । +इक पल साएत2 आराम ना आवे , +बुरी ब्रिहों दी पीड़ । +बुल्ला सहु जे करे इनाएत , +दुख होवण तगयीर3 ।",panjabi-pan +"दो खरबूजे एक से क्या जी +दो खरबूजे एक से क्या जी दो खरबूजे रस भरे दोनों लाल गुलाल +दोनूं समधी एक से कोए एक हीरा एक ऊंचे साजनों जी लाल +बन्ना आया मैं सुण्या क्या जी कूदूं कलियर कोट +पुरजा पुरजा उड़ गया मेरे रतिए न लागी ऊंचे साजनों जी चोट +ऊतर बन्ना घोड़िए क्या जी देख सुसर की जी पोल +सोना तुल्ले हे तराजुए एक हाथी घूमै ऊंचे साजनों जी बाहर +बन्ना बन्नी ले चले क्या जी समधी ले चले दान +बराती फीके पड़ गए उनकी किन्हें न पूछी भड़वे जानके जी बात",haryanvi-bgc +"ननदी भौजइया मिलि पनिया के चलली, जमुन दह हे +ननदी भौजइया मिलि पनिया क�� चलली , जमुन दह1 हे । +ननद , जब होतो मोरा नंदलाल , बेसर पहिरायब हे ॥ 1 ॥ +देबो मैं देबो तोरा ननदो हे , भइया के पियारी हहु2 हे । +ननद , जब होतो मोरा नन्दलाल , बेसर पहिरायब हे ॥ 2 ॥ +आधी रात बितलइ3 पहर रात , होरिला जनम लेलन हे । +भउजो , अब भेलो तोरा नंदलाल , बेसर पहिराबहु हे ॥ 3 ॥ +कहली हल4 हे ननद , कहली हल , भइया के दुलारी हहु हे । +ननद , नइ5 देबो तोहरा के बेसर , बेसरिया नइए देबो हे ॥ 4 ॥ +सभवा बइठल तोहें बाबूजी , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +बाबूजी , तोर पुतहू कहलन बेसरिया , बेसरिया दिलाइ देहु हे ॥ 5 ॥ +सउरी6 पइसल7 तुहूँ पुतहु न , सुनहऽ बचन मोरा हे । +पुतहु , देइ देहु नाक के बेसरिया , त बेटी घर पाहन हे ॥ 6 ॥ +नइ देबइ , नइ देबइ , नइ देबइ , हम नकबेसर हे । +बाबूजी , बेसर मिलल हे दहेज , बेसरिया नइए देबइ हे ॥ 7 ॥ +पोथी पढ़इते तुहूँ भइया , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +भइया , तोर धनि कहलन बेसरिया दिलाइ देहु हे ॥ 8 ॥ +सउरी पइसल तुहुँ धनियाँ , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +धनि , देइ देहु अपन बेसरिया , बहिनी घर पाहुन हे ॥ 9 ॥ +नइ देबइ , नइ देबइ , नइ देबइ , नइ नकबेसर हे । +प्रभु हम कहाँ पयबो बेसरिया , बेसरिया हेराय गेलो8 हे ॥ 10 ॥ +चुप पहु , चुप रहु बहिनी , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +बहिनी , करबो में दोसर बिआह , त बलका9 पोसाय10 देहु हे ॥ 11 ॥ +लगे देहीं हाजीपुर बजरिया , बेसर हम लाइ देबो हे । +बहिनी , इनखा11 के देबइन बनवास , से चुप रहु , चुप रहु हे ॥ 12 ॥ +एतना बचन जब सुनलन , सुनहुँ न पावल हे । +धनि , नकिया से काढ़ि के बेसरिया भुइयाँ12 फंेकि देलन हे ॥ 13 ॥ +लेइ जाहु , लेइ जाहु , लेइ जाहु मोर नकबेसर हे । +ननदो , बनि जाहु मोर सउतिनियाँ , जे घर से निकासल हे ॥ 14 ॥ +काहे लागी लेबो बेसरिया , बेसरिया तोहरे छाजो13 हे । +भउजो , जीये मोर भाइ भतीजवा , उगल रहे14 नइहर हे । +काहे लागी दोसरा बिआह करबऽ , काहे लागी बेसर हे । +भइया , लेइ तोर रोगबलइया15 हमहीं जइबे सासुर हे ॥ 16 ॥",magahi-mag +"म्हारे आज जलवाय की रात हो रसिया +म्हारे आज जलवाय की रात हो रसिया +लई दो बाला चूनड़ी +म्हारा पावां सारू बिछिया घड़ाव हो रसिया +अनबट रतन जड़ाव हो रसिया +म्हारा एड़िया सारू तोड़ा घड़ाव +सांकला रतन जड़ाव +म्हारा बईरां सारू चूड़ीलो चिराव +सोयटी सासे छंद लगाव +म्हारा बांव सांरू बांवठिया घड़ाव +बाजूबंद झबिया लगाव +चुड़िला खे चीम लगाव +म्हारा लगा सारू माला घड़ाव +गलूबंद रतन जड़ाव +म्हारा काना सारू झाला घड़ाव +झुमका से मीना लगाव +म्हारा मुखड़ा सारू बेसर घड़ाव +छागो बिज���ी लगाव +सीस सारू सीस फूल घड़ाव +अड़ सारू सालू रंगावो +अंगिया रतन जड़ावो +पेठणी से पदर लगाव ।",malvi-mup +"माझे-माझे दियरा परि गेल +माझेमाझे दियरा परि गेल +ओहि पर लागि गेल कमलक फूल +नान्हीनान्ही डलिया बुने छौड़ी मलिनियाँ +तोड़िली हे कमला फूल +कोन फूल ओढ़न कोन फूल पहिरन +कोन फूल हे कोसिका के सिंगार +ऐली फूल ओढ़न बेली फूल पहिरन +चमेली फूल कोसिका के हे सिंगार ।",angika-anp +"पराती +१ . +हाथे लिहली खुरपी गड़ुअवे जुड़ पानी +चलली मदोदर रानी दावना छिरके पानी +टूटि गइले खुरपी , ढरकि गइले पानी +रोयेली मदोदर रानी , कवना छिनारी के बेटा रहलन फुलवारी +हम ना जननी ए रनिया राउरे फुलवारी +केकर घोड़वा माई रे ओएडेंगोएड़ें जाय +केकर धोड़वा माई रे सोझे दउड़ल जाए +ससुर भसुर के घोड़वा ओएड़ेगोएड़े जाय +कवना दुलहवा के घोड़वा माई रे सोझे उदड़ल जाय +रोयेली कवन सुभई मटुकवे पोंछे लोर +हँसेले कवन दुलहा , मुँहे खाले पान । +२ . +मोर पिछुअरवा रे घन बंसवरिया +कोइलर बोले अनबोल , +सुतल रजवा रे उठि के बइठऽले +पसिया के पकड़ लेइ आउ रे +हँकड़हु डँकड़हु गाँवचकुदरवा +राजा जी के परे ला हँकार ए +कि राजा मारबि कि डांड़बि कि नग्र से उजारबि ए +नाहिं हम मारवि नाहिं गरिआइबि +नाहिं हम नग्र से उजारबिए । +जवना चिरइया के बोलिया सोहावन , +उहे आनि देहु रे । +डाढ़ि डाढ़ि पसिया लगुसी लगावे , +पाते पाते कोइलर लुकासु रे , +जेहिसन पसिया रे लवले उदबास , उदबासबेचैनी +मुओ तोर जेठका पूतऽ ए । +तहरा के देब चिरई सोने के पिंजड़वा +खोरन दुधवा आहार रे । +जेहिसन पसिआ रे हमें जुड़वले +जिओ तोर जेठका पुतऽ रे । +३ . +हम तेहि पूछिले सुरसरि गंगा , काहे रउआ छोड़िले अरार हे । +पिया माछर मारे ला बिन रे मलहवा , +ओहि मोरा छोड़िले अरार रे । +डालावा मउरिया लेके उतरे कवन समधी , +सोरहो सिंगार ले के उतरे कवन भसुर , +ओहि मोरा ढबरल पानी । +४ . +ए जाहि रे जगवहु कवन देवा , जासु दुहावन । +ए दुधवा के चलेला दहेंडिया त , +मठवा के नारी बहे । +ए हथवा के लिहली अरतिया त , +मुँह देखेली सोरही सनेही । +ए जहि रे जगवहु कवन देही , जासु दुहावन । +ए हथवा के लिहली अरतिया , त +सोरही सनेही आरती निरेखेली ए । जाहिरे . . . +५ . +आईं ना बरहम बाबा , बइठीं मोरे अंगनवा हे , +देबऽ सतरजिया बिछाइ ए । +गाई के घीव धूम हूम कराइबि , +आकासे चली जास ए । +आईं ना बरहम बाबा , बइठीं मोरे अंगनवा हे । +देबऽ सतरजिया बिछाई ए । +गाई के गोबर . . कब जग उगरिन होसु ए । +आईं ना क���ली माई , बइठीं मोरे अंगनवाँ हे , +देबऽ सतरजिया बिछाइ ए , +गाई के घीव धूम हम कराइबि , +कब जग उगरिन होसु हे ।",bhojpuri-bho +"विवाह गीत +हामु तातला रूटा खासुँ रे गुपाल्या मुजिलाल । +याहिणि सुकला टुकड़ा खासे रे गुपाल्या मुजिलाल । +हामु लाड़ि लीजासूं रे गुपाल्या मुजिलाल । +हामु ताबलो पाणि पीसुँ रे गुपाल्या मुजिलाल । +याहिणि वासी पाणी पीसे रे , गुपाल्या मुजिलाल । +हामु तातला रूटा खासुं रे , गुपाल्या मुजिलाल । +वर पक्ष की महिलाएँ गा रही हैं कि हम गरम रोटी खाएँगे । समधन सूखे टुकड़े खाएगी क्योंकि हम दुल्हन को ले जायंेगे । हम ताजा पानी पीयेंगी और समधन बासा पानी पीयेगी ।",bhili-bhb +"कछु नइया धना न्यारे की ठान मे भूलो मत झूठी शान मे +कछु नइयां धना न्यारे की ठान में , भूलो मत झूठी शान में । +पुरी गली के कये मैं आके , रोजऊ लड़ती सासससुर से +देखो रानी कहें समुझाय के , +घर मिट जैहे नाहक आनवान में । भूलो . . . +सोचो गोरी अपने मन में , उनने दुख सये बालापन में । +हम खों लिये फिरे हाथन में , +दुख होने न दिया छिनमान में । भूलो . . . +मातापिता ने कष्ट उठाये , हम खों इतने बड़े बनाये । +सूखी खाके समय बिताये , +आंच आने न दई कबऊ शान में । भूलो . . . +तुम जाने काहो करैयां , छोड़ो हठ अब पडूं मैं पैयां । +हम खें थूकत लोग लुगइयां , +चर्चा हो रई खेत खलिहान में । भूलो . . . +तुम तो धना न्यारे की ठाने , हम खों लोग देत है ताने । +भूलो . . .",bundeli-bns +"लचिका रानी +तीसरा खण्ड +रम्मा लचिका छोड़ी गेलै जबेॅ पोखरियो रे ना +रम्मा महीना दिन के छेलै लड़कबो रे ना +रम्मा लचिका केॅ हरि केॅ लै गेलै लक्ष्मीपुर के रजबो रे ना +रम्मा हठबा के पैलकै फलवो रे ना +रम्मा बालक पर होलै प्रभु के किरपबो रे ना +रम्मा बची गेलै लैके बदलबो रे ना +रम्मा कुलोॅ में बचलै एक फतींगबो रे ना +रम्मा घरोॅ में लै खातिर नममो रे ना +रम्मा छुटी गेलै जबेॅ अम्माओ रे ना +रम्मा पालन पोषन करै तबेॅ दादियो रे ना +रम्मा बालक बढ़ेॅ लागलै दिनेदिनमो रे ना +रम्मा जैसें बढ़ै छै दूजोॅ के चनमो रे ना +रम्मा दादी घरलकै बालक पर असरबो रे ना +रम्मा नाम घरलकै ऐकरोॅ रणबीरवो रे ना +रम्मा थोड़े रे समय में होलै तैयरवो रे ना +रम्मा पढ़ीलिखी होलै होसियरवो रे ना +रम्मा एक दिन खेलै लेॅ गेलै गुल्ली डण्टवो रे ना +रम्मा संगोॅ में पाँचछः लड़कवो रे ना +रम्मा खेलेखेलोेॅ में किरियाबो रे ना +रम्मा हरदम खैते रहेॅ बापोॅ के किरियावो रे ना +रम्मा है सुनी वोलै एक लड़कबो रे ना +रम्मा झूठे तों खाय छैं बाप के किरियावो रे ना +रम्मा कहियै नी मरलोॅ छौ तोरोॅ बापो रे ना +रम्मा वही नौरंग पोखरिया उपरवो रे ना +रम्मा तोरोॅ माय केॅ हरि केॅ लै गेलो छौ रजवो रे ना +रम्मा तहियो नहीं तोरा लजवो रे ना +रम्मा लड़का सिनी के सुनी बचनमो रे ना +रम्मा दौड़लोॅ ऐलोॅ रणवीर घरबो रे ना +रम्मा ददीयाँ सें कहलकै बचनमो रे ना +रम्मा सुनोॅ दादी हमरोॅ अरजवो रे ना +रम्मा सचसच तों कहोॅ हलवो रे ना +रम्मा कहाँ पर मरलोॅ छै हमरोॅ बपबो रे ना +रम्मा हमरा बतावोॅ सब हलवो रे ना +रम्मा नहीं तों बतैभौ सच बतियो रे ना +रम्मा गर्दन पर मारी कटरियो रे ना +रम्मा तेजी देवौ हम्में परनमो रे ना +रम्मा नहीं तेॅ कहोॅ सचसच बतवो रे ना +रम्मा रणवीर के सुनी बतियो रे ना +रम्मा कहेेॅ लागलै प्रीतम सिंह के मतवो रे ना +रम्मा कहै में फाटै मोरा छतियो रे ना +रम्मा मुहोॅ सें नहीं निकलै बतियो रे ना +रम्मा सुनोॅ बबुआ सब बतियो रे ना +रम्मा माय तोरोॅ हमरोॅ पुतौहुओ रे ना +रम्मा कैसें कहियौ उनकर दुरगतियो रे ना +रम्मा महिना दिन के छैले तों बलकवो रे ना +रम्मा तोरोॅ माय कहलकौ एक बचनमो रे ना +रम्मा जैवै हम्में पोखरिया असननमो रे ना +रम्मा नहीं मानलकौ कहनमो रे ना +रम्मा पोखरिया पर करि केॅ गेलौ हठबो रे ना +रम्मा वहाँ बैठलोॅ छेलै लक्ष्मीपुर के रजवो रे ना +रम्मा लैकेॅ साथें सेनमो रे ना +रम्मा जाय केॅ घेरी लेलकै पोखरियो रे ना +रम्मा बाबू तोरोॅ सुनलकौ खबरियो रे ना +रम्मा लेलकौ सजाय केॅ पलटनमो रे ना +रम्मा हुवेॅ लागलौ घमासान लड़ैयो रे ना +रम्मा बापदादा के गेलौ जनमो रे ना +रम्मा करिकेॅ लै गेलौ माय के हरनमो रे ना +रम्मा लै गेलौ आपनोॅ भवनमो रे ना +रम्मा कहाँ तक बतैय्यो दुरगतियो रे ना +रम्मा कहै में फाटै मोरा छतियो रे ना +रम्मा रणबीर पूछै ददियाँ सें पापी रजवा के ठिकनमो रे ना +रम्मा हमरा बताय दे ऊ रजवा के नाम ठिकनमो रे ना +रम्मा एतना सुनी ददियाँ समझावै रे ना +रम्मा मानी लेॅ बबुआ हमरोॅ कहनमो रे ना +रम्मा बड़ा बलशाली ऊ रजबो रे ना +रम्मा नहीं पारबे होकरा सें कभियो रे ना +रम्मा तबेॅ बोलै कुंवर रणवीरवो रे ना +रम्मा हौ दादी जनम के तिरियवो रे ना +रम्मा घर में बैठलोॅ पीन्ही केॅ चुड़ियो रे ना +रम्मा दादी मर्द के हाँसतौ पगड़ियो रे ना +रम्मा नाहक के लेलियै जनममो रे ना +रम्मा देवै हम्मू डुबाय केॅ खनदानमो रे ना +रम्मा दादी कहेॅ लागलै सब हलव��� रे ना +रम्मा लक्ष्मीपुर के ऊ रजवो रे ना +रम्मा होकरोॅ नाम जयसिंह रजवो रे ना +रम्मा दुश्मन के मिललै ठिकनमो रे ना +रम्मा कुंवर भेलै वहाँ से रवनमो रे ना",angika-anp +"बायरान ओडे ऊडारी आमा मुवार डोडोवा +बायरान ओडे ऊडारी आमा मुवार डोडोवा +बायरान ओडे ऊडारी आमा मुवार डोडोवा +बायरान ओडे ऊडारी आमा मुवार डोडोवा +इयां मुवार चोज डोगेवा अम्बरा की सांईबे +इयां मुवार चोज डोगेवा अम्बरा की सांईबे +इयां मुवार चोज डोगेवा अम्बरा की सांईबे +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"ईसुरी की फाग-14 +इन पै लगे कुलरियाँ घालन , भैया मानस पालन +इन्हें काटबो न चइयत तौ , काट देत जो कालन +ऐसे रूख भूँख के लानें , लगवा दये नंद लालन +जे कर देत नई सी ईसुर , मरी मराई खालन ।",bundeli-bns +"होली खेले लाड़ली मोहन से +होली खेले लाड़ली मोहन सें । +बाजत ताल मृदंग झांझ ढप +शहनाई बजे सुर तानन से । होली . . . +भर पिचकारी मोरे सन्मुख मारी +भीज गईं मैं तन मन से । होली . . . +उड़त गुलाल लाल भये बादल +रोरी भलें दोऊ गालन सें । होली . . . +फगुआ मिले बिन जाने न दूंगी +कह दो यशोदा अपने लालन सें । +होली खेले लाड़ली मोहन सें ।",bundeli-bns +"परथम गनेस पद बंदि के, कुसल मनावहु हे +परथम गनेस पद बंदि के , कुसल मनावहु हे । +ललना , बिघन हरन गननायक , सोहर गावहु हे ॥ 1 ॥ +परथम मास जब बीतल1 , दोसर नियरायल2 हे । +ललना , तेसर मास जब आयल , चित फरियाल3 हे ॥ 2 ॥ +चउठा मास चढ़ि आयल , पचमा बितिये4 गेल हे । +ललना , छठे मास निरायल , गरम जनायल5 हे ॥ 3 ॥ +सतमा मास जब आयल , अठमा नियरायल हे । +ललना , नवमा मास जब आयल , होरिला6 जलम7 भेल हे ॥ 4 ॥ +भादो के रइनी8 भेयामन , 9 बिजुली चमक उठे हे । +ललना , तेहि छन परगटे नंदलाल , महल उठे सोहर हे ॥ 5 ॥ +चन्नन लकड़ी कटायम10 , मंगल गायम11 हे । +ललना , अरबे12 से दरबे13 लुटायम , सभ सुख पायम14 हे ॥ 6 ॥ +सासु के देम15 तीसी तेलवा , ननद केरा गड़ी16 तेल हे । +गोतनी के तेलफुलेत , गोतिनियाँ के देललेल17 हे ॥ 7 ॥ +सासु के देम खटोलवा18 , ननदी मचोला19 देम हे । +ललना , गोतनी के लाल पलँगिया , हमहुँ पइँचा20 लेम21 हे ॥ 8 ॥ +सासु के देम इयरिपियरि22 ननदिया के साड़ी देम हे । +ललना , गोतनी के लहँगापटोर23 , हमहुँ कबहुँ24 पइँचा लेम हे ॥ 9 ॥",magahi-mag +"भुइयाँ गिरे नंदलाल, गोपाल लाल भुइयाँ गिरे +भुइयाँ1 गिरे नंदलाल , गोपाल लाल भुइयाँ गिरे ॥ 1 ॥ +काहे के छूरी से नार कटयलूँ , 2 अब काहे के झारि नहलयूलूँ3 ॥ 2 ॥ +काहे के पलना में लाल सुतयलूँ , काहे के डोरी डोलयलूँ । +स��ने के पलना में लाल सुतयलूँ , रेसम के डोरी डोलयलूँ ॥ 3 ॥ +काहे के कटोरा में दूध भरयलूँ , अब काहे के सितुए4 पिलयलूँ5 । +सोने कटोरी में दूध भरयलूँ , अब रूपे के सितुए पिलयलूँ ॥ 4 ॥",magahi-mag +"वेद छाड़ा फकिरे एइ धारा बाउल) +माने ना केताबकोरान नबीर तरीक छाड़ा । +मसरेक तरीक धरे , चन्द्रसूर्य पूजा करे , +पंचरस साधन करे , चन्द्र भेदी यारा । । +सरल चन्द्र , गरल चन्द्र , रोहिणी चन्द्र धारा +रसबीज मिल करे पार करछे तारा । । +सब चूल माथाय जटा , काय सिद्दि भाँग घोंटा , +कथा कय एलो मेलो , बुझा याय ना सेटा । । +तादेर भंगी देखे लोक तुले याय गानेर बड़ घटा । +ए दीन रसिक बले बेतरीक से आउलबाउल नेड़ा ।",bengali-ben +"रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो +रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो +को तो दादाजी हम गोरा घर जांवा +जांवो वाई जावो बाई हम नहीं बरजां +लम्बी सड़क देख्या भागी मती जाजो +उँडो कुओ देख्या पाणी मती पीजो +चिकनी सिल्ला देखी न पाँव मती धरजो +पराया पुरुष देखनी हसी मती करजो",rajasthani-raj +"भजन +रूसी भगवान राजा घर पावणों आयो ॥ +रूसी भगवान साते शेर लायो ॥ +राजाराणी को एक लड़को रइयो तो रे राम ॥ +रूसी भगवान पावणो आयो राम । +राजारानी दालबाटी की मिजवानी दी राम ॥ +रूसी भगवान ने शेर वाटे लड़के के मिजवानी मांगी राम । +नइ तो भूख्या वापिस जावां जी । +राजरानी लड़के की मिजवानी दी राम ॥ +राजारानी ने लड़के को आरी से काटा राम +नाहर के मिजवानी दे दी राम +राजारानी चार थाली परोसी राम । +रूसी भगवान बोल्या एक थाली और परोसो राम ॥ +राजारानी बोल्या एक आपकी , एक नाहर की राम , +एक म्हारी और एक राणी की राम । +पांचवी थाली किकावाटे जी +रूसी भगवान बोल्या लड़के को बुलाओ राम +राजाराणी बोल्या लड़के को तो काटा राम +कहाँ से आवेगा राम ॥ +भगवान बोल्या तुम बाहर जाओ राम । +तुम्हारा लड़का गेंद खेल रहा राम ॥ +राजाराणी खुसी हुया ने बाहर पहुँच्या राम । +गेंद खेलता बाला के देख्यो ने घरे लाया राम ॥ +सभी ने भगवान को भोग लगाया जी ॥ +राजा मोरध्वज के यहाँ भगवान शेर लेकर परीक्षा लेने के लिए गये , और उनके अतिथिसत्कार की परीक्षा ली थी । यह एक प्रसिद्ध कथा है , जिसमें भगवान ने राजा के पुत्र का माँस शेर को खिलाने को कहा । राजा ने अपने पुत्र को आरे से चीरकर शेर के समक्ष परोसा । भगवान रूपी साधु की परीक्षा में राजारानी सफल हुए । लड़के +को भगवान ने जीवित कर दिया । भगवान भक्तों की परीक्षा भी लेते हैं , क्योंकि ���हुत से भक्त ढांेगी होते हैं , दिखावे के लिए भक्ति और दानपुण्य करते हैं ।",bhili-bhb +"हुण मैं अनहद नाद बजाया +हुण मैं अनहद नाद बजाया , +तैं क्यों अपणा आप छुपाया , +नाल महिबूब सिर दी बाज़ी , +जिसने कुल तबक लौ साजी , +मन मेरे विच्च जोत बिराजी , +आपे ज़ाहिर हाल विखाया । +हुण मैं अनहद नाद बजाया । +जद ओह लाल लाली पर आवे , +सुफैदी सिआही दूर करावे , +अङणा अनहद नाद वजावे । +आपे प्रेमी भौर भुलाया । +हुण मैं अनहद नाद बजाया ।",panjabi-pan +"सुणजो हो म्हारा सगुण साहेब जी +सुणजो हो म्हारा सगुण साहेब जी , +म्हारा पियर पत्रिका भेज जो । +एक आई गयो मेहलो न भीगी गयो कागद , +गोरी को संदेशो रही गयो । । +हुई गई रे वीरा म्हारा मण्डप की बिरियां , +सासूजी मसलो बोलिया । +परसो न हो बहुवर मुट्ठीभर चोखा , ऊपर मुट्ठी खांड की । । +हुई गई रे वीरा म्हारा मण्डप खऽ वार , +नणंदजी मसलो बोलिया । +एक पेरो न हो भावज दक्षिण रो चीर , +अंगिया जो , जड़ाव की । । +एक बेडुलो लई न पनघट चाली , +बेडुलो जो धरियो सरवर पाळ । +चोमळ टांगी चम्पा डाळ धमकी रऽ रे वीरजी की गाड़िला । । +घमकी नऽ रे घूँघर माळ +एक झपकी नऽ रे म्हारा वीराजी की पाग , +चमक्यो रे भावजजी रो चूड़ीलो । । +एक झटपट हो गोर घर खऽ आई , +विराजी खऽ दिया समझाई न । +एक वीराजी नऽ हो भेज्यो बहण खऽ संदेशो , +केतरीक लागऽ पेरावणी । । +ससरा खऽ रे वीरा म्हारा सेलो नऽ पाग , +सासू खऽ पोयचो पेरावजो । +जेठ खऽ रे वीरा म्हारा सेळो नऽ पाग , +जेठाणी खऽ चूनर पेरावजो । । +देवर खऽ रे वीरा म्हारा सेळो नऽ पाग , +देराणी खऽ चूनर पेरावजो । +एक नणंद खऽ दक्षिणा रो चीर । । +बौणई खऽ रे वीरा म्हारा पांचई कपड़ा , +बहण खऽ पेळो पेरावजो । +एक भाणेज खऽ हो अंगो नऽ टोपी , +पड़ोसेण खऽ कापड़ो देवाड़जो । । +जात खऽ रे वीरा म्हारा मुट्ठी भर चांवल , +गांव मंऽ तमोल बटाड़जो । +भली करी रे म्हारा माड़ी का जाया , +सासू नणंद मंऽ करऽ उजळई ।",nimadi-noe +"369 +हीर आखया जोगीया झूठ आखें कौन रूठड़े यार मनावंदा ए +ऐसा कोई ना डिट्ठा मैं ढूंड़ थकी जेहड़ा गयां नूं मोड़ लिआवंदा ए +साडे चम्म दियां जुतियां करे कोई जेहड़ा जिऊ दा रोग गवावंदा ए +भला दस खां चिरी विछुंनयां नूं कदों रब्ब सचा घरीं लिआवंदा ए +भला मोए ते विछड़े कौन मेले ऐवें जीवड़ा लोक वलावंदा ए +इक बाज तों काउं ने कूंज खोही वेखो चुप है के कुरलावंदा ए +इक जट दे खेत नूं अग लगी वेखां आन के कदों बुझावंदा ए +देवां चूरियां घेउ दे बाल दीवे वारस शाह जे सुनां मैं आवंदा ए",panjabi-pan +"458 +करामात है कहर दा नाम रन्ने केहा घतयो आन वसूरया ई +करे चावड़ा चिवड़ा1 नाल मसती अजे तीक अनजानां नूं घूरया ई +फकर आखसन सोई कुझ रब्ब करसी एवें जोगी नूं ला वडूरया ई +वारस पंज पैसे रोक लगा धरयो खंड चावला दा थाल पूरया ई",panjabi-pan +"विदाई गीत +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , माय झुणिं छुड़जी । +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , भाइ झुणिं छुड़जी । +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , बास झुणिं छुड़जी । +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , भोजाइ झुणि छुड़जी । +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , बहणिस् झुणि छुड़जी । +वधू पक्ष की महिलाएँ अश्रुपूरित आँखे लिये विदा कर रही हैं और कहती हैं कि तेरा पलंग सोने का है और उसके पाये चाँदी के हैं । पलंग छोड़ देना परन्तु माता का मत छोड़ना । इसी प्रकार पिता , भाईभौजाई एवं बहन को नहीं छोड़ने का आग्रह किया गया है । इस गीत में मुख्य रूप से अच्छे सम्बन्ध बनाये रखने के लिए आग्रह +किया गया है ।",bhili-bhb +"मारत बिना अन्न हर सालै +मारत बिना अन्न हर सालै +पनमेसुर का पालै ? +काय खाँ दुख दयैं रात हौं ? +काटइ करौ हलालै । +सबै समेट इकटठौ लै जा +कात काय न कालैं , ? +नोंनौ लगै अकेलो ईसुर +जब सब भिक्छ बड़ा लै ।",bundeli-bns +"लावा न छींटऽ ह कवन भइया +लावा1 न छींटऽ ह2 कवन भइया , बहिनी तोहार हे । +अँगूठा न धरऽ ह3 कवन दुलहा , सुगइ तोहार4 हे ॥ 1 ॥ +लावा न छींटऽ ह कवन भइया , बहिनी तोहार हे । +अँगूठा न धरऽ ह कवन दुलहा , सुगइ तोहार हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"गाड़ा जुप्या रे देव गाडुला +गाड़ा जुप्या रे , देव , गाडुला +नांदिया घूघर माल , +धवळा घोड़ा को रे म्हारो उंकार देव , +तुम पर उड़ऽ रे निशाण , +आवऽ तेखऽ रे देव , आवणऽ दीजो , +आड़ी नारेल की माल ।",nimadi-noe +"दिन बूड़ौं विदेसी ना जारे +दिन बूड़ौं विदेसी ना जारे , +रूप जाब थके हौ तुम हारे । +ससुर हमारे गये परदेसै , +छाये विदेस पिया प्यारे । +कर लइयो आराम भवन में +लाल पलंग दें लटकारे +हमनें सुनी एई गलियन में +गये वटोई दो मारे । +काटौ सुख से रेंन ईसुरी +उठ जइयो यार मोर पारें ।",bundeli-bns +"इनी का दिन, झगड़ा वा +इनी का दिन , झगड़ा वा +इनी का दिन , झगड़ा वा +इनी का दिन , मपा वा +इनी का दिन , मपा वा +इनी का दिन , निपिड़वा +इनी का दिन , निपिड़वा +इनी का दिन , टपन वा +इनी का दिन , टपन वा +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"गोरी कठिन होत है कारे +गोरी कठिन होत है कारे , +भरे हैं मद मतवारे । +कारे रंग के काट खात जब +जिहर न जात उतारे । +काम के बान कामनिन खाँ भये , +कारे नन्द दुलारे । +पटियँन जात उनारे । +ककरेजी खौं पैर ‘ईसुरी’ , +खकल करेजे डारे ।",bundeli-bns +"ऊपर बादर घर्राएँ हों (कुआँ-पूजन) +ऊपर बादर घर्राएँ हों , +नीचे गोरी धन पनिया खों निकरी । +जाय जो क‍इऔ उन राजा ससुर सों , +अँगना में कुइआ खुदाय हो +तुमारी बहू पनिया खों निकरी । +जाय जो क‍इऔ उन राजा जेठा सों , +अँगना में पाटें जराय हो , +तुमारी बहू पनिया खों निकरी । +जाय ओ कइऔ उन वारे देउर सों , +रेशम लेजे भूराय हों +तुमारी बहू पनिया खों निकरी । +अरे ओ जाय ओ कइऔ उन राजा ननदो‍उ सों , +मुतिखन कुड़ारी गढ़ाए हों , +तुमारी सारज पनिया खों निकरी । +जाय जो क‍इऔ उन राजा पिया सों , +सोने का घड़ा बनवाए हों , +तुमारी धनि पनिया खों निकरी । +भावार्थ +आसमान में बादल गरज रहे हैं +गोरी पानी भरने के लिए कुएँ पर जा रही है । +वह अपने ससुर से विनति करती है +क्यों न घर के आँगन में ही कुआँ खुदवा दिया जाए +जिससे कि वह आराम से पानी भर सके । +अपने जेठ से वह कहती है कि +वे आँगन में पाट लगवा दें , +देवर से कहती है कि +वे रेशम की डोरी ला दें , +नन्दोई से कहती है कि +मोती की कुड़री गढ़वा दें , +पति से कहती है +मेरे लिए सोने का कलश बनवा दो +तुम्हारी पत्नी पानी भरने जा रही है ।",bundeli-bns +"दसरत को लछीमन बाल जीत +दसरत को लछीमन बाल जीत । +चौदा बरस तपोवन रहियो , ताप नि लाग्यो एक रती । +चौदा बरस हिमाचल रहियो , जाड़ो नि लाग्यो एक रती । +चौदा बरस सीता संग रहियो , पाप नि लाग्यो एक रती । +खोला किवाड़1 , चला मठ भीतर +दर्शन देओ लाई , अंबे झुलती रहों +गाय को गोबर चोपड़ माटी +चौका देवत माई अंबे झुलती रहो",garhwali-gbm +"पनियां भरन चली बांकी रसीली +पनियां भरन चली बांकी रसीली +सिर पर घड़ा घड़े पर झज्ञरी +पतली कमरिया बल खाए रसीली +पनियां भरन चली बांकी रसीली +घड़े को उतार गोरी कूएं पै रख दो +हम से करो दोए बातें रसीली +पनियां भरन चली बांकी रसीली +बातें तो राजा कै से करूं मैं +छोटी ननदिया मोरे संग में रसीली +पनियां भरन चली बांकी रसीली",haryanvi-bgc +"कहाँ का सवदागर लिए जा है जी अम्माँ +कहाँ का सवदागर1 लिए जा है2 जी अम्माँ । +पतली कमरिया छुरिया3 बाल है जी अम्माँ । +अम्माँ , कहाँ का सवदागर लिए जा रहा है जी अम्माँ ॥ 1 ॥ +दादी सब दादी बीबी , मुख देखें हैं जी अम्माँ । +घूँघट खोले हैं जी अम्माँ । +पतली कमरिया छुरिया बाल है जी अम्माँ । +अम्माँ , कहाँ का सवदागर लिए जा रहा है जी अम्माँ । +कहाँ का बनजारा4 लिए जा हैं जी अम्माँ ॥ 2 ॥",magahi-mag +"आ गऔ बेईमानी कौ पारौ +आ गऔ बेईमानी कौ पारौ , +इतै न डेरा डारौ , +पंचन में परपंच जुरत है । +करैं न बारो न्यारौ । +मों देखी पंचयात करत हैं । +तकें चीकनो व्दारौ । +ईसुर कात सवै के मन की +जौ तगड़ा तौ डारौ ।",bundeli-bns +"गंगा स्नान के गीत +1 +कलकल बहे जहां दुधवा के धार +गंगा मइया हो , धनि तोरी महिमा अपार । +सोने की किरनियां झुलना झुलावैं +हंसि कै पवन नित चंवर डुलावै +दइकै असीस दूनौ विहंसे किनार । +रिद्धि सिद्धि सोहे मइया तोहरे अंबरवा +सबकी अरज पै करतीं विचरवा । +कोटि कोटि धावै पंच तोहरे दुआर । +पतितन का तारें देवी देउतन का तारें +आपन हाथै सबकी बिगरी का तारें । +2 +झिलमिल झिलमिल लहराए हो +गंगा तोरी निर्मल लहरिया +धरती की प्यास बुझाए हो +गंगा तोरी निर्मल लहरिया +गंगा किनारे साधू कुटि छवाए +पानी पे चंदनिया के तार लहराए +नैनन की प्यास बुझाये हो +गंगा तोरी निर्मल लहरिया +कठिन कलेस मिटाए हो +गंगा तोरी निर्मल लहरिया +3 +मातु गंगा लागि भगीरथ बेहाल । +कोऊ लीपै अगुआ न कोऊ पिछवार , +भगीरथ लीपै छत सिव कै दुआर +कोऊ तोड़ै फूल कोऊ बेलपत्र , +भगीरथ तोड़ै बेलपत्र सिव कै दुआर +कोऊ मांगै अनधन कोऊ धेनु गाय , +भगीरथ मांगै गंगाजी कै धार +आगै आगै भगीरथ भागैं पाछे सुरसरि कै धार । +4 +हमका दैहें वरदान , चलो री गुइयां गंगा नहाय +गंगा नहाइ कै करिबै पुजनिया , +जगर मगर जिया होए +चलो री गुइयां गंगा नहाय । +दससन परसन और कीरतन +पाप सकल धुल जाएं +चलो री गुइयां गंगा नहाय । +सिव की जटा हुई मुइं पै उतरीं , +सोभा बरनी न जाए +चलो री गुइंया गंगा नहाए । +गंगा नहाए तीरथ फल पइबैं । +काया निरमल होये , चलो री गुइयां गंगा नहाय । +5 +विधि के कमंडल की सिद्ध है प्रसिद्धि यही , +कहै पदमाकर गिरीश शीश मंडल के +मुंडन की माल तत्काल अघहर है । +भूपति भगीरथ के रथ की सुपुण्य पथ +जहनु जप जोग फल , फैल की फहर हैं । +क्षेम की छहर , गंगा रउरी लहर +कलिकाल को कहर यम जाल को जहर है । +6 +आ जाऊँगी बड़े भोर +दहीरा लेके आ जाऊँगी बड़े भोर +ना मानों चुनरी घर राखों , लिखे पपीहा मोर । +ना मानों चुनरी घर राखों , मुत्तियन लागी कोर । +ना मानो मटकी घर राखों , +सबरे बिरज कौ मोल । +ना मानो बेंदीघर राखो , बाजूबंद हुमेल । +7 +चलो करें असनान , गंगा की लहरै लहरिया । +सखि घर से निकसि के आओ , निकसि के आओ । +मेला देखन जइबै आज , गंगा की लहरै लहरिया । +सखि गंगा की निरमल धारा , ओ निरमल धारा +छिन मा हरे पाप , गंगा की लहरै लहरिया +सखि पियर चुनरी रंगायो चुनरी रंगायो +हम देवै दीपदान गंगा की लहरै लहरिया +सखि मेवा में थाल भराओ थाल भराओ +संग ले लो पकवान गंगा की लहरै लहरिया ।",bhojpuri-bho +"जाहि दिन अगे बेटी, तोहरो जलम भेल +जाहि दिन अगे1 बेटी , तोहरो जलम भेल । +नयनमा2 न आयल सुखनीन3 हे ॥ 1 ॥ +नीदो न आबे बेटी भूखो न आबय । +तारा गिनइते भेल बिहान4 हे ॥ 2 ॥ +पुरूब खोजलूँ , पच्छिम खोजलूँ , +खोजलूँ सहर बिहार5 हे । +एक नहीं खोजलूँ दुलरइता बाबू के डेरवा6 +जाहाँ हथी7 राजकुमार हे ॥ 3 ॥ +दादा के हाथ में गेडु़आ8 जे सोभए , +दादी के हाथे कुस डाढ़9 हे । +काँपन लागे बाबा कुस के गेडु़अवा , +काँपन लागे कुस डाढ़ हे ॥ 4 ॥ +आल10 में ताख पर गुड़िया रोवे , +रोवे लागल टोलवा परोस हे । +जारे जारे11 रोवथि बाबा दुलरइता बाबा , +बनवे12 के कोइल13 चलल जाय हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"फगुआ के गीत +१ . +धनिधनि ए सिया रउरी भाग , राम वर पायो । +लिखि लिखि चिठिया नारद मुनि भेजे , विश्वामित्र पिठायो । +साजि बरात चले राजा दशरथ , +जनकपुरी चलि आयो , राम वर पायो । +वनविरदा से बांस मंगायो , आनन माड़ो छवायो । +कंचन कलस धरतऽ बेदिअन परऽ , +जहाँ मानिक दीप जराए , राम वर पाए । +भए व्याह देव सब हरषत , सखि सब मंगल गाए , +राजा दशरथ द्रव्य लुटाए , राम वर पाए । +धनि धनि ए सिया रउरी भाग , राम वर पायो । +२ . +बारहमासा +शुभ कातिक सिर विचारी , तजो वनवारी । +जेठ मास तन तप्त अंग भावे नहीं सारी , तजो वनवारी । +बाढ़े विरह अषाढ़ देत अद्रा झंकारी , तजो वनवारी । +सावन सेज भयावन लागतऽ , +पिरतम बिनु बुन्द कटारी , तजो वनवारी । +भादो गगन गंभीर पीर अति हृदय मंझारी , +करि के क्वार करार सौत संग फंसे मुरारी , तजो वनवारी । +कातिव रास रचे मनमोहन , +द्विज पाव में पायल भारी , तजो वनवारी । +अगहन अपित अनेक विकल वृषभानु दुलारी , +पूस लगे तन जाड़ देत कुबजा को गारी । +आवत माघ बसंत जनावत , झूमर चौतार झमारी , तजो वनवारी । +फागुन उड़त गुलाब अर्गला कुमकुम जारी , +नहिं भावत बिनु कंत चैत विरहा जल जारी , +दिन छुटकन वैसाख जनावत , ऐसे काम न करहु विहारी , तजो वनवारी ।",bhojpuri-bho +"सगरै समैया सुरी माँ सुति बैसि गमावलि +सगरै समैया सुरी माँ सुति बैसि गमावलि +भादय मास सुरी माँ साजलि बरात है , भादव मास । +जब हम हे कोसी माँ साजलों बरियात , +तोरा लय कोसी तैयार छलै पाटी अरू लरूआ मिठाई +हे तोरा लय । । +धुरे धुरे कोसि माँ सन्देश देबै चढ़ाय +हे तोरा लय । । +जब हम पहुंचल नदिया किनरबा +होबे लागल तोरे बोलहाई हे । +सन सन केसिया हे कोसीमाय तोहर अँखिया डरावन +पार करू पार करू तोंही बूढ़ी हे माँ । +हेरै हेतै घर में सासु +कतहुँ ने देखै छियै घर में सलहेस के उपाय +अहि पार देवो कोसी माँ दूध देवौ ढार । +खन नैया खेबै खन नैया भसियावै +केना हेतै सुरि माँ के विवाह । +अहि पार देवी मलहा कान दूनू सोनमा , +पार भेले गला गिरिमल हार +तोहर सोनमां कोसी माँ तोहरे भावे +हुकुमे देवै सुरी माँ के पार उतारि । ।",angika-anp +"सगरै समैया कोसिका हँसी खेलि वितेलिये +सगरै समैया कोसिका हँसी खेलि वितेलिये +से भादव मासे +कोसीमैया लागै छै पहाड़ से भादव मासे । +एक ते अन्हार राती दोसर बसात घाती +सूझै नाहीं +मैया गे रेत के बहाव से सूझे नाहीं +मलरि मलरि कोसिका करै अनघोल से नदी बीचे +कोसी मैया मन डरपाय से नदी बीचे । +फाटल नबेरिया कासिका गून पतबार से टुटि गेलै +मैया गे लागहु गोहारि से दया करू । +गोड़ लागौ पैया पड़ौ मैया सतवंती से राखि लेहू +मैया गे हमर सोहाग से राखि लेहू ।",angika-anp +"कहँमा हि लेमुआ के रोपब, कहमा अनार रोपब हे +कहँमा1 हि लेमुआ2 के रोपब , कहमा अनार रोपब हे । +कहँमाहि रोपब नौरंगिया , से देखिदेखि जीउ भरे हे ॥ 1 ॥ +अँगनाहि रोपबइ से लेमुआ , खिरकी3 अनार रोपब हे । +दरोजे4 पर रोपबइ नौरंगिया , से देखिदेखि जीउ भरे हे ॥ 2 ॥ +लटकल देखलूँ लेमुआ त , पकल अनार देखलूँ हे । +गोले गोले देखलूँ नौरंगिया , जचा5 रे दरद बेयाकुल हे ॥ 3 ॥ +समना6 भदोइया केरा रतिया , त हारिला जलम लेलन हे । +बजे लागल अनन्द बधाबा त महल उठे सोहर हे ॥ 4 ॥ +कउन बन फूलहइ गुलबवा त कउन बन कुसुम रँग हे । +कउन देइ7 के रँगतइ चुनरिया , त देखते सोहावँन हे ॥ 5 ॥ +कुंज बन फूलहइ गुलबवा त कुरखेत8 कुसुम फूलइ हे । +सुगही9 के रँगब चुनरिया , त देखत सोहावँन हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"270 +सानूं जोग दी रीझ तकोदनी सी जदों हीर सयाल महबूब कीते +छड देख शरीक कबीलड़े नूं असां शरम दे तर महिजूब1 कीते +रत्न हीर दे नाल सी उमर गाली असां मजे जवानी दे खूब कीते +हीर छातियां नाल मैं मस भिना असां दाहां ने नशे मरगूब2 कीते +होया रिज़क उदास तां गल हिली मापयां वयाह दे चा असलूब3 कीते +दिनां कंड4 दिती भावी बुरी सायत5 नाल खेड़यां दे मनसूब कीते +पया वखत जां जोग विच आन फाथे एह वायदे आन मतलूब6 कीते +एह इशक ना टले पैगंबर���ं तों थोथे इशक ने हड अयूब7 कीते +इशक वासते शाह सकंदरे ने फते शहर शमाल जनूब8 कीते +एस जुलफ जंजीर महबूब दी ने वारस शाह जेहे मजू़ब9 कीते",panjabi-pan +"मृत्यु गीत +टेक क्यों झुरवो न मेरी माई ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक1 जंगलजंगल की जड़ी बुलाई , +वेद्य करो मेरा भाई , अरे हंसा वैद्य करो मेरा भाई +अरे ये जड़ियां कछु काम नी आई । +ऐसी आदल राम घर आई , +ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक2 पाँच हाथ को रेजो बुलायो , सुन्दर काया ढकाई , +अरे हंसा सुन्दर काया ढकाई , +अरे चार मिली चवरग्या उबीया , +ऐसो छछ म लियो उटाई , ममता क्यों झुरवो मेरी माई +चौक3 डेल लगुण थारी त्रिया संगाती , +झोपड़ा लगुण तेरि माता , अरे हंसा झोपड़ा लगुण तेरि माता +नंदी लगुण तेरा कुटुम कबीला , ऐसो वहां छोड़िया रे अकेला +ममता क्यों न झुरवो मेरी माई +चौक4 माता रोवे थारी जलम जोगणी , +बइण वार तिवार , त्रिया रोव तीन घड़ी रे । +ऐसो दूसरो करग घर वास , ममता क्यों न झुरवो । +चौक5 जंगलजंगल की लकड़ी बुलाई , त्योको सल रचाई , +अरे हंसा त्योको सल रचाई । +चार मिलि न चवंरग्या ऊब्या +ऐसी उल्टी आग लगाई , ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक6 हाड़ जले जो बन्द की लकड़िया +बाल जले रे हरिया घास , अरे हंसा हरिया घास । +अरे हीरा सरीकी काया जलत है , +ऐसा कोई नी आवेगा पास , ममता क्यों न झुरवो । +छाप कये कबीरा सुणो भाई साधो यो पंथ है निरवाणी । +माता की ममता क्यों दुःखी हो रही है । कई जंगलों से जड़ीबूटियाँ बुलाकर +वैद्यों ने उपचार किया , किन्तु कोई काम नहीं आया । ऐसा राम के पार का बुलावा +आया और हंसा जीव चला गया । +पाँच हाथ का कफन बुलाया और सुन्दर शरीर को ढांका । अर्थी के चारों खूँट पर +चार लोग खड़े हुए और शीघ्र उठा लिया । ममता क्यों दुःखी हो । +दरवाजे तक पत्नी साथ गई , झोपड़ों तक माता गई , नदी तक कुटुम्ब गया और वहाँ +क्रियाकर्म कर अकेला छोड़ आये । +तेरी माता पूरे जीवन रोती है और बहन त्यौहार पर रोती है । पत्नी तीन घड़ी रोती है +और दूसरा घर कर लेती है । +जंगल की लकड़ी बुलाई और आग लगा दी । +टेक क्यों झुरवो न मेरी माई ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक1 जंगलजंगल की जड़ी बुलाई , +वेद्य करो मेरा भाई , अरे हंसा वैद्य करो मेरा भाई +अरे ये जड़ियां कछु काम नी आई । +ऐसी आदल राम घर आई , +ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक2 पाँच हाथ को रेजो बुलायो , सुन्दर काया ढकाई , +अरे हंसा सुन्दर काया ढकाई , +अरे चार मिली चवरग्या उबीया , +ऐसो छछ म लियो उटाई , ममता क्यों झुरवो मेरी माई +चौक3 डेल लगुण थारी त्रिया संगाती , +झोपड़ा लगुण तेरि माता , अरे हंसा झोपड़ा लगुण तेरि माता +नंदी लगुण तेरा कुटुम कबीला , ऐसो वहां छोड़िया रे अकेला +ममता क्यों न झुरवो मेरी माई +चौक4 माता रोवे थारी जलम जोगणी , +बइण वार तिवार , त्रिया रोव तीन घड़ी रे । +ऐसो दूसरो करग घर वास , ममता क्यों न झुरवो । +चौक5 जंगलजंगल की लकड़ी बुलाई , त्योको सल रचाई , +अरे हंसा त्योको सल रचाई । +चार मिलि न चवंरग्या ऊब्या +ऐसी उल्टी आग लगाई , ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक6 हाड़ जले जो बन्द की लकड़िया +बाल जले रे हरिया घास , अरे हंसा हरिया घास । +अरे हीरा सरीकी काया जलत है , +ऐसा कोई नी आवेगा पास , ममता क्यों न झुरवो । +छाप कये कबीरा सुणो भाई साधो यो पंथ है निरवाणी । +माता की ममता क्यों दुःखी हो रही है । कई जंगलों से जड़ीबूटियाँ बुलाकर +वैद्यों ने उपचार किया , किन्तु कोई काम नहीं आया । ऐसा राम के पार का बुलावा +आया और हंसा जीव चला गया । +पाँच हाथ का कफन बुलाया और सुन्दर शरीर को ढांका । अर्थी के चारों खूँट पर +चार लोग खड़े हुए और शीघ्र उठा लिया । ममता क्यों दुःखी हो । +दरवाजे तक पत्नी साथ गई , झोपड़ों तक माता गई , नदी तक कुटुम्ब गया और वहाँ +क्रियाकर्म कर अकेला छोड़ आये । +तेरी माता पूरे जीवन रोती है और बहन त्यौहार पर रोती है । पत्नी तीन घड़ी रोती है +और दूसरा घर कर लेती है । +जंगल की लकड़ी बुलाई और आग लगा दी । +शरीर लकड़ी के समान और बाल घास के समान , हीरे के समान काया जल रही है , कोई +पास नहीं आता है । +शरीर लकड़ी के समान और बाल घास के समान , हीरे के समान काया जल रही है , कोई +पास नहीं आता है ।",bhili-bhb +"पांच मोहर का साहबा! पीला मंगाद्यो जी +पांच मोहर का साहबा पीला मंगाद्यो जी । +कोई पांच पचीसी गढ़ बी सी गाढा मारू जी । +गाढा मारू जी पीला रं गद्यो जी । +किन म्हारी भोली साधण ल्याय दिखाया जी । +किन थारे आल लगाई जी । +गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । +छोटी सी नणदल , साहबा आल लगाई जी । +अल्ले तै पल्ले साहबा मोर पपेया जी । +बीच बीच लाल हजारी जी । +गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । +कोए सास नणद मुख जोड्या जी । +गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । +आंख ना खोले जच्चा मुख तै ना बोले जी । +कोए जच का राजन कुम्हला डोले जी । +गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । +दिल्ली सहर तै साहबा बैद बुलाद्यो जी । +कोए जच की नाड़ी दिखाद्यो जी । +गाढा मारू ���ी पीला रं गाद्यो जी । +झाडै तो झाडै रे बैदा रोक रुपैया जी । +कोए जच्चा के जीव की बधाई जी । +गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी । +आंख्यां भी खोले जच्चा मुख से भी बोले जी । +कोई जच्चा का राजन हंसता डोले जी +मैं मन ल्यूं थी म्हारा सुघड़ साहबे का जी । +कोए प्यारी सू के दुप्यारी जी । +गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी ।",haryanvi-bgc +"चाँवर गीत +राजा नी बेटी नहीं नवे , नहीं नवे । +वाण्या नो बेटो , उरो नवे , परो नवे । +एक फेरो फिर जी बनी , चार को बनो छे । +बनी पयणाय जाजी ने , पछी आवती रहजी । +फेरे के समय वधू को कहा गया है कि वधू , राजा की लड़की है वह झुकेगी नहीं । बनिया का बेटा इधर झुकता है उधर झुकता है । बनी को फेरे के लिए कहा है । एक फेरा फिर , बना पराया है । दुल्हन अड़ रही है । सहेलियाँ कह रही हैं ब्याह कर ले फिर वापस पीहर आ जाना ।",bhili-bhb +"टेरत है घनश्याम तुम्हे तो +टेरत हैं घनश्याम तुम्हें तो +कोई टेरत है नन्दलाल +टेरतटेरत दूर निकल गईं , +लेत तुम्हारो नाम । तुम्हें तो . . . +गोरीगोरी उमर की छोटी , +राधा उनका नाम । तुम्हें तो . . . +कहां का रहना , कहां का मिलना , +कहां भई पहचान । तुम्हें तो . . . +गोकुल रहना , मथुरा मिलना , +बरसाने पहचान । तुम्हें तो . . . +टेरत हैं घनश्याम . . .",bundeli-bns +"सभवा बइठले रउरा बाबू हो कवन बाबू +सभवा बइठले रउरा1 बाबू हो कवन बाबू । +कहवाँ से अइले पंडितवा , चउका2 सभ घेरि ले ले ॥ 1 ॥ +दमड़ी दोकड़ा के पानकसइली । +बाबू लछ3 रुपइया के दुलहा , बराम्हन भँडुआ ठगि ले ले ॥ 2 ॥ +बाबू , लछ रुपइया के दुलहा , ससुर भँडुआ ठगि ले ले ॥ 3",magahi-mag +"मेरा नैफा डिगर ग्या भरतार मेरे तै लड़कै +मेरा नैफा डिगर ग्या भरतार मेरे तै लड़कै +हे री लड़ कै +उन्ने चिट्ठी गेरी ना तार गुस्सै में भर कै +हे री भर कै +मन्ने दस का गेर्या तार , पांच की चिट्ठी +हे री चीट्ठी +मेरा बांच रह्या भरतार गोड्या मैं धर के +हे री धर कै +ओ आया आधी रात लील्ले घोड़े पै चढ़कै +हे री चढ़ कै +ओ बैठ्या भाइआं बीच नमस्ते करके +हे री करके +भाई कित गई मेरी हूर बतलादे +भाई बतलादे +भाई मरगी तेरी हूर कूएं मैं पड़ कै +हे री पड़ कै +भोत रोया मेरा भरतार ओबरे मैं बड़ कै +हे री बड़ कै +तेरा ल्याया रेसमी सूट करेवा भर कै +हे री भर कै +तेरा ल्याया बूंट बिलाती करेवा भर कै +हे री भर कै +तेरी पहरै छोटी सोक कूएं पै चढ़ कै +हे री चढ़ कै +मैं करूं सुपनै मैं बात पति तै अड़ कै +हे री अड़ कै +मैं तो तोडूंगी उसकी नाड़ कूएं पै चढ़ कै +हे री चढ़ कै",haryanvi-bgc +"ओडासी पड़ोसी तू के ओ बेटी +ओडासी पड़ोसी तू के ओ बेटी +ओडासी पड़ोसी तू के ओ बेटी +बेटी के दियो पहाड़ा देशी +बेटी के दियो पहाड़ा देशी +तेरे तो घर में लिखियो +तेरे तो घर में लिखियो +बेटी के दियो पहाड़ा देशी +बेटी के दियो पहाड़ा देशी +स्रोत व्यक्ति राजकुमार , ग्राम भाटपरेठिया",korku-kfq +"गलती मैं जो कुछ बणी सो बणी +गलती मैं जो कुछ बणी सो बणी इब तै सोच समझ कै चाल +चोरी जारी अन्याई की कहां बनी टकसाल +बिना पड्ढाए सारे पट्ढ ग्या करम किए चंडाल +पट्टी तो तन्ने बदी की लिखी इब तैं सोच समझ कै चाल +कान पकड़ कै आगै करलै इक दिन तन्ने काल +भाई बंध तेरा कुंटब कबीला किसे की ना चालै ढाल +बणेगी तेरे जिए नै घनी इब तै सोच समझ कै चाल +धरमराज तेरे कर्म्मा की एक दिन करै संभाल +जिगर मैं लागै सेल की अणी इब तै सोच समझ कै चाल +आच्छे बुरे सब देख लिये ये दुनिआं कै ख्याल +छोड्या जा तो छोड़ दे बंदे यो ममता का जाल +अनीती तन्ने भोत करी इब तै सोच समझ कै चाल",haryanvi-bgc +"222 +घर खेड़यां दे जदों हीर गई चुक गए तगादड़े1 अते झेरे +विच सयालां दे वी चुप चां होई अते खुशी हो फिरदे ने सब खेड़े +फौजदार तगयार2 हो आन बैठा कोई रांझे दे पास ना पाए फेरे +विच तखत हजारे दे होण गलां रत्न भाबियां रांझे दियां करन झेरे +चिठी लिखके हीर दी उजरखाही3 जिवें बोले नूं पुछीए हो नेरे +होई लिखी रजाय4 रंझेटया वे साडे अलढ़े घाह ने तूं उचेड़े +मुड़ आ ना विगड़या कम तेरा लटकंदड़ा5 घरी तूं पा फेरे +जेहड़े फुल दा नित तूं रवें राखा उस फुल नूं तोड़ लै गये खेड़े +जिस वासते फिरें तूं विच झलां जिथे बाघ बघेले ते शींह पेड़े +कोई नहीं वसाह कुवारियां दा ऐवें लोक नकमड़े करन झेड़े +तूं तां मेहनतां सैं दिन रात करदा वेखो कुदरतां रब्ब दियां कौन करे +ओस जूह न हिरनीयां पीन पानी घुस जान जित्थे मूंह हनेरे हेड़े6 +वारस शाह एह नजर सी असां मंनी खुवाजा खिजर चराग दे लये फेरे",panjabi-pan +"आई गैन रितु बौड़ी, दाँई जसो फेरो +आई गैन रितु बौड़ी , दाँई1 जसो फेरो2 , +फूली गैन बण बीच , ग्वीराल बुराँस +झपन्याली3 डाल्यों मा , घूघती4 धूरली , +गैरीगैरी5 मा , म्योलड़ी बोलली +उचि उचि डाँड्यों मा , कफू वासलो । +मौलली भाँति भाँति की फुलेर डाले +गेऊँजौ की सारी6 , सैरीं7 पिंगली ह्वैन , +राडा की रडवाड़ियों मा , मारी रुणाली +डाँडी काँठी गूँज , ग्वेरू की मुरल्योंन8 , +गौं की नौनी स्ये , गीत वसंती गाली । +जौं की ब्वई9 होली , मैतुड़ा10 बुलाली , +मेरी जिकुड़ी मा ब्वै , कुयेड़ीसी लौंकी ।",garhwali-gbm +"छज्जै तो बेठी लाडो कुंवर निरखै +छज्जै तो बेठी लाडो कुंवर निरखै +यो वर बाबा जी सांवला +गाड़ियों के अलके छलके गरद उड़ती है +गरद उड़ती वर सांवले +रास्ते में बाबा ताल खुदाओ +न्हाये धोये वर ऊजले +कस्तूरी मंगाओ वर के अंग लगाओ +केसर पिलाओ वर के घोल कै +चन्दन मंगाओ उबटन मंगाओ +न्हाये धोये वर ऊजले",haryanvi-bgc +"243 +एह जग मुकाम फनाह1 दा ए सभा रेत दी कंध एह जीवना ई +छां बदलां दी उमर बंदयां दी अजराईल2 ने पाड़ना सीवना ई +एह जहान हैगा एथे सेहर मेला किसे नित ना हुकम ते थीवना ई +वारस शाह मियां अंत खाक होना लख आबेहयात3 जे पीवना ई",panjabi-pan "530 हथबन्ह नीवीं धौन घाह मुंह विच कढ दंदियां मिनतां घालिया ओए तेरे चलयां होंदी है हीर चंगी दोही रब्ब दी मुंदरां वालिया आए @@ -19661,1005 +12120,3410 @@ folksong,language लिखी विच रजाय दे मरे जटी जिसने सप्प दा दुख ही जालिया ओए तेरी जटीदा की इलाज करना असां आपना कोड़मा गालिया ओए वारस शाह तकदीर रजा वाला उन्हां औलिया2 भी नहीं टालिया ओए",panjabi-pan -"मेरा पिरस चढन्ता सुसरा न्यू कवै -मेरा पिरस चढन्ता सुसरा न्यू कवै -बहुवड़ एक लाडूडा हमनै द्यो चरचरी सूंठ का -सुसरा फोडूं तै दूखै मेरी आंगली -साबत दिया ना जा लाडूडा चरचरी सूंठ का -मेरा धार कढन्ता जेठा न्यूं कवै -बहुवड़ एक लाडूडा हमनै द्यो चरचरी सूंठ का -जेठा फोडूं तै दूखै आंगली -साबत दिया ना जा लाडूडा चरचरी सूंठ का -मेरा खुलिया खेलन्ता देवर न्यू कवै -भावज एक लाडूडा हमनै द्यो चरचरी सूंठ का -देवर फोडूं तै दूखै आंगली -साबत दिया ना जा लाडूडा चरचरी सूंठ का -मेरा महल चढन्ता कन्था न्यूं कवै -गौरी एक लाडूडा हमनै द्यो चरचरी सूंठ का -पीया कोठी नीचै झाकरा मन मांगै जीब खा -बगड बखेरूं तेरा झाकरा मेरे बाबल का मार्या सै मान -मेरे भाई का मार्या सै मान लाडूडा चरचरी सूंठ का",haryanvi-bgc -"केसर रो कीच मचावो -केसर रो कीच मचावो -कस्तूरी रो मलन मिलावो -राम हल बिच धन खड़ी जी म्हारा राज -नारेला री नींव नखाव -सुपारी री पूरणी नखाव -बरफी री भींत कराव -जलेबी री बारी रखाव -लोंगां री जाली लगाव -सिंगोड़ा रा कंगूरा लगाव -आलो सो चंदन कटाव -मोड़ मलकिया घुड़ाव -चारी पांयें भंवर उतारो -ईसा ने हिंगलू डोलावो -रेसम बान बुनावो -मखदोय दामनी देवाड़ो -अतलस सेज बिछावो -मिसरू रा तकिया लगाव -चिरमा री सोड़ मिलावो -गाल मसूरिये गेंदा -जेठे पोड़े फलाणा राम रा भीम -देखो म्हारा मेलां री चतराई -जेठ पोड़े फलाणा राम री धीय -देखो म्हारी सेजां री चतराई",malvi-mup -"हे हर जी ल्याए हैं झोली भर फूल -हे हर जी ल्याए हैं झोली भर फूल राधा जोगे नां ल्याए भगवान -हे जी बांटे हैं सब परवार राधा जोगे नां बचे भगवान -हे जी राधा के मन मैं सै छोह टग टग महलें चढ़ गई भगवान -हे राधा नै जा मूंदे अजड़ किवाड़ सांकल लोहे सार की भगवान । -हे राधा रिमझिम बरसे है मैंह किरसन भीजें बाहरणै भगवान -हे राधा खोलो नै अजड़ किवाड़ सांकल लोह सार की भगवान -हे हर जी जां बांटै झोली भर फूल बहैं जाओ सो रहो भगवान -हे हर जी कै मन मैं था छोह् ढगढग महलां ऊतरे भगवान -हे हर जी जा सोए बिरछां की धाएं धोली चादर ताण कै भगवान -हे जी राधा के मन मैं था चाव टग टग महलें ऊतरी भगवान -हे हर जी पूछी हैं कूएं पणिहार कहीं देखे सांवरे भगवान -हे राधा नहीं देखे किसन मुरार नहीं देखे सांवरे भगवान -हे हर जी पूछै हैं हाली पाली लोग कहीं देखे सांवरे भगवान -हे राधा वे सूते बिरछां की छांह धोली चादर ताण कै भगवान -हे राधा देख्या है पल्ला ए उघाड़ किरसन सूते नींद मैं भगवान -हे हर जी ऊठो न किरसन मुरार उठो न पियारे सांवरे भगवान -हे हर जी नैणां मैं रम गई धूल पैरां मैं छाले पड़ गए भगवान -हे हर जी राधा तो रूसै बारम्बार किरसन रूसै न सरै भगवान",haryanvi-bgc -"रोहतक में पाणी बड्ग्या -रोहतक में पाणी बड्ग्या सुण भैणां हे कोलज में -उडै पड्ढैं दुनिया के लाल जुलम बड़ा भारी हे कोलज में -छोर्यां मैं झांखी पाड़ी एक पट्ढै छोरा हुंसिआर हे कोलज में -ऊं के ऊपर धोला कमीज जुलम बड़ा भारी हे कोलज में -वोह् तो डूब लिया होया जुलम बड़ा भारी है हे कोलज में -ऊं का बूढा बाब्बू रोवै रे मैंने बौत पड्ढाया -मिरे लाल जुलम बड़ा भारी होया हे कोलज में -कोलज में जुलम बड़ा भारी हे कोलज में -ऊं की बूढी माता रोवै हे मनै एक जाया नंद लाल -ऊं की छोटी भैणां रोवै हे कोलज में -मेरै कूण भरेगा भात , जुलम बड़ा भारी हे कोलज में -ऊं की ब्याही तिरिया रोवै हे कोलज में -मनै कर के बैठा गया रांड जुलम बड़ा भारी हे कोलज में",haryanvi-bgc -"गंगाजल से पाँव पखारल -गंगाजल से पाँव पखारल1 चनन पीढ़ा2 बिछावल , कि हाँ जी ॥ 1 ॥ -झारी के झारी गँगाजल पानी , सोने के कलस धरावल3 कि हाँ जी । -बामे हलधर दाहिन जदुपत , सभ गोवारन4 सँघ आवल5 कि हाँ जी ॥ 2 ॥ -नारद आवल बेनु बजवात , बरम्हा बेद उचारे , कि हाँ जी । -सभ सुन्नरि सभ गारी गावत , मुसकत सीरी गिरधारी , कि हाँ जी ॥ 3 ॥ -बसमती चाउ�� के भात बनावल , मूँग रहर के दाल , कि हाँ जी । -कटहर , बड़हर , कद्दू , करइला , बैंगन के तरकारी , कि हाँ जी ॥ 4 ॥ -रतोआ , खटाइ , अचार , मिठाई , चटनी खूब परोसे , कि हाँ जी । -बारा , पापड़ , मूँग , तिलौरी आउर दनौरी बनावल , कि हाँ जी ॥ 5 ॥ -बजका6 बजुकी आउर पतोड़ा , सबहे भाँति बनावल , कि हाँ जी । -ऊपर से ढारल7 घीउ8 के चभारो9 धमधम धमके रसोइ , कि हाँ जी ॥ 6 ॥ -पंखा जे डोलवथि रुकमिनी नारी , आजु भोजन भल पावल , कि हाँ जी । -ऊपर दही आउ10 चीनी बिछावल , लौंग सोपाड़ी11 खिलाइ , कि हाँ जी ॥ 7 ॥ -जेमन12 बइठल जदुपत , हलधर , जेमत13 हय मुसकाइ , कि हाँ जी । -जेमिए जुमुए14 जदुपत आचमन कयलन , झारी गंगाजल पानी , कि हाँ जी ॥ 8 ॥ -पौढ़ल15 सेज पोंछल मुँह रेसम , रुकमिनी चौर16 डोलावे , कि हाँ जी । -बड़ रे भाग17 से जदुपत आवल , धन धन भाग हमारो , कि हाँ जी ॥ 9 ॥ -फिनु18 आयब इही19 मोर डगरिया , करूँ अंगेया20 अंगीकारे21 कि हाँ जी । -नारद गावत , बरम्हा गूनत22 धन रुकमिनी तोर भागे , कि हाँ जी ॥ 10 ॥",magahi-mag -"69 -तेरे नाम तों जान कुरबान कीती माल जान तेरे उतों वारया ई -पासा जान दा सीस मैं ला बाजी तुसां जितया ते असां हारया ई -रांझा जीउ दे विच यकीन करके महिर चूचके पास सिधारया ई -अगे पैंचनी हो के हीर चली कोल रांझे नूं जा खलारया ई",panjabi-pan -"मुरकियां बारो आयो री मरोड़ घणी -मुरकियां बारो आयो री मरोड़ घणी -सोने ने बाप बणायो री मरोड़ घणी -बागे वाले आये री मरोड़ घणी -दरजी ने बाप बणायो री मरोड़ घणी",haryanvi-bgc -"चलो मन बँसरी बजावे -चलो मन बँसरी बजावे जिहाँ मोहना रे , राधा रानी नाचे ठुमा–ठुम -रास रचावे जिँहा गोकुल गुवाला रे , मृदँग बाजे धुमाधुम , -मोर सुवा न मृदँग बाजे धुमाधुम ॥ -तरी हरी नहा नरी नना मोर सुवा न , तरी हरी नहा नरी नना -जमुना के खड़ मे कदम के बिरखा , नाचथे मँजुरा अव फुदकथे मिरगा , -खेतले कछार जिहाँ बोलथे पपीहरा रे , कलपथे हाबे पाना फुल । -रास रचावे जिँहा गोकुल गुवाला रे , मृदँग बाजे धुमाधुम , -मोर सुवा न मृदँग बाजे धुमाधुम ॥ -तरी हरी नहा नरी नना मोर सुवा न , तरी हरी नहा नरी नना । -रूनझुन घुनझुन जिँहा कदम के छईहाँ , नाचथे गुवालिन जिँहा जोरे जोरे बईँहा -झाँझ मजिँरा जिँहा झमके झमाझम रे , घुँघरू सुनाथे छुनाछुन ॥ -रास रचावे जिँहा गोकुल गुवाला रे , मृदँग बाजे धुमाधुम , -मोर सुवा न मृदँग बाजे धुमाधुम ॥ -तरी हरी नहा नरी नना मोर सुवा न , तरी हरी नहा नरी नना -कलकल छल छल , छलकथे जमुना , झनन झनन झनके तारा अव तमुरा । -महर महर बन म मन लेय लहरा ले , भँवरा गुँजावे गुनागुन -रास रचावे जिँहा गोकुल गुवाला रे , मृदँग बाजे धुमाधुम , -मोर सुवा न मृदँग बाजे धुमाधुम ॥ -चलो मन बँसरी बजावे जिहाँ मोहना रे , राधा रानी नाचे ठुमा–ठुम -रास रचावे जिँहा गोकुल गुवाला रे , मृदँग बाजे धुमाधुम , -मोर सुवा न मृदँग बाजे धुमाधुम ॥ -तरी हरी नहा नरी नना मोर सुवा न , तरी हरी नहा नरी नना",chhattisgarhi-hne -"483 -अगों रायबां1 शैरफां 2 बोलियां ने केहा मथा तूं भाबीए खेड़या ई -भाबी आख की लघो ई टहक आईए सोयनचिड़ी वांगू रंग फेरया ई -मोई गई सै जीवदी आन वड़िए सच आख की सच सहेड़या ई -अज रंग तेरा भला नजर आया सभो सुख ते दुख नवेड़या ई -नैना शोख होए रंग चमक आया किसे जोबनेदा खूह गेड़या ई -हाथी मसत आशक भावे बाग वाला तेरी संगली नाल खहेड़या ई -कदम चुसत ते साफ कनौतियां ने हथ चाबक3 असवार न फेरया ई -वारस शाह अज हुसन मैदान चढ़ के घोड़ा शाहसवार ने छेड़या ई",panjabi-pan -"आला नी टफडी नी ढाना काला में बेटी -आला नी टफडी नी ढाना काला में बेटी -आला नी टफडी नी ढाना काला में बेटी -आला नी टफडी नी ढाना काला में बेटी -टीयां रे आयोमा लाड़ टीयांमेन बेटी टीयांटेन -टीयां रे आयोमा लाड़ टीयांमेन बेटी टीयांटेन -टीयां रे आयोमा लाड़ टीयांमेन बेटी टीयांटेन -बाड़ी लाड़ टीयांटेन -बाड़ी लाड़ टीयांटेन -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"188 -मुशकी1 चावलां दे भरे आन कोठे सोनपतीए दे झोने छड़ी दे नी -बासबती पशावरी बेगमी सन हरी चंद ते जरदीए2 परी दे नी -सठी किरचका सेउला किरत कंतल , अनोकीकला तीहरा सरी दे नी -बारीक सुफैद कशमीर चावल खुरश जेहड़े हूर ते परी दे नी -गुलियां सचियां नाक हथोड़ियां दे मोती चुन लंबोरियां3 जड़ी दे नी -वारस शाह एह जेवरां घड़न ताईं पिछों पिंड सुनआरड़े फड़ी दे नी",panjabi-pan -"ईसुरी की फाग-26 -मिलती कभऊं अकेली नइयाँ -बतकाये खाँ गुइयाँ । -मिल जातीं मन की कै लेते -जैसी हती कवइयाँ । -बाहर सें भीतर खाँ कड़ गईं -कुल्ल लुगाइन मइयाँ । -' ईसुर ' फिरत तुमाये लानें -ढूंढत कुआं तलइयाँ । +"शिव के मन माहि बसे काशी +शिव के मन माहि बसे काशी २ +आधी काशी में बामन बनिया , +आधी काशी में सन्यासी , शिव के मन +काही करन को बामन बनिया , +काही करन को सन्यासी , शिव के मन… +पूजा करन को बामन बनिया , +सेवा करन को सन्यासी , शिव के मन… +काही को पूजे बामन बनिया , +काही को पूजे सन्यासी , शिव के मन… +देवी को पूजे बामन बनिया , +शिव को पूजे सन्यासी , शिव के मन… +क्या इ��्छा पूजे बामन बनिया , +क्या इच्छा पूजे सन्यासी , शिव के मन… +नव सिद्धि पूजे बामन बनिया , +अष्ट सिद्धि पूजे सन्यासी , शिव के मन…",kumaoni-kfy +"ईसुरी की फाग-8 +ऐंगर बैठ लेओ कछु काने , काम जनम भर रानें +सबखाँ लागौ रात जियत भर , जौ नइँ कभऊँ बड़ानें +करियो काम घरी भर रै कैं , बिगर कछु नइँ जानें +ई धंधे के बीच ' ईसुरी ' करतकरत मर जानें । +भावार्थ +पास बैठ जाओ कुछ कहना है , काम तो जिंदगी भर रहेगा +सभी को ये काम लगा रहता है जब तक वोह जिन्दा रहता है , ये काम कभी ख़त्म नहीं होगा +काम थोड़ी देर रुक कर , कर लेना , कुछ बिगड़ नहीं जायेगा +ईसुरी कहते है कि इस काम को कर कर के मर जायेंगे ।",bundeli-bns +"सुच्ची वास्कट वालेया +सुच्ची वास्कट वालेया सोने दे बटन लवा , +शाला तूं जीवें मुरादां वेखी माँ , +अज मेरे राजे दी जंज चड़ी मुरादां नाल , +जीवण जोगे दी जंज चड़ी मुरादां नाल , +इस मेरे सोणे दी माँ खुश पई थीन्दी ए , +जीवण जोगे दी माँ खुश पई थीन्दी ए , +लाल माण के न माण , +सोणेया माण के न माण , +चूड़े वाली वोटी आण , +टिक्के वाली वोटी आण . +चंबा कें राया कें राई चम्बेल , +मरुआ कें राया साडे बुए दे चहुँ चफेर , +सुच्ची वास्कट वालेया सोने दे बटन लवा , +शाला तूं जीवें मुरादां वेखी माँ .",panjabi-pan +"तुम तो जागो न हो अमुक भाई घर की नार +तुम तो जागो न हो अमुक भाई घर की नार , +विहाणो हो श्यामसुहावणो । +तुम तो जागो न हो बहुवर चीर संवारो +विहाणो हो श्यामसुहावणो । +तुम तो देवो न हो बहुवर बाजुबन्द खील , +विहाणो हो श्यामसुहावणो । +तुम तो देवों न हो बहुवर कपिला गाय , +विहाणो हो श्यामसुहावणो ।",nimadi-noe +"यासोदा तेरे लाल ने मेरी दी है मटकिया फोड़ +यासोदा तेरे लाल ने मेरी दी है मटकिया फोड़ +तनक नहीं सरमावे दिखे तेरा नन्द किसोर +हाथ पकड़ कर झटका मारा नहीं चले कुछ जोर +मक्खन का तो मक्खन खाया रास्ता लिया रोक +क्या बना लें इस छलिया का ऐसा चित चोर",haryanvi-bgc +"391 +भाबी इक दरों लड़े फकीर सानूं तूं भी जिंद कढें नाल घूरियां दे +जे तैं हिंग दे निरख1 दी खबर नाहीं काहे पुछीए भा कस्तूरियां दे +मैं तां पट पड़ावना नांह होवे काहे खीज करिये नाल भूरियां दे +इनां जोगियां दे काई वस नाहीं घते रिजक ने वायदे दूरियां दे +जान भाबीए नी फकर नाग काले हक मिलन कमाईयां पूरियां दे +कोई दे बद दुआ ते गाल कढे पिछों फायदे की इन्हां झूरियां दे +लुछू लुछू करदी फिरे नाल फकरां लुच चालड़े एहनां बंगूरियां दे +वारस शाह फकीर दी रन्न वैरन जिव��ं मिरग ने वैरी अगूरियां दे",panjabi-pan +"भरती हो लै रे थारे बाहर खड़े रंगरूट +भरती हो लै रे थारे बाहर खड़े रंगरूट +याँ ऐसा रखते मध्यम बाना +मिलता पटिया पुराना ; +वाँ मिलते हैं फुलबूट । +भरती हो लै रे थारे बाहर खड़े रंगरूट भावार्थ -महाकवि ' ईसुरी ' अपनी प्रेयसी ' रजऊ ' को उलाहना देते हुए कहते हैं — प्रिये , तुम कभी अकेले में नहीं मिलतीं कि प्रेम की दो बातें कर सकूँ । अगर मिलतीं तो जो कहने लायक होतीं वो बातें कह लेता । तुम औरतों के झुण्ड की ओट लेकर बाहर से भीतर को निकल गईं , जबकि मैं तुम्हारे लिए कुओं , तालाबों पर भटकता फिरता हूँ ।",bundeli-bns -"अंगिका फेकड़ा -निनियाँ पुर सें निनिया ऐलौ -नानी यहाँ सें गेनरा ऐलौ । -नूनू माय , हे नूनू माय -नूनू कथी लेॅ कानै छौं -अंगिया लेॅ की टोपिया लेॅ -दादादादी हज्जर लेॅ -पितिया महज्जर लेॅ -चाकू रे चन्न बीजू रे वन्न -खोपोॅ बीकै छोॅछोॅ मन्न । -की खैबे रे बनरा ? -दालभात खैबौ गे दीदी । -केना सुतवे रे बनरा ? -कोला में सुतवौ गे दीदी । -पाप लिखतौ रे बनरा -गंगा नहैवे गे दीदी । -सरदी होतौ रे बनरा -हरदी फाँकवोॅ गे दीदी । -खोखी होतौ रे बनरा -खोखमल्ला पिन्हबोॅ गे दीदी । -रे नूनू कथी के -अचनपचन बेलना के -मायबाप ससन्ना के -दादादादी हज्जर के -पितिया महज्जर के -हम्में खेलौनिया जाफर के -फूफू तेॅ छेकी गुल्लर के । -ताय पूड़ी ताय -केके पकाय -नूनू पकाय -नूनुहैं खाय । -नूनू के माय आवोॅआवोॅ -भरी कंटरी खीर बनावोॅ -आपने लेल्हेॅ थार भरी -नूनू के देल्हौ कटोरा भरी -वही लेॅ नूनू रूसल जाय -बापेपितियें मिली बौसल जाय -बापें बौसल हाथीघोड़ा -पितियें बौंसल दूध कटोरा ।",angika-anp -"अरझगे हे भउजी, तोर मया म भईया अरझगे हे -ऐ भउजी . . -काये . . -एक बात काहव -का बात ए -रूप में फंस के मरिस पतिंगा , रस में अरझगे भौंरा हा -अच्छा -गंध म मछरी धुन मा हिरना , भईया बर सब्बो संघरा -हट -हाय अरझगे हे भउजी , तोर मया म भईया अरझगे हे -हाय अरझगे हे का या , तोर खोपा म गोंदा अरझगे हे -खेते म जाथंव , बता के जाथे ए . . . ए . . . -खेते म जाथंव , बता के जाथे -बीड़ी सिपचाहूँ कहिके लहुट आथे , हाय अरझगे हे -हाय अरझगे हे का या , तोर मया म भईया अरझगे हे -हाय अरझगे हे भउजी , तोर मया म भईया अरझगे हे -भउजी हे धीरन , भईया हे लुठुवा आहा आहा -भउजी हे धीरन , भईया हे लुठुवा -भउजी हाबे अधरतिहा भईया हे सुकुवा , हाय अरझगे हे -हाय अरझगे हे का या , तोर खोपा म गोंदा अरझगे हे -हाय अरझगे हे भउजी , तोर मया म भई���ा अरझगे हे -भईया के सुंता , भउजी के सुतीयां आहा हो हो -भईया के सुंता , भउजी के सुतीयां -भउजी हाबे मोर अठन्नी भईया हे रुपिया , हाय अरझगे हे -हाय अरझगे हे का या , तोर खोपा म गोंदा अरझगे हे -हाय अरझगे हे भउजी , तोर मया म भईया अरझगे हे",chhattisgarhi-hne -"घर की मांडण बेटी अमुक बाई दीनी -घर की मांडण बेटी अमुक बाई दीनी , -तवंऽ जाई समझ्या दयालजी । -आला नीळा बाँस की बाँसरी , वो भी बाजती जाय , -अमुक भाई की बईण छे लाड़ली , वो भी सासरऽ जाय , -पछा फिरी , पछा फिरी लाड़ीबाई , -पिताजी खऽ देवो आशीस । -खाजो पीजो पिताजी , राज करजो , -जिवजो ते करोड़ बरीस । । -छोड्यो छे मायको माहिरो , छोड्यो पिताजी को लाड़ -छोड़ी छे भाई केरी भावटी , छोड्यो फुतळयारो ख्याल । -छोड्यो छे सई करो सईपणो , -लाग्या दुल्लवजी का साथ ।",nimadi-noe -"62 -मान मतीए रूप गुमान भरीए अठ खेलिए1 रंग रंगीलीए नी -आशक भौर फकीर ते नाग काले बाझ मंतरां मूलन कीलीए नी -एह जोबना ठग बजार दा ए टूने हारीए छैल छबीलीए नी -वारस शाह बिन करदो2 ज़िबह3 कर के बोल नाल जबान रसीलीए नी",panjabi-pan -"आल्हा ऊदल -गज भर धरती घट जैहें प्रक चोट करों दैब से मार -तब तो बेटा जासर के नैं याँ पड़े रुदल बबुआन -चल गैल रुदल ओजनी से गढ़ पिअरी में गैल बनाय -लागल कचहरी है डेबा का जहवाँ रुदल पहुँचे जाय -सोना पलँगरी बिछवाइ सोना के मोंढा देल धरवाय -सात गलैचा के उपर माँ रुदल के देल बैठाय -हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू डेबा ब्राहमन के बलि जाओं -लागल लड़ाइ नैना गढ़ में डेबा चलीं हमरा साथ -एतना बोली डेबा सुन गैल डेबा बड़ मोहित होई जाय -जोड़ गदोइ डेबा बोलल बाबू सुनीं रुदल बबुआन -जहवाँ पसीना है रुदल के तहवाँ लोधिन गिरे हमार -डेबा डेबा के ललकारे डेबा सुन बात हमार -बाँधल घोड़ा तबल खास में घोड़ा ए दिन लावव् हमरा पास -चल गैल डेबा गढ़ पिअरी से तबल खास में पहुँचल जाय -बावन कोतल के बाँधल है बीच में बाँधल बेनुलिया घोड़ -ओहि समंदर डेबा पहुँचल घोड़ा कन पहुँचल जाय -जोइ गदोइ डेबा बोलल घोड़ा सुनव् बात हमार -भैल बोलाहट बघ रुदल के -लागल लड़ाइ नैना गढ़ में घोड़ा चलव् हमरा साथ -एतना बोली घोड़ा सुन गैल घोड़ा के भैल अँगार -बोलल घोड़ा जब डेबा से बाबू डेबा के बलि जाओं",bhojpuri-bho -"पाया है किछु पाया है -पाया है किछु पाया है , मेरे सतगुर अलख लखाया है । -कहूँ वैर पड़ा कहूँ बेली हो , -कहूँ मजनूँ हो कहूँ लेली हो , -कहूँ आप गुरु कहूँ चेली हो , -आप आप का पन्थ बताया है । -पाया है किछु पाय�� है , मेरे सतगुर अलख लखाया है । -कहूँ मस्जिद का वरतारा है , -कहूँ बणिआ ठाकुरद्वाराहै , -कहूँ बैरागी जटधारा है , -कहूँ शेख नबी बण आया है । -पाया है किछु पाया है , मेरे सतगुर अलख लखाया है । -कहूँ तुर्क हो कलमा पढ़ते हो , -कहूँ भगत हिन्दू जप करते हो , -कहूँ घोर गुफा में पड़ते हो , -कहूँ घर घर लाड लडाया है । -पाया है किछु पाया है , मेरे सतगुर अलख लखाया है । -बुल्ला मैं थीं बेमुहताज होया , -महाराज मिलिआ मेरा काज होया , -दरस पीआ का मुझहे इलाज होया , -आपे आप मैं आपु समाया है । -पाया है किछु पाया है , मेरे सतगुर अलख लखाया है ।",panjabi-pan -"लैवौ राम नाम इक सच्चा -लैवौ राम नाम इक सच्चा । -दूर होय दुख दच्चा । -हिरनाकस पिहलाद के लानैं । -कौन तमासो रच्चा । -सबरे बरतन पके अबाके , -बो बर्तन रऔ कच्चा । -बरत आग सैं कूँदत आ गए , -मनजारो के बच्चा । -लैलै राम निकारौ , ईसुर , -मिल्लादुल्लाफुच्चा ।",bundeli-bns -"हो सून्ने की कुंडली घड़ा तेरे दादा -हो सून्ने की कुंडली घड़ा तेरे दादा -साजन मलमल न्हायेंगे -गर्भ करती लाडो गर्भ मत करियो -सून्ने की कुंडली ना होगी -माटी की कुंडली जोहड़ का पाणी -साजन मलमल न्हायेंगे -हो सून्ने की कुंडली घड़ा तेरे ताऊ -साजन मलमल न्हायेंगे -गर्भ करती लाडो गर्भ मत करियो -सून्ने की कुंडली ना होगी -माटी की कुंडली जोहड़ का पाणी -साजन मलमल न्हायेंगे -हो सून्ने की कुंडली घड़ा मेरे बाबू -साजन मलमल न्हायेंगे -गर्भ करती लाडो गर्भ मत करियो -सून्ने की कुंडली ना होगी -माटी की कुंडली जोहड़ का पाणी -साजन मलमल न्हायेंगे",haryanvi-bgc -"सगरे समैया कोसी मैया -सगरे समैया कोसी मैया , सुतीबैठी गमैले हे -कोसी मैया सजलै बरीयात हे भादो मास -सब केरोॅ नैया हे कोसी माय -अमरपुर पहुँचलेॅ हे मोरा नै -हे मोरो नैया देलेॅ भसियाय -यही पार देबै कोसी माय दसौना बीर पान -वही पार देबै कोसी माय -दुधवा के ढार देबहै वही पार -जानू , कानू , जानू , खीझू मल्लाहा रे मैया -नैयो लगैबौ सीधे धार ।",angika-anp -"गंगा स्नान के गीत -1 -कलकल बहे जहां दुधवा के धार -गंगा मइया हो , धनि तोरी महिमा अपार । -सोने की किरनियां झुलना झुलावैं -हंसि कै पवन नित चंवर डुलावै -दइकै असीस दूनौ विहंसे किनार । -रिद्धि सिद्धि सोहे मइया तोहरे अंबरवा -सबकी अरज पै करतीं विचरवा । -कोटि कोटि धावै पंच तोहरे दुआर । -पतितन का तारें देवी देउतन का तारें -आपन हाथै सबकी बिगरी का तारें । -2 -झिलमिल झिलमिल लहराए हो -गंगा तोरी निर्मल ���हरिया -धरती की प्यास बुझाए हो -गंगा तोरी निर्मल लहरिया -गंगा किनारे साधू कुटि छवाए -पानी पे चंदनिया के तार लहराए -नैनन की प्यास बुझाये हो -गंगा तोरी निर्मल लहरिया -कठिन कलेस मिटाए हो -गंगा तोरी निर्मल लहरिया -3 -मातु गंगा लागि भगीरथ बेहाल । -कोऊ लीपै अगुआ न कोऊ पिछवार , -भगीरथ लीपै छत सिव कै दुआर -कोऊ तोड़ै फूल कोऊ बेलपत्र , -भगीरथ तोड़ै बेलपत्र सिव कै दुआर -कोऊ मांगै अनधन कोऊ धेनु गाय , -भगीरथ मांगै गंगाजी कै धार -आगै आगै भगीरथ भागैं पाछे सुरसरि कै धार । -4 -हमका दैहें वरदान , चलो री गुइयां गंगा नहाय -गंगा नहाइ कै करिबै पुजनिया , -जगर मगर जिया होए -चलो री गुइयां गंगा नहाय । -दससन परसन और कीरतन -पाप सकल धुल जाएं -चलो री गुइयां गंगा नहाय । -सिव की जटा हुई मुइं पै उतरीं , -सोभा बरनी न जाए -चलो री गुइंया गंगा नहाए । -गंगा नहाए तीरथ फल पइबैं । -काया निरमल होये , चलो री गुइयां गंगा नहाय । -5 -विधि के कमंडल की सिद्ध है प्रसिद्धि यही , -कहै पदमाकर गिरीश शीश मंडल के -मुंडन की माल तत्काल अघहर है । -भूपति भगीरथ के रथ की सुपुण्य पथ -जहनु जप जोग फल , फैल की फहर हैं । -क्षेम की छहर , गंगा रउरी लहर -कलिकाल को कहर यम जाल को जहर है । -6 -आ जाऊँगी बड़े भोर -दहीरा लेके आ जाऊँगी बड़े भोर -ना मानों चुनरी घर राखों , लिखे पपीहा मोर । -ना मानों चुनरी घर राखों , मुत्तियन लागी कोर । -ना मानो मटकी घर राखों , -सबरे बिरज कौ मोल । -ना मानो बेंदीघर राखो , बाजूबंद हुमेल । -7 -चलो करें असनान , गंगा की लहरै लहरिया । -सखि घर से निकसि के आओ , निकसि के आओ । -मेला देखन जइबै आज , गंगा की लहरै लहरिया । -सखि गंगा की निरमल धारा , ओ निरमल धारा -छिन मा हरे पाप , गंगा की लहरै लहरिया -सखि पियर चुनरी रंगायो चुनरी रंगायो -हम देवै दीपदान गंगा की लहरै लहरिया -सखि मेवा में थाल भराओ थाल भराओ -संग ले लो पकवान गंगा की लहरै लहरिया ।",bhojpuri-bho -"बिना बल के जवान -बिना बल के जवान , बिना बल के जवान -फोरे न फूटे सुपलिया । -कांहा ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना । -कंहवा ले रे पान , कंहवा ले रे पान । -कांहा ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥ -कंहवा के जवान , कंहवा के जवान -फोरे न फूटे सुपलिया । -बिना बल के जवान , बिना बल के जवान -फोरे न फूटे सुपलिया । -होली है . . . . . . . . . . . . . . . -कटनी ले मंगाबो रे चुना रे चुना रे चुना । -रायपुर ले रे पान , रायपुर ले रे पान । -पटना ले मंगाबो रे रंड़ी रे रंडी रे रंड़ी ॥ -धमतरी क�� जवान , धमतरी के जवान । -फोरे न फूटे सुपलिया । -बिना बल के जवान , बिना बल के जवान -फोरे न फूटे सुपलिया । -होली है . . . . . . . . . . . . . . .",chhattisgarhi-hne -"तुम भजन संभरि के गाना -गाना हो तुम भजन संभरि के गाना २ -बावन अक्षर हैं ओलम के -इनके पास मतीं जाना -तीन लोक औ चौदह भुवन हैं -तिनके पार चले जाना -इनके भीतर जो तुम आये -पकरें दोऊ काना हो -तुम भजन संभरि के गाना . . .",braj-bra -"अँखिया अलसानी, संइयाँ सेज चल हो -अँखिया अलसानी , संइयाँ सेज चल हो । । टेक । । -लाल पलँग , पचरंग के तकिया , -हो ता पर चादर तानी , । । टेक । । -हलुके पाँव दीह पलँगे पर , -जगिहें हमरो जेठानी । । टेक । । -कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho -"घाम पड़े, धरती तपै रे -घाम पड़े , धरती तपै रे , पड़े नगांरा री रोल -भंवर थारी जांत मांयने -बापाजी बिना कड़ू चालणू रे -बापा मोत्यां सूं मूंगा साथा -भंवर थारी जांन मांयने -माताजी बिना केडूं चालणू रे -माताजी हरका दे साथ -भंवर थारी जान मांयने -घाम पड़े , धरती रपै रे , पड़े नागरां री रौल -भवंर थारी जांन मांयने",rajasthani-raj -"तुमनें मोह टोर दऔ सँइँयाँ -तुमनें मोह टोर दऔ सँइँयाँ , -खबर हमारी नँइँ याँ । -कोंचन में हो निपकन लागीं -चुरियँन छोड़ी बहियाँ । -सूकी देह छिपुरिया हो रई -हो गए प्रान चलैयाँ । -जो पापिन ना सूकीं अंखियाँ -झर झर देत तलैयाँ । -उनें मिलादो हमें ईसुरी -लाग लाग के पैंयाँ ।",bundeli-bns -"परोस दिया भात जी -धोया धोया थाल परोस दिया भात जी -आओ आओ जीजाजी बैठो म्हारै साथ जी -बैठो म्हारै साथ बताओ थारी जात जी -बाप म्हारा बैली , माँ ए चिंडाल जी -चारों भाई चोरटा , बैण उदाल जी -बुआ म्हारी बगतन , मोड्या रै साथ जी -धोया धोया थाल परोस दिया भात जी -आओ आओ साला जी बैठो म्हारै साथ जी -बैठो म्हारै साथ बताओ थारी जात जी -बाप म्हारा राजा जी , माँ पटराणी जी -चारों भाई सत्तर साँ , बैण सुदाल जी -बुआ म्हारी सौदरा रसोइयाँ रै माए जी । -० -शारदा सैनी हाँसी के सौजन्य से प्राप्त",haryanvi-bgc -"83 -हीर आखदी रांझणा बुरा कीतो तूं तां पुछणा सी दुहराए के ते -मैं तां जाणदा नहीं सां एहु सूहा1 खैर मंगिया सू मैथों आए के ते -खैर लैंदो ही पिछांह नूं तुरत नठा उठ वगिया कंड वलाए2 के ते -नेड़े जांदा ई जाए मिल नडीए नी जाए पुछ लै गल समझाए के ते -वारस शाह मियां उस थीं गल पुछीं दो तिन अडिआं हिक विच लाये के ते",panjabi-pan +' चलो भाइयो , चलो फ़ौज में भरती हो जाओ । देखो , तुम्हें लेने के लिए रंगरूट तुम्हारे दरवाज़े पर आए हैं । +यहाँ तुम्हारा बानावेशसाधारण किस्म का है क्योंकि यहाँ तुम्हें पहनने को फटेपुराने कपड़े ही मिलते हैं । जबकि +वहाँ फ़ौज में तुम्हें नए कपड़ों के साथसाथ फुलबूट भी पहनने को मिलेंगे । चलो भाइयो , चलो । फ़ौज में भरती +हो जाओ । '",haryanvi-bgc +"धरती माता नै हर्‌यो कर्‌यो +धरती माता नै हर्यो कर्यो +गऊ के जाये नै हर्यो कर्यो +जीव जंत के भाग नै हर्यो कर्यो +ढाणा खेड़े नै हर्यो कर्यो +जमना माई नै हर्यो कर्यो +धना भगत को हर तै हेत +बिना बीज उपजायो खेत +बीज वच्यो सो सन्तां नै खायो +घर भर आंगन भर्यो",haryanvi-bgc +"गाँव बस्ती हे चारी करईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +ऐ गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया का +सुन्ना हबाय निचट अमरईया अच्छा +गाँव बस्ती हे चारी करईया हाँ हाँ +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +पास आ हे तीर में बलावव कईसे या +पास आ हे तीर में बलावव कईसे या +दुरिहा ले देखत रईतेंव संगवारी होरे +दुरिहा ले देखत रईथव संगवारी +गोठियावव कईसे या +गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया गउव +गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ गाँव बस्ती हे चारी करईया गउवकी +गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +रटहा रे डारा ह फलकथे वो +रटहा रे डारा ह फलकथे वो +तोर सुध जाथे मोला संगवारी +तोर सुध जाथे मोला संगवारी +चोला तरसथ वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया ईमान से +गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही म��ंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +हाँ हाँ हाँ हाँ +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +नरवा के पानी ह नदिया में जाय +नरवा के पानी ह नदिया में जाय +तोला कईसे बतावव संगवारी होरे +तोला कईसे बतावव संगवारी +ऐ मोर आँसू ह बोहाय +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +तेल अउ हरदी ला धर लेबो वो +तेल अउ हरदी ला धर लेबो वो +उहीं आमा में गिंजर लेबो भाँवर +उहीं आमा में गिंजर लेबो भाँवर +बिहाव कर लेबो वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +हाँ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया गउवकी +सुन्ना हबाय निचट अमरईया अच्छा +गाँव बस्ती हे चारी करईया हूँ +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य",chhattisgarhi-hne +"नानो अम्बो नऽ गढ़ झूमको +नानो अम्बो नऽ गढ़ झूमको , +कुण भाई बेड़वा जाय रे । +असा नानाजी भाई पातला , +घोड़िला लिया हजार रे । +गया ते अमुक गांव का घोयरऽ , +व्हांका लोक भाग्या जाय रे । +मत भागो , मत भागो , लोग नऽ होणऽ , +हऊँ छे अमुक बैण को बीरो रे । +निकलो मोठी बैण भायरऽ +बौराजी खऽ लेवो पहेचाण रे । +ई घोड़िलो तो म्हारा बाप को , +बठणऽ वालो माड़ीजायो रे ।",nimadi-noe +"कोहबर वइठल ओहे धनि सुन्नर, काहे धनि बदन मलीन +कोहबर वइठल ओहे धनि सुन्नर , काहे धनि बदन मलीन । +तनि एक1 अहे धनि मुहमा पखारह2 खिलि जयतो बदन तोहार ॥ 1 ॥ +मलिया के बघिया3 में फुलवा फुलायल , फूल फूलल कचनार । +ओहे फूल लागि4 हइ जियरा बेयाकुल , मोर बदन कुम्हलाय ॥ 2 ॥ +मलिया के बघिया फेड़5 अमरितंवा6 फूल फरि भेल भुइआँ नेब7 । +तेहि अमरित फूल लागि जियरा बेयाकुल , मोर बदन कुम्हलाए ॥ 3 ॥ +कथिए पिसायब , कथिए उठायब , कथिए घरब हम सहेज । +लोढ़े पिसाएब , हँथवे उठायब , कटोरवे रखब सहेज ॥ 4 ॥ +सेहि पीइ8 अहे धनि , सुतह हमर सेजिय , खिलि जयतो बदन तोहार । +लोढ़े पिसायल , हँथवे उठायल , कटोरवे रखल सहेज ॥ 5 ॥ +सेहि पीइ एहो धनि सुतलन सेजरिया , खिलि गेलन बदन अपान9 । +मलियन10 तेल कटोरवन11 उबटन , तेल लगावे आठो अँग ॥ 6 ॥ +तेल लगवइत12 एक बात पूछल , कह परभु जलम के बात । +हमरो जलम भेल , नगर बधावा भेल , भे गेलइ13 चहुँ दिस इँजोर ॥ 7 ॥ +बड़ जेठ लोग सभ आसीस देलन , राजा भगीरथ होय । +तुहूँ कहहु धनि अपन जलमिया , कहली हम सब हे अपान ॥ 8 ॥ +जाहि दिन अजी परभु , हमरो जलम भेल , बाबा सूतल चदरी तान । +झोंकि दिहल चेरिया मिरचा14 के बुकनी15 सउरी16 में पड़ल हरहोर ॥ 9 ॥ +बाबा जे जड़लन17 बजड़ केमड़िया18 मामा19 उठल झउराय20 । +गड़ल गडु़अवा21 हमर उखड़ावल22 होइ गेलन जीउ जंजाल ॥ 10 ॥",magahi-mag +"बधइया बाजै माधौ जी के +बधइयां बाजै माधौ जी के +गोकुल बाजें बृंदावन बाजें +और बाजे मथुरैया । +बारा जोड़ी नगाड़े बाजें +और बाजे शहनैया । बधइयां . . . +गोपी गावें ग्वाला बजावें +नाचें यशोदा मैया । बधइयां . . . +बहिन सुभद्रा बधाव ले आई +नित उठ अइये जेई अंगना । +बधइयां . . . नंद बाबा अंगनइयां ।",bundeli-bns +"मनमा में दुखित देवोकी रानी चलली जमुन दह हे +मनमा में दुखित देवोकी रानी चलली जमुन दह1 हे । +ललना , फेर2 नहीं करबइ परसंग , 3 जलम मोर अकारथ4 हे ॥ 1 ॥ +परबइ जमुन दह जाइ , घसिए जयबइ अहे5 दहे हे । +ललना , करबइ न बसुदेवो संग , जलम न सोवारथ6 हे ॥ 2 ॥ +सखी दस आगे भेल , दस सखी देवोकी के पाछे भेल हे । +देवोकी , करूँ बसुदेवो जी के संग , जलम होयतो सोवारथ हे ॥ 3 ॥ +पहिला पहर राति सुतली , 7 सपन एक देखली हे । +ललना , हरियर8 केरवा9 के थंभ , दुवारी10 केतो11 रोपि गेलइ हे ॥ 4 ॥ +दूसर पहर जब बीतल सपन एक देखली हे । +ललना , हरियर तुलसी के बिरवा , दुवारी केतो रोपि गेलइ हे ॥ 5 ॥ +तीसर पहर जब बीतल सपन एक देखली हे । +ललना , कोरबे12 नरकोरवा13 नरकोरबा में दहिया14 दुवारी केतो रखि गेलइ हे ॥ 6 ॥ +चउठे15 पहर जब बीतल , सपन एक देखली हे । +ललना सामर16 कुमर एक सेजिया ���र केउ मोरा रखि गेल हे ॥ 7 ॥ +एतना सपन जब सुनलथि , बसुदेवो हँसि बोलथी हे । +जलम लेतन17 जदुनाथ , जलम भेल सोवारथ हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"385 +एह मिसाल मशहूर जहान सारे जटी चारे ही थेक ही थाक सवारदी ए +ऊन तुम्बदी फम्मे जे नाल लेड़े चिड़ियां हाकरे लेलड़े चारदी ए +बन्न झेड़े फकीरां दे नाल लड़दी घर सांभदी लोकां नूं मारदी ए +वारस शाह दे लड़ने माशूक ऐथे मेरी संगली शगन विचारदी ए",panjabi-pan +"ईसुरी की फाग-13 +बखरी बसियत है भारे की दई पिया प्यारे की +कच्ची भींट उठी माटी की , छाई फूस चारे की +बे बंदेज बड़ी बे बाड़ा , जई में दस द्वारे की +एकऊ नईं किबार किबरियाँ , बिना कुची तारे की +ईसुर चाय निकारौ जिदना , हमें कौन उवारे की ।",bundeli-bns +"जन्म गीत +हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । +आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । +मामा दाजी की नजर लागी मारा सोनीड़ा , +रोवऽ सारी रात । +हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । +आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । +सगी जिमाय की नजर लागी मारा सोनीड़ा , +रोवऽ सारी रात । +हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । +आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । +मामा की नजर लागी मारा सोनीड़ा , +रोवऽ सारीरात । +हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । +आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । +मामी की नजर लागी मारा सोनीड़ा , +रोवऽ सारीरात । +हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । +आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । +मावसी की नजर लागी मारा सोनीड़ा , +रोवऽ सारीरात । +हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । +आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । +फुई की नजर लागी मारा सोनीड़ा , +रोवऽ सारीरात । +हिल मिल पाळनो बंधाड़ो मारा शिवाजी । +आज मारो सोनीड़ा रोवऽ सारी रात । +काकी की नजर लागी मारा सोनीड़ा , +रोवऽ सारी रात । +हिलमिलकर मेरे शिवाजी पालना बधाओ । शायद नाना की नजर मेरे बालक +को लगी है , जिसके कारण मेरा बालक पूरी रात रोता है । इसी प्रकार दादा , माँ , +मामा , मामा , मौसी , बुआ और काकी की नजर लगने का उल्लेख किया गया है ।",bhili-bhb +"जलवा पूजन +मुकेश भाई घर कइ हुयो रे , मारा नाना सुरमुलिया । । +पोर्यो हयो पोरी हुई , हँव कउँ हीरालाल हुयो । । +अनीता बाई काई वाटे रे , नाना सुनमुलिया । । +लाडू वाटे पेड़ा वोटे , हँउ कहुँ पतासा वाट । । +दिनेश व्याई घर कइ हुयो , मारा नाना सुरमुलिया । । +उंदरो हुयो उुंदरी हुई , हँउ कहुँ छछूंदरो हुयो । । +मन्नीव्याण काई वाट , मारा नाना सुरमुलिया । । +धणा वाटे , चणा वाटे , हँउ कहुँ सणबीज��� वाट । । +मुकेश भाई के यहाँ क्या हुआ ? मेरे छोटे सुरमुलिया बच्चे का प्यार का नाम लड़का हुआ या लड़की हुई , मैं कहती हूँ हीरालाल हुआ । अनीताबाई मुकेश की बहन क्या वितरण कर रही हैं ? लड्डू बाँट रही हैं , पेडे़ बाँट रही हैं , मैं कहती हूँ कि बतासे बाँट । दिनेश भाईजी के घर क्या हुआ ? चूहा हुआ या चूही हुई , मैं कहूँ छछूंदर हुआ । मुन्नी बाईजी क्या बाँटे ? वह चने बाँट रही है , मैं कहती हूँ सन के बीज बाँट । इस प्रकार हँसीमजाक के लिए यह गीत गाया जाता है ।",bhili-bhb +"मैं तो थारा डेरा निरखण आई हो +मैं तो थारा डेरा निरखण आई हो म्हारी जोड़ी का जलाल +देखी थारी डेरियां की चितराई हो म्हारी जोड़ी का जलाल +मरदां माहिलो मरद भलो राठोरी हो म्हारी जोड़ी का जलाल +नारां माहिली नार भली भटियाणी हो म्हारी जोड़ी का जलाल +छींटां माहिली छींट भली मुलतानी हो म्हारी जोड़ी का जलाल +रुपया माहीं रुपया भलो बादशाही हो म्हारी जोड़ी का जलाल",haryanvi-bgc +"गढ़ माता को प्यारो, सुमन, सुमन सपूत ले +गढ़ माता को प्यारो , सुमन , सुमन सपूत ले । +अखोडू को कीच , सुमन , अखोडू को कीच , +ढंडक शुरु ह्वैगे , सुमन , रवाई का बीच । +घाघरी को फेर , सुमन , घाघरी को फेर , +गढ़माता की जिकुड़ी , सुमन , पैनो लागे तीर । +गढ़माता को वीर , सुमन , पैनो लागे तीर ले , +बजायो त धण , सुमन , बजायो त घण , +मरि जाण बल , सुमन , घर नी रण +नौ लखो हार , सुमन , नौ लखो हार , +त्वैन शुरु कन्याले , सुमन , आजादी परचार +गांधी जी का चेला , सुमन , आजादी परचार , +काटी जालो कुरो , सुमन , काटी जालो करो +यो सुमन ढंडकी ह्वैगे , होई जाणो सूरो , +कपड़ा को गज , सुमन , कपड़ा को गज , +आँगण का बीच , सुमन झण्डा देन्द सज । +घास काटे सुमन , घास काटे च्वान , +तेरा साथी छन , सुमन , इसकूली ज्वान +देवता का भोग , सुमन , देवता को भोग , +तेरा साथी छन , सुमन गौं गौं का लोग +बाखुरी को कान , सुमन , बाखरी को कान , +सुफ्ल होइगे , सुमन , तेरो स्यो बलिदान +गढ़माता को वीर सुमन , तेरो स्यो बलिदान",garhwali-gbm +"ओ कान्हा मोरी भर दो गगरिया +ओ कान्हा , मोरी भर दो गगरिया +भर दो भरा दो , सर पे धरा दो +ओ कान्हा , बतला दो डगरिया । ओ कान्हा . . . । +गोकुल नगर में लगी है बजरिया +ओ कान्हा , मोह ला दो चुनरिया । ओ कान्हा . . . । +कोई नगर से वैदा बुला दो +झड़वा दो अरे मोरी नजरिया । ओ कान्हा . . . । +मैं तो रंग गई , कान्हा रंग में +सूझे न मोहे , कोई डगरिया ।",bundeli-bns +"70 +हीर जाय के आखदी बाबला वे तेरे नाम तों घोल घुमाइयां मैं +जिस अपने ��ाज दे हुकम अंदर सांदल बार दे विच खिडाइयां मैं +लासां पट दियां पाए के बाग काले पींघां शौक के नाल पिंघाइयां मैं +मेरी जान बाबल जीवे ढोल रांझा माही महीं दा ढूंड लिआइया मैं",panjabi-pan +"मैं फैशन वाली बलम मोर बनिया +मैं फैशन वाली बलम मोर बनिया +मैं फैशन वाली . . . . . . +ऊँचा चउतरा औ नीची दुकानइया +मैं बेचू हल्दी बलम बेचे धनिया +मैं फैशन वाली . . . . . +सासू मोर बेलईं ननद मोर सेकईं +मैं बैठी जेंऊँ बलम भरईं पनिया +मैं फैशन वाली . . . . . +सास मोर मारईं ननद ललकारईं +मैं बैठी रोऊँ बलम लेईं कनिया +मैं फैशन वाली बलम मोर बनिया +मैं फैशन वाली . . . . . . .",awadhi-awa +"529 +तकदीर नूं मोड़ना भला नाही सप्प नाल तकदीर दे डंग दे ने +जिहनूं रब्ब दे इशक दी चोट लगी दीदवान1 रजाए2 दे रंग दे ने +जेहड़े छड जहान उजाड़ वसन सुहबत3 औरतां दी कोलों संग दे ने +कदे किसे दी कील4 विच नांह आए जेहड़े सप्प स्याल ते झंग दे ने +असां चा कुरान ते तरक कीती सग मैहरियां दे कोलों संग दे ने +मरन देह जटी जरा बैन सुनीए होके निकलन रंग बरंग दे ने +जुआन मरे मैहरी वडे रंग होसन खुशी होई है अज मलंग दे ने +वारस शाह मुनाय के सीस दाड़ी हो रहे हां संग ते रंग दे ने",panjabi-pan +"ओलेडा रानी ओलेडा आले नागा फगायें +ओलेडा रानी ओलेडा आले नागा फगायें +ओलेडा रानी ओलेडा आले नागा फगायें +ओलेडा रानी ओलेडा आले नागा फगायें +बारी पारे लाडी सनान केडो +बारी पारे लाडी सनान केडो +बारी पारे लाडी सनान केडो +आले नागा फगायें +आले नागा फगायें +आले नागा फगायें +स्रोत व्यक्ति चिरौंजीलाल , ग्राम कुकड़ापानी",korku-kfq +"द्वी हजार आठ भादौं का मास +द्वी हजार आठ भादौं का मास +सतपूली मोटर बौंगीन1 खास +से2 जावा भै बन्दो अब रात ह्वैगी +रुणझुण , रुणझुण बारसि लैगे , +काल की सी डोर3 निदंरा यैगे +घनघोर निंदरा जूब सबू येगी +मोटर का छत पांणी भोरे गे +भादौं का मैना रुणझुण पांणी +हे पापी नयार क्या बात ठांणी +सबेरी उठीकी जब औंदा भैर +बौगीकि4 औंदान सांदण खैर5 +डरैबर6 कलैंडर सबी कठा होवा +अपणी गाड्यो मा पत्थर मोरा +गरी ह्वै जाली गाड़ी रुकि जालो पाणीं +हे पापी नयार क्या बात ठांणी +अब तोड़ा जंदेऊ कफङ्यों खोला +हे राम , हे राम हे शिव बोला +डरैबर कलैंडर सबी भेंटी7 जौला +ब्याखन बिटीन येखूली रौला +भग्यानू की मोटर छाला8 लैगी +अभाग्यों की मोटर डूबण लैगी +शिवानन्दी को छयो गोबरदन दास +द्वी हजार रुप्या छया तैका पास +गाड़ी बगदी जब तैन देखी +रुप्यों की गड़ोली9 नयार10 फेंकी +हे पापी नयार कमायों त्वैकू +मंगसीर का मैना ब्यो छऊ मैकू +सतपूली का लाला तुम घौर जैल्या +मेरी हालत मेरी माँमा बोलल्या +मेरी माँ मा बोल्यान तू माजी मेरी +तो रयो माँ जो गोदी को तेरी +मेरी माँ को बोल्यान नी रयी सास +सतपूली मोटर बौगोन खास ।",garhwali-gbm +"होली भजन +टेक बिराणी जानकी हर लाए बिराणी । +चौक1 कहत मंदोदरी सुण पिया रावण कोण बुद्धि उपजाई । +उनकी जानकी तुम हर लाए । +वो तपसी दोनों भाई , पिया तुने एक न मानी , +जानकी हर लाए बिराणी । +चौक2 लिया जात की ओछी रे बुद्धि , उनकी करव बड़ाई , +दूर मण्डल से पकड़ बुलाऊँ , हे राम लखन दोनों भाई +पिया तुने एक न मानी । +जानकी हर लायो बिराणी । +चौक3 मेघनाथ सरीका पुत्र हमारा , कुम्भकरण सा भाई +लंका हमारी बनी है सोने की । +वो सात समन्दर नव खाई , पिया तुने एक न मानी । +जानकी हर लाए बिराणी । +चौक4 हनुमान सरीका है सेवक जिनका , लक्ष्मण है छोटा भाई , +जलती आगन में कूद पड़ेंगे , तो कोट गिणें न वो खाई , +पिया तुने एक न मानी । +जानकी हर लाए बिराणी । +छाप रावण मार राम घर आए , घरघर होत बधाई । +माता कौशल्या करत आरती , तो राज विभीषण पाई , +पिया तुने एक न मानी , +जानकी हर लाए बिराणी । +मंदोदरी अपने पति रावण से कह रही है कि पिया सुनो आपको किसने ऐसी बुद्धि दी कि पराई सीता का हरण कर ले आए ? वे दोनों तपस्वी दो भाई हैं , तूने मेरा कहा एक न माना । +रावण मंदोदरी से कहता है कि स्त्री जाति की बुद्धि बहुत कम होती है , तू उन तपस्वियों की प्रशंसा कर रही है । मैं दूर कहीं से भी उन्हे पकड़कर बुलाऊँ । मंदोदरी कहती है वे दोनों तपस्वी राम और लक्ष्मण दोनों भाई हैं , पिया तूने कहा एक न माना । +मंदोदरी कहती है मेघनाथ के समान हमारा पुत्र है और कुम्भकरण के समान आपका भाई है । हमारी लंका सोने की बनी हुई है । इसके आसपास सात समुद्र और नौ खाइयाँ हैं , जो इसे सुरक्षा प्रदान करते हैं । हे पिया आपने मेरी एक न मानी , पराई सीता को हर लाये । +हनुमान के समान राम का सेवक है और उनका छोटा भाई लक्ष्मण है । यह दोनों महाबली जलती आग में कूद पड़ेंगे । दोनों महाबलवान हैं , लंका के कोट और खाइयाँ उनके आगे कुछ काम न आयेंगी । हे पिया आपने एक न माना । +राम ने लंका पर चढ़ाई की , कुटुम्ब और सेना सहित रावण को मारा और राम घर आये । घरघर बधाई हो रही है , खुशियाँ मनाई जा रही है । माता कौशल्या भगवान राम की आरती कर रही हैं । लंका का राज्य भगवान राम ने विभीषण को दिया । पिया आपने एक न मानी और पराई जानकी का हरण कर ले आये ।",bhili-bhb +"गंगा डो जमुना टाला +गंगा डो जमुना टाला +गंगा डो जमुना टाला +डो आयोम नागो डो नागिन डो टाकींज टेगेन केन +डो आयोम नागो डो नागिन डो टाकींज टेगेन केन +नागो डो नागिन लियेन मुखाना फूल डो आयोम फूले +नागो डो नागिन लियेन मुखाना फूल डो आयोम फूले +मुखाना फूल लियेन डो आयोम चाँद डो सूरज टाकींज टेगेन +मुखाना फूल लियेन डो आयोम चाँद डो सूरज टाकींज टेगेन +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"सलोनी धानी कहऽ त मइया बोलाबूँ +सलोनी धानी कहऽ त मइया बोलाबूँ । +नइ1 मोरे राजा , तोर2 मइया से काम मोरे नइ । +नइ मोरे राजा , तोर बहिनी से काम मोरे नइ । +मोरा त उठल3 हे4 पीर , ले आबऽ5 धाई6 के ॥ 2 ॥",magahi-mag +"274 +तूं तां जोग लया नाल साहिबी दे खुशी नाल गुमान दे आ लीतो +भले मिलदयां टिले ते आन चढ़यो जोग गल दे नाल तूं पा लीतो +कोई पाए भुलावड़ा ठगयो ई सिर गुरु दे जादडू पा लीतो +वारस शाह तों जोग दा लया झाड़ा हिक अगे तूं जोग नूं ला लीतो",panjabi-pan +"आज अध-रतिहा मोर फूल बगिया मा +आज अधरतिहा मोर फूल बगिया मा +आज अधरतिहा हो +चन्दा के डोली मा तोला संग लेगिहव +बादर के सुग्घर चुनरिया मा रानी +आज अधरतिहा हो +आज अधरतिहा मोर फूल बगिया मा +आज अधरतिहा हो +चन्दा के डोली मा बड़ डर लागे बड़ निक लागे +तोर गलबहियां में बड़ निक लागे +तोर गलबहियां में आज अधरतिहा हो +आज अधरतिहा मोर फूल बगिया मा +आज अधरतिहा हो +बन नहीं रहिबो ते गाँव नहीं रहिबो +रहिबो मया के नगरीया मा रानी +रहिबो मया के नगरीया मा राजा +आज अधरतिहा हो +आज अधरतिहा मोर फूल बगिया मा",chhattisgarhi-hne +"पलँगा बइठल हथ महादेओ, मचिया गउरा देई हे +पलँगा बइठल हथ1 महादेओ , मचिया गउरा2 देई3 हे । +हमरा पुतरवा4 के साध5 , पुतर कइसे6 पायब हे ॥ 1 ॥ +करबइ7 मैं छठ8 एतवार , 9 सुरुज गोड़ लागब हे । +मिलिजुलि पारथि10 बनायब , पुतर फल पायब हे ॥ 2 ॥ +कुरखेत11 मटिया मँगायब गंगाजल सानब12 हे । +काँसे कटोरिया पारथि बनायब , फल फूल लायब हे ॥ 3 ॥ +देबइन13 हम अछत14 चन्नन , अउरो बेल पातर15 हे । +देबइन धतुरबा के फूल , भाँग घोंटि लायब हे ॥ 4 ॥ +करबइन मैं बरत परदोस16 पुतर फल पायब हे ॥ 5 ॥ +एक पख17 पूजल , दोसर पख , तेसरे चढ़ि आयल हे । +पुरि गेल18 गउरा के मनकाम , पुतर फल पायब हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"सूरत सिंह पहुंची बन्धवा ले रे +सूरत सिंह पहुंची बन्धवा ले रे रे तनें कह रही बाहण मां जाई +पहुंची के बंधवा ल्यूं हे इक बिर बागां में जाणा +च��्दरा मैं भाजा आया हे हे मनें रोटी भी ना खाई +चन्दरा भूल गया था हे सुरजकौर न याद दिवाई +चन्दरा पहुंची बांधदे हे कह रहा सै सुरत सिंह भाई +पहुंची ठाके बांध ले रे गंगा में धो के सुखाई +मैं चमरे की जाई रे रे मिट जाएगा सुरत सिंह भाई +चमरे का बण के बंधा लूं रे बांधौ ना बाहण मां जाई +चन्दरा पहुंची बांधी हे पहुंचे पै आंसू आई +चन्दरा साच बता दे किस दुख में आंसू ल्याई +नवमी का दिन धर राख्या रे तेरा जीजा फांसी टूटे +सुरत सिंह कुछ भी न बोल्या हे जीजा के बदले में मर गया",haryanvi-bgc +"हे दादा कै छजै लाडो तूं क्यूं खड़ी +हे दादा कै छजै लाडो तूं क्यूं खड़ी +रे मैं देखूं सू छैल बनै की बाट +केसरिया आवै रंग भरया +हे वो आवैंगे तोरी कैसे फूल +म्हारी लाडो कली अनार की +हे बापू कै छजे लाडो तूं क्यूं खड़ी +रे मैं देखूं सू छैल बनै की बाट +केसरिया आवै रंग भर्या +हे वो आवैंगे तोरी कैसे फूल +म्हारी लाडो कली अनार की +हे ताऊ कै छजै लाडो तूं क्यूं खड़ी +रे मैं देखूं सू छैल बनै की बाट +केसरिया आवैं रंग भर्या +हे वो आवैंगे तोरी कैसे फूल +म्हारी लाडो कली अनार की",haryanvi-bgc +"पाँच बधावा म्हारे आविया +पाँच बधावा म्हारे आविया +सक्कर रा सीरा +पांचा री नवीनवी भांत होवे मेदारी पूरी +थारा भरोसे मैं तो पोरई दाखां री लौंजी +पेलो बधावे म्हारे आविया शक्कर रा सीरा +भेजो म्हारा ससरारी पोल मेदारी पूरी +थारा भरोसे मैं तो पोरई दाखांरी लौंजी ।",malvi-mup +"तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ बाबा जी +तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ बाबा जी साथ रतनागर चौरी चढ़ै +तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ भाई जी साथ रतनागर चौरी चढ़ै +तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ मामा जी साथ रतनागर चौरी चढ़ै +तूं क्यों लाडो डगमगी तेरे समरथ काका जी साथ रतनागर चौरी चढ़ै",haryanvi-bgc +"19 +मुंह बुा दिसंदड़ा भाबीए नी सड़े होई फकीर क्यों साड़नी एं +तेरे गोचरा कम की पिया मेरा सानूं बोलियां नाल क्यों मारनी एं +कोठे चाढ़ के पौड़ियां खिच लैंदी केहे कलहां1 दे महल उसारनी एं +वारिस शाह दे नाल की पिआ तैंनू पर पेकयां वलों गवारनी एं",panjabi-pan +"चोला माटी के हे राम +चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +चोला माटी के हे हो +हाय चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +द्रोणा जइसे गुरू चले गे +करन जइसे दानी संगी , करन जइसे दानी +बाली जइसे बीर चले गे , रावन कस अभिमानी +चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चो���ा माटी के हे रे +कोनो रिहिस ना कोनो रहय भई आही सब के पारी +एक दिन आही सब के पारी +काल कोनो ल छोंड़े नहीं राजा रंक भिखारी +चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +भव से पार लगे बर हे ते हरि के नाम सुमर ले संगी +हरि के नाम सुमर ले +ए दुनिया मा आके रे पगला जीवन मुक्ती कर ले +चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +चोला माटी के हे हो +हाय चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +हाय चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे",chhattisgarhi-hne +"अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया +अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया +गूलर फरे ले हड़फोर +गोरिया के उठेलाहा छाती के जोबनवाँ +पिया के खेलवना रे होइ",bhojpuri-bho +"मावां ते धियां रल बैठियाँ नी माये +मावां ते धियां रल बैठियाँ नी माये , +कोई कर दियाँ कोल कलाप +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +मावां ते धियां दी दोस्ती नी माये , +कोई टूट दी ए कैहरां दे नाल , +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां विसृयाँ +दूरों ते आये सां चल के नी माये , +तेरे दर विच रहीयां खलो , +वीरन न पूछिया सुख सूनेहा माये , +भाभियाँ ने दिता न प्यार , +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां विसृयाँ +डोली नू आयीं अर्का नी माये , +मेरे सालू नू आया नी लंगार , +आगे तां मिलदी सी नित नी माये , +हूँ दित्ता इ कानू बिसार . . +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +कोठे ते चढ़ के वेखदी नी माये , +कोई वेखदीयां वीरे दा राह , +दूरों तां वेखन मेरा वीर पया आये , +मेरे आया इ साह विच साह , +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +जींद निमानी पाये होक्के भरदी , +तेरे बिना मेरा कोई न दर्दी . . . +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +बूए ते बहिंदी आँ सामणे नी माये , +नी मैं लवां भरावां दा नाम , +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +किसे गवान्डन ने दसया नी माये , +के तेरा आया ए पियु ते भराह , +मन विच आया कि छेड़दियाँ नी माये , +मेरे हाँ नू लगिय इ च , +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +भाभियाँ वांग सहेलियां नी माये , +मेरे वीरान दी तनदी चानण , +भाभियाँ मारण जन्द्रे नी माये , +मेरा हुन कोई दावा वी न , +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +मिटटी दा बुत में बनऔनी माये , +उसदे गल लग के रोनीयाँ +मिट्टी दा बुत न बोल्दा नी माये +ओहदे गल लगन दा हाल कहाँ , +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . .",panjabi-pan +"रणू रौत (रावत) +तेरो आज मेरा द्यूर1 नाश होण , +तिन त बोले दिदा माल दूण मरीगे । +तब राणी उन्डू2 देखदी फुण्डू3 , +झंक्रू सेकुली4 बन्द करील । +रणू धाई लगौन्द राणी राणी +मेरा वास्ता राणी अमल5 भन्याल । +मैं छऊँ राणी नौ बेली6 को भूको , +मैंक बणौ राणी निरपाणी की खीर । +दई दूद जु छयो खैली छौ झंकरुन , +तैन छंछेड़ी7 पकैले अर बोले +आवा स्वामी भोरजन होइगे । +रणू रौत देखद छँछेड़ी को थाल , +तैका सिर का बाल खड़ा होइ गैन । +मैं माल की दूण ही केक8 नी मन्यो ? +मैंक तई रांड केक पकाए खट्ठो भोजन ? +रणू रौत न खैंचे शमशेर , +आज रांड का टुकड़ा टुकड़ा करदौं । +झंकरु तब कम्पण लैगे थरथर +सेकूली9 को तालो खकटाणा10 लैगे । +तब पूछन्द रणू रौत भिमला , +सेकुली पर तिन क्या चीज छ धरे ? +सेकुली पर स्वामी बिराली का बच्चा । +भ्वां गाड दौं मेरी राणी , ऊँ दूद भात खलौला । +जनो कदों रणू सेकुली पर मार , +झंक्रू भायीक ओबरा11 लूकद । +ओबरा रन्दी छई राणी अमरावती +तब झंक्रू नानी का खुटू12 मा पड़द , +अलै जांदू13 बलै नानी मैं सनी14 बचौ । +राणी अमरावती तब वै लुकौन्दी । +बबराँदोखलांदो रणू रौत तब , +पौछन्द मां का मास । +बतौ मेरी जिया मेरी जनानी को जार । +यख नी आये कुई मेरा रणू , +त्वैन सुपिनो त नी देखे । +देखदौं कनी छन तेरी होई लाल आंखी , +केक15 तै तिन या तलवार हात लिने ? +घर मू लड़नक होन्दो शेर । +जा मार खोड़16 की लगोटी17 , +अपणी तरवार म्याना पर धर । +जनानी का खातिर तू भाई न मार , +तेरी पीठ सूनी होली । +भाई का खातिर राणी न मार , +तेरी सेज सूनी होली +जु तू इनु छई वीर , मेरा रणू त सूण , +तुमारा बाबू की माँगणी बोलीं छै , +स्या राणी स्यूंसला । +आज तैंको डोला मेघू कलूणी छ लिजाणू । +सूण्या जिया18 का बचन , +रणू रौत खड़ो होई गए +तू इनु क्या बोनी मेरी माँ जी , +मेघू कलूनी मैं ज्यूंदा19 नी छोड़ौं । +तब झंक्रू भी वैका साथ ह्वेगे +दिवालीखाल सजीं छै बरात । +तख तौंन सब बराती मारी दिनेन । +मेघू कलूणी लुकी गए बोटगा20 का पेट । +झंक्रून बोलेदिदा , तमाखू खाण बैठ्याल । +भुला , बिराणो पाणी बैरी , राणी बैरी , +विराणो रस्ता बेरी होन्द । +हम यख मू तमाखू नी खांदा , +हम केकी डर छै दिदा , +जु तुमू छ त पीठी मिलैक बैठला , तू उण्डू21 देख , मैं फुण्डू22 । +मेघू कलूणी तोंका23 तौं दोबणू24 छौं , +तैन लुकीक एक बाण इनु मारे +जु रणू की छाती घुसे +झंक्रू की छाती भैर25 आये । +पकोड़ा सी दुये छेदेइ गेन , +हरीं आंखी ह्वैन तौंकी पिंगला केस , +दुयौं का पराण उडी गैन । +तब औन्द मेघू स्यूंसला का पास +मारदो लात वीं का डोला पर । +तब स्यूं सला इना बैन बोदी : +मैंन रन्त26 नी दिने रैबार27 , +जना अफू आई छया वो , उना अफू मरि गैन । +तुम छन मेरा सिर का भरता +पर अधर्मा न होयान । +यूं दुई मालू की गाति28 करी देवा मुगति । +लगाये द्वि मालू को एकी बोज , +रवि छाला29 वैन ऊंकी30 चिता रंचे +देखदी रै हेरदी पैली स्यूंसला , +फेर छट उछले चिता बढ़ो गये , +द्वि मालू का बीच वा सती होई गये । +उण्डु हेरद फुण्डो मेघू कलूणी , यो मैक तैं क्या होये ? +सेयूं सी जागे वो , चेत आयो ?",garhwali-gbm +"एरी बनड़ा चलै नां चलणदे +एरी बनड़ा चलै नां चलणदे , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया +बनड़ा सीस तेरे का सेहरा , बनड़ा कान तेरे के मोती +एरी उस की लड़ियां लहरा ले , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया +बनड़ा गल तेरे का तोड़ा , बनड़ा अंग तेरे का जामा +एरी उस की चोली लहरा ले , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया +बनड़ा हाथ तेरे की घड़ियां , बनड़ा पैर तेरे का जूता +एरी उस की चलगत लहरा ले , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया +बनड़ा हेठ तेरे की लीली , बनड़ा सेज तेरे की बनड़ी +एरी उस की जोड़ी लहरा ले , हे री रस्ते में खड़ी गुजरिया",haryanvi-bgc +"टिकवा देख मत भुलिहऽ हो दादा +टिकवा1 देख मत भुलिहऽ2 हो दादा , टिकवा हइ मँगन3 के । +दुलहा हइ सतपँचुआ4 के जनमल5 दुलहिन हइ जिमदार6 के ॥ 1 ॥ +नथिया देख मत भुलिहऽ हो बाबा , नथिया हइ मँगन के । +दुलहा हइ सतपँचुआ के जनमल , दुलहिन हइ जिमदार के ॥ 2 ॥ +झुमका देख मत भुलिहऽ हो चच्चा , झुमका हइ मँगन के । +दुलहा हइ सतपँचुआ के जनमल , दुलहिन हइ जिमदार के ॥ 3 ॥ +हँसुली देख मत भुलिहऽ हो मामा , हँसुली हइ मँगन के । +दुलहा हइ सतपँचुआ के जनमल , दुलहिन हइ जिमदार के ॥ 4 ॥",magahi-mag +"वेहड़े आ वड़ मेरे +भावें जाण ना जाण वे , वेहड़े आ वड़ मेरे । +मैं तेरे कुरबान वे , वेहड़े आ वड़ मेरे । +तेरे जिहा मैनूँ होर ना कोई , +ढूँढ़ा जंगल बेले रोही । +ढूँढ़ा ताँ सारा जहान वे , वेहड़े आ वड़ मेरे । +लोकाँ दे भाणें चाक मही दा , +राँझा ताँ लोकाँ विच्च कहींदा । +साडा ताँ दीन ईमान वे , वेहड़े आ वड़ मेरे । +मापे छोड़ लगी लड़ तेरे , +शाह इनायत साईं मेरे । +लाईआँ दी लज्ज1 पाल वे , वेहड़े आ वड़ मेरे ।",panjabi-pan +"हुण कैं थीं आप छपाईदा? +हुण कैं थीं आप छपाईदा ? +हुण कैं थीं आप छपाईदा ? +मनसूर भी तैत्थे आया है । +तैं सूली पकड़ चढ़ाया है । +तैं खौफ न कीतो साईं दा । +हुण कैं थीं आप छपाईदा ? +कहूँ शेख मसाइक1 होणा है , +कहूँ उदिआनी2 बैठा रोणा है । +तेरा अंत न कतहूँ पाईदा । +हुण कैं थीं आप छपाईदा ? +बुल्ले नालों चुल्ला चंगा , +जिस ते ताम3 पकाईदा । +रल फकीराँ मजलस कीती , +भोरा भोरा खाईदा । +हुण कैं थीं आप छपाईदा ?",panjabi-pan +"सासरे के चा में छोरी बालदी बी कोन्या ए +सासरे के चा में छोरी बालदी बी कोन्या ए +चाची ताई घालण आई छोरी रोंवदी बी कोन्या ए +बड़ी जिठाणी सोवण खदां दी चढ़ चौबारे सोई ए +नीचे से मेरी सासड़ बोली सुण ले बहुअड़ मेरी ए +मेरा बेटा राज कंवर सै घौरी मत ना सोइए ए +ऊपर से मैं तले उतर ली आके चाक्की झो दई ए +भारी से मन्नै हलकी करली चून कुछ मोटा आया ए +भीतर से मेरी सासड़ बोली सुण ले बहुअड़ मेरी ए +मेरा बेटा राज कंवर सै मोटा मत ना पीसै ए +चाकी छोड़ रसोइयां आई आ के चूल्हा बाल्या ए +आलू का मन्नै साग बणाया मोटी रोटी पोई ए +भीतर से मेरी सासड़ बोली सुण ले बहुअड़ मेरी ए +मेरा बेटा राज कंवर सै मोटी मत ना पोइयो ए +सासरे के चा में छोरी बोलदी बी कोन्या ए",haryanvi-bgc +"उगि गेल चँदवा, छपित भेल हे सुरूजा +उगि गेल चँदवा , छपित1 भेल हे सुरूजा2 । +बइठहू न3 दुलरइता दुलहा , फूल केर हे सेजिया ॥ 1 ॥ +कइसे हम बइठू हे सासु , फूल केर हे सेजिया । +मोर दादा साहेब भींजत4 होइहें , चारो पहर रे रतिया ॥ 2 ॥ +दादा के देबो रे दुलहा , सोनामूठी5 रे छतवा6 । +छतबे इड़ोते7 रे दादा , चलत बरियतिया8 ॥ 3 ॥",magahi-mag +"विवाह गीत +मारे अंगठे विछु झूल्यो राज , आज की चालण छूड़ दे । +मारे अंगठे विछु झूल्यो राज , आज की चालण छूड़ दे । +नानड़ियो विछु झूल्यो राज , आज चालण छूड़दे । +नानड़ियो विछु झूल्यो राज , आज चालण छूड़दे । +मारा पील्ये विछु चढ़ियो राज , आज चालण छूड़दे । +मारा पील्ये विछु चढ़ियो राज , आज चालण छूड़दे । +मारी सातल्ए विछु चढ़ियो राज , आज की चालण छूड़दे । +मारी कमर विछु चढ़ियो राज , आज की चालण छूड़दे । +मारी कमर विछु चढ़ियो राज , आज की चालण छूड़दे । +मारी छाल्ए विछु चढ़ियो राज , आज की चालण छूड़दे । +नानड़ियो विछु झूल्यो राज , आज की चालण छूड़ दे । +मारो जेठ उतारे मारी जेठाणी कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । +मारो जेठ उतारे मारी जेठाणी कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । +मारो देवर उतारे मारी देवराणी कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । +मारो देवर उतारे मारी देवराणी कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । +मारो सेसरो उतारे मारी सासु कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । +मारो सेसरो उतारे मारी सासु कुरकाए राज , आज की चालण छूड़ दे । +मारे अंगठे विछु झूल्यो राज , आज की चालण छूड़ दे । +महिला अपने पति से कहती है कि मेरे अँगूठे में बिच्छू ने काटा है । आज का चलना छोड़ दो । मेरी पिंडली तक बिच्छू चढ़ गया है , आज का चलना छोड़ दो । मेरी जंघा तक बिच्छू चढ़ गया है , आज का चलना छोड़ दो । मेरी कमर तक बिच्छू चढ़ गया है , आज का चलना छोड़ दो । मेरी छाती तक बिच्छू चढ़ गया है , आज का चलना छोड़ दो । मेरे जेठ उतारें तो जेठानी नाराज होती हैं , आज का चलना छोड़ दो । मेरा देवर उतारें तो देवरानी नाराज होती है , आज का चलना छोड़ दो । मेरे ससुर उतारते हैं तो सासू नाराज होती है , आज का चलना छोड़ दो ।",bhili-bhb +"मेरी डोलिया लगी दरवाजे, +मेरी डोलिया लगी दरवाजे , +बाबुल1 मैं तो पाहुनी2 तेरी रे ॥ 1 ॥ +छोडू़ दादू बीबी अँचला3 दादा मियाँ ने हारा है बोल4 । +बाबुल मैं तो पाहुनी तेरी रे ॥ 2 ॥ +छोडू़ अम्माँ बीबी अँचला , अब्बा मियाँ ने हारा है बोल । +बाबुल मैं तो पाहुनी तेरी रे ॥ 3 ॥ +छोडू़ चच्ची बीबी अँचला , चच्चा मियाँ ने हारा है बोल । +बाबुल मैं तो पाहुनी तेरी रे ॥ 4 ॥ +छोडू़ खाला5 बीबी अँचला , खालू6 मियाँ ने हारा है बोल । +बाबुल मैं तो पाहुनी तेरी रे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"कहियो सुसरा जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै +कहियो सुसरा जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै +ऐठक बेचे , बैठक बेचे , दुकान बेच मंगा दे +मेरा दिल खट्टे बेरां नै +मेरे पेट में नरवर गढ़ में आला झाला +मोटी मोटी अंखिया झीणा सुरमा बेर ही बेर पुकारे +मेरा दिल खट्टे बेरां नै +कहियो देवर जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै +बस्ता बेचे , पट्टी बेचे , पोथी बेच मंगा दे +मेरा दिल खट्टे बेरां नै +मेरे पेट में नरवर गढ़ में आला झाला +मोटी मोटी अंखिया झीणा सुरमा बेर ही बेर पुकारे +मेरा दिल खट्टे बेरां नै",haryanvi-bgc +"उपरे परबतवा पर हारिल सुगवा +उपरे परबतवा पर हारिल सुगवा , अहो उनकर रातुल1 +दुनु ठोर , से एहो नाया कोहबर । +सेहो पइसि सूतल दुलहा दुलरइता दुलहा , जवरे सजनमा +केर धिया , से एहो नाया कोहबर ॥ 1 ॥ +ओते2 सुतूँ3 ओते स���तूँ दुलहिन दुलरइता दुलहिन । +मोरे रे चदरिया मइल होय , नाया कोहबर ॥ 2 ॥ +एतना बचनियाँ जब सुनलन दुलरइती सुहवे4 हे । +खाट छोड़िए भुइयाँ5 सोइ गेलन6 ए नाया कोहबर ॥ 3 ॥ +सरिया7 खेलइते तोहें दुलरइता सरवा8 हे । +रूसल बहिनियाँ बँउसी देह9 त , एहो नाया कोहबर ॥ 4 ॥ +उठूँ बहिनी , उठूँ बहिनी , हमर बोलिया हे । +उठिकर चिरवा सँम्हारू , त एहो नाया कोहबर ॥ 5 ॥ +कइसे के उठियो अउ10 चिरवा सँभाएि हे । +राउर बहनोइया बोलय कुबोल त , एहो नया कोहबर ॥ 6 ॥ +बोले देहुन बोले देहुन , कुबोली बोलिया हे । +कुलमन्ती सहहे11 कुबोल , एहो नाया कोहबर ॥ 7 ॥",magahi-mag +"184 +लगे नुगदियां तलन ते सकरपारे ढेर लांवदे ने वड़ घेरवां दे +तले खूब जलेब गुलभिशत बूंदी लडू टिकियां भिनड़े मेवरां दे +मैदा खंड ते घिउ पा रहे जफी भाबी लाडली नाल जिउं देवरां दे +कलाकंद मखानयां सुआद मिठे पकवान गन्ने नाल तेवरां दे +होर जहान दी रसद आई , बाजूबद बंने सभा जमाह हाई नाल तेवरा दे",panjabi-pan "आल्हा ऊदल -किरिया धरावल जब लहरा सिंह रुदल जियरा छाड़व हमार -नैंयाँ लेब बघ रुदल के -एतनी बोली बघ रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जाय -फिर के चलि भेल बघ रुदल लहरा दोसर कैल सरेख -खैंचल तेगा जब लहरा सिंह बाबू लिहल अली के नाम -जौं तक मारल बघ रुदल के देबी झट के लिहल बचाय -बरल करेजा बघ रुदल के रुदल कूदल बवन्तर हाथ -जौं तक मारल लहरा के भुँइयाँ लोथ फहराय -भागल फौदिया जब लहरा के जब नैना गढ़ गैल पराय -लागल कचहरी इंदरमन के जहाँ तिलंगा पहुँचल जाय -बोलै तिलंगा लहरा वाला राजा इंदरमन जान बचाई मोर -एतनी बोली सुनल इंदरमन बाबू मन में करे गुनान -पड़ गलै बीड़ा इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठाय -हाथी मँगावल भौंरानंद जिन्ह के नौं मन भाँग पिलाय -दसे तिलंगा ले साथन में सिब मंदिर पहुँचल जाय -घड़ी पलकवा का चलला में सिब मंदिर पहुँचल जाय -बाँधल घोड़ा रुदल के पलटन पर पड़ गैल दीठ -घीचै दोहाइ जब देबी के देबी प्रान बचावव मोर -आइल देबी जंगल के बनस्पती देबी पहुँचल आय -घोड़ा खोल देल बघ रुदल के घोड़ा उड़ के लागल अकास -रुदल सूतल सिब मंदिर में जहवाँ घोड़ा पहुँचल बाय",bhojpuri-bho -"सदेई -जाड़ो तसिगे1 प्रकृति बिजिगे2 , -पशु वा पंछी सभी जी गयेन । -जाड़ान जो सुन्न न होई गै तो , -स्यो बौड़ि3 गे ल्वै रस सार प्राण । -डाली व बोटी वण व वणोंदी , -निर्लज्ज जाड़ान करेति नांगी । -अनेक पैरया ालेन अब रंग की , -बसन्त का स्वागत कत साड़ी । -गाड4 गधेरा5 अर पंछी पौन , -छय�� जो जाड़न सुन्न होया । -कर्ण बसे कोलाहल लगि गैन , -खुशी बसन्त की मनौण लैन । -शरीरो कलेजा पहुँचौंण रायावायु , -स्या घैंत स्वाणी6 अब लागदे छ । -सुगन्ध फूल7 दगड़े मिलीक , -अमृत पिलाई पुलकौंद पौन । -सफेद रत्ता8 , पिंगला व नीला , -भांति व भांति छन फल फूल्या । -समीन्न यून प्रकृति पुरुष सी , -सजाई दीने रति रंग भूमि । -कुलूड़ि भि फूलि अर फ्यू ली फूली , -गयेन फूली वण वो वणोंदी । -गुलाब फूल्यों अर कूजों फूल्यो , -फूली गयेन लगुले9 व झाड़ी । -आरु , घिंघार अर आम डाले , -निम्बू नारंगी भित फूलि गैन । -चम्पाभि , पाईभि चमेलि फूलि , -बुरांस घारूँ मंग अंचि फूल्यों । -सिलंग फली सब ठौर फूली , -गईन फूटि कलि कोंपलें भी । -क्या घर क्या बोण10 सभी जगौं मां , -सिलंग की बास सुवास फैली च । -छन रंग नया ताजा अर रंग नाना , -सुवास नाचा अर गीत नाना । -अनेक नाना विधि का न स्येन , -वि दिखेंद , सूंघेंद , सुणोंद जा ना । -गीतु सुरिला छन पंछी गाणा , -वीं कोकिला की पर प्यारि थक । -सुणोंद चारू दिशि दूरुदूरु , -दुखौंद ज्यू कू सहदेई कोछ । -पंछी तु गाला छई मास ओरे , -चेड़ो11 कफू12 बासलो चैत मास -सिलंग डाली पर फ्यूँलि गाली , -ना पास केकु ज्युकड़ी13 झुरौंद । -हल्या रयों मां छन मस्त रौंकणा , -पाख्यों घस्यारे छन गीत गाणी । -लगादू भौणे छन गीतू मांगे , -स्वालू जवाब हुह्रौंण लागी । -रैबार14 रै पार हिलांस15 प्यारी , -कूकू करी कूकद लवि कूकू । -झणन्यालि गैरीछ गदरियों मां , -स्या म्योलड़ी भी कना गीत गाणी । -भौंरा छया जो सुनसान ब्याले , -स्ये आज फुलूफुल मांन गुजराण । -यैं फुल की केशरी फुल वै मां , -लिजाण लाग्यां छन स्वार्थि भौंरा -इनी निराली अर भांति भांति , -छ काम होणु प्रकृति पुरुष को । -सृष्टि छ सारी उत्सौव मनोणी , -खुशी मनौणी खिलखील हंसणी । -बसन्त ए मा रज तालबात , -आयुँ छ गर्भाषय वीजु मांगे । -जणन कु जन्तुजननी जनक को , -छ जगजोड्यूँ जजग मांग गां तां । -सिलंग नीस16 सहदेई बैठी , -सुणणी छ देखणी बण की बहार । -सैं मैलि डाली मुं सदानि औंदे , -खुदेड़ सैदी खुद बिसरौण । -सैदी कु औदे जब याद मैतै , -दगड्17 याणियों की भि छ याद औंदा । -वणू वणोंडो कि भि याद औंद , -धारू व गाडू कि भि याद औंदा । -चौंरी18 माँ बेठी च खुदेड़ सैदी , -बौली सी होई खुद से सदेई । -चड़ी सी रोटी भोर भरि ज्यू स्या रोंदे , -इना इना वैन सुबैन बोदे । -हे ऊँचि डांडयों19 तू नीसी20 आवा , -धणी कुलांयों21 तु छांटि जावा । -मैं ते दगीं छ खुद22 , मैतुड़ा23 की , -बाबाजी को द���खण देश देवा । -मैतअकि मेरी तु पौन24 प्यारी , -सुणों त रैबार25 तु मां को मेरी । -गाडूगदअन्यों26 व हिलांस27 कफ्फू , -मेतअका मेरा तुम गीत गावा । -वारअ ऋतु बौड़लि28 बार मास , -आली व जाली जनि दाई29 फेरो । -आई निजाई निरभाग मैं कू , -क्वी मी नि आई ऋतु मेरी दात30 । -बसन्त मैना ासब का त माई , -मेटेंण आला वहिण्यों कु अपणी । -दीदीभुलीमिलीक गीत गालो , -गला लगाली खुद विसराली । -मैत्यों कि भेजी कपड़ों की छाल , -पैलीं विसाली कनु से मिजाज । -लड्यालि31 मेरो कुई माई होंदो , -कलेऊ लौंदो व दुरौंदो पैणा32 । -लठ्यालि होलो निरमाग मै त , -पीठी नि की होयन माईवैणा । -करीं पछिंण्डि छऊँ धौलि33 पार , -गाऊ विदेशी , अर दूर देश । -जवान ह्वै गयूं , लड़कालि34 भी गयूं , -मेरी करी नी कैन खबर न सार । -मैतअकि देवी छऊँ , झालीमाली , -मेरी सुणियाल विपत्ति भारी । -दियाल मैंकु इक भाई प्यारो , -देखीक जैकु खुद बिसरौं में । -भाई की मुखड़ी जब देखि लेंदो , -होंदो सुफल जीवन यो त मेरो । -मैं कूत नी छ कुछ और इच्छा , -समान भाई नोछ , और नी छ की भी । -देली तु जो यो वर आज मैंकू , -मैं देउलो त्वै सरवाच देवी । -जो भाई होलो तो अठ्वाड़ धूलो , -पंडौङ नचौलो अर जात धू लो । -खोंदू अभी नितर प्राण अपणों , -सहाय ह्वै जा दुर्गाभवानी । -देवी भवानी जननी जगत की , -प्रसन्न होंदे वर तैंकु देंदे । -होलो सदेउ इक भाई तेरो , -बड़ो प्रतापी मिललो वो त्वैकू । -आकाशवाणी इन वीं न सुणी , -सुपनों छ यो या भरमौंणु की मैं । -या मेरी होली कुल इष्ट देवी , -दन्दौल35 नाना बिधि कर्दी मनमां । -गई सदेई जब सांझ होये , -सिलंग डालि सणी भेंट देण । -धर्दी छ वा धीरज शांत होंदें , -लगदे छ धन्धें पर स्थान धरका ।",garhwali-gbm -"हे मेरे नौकर गए भरतार -हे मेरे नौकर गये भरतार मिरा जी लागता कोन्या -ऊं नै खत गैर्या ना तार रपिये भेजता कोन्या -डाई का गैर्या तार तार नै हे बांचता कोन्या -हे वो आया महल के बीच महल में च्यान्दणां कोन्या -ऊं नै देख्या पल्ला ऊघाड़ के आंखियां खोलती कोन्या -पौंचे तै पकड्या हाथ के नाड़ी चालती कोन्या -बुलवा द्यूं बैद भतेरे आड़ै को बैद बी कोन्या -हे वो रोया बड़ के लाग मेरे मांबाप बी कोन्या -फिर आया रै च्यारूं कूंट तेरे रे केस्सी की हूर बी कोन्या",haryanvi-bgc -"पीतल की बालटी आले -पीतल की बालटी आले ढोवै सै बालू रेत -‘रे बीरा बखतै दिल्ली जाइये लाइये गुलाबी छींट’ -‘हे मैं सारे सहर में घूम्या न पाई गुलाबी छींट -मेरा बाबल बखते उठ्या ल्याया गुलाबी छी��ट -मेरी भावज रोवण लाग्यी ‘म्हारी घर का कर दिया नास’ -‘कार्तिक की करी लामणी भादवे का खोदा न्यार -चलती ने ते मिले जवाब’",haryanvi-bgc -"कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का -कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का -आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ -कितै बणैं थी खीर , कितै हलवे की खुशबू ऊठ रही -हाळी की बहू एक कूण मैं खड़ी बाजरा कूट रही । -हाळी नै ली खाट बिछा , वा पैत्याँ कानी तैं टूट रही -भर कै हुक्का बैठ गया वो , चिलम तळे तैं फूट रही ॥ -चाकी धोरै जर लाग्या डंडूक पड़्या एक फाहळी का -आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ -सारे पड़ौसी बाळकाँ खातिर खीलखेलणे ल्यावैं थे -दो बाळक बैठे हाळी के उनकी ओड़ लखावैं थे । -बची रात की जळी खीचड़ी घोळ सीत मैं खावैं थे -मगन हुए दो कुत्ते बैठे साहमी कान हलावैं थे ॥ -एक बखोरा तीन कटोरे , काम नहीं था थाळी का -आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ -दोनूँ बाळक खीलखेलणाँ का करकै विश्वास गये -माँ धोरै बिल पेश करया , वे लेकै पूरी आस गये । -माँ बोली बाप के जी नै रोवो , जिसके जाए नास गए -फिर माता की बाणी सुण वे झट बाबू कै पास गए । -तुरत ऊठकै बाहर लिकड़ ग्या पति गौहाने आळी का -आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ -ऊठ उड़े तैं बणिये कै गया , बिन दामाँ सौदा ना थ्याया -भूखी हालत देख जाट की , हुक्का तक बी ना प्याया -देख चढी करड़ाई सिर पै , दुखिया का मन घबराया -छोड गाम नै चल्या गया वो , फेर बाहवड़ कै ना आया । -कहै नरसिंह थारा बाग उजड़ग्या भेद चल्या ना माळी का । -आँख्याँ कै माँह आँसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥",haryanvi-bgc +जन जा रुदल नैना गढ़ में बबुआ कहना मान हमार +प्रतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बर के भैल अँगार +हाथ जोड़ के रुदल बोलल भेया सुनी बात हमार +कादर भैया तूँ कदरैलव् तोहरो हरि गैल ग्यान तोहार +धिरिक तोहरा जिनगी के जग में डूब गैल तरवार +जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में अम्बा जोर चली तरवार +टूबर देहिया तूँ मत देखव् झिलमिल गात हमार +जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में दिन रात चली तरवार +एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा बड़ मोहित होय जाय +हाथ जोड़ के आल्हा बोलल बाबू सुनव् रुदल बबुआन +केत्त मनौलों बघ रुदल के बाबू कहा नव् मनलव् मोर +लरिका रहल ता बर जोरी माने छेला कहा नव् माने मोर +जे मन माने बघ रुदल से मन मानल करव् बनाय +एतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जाय +दे धिरकारीरुदल बोलल भैया सुनीं गरीब नेवाज +डूब ना मूइलव् तूँ बड़ भाइ तोहरा जीअल के धिरकार +बाइ जनमतव् तूँ चतरा घर बबुआ नित उठ कुटतव् चाम +जात हमार रजपूतन के जल में जीबन है दिन चार +चार दिन के जिनगानी फिर अँधारी रात +दैब रुसिहें जिब लिहें आगे का करिहें भगवान +जे किछु लिखज नरायन बिध के लिखल मेंट नाहिं जाय",bhojpuri-bho +"मेरे दादा जी चितर एक जस ल्यो +मेरे दादा जी चितर एक जस ल्यो +एक जस ल्यो परणां क्यूनां द्यो +तेरी छोटीसी चिडकली सुहाग भाग मांगे +हे जी काहे का लटुवा काहे की डोर +कौण फिरै इस लटुवे का चोर +हे जी सून्ने का लटुवा रेसम की डोर +समदी का बेटा इस लटुवे का चोर +मेरे ताऊ जी चितर एक जस ल्यो +एक जस ल्यो परणां क्यूनां द्यो +तेरी छोटी सी चिडकली सुहाग भाग मांगे +हे जी काहे का लटुवा काहे की डोर +कौण फिरै इस लटुवै का चोर +हे जी सून्ने का लटुवा रेसम की डोर +समदी का बेटा इस लटुवे का चोर +मेरे बाब्बू जी चितर एक जस ल्यो +तेरी छोटी सी चिडकली सुहाग भाग मांगे +हे जी काहे का लटुवा काहे की डोर +कौण फिरै इस लटुवे का चोर +हे जी सून्ने का लटुवा रेसम की डोर +समदी का बेटा इस लटुवे का चोर",haryanvi-bgc +"443 +हीर आन जनाब विच अरज कीती नयाजमंदां1 दियां बखश मरगोलियां नी +सानूं बखश गुनाह तकसीर सारी जो कुझ लड़दयां तुधनूं बोलियां नी +अछी पीड़ वंडावनी भैण मेरी तैथों वार सुटां घोल घोलियां नी +मेरा कम कर मुल लै बाझ दंमां जो कुझ आखसै मैं तेरी गोलियां नी +घर बार ते माल ज़र हुकम तेरा सभ तेरियां ढाडीयां खोलियां नी +मेरा यार आया चल वेख आईए पई मारदी सैं नित बोलियां नी +जिस जात सफात चुधराई छडी मेरे वासते चारियां खोलियां नी +जेहड़ा मुढ कदीम दा यार मेरा जिस चूंडिया कुआर दियां खोलियां नी +वारस शाह गुमान दे नाल बैठा नहीं बोलदा मारदा बोलियां नी",panjabi-pan +"मत्थे ते चमकन वाल +मत्थे ते चमकन वाल +मेरे बनड़े दे . . . +लाओ नी लाओ एन्नु शगनां दी मेहँदी +मेहँदी करे हाथ लाल +मेरे बनड़े दे . . . +पाओ नी पाओ एन्नु शगनां दा गाना +गाने दे रंग ने कमाल +मेरे बनड़े दे . . . +आईंआं नी आईंआं भेणां मेहँदी ले के +भेणां नु किन्ने ने ख्याल +मेरे बनड़े दे . . .",panjabi-pan +"मृतक भोज +बिलखत महतारी , छाई जहाँ अँधयारी +घर करै भायँभायँ जैसें खायँ जात है ; +लुटगौ सुहागसोम , कौंरी कली मुरझानी +बिधवा जबान गऊऐसी डिंड़यात है । +बड़ेबड़े बेठ उतै खात पुरीमालपुआ +नाँव ‘दिनतेरहइँ’ जुरत बर +एकएक दानों , अरे , अँसुवन सानों जहाँ +ऐसे ही रसोई हाय , कैसे कैं रिहात है ?",bundeli-bns +"क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले +क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले +एक तो नहाना बनाया दूसरे नहाते नहीं +तीसरे हाजिर घड़ी हूं चौथे दिल मिलता नहीं +एक तो खाना बनाया दूसरे खाते नहीं +तीसरे हाजिर खड़ी हूं चौथे दिल मिलता नहीं",haryanvi-bgc +"125 +मलकी आखदी सद तूं हीर तांई झब हो तूं औलिया नाईया वे +अलफू मोचिया मौजमा वागिया वे ढुडू माठिया भज तूं भाईया वे +वारस शाह माही हीर नहीं आई मेहर मंगूआं दी घरों आईंया वे",panjabi-pan +"मुँह आई बात ना रहिन्दी ए +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +झूठ आक्खाँ ते कुझ बचदा ए , +सच्च आखिआँ भाँबड़ मचदा ए , +जी दोहाँ गल्लाँ तो जचदा1 ए , +जच जच के जिहबा कहिन्दी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +जिस पाया भेद कलन्दर2 दा , +राह खोजिआ आपणे अन्दर दा , +उह वासी है सुख मन्दर दा , +जित्थे कोई ना चढ़दी लहिन्दी ए +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +इक लाज़िम3 बात अदब दी ए , +सानूँ बात मलूम सभ दी ए , +हर हर विच्च सूरत रब्ब दी ए , +किते ज़ाहर किते छुपेन्दी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +ऐथे दुनिआँ विच्च हनेरा ए , +एह तिलकण बाज़ी वेहड़ा ए , +वड़ अन्दर वेखो केहड़ा ए , +क्यों खुफतण4 बाहर ढूँढ़ेदी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +ऐथे लेखा पाओं पसारा ए , +एहदा वक्खरा भेद निआरा ए , +एह सूरत दा चमकारा5 ए , +जिवें चिणग दारू विच्च पैंदी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +किते नाज़ अदा दिखलाईदा , +तिे हो रसूल मिलाईदा , +किते आशिक बण बण जाईदा , +किते जान जुदाई सहिन्दी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +जदों ज़ाहर होए नूर हुरीं , +जल गए पहाड़ कोह तूर हुरीं , +तदों दार चढ़े मनसूर हुरीं , +ओत्थे शेखी पेश ना वैंदी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +जे ज़ाहिर कराँ इसरार6 ताईं , +सभ भुल्ल जावन तकरार7 ताईं , +फिर मारन बुल्ले यार ताईं , +ऐथे मुखफी गल्ली सोहेंदी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +असाँ पढ़िआ इलम तहिककी8 ए , +ओत्थे इको हरफ हकीकी ए , +होर झगड़ा सभ वधीकी ए , +ऐवें रौला पा पा बहिन्दी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +ऐ शाह अकल तूँ आया कर , +सानूँ अदब अदाब सिखाया कर , +मैं झूठी नूँ समझाया कर , +जो मूरख माहनूँ कहिन्दी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +वाह वाह कुदरत बेपरवाही ए , +देवें कैदी दे सिर शाही ए , +ऐसा बेटा जाया माई ए , +सभ कलमा उसदा कहिन्दी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +इस आजिज़ दा की हीला ए , +रंग ज़र्द ते मुखड़ा पीला ए , +जि���्थे आपे आप वसीला ए , +ओत्थे की अदालत कहिन्दी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए । +बुल्ला सहु9 असाँ थीं वक्ख नहीं , +बिन सहु थीं दूजा कक्ख10 नहीं , +पर वेखण वाली अक्ख नहीं , +ताँही जान जुदाइयाँ सहिन्दी ए । +मुँह आई बात ना रहिन्दी ए ।",panjabi-pan +"फुल्डा बिन्न्ती तू चली +फुल्डा बिन्न्ती तू चली ओ लड़क्ली अपना पिताजी का बाग म , +कछु बिनय कछु बिनवा हो लाग्या एत्रा म आया दुल्ल्व रायजी , +उठो लड़क्ली बठो पाल्क्डी चलो तो आपना देस जी +जंव दादाजी वर प्र्ख्से तंव जाई जावा तुमरा साथ जी , +जंव हमरा पिताजी दायजो स्न्जोव तंव जाई जावा तुमरा साथ जी , +जंव हमरा जीजाजी मंडप छाव तंव जाई जावा तुमरा साथ जी , +जंव हमरी माय जो कूख पुजाड तंव जाई जावा तुमरा साथ जी +काहे ख पालई रे बाबुल काहे ख पोसी काहे पिलायो काचो दूध जी , +माया सी पालई रे बाबुल माया सी पोसी , +ममता पिलायो काचो दूध जी",nimadi-noe +"जबे पग छुअलक नउनियाँ +जबे पग छुअलक1 नउनियाँ2 जयजय कहु सिय के । +लछमी बिराजे हिरदा द्वार3 जय जय कहु सिय के ॥ 1 ॥ +एक नोह4 छिलले5 दूसर नोह छिलले , जय जय कहु सिय के ॥ 2 ॥ +टुके टुके6 सिय मुँह ताके , जय जय कहु सिय के ॥ 2 ॥ +रानी सुनयना देलन हाँथ के कगनमा , जय जय कहु सिय के । +आउरो देलन गलहार , जय जय कहु सिय के ॥ 3 ॥ +हँसत खेलइते घर गेलइ नउनियाँ , जय जय कहु सिय के । +दुअरे पर नवबत झारसन्दर्भ त्रुटि : टैग के लिए समाप्ति टैग नहीं मिला बजने से है । जय जय कहु सिय के ॥ 4 ॥",magahi-mag +"जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई +जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई +सेर घी घाल के लप लप खाई",haryanvi-bgc +"द्रोपदी स्वयंवर +घूमदा घूमदा तब , गैन पाँचाल देश , +दु्रपद राजा की छै , तख एक नौनी , +राजौं की नौनी छै , देखणी दरसनी , +रूप की छलार1 छै , ज्वानी उलार2 । +राजा दु्रपद न , राज्यों भेजीन परवाना +अर्जुन का पास गैन , तब ब्यास जी । +सुणा सुणा पंडऊँ , पांचाल देश मा +छ द्रोपती स्वयंवर । +बामण का भेष मा , छया पाँच पांडव । +पौंछी गैन द्रुपद का राज मा +वै पाँचाल देश मा , आयाँ छया राजा , +राजा कर्ण छयो , जरासंध शीशपाल । +वै दु्रपद गढ़ मा छयो , लोखर3 को खंभा , +तै खंभा का ऐंच , धरीं छई एक माछी +नीस बिटे , एक तेल की चासण4 । +राजा द्रुपद तब , यना बोदो बैन +जो बालो , बेधलो तैं माछी की आँखी +वे कुंवर तैं द्यूलो मैं , दुरपता को डोला5 । +जु छाति का बालुन , कीवाड़ खोललो , +ओ माल6 लिजालो , दुरपता को डोला । +जु थामलो सौ मण को , गोला जोंगो7 मा , +वे कू बिवौण मैन , राजकिंवली अप��ी । +तैं तेल की चासण , जो बवोती खेललो , +वे राजा द्यलो मैं , दु्रपता लाडली । +देसदेस का रजा उठीन , शग्ति अजमौण , +कैन मछी की आँखी , बेधी नी सकी । +तब दु्रपद राजान , क्षेत्री हँकारीन , +क्षेत्री हँकर चढ़े , बीर अर्जुन । +भेदी दिने वैन , माछी की आँखी । +तब राणी दुरपती , जैमाला अगास फेंकदे , +जैमाला रींगीक ऐ गए , अर्जुन का गला ।",garhwali-gbm +"306 +आ वड़े हां उजड़े पिंड अंदर काई कुड़ी ना त्रिंजणी गांवदी ए +नाह किलकली पांवदी ना सम्मी1 पबी मार नी धरत कंबांवदी ए +नहीं झहेटड़ी दा गीत गांदियां ने ते गिधड़ा कोई ना पांवदी ए +वारस शाह छड जाईए एह नगरी ऐसी तबह2 फकीर दी आंवदी ए",panjabi-pan +"पहचान +फिरै फिपयानौं रोज , बारा मैंड़े भाँड़ रहो +हुलिया पै हीन भाव जैसें करो पाप है , +गरब , गरूर , चालबाजीभरी बातें सुन +पियत कुनैन कैसौ घूँट चुप्पचाप है , +जन्मतिथी , बंसबेल , रूपरंग , कारबार , +कहाँ कैसौ मोलभाव , बस एइ जाप है , +जेके ऐसे हालचाल देखौ निज देस बीच +बिना कहैं जान लेव बिटिया कौ बाप है ।",bundeli-bns +"अंगिका फेकड़ा +घुघुआ घू , मलेल फूल +घुघुआ मना , उपजल धना +सब धान खाय गेल सुग्गा मैना +मन्ना रे मन्ना लब्बोॅ घर उठेॅ +पुरानोॅ घर बैठेॅ । +अटकनमटकन , दहिया चटकन +खैरा गोटी रस रस डोले +माघ मास करेला फूले +नाम बताव के तोहें गोरी +जमुआ गोरी +तोहोरोॅ सोहाग गोरी +लाग लगावेॅ , खीर पकावेॅ +मिट्ठोॅ खीर कौनें खाय +दीदी खाय , भैयाँ खाय +कान पकड़लेॅ बिनू जाय । +झाँयझूँ खपड़ी धीपेॅ +लाबा फूटेॅ , महुआ टुभुक । +कन्ना गुजगुज , महुआ डार +कहिया जैभेॅ गंगा पार +गंगा पार में खेती के आढ़ +तेलियाँ मारथौं चढ़ले लात +हमरोॅ हाथ लाल , हमरोॅ हाथ लाल । +कन्ना गुजगुज , महुआ डार +केके जैभेॅ गंगा पार +गंगा पार में बाघ छै , बघनिया छै +सिकरी डोलाबै छै +गंगा पार में उपजल धान +धीया पूता के काटबै कान । +अड़गड़ मारूँ , बड़ घर मारूँ +बासी भात खेलिखलि खाँव । +नूनू खाय दूध भत्ता , बिलैयाँ चाटेॅ पत्ता +चाटलेॅचाटलेॅ गेल पिछुआड़ +झाँझीं कुत्ती लेल लिलुआय +वहाँ से आयल गंगा माय +गंगा मैया दिएॅ आशीष +जीयेॅ नूनू बाबू लाख बरीस +नया घोॅर उठो पुरानोॅ घोॅर खसो । +हरदी के दग दग +माँटी के बेसनोॅ +हम नै जैबोॅ +मामू के ऐंगनोॅ +मामू के बेटी +बड़ झगड़ाही +माँगेॅ थारी +दिएॅ कढ़ाही ।",angika-anp +"मैं तो धुर टांडे तै आया परी +मैं तो धुर टांडे तै आया परी +तेरी सुण के धमक बाजे की +थोड़ा सा नीर पिला दे परी +मैं तो प्यासा मरूं सूं नीर का +तैं तो कोन्या नीर का प्यासा जले +तैं तो भूखा फिरै सै बीर का +मेरी मूट्ठी मंह की गूट्ठी परी +गूट्ठी मैं सबज नगीना +मैं तो पाणी रे पीके जांगा नार +चाहे हो जाओ एक महीना",haryanvi-bgc +"27 +रूह छड कलबूत1 जिउं विदा हुंदा तिवें ऐह दरवेस सिधारिया ई +अन्न पाणी हज़ारे दा कसम कर के जीऊ झंग सिआलां नूं धारिया ई +कीता रिज़क2 ने खरा उदास रांझा चलो चली ही जिऊ पुकारिया ई +कच्छे वंझली मार के रवां3 होया वारिस वतन ते देस विसारिया ई",panjabi-pan +"रिमझिम बरसे पनियाँ +रिमझिम बरसे पनियाँ , +आवा चली धान रोपे धनियाँ । +लहरत बा तलवा में पनियाँ , +आवा चली धान रोपे धनियाँ । +सोने के थारी मं ज्योना परोसैं , +पिया कां जेंवाईं आईं धनियाँ । +झंझरे गेरुआ मं गंगा जल पनियाँ , +पिया कां घुटावैं आईं धनिया । +लौंगाइलाची के बीरा जोरावैं , +पिया कां कूँचावैं आईं धनियाँ । +धान रोपि कर जब घर आयों , +नाच्यो गायो खुसी मनायो । +भरि जईहैं कोठिला ए धनियाँ , +आवा चली धान रोपै धनियाँ ।",awadhi-awa +"277 +धाया टिलयों राह लै खेड़यां दा चलया मींह जिउं आंवदा उठ उते +काबा रख मथे रब्ब याद करके चढ़या खेड़यां दी सजी गुठ उते +नशे नाल झुलारदा मसत जोगी जिवें सुंदरी झूलदी उठ उते +चिमटा खपरी फांवड़ी डंडा कूंडा भग पोसत चा वधी सू पिठ उते +एवें सरकद आंवदा खेड़यां नूं जिवें फौज चढ़ आंवदी लुट उते +वैराग सन्यास जिउं लड़न चले रख हथ तलवार दी मुठ उते +वारस शाह वढ़या जूह खेड़यां दी साईं होया रंझेटे दी पिठ उते",panjabi-pan +"159 +घर आइयां दौलतां कौन देंदा किसे बन्न पिंडों कौन टोड़या ए +असां जिउंदयां नहीं जवाब देना साडा रब्ब ने जोड़ना जोड़या ए +किसे चिठियां खत सुनेहयां ते माल टुटया नाहीयों मोड़या ए +जाये भाइयां भाबियां पास जम जम किसे हटकना ते नाही होड़या ए +वारस शाह सियाला दे बाग विचों असां फुल गुलाब दा तोड़या ए",panjabi-pan +"भरथरी लोकगाथा का प्रसंग “चम्पा दासी का जोगी को भिक्षा देना” +अब ये भरथरी राहय ते रागी हौव +किथे हा +एक जानवर असन ह तो मोला चिन डरिस चिन डरिस +मोर खातिर प्राण त्याग दिस हौव +चल अब ये गाँव के मन मोला चिन्थे की नई चिन्हई हा +ये आसपास के मन मोला चिन्थे की नई चिन्हई हौव +थोड़ा आगे चल के देखंव देखंव +जब आगे चल के देखत रइये तो किसान कोनों चिन्हई नहीं हौव +अब ये राजा भरथरी राहय तेन हा +आके अपन डेहरी में धूनी जमा के बइठ जथे हौव +– गीत – +सुमिरन करे गंगा माता के , गंगा माता के वो +झुकती ये मोहिनी मिसाली के +सु���िरन करे गंगा माता के , गंगा माता के वो +झुकती ये मोहिनी मिसाली के +टोपी रतन जड़ाय , हाथ ऐ खप्पर धराय +टोपी रतन जड़ाय , हाथ ऐ खप्पर धराय +येदे अंगे में भभूत लगावत थे , ये लगावत थे , भाई येदे जी +येदे अंगे में भभूत लगावत थे , ये लगावत थे , भाई येदे जी +भिक्षा देदे भोले माता वो , भोले माता के वो +योगी आए तोरे द्वारे मा +भिक्षा देदे भोले माता वो , भोले माता के वो +योगी आए तोरे द्वारे मा +चौकीदारे हा या , गारी देवय दीदी +चौकीदारे हा वो , गारी देवय दीदी +येदे योगी ला उंहा ले भगावत थे , ये भगावत थे , भाई येदे जी +येदे योगी ला उंहा ले भगावत थे , ये भगावत थे , भाई येदे जी +– गाथा – +अब ये योगी ल रागी हौव +कोनों चिन्हय नहीं हा +आके गहरी धूनी जमा के बईठ जथे बईठ जथे +का पूछत हस वोला हौव +अंग में भभूत हा +टोपी रतन जड़ाय हौव +हाथ में खप्पर धराय हा +अब बोलथे माता , मोला भिक्षा दे हौव +मईया मोला भिक्षा दे भिक्षा दे +भिक्षा दे किथे तो ओकर घर में एक झन चौकीदार रिथे हौव +त वो चौकीदार काय किथे जानथस हा +– गीत – +का बनिया के ये हाट ऐ , येदे हाट ऐ योगी +का महाजने दुकान ऐ गा +का बनिया के दुकान ये , येदे दुकान ऐ योगी +का महाजन के हाट ऐ गा +गढ़ छप्पन के , राजा भरथरी ये +गढ़ छप्पन के , राजा भरथरी ये +ये ह ओकर द्वारे आए गा , येदे आए गा , भाई येदे जी +ये ह ओकर द्वारे आए गा , येदे आए गा , भाई येदे जी +– गाथा – +अब वो चौकीदार राहय तेन रागी हौव +एकदम गुस्सा होके योगी ला काहत हे हा +अरे ऐला का बनिया के हाट समझत हस +महाजन के दुकान समझत हस हा +ये छप्पनगढ़ राजा भरथरी के दुवार ऐ दुवार ऐ +अउ तोर जइसे योगी तो हजार ऐ नगरी मा फिरत रिथे हौव +चल इहां ले चल हा +भाग , अइसे किके ओला धक्का मार के निकालत रिथे रागी हौव +योगी राहय तेन उठय नहीं हा +मुच मुच , मुच मुच करत बइठे रिथे हौव +– गीत – +बोली बचन चौकीदारे हा , चौकीदारे हा वो +सुनले रानी मोर बाते ला +बोली बचन चौकीदारे हा , चौकीदारे हा या +सुनले रानी मोर बाते ला +तोर द्वारे में वो , एक योगी आहे +तोर द्वारे में वो , एक योगी आहे +वो ह भिक्षा ये मांगत हाबय वो , भाई येदे जी +वो ह भिक्षा मांगत हाबय वो , भाई येदे जी +बोली बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी ला वो +सुनले रानी मोर बाते ला +बोली बचन चम्पा दासी ला , चम्पा दासी ला वो +सुनले दासी मोर बाते ला +एकादशी के वो , मैं उपासे रहेंव +एकादशी के वो , मैं उपासे रहेंव +येदे लाखों करेंव मैं हा दाने ला , भाई येदे जी +मैं ह�� लाखों करेंव येदे दाने ला , भाई येदे जी +– गाथा – +अब ये चौकीदार जाके रागी हौव +रानी सामदेवी ल किथे हा +रानी हौव +एकझन तोर दुवार में योगी आए हे योगी आए हे +वो भिक्षा माँगत बईठे हाबय हौव +तब रानी सामदेवी चम्पा दासी ल किथे हा +दासी हौव +में अतका उपास करेंव हा +अतका पूजा पाठ करेंव हौव +भोलानाथ के पूजा करेंव हा +तभो ले मोर करतब में इही लिखे हे हौव +मोर करम में यही लिखे हे बहिनी हा +जा तहीं भिक्षा देके आ हौव +अब ये चम्पा दासी रहाय ते रागी हा +सुनत रा हौव +– गीत – +बारा हजार ये ब्राम्हन ला , येदे ब्राम्हन ला वो +दान करे हेबे रानी हा , येदे रानी हा वो +पूजा करे भोलानाथ के , भोलानाथ के वो +बाबा योगी ये हा आए हे , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +जा पहुंचे चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा वो +बाबा योगी के ये पासे ना , येदे पासे दीदी +दूसर द्वारे में जाबे ना , येदे काहत थे वो +चम्पा ये दासी हा आजे ना , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +बोले बचन मोर योगी ह , मोर योगी हा वो +सुनले दासी मोर बाते ला +काय डाका पड़े , तेला ये मोला बता देबे +ले बता दे बाई , भिक्षा मोला तें देवा देबे , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +– गाथा – +ये रानी सामदेवी राहय तेन रागी हौव +दुनों हाथ ल जोड़ के हा +काहत रिथे वही चम्पा दासी ला हौव +बहिनी हा +में बारा हजार ब्राम्हन ला हौव +अतका दान करेंव हा +भोलानाथ के में पूजा करेंव पूजा करेंव +ये बाबा योगी कहाँ ले टपक पईस हौव +मे एला भिक्षा कहाँ ले देवँव हा +जा दासी हौव +तहीं भिक्षा देके आजा आजा +चम्पा दासी राहय तेन हा +भिक्षा देबर निकलिस हे हौव +– गीत – +बोले बचन मोर दासी हा , मोर दासी हा वो +सुनले बाबा मोर बाते ला +बोले बचन मोर दासी हा , मोर दासी हा वो +सुनले बाबा मोर बाते ला +येदे भिक्षा लेबर , येदे काहय दासी +तुम भिक्षा लेवव , येदे काहय दासी +बाबा भिक्षा ल नई तो लेवय वो , येदे लेवय वो , भाई येदे जी +बाबा भिक्षा ल नई तो लेवय वो , येदे लेवय वो , भाई येदे जी +– गाथा – +जब एक बार आथे रागी हौव +त किथे बाबा हा +तुमन भिक्षा माँगे ल आए हव हौव +जावव तुहंर धूनी ला उठावव हा +अउ इंहा ले चल देवव चल देवव +इंहा कोई जगा नई ये तुहर भिक्षा लेके हौव +अतक बड़ नगरी हे हा +हर जगा तें माँग सकत हस माँग सकत हस +अइसे कि के चम्पा दासी किथे हौव +राजा भरथरी ओला किथे , बाई हा +का तोर घर में डाका पड़े हे हौव +ते कोई लुटेरा आगे लुटे बर हा +का तुंहर घर में दुःख परे हे हौव +तेंमे मोला भिक्षा नई देवत अस हा +अइसे कि के राजा भरथरी राहय ते चम्पा दासी ला बोलथे हौव +जाके दासी हा +रानी सामदेवी ल बताथे हौव +रानी हा +वो तो धूनी ले उठबे नई करत ऐ हौव +भिक्षा लेबे नई करत ऐ हा +में कइसे ओला भिक्षा दऽव हौव +तब रानी सामदेवी किथे रागी हा +ले एकबार अउ जाके देख हौव +फेर वो भिक्षा देबर जाथे हा +तब किथे बाबा हौव +ले भिक्षा ले ले हा +फिर वही बात किथे , दासी हा +में तोर हाथ के भिक्षा नई लऽव नई लेवंव +लिहंव त मैं ये घर के हा +जो रानी हे , में ओकर हाथ से भिक्षा लेहूं हौव +– गीत – +बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा वो +अईठ के जावत हाबे ना +बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा या +अईठ के जावत हाबे ना +ये ह योगी नोहय , चंडाल ऐ वो +ये ह योगी नोहय , चंडाल ऐ या +ये ह भिक्षा नई तो लेवत ऐ , येदे लेवत ऐ , भाई येदे जी +येदे भिक्षा नई तो लेवत ऐ , येदे लेवत ऐ , भाई येदे जी",chhattisgarhi-hne +"मउर सउंपे के गीत +पहिरव दाई +पहिरव दाई हो सोन रंग कपड़ा +हो सोन रंग कपड़ा +सौंपव दाई मोर माथे के मउर +मउर सोपत ले +मउर सोपत ले दाई बइहा झन डोलय +दाई बइहा झन डोलय +डोलय दाई मोर माथे के मउर +तोरे वो कोखन में +तोरे वो कोखन में दाई बेटा वो बने हंव +दाई बेटा वो बने हंव +हंसी हंसी दाई मोर सौंपव वो मउर +दस वो अंगुरिया +दस वो अंगुरिया मोर माथे वो मड़इले +दाई माथे वो मड़इले +धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर +धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर +धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर +धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर",chhattisgarhi-hne "आल्हा ऊदल -कौड़ी लागे फुलवारी के मोर कोड़ी दे चुकाय -तब ललकारे डेबा बोलल मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओं -हम तो राजा लोहगाँ के दुनियाँ सिंघ नाम हमार -नेंवता ऐली समदेवा के उन्ह के नेंतवा पुरावन आय -एतनी बोली जब सुन गैले लौंड़ी के भैल अँगार -करे हिनाइ बघ रुदल के -सेरहा चाकर पर मालिक के रुदल रोटी बिरानी खाय -कत बड़ सोखी बघ रुदल के जे सोनवा से करे खाय बियाह -जरल करेजा है बघ रुदल के तरवा से बरे अँगार -लौंड़ी हो के अतर दे अब का सोखी रहा हमार -छड़पल राजा है बघ रुदल लौंड़ी कन पहुँचल जा��� -पकड़ल पहुँचा लौंड़ी के धरती में देल गिराय -अँचरा फाड़े जब लौंड़ी के जिन्ह के बंद तोड़े अनमोल -हुरमत लूटे ओहि लौंड़ी के लौंड़ी रामराम चिचियाय -भागल लौंड़ी हैं सोनवा के फुलवारी से गैल पराय -बठली सोनवा सिब मंदिर में जहवाँ लौंड़ी गैल बनाय -बोले सोनवा लौंड़ी से लौंड़ी के बलि जाओं -केह से मिलल अब तूँ रहलू एतना देरी कैलू बनाय -तब ललकारे लौंड़ी बोलल रानी सोनवा के बलि जाओ -देवर आइल तोर बघ रुदल फुलवारी में जुमल बनाय -जिव ना बाँचल लौंड़ी के सोनवा , जान बचावव हमार",bhojpuri-bho -"434 -रोंदा कासनूं बीर बतालिया1 वे पंज पीरां दा तुध मिलाप मियां -ला जोर ललकार तूं पीर पजे तेरा दूर होवे दुख पाप मियां -जेहड़े पीर दा जोर है तुध ताईं करो उसदा रात दिन जाप मियां -जोर आपना फकर नूं याद आया बाल नाथ मैंडा गुरु बाप मियां -वारस शाह भुखा पया रोवे बैठा दए उन्हां नूं वडा सराप मियां",panjabi-pan -"इय पुकारु रोडूमा रुडू डो आयोम आजे -इय पुकारु रोडूमा रुडू डो आयोम आजे -इय पुकारु रोडूमा रुडू डो आयोम आजे -आजे डो गंगा आयोम सोने की किवाड़ डो खोले -आजे डो गंगा आयोम सोने की किवाड़ डो खोले -सोने की किवाड़ टाला हीरा डो मोती लाल डेगन के -सोने की किवाड़ टाला हीरा डो मोती लाल डेगन के -आजे डो जलमी आयोम सोने की किवाड़ खोले -आजे डो जलमी आयोम सोने की किवाड़ खोले -स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"सरवन पँवारा -कात–बास दोइ अँधा बसइँ -अमर लोक नाराँइन बसे -अँधी कहति अँधते बात -हम तुम चलें राम के पास -कहा राम हरि तेरो लियो -एकुँ न बालक हमकू दियो -बालकु देउ भलो सो जाँनि -मात–पितन की राखै काँनि । -एक माँस के अच्छर तीनि -दुसरे माँस लइउड़े सरीर -तिसरे माँस के सरबन पूत्र -डेहरी लाँघइ फरकइ दुआरु -देखउ बालकु जूकिन कार -जू बालकु अन्धी को होई -जू बालकु सूरा का होइ -लइलेउ अन्धी अपनो लालु -लइलेउ सूरा अपनो लालु् -जू जो जिअइ तउ हउ बड़ भागि -दिन–दिन अन्धी सेवन लागि -दिन–दिन सूरा के भओ उजियार",kanauji-bjj -"508 -हाथि फौज दा वडा शिंगार हुदा अते घोडे शिंगार ने दलां दे नी -अछा पहरना खावना शान शौकत एह सभ बिना ने जरां दे नी -घोड़े खान खटन करामात करदे अखि वेखदया जान बिन परां दे नी -मझां गाई शिंगार ने सथ तले अते नूंहां शिंगार ने घरां दे नी -खैरखाह दे नाल बदखाह1 होना एह कम है कुतयां खरां2 दे नी -मशहूर है रसम जहान अंदर पयार बहुटियां दे नाल वरां दे नी -दिल औरतां लैण पयार कर के ए�� गभरू मिरग ने सरां दे नी -तदों रन्न बदखाह3 नूं अकल आवे जदों लत लगे विच फरां4 दे नी -वारस शाह उह इक ना कसी हुंदे जिन्हां वैर कदीम थीं जड़ां दे नी",panjabi-pan -"शिव शकर चले कैलाश -शिव शंकर चले कैलाश , -बुंदियां पड़न लगीं -कौना ने बो दई हरीहरी मेहंदी -कौना ने बो दई भांग , बुंदियां पड़न लगी । । -गौरा ने बो दई हरीहरी मेहंदी -भोला शंकर ने बो दई भांग । बुंदियां . . . -कौना ने बांटी हरीहरी मेहंदी , -कौना ने बांटी भांग । बुंदियां . . . -गौरा ने बांटी हरीहरी मेहंदी , -शंकर ने बांटी भांग । बुंदियां . . . -कौना रचाई हरीहरी मेहंदी , -कौना ने पी लई भांग । बुंदियां . . . -गौरा के रच गई हरीहरी मेहंदी , -शिवशंकर ने पी लई भांग । बुंदियां . . . -भोला शंकर को चढ़ गई भांग , बुंदियां . . .",bundeli-bns -"मिया नी दाना जोवन जा जगमा -मिया नी दाना जोवन जा जगमा -बारी नी दाना जोवन जा -बारी नी दाना जोवन जा जगमा -कन्या कुवरा डाखे -कन्या कुवरा डाखे जा जगमा -हरदा शहरन बुढकी आरगे -स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq -"313 -वेहड़े जटां दे मंगदा चा वड़या अगे जट बैठा गां मेलदा ए -सिंगी फूक के नाद घुकाया सू जोगी गज के जा विच ठेलदा ए -वेहड़े विच अवधूत जा गजया ए मसत साहन वांगूं डंड पेलदा ए -हू हू करके संघ टडयो सू फीलबान1 जयों हसती नूं पेलदा ए",panjabi-pan -"234 -दिती हीर लिखाइके एह चिठी पीए रांझे दे हथ लै जा देनी -किते बैठ नवेकले सद मुलां सारी खोलके बात सुना देनी -हथ बन्न के मेरयां सजनां नूं रो रो के सलाम दुआ देनी -मर चुकी आं जान है नक उते इकवार प्यारे दीद1 आ देनी -खेड़ा हथ ना लांवदा मंजड़े नूं हथ लाइके गोर विच पा देनी -कख हो रहियां गमां नाल रांझा इक चिनग लजाके ला देनी -मेरा यार है तां मैंथों पहुंच रांझा कन्नीं मिएं दे एतनी पा देनी -मेरी लईं निशानड़ी बाक छल्ला रांझे यार दे हथ फड़ा देनी -वारस शाह मियां उस कमलड़े नूं धुणख2 जुलफ जजीर दी पा देनी",panjabi-pan -"द्रोपदी स्वयंवर -घूमदा घूमदा तब , गैन पाँचाल देश , -दु्रपद राजा की छै , तख एक नौनी , -राजौं की नौनी छै , देखणी दरसनी , -रूप की छलार1 छै , ज्वानी उलार2 । -राजा दु्रपद न , राज्यों भेजीन परवाना -अर्जुन का पास गैन , तब ब्यास जी । -सुणा सुणा पंडऊँ , पांचाल देश मा -छ द्रोपती स्वयंवर । -बामण का भेष मा , छया पाँच पांडव । -पौंछी गैन द्रुपद का राज मा -वै पाँचाल देश मा , आयाँ छया राजा , -राजा कर्ण छयो , जरासंध शीशपाल । -वै दु्रपद गढ़ मा छयो , लोखर3 को खंभा , -तै खंभा का ऐंच , धरीं छई एक माछी -नीस बिटे , एक तेल की चासण4 । -राजा द्रुपद तब , यना बोदो बैन -जो बालो , बेधलो तैं माछी की आँखी -वे कुंवर तैं द्यूलो मैं , दुरपता को डोला5 । -जु छाति का बालुन , कीवाड़ खोललो , -ओ माल6 लिजालो , दुरपता को डोला । -जु थामलो सौ मण को , गोला जोंगो7 मा , -वे कू बिवौण मैन , राजकिंवली अपणी । -तैं तेल की चासण , जो बवोती खेललो , -वे राजा द्यलो मैं , दु्रपता लाडली । -देसदेस का रजा उठीन , शग्ति अजमौण , -कैन मछी की आँखी , बेधी नी सकी । -तब दु्रपद राजान , क्षेत्री हँकारीन , -क्षेत्री हँकर चढ़े , बीर अर्जुन । -भेदी दिने वैन , माछी की आँखी । -तब राणी दुरपती , जैमाला अगास फेंकदे , -जैमाला रींगीक ऐ गए , अर्जुन का गला ।",garhwali-gbm -"369 -हीर आखया जोगीया झूठ आखें कौन रूठड़े यार मनावंदा ए -ऐसा कोई ना डिट्ठा मैं ढूंड़ थकी जेहड़ा गयां नूं मोड़ लिआवंदा ए -साडे चम्म दियां जुतियां करे कोई जेहड़ा जिऊ दा रोग गवावंदा ए -भला दस खां चिरी विछुंनयां नूं कदों रब्ब सचा घरीं लिआवंदा ए -भला मोए ते विछड़े कौन मेले ऐवें जीवड़ा लोक वलावंदा ए -इक बाज तों काउं ने कूंज खोही वेखो चुप है के कुरलावंदा ए -इक जट दे खेत नूं अग लगी वेखां आन के कदों बुझावंदा ए -देवां चूरियां घेउ दे बाल दीवे वारस शाह जे सुनां मैं आवंदा ए",panjabi-pan -"फगुआ के गीत -१ . -धनिधनि ए सिया रउरी भाग , राम वर पायो । -लिखि लिखि चिठिया नारद मुनि भेजे , विश्वामित्र पिठायो । -साजि बरात चले राजा दशरथ , -जनकपुरी चलि आयो , राम वर पायो । -वनविरदा से बांस मंगायो , आनन माड़ो छवायो । -कंचन कलस धरतऽ बेदिअन परऽ , -जहाँ मानिक दीप जराए , राम वर पाए । -भए व्याह देव सब हरषत , सखि सब मंगल गाए , -राजा दशरथ द्रव्य लुटाए , राम वर पाए । -धनि धनि ए सिया रउरी भाग , राम वर पायो । -२ . -बारहमासा -शुभ कातिक सिर विचारी , तजो वनवारी । -जेठ मास तन तप्त अंग भावे नहीं सारी , तजो वनवारी । -बाढ़े विरह अषाढ़ देत अद्रा झंकारी , तजो वनवारी । -सावन सेज भयावन लागतऽ , -पिरतम बिनु बुन्द कटारी , तजो वनवारी । -भादो गगन गंभीर पीर अति हृदय मंझारी , -करि के क्वार करार सौत संग फंसे मुरारी , तजो वनवारी । -कातिव रास रचे मनमोहन , -द्विज पाव में पायल भारी , तजो वनवारी । -अगहन अपित अनेक विकल वृषभानु दुलारी , -पूस लगे तन जाड़ देत कुबजा को गारी । -आवत माघ बसंत जनावत , झूमर चौतार झमारी , तजो वनवारी । -फागुन उड़त गुलाब अर्गला कुमकुम जारी , -नहिं भावत बिनु कंत चैत विरहा जल जारी , -दिन ���ुटकन वैसाख जनावत , ऐसे काम न करहु विहारी , तजो वनवारी ।",bhojpuri-bho -"मन डटदा कोन्या डाटूं सूं रोज भतेरा -मन डटदा कोन्या डाटूं सूं रोज भतेरा -एक मन कहै मैं साइकल तो घुमाया करूं -एक मन कहै मोटर कार मैं चलाया करूं -रै मन डटदा कोन्यां डाटूं सूं रोज भतेरा -एक मन कहै मेरे पांच सात तो छोहरे हों -एक मन कहै सोना चांदी भी भतेरे हों -मन डटदा कोन्यां डाटूं सूं रोज भतेरा",haryanvi-bgc -"म्हारे से डरपत नहीं चूहा -म्हारे से डरपत नहीं चूहा -सेंध चलावै छप्पर में -कैसे पतो पड़ो बणजारिन -चूंटी ना छोड़ो चून -बहिन मेरी कर दियो -छेट चपटिया में -कोठी और कुठिला में -पंसेरी कर दिये मींग -बहिन मेरी जौ की -कर दई बेजरिया -चूहा मारन मैं गई -झट्ट बिलन में जाये -बहिन मेरी मौंछ -हिलावे गिट्टे में",rajasthani-raj -"आठ बुल्दां का रे हालिड़े नीरणा -आठ बुल्दां का रे हालिड़े नीरणा चार हालियां का छाक -बरसण लागी रे हालिड़े बादली -डौले ते डौले हालिड़े मैं फिरी हमने ना पाया थारा खेत -बरसण लागी रे हालिड़े बादली -ऊंचे तै चढ़ के गोरी देख लो गोरे बुल्द के बंध री टाल -बरसण लागी रे हालिड़े बादली -कित सी अब बौवां रै गोरी बाजरा कित सी अक जवार -बरसण लागी रे हालिड़े बादली -थालियां में बोइए हालिड़े बाजरा डहरां में बोइए जवार -बरसण लागी रे हालिड़े बादली -कितना बधा सै हालिड़े बाजरा कितनी बधी सै जवार -बरसण लागी रे हालिड़े बादली -छोटी रै पोरी गोरी बाजरा लाम्बी रै पोरी जवार -बरसण लागी रे हालिड़े बादली",haryanvi-bgc -"433 -मैंनूं रब्ब बाझों नहीं तांघ काई सभ डंडियां1 गमां ने मलियां नी -जिथे सिंह बुकन शूकन नाग काले बघयाड़ घतन नित जलियां2 नी -सारे देस ते मुलक दी सांझ टुटी साडियां किसमतां जंगलीं चलियां नी -चिला3 कट के पढ़ां कलाम डादी भीड़ां वजियां आन अवलियां नी -कीतियां मेहनतां आशकां दुख झागे रातां जांदियां हैन अकलियां नी",panjabi-pan -"दुखः सुखः मन म नी लावणा -दुखः सुखः मन म नी लावणा , -आरे रघुनाथ नी घड़ीया -१ हरिशचँद्र सरीका हो राजवई , -जीन घर तारावंती राणी -अपणा सत् का हो कारणा -भर नीच घर पाणी . . . -दुखः सुखः मन . . . -२ नल भऊ सरीका हो राजवई , -जीन घर दमवंती राणी -अपणा सत् का हो कारणा -मील अन्न नही पाणी . . . -दुखः सुखः मन . . . -३ द्रोपती सरीकी हो महासती , -जीनका पांडव स्वामी -चिर दुःशासन खईचीयाँ -चीर पुरावे मुरारी . . . -दुखः सुखः मन . . . -४ सीता सरीकी हो महा सती , -जिनका रामचंद्र स्वामी -रावण कपटी लई हो गया -सुंद�� बिलखानी . . . -दुखः सुखः मन . . . -५ हनुमान सरीका हो महायोद्धा , -आरे बल मे बल वंता -सीता की सुद हो लावीयाँ -चड़े तेल लंगोटा . . . -दुखः सुखः मन . . .",nimadi-noe -"437 -मीट अखियां रखियां बंदगी ते घते जालयां चिले विच हो रहया -करे आजजी1 विच मराकबे2 दे दिन रात खुदा ते हो रहया -विच याद खुदा दे महव रहिंदा कदे बैठ रहया कदे सो रहया -वारस शाह न फिकर कर मुशकलां दा जो कुझ होवना सी सो कुझ हो रहया",panjabi-pan -"निरमोहिया लाल बड़ी दरदे उठी -निरमोहिया लाल बड़ी दरदे उठी । -सँवरिया लाल बड़ी दरदे उठी ॥ 1 ॥ -मेरे पेटारे में कपड़ा बहुत सइयाँ । -माय बहन को बोला सइयाँ । -निरमोहिया लाल बड़ी दरदे उठी ॥ 2 ॥ -मेरे पेटारे में गहने बहुत सइयाँ । -माय बहन को बोला सइयाँ । -माय बहन को पेन्हा1 सइयाँ । -निरमोहिया लाल बड़ी दरदे उठी ॥ 3 ॥ -मेरे पेटारे में मेवा बहुत खइयाँ । -माय बहन को खिला सइयाँ । -माय बहन को बोला सइयाँ । -निरमोहिया लाल बड़े दरदे उठी ॥ 4 ॥",magahi-mag -"मुझे पानी को जाने दो -मुझे पानी को जाने दो -सास पै मटकी ननद पै करुवा -हमने लिया है गिलास , गिलास -मुझे पानी को जाने दो -फूट गई मटकी तिड़क गया करुआ -मजे उड़ावे गिलास , गिलास -मुझे पानी को जाने दो -सास लिया लड्डू ननद लिया पेड़ा -हम ने लिया है अनार , अनार -मुझे पानी को जाने दो -फूट गया लड्डू बिखर गया पेड़ा -मजे उड़ावे अनार , अनार -मुझे पानी को जाने दो -सास लिया बुड्ढा ननद लिया बालक -हमने लिया हे गंवार , गंवार -मुझे पानी को जाने दो -रूस गया बुड्ढा , भग गया बालक -कहने में चलता गंवार , गंवार -मुझे पानी को जाने दो",haryanvi-bgc -"भोर -बीरन हो रओ भोर , दूदसीं डूबन लगीं तरइयाँ । -बड़ी भुजाई नें बखरी कौ , -टालटकोरा कर लऔ । -माते जू के बड़े कुआ कौ , -मीठौ पानी भर लऔ । -मुरगन नें दई बाँग , डरइयँन बोली श्याम चिरइयाँ । -बीरन हो रऔ भोरदूदसी डूबन लगीं तरइयाँ । -मानकुँवर ने सारन कौ सब , -कूराकरकट भर लऔ । -दूद देत गइयनभैंसन खौं , -दन्नों दर कैं घर दऔ । -सौकारूँ कर लेब गोसली लगीं रमाँउन गइयाँ । -बीरन हो रऔ भोर , दूदसी डूबन लगीं तरइयाँ । -नन्नीं बउ नें दोउ भाँउन कौ , -दई भाँ लऔ सबरौ । -जुनइ रखाउन हरियन सै , -डरुआ खेतन खौं डगरौ , -कहा करइयाँ हौ आँगन में आगइ ऐन उरइयाँ । -बीरन हो रऔ भोर , दूदसी डूबन लगीं तरइयाँ । -बेर बीनवे कड़ गऔ पनुआँ -लैकैं बड़ौ ढिकौला । -चून माँगबे आ गऔ दोरें -बी सादू , हरबोला । -जो कजन्त कउँ झूँठी मानौं , हेरौ खोल किबइयाँ । -बीरन हो रऔ भोर , दूदसी डूबन लगीं ���रइयाँ । -आलस छोड़ किसान , भोर -कर लेय काम जई अपनें । -‘मित्र’ सदा बेइ सुक्ख उइाबै , -दुक्ख न पाबै सपनें । -मोय छोड़ नइँ कोऊ तोखौं भइया कमऊँ जगइयाँ । -बीरन हो रऔ भोर , दूदसी डूबन लगी तरइयाँ ।",bundeli-bns +लै डुबावत बा आल्हा के गंगा में डुबावत बाय +फाँद बछेड़ा पर चढ़ गल गंगा तीर पहुँचल बाय +पड़ल लड़ाई है छोटक से +तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोला उन्ह के खटर खटर तरवार +जै से छेरियन में हुँड्डा पर वैसे पलटन में पड़ल रुदल बबुआन +जिन्ह के टॅगरी धै के बीगे से त . चूरचूर हाये जाय +मस्तक भरे हाथी के जिन्ह के डोंगा चलल बहाय +थापड़ भोर ऊँटन के चारु सुँग चित्त होय जाय +सवा लाख पलटन कर गल छोटक के +जौं तक मारे छोटक के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय +भागल तिलंगा छोटक के राजा इंदरमन के दरबार +कठिन लड़ंका बा कघ रुदल सभ के काट केल मैदान +एत्ता बारता इंदरमन के रुदल के सुनौं हवाल +लैं उतारल बजड़ा से धरती में देल धराय +आखा खोल के रुदल देखे छाती मारे ब के हाथ +लै चढ़ावल पलकी पर दुरगौली में गैल बनाय +एत्तो बारता बा आल्हा के इंदरमन के सुनीं हवाल +बीड़ा पड़ गैल इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठाय +मारु बाजा बजवावे बाजा बोले जुझाम जुझाम +एकी एका दल बटुरे दल बावन नब्बे हजार +बावन मकुना खोलवाइन एकदंता तीन हजार",bhojpuri-bho +"मथवा जे आयल महादेव बड़े बड़े जटा +मथवा1 जे आयल2 महादेव बड़े बड़े जटा । +कँधवा3 जे आयल महादेव बघिनी के छला4 ॥ 1 ॥ +घर से बाहर भेली5 सासु मनाइन6 । +गोहुमन सरप छोड़ल फुफकारी ॥ 2 ॥ +किया7 सासु किया सासु गेल डेराइ । +तोरा लेखे8 अहे सासु गेहुमन साँप । +मोरा लेखे अहे सासु गजमोती हार ॥ 3 ॥ +कथिकेरा9 दियवा , कथिकेरा बाती । +कथिकेरा तेलवा , जरेला10 सारी राती11 ॥ 4 ॥ +जरु12 दीप जरु दीप चारो पहर राती । +जब लगि दुलहा दुलहिन खेले जुआसारी13 ॥ 5 ॥ +जर गेल दियवा सपुरन14 भेल बाती । +खेलहुँ न पयलऽ15 दुलरुआ16 चारो पहर राती ॥ 6 ॥ +तोरहिं जँघिया17 हो परभु , निंदो18 न आवे । +बाबा के जँघिया हो परभु , निंद भल आवे ॥ 7 ॥ +बाबा के जँघिया हे सुघइ19 दिन दुइचार । +मोरा जँघिया हो सुघइ , जनम सनेह20 ॥ 8 ॥",magahi-mag +"सोने के पालकी छतर ओढ़इले +सोने के पालकी छतर ओढ़इले । +ताहि चढ़ि बहुआ आयो , सुलच्छन आयो ॥ 1 ॥ +धनधन भाग तोरा कवन साही । +बेटा पुतोह घर आयो , बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 2 ॥ +काँचहिं1 बाँस के डाला2 बिनवलों3 । +बहुआ के पावों ढरायो4 बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 3 ॥ +धन धन भाग तोरा कवन साही । +बेटा पुतोह घर आयो , बहुआ सुलच्छन आयो �� 4 ॥ +कोरे5 नदियवा6 में दहिया जमवलों । +बहुआ के सिर धरायो , बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 5 ॥ +धनधन भाग तोरा , कवन साही । +बेटापुतोह घर आयो , बहुआ सुलच्छन आयो ॥ 6 ॥",magahi-mag +"म्हारी गुदली हथेली मं छालो पड़ गयो +गौरी की नर्म हथेली पर छाले पड़ गए हैं , वह काम नहीं कर सकती . . . पर उसे जयपुरिया लहरिया दुपट्टा व मधुपुरिया घाघरा तो चाहिए . . . +म्हारी गुदली हथेली मं छालो पड़ गयो +मधुआ म्हारो जी +मैं पलो नहीं काटूँ सा +घास नहीं खूदे से महं सूँ +परले नहीं कटे से +म्हारी भोली सूरत +काली पड़ गी +मधुआ म्हारो जी +रखड़ी भी ले लो थे +थारी बेगडी भी ले लो +म्हाने जेपुरिया लहरयो मंगवादो +मधुआ म्हारो जी +जुटड़ा भी ले लेलो जी +थारा बिछुआ भी ले लो +म्हाने मधुआपुर सूं घाघरा मंगवादो +मधुआ म्हारो जी",rajasthani-raj +"मिया मुठी बाबा चावली +मिया मुठी बाबा चावली +धारना सुभान डोये जा +कोन डोय जा +फूल कन मखान जामे बेटा +मिया मोखा बाबा चावली +धारना सुभान +रोपाय किमिन रोपाय +स्रोत व्यक्ति डेमाय बाई , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"तेरो मन पापी तन नौंनों +तेरो मन पापी तन नौंनों , +एक भाँत ना दौनों । +मन , माटी के मोल , कदर कम । +तन कीमत में सोनों । +मन से रात अदेखसबई कोऊ । +तनकौ मचौ दिखौनों । +ऐसे नौने सुन्दर तन में , +मन दऔं , बिध अनहौनौं । +ईसुर नमक अकेले बिन सब । +बिनजन लगत अरौनों ।",bundeli-bns +"404 +चीना खैर देना बुरा जोगियां नूं मछी भाबड़े1 नूं मास बाहमणा नी +कैंफ2 भगत काजी तेल खंघ वाले वढ सुटना लौंग पलामणा3 नी +जहर जीऊंदे नूं अन सन वाले पानी हलकयां नूं धरन साहमणा नी +वारस शाह जिउं संखिया जूहियां नूं संख मुलां नूंराग जयों बाहमणा नी",panjabi-pan +"को जी होलो औंणू? +‘घुगतिबसूती’ घूरी घुगति डालि म , +उज्यालि मयलि घूरी घुगती डालि म +रीटिफीरि आई ऋतु , +धड़म बाजी लाठी । +फूलु की फूल्यालि आई , +गिंवड् यूँ की बाटी ॥ घुगति बसूती . +डाँडी हैरि डालि मौलि , +रंगमती बँसूला । +धरती क कंठ आज , +फूलु की हंसुली ॥ घुगति बसूती . +पंथ्या धौलू1 फ्योंलि2 , आरु +लय्या3 फूशे बुरांस4 । +घुंगटंयालि ठुमकदी आई , +झपन्यालों , हिलाँस ॥ घुगति बसूती . +पैत्वल्यों पराजआज , +कंठ की बडुली । +आज को जी होलु औंणू ? +डुलदी च लटुली ॥ घुगति बसूती .",garhwali-gbm +"आल्हा ऊदल +घैचल तेगा राजा इंदरमन सोनवा पर देल चलाय +जौं तक मारल इंदरमन के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय +लोधिन गिरे इंदरमन के सोनवा जीव जे गैल पराय +तब ललकारे रुदल बोलल भैया सुनीं हमार एक बात +पलटन चल गैल बघ रुदल के गंगा तीर पहुँचल बाय +डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा तीर पहुँचल बाय +डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा करे असनान +चलल जे पलटन फिर ओजनी से नेना गढ़ पहुँचल बाय +हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू समदेवा के बलि जाओं +कर दव बिअहवा सोनवा के काहे बड़ैबव राड़ +एतनी बोली समदेवा सुन के राजा बड़ मंगन होय जाय +तूँ सोनवा के कर जव बिअहवा काहे बैढ़बव राड़ +एतनी बोली रुदल सुन के बड़ मंगन होय जाय +सुनीं बारता समदेवा के +काँचे महुअवा कटवावे छवे हरिअरी बाँस +तेगा के माँड़ो छ्ँवौले बा +नौ सै पण्डित के बोलावाल मँड़वा में देल बैठाय +सोना के कलसा बैठौले बा मँड़वा में +पीठ काठ के पीढ़ा बनावे मँडवा के बीच मझार +जाँघ काट के हरिस बनावे मँड़वा के बीच मझार +मूँड़ी काट के दिया बरावे मँड़वा के बीच मझार",bhojpuri-bho +"295 +गली जायके किवें लिआओ उसनूं रत्न पुछीए केहड़े थाउं दा नी +खेह लायके देस विच फिरे भौंदा अते भिच्छया मंगके खांवदा नी +वेखां केहड़े देस दा चैधरी ए अते जात दा कौन सदांवदा सी +वेखां खबरे रोहीओं माझयों बेट वलों रावी बयास दा अते झनांव दा नी +फिरे त्रिंजणां विच खुआर हुंदा विच वेहड़यां फेरियां पांवदा नी +वारस शाह मुड़ टोह एह कासदा नी कोई एसदा भेत ना पांवदा नी",panjabi-pan +"जा साजन या तेरी जवानी +जा साजन या तेरी जवानी +पूंजी मां धरती की +रही भुजा फड़क मेरी बी +तन्नै बिदा करती की",haryanvi-bgc +"तेरा दादा रै बरजै बन्दड़े सांझै चढ़िये +तेरा दादा रै बरजै बन्दड़े सांझै चढ़िये +धूप पडै धरती तपै +उस बन्दड़ी के चा मैं मिरगां नैणी के चा मैं +धूप गिणै ना सर्दी गिणै +तेरा ताऊ रै बरजै बन्दड़े सांझै चढिये +धूप पड़ै धरती तपै +उस बन्दड़ी के चा मैं मिरगां नैणी के चा मैं +धूप गिणै ना सर्दी गिणै +तेरा बाब्बू रै बरजै बन्दड़े सांझै चढिये +धूप गिणै ना सर्दी गिणै +तेरा काका रै बरजै बन्दड़ै सांझै चढिये +धूप पड़ै धरती तपै +उस बन्दड़ी के चा मैं मिरगां नैणी के चा मैं +धूप गिणै ना सर्दी गिणै",haryanvi-bgc +"307 +चल जोगीया असीं विखा लयाईए जिथे त्रिंजणी छोहरियां गांदियां ने +लै के जोगी नूं आन विखाइयो ने इके वहुटियां छोप1 पांदियां ने +इक नचदियां मसत मलंग बनके इक सांग झुहेटी दा लांदियां ने +रंग दी हेम महीन करके वारस शाह नूं गीत सुनांदियां ने",panjabi-pan +"411 +बोली हीर मियां पा खाक1 तेरी पिछे टुटियां असीं परदेसनां हां +पयारे विछड़े चोप2 ना रही काई लोकां वांग ना मिठियां मेसना�� हां +असीं जोगीया पैरां दी खाक तेरी नहीं झूठियां ते मल खेसनां हां +नाल फकर दे करां बराबरी कयों असींजटियां हां कि कुरेसनां3 हां",panjabi-pan +"बारात के रास्ते का गीत +आंबा नी नांबी डाले , डाले झोला खाय । +भाइ नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । +भोजाई नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । +बहिण नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । +बणवि नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । +काका नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । +काकी नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । +फुवा नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । +फुइ नी नांबी जोड़ी , जोड़ी झोला खाय । +आम की लम्बी टहनी हैं , टहनी झोले खा रही हैं । भाइयों की लम्बी जोड़ी हैं अर्थात् बहुत भाई हैं , भाइयों की जोड़ी झोले खा रही हैं । इसी प्रकार भौजाई , बहनबहनोई , काकाकाकी , फूफाबुआ का नाम लेते हुए गीत चलता है ।",bhili-bhb +"हमने बुलाये सुथरे सुथरे भूंडे भूंडे आये री +हमने बुलाये सुथरे सुथरे भूंडे भूंडे आये री +हमने बुलाये लम्बे लम्बे मोटे नाटे आये री +हमने बुलाये बड़े घरो के ओछे ओछे आये री +हमने बुलाये गोरे गोरे काले काले आये री +हमने बुलाये हाथी के हौदे गधे चढ़ के आये री +छाज का है चंवर डुलाया झाडू का है सेहरा री",haryanvi-bgc +"भोर भेल बेटी उठल अम्माँ आगे खड़ा भेल हे +भोर भेल1 बेटी उठल अम्माँ आगे खड़ा भेल हे । +कउन पुर्बीला2 अम्माँ चूक भेल , सामी3 पइली4 मूरख हे ॥ 1 ॥ +किया बाबू , दान दहेज जौतुक5 कुछ कम भेल हे । +किया बाबू , धिया हे कुमानुख6 मुखहुँ न बोली बोले हे । +काहे मन थोड़7 भेल हे ॥ 2 ॥ +न सासु , दान दहेज जौतुक कुछ कम भेल हे । +न सासु , धिया हे कुमानुख , मुखहुँ न बोली बोले हे ॥ 3 ॥ +अस्सी कोस से अयली रहिये8 फेदायल9 हे । हे । +आजु हम धानि के संबोधब10 धानि के मनायब हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"485 +तेरियां गल्हां ते दंदां दे दाग दिसन अज सोधियां ठाकरां चेलियां नी +अज नहीं अयालियां खबर लधी बबिआड़ ने पीड़ियां छेलियां नी +अज खेड़यां दे नाल मसतियां दे हथनियां हाथियां ते चा पेलियां नी +छुटा झांजड़ा बाग दे सुफे1 विचों लाह कूड़िया सभ जा मेलिया2 नी +थक टुट के घर कदी आ पईए लगियां मुठीयां भरन सहेलियां नी",panjabi-pan +"सामण आयो रंगलो कोई +सामण आयो रंगलो कोई आई रे हरियाली तीज +सास म्हारी प्यारी , गजब कीमारी , +मोकै तौ खंडा दै पीहर को , म्हारी लाड सासुला , प्यारी +नईं आया थारा नाईं बामण , न माँजाया वीर , +राजा की रानी , जहार की रानी , +तो कै आड़ै ई घड़ा देँ पालणो , +म्हारी लाड बहुरिया प्यारी +बिगर बुलाय धन जाएगी , घट जाएगो आदरभाव , +राजा की रानी , जहार की रानी , +तू आड़ै ई सामण मान , मेरी लाड बहुरिया प्यारी +ऊँचै तै चढ़कै देख रइ , तोकै दिवर कहूँ कै जेठ ? +सुघड़ खाती कै , बगड़ खाती कै , +चन्नण को घड़ लियो पालनो , जामें झूले सरिहल रानी । +अजी आठ खुराड़ा नौ जना , कोई दगदग जाएँ बन को +राजा की रानी , जहार की रानी , +ऊँची पाल तलायो की , जिते खड़रिया चन्नण को पेड़ । +खाती आता देख कें कोई रोया छाती पाड़ +बिरछ को पौदा , चन्नण को पौदा +डालडाल म्हारी काट लै , रै मत काटे जड़ से पेड़ । +पहलो खुराड़ो मारियो , कोई निकसी दूध की धार । +राजा की रानी , जहार की रानी , +एकासे दूजो दियो , जासे निकसी खूना धार । +हरीहरी चुरियाँ , गोरीगोरी बहियाँ , कुन पै कियो सिंगार । +राजा की रानी , जहार की रानी , +थारो राजधन मर गयी , रै धरती माँ गयो समाय +भावार्थ +' रंग भरा सावन आ गया है , हरियाली तीज आ रही है , ओ मेरी प्यारी सास ओ गजब की मारी सास +मुझे मायके भेज दो , ओ मेरी प्यारी लाडली सास ' +' न कोई नाई या न कोई ब्राह्मण तुझे लेने के लिए आया है , न तेरा सगा माँजाया भाई ही आया है , ओ +राजा की रानी ओ जहार की रानी मैं तेरे लिए यहीं पालना बनवा देती हूँ , ओ मेरी लाडली प्यारी बहू । +बिना बुलाए जाने से तेरा आदरभाव घट जाएगा , ओ राजा की रानी ओ जहार की रानी तू इसे ही सावन के +उपहार मान , ओ मेरी प्यारी , लाडली बहू +' मैं ऊँची अटारी पर चढ़कर देख रही हूँ , तुझे देवर कहूँ या जेठ । ओ बढ़ई के सुघड़ बेटे , ओ बढ़ई के बड़े +बेटे जाओ , और जाकर चन्दन का एक पालना बना लाओ , जिसमें सरिहल रानी झूला झूलेगी । +अजी देखो न , आठ कुल्हाड़े लेकर नौ आदमी बड़ी तेज़ी से जंगल की ओर जा रहे हैं , ओ राजा की रानी ओ +जहार की रानी तालाब के ऊँचे तट पर चन्दन का वह पेड़ खड़ा है । जब उसने बढ़ई को अपनी ओर आते देखा +तो वह छाती फाड़ कर रोने लगा । वह पौधे जैसा पेड़ , वह चन्दन का नन्हा पेड़ । +' मेरी एकएक डाल काट लो पर मुझे जड़ से मत काटो । ' +' जब कुल्हाड़े का पहला वार उस पर हुआ तो दूध की एक धार निकली , ओ राजा की रानी ओ जहार की +रानी जब उस पर कुल्हाड़े के दूसरा वार पड़ा तो रक्त की धारा निकलने लगी । ये गोरीगोरी बाहों में हरीहरी +चूड़ियाँ क्यों पहनी है तूने , क्यों यह सिंगार किया है तूने , ओ राजा की रानी ओ जहार की रानी तेरा राजधन +तो मर गया , री धरती में समा गया वो । '",haryanvi-bgc +"के रे लेल उबटन, के रे लेल तेल +के1 रे लेल उबटन , के रे ��ेल तेल । +के रे लेल थारी2 भरी हरदी3 कस्तूर4 ॥ 1 ॥ +सेते5 आवऽ6 येते आवऽ , बइठऽ , दुलरइता । +लगतो7 अहो दुलहा , हरदी कस्तूर ॥ 2 ॥",magahi-mag +"गंगड़ा देशो निलिया जुंदुरा रुड़म रु डू जाती ये डो बेनी रानी +गंगड़ा देशो निलिया जुंदुरा रुड़म रु डू जाती ये डो बेनी रानी +गंगड़ा देशो निलिया जुंदुरा रुड़म रु डू जाती ये डो बेनी रानी +गंगड़ा देशो निलिया जंुदुरा रुड़म रु डू जाती ये +गंगड़ा देशो निलिया जंुदुरा रुड़म रु डू जाती ये +गंगड़ा देशो निलिया जडू रे +गंगड़ा देशो निलिया जडू रे +लिपि लिपि टे लाडे संगर माये कंकर माडीवा डो बेनी रानी +लिपि लिपि टे लाडे संगर माये कंकर माडीवा डो बेनी रानी +लिपि लिपि टे लाडे संगर माये कंकर माडीवा +लिपि लिपि टे लाडे संगर माये कंकर माडीवा +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"घड़ा ए घड़े पै दोघड़ चन्दो पाणी नै जाये जी +घड़ा ए घड़े पै दोघड़ चन्दो पाणी नै जाये जी +आगे फोज मुगल पठान की चन्दो पकड़ी जाये जी +उड़दी जान्दी चिड़िया एक सन्देसा ले जाये जी +बाप मेरे नै नूं कहो थारी धी पकड़ी जाये जी +घुड़ला ले ल्यो डेढ़ सौ ऊंट ले ल्यो लख चार जी +बेटी छोड़ो चन्दरावली बाई राजकंवार जी +हम ना छोड़े चन्दरावली रानी बनै राजकंवार जी +घर जा बाबल आपणे राखूं तेरी मैं लाज जी +मुगल ने पीठ फिराई ओ तम्बू में ला दई आग जी +तम्बू जल गया जल गयी चन्दरावली राजकंवार जी +तारा पीहर अर सासरा तरी चन्दरावली राजकंवार जी",haryanvi-bgc +"197 +काज़ी सदया पढ़न नकाह नूं जी हीर वेहर बैठी नहीं बोलदी ए +मैं तां मग रंझेटे दी हो चुकी मां कुफर दे गैब कयों लोलदी ए +निज़ाह1 वकत शैतान जे दे पानी पई जान गरीब दी डोलदी ए +असां मंग दरगाह थीं लया रांझा सिदक सच जबान पहे बोलदी ए +असंा जान रंझेटे दे पेश कीतो लख खेड़यां नूं चा घोलदी ए +मखन नजर रंझेटे दी असां कीती सुंजी मां कयों छाह नूं रोलदी ए +अंने मेउ2 वांगू वारस शाह मियां पई मूत विच मछियां टोलदी ए",panjabi-pan +"बम भोला चले कैलास बुंदियाँ परं लगी +बम भोला चले कैलास बुंदियाँ परन लगीं +शिवशंकर चले कैलास बुंदियाँ परन लगीं +गौरा ने बोइ दई हरी हरी मेंहदी +बम भोला ने बोइ दई भाँग +बुंदियाँ परन लगीं +गौरा ने पीसि लई हरी हरी मेंहदी +शिवशंकर ने घोटि लई भाँग +बुंदियाँ परन लगीं +गौरा की रचि गई हरी हरी मेंहदी +बम भोला कों चढ़ि गई भाँग +बुंदियाँ परन लगीं",kanauji-bjj +"फाग गीत +ढोल रो धमेड़ो में तो रोटा करती हुणियो रे ॥ +घुघरिया ��ो रणको में तो मोलो हुणियो रे , महिनो फागण रो । +हाँ रे महिनो फागण रो , फागण रो महिनो एलो जाये रे , +महिनो फागण रो ॥ +फाग की रसिक महिला कहती है कि ढोल की आवाज तो मैंने रोटी बनाते हुए सुनी , किन्तु नाचने वालों के पैरों के घुँघरुओ की आवाज बहुत ही कम सुनाई दी जिससे सुनने में मजा नहीं आया । फाल्गुन का महीना यों ही बीत रहा है अर्थात फाग का आनन्द नहीं आ रहा है । नाचने वालांे के पैरों के घुँघरुओं की आवाज सुनाई नहीं देती है ।",bhili-bhb +"देवी गीत-देबी दयाल भईं अंगन मोरे +देबी दयाल भईं अंगन मोरे होय निसरी +मईया के अँखियाँ आमे कै फकियाँ +भौहें कमान तनी अंगन मोरे होय निसरी +मईया कै दतवा अनारे कै दाना +जिभिया कमल की कलि अंगन मोरे होय निसरी +मईया कै गलवा में मुंडों की माला +हथवा कमल की कलि अंगन मोरे होय निसरी +मैया के हथवा में लौंगा कै डरिया +मोरे बेदिया पै धै निसरी अंगन मोरे होय निसरी",awadhi-awa +"म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी +वररा दादाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +वररा काकाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +गुँथी लावो म्हारी मालण स्याम सेवरो ओर +भली चंपे की कलियाँ गुंजामें गुंजो लाल जमेरी +ओरज मीठी दाखड़ली सेजा में मीठा गरी गीडोला । +वररा वीराजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +वररा मामाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +गुँथी लावो म्हारी मालण स्याम सेवरो ओर भली +भली चंपे की कलियाँ गुंजा में गुंजो लाल जमेरी +ओरज मीठी दाखड़ली सेजा में मीठा गरी गींडोला । +वररा फूफा वररा जीजाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +वररा मासाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +इसी तरह परिवार के विभिन्न रिश्तेदारों के नाम जोड़तेजोड़ते गीत लम्बा होता चला जाता है ।",malvi-mup +"चनन काटिए काटि, पिढ़वा बनयबइ सिवसंकर हे +चनन काटिए काटि , पिढ़वा1 बनयबइ सिवसंकर हे । +से पिढ़वा रामजी बइठयबइ , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 1 ॥ +सोना के पइलवा2 में सेनुरा धरबहइ सिवसंकर हे । +सीता के मँगिवा भरयबइ , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 2 ॥ +सोना के परियवा3 में अछत धरबवइ सिवसंकर हे । +सेहु अछत रामजी चुमयबइ , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 3 ॥ +घुमावे चखली में सासु मनाइन4 सिवसंकर हे । +चुमिचुमि देल असीस , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 4 ॥ +जुगजुग जियजिन रामचंदर सिवसंकर हे । +होइहो अजोधेया के राजा , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"सिउजी जे चललन पुरबी बनीजिआ +सिउजी जे चललन पुरबी1 बनीजिआ2 गउरा देइ भेलन3 संघ साथ हे । +फिरु फिरु4 गउरा हे , हमरी बचनियाँ , मरि जइबऽ भुखवे पियास हे ॥ 1 ॥ +भुखवे पियसवे सिउजी तोर पर5 तेजम6 भँगवा धतुरवा के लगि जइहें निसवा7 हे । +गउरा सुन्नर रस बेनियाँ डोलइहें हे ॥ 2 ॥ +सिउजी के भींजले8 जमवा से जोड़वा9 गउरा पर एक बुनियो10 न परे हे । +सासु लिपलका11 सिउजी धँगहूँ12 न पवली , ननदिया जी के एको उतरबो13 न देली हे । +ओहे गुने14 ना एको बुनियो न परे हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"तीजां बड़ा त्योहार सखी हे सब बदल रही बाना +तीजां बड़ा त्योहार सखी हे सब बदल रही बाना +हे निकली बिचली गाल़ जेठानी मार दिया ताना +हे जिनका पति बसें परदेस ऐसे जीने से मर जाना +हे बांदी ल्यावो कलम दवात पति पै गेरूं परवाना +लिखी सब को राम राम गोरी के घर पै आ जाना +चाहे लगियो डेढ़ हज़ार तने अपना नाम कटवाना",haryanvi-bgc +"उठ ले रे ऊठ ले रोसन बांन बठावांगे +उठ ले रे ऊठ ले रोसन बांन बठावांगे +बटणे की खसबोई तेल चढावांगे +ऊठ ले रूप मोड़ बंधाले नै +रोसन छोरी गैल ब्याह करवाले नै +फेरे होलिये , विदा होली , बैठली डोले मैं +घर का सुणा दे हाल रोसन छोरी नैं +अस्सी बीघै धरती तेरे ब्याह मैं गैणा धरदी +ऊठ ले रे ऊठ ले रोसन बांन बठावांगे +बटने की खसबोई तेल चढावांगे",haryanvi-bgc +"गोर गोर गोमती , गणगौर गीत +गणगौर राजस्थान का एक त्यौहार है जो चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की तीज को आता है इस दिन कुवांरी लड़कियां एवं विवाहित महिलायें शिवजी इसर जी और पार्वती जी गौरी की पूजा करती हैं पूजा करते हुए दूब से पानी के छांटे देते हुए गोर गोर गोमती गीत गाती हैं +गोर गोर गोमती , इसर पूजे पार्वती +म्हे पूजा आला गिला , गोर का सोना का टिका +म्हारे है कंकू का टिका +टिका दे टमका दे , राजा रानी बरत करे +करता करता आस आयो , मास आयो +छटो छ : मास आयो , खेरो खंडो लाडू लायो +लाडू ले बीरा ने दियो , बीरा ले भावज ने दियो +भावज ले गटकायगी , चुन्दडी ओढायगी +चुन्दडी म्हारी हरी भरी , शेर सोन्या जड़ी +शेर मोतिया जड़ी , ओल झोल गेहूं सात +गोर बसे फुला के पास , म्हे बसा बाणया क पास +कीड़ी कीड़ी लो , कीड़ी थारी जात है +जात है गुजरात है , गुजरात का बाणया खाटा खूटी ताणया +गिण मिण सोला , सात कचोला इसर गोरा +गेहूं ग्यारा , म्हारो भाई ऐमल्यो खेमल्यो , लाडू ल्यो , पेडा ल्यो +जोड़ जवार ल्यो , हरी हरी दुब ल्यो , गोर माता पूज ल्यो",rajasthani-raj +"साडी डरमें बूट कावडेय टारेमा डोरानी +साडी डरमें बूट कावडेय टारेमा डोरानी +इयानी साडी डरमें बूट कावडे़य टारे +अमानी मेडने डा गामा डो रानी +साडी डरमें बूट कावडे़य टारे +आमानी साडी डरमे बूट कावडे़य डो डूजा इयां जा राजा +इयानी मेडने नी डामा जा बाने +काली गायी किसम जा राजा +राजा जा इयानी दगा बाने +भागवान इयानी जा राजा +राजा जा इयानी ने मेडने दगा जा बाने . . . 2 +स्रोत व्यक्ति अनिता , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"डोहा गीत +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा तागल्या रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा तागल्या रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +तागल्या पेहरिन बड़ी मोज रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा तागल्या रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +हार पेहरिन बड़ि मोज रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा बाष्ट्या रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा बाष्ट्या रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +बाष्ट्या पेहरिन बड़ी मोज रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा कड़ुल्या रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा कड़ुल्या रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +कड़ुल्या पेहरिन बड़ि मोज रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दीपावली के अवसर पर गाया जाने वाला गीत है । +मेरा डोहा खेलने वाला है । मेरे दोदो जोड़ी तागल्या हैं । तागल्या पहनकर बड़ी +मौज है । दोदो जोड़ी मेरे हार हैं । हार पहनकर बड़ी मौज है । दोदो जोड़ी मेरे +बावंठ्या हैं । बावंठ्या पहनकर बड़ी मौज है । दोदो जोड़ी मेरे कुड़ल्या हैं । कड़ुल्या +पहनकर बड़ी मौज है ।",bhili-bhb +"कचनार बैठी लाडो पान चाब +कचनार बैठी लाडो पान चाब +करै बाबा जी से बिनती +बाबा देस जइयो परदेस जइयो +हमारी जोड़ी का वर ढूंढियो +इक रैन रहियो उन का गोत पूछियो +तब मेरा वरण मिलाइयो +उकका बंस देखो रीति देखो +उनके संस्कार पता लगाइयो +जो हो वर गुनवान सुन्दर +तब ही जोड़ी मिलाइयो +बाबा बोले सुन लाडली +मत कर मन तू अनमना +हंस खेल री मेरी सर्वसुन्दर +ढूंढ़ा है फूल गुलाब का",haryanvi-bgc +"544 +कुड़ियां आखया जा के हीर ताईं अनी वहुटीए अज वधाईए नी +मिली आबेहयात पिआसयां नूं हुण जोगियां दे हथ हाईए नी +तैनू दोजख दी आंच है दूर होई रब्ब विच बहिश्त दे पाईए नी +पूरे रब्ब ने मेल की तारीए नी मोती लाल दे नाल पुराईए नी +वारस शाह कहु हीर दी सस तांई अज रब्ब ने चैड़ कराईए नी",panjabi-pan +"जा तेहां ससुरार जाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +झन रो मोर दुलौरिन बेटी +बेटी वोओओ बेटी बेटीइ +झन रो मोर दुलौरिन बेटी +सुन्दर खाबे कमाबे वो +सुन्दर खाबे कमाबे वो +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +आ आ +आ आ +लइका पन में झूलना झूला के कोरा मा तोला खेलाएव +लइका पन में झूलना झूला के कोरा में तोला खेलाएव +फूल बरोबर जतन करेवं हाथ धर के गली मा रेंगाएव +फूल बरोबर जतन करेवं हाथ धर के गली मा रेंगाएव +आज ले वो मोर कोरा टूट गे सिसकी +बेटी वोओहो सिसकी बेटी बेटीइ सिसकी +आज ले वो मोर सिसकी कोरा टूट गे +आज ले वो मोर कोरा टूट गे +इंहा के सुध झन लमाबे वो +इंहा के सुध झन लमाबे सिसकी +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +आ आ +आ सिसकी आ +छुटत हे गाँव गली अमरईया , छुटत हे जम्मो जउरिहा +छुटत हे गाँव गली अमरईया , छुटत हे जम्मो जउरिहा +छुटत हे तोर इंहा के लागमानी , छुटत हे तोर छोटे भईया सिसकी +छुटत हे तोर इंहा के लागमानी , छुटत हे तोर छोटे भईया +करम ठठा के रोवय ददा दाई +बेटी वोओहो सिसकी बेटी वो सिसकी +करम ठठा के सिसकी रोवय ददा दाई +मइके के लाज बचाबे वो +मइके के लाज बचाबेसिसकी +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +ए झन रो मोर दुलौरिन बेटी सिसकी +बेटी वोओ सिसकी बेटी वो सिसकी +झन रो मोर दुलौरिन बेटी +झन रो मोर दुलौरिन बेटी +सुन्दर खाबे कमाबे वो +सुन्दर खाबे कमाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +आ आ +सिसकी आ सिसकी आ +सिसकी सनसों तें थोरको झन करबे आही बेटी तीजा पोरा +सनसों तें +सनसों तें थोरको झन करबे बेटी बेटी सिसकी झन रो +सनसों तें थोरको झन करबे आही बेटी तीजा पोरा +सनसों तें थोरको झन करबे आही बेटी तीजा पोरा +मोर गरीबीन तोर बर मैं हा करके रखे रइहव जोरा +मोर गरीबीन तोर बर मैं हा करके रखे रइहव जोरा +सती अनसुईया सावित्री सही वो +बेटी वोओहो बेटी वो +सती अनसुईया सावित्री सही वो +कुल के लाज बचाबे वो +कुल के लाज बचाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +ए झन रो मोर दुलौरिन हीराआ सिसकी +हीरा वोओ सिसकी बेटी वो सिसकी +झन रो मोर सिसकी दुलौरिन बेटी +झन रो सिसकी मोर दुलौरिन बेटी सिसकी +सुन्दर खाबे कमाबे वो +सुन्दर खाबे कमाबे +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +जा बेटी जा सिसकी +करले सिंगार , मोर गर के हार , जा तेहां ससुरार जाबे +जा तेहां ससुरार जाबे जाबे सिसकी +जा तेहां ससुरार जाबे +जा तेहां ससुरार जाबे जाबे सिसकी +जा तेहां ससुरार जाबे",chhattisgarhi-hne +"दस गल रुपीया ढामा मखान सुईनी केन ईखी गल रुपीया +दस गल रुपीया ढामा मखान सुईनी केन ईखी गल रुपीया +ढामा मखान सुईनी केन ईखी +ऊरानी जोजलोम मखान रे बलेमा जल्डी सेने जा +गल रुपया ढामा मखान सुईनी केन ईखी गल रुपया ढामा +मखान सुईनी केन ईखी +चेचेरेज नी नाड़ी मखान रे बालेमा जल्डी सेने जा +गल रुपीया ढामा मखान धोबन केन ईखी +गुदड़ी नी टाटम मखान रे बालेमा चट्टो सेने जा +मोनुवा नोटो मखान नायन केन ईखी +नेरुखो नी चेरेज मखान रे बलेमा चट्टो सेने जा +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"सुण कमला गोरी भाण हे बेबे +सुण कमला गोरी भाण हे बेबे +बिगड़ी भारत चाल हे बेबे +सरम जगत में ना रही +दो दो छोटी घाल के ए बेबे +गल मैं डुपट्टा घाल के ए बेबे +चलैं गालां के मांह् ए बेबे +सरम जगत में ना रही +ढाई गज की सिलवार हे बेबे +गल पंतरी का सिगार हे बेबे +सरम जगत में ना रही +आंख्यां मैं स्याही घाल के हे बेबे +मात्थे पै बिन्दी लाय के हे बेबे +सरम जगत में ना रही +आंख्यां मैं स्याही घाल के हे बेबे +पड़ै बहुआं ते बाद हे बेबे +सरम जगत में ना रही +ताऊ अर चाचे देखते हे बेबे +देखैं भाई अर बाप हे बेबे +चालैं छाती काढ के हे बेबे +सरम जगत में ना रही +छोड़ो इस पहरान ने हे बेबे +ले ल्यो पुराणी चाल हे बेबे +दामन चूंदड़ी का पहरान हे बेबे +हो जा भारत में नाम हे बेबे +सरम जगत में ना रही",haryanvi-bgc +"खातिर कर लै नई गुजरिया +खातिर कर लै नई गुजरिया , रसिया ठाड़ौ तेरे द्वार ॥ टेक +ये रसिया तेरे नित न आवै , +प्रेम होय जब दर्शन पावै , +अधरामृत कौ भोग लगावै । +कर मेहमानी अब मत चूकै , समय न बारम्बार ॥ 1 ॥ +हिरदे कौं चौका कर हेली , +नेह कौ चन्दन चरचि नवेली , +दीक्षा लै बनि जइयो चेली । +पुतरिन पलंग बिछाय पलक की करलै बन्द किबार ॥ 2 ॥ +जो कछु रसिया कहै सौ करियो , +सासससुर को डर मत करियो , +सोलह कर बत्तीस पहरियो । +दै दै दान सूम की सम्पति , जीवन है दिन चार ॥ 3 ॥ +सबसे तोड़ ने��� की डोरी , +जमुना पार उतर चल गोरी , +निधरक खेलौ करियो होरी । +श्याम रंग चढ़ि जाय जा दिना है जाय बेड़ा पार ॥ 4 ॥",braj-bra +"नाँय माने मेरौ मनुआं +मैं तो गोवर्धन कू जाउँ मेरी बीर नाँय माने मेरौ मनुआ ॥ +नाय मानैं मेरौ मनुआं , अरी वीर नाँय मानें मनुआं ॥ मैं तौ . +नाँय चहिएँ मोय पार परौसिन , नाँय चहिएँ . . . +इकलीदुकली धाऊँ मेरी बीर ॥ नाय मानें . +सात सेर की करूँ कढइया , सात सेर की . . . +अरी मैं तो पूरीपुआ बनाऊँ मेरी वीर +नाँय मानें मेरौ मनुआं । मैं तौ . +टोसा बाँध बगल में राखूँ , टोसा बाँध . . . +अरी मैं तो मन आवे वहाँ खाऊँ मेरी वीर , +नाँय माने मेरौ मनुआं । मैं तौ . +सात कोस की दउँ परिक्रमा , सात कोस की . . . +अरी मैं तो मानसी गंगा नहाऊँ मेरी वीर , +नाँय माने मेरौ मनुआ । मैं तौ . +श्री गिरिराज पै दूध चढ़ाऊँ , श्री गिरिराज पै . . . +अरी बर्फी कौ भोग लगाऊँ मेरी वीर , +नाँय मानै मेरौ मनुआ ॥ मैं तौ .",braj-bra +"जीतू बगडवाल +पैठीगे1 तब जीतू , बैणी2 का गऊँ3 , +राणी पटूड्या तब , तैकी4 गाली देन्दी । +जाँदू होई मेरा स्वामी , औंदू ना होई , +स्याली5 का खातर तू , पैटी वैणी बैदोण6 +विदा लिने जीतून , रस्ता लगे वो , +चल्दू रै वो ऊँची तौं घैड़ियों7 , +ऊँची घैड़ियों चढ़े जीतू गैरी8 त पाख्यों9 , +कलबली10 कुलै11 छै वख , देउदार छा स्वाणा , +हँया डाँला छा , फूलून जना ढक्याँ +पौंछी गये जीतू , रैथल12 की थाती , +घड़ांदी13 दोफरी छई , तढांदो14 घाम , +तड़ांदा घाम मा , जीतू सेल15 बैठोगे । +तमाखू पीयाले तैन , साध्यान16 लीयाले , +हौंस्यारी17 पराण वेो , उलारिया18 गए । +हाथ गाडयाले19 वैन20 , नौसुर21 मुरली , +नौसुर मुरली धरे , धावड़या बाँसुली । +बावरो छयो जीतू , उलारिया ज्वान22 , +मुरली को हौंसिया छयो , रूप् को रौंसिया । +घुराये23 मुरली वैन , डाँडी24 बीजीन25 काँठी26 , +वणा का मिरगून , चरणू छोड़ी दिने , +पंछियोंन छोड़ी दिने , मुख को त गालो । +कु होल चुचों स्यो , धावडया27 मुरल्या28 , +तैकी मुरली मा क्या , मोहनी होली । +बिजी गैन बिजी , खैट की आछरी29 , +जीतू की आँख्यों मा , जनो शीशो30 चमलाणी31 । +छमछम घूँघर बजीन , जीतू की आँखी मुंजीन32 , +क्वी बैणी बैठीन , आँख्यों का स्वर , +क्वी बैणी बैठीन , कन्दूड्यों33 का घर । +छालो पिने लोई34 , आलो खाये मास पिंड , +पन्द्र35 पचीसी जीतू , रैंथल थाती रैगे । +अख्हर जवानी जीतू , भुंचण36 नी पायो । +तिन नी माणो जीतू , माता की अड़ैती37 , +फँसी गए कनो , आछन्यों का घेरा । +सुमिरण करदो जीतू बगूड़ी भैंरो38 , +कख हैवैली मेरी , कुलदेवी भवानी ? +आज मैं पर ऐगी , विपदा भारी , +बीच बाटा मा कनी होये , मेरी मोल39 की मरास40 । +दैणो41 ह्वैगे तब , जीतू को बगूड़ी भैरों , +नौ वैणी आछरी तब , छूटी गैन । +तब जीतून ऊँ देन्दु , दिन्या धरम42 +आज मैं जाँदू बैणी वैदोण , +छै गते आषाढ़ लंगला को दिन । +तै दिन तुम मेरी , तैं मोल पुंगड़ी आन । +तब मन ह्वैगे उदास , जीतू , +चित्त ह्वैगे चंचल । +तब पौंछी गए जीतू , बैणी का गऊँ +मिली गये वीं बैणी शोभनी । +तब आये वा , स्याली43 त वरुणा । +सेवा मेरी पौंछे , वीं स्याली वरुणा +सेवा मैं खरी लाँदूँ , भैना44 बगीड्वाल । +तेरी खातर छोड़े , स्याली बाँकी बगूड़ी , +बांकी बगूड़ी छोड़े , राण्यों की दगूड़ी45 । +छतीसू कुटुम्ब छोड्यो , बतीसू परिवार +घिटुड़ियों46जसो रत्थ47 छोड़े , चकौरू जसी टोली । +तेरा बाना48 छौड़े मैन भैना +दिन को खाणो , रात की सेणो । +तेरी माया49 न स्यालीं , जिकूड़ी50 लपेटीं , +कोरीकोरी खाँदो , तेरी माया को मुंडारो51 । +जिकुड़ी कौ त्वै52 , पिलैक अपणी +परौसणू53 छौं तेरी , माया की डाली । +अब त मरीक ही , मिटलो स्याली , +त्वै54 मेंजे को हेत55 । +यू डाँड्यूँ मा तेरी , फूल फूलला , +झपन्याली होली बुराँस डाली । +रितु बौड़ी औली , दाँई जसो56 पेरो , +पर तेरी मेरी भेंट स्याली , +कु जाणी57 हौंदी कि नी होंदी ? +बौड़ीक ऐ गए जितू , तैं बाँकी बगूड़ी , +ओडूं58 नेडूं ऐगे , लुंगला को दिन , +घटू की रिगाई ह्वैगे , सामल59 की पिसाई । +चौखम्भ्या तिवारी जितू , होये मंगलाचार । +मुड़ायूं60 गुड़ाखू61 पैट्यो62 , घुंघरियालो63 होका64 , +पौंछी गए बल्दू की जोड़ी , मलारी65 का सेरा66 , +तब जोतेण लैग्या जीतू , का घौला67 त बुल्ला68 । +मलारी का सेरा , शुरू होइगे रोपण , +सेरू सैंक ऐगे तैं , मोल पुँगड़ी । +एक फाट उंडो लीगे , जीतू एक फाट फुंडो , +फीकू ह्वै गए ज्यू , जीतू जी को । +तबे69 , वीं मोल पुंगड़ी70 छुटे घेंटुडी71 रथ , +मलेऊ72 सी भिड़को73 । +नौ बैणी आछरी74 ऐन बार वैणी भराड़ी75 , +क्वी बैणी बैठीन , कन्दूडयों का घर , +क्वी बैणी बैठीन , आंख्यों का स्वर । +छालो पिने लोई आलो खाये मासपिण्ड । +अगुंडो छयो जीतू , पछिडू फरकी , +स्यूँ 76 बल्दू जोड़ी जीतू , डूबी गए , +मलारी का सेरा , जीतू खोई गए । +अल्हर जवानी जीतू , मुंचण77 नो पाए , +लाखडू78 सी ताबू79 होये , पिंडालूसी भाड़ +बत्तीसू कुटुम्ब तेरो , तै मलारी सेरा रैगे , +बावरो नी होन्दू जीतू , नी होन्दू विणास80 ।",garhwali-gbm +"आले गीले चन्दन कटाय मेरे बाबा +आले गीले चन्दन कटाय मेरे बाबा +और जाय धरे धरमसाला जी +नई बनाई अट्टालिका जी +जिस चढ़ द���खे बीबी का बाबा +कितनी आई है बरात जी +देख डरा बीबी का दादा +यह दल कहां समाय जी +नौ लख घाड़े सवा लख हाथी +गाड़ियों की लगी है कतार जी +क्यों लरजो मेरे भोले से बाबा +राम करै बेड़ा पार जी +वह आवैं मेरे ताऊ चाचा +वह आवैं मेरे मामा फूफा +हंस हंस लेंगे बरात जी +मत घबरा मत घबरा मेरे बाबा +वही लगावैं पार जी",haryanvi-bgc +"512 +नूंहां होंदियां ख्याल जो पेखने1 दा मान मतियां वूह दियां महरियां ने +परी मूरतां सुघड़ राजइंद्रां2 चंदरानी इक मोम तबा3 इक नहरियां ने +इक करम बाग दीयां मोरनीया इक नरम मलूक इक जहरियां ने +अछा खाण पीवण लाड नाल चलन लैन देन दे विच लडहीरियां ने +बाहर फिरन जो बाहर दियां वाहना ने शरम विच वहालिया शहरियां ने +वारस शाह इक हुसन गुलाम लद अखी नाल गुलाम गहरियां ने",panjabi-pan +"लामणु लान्दरिय किति लामण जाणे +लामणु लान्दरिय1 किति2 लामण जाणे , +डोडी3 के भित्तर किती फीमेर दाणे4 । +लाऊँ5 लामण , लाऊँ देवोरा बुंगा , +कोई शुण टीर कोई शुण वाडवा तुंगा । +लाऊँ लामण जाण कीणई जाला",garhwali-gbm +"अइपन पिसिले, कोहबर लिखिले +अइपन1 पिसिले , कोहबर लिखिले , लिखली मनचित लाय2 रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखों कोहबर ॥ 1 ॥ +ताहि कोहबर सुतलन कवन दुलहा , जवरे सजनवाँ के धिया रे । +दिलजान लिखलों कोहबर , मनमोहन लिखलों कोहबर ॥ 2 ॥ +ओते सूतूँ , ओते सूतूँ , सुगइ कवन सुगइ , तोरे पीठे3 गरमी बहूत रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 3 ॥ +अतिना4 बचन जब सुनली कवन सुगइ , रूसि नइहर चलि जाय रे । +दिलजान लिखलों कोहबर , मनमोहन लिखलांे कोहबर ॥ 4 ॥ +रहिया में रे भंेटलन भइया , कवन भइया , कहाँ बहिनी चललू अकेल रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 5 ॥ +लाज सरम केरा बात जी भइया , कहलो न जाए , परपूता5 बोलले कुबोल रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 6 ॥ +हँसि हँसि चिठिया जे लिखथिन कवन दुलहा , +देहुन गल6 पियारो7 सरहज हाँथ रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 7 ॥ +मानु मानु8 ननद हे हमरी बचनियाँ , +आजु सोहाग केरा रात रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 8 ॥ +कइसे में मानूँ हे भउजी , तोहर बचनियाँ , +परपूता बोलले कुबोल रे । +संखा चुरी9 देलन मसकाय10 रे , डाँसल सेजिया11 उदासे12 रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 9 ॥ +मानु मानु ननद हे हमरी बचनियाँ । +फेनु कै13 सेजिया डसायब रे , फेनु देबो संखा चूरी पेन्हाय रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लि���ांे कोहबर ॥ 10 ॥ +मानली कवन सुगइ चललि बिहँसि रे । +दिलजान लिखों कोहबर , मनमोहन लिखांे कोहबर ॥ 11 ॥",magahi-mag +"राजे गंगा किनारे एक तिरिया सू ठाड़ी अरज करे +राजे गंगा किनारे एक तिरिया सू ठाड़ी अरज करे +गंगे एक लहर हमें देऊ कि जा में डूब जाइयों +कै दुख री तोहे सासुरी सुसर को कै तेरे पिया परदेस +के दुख री तेरे मात पिता को के मां जाये बीर +काहे दुख डूबियो +ना दुख री मोहे सासुरी सुसर कऊ ना मेरे पिया परदेस +ना दुख री मोहे मात पिता को ना मा जाये बीर +सासु बहु कहि नाए बोले ननद भाभी ना कहे +ना हो राजे वे मोहे बांझ कहीं टेरै सो काटो गई",haryanvi-bgc +"मृगनैनी तेरौ यार +मृगनैनी तेरौ यार नवल रसिया , मृगनैनी ॥ टेक +बडत्रीबड़ी अँखियन नैनन कजरा 2 +तेरी टेड़ी चितवन मेरे मन बसिया ॥ मृगनैनी . +अतलस को याकौ लँहका सोहै 2 +झूमक सारी मेरे मन बसिया , मेरे मन . . . ॥ +छोटीछोटी अंगुरिन मूंदरी सोहै । +याके बीच आरसी मन बसिया , ओ मन . . . ॥ मृगनैनी . +बाँह बरा बाजूबन्द सोहै 2 +हियरे हार दिपत छतिया , ओ दिपत ॥ +रंगमहल में सेज बिछाई 2 +यापै लाल पलंग पँचरंग तकिया , ओ पचरंग . . . ॥ मृगनैनी . +‘पुरुषोत्तम प्रभु’ देख विवश भये 2 +सबै छाँड़ि ब्रज में बसिया , ओ ब्रज में . . . ॥ मृगनैनी .",braj-bra +"उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कागला +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +म्हारा , काळा रे कागला +कद म्हारा पीव्जी घर आवे +कद म्हारा पीव्जी घर आवे , आवे र आवे +कद म्हारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ रे म्हारा काळा र कागला +कद माहरा पीव्जी घर आवे +खीर खांड रा जीमण जीमाऊँ +सोना री चौंच मंढाऊ कागा +जद म्हारा पिव्जी घर आवे , आवे रे आवे +उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे +म्हारा काळा र कागला +कद माहरा पीव्जी घर आवे +पगला में थारे बांधू रे घुघरा +गला में हार कराऊँ कागा +जद महारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ रे +महारा काळा रे कागला +कद महारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ र महारा काला र कागला +कद महरा पिव्जी घर आवे +जो तू उड़ने सुगन बतावे +जनम जनम गुण गाऊँ कागा +जद मारा पिव्जी घर आवे , आवे र आवे +जद म्हारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे महारा काळा रे कागला +कद म्हारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कगला +जद म्हारा पिव्जी घर आवे",rajasthani-raj +"हमको गुलाबी दुपट्टा +हमको गुलाबी दुपट्टा +हमें तो लग जायेगी नजरिया रे +चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो +हम पे ना आवे थारो पनि��ा +हमारी पतळी सी कमरिया रे +चाहे राजा मारा चाहे पुचकारो +हम पे ना होवे थारो गोबर +हमार सड़ जायेगी उंगलियां रे +चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो +हम पे ना हौवे थारी रोटी +हमारी जळ जायेगी उंगलियां रे +चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो +हम पे ना हौवे थारो बिस्तेर +हमारी छोटी सी उमरिया रे",rajasthani-raj +"संतर्या वे रस देया भरया +संतर्या वे रस देया भरया , +माही गंगा दे राह विच लड्या , +के एत्थों दिल सड़या , +वन्जारेया , वारी मेरी जाण , +लगें पियारेया । +संतरा ते फुट्टियाँ फुट्टियाँ , +माही दफ्तरों मंगियाँ छुट्टियाँ , +के छुट्टी नहियों मिलदी , +वनजारेया , वारी मेरी जाण , +लगें पियारेया । +संतरा ते रस पयी चोवे , +माही भरी कचेहरी रोवे , +के छुट्टी नहियों मिलदी , +वनजारेया , वारी मेरी जाण , +लगें पियारेया । +तेरे भाइयाँ ने वण्ड लए भांडे , +न जावीं बिशार्मा लेणे , +के इको भांडा आउगा , +वनजारेया , वारी मेरी जाण , +लगें पियारेया । +सानु इको भांडा बथेरा , +थाल मेरा ते कौल तेरा , +ते काके दी गिलासी आ , +वनजारेया , वारी मेरी जाण , +लगें पियारेया । +तेरे भाइयां ने वण्ड लए मकान , +न जावीं बिशार्मा लेणे , +के इको मकान आउगा , +वनजारेया , वारी मेरी जाण +लगें पियारेया । +सानु इको मकान बथेरा , +कमरा तेरा ते हाल मेरा +ते काके दी कोठी आ , +वनजारेया , वारी मेरी जाण +लगें पियारेया । +तेरे भाइयां ने वण्ड लए गहने +न जावीं बिशरमा लेणे +के इको गहना आउगा , +वनजारेया , वारी मेरी जाण +लगें पियारेया । +सानु इको गहना बथेरा +छाप मेरी ते हार तेरा , +ते काके दी जंजीरी आ +वन्जारेया वारी मेरी जान +लगें पियारेया ।",panjabi-pan +"गलियन-गलियन फिरे मनहारिन +गलियनगलियन फिरे मनहारिन +ले लियो कोऊ ललन को खिलौना +अपने महल से यशोदा रानी बोली +दे जाओ तुम ललन को खिलौना । गलियन . . . +आओ मनिहारिन , बैठो आंगन में +का तुम लाईं , ललन को खिलौना । गलियन . . . +छोटी सी बंशी दे दो लाल खों +प्यारो लागो ये ही खिलौना । गलियन . . . +थाल भर मोती जशोदा लाईं +खुश होकर दे दीन्हो खिलौना । गलियन . . . +जुग जुग जीये यशोदा तेरा लालन +फिर लाऊं मैं लालन ओ खिलौना । गलियन . . .",bundeli-bns +"हे कपड़े तों क्यूं ना धुआए मेरा ए बाबा +हे कपड़े तों क्यूं ना धुआए मेरा ए बाबा +हे कपड़े तो न्यूं ना धुआए मेरा बाबल +पाणी के भरे हैं तलाब जी +धोए धुआए री लाड्डो धरे री बिलंगणी +लाग रही तेरै ब्याह की +म्हारे तो कपड़े री लाड्डो उस दिन ऊजले +जिस दिन तुम रै साजन घर जाओ जी",haryanvi-bgc +"मोला जान देना रे सनानना मोर +मोला जान देना रे सनानना मोर +अतेक बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +हा हा मोला जावन देना रे अलबेली मोर +अतेक बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +हो नई जावंव मैं हा अपन मनके या +अपन मनके +नई जावंव मेंहा अपन मनके या +अपन मनके +सुने ला परही मोला जनजन के +सनानना मोर +अबड़ बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +हो चंदा रे उवे सुरुज लाली का या +सुरुज लाली का +चंदा रे उवे सुरुज लाली का या +सुरुज लाली का +चिंता ला झन करबे आवत हंव काली रे +सनानना मोर +अतेक बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +हो उत्‍ती के पानी रे बुड़ती के घांम +अरे बुड़ती के घांम +उत्‍ती के पानी रे बुड़ती के घांम +बुड़ती के घांम +जोगी गुफा मेंहा रईथंव बैतल हे मोर नाम +सनानना मोर +अबड़ बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +आहा मोला जावन देना रे अलबेली मोर +अतेक बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना",chhattisgarhi-hne +"धन जोबन में सन्नाई +धन जोबन में सन्नाई जैसे पक रही मूंगफरी सी +अब बढ़ने पर रही है सटके रोजनरी सी +काजर मत सारै , चन्दा ग्रहण परैगौ +मुख पै पल्ला लार कोई नर लूम मरैगो",haryanvi-bgc +"छम घुँगरू बाजला +छम घुँगरू बाजला , +छम छमाछम घुँगरू बाजला +छ घुंगरू बाजला , मांडा की उकाली1 मा +भली नथुली2 साजली तडतडी3सी नाक मा , +तू फूल मा फूल छई , बाँद4 छई लाखों मा , +मैं मायादार5 तेरो , सरानी रखलो हाथ मा ।",garhwali-gbm +"बार ऐन बग्वाली, माधोसिंह +माधोसिंह +बार ऐन बग्वाली , माधोसिंह , +सोल ऐन सराध , माधोसिंह । +मेरो माधो नी आयो , माधोसिंह । +त्वै जागो रैन , माधोसिंह +तेरी राणी बौराणी , माधोसिंह । +दाल दलीं रै , माधोसिंह । +चौंल डङ्यां रया , माधोसिंह । +तेरी ब्बै रोंदी रे , माधोसिंह , +मेरो माधो नी आयो , माधोसिंह ।",garhwali-gbm +"झपसी में चढ़लूँ अटरिया, लाल हलना +झपसी1 में चढ़लूँ अटरिया , लाल हलना । +पर गेल2 ननँदी नजरिया3 लाल हलना ॥ 1 ॥ +काहे4 तोर भउजो हे मुँह पियरायल , लाल हलना । +काहे बदन झमँरायल5 बतावहु , 6 लाल हलना ॥ 2 ॥ +तोहर7 भइया मोरा सोंटा8 बजौलन9 लाल हलना । +ओही10 से मुँह मोर पीयर11 हइ , लाल हलना ॥ 3 ॥ +छोटकी ननद��या मोर बैरिनियाँ , लाल हलना । +मइया से लुतरी12 लगाबल , लाल हलना ॥ 4 ॥ +बहुआ जे भेलन गरभ से , रे मोर लाल हलना । +हाथी आउ13 घोड़ा लुटायम , रे मोर लाल हलना ॥ 5 ॥ +जो होरिलवा लेतइ14 जलमिया , लाल हलना । +सोना आउ चानी लुटायम , मोर लाल हलना ॥ 6 ॥ +लेलक15 होरिलवा जलमिया रे , मोर लाल हलना । +पेटी16 के कुंजी हेरायल17 रे मोर लाल हलना ॥ 7 ॥",magahi-mag +"म्हारी ऐ मंगेतर +बनी म्हारी आवे रे बनी मुस्काती आवे रे +के झीणे घूँघट में दीखे है मुखडो सोवनों रे +म्हारी ऐ मंगेतर काजळ वाळी +सुरमे वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +सुरमे वाळो रे नवाब जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नही जवाब नही +सुरमे वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +म्हारी ऐ मंगेतर नथणी वाळी +मुंछो वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नहीं जवाब नहीं +मुंछो वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +म्हारी ऐ मंगेतर कुरती वाळी +चोळे वालो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नहीं जवाब नहीं +चोळे वालो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +म्हारी ऐ मंगेतर चुडियों वाळी +घड़ियों वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नहीं रे जवाब नहीं +घड़ियों वाळो रे नवाब जोड़ी रो जवाब नही +म्हारी ऐ मंगेतर लहेंगे वाळी +धोती वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नही +जवाब नहीं जवाब नहीं +धोती वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +म्हारी ऐ मंगेतर नखरेवाळी +गुस्से वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नहीं के जवाब नहीं +गुस्से वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं",rajasthani-raj +"88 +चूचक आखदा कूड़ियां करें गल्लां हीर खेडदी विच सहेलियां दे +पींधां पायके सइयां दे नाल झूटे त्रिंजण जोड़दी विच हवेलियां दे +एह चुगल जहान दा मगर लगा फकर जानदे हां नाल सेलियां दे +कदी नाल मदारियां भंग घोटे कदी जा नचे नाल चेलियां दे +नहीं चूहड़े दा पुतर होवे सयद घोड़े होन नाहीं पुत लेलियां दे +वारस शह फकीर न होण हरगिज पुतर नाइयां मोचियां तेलियां दे",panjabi-pan +"कोण ज खेलै मां गींड खुली +कोण ज खेलै मां गींड खुली कोण जै मारैगा टोर +मैं बणजारी ओ राम की +यहां किसी का नाम लिया जा सकता है खेलै मां गींड खुली +किसी अन्य व्यक्ति का नाम लिया जा सकता है मारैगा टोर +मैं बणजारी ओ राम की",haryanvi-bgc +"इना सखर खानामाअी चीकणी +इना सखर खानामाअी चीकणी +बेलू को अन्त न पार +सरोवर सिग भरियो जी +इना सरोवर फलाणा राम दातण करे +फलाणी बेन को विश्राम +सरोवर म्हारों सिग भरियोजी +फलाणा राम दामाद द��तुण करे +फलाणी जेकू दामाद की बेन को विश्राम",malvi-mup +"478 +तेरे मापयां साक कुथों कीता असां रुलदे ई रह गए पासयां ते +आप रच गईए नाल खेड़या दे साडी गल गवाइयां हासयां ते +सानूं मार के हाल बेहाल कीता आप होईए दाबयां झासयां ते +साढे तिन्न मन देहा मैं फिदा कीता हुन होई ऐ तोलयां मासयां ते +सत पंज बारां अते तिन्न काणे लिखे एस जमाने दे पासयां ते +वारस शाह वसाह की जिंदगी दा साडी उमर है नकश1 पतासयां ते",panjabi-pan +"होली गीत +टेक मुरारी जाण दो तुम से ना खेलां होरी । +चौक1 होरी की धूम मचाई हो साँवलिया खेल रहे बल जोरी । +कच्चे पक्के डोर रेसम के हो तोड़े । +तो झड़ गई कोर किनारी , लालजी ने बयाँ मरोड़ी । +जान दो तुमसे ना खेलां होरी । +चौक2 ददी बेचेन चली है गुवालन सिर पर दही केरी गोली । +घरघर कहती तुम लेवो रे दहियाँ तो मटकी में आन बसोई , +लालजी ने घांघर ढोली । +जान दो तुमसे ना खेलां होरी । +चौक3 पांय न बेऊ पायल सोहे , झालर करे झनकोरी । +गोरीगोरी बईयाँ हरीहरी चूड़ियाँ । +तो रंगीन रंगिया हाथ लालजी ने मेंदी विकोरी । +जान दो तुमसे ना खेलां होरी । +चौक4 खेलत गेंद गिरी है जमुना में तुने मेंरि गेंद चुराई । +न हाकत हाथ ढूंढत आंगियाँ में । +एक गइ दूजी पाई , लालजी ने चोरी लगाई , +जान दो तुमसे ना खेलां होरी । +छाप धन गोकल धनधन बिन्द्रावन , धन हो जसोदा माई । +धन मयता नरसइया नू स्वामी , +तो मांगु ते बेउ कर जोड़ी , सदा संग रहूँगा तुम्हारी , +जान दो तुमसे ना खेलां होरी । +हे श्रीकृष्ण मुझै जाने दो , आपके साथ होली नहीं खेलना है । अरे साँवरे की धूम मचाई है और जबरन करके बरबस मेरे साथ होली खेलना चाहते हो । मेरी साड़ी के कच्चेपक्के धागे तोड़ दिये और किनारी निकलकर +गिर गई और श्रीकृष्ण ने मेरी बाँह मरोड़ दी । मुझे जाने दो , आपके साथ होली नहीं खेलना है । +ग्वालिन दही की मटकी सिर पर उठाकर दही बेचने चली और घरघर फिरकर कहती है दही ले लो । तो श्रीकृष्ण ने मटकी पकड़कर दही ढोल दिया । और होली खेलना चाहते हैं । गोपी कहती है कि मुझे जाने दो , आपके साथ होली नहीं खेलना है । +दोनों पैरों में पायजेब शोभायान हैं और पायजेब की झालर की झन्कार निकल रही है । गोरीगोरी कलाइयों में हरीहरी चूड़ियाँ शोभित हैं । और मेरे हाथों में मेहंदी लगी हुई है । लालजी श्रीकृष्ण ने मेरी मेहंदी हाथों पर लगी हुई बिखेर दी । मुझे जाने दो आपके साथ होली नहीं खेलना है । +श्रीकृष्ण गेंद खेल रहे थे । गेंद यमुना में गिर पड़ी और मेरे सिर चोरी लगाते हैं कि तूने मेरी गेंद चुरा ली और अंगिया में हाथ डालकर खोजते हैं । एक गेंद गई दूसरी मिल गई , श्रीकृष्ण ने मुझ पर चोरी डाली । जाने दो आपके साथ होली +नहीं खेलना है । +गोकुल , वुन्दावन और यशोदा माता धन्य हो , नरसिंह मेहता के स्वामी सांवळिया धन्य हो । दोनों हाथ जोड़कर वर माँगती हूँ कि सदा आपके साथ रहूँगी । जाने दो आपके साथ होली नहीं खेलना है ।",bhili-bhb +"गोया तो वचली पीपली रे +गोया तो वचली या पीपल रे वीरा जाँ चड़ जोउँ थारी वाट +माड़ी जाया चूनड़ लाया गोया तो वचली पीपल रे वीरा . . . +लावो तो सगला सारू लावजो रे वीरा नी तो रे रीजो हमारा देस +जामण जाया चूनड़ लावो । +संपत होय ओ आवजो रे वीरा नी तो रे रीजो तमारे देस +जामण जाया चूनड़ लावो । +संपत थोड़ो रे रिण घणो वो बेन्या पचाँ में राखूँ थारी सोब +जामण जाया चूनड़ लावो । +काँकड़ वचली या पीपली रे वीरा जाँ चड़ जोउँ थारी वाट +माड़ो जाया चूनड़ लावो । +लावो तो सगला सारू लावजो रे वीरा नी तो रे रीजो तमारे देस +जामण जाया । +संपत थोड़ो ने रिण घणो वो बाई पचाँ में राखूँ थारी सोब +माड़ी जाई चूनड़ लावाँ ।",malvi-mup +"किधरों आयियाँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ +किधरों आयियाँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ , +सौदागर राँझा , +किधरों आहे मल्लाह हो राँझा , +भला किधरों आये मल्लाह हो राँझा , +अटकों आयिन्याँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ , +सौदागर राँझा +झेलमों आये मल्लाह हो राँझा , +भला झेलमों आये मल्लाह हो राँझा , +बेड़ियाँ नाल ज़न्जीरियां ज़न्जीरियां , +सौदागर राँझा , +करदियाँ छैणों छैण हो राँझा , +भला करदियाँ छैणों छैण हो राँझा , +मैहलां दे पिछवाड़े पिछवाड़े , +सौदागर राँझा , +ठंडी चल बयार हो राँझा , +भला ठंडी चल बयार हो राँझा , +मैं जे तेनु आखया आखया , +सौदागर राँझा , +लट्ठे दे कपड़े न पा हो राँझा , +भला लट्ठे दे कपड़े न पा हो राँझा , +लट्ठे दे कपड़े खड़ खड़े , +सौदागर राँझा , +सुणसिया तेरी मां हो राँझा , +भला सुणसिया तेरी मां हो राँझा , +मैं जे तेनु आखया आखया , +सौदागर राँझा , +नंवी जुत्ती न पा हो राँझा , +भला नंवी जुत्ती न पा हो राँझा , +नंवी जुत्ती तेरी चीकणी चीकणी , +सौदागर राँझा , +सुणसिया तेरी माँ हो राँझा , +भला सुणसिया तेरी माँ हो राँझा , +मैहलां दे पिछवाड़े पिछवाड़े , +सौदागर राँझा +ठंडी चल बयार हो राँझा , +भला ठंडी चल बयार हो राँझा , +मैं जे तेनु आखया आखया , +सौदागर राँझा , +आ चल छान्वे बैठ हो राँझा , +भ���ा आ चल छान्वे बैठ हो राँझा , ।",panjabi-pan +"किसुन जलम अब भेल, बधावा अब लेके चलऽ +किसुन जलम अब भेल , बधावा अब लेके चलऽ । +गावत मंगलचार , 1 सभे मिलि लेके चलऽ ॥ 1 ॥ +तेलिन लयलक2 तेल , तमोलिन बीरवा3 । +मालिन लौलक4 गुथि5 हार , जसोदा जी के आँगनऽ ॥ 2 ॥ +धनधन पंडित लोग , धने जोग रोहिनी6 । +धन भादों के रात , कन्हइया जी के जलम भेलइ ॥ 3 ॥ +धन जसोदा तोर भाग , कन्हइया तोरा7 गोद खेले । +हरखहि बरखहिं देओ , 8 आनन्द घरे घर मचल । +लुटवत9 अनधन धान , निहुछि10 के निछावर11 ॥ 4 ॥ +कउची12 के लगल पलना , कउची लागल हे डोर । +के रे13 डोलाबे बउआ14 पलना , के रे झूलनहार ॥ 5 ॥ +अगरचनन केरा पलना , रेसम लागल हे डोर । +जसोदा डोलाबथि15 पलना , किसुन झूलनहार ॥ 6 ॥ +सले सले16 झूलहइ17 पलना , मइया देखथि18 रूप । +नंद लुटावथि19 संपति , सभ भेलन नेहाल । +गावथि सुर मुनि कीरति , सिव नाचथ20 दे ताल ॥ 7 ॥ +जे इह सोहर गावथि , गाइ21 देथिन22 सुनाय । +अनधन बाढ़थि लछमी , बाढ़े23 कुल , अहियात24 ॥ 8 ॥ +बाँझ के मिलइ पुतर फल , भरइ25 मरछि26 के गोद । +जलम जलम फल पावहिं , पूरइ सभ मनकाम ॥ 9 ॥",magahi-mag +"कम्सी इयां कि डान्टे बारेन सेनेवाडो इयां आयोम +कम्सी इयां कि डान्टे बारेन सेनेवाडो इयां आयोम +कम्सी इयां कि डान्टे बारेन सेनेवाडो इयां आयोम +कम्सी इयां कि डान्टे बारेन सेनेवाडो इयां आयोम +कुआं किवारे राजा केन नी सुबान केन्डो इयां आयाम +कुआं किवारे राजा केन नी सुबान केन्डो इयां आयाम +कुआं किवारे राजा केन नी सुबान केन्डो इयां आयाम +राजा कोम नी बुरा नू डाडो +राजा कोम नी बुरा नू डाडो +राजा कोम नी बुरा नू डाडो +एकी बाजू बैठी जा रे राजा का छोरा मारो बेटी के पानी भरन दें +एकी बाजू बैठी जा रे राजा का छोरा मारो बेटी के पानी भरन दें +राजा को नकिन माका बलापना का डाउडान डो इयां आयोम +राजा को नकिन माका बलापना का डाउडान डो इयां आयोम +गिरबो केनेन इरवीनी जायकान गिडी गोयामा डाऊवा +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"503 +अनी भरो मुठी हाय हाय मुठी एस बिरहों दे ढिड विच सूल होया +लहर पेढूयों उठ के पवे सीने मेरे ढिड दे विच डंडूल1 होया +तलब डुब गई सरकार मेरी मैंनूं इक न दाम वसूल होया +लोक नफे दे वासते लैन तरले मेरा मन वही चैढ़ मूल होया +अम्ब बीज के दुध दे नाल पाले वी तती दे अंत बंबूल2 होया +खेढ़यां विच ना परचदा जिउ मेरा शाहद3 हाल दा रब्ब रसूल होया",panjabi-pan +"कहँवाँ ही कृष्ण जी के जनम भयेल +कहँवाँ1 ही कृष्ण जी के जनम2 भयेल , 3 भयेल , 4 कहँवाँ ही बजे ���े बधावा , जसोदा जी के बालक । +मथुरा में कृष्ण के जनम भयेल , गोकुला ही बाजे हे बधावा ॥ 1 ॥ +काहे के छूरी कृष्ण नार कटायब , काहे खपर असनान । +सोने के छूरी कृष्ण नार कटायब , रूपे खपर असनान ॥ 2 ॥ +नहाय धोआय कृष्ण पलंग सोवे , काली नागिनी सिर ठारा5 । +का तुम नागिन ठारा भई , हम है त्रिभुवन नाथ ॥ 3 ॥",magahi-mag +"उठ पआ जी मेरे दरद कालजे +उठ पआ जी मेरे दरद कलेजे +पा दओ नी मेरे माहीए वल चिठ्ठीआं +जा पहुंची चिट्ठी विच नि कचहरी +पढ़ लई नी माही पट्टां उत्ते धर के +छुट गईआं नि हत्थों कलमां दवातां +झुल पई नी हनेरी चार चुफेरे +तुर पआ नी जानी शिखर दुपहरे +आ गिया नी माही विच तबेले +आ माही साडी नब्ज़ जो फड़ लई +दस गोरिये कित्थे दरद कलेजे +मिट गया जी मेरे दरद कलेजे",panjabi-pan +"554 +हीर आखया सुते सो सभ मुठे नींद मारया राजयां रानयां नूं +नींद वली ते गौंस ते कुतब मारे नींद मरया राह भदानयां नूं +एस नींद ने शाह फकीर कीते रो बैठे ने सकत विहानयां नूं +नींद शेर ते देव इमाम कुठे नींद मरया वडे सिआनयां नूं +सुते सोई वगुतड़े मैहर वांगूं गालब नीद है देव रजानयां नूं +नींद भठ झुकाया सुटयां सुलेमान ताईं देंदी नींद नी वकत विहानयां नूं +नींद पुतर यकूब दा खूह पाया सुनया होसियां यूसफ दे बानयां नूं +नींद जिबा कीता असमाईल तांई यूसफ पेट मछी विच पानयां नूं +नींद वेख जो ससी नूं वखत पाया फिरे ढूंढ़दी यार बाहनयां नूं +साढे तिंन हथ जिमी है मुल तेरा वारस शाह क्यों वले वलानया नूं",panjabi-pan +"जी हो पाँच बधावा म्हारा यहाँ आविया +जी हो पाँच बधावा म्हारा यहाँ आविया , +पाँचई की नवी नवी रीत । +जी हो , नरवरगढ़ को ऊदो चूड़ो नऽ पोचयो सांवळो । +चूड़ीला पर उग्यों सूर्या भान महाराज । +जी हो , पहिलो बधावो म्हारा यहाँ आवियो । +भेज्यो म्हारा ससुराजी द्वार , +जी हो , ससुराजी रंग सु बधाविया , +सासु नारेळ भरया थाळ महाराज , +जी हो दूसरो बधावो म्हारा यहाँ आवियो । +भेज्यो म्हारा पिताजी द्वार , +जी हो पिताजी रंग सु बधाविया , +माया मोतियन भरया थाळ महाराज , +जी हो तीसरो बधावो म्हारा यहाँ आवियो । +भेज्यो ते जेठजी द्वार , +जी हो , जेठजी रंग सु बधाविया , +जेठाणी न लियो पगरण सार महाराज , +जी हो , चौथो बधावो म्हारा यहाँ आवियो । +भेज्यो म्हारा बीराजी द्वार , +जी हो , बीराजी रंग सु बधाविया , +भावज न लियो घूँघट सार , +जी हो , पांचवों बधावो म्हारा यहाँ आवियो । +भेज्यो म्हारी धनकेरी कूख , +जी हो इनी कूख हीरा रत्न नीबज्���ा , +जे को ते पगरण आरंभियो ।",nimadi-noe +"राधा रंगीली मेरो नाम +राधा रंगीली मेरो नाम +श्याम रे आइ जइयो +जमुना किनारे मेरी ऊँची हवेली +मैं ब्रज की गोपिका नवेली +बरसानो मेरो गाम +कि बंसी बाजाइ जइयो +राधा रंगीली मेरो नाम +श्याम रे आइ जइयो",braj-bra +"लाड़ी जी थारे कारने म्हें परपत लांग्या हो राज +लाड़ी जी थारे कारने म्हें परपत लांग्या हो राज +म्हाने भरदो लाल तमाखूड़ी +थारे किनने कयो थो मोजी डावड़ा +थारी गरजे परवत लांग्या हो राज +लाड़ीजी थारी कारने म्हें रूसविया गोतीड़ा मनाविया हो +म्हाने भरदो लाल तमाखूड़ी +थारे किनने कयो थो मौजी डावड़ा +थारा गरजे गोतीड़ा मनाविया हो राज +म्हें तो नई भरां लाल तमाखूड़ी +म्हारो नाजुक जिवड़ो कांपे हो राज +म्हारो नाजुक चिमटी दाजे हो राज +म्हें तो नई भरां लाल तमाखूड़ी +लाड़ीजी थारे कारने म्हें भम्मर जोड़ी लायो राज +लाड़ीजी थारे कारने म्हें दादाजी की जोड़ी से आयो हो राज +थारे किनने कयो थो मोजी डावड़ा",malvi-mup +"113 +जिनां बेटियां मारियां रोज कयामत सिर तिनां दे वडा गुनाह मियां +मिलन खाणियां तिन्हां जाए अगे जिवें मारीयां जे तिवें खाह मियां +कहीआ माउं ते बाप दी असां मन्नी गल पलड़ा ते मुंह घाह मियां +इक चाक दी गलना करो मूले ओहदा हीर दे नाल निकाह मियां",panjabi-pan +"दोहरे +1 . +उसका मुख इक जोत है , घुँघट है संसार । +घुँघट में ओह छुप्प गया , मुख पर आँचल1 डार । +2 . +बुल्लिआ वारे जाईए ओहनाँ तों , जेहड़े गल्ली देण परचाअ । +सूई सलाई दान करन ते आहरण2 लैण छुपा । +3 . +बुल्लिआ इशक सज्जण दे आएके सानूँ कीतोसु डूम । +ओह प्रभ असाडा सखी है , मैं सेवा कुनों सूम । +4 . +बुल्लिआ आशक होयों रब्ब दा मलामत होई लाख । +लोग काफर आखदे तूँ आहो3 आहो आक्ख । +5 . +बुल्लिआ मुल्लाँ अते मशालची दोहाँ इक्को चित्त । +लोकाँ करदे चानणा आप अन्नेहरे नित्त । +6 . +बुल्लिआ मन मुंजोला4 मौज दा किते गोशे बैह के कुट्ट । +एह खजाना तैनूँ अरश दा तूँ सँभलसँभल के लुट्ट । +7 . +बुल्लिआ हिजरत विच्च इस्लाम दे मेरा नित्त है खास आराम । +नित्त नित्त मराँ ते नित्त नित्त जीवाँ मेरा नित्त नित्त कूच मुकाम । +8 . +बुल्ले शाह ओह कौण है उत्तम तेरा यार । +ओसे दे हत्थ कुरान है ओसे गल जुन्नार5 । +9 . +इट्ट खड़िक्के दुक्कड़ वज्जे तत्ता होवे चुल्ला । +आवण फकीर ते खा खा जावण राजी होवे बुल्ला । +10 . +बुल्लिआ हरिमन्दर में आए के कहो लेक्खा देओ बता । +पढ़े पंडित पांधे दूर कीए अहमक6 लीए बुल�� । +11 . +बुल्लिआ मैं मिट्टी घुम्यार दी गल्ल आख ना सकदी एक । +तत्तड़ मेरा क्यों घड़ेआ मत जाए अलेक सलेक । +12 . +होर ने सभ्भे गल्लड़िआँ अल्लाह अल्लाह दी गल्ल । +कुझ रौला पाया आत्माँ कुझ कागजाँ पाया झल्ल ।",panjabi-pan +"177 +चूचक सयाल नेकौल विसार दिते जदों हीर नूं पाया माइयां नी +कुड़ियां झंग सयाल दीयां धुन्बला हो सभे पास रंझेटेदे आइयां नी +उथे वयाह दे सब समान होए गंढी फेरियां देस ते नाइयां नी +ओए मूरखा पुझ तू नढड़ी नू मेरे नाल तू केहीया चाइयां नी +हुन तेरी रझेटया गल कीकूं तूं हीं रात दिन महीं चराइयां नी",panjabi-pan +"117 +पंजां पीरां नूं रांझे ने याद कीता जदों हीर सुनेहुड़ा घलया ए +माउं बाप काजी सभे गिरद होए गिला सारयां दा सिर झलया ए +पंजां पीरां अगे हथ जोड़ खला जीर रोंदयां मूल न ठल्लया ए +बचा कौन मुसीबतां पेश आइयां विचों जी साडा थरथलया ए +मेरी हीर नूं वीर हैरान कीता काजी माउं ते बाप पथलया ए +मदद करो खुदा दा वासता जे मेरा इशक खराब हो चलया ए +बहुत प्यर दिलासड़े नाल पीरां मियां रांझे दा जीउ तसलया ए +तेरी हीर दी मदद ते मियां रांझा मखदूम जहांनियां घलया ए +दो तिन सद1 सुना खां वंझली दे साडा गावणे ते जीऊ हलया ए +वारस शाह हुण जट तयार होया लै के बंझली राग विच रलया ए",panjabi-pan +"मुरकियां बारो आयो री मरोड़ घणी +मुरकियां बारो आयो री मरोड़ घणी +सोने ने बाप बणायो री मरोड़ घणी +बागे वाले आये री मरोड़ घणी +दरजी ने बाप बणायो री मरोड़ घणी",haryanvi-bgc +"फुल गजरा ओ दाई बर +फुल गजरा ओ दाई बर , फुल गजरा । +गुथौँ महामाई के बर , फुल गजरा ॥ +काहेन फूल के गजरा , अव काहेन फूल के हार । +काहेन फूल के माथे मकुटिया , सोला हो सिंगार ॥ +माइ बर फूल गजरा ओ दाई बर फुल गजरा । +गुथौँ हो मालिन के अंगना , फुल गजरा ॥ +चंपा फूल के गजरा , चमेली फूल के हार । +मोंगरा फूल के माथे मकुटिया , सोला हो सिंगार ॥ +माइ बर फूल गजरा ओ दाई बर फुल गजरा । +गुथौँ हो मालिन के अंगना , फुल गजरा ॥ +कौन माइ बर गजरा , अव कोन माइ बर हार । +कोन माइ बर माथ मकुटिया , सोला हो सिंगार ॥ +माइ बर फूल गजरा ओ दाई बर फुल गजरा । +गुथौँ हो मालिन के अंगना , फुल गजरा ॥ +बुड़ी माइ बर गजरा , अव मंझली माइ बर हार । +सीतला माइ बर माथ मकुटिया , सोला हो सिंगार ॥ +माइ बर फूल गजरा ओ दाई बर फुल गजरा । +गुथौँ हो मालिन के अंगना , फुल गजरा ॥",chhattisgarhi-hne +"420 +भला आख की आनिए नेक पाके जैदे पलू ते पढ़न नमाज आई +घर बार तेरा असीं कौण कोई जापे लद के घरों जहाज आई +नढे मोहनिए झोटे दोहनिए1 नी अजे तक ना इक थी बाज आई +वारस शाह जवानी दी उमर गुजरी अजे तक ना हिरस थीं बाज आई",panjabi-pan +"काहे का कारण सखी हो मेहुलो सो वरस्यो +काहे का कारण सखी हो , मेहुलो सो वरस्यो , +काहे का कारण दूब लहलहे । +धरती का कारण सखीबाई , मेहुलो सो बरस्यो , +गउआ का कारण दूब लहलहे । +काहे का कारण सखि हे , अम्बो सो मौरियो , +काहे का कारण केरी लूम रही ? +सोगीटा का कारण सखिबाई , अम्बो सो मौरियो , +कोयल का भाग कैरी लूम रही । +काहे का कारण सखि हो , बाग सो फूल्यो , +काहे का कारण कलियाँ खिल रहीं । +माली का कारण सखिबाई , बाग सो फूल्यो , +देव का कारण कलियाँ खिल रहीं । +काहे का कारण सखिबाई , चुड़िलो सो पेर्यो , +काहे कारण चूनर गहगहे ? +स्वामी का भाग सखिबाई , चुड़िलो सो पेर्यो , +इराजी का कारण चूनर गहगहे । +काहे का कारण सखि हो पुत्र जलमियो , +काहे का कारण दिहे अवतारिया जी ? +बहुवर भाग सखि हो , पुत्र जी जलमियो , +साजन का भाग दिहे अवतारिया जी ।",nimadi-noe +"देवी के दिवाले बड़ी भीर +देवी के दिवालें बड़ी भीर , +चलो तो दर्शन करबे । +कौना लगा दई मैया बेला चमेली , +कौना ने लाल अनार । चलो . . . +देवी लगा दई मैया बेला चमेली , +लंगुरे ने लाल अनार । चलो . . . +कांहे के गोडूं भैया बेला चमेली , +काहे के लाल अनार । चलो . . . +कुदरन गोडूं मैया बेला चमेली , +खुरपन लाल अनार । चलो तो +काहे के सींचूं मैया बेला चमेली , +काहे से लाल अनार । चलो . . . +दुधुअन सीचूं मैया बेला चमेली , +अमृत लाल अनार । चलो तो दर्शन करबे । +देवी के दिवाले बड़ी भीर , चलो तो दर्शन करबे ।",bundeli-bns +"422 +तेरे जेहियां लख पढ़ाइयां मैं ते उडाइयां नाल अंगूठयां दे +तैनू सिध कामल वली गौस दिसे मैंनूं ठग दिसे भेस झूठयां दे +साडे खौंसड़े1 नूं नहीं याद चोबर भावें ढेर लावे भन्न ठूठयां दे +एह मस्त मलग मैं मसत एदूं ऐसे मकर हैं टुकड़यां जूठयां दे +वारस शाह मियां नाले चुआड़िया दे लिंग2 सेकिये चोबरां घूठयां दे",panjabi-pan +"पीहर मेरो मालवो +पीहर मेरो मालवो +कचरी री जाणू आर्यो सब सूं बड़ो तरबूज +मेरो तो मन माने नाय मुलक तेरो गिदावड़ो +पीहर मेरो मालवो +हंसा आयो मेरे पावुनो हंसा सूं हंस बोलयो +कैसे करो आवणो +हंसा आयो हंस हंस सीढ़ी चढ़ गयो हंस कर पकड़ी मेरी बांह +लखेरी चूड़ो कांच को झड़ गयो तेरो के गयो गंवार +कचेहरा को घर गयो",haryanvi-bgc +"हल्दी गीत +तेल लेवो बनी तारो सरगयो तेल । +तुखे मसे वो गोरी बनी पीठी रोलो ॥ +ऊं डे कुवे नोका दे वड़ो , काला लाड़ा कूच��ल से । +तू ते नाहिले वो , नाहिले वो , गोरी बनी । +नवला पोतल्या पांधरले वो , गोरी बनी । +गीत गाते हुए लाड़ी दुल्हन को हल्दी का उबटन लगाया जा रहा है । लाड़ी को प्रसन्न करने के लिए इस गीत में कहा गया है कि तुझे तेलरोलां मल रहे हैं । काले लाड़े को गहरे कुएँ का कीचड़ मलेंगे । हल्दी मलने के बाद स्नानकर लाड़ी को नये कपड़े पहनने के लिए आग्रह किया गया है ।",bhili-bhb +"उठो म्हारा गोरा लाड़ा +उठो म्हारा गोरा लाड़ा +सुफल भ्याना +आंगणे नावीड़ो झारी लई ऊबो +नावीड़ा तो कई फलाणी बईरो कंत +फलाणा राम नावीड़ा , झोरी लई ऊबा +अंगणे भंगीड़ो झाडू दई दयो जी +भंगीड़ो तो कई है , फलाणी बई रो दास +फलाणा राम भंगी झाडू दई रयाजी +जागो हो म्हारा गोरा लाड़ा , सुफल भिळानो +आंगणे भिस्तीड़ो पाणी छिटकी रयो +भिस्तीड़ो कई फलाणी बई रो चाकर +फलाणा राय भिस्ती , पाणी छांटी रया +आंगणे कठाळियो हलदी लई आयोजी +आंगणे तम्बोली बिड़ला लई ऊबोजी +आंगणे मालीड़ो हार लई ऊबोजी +आंगणे हलवईड़ो सिरनी लई ऊबोजी +आंगणे मोचीड़ा मोजड़ी लई ऊबोजी",malvi-mup +"तारा री चुंदरी +बईसा रा बीरा , जयपुर जाजो जी +आता तो लाइ जो , तारा री चुंदरी . . . +सुन्दर गौरी , पोत बतावो जी +कसिक ल्यावा , तारा री चुंदरी . . . +बईसा रा बीरा , हरा हरा पल्ला जी +कसुमल रंग की , तारा री चुंदरी . . . +म्हारी मिरगा नैनी , ओढ़ बतावो जी +कसिक सोवे , तारा री चुंदरी . . . +बईसा रा बीरा , ननद हटीली जी , +ओढ़न नहीं दे , तारा री चुंदरी . . . +म्हारी चंदा बदनी , ओढ़ बतावो जी , +महेला में निरखा , जाली री चुंदरी . . . +बाईसा बीरा , जयपुर जाजो जी , +आता तो लाइ जो , तारा री चुंदरी , +महेला में निरखा , जाली री चुंदरी",rajasthani-raj +"पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +ओ तने सिल पे बटांऊं हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +क्यारियां में बाऊं केवडो़ खेताँ में बाऊं हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +माथा पे ल्याई केवडो़ झोळी में ल्याई हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +सासूजी ने भावे केवडो़ सुसराजी ने भावे हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +जेठजी ने भावे केवडो़ जेठाणी ने भावे हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +देवेरजी ने भावे केवडो़ देवरानी ने भाव��� हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +ओ तने सिल पर बटांऊं हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना",rajasthani-raj +"इस पेड़ नीचै आओ हे रुकमण +इस पेड़ नीचै आओ हे रुकमण , आओ हे रुकमण , गलियां मैं किरसन मुरारियां +अब कैसे आऊं स्याम सुन्दर , मदन मोहन , बाबा जी मंडप छाइयां +बाबा हमारे दान देंगे , दहेज देंगे , थाल भर मोतियन के देंगे +लोटा भर के नीर देंगे , पीओ हे जी तुम किरसन मुरारियां +इस पेड़ नीचै आओ हे रुकमण , आओ हे रुकमण , गलियां मैं किरसन मुरारियां +अब कैसे आऊं स्याम सुन्दर , मदन मोहन , ताऊ जी मंडप छाइयां +ताऊ हमारे दान देंगे , देहज देंगे , थाल भर मोतियन के देंगे +लोटा भर के नीर देंगे , पीओ हे जी तुम किरसन मुरारियां +इस पेड़ नीचै आओ हे रुकमण , आओ हे रुकमण , गलियां मैं किरसन मुरारियां +अब कैसे आऊं स्याम सुन्दर , मदन मोहन , फूफा जी मंडप छाइयां +फूफा हमारे दान देंगे , देहज देंगे , थाल भर मोतियन के देंगे +लोटा भर के नीर देंगे , पीओ हे जी तुम किरसन मुरारियां",haryanvi-bgc +"खूब बनी तेरी अँखिया, हाँ रे बने आज की रतिया +खूब बनी तेरी अँखिया , हाँ रे बने आज की रतिया । +खूब बना तेरा सेहरा1 हाँ रे बने आज की रतिया । +लरिया2 लगाएँ सब सखियाँ , हाँ रे बने आज की रतिया ॥ 1 ॥ +खूब बनी तेरी अँखिया , लाल बने आज की रतिया । +खूब सजा तेरा जोड़ा3 हाँ रे बने आज की रतिया । +सनदल4 लगाएँ सब सखियाँ , हाँ रे बने आज की रतिया ॥ 2 ॥ +खूब बनी तेरी अँखियाँ , हाँ रे बने आज की रतिया । +खूब सजा तेरा बीड़ा5 हाँ रे बने आज की रतिया । +सुरखी6 लगाएँ सब सखियाँ , लाल बने आज की रतिया ॥ 3 ॥ +खूब बनी तेरी लाड़ो , हाँ रे बने आज की रतिया । +घूँघट लगाएँ सब सखियाँ , लाल बने आज की रतिया । +खूब बनी तेरी अँखियाँ , हाँ रे बने आज की रतिया ॥ 4 ॥",magahi-mag +"484 +ससे मल दल सुटिए वाग फुलां झोकां तेरियां मानियां बेलियां नी +किसे जोम1 भरे फड़के नपिए तू धड़के कालजा पौंदिया त्रेलियां नी +किसे लई हुशनाक ने जीत बाजी पासा लायके बाजीयां खेलया नी +सूबेदार ने किले नूं ढो तोपां कारस जोर रईयतां मेलियां नी",panjabi-pan +"जोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार में +जोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार में +हाय तुझे इसकी खबर कब होगी +बागे दे विच सपणी जे सुइए +ते कारदी ए मेनू मेनू +बच के निकलीं मेरेया माहिया +कि न लड़ जावे तैनू +लुट्टी हीर वे फकीर दी +हाल वे रब्बा मारी तेरेआं गमां दी . +चलो सहियो चल वेखण चलिए +रांझे दा चब��रा +हीर विचारी इट्टां ढोवे +ते राँझा ढोवे गारा +लुट्टी हीर वे फकीर दी +हाल वे रब्बा मारी तेरेआं गमां दी . +चलो सहियो चल वेखण चलिए +रांझे पाई हट्टी +हीर निमाणी कम करेंदी +हाय न होवे खट्टी +लुट्टी हीर वे फकीर दी +हाल वे रब्बा मारी तेरेआं गमां दी .",panjabi-pan +"की नै यो बाग लगाया +की नै यो बाग लगाया , की नै सींची डाली +हे इब गून्द मालण सेहरा +माली के नै बाग लगाया , मालण सींचे डाली +हे इब गून्द मालण सेहरा +की नै यो डाल झूकाइयां , की नै तोड़े फूल +हे इब गून्द मालण सेहरा +माली के नै डाल झूकाइयां , मालण तोड़े फूल +हे इब गून्द मालण सेहरा +की नै ये डोरे बटाइयां , की नै गून्द्या हार +हे इब गून्द मालण सेहरा +माली के नै डोर बटाइयां , मालण गूंद्या हार +हे इब गून्द मालण सेहरा +आंटी लगी सूत की , लाल लगे लख चार +हे इब गून्द मालण सेहरा +उड़ती लागी चीडकली , कोकट लागे मोर +हे इब गून्द मालण सेहरा +गूंद्या गुन्दाया तैयार हुआ , हुआ बन्दड़े के जोग +हे इब गून्द मालण सेहरा",haryanvi-bgc +"चुलमाटी +तोला साबर धरे ला , तोला साबर धरे ला +तोला साबर धरे ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +तोला पर्रा बोहे ला , तोला पर्रा बोहे ला +पुरुष – सुनत हस सुवासिन +स्त्री – सुनत हावव +तोला पर्रा बोहे ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे +तोला माटी कोड़े ला , तोला माटी कोड़े ला +स्त्री – सुनत हस सुवासन +पुरुष – अरे ददा रे +तोला माटी कोड़े ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +तोला माटी झोंके ला , तोला माटी झोंके ला +तोला माटी झोंके ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे तैं कछोरा ला ढील धीरे धीरे +धीरे धीरे तैं कछोरा ला ढील धीरे धीरे +तोला धोती पहिरे ला , तोला धोती पहिरे ला +स्त्री – बने सम्हाल के पहिरबे +पुरुष – छुटत हे +तोला धोती पहिरे ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन टोलगी खोंच धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन टोलगी खोंच धीरे धीरे +तोला लुगरा पहिरे ला , तोला लुगरा पहिरे ला +पुरुष – अरे बने सम्हाल के पहिन ले सुवासिन +स्त्री – कईसे मोला पहिरे ल नई आही का +पुरुष – अरे लुगरा के छोर ह घिसलत हे +स्त्री – अरे एमा तोला का जलन जात हे +तोला लुगरा पहिरे ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे तैं कछोरा ल भींच धीरे ध��रे +धीरे धीरे तैं कछोरा ल भींच धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे",chhattisgarhi-hne +"दीवा जसी ज्योति +चन्दी गड़ी बन्दी , +कैकी सुआ ह्वैली इनी , लगुती1 सी लफन्दी , +दीवा जसी ज्योति । +चदरी , की खाँप +कैकी सुआ ह्वैली इनी , सैलूजसी लाँप , +दीवा जसी ज्योति । +पाणी जसी पथलीं2 +रुआँ3 जसी हपली4 । +डाली जसी सुड़सड़ी , +कंठ की सी बड़ली । +बखर्यों की तान्द , +कैकी सुआ ह्वैली इनी , टपरान्दी चकोर , +दीवा जसी ज्योति । +धुआँ जसी धुपेली , +नौ गज की धमेली । +राजुला जसी राणी , +केला जसी हतेली । +की टकोर , +कैकी सुआ ह्वैली इनी , टपरान्दी चकोर , +दीवा जसी ज्योति । +स्वींणा सी लिख्वार की , +पिरथी की सि मोल । +बालो सूरिज बाँको , +सोना जसीतोल । +वास की बडुली +मिरग सी आँखी सुआ कुमर्यालि लटूत्ता , +दीवा जसी ज्योति । +नौ सोर मुरली का , +गिताँग जसी गैली । +बुराँस जनी फूल , +फ्योंलि जनी रौतेली । +लगुड़ी लचीली , +कै चाल चलदी सुआ , साज सी सजीली +दीवा जसी ज्योति ॥",garhwali-gbm +"193 +जिवें लोक निगाहे ते रतन थमन भड़थू मारदे रंग लांदियां ने +भड़थू मारके फुमनियां घतदियां ने इक आऊंदियां ने इक जांदियां ने +जेहड़ियां सिदकदे नाच नाल औंदियां ने कदम चुम मुराद सभ पांदियां ने +वारस शाह दा चूरमा कुट के ते देह फातया बंड वंडांदियां ने",panjabi-pan +"कोठे ऊपर में बनरा सूतल हे +कोठे ऊपर में बनरा1 सूतल हे । +बनरा बोलाबे लाड़ो2 कइसे3 आवे हे । +अगे माइ , नया तोहर दुलहा भीरे4 कइसे आवे हे ॥ 1 ॥ +पायल के अवाज सुनि दादा जागथ5 हे । +अगे माइ , नया दुलहिनिया लाजे कइसे आवे हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"पाणी भर भर गइआँ सभ्भे +पाणी भर भर गइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार । इक्क भर आइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार । +इक्क भर आइआँ , इक्क भर चल्लिआँ । +इक्क खलिआँ बाँ पसार । +हार हमेलाँ1 पाइआँ गल विच्च , बाहीं छणके चूड़ा । +कन्नी बुक्क बुक्क मछरीआले2 , सभ आडंबर कूड़ा । +अग्गे सहु ने झात ना पाई , ऐवें गया शिंगार । +पाणी भर भर गइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार । +हत्थीं महिन्दी पैरीं महिन्दी , सिर ते धड़ी3 गुन्दाई । +तेल फुलेल पानाँ दा बीड़ा , दन्दी मिस्सी4 लाई । +कोई सु सद्द पईओ ने , डाढी विसरिआ घर बार । +पाणी भर भर गइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार । +बुल्ला सह�� दे पंध पवें जे , तां राह पछाणें । +पऊँ सताराँ पासिओं मंगदा , दाअ प्या त्रैकाणे । +गूँगी डोरी कमली होई , जान दी बाज़ी हार । +पाणी भर भर गइआँ सभ्भे , आपो आपणी वार ।",panjabi-pan +"टिकावन +1 +हलर हलर मोर मड़वा हाले +खलर खलर दाइज परे +सुरहिन गइया के गोबर मंगइले +खुट धरि अंगना लिपइले +गज मोतिन कर चौक पुरइले +सोने कलस धरइले +कोन देवय मोर अचहर पचहर +कोन देवय धेनू गाय हो +दाई मोर टिकथे अचहर पचहर +ददा मोर टिकथे धेनु गाय हो +भईया मोर टिकथे लिली हंसा घोड़ा +भउजी आठ मासा सोन हो +2 +इही धरम ए धरम ए गा +आ ग मोरे ददा फेर धरम नई तो पाबे गा +लागत रहय छूटी डारे गा +आ गा मोरो ददा तीनों तिरिथ जीती डारे गा +पइंया पखारत बइंहा डोले वो +आ वो मोरो दाई डोलत कलस जलपानी वो +का दिन पीरा रखे दुधे वो +आ वो मोरो दाई मथुरा नगर कर दुबी वो +जल जुठारे जल मछरी वो +आ वो मोरो दाई बछुरा जुठारे काज दुधे वो +हलल हलल मड़वा डोले +आ वो मोरो दाई खलल खलल दाइज परे वो +3 +इही धरम ले धरम हे वो +आ वो मोर दाई फेर धरम नई तो पाबे वो +लागत रहय छूटी डारे वो +आ वो मोर दाई तीनों तिरिथ जीती डारे वो +छेरी के दूध छेरियाइन वो +आ वो मोर दाई गइया के दूध बड़ा मीठे वो +हलर हलर मड़वा डोले गा +आ गा मोर ददा खनर खनर दाइज परे गा +पइंया पखारत बइंहा डोले वो +आ वो मोर काकी डोलत कलस जलपानी वो +चना खाये ल पइसा देबे वो +आ वो मोर आजी चटरचटर चूमा लेबे वो +हाथ लमाये ल परही गा +आ गा मोर ममा डेहरी लगाये ल माथे गा +4 +चढ़त बेरा धरम के उतरत बेरा लागिन के +धरम धरम जस ले ले +फेर धरम नई मिले +आज बेटी भये हबे बिरान +अपन दाई के राम दुलौरिन +छीन भर कोरा मं ले ले +हाय हाय दाई कोरा दुलभ होई जाय +अपन ददा के राम दुलौरिन +छीन भर कोरा मं ले ले +आज बेटी भये हबे बिरान +अपन काकी के राम दुलौरिन +छीन भर कोरा मं ले ले +आज बेटी भये हबे बिरान +अपन भउजी के राम दुलौरिन +छीन भर कोरा मं ले ले +आज बेटी भये हबे बिरान +5 +टिक देबे ददा हाथी अउ घोड़ा +टिक देबे लागत गाय ददा +टिक देबे लागत गाय +टिक देबे दाई अचहर पचहर +टिक देबे नौ लक्खा हार दाई +टिक देबे नौ लक्खा हार +टिक देबे भईया सोला सिंगारे +कर ले धरम तोर हाथे भईया +कर ले धरम तोर हाथे +टिक देबे भउजी हाथे के कखनी +कर ले धरम तोर हाथे भउजी +कर ले धरम तोर हाथे +कोन तोर टिके नोनी अचहर पचहर +कोन तोर टिके नोनी अचहर पचहर +कोन तोर टिके धेनू गाय +कोन तोर टिके धेनू गाय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल ��िहावय सिरी राम +दाई तोर टिके नोनी अचहर पचहर +दाई तोर टिके नोनी अचहर पचहर +ददा तोर टिके धेनू गाय +ददा तोर टिके धेनू गाय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +गाय अउ भइंस ले नोनी कोठा तोर भरगे +गाय अउ भइंस ले नोनी कोठा तोर भरगे +दुलरू के मन नहीं आय +दुलरू के मन नहीं आय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +पइसा अउ कउड़ी ले नोनी सन्दुक भरगे +पइसा अउ कउड़ी ले नोनी सन्दुक भरगे +दुलरू के मन नहीं आय +दुलरू के मन नहीं आय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +टथिया अउ लोटा ले नोनी झंपिया तोर भरगे +टथिया अउ लोटा ले नोनी झंपिया तोर भरगे +दुलरू के मन नहीं आय +दुलरू के मन नहीं आय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम",chhattisgarhi-hne +"353 +जेहड़ियां लैण उडारियां नाल बाजां उह बुलबुलां ठीक मरींदियां ने +उन्हां हरनियां दी उमर हो चुकी पानी शेर दी जूह जो पींदियां ने +उह डायनां जान कबाब होइयां जेहड़ियां बेड़ीयां नाल खहींदियां ने +उह इक दिन फेरसन आन घोड़े किडां जिंहां दियां नित सुनींदियां ने +जोकां इक दिन पकड़न चोड़ी अणियां लहू अनुपते नित जो पींदियां ने +दिल माल दीजे लख कंजरी नूं कदी दिलों महबूब ना थींदियां ने +इक दिन पकड़ियां जानगियां हाकमां दे पराई सेज जो नित चूड़ींदियां ने +इक दिन गड़े वसावसन उह घटां होठां जोड़के नित गरजींदियां ने +तेरे लवन मोढे साढे लवण नाड़े मुशकां किसे दीयां अज बझींदियां ने",panjabi-pan +"न्यूं कह रही धौली गाय +न्यूं कह रही धौली गाय +मेरी कोई सुणता नाई +मेरे कितने सिरी भगवान +मैं दुख पा रही +मेरा दूध पिवै संसार +घी तै खावै खीचड़ी +मेरे पूत कमावें नाज +मैंघे भा की रूई +जब भी मेरे गल पै छुरी",haryanvi-bgc +"जन्म के गीत-3 +पहली गनेश पद धावों +मैं चरन गभावों +ललना विघन हरन जन नायक +सोहर के पद ल गावत हो +एक धन अंगिया के पातर +दुसर हे गर्भवती ओ +ललना अंगना में रेंगत लजाय +सास ल बलावन लागे हो +ननद मोर ओसरिया में ओ +ललना , र्तृया मोर सूत है महल में +मैं कैसे के जगवंव वो +झपकि के चढ़ों में अटरिया +खिरकी के लागू लेके ओ +ललना , छोटका देवर निरमोहिला +बंसी ल बजावत हवै ओ +मन मन गुने रानी देवकी +मन मं विचारन लागे ओ +ललना ऐही गरभ मैं कैसे +वचइ लेत्यौं ओ +सात पुत्र राम हर दिये +सबो ल कंस हर ले लिस औ +ललना ��ही गरभ अवतारे +मैं कैसे बचइ लेत्यौं औ +धर ले निकरे जसोदा रानी +मोर सुभ दिन सावन ओ +ललना , चलत हवै जमुना असनाने +सात सखी आगू सात सखी पीछू ओ +सोने के धइला मूड़ मं लिये +रेसम सूत गूड़री हे ओ +ललना , चलत है जमुना पानी +सात सखी आगू सात सखी पीछू ओ +कोनो सखी हाथ पांव छुए +कोनो सखी मुँह धौवै ओ +कोनो जमुना पार देखै +देवकी , रोवत हवै ओ +धेरिधेरि देखै रानी जसोदा +मन में विचारन लागे ओ +कैसे के नहकों जमुना पारे +देवकी ल समझा आत्यों ओ +न तो दिखे , घाट घठौना +नइ दिखै नवा डोंगा वो +ललना , कैसे नहकों जमुना पारे +जमुना , ल नहकि के ओ +मर रो तें मत रो देवकी +मैं तोला समझावत हैं वो +ललना , कैसे विपत तोला होए +काहे दुख रोवत हवस ओ +कोन तोर सखा पुर में बसे +तोर कोन धर दुरिहा है ओ +ललना कोन तोर सइयां गए परदेसे +तैं काहे दुख रोवत हवस ओ +न तो मोर सखा पुर में बसै +न तो मोर धर दुरिहा ओ +न तो मोर र्तृया गए परदेसे +गरभ के दुख ला रोवत हवौं वो +सात पुत्र राम हर दिये +सबेल कंस हर लिस वो +ललना आठे गरभ अवतारे +मैं कैसे बचइले बौं बो +चुप रह तै चुप रह देवकी +मैं तोला समझावत हावों ओ +मोरे गरभ तोला देहौं +तोर ला बचाइ लेहौं वो +नून अऊ तेल के उधारी +पैसा कौड़ी के लेनी देनी ओ +बहिनी कोख के उधारी कैसे हो है +मैं कैसे धीरज धरौं ओ +एक मोर साखी है चन्दा +दुसर सुरज भाइ ओ +ललना , साखी है चन्दा भाइ +सुन ले देवकी रानी ओ +ऐसे करार कैसे बाधौं +धीरज धरौं ओ +ललना देवकी जैसे रामनामे +तुही ए गरभ ल उबारब ओ । +पहिलो महीना देवकी ल होवे +दुसर महीना होवे ओ +ललना , तिसर महीना देवकी ल होगे +तब मन सकुचावय हो +चार महीना देवकी ल होगे +तब गरभ जना परय हो +ललना , पिवर मुंह ड्डलड्डल दिखे +तब अठौ अंग पिवरा दिखे ओ +पांच महीना देवकी ल होगे +तब सास ह पुछन लागे ओ +देवकी ह पेट अवतारे +दुखसुख बतावरन लागे ओ +छठे महीना देवकी ल होंगे +तब ननद हंस के कहय ओ +होतिस भतिजा वा अवतारे +तब सुमंगल गात्यों ओ +सात महीना देवकी ल होंगे +तब सास परिखन लागे हो +ज्योंनी अंग मोर फरकत हे +बेटवा के लच्छन हवै ओ +आठ महीना देवकी ल होगे +तब आठों अंग भरि गए ओ +कैसे के लुगरा सम्हारौं +दरद व्याकुल करे हो +नव दस महीना देवकी ल होंगे +तब सुइन ल बला देवै ओ +ललना , उठिगे पसुरीपसुरी के पीरा +दरद में वियाकूल भये हो +भादो के रतिहा निसि अंधेरिया +पानी बरसन लागे ओ +ललना , बाहर मं बिजुरी चमके +गरजना करन लागै ओ",chhattisgarhi-hne +"अंगिका फेकड़ा +निनियाँ पुर सें निनिया ऐलौ +नानी यहाँ सें गेनरा ऐलौ । +नूनू माय , हे नूनू माय +नूनू कथी लेॅ कानै छौं +अंगिया लेॅ की टोपिया लेॅ +दादादादी हज्जर लेॅ +पितिया महज्जर लेॅ +चाकू रे चन्न बीजू रे वन्न +खोपोॅ बीकै छोॅछोॅ मन्न । +की खैबे रे बनरा ? +दालभात खैबौ गे दीदी । +केना सुतवे रे बनरा ? +कोला में सुतवौ गे दीदी । +पाप लिखतौ रे बनरा +गंगा नहैवे गे दीदी । +सरदी होतौ रे बनरा +हरदी फाँकवोॅ गे दीदी । +खोखी होतौ रे बनरा +खोखमल्ला पिन्हबोॅ गे दीदी । +रे नूनू कथी के +अचनपचन बेलना के +मायबाप ससन्ना के +दादादादी हज्जर के +पितिया महज्जर के +हम्में खेलौनिया जाफर के +फूफू तेॅ छेकी गुल्लर के । +ताय पूड़ी ताय +केके पकाय +नूनू पकाय +नूनुहैं खाय । +नूनू के माय आवोॅआवोॅ +भरी कंटरी खीर बनावोॅ +आपने लेल्हेॅ थार भरी +नूनू के देल्हौ कटोरा भरी +वही लेॅ नूनू रूसल जाय +बापेपितियें मिली बौसल जाय +बापें बौसल हाथीघोड़ा +पितियें बौंसल दूध कटोरा ।",angika-anp +"बालो छ बदरी झूमैलो +बालो छ बदरी , झुमैलो +परबत आई , झुमैलो +गढ़वाल आई , झुमैलो +दिनु का दाता , झुमैलो +राजा का सामी , झुमैलो +भावार्थ +' बदरी बालक हैझुमैलो +वह पर्वत पर आ गया झुमैलो +वह गढ़वाल में आ गया झुमैलो +वह दीनों का दाता हैझुमैलो +वह राजा का स्वामी हैझुमैलो",garhwali-gbm +"486 +जिवे सोहने आदमी फिरन बाहर किचरक दौलतां रहन छपाइयां नी +अज भावें तां बाग विच ईद होई खाधियां भुखयां ने मठीआइयां नी +अज कइयां दे दिलां दी आस पुजी जम जम जान बागो भरजाइयां नी +वसें बाग जुगां ताईं सने भाबी जियें खान फकीर मलाइयां नी +खाकतोदियां1 दे जिथे ढेर वडें तीरअंदाजां2 नें तानीयां लाइयां नी +अज जो कोई बाग वीच जा वढ़या मुंहों मगीयां दौलतां पाइयां नी +पानी बाझ सुकी दाडी खेडया दी मुन्न कढी है ढोहा नाइयां नी +सयाह भौर होइयां चशमां3 पयारयां दियां भरपूर पौंदे रहे सलाइयां नी +अज आब4 चड़ी ओहनां मोतियां नूं जीओ आईए भाबीए आइयां नी +वारस शाह हुन पानियां जोर कीता बहुत खुशी कीती मुरगाइयां नी",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +गज भर धरती घट जैहें प्रक चोट करों दैब से मार +तब तो बेटा जासर के नैं याँ पड़े रुदल बबुआन +चल गैल रुदल ओजनी से गढ़ पिअरी में गैल बनाय +लागल कचहरी है डेबा का जहवाँ रुदल पहुँचे जाय +सोना पलँगरी बिछवाइ सोना के मोंढा देल धरवाय +सात गलैचा के उपर माँ रुदल के देल बैठाय +हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू डेबा ब्राहमन के बलि जाओं +लागल लड़ाइ नैना गढ़ में डेबा चलीं हमरा साथ +एतना बोली डेबा सुन गैल डेबा बड़ मोहित होई जाय +जोड़ गदोइ डेबा बोलल बाबू सुनीं रुदल बबुआन +जहवाँ पसीना है रुदल के तहवाँ लोधिन गिरे हमार +डेबा डेबा के ललकारे डेबा सुन बात हमार +बाँधल घोड़ा तबल खास में घोड़ा ए दिन लावव् हमरा पास +चल गैल डेबा गढ़ पिअरी से तबल खास में पहुँचल जाय +बावन कोतल के बाँधल है बीच में बाँधल बेनुलिया घोड़ +ओहि समंदर डेबा पहुँचल घोड़ा कन पहुँचल जाय +जोइ गदोइ डेबा बोलल घोड़ा सुनव् बात हमार +भैल बोलाहट बघ रुदल के +लागल लड़ाइ नैना गढ़ में घोड़ा चलव् हमरा साथ +एतना बोली घोड़ा सुन गैल घोड़ा के भैल अँगार +बोलल घोड़ा जब डेबा से बाबू डेबा के बलि जाओं",bhojpuri-bho +"बाना गीत +झिनिझिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा । +बना तारो फुवो नी आयो , तारा राज मा । +झिनिझिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा । +बना तारो फुई नी आवी , तारा राज मा । +झिनिझिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा । +छोटे पत्तों वाली इमली के फूल आ रहे हैं , ऐसे में ब्याह हो रहा है । गीत में दूल्हे से पूछा गया है कि दूल्हे राजा तेरे राज में बुआ , फूफा और बहिन नहीं आई हैं ।",bhili-bhb +"विवाह गीत +तू ते नहाई ले वो गोरी बनी । +तारा पाट ना नीचे नीर उहे । +तू ते सापड़ि तेरे सापड़ी ले बूढ़ा लाड़ा । +हामु कुकड़ो नी खीजे , बुकड़ो नि खाजे । +नंदी धड़े हामु बाम्हण्या रे । +हंइ मंगलि ठगारी ठगि देसे रे । +नंदी धड़े हामु बाम्हण्या रे । +हामुंग दितल्यो ठगारो ठगि देसे रे । +हामु दितल्यो वाली के ली लेसुं रे । +गोरी बनी को गीत में कहा गया है कि तू स्नान कर ले , तेरे पाट के नीचे पानी बह रहा है । दूल्हे को यहाँ स्नान नहीं कराते हैं , पर गीत में कहा गया है कि तू स्नान कर ले बूढ़ा दूल्हा । हम मुर्गा बकरा नहीं खाते हैं हम बामण्या जाति के हैं । बामण्या गोत्र के लोग मुर्गा बकरा नहीं खाते हैं । अब ठगोरी मंगली हमें ठग लेगी । हमें दितल्या ठग लेगा । हम दितल्या की पत्नी को ले लेंगे ।",bhili-bhb +"साजौ पत जोजन की, भोजन पै सभों सब +साजौ पत जोजन की , भोजन पै सभों सब , +साजौ मंच डेरन गुलगुलौ लियायकें । +तान दो वितान चार चाँदनी चंदेवा , पूर +पल में गलीचा फर्स मखमली बिछाय कें । +‘ईसुरी’ तरंगन में दीजियो बंधाय सेत , +काट के कुघाट बाट राखियो बनाय कें । +साज के तोश बेष आउत श्री कोसलेस , +पावै ना कलेंस लेस देस मेरे आय कें ।",bundeli-bns +"ऐसी मन में आयो रे +ऐसी मन में आयो रे । दुक्ख सुक्ख सभ वं´ारेओ रे । +हार शिंगार को आग लगाऊँ , तन पर ढाँड मचायो रे । +सुण के ज्ञान कीआँ ऐसी बाताँ , +नाम निशाँ तभी अनघाताँ । +कोयल वाँङ मैं कूकाँ राताँ , +तैं अजे भी तरस ना आयो रे । +गल मिरगानी सीस खप्परिआँ , +दरशन की भीख मंगण चढ़िआ । +जोगन नाम बहुलत धरेआ , +अंग भिबूत रूमायो रे । +इशक मुल्लाँ ने बाँग सुणाई , +एह गल्ल सुणनी वाजब आई । +कर कर सिजदे सिदक वल्ल धाई , +मुँह मैहराब टिकारियो रे । +प्रेम नगर वाले उल्टे चाले , +मैं मोई भर खुशिआँ नाले । +आण फसी आपे विच्च जाले , +हस्स हस्स आप कुहायो रे । +बुल्ला सहु संग प्रीत लगाई , +जी जामे दी दित्ती साई । +मुरशद शाह अनायत साईं , +जिस दिल भरमायो रे ।",panjabi-pan +"कजरेली मोरे मैना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +पतरेंगी मोरे मैना , सवरेंगी ना रे सुवा ना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +पुन्नी के चन्दा ला लेगे बदरिया +कहाँ बुलाये मोर बाँके नजरिया +पुन्नी के चन्दा ला लेगे बदरिया +कहाँ बुलाये मोर बाँके नजरिया +का तो हाबय तीजाही उपास रे , कजरेली मोरे मैना +का तो हाबय तीजाही उपास रे , कजरेली मोरे मैना +चम्पा चमेली मोर चुरमुर चुरमुर +का दुःख मा बइठे हे झुरमुर झुरमुर +चम्पा चमेली मोर चुरमुर चुरमुर +का दुःख मा बइठे हे झुरमुर झुरमुर +मन ले कइसे पराये उलास रे , कजरेली मोरे मैना +मन ले कइसे पराये उलास रे , कजरेली मोरे मैना +कंचन काया ले माया रिसागे +चहकत चिरईया मोर कइसे थिरागे +कंचन काया ले माया रिसागे +चहकत चिरईया मोर कइसे थिरागे +जीव ले आस हे काबर हतास रे , कजरेली मोरे मैना +जीव ले आस हे काबर हतास रे , कजरेली मोरे मैना +पतरेंगी मोरे मैना , सवरेंगी ना रे सुवा ना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +सवरेंगी मोरे मैना , पतरेंगी मोरे मैना +सवरेंगी ना रे सुवा ना",chhattisgarhi-hne +"सगरे समैया कोसी मैया +सगरे समैया कोसी मैया , सुतीबैठी गमैले हे +कोसी मैया सजलै बरीयात हे भादो मास +सब केरोॅ नैया हे कोसी माय +अमरपुर पहुँचलेॅ हे मोरा नै +हे मोरो नैया देलेॅ भसियाय +यही पार देबै कोसी माय दसौना बीर पान +वही पार देबै कोसी माय +दुधवा के ढार देबहै वही पार +जानू , कानू , जानू , खीझू मल्लाहा रे मैया +नैयो लगैबौ सीधे धार ।",angika-anp +"हाथ में मेहंदी मांग सिन्दूरवा +हाथ में मेंहदी मांग सिंदुरवा +बर्बा��� कजरवा हो गइले +बाहरे बलम बिना नींद ना आवे +बाहरे बलम बिना नींद ना आवे +उलझन में सवेरवा हो गइले +बिजुरी चमके देवा गर्जे घनघोर बदरवा हो गइले +पापी पपीहा बोलियाँ बोले पापी पपीहा बोलियाँ बोले +दिल धड़के सुवेरवा हो गइले +बाहरे बलम बिन नींद न आवे +उलझन में सुवेरवा हो गइले +आ . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . +अरे पहिले पहिले जब अइलीं गवनवा +सासू से झगड़ा हो गइले +बाकें बलम पर . . . अहा अहा +बांके बलम परदेसवा विराजें +उलझन में सुवेरवा हो गइले +हाथ में मेंहदी मांग सिंदुरवा +बर्बाद कजरवा हो गइले",bhojpuri-bho +"भक्ति दान मोहे दिजीये +भक्ति दान मोहे दिजीये , +देवन के हो देवा +करु संत की सेवा . . . +भक्ति दान . . . +१ नही रे मांगूँ धन सम्पदा , +सुन्दर वर नारी +सपना म रे मांगूँ नही +मोहे आन तुम्हारी . . . +भक्ति दान . . . +२ तीरथ बरत मोसे ना बने , +कछू सेवा ना पुजा +पतीत ठाड़ो परभात से +आरु देव न दुजा . . . +भक्ति दान . . . +३ करमन से रिध सिद्ध घणा , +वैकुंठ निवासा +किंचित वर मांगूँ नही +जब लग तन स्वासा . . . +भक्ति दान . . .",nimadi-noe "डुपट्टो फूलाँ भया चीरा तो तम पेरजो रे बना पेंचा भोत हजार डुपट्टो फूलाँ भर्यो लाला भोत हजार डुपट्टो फूलाँ भर्यो । @@ -20676,32 +15540,1230 @@ folksong,language थारो झरोका को झाकणो रे बना म्हारो सरमीला सुभाव डुपट्टो फूलाँ भर्यो । इसी तरह जेवरों और परिवार के सदस्यों के नाम जोड़तेजोड़ते यह गीत लम्बा होता चला जाता है ।",malvi-mup -"गंगाय ऐली आयोम काडो गंगाय ऐली आयोम -गंगाय ऐली आयोम काडो गंगाय ऐली आयोम -गंगाय ऐली आयोम काडो गंगाय ऐली आयोम -आयोम माडो कोन्जिया कोरा डो डोयराय -आयोम माडो कोन्जिया कोरा डो डोयराय -डिवड़ी नी लियेन सुबाये डो गंगाय ऐली आयोमी -डिवड़ी नी लियेन सुबाये डो गंगाय ऐली आयोमी -कोन्जई नी कोरा डो डोयराये -कोन्जई नी कोरा डो डोयराये -कोन्जई नी गाठी काकू नी गाठी चापा नी चापु डो टोयाये -कोन्जई नी गाठी काकू नी गाठी चापा नी चापु डो टोयाये -गंगाय ऐली आयोम कोन्जीया नी हिरदा डो हाजे -गंगाय ऐली आयोम कोन्जीया नी हिरदा डो हाजे -कोन्जीया नी रजो लिवीज डो लोखोड झूलानी लीयेन डो आसुडे -कोन्जीया नी रजो लिवीज डो लोखोड झूलानी लीयेन डो आसुडे -गंगाय ऐली आयोम कोन्जीया नी हिरदा डो हाजे -गंगाय ऐली आयोम कोन्जीया नी हिरदा डो हाजे -कोन्जीया हिरदा हाजेवाडो गंगाय ऐली आयोम -कोन्जीया हिरदा हाजेवाडो गंगाय ऐली आयोम -रोचो मा रोचो डो जामे -रोचो मा रोचो डो जामे -गीली नी दारोम सुनाडो गंगाय ऐली आयोम -गीली नी दारोम सुनाडो गंगाय ऐली आयोम -उरा डागे उरा सूना सूना -उरा डागे उरा सूना सूना -स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 6 +कोठा मँ बछिया हर आजे ओ +चोला छोड़त हे +देख तो दीदी पूंछी पटक के +नरिया के गिंया +मोर आंसू ल ओ +नीर गिरथे राम +बछिया के दीदी +जब रामराम कहिके चोला ओ बाई छोड़य ओ , भाई ये दे जी । +जब भरथरी लेगी के +मोर फेंकत हे ओ +देख तो दीदी भांठा मा +माटी देई के ना +चले आवत हे +पांच जोनी ये ओ , धरि लिहे गिंया +मोर कइसे विधिकर बोलय ओ भाई बोलय ओ , भाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा मा +तीने महिना म ओ +देखतो दीदी जनम धरत हे +मोर बिलाई के +चल पेट म न +मो कोठी म अवतार लेई लेवय ओ , लेई लेवय ओ , भाई ये दे जी । +मेऊँमेऊँ नरियावत हे +सुनिले भगवान +काने खबर भरथरी +मोर आवाज ये ओ +जेला सुनत हे न +खोजतखोजत गियां +चले जावत हे ओ +मोर कोठी म न +मोर गोड़ा तरी चल बइठे ओ , चल देखय ओ , भाई ये दे जी । +फाट जातीस धरती हमा जातेंव +दुख सहे नई जाय +का तो जनम जोगी धरेहॅव +दुख परिगय राम +हाल देना बताय +ओही जनम के , मोर सारी येन +वचन पियारी राम +मोर सोने पलंग कइसे टूटिस ओ , रानी हांसिस ओ , भाई ये दे जी । +सुनिले भरथरी मोर बात +छय जोनी ये ओ +आज मय हर धरि लिहेंव +सात जोनी मे न +तोला देहॅव बताय +मोर बिलाई ए ओ +गोड़ा तरी दीदी +सतपुर के न +नाम लेई के मोर चोला ल ये दे छोड़य ओ +भाई छोड़य ओ , रानी ये दे जी । +सात जोनी अवतारे मा +मॅय बताहॅव कहय +देख तो दाई मोर बोलत हे +भरथरी हर ओ +कइसे जावत हे न +मोर लहुटी आवय +रंगमहल म , रंगमहल म , भाई ये दी जी । +खोजतखोजत राजा नई पावय दीदी +बइहा बरन भरथरी ये +मोर दिखत हे न +मोहिनी ये सुरत +मोर कइसे विधि कर +काला ओ तक होगे ओ , रानी ये दे जी । +साते अवतारी मँ जावत हे +देख तो रानी ये ओ +काखर कोख मँ जनम +मॅयहर लेहॅव गिंया +मन म सोचत हे न +ये दे खोजे बर हंसा ओ जीव जावय ओ , भाई ये दे जी । +गढ़नरुला के राजा जेकर +रानी ये न +जावय रानी हर +सुन राजा महराज के +एके महीना ये ओ +दूसर महीना मोर +दस महीना के छइहां ओ बाई लागय ओ , भाई ये दे जी । +दसे महीना हर होवत हे +ए दे रानी ल राम +देखतो अवतारे ल लेवत हे +मोर कइना ये ओ +गढ़नरुले मा +डंका बाजत हे राम +आनंद मंगल मनाय +मोर देवता मन +फूल बरसावय ओ , बरसावय ओ , भाई ये दे जी । +साधू सन्यासी +जयजय कार करॅय +देख तो दीदी रंगमहल म +फौज पटक्का ये न +ये दे फुटत हे राम +आनंद मंगल ये ओ +दरबार में न +जेकर होवय हीरा +मोर कइना जनम +रानी लेवय ओ , भाई लेवय ओ , रानी ये दे जी । +एके महीना +होवत हे +मोर कटोरी म +दूधे पीयत हे कइना हर +दूसर महीना , पलंगों में खेलय +तीन महीना में राम +किलकारी देवय +मोर चारपांच महीना ओ , गुजरे ओ , भाई ये दे जी । +साते महिना ये +आठे ये मड़ियावत हे ओ +धीरेधीरे खेल बाढ़य +गलीअंगना म +खेलत हावय कइना +धूरखावत हे राम , धूर बाढ़त हे ओ +मोर साल भर के होवय ओ , ये दे होवय ओ , भाई ये दे जी । +मोहिनी होय बरोबर +कइसे दिखत हे न +देखतो दीदी रुपदेई +गढ़नरुले म न +मोर आनंद राम +मंगल करत हे ओ +मोर साल दू साल बीते ओ , ये दे बीते ओ , भाई ये दे जी । +आठ बच्छर के होवत हे +नव बच्छर के राम +बारा बच्छर के छइंहा ये +कइना होगे गिंया +भरथरी ये न +खोजतखोजत ओ +चले आवय दीदी +मोर राजा ये न +रंगमहल मँ आइके बोले ओ , ये दे बाले ओ , भाई ये दे जी । +सुनले कइना मोर बात ल +ओही जनम के ओ +तँय तो हीरा मोर सारी अस +ए ही जनम ओ +राजकुमारी बने +छय जनम तोर पाछू धरेंव +भेद नई तो बताय +मोला भेद ल देते बताय ओ , बताई ओ , भाई ये दे जी । +सोने पलंग कइसे टूटिसे +रानी हाँसिसे ओ +जेकर भेद बता देते +सुन लेतेंव कइना +जीव हो जातिस शांत +आनंद मंगल ओ +करी लेतेंव कन्या +मोर अइसे बानी +हीरा बोलय ओ भरथरी ओ , भाई ये दे जी । +तब तो बोलत हावय कइना हर +सुनले भांटो मोर बात +ओही जनम के +तोर सारी अॅव +ए ही जनम म +राजकुमारी अव न +मय तो बने भांटो +अभी नई तों कहॅव +मोर जियत खात होई +होई जावय ग , भाई ये दे जी । +जऊने दिन मोर विहाव +होई जाहय भांटो +गवना कराके , ले जाही न +चले आबे भांटो +तोला देहॅव बताय +मोर अइसे बानी हीरा बोलय ग , ये दे बोलय गा , भाई ये दे जी । +सोने पलंग कइसे टूटिसे +रानी हाँसिसे ओ +जेकर भेद ब +अतका वचन ल सुनके +भरथरी ह ओ +लोटी आवे रंगमहल म +अपन दरबार मँ आके बोलथे राम +सुन दाई मोर बात +साते जनम ओ सारी लेइस हवथ +भेद नई तो बताय +अइसे बानी हीरा बोलय गा , ये दे बोलय गा , भाई ये दे जी । +जेकर बीच मँ सामदेई +बानी बोलत हे राम +सुनले जोड़ी मोर बात ल +घर मँ आये हों +जे दिन गउना कराय +बन किंजरत हव न +पाछू परे हव राम +अपन सारी के ओ +भेद तोला नई बताय ओ , बताय ओ , रानी ये दे जी । +तुम तो बनेबने बुलथव +घर म मय हँव ओ +कइसे कलपना ल का कहँव +भगवाने गिंया +जेला गुनत हे नाम +भरथरी के ना +मति हर जाबे न +मोर रंगमहल मं आनन्द मंगल मनावॅव ओ , भाई ये दे जी । +एतीबर रुपदेई रानी के +मंगनी होवत हे राम +देख तो दीदी दिल्ली सहर म +चले आवय हीरा +मं��नीजंचनी होई जावय बेटा +ये दे रचे बिहाव +मोर आनन्द मंगल मनावे ओ , ये मनावे ओ , भाई ये दे जी । +गढ़ दिल्ली बरात ये +चले आवत हे राम +राजा मानसिंह धरिके +गढ़नरुलै न रुपदेई ल राम +ए बिहा के न +आनन्द मंगल मनावॅव ओ +दाई मोर सजे बराती आगे ओ , बैरी आगे ओ , भाई ये दे जी । +काने खबर परथे +भरथरी के ओ +देखतो दीदी घोड़ा साजत हे +बारामरद के घोड़ा साजा के न +भरथरी ये राम +चले जावॅव गिंया +गढ़नरुले म ओ +मोर जाई के बोलत हे बानी ओ , दाई बानी ओ , भाई ये दे जी । +सुनले कइना मोर बात ल +हाल दे दे बताय +बात पूछे चले आये हॅव +भरथरी के न +बोली सुनथे राम +रुपदेई ये ओ +एदे सुन्दर मधुर बानी ओ , दीदी बोलय ओ , भाई ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"रे पंछी! +रे पंछी तिसना की डाँगन में भटकत मुकते दिन बीते । +फल की इच्छा सैं बिरछन की +मुलकन देखी डारडरइयाँ , +करमन सैं जो मिले , उनें दए +छोड़ , तकीं फिर तालतलइयाँ । +सबरइँ धाली चौंच , तोउ रए पेट अरे रीते के रीते । +अपने जातपाँत के पंछिन +खौं कर पीछें आँगें दौरे , +कितनन खौं घायल कर पंजन , +बिदोबिदो समुदा में बोरे । +तइ पै तेरी मरी न मंसा , इतने करम करे तैं लीते । +संसारी के वन में आए , +भारीभारी पंखनबारे , +उड़तउड़त पंखा सब झर गए +पार न पाऔ तब मन हारे । +तइ पै तैं कउतइ , जा जग में हम सौं निठुआँ अनचीते । +जासैं जो सैजइ मिल जाबै , +बइमें तिरपत हो कै रइए । +‘मित्र’सत्रु कौ भेद भुला कै , +परमेसुर को कीरत गइए । +जिनकौ जुरौ सत्त सें नातौ बेई रन जीवन कौ जीते ।",bundeli-bns +"पपिहा के बोलिया जहर लागे +कौने कारनवा सहर भागे +पिया पपिहा के बोलिया जहर लागे",bhojpuri-bho +"आल्हा ऊदल +कैंड़ा लागल है देहन माँ दुइ डण्ड खेलौं बनाय +बावन गज के धोती बाँधे उलटी चरना लेल लगाय +बावन कोठी के कोठवार देहन में लेल लगाय +पलहथ रोपल अखड़ा में रुदल डण्ड कैल नौ लाख +मूँदल भाँजे मन बाइस के साढ़े सत्तर मन के डील +तीस मन के नेजम है रुदल तूर कैल मैदान +ताल जे मारे फुलवारी में महराजा सुनीं मोर बात +फुलवा झरि गेल फुलवारी के बन में गाछ गिरल भहराय +जल के मछरी बरही होय गैल डाँटें कान बहिर होय जाय +बसहा चढि सिब जी भगले देबी रोए मोती के लोर +कहाँ के राजा एत बरिया है मोर फुलवारी कैल उजार +सुने पैहें रजा इन्दरमन हमरो चमड़ी लिहें खिंचाय +सतौ बहिनियाँ देबी इन्द्रासन सें चलली बनाय +घड़ी अढ़ाइ का अन्तर में पहुँचली जाय +रुदल सूरत फुलवारी में जहवाँ देबी जुमली बनाय +देखल सूरत रुदल के देबी मन मन करे गुनान +बड़ा सूरत के ई लरिका है जिन्ह के नैनन बरै इँजोर +पड़िहें समना इन्दरमन का इन्ह के काट करी मैदान +नींद टूट गैल बघ रुदल के रुदल चितवै चारों ओर +हाथ जोड़ के रुदल बोलल देबी सुनीं बात हमार +बावन छागर के भोग देइ भैंसा पूर पचास",bhojpuri-bho +"310 +अजू धी रखी धाड़े मार लपर मुशटंडड़ी त्रिंजणी घुमदी ए +करे आन बेअदबी जोगियां1 दी अते मिलदियां महीं नूं चुमदी ए +लाह सेलियां मारदी जोगियां नूं सुते वलवले दिलां दे टुमदी ए +फिरे नचदी शोख बुरहान घोड़ी नांह कतदी नांह तुमदी ए +सरदार है लूहकां लाहकां दी पीहन डोहलदी ते तौन लुमदी ए +वारस शाह दिल आंवदा चीर सुटां बुनयाद एह जुलम दी खुबदी ए",panjabi-pan +"370 +जदों तीक जिमी असमान कायम तदों तीक ए वाह सब वहनगे जी +सभे किबर1 हंकार गुमान लदे आप विच एह अन्त नूं ढहनगे नी +असराफील2 जां सूर करनाएं3 फूके तदों सब पसारड़े ढहनगे नी +कुरशी4 अरश ते लोह कलम5 जनत रूह दोजखां सब एह रहनगे नी +कुरआ6 सुटके प्रशन मैं लावना हां दसां उनां जोउठके बहनगे नी +नाले पतरी खोलके फोल दसां वारस शाह होरी सच कहनगे नी",panjabi-pan +"पहली राखी म्हारा नाना भाई खऽ बांधूँ +पहली राखी म्हारा नाना भाई खऽ बांधूँ , +नाना भाई नऽ दीनी लाल गाय , +लाल गाय का जाया धोरी हल हांकऽ +दूसरी राखी म्हारा मोठा भाई खऽ बांधूँ , +मोठा भाई नऽ दीनी श्याम गाय , +श्याम गाय का धोरी हल हांकऽ ।",nimadi-noe +"साईं छप्प तमाशे नूँ आया +साईं छप्प तमाशे नूँ आया । +सईओ रत्न मिल नाम ध्यावो । +लटक सजण दी नाहीं छपदी , +सारी खलकत सिकदी तपदी । +सईओ रत्न मिल नाम ध्यावो , +साईं छप्प तमाशे नूँ आया । +रल मिल सईओ कत्तण पावो , +इक बेई1 दा विच्च समावो । +तुसीं गीत पीआ दे गावो , +साईं छप्प तमाशे नूँ आया । +बुल्ला बात अनोखी एहा , +नच्चण लग्गी ते घुँघट केहा । +तुसीं पड़दा अक्खीं थीं लाहवो , +साईं छप्प तमाशे नूँ आया ।",panjabi-pan +"कैसो ये देश निगोरा +कैसो ये देश निगोरा , जगत होरी ब्रज होरा ॥ +मैं जमुना जल भरन जात ही , देखि रूप मेरौ गोरा । +मोते कहें चलौ कुंजन में , तनकतनक से छोरा ॥ +परे आंखिन में डोरा । कैसौ . +जियरा देखि डरानौ री सजनी , लाज शरम की ओरा +कहाँ बालक , कहाँ लोग लुगाई , एक ते एक ठिठोरा ॥ +काहू सों काहू कौ जोरा ॥ कैसौ . +निपट निडर नन्दकौ री सजनी , चलत लगावत चोरा +कहत ‘गुमान’ सिखाय सखन मेरौ , सिगरौ अंग टटोरा +न मानत करत निहोरा ॥ केसौ .",braj-bra +"457 +पंड झगड़यां दी कही खोह्ल बैठों वडा महजरी1 ए गूंगा लटबावला वे +असां इक रसाल2 है भाल आंदा भला दस खां की है रावला वे +उते रखया की है नजर तरी गिने आप नूं बहुत उतावला वे +दसे बिना ना जापदी जात तेरी छड़े बाझ ना थीवदा चावला वे +की रोक है कासदा एह बासन3 सानूं दस खां सोहणिआं सांवला वे +सहज नाल सभ कम निरवाह हुंदे वारस शाह ना हो उतावला वे",panjabi-pan +"ऐजा अगनी मेरा मातलोक +ऐजा अगनी1 मेरा मातलोक2 , मेरा मातलोक +त्वै बिना , अगनी , ब्रह्मा , भूखो रैगे , ब्रह्मा भूखे रैगे +कनु3 कैकि औंलू , कनु कैकि ओलू , तेरा मातलोक +तेरा मातलोक यो बुरो अत्याचार , यो बुरो अत्याचार +क्या होलो अगनी बड़ो अत्याचार , बुरो अत्याचार +मायाधीया4 मायाधीया ऊजोपैंछों5 +बेटाबाबू को लेखोजोखो6 +ब्वारी7 ह्वै की सासू अड़ाली8 +नौनो9 ह्वै का बाबू पढ़ालो +नगरी का लोको10 नगरी का लोको तै मातलोक । +मी11 तैं लत्याला12 थक थूकाला , +कनु कैकि औलो , कनु कैकि ओलो ते मातलोक ? +तुमारा लोक मा बढ़ो अत्याचार +तुमारा लोक को तुमारा लोक को खोटो चलण13 । +ऐजा अगनी ऐजा अगनो मेरा मातलोक , +त्वै बिना अगनी ब्रह्मा भूखो रैगे ।",garhwali-gbm +"पलंग पर खेल रहो मेरो नन्दलाल +पलंग पर खेल रहो मेरो नन्दलाल +आओ दाई माई तुम भी खेलाओ +ये दाई माई बोल रहो मेरो नन्दलाला +आरो री सासु राणी तुम भी खेलाओ +ये दादी दादी बोल रहो मेरा नन्दलाल +आओ री जेठाणी राणी तुम भी खेलाओ +ये ताई ताई बोल रहो मेरो नन्दलाला +आओ री देवराणी राणी तुम भी खेलाओ +ये चाची चाची बोल रहो मेरो नन्दलाला +आओ भी नणद राणी तुम भी खेलाओ +ये बूआ बूआ बोल रहो मेरो नन्दलाला",haryanvi-bgc +"नैनन साभरिया लग रैहै +नैनन साभरिया लग रैहै । +जो तै जमुनै , जै हैं । +जिनकौं राज जिनहूँ की रइयत , +उनकी कीसौं के है । +चाहत है जो अपने कुल की , +बाहर पाँव न दैहैं । +‘ईसुर’ स्याम मिलैं कुंजन में , +मन माई कर लै हैं ।",bundeli-bns +"हम परदेशी पावणां +हम परदेशी पावणां , +दो दिन का मेजवान +आखीर चलना अंत को +नीरगुण घर जांणा . . . +हम परदेशी . . . +१ नांद से बिंद जमाईया , +जैसे कुंभ रे काचा +काचा कुंभ जळ ना रहे +एक दिन होयगा विनाशा . . . +हम परदेशी . . . +२ खाया पिया सो आपणां , +दिया लिया सो लाभ +एक दिन अचरज होयगा +उठ कर लागो गे वाट . . . +हम परदेशी . . . +३ ब्रह्मगीर ब्रह्म ध्यान में , +ब्रह्मा ही लखाया +ब्रह्मा ब्रह्मा मिसरीत भये +करी ब्रह्म की सेवा . . . +हम परदेशी . . .",nimadi-noe +"आपे राँझा होई +राँझा राँझा करदी नी मैं , +आपे राँझा होई । +सद्दो नी मैनूँ धीदो राँझा , +हीर ना आखो कोई । +राँझा मैं विच्च मैं राँझे विच्च , +मैं नहीं ओह आप है आपणी , +आप करे दिलजोई । +राँझा राँझा करदी नी मैं , +आपे राँझा होई । +हत्थ खून्डी मेरे अग्गे , +मंगू मोढे भूरा लोई । +बुल्ला हीर सलेटी वेखो , +कित्थे जा खलोई । +राँझा राँझा करदी नी मैं , +आपे राँझा होई । +सद्दो नी मैंनूँ धीदो राँझा , +हीर ना आखो कोई ।",panjabi-pan +"ब्रज में हरि होरी मचाई +ब्रज में हरि होरी मचाई ॥ टेक +इतते आवत कुँबरि राधिका , उतते कुँवर कन्हाई +खेलत फाग परस्पर हिलमिल , यह सुख बरनि न जाई +सु घरघर बजत बधाई ॥ ब्रज में . +बाजत ताल मृदंग झांझ ढप , मंजीरा और शहनाई +उड़ति अबीर कुमकुमा केसरि , रहत सदा ब्रज छाई । +मनो मघवा झरि लाई ॥ ब्रज में . +राधाजू सैन दियौ सखियन को , झुण्ड झुण्ड जो धाई । +लपटिलपटि गई श्यामसुन्दर सौं , बरबस पकरि लैआई ॥ +लाल जू को नाच नचाई ॥ ब्रज में . +लीन्हों छीनि पीताम्बर मुरली , सिर सों चुनरि ओढ़ाई । +बेंदी भाल नैनन बिच काजर , नकबेसर पहिराई , +मनो नई नारि बनाई ॥ ब्रज में . +फगुआ लिये बिनु जानि न देहों , करिहौ कौन उपाई । +लहौं काढ़ि कसरि सब दिन की , तुम चितचोर कन्हाई ॥ +बहुत दिन दधि मेरी खाई ॥ ब्रज में . +सुसकत हौ मुख मोरिमोरि तुम , कहाँ गयी चतुराई । +कहाँ गये वे सखा तुम्हारे , कहाँ जसोमति माई ॥ +तुम्हें किन लेति छुड़ाई ॥ ब्रज में . +रासबिलास करत वृन्दावन , ब्रज बनिता जदुराई । +राधेश्याम जुगल जोरी पर , सूरदास बलि जाई , +प्रीत उर रहति समाई ॥ ब्रज में .",braj-bra +"छतर फिरे चर्खी घरणावै +छतर फिरे चर्खी घरणावै +तोता लहरे ले रह्या ए +तोते ऊपर मोर झिगोरै +मोरणियां की लार ए +मंगतू बेटा ब्याह्वण चढ़ग्या +छतर फिरे चकडोर ए",haryanvi-bgc +"इण्‍डूणी +म्हारी सवा लाख री लूम +गम गयी इण्डूणी +औ इण्डूणी रे कारणे +म्हारी सासू ताना देय +गम गयी इण्डूाणी +ओ इण्डूणी रे कारणे +म्हारो ससुरा रूसो जाय +गम गयी इण्डूणी +ओ इण्डूणी रे कारणे +गयी नणद कुंआ में कूद +गम गयी इण्डूणी +ओ इण्डूणी रे कारणे +म्हारो देवर लड़े लड़ाई +गम गयी इण्डूणी +ओ इण्डूणी रे कारणे +म्हारी जेठाणी बोले बोल +गम गयी इण्डूणी",rajasthani-raj +"लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल +लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल +झूला झूलण हम आई रे +अम्मां नै भेजा है नौ मन सोना +बाबल नै बटवा बटोर रे +भैया ने भेजा है नीला सा घोड़ा +भाभी का सब सिंगार रे +नौ मन सोना मैं नो दिन पहनूं +फट जाए बटवा बटोर रे +नीला सा घोड़ा मैं सदर दौड़ाऊं +भाभी का अचल सुहाग रे +अम्मां कहे मेरे नित उठ आवो +बाबल कहे छट मास रे +भै���ा कहे मेरे काज परोजन +भाभी कहे क्या काम रे +फट जाए धरती मैं बीच समा जाऊं +भाभी नै बोले हैं बोल रे +अम्मां के होते भाभी ने बोले +पीछे से क्या होगा हाल रे +अम्मां को कहना मेरी नमस्ते +बाबल को कहना प्रणाम रे +भैया को कहना युग युग जीवे +भाभी की गोदी में लाल रे +लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल +झूला झूलण हम आई रे",haryanvi-bgc +"छम छम छनन अटरिआ चढ़गी गोदी में +छम छम छनन अटरिआ चढ़गी गोदी में ले कै ललणा +सासू बी आवै चरवा चढ़ावै नेग दिलाओ जच्चा +रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा +जिठानी बी आवै पिलंग बिछावै नेग दिलाओ जच्चा +रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा +नणन्द भी आवै सतिये लगावे नेग दिलाओ जच्चा +रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा +देवर भी आवै बंसी बजावे , नेग दिलाओ जच्चा +रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा",haryanvi-bgc +"आल्हा ऊदल +लड्गे तेगा लेल इंदरमन बाबू कूदल बवन्तर हाथ +पड़लि नजरिया है सोनवा के जिन्ह के अंत कोह जरि जाय +नाता नव् राखब एह भैया के +जेतना जे गहना बा देहन के डोला में देल धराय +बावन बज के धोती बाँधे सोनवा कूद गैल ब्यालिस हाथ +पड़लं लड़ाइ बहिनी भैया बाबू पड़ल कचौंधी मार +तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार +सनसन सनसन गोली उड़ गैल जिन्ह जिमी नव डाले पाँव +सात दिन जब लड़ते बीतल बीत गैल सतासी रात +सात हाथ जब धरती गहिरा पड़ गैल जबहुँ नव सोनवा हटे बनाय +घैंचल तेगा रजा इंदरमन जे दिन लेल अली के नाम +जौं तक मारे ओह सोनवा के जूड़ा पर लेल बचाय +दोसर तेगा हन मारे कँगना पर लेल बचार +तेसर तेगा के मारत में सोनवा आँचर पर लेल बचाय +कूदल बहुरिया ओजनी से कूदल बवन्तर हाथ +पकड़ल पहुँचा इंदरमन के धरती में देल गिराय +लै के दाबल ठेहुना तर राजा राम राम चिचियाय +पड़ल नजरिया समदेवा के समदेव रोवे जाय बेजार +हाय हाय के समदेव धर बेटी सोनवा बात मनाव +पहले काट पिता का पाछे काट भैया के सिर +एतनी बोली सोनवा सुन गैल रानी बड़ मोहित हाय जाय",bhojpuri-bho +"परदो पनवासी डोंगरे टाला +परदो पनवासी डोंगरे टाला +परदो पनवासी डोंगरे टाला +रुये जा इयां डाई सोने की पिंजरे जा रुये +रुये जा इयां डाई सोने की पिंजरे जा रुये +आजोमे आजोमे इयां +आजोमे आजोमे इयां +गोटे जा लाड़ली बाई +गोटे जा लाड़ली बाई +सोने की पिंजरा डो आजोमे +सोने की पिंजरा डो आजोमे +स्रोत व्यक्ति मुलायम , ग्राम मुहाल",korku-kfq +"पिंडदान के गीत +1 +सरगे से आवेले कवन देव पितरों ���े नाम लेकर +बेटा से अरज करे बेटा के होइहें कुल’क +नयकवा अंगन जगिया रोपिहें +गया में पिंडा परिहें । +दुअरे से आवेलं कवन बेटा पिता से अरज करें । +पिता हम होइबों कुल के नयकवा , अंगने जगिया रोपबों , +गया में जगिया रोपबों +सरगे से ऑवेली कवन देइ पितराइन लोग +बहू से अरज करें +बहू के होइहें लाली दुलहिनीयां चउरु चढ़ि बइठिहें +कवन बाबू का दाहिन । +ओबरी ले निकलेली कवन देइ सासु से अरज करें हो , +हाथ का सिन्होरा लेले । +सासु हम होइबों लाली दुलहिनियां +चऊक चढ़ि बइठों कवन बाबू के दहिन +2 +अमवा लगवले कवन सुख सुनहू राजा दशरथ +जवले मउर नाही लगिहे कवन सुख सुनहु राजा दशरथ +टिकोरा , आम , का लगले कवन सुख सुनहू राजा दशरथ +टिकोरा आम लगले कवन सुख सुनहु . . . +जवले पुत्र नाहि जनमिहे सुनहु",bhojpuri-bho +"आओ आओ गोरी रानी आओ +आओ आओ गोरी रानी आओ +आओ आओ गोरी रानी आओ +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +तेरा माऊगोदी इन्दिरा झूले +तेरा माऊगोदी इन्दिरा झूले +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +तेरा बापू गोदी इन्दिरा झूले +तेरा बापू गोदी इन्दिरा झूले +आओ आओ गोरी रानी आओ +आओ आओ गोरी रानी आओ +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मेरा काकी के गोदी में इन्दिरा झूले +मेरा काकी के गोदी में इन्दिरा झूले +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मेरा काका की गोदी में इन्दिरा झूले +मेरा काका की गोदी में इन्दिरा झूले +आओ आओ गोरी रानी आओ +आओ आओ गोरी रानी आओ +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"227 +हथ बन्न के गल विच पा पला कहीं उसनूं दुआ सलाम मेरा +मैंनूं बैरियां ते बस पाईयो ने सांइयां चा विसारया नाम मरो +माझू वाह1 विच बोढ़िए मापयां ने उन्हां नाल नाहीं कोई काम मेरा +हथ जोड़ के रांझे दे पैर पकड़ी इक एतना कहि पैगाम मेरा +वारस नाल बे वारसां रहम कीजे मेहरबान होके आयो शाम मेरा",panjabi-pan +"टूटी चंपा कलिया चुनेगा मियाँ बँदरा लाल +टूटी चंपा कलिया चुनेगा मियाँ बँदरा1 लाल । +टीका मैला हो रे मोतिया न मैली हो लाल । +टूटी चंपा कलिया , चुनेगा मियाँ बँदरा लाल ॥ 1 ॥ +बेसर मैला ��ो रे , चुनिया2 न मैली हो लाल । +टूटी चंपा कलिया , चुनेगा मियाँ बँदरा लाल ॥ 2 ॥ +बाली मैली हो रे , झुमका न मैला हो लाल । +टूटी चंपा कलिया , चुनेगा मियाँ बँदरा लाल ॥ 3 ॥ +सूहा3 मैला हो रे , छापा न मैला हो लाल । +टूटी चंपा कलिया , चुनेगा मियाँ बँदरा लाल ॥ 4 ॥",magahi-mag +"8 +इक तखत हजारे दी गल कीजे जित्थे रांझयां रंग मचाया ए +छैल गभरू मसत अलबेलड़े नी सुंदर इक थीं इक सवाया ए +वाले कोकले मुंदरे मझ1 लुंगी नवां ठाठ ते ठाठ चड़हाया ए +केही सिफत हज़ारे दी आख सकां गोया मिशत ज़मीं ते आया ए",panjabi-pan +"बूड़ सालो बेटी डोर +बूड़ सालो बेटी डोर +बूड़ सालो बेटी डोर +बेटी डो आमानी सिर बेड़ा जेमाजे सेगे +बेटी डो आमानी सिर बेड़ा जेमाजे सेगे +माय का भीडो लावड़ डो +माय का भीडो लावड़ डो +बा भी का लावड़ डो +बा भी का लावड़ डो +बेटी डो आमानी सिर बेडो धिनी काडो सेगे +बेटी डो आमानी सिर बेडो धिनी काडो सेगे +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"कुँवार मास मैया थपणा थपत है +कुँवार मास मैया थपणा थपत है +कारतिक खेले गाय हो मैया +कारतिक मास मैया परब दिवाली +अगइन अनधन होय +पोस तुसरिया , माह भदोरिया +फागुण खेले फाग +चैतेज मास मैया चित् उठ लागे +वैशाखे फूली फूलवास +जैठे जो मास मैया तपना तपत है +आषाढ़ बोले चतुरक मोर +सावण मास मैया रिमझिम बरसे +भादव गेर गम्भीर",malvi-mup +"कैसे व्याहू राधा कन्हैया तेरो कारो +कैसे व्याहूं राधा , कन्हैया तेरो कारो +घरघर की वो गउवें चरावे +ओढ़त कम्बल कारोकारो । कैसे . . . +छीन झपट दधि , खात बिरज में +चलेगो कैसे राधा संग गुजारो । कैसे . . . +मेरी राधा अजब सुंदरी +तेरो कन्हैया है कारोकारो । कैसे . . . +पीताम्बर की कछनी बांधे +मोहन मुरलिया बारो न्यारो । कैसे . . .",bundeli-bns +"माता छाब्या-लीप्या हो म्हारा ओटला +माता छाब्यालीप्या हो म्हारा ओटला , +माता नहीं म्हारो खेलणहार +जल जमुना अम्बो मौरियो । । +माता मांज्याधोया हो म्हारा बेडुला , +माता नहीं म्हारो ढोळणहार +जळ जमुना अम्बो मौरियो । । +माता रामरसोई म्हारी सीगऽ चढ़ी , +माता नहीं म्हारो जीमणहार +जळ जमुना अम्बो मौरियो । । +माता एक दीजो हो लूलो , पांगळो , +म्हारी संपत को रखवाळो , +जळ जमुना अम्बो मौरियो । ।",nimadi-noe +"बापू अबै न आए! +ओरी बापू अबै न आए , +अबै लौ खैबे कछू न ल्याए , +सुनत दृग माता के भर आए , बोली तनिक लाल गम खाव , +बेई करै का तीन दिना सें , परै न कछू उपाव , +बचन माता कए हैं । +अबइयाँ बे भए हैं । । +कोड़ीका���़ परो है जाड़ौ , तन पै उन्ना नइयाँ , +अब तौ उनकी लाजबचइया , तुम हौ राम गुसइयाँ , +ऊसइँ रातैं हतो बुखार +उनैं , फिर भारी परो तुसार , +मरे खाँ मारत है करतार , भँजा रओ जनमजनम के दाव । +तरा ऊमैंसें गए ते छोड़ कातते ल्याय सिंगारे तोड़ , +तला के चोरी सें , +चाहे सैजोरी सें । । +भँुसारौ हो गओ , छुटक गई , गेरऊँगेर उरइयाँ , +जानें काए तुमाए बापू , आए अबै लौ नइयाँ , +बहन लागो आँखन सें नीर , +छूट रओ माँबेटा कौ धीर , +ओरी चली तला के तीर , उतइँ कछु पूँछौ पतौ लगाव । +माए बापू भर आ जाय ँ , हम ना खैबे कभउँ मगायँ , +चलौ माता चलिए , +पतौ उनकौ करिए । । +गतिया बाँध दई पटका की , लरकै करो अँगारें , +चिपका लए हाँत छाती सें , खुद निग चली पछारें , +पूछन लागी नायँ और मायँ , +कछू आपस में लोग बतायँ , +तौ बड़कै पूछो मात अगायँ , ”भइया साँची बात बताव । +करत हौ तुम जा कीकी बात मोरौ जियरा बैठो जात , +बता दो साँसीसी , +लगी है गाँसीसी । “ +”आज तला के पार डुकरिया मर गओ एक बटोई , +परदेसीसौ लगत संग मैं ऊके नइयाँ कोई , +सिँघारे लएँ तनिकसे संग , +ककुर गओ है जाड़े में अंग , +तन को पर गऔ नीलौ रंग” सुनतन लगो करेजें घाव । +जाकें चीन्हीं पति की लास , मानौ टूट परो आकास , +झमासौ आ गओ है , +अँधेरौ छा गओ है । । +”कितै छोड़ गए बापू मोखाँ , तुम काँ जातों मइया“ +गेरउँ गेर हेर कै रोबै मनौ अबोध लबइया , +थरथर काँपै और चिल्लाय , +हतो को जो ऊखाँ समझाय ? +देख दुख धरती फाटी जाय , देख दुख दुख कौ टूटौ चाव । +जौ लौ खुले मात कै नैन , बाली लटपट धीरे बैन , +‘न बेटा घबराओ , +आओ एंगर आओ । । +”बापू नें तौ मौखाँ छोड़ो , मैं तोय छोड़ चली हौं , +तोरे नाजुक हाथ लाड़ले , अब मैं सौपौं कीहौं ? +माँ धरती , बापू आकास , +तुमारे , करौ उनइँ की आस , “ +जौ लौ बाबा ईसुरदास आ गये , बोले , ना घबराव । +उठा कै बालक बाले , ”मात , करौ ना चिन्ता कौनउँ , भाँत , +न दुख हूहै ईहौं , +कै जौ लौ मैं जी हाँ । । “",bundeli-bns +"सोने की खटिया रूपे केर मचिया +सोने की खटिया रूपे केर मचिया , ईंगुर लगल चारो पाट1 हे । +एक हाथ तेल , दूसर हाथ अबटन2 सीता सिरहनमा3 लेले ठाढ़4 हे ॥ 1 ॥ +गँगा किंरियवा5 तूहुँ खाहु6 जी सीता , तब धरू पलँग पर पाँव हे । +गंगा हाथ लिहलन जबहिं सीता देइ , गंगा हो गेलन जलबाय7 हे ॥ 2 ॥ +येह किरियवा सीता मैं न पतिआऊँ8 सुरुज किरियवा तूँ खाहु हे । +जबहिं सीता हे सुरूज हाथ लिहलन9 सुरूज हो गेलन छपित हे ॥ 3 ॥ +येहु किरियवा सीता मैं न पतिआऊँ , अगिन10 किरियवा तूँ खाहु हे । +जबहिं सीता देइ अगिन ह���थ लिहलन , अगिन होलइ11 जरिछाय12 हे ॥ 4 ॥ +कहथिन रामचंदर सुनु देइ सीता जी , अब हम दास तोहार हे ॥ 5 ॥ +अइसन पुरूख13 के जात14 बनावल , झूठो लगावे अकलंक15 हे । +फाटत16 भुइयाँ17 ओकरो में18 समयतीं19 मुहमाँ न देखतीं तोहार हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"सूरजो जे जा सूरजो +सूरजो जे जा सूरजो +सूरजो जे जा सूरजो +सूरजो ढाजा ढाजा टेन निकालो जा सुरजो +सूरजो ढाजा ढाजा टेन निकालो जा सुरजो +सरेली डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली आमा डीपो गऊवा डो सरेली +सरेली आमा डीपो गऊवा डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली चारी कोना उंझाले डो सरेली +सरेली चारी कोना उंझाले डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली मोनई डीनाये ओर गाडा हो नुय +सरेली मोनई डीनाये ओर गाडा हो नुय +सूरजा जा सूरजा +सूरजा आमा डीपो गऊवा जा सूरजा +सूरजा आमा डीपो गऊवा जा सूरजा +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"ये बेटा जा ये बेटा पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे +ये बेटा जा ये बेटा पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे +ये बेटा जा ये बेटा पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे +ये मां डो ये मां डो पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे +ये मां डो ये मां डो पलंगा लियेन सूबेय बेटा पान सुपारी जोमे +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"झाँझ वाजऽ मिरधिंग वाजऽ म्हारो हार हिलोळा लेय +झाँझ वाजऽ मिरधिंग वाजऽ , म्हारो हार हिलोळा लेय । +बेसर वाळई छोरी हो , तू म्हारी गली मत आव । +थारी बेसर छे हळकणई , म्हारा प्रभुजी को खोटो स्वभाव । । +तूसी वाळई छोरी हो , तू म्हारी गली मत आव । +थारी तूसी छे झळकणई , म्हारा प्रभुजी को खोटो स्वभाव । ।",nimadi-noe +"बुल्ले शाह की सीहरफी - 3 +अलफ आँवदिआँ तों मैं सदकड़े हाँ , +जीम जानदिआँ तों सिर वारनी हाँ । +मिठी प्रीत अनोखड़ी लग्ग रही , +घड़ी पल ना यार सहारनी हाँ । +केहे हड्ड तकादड़े1 पए मैनूँ , +औसिआँ पावन्दी काग उडारनी हाँ । +बुल्ला सहु ते कमली मैं होई , +सुत्ती बैठी मैं यार पुकारनी हाँ । +बे बाज ना औन्दिआँ अक्खिआँ नी , +किते ओहलड़े बैह समझावनी हाँ । +होईआँ लाल अनाराँ दे गुल्लाँ वांगूँ , +किसे दुखड़े नाल छुपावनी हाँ । +मुड्ढ प्यार दीआँ जनम दीआँ तत्तीआँ नूँ , +लक्ख लक्ख नसीहताँ लावनी हाँ । +बुल्ला सहु दा शौक छुपाए के ते , +जाहर2 दूतिआँ3 दा गम खावनी हाँ । +ते ताए के इशक हैरान कीता , +सीने विच्च अलंबड़ा4 बालेआ ई । +मुक्खों कूकदिआँ आप नूँ फूक लई , +चुप्प कीत��आँ मैं तन जालिआ ई । +पापी बिरहों दा झक्खड़ झुल्लिआ तों , +लुक छुपे मेरा जीवन जालिआ ई । +बुल्ला सहु दी प्रीत दी रीत केही , +आही तत्तीआँ जाल सँभालिआ ई । +से सबूत जो अक्खिआँ लग्ग रहीआँ , +इक्क मत्त प्रेम दी जाणनी हाँ । +गूँगी डोरी हाँ गैर दी बात कोलों , +सद्द यार दी सही सेआ´दी हाँ । +आही फडीआँ5 प्यार मेरा , +सीने विच्च तेरा माण माणनी हाँ । +बुल्ला शाह तैनूँ कोई सिक्क नाहीं , +तैनूँ भावनी आँ कि ना भावनी हाँ । +जीम जान जानी मेरे कोल होवे , +किवें वस्स ना जान वसारनी हाँ । +दिने रात असह मिलण तेरीआँ , +मैं तेरे देखणे नाल गुजारनी हाँ । +घोल घोल घत्ती सल्ल हस्स करदा , +हरदम इसी दा नाम चितारनी हाँ । +बुल्ला शाह तैत्थों कुरबानी आँ मैं , +होर सभ कबीलड़ा वारनी आँ । +हे हाल बेहाल दा कौण जाणे , +औक्खा इशक हँडावणा यार दा ई । +नित्त जारीयाँ नाल गुलज़ारीयाँ6 मैं , +मुँह जोड़ गल्लाँ जग्ग सारदा ई । +हाए हाए मुठी किवें नेहुं छुपे , +मुँह पीलड़ा रंग वसारदा ई । +बुल्ला शाह दी कामना ज़ोर पाया , +मजजूब वाँगर चाहंगराँ7 मारदा ई । +खे खाब खयाल जहान होया , +बस बिरहों दीवानी दे वतनी हाँ । +मत नहीं अठवान8 दे मंतराँ दी , +नागाँ काजेआँ नूँ हत्थ घत्तनी हाँ । +ताणी गंढदी हाँ ऐन उल्हक9 वाली , +मैं महबूब दा कत्तणा कत्तणी हाँ । +बुल्ला शाह दे अम्ब रसंग लाहे , +पक्के बेर बबूला10 दे पट्टनी हाँ । +दाल दे दिलासड़ा दोस्ती दा , +तेरी दोस्ती नाल विकारनी हाँ । +झब आ अलख क्यों लखेआ ई , +अंजराँ बँधने थीं शरमावनी हाँ । +वावा पटिआँ छोटिआँ मोटिआँ नूँ , +हत्थ दे के ज़ोर हटावनी आँ । +बुल्ला सहु तेरे गल लावणे नूँ , +लक्ख लक्ख मैं शगन मनावनी आँ । +ज़ाल जौक दित्ते ज़ात अपणी दा , +रही कम्म नकम्मड़े साड़नी हाँ । +लक्ख चैन घोले तेरे दुक्खड़े तों , +सेजे सुत्तेआँ सूल लताड़नी हाँ । +लज्ज चुक्किआ मत्त सुरत गइआँ , +लग्गा बिभूत गल पाड़नी हाँ । +बुल्ला सहु तेरे गल लग्गो नूँ , +लक्ख लक्ख शरीणिआँ धारनी हाँ । +रे रावला हुण रुला नाहीं , +मेरे नैण बेरागड़े हो रहे । +मुल्ला लक्ख तावीज पिला थक्के , +चंगी कौण आक्खे मापे रो रहे । +टूणे हारिआँ कामणाँ वालिआँ दे , +दारू हटके सभ खलो रहे । +बुल्ला शाह दे नाल हयात होणा , +हुण जान्दिआँ दे हत्थ धो रहे । +ज़े ज़ोर न ज़ारो जाबता होर कोई , +ज़ारो ज़ार मैं आँसू परोवनी हाँ । +मैत्थों चकिआ होई गैर हाजरी ए , +मूली कौन से बाग दी होवनी हाँ । +भौरा हस्स के आण बुलाँवदा ए , +मैं त��� रात सारी सुक्ख दी सोवनी हाँ । +बुल्ला सहु मर जावना ऐं , +तेरे दुःखाँ दे धोवणे धोवनी हाँ । +सीन सभ्भे ही नाम तेरी साहिबी दे , +बैठी गीत वांगूँ गुण गाँवनी हाँ । +सज्जण सभ सहेलिआँ दिल दीआँ नूँ , +मैं ताँ होर खयाल सुनावणी हाँ । +जेही लगन सी एह उ लग्ग गई , +कक्खाँ विच्च ना भाह छुपावनी हाँ । +बुल्ले शाह तेरे अग्गे पैरी पवाँ , +ना हो दूर जो सुक्ख मनाँवदी हाँ । +शीन शुकर करो सबो रोज़ रैहणा , +जिन्नाँ शौक तेरा तावन्दा11 ए । +भंगी वांग उदास हैरान होई , +गाज़ी लक्ख पिच्छे दुःख लावन्दा ए । +तेरी ज़ात बिना है सच्ची बात केड़ी , +हत्थ लंबड़े12 वैहण लुड़ावन्दा ए । +बुल्ला सहु जो तेरे दा औक्खिआ ई , +ओह हुण प्यारे दा मोड़ जलावन्दा ए । +सुआद सबर ना सुक्ख सहेलिआँ नूँ , +भेत यार दा नहीं पछावन्दे नी । +खबर नहीं जो ओहना दी आशक हैं , +रब्ब दे गुल13 पाए के धुम मचांवन्दे नी । +जित्थे भाह लग्गे ओत्थे ठंड केही , +उत्तों तेल मुआतड़ा14 पावन्दे नी । +बुल्ला सहु तों कुरबान होवाँ , +ऐवें आशकाँ नूँ लूतिआँ15 लावन्दे नी । +जुआद ज़रब लग्गी साँग कलेजड़े च , +केही अग्ग लग्गी मैं खड़ी रोवनी हाँ । +तेरे दरस शराब अज़ाब होया , +फानी हो के ते खड़ी जीवनी हाँ । +ज़रा शौक दा जाम पिला मैनूँ , +बैठी बे खुद हार परोवनी हाँ । +बुल्ला शाह वेक्खाँ घर दे विच्च खली , +सिजदा करदी अते हत्थ जोड़नी हाँ । +फे फहम16 ना होर खयाल मैनूँ , +डिे यार दी तक्कड़ी जीवणी हाँ । +कदे सीख ते कहर खलो के दे , +जाम वसल17 दा बैठ मैं पीवनी हाँ । +मैं जाणदी इशक अखाड़िआँ नूँ । +सस्सी वाँग मैं रात कटीवणी हाँ । +बुल्ला शाह थीं दूर दराज़ होईआँ , +जेकर मिले महबूब ताँ जीवनी हाँ । +काफ कबूल जरूर जाँ इशक कीता , +आहे होर ते हुण काई होर होए । +हुण समझ लै भला की आखनी हाँ , +मैं सुंदर थीं तख्त लाहौर होए । +सभ्भे लोक पए हत्थ जोड़दे ने , +साडे कामनाँ दे गिले ज़ोर होए । +बुल्ला शाह दा भेत ना दस्सदी हाँ , +हम ताँ अन्ने वांगर मनसूर होए । +काफ केहीआँ कानीआँ लग्गीआँ ने , +गईआँ सल कलेजे नूँ डस्स गईआँ । +पट्ट पट्ट कड्ढां उत्तों होर लग्गे , +बन्द बन्द तों पट्ट के सट्ट घत्ताँ । +जिवें साहिबाँ साथ लुटा दित्ता , +तिवें कूंज वाँगर कुरलावनी हाँ । +बुल्ला शह दे इशक हैरान कीता , +औसिआँ पांवदी राह पुच्छनी हाँ ।",panjabi-pan +"मेरा कैहा मान पिया +मेरा कैहा मान पिया , बाड़ी मत बोइए ; +सर पड़ेगी उघाई तेरे डंडा बाजै जाई , +पिया बाड़ी मत बोइए । +भावार्थ +' प्रियतम जी , मेरी बात मान लो , कपास मत बोओ । कर्ज सिर पर चढ़ जाएगा । सिर पर डंडे बजेंगे सो +अलग । प्रिय , मेरी बात मान लो , कपास मत बोओ । '",haryanvi-bgc +"ब्य्नीका अंगना म पिपली रे +ब्य्नीका अंगना म पिपली रे वीरा चुन्ड लाव्जे । +लाव्जे तो सबई सारू लाव्जे रे वीरा +नही तो र्ह्य्जे आपणा देस माडी जाया चुन्ड लाव्ज +संपत थोडी वो ब्य्नी विपत घ्नेडी , +कसी पत आउ थारा देस माडी जाई चुन्ड लाऊ +भाव्जियारो कंगन ग्य्नो मेल्जे रे वीरा चुन्ड लाव्जे । +लाव्जे तो सबई सारू लाव्जे रे वीरा चुन्ड लाव्जे +एतरो गरब क्यो बोलती वो ब्य्नी चुन्ड लांवा +हमछे पांचाई भाई की जोत माडी जाई चुन्ड लावा",nimadi-noe +"एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन +एक बार हम गएन बंबई नौकरी कीन्हा तीन +दुई ठो छोडछाड़ दीन एक ठो कईबई नाहीं कीन +जवन कईबई नहीं कीन वोहमें मिला रुपैया तीन +दुई तो फाटफूट गै एक ठो चलबै नाहीं कीन +जवन चलबै नाहीं कीन ओसे गाँव बसावा तीन +दुई तो उजरि पुजरि गै एक ठो बसबई नाहीं कीन +जवन बसबई नाहीं कीन ओहमें कोहार बसावा तीन +दुई तो मरीखपि गै एक ठो अईबई नाहीं कीन +जवन अईबई नाहीं कीन उहै हांडी पकावा तीन +दुई तो फूटफाट गै एक ठो पकबई नाहीं कीन +जवन पकबई नाहीं कीन ओहमें चाउर पकावा तीन +दुई तो जरभुनि गै एक ठो भबई नहीं कीन +जवन भबे नाहीं कीन ओहमें पंडित खियावा तीन +दुई तो भागभूग गै एक ठो अईबई नहीं कीन +जवन अईबई नहीं कीन ओके मारा लाठी तीन +दुई तो ऐहमुरओहमुर परि गै एक ठो लगबै नाहीं कीन +जवन लगबै नाहीं कीन ओह्पे चला मुकदमा तीन +दुई तो छूट छाट गै एक में पेशिअई नहीं दीन +जवन पेशिअई नहीं दीन ओहमें सजा भई तीन +दुई तो भूलि भालि गए एकठो कटिबई नहीं कीन +जवन कटिबई नहीं कीन ओहमें साल लगे तीन +दुई तो पुरान धुरान रहे एक ठो गिनिबई नहीं कीन +जवन गिनिबई नहीं कीन ओहमें कविता कहा तीन +दुई तो हेरा हुरू गईं एक ठो यदिही नहीं कीन",awadhi-awa +"कित रम गया जोगी मंढी सूनी +कित रम गया जोगी मंढी सूनी +जोगी करै मंढी की रकसा +मांग खुआवे उस नै झिकसा +कूण करेगा वा की परिकसा +जलगी लकड़ी बुझी धूणी +कित रम या जोगी मंढी सूनी +बात्तर कोठडी गुपत सिंघासण +जां रहता जोगी का आसण +ठाली नै सब तूंबे बासण +हे जी डिग ग्या मंदर बिना धूणी +कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी +यो जोगी यो कैसा हेला +धोवै मंठी नै आप रै मैला +छोड़ दिआ रंग अपणा पैला +हे जी बोलत नाही भया मुनी +कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी +सत गुरुआं ने दीना हेला +छोड़ ��ंढी ने ध्याया चेला +दो दिन का यो सारा मेला +हे जी कब तक रहेगी अफलातूनी +कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी",haryanvi-bgc +"524 +दरद हीर ते दारू होर करदे फरक पवे ना लोड़ विच लुड़ी जे नी +रन्नां वेखके आंहदियां जहर पानी कोई साईत ही जिउंदी कुड़ी जे नी +हीर काख दी जहर जे खिंड चली जिबें कालजा चीर दी लुरी जे नी +मर चली जे हीर सयाल भावे भली बुरी उथे आन जुड़ी जे नी +जिस वेले दी सूरती जे इस सुधी भागी हो गई पुड़ी जे नी +वारस शाह सदाईए वैद रांझा जिस ते दरद असाडे दी पुड़ी जे नी",panjabi-pan +अंगिका सोहर गीत (तृतीय खण्ड),angika-anp +"धोबी के गीत +कवना पोखरवा में झिलमिल पनिया कि कवना पोखरवा सेवार , +कवना पोखरवा में चेल्हवा मछरिया कि केहो बिगे महाजाल । +राम पोखरवा में झिलमिल पनिया कि लछुमन पोखरवा सेवार , +सीता पोखरवा में चेल्हवा मछरिया कि रावन फेंके महाजाल । +लाल घोड़वा पर लाल चढ़ि अइले कि उजर घोड़वा भगवान , +सोने पलकिया में सीता चढ़ि अइली कि चँवर डोलावे हनुमान ।",bhojpuri-bho +"हे री खत भेज रही पीहर मैं +हे री खत भेज रही पीहर मैं +रे बीरा छूछक ल्याइए रे +सास का ल्याइयो रे बीरा +मेरा सुसरे का ल्याइयो रे +चूँदड़ी जरद रंगाइयो रे +चीट्ठी भेज रही . . . +जेठाणी का ल्याइरो रे बीरा +मेरा जेठ का ल्याइयो रे +रे मेरा देवर सै हुंसिआर +गेंद उसकी बी ल्याइयो रे +चीट्ठी भेज रही . . . +रे मेरे चंचल बीरा +बलम का साफा हर्या रंगाइयो रे",haryanvi-bgc +"गढ़वाल प्यारो +मेरो हिमवन्त देश गढ़वाल प्यारो +चारी जाली कूल , +हैरी1हैरी डांडी2 मेरी +रंग बिरंगा फूल । मेरी हिमवन्त . +पिण्डलू का शोभा , +बद्री , केदार नाथ , +छै ऋतु की शोभा । मेरो हिमवन्त . +आरती की थाली , +छोटीबड़ी रौली मेरी +झुकीमुकी डाली । मेरो हिमवन्त . +भितरी को सीत , +ग्वेरु3 की मुरली अर , +घसेयों का गीत । मेरो हिमवन्त . +गीत भरी साज , +डाँड्यों म कुयेड़ जख , +दूधकोसी गाज । +मेरो हिवन्त देश गढ़वाल प्यारो ॥",garhwali-gbm +"23 +साडा हुसन पसंद न लयावना एं जा हीर सयालां दी वयाह लयावीं +वाह वंजली प्रेम दी घत जाली कोई नढी सयालां दी फाह लयावीं +तैनूं वल है रन्नां वलावने दा रानी कोकलां महल तों लाह लयावीं +वारस शाह जे कढनी मिले नाहीं रातीं कंध पछवाड़यों ढाह लयावीं",panjabi-pan +"136 +गल पा के सेलियां1 लाह टोपी पाड़ जुलीयां संघ नूं घुटया ने +भन्न दौर कुदके लड़न लतीं रोहड़ विच खुडल2 दे सुटयां ने +झंजोड़ के कुट के तोड़ मोढा लांगड़3 पा धड़ा धड़ कुटया ने +वारस शाह दाड़ीपुट फाड़ दित�� हथ एह तां बड़ा अखेतरा सुटयो ने",panjabi-pan +"माय में एकली जासेवो +माय में एकली जासेवो +माय में एकली जासेवो +तू काहे को एकली रे बेटा +तू काहे को एकली रे बेटा +उजला कपड़ा साथ चलिया +उजला कपड़ा साथ चलिया +आमा हांडी साथ चलियो +आमा हांडी साथ चलियो +घर का पूसो रे साथ चलियो +घर का पूसो रे साथ चलियो +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठ , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"तेरा मारिया ऐसे रोऊँ +तेरा मारिया ऐसा रोऊँ +जिसा झरता मोर बणी का +तेरे पाइयाँ माँ पायल बाजै +जिसा बाजे बीज सणीं का +थोड़ासा नीर पिला दै +प्यासा मरता दूर घणीं का +भावार्थ +' तेरे सौन्दर्य से घायल होकर मैं वन के मोर की तरह रोता हूँ । तेरे पैरों की पाजेब ऐसे बजती है , जैसे सन के बीज झंकार करते हैं । अरी ओ थोड़ासा जल पिला दे मुझे , दूर का पथिक हूँ मैं प्यास से व्याकुल । '",haryanvi-bgc +"77 +पास माउं दे हीर ने गल कीती माही महीं दा आणके छेड़या मैं +नित पिंड दे विच विचार पौंदी एह झगड़ा चा नबेड़या मैं +सुन्ना नित रूलें मंगू विच बेले माही सुघड़ ही आन सहेड़या मैं +माई करम जागे साडे मंगूयां दे साऊ असल जटेटड़ा घेरया मैं",panjabi-pan +"गंगा रे जमुनवाँ के रेतिया +गंगा रे जमुनवाँ के रेतिया1 मोतिया उपजायब हे । +गंगा रे जमुनवाँ के रेतिया , सोनवाँ उपजायब हे ॥ 1 ॥ +जब मैं जनतों कवन बरूआ , तुहूँ पंडित होयबऽ हे । +तुहूँ बराम्हन होयबऽ हे । +कंचन थाल भराइ के , सोनवाँ भीखी2 देयब3 हे । +मोतिया भीखी देयब हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए +इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । +फड़ नुक्ता छोड़ हिसाबाँ नूँ , +कर दूर कुफर देआँ बाबाँ1 नूँ , +लाह दोज़ख2 गोर3 अजाबाँ4 नूँ , +कर साफ दिले दिआँ ख्वाबाँ नूँ , +गल्ल ऐसे घर विच्च ढुक्कदी ए । +इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । +ऐवें मत्था ज़िमीं घसाईदा , +लम्मा पा मेहराब दिखाईदा , +पढ़ कलमा लोक हँसाईदा , +दिल अन्दर समझ ना लिआई दा , +कदी बात सच्ची वी लुकदी ए । +इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । +कई हाजी बण बण आए जी , +गल्ल नीले जामे पाए जी , +हज वेच टके लै खाए जी , +भला एह गल्ल कीहनूँ भाए जी , +कदी बात सच्ची भी लुकदी ए । +इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । +इक जंगल बहिरीं जान्दे नी , +इक दाणा रोज़ लै खान्दे नी , +बे समझ वजूद थकान्दे नी , +घर होवण हो के मान्दे नी , +ऐवें चिल्लिआँ विच्च जिन्द सुक्कदी ए । +इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए । +रड़ मुरशद5 आबद6 खुदाई हो , +विच्च मस्ती बेपरवाही हो , +बेबाहश बेनवाई ह�� , +बुल्ला बात सच्ची कदों रुकदी ए । +इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए ।",panjabi-pan +"कुत्ते तैत्थों उत्ते +रातीं जागें करें इबादत1 , +रातीं जागण कुत्ते , +तैत्थों उत्ते +भौंकण बंद ते मूल ना हुन्दे , +जा रूड़ी ते सुत्ते , +तैत्थों उत्ते +खसम2 अपने दा दर ना छड्डदे , +भावें बज्जण जुत्ते +तैत्थों उत्ते +बुल्ले शाह कोई रख3 विहाज लै , +नहीं ते बाज़ी लै गए कुत्ते , +तैत्थों उत्ते",panjabi-pan +"कैसो च भंडारी तेरा मलेथ? +कैसो च भंडारी तेरा मलेथ ? +देखी भलौ ऐन सैवो मेरा मलेथ +लकदी गूल मेरा मलेथ +गाँऊँ मूड़ को घर मेरा मलेथ +पालंगा की बाड़ी मेरा मलेथ +लासणा की क्यारी मेरा मलेथ +गाइयों की गोठ्यार मेरा मलेथ +भैंसी को खुरीक मेरा मलेथ +बांदू का लड़क मेरा मलेथ +बैखू का ढसक मेरा मलेथ +भावार्थ +' ओ भंडारी राजपूत , कैसा है तेरा ' मलेथ ' गाँव ? +देखने में भला लगता है , साहबो , मेरा मलेथ । +ढलकती नहीं है वहाँ , मेरा मलेथ । +गाँव की निचान में घर है मेरा , मेरा मलेथ । +पालक की बाड़ी है , मेरा मलेथ । +लहसुन की क्यारी है , मेरा मलेथ । +गौओं की गोठ है , मेरा मलेथ । +भैंसों की भीड़ है , मेरा मलेथ । +कुमारियों की टोली है , मेरा मलेथ । +वीरों का धक्कमधक्का है , मेरा मलेथ ।",garhwali-gbm +"154 +महर देखके दोहां इकठयां नूं गुस्सा खायके होया ई रत बन्नां +एह देखो अपराध खुदाय दा ए बेले विच अकलियां फिरन रन्नां +अखीं नीवियां रख के ठुमक चली कछेमार के चूरी दा थाल छन्नां +चूचक आखया रख तूं जमा खातर तेरे सोटयां दे नाल लिंग भन्नां",panjabi-pan +"अगे अगे चेरिया कवन चेरिया गे +अगे1 अगे चेरिया2 कवन चेरिया गे । +चेरिया अँगना बहारि3 देखूँ , भइया नहीं आयल हे ॥ 1 ॥ +केकरा4 सँघ बइठम5 चनन पीढ़वा6 । +केकरा से सोभे मोर माँड़ो7 भइया नहीं आयल हे ॥ 2 ॥ +सामी सँघे बइठम चनन पीढ़वा । +गोतिया से सोभे मोर माँड़ो , भइया नहीं आयल हे ॥ 3 ॥ +कइसे पेहरब8 इयरी पियरिया9 से कइसे रँगायब गोड़10 । +मोरा लेखे11 माँड़ो हे बिजुबन12 बिनु भइया न सोभे घीउढार13 ॥ 4 ॥ +चमकि के बोलहइ जे चेरिया । +झमकइते14 आवे तोरा भाइ , रखूं कोठीकान्हे15 अँजवार16 ॥ 5 ॥ +दुअरहिं घोड़े हिंहियायल17 डोला18 धमसायल19 हे । +आगे आगे आवथिन20 दुलरइता भइया , सँघ भउजी मोर हे ॥ 6 ॥ +डँड़िया21 ही आवल पोखर कान्हें22 देखूँ चेरी भइया केर23 सान । +भइया मोरा लखिया हजरिया24 । +लौलन25 इयरी पियरिया , भउजी सिर सेनुर हे ॥ 7 ॥ +चउका चनन26 हम बइठम , इयरी पियरी पेन्हिके27 हे ॥ 8 ॥ +अब हमरमाँड़ो राज गाजल28 होवे घिउढार बिधि हे । +बेदे बेदे29 भेल घिउढार , सुमंगल गावल हे ॥ 9 ॥",magahi-mag +"ओरै धोरै धरे अनार +ओरै धोरै धरे अनार +ये भई सिब्बू तेरे यार +ओरै धोरै धरे अनार +जीवो भई सिब्बू तेरे यार",haryanvi-bgc +"फुल्लां दी बहार राती आयों न +फुल्लां दी बहार राती आयों न +शाव्वा राती आयों न +फुल गये कुम्ला गोरी मन भायो न +शाव्वा राती आयों न +आसे पावां पासे पावां विच विच पावां कलियाँ +जे मेरा रान्जण न मिलया , मैं ढुंडियां सारियां गालियाँ +आसे पावां पासे पावां विच विच पान्वां रेशम +जे मेरा रान्जण न मिलया मैं ढूंडा सारा टेशन +राती आयों न . . . +इक मेरा रान्जण आयाशाव्वा +दिल दा सांजण आयाशाव्वा +दिल दी मस्ती आई शाव्वा +खिड़ खिड़ हस्दी आईशाव्वा +इक मेरा लाल गवाचा शाव्वा +लाल गुपाल गवाचाशाव्वा +नी सुण मेरिये माएशाव्वा +दीवा बाल चुबारेशाव्वा +नी मेरा दिल घबरायाशाव्वा +नी मेरा लाल न आयाशाव्वा +लाल गुपाल न आयाशाव्वा +राती आयों न . . .",panjabi-pan +"कहना से ऊनई कारी बदरिया +कहना से ऊनई कारी बदरिया +कहना बरस गये मेघ मोरे लाल । +ससुरे से उनई अरे कारी बदरिया , +मयके बरस गये मेह मोरे लाल । +कौना ने बो दई लटक कंकुनिया , +कौना ने सठिया धान मोरे लाल । +ससुरा ने बो दई लटक कंकुनिया +बाबुल ने सठिया धान मोरे लाल । +कौना के नींदे घर की निदइया , +कौना के लगे हैं मजूर मोरे लाल । +ससुरा के नींदे घर के निंदइया , +बीरना के लगे हैं मजूर मोरे लाल । +कौना के काटे बे घर के कटइया , +कौना के काटे मजूरे मोरे लाल । +ससुरा के काटे घर के कटइया , +बीरना के काटे मजूर मोरे लाल । कहना . . .",bundeli-bns +"351 +इस पद्य में हिकमत की पुस्तकों के नाम हैं +फरफेजिया बीर बतालिया वे औखे इशक दे झारने पावनैं वे +नैंन वेखके मारना एं फूक साहवीं सुते प्रेम दे नाग जगावनैं वे +कदों यूसफी तिब मीजान पढ़यों दसतूर इलाज सिखावनैं वे +किरतास सकदरी तिब अकबर ते जखीरयों बाब सिखावनैं वे +कानून मूजब तोफा मोमनी भाते कफाफाया मनसूरी थी पावनैं वे +कराबादीन सफाई ते कादरी भी अते नाथयां इनसान पढ़ जावनैं वे +रतन जोत ते शाख मलमात सोझन दे गंग जती आवनैं वे +फलसूर जहान दियां असी रन्नां साडे मकर दे भेत किस पावनैं वे +अफलातून शागिरद गुलाम अरस्तू लुकमान तों पैर धुवावनैं वे +गलंा चा वबा दियां बहुत करन एह रोग ना तुध थीं जावनैं वे +इनां मकरियां तों होवे कौन चंगा ठग फिरदे रन्न वलावनैं वे +जेहड़े मकर दे पैर खलार बैठे बिना फाट खाधे नहीं जावनैं वे +मुंह ना�� कहयां जेहड़े जान नाहीं हड गोडड़े तिनां भनावनैं वे +वारस शाह एह मार है वसत ऐसी जिन्न भूत ते दयो निवावनैं वे",panjabi-pan +"मै बंजारो हरि नाम को +मै बंजारो हरि नाम को , +आरे लेतो हरि जी को नाम +१ गगन मंडल में घर तेरा , +आरे भवसागर मे दुकान +सौदागीर सौदा करी रया +मस्त लगी रे दुकान . . . +मै बंजारो . . . +२ मन तुम्हारी ताकड़ी , +आरे तन है तेरो तीर +सुरत मुरत सी तोलणा +मन चाहे को मोल . . . +मै बंजारो . . . +३ लुम लहेर नदिया बहे , +आरे बहे अगम अपार +धर्मी कर्मी रे पार हुई गया +पापी डूबे मझधार . . . +मै बंजारो . . . +४ कहत कबीर धर्मराज से , +आरे साहेब सुण लेणा +सेन भगत जा की बिनती +राखो चरण आधार . . . +मै बंजारो . . .",nimadi-noe +"म्हारी सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी +म्हारी सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी +क्यांए की मांग भरावैगी +मिसरू पहरूंगी स्यालु औढूंगी +मोतियां की मांग भराऊंगी +म्हारी सांझी ए के जीमेगी के झूठेगी +क्यांए की चलुए भरावैगी +लाडू जीमूंगी पेड़ा झुठूंगी +इमरत की चलुए भराऊंगी",haryanvi-bgc +"राई सरसों के तेल अवरो फुलेल +राई1 सरसों के तेल अवरो2 फुलेल , सो बेटा बइठल हइ3 उबटन4 । +दादी सोहागिन , हाथ कँगना डोलाय , लुलुहा5 घुमाय , नयना लड़ाय , +सो बेटा बइठल हइ उबटन ॥ 1 ॥ +राई सरसों के तेल , अवरो फुलेल , सो बेटा बइठल हइ उबटन । +उनकर6 मइया सोहागिन , हाथकँगना डोलाय , लुलुहा घुमाय , +नयना लड़ाय , सो बेटा बइठल हइ उबटन ॥ 2 ॥ +राई सरसों के तेल , अवरो फुलेल , सो बेटा बइठल हइ उबटन । +उनकर चाची सोहागिन , हाथ कँगना डोलाय , लुलुहा घुमाय , +नयना लड़ाय , सो बेटा बइठल हइ उबटन ॥ 3 ॥",magahi-mag "एक डूब लेल हे कोसी दुइ डूब लेल एक डूब लेल हे कोसी दुइ डूब लेल , तीन डूब गेल भसियाय । । @@ -20710,23 +16772,21 @@ folksong,language अस्सी मन कोदारिया हे रानो बेरासी मन बेंट , आगूआगू धसना धसाय । ।",angika-anp -"कहिये री उस खाती के लड़के ने -कहिये री उस खाती के लड़के ने खाती के लड़के ने -चौकी तै ल्यावै म्हारे लाल ने -चौकी तै ल्यावै हमारे राय रतन सिंह नै छेल बदनसिंह ने -हर मथुरा जी के लाल ने -कहिये री उस कुम्हरे के लड़के ने कुम्हरे के लड़के ने -कूंडा तै ल्यावै म्हारे लाल ने -कहिये री उस चमरे के लड़के ने चमरे के लड़के ने -जूते तै ल्यावै म्हारे लाल ने -कहिये री उस दर्जी के लड़के ने दर्जी के लड़के ने -कपड़े तो ल्यावै म्हारे लाल ने -कहिए जी उस मामा जी भड़वे ने मामा जी भड़वे ने -जामा तै ल्यावै म्हारे लाल ने -कहिए री उस म्हारे समधि ने म्हारे समधी ने -बनड़ी तै ब्��ाह्वै म्हारे लाल ने -बनड़ी तै ल्यावै म्हारे राय रत्न सिंह ने छेल बदन सिंह ने -हर मथुरा जी के लाल ने",haryanvi-bgc +"रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा +रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा । +कुण सै महीने बोल्लै मोर पपीहा कबसी चमकै सीसा +रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा । +सामण महीने बोल्लै मोर पपीहा फागण चमकै सीसा +रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा । +कौण सी नणद नै काढ्या सै कसीदा कौणसी ने गोद्या सीसा +रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा +छोटली नणद ने काढ्या सै कसीदा बडली नै गोद्या सीसा +रै चुन्दड़ी तेरा जुलम कसीदा ।",haryanvi-bgc +"553 +पहलां बाहरों आन मुरद मिलाया अगे कटक1 बलोचां ने चाढ़ दिते +पकड़ तरकशां2 तीर कमान दौड़े खेड़े नाल हथयारां दे मार दिते +मार बरछियां आन बलोच कड़के तेगां मारके पिंड विच वाड़ दिते +वारस शाह जां रब्ब ने मेहर कीती बदल कहर दे लुतफ3 ने फाड़ दिते",panjabi-pan "बंसी तो बाजी मेरे रंग-महल में बंसी तो बाजी मेरे रंगमहल में सासू जो ऐहैं राजा चढ़वा चढ़न को , @@ -20740,141 +16800,203 @@ folksong,language जिठनी जो अइहैं राजा , पिपरी पिसन को… ननदी जो अइहैं राजा छठिया धरन को… देवर जो अइहैं राजा बंसी बजन को",awadhi-awa -"इन्दवा ते रसबिन्दवा दो सके भराह -इन्दवा ते रसबिन्दवा , -दो सके भराह , -दिन्ने जांदे नोकरी , -कर आंदे बपार , -चल तेरी मेरी , -चल कोडी फेरी , -कई दिलां दी लैया वे इन्दवे , -कई लाई गावैया वे इन्दवे , -इन्दवा पुतर पठानी दा , -में इक राजे दी धी , -इन्दवे मारी पश्तो , -में न समझी , -इन्दवे चुकया चिमटा , -मै समझ गई , -चल तेरी मेरी , -चल कोडी फेरी , -कई दिलां दी लैया वे इन्दवे , -कई लाई गावैया वे इन्दवे , -चल इन्दवे उस देस नु , -जिथे पकन अनार , -तू तोड़ें में वेचसां , -इक धेले दे चार , -चल तेरी मेरी , -चल कोडी फेरी , -कई दिलां दी लैय्या वे इन्दवे , -कई लाई गवाय्या वे इन्दवे , -चल तेरी मेरी , -चल कोडी फेरी ।",panjabi-pan -"422 -तेरे जेहियां लख पढ़ाइयां मैं ते उडाइयां नाल अंगूठयां दे -तैनू सिध कामल वली गौस दिसे मैंनूं ठग दिसे भेस झूठयां दे -साडे खौंसड़े1 नूं नहीं याद चोबर भावें ढेर लावे भन्न ठूठयां दे -एह मस्त मलग मैं मसत एदूं ऐसे मकर हैं टुकड़यां जूठयां दे -वारस शाह मियां नाले चुआड़िया दे लिंग2 सेकिये चोबरां घूठयां दे",panjabi-pan -"573 -इस पद्य में इंद्र की बहुत सारी पुरियों के नाम हैं -जिवें इंदर ते कहर दी नजर करके महखासरो पुरी लुटवाया ई -सुरग पुरी अमरापुरी इंद्रपुरी देवपुरी मख वासते लाया ई -कहर घती जे भदरका मारय�� ई चंड मुंड सभ भसम कराया ई -रकत बीज महखासरों लाह सुटे परचंड कर पलक विच आया ई -ओह कोप करी जेहड़ा पया रावन रामचंद तों लंक लुटवाया ई -ओह कोप करी जेहड़ा पांडवां तों कुरक्षेत्र दे विच करवाया ई -द्रोपदी चाड़ जो लायक भील भीखम जेहड़ा कौरवां दे गल पाया ई -करोध घतके जोय हरनाकशे ते नाल नखा दे ढिड पढ़वाया ई -घत करो जो द्रोपदी नाल होई वेद नाल पुरान बचाया ई -घत करोप जो राम नाल नील लछमन कंभकरन ते बाब कराया ई -घत करोप जिउ सीता मारिच मारयो महांदेव दा कुंड काप भनाया ई -घत करोप करी जेहड़ा सिरा इतनायां दे चिखा बूहे दे विच कराया ई -एसदा आखना रब्ब मनजूर कीता तुरत ाहर नूं अग लगाया ई -वारस शाह मियां वांग शहर लंका चारों तरफ ही अग मचाया ई",panjabi-pan -"ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो -ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो , भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर -खेलण द्यो गणगौरगणगौर , भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर -जी म्हांरी सहेल्यां . . . -के दिन की गणगौर , सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव -सोळा दिन की गणगौर , भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव -ओजी म्हांरी सहेल्यां . . . -सहेळ्यां ने ऊभी राखो , सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो -जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट , सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर -खेलण द्यो गणगौर . . .",rajasthani-raj -"ढप सौ ढाल सरीसौ चइये -ढप सौ ढाल सरीसौ चइये । -मित औईसौं कइये । -सुखमें रयै पछारँ भारी । -दुख में ऑगू रइये । -सबई अनी के अस्त्र बचावैं -तऊ स्वारथ ना कइये । -काम देय मौका पै ईसुर -आजावै जाँ चइये ।",bundeli-bns -"461 -घर अपने चा चवा कर के आख नागरी वांग क्यों सूकिये नी -नाल जोगियां मोरचा लाया ई रजे जट वांगूं वडी फूकिये नी -जदों बन झड़े थक हुट रहिए जा पिंड दियां रन्नां थे कूकिये नी -कड्ढ गालियां सने रबेल बांदी घिन मोहलियां असां न घूकिये नी -भलो भली जां डिठयो आशकां नूं वांग कुतियां अन्न नूं चूकिये नी -वारस शाह तों पुछ लै बंदगी नूं रूह साज कलबूत विच फूकिये नी",panjabi-pan -"हार दो म्हारा लाड़ला भैरव -हार दो म्हारा लाड़ला भैरव -हार के कारण म्हारा सासूजी रिसाया -ससरा देस्या गाळ -हार दो म्हारा लाड़ला भैरव -जो तू बऊपड़ हार की वो भूकी -खरी रे दुपेर म्हारा मड़ मांय आ -नानो सी देवर म्हारा लादा लाग्यो आयो -छोटी सी नणदल म्हारी लारां लागी आई",malvi-mup -"हाथ मऽ आरती नऽ खोळा मऽ पाती -”हाथ मऽ आरती , नऽ खोळा मऽ पाती , -चलो म्हारी सई ओ , रनुबाई पूजाँ । -पूजतजऽ पूजतजऽ ससराजी न देख्या , -केतरा ज���य पूत , म्हारी बहुवर वाँजुली । -असलामसला कहाँ तक सहूँ हो , -एक वार तो टूटो म्हारी माता , डोंगर की देवी । -हळवा गयो होय तो हळई घर आवऽ , -खेलवा गयो होय तो खेली घर आवऽ , -पालणा को बाळो पालणऽ झूल , -सड़क को बाळो सड़क पर खेलऽ , -मजघर को बाळो मजघर जीमऽ म्हारी माता -सोना की टोपली न मोती का जवारा , -दुहिरा रथ सिंगारूँ म्हारी माता -एक बालूड़ो द",nimadi-noe -"शेरो पे हो गई सवार सवार महारानी -शेरों पे हो गई सवार , सवार महारानी । -माली पे हो गई दयाल , दयाल महारानी । शेरों . . . -शेरों सवार मैया महलों गई थीं -राजा पे हो गई दयाल , दयाल महारानी । शेरों . . . -शेरों सवार मैया मंदिर गई थीं -भक्तों पे हो गई दयाल , दयाल महारानी । शेरों . . . -शेरों सवार मैया मेरे घर आओ -हम पे भी हो जाओ दयाल । शेरों . . .",bundeli-bns -"देखो सखी वर्षा ऋतु आई -देखो सखी वर्षा ऋतु आई -बागन मोर मोकिला बोलत , -चातक दादुर शोर मचाई । देखो . . . -घुमड़घुमड़ गरजत घन तड़कत , -काली घटा नभ देत दिखाई । देखो . . . -रिमझिमरिमझिम बरसत बदरा , -हरीहरी दूब लता झुक आई । देखो . . . -सरजू तीर प्रमोद कुंज में , -हिलमिल झूले सिया रघुराई । देखो . . . -देखो सखि वर्षा ऋतु आई । -उमड़घुमड़ कर बादल आये -बिजली चमक रही अति न्यारी । -देखो सखि वर्षा ऋतु आई । -कालीकाली कोयल कूकत -मीठी बोल लगत है प्यारी -झूला डरो कदंब की डारी -फूलन की शोभा है न्यारी । -चारों ओर बिछी हरियाली -गांवन की शोभा है न्यारी ।",bundeli-bns -"173 -मिली जा वधाई जा खेड़यां नूं लुडी मारके झुंमरा1 घत दे ने -छालां मार उपुठियां खुशी होए के लाए मजलसां खेड़दे वत दे ने -भुले कुड़म मिले सानू शरम बाले रजे जट वडे अहिल पत दे ने -वारस शाह दी शीरनी वंडदिआं ने वडे देगचे दुध ते भत दे ने",panjabi-pan +"552 +इक जाण भन्ने1 बहुत नाल खुशी भला होया फकीर दी आस होई +इक जाण रोंदे जूह खेड़यां दी अज देखो ते चैड़ नखास2 होई +इक नाल डंडे नंगे जान भन्ने यारो पई सी हीर उदास होई +इक चितड़ वजांवदे जान भंउदे जो मुराद फकीर दी रास होई +वारस शाह ना सुंदयां ढिल लगदी जदों उसतरे नाल पटास होई",panjabi-pan +"61 +अजी हीर ते पलंघ सभ थां तेरी घोल घतियां जीऊड़ा वारया ई +नहीं गाल कढी हथ जोड़दी हां हथ ला नाहीं तैनूं मारया ई +असीं मिन्नतां करां ते पैर पकड़ां तैथों धोलया कोड़मा1 सारया ई +असां हस के आन सलाम कीता आप कासनूं मकर पसारया ई +सुन्नी पई सां त्रिंजणी चैन नाहीं अल्ला वालयां नेसानूं तारया ई +वारस शाह है कौन शरीक उसदा जिसदा रब्ब ने कम्म स���ारया ई",panjabi-pan +"143 +धरोई रब्ब दी न्यायों कमायो पैंचो भरे देस विच फाटया कुटवा हां +मुरशद बखशया सी ठूठा भन्नया ने धुरों जढ़ां थी ला मैं पुटया हां +मैं मारया वेखदे मुलक सारे धूह करंके मोए वांग कुटया हां +हड गोडड़े भन्न के चूरा कीते अड़ीदार गदों वांग सुटया हां +वारस शाह मियां वडा गजब होया रो रो के बहुत नखुटया हां",panjabi-pan +"134 +हीर आखया वाड़ के फले अंदर गल पा रसा मुंह घुट घतो +लैके कुतके कुढन माछियां दे धड़ धड़े ही मार के कुट घतो +टंगों पकड़ के लक विच पा जफी किसे बोबड़े दे विच सुट घतो +मारो एसनूं लाके अग्ग झुगी साड़ बाल के चीज सब लुट घतो +वारस शाह मियां डाहडी भंवरी दा जे कोई वाल दिसे सब पुट घतो",panjabi-pan +"जुग जुग जियसु ललनवा +जुग जुग जियसु ललनवा , भवनवा के भाग जागल हो +ललना लाल होइहे , कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो ॥ +आज के दिनवा सुहावन , रतिया लुभावन हो , +ललना दिदिया के होरिला जनमले , होरिलवा बडा सुन्दर हो ॥ +नकिया त हवे जैसे बाबुजी के , अंखिया ह माई के हो +ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो अन्जोर भइले हो ॥ +सासु सुहागिन बड भागिन , अन धन लुटावेली हो +ललना दुअरा पे बाजेला बधइया , अन्गनवा उठे सोहर हो ॥ +नाची नाची गावेली बहिनिया , ललन के खेलावेली हो +ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली , रस बरसावेली हो ॥ +जुग जुग जियसु ललनवा , भवनवा के भाग जागल हो +ललना लाल होइहे , कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो ॥",bhojpuri-bho +"434 +रोंदा कासनूं बीर बतालिया1 वे पंज पीरां दा तुध मिलाप मियां +ला जोर ललकार तूं पीर पजे तेरा दूर होवे दुख पाप मियां +जेहड़े पीर दा जोर है तुध ताईं करो उसदा रात दिन जाप मियां +जोर आपना फकर नूं याद आया बाल नाथ मैंडा गुरु बाप मियां +वारस शाह भुखा पया रोवे बैठा दए उन्हां नूं वडा सराप मियां",panjabi-pan +"ईसुरी की फाग-20 +पग में लगत महाउर भारी +अत कोमल है प्यारी +आद रती कौ लांगा पैरें +तिल की ओढ़ें सारी +खस खस की इक अंगिया तन में +आदी कोर किनारी +रती रती के बीच ' ईसुरी ' +एक नायिका ढारी । +भावार्थ +ईसुरी ने रजऊ के सुकुमारपन के वर्णन में अतिशयोक्ति अलंकार का अनूठा प्रयोग किया है । देखिए — ईसुरी कहते हैं कि प्रिया अति कोमल और सुकुमार है । महावर लगने से पैर नहीं उठते । उसके लंहगे का वजन आधी रत्ती भर है और जो साड़ी ओढ़ी है उसका वजन तिल के बराबर है । उसने जो चोली पहनी है वो खसखस यानि पोस्त के दाने की है जिसकी किनारी भी आधी है यानि बेहद बारीक है । इस तरह नायिका का रूप रत्तीरत्ती से ही ढला है ।",bundeli-bns +"तू सच सच आख वे जोगी +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +न करिये माण वतनाँ दा , +असीं हाँ लाल परदेसी , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +अधी राती दुपट्टा रंगया , +न माही आया न किली टंगया , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +अधी राती पकन केले , +विच्छ्डयाँ नूँ रब आप सेले , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +अधी राती पकन आडू , +वगण नदियाँ तरण तारु , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +अधी राती चमकण तारे , +जुदाई वाले तीर सानुँ किस मारे , +न तुसाँ मारे न असाँ मारे , +मारण वाला प्रभु आप जाणे , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी ।",panjabi-pan +"533 +जोगी कील घती परे विच चैंकी छुरी ओसदे विच खुभाइया सू +खाह कसम कुरान दी बैठ जट कसम चोर नू चा कराइया सू +ओहदे नाल तूं नाहियों अंग लाया छुरी पट के धौन रखाइया सू +फड़या हुसन दे माल दा चोर साबत ताए ओसनूं कसम खवाइया सू +वारस शाह रब्ब तूं छड पया झंजट ऐवे राइगां उमर गवाइया सू",panjabi-pan +"होरी खेली न जाय +नैनन में पिचकारी दई , मोय गारी दई , +होरी खेली न जाय , होरी खेली न जाय ॥ टेक +क्यों रे लँगर लँगराई मोते कीनी , ठाड़ौ मुस्काय ॥ होरी . +नेक नकान करत काहू की , नजर बचावै भैया बलदाऊ की । +पनघट सौ घर लौं बतराय , घर लौं बतराय ॥ होरी . +औचक कुचन कुमकुमा मारै , रंग सुरंग सीस ते ढारै । +यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय , सुनि सासु रिसियाय ॥ होरी . +होरी के दिनन मोते दूनौ अटकै , सालिगराम कौन याहि हटकें । +अंग लिपटि हँसि हा हा खाय ॥ होरी .",braj-bra +"कुण भाई जासे चाकरी कुण भाई जासे गढ़ रे गुजरात? +”कुण भाई जासे चाकरी , कुण भाई जासे गढ़ रे गुजरात ? +मोठा भाई जासे चाकरी , छोटा भाई जासे गढ़ रे गुजरात +कुण भाई की घोड़ी खऽ घूँघरू , +कुण भाई की घोड़ी खऽ जड़यो रे जड़ाव +मोठा भाई की घोड़ी खऽ घूँघरू , +छोटा भाई की घोड़ी खऽ जड़यो रे जड़ाव +कुण भाई लावसे चूनरी , कुण भाई लावसे दक्षिणारो चीर +एक भाई लावसे चूनरी , दूसरो भाई लावसे दक्षिणारो चीर +श्रावण आयो जी । ।",nimadi-noe +"नानो म्हारो नानो म्हारो करती थी घींव घड़ा मऽ भरती थी +नानो म्हारो , नानो म्हारो करती थी घींव घड़ा मऽ भरती थी । +घींव का घड़ा न कोरा छे , नाना का मामाजी गोरा छे । +नानो म्हारो जीमऽ तवंऽ कसो करां , अम्बा रोटी रसऽ करां +रस मंऽ पड़ी गयो काकरियो , नाना का मामाजी ठाकरियो । +ठाठ करऽ , ठकराई करऽ , नानो म्हारो बठी नऽ राज कर । +राज करी नंऽ परवारऽ नी , नाना की मांय धवाड़ऽ नी । +हात रे भाई रे",nimadi-noe +"165 +चूचक सयाल तों लिखके नाल चोरी हीर सयाल बह कही बतीत हैनी +साडी खैर है चाहुंदी खैर तुसां दी जेही खत ते लिखण दी रीत है नी +होर रांझे दी बात जो लिखीया जे एह तां गल बुरी अनानीत1 है नी +रखा चाए मसहिफ2 कुरान उस नूं कसम खाए के विच मसीत है नी +तुसीं मगर क्यों एस दे उठ पइयो एहदी असां दे नाल प्रीत है नी +असीं त्रिंजणां विच जा बहणिआं सानूं गाउणा एस दा गीत है नी +दिने छोड मझी वड़े झल घेले एस मुंडड़े दी एहा रीत है नी +रातीं आयके अला नूं याद करना वारस शाह दे नाल एह पीत हैनी",panjabi-pan +"देखि-देखि मुँह पियरायल, चेरिया बिलखि पूछे हे +देखिदेखि मुँह पियरायल , चेरिया बिलखि पूछे हे । +रानी , कहहु तूँ रोगवा के कारन , काहे मुँह झामर1 हे ॥ 1 ॥ +का कहुँ गे2 चेरिया , का कहुँ , कहलो न जा हकइ हे । +चेरिया , लाज गरान3 के बतिया , तूँ चतुर सुजान4 हहीं गे ॥ 2 ॥ +लहसि5 के चललइ त चेरिया , त चली भेलइ झमिझमि6 हे । +चेरिया , जाइ पहुँचल दरबार , जहाँ रे नौबत7 बाजहइ हे ॥ 3 ॥ +सुनि के खबरिया सोहामन8 अउरो मनभावन हे । +नंद जी उठलन सभा सयँ9 भुइयाँ10 न पग परे हे ॥ 4 ॥ +जाहाँ ताहाँ भेजलन धामन , 11 सभ के बोलावन हे । +केहु लयलन पंडित बोलाय , केहु रे लयलन डगरिन हे ॥ 5 ॥ +पंडित बइठलन पीढ़ा12 चढ़ि , मन में विचारऽ करथ13 हे । +राजा , जलम लेतन14 नंदलाल जगतर15 के पालन हे ॥ 6 ॥ +जसोदाजी बिकल सउरिया , 16 पलक धीर धारहु हे । +जलम लीहल तिरभुवन नाथ , महल उठे सोहर हे ॥ 7 ॥ +सुभ घड़ी सुभ दिन सुभ बार सुभ रे लगन आयल रे । +धनि हे , प्रगट भयेल17 बिसुन देओ , 18 अनन्द तीन लोक भेल हे ॥ 8 ॥ +हरखि हरखि देओ बरसथ19 फूल बरसावथ20 हे । +ललना , सुर मुनि गावथि21 गीत , मन ही मन गाजथि22 हे ॥ 9 ॥ +बाजन बाजये अपार नागर23 नट नाचत हे । +नाचहि गाय24 पमड़िया25 महल उठे सोहर हे ॥ 10 ॥ +नंदजी लुटवलन अनधन अरु गजओबर26 हे । +जसोदा जुटवन भंडार सकल सुख आगर हे ॥ 11 ॥ +सोने के थरिया27 भरी मोतिया , पंडितजी के आगेधरि हे । +पंडित लेहु न अपन दछिनमा , 28 पुतरफल पायल हे ॥ 12 ॥ +बाजन बाजय गहागही29 नंद सुख भूलल हे । +जसोदा सउरिया मैं पइसल , 30 सरग31 सुख लूटथ हे ॥ 13 ॥",magahi-mag +"पाल पोस बेटी करी सयानी +पाल पोस बेटी करी सयानी +हो गई आज पराई मोरे लाल । +बाबुल कहे बेटी हँस घर जाओ । +माता कहें ज��्दी बुलाओ मोरे लाल । पाल . . . +ससुर जानियो बाबुल की नाईं +सासो खों जानो माता मोरे लाल । पाल . . . +जेठ जानियों बीरन बड़े से +जेठानी खों जानो भाभी मोरे लाल । पाल . . . +देवर को जानियो हल्के से बीरन । +देवरानी से करियो दुलार मोरे लाल । पाल . . . +छोटी ननद खों जानों छोटी बहिना +प्यार से रहियो ससुराल मोरे लाल । पाल . . .",bundeli-bns +"चल गिंजर आबो संगी +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +तोरे अगोरा मा बेरा पहागे वोओओ +तोरे अगोरा मा बेरा पहागे वोओ +बड़ बेरा करे संगीइइ +जी मा डर समागे का वो , चल गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बमरी के पेड़ गिरा ले पैरी लाआआ +बमरी के पेड़ गिरा ले पैरी ला +मोर मन मा बसे हेऐ +परदेसी बैरी गा , चल गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +चांदी के मुंदरी रेशम के फुन्दराआआ +चांदी के मुंदरी रेशम के फुन्दराआ +ले दुहूँ तोर बर संगीइ +लाली के लुगरा वो , चल गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +ले देबे जोड़ी मया के बंधनाआआ +ले देबे जोड़ी मया के बंधनाआ +ले के आबे तैं हा डोलीइ +मोरेच अंगना मा , चल गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो",chhattisgarhi-hne "सब केरा भैंसिया मलहा पार उतारि देलै सब केरा भैंसिया मलहा पार उतारि देलै हमरो हे भैंस उसरे में मझाई @@ -20891,285 +17013,467 @@ folksong,language होइछै मन अधीर हमरो जे यौवन विष के अगोरल मलहा रे छुबते मरि जयबे रे ।",angika-anp -"सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुर-खुटुर चले नु ए -सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुरखुटुर चले नु ए । -चली गइले आमा के बोलावे -चलहु ए आमा चलहु मोरा अंगना चलहु ए , -मोर धनि बेदनेबेआकुल झँझिरिया धइले लोटेली हे । -नाहीं जाइब ए बबुआ नाहीं जाइब , तहरा अँगनवाँ नाहीं जाइब हे , -तहरा धनि बोलेली बिरहिया , सहल नाहीं जाला नु ए । -चलहु ए मामी चलहु , मोरे अंगना चलहु हे -मोर धनि बेदनेबेआकुल झंझरिया धरी लोटेली हे । -नाहीं जाइब ए बबुआ नाहीं जाइब , तोर धनि बोलेली -बिरही कड़कवा , मोरे हिया लागेला हे । -महतारी , भाभी के बाद बहिन के पास गए और फिर अन्त में -लोटहु ए धनि लोटहु झंझरिया धरी लोटहु ए । -आमा के बोलेलू बिरहिया सहल नाहीं जाला नु ए । -बहिन , भाभी . . . के बोलेलू बिरहिया सहल नाहीं जाला नु ए । -नउजी अइहें सासु , नउजी अइहें ननदो , नउजी अइहें गोतिन , नउजी अइहें हो नउजीचाहे न -प्रभुजी ओढ़ि लेब ललका रजइया सउरिया हमी लिपबऽ नु ए । ललका रजइयाकफन -घरी रात बितले पहर रात , अउरी छने रात हे -ललना अधेराती होरिला जनमले , महलिया उठे सोहर ए -मोरा पिछुअरवा बजनिया भैया , भैया धीरेधीरे बजवा बजइह , -ननदवा जनि जानस हे । -ललना सुनि लहली लउरी ननदिया , बेसरिया हम बधइया लेब हे , लउरीछोटी -सभवा बइठल बाबा बानी , सरब गुन आगर बानी हे , बेसरियानकबेसर , नाक का एक आभूषण -भउजो के भइले नन्दलाल , बेसरिया हम बधइया लेब हे । -उहवाँ से बाबा उठि आवे ले , अंगना में ठारा भइले हे -बबुआ देइ घालऽ नाक के बेसरिया दुलारी धिअवा पाहुन हे । फुफुतियाफांड -नाक में से कढ़ली बेसरिया फुफुतिया में चोरावेली हे -इहे बेसरिया हमके बाबा दहले , बधइया तोहके नाहीं देब हे ।",bhojpuri-bho -"वेदे कि तार मर्म जाने (बाउल) -वेदे कि तार मर्म जाने -ये रूप साँइर लीलाखेला -आछे एइ देह भुवने । । -पंचतत्व वेदेर विचार -पंडितेरा करने प्रचार , -मानुष तत्व भजनेर सार -वेद छाड़ा वै रागेर माने । । -गोले हरि बलले कि हय , -निगूढ़ तत्व निराला पाय , -नीरे क्षीरे युगल हय -साँइर बारमखाना सेइखाने । । -पइले कि पाय पदार्थ -आत्म तत्वे याराभ्रान्त -लालन बले साधु मोहान्त -सिद्ध हय आपनार चिने ।",bengali-ben -"325 -पकड़ ढाल तलवार क्यों गिरद होईए मथा मुनीए करम अभागीए नी -चैंचल हारीये डारिये जंग बाजे छिपर नकीए बुरे दिये लागीए नी -फसाद दी फौज दी पेशवा1 हैं ते शैतान दे लक तड़ागीए नी -असीं जटियां नाल जे झेड़ करीए दुख जूह दे फकर क्यों झागीए नी -मथा डाह नाहीं आ छड पिछा भजे जांदे मगर ना लागीए नी -वारस शाह फकीर दे कदम फड़िये अते किबर हंकार नूं तयागीए नी",panjabi-pan -"ऐ रानी डो ऐ रानी -ऐ रानी डो ऐ रानी -ऐ रानी डो ऐ रानी -साडी डरमे घोरा फलगो बिचायो डो रानी बोले -साडी डरमे घोरा फलगो बिचायो डो रानी बोले -ऐ रानी डो ऐ रानी बोले -ऐ रानी डो ऐ रानी बोले -साडी डरमे घोरा फलगो बिचायो डो रानी बोले -साडी डरमे घोरा फलगो बिचायो डो रानी बोले -ऐ राजा जा राजा बोले -ऐ राजा जा राजा बोले -चो सन्ठी साडी डरमे घोरा फलगो निचानो डो बोले -चो सन्ठी साडी डरमे घोरा फलगो निचानो डो बोले -ऐ रानी डो ऐ रानी बोले -ऐ रानी डो ऐ रानी बोले -घोरा फलगो लियेन नी विष्णु भगवान सुबान डो रानी बोले -घोरा फलगो लियेन नी विष्णु भगवान सुबान डो रानी बोले -स्रोत व्यक्ति नन्हेलाल , ग्राम झल्लार",korku-kfq -"ठहर बटेऊ ठहर बटेऊ के नै जाइये -ठहर बटेऊ ठहर बटेऊ के नै जाइये -म्हारे बाग का मिसरी मेवा चाख कै नै जाइये -तेरे हाथ की रै माली की रोटी ना भावै -कच्चे पाक्के फल तोड़ै मनै आच्छे ना लागैं -सेठ की सिठाणी पै तेरी रोटी पुआ द्यूंगी -मांज कै नै बालटी जल नीर पिता द्यूंगी",haryanvi-bgc -"ऊपर बादल घुमड़ाये हो -ऊपर बादल घुमड़ाये हो , -नीचे गोरी पनियां खों निकरी । ऊपर . . . -जाय जो कइयो उन राजा ससुर से , -अंगना में कुइयां खुदाव हो , -तुम्हारी बहू पनियां खों निकरी । ऊपर बादल . . . -जाय जो कइयो उन राजा जेठ से , -सोने के घइला मंगाव हो , -तुम्हारी बहू पनियां खों निकरी । ऊपर बादल . . . -जाय जो कइयो उन राजा नन्देऊ से , -मुतियन कुड़री जड़ाव हो , -तुम्हारी सरहज पनियां खों निकरी । ऊपर बादल . . . -जाय जो कइयो उन राजा देवर से , -रेशम की रस्सी मंगाव हो , -तुम्हारी भौजी पनियां खों निकरी । ऊपर बादल . . . -जाय जो कइयो उन राजा साहब से , -कुंअला पे गर्रा डराव हो , -तुम्हारी धना पनियां खों निकरी , -ऊपर बादल घुमड़ाये हो , -नीचे गोरी पनियां खों निकरी ।",bundeli-bns -"होरी तौ खेलूंगी हरि सौं -होरी तौ खेलूंगी हरि सौं , कहौ कोई श्यामसुन्दर सौं ॥ -आयौ बसन्त सभी बन फूले , खेतन फूली है सरसों । -मैं पीरी भई श्याम के विरह में निकसत प्राण अधर सौं ॥ -कहौ जाय बंशीधर सौ ॥ होरी तौ . -फागुन में सब होरी खेलत हैं , अपने अपने वर सौं । -पिया के वियोग में जोगिन हुइ निकसी , धूरि उड़ावत घरसों । -चली मथुरा की डगर सों । होरी तौ . -ऊधौ जाय द्वारिका में कहियो , इतनी अरज मोरी हरिसों । -विरहविथा से जियरा जरत है , जबसे गये हरि घर सों ॥ -दरश देखन को तरसों । होरी तौ . -‘सूरदास’ मोरी इतनी अरज है , कृपासिंधु गिरधर सौं । -गहरी नदिया नाव पुरानी , किमि उबरें सागर सों ॥ -अरज मेरी राधावर सों ॥ होरी तौ .",braj-bra -"सोने का सरोता, बताओ धनराणी -सोने का सरोता , बताओ धनराणी -सोने का सरोता , रूपा की डांडी -कतरकतर बिड़ला , चाबो धनराणी -पेलो मास जो लागियो , आल भोले मन जाए ।",malvi-mup -"57 -जवानी कमली ते राज चूचके दा ओथे किसे दी की परवाह मैंनूं -मैं तां धरूह के पलंघ तों चा सुटां आया किधरों एह बादशाह मैनूं -नाढू शाह दा पुत कि शेर हाथी पास ढुकयां ��येगा ढाह मैंनूं -नाहीं पलंघ ते एस नूं टिकन देना ला रहेगा लख जे वाह मैंनूं -एह बोलदा पीर बगदार गुगा मेले आन बैठा वारस शाह मैंनूं",panjabi-pan -"151 -वढी होई हुशेर1 जा छिपया ए पोह माघ कुता विच कुन्नूयां2 दे -होया छाह वेला जदों विच बेले फेरे आन पये ससी पुन्नयां दे -बूटा भन्न रांझे दे हथ मलिया ढेर आन लगे रते चुन्नूयां दे -बेला लालो ही लाल पुकारदा सी कैदो हो रिहा वांग घुन्नूयां दे",panjabi-pan -"लाडो खेलै लौंग के बिरवे तल -लाडो खेलै लौंग के बिरवे तल -तेरे दादा ने लयी है बुलाय -चलो बीबी महलों में -तेरे बाबुल ने लयी है बुलाय -चलो बीबी महलों में -तेरे मामा ने लई है बुलाय -चलो बीबी महलों में -तेरी सजती सी आवै बारात -चलो बीबी महलों में -तेरे बजते से आवै निसान -तेरे उड़ते से आवै गुलाल -चलो बीबी महलों में -तेरा घोड़े पै सज रहा दूल्हा -पीछे बराती आवै साथ -चलो बीबी महलों में",haryanvi-bgc -"137 -हिक मार लतां दुई मार छमक1 त्रीई नाल चटाकियां मारदी ए -कोई इट बटा जुती ढीम पथर कोई पकड़ के धौन मुढ मारदी ए -कोई पुट दाहड़ीदुबरू विच देंदी कोई डंडका विच गुजारदी ए -चोर मारीदा देखने चलो साधो वारस शाह एह जबत सरकार दी ए",panjabi-pan -"ऐली पैली सखरिया री पाल -ऐली पैली सखरिया री पाल -पालां रे तंबू तांणिया रे -जाये वनी रे बापाजी ने कैजो , के हस्ती तो सामां मेल जो जी -नहीं म्हारां देसलड़ा में रीत , भंवर पाला आवणों जी -जाय बनी रा काकाजी ने कैजो -घुड़ला तो सांमां भेजजो जी -नहीं म्हारे देशां में रीत , भेवर पाला चालणों जी -जाय बनीरा माता जी ने कैजो -सांमेला सामां मेल जो जी -नहीं म्हारे देशलड़ां में रीत -भंवर पाला आवणों री",rajasthani-raj -"हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियोंगोचाई बाबा गोचाई बाबा -हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियों -हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियों -चमकी कैसी घोड़ा रे सारी रात रे दिवा वाले -चमकी कैसी घोड़ा रे सारी रात रे दिवा वाले -राजा चले देश देखन रे -राजा चले देश देखन रे -रानी चलियो गाजा बाजा रे -रानी चलियो गाजा बाजा रे -सारी रात दिवा वाले -सारी रात दिवा वाले -हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियो -हाथी चले डिलम डोला रे घोड़ा रे चलियो -स्रोत व्यक्ति पीला बाई , ग्राम आंवलिया",korku-kfq -"मोजा पेरो, मोजा पेरो, मोजा पैरो राज -मोजा पेरो , मोजा पेरो , मोजा पैरो राज -मोजा ऊपर मेंदी सोये -पेरण री चतराई -हो म्हारा रंगीला जमाई -थाने गाल गावां राज -गाल गावां , गीत गावां -इना कररन्यां लाड़ जी -म्हारो बई से टेढ़ा बोलो -यां पर आवे रीस हो -म्हारा खांतीला जमई -थाने गाल गावां राज । -आप लापर , बाप लापर -लापर सोई परवार जी -काकाकाकी वे बी लापर -जेका भतीजा आप हो -मामामामी वे बी लापर -जेका भाणेज आप ही -भाईभाभी वे बी लापर -जेका भाई आप हो -बूवाफूफा वे बी लापर -जेका भतीजा आप हो -बेनबेनोई वे बी लापर -जेका साला आप हो -मावसीमावसा वे बी लापर -जेका भतीजा आप हो -आजाआजी वे बी लापर -जेका नात्या आप हो -मायबाप वे बी लापर -जेका जामा आप हो -जामा पेरो , जामा पेरो , जामा पेरो राज । -जामा ऊपर सोना सोहे -पेरण री चतराई -हो म्हारा लिखन्दा जमई -पटका ऊपर हुलमन सोवे -पेरण री चतराई -हो म्हारा हंसालू जमाई -कंठी ऊपर डोरा सोहे -पेरण दी चतुराई -हो म्हारा रिसाकू जमाई -पागां ऊपर बेचां सोवे -हो म्हारा छबीला जमाई -तेजी ऊपर चाबुक सोवे -बैठण री चतूराई -हो म्हारा प्यारा जमाई -कड़ा ऊपर पोंची मोवे -मोती ऊपर चूनी सोवे -हो म्हारा नखराला जमाई",malvi-mup -"लीली घोड़ी अंबे का असवार -लीली घोड़ी अंबे का असवार -आगेआगे फलाणा राम प्यादा जाय -हमखे निवारो देवी पागनिवार -संतन निवारो देवी दुर्गा माय -लाल घोड़ी अंबे का असवार -आगेआगे फलाणा राम प्यादा जाय -हमखे निवारो देवी पागनिवार -संतन निवारो देवी दुर्गा माय",malvi-mup -"जबे पग छुअलक नउनियाँ -जबे पग छुअलक1 नउनियाँ2 जयजय कहु सिय के । -लछमी बिराजे हिरदा द्वार3 जय जय कहु सिय के ॥ 1 ॥ -एक नोह4 छिलले5 दूसर नोह छिलले , जय जय कहु सिय के ॥ 2 ॥ -टुके टुके6 सिय मुँह ताके , जय जय कहु सिय के ॥ 2 ॥ -रानी सुनयना देलन हाँथ के कगनमा , जय जय कहु सिय के । -आउरो देलन गलहार , जय जय कहु सिय के ॥ 3 ॥ -हँसत खेलइते घर गेलइ नउनियाँ , जय जय कहु सिय के । -दुअरे पर नवबत झारसन्दर्भ त्रुटि : टैग के लिए समाप्ति टैग नहीं मिला बजने से है । जय जय कहु सिय के ॥ 4 ॥",magahi-mag -"कन्यादान गीत -पोसे पोसे रूप्या देधा , हार कड़ा पातला देसे वो लाड़ि । -पोसे पोसे रूप्या देधा , गंुडि वटली फवरी देसे वो लाड़ि । -पोसे पोसे रूप्या देधा , पलंग सिरको फवरा देसे वो लाड़ि । -पोसे पोसे रूप्या देधा , कड़ा पातला देसे वो लाड़ि । -वर पक्ष की महिलाएँ शंका कर रही हैं कि हमने पोष भरभरकर तेरे मातापिता को रुपये दिये हैं , हारकड़े पतले देंगे । घुण्डीबटली हल्के देंगे , पलंग सिरका हल्का देंगे और कड़ा और कड़ी पतली देंगे ।",bhili-bhb -"मीट्ठी तो कर दे री मोस्सी कोथली -मीठी तो कर दे मेरी मां कोथली ज��ंगा बाहण कै री देस -मीहां नै झड़ ला दिए -क्यूँ कर जागा रे बेटा बाहण के देस आगे रे नदी ए खाय -सिर पै तो धर ल्यूँ मेरी मां कोथली छम दे सी मारूंगा छाल -मीहां नै झड़ ला दिए -आगै तो बैठी बाहण पा गई कह बीरा घर की रै बात -मीहां नै झड़ ला दिए -अम्मा बी राजी बाबल बी राजी बीरा तो आया लणिहार -मीहां नै झड़ ला दिए -तीजां का आया त्यौहार मौसी री बेबे घल दे -मीहां नै झड़ ला दिए -तीजां का आया सै त्यौहार लाडो तो घर नै आ गई -मीहां नै झड़ ला दिए",haryanvi-bgc -"560 -रांझे आखया सोहनी रंन डिठी मगर लग मेरे आ घेरया ने -नठा खौफ थीं एह हन देस वाले वेखो कटक अज गैब दा छेड़या ने -पंजां पीरां दी एह मजावरनी1 ए एहनां किधरों साक सहेड़या ने -सभा राजयां रानयां धक छडया तेरे मुलक विच आनके छोड़या ने -देखो विच दरबार दे झूठ बोलन एह वडा ही फेड़ना फेड़या ने -मजरूह2 सां गमां दे नाल भरया मेरा अलड़ा घाओ उचेड़या ने -कोई रोज जहान ते वाओ लैनी मैंनूं मार के चा खदेड़या ने -आप वारसी बने इस बहूटड़ी दे मेरे संग दा संग नखेड़या ने -राजा आखदा करां मैं कतल सारे तेरी चीज नूं जरा जे छेड़या ने -सच आख तूं मारके करां पुरजे कोई बुरा जे एस नाल फेड़या ने",panjabi-pan -"कै भड़ को आइ होलो, यो दल-बल -कै भड़1 को आइ होलो , यो दलबल , -कै भड़ की आई होली , या पिंगली पालंकी , -केक सेन्दो बाबा जी , निंद सुनिंद , -ऐ गैन बाबा जी , जनती2 का लोक , -नी सेन्दू बेटी मैं , निन्द सुनिंद । -तेरी जनीत कांद ओगी लौलू -बरमा जी करला , गणेश की पूजा , -वर तैं लगौलू मंगल पिठाई ।",garhwali-gbm +"बधाए आए अँगना लिपाए रखती रे +बधाए आए अँगना लिपाए रखती रे ॥ 2 +जो मैं ऐसो जानती , ससुरजी आयेँगे आज , +ससुरजी लिए , हुक्का मँगाए रखती रे । बधाए . . . +जो मैं ऐसो जानती , जेठजी आयेँगे आज , +जेठजी लिए चाय बनाए रखती रे । बधाए . . . +जो मैं ऐसो जानती देवर जी आयेँगे आज , +देवर जी लिए रंग मँगाए रखती रे । बधाए . . . +जो मैं ऐसो जानती , नंदेऊ आयेँगे आज , +नंदेऊ लिए पान मँगाए रखती रे । बधाए . . . +जो मैं ऐसो जानती राजाजी आयेँगे आज , +राजाजी लिए पलंग सजाए रखती रे । बधाए . . .",braj-bra +"विदाई गीत +तारा बासे ना घर मा काइ बात । +लागि वो गुरिया लाड़ि , चाल मारे देस । +तारा बासे ना घर मा काइ बात । +तारी माई ने कोई बात करो , +वो गोरी लाड़ी , चाल मार देस । +तारो भाई ने काई बात करो । +वो गोरी लाड़ी , चाल मारा देस । +वर पक्ष की ओर से वधू को कहा गया है तुम अपने माँ , पिता और भाई से क्या बात कर रही हो , मेरे देश में चलो , वहाँ ��ुम्हारी प्रतीक्षा हो रही है ।",bhili-bhb +"अंगिका फेकड़ा +चलोॅ हे हिरनी माय फूल तोड़ै लेॅ +फूलोॅ के गाछ तर ऐल्हौं जमाय +बेटी केॅ लेल्हखौं डोली चढ़ाय +ज्यौंज्यौं डोलिया डुलकल जाय +त्यौंत्यौं बेटी हकरल जाय +बोॅर बैठलोॅ बरोॅ तर +कनियाँय बैठली पीपरोॅ तर +बरोॅ केॅ लागलै दाँती +कनियाँय धूनेॅ छाती । +कनियाँय मनियाँय झिंगाझोर +कनयाँय माय केॅ लेॅ गेल चोर +दौड़ोॅ हो शहर के लोग । +झरिया ऐलै बुनरिया ऐलै +करका मेघ लगैलेॅ ऐलै +डाला कुण्डा घोॅर करोॅ +बेटी केॅ विदा करोॅ । +औठीपौठी लौका +बीच में गू खौका । +पांड़े पड़ोकी चुटिया में तेल +पांड़े के धियापुता खेलेॅ गुलेल +पांडे़ ढबढबढब । +यद्दू बेचेॅ कद्दू , बंगाली बेचेॅ पान +यद्दू के एक बेटा , सेहो गाड़ीमान +यद्दू दूर गेलेॅ हो । +अथरोबथरो सीमा गेली सीम तोड़े +नीमा गेली नीन तोड़े , दा बूढ़ी भात +अभी गोबरे हाथ । +ऊबु पान फूल पत्ता +गुलाबी रंग कच्चा +कटोरी में के आगिन +बुझाय देॅ मोरी भौजी । +ओ ना मा सी धं +गुरूजी पढ़ंग +चटिया लंग +बाजे मृदंग । +तार काटूँ , तनकुन काटूँ +काटूँ रे बनखज्जा +हाथी पर से घुंघर बोले +टन देॅ केॅ राजा +राजा के रजोली बेटी +भैया के दुपट्टा +हिच्च मारौं , घिच्च मारौं +चीचे हेनोॅ बच्चा ।",angika-anp +"बूबूडा भूना जुना चकान सुकू होली उभायेन +बूबूडा भूना जुना चकान सुकू होली उभायेन +बूबूडा भूना जुना चकान सुकू होली उभायेन +भुमका डो भुमकी डेन सुकू होली उभायेन +भुमका डो भुमकी डेन सुकू होली उभायेन +किलाडो मुटवा टेन आमा चुजा डावेन +किलाडो मुटवा टेन आमा चुजा डावेन +बागो डो बागोल्या नावापुरा आटी सेनेवा +बागो डो बागोल्या नावापुरा आटी सेनेवा +मावापुर हाटी जो चोजमा सिगार सेगेवा +मावापुर हाटी जो चोजमा सिगार सेगेवा +नारा डोटी की डोही रमी सेगेवा +नारा डोटी की डोही रमी सेगेवा +गावो जी कीला से मुटावा नारा ही की सेगेवा +गावो जी कीला से मुटावा नारा ही की सेगेवा +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"इब की छोरी न्यूं बतलाई +इब की छोरी न्यूं बतलाई +काली वायल मंगावांगे +पाइआ पाइआ गेरैं सितारे +गोट्यां की लार लगावांगे +इब की बहुअड़ न्यूं बतलाई +भार्या दाम्मण सिलावांगे +सारी बेबे कट्ठी हो कै +ठोक्कर मार दिखावांगे +इब के छोरे न्यूं बतलावे +आपी नाम कटावांगे +बूठ्यां नै तो घाला नौकरी +कुरसी मेज बिछांवांगे +इब के बूड्ढे न्यूं बतलाए +आपां नौक्कर चाल्लांगे +घणे दि��ां मैं छूट्टी आवैं +बुड्ढिआं ने प्यारे लागांगे +दोहरी तो हम धोत्ती बांधां +गाभरूआं ने गोड्डांगे +इब की बूड्ढी न्यूं बतलाई +नाभी सूट सिमावांगे +धोले तो हम ओढ़ैं डपट्टे +कालिज पड्ढण जावांगे +जो मेरी बेबे पै चाल्यां नां जागा +रिकसा भाड़ा कर ल्यांगे +हाथ्यां मैं हम झोला ले लैं +हाथ पकड़ कै चाल्लांगे",haryanvi-bgc +"बई को कोणस राय रा आया सामे ओबरा +बई को कोणस राय रा आया सामे ओबरा +बई को कोणस राय आई सामे पोल +बाजा बले अंबुलो बहुफल्यो +बई वो मोटा राय रो आयो सामे ओबरो +बई वो नाना राय री आई सामे पोल +बई वो कांकी बऊ की राम रसोई नीपजे +बई वो कांकी बऊ को जीमे परवार +बई वो छोटी बऊ री राम रसोई नीपजे +बई वो बड़ी बऊ को जीमे परवार ।",malvi-mup +"सिर पै बंटा टोकणी +सिर पै बंटा टोकणी +मैं तो कूएं की पणिहार री +रस्ते में सासड़ फेंटगी +तेरे मरिओ नोंओं बीर री +तूं किस नै खंदाई एकली +तेरी घर मैं बूझूं बात री +तन्ने गाल कसूती दे दई +कूएं पै दोघड़ तार के री +मैं तो चारूं तरफ लखाय कै री +मन्ने जान कूएं मैं झोकदी +काढ़े देवर जेठ री +मेरा टस टस रोवे भरतार री +तन्ने नार कसूती सोचली +पढ़ रही सात जमात री +बुरजी पै लिख दिया नाम री +सासड़ कै बोल पै ढै पड़ी",haryanvi-bgc +"314 +नयाना तोड़ के ढांडड़ी1 उठ नठी भन दोहनी दुध सब डोहलया ए +घत खैर इस कटक दे मोहरी नूं जट उठके रोह विच बोलया ए +किस लुचड़े देस दा जोगिया तूं ऐथे डंड2 की आन के बोलया ए +सूरत जोगियां दी अखी गुंडयां दी टाप कनकदी ते जिउ डोलया ए +जोगी अखियां कढके घत तिऊड़ी लै के खपरी हथ विच तोलया ए +वारस शाह हुण जोग तहकीक3 होया जीउ शागनी दा अगों बोलया ए",panjabi-pan +"उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +एह सौण तेरे दरकार नहीं । +इक्क रोज़ जहानों जाणा ऐं , +जा कबर विच्च समाणा ऐं , +तेरा गोश्त कीड़िआँ खाणा ऐं , +कर चेता , मरग1 विसार नहीं , +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +तेरा साहा2 नेड़े आया है , +कुझ चोली दाज रँगाया ऐं , +क्यों आपणा आप वँजाया ऐं , +ऐ गाफल3 तैनूँ सार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +तूँ सुत्तिआँ उमर वँजाई ऐं , +तूँ चरखे तन्द ना पाई ऐं , +की करसें ? दाज त्यार नहीं , +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +तूँ जिस दिन जोबन4 मत्ती सैं , +तूँ नाल साइआँ दे रत्ती सैं , +हो गाफल गल्लीं वत्ती सैं , +एड भोरा तैनूँ सार नहीं , +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +तूँ मुढ्ढों बहुत कुचज्जी सैं , +निरलज्जेआँ दी निरलज्जी सैं , +तूँ खा खा खाणे रज्जी सैं , +हुण ताईं तेरा बार5 नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +अज्ज कल तेरा मुकलावा ऐं , +क्यों सुत्ती कर कर दावा ऐं , +अगडिट्ठिआँ नाल मिलावा ऐं , +इह भलके गरम बाज़ार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +तूँ ऐस जहानों जाएँगी , +फेर कदम ना ऐत्थे पाएँगी , +एह जोबन रूप वन्जाएँगी , +तै रैहणा विच्च संसार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +मंज़ल तेरी दूर दुराड़ी , +तूँ पौणा विच्चों जंगल वादी , +औखा पहुँचण पैर पियादी6 , +दिस्दी तूँ असवार नहीं +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +इक्क इकल्ली तनहा7 चल सें , +जंगल बरबर8 दे विच्च रूल सें , +लै लै तोशा9 एत्थों घल सें , +ओत्थे लैण उधार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +ओह खाली ए सुं´ हवेल्ली , +तूँ विच्च रैहसें इक इकेल्ली , +ओत्थे होसी होर ना बेल्ली , +साथ किसे दा बार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +जेहड़े सन देसाँ दे राजे , +नाल जिन्हाँ दे वजदे वाजे , +गए हो के बे तखते ताजे , +कोई दुनिआँ दा इतबार नहीं । +कित्थे है सुल्तान सिकन्दर , +मौत ना छड्डे पीर पैगम्बर , +सभे छड्ड छड्ड गए अडम्बर , +कोई एत्थे पाहेदार10 नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +कित्थे यूसफ माहे11कुनेआनी , +लई जुलैखा फेर जवानी , +कीती मौत ने ओड़क फानी , +फेर ओह हार श्ंिागार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +कित्थे तखत सुलेमान वाला , +विच्च हवा उड्डदा सी बाला12 , +ओह भी कादर13 आप सँभाला , +कोई जिन्दगी दा इतबार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +कित्थे मीर मुलक सुल्ताना +सभ्भे छड्ड छड्ड गए टिकाणा , +कोई मार ना बैठे ठाणा , +लश्कर दा जिन्हाँ शुमार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +फुल्ल फुल्ल चँबेली लाला , +सोसन सिम्बल सरू निराला , +बादे खिज़ाँ14 कीता बुरा हाला , +नरगस नित्त15 नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +जो कुझ करसें सो कुझ पासें , +नहीं ते ओड़क पिछोतासें , +सुंझी कूंज वाँङ कुरलासें , +खम्भाँ बाझ उडार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +डेरा करसें ओहनीं जाईं16 , +जित्थे शेर पलंघ बलाई , +खाली रैहसण महल सराईं , +फिर तूँ विरसेदार17 नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +असीं आज़ज़ विच्च कोट इलम दें , +ओसे आँदें विच्च कलम दे , +बिन कलमे दे नाहीं कम्म दे , +बाझों कलमे पार नहीं । +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं । +बुला सहू बिन कोई नहीं , +एत्थों ओत्थे चौहीं सराईं , +सँभल सँभल के कदम टिकाईं , +फेर आवण दूजी वार नहीं +उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं ।",panjabi-pan +"जेमन बैठे जनक जू के द्वारे +जेमन बैठे जनक जू के द्वारे , +दशरथ ले कें बरात मोरे लाल +चांदी के पाटा बैठन के लाने , +अंगना में आसन लगाये मोरे लाल । +सोने की झाड़ी गंगाजल पानी , +पीवें के लाने भराये मोरे लाल +पतरी और दोनों में सोने की सींकें +राजा जनक लगाये मोरे लाल +रुचरुच कर भोजन परोसे जनक जी , +हँसहँस करें जेवनार मोरे लाल । +छतों अटारी महलों में अपने +सीता की सखियों की भीड़ मोरे लाल । +सारी और सरहज गारी गावें , +महलन बीच उछाह मोरे लाल । जेमन . . .",bundeli-bns +"305 +रांझा खपरी पकड़ गदा1 चढ़यां सिंगी दुआर ही दुआर वजांवदा ए +कोई दे सीधा कोई दे टुकड़ कोई थाल परोस लिआंवदा ए +कोई आखदी जोगीड़ा नवां आया कोई रोह दियां भवां चढ़ांवदा ए +कोई दे गाली धाड़े मार फिरदा कोई बोलदी जो मन भांवदा ए +कोई जोड़के हथ ते करे मिंनतां सानूं आसरा फकर दे नांवदा ए +कोई आखदी मसतया चाक फिरदा नाल मस्तियां पाटदा जांवदा ए +कोई आखदी मसत दीवानड़ा ए चोरां चोबरां वांग दिस आंवदा ए +लड़े भिड़े ते गाली दे लोकां ठठे मारदा लोड़ कमांवदा ए +आटा कनक दा ते घिउ लए बहुता दाना टुकड़ा गोद2 न लांवदा ए +वारस शाह रंझेटड़ा चंद चढ़या घरो घरी मुबारकां लयांवदा ए",panjabi-pan +"दारौ आऔ देस सें, परौं धोर्रा आन +दारौ आऔ देस सें , परौं धोर्रा आन , +हमने आदर दे करौ , तनक खवइया जान । +तनक खवइया जान , रोटियँन पैं धी धरकें , +छै छिटिया भरदार , दई दो बेला भरकें । +बाल मुकुन्दै लिखा , ईसुर पठओ उरानों , +तीन सेर खा गओ आन कें मनका दानों ।",bundeli-bns +"हरी जरी जरकस की अंगिया +हरी जरी जरकस की अंगिया +ऊपर हाल हजारी +नजरबन्द म्हे किया हो राज +म्हारा बना छे जी राज +पांव तेरे मखमल का मोजा +मेंदी राची पांव +अंग तेरे अतलस रा जामा +सीना मोती चूर +कमर तेरे सवा लाख खा पटका +पटके में मोहर पचास +दुलमेन बहोत अजाब +गले तेरे सवा लाख की कंठी +जरद जनोई कंठी +कान तेरे दरिया पार रा मोती +सीस तेरे जरतार रा चीरा +पेंचों पेंच गुलाल +सीस तेरे फूलन्दा सेहरा +सिर झालारिया मोड़ +चढ़न तेरे सवा लाख री तेजी +फलाणा राम भये असवार +पीछे तेरे बेहाल रे ढोला +नाजो रूप सरूप",malvi-mup +"अवधपुरी मे चैन परे न +अवधपुरी में चैन परे न , +बनखों गये रघुराई मोरे लाल +रामलखन और जनकदुलारी , +अब न परत रहाई मोरे लाल +सब रनवास लगत है सूनो , +रोवे कौशला माई मोरे लाल +नगर अयोध्या के सब नरनारी , +सबरे में उदासी छाई मोरे लाल +जब रथ भयो नगर के बाहर , +���शरथ प्राण गये हैं मोरे लाल +चौदह साल रहे ते वन में , +सहो कठिन दुखदाई मोरे लाल +वनवन भटकी परी मुसीबत , +शोक सिया खों भारी मोरे लाल",bundeli-bns +"भूलो भले बीजू बधू +भूलो भले बीजू बधू माँ बाप ने भुलसो नही +अगणीत से उपकार ऐना एह विशर्सो नही +अशःय वेठी वेदना त्यारे दिठु तम मुख्डू +ऐ पुनीत जन ना काळजा पत्थर बनी छुन्द्सो नही +काढ़ी मुखे थी कोडिया मो मा दई मोटा करिया +अमृत तना देणार सामे , जहर उचर्सो नही +लाखो लडाव्या लाड तमने कोड सव पूरा करया +ऐ कोड ना पुर्नारना कोड पुरवा भुलसो नही +लाखो कमाता हो भले , माँ बाप जेना ना थर्या +ऐ लाख नही पण राखे छे ऐ मान्वु भुलसो नही +संतान थी सेवा चाहो , संतान छो सेवा करो +जेवू करो तेवु भरो ऐ भावना भुलसो नही +भीने सुई पोते सूखे सुवाडया आपने +एनी अमी मय आँख ने भूली ने भिनव्सो नही +पुष्पों बिछावया जेने तमारा राह पर +ऐ राहबर नी राह पर ना कंकर बनशो नही +धन खराचता मळ्शे बधू माँ बाप मळ्शे नही +ऐना पुनीत चरणों तनी , चाहना भुलसो नही",gujarati-guj +"चौथ चन्दा गीत +१ . +खेलत खेलत एक कउड़ी पवनी +उ कउड़ी गंगा दहवऽली +गंगा मुझको बालू दिया , उ बालू गोड़िनिया लिया । +गोड़िनिया मुझको भार दिया , उ भार घसवहा लिया । +घसवहा मुझको घास दिया , उ घास गैया लिया । +गइया मुझको दूध दिया , उ दूध बिलैया लिया । +बिलइया मुझको चूहा दिया , उ चूहा चिल्होरिया लिया । +चिल्होरिया मुझको पाँख दिया , उ पाँख राजा लिया । +राजा मुझको घोड़ा दिया । +२ . +रामजी चले लछुमनजी चले , महावीरजी चले , लंका दाहन को । +तैंतीस कोट प्रदुम्न चले , जैसे मेघ चले बरिसावन को । +का करिहें उत्पात के नन्दन , का करिहें तपसी दोनों भइया । +मार दिहें उत्पात के नन्दन , काटि दिहें तपसी दोनों भइया । +३ . +सूर्यकुल वंशवा में जन्म लिहले रामचन्द्र , +कोशिला के कोख अवतार रे बटोहिया । +४ . +एक मती हरताल ताला , जहाँ पढ़ावे पंडित लाला । +पंडित लाला दिये असीस , जीओ बचवा लाख बरीस । +लाख बरीस की उमर पाई , दिल्ली से गजमोती मंगाई । +आव रे दिल्ली , आजम खाँव । आजम खाँव चलाया तीर , बचा कोई रहा न वीर । +जय बोलो जय रामा रघुवर , सीता मैया करे रसोइया +जेवें लछुमन रामा , ताहि के जूठन काठन पा गया हनुमाना । +सोने के गढ़ लंका ऊपर कूद गया हनुमाना । +५ . +बबुआ हो बबुआ , सिताब लाल बबुआ +बबुआ के माई बड़ा हई दानी , +लइकन के देखदेख भागे ली चुल्हानी । +घर में धोती टांगल बा , +बाकस में रुपेया कूदऽ ता +घर में धरबू चोर ले जा�� +गुरुजी के देबू , नाम हो जाई । +बबुआ आँख मुनौना भाई , +बिना किछु लेहले चललऽ ना जाई । +६ . +छाते थे भाई छाते थे , +छातेछाते भूख लगी । +अनार की कलियाँ तोड़ लिया , बंगाली का छोकड़ा देख लिया । +धर टाँग पटक दिया , रोतेरोते घर गया । +घर का मालिक दौड़ा आया , दिल्लीकोस पुकारते आया । +आव रे दिल्लीआजम खाँव , आजम खाँव चलाया तीर , +बचा कोई रहा न वीर । +थरथर काँपे जमुनापुरी , +जमुनापुरी से आया वीर , मार गया दो छैला तीर । +छैला मांगे एक छलाई , दिल्ली से गजमोती मंगाई । +७ . +एक दिन सतराजीत के भाई , पहुँचे वन में जाई । +वहाँ भादो का बहार दिखलाए हुए थे +करते करते शिकार , खुद बन गए शिकार +हाथी घोड़ा से भी साज वे सजाए हुए थे । +सुनकर जामवन्त गुर्राया , उनको क्रोध और चढ़ि आया । +पहले बातों से बहलाए , वह शर्माए हुए था । +भारी होने लगी लड़ाई , जामवन्त को बात याद जब आई +हमको दर्शन देने आज रघुराई आए थे ।",bhojpuri-bho +"मैया कर दै मेरौ ब्याह +बालक श्री कृष्ण जसोदा माँ से कहते हैं +झूठेई कहै सगाई करूँ , बात क्यों राखे चोरी की । +मैया कर दै मेरो ब्याह , मँगाय दै दुलहिन गोरीसी ॥ +गोरी गुनवारी , होय भोरीसी बिचारी , +झलकारे नथवारी , बड़े गोप की लली । +लली ढूँढ़ दैरी माय , यामें कहा तेरौ जाय , +झट दुल्हा बनाय , बात मान ले भली ॥ +भली छोटे हाथन बीच , रचाय दे मेंहदी थोरीसी । +मैया कर दै मेरौ ब्याह . ॥ 1 ॥ +थोरीसी बरात , ग्वालबाल पाँच सात , +मलि हरदी मो गात , सीस सेहरा बँधाय । +धाय कर पूरी रीत , गोपी गाय देंगी गीत , +दे दे नयौ पटपीत , बागौ रेशमी धराय । +धर मुकुट ब्याहिबे जाऊँ , कछाय दै कछनी कोरीसी +मैया कर दै मेरौ ब्याह . ॥ 2 ॥ +कोरी करै बात , बुरौ बलदाऊ भ्रात , +लै न जाऊँगो बरात , राखै कबहु न मेल । +मेल राखै न कबहु , ताय भोरौ कहैं तुहु , +मैया ढूँढ़ दै बहू , सब बन जाय खेल । +खेलन वा दिन घर आई , काहू की छोरी भोरीसी । +मैया कर दै मेरौ ब्याह . ॥ 3 ॥ +भोरी ऐसी ढुँढ़वाय , ले गोदी में बिठाय , +रूठ जाऊँ ले मनाय , कर राखै मन बस । +बस बाबा ते बचाय , मेरी बियार करै आय , +हौलेहौले बतराय , आये बातन में रस । +रसगाहक दुलहिन ‘श्याम’ , प्रीत बढ़े चन्द्र चकोरीसी । +मैया कर दै मेरौ ब्याह . ॥ 4 ॥",braj-bra +"234 +दिती हीर लिखाइके एह चिठी पीए रांझे दे हथ लै जा देनी +किते बैठ नवेकले सद मुलां सारी खोलके बात सुना देनी +हथ बन्न के मेरयां सजनां नूं रो रो के सलाम दुआ देनी +मर चुकी आं जान है नक उते इकवार प्यारे दीद1 आ देनी +खेड़ा हथ ना लांवदा मंजड���े नूं हथ लाइके गोर विच पा देनी +कख हो रहियां गमां नाल रांझा इक चिनग लजाके ला देनी +मेरा यार है तां मैंथों पहुंच रांझा कन्नीं मिएं दे एतनी पा देनी +मेरी लईं निशानड़ी बाक छल्ला रांझे यार दे हथ फड़ा देनी +वारस शाह मियां उस कमलड़े नूं धुणख2 जुलफ जजीर दी पा देनी",panjabi-pan +"लोक गीत +मारो रंगीलो सामलियोऽऽऽ हाँ गावलड़ी सरावेऽऽऽ +मारो रंगीलो . . . । +माथा तो मुगट वाला बहु सोभे राज +कानुड़ा मा कुन्दल झलके न मन मोहे राज +गला मा हीरलावालू हार बहु सोभे राज +मुख पे मोरली बागने मन मोहे राज +मारो रंगीलो सामलियोऽऽऽ हाँ गावलड़ी सरावेऽऽऽ +मारो रंगीलो . . . । +खाँदे तो कामली वाला ने बहु सोभे राज +केड़ कन्दोरो लटके ने मन मोहे राज +पगे तो घुँगरू लटकेनो मन मोहे राज +मारो रंगीलो सामलियोऽऽऽ हाँ गावलड़ी सरावेऽऽऽ +मारो रंगीलो . . . । +मेरा मस्त प्रियतम गायें चराता है । उसके सिर पर मुकुट शोभित हो रहा है । उसके कानों में कुण्डल चमक रहे हैं और गले में हीरों का हार बहुत ही शोभायान हो रहा है । अपने मुँह पर बाँसुरी रखकर वह बजाता रहता है और मन को लुभाता रहता है । उसके कंधो पर कामली शोभित है और कमर में कन्दौरा लटकर रहा है , पैरों में घुँघरू । ये सभी मन को लुभा रहे हैं ।",bhili-bhb +"3 +चारे यार रसूल दे चार गौहर1 सभे इक थीं इक चड़हंदड़े ने +अबू बकर ते उमर , उसमान , अली आपो आपणे गुणीं सोहंदड़े ने +जिना सिदक यकीन तहिकीक कीता राह रब्ब दे सीस विकंदड़े ने +शोक सिदक यकीन तहिकीक कीता वाह वाह ओह रब्ब दे बंदड़े ने",panjabi-pan +"नवो रे पलंग, नवो ढोलियो +नवो रे पलंग , नवो ढोलियो +महाराजा बन्ना +अबी से लागो लाड़ी से नेह रे +महाराजा बन्ना +पांव तेरे मखमल रा मोजा +मेंदी राची पांव +महाराजा बन्ना +गागड़दो गाड़ो लई रया +अमलारी छाकी लई रया +बाबुल री प्यारी लई रया +महाराजा वे , दिलराजा वे",malvi-mup "जरमन नैं गोला मारिया जरमन नैं गोला मारिया , ज फूट्या , था अम्बर मैं । @@ -21181,122 +17485,206 @@ folksong,language ' जर्मन ने गोला मारा । आकाश में जाकर वह गोला फट गया । लंगर में रोटी खा रहे सिपाही अपनीअपनी रोटी छोड़कर भाग गए । अब क्या पता उन औरतों में से किसकिस के पति जीवित बचे होंगे , जिनके पति छह नम्बर की पलटन में सिपाही हैं ? '",haryanvi-bgc -"पिबक्कड़ कौ पछताव -नास हो जाबै ऐसौ नसा -करत जो लाखन की दुरदसा -बना दो बिगड़ी फिर सें राम , -नसा कौ कभउँ न लैहैं नाम । -घरै क्वॉरी मौड़ीं हैं सात -कितै सें पीरे करहैं हाँत ? -भए मौड़ा ���ब महा कुजात -रोज थानें बुलवाए जात । -पिबक्कड़ पै नइँ कोउ पतयात -माँगहै घरघर हाँत पसार , -न मिलहै एकउ टका उधार -चितैहैं हम तर गटा निकार , -भगा दें द्वारेइ सें दुतकार ; -हाय अब कैसी करबें राम -जगत्तर भर में भए बदनाम -न रै गओ घर में एक छदाम । -घरउवा घरीघरी पै रोउत -न छिन भर कभउँ चैन सें सोउत -भोर सें घरघर गोबर ढोउत -फटौ आँचर अँसुअन सें धोउत -डार कें पानी चुटिया गोउत । -पियत रए हम तौ उतै सराब -कुटुम खौं पी गई इतै सराब -हाय जे घर के लाल गुलाब -हमाए कारन भए खराब । -हाय अब का हूहै करतार ? -हूतौ जो सबकौ साहूकार -भिखारी हो गयो बौ घरबार । -लगतौ जी द्वारें दरबार -उतै नइँ कुत्ता ढूँकन आउत -दूर सें हमें देख गुरउित , -बनाए जिनके सौसौ काम -भूल गए बे सब दुआसलाम । -नसा की जीजी में लत परी , -जुआनी भइ बाकी अधमरी -जिन्दगी , गगरी है रसभरी , -फोर कें बा गगरी की तरी -नसा नें सबरी बेरस करी । -हाय बौ सावित्रीसी सती -पिबक्कड़ हो गओ बाकौ पती , -बिचारी ऊसइँ दुखिया हती -मरत , बौ कानों जियत रती । -करत ती रोटी ढाँकें मूँड़ -पती नें मारो सिलगत डूँड़ । -सती तौ हो गइ लोउलुहान , -पिबक्कड़ चिपटो रोटी खान । -संग में मरियल लला लुबायँ -सती घर भगी टौरिया तायँ । -सुमिर के पापी पति कौ नाम , -कूँ नीचें सती धड़ाम , -गिरतनइँ हो गओ कामतमाम । -खड़े ठेका पै बे कबिराज -मंच खौं करैं बसैलौ आज -उतै बे तानसेन महराज -उवाँ रए पीकें , रो रओ साज । -निभा रए जे नेता कौ रोल -नसाबन्दी पै रए जे बोल -देख लो इनकी जेब टटोल -धरें रम की बोतल अनमोल । -देस की जिनके हाँत लगाम -हाय बे बने उमर खइयाम । -करौ होय जीनें बंटाढार -काएखौं मिलहै घर में प्यार -चड़ौ होय छाती फार बुखार -छूटबै बिकट पसीनाधार -पौंछहै नइँ कोउ हाँत पसार । -करौ जब हमनें पाप प्रचण्ड -काए ना मिलहै ऐसौ दण्ड -नसा नें नास करे भुजदण्ड -बोतलें चिलकत धरीं मुचण्ड -करेजे के हो गए सौ खण्ड । -केस हो गए अबइँ सें सेत -हाय , सब चिड़ियाँ चुग गई खेत -फाँकबे रै गइ माटीरेत -भए हम जिन्दा भूतपरेत , -सुबै क करकें धर दई साम -हाय हम बने जेठ के घाम । -नसा नें सबरे सुख लए लूट , -भाग तौ तबइँ गए ते फूट -पियौ जब हमनें पैलौ घूँट ; -काँखरी में पउवा चिपकायँ -पनइयाँ औंठन पै औंदायँ -मूँछ पै सौ माछी भिनकायँ -डरे रत ते द्वारें मौं बायँ । -देख लो मोकों भइया हरौ -नसा नें कैसौ हमखों चरौ -हतौ जो घर सौने सें भरौ -नसा नें बौ घूरेसै करौ -जिन्दगी हती दसहरी आम -नसा नें गुठली कर दइ , राम । -हाय जौ गंगाजल कौ देस -भोग रओ कैसौ कठिन कलेस , -काए सें , जाँ देखै ताँ नसा -पीतनइँ भूलत घर की दसा -घुसी जी घर में जा करकसा -हो गई बा घर की दुरदसा । -देस में होबै सफल सुराज -न घरघर गिरै गरीबी गाज -बचै लाखन सतियन की लाज -प्रतिज्ञा कर लो सबरे आज -नसा खौं मानें सदा हराम , -न लैहैं जियत नसा कौ नाम ; -तभइँ उलछर पुरखन कौ नाम -बनें भारत सुखसम्पत धाम -न लैहैं जियत नसा कौ नाम ।",bundeli-bns -"309 -कोई आयके रांझे दे नयन वेखे कोई मुखड़ा वेख सलाहुंदी ए -अड़ियो वेखो ते शान इस जोगड़े दी राह जांदड़े मिरग फहाउंदी ए -छोटी उमर दी दोसती नाल जिसदे दिन चार ना तोड़ निबाहुंदी ए -कोई ओढ़नी1 लाह के मगर पहुंचे धो धा भबूत जा लाहुंदी ए -कोई मुख रंझेटे नाल जोड़े तेरी तबह2 की जोगिया चाहुंदी ए -सहती लाड दे नाल चवा3 करके चा सेलियां जोगी दियां लाहुंदा ए -रांझे पुछया कौन है एह नढी धी अजू दी काई चा आहुंदी ए -अजू वजू छजू फजू अते गजू हुंदा कौन है तां अगों आहुंदी ए -वारस शाह ननाण एह हीर दी ए धी खेड़यां दी बादशाहुंदी ए",panjabi-pan +"182 +राती विच रलाइके माहिये नूं कुड़ियां हीर दे पास लै आइयां नी +हीर आखया औंदे नूं बिसमिला1 अज दौलतां मैं घर आइयां नी +रांझे आखया हीर दा वयाह हुंदा असीं वेखणे आइयां माइयां नी +सूरज चढ़ेगा मगरबों2 जिवें कयामत तौबा तरक कर कुल बुराइयां नी +जिन्हां मही दा चाक सां सुणी नढी सोई खेड़यां दे हथ आइयां नी +ओसे वकत जवाब है मालकां नूं हिक धाड़विआं अगे लाइयां नी +एह सहेलियां साक ते सैन तेरे सभे मासीयां फुफीयां ताइयां नी +तुसां वहुटियां बण दी नीत बधी लीकां हद ते पज के लाइयां नी +आस असां दी केही है नढीए नी जिथे खेढ़यां जरां वखाइयां नी +वारस शाह अलाह नूं सौंपियों तूं सानूं छड के होर र लाइयां नी",panjabi-pan +"332 +अदल बिना सरकार है रूख अलफ रन्न गधो उह वफादार नाहीं +नाज बिना है कचनी बाझ जिहा मरद गधा है अकल दा यार नाहीं +सबर जिकर इबादतां बाझ जोगी दमां बाझ जीवन दरकार नाहीं +शरम बाझ मुछां बिना अमल दाढ़ी तलख बाझ फौजां भरमार नाहीं +अकल बाझ वजीर सलवात मोमन ते दीवान हिसाब शुमार नाहीं +वारस रन्न फकीर तलवार घोड़ा चारे थोक एह किसे दे यार नाहीं",panjabi-pan +"जूड बेटी माय सुसुन वा +जूड बेटी माय सुसुन वा +जूड बेटी माय सुसुन वा +आवकजा मारग सुसुन डोगे +आवकजा मारग सुसुन डोगे +मारगा सूसून चोजमा डोगे आयोम +मारगा सूसून चोजमा डोगे आयोम +आयोम काडो काली ग्वाली किटी टालान कोना सुसुन ड��गे +आयोम काडो काली ग्वाली किटी टालान कोना सुसुन डोगे +कोना सूसून चोजमा डोगे आयोम +कोना सूसून चोजमा डोगे आयोम +आयोम काडो ऊरग टालो कोनजीया सुसुन डोगे +आयोम काडो ऊरग टालो कोनजीया सुसुन डोगे +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"454 +सच आख रन्ने केही धुमां पाइयां तुसां भोज राजा लती कुटया जे +दहसिर मारया भेत घरोगडे1 दे सने लंका दे उस नूं पुटया जे +कैंरों पांडवां दे कटक कई कूहनी मारे तुसां दे सभ नखुटया जे +कतल होए इमाम करब्बलां अंदर मार दीन वे वारसी सुटया जे +जो कोई शरम हया थी आदमी सी सने जात ते माल दे पुटया जे +वारस शाह फकीर तां नस आया पिछा उसदा कासनूं घुटया जे",panjabi-pan +"मति मारो दृगन की चोट +मति मारो दृगन की चोट रसिया , होरी में मेरे लगि जायगी ॥ +मैं तो नारि बिराने घर की , तुम जो भरे बड़े खोट । +अबकी बार बचाय गई हूँ , घूँघट पट की ओट ॥ मति . +रसिक गोविन्द वहीं जाय खेलौ , जहाँ तिहारी जोट । +‘चन्द्रसखी’ भज बालकृष्ण छबि , हरि चरनन की ओट",braj-bra +"बीरथा जलम हमारो गुरुजी म्हारो +बीरथा जलम हमारो गुरुजी म्हारो +१ एक क्षण खोया दूजा क्षण खोया , +तीजा म सरण आयो +वन में तो गाय भैस चराये +जंगल बास कियो . . . +गुरुजी म्हारो . . . +२ राज पाट धन माल सब त्यागू , +म्हारा कंठ म प्राण आयो +चरण धोवो रे चरणामत लेवो +चलत आयो गस्त . . . +गुरुजी म्हारो . . . +३ झट मनरंग न गोद उठायो , +मस्तक हाथ फिरायो +राम नाम का शब्द सुणाया +राम नाम लव लागी . . . +गुरुजी म्हारो . . .",nimadi-noe +"इय पुकारु रोडूमा रुडू डो आयोम आजे +इय पुकारु रोडूमा रुडू डो आयोम आजे +इय पुकारु रोडूमा रुडू डो आयोम आजे +आजे डो गंगा आयोम सोने की किवाड़ डो खोले +आजे डो गंगा आयोम सोने की किवाड़ डो खोले +सोने की किवाड़ टाला हीरा डो मोती लाल डेगन के +सोने की किवाड़ टाला हीरा डो मोती लाल डेगन के +आजे डो जलमी आयोम सोने की किवाड़ खोले +आजे डो जलमी आयोम सोने की किवाड़ खोले +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"केसर रो कीच मचावो +केसर रो कीच मचावो +कस्तूरी रो मलन मिलावो +राम हल बिच धन खड़ी जी म्हारा राज +नारेला री नींव नखाव +सुपारी री पूरणी नखाव +बरफी री भींत कराव +जलेबी री बारी रखाव +लोंगां री जाली लगाव +सिंगोड़ा रा कंगूरा लगाव +आलो सो चंदन कटाव +मोड़ मलकिया घुड़ाव +चारी पांयें भंवर उतारो +ईसा ने हिंगलू डोलावो +रेसम बान बुनावो +मखदोय दामनी देवाड़ो +अतलस सेज बिछावो +मिसरू रा तकिया लगाव +चिरमा री सोड़ मिलावो +गाल मसूरिये गेंदा +जेठे पोड़े फलाणा राम रा भीम +देखो म्हारा मेलां री चतराई +जेठ पोड़े फलाणा राम री धीय +देखो म्हारी सेजां री चतराई",malvi-mup +"गाड़ो तो रड़क्यो बालू रेत में +गाड़ो तो रड़क्यो बालू रेत में +पोंचे बेन्या बई ना देस +चलो म्हारा धोरी उतावळा +म्हारी बेन्या बई जोवे वाट +धोरी ना चलक्या सींगड़ा +म्हारा बीराजी नी पचरंगी पाग +भोजायां नो चलवरयो चूड़लो +म्हारा भतीजा नो झगल्यो झूल +चलो म्हारा धोरी उतावळा",malvi-mup +"ऐसे वैसे देस में लोभाना मियाँ बँदरा +ऐसे वैसे देस में लोभाना1 मियाँ बँदरा2 । +दान माँगे दुलहा , दहेज माँगे दुलहा । +छोटकी साली दहेज माँगे दुलहा ॥ 1 ॥ +ऐसे वैसे देस में लोभाना मियाँ बँदरा । +दान माँगे दुलहा , दहेज माँगे दुलहा । +छोटका साला , दहेज माँगे दुलहा ॥ 2 ॥ +कुटनिया3 के देस में लोभाना मियाँ बँदरा । +छिनलिया4 के देस में लोभाना मियाँ बँदरा ॥ 3 ॥",magahi-mag +"विवाह गीत +बइण आवि ने काइ लाइ रे , मइसुरनी । +मांदल लावनी ने तली भूली रे , भंवरजी । +फूवो आयो ने काइ लायो रे , भंवरजी । +ढोलग्या लायो ने , फेफ्र्या भूल्यो रे भंवरजी ॥ +विवाह गीत में दूल्ह से पूछा गया है कि बहन , फूफी बुआ और फूफा आये हैं , वे तुम्हारे लिये क्याक्या लाये हैं ? बहन आई है माँदल लाई है पर माँदल के साथ बजने वाली थाली भूल गई है । फूफा ढोल लेकर आये हैं लेकिन ढोल के साथ बजने वाली शहनाई फेफर्या भूल आये हैं ।",bhili-bhb +"ढेल तो परवत भई रे आंगणो भयो परदेश +ढेल तो परवत भई रे , आंगणो भयो परदेश +म्हारा वीरा रे , तीरथऽ करी नऽ वेगा आवऽ । +कचेरी बसन्ता थारा पिता वाटऽ जोवेऽ रे +झुलवा झुलन्ती थारी माता । +म्हारा वीरा रे , तीरथ करी नऽ वेगा आवऽ +गैय्या धुवन्ता थारा भाई वाटऽ जोवऽ रे , +महिया विलन्ती थारी भावज । +म्हारा वीरा रे , तीरथ करी नऽ वेगा आवऽ । +घोड़ीला बसन्ता थारा पुत्र वाटऽ जोवऽ रे , +रसोई करन्ती थारी बहुवर +म्हारा वीरा रे तीरथऽ करी नऽ वेगा आवऽ । +सासर वासेण थारी बईण वाटऽ जोवऽ रे , +फुतल्या खेलन्ती थारी कन्या । +म्हारा वीरा रे , तीरथऽ करी नऽ वेगा आवऽ ।",nimadi-noe +"उजला भोजन गाए धन +उजला भोजन गाए धन , घर कुलवंती नार । +चौथे पीठ तुरंग की बहिसत निसानी चार । ।",haryanvi-bgc +"115 +अखीं लगियां मुड़न ना बीर मेरे बीबा वार घती बलहारियां वे +वहिण पए दरया नहीं कदी मुड़दे वडे ला रहे जोर जारियां वे +लहू किउं करना निकले भाई ओथेां जिथे लगियां तेज कटारियां वे +लगे दसत इक वार न��� बंद कीचन वैद लिखदे बैदगिआं सारियां वे +सिर दितयां बाझ ना इशक पके एह नहीं सुखालियां यारियां वे +वारस शाह मियां भाई वरजदे नी देखो इशक बणाइयां खुआरियां वे",panjabi-pan +"471 +सहती जा के हीर दे कोल बहके भेत यार दा सब समझया ई +जिसनूं मारके घरों फकीर कीतो उही जोगिड़ा होयके आया ई +उहनूं ठग के महियां चराइयां नी एथे आन के रंग वटाया ई +तेरे नैनां ने चा मलंग कीता मानों इसनूं चा भुलाया ई +ओह वी कन्न पड़वा के आन लथा आप वहुटड़ी आन सदाया ई +आप हो जुलेखां दे वांग सची उहनूं यूसफ चा बनाया ई +दिते कौल करार विसार सारे आंन सैंदे नूं कौंत1 बनाया ई +होया चाक पिंडे मली खाक रांझे कन्न पाड़ के हाल वजाया ई +देनेदार मवास2 हो कढ उसनूं कल मुहलियां नाल कुटाया ई +हो जाए निहाल ते करे जिआरत तैनूं बाग विच उस बुलाया ई +जिआरत मरद कफारत3 दी होसियाई नूर फकर दा वेखना आया ई +बहुत जुहद4 कीता मिले पीर पंजे मैंनूं कशपफ दा जोर विखाया ई +झब नजां5 लैके मिले हो रयत6 फौजदार तयार हो आया ई +इहदी नजर नूं आबेहयात उस दा केहा झगड़ा भाबीए लाया ई +चाक लायके कन्न पड़वायों ई नैनां वालीए गजब क्यों ढाया ई +बचे ऊह फकीरां तो हीर कुड़ीएहथ बन्ह के जिन्हां बखशाया ई +इके मार जासी इके तार जासी झुल मीह निअउं दा आया ई +अमल फौत7 ते वडी दसतार फुली केहा भीलने सांग बनाया ई +वारस कौल भुलायके खेड रूधे केहा नवां मखौल जगाया ई",panjabi-pan +"चंदन रुख कटाय कै +चंदन रुख कटाय कै +एक अगड़ पलणिआ घड़ा +मेरे आंगण में अमला बो दिआ । +एक रेसम डोर बटाय के +अगड़ पलणिया झूला +मेरे अंगण . . . +एक धण पिआ दोनूं बैठगे +दोनूं मैं पड़ग्या न्याव +मेरे अंगण . . . +गोरी जो थम जन्मोगी धीअड़ी +थारे काट ल्यांगे नाक अर कान +मेरे अंगण . . . +राजा धी जामैगी थारी भावज +कोए हम रै जामांगे नंदलाल +मेरे अंगण . . . +कोए ये नो पे दस मासिआं +हो गया नंदलाल +मेरे अंगण . . . . +इक भली ए करी मेरे राम ने +मेरे बचगे नाक अर कान +मेरे अंगण . . . +गोरी हम रै कह्या हंस खेल कै +कोए थम नै करी सतभा +मेरे अंगण . . .",haryanvi-bgc +"आऔ जौ कलजुग कौ पारौ +आऔ जौ कलजुग कौ पारौ । +सतयुग दैगव टारौ । +मौं देखी पंचयात होत है , +देखौ चिकनो दुआरौ । +कर पंचयात सरपंच चले गए , +कोंनौ भओ न निवारौ । +ईसुर कात चलौ भग चलिये +इतै न होत गुजारौ ।",bundeli-bns "लचिका रानी चौथा खण्ड रम्मा कुँवर सुमरै धरती मैयो रे ना @@ -21428,13 +17816,28 @@ folksong,language रम्मा खनैलकै वारोॅ कुपवो रे ना रम्मा हरलो राज धुरी केॅ होलै रे ना रम्मा जनता के खुशी सें राजा रहै प्रसन्नमो रे ना ।",angika-anp -"कैसे कटी जिनगी हमार -कइसे कटी जिनगी हमार -दई हो का हम कइलीं तुहार कि दु : ख हमें दे -दिहल . . अ . . . -कि सुख मोर ले लिहल . . . अ . . . अ . . -चारों तरफ भईंल अन्हार -हे सिरजनहार लगा द पार कि बड़ा दु : ख दे दिहल . . . अ . . .",bhojpuri-bho +"आल्हा ऊदल +लड्गे तेगा लेल इंदरमन बाबू कूदल बवन्तर हाथ +पड़लि नजरिया है सोनवा के जिन्ह के अंत कोह जरि जाय +नाता नव् राखब एह भैया के +जेतना जे गहना बा देहन के डोला में देल धराय +बावन बज के धोती बाँधे सोनवा कूद गैल ब्यालिस हाथ +पड़लं लड़ाइ बहिनी भैया बाबू पड़ल कचौंधी मार +तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार +सनसन सनसन गोली उड़ गैल जिन्ह जिमी नव डाले पाँव +सात दिन जब लड़ते बीतल बीत गैल सतासी रात +सात हाथ जब धरती गहिरा पड़ गैल जबहुँ नव सोनवा हटे बनाय +घैंचल तेगा रजा इंदरमन जे दिन लेल अली के नाम +जौं तक मारे ओह सोनवा के जूड़ा पर लेल बचाय +दोसर तेगा हन मारे कँगना पर लेल बचार +तेसर तेगा के मारत में सोनवा आँचर पर लेल बचाय +कूदल बहुरिया ओजनी से कूदल बवन्तर हाथ +पकड़ल पहुँचा इंदरमन के धरती में देल गिराय +लै के दाबल ठेहुना तर राजा राम राम चिचियाय +पड़ल नजरिया समदेवा के समदेव रोवे जाय बेजार +हाय हाय के समदेव धर बेटी सोनवा बात मनाव +पहले काट पिता का पाछे काट भैया के सिर +एतनी बोली सोनवा सुन गैल रानी बड़ मोहित हाय जाय",bhojpuri-bho "कोने तू कुल के थिकही गे बुढ़िया कोने तू कुल के थिकही गे बुढ़िया किये थिकौ तोर नाम हे । @@ -21470,285 +17873,1906 @@ folksong,language घृत मधु भोजना हे नाहि पिवौ गंगाजल नीर है । कोसिका कुमारि हे अम्मा -डेढ़ियहि ठाड़ि हे -हमें जाय छी कोसी असनान हे । ।",angika-anp -"कदी आ मिल -कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ । -इशक लगे ताँ है है कूकें , तूँ की जाणे पीड़ पराई नूँ । -कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ । -जे कोई इशक विहाजिआ लोड़ें , सिर देवें पैहले साईं नूँ । -कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ । -अमलाँ वालिआँ लंघ लंघ गइआँ , साडिआँ लज्जाँ माही नूँ । -कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ । -गम दे वहम सितम1 दीआँ काँगाँ किसे कहर कप्पड़ विच्च पाई नूँ । -कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ । -माँ पियो छड्ड सइआँ मैं भुल्ली आँ , बलिहारी राम दुहाई नूँ । -कदी आ मिल बिरहों सताई नूँ ।",panjabi-pan -"487 -तेरे चंबे दे सेहरे हुसन वाले अज किसे हुशनाक ने लुट लए -किसे जालम वे दरद कसीस दितो बद बद कमान दे टुट गए -जेहड़े नित निशान छुपांवदी सै किसे तीरअंदाज ने चुट1 लए -वारस शाह ओह दरगा दे लाट चुरान जेहड़े पहलड़े रोज हो जुट लए",panjabi-pan -"मन्नै तो पिया गंगा न्हुवादे -मन्नै तो पिया गंगा न्हुवादे जा रा सै संसार , हां ए जा रा सै संसार -तन्नै तो गोरी क्यूंकर न्हुवाद्यूं हात्तड़ पड़ री भैंस , हां ए हात्तड़ पड़ री भैंस -एक जनत पिया मैं बतलाद्यूं कर दे बेड़ा पार , हां ए कर दे बेड़ा पार -खूंटी पै मेरा दामण लटकै चंुदड़ी छापेदार , हां ए चूंदड़ी छापेदार -डब्बे में मेरी नाथ धरी सै पहर काढियो धार , हां ए पहर काढियो धार -बाहर तै एक मोडिया आया बेब्बे भिछा घाल , हां ए बेब्बे भिछा घाल -बेब्बे तो तेरी न्हाण गई सै जीज्जा काढै धार , हां ए जीज्जा काढे धार -खुंटा पड़ागी जेवड़ा तुड़ागी भाजगी सै भैंस , हां ए भाजगी सै भैंस -डंडा लैके पाछे होलिया लैण गया था भैंस , हां ए लैण गया था भैंस -गाती खुलगी पल्ला उडग्या मूंछ फड़ाके ले , हां ए मूंछ फड़ाके ले -गलियां में यो चरचा हो रही देखी मुछड़ नार , हां ए देखी मुछड़ नार -कोट्ठे चढकै रुक्कै मारे कोई मत भेज्जे न्हाण , हां ए कोए मत भेज्जो न्हाण",haryanvi-bgc -"कहाँ के ऊजे लामू लहेरिया -कहाँ के ऊजे लामू1 लहेरिया2 । -झुलनियाँ वाली तोर3 चूड़ी कते में4 बिकाऊ ? ॥ 1 ॥ -हमरो जे चुड़िया साँवरो5 लच्छ6 रूपइया । -तोर बहियाँ घूमि घूमि जाय । -झुलनियाँ वाली तोर चूड़ी कते में बिकाऊ ? ॥ 2 ॥ -हमरो जे पियवा साँवरो बड़ रँगरसिया । -बने बने7 बँसिया बजावे । -झुलनियाँ वाली तोर चूड़ी कते में बिकाऊ ? ॥ 3 ॥",magahi-mag -"भजन -सरग झोपड़ा बांदिया , ने बणा लिया रे दुवार , -सरग झोपड़ा रे बांदिया ॥ -घर ऊँचा रे धारण नीचा , धरे नेवा नीची रे निकास ॥ -बारी रे छ छ सब धरिया -बिच बारी रे लगाय , सरग झोपड़ा रे बांदिया ॥ -बिना टाकी का घर घड़िया , नहिं लाग्या रे सुतार ॥ -हीरा मुद्रिका जड़ाविया -घरे मेल बनिया केवलास , सरग झोपड़ा रे बांदिया ॥ -खम्बा रे दीपक जले हाँ रे जाका रे भया उजाळा -तन की रे बत्ती बणाविया , सरग झोपड़ा रे बणाविया ॥ -धवळा घोड़ा मुख हासन , हीरा जड़िया पलाण ॥ -चांद सूरी मन पेगड़ा , हाँ रे उड़ी हुया असवार ॥ -सरग झोपड़ा बांदिया । -तुम्हारा झोपड़ा स्वर्ग में बने , हमेशा इसका प्रयास करना । तुम्हारे झोपड़े का चौड़ा द्वार हो , घर ऊँचा हो , जिसके निकास का द्वार छोटा होना चाहिए । जिस घर के दरवाजे में हीरामोती जड़ें हों । उस घर के सामने जलने वाले दीपक की रोशनी से सारा जग प्रकाशित हो । यह सब तुम्हारे आचरण से ही सम्भ��� है ।",bhili-bhb -"पचरंगी चीरा बाँध बीरण -बहू की विवशता -पंचरंगी चीरा बाँध कै -बीरण मेरा घेरों में बैठ्या री -हेरी सासू झटपट दे दे न दूध , -बीरण मेरा निरणों बासी री -हे बहू इतनी क्यों तारै तावळ -जलै न ल्हासी दे दो री । -पंचरंगी चीरा… -हे री तेरी हाण्डी मैं मारूँ ईंट -भूरी पै चोर लगा दूँ री । -पंचरंगी चीरा…… -हेरी बहू ऐसे न बोल्लै बोल -भेज कै नाँव भी नी लेणे की -पंचरंगी चीरा…… -हे री मैं नौं भाइयों की बाहण -भतीजे मेरे बहुत घणै -पंचरंगी चीरा…… -हे री वे देंगी अपनी जूठ -जली का पेट भरैगा री -पंचरंगी चीरा……",khadi_boli-mis -"अधेरी घिर आई धीरे-धीरे -अंधेरी घिर आई धीरेधीरे -कां से आई वर्षा , कां से आये बादर -कां से आये साजन धीरेधीरे । अंधेरी . . . -पूरब से आये बादर , पश्चिम से आई वर्षा -उत्तर से आये साजन धीरेधीरे । अंधेरी . . . -कैसे आये बादर हो कैसे आई वर्षा -हां कैसे आये साजन धीरेधीरे । अंधेरी . . . -गरज के बादर , बरस के आई वर्षा -हँसत आये साजन धीरेधीरे । अंधेरी . . .",bundeli-bns -"मेहा बरसने को है शाबास -मेहा बरसने को है शाबास -बादल गरजने को है शाबास -बिजली चमकने को है शाबास -जच्चा तूने बिछियां पेरिया आज -सुवाग बड़ाने को शाबास -जच्चा तूने तोड़ा पेरिया आज -पिया के जगाने को शाबास -जच्चा तूने चुड़िलो पेरिया आज -पिया के रिझाने को शाबास -जच्चा तूने बेटा जाया आज -बंस बढ़ाने को शाबास -जच्चा तूने पीड़ी जाई आज -साजन बुलाने को शाबास",malvi-mup -"रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम -रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम -रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम -कोन डोके कौन कौन विजा रेंगोली -कोन डोके कौन कौन विजा रेंगोली -रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम -रेंगोली डो बारे रेंगोली डो बारे रेंगोली इंजकेन भरदुम -चोबो चुरगी मटठी का लिजा सावींजा रेंगोली -चोबो चुरगी मटठी का लिजा सावींजा रेंगोली -स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq -"371 -तू छातियां नाल ओह मसभिंना तदों दोहां दा जी रल गया सी नी -ओह वझली नाल तूं नाल लटकां जिउ दोहांदा दोहां ने लाया सी नी -ओह इशक दे हट बका रिहा मझी किसे दियां चारदा रिहा सी नी -नाल शोक दे महीं चारदा सी तेरा वयाह होया लुड़1 सी नी -तूसी चढ़ा डोली ओह हिक मण टमक2 चायके नाल लैगया सी नी -हुण कन्न पड़ा फकीर होया नाल जोगियां दे रत्न गया सी नी -अज पिंड तुसाडड़े ��न वड़या अजे लंघ के अगां ना गया सी नी -हुण संगली सुट के शगन बोलां चुआ सौ रयां ते गुना पया सी नी -वारस शाह मैं पतरी फोल डिठी कुरआ3 एह नजूम दा पया सी नी",panjabi-pan -"फाग गीत -मोगरियां री टोपली बजारां माही चाली रे ॥ -वाला थारी आंगली झन्नाटे चढ़गी रे , -ढुलगी मोगरियां । -हारे ढुलगी मोगरियां , वालाजी थोड़ी भेजी करजो रे , -ढुलगी मोगरियां । -प्रेयसी संगरी की टोकरी लेकर बाजार में बेचने के लिए निकली । रास्ते में प्रेमी ने टोकरी को पकड़ा तो टोकरी सिर से गिर गई और संेगरियाँ बिखर गईं । प्रेयसी प्रेमी से कहती है कि संेगरियाँ एकत्रित करने में मेरा सहयोग करो । -एक तो कागदियो लिखने कदली वन में मेलो रे ॥ -कदली वन रा हातीड़ा विलाड़े लइजो रे , कँवर परणीजे ॥ -हाँ रे कँवर परणीजे , हाती रा होदे तोरण वांदें रे , -कँवर परणीजे ॥ -एक पत्र लिखकर कजली वन में भेजो और कजली वन के हाथी बिलाड़ा राजस्थान बुलाओ । उस हाथी पर दीवान साहब बिलाड़ा के कुँवर अपने ब्याह में बैठकर तोरण का स्पर्श करेंगे ।",bhili-bhb -"ईसुरी की फाग-25 -जाके होत विधाता डेरे -को कर सकत सहेरे । -पाव रती के जोड़ लगाए -परे हाथ के फेरे । -अदिनदिना जब आन परत हैं -दालुद्दर नै घेरे । -मारेमारे फिरत ' ईसुरी ' -संजा और सबेरे । -भावार्थ -महाकवि ' ईसुरी ' अपनी प्रेयसी ' रजऊ ' से कहते हैं — जिसके स्वयं विधाता ही प्रतिकूल है उसकी सहायता भला कौन कर सकता है । जैसेतैसे पावरत्ती जोड़ कर कुछ हैसियत बनाता हूँ लेकिन फिर वही दिन आ जाते हैं । बुरे दिनों में दरिद्रता ही घेर लेती है । ईसुरी कहते हैं — ऐसे में सुबह शाम मारामारा भटकता फिरता हूँ ।",bundeli-bns -"सुन लो तुम ध्यान से जिठानी -सुन लो तुम ध्यान से जिठानी , -हमई रोज भरवीं न पानी -हींसा बटाने खों सब कोई बराबर -करवे खों काम देवरानी । हमई . . . -संझली ओ मंझली खों नईनई धुतियाँ -पेहरत हों मैं तो पुरानी -हमई रोज भरवीं ना पानी । सुन . . . -सासससुर इनसे तनकऊ न बोलें -हमखों कहत मनमानी , -हमई रोज भरवीं ना पानी । सुन . . . -खावे खों बैठूं मैं सबसे पछारे , -तोऊ पे करें निगरानी -हमई रोज भरवीं ना पानी । सुन . . . -आई बहिन मोरी चारई दिना खों , -तनकऊ न कोऊं खों सुहानी -हमई रोज भरवीं ना पानी । सुन . . .",bundeli-bns -"धीरे चलो मै हारी लक्ष्मण -धीरे चलो मैं हारी लक्ष्मण -धीरे चलो मैं हारी । । -एक तो नारी दूजे सुकुमारी , -तीजे मजल की मारी , -संकरी गलियां कांटे कटीले , -फारत हैं तन की सारी । लक्ष्मण . . . -गैल चल�� मोह प्यास लगत है , -दूजे पवन प्रचारी । लक्ष्मण धीरे चलो . . .",bundeli-bns -"गांधी बाब्बू का आया जमाणा -गांधी बाब्बू का आया जमाणा । -देवर पियारे जेल तम जाणा । । -जद तै फिरंगी का राज होेया सै । -भारत अन्न नै मोहताज होया सै । । -अब यू राज मिटाणा । -देवर पियारे जेल तम जाणा । ।",haryanvi-bgc -"कचनार बैठी लाडो पान चाब -कचनार बैठी लाडो पान चाब -करै बाबा जी से बिनती -बाबा देस जइयो परदेस जइयो -हमारी जोड़ी का वर ढूंढियो -इक रैन रहियो उन का गोत पूछियो -तब मेरा वरण मिलाइयो -उकका बंस देखो रीति देखो -उनके संस्कार पता लगाइयो -जो हो वर गुनवान सुन्दर -तब ही जोड़ी मिलाइयो -बाबा बोले सुन लाडली -मत कर मन तू अनमना -हंस खेल री मेरी सर्वसुन्दर -ढूंढ़ा है फूल गुलाब का",haryanvi-bgc +डेढ़ियहि ठाड़ि हे +हमें जाय छी कोसी असनान हे । ।",angika-anp "405 क्यों विगड़के तिगड़के पाट पयों अन्न आबिहयात है भुखयां नूं बुढा होवसे जिंद जां रहन टुरनों फिरे ढूंढ़दा टुकड़यां रूखयां नूं किते रन्न घर बार ना अडया ई अजे फिरे चलांवदा तुकया नूं वारस शाह अज वेख जे चढ़ी मस्ती इनां लुंडयां भुखदयां सुकयां नूं",panjabi-pan -"ईसुरी की फाग-24 -बाँकी रजउ तुमारी आँखें -रव घूंगट में ढाँके । -हमने अबै दूर से देखीं -कमल फूल सी पाँखें । -जिदना चोट लगत नैंनन की -डरे हजारन कांखें । -जैसी राखे रई ' ईसुरी ' -ऐसईं रईयो राखें । +"241 +टिले जाय के जोगी दे हथ जोड़े सानूं अपना करो फकीर सांई +तेरे दरस दीदार दे देखने नूं आया देस परदेस नूं चीर सांई +सिदक धार के नाल यकीन आया असीं चेलड़े ते तुसीं पीर सांई +बादशाह सचा रब्ब आलमां दा फकर ओसदे हैन वजीर सांई +बिना मुरशदां राह ना हथ आवन दुध बाझ ना रिझदी खीर सांई +याद हक दी सबर तसलीम निहचा1 तुसां जग देनाल की सीर2 सांई +फकर कुल जहान दा आसरा है ताबे फकर दी पीर अमीर सांई +मेरी मां ना बाप ना साक भाई चाचा ताया ना भैन ना वीर सांई +दुनियां विच हां बहुत उदास होया पैरों साडयों लाह जंजीर सांई +वारस छड तैनूं दस जां किथे नजर औना ए जाहिरा पीर सांई",panjabi-pan +"फागण के दिन चार री सजनी +फागण के दिन चार री सजनी , फागन के दिन चार । +मध जोबन आया फागण मैं +फागण बी आया जोबन मैं +झाल उठै सैं मेरे मन मैं +जिनका बार न पार री सजनी , फागण के दिन चार । +प्यार का चन्दन महकन लाग्या +गात का जोबन लचकन लाग्या +मस्ताना मन बहकन लाग्या +प्यार करण नै तैयार री सजनी , फागण के दिन चार । +गाओ गीत मस्ती मैं भर के +जी जाओ सारी मर मर क��� +नाचन लागो छम छम कर के +उठन दो झंकार री सजनी , फागण के दिन चार । +चन्दा पोंहचा आन सिखिर मैं +हिरणी जा पोंहची अम्बर मैं +सूनी सेज पड़ी सै घर मैं +साजन करे तकरार री सजनी , फागण के दिन चार ।",haryanvi-bgc +"पाँच नदिया रामा, एक बहइ धरवा रामा +पाँच नदिया रामा , एक बहइ1 धरवा रामा । +ताहि बीच कमल रे फुलायल हो राम ॥ 1 ॥ +फूल लोढ़े गेली बारी2 सारी3 मोरा अटकल डारी । +गुरु बिनु केउ न4 छोड़ावेइ5 हो राम ॥ 2 ॥ +फुलवा लोढ़िय लोढ़ि , भरली चँगेरिया6 राम । +सतगुरु अयलन लियावन हो राम ॥ 3 ॥ +छोडु़ छोड़ु संघ के सथिया , आझ7 मोरे आँचरवा हो राम । +सतगुरु के सँघवा , अब हम जायब हो राम ॥ 4 ॥ +कहत कबीर दास , पद निरगुनियाँ राम । +संत लोग लेहु न , विचारियऽ हो राम ॥ 5 ॥",magahi-mag +"फाग गीत +जसोदा पूछेरे म्हारा कानजी ने देख्या ओ ॥ +बरसाणा वजार माहे दड़िया रमर्या ओ , +चटियो हाथ में ॥ +हाँ रे चटियो हात में गोपियाँ गूलाल वारे ओ , +चटियो हाते में ॥ +माता यशोदा किसी से पूछ रही है कि मेरे कृष्ण कन्हैया को देखा है ? उत्तर मिलता है कि कन्हैया बरसाणा के बाजार में गेंद खेल रहा है और डंडा हाथ में है तथा गोपियाँ कन्हैया पर गुलाल की वर्षा कर रही हैं ।",bhili-bhb +"झीमी रे झीमी डो नी घामा लाकेन आयोम +झीमी रे झीमी डो नी घामा लाकेन आयोम +झीमी रे झीमी डो नी घामा लाकेन आयोम +आयोम का उदरी उदरी सुवाय सरावना चिचरी +आयोम का उदरी उदरी सुवाय सरावना चिचरी +सुवाय डो इयां माई टाला चिचरी चोजा +सुवाय डो इयां माई टाला चिचरी चोजा +सुबान्ना आयो इयां रानी झूला सुबाने +सुबान्ना आयो इयां रानी झूला सुबाने +सराबना बेटा जा सराबना बेटा कजली वन डो +सराबना बेटा जा सराबना बेटा कजली वन डो +बिंदरावन सेने जा कोन्जई लुटीज माट मागेजा +बिंदरावन सेने जा कोन्जई लुटीज माट मागेजा +बेटा लुटीज माट माये डो इयां आयोम लुटीज माट +बेटा लुटीज माट माये डो इयां आयोम लुटीज माट +माये माकान सोना कोडी आरूई अरूई जा +माये माकान सोना कोडी आरूई अरूई जा +सराबना बेटा अंधड़ा बा डो आधड़ी माई +सराबना बेटा अंधड़ा बा डो आधड़ी माई +केन कौडी सावींज जा बेटा गंगा सुमुदूर +केन कौडी सावींज जा बेटा गंगा सुमुदूर +ऐ ऐन डो इयां आयोम गंगा सुमुदूर ऐ ऐन +ऐ ऐन डो इयां आयोम गंगा सुमुदूर ऐ ऐन +माका विरा हे आगरू कीमी इयां बेटा गंगा सुमुदूर +माका विरा हे आगरू कीमी इयां बेटा गंगा सुमुदूर +घाव जा सागे चाल को डो ठोपडे +घाव जा सागे चाल को डो ठोपडे +टेन डा डो इयां माई छाती तेन ऐ ऐन +टेन डा डो इयां माई छाती तेन ऐ ऐन +डो इयां माई पूरुसम टेन ऐ ऐन डो इयां +डो इयां माई पूरुसम टेन ऐ ऐन डो इयां +माई टाला धार जा डोगे जा इयां नी बेटा +माई टाला धार जा डोगे जा इयां नी बेटा +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"उड़ चलो पवन की चाल मन भौरा बगीचा +उड़ चलो पवन की चाल , मन भौरा बगीचा +उड़ चलो हो मां । +कौना लगाये मैया बेला चमेली +कौना लगाये अनार लटका +अनार झुमका रे । उड़ चलो . . . +राजा लगाये मैंया बेला चमेली , +रानी लगाईं अनार लटका रे अनार झुमका रे । +उड़ चलो . . . +काहे को सींचूं मैया बेला चमेली , +काहे सींचूं अनार लटका रे । उड़ चलो . . . +दूधन सींचूं मैया बेला चमेली , अमृत लाल अनार +अनार फटका रे बगीचा उड़ चलो मां । उड़ चलो . . . +काहे में गोडूं मैया बेला चमेली , काहे को लाल अनार +लटका रे बगीचा उड़ चलो मां । उड़ चलो . . . +कुदरन गोडूं मैया बेला चमेली , खुरपन लाल अनार +लटका रे बगीचा उड़ चलो मां । उड़ चलो . . .",bundeli-bns +"देवी आज म्हारा आंगणा मऽ लाल छड़ो देवासे +देवी आज म्हारा आंगणा मऽ लाल छड़ो देवासे । +देवी आज म्हरा आंगणा मऽ रनुबाई रमता आवसे , +देवी आज म्हरा आंगणा मऽ गौरबाई रमता आवसे , +देवी आज म्हरा आंगणा मऽ धणियेरजी का घोड़िला हिस्या , +देवी आज म्हरा आंगणा मऽ लाल छड़ो देवासे ।",nimadi-noe +"शकुनाक्षर - शकुनादे +ये वो शगुन के आखर हैं जो कुर्मंचालीय संस्कृति में हर शुभ कार्य में बांचे जाते हैं . कुर्मांचल की परम्पराएं अनंत काल से शंख घंट की ध्वनि एवं भरे हुए कलश को शगुन का पर्याय मानती आई हैं . कुल वधुओं के अखंड सौभाग्य एवं उनकी हरी भरी गोद के प्रति अपनी समस्त शुभकामनाएं संजोए है यह शगुन गीत +शकूनादे शकूनादे काजये , +आती नीका शकूना बोल्यां देईना , +बाजन शंख शब्द , +देणी तीर भरियो कलश , +यातिनिका , सोरंगीलो , +पाटल आन्च्ली कमले को फूल सोही फूल मोलावंत गणेश , +रामिचंद्र लछीमन जीवा जनम आद्या अमरो होय , +सोही पाटो पैरी रैना , +सिद्धि बुद्धि सीता देही +बहुरानी आई वान्ती पुत्र वान्ती होय",kumaoni-kfy +"167 +साडा माल सी सो तेरा हो गया जरा वेखना बरा खुदाइआं दा +तूं ही चटया ते तूं ही पालया ए ना एह बाप दा ते ना एह भाइयां दा +शाहूकार हो बैठी ऐ मार थैली खोह बैठी ऐं माल तूं साइयां दा +अग लैण आई घर सांभो ई एह तेरा है बाय ना भाइयां दा +गुडा हथ आया तुसां गुडियां दे अंनी चूही ते थोथयां घाइयां दा +वारस शाह दी मार ही वगे हीरे जेहा खोह लया वीर तूं ��ाइयां दा",panjabi-pan +"तेरा नाम धिआईदा +तेरा नाम धिआईदा , +साँई तेरा नाम धिआईदा । +बुल्ले नालों चुल्ला चंगा , +जिस पर तुआम1 पकाईदा । +रत्न फकीराँ मजलस कीती , +भोरा भोरा खाईदा । +रंगड़2 नालों खिंगर3 चंगा , +जिस पर पैर घसाईदा । +बुल्ला सहु नूँ सोई पावे , +जेहड़ा बकरा बणे कसाई दा । +तेरा नाम धिआईदा ।",panjabi-pan +"पिया कैसे झुलाऊ रस के बिजना +पिया कैसे झुलाऊं रस के बिजना , +बेंदी के बोझ लिलाट दुखत है , +हरवा को भर सहो जाय न । पिया . . . +कंगन को बोझ कलाई दुखत है , +मुंदरी को भार सहो जाय न । पिया . . . +साड़ी को बोझ मोरी कमर दुखत है , +माहुर के भार उठे पग ना । पिया . . . +काजल के बोझ मोरी आँख दुखत है , +काम करत नहीं दोऊ नैना । पिया . . .",bundeli-bns +"हल्दी गीत +एके तेल चढ़गे कुंवरि पियराय । +दुए तेल चढ़गे महतारी मुरझाय । । +तीने तेल चढ़गे फुफु कुम्हलाय । +चउथे तेल चढ़गे मामी अंचरा निचुराय । । +पांचे तेल चढ़गे भइया बिलमाय । +छये तेल चढ़गे भऊजी मुसकाय । । +साते तेल चढ़गे कुवरि पियराय । +हरदी ओ हरदी तै सांस मा समाय । । +तेले हरदी चढ़गे देवता ल सुमुरेव +' मंगरोहन ' ल बांधेव महादेव ल सुमरेंव । ।",chhattisgarhi-hne +"डुकरो कौ सोच +भरी तलइया में उनकी भैंसे लोरें , +बैठी डुकरो सोच करें जिँदगानी कौ , +कसैं कछोटा धुतिया फटीपुरानी कौ । +बाबुल के घर कौ सपनों +लिपोपुतो आँगन अपनों , +पहिर पाँव में पैजनियाँ , +ठुमकठुमक नाची रनियाँ । +दिन भर घरघूला बनायँ दिन भर फोरें , +दिन भर बच्छा पकरें गइया ब्यानी कौ । +घर बाहर कौ ग्यान बढ़ौ , +तरुनाई कौ रंग चढ़ौ , +अब भोरो बिटियानहियाँ । +गदरानी पिँड़रीबहियाँ । +चढ़ैं दौर कें आमन की अमियाँ टोरे , +मैरा पै गुफना भन्नाय घुमानी कौ । +लगनमहूरत सुधवाई , +दूल्हा सँग बरात आई , +दई नें पटकी कठिन घरी , +छूटी मइया की बखरी । +रोदन की चिग्घारें धरती हिलकोरें , +सागर उमड़ परो अँखियन के पानी कौ । +दैबी छूटोँ , मठ छूटे , +गाँव गली पनघट छूटे , +छुईमुई मुरझयाय गई , +मैं ससुरारै आय गई । +मन कौं कस गई कुलमरजादा की डारे +तनट रा कौ सासन सास भुमानी कौ । +भुनसारें जब झमक जगै , +फूलन लदी कनैर लगै , +मन उरझौ रसरँगिया में , +तीतुर सोबैं अँगिया में । +चित्तरसारी सें उतरें निहुरेंनिहुर , +चिहुँटी काट गओ राछरौ जिठानी कौ । +चैत जुन्हइया की रातें , +कन्त कन्हइया की घातें , +भरै मुरहिया कौरो में , +छूटें काट कखौरी में । +भगें , गिर परें , कोउ काउ कौं झकझोरें । +चढ़ै न उतरै , बुरऔ नसा है ज्वानी कौ । +जिदना सें जा सृष्टि चली , +कभउँ न हारो काल बली , +हमनें कितने जतन रचे , +काल झकोरन सें न बचे । +नौ लरका बिटियन सें चौंचचौंच जोरें , +फूटौ रूप गरूर बुलबुला पानी कौ । +उड़ गई चाल मरोरा की , +हँसी बतासाफोरा की , +माहुर विषधर करिया है , +मेंहदी बनी अँगरिया है । +कजरा काटत है अब अँखियन की कोरें , +नाती देख हँसैं पुपलौ मौं नानी कौ । +बिरधापन नें दई पटकी +फूटी माखन की मटकी , +मधुवन रहो न रसलीला , +मठामहेरिउ में हीला । +बेसुध बैठीं सुधियन की गाँठें छोरें , +छोड़ कन्हइया संग गओ ब्रजरानी कौ ।",bundeli-bns +"बहणो सुणो लगा के कान +बहणो सुणो लगा के कान +के यहां की नारी कैसी थी +हरीचन्द चाले सरबस देके +बिकै कांसी मैं कुटम नै लेकै +बिकै कांसी में साथ सन्तान +वा तारा किसी बिचारी थी +बहणो सुणो . . . +अपणे स्वामी की समझांदी +बेद्यां के परमाण बतांदी +लंका नगरी के दरम्यान +रावण की प्यारी कैसी थी +बहणो सुणो . . . +चोदां साल सह्या दुखड़ा +छोड्या राज महल का सुखड़ा +जिसके पति राम भगवान +वा जनक दुलारी कैसी थी +बहणो सुणो . . . +अंधे थे रेाजा धिरतरासटर +पट्टी बांधी थी अपणी आंख पर +खुद बी बण गई पति समान +वा गन्धारी कैसी थी +बहणो सुणो . . .",haryanvi-bgc +"किन्नै यो मांढा पिछवाडिआं +किन्नै यो मांढा पिछवाडिआं +किन्नै यो पूर्या सै चोंक +मांढलड़ा सिरी राम का +. . . . . मांढा पिछवाड़ियां +यहां अपने प्रियजन का नाम ले लिया जाता है +और इसी प्रकार अन्यअन्य नाम लेकर इसे बढ़ा लिया जाता है +पंडत पूर्या सै चोंक +मांढलड़ा सिरी राम का",haryanvi-bgc +"437 +मीट अखियां रखियां बंदगी ते घते जालयां चिले विच हो रहया +करे आजजी1 विच मराकबे2 दे दिन रात खुदा ते हो रहया +विच याद खुदा दे महव रहिंदा कदे बैठ रहया कदे सो रहया +वारस शाह न फिकर कर मुशकलां दा जो कुझ होवना सी सो कुझ हो रहया",panjabi-pan +"कौन रंग हीरा कौन रंग मोती +कौन रंग हीरा कौन रंग मोती +कौन रंग ननदी बिरना तुम्हार ? +लाल रंग हीरा पियर रंग मोती +सँवर रंग ननदी बिरना तुम्हार +फूट गए हिरवा बिथराय गए मोती +रिसाय गए ननदी बिरना तुम्हार +बीन लैहौं हीरा बटोर लैहौं मोती +मनाय लैहौं ननदी बिरना तुम्हार +भावार्थ +' किस रंग का हीरा है किस रंग का मोती ? +हे ननद , किस रंग के हैं तुम्हारे भैया ? +लाल रंग का हीरा है पीले रंग का मोती है +साँवरे रंग के हैं तुम्हारे भैया +हीरा फूट गया मोती बिखर गए +हे ननदी , तुम्हारे भैया रूठ गए +हीरों को चुन लेंगे , मोती बटोर लेंगे +हे ननदी , तुम्हारे भ��या को मना लेंगे । '",bundeli-bns +"जब पिया अयलन हमर अँगनमा +जब पिया अयलन1 हमर अँगनमा । +धमे धमे2 धमकइह3 सगर4 अँगनमा ॥ 1 ॥ +जब पिया अयलन हमर चउकठिया5 । +मचे मचे मचकहइ6 हमर चउकठिया ॥ 2 ॥ +जब पिया अयलन हमर सेजरिया । +थरे थरे काँपहइ7 हमर बारी8 देहिया ॥ 3 ॥ +जब पिया भरलन9 हमरा के गोदिया । +टपे टपे चुए लगल हमर पसिनमा10 ॥ 4 ॥ +छोड़ि देहु छोड़ि देहु , हमर अँचरवा । +हम भागि जयबो11 अब अपन नइहरवा ॥ 5 ॥ +हमर नइहरवा में चंपा के कलिया । +आनि देहु12 दुलहा त रहम13 ससुररिया ॥ 6 ॥",magahi-mag +"म्हें थांने पूछां म्हारी धीयड़ी +म्हें थांने पूछां म्हारी धीयड़ी +म्हें थांने पूछां म्हारी बालकी +इतरो बाबा जी रो लाड़ , छोड़ र बाई सिध चाल्या । +मैं रमती बाबो सो री पोल +मैं रमतो बाबो सारी पोल +आयो सगे जी रो सूबटो , गायड़मल ले चाल्यो । +म्हें थाने पूंछा म्हारी बालकी +म्हें थाने पूंछा म्हारी छीयड़ी +इतरों माऊजी रो लाड़ , छोड़ र बाई सिध चाल्या । +आयो सगे जी रो सूबटो +हे , आयो सगे जी रो सूबटो +म्हे रमती सहेल्यां रे साथ , जोड़ी रो जालम ले चाल्यो । +हे खाता खारक ने खोपरा +रमता सहेलियां रे साथ +मेले से हंसियों लेइ चाल्यों +हे पाक्या आवां ने आबंला +हे पाक्यां दाड़म ने दाख +म्लेइ ने फूटर मल वो चाल्यो +म्हें थाने पूंछा म्हारी धीयड़ी +इतरों बापा जी रो लाड़ , छोड़ने बाई सिध चाल्यो ।",rajasthani-raj +"170 +नाल रांझया कदी ना साक कीता नहीं दितियां असां कुड़माइयां वे +किथों रूलदयां गोलयां आकयां नूं मिलन एह सयालां दीयां जाइयां वे +नाल खेड़यां दे एहा साक कीजै दितीमसलत सभनां भाइयां वे +भलयां साकां दे नाल चा साक कीजो धुरों एह जो हुंदियां आइयां वे +वारस शाह अगयारियां भखदियां नी किसे विच बारूद छुपाइयां वे",panjabi-pan +"सीस बनै के सेहरा सोए +सीस बनै के सेहरा सोए +लड़िआं पै भगवान +बना मन मंदिर आलीसान +कान बनै के मोती सोए +सच्च्यां पै भगवान +बना मन . . . +गल्ल बनै के तोड़ा सोए +जामै पै भगवान +बना मन . . . +हाथ बनै के घड़िआं सोए +गुट्ठी पै भगवान +बना मन . . . +पैर बनै के जूता सोए +महफिल पै भगवान +बना मन . . . +हेठ बनै के लील्ली सोए +जोड़ी पै भगवान +बना मन . . .",haryanvi-bgc +"इनपे लगे कुलरियाँ घालन +इनपे लगे कुलरियाँ घालन , +मऊआ मानस पालन । +इनै काटवौ ना चइयत तौ , +काट देत जै कालन । +ऐसे रूख भूख के लानैं , +लगवा दये नंद लालन । +जे कर देत नई सी ईसुर +मरी मराई खालन ।",bundeli-bns +"बरत करो रे नर एकादशी को +बरत करो रे नर एकादशी को +रामजी का नाम बिन गती कसी +सूरज सामे झूटो न्हाके +जल में कुल्ला वे करसी +इन करणी से हुवा कागला +करांकरां करता फिरसी +बरत करो रे नर एकादशी +पणघट ऊपर ऐड़ी निरखे +पर निन्दिया तो वे करसी +इन करणी से हुवा डेंडका +टर्राटर्रा वे करसी +बरत करो रे नर एकादशी +डेली बैठी पाग संवारे +पर घर चुगली वे करसी +इन करनी का हुवा कूतरा +घरेघरे भूकता फिरसी +बरत करो रे नर एकादशी +पांच जणा मिल हतई करन्ता +पांची चुगली वे एकरसी +इन करणी का हुवा हीजड़ा +घरेघरे नचता फिरसी +बरत करो रे नर एकादशी +ग्यारस का दल माथो न्हावे +बारस का दन तिल वे खासी +इन करणी का हुवा गधकड़ा +गलीगली रेंकता फिरसी +बरत करो रे नर एकादशी +अन्न को दान , वस्तर को दान +कन्या दान वे करसी +इन करणी से हुवा कुंवर जी +पाल की पड़न्ता वे फिरसी +मीरां के प्रभु गिरिधर नागर +हरि के चरनां चित वे धरसी",malvi-mup +"423 +कजल पूछलां1 वालड़ा घत नैनां जुलफां कुंडलां दार बलावनी ए +नीवियां पटीयां मुख पलमा जुलफां गुजां घतके लानतां लावनी ए +जेवर आशकां नूं दिखलावनी ते नित वेहड़े दे विच छनकावनी ए +बांकी फब रहिंदी चोली बाफते2 दी उते कहर दियां अलियां3 लावनी ए +ठोडी गाल ते पायके खाल खूनी राह जांदड़े मिरग फहावनी ए +जिनां नखरयां नाल भरमांवनी ए किसे गल तों नहीं शरमवानी ए +मल वटना लोहड़ दंदासड़े दा जरी बादला पट हंडावनीए +तेड़ घगरा पायके पट वाला कूंजां4 घतके लावना5 लावनी ए +नवां वेस ते वेस बनावनी ए लवे फेरियां ते चमकावनी ए +नाल हुसन गुमान दे पलंघ बहके हूरां परी दी भैण सदावनी ए +महिंदी ला हथी पहन जरी जेवर सुहन मुरग दी शान गवावनी ए +पैर नाल चबा दे चावनिए लाड नाल गहने छनकावनी ए +वेख होरनां नक चढ़ावनी ए बैठी पलंघ ते लूतियां लावनी ए +पर असीं भी नहीं हां घट तैथों जे तूं आप नूं छैल सदावनी ए +साडे चन्न समीर मथलियां दे सानूं चूहड़ी तूं नजर आवनी ए +नाडू शाह दी रन्न हो पलंघ बहके साडे जिउ विच मूलना भावनी ए +तेरा कम्म ना कोई विगाड़या ए ऐवें जोगी दी टंग भनावनी ए +तेरा यार आया असां नांह भावें अते हीर की मुंहों अखावनी ए +सभ अड़तने पड़तने साड़ सटूं ऐवें शेखियां पई जगावनी ए +वेख जोगी नूं मार खुदेड़ कढूं किवें उसनूं आन छुडावनी ए +तेरे नाल जो करांगी मुलक वेखे जेहे मेहने लूतीयां लावनी ए +ऐसे गल विचों तुध चाहवना की वारस शाह दा मगज खपावनी ए",panjabi-pan +"कृष्ण हारा हइलाम गो +कृष्ण हारा हइलाम गो , +कृष्ण हारा हइया कान्दछि गो वने निशि दिने +ओ गो , आम���र मत दीन दुःखिनी , +के आछे आर वृन्दावने । । +सखी गो , यार ये ज्वाला सेइ जाने +अन्य कि आर जाने +आमार अरण्ये रोदन करा , +कार काछे कइ , केवा शोने । । +सखी गो , नयन दिलाम रूपे नेहारे +प्राण दिलाम तार सने । +ओ गो , देह दिलाम , अंगे वसन , +मन दिलाम तार श्रीचरणे । । +सखी गो , कृष्ण सून्य देह गो आमार , +काज कि ए जीवने । +अधीन कालाचाँद , कय , +राइ मरिल श्याम बिहने । ।",bengali-ben +"358 +लख वैदगी वैद लगा थक्के धुरों टुटड़ी किसे ना जोड़नी वे +जिथे कलम तकदीर दी वग चुकी किसे वैदगी नाल ना जोड़नी वे +जिस कम्म विच वौहटड़ी होवे चगी सोई खैर असां हुण लोड़नी वे +वारस शाह अजार1 होर सब मुड़दे एह तकदीर ना किसे ने मोड़नी वे",panjabi-pan +"सोंहग बालो हालरो +सोंहग बालो हालरो , +आरे निरमळ थारी जोत +१ नदी सुक्ता के घाट पे , +आरे बैठे ध्यान लगाय +आवत देख्यो पींजरो +आरे लियो कंठ लगाय . . . +सोंहग बालो . . . +२ सप्त धातु को पींजरो , +आरे पाठ्याँ तिन सौ साठ +एकएक कड़ी हो जड़ाँव की +वा पर कवि रचीयो हो ठाट . . . +सोंहग बालो . . . +३ आकाश झुला बाँधियाँ , +आरे लाग्या त्रिगुण डोर +जुगत सी झुलणो झुलावजो +आरे झुले मनरंग मोर . . . +सोंहग बालो . . . +४ नही रे बाला तू सुतो जागतो , +आरे बिन ब्याही को पुत +सदा हो शीव की शरण म +आरे झुल बाँझ को पुत . . . +सोंहग बालो . . . +५ अणहद घुँघरु बाजियाँ , +आरे अजपा का हो मेवँ +अष्ट कमल दल खिली रयाँ +आरे जैसे सरवर मेवँ . . . +सोंहग बालो . . .",nimadi-noe +"कइलीं हम कवन कसूर +कइलीं हम कवन कसूर . . . नयनवाँ से . . . नयनवाँ से +नयनवाँ से दूर कइल . . . आ बलमूँ . . . +नयनवाँ से दूर . . . नयनवाँ से दूर . . . नयनवाँ से दूर कइल . . . +आ बलमूँ . . . +गुनढंग रहल नीक औ सुरतियो रहल ठीक +त काहें हम्में दूर कइल . . . आ . . . बलमूँ . . . +नेकनामी में त . . . अ . . . नाहीं . . . बदनामी में जरूर +गाँव भर में हम्में मशहूर कइल . . . आ बलमूँ . . . +कइलीं हम कवन कसूर . . .",bhojpuri-bho +"माता बाँझबाई बाँझबाई सब कहे हो माता +माता बाँझबाई बाँझबाई सब कहे हो माता , +नहीं कहे बाळा की माय हो रनादेव । । वाँजुली । । +माता चार पहेर रात हाऊँ भुई मऽ सूती , +नहीं डसऽ वासुकी नाग हो रनादेव । । वाँजुली । । +माता चार पहेर रात हाऊँ अम्बाबन सूती , +नहीं टूटी अम्बा की डाळ हो रनादेव । । वाँजुली । । +माता चार पहेर रात हाऊँ रस्ता मऽ सूती , +नहीं आई रेवा पूर हो रनादेव । । वाँजुली । ।",nimadi-noe +"ईसुरी की फाग-26 +मिलती कभऊं अकेली नइयाँ +बतकाये खाँ गुइयाँ । +मिल जातीं मन की कै लेते +जैसी हती कवइयाँ । +बाहर सें भीतर खाँ कड़ ��ईं +कुल्ल लुगाइन मइयाँ । +' ईसुर ' फिरत तुमाये लानें +ढूंढत कुआं तलइयाँ । +भावार्थ +महाकवि ' ईसुरी ' अपनी प्रेयसी ' रजऊ ' को उलाहना देते हुए कहते हैं — प्रिये , तुम कभी अकेले में नहीं मिलतीं कि प्रेम की दो बातें कर सकूँ । अगर मिलतीं तो जो कहने लायक होतीं वो बातें कह लेता । तुम औरतों के झुण्ड की ओट लेकर बाहर से भीतर को निकल गईं , जबकि मैं तुम्हारे लिए कुओं , तालाबों पर भटकता फिरता हूँ ।",bundeli-bns +"510 +अजराइल इक उमर अयार1 दूजी हीर चल के सस तें आंवदी ए +सहती नाल मैं जाय के खेत वेखां पई अंदरे उमर विहांवदी ए +पिछों झिकदी नाल बहानयां दे पढी घड़ी घड़ी फेरे पांवदी ए +वांग ठगां दे कुकड़ा रात अधी अजगैब2 दी बांग सुनांवदी ए +चल भाभिए वाउ जहान दी लै बाहों हीर नूं पकड़ उठांवदी ए +काजी लानत अल्लाह3 देह देह फतवां इबलीस नूं सबक पढ़ांवदी ए +एहनूं खेत लैं जाह कपाह चुनिए मेरे जिउ तदबीर एह आंवदी ए +वेखो माउ नूं धी वलाय के ते केही फोकियां रूमियां4 लांवदी ए +तली हेठ अंगियार टिका सहती उतों बहुत प्यार करांवदी ए +शेख सादी दे फलक5 नूं खबर माही जिकूं रोयके फंद चलांवदी ए +वेख धी अगे माउं झुरन लगी हाल नुंह दा खोल सुनांवदी ए +एहदी पई दी उमर विहांवदिए जारो जार रोवदी ते पलू पांवदी ए +किसे मना किता खेत ना जाये कदम मंजीओं हेठ ना पांवदी ए +दुख जिओ दा खोल हकिम अगे किस्सां दिले दे फोल सुनांवदी ए +इनसाफ दे लई गवाह करके वारस शाह नूं पास बहांवदी ए",panjabi-pan +"गीले गीले जौ का पीसना री +गीले गीले जौ का पीसना री +नीका पीसूं उड़ उड़ जाय , मोटा पीसूं कोई न खाय +चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री +इतना आटा मैं पीसा री जितना नदियां रेत +चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री +इतनी रोटी मैं पोयी री जितने पीपल पात री +चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री +इतने चावल मैं कुट्टे री जितने समंदर मोतियां +चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री +रोटी रोटी बाट ली री रह गई रोटी एक री +छोटा देवर लाडला री वह भी ले गया खोस री +चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री +कड़छी कड़छी चावल बटा लिये री रह गई कड़छी एक री +छोटी नणदल लाडलो री वह भी ले गई खोस री +चौमासा सावन आ गया री , अरी मोरी मां री",haryanvi-bgc +"372 +छोटी उमर दियां यारियां बहुत मुशकल पुतर महरां दे खोलियां चारदे ने +कन्न पाड़ फकीर हो जान राजे दरद मंद फिरन विच बार दे ने +रन्नां वासते कन्न पड़ा राजे सभो जात सफात1 नघार दे ने +जिन्हां र���्नां दे नेक नसीब होवन सजन आ बैठन कोल यार दे ने +धन माल सभो सिर वख करदे दीद बाझ2 आशक दीदे मारदे ने +वारस शाह जां ज़ोक3 लगे गदा जौहर निकलन असल तलवार दे ने",panjabi-pan +"कउनी जलम देलन, फउनी करम लिखलन +कउनी1 जलम देलन , फउनी करम लिखलन । +कउनी भइया अवलन2 लियामन3 हो राम ॥ 1 ॥ +रामजी जलम देलन , बरमा4 जी करम लिखलन । +अहे अहे सखिया , जम5 भइया , अवलन लियावन हो राम ॥ 2 ॥ +एस कोस गेली रामा , दुइ कोस गेली राम । +अहे अहे सखि हे , घुरि फिरि ताकी6 हक मंदिल हो राम ॥ 3 ॥ +येही तो मंदिलवा मोरा , बड़ी सुख मिलल हो । +सेहो मंदिलवा अगिया7 धधकइ हो राम ॥ 4 ॥ +माता पिता रोबे लगलन , जड़ीबूटी देवन लगलन । +अहे अहे सखी हे , फिन8 न मनुस चोला9 पायम10 हो राम ॥ 5 ॥",magahi-mag +"सास मैं तो पाणी नै गई थी री +सास मैं तो पाणी नै गई थी री +बेटा तो तेरा नंगा खड्या था री +सास मेरी लीली बेच दे री +छेल नै साफा मांगा दे री +सास मैं तो बागां मैं गई थी री +बेटा तो तेरा नंगा खड्या था री +सास मेरे डांडे बेच दे री +छेल ने मुरकी गढ़ा दे री +सास मैं तो कुआं पै गई थी री +बेटा तो तेरा नंगा खड्या था री +सास मेरा दामण बेच दे री +छेल नै कुरता सिमा दे री +सास मैं तो गलिआं मैं गई थी री +बेटा तो तेरा नंगा खड्या था री",haryanvi-bgc +"फगवा माँगन का गीत +तू बोल रे कोरा कागद , बोल रे होळि वाळा ॥ +नारी बायर की घूगर माळ लीगया होळिा वाळा ॥ +तू बोल रे केसरिया भइया , बायर को रखवाळो ॥ +थारी बायर के घूगर माळा , तोकि गया होळि वाळा ॥ +तू बोल रे कोरा कागद बोल रे हाळि वाळा ॥ +तू बोल रे रणछोड़ भइया , तू बायर को रखवाळो ॥ +थारी बायर के घूगर माळा , तोकि गया होळि वाळा ॥ +होळी से झोळी बांध राति चुनरिया ॥ +गांग्या रे थारी नार रात चुनरिया ॥ +गेरिया में रमती मेल , राती चुनरिया ॥ +कुणकुण क कयगा बाप , राती चुनरिया ॥ +मांगिया क कयगा बाप , राती चुनरिया ॥ +गौरा क कयसे माय , राती चुनरिया ॥ +गौरा क कयसे माय , राती चुनरिया ॥ +सुरेश भइया क हाट म देख्यो माथऽ कड़ब् को भारो ॥ +तू कोरे कागज बोल होली खेलने वाले बोल जिस व्यक्ति से फगवा माँगते हैं महिलाएँ उसे घेर लेती हैं और फगवे में जो रुपये लेना है उससे कबूल करवाती हैं कि बोल कितने रुपये देगा और गीत गाती जाी हैं । वह रुपये देना कबूल करता है तब उसे छोड़ती हैं । कितने रुपये देगा ? तेरी पत्नी की घूगरमाल होली वाले ले गये । +आगे नाम लेकर कहती हैं कि केसरिया तू पत्नी की रखवाली करता है और तेरी पत्नी की घूगरमाला होली खेलेने वा���े उठाकर ले गये । आगे दूसरे व्यक्ति को पकड़कर घेरती हैं और गीत में कहती हैं अरे रणछोड़ तू पत्नी का रखवाला है तेरी पत्नी की घूगरमाला होली वाले उठा ले गये । +माँगिया तेरी पत्नी लाल चूनरी वाली है । लाल चूनर से होली का झूला बाँध । गेंरिया होली खेलने वालों में लाल चूनरी वाली को खेलने भेज । गेंरिया में पेट रह गया , लाल चूनरी वाली का , उसका बालक किसकिस को पिता कहेगा ? माँगिया को पिता कहेगा या गौरां को । बेटा लाल चूनरी वाली का । +सुरेश को कड़बी का भारा लेकर देखा सुरेश भी होली खेलने वालों में है , उसे घेरकर कहा गया है । भारा नहीं चढ़ा तो रोते हुए देखा । +इस प्रकार होली खेलते हुए फगवा माँगती है । हँसीमजाक के रूप में ये गीत गाये जाते हैं , कोई बुरा भी नहीं मानता है , खुश होते हैं , क्योंकि बुरा न मानो होली है ।",bhili-bhb +"विवाह -गीत - मोरे अंगनवा चनन गछरुख्वा +मोरे अंगनवा चनन गछरुख्वा अरे अछन बिछन होई गै डारि +तेहितर दुल्हे रामा घोडा दौरावैं अरे अरुझय दुल्हे रामा सिरपाग +अब कहाँ बाटियु पाणे जो नाम चाहे लगा सकते हैं +रामा धेरिया , पाडे रामा नतिनी अरे आई के छोडावौ सिरपाग +कैइसे कै आओं पाडे रामा पुतवा अरे पाडे रामा नतिया मोरा बाबा मडउवा में ठाढ +तब न लजानुयु पाडे रामा धेरिया पाड़ेहू रामा नतिनी जब रह्ल्यू बगलिया में ठाढ़ी +तब न लजानयौ पाडेह रामा पुतवा पादेह रामा नतिया मोरा बाबा जे देथै करिना दान",awadhi-awa +"मोरे जोबना में +मोरे जोबना में दुइदुइ अनार . . . +हे सइयाँ . . . अ . . . दूनों तोहार . . . +भगवान किरिया . . . सियाराम किरिया . . .",bhojpuri-bho +"108 +हीर आखदी बाबला अमलियां तों नहीं अमल हटाया जा मियां +जेहड़ियां वादियां आदतां आन नाही रांझे चाकतों रिहा ना जा मियां +शीह चितरे रहन न मास बाझों झपट नाल एह रिज़क कमा मियां +वारस शाह दरगाह तों लया रांझा चाक बखशिया आप खुदा मियां",panjabi-pan +"मिया नी दाना जोवन जा जगमा +मिया नी दाना जोवन जा जगमा +बारी नी दाना जोवन जा +बारी नी दाना जोवन जा जगमा +कन्या कुवरा डाखे +कन्या कुवरा डाखे जा जगमा +हरदा शहरन बुढकी आरगे +स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"नागरजा +सभा लैगे1 द्वारिका , सभा लैगे गोविन्द , +सोवन2 द्वारिका होली , सभा लैगे गोविन्द । +सभा बैठी गैन , तेतीस करोड़ देवता , +सभा बैठी गैन , सोल सोऊ राणी । +इनो रइ भगीवान , गर्वियों का गर्व चलैन , +पाप्यों का मोचद पाप , बिर्बलियों को छै बल । +राण्यों को रौं���िला3 छई , फूलू कू हौंसिया4 । +धनि पारबरम , मैं लेन्दू तेरु नऊं , +तेरो नऊं लेन्दू , सांझ सबेर । +तेरो नऊं लीक संकट कटेन्दी , बिप्ता बंटेंदी , +दुख होन्दू दूर , काया होंदी कंचन । +इना रैन भगीवान् राँडू का मालिक , +छोरौं का बाप , अनाथू का नाथ । +नंगा देखी खाणू नी खायो , +भूखा देखी वस्त्र नी लायो । +तिन लिने जन्म देवकी का कोख , +देवकी का कोख कंसकोट राजा मा +वैरियों की भूमि , मामा की मथुरा । +माता तेरी देवकी , पिता वसुदेव । +सुण्याला5 कंसू तुम देवकी का आठवां गर्भ , +होण कंसू को छै । +एक गर्भ होये तौन नदी सौंप करे , +दूजो गर्भ होये तौन नदी सौंप करे , +तीजों चौथो पांचों सातों गर्भ होये , +तौन नदी सौंप करे । +तब ह्वेन भगवान आठवाँ गर्भ । +तेरी जिया6 देवकी एको लगे मास , +तेरी जिया देवकी दूजो लगे मास । +कंस कोट राजा मां बुरो ठाण्याले , +कंस कोट लग अब शीशा को मेलाण7 +सौ मन शीशा की गागर बणैले । +चलीगे देवकी तब निकट जमुना , +ल्यौ वैणी8 देवकी गागर भरी । +नौ दिन नौ राती गागर नी भरेणी , +भरेण क भरेगी , मैं कनै उठौलू ? +कायरी होइगे देवकी राणी , +इन रया भगवान निर्धन्यों का धनी , +गर्वियों का गर्व करदू चूर । +तै दिन भगवान , निरणी को बालो , +सु गर्भ छुई लांदो , +सुन जिया कायरो नी होणू । +तै दिन देवकी राणी गागर उठौंदी । +इनी माया तेरी भगवा +कनी ह्वैगे गागर बुरांस कोसी फूल । +ल्या भाई कंसू ई गागर उठावा , +सुणीक ंस पिछुंडा9 ढलीग्या10 । +दस मास लैगे श्यामल भगवान , +वीं देवकी लैगे बैठण्या वेदन , +पिता वसुदेव तौन बंदीगिरै घरीले । +भदर मास छयो , शुक्ल पक्ष , +रोहणी नक्षत्र छयो बुधबार । +कई पैरादार छा धर्यां , सुण्याला पैरादोरु11 तुम +जु होलू गर्भ तै करिया हाजिर । +वसुदेव सुणीक इनो कुरोध लांदो , +सुण्याला कंसू तुम +बैठीक विनत , उठीक अरज । +न लया कंसू तुम कन्या को पातक । +तब भगवान पृथ्वी पैदा नी होंदा , +तेरी जिया छई कलीबेकली । +मैं त मेरी माता पृथ्वी पैदा होन्दू +तू कायरी ना होई मेरी जिया । +तब कृष्ण द्वारिकानाथ पैदा होई गैन । +देवता सभी खुश होइन , पिता की बेड़ी टूटीन । +चली आयो स्यो देवकी का पास , +क्या होये राणी तेरा गर्भ ? +तब भगवान इनो बोदः +सुणा सुणा मेरा मात पितौं मेरी अरज , +मैं कू लीजा पिता जी धौ12 बै का पास । +नंदू मौसा का त डेरा । +तै वक्त भगवान उठैले पिता न , +रस्ता लगी गैन , आईन अधवार । +निकट जमुना आईन । +तब भगवान का चरण छूण , +जमुना अथाह होई गैगे । +पिता वसुदेव को उत्सा ख���वैगे13 । +कनु14 कैक रे बाला मैंन पार ली जाणी ? +सुणा मेरा पिता जी कायरो नी होई । +कृष्ण बालो घनश्याम खुटी बढ़ौंद , +चरण चूमीक जमुना जी घटी गैन । +चलदा चलदा तब स्ये पहुँच्या +नंदू का बांजा15 बैराट16 । +जनम का औता17 था स्ये , कर्म का नाटा18 । +तै दिन बोदो नन्दू मौसा +ये बांजा बैराट बाला +क्या खालू19 तू , क्या त पेलो20 ?",garhwali-gbm +"समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समदी घर का पूरी भी कायो +समदी घर का पूरी भी कायो +समदी हमारा विदा जल्दी करो +समदी हमारा विदा जल्दी करो +समदी हमारा विदा जल्दी करो +तुम्हारा बेटी बड़ा नावेली +तुम्हारा बेटी बड़ा नावेली +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"252 +घोड़ा सबर दा जिगर1 दी वाग दे के नफस2 मारना कम्म भुझंगयां दा +छड हुकम ते जर फकीर होना एह कम्म है माहनूयां चंगयां दा +हशक करन ते तेग दी धार कपन नहीं कम्म एह भुखयां नंगयां दा +ऐथे थां नाहीं अड़बगयां दी एह कम है सिरां तों नंगयां दा +शोक मेहर ते सिदक यकीन बाझों किहा फायदा टुकड़यां मंगयां दा +वारस शाह जो इशक दे रंग रते हुंदे आप ही रंग बेरंगयां दा",panjabi-pan +"राजा दसरथ जी पोखरा खनावले +राजा दसरथ जी पोखरा खनावले , घाट वँन्हावले हे । +कोसिला जी डँड़िया फँनावले1 राम नेहबावले2 हे ॥ 1 ॥ +मँड़वहि3 झगड़े धोबिनियाँ , निछावर4 थोड़ अहे हे । +रघुबर के नेहलइया5 हमहीं गजहार6 लेबो हे ॥ 2 ॥ +जनु तोहें झगडूँ धोबिनियाँ , निछावर थोड़ अहे हे । +राम बिआहि7 घर अइहें , त तोरा गजहार देबो हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"470 +लैके सोहणी मोहणी हंस राणी मिरग मोहनी जा के घलनी हां +तेेरिआं पीरिआं अजमतां1 वेखके मैं बांदी होके घरां नूं चलनी हां +पीर पीर दी देख मुरीद होई तेरिआ जुतिआं सिर ते चलनी हां +मैंनूं मेल मुराद बलोच साइयां तेरे पैर मैं आण के मलनी हां +वारस शाह कर तरक बुरयाइयां दी दरबार अलाह दा मलनी हां",panjabi-pan +"ले रे बाबुल आपना मैं चली हूं सजन के दैस रे +ले रे बाबुल आपना मैं चली हूं सजन के दैस रे +भाइयां नै दिये महल दुमहले हमें दिया परदेस रे +काहे की ब्याही विदेस रे लक्खी बाबुल मेरे +हम हैं रे बाबुल मुन्डेरे की चिड़ियां +कंकरी मारे उड़ जां रे लक्खी बाबुल मेरे +हम हैं रे बाबुल चोणे की गउएं +जिधर हांको हंक जायें रे लक्खी बाबुल मेरे +सोन��� भी दिया बाबुल रूपा बी दिया +एक न दीन्ही मेरे सिर की कड़्गी +सास ननद बोलें बोल रे लक्खी बाबुल मेरे",haryanvi-bgc +"डूंडो +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो । +खेलेल्यो क्या धुनार ? +डांड पड़यूं खूंडो ॥ +बौलि गैने यै छलार +नीं दिखंद वार पार । +कथैं दौं छ छांद धार +थाति नी छ खूंटो । +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकण छ डूंडो । +उरड़ो उठिगे अथाह , +मिटिगे सब धूप छांह , +भूलि गैने सभी थाह +बाड़ , भीत , मूंडो । +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो ॥ +लोगु की छ कच्चि आस , +तू परेख ले सहास +चलनी नी जुगेती खास +टुटमणो न टूणो । +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो ॥ +बढिगे बढिगे नयार +हे धुनार , कख छ पार ? +त्वै मू अब क्या छ सर ? +कनै रहण ज्यूंदो ? +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो ॥ +नीलो हँसण अकाश +ऐगे यौ औत पास , +लगीं जोर की छ ढास +रींग पड़े डूंडो +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो ॥",garhwali-gbm +"522 +जदों सांगरां वाहरां कूच कीती सारे देस ते धुम भुचाल आही +खेड़ों खबर होई चढ़या देस सारा नूंह खेड़या दी जेहड़ी सयाल आही +सरदार सी खूबां दे त्रिंजणी दी जैदी हंस ते मोर दी चाल आही +खेड़े नाल सी उस अनजोड़ मुढों दिलों साफ रंझेटे दे नाल आही +इना कैदा कुना1 बाब औरतां दे धुरों विच कुरान दे फाल आही +वारस शाह सुहागा ते अग वांगू सोना खेड़या दा सभो गाल आही",panjabi-pan +"पलग पर रोय रहयो मेरो नदलाला +पलंग पर रोय रहयो , मेरो नंदलाला +बुला दो सासो को , बुला दो सासो को +दादी कह टेर रहयो , मेरो नंदलाला । पलंग . . . +बुला दो जिठनी खों , बुला दो जिठनी खों +वो ताई कह टेर रहयो , मेरो नंदलाला । पलंग . . . +बुला दो ननदी को , बुला दो ननदी को +बुआबुआ टेर रहयो , मेरो नंदलाला । पलंग . . . +बुला दो देवर को , बुला दो देवर को , +वो चाचा कह टेर रहयो , मेरो नंदलाला । पलंग . . .",bundeli-bns +"अंगिका बुझौवल +तोहरा कन गेलाँ +लेॅ केॅ बैठलाँ । +पीढ़ा +तोहरा कन गेलाँ +खोली केॅ बैठलाँ । +जूत्ता +चानी हेनोॅ चकमक , बीच दू फक्का +जे नै जानेॅ , जे नै जानेॅ ओकरोॅ हम्में कक्का । +दाँत +हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी +बीच में गोला पट्टी । +जीभ +हाथ गोड़ लकड़ी पेट खदाहा +जे नै बूझै ओकरोॅ बाप गदहा । +नाव +फरेॅ नै फूलै , ढकमोरै गाछ । +पान +जड़ नै पत्ता , की छेकोॅ ? +अमरलत्ता +तोहरा घरोॅ में केकरोॅ पेट चीरलोॅ । +गेहूँ +चलै में रीमझीम , बैठै में थक्का +चालीस घोॅर , पैतालीस बच्चा । +रेल +खेत में उपजै , हाट बिकाबै +साधूब्राह्मण सब कोय खाबै +नाम क��ैतें लागै हस्सी +आधा गदहा , आधा खस्सी । +खरबूजा +लाल गे ललनी , लाल तोरोॅ जोॅड़ +हरिहर पत्ता , लाल तोरोॅ फोॅर । +खमरूआ +राग जानै गाना नै जानै +गाय ब्राह्मण एक्को नै मानै +जों कदाचित जंगल जाय +एक हापकन बाघौ केॅ खाय । +मक्खन +हमरोॅ राजा केॅ अनगिनती गाय +रात चरै दिन बेहरल जाय । +तारा +हिनकी सास आरो हमरी सास दोनों माय घी +तोहें बूझोॅ हम्में जाय छी । +ससुरपुतोहू +साँपोॅ हेनोॅ ससरै , माँड़ रं पसरै +सभै छोड़ी केॅ नाक केॅ पकड़ै । +पोटा +एक गाछ मनमोहन नाम +बारह डार , बारह नाम । +बरस , दिन , तिथि +एक जोगी आवत देखा +रंगरूप सिन्दूर के रेखा +रोज आबै , रोज जाय +जीवजन्तु केकरो नै खाय । +सूरज",angika-anp +"535 +जोगी रख के अणख दे नाल गैरत कढ अखियां रोह थी फुटया ई +एह हीर दा वारसी ही बैठा चा डेरयों सुआह विच सटया ई +सने जुतियां चैंक दे विच आवे साडा धरम ते नेम सभ पटया ई +लुट पुट के माल नखुटया ए कुट फाट के खोह विच सुटया ई +खेड़ा बोलदा नीर पलट अखी जेहा बानिया शहर विच लुटया ई +पकड़ सैदे नूं नाल फाहुड़ियां दे चोर यार वांगूं ढाह कुटया ई +दोवे बन्ह बांहां सिरों लाह पटका गुनाहगार वांगूं पकड़ छटया ई +शाना1 भंन के कुट चकचूर कीता लिंग भन्न के संघ नूं घुटया ई +वारस शाह खुदाए दे खौफ कोलों साडा रोंदयां नीर नखुटया ई",panjabi-pan +"294 +रब्ब झूठ ना करे जे होये रांझा तां मैं चैड़ होई मैनूं पटया सू +होया चाक पिंडे मली खाक रांझे लाह नंग नामूस नूं सुटया सू +बुकल विच चोरी चोरी हीर रोवे घड़ा नीर दा चा उलटया सू +वारस शाह इस इशक दे वनज विचों जफर जाल की खटयां वटया सू",panjabi-pan +"बाबा कवने नगरिया जुआ खेललऽ +बाबा कवने नगरिया जुआ खेललऽ +कि हमरा के हारि अ‍इलऽ , हमरा के हारि ह‍इलऽ +बेटी अवध नगरिया जुआ खेललीं तऽ +तोहरा के हारि अ‍इलीं , तोहरा के हारि अइलीं । +बाबा कोठियाअँटरिया काहे ना हरलऽ +कि हमरा के हारि अ‍इलऽ , हमरा के हारि ह‍इलऽ +बेटी कोठियाअँटरिया हमार लछिमी तऽ +तू हऊ पराया धन तू हऊ पराया धन । +बाबा भैयाभ‍उज‍इया काहें ना हरलऽ +कि हमरा के हारि अ‍इलऽ , हमरा के हारि ह‍इलऽ +बेटी पुतवापतोहिया हमार लछिमी तऽ +तू हऊ परायाधनतू हऊ परायाधन । +बाबा ग‍इयाभँइसिया काहे न हरल कि +कि हमरा के हारि अ‍इलऽ , हमरा के हारि ह‍इलऽ +बेटी ग‍इयाभँइसिया हमार लछिमी तऽ +तू हऊ पराया धन तू हऊ पराया धन ।",bhojpuri-bho +"बन्ना दादी पूछे हँसि हँसि बात रे बना +बन्ना1 दादी पूछे हँसि हँसि बात रे बना । +बन्ना , कइसन हथुन2 तोहर ददियासास3 रे बना ॥ 1 ॥ +बन्ना , हमर ददियासास जइसन दूध रे बना । +बन्ना , छप्पन रंग4 खइली5 ससुरार रे बना ॥ 2 ॥ +बन्ना , एतना बड़इया मति करु रे बना । +बन्ना , खट्टा दही अइसन6 तोरे सास रे बना ॥ 3 ॥ +बन्ना , झोर भात7 खयलऽ ससुरार रे बना ॥ 4 ॥",magahi-mag +"डावां हाथ तेल-फुलेल जवणा हाथ आरती जी +डावां हाथ तेलफुलेल , जवणा हाथ आरती जी । +धणियेर राजा सोया सुखसेज , रनुबाई रींझणो जी +डोलतज डोलतऽ आई गई झपकी , हाथ की रींझणो भुई गिर्यो जी । +धणियेर राजा की खुली गई नींद , तड़ातड़ मार्यो ताजणा जी । +रनुबाई खऽ लागी बड़ी रीस , आसन छोड़ी भुई सूता जी । +खुटी मऽ को चीर कोम्हलाय , असा कसा रोष भर्या जी । +बेडुला को नीर झोकळाय , असा कसा रोष भर्या जी । +पालणारो बाळो बिलखाय , असा कसा रोष भर्या जी ।",nimadi-noe +"सावन बीते जात हमखो ससुराल मे +सावन बीते जात हमखों ससुराल में , +भइया भूले भरम जाल में । +जिस दिन कीन्हीं विदा हमारी , +सब घर रुदन कियो तो भारी , +अब क्यों हमरी सूरत बिसारी , +वा दिन रो रये खड़े खड़े द्वार में । भइया . . . +असड़ा मेरी विदा कर दई ती , +रोरो व्याकुल मैं हो गई थी । +वा दिन तुमने जा कै दई ती , +हम लुआवे आये दिना चार में । भइया . . . +संग की सखियां मायके जावें , +हम अपने मन में पछतावें , +भइया आवें तो हम जावें , +बहिन डूब रहीं आंसुओं की धार में । भइया . . . +पूनो तक लो बाट निहारी , +लुआवे आये न बिरन हजारी +जो कऊं हुइयें याद हमारी , +तो आहें जरूर आज काल में । भइया . . .",bundeli-bns +"अँखिया भइल लाले लाल +अँखिया भइल लाले लाल +इचिएक सूते द बलमुआ । +अँखिया लाले लाल , +अरे , तनिएक सूते द बलमुआ +राति भरि संइयाँ बइठल बीते +होत भिनुसारे मलब गुलाल +भर फागुन तोहे सूतहूँ ना देबि +चइत सूतिह दिन राति । +कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho +"भई ने बिरज की भोर सखी री +भई ने बिरज की भोर सखी री +मैं तो भई ने बिरज की मोर । +कहना रहती कहना चुनती +कहना करती किलोल सखी री । भई . . . +गोकुल रहती वृन्दावन चुगती +मथुरा करती किलोल । सखी . . . +गोवर्धन पे लेत बसेरो , +नचती पंख मरोर । सखी . . . +उड़उड़ पंख गिरे धरनी पे +बीनत जुगल किशोर । सखी . . . +वृन्दावन की महिमा न्यारी , +वाको ओर न छोर । सखी . . .",bundeli-bns +"राम जूर जूर गारोरी गारोरी बेटा बिजोरा +राम जूर जूर गारोरी गारोरी बेटा बिजोरा +राम जूर जूर गारोरी गारोरी बेटा बिजोरा +बेट केन नौ महिना पेटो में समायो गारोरी बेटा +बेट केन नौ महिना पेटो में समायो गारोरी बेटा +बेटा के काचा ढूंढ खिलायो गार���री +बेटा के काचा ढूंढ खिलायो गारोरी +बेटा मे सूखा जगह सुलायो +बेटा मे सूखा जगह सुलायो +माय तो आला जगा सोइयो गारोरी +माय तो आला जगा सोइयो गारोरी +मेठा नी ढीबा जा बेटा बिजोरा गारोरी +मेठा नी ढीबा जा बेटा बिजोरा गारोरी +बेटा बिजोरा बूलू नी पालकी जा बेटा +बेटा बिजोरा बूलू नी पालकी जा बेटा +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"फाग गीत +झांज री झणकार में तो रोटा करती हुणी रे । +घूघरिया रो रणको में तो मोळो हुणियो रे , +छोरो थाकेलो । +हाँ रे छोरो थाकेलो , मेथी रो हंदाणो होदो रे +छोरो थाकेलो । +एक महिला रोटियाँ बनाते हुए फाग वालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करती है कि झाँझ की झँकार तो मुझे अच्छे सुनाई दे रही है , किन्तु नाचने वाले घुँघरुओं की आवाज से प्रतीत होता हे कि वह कमजोर है । उसके लिए मेथी दाने लड्डू बनाओ ताकि उसके पैरों में ताकत आये ।",bhili-bhb +"ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +साठ कळी रो घाघरो जी , कळी कळी में घेर +पैर बिचारा निसरे रुपया रो हो गयो ढेर +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +म्हे ढोला थाने घणी कही जी भक्तन के मत जाई , +टको लगावे गाँठ को जीरो लगाकर आई , +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +म्हे ढोला थाने घणी कही जी परदेसां मत जाये , +परदेसां की नारियां में मत न प्रीत लगाए , +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +जयपुर के बाज़ार में , पड्यो पेमली बोर , +नीची हुर उठावन लागी , पड्यो कमर में जोर , +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला",rajasthani-raj +"अणा बाने केसर उड़ीरयो +ऊना सा पाणी ठंडा वई रया रे +रामदेव जी रूणीजा में रे +ऊना सा भोजन ठंडा वई रया रे +रामदेव जी रूणीजा में रे +सुन्ना की झारी , गंगाजल पाणी +रामदेव जी रूणीजा में रे +सोने की सार , जड़ावे का पांसा +रामदेव जी रूणीजा में रे +पक्के जो पान , कलाई का चूना +रामदेव जी रूणीजा में रे",malvi-mup +"काले काँ माहिया (माहिया गीत) +काले काँ माहिया +बिछड़े सज्जनाँ दे +भुल्ल जांदे ने नाँ , माहिया भावार्थ -महाकवि ' ईसुरी ' अपनी प्रेयसी ' रजऊ ' की आँखों की प्रशंसा करते हुए कहते हैं — प्रिय रजऊ , तुम्हारी आँखें बेहद सुन्दर है�� इनको तुम घूँघट में ही छिपा लो । अभी तो मैंने दूर से देखी हैं लेकिन मानो वो कमल की पंखुड़ियों हैं । जिस दिन इन आँखों की चोट लगती है उस दिन हज़ारों लोग कराहते हैं । लेकिन मेरे प्रति जैसा प्रेम भाव अब रखे हो वैसा ही रखना ।",bundeli-bns -"ऐ महादेव जा ऐ महादेव -ऐ महादेव जा ऐ महादेव -महादेव म्याका राठो बावन दरवाजा -बावन कोरा आरुकेन जा महादेव रे -हे गोरा रे हे गोरा -आमानी डो ऊवा गोपटी टेन -बावन दरवाजा बावान कोटा जुकड़ी की डो गोरा बोले -हे महादेव ऐ महादेव -चोजा सन्टी बावन कोटा -बावन दरवाजा जुकड़ी ऐ जा महादेव रे +' काले काग हैं +बिछुड़े हुए प्रेमियों के +नाम भी भूल जाते हैं । '",panjabi-pan +"गढ़ परवत से उतरी देवी महाकालिका +गढ़ परवत से उतरी देवी महाकालिका +सिंघा को असवार , सदा मतवाली +पांवन बिछिया सोहता हो देवी महाकालिका +थारा अनबट से लगी रयो बाद सदा मतवाली हो +हाथ खड़ग खप्पर धारणी हो देवी महाकालिका +मद रो प्यालो हाथ सदा मतवाली हो",malvi-mup +"हरि हरि दुभिया सोहामन लागे हे +हरि हरि1 दुभिया2 सोहामन लागे हे । +फरि फरि3 दौना4 झुकि गेलइ हे ॥ 1 ॥ +घोड़वा दउड़यते अयलन दुलरइता दुलहा हे । +जिनखर5 अभरन6 अमोद7 लागे हे । +जिनखर पगिया8 केसर रँगे हे ॥ 2 ॥ +धाइ धुइ9 पइसल सुघइ सेजिया हे । +कहु धनि खेम10 कुसल हे । +चलहु धनि हमर देसवा हे ॥ 3 ॥ +हम कइसे जयबो परमु तोहर देसवा हे । +रोइ रोइ मइया मरि जयतइ हे ॥ 4 ॥ +कलपि11 कलपि बाबू रहि जयतन हे । +सँघवा12 के सखिया सँघे मोरा छूटि जयतइ हे । +कोरपिछुआ13 भइया रूसि जयतइ हे ॥ 5 ॥ +एतना बचनियाँ सुनि के दुलरइता दुलहा हे । +सुनु धनि बचन मोरा हे ॥ 6 ॥ +मइया मोरा होतो14 धनि तोहर मइया हे । +मोर बाबूजी तोर बाप हे । +मोर बहिनी होतो धनि तोहर सखिया हे । +मोर भुइया तोहर लहुरा15 देवर हे ॥ 7 ॥ +नइहरा के सुखबा परभु जी कइसे बिसरब हे । +उहाँ सुपती16 मउनी कइसे खेलब हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"आल्हा ऊदल +पड़ल नजरिया है पण्डो के देबी पर पड़ गैलि दिष्ट +रोए पण्डो इन्द्रासन में देबी सुनीं बात हमार +तीन मुलुक के तूँ मालिक देबी काहे रोवव् जार बेजार +तब ललकारे देबी बोली पण्डो सुनीं बात हमार +आइल बेटा जासर के बघ रुदल नाम धराय +सादी माँगे सानवा के वरिअरिया माँगे बियाह +जिब ना बाँचल मोर देबी के पण्डो जान बचाई मोर +एतनी बोली पण्डो सुन गैल पण्डो रोए मोती के लोर +थर थर काँपें कुल्हि पण्डो देबी सुनीं बात हमार +बरिया राजा बघ रुदल लोहन में बड़ चण्डाल +भार्गल देबी इंद्रासन से��� अब ना छूटल प्रान हमार +भागल देबी इन्द्रासन सें नैना गढ़ में गैल बनाय +बावन केवाड़ा का अण्डल में जेह में सोनवा सूति बनाय +लग चरपाइ चानिन के सोनन के पटरी लाग +चारों लौंड़ी चारों बगल में बीचे सानवा सूति बनाय +पान खवसिया पान लगावे केऊ हाथ जोड़ भैल ठाढ़ +केऊ तो लौंड़ी जुड़वा खोले केऊ पानी लेहले बाय +ओहि समन्तर देबी पहुँचल सोनवा कन पहुँचल बाय +लै सपनावे रानी के सोनवा सुनीं बात हमार +आइल राजा बघ रुदल फुलवारी में डेरा गिरौले बाय +माँगै बिअहवा जब सोनवा के बरिअरिया माँगैं बियाह",bhojpuri-bho +"के दुःख री तन्नै सास का, के तेरे पिया परदेस +के दुःख री तन्नै सास का , के तेरे पिया परदेस । +ना दुःख री मन्नै सास का , कोए ना मेरे पिया परदेस । +एक दुःख री मन्नै कोख का , कोए या मेरे मारै सै मान । +तेरे री बाहण के सात पुत्तर , कोए एक उधारा जै लेय । +सुन्नै री चांदी मिलैंसे उधारे , कोए लाल उधारे ना देय । +गेहूं चावल मिलैंसे उधारे , कोए लाल उधारे न देय । +मेरे पिछोकड़े खात्ती का , कोए ल्याऊं छुरीअ घड़वाय । +चीरूं ए फोडूं या कोख नै , या कोए मेरे मारै सै मान । +खाल कढ़ा के भूस भराऊं , कोए भुस में दिला द्यूंगी आग । +बारह बरस में कोख बाहुड़ी , जनमे सैं अरजन सरजन से लाल । +सास बुलाऊं नणद बुलाऊं कोए नेग दिलाद्यूं जी आज ।",haryanvi-bgc +"सोरही गइया के गोबरे आँगन गहागहो लीपल हे +सोरही गइया के गोबरे आँगन गहागहो लीपल हे । +गजमोती1 चउका पुरायम2 त राम अइहें दोंगा करे हे ॥ 1 ॥ +लालिय3 पट केर जाजिम , झारि4 बिछायम5 हे । +काटब खरही6 के बाँस त कोहबर बनायम7 हे ॥ 2 ॥ +चनन खाट बिनायम8 झालर लगायम हे । +मानिक दियरा बरायम , राम अइहें दोंगा करे हे ॥ 3 ॥ +केकर सोभहे पगड़िया , त केकर चुनरिया सोभे हे । +रामजी के सोभहे पगड़िया , त सिया के चुनर सोभे हे ॥ 4 ॥ +जोड़े जोड़े होवहे9 मिलान10 लगन अगुआयल11 हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो +ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो +एक न्हाणा न्हाण आले दो जणै +न्हा न्हा मस्त हुए कोए दिन याद करो +एक खाणा खाण आले दो जणै +खाए खाए मस्त हुए कोए दिन याद करो +ये जुल्मी नैण बुरे कोए दिन याद करो",haryanvi-bgc +"325 +पकड़ ढाल तलवार क्यों गिरद होईए मथा मुनीए करम अभागीए नी +चैंचल हारीये डारिये जंग बाजे छिपर नकीए बुरे दिये लागीए नी +फसाद दी फौज दी पेशवा1 हैं ते शैतान दे लक तड़ागीए नी +असीं जटियां नाल जे झेड़ करीए दुख जूह दे फकर क्यों झागीए नी +मथा डाह नाहीं आ छड पिछा भजे जांदे मगर ना लागीए नी +वारस शाह फकीर दे कदम फड़िये अते किबर हंकार नूं तयागीए नी",panjabi-pan +"लग्नाची गाणी +1 . +विहीणबाईची करणी बघा मग बंधूला लेक मागा +विहीण मागते थोड थोड नवर्या बाळाला कंठी तोड +त्या ग कंठीच सोन फिक्क बंधु कंगण्या जोग रुप +त्या ग कंगण्या पडल्या काळ्या बंधु आणा हो वेलबाळ्या +वेलबाळ्याला बाजूबंद चोळी पातळ मला दंड +त्या ग पातळाची निरी निरी रुतते माझे पोटी +बंधू आणा हो लाल लाल दाटी +लाल लाल दाटीचा पिवळा सर +बंधु लावा वो वर भिंग +2 . +अहो अहो विहीणबाई +आमचे मागणे काही नाही +आमचे मागणे थोडे थोडे +नवर्या मुलीला पैंजणतोडे +पैंजण जोडव्यांची हौस फार +नवर्या मुलीला चद्रहार +चंद्रहाराची हौस मोठी +नवर्या मुलीला चिंचपेटी +चिंचपेटीला मोती थोडे +नवर्या मुलीला हत्तीघोडे +हत्तीघोडयावर बसती +गावाकडे दोघे जाती +आई पाहते खिडकीतून +बाप पाहतो दारातून +भाऊ पहातो ओटयावरुन +हरणी गेली कडल्यातून +ज्याची होती त्यान नेली +आमची माया वाया गेली +3 . +विहीणबाई , विहीणबाई , राग मनातला सोडा +गोरी गोरी वरमाय +तिचे नाजुक पिवळे पाय +गव्हा तांदळान भरल्या कोठया +खोबर्या नारळान मी भरीते ओटया +खणा नारळान मी भरीते ओटया +विहीणबाई राग मनातला सोडा +जेवण झाल्यावर हात चोळते साखरीन +दात कोरते लवंगान +घंगाळी रुपये तुम्ही घाला +विहीणबाई राग मनातला सोडा +रेशमी पायघडयावरुन मिरवा +विहीणबाई राग मनातला सोडा +मोठया लोकांचा नवरदेव सासरी रुसला +कंठी गोफासाठी जानोसी बसला +नवरदेवाच्या जोरावर सवाष्णी मागती जानोसा +चिरेबंदी वाडा त्यात जोडीनी हो बसा",marathi-mar +"इनी धरती आदो नींपज्यो आदा का चिकणा ते पान जी +इनी धरती आदो नींपज्यो , आदा का चिकणा ते पान जी । +इनी कूक दुल्लवजी नींपज्या , माँगऽ माँग छे कन्या को दानजी । +कन्या को दान ते बाबुल बहोत दोयलो , +मूरख सी दियो नी जाय । +लड़की कांय खऽ पाळई रे बाबुल , कांय खऽ पोसी , +कांय खऽ पायो जी काचो दूध । । +माया खऽ पाळई रे बाबुल , माया खऽ पोसी , +माया खऽ पायो काचो दूध जी । +चरवो भी दियो रे बाबूल , गंगाळ भी दीनी , +तो भी नी समझ्या दयालजी ।",nimadi-noe +"64 +तुसां जेहे माशूक जे थीन राजी मंगू1 नयनां दी धार विच चारीये नी +नयनां तेरियां दे असीं चाक होये जिवें जीऊ मन्ने तिवें सारीये नी +किथों गल कीजे नित नाल तुसां कोई बैठ विचार विचारीये नी +गल घत जंजाल खंगाल मोरें जा त्रिजणी बड़ें कुआरीये नी",panjabi-pan +"हारा रे मोरे भाई नाथ मै +हारा रे मोरे भाई नाथ मै , +हारा रे मोरे भाई +१ एक बंद ढूंढा सकल बंद ढूंढा , +ढूंढत ढूंढत हारा +तीरथ धाम हम सब ढूंढी आया +प्रभू मिले घटमाही . . . +नाथ मै हारा रे . . . +२ नही मेरा यारा नही मेरा प्यारा , +नही मेरा बन्धू भाई +तुम बिन मोहे कोण उभारे +लेवो बाव पसारी . . . +नाथ मै हारा रे . . . +३ प्राण बाण सब छुटण लागे , +मन भयो भय भारी +प्रेम कटारी लगी हिरदे मे +ऊबौ हुयो नही जाय . . . +नाथ मै हारा रे . . . +४ नही हम इस पार नही हम उस पार , +सागर भरीयो अपार +बिना मंऊत यो शीर डुबत है +कुंज डुब्यो जल माही . . . +नाथ मै हारा रे . . . +५ दिन दयाल कृपा करो हम पर , +गरीब नू काज सुधारो +कहत कबीरा सुणो भाई साधू +जोत म जोत समाणी . . . +नाथ मै हारा रे . . .",nimadi-noe +"बनी का सासरिया सी हो +बनी का सासरिया सी हो +बनी जी टीका आई र्ह्याज +, टीको पेर्यों क्योनी +राज बना जी न +काई हट मांड्यो +राजम्हारी सकलाई रो +तोड़ो , म्हारी बिंदी रो +अकोडो , म्हारा दुई हथ +लसरा मोती , तुम पर वारू +म्हारो जीव बनी जी न काई +हट मांड्यो राज बनी का +सासरिया +सी हो . . . . . . . . . . . . बनी का +सासरिया सी हो बनी जी +हार आई रह्याज , बनी का +सासरिया सी हो बनिजी +कंगन आई र्ह्याज , बनी का +सासरिया सी हो बनी जी +चम्पक आई +रह्याज , बनी का सासरिया +सी हो बनी जी चुन्द्ड आई +र्ह्याज , चूंदर पेरो +क्यो नी राज बनी +जी न काई हट मांड्यो +राजम्हारी साकलाई रो +तोड़ो , म्हारी बीदी रो +अकोडो , म्हारा +दुई हथ लसर मोती , तुम पर +वारू म्हारो जीव , बनी जी +न कई हट मांड्यो राज ।",nimadi-noe +"दोनू हाथ्थाँ के म्हाँ ले री लोटा पाणी का +दोनू हाथ्थाँ के म्हाँ लेरी लोटा पाणी का +सूरज को जल देते देख्या रूप सेठाणी का . . .",haryanvi-bgc +"जसी +रूप आगलि1 होली वा धर्मावती राणी , +रूप आगलि होली सेली2 सीतली3 । +भुका देखीक बा खाणू नी खांदी , +नांगा देखीक बस्तर नी लांदी । +जनी4 छई राणी बल तनी छयो राजा , +दान्यों मा दानी होलो बल हरिचन्द राजा , +रिंगदी5 डिंड्याली6 छै जैकी उड़दी7 अटाली8 , +धारु9 गरुड़े10 छै जैकी गाडू11 घटूडे12 । +ढुंगा13 जसो धन छयो मेघ जसो मन , +गाडू का ढुंगा पूजीन राजान , धारु का मशाण , +पर राजा का घर बेटा नी जरमे । +तब सुमरदो राजा पंचनाम देव , +जरमी गए नौनी एक वैकी देवतौं का वर न । +बुलौन्द राजा गया का बरमा14 , काशी का पंडित +तुम मेरा बरमो , देखा मेरी कन्या को राश भाग ? +भली होये नौनी तेरी राजा जसीली15 , जसी नौ16 की । +जौन17 सी टुकड़ी नौनी , फ्यूँलीसी कोंपली । +सेरा18 का बीच जना साट्य��ं19 की बोटली , +तनी कबलांदी20 डालीसी वा ह्वै सुघर तरुणी । +वीरुवा भण्डारी होलो भडू मा को भड़ , +नौं को ही बीर छयो बड़ा बाबू को बेटा । +लम्बी भुजा छई वैकी चौड़ी छई छाती , +वीरुवा भण्डारी वांको होलो ज्वान । +व्यौं की बात होये ढोल बज्या खुशी का , +नारैण आये लगसमी21 व्याण , +मादेवन जनी पारवती पाये । +वीरुवा जसी की बांधेणे मलेऊ22 जसी जोड़ी । +अगासन23 जोन24 पाये फूल तै मिले भौंर । +धरती तै स्वाग25 मिले , मनखी तैं भाग । +तब जसी बीरुवा को ह्वैगे माछी पाणी ज्यू , +एका बिना हैका26 नी खांदो , +एक बिना हैको नी रन्दो । +द्वि होला वो पर एकी होलो शरील । +धातुओं मा सोनू जनो होन्द जसी +तनी नारियों मा वा होली नार । +मायान27 लुपटाणे जिकुड़ी वीं की , +शर्त28 मा जनी होन्दी माखी29 +घर बार भूले बीरुवा भूले संगसार । +तब एक दिन वै सुपिनो ह्वै गये +सुपिना मा अपणो बुबा30 देखे वैन +चचड़ैक31 बैठे वीरु , भिबड़ेक32 बैठे । +मैं जान्दू गया जसी राणी , +मैंकू बणाऊं कलेऊ , गाड33 वस्तर मेरा । +तेरी माया34 मेरा दगड़ी35 ईश्वर कीसी छाँया । +मैना36 दुय्येक37 मा घर औलो , +आँगड़ी38 टालखी39 त्वैक लौंलो +रोन्दी दणमण40 तब जसी नारी , +तुम होला स्वामी मेरा सिर का छतर , +गला की माला होला , स्वाग की बेन्दी +छुड़ाये भण्डारीन वीं की अंग्वाल , +तब भण्डारी गया गैगे । +रातू की सेन्दी नी जसी तब , दिनू कू खांदी नी । +लांदी नी वा पैरेन्दी नी च , +वीं क तैं बस सोच एक ही होई च । +मैंलो ह्वैगे घुमैलो रूप वीं को , +फूल नी अलसै वा , घूल जसी ह्वैगे । +सासू छै वीं की पावती , +व्वारी41 देखी वीं की आँखी होंदी छई लाल , +ईन करे मेरा नौना पर जाप42 , +बै का नौ अब बै43 नी बोदो , +पूत पालीक होई ब्वारी भौंदो44 । +दांत किटकारी सासू कालसी भिटगदी45 । +भ्वाँ 46 तड़गे47 तमानो48 नी च ईं को , +अभागी राँड की जाई49 या , +पाणी तक को स्वारी50 नी भरोसो जैंको । +हलकदी51 ढलकदी तब एक दिन जसी , +पाणी पंद्यारा52 पैटे53 । +लोसेन्दी54 घाघुरी पैरी वींन , सूवापंखी55 धरे । +हिंवालू56 मा नन्दा जसी गागर लीक पाणीक गैगे । +पैटीन दीदी भुली चौदिशा बिटा57 +बीच मा चलदी जसी गैणी58 जनो59 । +दगड़ा60 दगड़याणी घर ऐन वर , +जसी पंद्यारा नहेन्दी च धोयेन्दी खूब कैकी । +तब हेरदे61 वा छैलुड़ी62 वा पाणी मांग63 , +दुई छैल64 देखीक वा चौदिशा नजर लांदी ।",garhwali-gbm +"रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय मारे +रुमूकू झूमूकू कोन्जय मारे +माय कोन��जय राजो +माय कोन्जय राजो +दिना का निकालयो ताता पानी से जिमी लेवा +दिना का निकालयो ताता पानी से जिमी लेवा +माय कि मोनई राजो का दिन का बासी पानी से मुँह धोवे +माय कि मोनई राजो का दिन का बासी पानी से मुँह धोवे +रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय मारे +रुमूकू झूमूकू कोन्जय मारे स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq -"मैया जब मैं घर से चलूँ -मैया जब मैं घर से चलूँ बुलामें घर में ग्वालिन मोय ॥ -अचक हाथ कौ झालौ देकै , मीठी बोलें देवर कह कैं । -निधरक है जाँय साँकर देके ॥ -दोहा झपट उतारें काछनी , मुरली लेंय छिनाय । -मैं बालक ये धींगरी , मेरी कहा बसाय ॥ -आपहु नाचैं मोय नचावें , कहा बताऊँ तोय ॥ 1 ॥ -मैं भोरौ ये चतुर गुजरिया , एक दिन लेगई पकरि उँगरिया , -फूटीसी याकी राम कुठरिया । -दोहा धरी मटुकिया मो निकट , माखन की तत्काल । -माखन दूँगी घनों सौ , चींटी बीनौ लाल ॥ -मैंने याकी चींटी बीनी , ये पति संग गई सोय ॥ 2 ॥ -एक दिना पनघट पे मैया , मैं बैठौएक दु्रम की छैंया , -ढिंग बैठ्यो बलदाऊ भैया । -दोहा लै पहुँची वहाँ गागरी , रिपटौ याकौ पाम । -मेरे गोहन पड़ गई , धक्का दीनों श्याम ॥ -गुलचा दे दे लाल किये , मैं ठाड़ौ रह्यौ रोय ॥ 3 ॥ -तेरे मोंह पै करें बढ़ाई , बाहर निकसत करैं बुराई , -ऐसी ब्रज की ढीठ लुगाई । -दोहा इनकौ पतियारौ करे , मैं झूठौ ये शाह । -चोर नाम मेरौ धरौ , होन न दिंगी ब्याह ॥ -मोते इनने ऐसी कीनी , जैसी करै न कोय ॥ 4 ॥",braj-bra -"154 -महर देखके दोहां इकठयां नूं गुस्सा खायके होया ई रत बन्नां -एह देखो अपराध खुदाय दा ए बेले विच अकलियां फिरन रन्नां -अखीं नीवियां रख के ठुमक चली कछेमार के चूरी दा थाल छन्नां -चूचक आखया रख तूं जमा खातर तेरे सोटयां दे नाल लिंग भन्नां",panjabi-pan -"कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ -कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ -मालिक मेरे ने बाग लुआया , -खूब खिलीं कलिएँ -कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ -मौतमलिन फिरै बाग मैं , -हात लई डलिए -कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ -कचे पाकाँ की सैर नै जानी , -तोड़ रई कलिएँ -कोई तौ दिन हाँड़ लै गलिएँ -भावार्थ -' जीवन की इन गलियों में कुछ दिन और बिता ले , रे जीव मालिक ने यह बाग लगाया है , ख़ूब कलियाँ -खिली हैं इस बाग में । कुछ और दिन जी ले । अपने हाथ में टोकरी लिए मौत रूपी मालिन इस बाग में घूम रही -है । जीवन , बस , कुछ ही दिन और शेष है । वह मौत रूपी मालिन कच्चे और पक्के में कोई भेद नहीं करती , -खिली और अधखिली कली का अन्तर उसे पता नहीं है , वह तो वे सब कलियाँ तोड़ लेती है , जो उसके हाथ लगती -हैं । कुछ और दिन घूम ले तू इन गलियों में , ओ जीव '",haryanvi-bgc -"बिराजे आज सरजू तीर -बिराजे आज सरजू तीर -चौकी चारु भनिन मय राजे , -तापर सिया रघुबीर । । बिराजे . . . -जनक लली दमिनि अति सुन्दर , -पिय धन श्याम शरीर । -पीताम्बर पट उत छवि छाजत , -इत नीलाम्बरचीर । । बिराजे . . . -सिय सिर सुभग चन्द्रिका झलकत , -उत कलगी मंदीर । । -पिय कर वाम सिया हैं सोहे , -दाहिन कर धनु तीर । । बिराजे . . . -मृदु मुसकात बतात परस्पर , -हरत हृदय की पीर । । -कंचन कुंअरि निरखि यह शोभा , -रहो न तनमन धीर । । बिराजे . . .",bundeli-bns +"324 +अनी सुणो भैणां कोई जट जोगी वडा जूठ भारा किसे गांव दा नी +झगड़ैल मरकनां घंड हूझर चरकटा जेहा किसे थांव दा नी +परदेसियां दी नही डौल दिसदी एह तां वाकफ है हीर दे नांवदा नी +गल आख के हथां ते पवे मुकर आप लांवदा आप बुझांवदा नी +हुणे भन्न खपर तोड़े सेलियां नूं नाल जटां दी जूड़ खुहांवदा नी +जे मैं उठ के पान पत लाह सुटां कौन पैंच एह किस गरांव दा नी +अखे डूम मोची अखे ढंड कंजर अखे चूहड़ा किसे सराउंदा नी +वारस शाह मियां वाह ला रहियां एह तां झगड़यों बाज ना आंवदा नी",panjabi-pan +"तू देख बीबी राधिके! यह कैसे वर आये +तू देख बीबी राधिके यह कैसे वर आये +चांद नहीं आए सूरज नहीं आये +हाथी के हौदे आहा हाथी के हौदे +ये तो आप सिरी किसन वर आये +सीस मुकट उनके सोहै मुख पे सोहै सेहरा +साथ में उनके चार दल आये +ढम ढम बजती बरात भी लाये +तू देख बीबी राधिके यह कैसे वर आये",haryanvi-bgc +"उड़दो उड़दो तावी पार उड़दो +उड़दो उड़दो तावी पार उड़दो +उड़दो उड़दो तावी पार उड़दो +डाडा रे तावी फेरे उड़दो +डाडा रे तावी फेरे उड़दो +सोने की गोपनी मारयो +सोने की गोपनी मारयो +नीला होरिया दानादाना +नीला होरिया दानादाना +डाडा रे नीला होरिया दानादाना +डाडा रे नीला होरिया दानादाना +ऊपर तेरे मण्डवा नीचे तेरे जोदेड़ा +ऊपर तेरे मण्डवा नीचे तेरे जोदेड़ा +डाडा रे नीचे तेरे जोदड़ा रे +डाडा रे नीचे तेरे जोदड़ा रे +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"जग में बिना यार कौ को है? +जग में बिना यार कौ को है ? +मिलै सो भाग बदौ है । +एक यार आमद के पाछै , +धनके संग लगौ है । +एक यार दये प्रान प्रेम मैं +प्रीत की कौन फंसौ हैं । +एक यार बिच धार वहा कैं +बीचइ छाड़ भगो है । +जे सब यार देखकें ईसुर +मो मन भौत हँसौ है ।",bundeli-bns +"कोसी के माँग में टीका शोभत है +कोसी के माँग में टीका शोभत है +सिनुरा सोहत अजब रंग हे कोसी माय +खेलते हैं चैहटिया । +खेलत है चैहटिया हे कोसीमाय +ओढ़त है ओढ़निया +कोसी के गला में हँसुली सोभत है +हरवा सोहत अजब रंग हे कोसीमाय +खेलत हैं चैहटिया । +कोसी के बाँहि में बाजुआ सोभत है +बजुआ सोहत अजब रंग हे कोसी माय +खेलत हें चैहटिया । +कोसी के पहुँचा में चुड़िया सोभत है +चुड़िया सोभत अजब रंग हे कोसी माय +खेलत हैं चैहटिया । +कोसी के डाँड़ में घघरा सोभत है +घघरा सोभत अजब रंग हे कोसीमाय +खेलत हैं चैहटिया । +कोसी के पैर में पायल सोभत है +पायल सोभत अजब रंग हे कोसी माय +खेलत हैं चैहटिया । +खेलत है चैहटिया हे कोसिका +आढ़त है ओढ़नियाँ ।",angika-anp +"560 +रांझे आखया सोहनी रंन डिठी मगर लग मेरे आ घेरया ने +नठा खौफ थीं एह हन देस वाले वेखो कटक अज गैब दा छेड़या ने +पंजां पीरां दी एह मजावरनी1 ए एहनां किधरों साक सहेड़या ने +सभा राजयां रानयां धक छडया तेरे मुलक विच आनके छोड़या ने +देखो विच दरबार दे झूठ बोलन एह वडा ही फेड़ना फेड़या ने +मजरूह2 सां गमां दे नाल भरया मेरा अलड़ा घाओ उचेड़या ने +कोई रोज जहान ते वाओ लैनी मैंनूं मार के चा खदेड़या ने +आप वारसी बने इस बहूटड़ी दे मेरे संग दा संग नखेड़या ने +राजा आखदा करां मैं कतल सारे तेरी चीज नूं जरा जे छेड़या ने +सच आख तूं मारके करां पुरजे कोई बुरा जे एस नाल फेड़या ने",panjabi-pan +"497 +लुड़ गई जे मैं रतड़ पाट चली कुड़ियां पिंड दिया अज दीवानियां ने +चोचे1 लांदियां धीयां पराइयां नूं वेदरद ते अंत वेगानियां ने +मैं वेदोश अते वेखबर ताई रंग रंग दियां लांदियां कानियां2 ने +मसत फिरन उनमाद3 दे नाल भरियां चेडो चला चलन मसतानियां ने",panjabi-pan +"सूरजो जा सूरजो +सूरजो जा सूरजो +सूरजो जा सूरजो +सूरजो आमा टावटेन इये आजेवा सूरजो +सूरजो आमा टावटेन इये आजेवा सूरजो +मेगनई डो मेगनई +मेगनई डो मेगनई +मेगनई इयां टावटेन बाकी आजे डो मेगनई +मेगनई इयां टावटेन बाकी आजे डो मेगनई +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मकड़ाई",korku-kfq +"बाबल साहब की बांकी हवेली +बाबल साहब की बांकी हवेली +जिस मैं चार अम्बारिआं +बाबै साहेब की ऊंची हवेली +जिस में चार अम्बारिआं +पहली मैं म्हारी लाडो दिवला जगत है +दूजी में लोटा झारिआं +तीजी अम्बारी लाडो सुनरा घड़त है +चौथी में पाट बलाइआं",haryanvi-bgc +"चन्द्रावली हरण +द्वारिका मा लै गैन कृष्ण घणी1 सभा , +कबीर कमाल बैठ्या , नारद मुनिरिषि । +कछड़ी2 बैठी गैन कृष्ण का सूरदास +अंतरजामी कृष्ण को अंतरध्यान होइगे +सुकली3 कोठड़ियों लगी सुतरी4 पलंग , +सुतरी पलंग गेलुवा5 विछोणा । +तख कृष्ण बैठी छई सत्यभामा राणी , +दूध केला , छई राणी रुकमणी । +राणी रुकमणी प्रभो , इना बैन बोलदी +तुम बतावा बांदो6 , प्रभु मैं बतौलू बैखू7 । +द्वारिका नारैण कृष्ण पूछण लै गैन +बतावा रुकमणी बैखू मा बैख +तुम बतावा बैखू , मैं बतौलू बांदू । +हां बैखू मा8 बैख होलू सांवलो नारैण +मैंन बतैन बैख प्रभु , तुम बतावा बाँदू । +बांदू मा की बांद इन्दर की परी । +मैं सी रूपवंती सी न भुंच्यान9 ज्वानी10 , +सबू से रूपवंती मेरी बैण11 चन्द्रावली । +चन्द्रगढ़ मा रंदी बैण चन्द्रावली +तैंका रूपन सूरज धुमैलो12 , +रूप की बातुली13 होली बाली चन्द्रावली । +तब समझलू मैं तुम रौलू को रौतूलो , +जब बेवैक14 लाला मेरी बैणी चन्द्रा । +द्वारिका ठाकुर खरो दीलो आणो15 । +तब मेरा नारैण कृष्ण पूछा लैगैन +बतावा रुकमणी तुम खरो मनसूबो , +कनकैक बिवै ल्यौण तेरी बैण चन्द्रा । +तुम बणा भगवान बद्री16 का फेरवाल17 , +तब जावा नारैण चन्द्रावली गढ़ । +अपणी चाडी18 को कृष्ण ब्रम तिलक पैरी , +कृष्ण तब बणी गेन फग्वाल । +मातमी फेग्वाल छऊँ , टीका पैन्याला चंदन । +सूणी चन्द्रान बोलण लैगे । +जा दू स्वांरा19 चेली20 , टीको लौ परसाद +तब जांदी स्वांरा चेली फेग्वाल का पास , +तेरा हात चेली , मैं टीकू नी देन्दू +टीकोपरसाद द्यूलो राणीबौराण्यों21 , +टीकोपरसाद द्यूलो पदों का डोलौ22 । +स्वांरा चेली जांदी चन्द्रावली का पास , +नी देन्दू फेग्वाल वो टीको चन्दन । +राणी चन्द्रावली तब बोलण लै गैन : +वो फेग्वाल नी छ , वो छ द्वारिका नारैण । +द्वारिका भेना की तेरी जोई23 राँड ह्वान । +तब मेरा नारैण ऐगे24 श्रवण25 द्वारिका +बतौवा रुकमणी हैकौ मनसूबा , +कनकैक26 बेवैक27 ल्यौणे तुमारी वैण चन्द्रावली ? +तुम धरा नारैण छोरा28 को भेष , +चन्द्रावली का सात तुम नौकर होई जावा । +गरीब गता29 करे कृष्णन , चीरी30 लत्ता31 । +तब जांद कृष्ण चन्द्रावली का गढ़ । +मैं गरीब छौरा छौं क्वी नौकर धन्याला । +इनू पूछद सुँवार , तू नयो छोरा छई , +तिन32 तनखा क्या लेण ? +हजार बैठण की ल्यूलो , हजार उठण की । +इनू पूँछ सुँवार , तिन काम क्या देण ? +पेन्दो33 बाछलो34 न पकड़ौं , +रोन्दो बच्चा नी थामौं । +नौकर छोरा नी यो , यो छ द्वारिका को भेना । +द्वारिका भेना , तेरी जोई रांड ह्वान । +तब कृष्ण भगवान निराश ह्वैक , +लुबड्याँदी35 ��ौणी36 , तिरछी मोणी37 , +श्रवण द्वारिका लौटीक आई । +हे रुकमणी , मेरी कनी फजीती होई +कुनकै38 बेवैक39 लयौण राणी चन्द्रावली ? +दया ऐगे तब राणी रुकमणी , +तुम धरा विष्णु रुकमणी को रूप । +तु जावा नारैण त चन्द्रागढ़ , +चन्द्रावली मा बोल्यान40 तुम रोइक +तेरो भेना41 चन्द्रा , स्वर्गवासी ह्वैन +आज भुली42 चन्द्रावली तेरी दीदी राँड ह्वैगे । +दणमण43 आँसू धोल्यान44 तुम , +तोई छोड़ी भली , कुई आसरो नी मेरो । +अपणी चाड़ी45 को भगवान धरे रुकमणी को रूप , +स्वाग46 उतारे , वणी गैन रांड +पहुँचीने भगवान चन्द्रा का भौन47 । +छोड़दे पथेणा48 नेतर49 रांग जसा बुंद , +आज भुली चन्द्रा , मैं रांड होई गयूं । +तेरो भेना कृष्ण स्वर्गवास ह्वै गैन । +सेवा लगौंदी बैणी तैं तब चन्द्रावली , +लीगे गुप्त कोठड्यों सुतरो50 पलंग । +गेलम51 बिछौणा , सुकला भौन । +रातुड़ी52 समै53 होय संझा की बेला , +होई गये देवतौं की देवा54 देन्दी बगत । +मेवा मिष्टान भोजन खलौंदी वा , +सेई गैन तब कृष्ण भगवान । +चन्द्रावली वीं रात नींद नी आई , +देखदी रै वा रुकमणी बैणी । +तबरेक55 वीं को ढक्याण56 फरके +ढबरियाली57 पीठ देखी वीन कंकरियालो58 माथो , +जजरियालो59 गात देखे नौन्याली आतमा । +देवी चन्द्रावली का मन सुभा60 पड़ीगे । +यात होली आतमा बैख को , +देवी चन्द्रावलीन सर्सूं को रूप धरे । +आफू तब कृष्ण भौंर रूप होइगे । +चन्द्रावली न सर्सू61 को रूप छोड़े , +पोथला62 को रूप धरे । +अगाड़ी63 पोथली भागदे , पिछाड़ी द्वारिका नारैण भौंर64 +चन्द्रावली पौछीगे65 नारैण जमुनी66 छाल67 , +चन्द्रावली बणी गए पाणी की माछी , +कृष्णन तबारे ही ओद68 को रूप धरियाले । +हे कृष्ण मच्छी पकड़ी लैगीन छाला । +तब भगवान प्रकट होई गैन , +मोर मुकुट पैरे , गाडे69 मोहन मुरली । +देवी चन्द्रावली देखदी ही रै गए । +तब जंदेऊ70 लगौंदी स्या +अपण भेना कृष्ण । +तब सजे भगवान औंला71 सरी डोला । +पंचनाम देवता ऐन , देवी पार्वती ऐन , +कुन्ती , द्रोपदी मांगल गांदी",garhwali-gbm +"अमर बेल उदय पै छाई +अमर बेल उदय पै छाई +जिस तलै म्हारी लाडो खेलण आई +हंस के उसके दादा ने गोद खिलाई +कहो म्हारी लाडो किसा बर ढूंढा +काला मत ढूंडो कुल ना लजावै +भूरा मत ढूंडो जलदी पसीजै +ओच्छा मत ढूंडो सब दिन खोटा +लम्बा मत ढूंडो सांगर तोडै +इसा बर ढूंडो जिसी थारी लाडो +कंवर कन्हीया मथुरा का बासी",haryanvi-bgc +"बना सोया महाराज जगाये सखी +बना सोया महाराज जगाये सखी । +तेरे सेहरे में लगी अनार की कली , हीरे लाल बड़ी ॥ 1 ॥ +तेरे जोड़े1 ���ें लागी अनार की कली , कचनार की कली । +बना सोया महाराज जगाये सखी ॥ 2 ॥ +तेरे बीड़े में लागी अनार की कली , कचनार की कली । +बना सोया महाराज जगाये सखी ॥ 3 ॥ +मेरे लाड़ो में लागी अनार की कली , हीरे लाल जड़ी । +बना सोया महाराज जगाये सखी ॥ 4 ॥",magahi-mag +"इकली घेरी बन में आय +इकली घेरी बन में आय श्याम तैनें कैसी ठानी रे ॥ टेक +श्याम मोय वृन्दान जानौ , लौट कैं बरसाने आनौ । +मेरे कर जोरी की मानो । +जो मोय होय अबेर लड़े घर नन्दजिठानी रे ॥ इकली . . . +ग्वालिनी मैं समझाऊँ तोय , दान तू दधि कौ देजा मोय । +तभी ग्वालिन जाने दऊँ तोय । +जो तू नाहीं करै होय तेरी ऐंचातानी रे ॥ इकलीकृ +दान हम कबहूँ नाँय दीयौ , रोक मेरौ मारग क्यों लीयौ । +बहुत सौ ऊधम तुम कीयौ । +आज तलक या ब्रजमें ऐसौ कोई भयो न दानी रे ॥ इकली . +ग्वालिनी बातन रही बनाय , ग्वाल बालन कू लउँ बुलाय । +तेरौ सब दधि माखन लुटि जाय +इठलावै तू नारि , छाय रही तोकू ज्वानी रे ॥ इकली . . . +कंस राजा पर करूँ पुकार , पकर बँधवाय दिवाऊँ मार । +तेरी सब ठकुराई देय निकार । +जुल्म करे न डरे तके तू नारि बिरानी रे ॥ इकली . . . +कंस का खसम लगै तेरौ , मार के कर दउँगो केरौ । +वाई कूँ जन्म भयो मेरौ । +करूँ कंस निर्बंस मैंट दउँ नाम निशानी रे ॥ इकली . . . +आय गए तने में सब ग्वाल , पड़े आँखन में डोरा लाल । +झूम के चलें अदाँ की चाल +लुट गई ग्वालिन मारग में , घर गई खिसियानी रे ॥ इकली . . . +करी लीला जो श्यामाश्याम , कौन वरनन कर सकै तमाम । +करूँ बलिहार सभी ब्रजधाम । +कहते ”घासीराम“ नन्द कौ है सैलानी रे ॥ इकली . . .",braj-bra +"गाढ़ो जोती न रणु बाई आया +गाढ़ो जोती न रणु बाई आया +यो गोडो कुण छोड़ोवे +गाढ़ो छोज्ञावे ईश्वरजी हो राजा +वे थारी सेवा संभाले +सेवा संभाले माता अगड़ घड़ावे , सासरिये पोचावे +सासरिये नहीं जाँवा म्हारी माता पिपरिया में रे वां +भाई खिलावां भतीजा खिलावां , तो भावज रा गुण गांवा",rajasthani-raj +"एक जाट और एक जाटणी बालक बनायो +एक जाट और एक जाटणी बालक बनायो +काई खोट बाबा ने बालक पे धप्प जमायो +बालक रोमत रोमत अपनी महतारी पै आयो +क्यों बालक मार्यो बालम बड़े दुखन्तु जायो +या में मेरो साझा ना है सुन आच्छा मारूंगा +अबे तबे बोलेगी दारी तोहे भी झारूंगा +तीन महीने लौं मोहे सूखी लियो हवकाई +उठे कमर में दरद देख मेरे पीछे बैठी दाई +मेरे बड़े परेखे आवैं मारैं माल लुगाई +कुनबा तो खाबे चुपरी चीकनी तने गोला खांड उड़ाई +इन मालन में आग लगादे तूं दो इक बालक करले +खबरदार जो तने बालक के हाथ लगायो +हरसुख कहै या में मेरो साझो घणो बतायो",haryanvi-bgc +"कुरड़ी कूड़ा मां गेरती, कुरड़ी लागी आग +कुरड़ी कूड़ा मां गेरती , कुरड़ी लागी आग +जोबन झरवै मां एकला +धोती आई सूकती यो बाहमण आया लणिहार +जोबन झरवै मां एकला +नां जां नां जां मां सासरे इस बाहमणे की साथ +जोबन झरवै मां एकला +लाठी आई बाजती यो ससुरा आया लणिहार +जोबन झरवै मां एकला +नां जां नां जां मां सासरे इस बुड्ढे के साथ +जोबन झरवै मां एकला +हाथी आया झूमता पिया आए लणिहार +जोबन झरवै मां एकला +जां गी जां गी मां सासरे इस प्रीतम के साथ +जोबन झरवै मां एकला",haryanvi-bgc +"आठ सयँ बाजन मोरा नइहर बाजे, आठ सयँ सासुर हे +आठ सयँ बाजन1 मोरा नइहर बाजे , आठ सयँ सासुर2 हे । +ललना , सोरह सयँ बजर दरबजवा , 3 अलबेला नहीं जागए हे ॥ 1 ॥ +कतेक नीन4 सोव हऽ तू साहेब , अउरू सिर साहेब हे । +चूरी फेंकि मारली , नेपुर5 फेंकि , अउरो कँगन फंेकि हे । +सोरहो आभरन फेंकि मारली , अलबेला नहीं जागल हे ॥ 2 ॥ +हम तो जनली6 रामजी बेटा देतन , बेटिया जलम लेलक हे । +ललना , सेहो सुनि सासु रिसियायल , 7 अउरो गोसियायल8 हे । +सासुजी , तरबो9 चटइया नहीं दीहलन , पलँग मोर छीनि लेलन हे ॥ 3 ॥ +हम तो जनली राम बेटा देतन , बेटिया जलम लेलक हे । +सेहो सुनि परमु रिसियायल , मुँहो नहीं बोलल हे ॥ 4 ॥ +ननदी मोरा गरियाबए , 10 गोतनी घुघुकावय11 हे । +एक डगरिनियाँ मोर माय , जे कोर12 पइसी बइठल हे ॥ 5 ॥ +हम त जनली रामजी बेटा देतन , बेटिया जलम लेलक हे । +सेहो सुनि ससुर जी रोसायल , 13 आउर14 गोसायल हे । +सोंठवा हरदिया न कीन15 लयलन , मुँहवा फुलायल हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"413 +सहती हो गुसे चा खैर पाया जोगी वेखदयां ही तुरत रज पया +मुंहों आखदा रोह दे नाल यारो कटक खेड़यां दे भावें अज पया +एह लै मकरियां ठकरियां रावला वे काहे वाचना एं ऐडा कुचज पया +ठूठे विच सहती चीना घत दिता जोगी दे कालजे वज फट पया +हथों छड जंबील1 चां जिमी मारे चीना डुल गया ठूठा भज पया +वारस शाह शराब खराब होया शीशा संग2 ते वज के भज पया",panjabi-pan +"लिपि-पोति देलूँ अँगनमा, अँगनमा सोहामन हे +लिपिपोति देलूँ अँगनमा1 अँगनमा सोहामन2 हे । +गजमोती चउका3 पुरावल4 सोने कलस धरी हे ॥ 1 ॥ +आजु हे रामजी के बियाह , चलहुँ मंगल गामन5 हे । +जुगजुग जीथिन6 सीतादेइ7 अवरो8 सीरीराम दुलहा हे ॥ 2 ॥ +भोगथिन9 अजोधेया के राज , तीनों लोक सुन्नर हे । +जुगजुग बढ़े अहिवात , जे मंगल गावत हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"म्हारो नानो सो लाड़ो कोल्या जीमे रे +म्हारो नानो सो लाड़ो कोल्या जीमे रे +वी तो मेरे फलाणा राम ढुकी रयारे +वी तो मेरे फला राणी बई ढुकी रया रे +बाई मिनकड़ी क्यों नी सरजिया वो +बाई म्हारा वो बाजूटा ऐठे छिपी रेता वो +बाई पड़ता सा कोल्या झेली लेता वो +बाई गजगज धरती खोदी खाती वो",malvi-mup +"388 +असीं सबर करके चुप हो बैठे बहुत औखियां एह फकीरियां ने +नजर तले क्यों लिआवें तूं कन्न पाटे जैंदे हसदे ना जंजीनियां ने +जेहड़े दरशनी हुंडड़ी1 वाच बैठे सब चिठियां उन्हां ने चीरियां2 ने +तुसीं करो हया कुआरियो नी अजे दुध दियां दंदियां खीवियां ने +कही चंदरी लगी है आन मथे अखी भरदियां भौन भंबीरियां ने +मैं तां मार तलटियां3 पट सटां मेरी उंगली उंगली पीरियां ने +वारस शाह फौजदार दे मारने नूं सैना सारियां वेख कशमीरियां ने",panjabi-pan +"अब हम गुम्म हुए +अब हम गुम्म हुए , प्रेम नगर के शहर । +आपणे आप नूँ सोध रेहा हाँ , +ना सिर हाथ ना पैर । +एत्थे पकड़ लै चल्ले घराँ थीं , +कौण करे निरवैर +खुदी खोई आपणा आप छीना , +तब होई कुल खैर । +बुल्ला सहु दोहीं जहानीं , +कोई ना दिसदा गैर । +अब हम गुम्म हुए , प्रेम नगर के शहर ।",panjabi-pan +"मृत्यु गीत +मायारो मोओ जाळ देखन डोलो जियो । +भजियो नहिं भगवान गाफल भूलो जियो । +जिवड़ा रे जोइ ने हाल आखर मरनु जियो । +लोभी सोच विचार दोरो तरनों जियो । +जल ऊंडो सेंसार दोनों तरनों रे हो जी ॥ +थारे बांदण पचरंग पाग , सेली सोहे जियो । +मोतिड़ा तपे ले ललार , लुणिया लड़के जियो । +जिवड़ा से जोइ ने हाल , आखर मरनु जियो । +लोभी सोच विचार , आखर मरन्हु जियो । +जल उंडो सेंसार , दोरो तरनू रे हो जी ॥ +सांवलिया घर नार , मेलां बेटी जियो । +दरपण लेती हाथ मुखड़ो मुखड़ो देखे हो जी । +जिवड़ा रे जोइ ने हाल , आखर मरनु जियो । +लोभी सोच विचार नेसे मरणु जियो । +जळ उंडो सेंसार दोरो तरणों रे हो जी ॥ +आंधळा रे भजले राम , रटले माळा जियो । +सुरता रे भजले राम , रटले माळा जियो । +बोलिया कसन मुरार , बंसी वाळा रे हो जी । +जिवड़ा रे जोइ ने हाल , आखर मरनु जियो । +लोभी सोच विचार नेसे मरणु जियो । +जळ उंडो संेसार दोरो तरणू रे हो जी ॥ +इस दुनिया में माया मोह का जाल बहुत बड़ा है । अरे मानव तू इस जाल में +पड़कर मस्त हो रहा है । मेरा लड़का , मेरा घर , मेरा धन , मेरी पत्नी ये सब माया +ने जाल बिछा रखा है । और मनुष्य इसी में उलझकर उस कर्ता भगवान को भूल +जाता है और उसका भजन नहीं करता है । अरे जीव तू यह जानकर चल कि आखिर +मरना तो है । यह धन , पुत्र , पौत���र , पत्नी सब यहीं छूट जायेंगे , कोई साथ नहीं आयेगा । +तू अपने मोक्ष के लिए भी कुछ काम कर अर्थात् भगवान का भजन भी कर । तू यह +विचार कर कि यह संसार रूपी समुद्र बहुत गहरा है , इससे पार उतरना बहुत कठिन है । +बस एक मात्र उपाय है तू भगवान को मत भूल । भजन में मानव को शिक्षा दी है कि +तू बहुत धनवान हो गया और सिर पर पचरंगी पगड़ी शोभायमान हो रही है , गले में स्वर्ण +की कंठी पहने है । पगड़ी के तिल्लों के मोती झूल रहे हैं और खूब शोभा पा रहा है । अरे +लोभी तू यह जानकर चल कि आखिर मरना है । यह संसार रूपी समुद्र खूब गहरा है , +इससे पार उतरना यानी मोक्ष प्राप्ति कठिन है । भगवान की भक्ति ही तुझे पार उतार +सकती है । +मानव तेरे घर में सुन्दर स्त्री है , महल में निवास है , हाथ में दर्पण लेकर अपना मुख निहारती +है । तू सुखभोग में लिप्त है । तूने कभी विचार किया कि अन्त में मरना है । आगे के लिए +क्या किय ? मुक्ति हेतु कुछ किया कि नहीं । अरे उस भगवान का भजन कर , जो तुझे पार +उतारेगा । +अरे मनुष्य तू इस मायामोह में अंधा हो रहा है । भगवान का भजन कर ले , उनके नाम की +माला जप ले । कृष्ण मुरारी बंशीवाले ने भी गीता में उपदेश दिया है कि शुद्ध भाव से मुझमें +मन लगा ली तो मुक्ति हो जायेगी । अरे लोभी सोच ले , मरना तो है ही और मरकर पार +उतरना कठिन है इसलिए मायामोह के फंदे से निकलकर भगवान का भजन कर ले । नहीं +तो फिर चौरासी लाख योनियों में भटकना पड़ेगा ।",bhili-bhb +"कख होली मेरी डाँडी व काँठी +कख होली मेरी डाँडी व काँठी , कख कुरेड़ी सौण की , +रूम झुम बरखा छुम छुम छोया , मैं कू सूझीं छ स्येण की । +हालड़ का बीच छानी होली , भैंसी बियाई सौण की , +दूद तपाला , खीर पकाला , गोंदगी1 खाला नौंण2 की । +बल्दू की घांडी , घस्यारियों का गीत आग लगौंदा ज्यू की । +कखड़ी व ग्वदड़ी पाकींगे होली , बग्वाल3 पड़ली छोरू की , +मुंगरी की लुंग अजूँ नी चाखी खुद लगीं च दादी की । +ध्वीड़ मिर्गू कँ चाँत पियारो , मैं कू प्यारो गढ़वाल छ , +डाँड्यों का दर्शन होई जौन , लालसा या ही मन मा छ । +चिट्ठी न पतरी कै पापी की भी , याद नी होली सुपिना मा , +मुखड़ी देखीक टुकड़ी हौंन्दी प्यार नी होलू कैका दिल मा ।",garhwali-gbm +"मुरली बाज उठी अन घाताँ +मुरली बाज उठी अन घाताँ , +मैनूँ भुल्ल गइआँ सभ बाताँ । +लग गए अनहद बाण न्यरे , +छुट्ट गए दुनिआँ दे कूड़ पसारे , +असीं मुख देखण दे वणजारे , +दूइआँ भुल्ल गइआँ सभ बाताँ । +मुरली बाज उठी अन घाताँ । +असाँ हूण चंचल मिरग फहाया , +ओसे मैनूँ बन्न बहाया , +हरफ दुगाना ओसे पढ़ाया , +रह जइआँ दो चार रूकाताँ1 । +मुरली बाज उठी अन घाताँ । +बुल्ला शाह मैं तद बिरलाई , +जद दी मुरली काहन बजाई , +बौरी होई ते तैं वल्ल धाई , +कहो जी कितवल्ल दसत बराताँ । +मुरली बाज उठी अन घाताँ ।",panjabi-pan +"बारा धारा डो सोला धारा टाला आयोम आमा पालंगो बिले मारे +बारा धारा डो सोला धारा टाला आयोम आमा पालंगो बिले मारे +इयां पालंगो बाने जा बेटा आमा रानी का पालंगो रे +इयां पालंगो बाने जा बेटा आमा रानी का पालंगो रे +आमा रानी जा बेटा कौने टालान केने केसरा डोडो मारे +आमा रानी जा बेटा कौने टालान केने केसरा डोडो मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माय केन चोज सांटी कैने केरसा डोडो मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माय केन चोज सांटी कैने केरसा डोडो मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माय नी जन्मा जेलोमी ईले डो रानी +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माय नी जन्मा जेलोमी ईले डो रानी +इयां मायकेन चुजा केने केरसा डोडो मारे +इयां मायकेन चुजा केने केरसा डोडो मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माया सेवा रेवा डाये मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माया सेवा रेवा डाये मारे +स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण पर्ते एवं सुकिया बाई , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"490 +किसे केहे नपीढ़ नपीढ़िए तूं तेरा रंग है तोरी दे फुल दानी +ढाकां तेरियां किसे मरोढ़ियां नी एह कम होया हिलजुल दा नी +तेरा लक किसे पायमाल कीता धका कुल वजूद विच खुलदा नी +वारस शाह मियां एहो दुआ मंगे वारा खुलदा जावे अज कुल दा नी",panjabi-pan +"तुमने नाम कमायो पवन सुत +तुमने नाम कमायो पवन सुत , +तुमने नाम कमायो +होतऊं से सूरज खों लीलो , +जग कीन्हों अंधियारो । +पवन सुत तुमने नाम कमायो । । +देवन जाय करी जब बिनती +देवन कष्ट निवारो । +पवन सुत तुमने नाम कमायो । । +सात समुन्दर तुमने नाके +काहे खो सेतु बंधायो । +पवन सुत तुमने नाम कमायो । । +लंका बात तनिक सी कहिए +रामचन्द्र भटकायो । +पवन सुत तुमने नाम कमायो । । +तुलसीदास आस रघुबर की +हरि चरनन चित लायो । +पवन सुत तुमने नाम कमायो । ।",bundeli-bns +"नख पै धरि के श्री गिरिराज +नख पै धरि के श्री गिरिराज , नाम गिरिधारी पायौ है ॥ टेक +सुरपति पूजन बन्द करायौ , श्री गोवरधन कू पुजवाओ ॥ +नन्द बाबा और जसुदा मात , संग में बलदाऊ जी भ्रात । +सकल परिवारकुटुम लै साथ , करी पूजा विधि सौं निज हाथ । +दोहा एक रूप से पूजन है , एक ते रहे पुजाय । +सहस भुजा फैलाय के माँगमाँग क��� खाँय ॥ +सवा लाख मन सामग्री को भोग लगायौ है ॥ नख पै . +ब्रजवासी ब्रज गोपी आई , वह पकवान डला भर लाईं । +चली कोई उल्टी पटिया पार , चली कोई इक द्रग अंजन सार । +कान में नथनी झलकेदार , नाक में करनफूल लिये डार । +दोहा उलटेसीधे अंग में , गहने लीने डार । +उलटे पहरे वस्त्र सब , उलटौ कर शृंगार ॥ +प्रेम मगन वश भईं बदन कौ होश गमायौ है ॥ नख पै . +पूजा करि परिक्रमा दीनी , करि दण्डौती स्तुती कीनी । +सबन मिलि बोलौ जब जैकार , बढ़ौ सुरपति कौ क्रोध अपार । +मेघमालों से कहै ललकार , ब्रज कौ करि देउ पयिाढार ॥ +दोहा उमड़ घुमड़ि कर घेर ब्रज , उठी घटा घनघोर +चमचम चमकै बीजुरी , चौंके ब्रज के मोर ॥ +मूसल धार अपार मेह सुरपति बरसायो है ॥ नख पै . +ब्रजवासी मन में घबराए , कृष्ण चन्द्र के जौरें आए । +कोप इन्दर ने कीयो आज , सहाई को ब हो महाराज । +छोड़ि ब्रज कहाँ कू जामें भाज , आपके हाथ हमारी लाज ॥ +दोहा लाज आपके हाथ है , ब्रज को लेउ बचाय । +जो उपाय कछु ना करौ , पल में बज बहि जाय ॥ +श्री गिर्राज मुकुट बारे ने ध्यान लगायौ है ॥ नख पै . +ब्रजवासिन मन धीर धरायौ , सबरौ ब्रज इकठौर बुलायौ । +लियो गोवरधन नख पै धार , दाऊ हल मूसर लियौ संभार ॥ +संग में गोपी , गऊ और ग्वारि , कियौ गिरि तले ब्रजविस्तार ॥ +दोहा सात रात और सात दिन , बरसै मेघ अघाय । +जैसे ताते तबे पै , बूँद छन्न ह्वै जाय ॥ +गोप करें आनन्द नाँय छींटा तक आयौ है ॥ नख पै . +मधुरमधुर बाँसुरी बजाई , सब ब्रजमें आनन्द रह्यौ छाई । +इन्द्र ने नारद लियौ बुलाय , खबर तुम ब्रज की लाऔ जाय । +चले मुनि मृत्युलोक को धाय , ब्रज की लीला देखी आय ॥ +दोहा ब्रज की लीला देखके , उल्टौ कियौ पयान । +इन्द्रपुरी में जायकै , मुनि ने कियौ बखान ॥ +तीन लोक करतन के करता तै बैर बढ़ायै हे ॥ नख पै . +इन्द्र ने इन्द्रासन छोड़ा , सुरभी श्याम बरनु घोड़ा । +चलौ अहरापति हाथी साथ , इन्द्र मन थररथरर थर्रात । +पहुँचौ जहाँ त्रिलोकी नाथ , इन्द्र ने आय नवायौ माथ ॥ +दोहा चरनन में वो गिर परौ , क्षमा करौ अपराध । +हे जगकर्ता आपकी , लीला अगमअगाध ॥ +घासीराम गोरधनवासी ने हरिजस गयौ है ॥ नख पै .",braj-bra +"होरी खेलन आयो स्याम +होरी खेलन आयो श्याम , आज याए रंग में बोरो री +आज याए रंग में बोरो री , आज याए रंग में बोरो री +याकी हरे बाँस की बाँसुरिया , याए तोरि मरोरो री . . . +होरी खेलन आयो श्याम . . .",braj-bra +"मोती बेराणा चंदन चौक में हो राज +मोती बेराणा चंदन चौक में हो राज +केसे सोरूँ ने कसे संकचूं हो ���ाज +किनि विधि करूँ हो जुवाब म्हारा राज +मोती बेराणा जी चंदन चौक में हो राज +चिमटी बीणूं , ने पस मां सांकचूं +नैना ने करूँगी जुवाब म्हारा राज +मोती बेराणा हो चंदन चौक में हो राज",malvi-mup +"बाड़ी मोरी अबही उमरिया +बाड़ी मोरी अबही उमरिया +आ विधाता दिनवा धई दिहलें ऐ राम . . . +सजना सेयान हम नदान , +त कइसे के गवनमां जाइब ऐ राम +बाबा मोरा अइसन निरमोहिया +न मन में विचरवा कइले ऐ राम +माई मोरा हिया के कठोर +त घरवा से निकाली दिहली ऐ राम +नइहर में कुछउ न सिखलीं +पिया के घर का करब ऐ राम +कुसुम रंग पेन्हली चुनरिया +त लाल रंग चादर मिलल ऐ राम . . . +डोलिया में हमके बिठाई के +कहार चार लागी गइले ऐ राम +सुसुकिसुसुकि माई रोवेली +त सखी फुका फारी रोवे ऐ राम +धनी अब भइली ससुरइतीन +लउटी फिर न आइब ऐ राम +दास ऐ कबीर , निर्गुण गावेलन +गाके समझावेले ऐ राम . . .",bhojpuri-bho +"सीकिया चीरिए चीरिए बँगला छवावल +सीकिया1 चीरिए चीरिए2 बँगला छवावल । +ठोपे ठोपे3 चुअहे4 गुलाब , से ठोपे ठोपे ॥ 1 ॥ +सेहो5 अरक6 के पगड़ी रँगाबल । +पेन्हें जी होरिलवा के बाप , उनखा7 के होरिला भयले ॥ 2 ॥ +हम त एहो परभु , गरभ से बेयाकुल । +तूँ चढ़ि पलँगा बइठबऽ मन मार ॥ 3 ॥ +तूँ त चलिए जयबऽ8 राजा कचहरिआ9 । +हम हीं बुझब , सभ लोग ॥ 4 ॥",magahi-mag +"नए आलू आये बिकन बंगले में +नए आलू आये बिकन बंगले में +सास नहीं घर में , ससुर नहीं घर में +मैं अलबेली , बलम लश्कर में +डालो गले बिन वैयां +हमार जिया ना माने +बेलम शौकीन मिले मेरी गुईयां",malvi-mup +"देखो सखी वर्षा ऋतु आई +देखो सखी वर्षा ऋतु आई +बागन मोर मोकिला बोलत , +चातक दादुर शोर मचाई । देखो . . . +घुमड़घुमड़ गरजत घन तड़कत , +काली घटा नभ देत दिखाई । देखो . . . +रिमझिमरिमझिम बरसत बदरा , +हरीहरी दूब लता झुक आई । देखो . . . +सरजू तीर प्रमोद कुंज में , +हिलमिल झूले सिया रघुराई । देखो . . . +देखो सखि वर्षा ऋतु आई । +उमड़घुमड़ कर बादल आये +बिजली चमक रही अति न्यारी । +देखो सखि वर्षा ऋतु आई । +कालीकाली कोयल कूकत +मीठी बोल लगत है प्यारी +झूला डरो कदंब की डारी +फूलन की शोभा है न्यारी । +चारों ओर बिछी हरियाली +गांवन की शोभा है न्यारी ।",bundeli-bns +"पिताजी की गोदी बठी रनुबाई विनवऽ +पिताजी की गोदी बठी रनुबाई विनवऽ । +कहो तो पिताजी हम रमवा हो जावां । +जावो बेटी रनुबाई रमवा जावो , +लम्बो बजार देखि दौड़ी मत चलजो । +ऊच्चो वटलो देखि जाई मत बठजो , +परायो पुरूष देखी हसी मत बोलजो । +नीर देखी न बेटी चीर मत धोवजो , +पाठो देखि न ब��टी आड़ी मत घसजो , +परायो बाळो देखी हाय मत करजो , +सम्पत देखी न बेटी चढ़ी मत चलजो । +विपद देखी न बेटी रड़ी मत बठजो , +जाओ बेटी रनुबाई , रमवा जावो ।",nimadi-noe +"वृन्दावन से चलिये गवन्त्री +वृन्दावन से चलिये गवन्त्री , कजरी बन में आई , मेरे राम । +कजरी बन में सिंह धडू कै , गैया सिंह ने घेरी , मेरे राम । +सुन रे सिंहनी जाये , मुझे मत भछियो घर में बछडू रांभै , मेरे राम । +चांद सूरज मेरे साक्सी होइयो , बछडू चूंघातेई आऊं , मेरे राम । +गंगा जमुना मेरे साक्सी होइयो , बछडू चूंघातेई आंऊं , मेरे राम । +कजरी बन ते चली गवन्त्री , वृन्दावन में आई , मेरे राम । +ले रे बछडू दुधवा पी ले , बचनों की बांधी माय , मेरे राम । +बचनों का दूध अम्मा हरबी न पीऊं चलूंगा तुम्हारे साथ , मेरे राम । +आगे बछडू पीछे गवन्त्री , कजरी बन में आई , मेरे राम । +ले रे मामा मुझे भछण कर ले , पीछे गवन्त्री माय , मेरे राम । +काहे का मामा काहे का भानजा , काहे की गवन्त्री भैन , मेरे राम । +सत का माता , धरम का भानजा , नेम की गवन्त्री भैन , मेरे राम । +अपने भानजे को मैं लाख टके दूंगा , अतलस मसरू भैन , मेरे राम । +लेई लाय कै चली गवन्त्री , वृन्दाबन में आई , मेरे राम । +किसने रे बेटा सिख बुध दीनी , किने पड्ढाये चटसाल , मेरे राम । +सोने से भरे बेटा खुद मुढ़वा दूं , रूपे से दोनों सींग , मेरे राम । +अपने बेटा पे मैं सब कुछ वारूं , ऐसा मीठा बोल , मेरे राम ।",haryanvi-bgc "अच्छी बूबू टीका लेंगी, अच्छी बूबू मोतिया लेंगी जी अच्छी बूबू1 टीका2 लेंगी , अच्छी बूबू मोतिया3 लेंगी जी । मेरे आरजु का है ननदोइया4 ओभी जरा देखेगा जी ॥ 1 ॥ @@ -21762,52 +19786,130 @@ folksong,language मेरे आरजू का है ननदोइया , ओभी जरा देखेगा जी ॥ 5 ॥ नहीं भाभी कँगना लूँगी , नहीं भाभी कड़वा लूँगी । शाद8 रहे मेरा नन्हा होरिलवा , यही बहुत है जी ॥ 6 ॥",magahi-mag -"521 -हीर मीट के दंद बेसुध पई सहती हाल ते शोर पुकारया ए -काले नाग ने फन फला वडा डंग वहुटी दे पैर नूं मारया ए -कुड़ियां वांग किती1 आ गई बाहर लोको कम्म ते काज विसारया ए -मंजे पायके हीर नू घरी आंदा जटी पीलड़े रंग नूं हारया2 ए -वेखो फारसी तोड़के नजम नसरों एह मकर घिउ वांग नतारयाा ए -अगे किसे किताब विच नहीं पढ़या जेहा खचरियां खचर पसारया ए -शैतान ने आन सलाम कीती तुसां जितया ते असां हारया ए -अफलातून दी रीस3 मकराज4 कीती वारस कुदरतां वेखके वारया ए",panjabi-pan -"अमूहा -री रीना री रीना अमूहा री रीना री रीना अमूहा । -कौन से बोवय न अमूहा । -बैगा सा ब���वय न अमूहा । -बैगा सा बोवय न अमूहा न । -अमाना लागय न अमूहा । -जमाना लागय न अमूहा । -एक पाना होय गय न अमूहा न । -फूलन लागय न अमूहा । -पाकन लागय न अमूहा । -पाकन लागय न अमूहा । -तोरन लागय न अमूहा न । -काही काटाबो न अमूहा । -काही काटाबो न अमूहा । -काही काटाबो न अमूहा । -हासिया काटाबो न अमूहा न । -खावन लागे न अमूहा । -खावन लागे न अमूहा । -कैसन लागे न अमूहा न । -मीठमीठ लागे न अमूहा । -मीठमीठ लागे न अमूहा । -बैगा सा लागे न अमूहा । -शब्दार्थ – बोपयबोया , अमूहाआम , पानपत्ता , फूलनफूलने फलने लगा , पाकनपकने लगा , मीठेमीठा । -बैगिन लड़की कहती है यह आम किसने बोया है , उगाया है । बैगा लड़का कहता है यह आम बैगिन लड़की ने बोया है और उगाया है । अब आम के पेड़ की जड़े जमीन में गढ़ गई हैं । और धीरेधीरे बढ्ने लगा है । आम के पौधे पर पहले एक पत्ता निकला , दूसरा निकला , फिर तीसरा निकला । इस तरह कई पत्ते निकले । फिर आम पर ‘बौर’ यानि फूल आये और बाद में फल लगे । आम पर फल लद गये तो वे पकने लगे । आम पाक गये तो बैगा लड़के पके आम तोड़कर खाने लगे । -बैगा लड़की कहती है आम के पेड़ से पके आम फल कैसे तोड़ेंगे ? तब बैगा लड़का कहता है हसिया से सारे आम काटेंगे या बेड़ेंगे । जब लड़की आम खाने लगी तो लड़के ने पूछा तुझे आम कैसा लगा । लड़की कहती है आम बहुत मीठे लगे । तब बैगा लड़का कहता है तुम मुझसे विवाह करोगी तो जीवन भर ऐसे ही मीठेमीठे आम खिलाऊँगा । आम के पेड़ उगने और आम के मीठे फल के बहाने बैगा लड़केलड़की के जवान होने और दोनों के मन में प्रेम अंकुरण को समझा जा सकता है ।",baiga-mis -"जे उट्ठ चल्लियों चाकरी, चाकरी वे माहिया -जे उट्ठ चल्लियों चाकरी , चाकरी वे माहिया -सान्नूँ वी लै चल्लीं नाल वे -अख्खियाँ नूँ नींद क्यों न आई वे -तूँ करेंगा चाकरी , चाकरी वे माहिया -मैं कत्तांगी सोहणा सूत वे -अख्खियाँ नूँ नींद क्यों न आई वे -इक्क ट्का तेरी चाकरी , चाकरी वे माहिया -लख्ख टके दा मेरा सूत वे -अख्खियाँ नूँ नींद क्यों न आई वे -भावार्थ -' यदि काम पर जाने के लिए तुम तैयार हो , काम पर जाने को प्रीतम तो मुझे भी अपने साथ ले चलो । -अजी , मैं भी कहूँ , मुझे नींद क्यों नहीं आती ? तुम करोगे नौकरी , ओ मेरे प्रीतम और मैं कातूंगी सूत सुन्दर -मेरे प्रिय अजी , मैं भी सोचती हूँ , ये नींद क्यों नहीं आती ? एक रुपए की नौकरी तुम्हारी , ओ प्रीतम मेरा -सूत होगा एक लाख का । अजी , मैं भी कहूँ मुझे आख़िर नींद क्यों नहीं आती । '",panjabi-pan +"कन्हैया तोरी चितवन +कन्हैया तोरी चितवन लागे प्यारी । +सावन गरजे भादों बरसे +बिजुरी चमके न्यारी कन्हैया +मोर जो नाचे पपीहा बोले +कोयल कूके प्यारी कन्हैया +नन्हींनन्हीं बुंदिया मेहा बरसे +छाई घटा अंधियारी कन्हैया +सब सखियां मिल गाना गाए +नाचे दे दे तारी कन्हैया",bundeli-bns +"लग्नाची गाणी +हळद +1 . +घाणा जी घातिला खंडीभर भाताचा +घाणा जी घातिला खंडीभर भाताचा +मांडव गोताचा दणका भारी +घाणा जी घातिला खंडीभर भाताचा +आधी मान देती कुंकवाला +आधी मान देती हळदीला +2 . +घाणा भरीला । सवाखंडी सुपारी +मांडवी व्यापारी । गणराज +घाणा भरीला । सवा खंडी गहू +नवर्या मुलीला गोत बहू । गणराज +घाणा भरीला । सवा खंडी भाताचा +नवरा मुलगा गोताचा । गणराज +मांडवाच्या दारी । उभा गणपती +नवर्या मुलाला गोत किती । गणराया +मांडवाच्या दारी हळदीचे वाळवण +नवर्या मुलाला केळवण । गणरायाला +मांडवाच्या दारी । रोविल्या ग मेढी +मूळ ग वर्हाडी । आंबाबाई +मांडवाच्या दारी । कोण उभ्यान घास घेतो +चहूकडे चित्त देतो । गणराज +मांडवाच्या दारी । इथ तिथ रोवा +लोडाला जागा ठेवा । माणसांच्या +घाणा भरीला । सवा खंडी कणिक +मांडवी माणीक । आंबाबाई +3 . +भवरीयो भवरीयो । परतुन जाई चवकियो +भवरीयो राजाराणी । महादेवाच्या घरी यो +पाटाच पाणी सारंगी जातो +हळदीचा लोट पारवा पितो . . . . . +4 . +हळद लग्ना नंतर +नवरी आहे गोरी तिला हळद लावली थोडी +लेकीच्या करता जावयाची गोडी +माझी लेक आहे खडीसाखरेची पुडी +जावयाचा मान एवढा केला कशासाठी +लेकी राजबाई तुझ्या जीवासाठी +मोहराची वाटी ठेवली बोहोल्याच्या कोना +गोरेबाई माझी तुझ्या वराला दक्षिणा +लक्ष्मी आली घरा आता तू जाऊ नको +माझ्या बाळराजाला अंतर देऊ नको +लक्ष्मीबाई आली मागच्या दारान +कडा उघडावी धाकटया दिरान +लक्ष्मीबाई आली सई सांजच्या भरात +कुंकवाची पुडी साक्ष ठेविली दारात +पहिला दिवस पुसाव चांगला +हिरव्या चोळीवर काढला बंगला +दुसर्या दिवशी मित्र पुशी सोबत्याला +का रे गडया पिवळा घरी राणीचा सोहळा +तिसर्या दिवशी माय पुसे ब्राह्मणाला +मुहूर्त चांगला हिरवी चोळी कामिनीला +चवथ्या दिवशी घर गुलालांनी लाल +पेटचा हा लाल त्याचे शांतीक झाल काल +पाचव्या दिवशी लिंबा डाळिंबाची पाटी +गोर्या राधिकेच्या जवळी बाळ निजे नवसाचा +सातव्या दिवशी ब्राह्मणाला दिली गाय +ऐकते शांतीपाठ हरखून माय +आठव्या दिवशी पत��र फुलार्याला धाडा +गोर्या राधिकेला गुंफावा जाई तोडा +नवव्या दिवशी शेजेला फुल दाट +गोर्या राधिकेन केला हा थाटमाट +दहाव्या दिवशी वाजती चौघडे +बाई हशीत खुशीत निरोप माहेराला धाडे +बहिणीच्या घरी भाऊ गेला लई दिसा +हाती बेल तांब्या बहीण पुजिती तुळसा +बहिणीच्या घरी भाऊ गेला लई दिसा +सोनियाचा गोफ कमरी करदोडयाचा फासा +बहिणीला भाऊ मोठा दुर्लभ वाटीयला +समया कारण भाऊ आला भेटायला +बहीण भावंड आहेत समस्तला +बहिणीची माया लई माझ्या ग बंधूला +बहिणीच्या घरी भाऊ करतो देऊ देऊ +बहिणीच्या आशीर्वादान माडी कळसाला जाऊ +नको भावा म्हणू बहिणींनी नासल +बहिणीच्या आशिर्वादे धनधान्य ते सायल +बहिणीच्या आशिर्वादे भाऊ झालेत कुबेर +चिरेबंदी वाडे बांधले चहुखोर +5 . +आंदण देई रे भाऊराया +काय देऊ ग बहिणी बया +वासरासहित पाची गाया +आंदण देई रे भाऊराया +काय देऊ ग बहिणी बया +ऊसा सहित पानमळा +आंदण देई रे भाऊराया +काय देऊ ग बहिणी बया +बहिण परिस लेकीची माया +आंदण देई रे भाऊराया",marathi-mar +"मुझे पानी को जाने दो +मुझे पानी को जाने दो +सास पै मटकी ननद पै करुवा +हमने लिया है गिलास , गिलास +मुझे पानी को जाने दो +फूट गई मटकी तिड़क गया करुआ +मजे उड़ावे गिलास , गिलास +मुझे पानी को जाने दो +सास लिया लड्डू ननद लिया पेड़ा +हम ने लिया है अनार , अनार +मुझे पानी को जाने दो +फूट गया लड्डू बिखर गया पेड़ा +मजे उड़ावे अनार , अनार +मुझे पानी को जाने दो +सास लिया बुड्ढा ननद लिया बालक +हमने लिया हे गंवार , गंवार +मुझे पानी को जाने दो +रूस गया बुड्ढा , भग गया बालक +कहने में चलता गंवार , गंवार +मुझे पानी को जाने दो",haryanvi-bgc +"507 +असी वयाह आंदी कूंज फाह आंदी साडे भा दी बनी है औखड़ी नी +वेख हक हलाल नूं अग लगसी रहे खसम दे नाल एह खोखड़ी1 नी +जदों आई तदोकना रही ढठी कदी हो ना लैंबी ए सौखड़ी नी +लोहलथड़ी जदों दी वयाह आंदी कलां कलदी जरा है चोखड़ी नी +वारस शाह उह अन्न ना दुध खांदि दुख नाल नाल सुकांवदी नी",panjabi-pan